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करण जौहर अपने चैट शो 'कॉफी विद करण' में सेलेब्स के राज खोलते हैं।
शहनाज गिल 'देसी वाइब्स विद शहनाज' में स्टार्स के साथ खूब गपशप करती हैं।
करीना कपूर का चैट शो 'वाट वूमेन वान्ट' भी काफी फेमस है।
सिमी ग्रेवाल अपने चैट शो Rendezvous विद सिमी ग्रेवाल भी काफी फेमस है।
मलाइका अरोड़ा का टॉक शो 'मूविंग इन विद मलाइका' भी काफी फेमस हुआ था।
शिल्पा शेट्टी के टॉक शो 'शेप ऑफ यू' में सेलेब्स अपनी फिटनेस और मेंटल हेल्थ को लेकर बात करते हैं।
अरबाज खान का टॉक शो 'पिंच' भी काफी पॉपुलर हुआ था।
अमिताभ बच्चन अपने चैट शो 'कौन बनेगा करोड़पति' में जनरल नॉलेज के सवाल पूछते हैं।
सलमान खान का शो 'बिग बॉस' भी काफी पॉपुलर है।
अगली वेब स्टोरी देखें.
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लखनऊ (ब्यूरो) । महोत्सव स्थल पर उत्तराखंड के पौंजी, नथ, गलोबंद आदि जेवरात संग पिछौड़ा, ऐंपण आदि का स्टाल लगाया गया है। गहत, भट, मुंस्यारी की राजमा, गडेरी, मूली, नींबू, गेठी, बाल मिठाई, रेडीमेड व ऊनी वस्त्र, कश्मीरी शाल, घर के सजावट का सामान, फर्नीचर, ड्राई रूट्स व खान-पान आदि के स्टालों पर जाकर लोग खूब खरीदारी कर रहे हैं।
उत्तराखंड का प्रसिद्ध छोलिया नृत्य दल मेला परिसर में धूम घूम कर अपनी लोक कला का प्रदर्शन करता रहा। पूनम कनवाल एवं हरितिमा पंत के संचालन में जया श्रीवास्तव के नेतृत्व में अटल कला साहित्य मंच की टीम ने लोक प्रस्तुतियां, सुरताल संगम संस्था ने वालीवुड थीम पर कार्यक्रम, रामलीला समिति महानगर के दल ने देवी भवानी मेरि सेवा लिया, स्वर्ग तारा आदि लोक गीतोंं से समा बांध दिया। पीयूष पांडे का कथक सबको काफी पसंद आया।
राजस्थान की टीम ने लीला देवी के नेतृत्व में भवई नृत्य जिसमें नृत्यांगना शांता देवी ने सिर पर सात मटके रखकर तलवार, कांच के टुकड़ों पर नृत्य किया। यह राजस्थान का फेमस लोक नृत्य है। वहीं शांता देवी, शायरी देवी, राधा, सीता, हंजा देवी, रमेश दास, सोहन लाल, श्रवण दास, रमेश, विष्णु आदि ने धूमर पेश कर लोगों की वाह-वाही लूटी।
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जौनपुर में धर्म परिवर्तन कराने वाले 16 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बदलापुर कोतवाली क्षेत्र के मुरादपुर कोटिला गॉव में सेंट जेवियर्स स्कूल के प्रबंधक थॉमस जोसेफ के प्रभाव में प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था।
दरअसल, रविवार को जौनपुर के मुरादपुर कोटिला गॉव में सेंट जेवियर्स स्कूल के प्रबंधक के प्रभाव में आकर कुछ लोग हिन्दू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तन कर रहे थे।
प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने कीं भनक जब पुलिस को लगी तो पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 13 पुरुष और 3 महिलाओं समेत 16 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में केस दर्ज कर पुलिस आवश्यक कार्रवाई में जुटी है।
इस सम्बंध में बदलापुर के सीओ शुभम तोदी ने बताया कि मुरादपुर कोटिला गॉव में प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराने की सूचना मिली थी। पुलिस ने मौके से 16 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
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- क्या आप मेरठ पहली बार आई हैं?
मेरठ होकर तो कई बार गई हूं, लेकिन यहां पहली बार आई हूं।
- टीचर ट्रेनिंग डिप्लोमा के बाद पढ़ाई के लिए विदेश। फिर एक्टिंग में कैसे आना हुआ?
दरअसल परिवार में शुरू से ही बच्चों को कुछ करने को प्रोत्साहित किया जाता था। घर वालों के सपोर्ट से ही मैंने एक्टिंग की पढ़ाई की और जिस कॉलेज से पढ़ी, वहीं पर पहले लेक्चरर बनी। इसके बाद एनएसडी दिल्ली में चाइल्ड विंग शुरू कराया।
- फिल्म या थियेटर में से क्या पसंद है?
मेरी आत्मा में थियेटर है। मुझे थियेटर बहुत पसंद है। फिल्मों के मुकाबले थियेटर और प्ले में अधिक काम किया है।
- आज कल क्या कर रहीं हैं?
आज कल मैं दिल्ली में एक एनजीओ के बच्चों के साथ मिल कर रविंद्रनाथ टैगोर के एक ड्रामा की तैयारी कर रही हूं। जल्द ही थियेटर में पेश किया जाएगा।
- क्या जल्द ही छोटे पर्दे पर भी दिखाई देंगी?
- हां, एक प्रोग्राम शूट करके चैनल को भेज दिया गया है। अभी प्रोजेक्ट पूरा नहीं है। इसलिए न ही प्रोग्राम का नाम डिसक्लोज कर सकती हूं न ही चैनल का, लेकिन इतना पक्का है कि जल्द ही दर्शकों को दिखाई दूंगी।
- इसके अलावा कुछ नया करने को कोई तैयारी?
हां, मैंने ड्रामा स्टूडेंट्स के लिए एक किताब भी लिखी है। 'स्टेज प्ले' इसका अंग्रेजी अंक तो पहले ही छप चुका है। अब हिंदी में 'रंग मंच' नाम से इसका अनुवाद 29 नवंबर को दिल्ली में जारी होगा।
- इस किताब में खास क्या है?
किताब में मैंने अपने जीवन के बारे में ही लिखा है। समय के साथ जैसे जैसे हम ड्रामा को समझते गए और सीखते गए उन्हें अनुभवों को संजोकर स्टूडेंट्स के लिए रखा है। ताकि उन्हें सीखने में मदद मिल सके।
- आज कल हास्य कार्यक्रमों के नाम पर फूहड़ता परोसी जा रही है। जनता क्या करे?
जनता को ऐसे कार्यक्रम देखने ही नहीं चाहिए। जनता के हाथ में रिमोट है। एक बटन ही तो दबाना है, बदल दो चैनल। मैं भी आज कल के कॉमेडी सीरियल पसंद नहीं करती। इससे अच्छा तो डिस्कवरी या नेशनल जियोग्राफिक जैसे चैनल देखने चाहिए।
- क्या आपको लगता है कि नए स्टूडेंट्स को एक्टिंग और ड्रामा में जाना चाहिए?
मेरे हिसाब से आज कल के बच्चे एक्टिंग और ड्रामा को ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बल्कि उनमें हमसे ज्यादा समझ है, उन्हें पिकअप करने में ज्यादा समय नहीं लगता। मेरा मानना है कि स्कूलों में ड्रामा सब्जेक्ट भी होना चाहिए।
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भाग I- - खण्ड 1]
(iv) नाशी जीव - परपक्षी के संबंध के द्वारा पारिस्थितिकी संतुलन सहित प्रकृति तथा परिस्थिति तंत्र संरक्षण; तथा
जैव विविधता, औषधीन तथा अन्य वनस्पति और जीव जन्तुओं के वर्धन के लिए अवसर प्रदान करना विभिन्न कृषि - पारिस्थितिकी क्षेत्रों के अन्तर्गत कृषि, वानिकी तंत्र, प्रजातियों का चयन तथा बहुउद्देश्यीय वृक्षों की भूमिका -- और एन टी एफ पी एस प्रविधियां, अन्न, चारा तथा ईंधन सुरक्षा, अनुसंधान तथा विस्तार आवश्यकताएं। सामाजिक / शहरी वानिकी - - उद्देश्य, कार्य क्षेत्र तथा आवश्यकता; जन सहभागिता ।
जे. एफ. एम. ( संयुक्त वानिकी प्रबंध) सिद्धांत, उद्देश्य प्रणाली विज्ञान, कार्य क्षेत्र लाभ तथा एन जी ओ (गैर सरकारी संस्था) की भूमिका ।
ट्राईबोलाजी -- भारत में जन जातीय अवस्था, जन जातियां, प्रजातियों की अवधारणा, सामाजिक समूहन के सिद्धांत, जन जातीय अर्थ व्यवस्था, शिक्षा, सांस्कृतिक परम्परा, रूढ़ि, प्रकृति तथा वानिकी कार्यक्रमों में सहभागिता ।
2. वन मृदा, मृदा संरक्षण तथा जल-विभाजक प्रबन्ध :
वनों की मृदा, वर्गीकरण, मृदा बिरचन को प्रभावित करने वाले कारक, भौतिक, रासायनिक तथा जैविक गुणधर्म
मृदा संरक्षण : परिभाषा, अपरदन के कारण, प्रकार - वायु तथा जल अपरदन, अपरदित मृदा / क्षेत्र का संरक्षण तथा प्रबन्ध, वातरोध, रक्षक मेरबला, बालू टिब्बा, लवण और क्षारीय मृदाओं का उद्धार, जल प्लावन तथा अन्य व्यर्थ भूमि, मृदा संरक्षण में वनों की भूमिका, मृदा कार्बनिक द्रव्यों का रखरखाव और निर्माण, हरे पतों की खाद डालने के लिए कतरन की व्यवस्था, वन पर्णकरकट तथा कम्पोस्टिंग, मृदा को सुधारने में सूक्ष्म घटकों की भूमिका, एन (नाईट्रोजन) और सी (कार्बन) चंक्र, बी. ए.
जल विभाजन प्रबन्ध
जल विभाजकों की अवधारणाएं समग्र संसाधन प्रबन्धन व्यवस्था में लघु वन तथा वन वृक्षों की भूमिका, वन जलविज्ञान प्रवाह नियन्त्रण के संबंध में जल विभाजकों का विकास, नदी जलमार्ग स्थिरीकरण, हिमस्खलन तथा भू-स्खलन नियंत्रण, निकृष्ट क्षेत्र का पुनर्वास, उपगिरि तथा पर्वतीय क्षेत्र, वनों का जल विभाजक प्रबन्धन तथा पर्यावरण संबंधी प्रकार्य । जल शस्य तथा संरक्षण, भूमि जल पुनर्भरण तथा जल विभाजक प्रबन्धन, समन्वित वन वृक्षों की भूमिका, बागवानी फसलें, खेत की फसलें, घास तथा चारा ।
3. पर्यावरणीय संरक्षण तथा जैब विविधताः
संघटक तथा महत्व, संरक्षण के सिद्धांत, निर्वनीकरण, दावाग्नि तथा अन्य विभिन्न मानवकृत गतिविधियां जैसे खनन, निर्माण तथा विकास परियोजनाएं, जनसंख्या वृद्धि का पर्यावरण पर प्रभाव ।
प्रकार, विश्वव्यापी तापन, ग्रीनहाउस प्रभाव, ओजोन लेअर, रिक्तीकरण, अम्लीय वर्षा, प्रभाव तथा नियंत्रण के उपाय, पर्यावरणीय अनुश्रवण, सतत
विकास की अवधारणा पर्यावरण संरक्षण में वनों तथा वृक्षों की भूमिका, वायु, जल तथा रव प्रदूषण पर नियंत्रण तथा रोकथाम। भारत में पर्यावरण नीति तथा विधान पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन जल विभाजकों का विकास तथा साथ ही पारिस्थितिक और पर्यावरणीय संरक्षण का अर्थोपाय मूल्यांकन ।
वृक्ष सुधार तथा बीज प्रौद्योगिकीः
वृक्ष सुधार की सामान्य अवधारणा, पद्धतियां तथा प्रविधियां, भिन्नताएं और उनके उपयोग, उद्यम क्षेत्र, बीज स्रोत, विदेशज, वन वृक्ष सुधार के परिमाणात्मक पहलू, बीज उत्पादन बीज उद्यान, संतति परीक्षण, प्राकृतिक वन तथा रबड़ सुधार में वृक्ष सुधार का उपयोग, आनुवंशिक परीक्षण कार्यक्रम, रोगों, कीटों तथा प्रतिकूल पर्यावरण के प्रतिरोध हेतु वरण तथा प्रजनन, आनुवंशिक आधार, वन आनुवंशिक संसाधन और जीन संरक्षण "स्व स्थाने" तथा "बाह्य स्थानें"। लागत-लाभ अनुपात अर्थोपाय मूल्यांकन ।
1. वन प्रबंध एवं प्रबंध पद्धतिः
उद्देश्य तथा सिद्धांत, प्रविधियां, रबड़ संरचना एवं गतिकी, सतत उत्पाद संबंध, आवर्तन, सामान्य वन, वर्धमान संग्रह, उत्पाद के नियमन, वन रोपण का प्रबंधन, वाणिज्यिक वन, वन आच्छादन अनुश्रवण, आधार जैसेः-- (i) स्थल विशेष की योजना (ii) युक्तिपूर्ण योजना (iii) अनुमोदन, संस्वीकृति तथा व्यय (iv) अनुश्रवण (v) रिपोर्टिंग तथा अभिशासन । शामिल उपायों के विवरण : ग्रामीण वन समिति का गठन, संयुक्त वन सहभागिता प्रबंध ।
2. वनों की कार्य योजनाः
वन योजना, मूल्यांकन तथा अनुश्रवण साधन एवं समन्वित योजना के आधार, वन संसाधनों का बहु-उद्देश्यीय विकास तथा वन उद्योग विकास, कार्य आयोजन तथा कार्य योजना, प्रकृति संरक्षण में उनकी भूमिका, जैब विविधता तथा अन्य आयाम, तैयारी तथा नियन्त्रण । मंडलीय कार्य आयोजन, कार्य संचालन का वार्षिक आयोजन।
3. वन विस्तार - - कलन (मैन्सुरेशन) तथा दून- संवेदनः..
मापन पद्धितियां पेड़ों का व्यास, घेरा, ऊंचाई तथा आयतन, रूप विधान, रबड़ (स्टैण्ड) आयतन (वाल्यूम) आकलन, वर्तमान वार्षिक वृद्धि, (माध्य) वार्णिक वृद्धि । प्रतिचयन विधि तथा प्रतिदर्श भूखण्ड (प्लाट) । उपज गणना, उपज तथा रबड़ (स्टैण्ड) सारणियों, सुदूर संवेदन द्वारा वन आच्छादन अनुश्रवण, प्रबंध तथा प्रतिदर्श के लिए भौगोलिक सूचना तंत्र ।
4. सर्वेक्षण तथा वन इंजीनियरीः
वन सर्वेक्षण -- सर्वेक्षण के विभिन्न तरीके, मानचित्र तथा मानचित्र अंकन । वन इंजीनियरी के मूलभूत सिद्धांत । भवन सामग्री तथा निर्माण । सड़क तथा पुल लकड़ी के पुलों के सामान्य सिद्धांत, उद्देश्य प्रकार, प्रतिदर्श अभिकल्पना तथा निर्माण । |
शनिवार, 25 जुलाई को नाग पंचमी है। हर साल सिर्फ इसी दिन उज्जैन के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के शिखर पर मौजूद नागचंद्रेश्वर भगवान के पट आम भक्तों के लिए खोले जाते हैं। लेकिन, इस साल कोरोना वायरस की वजह से श्रद्धालु प्रत्यक्ष रूप से नागचंद्रेश्वर की दुर्लभ प्रतिमा के दर्शन नहीं कर पाएंगे। मंदिर समिति की वेबसाइट और सोशल मीडिया पर भक्तों के लिए लाइव दर्शन की व्यवस्था की जाएगी।
उज्जैन के पंचांग निर्माता और शास्त्रों के जानकार ज्योतिषाचार्य पं. आनंद शंकर व्यास ने बताया कि महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का पौराणिक महत्व है। हजारों साल पुराने शास्त्रों में भी महाकालेश्वर का जिक्र है। लेकिन, महाकाल मंदिर की वर्तमान इमारत का इतिहास 250-300 साल पुराना है। मुगलों के समय में प्राचीन महाकाल मंदिर ध्वस्त हो गया था। इसके बाद मराठा राजाओं ने उज्जैन पर राज किया। राणोजी सिंधिया ने अपने शासनकाल में महाकाल मंदिर का निर्माण फिर से करवाया था।
मंदिर निर्माण के बाद समय-समय पर अलग-अलग राजाओं ने इसका जीर्णोद्धार करवाया। जब मंदिर का पुनर्निमाण हुआ, तब नागचंद्रश्वेर की मूर्ति को मंदिर के ऊपरी तल पर एक दीवार में लगा दिया गया था। संभवतः ये मूर्ति मुगलों द्वारा ध्वस्त किए गए मंदिर के अवशेषों में से मिली थी। पं. व्यास के अनुसार, नागदेव की पूजा सिर्फ नागपंचमी पर ही करने का विशेष महत्व है। इसीलिए महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित नागचंद्रेश्वर भगवान के पट नागपंचमी पर ही खोले जाते हैं।
मंदिर में नागचंद्रेश्वर की दुर्लभ प्रतिमा स्थापित है। ये 11वीं शताब्दी की बताई जाती है। इस प्रतिमा में फन फैलाए नाग के आसन पर शिव-पार्वती विराजित हैं। महाकालेश्वर मंदिर के सबसे ऊपरी तल पर ये प्रतिमा स्थित है। नागचंद्रेश्वर मंदिर में प्रवेश करते ही दीवार पर भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा दिखाई देती है।
महाकाल मंदिर के प्रशासक सुजान रावत ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते नागपंचमी पर आम श्रद्धालु नागचंद्रेश्वर के दर्शन नहीं कर सकेंगे। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर की वेबसाइट www. mahakaleshwar. nic. in और सोशल मीडिया पर ऑन लाइन दर्शन की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा सिर्फ मध्य प्रदेश के भक्तों को महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन प्री-बुकिंग के आधार पर ही कराए जाएंगे। महामारी के चलते अन्य प्रदेश के लोगों को मंदिर में दर्शन करने की अनुमति नहीं मिल सकेगी।
महाकालेश्वर दर्शन के लिए मोबाइल में प्ले स्टोर से महाकालेश्वर मंदिर के लाइव दर्शन ऐप को डाउनलोड करना होगा। इस ऐप से दर्शन के लिए बुकिंग की जा सकती है। अपनी इच्छा के अनुसार तारीख और दर्शन का समय चुन सकते हैं। ऐप पर श्रद्धालु द्वारा सभी जानकारियां देने के बाद एसएमएस से परमिशन मिलेगी।
इसके अलावा टोल फ्री नंबर 18002331008 पर भी दर्शन के लिए बुकिंग कराई जा सकती है। 65 और इससे ज्यादा उम्र के बुजुर्ग, 10 साल से छोटे बच्चे व गर्भवती महिलाओं को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर में सेनेटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सभी भक्तों को करना होगा।
महाकालेश्वर द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एकमात्र दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग है। ये द्वादश ज्योतिर्लिंगों के क्रम में तीसरा है। मान्यता है कि दक्षिणमुखी होने की वजह से महाकाल के दर्शन से असमय मृत्यु के भय और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है। सिर्फ इसी मंदिर में रोज सुबह भस्म आरती की जाती है।
प्राचीन समय में महाकालेश्वर मंदिर क्षेत्र को महाकाल वन के नाम से जाना जाता था। स्कंद पुराण के अवंती खंड, शिवमहापुराण, मत्स्य पुराण आदि ग्रंथों में महाकाल वन का उल्लेख है। यहां शिवजी यानी महाकाल का ज्योति स्वरूप विराजमान है। इसीलिए इसे महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग कहा जाता है।
नागपंचमी पर जीवित सांप की पूजा करने और दूध पिलाने से बचना चाहिए। सांप मांसाहारी जीव है, इसके लिए दूध विष की तरह होता है। नागपंचमी पर नागदेवता की प्रतिमा या तस्वीर की पूजा करनी चाहिए।
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अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने महिलाओं पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। अब तालिबान ने मीडिया को चेतावनी दी है।
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पूर्व महिला सांसद मुर्सल नबीजादा और उनके बॉडीगार्ड की गोली मारकर हत्या कर दी गई। फर्श पर पड़ा मिला शव।
ईरान की इस्लामवादी सरकार अब तक हिजाब विरोधी प्रदर्शन में शामिल 17 लोगों को फाँसी की सजा सुना चुकी है।
जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि को-एजुकेशन यानी सह-शिक्षा मुस्लिम लड़कियों को 'इस्लाम त्याग' की ओर ले जा रही है।
इस्लामी आतंकी संगठन अल-कायदा ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को तबाह करने की बात कही है।
पाठक ने कहा कि वह अपने पति की अत्यधिक मुखरता से डरती हैं। शाह के बातों से आहत लोग अगर उनके घर पर पत्थर फेंकने लगे तो वह क्या करेंगी।
घटना की एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आई है। वीडियो में पूर्व सीएम के पैतृक गाँव को चारों ओर जलते देखा जा सकता है।
तालिबान ने महिलाओं की उच्च शिक्षा और गैर-सरकारी संगठनों में काम करने पर रोक लगा दी। इससे वहाँ की महिलाओं की स्थिति पर संकट और अधिक गहरा गया।
सईद नूरी ने मुस्लिमों से अपील की है कि वे नए साल की पार्टियों में शामिल न हों क्योंकि यह इस्लाम में हराम है।
भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत के लिए ट्वीट करने पर कट्टरपंथियों ने दानिश कनेरिया पर निशाना साधा। उनसे पूछा गया- "तू हिंदू है क्या। "
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RANCHI: सोमवार की दोपहर करीब तीन बजे रातू थाना क्षेत्र स्थित सहारा बैंक की शाखा के पास बाइक सवार क्रिमिनल्स ने ख्. म्भ् लाख लूट लिए। जैसे ही बैंक मैनेजर दामोदर गोप व कैशियर विकास कुमार रुपए से भरा बैग लेकर बैंक के नीचे ग्राउंड फ्लोर में पहुंचे, पहले से घात लगाए तीन क्रिमिनल्स ने गन प्वाइंट पर लूटकांड को अंजाम देकर फरार हो गए। एक ने पहले से ही बाइक स्टार्ट कर रखी थी। सूचना पाकर रातू व नगड़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन तब तक बाइक सवार लुटेरे गायब हो गए थे।
पुलिस को मैनेजर दामोदर गोप ने बताया कि सोमवार की दोपहर तीन बजे के करीब अपने कैशियर विकास कुमार के साथ काठीटांड़ चौक स्थित बैंक ऑफ इंडिया में पैसे जमा करने जा रहा था। दो अपराधी कांम्पलेक्स के नीचे खड़े थे और एक बाइक को स्टार्ट करके खड़ा था। जैसे ही हमलोग नीचे आए। क्रिमिनल्स रिवॉल्वर की नोंक पर रुपए से भरा बैग लेकर उड़ गए। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है। पुलिस के मुताबिक, जहां लूट की घटना हुई, वहां सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा है, जिसका फायदा लुटेरों ने उठाया।
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फिल्म 'मैनी' की भारतीय प्रोड्यूसर सोनल सहगल के लिए ये पल किसी जश्न से कम नहीं है क्योंकि इस फिल्म ने 'मियामी इंटरनेशनल साइंस फिक्शन फिल्म फेस्टिवल' में 4 अवार्ड्स जीते हैं। यह पहली भारतीय साइंस फिक्शन फिल्म है। इस थ्रिलर फिल्म की लेखिका और प्रोड्यूसर सोनल सहगल हैं। साथ ही फिल्म को कोप्रोड्यूस क्रिस्टल पुड़ाने और मराना प्रोडक्शन ने किया है।
डायरेक्टर ट्रॉय कहते हैं, 'फिल्म 'मैनी' को सबसे ज्यादा नॉमिनेशन मिले और इसने सबसे ज्यादा अवार्ड अपने नाम किए। इस फेस्टिवल में 120 फिल्मों को चुना गया था जो 30 अलग-अलग देशों से आयी थीं। फिल्म को बेस्ट साइंस फिक्शन फिल्म रनर अप का अवार्ड मिला। बेस्ट सिनेमेटोग्राफी का अवार्ड गाटिस ग्रिनबर्ग्स को दिया गया। बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर का अवार्ड नरेश कामथ और बेस्ट स्पोर्टिंग का अवार्ड एक्टर टोनी हॉकिन्स को मिला।
कंपोजर और सिंगर नरेश कामथ को मिला बेस्ट बैकग्राउंड स्कोर के लिए इंटरनेशनल अवार्ड। वे इस जीत के लिए बहुत खुश हैं। ये इस फिल्म के दो ओरिजनल साउंड ट्रैक के कंपोजर के साथ-साथ सिंगर भी हैं। नरेश कहते हैं, 'इस महामारी ने हमें काम को एक नए तरीके से करने की सीख दी है। फिल्म को बनाते समय मैं और फिल्म के डायरेक्टर ऑनलाइन ही बात करते थे। ऐसा पहली बार हुआ है जब स्टूडियो में बिना डायरेक्टर की मौजूदगी से इतना बड़ा काम हुआ और मुझे लगता है कि इसने काम भी किया'।
सोनल सेहगल कहती हैं, "समय की अनियमित्ता और समय का आकलन ठीक से न हो पाने की वजह से मैंने इतना बड़ा पल खो दिया। मुझे लगा कि ये फंक्शन दिन में होगा, बाद में जब मैं सोकर उठी तब कुछ मैसेज और फोन कॉल मिस हो गए थे। बाद में हमारे डायरेक्टर ट्रॉय बर्नर ने बताया कि हमें ढेर सारे अवार्ड मिले हैं और मेरे लिए यह सब एक सपने जैसा था। " कोविड के चलते मियामी फिल्म फेस्टिवल का आयोजन ऑनलाइन ही किया गया। स्क्रीनिंग फंक्शन फेस्टिवल की वेबसाइट पर ही हुआ, जहां 30 देशों से प्रतिभागी जुड़े थे।
फिल्म एक ऐसी भारतीय महिला के सफर की कहानी है जो लटविया जाती है, एक लेखक के तौर पर ऑटोबायोग्राफी लिखने। उसकी जिंदगी में काफी सारे मोड़ आते हैं, जब वे तीन प्यार की राहों में जाकर फस जाती है एक असल में, दूसरा जो उसकी कल्पना में है और तीसरा जो उसके साथ है यानि की आदमी, औरत और वो खुद। फिल्म की कहानी आपको बांधे रखती है। एक घर में जहां इसे कैद कर लिया जाता है और वहां वो बहुत ही बहादुरी से अपनी खुद की सच्चाई का सामना करती है। साथ ही उस कैद से भाग निकलने में कामयाब भी होती है। फिल्म 'मैनी' काफी फिल्म फेस्टिवल में जा चुकी है और सफलतापूर्वक दिखाई भी जा चुकी है। इसे बेस्ट फिल्म के लिए 'यूरोपियन सिनेमाटोग्राफी' का अवार्ड भी मिल चुका है।
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CRIME NEWS: जब भी कहीं कोई क्राइम होता है तो उसकी जानकारी पुलिस को दी जाती है. यहां तो पुलिस वालों ने ही कांड कर दिया. मामला कुछ ऐसा है कि, एक सराफा कारोबारी 50 किलो चांदी लेकर जा रहा था. तभी 2 पुलिस वालों ने खाकी का धौंस दिखाकर लूट की वारदात को अंजाम दिया. हालांकि, मामले की शिकायत के बाद दोनों आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों के पास ले लूट की चांदी बरामद कर ली गई है.
बता दें कि, ये पूरा मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात का है. यहां आगरा का सराफा कारोबारी मनीष सोनी 50 किलो चांदी लेकर फतेहपुर से आगरा जा रहे थे. उसी दौरान भोगनीपुर कोतवाल अजय पाल सिंह ने दरोगा चिंतन कौशिक और हेड कॉन्स्टेबल रामशंकर को उनके पीछे लगा दिया. दोनों ने औरैया बॉर्डर पर कारोबारी मनीष सोनी को रोक लिया और मनीष से 50 किलो चांदी लेकर मौके से फरार हो गए. सराफा कारोबारी ने अपने साथ लूट की घटना की जानकारी अगले दिन कानपुर और औरैया एसपी को दी.
वहीं मामला सामने आने के बाद औरैया एसपी ने इस मामले की जांच के लिए टीम गठित की. इस मामले में मिले इनपुट के आधार पर कानपुर देहात के भोगनीपुर कोतवाली में तैनात इंस्पेक्टर अजय पाल सिंह के सरकारी आवास पर देर रात SOG और पुलिस टीम ने छापेमारी की. इस दौरान मौके से टीम ने 50 किलो चांदी बरामद कर ली. पुलिस टीम ने लूट में शामिल भोगनीपुर कोतवाल अजय पाल सिंह और दरोगा चिंतन कौशिक को गिरफ्तार कर लिया. वहीं मौके से एक हेड कॉन्स्टेबल रामशंकर फरार हो गया, पुलिस उसकी गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है.
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Kangana Ranaut: बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है, हमेशा अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ से जुड़ा कुछ ना कुछ शेयर करती रहती हैं। हाल ही में कंगना ने चंद्रमुखी 2 की शूटिंग पूरी करने के बाद सह-कलाकार राघव लॉरेंस के लिए एक नोट भी लिखा है, जिनसे वह काफी ज्यादा प्रेरित हैं।
फिल्म की शूटिंग पूरी होने की जानकारी एक्ट्रेस ने खुद अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से दी है, जहां पर उन्होंने अपने सह-कलाकार राघव लॉरेंस के लिए एक नोट भी लिखा। राघव इस फिल्म में कंगना रनौत के साथ मुख्य किरदार में नजर आए थे।
कंगना ने इंस्टाग्राम पर अपनी और लॉरेंस की एक तस्वीर साझा की और लिखा, "मैं आज चंद्रमुखी की अपनी शूटिंग पूरी करने वाली हूं। मुझे कई अद्भुत लोगों को अलविदा कहने में काफी मुश्किल हो रही है, जिनसे मैं इस सेट पर मिली थी। इतना प्यारा क्रू। राघव लॉरेंस सर के साथ मेरी कोई भी तस्वीर नहीं थी, क्योंकि हम हमेशा फिल्मी वेशभूषा में होते थे, इसलिए आज सुबह शूटिंग शुरू होने से पहले मैंने एक तस्वीर के लिए उनसे अनुरोध किया था।"
आगे अभिनेत्री ने लिखा,"मैं सर से बहुत प्रेरित हूं जो लॉरेंस मास्टर के रूप में लोकप्रिय हैं, क्योंकि उन्होंने एक कोरियोग्राफर के रूप में अपना करियर शुरू किया था, वास्तव में एक बैक डांसर के रूप में, लेकिन आज वह न केवल एक ब्लॉकबस्टर फिल्म निर्माता / सुपरस्टार हैं बल्कि एक दयालु और अद्भुत इंसान भी हैं। आपकी दयालु स्वभाव और मेरे जन्मदिन के लिए सभी एडवांस उपहारों के लिए धन्यवाद, सर। आपके साथ काम करके बहुत अच्छा लगा।"
इस प्यारे से नोट को शेयर करने के बाद कंगना रनौत के सोशल मीडिया पर कई सारे फैंस ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं दी है। आपको बता दे कि, 'चंद्रमुखी' मलयालम फिल्म 'मणिचित्राथझु' की रीमेक थी। हिंदी में भी इसका रीमेक बनाया गया था, जिसमें अक्षय कुमार नजर आए थे। बॉक्स ऑफिस पर फिल्म सुपरहिट साबित हुई थी।
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राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा राजभाषा विभाग की संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जौली की अध्यक्षता में आज हैदराबाद दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम क्षेत्रों में स्थित केंद्र सरकार के कार्यालयों, बैंकों एवं उपक्रमों इत्यादि के लिए संयुक्त क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में विशिष्ट वैज्ञानिक व अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, परमाणु ऊर्जा विभाग डॉ. दिनेश श्रीवास्तव तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में सीएसआईआर-राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद के निदेशक एवं नराकास अध्यक्ष डॉ. वी.एम. तिवारी सहित दक्षिण एवं दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र के विभिन्न कार्यालयों के वरिष्ठअधिकारीगण उपस्थित रहे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव डॉ. मीनाक्षी जौली ने कहा कि विकास की किसी भी योजना और उसके संबंध में भारत सरकार की नीति को सही रूप में पेश करने के लिए यह आवश्यक है कि ये बातें जनता तक जनता की भाषा में पहुंचें । उनका कहना था कि सरकार की कल्याणकारी योजनाएं तभी प्रभावी होती हैं जब जनता और सरकार के बीच निरंतर संवाद, संपर्क और पारदर्शिता बनी रहे और सरकार की योजनाओं का लाभ देश के सभी नागरिकों को समान रूप से मिले ।
डॉ. मीनाक्षी ने कहा कि इसके हमारे पास हिंदी के रूप में एक ऐसी भाषा है जो सरल एवं सहज होने के साथ-साथ वैज्ञानिक एवं व्याकरण की दृष्टि से भी उत्कृष्ट है । अपनी उदारता, सहजता, व्यापकता एवं मधुरता जैसे गुणों की वजह से तथा देश की अन्य भाषाओं एवं बोलियों से सामंजस्य बनाए रखकर सांस्कृतिक संवाहक होने की अपनी क्षमता के कारण हिंदी देश की प्रमुख संपर्क भाषा है । डॉ. जौली ने कहा कि समृद्ध साहित्यिक धरोहर, विज्ञापनों में हिंदी का बढ़ता प्रयोग, लोकप्रिय हिंदी सिनेमा, संपर्क भाषा के रूप में हिंदी का बढ़ता दायरा एवं सरकारी कार्यालयों में हिंदी का बढ़ता प्रयोग इस बात का प्रमाण है कि हिंदी एक सशक्त, समृद्ध एवं लोकप्रिय भाषा हैI उनका कहना था कि वैश्वीकरण और उदारीकरण के वर्तमान प्रतिस्पर्धात्मक माहौल में तो हिंदी अब कारोबारी जगत की व्यावसायिक आवश्यकता बन गई है।
कार्यक्रम में बोलते हुए राजभाषा विभाग के निदेशक श्री बी. एल. मीना ने कहा कि पूरे देश में स्थित केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों एवं कार्यालयों आदि में राजभाषा संबंधी प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने तथा सरकारी काम-काज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने में राजभाषा विभाग अहम भूमिका निभाता है । राजभाषा सबंधी संवैधानिक प्रावधानों का अनुपालन करने एवं सरकारी कामकाज में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए राजभाषा विभाग सतत प्रयासरत है । उनका कहना था कि हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देने हेतु आधुनिक तकनीक की अहम भूमिका है। राजभाषा विभाग द्वारा हिंदी में सहजता से कार्य करने के लिए अनेक प्रभावी साधन मुहैया कराए गए हैं। सरकारी कामकाज में हिंदी का प्रयोग आसान बनाने के उद्देश्य से राजभाषा विभाग ने अन्य ई-टूल्स एवं एप्लिकेशन्स के अलावा 'ई महाशब्दकोश मोबाइल ऐप' और 'ई-सरल हिंदी वाक्य कोश' तैयार किए हैं I उनका कहना था कि राजभाषा विभाग ने अनुवाद में सहायता के लिए स्मृति आधारित अनुवाद साफ्टवेयर 'कंठस्थ,' सी-डैक पुणे की सहायता से विकसित किया है जिसका प्रयोग करके सरकारी कामकाज में हिंदी को बढ़ावा दिया जा सकता है I श्री मीना ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी के "आत्मनिर्भर भारत- स्थानीय के लिए मुखर हों" के आह्वान से प्रेरित होकर राजभाषा विभाग स्वदेशी स्मृति आधारित अनुवाद टूल "कंठस्थ" को और अधिक लोकप्रिय बनाने और विभिन्न संगठनों में इसका विस्तार करने के सभी प्रयास कर रहा है।
श्री बीएल मीना ने बताया कि केंद्र सरकार के कार्यालयों में राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन पर नजर रखने के लिए देश के विभिन्न नगरों में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समितियों का गठन किया गया है और इस समय पूरे देश में इन समितियों की कुल संख्या 524 है। समारोह में श्री के पी शर्मा व श्री हरीश चौहान द्वारा दक्षिण तथा दक्षिण - पश्चिम क्षेत्रीय कार्यालयों की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई ।
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दिल्ली दंगे से जुड़े केस में आतंकवाद निरोधक क़ानून के तहत जामिया मिल्लिया की गिरफ़्तार हुयीं गर्भवती स्टूडेंट सफ़ूरा ज़र्गर मंगलवार को ज़मानत पर रिहा हो गयीं। वह दिल्ली कि तिहाड़ जेल में बंद थीं। उन्हें 10 हज़ार के मुचलके पर ज़मानत मिली है।
हाईकोर्ट ने उनके गर्भवती होने की वजह से मेडिकल आधार पर ज़मानत दी है। पुलिस की ओर से मानवीय आधार पर उनकी रिहाई का विरोध न करने पर हाई कोर्ट ने उन्हें रिहा कर दिया।
27 साल की सफ़ूरा ज़र्गर को, फ़रवरी में दिल्ली में सीएए के ख़िलाफ़ जारी प्रदर्शन के दौरान फूटे दंगों में साज़िश के इल्ज़ाम में, 10 अप्रैल को गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बाद वह रिहा हुयीं लेकिन उन्हें ग़ैर क़ानूनी गतिविधि निरोधक क़ानून के तहत अधिक गंभीर इल्ज़ाम में दोबारा गिरफ़्तार किया गया।
उनकी गिरफ़्तारी और क़ैद की, छात्रों और कार्यकर्तोओं ने कड़ी निंदा की।
हाई कोर्ट ने मंगलवार को रिहाई का हुक्म देते हुए सफ़ूरा ज़र्गर को ऐसी गतिविधियों से दूर रहने का निर्देश दिया जिनसे जाँच प्रभावित हो सकती है। इसी तरह वह बिना इजाज़त दिल्ली से नहीं जा सकतीं। (MAQ/N)
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नई दिल्लीः रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में रहने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. चेन्नई के एक समूह 'इंडिक कलेक्टिव' ने रोहिंग्या मुसलमान को इस्लामिक आतंक का चेहरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया है.
याचिका में कहा गया है कि रोहिंग्या मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देना अशांति, हंगामा और दुर्दशा को आमंत्रित करने के समान है. इंडिक कलेक्टिव ने अपनी याचिका में कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट को यह बताना चाहता है कि रोहिंग्या मुसलमान को भारत में रहने की इजाजत देने से क्या खतरा है. इसलिए रोहिंग्या मुसलमानों से संबंधित मामले में उन्हें भी सुना जाए.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को म्यांमार वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संधियों के उल्लंघन सहित कई आधार बताते हुए सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है.
दरअसल म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमान को नागरिकता देने से इनकार कर दिया था जिसके बाद म्यांमार में हिंसा करने के बाद कुछ रोहिंग्या मुसलमान भारत भागकर आए गए हैं और जम्मू, हैदराबाद, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली-एनसीआर आदि जगहों पर अवैध रूप से रह रहे हैं. भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान अवैध रूप से रह रहे हैं.
अवैध प्रवासी रोहिंग्या मुसलमानों को म्यामांर में वापस भेजने के केंद्र सरकार के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई भी अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि 11 सितंबर को अब इस मामले की सुनवाई करेंगे.
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ग्वालियर के महाराजपुरा स्थित एयरफोर्स स्टेशन से एक साथ उड़ान भरने वाले दोनों लड़ाकू विमान 48 किलोमीटर दूर मुरैना के पहाड़गढ़ में ही दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। हादसे के दौरान सुखोई-30 बिना पायलट के ही 90 किलोमीटर दूर आग का गोला बन कर उड़ता चला गया।
ग्वालियर (मध्य प्रदेश)। ग्वालियर के महाराजपुरा स्थित एयरफोर्स स्टेशन से एक साथ उड़ान भरने वाले दोनों लड़ाकू विमान 48 किलोमीटर दूर मुरैना के पहाड़गढ़ में ही दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे। मिराज-2000 तो पहाड़गढ़ में ही गिर गया, लेकिन सुखोई-30 उस स्थान से 90 किलोमीटर दूर भरतपुर जिले में दुर्घटनाग्रस्त हुआ।
हादसे के दौरान पहाड़गढ़ में ही सुखोई-30 के दोनों पायलट इजेक्ट कर गए, इसके बाद सुखोई-30 यहां से 90 किलोमीटर दूर तक बिना पायलट के ही आग का गोला बन कर हवा में उड़ता रहा।
इस बीच मुरैना, धौलपुर जैसे बड़ी आबादी वाले जिले थे, जहां लाखों की आबादी है, अगर सुखोई-30 इस घनी आबादी वाले क्षेत्र में गिरता तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
गनीमत रही कि भरतपुर में रेलवे स्टेशन के पास पिंगोरा में स्थित एक खेत में यह विमान गिरा। सुखोई-30 को आसमान में आग का गोला बनकर उड़ता देख आस पास के लोग घबरा गए। बता दें कि जहां यह विमान गिरा वहां से कुछ ही दूर पर रेलवे स्टेशन स्थित है। मिराज-2000 और सुखोई-30 ने एक साथ ही उड़ान भरी थी। अभ्यास के दौरान दोनों विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे।
हादसे के दौरान सुखोई को उड़ा रहे स्क्वाड्रन लीडर विजय पाटिल और मिधुल पीएम पहाड़गढ़ में ही इजेक्ट कर उतर गए थे। वहीं, सुखोई-30 विमान बिना पायलट के कैसे 90 किलोमीटर तक उड़ता रहा, इसे लेकर वायुसेना की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
सुखोई-30 एक रूसी लड़ाकू विमान है। इसे अपग्रेड किया जा चुका है। यह भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों में से एक प्रमुख लड़ाकू विमान है। इसे हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड के सहयोग से बनाया गया है। इसकी उड़ान भरने की रफ्तार 2,336 किमी प्रति घंटे की है।
मध्य प्रदेश के मुरैना में हुए हादसे में लड़ाकू विमान मिराज-2000 (वज्र) उड़ा रहे पायलट विंग कमांडर हनुमंत राव का जला शव कई टुकड़ों में बरामद हुआ। वहीं, सुखोई के घायल पायलटों को बचाव दल ने एयरलिफ्ट किया।
पहाड़गढ़ के उप सरपंच प्रत्यक्षदर्शी लालू सिकरवार ने बताया कि आसमान में दो विमान जलते हुए दिखाई दिए थे। एक विमान धमाके के साथ जंगल में गिरा और वहीं, दूसरा विमान जलता हुआ कैलारस की ओर चला गया। हम जंगल में पहुंचे तो दो जगहों से धुआं उठ रहा था। कुछ दूरी पर दो लोग पैराशूट के साथ पेड़ों में फंसे थे। ग्रामीणों की मदद से दोनों को उतारा तो उन्होंने सबसे पहले पूछा कि हमारा तीसरा साथी कैसा है। हमने कहा कि वह भी ठीक हैं, लेकिन बाद में पता चला कि हादसे में उनकी मृत्यु हो गई।
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर दोनों विमान आपस में टकराए होते तो एक विमान का हिस्सा लगभग 90 किलोमीटर दूर भरतपुर में नहीं गिरता। दोनों तेज धमाके के साथ एक ही जगह गिरते। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि पहले किसी एक विमान में कोई खराबी हुई या फिर सुखोई के पायलट जब पैराशूट से कूदे, तब एक विमान का कुछ हिस्सा दूसरे विमान से टकरा गया होगा।
पांच वर्षों में तीनों सेनाओं के विमानों और हेलीकाप्टरों से जुड़े हादसों में 42 रक्षाकर्मियों की मृत्यु हुई है।
इससे पहले भी वायुसेना का जुड़वां सीटों वाला मिग-21 ट्रेनर विमान बाड़मेर के पास एक प्रशिक्षण उड़ान के दौरान बीते जुलाई में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दो पायलट बलिदान हुए थे।
- एएलएच-डब्ल्यूएसआइ विमान 3 अगस्त, 2021 को पठानकोट के पास विशाल रंजीत सागर डैम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसमें सेना के दो पायलट की मृत्यु हुई थी।
- अक्टूबर 2019 में उत्तरी कमान के तत्कालीन प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह, अन्य अधिकारियों को ले जा रहा सेना का ध्रुव हेलीकाप्टर पुंछ में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
- 2014 में श्योपुर जिले में चंबल नदी के किनारे अत्याधुनिक हर्कुलस विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से पांच जवान बलिदान हुए थे।
- 8 दिसंबर, 2021 को कुन्नूर के पास विमान दुर्घटना में तत्कालीन सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और सशस्त्र बल के 12 जवान अपनी जान गवां बैठे थे।
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बेसिक शिक्षा विभाग ने 28 जिलों में नए बेसिक शिक्षा अधिकारी तैनात कर दिए हैं। अब लखनऊ के बेसिक शिक्षा अधिकारी विजय प्रताप सिंह होंगे। अभी तक लखनऊ में बीएसए नहीं थे। जिलाधिकारी की शिकायत पर यहां के बीएसए दिनेश कुमार को हटा कर निदेशालय से संबंद्ध कर दिया गया था। बेसिक शिक्षा विभाग ने 37 अधिकारियों के तबादले किए हैं। इस संबंध में मंगलवार को आदेश जारी कर दिए गए हैं।
शिक्षाधिकारियों के बम्पर तबादले, कई जिलों के बीएसए हुए इधर से उधर Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 8:28 PM Rating:
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इन दिनों प्रियंका चोपड़ा खूब सुर्खियों में हैं। हाल ही में उन्होंने यह खुलासा कर सबको चौंका दिया कि उन्होंने बॉलीवुड छोड़ हॉलीवुड में काम क्यों तलाशा। अपने इस हालिया इंटरव्यू में उन्होंने कई बड़े खुलासे किए, जो उनकी निजी और पेशेवर जिंदगी से जुड़े थे। बात करते-करते जब इंटरव्यू लेने वाले ने फिल्म 'RRR' का जिक्र छेड़ा और इसे बॉलीवुड फिल्म बताया तो उसे ठीक करने के चक्कर में प्रियंका खुद ही गलती कर बैठीं। इस चक्कर में टि्वटर पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है।
डेक्स शेपर्ड के साथ हालिया बातचीत में प्रियंका ने 'RRR' को दूसरी ही इंडस्ट्री की फिल्म बता डाला। बड़ी बात यह है कि वह डेक्स को सही कर रही थीं। दरअसल, डेक्स ने कहा, "बॉलीवुड अविश्वसनीय तरीके से आगे बढ़ा है। आपके पास मुख्यधारा की बड़ी फिल्में, कहानियां और डांस है। " उन्होंने 'RRR' का उदाहरण दिया तो प्रियंका ने फौरन उन्हें सही करते हुए कहा कि यह एक तमिल फिल्म है। 'RRR' एक बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म एवेजंर्स की तरह है।
निर्देशक एसएस राजामौली कई दफा यह साफ कर चुके हैं कि 'RRR' बॉलीवुड या किसी और इंडस्ट्री की फिल्म नहीं, ये एक तेलुगु फिल्म है। 'RRR' के ऑस्कर कैंपेन के दौरान प्रियंका फिल्म की स्क्रीनिंग में शामिल हुई थीं। सोशल मीडिया पर फिल्म के लिए उन्होंने शुभकामनाएं लिखीं। ऑस्कर से पहले राम चरण और उनकी पत्नी उपासना को उन्होंने अपने घर में बुलाया। प्रियंका लंबे समय से 'RRR' के करीब हैं, इसलिए उनकी यह गलती लोगों को हजम नहीं हो रही है।
टि्वटर पर एक यूजर ने लिखा, 'RRR दुनियाभर में इतिहास रच चुकी है और तुम्हें यही नहीं पता कि फिल्म मूल रूप से किस भाषा में बनी है? ' एक ने लिखा, 'कम से कम आपसे तो ऐसी उम्मीद नहीं की थी। ' एक ने लिखा, 'राम चरण के साथ फिल्म 'जंजीर' में काम कर चुकी हो। उनके सपंर्क में रही हो। फिल्म की तारीफ कर रही हो। फिर कैसे 'RRR' को तमिल फिल्म बना दिया? ' एक ने लिखा, 'अब राजामौली सर और परेशान हो जाएंगे। '
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ही तैयार नही और मेरे साथियों का कहना है कि अगले सौ वर्ष मे और उसके बाद हमे इसी प्रकार की समस्या का सामना करना पडेगा । निशाने पर पड़ा एक बम या ज्यादा से ज्यादा दो या तीन बर्मों से संभव है कि राष्ट्रपति पद के प्राधिकार का प्रयोग करने के लिये कोई भी न रहे और सम्भवतः उससे भी बुरी बात यह हो कि अनेक लोग राष्ट्रपति पद का दावा करे-ओर यह सब इतिहास के ऐसे काल मे होगा जब अप्रैल १८६१ की तरह हमारा भविष्य राष्ट्रपति पद की इस क्षमता में निहित होगा कि वह हमे तानाशाही नेतृत्व प्रदान कर सके। इस भयानक आकस्मिक स्थिति का भुकाबला करने के लिये हमे क्या करना चाहिये ? क्या इसके लिये कार्यकारी अधिकारियो को उत्तराधिकार के क्रम मे रखना होगा ? क्या इस बात पर बल देना होगा कि कई उच्च अधिकारी देश के विभिन्न भागो मे रहे और वहाँ काम करें, क्या न्यूयार्क के राज्यपाल को या छटी सेना के सेनापति को काम सौपना होगा ? अथवा क्या 'विधाता' या जैसा कि कुछ लोग कहना पसन्द करेगे 'विधि' पर भरोसा करना होगा ? में इस प्रश्न को भावी सर्वात पर छोडता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि उसे कभी भी इसका उत्तर न देना पडे । यदि हम ऐसा कर सकते है कि यह घोर विपत्ति हम पर कभी न भ्राये तो हमे उससे अधिक कोई चिन्ता नहीं होनी चाहिये जिससे हम भूतकाल मे चिंतित रहे है । यदि हम उस विपत्ति से नही बच सकते, यदि रूस था चीन पूरी शक्ति से हम पर बम वर्षा करे ( अथवा समय आने पर मिश्र, चाना या भडोरा ऐसा करे ) तो हम सभी चिन्ताओ से मुक्त हो जाये । एक राष्ट्र पूरी तरह कितना विनष्ट हो सकता है कि उसमे इतनी शक्ति बनी रहे जिससे उसमे जीवन का सचार करके पुनः उसे राजनैतिक दृष्टि से एक राष्ट्र का स्वरूप प्रदान किया जा सके ? हो सकता है कि यहाँ यह प्रश्न करना उपयुक्त न हो, किन्तु फिर भी मैं यह प्रश्न पूछता हूँ।
दूसरी समस्या राष्ट्रपति के चुनाव और पदावधि की उस श्रौपचारिक रीति के सम्बन्ध मे है जो हाल ही के वर्षों में विद्यमान रही है। उसका विषय यह है कि कोई व्यक्ति कितनी बार राष्ट्रपति पद के लिये निर्वाचित
हो सकता है। सविधान निर्माताओ ने इस बात पर गम्भीरता से विचार किया था कि प्रत्येक राष्ट्रपति की पदावधि एक बार तक प्रथवा ज्यादा-सेज्यादा लगातार दो वार पद-काल तक सीमित रखनी चाहिये । अन्त मे उन्होंने निश्चय किया कि राष्ट्रपति जितनी बार चाहे चुनाव लड़ सकता है। हेमिल्टन ने "दी फेडरलिस्ट" मे राष्ट्रपति को प्रनिश्चित बार चुनाव के लिए पात्रता के पक्ष मे सब युक्ति-सगत तर्क दिये थे किन्तु यह सन्देह किया जाता है कि संविधान में इस प्रकार का कोई प्रतिवन्ध न रखने का वास्तविक कारण यह था कि सविधान निर्माताओ को यह पूरी प्राशा थी कि जार्ज वाशिंगटन प्रथम राष्ट्रपति के रूप में काम करना पसन्द करेगा और उससे भी बडी आशा यह थी कि लोग यह चाहेगे कि वह मृत्यु पर्यन्त पद पर भारूढ रहे ।
यदि वाशिंगटन अप्रत्यक्ष रूप मे संविधान मे पुनः चुनाव की पात्रता सम्बन्धी प्रतिवन्धो के प्रभाव के लिये उत्तरदायी था तो वह प्रत्यक्ष रूप मे उस लाभकारी प्रथा को भारम्भ करने के लिये उत्तरदायो था जिसके कारण अमरीकी लोग १५० वर्ष से अधिक काल तक "तानाशाही के लिए खली छूट" देते हुए भी शान्ति से जीवन विता सके हैं और उस छूट को बन्द करने के हेतु संविधान में संशोधन की सहायता से किये गये सव प्रयत्नो को (जो कि सैकडो को सस्या मे हैं) विफल बना सके हैं। निस्सदेह में दो पदावधियों की उस परम्परा को भोर निर्देश कर रहा हूं जिसे उसने और प्रारम्भिक काल मे वर्जीनिया के अन्य तीन राष्ट्रपतियो ने हमारी राजनैतिक पद्धति का अनिवार्य तो नही किन्तु विवशकारी दृष्टात बना दिया था। वाशिंगटन और फ्रेंकलिन डी० रूजवेल्ट के बीच के काल मे अनेक राष्ट्रपति दो पदावधियो तक पदारूढ रहे और अनेक राष्ट्रपतियों ने अपने झूठे गवं, अपनी महत्वाकाक्षा अथवा अपने मित्रो के कारण अथवा एक साथ तीनो कारणो से तीसरी बार चुनाव जीत कर अपनी ख्याति बनाने का यत्न किया। अनेक राष्ट्रपतियो ने तीसरी बार पदारूढ होने की सम्भावना के लिये प्रयत्न न करने से इन्कार करके राजनैतिक शक्ति को दृढता से अपने हाथ मे तब तक रखा जब तक अतिम सम्भावना भी समाप्त न हो गई। किन्तु लोगो के मन मे कभी भी यह शंका पैदा नही |
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कटाक्षः एक अकेला, सब आभारी!
G 20: दिहाड़ी मज़दूरों की दास्तान - "लग रहा है दो दिन हमारे बच्चे भूखे ही रहेंगे"
मोदीमय G 20 की छवि, घोसी का संदेश और मांसाहार का आपदा कनेक्शन!
बात बोलेगीः मोदी जी का बुलडोज़र युग!
विश्व कूटनीति में क्या नई लकीर खींचेगा G-20 सम्मेलन!
G20 की चकाचौंध के बीच फुटपाथ पर सोने वालों की कहानी!
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लखनऊः सरकारी प्राइमरी स्कूलों में भी अब बच्चे मेज-कुर्सी पर पढ़ेंगे। बच्चों के लिए तीन साल में फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी। सर्व शिक्षा अभियान के तहत प्रदेश सरकार ने कार्ययोजना तैयार की है और इसके लिए बजट का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। पहले साल में 47 लाख बच्चों के लिए मेज-कुर्सी का इंतजाम किया जाएगा।
इसके अलावा सोलर लाइट, स्कूलों की मरम्मत और चाहरदीवारी सहित कई कामों के लिए प्रदेश सरकार ने कुल 23,538 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा। मुख्य सचिव राहुल भटनागर की अध्यक्षता में हुई सर्व शिक्षा अभियान की बैठक में प्रदेश के बजट को मंजूरी दी गई। इसे केंद्र की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। प्रदेश सरकार ने तीन साल में 1.52 करोड़ बच्चों के लिए बेहतर फर्नीचर उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। जिसे तीन साल में पूरा करना है। पहले साल 47 लाख बच्चों के फर्नीचर के लिए बजट मांगा गया है।
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समाहरणालय स्थित सभा कक्ष में उपायुक्त श्री अबु इमरान की अध्यक्षता में समाज कल्याण की योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना,आंगनबाड़ी केन्द्र, ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस, पोषण ट्रैकर डैसबोर्ड रिपोर्ट, जीरो से 05 वर्ष तक के बच्चों के आधार पंजीकरण समेत अन्य की क्रमवार समीक्षा की।
समीक्षा के क्रम में पाया गया कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में हंटरगज, इटखोरी व टंडवा परियोजना का लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि शून्य है। इस संदर्भ उपायुक्त ने सख्त निर्देश दिया कि अविलंब लक्ष्य को पूर्ण करें। अन्यथा विभागीय कार्रवाई हेतु विभाग को प्रेषित की जाएगी। उल्लेखनीय है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिले को 271 कन्याओं को लाभांवित करने का लक्ष्य मिला है। तीन महीने के बाद भी अब तक 22 कन्याओं को ही लाभांवित किया गया है। इनमें चतरा ग्रामीण परियोजना में 11 ,प्रतापपुर परियोजना में 7 और सिमरिया परियोजना में 4 शामिल है। इन परियोजनाओं को क्रमशः 48, 39 और 48 कन्या को लाभांवित करने का लक्ष्य था। जबकि हंटरगंज, इटखोरी और टंडवा परियोजना को क्रमशः 46, 48 और 42 कन्या को लाभांवित करने का लक्ष्य मिला था। इसके विरुद्ध इन परियोजनाओं की उपलब्धि शून्य रही। बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सूरज मूनी कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सिमरिया रीना साहू, बाल संरक्षण पदाधिकारी अरुण प्रसाद, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष धनंजय तिवारी, प्रखंड के सभी आहार विशेषज्ञ समेत अन्य संबंधित उपस्थित थे।
बैठक में मामला सामने आया कि कान्हाचट्टी प्रखंड के बकचुंबा क्षेत्र के आंगनवाड़ी केंद्र में एक सेविका आंगनवाड़ी केंद्र को अपना मकान समझ कर निवास कर रही है। उपायुक्त ने नाराजगी जताई और संबंधित महिला सुपरवाइजर आशा पासवान को सख्त निर्देश दिया कि जल्द से जल्द सेविका को वहां से खाली कराएं और सुचारू रूप से आंगनवाड़ी केंद्र का संचालन कराएं। उन्होंने कहा जिले में किराए पर चल रहे आंगनवाड़ी केंद्र का किराया भुगतान माह अगस्त से किसी भी परिस्थिति में नहीं किया जाएगा। साथ ही कहा कि बने आंगनवाड़ी केंद्र भवन में किराए पर चल रहे आंगनवाड़ी केंद्र को शिफ्ट करें।
14 अगस्त को लाभुकों के खाते में जाएगी राशि डीसी ने सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने सभी बाल परियोजना पदाधिकारी को लक्ष्य के विरुद्ध निर्धारित तिथि 26 जुलाई तक अंतिम रूप से लाभुकों को लाभान्वित करने हेतु भौतिक सत्यापन करते हुए आवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही जिला समाज कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि प्राप्त आवेदनों का स्वीकृति कराते हुए सभी लाभुकों के खाते में 14 अगस्त को एक साथ भुगतान करें।
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Internet Down: आखिर बार-बार क्यों होता है इंटरनेट डाउन, किन कारणों से आती है आउटेज की समस्या?
आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट डाउन डेटेक्टर के मुताबिक, डीएनएस यानी डोमेन नेम सिस्टम (DNS) में गड़बड़ी होने के कारण ये वेबसाइट्स कुछ देर के लिए ठप पड़ गई थीं.
अमेजन(Amazon), जोमैटो(Zomato) और पेटीएम (PayTm) समेत दुनियाभर की हजारों वेबसाइट्स गुरुवार को ठप हो गई. सोनी लिव (Sony liv), हॉटस्टार (Hot Star) जैसे ओटीटी (OTT) प्लेटफार्म पर भी यूजर्स को पसंदीदा कंटेंट एक्सेस न कर पाने समेत कई तरह की दिक्कतें सामने आईं.
ज्यादातर कंपनियों की वेबसाइट्स की या तो स्पीड काफी कम हो गई, या फिर इन्होंने काम करना ही बंद कर दिया. पेटीएम जैसी साइट से पेमेंट न होने की शिकायतें भी सामने आईं. इन कंपनियों के अलावा इनमें कई बैंक, टेक कंपनियों और एयरलाइन्स भी शामिल हैं.
क्या बताया गया कारण?
आउटेज ट्रैकिंग वेबसाइट डाउन डेटेक्टर के मुताबिक, डीएनएस यानी डोमेन नेम सिस्टम (DNS) में गड़बड़ी होने के कारण ये वेबसाइट्स कुछ देर के लिए ठप पड़ गई थीं. हालांकि, इनका ऑपरेशन ठीक कर दिए जाने का दावा किया गया. इंटरनेट आउटेज के कारण इन कंपनियों की वेबसाइट्स लोड ही नहीं हो पा रही थीं.
सिस्टम डोमेन नेम सिस्टम सर्विस में Error बता रहा था. क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर कंपनी अकामाई टेक्नोलॉजीज (AKAM.O) ने एज DNS सर्विस में आ रही दिक्कतों को देखकर ठीक करने की बात कही. गुरुवार रात 10:17 बजे कंपनी ने ट्वीट कर इश्यू रिसॉल्व कर लिए जाने की सूचना दी.
We have implemented a fix for this issue, and based on current observations, the service is resuming normal operations. We will continue to monitor to ensure that the impact has been fully mitigated.
किन कारणों से होती है इंटरनेट आउटेज की समस्या?
गूगल जैसी बड़ी कंपनी के पास इतनी बड़ी टीम होने के बावजूद इसकी सर्विस बंद हो जाती हैं. इंटरनेट आउटेज की समस्या के पीछे कई तरह के कारण बताए जाते हैं. netblazr और fastmetric वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक नेटवर्क कंजेशन, केबल डिस्टर्बेंस, स्पीड फ्लक्चुएशन समेत ऐसे तमाम कारण होते हैं, जिनकी वजह से इंटरनेट आउटेज की समस्या आती है. आइए, जानते हैं कुछ प्रमुख वजहों के बारे मेंः
1. नेटवर्क कंजेशन (Network Congestion):
इंटरनेट आउटेज की यह सबसे आम समस्या है. जब एक निश्चित क्षेत्र में एक ही समय में बहुत से लोग नेटवर्क तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हों, तो नेटवर्क की भीड़ जैसी स्थिति पैदा होती है. उदाहरण के लिए आप सोचिए कि किसी हाइवे पर एक ही समय में लाखों गाड़ियां एक ही साथ एक निश्चित जगह से गुजर रही हों तो क्या होगा? नेटवर्क कंजेशन की स्थिति में सर्किट क्वालिटी खराब हो सकती है. आउटेज का यह जितना आम कारण है, उतना ही आसान है इस स्थिति से बचना या इसका हल निकालना. कॉलेज की लाइब्रेरी, लैब, सार्वजनिक वायरलेस नेटवर्क में भीड़ के कारण ऐसी समस्या होना आम बात है.
2. सेवा प्रदाता का लिंक फेल होना (A failed link to service provider):
यह भी नेटवर्क आउटेज की समस्या का कारण हो सकता है. यह स्थिति तब आती है, जब आपके डिवाइस और सर्वर के बीच का लिंक बाधित होता है और कनेक्ट नहीं हो पाता है. कई बार आंधी-तूफान, जानवरों के कारण केबल टूट जाने की वजह से भी आपके सर्विस प्रोवाइडर का लिंक फेल हो जाता है. केबल डिस्टर्बेंस के कारण ऐसी समस्याएं आम बात होती हैं.
3. इंटरनेट की स्पीड में उतार-चढ़ाव (Speed fluctuation from Internet provider):
आपके सर्विस प्रोवाइडर द्वारा दी जा रही इंटरनेट की स्पीड में फ्लक्चुएशन के कारण भी आउटेज या इंटरनेट डाउन की समस्या हो सकती है. कभी-कभी आपके सर्विस प्रोवाइडर की लाइन उतनी अनुकूलित नहीं होती हैं जितनी उन्हें होनी चाहिए. जैसे कि आपने अपनी जरूरत के अनुसार, 500 MBPS का कनेक्शन लिया, लेकिन आपको 50 MBPS से भी कम स्पीड मिल रही तो जिस काम के लिए आपको तेज स्पीड चाहिए थी, उसे नहीं मिलने के कारण सेवा में रुकावट निश्चित है. अचानक से स्पीड बढ़ना और अचानक घटना भी आउटेज का कारण हो सकता है.
4. उपकरणों की विफलता (Equipment failure):
सर्विस प्रोवाइडर द्वारा अपने उपकरण को ठीक से ग्राउंडिंग न करने के कारण, अतिसंवेदनशील होने और अन्य कारणों से सर्किट को नुकसान पहुंच सकता है. इसके अलावा, लॉकअप और ओवरलोड भी उपकरणों के फेल्योर का कारण बनते हैं. ऐसी तकनीकी समस्या आने पर सर्विस प्रोवाइडर अपडेट अच्छी तरह से कॉन्फिगर किए गए हार्डवेयर के साथ इसका समाधान करते हैं.
5. ऑपरेशनल त्रुटि (Operation error):
चाहे वह गलत आईपी एड्रेस हों, इम्प्रॉपर वायरिंग या गलत तरीके से कॉन्फिगर किए गए फायरवॉल... इन कारणों से इंटरनेट कनेक्शन ठीक से स्थापित नहीं होने पर ऑपरेशनल त्रुटियां हो सकती हैं. ये भी इंटरनेट डाउन की समस्या का कारण बनते हैं. इन कारणों के अलावा नेटवर्ककआउटेज या इंटरनेट डाउन के समेत और भी कई कारण हो सकते हैं.
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जयंत सेन धाम रात में रोशनी से जगमग है। रात में तीर्थ की छटा निराली हो जाती है। पूरे तीर्थ परिसर में लगी आकर्षक विद्युत सज्जा सबका मन मोह लेती है। राष्ट्र संत जैनाचार्य श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वर जी के मंगल प्रवेश के बाद से अनुयायियों का तांता लगा हुआ है।
राष्ट्रसंत जयंतसेन सूरीश्वरजी की निश्रा में आराधकों ने जप-तप का क्रम शुरू कर दिया है। आराधक प्रतिदिन तपस्या के प्रत्याख्यान ले रहे हैं। मासक्षमण की तपस्या 24 जुलाई से शुरू होने वाली है, जबकि 21 उपवास की तपस्या 2 अगस्त, 16 उपवास की 7 अगस्त और 11 व 8 उपवास की तपस्या 12 अगस्त से प्रारंभ होगी। तपस्वियों का सामूहिक पारणा 23 अगस्त को होगा।
त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ के राष्ट्रीय महामंत्री सुरेंद्र लोढ़ा और अखिल भारतीय राजेंद्र जैन नवयुवक परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेंद्र भंडारी ने आचार्यश्री से आशीर्वाद लिया। चातुर्मास आयोजक व विधायक चेतन्य काश्यप परिवार के सदस्य, रतलाम श्रीसंघ की ओर से राजेंद्र सुराना, अभय बरबेटा, मुकेश ओरा, राजकमल जैन आदि ने उनका बहुमान किया।
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कोरीज़ा लंबे समय तक सामान्य ठंड के सबसे अनुमानित अभिव्यक्तियों में से एक में बदल गया है। इस घटना का मुकाबला करने के कई साधन हैं। उनमें से ज्यादातर आपको दिनों के मामले में सामान्य सर्दी को हराने की अनुमति देते हैं। लेकिन यह घटना क्या है - रक्त के साथ ठंडा, कुछ लोगों के लिए जाना जाता है। इसलिए, यह आपको उन रोगियों से सावधान करता है जिन्हें इसका सामना करना पड़ता है।
सर्दी रक्त के साथ क्यों आती है?
वास्तव में, आपको समय से पहले घबराहट नहीं करना चाहिए। श्लेष्म नसों में श्लेष्म नसों में दिखाई देने का मुख्य कारण कमजोर जहाजों है। यदि नाक बहने से आप लंबे समय तक पीड़ित होते हैं, और इस बार आप रूमाल के साथ भाग नहीं लेते हैं, तो संभवतः, जहाजों को बहुत कमजोर कर दिया गया है और अगले झटका के समय वे बस टूट गए। अनियंत्रित होने पर खूनी निर्वहन।
रक्त के साथ सर्दी के अन्य कारण हैंः
- वायरस;
- खरोंच और अन्य यांत्रिक नुकसान;
- विटामिन की कमी और कमजोर प्रतिरक्षा;
- श्लेष्मा की सूखापन;
- दबाव बढ़ गया ;
- संवहनी spasms (अत्यधिक शारीरिक परिश्रम, जलवायु परिवर्तन, उच्च ऊंचाई चढ़ाई, अचानक तापमान spikes के साथ मनाया)।
संक्रमण वर्ष और गर्भवती महिलाओं के दौरान अक्सर रक्त नसों के साथ एक नाक बहती है। हार्मोनल पृष्ठभूमि में अचानक परिवर्तन के लिए सभी दोष। कभी-कभी दवा के उपयोग से ठंड के परिणाम में रक्त। स्वतंत्र रूप से इस मामले में कार्य करने के लिए यह आवश्यक नहीं है, और सलाह देने के विशेषज्ञ के साथ यहां रोक नहीं है।
अगर मेरा खून ठंडा हो जाता है तो मुझे क्या करना चाहिए?
उपचार का निर्धारण केवल सटीक निदान की स्थापना के बाद ही हो सकता हैः
- यदि कमजोर केशिकाओं के कारण ठंड में रक्त नसों में दिखाई दिया, तो जहाजों को मजबूत करने की आवश्यकता होगी। यह धोने, विशेष शारीरिक अभ्यास और औषधीय decoctions के उपयोग से मदद की जा सकती है। यह सब रक्त परिसंचरण को सामान्य करने और प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा, जिसके कारण अधिक कठोर हो जाएगा और केशिकाओं की दीवारें।
- इसलिए आपको नाक से खून की समस्या से निपटने की ज़रूरत नहीं है, नाक के साथ, विशेष आयनकार और humidifiers घर पर स्थापित करें। घर पर नियमित रूप से साफ और हवादार।
- सड़क पर जाने से पहले (विशेष रूप से ठंड के मौसम में) चिकित्सा पेट्रोलियम जेली या विशेष मलम के साथ नाक को चिकनाई करें।
प्रतिरक्षा को मजबूत करने के लिए, आप विटामिन परिसरों को पी सकते हैं। आहार को बदलने के लिए यह अनिवार्य नहीं होगा। सब्जियां, फल, अनाज जोड़ें, और बुरी आदतों को त्यागने का प्रयास करें।
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नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट, अंडरग्रेजुएट या नीट यूजी काउंसलिंग 2021 शेड्यूल जारी होने के तुरंत बाद शुरू होने की संभावना है। मेडिकल काउंसलिंग कमेटी, एमसीसी ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसके माध्यम से उसने स्टूडेंट्स को फर्जी एजेंटों और सीट आवंटन के खिलाफ आगाह किया है। अधिक जानकारी आधिकारिक वेबसाइट mcc. nic. in पर उपलब्ध है।
उम्मीदवारों को यह भी सूचित किया गया है कि एमसीसी ऊपर दी गई वेबसाइट के अलावा किसी अन्य वेबसाइट को होस्ट नहीं करता है। इसलिए, उन्हें किसी भी अन्य फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहना चाहिए जो गलत सूचना प्रसारित कर सकती हैं। हालांकि, यदि किसी उम्मीदवार का सामना किसी ऐसी वेबसाइट या एजेंट से होता है जो धोखाधड़ी/फर्जी हो सकती है, तो उन्हें तुरंत इसकी सूचना एमसीसी को देनी चाहिए।
एमसीसी ने कहा है कि सीट आवंटन पूरी तरह से योग्यता के आधार पर और आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से उम्मीदवारों द्वारा भरे गए विकल्पों के आधार पर किया जाता है।
यह आगे सूचित करता है कि नामांकन के आधार पर सीटों का आवंटन नहीं किया जाता है।
एमसीसी ने कहा कि उम्मीदवारों को अपना काउंसलिंग पासवर्ड किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। नीट एआईक्यू काउंसलिंग के लिए Mcc. nic. in एकमात्र वेबसाइट है और उम्मीदवारों को फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहना चाहिए।
एमसीसी ने अभी तक नीट 2021 काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं की है। आधिकारिक अधिसूचना और सूचना बुलेटिन जारी होने पर आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे।
एमसीसी की एडवाइजरी चेक करने का डायरेक्ट लिंक ये mcc. nic. in/WebinfoUG/File/ViewFile? FileId=3&LangId=P है।
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राम रमापति जय जय जय,
वन वन भटके वह,
मर्यादा की सीख सिखाने,
त्याग भावना हमें सिखाने ,
यहीं पे पूरे करने काम,
आए मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।
अयोध्या में आए श्री राम,
नहीं वहां पर अब कोई वाम,
सब वहां हर्षित हैं इस पल,
दशरथ के मन में है हलचल,
आए फिर भरत शत्रुघ्न भी,
लक्ष्मण ने भी आँखें खोली,
तीन रानियां सखियों जैसी,
साथ साथ ममता में डोली,
मानव का उत्थान है करना,
इसीलिए आए श्री राम ।
अयोध्या में उत्सव का शोर,
शंखनाद है चारों ओर,
शांताकारम राम के दर्शन,
करने आए सभी चहु और,
यह हो सकता है कि रावण,
भी आया हो दर्शन करने,
यह भी सच है सभी देवता,
सोच रहे अब कष्ट मिटेंगे,
यद्यपि यह मेरा विचार है,
कि रावण भी विष्णु भक्त था,
किंतु नहीं यह वर्णन कहीं भी,
कि रावण आया अयोध्या कभी भी,
सभी यहां सुख सागर में है,
आज यहां आए हैं राम।
यह है श्री राघव की माया,
कि यह कोई समझ न पाया,
एक मास का एक दिवस था,
हर कोई मोह में विवश था,
यहां रवि भी रुका हुआ है,
यहां कवि भी झुका हुआ है,
यहां सभी नतमस्तक होंगे,
यह है अयोध्या नगरी शुभ धाम,
यहां पे जग के पालक राम।
यदि यह हमने ना समझा,
यदि यह हमने ना जाना,
कि यह परम सत्य ही था,
की रमापति ही सियापति था,
प्रत्यक्ष को प्रमाण नहीं है ,
स्वयं सिखाएंगे श्री राम।
वहां चले अब जहां सरस्वती,
गुरु ने शास्त्रों की शिक्षा दी,
गुरु आश्रम में ऐसे रहते,
सेवा भाव से कार्य हैं करते,
आए जब राम गुरुकुल में ,
पुनः ज्ञान अर्जित करने ,
वहां सभी सुख में डूबे,
चारों भाई थे चार अजूबे,
यह प्रभु की ही अद्भुत लीला,
वेदों के ज्ञाता हैं राम।
गुरु आश्रम से आ साकेत,
विश्वामित्र का पा आदेश,
सबको करने अभय प्रदान,
लखन को ले चलें कृपानिधान,
चले ताड़का वन की ओर,
दुष्ट राक्षसी रहती जिस छोर,
बाण एक ताड़का को मारा,
मारीच सुबाहु को संघारा,
मारीच को दिया क्यों जीवनदान,
यह भेद जाने बस कृपा निधान,
चले हैं हरने मही की त्रास ,
इसीलिए आए श्रीराम।
चले वहां अब जहां महालक्ष्मी,
जनक सुता रमा कल्याणी,
वहीं होगा अब मिलन हरि से,
जहां जनक राज्य हैं करते,
चले संग मुनिवर लक्ष्मण के,
गंगा तट पर पूजन करके ,
वहीं एक निर्जीव आश्रम में,
तारा अहिल्या को चरण रज से ,
गंगा जिनकी उत्पत्ति है ,
वो हैं पतित पावन श्री राम।
समय ने ऐसा खेल रचाया,
समय ने ऐसा मेल बनाया,
वहीं पे पहुंचे कृपानिधान,
जहां पे थी खुद गुण की खान,
वही पहुंची अब जनक सुता,
उपवन में राघव को देखा ,
अद्भुत सौंदर्य और अतुल पराक्रम का,
है यह अति पुरातन रिश्ता,
तीनों लोकों में दोनों की,
कोई कर सकता ना समता,
गई मांगने उनसे रघुवर,
जिसने तप से शिव को जीता,
जनकपुरी में शुभ समय है आया,
जनक राज ने प्रण सुनाया,
सब का अभिनंदन करके,
सीता को सखियों संग बुलाया,
किंतु शिव के महा धनुष को,
कोई राजा हिला न पाया,
विश्वामित्र ने देखा अवसर,
तब उन्होंने राम को पठाया,
राम ने जाना शुभ समय है आया,
सभी बड़ों को शीश नवाया,
धनुष के दो टुकड़े कर डाले,
हमें मिले फिर सीताराम।
केकई ने षड्यंत्र रचाया,
नियति ने फिर खेल रचाया,
राजतिलक का समय जब आया,
माता का फिर मन भरमाया,
दशरथ से मांगे वर दो,
भरत को राज्य , वन राम को दो,
माता की आज्ञा सिर धरके,
पिता वचनों की गरिमा रखने,
साथ सिया और लक्ष्मण को ले,
चले गए फिर वन को राम।
वन में उनको मिले सभी ,
ऋषि तपस्वी और ज्ञानी,
वन में था ज्ञान अथाह,
वन में था आनंद समस्त,
वन में थे राक्षस कई ,
वन को कलुषित करते सभी ,
रावण के यह बंधु सभी,
करते थे दुष्कर्म कई ,
लिया राम ने फिर प्रण एक ,
निश्चर हीन धरा को यह,
रक्षा इस धरती की करने ,
आए दोनों लक्ष्मण राम।
वन में जा पहुंचा अभिमानी,
मारीच उसका मामा अति ज्ञानी ,
अभिमानी के हाथों उसकी,
मृत्यु हो जाती निष्फल ,
चुना मृत्यु का मार्ग सफल,
बन सुंदर एक मृग सुनहरी,
चला भरमाने मायापति राम।
सीता को पाकर अकेली,
छद्मवेश साधू का धर के,
ले गया वह सीता को हर के,
यहां वहां सीता ने पुकारा,
हार गया जटायु बेचारा,
वन वन भटके दोनों भाई ,
पर सीता की सुध ना पाई,
यह सब तो है प्रभु का खेल,
दीन बने खुद दीनानाथ राम।
मिलना था अब हनुमान से,
बुद्धि ज्ञान और बलवान से,
वन में उनको भक्त मिला,
वानर एक अनूप मिला,
रुद्र अवतार राम के साथी,
वानर राज सुग्रीव के मंत्री,
वानर जाति का किया कल्याण,
सब के रक्षक हैं श्रीराम।
वानर राज ने किया संकल्प,
माता की खोज हो तुरंत ,
चारों दिशाओं में जाओ ,
सीता मां की सुध लाओ ,
चले पवनसुत दक्षिण की ओर,
मन में राम नाम की डोर,
विघ्न हरण करते हनुमान ,
उनके मन में हैं श्रीराम।
चले वहां अब जहां थी लंका,
वहां पर अद्भुत दृश्य यह देखा,
एक महल में शंख और तुलसी,
देख उठी यह मन में शंका,
वर्णन कर आने का कारण,
विभीषण से जाना सब भेदन,
सीता मां से चले फिर मिलने,
राम प्रभु के कष्ट मिटाने,
माता को दी मुद्रिका निशानी,
प्रभु की सुनाकर अमर कहानी,
यह तब जाना सीता माॅ ने,
रामदूत आया संकट हरने,
चले लांघ समुद्र महाकाय ,
सीता मां की सुध ले आए,
रावण की लंका नगरी को,
अग्नि को समर्पित कर आए,
रावण का अहंकार जलाकर,
बोले क्षमा करेंगे राम।
हनुमत पहुंचे राम के पास,
सीता मां का हाल सुनाकर,
बोले ना टूटे मां की आस ,
दक्षिण तट पर पहुंच के बोले,
अब जाना है सागर पार,
राम नाम की महिमा गहरी,
वो करते हैं भव से पार,
राम नाम लिखकर जो पत्थर,
सागर में तर जाते हैं,
उसी राम के आगे देखो,
शिव भी शीश झुकाते हैं,
करके पूजा महादेव की,
लिंग पे जल चढ़ाते हैं,
राम भी उनकी सेवा करते,
जो रामेश्वरम कहलाते हैं,
सेतु बांध समुद्र के ऊपर,
लंका ध्वस्त करेंगे राम।
रावण एक महा अभिमानी,
विभीषण की एक न मानी,
मंदोदरी उसकी महारानी,
उसकी कोई बात न मानी,
सीता ने उसको समझाया,
क्यों मरने की तूने ठानी,
विभीषण को दे देश निकाला,
लंका का विनाश लिख डाला,
चले विभीषण राम के पास,
मिटाने कई जन्मों की त्रास,
लंकेश्वर कहकर पुकारा,
शरणागत के रक्षक राम।
शांताकारम राम ने सोचा,
जो विनाश युद्ध से होता,
सृजन में लगते लाखों कल्प,
राम ने चाहा अंगद अब जाए,
रावण को यह कहकर आए,
माता को आदर् से लेकर,
राम प्रभु की शरण में जाए,
अंगद ने जा राजमहल में,
पर उस अभिमानी रावण की,
राज्य सभा को समझ ना आया,
तब राम नाम लेकर अंगद ने,
वहीं पर अपना पैर जमाया,
राम ने उस अभिमानी रावण को,
राम नाम का खेल दिखाया,
हिला ना पाए कोई उसको,
जिसके तन मन में हो राम।
अब निश्चित है युद्ध का होना,
रावण के अपनों का खोना,
सब ने अपने प्राण गवाएं,
रावण अब इस बात को समझा,
कि संकट में प्राण फसाए,
युद्ध भूमि में किसको भेजें,
जाकर कुंभकरण को जगाएं,
राम लखन के सन्मुख भेजें,
वानर सेना को मरवायें,
कुंभकरण ना समझ सका की,
नारायण को कैसे हराऐं,
यह था कुंभकरण का भाग्य,
मुक्ति के दाता हैं श्री राम।
वानर सेना में उत्साह का शोर,
राक्षस सेना चिंतित सब ओर,
युद्ध हुआ हर दिन घनघोर,
पर बचा न कोई रावण की ओर,
एक से एक महा भट्ट आते,
आकर अपने प्राण गवाते,
मेघनाथ रावण की आस,
लक्ष्मण लक्ष्य लंका के सुत का,
गड़ शक्ति पराक्रम बल कौशल का,
यह क्या विधि ने खेल रचाया,
लक्ष्मण को युद्ध में हराया,
शक्ति मेघनाथ ने छोड़ी,
राम लखन की जोड़ी तोड़ी,
मेघनाथ के शंखनाद का कैसे उत्तर देंगे राम।
अब वानर सेना है भयभीत,
वानर दल की टूटी पीठ,
लक्ष्मण राम प्रभु की प्रीत,
लूट के ले गया इंद्रजीत,
वानर दल श्री राम को चाहे,
उनकी चिंता देखी न जाए,
अब उनको संजीवनी बचाए,
तब हनुमंत सामने आए,
वानर सब उनको समझाएं,
की सूर्य उदय से पहले ले आएं,
वरना लक्ष्मण को जीवित ना पाएं,
शांत समुद्र में जैसे तूफान,
ऐसे विचलित हैं श्री राम।
चले पवनसुत उत्तर की ओर,
लक्ष्मण के प्राणों की टूटे ना डोर,
संग ले राम नाम की आस,
हनुमत पहुंचे पर्वत के पास,
लक्ष्मण के प्राणों को लेकर,
हनुमत पहुंचे जहां थे राम।
यह तो है राम नाम की चाहत,
जो लक्ष्मण हो सके न आहत,
फिर गरज कर लक्ष्मण ने कहा,
तेरी मृत्यु अब निश्चित है अहा,
कहां है वह पाखंडी राक्षस,
युद्ध के सभी नियमों का भक्षक,
यहां पर तो रघुकुल का चिन्ह है,
कि अब मेघनाद का मस्तक,
उसके धड़ से कब होता भिन्न है,
लक्ष्मण ने अब प्रण है ठाना,
विजयी हो कर आऊंगा राम।
युद्ध वहां है जहां है माता,
इंद्रजीत को समझ न आता,
जो सत्य का साथ है देता,
वहीं पे लक्ष्मण ने ललकारा,
युद्ध करने को उसे पुकारा,
सभी शास्त्र विफल कर डाले,
मेघनाद ने देखे तारे,
यह समझा रावण का सुत अब,
यह कैसे पितु को समझाए,
राक्षस जाति को कैसे बचाए,
सुबह का सूरज यह लेकर आया,
अब युद्ध करेंगे रावण राम।
वहां से शंखनाद यह बोला,
रावण का सिंहासन डोला,
यह अब अंतिम युद्ध है करना,
वानर सेना करें यह गणना,
यह है अब राम की इच्छा,
रावण को वानर दें शिक्षा,
युद्ध हुआ वह बहुत भयंकर,
देख रहे ब्रह्मा और शंकर,
यह अब युद्ध में निर्णय होगा,
की अंत में विजयी कौन बनेगा,
यहां पर सब हैं आस लगाए,
कि जल्दी सीता अब आए,
राम मारेंगे अब रावण को,
सीता मां के दर्शन हो सबको,
चलेंगे तीखे तीर रघुवर के,
काटने को शीश रावण के,
जों जों शीश दशानन के कटते,
वर के कारण वापस आ जाते,
तब रघुवर विस्मय में आए,
अब तो कोई उपाय बताए,
तब विभीषण सामने आए,
अमृत का रहस्य बतालाए,
अग्निबाण नाभि में मारो,
दशानन को ब्रह्मास्त्र से संघारो,
यही वो पल है जिसके कारण,
धरती पर आए श्री राम।
यह तो सब ने देखा उस क्षण,
कि रावण का हो रहा है मर्दन,
यह तो बस रघुवर में जाना,
कि रावण था बड़ा सयाना,
बिना राम के मुक्ति पाना,
असंभव था उसने यह जाना,
शुभम अथवा सत्यम का मिलना,
नहीं था संभव बिना सियाराम।
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भारत में शुक्रवार को 24 घंटे की अवधि में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के 122 मामलों का पता चला, जो अब तक एक दिन में इस वेरिएंट के सर्वाधिक मामले हैं.
भारत में कोविड-19 (Covid-19) महामारी की तीसरी लहर अगले साल तीन फरवरी तक चरम पर हो सकती है. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology) कानपुर के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में ये दावा किया. हालांकि ये पूर्वानुमान इस धारणा पर आधारित है कि भारत में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) से प्रभावित अनेक देशों में मामलों में बढ़ोतरी की प्रवृत्ति देखने को मिलेगी.
21 दिसंबर को मेडआरएक्सआईवी पर डाले गए अध्ययन की अभी समीक्षा नहीं की गई है. इसमें तीसरी लहर का पूर्वानुमान लगाने के लिए गौसियन मिक्चर मॉडल का इस्तेमाल किया गया. शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और रूस जैसे देशों से प्राप्त आंकड़ों का इस्तेमाल किया, जो पहले ही महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहे हैं.
वैज्ञानिकों ने इन देशों में मामलों के दैनिक आंकड़ों का इस्तेमाल कर भारत में तीसरी लहर के असर और समय-सीमा का अनुमान व्यक्त किया. अध्ययन में भारत में पहली और दूसरी लहर के आंकड़ों का भी इस्तेमाल किया गया है. शोधकर्ताओं ने लिखा कि मामले 15 दिसंबर के करीब बढ़ने शुरू हुए और तीसरी लहर का चरम तीन फरवरी को होगा.
भारत में शुक्रवार को 24 घंटे की अवधि में कोरोनावायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के 122 मामलों का पता चला, जो अब तक एक दिन में इस वेरिएंट के सर्वाधिक मामले हैं. देश में ओमिक्रॉन के अब तक 358 मामले सामने आए हैं. देश में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए महाराष्ट्र और दिल्ली हॉट स्पॉट बना हुआ है. इन दोनों ही राज्यों से सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन दिल्ली की तुलना में महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन तेजी से फैल रहा है.
22 दिसंबर बुधवार तक महाराष्ट्र में कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमित होने वाले मरीजों की कुल संख्या 54 थी. जो दिल्ली से कम थे, लेकिन दो दिन बाद ही यानी 24 दिसंबर को ही महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुल 88 मामले दर्ज किए गए हैं, जो देश में सबसे अधिक हैं. महाराष्ट्र में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों के मद्देनजर आज रात 12 बजे से नाइट कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. ये नाइट कर्फ्यू कल से रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक होगा. इनडोर शादी समारोह में 100 लोगों के शामिल होने की अनुमति होगी. आउटडोर शादी समारोह में 250 लोग शामिल हो सकते हैं. इंडोर में बैठक करने के लिए 50 फीसदी क्षमता की अनुमति दी गई है.
(इनपुट- भाषा के साथ)
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यहां आपको 43 Inch Smart TV On Amazon के बारे में बताया जा रहा है। इन स्मार्ट टीवी को आप इस धनतेरस के मौके पर कम कीमत पर ले सकते हैं। इनमें कई सारे लेटेस्ट फीचर्स दिए हैं।
धनतेरस के फेस्टिवल पर हर कोई अपने घर में कोई ना कोई सामान की खरीदारी करता है। इस फेस्टिवल पर लगभग सभी सामान की कीमत काफी ज्यादा बढ़ जाती है। पर ई-कॉमर्स साइट Amazon पर इस फेस्टिवल के खास मौके पर आपको आपको सस्ती कीमत पर शॉपिंग करने का मौका मिलेगा। तो क्यों ना आप इस धनतेरस पर अपने घर में नई लेटेस्ट फीचर्स वाली इन स्मार्ट टीवी को ले आएं। यहां आपके लिए 5 बेस्ट Smart TV 43 inch लेकर आए हैं।
इस आर्टिकल में हम आपको इन स्मार्ट टीवी पर मिल रहे ऑफर्स और इनके फीचर्स दोनों के बारे में बताएंगे। ये सभी 43 इंच स्क्रीन साइज में मिलने वाली स्मार्ट टीवी हैं। Amazon Great Indian Festival Sale सेल के दौरान इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स डिस्काउंट ऑफर मिल रहा है।
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महावीर का अतस्तळ
जिसका त्यागकर यह त्यागी तपस्वी रना है। इससे वैभव विलास मिलसकता है, पर यह देवी वृत्ति नहीं आसुरी वृत्ति ऐसे लाग देवराज का पद नहीं पासकत मोल नहीं पास कते, कदाचित् असुरराज ही बन सकते हैं ।
में अपने त्यागत्तप को आत्मशुद्धि का मोक्ष का और जगत के उद्धार का अग बनाना चाहता हू । मुझे तो देवराज का पद भी इसके आगे तुच्छ मालूम होता है। मैं ऐसा जगत बनाना चाहता हु जिसमें देवराज और असुरराज सब सच्चे त्यागी तप स्वियों के आगे नतमस्तक रहें, भक्तिमय से ओतप्रोत रहें, आर त्यागी क आगे शक्ति वैभव अधिकार के प्रदर्शन करने का साहस न कर सकस्थायी रूप में शान्ति की ओर झुर्के ।
१८ चिंगा ९४४० इस
आज में शौच के लिये ईशान कोण की ओर गया था। लौटते समय कि एक वट वृक्ष के नीचे एक तापम लेटा हुआ है और चार पाच ग्रामीण असके आसपास बैठे हुए हैं । मेरे कानों में आवाज आई कि -मत्र महाराज एक होमिन से अधिक जीवित नहीं रह सकते। कोई अत्यसाधारण घटता समझकर मै झुल ओर मुझ । मुझे आया हुआ देखकर ग्रामीण एक बार हट गये । तापस का शरीर अस्थि पजग्ला रहगया था । कुछ सान्र समझकर मैं झुसके पास बैउगया। और पुत्रक्या आपने आजीवन अनशन लिया है ?
तपस्वी बहुत निर्मल होगया था। ध्वनि अलकी बहुत धीमी होगई थी । इसलिये सिर हिलाकर उसने तुरंत स्वीकृति दी फिर कुछ दर में शक्तिसचय करके उसने मुँह से भी की नहीं |
इंटरनेट डेस्क। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का चौथा टेस्ट मैच आज से अहमदाबाद में शुरू हा चुका है। ऑस्ट्रेलिया ने बल्लेबाजी को चुना है और उनका एक विकेट भी आउट हो गया है। इस सीरीज के दो मैच भारत पहले ही जीत चुका है। इसके साथ ही चौथे टेस्ट मैच में विराट कोहली अपने नाम एक रिकॉर्ड भी दर्ज कर सकते है।
जी हां आपकों बता दें की अगर विराट कोहली आज से शुरू हुए चौथे टेस्ट मैच में एक भी कैच लपक लेते है तो कोहली इंटरनेशनल करियर में अपने तीन सौ कैच पूरे कर लेंगे। आपकों बता दें की विराट कोहली के नाम पर 493 इंटरनेशनल मैचों में कुल 299 कैच दर्ज हैं।
ऐसे में अगर कोहली आज के मैच में एक भी कैच पकड़ लेते है तो उनके नाम 300 कैच लेने का एक और रिकॉर्ड दर्ज हो जाएगा और विराट कोहली यह आंकड़ा छूने वाले महज दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन जाएंगे।
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चचेरी बहन को अकेला पाकर दोनों भाइयों ने उसके साथ जोर जबरदस्ती करनी चाही। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की और गैंगरेप किया। इस दौरान दोनों भाइयों ने मिलकर उसे बेरहमी से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। बाद में उसे अस्पताल लेकर पहुंचे जहां उसकी मौत हो गई।
जबलपुर में एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। जिले के रांझी थाना क्षेत्र में दो सगे भाइयों ने अपनी ही चचेरी बहन से गैंगरेप किया। जब बहन ने गलत काम का विरोध किया तो दोनों भाइयों ने मिलकर उसे बुरी तरह से पीटा। अधमरी हालत में आरोपी बहन को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। आरोपियों ने मौत के बाद उसे शमशान घाट में दफना दिया, नाबालिग के पिता की शिकायत के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
दरअसल पीड़िता रक्षाबंधन के मौके पर मुंबई से जबलपुर भाइयों के घर आई थी। लड़की का परिवार कुछ महीनों पहले ही जबलपुर से मुंबई शिफ्ट हुआ था। कुछ समय पहले लड़की की दादी मुंबई गई थी, दादी ने रक्षाबंधन के पहले पोती से जबलपुर चलने के लिए कहा था, जिसके बाद वह अपनी दादी के साथ 10 अगस्त को जबलपुर आई थी। पीड़िता ने अपने भाइयों और परिवार के साथ अच्छे से रक्षाबंधन मनाया। 16 अगस्त को परिवार के लोग कहीं गए थे, इस दौरान चचेरी बहन को अकेला पाकर दोनों भाइयों ने उसके साथ जोर जबरदस्ती करनी चाही। विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की और गैंगरेप किया। इस दौरान दोनों भाइयों ने मिलकर उसे बेरहमी से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। अगले दिन 17 अगस्त को दोनों भाई उसे लेकर मेडिकल कॉलेज पहुंचे, जहां इलाज के दौरान दो दिन बाद लड़की की मौत हो गई। लड़की की उम्र 15 से 16 साल के बीच की थी।
चचेरी बहन की मौत के बाद दोनों आरोपियों ने आनन-फानन में कुछ लोगों के साथ मिलकर उसके शव को दफना दिया। लड़की के पिता को आरोपियों ने बताया कि बीमार होने की वजह से उसकी मौत हो गई, जबकि दादी को कहा कि वह अपने आप सामान्य मौत मर गई है। लड़की के पिता ने 23 अगस्त को एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से मिलकर जांच की मांग की, जिसके बाद तहसीलदार की उपस्थिति में शव को बाहर निकाला गया। पुलिस ने संदेह के आधार पर एक भाई को पकड़कर पूछताछ की तो उसने सारी वारदात बताई और गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या, रेप और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा अब भी फरार है।
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने अपने बड़े भाई के साथ मिलकर चचेरी बहन के साथ रेप और मारपीट की थी। आरोपी ने ये भी खुलासा किया कि नशे में दादी के साथ भी रेप हो चुका है। पीड़िता के पिता ने दोनों आरोपियों के लिए सख्त सजा की मांग की है।
पीड़िता के पिता ने बताया कि बेटी का फोन आया था, उसने भाइयों के मारपीट और गलत काम करने की शिकायत की थी, उसने जबलपुर में नहीं रहने की बात भी कही थी।
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कुरुक्षेत्र : प्रदेश के सिखों को एक मंच पर लाने की मुहिम शुरू हो गई है। शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के बैनर तले गठित की गई 5 सदस्यीय कमेटी में शामिल कंवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि इस बार नवम्बर में होने वाले एस. जी. पी. सी. के चुनाव में प्रधान का चुनाव बादल की जेब से निकली पर्ची से नहीं बल्कि पंथ की नुमाइंदगी से होगा।
आज यहां आयोजित एक बैठक दौरान कवलजीत सिंह अजराना ने कहा कि हरियाणा के गठन से लेकर अब तक प्रदेश का सिख समाज एकजुट होकर अपनी भलाई के फैसले नहीं ले पाया है। शिरोमणि अकाली दल हरियाणा द्वारा सबसे पहले सिख समाज को धार्मिक पक्ष से मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सब श्री अकाल तख्त साहिब प्रति हमेशा समॢपत रहेंगे। हमारा उद्देश्य प्रदेश के सिखों को एक मंच पर लाकर उन्हें बादल परिवार से मुक्ति दिलाना है। इतना ही नहीं श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों को भी बादल परिवार से मुक्ति दिलाने की मुहिम युद्ध स्तर पर छेड़ दी गई है। इस मौके पर तेजेंद्र सिंह मक्कड़, तेजपाल सिंह, सतनाम सिंह तखर, जसपाल सिंह, अवतार सिंह आदि मौजूद थे।
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उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड (UPBEB) ने 19 नवंबर (शुक्रवार) को उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (UPTET) 2021 के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट updeled. gov. in पर जाकर एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं। बता दें कि इस बार यूपीटीईटी 2021 की परीक्षा 28 नवंबर को दो पालियों में आयोजित की जाएगी। प्राथमिक स्तर के लिए परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 12. 30 बजे तक और जूनियर स्तर के लिए दोपहर 2. 30 से शाम 5 बजे तक परीक्षा आयोजित की जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार 21. 5 लाख परीक्षार्थी UPTET की परीक्षा में शामिल होंगे।
UPTET की परीक्षा 28 नवंबर को पहली बार लाइव सर्विलांस में होगी। इस बार राज्य स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम के माध्यम से परीक्षा केंद्रों की निगरानी की जाएगी। इसके लिए सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की गई है।
सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट updeled. gov. in पर जाएं।
अब होम पेज पर यूपीटीईटी 2021 के लिंक पर क्लिक करें।
अब नए पेज पर यूपीटीईटी 2021 एडमिट कार्ड के लिंक पर क्लिक करें।
आवश्यक क्रेडेंशियल भरें और सबमिट करें।
आपका एडमिट कार्ड स्क्रीन पर प्रदर्शित होगा।
एडमिट कार्ड पर दी गई जानकारी की जांच करें और इसके बाद एडमिट कार्ड डाउनलोड करें।
भविष्य के संदर्भों के लिए एडमिट कार्ड का प्रिंटआउट लें।
उम्मीदवार ध्यान दें कि UPTET 2021 की प्रोविजनल आंसर की 2 दिसंबर 2021 को जारी की जाएगी। उम्मीदवारों को 6 दिसंबर 2021 तक प्रोविजनल आंसर की पर आपत्ति दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी। UPTET 2021 के परिणाम 28 दिसंबर 2021 को घोषित होने की उम्मीद है।
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Pawan Singh and Kajal Raghwani: पवन सिंह एक बेहद लोकप्रिय भोजपुरी स्टार हैं। उनकी फैन फॉलोइंग सिर्फ एक राज्य में नहीं है, बल्कि वह पूरे भारत में समान रूप से प्रसिद्ध हैं। सोशल मीडिया पर भी उनकी बड़ी फैन फॉलोइंग है। उनके नए और पुराने दोनों गाने देश भर में उनके प्रशंसकों द्वारा पसंद किए जाते हैं। सुपरस्टार पवन सिंह ने पिछले कई सालों में कई अभिनेत्रियों के साथ काम किया है और उनमें से एक हैं काजल राघवानी। जो वीडियो हम आपके लिए यहां लेकर आए हैं वह एक रोमांटिक गाना है जिसका टाइटल 'मेहरी के सुख' है। इस वीडियो में पवन सिंह बेड पर काजल राघवानी के साथ रोमांस करते नजर आ रहे हैं.
पवन सिंह और काजल राघवानी ने कई हिट नंबर दिए हैं लेकिन यह एक खास है। यहां देखिए पूरी तरह से बटरली स्वादिष्ट रोमांटिक गानाः
इस सुपरहिट गाने का टाइटल है मेहरी के सुख नहीं देबू। ये भोजपुरी गाना पवन सिंह और काजल राघवानी का सबसे हिट गाना है. गाने में पवन सिंह और कदल राघवानी बंद कमरे में रोमांस कर रहे हैं. इस रोमांटिक गाने के बोल और म्यूजिक बहुत ही शानदार है. कपल की रोमांटिक केमिस्ट्री फैन्स को खूब पसंद आ रही है.
गाने में पवन सिंह काफी स्टाइलिश दिख रहे हैं और उनका लुक भी काफी अट्रैक्टिव है. काजल राघवानी ने नाइट सूट पहना हुआ है और एक्ट्रेस भी बेहद खूबसूरत लग रही हैं. इस गाने को पवन सिंह और भोजपुरी सिंगर इंदु सोनाली ने गाया है. इस गाने को DRJ Records भोजपुरी नाम के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है. इस गाने पर अब तक लाखों व्यूज आ चुके हैं और कई कमेंट भी आ रहे हैं.
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देश के 2017-18 घरेलू सीजन में अगर किसी खिलाड़ी का बल्ला खूब जमकर बोला तो वह सिर्फ और सिर्फ मयंक अग्रवाल ही थे.
कर्नाटक के स्टार बल्लेबाज मयंक अग्रवाल ने 2017-18 के रणजी सीजन में 8 मैचों की 13 पारियों में 105. 45 के बेहतरीन औसत के साथ 1160 रन बनाये थे. उन्होंने इस रणजी सीजन में 5 शतक व 2 अर्धशतक लगाये. वह इस रणजी सीजन में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी थे.
मयंक अग्रवाल ने 8 विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट के मैचों में भी 90. 37 की औसत व 107. 91 के शानदार स्ट्राइक रेट से 723 रन बनाये. जिसमे 3 शतक व 4 अर्धशतक शामिल है. वह विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट के भी सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी भी थे.
रणजी ट्रॉफी और वनडे विजय हजारे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के बावजूद मयंक अग्रवाल को निदास ट्राई सीरीज के लिए भारतीय टीम में जगह नहीं मिली है. सभी क्रिकेट दिग्गजों का मानना है, कि मयंक अग्रवाल के संग कही ना कही पक्षपात हुआ है.
कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आर सुधाकर राव ने अपने एक बयान में कहा,
"टीम में अपनी जगह बनाने के लिए खिलाड़ी को अच्छा प्रदर्शन करना जरुरी होता है. मयंक लगातार रन बना रहे है इसके बावजूद भी उन्हें इग्नोर किया जा रहा है. ट्राई सीरीज के दौरान कई युवाओं को मौका दिया गया है, लेकिन मयंक का नाम उस लिस्ट में नहीं देखकर बहुत हैरानी हुई है.
राव ने आगे अपने बयान में कहा,
"मयंक ने एक सीजन के दौरान 2000 से अधिक रन बनाये है. वही अगर विजय हजारे ट्रॉफी के 8 मैचों में उनके बल्ले से कुल 723 रन निकले है.
कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव आर सुधाकर राव ने आगे कहा,
आपकों बता दे, कि आईपीएल 2018 में मयंक अग्रवाल किंग्स इलेवन पंजाब की टीम का हिस्सा है और वह आईपीएल 2018 को भी अपने लिए यादगार बनाना चाहेंगे.
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मौनी रॉय (Mouni Roy) विदेश में नए साल का जश्न मना रही हैं. उन्होंने यूएई में छुट्टियां मनाते हुए अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की हैं, जिनमें से एक फोटो में मौनी राय समुद्र किनारे टहलती दिखाई दे रही हैं. लोग उन्हें छरहरी काया की वजह से ट्रोल कर रहे हैं.
नई दिल्लीः मौनी रॉय (Mouni Roy) ने कई टीवी शोज और फिल्मों में काम किया है. उन्हें आखिरी बार फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' में आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के साथ स्क्रीन शेयर करते हुए देखा गया था. (फोटो साभारः Instagram@imouniroy)
मौनी रॉय डांस रियलिटी शो में जज के तौर पर भी काम कर चुकी हैं. वे फिलहाल अपनी शादीशुदा जिंदगी का लुत्फ उठा रही हैं और यूएई में पति के साथ छुट्टियों को शानदार तरीके से बिता रही हैं. (फोटो साभारः Instagram@imouniroy)
मौनी रॉय ने इंस्टाग्राम पर काले रंग की बिकिनी पहने हुए अपनी दिलकश फोटो शेयर की है, जिसमें उन्हें हाथ में वाइन ग्लास पकड़े हुए बड़ी अदा के साथ समुद्र किनारे टहलते हुए देखा जा सकता है. उन्होंने काले चश्मे से अपने लुक को कंप्लीट किया है. एक्ट्रेस की फोटो को काफी लोगों ने पसंद किया, पर कुछ लोगों ने उन्हें पतले बदन की वजह से ट्रोल भी किया. (फोटो साभारः Instagram@imouniroy)
मौनी की फोटो पर एक यूजर कमेंट करता है, 'कोई इन्हें खाना दे दो. ' दूसरे यूजर ने लिखा, 'एलिमिनेट हो चुकी पबजी गर्ल. ' तीसरा यूजर बोला, 'हड्डियों का ढांचा लग रही हो. ' (फोटो साभारः Instagram@imouniroy)
'ब्रह्मास्त्र पार्ट वनः शिवा' में मौनी रॉय के काम को काफी सराहा गया था. (फोटो साभारः Instagram@imouniroy)
मौनी ने टीवी पर भी सुपरनैचुरल किरदार निभाया है. वे संजय दत्त के साथ 'द वर्जिन ट्री' में नजर आएंगी. (फोटो साभारः Instagram@imouniroy)
मौनी को हनी सिंह के एक म्यूजिक वीडियो 'गतिविधि' में भी देखा गया था. (फोटो साभारः Instagram@imouniroy)
नई दिल्लीः मौनी रॉय (Mouni Roy) ने कई टीवी शोज और फिल्मों में काम किया है. उन्हें आखिरी बार फिल्म 'ब्रह्मास्त्र' में आलिया भट्ट और रणबीर कपूर के साथ स्क्रीन शेयर करते हुए देखा गया था. (फोटो साभारः Instagram@imouniroy)
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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुयाना की राजधानी में जमैका के विदेश मंत्री कामिनाज स्मिथ के साथ चौथी भारत-कैरिकॉम मंत्रिस्तरीय बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि भारत अपनी G20 की अध्यक्षता के दौरान सभी अहम मुद्दों को सामने लाएगा और उस पर बात करेगा। साथ ही उन्होंने अफ्रीका को कम दाम वाली दवाएं मुहैया कराने पर भी बात की।
गौरतलब है, विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर शुक्रवार को गुयाना पहुंचे हैं। यहां उन्होंने जमैका के विदेश मंत्री कामिना जॉनसन स्मिथ के साथ चौथी भारत-कैरीकॉम मंत्रिस्तरीय बैठक की सह-अध्यक्षता की। इस बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद से निपटने सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जयशंकर ने शनिवार को ट्वीट एफएम गुयाना ह्यूग टॉड को धन्यवाद किया।
जयशंकर ने कहा कि इस वर्ष हमें G20 की अध्यक्षता करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि हम न केवल अपने लिए बल्कि उन देशों के के मुद्दों को सामने रखेंगे जो जी 20 समूह का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए, हमने वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ पर विचार-विमर्श किया है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई ध्यान दे तो पिछले पांच वर्षों में कई बड़ी समस्याएं सामने आई हैं। कोरोना महामारी, जलवायु परिवर्तन की बढ़ती घटनाएं, व्यापार तनाव, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा चिंताएं वास्तव में ऐसे मुद्दे हैं, जिनपर बैठकर बात करने की जरूरत है। इन मसलों पर गहनता से विचार होना चाहिए।
विदेश मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी ने स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पता चलता है कि हमें स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत है। हमें विचार करना चाहिए कि ऐसा क्या है जो हम और अधिक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक घरेलू पहल है जिसे हम वैश्विक मंच पर ले रहे हैं। इससे कम आय वाले उपभोक्ताओं को लाभ होगा। उन्होंने इस मौके पर कहा कि अगर आपको (कैरिबियाई देशों) लगता है कि यह रुचिपूर्ण है तो हम कम दाम वाली दवाएं मुहैया करा सकते हैं। हम उसके लिए एक क्षेत्रीय केंद्र बनाना चाहेंगे। ये सभी अमेरिका के एफडीए से अनुमति प्राप्त होंगे।
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फिटनेस फ़ोटोग्राफ़र आकाश कुंभार करेंगे लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में अपना दर्ज !
कई नेशनल और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित फिटनेस फ़ोटोग्राफ़र आकाश कुंभार जल्द ही अपना नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करने वाले हैं। 10 घंटे 45 मिनटों में 400 मॉडलों के 11000 फ़ोटो क्लिक करके वह एक नया रिकॉर्ड बनाने जा रहें है।
हाल ही में 2018 में, एशिया और मध्य पूर्व देशों में सबसे प्रतिष्ठित माने जाने वाले 'वॉव अवार्ड्स' से आउटस्टैंडिंग फैशन फोटोग्राफर का पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। यही नही आकाश ने अंतर्राष्ट्रीय लाइफस्टाइल मैगजीन 'बी' के लिए भी तीन कवर फोटोशूट किए हैं। जो अपने आप में किसी भी भारतीय फोटोग्राफर के लिए एक उपलब्धि मानी जाती हैं।
सूत्रों के अनुसार, आकाश को अपरंपरागत चीजें करना बहुत पसंद है। उसकी हर एक फोटो के पीछे काफी गहरा विचार होता हैं। लिम्का बुक्स और इंडिया बुक में रिकॉर्ड दर्ज करने का उनका लंबे समय से सपना रहा है। अब इस सपने को वो 12 जनवरी को पूरा करने जा रहे हैं।
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आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा पंजाब में ट्रक यूनियन तोड़े जाने के विरोध में बड़ी संख्या में पंजाब के ट्रक संचालक और चालक शंभू बॉर्डर पहुंचे हैं।
पटियाला : आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा पंजाब में ट्रक यूनियन तोड़े जाने के विरोध में बड़ी संख्या में पंजाब के ट्रक संचालक और चालक शंभू बॉर्डर पहुंचे हैं। यह विरोध दूसरे दिन भी जारी है। बीती रात एस. डी. एम. और एस. पी. के साथ हुई उनकी बैठक बेनतीजा रही। ट्रक यूनियनों के संचालकों का धरना आज दूसरे दिन सुबह से ही जारी है जिससे दूसरे दिन भी अंबाला से अमृतसर जाने वाले रूट को डायवर्ट कर दिया गया है। डी. सी. व अन्य अधिकारियों के आज शंभू बॉर्डर आने की संभावना है, जो हड़ताल खत्म कराने के लिए बैठक करेंगे।
ट्रक संचालकों का कहना कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं तब तक उनका धरना जारी रहेगा। आपको बता दें कि ट्रक चालकों में काफी रोष है और उन्होंने शंभू में हरियाणा और पंजाब की सीमा को जाम कर दिया है। इससे हरियाणा और पंजाब से आने-जाने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
हड़ताल के चलते हरियाणा-पंजाब के दिल्ली-अमृतसर और अमृतसर-दिल्ली हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। लोग इस जाम में फंसे हुए हैं। इस संबंध में सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जाम को शांत कराया।
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शिमलाः हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज यानि रविवार को एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया इस बैठक में यह फैसला लिया गया है कि हिमाचल प्रदेश के चार जिलों में 27 अप्रैल से नाईट कर्फ्यू लगाने की घोषणा की हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देवभूमि हिमाचल में लगातार कोरोना के आंकड़ा में बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश में मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है।
पिछले तीन दिनों से प्रदेश में लगातार मौत के आंकड़ा में बढ़ोतरी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने आज प्रदेश के चार जिलों में नाईट कर्फ्यू का ऐलान किया हुआ है। जिनमें कांगड़ा, ऊना, सोलन और सिरमौर शमिल है। यहां पर शाम दस बजे से सुबह पांच बजे तक संपूर्ण कर्फ्यू रहेगा। साथ ही यह नाईट कर्फ्यू दस मई तक लगाया गया है। इस दौरान बहारी राज्यों से प्रदेश में आने वालों के पासआरटीपीसीआर की रिपोर्ट जरूरी है।
जिसके बाद ही उन्हें आने की अनुमती दी जाएगी। अगर किस के पास रिपोर्ट नहीं है तो उन्हें 14 दिनों के लिए क्वारंटीन कर दिया जाएगा। प्रदेश के इन चार जिलों में नाईट कर्फ्यू के दौरान उलंघल करने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। प्रदेश में इन चार जिलों में लगातार कोरोना के अपना रूद्र रूप धारण किया हुआ है। जिसकों लेकर आज सीएम ने उच्चस्तरीय आपात बैठक बुलाई थी। जिसमें यह बड़ा फैसला लिया गया है।
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धारः राधेश्याम जुलानिया के कार्यकाल में शुरू हुआ था डैम का निर्माण, घोटाला करने वालों के खिलाफ क्या कदम उठाएंगे मामाजी?
धारः धार के पास स्थित तक कारम डैम का इस वक्त जो हाल है वह सभी के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है. डैम की पाल लगातार धसक रही है जो कभी भी बड़े हादसे का रूप ले सकती है. इस बारे में मुख्यमंत्री से लेकर जिला प्रशासन और पूरे मध्यप्रदेश में उथल-पुथल देखी जा रही है.
बता दें कि कारम डैम का निर्माण बहुचर्चित सेवानिवृत्त नौकरशाह और कई घोटालों में फंसे राधेश्याम जुलानिया के कार्यकाल में शुरू हुआ था. जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट इस बात की जानकारी दे चुके हैं कि कारम डैम के निर्माण की ईओडब्ल्यू जांच कर रही है.
बताया जा रहा है कि जुलानिया के साथ ई टेंडर सहित कई अन्य बड़े ठेकों में एक प्रभावी मंत्र की पार्टनरशिप भी रही है और वह इस घटिया निर्माण के दोषी हैं. 1 वर्ष पहले ही इस डैम का निर्माण हुआ है और पहली बारिश ने इसकी पोल खोल कर रख दी. पोल खोलना तो ठीक लेकिन हजारों लाखों लोगों की जान पर बन आई है. आज तिरंगा रैली के लिए इंदौर पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कारम डैम के घटनाक्रम के चलते चिंतित नजर आए. 304 करोड़ की लागत से इस डैम का निर्माण किया गया था. लेकिन निर्माण में जो घोटाला हुआ है उसी के चलते आज ये स्थिति बनी है. अब यह देखने वाली बात होगी कि मामा जी इससे डैम निर्माण घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ क्या कदम उठाते हैं.
इंदौर के पास धार जिले का डैम फूटने की कगार पर पहुंच चुका है. 304 करोड़ की लागत से इस डैम को तैयार किया गया था लेकिन पहली बारिश में ही इसकी असलियत सामने आ गई है. बारिश शुरू होते ही सीपेज शुरू हो गया है और लगातार पानी बह रहा है और दीवार यानी डैम की पाल धसकती नजर आ रही है और पानी के फव्वारे निकल रहे हैं. हालात को देखते हुए प्रशासनिक अमला और अधिकारी मौके पर मौजूद हैं.
इंदौर और भोपाल के विशेषज्ञों की टीम मौके पर पहुंच गई है. पुलिस ने धार के 12 खरगोन के 9 गांवों को खाली कराना शुरू कर दिया है. इसी के साथ NH 13 पूरी तरीके से बंद है. वहीं लोगों से उनके घरों को छोड़कर सुरक्षित और ऊंचे स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है.
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Honda Cars India Limited (HCIL) ने बुधवार को अपने परिवार सेडान Amaze के 'स्पेशल एडिशन' को आगामी त्योहारी सीजन को किक-स्टार्ट करने के लिए लॉन्च किया। नया Amaze स्पेशल एडिशन कई नए और रोमांचक फीचर्स पैक करता है, और पेट्रोल और डीजल दोनों मॉडल के MT और CVT संस्करण में S ग्रेड पर आधारित है। Amaze स्पेशल एडिशन की कीमत पेट्रोल मैनुअल ट्रिम के लिए ₹7.00 लाख से शुरू होती है और डीजल CVT ट्रिम के लिए ₹9.10 लाख तक होती है।
होंडा अमेज स्पेशल एडिशन की पूरी कीमत सूचीः
नए Amaze स्पेशल एडिशन की कुछ मुख्य झलकियों में Digipad 2.0 - 17.7 cm का टचस्क्रीन एडवांस्ड डिस्प्ले ऑडियो सिस्टम, स्लीक और स्ट्राइकिंग बॉडी ग्राफिक्स, स्पेशल सीट कवर, एर्गोनोमिकली स्लाइडिंग आर्मरेस्ट और 'स्पेशल एडिशन' लोगो शामिल हैं।
कार इंडस्ट्रीज ने त्योहारी सीज़न के चारों ओर एक बड़ा फुटफॉल आकर्षित करने के लिए कई स्पेशल एडिशन मॉडल लॉन्च किए, जो भारत में एक नया वाहन खरीदने के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। फेस्टिव सीजन से पहले Amaze के स्पेशल एडिशन की पेशकश करते हुए हम बेहद खुश हैं। Amaze S ग्रेड मॉडल के सबसे अधिक बिकने वाले ग्रेड में से एक है। एस ग्रेड पर आधारित विशेष संस्करण में स्मार्ट नई सुविधाओं को शामिल करने के साथ, समग्र पैकेज में बहुत ही आकर्षक कीमत है। ", राजेश गोयल, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट और डायरेक्टर, मार्केटिंग एंड सेल्स, होंडा कार्स इंडिया।
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हरियाणा के एजुकेशन विभाग के बाद अब स्किल डिवेलपमेंट व इंडस्ट्रीयल ट्रेनिंग विभाग के कर्मचारी भी अब अपनी पसंद की जगह ट्रांसफर करवा सकेंगे। इसके लिए एक पॉलिसी तैयार हो गई है जो एक अप्रैल से लागू हो जाएगी। अब नए अकैडमिक ईयर 2018-19 में सभी ट्रांसफर ऑनलाइन होंगे।
यह जानकारी विभाग के मंत्री विपुल गोयल ने दी। उन्होंने बताया कि विभाग में फील्ड अधिकारियों व कर्मचारियों के कुल 6288 स्वीकृत पद हैं जिनमें से पहली कैटिगरी के तहत 55 पद, दूसरी कैटिगरी में 187 और तीसरी कैटिगरी के 6046 पद शामिल हैं। इन पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों की सुविधा के लिए ही ऑनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी लागू की गई है और इसका सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इस नीति बारे नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।
गोयल ने बताया कि विभाग हर साल 10 अप्रैल से 30 अप्रैल तक किसी भी आईटीआई में नए ट्रेड शुरू करने या समाप्त करने बारे जानकारी को भी अंतिम रूप दे रहा है। इसके बाद एक से 31 मई तक पदों की रिक्तियों बारे अधिसूचना जारी कर दी जाएगी और एक से 15 जून तक ट्रांसफर के इच्छुक कर्मचारी अपनी पसंद के स्टेशन का ऑनलाइन चुनाव कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि ट्रांसफर के योग्य कर्मचारियों के हर साल शैक्षणिक सत्र के अंत में 15 जुलाई को ट्रांसफर आदेश जारी कर दिए जाएंगे तथा उनको 15 दिन के अंदर नए स्टेशन पर ज्वाइनिंग करनी होगी। स्थानांतरण आदेश एक अगस्त से मान्य होंगे।
मंत्री ने बताया कि ट्रांसफर के लिए कर्मचारी का एक स्टेशन पर सामान्य कार्यकाल 5 साल का माना जाएगा परंतु तीन साल पूरे होने पर वह कर्मचारी खाली पद व म्यूचवल आधार पर ट्रांसफर के लिए एप्लाई कर सकेगा। जिस कर्मचारी की रिटायरमेंट में एक साल बचा है, उसका ट्रांसफर नहीं किया जाएगा। प्रशासकीय आधार या उस कर्मचारी के स्वयं के अनुरोध पर ही ट्रांसफर हो सकेगा। इसके अलावा किसी कर्मचारी के खिलाफ दुर्वव्यवहार की वाजिब शिकायत, न्यायिक जांच या खराब परीक्षा परिणाम के मामले में प्रशासकीय आधार पर कभी कर्मचारी का ट्रांसफर या जा सकता है।
उन्होंने बताया कि कर्मचारियों के ट्रांसफर में कर्मचारी की उम्र, दंपत्ति, विधवा, विशिष्टजन या गंभीर बीमारी को ध्यान में रखकर उनको वरियता दी जाएगी। इसके लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं। कुल अंक 80 होंगे जिनमें सबसे ज्यादा अंक लेने वाले को ट्रांसफर में में अधिमान दिया जाएगा।
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औरैया जिले में अग्निशमन केंद्र औरैया में तैनात फायर कर्मी की सरकारी आवास में करंट लगने से मौत हो गई। देर शाम आवास पर पहुंचे साथी कर्मचारियों को फर्श पर शव पड़ा मिला। अधिकारियों व पुलिस को सूचना देने के साथ फायर कर्मियों को लेकर साथी जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
इटावा जिले के थाना चकरनगर क्षेत्र के डिबौली निवासी मान सिंह चौहान (59) अग्निशमन केंद्र औरैया में लिटिल फायर मैन के पद पर तैनात थे। वर्तमान में वह अग्निशमन केंद्र परिसर में स्थित अपने सरकारी आवास में रह रहे थे। मंगलवार सुबह वह ड्यूटी के बाद अपने सरकारी आवास पर चले गए थे। जहां दोपहर बाद भी बाहर नहीं निकले। फायर कर्मी गौरव शाक्य ने बताया कि शाम करीब छह बजे वह कार्यालय पर नहीं दिखे तो कुछ लोग उनके आवास पर मिलने पहुंचे।
जहां अंदर से कुंडी लगी होने पर दरवाजा खटखटाया, लेकिन काफी देर तक दरवाजा न खुलने पर दरवाजे की सांस से जब अंदर झांक कर देखा तो मान सिंह कूलर के पास फर्श पर पड़े दिखे। इस पर किसी तरह से दरवाजे को खोला और मान सिंह को लेकर 50 शैया युक्त जिला अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टर ने देखते ही उन्हें मृत घोषित कर दिया। गौरव ने बताया कि मान सिंह का अक्तूबर 2023 में सेवानिवृत होने वाले थे।
सीएफओ तेजवीर सिंह ने बताया कि घटना स्थल पर जब वह पहुंचे थे तो मान सिंह कूलर के पास पड़े थे। उनके हाथ में कार लिपटा हुआ था। पास में ही कपड़े फैलाने वाला एक तार भी था। उनका दहिने हाथ की कोहनी पर जले का निशान भी मिला है। देर शाम एसपी चारु निगम ने भी घटना स्थल पर पहुंच कर निरीक्षण किया। एसपी ने बताया कि कमरे में एक मेटल का तार था उसमें मान सिंह कपड़े फैलाते थे। इसी तार में कहीं से करंट प्रवाहित हुआ है। जिससे उनकी मौत हुई है। तीन माह बात वह सेवानिवृत्त होने वाले थे और वर्ष 2012 से उनकी जिले में तैनाती थी।
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मानापमानयोः। शीतोष्णसुखदुःखेषु सड्गविवर्जितः ।।" शत्रु और मित्र में भी समान भाव रखने वाले, मान और अपमान में भी सम रहने वाले, सबको स्नेह करने वाले.
अध्यक्ष महोदय, मुझे याद आता है, मैं उस समय युवा मोर्चे में काम करता था. भोपाल गैस काण्ड के बाद बहुत से आंदोलन हमने किये. जब भी कोई आंदोलन करते थे श्रद्धेय वोरा जी सहजता से बुलाते थे और चर्चा करते थे और समस्याओं का समाधान करने का प्रयास करते थे. वह आम आदमी के हमेशा निकट रहे और जिस पद भी उन्होंने काम किया, राजस्थान में जन्म लिया लेकिन फिर मध्यप्रदेश कार्यक्षेत्र रहा और इतने लोकप्रिय थे कि पांचवीं, छठवीं, सातवीं, आठवीं, नौवीं विधानसभा में लगातार निर्वाचित हुये. सार्वजनिक जीवन में जैसा उन्होंने स्थान बनाया लगभग असंभव सा है. चार बार राज्यसभा में, एक बार लोकसभा में और जिस भी पद पर रहे उसका निर्वाह उन्होंने पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ, पूरी गरिमा के साथ करने का प्रयास किया. मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास में उनका जो योगदान है उसे कभी हम भुला नहीं सकते. राजनैतिक विचारधाराओं का अंतर हो सकता है लेकिन वोरा जी जैसे लोग सचमुच में असाधारण हैं. उनके चेहरे की चमक अंतिम समय तक रही. कई बार हम लोगों ने उनको चलते हुये देखा था, टीवी की बाईट में भी देखते थे, तो भले कमर थोड़ी सी उनकी झुकी हो लेकिन उसी ऊर्जा के साथ, जैसे जब तक जिएंगे तब तक काम करेंगे, उनको हमने काम करते हुये देखा है. उनके निधन से अविभाजित मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ और अत्यंत लोकप्रिय नेता को हमने खोया है. उनका योगदान मध्यप्रदेश कभी भुला नहीं सकता. उनके चरणों श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं.
अध्यक्ष महोदय, श्रद्धेय स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग जी, हम में से कम से कम प्रथम पंक्ति तो उनसे बहुत अच्छी तरह परिचित थी. भारतीय जनसंघ के बीज बोने से लेकर वट वृक्ष बनाने वाले उस पीढ़ी के अंतिम स्तम्भ थे. उन्होंने मध्यप्रदेश की राजनीति को एक अलग और नई दिशा दी. स्वर्गीय ठाकरे जी, राजमाता जी, पटवा जी, जोशी जी, प्यारेलाल खंडेलवाल जी और उनके साथ सारंग जी ने जनसंघ की जड़ों को पूरे मध्यप्रदेश में जमाने का अतुलनीय परिश्रम किया. छोटे से किराये के कार्यालय में कठिनाई से जीवन बिताते हुये दिन और रात परिश्रम करते हुये हमारे जैसे अनेकों कार्यकर्ताओं को गढ़ते हुये, इस पक्ष में जो साथी बैठे हैं उनमें से अनेकों ऐसे हैं जिनको उन्होंने उंगली पकड़कर राजनीति में चलना सिखाया. मैं विद्यार्थी परिषद् के कार्यकर्ता के नाते, मैं तो तब बच्चा था, तब भी अगर उनसे मिलता था, उसी स्नेह और प्रेम से वे सहयोग करते थे. युवा मोर्चा के कार्यकर्ता के नाते सदैव उनका मार्गदर्शन हमें मिलता था. वे राजनीतिक मतभेदों के ऊपर थे. मुझे अच्छी तरह से याद है जब पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती का एक कार्यक्रम 25 सितंबर
को होना था, स्वर्गीय अर्जुन सिंह जी उस समय मुख्यमंत्री हुआ करते थे, उस कार्यक्रम में स्वर्गीय अर्जुन सिंह जी ने यह कहा था कि मैं अपनी विचारधारा को अक्षुण्ण रखते हुए आया हूँ. लेकिन राजनीतिक मतभेद अपनी जगह है, दीनदयाल जी दीनदयाल जी थे. हर दल में वे संबंध और संपर्क रखते थे. हमारे जैसा कार्यकर्ता अगर कभी निराश होता था, छोटा सा कार्यकर्ता भी, तो उसको नई उत्साह और ऊर्जा से भरने का कार्य अगर कोई करते थे तो वे स्वर्गीय कैलाश नारायण सारंग जी करते थे. वे केवल राजनेता नहीं थे, वे लेखक थे, वे कवि थे, वे पत्रकार थे, वे शायर थे. जब वे बोलते थे तो पता नहीं कितने शेर उनके मुँह से निकलते हुए चले जाते थे. वे कुशल संगठक थे. वे सफल प्रशासक थे. वे व्यक्ति नहीं, एक संस्था थे, बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. समाज सेवा के क्षेत्र में भी उनका अतुलनीय योगदान था. मुझे याद है कि एक बार वे मुझे बरेली ले गए, बरेली में जो पैतृक निवास स्थान था, मकान था उनका, वह मकान उनका बिक गया था, माता जी का, उसको फिर से उन्होंने खरीदा और खरीदकर वहां वृद्धाश्रम प्रारंभ किया, जो अब रहा है और बिना किसी
के सहयोग के, संसद से पेंशन की जो राशि मिलती थी, उस पूरी की पूरी राशि को वे उसमें लगाते
श्री सज्जन सिंह वर्मा -- विश्वास भैया, पूरा सदन, पूरा प्रदेश आपके साथ है. हम सब आपके साथ हैं.
श्री शिवराज सिंह चौहान -- अध्यक्ष महोदय, एक छोटे से गांव घाटपिपरिया में उनका जन्म हुआ है, रायसेन जिले में, गांव के प्रति उनका अनुराग और सहज संबंध सदैव बना रहा और आज तक वहां एक सदावृत का कार्यक्रम चलता है, जिसमें जो भी परिक्रमावासी आते हैं, नर्मदा तट पर जाने वाले मित्र जानते हैं, वहां सदावृत देने की परंपरा है. परिक्रमावासियों को, आगंतुकों को भोजन के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं और प्रबंध करना, यह काम सारंग जी करते थे. लेखक के नाते चरेवैति में हम सबने पढ़ा, इतने वर्षों तक चरेवैति का कुशल संचालन, एक पत्रिका को चलाना, यह अपने आप में असाधारण है. 'नवलोक भारत' उन्होंने स्थापित किया, उसमें उनके कई लेख ऐसे होते थे, जो अंतरात्मा को छू जाते थे और सचमुच में हमारी वह पीढ़ी जिसने हम लोगों को तैयार किया, आज हम देखते हैं कि जब तक वे थे, तो हमारे सर पर भी हाथ रखने वाला कोई था. जब भी कहीं गहरा अंधकार दिखता था, हम सारंग जी के पास जाते थे और कहते थे कि भाईसाहब, बताइये, क्या करें और स्वर्गीय सारंग जी बड़ी सहजता से हमें मार्ग दिखाते थे. उनके अनुभव का, उनके स्नेह का, उनके प्रेम का हम जैसे लोगों के जीवन के गठन में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है. वे जूझते भी रहे, जूझारू थे, 25 साल पहले उनका पहला बाइपास ऑपरेशन हुआ था, 25 साल तक लगातार, एक
बाइपास, दो बाइपास, लेकिन लगातार काम करते रहे. जब उनका नाम लेता हूँ, तो केवल विश्वास सारंग ही नहीं, मैं भी भावुक हो जाता हूँ. बचपन से उन्होंने स्नेह और प्रेम दिया, हर काम में वे
साथ देते थे, जब कोई हमें गंभीरता से नहीं लेता था, युवा मोर्चे के नाते, तब भी वे गंभीरता से हमें लेकर कहते थे कि चिंता मत करो, करो. हमने एक वरिष्ठ मार्गदर्शक खोया है, प्रदेश ने एक वरिष्ठ राजनेता खोया है. एक कुशल संगठक खोया है. "बड़े गौर से सुन रहा था जमाना, तुम्हीं सो गए दासतां कहते-कहते". मुझे एक और पंक्ति याद आ रही है. अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्रः करुण एव च. किसी से द्वेश न रखने वाले, सबके मित्र और सबके प्रति स्नेह और करुणा रखने वाले ऐसे थे हमारे सारंग जी. उनके चरणों में मैं अपनी ओर से, सदन की ओर से श्रृद्धा के सुमन अर्पित करता हॅ००.
श्री लोकेन्द्र सिंह जी की भारतीय जनसंघ से राजनीतिक यात्रा प्रारंभ हुई. वह अनेकों आंदोलनों में जेल गए. श्री लोकेन्द्र सिंह जी 6वीं और 10वीं विधानसभा के सदस्य रहे और बाद में लोक सभा के लिए भी निर्वाचित हुए. उनके निधन से भी हमने एक वरिष्ठ राजनेता खोया है, एक समाजसेवी खोया है.
श्री गोवर्धन उपाध्याय जी एक सरल और सहज व्यक्ति थे. हममे से अनेक मित्र उनको जानते थे. सिंरोज से वह विधायक निर्वाचित हुए. वह सरपंच और जनपद पंचायत लटेरी के अध्यक्ष भी रहे. श्री उपाध्याय जी ने विभिन्न संस्थाओं में पदाधिकारी के नाते, समाजसेवी के नाते भी काम किया.
श्री श्याम होलानी जी, अपराजेय स्वर्गीय श्री कैलाश जोशी जी की विजययात्रा रथ को कोई रोक पाया, एक बार रोका था स्वर्गीय श्री श्याम होलानी जी ने. वह अत्यंत लोकप्रिय नेता थे.
श्री बद्रीनारायण अग्रवाल जी, जिनको हम गुरुजी के नाम से जानते थे. वह बड़े सहज कार्यकर्ता थे. उनको भारतीय जनता पार्टी ने हरदा से टिकट दिया था. वह विधायक बने और उतनी ही सहजता के साथ काम करते-करते उनको हमने खोया है.
श्री कैलाश नारायण शर्मा जी गुना जिले में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जमाने में भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान था. गुना जिले से वह सदस्य निर्वाचित हुए थे.
श्री विनोद कुमार डागा जी ने बैतूल में सहकारिता के क्षेत्र में काम करते-करते अपनी एक अलग पहचान बनाई थी.
श्री कल्याण सिंह ठाकुर जी विदिशा से ही उपचुनाव में सदस्य निर्वाचित हुए थे. वह सरपंच थे, सामान्य किसान परिवार से आते थे. लेकिन विधायकी के दायित्व को उन्होंने अपनी जनसेवा से एक नये आयाम दिये.
श्री महेन्द्र बहादुर सिंह जी, श्री चनेश राम राठिया जी, श्रीमती रानी शशिप्रभा देवी जी,
डॉ.राजेश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी, डॉ. भानुप्रताप गुप्ता जी इनके रुप में भी हमने लोकप्रिय जननेता और कुशल समाजसेवी खोये हैं.
दादा हीरासिंह मरकाम जी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संस्थापक थे और उन्होंने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के संगठन को एक नयी ऊंचाई प्रदान की थी. हम जानते हैं कि कई विधायक मित्र इस पार्टी से चुनकर आया करते थे. विशेषकर जनजाति समाज के लिये उन्होंने जो काम किया है, वह सदैव याद किया जाएगा.
श्री लुईस बेक जी, ठाकुर देवप्रसाद आर्य जी, श्री पूरनलाल जांगड़े जी इनके चरणों में भी मैं श्रृद्धा के सुमन अर्पित करता हॅ००.
स्वर्गीय श्री रामविलास पासवान जी एक अद्भुत राजनेता थे. लोकप्रियता जैसे जन्म से ही भाग्य में लिखवाकर लाए थे और मैं समझता हॅ०० कि एक विचित्र संयोग था कि लगभग सदैव ही वह मंत्री रहे. गठबंधनों की सरकारें बनीं, सरकारों में बाकी बदल जाया करते थे लेकिन श्री रामविलास पासवान जी नहीं. यह सच्चाई है हम लोग जानते हैं. वह केंद्र में मंत्री रहते ही थे और यह इस कारण कि उनकी अपनी जमीन बिहार में थी और उस जमीन को कोई तोड़ नहीं पाया. बिना उनके बिहार का समीकरण बनता ही नहीं था. सन् 1977 में उन्होंने देश में सर्वाधिक वोटों से जीतने का नया रिकार्ड स्थापित किया था. उस समय वह बहुत युवा थे. वह नौ बार लोक सभा और दो बार राज्य सभा के सदस्य रहे कुल मिलाकर उन्हें लोक सभा और राज्य सभा के 11 टर्न मिले हैं. यह अपने आप में अद्वितीय है. उन्होंने मंत्री के रूप में और जन नेता के रूप में भी पूरी कर्मठता के साथ अपने दायित्वों का निर्वाह किया.
मुझे स्वर्गीय जसवंत सिंह जी का भी सदैव बहुत आशीर्वाद और सानिध्य मिला. हम सब वरिष्ठगण जानते हैं कि वह राजनीति में आने के पहले सेना के अधिकारी थे और सेना के अधिकारी के बाद फिर वह राजनीति में आए. माननीय नेता प्रतिपक्ष जी संसद में वर्षों तक रहे हैं हम लोग देखते थे उनकी बोलने की अपनी शैली थी वह इतनी उत्कृष्ट अंग्रेजी बोलते थे कि कई बार तो अंग्रेजी जानने वाले भी आश्चर्यचकित रह जाते थे और संसद के ऐसे सदस्य हुआ करते थे जो हर विषय पर बोलने का माद्दा रखते थे. श्रद्धेय अटल जी के मंत्रीमंडल में मंत्री होने के नाते विशेषकर जब विदेश मंत्री थे उन्होंने जैसा काम किया सारे देश ने देखा है. वह प्रमुख विभागों `मंत्री रहे और भारतीय जनता पार्टी के संगठन को मजबूती प्रदान करने में उनका अहम रोल था. अटल जी,
अडवानी जी के साथ तीसरा नाम जसवंत जी का ही आता था. वर्षों तक अस्वस्थ रहने के बाद वह हमें छोड़कर चले गए मैं उनके चरणों में भी श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं.
श्री तरुण गोगोई जी असम के बहुत लोकप्रिय राजनेता थे. वह लोक सभा में भी पांचवीं, छठवीं, सातवीं, दसवीं, तेरहवीं लोक सभा में भी निर्वाचित हुए. इससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है. केन्द्र सरकार में भी विभिन्न विभागों के मंत्री रहे और पांच बार असम विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए और तीन बार मुख्यमंत्री रहे केवल असम की ही नहीं देश की राजनीति में भी उनका एक बहुत महत्वपूर्ण योगदान था. उनके निधन से भी हमने एक कुशल नेता और कुशल प्रशासक खोया है.
सरदार बूटा सिंह जी भी एक बहुत ही लोकप्रिय नेता थे. राजनीति करने की उनकी अपनी शैली थी. तीसरी, चौथी, पांचवीं, सातवीं, आठवीं, दसवीं बार भी वह तेरहवीं लोकसभा में न केवल सदस्य निर्वाचित हुए विभिन्न विभागों के मंत्री के रुप में अपने उन्होंने दायित्व का निर्वाह कुशलता के साथ किया.
स्वर्गीय माधव सिंह सोलंकी जी गुजरात के अत्यंत लोकप्रिय नेता थे. उनके बाद फिर गुजरात में कांग्रेस वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाई. वह चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहे सन् 1989 तक कांग्रेस को बढ़ाने में, मजबूत करने में उनका बड़ा योगदान रहा. मुख्यमंत्री के नाते और केन्द्रीय मंत्री के नाते भी उन्होंने अपनी एक अलग अमिट छाप छोड़ी.
कैप्टन सतीश शर्मा जी आदरणीय कमलनाथ जी के गहरे मित्र थे और संसद में मैं भी सदस्य था तो कई बार मुझे उनसे मिलने का अवसर मिला. वह अपनी तरह से राजनीति करने वाले एक अलग राजनेता थे. केन्द्रीय मंत्री के रूप में भी उन्होने देश की सेवा की.
श्री कमल मोरारका जी, वरिष्ठ राजनेता थे, हम सभी उनसे परिचित हैं.
श्री रामलाल राही जी, उनके रूप में भी हमने एक कुशल राजनेता और समाजसेवी खोया
माननीय अध्यक्ष महोदय, उत्तराखण्ड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के कारण जो प्राकृतिक आपदा आई और विद्युत परियोजना में कार्य कर रहे हमारे अनेक साथी हमारे बीच नहीं रहे, मैं उनके चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करता हूं. ऐसी घटना हमें यह सोचने पर जरूर बाध्य करती है कि पर्यावरण और विकास दोनों में कहीं न कहीं संतुलन के बारे में दुनिया को सोचना पड़ेगा.
माननीय अध्यक्ष महोदय, सीधी जिले के शारदा पटना गांव में हृदय विदारक बस दुर्घटना हुई, जिसमें बाणसागर बांध की मुख्य नहर में एक बस समा गई और हमारे अनेक भाई-बहनों की
जल समाधि हो गई. यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण ह्दय विदारक घटना है. उसमें हमारे वे बच्चे भी शामिल थे, जो कहीं परीक्षा देने जा रहे थे. मैं अपने उन सभी साथियों के चरणों में श्रद्धा सुमन
अर्पित करता हूं और परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति दे, उनके परिजनों को, उनके अनुयायियों को, जिन वरिष्ठों का मैंने नाम लिया, उनको यह गहन दुख सहन करने की क्षमता दे. मैं अपनी ओर से दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करना हूं. ओम शांति.
डॉ. विजय लक्ष्मी साधौ ( महेश्वर ) - माननीय अध्यक्ष महोदय, किसान पुत्र यदि सदन में किसानों के बारे में बोलते तो हमें पता चलता कि वर्तमान सरकार किसानों की कितनी हितैषी है ? अध्यक्ष महोदय- माननीय सदस्य, माननीय नेता प्रतिपक्ष खड़े हैं.
नेता प्रतिपक्ष (श्री कमल नाथ) - माननीय अध्यक्ष महोदय, इस लंबी सूची में, हमारे बहुत सारे अपने साथी आज नहीं रहे. हम इस सदन में उन्हें याद करते हैं, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. सभी का समय आता है. हम सभी आज यहां जो बैठे हैं, हम सभी का भी समय आयेगा. सभी अपनी कोई न कोई छाप और यादगार छोड़कर जाते हैं. केवल अपने परिवार में ही नहीं अपितु समाज में, राजनैतिक क्षेत्र में, औद्योगिक क्षेत्र में अपनी पहचान छोड़ जाते हैं. इनमें से कई लोगों को हम करीब से जानते थे और कई लोगों को दूर से जानते थे. जिन्हें हम करीब से जानते थे, उनसे हमारे केवल राजनैतिक संबंध नहीं थे परंतु अपने जीवन में हमारे जो व्यक्तिगत संबंध बनते हैं, आज उन सभी के नाम पढ़कर बहुत सारी यादें ताजा हो गईं. मोतीलाल वोरा जी से, जब मैं जवान था, युवक कांग्रेस में हुआ करता था, उनसे मैं पहली बार दुर्ग (छ.ग.) में मिला था. वे बहुत ही सरल स्वभाव के थे. जब मैं उनसे पहली बार मिला था तब यह कभी नहीं सोच सकता था कि वे भविष्य में राज्यपाल बनेंगे, एक मुख्यमंत्री बनेंगे, एक केन्द्रीय मंत्री बनेंगे. अपने देश के इतिहास में ऐसे कितने लोग हैं, जिन्हें इतनी बार लोक सभा में, राज्य सभा में, विधान सभा में पद मिले. केन्द्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री और राज्यपाल इन पदों को हासिल किया है. ये केवल एक मौका नहीं था, मोतीलाल वोरा जी, एक ऐसे व्यक्ति थे जो सभी को अपने सरल स्वभाव से प्रभावित करते थे. अपने व्यवहार से वे सभी का दिल जीत लेते थे और इस सदन में जो इनके साथ रहे, मुझे तो उनके साथ इस सदन में मौका नहीं मिला, पर इस सदन के जो भी सदस्य उनके साथ रहे हैं उनको वह जरूर याद करते रहे होंगे कि एक सदन के नेता के रूप में उनका कैसे व्यवहार होता था.
मैं तो संसदीय कार्य मंत्री था जब वह राज्य सभा के सदस्य थे और जब मैं कभी किसी को समझा नहीं सकता था तो मैं मोतीलाल वोरा जी की मदद लेता था कि आप जरा उसको समझा
दीजिये, वह उसको अपने तरीके से, अपने स्वभाव से उसका दिल और दिमाग जीत आते थे. मोतीलाल वोरा जी राजनीतिक व्यक्ति तो थे, पर एक समाज सेवक भी थे और समाज सेवा में भी उन्होंने अपना एक स्थान प्राप्त किया. आज हम उन्हें और कई साथियों को याद करते हैं. मैं उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
श्री कैलाश सारंग जी को मैं आखिरी दफा भोपाल में एक शादी में मिला ( श्री विश्वास सारंग की ओर इंगित होते हुए) आपको याद है, इतने प्यार और मोहब्बत से कई दिनों बाद मिले थे. मैं इतने साल की राजनीति में विपक्ष के नेताओं से मिलता था, पर उस प्रेम से जो कैलाश सारंग जी ने मुझे दिया, मुझे याद है उनके घर जाते हुए, मैं भोपाल आता था विश्वास को याद होगा उनके घर जाते हुए, वे ऐसे व्यक्ति थे, ऐसा उनका स्वभाव था. मैं सोचता था कि अगर ऐसे नेता हमारे पास भी कई होते जो दूसरों के लिये उदाहरण बनते. कैलाश सारंग जी ने अपने जीवन में केवल चुनाव ही नहीं जीता, दिल जीते. चुनाव जीतना और दिल जीतने में बहुत अंतर होता है, वह दिल जीतने वालों में से थे. ऐसे कम राजनीतिक नेता होते हैं जो चुनाव भी जीत सकते हैं और दिल भी जीत सकते हैं और केवल अपने साथियों का ही दिल नहीं जो विपक्ष में हैं उनका दिल भी जीत सकते हैं. मैं उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.
माननीय मुख्यमंत्री जी ने बहुत कुछ कहा है उसको मैं दोहराना नहीं चाहता हूं, पर बड़े संक्षेप में हमारे श्री श्याम होलानी जी, जो मेरे बड़े नजदीक रहे. हमारे श्री विनोद डागा जी, जिनके पुत्र आज इस सदन के सदस्य हैं वह तो मेरे करीबी जिले के थे उनका मेरे यहां बहुत आना-जाना होता था, बहुत निकट संबंध थे. बड़ा कष्ट हुआ जब जानकारी मिली कुछ महीनों पहले कि वह नहीं रहे, उसी दिन रात को वह भोजन में मेरे साथ थे और हम सब थे और उन्होंने कहा कि मैं बैतूल रवाना हो रहा हूं. मैंने कहा कि रात को क्यों जाते हो क्यों जाते हो सवेरे चले जाना, उन्होंने कहा कि नहीं मुझे जाना है, घर में मुझे सोना है और रास्ते में ही वह नहीं रहे. विनोद डागा जी ने अपना स्थान प्रदेश में बनाया.
हमारे श्री हीरा सिंह मरकाम जी ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को स्थापित किया, उन्होंने केवल मध्य प्रदेश में ही नहीं छत्तीसगढ़ में भी अपना स्थान बनाया. छत्तीसगढ़ के होते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश में एक ऐसा संगठन बनाया जो आज भी मजबूती से हमारे उस समाज को जोड़कर रख रहा है, उस समाज की लड़ाई लड़ रहा है वह तो नहीं रहे पर जो संगठन छोड़ गये हैं वह संगठन आज उस समाज का रक्षक है.
श्री रामविलास पासवान जी, मेरे साथ सातवीं लोक सभा में थे और सबसे अधिक वोट से जीतकर आये थे. उस समय गिनीजिस् बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में उनका नाम था कि वह इतने लाख वोट से जीते. कम वोटर हुआ करते थे पर जब हम बात करें 3-4 लाख वोट से जीत कर आये. बहुत बड़ी बात हुआ करती थी उनका अनुभव था. मैं नया नया था सातवीं लोकसभा में उनसे मैंने बहुत ज्ञान प्राप्त किया. लगभग 10 महीने पहले उनसे फोन पर भी चर्चा कर रहा था उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं भोपाल जरूर आऊंगा. श्री तरूण गोगोई जी मेरे साथी रहे लोकसभा में जब मैं कांग्रेस का महासचिव था मैंने आसाम में उनके साथ बहुत नजदीकी से कार्य किया. वे तीन बार मुख्यमंत्री रहे उस समय वे मुख्यमंत्री बने जब आसाम में हिंसा का माहौल था. गैस पाईप लाईन को बंद कर दिया गया था उस समय चुनाव हुआ था उस समय वे मुख्यमंत्री बने तब आसाम में शांति आयी. उन्होंने इस शांति का आश्वासन दिया तो हमारे आसाम में शांति उसके बाद हमेशा के लिये रही. आज भी अगर शांति का हम पुरस्कार देना चाहते हैं तो श्री तरूण गोगोई जी को देना पड़ेगा. हमारे बूटासिंह जी पंजाब के नेता थे. वे गृहमंत्री रहे उनकी धार्मिक कार्यक्रमों में बड़ी दिलचस्पी रही. उन्होंने राज्यपाल के रूप में काफी समय गुजारा. मैं सतीश शर्मा जी तथा जो विभिन्न मेरे निकट थे उन्होंने मुझे फ्लाईंग सिखाई थी वे फ्लाईंग जानते थे वे कैप्टन थे. मुझे इसमें कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन एक दिन मुझे कहा कि चलो फ्लाईंग क्लब और फ्लाईंग सीखो उस समय मैंने यह तय किया कि यह मैं करूंगा तो हम साथ साथ दिल्ली के फ्लाईंग क्लब में संजय गांधी जी एवं मैं जाया करते थे. वहां पर हमने फ्लाईंग सीखी. श्री माधव सिंह सोलंकी वरिष्ठ नेता थे वे गुजरात में आज भी गांव गांव में श्री माधव सिंह सोलंकी जी का नाम है. श्री माधव सिंह सोलंकी जी ने अपने व्यवहार से, अपने नेतृत्व से केन्द्र में वे विदेश मंत्री थे और मैं भी मंत्री था. हर केबिनेट की मीटिंग में श्री माधव सिंह सोलंकी बड़े हलके आवाज में बोलते थे, यही उनकी खूबी थी. हमारे श्री रामलाल राही जी एवं सब हमारे साथी जो आज नहीं रहे आज हम एवं पूरा सदन इनको याद करता है. साथ साथ यहां उल्लेख है कि सीधी में जो दुर्घटना हुई मैं तो श्रद्धांजलि देते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी से अपील करूंगा जिनकी मौत हुई है उनको रोजगार देने का काम करेंगे. आपने उनके लिये राशि देने की घोषणा कर दी है. राशि तो आयेगी और जायेगी, पर उनको रोजगार देने का कुछ न कुछ प्रावधान करिये. वे बहुत ही गरीब परिवार के लोग थे, आप इस पर सोच-विचार करेंगे, मुझे पूरा विश्वास है. इसके साथ साथ उत्तराखंड में जो घटना हुई है कि यह घटना प्राकृतिक कारणों से हुई, यह एक बड़ी चुनौती हम सबके सामने है कि कैसे हम उसका संतुलन बनाये केवल उत्तराखंड जैसी जगहों पर नहीं पर अपने यहां भी यह संतुलन बनाना बहुत ही आवश्यक है. साथ साथ मैं जो मुरैना में शराब
माफिया के कारण जिनकी मृत्यु हई है आपकी इजाजत से मैं सोचता हूं कि इस सदन को उनको भी श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिये. जिक्र किया था किसानों का, यह पक्ष एवं विपक्ष का प्रश्न नहीं है. अंत में यह किसान थे आपकी तरह सबकी तरह वे किसान थे. अगर 200 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है और यह सदन श्रद्धाजंलि दे रहा है तो क्या यह उचित होगा कि हम उन किसानों को जैसे भी गये हों. बस के एक्सीडेंट में इतने सारे किसान, क्योंकि आंदोलन हो रहा है. आंदोलन आपने भी किया है, हमने भी किया है आगे भी इस तरह के आंदोलन होंगे, पर उनको भी हम श्रद्धाजंलि अर्पित करते हैं. अध्यक्ष महोदय आप सबका धन्यवाद.
श्री शैलेन्द्र जैन (सागर) माननीय अध्यक्ष महोदय, माननीय सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष ने जो दिवंगत राजनेताओं का उल्लेख किया है, उनकी श्रद्धांजलि में मैं अपने आपको सम्मिलित करना चाहता हूं. उत्तराखड़ और सीधी जिले में जो हृदय विदारक घटना हुई है, उसमें जो मृतक व्यक्ति हैं, उनको मेरी श्रद्धांजलि है, उनके परिजनों को परमपिता परमेश्वर शक्ति और संबल दें. माननीय अध्यक्ष महोदय, श्रद्धेय वोरा जी से मेरा 1989 में सम्पर्क हुआ, उस समय मेरे बड़े भाई साहब काफी बीमार हुए और उस समय उन्हें एयरलिफ्ट करके मुम्बई ले जाना था. हमारे परिजनों ने श्रद्धेय वोरा जी से टेलीफोन पर बात की, उस दिन उन्हें दिल्ली जाना था, लेकिन उन्होंने दिल्ली का कार्यक्रम निरस्त करके एयरक्राप्ट सागर भेजा और सागर से हम अपने भाई साहब को लेकर मुंबई जा पाएं. यह उनका एक जनमानस के प्रति, प्रदेश की जनता के प्रति जो एक सद्भावना थी, वह व्यक्त करती है.
माननीय अध्यक्ष महोदय, श्रद्धेय कैलाश नारायण सारंग जी, मैंने जब 1992 में राजनीति में प्रवेश किया, तब उनसे मेरा सम्पर्क हुआ, वे एक कुशल संगठक थे और उन्होंने हमारे जैसे अनेक नेताओं को, अनेक कार्यकर्ताओं को गढ़ने का कार्य किया. वे संगठन के शिल्पी थे. मुझे याद आता है, मेरे राजनीति में प्रवेश के बाद उनका सागर आगमन हुआ. एक आंदोलन में हम उनके साथ थे, तो मेरे अपने जीवन का पहला भाषण उनके बहुत आग्रह पर और उनके निर्देश पर मैंने अपने जीवन का भाषण दिया, उन्होंने मुझे जीवन भर, जब तक वे जीवित थे, मेरा उनसे सम्पर्क था. उन्होंने हमेशा कार्यकर्ताओं को एक पिता के समान स्नेह दिया. मैं श्रद्धेय कैलाश नारायण सारंग जी को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, बहुत बहुत धन्यवाद.
अध्यक्ष महोदय - मैं सदन की ओर से शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं. अब सदन दो मिनट मौन खड़े होकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करेगा.
(सदन द्वारा दो मिनट मौन खड़े रहकर दिवंगतों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की गई.)
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VARANASI : मोदी फायर ब्रांड राष्ट्रीय मोर्चा की ओर से शुक्रवार को भारत माता मंदिर में नरेंद्र मोदी का एक विशेष पोस्टर जारी किया गया। वक्ताओं द्वारा मोदी की वाइफ के मैटर को लेकर विरोधी नेताओं के बयानों की कड़ी निंदा की गई। साथ ही विरोधी नेताओं को पोस्टर में पत्नी प्रेमी दिखाया गया है। प्रोग्राम में अशोक चौरसिया, डॉ। सत्यप्रकाश, डॉ। उत्तम ओझा आदि प्रेजेंट रहे।
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OPSC AAO Notification 2022:ओडिशा लोक सेवा आयोग (Odisha Public Service Commission) की और से सहायक कृषि अधिकारी (Assistant Agriculture Officer Jobs) के पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं. AAO ओपीएससी भर्ती 2022 के तहत जो उम्मीदवार आवेदन करना चाहते हैं, वो ओडिशा लोक सेवा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. ओडिशा लोक सेवा आयोग की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार आवेदन प्रक्रिया 28 जनवरी से शुरू हो जाएगी. जो कि फरवरी तक चलेगी.
ओडिशा लोक सेवा आयोग (Odisha Public Service Commission) की और से सहायक कृषि अधिकारी (Assistant Agriculture Officer) के कुल 145 पदों पर भर्ती निकाली गई हैं. जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार ये भर्ती ओडिशा कृषि और खाद्य उत्पादन सेवा के तहत ग्रुप बी क्लास 2 में निकाली गई हैं.
सहायक कृषि अधिकारी (AAO Agriculture Vacancy 2022) पद पर आवेदन करने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार opsc. gov. in पर जाएं. यहां पर आवेदन का लिंक 28 जनवरी को एक्टिव कर दिया जाएगा. इस लिंक को खोलकर आप आवेदन पत्र भरकर जमा कर दें. आवेदन करने की आखिरी तारीख 28 फरवरी 2022 की है. वहीं आवेदन करते हुए शुल्क का भुगतान करना होगा, जो कि 500 रुपये का है. सरकारी नियमों के तहत अनुसूचित जाति और एसटी उम्मीदवारों को शुल्क में छूट प्रदान की जाएगी.
शैक्षिक योग्यता (Assistant Agriculture Officer Eligibility)
AAO पद के लिए वो उम्मीदवार आवेदन कर सकते हैं. जिनके पास कृषि/बागवानी में विज्ञान स्नातक डिग्री होग. साथ ही आयु सीमा 21 साल से 38 साल के बीच होनी चाहिए.
सहायक कृषि अधिकारी पद पर चयन प्रक्रिया लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर की जाएगी.
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हॉलीवुड अभिनेता चाडविक बोसमैन, जिन्होंने मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स फिल्मों में ब्लैक पैंथर / किंग टीचला की भूमिका निभाने के बाद एक बड़ी प्रसिद्धि हासिल की, उनका लगभग चार साल तक कोलन कैंसर से जूझने के बाद निधन हो गया. वह 43 वर्ष के थे. चैडविक बोसमैन को प्रसिद्ध फिल्मों 42, कैप्टन अमेरिकाः सिविल वॉर, मार्शल, एवेंजर्सः इन्फिनिटी वॉर, 21 ब्रिज, दा 5 ब्लड्स, आदि में उनके प्रदर्शन के लिए जाना जाता है.
साथ ही उनके निधन की खबर की घोषणा करते हुए, उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया, जिसके बाद अभिनेता के प्रशंसकों ने शोक संदेश भेजने शुरू कर दिए. बयान में, चाडविक के परिवार ने लिखा, "यह दुः खद खबर दुख के साथ बतानी पड़ रही है कि हम चाडविक बोसमैन का निधन हो गया हैं. चैडविक को 2016 में पेट के कैंसर का पता चला था, और यह पिछले 4 वर्षों में इसके साथ जूझ रहे थे क्योंकि यह चरण IV में आगे बढ़ गया था. इसलिए उन्हें बचाना संभव न हो सका. इसी के साथ उनके निधन सब बेहद आहत हुए है.
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खेल डेस्क. अमेरिका की नेशनल बास्केटबॉल एसोसिएशन यानी एनबीए ने मौजूदा सीजन रद्द करने का फैसला किया है। ऐसा लीग की टीम यूटा जैज के खिलाड़ी के कोरोनावायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद किया गया। इस खिलाड़ी की टेस्ट रिपोर्ट बुधवार को ओकलाहामा सिटी थंडर के खिलाफ मुकाबला शुरू होने से ठीक पहले आई थी। आनन-फानन में यह मैच भी रद्द कर दिया गया। हालांकि, लीग ने कहा कि संक्रमित खिलाड़ी मैच के लिए स्टेडियम में मौजूद नहीं था।
एनबीए ने खिलाड़ी का नाम तो नहीं बताया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रेंच प्लेयर रुडी गोबार्ट वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। क्योंकि पहले वे टीम में थे, लेकिन मैच शुरू होने से ठीक पहले उन्हें बाहर कर दिया गया।
इधर, रॉयल स्पेनिश फुटबॉल फेडरेशन (आरएफईएफ) ने एथलेटिक बिलबाओ और रियाल सोसिडाड के बीच 18 अप्रैल को होने वाला कोपा डेल रे का फाइनल रद्द कैंसिल कर दिया है। यह मुकाबला सेविल शहर में होना था। इस संबंध में लीग ने दोनों क्लब के अध्यक्षों के साथ बैठक की थी। इसमें दोनों ने बंद स्टेडियम में मैच खेलने से इनकार कर दिया। फिलहाल नई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है। जानकारी के मुताबिक, 29 या 30 मई को फाइनल खेला जा सकता है। हालांकि, 30 मई को ही चैम्पियंस लीग का खिताबी मुकाबला भी प्रस्तावित है। ऐसे में कोपा डेल रहे के फाइनल की तारीख में भी बदलाव संभव है।
इससे पहले, स्पेन द्वारा इटली की यात्रा पर लगाए प्रतिबंध के चलते यूएफा ने यूरोपा लीग में गुरुवार को सेविला-रोमा और इंटर मिलान-जेताफे के बीच होने वाले मैच रद्द कर दिए। सरकार ने मंगलवार को ही देश में होने वाले सभी खेल प्रतियोगिताओं को खाली स्टेडियम में कराने का फैसला किया था, ताकि कोविड-19 वायरस को फैलने से रोका जा सके। अब तक देश में इससे 49 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 2200 से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
इटली के फुटबॉल क्लब युवेंटस के डिफेंडर डेनिएल रुगानी कोरोनावायरस पॉजिटिव पाए गए हैं। क्लब ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि रुगानी की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। हालांकि, उनमें किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आए थे। क्लब ने उन लोगों को ढूंढना शुरू कर दिया है, जो रुगानी से मिले थे। इसके अलावा आइसोलेशन से जुड़े सभी निर्देशों का भी पालन किया जा रहा है।
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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव रहे धवन 1984 में उनकी हत्या के समय घटनास्थल पर मौजूद थे और वह हत्या के चश्मदीद गवाहों में से थे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आरके धवन का निधन हो गया है। वह 81 वर्ष के थे। राज्यसभा सांसद रह चुके वरिष्ठ नेता आरके धवन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निजी सचिव भी रहे थे। 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के समय आरके धवन घटनास्थल पर ही मौजूद थे और वह हत्या के चश्मदीद गवाहों में से थे। धवन के निधन पर कांग्रेस ने शोक व्यक्त किया है।
आरके धवन की शुरुआती पढ़ाई देहरादून और फिर बनारस हिदू विश्वविद्धालय (बीएचयू) से हुई थी। उन्होंने काफी देर से शादी की थी। वह अक्सर कहा करते थे कि वह कांग्रेस और गांधी परिवार के सच्चे सेवक थे, इसलिए उन्होंने निष्ठापूर्वक सेवा में पूरी जिंदगी बिताने का निर्णय लिया था।
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लखनऊः "जेपी समूह को वर्ष 2006 में मुलायम सिंह सरकार द्वारा वन विभाग की 2500 एकड़ भूमि के अवैध आवंटन के मामले की हो सीबीआई जाँच" यह मांग आज एस. आर. दारापुरी भूतपूर्व आई. जी. तथा राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में उठाई है. उन्होंने आगे कहा है कि उक्त भूमि मुलायम सिंह सरकार द्वारा वर्ष 2006 में सोनभद्र स्थित यूपी सीमेंट कारपोरेशन के दिवालिया होने पर जेपी समूह को बेचते समय दी गयी थी. यह ज्ञातव्य है कि वन विभाग की उक्त भूमि यूपी सीमेंट कारपोरेशन को 90 वर्ष की लीज़ पर दी गयी थी और लीज़ की शर्तों के अनुसार कारपोरेशन यह ज़मीं किसी दूसरे को नहीं दे सकता था. कारपोरेशन को उक्त भूमि की ज़रुरत न होने अथवा लीज़ अवधि समाप्त होने पर उक्त भूमि वन विभाग को ही वापस की जानी थी. मुलायम सरकार ने 2006 में सीमेंट कारपोरेशन के दिवालिया घोषित किये जाने पर सीमेंट कारपोरेशन को औने पौने दामों पर जेपी समूह को बेच दिया था और साथ ही वन विभाग की उक्त भूमि को भी गलत ढंग से उसे दे दिया था. 2007 में उक्त भूमि का कब्ज़ा मायावती सरकार द्वारा जेपी समूह को दिया गया था. इस पर उसी समय वन विभाग द्वारा आपत्ति की गयी थी परन्तु किन्हीं विशेष कारणों से उक्त भूमि वन विभाग न लौटा कर जेपी समूह को दे दी गयी. तब से लेकर जेपी समूह उक्त ज़मीन पर चूना और पत्थर का खनन करता आ रहा था. सीएजी और केंद्र सरकार ने गलत ढंग से वन विभाग की ज़मीन दिए जाने का हवाला देते हुए इस पर आपत्ति उठाई थी. सीएजी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अवैध तरीके से उक्त ज़मीन देकर सरकारी खजाने को 450 करोड़ का चूना लगाया गया है. इसकी वजह से ही संबधित वन प्रभागों की दस वर्षीय कार्ययोजना को मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया गया था. जब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, तो प्रदेश सरकार ने वहां यह ज़मीन गलती से दिए जाने की बात स्वीकार की. इस पर जब सुप्रीम कोर्ट ने यह पूछा कि सरकार उक्त ज़मीन वापस लेने के लिए क्या कार्रवाही कर रही है तो सरकार ने आनन फानन में ज़मीन वापस लेने का निर्णय लिया है और फैसले से सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराने जा रही है.
अब सवाल यह पैदा होता है कि सीमेंट कारपोरेशन को जेपी समूह को बेचे जाने पर वन विभाग की ज़मीन सम्बन्धी लीज़ की शर्तों के विपरीत उक्त भूमि जेपी समूह को कैसे आवंटित की गयी? इस के लिए कौन ज़िम्मेदार है और उसे दण्डित किया जाये? दूसरे अवैध आवंटन के फलस्वरूप समूह द्वारा किये गए खनन से 450 करोड़ के नुक्सान की भरपाई कौन करेगा? अतः आइपीएफ मांग करता है कि इस नुक्सान की भरपाई जेपी समूह से ही करायी जाए क्योंकि भूमि के गलत आवंटन से उन्होंने ने ही अवैधानिक लाभ उठाया है. इस मामले में सरकार और जेपी समूह की सांठगाँठ से बहुत बड़ा घोटाला किया गया है जिस की जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए. यदि इस मामले की जांच सीबीआई से नहीं करायी जाती और अवैध आवंटन से हुयी हानि की भरपाई जेपी समूह से नहीं करायी जाती तो आइपीएफ इस सम्बन्ध में जनहित याचिका दायर करने की कार्रवाही करेगा.
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लखनऊ, उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नशे का काला कारोबार करने वालों को 'राष्ट्रीय अपराधी' बताते हुए नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार पर नकेल कसने के लिये राज्य में मादक पदार्थ निरोधक कार्य बल (एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स, एएनटीएफ) का गठन किया है।
प्रदेश में दंगाइयों और अपराधियों पर शिकंजा कसने के बाद अब योगी सरकार ने प्रदेश के ड्रग माफिया तंत्र को ध्वस्त करने के लिये एएनटीएफ का गठन किया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मंगलवार को जारी बयान के अनुसार योगी ने पिछले कुछ समय से मादक पदार्थों के खिलाफ चल रहे राज्यव्यापी अभियान की समीक्षा करते हुए एएनटीएफ के गठन को नशा मुक्त समाज की दिशा में अहम पहल बताया।
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (अपराध) के मातहत काम करने वाले टास्क फोर्स के संचालन के लिये केन्द्र सरकार की विशिष्ट एजेंसियों नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, सेंट्रल ब्यूरो ऑफ नारकोटिक्स और राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी तैनात किये जायेंगे।
योगी ने ड्रग और अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ़ कठोरतम कार्रवाई करते हुए एएनटीएफ को नशे के कारोबार में लिप्त लोगों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाने के निर्देश दिए है। इसके तहत मंडल स्तर पर नारकोटिक्स पुलिस थानाें की स्थापना की जाएगी। पहले चरण में बाराबंकी और गाजीपुर में थाना स्थापित होगा।
वहीं एएनटीएफ को पूरे उत्तर प्रदेश में पश्चिम, मध्य और पूर्वी क्षेत्र में विभाजित किया गया है। पश्चिमी क्षेत्र के अन्तर्गत मेरठ, बरेली, आगरा, मध्य क्षेत्र के अन्तर्गत लखनऊ, कानपुर तथा पूर्वी क्षेत्र के अन्तर्गत प्रयागराज, गोरखपुर व वाराणसी मंडल शामिल होंगे।
प्रदेश मुख्यालय स्तर पर इसकी कमान 'प्रभारी पुलिस उप महानिरीक्षक' (एएनटीएफ) के हाथों में होगी। उनके साथ पुलिस अधीक्षक (एएनटीएफ) ऑपरेशन एवं पुलिस अधीक्षक (एनएटीएफ) मुख्यालय पर नियुक्त रहेंगे। इसके साथ ही मुख्यालय स्तर पर अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन एवं अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय और पुलिस उपाधीक्षक-ऑपरेशन एवं पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय नियुक्त होंगे। पश्चिम, मध्य और पूर्वी क्षेत्र के प्रभारी पुलिस उपाधीक्षक होंगे।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नशे का अवैध कारोबार राष्ट्र के विरुद्ध अपराध है, इसलिये मादक पदार्थों के अवैध कारोबार में लगे लोगों एएनटीएफ राष्ट्रीय अपराधी के रूप में चिन्हित कर इनकी संपत्ति को जब्त करेगा और इनके पोस्टर भी लगाये जायेंगे। जिससे राष्ट्र के खिलाफ़ अपराध कर रहे अपराधियों को समाज में सबक सिखाया जा सके। उन्होंने कहा कि ये सभी राष्ट्रीय अपराधी हैं और इन्हें हर हाल में दंडित होना चाहिए।
गौरतलब है कि हाल ही में चलाये गये नशा विरोधी अभियान के तहत 5. 5 करोड़ रुपये ज्यादा कीमत के मादक पदार्थ बरामद किये गये। पहले चरण में चलाए गए इस अभियान के तहत प्रदेश भर के 342 हुक्काबारों और अवैध मादक पदार्थ की तस्करी करने वालों के 4338 ठिकानों पर छापे मारते हुए 785 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है।
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किआ (KIA) ने अपनी मोस्ट अवेटेड सेल्टोस SUV का अपडेटेड मॉडल अमेरिका बाजार में लॉन्च कर दिया है। नए मॉडल के एक्सटीरियर और इंटीरियर दोनों में कई चेंजेस किए गए हैं। इसमें 13 कलर ऑप्शन मिलेंगे।
किआ (KIA) ने अपनी मोस्ट अवेटेड सेल्टोस SUV का अपडेटेड मॉडल अमेरिका बाजार में लॉन्च कर दिया है। नए मॉडल के एक्सटीरियर और इंटीरियर दोनों में कई चेंजेस किए गए हैं। अब इसकी शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत करीब 20 लाख से रुपए से लेकर 24. 61 लाख रुपए तक है। किआ ने सेल्टोस को 5 ट्रिम और 2 पावरट्रेन ऑप्शन के साथ लॉन्च किया है। इसमें LX, EX, S, X-Line और SX ट्रिम शामिल हैं। कंपनी दोनों पावरट्रेन के साथ AWD ऑप्शन भी दे रही है। इसके अलावा इसे 13 कलर ऑप्शन में खरीदा जा सकता है।
नई सेल्टोस अपने मौजूदा मॉडल की तुलना में ज्यादा अट्रैक्टिव नजर आती है। अब इस SUV में नया ग्रिल, स्लीक हेडलाइट्स, लोअर बंपर में वर्टिकली आउट आइस-क्यूब इफेक्ट LED एलिमेंट्स और बुल हॉर्न इफेक्ट फॉक्स स्किड प्लेट्स मिलती हैं। किआ की फेमस टाइगर नोज अब पहले से ज्यादा स्लीक और पहले से बेहतर दिखने वाली है। टॉप-स्पेक ट्रिम्स में नया 18-इंच एलॉय मिलता है। टेलुराइड और सोरेंटो से इंस्पायर्ड LED कनेक्टिंग टेल लाइट्स अट्रैक्ट करती है। अंदर की तरफ, नई सेल्टोस में पैनोरमिक डिस्प्ले दिया है, जो दो हॉरिजॉन्टल स्क्रीन हैं। एक इंफोटेनमेंट और दूसरा इंस्ट्रूमेंटेशन स्क्रीन है।
न्यू सेल्टोस में मल्टी-जोन क्लाइमेट कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक पार्किंग ब्रेक, हीटेड फ्रंट सीट्स, बोस प्रीमियम ऑडियो सिस्टम, वायरलेस चार्जिंग, किआ कनेक्ट टेलीमैटिक्स सुइट और बहुत कुछ शामिल हैं। अन्य ऑप्शन के तौर पर इसमें वेंटीलेटेड फ्रंट सीट, स्मार्ट पावर टेलगेट, सनरूफ और डिजिटल की जैसे फीचर्स भी मिलते हैं। हालांकि, इसके लिए ग्राहकों को अलग से पैसे खर्च करने होंगे। अब इसमें ADAS सुइट भी मिलता है। जो ऑटो इमरजेंसी ब्रेकिंग, ब्लाइंडस्पॉट डिटेक्शन, स्मार्ट एडेप्टिव क्रूज कंट्रोल, फ्रंट और रियर ट्रैफिक डिटेक्शन और अवॉइडेंस, लेन कीप असिस्ट और हाई बीम असिस्ट जैसे फीचर्स से लैस है।
न्यू किआ सेल्टोस में कुल पांच ट्रिम लेवल हैं। ये LX, EX, S, X-Line और SX हैं। बेस LX में 17-इंच एलॉय, AWD, एपल कारप्ले और एंड्रॉयड ऑटो, ADAS फंक्शंस और स्टैंडर्ड फिटमेंट जैसे फीचर्स मिलते हैं। EX और S ट्रिम लेवल में AWD ऑप्शन है। इसमें 1. 6-लीटर टर्बो इंजन ऑप्शन नहीं मिलता है। 1. 6-लीटर टर्बो इंजन 195 bhp की पावर और 264. 4 Nm का टार्क जनरेट करता है। इस 8-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ जोड़ा गया है।
X-लाइन और SX ट्रिम दोनों में स्टैंडर्ड तौर पर 1. 6-लीटर टर्बो इंजन और AWD मिलता है। कलर्स की बात करें तो इसमें स्टील ग्रे, फ्यूजन ब्लैक, ग्रेविटी ग्रे, स्नो व्हाइट पर्ल, मार्स ऑरेंज, नेप्च्यून ब्लू, डार्क ओशन ब्लू, प्लूटन ब्लू, वैलेस ग्रीन, क्लियर व्हाइट/फ्यूजन ब्लैक रूफ, डार्क ओशन ब्लू/क्लियर व्हाइट रूफ, प्लूटन ब्लू/फ्यूजन ब्लैक रूफ और वैलेस ग्रीन/फ्यूजन ब्लैक रूफ समेत कुल 13 कलर ऑप्शन मिलते हैं।
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Worship Rules: भगवान की कृपा पाने के लिए पूजा-पाठ करना तो जरूरी है ही साथ ही कई ऐसे नियम भी हैं जिनका आपको पालन करना चाहिए। अगर पूजा पाठ के दौरान आप इन नियमों का पालन नहीं करते तो इससे आपको पूजा (Puja-Path Niyam) का फल भी नहीं मिलता है और वास्तु दोष का भी सामना करना पड़ता है। तो चलिए जानते हैं पूजा करने के दौरान आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
Astro Tips: काजल से आंखें बड़ी और सुंदर दिखती हैं। यही कारण है कि उन्हें आंखों में काजल लगाना बेहद प्रिय होता है। इसके अलावा बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए भी काजल का इस्तेमाल किया जाता है।
Astro Tips: घर से निकलने से पहले शकुन और अपशकुन का अच्छे से सोच विचार किया जाए तो उस काम में सफलता अवश्य मिलती है। ऐसा माना जाता है कि घर से निकलने से पहले या किसी यात्रा पर जाने से पहले अगर कुछ खास चीजें दिखाई दे जाएं तो उस काम को थोड़े समय के लिए टाल देना चाहिए।
Astro Tips: सभी लोगों की चाह होती है कि आज वो जिन कामों को हाथ में लेकर निकले हैं वो सभी पूरे हों। पूरा दिन टेंशन फ्री और खुशनुमा बीते। हिन्दू शास्त्रों में भी दिन की शुरुआत अच्छी करने के कुछ खास उपाय बताए गए हैं।
Astro Tips: हर मसाले का ज्योतिष उपयोग करने के अलग-अलग नियम ज्योतिष शास्त्र में बताए गए हैं। आज हम आपको इन्हीं मसालों में से एक मसाला लौंग के ज्योतिष गुणों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे अपनाकर आप घर की बहुत सी समस्याएं दूर कर सकते हैं।
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नई दिल्ली. अयोध्या फैसले (Ayodhya Verdict) के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi adityanath) ने NEWS18 को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर उनके सीएम रहते अयोध्या में मन्दिर बनता है तो ये उनके लिए गौरवशाली मौका होगा. सीएम योगी ने नागरिकता कानून (Citizenship Act) से लेकर अन्य मुद्दों पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया. नागरिकता कानून को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कि इस पर विपक्ष घड़ियाली आंसू बहा रहा है.
'जल्दी ही बनेगा राम राम मंदिर'
राम मंदिर को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यह हमारे लिए गौरव का विषय है. गोरक्षा पीठ की तीन पीढ़ियां इस आंदोलन से जुड़ी थीं. मेरे दादा गुरु दिग्विजय नाथ जी महाराज, मेरे गुरु अमरनाथ जी महाराज, 1934 से इस आंदोलन से हमारी पीठ जुड़ी रही, सब की भूमिका रही है. ऐसे में अगर मेरे समय में राम मंदिर का निर्माण होगा तो इससे बड़ा गौरव का विषय मेरे लिए कोई नहीं हो सकता. योगी ने कहा कि राम मंदिर के लिए केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाएगी और जैसा राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह कह रहे हैं, जल्दी ही राम मंदिर का निर्माण होगा.
नागरिकता संशोधन कानून पर सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष मुद्दा हीन है, उसके पास कोई मुद्दा नहीं है. इसलिए विपक्ष पाकिस्तान की बोली बोल रहा है, जो देशद्रोह है. योगी ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, ममता और अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षियों के पास मुद्दा हीं नहीं है, वह देशद्रोहियों के साथ खड़ा है. किसी के पास कुछ भी बचा नहीं है.
'हम किसी को कानून तोड़ने नहीं देंगे'
यूपी में हुए बवाल को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अलीगढ़ में जो हुआ, उस पर कार्रवाई हुई. लोगों ने पेट्रोल बम फेंके, पथराव किया. हमारे अधिकारियों ने समाधान किया और कार्रवाई की. लखनऊ में नदवा कॉलेज और मऊ में हुए बवाल पर सीएम योगी ने कहा कि इन दोनों मामलों से सख्ती से कार्रवाई की गई और आगे भी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. हमारे पास सिस्टम है. हम किसी को कानून तोड़ने नहीं देंगे.
'झारखंड विधानसभा चुनाव बीजेपी जीतेगी'
झारखंड दौरे को लेकर पूछे गए सवाल पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि झारखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी जीत दर्ज करेगी. उन्होंने कहा कि हम मुद्दों पर बात करते हैं, विपक्ष आधारहीन और मुद्दाहीन बातें कर रहा है. झारखंड में विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है.
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दिलेर समाचार, राजस्थान में कोर्ट ने 10 साल की बच्ची की शादी को निरस्त कर दिया है. जोधपुर की एक अदालत ने अलवर के थानागाजी की रहनेवाली पिंकी कंवर के बाल विवाह को निरस्त कर दिया है. पिंकी की शादी 10 साल की उम्र में हो गई थी. शादी के बाद उसके ससुराल वालों ने उस पर गौना करवाने का दबाव बनाया था. पिंकी अभी 19 साल की है और वह जोधपुर में अपनी पढ़ाई कर रही है.
पिंकी कंवर ने अपने बाल विवाह को निरस्त करने के लिए कोर्ट में मुकदमा दायर किया था. पिंकी ने जोधपुर के सारथी ट्रस्ट की प्रबंधक ट्रस्टी और पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ. कृति भारती के माध्यम से कोर्ट में यह मुकदमा दायर किया था. डॉ. भारती के अनुसार, पिंकी कंवर को शादी के बाद ससुराल वालों ने गौना का दबाव बनाया था.
इस मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई और उसके बाल विवाह को निरस्त कर दिया गया. न्यायाधीश रेखा भार्गव की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए बीते 31 जनवरी को पिंकी के बाल विवाह को निरस्त कर दिया. डॉ. भारती ने कहा कि बाल विवाह निरस्त होने के बाद पिंकी के बेहतर पुनर्वास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
दायर मुकदमे के अनुसार, राजस्थान के अलवर की मूल निवासी और जोधपुर में पढ़ाई कर रही 19 साल की पिंकी कंवर का करीब 10 साल की उम्र में बाल विवाह हुआ था. 24 मार्च 2009 को दौसा निवासी हिम्मत सिंह राजपूत के साथ पिंकी कंवर का बाल विवाह करवा दिया गया था.
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राफेल नडाल ने एटीपी सिनसिनाटी मास्टर्स से बुधवार को अपना नाम वापस ले लिया है। आयोजकों ने कहा है कि उन्होंने टोरोंटो टूर्नामेंट से नाम वापस लेने के एक दिन बाद ही सिनसिनाटी मास्टर्स से भी नाम वापस लिया है। गौरतलब है कि स्पेन के ये स्टार खिलाड़ी जून में खेले गए फ्रेंच ओपन में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले से ही बाएं पैर पर इंजरी के कारण बाहर हुए थे।
ग्रैंड स्लैम में गिनती के मामले में नोवाक जोकोविच और रोजर फेडडर के बराबर नडाल कोशिश करेंगे कि वे अपना पांचवां यूएस ओपन का खिताब इस साल जीतें। ये टूर्नामेंट 30 अगस्त से शुरू होने वाला है।
आपको बता दें कि इस साल अब तक खेले गए तीनों ग्रैंड स्लैम के विजेता नोवाक जोकोविच रहे हैं। अब उनकी कोशिश होगी कि वे इस साल का चौथा और आखिरी ग्रैंड स्लैम भी अपने नाम करें। सिनसिनाटी मास्टर्स से जोकोविच ने भी अपना नाम वापस ले लिया है। हाल ही में जोकोविच टोक्यो ओलंपिक में पदक हासिल करने का अवसर गंवा चुके थे।
34 वर्षीय जोकोविच 1969 के बाद पहले खिलाड़ी बन सकते हैं जिन्होंने एक साल में सभी ग्रैंड स्लैम जीते हों। साल 1969 में रॉड लेवर ने ये कारनामा किया था। हालांकि उन्होंने 'गोल्डन स्लैम' का अवसर पर अपने हाथों से जाने दिया। वे सेमीफाइनल मुकाबले में एलेक्जेंडर ज्वेरेव से हार गए थे।
40 वर्षीय रोजर फेडरर ने भी टोरोंटो और सिनसिनाटी से अपना नाम पिछले गुरुवार को वापस ले लिया था। उन्होंने यूएस ओपन के लिए फिटनेस खराब होने का डर वजह बताई थी।
फेडरर ने अपना आखिरी ग्रैंड स्लैनम 2018 में ऑस्ट्रेलियन ओपन के तौर पर जीता था। उन्होंने विंबलडन के क्वॉर्टरफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन घुटने की चोट के कारण टोक्यो ओलंपिक में नहीं खेले थे।
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शिक्षा का प्रयोग
[ २७ ] शिक्षा का प्रयोग
ध्रुव तक हम लोगों को रणवां आये कई महीने हो चुके थे । लोगों से काफ़ी पनिष्ठता हो गई थी । चखें का काम दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा था । हम लोगों के सम्पर्क से गांव के लोग अपने बहुत से पुराने संस्कारों और आचार-व्यवहार के सम्बन्ध में विचार से काम लेने लगे थे। इस तरह यद्यपि धीरे-धीरे लोगों का मानसिक विकास होता जा रहा था किन्तु अब तक शिक्षा का कोई विधिवत् कार्यक्रम निश्चित नहीं हो सका था। मैं स्वयं इसका निश्चय नहीं कर पाया था कि गांव वालों के लिए शिक्षा की किस प्रकार की योजना उपयुक्त होगी। गांव के किसान और मज़दूर दिन भर इस तरह काम में फँसे रहते हैं कि दिन के समय वे किसी स्कूल में अपना समय नहीं दे सकते, और यदि रात की व्यवस्था की जाय तो भी सदियों से पठन-पाठन की ओर दिलचस्पी न होने के कारण स्कूल में आने के लिए उन्हें कोई विशेष उत्सुकता नहीं होगी। इसके अतिरिक्त मुझे स्वयं भी इस बात का सन्देह था कि केवल अक्षर ज्ञान करा देने से इन्हें कोई लाभ हो सकेगा। स्कूलों में लगातार ६ वर्ष पढ़ कर लोग मिडिल पास होते हैं और तब कहीं उन्हें अन्य विविध पुस्तकों के पढ़ने की योग्यता होती है। ऐसी स्थिति में यदि हमने दिन या रात को उनका थोड़ा सा समय लेकर उन्हें अक्षर ज्ञान करा भी दिया तो इससे उनके मानसिक विकास में कहां तक सहायता मिल सकती है ? इसी प्रकार के विचारों की उधेड़बुन में पड़कर तथा अन्य कार्यों में अत्यधिक व्यस्त रहने के कारण हम लोग ग्राम-शिक्षा की कोई स्पष्ट योजना नहीं बना सके। पर धीरे-धीरे हमें यह महसूस होने लगा कि इस दिशा में कुछ न कुछ करना अत्यावश्यक है। प्रारम्भ |
भड़काऊ भाषण के आरोपी बीजेपी नेता कपिल मिश्रा (Kapil Mishra) को Y श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है। इसके चलते अब उनकी सुरक्षा में चौबीसों घंटे छह सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे। बताया जा रहा है कि कपिल मिश्रा को Y श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया है। हालांकि, दिल्ली के ज्वाइंट सीपी (सिक्योरिटी) ने इससे इन्कार किया है। बता दें कि कपिल मिश्रा ने अपनी जान को खतरा बताया है।
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एनटीपीसी समूह की कंपनियों ने अप्रैल से सितम्बर 2022 तक 203.5 बीयू का उत्पादन दर्ज किया, जो अप्रैल से सितम्बर 2021 में उत्पन्न 176.8 बीयू से 15.1 प्रतिशत की वृद्धि प्रदर्शित करती है। उच्च उत्पादन वृद्धि बेहतर निष्पादन और चालू वर्ष में बिजली की मांग में बढ़ोतरी का संकेत देती है।
उत्तर प्रदेश में एनटीपीसी रिहंद (3000 मेगावाट) अप्रैल से सितम्बर 2022 के बीच 90.22 प्रतिशत प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) के साथ शीर्ष प्रदर्शन करने वाला थर्मल पावर प्लांट रहा। एनटीपीसी कोयला स्टेशनों का कुल प्लांट लोड फैक्टर अप्रैल से सितम्बर 2022 तक 76.3 प्रतिशत था, जो परिचालन उत्कृष्टता के उच्च स्तरों तथा बिजली संयंत्रों के संचालन और रखरखाव में एनटीपीसी की विशेषज्ञता का एक प्रमाण है।
एनटीपीसी की कुल संस्थापित क्षमता 70234 मेगावाट है। एनटीपीसी हरित हाइड्रोजन, अपशिष्ट से ऊर्जा और ई-गतिशीलता जैसे नए व्यावसायिक क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है। भारत की सबसे बड़ी बिजली उत्पादक कंपनी का लक्ष्य 2032 तक शुद्ध ऊर्जा तीव्रता में 10 प्रतिशत की कमी करना है। एनटीपीसी ऊर्जा पर संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय वार्ता (एचएलडीई) के हिस्से के रूप में अपने ऊर्जा कॉम्पैक्ट लक्ष्यों को घोषित करने वाली पहली ऊर्जा कंपनी है।
बिजली उत्पादन के अतिरिक्त, एनटीपीसी ने जलीय, पवन और सौर जैसे स्वच्छ और हरित स्रोतों और हरित हाइड्रोजन समाधानों के माध्यम से ऊर्जा उत्पादन को विविधीकृत किया है। बिजली क्षेत्र की इस बड़ी कंपनी ने ईंधन सेल, ई-मोबिलिटी और वेस्ट-टू-एनर्जी सहित कई तरह के व्यावसायिक क्षेत्रों में भी कदम रखा है।
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फतेहपुर सहित विभिन्न स्थानों पर आज दोपहर 3 बजे बाद हल्की बरसात का दौर शुरू हुआ। आसमान में छाए हुए काले बादल और रिमझिम हल्की बूंदाबांदी ने एक बार फिर से किसानों की चिंता बढ़ा दी हैय़ किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं, सरसों, जो,चना सहित अन्य फसलें काट ली है या फिर काट रहे हैं। बेमौसम बारिश की वजह से खड़ी हुई फसलों को बारिश से नुकसान होने की संभावना है।
मौसम विभाग की माने तो 3 अप्रैल तक प्रदेश के विभिन्न जिलों जिसमें सीकर, जयपुर,चूरु, झुंझुनू, दौसा,अलवर,भरतपुर, जैसलमेर,बाड़मेर,पाली, सिरोही, भीलवाड़ा,सहित अन्य जिलों में आसमान में काले बादल छाए रहेंगे तथा मेघ गर्जन के साथ बारिश होगी।
डॉक्टर के सी वर्मा ने बताया कि खराब मौसम के चलते किसानों की फसल को नुकसान होगा। फसल को नुकसान से बचाने के लिए किसानों को अपनी कटी हुई फसलों को सुरक्षित स्थानों पर जमा कर लेनी चाहिए ताकि फसलों के दाने खराब ना हो।
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Karnataka: जनता दल सेकुलर (जद-एस) के नेता एच. डी. कुमारस्वामी ने सोमवार (3 अक्टूबर, 2022) को कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार के अच्छे दिन के दावे बड़ा सवाल खड़ा करती है। उन्होंने यह टिप्पणी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले के बयान के संदर्भ में की। जिन्होंने देश में 'बढ़ती असमानता' और 'बेरोजगारी' पर चिंता जताई थी।
पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा सोमवार को कहा कि आर्थिक असमानता, गरीबी और बेरोजगारी पर आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबले की कथित टिप्पणी अच्छे दिनों के दावों पर बड़े सवाल उठाती है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि देश भर में कुपोषण व्याप्त है और सैकड़ों और लाखों गांवों में पीने का पानी नहीं है।
भाजपा की आलोचना करते हुए कुमारस्वामी ने होसाबले की टिप्पणियों के बारे में समाचार रिपोर्ट की एक तस्वीर साझा की। कुमारास्वामी ने कहा कि यह कहने के लिए किसी विशेष विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है कि कौन फला-फूला है, जिसने पिछले 7 वर्षों में बीजेपी शासन में सब कुछ खो दिया है। उन्होंने कहा कि होसबले ने खुद कहा है कि 20 करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं और 4 करोड़ युवा बेरोजगार हैं। फिर कौन पिछले 7 वर्षों में अमीर बन गया ? उन्होंने दावा किया कि 23 करोड़ लोग प्रति दिन 375 रुपये से कम कमा रहे हैं, जबकि एक उद्योगपति प्रति घंटे 42 करोड़ रुपये और प्रति सप्ताह 6,000 करोड़ रुपये कमा रहा है।
कुमारस्वामी ने कहा, "यह भारत की वर्तमान तस्वीर है। देश की 20% संपत्ति रखने वाले एक व्यक्ति से ज्यादा चौंकाने वाला क्या है? उन्होंने चेतावनी दी कि देश में बढ़ती आर्थिक असमानता से बड़ा रोष हो सकता है। उन्होंने कहा, "अगर बढ़ती आर्थिक असमानता से लोगों में रोष पैदा हो जाए तो चौंकिए मत। देश 'कॉरपोरेट वर्ल्ड' के जाल में फंसना भारत के भविष्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। लोगों की हताशा और अधीरता दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
कुमारास्वामी ने कहा कि देश की आजादी के अमृत महोत्सव के वर्ष में भारत में आर्थिक असमानता का एक काला बिंदु है। क्या यह राष्ट्रीय शर्म की बात नहीं है कि लोग हर दिन एक वक्त के भोजन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि होसबाले द्वारा प्रदान किए गए आंकड़ों से मैं हैरान हूं।
बता दें, संघ के स्वदेशी जागरण मंच द्वारा आयोजित एक वेबिनार कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबाले ने देश में कथित रूप से बढ़ती आय असमानता और बेरोजगारी पर चिंता व्यक्त की थी। आरएसएस के महासचिव ने कहा था कि गरीबी 'हमारे सामने दानव जैसी चुनौती' के रूप में सामने आ रही है। हालांकि, होसबाले ने यह भी कहा कि इस चुनौती से निपटने के लिए पिछले कुछ सालों में कई कदम उठाए गए हैं।
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वेवी बाल किसे पसंद नहीं ह है। ये देखने में बेहद कूल लगते हैं और जिसके भी बाल कर्ली वेवी होते हैं, वह उस इंसान का यूएसपी होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप अपने कर्ल्स आप कुछ शैंपूज के जरिए बेहद खूबसूरत बना सकते हैं। हां, बाजार में ऐसे शैंपू उपलब्ध हैं जो बालों को नरिश और मॉइस्चराइजिंग के कर्ल की खूबसूरती को बनाए रखने में मदद करते हैं। अगरर आप इन शैंपू का इस्तेमसल करेंगे तो आपके लिए घुघराले बाल कोई समस्या नहीं रह जाएगी। यह बात सच है कि घुंघराले बाल धोना एक समस्या है, लेकिन इस समस्या से निपटने के लिए हमने अमेजन से कुछ फॉर्मूलेशन लिए हैं। यह वेवी और कर्ली बालों के लिए सबसे बेहतरीन हैं। इन शैंपू के बारे में जानने के लिए आप नीचे स्क्रॉल करें।
यह कोकोनट बेस्ड शैम्पू बालों को बहुत अच्छी तरह से साफ करता है। यह बालों की जड़ों को पोषित करता है। आप इसका इस्तेमाल करें, आपके बाल चमक उठेंग। यह फ्रिज और फ्लाईवेज को कम करता है। यह पैराबेन, सल्फेट और अन्य बुराइयों से भी मुक्त है।
यह शैम्पू बालों में रूखेपन की समस्या से निपटने के लिए तैयार किया गया है। जिन लोगों के बाल घुंघराले और सूखे हैं, यह उन लोगों के लिए परफैक्ट है। इसमें चुकंदर और कॉर्न स्टार्च के एब्सट्रेक्ट, क्विनोआ प्रोटीन, चिया बीज की खूबियां शामिल हैं। यह बालों को हाइड्रेट करता है।
यह शैम्पू आपके बालों को गहराई से साफ कर उन्हें पोषण देता है। य आपके बालों के लिए एक परफैक्ट फॉर्मूलेशन है। इसमे ऑलिव और सोया के एब्सट्रेक्ट शामिल हैं। घंघराले बालों के लिए परफैक्ट है। यह बालों को सुपर मैनेजेबल और मॉइस्चराइज करता है। इसके अलावा यह किसी भी तरह के अल्कोहल या पेट्रोलियम से फ्री है। इसका इस्तेमाल महिला और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
यह शैम्पू ऑर्गेनिक और नेचुरल इंग्रीडिएट्स से बना है। यह सिलिकॉन, सल्फेट और मिनरल ऑयल से फ्री है। यह आपके बालों की गहराई से सफाई करेगा। इसके अलावा उन्हें हाइड्रेटेड और मॉइस्चराइज़ भी रखेगा। यह फ्रिज को कम करने में भी कारागर है। इसमें ग्रेपसीड ऑयल, हिबिस्कस एक्सट्रैक्ट, व्हीट प्रोटीन और आर्गन ऑयल शामिल हैं।
यह शैम्पू फॉर्मूलेशन बालों और स्कैल्प को अच्छी तरह से साफ करने में मदद करता है। यह बालों को पोषण कर उन्हें मुलायम और स्मूथ बनाता है। सबसे अच्छी बात है कि इसमें पैराबेन, सल्फेट, एसएलएस नहीं है। इतना ही नहीं यह शैम्पू बालों को टूटने से भी रोकता है। अगर आपको कॉफी की स्मैल पसंद है तो इस शैंपू को ले लें। इसमें कॉफी की बहुत ही प्यारी सी खुशबू आती है। इसके अलावा यह शैंपू फर्मेंटेड राइस एक्सट्रेक्ट, प्लांट प्रोटीन, शिया बटर, जमैका ब्लैक कैस्टर ऑयल और हायल्यूरोनिक एसिड से बना है। यह उन लोगों के लिए अच्छा है जिनके बाल कर्ली हैं।
लाइव हिन्दुस्तान में हम आपको नए ट्रेंड्स और प्रॉडक्ट्स के साथ अप-टू-डेट रहने में मदद करते हैं। जब आप हमारे शॉप नाउ के जरिए खरीदारी करते हैं तो अफिलीएट पार्टनरशिप की वजह से हमें राजस्व का एक हिस्सा मिल सकता है।
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२५२ भारतीय और योरोपीय शिक्षाका इतिहास
बन्धन- मुक्त करने का प्रयास किया वहीं दूसरी और उसने उस साधारण मानव-समाजकी स्थिति सुधारनेका कोई यत्न नहीं किया जो अभीतक दरिद्र, अपढ़ और चारों ओरसे पीड़ित था । रूसो
इस बुद्धिवादी और विवेकवादी प्रवृत्तिके विरुद्ध जीन जेक्स रूसो ( १७१२ - १७२८ ई० ) ने अपना मनोवेगवाद और प्रकृतिवादका झंडा उठाया । २५ जून सन् १९१२ को इतालिया ( इटली ) के जिनेवा नगरमें रूसोका जन्म हुआ। उसकी माता उसे बचपन में ही छोड़कर चल बसी अतः उसका पालन-पोषण उसकी कोमल हृदया बुत्रा और उसके फक्कड़ पिताने किया । जब वह केवल छः वर्षका था, तभी उसके पिताने अपनी स्त्री द्वारा संकलित भोंडी, अश्लील और उत्तेजक प्रेमकथाएँ सुना-सुनाकर उसके भोले-भाले मस्तिष्क में बचपन में ही कुरुचिपूर्ण साहित्य कूट-कूटकर भर दिया। बचपनमें ही उसने अपने पिताको उपन्यासोंसे भरी आलमारी पढ़कर समाप्त कर दी। इसके पश्चात् वह अपने दादाके पुस्तक संग्रहकी श्रोर श्राकृष्ट हुआ । इन पुस्तकोंमें उसे प्लुतार्क द्वारा लिखित 'महापुरुषोंका जीवन-चरित' ( प्लुतार्क्स' लाइन्ज़ श्रौफ़ ग्रेट मैन् ) और 'ईसाई धर्म तथा साम्राज्य के इतिहास का ज्ञान प्राप्त हुआ। रूसोके चरित्रपर इस साहित्यका अत्यन्त गम्भीर प्रभाव पड़ा और उसका कोमल हृदय वीरताके भावसे श्रोत-प्रोत हो गया ।
सन् १७२० में रूसोके पिताको कुछ कारणवश जिनेवा छोड़ देना और रूसो अपने मामाके पुत्रके साथ बोसी नामके गाँवमें दो वर्ष रहा । यहाँपर ये दोनों लातिन घोखनेकी अपेक्षा बोसीके प्राकृतिक -सौंदर्यका आनन्द लेते रहे। एक बार उसपर दुष्टता करनेका झूठा आरोप लगाया गया और उसे दंड भी दिया गया। उसका बाल-हृदय उस कठोर दंडसे तिलमिला उठा और उसने यह परिणाम निकाला कि "मनुष्य की गतिमेँ नियम-बद्धता, बाह्याडम्बर, उपदेश और दंडका प्रयोग |
" आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया के शताब्दी समारोह के अवसर पर उपस्थित इस विशिष्ट जनसमूह के बीच आकर मुझे बहुत खुशी महसूस हो रही है। मुझे लगभग पांच दशक पहले के वे दिन याद आते हैं जब मैंने यह खुशी की खबर सुनी थी कि ओयूपी ने प्रकाशन के लिए मेरा डॉक्टोरल शोध निबंध स्वीकार कर लिया है। मैं सौभाग्यशाली था कि प्रसिद्ध जॉन हिक्स मेरे परीक्षक थे। वे ओयूपी के न्यासी भी थे। इसने अपने शोध निबंध को प्रकाशित कराने के मेरे कार्य को ज्यादा आसान बना दिया था। मैं यह कहने का साहस कर सकता हूं कि आज यहा उपस्थित अनेक विशिष्ट व्यक्तियों का भी लेखक और पाठक के रूप में ओयूपी से ताल्लुक रहा होगा।
एक सदी से आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस इंडिया ने हमारे बौद्धिक जीवन में सशक्त और विविधतापूर्ण योगदान दिया है तथा भारत में बौद्धिक विचारों की सम्पूर्ण श्रृंखला उपलब्ध कराई है। प्रारंभिक वर्षों में इसने सुरेंद्रनाथ बनर्जी और डी आर गाडगिल जैसे राजनीतिक एवं आर्थिक विद्वानों के लेख प्रकाशित किए। इसने 1940 के दशक में सलीम अली और जिम कार्बेट की पुस्तकें भी प्रकाशित कीं। 1980 के दशक में इसने सुबाल्टर्न सीरीज में उपनिवेशकालीन और उपनिवेशकाल के बाद के इतिहास के बहुत प्रसिद्ध लेखकों की पुस्तकें प्रकाशित कीं। मैं समझता हूं कि इस वर्ष बाद में समकालीन भारतीय व्यवसाय का आक्सफोर्ड इतिहास प्रकाशित किया जाएगा।
इन दिनों माता-पिता प्रायः अपने बच्चों में पढ़ने की आदत में कमी होने का विलाप करते हैं। लेकिन हमारे पुस्तक मेलों में दिखाई देने वाली भीड़ और भारत में प्रकाशन उद्योग की वृद्धि के मद्देनजर मुझे यकीन है कि हम इस भय को बढ़ा चढ़ाकर पेश करते हैं। उदाहरण के लिए मैं समझता हूं कि ओयूपी इंडिया की बिक्री पिछले दस वर्ष में तीन गुणा हो चुकी है।
मुझे अपने देश में ज्ञान की बहुत भूख दिखाई देती है। हमें अपनी जनता को खासतौर से युवकों को अच्छी पुस्तकें सुलभ करानी चाहिए। प्रकाशन घराने बिकने वाली पुस्तकों की संख्या के बारे में चिंतित हो सकते हैं लेकिन सरकार में हमें पढ़ी जाने वाली पुस्तकों की संख्या पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए । हमारे सामने पाठकों की बढ़ती आबादी है सिर्फ पुस्तकों के लिए बाजार नहीं।
इस उद्देश्य के मद्देनजर हमने हाल ही में अपने संस्कृति मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय पुस्तकालय मिशन शुरू किया है। यह मिशन देश में खासतौर से ऐसे राज्यों की सार्वजनिक पुस्तकालय व्यवस्था में सुधार पर ध्यान देगा जहां पुस्तकालय विकास पीछे छूट गया है। राष्ट्रीय मिशन के तहत तीन वर्ष में करीब 9,000 पुस्तकालयों को लाने की आशा है। इसके तहत पुस्तकालयों की राष्ट्रीय गणना की जाएगी तथा यह पठन-पाठन के संसाधनों के बुनियादी ढांचे के उन्नयन की दिशा में कार्य करेगा और पुस्तकालयों के नेटवर्क के आधुनिकीकरण एवं प्रोत्साहन के लिए काम करेगा।
मैं इस अवसर पर प्रत्येक राज्य सरकार और हर नगर पालिका तथा पंचायत से समुदाय, स्थानीय और ग्रामीण पुस्तकालयों सहित सार्वजनिक पुस्तकालयों की स्थापना और अनुरक्षण पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध करता हूं।
जिस मिशन की मैं बात कर रहा हूं वह मिशन सिर्फ सरकारी प्रयासों से सफल नहीं हो सकता। हमें समुदाय, निजी क्षेत्र और स्वयं सेवी संगठनों में उपलब्ध संसाधनों का इस्तेमाल करना होगा। किफायती आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी आज अपने पुस्तकालयों के संसाधनों के विस्तार के लिए इस्तेमाल की जा सकती है। अपने ग्रामीण सार्वजनिक पुस्तकालय में बैठे युवा पाठक को दुनिया भर की पुस्तकें और जानकारी सुलभ होनी चाहिए।
दशकों से विकास अर्थशास्त्री कहते रहे हैं कि भारत की आबादी शापित है। आज जब अनेक विकसित देश बड़ी उम्र के लोगों की आबादी की चुनौती का सामना कर रहे हैं तब दुनिया स्वीकार कर रही है कि भारत में युवा आबादी और कुशल श्रमशक्ति के पास वैश्विक ज्ञान अर्थव्यवस्था में मानव संसाधनों की कमी को पूरा करने की क्षमता है।
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चाँद की तेरहवीं दिन - चांद्र मास की दूसरी तिमाही। वैक्सिंग चंद्रमा पूर्ण चरण के करीब पहुंच। यह अच्छी तरह से किया जा रहा है, मन और प्रदर्शन को प्रभावित करता।
व्हील, एक दुष्चक्र, एक अंगूठी - धारणा है कि सबसे सटीक रूप से 13 वीं चांद्र दिन निर्धारित। दिन की सुविधा से पता चलता है कि यह रचनात्मकता के लिए बहुत अच्छा है। इस दिन पर, आप उस मामले, जो एक लंबे समय में लगी हुई है में नई खोजों बना सकते हैं। तेरहवें एक सामंजस्यपूर्ण निरंतरता और विकास मामलों, जो कल शुरू कर दिया, 12 चांद्र दिन प्रदान करता है। एक ताबीज के रूप में, इस दिन के छल्ले के रूप में सबसे उपयुक्त आइटम नहीं है। यह महत्वपूर्ण है कि शुभंकर बंद हो गया है, तो ऊर्जा के रचनात्मक प्रवाह बर्बाद नहीं होगा, लेकिन इसके विपरीत, एक ही प्रक्षेपवक्र, सफ़ाई के साथ आ जाएगा, सुधार और सुधार। यदि इच्छा शक्ति आंदोलन है, तो एक पुरस्कृत अनुभव है कि आप विकास के एक नए चरण के लिए ले सकता है धीमा करने के लिए, व्यर्थ में नीचे जाना होगा। और सारी पूर्ववर्ती अवधि आगे बढ़ने नहीं होगा, लेकिन इसके विपरीत, वापस चल रहा है। यह 13 वीं है चाँद के दिन। दिन की सुविधा निष्क्रियता पर प्रतिबंध लगाता है।
आज प्रभावी समूह में काम हो सकता है, नई जानकारी को पचाने के लिए और बाद में काम में आने के लिए सुनिश्चित करने के लिए आसान है कि प्राप्त होगा। इस दिन, प्रशिक्षण का एक नया चक्र रखना, उपयोगी जानकारीपूर्ण और पुस्तकों से भरा पढ़ना शुरू करने के लिए अच्छा है।
आप तेरहवीं चंद्र दिन में अपने कर्म सुधार कर सकते हैं। यह धागा और धागे का काम द्वारा सुविधा है। अंटी नोड्स untangling, आप खोल कर्म समुद्री मील पिछली अवधि में अपने भाग्य में गठन किया गया।
Talisman तेरहवीं चंद्र दिन अंगूठी है। इस दिन नए छल्ले और कंगन बंद कर दिया पहनना शुरू करने के लिए उपयोगी है। आप अपनी गर्दन या अन्य सजावट के चारों ओर एक श्रृंखला खरीदने के लिए, एक बंद अंगूठी से मिलकर करना चाहते हैं, तो 12 वीं चांद्र दिन में करते हैं। इस प्रकार, आप हताशा, जड़ता और ठहराव के खिलाफ एक शक्तिशाली अभिभावक पैदा करेगा। गले में एक रिंग में लिंक-अंगूठी, नकारात्मक बाहरी प्रभावों से आप की रक्षा करेगा।
इस दिन पर, आप इस तरह के स्कार्फ और बेल्ट के रूप में सामान खरीद सकते हैं। आप कुछ ऐसी बातें है कि सौहार्दपूर्वक अपने अलमारी में फिट का चयन करने में सक्षम हो जाएगा।
इस दिन पर प्रयास करें अक्सर अंगूठी की याद ताजा की वस्तुओं के साथ संपर्क में आते हैं।
इस दिन आप और आपके प्यार के छल्ले की एक प्रतीकात्मक विनिमय कर देगा, तो समय के साथ आप समान विचारधारा वाले लोगों के सामंजस्य में लगता है के एक महान जोड़ी, मिल बहुत अच्छी तरह से एक दूसरे के पूरक है, और लगता है कि यह विकास और पूर्णता के लिए आवश्यक है जाएगा।
माना जाता है कि एक कंपनी के भीतर फेरबदल के लिए सबसे अच्छा वास्तव में 13 चांद्र दिन अनुकूल है। दिन की सुविधा नए सहयोगियों के साथ अनुबंध में प्रवेश करने की जरूरत नहीं है। इस दिन में सही काम पुराने संबंधों को बढ़ाने के लिए, दोस्ती, गर्वित नहीं बैठकों की स्थापना और आगे और अधिक सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की। इस दिन पर, लंबे समय से चली आ रही भागीदारी के समायोजन के साथ एक बहुत अच्छा सौदा। एक रिश्ता है कि सूट नहीं था, लेकिन अब सबसे अच्छा समय एक नए चरण में प्रवेश करने के लिए है।
इस दिन ट्रक ड्राइवरों, टैक्सी ड्राइवरों और ड्राइवर के लिए अच्छा है। आज आप उड़ान पर जा सकते हैं - सौभाग्य से जो लोग पहियों पर कर रहे हैं के साथ होगा।
तेरहवीं चंद्र दिन में मध्यम आयु वर्ग के लोगों, एक आम रचनात्मक पेशे से एकजुट शादी करने के लिए सबसे अच्छा है। इस मामले में, शादी दो मजबूत व्यक्तित्व है कि विनाशकारी प्रतिद्वंद्विता खतरा नहीं होगा लिंक करेगा। अक्सर इन जोड़ों सफल रचनात्मक जोड़ी, एक विशेष वातावरण में ज्ञात हो।
प्रोस्थेटिक्स और दंत चिकित्सा, प्लास्टिक सर्जरी, मालिश और सेल्युलाईट उपचार 13 चांद्र दिन में बहुत अच्छी तरह से करते हैं। दिन की सुविधा पता चलता है कि जरूरत पेट और अग्न्याशय पर विशेष ध्यान दें करने के लिए। इस दिन में भूख नहीं जाना चाहिए, लेकिन भोजन के लिए पर्याप्त प्रकाश और भी चिकना नहीं होना चाहिए। बेहतर स्मोक्ड सभी को बाहर करने का। आज आप नाई यात्रा कर सकते हैं। 13 चांद्र दिन में बाल कटवाने विशेष रूप से अच्छी तरह से पता चला है। शरीर में पूर्णिमा तक वहाँ ऊर्जा का एक संग्रह, तो सकारात्मक या नकारात्मक है। अपने बालों को समाप्त होता है और posechonnye पर भंगुर है, तो अस्वस्थ ऊर्जा संचित। वह शरीर छोड़ने के लिए अनुमति दी जानी चाहिए। बाल कटवाने के बाद, उस दिन, बाल मोटा और आज्ञाकारी हो जाता है ऐसा करने के लिए, सामान्य स्थिति और मूड में सुधार। आज अपने बालों को डाई करने के लिए हैं, तो रंग, आसानी से और स्वाभाविक रूप से झूठ के रूप में अगर एक नया केश बनाने के लिए, यह एक नये जीवन की शुरुआत हो सकता है और पुराने संबंधों के नवीकरण के लिए प्रोत्साहन प्रदान कर सकता होगा।
खेल का सवाल है, इस दिन में यह एक साइकिल की सवारी करने के लिए, स्केट और स्केटबोर्डिंग बहुत उपयोगी है। तुम बाहर प्रकृति में नहीं मिल सकता है, तो स्वास्थ्य केंद्र या जिम में जाने के लिए और एक स्थिर बाइक पर बाहर काम करते हैं।
13 चांद्र दिन सपने में देखा भविष्यवाणी है। आज, यह सपने में से किसी को नहीं देखना बेहतर है, के रूप में क्या आप देख पता चलता है कि अपने अतीत की समस्याओं में एक प्रतीकात्मक रूप में होगा हल किया जा करने के लिए रहते हैं। नींद पर विचार करें,, समझने की कोशिश यह किसी भी पिछले घटना के साथ जुड़ा हो सकता है। आप सफल हैं, तो आप अपने विकास को अवरुद्ध में से कुछ से छुटकारा मिल सकता है।
13 वीं चांद्र दिन में पैदा हुआ बचपन से ही लोगों को व्हील वाहनों के प्रति उदासीन नहीं हैं। इस दिन पर पैदा हुए एक बच्चे के लिए, एक सामंजस्यपूर्ण व्यक्तित्व बन गया है, वह निश्चित रूप से संभव के रूप में ज्यादा समय के छल्ले के पिरामिड के साथ खेलने के रूप में आधार पिन पर पहनने के लिए करना चाहिए। यह वांछनीय है जितनी जल्दी हो सके उसे एक साइकिल खरीदने के लिए। जल्दी ही वह पहिया के साथ में महारत हासिल, जितनी जल्दी संभव है कि क्रिएटिव होने के लिए। इन लोगों को अपनी सारी जिंदगी नए ज्ञान प्राप्त करने और पहले से ही प्राप्त कर लिया सुधार करने की कोशिश करेंगे। आपको यह सुनिश्चित करना 13 वीं चांद्र दिन में पैदा हुए अपने बच्चे, स्कूल जाने के लिए खुश है हो सकता है और अनुस्मारक बिना उनके होमवर्क कर सकते हैं।
निकोले और ओल्गा - इस दिन जन्मे लोगों के लिए मुबारक के नाम।
लकी नंबर - जो लोग एक को समाप्त करने या अंकों 0 के बीच में आ गए हैं।
पौधों की हवाई भाग की तीव्रता में वृद्धि लूना में वृद्धि करने के लिए योगदान देता है। फूल, सलाद, खरबूजे, जामुन,: - 13 चांद्र दिन एक समय था जब आप fertilizing पौधों सबसे बड़ी ग्राहक मूल्य है ऐसा कर सकते हैं हिस्सा aboveground है फलों के पेड़ और झाड़ियों। आज यह जैव उर्वरकों के साथ पौधों की जड़ों को खिलाने के लिए संभव है। वे हवाई भाग के विकास पर गहन रूप से छोड़ देंगे।
ये चंद्र दिन, फलों के पेड़ और सजावटी पौधों कलम बांधने का काम पक्ष के लिए के लिए बहुत उपयुक्त है। आज यह रोपण अंकुर और बीज ऐसा करने के लिए संभव है। पौधे जल्दी से विकास करने के लिए जाना।
खैर उस दिन संयंत्र के शीर्ष पर चंद्रमा के इस चरण में के रूप में, कटाई और औषधीय पौधों की कटाई करने के लिए पोषक तत्वों की अधिकतम राशि ध्यान केंद्रित किया है।
क्योंकि इस अवधि में पौधों 13 वें दिन में सबसे तेजी से बढ़ रही हैं, वे बहुतायत से पानी पिलाया जाना चाहिए। , ज़मीन खोदना hoeing और मातम के निराई, किया जा सकता है, उपयोगी पौधों की जड़ों का भी डर नहीं के रूप में इस चरण के लिए उन्हें आराम की अवधि है।
तेरहवीं चंद्र दिन पुष्प दौर की व्यवस्था कर सकते में, स्थापित लॉग-पिट।
इस दिन एक करने के लिए बहुत उपयोगी है फलियां के पकवान और साबुत अनाज। आज, यह रोटी बेक और पेनकेक्स बनाने के लिए सिफारिश की है। दौर रोटी पाव रोटी एक चाकू से काटा नहीं, और हाथ को कुचलने बेहतर है। Bagels, बैगल और सूखी, के रूप में कुकीज़ एक अंगूठी - सभी भविष्य के लिए किया जाएगा। एक पक्षी और एक मछली - इस दिन पर, यह कंकाल युक्त खाद्य पदार्थों को खाने के लिए बेहतर नहीं है। एक व्यंग्य, ऑक्टोपस, समुद्र ककड़ी और अन्य समुद्री भोजन और अकशेरुकी बहुत उपयोगी हो जाएगा।
जादू 13 चांद्र दिन तेज या नुकीली वस्तुओं से निपटने के लिए अनुशंसित नहीं है। वे ऊर्जा के प्रवाह है, जो वस्तुओं एक गोल छेद के साथ चुस्त कर रहे हैं अद्यतन रोक सकता है। गहनता से उन्हें उस दिन का उपयोग कर, आप ब्रह्मांड के कुल ब्रह्मांडीय सद्भाव के बाहर गिर करने के लिए जोखिम।
तेरहवीं चंद्र दिन अटकल प्रथाओं में ऊर्जा की धीमी गति से प्रवाह के कारण प्रभावी नहीं हैं। जाओ उद्देश्य जानकारी सफल नहीं।
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अनामुल ने जडेजा पर अपना दूसरा छक्का जड़ा लेकिन लेग स्पिनर अमित मिश्रा की गुगली को चूककर बोल्ड हो गए. उन्होंने 43 गेंद की अपनी पारी में पांच चौके और दो छक्के मारे. महमूदुल्लाह और नासिर हुसैन ने इसके बाद छठे विकेट के लिए 6. 1 ओवर में 49 रन की साझेदारी करके टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया. महमूदुल्लाह ने जडेजा और अश्विन पर चौके जड़ने के अलावा मिश्रा पर छक्का भी मारा. बांग्लादेश ने अंतिम पांच ओवर में 48 रन जोड़े.
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मध्यप्रदेश में बीजेपी को झटका लगा है। कमलनाथ सरकार को गिराने की धमकी देने वाली बीजेपी को झटका लगा है।
मध्यप्रदेश में बीजेपी को झटका लगा है। कमलनाथ सरकार को गिराने की धमकी देने वाली बीजेपी को झटका लगा है। बीजेपी के दो विधायक कांग्रेस के साथ आ गए हैं। सदन में दंड विधि संशोधन विधेयक पर मत विभाजन में बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस के पक्ष में वोट डाला। सरकार के पक्ष में कुल 122 मत पड़े हैं।
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•साहित्यकार एवं स्वतंत्र पत्रकार,( विशेष कार्यकारी अधिकारी -SEO - महाराष्ट्र प्रशासन )
•जन्म - 07 जून, 1962. मुंबई.
•विविध विधाओं में कुल दस पुस्तकें प्रकाशित. चार पुस्तकें प्रकशनाधीन.
•बाल साहित्य, अनुवाद, और मराठी लोकसाहित्य में विशेष कार्य.
•प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां,कवितायें,समीक्षा,लेख,साक्षात्कार इत्यादि प्रकाशित.
•विविध विषयों पर 400 से अधिक फीचर लेख प्रकाशित.
•राष्ट्रीय परिचर्चाओं में प्रपत्र प्रस्तुति एवं सक्रिय सहभागिता.
•मुंबई आकाशवाणी के लिए वार्ता लेखन, लेख, कविताएं एवं कहानियों का प्रसारण.
•अभिनय एवं सामाजिक कार्य का विशेष शौक.
•सार्थक नव्या और आसरा मुक्तांगन पत्रिकाओं के कुछ अंकों का संपादन.
सांस्कृतिक केन्द्र, उदयपुर),
•शाहिरीनामा - शाहिरी- महाराष्ट्र की लोकगायन परंपरा,( प्रकाशक- मानक प्रकाशन दिल्ली)
•वैकल्य (अनूदित उपन्यास - मूल लेखक- डॉ. शि.गो.देशपांडे, प्रकाशक- उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान,लखनऊ. दूसरी आवृत्ति विद्या विकास एकेडमी द्वारा प्रकाशित.),
•बिम्ब-प्रतिबिम्ब (अनूदित उपन्यास- मूल लेखक- चन्द्रकांत खोत, प्रकाशक- भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली.)
•महक फूल - सा मुस्काता चल ( बाल कविता संग्रह- प्रकाशक- सुरेन्द्र कुमार एंड संस- दिल्ली)
•कविता की पाठशाला ( हिंदी बाल कविताओं का संपादन, प्रकाशक - रचना प्रकाशन )
•क - कवितेचा ( मराठी बाल कविताओं का संपादन. प्रकाशक - रचना प्रकाशन )
•थिरकणारे पंख (हिन्दी से मराठी में अनूदित बाल कहानियां- अनुवाद- मूल लेखक- डॉ. रमेश मिलन, प्रकाशक- केशव भिकाजी ढवले, मुंबई,
•मन के तलघर का प्रकाश (अनुवाद- काव्य संग्रह - मूल कवि- प्रकाश गणपत जाधव )
कई पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त.
•उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा राष्ट्रीय स्तर का सौहार्द सम्मान.
•महाराष्ट्र राज्य साहित्य अकादमी.
•गुणवंत कामगार पुरस्कार ( महाराष्ट्र सरकार),
•कमलेश्वर कहानी पुरस्कार- कथाबिंब,
•दया पवार स्मृति सम्मान ( एकता कलचरल अकादमी )
•संगीत नाटक अकादमी एवं संस्कृति मंत्रालय ( भारत सरकार ) द्वारा शोध अनुदान.
•महाराष्ट्र के पाठ्यक्रम- सुगम भारती (कक्षा-5) एवं सुलभ भारती (कक्षा 9) में रचनाओं का समावेश.
•कई अन्य संस्थाओं द्वारा 150 से अधिक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त.
481/161- विनायक वासुदेव, एन.एम. जोशी मार्ग, चिंचपोकली ( पश्चिम )
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राष्ट्रपति भवन में मौजूद अमृत उद्यान (पहले नाम मुगल गार्डन) खुल चुका है। अमृत उद्यान अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां के खुशबूदार रंग-बिरंगे फूलों का आकर्षण और अमृत उद्यान का शानदार नजारा न केवल देश के लोगों को आकर्षित करता है, बल्कि विदेशों से भी लोग दिल्ली में इसे देखने के लिए आते हैं। चलिए जानते हैं कैसे आप यहां बुकिंग कर सकते हैं और किस टाइमिंग पर यहां जा सकते हैं। लेकिन उससे पहले जानिए आखिर इस बार अमृत उद्यान में नया क्या है।
जहां आमतौर पर अब तक एक महीने के लिए गार्डन खुलता था, वहीं इस साल हर्बल गार्डन, बोन्साई गार्डन, सेंट्रल लॉन, लॉन्ग गार्डन और सर्कुलर गार्डन दो महीने तक जनता के लिए खुले रहेंगे। इस साल, आपको पहले से बुकिंग करनी होगी क्योंकि एक सीमित स्लॉट ही लोगों को हर दिन दिए जाएंगे। उद्यान में विशेष रूप से ट्यूलिप की 12 किस्में और गुलाब की 120 किस्में प्रदर्शित की जाएंगी। ये जलकुंभी, गेंदा, दहलिया और अन्य फूलों की पंक्तियों से एकदम अलग हैं। यहां आपको फ्लोरल कार्पेट, म्यूजिकल फाउंटेन और वर्टिकल गार्डन भी देखने को मिल जाएंगे। इस साल का मुख्य आकर्षण 200 साल पुराना शीशम का पेड़ है, यही नहीं दशकों पुराने बोन्साई के लिए एक अलग से गार्डन भी बनाया गया है। अगर आपको उस पेड़ या पौधे के बारे में और जानना है, तो वहां आप क्यूआर कोड से स्कैन करके भी जानकारी ले सकते हैं।
अमृत उद्यान घूमने की क्या टाइमिंग है - आम लोगों के लिए अमृत उद्यान सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा। लेकिन ध्यान रहे 4 बजे के बाद यहां एंट्री नहीं होती। वही, सोमवार को ये गार्डन बंद रहता है। 1 और 2 मार्च को भी गार्डन आम के लिए बंद रहेगा, यही नहीं, 8 मार्च होली के दिन भी आप गार्डन घूमने नहीं जा पाएंगे।
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चेन्नई में जल संकट को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. याचिका में कहा गया कि तमिलनाडु में जलसंकट जलस्रोतों पर अतिक्रमण की वजह से गहराया है, लिहाज़ा जलस्रोतों को अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश राज्य सरकार को दिया जाए. याचिका में ये भी कहा गया है कि राज्य भर में 2000 से ज्यादा बड़े तालाब और झील पूरी तरह सूख चुके हैं. अब वहां एक बूंद पानी भी नहीं है.
चेन्नई में जल संकट को लेकर राजनीतिक पार्टियां भी मुखर हैं. द्रमुक अध्यक्ष एम. के. स्टालिन इस मुद्दे पर चेन्नई में धरना प्रदर्शन कर चुके हैं. उन्होंने 24 जून को तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्ना द्रमुक सरकार पर आरोप लगाया कि जब शहर को जल आपूर्ति करने वाली झीलें सूख रही थीं तब मौजूदा सरकार ने जल संकट को दूर करने में सक्रियता नहीं दिखाई.
चेन्नई के जल संकट के समाधान की मांग करते हुए प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले स्टालिन ने कहा कि जब शहर में जल की आपूर्ति करने वाली झीलें सूखने लगीं तो सरकार ने कार्रवाई नहीं की. स्टालिन ने खाली बर्तनों के साथ प्रदर्शन कर रहे लोगों से कहा, पूरे तमिलनाडु में लोग एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि पानी कहा है?
स्टालिन ने कहा कि अन्ना द्रमुक सरकार ने राज्य में पेयजल की किसी भी परियोजना को पूरा नहीं किया. , पार्टी के अधिकारी मंदिरों में यज्ञ कर रहे हैं, इसलिए नहीं कि बारिश हो, बल्कि इसलिए ताकि उनकी सरकार की रक्षा हो सके. द्रमुक प्रमुख ने कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो जल परियोजना को लागू करने में हो रही देरी की अनियमितताओं की जांच का आदेश देगी.
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Kyun Karu Fikar: चाहे फिल्म हो, फैशन हो या फिटनेस, दिशा पटानी (Disha Patani) का नाम मनोरंजन की दुनिया का पर्याय बन गया है. अभिनेत्री ने अब अपने नए सिंगल क्यूं करू फिकर के लिए निर्देशक की भूमिका में कदम रखा है. निखिता गांधी द्वारा गाए गए इस म्यूजिक वीडियो में दिशा अपने सबसे बेफिक्र अवतार में हैं, जो आत्म-प्रेम और इसके बीच की सभी चीजों को अपनाती हैं.
वीडियो में दिशा का लुक बेहद ट्रेंडी है और हम उनके द्वारा पहने गए सभी आउटफिट्स को चुरा लेना चाहते हैं. अभिनेता को प्रसिद्ध पार्रा रोड और लुभावने समुद्र तटों सहित गोवा की सड़कों पर घूमते देखा जाता है. वह अपनी मिलियन-डॉलर वाली मुस्कान रखती है और हमेशा सहजता से चमकती रहती है. गाने के बोल आज के युवाओं के लिए प्रासंगिक हैं, खासकर उनके लिए जो दुनिया के सभी निर्णयों से बेफिक्र हैं और सिर्फ खुद पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं. वीडियो को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, "मैं #क्यूं करु फिकर! के कारण एक अच्छे कैप्शन के साथ आने की परवाह नहीं कर सकती."
वीडियो के दृश्य शानदार हैं, वाइब बेदाग है और दिशा ने वीडियो को निर्देशित करने और गाने के संदेश को दर्शकों तक सटीक ढंग से पहुंचाने में वास्तव में अद्भुत काम किया है. दिशा ने तब सुर्खियां बटोरीं, जब उन्हें अपने कथित पूर्व-प्रेमी टाइगर श्रॉफ के साथ देखा गया. ऐसी अफवाह थी कि पिछले साल अलग होने से पहले वे कुछ सालों तक डेटिंग कर रहे थे. हालांकि, ताजा रिपोर्ट्स की मानें तो टाइगर श्रॉफ इन दिनों दीशा धानुका को डेट कर रहे हैं. बॉम्बे टाइम्स ने बताया कि दिशा पटानी से अलग होने के बाद टाइगर ने दीशा को डेट करना शुरू किया.
काम के मोर्चे पर, दिशा पटानी दो अखिल भारतीय फिल्मों, कल्कि 2898 एडी और कंगुवा में दिखाई देंगी. इसके अलावा, वह सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ योद्धा का भी हिस्सा हैं.
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लखनऊ : उत्तरप्रदेश चुनाव से पहले बहुजन समाज पार्टी में अलगाव की बात सामने आई है। दरअसल बसपा के प्रमुख नेताओं में से एक स्वामी प्रसाद मौर्य ने बसपा छोड़ दी है। उन्होंने बसपा से किनारा कर लिया है। उनके बसपा छोड़ने पर उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने बेटे - बेटी के लिए टिकट की मांग की थी।
स्वामी प्रसाद मौर्य राजनीतिक लाभ उठाना चाहते हैं उनका बाबा साहेब डाॅ. आंबेडकर से कोइ लेना देना नहीं है। उन्होंने किया कि मौर्य ने पार्टी छोड़ी तो पार्टी पर अहसान कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे स्वार्थी और गद्दार नेता हैं। मौर्य समाज का साथ स्वामी प्रसाद मौर्य को नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का हमारी पार्टी से कोई संबंध नहीं है।
या नहीं यह भविष्य में ही तय होगा। स्वामी प्रसाद मोर्य ने कहा कि बसपा टिकटों की निलामी का बाजार बन गया है। ये गोरखधंधा चला रहे हैं। दूसरी ओर इस मामले के बाद लखनऊ में बसपा की बैठक का आयोजन हो रहा है।
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Alia Bhatt Bold Photos In Saree आलिया भट्ट फिल्म एक्ट्रेस है। अब उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी लेटेस्ट फोटोशूट की 4 फोटोज शेयर की है। इसमें उन्हें क्यूट पोज देते हुए देखा जा सकता है। वह काफी कूल लग रही है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Alia Bhatt Bold Photos In Saree: फिल्म एक्ट्रेस आलिया भट्ट ने इंस्टाग्राम पर अपनी लेटेस्ट फोटोशूट की 4 तस्वीरें शेयर की है। इसमें उन्हें साड़ी पहनकर बोल्ड अंदाज में पोज देते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने ब्रॉलेट पहन रखी है और हैवी ज्वैलरीज भी पहन रखी है। आलिया भट्ट की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर वायरल हो रही है। उन्होंने मेकअप भी कर रखा है। उन्होंने अपने बाल बांध रखे हैं। आलिया भट्ट ने तस्वीरों में कई लोगों को टैग कर क्रेडिट भी दिया है।
आलिया भट्ट की फोटोज इंस्टाग्राम पर वायरल हो गई है। इसे 10 मिनट में 1 लाख 30 हजार से ज्यादा लाइक्स मिले हैं। वहीं, फोटोज पर 13 सौ के लगभग कमेंट किए गए हैं। मृणाल ठाकुर में पॉपिंग आइज की इमोजी शेयर की है। वहीं, कई फैंस ने लिखा है, 'कितनी सोनी है ये। ' एक ने लिखा है, आलिया से मिलने का सपना सच हो जाए। सो ब्यूटीफुल। ' एक ने लिखा है, 'आलिया गॉर्जियस है। ' एक ने लिखा है, 'आलिया भट्ट किस-किस की क्रश है। एक ने लिखा है, 'आलिया भट्ट काफी खूबसूरत लग रही है। '
आलिया भट्ट फिल्म एक्ट्रेस है। उन्होंने कई फिल्मों में काम किया है। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर काफी पसंद की गई है। उन्होंने हाल ही में एक तस्वीर शेयर की थी। इसमें उन्हें रणबीर कपूर के साथ लंदन में वेकेशन मनाते हुए देखा जा सकता है। उन्होंने रणबीर कपूर से शादी कर ली है। उनसे उन्हें एक बेटी भी है। दोनों की जोड़ी फैंस को भी काफी पसंद आती है। दोनों अक्सर एक-दूसरे के साथ देखें जाते है।
हाल ही में आलिया भट्ट फिल्म ब्रह्मास्त्र में भी उनके साथ नजर आई थी। यह फिल्म तीन भागों में बन रही है। इसके चलते इसके दो और भाग अभी रिलीज होने वाले हैं। आलिया भट्ट की सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा फैन फॉलोइंग है। उनके इंस्टाग्राम पर 7 करोड़ 65 लाख फॉलोअर्स है। वह अक्सर अपने फैंस से बातचीत भी करती हैं। इसे लेकर उनके काफी उत्साहित रहते हैं। वह अपने फैंस से बातचीत भी करती है।
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नोकिया ने भारत में अपना फीचर फोन नोकिया 3310 मंगलवार 16 मई को लॉन्च कर दिया है. एचएमडी ग्लोबल ने इस फोन सबसे पहले मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस 2017 में पेश किया था.
लंबे इंतजार के के बाद अब फोन फाइनली भारत में आ चुका है. यह 18 मई से बिक्री के लिए उपलब्ध होगा. इस फोन की खास बात यह है कि इसकी कीमत भी कंपनी ने 3310 रुपए ही रखी गई है.
नोकिया 3310 फीचर फोन कई नए फीचर्स के साथ आता है. वहीं फोन में कई पुराने फीचर्स भी दिए गए हैं, जो कि क्लासिक नोकिया 3310 की याद दिलाते हैं. नोकिया 3310 फोन 4 कलर वेरिएंट में पेश होंगे- वार्म रेड और येलो कलर ग्लॉस फिनिश के साथ जबकि डार्क ब्लू और ग्रे कलर मैट फिनिश के साथ उपलब्ध होंगे.
एचएमडी ग्लोबल के भारत के वाइस प्रेसिडेंट, अजय मेहता ने बताया कि, "एक बार चार्ज करने पर पूरा दिन बातें करें, टेस्ट्स सेंड करें, फोटो खींचे, अपनी जेब में में आसानी से फिट हो जाने वाले फोन में FM रेडियो और MP3 का आनंद लें. एचएमडी ग्लोबल ने जानकारी देते हुए बताया है कि फोन ऑफलाइन रिटेलर्स के जरिए उपलब्ध होगा.
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इटैलियन कपल ने 3 लाख के अंदर निपटाई किफायती शादी !
28 साल की एना और 29 साल के डियोगो की शादी सुर्खियों में छाई.
शादी पूरी तरह से पर्यावरण को ध्यान में रखकर आयोजित की गई.
'जीरो वेस्ट' शादी का आइडिया खुद दूल्हा-दुल्हन का ही था.
एना और डियोगो पर्यावरण संरक्षण के लिए काम के दौरान ही मिले थे.
पुर्तगाल में साल 2019 में हुई मुलाकात के बाद उन्होंने डेटिंग शुरू कर दी.
लॉकडाउन के दौरान इटली आने के बाद जोड़े ने शादी का फैसला लिया.
एक गार्डेन में कपल ने शादी रचाई, जिसमें कुल 2 लाख 88 हज़ार का खर्च आया.
शादी में खाना भी वेजिटेरियन था और प्लास्टिक या कागज का इस्तेमाल नहीं हुआ.
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भाजपा ने पायलट से पूछा- भ्रष्टाचार के मुद्दों का क्या हुआ?
इस मसले पर खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने कहा कि जब पार्टी आलाकमान मामले को अपने हाथ में लेता है तो सभी तरह के मतभेद खत्म हो जाते हैं। View More भाजपा ने पायलट से पूछा- भ्रष्टाचार के मुद्दों का क्या हुआ?
PM मोदी का मिशन मरुधरा, देव-दर्शन कर बजाएंगे चुनावी बिगुल, 29 सीटों पर सीधा असर!
पीएम मोदी 31 मई को केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने पर अजमेर के कायड़ विश्रामस्थली में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. वहीं इससे पहले वह तीर्थ नगरी पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करेंगे. View More PM मोदी का मिशन मरुधरा, देव-दर्शन कर बजाएंगे चुनावी बिगुल, 29 सीटों पर सीधा असर!
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यूजी में प्रवेश को लेकर विद्यार्थियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने लगी है। चौथे दिन सर्वर सही चलने से ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया। हालांकि आवेदन में उन छात्रों को ज्यादा दिक्कत आ रही है जो पिछले साल प्रवेश ले चुके है। सेंटर संचालक सुखविंदर ने बताया कि जिन विद्यार्थियों का पिछले साल कॉलेज में प्रथम वर्ष में दाखिला हो चुका है वह विद्यार्थी भी दोबारा से आवेदन कर रहे हैं।
दरअसल जिन विद्यार्थियों को पिछले साल मनपसंद कॉलेज या कोर्स नहीं मिला था। अब वह दोबारा से आवेदन कर रहे है। ताकि इस बार मनपसंद कॉलेज अलॉट हो सके। लेकिन, इसमें समस्या यह आ रही है कि उनका रजिस्ट्रेशन पहले से ही दिखा रहा है। इसलिए इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन से लेकर विद्यार्थी असमंजस में हैं।
दाखिले के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया सोमवार से शुरू हो चुकी है। हालांकि पहले दो दिन पोर्टल ठीक से न चलने के कारण विद्यार्थियों को परेशानी हुई। वहीं तीसरे दिन भी सर्वर डाउन होने से ज्यादा आवेदन नहीं हुए थे, लेकिन गुरूवार को पोर्टल के चलने से कॉलेजों व साइबर कैफे में छात्रों की भीड़ दिखी। गुरूवार को डीएचई की तरफ से भी किस कॉलेज के लिए कितने आवेदन आए हैं, इसकी सूची जारी कर दी गई। जिले के कई कॉलेजो में सीटों से ज्यादा आवेदन हो चुके है। सबसे ज्यादा पं. नेकीराम शर्मा राजकीय कॉलेज में 5894 हुए है वहीं दूसरे नंबर पर जाट कॉलेज के लिए 2542 आवेदन हुए है।
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Sharad Pawar: शरद पवार ने अजित पवार को फिर नीचा दिखाया, क्या अब NCP में फैसले का वक्त आया?
NCP Pawar Politics: पीएम नरेंद्र मोदी का कहना सही है कि देश की सारी पार्टियां अपने बेटे-बेटियों के भविष्य को संभालने में लगी हैं. शरद पवार की पार्टी NCP में एक बात तो तय है कि अजित पवार के साथ बार-बार पक्षपात किया जा रहा है. लेकिन दूसरी बात तय नहीं है कि इसके पीछे मंशा क्या है? अजित दादा से विद्रोह का ब्लंडर करवाना है या सुप्रिया दीदी के आगे सरेंडर करवाना है?
Sharad Pawar vs Ajit Pawar: पवार पॉलिटिक्स फिक्स हो चुकी है. सुप्रिया सुले को एनसीपी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा चुका है. साथ ही अजित पवार के पाले में धीरे-धीरे जाते दिख रहे प्रफुल्ल पटेल को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर उन्हें भतीजे से दूर करवा दिया गया है. सुनील तटकरे भी अजित पवार की इस सोच के हामी थे कि बीजेपी के साथ निकटता बढ़ाई जानी चाहिए. उन्हें भी राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाकर अजित पवार से दूर कर दिया गया है. साथ ही शरद पवार के करीबी जितेंद्र आव्हाड को ऊंचा पद और कद दे दिया गया है. अजित पवार फिलहाल कमजोर-लाचार हैं.
लेकिन अजित पवार जोश में होश गंवाने वाले नेता नहीं हैं, उन्हें अपनी बारी का इंतजार है. तब तक वे एनसीपी में अपनी पकड़ मजबूत करने की इच्छा रखते हैं. वे मुंबई में एनसीपी की मीटिंग में यह कह चुके हैं कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष बने रहने में कोई दिलचस्पी नहीं है. वे तो संगठन में काम करना चाहते हैं. उन्होंने जयंत पाटील के पांच साल से ज्यादा प्रदेश अध्यक्ष बने रहने पर भी सवाल उठाया. एनसीपी पार्टी के नियम और शर्तों के मुताबिक तीन साल से ज्यादा कोई प्रदेश अध्यक्ष पद पर नहीं रह सकता.
ऐसे में बुधवार को दिल्ली में एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई. सुप्रिया सुले के कार्यकारी अध्यक्ष बनने के बाद यह पहली मीटिंग थी. कहने को तो आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए यह मीटिंग रखी गई थी, लेकिन अजित पवार के लिए संकेत साफ था. दीदी का दम चलने दें. रिएलिटी को एक्सेप्ट कर लें. सब सह कर एनसीपी में खुशी से रह जाएं. तेवर दिखाना है तो कहीं और जाएं. इस संकेत का आधार यह है कि अजित पवार न मंच पर थे और न ही पोस्टरों और बैनरों पर दिखे. सुप्रिया सुले मस्त तैयार-वैयार होकर जोश-होश में दिखीं. पटना में विपक्षी पार्टियों की मीटिंग में भी वे ही दिखीं. अजित पवार कहीं नहीं दिख रहे. चिंगारी कोई न भड़के, इस वजह से मीडिया रिपोर्टों में सूत्रों के हवाले से खबर आ गई कि एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अजित पवार के नाम पर विचार हुआ है.
नए पदाधिकारियों के चुनाव प्रक्रिया में दादा भाग नहीं ले रहे, या शरद पवार भाग लेने नहीं दे रहे?
एनसीपी में तहसील और जिला स्तर पर नए पदाधिकारियों को चुना जा रहा है. आखिर में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होना है. लेकिन जानकारी सामने आ रही है कि अजित दादा एनसीपी की इन गतिविधियों में भाग नहीं ले रहे हैं. अगर उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनना है तो पदाधिकारियों के चुनाव में भाग लेना चाहिए. शरद पवार तो ये कह चुके हैं कि प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव पार्टी पदाधिकारी करेंगे, वे अपनी राय नहीं थोपेंगे. तो फिर अजित पवार इन गतिविधियों में भाग नहीं ले रहे हैं या उन्हें भाग लेने ही नहीं दिया जा रहा है? शरद पवार की पार्टी में महाराष्ट्र में अब सब सुप्रिया बिटिया ही तय करना शुरू कर चुकी हैं क्या? क्यों नहीं करें? महाराष्ट्र में ज्यादा पकड़ रखने वाले अजित पवार को नजरअंदाज करके शरद पवार उन्हें राज्य का कारभार सौंप ही चुके हैं. पीएम मोदी तो पहले ही कह चुके हैं कि, देश की सभी पार्टियों को अपने-अपने बेटे-बेटियों की फिक्र है.
प्रफुल्ल पटेल इन सभी बातों को मीडिया की गढ़ी हुई बातें बताते हैं. उनके मुताबिक दिल्ली की बैठक राष्ट्रीय कार्याकारिणी के पदाधिकारियों की थी. अजित पवार राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं, पदाधिकारी नहीं. इसलिए वे कहीं दिखे नहीं. पर एनसीपी के पास इस बात का जवाब नहीं है कि महाराष्ट्र में अजित पवार की पकड़ ज्यादा मजबूत होते हुए भी सुप्रिया सुले के हाथ राज्य की कमान देना पक्षपात नहीं तो क्या है? एनसीपी में ही अजित पवार के दुश्मन खड़े किए जा रहे हैं. जयंत पाटील प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाते हैं और अजित पवार प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो विलेन कौन होगा? छगन भुजबल ने भी प्रदेश अध्यक्ष पद पर अपनी दावेदारी जाहिर कर दी है.
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भुजबल का कहना है कि एनसीपी को सिर्फ मराठों की पार्टी समझा जाता है, इसीलिए सिर्फ 40-50 विधायक ही चुने जाते हैं. बीजेपी, कांग्रेस, ठाकरे गुट से लेकर सारी पार्टियों के प्रदेशाध्यक्ष ओबीसी वर्ग से हैं. एनसीपी भी अगर ओबीसी नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाए तो आगे जाएगी. अब अगर भुजबल प्रदेशाध्यक्ष बनते हैं तो अजित पवार और अलग-थलग पड़ते हैं. अगर अजित पवार प्रदेश अध्यक्ष बनते हैं तो उनसे भुजबल दूर छिटकते हैं. यानी पद पाकर भी दादा के दुश्मन बढ़ते जाएंगे. वे अकेले पड़ते जाएंगे.
पवार पॉलिटिक्स के इस गिमिक्स को समझिए. शरद पवार ने इस्तीफा दिया. अजित पवार को पता था. इस्तीफा वापस लिया, कार्यकर्ताओं की इच्छा थी. सुप्रिया सुले कार्यकारी अध्यक्ष बनीं. शरद पवार ने कहा पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की इच्छा थी. अब नया प्रदेशाध्यक्ष वही चुना जाएगा जो कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों की इच्छा होगी. लेकिन कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक के बाद अशोक चव्हाण महाविकास आघाड़ी में सीट शेयरिंग का फार्मूला तय करने के वास्ते बातचीत करने अजित पवार के पास पहुंचे.
इसके बाद अशोक चव्हाण ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, जो सांसद पिछली बार जीत कर आए हैं, उनके टिकट पर तो कोई विचार नहीं होगा, विचार उन सीटों पर होगा जहां से लोग दूसरी पार्टी में गए हैं. यानी सीधा-सीधा ठाकरे गुट का दावा जिन सीटों पर होगा, उस पर नया फार्मूला तय करना है, कांग्रेस-एनसीपी के दावों को नहीं छेड़ना है. जाहिर सी बात है ठाकरे गुट इस पर नाराजगी जताएगा तो शरद पवार मासूमियत से जवाब दे देंगे कि उनका और सुप्रिया सुले का कोई हाथ नहीं है, सब अजित पवार तय कर रहे हैं.
शरद पवार पहले भी ऐसा कर चुके हैं. देवेंद्र फडणवीस ने कल ही एक न्यूज चैनल को दिए अपने इंटरव्यू में वही बात दोहराई जो वे पहले TV9 को दिए अपने इंटरव्यू में कह चुके. उन्होंने यही कहा कि 2019 में शरद पवार बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाना चाहते थे. बाद में मुकर गए. बदनाम कौन हुआ? फडणवीस के साथ शपथ लेने वाले अजित पवार. इस बार भी एनसीपी के कामों को अंजाम देने में अजित पवार की फिक्र नहीं हो रही है. लेकिन महाविकास आघाड़ी के पेंच वाले कामों में उन्हें शामिल किया जा रहा है. अब आगे जहां-जहां हाथ जलेंंगे वहां अजित पवार का जिक्र होगा. दो महीने में एनसीपी के नए प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने की बात चल रही है. कौन चुना जाता है, इससे बहुत कुछ हवा का रुख समझ आ जाएगा. तब तक देखिए एनसीपी में आगे-आगे क्या होता जाता है.
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"All insults or intimidations to a person will not be an offence under the Act unless such insult or intimidation is on account of victim belonging to Scheduled Caste or Scheduled Tribe...Thus, an offence under the Act would be made out when a member of the vulnerable section of the society is subjected to indignities, humiliations and harassment,"
( Excerpts of the three becnh view)
आला अदालत की त्रिसदस्यीय पीठ - जिसमें न्यायमूर्ति हेमन्त गुप्ता, न्यायमूर्ति ए नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति अजय रोहतगी शामिल थे - ने पिछले दिनों उत्तराखंड उच्च अदालत के एक फैसले को उलटते हुए जो निर्णय सुनाया, उसकी अनुगूंज लम्बे समय तक बनी रहेगी। मालूम हो आला अदालत अनुसूचित तबके के व्यक्ति को निजी दायरे में कथित तौर पर झेलनी पड़ी गाली गलौज, अवमानना आदि पर गौर कर रही थी।
जिला पिथौरागढ़ ग्राम नयी बजेटी, तहसील पटटी चंडक में रहनेवाली अनुसूचित जाति से सम्बद्ध याचिकाकर्ता ने गांव के ही अन्य लोगों के खिलाफ यह प्रथम सूचना रिपोर्ट दायर की थी, जिनके साथ जमीन के एक टुकड़े को लेकर उसका विवाद चल रहा था। याचिकाकर्ता के मुताबिक वह लोग न केवल उनके पति और परिवार के अन्य सदस्यों से गालीगलौज करते थे बल्कि 'जान से मारने की' धमकियां देते थे। 10 दिसम्बर 2019 को कथित तौर पर इन अभियुक्तों ने याचिकाकर्ता के घर में गैरकानूनी ढंग से प्रवेश किया और फिर 'मारने की धमकी' दी तथा जातिसूचक गालियां दीं थीं। घटना के दूसरे ही दिन भारतीय दंड संहिता की धाराओं 452, 504, 506 और अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम 1982 की धारा 3/1/एक्स के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। मामले को संज्ञान में लेते हुए उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने भी अभियुक्तों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे।
उच्च न्यायालय के फैसले पर गौर करते हुए आला अदालत ने बताया कि जिस धारा के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है /अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम 1982 की धारा 3/1/एक्स के तहत / वह धारा ही 3/1/आर से प्रतिस्थापित हो गयी है जिसके मुताबिक उत्पीड़ित तबके के किसी व्यक्ति को किसी 'सार्वजनिक निगाहों में' /पब्लिक व्यू में अपमानित करने की बात समाविष्ट की गयी है। स्वर्ण सिंह और अन्य बनाम राज्य / (2008) 8 SCC 435 /के मामले का उल्लेख करते हुए अदालत ने स्पष्ट किया कि आखिर 'सार्वजनिक निगाहों में" किसे कहा जाए। 'स्वर्ण सिंह' मामले में उच्चतम अदालत के फैसले को देखते हुए इस त्रिसदस्यीय पीठ ने कहा कि चूंकि घटना घर की चहारदीवारी के अंदर हुई है इसलिए उसे सार्वजनिक निगाहों में नहीं कहा जा सकता। न्यायमूर्ति राव, गुप्ता, रोहतगी की इस पीठ ने इसी आधार पर उत्तराखंड उच्च अदालत द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम 1982 की धारा 3/1/ के तहत दायर मुकदमे को खारिज करने का आदेश देती है। उच्चतम अदालत के मुताबिक भारतीय दंड विधान की अन्य धाराओं के तहत अभियुक्तों पर मुकदमा जारी रहेगा।
आप इसे चुनावों की सरगर्मी कह सकते हैं कि अनुसूचित तबकों के अधिकारों की रक्षा के लिए बने अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम 1989 /संशोधित/ की एक खास ढंग से की गयी इस व्याख्या के महत्वपूर्ण मसले पर अधिक चर्चा न हो सकी है।
प्रश्न उठता है कि आखिर इसे कैसे समझा जाना चाहिए।
गौरतलब है कि उच्चतम अदालत के इस फैसले पर पहली संगठित प्रतिक्रिया दलित अधिकारों के लिए समर्पित तीन संगठनों - नेशनल दलित मूवमेण्ट फार जस्टिस, नेशनल कैम्पेन आन दलित हयूमन राइटस और अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की मजबूती के लिए बने नेशनल कोएलिशन की तरफ से संयुक्त रूप से आयी है जिन्होंने कहा है कि प्रस्तुत फैसला "अस्प्रश्यता के खिलाफ संघर्ष की जड़ों' / @"the roots of fight against untouchability पर चोट करता है।
अपने साझा बयान में उनकी तरफ से कुछ महत्वपूर्ण मुददों को उठाया गया हैः
एक उन्होंने इस अधिनियम के उदात्त उददेश्यों के बावजूद इस अधिनियम पर अमल करने की रास्ते में आनेवाली बाधाओं को बताया है और कहा है कि इन उत्पीड़ित तबकों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ना आज भी कितना दुरूह है। बयान में इस बात का उल्लेख भी है कि अपने साथ हो रहे अन्याय अत्याचारों की शिकायत करने में भी किस तरह इन तबकों का बहुलांश आज भी हिचकता है क्योंकि उसे प्रतिमुकदमों का, प्रतिहिंसा का डर हमेशा रहता है। फिर इस प्रसंगविशेष पर अपने आप को फोकस करते हुए बयान बताता है किस तरह ग्राम बजेटी, जिला पिथौरागढ़ के इस मामले में पुलिस द्वारा अपनी जांच में भी कुछ लापरवाहियां बरती गयीं। उनके मुताबिक जांच के प्रारंभ से ही पुलिस अधिकारियों ने एससीएसटी एक्ट /1989/ से जुड़ी कुछ विशेष धाराओं को शामिल नहीं किया था जैसे धारा 3/1/यू/ और धारा 3/2/वीए आदि जबकि इन धाराओं को इसमें लगाना जरूरी था। इतना ही नहीं इसी अधिनियम की धारा 8 अपराध के अनुमान की बात करती है, जिसकी उपधारा /सी/ के मुताबिक "जब अभियुक्त को पीड़ित या उसके परिवार की निजी जानकारी होती है, तब अदालत यह अनुमान लगाती है कि अभियुक्त को उसकी जातीय या आदिवासी पहचान का अनुमान होगा ही"। बयान के मुताबिक विडम्बना ही है कि उच्चतम अदालत ने इस केस के इन कानूनी पक्षों पर गौर नहीं किया और ऐसा फैसला सुनाया जो "सामाजिक न्याय के सिद्धांत के खिलाफ" पड़ता है।
प्रस्तुत फैसले के खिलाफ अपनी राय का इजहार करने के बाद इनकी तरफ से सर्वोच्च न्यायालय से अपील की गयी है कि वह इस पूरे मामले को संविधान पीठ को सौंपे। सरकार से भी यह गुजारिश की गयी है कि वह इस फैसले के बारे में एक पुनर्विचार याचिका दाखिल करे।
गौरतलब है कि फैसला सुनाने के दौरान उच्चतम अदालत ने अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम 1989 /संशोधित/ किस तरह अनुसूचित तबकों के नागरिक अधिकारों की बहाली के लिए समर्पित है, उसके बारे में विशेष तौर पर रेखांकित किया था। ध्यान रहे संविधान की धारा 21 - जो जिन्दगी और व्यक्तिगत गरिमा के अधिकार को सुनिश्चित करने की बात करती है, उसे अगर हम ठीक से देखें तो निश्चित ही किसी उत्पीड़ित व्यक्ति को अपमान, प्रताडना का शिकार बनाना, वह किसी भी सूरत में उसके इन अधिकारों का उल्लंघन समझा जाना चाहिए, फिर भले उसे इन शाब्दिक अपमानों का शिकार कहीं भी किया जाए या होना पड़े।
तय बात है कि त्रिसदस्यीय पीठ का फैसला अगर एक नज़ीर बन जाता है तो ऐसे कई मामले - जिसमें अनुसूचित तबके से आने वाले सदस्य शाब्दिक अपमान, तिरस्कार का शिकार हुए - कभी नहीं सुर्खियों में आ सकेंगे, ऐसे मामलों में कार्रवाई की मांग करना तो असंभव हो जाएगा, क्योंकि ऐसे तमाम प्रसंग बिल्कुल निजी दायरों में ही संपन्न हुए होंगे, सार्वजनिक निगाहों से बिल्कुल दूर घटित हुए होंगे।
पायल तडवी की आत्महत्या के प्रसंग को ही देखें जो आदिवासी मुस्लिम तबके से सम्बधित थी तथा जो मुंबई के टी एन टोपीवाला नेशनल मेडिकल कालेज में एम डी की दूसरे वर्ष की छात्रा थी, जिसे कथित तौर पर उसके तीन सीनियर छात्राओं ने ही जातीय प्रताड़ना का शिकार बनाया था। उसे किन किन स्तरों पर अपमानित किया गया, फिर चाहे अपमानित करनेवाली टिप्पणियां हों या आपरेशन थिएटर में आपरेशन करने का मौका न देना हो, इस पर बहुत लिखा जा चुका है। उसकी इस प्रताडना में उसकी तीन रूम पार्टनर ही कथित तौर पर संलिप्त थीं।
आप कल्पना करें कि भविष्य में कोई उत्पीड़ित तबके का कोई व्यक्ति ऐसी प्रताड़ना को लेकर जो बिल्कुल रूम की चहारदीवारी में ही हो रही हो, प्रशासन से शिकायत भी करना चाहें तो क्या वह अब शिकायत भी कर सकता है क्योंकि उसके लिए मुमकिन नहीं होगा यह प्रमाणित करना कि उसके साथ भेदभाव निजी दायरों में नहीं हो रहा है, बल्कि सार्वजनिक निगाहों में हो रहा है।
शुद्धता और प्रदूषण का वह तर्क - जो जाति और उससे जुड़े बहिष्करण का आधार है - आई आई टी जैसे संस्थानों में भी बहुविध तरीकों से प्रतिबिम्बित होता है।
कहने का तात्पर्य यह है कि दलित आदिवासी अपमान में ऐसे प्रसंगों की भरमार रहती है जिसमें कथित वर्चस्वशाली जाति का व्यक्ति इशारों से या शब्दों पर खास जोर देने से या विशेष शब्दों के उच्चारण से ही आप को आप की हैसियत बता देता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा कुछ साल पहले पेश की गयी 'रिपोर्ट आन प्रिवेन्शन आफ एट्रासिटीज अगेन्स्ट एससीज्' ( अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचारों के निवारण की रिपोर्ट) इन बातों का विवरण पेश करती है कि किस तरह नागरिक समाज खुद जाति आधारित व्यवस्था से लाभान्वित होता है और किस तरह वह अस्तित्वमान गैरबराबरीपूर्ण सामाजिक रिश्तों को जारी रखने और समाज के वास्तविक जनतांत्रिकीकरण को बाधित करने के लिये प्रयासरत रहता है।
भारत के हर इन्साफपसन्द व्यक्ति के सामने यह सवाल आज भी जिन्दा खड़ा है।
(सुभाष गाताडे स्वतंत्र लेखक-पत्रकार हैं)
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हरिद्वार में 28 नवंबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कनखल स्थित जगद्गुरु आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी प्रकाशानन्द जी की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिन्दू धर्म, संस्कृति और समाज का संरक्षण होना चाहिए। तीनों का एक-दूसरे से बहुत गहरा संबंध है। धर्म के संरक्षण से संस्कृति मजबूत होती है और जब संस्कृति सुरक्षित रहती है तो समाज भी अक्षुण्ण बना रहता है।
परमार्थ आश्रम के परमाध्यक्ष व पूर्व गृहराज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानन्द ने कहा कि आज हिन्दू समाज अपने अन्दर के बिखराव से पीडि़त है। आज कुछ राष्ट्र-विरोधी तत्व गड़बड़ी कर रहे हैं तो उसका भी कारण हमारे समाज के अन्दर का बिखराव ही है।
'संस्कृत का कार्य दैवीय कार्य है और प्रत्येक भाग्यशाली भारतीय इसका सम्मान ही करता है। 1947 से लेकर अब तक संस्कृत की अवहेलना ही हुई है। इस समृद्ध भाषा का दुर्भाग्य यह है कि कालिदास जैसे वैश्विक विद्वान का व्यक्तित्व एवं कृतित्व जनसाधारण तक नहीं पहंुच पाया है। जिस शून्य की कल्पना वेदों में है वह कुछ संस्कृतज्ञों ने इस भाषा में उपस्थित कर दिया है। जबकि वेद, पुराण, उपनिषद् समेत सारे संस्कृत वाङ्मय का सार्वकालिक महत्व है। '
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गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का पटना में हुआ निधन....
देहरादून : यदि मनमाना किराया मांगे ऑटो वाले तो परेशान न हों तुरंत डायल करें 112.... .
UK : उच्च हिमालयी क्षेत्र में बर्फबारी का दौर जारी....
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अतिरिक्त उपायुक्त मनेश यादव ने प्रशासन के माध्यम से नाहन में चलाई जा रही राइजिंग सिरमौर क्लासिस हेतु गठित समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए बताया कि राइजिंग सिरमौर क्लासिस के तहत राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग के लिए प्रसिद्ध 'बायजूज कोचिंग इंस्टीच्यूट' द्वारा निःशुल्क उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने बताया कि इसके अंतर्गत अब विद्यार्थियों को पुस्तकालय की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसमें उनसे मात्र 300 रुपए सिक्यारिटी के रूप में लिए जाएंगे तथा तीन पुस्तकें एक माह के लिए पढऩे के लिए प्रदान की जाएंगी।
उन्होंने बताया कि इन क्लासिस के विद्यार्थियों की सुरक्षा तथा निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जा रहे हैं। अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि सिरमौर जिला में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों को निःशुल्क कोचिंग की सुविधा देने के उद्देश्य से जिला प्रशासन और 'बायजूज' के बीच एग्रीमेंट किया है। इस बैठक में गठित समिति के पदाधिकारियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
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वाशिंगटन,(एजेंसी/वार्ता): अमेरिका के विदेश विभाग ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सोशल फोरम की अध्यक्षता के लिए एक ईरानी प्रतिनिधि को नियुक्त किये जाने को निराशाजनक बताया है।
श्री पटेल ने यह भी याद दिलाया कि अमेरिका ने अतीत में इस सोशल फोरम में भाग नहीं लिया था 2015 में इसके निर्माण के समय यह कहते हुये विरोध जताया था की इसकी उपयोगिता सीमित होगी और लागतों में अतिरिक्त इजाफा होगा।
मानवाधिकार परिषद के अध्यक्ष वक्लाव बालेक ने इस सप्ताह की शुरुआत में 2-3 नवंबर को आयोजित होने वाले 2023 सोशल फोरम की अध्यक्षता करने के लिए जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में ईरान के राजदूत अली बहरीन को नियुक्त करने के अपने फैसले की घोषणा की है।
-(एजेंसी/वार्ता)
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यह बात मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास जी ने कही। वे बुधवार को भोपाल के न्यू रवींद्र भवन में बोल रहे थे। मौका था दैनिक भास्कर समूह के चेयरमैन स्वर्गीय रमेशचंद्र अग्रवाल के 78वें जन्मदिन का। उनके जन्मदिन को प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया। गौर ने लोगों ने कई प्रैक्टिकल उदाहरणों के जरिए सरल तरीके से लाइफ स्किल्स सिखाई।
उन्होंने कहा कि देश और दुनिया में घूम कर आ चुका हूं, लेकिन मध्यप्रदेश के लोगों की सिंपलिसिटी बहुत पसंद आई। एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि 'एक बार एक बच्चा गुब्बारा खरीदने गया। उसने गुब्बारे वाले से कहा कि क्या भैया सभी गुब्बारे उड़ेंगे? चाहे वह किसी भी रंग के हों ? गुब्बारे वाले ने कहा- हां गुब्बारा काला हो, लाल हो या हरा। सभी उड़ते हैं। उनका रंग से क्या लेना देना।
ठीक इसी तरह जिंदगी भी है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि इंसान का ऊपरी पहनावा, वेशभूषा या रंग क्या है? फर्क इससे पड़ता है कि उसके अंदर क्या है? जैसे- गुब्बारे के अंदर भरी हवा उसके ऊपर उड़ने का कारण बनती है। उसी तरह हर इंसान भी चरित्र और विश्वास से सक्सेस हासिल करता है।
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तानी वह होता है, जो शैंपू की बोतल में पानी डालकर, टूथपेस्ट के ट्यूब को आखिरी दम तक दबाकर और टीशर्ट फटने से लेकर पोछा बन जाने तक इस्तेमाल करे। जिस तरह एयरोप्लेन की टेकऑफ और लैंडिंग हमारे हाथ में नहीं है। उसी तरह, पैदा होना और मरना हमारे हाथ में नहीं है। हमारे हाथ में है, सिर्फ जीवन की चुनौतियों का डटकर सामना करना।
गौर गोपाल दास ने उदाहरण देते हुए कहा कि एक पिता का बेटा एग्जाम में फेल हो जाता है। पिता उस बच्चे को डांटता है कि तू कैसे फेल हो गया। देख- पड़ोस वाली लड़की को, वह कितने अच्छे नंबरों से पास हुई है। तू हर बार फेल हो जाता है, ऐसा क्यों? बेटा बोला- पापा आपने ही तो कहा था देख उसे! उसे देख-देख कर ही फेल हो गया हूं।
उन्होंने कहा- दुनिया में कोई ऐसा नहीं हुआ, पहले दिन भर्ती और दूसरे दिन चक्रवर्ती। अगर आप स्वयं में बदलाव चाहते हैं, तो वह धीरे-धीरे होगा। गालियां देनी है, तो संस्कृत में दे सकते हैं। जैसे- किसी को गधा कहना है, तो उसे कहें वैशाख नंदन। सामने वाले को लगेगा कि आप उसे कोई उपाधि दे रहे हैं।
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वह 2011-12 सीजन में सिडनी सिक्सर्स की उस टीम का हिस्सा थे, जिसने पहली बार बीबीएल ट्रॉफी जीती थी। उन्होंने सिक्सर्स के लिए 10 मैचों में 20 विकेट लिए हैं।
स्टार्क ने कहा, " पांच सीजन के बाद फिर से वापसी करना शानदार है। मैंने बीबीएल के पहले सीजन से ही सिक्सर्स के साथ अपनी यात्रा शुरू की थी और यह सफर चलता रहा। मेरी पत्नी एलिसी हीली भी सिक्सर्स की टीम का हिस्सा बनीं। "
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नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में शुक्रवार को कहा कि सरकार कर चोरी रोकने के लिए हर संभव कदम उठाएगी और जिनके भी नाम पनामा पेपर लीक में सामने आए हैं, उन सब को नोटिस भेजे जाएंगे। कुछ को भेजे भी जा चुके हैं। सदन में प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी के सांसद नाना पटोले और कीर्ति सोमैया तथा बीजू जनता दल के बी. महताब द्वारा कर चोरी के मामलों पर पूछे गए अनुपूरक सवाल के जवाब में उन्होंने ये बातें कहीं।
सिन्हा ने कहा, "एसआईटी प्रशंसनीय काम कर रही है। " उन्होंने कहा कि एसआईटी की सिफारिशों से जांच एजेंसी और सरकार को काफी मदद मिल रही है, खासकर देश से बाहर छिपाए गए काले धन को लेकर। उन्होंने कहा, "देश के अंदर के काले धन की जांच में भी एसआईटी की सिफारिशें मददगार साबित हुई हैं। जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। "
बीजू जनता दल के सदन के नेता बी. महताब यह जानना चाहते थे कि एसआईटी और दूसरी एजेंसियों की रिपोर्ट के बाद क्या सरकार कर चोरी रोकने के लिए किसी कानून में बदलाव कर रही है। कीर्ति सोमैया ने इस मामले में जब महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध नेता का नाम लिया (जो जेल में हैं) तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने उसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया।
महाजन ने सत्ताधारी दल के सदस्य से कड़े लहजे में कहा, "आप सब कुछ जानते हैं, फिर क्यों आप किसी के नाम का उल्लेख कर रहे हैं। "वित्त राज्यमंत्री ने इस बात पर सहमति जताई कि धनी लोगों द्वारा अपनी आय को कृषि आय के रूप में दिखा कर टैक्स चोरी के मामले सामने आए हैं। भाजपा सदस्य नाना पटोले ने कहा कि यह कहना सही नहीं है कि कृषि आय बढ़ रही है। अगर ऐसा है तो किसान आत्महत्या क्यों कर रहे हैं।
सिन्हा ने कहा कि राजग सरकार के सत्ता संभालने के बाद कर चुकाने वालों की संख्या बढ़कर 5. 8 करोड़ हो चुकी है। सिन्हा ने कहा, "हमें इस आंकड़े का देश की कुल आबादी के संदर्भ में विश्लेषण नहीं करना चाहिए। यह केवल 25 करोड़ परिवारों और इनमें भी मुख्यतः शहरी क्षेत्र के 7 करोड़ पात्र करदाताओं से संबद्ध है। "
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Shanti Bhushan Death: भारत के पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण (Former Law Minister Shanti Bhushan) का निधन हो गया है। पिछले कुछ दिनों से वो काफी बीमार चल रहे थे। कानूनी मुद्दों पर उनकी पकड़ काफी मजबूत थी। शांति भूषण ने ही इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) में चर्चित राजनारायण (Rajnarayan) का प्रतिनिधित्व किया था। इस केस की वजह से देश में आपातकाल लगा था।
शांति भूषण ने मोरारजी देसाई (morarji desai) सरकार में 1977 से 1979 तक भारत के कानून मंत्री के रूप में भूमिका निभाई थी। वो जुलाई 1977 से अप्रैल 1980 तक राज्य सभा के सदस्य भी रहें। 97 साल की उम्र में उन्होंने अपने दिल्ली निवास पर अंतिम सांस ली। पूर्व कानून मंत्री होने के साथ ही उन्हें संविधान विशेषज्ञ भी मना जाता था।
पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण 2018 में उस वक्त चर्चा में आ गए थे, जब उन्होंने जनहित याचिका दायर कर 'मास्टर ऑफ रोस्टर' सिस्टम में बदलाव की मांग की थी। शांति भूषण को अपनी तल्ख राजनीतिक टिप्पणियों के लिए भी जाना जाता था। उन्होंने कई मौकों पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind kejriwal) पर निशाना साधा था।
शांति भूषण ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में राजनारायण का मुकदमा लड़ा था। इसी केस के बाद 1974 में इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री के पद से हटना पड़ा था। 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट से जनसंघ के राजनारायण को हराया था। राजनारायण ने इंदिरा चुनाव पर जीतने में सरकारी तंत्र का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। इस केस में राजनारायण का प्रतिनिधित्व शांति भूषण कर रहे थें। इस केस में राजनारायण की जीत हुई थी। न्यायमूर्ति जगमोहन लाल सिन्हा (Justice Jagmohan Lal Sinha) ने इंदिरा गांधी पर अगले छह साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद देश में आपातकाल (Emergency) की घोषणा की गई थी।
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PATNA : बिहार में कुढ़नी विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। इसको लेकर सभी राजनीतिक दलों द्वारा जोरदार तैयारी की जा रही है। इस चुनाव को लेकर राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन और मुख्य विरोधी दल भाजपा के तरफ से अपने प्रत्याशी के नाम का एलान भी कर दिया है। वहीं, इस बार यह सीट महागठबंधन में जदयू के खाते में गई है। इस सीट पर जदयू के तरफ से मनोज कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया गया है। जिसके बाद अब इसको लेकर भाजपा नेता और बिहार विधान परिषद् के नेता विपक्षी दल सम्राट चौधरी ने जोरदार हमला बोला है।
भाजपा नेता ने कहा कि, बिहार में कुढ़नी सीट पर होने वाला चुनाव में अपार बहुमत से जीत्त हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम लोगों ने 2015 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन को हराया था, ठीक उसी तरह इस बार भी महागठबंधन चुनाव हारेगी। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्याशी केदार गुप्ता बेहद नेक और ईमानदार छवि के नेता हैं वो जरूर मनोज कुशवाहा को मात देंगे। वहीं, नीतीश कुमार के कुढ़नी में चुनाव प्रचार में जाने को लेकर सम्राट ने कहा कि नीतीश कुमार लव - कुश समीकरण को साधने में लगे हुए हैं , इस कारण वो वहां जाएंगे। लेकिन, इसके बाद भी कोई प्रभाव पड़ने वाला नहीं है, क्यूंकि अब नीतीश कुमार के पास कोई वोट बैंक नहीं है।
इसके आगे सम्राट चौधरी ने कहा कि, नीतीश कुमार को मोकामा उपचुनाव में आए परिणाम के बाद यह मालूम हो गया कि उनके पास मात्र 1000 लोगों का ही वोट है, इस कारण अब वो वापस से लव - कुश समीकरण के तरफ ध्यान देने में लगे हैं, इसी कारण उन्होंने कुढ़नी में कुशवाहा समाज से अपना प्रत्याशी चुना। लेकिन, इससे कोई फायदा नहीं होने वाला है क्यूंकि नीतीश कुमार के पास अब कुछ भी नहीं बचा है।
इसके आलावा उन्होंने बीते रात मुकेश सहनी और ललन सिंह द्वारा भाजपा को लेकर दिए गए बयानों पर अपनी प्रतिकिरिया देते हुए कहा कि मुकेश सहनी को यह समझना चाहिए कि हमलोग संघ के विचारधारा से जरूर सहयोगी होते हैं, लेकिन जो बयान उनका आया है उससे यह साफ होता है कि वो महागठबंधन के लोगों के लिए काम कर रहे हैं। वहीं, ललन सिंह को लेकर इन्होने कहा कि पहले वो जनता दल यूनाइटेड की ताकत तो दिखाएं फिर भाजपा को देश से हटाने की सोचें। यदि उनमें ताकत है तो गुजरात में क्यों नहीं चुनाव लड़ने जा रहे है। उनको भी वहां मालूम चल जाएगा कि भाजपा क्या है।
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कुरुक्षेत्र के मैदान की दोनों छावनियों के बीच एक छोटी-सी टेकरी थी । टेकरी की एक खोह में एक टिटहरी ने अपना घोंसला बनाया था, और बच्चों के साथ वह उसमें रहती थी ।
युद्ध की तैयारियां देख कर टिटहरी बहुत ही घबरा गई - "ऐसे महाभारत युद्ध में जो सनसनाते हुए तीर छूटेंगे, उनसे बिचकर मैं मर भी जाऊ तो मुझे दुःख न होगा; किन्तु मेरे इन बच्चों का क्या हो ?" बच्चों की सारसंभाल के विचार से टिटहरी का मातृ-हृदय विकल हो उठा- "किन्तु, मै क्या करूं ? इतने सारे छोटे-छोटे बच्चों को कहीं ले भी तो नहीं जा सकती । हे भगवन्, ये सांड यहां लड़ेंगे और इनसे हमें कौन बचायेगा ? हम कैसे वचेंगे ? इन अनगिनत हाथियों और घोड़ों का खुन जहां बहेगा, वहां मेरे इन बच्चों की चिन्ता करनेवाला भला कौन हो सकता है ?"
पर टिटहरी तो बच्चों की मां ठहरी ! चाहे आशा छोड़ दे; किन्तु ऋन्दन कैसे छोड़े ? टिटहरी बराबर रोती और बिलखती रही ।
क्या टिटहरी के इस विलाप को सुननेवाले कोई कान वहां नहीं थे ? मारो-काटो के उस वातावरण में इस छोटे से प्राणी के चन्दन के लिए कोई अवकाश न था ?
टिटहरी का वह कन्दन, उसका वह विलाप, श्रीकृष्ण के कानो तक पहुंचा। समूचा ग्रह्मांड भी इस धर्म-युद्ध में नष्ट हो जाय, तो जिसका रोआं न फड़के, जिसे रंच मात्र विपाद न हो, उन्हीं श्रीकृष्ण का हृदय इस टिटहरी के आर्तनाद से द्रवित हो उठा। माता के अन्तस्तल की गहरी चीत्कार ने उनको कंपा दिया ।
श्रीकृष्ण टिटहरी के घोंसले के पास गये और टिटहरी पर व उसके बच्चों पर एक बहुत बड़ा-सा टोकना ढांक आये ।
अठारह दिन तक महाभारत की लड़ाई चलती रही। भारतवर्ष के
'मृदूनि कसुमादपि'
असंख्य योद्धा उस युद्ध में स्वर्ग सिधारे। हाथियों और घोटों को तो गिनती हो क्या थी ? सारे कोरव रणाय्या पर सोये थे, भीम और होग-जैसे भी काल के मुंह में समा गये थे। किन्तु टिटहरी का और उसके बच्चों या तो बाल भी बांका न हुआ था ।
ऐसे-ऐसे महाभारत युद्धों की रचना करनेवाले श्रीकृष्ण के हृदय में टिटहरी-जैसों के लिए स्थान था, इसमें उनकी प्रभूता है ।
गृहस्थाश्रम बड़ा या संन्यासाश्रम
एक था राजा ।
राजा के नगर में बहुतेरी धर्मशालायें थीं, बहुतेरे अन्न क्षेत्र, और वहुतेरे साधुओं के अखाड़े । देश-परदेश के साधु, संत, दण्डी, परमहंस, संन्यासी सभी नगर में आते और जाते; कोई रात वसेरा लेकर चला जाता, तो कोई चातुर्मास वहीं बिताता, कोई वेदान्त की कथा करता, तो कोई सारा दिन यहां-वहां भटककर ही बिता डालता ।
एक बार राजा के मन में विचार आया--"यह गृहस्थाश्रम ज्यादा अच्छा या संन्यास ज्यादा अच्छा ? शास्त्र में तो गृहस्थाश्रम को समचे जीवन की नींव माना है। गृहस्य के धर्मों का पालन करना तलवार की धार पर चलने के समान है। फिर भी लोग मान-सम्मान तो संन्यासियों का हो करते है । चेचारा वह ब्राह्मण सारा दिन गांव के लड़कों को पढ़ाता है और गांव में आटा मांगता है; तोन बच्चे है, और दो जने खुद है। पांच प्राणियों को पेट भर रोटी भी हिस्से नहीं आती । लेकिन दरवाजे में किसी गेरुए वस्त्रवारी ने पैर रखखा कि लोग दौड़े ही समझिये- 'हे महाराज ! मेरे घर भिक्षा पाने की कृपा कोजियेगा ।' अगर संन्याम ही अधिक अच्छा हो तो फिर राज-पाट छोड़कर मै मंन्यास हो क्यों न ले लूं ? संन्यास से हो मोक्ष मित्रता हो, तो मुझे भी यह सव छोड़कर चल पड़ना चाहिए।"
गृहस्थाश्रम बढ़ा या संन्यासाश्रम
राजा तो गहरे सोच में पढ़ गया और सोच हो सोच में उमने आशा दे डाली - "आज से हमारे नगर में जो कोई साघु-संन्यासी आवे, वह नोपा मेरे पास लाया जाय । में उसके साथ इस प्रश्न पर घर्चा करूंगा कि गृहत्याश्रम बढ़ा है या सन्यामाश्रम ? अगर कोई संन्यासी सिद्ध कर देगा कि संन्यासाश्रम बढा है, तो में राजपाट छोड़कर संन्यामी बन जाऊंगा किन्तु यदि यह निश्चय हुआ कि गृहन्याश्रम घटा है, तो उस संन्यासी के गैरए यन्त्र उतरवा पर उसे घर गृहस्थी वाला बना दूंगा ।"
राजाज्ञा के छूटने हो को देर थी। नगर के द्वार पर पहरा देनेवाले सिपाही एक-के-बाद-एक साधु-संन्यासियों को हाजिर करने लगे। राजा की राजसभा - उसका दरवार-गृहस्याश्रम और संन्यासाश्रम को चर्चा का स्थान बन गई । राजा ने अपने शास्त्रज्ञान से अच्छे संन्यासियो को मात कर दिया; बहुतेरे भग्गू सन्यासियो पत नंन्यान छुडाकर उन्हें गृहस्य बना दिया, कुछ निर्मल संन्यासी शास्त्र को इन उपेडवुन में न पढ़ने के विचार से राजा के नगर को छँक कर हो जाने लगे। परिणाम यह जाि १०-१२ महीनों के अन्दर हो नगर में मंन्यासी नाम के प्राणी पाजाना हो बन्द हो गया, अप्रक्षेत्र और धर्मशालायें हो गई और य मानो एक तरह की न्यूनता अनुभव करने का।
राजा के ये समाचार देश-परदेश में चारो तरफनो ने पहा -"राजा सन्यानियों को सता कर पाप की दूसरे किसी ने कहा- "अच्छा हो हुआ, जो
ने पकड़ा ! " एक तीसरी भाषाज डटो- "भाग राजा नायापत्त्ची में पड़ा है ?" चाँपी आवाज आ
है, और यह हाथ धोकर इनके पीछे पढ़ गया है। लियो का आना-जाना प्राय बन्द हो गया तो हुआ ही नहीं।
इसी बीच एक बार विशुद्धानन्द नामका एक संन्यासी नगर में आ पहुंचा। कोई चौबीस वर्ष की उम्र, गोरा रंग, सुन्दर मुखमुद्रा, आंख में और सारे शरीर में शुद्ध ब्रह्मचर्य का ओजस्, हाथ में दण्ड-कमण्डल और शरीर पर गेरुआ वस्त्र !
ज्योंही विशुद्धानन्द ने नगर के प्रवेश-द्वार में पैर रक्खा, त्योही सिपाही ने राजा को आज्ञा सुनाई और उन्हें राजा के पास ले गया। विशुद्धानन्द को इस सबकी कल्पना तो थी ही !
राजा दरबार में बैठा था, तभी विशुद्धानन्द को लेकर सिपाही वहा पहुंचा। संन्यासी को आता देखकर राजा खड़ा हो गया और उन्हें आदरपूर्वक आसन पर बैठाया।
"राजन् ! मुझे यहां क्यों बुलाया है ?" विशुद्धानन्द ने चर्चा छेड़ी ।
"महाराज ! मेरे सिपाही ने आपसे सारी बात कही ही होगी। मेरे मन में इस बात को लेकर संशय उत्पन्न हो गया है कि गृहस्थाश्रम बड़ा या संन्यासाश्रम बड़ा ? इस संशय के मारे मैने बहुतेरी शास्त्रीय चर्चायें करके देखों, इस संशय के वश होकर मैने अनेक त्यागियों को रागो बना दिया, इस संशय के कारण ही आज संन्यासियों ने मेरे द्वार पर आना छोड़ दिया है ! मुझे तय करना है कि गृहस्थाश्रम बड़ा है या संन्यासाश्रम; किन्तु यह निरे वाणि-विनोद के रूप में नहीं। यदि यह सिद्ध हो जाय कि संन्यास बड़ा है, तो राजपाट छोड़कर मुझे संन्यास लेना है, और अगर यह सिद्ध हो कि गृहस्थाश्रम बड़ा है, तो आपको इन गेरुए वस्त्रों का त्याग करके गृही बनना हूं - घर बसाना है। इसीलिए आपको यहां हाजिर किया गया है।"
"राजन् ! तुम्हारा प्रश्न बहुत गम्भीर है ।" विशुद्धानन्द ने गम्भीर स्वर मे कहा। "इस प्रश्न का उत्तर में तुम्हें छः महीने में दूंगा । किन्तु उसमे पहले |
कोलकाता से गुवाहाटी के लिए उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद इंडिगो एयरलाइंस की एक फ्लाइट की नेताजी सुभाषचंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट आपात लैंडिंग करानी पड़ी. जब विमान ने उड़ान भरा था उस वक्त फ्लाइट में 76 लोग सवार थे. इंडिगो की फ्लाईट ने जैसे ही उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही कारगो एरिया से धुआं निकलने लगा और काकपिट का स्मोक अलार्म बजने लगा. जिसके बाद सुरक्षा की लिहाज से फ्लाइट की तुरंत आपातकालीन लैंडिंग करानी पड़ी. फिलहाल विमान में 76 यात्री सवार थे और सभी सुरक्षित हैं.
बता दें कि 8:30 बजे उड़ान भरी थी. जिसके बाद विमान के कारगो एरिया में से धुआं निकलने पर काकपिट में स्मोक अलार्म बज गया. वहीं इस बात की जानकारी जैसे पायलट को पता चली तो उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी एयर ट्रैफिक कंट्रोलर को दी और लगभग 15 मिनट बाद ही उसे लैंड करना पड़ा. फिलहाल अब इस घटना के बाद कारणों की जांच की जा रही है.
गौरतलब हो कि कुछ महीने पहले जेट एयरवेज की मुंबई से जयपुर जा रही फ्लाइट में क्रू की लापरवाही से 100 से अधिक यात्रियों की जान पर बन आई. खबरों के मुताबिक विमान में सवार क्रू मेंबर केबिन प्रेशर को नियंत्रित रखने वाले स्विच का चयन करना भूल गए. जिसके कारण विमान में सवार 166 में से 30 यात्रियों की नाक और कान से खून बहने लगा और टेकऑफ के तुरंत बाद वापस मुंबई उतारना पड़ा था.
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Publish Date: Tue, 30 Aug 2016 14:23:02 (IST)
बंद लॉकअप के अंदर पुलिस अपराधियों के ऊपर कैसे थर्ड डिग्री की मार लगाती है, यह तो बहुत कम ही लोगों ने देखा होगा लेकिन रेलवे पुलिस के जवान ने मामूली चोरी पर एक युवक की जो भयानक पिटाई वो आप इस वायरल वीडियो में देख सकते हैं। एमपी के ग्वालियर रेलवे स्टेशन में चोरी के आरोप में पकड़े गए एक युवक पर जीआरपी कॉन्स्टेबल ने ऐसी बेरहमी दिखाई कि वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए। वीडियो में जिस युवक को हवलदार घसीट के ले जा रहा है वो शनिवार रात जनरल टिकट काउंटर पर एक यात्री की जेब से मोबाइल पार करते हुए पकड़ा गया था। बाद में कांस्टेबल ने युवक को जमकर पीटा जिससे वो लगभग बेहोश हो गया। बेरहमी से पिटाई लगाते हुए देख वहां मौजूद कुछ यात्रियों ने उसे रोकने का भी प्रयास किया लेकिन कांस्टेबल नही रूका। इस दौरान घटना का वीडियो एक यात्री अपने कैमरे में कैद कर रहा था। बाद में वीडियो को सोशल साइट पर अपलोड किए जाने पर जीआरपी अधिकारियों ने तत्काल मामले की जानकारी ली। फिलहाल हवलदार को सस्पेंड कर मामले की जांच की जा रही है।
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यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) हमारे शरीर के यूरिनरी सिस्टम में होने वाला इंफेक्शन है, जो कि आमतौर पर बैक्टीरिया से होता है। यह इंफेक्शन पेशाब की थैली (यूरिनरी ब्लैडर), किडनी, किडनी से ब्लैडर तक पेशाब ले जानी वाले यूरेटर्स और शरीर से पेशाब बाहर ले जाने वाले यूरेथ्रा नली को प्रभावित करता है। यह इंफेक्शन किसी को भी हो सकता है, पर महिलाओं और खासकर गर्भवती महिलाओं में यूरिनरी इंफेक्शन होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में जो बदलाव होते हैं उससे यूरिनरी इंफेक्शन का खतरा बहुत अधिक हो जाता है। प्रेग्नेंसी में होने वाले हार्मोनल बदलावों से यूरिनरी ब्लैडर में भी बदलाव हो जाता है जिससे महिलाओं को इंफेक्शन आसानी से हो जाता है। हार्मोनल बदलावों से पेशाब ब्लैडर से वापस किडनी तक चला जाता है। इससे भी यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होता है। गर्भावस्था में पेशाब में शुगर, प्रोटीन और हॉर्मोन्स की मात्रा भी बेहद अधिक हो जाती है जिससे बैक्टीरिया से इंफेक्शन आसानी से हो जाते हैं। यूरिनरी इंफेक्शन अधिक होने का एक और कारण है गर्भ का ब्लैडर पर पड़ने वाला दबाव, जिससे गर्भवती महिलाओं के ब्लैडर से पूरा पेशाब कभी भी बाहर नहीं निकल पाता है। ब्लैडर में बचा हुआ पेशाब इंफेक्शन का कारण बनता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान यूरिनरी इंफेक्शन से न केवल महिला बल्कि होने वाले बच्चे पर भी प्रभाव पड़ता है। कई बार अगर इंफेक्शन अधिक हो जाए तो बच्चा समय से पहले (प्रीमैच्योर) पैदा हो सकता है और उसका वजन भी औसत से कम रहता है। इसलिए जरूरी है कि गर्भवती महिलाएं लगातार अपने शरीर में होने वाले लक्षणों पर ध्यान दे जिससे यूरिनरी इंफेक्शन का समय रहते पता चल सके और साथ ही इसका इलाज़ भी हो सके।
बार-बार पेशाब लगना, बेहद तेज़ पेशाब लगना, पेशाब करने में दिक्कत महसूस करना, पेट के निचले हिस्से में तेज़ दर्द या क्रैम्प, पेशाब करते हुए जलन महसूस करना,पेशाब का रंग मटमैला होना या उसमें तेज़ असमान्य गंध होना तथा पेशाब में खून के चलते इसका रंग लाल, गहरा गुलाबी या कोला के रंग होना आदि ऐसे लक्षण हैं जो यूरिनरी इंफेक्शन की तरफ इशारा करते हैं। ऐसे किसी भी लक्षण की सूरत में आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
अगर यूरिनरी इंफेक्शन बढ़कर किडनी तक पहुंच जाए तो बुखार, उल्टी, चक्कर आना और कमर में दर्द जैसे लक्षण भी नजर आ सकते हैं; जिस सूरत में और अधिक गंभीरता दिखानी चाहिए। असल बात यह है कि यूरिनरी इंफेक्शन अपने आप में ही बेहद खतरनाक है, लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान यह और अधिक खतरनाक बन जाता है। इसलिए ऊपर बताए लक्षणों में से कोई भी लक्षण अगर आपको महसूस हो तो तुरंत ही किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएं।
यूरिनरी इंफेक्शन से बचने के लिए आप प्रेगनेंसी के दौरान कई सावधानियां बरतें जिससे इसका खतरा कम हो सके। दिन में कम से कम 8 ग्लास पानी पीना, पेशाब करने के बाद प्राइवेट पार्ट को अच्छे से पानी से धोना, कॉटन के साफ और मुलायम अंडरवियर पहनना, बेहद टाइट कपड़े पहनने से बचना तथा शराब, तेल-मसाले के खाने व कैफीन की अधिक मात्रा वाले पेय पदार्थ जो ब्लैडर पर दबाव डालते हैं उनसे बचना- ये ऐसी कुछ सावधानियां हैं जिससे यूरिनरी इंफेक्शन होने का खतरा कम किया जा सकता है।
इन सबके बावजूद अगर आपको कोई लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। अल्ट्रा सोनोग्राफी यानि USG के जरिये इस बात का पता चल सकता है कि यूरिनरी इंफेक्शन हुआ है या नहीं। इंफेक्शन की सूरत में आपका डॉक्टर तुरंत ही इलाज़ शुरू कर सकता है। सही समय पर इलाज़ से न केवल इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सकता है बल्कि इसे जल्दी खत्म भी किया जा सकता है। साथ ही गर्भवती महिला व होने वाले बच्चे पर पड़ने वाले खतरे को भी कम से कम किया जा सकता है।
(इनपुट्सः डॉ अर्चना धवन बजाज - स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रसूति और आईवीएफ विशेषज्ञ, नर्चर क्लिनिक)
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लाहौर : लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद ने एक बार फिर भारत पर हमला बोला है. मुंबई हमलों और भारत में कई आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले हाफिज सईद ने शरीफ सरकार से कहा है कि वह भारत के साथ दोस्ती से परहेज करे. आतंकी सरगना ने भारत पर आरोप लगाया कि वहां की सेना कश्मीर में अत्याचार कर रही है.
हाफिज ने पाकिस्तान सरकार से अपील की है कि वह कश्मीरियों की समस्या का समाधान करे न कि भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाए. हाफिज ने कहा कि कश्मीर में मासूमों का खून बहाया जा रहा है इसलिए बेहतर होगा कि पाकिस्तान की सरकार उन लोगों का साथ दे. इस दौरान सईद ने कहा कि हम कश्मीरी लोगों के साथ खड़े हैं. हम कश्मीर की आजादी के मुहिम का पूरी तरह समर्थन करते हैं.
हाफिज सईद ने भारत की बीजेपी सरकार पर आरोप लगाए थे और कहा था कि बीजेपी वर्ष 1947 के नरसंहार की तर्ज पर जम्मू कश्मीर के नक्शे को बदलने की कोशिश कर रही है. हाजिफ सईद ने रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र किया और उनकी तुलना सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोरबाचेव से कर डाली थी.
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दमोहः मध्य प्रदेश के दमोह में जिला शिक्षा अधिकारी पर स्याही फेंकने का मामला सामने आया है। कुछ लोगों के एक समूह ने दमोह जिला शिक्षा अधिकारी एसके मिश्रा पर स्याही फेंकी और 'जय श्री राम' के नारे लगाए। अधिकारी का कहना है, 'मैं उनके नाम नहीं जानता लेकिन वे स्थानीय लोग हैं। वे गंगा जमुना स्कूल के मुद्दे (हिजाब विवाद) के बारे में बात कर रहे थे। मुझे न तो इसकी जांच दी गई है और न ही मैंने रिपोर्ट दर्ज की है। इसे एक हाई पावर कमेटी को सौंपा गया है। मैंने उनमें से कुछ चेहरों को देखा जिनके पास कुछ बकाया बिल थे। इसलिए, उन्होंने बदला लेने के लिए ऐसा किया होगा। बिल कुछ स्कूलों की मरम्मत के रखरखाव से संबंधित थे। '
वीडियो में देखा जा सकता है कि दमोह जिला शिक्षा अधिकारी अपनी गाड़ी में बैठे होते हैं, इसी दौरान कुछ लोग आते हैं और उनसे बात करने के बहाने उनके ऊपर स्याही फेंक देते हैं। इस दौरान अधिकारी और उनके ड्राइवर, दोनों पर स्याही गिरती है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
गुरुत्वाकर्षण के कारण ही ग्रह, सूर्य के चारों ओर चक्कर लगा पाते हैं और यही उन्हें रोके रखती है। गुरुत्वाकर्षण (ग्रैविटेशन) एक पदार्थ द्वारा एक दूसरे की ओर आकृष्ट होने की प्रवृति है। गुरुत्वाकर्षण के बारे में पहली बार कोई गणितीय सूत्र देने की कोशिश आइजक न्यूटन द्वारा की गयी जो आश्चर्यजनक रूप से सही था। उन्होंने गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत का प्रतिपादन किया। न्यूटन के सिद्धान्त को बाद में अलबर्ट आइंस्टाइन द्वारा सापेक्षता सिद्धांत से बदला गया। इससे पूर्व वराह मिहिर ने कहा था कि किसी प्रकार की शक्ति ही वस्तुओं को पृथिवी पर चिपकाए रखती है। . अलग-अलग द्रव्यमान वाली चार गेंदों के निकाय का "'संहति-केन्द्र भौतिकी में, संहतियों के किसी वितरण का संहति-केंद्र (center of mass) वह बिन्दु है जिस पर वह सारी संहतियाँ केन्द्रीभूत मानी जा सकती हैं। संहति केन्द्र के कुछ विशेष गुण हैं, उदाहरण के लिये यदि किसी वस्तु पर कोई बल लगाया जाय जिसकी क्रियारेखा उस वस्तु के संहति-केन्द्र से होकर जाती हो तो उस वस्तु में केवल स्थानातरण गति होगी (घूर्णी गति नहीं)। संहति-केन्द्र के सापेक्ष उस वस्तु में निहित सभी संहतियों के आघूर्णों (मोमेण्ट) का योग शून्य होता है। दूसरे शब्दों में, संहति-केन्द्र के सापेक्ष, सभी संहतियों की स्थिति का भारित औसत (वेटेड एवरेज) शून्य होता है। कणों के किसी निकाय का संहति केन्द्र वह बिन्दु है जहाँ, अधिकांश उद्देश्यों के लिए, निकाय ऐसे गति करता है जैसे निकाय का सब द्रव्यमान उस बिन्दु पर संकेंद्रित हो। संहति केन्द्र, केवल निकाय के कणों के स्थिति-सदिश और द्रव्यमान पर निर्भर होता है। संहति केन्द्र पर वास्तविक पदार्थ होना अनिवार्य नहीं है (जैसे, एक खोखले गोले का संहति-केन्द्र उस गोले के केन्द्र पर होता है जहाँ कोई द्रव्यमान ही नहीं है)। गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र के एकसमान होने की स्थिति में कभी-कभी इसे गलती से गुरुत्वाकर्षण केन्द्र भी कहा जाता है। किसी वस्तु का रेखागणितीय केन्द्र, द्रव्यमान केन्द्र तथा गुरुत्व केन्द्र अलग-अलग हो सकते हैं। संवेग-केन्द्रीय निर्देश तंत्र वह निर्देश तंत्र है जिसमें निकाय का द्रव्यमान केन्द्र स्थिर है। यह एक जड़त्वीय फ्रेम है। एक द्रव्यमान-केन्द्रीय निर्देश तंत्र वह तंत्र है जहाँ द्रव्यमान केन्द्र न केवल स्थिर है बल्कि निर्देशांक निकाय के मूल बिन्दु पर स्थित है। .
गुरुत्वाकर्षण और संहति-केन्द्र आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
गुरुत्वाकर्षण 16 संबंध है और संहति-केन्द्र 11 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (16 + 11)।
यह लेख गुरुत्वाकर्षण और संहति-केन्द्र के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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लिविंग रूम के डिजाइन को हमेशा विशेष ध्यान दिया जाता है। यह आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि इस कमरे में वे मेहमानों को प्राप्त करते हैं, पारिवारिक शाम बिताते हैं, कठिन दिन के काम के बाद आराम करते हैं। इसलिए, लिविंग रूम में वातावरण, इसके सभी सामान छोटे विवरण तक, एक सुखद शगल होना चाहिए। दुर्भाग्यवश, अपने सभी डिज़ाइन विचारों को एक विशिष्ट रहने वाले कमरे में अनुवाद करना हमेशा संभव नहीं होता है - उदाहरण के लिए, यह बहुत विशाल नहीं हो सकता है या उतना प्रकाश नहीं जितना हम चाहते हैं। लेकिन हताश परिस्थितियां नहीं होती हैं। ऐसे मामलों में, पेशेवर प्रकाश रंगों में लिविंग रूम को सजाने की सलाह देते हैं।
प्रकाश टोन की दृष्टि दृष्टि से अंतरिक्ष का विस्तार करती है, सभी को ज्ञात है और लंबे समय से अंदरूनी डिजाइन करने के लिए उपयोग किया जाता है। यही कारण है कि एक छोटे से रहने वाले कमरे के इंटीरियर डिजाइन के लिए हल्के टन की पसंद आदर्श विकल्प माना जा सकता है। लेकिन उत्साही मत बनो। यदि, उदाहरण के लिए, ड्राइंग रूम चमकदार सफेद रंगों में सजाया गया है, तो यह एक अस्पताल वार्ड जैसा दिखता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि घर के इस मुख्य कमरे का वातावरण आराम से सांस लेता है, नरम, गर्म रंग और रंगों को चुनना बेहतर होता है। हल्के, छोटे-छोटे इंटीरियर लहजे वाले हल्के-सफेद स्वरों में छोटे रहने वाले कमरे बहुत अच्छे लगते हैं, कुछ सहायक उपकरण (vases, कुशन, पेंटिंग्स) एक भूमिका निभा सकते हैं। अगर आपके लिविंग रूम में फायरप्लेस है, तो आप इसे एक निश्चित अर्थात् उच्चारण के रूप में भी हरा सकते हैं। एक रोशनी वाले रहने वाले कमरे के लिए, हल्के रंगों में सजाए गए, आप इसके लिए एक दिलचस्प डिजाइन की सिफारिश कर सकते हैं, इसमें कोई शक नहीं, कमरे का केंद्रीय तत्व - प्राकृतिक पत्थर के नीचे टाइल के परिधि के चारों ओर एक फायरप्लेस डालने के लिए। विशेष रूप से यह विकल्प देश के घरों के लिए अच्छा है।
एक छोटे से रहने वाले कमरे की जगह को दृष्टि से विस्तारित करने के लिए, आप प्रकाश टोन के फर्श को कवर करने का भी सुझाव दे सकते हैं। उदाहरण के लिए, विकर्ण के साथ रखे कीमती जंगल के लिए एक हल्का टुकड़े टुकड़े, हल्के भूरे रंग के स्वर में रहने वाले कमरे में शानदार रूप से दिखाई देंगे। वसंत की सुबह की ताजगी लिविंग रूम के वायुमंडल से भरी जाएगी, अगर उसके डिजाइन में हल्के हरे रंग के टन इस्तेमाल किए जाएंगे। और प्राकृतिक प्रकाश की कमी के साथ अंधेरे रहने वाले कमरे के लिए, हल्के पीले रंग के टन सबसे अच्छे हैं। इस मामले में, रहने का कमरा सूरज की रोशनी में दृष्टि से खेलता है।
हल्के रंगों में रहने वाले कमरे को सजाने के लिए एक और दिलचस्प समाधान ग्रे रंग का उपयोग है। हाँ, हाँ, यह भूरा है। लेकिन यह मत सोचो कि कमरा भूरे और दुखी दिखेंगे। इससे दूर, ग्रे के धुंधले रंगों का उपयोग करने की सिफारिश की जाती है, उदारता से इसे बेज, दूधिया-सफेद या थोड़ा कम बैंगनी, बरगंडी, यहां तक कि नारंगी रंगों के साथ पूरक भी किया जाता है। रंगों के इस तरह के एक विरोधाभासी संयोजन में रहने वाले कमरे, हल्के भूरे रंग के स्वर, कुलीनता और विशेष ठाठ में सजाए जाएंगे। वैसे, हल्के भूरे रंग के रंग और बेज रंग डिजाइनरों के सभी रंगों की बारीकियों पर प्रकाश रंगों में शास्त्रीय रहने वाले कमरे के अंदरूनी निर्माण करते समय शैली के क्लासिक कहा जाता है।
प्रकाश में, लेकिन क्रम में अलग, टोन, डिजाइनर संयुक्त कमरे के सजाने और अंदरूनी हिस्सों की सिफारिश करते हैं, उदाहरण के लिए रसोई-स्थान वाले कमरे, यानी, रंग स्थान जोनिंग के सिद्धांत का उपयोग करने के लिए।
इस या उस कमरे (इस मामले में एक ड्राइंग रूम) के दृश्य विस्तार के लिए रंग पंजीकरण से कम नहीं, फर्नीचर प्रभावों का सही चयन भी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि एक छोटे से रहने वाले कमरे के लिए सबसे अच्छा विकल्प हल्का फर्नीचर है। वर्तमान में, लोकप्रिय रंगों की ऊंचाई पर प्रकाश रंगों में मॉड्यूलर रहने वाले कमरे (असबाबवाला फर्नीचर और हेडसेट)। वे न केवल किसी भी शैली के इंटीरियर में सामंजस्यपूर्ण रूप से फिट होते हैं, बल्कि यह फर्नीचर भी अंधेरे फर्नीचर की तुलना में कम भारी दिखता है, जो छोटे आकार के कमरों के लिए महत्वपूर्ण है।
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दिलेर समाचार, कार्तिक आर्यन, भूमि पेडनेकर और अनन्या पांडे अपनी फिल्म 'पति, पत्नी और वो' के प्रचार के लिए दिल्ली आए। यहां के एयरोसिटी स्थित होटल प्राइड प्लाजा में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कलाकारों ने मीडिया से खुलकर बातें कीं।
बता दें कि यह फिल्म एक रोमांटिक-कॉमेडी है, जो मुदस्सर अजीज द्वारा निर्देशित और भूषण कुमार और रेणु रवि चोपड़ा द्वारा निर्मित है। यह 6 दिसंबर, 2019 को रिलीज होगी।
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ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से भीषण हादसा हुआ है जिसमें 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. इसको लेकर रेलवे बोर्ड ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हादसे पर विस्तार से जानकारी दी. रेलवे बोर्ड की सदस्य जया वर्मा सिन्हा ने बताया, 'बालासोर दुर्घटना पर रेलवे बोर्ड ने कहा कि दुर्घटना के समय सभी सिग्नल ग्रीन थे. कोरोमंडल 128 की स्पीड तथा हावड़ा एक्सप्रेस 126 की स्पीड से चल रही थी.
In Odisha's Balasore, three trains collided with each other in a horrific accident in which more than 250 people died. Railway Board member Jaya Verma Sinha told, 'In the Balasore accident, the Railway Board said that all the signals were green at the time of the accident. Coromandel was running at 128 speed and Howrah Express at 126 speed.
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इंटरनेट कनेक्शन soL, BirGün, Cumhuriyet और पर हाई स्पीड ट्रेनें (YHT) और Sözcü प्रवेश निषेध (TCDD) एक लिखित बयान ट्रांसपोर्ट A from से संबंधित रिपब्लिक ऑफ टर्की स्टेट रेलवे जैसे समाचार स्थल।
बयान में, "यह आरोप लगाया गया है कि कुछ अखबारों और समाचार साइटों में 05 जनवरी 2020, कुछ अखबारों की वेबसाइटों तक पहुंच और YHT की इंटरनेट सेवा में कुछ समाचार साइटों को प्रतिबंधित किया गया था।
सक्षम न्यायालयों के निर्णय और इस निर्णय को लागू करने वाले संबंधित सार्वजनिक प्राधिकारियों द्वारा इंटरनेट साइटों तक पहुँचने में बाधाएँ प्रदान की जाती हैं।
इसके अलावा, यह कहा गया है कि हमारे सामान्य निदेशालय द्वारा YHTs में प्रदान की गई इंटरनेट सेवा में समाचार पत्रों और इंटरनेट साइटों तक पहुंच पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
दूसरी ओर, इस बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया कि उपयोगकर्ता साइटों तक क्यों नहीं पहुंच सकते हैं।
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