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एकता कपूर को विश्वास है की, रजत टोकस और श्वेता बासु की जोड़ी छोटे परदे पर बिजलियाँ गिराएगी!
'चंद्रनंदिनी' में सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और राजकुमारी नंदनी की कहानी हैं जो की नफरत से लिखी गई मोहब्बत की दास्तां है।
आज से टेलीकास्ट होने वाला शो 'चंद्र नंदिनी' का इंतजार दर्शक बेसब्री से कर रहे हैं। जिस तरह सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य और राजकुमारी नंदनी की प्रेम कहानी को प्रमोट किया जा रहा हैं उससे शो को देखने की जिज्ञासा बढ़ गयी हैं। प्रोमो देखने से यह जरूर लगता है कि यह एक प्रेम कहानी नहीं बल्कि बदले की भावना पर रची गई कहानी हो।
शो 'चंद्र नंदिनी' के जरिए चंद्रगुप्त और उनकी योद्धा पत्नी राजकुमारी नंदिनी की प्रेम कहानी के बारे में बताया गया हैं। शो शाही जोड़े की कहानी और चंद्रगुप्त मौर्य की जिंदगी के अनछुए पन्नों को पलटेगी, जहां एक-दूसरे से नफरत करने वाले दो लोग एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं। शो मेकर्स एकता कपूर चंद्रगुप्त मौर्य और राजकुमारी नंदनी की कहानी नया अंदाज में दर्शको के सामने पेश करेगी, साथ ही दर्शको को लुभाने के लिए कहानी में अलग अलग ट्रैक डाले जायेंगे। जिससे शो में बहुत सारे धमाकेदार ट्विस एंड टन आएगे।
'चंद्र नंदिनी' शो में एक बार फिर रजत टोकस नजर आएंगे। इस बारे में एकता का कहना था कि वह अपने काम को लेकर बहुत सेंसटिव हैं इसीलिए उन्हें इस शो में लिया गया। रजत का कहना था, 'मैं ताकतवर सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य का किरदार निभाने को लेकर बहुत उत्सुक हूं। उसकी और नंदिनी की कहानी टीवी पर अब तक दिखे शो से कतई अलग है। यह नफरत से लिखी गई मोहब्बत की दास्तां है। 'मकड़ी' और 'इकबाल' फिल्म में नजर आईं श्वेता बसु प्रसाद राजकुमारी नंदिनी के किरदार में नजर आएंगी। शो में अर्पित रंका राजा पद्मानंद, पापिया सेनगुप्ता मूरा, मानसी शर्मा रानी अवंतिका और मराठी कलाकार मनोज कोल्हाटकर चाणक्य के किरदार में है।
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हेमंत सोरेन की तरफ से पत्नी को इंडस्ट्रियल लैंड आवंटित होने पर बीजेपी के नेता और पूर्व सीएम रघुवर दास ने मीडिया से कहा कि सोरेन खुद उद्योग विभाग देखते हैं और बिजुपारा में जमीन देने के लिए उन्होंने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद ने भी झारखंड में खदानों के पट्टे हासिल किए हैं।
रांची। खदान का पट्टा लेने के मामले में घिरने के बाद अब झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन नए विवाद में फंस गए हैं। मामला 11 एकड़ के इंडस्ट्रियल लैंड का है। आरोप है कि सोरेन ने ये जमीन अपनी पत्नी को दे दी। जमीन रांची के बिजुपारा इलाके में है। आरोप इसलिए संगीन हैं, क्योंकि सीएम हेमंत सोरेन खुद उद्योग मंत्रालय देखते हैं। बीजेपी ने इस मामले में हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा JMM से जवाब मांगा है। इससे पहले सोरेन को रांची में ही खदान का पट्टा आवंटित हुआ था और पिछले साल जून में लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया गया था। मसला झारखंड हाईकोर्ट में गया था। बीते 8 अप्रैल को कोर्ट में सुनवाई होने पर झारखंड सरकार के वकील राजीव रंजन ने कहा था कि सरकार से गलती हुई और पट्टा वापस हो गया है।
हेमंत सोरेन की तरफ से पत्नी को इंडस्ट्रियल लैंड आवंटित होने पर बीजेपी के नेता और पूर्व सीएम रघुवर दास ने मीडिया से कहा कि सोरेन खुद उद्योग विभाग देखते हैं और बिजुपारा में जमीन देने के लिए उन्होंने पद का दुरुपयोग किया है। उन्होंने ये आरोप भी लगाया कि सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और मीडिया सलाहकार अभिषेक प्रसाद ने भी झारखंड में खदानों के पट्टे हासिल किए हैं। दास ने कहा कि सरकार के रिकॉर्ड बताते हैं कि अभिषेक ने 8 अप्रैल 2021 को साहेबगंज जिले में शिवशक्ति एंटरप्राइज कंपनी के नाम से खदान का पट्टा लिया। फिर इसमें 90 लाख का निवेश भी किया। वहीं, पंकज मिश्रा को भी साहेबगंज में महाकाल स्टोन कंपनी के नाम पर खदान का पट्टा दिया गया।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता सुप्रिय भट्टाचार्य ने कहा कि बीजेपी के इन आरोपों का जवाब हम देंगे। ये जवाब आज या कल में पार्टी की ओर से दिया जा सकता है। हालांकि, ये तय है कि खदान मसले की तरह इंडस्ट्रियल लैंड देने के मामले के भी कोर्ट जाने के आसार हैं और इसमें हेमंत सोरेन सरकार की किरकिरी होने के पूरे आसार हैं।
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Chaibasa (Ramendra Kumar Sinha) : पश्चिमी सिंहभूम जिला के बंदगांव प्रखंड के रसोईया संयोजिका संघर्ष समिति ने जिला शिक्षा विभाग के एमडीएम कोषांग को बकाया मानदेय भुगतान के लिये एक ज्ञापन सौपा. बुधवार को सौंपे गये ज्ञापन में संषर्घ समिति से जुड़ी रसोईया व संयोजिकाओं ने कहा है कि उनका मानदेय विगत चार माह से लंबित है उसका यथा शीघ्रभुगतान करने और पूर्व वित्तीय वर्ष 2017-18 में बकाया 8 माह के मानदेय का भी भुगतान करने की मांग की है.
रसोईया व संयोजिकाओं ने अपने ज्ञापन में कहा है कि इन राशियों के बकाया होने से मिड डे मिल को तैयार करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. संघर्ष समिति के लोगों ने अपने ज्ञापन में सभी संयोजिकओं तथा रसोईयान का मानदेय भुगतान सरकारी दर के अनुसार करने का अनुरोध किया है तथा रसोईया के मानदेय को मनरेगा दर से भुगतान करते हुए उसे मनरेगा से जोड़ने की मांग की है.
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जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान नगर निगम, जबलपुर ने तैयब अली से घंटाघर तक स्मार्ट रोड के लिए जमीन अधिग्रहण को चुनौती देने के मामले में अभिवचन दिया कि अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति मनिंदर सिंह भट्टी की युगलपीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 20 अप्रैल को निर्धारित की है। हाई कोर्ट ने समान मुद्दे से जुड़ी एक अन्य याचिका भी इसके साथ संलग्न कर दी है। नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सतीश चंद्र बटालिया ने याचिका दायर कर बताया कि सड़क चौड़ीकरण के लिए नगर निगम ने उनकी संपत्ति से सात फुट जगह अधिग्रहण करने के लिए नोटिस भेजा है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने दलील दी कि नियम के अनुरूप नगर निगम को पहले मार्केट रेट पर मुअावजा देना चाहिए। उन्होंने बताया कि याचिकाकर्ता का पूरा भवन बकायदा नक्शा स्वीकृत कर बनाया गया है। निगम ने तर्क दिया है कि यह लीज की जमीन है, इसलिए मुआवजा नहीं दिया जा सकता। इसी मुद्दे को लेकर असगर अली एवं निलोफर अली ने भी याचिका प्रस्तुत की है। मामले पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर एकसाथ सुनवाई करने के निर्देश दिए।
जिला बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष आरके सिंह सैनी व सचिव राजेश तिवारी ने जिला अदालत, जबलपुर में सुरक्षा को सख्त करने पर बल दिया है। यहां अपराधी खतरा बने रहते हैं। वे जब चाहे तब आतंक मचा देते हैं। पूर्व में ऐसा हो चुका है। इसके बावजूद प्रत्येक गेट पर ठीक से सुरक्षा बल तैनात नहीं है। इससे वकील व पक्षकार असुरक्षा महसूस कर रहे हैं। इस सिलसिले में पुलिस अधीक्षक को शीघ्र ही पत्र सौंपा जाएगा। यदि मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। इसे लेकर रणनीति निर्धारित की जा रही है। शीघ्र ही कार्यकारिणी की बैठक आहूत की जाएगी।
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बिना कुछ कहे तीनों भाई उसके पीछे पीछे चल दिये। वे सब पानी की एक ऐसी जगह आ गये जहाँ वह कई धाराओं में वह रहा था और बहुत आवाज कर रहा था ।
देवदूत ने सबसे बड़े भाई से पूछा - "तुम क्या लेना पसन्द करोगे?"
बड़ा भाई वोला " मैं चाहता हूँ कि यह सारा पानी शराब बन
जाये और फिर यह सारी शराब मेरी ही हो ।
यह सुन कर देवदूत ने अपनी डंडी से हवा में कास का निशान बनाया और पल भर में ही सारा पानी शराब में बदल गया । नदी के किनारों पर बहुत सारे बैरल आ गये और बहुत सारे लोग बड़ी मेहनत से काम करने लगे । यों समझो कि वहाँ तो पूरा का पूरा एक गाँव ही बस गया ।
इस तरह देवदूत ने उसकी इच्छा पूरी की और उसको वहाँ छोड़ कर चल दिया "जिस चीज़ की तुमने इच्छा की थी वह सब यहाँ मौजूद है और यह सब तुम्हारी है।
इसके बाद वह दूसरे दोनों भाइयों को साथ ले कर चला । आगे चल कर वह एक फाख्ताओं से भरे मैदान में आया तो उसने दूसरे भाई से पूछा - "तुम्हें क्या चाहिये?"
"मैं चाहता हूँ कि ये सारी फाख्ताऐं भेड़ें बन जायें और वे सब मेरी हों ।" पहले की तरह से देवदूत ने हवा में अपनी छड़ी से एक कास बनाया और सारी फाख्ताऐं भेड़ बन गयीं ।
वहाँ पर और भी डेरी थीं जिनमे स्त्रियॉ दूध निकाल रही थी दूध पलट रही थीं मक्खन बना रही थीं चीज़ बना रही थीं । वहाँ एक कसाईखाना भी था जिसमे भेड़ों को काटा जा रहा था । कुछ उनको तौल रहे थे कुछ लोग मॉस को बेच कर उससे जो पैसे मिले थे उन्हें गिन रहे थे ।
देवदूत ने दूसरे भाई से कहा "लो यह लो तुम्हारी इच्छा पूरी हुई । अब यह सब तुम्हारा है ।" कह कर वह तीसरे भाई के साथ आगे चल दिया ।
वे एक मैदान पार कर रहे थे तो देवदूत ने उससे पूछा - "तुम्हें क्या चाहिये?" उसने कहा "मुझे कुछ नहीं चाहिये केवल असली ईसाई खून की एक पत्नी चाहिये ।
"ओह यह तो मिलना बड़ा मुश्किल है । सारी दुनिया में केवल तीन स्त्रियाँ ही ऐसी हैं जो असली ईसाई खून की हैं जिनमें से दो की तो शादी हो चुकी है। तीसरी को दो लोग माँग रहे हैं ।
सो वह नौजवान और देवदूत उधर ही चल दिये जहाँ वह तीसरी लड़की रहती थी । बहुत दूर चलने के बाद वे दोनों एक शहर में पहुॅचे जहाँ के राजा की बेटी असल ईसाई खून की लड़की थी । जैसे ही वे लोग वहाँ पहुॅचे तो राजा से उसकी बेटी का हाथ मॉगने के लिये महल पहुॅचे । जब वे महल में घुसे तो दो राजा वहाँ पहले से ही बैठे हुए थे।
शादी की भेंटें मेज पर लगी थीं। उन्होंने भी अपनी भेंट मेज पर लगा दी जो वे अपने साथ ले कर आये थे ।
जब राजा ने उन्हें देखा तो उनके सामने खड़े हो कर बोला "अब मैं क्या करूँ ? ये भेंटें हैं तो राजाओं की पर इस भिखारी की लायी हुई भेंट की तुलना में तो ये एक भिखारी की भेंटें लग रही में हैं।
देवदूत बोला "मैं बताता हूँ कि आप क्या करें । इस मामले का फैसला हम इस तरह से करते हैं । लड़की अंगूर की तीन बेलें लेगी और उन्हें अपने बागीचे में लगा देगी - हर एक बेल एक उम्मीदवार के नाम की । अगले दिन जिस किसी की बेल पर अंगूर लगे होंगे लड़की उसी से शादी कर लेगी । "
सब लोग इस बात पर राजी हो गये । लड़की ने अपने बागीचे में तीन बेलें लगा दीं हर उम्मीदवार के नाम की ।
अगली सुबह जब सब लोग उठे तो उन्होंने देखा कि केवल गरीब आदमी के नाम वाली बेल पर अंगूर आये हुए थे । सो राजा के पास अब और कोई चारा नहीं था कि वह उस गरीब लड़के से अपनी बेटी की शादी कर दे । तुरन्त ही चर्च में उनकी शादी हो गयी ।
शादी के बाद देवदूत उन दोनों को जंगल ले जा कर छोड़ आया जहाँ वे पूरे एक साल तक शान्ति से रहे । एक साल के बाद भगवान ने देवदूत को फिर से धरती पर भेजा ।
उसने कहा
"जाओ देवदूत । धरती पर फिर से जाओ और
देखो कि वे गरीब लोग कैसे रह रहे हैं। अगर वे अभी भी गरीबी में रह रहे हो तो जा कर उनको अच्छा खाना खिलाओ ।
सो देवदूत एक बार फिर से धरती पर आया और एक भिखारी का रूप रख कर पहले वाले भाई के पास पहुॅचा जिसके पास वाइन वाइन की नदी के किनारों से बाहर छलकी पड़ रही थी और उससे पीने के लिये एक गिलास वाइन मॉगी ।
पर उस आदमी ने उसे यह कहते हुए वाइन देने से मना कर दिया कि अगर वह सबको ऐसे ही वाइन देता रहा तो उसके अपने पास तो कुछ बचेगा ही नहीं।'
देवदूत ने जब यह सुना तो उसने अपनी डंडी से हवा में कास का निशान बनाया तो पहले तो नदी में पड़ी शराब का पानी बन गया फिर वह वहाँ से चलते समय बोला "यह तुम्हारे लिये नहीं था । जाओ तुम अपने नाशपाती के पेड़ के पास वापस जाओ और उसकी देखभाल करो ।
उसके बाद वहाँ से देवदूत दूसरे भाई के पास चल दिया जिसके पास बहुत बड़े मैदान में चीज़ मक्खन दूध दही आदि बिखरे पड़े थे । वहाँ पहुँच कर उसने उससे एक कौर भेड़ के मॉस का माँगा तो उसने उसे यह कहते हुए मना कर दिया कि "अगर मैं ऐसे ही सबको खिलाता रहा तो मेरे पास तो कुछ रह ही नहीं जायेगा ।" |
रायपुर। देशभर में अन्नदाता कोरोना की मार से सहमे हुए हैं. ऐसे में किसानों पर फर्टिलाइजर की बढ़ती कीमतें वार कर रही हैं. जिससे किसानों को परेशानियां हो रही है. इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है. मंत्री रविंद्र चौबे ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय उर्वरक मंत्री को पत्र लिखा है. साथ ही फर्टिलाइजर की बढ़ी कीमतें कम करने की मांग की है.
इस दौरान रविंद्र चौबे ने कहा कि पहली बार खाद की कीमतों में वृद्धि हुई है. प्रधानमंत्री ने कहा था किसानों की आय दोगुनी की जाएगी, लेकिन खाद की कीमतें दोगुनी हो गई है. ऐसे में रविंद्र चौबे ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय कृषि और केंद्रीय उर्वरक मंत्री को पत्र लिखा है.
इसके अलावा रविंद्र चौबे ने देश के अन्य राज्यों के कृषि मंत्रियों को भी पत्र लिखा है. उनसे अपील की है कि खाद की कीमतों में कमी के लिए केंद्र को चिट्ठी लिखें, अगर खाद की कीमतें कम नहीं हुई तो किसानों को भारी नुकसान होगा.
बता दें कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में PM Kisan Yojana लांच की थी. केंद्रीय वित्त मंत्री और पीएम मोदी ने किसानों की आय दोगुनी करने की घोषणा की थी. किसानों को मिलने वाली आर्थिक मदद बढ़ाए जाने की बात कही थी. जिससे किसानों को कुछ हद तक राहत मिलने के आसार थे, लेकिन फर्टिलाइजर की बढ़ती कीमतें किसानों को निराश कर रही हैं.
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मारण प्रयोग
तन्त्र ग्रन्थों में मारण, मोहन, उच्चाटन आदि के कितने ही प्रयोग मिलते हैं। शत्रु नाश के लिये मारण प्रयोगों को काम में लाया जाता है। मारण कितने ही प्रकार का होता है। एक तो ऐसा है जिससे किसी मनुष्य की तुरन्त मृत्यु हो जाए। ऐसे प्रयोगों में "घात" या "कृत्या" प्रसिद्ध है। यह शक्तिशाली तान्त्रिक अग्नि अस्त्र है, जो प्रत्यक्षतः दिखाई नहीं पड़ता, तो भी बन्दूक की गोली की तरह निशाने पर पहुँचता है और शत्रु को गिरा देता है। दूसरे प्रकार के मारण, मन्द-मारण कहे जाते हैं। इनके प्रयोग से किसी व्यक्ति को रोगी बनाया जा सकता है। ज्वर, दस्त, दर्द, लकवा, उन्माद, मतिभ्रम आदि रोगों का आक्रमण किसी व्यक्ति पर उसी प्रकार हो सकता है, जिस प्रकार कीटाणु बमों से प्लेग, हैजा आदि महामारियों को फैलाया जा सकता है।
इस प्रकार के प्रयोग नैतिक दृष्टि से उचित हैं या अनुचित यह प्रश्न दूसरा है, पर इतना निश्चित है कि यह असम्भव नहीं, सम्भव है। जिस प्रकार विष खिलाकर या शस्त्र चलाकर किसी मनुष्य को मार डाला जा सकता है, वैसे ही ऐसे अदृश्य उपकरण भी हो सकते हैं, जिनको प्रेरित करने से प्रकृति के घातक परमाणु एकत्रित होकर अभीष्ट लक्ष्य की ओर दौड़ पड़ते हैं और उस पर भयंकर आक्रमण करके ऊपर चढ़ बैठते हैं और परास्त करके प्राण संकट में डाल देते हैं। इसी प्रकार प्रकृति के गर्भ में विचरण करते हुए रोग विशेष के कीटाणुओं को किसी व्यक्ति विशेष की ओर विशेष रूप से प्रेरित किया जा सकता है।
'मृत्यु किरण' आज का ऐसा ही वैज्ञानिक आविष्कार है। किसी प्राणी पर इन किरणों को डाला जाए, तो उसकी मृत्यु हो जाती है। प्रत्यक्ष देखने में उस व्यक्ति को किसी प्रकार का घाव आदि नहीं होता, पर अदृश्य मार्ग से उसके भीतर अवयवों पर ऐसा सूक्ष्म प्रभाव होता है कि उस प्रहार से उसका प्राणान्त हो जाता है। यदि वह आघात हलके दर्जे का हुआ, तो उससे मृत्यु तो नहीं होती, पर मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाले या घुला-घुलाकर मार डालने वाले रोग पैदा हो जाते हैं।
शाप देने की विद्या प्राचीनकाल में अनेक लोगों को ज्ञात थी। जिसे शाप दिया जाता था, उसका बड़ा अनिष्ट होता था । शाप देने वाला अपनी आत्मिक शक्तियों को एकत्रित करके एक विशेष विधि व्यवस्था के साथ जिसके ऊपर उनका प्रहार करता था, उसका वैसा ही अनिष्ट हो जाता था, जैसा कि शाप देने वाला चाहता था । तान्त्रिक अभिचारों द्वारा भी इस प्रकार से दूसरों का अनिष्ट हो सकता है। परन्तु ध्यान रखने की बात यह है कि इस प्रकार के प्रयोगों के प्रयोगकर्ता की शक्ति भी कम नष्ट नहीं होती। बालक के प्रसव करने के उपरांत माता बिल्कुल निर्बल, निःसत्त्व हो जाती है, किसी को काटने के बाद साँप निस्तेज, हतवीर्य और शक्ति रहित हो जाता है। मारण, उच्चाटन के अभिचार करने वाले लोगों की शक्तियाँ भी काफी परिमाण में व्यय हो जाती हैं और उसकी क्षतिपूर्ति के लिये उन्हें असाधारण प्रयोग करने होते हैं।
जिस प्रकार मन्त्र द्वारा दूसरों का मारण, मोहन, उच्चाटन आदि अनिष्ट हो सकता है, उसी प्रकार कोई कुशल तांत्रिक इस प्रकार के अभिचारों को रोक भी सकता है। यहाँ तक कि उस आक्रमण को इस प्रकार उलट सकता है कि वह प्रयोगकर्ता पर उलटा पड़े और उसी का अनिष्ट कर दे। घात कृत्या, चोरी आदि को कोई अन्य तांत्रिक पलट दे, तो उसके प्रेरक प्रयोक्ता पर विपत्ति का पहाड़ टूटा हुआ ही समझिये ।
उपर्युक्त अनिष्टकर प्रयोग अक्सर होते हैं- तन्त्र - विद्या द्वारा हो सकते हैं। पर नीति, धर्म, मनुष्यता और ईश्वरीय विधान की सुस्थिरता की दृष्टि से ऐसे प्रयोगों का किया जाना नितान्त अनुचित, अवांछनीय है। यदि इस प्रकार की गुप्त हत्याओं का ताँता चल पड़े, तो उससे लोक व्यवस्था में भारी गड़बड़ी उपस्थित हो जाए और परस्पर के सद्भाव एवं विश्वास का नाश हो जाए। हर व्यक्ति दूसरों को आशंका, सन्देह एवं अविश्वास की दृष्टि से देखने लगे। इसलिये तन्त्र विद्या के भारतीय ज्ञाताओं ने इन क्रियाओं को निषिद्ध घोषित करके उन विधियों |
मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस बीच शुक्रवार को AAP ने दावा किया कि वो जेल के वॉशरूम में बेहोश हो गए थे। जिसके बाद उन्हें दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती करवाया गया। हालांकि बाद में उनकी हालत को देखते हुए उन्हें LNJP अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया। वो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
पिछले एक हफ्ते में ये दूसरी बार है, जब जैन को स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों के चलते अस्पताल ले जाया गया है। हाल ही में AAP ने दावा किया था कि गिरफ्तारी के बाद जैन का करीब 35 किलोग्राम वजन कम हो गया है।
बीते सोमवार को रीढ़ की समस्या के चलते उनको तिहाड़ जेल की टीम सफदरजंग अस्पताल लेकर गई थी। वहां पर उनकी जांच की गई। इसके बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया।
वहीं दूसरी ओर सफदरजंग से जैन की एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वो काफी कमजोर दिख रहे थे। उनके साथ दो पुलिसकर्मी भी थे। इस तस्वीर को ट्वीट कर सीएम केजरीवाल ने लिखा था कि मैं उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए भगवान से प्रार्थना करता हूं। दिल्ली के लोग बीजेपी के अहंकार और अत्याचार को देख रहे हैं। यहां तक कि भगवान भी इन अत्याचारियों को माफ नहीं करेंगे।
उन्होंने आगे लिखा कि इस संघर्ष में जनता और भगवान हमारे साथ हैं। हम भगत सिंह के अनुयायी हैं। दमन, अन्याय और तानाशाही के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी।
दिल्ली हाईकोर्ट ने जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट गए। वहां पर उन्होंने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी है। उनकी ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जैन का वजन 35 किलो तक गिर गया है। वो कंकाल की तरह दिख रहे। उन्हें कई बीमारियां हैं, ऐसे में जमानत मंजूर कर दी जाए। इस पर वैकेशन बेंच 26 मई को सुनवाई करेगी।
2024 में दक्षिण भारत से भी चुनाव लड़ सकते हैं पीएम मोदी, 'सुरक्षित' सीट की तलाश?
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हाजिर मांग बढ़ने के बाद कारोबारियों ने अपने सौदे बढ़ा दिये। इसके चलते मल्टी कमोडीटी एक्सचेंज में कच्चे तेल का मई डिलीवरी भाव 29 रुपये यानी 0. 63 प्रतिशत बढ़कर 4,654 रुपये प्रति बैरल पर पहुंच गया। इस वायदा अनुबंध में 5,375 लॉट के लिये कारोबार हुआ।
विश्लेषकों का कहना है कि सटोरियों के अपने सौदे बढ़ाने से वायदा बाजार में कच्चे तेल का भाव ऊंचा रहा।
वहीं, वैश्विक बाजार में वेस्ट टैक्सास इंटरमीडिएट कच्चे तेल का दाम 0. 86 प्रतिशत बढ़कर 61. 96 डालर प्रति बैरल पर पहुंच गया। वहीं, न्यूयार्क में ब्रेंट कचचे तेल का दाम 0. 67 प्रतिशत बढ़कर 65. 84 डालर प्रति बैरल बोला गया।
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युवाओं को अपना लक्ष्य निर्धारित कर आगे बढ़ना होगा, तभी सफलता प्राप्त होगी। युवाओं को सरकारी नौकरी की बजाय व्यापार की तरफ भी ध्यान देना होगा। जीवन में शत्रु, बीमारी व कर्जा नहीं होना चाहिए। यह बात शनिवार को कुशालगिरी महाराज (बॉस) ने नवलगढ़ के सूर्यमंडल में हुए कार्यक्रम लीलण- 2023 में कही। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे राजनीति में नहीं जाएंगे।
कार्यक्रम में हरियाणा के मशहुर सिंगर विक्की काजला व राजस्थानी कलाकार शहनाज फोगा ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। युवाओं ने तालियां बजाकर कलाकारों का हौसला बढ़ाया। इस मौके पर पालिका उपाध्यक्ष कैलाश चोटिया, बीजेपी नेता ओमेंद्र चारण, पूर्व पालिकाध्यक्ष सुरेंद्र सैनी, लोहार्गल सरपंच जगमोहन, मदनसिंह बारवा, हेमंत चारण, भास्कर दुल्लड़ व महेश चौधरी मंचस्थ अतिथि थे।
छात्रनेता मधुशुदन शर्मा व बसंत सैनी ने अतिथियों का स्वागत किया। कमलकिशोर पंवार व मुकेश मारवाड़ी ने संचालन किया। इस मौके पर पार्षद हितेष थोरी, रोहित राठौड़, केतन शर्मा, सुनील गुर्जर, विनोद माली, अभिषेक शर्मा, असलम खान आदि मौजूद थे।
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RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई शुरू करने को इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए खुशखबरी है। यूनिवर्सिटी में जल्द ही एलएलबी की पढ़ाई शुरू होने वाली है। आरयू के मोरहाबादी कैंपस में इसके लिए जगह भी आइडेंटिफाई कर ली गई है। वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि एलएलबी की पढ़ाई शुरू करने के लिए मान्यता देने हेतु बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रस्ताव दिया गया है। जल्द ही बीसीआई इसका इंस्पेक्शन करेगी और मान्यता मिलने के बाद हम पढ़ाई शुरू कर देंगे।
रांची यूनिवर्सिटी की प्रो-वीसी डॉ कामिनी कुमार ने बताया कि एलएलबी की पढ़ाई के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रस्ताव भेजा गया है। बीसीआई की मान्यता मिलने के बाद यहां कोर्स शुरू होगा। कितनी सीटों पर पढ़ाई शुरू होगी यह बीसीआई से मान्यता मिलने पर तय होगा। इधर, रांची कॉलेज के एलएलएम कोर्स के को-आर्डिनेटर डॉ पंकज वत्सल ने बताया कि अभी स्थानीय स्तर पर केवल छोटानागपुर लॉ कॉलेज में एलएलबी की पढ़ाई होती है।
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में भी पांच वर्षीय इंटीग्रेटेड लॉ कोर्स की पढ़ाई होती है। पर इसके लिए स्टूडेंट का सेलेक्शन नेशनल लेबल पर होता है और इसकी फीस बहुत ज्यादा है। ऐसे में स्थानीय स्टूडेंट्स को इससे बहुत ज्यादा फायदा नहीं होता था। रांची यूनिवर्सिटी में एलएलबी की पढ़ाई शुरू होने से लोकल स्टूडेंट को बहुत फायदा होगा। अभी उनके पास सिर्फ छोटानागपुर लॉ कॉलेज का ऑप्शन है। इससे लॉ की पढ़ाई के ऑप्शन बढ़ेंगे।
वर्तमान में रांची यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड एकमात्र कॉलेज जहां एलएलबी कोर्स की पढ़ाई होती है वह छोटानागपुर लॉ कॉलेज है। इसकी स्थापना वर्ष क्9भ्ब् में हुई थी। यहां फाइव इयर्स इंटीग्रेटेड बीए एलएलबी कोर्स, तीन वर्षीय एलएलबी कोर्स और दो वर्षीय एलएलएम कोर्स की पढ़ाई होती है। इसकी स्थापना लंदन से वकालत की पढ़ाई करके आये बैरिस्टर एसके सहाय ने लब्ध प्रतिष्ठित समाज सेवियों की मदद से की थी।
गौरतलब हो कि अभी छोटानागपुर लॉ कॉलेज के अलावा रांची कॉलेज में ही लॉ की पढ़ाई होती है। रांची कॉलेज में भी सिर्फ एलएलएम की पढ़ाई होती है। इसके लिए ब्ब् सीटें हैं और यह एक सेल्फ फाइनेंस कोर्स है। इनमें चार सीटें पेड हैं और इसकी फीस प्रति सेमेस्टर ख्0 हजार रुपए है। पूरा कोर्स चार सेमेस्टर में बंटा है।
रांची यूनिवर्सिटी में एलएलबी की पढ़ाई शुरू होगी। कोर्स को मान्यता देने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को प्रस्ताव दिया गया है। मान्यता मिलते ही यहां एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी जाएगी।
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केंद्र सरकार द्वारा अग्निपथ के विरोध तथा आर्मी भर्ती को रद्द करने पर जवाली के युवाओं में भी आक्रोश देखने को मिला। आर्मी भर्ती को रद्द करने तथा अग्निपथ के विरोध में युवाओं ने कैहरियां चौक पर रोष प्रदर्शन किया तथा जवाली बाजार में केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसएचओ जवाली सुरजीत सिंह ने मौके पर पहुंचकर आक्रोषित युवाओं को समझाने का प्रयत्न किया तो युवाओं ने विधायक अर्जुन सिंह को मौका पर बुलाने को अड़ गए। इसके बाद कैहरियां चौक छावनी में तबदील हो गया।
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स्मार्ट सिटी बनारस की सबसे बड़ी समस्या क्या है? निश्चित है आप कहेंगे शहर में लगने वाला ट्रैफिक जाम। इन दिनों शहर में सिर्फ भीड़ वाले गिने चुने एरिया नहीं बल्कि शहर के आधे से ज्यादा चौराहों और उससे लगे हर रोड पर जाम लग रहा है। जिसकी वजह से अब लोगों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए घर से एक घंटे का एक्स्ट्रा टाइम लेकर निकलना पड़ रहा है। आज हम बात कर रहे है शहर के उन क्षेत्रों की जहां सरकारी महकमे से लेकर स्कूल कॉलेज के लोग जाम से परेशान हो रहे है। चौकाघाट से कचहरी और कचहरी से सारनाथ तक की सड़को पर गाडि़यां 30 से 35 की स्पीड से ज्यादा रफ्तार नहीं ले पा रही है। पीक आवर में तो कई एरिया में गाडि़यां रेंगती हुई चल रही है, जिसकी सबसे बड़ी वजह है ट्रैफिक जाम। हालांकि इन सब के बीच अधिकारी लोगों को भरोसा दिला रहे है कि जाम की समस्या को खत्म करने पर काम हो रहा है, जल्द ही इससे निजात मिल जाएगा।
शुरुआत चौकाघाट से करते है। यदि आपको चौकाघाट के रास्ते पांडेयपुर जाना है, तो इसके लिए आपको कम से कम आधे घंटे का एक्स्ट्रा टाइम लेकर चलना पड़ेगा। क्योंकि कि यहां चौकाघाट फ्लाइओवर से हुकुलगंज चौराहे तक जाम का सामना करना होगा। वहीं अगर आपको कचहरी अर्दलीबाजार या भोजूबीर, जाना है तो यहां भी बंपर जाम मिलता है। इसके साथ ही पांडेयपुर चौराहे से पहडि़यां के रास्ते सारनाथ रोड पर भी जाम की समस्या बनी हुई है। इसके अलावा भी अलईपुर स्टेशन, जैतपुरा समेत वरूणा पार क्षेत्र में क्षेत्र में ऐसे एरिया है जहां रोजाना लगने वाले जाम से लोग परेशान है।
शहर में जाम समस्या हर किसी के लिए सिरदर्द है। शहर के अलग-अलग इलाकों में लगने वाले जाम को लेकर अधिकारियों का कहना हैं कि डिपार्टमेंट जाम की समस्या का खत्म करने के लिए प्लान तैयार कर चुकी है, जिसमें कुल 54 बिंदुओ पर काम हो रहा है. 19 बिंदुओं पर काम हो चुका है, अन्य पर हो रहा है। अधिकारियों की माने तो तमाम परेशानियों के बाद भी आने वाले वक्त में बनारस का ट्रैफिक स्मार्ट होगा और सड़कों पर लोग बिना किसी रुकावट के फर्राटा भर सकेंगे। लेकिन इसके लिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
बनारस में लगने वाले जाम को खत्म करने के लिए काम हो रहा हैं। इसके लिए डिपार्टमेंट 54 बिंदुओं पर काम कर रही है। थोड़ा इंतजार करना होगा, स्मार्ट ट्रैफिक व्यवस्था मिलेगी।
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उद्योगपति मुकेश अंबानी की कंपनी JIO की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने के मामले में जालंधर में पहली FIR दर्ज की गई है। कमिश्नरेट पुलिस के थाना रामा मंडी में यह कार्रवाई JIO के तारों के बंडल को आग लगाने के आरोप में हुई है। हालांकि पुलिस ने यह केस अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज किया है।
अमृतसर जिले के मजीठा रोड मून एवेन्यू में रहने वाले राजन कुमार सेठ ने बताया कि वह JIO कंपनी में कांट्रेक्टर है। उसका काम जालंधर के कमल विहार बशीरपुरा में चल रहा है। कमल विहार श्मशान घाट की दीवार के साथ उनकी ऑप्टिकल फाइबर केबल की 15. 5 किलो के 15 बंडल पड़े हुए थे। इसके नजदीक ही उनका स्टोर है, जहां उन्होंने तीन कमरे किराए पर ले रखे हैं। वहां भी उनका सामान पड़ा हुआ है। राजन सेठ ने बताया कि श्मशान घाट के साथ पड़ी उनकी तारों को किसी अज्ञात व्यक्ति ने रात के अंधेरे व धुंध का फायदा उठाकर आग लगा दी। इसकी शिकायत उन्होंने थाना रामा मंडी पुलिस को दी।
पंजाब में JIO कंपनी की प्रॉपर्टी का किसान विरोध कर रहे हैं। दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन व उसके समर्थन में कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार यह नया कृषि सुधार कानून उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लेकर आई है। जालंधर समेत पंजाब के कई जिलों में JIO के नंबर पोर्ट करवाने के साथ मोबाइल टावर भी बंद कराए जा रहे हैं। जालंधर में इसका मॉडल टाउन स्थित स्टोर व ज्वेलरी शोरूम भी बंद कराया जा चुका है। इसी दौरान कुछ दिन पहले तारों को आग लगाने की घटना घटी थी। हालांकि पंजाब के CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस पर सख्ती दिखाते हुए DGP को मोबाइल टावरों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे।
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अक्सर देखने को मिलता है जब कई सेलिब्रिटीज ट्रोल हो जाते हैं लेकिन कई ऐसे सेलिब्रिटीज भी होते हैं जो ट्रोल करने वालो को मुंह तोड़ जवाब देते हैं और यही बात WWE के रेस्लरो पर भी लागू होती है. अब खबर आ रही है कि मौजूदा समय के रेस्लर ने एक फैन को उसी की भाषा में जमकर क्लास लगाई है.
हर जगह की तरह WWE को भी ट्रोल किया जाता है और खासकर रेस्लरो को. कई ऐसे रेस्लर्स हैं जो आये दिन ट्रोल करने वालो के निशाने पर आ जाते हैं, फैन्स तरह तरह की शिकायते लेकर ट्रोल करना शुरू कर देते हैं. कभी किसी रेस्लर का वजन, तो कभी किसी रेस्लर की पर्सनालिटी को लेकर बातें शुरू हो जाती हैं.
अधिकतर रेस्लर इन सब बातों पर ज्यादा ध्यान नहीं देते लेकिन कुछ ऐसे रेस्लर्स भी है जो सोशल मीडिया साइट्स पर फैन्स को चुप करा देते हैं. रैंडी ऑर्टन और केविन ओवन्स इसका सबसे अच्छा उदाहरण हैं.
One of the many podcasts that talk about your lack of wrestling ability, weird stomach and hair line?
बैरन कोर्बिन ही वो रेस्लर हैं जिन्हें एक फैन ने यह कहकर ट्रोल किया कि उनके पास रेस्लिंग टैलेंट नहीं है, उनकी बॉडी अजीब तरीके की है और उनके बाल भी बेहद खराब हैं.
आपको बता दे कि इससे पहले भी बैरन कोर्बिन फैन्स के निशाने पर आते रहे हैं और हर बार की तरह उन्होंने इस बात भी इस ट्वीट कर करारा जवाब दिया है.
Even with all of that i still just bought a million dollar house. What's your excuse for being a nobody hiding in the crowd.
बैरन ने यह कहकर मुंह बंद कराया कि इतना सब बुरा होने के वाबजूद उनके पास मिलियन डॉलर का घर है और वे भीड़ में छुपकर किसी पर वार नहीं करते.
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आरिफ खान ने चार साल की उम्र में पहली बार जम्मू-कश्मीर के एक छोटे से पहाड़ी गांव में स्कीइंग की थी। उनका वह कदम उस कठिन यात्रा की शुरुआत थी, जिसका समापन 4 फरवरी को बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक शुरू होने के साथ हुआ। आरिफ शीतकालीन ओलंपिक खेलों के एक सीजन में दो स्पर्धाओं के लिए क्वालिफाई करने वाले पहले भारतीय हैं।
आरिफ ने यह उपलब्धि हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है। उन्होंने भारतीय सैनिकों के साथ ट्रेनिंग की। यही नहीं, उन्होंने शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने के लिए अपनी शादी तक टाल दी। स्कीयर आरिफ खान ने शुक्रवार यानी 4 फरवरी 2022 को बीजिंग में शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन समारोह के दौरान छोटे से चार सदस्यीय भारतीय दल की अगुआई की।
आरिफ को स्कीइंग विरासत में मिली है। उनके पिता मोहम्मद यासीन खान गुलमर्ग में एक स्की शॉप और टूर कंपनी चलाते हैं। उनका छोटा बेटा मेराजुदीन राष्ट्रीय स्तर के स्नोबोर्डर हैं। आरिफ खान ने महज 12 साल की उम्र में राष्ट्रीय जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। तब वह पहली बार उस टूर्नामेंट में उतरे थे।
गुलमर्ग में कई सैन्य और सीमा रक्षक इकाइयां स्थायी रूप से तैनात हैं और कश्मीर के मुख्य शहर श्रीनगर से सड़क पर कई चौकियां हैं। इसका सबसे ऊंचा गोंडोला माउंट अफरवाट पर 3,950 मीटर (13,000 फीट) तक पहुंचता है, जो भारतीय सेना के एलीट हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल का घर है।
आरिफ खान कभी-कभी वहां के सैनिकों के साथ भी ट्रेनिंग करते हैं। उन्होंने बीजिंग के लिए क्वालिफाई करने के क्रम में पर्याप्त रैंकिंग अंक हासिल करने के लिए अपनी शादी टाल दी थी। आखिरकार नवंबर 2021 में स्लालोम स्पर्धा के लिए क्वालिफाई और पहली बार ओलंपिक कोटा हासिल किया।
हालांकि, आरिफ ज्यादातर यूरोप में कम्पीट करते हैं और ट्रेनिंग लेते हैं। वह चार विश्व चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुके हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पिछले साल इटली में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में रहा था, तब वह 45वें स्थान पर रहे थे।
आरिफ खान बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले इकलौते भारतीय हैं। 31 साल के स्कीयर आरिफ खाान ने स्लालोम और जायंट स्लालोम स्पर्धा के लिए क्वालिफाई किया है। भारत ने इन खेलों में एक कोच, एक तकनीशियन और एक टीम मैनेजर समेत 6 सदस्यीय दल भेजा है। आरिफ से पहले शीतकालीन ओलंपिक खेलों में भारत के कुल 15 एथलीट्स ने ही हिस्सा लिया है।
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जिया ने रामगोपाल वर्मा की फिल्म निशब्द से बालीवुड में प्रवेश किया था जिसमे उनकी भुमिका ऐसी लड़की की थी जिसे अपनी पिता की उम्र के व्यक्ति से प्यार हो जाता है। उस व्यक्ति की भुमिका में अमिताभ बच्चन ने निभाई थी। इस फिल्म में जिया के अंग प्रदर्शन की काफी चर्चा हुई थी।
उन्होंने बताया, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मैं एक रूढिवादी मुस्लिम परिवार से आती हूं तो मुझे अपनी मां से फिल्मों में अंग प्रदर्शन के लिए कम से कम दस बार पूछना पड़ा था तब जाकर मां ने सहमति दी थी। "
हाल में आई फिल्म गजिनी में उनके काम की काफी तारिफ हुई है। हालांकि इस फिल्म में अंग प्रदर्शन की कोई खास गुंजाइश नही थी। पर अगर होती भी तो वे इसके लिए तैयार थी। वैसे भी बालीवुड में बिकनी पहनना अब कोई बड़ी बात नही रह गई है।
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तलाकशुदा हसीना ने नाइटी में पोस्ट कर दीं S*xy तस्वीरें, रात होते ही बेडरूम में ऐसे मचलीं कि. .
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Mirzapur 3 और Aashram 2 जैसी सीरीज कब होंगी रिलीज?
मिर्जापुर 3 हो या आश्रम 2 या फिर असुर 2, ऐसी ही कई वेब सीरीज का दर्शक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ये वेब सीरीज खासा फेसम हुई थीं, इसलिए इनके आने वाले पार्ट्स से दर्शकों को काफी उम्मीदे हैं। मिर्जापुर 2 के लिए तो फैंस तो क्या स्टार्स भी मांग करने लगे थे कि इसे जल्द रिलीज किया जाए। आश्रम में बॉबी देओल की दमदार परफोर्मेंस लोग मिस कर रहे हैं। यहां जानिए इन वेब सीरीज का अपडेट।
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हुमा ने अपने लेटेस्ट फोटोशूट की तस्वीरें इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं जिसे उनके फैंस बेहद पसंद कर रहे हैं।
हुमा ने जो तस्वीर शेयर की है उसमें वो व्हाइट शर्ट, ब्लैक जैकेट और ब्लैक वाइट पैंट में स्टनिंग लग रही हैं।
इस लुक के साथ उन्होंने लाइट मेकअप कैरी किया है।
वहीं इयर कफ्स एक्ट्रेस के इस लुक में चार चांद लगा रहा है।
एक्ट्रेस ने कर्ली हेयर के साथ इस लेडी बॉस लुक को कंप्लीट किया है।
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दिल्ली में अब सस्ते में एसी में बैठकर शराब का मजा लिया जा सकता है. इसका खर्च भी ₹300 रुपये से कम आएगा.
दिल्ली सरकार ने शहर में कई जगहों पर प्रीमियम ठेके यानी लिकर शॉप खोली हैं. इनमें सरकारी रेट पर ही शराब मिलती है, साथ में वहीं बैठकर पीने की सुविधा भी मिलती है.
दिल्ली में रॉयल स्टैग जैसे ब्रांड के 180ML की कीमत 130 है. प्रीमियम शॉप पर बैठकर पीने के लिए इस पर नॉमिनल चार्ज देना होता है, जो शराब की कीमत में ही जुड़ जाता है. चखने के पैसे और मिला लें, तो खर्चा सिर्फ 300 तक आएगा.
दिल्ली सरकार की इन प्रीमियम लिकर शॉप्स में सिर्फ व्हिस्की ही नहीं, बल्कि वाइन और बीयर भी मिल रही है. इन शॉप्स में शराब को अलग-अलग कैटेगरी में रखा गया है.
दिल्ली सरकार की प्रीमियम लिकर शॉप जहां खान मार्केट और साकेत जैसे इलाकों में खुली हैं. वहीं कनॉट प्लेस, अशोक रोड और वसंत कुंज को मिलाकर दिल्ली में कुल 5 ब्रुअरीज खुली हैं जहां लोकल लेवल पर बनी फ्रेश बीयर मिलती है.
दिल्ली में ब्रांडेड बीयर भी सस्ती है. बीयर की 650ML की कैन की कीमत तमिलनाडु में जहां 210 रुपये है तो दिल्ली में ये 110 रुपये में मिल जाती है.
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विगलितदर्शनमोहैः समज्जसज्ञान षिदिततत्त्वार्थः । नित्यमपि निष्प्रकम्पैः सम्यफूचारित्रमालम्व्यम् ॥३७॥ सम्यम्वृष्टि तत्वज्ञानी सतको सम्यकुचारित्रके आलम्बनका उपदेश - जिन पुरुषांने दर्शन मोहको नष्ट कर दिया है और सम्यग्ज्ञानके द्वारा तत्त्वार्थ का अवरोध कर लिया है उन्हें बड़े निष्प्रम्प होकर धरणा सहित सभ्यक्चारित्रका आलम्बन फरना चाहिए। इसमें सर्वप्रथम यह बताया है कि जिसने दर्शन मोहको गला बाला उनको, जब तक पदार्थकी स्वतन्त्रताका भान न हो, समस्त पदार्थों से निराले निज अतरव का जब तक परिचय न हो तब तक वास्तव में सम्यक् चारित्र नहीं बनता, क्योंकि चारित्र नाम है अपने स्वभावका । अपने स्वभावका पता न हो तो रमे कहाँ ? जो बाह्य में सम्यक्चारित्र कहे जाते हैं वे साधक हैं, ५ समिति ३ गुप्ति, ५ महामन श्रावकों के लिए अरसुव्रत आदि ये सभ्यकचारित्र नाम इस लिए पाते हैं कि निश्चय चारित्र में साधक है, अन्यथा शुद्ध खानपान, देखभाल कर चलना, जीवदया पालना किस की चोज न उठाना ये तो बातें होती है। अन्तरङ्ग सम्यक चारित्र तो निज स्वभावको जानकर उसमें रमण करना है, ये सब साधक किसलिए होते हैं इसे समझना है तो इससे उल्टी घास सोचें बोई मनुष्य दया नहीं पालता, दूसरे जीषोंको सताता तो ऐसे चित्त में स्वभावधारणा नहीं बन सकती है, जो शल्यरहित हो, सत्यव्यवहार करता हो, न्याययुक्त जीवन हो ऐसे आवरण बालों में उस स्वभावकै धारण करने की योग्यता रहती है, अतएव ये सब आचरण साधक हैं। बास्तव में सम्यकचारित्र तो आत्मस्वभावमें रमण करनेका नाम है। यह बात तब बन सकती है जब दर्शन मोइ गल गया हो। जिसका मिथ्यात्व नष्ट हो गया और जिसने ७ तत्वका श्रद्धान् यथार्थ अवधारण किया वह पुरुष सम्यकचारिश्रको ग्रहण करता है, ये ३ शब्द ऐसे हैं देखना, जानना और प्रयोग करना । लौकिक कामों में भी ये श्यातें आती हैं, कोई भी काम करने जावें । यह मोक्षमार्गका प्रकरण है, इस कारण यहाँ देखनेका नाम श्रद्धान है। विश्वास होना और स्पष्ट बोध होना और उस अंतस्तत्व मे उपयोग जमाना, यही है रत्नत्रय और मोक्षका मार्ग । अब वह अतस्तत्त्व इस ज्ञानी के उपयोग मे यो बसता है कि यह ध्रुव है बिना है, किसी चीज से उत्पन्न नहीं होता और न यह किसी वस्तुको उत्पन्न करता है। जिसके मंचरण में परिणमन नाना होते हैं फिर भी किसी परिणमनरूप नहीं बनता, ऐसा जो एक चैतन्यस्वभाष वह अस्तव, चैतन्यमात्र मैं हूं, इस प्रकार की वह प्रनीति करता है और ऐसी दृष्टि जमाने की ही यत्न रखता है, अव ऐसा उपयोग बन जाय किसीका या जितने क्षण बने, स्वय बुछ थोड़ा बहुत यत्न करके अनुभव बना करे तो इस अनुभूतिके प्रसार से क्लेश दूर होते हैं और चात्मीय आनन्द प्रकट होता है । क्योंकि क्लेश तव होते हैं जब परपदार्थों में उपयोग हो । जव परपदार्थों में इष्ट अनिष्ट की बुद्धि होती है तब क्षोभ उत्पन्न होता है, इसलिए परके आत्माको कष्ट है और जब स्वयका स्वय में सत्य सहजता परिचय हो, उपयोग हो तो इसमें कोई विगाड़ नहीं रहता। ऐसी निर्विकल्परूप, अनुभूतिरूप आत्मस्वभावका उपयोग करना, यही है निश्चयदृष्टि से पारित्र ।
सवृत्ति और स्वानुभूतिका परस्पर सहयोग -8 व देख लीजिए कि फैसा परस्पर सयोग है कि अपने को शान्तवृत्तिमें रखे तो अनुभव जगे और अनुभव जगे तो शान्तवृत्ति बढे । इसमें एकान्त से हम दिसे कारण बतायें ? अन्तिसे अनुभूति होती है या अनुभूति से शान्ति होती है - इन दोनोमे एकान्ततः हम किसे पहिले रखें ? कुछ मद कपाय होकर जो शान्ति मिलती है यह तो बहुत चाहे तब अनुभूति जगे । 'और अनुभूति जगने से फिर उस शान्ति से वृद्धि घनती है और शान्ति ही एक चारित्रका रूप है । तो
पुरुषार्थ सिद्ध्युपाय प्रवचन द्वितीय भाग
अनुभव करनेके लिए सदाचरण होना बहुत आवश्यक है। जो पुरुष किसी प्रकार अच्छे ढगसे व्रत और नियमसे रहते हैं उनकी यह वृत्ति स्वानुभूतिका साधक है, वेवल एक ज्ञान कर लेने मात्र से, तत्त्वकी चर्चा कर लेने मात्र से अनुभूति नहीं जगती, क्योंकि उसमें हमारा चित्त रमे, उपयोग ग्रहण करे, चित्त शान्त हो तो आत्माकी अनुभूति जगती है। चित्तमें शान्ति तव हो सकती जब हमारी अनाचाररूपवृत्ति न हो, अभक्ष्य भक्षण को प्रवृत्ति न हो। ज्ञान तो हो गया कि मद्य मासमें जीवकी हिंसा है ऐसा ज्ञान होकर जो पुरुष उसकी प्रवृत्ति करता है तो उसके चित्त में क्रूरता है और क्रूर चित्त आत्मानुभव कर नहीं सकता और जिसके ज्ञान ही नहीं कि मांस भक्षण में दोष है, इसमें जीव दिसा है, उसके तो जीवकी पहिचान हो नहीं है, आत्मानुभव तो उसके जगेगा ही क्या ? जब मिथ्यात्व अन्याय अमक्ष्यका त्याग नहीं होता उसके सम्यक्त्व नहीं होता। जब तक बाह्य आचरण ठीक न हो तब तक आत्मानुभूतिकी पात्रता ही नहीं है, इस कारण ऐसा ही ख्याल करना चाहिए कि हमें केवल सम्यक्त्व पैदा करना है, आचरण पीछे सुधारेगे । अरे विशिष्ट आचरण तो वाद सुधरेगा पर साधारण आचरण तो पहिले चाहिए। क्योंकि सम्यक्त्व घात्मानुभूतिके साथ उत्पन्न होता है। बादमें सम्यक्त्व बना रहे और आत्मानुभूति न बने यह तो सम्भव है क्योंकि आत्मानुभषका नाम है- छात्मोका उपयोग रखना । सम्यग्दृष्टि निरन्तर आत्माका उपयोग रखता हो ऐसी बात नहीं है। गृहस्थजन दूकान पर जाते, आजीविकाका साधन बनाते, परिवार का पालन पोपण करते, अनेक घटनाओं में सुधार विगाड़का यत्न रखते, परपदार्थोंका उपयोग चलता रहता है पर सम्यक्त्व बना रहता है। सम्यक्त्व की उत्पत्ति स्वके उपयोग विना नहीं हो सकती, स्वानुभूति पूर्वक ही सम्यक्त्व उत्पन्न होता है। अपनी उस अनुभूतिको जगाने के लिए हमारा पहिले से आचरण विशुद्ध हो तो कार्य बनता है। आचरण गदा है तो हममें यह योग्यता नहीं है कि सम्यग्दर्शन उत्पन्न है कर सकें । जिसे सम्यग्दर्शन होता है और भले प्रकार तत्त्वार्थका परिज्ञान है उस पुरुषको सदाकाल दृढ चिच पूर्वक विशिष्ट उत्साह सहित सम्यक चारित्रका आलम्बन लेना चाहिए । जैसे कोई पुरुष मार्ग चलता है तो रास्ता जैसे-जैसे व्यतीत होता है वैसे ही वैसे उसका उत्साह बढता जाता है ऐसे ही सभ्यक् चारित्रके मार्ग में उत्साह वह बढ़कर यह ज्ञानी पुरुष बढ़ता है, क्योंकि उसकी दृष्टि में वह स्थान है जिस स्थानपर उसे अपना उपयोग जमाना है और अपने अन्त पुरुषार्थ से वह उस ओर बढ़ रहा है और उसे स्पष्ट विदित हो रहा है कि यह अतस्तत्त्व है । कुछ और निकट पहुचता है तो अपने उपयोगको अपने अतस्तत्त्वमें पहुंचाता है। तो उत्साहपूर्वक उस मार्ग में बढ़ना है, ऐसे उत्साहसहित दृढ सम्यग्ज्ञानो पुरुषको सम्यक चारित्रका आलम्बन लेना चाहिए।
न हि सम्यग्व्यपदेश चरित्रमज्ञानपूर्वक लभते । ज्ञानानन्तरमुक्त चारित्राराघन तस्मात ॥२८॥
श्रज्ञानपूर्वक चारित्रमे समीचीनताका प्रभाव - जो अज्ञानपूर्वक चारित्र है वह सम्यक् नाम नहीं पाता । चारित्र सम आदि धारण कर रहा तो उस सम्यक नहीं है, चारित्र सही चारित्र नहीं है, सही सयम नहीं, इसी कारण से सम्यग्ज्ञान के पश्चात् चारित्रका आराधन बताया । पहिले सम्यग्दर्शनकी आराधना, फिर सम्यग्ज्ञान को भारावना, फिर सम्यक् चारित्रकी आराधनाका जो क्रमसे प्रतिपादन है उसका तथ्य यह है कि सर्वतमभ्यस्वचादि । सम्पत्र के विना मोक्षमार्गका प्रारम्भ नहीं है। किसी भी काम में यदे विश्वास नहीं है तो उस काम को पूरा कर नहीं सकता। रसोई लोग बनाते हैं तो पूरा विश्वास है कि इनसे वाया जाता है और बन जाता है। आटेसे रोटी बन जाती है और विश्वास भी होता। कहाँ ऐवा तो न कि नोकर कि पान को धून से रोटी बने । तो सबसे पहिले विश्वासकी है सबके होते हो ज्ञानावर सम्पवत जाता है । सो सम्यग्ज्ञान |
दक्षिण कोरिया की स्मार्टफोन निर्माता कंपनी SAMSUNG एक नया कारनामा करने जा रही हैं. हमेशा अपने दमदार स्मार्टफोन के जरिये बाजार और यूजर्स के दिलों पर राज करने वाली SAMSUNG जल्द अपना अगला स्मार्टफोन लाएगी. बताया जा रहा हैं कि कंपनी का अगला स्मार्टफोएन 12GB रैम के साथ आएगा. अगर ऐसा होता हैं तो कंपनी इतिहास रच देगी.
आपको बता दें कि कंपनी इस बार भारतीय बाजार में अपना एक ऐसा स्मार्टफोन पेश करने वाली है. बता दें कि हाल ही में कंपनी द्वारा ऐसा दावा किया गया है कि अब आने वाला नया स्मार्टफोन 12 जीबी रैम के साथ पेश किया जाएगा. कहा जा रहा हैं कि 2019 के शुरूआत में पेश कराये जाने वाला एस सीरीज का यह नया फ़ोन होगा. इसे 4 अलग-अलग संस्करण में पेश किया जाना हैं. साथ ही ख़बरें यह भी हैं कि 4 में से एक वेरिएंट 5G होगा.
आपको बता दें कि 2019 की शुरूआत में पेश किए जाने वाले इस फ़ोन में स्टोरेज भी काफी अधिक होगी. कहा जा रहा है कि स्मार्टफोन में आपको 6. 3 इंच की लंबी फुल एचडी प्लस डिस्पले देखने को मिल सकती है. वहीं बैक पैनल पर चार कैमरे और फ्रंट पैनल पर दो कैमरे देखने को मिलेंगे. इसकी कीमत और नाम को लेकर कोई खुलासा नहीं हुआ है.
यूजर्स के लिए आई बुरी खबर, JIO छीन सकती है आपसे सारी सुविधाएं ?
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भारत समेत विश्व के इतिहास में 13 जून का दिन काफी महत्व रखता है। तस्वीरों से जानिये, इस दिन की कई महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में. .
कोरोना की वैश्विक महामारी के चलते लंबे समय से पर्यटकों के लिये बंद जिम कार्बेट नेशनल पार्क को प्रशासन द्वारा जल्द खोला जा सकता है। पढिये, पूरी खबर. .
भारत समेत विश्व इतिहास में 12 जून का दिन काफी महत्व रखता है। तस्वीरों से जानिये, इस दिन की कई महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में. .
देश के चार धामों में से प्रमुख धाम भगवान बद्रीनाथ के दर्शन के लिये प्रशासन द्वारा नये आदेश जारी कर दिये गये हैं। जानिये, अब कौन लोग कर सकेंगे दर्शन. .
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कोरोना से निपटने के लिए हैंड सैनिटाइज़र का कोई विकल्प नहीं है! महामारी के दौरान कोरोना एक हाथ प्रक्षालक बन गया है! लेकिन यह हैंड सैनिटाइजर कितना सुरक्षित है? क्या सैनिटाइज़र आपके जीवन को खतरे में डाल सकता है? अगर यह खतरा लाता है! वह खतरा कैसे ला सकता है? सीजीएसआई के अनुसार, हैंड सैनिटाइज़र आपके जीवन में गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं! सीजीएसआई के एक अध्ययन में पाया गया कि अधिकांश सैनिटाइज़र में विषाक्त मेथनॉल होता है।
भले ही सैनिटाइज़र में मेथनॉल मिलाया जाता है, निर्माता बोतल के लेबल में मेथनॉल को शामिल करने का उल्लेख नहीं करते हैं। यह आरोप सीजीएसआई का है। यह सैनिटाइजर कोरोना में दवा दुकानों के अलावा अन्य दुकानों में बेचा जा रहा है। नतीजतन, शारीरिक नुकसान पहुंचाने के अलावा, यह सैनिटाइज़र मानव दृष्टि को भी नष्ट कर सकता है। इतना ही नहीं, कुछ हैंड सैनिटाइजर में हानिकारक अल्कोहल भी होता है। यह शराब लोगों को शारीरिक रूप से भी नुकसान पहुंचा सकती है। अध्ययनों से पता चला है कि इथेनॉल का उपयोग कई हैंड सैनिटाइज़र में किया जाता है। इथेनॉल के बाजार मूल्य को कम करने के लिए सैनिटाइज़र मेथनॉल का उपयोग कर रहे हैं। CGSI ने सूचना दी। 31 अगस्त को जारी सीजीएसआई सर्वे में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ध्यान दें कि मेथनॉल के साथ मिश्रित सैनिटाइज़र के उपयोग से सिरदर्द, उल्टी, अंधापन, चेतना की हानि और यहां तक कि कोमा भी हो सकता है! यह किलर विषाक्त मेथनॉल बाजार में 122 नमूनों में से 5 में पाया गया था! ध्यान दें कि 45 सैनिटाइज़र बोतलों में निहित शब्द बोतल के अंदर सेनिटाइज़र से मेल नहीं खाते हैं! कंज्यूमर गाइडेंस सोसाइटी ऑफ इंडिया या CGSI की रिपोर्ट से काफी हलचल मची है।
लेकिन अगर सैनिटाइज़र इतना हानिकारक है तो क्या किया जा सकता है? आपको अपने हाथ साफ़ करने होंगे! इसलिए, सीजीएसआई के अनुसार, सैनिटाइज़र की तुलना में साबुन को अधिक महत्व दिया जाता है। यदि नहीं, तो 70% अल्कोहल युक्त एक हाथ प्रक्षालक का उपयोग किया जा सकता है। कोई बात नहीं है।
एक वैश्विक महामारी के खिलाफ एहतियात के तौर पर, 100 प्रतिशत मास्क पहनना, हाथों को साफ रखना और लंबी दूरी बनाए रखना उचित है। इसके अलावा, शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए, आपको अपने खाने की आदतों में कुछ बदलाव करने होंगे।
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अमेरिका के कोलोराडो शहर स्थित एक परिवार नियोजन केंद्र पर एक बंदूकधारी ने गोलीबारी की, जिसमें एक पुलिस अधिकारी सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई। पूरा घटनाक्रम पांच घंटे से भी अधिक समय तक चला। इसके बाद, बंदूकधारी ने सरेंडर कर दिया। घटना में पांच पुलिस अधिकारी सहित नौ लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि अभी तक बंदूकधारी के मकसद का पता नहीं चल पाया है।
अधिकारियों के मुताबिक, शुक्रवार शाम बंदूकधारी कोलोराडो के कोलोराडोस्प्रिंग्स स्थित 'प्लैन्ड पैरेंटहुड' क्लिनिक में घुसा और उसने कई घंटों तक वहां कर्मचारियों और मरीजों को बंधक बना कर रखा। इस दौरान पुलिस और बंदूकधारी के बीच गोलीबारी हुई। लाखों अमेरिकी लोगों के 'थैंक्सगिविंग' की छुट्टी का जश्न मनाने के महज एक दिन बाद यह घटना हुई। अमेरिका की गृह सुरक्षा सलाहकार लीजा मोनाको ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को हालात की जानकारी दी। कोलोराडो स्प्रिंग्स के मेयर जॉन सूदर्स ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "आरोपी को हिरासत में ले लिया गया है। " पुलिस ने बताया कि हमलावर के पास एक लंबी बंदूक थी और वह अपने साथ इमारत में कई "चीजें" लेकर गया था जो विस्फोटक हो सकते हैं। एफबीआई भी मामले की जांच में जुट गई है।
नेशनल एबॉर्शन फेडरेशन की अध्यक्ष एवं सीईओ विकी सापोर्टा ने कहा, "घटना में मारे गए लोगों के परिवारों और घायलों के प्रति हमारे दिल में संवेदना है। हम इस घटना से निपटने वाले अधिकारियों और हमले का सामना करते हुए मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले क्लिनिक के कर्मचारियों के बेहद शुक्रगुजार रहेंगे। " उन्होंने कहा, "गर्भपात विरोधी कार्यकर्ताओं की ओर से एक भ्रामक वीडियो जारी करने के बाद गर्भपात करने वालों के खिलाफ नफरत फैलाने वाले बयानों और धमकियों में इजाफा हुआ है। ऐसी आशंका थी कि इस तरह की धमकियों के कारण हिंसक हमले होंगे और आज यह हुआ भी। " वीडियो जारी होने के बाद 'प्लैन्ड पैरेंटहुड' के कम से कम चार क्लिनिक पर आगजनी की गई है।
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सीएम के निर्देश के बाद सड़कों को लेकर काम मे तेजी आई है, वही इस पर सियासत भी तेज हुई है। ग्वालियर से दो केंद्रीय मंत्री, प्रदेश सरकार में भी मंत्री होने के बावजूद सड़कों की बदहाली प्रदेश में चर्चा का विषय बन चुकी है।
ग्वालियर में ज्वेलरी शॉप में ग्राहक बनकर पहुंची दो महिलाएं दस ग्राम वजनी सोने की चेन चोरी कर ले गई। चोरी की सारी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। ज्वैलर्स ने चोर महिलाओं के खिलाफ शिकायत की है।
इस बार दिवाली महापर्व के 5 दिनों के दौरान साल का आखिरी सूर्य ग्रह भी लगेगा। यह ग्रहण 25 अक्टूबर को होगा।
डबरा शहर में 2 गुटों में हुई गोलीबारी में एक युवक की मौत हो गई। जबकि एक राहगीर समेत 3 लोग घायल हो गए।
एबीवीपी विजयपुर इकाई के कार्यकर्ता जनजातीय समूह के गांव पहुंचे। यहांं उन्होंने बच्चों को कपड़े, मिठाइयां और पटाखे बांटकर उनके साथ दीपावली का त्यौहार सेलिब्रेट किया।
ऊर्जा मंत्री के जूते त्यागे वाले बयान पर कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश में अधिकारियों की मनमानी इस कदर बढ़ गई है कि काम करवाने के लिए प्रदेश के मंत्रियों को जूते चप्पल का त्याग करना पड़ रहा है।
ग्वालियर में बर्थ-डे पार्टी में भुगतान वसूलने पहुंचे व्यवसायी से 60 हजार रुपए लूट का मामला सामने आया है।
जनसुनवाई में पहुंची महिला ने आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया कि पति और अन्य रिश्तेदार दहेज के लिए परेशान कर रहे हैं।
मेष राशि वालों आज आपको कार्यक्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। धर्म-कर्म के कामों में आपका मन लगेगा।
मिथुन राशि वाले जो पारिवारिक बिजनेस से जुड़े हैं उन्हें सफलता मिलने की पूरी संभावना है।
सिंह राशि वालों व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए दिन मुनाफा कमाने वाला रहेगा। आपकी आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत होगी।
कन्या राशि वालों ऑफिस में आपके प्रोजेक्ट के सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। कार्यक्षेत्र में व्यस्तता अधिक रहेगी।
तुला राशि वालों आपके दिन की शुरुआत बेहद सुखद रहेगी। काफी समय से रुका हुआ काम आज संपन्न हो सकता है।
वृश्चिक राशि वालों आज घर की सुख सुविधा संबंधी चीजों पर खर्च हो सकता है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है।
मकर राशि वालों आय के स्त्रोत बढ़ने से रुके हुए कार्यों में गति आएगी। युवा वर्ग भविष्य को लेकर ज्यादा फोकस रहेंगे।
कुंभ राशि वालों आज का दिन शानदार रहेगा। बिजनेस संबंधित निवेश करना आपके लिए उत्तम रहेगा।
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Beauty Benefits of Paneer: पनीर खाने से सेहत को क्या फायदे (Paneer) होते हैं इसके बारे में तो भारतीय या यूं कहें कि एशियाई लोगों से बेहतर शायद ही कोई जानता है। प्रोटीन का स्रोत होने के साथ-साथ यह किसी भी डिश की रिचनेस बढ़ाने का काम करता है पनीर । बड़ों से लेकर बुज़ुर्गों तक हर उम्र के लोगों को पनीर (Cottage Paneer) से बनी सब्ज़ी, परांठे और पनीर के स्नैक्स पसंद आते हैं। पनीर शरीर को अंदर से पोषण कर मसल्स को मज़बूत बनाता है और यह शरीर को अंदर से मज़बूत बनाता है। (Health benefits of eating paneer) पर क्या आप जानते हैं कि इतने गुणों से भरपूर पनीर आपकी स्किन को भी खूबसूरत बनता है।
पनीर से निखारें चेहरे की खूबसूरती ऐसे (Ways to use paneer for skincare)
जी हां, पनीर खाने से जहां शरीर और स्किन का पोषण (Beauty Benefits of Paneer in Hindi) होता है। लेकिन, इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा पर नैचुरल ग्लो आता है। यहां पढ़ें पनीर से बना होममेड फेस पैक तैयार करने और इस्तेमाल का तरीका। (Homemade paneer face packs)
- 2 चम्मच पनीर (कद्दूकस किया हुआ)
- चेहरे को पानी से साफ करें और त्वचा को नैचुरली सूखने दें।
- सभी चीज़ों को अच्छी तरह मिक्स करें।
- अब, इस मिश्रण को अपने चेहरे पर लगाएं।
- फेस पैक लगाते समय इसे आंखों और लिप्स के पास ना लगाएं। दरअसल, नींबू के रस में मौजूद एसिडिक तत्व इन हिस्सों की कोमल त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- 20 मिनट तक यह फेस पैक अपने चेहरे पर लगा रहने दें।
- फिर, चेहरे को सादे या ठंडे पानी से साफ करें।
- सप्ताह में इस फेस पैक को एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि, मौसम और अपनी स्किन टाइप के अनुसार, इसका इस्तेमाल करें।
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बॉलीवुड अभिनेत्री नोरा फतेही शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के समक्ष पेश हुईं. नोरा ने ठग सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 215 करोड़ रुपये की ठगी मामले में अपना बयान दर्ज कराया. वह इस मामले में मुख्य गवाह हैं. नोरा ने खुद ही दिल्ली पुलिस की अपराधा शाखा से संपर्क कर अपना बयान दर्ज कराने का आग्रह किया था.
सीआरपीसी की धारा 164 के तहत नोरा का बयान दर्ज किया गया. इस मामले में अब नोरा के बयान को सबूत के तौर पर लिया जाएगा.
उन्होंने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) से संपर्क किया था. अब दिल्ली पुलिस पटियाला हाउस कोर्ट में धारा 164 के तहत उनका बयान दर्ज हो रहा है. इस दौरान नोरा यह बता रही हैं कि वह किस तरह सुकेश के नजदीक आईं और सुकेश की तरफ से उन्हें क्या-क्या ऑफर किया गया. नोरा इन सब मामलों में अपना बयान दर्ज करवा रही हैं.
सुकेश चंद्रशेखर से जुड़े 200 करोड़ के ठगी के मामले में नोरा के अलावा जैकलीन फर्नांडिस से भी लंबी पूछताछ की गई थी. हालांकि नोरा फतेही ने पूछताछ के दौरान अपना पक्ष साफ कर दिया था. ठगी और वसूली मामले में लगे आरोपों से परेशान होकर हाल ही में नोरा फतेही ने जैकलीन के खिलाफ मानहानि का केस कर दिया है. नोरा का कहना है कि जैकलीन और मीडिया ट्रायल की वजह से उनकी छवि को भारी नुकसान पहुंचा है.
नोरा ने मानहानि का केस करते हुए आरोप लगाया कि 200 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनका नाम जबरदस्ती इस्तेमाल किया गया. नोरा ने दावा किया था कि उनका सुकेश से कोई भी ताल्लुक नहीं है. वो सुकेश को उसकी पत्नी लीना मारिया पॉल के जरिए जानती थीं. नोरा ने सुकेश से किसी भी तरह के महंगे गिफ्ट्स लेने की बात को पूरी तरह से गलत बताया है.
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आयिन संस्थान
कि बाजार जितना हो कम पूर्ण होता है उतना ही उद्यमक्र्ता को विशेषज्ञों की कियाग्रो मे समन्वय वरने का अवसर मिलता है। यह सोचना गलत है कि विशेषज्ञता के सिद्धान्त बड़े पैमाने के संगठन के अनुकूल होते है। मच्छी तरह सगठित बाजारो मे छोटो फम सरलतापूर्वक चल सकती है, क्योकि उन्हे विशेषज्ञो वी रालाह, इजीनियरी सेवा पुर्ज़े, कच्चा माल मौर ऐसौ ही चीजे सस्ती दर पर उपलब्ध होती हैं और वे अपना माल भन्तिम या मध्यवर्ती खरीदार को श्रासानी से बेच सकती है। बाजार जितना अच्छी तरह सगठित होगा, उतना ही हर फर्म को खुद कम काम करना होगा, और बड़े पैमाने पर सगठन के लाभ भी कम होगे ।
इसी का उपसिद्धान्त यह है वि भगर हम छोटे पैमाने के उद्यम को बढ़ावा देना चाहते हैं तो इसवा सर्वोत्तम उपाय यह है कि छोटी फर्म के मासपास विशेषज्ञ सेवामी और विपणन एजेंसियों की व्यवस्था कर दी जाए, जो इतनी कार्यकुशल और सस्ती हो कि फर्म को छोटा होने के कारण ही हानियों न उठानी पडें । बडा सगठन अनुसन्धान कर सकता है, बडो राशियों में सरीदबेच सकता है, रुपया इकट्ठा कर सकता है, मानव-वस्तु तैयार कर सकता है, विज्ञापन का सर्च उठा सकता है बढ़िया-से-चढ़िया विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त वर सकता है, प्रादि-प्रादि । छोटा सगठन भी यह सब काम सफलतापूर्वक कर रास्ता है मगर उसके चारो भोर-निजी, सहवारी या साविधिव-एजेंसियाँ हो जो वे सारा काम सँभाल सके, जिसका निष्पादन बड़े पैमाने पर हो सम्भव है। इस स्थिति म छोटो फर्म उन कार्यों पर ध्यान केन्द्रित र सकती है जो छोटे पैमाने पर मच्छी तरह किये जा सकते हैं। उदाहरण वे लिए, छोटी फर्म का विशेषज्ञ की सलाह दृषि-विस्तार सेवा से, मानक बोजगोदामो से और ट्रैक्टर विराय पर देने वाली एजेंसी से लेने की सुविधा हो, और वह अपना माल ऐसी एजेंसी को बेच सवे जो अनेक ऐसी पा माल इकट्ठा करके उसकी दर्जेबन्दी, प्रक्रियाकरण, विज्ञापन और बडी राशियो में बेचने को व्यवस्था कर गर्ने । यह सही नहीं है कि वायंबुशलना या माथित्र विषास के हित में बड़े पैमाने पर उत्पादन करना हो हर कर्म के लिए भावश्यक है, लेकिन यह ठीक है कि विशेषता के लाभ प्राप्त करने में लिए पर्म के सन्दरही या मुमठिन बाजारो को रचना वे पन्तर्गत बड़े पैमान के लाभ उपलब्ध हो । सुगगठित बाजार बडो पर्म वा स्थान मि सीमा तन ग्रहण कर सकता है यह उद्योग की प्रकृति पर निर्भर है। रेल यातायात, इस्पात का निर्माण और मोटरवार जोडो वा बाम छोटे पैमाने पर बुरालतापूर्वक वरना बहुत मुश्विल होगा, जबति छाटे पैमाने ने उद्यमग यातायात, दुशानदारी, बुछ विशिष्ट इपिनार्य और बुछ विनिर्माण कार्य बडो |
तो उपलक्षरण है । अर्थ उसका यह है कि किसी प्रकारकी हिंसा न हो ऐसा लो । बाजारकी चीजें न लिया करें क्योंकि वे मर्यादित चीजें है, हिंसाके, दोपसे युक्त हैं । कितनेही दिनोंका रखा हुआ सामान होता है, सड़ा गला कर बनाया जाता है । जलेवी इत्यादि ऐसे ही बनती है। ऐसे भोजन सव अभक्ष्य है । जो मर्यादा के भीतर है ऐसा ही ग्राहार लिया जा सकता है।
दूधको श्रमक्ष्य माननेकी शकाका उत्तर - प्रश्न - दूध दही, दोनोंको लोग कहते है कि ये अभक्ष्य हैं । क्या ये अभक्ष्य हैं ? उत्तर - मर्यादाके भीतरमें दूध व दही अभक्ष्य नहीं । अण्डेसे रुचि करनेवाले युवक जन यह कहते है कि जैसा दूध है वैसा अण्डा है पर दूध और अण्डेमें महान अन्तर है । अण्डा जीवका योनिभूत होता है । अण्डेसे बच्चे निकलते हैं । कोई ऐसा भी अण्डा है जिसमें बच्चे न उत्पन्न होते हों ? लेकिन जीव उत्पन्न करनेका अण्डा साधन है । किसी अण्डेमें बच्चा न हो सका तो क्या जाति तो एक है। जैसे अनाज होता है । किसी जके दानेसे पौधे हो जाते हैं कितनेमें नहीं, पर जाति
तो एक है। दूसरी बात जैसे गाय भेंस दूध दिया करती हैं, मूत्र भी करती है । मूत्र तो हिंसा रहित है। गाय से निकलने के कारण दूध मांसका अंश मानो तो मूत्र भो गायसे निकलता है वह तो मांसका नहीं । मांस खून निकालने में पशुको बाधा होती है किन्तु दूधके निकालनेसे तो बाधा नहीं होता है ।
दूधके उद्गमकी निर्वाधता - भले ही लोग मूत्र नहीं चाहते हैं, यह बात अलग है पर वह हिंसाकी चीज नहीं, इसमें मांस खून आदि नहीं है । जैसे भोजनसे या पाचनसे शुद्ध होकर मूत्र बनता है इसी तरहसे भोजन पाचन से शुद्ध होकर एक दूध बनता है । दूध पानीका वहाँ हिसाब अलग है । यदि दूध न निकाला जाय तो गाय भेंसके पीड़ा हो जाय । दूध निकलनेसे पीड़ा नहीं होती है। और फिर ऋपियोंने यह भी बारीक वात बता दी है कि अन्तर्मुहूर्त में यदि उस दूधको गरम न कर लिया जाय तो उससे जीवोंकी उत्पत्ति होती है । अगर दूधको कुछ ही घंटे रख दो तो उसमें जीव पैदा हो जाते हैं । जिस प्रकार कि अन्तर्मुहूर्त में पानीको गरम न कर लिया जाय तो पानी में कीड़े पड़ जाते हैं ।
दहीके भक्ष्य व अभक्ष्यपनेका निर्णय - अब रही दहीकी बात । दूधको जमाया तो दही हो गया । एकही रात बीती हो तव तो दही भक्ष्य है, दो रात बीत जांय तो भक्ष्य नहीं । ऐसा निमित्त - नैमित्तिक सम्वन्ध है कि खटाई का योग हो तो दूध दहीरूप हो जाता है । कोई कहे कि दुर्वीनसे देखते हैं तो उसमें कुछ चलता हुआ नजर आता है। तो आप दुर्वीनसे कुछ भी चीजें |
जनज्वार ब्यूरो,पटना। कोरोना काल में शादी जैसे सामूहिक आयोजनों में शामिल होने के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं,यह पटना में देखने को मिल रहा है। पटना के पालीगंज की यह घटना इस बात का भी सबूत है कि बाहर से आकर बिना जांच कराए लोगों से मिलना-जुलना कितना खतरनाक हो सकता है। साथ ही यह घटना क्वेरेन्टीन सेंटरों को बंद किए जाने से हो रही दिक्कतों की बानगी भी दिखा रही है। कोरोना के प्रति लोगों और सिस्टम की लापरवाही का भी यह मिसाल बन गया है।
पटना के पालीगंज में 29 जून को एक साथ 80 कोरोना पॉजिटिव मरीज पाए गए हैं। ये सभी लोग एक ही शादी समारोह में शामिल हुए थे। इसके साथ ही इसमें शामिल अबतक 103 लोग संक्रमित पाए जा चुके हैं। कोरोना काल में शादी की जल्दबाजी के क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं, इसकी यह प्रत्यक्ष मिसाल है।
बिहार की यह सबसे बड़ी कोरोना चेन बताई जा रही है। इससे पहले मुंगेर और सीवान में कोरोना चेन बनी थी, पर इस चेन के मुकाबले वह बहुत ही छोटी थी। सीवान और मुंगेर की कोरोना चेन अब समाप्त हो गई है।
शादी के दूसरे दिन ना सिर्फ दूल्हे की मौत हो गई, बल्कि अब भी बारात में शामिल लोगों में से कोरोना पॉजिटिव मिलने का सिलसिला जारी है।29 जून सोमवार को भी उस शादी समारोह में शामिल 80 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। पालीगंज में एक ही गांव में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है।
खास बात यह है कि ये सभी पालीगंज के एक गांव में 15 जून को एक ही शादी समारोह में शामिल हुए थे। जिस शादी से सभी कोरोना से ग्रसित हुए हैं, उस दूल्हे की मौत शादी के दो दिनों के बाद यानी कि सुहागरात के अगले दिन 17 जून को ही इलाज के दौरान हो गई थी।
गांव के लोग दूल्हे की मौत का कारण भी कोरोना बता रहे हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है, क्योंकि उसकी कोरोना जांच ही नहीं कराई गई थी। चूंकि कथित रूप से उसकी मौत पेट दर्द के कारण हुई थी। न तो परिजनों ने उसके मौत की सूचना प्रशासन को दी, न ही गांव वालों ने।
हालांकि जब गांव के लोग एक-एक कर पॉजिटिव पाए जाने लगे, तब प्रशासन अलर्ट मोड में आया। उस शादी में जितने लोग भी शामिल हुए थे, उन लगभग तीन सौ लोगों का सैंपल जांच के लिए भेजा गया। साथ ही उन सभी मुहल्लों को सील कर दिया गया था, जहां से सैंपल लिए गए थे।
बिहार में कोरोना से एक मंत्री, एक विधायक,एक पूर्व सांसद, कई अस्पतालों के डॉक्टर और स्टाफ भी अबतक संक्रमित हो चुके हैं। बिहार में कोरोना संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग के ताजा आंकड़ों के अनुसार 29 जून की रात्रि 11 बजे तक कुल मरीजों की संख्या 9618 तक पहुंच चुकी है। हालांकि इनमें से 7374 मरीज स्वस्थ भी हो चुके हैं।
बताया जा रहा है कि पटना के पालीगंज स्थित डीहपाली गांव निवासी एक युवक की विगत 15 जून को शादी हुई थी। युवक दिल्ली से हाल में ही निजी वाहन से आया था। वह दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में इंजीनियर था। ग्रामीणों के अनुसार जब वह घर आया उस समय क्वारेंटाइन सेंटर बंद हो चुके थे, जिसके बाद उसे होम क्वारेंटाइन कर दिया गया था।
उसकी शादी के तीसरे दिन यानी 17 जून को पेट दर्द की शिकायत के बाद उसे निजी क्लीनिक में भर्ती कराया गया, जिसके बाद उसे पटना भेज दिया गया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी। बाद में प्रखंड विकास पदाधिकारी चिरंजीवी पांडेय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मामले की छानबीन की और मृत युवक के स्वजनों सहित कोरोना संक्रमण की जांच के लिए करीब 300 से ज्यादा लोगों का सैंपल लिया गया। संक्रमित पाए जाने वाले गांव व मुहल्ले को चिन्हित कर सील कर दिया गया।
दूल्हे की मौत कोरोना से हुई है या किसी और बीमारी से,अब इसका पता लगाना भी अब संभव नही है, क्योंकि दूल्हे का अंतिम संस्कार किया जा चुका है। अंतिम संस्कार के एक हफ्ते बाद जब इलाके के लोगों की रिपोर्ट कोरोना पॉजेटिव आई तो उस दूल्हे को लोगों ने कोसना शुरू कर दिया। ऐसा इसलिए कि जब तबियत ज्यादा बिगड़ने लगी थी तो उस वक्त उसे अस्पताल भेजा गया था। बताया जाता है कि हॉस्पिटल के गेट पर पहुचने के साथ ही उसकी मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजन उसे लेकर सीधे गांव आ गए थे, जहां उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया था। इसी कारण उसकी कहीं भी कोरोना की जांच प्रक्रिया नहीं हुई।
इस मामले में किसकी लापरवाही है,यह तो जांच के बाद सामने आएगा, लेकिन उस नवविवाहिता के हालत की सहज कल्पना की जा सकती है, जिसका ससुराल पहुंचने के साथ ही सुहाग उजड़ गया।
दुल्हन के पिता के अनुसार विवाह में दूल्हे की तबियत कुछ खराब थी। तब बताया गया था कि लूजमोशन के कारण थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही है। इस घटना के बाद दुल्हन पक्ष के लगभग 100 लोगों की कोरोना जांच कराई गई। राहत की बात है कि अबतक हुए टेस्ट में दुलहन पक्ष का कोई भी कोरोना से ग्रसित नहीं पाया गया है। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। लेकिन वर पक्ष की तरफ से बारात में शामिल अधिकांश लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।
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भोपाल। देश में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद पहली बार ग्लोबल स्तर पर श्रीराम रन का आयोजन किया जा रहा है। यह रन रामनवमी के अवसर पर 21 अप्रैल को शुरू होगी। देश के लाखों करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र बने भगवान राम के नाम पर यह दौड़ कोविड 19 के कारण वर्चुअली आयोजित हो रही है।
श्रीराम रन की शुरूआत 21 अप्रैल को सुबह 5 बजे से होगी, जो उसी दिन रात 10 बजे तक चलेगी। इसका आयोजन राम आस्था मिशन फाउंडेशन की ओर से किया जा रहा है। रन में भारत सहित विश्व के 52 देशों के लोग एक साथ अपने आराध्य देव के लिए दौड़ लगाएंगे।
खास बात यह है कि श्रीराम रन तीन अलग-अलग कैटेगरी 1 किमी, 5 किमी और 9 किमी में आयोजित होगी। जिसमें प्रतिभागी अपनी इच्छानुसार कैटेगरी का चयन कर सकते हैं। इस श्रीराम रन में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों को प्री- रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
श्रीराम रन के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 15 अप्रैल तक चलेगी। प्रतिभागी www. shriramrun. com पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। राम आस्था मिशन फाउंडेशन के सह संस्थापक डॉ. राजेश शर्मा ने बताया कि यह पहला मौका है जब लोग आस्था, स्वास्थ्य, पर्यावरण और स्वच्छता के लिए एकजुट होकर दौड़ लगाएंगे।
दौड़ के माध्यम से स्वच्छता का संदेश भी दिया जाएगा ताकि जो लोग जहां दौड़ रहे हैं उस स्थान को साफ और स्वच्छ रखे। श्रीराम रन में रजिस्ट्रेशन कराने वाले प्रतिभागियों के नाम पर एक पेड़ लगाया जाएगा। यह पेड़ देश के विभिन्न हिस्सों में तैयार होने वाले रामवन में लगाए जाएंगे। इससे पर्यावरण को लाभ होगा और देश में कई रामवन भी स्थापित होंगे। वहीं, 17 अक्टूबर 2021 के बाद श्रीराम रन हर वर्ष दशहरा उत्सव के बाद आने वाले रविवार को आयोजित होगी।
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केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की आहट होते ही सियासी दलों ने अपनी अपनी तैयारी तेज कर दी है। इस क्रम में जनसभाओं और रैलियों का आयोजन भी बड़ी संख्या में किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी ने भी श्रीनगर में एक जनसभा आयोजित की जिसमें पार्टी प्रमुख अल्ताफ बुखारी ने कहा कि उनकी पार्टी अनुच्छेद 370 और 35 ए की बहाली के लिए उच्चतम न्यायालय में कानूनी लड़ाई के वास्ते देश के बेहतरीन वकीलों की सेवा लेगी। बुखारी ने शेर-ए-कश्मीर क्रिक्रेट स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा भी बहाल करने की भी मांग की।
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पुस्तकालय का सर्वोदयवादी स्वरूप
श्री परमानन्द दोषी, एम० ए०
पुस्तकालय एक सार्वजनिक संस्था है। इसका संगठन जनतान्त्रिक आधार पर होता है । अतएव इसके संचालन से लेकर उपयोग तक के सारे कार्य इसके संगठन एवं स्वरूप के अनुरूप ही होने चाहिएँ । सभी व्यक्तियों पर इसकी समान दृष्टि रहनी चाहिए और सभी व्यक्तियों की भी इस पर समान दृष्टि रहे । सभी व्यक्तियों की समान दृष्टि पुस्तकालय पर रहे, यह लोगों की रुचि, परिस्थिति, प्रवृत्ति आदि की विभिन्नता के कारण यदि संभव न भी हो, तो भी पुस्तकालय अपनी समदर्शिता से क्यों चूके ? अपने कार्य के सर्वोदयी पक्ष को क्यों अन्धकारपूर्ण रहने दे ? उसे तो सर्वसाधारण की बिना किसी भेदभाव के निःस्वार्थ भाव से सेवा करनी है । समाज में लोगों का ऊँचा नीचा स्थान रहा करता है - रहा करे, शैक्षणिक योग्यता में भी लोग आगे-पीछे रहा करते हैं - रहा करें और धन-वैभव तथा महिमा मर्यादा में भी लोगों में पारस्परिक अन्तर हुआ करता है - हुआ करे, पर पुस्तका लय को तो उस सूर्य के समान अपनी ज्योति विकीर्ण करनी है, जो बिना किसी भेदभाव के पृथ्वी के समस्त अंग-अंशों पर अपना प्रकाश बिना किसी हिचकिचाहट और संकोच के नियमित रूप से फैलाता रहता है। सदानीरा गंगा भी अपना शीतल जल देने में कभी कोई कार्पण्य नहीं करती, जल लेने वाला चाहे जैसा भी हो । सघन वृक्ष भी अपनी छाया अपनी शरण में आने वाले समस्त प्राणियों को समभाव से दिया करते हैं। सूर्य, जलाशय, वृक्ष तथा इसी प्रकार के अन्यान्य प्राकृतिक उपादानों की भाँति पुस्तकालय को भी अपना स्वरूप ऐसा बनाना होगा, जिससे कि किसी
दिसम्बर, १६६९
व्यक्ति विशेष को यह शिकायत करने का कुयोग न मिले कि उस पुस्तकालय से उस व्यक्ति को समुचित सहयोग न उसके प्राप्त हो सका, पुस्तकालय के इसी स्वभाव के कारण, इसी स्वरूप की वजह से उसे सार्वजनिक पुस्तकालय कहा जाता है ।
पुस्तकालय को भी युगधर्म को समझना- परखना और तदनुकूल अपने कार्य-कलापों के प्रवाह को प्रवहमान होने देना होगा। यह युग व्यक्ति विशेष का युग नहीं, बल्कि व्यक्ति-व्यक्ति अर्थात् सभी का युग है । सर्वत्र सर्वोदय की भावना ज़ोर पकड़ती जा रही है। हम अपने परिवार से लेकर विश्व के समस्त राष्ट्रों तक सर्वत्र यही देखते हैं कि व्यष्टि की प्रभुता बड़ी तेजी के साथ नष्ट होती जा रही है और समष्टि की प्रभुता जमती जा रही है। आज कोई भी व्यक्ति एक की अपेक्षा अनेक की ज्यादा कदर करना चाहता है। समूह और समुदाय को अत्यधिक महत्त्व इन दिनों दिया जाने लगा है । पुस्तकालय को भी इन्हीं प्रवृत्तियों के अनुकूल अपने स्वरूप को बनाना होगा ।
आदर्श र सिद्धान्त के रूप में तो ये बातें बड़ी ही अच्छी और उपयुक्त प्रतीत होती हैं, परन्तु व्यावहारिक, रूप में जब इन्हें हम देखने की चेष्टा करते हैं, तो हमें वहाँ सर्वथा दूसरी ही तस्वीर दिखलाई पड़ती है। सर्वत्र पुस्तकालयों के द्वारा सीमित व्यक्तियों को फायदा पहुँचाया जा रहा है। सर्वत्र ही उनके संचालन में कुछ व्यक्तिविशेष ही प्रवृत्त दीख पड़ते हैं। जहाँ उनके द्वार सबके लिए खुले रहने चाहिए, वहाँ कुछ के ही प्रवेश की वहाँ सुविधा है। ज्यादा लोगों पर निषेधाज्ञा जारी है।
निषेधाज्ञा और प्रतिबन्ध मेरा तात्पर्य इस बात से नहीं है कि लोगों को पुस्तक में जाने नहीं दिया जाता है अथवा वे वहाँ न जाएँ, इसके लिए दुप्चेष्टाएँ की जाती हैं। मेरा यह है कि पुस्तकालयों का संचालन उत्साहपूर्ण ढंग से न तो किया जाता है और न आकर्षक एवं आमन्त्रणपूर्ण वहाँ का वातावरण रहता है कि लोग स्वतः पुस्तकालय में खिंचकर चले जाएं, लोगों की शिक्षा, अर्थ तथा साधन-सम्बन्धी समता भी उन्हें पुस्तकालयों में नहीं पहुँचने देती। हमारे देश में अधिकांश पुस्तकालय सशुल्क पुस्तकालय हैं, जहाँ सदस्यता शुल्क, सुरक्षा शुल्क आदि के नाम पर बिना पैसे दिये हुए उनसे सम्पर्क जोड़ा ही नहीं जा सकता । यह हुई सम्बन्धी
अब शिक्षा सम्बन्धी समर्थता को लीजिए । वैसे व्यक्ति जा पढ़े-लिखे नहीं हैं, अथवा बहुत कम पढ़े-लिखे हैं, उनके लिए पुस्तकालय में प्रायः नहीं के बराबर व्यवस्था होती है। इसी प्रकार क्षेत्रीय दलवन्दी, गुटबन्दी, जातीयता, साम्प्रदायिकता, सामाजिक ऊँचाई निचाई, राजनीतिक मतभेद आदि से पुस्तकालयों को शायद ही कहीं बचाकर रखा
७० चित्रयुक्त
सुदूर अन्तरिक्ष के पथ पर
हिन्दी के यशस्वी लेखक तथा रूसी से हिन्दी में अनुवादक, श्री महाव्रत विद्यालंकार का सोवियत वीर अन्तरिक्ष यात्री यूरी गगारिन की पुस्तक का मूलानुवाद जो उपन्यास से भी रोचक वैज्ञानिक जीवन-वृत्त है, जिसे प्रत्येक नवयुवक को पढ़ना चाहिए । मू०४.०० टैगोर-सोवियत रूस की दृष्टि में
सोवियत लेखकों के टैगोर-सम्बन्धी लेखों का संग्रह, जिनसे महाकवि रवीन्द्रनाथ टैगोर के साहित्य की रूस में जनप्रियता का दर्शन हो सकता है। प्रत्येक साहित्यप्रेमी के लिए यह पुस्तक घर में रखने योग्य है । ३.००
True Face of American Monopolist Democracy American Abroad
HARSH PUBLICATION Dayalvas, Paharidhiraj, Delhi-6
जाता है। दुष्परिणाम होता है कि लोगों का एक बहुत बड़ा दल पुस्तकालय के उपयोग से सर्वथा वंचित रह जाता है ।
अशिक्षा, रूढ़ियाँ, गलत सलत परम्पराएँ, अन्धविश्वास, दकियानूसी आदि बीमारियों से हम इस प्रकार ग्रसित हैं कि पुस्तकालय की उपयोगिता अनिवायता के कायल होना तो दूर की बात रही, उसे सोच भी नहीं सकते ।
अन्यान्य संस्थाओं की भाँति पुस्तकालय के संचालन में हम अपना या अपने प्रियपात्रों एवं अपने दल के लोगों के विशिष्ट हाथ रहना भी पसन्द करते हैं। ऐसा इसलिए कि इससे हमें सस्ती लोकप्रियता प्राप्त होती है। हमारी नामवरी की भूख मिटती है और कभी-कभी इसके नाम पर हम अर्थ तथा अन्य प्रकार की सुविधाओं से भी लाभ उठाते हैं ।
ये सारी प्रवृत्तियाँ कितनी घृणित, गर्हित, निन्दनीय और त्याज्य हैं - इसकी कल्पना हम तभी कर सकते हैं, जब हम पुस्तकालय के आधारभूत सिद्धान्त तथा उसके सर्वोदयी स्वरूप को अच्छी तरह जान लें ।
जीवन और जगत में जिस प्रकार सर्वोदय की भावना प्रबल से प्रबलतर होती जा रही है, उसी प्रकार हमें अपने पुस्तकालय के सारे कार्यों को सर्वोदय के आधार पर नियोजित करना होगा । हमें उसकी सेवाओं को इतना व्यापक, विविध और सुविस्तृत बनाना होगा। कि उनसे हमारे समाज का कोई भी व्यक्ति वंचित नहीं रहे। पुस्तकालय से यदि बड़े-बड़े विद्वानों को अपनी विद्वत्ता को संवद्धित करने में सहयोग मिले, पुस्तकालय किसी अन्वेषयक अथवा अनुसन्धायक के लिए नये तथ्यों का रहस्योद्घाटन करने में सहायक हो, किसी परीक्षार्थी को परीक्षोत्तीर्ण होने में मदद करे, किसी पुस्तक प्रेमी को अपनी पाठ्य-सामग्रियों द्वारा मानसिक खुराक प्रदान करे, तो शिक्षा के वरदान से वंचित अनपढ़ों और निरक्षरों को भी वह सहयोग दे, तभी उसका सर्वोदयी पक्ष उजागर हो सकेगा। गाँव के मास्टरजी और निठल्ले बैठे हुए ग्रेजुएट बबुआजी ग्राम-हितेषी पुस्तकालय से पुस्तकें पढ़ते रहें और बीफन मोची तथा हरखू महतो का उससे कोई ताल्लुक न रहे, तो यह पुस्तकालय की आंशिक उपयोगिता का ही परिचायक होगा। शहर के |
बांग्लादेश के टेस्ट कप्तान हैं शाकिब बीपीएल में फॉर्च्यून बरीशाल की ओर से खेलते हैं। 16वें ओवर में वह 22 गेंद में 39 रन बनाकर खेल रहे थे। चौथी बॉल उनके सिर के काफी ऊपर से निकली। नियमों के मुताबिक यह वाइड बॉल होनी थी, लेकिन अंपायर ने इसे फेयर डिलिवरी करार दिया, ये देखते ही शाकिब स्क्वायर लेग अंपायर पर बुरी तरह चिल्ला उठे। गुस्से में बैट लेकर तेजी से अंपायर की ओर गए।
शाकिब का बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड से भी पंगा होते रहता है। उन्होंने बीपीएल की मार्केटिंग में विफल रहने के लिए अपने देश के क्रिकेट बोर्ड की तीखी आलोचना की थी। शाकिब ने संवाददाताओं से कहा था कि, 'अगर उन्हें बीपीएल का सीईओ बना दिया गया, तो सब कुछ ठीक करने में एक या दो महीने लगेंगे। आपने नायक फिल्म देखी है? अगर आप कुछ करना चाहते हैं, तो आप इसे एक दिन में कर सकते हैं। '
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हिल्टन हर्गहाडा लॉंग बीच - आराम में आराम!
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बेशक, हिल्टन लांग बीच में विभिन्न मनोरंजन कार्यक्रमों प्रस्तुत -, एनीमेशन, डिस्को दूसरे शब्दों में, सब कुछ आप एक उज्ज्वल समय काटने के लिए की जरूरत है। जो लोग चाहते हैं आस की एक किस्म की पेशकश करने के लिए।
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की बहुत ही सुविधाजनक स्थान होटल हिल्टन लॉंग बीच हर्गहाडा - शहर से सिर्फ 20 किमी और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के एक 15-20 मिनट की दूरी पर है ताकि आप होटल हवाई अड्डे से रिकार्ड समय चाल में है।
केवल सकारात्मक, उज्ज्वल, छापों होटल समीक्षाएँ हिल्टन हर्गहाडा लांग बीच से भरा लोगों को छोड़ने के लिए यह यात्रा करने के लिए। वहाँ कम से कम एक बार किया गया, मैं फिर से और फिर वापस आने के लिए एक अद्भुत छुट्टी है, जो लंबे समय तक स्मृति में रहेगा आनंद लेना चाहते हैं।
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मुरैना में वन विभाग (Forest) की दबंग महिला अधिकारी एसडीओ श्रद्धा पांढरे (SDO Shraddha Pandhare) पर हुए हमले की सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने निंदा की है उन्होंने कहा कि मैं इस बारे में मुख्यमंत्री जी से बात करूंगा, तहकीकात होगी। सिंधिया ने कहा कि अवैध उत्खनन के खिलाफ मेरा झंडा हमेशा से ही बरक़रार रहा है।
ग्वालियर पहुंचे सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अवैध उत्खनन किसी का भी हो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुरैना में वन विभाग की दबंग महिला अधिकारी एसडीओ श्रद्धा मांढरे पर हमले के सवाल पर सिंधिया ने कहा कि मुझे अभी जानकारी मिली है मैं प्रशासन से बात करूँगा और मुख्यमंत्री जी से भी बात करूंगा। इस मामले की तहकीकात होनी चाहिए।
सांसद सिंधिया ने कहा कि अवैध उत्खनन के खिलाफ मेरा झंडा हमेशा बरकरार रहा है। जो लोग सरकार को रॉयल्टी देते हैं उनकी सुरक्षा भी होनी चाहिए और जो अवैध उत्खनन करते हैं उनपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
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BAREILLY: ग्राम प्रधान इलेक्शन में किसी तरह का बवाल न हो इसके लिए पुलिस ने पहले से ही एक्शन लेना शुरू किया है। जिसके तहत खुराफातियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है। करीब 55 हजार लोगों के खिलाफ अब तक एक्शन लिया जा चुका है। पुलिस ने काफी संख्या में अवैध शस्त्र व कारतूस भी जब्त किए हैं। इसके अलावा अभी भी कार्रवाई जारी है। बाहरी राज्य की सीमा को ब्लाक करने के लिए बहेड़ी व शीशगढ़ में 11 स्थानों पर बैरियर लगाए जाएंगे। इलेक्शन में क्लस्टर मोबाइल व थाना मोबाइल की भी ड्यूटी लगाइर्1 जाएगी।
ग्राम पंचायत चुनाव में विवाद जरूर होते हैं। इस बार दो बार में चुनाव हुए, इसके बावजूद विवाद हुए। बीडीसी और डीडीसी इलेक्शन और उसके बाद 9 मामले हुए। जिसमें देवरनियां में 1, हाफिजगंज में 1 और क्योलडि़या में दो विवाद हुए। इनमें से 38 नामजद में से 28 आरोपियों को जेल भेजा गया।
सुभाषनगर के बिरिया नरायन पुर में एक-दूसरे के प्रत्याशी को वोट देने को लेकर दो पक्षों में जमकर मारपीट हुई। जिससे कई के सिर में चोटें आई। पुलिस ने दोनों पक्षों के घायलों का मेडिकल कराया। पुलिस ने जब दोनों पक्ष की ओर से एनसीआर दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी की तो दोनों पक्षों में समझौता हो गया।
एक पक्ष के मूलचंद ने आरोप लगाया कि अशोक, बिल्लू, किशन, व कुंवरपाल अपने चहते को वोट देने का दबाव बना रहे थे। जब उन्होंने विरोध किया तो उनके व उनके परिवार के सदस्यों के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की। वहीं दूसरे पक्ष के कृष्णपाल ने आरोप लगाया कि नन्हें, मूलचंद, छोटेलाल और झब्बू अपने प्रत्याशी के लिए वोट डालने का दबाव बना रहे थे। जब उन्होंने विरोध किया तो लाठी-डंडों से मारपीट की। रामगंगा चौकी इंचार्ज ने बताया कि दोनों पक्षों में प्रधानी के वोट को लेकर झगड़ा हुआ था। एक ही परिवार के होने के चलते दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया है।
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बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) इन दिनों अपने कई प्रोजेक्ट्स को लेकर चर्चा में बने हुए हैं। आयुष्मान की आने वाली फिल्मों में 'अनेक' भी शामिल हैं। आयुष्मान खुराना अपनी फिल्म 'अनेक' को लेकर काफी समय से चर्चा में बने हुए हैं। हाल ही में मेकर्स ने इस फिल्म से आयुष्मान खुराना का फर्स्ट लुक जारी किया है। इसके साथ फिल्म के रिलीज डेट की भी घोषणा की है।
आयुष्मान खुराना ने शेयर किया पोस्टरः
अभिनेता आयुष्मान खुराना ने अपने सोशल मीडिया के जरिए अपनी फिल्म 'अनेक' का पोस्टर जारी किया है। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर पोस्टर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, "एक ऐसे किरदार के लिए, जिसने मुझे मेरे कम्फर्ट जोन से बाहर निकाला है, उसके लिए अनुभव सिन्हा से फिर से जुड़कर मैं बहुत ही रोमांचित महसूस कर रहा हूं। भूषण कुमार से सपोर्ट मिला है। अनेक सिनेमा की एक अलग भाषा की शुरुआत करेगी। इस सामाजिक-राजनीतिक थ्रिलर के लिए तारीख चिह्नित करेंः 31. 03. 2022। "
कैसा है पोस्टरः
वहीं अगर सामने आए इस पोस्टर की बात करें, तो पोस्टर में आयुष्मान खुराना लोगों की एक लाइन के विपरीत चल रहे हैं। माथे पर पड़ी सिलवटें उनके चेहरे पर परेशानी और गुस्सा बयां कर रही हैं। आयुष्मान का ओवरऑल लुक काफी अच्छा लग रहा है। अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) द्वारा निर्देशित और आयुष्मान खुराना अभिनीत ये फिल्म अगले साल 31 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
आयुष्मान खुराना ने फिल्म को लेकर कही यह बातः
आयुष्मान खुराना ने फिल्म के बारे में बात करते हुए कहा, "यह केवल एक बार होता है कि एक एक्टर एक ऐसी कहानी के साथ आता है, जो उसे उसके आराम क्षेत्र से बाहर लेकर आती हो, जबकि मैंने हमेशा उपन्यास कहानियों का समर्थन किया है, अनेक ने मुझे नए उत्साह के साथ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है। यह उस तरह की स्क्रिप्ट है, जो एक व्यक्ति को अपना सब कुछ देने के लिए प्रेरित करती है। मुझे बहुत गर्व है कि, हमने इस तरह की फिल्म बनाई है और इससे भी ज्यादा भाग्यशाली इस वजह से भी मैं हूं कि, मुझे लीड रोल करने का मौका मिला है। "
आयुष्मान खुराना की आने वाली फिल्मेंः
आयुष्मान खुराना फिल्मों में अपने दमदार एक्टिंग के लिए काफी मशहूर है। आयुष्मान खुराना फिल्मों कंटेंट काफी शानदार लेकर आते हैं और अभी तक उनकी एक भी फिल्म फ्लॉप साबित नहीं हुई है। वहीं अगर आयुष्मान खुराना के वर्क फ्रंट की बात करें, तो वो इस फिल्म 'अनेक' के अलावा जल्द ही फिल्म 'चंडीगढ़ करे आशिकी' में नजर आएंगे। इसके अलावा आयुष्मान, 'एक्शन हीरो', 'डॉक्टर जी' जैसी फिल्में शामिल हैं।
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गन्नौर (निस) :
कृृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से हरी खाद को बढ़ावा देने के लिए ढैंचा बीज वितरित करने का निर्णय लिया गया है। कृृषि अधिकारी डाॅ. आनंद श्योराण ने बताया कि इच्छुक किसान मेरी फसल- मेरा ब्योरा पोर्टल पर 25 मार्च तक पंजीकरण करके यह बीज हरियाणा बीज विकास निगम के सभी केन्द्रों पर प्राप्त कर सकते हैं। डाॅ आनंद श्योराण ने बताया कि ढैंचा की बिजाई करने वाले किसान अपने खेत में यूरिया की कमी को पूरे कर सकते हैं।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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JugJugg Jeeyo Public Review: दर्शकों के दिल में उतर गई वरुण धवन की 'जुगजुग जियो'
फिल्म 'जुगजुग जियो' में अनिल कपूर, वरुण धवन, कियारा आडवाणी, नीतू कपूर, मनीष पॉल और प्राजक्ता कोहली जैसे कलाकार अहम किरदारों में हैं. इसका निर्देशक राज मेहता ने किया है, जबकि धर्मा प्रोडक्शंस और वायकॉम 18 स्टूडियोज ने मिलकर प्रोड्यूस किया है. फिल्म को समीक्षकों और दर्शकों की तरफ से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है.
वरुण धवन और कियारा आडवाणी की बहुप्रतीक्षित फिल्म 'जुगजुग जियो' 24 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. इसको लेकर शानदार सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. कई फिल्म समीक्षकों ने इसे फैमिली एंटरटेनर बताते हुए पांच में से चार स्टार तक दिए हैं. फिल्म में इमोशन, ह्यूमर और ड्रामा का जबरदस्त तड़का लगाया गया है. इतना ही नहीं फिल्म की स्टारकास्ट अनिल कपूर, वरुण धवन, कियारा आडवाणी, नीतू कपूर, मनीष पॉल और प्राजक्ता कोहली के अभिनय की भी हर कोई तारीफ कर रहा है. धर्मा प्रोडक्शंस और वायकॉम 18 स्टूडियोज के बैनर तले बनी इस फिल्म को सोशल मीडिया पर कुछ लोग भले ही बायकॉट कर रहे हैं, लेकिन उससे बड़ी संख्या में लोग पसंद भी कर रहे हैं.
फिल्म 'जुगजुग जियो' को बहुत ज्यादा सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है.
वरिष्ठ फिल्म समीक्षक तरण आदर्श फिल्म को पांच में से चार स्टार देते हुए लिखते हैं, "अब कुछ गुड न्यूज आई है. जुगजुग जियो एक फैमिली एंटरटेनर फिल्म है. ड्रामा, ह्यूमर, इमोशन का बैलेंस है. खासकर के सेकंड हॉफ में इतना जबरदस्त इमोशन है कि दर्शकों को आनंद आ जाएगा. यह निश्चित रूप से बड़ी संख्या में परिवारों को आकर्षित करता है. डायरेक्टर राज मेहता ने फिर अच्छा काम किया है. इससे पहले फिल्म गुड न्यूज में उनके शानदार काम को देखा जा चुका है. इस बार भी उन्होंने दर्शकों को निराश नहीं किया है. उनका निष्पादन सरल, लेकिन प्रभावी है. सभी कलाकारों ने जबरदस्त अभिनय प्रदर्शन किया है. आप अपने परिजनों और चहेतों के साथ इस फिल्म को देख सकते हैं. "
ओवरसीज सेंसर बोर्ड के सदस्य उमैर संधू ने फिल्म 'जुगजुग जियो' को देखने के बाद इसकी बहुत ज्यादा तारीफ की है. उन्होंने फिल्म को पांच में से 3. 5 स्टार दिया है. इसके साथ ट्विटर पर लिखा है, "फिल्म जुगजुग जिओ निश्चित रूप से हिट होने वाली है. स्मार्ट लेखन, शानदार ह्यूमर और दिल छू लेने वाली भावनाएं, इस बेहतरीन फिल्म के तीन पिलर्स हैं. चौथा पिलर फिल्म के कलाकारों का अभिनय प्रदर्शन है. साल 2022 की बेस्ट फैमिली एंटरटेनर फिल्म है. ये अपने टाइटल को पूरी तरह से जीता है और इन्वेस्टर्स को अच्छी खबर देगा. यह अनिल कपूर, वरुण धवन, कियारा आडवाणी, मनीष पॉल के ईमानदार और उल्लेखनीय अभिनय प्रदर्शन से सजा है. फुल पैसा वसूल फैमिली एंटरटेनर फिल्म. '
अमेरिका में भारतीय फिल्मों का डिस्ट्रीब्यूशन करने वाले फिल्म क्रिटिक शिवम तलरेजा ने भी फिल्म 'जुगजुग जियो' को पांच में से तीन स्टार दिया है. उन्होंने लिखा है, "कोरोना महामारी के बाद की अब तक की सबसे मनोरंजक फिल्म है. सुंदर गीत, उत्तम निष्पादन. वरुण धवन और कियारा आडवाणी की जोड़ी ने कमाल किया है. मनीष पॉल की कॉमेडी गजब लग रही है. अनिल जी और नीतू मैम भी बहुत अच्छे लग रहे हैं. ऐसी उम्मीद है कि फिल्म संयुक्त राज्य अमेरिका में अच्छा कारोबर करेगी. " फिल्म समीक्षक रोहित जायसवाल लिखते हैं, "एक संपूर्ण पारिवारिक मनोरंजक फिल्म. इसमें जबरदस्त कॉमेडी के साथ भयंकर इमोशन है. एक के बाद एक ह्यूमरस सीन देखने को मिलेगा. सुंदर फिल्म बनाई गई है. "
एंटरटेनमेंट वेबसाइट पिंकविला के लिए हिमेश मनकद ने लिखा है, "फिल्म जुगजुग जीयो ड्रामा, इमोशन और कॉमेडी के साथ एक फुल ऑन पैकेज है, जो कि दर्शकों का जबरदस्त मनोरंजन करता है. फिल्म में कुछ कमियां भी हैं, लेकिन अंत भला तो सब भला जैसा मामला है. फिल्म के आखिर हर कोई अपने चेहरे पर मुस्कान लेकर सिनेमाघर से बाहर निकलता है. ये एक मनोरंजक फिल्म है, जिसमें कलाकारों ने अविश्वसनीय अभिनय प्रदर्शन किया है. संगीत शीर्ष पायदान पर है, जो कहानी में समां जाता है. सेकंड हॉफ में 'नाच पंजाबन' गाने पर हर कोई थिरकने पर मजबूर होने लगता है. फिल्म की कहानी ओरिजनल और बिल्कुल फ्रेश है. " यहां फिल्म को पांच में से 3. 5 स्टार दिया गया है.
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Bachpan Ka Pyar: राजकुमार राव और वाणी कपूर जल्द ही किसी फिल्म में साथ में नजर आ सकते हैं. रिपोर्ट की माने तो यह फिल्म होगी बचपन का प्यार, जिसे अनुभव सिन्हा प्रोड्यूस करने जा रहे हैं. फिल्म उत्तर प्रदेश के शहर लखनऊ पर बेस्ड प्रेम कहानी होगी. हालांकि इस बारे में अभी तक ऑफिशियल तौर पर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इस फिल्म से संबंधित जैसे ही कोई अपडेट सामने आता है, हम आपको रूबरू कराते रहेंगे. राजकुमार राव के वर्कफ्रंट की बात करें तो वे जल्द ही श्रद्धा कपूर के साथ स्त्री 2 में दिखाई देंगे. Ranveer Singh hugs BFF Arjun Kapoor: मनीष मल्होत्रा ब्राइडल कॉउचर शो में रणवीर सिंह ने अपने बेस्ट फ्रैंड अर्जुन कपूर को कसकर लगाया गले, वीडियो हुआ वायरल (Watch Video)
लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम, इंटरनेट और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी उपलब्ध करायी जाएगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. Cgtop36 स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट Cgtop36 के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.
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PATNA : बिहार में पुलिस प्रसाशन की टीम उस वक्त से अधिक एक्टिव मोड पर काम कर रही है, जब डीजीपी ने बैठक कर अपराधियों और बदमाशों के खिलाफ कड़े एक्शन लेने की बात कही है। यही वजह है कि, पुलिस की टीम आए दिन अवैध और गलत काम करने वालों के खिलाफ रेड कर रही है और उन्हें अरेस्ट भी कर रही है। हालांकि, इस दौरान पुलिस टीम को काफी विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। इस बीच अब एक ताजा मामला मसौढ़ी से निकल कर सामने आया है। जहां एक आरोपी को अरेस्ट करने पहुंची पुलिस टीम पूरी रात भटकती रही और बाबजूद इसके आरोपी को अरेस्ट नहीं कर पाई।
दरअसल, पटना के मसौढ़ी स्थानीय पटेल नगर स्थित जीर्ण-शीर्ण पार्क के पास आपसी वर्चस्व को लेकर दो गुटों में पत्थरबाजी और फायरिंग करने का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि, इसमें किसी के जख्मी होने की सूचना नहीं है।
बताया जा रहा है कि, घटना की सूचना पाकर पुलिस की चार गाड़ियां मौके पर पहुंची, लेकिन कोई हत्थे नहीं चढ़ सका। अंधेरे का फायदा उठाकर आरोपितों ने पुलिस को ही खूब दौड़ाया। जिसके बाद भड़की पुलिस ने अपनी भड़ास पटेलनगर की ओर से मनीचक जाने वाली एक पगडंडी पर बैठे मनीचक के कुछ युवकों की पिटाई कर निकाली। हालांकि, फायरिंग की घटना से उन्होंने इनकार किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस काफी देर तक वहां रही, लेकिन पुलिस के सामने कोई नहीं आया। फिलहाल घटना किन लोगों के बीच और किस कारण को लेकर घटी, यह पता नहीं चल सका है।
आपको बताते चलें कि, फायरिंग और पत्थरबाजी की सूचना पर पुलिस के पहुंचते ही करीब दो दर्जन युवक भागकर मनीचक तालाब के पास जाकर छिप गए। पुलिस पूरे मुहल्ले में दो घंटे तक घूमती रही। थानाध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि पटेल नगर में मारपीट की सूचना मिली थी।
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यह ध्यान दिया जाता है कि पायलट गुलेल चलाने में कामयाब रहा और घायल नहीं हुआ।
एक और लड़ाकू टोब्रुक के लीबियाई शहर में एक आवासीय इमारत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, रिपोर्ट newsru. com। आपदा के परिणामस्वरूप, कम से कम तीन लोग मारे गए, नौ और घायल हो गए।
फाइटर पायलट ने नियंत्रण खो दिया और कार एक टेलस्पिन में चली गई। पायलट खुद को बेदखल करने में कामयाब रहा।
विमान ने टोब्रुक में स्थित लीबियाई वायु सेना बेस के मृतक कमांडर इब्राहिम अल-मिनिफी के सम्मान में एक सैन्य परेड में भाग लिया।
यह ध्यान देने योग्य है कि देश के विभिन्न शहरों में इस्लामवादियों का विरोध करते हुए, जनरल खलीफा हफ़्टर द्वारा नियंत्रित लीबिया राष्ट्रीय सेना की कमान ने पहले कहा था कि बेंगाज़ी में कट्टरपंथी पदों पर हमलों के दौरान अल-मिनफी सेनानी को गोली मार दी गई थी।
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मंडी (निस) :
वल्लभ डिग्री कालेज मंडी के एग्जामिनेशन हॉल में परीक्षा के दौरान एक छात्र पर सीलिंग की प्लेस गिरने से पीडब्ल्यूडी ने दो ठेकेदारों की 18 लाख की पेमेंट रोक दी है। इसके साथ ठेकेदारों को सीलिंग के कार्य को पूरी तरह से ठीक करने के निर्देश जारी किए हैं, जिसके बाद ही इस कार्य की पेंडिंग पेमेंट मिल पाएगी। इन आदेशों के बाद दोनों ठेकेदार सकते में आ गए हैं। इस घटना के बाद इन ठेकेदारों की छवि भी खराब हुई है जिससे आने वाले दिनों में इन ठेकेदारों के कार्य पर भी असर पड़ सकता है। वहीं कालेज प्रशासन के अनुसार ठेकेदारों ने कार्य में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया है।
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कॉमनवेल्थ गेम्स में 70 देशों के 6600 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं और आयोजक खेल गांव को हर संभव पूरी सुविधा से लैस करने की तैयारी में हैं।
नई दिल्ली, 2 अप्रैलः ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में बुधवार से शुरू हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान 225,000 कॉन्डम, 17,000 टॉयलेट रोल्स और फ्री आईसक्रीम भी बांटे जाएंगे। इन खेलों का आगाज 4 अप्रैल को होना है और उससे पहले हजारों एथलीटों, सपोर्ट स्टाफ और दुनिया भर के दर्शकों का ऑस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर आना शुरू हो गया है।
इन खेलों में इस बार करीब 70 देशों के 6600 एथलीट हिस्सा ले रहे हैं और आयोजक खेल गांव को हर संभव पूरी सुविधा से लैस करने की तैयारी में हैं। आंकड़ों के अनुसार 11 दिनों तक चलने वाले इस इवेंट में मुफ्त कॉन्डम की जो व्यवस्था की गई है वो 34 कॉन्डम प्रति व्यक्ति है।
पिछले ही साल दक्षिण कोरिया में हुए विंटर ओलंपिक में आयोजकों ने 110,000 मुफ्त कॉन्डम बांटे थे। वहीं, रियो ओलंपिक में 450,000 कॉन्डम बांटे गए थे। (और पढ़ें- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: सीरिंज विवाद में शक के घेरे में भारतीय दल, मामले की जांच शुरू)
उस समय ब्राजील में यौन संक्रमण से भी फैलने वाले रोग 'जिका' का खतरा था और इस कारण तब ये संख्या 42 कॉन्डम प्रति व्यक्ति थी।
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ऑक्सीजन सप्लाई सुधर जाए तो सब कुछ ठीक हो जाएगा। एक टैंकर भिलाई से आ गया है। एक पीथमपुर से मिल गया। नागदा के लिए गुजरात से टैंकर लाया गया है। कल तक की व्यवस्था हो गई है। अब ठेकेदार ने भरोसा दिया है कि रोज सप्लाई करेगा। देखते हैं, आगे फिर मशक्कत करेंगे. . . कल रात 11 बजे सो जाने की तैयारी थी। सब कुछ ठीक था। पीथमपुर से ऑक्सीजन का टैंकर शाम को चल दिया था, इसलिए कोई चिंता नहीं थी। सोने जाते वक्त अपडेट के लिए मोबाइल लगाया तो पता चला टैंकर तो आया ही नहीं। सुनते ही नींद उड़ गई। टैंकर गया कहां? आरआई को ढूंढने भेजा। और जगह से भी पता करते रहे। आरआई ने पीथमपुर से करीब 25 किमी दूर पुल के पास टैंकर देखा। चालक साइड में लगाकर सो रहा था। मोबाइल भी बंद था। उसे जगाया। नाम-नंबर चेक किया। कंफर्म हुआ वही टैंकर है। फिर उसे लेकर आए। रात खराब हो गई। एक टैंकर भिलाई से मिला है। नागदा वाले का एक टैंकर गुजरात में फंसा था। क्या करें। शहर के एक सीनियर साथी की मदद मिली। भोपाल की लिंक निकाली और वहां से गुजरात की। वहां चर्चा की, तब जाकर टैंकर आ पाया। इससे नागदा की व्यवस्था हो गई। अब ऑक्सीजन की स्थिति यह है कि पहले घंटों में ऑक्सीजन की व्यवस्था करना पड़ रही थी, अब एक दिन पर बात आ गई है। सप्लायर ने कहा है कि वह अब नियमित सप्लाई करेगा। अभी तो सुकून है।
कंसंट्रेटर मशीनें मिल रही हैं, लेकिन यह केवल ऐसे मरीजों के लिए हैं, जिन्हें कुछ देर के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। जैसे ओपीडी में कोई पेशेंट आया तो उसे मशीन लगा कर राहत दे सकते हैं, तब तक उसे भर्ती करने की प्रक्रिया पूरी होती रहती है। पीटीएस में जनभागीदारी वाला सेंटर बना रहे हैं, उसमें यह मशीनों का उपयोग होगा।
चरक में 36 बेड बढ़ गए हैं, 20-30 और बढ़ जाएंगे। आरडी गार्डी में भी बेड ले रहे हैं। बस ऑक्सीजन के कारण मात खा रहे हैं। बेड तो हो जाएंगे, ऑक्सीजन की व्यवस्था भी करना पड़ेगी। बिड़ला में भी बेड मिल रहे हैं। (जैसा कलेक्टर आशीष सिंह ने दैनिक भास्कर को चर्चा के दौरान बताया। )
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लंदन स्थित मेटावर्स स्टार्टअप इम्प्रोबेबल को एक नई इकाई बनाने के लिए $150 मिलियन का महत्वपूर्ण धन प्राप्त हुआ है जिसका उद्देश्य ब्लॉकचेन-आधारित दुनिया को आपस में जोड़ना है।
M² कहा जाता है, मिराना, डिजिटल करेंसी ग्रुप, CMT, SIG और ईथर वेंचर्स सहित Web3 स्पेस में उल्लेखनीय निवेशकों से $ 150 मिलियन जुटाने के बाद परियोजना पहले ही $ 1 बिलियन के मूल्य तक पहुंच गई है। फंडिंग राउंड का नेतृत्व असंभव समर्थकों आंद्रेसेन होरोविट्ज़ और सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प ने किया था।
इम्प्रोबेबल, 2012 में स्थापित, 60 से अधिक गेम प्रकाशकों को मल्टीप्लेयर वीआर-सक्षम तकनीकों और सेवाओं को प्रदान करने के लिए जाना जाता है। कंपनी को अब तक इस दौर के साथ संयुक्त रूप से कुल $754.1 मिलियन का वित्त पोषण प्राप्त हुआ है।
कंपनी का नवीनतम उद्यम एम², एम स्क्वायर के रूप में उच्चारित, इम्प्रोबेबल से एक अलग स्वतंत्र इकाई के रूप में काम करेगा। नवीनतम फंडिंग के साथ, नया प्रतिष्ठान मॉर्फियस तकनीक का लाभ उठाएगा ताकि कई आभासी दुनिया के बीच अंतर को सक्षम किया जा सके। मॉर्फियस इम्प्रोबेबल का एक अपेक्षाकृत नया उत्पाद है जो एक ही वर्चुअल स्पेस में 10,000 से अधिक खिलाड़ियों का समर्थन करता है।
इम्प्रोबेबल के सीईओ हरमन नरूला ने कहा प्रेस विज्ञप्तिः
"एम² इस भविष्य को स्थापित करने में हमारा योगदान है और हम आशा करते हैं कि हमारे भागीदारों को कई प्रतिभागियों और सफलता की कहानियों के साथ एक खुले मेटावर्स को उत्प्रेरित करने में मदद मिलेगी," उन्होंने कहा।
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नई दिल्ली। तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आज बिपरजॉय तूफान भयानक रूप ले सकता है। विभाग के अनुसार अगले 6 घंटों के अंदर ये खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। बताया जा रहा है इस तूफान का असर कई तटीय इलाकों में देखने को मिल सकता है। इस दौरान यहां तूफान और तेज बारिश होन की उम्मीद है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जानकारी देते हुए कहा कि पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर स्थित बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान बिपरजॉय अगले 6 घंटों के भीतर एक खतरनाक चक्रवाती तूफान में बदल जाएगा। इसका असर पाकिस्तान तक देखा जाएगा। 15 जून तक ये खतरनाक बिपरजॉय पाकिस्तान और उसके तटीय इलाकों तक पहुंच जाएगा।
तूफान को देखते हुए मौसम विभाग ने गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा और अन्य तटीय क्षेत्रों को शनिवार को अलर्ट पर रखा गया था। इसके अलावा अरब सागर तट पर वलसाड के तीथल बीच पर ऊंची लहरें देखने के बाद इसे 14 जून तक पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। वही विभाग ने मुंबई, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों सहित महाराष्ट्र के तटीय इलाकों में अगले 24 घंटों में तेज हवाएं चलने की चेतावनी जारी की है।
हवा की रफ्तार के हिसाब से इन चक्रवातों को पांच श्रेणियों में बांटा जाता है। श्रेणी एक में 119 किलोमीटर प्रति घंटा से 153 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार तक, श्रेणी दो में 154 से 177 किलोमीटर प्रति घंटा, श्रेणी तीन में 178 से 208 किलोमीटर प्रति घंटा, श्रेणी चार में 209 से 251 किलोमीटर प्रति घंटा और श्रेणी पांच में 252 किलोमीटर प्रति घंटा और उससे अधिक रफ्तार के तूफान आते हैं।
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नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन का चेहरा बनीं बिल्किस दादी का भी नाम मैग्जीन TIME की इस लिस्ट में शामिल है। बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन हुआ था।
नई दिल्लीः प्रभावशाली व्यक्तित्व होना बहुत बड़ी बात है। ऐसे व्यक्तियों की दुनिया में कमी नहीं है। दुनिया के हर देश में सैकड़ों प्रभावशाली सख्सियतें होंगी लेकिन दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित मैग्जीन TIME ने साल 2020 के सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट जारी कर दी है। हर साल ये लिस्ट जारी की जाती है, जिसमें अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को शामिल किया जाता है। बता दें कि दुनिया के सबसे प्रभावी नेताओं की लिस्ट में एक बार फिर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जगह मिली है।
नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन का चेहरा बनीं बिल्किस दादी का भी नाम मैग्जीन TIME की इस लिस्ट में शामिल है। बता दें कि नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में प्रदर्शन हुआ था, जहां 'शाहीन बाग की दादी' ने दुनियाभर में अपना नाम कमाया था। 82 साल की बिल्किस को टाइम ने अपने सौ प्रभावशाली व्यक्तियों की लिस्ट में जगह दी है।
पिछले साल मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन एक्ट पास किया था, जिसके बाद पूरे देशभर में प्रदर्शन हुआ था। लेकिन शाहीन बाग का प्रदर्शन इस पूरे आंदोलन की पहचान बना था। इनके अलावा इस लिस्ट में बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना, रविंदर गुप्ता, भारतीय मूल के सुंदर पिचाई का भी नाम शामिल है।
दुनियाभर के सौ प्रभावी लोगों की लिस्ट में टाइम ने इस साल करीब दो दर्जन नेताओं के नाम शामिल किए हैं, जिनका किसी ना किसी रूप में दुनियाभर में प्रभाव रहा है। इसी लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम है, जो इस लिस्ट में शामिल इकलौते भारतीय नेता हैं।
अपनी मैग्जीन के लेख में टाइम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा है, 'लोकतंत्र में वही सबसे बड़ा है कि किसे सबसे अधिक वोट मिले हैं। लोकतंत्र के कई पहलू हैं जिसमें जिन्होंने जीते हुए नेता को वोट नहीं दिया, उनके हक की भी बात होती है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, जहां हर धर्म के लोग रहते हैं। '
मैग्जीन ने लिखा है, 'रोजगार के वादे के साथ भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई, लेकिन उसके बाद कई विवाद सामने आए। जिसमें अल्पसंख्यकों पर हमले की बात भी हुई और उसके बाद अब भारत कोरोना वायरस संकट की मार को झेल रहा है। '
आपको बता दें कि TIME मैग्जीन ने अपने सबसे प्रभावशाली नेताओं की लिस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, कमला हैरिस, जो बिडेन, एंजेला मर्केल, नैन्सी पॉलोसी जैसे बड़े नेताओं को भी शामिल किया है।
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Faridabad/Alive News: क्राइम ब्रांच बॉर्डर प्रभारी संदीप कुमार की टीम ने लड़ाई झगड़े व स्नेचिंग के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान फरीदाबाद निवासी मोहम्मद उमर के रूप में हुई है। आरोपी से एक बटुआ और कैंची बरामद कर जेल भेज दिया गया है।
पुलिस प्रवक्ता सूबे सिंह ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपी का नाम मोहम्मद उमर है जो फरीदाबाद के पल्ला एरिया का रहने वाला है। 2 दिन पहले आरोपी की राहुल नाम के व्यक्ति के साथ किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी जिसमें आरोपी ने उस व्यक्ति के कैंची से हमला करके चोट पहुंचाई और उसका बटुआ व जरूरी कागजात और पैसे लेकर मौके से फरार हो गया।
पीड़ित ने इसकी शिकायत थाने में दी जिसके पश्चात आरोपी के खिलाफ लड़ाई झगड़ा व स्नैचिंग की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करके आरोपी की तलाश शुरू की गई। क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले में आगे कार्रवाई करते हुए गुप्त सूत्रों की सूचना के आधार पर आरोपी को काबू कर लिया। आरोपी के कब्जे से 1 कैंची, 1 बटुआ, कागजात व 1800 रुपए बरामद किया गया। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी नाई की दुकान पर गया हुआ था और दुकान के बाहर उसका राहुल के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया और उसने गुस्से में आकर राहुल पर कैंची से हमला कर दिया।
पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी बहुत ही खतरनाक किस्म का अपराधी है उसके खिलाफ इससे पहले भी स्नेचिंग के 11 मुकदमे दर्ज है और वह अभी हाल ही में जेल से छूट कर आया था। पुलिस पूछताछ पूरी होने के पश्चात आरोपी को अदालत में पेश करके जेल भेज दिया गया है।
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डेविड वॉर्नर नागपुर टेस्ट के दौरान भारतीय फैंस का मनोरंजन करते दिखे। उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
डेविड वॉर्नर भारतीय फैंस के दिलो पर राज करते हैं। कई बार उन्हें भारतीय जमी पर फैंस का मनोरंजन करता देखा गया है। आईपीएल में भी उन्हें यहां काफी प्यार मिला है। वॉर्नर भारत के खिलाफ नागपुर में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का पहला मुकाबला खेल रहे हैं, जहां से एक मजेदार वीडियो सामने आया है। वॉर्नर वीडियो में फैंस का मनोरंजन करते दिखे हैं।
पुष्पा बने वॉर्नरः डेविड वॉर्नर के सिर 'पुष्पा- द राइज'मूवी का क्रेज सिर चढ़कर बोला था। वॉर्नर ने अपने सोशल मीडिया पर कई सारे वीडियो पोस्ट किये थे, जिसमें वह इस मूवी के डायलॉग पर रील बनाते दिखे। अब नागपुर टेस्ट के दौरान एक बार फिर भारतीय फैंस ने वॉर्नर से उनका यही रूप देखने की मांग की। वायरल वीडियो में वॉर्नर नज़र आ रहे हैं और फैंस की मांग पर पुष्पा मूवी का एक्शन करते दिखे हैं।
बता दें कि इस मैच में डेविड वॉर्नर कुछ खास जलवे नहीं बिखेर सके। पहली इनिंग में वॉर्नर महज 1 रन बनाकर आउट हुए थे। इस बाएं हाथ के गेंदबाज़ ने रन बनाने में संघर्ष का सामना किया था और फिर शमी ने अपनी आग उगलती इनस्विंग गेंद पर उन्हें क्लीन बोल्ड कर दिया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
मैच की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया की टीम मुश्किलों में नज़र आ रही है। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने महज 177 रन बनाए थे। इसके बाद भारतीय टीम ने रोहित शर्मा (120), अक्षर पटेल (84), और रविंद्र जडेजा (70) की पारियों के दम पर 400 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया की टीम दोनों टीमों की पहली इनिंग के बाद 223 रन पीछे है।
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राजस्थान रॉयल्स ने आईपीएल 2018 की शुरुआत में कुछ ज्यादा खास प्रदर्शन नहीं दिया था। लेकिन जैसे-जैसे मैच टूनामेंट के अंत तक पहुँचता गया। वैसे -वैसे इस टीम का प्रदर्शन और अच्छा होता चला गया। प्ले-ऑफ में जगह बनाने के बाद ये एलिमिनेटर कोलकाता नाइट राइडर्स से 25 रन से हार गए थे। जिसके बाद ये आईपीएल के सीजन से बाहर हो गए थे।
बता दे उनके अच्छे प्रदर्शन के पीछे दो प्रमुख कारण थे। एक तो जॉस बटलर का शानदार प्रदर्शन और दूसरा इस टीम के सभी गेंदबाज़ों की सटीक और धारदार गेंदबाज़ी। इस समय रॉयल्स ने जयदेव उनादकट और बेन लॉफलिन सहित अपने 7 गेंदबाज़ों को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया हैं।
ऐसे में ये टीम आगामी आईपीएल में खिलाड़ियों की नीलामी के दौरान गेंदबाजी के विकल्पों पर नजर रखेगी। तो आइये इसी कड़ी में हम बात करते हैं ऐसे तीन गेंदबाज़ों के बारे में जिन पर राजस्थान रॉयल्स अपनी बोली लगा सकती हैं।
इस खिलाड़ी को पिछली सीजन में किसी भी टीम ने नहीं ख़रीदा था। बता दे यह खिलाड़ी आईपीएल के पहले सीजन से खेल रहा हैं। इन्होंने अभी तक अपने आईपीएल के करियर में 6. 72 की बेहतरीन इकोनॉमी रेट के साथ 90 मैचों में 92 विकेट अपने नाम किये थे। लेकिन लंबे समय से चोटिल होने के चलते ये क्रिकेट की पिच से दूर थे।
लेकिन अभी कुछ दिन पहले ही इस खिलाड़ी ने अपनी राष्ट्रीय टीम में वापसी की है। ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध वनडे सीरीज में खेलते हुए 3. 48 की शानदार इकोनॉमी रेट के साथ 3 मैचों में 7 विकेट चटकाए हैं।
इस साल उन्होंने7 मैचों में 7. 20 की अच्छी इकोनॉमी रेट के साथ 9 विकेट लिए हैं। इनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए इस साल राजस्थान टीम इस बल्लेबाज पर बोली लगा सकती हैं।
राजस्थान की टीम इस समय अपने लिए एक शानदार घरेलू गेंदबाज़ की तलाश कर रही हैं। इसके लिए यह भी मुमकिन है कि वो जयदेव को दोबारा अपनी टीम में शामिल कर लें। बता दे जयदेव आईपीएल सीज़न 2017 के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज़ बने थे। इस खिलाड़ी ने 12 पारियों के दौरान 24 विकेट अपने नाम किये थे।
इस खिलाड़ी को आईपीएल के पिछले सीजन में सबसे ज्यादा सबसे ज्यादा मोटी रकम के साथ ख़रीदा गया था। लेकिन आईपीएल के बाद इन्होंने घरेलू मैचों में अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में राजस्थान की टीम इस खिलाड़ी को दोबारा कम कीमत पर अपनी टीम में शामिल कर सकती हैं।
दक्षिण अफ्रीका के बेहतरीन बल्लेबाज एक ऐसे गेंदबाज हैं, जिन्हें कोई भी टीम अपने टीम में शामिल करने को तैयार हो जाएगी। बता दे इस साल खेले गए आईपीएल में ये खिलाड़ी दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा थे। लेकिन इस सत्र के दौरान इस खिलाड़ी को अपनों प्रतिभा दिखाने का ज्यादा मौका नहीं मिला।
पिछले आईपीएल के दौरान ये खिलाड़ी महज एक ही मैच खेल पाए थे। जिस मैच के दौरान इन्होने तीन ओवरों के दौरान 34 रन गंवा दिए थे। वैसे ये खिलाड़ी अपनी राष्ट्रीय टीम के स्टार गेंदबाज़ हैं। ऐसे में राजस्थान की टीम इस साल इस खिलाड़ी पर अपनी बोली लगा सकती हैं।
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Most Admired Personalities : एक सर्वे के मुताबिक भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद महेन्द्र सिंह धोनी दूसरे सबसे ज्यादा प्रशंसनीय व्यक्ति (Most Admired Personalities list) हैं। यह सर्व एक ब्रिटिश इंटरनेट-आधारित रिसर्च एंड डेटा एनालाइसिस फर्म YOUGOV ने कराया है, जिसमें 41 देशों के 42,000 लोगों ने भाग लिया।
Most Admired Personalities list वर्ल्ड कप 2019 के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी क्रिकेट से दूर हैं। इस बीच उनके रिटायरमेंट की खबरें भी आई। हालांकि इसके बाद भी एमएस धोनी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है। एक सर्वे के मुताबिक भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद महेन्द्र सिंह धोनी दूसरे सबसे ज्यादा प्रशंसनीय व्यक्ति (Most Admired Personalities list) हैं। यह सर्व एक ब्रिटिश इंटरनेट-आधारित रिसर्च एंड डेटा एनालाइसिस फर्म YOUGOV ने कराया है, जिसमें 41 देशों के 42,000 लोगों ने भाग लिया।
इस सर्वे में दो कैटिगरीज (पुरुष और महिला) में दुनिया की सर्वाधिक प्रशंसनीय (मोस्ट ऐडमायर्ड) लोगों की लिस्ट तैयार की गई है। इस सर्वे के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी दुनिया में सर्वाधिक प्रशंसनीय लोगों की लिस्ट में (पुरुष कैटिगरी में) छठे जबकि भारत में पहले स्थान पर हैं। भारतीय शख्सियतों में पीएम मोदी के बाद महेन्द्र सिंह धोनी का नाम शामिल है। यानि यहां धोनी ने भारतीय कप्तान विराट कोहली को पीछे छोड़ दिया है।
इस सर्वे के मुताबिक भारत में पुरुषों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सबसे ज्यादा 15. 66 प्रतिशत लोगों ने प्रशंसनीय माना जबकि महेन्द्र सिंह धोनी 8. 58 प्रतिशत प्रशंसा अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहे। धोनी के बाद खेल जगत से महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को 5. 81 प्रतिशत जबकि विराट कोहली को 4. 46 प्रतिशत लोगों ने प्रशंसनीय माना।
इस मामले में भारत में महिलाओं की बात करें तो स्टार मुक्केबाज मैरी कॉम ने सबको पीछे छोड़ दिया है। मैरी कॉम को 10. 36 प्रतिशत, किरण बेदी 9. 46 प्रतिशत, महान गायिका लता मंगेशकर 9. 23 प्रतिशत, बीजेपी की दिग्गज नेता सुषणा स्वराज 7. 13 प्रतिशत और एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण को 6. 35 प्रतिशत लोग प्रशंसनीय मानते हैं।
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आर्णी. आर्णी शहर में होली की रात हुई आतिष ढोले हत्या मामलें के तीनों आरोपीयों की पुलिस कस्टडी समाप्त होने के बाद उनकी जेल में रवानगी की गयी है. बता दें की डीजे पर नाचने को लेकर हुए विवाद में 19 मार्च की रात आतिष की चंदन सोयाम के साथ हुए विवाद के बाद रोहन, सोयाम और संदिप पेंदोर ने मिलीभगत कर चाकू घोंपकर हत्या कर दी थी.
जिसके बाद इन तीनों आरोपीयों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पकडे गए आरोपीयों कों दुसरे दिन न्यायालय में पेश करने पर उन्हे 3 दिनों तक पुलिस कस्टडी में रखने के आदेश दिए गए थे. इस दौरान पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकु भी बरामद कर लिया. पीसीआर के दौरान आरोपीयों ने आतिष की हत्या की कुबूली दी.
जिसके बाद उनका एक दिन और पीसीआर बढा था. इसी बीच मंगलवार को तीनों आरोपीयों की पुलिस रिमांड समाप्त होने पर उन्हे न्यायालय में पेश किया गया, जहां पर उन्हे न्यायालयीन कस्टडी में रखने के आदेश दिए गए, जिसके बाद तीनों ही आरोपीयों को यवतमाल स्थित कारागार में रवाना किया गया.
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साउंडट्रैक वर्ष 2011 में आई एक बॉलीवुड स्टोनर फिल्म है, फिल्म का निर्देशन नीरव घोष ने किया है। फिल्म में मुख्य भूमिका में राजीव खंडेलवाल, और सोहा अली खान नजर आये थे। हालांकि फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई थी।
Jawan- 50 करोड़ की ओपनिंग के साथ Shahrukh Khan? इस एक्टर ने की तगड़ी भविष्यवाणी!
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Category: "समसामायिक" (Page 45)
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आखिर वह कौन सी मजबूरियां थी जिसे सुशांत समझ न सकें?
खेत मुस्काते हैं, किसान और हल-बैल जब आते हैं!
एक नेपाली की चाहतः काश मोदी जी नेपाल को गोद ले लें !
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रचना-सौष्ठव पर लिखने के बाद जरूरी है कि भाषा-विज्ञान पर भी कुछ लिखें । भाषा बहुभावात्मिका रचना की इच्छा मान से बदलतवाली देह है। इसीलिए रचना और भाषा के अगणित स्वरूप भिन्न भिन्न साहिकी विशेषताएँ जाहिर करते हुए देख पड़ते है । रचना युद्ध कौशल है और भाषा तदनुरूप अस्त्र । इस शास्त्र का पारंगत वीर साहित्यिक ही यथासमय समुचित प्रयोग कर सकता है। इस प्रयोग का सिद्ध साहित्यिक ही ऐसे स्थल पर कला का प्रदर्शन करेगा। मालूम होगा, यह कला स्वयं विकसित हुई है। वह सजीव होगी। प्रसिद्ध साहित्यिक वहां प्रयास करता हुआ प्राप्त होगा। अनेक ख्यातनामा लेखवा इसके उदाहरण हैं ।
भाषा-विज्ञान की मुख्य एक धारा गद्य और पद्य में कुछ-कुछ विशेषताएँ लेकर पृथक हो गयी है । इस भेद-भाव को छोड़कर हम साधारण-माधारण विचार पाठको के सामने रक्खेंगे। पहले हमारे यहां ब्रज भाषा में पवमादित्य ही था, गद्य का प्रचार अब हुआ है । भाषा-विज्ञान की तमाम बातें यद्यपि पथ-साहित्य में भी प्राप्त होती हैं, फिर भी उस समय के कवियों या साहित्यिकों को हम इधर प्रयत्न करते हुए नहीं पाते । वे रस, अलकार और नायिका-भेद के ही उदाहरण तैयार हुए, मिलते है । अब, जब गद्य का प्रचार हुआ, और भले-बुरे कुछ व्याकरण भी तयार किये गये, हम देखते है, फ़ारमी और उर्दू का हमारी बाहरी प्रकृति पर जैसा अधिकार था, अन्तःप्रकृति पर भी बहुत कुछ वैसा ही पड़ा है हमारा दाक्स्फुरण, प्रकाशन बहुत कुछ वैसा ही बन गया है। उर्दू आज भी युवतत्रान्त मे अदान लत की भाषा है । उर्दू के मुहावरे हिन्दी के मुहावरे हैं। उस प्रकार हिन्दी-उर्दू का मिश्रण रहने पर भी हिन्दी ही उर्दू से प्रभावित है। यही कारण है कि बहुत जल्द हिन्दी का प्रतिष्ठित लेखक बन जाता है, चाहे उस हिन्दी के अक्षर मात्र का ज्ञान हो । उसकी रचना सोधी और माया बासुहावरा समझी जाती है। गीतों में जो स्थान राज़लों का है, बहू पदों का नहीं रह गया । हिन्दी-गों में उर्दू के अशआर पढ़ने के शौकीन पाठक ज्यादा मिलेंगे। ध्रुवपद, धम्मार, रूपक और झप, सोलह मात्राओं को कव्वालियों के आगे केंप गये है। ये सब हमारी भाषा की पराधीनता के सूत्रक हैं, शब्द -विज्ञान में यही ज्ञान स्पष्ट देख पड़ता है।
पर जिन प्रान्तों पर उर्दू या फारसी की अपेक्षा संस्कृत का प्रभाव अधिक था, अँगरेज़ी के विस्तार से उनकी भाषा मार्जित तथा जातीय विशेषत्व की शाधिका हो गयी है। हमारी हिन्दी अभी ऐसी नहीं हुई। उनके खार अभी निकाले नही गये। उसमें भाषाविज्ञान के बड़े-बड़े पण्डितों ने सुधार के लिए परिश्रम नही किया । उसका व्याकरण बहुत ही अधूरा है। जो लोग संस्कृत और अँगरेजी दोनो व्याकरण से परिचित हैं, वे समझ सकते हैं, दोनों के व्याकरण में कितना साम्य है लिपी की तरह उर्दू का भी भिन्न रूप हैं अवश्य बुछ साम्य मिलना है हम इस नोट मे उद्धरण नहीं दे सक्से स्थानाभाव के कारण हम यह जानत है
र बिना उद्धरणो व साध रण जन अच्छी तरह समझ नहीं सकेंगे। पर अभी हम क्ष्म रूप से ही कहेंगे। किसी बगाली, गुजराती, महाराष्ट्री, मद्रासी या उड़िया विद्वान से हिन्दी के सम्बन्ध में पूछिए, वह व्याकरण-दोषवाली बात पहले कहेगा। एक बार महात्माजी ने स्वयं ऐसा भाव प्रकट किया था - युक्तप्रान्त की हिन्दी ठीक नही, अगर वहाँ कोई हिन्दी के अच्छे लेखक हैं, तो उनके साथ मेरा परिचय नहीं । महात्माजी की इस उक्ति का मूल कारण क्या हो सकता है, आप ऊपर लिखे हुए कथन पर ध्यान दें ।
जाति को भाषा के भीतर से भी देख सकते हैं। बाहरी दृष्टि से देखने के मुकाबले इसके साहित्य को भीतर से देखने का महत्त्व अधिक होगा। भाषा-साहित्य के भीतर हमारी जाति टूटी हुई, विकलांग हो रही है। बाहर से ज्यादा मजबूत यहीं-- भीतर उसके पराजय के प्रमाण मिलेंगे। जब भाषा का शरीर दुरुस्त, उसकी सूक्ष्मातिसूक्ष्म नाडियाँ तैयार हो जाती है, नसों में रक्त का प्रवाह और हृदय में जीवन-स्पन्द पैदा हो जाता है, तब वह यौवन के पुष्प-पत्र- सकूल वसन्त से नवीन कल्पनाएँ करता हुआ नयी-नयी सृष्टि करता है। पतझड़ के बाद का ऐसा भाषा के भीतर से हमारा जातीय जीवन है ! पर जिस तरह इस ऋतु-परि वर्तन में मृत्यु का भय नहीं रहता, धीरे-धीरे एक नवीन जीवन प्राप्त होता रहता है. हमारे भाषा-विज्ञान के भीतर से हमें उसी तरह नवीन विकास प्राप्त होने को हैं।
अंगरेजी साहित्य से हमें बहुत कुछ मिला है। केवल हम अच्छी तरह वह सब ले नहीं सके । कारण, अँगरेजी साहित्य को हमने उसी की हद में छोड़ दिया है। अपने साहित्य के साथ उसे मिलाने की कोशिश नहीं की। हिन्दी में और तो जाने दीजिए, कुछ ही ऐसे साहित्यिक होंगे, जो 'Direct' और 'Indirect' वाक्यों का टीक-ठीक प्रयोग करते हों। सीधे वाक्य को 'तो', 'ही' और 'भी' के अनावश्यक बोझ से गधा बना देते है । क्या मजाल, किसी विद्वान् का लिखा एक वाक्य सीधे जवान से निकल जाय । कही पूर्ण विराम पर विराम लेने की प्रथा होगी, हिन्दी मे हर विभक्ति के बाद आराम करके आगे बढ़िए । भाषा में इतना प्रखर प्रवाह फलतः जाति भी वैसी ही अंटाचित है ।
हमें समय मिला, तो हम आगे इस अंश पर विचार करेंगे। अभी यह कहना चाहते हैं, इस तरह शक्ति रुक जाती है। भाषा-साहित्य की बड़ी बात यह है कि जल्द से जल्द अधिक-से-अधिक भाव लिखे और बोले जा सकें। जब इस प्रकार भाषा बढ़ती हुई और प्रकाशनशील होती है, तभी उत्तमोत्तम काव्य, नाटक, उपन्यास आदि उसमें तैयार होते हैं। दूसरे, गद्य जीवन-संग्राम की भी भाषा है। इसमें कार्य बहुत करना है, समय बहुत थोड़ा है।
[ 'सुवा', अर्धमासिक, 1 अक्तूबर, 1933 (सम्पादकीय) । प्रवन्ध प्रतिमा मे संकलित]
हमारा कथानक-साहित्य
आजकल संगार का ही रुख कथानक साहित्य की और अधिक है। कहीं नही दिलचस्पी पहले से घटने लगी है, काकी तरफथ साव सा है, फिर भी पाठासंख्या के विचार में कथानक-साहित्य का ठी अयम अदा क्षेत्र है। भंस के कर्मों से थके हुए मनुष्य प्रायः कहानी-उपसास ही मनोरंजन के लिए पसन्द करते है । योरप में इसकी कला मननशील नि के अविशा परिश्रम उच्चतम सोमा
को पार कर गयी है। और, चूंकि जीवन कथार्थ छाप दस साहित्य में अनक चरित्रों के भीतर से अनेकानेक रूपों में रहती है, इसलिए अपर गायिकी अपेक्षा इसके प्रति आकर्षण खासतौर से होता है।
परन्तु जीवन की प्रगति का निश्चय न रहने पर भी वह एक कुछ नहीं की तरह नही बहता । उसमें कुछ निश्चय और लक्ष्य भी होता है। यही लक्ष्म जीवन का उद्देश है। किसी जीवन का लक्ष्य बुग नहीं होता। यही कलाके उद्देश की साधना है। यहाँ अनेकानेक चरियों की पूर्तिया समाज के नितिन गोकाक एक पुष्ट रूप देती है। समाज के सामने आदर्श की स्थापना होती है। व्यक्ति और समाज को उपन्यास के भीतर से कुछ मिलता है, जिससे क पहले की अपेक्षा और सुन्दर स्वरूप, विचार और संस्कृति प्राप्त करता है । अवश्य लक्ष्य-भ्रष्ट मन्द जीवन भी कथानक माहित्य के अंग है, पर उनका निरुद्देश बना ही उन शक्ति-साहित्य का परिचय होकर समाज को उधर जाने से रोकता है ।
बहुत मे चरित्रों के विश्रण सघर्ष में किमी जटिल प्रश्न का समाधान भी उपन्यास-साहित्य का एक प्रधान विषय है। जो बात किसी लक्ष्य पर पहुँचने के लिए है, वही एक उलझी हुई समस्या के समाधान के लिए भी । वहा सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक, हर तरह की हो सकती है। हर जाति के सामने प्रति, मुहूर्त, नये पथ पर, नये विचारों से चलने का प्रश्न रहता है। यदि ऐसा नहीं, तो मनुष्य-जाति स्वभाव को न बदल सकनेवाले पशुओं में परिणत हो जाय। यहाँ भो, ऐसे प्रश्नों के विवेचन के समय, चित्रण करते हुए, उपन्यागार की मनोहर क्या के भीतर लोक-मनोरंजन का अद्भुत कौशल प्रदर्शन करना हना है; त्रन्कि आदर्शवादवाली कला में यहाँ शक्ति को और भी पुष्ट रूप देना पडता है। क्योंकि यह समाज के स्वीकृत विषय का मार्जिन तथा उच्चतर स्वरूप नही, उसके मनीभाव के बदलने का विवेचन है, जहाँ प्रायः लोगों को नाकामयाबी हासिल होती है।
हिन्दी के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार, कहानी-लेखक इस भूमि में नहीं आये। अब विवेचन शुरू हुआ है, और यही किसी-किसी उपन्यासकार तथा कहानी लेखक भी विशेषता है। हमारे अब तक के पुराने उपन्यास लेखकों ने समाजग जैसे अन्दर नवीन सामाजिकता से अपने उपन्यासों को अलंकृत नहीं किया, उनमें विवण को उतनी प्रयत्न शक्ति मौलिक विवेचन को अयाध धारा नहीं के प्राचीन सरकारी के भीतर ही जो कुछ कर सके करत रह करते जा रह हैं आदमशव दो होने पर |
सूरजमल पूरे घावे पडियो । तिण वेढथी गिरवी छूटो । नै सूरजमलरा दिया दहबारीरै बारै गाव वीणो नै वासोलो वीजा ही सासण गाँव घणाई दिया सु अजेताई छै । इण वेढ ही सादडी छुटी नही । पीढ़ी ४ ईणारै रही ।
१ रावत खीवो मोकलरो ।
२ रावत सूरजमल ।
३ रावत बाघ सूरजमलोत । चीतोड वहादररै मामलै काम आयो । ४ रावत वीको ।
एक दिन सीसोदिया रावत सूरजमल खीमावत ऊपर अजाणजकरो कवर प्रथीराज रायमलोत आयो, सु पैहले दिन राणो रायमल सूरजमल मामलो हुवो थो, तठै राणारी क्यू कम हुई थी" नै सूरजमलरी वधती हुई थी । सु सूरजमलरै क्यु हेक घाव लागा था नै दूजे दिन प्रथीराज टूट पडियो तद सूरजमलरै घाव निपट घणा लागा । सु रजपूत सूरजमलरी डोळी' ले भाखरनू नीसरिया, तरै वासै साथ प्रथीराज भाखर चाढै छै । सु प्रथीराजरो वनो देवडो नं सूरजमलरो चाकर महियो औ दोनू वाझिया" । वनै महियानू मार 'लियो । अँ दोनू ठोड दूटो पावता । नै महियो सीसोदियो छै । देवळिये रजपूत सीसोदिया सहसावत नै सोनगरा छै । सीसोदियो जोगीदास जोधरो । जोध गोपाळरो । सहसो, खीमो मोकलरो । सु आज जोगीदास भलो रजपूत छै ।
रावत वोको-वीका-रो बेटो भानो टीके" ह॒वो । नै चीतोड धणी राणो अमरसिघ हुवो । नै सैदनू जीहरण मीमच छै" । दीवाणरै नउवो वाघरडै हद छै" । तठै रावत गोवद खगाररो चू डावत था।
1 घावोसे पूर्ण हो कर गिर पड़ा 1 2 से 3 अभी तक 4 अचानक 5 ( पराजित होने के कारण) न्यूनता रही। बाजी ढीली रही। 6 और सूरजमलको चाजी बढतीमें रही थी । 7 सोये हुए आहत और मूच्छित व्यक्तिको कत्रो पर उठा कर लेजानेकी एक टिकटी । 8 पीछे। 9 लडे । 10 दोनो स्थानोमें ये दूसरोसे दुगुना मुआवजा पाते थ । 11 गद्दी बैठा 12 जोहरण और मीमच पर सैयदका अधिकार है । 13 श्रमरसिंह के राज्यकी सीमा नेउवा र वाघरडा गावो तक है । 14 थाने पर स्थित है । |
समस्या-नाटक में जीवन की विभिन्न सामाजिक समस्याओं को प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया जाता है । समस्या - नाटककार के ध्यान में वह समसामयिक लोक-समाज होता है, जिसकी एक इकाई वह स्वयं हुआ करता है । समस्या के तिक्त पक्ष को नाटककार व्यक्तिगत रूप से भोगता है और अपने आसपास के लोगों को भी भोगते हुए देखता है । इससे समस्या-नाटक में अनुभूत पीड़ा की प्रतिक्रिया और तज्जन्य आक्रोश की अन्विति हो जाया करती है । यह आकस्मिक नहीं है कि समस्या-नाटककार की कृति में समाज की आनन्दविधायिनी घटनाओं के प्रति एक प्रकार की निरपेक्षता और उदासीनता पायी जाती है। समस्या-नाटककार प्रायः उन्हीं तत्वों को प्रत्यक्ष करता है, जिनके अस्वस्थ प्रभाव के कारण जीवित समाज में घुन लगा रहता है । इस प्रकार मूलतः सामाजिक नाटककार होते हुए भी समस्याग्रही नाटककार सामाजिक नाटक की स्थिर कक्षाओं को तोड़ता है और उन बिन्दुओं को ही सर्ज्य और भाष्य मानता है, जो संघर्ष को आमंत्रित करते हैं, बाधाएँ और कठिनाइयाँ बन कर प्रबुद्ध मानस को किसी नये आयाम की कल्पना अथवा विद्यमान घिनौनी स्थिति का जम कर विरोध करने के लिए उकसाते हैं । समस्या-नाटककार को एक आयोजित अथवा अायोजित प्रतिवद्धता ग्रहरण करनी पड़ती है, जिसके परिणामस्वरूप वह विकृतियों पर निर्मम कशाघात करता है और वैसा करते समय वह व्यंग्य और उपहास को अपना अस्त्र बनाता है । व्यंग्य और उपहास की अन्विति के कारण समस्या-नाटकों में एक ग़ज़ब का ज़ोर आ जाता है । चूँकि समस्या-नाटक की सम्वेदना यथार्थ से प्रत्यक्ष होती है, समस्या-नाटककार यथार्थवादी भी होता है ।
प्रस्तुत ग्रन्थ में यह स्वीकार किया गया है कि हिन्दी के समस्या-नाटकों की में रचना इब्सन और शॉ जैसे पश्चिमी नाटककारों के अनुकरण पर छायावाद-युग प्रारम्भ हुई । इसे छायावाद की काव्यात्मक ऊहा का अप्रत्याशित विरोध भी कहा जा सकता है । इसलिए कि समस्या नाटकों के वस्तु-संकलन, संवाद - प्रायोजन, परिस्थितिहिन्दी के समस्या नाटक । ५४२
निर्देश, चरित्र प्रस्तावना और भाषा - विन्यास जैसे सभी तत्व छायावाद के काव्य-पक्ष के प्रतिकूल विरस गद्य के रूप में स्थिर हुए। प्रायः व्यंग्य-मूढ़ से छायावाद ने एक ऐसी साहित्यिक ऊब पैदा कर दी थी, जिसे परवर्ती प्रगतिशील सम्वेदना के द्वारा तो तोड़ा ही गया, समकालीन कथा-साहित्य और विशेषतः समस्या-नाटकों के द्वारा भी भंग किया
गया ।
भारतेन्दु युग के नाटकों में भी तत्कालीन समस्याओं के प्रति एक प्रकार की सजग चेतना पायी जाती है। समसामयिक चिन्तन के प्रति प्रतिबद्धता प्रकाव्यात्मक रुक्षता के साथ व्यंग्य तथा अन्यापदेश स्वयं भारतेन्दु के नाटकों में भी मिलते हैं । इसीलिए पश्चिमी अनुकृति का पूर्ण अभाव रहने पर भी भारतेन्दु-युग के नाटक समस्या- नाटकों के कथ्य का अभिस्ताव बड़े मजे से कर देते हैं । सच तो यह है कि प्रत्येक युग की अपनी कुछ समस्याएँ होती हैं, जिनके साथ जागरूक कलाकार को उलझना पड़ता है। ऐसे कलाकार बर्नर्ड शॉ की तरह यह सोचते हैं कि जो कलाकार अपने और अपने युग के विषय में लिखता है, वही सबके लिए और सदा के लिए लिखता है । ' इसी स्थापना के आग्रह पर इस ग्रन्थ में संस्कृत के भास, शूद्रक, कालिदास प्रभृति कालातीत नाटककारों के कतिपय नाटकों का अध्ययन करते हुए उनमें निहित सामाजिक और वैयक्तिक प्रश्नों के अनुसन्धान का प्रयत्न किया गया है ।
कवि कालिदास के 'अभिज्ञान शाकुन्तलम्' का अनुशीलन करने पर यह सहज ही प्रत्यक्ष हो जाता है कि महाकवि ने अपने युग की एक विकट समस्या की प्रस्तुति एक पुराख्यान के फलक पर की है। लगभग ऐसा ही प्रयत्न जयशंकर प्रसाद के 'ध्रुवस्वामिनी' नाटक में भी है, जिसमें एक ऐतिहासिक घटना के परिप्रेक्ष्य में प्रेम और विवाह के उचित दाय का प्रश्न उठाया गया है ।
समस्या-नाटकों की परम्परा को भारतीय वाङ्मय के अतीत के पृष्ठों के अनुक्रम से जोड़ लेने पर यह प्रश्न सहज ही खड़ा हो जाता है कि क्या हिन्दी समस्या - नाटक भारतीय वाङ्मय के रिक्य- क्रम में ही हैं ? नहीं, ऐसा नहीं है; क्योंकि हिन्दी समस्या-नाटकों का वस्तु - संकलन सम्बन्धी जो सादृश्य परम्परा के अभिनिवेश में मिलता है, वह एक सनातन प्रवृत्ति भर है । जहाँ और जितनी दूर तक समस्या नाटक सामयिक सनातन से अनुबद्ध हैं, वहीं और उतनी ही दूर तक संस्कृत नाटकों की प्रश्न - छेदन क्रिया से उनका मेल है । 'मालविकाग्निमित्र' में स्पष्ट संकेत है कि नाटक 'लोकचरितदर्शन' है । लेकिन यह संकेत सामाजिक नाटक की विशेषताओं को जितना भाषित करता है, उतना समस्या - नाटकों की नहीं । एक पात्री 'भारणों' में व्यंग्य की जो वर्णना उपलब्ध
1. The man who writes about himself and his own time is the only man who writes about people and about all time. :
: The Quintessence of G. B. S. -The Wit and Wisdom of Bernard Shaw -S. Winston-page 33. |
बॉलीवुड के बहुत ही बेहतरीन एक्टर अमिताभ बच्चन की नयी फिल्म झुण्ड आने वाली है। आप सभी को बता दें कि इस फिल्म को लेकर काफी समय से विवाद हो रहा है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर लगी रोक हटाने से बीते बुधवार को साफ़ मना कर दिया। जी दरअसल तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर अपील खारिज कर दी गई है। उच्च न्यायालय ने कॉपीराइट विवाद को लेकर इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई थी लेकिन अब उस अपील को खारिज कर दिया गया है।
जी दरअसल यह फिल्म गैर सरकारी संगठन स्लम सॉकर के संस्थापक विजय बर्से के जीवन पर आधारित है और इसे अमेजन प्राइम के ओटीटी प्लेटफॉर्म पर इसी महीने प्रदर्शित किया जाना था। वहीं इससे पहले, फिल्म मई में रिलीज होने वाली थी लेकिन कोविड-19 महामारी की वजह से यह रिलीज नहीं हो सकी थी। हैदराबाद में स्थित लघु फिल्म निर्माता नंदी चिन्नी कुमार ने फिल्म निर्माताओं पर कॉपीराइट के कथित उल्लंघन का आरोप लगाया है। वहीं दूसरे पक्ष ने इस बात से साफ़ इनकार किया है।
जब इस मामले की सुनवाई हुई तो पीठ ने टिप्पणी की और कहा कि यह एक दिलचस्प मामला है और वह निर्देश देगी कि इसकी सुनवाई छह महीने के अंदर पूरी की जाए। उसके बाद फिल्म निर्माता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि, 'छह महीने में यह फिल्म बेकार हो जाएगी और वे इस व्यक्ति को पैसा देने के लिए तैयार हैं। ' इसके अलावा उन्होंने कहा कि 'संबंधित पक्षों के बीच 1। 3 करोड़ रुपये की धनराशि पर सहमति हुई थी। ' इसी के साथ कुमार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता पी एस नरसिम्हा ने कहा कि, 'निचली अदालत में लंबित इस मामले का छह महीने के भीतर निस्तारण करने का न्यायालय निर्देश दे सकता है। '
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नव वर्ष 2022 का पहला महीना व्रत त्योहार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस महीने मकर संक्रांति (जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्व है) और लोहड़ी पर्व मनाया जाएगा।
January 2022 Calendar: नव वर्ष 2022 यानि नए साल का पहला महीना शनिवार से शुरू हो रहा है। यह महीना व्रत त्योहार की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस महीने मकर संक्रांति (जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण पर्व है) और लोहड़ी पर्व मनाया जाएगा। मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का महत्व होता है, तो वहीं लोहड़ी पंजाब और उत्तरी भारत का महत्वपूर्ण लोक सांस्कृतिक पर्व है। मकर संक्रांति के दिन सूर्य देव धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस दिन सूर्य देव दक्षिणायन से उत्तरायण में आते हैं। कई जगहों पर इस दिन मेलों का आयोजन होता है।
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पटनाः कभी बीजेपी के शीर्ष नेताओं में शुमार रहे फायरब्रांड नेता और फिल्म स्टार शत्रुघ्न सिन्हा क्या फिर से बीजेपी में वापसी करेंगे? कम से कम रविवार को उनके द्वारा किये गये ट्विट को देखकर तो यही लग रहा है कि शत्रुघ्न सिन्हा का मूड बदल रहा है। दरअसल शत्रुघ्न सिन्हा ने ऐसा ट्विट किया है कि इससे इस बात को बल मिल गया है कि शत्रुघ्न सिन्हा आने वाले दिनों में बीजेपी में वापसी कर सकते हैं। रविवार को शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से दुखी लोगों के नये वैरिएंट की जानकारी दी, जिसके बाद वह चर्चा में आ गये। दरअसल उन्होंने ट्वीट किया, दुनिया में चार तरह के दुखी लोग होते हैं। इनमें से एक नया वेरिएंट है बिना बात मोदी से दुखी रहने वाला वेरिएंट।
पटना साहिब से दो बार सांसद रह चुके शत्रुघ्न सिन्हा ने 2019 में लोकसभा चुनाव के पहले बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। वे काफी लंबे समय से भाजपा से जुड़े हुए थे तथा पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में उन्हें जगह नहीं मिली थी। इसके बाद से वह पीएम मोदी की खुलेआम आलोचना करते रहते थे।
भाजपा से नाता तोडने के बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थामा था जिसके बाद कांग्रेस ने उनको पटना साहिब से प्रत्याशी भी बनाया था लेकिन तब वह भाजपा के कद्दावर नेता में शुमार रविशंकर प्रसाद से हार गये थे। इस हार के बाद से ही शत्रुघ्न सिन्हा एक तरह से नेपथ्य में चले गये थे। अब उनके द्वारा किये गये ट्विट ने एक साथ कई संदेश को जन्म दे दिया है।
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इसका थोड़ा सा इज़हार भी करो ताकि पता चल जाए कि कौन भाई इज्तिमा से अपनी अपनी मस्जिदों से डिफ़ैन्स से, इस मस्जिद से चार महीने, चिल्ले की जमाते कौन कौन भाई नकद पेश करेगा, जल्दी बता दो ।
وآخر دعوانا عن الحمد لله رب العلمين
काएबात के अजाएबात
जो नज़र आता वह हक़ीक़त नहीं
मेरे भाईयों और दोस्तों ! दुनिया में जो हाल आते हैं उनका पैदा करने वाला तो अल्लाह ही है। ख़ैर आए या शर इरादा इसमें अल्लाह ही का होता है, असबाब बनते हैं इन्सानों के जरिये से चीज़ों के ज़रिये से लेकिन इस दुनिया में फैली हुई चीज़ों की कमी ज्यादती के ज़रिए से का बनना बिगड़ना नज़र आता है ।
नज़र आता है वह दरख़्त नहीं होता सिर्फ साया होता है। हालात अल्लाह तआला पैदा फरमाते हैं और चीजें भी अल्लाह तआला पैदा फ़रमाते हैं। हालात के ख़ज़ाने अल्लाह के पास अलग हैं और चीज़ों के ख़ज़ाने अल्लाह के पास अलग हैं । दुनिया में ज़ाहिरी तौर से एक दूसरे के साथ मिले हुए नज़र आते हैं, हक़ीक़त में ये दोनों अलग अलग हैं । जिस्म और जगह बनता है और रूह और जगह बनती है। रूह के बनने का निज़ाम और है और जिस्म के बनने का निज़ाम अलैहिदा है और अल्लाह तआला इन दोनों को माँ के पेट में जमा कर देता है। नज़र में दोनों एक लगते हैं हक़ीक़त में ऐसा नहीं है । जिस्म एक जगह से आया और रूह दूसरी जगह से आई है। ऐसे ही मेरे भाईयों चीजें आयीं, |
Habiccor S डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली दवा है, जो ऑइंटमेंट के रूप में उपलब्ध है। Habiccor S का उपयोग कुछ अन्य स्थितियों के लिए भी किया जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
Habiccor S की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। इसकी सही मात्रा इस पर भी निर्भर करती है, कि मरीज की मुख्य समस्या क्या है और उसे किस तरीके से दवा दी जा रही है। नीचे दिए गए खुराक के खंड में इस बारे में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है।
Habiccor S के कुछ अन्य नुकसान भी हैं जो साइड इफेक्ट के खंड में लिखे गए हैं। Habiccor S के इस तरह के साइड इफेक्ट सामान्यतः लंबे समय तक नहीं रहते और एक बार इलाज पूरा होने जाने के बाद अपने आप खत्म हो जाते हैं। अपने डॉक्टर से संपर्क करें अगर ये साइड इफेक्ट और ज्यादा बदतर हो जाते हैं या फिर लंबे समय तक रहते हैं।
गर्भवती महिलाओं पर Habiccor S का प्रभाव मध्यम होता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर इस दवा का प्रभाव हल्का है। यहां पर ये जानना जरूरी है कि Habiccor S का किडनी, लिवर या हार्ट पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। इस तरह के दुष्प्रभाव अगर कोई हैं तो इससे जुड़ी जानकारी Habiccor S से जुड़ी चेतावनी सेक्शन में दी गई है।
ऐसी कुछ अन्य समस्याएं भी हैं, जीने बारे में नीचे बताया गया है। अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है, तो Habiccor S न लें।
इन उपरोक्त परिस्थितियों के अलावा Habiccor S कुछ अन्य दवाओं के साथ लिए जाने पर गंभीर प्रतिक्रिया कर सकती है। पूरी जानकारी के लिए नीचे दी गई जानकारी देखें।
ऊपर बताई गई सावधानियों के अलावा यह भी ध्यान में रखें कि वाहन चलाते वक्त Habiccor S लेना सुरक्षित है, साथ ही इसकी लत पड़ सकती है।
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Habiccor S की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Habiccor S की खुराक अलग हो सकती है।
।किशोरावस्था(13 से 18 वर्ष)
क्या Habiccor S का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
गर्भवती स्त्रियों पर Habiccor S के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। गर्भवती महिलाएं Habiccor S के दुष्प्रभाव महसूस करें, तो इसे लेना तुरंत बंद कर दें और डॉक्टर से पूछने के बाद ही लें।
क्या Habiccor S का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
डॉक्टर की सलाह के बिना Habiccor S का सेवन किया जा सकता। स्तनपान करवाने वाली महिला पर इसका विपरीत असर बहुत हल्का ही होता है।
Habiccor S का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
बिना किसी डर के आप Habiccor S को ले सकते हैं। यह किडनी के लिए सुरक्षित है।
Habiccor S का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
Habiccor S से आपके लीवर पर कोई दबाव नहीं पड़ता है और यह लीवर के लिए सुरक्षित भी है।
क्या ह्रदय पर Habiccor S का प्रभाव पड़ता है?
Habiccor S को बिना घबराए ले सकते हैं। यह पूरी से आपके हृदय के लिए सुरक्षित है।
क्या Habiccor S आदत या लत बन सकती है?
Habiccor S की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
क्या Habiccor S को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
Habiccor S और खाने को साथ में लेने से कोई परेशानी नहीं होती है।
जब Habiccor S ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या?
रिसर्च न होने की वजह से पूरी जानकारी के आभाव में Habiccor S से दुष्प्रभाव के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। डॉक्टरी सलाह के बाद ही इसको लेना लाभकर होगा।
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भारत (India) के बाद अब अमेरिका (America) में भी चीनी ऐप टिक टॉक (Tik Tok) पर प्रतिबंध लग सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 31 जुलाई को कहा कि वह अमेरिका में तेजी से प्रचलित हो रहे टिक टॉक ऐप को बंद करेंगे।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि हम Tik Tok पर नजर रख रहे हैं। इसे जल्द बैन किया जा सकता हैं। हम इसे लेकर कुछ और भी कर सकते हैं, हमारे पास कई सारे विकल्प हैं।
भारत (India) के बाद अब अमेरिका (America) में भी चीनी ऐप टिक टॉक (Tik Tok) पर प्रतिबंध लग सकता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने 31 जुलाई को कहा कि वह अमेरिका में तेजी से प्रचलित हो रहे टिक टॉक ऐप को बंद करेंगे। इसके लिए वह कई सारे विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका के अधिकारियों ने इस पर चिंता जताई है कि टिक टॉक (Tik Tok) से मिली जानकारी का इस्तेमाल चीन का खुफिया विभाग (Chinese Agencies) कर रहा है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जहां तक Tik Tok से जुड़ी चिंताओं का सवाल है, हम उसे अमेरिका में बैन करने जा रहे हैं।
बता दें कि सिलिकॉन वैली के विशेषज्ञों ने अमेरिका से अपील की थी कि भारत की तरह अमेरिका को भी Tik Tok को बैन करना चाहिए। बैन लगाने को लेकर ट्रंप ने पहले भी संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि अधिकारियों ने इस विषय पर चिंता जताई है कि हमारी जानकारी चीन के खुफिया विभाग तक पहुंचाई जा रही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि हम टिकटॉक पर नजर रख रहे हैं। इसे जल्द बैन किया जा सकता हैं। हम इसे लेकर कुछ और भी कर सकते हैं, हमारे पास कई सारे विकल्प हैं। ट्रंप का यह बयान उन रिपोर्ट्स के बाद आया है जिसमें कहा गया था बाइट डांस टिक टॉक को बेच सकता है और कंपनी माइक्रोसॉफ्ट से इस बारे में बात भी कर रही है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सेना ने पिछले साल दिसम्बर में अपने सैनिकों के Tik Tok के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी थी। उसने App को सुरक्षा को खतरा बताया था। अमेरिकी नौसेना ने भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।
फरवरी में टिकटॉक मामले के निपटारे के लिए अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग को 57 लाख डॉलर देने को भी राजी हुआ था, इसमें टिक टॉक (Tik Tok) पर 13 साल से कम उम्र के बच्चों से नाम, ईमेल का पता, उनका स्थान वगैरह जैसी व्यक्तिगत जानकारी अवैध रूप से जमा करने का आरोप था। गौरतलब है कि अमेरिका से पहले भारत सरकार, चीन के 59 ऐप बैन (59 Apps Banned in India) कर चुकी है। भारत ने चीनी ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई गलवान घाटी में झड़प के बाद शुरू की थी।
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DSSSB teacher Recruitment 2021: दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) ने बुधवार को विभिन्न शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को आमंत्रित करने के लिए एक नोटिफिकेश जारी किया है।
DSSSB teacher Recruitment 2021: दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) ने बुधवार को विभिन्न शिक्षण और गैर-शिक्षण पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को आमंत्रित करने के लिए एक नोटिफिकेश जारी किया है। प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT), सहायक शिक्षक, लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC), हेड क्लर्क, और अन्य रिक्त पदों सहित कुल 7,236 पद इस भर्ती अभियान के माध्यम से भरे जाएंगे।
कुल 7,236 खाली पदों में से, टीजीटी के लिए 6,358 पद, सहायक शिक्षक प्राथमिक के लिए 554 पद, सहायक शिक्षक नर्सरी के लिए 74 पद, एलडीसी के लिए 278 पद, काउंसलर के लिए 50 पद, हेड क्लर्क के लिए 12 पद और पटवारी के लिए 10 पद निर्धारित हैं।
डीएसएसएसबी शिक्षक भर्ती पंजीकरण 25 मई से शुरू होगा और 24 जून को आधिकारिक वेबसाइट dsssb. delhi. gov. in पर बंद होगा। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं और सभी विवरण भरने, दस्तावेज अपलोड करने और शुल्क भुगतान के बाद अपना आवेदन जमा कर सकते हैं। वे भविष्य में उपयोग के लिए आवेदन पत्र का प्रिंटआउट भी ले सकते हैं।
डीएसएसएसबी भर्ती 2021 के लिए आवेदन शुल्क सामान्य और ओबीसी उम्मीदवारों के लिए 100 रुपये है, जबकि यह अन्य सभी श्रेणियों के लिए निशुल्क है।
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हमारे संवाददाता नई दिल्ली। ज्योतिष पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य माधवाश्रम जी महाराज ने कहा कि नैतिक मूल्यों मे आ रही गिरावट के कारण हिन्दू सनातन संस्कृति पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। माधवाश्रम जी महाराज ने कहा कि तीर्थों की परंपराओं व आध्यात्मिक विरासत को ताक पर रखकर तीर्थांटन को पाश्चात्य शैली के पर्यटन के रूप में बढ़ावा दिए जाने से सनातन संस्कृति के यह ऊर्जा के क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं। इनमें विक्षोभ पैदा हो रहा है और प्रकृति पराशक्ति दैवीय आपदा के रूप में कहर ढा रही है। उत्तराखंड देवभूमि के श्री केदारनाथ तीर्थ के साथ ही अन्य तीनों धामों में आए जल प्रलय के कारणों पर प्रकाश डालते हुए ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड में स्थित चारों धामों के साथ ही इस क्षेत्र का प्रत्येक स्थान सनातन संस्कृति के आध्यात्मिक विरासत को अपने में संजोए हुए हैं। जिस कारण यह पुण्य तीर्थ अनंतकाल से हिन्दू सनातन संस्कृति के लिए अनंत ऊर्जा के स्रोत रहे हैं। उन्होंने तीर्थों को परंपराओं में मर्यादाओं में हुए क्षरण को जल प्रलय का मुख्य कारण बताते हुए कहा कि श्री केदार नाथ तीर्थ के साथ ही अन्य तीनों धामों की अपनी अलग-अलग आलौकिक रीति-रिवाज एवं आध्यात्मिक परंपराएं हैं जिनके अनादकाल से परंपरागत रूप से निर्वहन ने हिन्दू सनातन संस्कृति को जहां वैभवशाली बनाया वहीं समाज को धार्मिक एवं आध्यात्मिक रूप से परिपुष्ट करते हुए सुख समृद्धि विकास और आंतरिक चेतना को नई उंचाइयां प्रदान कीं। उन्होंने कहा कि तीर्थों की प्राचीन परंपराओं का निर्वहन स्थापित परंपराओं के अनुरूप ही किया जाना चाहिए। जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि पुण्य तीर्थों में जल प्रलय के कारण हुए असंख्य श्रद्धालुओं, हक हक्कूकधारियों एवं स्थानीय जनों की असामाजिक, देहवसान ने आध्यात्मिक विरासत से जुड़े विद्वत समाज के साथ ही पूरे राष्ट्र को हिलाकर रख दिया है। इसलिए यह नितांत चिंतन का विषय बन गया है और इस पुण्य तीर्थों को परंपराओं और आध्यात्मिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने अपरिहार्थ हो गए हैं। उन्होंने चारों धामों में अनादिकाल से चली आ रही हक हक्कूकधारियों के हितों की सुरक्षा को प्रभावी बनाए जाने की पहल पर जोर देते हुए कहा कि हकों की आड़ में परंपरागत मर्यादाओं का उल्लंघन न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। तीर्थ धामों में पाश्चात्य संस्कृति की तर्ज पर विकसित होटलों की जगह धर्मशालाओं को निर्माण को अधिक प्रभावी बनाए जाने की मांग करते हुए कहा कि तीर्थों में त्याग समर्पण और परंपराओं के अनुरूप आचरण ही फलदायक होता है। उन्होंने कहा कि तीर्थों में त्याग, सेवा, समर्पण, दान, जप एवं तप का ही महत्व है और इन्हीं के अवलम्बन से मनुष्य अपना जीवन समृद्ध कर सकता है। जगद्गुरु शंकराचार्य ने केदारनाथ में जल प्रलय में असमय काल का ग्रॉस बने श्रद्धालुओं की दाह-संस्कार वैदिक सनातन संस्कृति के अनुरूप ही किया जाना चाहिए तथा नारायणवलि, इशगात्र, पिण्डदान एवं तर्पण आदि वैदिक कर्मकांड विधिपूर्वक सम्पन्न किए जाने पर ही दिवंगत आत्माओं को मुक्ति एवं शांति मिलेगी। अन्यथा आत्माएं भटकेंगी तो तीर्थ में विक्षोभ पैदा होगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि हिन्दू सनातन संस्कृति के अनुरूप केदार तीर्थ में प्रकृति मार में असमय शरीर छोड़ने वाले श्रद्धालुओं के वैदिक कर्मकांड संस्कार केदारनाथ में ही किए जाने चाहिए। शंकराचार्य ने कहा कि हिन्दू सनातन संस्कृति में शरीर छोड़ने वाले प्रत्येक मतावलंबी की आत्मा की शांति एवं मुक्ति के लिए वैदिक परंपराओं के अनुसार यज्ञ नहीं बल्कि अंतिम क्रियाकर्म एवं कर्मकांड संस्कार महत्वपूर्ण है। शंकराचार्य ने श्री बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के साथ ही चारों धामों की मंदिर समितियों में राजनैतिक हस्तक्षेप व प्रभावी होती दलीय राजनीति का कड़ा विरोध करते हुए समिति में धार्मिक एवं आध्यात्मिक विद्वानों को जोड़ने की पहल को अधिक प्रभावी बनाए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक शक्ति पीठों पर प्रभावी होती राजनीति तीर्थों को मर्यादाओं पर भारी पड़ रही है। चारों धामों के विकास को व्यापक रूप दिए जाने की मांग करते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार की तर्ज पर सेंचुरी क्षेत्रों में स्थिति चारों धामों का सीमांकन किया जाना आवश्यक है।
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रांचीः राष्ट्रीय अध्यक्ष दल (आरजेडी) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से मुलाकात के लिए बिहार से रांची आ रहे पार्टी के एक नेता विजेंद्र यादव की रविवार को सड़क हादसे में मौत हो गयी.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले टिकट की इच्छा को लेकर ससाराम जिले के पूर्व जिला पार्षद सह आरजेडी नेता विजेंद्र यादव अपने करीबियों के साथ कार से रांची आ रहे थे.
बताया गया है कि हजारीबाग के बरही थाना क्षेत्र के बरसोत के निकट उनका वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि कार में सवार दो अन्य लोग घायल हो गये. घायलों को बेहतर इलाज के लिए रिम्स रांची रेफर कर दिया गया है.
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मछली और समुद्री खाने की रूस की खपत पहली जगह नहीं है, हालांकि हमारे देश में मछली संसाधनों के साथ अच्छी तरह से प्रदान किया गया है। यह सप्ताह में कम से कम दो बार मछली का उपभोग करने के लिए पर्याप्त है।
मछली और मछली व्यंजन बहुत उपयोगी हैं, खासकर के लिएछोटे, जिनके हड्डियां बढ़ती हैं और विकसित होती हैं उनके पास बहुत सारे विटामिन, सूक्ष्म और मैक्रो तत्व होते हैं, जो हर रोज मानव शरीर के लिए आवश्यक होते हैं।
1. सरसों की चटनी के साथ लाल मछली।
इस डिश तैयार करने के लिए आप उपयोग कर सकते हैंकिसी भी सामनः गुलाबी सामन, सामन। मैं गुलाबी सामन के खाना बनाना होगा। तो, तैयार करने के लिए हम एक सिर के बिना एक मछली की जरूरत है अगर वह nepotroshonaya - पेट और अंदर कुल्ला। सरसों सॉस की जरूरत के लिएः सरसों (मैं पहले से तैयार पास्ता का उपयोग करें, दो चम्मच पर्याप्त है), ताजा अंडे के दो जर्दी (बेहतर घर, उनके रंग समृद्ध है, सॉस एक उज्ज्वल पीला हो जाएगा), एक नींबू, जैतून का तेल, नमक, मसाले का रस और वैकल्पिक स्वाद, ठंड के 50 मिलीलीटर पानी उबला हुआ, सजावट मछली व्यंजनों के लिए मक्खन की 100 ग्राम और साग।
सबसे पहले, हम साफ मछली को बैच में विभाजित करते हैंटुकड़े, मेरी बड़ी मछली थी - यह 5 टुकड़े निकले, लगभग 3 सेंटीमीटर मोटे, नमक के साथ खट्टे, थोड़ा नींबू का रस निचोड़ कर आधे घंटे के लिए अचार के लिए छोड़ दें। हम इसे एक साँचे में डालते हैं और इसे पहले से गरम ओवन में सेंकते हैं।
जबकि गुलाबी सैल्मन पकाया जाता है, सॉस तैयार करें एक सॉस पैन में पानी डालो, धीमी गति से आग लगा दीजिए, जलो और मक्खन जोड़ें। यह सब तीव्रता से एक झट से भंग कर दिया गया है जब मक्खन पिघला देता है, तो सरसों को जोड़ने और नींबू से शेष रस को दबाएं। फिर नमक चटनी, मसालों को जोड़ने और कुछ मिनट के लिए हलचल। सॉस तैयार है।
इस डिश हमेशा मुझे बाहर मदद करता है जब मांस नहीं है,लेकिन अभी भी हैम्बर्गर चाहते हैं। तैयार करने के लिए हम किसी भी मछली fillets (आमतौर पर मैं सामन fillets उपयोग करते हैं, लेकिन एक बार पट्टिका बसेरा करने की कोशिश की है, यह भी बहुत स्वादिष्ट आया), 1 अंडा, सफेद ताजा रोटी या पाव रोटी, जड़ी बूटी, नमक का एक टुकड़ा की 800 ग्राम की जरूरत है, बल्ब की एक जोड़ी इस्तेमाल किया जा सकता लहसुन की लौंग - यह तीखेपन दे देंगे। सलाह का एक अन्य शब्दः अगर मछली दुबला है, यह, कीमा बनाया हुआ मछली मक्खन में जोड़ने के लिए बेहतर है तो कटलेट रसदार और सूखी नहीं बाहर कर देते हैं।
हम मांस grinder मछली फिलेट, प्याज,लहसुन, रोटी और हिरन। सभी नमक और मिश्रण। नरम मक्खन और हल्के से पीटा अंडे जोड़ें। फिर, सब कुछ मिश्रित है। इसके अलावा हम कटलेट बनाते हैं। मैं सिर्फ एक परत में minced मछली रोल और एक गिलास के साथ कटलेट कटौती। तो वे मुझे बराबर बनाते हैं और वही बनाते हैं। फिर दोनों तरफ ब्रेडक्रंब और फ्राइंग के साथ पैनिंग या ओवन में बेकिंग। छोटे बच्चों के लिए पिकपेरच से मछली के व्यंजन को डबल बॉयलर में पकाया जा सकता है। तो कटलेट में सभी उपयोगी गुण बने रहेंगे।
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Viral Video: सोशल मीडिया पर अकसर डांस के वीडियो वायरल होते हैं। ऐसा ही एक वीडियो इन दिनों इंटरनेट पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में भाभी शीशे के सामने डांस करती नजर आ रही हैं। भाभी ने बेहद सुंदर सफेद पर नीले रंग के प्रिंट की हुई साड़ी पहनी हुई है।
वीडियो के बैकग्राउंड में किसी साउथ फिल्म का गाना बजता सुनाई पड़ रहा है। जिस पर भाभी बेहद आकर्षक डांस स्टेप करती नजर आ रही हैं। डांस कर रही भाभी के एक्सप्रेशन लोगों को पसंद आ रहे हैं। भाभी गाने की रीदम के अनुसार डांस करती दिख रही हैं।
वीडियो पर अब तक करीब 85 हजार से अधिक लाइक आ चुके हैं। वीडियो पर लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं। नेटिजन्स को यह डांस वीडियो काफी पसंद आ रहा है। लोग वीडियो को बार-बार देख रहे हैं। कमेंट में लोग भाभी के डांस की तारीफ कर रहे हैं। उनके डांस स्टेप और ड्रेस सेंस को काफी पसंद कर रहे हैं।
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जौनपुर। जिलाधिकारी अनुज कुमार झा द्वारा हीट वेव के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया गया। उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों से उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी प्राप्त किया तथा आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने व साफ-सफाई की व्यवस्था दुरु स्त रखने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने अस्पताल में हीटवेव को लेकर जरूरी सभी बुनियादी व्यवस्थाओं का हाल देखा और उपस्थित डॉक्टरों को निर्देश दिया कि जब तक डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीज का नंबर नहीं आ जाता तब तक मरीज को लाइन में खड़ा करने के बजाए पंखे के नीचे बैठने की व्यवस्था करें। इस दौरान जिलाधिकारी ने पर्ची काउंटर, हेल्थ डेस्क, सर्जन कक्ष, नेत्र परीक्षण कक्ष, दवा वितरण कक्ष, पैथोलोजी कक्ष, ओपीडी कक्ष, जनरल वार्ड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने सीएमएस डॉ. कृष्ण कुमार राय को निर्देशित किया कि अस्पताल के दोनों गेट पर ओआरएस का घोल रखा जाए और मरीजों के आने पर उन्हें दिया जाए। उन्होंने दवा वितरण कक्ष के निरीक्षण के दौरान श्रीमती आरती पाल निवासी शहाबुद्दीनपुर से पूछा कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई सभी दवाएं उपलब्ध हुई है की नहीं जिस पर आरती पाल द्वारा बताया गया कि सभी दवाएं दवा वितरण कक्ष से प्राप्त हुई है। इस दौरान जिलाधिकारी ने अस्पताल के हाल में लगे वाटर कूलर की जांच की कि पानी आ रहा है कि नही, कूलर चालू अवस्था में मिला। डीएम ने ओपीडी हाल में एक मरीज के परिजन मोनू से उपचार पर लग रहे दवा के संबंध में जानकारी प्राप्त की जिस पर परिजन द्वारा बताया गया कि सभी प्रकार की दवा दी जा रही है बाहर से दवा नहीं लेनी पड़ी है और डाक्टर द्वारा समय समय पर मरीजों का हाल लिया जा रहा है। श्री झा ने कहा कि इस समय अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है सभी का अच्छे से उपचार किये जाने की व्यवस्था हेतु सीएमएस को निर्देशित किया गया है।
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जयपुर. लोकसभा चुनाव 2019 के चौथे चरण में राजस्थान के पहले चरण में सोमवार को पूरा हो गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में वोट डाला। इस दौरान उनके साथ बेटे वैभव गहलोत भी मौजूद रहे। इसके साथ पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी सुबह वोट डालने झालावाड़ के हाइकिंग बोड कॉलोनी में वोट डालने पहुंची। वहीं, जोधपुर से उम्मीदवार गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी परिवार के साथ वोट डाला। गौरतलब है कि इन सीटों पर 115 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे है। केंद्रीय मंत्री पीपी चौधरी, गजेंद्र सिंह शेखावत, राजकुमारी दीया कुमारी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत समेत कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है।
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मूत्रप्रणाली के किसी भी हिस्से में होने वाले इंफेक्शन को मूत्र पथ में संक्रमण कहा जाता है और इसे अंग्रेजी में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और यूटीआई के नाम से जाना जाता है। मूत्राशय में होने वाले संक्रमण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का सबसे आम प्रकार होता है और इसके मामले भी काफी देखे जाते हैं। वहीं किडनी में होने वाला संक्रमण जिसे पायलोनेफ्राइटिस भी कहा जाता है, वह भी मूत्र पथ में संक्रमण का एक प्रकार है और इसके मामले भी काफी कम देखे जाते हैं। यूटीआई एक आम समस्या है और विशेष रूप से महिलाओं में इसके मामले काफी देखे जाते हैं। लगभग आधी से ज्यादा महिलाओं को अपने जीवन में एक बार मूत्र पथ में संक्रमण जरूर होता है। मूत्र पथ में संक्रमण के बारे में माना जाता है, कि यह समस्या ठीक हो जाती है लेकिन कई बार इससे गंभीर जटिलताएं भी पैदा हो सकती हैं। आंकड़ों के अनुसार यूटीआई एक प्रचलित प्रसारित संक्रमण है, जो हर साल लगभग 15 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है। हर तीन में से एक महिला 24 साल की उम्र से पहले ही मूत्र पथ में संक्रमण से संक्रमित हो जाती है और वहीं लगभग 50 फीसद महिलाएं 35 साल से पहले जीवन में एक बार यूटीआई से ग्रसित हो जाती हैं। वहीं मूत्र पथ में संक्रमण से संक्रमित होने वाली 30 प्रतिशत महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें यह संक्रमण फिर से हो जाता है जिसे आरयूटीआई (rUTI) कहा जाता है।
सरल शब्दों में कहें तो मूत्र पथ में संक्रमण को ब्लैडर इंफेक्शन के रूप जाना जाता है। यह आमतौर पर संक्रमण फैलाने वाले सूक्ष्म जीव मूत्र पथ में घुस जाने के कारण होता है। मूत्र पथ में घुस कर ये रोगाणु अपनी संख्या बढ़ाने लग जाते हैं और फिर उसके बाद संक्रमण फैलना शुरू हो जाता है। मूत्र पथ में संक्रमण काफी दर्दनाक और परेशान कर देने वाली समस्या है और अगर इसका समय रहते इलाज न किया जाए तो यह गुर्दों को प्रभावित कर सकती है। मूत्र प्रणाली उन अंगों से मिलकर बनी है, जो पेशाब को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं इसमें मुख्य रूप से गुर्दे, मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रमार्ग शामिल हैं। मूत्र पथ में संक्रमण का कारण बनने वाले रोगाणु आमतौर पर मूत्रमार्ग के माध्यम से मूत्र प्रणाली तक पहुंचते है और फिर संक्रमण फैला देते हैं। मूत्र पथ में संक्रमण का कारण बनने वाले ज्यादातर प्रकार के रोगाणु आमतौर पर मानव मल में ही पाए जाते हैं। इसलिए ये रोगाणु किसी व्यक्ति की आंतों में या गुदा के आसपास होना भी एक सामान्य बात है। जब ये रोगाणु किसी तरह से मूत्र प्रणाली तक पहुंच जाते हैं, तो फिर संक्रमण फैलने लग जाता है।
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नयी दिल्ली। सीमा शुल्क विभाग ने चेन्नई हवाईअड्डे (Chennai Airport) पर एक बड़े अभियान में 100 करोड़ (100 crore) रुपये मूल्य के मादक पदार्थ जब्त किए। इथियोपिया के एक हवाई यात्री के पास से 100 किलो कोकीन (100 kg cocaine) और हेरोइन जब्त (heroin confiscated) की गई है। इन दवाओं की बाजार कीमत 100 करोड़ रुपये बताई जा रही है। शुक्रवार को इथियोपिया के अदीस अबाबा से चेन्नई पहुंचे इथोपियन एयरलाइंस के सभी यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई। इस बीच ये नशीला पदार्थ 38 वर्षीय भारतीय यात्री इकबाल बी उरंदादी के पास से बरामद किया गया है। यह कार्रवाई एयर इंटेलिजेंस यूनिट के एक अधिकारी अनिल कुमार द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर की गई है। अधिकारियों को सूचना मिली थी कि अफ्रीका से आ रहे किसी व्यक्ति के पास नशीला पदार्थ है। हालांकि, जब एक भारतीय यात्री इकबाल ने जांच की तो उसने अस्पष्ट जवाब देने की कोशिश की। इसलिए सीमा शुल्क विभाग ने जांच के बाद करीब 100 करोड़ रुपये के नशीले पदार्थ को जब्त किया है.
कितने किलो दवा मिली?
सीमा शुल्क विभाग द्वारा जांच के बाद अधिकारियों को करीब साढ़े नौ किलो कोकीन और हेरोइन मिली है। साथ ही गहन पूछताछ के बाद इकबाल को हिरासत में लिया गया। इन सभी सामानों को एनडीपीएस एक्ट के तहत जब्त कर लिया गया है। इस बीच, जुलाई में चेन्नई हवाईअड्डे पर ही तंजानिया के एक यात्री के पास से 8. 86 करोड़ रुपये की हेरोइन जब्त की गई थी। उसके बाद अगस्त में यह दूसरी बड़ी कार्रवाई की गई है।
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राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (नेशनल बुक ट्रस्ट - एनबीटी) में कई पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। इसके लिए विज्ञापन जारी किया गया है।
पदों का विवरणः लोअर डिविजनल क्लर्क (एलडीसी)
आयु सीमाः न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 25 वर्ष निर्धारित की गई है।
शैक्षणिक योग्यताः मान्यताप्राप्त बोर्ड से 10वीं पास अनिवार्य। साथ ही 25 शब्द प्रति मिनट की गति से हिंदी टाइपिंग या 30 शब्द प्रति मिनट की गति से इंग्लिश टाइपिंग जरूरी।
ऐसे करें आवेदनः संबंधित वेबसाइट से आवेदन पत्र को डाउनलोड कर उसे भरें। पूर्णरूप से भरे हुए आवेदन पत्र को उम्मीदवार सभी वांछित दस्तावेजों के साथ 'असिस्टेंट डायरेक्टर (इस्टैबलिस्टमेंट) नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया, नेहरू भवन, 5 इंस्टीट्यूशनल एरिया फेज-2, वसंत कुंज, नई दिल्ली-110070' के पते पर भेज दें।
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Changes From 1st January 2023: नया साल यानी 2023 आ गया है. घरों में लगे पुराने कैलेंडर बदलकर अगले 365 दिनों वाला नया पंचांग लग गया है. लेकिन सिर्फ कैलेंडर नहीं बदला बल्कि आपकी जरूरतों वाली चीज़ों के दाम भी बदल गए हैं. इसके अलावा कुछ अच्छे बदलाव भी हुए हैं जिससे आपको थोड़ा फायदा जरूर होगा।
नए साल में सरकार ने जनता को महंगाई का तोहफा दे डाला है. अब से समोसा, कचोरी, जलेबी जैसे नाश्ते वाली चीज़ों के दाम बढ़ सकते हैं क्योंकि कमेरिशियल LPG गैस सिलेंडर के दाम बढ़ गए हैं. वो भी पूरे 25 रुपए।
नए साल में बाइक या कार खरीदने का प्लान है? तो थोड़े ज़्यादा पैसे खर्च करने होंगे। Hyundai की गाड़यां 30 हज़ार तक, Kia की 50 हज़ार, MG की कारें 90 हज़ार तक बढ़ गई है. बढ़ी तो मारुती और रेनॉ की भी हैं लेकिन कंपनी ने बताया नहीं कितना।
एक जनवरी से बैंक लॉकर के नियम बदल गए हैं. जिन लोगों ने बैंक में लॉकर लिया है उनके नए साल में सबसे पहले बैंक जाकर New Bank Locker Agreement साइन करना पड़ेगा। अच्छी बात ये है कि अब आपके सामान की पूरी जिम्मेदारी बैंक की होगी, और अब बैंक बिना बताए आपके सामान की जब्ती भी नहीं कर सकता है.
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छपराः सारण के लोग इन दिनों दोहरी मार झेलने को विवश है. एक तरफ भीषण गर्मी से हलकान हैं तो वहीं दूसरी तरफ पानी की किल्लत ने परेशान कर दिया है. लगातार बढ़ते तापमान के बीच इस भीषण गर्मी में लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो गया है. इस भीषण के बीच बूंद-बूंद पानी के लिए छपरा के वार्ड वासी दर-दर भटक रहे हैं. इसको लेकर लोगों में आक्रोश पनप रहा है. पिछले एक सप्ताह से ऐसी स्थिति बनी हुई है. इस समस्या को लेकर लोगों ने अधिकरियों से तक से शिकायत की लेकिन अब तक कोई पहल नहीं की जा सकी है. जिसके चलते लोगों को सूखे हलक का प्यास बुझाने के लिए भटकना पड़ रहा है.
स्थानीय मधु कुमारी ने बताया कि छपरा शहर में नमामि गंगे का कार्य चल रहा है. जिसको लेकर जगह-जगह खुदाई की जा रही है. इसी दौरान जेसीबी से खुदाई के दौरान मलखाना चौक के पास सप्लाई वाटर के पाइप को काट दिया गया है. जिसके चलते लोगों के घरों में तो पानी नहीं जा पा रहा है, लेकिल सड़कों पर जरूर बह रहा है. एक तरफ लोग पानी के लिए त्राहिमाम कर रहे हैं तो दूसरी तरफ लोगों को सड़क चलना मुश्किल हो गया है. वार्ड वासी दोहरी मार झेलने को विवश हैं. शिकायत करने के बाद भी अधिकारी सुनने को तैयार नहीं है. पानी की किल्लत से परेशान लोगों का कोई सुनने वाला नहीं है.
मधु कुमारी ने बताया कि पाइप कट जाने की वजह से सड़क नदी की तरह नजर आ रहा है. पिछले एक सप्ताह से पाइप कआ हुआ है. इस मामले को लेकर स्थानीय अधिकरायों को कई दफा अवगत कराया जा चुका है. इसके बाद भी अब तक कटे पाइप को ठीक नहीं किया जा सका है. छपरा शहर के वार्ड संख्या-15, 16, 17 के लोगों को पानी नहीं मिल रहा है और पानी सड़क पर बह रहा है. वहीं अब इस समस्या को लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है.
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PHOTOS: पहले प्यार से गुलाम संग जबरन शादी तक. . . पाक वाली सीमा की पूरी कुंडली, जिसने सचिन के लिए की सारी हदें पार!
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नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) ने शिक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार करने का फैसला किया है। वह अगले वर्ष इस क्षेत्र में 141 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसके अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में एक स्टेट ऑफ आर्ट 'प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान' की स्थापना होगी।
दरअसल हाल ही में एनडीएमसी के स्कूलों में छात्राओं की संख्या लगातार कम होने की खबरें आई थीं। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2010-11 में एनडीएमसी के स्कूलों में कुल 10,541 छात्राएं और 10,022 छात्र थे।
पढ़ेंः UPSEE: 25 फरवरी से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन!
यानी छात्राओं का फीसद 51. 2 और छात्रों का फीसद 48. 7 था। मगर 2011-12 में छात्राओं की संख्या 10,025 49. 28 फीसद और छात्रों की संख्या 10,320 50. 72 फीसद हो गई। 2012-13 में छात्राओं की संख्या और गिरी और यह आंकड़ा 10,206 तक जा पहुंचा।
इस अवधि में छात्रों की संख्या बढ़कर 11,317 हो गई। इनका फीसद निकालें तो छात्राओं का अनुपात और गिर गया। छात्राओं का औसत 47. 42 फीसद रह गया, जबकि छात्रों का औसत बढ़कर 52. 58 फीसद हो गया।
इन आंकड़ों के मद्देनजर एनडीएमसी ने ये खर्च करने का फैसला किया है। यह घोषणा परिषद के अध्यक्ष जलज श्रीवास्तव ने नवयुग विद्यालयों के स्थापना दिवस समारोह में की। एनडीएमसी सभागार में आयोजित कार्यक्रम में श्रीवास्तव ने बताया कि 'प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान' में एक साथ 50 शिक्षकों के प्रशिक्षण की व्यवस्था के लिए स्थान उपलब्ध होगा।
यह 24 घंटे कैंटीन/रसोईघर की सुविधाओं के साथ एक आवासीय एवं आत्मनिर्भर संस्था होगी। यह संस्थान शिक्षण-मानकों में एक मानक स्थापित करेगा। समारोह में श्रीवास्तव नवयुग विद्यालयों के पूर्व अध्यापकों और नवयुग की स्थापना वर्ष के पूर्व छात्रों को सम्मानित किया।
उत्तरी निगम व्यापारियों की सुविधा के लिए कनवर्जन एवं पार्किंग शुल्क जमा कराने के लिए सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में 28 फरवरी एवं 28 मार्च को विशेष कैंप लगाएगा। अतिरिक्त आयुक्त दिलराज कौर ने बताया कि अवैध रूप से कारोबार करने वाले व्यापारियों के खिलाफ मास्टर प्लान-2021 के प्रावधानों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मास्टर प्लान-2021 के प्रावधानों के तहत अधिसूचित सड़कों पर कारोबार कर रहे व्यापारियों के लिए प्रतिवर्ष कनवर्जन चार्ज जमा कराना आवश्यक है। इसके अलावा उन्हें एकमुश्त पार्किंग शुल्क भी जमा कराना है। वहीं निगम के नरेला जोन के उपायुक्त ने अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ की सफाई मजदूरों से जुड़ी 25 मांगे मान ली। संघ के महासचिव वेदपाल रीडला ने फैसले का स्वागत करते हुए सभी मांगे जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह किया।
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जब मुझसे बर्दास्त नहीं हुआ तो मैंने उसका ढोगल ख्पोता, हाथ में लपेट लिया।
"बहन जी छोड़ दीजिए." सज्जन ने आकर विनती की।
मैंने कहा छोडूँगी तब जब 5100सौ लूँगी। दीपिकामाई ने ताली बजाई। लग रहा था जैसे वह एक्ंिटग नहीं नेचुरल में बधाई ले रही हैं।
इसी बीच ज्ञानदीप का सेलफोन बजा। उसने उठकर हैलो कहा और सारी बात सुनने के बाद उसने आँधे घँटें में पहुँचने को कहा। सेलफोन रखते ही ज्ञानदीप ने डायरी के पन्ने निकालकर दीपिकामाई को दिए।
ज्ञानदीप चरण-स्पर्श करके चला आया था।
ज्ञानदीप उसी रात लिखने बैठ गया। लगभग छः महीने की कड़ी मेहनत के बाद उसने आधा आदमी उपन्यास मुकम्मल किया। और उसे प्रकाशिन होने के लिए प्रकाशक के पास भेज दिया।
एक महीने में दीपिकामाई की जैसे काया ही बदल गई थी। दिन पर दिन उनका स्वास्थ्य गिरता जा रहा था। डाॅक्टर के अनुसार उनका शुगर लेबल बढ़ा हुआ था। एक-एक करके सारे चेले उन्हें छोड़कर चली गई थी। ड्राइवर और इसराइल का भी कुछ अता-पता नहीं था। दीपिकामाई को उठने-बैठने में काफी दिक्कत हो रही थी।
कहते हैं वक्त कभी एक जैसा नहीं रहता। कभी यहाँ महफिल सजती थी आज यहाँ वीरान हैं। जितने भी उनके संगी-साथी थे सभी ने, यहाँ तक आस-पड़ोस के लोगों ने भी उनसे मिलना-जुलना बंद कर दिया था।
समाज की इस बेरूखी ने उनके अंदर जीने की ललक ही खत्म कर दी थी। हद तो तब हो गई जब उनका एक-एक सामान उनके चेले और संगी-साथी उठा ले गई। यहाँ तक उनका सेलफोन तक नहीं बख़्शा। भगवान इतने बुरे दिन किसी को न दिखाये। दूसरों का पेट भरने वाली दीपिकामाई आज स्वयं एक-एक दाने को तरस रही थी।
ज्ञानदीप ट्यूशन पढ़ाकर जब रात को घर लौटा तभी उसे पड़ोसी से एक लिफाफा मिला। उसने खोलकर देखा तो उसमे एक किताब थी। आधा आदमी को देखकर वह खुशी से फूला नहीं समाया। पहले उसने किताब को माथे से लगाकर ईश्वर का शुक्रिया अदा किया। फिर उसने सेलफोन उठाकर दीपिकामाई को काँल किया। पर जवाब न मिलने के कारण उसने झल्लाकर सेलफोन रख दिया।
अब वह सुबह के इंतज़ार में था कि कितनी जल्दी सुबह हो और वह दीपिकामाई के घर जा पहुँचे। मगर उसका बावलापन यह जरा भी मनाने तैयार नहीं था। रह-रहकर उसका मन दीपिकामाई की तरफ उचट जाता।
अंतत थकहार वह लेट गया। रात काफी हो चुकी थी। मगर नींद उसकी आँखों से कोसों दूर थी। वह बार-बार किताब को देखे जा रहा था। उसे कब नींद आ गई पता ही नहीं चला।
दीपिकामाई के घर के अंदर और बाहर भीड़ लगी थी। भीड़ को चीरता हुआ ज्ञानदीप जब अंदर पहुँचा तो दीपिकामाई की लाश को देखकर वह हक्का-बक्का रह गया। उसके हाथ से किताब छुटकर नीचे गिर गई। उसे लगा जैसे वह अभी चक्कर खा के गिर पड़ेगा। मगर उसने किसी तरह अपने आप को संभाला और भारी कदमों से लाश की तरफ बढ़ गया। दीपिकामाई के मुँह और नाक में मक्खियाँ भरी थी। यह सब देखकर ज्ञानदीप की आँखें छलक आई। उसने पास पड़ी चादर से दीपिकामाई को ढक दिया और उनके पैर पकड़कर फफक पड़ा।
"का हुवा?" भीड़ में से एक ने पूछा।
"अरे उ हिजड़वा मर गवा." महिला ने ऐसे कहा जैसे कुछ हुआ ही न हो।
"सही कहत हव भइया." महिला के एक-एक लफ़्ज़ ज्ञानदीप के कान में भाले की भाँति जा चुभे।
ज्ञानदीप ने पलट कर देखा तो कोई और नहीं, वह वही महिला थी जो दीपिकामाई से अपने बच्चे की दवा के लिए पैंसे माँगने आई थी। आज उसका यह रूप देखकर ज्ञानदीप हतप्रभ था।
"चच्चा सही कहत हय." तहमत वाले लड़के ने मसाले की पुड़िया मुँह में फाकते हुए कहा।
"के हव तुम? नाटे कद वाले ने आँखे तरेर कर पूछा।
वक्त की नजाकत को देखते हुए ज्ञानदीप क्रोध के घूँट को पी गया था। यह वही लोग थे जो कभी दीपिकामाई के आप-पास मंडराते थे। जिनकी छत्र-छाया से इनके घर चलते थे। इनमें से कितने लोग तो ऐसे थे जिनके घर की बेटियों की दीपिकामाई ने शादी करवायी थी। किसी की मज़ाल थी जो बगैर इजाजत उनके कमरे में चला जाए।
ज्ञानदीप ने समझाया।
"अबे मादरचोद, तेरी हिम्मत कैसे हुई मौलवी साब से जवाब-तलब करने की." चपटी नाक वाले ने ज्ञानदीप का गिरहेबान पकड़ा।
अगर ज्ञानदीप चाहता तों वह भी गाली-गलोच कर सकता था मगर नहीं, क्योंकि इस वक्त गाली से कही ज्यादा जरूरी थी दीपिकामाई की लाश।
मौलवी के कहते ही चपटी नाक वाले ने ज्ञानदीप को वर्निग देकर छोड़ दिया।
"श्मशान घाट में तो है." ज्ञानदीप का इतना कहना क्या था कि चैधरी के तन-बदन में आग लग गई। उसने आँखें तरेर कर ज्ञानदीप को घूरा,
धीरे-धीरे भीड़ उग्र होती जा रही थी। भीड़ को संभालना ज्ञानदीप के बस में नहीं था। उसकी सारी कोशिशें नाकाम हो गई थी। मगर भीड़ थी जो लाश की तरफ बढ़ती जा रही थी।
"मैं। आप के आगे हाथ जोड़ता हूँ छोड़ दीजिए इन्हें........।" ज्ञानदीप गिड़गिड़ाया।
तभी टोपी वाले ने ज्ञानदीप को धकेल दिया। वह गिरते-गिरते बचा। भीड़ ने चारों तरफ से लाश को घेर लिया। जैसे ही लोग लाश को उठाने वाले थे वैसे ही आँधी का तेज झोंका आया। जो जहाँ था वही थम गया। न जाने कहाँ से उड़कर अनगिनत पत्ते आए और दीपिकामाई की छाती से लिपट गए।
तभी लाश के पास पड़ी किताब के पन्ने ऐसे फड़फड़ाने लगे जैसे दीपिकामाई पढ़ रही हो। वैसे ही टप से बूँदें किताब के अंतिम पेज पर गिरी। ऐसा लगा जैसे वह बूँदें नहीं, दीपिकामाई के आँसू हैं।
थोड़ी देर बाद आँधी थम गई।
वहाँ खड़े लोग लाश को उठाने लगे। कोई लाश के हाथ पकड़े था, कोई पैर। वे लोग लाश को झुलाते हुए ले जाने लगे। बच्चे इस तरह से हा-हू कर रहे थे जैसे कोई तमाशा हो रहा हो।
किसी ने पीछे से ज्ञानदीप को लात मारी वह मुँह के बल जा गिरा। उसका होंठ फट गया था। पर उसने अपने खून की प्रवाह न करके तेजी से लाश की तरफ भागा।
तमाशाई भीड़ अपने-अपने छतों, दरवाजों और खिड़कियों पर ऐसे जुटी थी जैसे कोई जुलूस निकल रहा हो।
कुत्ते भीड़ पर भौंक रहे थे। जैसे कह रहे हो छोड़ दो मेरी माई को.....।
गायें-बकरियाँ चिल्ला रही थी, वे सब रस्सीयों को तोड़ देना चाहती थी। अगर उनका बस चलता तो वे भीड़ को दिखा देती कि उनके होते हुए उनकी माई को कोई नहीं ले जा सकता। मगर वे सब बेबस-लाचार थी।
ज्ञानदीप एक-एक आदमी के आगे हाथ-पैर जोड़ रहा था। मगर लोग बजाय उसकी सुनने के, उल्टे उस पर ही टूट पड़े।
फिर क्या था। एक नहीं, दो नहीं, तीन नही अनगिनत हाथ-पैर ज्ञानदीप पर बरसने लगे। वह चीख़ता-चिल्लाता रहा। पर भीड़ के शोर-शराबे के आगे उसकी आवाज दब गई। ज्ञानदीप गली के बीचोबीच मूच्र्छित पड़ा था। पास खड़ा एक कुत्ता ज्ञानदीप को भौंक-भौंक कर जैसे उठा रहा हो।
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जयपुर ।
कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी की एक टीवी डिबेट के बाद हार्टअटैक से मौत हो गई थी। अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसे लेकर राजस्थान में यवा कांग्रेस की ओर से संबित पात्रा पर अमर्यादित, जातिगत और धार्मिक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। साथ ही राजस्थान प्रदेश युवा कांग्रेस के नेताओं ने उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया है।
बताया जा रहा है कि भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के खिलाफ 33 जिलों में 39 जगह पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। एफआईआर में कहा गया है कि एक टीवी डिबेट के संबित पात्रा ने राजीव त्यागी को इंगित करते हुए अमर्यादित, जातिगत एवं धार्मिक टिप्पणी की। इससे त्यागी पर बेहद गहरा असर पड़ा। उस डिबेट के कुछ वक्त बाद ही हार्टअटैक होने से उनकी मृत्यु हो गई।
यह रिपोर्ट संबंधित जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष द्वारा करवाई गई है। राजस्थान प्रदेश युवा कांग्रेस द्वारा ये मामला गैरइरादतन हत्या का माना गया है।
बता दें कि कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी का बुधवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था। अटैक से कुछ देर पहले ही वे एक टीवी चैनल पर डिबेट में शामिल हुए थे। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें गाजियाबाद के एक अस्पताल ले जाया गया था। टीवी डिबेट में शामिल होने की जानकारी राजीव त्यागी ने खुद अपने ट्विटर हैंडल पर दी थी।
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Indian Railways Seats Allocation: इंडियन रेलवे की शुरूआत 6 मई, 1836 को ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी. भारतीय रेलवे का इतिहास आज 186 साल पुराना हो चुका है. इंडियन रेलवे की पहली ट्रेन 19वीं सदी में चलाई गई थी. क़रीब 1,15,000 किमी में फ़ैले अपने विशाल नेटवर्क के साथ भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे बड़े रेल नेटवर्कों में से एक है. इंडियन रेलवे आज दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क बन चुका है. भारत में हर रोज क़रीब ढाई करोड़ यात्री ट्रेन में सफ़र करते हैं. भारत के 7349 स्टेशनों से रोजाना 20 हज़ार से अधिक यात्री ट्रेनें और 7 हज़ार से अधिक मालगाड़ियां चलती हैं.
भारतीय रेलवे (Indian Railways) की हज़ारों ट्रेनें रोजाना यात्रियों को उनकी मंज़िल तक पहुंचाती हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ट्रेन में रिजर्वेशन या टिकट बुक कराते समय मनचाही सीट क्यों नहीं सेलेक्ट कर पाते? यात्रा के दौरान हमें रेलवे की ओर से जो सीट मुहैया कराई जाती है, उसी में सफर करना पड़ता है. आख़िर सिनेमाहॉल की तरह हम ट्रेन में भी अपनी मनचाही सीट बुक क्यों नहीं कर सकते हैं?
दरअसल, इसके पीछे रेलवे का विज्ञान छिपा हुआ है. ट्रेन में रिजर्वेशन करना सिनेमाहॉल में सीट बुक करने से एकदम अलग होता है. क्योंकि थियेटर एक कमरे की तरह होता है, जबकि ट्रेन एक चलती फिरती गाड़ी है. इंडियन रेलवे की ट्रेनों में सुरक्षा सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी है. लिहाजा रेलवे के बुकिंग सॉफ़्टवेयर को इस तरह डिज़ाइन किया गया है कि ये सॉफ़्टवेयर इस तरह से टिकट बुक करेगा ताकि ट्रेन में समान रूप से लोड बांटा जा सके.
कैसे होती है सीट की बुकिंग?
अगर किसी ट्रेन में S1, S2, S3, S4, S5, S6, S7, S8, S9 और S10 नंबर वाले स्लीपर कोच हैं तो इसका मतलब सभी कोच में 72-72 सीटें होंगी. इस दौरान जब कोई ट्रेन में पहली बार टिकट बुक करेगा, तो सॉफ़्टवेयर सबसे पहले बीच के कोच में 1 सीट आवंटित करेगा. उदाहरण के तौर पर कोच में S5, 30-40 नंबर की कोई एक सीट मिलेगी. इसके अलावा रेलवे पहले 'लोअर बर्थ' को बुक करता है, ताकि ट्रेन को गुरुत्वाकर्षण केंद्र कम मिले.
इंडियन रेलवे (Indian Railway) का सॉफ़्टवेयर इस तरह से सीटें बुक करता है ताकि सभी कोचों में एक समान यात्री हों. इस दौरान ट्रेन में सीटों की बुकिंग बीच की सीटों 36 से शुरू होकर गेट के पास की सीटों 1-2 या 71-72 से 'निचली बर्थ' से 'ऊपरी बर्थ' तक जाती है. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ट्रेन का संतुलन बना रहे और सभी कोच पर समान भार पड़े. इस पूरी प्रक्रिया के दौरान अंत में टिकट बुक करने वाले लोगों को 'अपर बर्थ' आवंटित की जाती है.
अगर IRCTC द्वारा इस नियम का पालन नहीं किया जाता है तो ट्रेन के पटरी से उतरने की संभावना बढ़ जाती है. इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं- अगर S1, S2, S3 पूरी तरह से भरे हुए हैं और S5, S6, S7 पूरी तरह से खाली हैं. जबकि अन्य कोच आंशिक रूप से भरे हैं तो ऐसे में जब ट्रेन मोड़ लेती है, तो कुछ डिब्बों को Centrifugal Force का सामना करना पड़ता है तो कुछ को नहीं. इस स्थिति में ट्रेन के पहिए पटरी से उतर की संभावना 100 % बढ़ जाती है.
यही वजह है कि इंडियन रेलवे (Indian Railway) पैसेंजर्स को ट्रेन में सीट चुनने की अनुमति नहीं देती है.
ये भी पढ़ें- ट्रेन के डिब्बे के ऊपर 5 अंकों की संख्या लिखी होती है, कभी सोचा है कि इसका मतलब क्या होता है?
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एक समतुल्यता स्थापित कर सकते हैं और हम Q* = Q*/H, × H, लिख सकते हैं। यह हमने पहले देखा था कि Q * को H½ और
H के गुणनफल के रूप में विभाजित किया जा सकता है और H2 Q * / H½ के लिए समतुल्य
इसलिए, हमने यहां जो देखा या सीखा है, वह यह है कि इस तरह के समूहों के बीच अंतर हैं। इससे पहले, हमने देखा है कि समूहों के बीच का अंतर या तो कुछ को उपसमूह के गुणनफल के रूप में - विभाजित किया जा सकता है और कुछ को उपसमूह के गुणनफल के रूप में विभाजित नहीं किया जा सकता है। यहां, एक ही अंतर को दूसरे शब्दों में भाग के इस्तेमाल करके फिर से परिभाषित किया जा रहा है। यह है कि क्या हम एक समूह को इसके भागफल के साथ उपसमूह का गुणा जिसके साथ हम भागफल कर रहे हैं, समतुल्य रूप में विभाजित कर सकते हैं। कभी-कभी आप इस तरह से यहां कर सकते हैं, कभी-कभी आप ऐसा नहीं कर सकते हैं और इस सवाल पर वापस आते हैं और मैं इसे आपके लिए खुद से करने वाली समस्या के रूप में छोड़ दूंगा, कृपया इसे हल करें।
आपको इसे दोनों तरीकों से साबित करना आना चाहिए कि जो भी तरीका सही है अगर वह यह समतुल्य है तो आपको इसे साबित करने में सक्षम होना चाहिए। यदि यह समतुल्य नहीं है, तो भी आपको साबित करने में सक्षम होना चाहिए। ठीक है, तो इसका मतलब है कि भागफल कभी-कभी हमें कोई नया समूह देता है। कभी-कभी ऐसा नहीं होता है, जैसे कि Q*/ H½ के मामले में, हमें कोई नया समूह नहीं मिलता है - यह पहले से ही Q* के उपसमूह के रूप में मौजूद है, लेकिन पूर्णांक जैसे मामले हैं जहां हमें नए समूह मिलते हैं। इसलिए, भागफल एक बहुत ही रोचक और बहुत महत्वपूर्ण संचालन है। हम बाद के व्याख्यानों में भी इसका महत्व देखेंगे और हम यह स्थापित करेंगे कि बीजगणित में यह वास्तव में महत्वपूर्ण और मौलिक संचालन है।
अब, समरूपता के साथ इसका संबंध इसके महत्व को और बढ़ाता है। इसलिए, वास्तव में अगर आपको याद है कि मैंने समरूपता के साथ शुरुआत की थी, फिर इस पर आ गए और इस पर इसलिए आये हैं, क्योंकि मैं इस संबंध का पता लगाना चाहता था कि दो समूहों के बीच की समरूपता का भागफल के बारे में क्या प्रभाव है। या, भागफल का एक समरूपता के साथ क्या करना है? और जवाब तो बहुत दिलचस्प है।
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रूप (वेष) वैश्वासिक होता है । ४. उसका रूप अनुशात - जिनानुमत होता है । ५. उसके विपुल इन्द्रिय-निग्रह होता है।'
भगवान् महावीर के समय में श्रमणों के अनेक संघ विद्यमान थे। उनमें आजोबकों का संघ बहुत शक्तिशाली था । वर्तमान में उसकी परंपरा विच्छिन्न हो चुकी है। उसका साहित्य भी लुप्त हो चुका है। जैन साहित्य में उस परम्परा के विषय में कुछ जानकारी मिलती है। प्रस्तुत सूत्र में भी बाजीवकों की तपस्या के विषय में एक उल्लेख मिलता है।
प्रस्तुत सूत्र में भगवान् महावीर के समकालीम और उत्तरकालीन- दोनों प्रकार के प्रसंग और तथ्य संकलित हैं। जहां धर्म का संगठन होता है वहाँ व्यवहार होता है। जहाँ व्यवहार होता है वहां विचारों की विविधता भी होती है। विचारों की विविधता और स्वतन्त्रता का इतिहास नया नहीं है। भगवान् महावीर के समय में भी जमालि ने वैचारिक भिन्नता प्रदर्शित की थी। उनकी उत्तरकालीन परम्परा में भी वैचारिक भिन्नता प्रकट करने वाले कुछ व्यक्ति हुए। ऐसे मात व्यक्तियों का उल्लेख मिलता है। उन्हें निन्हब कहा गया है। उनके नाम इस प्रकार हैं-- जमालि, तिष्यगुप्त, आषाढ़, अश्वमित्र, गंग, रोहगुप्त और गोष्ठामाहिल ।।
इसी प्रकार नौवें स्थान में भगवान् महावीर के नो गणों का उल्लेख है। उनके नाम इस प्रकार हैं-- गोदासगण, उत्तरबलिस्सहगण, उद्देहगण, चारणगण, उद्दवाइयगण, बिस्सवाइयगण, कामड्डियगण, माणवगण, कोडियगण । M
ये सब भगवान् महावीर के निर्वाण के उत्तरकालीन है। इन उत्तरवर्ती तथ्यों का आगमो के संकलन काल में समा वेश किया गया। प्रस्तुत सूत्र मे शान-मीमांसा का भी लंबा प्रकरण मिलता है। इसमें ज्ञान के प्रत्यक्ष और परोक्ष- ये दो भेद किए गए है। प्रत्यक्ष के दो प्रकार हैं केवलज्ञान और नो- केवलज्ञान-अवधिज्ञान और मनःपर्यवज्ञान । परोक्ष ज्ञान के दो प्रकार हैं-अभिनिबोधिज्ञान और श्रुतशान ।" भगवती सूत्र में ज्ञान के प्रत्यक्ष और परीक्ष-ये विभाग नहीं हैं । ज्ञान के पाँच प्रकारी का वर्गीकरण प्रत्यक्ष और परोक्ष - इन दो विभागों में होता है। यह विभाग नंदी सूत्र में तथा उत्तरवर्ती समग्र प्रमाण-व्यवस्था मे समावृत हुआ है।
रचनाकार -
अंगों की रचना गणधर करते हैं। इस प्रकार भी कहा जा सकता है कि गणधरों के द्वारा जो ग्रन्थ रचे गए उनकी संज्ञा अग है। उपलब्ध अग सुधर्मास्वामी की वाचना के हैं। सुधर्मास्वामी भगवान् महावीर के अनन्तर शिष्य होने के कारण उनके समकालीन हैं, इसलिए प्रस्तुत सूख का रचनाकाल ईस्वी पूर्व छठी शताब्दी है। आगम-संकलन के समय अनेक सूत्र सकलित हुए हैं। इसलिए संकलन-काल की दृष्टि से इसका समय ईसा की चौथी शताब्दी है ।
कार्यसंपूति -
प्रस्तुत आगम की समग्र निष्पत्ति में अनेक मुनियों का योग रहा है। उन सबको मैं आशीर्वाद देता हूं कि उनकी कार्य जाशक्ति और अधिक विकसित हो ।
इसकी निष्पत्ति का बहुत कुछ क्षेय शिष्य मुनि नथमल को है क्योंकि इस कार्य में अनिश वे जिस मनोयोग से लगे हैं, उसी से यह कार्य सम्पन्न हो सका है। अन्यथा यह गुरुतर कार्य बड़ा दुरुह होता। इनको वृत्ति मूलतः योगनिष्ठ होने से मन की एकाग्रता सहज बनी रहती है। आगम का कार्य करते-करते अन्तररहस्य पकड़ने में इनकी सेवा
काफी पैनी हो गई है। विनयशीलता, श्रम-परायणता और गुरु के प्रति पूर्ण समर्पण माय ने इनकी प्रगति में बड़ा सहयोग दिया है। यह वृत्ति इनको बचपन से हो है। जब से मेरे पास आए, मैंने इनको इस वृत्ति में कमशः वर्धमानता ही पाई है। इनकी कार्य क्षमता और कर्तव्यपरता ने मुझे बहुत सन्तोष दिया है।
मैंने अपने संघ के ऐसे शिष्य साधु-साध्वियों के बलबूते पर ही आगम के इस गुरुतर कार्य को उठाया है। अब मुझे विश्वास हो गया है कि मेरे शिष्य साधु-साध्वियों के निःस्वार्थ, विनीत एवं समर्पणात्मक सहयोग से इस बृहत् कार्य को असाधारणरूप से सम्पन्न कर सकूंगा।
भगवान् महावीर की पचीसवी निर्वाण शताब्दी के अवसर पर उनकी वाणी को राष्ट्रभाषा हिन्दी में जनता के समक्ष प्रस्तुत करते हुए मुझे अनिर्वचनीय आनन्द का अनुभव होता है ।
२०३२, निर्वाण शताब्दी वर्ष
आचार्य तुलसी |
उन्नाव में गृहमंत्री अमित शाह ने सपा-बसपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सपा-बसपा उत्तर प्रदेश को फिर से एक बार जंगलराज की ओर ले जाएगी। जबकि सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश देश में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में सबसे आगे निकला है। एक और 5 वर्ष दे दीजिए, उत्तर प्रदेश देश का नंबर एक राज्य बन जाएगा।
भाजपा की 'जन विश्वास यात्रा' में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्नाव पर कलम की और तलवार की भी कृपा है। उन्नाव में बड़े से बड़े वीर लोग भी हुए हैं और सरस्वती के पुत्र भी यहां से आगे बढ़े हैं। आजादी के लिए अंतिम सांस तक न्योछावर करने वाले उन्नाव की धरती के चंद्रशेखर आजाद जी को प्रणाम करता हूं।
जनसभा को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आपके सामने दो विकल्प हैं। एक पीएम मोदी के नेतृत्व में समाज के सभी हिस्सों को साथ लेकर चलने वाली भाजपा और दूसरी और बुआ-बबुआ की बसपा और सपा। समाजवादी पार्टी आती थी तो एक जाति का विकास होता था। बहुजन समाज पार्टी आती थी तो दूसरी जाति का विकास होता था, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सबका साथ, सबका विकास का काम किया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सपा और बसपा ने कभी पूरे समाज का विकास नहीं किया। सपा-बसपा की सरकार 15 साल तक चली। कभी किसी गरीब के घर गैस आई क्या? किसी गरीब को घर मिला क्या? किसी गरीब को मुफ्त शौचालय मिला क्या? गरीब को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली थी क्या?
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा की राम सेवकों, कार सेवकों पर समाजवादी पार्टी ने गोली चलाई थी, डंडे चलाए थे। मैं कहना चाहता हूं अखिलेश यादव जितनी ताकत है लगा लो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब भूमि पूजन कर दिया है। कुछ ही महीनों में आकाश को छूता हुआ प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर बनने वाला है। ये भाजपा की ही सरकार है, जो कहती है वही करती है।
अमित शाह ने कहा कि इत्र कारोबारी के घर से जो करोड़ों के थैले निकल रहे हैं, उससे अखिलेश यादव को मचलन हो रही है। अरे भाई जब पैसा आपका नहीं है तो क्यों परेशान हैं।
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नई दिल्ली/टीम डिजिटल। सोमवार 19 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। एक ओर सत्र से पहले जहां सर्वदीलय बैठक होने वाली है तो वहीं लंबे समय से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने सत्र के दौरान अपने विरोध को लेकर दिल्ली पुलिस के साथ बैठक की है। बताया जा रहा है कि किसानों ने जंतर-मंतर पर किसान संसद लगाने की मांग की है।
दिल्ली पुलिस ने मानसून सत्र के दौरान किसानों के संसद घेराव के मद्देनज़र दिल्ली मेट्रो के 7 मेट्रो स्टेशन (जनपथ, लोक कल्याण मार्ग, पटेल चौक, राजीव चौक, केंद्रीय सचिवालय, मंडी हाउस, उद्योग भवन) पर अतिरिक्त निगरानी रखने और जरूरत पड़ने पर उन्हें बंद करने के लिए पत्र लिखा।
तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर मानसून सत्र के दौरान संसद के पास नियोजित विरोध प्रदर्शन से पहले दिल्ली पुलिस ने सिंघू सीमा के पास किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैतो का कहना है कि प्रदर्शनकारियों द्वारा अपना जाने वाले मार्गों पर चर्चा की जानी चाहिए।
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया था कि आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक है, बैठक में 22 जुलाई के कार्यक्रम की चर्चा होगी। 22 जुलाई को हमारे 200 लोग संसद जाएंगे। हमने विपक्ष के लोगों से भी कहा है कि वो अपनी बात सदन में उठाएं।
वहीं बसपा प्रमुख मायावती का कहना है कि किसानों की मांगों के संबंध में संसद में केंद्र पर हर तरह का दबाव बनाना जरूरी है। केंद्र सरकार की गलत आर्थिक और अन्य नीतियों की वजह से देश में बढ़ती बेरोजगारी के बीच महंगाई के आसमान छूने से लोगों के सामने काफी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं।
इसके साथ ही मायावति ने ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि पंजाब के कांग्रेसी सीएम द्वारा किसानों के आन्दोलन को लेकर विभिन्न आशंकाएं व्यक्त करते हुए पीएम को लिखा गया। पत्र नए कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दे रहे किसानों के आन्दोलन को बदनाम करने की साजिश व उसकी आड़ में चुनावी राजनीति करना घोर अनुचित।
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CHAIBASA : चाईबासा जिले में एक प्रेमी युगल के ट्रेन से काटकर जान दे देने का मामला सामने आया है. मामला चक्रधरपुर रेलवे स्टेशन के समीप पोटरखोली की बतायी जा रही है. जहाँ प्रेमी युगल रेल की पटरियों पर सो गयी.
बताया जा रहा है घटना आज सुबह 4 से 5 बजे के बीच की गई. मृतक की पहचान दड़कादा निवासी लखीराम गागराई एवं चितपिल निवासी रायमुनी हांसदा के रूप में की गयी है.
दोनों चक्रधरपुर थाना क्षेत्र के रहनेवाले बताये जा रहे हैं. इस घटना के बाद जीआरपी चक्रधरपुर की टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया.
शव बरामद करने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल चाईबासा भेज दिया गया है. वहीँ इस घटना की सूचना मृतक के परिजनों एवं गांव के मुखिया को दे दी गई है.
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बिजनेस डेस्क। पोस्ट ऑफिस (Post Office) में वैसे तो कई तरह की सेविंग्स स्कीम्स हैं, जिनमें पैसा लगा कर गारंटीड रिटर्न हासिल किया जा सकता है। पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं में बैंकों की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है, वहीं यहां निवेश पूरी तरह सुरक्षित होता है। इसकी वजह यह है कि सरकार पोस्ट ऑफिस में जमा राशि पर सॉवरेन गांरटी (Sovereign Guarantee) देती है। बैंकों में यह गारंटी नहीं मिलती। आज हम आपको बताने जा रहे हैं पोस्ट ऑफिस की एक ऐसी स्कीम के बारे में, जिसमें पैसा लगाकर आप मैक्सिमम प्रॉफिट हासिल कर सकते हैं। जानें इसके बारे में।
(फाइल फोटो)
टिकटॉक (TikTok) की पेरेंट कंपनी बाइटडांस (Bytedance) को भारत में तगड़ा झटका लगा है। भारत सरकार ने टैक्स चोरी के आरोप में उसके बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया है। बता दें कि टिकटॉक पर पिछले साल ही तब सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था, जब सीमा पर चीन के साथ भारतीय सेना की झड़प हुई थी।
बिजनेस डेस्क। नए वित्त वर्ष में अगर आप इन्वेस्टमेंट करने के बारे में सोच रहे हैं, तो अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड को भी रख सकते हैं। इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुल निवेश का 10-15 फीसदी गोल्ड में भी जरूर करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि गोल्ड में हमेशा स्टेबल रिटर्न मिलता है। वहीं, लॉन्ग टर्म में गोल्ड में निवेश से बेहतर मुनाफा मिलने की गारंटी होती है। इन्वेस्ट एक्सपर्ट्स का मानना है कि पिछले 10 सालों में गोल्ड अप्रैल और अगस्त के महीने में ज्यादा महंगा हो जाता है। वहीं, मई में इस पर कुछ दबाव बना रहता है। हाल के दिनों में गोल्ड की कीमतों में कमी आई है, पर मार्केट के जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में इसकी कीमत बढ़ेगी। वहीं, कोरोना महामारी की दूसरी लहर आ जाने से गोल्ड में निवेश बढ़ने लगा है।
(फाइल फोटो)
बिजनेस डेस्क। 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने जा रही है। इस वित्त वर्ष में सरकार ने कई नियमों में बदलाव किया है, जिसका असर नौकरीपेशा से लेकर बिजनेस करने वालों और आम आदमी पर पड़ेगा। जिन नियमों में बदलाव किए गए हैं, उनमें पीएफ (PF) पर टैक्स, डीए (DA), आईटीआर (ITR) और इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़े नियम शामिल हैं। 1 अप्रैल से EPF में ज्यादा पैसा कटवाने पर टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया है। वहीं, बजट में की गई घोषणाओं के मुताबिक, 75 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से राहत दी गई है। वहीं, जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया गया है। जानें नियमों और उनके असर के बारे में।
(फाइल फोटो)
पैन कार्ड (PAN Card) को आधार कार्ड (Aadhar Card) से लिंक कराने की समय सीमा अब 30 जून हो गई है। पहले यह डेडलाइन 31 मार्च 2021 था। अब 30 जून तक आधार लिंकिंग की प्रॉसेस पूरी नहीं की गई, तो पैन कार्ड डिएक्टिवेट यानी निष्क्रिय हो जाएगा और उसके इस्तेमाल पर जुर्माना देना होगा।
देश में हैकर्स समय-समय पर इंटरनेट यूजर्स को अपना निशाना बनाते रहे हैं। हाल के दिनों में हैकिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। अभी हैकर्स ने यह दावा किया है कि उन्होंने पेमेंट ऐप मोबिक्विक (Mobikwik) के करोड़ों भारतीय यूजर्स का डेटा चुरा लिया है।
बिजनेस डेस्क। पोस्टल डिपार्टमेंट (Department of Posts) ने सोर्स पर कटौती (TDS) को लेकर एक नया नियम जारी किया है। यह नियम पोस्ट ऑफिस की किसी भी स्कीम से कैश की निकासी को लेकर है। यह नियम पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) पर भी लागू होगा। वहीं, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने भी इनकम टैक्स एक्ट 1961 में एक नया सेक्शन 194N जोड़ा है। इसका असर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं करने वालों पर पड़ेगा। जानें कितनी राशि की निकासी पर टीडीएस की कटौती की जाएगी।
(फाइल फोटो)
क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या डेबिट कार्ड (Debit Card) के जरिए पेमेंट करने के नियमों में 1 अप्रैल से बदलाव होने जा रहा है। इनके बारे में जानना जरूरी है।
बिजनेस डेस्क। लाइफ इन्श्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) देश की सबसे बड़ी सरकरी बीमा कंपनी है। यह एक ऐसी बीमा कंपनी है, जिस पर लोगों को सबसे ज्यादा भरोसा है। एलआईसी समय-समय पर लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अपनी पॉलिसी निकालती रहती है। एलआईसी की कई पॉलिसी ऐसी हैं, जिसमें मेच्योरिटी के बाद अच्छा-खासा रिटर्न मिलता है, वहीं लाइफ कवर भी मिलता है। लाइफ इन्श्योरेंस के टर्म प्लान में लाइफ कवर की बड़ी सुविधा मिलती है। वहीं, एलआईसी के कुछ सेविंग्स प्लान भी हैं। एलआईसी का नेटवर्क पूरे देश में फैला है। इसके एजेंट बड़े शहरों से लेकर कस्बों और देहातों तक में मौजूद है। वहीं, अब इसमें ऑनलाइन पॉलिसी लेने और प्रीमियम जमा करने की भी सुविधा मिलती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं एलआईसी की एक खास पॉलिसी के बारे में। इसमें गांरटीड टैक्स फ्री रिटर्न मिलता है। जानें डिटेल्स।
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पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने एक खास फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) स्कीम शुरू की है। इस स्कीम का नाम उत्तम (Uttam) फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम है। पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा सरकारी बैंक है।
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Raja Ji Hone Gali Me Chalo Song: खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) की फिल्म 'मेंहदी लगा के रखना 3' (Mehandi Laga Ke Rakhna 3) के बेहद रोमांटिक गाने 'राजा जी होने गली में चलो' न इंटरनेट पर धमाल मचा रखा है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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इंडिया न्यूज, नई दिल्लीः
देश में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है और तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने कर दिया है। उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से लेकर 7 मार्च तक सात चरणों में मतदान होंगे। जबकि पंजाब, उत्तराखण्ड व गोवा में 14 फरवरी को और मणिपुर में 27 व 3 मार्च को मतदान होंगे।
देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा और 403 विधानसभा सीटें हैं। 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 312 सीटों पर कब्जा किया था। जबकि 2012 से लेकर 17 तक सत्ता में रहने वाली सपा मात्र 47 सीटों पर आकर सिमट गई थी।
वहीं पंजाब में 117 विधानसभा सीटें हैं। यहां कैप्टन अमिरंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने मोदी लहर को नाकाम करते हुए 77 सीटें जीती थी जबकि अकाली दल को 15 सीटें मिली थी। यहां भाजपा ने सिर्फ 3 सीटें ही जीतें थी। सबसे बड़ी बात यह थी कि पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही आप ने 20 सीटें जीतें थी। इससे पहले 10 साल तक अकाली दल और बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार सत्ता में रही थी।
उधर उत्तराखंड 70 विधानसभा सीटें हैं। यहां 5 भाजपा ने ने 56 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस के खाते में 11 सीटें आई थी। बीजेपी यहां पर 5 साल में 3 मुख्यमंत्री भी बदल चुकी है।
वहीं गोवा में 40 विधानसभा सीटें हैं। 2017 में यहां कांग्रेस 17 सीटें जीती थी जबकि भाजपा ने 13 सीटें जीती थी। एनसीपी के खाते में 1 और अन्य के खाते में 9 सीटें आई थी। भाजपा ने यहां दूसरी पार्टियों के सहयोग से सरकार बना ली थी।
मणिपुर में कुल 60 विधानसभा सीटें हैं। 2017 में यहां कांग्रेस 28 सीटें जीती थी जबकि भाजपा ने 21 सीटें जीती थी। एनपीफ के खाते में 4 और अन्य के खाते में 7 सीटें आई थी।
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'बॉम्बे वेलवेट' अनुराग कश्यप की सबसे बड़े बजट में बनने वाली फिल्मों में से एक थी. जो 125 करोड़ रुपए के भारी-भरकम बजट में बनी थी. हालांकि इस फिल्म ने बमुश्किल 43 करोड़ की कमाई की थी. तीसरे दिन ही ये इस फिल्म को थिएटर्स से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था.
महामारी के बाद रिलीज हुई इस फिल्म से मेकर्स को बहुत उम्मीदें थीं. हालांकि बुरी तरह फ्लॉप हुए ये फिल्म अपना बजट भी नहीं निकाल पाई. जिसके बाद अर्जुन कपूर, दिशा पाटनी और जॉन अब्राहम के करियर पर भी इसका असर पड़ा.
लाल सिंह चढ्डा आमिर खान के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक थी. इस फिल्म को 180 करोड़ के भारी-भरकम बजट में 4 साल की मेहनत के बाद तैयार किया गया था. फिल्म का प्रमोशन भी काफी अच्छा हुआ. हालांकि जब ये फिल्म रिलीज हुई तो बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई. जिसके बाद फिल्म के मेकर्स को लगभग 100 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा था. खबरों की मानें तो फिल्म के फ्लॉप होने पर आमिर खान ने इसकी एक्टिंग फीस भी छोड़ दी थी.
फिल्म 'रूप की रानी चोरों का राजा' 1993 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म से मेकर्स को खासी उम्मीदें थीं, यहीं वजह थी कि जब फिल्में महज 1-2 करोड़ रुपए के बजट में तैयार की जाती थीं उस समय इस फिल्म को 9 करोड़ के बजट में बनाया गया था. फिल्म में श्रीदेवी और अनिल कपूर जैसे बड़े सितारे थे, लेकिन फिर फिल्म ये फिल्म बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई और अपने बजट का एक तिहाई निकालने में भी कामयाब नहीं हो पाई.
मणिरत्नम के निर्देशन में बनी 'रावण' में ऐश्वर्या और अभिषेक बच्चन जैसी स्टारकास्ट थी. हालांकि फिल्म फिर भी कामयाब नहीं हो पाई और बुरी तरह फ्लॉप साबित हुई.
सावंरिया 2007 में रिलीज हुई संजय लीला भंसाली की मोस्ट अवेटेड फिल्म में से एक थी. हालांकि बेहतरीन सेट, कास्ट्यूम और स्टारकिड्स की मौजूदगी भी इस फिल्म को हिट नहीं करवा पाई. 45 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म बुरी तरह फ्लॉप तो साबित हुई ही, साथ ही ये अपना बजट भी नहीं निकाल पाई.
रिलीज से पहले 'काइट्स' से ऋतिक रोशन की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक मानी जा रही थी, हालांकि जब ये फिल्म रिलीज हुई तो अपने बजट का आधा हिस्सा भी नहीं निकाल पाई. बुरी तरह फ्लॉप हुई इस फिल्म की विफलता का श्रेय इसकी स्क्रिप्ट और भाषा को दिया गया.
इस लिस्ट में हाल ही में रिलीज हुई आदिपुरुष का भी नाम शामिल है. रिलीज से पहले इस फिल्म का अच्छा खासा बज था जो रिलीज के बाद विवादों में बदल गया. 500 करोड़ के बजट में बनी ये फिल्म आधा बजट भी नहीं निकाल पाई है. साथ ही फिल्म के मेकर्स को इतिहास से छेड़छाड़ करने के चलते अब कोर्ट के चक्कर भी काटने पड़ रहे हैं.
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अंडर-19 एशिया कप में बांग्लादेश के खिलाफ 90 रन की पारी खेलकर शेख रशीद ने टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाया। रशीद आंध्र प्रदेश के गुंटूर के रहने वाले हैं। रशीद को क्रिकेटर बनाने में पिता शेख बलीशा ने बहुत बड़ा किरदार निभाया और कई कुर्बानियां भी दीं। रशीद को बल्लेबाजी की प्रैक्टिस कराने के लिए उन्होंने बैंक की नौकरी को छोड़ दी। बलीशा अब बेटे की पारी से बेहत खुश हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें भरोसा है कि एक दिन उनका बेटा टीम इंडिया के लिए खेलेगा।
बलीशा ने बताया कि वे प्राइवेट बैंक में जॉब करते थे। उन्होंने देखा कि रशीद को प्रैक्टिस करने में दिक्कत आ रही है। तब वे नौकरी छोड़ कर रशीद को प्रैक्टिस कराने लगे। बलीशा अब भी कोई जॉब नहीं कर रहे हैं। घर का खर्च पहले की सेविंग से चलता है।
बलीशा ने बताया कि रशीद का चयन पहले आंध्र प्रदेश की अंडर-14 टीम और बाद में अंडर-16 टीम के लिए हुआ। रशीद दोनों वर्गों में बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए, जिसके बाद वह डिप्रेशन में चले गए थे। उन्होंने क्रिकेट छोड़ने का मन बना लिया। लेकिन पिता के समझाने के बाद वे फिर से ट्रेनिंग करने लगे और आंध्र प्रदेश की टीम में जगह बनाई। इसके बाद उनके करियर का ग्राफ ऊपर चढ़ता गया और वे देश की अंडर-19 टीम में चुन लिए गए।
रशीद की मुलाकात 8 साल की उम्र में टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज लक्ष्मण से हुई थी। रशीद के पिता ने बताया कि एक घरेलू टूर्नामेंट के फाइनल में लक्ष्मण मुख्य अतिथि थे। उस समय वो टीम इंडिया के लिए खेलते थे। रशीद ने उस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया था और लक्ष्मण ने उन्हें पुरस्कार प्रदान किया था। जिसके बाद रशीद उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने अपना लक्ष्य टीम इंडिया के लिए खेलने के लिए बना दिया।
बलीशा ने बताया कि गुंटूर में जब वह रहते थे तो रशीद कॉलोनी में ही अन्य बच्चों के साथ क्रिकेट खेलते थे। वे शुरू से ही बल्लेबाजी करना पसंद करते थे। कई बार वे इतनी जोर से शॉट मारते थे कि लोगों के घरों दरवाजों और खिड़कियों के कांच टूट जाते थे। लोग इसकी शिकायत उनसे किया करते थे। तब फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न उसे क्रिकेट की ट्रेनिंग कराई जाए। फिर रशीद को आंध्र प्रदेश क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन कराने के लिए तैयारी करवाई। बाद में रशीद का सिलेक्शन हैदराबाद में आंध्र प्रदेश की क्रिकेट एकेडमी में हो गया। जिसके बाद पूरा परिवार ही हैदराबाद शिफ्ट हो गया।
बलीशा ने कहा कि वह भी क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। इसलिए वह चाहते थे कि उनके दो बेटों में से कोई उनके सपने को पूरा करे। बड़ा बेटा पढ़ाई में अच्छा था। जबकि छोटा रशीद को क्रिकेट खेलना पसंद था। इसलिए उन्होंने रशीद को क्रिकेटर बनाने की ठानी। अब वह चाहते हैं कि रशीद देश के लिए खेलकर उनका सपना पूरा करें।
रशीद के पिता ने बताया कि रशीद कोहली को अपना आदर्श मानते हैं। वह उन्हीं की तरह बल्लेबाजी करना चाहते हैं। वह उनके स्टाइल को भी फॉलो करते हैं।
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सरल की और उत्पाद के किनारे डिजाइन करने के लिए एक ही समय शानदार तरीका में एक crocheted किनारी या सीमा की मदद से एक सजावट है। सही ढंग से धागा चयनित और हुक एक समाप्त देखो और निटवेअर, और कपड़े कपड़े से देने के लिए अनुमति देगा।
यह के लिए एक अद्भुत सजावट बुना हुआ ओपेन वार्क रिम रूप में कार्य करता शॉल (हुक), योजनाओं को बनाने के लिए है कि पत्रिकाओं में प्रचुर मात्रा में हैं। परंपरागत रूप से एक ट्रिम आस्तीन और हेम कपड़े, तौलिए और नैपकिन, तौलिए और कंबल, कालीन और अन्य घरेलू सामान के साथ सजाया।
बुनना हेम और अधिक असाधारण रास्ता लागू करें। उदाहरण के लिए, यह चमड़े के उत्पादों के किनारे को सजाने, साथ ही फर्नीचर को सजाने। अपने आवेदन फीता किनारी और scrapbooking के रूप में इस तरह के रूप शिल्प पाता है।
मुख्य उत्पाद रिम के लिए, crocheted, जिसके लिए सर्किट बहुत ही विविध हैं, यह कई spoosbami द्वारा संलग्न किया जा सकता है।
- आमतौर पर, निटवेअर रिम एक हुक के साथ सीधे जुड़ा हुआ है। लूप्स उसके आधार के लिए मुख्य बातें कर रहे हैं और वह आधार वेब के एक निरंतरता के रूप में लंबाई जोड़ें। इस प्रकार, उदाहरण के लिए, शॉल रिम हुक के लिए किया जाता है। योजनाएं इस तरह खत्म शॉल सर्किट का हिस्सा हो सकता है, लेकिन वे भी अलग से चुना जा सकता है।
- एक ही विधि, डिजाइन और किनारी कपड़े के निर्माण में इस्तेमाल किया जा सकता उदाहरण मिटा के लिए। इस मामले में, हुक छोटे आकार (संख्या 0. 3, 0. 5, या संख्या № 0,75) और ठीक धागा लिया जाता है, अधिमानतः ऊतक उत्पादों के लिए उपयुक्त एक रचना जो जारी करने के लिए आवश्यक है करने के लिए। हुक ऊतक में सीधे इंजेक्ट किया, और कैनवास अनुसूचित जाति के बिना, पदों के किनारे के आसपास लिपटे है। अगला फिट रिम हुक, जो सर्किट की तरह Needlewoman।
- लेकिन आप अन्य रास्ता तय कर सकते हैंः कपड़े किनारे obmetochnym टांका सुई है, जो vdevaetsya धागा, भविष्य में तैयार किया गया crochet प्रदर्शन करने के लिए लिपटा है। सीमा योजनाओं यादृच्छिक पर चुना जाता है। इस मामले में, सीवन टांके आधार होगा, लेकिन यह कैनवास बाँध होगा।
- पृथक फिट रिम हुक, सर्किट जो किसी विशेष उत्पाद के डिजाइन के लिए उपयुक्त है, और फिर एक सिलाई मशीन पर या हाथ से कपड़े ओवरलैप के साथ ही सिल हैः निम्न विधि सरल हो रहा है। लेकिन इस विधि अधिक अभ्यास पहले में मुश्किल हो सकता है। तथ्य यह है crocheted सीमा कपड़े की तुलना में अधिक लोच है कि, इसलिए जब सिलाई थोड़ा बढ़ाया है, जिससे कि लेख के किनारे की लंबाई और सबसे रिम मेल नहीं खाते। आदेश में इस से बचने के लिए, यह नमूना सीमा लिंक और सही ढंग से बुनाई का घनत्व, टी। ई गिनती कितने छोरों 10cm उत्पाद के लिए है, तो आवश्यक गणना करने के लिए गणना करने के लिए सिफारिश की है।
साथ या भर में हैंः crochet योजना आप की तरह किनारा बुना हुआ, दो तरह से बनाया जा सकता है।
खैमाह भर में जुड़ा हुआ है, एक चक्र में प्रदर्शन या पंक्तियों को बढ़ाकर जब तक यह आवश्यक चौड़ाई तक पहुँच जाता है (यदि आप उसे पोशाक या कपड़े का आस्तीन टाई करना चाहते हैं)। इस तरह के एक खत्म का सबसे सरल रूप तथाकथित "rachy कदम है। " अनुसूचित जाति अनुसूचित जाति या अधिक के साथ nakida बिना सरल बाध्यकारी कॉलम भी इस रिम के लिए विचार किया जा सकता। इस तरह की डिजाइन विधि के साथ भी अभी शुरुआत needlewoman, केवल इस तरह के crochet के रूप में एक तकनीक स्वामी को संभालने के लिए। इस मामले में सीमा योजना की आवश्यकता नहीं है।
आप हेम बुनी और ब्लेड बांध के साथ कर सकते हैं। सीमा की चौड़ाई सर्किट सेट कर दिया जाता है, और लंबाई बुनाई के दौरान समायोजित किया जा सकता। "अनुमान" पहली नजर पार के आयाम की तुलना में आसान पर एक सीमा के लिए आवश्यक लंबाई, लेकिन नमूना लिंक और गणना बुनाई का घनत्व अभी भी चोट नहीं किया गया है। यह सुनिश्चित करने के लिए उत्पाद डिजाइन के साथ कि सीमा "अचानक" समाप्त नहीं है तालमेल के बीच है, जो प्रतिकूल तैयार उत्पाद की उपस्थिति को प्रभावित करेगा में आवश्यक है।
पूरी तरह से उत्पाद से संबंधित ओपेन वार्क crochet सीमा का पूरक है। आरेख और इन हस्तशिल्प के विवरण को खोजने के लिए आसान है। ऐसा लगता है कि इतना बहुत प्रभावी ढंग से अंकुश लगाने। विशेष रूप से सुंदर जुड़े रिम हुक, "अनानास" festoons जो सर्किट "खोल" के विभिन्न प्रकार के एक पैटर्न शामिल हैं। इस तरह की एक सीमा "खोल" या अन्य मदों की एक संख्या से एक हो सकता है और काफी व्यापक हो सकता है - यह चयनित विकल्प पर निर्भर करता है।
सीधे शब्दों में अद्भुत हो सकता है के रूप में इसे दूसरे तरीके से संबंधित हो ओपेन वार्क crochet सीमा। इसके कार्यान्वयन के लिए योजना के रूप में सबसे सरल पाया, और केवल अनुभवी बुनाई करने की ऐसी है कि एक शक्ति।
वार्क सीमा एक ही पंक्ति या पंक्तियों की कुछ दसियों, जो विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब स्कर्ट, आस्तीन पर या पतलून पर झमेलें बुनाई शामिल हो सकते हैं। आदेश में विस्तृत रिम हुक योजना के कई स्तरों सबसे साधारण लिया करने के लिए कनेक्ट होने के लिए। आरेख के अनुसार पहली परत बुनाई, तो रिवर्स साइड पर इस के सिवा घने वेब dovyazyvayut, एक या दो अनुसूचित जाति के साथ स्तंभों की आम तौर पर मिलकरः अगली इस प्रकार आगे बढ़ें। आदेश धागा को बचाने के लिए और उत्पाद घने कपड़े सुविधाजनक बनाने के लिए अक्सर sirloin ग्रिड बदल दिया। तत्व की चौड़ाई ओपेन वार्क शटल की चौड़ाई से थोड़ा छोटा होता है। इसके बाद, यह अगले शटलकॉक पर लंबाई जोड़ें। आप वेतन वृद्धि के साथ कपड़े बुना, तो प्रत्येक अगले स्तर अधिक विलासी पिछले हो जाएगा।
कपड़ा, तौलिए, पर्देः पट्टिका तकनीक में किए गए बॉर्डर्स पारंपरिक रूप से सजाने वस्त्र उद्योग के लिए प्रयोग किया जाता है। लेकिन यह भी एक परिष्करण फीता एक पट्टिका आवेषण, जो स्वयं उत्पाद जारी साथ कपड़ों के लिए बहुत ही आकर्षक लग रहा है, विशेष रूप से संयोजन में।
Circuitry पैटर्न एक पट्टिका सीमा सेट बनाने के लिए। उनमें से कुछ विशेष रूप से बुनाई करने के लिए डिजाइन किए हैं। लेकिन यह देख सकते हैं और जुड़े पट्टिका crochet सीमा है, जहां योजना मूल रूप से कढ़ाई के लिए डिजाइन किया गया था, विशेष रूप से मोनोक्रोम करने के लिए अच्छा होगा।
टेप फीता का उपयोग अच्छी तरह से रोकने में एक अच्छा विचार लगता है के रूप में। यह प्रभावशाली लग रहा है, विशेष रूप से एक साधारण चिपचिपा या कपड़े के साथ संयोजन में। इसके अलावा, जब कपड़े डिजाइन जैविक, उदाहरण के लिए दिखाई देगा, टेप फीता के नीचे उत्पाद सजाया रिम, बेल्ट के साथ संयुक्त, उसी तकनीक के साथ बनाया।
Knit टेप फीता ओपेन वार्क के रूप में के रूप में आसान नहीं है, लेकिन यह एक सच में असामान्य और मूल रिम हुक पैदा करता है। आरेख और विवरण, साथ ही बुनाई फीता रिबन पर कार्यशालाओं आसानी से पाया जा सकता है।
यह आयरिश फीता के तत्वों का उपयोग करके एक खास जगह प्रतिबंध पर है। वे एक बुनाई तकनीक unseparated का उपयोग कर बुना हुआ है। लेकिन तुम, फूल और पत्तियों की एक सीमा, पारंपरिक "आयरलैंड" आकर्षित कर सकते हैं एक अनियमित ग्रिड या युग्मन साधनों के माध्यम से एक दूसरे के लिए उन्हें जोड़ने।
देखने के लिए फायदेमंद है, उदाहरण के, रसोई तौलिए या पर्दे के लिए, आयरिश फीता के किनारे तत्वों के साथ सजाया जाता है और कपड़े बुना हुआ तत्व है जो रोकने की शैली का खंडन नहीं करते पर सिले। इस तरह की योजनाओं के साथ बुना हुआ crochet सीमा जाहिर है, हो सकता है, लेकिन आप विशिष्ट विवरण, शो कल्पना बिना कर सकते हैं।
परंपरागत रूप से एक रंग फिट रिम। रंग बुनियादी उत्पाद के स्वर के साथ मेल खाना सकता है, और यह या इसके विपरीत के साथ संयुक्त - यह सब स्वाद और कल्पना एक बुनाई करने पर निर्भर करता है। लेकिन अलग अलग रंग का उपयोग एक सीमा बनाने के लिए के रूप में यह वर्जित नहीं है। इसके विपरीत, सादा सामान, बहुरंगी सीमा के साथ सजाया, हंसमुख और उज्ज्वल लग रहा है।
और, बेशक, शानदार बहुरंगी हाशिये देखो अगर needlewoman को सजाने के लिए उत्पाद न केवल एक सीमा, लेकिन यह भी, उदाहरण के लिए, बुना हुआ पिपली या मात्रा तत्वों, crocheted है का फैसला किया जाएगा। एक ही इन सजावट और रिम बनाने के लिए इस्तेमाल रंग, एक पूरी छवि बनाने, और तैयार बात को अधिक आकर्षक और दिलचस्प हो जाता है।
नीचे सीमा crochet के प्रदर्शन के कुछ सरल विवरण है।
यह एक सरल नाजुक सीमा, एक पंक्ति में जुड़ा हुआ है। यह कॉलम के होते हैं, अनुसूचित जाति के बिना polustolbikov और स्तंभों अनुसूचित जाति के साथ अनुसूचित जाति। polustolbik अनुसूचित जाति के साथ है, तो 3 स्तंभ एक अनुसूचित जाति के साथ बुनियादी बातों का एक ही पाश में, और फिर - - इस दोहन पूरा करने के लिए, चेहरे पर उत्पाद बारी में, अगले सेंट provyazyvayut कॉलम में एक हवा लिफ्ट पाश अनुसूचित जाति के बिना, तो अगले पाश प्रदर्शन फिर से polustoblik अनुसूचित जाति के साथ। अगले पाश फिर से अनुसूचित जाति के बिना स्तंभ provyazyvaetsya। इसके बाद, उसी क्रम में जारी है।
गोले के किनारे बुनाई का एक और तरीका है। यह खत्म 3 श्रृंखला के होते हैंः
- 2 श्रृंखलाः provyazyvayutsya बुनाई 5 बदल जाता है और हवा छोरों (3 छोरों और 2 हवा लिफ्ट पाश), तो पिछली पंक्ति की nakida हवा पाश बिना stoblik 4 और 1 से अधिक पिछली पंक्ति की nakida हवा पाश बिना स्तंभ 1, हवाई पाश फिट। एक नंबर provyazyvayutsya 2 हवा पाश के पूरा होने पर, पिछली पंक्ति के अंतिम पाश एक स्तंभ 1 अनुसूचित जाति के बिना किया जाता है।
- 3 रेंजः बुनाई provyazyvaetsya एयरबैग पाश 1 और स्तंभ 1 घुमाया अनुसूचित जाति के बिना। पिछली पंक्ति 4 हवा उसी तरह जैसा कि पिछले नमूना में किया गया था में खोल निष्पादित छोरों के कट्टर के लिए अगलाः स्तंभ, अनुसूचित जाति polustolbik अनुसूचित जाति के बिना, 3 स्तंभ के साथ साथ अनुसूचित जाति के साथ, अनुसूचित जाति polustolbik और स्तंभ अनुसूचित जाति के बिना। शंख provyazyvayutsya इस प्रकार पंक्ति के अंत तक। कई श्रृंखला 5 हवा छोरों की पंक्ति पूर्ववर्ती के तीसरे पाश में अनुसूचित जाति के बिना स्तंभ समाप्त होता है।
मूल रूप से हाशिये के किनारे लग रहा है। Knit यह भी कई तरीकों से किया जा सकता हैः
- स्तंभों की Provyazyvaetsya संख्या, अनुसूचित जाति के बिना। अगली श्रृंखला के रूप में निम्नानुसार किया जाता हैः 1 हवा पाश 1 बार बिना nakida जल्दी श्रृंखला तो तालमेल हो जाता है - पिछली पंक्ति के एक ही पाश पर बुनी अगले पाश provyazyvaetsya nakida बिना 1 बार, 15 हवा पाश की एक श्रृंखला और जोड़ने बार, कि पिछले कॉलम, अनुसूचित जाति के बिना।
- में "स्प्रिंग्स" किनारे विचार पिछले एक के समान है, लेकिन 15 हवाई छोरों की एक श्रृंखला की स्थापना के बाद उस पर बुनाई जारी है। 1 पाश अनुसूचित जाति के बिना हवा, बाद में हवा provyazyvaetsya 2 कॉलम में से प्रत्येक को छोड़ दिया। पिछले अवतार में वर्णित के रूप में तैयार "एक स्प्रिंग" जोड़ने स्तंभ के आधार से जुड़ी है।
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।श्यामलिमा (Shyamalima)
भगवान शनि देव और हनुमान जी को कुंभ राशि का आराध्य देव माना जाता है। कुम्भ राशि के श्यामलिमा नाम की लड़कियों की उत्तेजना और परिसंचरण को यूरेनस ग्रह द्वारा नियंत्रित किया जाता है। जिस समय वृक्ष फलों और फूलों से भर जाते हैं उस मौसम में श्यामलिमा नाम की लड़कियाँ जन्म लेते हैं। श्यामलिमा नाम की लड़कियाँ गुस्सैल प्रवृत्ति के होते हैं। इन श्यामलिमा नाम की लड़कियों को अस्थमा, एलर्जी, सूजन और हृदय रोगों का खतरा रहता है। इस श्यामलिमा नाम की लड़कियों में बुद्धि, ऊर्जा और प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती और ये डोरसों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। इन्हें दोस्ती करना पसंद होता है।
श्यामलिमा नाम बहुत सुंदर और आकर्षक माना जाता है। इतना ही नहीं इसका मतलब भी बहुत अच्छा होता है। आपको बता दें कि श्यामलिमा नाम का अर्थ काला होता है। काला मतलब होने के कारण श्यामलिमा नाम बहुत सुंदर बन जाता है। अगर आप अपने बच्चे को श्यामलिमा नाम देते हैं तो जीवनभर के लिए उसका संबंध इस नाम के मतलब यानी काला से हो जाएगा। वेदों में भी ये बात कही गई कि शिशु को श्यामलिमा देने से पहले माता-पिता को इसकी पूरी जानकारी लेनी चाहिए। माना जाता है कि श्यामलिमा नाम वाले व्यक्ति के स्वभाव में काला होने की झलक देख सकते हैं। नीचे श्यामलिमा नाम की राशि, लकी नंबर और स्वभाव एवं काला के बारे में विस्तार से बताया गया है।
श्यामलिमा नाम की महिलाएं शनि ग्रह के अधीन आती हैं। इनका शुभ अंक 8 होता है। धन के मामले में 8 अंक वाली श्यामलिमा नाम की लड़कियों को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं आती है। इनमें धन को संचय कर के रखने का गुण होता है। 8 अंक वाली श्यामलिमा नाम की युवतियां जीवन में अपने नियम खुद बनाती हैं। श्यामलिमा नाम की लड़कियों की संगीत में काफी रुचि होती है। श्यामलिमा नाम की लड़कियां मेहनत और लगन से सफल होती हैं। ये किस्मत पर निर्भर नहीं रहती। इस अंक वाली श्यामलिमा नाम की लड़कियों का स्वभाव काफी दयालु होता है लेकिन इन्हें सफलता देरी से प्राप्त होती है।
कुंभ, श्यामलिमा नाम की लड़कियों की राशि है। खुद पर कंट्रोल रखने वाली और बहुत नरम दिल की होती हैं श्यामलिमा नाम की लड़कियां। इनमें गुणों की कोई कमी नहीं होती है। श्यामलिमा नाम वाली लड़कियां बहुत बुद्धिमान होती हैं और ये अपनी बुद्धिमत्ता पर गर्व महसूस करती हैं। कुम्भ राशि की महिलाएं जिनका नाम श्यामलिमा होता है, वे आसानी से किसी के समझ नहीं आती हैं। वैसे तो श्यामलिमा नाम की लड़कियां सबके साथ अच्छी तरह बात करती हैं, लेकिन दोस्त बहुत ही ध्यान से बनाती हैं। श्यामलिमा नाम की लड़कियां दूसरों के प्रति काफी सहानुभूति रखती हैं और लोगों की मदद करना इन्हें अच्छा लगता है।
।सौंदर्य और बुद्धिमान (Vrsaparvan की बेटी)
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सुशांत सिंह राजपूत के मामले में बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस आमने-सामने आ गई है। वहीं इस केस को लेकर राजनीति एंगल भी काफी मजबूत होता जा रहा है। विपक्ष लगातार उद्धव सरकार पर सवाल उठा रहा है।
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) मामले में हर दिन नया मोड़ देखने को मिल रहा है। वहीं फैंस पुलिस जांच से नाखुश नजर आ रहे है। आए दिन सोशल मीडिया पर सुशांत सिंह राजपूत ट्रेंड करते रहते है। इस मामले को लेकर बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस आमने-सामने है। इस मामले की जांच करने मुंबई आए बिहार के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को क्वारंटाइन के लिए भेज दिया है। विनय तिवारी के हाथ पर 15 अगस्त तक के लिए क्वारंटाइन की मुहर लगा दी। जिसके बाद से उद्धव ठाकरे पर लगातार सवाल खड़े हो रहे है।
इस कड़ी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने उद्धव सरकार पर निशाना साधा। देवेंद्र फडणवीस ने अपने बयान में कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत पर गुत्थी को सुलझाने के बजाए ऐसा बर्ताव बड़ा जन आक्रोश को बढ़ावा देगा और लोगों में अविश्वास की भावना पैदा होगी। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से सवाल करते हुए कहा कि केरल की मेडिकल टीम मुंबई आई। यूपी पुलिस की टीम विकास दुबे मामले की जांच करने मुबंई आई। बिहार पुलिस की एक टीम मुंबई में पहले से चार दिनों से काम कर रही है लेकिन उनमें से किसी को आइसोलेशन में नहीं भेजा गया, तो अब एसपी रैंक के अधिकारी के साथ ही ऐसा बर्ताव क्यों किया जा रहा है ?
आपको बता दें कि इस केस में सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) के पिता केके सिंह का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में उनके पिता 25 फरवरी को मुंबई पुलिस को मैसेज भेजकर उनसे मदद की अपील कर रहे है और बता रहे है कि उनके बेटे की जान को खतरा है। बावजूद इसके मुंबई पुलिस (Mumbai Police) ने कुछ नहीं किया। वीडियो के वायरल होने पर इस वीडियो को लेकर मुंबई पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि उनके पिता या परिवार के किसी भी सदस्य ने कोई भी लिखित शिकायत पुलिस स्टेशन में दर्ज नहीं कराई थी।
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रसूलाबाद विकासखंड के ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार का खेल चरम सीमा पर खेला जा रहा है। शिकायतकर्ता शिकायत तो करता है, लेकिन जिम्मेदारों के द्वारा शिकायत में जांच के नाम पर खानापूर्ति की जाती है। जहां समाजसेवी लगातार आवाज बुलंद करके हो रहे निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किए जाने का आरोप लगाकर जांच कराने के लिए लगातार उच्च अधिकारियों से शिकायत करता है, लेकिन शिकायत के बावजूद भी जांच पड़ताल में खानापूर्ति करके जिले के उच्च अधिकारियों को गुमराह किया जाता है।
रसूलाबाद विकासखंड क्षेत्र के अटिया रायपुर ग्राम पंचायत में इंटरलॉकिंग निर्माण से लेकर नाली निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग ग्राम प्रधान के द्वारा लगातार किया जा रहा है। जहां पर समाजसेवी अजीत शर्मा ने शिकायत करके जिम्मेदारों से जांच कराने की मांग की थी, लेकिन तहसील दिवस में शिकायत करने के बावजूद भी सुनवाई ना होते देख समाजसेवी ने जिले के उच्च अधिकारियों से शिकायत पत्र देकर नाली निर्माण इंटरलॉकिंग निर्माण सहित पंचायत भवन में घटिया सामग्री उपयोग किए जाने का आरोप लगाकर जांच कराने की मांग की।
जहां पर जिलाधिकारी नेहा जैन ने समाजसेवी की शिकायत के आधार पर संबंधित अधिकारी को जांच पड़ताल करने के लिए दिशा निर्देश दिए, लेकिन स्थानीय अधिकारियों के द्वारा जांच पड़ताल में खानापूर्ति की गई और हुए भ्रष्टाचार के मामले को लेकर चुप्पी साध ली गई। समाजसेवी का आरोप है जिम्मेदारों की सांठगांठ से भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। सरकारी पैसे का दुरुपयोग हो रहा है, लेकिन जांच के नाम पर भी अब जिम्मेदार अधिकारी खानापूर्ति कर मामले को रफा-दफा करने में लगे हुए हैं।
पूरे मामले पर रसूलाबाद विकासखंड के जिम्मेदार अधिकारी कैमरे के सामने बोलने से बचते हुए नजर आए। जहां पर जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया।
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मुंबई. दुनियाभर में कोरोना की वजह से दहशत फैली हुई है। भारत में इस महामारी से निपटने के लिए देशभर में लॉकडाउन घोषित किया हुआ है। आमजनों की तरह बॉलीवुड सेलेब्स भी अपने-अपने घरों में कैद है। हालांकि, सेलेब्स सोशल मीडिया पर बेहद एक्टिव हैं। इसी बीच सेलेब्स से जुड़े कई किस्से-कहानियां भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। ऐसे में सलमान खान से एक बेहद दिलचस्प किस्सा वायरल हो रहा है। आइए, आपको बताते है इस किस्से के बारे में। वैसे, सलमान इन दिनों अपनी फैमिली से दूर फॉर्महाउस पर वक्त गुजार रहे हैं।
वैसे आपको बता दें कि सलमान इन दिनों अपने पनवेल वाले फॉर्महाउस में टाइम स्पेंड कर रहे हैं। उनके साथ उनकी बहन अर्पिता, बहनोई आयुष शर्मा, भांजे-भांजी और तथाकथिक गर्लफ्रेंड यूलिया वंतूर भी है।
बात 21 साल पहले की है। जब जब सलमान खान शादी करने के बेहद करीब थे। शादी की पूरी तैयारियां हो चुकी थी। इतना ही नहीं उनकी शादी के कार्ड तक बट चुके थे।
एक टीवी शो के दौरान सलमान ने इस बात का खुलासा किया था कि वह अपनी शादी के कितने करीब थे। सलमान के अच्छे दोस्तों में से एक साजिद नाडियाडवाला ने भी उनकी शादी को लेकर एक जबरदस्त खुलासा किया था।
साजिद ने एक शो के दौरान बताया था कि सलमान 1999 में शादी के लिए बिल्कुल तैयार थे और उन्होंने एक लड़की पसंद भी कर रखी थी।
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि सलमान ने प्लान कर रखा था कि वह उस लड़की से नवंबर में अपने पापा सलीम खान के जन्मदिन पर शादी करेंगे।
खबरों की मानें तो सलमान और साजिद दोनों ने एक ही दिन शादी करने का फैसला किया था।
उन्होंने बताया था- कार्ड्स भी बट चुके थे और शादी से बस 5-6 दिन पहले सलमान ने अपना फैसला बदल लिया और कहा कि वह शादी करने के मूड में नहीं हैं।
सलमान का संगीता बिजलानी, सोमी अली, कैटरीना कैफ, क्लॉडिया सिएस्ला, ऐश्वर्या राय जैसे कईयों के साथ जुड़ा और अफेयर्स के किस्से भी बी-टाउन की सुर्खियों में रहे।
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ऑनलाइन पेमेंट के रूप में बेहतर विकल्प देने वाली कंपनियों में शामिल पेटीएम ब्रांड के साथ पिछले 13 सालों से जुड़ीं रेनू ने अपना प्रोफेशनल कॅरियर में पहला बड़ा मुकाम तब मिला था, जब वह 2003 में मदर डेयरी के साथ बतौर एचआर जुड़ीं.
एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कम्पनी ओला में बद्री राघवन मशीन लर्निंग, आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस, डिसिजन एनालिसिस, पैटर्न रिकॉग्निशन एवं संबंधित क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रशिक्षण के द्वारा डेटा साइंस टीम का नेतृत्व करेंगे.
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