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प्रशंसा नहीं की।
पिता की प्रतिक्रिया जानने के लिये स्वयं ओट में छिप गया।
और बनानेवाले मूर्तिकार को महान कलाकार भी घोषित किया।
एक महान कलाकार हूँ।"
बाधा आएगी। और अभिमान के कारण तुम आगे नहीं पढ़ पाओगे।"
माँगकर अपनी कला को और अधिक निखारने का संकल्प लिया।
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बिलासपुर - बिलासपुर में कोरोना संक्रमण का दो मामले सामने आए है। स्वारघाट में क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए अहमदाबाद से आए कुल 12 लोगों में से हमीरपुर का दो व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाया गया है। उसकी पत्नी की रिपोर्ट नेगेटिव है, जबकि बच्चे की रिपोर्ट का अभी इंतजार है। सवंमित को उपचार के लिए चांदपुर स्थित शिवा आयुर्वेदिक कालेज में ले जाया जा रहा है। स्वारघाट व नयनादेवी क्वारंटाइन सेंटरों में रखे गए अहमदाबाद व गुरुग्राम के दो टैक्सी ड्राइवर भी कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं, जो नेरचैक में उपचाराधीन हैं। ताजा घटनाक्रम में दो और व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। बताया जा रहा है कि अहमदाबाद से एक टैम्पो ट्रैवलर में कुल 12 लोग गत नौ मई को हिमाचल में पहुंचे थे। इनमें चालक-परिचालक के अलावा तीन-तीन बिलासपुर व हमीरपुर, 2 मंडी तथा एक-एक शिमला व कुल्लू के लोग थे। गरामोड़ा बार्डर पर कुछ लोगों में बुखार व खांसी के लक्षण पाए जाने पर उन्हें स्वारघाट में इंस्टिट्यूशन क्वारंटाइन किया गया था। गत 12 मई को उनके सैंपल कोरोना जांच के लिए आईजीएमसी शिमला भेजे गए थे। गुरुवार को आई रिपोर्ट में हमीरपुर का दो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गए है। उसकी पत्नी की रिपोर्ट नेगेटिव हैए जबकि बच्चे की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है। डीसी राजेश्वर गोयल ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि कोरोना पॉजिटिव पाए गए व्यक्तियों को चांदपुर स्थित शिवा आयुर्वेदिक कालेज में आईसोलेट किया जा रहा है। फिलहाल उसका इलाज वहीं पर किया जाएगा।
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रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल डोंगरगढ़ में पर्यटन सुविधाओं के विकास के स्वीकृत की गई 43.33 करोड़ रूपए की लागत की माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ विकास परियोजना के पूरा होने से छत्तीसगढ़ का डोंगरगढ़ देश के पर्यटन नक्शे पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरेगा। इससे जहां पर्यटन विकास की संभावनाओं के नए द्वार खुलेंगे वहीं स्थानीय लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री आज यहां विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष से डोंगरगढ़ में आयोजित माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ विकास परियोजना के भूमिपूजन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की। पटेल भी वर्चुअल माध्यम से समारोह में शामिल हुए। डोंगरगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भूमिपूजन किया। रायपुर में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत भी उपस्थित थे।
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१८० श्रीमद्रामचन्द्रचरणौ शरणं प्रपद्ये
नोट-१ यह तुलसी कान्यकी महिमा है कि चाहे जैसा भारी विद्वान् हो वह भी इसके शब्दोंमें गूढ़ भाव निकाल-निकालकर इसमें आनन्द प्राप्त करता है।
२ - 'कहहु सुता के दोष गुन' में दोषको प्रथम कहा है और नारदमोहप्रकरण में विश्वमोहिनी के विषय में 'कहह नाथ गुन दोष सय एहिकं हृदय विचारि । १३० ।' ऐसा कहा है अर्थात् गुणको प्रथम कहा है। इसमें क्या भेद और भाव है यह दोहा १३० में लिखा जायगा । पाठक वहाँ देख लें ।
वि० त्रि० जी लिखते हैं कि केवल गुण और केवल दोषकी जगत् में स्थिति भी नहीं है । इसलिये दोष-गुण दोनों पूछते हैं । दोष लक्षित नहीं होता है, अतः जिज्ञासामें प्रधानता दोषको है, इसलिये दोषको ही पहिले कहा ।
कह मुनि विहसि गूढ़ मृदु बानी । सुता तुम्हारि सकल गुन खानी ॥ १ ॥ सुंदर सहज सुसील सयानी । नाम उमा अंबिका भवानी ॥ २ ॥
अर्थ - मुनिने हँसकर गूढ़ और कोमल वचन कहे । तुम्हारी बेटी समस्त गुणोंकी खान है ॥ १ ॥ स्वाभाविक ही सुन्दरी, सुशील और सयानी है। उमा, अम्बिका और भवानी ( इसके ) नाम हैं ॥ २ ॥
नोट - १ 'कहहु मुनि विहसि' इति । हँसनेके कारण महानुभावोंने ये लिखे हैं- ( क ) हिमाचल भवानीको अपनी कन्या जानकर दोष और गुण पूछते हैं । यह नहीं जानते कि यह जगदम्बा है, इनमें दोष कहाँ ? ( रा० प्र० ) ( ख ) जैसे किसीके पास रत्न हो जो उसकी कदर या प्रभाव न जानता हो, यदि वह जौहरीके पास उसे ले जाय तो जौहरी देखकर प्रसन्न होता है ( क्योंकि वह उसका गुण जानता है) और जीमें यह विचारकर हँसता है कि यह बेचारा इसके गुण क्या जाने, ठीक उसी प्रकारकी यहाँ नारदजीकी हँसी है । ( पं०) । अथवा, (ग) यह सोचकर हँसे कि गुण सुनकर हर्ष होगा, पर जब घरका स्वरूप सुनेंगे तब दुखित होंगे । ( पं० ) । (घ ) आज यह विलक्षण लीला है कि जगज्जननीके हाथको मैं देख रहा हूँ और वह चुपचाप बालिका बनी दिखला रही हैं - ऐसा विचारकर हँसे । ( सु० द्वि०) । (ङ ) ये 'सव सव विभव पराभव कारिमि । बिस्वबिमोहिनि स्वयसविहारिनि ॥' हैं, सो आज मैं उनकी हस्तरेखा देखकर शुभ और अशुभ फल कहने बैठा हूँ । (मा० प० ) । ( च ) नारदजी कौतुकप्रिय हैं ही । यह सोचकर हँसे कि अभी तो ये प्रसन्न होंगे, आगे फिर हमें इनकी रानी गाली देगी, यह तमाशा देखने को मिलेगा । ( छ ) यह जगत्का नियम है कि जब किसीकी गयी हुई वस्तुको वह पुनः देखता है, तब उसे देखकर वह प्रसन्न होता है । नारदजीने सतीको यज्ञमें शरीर त्याग करते समय देखा था, अब उनको पार्वतीरूपमें देखकर हँसे । ( सू० प्र० मिश्र ) । ( ज ) समग्र लक्षण देखते ही पूर्वापर समग्र हाल जान गये, अतः हँसे । (वै० ) । (झ) दंपतिके वात्सल्यपर हँसे । ( वि० त्रि० ) ।
टिप्पणी -१ 'कह मुनि विहसि गूढ़ मृदु बानी ।' इति । ( क ) 'मुनि' अर्थात् मननशील हैं, मनन करके तब कहा । ऐश्वर्य प्रकट करनेका अवसर यह नहीं है, इसीसे 'गूढ़ ' अर्थात् गुप्त करके कहते हैं। वचनोंमें ऐश्वर्यं गुप्त है, यही वाणीकी गूढ़ता है । हिमाचलको इन वचनोंके गूढ़ भावोंका कुछ भी ज्ञान न हुआ । अतएव 'गूढ़' विशेषण खूब ही घटित है हुआ । [ ( ख ) सुधाकर द्विवेदीजी लिखते हैं कि 'कैसे कहें' ? एक तो देवर्षि, दूसरे जगजननी सामने खड़ीं। झूठ कैसे कहूँ और जो प्रत्यक्षमें सब भेद खोल दूँ तो जगत्पिता महादेव और जगजननी उमा दोनोंकी इच्छासे उलटा करनेका अपराधी ठहरूँगा । इसलिये गूढ़ वाणी बोले, जिसमें शैलराज और उसकी स्त्री तथा सखियाँ ठीक-ठीक अर्थ न समझें। ज्योतिश्री लोग प्रसन्न करनेके लिये सुलक्षण ही पहले कहते हैं; इसलिये मुनिने 'सकल गुन खानी प्रत्यक्ष कहा। उसमें गूढ़ार्थ यह है कि सत्त्व, रज और तम तीनों गुणोंकी 'खानि' अर्थात् प्रकृतिरूपा आद्याशक्ति है । ] (ग ) 'सकल गुन' से चौदहों गुणोंका भी होना कह दिया । वे ये हैं - देशकालका ज्ञान, दृढ़ता, कष्टसहिष्णुता, सर्वविज्ञानता, दक्षता, उत्साह, मन्त्रगुप्ति, एकवाक्यता, शूरता, भक्ति, ज्ञान, कृतज्ञता, शरणागतवत्सलता, अमर्पित्व और अचापलं ।
२ ( क ) 'सुंदर सहज सुसील सयानी ' इति । 'सकल गुन खानी' यह गूढ़ वाणी कहकर अब कुछ प्रकट गुण कहते हैं । सहज सुन्दरी है, अर्थात् बिना शृङ्गारके ही सुन्दर है। 'सहज' का अन्वय सबके साथ है। सहज मुशील है अर्थात् जन्मस्वभावसे ही सुशील है, कुछ पढ़ने-लिखने या दूसरोंको देखकर नहीं। और न पण्डितोंकी सेवासे यह सुशीलता प्राप्त हुई है, यथा - 'सील कि मिल बिनु बुध सेवकाई । ७ । ९० ।।' 'सहज सयानी' है, अर्थात् विना पढ़े-लिखे ही इसकी बुद्धि |
बहराइच एक तरफ गवर्नमेंट वायु प्रदूषण से आवाम को राहत दिलाने के लिए जहरीले धुंए पर लगाम कसने के लिए पराली जलाने वालों पर शख़्त कारवाही करने का काम कर रही है। वहीं, एन। जी। टी द्वारा लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण के खतरे को लेकर सभी राज्यों को नोटिसें जारी कर जहरीले हो रहे वातावरण पर रोक लगाने के लिए शख़्त कदम उठाए जा रहे हैं। इसके बावजूद अनेक उत्तरदायी की गवर्नमेंट की मंसा पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे।
मामला बहराइच के जिला हॉस्पिटल परिसर में देखने को मिला। जहां स्त्री हॉस्पिटल के सामने बनें कूड़ा घर में प्रबंध से जुड़े जिम्मेदारों की नाक के नीचे आग लगा दी। उन्होंने मेडिकल वेस्ट मटेरियल को नष्ट करने के लिए उसमें आग लगा दी। आपको बता दें कि हॉस्पिटल प्रबंधन की ढिलाई के चलते हॉस्पिटल परिसर में धू-धू कर जल रहे कूड़े की जहरीली दुर्गंध और धुंए का गुबार न केवल स्त्री हॉस्पिटल वार्ड बल्कि हॉस्पिटल परिसर सहित इर्द-गिर्द के क्षेत्र में फैल गया। सारा क्षेत्र धुंए से सराबोर नजर आया। प्रश्न ये है कि सरकारी मुलाजिम ही गवर्नमेंट के आदेशों को धुंए में उड़ाने पर तुले गए हैं, तो आम जनता पर आदेशों का कितना असर होगा ये आप स्वयं सोच सकते हैं।
एक तरफ गवर्नमेंट पराली जलाने वाले किसानों पर मुकदमे दर्ज कर रही है। ऐसे में उत्तरदायी ही जब ऐसे कार्य होते हैं तो कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है। ऐसा ही एक मामला बहराइच के जिला हॉस्पिटल का सामने आया है। जहां पर हॉस्पिटल परिसर में बने कूड़ा और वेस्ट मटेरियल डालने वाले जगह पर आग लगा दी जाती है। कूड़े में लगी आग से निकलने वाले जहरीले धुएं से लोगों को सांस लेने में काफी परेशानियां हो रही है। वहीं, स्त्री हॉस्पिटल मैं पैदा हुए नवजात शिशु की भी जान को खतरा मंडरा रहा है। वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि किस ढंग से आग लगी हुई है। मगर जिम्मेदारों का इसपर और कोई ध्यान नहीं दिया गया है।
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हैदराबाद. 25 साल के बिल्लापुरम नागराजू (B. Nagaraju) की सरेआम बेरहमी से हुई हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले को लेकर जहां मानवाधिकार और हिंदू कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं, वहीं सोशल मीडिया पर #JusticeForNagaraju नाम से पेज ट्रेंड हो रहा है। बता दें कि हैदराबाद के सरूरनगर ऑनर किलिंग(Hyderabad Saroornagar Honor Killing) मामले में दो आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सैयद मोबिन अहमद (30) और मोहम्मद मसूद अब्दुल हमीद (29) ने बुधवार को नागराजू की बीच सड़क हत्या कर दी थी। हत्या के बाद उसकी पत्नी आशरीन सुल्ताना (Ashrin sultana) उर्फ पल्लवी ने मीडिया के सामने आकर अपने भाइयों और रिश्तेदारों पर इस हत्या का आरोप लगाया है। पल्लवी ने कहा-"मेरे पति की दिनदहाड़े बीच सड़क पर हत्या कर दी। वहां हमारी मदद के लिए कोई नहीं आया। उन्होंने मेरी आंखों के सामने मेरे पति को बड़ी निर्दयता से मार दिया। मेरा भाई पहले से ही इस शादी को लेकर आक्रामक था। लेकिन नागराजू ने कहा था कि वो उसी के साथ जीएगा या मर जाएगा। " इस मामले ने राज्य में कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। भाजपा नेता मुरलीधर राव(P Muralidhar Rao)ने कहा कि ओवैसी और टीआरएस से लेकर कांग्रेस तक गंगा-जमुनी गिरोह से कोई भी इस अमानवीय कृत्य के खिलाफ नहीं बोल रहा है, क्यों यह युवक हिंदू था? तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य बंदी संजय कुमार ने कहा कि नागराजू को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि उन्होंने एक मुस्लिम महिला से शादी की। उन्होंने इसे धार्मिक हत्या करार दिया।
बुधवार की रात बी नागराजू अपनी पत्नी पल्लवी उर्फ सैयदा अश्रीन फातिमा उर्फ सुल्ताना के साथ बाइक पर जा रहे थे, तभी उन पर हमला किया गया था। घटना के दौरान नागराजू को फावड़ियों से काटकर मार डाला गया। इसी साल जनवरी में बी नागराजू ने ओल्ड सिटी के आर्य समाज में सुल्ताना से शादी की थी। सुल्ताना का परिवार नागराजू से उसकी शादी से नाखुश था। वे लगातार उन्हें धमकी दे रहे थे।
इस घटना का एक वीडियो सामने आया है। इसमें दिखाई दिया कि बुधवार को दंपति पर हमला किया गया। नागराजू की मौके पर ही मौत हो गई। सुल्ताना ने अपने पति को बचाने की कोशिश की, लेकिन कोई बचाने नहीं आया। सुल्तान ने कहा-"सिग्नल पर पांच लोगां ने नागराजू की पिटाई कर दी। मैंने मदद की गुहार लगाई, लेकिन कोई आगे नहीं आया। मैंने उसे ढक कर बचाने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने मुझे दूर धकेल दिया। " इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 और एससी/एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि जांच जल्द पूरी कर ली जाएगी।
एससी-माला समुदाय से ताल्लुक रखने वाले नागराजू और मुस्लिम समुदाय की सुल्ताना 5 साल से एक-दूसरे को प्यार करते थे। वे स्कूल और कॉलेज में साथ पढ़े थे। सुल्ताना एक आरोपी सैयद मोबिन अहमद की बहन है। पुलिस उपायुक्त (एलबी नगर जोन) सुनप्रीत सिंह(Sunpreet Singh) ने मीडिया से कहा कि मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट(fast-track court) में की जाएगी।
मोबिन अहमद ने पहले भी अपनी बहन को धमकाया था। इसके बाद सुल्ताना ने नागराजू से शादी की और अपना घर छोड़ दिया। हालांकि तब से मोबिन अहमद नागराजू के खिलाफ शिकायत कर रहा था। वो पहले से हत्या मंसूबा बना चुका था।
इस मामले में दो आरोपियों को पुलिस ने गुरुवार को गिरफ्तार किया है। आरोपी सैयद मोबिन अहमद (30) और मोहम्मद मसूद अब्दुल हमीद (29) ने बुधवार को नागराजू की बीच सड़क हत्या कर दी थी। मोबिन सुल्ताना का भाई है।
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Transfer Breaking : स्वास्थ्य विभाग में प्रमोशन के साथ डाक्टरों का हुआ तबादला, आदेश जारी, देखें लिस्ट . .
Ajab- Gajab : छत्तीसगढ़ के इस गांव में देवी-देवता की नहीं दानव की होती है पूजा! शराब का चढ़ता है प्रसाद, पढ़े इंट्रेस्टिंग खबर....
Crime : प्लास्टिक बैग में मिली महिला की क्षत-विक्षत लाश, मंजर देख कांप उठी लोगों की रूह, 23 साल की बेटी ने वारदात को दिया अंजाम?
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नयी दिल्ली, 25 जनवरी विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने उज्बेकिस्तान के अपने समकक्ष अब्दुल अजीज कामिलोव के साथ बुधवार को वार्ता की जिसमें रक्षा, सम्पर्क और कारोबार सहित द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर विस्तृत चर्चा हुई ।
दोनों नेताओं ने बातचीत के दौरान अफगानिस्तान की स्थिति पर भी विचारों का आदान- प्रदान किया ।
उन्होंने कहा कि हमने अफगानिस्तान की स्थिति पर भी विचारों का आदान- प्रदान किया और अपने बहुआयामी सहयोग को और मजबूत बनाने पर जोर दिया।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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होली (Holi 2022) का त्योहार नजदीक है. ऐसे में होली पर रंग खेलने वालों के ऊपर खुमारी छाना शुरू हो रही है. होली पर कैमिकल वाले रंग (Chemical Color) और गुलाल के प्रयोग से स्किन के साथ-साथ बालों (Hairs) पर भी काफी गलत असर होता है. बालों में रंग लग जाने से बालों की विभिन्न समस्याएं हो जाती हैं. तो चलिए जानें क्या उपाय रंग खेलने से पहले जरूरी है.
सबसे जरूरी बात कि रंग खेलने जा रही हैं तो बालों को खुला ना छोड़े. खुले बालों में रंग आसानी से आपके बालों के जड़ों तक पहुंच सकता है और इससे आपके बाल कमजोर हो सकते हैं. इसके अलावा होली खेलने से पहले बालों में तेल की मालिश कर लें. नारियल, जैतून, सरसों या किसी भी अन्य तेल से बालों की मालिश कर सकते हैं.
कंडीशनर बालों को अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसलिए शुरुआत में ही बालों को कंडीशनर करना न भूलें. कंडीशनर को अपने बालों पर कम से कम 10 मिनट तक लगा रहने दें, लेकिन ध्यान रखें कि कंडीशनर बालों की जड़ों में न लगे. 10 मिनिट बाद बालों को धो लें. इसके बाद बालों को अच्छे से सुखा लें.
बालों पर तेल की मालिश करने के साथ ही सिर पर टोपी जरूर लगाएं. ये स्टाइलिश दिखने के साथ ही बालों को पूरी तरह से प्रोटेक्ट करेगा. टोपी लगाने से बाल सीधे रंग के संपर्क में नहीं आएंगे. इसके साथ ही बालों को धोने के लिए नेचुरल शैंपू या फिर बेबी शैंपू का उपयोग करें.
बालों से रंग को पूरी तरह छुड़ाने के लिए कभी भी गर्म पानी का इस्तेमाल ना करें. इससे बाल खराब हो सकते हैं. दरअसल, गर्म पानी बालों को ड्राई बना देता है. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि गीले बालों को ब्लोअर से ड्राई न करें बल्कि नैचुरली ही बालों को सुखाएं.
होली के लिए अपने बालों की देखभाल करने के लिए सबसे पहले बालों के सिरों को कटवा लें. दरअसल, सिंथेटिक रंग आपके बालों को रूखा बना सकते हैं और दोमुंहे बालों का कारण बन सकते हैं. इसलिए, होली के कुछ दिन पहले बालों के सिरों को कटवा लें, ताकि उनकी अच्छी से देखभाल कर सकें.
सूखे रंगों से होली खेलने के बाद बालों को अच्छी तरह से ब्रश कर लें. कंघी या ब्रश करने से सिर पर जमे रंगों को हटाने में काफी मदद मिलेगी. लेकिन अगर आपने होली गीले रंगों से खेला है तो पहले बालों को सादे पानी से धोएं. इसके बाद शैम्पू का इस्तेमाल करें. फिर बालों को सादे पाने से धोएं.
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किसी भी राज्य का निर्माण हमेशा होता हैएक सार्वजनिक सेवा संस्थान के निर्माण के साथ है इस प्रक्रिया का महत्व बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि ये कार्य घरेलू कार्यों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के कार्यों दोनों के समाधान के लिए कार्य करता है। सिविल सेवा संस्थान की एक विशेष विशेषता यह है कि इसकी इकाइयां राज्य गतिविधि के सभी क्षेत्रों और सरकार के सभी स्तरों पर कार्य करती हैं। यही कारण है कि लोक सेवा के विचार और सिद्धांत न केवल सैद्धांतिक विकास का सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, बल्कि व्यावहारिक कानून बनाना भी है।
सिविल सेवा का मुख्य उद्देश्य यह है किसमाज में अपनी उपस्थिति के सभी क्षेत्रों में राज्य के कार्यों के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना। रूसी संघ की सिविल सेवा के विनियमन के लिए संबंधित कानूनी कृत्यों की एक अपेक्षाकृत बड़ी संख्या है, मुख्य रूप से एक "सार्वजनिक सेवा पर" संघीय कानून है। इसमें 20 से अधिक अन्य प्रामाणिक कृत्यों के लिए संदर्भ मानदंड भी शामिल हैं।
सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक संस्था के रूप में,सार्वजनिक सेवा अवधारणा, सिद्धांत, संगठन का प्रकार और व्यावहारिक कार्यान्वयन अधिनियम, समाज के अन्य संस्थानों और राज्य, सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों के प्रभावी कार्य के लिए एक निष्पक्ष आवश्यक शर्त के रूप में कार्य करता है।
एक सामाजिक संस्था के रूप में राज्य सेवा शुरू हुई, औरउन्होंने कहा कि समाज में ही के विकास के साथ एक करीबी रिश्ता विकसित की है। यही कारण है कि यह अब कैसे मदद करने के लिए यथासंभव प्रभावी रूप से समाज के सिस्टम की अखंडता को बनाए रखने, और सामाजिक रूप महत्वपूर्ण कार्यों के कार्यान्वयन में अपनी एकता के रूप में इस तरह से आयोजित किया जाता है है।
पारंपरिक अभ्यास सिविल सेवा का दो प्रकारों में वर्गीकरण है।
इनमें से पहला नागरिक है,सामान्य प्रयोजन, और विशेष सामान्य प्रयोजन सेवा का कोई भी क्षेत्रीय विभाजन नहीं है और अधिकारियों या सार्वजनिक प्रशासन के अन्य ढांचे के भीतर इकाई द्वारा पेशेवर कर्तव्यों के प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करता है। विशेष सिविल सेवा अपने व्यक्त उद्योग के उद्देश्य से अलग है, उदाहरण के लिए, अदालतों में सेवा, अभियोजक के कार्यालय, राजनयिक सेवा आदि।
दूसरे प्रकार की सिविल सेवा - सैन्यीकरण - राज्य की सशस्त्र बलों, पुलिस, सीमा शुल्क अधिकारियों, आपातकालीन मंत्रालय और अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट दक्षताओं के कार्यान्वयन में शामिल है।
एक प्रभावी बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्तसिविल सेवा सिद्धांत है जिसके द्वारा इसे बनाया गया है और कार्य करता है सिविल सेवा के मौजूदा सिद्धांत सबसे महत्वपूर्ण नियामक और कानूनी प्रावधान हैं जो इस संगठन के कनेक्शन और पैटर्न को प्रतिबिंबित करते हैं, साथ ही साथ इस संस्था के विकास में अग्रणी रुझान हैं। व्यावहारिक रूप से सिविल सेवा के सभी सिद्धांत प्रासंगिक कानूनों में तय किए गए हैं जो इसके कार्यान्वयन को विनियमित करते हैं। सैद्धांतिक स्रोतों में, एक नियम के अनुसार, विभिन्न कारण दिए गए हैं, जिसके अनुसार सिविल सेवा के सिद्धांत वर्गीकृत किए जाते हैं। उनमें से उन पर विचार करें, जो कि विशेष रूप से रूसी संघ के कानून में निर्धारित हैं।
1. कानून का नियम अनुशंसा करता है कि रूसी संघ के सभी उपलब्ध कानून विभिन्न विभागों के निर्देश और प्रशासनिक कृत्यों पर अपनी कानूनी शक्ति के द्वारा हावी हैं।
2। मानवाधिकारों की प्राथमिकता का सिद्धांत यह मांग करता है कि उनकी गतिविधियों में सभी सिविल सेवकों को नागरिकों के हितों द्वारा निर्देशित किया जाएगा और मौलिक मानवाधिकारों का सम्मान करना चाहिए जो राज्य के हितों पर प्रभावशाली माना जाता है।
3। सार्वजनिक सेवा के सिद्धांत, पूरे देश में राज्य शक्ति की संस्था की प्रणाली की अखंडता सुनिश्चित करना। यह सिद्धांत निष्पक्ष रूप से रूस के राज्यक्षेत्रीय ढांचे के संघीय रूप से है।
4। राज्य की कानूनी स्थिति पर निर्भर करता है, जो बिजली की शाखाओं के विभाजन के सिद्धांत, उनके बीच शक्तियों का स्पष्ट वितरण द्वारा शक्ति की आत्म-प्रतिबंध और अन्य की एक शाखा को संतुलित करने की अनुशंसा करता है।
5. संस्थानों और सार्वजनिक सेवा निकायों में पेशेवर रिक्तियों के नागरिकों के लिए समान पहुंच का सिद्धांत।
6. सार्वजनिक सेवा के सिद्धांत, अपने शरीर के निर्माण की श्रेणीबद्ध व्यवस्था प्रदान करते हैं, जिसमें अधीनस्थ लोगों द्वारा निष्पादन के लिए उच्च निकायों के निर्णय अनिवार्य हैं।
7. एकता का सिद्धांत सभी प्रकार और रूपों के लिए समानता की आवश्यकता को आगे बढ़ाता है, चाहे क्षेत्रीय और स्तर पर लागू हो।
8। व्यावसायिकता का सिद्धांत स्थापित करता है कि सार्वजनिक सेवा गतिविधि का एक बहुत ही पेशेवर प्रकार है, और इसलिए यह एक प्रतियोगी-योग्यता के आधार पर तंत्र के कर्मचारियों के लिए संभव है।
9. खुलेपन का सिद्धांत उनकी व्यक्तिगत गतिविधियों से संबंधित किसी भी जानकारी के हर नागरिक के लिए खुलापन और पहुंच है।
10. अपने नियमों और नियमों के अनुचित कार्यान्वयन के लिए नागरिक सेवा में कर्तव्यों का पालन करने वाले विषयों की जिम्मेदारी का सिद्धांत।
11. कर्मचारियों की स्थिरता के सिद्धांत का मतलब है निरंतरता और कर्मचारियों की अवधारण की नीति का कार्यान्वयन।
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भोपाल। गुजरात तट से टकराने के बाद राजस्थान की ओर बढ़ रहा तूफान बिपरजॉय मध्यप्रदेश में भी असर दिखा सकता है। इसके असर से 18-19 जून को राजस्थान से सटे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में तेज बारिश हो सकती है। हवा की रफ्तार 50कि. मी. प्रतिघंटा या इससे ज्यादा रह सकती है। मौसम विभाग ने तूफान को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग की वरिष्ठ वैज्ञानिक ममता यादव ने बताया कि 19 जून या इससे पहले तूफान से संबंधित लो प्रेशर एरिया का सेंटर नॉर्थ ईस्ट राजस्थान के आसपास रहेगा। इसके चलते पश्चिमी मध्यप्रदेश के इलाके खासकर ग्वालियर-चंबल संभाग में कहीं-कहीं बारिश होगी। ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, श्योपुरकलां में तेज बारिश हो सकती है। इसके बाद इसका असर कम हो जाएगा।
मौसम वैज्ञानिक यादव ने बताया कि प्रदेश में अभी प्री-मानसून की एक्टिविटी जारी रहेगी। कुछ ही इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है, लेकिन ज्यादातर हिस्सों में दिन-रात के तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। टीकमगढ़, छिंदवाड़ा, उमरिया में रातें गर्म रहेंगी। वहीं, ज्यादातर शहरों में दिन का तापमान 40 डिग्री या इससे ज्यादा ही रहेगा। अगले दो दिन यानी 16 और 17 जून को ऐसा ही मौसम रहेगा।
वहीं, वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक एचएस पांडे ने बताया कि बिपरजॉय तूफान 16 जून तक राजस्थान पहुंच जाएगा, लेकिन यह कमजोर होकर पहुंचेगा या फिर दबाव कम रहेगा। राजस्थान में तूफान और वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से 16 और 17 जून को बारिश होगी, लेकिन 18 और 19 जून को तेज बारिश होने का अनुमान है, इसलिए मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल में भी 18-19 जून को बारिश हो सकती है। तूफान की वजह से तेज हवा भी चल सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार तूफान 'बिपरजॉय' ने प्रदेश से सारी नमी खींच ली है। जहां बारिश हो रही है, वहां लोकल सिस्टम बन रहा है। राजस्थान में गर्म हवा चलने की वजह से भी गर्मी का असर रहा है। इस कारण मध्यप्रदेश में भी गर्म हवाएं आई हैं। राजस्थान में तूफान पहुंचेगा तो वहां बारिश होगी। इसका असर भी मध्यप्रदेश में भी देखने को मिलेगा।
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जम्मू के सुंजवान आर्मी कैंप पर शनिवार तड़के हुए चरमपंथी हमले में मृतकों की संख्या बढ़कर 6 हो गई है.
कैंप में अब भी सुरक्षाबलों का सर्च अभियान जारी है. कैंप के फैमिली क्वॉर्टर में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है. इसमें एक गर्भवती महिला भी हैं.
सेना के प्रवक्ता लेफ़्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि गर्भवती महिला गंभीर रूप से घायल थी और सेना का डॉक्टर रात भर उसे बचाने में लगे रहे. इस महिला ने सिजेरियन ऑपरेशन के बाद एक लड़की को जन्म दिया है.
सेना के प्रवक्ता लेफ़्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने कहा, "जम्मू के सुंजवान आर्मी कैंप पर चरमपंथी हमले में अब तक तीन चरमपंथियों की मौत हो गई है. पिछले दो चरमपंथियों की तरह ही तीसरे चरमपंथी के पास भी बहुत से हथियार मौजूद थे और उसने सेना की वर्दी पहन रखी थी. चरमपंथियों के पास से एके 47, अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, गोला-बारूद और ग्रेनेड बरामद किए गए हैं. "
उन्होंने कहा, "आर्मी कैंप के फैमिली क्वॉर्टर से एक जेसीओ, दो जवान और एक बुजुर्ग (एक जवान के पिता) के शव अब तक निकाले गए हैं. इन्हें शनिवार को हमले के शुरुआती दौर के दौरान चरमपंथियों ने मार दिया था. अब तक दो जेसीओ, तीन जवानों एक एक बुजुर्ग समेत छह लोगों की मौत हो गई है. इसके अलावा छह महिलाओं और बच्चे समेत 10 लोग घायल हैं. "
उन्होंने कहा, "घायलों में एक गर्भवती महिला भी है. सेना के डॉक्टर रात भर उस बुरी तरह घायल गर्भवती महिला की जान बचाने में लगे रहे. जिसने सिजेरियन ऑपरेशन से एक लड़की को जन्म दिया है. मां-बेटी दोनों सुरक्षित हैं. "
लेफ़्टिनेंट कर्नल देवेंद आनंद ने बताया कि एक 14 साल के लड़के को सिर में गोली लगी है, जिसकी हालत नाजुक बनी हुई है. राहत और बचाव अभियान जारी है.
मृतक सैनिकों की पहचान हवलदार हबीब-उल्लाह क़ुरैशी, नायक मंज़ूर अहमद, लांस नायक मोहम्मद इक़बाल और उनके पिता के रूप में हुई है. इससे पहले दो जूनियर कमिशनर ऑफिसर शनिवार को मारे गए थे.
इंस्पेक्टर जनरल ऑफ़ पुलिस डॉ एसडी सिंह जमवाल ने रविवार को कहा कि तीन चरमपंथी भी मारे गए हैं और कैंप में अब भी सुरक्षा बलों का अभियान ख़त्म नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों से संघर्ष जारी है.
इन चरमपंथियों को जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बताया जा रहा है. सेना के पीआरओ लेफ़्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने भी इस बात की पुष्टि की है कि हथियारबंद चरमपंथी जैश-ए-मोहम्मद के हैं. इससे पहले सेना ने जैश-ए-मोहम्मद के झंडे के साथ हथियार और गोला-बारूद बरामद किया था.
भारतीय सैन्य प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी इस हमले के ख़िलाफ़ जारी सुरक्षा बलों के अभियान पर नज़र रखे हुए हैं.
बिपिन रावत शनिवार देर शाम जम्मू पहुंचे थे. उन्हें स्थानीय कमांडरों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी थी.
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।ग्राम क्रमांक :
।ग्राम का नाम :
।तहसील :
।जनपद :
।फसली वर्ष :
।भाग :
।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.)
।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद )
।1क(क) - रिक्त ( नदारद )
।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद )
।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो।
।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद )
।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद )
।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद )
।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद )
।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद)
।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद )
।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद )
।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों।
।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद )
।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद )
।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि।
।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद )
।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद )
।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद )
।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि ।
।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो।
।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो ।
।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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आईपीएल 2021 की तैयारियों में लगी फ्रेंचाइजियों की ओर से बीते बुद्धवार को रिटेन और रिलीज खिलाड़ियों की लिस्ट जारी कर दी गई है. सभी आईपीएल टीमों को इससे जुड़ी लिस्ट जारी करने के लिए कहा गया था. ऐसे में सभी फ्रेंचाइजियों ने उन प्लेयर्स की सूची जारी कर दी है, जिसे वो इस साल रिटेन और रिलीज करना चाहती हैं. रिलीज की लिस्ट में स्टीव स्मिथ का भी नाम शामिल है.
दअरसल आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स की कप्तानी करने वाले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी स्टीव स्मिथ को इस बार फ्रेंचाइजी ने रिटेन करने का निर्णय नहीं किया है. इस साल इंडियन प्रीमियम लीग के शुरू होने से पहले ही, राजस्थान की टीम ने स्टीव स्मिथ को रिलीज करने का फैसला किया है.
स्टीव स्मिथ की जगह इस बार राजस्थान रॉयल्स ने भारतीय विकेटकीपर और शानदार बल्लेबाज संजू सैमसन को नया कप्तान घोषित करने का निर्णय किया है. साल 2020 में स्टीव स्मिथ की कप्तानी बेहद खराब रही थी. इस दौरान न उनके बल्ले से कुछ खास रन निकल रहे थे, और न ही टीम जीत रही थी. यूएई में खेले गए आईपीएल में राजस्थान की टीम आखिरी नंबर पर थी.
फिलहाल स्टीव स्मिथ के खराब प्रदर्शन के बाद ही इस तरह के कयास लगाए जाने लगे थे कि, उन्हें इस साल राजस्थान की टीम रिलीज या फिर कप्तानी के पद से हटा सकती है. ऐसे में लोगों की तरफ से लगाए गए कयास पर फाइनली मुहर लग गई और स्टीव स्मिथ को टीम ने रिलीज कर दिया.
हालांकि इस साल आईपीएल में स्टीव स्मिथ पर कौन सी फ्रेंचाइजी बोली लगा सकती है, ये बड़ा सवाल बना हुआ है. ऐसे में अब इस तरह की संभावनाएं जा रही हैं कि, हो सकता है कि, साल 2021 के आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स या फिर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर उन पर बोली लगाए.
इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि आईपीएल की इन दोनों ही फ्रेंचाइजियों के पास ओपनर का विकल्प नहीं है. ऐसे में हो कहा जा सकता है कि, इस टूर्नामेंट में आरसीबी या फिर सीएसके ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज पर दांव खेल सकती है. हाल ही में भारत के खिलाफ 2 टेस्ट मुकाबले में स्टीव स्मिथ का शानदार प्रदर्शन रहा था.
संजू सैमसन, बेन स्टोक्स, जोफ्रा आर्चर, जोस बटलर, रियान पराग, श्रेयस गोपाल, राहुल तेवतिया, महिपाल लोमरोर, कार्तिक त्यागी, एंड्रयू टाई, जयदेव उनादकट, मयंक मारकंडे, यशस्वी जायसवाल, अनुज रावत, डेविड मिलर, मनन वोहरा, रोबिन उथप्पा.
स्टीव स्मिथ, अंकित राजपूत, ओशेन थॉमस, आकाश सिंह, वरुण एरॉन, टॉम कुरेन, अनिरुद्ध जोशी, शशांक सिंह.
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बीटा एक मे तीज उत्सव के उपलक्ष्य मे रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहाँ ग्रेटर नोएडा के विभिन्न सेक्टरस से आयी महिलाओ ने बढ़ चढ कर भाग लिया।कार्यक्रम का आयोजन (समाज सेविका)अंजू पुंडीर , मनीषा शर्मा और कविता जादौंन द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम मे अपनी संस्कृति की भरपूर छटा बरसायी गयी।सभी महिलाओं ने लोकगीत ,सावन के गीत व नृत्य का आनंद लिया। खूबसूरत् महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों मे यू रैमूपवाक किया मानो हिन्दू इतिहास की अप्सरायें ही मंचस्थल पर उतर आयी हो।चूँकि यह महामारी आपदा का समय है इसलिए पिछले सालो की तरह इसे बड़े स्तर पर नही रखा गया । केवल 40 महिलाओं ने भाग लिया । तंबोला , शब्द अंताक्षरी , इसमें खूब सारे सरप्राइज़ गेम कराए गए ।सभी को प्राइज़ और उपहार भी दिए गए । ज्योति बशिष्ठ ( बीटा 1 ) मिसेज तीज़ चुनी गयी । इस अवसर पर पिंकी कसाना , अंजलि , श्रुति , स्वेता , सुमन शर्मा , प्रियंका , कीर्ति, चंचल , नीरू , शिल्पी वीनू मुद्गल , नेहा , सरोज आदि महिलायें उपस्थित रही ।
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DEHRADUN: विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस व पीडीएफ की साढ़े चार साल से अधिक समय की पुरानी दोस्ती में दरार बढ़ती जा रही है। पीडीएफ व कांग्रेस की तरफ से तल्ख तेवरों के साथ बयानों की बौछारें जारी है। अब तो पीडीएफ ने भी साफ कर दिया है कांग्रेस व सीएम तय करे कि वे सरकार चाहते हैं या नहीं। वहीं कांग्रेस ने भी सरकार में शामिल पीडीएफ के मंत्रियों को सलाह दी है कि कांग्रेस संगठन पर बयानबाजियों के बजाए वे अपने मंत्रालयों की समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान दें।
सरकार में शामिल पीडीएफ के सदस्यों व कांग्रेस संगठन की लड़ाई आमने-सामने आ गई है। इसकी वजह भी साफ है। पीडीएफ के सदस्यों को हाल में मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मंत्रिमंडल विस्तार के दौरान खासी तरजीह दी। संगठन को शक है कि टिहरी से पीडीएफ कोटे से मंत्री दिनेश धनै व धनौल्टी से प्रीतम को टिकट न मिल जाए। जबकि कांग्रेस टिहरी से पीसीसी चीफ किशोर व धनौल्टी से उपाध्यक्ष जोत सिंह उम्मीदवार बनाना चाह रही है। चरम पर पहुंची लड़ाई का कारण यही बताया जा रहा है। हाल में धनै ने तो विकास कार्यो में कांग्रेस संगठन की दखलंदाजी तक का आरोप लगाया। जबकि वे कुछ दिनों पहले तीन दिनों तक सीएम आवास पर मंत्री पद से इस्तीफा देने की धमकी देते रहे। सूत्र बताते हैं कि वे सीएम से चाहते हैं कि टिहरी सीट पर उनके नाम की घोषण्ा हो।
अब जब पीपीसी चीफ किशोर का पीडीएफ के चक्कर में कांग्रेस को बर्बाद नहीं होने दिया जाएगा, बयान आया तो पीडीएफ सदस्यों का गुस्सा बेकाबू हो गया। बताया जा रहा है कि धनै ने सारी सरकारी सुविधाएं वापस करने का ऐलान कर दिया है। वहीं, प्रीतम सिंह पंवार ने भी दो टूक कांग्रेस व सीएम से सरकार चलाने के लिए रुख स्पष्ट करने को कहा है। इधर, गुरुवार को संगठन ने भी जारी बयान में स्पष्ट कह दिया कि पीडीएफ को कंाग्रेस ने सरकार बनाने के लिए दिये गये समर्थन के बदले पूरा सम्मान दिया। वे राजनैतिक लाभ भी ले रहे हैं। मुख्य प्रवक्ता एमडी जोशी ने तो यहां तक कह दिया कि पीडीएफ के मंत्री जिस डाल पर बैठे हैं, उसको काटने की बजाय उन्हें दी गई जिम्मेदारी का निर्वहन करते तो इसका लाभ सूबे को मिलता। पीडीएफ अध्यक्ष मंत्री प्रसाद नैथानी के पास जो विभाग हैं, उनकी सबसे ज्यादा हालत खराब है। शिक्षक सड़कों पर हैं।
कांग्रेस संगठन व सीएम स्पष्ट करे दें कि वे सरकार चलाना चाहते हैं या नहीं। पीडीएफ ने तो पहले से ही स्पष्ट किया हुआ है। कांग्रेस को अब अपना रुख साफ कर देना चाहिए।
कोई नाराज नहीं है, जो हमारे साथ आ जाते हैं, वे खुश हो जाते हैं। इसके बाद भी कहीं कोई नाराजगी होगी तो उसको मिलकर बैठकर दूर करने की कोशिश की जाएगी।
हरीश रावत, सीएम।
सिस्टम को सुधारने की जरुरत है। हम तो शुरू से ही कह रहे हैं कि समय पर राज्य में विकास कार्य होने चाहिए। जिसकी कमी साफ दिख रही है।
दिनेश धनै, पीडीएफ सदस्य व काबिना मंत्री।
पीडीएफ के मंत्रियों को सलाह है कि वे कंागे्रस संगठन पर बयानबाजी के बजाए अपने मंत्रालय की समस्याओं को सुलझाने पर ध्यान दें। कंाग्रेस ने सरकार बनाने को समर्थन के बदले पूरा सम्मान दिया है। जिसका वे पूरा लाभ भी ले रहे हैं।
एमडी जोशी, मुख्य प्रवक्ता पीसीसी।
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आशा वर्कर फिरदौस ने मास्क पहनने व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दी तो यवुकों ने धमकाया।
साल की शुरुआत में PM मोदी की रेटिंग 62% थी जो 14 अप्रैल तक बढ़कर 68% हो गई थी। इसकी वजह कोरोना से निपटने के लिए उठाए गए कदम हैं।
जब कुम्भ के समय दलित को महामंडलेश्वर बनाया गया था, तब 'द वायर' जैसे प्रपंची पोर्टलों ने इसे चुनाव से पहले दलित वोटों को लुभाने वाला उपक्रम भी करार दिया था।
18 राज्यों मे इसका बेहतर प्रदर्शन देखा गया है। कुछ राज्यों में मामले डबल होने की दर 20-30 दिनों से भी अधिक है। साथ ही ओडिशा और केरल में यह दर 30 दिन से भी ज्यादा है। गोवा में अब कोरोना वायरस का कोई भी सक्रिय केस नहीं है।
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साध्वी ध्यायात निर्णयः
पार निर्माण प्राप्त कर लेते हैं। इसलिए तरह साध्वियों के केवलज्ञान महोत्सव होने का या देशना देने का निषेध किसी प्रकार नहीं हो सकता। जिस साध्वी के दस्थ अवस्था में अथवा केवली अवस्था में जितने दशा देने के लिए परोपकारी भाषावर्गणा के मुद्गलों का जितना २ बंध पड़ा होगा उनको भोगने के लिए (सय करने के लिए) देशना देकर परोपकार अवश्य कर सकती है । यह कर्म सिद्धान्त के अनुसार अनादि सिद्ध नियम है, इसको कोई भी अन्यथा नहीं कर सकता ।
६६ फिर भी देखिये - गृहस्थ लोग हर समय छः काय के जीवों की विराधना करते १७.१२ पापस्थानों का सेवन करके कुटुम्ब शरीर आदि की मोह माया से, कोधादि कुयों से अनेक प्रकार के कर्म बंधन करते रहते हैं। ऐसी दशा में साध्वीगण ग्राम नगर आदि में बिहार करती हुई श्रावक-श्राविकाओं के समुदाय में जब तक व्याख्याने वाचतं रहेगी, तब तक भव्य जीवों के पूर्वोक कर्म बंधनों के कारणों से छुटकारा रहेगा, औ भगवान की वाणी सुनकर वे लोग परमानन्द प्राप्त करेंगे, शुभ ध्यान से अनेक भव से अशुभ कर्मों का नाश होगा तथा साश्रीगण की देशना से सामायिक, प्रतिक्रमण, पौषध, दान शील, तप, भाव, आदि शुभ कार्यों से अनेक प्रकार का लाभ प्राप्त होगा और कई भव्य जी वैराग्य प्राप्तकर गृहस्थाश्रम छोडकर संयम लेकर अपना आत्मकल्याण करेंगे, इसीलिए सिद्ध प्राभृत आदि में साध्वी के उपदेश में पुरुषों का सिद्ध होना लिखा है। इस प्रका सांध्धीगण के व्याख्यान से अनन्त लाभ हुए हैं, होते हैं, और आगे भी होते रहेंगे, ऐ सब जीवों के अभयदान के हेतु आदि अनेक लाभों का विचार किये बिना अनी तुरु बुद्धि श्रज्ञानतावश साध्वीगण का व्याख्यान निषेध करके उपरोक्त पाप प्रवृति का कार और धर्म कार्यो की अंन्तराय करते हैं यह सर्वथा अनुचित है।
६७-कई महाशय कहते हैं कि - भगवान महावीर स्वामी के सामने दीक्षा दी हु ३६००० साध्वियां थी, उत्नमें १४०० साध्वियों को तो केवलज्ञान होगया था। और साध्वियां भी ११ श्रंग श्रादि श्रगम पढ़ी हुई थी परन्तु उनमें से किसी ने भी श्रावक श्रा काओं के सामने देशना दी हो व्याख्यान यांचफर किसी को प्रतिबोध दिया हो, ऐसा किर भी शास्त्र में लिखा हुवा देखने में नहीं आता, तो फिर अभी की साध्विय व्याख्यान के बांच सकती हैं। यह कथन भी जनसमझवालों का ही है, क्योंकि देखिये-भगवान के साम ३६००० साध्विय मौजूद थी, और लाखों श्रावक व्रतधारी मौजूद थे परन्तु किसी साम को किसी भी श्रावक ने दान दिया हो या वस्त्र पात्र कम्बलादि बहोराये हो ऐसा किसी शास्त्र में व्यक्तिगत नाम लेकर लिखा हुवा देखने में नहीं आने पर अगर कोई कुतर्क करे किसी श्राचक ने किसी साध्वी को दान नहीं दिया, ऐसा कहनेवाले को अज्ञानी सम |
डायरेक्टर विधू विनोद चोपड़ा की सोमन कपूर स्टार्र फिल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा के प्रमोशन के दौरान उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि 90 के दशक के इस ट्रैक को लिखने में बेहद ही कम समय लगा था।
अनिल कपूर और मनीषा कोएराला की सुपरहिट फिल्म 1942 अ लव स्टोरी का सुपरहिट टाइटल ट्रैक एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा गाना आज के समय का आईकॉनिक गाना हो गया है। रोमांटिक मूड हो या आप कुछ अच्छा सुनना चाहते हों बस इस गाने को सुनकर सारी टेंशन रिलीज हो जाती है। मगर क्या आप जानते हैं कि इस गाने को लिखने में सिर्फ पांच से छह मिनट का समय लगा था।
डायरेक्टर विधू विनोद चोपड़ा की सोमन कपूर स्टार्र फिल्म एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा के प्रमोशन के दौरान उन्होंने इस बात का खुलासा किया कि 90 के दशक के इस ट्रैक को लिखने में बेहद ही कम समय लगा था। फिल्म का टाइटल ट्रैक पुरानी फिल्म 1942 अ लव स्टोरी का ही रिक्रिएटेड वर्जन है जिसे रोचक कोहली ने कंपोज किया है।
मुंबई में हुए प्रमोशन में विधू विनोद चोपड़ा ने बताया की रोचक कोहली ने इस गाने को कम से कम 20 से 25 बार के बाद कंपोज किया वहीं जावेद अख्तर ने इस पुराने गाने की लाइन को अपनी कार में ही गुनगुना दिया था। विधू ने आगे बताया कि उस समय जावेद ने इसे आरडी बर्मन के घर जाते समय कार में ही बनाया था। उस समय ये गाना फिल्म के लिए नहीं लिखा गया था।
विधू चोपड़ा ने कहा जिस समय मैंने जावेद साहब से पूछा कि क्या है गाने कि लाइन तो उन्होंने कहा ' एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा. . . . , जैसे', विधू विनोद ने कहा 'जैसे. . . . , तो जावेद अख्तर बोले, 'जैसे खिलता गुलाब जैसे शायर का ख्वाब जैसे उजली किरण. . . . . ' बस ऐसे ही बन गया ये एवरग्रीन सॉग। विधू विनोद चोपड़ा ने कहा कि इसके बाद वो आरडी बर्मन के पास गए और उन्हें ये कॉम्पोजिशन सुनाया जो उन्हें काफी पसंद आयी। रोचक ने भी इस गाने को ब्रिलिएंट तरीके से कम्पोज किया है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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जय, मैडिसन, डब्ल्यूआई ने पूछाः
कुछ रेस्तरां छोटे प्लेट मेनू करते हैं। क्या यह मुझे वजन कम करने में मदद करने के लिए माना जाता है?
नए शोध के मुताबिक, हम "यूनिट पूर्वाग्रह" से पीड़ित हैं, जिसका अर्थ है कि हम भाग के आकार के बावजूद, जो हमें सेवा करते हैं, उसके आधार पर संतुष्ट होते हैं। एडवान-टेज लें और छोटे से शुरू करेंः प्रति व्यक्ति एक या दो छोटी प्लेटें शरीर और मस्तिष्क को 18-औंस टी-हड्डी के रूप में संतुष्ट करने के लिए भी ऐसा ही कर सकती हैं।
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अखिलेश यादव ने सपा कार्यकर्ताओं से की ये अहम अपील....
अखिलेश यादव ने कहा योगी वापस आए, नहीं तो अपना मठ वहीं बना लें.... .
अगले 48 घंटे में फिर आ सकता है खरतनाक तूफान , अबतक कई लोगों की मौत,
यूपी में आंधी-पानी का कहर ,कई लोगों की गई जान.......
यूपी में उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी, जानिए पूरा विवरण....
लोकसभा चुनाव को लेकर, क्यों हैं मुलायम सिंह यादव इतने निश्चिंत ?
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24 अप्रैल, कोलकाता (CRICKETNMORE)। केकेआर के खिलाफ बेंगलोर की शर्मनाक हार हुई। बेंगलोर की पूरी टीम किसी नोसिखिए टीम की तरफ ताश की पत्ते की तरह ढ़ह गई।
बेंगलोर केवल 49रन पर बिखर गई। बेंगलोर के बल्लेबाज बुरी तरह स फ्लॉप रहे। विराट कोहली बेंगलोर की खराब परफॉर्मेंस से काफी आहत दिखे।
आपको बता दें कि विराट कोहली गोल्डन डक पर आउट हए लेकिन आउट होने के बाद किसी बात को लेकर विराट काफी खफा दिखे थे। ऐसा प्रतित हो रहा था मानो किसी ने जानबुझकर कोहली के साथ कुछ ऐसा किया जिसके कारण उन्हें आउट होना पड़ा।
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टिकटॉक पर वायरल हुई #FairyFlying चुनौती पर चिंता बढ़ रही है. कुछ लोगों का मानना है कि यह चुनौती युवा लोगों को आत्महत्या के विचारों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित कर सकती है. अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
हाल ही में टिकटॉक पर वायरल हुई #FairyFlying चुनौती पर चिंता बढ़ रही है. इस चुनौती में यूजर्स को परेशान करने वाली तस्वीरों के साथ वीडियो बनाने के लिए कहा जाता है, जिन्हें कुछ लोग फर्जी "फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले" वीडियो से जोड़ते हैं. इस चुनौती ने युवा लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर इसके संभावित प्रभाव के बारे में चिंता पैदा की है. कुछ लोगों का मानना है कि यह चुनौती युवा लोगों को आत्महत्या के विचारों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित कर सकती है. वे यह भी चिंतित हैं कि यह चुनौती युवा लोगों को आत्महत्या करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है. टिकटॉक ने इस चुनौती की जांच करने का वादा किया है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
बुधवार तक, #फेयरीफ्लाइंग वीडियो को 66 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है. इनमें से एक वीडियो में, एक टिकटॉकर, @emmytherattypatty ने 11 सेकंड की एक क्लिप पोस्ट की, जिसमें वह एक ड्रेसर के सामने लटकी हुई दिखाई दे रही है और उसका सिर छिपा हुआ है. हालांकि, वीडियो को करीब से देखने पर पता चलता है कि वह वास्तव में ड्रेसर पर खड़ी है और क्रॉक्स उसकी एड़ी से लटक रहे हैं, और उसकी बाहें लहरा रही हैं.
बता दें, टिकटॉक पर पहले भी कई खतरनाक ट्रेंड आ चुके हैं. प्लेटफ़ॉर्म ने पहले 'बेनाड्रिल'. 'बोट-जंपिंग' और'स्कार्फ गेम' चुनौतियों जैसी खतरनाक चुनौतियों के खिलाफ कार्रवाई की है, #फेयरीफ्लाइंग प्रवृत्ति एक और चुनौती पेश करती है.
बच्चों के लिए मनोचिकित्सक डॉक्टर जोश स्टीन ने इस ट्रेंड पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा, '#FairyFlying ट्रेंड परेशान करने वाला है और आत्महत्या करने के लिए प्रोत्साहित करता है. इससे निगेटिव इमोशन्स आ सकते हैं और सुसाइड के आइडिया पेश करता है.'
मेंटल हेल्थ कॉन्सेलर एलीसिया अकिंस ने कहा अगर कोई व्यक्ति मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से गुजर रहा था है तो लॉजिकली समझ नहीं आता है, खासकर बच्चों को. इन वीडियो को देखकर वो प्रेरित हो सकते हैं.
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हिंदी फिल्म जगत में अपने अभिनय से लोगों को दीवाना बनाने वाले अभिनेता तो कई हुए और दर्शकों ने उन्हें स्टार कलाकार माना पर सत्तर के दशक में राजेश खन्ना पहले ऐसे अभिनेता के तौर पर अवतरित हुए जिन्हें दर्शको ने 'सुपर स्टार' की उपाधि दी। पंजाब के अमृतसर में 29 दिसंबर 1942 को जन्में जतिन खन्ना उर्फ राजेश खन्ना का बचपन के दिनों से ही रुझान फिल्मों की ओर था। वह अभिनेता बनना चाहते थे, लेकिन उनके पिता इस बात के सख्त खिलाफ थे। राजेश खन्ना अपने करियर के शुरुआती दौर में रंगमंच से जुड़े और बाद में यूनाइटेड प्रोड्यूसर एसोसिएशन द्वारा आयोजित आल इंडिया टेलेंट कांटेस्ट में उन्होंने भाग लिया, जिसमें वह प्रथम चुने गए। राजेश खन्ना ने अपने सिने करियर की शुरुआत 1966 में चेतन आंनद की फिल्म 'आखिरी खत' से की। वर्ष 1966 से 1969 तक राजेश खन्ना फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष करते रहे। राजेश खन्ना के अभिनय का सितारा निर्माता-निर्देशक शक्ति सामंत की क्लासिकल फिल्म आराधना से चमका । बेहतरीन गीत-संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की गोल्डन जुबली कामयाबी ने राजेश खन्ना को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया। आज भी राजेश खन्ना के फैन भारत में मौजूद हैं और उनकी फिल्में चाव से देखते हैं।
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जकार्ता. इंडोनेशिया (Indonesia) दुनिया का वो देश है जहां दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम (Muslim) जनसंख्या रहती है. यहां की 90% से भी ज्यादा आबादी मुस्लिम ही है. हालांकि यहां के शहर बाली में बड़ी संख्या में हिंदू (Hindu) भी रहते हैं और यहां ढेर सारे हिंदू मंदिर भी मौजूद हैं. इंडोनेशिया में बाली सिर्फ अकेला ऐसा द्वीप है जहां हिंदू बहुसंख्यक हैं. बाली का नया साल (Bali New Year) भी शक संवत् पंचांग से तय होता है, जो चंद्रमा की गति पर आधारित है.
बता दें कि शक राजवंश की स्थापना 78 ईस्वी में भारतीय राजा कनिष्क ने की थी. हिंदू धर्म प्रचारक इसे लेकर जावा पहुंचे थे और वहां से यह बाली पहुंचा. BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना संक्रमण के इस समय में इंडोनेशिया के लोग बाली के कल्चर और परंपराओं की काफी तारीफ कर रहे हैं. खासकर बाली के 'मौन दिवस; की काफी चर्चाएं हैं. इस दिन लोग पूरे दिन अपने घरों में 24 घंटे के लिए चुपचाप रहते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हैं.
इस रिपोर्ट के मुताबिक जहां दुनिया भर के लोग कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन सिस्टम से तंग नज़र आ रहे हैं वहीं यहां के लोगों के लिए सामान्य बात है. हर साल न्येपी (मौन रखने का दिन) के मौक़े पर यह द्वीप ख़ामोश हो जाता है. किसी को घर से बाहर निकलने की इजाज़त नहीं दी जाती. इस दिन न तो घर में लाइट जलाई जाती है और आग जलाने की भी मनाही होती है. इस दिन सभी को चिंतन करना होता है इसलिए मनोरंजन की भी मनाही होती है. न सिर्फ दुकानें बल्कि 24 घंटे के लिए हवाई अड्डे भी बंद रखे जाते हैं.
न्येपी के दिन स्थानीय पुलिस सड़कों पर और समुद्र तटों पर गश्त करती है ताकि कोई व्यक्ति नियम न तोड़े. बाली में तबनान के एक गांव में पली-बढ़ी हिंदू महिला श्री दरविती कहती हैं, 'इस समय का मौन ध्यान लगाने का सबसे अच्छा तरीक़ा है. मैं पिछले 40 साल से न्येपी मना रही हूं. जैसे-जैसे मेरी उम्र हो रही है, मैं इसके पीछे के महत्व को समझ रही हूं. ' इंडोनेशिया की सोशल मीडिया पर इस त्योहार का जिक्र करके इस तरह की पोस्ट वायरल हो रही हैं जिसमें इन परंपराओं की तरफदारी की जा रही है. बाली में सोशल डिस्टेंसिंग के उपाय लागू हैं. कोरोना वायरस के कारण इस साल न्येपी को एक दिन के लिए बढ़ा दिया गया था. मौन दिवस के फ़ायदे भी बढ़े हैं.
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उन्नाव के बांगरमऊ से BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर गैंगरेप का अाराेप लगने के बाद प्रदेश की राजनीति में भूचाल सा अा गया है। रेप पीड़िता ने 4 जून 2017 काे कुलदीप सिंह सेंगर अाैर उनके भाई अतुल सेंगर पर गैंग रेप की शिकायत की थी पर मामले में काेई कारवाई नहीं की गई।
11 महीनाें तक न्याय का इंतजार करने के बाद रेप पीड़िता ने लखनऊ में मुख्यमंत्री अावास के सामने अात्मदाह करने का प्रयास किया। जिसके बाद पुलिस हरकत में अाई। रेप पीड़िता के पिता की जेल में माैत के बाद यह मामला दहक उठा। भाजपा पिछली सपा सरकार पर कानून व्यवस्था और महिलाओं पर अत्याचार की तोहमत लगाकर यूपी की सत्ता हासिल की थी । इस मामले में पार्टी की छवि खराब हुई है।
उन्नाव गैंगरेप मामले में विपक्षी दल भी प्रदेश सरकार पर हमलावर हो गए। अब धीरे-धीरे उन्नाव गैंगरेप मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पुलिस का शिकंजा कसने लगा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार रात विधायक को सरेंडर करने का आदेश दिया था जिसके बाद गुरुवार को विधायक पर पुलिस ने FIR भी दर्ज कर ली है।
सपा सहित अन्य पार्टियों ने भी इस मामले की निंदा करते हुए याेगी सरकार पर जमकर हमला बाेला। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस मामले में गलती प्रदेश सरकार की है। वहीं अखिलेश ने यूपी सीएम पर अपनी पार्टी के विधायक काे बचाने का भी अाराेप लगाया।
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मुजफ्फरनगर। जनपद में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान हेल्थ वर्कर्स का कोविड-19 टीकाकरण कार्य आज चले अभियान के बाद पूर्ण कर लिया गया है। जनपद में 12036 हेल्थ वर्कर्स को टीकाकरण के लिए चुना गया था। इसके साथ ही जनपद में आज से कोरोना फ्रंट लाइन वर्कर्स का भी टीकारण शुरू हो चुका है। आज शुभारम्भ अवसर पर जिला मुख्यालय पर पुलिस लाइन और कलेक्ट्रेट में कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स का टीकाकरण किया गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने अब इस कोविड टीकाकरण अभियान के दूसरे चरण की तैयायरियों को भी शुरू कर दिया गया है। आज जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान नहीं चलाया गया है। वहां पर हेल्र्थ वर्कर्स का टीकाकरण कार्य पूर्ण कर लिये जाने का दावा किया गया है।
बता दें कि 16 जनवरी को हेल्थ वर्कर्स के लिए कोविड-19 वैक्सीन कोविशील्ड का टीका अभियान प्रारम्भ किया गया था। जनपद में 16 जनवरी के बाद 22, 28 और 29 जनवरी को वृहद अभियान चलाया गया। इसके बाद 4 और 5 फरवरी को यह अभियान चलाया गया है। इस छह दिवसीय अभियान के अन्तर्गत जनपद में प्रथम चरण में 12036 हेल्थ वर्कर्स को कोरोना टीका लगाये जाने का लक्ष्य तय किया गया था। इन सभी अभियानों में इन हेल्थ वर्कर्स को टीका के लिए निमंत्रण दिया गया था।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एसीएमओ डा. राजीव निगम ने बताया कि शुक्रवार को केवल नगरीय क्षेत्र के 6 स्थानों में कोविड टीकाकरण अभियान चलाया गया, इसके लिए 8 सत्रों का आयोजन हुआ। इसमें जिला पुरुष चिकित्सालय, पुलिस लाइन, कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत के चौ. चरण सिंह सभागार, वर्धमान हाॅस्पिटल जानसठ रोड में एक-एक सत्र तथा शान्ति मदन हाॅस्पिटल व मेडिकल काॅलेज बेगराजपुर में दो-दो सत्रों में टीकाकरण किया गया।
इन 8 स्थानों पर कुल 582 चयनित लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया। सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को पुलिस लाइन और कलेक्ट्रेट में कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाने का शुभारम्भ हुआ। पुलिस लाइन में 118 और कलेक्ट्रेट में 100 फ्रंट लाइन वर्कर्स को टीका लगाने की तैयारी की गयी थी, लेकिन यहां पर इस लक्ष्य को शत प्रतिशत हासिल नहीं किया जा सका। आज पुलिस लाइन और कलेक्ट्रेट में कोविड-19 टीकाकरण के लिए कोरोना फ्रंटलाइन वर्कर्स में उत्साह नजर आया।
कलेक्ट्रेट में कार्यरत कर्मचारियों के साथ ही राजस्व विभाग के कर्मचारी भी काफी संख्या में सवेरे ही कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत के सभाकक्ष में बने कोविड- वैक्सीन रूम में पहंुच गये थे। कुछ ऐसा ही उत्साहपूर्ण वातावरण पुलिस लाइन में बना हुआ था। यहां पर पुलिस कर्मियों को कोविड टीका लगाया गया। वहीं शान्ति मदन हाॅस्पिटल में आज चले अभियान में ग्रेन चैम्बर हाॅस्पिटल नई मण्डी के सचिव एवं व्यापारी नेता संजय मित्तल को भी कोविड टीकाकरण किया गया।
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गनाथ के माँ-बाप उसके बचपन में ही मर गये थे। उसके रामनाथ नामक एक छोटा भाई था। रंगनाथ ने उसे बड़े ही लाड़-प्यार में पाला-पोसा और बड़ी मेहनत करके उसे पढ़ाया-लिखाया। रंगनाथ को जल्द ही कचहरी में अच्छी नौकरी लग गई। उस वक्त तक रामनाथ की पढ़ाई पूरी नहीं हुई। कचहरी के एक-दूसरे कर्मचारी ने अपनी कन्या के साथ रंगनाथ की शादी की ।
इसके एक-दो साल बाद रामनाथ की पढ़ाई पूरी हो गई। इस पर रंगनाथ ने अपने परिचितों की सिफ़ारिश से छोटे भाई रामनाथ को भी नौकरी दिलाई, मगर तीसरे ही दिन रामनाथ उस नौकरी को तिलांजलि देकर घर लौट आया ।
रंगनाथ ने आश्चर्य में आकर पूछारामनाथ, तुमने वह नौकरी क्यों छोड़
नौकरी की कीमत
दी? क्या तुम्हारे मालिक ने तुम्हें कुछ बुरा-भला कह दिया है ?"
रामनाथ खीझकर बोला-"मेरे मालिक थोड़ा भी शिष्टाचार नहीं जानते ! मुझे नौकरी एक चीज़ की दी और मुझसे दूसरे प्रकार के काम लेते हैं। इसलिए मैं वह नौकरी बिलकुल नहीं करना चाहता ।
रंगनाथ चुप रह गया। कुछ दिन बाद अपने छोटे भाई के लिए एक जगह दूसरी नौकरी दिलाई। रामनाथ ने तीसरे ही दिन उस नौकरी को भी छोड़ दिया ।
रंगनाथ अपने छोटे भाई पर बिंगड़ पड़ा, इस पर रामनाथ बोला-"मेरे अधिकारी हर छोटी सी बात पर मुझे धमकी दे रहे थे कि तुमको नौकरी से हटा दूंगा। मैंने उनसे कहा कि आप को मुझे नौकरी से हटाने का मौक़ा क्यों दूं? मैं ही खुद इस्तीफ़ा देता हूँ, यों कहकर मैंने ही इस्तीफ़ा दे दिया है ।
प्रमीला ठाकुर
"हर नौकरी के पीछे तुम यों अंट-संट कारण बताकर नौकरी को इस्तीफ़ा देते जाओगे तो में तुम्हारे वास्ते नौकरियाँ कहाँ ढूंढ सकता हूँ ? इस बार तुम्हें तक़लीफ़ भी हुई तो नौकरी को छोड़कर मत आना । मुझे बताओ, मैं तुम्हारी समस्या को हल कर दूंगा।" यों रंगनाथ ने उसे चेतावनी दी ।
रामनाथ ने सारी बातें चुपचाप सुन लीं एक सप्ताह बीत गया। एक दिन रंगनाथ अपने छोटे भाई को साथ ले कचहरी पहुँचा। रंगनाथ ने रामनाथ को एक नौकरी दिलाई, उसे सारी बातें सिखाई, समझा-बुझाकर घर लौट आया ।
चार दिन बीत गये। पांचवें दिन रामनाथ ने अपने भाई से कहा-"भैया, में यह नौकरी बिलकुल नहीं कर सकता । मेरे अधिकारी तो मेरे साथ ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे किसी बच्चे के साथ किया जाता है ! मेरे ऊपर के अधिकारियों को मेरा काम बिलकुल संतोषजनक नहीं है।"
इस पर रंगनाथ ने अपने क्रोध को निगलते हुए पूछा- "तब तो क्या तुम नौकरी छोड़कर चले आये हो ?"
'अभी तक नहीं छोड़ी। आप ने नौकरी छोड़ने के पहले सारी तक़लीफ़े आपको बताने को कहा था न ? " रामनाथ ने जवाब दिया।
"यह तो बताओ कि आखिर तुम करना क्या चाहते हो ?" रंगनाथ ने पूछा ।
"मैं अफ़सरों के दुत्कार सुनते अपने स्वाभिमान को बेचना नहीं चाहता । रामनाथ ने साफ़ कह दिया। ने
तब तो तुम्हारे मन में जो आये, सो करो।" यों कहकर रंगनाथ वहाँ से चले गये। इस घटना के चौथे दिन रंगनाथ उदास भरे चेह्रा लिये घर पहुँचा ।
क्या बात है? आप दुखी क्यों हैं !" रंगनाथ के छोटे भाई और पत्नी ने पूछा । "मेरी नौकरी छूट गई है । रंगनाथ ने जवाब दिया।
ऐसा क्यों ? आप कई सालों से यह नौकरी कर रहे हैं न ?" रामनाथ ने अचरज में आकर पूछा।
'इसीलिए तो मुझे सबसे ज्यादा दुख हो गहा है। कोई दूसरी नौकरी भी करना चाहूँ तो मिलने की गुंजाइश नहीं रंगनाथ ने जवाब दिया ।
धीरे-धीरे उस परिवार में आर्थिक
कठिनाइयाँ शुरू हुई। दिन गुजारना मुश्किल मालूम होने लगा । खाने-पीने की चिंता उन पर सवार हो गई। रामनाथ आज तक कभी फाका न रहा ।
ये बातें सोचकर रामनाथ दुखी होने लगा कि उसने बहुत सारी नौकरियाँ जानबूझ कर छोड़ दी हैं। अगर कम से कम
उसकी भी नौकरी होती तो परिवार का यह बुरा हाल न होता । अब यह नौकरी करना भी चाहे तो देनेवाला महानुभाव कोई नहीं है ! आज तक अपने भाई का सहारा पाकर ही उसने नौकरियों के प्रति लापरवाही दिखाई है । अब मजदूरी करके ही सही परिवार का पेट पालना होगा ।
यों विचार कर रामनाथ ने अपना निर्णय अपने बड़े भाई को सुनाया। अपने छोटे भाई में यह परिवर्तन देख बड़ा भाई खुश हुआ और बोला-"भैया, कचहरी में जाकर पहले तुम इस बात का पता तो लगाओ कि तुम जिस नौकरी को छोड़ आये हो, वह अभी तक खाली है या नहीं ?" रामनाथ ने आँखों में आँसू भरकर कहा |
लरकाना, 23 सितम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लरकाना की मेडिकल छात्रा निमृता मीरचंदानी की रहस्यमय हालात में हुई मौत की गुत्थी अब तक अनसुलझी है। कई तरह के कानूनी पेंच मामले में सामने आते जा रहे हैं। इस सबके बीच, छात्रा को इनसाफ दिलाने की मांग को लेकर हिंदू समुदाय ने सिंध में कई जगह प्रदर्शन किया। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, निमृता की हत्या का आरोप और दोषियों को सजा देने की मांग के साथ सिंध प्रांत में हिंदू समुदाय के सदस्यों ने कई जगहों पर प्रदर्शन किया। शहदादकोट नामक जगह पर हिंदू समुदाय के सदस्यों ने धरना देकर निमृता के लिए इनसाफ की मांग की। खैरपुर में समुदाय ने अपना कारोबार बंद रखकर प्रदर्शन किया। मोरो और घावर नामक जगहों पर हिंदू समुदाय और सिविल सोसाइटी के सदस्यों ने रैली निकालकर विरोध जताया।
दूसरी ओर, शहीद मोहतरमा बेनजीर भुट्टो मेडिकल कॉलेज व विश्वविद्यालय के डेंटल कॉलेज की छात्रा निमृता मीरचंदानी की मौत के मामले में कानूनी पेचीदगियां बढ़ती जा रही हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि छात्रा के परिजनों ने मामले की प्राथमिकी दर्ज कराने से इनकार कर दिया है। 'जंग' अखबार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निमृता के भाई डॉक्टर विशाल ने कहा है कि वह न्यायिक जांच रिपोर्ट आने से पहले अपनी बहन की हत्या या आत्महत्या के मामले में मुकदमा दर्ज नहीं कराएंगे। वह न्यायिक जांच रिपोर्ट का इंतजार करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मसूद बंगश ने बताया कि निमृता के घरवालों ने प्राथमिकी दर्ज कराने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि पुलिस सिंध की हिंदू पंचायत के जरिए कुमारी के घरवालों को रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए राजी करने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से मामले में कानूनी पेचीदगी पैदा हुई है और जांच पर असर पड़ा है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि निमृता मामले में फॉरेंसिक रिपोर्ट के आने तक पुलिस भी खुद से मामला नहीं दर्ज करेगी। यह रिपोर्ट आने के बाद भी अगर छात्रा के घरवालों ने प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई तो फिर यह काम पुलिस करेगी।
पुलिस का कहना है कि मामले में बिना रिपोर्ट दर्ज हुए दो छात्रों को पुलिस ने हिरासत में रखा हुआ है। पुलिस का कहना है कि ऐसी स्थिति में इन दोनों को अधिक समय तक हिरासत में रखने से कानूनी दिक्कतें आ सकती हैं।
इन छात्रों में से एक मेहरान अबरो ने पुलिस को बताया कि उसकी और निमृता की घनिष्ठ मित्रता थी और निमृता उससे शादी करना चाहती थी लेकिन उसने मना कर दिया था।
उधर, न्यायिक जांच की राह में भी रोड़ा आता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि लरकाना के जिला एवं सत्र न्यायाधीश निमृता की मौत के मामले की जांच में हिचकिचा रहे हैं। 'डॉन' की रिपोर्ट में लरकाना जिले की पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी देते हुए यह भी कहा गया कि एक सूत्र ने बताया कि न्यायाधीश ने जांच से सिरे से मना ही कर दिया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यायाधीश का मानना है कि सिंध के गृह मंत्रालय ने उनसे सीधे मामले की जांच करने का आग्रह किया है जबकि यह आग्रह सिंध हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की तरफ से आना चाहिए था।
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अंबाला/कुरुक्षेत्र। कुरुक्षेत्र जिले के प्रतापगढ़ गांव में सत्संग में जाती विधवा महिला से दो युवक उसका ढाई साल का बच्चा छीनकर फरार हो गए। महिला की सूचना पर पुलिस ने नाकाबंदी की तो खुद को घिरा देख युवक नेशनल हाईवे पर डीआरएम कॉलोनी कट के पास बीच सड़क बच्चे काे गाड़ी में छोड़ तालाब में कूद गए।
मामले को संदिग्ध देख बाबा भी कूद गए तालाब में, दबोच लाए आरोपियों को. .
- खेड़ी मारकंडा से प्रतापगढ़ रोड पर एक कार के सामने अचानक एक कार आकर रुकी, जिससे कई लड़के उतरे और कार सवार व्यक्ति से करीब ढाई साल का बच्चा छीनकर गाड़ी में लेकर फरार हो गए।
- पिपली के नजदीक बच्चे को किडनैप करके ले जाने वाले युवकों की गाड़ी अंबाला की ओर जाने की सूचना अंबाला पुलिस को दी गई।
- पिपली के नजदीक बच्चे को किडनैप करके ले जाने वाले युवकों की गाड़ी अंबाला की ओर जाने की सूचना अंबाला पुलिस को दी गई।
- अंबाला पुलिस के पास रविवार सुबह 11:35 पर बीटी आई कि कुरुक्षेत्र साइड से फोर्स गाड़ी एचआर-0-3एन-7072 अंबाला की ओर आ रही है, जिसमें एक बच्चे को किडनैप करके ले जाया जा रहा है। इसके तुरंत बाद मोहड़ी के नजदीक अंबाला पुलिस ने नाका लगा दिया।
- युवकों ने नाका तोड़ा तो शाहाबाद पुलिस की पीसीआर पीछे लग गई, लेकिन पुलिस युवकों ने पीसीआर को पीछे छोड़ दिया। वहीं मोहड़ा के नजदीक पड़ाव थाना पुलिस की स्काॅर्पियो पीसीआर गाड़ी के पीछे लग गई। उन्होंने दो से तीन बार गाड़ी को पीछे छोड़ा, लेकिन युवकों ने चालाकी से पीसीआर को पीछे छोड़ दिया।
- इसके बाद आगे अंबाला के थाना पड़ाव की पुलिस पीछे पड़ गई तो खुद को घिरा पाकर युवक डीआरएम काॅलोनी को जाने वाली सड़क के कट पर गाड़ी में ही बच्चे को छोड़ शनि मंदिर के पीछे तालाब में कूद गए।
- मंदिर के बाबा संजय कुमार और वहां काम कर रहे मजदूर मदन ने युवकों को पानी में कूदते देख लिया।
- बाबा व मजदूर हाथों में डंडे लेकर तालाब में कूद गए और युवकों को एक-एक करके बाहर निकाला। बाहर निकालते ही पहले तो दोनों युवकों की जमकर धुनाई की गई और बाद में रस्सी से हाथ-पैर बांधकर इन्हें गाड़ी में बिठाया।
- युवकों को गाड़ी समेत पड़ाव थाने में लाया गया, फिर कुछ देर बाद ही बच्चे समेत शाहाबाद पुलिस के हवाले कर दिया, जहां का मामला था। हालांकि युवकों की गाड़ी पड़ाव थाने में ही रखी गई। इसके बाद शाहाबाद पुलिस ने इन्हें थानेसर पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
- इन युवकों को तालाब में से बाहर निकालने में अहम भूमिका मंदिर के बाबा और मजदूर ने निभाई, लेकिन जब बच्चे और युवकों को पड़ाव पुलिस थाने में लाया गया तो यहां पीसीआर कर्मी अपनी वाहवाही दिखाने लगे कि उन्होंने युवकों को तालाब में जाकर पकड़ा है।
- दूसरी ओर इस घटनाक्रम का वीडियो वायरल होने के बाद सामने आया कि पुलिस तालाब के बाहर खड़ी है और बाबा डंडे के साथ युवक को बाहर निकालकर लाता है।
- करीब दो साल पहले अंबाला-अमृतसर नेशनल हाइवे पर काली पलटन पुल के पास एक कार हादसा हुआ था। उस हादसे में रामगढ़ निवासी रविपाल की मौत हो गई थी। जिस बच्चे का अब अपहरण किया गया है यह उसी मृतक रविपाल का बेटा है।
- इस हादसे के बाद रवि पाल की पत्नी अपने बच्चे को लेकर कुरुक्षेत्र स्थित प्रतापगढ़ अपने मायके में ही आकर रहने लग गई थी। अब विधवा बहू सुनीता और उसके ससुराल वालों के बीच पारिवारिक विवाद के चलते मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
- बताया जाता है कि सुनीता अपने बच्चे मोहित को उसके दादा गुरदेव या अन्य किसी को भी मिलने नहीं देती थी जो कि उनका वंशज था। ऐसे में पोते की याद बार-बार परिजनों को सताती थी और इसीलिए गुरदेव सिंह ने अपने दो भतीते शैंटी और नरेंद्र को गाड़ी देकर बच्चे को किडनैप करने भेज दिया।
रामगढ़ निवासी शैंटी और नरेंद्र के अलावा बच्चे मोहित के दादा गुरदेव के खिलाफ किडनैपिंग व मार-पिटाई की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बच्चे के दादा ने ही उसका दो युवकों को भेजकर किडनैप करवाया था, लेकिन युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बच्चे के दादा गुरदेव को भी जल्द हिरासत में ले लिया जाएगा। -दलीप सिंह, थानेसर थाना प्रभारी।
रामगढ़ निवासी शैंटी और नरेंद्र के अलावा बच्चे मोहित के दादा गुरदेव के खिलाफ किडनैपिंग व मार-पिटाई की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। बच्चे के दादा ने ही उसका दो युवकों को भेजकर किडनैप करवाया था, लेकिन युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है और बच्चे के दादा गुरदेव को भी जल्द हिरासत में ले लिया जाएगा। -दलीप सिंह, थानेसर थाना प्रभारी।
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शिबरघनः देश के उत्तरी जावज्जन प्रांत में एक अफगानी महिला ने लड़कियों के लिए एक स्कूल बनाने में मदद की है, जिसका अफगानों ने देश में शिक्षा के विकास की दिशा में एक पहल के रूप में स्वागत किया है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, जावजान प्रांत के दूर-दराज जिले अक्चो में, हाजी बीबी नजीरा ने 65,000 डॉलर की लागत से 650 वर्ग मीटर भूमि पर एक 12- क्लासरूम का स्कूल बनाया है, जो बड़े पैमाने पर लड़कियों के लिए स्कूल की कमी को हल करेगा।
पिछले साल अगस्त के मध्य में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता संभालने के बाद से वह पहली महिला बन गई हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति से लड़कियों के लिये स्कूल का निर्माण किया है।
स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय छात्राएं, जो टेंट के नीचे कक्षाओं में जाती थीं, उन्हें अब छतों के साथ पढ़ने के लिए जगह मिल गई है।
शिक्षा विभाग के प्रांतीय निदेशक मोहम्मद ताहिर जवाद ने हाल ही में सिन्हुआ को बताया कि शिक्षा प्राप्त करना सभी के साथ-साथ पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण है।
ताहिर जवाद ने कहा, इस्लामिक अमीरात लड़कियों के लिए शिक्षा को प्रोत्साहित करता है और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार के समर्थन से नया स्कूल बनाया गया है।
प्रांतीय शिक्षा अधिकारियों ने स्कूल का नाम हाजी बीबी नजीरा गर्ल स्कूल रखा है और अधिक सक्षम अफगानों को नियम का पालन करने का आह्वान किया है।
क्षेत्र के एक बुजुर्ग नेमातुल्लाह ने सिन्हुआ को बताया, अफगानिस्तान की आबादी में आधी महिलाएं हैं और लड़कियां उनके लिए शिक्षा प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त कर रही हैं। निश्चित रूप से इसका हमारे समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
यद्यपि युद्धग्रस्त देश की लगभग 3. 5 करोड़ आबादी में पढ़े-लिखे और गैर-पढ़े लिखे लोगों की संख्या पर कोई आधिकारिक आंकड़े नहीं हैं, यह बताया गया है कि अधिकांश अफगान, विशेष रूप से महिलाएं, निरक्षर (पढ़ी-लिखी नहीं) हैं।
स्थानीय व्यवसायी अब्दुल्ला सफी, नजीरा के परोपकार से प्रेरित होकर, अधिक छात्रों को समायोजित करने के लिए अक्चो में एक और स्कूल बनाने के लिए 2,50,000 अमेरिकी डॉलर का दान दिया है।
सफी के एक करीबी रोहुल्लाह हबीबजई ने कहा, कक्षाओं में भाग लेने और नए स्कूल के निर्माण के लिए रोजाना दसियों किलोमीटर की यात्रा करने वाले बच्चे और छात्र हमारे क्षेत्र की समस्या का समाधान करेंगे।
मार्च के अंत में शुरू होने वाले नए शैक्षिक वर्ष से पहले, हबीबजई ने कहा कि शिक्षा का समर्थन करने के लिए निवेश और दान से अधिक लोगों को अपने बच्चों को स्कूलों में भेजने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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अमेरिकी सांसद इल्हान उमर ने इजराइल के खिलाफ विवादित टिप्पणी कर दी। इस पर गुरुवार को अमेरिका में निचले सदन की विदेश मामलों की समिति से उमर को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इल्हान उमर भारत के खिलाफ भी बोल चुकी हैं और भारत विरोधी हैं इस अमेरिकी सांसद ने पीओके का दौरा भी किया था। अमेरिकी हाउस ऑफ रेप्रेसेंटेटिव (प्रतिनिधि सभा) में डोनाल्ड ट्रम्प की पार्टी बहुमत में है। ऐसे में सदन में मतदान के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी से सांसद इल्हान उमर को समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इल्हान उमर डोनल्ड ट्रंप की भी विरोधी रही हैं। वैसे यह पहला मौका नहीं है, जब इल्हान उमर चर्चा में हैं। इससे पहले वे भारत विरोधी बयानों को लेकर चर्चा में रही हैं।
इल्हान उमर कश्मीर, मोदी सरकार को लेकर भी कई विवादित बयान दे चुकी हैं। पिछले साल अप्रैल में उन्होंने अमेरिकी संसद में कहा था, आखिर मोदी सरकार मुसलमानों के खिलाफ और क्या-क्या जुल्म करेगी तब जाकर बाइडन प्रशासन कुछ कहेगा? इतना ही नहीं उन्होंने अमेरिका के भारत समेत कई देशों के साथ रिश्तों को 'ऐतिहासिक अन्याय' की संज्ञा दी थी। इतना ही नहीं उन्होंने पिछले साल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का भी दौरा किया था। इसकी भारत ने आलोचना भी की थी।
इल्हान उमर 2019 में मिनिसोटा से सांसद चुनी गईं। वे पहली अफ्रीकी शरणार्थी हैं जो चुनाव जीतकर अमेरिकी संसद पहुंच गईं। इतना ही नहीं वे संसदीय सीट पर चुनाव जीतने वालीं पहली अश्वेत महिला भी हैं। वे अमेरिकी संसद पहुंचने वाली पहली दो मुस्लिम-अमेरिकी महिलाओं में भी शामिल हैं। इल्हान उमर का जन्म सोमालिया में हुआ था। लेकिन सोमालिया में लगातार गृह युद्ध के चलते उनके परिजनों ने देश छोड़ दिया था, तब वे 8 साल की थीं। इसके बाद वे केन्या के शरणार्थी शिविर में रहीं। इसके बाद उनका परिवार 1990 में अमेरिका चला आया। 2016 में इल्हान उमर ने अमेरिका में चुनाव जीता और मिनिसोटा की प्रतिनिधि सभा पहुंचीं। 2019 में वे अमेरिकी संसद चुनी गईं।
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बता दें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव एटा जिले के जैथरा गांव के तरिगमा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा. उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनको सलामी दी जाएगी.
बुलंदशहर में भीड़ हिंसा का शिकार हुए स्याना कोतवाली के इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का 2015 में बिसाहड़ा के बहुचर्चित मॉब लिंचिंग के शिकार अखलाक हत्याकांड से गहरा नाता है. मोहम्मद अखलाक जब मॉब लिचिंग का शिकार हुए थे, उस दौरान सुबोध दादरी के थाने में तैनात थे. अखलाक के भाई जान मोहम्मद ने बताया कि जिस वक्त उनके भाई के साथ मॉब लिंचिंग हुई थी उस समय सुबोध कुमार घटनास्थल पर पहुंचने वाले पहले पुलिसकर्मी थे. उन्होंने बताया कि सुबोध कुमार ही अपनी जीप में घायल अखलाक को अस्पताल लेकर गए थे और वो इस केस में पहले जांच अधिकारी थे.
बता दें पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव एटा जिले के जैथरा गांव के तरिगमा में पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा. उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनको सलामी दी जाएगी. उससे पहले शहीद सुबोध कुमार के शव को एटा पुलिस लाइन में लाया जाएगा, जहां पार्थिव शरीर को पूरे राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी जाएगी.
एटा पुलिस लाइन में आगरा जोन के एडीजी अजय आनंद, अलीगढ़ मंडल के डीआईजी डॉ प्रतिन्दर सिंह, एटा के एसएसपी आशीष तिवारी सहित बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच चुके हैं.
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Chandra Grahan Timing in UP: आज साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। वैज्ञानिक नजरिए से देखा जाए तो ग्रहण एक खगोलीय घटना है। हालांकि, धार्मिक मान्यताओं में इसे अशुभ माना जाता है। आज पड़ने वाला चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा।
लखनऊः आज साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण (UP Chandra Grahan Time) लगने जा रहा है। यह रात 8 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर रात 1 बजकर 2 मिनट पर खत्म होगा। इस तरह यह कुल 4 घंटे 14 मिनट तक रहेगा। लेकिन यह चंद्र ग्रहण (UP Chandra Grahan) भारत में नहीं दिखाई देगा। आज होने वाला चंद्रग्रहण एशिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में दिखाई देगा।
आज से पंद्रह दिन पहले 20 अप्रैल को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था। उसके बाद से यह साल का दूसरा ग्रहण है। वैसे तो इसकी हिंदू धर्म में धार्मिक मान्यता है। इसके साथ कई कर्मकांड जुडे़ हैं लेकिन शुद्ध वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो यह एक ऐसी आकाशीय घटना है जो पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के पारस्परिक स्थिति पर निर्भर है। Chandra Grahan In Uttarakhand: साल का पहला चंद्र ग्रहण शुरू, चंद्र ग्रहण पर बन रहा महासंयोग चंद्र ग्रहण के समय पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है। ऐसी स्थिति में जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा की सतह पर पड़ती है तो चंद्रमा का वह भाग नहीं दिखाई देता। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की अलग-अलग दूरी और अंतरिक्ष में उनकी स्थिति के हिसाब से चंद्र ग्रहण भी पूर्ण और आंशिक होते हैं। जब पृथ्वी की छाया पूरे चंद्रमा को ढंक लेती है तो वह पूर्ण चंद्रग्रहण कहलाता है। लेकिन आज पूर्ण नहीं आंशिक चंद्रग्रहण है।
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पैसे के लिए मांग उनके महत्वपूर्ण कार्यों की वजह से आबादी सेः वे मुद्रा और भुगतान, खाते की इकाई के एक साधन के, साथ ही मूल्यों की बचत करने का एक साधन है। अर्थशास्त्र में, वे चल रहे आंदोलन में लगातार प्रचलन में हैं। लगातार बदल रहा है और उनके मालिकों। इस प्रकार, पैसे का कारोबार - यह नकदी प्रवाह है, जो माल और सेवाओं के कारोबार की मध्यस्थता करता है। इसके बिना वित्तीय पूंजी के आंदोलन और वस्तुओं की बिक्री।
मनी परिसंचरण कई सिस्टम के रूप में मौजूद है। वे ऐतिहासिक रूप से विकसित किया है और प्रत्येक राज्य के कानून द्वारा तय कर दी है।
नकद कारोबार और इसकी संरचना चार घटक होते हैंः
- राज्य की मौद्रिक इकाई है, यह सेवाओं और माल (डॉलर, रिव्निया, यूरो, रूबल, आदि) की लागत में व्यक्त किया जाता है;
- कागज पैसे और क्रेडिट, साथ ही की एक प्रणाली छोटे सिक्कों, जो नकद में माल और सेवाओं के भुगतान की कानूनी साधन हैं;
- राज्य है, जो देश में पैसा परिसंचरण को विनियमित में विशेष निकायों;
- पैसे के उत्सर्जन प्रणाली, कि संचलन में उनकी रिहाई, कानून द्वारा तय की आदेश है।
पैसे की तरह है कि प्रचलन में हैं, भी महत्वपूर्ण है। इस नकदी प्रवाह पर निर्भर करता है दो प्रकार के होते हैः
- पैसा और क्रेडिट कागज के उपचार प्रणाली। इस मामले में, वे सोने के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है, और यह प्रचलन से बाहर मजबूर किया जाता है।
- पैसे से निपटने धातु की प्रणाली, जब सोने, या (और) चांदी के सिक्के के पाठ्यक्रम में। वे भुगतान की एक पूर्ण साधन के रूप में कार्य करते हैं। इसके अलावा, एक ही समय में पैसे क्रेडिट या धातु सलाखों के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है।
धातु पैसा दो उपचार प्रणालियों कि ऐतिहासिक उभरा है है। यह monometallism और सोना और चांदी दोनों का। बाद सोने और चांदी के पैसे की भूमिका के उपयोग पर आधारित है। यह 16 वीं सदी के बाद से पश्चिमी यूरोप में कई देशों की खासियत है। लेकिन 19 वीं सदी के अंत में चांदी के उत्पादन की स्थिति है, जो अपनी अवमूल्यन के लिए नेतृत्व बदल दिया है। नाटकीय रूप से अपने मूल्य और सोने के मूल्य है, जो धीरे-धीरे प्रचलन से बाहर निचोड़ा जा रहा है के बीच संबंधों को बदल दिया है। इसी समय, चांदी के सिक्के इतने सारे है कि वे ढाला जा रह गए है थे। नतीजतन, के रूप में पैसा केवल सोना, का इस्तेमाल शुरू किया है जिसके लिए आप स्वतंत्र रूप से पैसे और क्रेडिट कागज का आदान-प्रदान कर सकते हैं। सोना और चांदी दोनों का के स्थान में monometallism आया था। यह तीन किस्मों में ही अस्तित्व मेंः
- इससे पहले प्रथम विश्व युद्ध सोने के मानक में काम किया है, जिसमें सोने के सिक्के प्रचलन में थे। वे आसानी से कागज और क्रेडिट पैसे के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है।
- स्वर्ण बुलियन मानक। यह प्रथम विश्व युद्ध, फ्रांस और इंग्लैंड की शुरुआत में पेश किया गया था। स्टैंडर्ड स्वर्ण बुलियन इसकी कीमत थी। यह केवल एक राशि है कि कीमत के लिए इसी की प्रस्तुति के बाद पैसे के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है।
- स्वर्ण विनिमय मानक। उन्होंने कहा कि अन्य देशों में 20 वीं सदी के 20 के दशक में दिखाई दिया। नारे - एक विदेशी मुद्रा है कि सोने के लिए आदान-प्रदान किया जा सकता है। नारे पर नोटों को बदलने के लिए अनुमति दी गई।
monometallism युग 1929-1933 में वैश्विक आर्थिक संकट के साथ समाप्त हो गया। धीरे-धीरे क्रेडिट पैसे की एक प्रणाली है, जो आदान-प्रदान नहीं किया जाता है के रूप में शुरू किया। यह निम्नलिखित विशेषताएं से होती हैः
- प्रचलन से सोना वापसी;
- क्रेडिट पैसे की प्रबलता;
- काफी उन्नत नगदी रहित मौद्रिक परिसंचरण;
- बैंक नोट, सोने के लिए अपने विदेशी मुद्रा की अस्वीकृति की सोने की सामग्री के उन्मूलन;
- प्रवर्धन legislatively संचलन (उत्सर्जन) क्रेडिट देने के लिए पैसे के आदेश रिहाई तय निजी उद्यमियों को ;
- राज्य के नियंत्रण पैसे के संचलन के।
यही कारण है, में पैसे के संचलन के आधुनिक दुनिया प्रणाली पैसा उधार देने की एक प्रणाली, कागज है कि सोने के लिए आदान-प्रदान नहीं कर रहे हैं, और छोटे सिक्कों के रूप में प्रकट होता है। वहाँ वस्तु से पैसा और क्रेडिट प्रतीकात्मक करने के लिए एक क्रमिक संक्रमण है।
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नई दिल्ली/टीम डिजिटल।
अदम्य साहस और कर्तव्य के प्रति समर्पण के सम्मान में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 260 कर्मियों को राष्ट्रीय एकता दिवस- 2021 पर पूर्वी लद्दाख में बल द्वारा किए गए विभिन्न विशेष अभियानों के लिए प्रतिष्ठित केंद्रीय गृह मंत्री के विशेष ऑपरेशन पदक से सम्मानित किया गया है।
आईटीबीपी के जवानों ने बर्फीले ऊंचाइयों पर अपने ऑपरेशन 'स्नो लेपर्ड' के माध्यम से चरम स्थितियों में लद्दाख में सीमाओं की रक्षा की। बल ने सभी सहयोगी संगठनों के बीच पूर्ण तालमेल और सहयोग के साथ उच्च स्तर की रणनीतिक योजना और जमीनी संचालन के कुशल निष्पादन को अंजाम दिया।
मेडल सूची में दीपम सेठ, तत्कालीन आईजी, नॉर्थ वेस्ट फ्रंटियर आईटीबीपी का नाम शामिल है, जो वरिष्ठ सर्वोच्च सैन्य कमांडर (एसएचएमसी) स्तर की वार्ता के 10 दौर के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य थे। व्यापक वार्ता के परिणामस्वरूप फरवरी, 2021 में सफलता मिली और आगे के स्थानों से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया शुरू की गई ।
ITBP के विशेष ऑपरेशन में एक वर्ष में रणनीतिक योजना और कुशल जमीनी संचालन के उच्च स्तर का निष्पादन शामिल था। इसके अलावा, इसमें सैनिकों के लिए अग्रिम स्थान पर रसद की समय पर और पर्याप्त आपूर्ति भी शामिल है। स्वतंत्रता दिवस, 2021 पर, पूर्वी लद्दाख में अदम्य साहस के लिए आईटीबीपी के 20 कर्मियों को वीरता के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया था।
भारत-चीन युद्ध के दौरान 1962 में स्थापित, ITBP देश की 3,488 किलोमीटर हिमालयी सीमाओं की रक्षा करती है। यह केंद्रीय अर्ध सैनिक बल अपने पर्वतारोहण कौशल और कठिन सीमाओं में उच्च ऊंचाई पर तैनाती के लिए जाना जाता है और इसकी सीमा चौकियां 18,800 फीट तक स्थित हैं।
यह एक अवसर पर आईटीबीपी या किसी अन्य संगठन को मिले केंद्रीय गृह मंत्री के विशेष ऑपरेशन पदकों की सबसे अधिक संख्या है। 2019 में, उत्तराखंड में नंदा देवी पूर्व से एक पर्वतारोही की टीम की खोज और बचाव के लिए अपने पर्वतारोहियों द्वारा किए गए ऑपरेशन 'डेयरडेविल्स' के लिए बल को 16 केंद्रीय गृह मंत्री के विशेष ऑपरेशन पदक से सम्मानित किया गया था।
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चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को आईआईआरएफ (इंडियन इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) की तरफ से जारी रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) को देश में दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय घोषित किया गया है।
- शिक्षण संस्थानों में शिक्षण,अनुसंधान गुणवत्ता व उत्पादकता, प्लेसमेंट, उद्योग से जुड़ाव, प्रतिष्ठा व छवि समेत कई मापदंडों को आधार बनाकर आईआईआरएफ रैंकिंग देती है।
- देशभर के केंद्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग में बीएचयू को 1000 में 982.95 अंक दिये गए हैं। पहले स्थान पर आए जेएनयू को 983.12 अंक और तीसरे स्थान पर एएमयू को 982.88 अंक मिले हैं।
- अन्य विशिष्ट विश्वविद्यालयों में जामिया मिलिया इस्लामिया, हैदराबाद विश्वविद्यालय, डीयू और पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं।
- रैंक तालिका में बीएचयू को प्लेसमेंट और इंटरनेशनल आउटलुक के मामले में जेएनयू से ज्यादा अंक मिले हैं, जबकि शिक्षण, शोध, प्लेसमेंट व्यवस्था में यह मामूली अंतर से टॉप यूनिवर्सिटी से पीछे रहा है। पहले स्थान पर आए जेएनयू से बीएचयू को 0.17 अंक ही कम मिले हैं।
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न पोषण वृद्धि निगरानी उपकरण उपलब्ध करवाने के लिये 16.97 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
- मुख्यमंत्री के इस निर्णय से आंगनबाड़ी केंद्रों में इंफेंटोमीटर, स्टेडियोमीटर, वज़न मापने की मशीन आदि उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।
- इससे शिशु एवं माताओं के वज़न, लंबाई सहित विभिन्न पोषण सूचकांकों की सटीक जानकारी मिल सकेगी एवं उन्हें वांछित पोषण दिया जा सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 23 लाख लघु एवं सीमांत कृषकों को प्रमुख फसलों के प्रमाणित किस्मों के बीज मिनिकिट निःशुल्क वितरित करने के लिये 128.57 करोड़ रुपए के वित्तीय प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
- प्रदेश के प्रत्येक किसान को बीज मिनिकिट में संकर मक्का के 5 किग्रा., सरसों के 2 किग्रा., मूंग व मोठ के 4-4 किग्रा. एवं तिल के 1 किग्रा. प्रमाणित किस्मों के बीज निःशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।
- जनजातीय कृषकों हेतु जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा तथा गैर जनजातीय कृषकों हेतु कृषि विभाग द्वारा बीज मिनिकिट की खरीद राजस्थान राज्य बीज निगम/राष्ट्रीय बीज निगम से की जाएगी।
- इन मिनिकिट का वितरण कृषि विभाग द्वारा राज किसान साथी पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में बीज उत्पादन बढ़ाने तथा लघु और सीमांत किसानों को निःशुल्क बीज उपलब्ध कराए जाने के लिये 'राजस्थान बीज उत्पादन एवं वितरण मिशन' चलाया जा रहा है। इस मिशन के उत्कृष्ट परिणामों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
- विदित है कि मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश की पर्यटन नगरी खजुराहो और राजनगर में जल प्रदाय व्यवस्था का प्रायोगिक परीक्षण प्रारंभ हो गया है।
- दोनों नगरों में स्वच्छ जल पहुँचाने के लिये कुटनी डैम पर 10 एमएलडी क्षमता का जल शोधन संयंत्र स्थापित किया गया है। दोनों निकायों में जल प्रदाय परियोजना की 10 वर्षों के संचालन और संधारण के साथ संयुक्त रूप से लागत लगभग 69 करोड़ रुपए है।
- खजुराहो और राजनगर में 7 ओव्हर हेड टैंक निर्मित किये गए हैं, हर घर नल से शुद्ध जल पहुँचाने के लिये दोनों नगरों में लगभग 150 किलोमीटर वितरण लाइन बिछाई गई है। खजुराहो में 3500 घर और राजनगर में 2000 घर में नल कनेक्शन दिये गए हैं।
- उल्लेखनीय है कि इस योजना में मीटरयुक्त नल कनेक्शन दिये जा रहे हैं। इसका लाभ यह होगा कि भविष्य में रहवासियों को पानी की उपयोगिता के अनुसार ही भुगतान करना होगा जो कि काफी किफायती रहेगा।
- नगरीय विकास एवं आवास विभाग के उपक्रम मध्य प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कंपनी द्वारा एशियन डेवलपमेंट बैंक के सहयोग से इन नगरों में जल प्रदाय परियोजना पर कार्य किया गया है।
- इससे अब यहाँ के निवासियों के घरों में शुद्ध जल पहुँच रहा है। पानी के लिये अब लाइन में लगने की आवश्यकता नहीं है। इससे पानी भरने में व्यर्थ जाने वाले समय का सदुपयोग हो रहा है। पानी का दबाब भी पर्याप्त है, जिससे मोटर लगाने की जरूरत नहीं रहती।
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने राज्य में छात्र-छात्राओं को उत्तम गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने के लिये गुरुग्राम ज़िले के पाथवेज स्कूल में शिक्षा मंत्री कंवर पाल गुर्जर की उपस्थिति में जेनेवा (स्विट्ज़रलैंड) के इंटरनेशनल बैकलॉरिएट (IB) के साथ मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किये।
- राज्य के शिक्षा स्तर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाने के लिये राज्य विद्यालय शिक्षा बोर्ड एवं आईबी बोर्ड के साथ एमओयू किया गया है।
- इस मौके पर शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को आईबी बोर्ड द्वारा समय-समय पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे अध्यापन के स्तर में सुधार के साथ-साथ विद्यार्थियों को भी उत्तम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा सकेगी।
- उन्होंने कहा कि प्रदेश के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्वीकार्यता होगी। इस दिशा में जल्द ही प्रदेश के विद्यार्थियों को सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
- ज्ञातव्य है कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. वीपी यादव के बेहतर शैक्षणिक, सुधारात्मक व सकारात्मक दृष्टिकोण के कारण ही बोर्ड नई ऊँचाइयां छू रहा है। बहुत कम समय के कार्यकाल में उन्होंने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में आवश्यक संशोधन, प्रथम बार पाठ्य योजना व चरणबद्ध मूल्यांकन योजना तैयार करवाने जैसी कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को छत्तीसगढ़ जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राज्य के दुर्ग विकासखंड के ग्राम पंचायत चंदखुरी में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के अंतर्गत 2 करोड़ की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित किया गया है।
- रीपा के अंदर एक प्रशासनिक क्षेत्र का निर्माण किया गया है, जिसमें बैंकिंग सुविधा हेतु क्योस्क, इंटरनेट सुविधा हेतु वाईफाई कनेक्शन. राज्य शासन की योजनाओं की जानकारी हेतु हेल्पडेस्क का निर्माण किया गया है एवं रीपा परिसर के मध्य में महात्मा गांधी की प्रतिमा स्थापित की गई है।
- रीपा केंद्र में युवाओं द्वारा पैकेज्ड मिल्क, दही व खोवा उत्पादन किया जाता है। इसके उत्पादन हेतु प्रशासन द्वारा आवश्यक मशीनें रीपा स्थल पर उपलब्ध कराए गए हैं। इसके साथ ही क्षेत्र की मांग के अनुरूप निकट भविष्य में मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट में नए उत्पादों को भी स्थान दिया जाएगा।
- इस यूनिट से आसपास के क्षेत्र के कुल 41 लोगों को रोज़गार का अवसर प्रदान किया जाएगा। उद्यम के सफल संचालन के लिये ज़िला प्रशासन द्वारा प्राइवेट कंपनियों के साथ अनुबंध कर लोकल बाज़ारों में बिक्री सुनिश्चित की जा रही है।
- इसके अलावा तैयार उत्पादों को शासकीय विभागों में भी सप्लाई किया जाएगा, ताकि उत्पाद की खपत सुनिश्चित कर कार्य कर रहे श्रमिकों को रोज़गार की गारंटी प्रदान कर उनके भविष्य को आर्थिक दृष्टिकोण से बेहतर और समृद्ध बनाया जा सके।
चर्चा में क्यों?
29 मई, 2023 को उत्तराखंड सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि प्रदेश की 1114 ग्राम पंचायतों के सभी सरकारी कार्यालयों, निकायों में जल्द ही फ्री वाईफाई की सुविधा मिलेगी। इसके लिये सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी (आईटीडीए) और बीएसएनएल के बीच करार हुआ है।
- आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि 50 करोड़ की इस परियोजना के लिये बीएसएनएल के साथ करार किया गया है।
- इसके तहत 3090 फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) कनेक्शन दिये जाएंगे। साथ ही, अगले पाँच सालों तक इनकी देखरेख भी बीएसएनएल ही सँभालेगा।
- गौरतलब है कि पिछले साल एफटीटीएच योजना के लिये सरकार ने 50 करोड़ का बजट जारी किया था, लेकिन समय से काम शुरू नहीं हो पाया। 31 मार्च के बाद बजट लैप्स होने से बचाने के लिये सरकार ने इस साल दोबारा यह बजट दिया है।
- इस योजना के तहत बीएसएनएल प्रदेश की 1114 ग्राम पंचायतों में एफटीटीएस सेवा देगा। इसके दायरे में उस ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी संस्थानों से लेकर पंचायत घर तक शामिल होंगे। इन सभी जगहों पर फ्री वाईफाई की सुविधा मिलेगी।
- विदित हो कि भारत नेट-1 के तहत जिन ग्राम पंचायतों में ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का काम बीएसएनएल को दिया गया था, उसे तय समय में वह पूरा नहीं कर पाया था।
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Work From Home: कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) की सुविधा प्रदान की गई थी। भारत समेत दुनियाभर में कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह सुविधा दी, ताकि काम भी चल सके और संक्रमण भी न फैले। अब न्यूजीलैंड से एक रोचक अध्ययन जारी हुआ है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, Work From Home के दौरान पुरुष कर्मचारियों के दिन मजे में कटे। वहीं महिला कर्मचारियों पर ऑफिस के साथ ही घर-परिवार और बच्चों की अतिरिक्त जिम्मेदारी पड़ी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (Women's Day 2022) के मौके पर जारी न्यूजीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च की इस स्टडी की जबरदस्त चर्चा है और बहस भी छिड़ गई है।
अध्ययन में कहा गया है कि घर से काम (Work From Home) करने में अनुमति होना बहुत अच्छा है, लेकिन अगर आप एक पुरुष हैं तो और भी बेहतर। ज्यादातर लोगों ने महामारी के दौरान घर से काम करना पसंद किया, लेकिन कामकाजी महिलाओं के हिस्से में घर के काम और बच्चों की देखभाल का अतिरिक्त बोझ आया। एएसबी बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विटोरिया शॉर्ट ने कहा, 'हमारे अध्ययन से यह स्पष्ट होता है कि इस तरह काम करने की लचीली व्यवस्था के कई फायदे हैं, लेकिन यह इन अंतर को भी उजागर करता है कि किस तरह महिलाओं से घर के अन्य कामों की उम्मीद भी की जाती है। महिलाएं अभी भी अधिकांश घरेलू कामों की जिम्मेदारी ले रही हैं।
न्यूजीलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च के इस अध्ययन के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल 60% से अधिक लोगों की नजर में घर से काम करना सकारात्मक रहा। हालांकि, 22% ही ऐसे रहे जिन्होंने घर की अन्य जिम्मेदारियों का निर्वहन भी किया। दरअसल, कोरोना काल और लॉकडाउन के दौरान स्कूल भी बंद कर दिए गए। बच्चों के घर में रहने से ऑफिस का कामकाज मुश्किल रहा और होम-स्कूलिंग का पूरा लोड महिलाओं पर रहा। घर से काम (Work From Home) करने के लिए उपकरण और उचित स्थान मिलने मामले में भी पुरुष आगे रहे।
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मुंबईः रितेश देशमुख और जेनेलिया डिसूजा जोड़ी बॉलीवुड अभिनेताओं की सफल जोड़ियों में से एक है। हालांकि साल 2012 में दोनों ने शादी किया था, लेकिन दोनों के प्यार के चर्चे जोरों पर थे। बीते 3 फरवरी को रितेश देशमुख और जेनेलिया डिसूजा ने अपनी शादी का दूसरा सालगिरह मनाया। लेकिन इस दौरान रितेश देशमुख ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है, जो जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल इस वीडियो में रितेश देशमुख ने अपनी पत्नी को कहा है कि मैं किसी और से प्यार करता हूं।
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ईडी यूपीए सरकार वित्त मंत्रालय के कामकाज की जांच करेगा। गौरतलब है कि FIPB को प्रभावित करने केआरोप में कार्ति चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
नई दिल्ली, 6 मार्च; कार्ति चिदंबरम के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड ( FIPB) के पूर्व सदस्यों के साथ पूछताछ करने की योजना बनाई है। ईडी की इस कार्रवाई से जांच यूपीए सरकार तक पहुंच जाएगा। ईडी यूपीए सरकार के वित्त मंत्रालय के कामकाज की जांच करेगा। गौरतलब है कि FIPB को प्रभावित करने के आरोप में कार्ति चिदंबरम को न्यायिक हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। सुप्रीम कोर्ट कार्ति चिदंबरम की याचिका पर आज (6 मार्च) को सुनवाई भी कर सकता है।
इकनॉमिक टाइम्स के आईएनएक्स मीडिया के जांच से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा नोटिस भेजे जा चुके हैं, जो उस वक्त FIPB से जुड़े हुए थे। ये सारे नोटिस तकरीबन उस वक्त गए थे, जब आईएनएक्स मीडिया को विदेशी निवेश में मंजूरी मिली थी। अधिकारी ने यह भी बताया कि जांच एजेंसियों ने इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी की कंपनी आईएनएक्स मीडिया को मिली एफआईपीबी की मंजूरी की जांच-पड़ताल के लिए भी नोटिस भेजा था।
एफआईआर में अज्ञात एफआईपीबी मेंबर्स और वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के नाम होने से प्रवर्तन निदेशालय (ED) को इस केस को सुलझाने में काफी मदद मिलेगी। हालांकि जांच एजेंसियों ने नोटिस भेजे गए मंत्रियों के नाम उजागर नहीं किए हैं। बता दें कि एफआईपीबी को पिछले साल 2017 में ही भंग कर दिया गया था। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव इसके हेड हुआ करते थे। ये डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रियल पॉलिसी ऐंड प्रमोशन( DIPP) और वाणिज्य और विदेश मंत्रालयों का भी प्रतिनिधित्व किया करता था।
वहीं, 5 मार्च को ईडी के अफसरों ने दावा किया है कि कार्ति चिदंबरम ने किसी बड़े नेता के बैंक अकाउंट में 1. 8 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए थे। ईडी के अफसरों के मुताबिक इस रकम को रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड की चेन्नै स्थित शाखा में ट्रांसफर किया गया था। गौरतलब है कि आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में फिलहाल कार्ति चिदंबरम सीबीआई कस्टडी में हैं। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम ने ईडी के समन को रद्द करने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। कार्ति को सीबीआई ने 28 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर पीटर और इंद्राणी मुखर्जी के आईएनएक्स (INX) मीडिया से रिश्वत लेने का आरोप है।
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राजस्थान में मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी उठापठक जारी है। अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है। गहलोत खेमे ने सचिन पायलट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। गहलोत समर्थकों के इस रुख के चलते रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक भी नहीं हो सकी।
अभी क्या हालात हैं?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की चर्चा चल रही है। 29 सितंबर तक इसके लिए नामांकन करना है। इससे पहले राजस्थान में नए मुख्यमंत्री का एलान होना बाकी है। इसी को लेकर काफी खींचतान शुरू हुई है। रविवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी। इसके लिए पार्टी हाईकमान ने वरिष्ठ नेता अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा था। बैठक शुरू होने से पहले अशोक गहलोत खेमे के विधायकों ने बागी रूख अख्तियार कर लिया।
गहलोत समर्थक विधायक मंत्री शांति धारीवाल के घर पहुंच गए और बैठक शुरू कर दी। इसके बाद सभी विधायकों ने स्पीकार से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया। हालांकि, ये इस्तीफा अभी तक स्पीकर ने मंजूर नहीं किया है। ये सभी विधायक किसी भी हालत में सचिन पायलट या उनके खेमे से किसी को मुख्यमंत्री नहीं बनने देना चाहते हैं। इन विधायकों की संख्या 80 से 92 तक बताई जा रही है।
गहलोत खेमे के विधायकों की क्या है मांग?
इस्तीफा देने बाद गहलोत खेमे के विधायकों का प्रतिनिधिमंडल कांग्रेस नेता अजय माकन से मिलने पहुंचा। इसमें मंत्री प्रताप खाचरियावास, शांति धारीवाल थे। इस प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस हाईकमान के सामने तीन मांगें रखीं। एक मांग यह कि 19 अक्तूबर को कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के बाद नया मुख्यमंत्री चुना जाए और प्रस्ताव को इसके बाद ही अमल में लाया जाए। चूंकि गहलोत स्वयं कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी है, इसलिए यह हितों का टकराव होगा, कल यदि वे अध्यक्ष चुने जाते हैं, तो क्या वे इस पर फैसला करेंगे?
दूसरी शर्त यह थी कि गहलोत खेमा विधायक दल की बैठक में आने के बजाए अलग-अलग समूहों में आना चाहता था। इस पर माकन ने कहा कि हमने स्पष्ट किया कि हम प्रत्येक विधायक से अलग-अलग बात करेंगे, लेकिन बैठक में आने की बजाए अलग-अलग गुटों में बात करना स्वीकार्य नहीं है।
राहुल गांधी के साथ सचिन पायलट और अशोक गहलोत।
तीसरी शर्त यह थी कि नया सीएम उन 102 विधायकों में से चुना जाना चाहिए, जो 2020 में हुई बगावत के वक्त गहलोत के प्रति वफादार रहे थे, न कि सचिन पायलट या उनके समूह में से। इसपर माकन ने कहा कि ये सारी बातें हम पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताएंगे और वह सीएम गहलोत व सभी से चर्चा कर आगे का फैसला करेंगी।
माकन ने यह भी कहा कि कांग्रेस विधायकों ने जोर देकर कहा कि बैठक में पारित होने वाला प्रस्ताव उक्त तीन शर्तों के अनुरूप हो, इस पर हमने कहा था कि कांग्रेस के इतिहास में कभी भी शर्तों के साथ कोई प्रस्ताव पारित नहीं किया गया है।
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आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों से एक साथ आने का आह्वान करते हुए ओवैसी ने कहा कि क्षेत्रीय गठबंधनों के एक साथ आने से हम भाजपा को हरा सकते हैं। तेलंगाना में बीजेपी 2014 और 2018 के चुनाव हार गई थी। इस साल भी दिसंबर 2023 में बीजेपी तेलंगाना चुनाव फिर से हार जाएगी।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी।
ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने क्षेत्रीय एकता पर बल दिया है। उन्होंने महाराष्ट्र की राजधानी में कहा कि क्षेत्रीय गठबंधनों के एक साथ आने से हम भाजपा को हरा सकते हैं। आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति पर बताते हुए एक बार फिर जुनैद-नासिर हत्याकांड का मुद्दा उठाते हुए राजस्थान सरकार पर निशाना साधा है।
भिवानी हत्याकांड का मुद्दा उठाते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मुस्लिम समुदाय के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि राजस्थान सरकार देश भर में भरत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकती है, अलवर में शाही शादी में जा सकती है, लेकिन वे उस जगह पर नहीं जा सकते जहां जुनैद और नासिर मारे गए।
आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ क्षेत्रीय दलों से एक साथ आने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय गठबंधनों के एक साथ आने से हम भाजपा को हरा सकते हैं। तेलंगाना में बीजेपी 2014 और 2018 के चुनाव हार गई थी। इस साल भी दिसंबर 2023 में बीजेपी तेलंगाना चुनाव फिर से हार जाएगी। इसके लिए हमें कुछ श्रेय दें।
उन्होंने आगे कहा कि हम औरंगाबाद और अन्य सीटों से अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि हम कुछ अन्य दलों के साथ गठबंधन की संभावना पर गौर करेंगे। अगले चुनाव में हम किसके साथ जाएंगे इस पर टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) पार्टी का पहला राष्ट्रीय अधिवेशन मुंबई में चल रहा है। मुंबई में आज से शुरू हुआ दो दिवसीय अधिवेशन 25 और 26 फरवरी तक चलेगा। अधिवेशन का समापन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की अध्यक्षता में होगा। इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित सभी राज्यों के प्रमुख पदाधिकारी शामिल होंगे।
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ज्योतिष शास्त्र अनुसार कुत्ता का संबंध केतु ग्रह से होता है। इसलिए अगर आपकी कुंडली में केतु ग्रह सकारात्मक स्थित हैं। मतलब वह जन्मकुंडली में अपने मित्र ग्रह के साथ स्थित हैं। तो आप कुत्ते को पाल सकते हैं। ऐसा करने से आपको केतु ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही सभी कामों में सफलता मिलेगी। आरोग्य की प्राप्ति होगी। वहीं कुत्ते को भैरव देवता का सेवक माना जाता है। इसलिए कुत्ते को भोजन देने से भैरव महाराज प्रसन्न होते हैं और संकटों से भक्तों की रक्षा करते हैं।
साथ ही मान्यता है कि काले कुत्ते को रोटी खिलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके साथ ही काले रंग के कुत्ते की सेवा करने से शनि ग्रह के मजबूत होने की भी मान्यता है। कहा जाता है कि घर पर कुत्ता पालने से राहु-केतु से बनने वाले अशुभ योग भी दूर होते हैं। कहते हैं कि घर की बनी हुई पहली रोटी गाय को और आखिरी रोटी कुत्ते को खिलानी चाहिए। कहते हैं कि इससे ग्रहदोष दूर होते हैं और परिवार में खुशहाली आती है।
अगर आपकी जन्मकुंडली में केतु ग्रह लग्न में स्थित हैं या केतु ग्रह कुंडली में अशुभ स्थित में विराजमान हैं तो आपको कुत्ता नहीं पालना चाहिए। वहीं अगर आप फिर भी कुत्ता पालते हैं तो ज्योतिष के मुताबिक आपको कई अनचाही परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। घर में सुख- समृद्धि का अभाव रहेगा। आर्थिक तंगी रह सकती है। साथ ही घर में छोटी- छोटी बात पर क्लेश हो सकती है। सदस्यों में मनमुटाव रह सकता है।
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बेगूसराय में आयोजित हो रहे पीजी सत्र 2021-23 के सेकंड सेमेस्टर के परीक्षार्थियों का परीक्षा केंद्र LNMU के परीक्षा विभाग द्वारा बदल दिया गया है। विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग ने पत्र जारी किया है।
जीडी कॉलेज बेगूसराय और एपीएसएम कॉलेज बरौनी के पीजी सेमेस्टर 2 के छात्रों का परीक्षा केंद्र आरसीएस कॉलेज मंझौल में बनाया गया था। अब विश्वविद्यालय द्वारा आरसीएस कॉलेज मंझौल से परीक्षा केंद्र को बदलकर एस के महिला कॉलेज बेगूसराय बनाया गया है।
इससे पहले भी पीजी की परीक्षा में आरसीएस कॉलेज दिए गए परीक्षा केंद्र को बदलकर विश्वविद्यालय ने एसबीएसएस कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाया था। एग्जाम कंट्रोलर ने इसकी सूचना केंद्राधीक्षक और सभी कॉलेज के प्राचार्य को भी दी है। बता दें कि विश्वविद्यालय द्वारा एस के महिला कॉलेज में B. Ed की परीक्षा का भी केंद्र केंद्र बनाया गया है। अब मंझौल कालेज का भी परीक्षा केंद्र बदलकर यही कर दिया दिया गया है।
स्नातकोत्तर द्वितीय सेमेस्टर ( सत्र 2021-23 ) परीक्षा 2022 की परीक्षा प्रपत्र और शुल्क ऑनलाइन के माध्यम से जमा नहीं हो पा रहा है। वैसे परीक्षार्थी के लिए अंतिम रूप से परीक्षा प्रपत्र जमा शुल्क ऑफलाइन माध्यम से दिनांक 4 मई को अंतिम अवसर के साथ विश्वविद्यालय मुख्यालय में स्वीकार किया जायेगा।
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पहले के समय में लोग अपने घर आंगन में एक छोटा-सा झूला डालते थे। झूले रखने का ट्रेंड वैसे तो बहुत पुराना है लेकिन आजकल इसके डिजाइन में बहुत बदलाव आ गया है। आजकल लोग अपने घर में हैंगिंग चेयर्स लगाते हैं, जो कंफर्ट के साथ घर की सजावट भी करता है। साथ ही इन्हें आसानी से घर के अंदर, बेडरूम, बालकनी या गार्डन में लगाया जा सकता है।
लकड़ी, एल्यूमिनियम, बैंत आदि मेटिरियल से बने इन झूलों की संभाल करना भी कोई मुश्किल काम नहीं है। चलिए आज हम आपको स्विंग चेयर्स के कुछ लेटेस्ट डिजाइन्स दिखाते हैं, जिन्हें आप अपने कंफर्ट, जगह के हिसाब से रख सकते हैं।
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जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में आतंकवाद के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है. यहां सोपोर पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया. इसके साथ ही रात में करीब 11. 30 बजे सोपोर पुलिस की एसओजी और कुपवाड़ा पुलिस ने निसार अहमद मीर को गिरफ्तार किया. इसकी उम्र 31 साल बताई जा रही है. उसे आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के जुर्म में पकड़ा गया है.
पूछताछ के आधार पर कबीर लोन के घर पर 6RR के साथ पुलिस ने संयुक्त रूप से तलाशी ली. कबीर लोन 17 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था. लोन से प्राप्त इनपुट के आधार पुलिस ने कुपवाड़ा में कार्रवाई की और गोला-बारूद के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया. बरामद सामान में 8 एके रायफल, 9 पिस्टल, गोला-बारूद और ग्रेनेड शामिल हैं. हथियारों की बरामदगी कुपवाड़ा जिले के केरन सेक्टर में की गई. इतनी बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद लश्कर आतंकी घाटी में ला रहे थे ताकि कुछ युवकों को बहका कर उन्हें दहशतगर्दी की दुनिया में झोंका जा सके.
इससे पहले रविवार को आतंकवादियों ने पुलवामा जिले में सुरक्षा बलों पर ग्रेनेड फेंका, लेकिन उसमें विस्फोट नहीं हुआ. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि लगभग 7. 50 बजे आतंकवादियों ने पुलवामा के मुख्य चौक पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और पुलिस के संयुक्त नाके पर ग्रेनेड फेंका. उन्होंने कहा कि ग्रेनेड सड़क किनारे गिर गया और उसमें विस्फोट नहीं हुआ. बाद में एक बम निरोधक दस्ते ने इस बम को निपटा दिया. ग्रेनेड फटने से बच गया इसलिए बड़ी घटना होते-होते बच गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है और हमलावरों की तलाश तेज कर दी गई है.
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नई दिल्ली. आज का राशिफल, 4 मई 2019, दैनिक राशिफल का व्यक्ति के जीवन पर गहरा असर पड़ता है. राशिफल से हमें भविष्य में आगे होने वाली घटनाओं का आभास होता है. हम आपको बता रहे हैं आज यानी 4 मई शनिवार का मेष, वृषभ, सिंह, कन्या, मकर, कुंभ और मीन राशि समेत सभी राशियों का राशिफल. जानिए कैसा रहेगा आपका दिन.
मेष राशि के लोगों के दिन अच्छा रहेगा. जीवन में सफलता प्राप्त करने के नए मार्ग खुलेंगे. सम्मान और प्रतिष्ठा में बढ़ोतरी होगी. कार्य की तारीफ होगी. सावधान रहें, आज अपने साथियों से धोखा मिलने की संभावनाएं रहेंगी.
वृषभ राशि के लोगों का दिन शुभ रहेगा. कारोबार में निवेश के नए मौके मिलेंगे. कोई भी फैसला लेने से पहले अच्छे से सोच-विचार कर लें. किसी समझदार व्यक्ति से सलाह लेकर कोई भी निर्णय करें.
मिथुन राशि के लोगों का आज किस्मत साथ देगी. लंबे समय से बन रही योजना आज सफल होगी. कारोबार में बंपर धन लाभ की संभावनाएं हैं. समाजिक कार्यों में आज रुचि बनी रहेगी.
कर्क राशि के लोगों को आज कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. आज कारोबार सामान्य रहेगा. लाभ के सौदे हो सकते हैं. आज आप अपनी वाणी पर संयम बरतें, आपके संबंधों में मिठास आएगी.
सिंह राशि के लोगों के लिए दिन परेशानियों से भरपूर रहेगा. आज आपके खर्चे में बढ़ोतरी हो सकती है. कारोबार ठीक रहेगा. परिवार में किसी की सेहत को लेकर चिंता हो सकती है.
कन्या राशि के लोगों का दिन लाभकारी रहेगा. आज आपकी इनकम में बढ़ोतरी होगी. आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा. कारोबार नई ऊचाइंयों पर जाएगा. नए लोगों से मुलाकात फायदेमंद रहेगी.
वृश्चिक राशि के लोगों का दिन समाजिक कार्यों में बीतेगा. लोगों के बीच सम्मान में बढ़ोतरी होगी. कार्यस्थल पर आपके कार्य की तारीफ होगी. आज सेहत का ध्यान रखें.
धनु राशि के लोगों को आज किस्मत का पूरा साथ मिलेगा. काफी समय से रुकी योजना आज शुरू होने की संभावना है. छात्रों के लिए दिन अच्छा रहेगा. कारोबार में लाभ मिलेगा.
मकर राशि के लोगों का दिन शानदार रहेगा. मानसिक सुख के लिए आप आध्यात्म का सहारा लेंगे. आय में बढ़ोतरी होगी. आर्थिक हालत सुधरेगी. घर परिवार का पूरा सहयोग मिलेगा.
कुंभ राशि के लोगों के लिए शुभ रहेगा. आर्थिक स्थिती मजबूत रहेगा. कारोबार में बंपर धन लाभ होगा. सभी सौदे फायदे में होंगे. वाणी पर संयम बरतें.
मीन राशि के लोगों का दिन शुभ रहेगा. छात्रों का दिन शानदार रहेगा. बेरोजगारों को आज रोजगार मिलेगा. अटका हुआ धन आज वापस मिल सकता है. कारोबार में लाभ मिलेगा.
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Himachal Pradesh Rain: हिमाचल प्रदेश में बारिश बनी मुसीबत, ब्यास समेत कई नदियों ने मचाई तबाही!
भारी बारिश के कारण हिमाचल की सूरत बिगड़ी है और शांति भंग हुई है. यहां जगह-जगह आसमानी आफत की वजह से तबाही का मंजर देखने को मिला. हिमाचल में नदी-नाले उफान पर हैं. ब्यास नदी अपना रौद्र और विकराल रूप दिखा रही है. ब्यास ने कुल्लू-मनाली और मंडी समेत कई जगहों पर तांडव किया है. यहां नहीं, बारिश हिमाचल प्रदेश में बीते 24 घंटे में 8 लोगों का काल बनी है. जानकारी है कि शिमला जिले में ही 6 लोगों की मौत हो गई.
चीन एक बार फिर धरती में खोद रहा 10,000 मीटर गहरा गड्ढा, आखिर क्या है इरादा?
चीन के विदेश मंत्री लापता! महिला से अफेयर तो नहीं है गुमशुदगी की वजह?
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नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार में आज लगातार तीसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। गुरुवार के कारोबार में सेंसेक्स 433 अंक की गिरावट के साथ 59,919. 69 के स्तर पर और निफ्टी 143. 6 अंक की गिरावट के साथ 17874 के स्तर पर बंद हुआ है। आज के कारोबार में रियल्टी सेक्टर में सबसे ज्यादा नुकसान दर्ज हुआ। वहीं सरकारी बैंकों में लगातार दूसरे दिन बिकवाली देखने को मिली।
कारोबार के दौरान अधिकांश सेक्टर इंडेक्स में नुकसान दर्ज हुआ। मेटल और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर को छोड़कर बाकी सभी सेक्टर इंडेक्स गिरावट के साथ बंद हुए। मेटल सेक्टर इंडेक्स में आज 0. 36 प्रतिशत की बढ़त रही, वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर 0. 26 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ। दूसरी तरफ रियल्टी सेक्टर इंडेक्स में आज 2. 33 प्रतिशत की गिरावट रही है। सरकारी बैंकों का इंडेक्स 1. 84 प्रतिशत, फार्मा सेक्टर इंडेक्स 1. 39 प्रतिशत, बैंकिंग सेक्टर इंडेक्स 1. 19 प्रतिशत, ऑटो सेक्टर इंडेक्स 1. 18 प्रतिशत, फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर 1. 25 प्रतिशत और ऑयल एंड गैस सेक्टर इंडेक्स 0. 62 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ है। कारोबार के दौरान छोटे स्टॉक्स में ज्यादा नुकसान देखने को मिला। निफ्टी में 0. 8 प्रतिशत की गिरावट के मुकाबले स्मॉलकैप 50 में 1. 14 प्रतिशत की गिरावट रही।
निफ्टी में शामिल स्टॉक्स में 41 आज गिरावट के साथ बंद हुए हैं। इसमें से 5 स्टॉक में 2 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट दर्ज हुई है और किसी भी स्टॉक में 3 प्रतिशत से ज्यादा की नुकसान नहीं दर्ज हुआ। । सबसे ज्यादा गिरने वालों में एसबीआई 2. 77 प्रतिशत, ओएनजीसी 2. 57 प्रतिशत और एसबीआई लाइफ 2. 5 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ। वहीं ब्रॉड मार्केट इंडेक्स में सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाला स्मॉलकैप 50 में शामिल 50 स्टॉक्स में से भी 41 स्टॉक गिरावट के साथ बंद हुए हालांकि यहां 2 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट वाले स्टॉक्स की संख्या 16 रही। वहीं 8 स्मॉलकैप स्टॉक 3 प्रतिशत से ज्यादा, 3 स्टॉक 4 प्रतिशत से ज्यादा और एक स्टॉक 5 प्रतिशत से ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुआ।
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय टीम एशिया कप 2023 के लिए पाकिस्तान नहीं जाएगी और टूर्नामेंट का आयोजन किसी तीसरी तटस्थ जगह किया जाएगा। शाह ने कहा कि एशिया कप 2023 का आयोजन किसी तीसरे स्थान पर होगा। मैं यह बात एसीसी के अध्यक्ष के तौर पर कह रहा हूं। हम वहां नहीं जा सकते, वह भी यहां नहीं आ सकते। पहले भी एशिया कप का आयोजन तटस्थ जगह पर हुआ है। एसीसी ने फिलहाल इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की है। उल्लेखनीय है कि आईसीसी के भविष्य दौरा कार्यक्रम के अनुसार एशिया कप 2023 के अलावा चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की मे•ाबानी भी पाकिस्तान के पास है, जबकि भारत को विश्व कप 2023 की मे•ाबानी करनी है। शाह के बयान से इन प्रतियोगिताओं के आयोजनों पर असर पड़ सकता है।
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जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार, भारत 1960 की सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty) के तहत पाकिस्तान की ओर बहने वाले अतिरिक्त पानी को रोकने के अपने अधिकारों पर काम कर रहा है ताकि वह अपनी जमीन की सिंचाई कर सके।
भारत और पाकिस्तान ने 9 साल की बातचीत के बाद 1960 में सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए थे। विश्व बैंक भी एक हस्ताक्षरकर्ता था।
सिंधु जल संधि 1960 (Indus Water Treaty 1960)
1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस संधि के तहत, तीन पूर्वी नदियों रावी, सतलुज और ब्यास के सभी जल को विशेष रूप से उपयोग करने के लिए भारत को आवंटित किया गया था। दूसरी ओर, पश्चिमी नदियों जैसे सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को आवंटित किया गया था। हालांकि, भारत को निर्दिष्ट घरेलू, गैर-उपभोग्य और कृषि उपयोग के लिए पश्चिमी नदियों के पानी का उपयोग करने के लिए अपवाद (exception) दिया गया था। भारत को पश्चिमी नदियों पर नदी परियोजनाओं के तहत जलविद्युत उत्पन्न करने का अधिकार भी दिया गया है।
सिंधु नदी प्रणाली (Indus River System)
सिंधु नदी प्रणाली में सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज नदी शामिल हैं। यह बेसिन मुख्य रूप से भारत और पाकिस्तान द्वारा साझा किया जाता है। चीन और अफगानिस्तान का भी छोटा हिस्सा है।
सिंधु (Indus)
सिंधु एशिया में एक ट्रांसबाउंड्री नदी है और दक्षिण और पूर्वी एशिया की एक ट्रांस-हिमालयी नदी है। पश्चिमी तिब्बत में निकलने के बाद यह नदी 3,180 किलोमीटर की दूरी तक बहती है। यह कश्मीर के लद्दाख और गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्रों के माध्यम से उत्तर पश्चिम में बहती है। फिर यह नंगा पर्वत पुंजक के बाद तेजी से बाईं ओर झुकती है। यह कराची के पास अरब सागर में गिरने से पहले पाकिस्तान से होकर बहती है।
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सीएम ने सदन में बताया कितने छात्र यूक्रेन से लौटे? आगे क्या है योजना?
क्या विपक्ष के दबाव में आएगी सरकार? हिमाचल में कौन करेगा OPS लागू?
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बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (, Amitabh Bachchan) और क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के फैंस पूरी दुनिया में हैं। खास बात ये है कि दोनों ही एक दूसरे के बड़े प्रशंसक भी हैं, लेकिन एक समय ऐसा था जब सचिन तेंदुलकर अपने बेटे अर्जुन तेंदुलकर (Arjun Tendulkar) की एक हरकत से अमिताभ बच्चन के सामने बेहद शर्मिंदा हो गए थे। यह बात खुद सचिन ने एक बार अमिताभ बच्चन के जन्मदिन पर 2017 में बताई थी। क्या था ये किस्सा आइए आपको बताएं।
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मीटिंग संबंधी विवरण देते हुए सरदार सिद्धू ने बताया कि बैंक द्वारा सहमति जताने से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की विकासमुखी सोच के अनुसार बनाऐ गए प्रोजेक्टों को अमली जामा पहनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट से जूझ रही पंजाब सरकार को यह बड़ी राहत होगी कि बैंक ने लंबे समय के कर्जे देने की सहमति जताई है। इनकी ब्याज दर भी नाममात्र है। उन्होंने कहा कि आज की मीटिंग के सार्थक परिणामों से स्थानीय निकाय और सांस्कृतिक एवं पर्यटन विभाग की तमन्नाओं को नई उड़ान मिलेगी और अब जहाँ शहरों की मुकम्मल कायाकल्प होगी वहीं पंजाब के प्रमुख पर्यटन स्थल सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे। बैंक के राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा आने वाले समय में मुख्यमंत्री के साथ भी मीटिंग की जाएगी जिसके और भी सार्थक परिणाम निकलेंगे।
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अयोध्या. अयोध्या के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरिओम श्रीवास्तव को विजिलेंस टीम ने शुक्रवार शाम 20 हजार घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. विजिलेंस टीम ने सीएमओ को उनके आवास से गिरफ्तार किया. जानकारी के मुताबिक डॉ. श्रीवास्तव पर उनके अधीन एक चिकित्सक डॉ. वीपी सरोज ने संबद्धता समाप्त करने के लिए 40 हजार रुपये घूस लेने का आरोप लगाया है. सीएमओ को गिरफ्तार लिए जाने की सूचना पाकर बड़ी संख्या में चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी भी कोतवाली नगर पहुंचे.
एसपी विजिलेंस अखिलेश कुमार निगम का कहना है कि डॉ. सरोज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रानीबाजार में तैनात थे. जून महीने में सीएमओ ने उन्हें शाहगंज स्वास्थ्य केंद्र से भी संबद्ध कर दिया था. सप्ताह में तीन दिन उन्हें शाहगंज व तीन दिन रानीबाजार जाना पड़ता था. दूरी ज्यादा होने की वजह से डॉ. सरोज अपनी संबद्धता समाप्त कराना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने कई बार सीएमओ से कहा.
आरोप है कि संबद्धता समाप्त करने के लिए सीएमओ ने 40 हजार रुपये की मांग की. इसकी शिकायत डॉ. सरोज ने इसी माह विजिलेंस विभाग से की. विजिलेंस ने जांच कराई तो सीएमओ की छवि खराब पाई गई. घूस की रकम में से 20 हजार रुपये लेकर डॉ. सरोज सीएमओ से मिलने उनके आवास पहुंचे. रुपये लेते ही विजिलेंस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
जिलाधिकारी अनुज झा व एसएसपी आशीष तिवारी ने भी कोतवाली पहुंच प्रकरण के बारे में पूरी जानकारी हासिल की. वहीं डीएम व एसएसपी की मौजूदगी में सीएमओ व शिकायतकर्ता से पूछताछ की.
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केंद्र सरकार ने राज्यों से भी पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाने को कहा है, ताकि आम आदमी को और ज्यादा राहत दी जा सके। इसी के चलते उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेट्रोल में राहत देते हुए दो रुपये वैट को कम कर दिया है। उन्होंने कहा कि हालांकि कोरोना के चलते वैट संग्रहण कम हुआ है। इसके बावजूद हम पेट्रोल में दो रुपये कम कर रहे हैं। इसे दीपावली के दिन से ही लागू किया जा रहा है। पेट्रोल पर राज्य में 25 प्रतिशत वैट लागू है। अब दो रुपये घटने के बाद राज्य में पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से कम हो जाएंगी। वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि पेट्रोल में वैट कम करने को नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा है। हालांकि डीजल में ये कमी नहीं की गई है।
उत्तराखण्ड में पेट्रोल ₹7 होगा सस्ता।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को दीपावली, गोवर्धन पूजा और भैयादूज की बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में कहा है कि दीपावली का पर्व अशांति पर शांति, बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दीपावली मां लक्ष्मी और देवी अन्नपूर्णा की आराधना तथा सामाजिक समरसता का पर्व भी है।
मुख्यमंत्री ने गोवर्द्धन पूजा को समाज एवं राष्ट्र की आर्थिक-सांस्कृतिक संसाधनों के संरक्षण का प्रतीक बताते हुए कहा है कि यह पर्व भगवान श्री कृष्ण के महान चरित्र का स्मरण भी कराता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भैयादूज के पावन पर्व पर प्रदेशवासियों, विशेष रूप से महिलाओं को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि यह पर्व भाई-बहनों के प्रेम के साथ ही मातृ शक्ति के सम्मान, परिवार एवं समाज में उनके महत्व को भी प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि दीपावली का यह पावन पर्व हम सबके जीवन में सुख समृद्धि लाये इसकी भी मुख्यमंत्री ने कामना की है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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-पुरुष क्या पुरुषार्थ हुआ न जो, हृदयकी सब दुर्बलता तजो । प्रवल जो तुम में पुरुषार्थ हो, सुलभ कौन तुम्हें न पदार्थ हो ? प्रगति के पथमें विचरो उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठा ॥१॥ •न पुरुषार्थ बिना कुछ स्वार्थ है, न पुरुषार्थ बिना परमार्थ है । समझ लो यह बात यथार्थ है, कि पुरुषार्थ वही पुरुषार्थ है। भुवनमें सुख शांति भरो उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठो ॥२॥ न पुरुषार्थ बिना वह स्वर्ग है, न पुरुषार्थ बिना अपवर्ग है । न पुरुषार्थ चिना क्रियता कहीं, न पुरुषार्थ बिना प्रियता कहीं । सफलता वर-तुल्प बरो उठो, पुरुष हो पुरुषार्थ करो, उठो ॥३॥ न जिसमें कुछ पौरुप हो यहां, सफलता वह पा सकता कहां ? ● अरु पार्थ भयंकर पाप है, न उस में यश है न प्रताप है। ल कृमि कीट-समान मरो, उठो, पुरुप हो, पुरुषार्थ करो, उठो ॥४॥ मैनुज जीवन में जय के लिये, प्रथम ही दृढ़ पौरुष चाहिए । विजय तो पुरुषार्थ बिना कहां, कठिन है चिरजीवन भी यहां । भय नहीं, भवसिन्धु तगे, उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठो ॥५॥ यदि अनिष्ट अड़े अड़ते रहें, विपुल विघ्न पड़ें पड़ते रहें । हृदय में पुरुषार्थ रहे भरा, जलधि क्या, नभ क्या. फिर क्या धरा ? दृढ़ रहो, ध्रुव धैय्ये धरो, उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो, उठो ॥ ६ ॥ यदि अभीष्ट तुम्हें निज सत्व है, प्रिय तुम्हें यदि मान महत्व है यदि तुम्हें रखना निल नाम है, जगत में करना कुछ काम है रा, उठो, पुरुष हा पुगे, उठा
प्रकट नित्य करो पुरुषार्थ को, हृदय से तज दो सब स्वार्थ को । यदि कहीं तुमसे परमार्थ हो, यह विनश्वर देह कृतार्थ हो । सदय हो, पर दुःख द्दरो, उठो, पुरुष हो, पुरुषार्थ करो उठो।। ८ ।।
( मैथिलीशरण गुप्त )
अवतो उठो क्यों पड़ रहे हो व्यर्थ सोच विचार में । सुख पूर्ण जीना भी कठिन है श्रम बिना संसार में ।। भग्न मनोरथ होकर भी तू श्रम करना मत छोड़ । सारी विषय वासनाओं से अपना मुखले मोड़ ।।
उद्योग ।
उद्यम कीजै जगत में मिले भाग्य अनुसार । मोती मिले कि शंख कर, सागर गोता मार ।। उद्यम ते संपति घर आये, उद्यम करे सपूत कहावे । उद्यम करें संग सब लागे, उद्यम ते जगमें जस जागे । समुद्र उतरि उद्यम ते जइये उद्यन ते परमेश्वर पइये । बिनु उद्यम नहीं पाइये, कर्म लिखे हूं जौन । बिनु जल पान न जाइ है, प्यास जंग तट भौन ॥ २ ॥ उद्यम में निद्रा नहिं नहिं सुख दारिद नांहि । लोभी उर संतोष नहि, धीर अबुध में नांहि ।।
गिरधर दास ) |
How to Follow Secure Initiative?
How to Self-evaluate your answer?
विषयः शिक्षा से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय।
1. भारत में किसी भी नीति के क्रियान्वयन में आने वाली सामान्य चुनौतियों को रेखांकित करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समयबद्ध एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिए कुछ उपायों की विवेचना कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
विवेचना कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय प्रश्न के सभी पक्षों की तार्किक व्याख्या कीजिए।
उत्तर की संरचनाः
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के बारे में संक्षेप में चर्चा करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
उत्तर के मुख्य भाग में निम्नलिखित पहलुओं को शामिल किया जाना चाहिएः
- सार्वजनिक नीति एवं उसकी चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन से पहले संभावित चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।
- इसके कार्यान्वयन की राह में आने वाली संभावित चुनौतियों की व्याख्या कीजिए।
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषयः संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ।
2. भारत में महामारी एवं जीएसटी व्यवस्था के कार्यान्वयन के बाद राजकोषीय संघवाद को सशक्त करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उपायों की सख्त आवश्यकता पर एक लेख लिखिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
लेख लिखिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ के आधार पर उसके सभी पहलुओं को शामिल करते हुए उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचनाः
प्रश्न का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
भारत में राजकोषीय संघवाद द्वारा सामना किए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से चर्चा कीजिए।
इन मुद्दों के समाधान के लिए राजकोषीय संघवाद के सशक्तिकरण के लिए केंद्र सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले प्रमुख उपायों पर प्रकाश डालिए।
सुझाव दीजिए कि क्या करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष निकालिए कि भारत में राजकोषीय संघवाद को प्रोत्साहित करने के लिए तत्काल आवश्यक उपाय किए जाने चाहिए।
विषयः भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
3. 97वें संविधान संशोधन को रद्द करना इस बात का संकेत है कि सहकारी समितियों को विनियमित करने की शक्ति राज्यों में ही निहित होनी चाहिए। क्या आप सहमत हैं? टिप्पणी कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
टिप्पणी कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय पर अपने ज्ञान और समझ को बताते हुए एक समग्र राय विकसित करनी चाहिए।
उत्तर की संरचनाः
97वें संविधान संशोधन की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
संशोधन क्यों रद्द किया गया था? समझाइए।
केंद्र सरकार के बढ़ते नियंत्रण के कारणों पर चर्चा कीजिए।
सहकारी क्षेत्र पर केंद्रीय नियंत्रण के मुद्दों पर प्रकाश डालिए।
निष्कर्ष निकालिए कि बेहतर यही होगा कि सरकार इस निर्णय को सही भावना से लें एवं नए मंत्रालय के निर्माण के बावजूद सहकारी क्षेत्र में भविष्य के हस्तक्षेप से दूर रहे।
विषयः सा.अ.2- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
सा.अ.3- उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
4. एक मुख्य व्यापार समझौते के माध्यम से भारत-यूरोपीय संघ के द्विपक्षीय व्यापार संबंधों का विस्तार करने के लिए एक महत्वपूर्ण अप्रयुक्त क्षमता उपलब्ध है। स्पष्ट कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
स्पष्ट कीजिए- ऐसे प्रश्नों में अभ्यर्थी से अपेक्षा की जाती है कि वह पूछे गए प्रश्न से संबंधित जानकारियों को सरल भाषा में व्यक्त कर दे।
उत्तर की संरचनाः
प्रश्न के संदर्भ की संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
विषय वस्तुः
- समझाइए कि एशियाई भागीदारों के साथ अपने मुक्त व्यापार समझौतों से सीमित आर्थिक लाभ के बाद, भारत अपने मुक्त व्यापार समझौतों के विकल्पों का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है।
- चर्चा कीजिए कि मुक्त व्यापार समझौतों को इस तरह से अभिकल्पित करने की आवश्यकता है कि वे भागीदारों के बीच पूरकता बढ़ाएं एवं व्यापार को बाधित करने वाली नियामक बाधाओं को दूर करें।
- भारत-यूरोपीय संघ व्यापार संबंधों की क्षमता पर एक लेख लिखिए।
- इस क्षमता को साकार करने में भारत के समक्ष उपस्थित चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषयः संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना।
5. विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों की उदाहरण सहित चर्चा कीजिए एवं भारत में इस संकट से लड़ने के लिए आवश्यक उपायों का सुझाव भी दीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचनाः
साइबर अपराधों से आप क्या समझते हैं? संक्षेप में चर्चा करते हुए उत्तर की शुरुआत कीजिए।
विषय वस्तुः
विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों की विवेचना कीजिए।
इन चुनौतियों के समाधान के लिए क्या किया जाना चाहिए? सुझाव दीजिए।
निष्कर्ष निकालिए कि वर्तमान युग में सूचना प्रौद्योगिकी की निर्भरता को देखते हुए, सरकारों के लिए यह समय की आवश्यकता है कि वे बैंकों और वित्तीय संस्थानों की सुरक्षा के लिए कड़े साइबर सुरक्षा मानकों को स्थापित करते हुए साइबर सुरक्षा, डेटा अखंडता और डेटा सुरक्षा क्षेत्रों में मुख्य कौशल विकसित करें।
विषयः प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय।
6. भारतीय कृषि में राज्य के हस्तक्षेप के निहितार्थों का विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
विश्लेषण कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के बहुआयामी सन्दर्भों जैसे क्या, क्यों, कैसे आदि पर ध्यान देते हुए उत्तर लेखन कीजिए।
उत्तर की संरचनाः
प्रश्न के संदर्भ को संक्षेप में प्रस्तुत करते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
भारतीय कृषि प्रणाली में विशेष रूप से राज्य के हस्तक्षेप के संबंध में शामिल चुनौतियों पर चर्चा कीजिए।
समझाइए कि कैसे भारत को कृषि क्षेत्र के राष्ट्रीयकरण से दूर रखने के लिए यह एक अच्छी पहल रही है, लेकिन ग्रामीण संपत्ति के अधिकार, भूमि उपयोग और भूमि की सीमा में सरकार का अप्रत्यक्ष नियंत्रण रहा है।
कृषि क्षेत्र सरकारी प्रतिबंधों के प्रभाव में कैसे है? उदाहरण सहित चर्चा कीजिए।
आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष निकालिए।
विषयः केस स्टडी।
7. ऐसे समाज में जहां सरकार भोजन या काम उपलब्ध कराने में असमर्थ है, क्या भीख माँगने को एक अवरोध अथवा अपराध माना जा सकता है? जब सरकार सभी के लिए अच्छी आजीविका की पेशकश नहीं कर सकती है तो क्या गरीबों को अपराधी बनाना अनैतिक नहीं है ? नैतिक दृष्टिकोण से विश्लेषण कीजिए। (250 शब्द)
निर्देशक शब्दः
चर्चा कीजिए- ऐसे प्रश्नों के उत्तर देते समय सम्बंधित विषय / मामले के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तथ्यों के साथ उत्तर लिखें।
उत्तर की संरचनाः
हमारे देश में भिक्षा याचन से सम्बंधित कानूनों पर प्रकाश डालते हुए उत्तर प्रारम्भ कीजिए।
विषय वस्तुः
समझाइए कि सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए ट्रैफिक लाइट, बाजारों और सार्वजनिक स्थानों पर आवारा एवं बेघर लोगों को भीख मांगने से रोकने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
उपर्युक्त के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा कीजिए एवं अपने विचार भी प्रस्तुत कीजिए।
सदाचार एवं नैतिक रूप से उचित समाधानों के साथ निष्कर्ष निकालिए।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'मोदी सरनेम' वाले मामले में सूरत के जिस सेशन कोर्ट में एक याचिका दायर कर खुद को दोषी क़रार दिए जाने वाले फ़ैसले पर रोक लगाने की अपील की है.
इस मामले की सुनवाई जज रॉबिन पॉल मोगेरा कर रहे हैं, जो फ़ेक एनकाउंटर के एक मामले में गृह मंत्री अमित शाह के वकील रह चुके हैं.
जज बनने से पहले रोबिन पॉल मोगेरा गुजरात में वकालत करते थे. उन्हें 2017 में ज़िला जज नियुक्त किया गया था.
वे वकीलों के लिए निर्धारित 25 प्रतिशत के कोटे से जज बने हैं. वकील के तौर पर अमित शाह उनके मुवक्किल रह चुके हैं.
उन्होंने सीबीआई कोर्ट में अमित शाह की तरफ़ से तुलसीराम प्रजापति के कथित फ़ेक एनकाउंटर मामले में मुक़दमा लड़ा था.
प्रजापति का एनकाउंटर दिसंबर 2006 में हुआ था. प्रजापति 2005 में सोहराबुद्दीन एनकाउंटर वाले मामले में चश्मदीद गवाह थे.
इन दोनों एनकाउंटर के समय गुजरात के गृह मंत्री अमित शाह थे.
बाद में सोहराबुद्दीन शेख और तुलसीराम प्रजापति तथाकथित फर्ज़ी मुठभेड़ मामले में केंद्रीय जाँच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने अमित शाह को बरी कर दिया था.
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी.
अब सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या कभी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के वकील रह चुके शख़्स को बतौर जज ऐसे मामले की सुनवाई करनी चाहिए?
क्या यह नैतिक रूप से उचित है? सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील शाश्वत आनंद का कहना है कि यह जज की नैतिकता पर निर्भर करता है.
वो कहते हैं, "मेरी राय में, चूँकि न्यायाधीश ने एक वकील के रूप में एक ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व किया है, जो सज़ायाफ़्ता-अपीलकर्ता के वर्तमान राजनीतिक विरोधियों में से एक हैं. उन्हें मामले में संभावित पूर्वाग्रह के किसी भी आरोप से बचने के लिए और निष्पक्ष प्रक्रिया के साथ साथ न्यायपालिका की गरिमा के हित में ख़ुद को केस से अलग कर लेना चाहिए. लेकिन वे ऐसा करने के लिए बाध्य नहीं हैं. "
आनंद ये भी कहते हैं कि मामलों से न्यायाधीशों का अलग होना भारत के किसी भी क़ानून में दर्ज नहीं है, लेकिन इसकी परंपरा रही है.
शाश्वत आनंद दावा करते हैं कि इस परंपरा का सबसे पुराना ज्ञात उदाहरण 1852 के एक मामले में मिलता है.
1852 का ये मामला ब्रिटिश अदालत में डाइम्स बनाम ग्रैंड जंक्शन कैनाल प्रोपराइटर, 3 एचएल केस नंबर 759 है.
जिसमें लॉर्ड चांसलर कॉटेनहैम ने ख़ुद को मामले से अलग कर लिया था, क्योंकि उनके पास मामले में शामिल कंपनी के कुछ शेयर थे.
तब से सभी न्यायालयों में ये एक परंपरागत अभ्यास के रूप में विकसित हो गया.
आनंद यह भी बताते हैं, "सीआरपीसी की धारा 479 भी एक न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट को उन मामलों की सुनवाई करने से रोकती है, जिनमें वे व्यक्तिगत रूप से रुचि रखते हैं. इसके अलावा, सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णयों में यह माना है कि अगर न्यायाधीश के पक्षपाती होने की आशंका है, तो न्यायाधीश को ख़ुद को मामले से अलग करना चाहिए. "
शाश्वत आनंद का कहना है कि जो न्यायाधीश सुनवाई से अलग होना चाहते हैं, उन्हें यह स्पष्ट करने की ज़रूरत नहीं है कि वे क्यों इससे अलग हो रहे हैं.
कुछ मुक़दमों में जजों से कहा जाता है कि वो खुद को मामलों से अलग कर लें, लेकिन वो ऐसा नहीं करते.
दोनों तरह के कुछ उदाहरण मौजूद हैंः
- एक उदाहरण में, तत्कालीन न्यायमूर्ति एनवी रमन्ना ने एम नागेश्वर राव की बेटी की शादी में शामिल होने का हवाला देते हुए अंतरिम सीबीआई निदेशक एम नागेश्वर राव की नियुक्ति के ख़िलाफ़ मामले की सुनवाई से ख़ुद को अलग कर लिया था.
- जज लोया के मामले में तत्कालीन जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (मौजूदा मुख्य न्यायाधीश) को बार-बार सुनवाई से अलग होने के लिए कहा गया था, क्योंकि इस मामले में जिन पर इल्ज़ाम लगाए गए थे, वो बॉम्बे हाई कोर्ट के मौजूदा जज थे, जहाँ से जस्टिस चंद्रचूड़ ने जज के रूप में अपना करियर शुरू किया था, लेकिन उन्होंने केस से अलग होने से इनकार कर दिया था.
- स्टेराइट से संबंधित इसी तरह के एक मामले में तत्कालीन जस्टिस एसएच कपाड़िया से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने हितों के टकराव और पूर्वाग्रह के आधार पर मांग की थी कि वो ख़ुद को केस से अलग कर लें, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.
- 2016 में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के साथ ही बीजेपी-वीएचपी के अन्य नेताओं के ख़िलाफ़ आपराधिक साज़िश का मामला ख़त्म करने ख़िलाफ़ दायर याचिका की सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश गोपाल गौड़ा ने बिना कोई कारण बताए ख़ुद को अलग कर लिया था.
पिछले महीने 23 मार्च को राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत ने 2019 के मानहानि मामले में दोषी ठहराया था.
सूरत के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एचएच वर्मा ने कांग्रेस सांसद को भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि के अपराध के लिए दोषी ठहराते हुए दो साल के कारावास की सज़ा सुनाई और 15,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
राहुल गांधी ने 2019 के राष्ट्रीय चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार ज़िले में अपने एक भाषण में कहा था कि 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी. . . इन सबका सरनेम मोदी कैसे है? कैसे सभी चोरों का सरनेम मोदी ही होता है. '
इसके बाद बीजेपी नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मामला दायर किया और दावा किया कि राहुल गांधी ने अपनी टिप्पणी से मोदी समुदाय को बदनाम किया है.
अदालत के इस फ़ैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई. शुरू के दिनों में जब उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज हुआ था, तो उन्होंने ये कहा था कि ये मोदी सरकार की तरफ़ से उन्हें चुप कराने की एक कोशिश है.
राहुल गांधी की सदस्यता जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था, "राहुल गांधी की लोकसभा से सदस्यता जाना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन था. ट्रायल कोर्ट के फ़ैसले में कई क़ानूनी मुद्दे हैं, हालाँकि, हमारी क़ानूनी टीम द्वारा उचित मंच पर उनसे निपटा जाएगा. "
राहुल गांधी ने तीन अप्रैल को सूरत में जज मोगेरा की अदालत में अपील दायर की थी.
जज ने 'मोदी सरनेम' वाले मानहानि केस में राहुल गांधी की अर्ज़ी पर उसी दिन जारी किए अपने आदेश में उनकी सज़ा को निलंबित कर दिया था.
उन्हें उनकी अपील पर लंबित सुनवाई के लिए ज़मानत दे दी थी और राहुल गांधी को 15,000 रुपए का ज़मानत बांड देने को कहा था.
जज रॉबिन पॉल मोगेरा 2014 में अमित शाह के वकील थे. जून 2014 में वकील मोगेरा ने अमित शाह की पैरवी करते हुए अपने मुवक्किल की व्यक्तिगत पेशी से दो अलग-अलग बार छूट की अपील की थी.
जज ने इस पर नाराज़गी जताई थी. कुछ ही दिनों बाद जज का तबादला हो गया था और उनकी जगह जस्टिस बीएच लोया को जज नियुक्त किया गया था.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी राहुल गांधी पर एक अलग आपराधिक मानहानि दर्ज किया है.
इस मामले में बिहार की एक विशेष अदालत ने राहुल गांधी को तलब किया था, जहाँ वो व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो पाए हैं. अब अदालत ने उन्हें 25 अप्रैल को हाज़िर होने को कहा है.
हाल के दिनों में सावरकर के ख़िलाफ़ टिप्पणी को लेकर भी राहुल गांधी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित कई भाजपा और शिवसेना नेताओं ने उनकी टिप्पणियों के लिए उन्हें 'दंडित' करने की मांग की है.
राहुल गांधी के ख़िलाफ़ मानहानि के कुछ अन्य मामले भी रहे हैं.
साल 2014 में भिवंडी की एक अदालत ने उन्हें आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे मिश्रा की ओर से दायर एक शिकायत के आधार पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि के एक अन्य मामले में समन भेजा था.
महात्मा गांधी की हत्या के लिए कथित रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को दोषी ठहराने के लिए राहुल गांधी के ख़िलाफ़ एक आपराधिक शिकायत दर्ज की गई थी.
आरएसएस के एक कार्यकर्ता की शिकायत में आरोप लगाया गया था कि 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र के भिवंडी इलाक़े में कांग्रेस की एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, "यह उनकी शैली है. उनके द्वारा गांधीजी की हत्या की गई; आरएसएस के लोगों ने गांधी जी को गोली मार दी और आज उनके लोग गांधी जी की बात करते हैं. "
राहुल गांधी ने अपने ख़िलाफ़ लगे केस को रद्द करवाने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया, लेकिन उन्हें राहत नहीं मिली.
इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया, लेकिन वहाँ भी उन्हें राहत नहीं मिली.
सूरत की अदालत से दो साल की सज़ा सुनाए जाने के कुछ दिनों बाद राहुल गांधी एक नए मानहानि के मामले का सामना कर रहे हैं.
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी की एक टिप्पणी के संबंध में कुछ सप्ताह पहले हरिद्वार की एक अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई है.
राहुल गांधी ने जनवरी में एक भाषण में आरएसएस को "21वीं सदी का कौरव" कहा था.
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वेलिंगटन। न्यूजीलैंड के शीर्ष खिलाड़ी इस वर्ष ऑस्ट्रेलिया दौरे पर दिन-रात का टेस्ट खेलने के प्रस्ताव के खिलाफ है, क्योंकि उन्हें आशंका है कि इससे खेल का महत्व कम होगा। न्यूजीलैंड क्रिकेटर संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हीथ मिल्स ने कहा कि दिन-रात के क्रिकेट में दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद से खला जाता है और सीए इसे बढ़ावा दे रहा है। उसने शेफील्ड शील्ड मैचों में यह प्रयोग किया और नवंबर में न्यूजीलैंड टीम के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी यह प्रयोग करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड क्रिकेटर इसके खिलाफ है। हमने खिलाड़ियों के बीच सर्वे कराया और पाया कि वे दिन-रात के टेस्ट क्रिकेट पक्ष में नहीं है। न्यूजीलैंड को ऑस्ट्रेलिया में तीन टेस्ट खेलने हैं। उन्होंने कहा कि कीवी क्रिकेटर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज को बहुत अहमियत देते हैं और चाहते हैं कि यह पारंपरिक नियमों के तहत ही खेली जाए। हम ऑस्ट्रेलिया से बहुत ज्यादा नहीं खेल पाते। लिहाजा यह दुर्लभ मौका है। कई खिलाड़ियों के लिए यह उनके करियर की सबसे अहम सीरीज है। वह ऐसा कुछ नहीं चाहते जिससे इसका महत्व कम हो।
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कोरोना वायरस के प्रकोप में, हम औरतें कैसे, इस मुश्किल का सामना करते हुए भी, एक दूसरे का समर्थन कर सकती हैं? जानने के लिए चेक करें हमारी स्पेशल फीड!
याद है जब लड़कियों के कलपते बापों को धमका कर झूठ बोलने को कहा गया था, 'बोलो कि तुम्हारी लड़कियों के 'गलत' सम्बन्ध थे, बोलो। ' वो कांपते बोल गए।
याद है जब लड़कियों के कलपते बापों को धमका कर झूठ बोलने को कहा गया था, 'बोलो कि तुम्हारी लड़कियों के 'गलत' सम्बन्ध थे, बोलो। ' वो कांपते बोल गए।
आज आर्टिकल १५ की याद आयी। बेशक वो जात-पात के ज़हर को एक प्रिविलेज्ड लेंस से देखती है। पर वो फिल्म जो कहती है ना, उसके लिए दिल चाहिए पत्थर का। उसका एक एक संवाद कान में सीसे की तरह पिघलता है - क्यूंकि अत्याचार करते हैं हम, जो रोज़ सूट पहन कर समझते हैं हमारे अंदर का कालापन धुल गया।
हम वही हैं जो ताज महल को अपने बाप की जागीर की तरह बेचते हैं, पर उसके आस पास की सच्चाई को ढक देते हैं। हम वही हैं जिन्हें नालियां साफ़ चाहिए, पर उसमें उतरने के लिए कोई और चाहिए, वो जो हमारे धिक्कार को सहे और हमारी गालियां सुने, ताकि हम अपने अहम् को सवार सकें। और अगर गलती से वो अपना सर उठा लें हमारे सामने, तो हम या तो वो सर काट दें या कटवा दें। कटवा ही देंगे क्यूंकि हमें अपने हाथों को उस खून से मैला नहीं करना, जो हमारा मैला ढोते ढोते स्याह पड़ चुका है।
याद है जब लड़कियों के कलपते बापों को धमका कर झूठ बोलने को कहा गया था, 'बोलो कि तुम्हारी लड़कियों के 'गलत' सम्बन्ध थे, बोलो। ' वो कांपते बोल गए। क्या करते, लड़कियां खो चुके थे, पर ज़िंदा तो रहना था। और ज़िंदा रहने के लिए साहब की बात माननी थी। सच डावाडोल हो कर नंगा खड़ा था सामने। फिर भी कोई मानना नहीं चाहता था।
सच आज भी सामने खड़ा है, पर हमें देखना वही है जो हमारी सत्ता के पक्ष में हो। हमारे लिए जान और अस्मत की कीमत अब कुछ रही नहीं। हम सुन्न पड़ चुके हैं। हमें बस विकल्प चाहिए सच को देखने के, जिससे अपना अपराधबोध काम कर सकें, बोल सकें कि नहीं जी, ये इसलिए नहीं हुआ कि जात को औक़ात दिखानी थी।
क्या है ना, जिस दिन सच हमें समझ आ गया, उस दिन खुद के साथ जी नहीं पायेंगे हम। घिन आएगी। और मुँह छुपाने के लिए कोई जगह नहीं बचेगी। क्यूंकि नाले साफ़ हो गए, पर अंदर की गंदगी रह गयी।
उस आग में भस्म हो गयी इज़्ज़त और धर्म और संस्कृति का झूठा नशा। चाहो तो सेंक लो राजनीती की रोटी। तुमसे सड़कों पर तो ना उतरा जाएगा अब।
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे,
हर गाँधी जयंती पर गा लेना झूठे मुँह, और भर लेना मुँह को सोच के खोखले लड्डू से। हमें तो अब मिट्टी का स्वाद आता है उसमें से।
विमेन्सवेब एक खुला मंच है, जो विविध विचारों को प्रकाशित करता है। इस लेख में प्रकट किये गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं जो ज़रुरी नहीं की इस मंच की सोच को प्रतिबिम्बित करते हो। यदि आपके संपूरक या भिन्न विचार हों तो आप भी विमेन्स वेब के लिए लिख सकते हैं।
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Rahul Gandhi News: तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष के अन्नामलाई ने राहुल गांधी पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने इंडिया टुडे के एक कार्यक्रम में कहा कि कांग्रेस नेता बेरोजगार हैं, इसका मतलब यह नहीं कि पूरा देश बेरोजगार है। उन्होंने दावा किया कि साल 2024 के चुनावों में दक्षिण के राज्यों में बीजेपी को सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि सरकार के विकास कार्य और मोदी फैक्टर बीजेपी की जीत में काम करेगा।
जब उनसे पूछा गया कि क्या दक्षिण भारत वो क्षेत्र है, जहां बीजेपी प्रभाव छोड़ने में सफल नहीं हुई है तो अन्नामलाई ने कहा कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया। हमने अपना वोट शेयर बरकरार रखा। पुडुचेरी में हमने दस्तक दी और बीजेपी गठबंधन सरकार का हिस्सा है। साल 2024 में बीजेपी कर्नाटक और केरल के अलावा तमिलनाडु और केरल में चौंकाएगी।
क्या दक्षिण भारत बीजेपी के लिए दूर की कौड़ी?
राहुल गांधी इस समय अमेरिका में हैं। अमेरिका से वो लगातार बीजेपी पर हमले कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने कहा कि भारत के 60 फीसदी से ज्यादा लोग बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी को वोट नहीं करते। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि इस साल के आखिरी में 5 राज्यों में होने वाले चुनाव में उनकी पार्टी बीजेपी को मात देगी। इस साल के अंत में राजस्थान, एमपी, छत्तीसढ़, मिजोरम और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं।
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर एली मिडलेटन (Ellie Middleton) नाम के अकाउंट से लड़की ने खुद अपना कहानी शेयर की है और पूरी सच्चाई बयां की है.
पिछले दो साल से अधिक समय से कोरोना (Coronavirus) महामारी ने पूरी दुनिया को बर्बाद करके रख दिया है. अब तक लाखों लोग इस महामारी में अपनी जान गंवा चुके हैं. ऐसे में लोग इसे काफी गंभीरता से ले रहे हैं और बचाव के सारे उपायों का सावधानीपूर्वक पालन भी कर रहे हैं, लेकिन दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इसकी गंभीरता को अब तक नहीं समझ पाए हैं और इसे मजाक के तौर पर ले रहे हैं. कुछ लोग तो ऐसे भी हैं, जो ऑफिस में झूठ बोलकर यानी ये कहकर छुट्टी ले ले रहे हैं कि वो कोरोना से संक्रमित हो गए हैं और उसके बाद वे क्या कर रहे हैं, कहां हैं, इसका ऑफिस को भी पता नहीं चल पाता. हाल ही में एक लड़की ने भी कुछ ऐसा ही किया. उसने कोरोना संक्रमित होने का बहाना बनाकर ऑफिस से छुट्टी ले ली, लेकिन उसका ये झूठ टिक नहीं पाया और वो पकड़ी गई, जिसके बाद उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा.
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टिकटॉक पर एली मिडलेटन (Ellie Middleton) नाम के अकाउंट से लड़की ने खुद अपना कहानी शेयर की है और पूरी सच्चाई बयां की है. उसने बताया कि उसने अपने बॉस से झूठ बोला कि वह कोरोना संक्रमित हो गई है और छुट्टी ले ली. इसके बाद वह नाइटक्लब में अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने चली गई. पर पता नहीं कैसे उसके बॉस को ये बात पता चल गई और उसने उसे मैसेज किया और साथ ही एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिससे उसके झूठ का खुलासा हो गया.
दरअसल, एली ने सोचा था कि उसका झूठ पकड़ा नहीं जाएगा और वह आराम से रातभर पार्टी करेगी, पर बॉस तो आखिर बॉस होता है, किसी तरह उसे इसकी भनक लग गई. एली ने बताया कि उसके बॉस ने जो स्क्रीनशॉट भेजा था, उसके साथ टेक्स्ट भी लिखा था और पूछा था कि 'आप कहां हैं?'.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एली ने दोबारा से झूठ बोलते हुए अपने बॉस को कहा कि वह घर पर ही अलग-थलग रह रही है, क्योंकि वह कोरोना संक्रमित है. हालांकि स्क्रीनशॉट ने उसके झूठ का पर्दाफाश कर दिया था, इसलिए उसकी एक न चली. एली ने बाद में अपने झूठ पर सफाई देने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी है. उसे उसका बॉस नौकरी से निकाल चुका था.
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आरिफ कुर्रेशी, श्योपुर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के श्योपुर (Sheopur) जिले में कोतवाली थाना पुलिस ने चोरी की 12 बाइकों के साथ तीन शातिर बाइक चोरों को गिरफ्तार किया है। कार्रवाई के दौरान एक शातिर चोर मौके से फरार हो गया है। जिसकी तलाश में पुलिस कर रही है। एसपी आलोक कुमार सिंह ने शनिवार को प्रेस वार्ता के दौरान मामले का खुलासा किया है।
मामले को लेकर एसपी आलोक कुमार सिंह ने बताया कि शहर सहित आसपास के इलाके से लगातार बाइक चोरी की शिकायत मिल रही थी। शिकायतों को गंभीरता से लेकर टीमें गठित की गई, साथ ही मुखबिर तंत्र को सक्रिय करके वाहन चोर गिरोह का पता लगाया गया। कोतवाली थाना पुलिस को सूचना मिली कि मंडी बाईपास रोड से आरोपी अंकुर (उम्र 28) पुत्र बाले स्टर जादौन निवासी कल्याण पुरम कॉलोनी श्योपुर, दीपक (उम्र 26) पुत्र विजय जोशी निवासी कच्ची बस्ती श्योपुर चोरी की बाइक के साथ जा रहे हैं। इस पर कोतवाली थाना टीआई ने दबिश देकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया और अलग-अलग जगहों से चोरी की आठ बाइक जब्त की गई है।
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने बताया कि उन्होंने अपने दोस्त अनिल जाटव गौरव शर्मा के साथ मिलकर शिवपुरवा राजस्थान से बाइक चोरी की थी, इस पर पुलिस ने आरोपी अनिल जाटव पुत्र कल्लू जाटव निवासी चैनपुरा को मोरडूंगरी नदी के पास से गिरफ्तार किया गया। आरोपी की घर से चोरी की चार बाइक भी जब्त की गई। इस बीच आरोपी गौरव शर्मा फरार हो गया है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। इस कार्रवाई पर एसपी आलोक कुमार सिंह ने कार्रवाई करने वाली पुलिस टीम को 10 हजार रुपए का नगद इनाम दिया है।
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अमेरिका और कनाडा के 200 से अधिक सिनेमाघरों में विवादित फिल्म 'द केरल स्टोरी' रिलीज हो गई है। निर्देशक सुदीप्तो सेन ने कहा है कि यह फिल्म एक मिशन है, जो सिनेमा की रचनात्मक सीमाओं से परे है। सेन ने डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में भारतीय व अमेरिकी पत्रकारों से कहा, देश केरल राज्य में लंबे समय से जारी समस्या को अनदेखा कर रहा था।
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मुताणं-मोअणाणं-जो पुक्त है और दूसरोको मुक्ति दिलानेवाले हैं, उनको । सव्वन्नूर्ण सव्वदरिसीर्ण-सर्वझोंको, सर्वदर्शियोंको । सिवमयलमरुयमणंतमक्खय. मव्वाबाहमपुणरावित्तिशिव, अचल, अरुज, अनन्त, अक्षय, अव्याबाध और अपुन रावृत्ति । शिव - उपद्रवोसे रहित । अयल - स्थिर । अरुय - व्याधि और वेदनासे रहित । अर्णत अन्त - रहित । अक्खय क्षयरहित । अव्याचाह-कर्मजन्य पीडाओसे रहित । अप्पुणरावित्ति - जहाँ जानेको बाद वापस आना नहीं रहता ऐसा । अर्थ-सङ्कलना५२
। सिद्धिगइ-मामधेयं - सिद्धिगति नामवाले । ठाणं-स्थानको । संपत्ताण-प्राप्त किये हुओंको । नमो नमस्कार हो । जिणाणं-जिनोंको । जिअ भयाणं-भय जीतनेवालोंको ।.
जे-जो। अ-और ।
अईआ सिद्धा-भूतकालमें सिद्ध हुए हैं। भविस्संति-होंगे ।
( अ ) णागए काले- भविष्यकालमें । संपइ - वर्तमानकालमें ।
अ-तथा । वट्टमाणा- वर्तमान । सब्वे सबको । तिविहेण - मन, वचन और कायासे वंदामि - मैं वन्दन करता हूँ।
नमस्कार हो अरिहन्त भगवन्तोंको ॥ १ ॥
जो श्रुतधर्मकी आदि करनेवाले हैं, चतुर्विध श्रमणसङ्घरूपी तीर्थकी स्थापना करनेवाले हैं और स्वयं बोध प्राप्त किए हुए हैं ॥ २ ॥
जो पुरुषों में ज्ञानादि गुणोंसे उत्तम हैं, सिंह-समान निर्भय हैं, उत्तम श्वेत कमलके समान निर्लेप हैं, तथा सात प्रकारकी ईतियाँ दूर करने में गन्धहस्ती सदृश प्रभावशाली हैं ॥ ३ ॥
जो लोकमें उत्तम हैं, लोकके नाथ हैं, लोकके हितकारी हैं, लोकके प्रदीप हैं, और लोकमें प्रकाश करनेवाले हैं ॥ ४ ॥
जो अभय देनेवाले हैं, श्रद्धारूपी नेत्रोंका दान करनेवाले हैं, मार्ग दिखानेवाले हैं, शरण देनेवाले हैं और बोधिबीजका लाभ देनेवाले हैं ॥ ५ ॥
जो धर्मको समझानेवाले हैं, धर्मकी देशना देनेवाले हैं, धर्मके सच्चे स्वामी हैं, धर्मरूपी रथको चलाने में निष्णात सारथि हैं तथा चार गतिका नाश करनेवाले धर्मचक्रके प्रवर्त्तक चक्रवर्ती हैं ॥ ६ ॥
जो नष्ट न हो ऐसे केवलज्ञान एवं केवलदर्शनको धारण करनेवाले हैं तथा छद्मस्थतासे-अपूर्णतासे रहित हैं ॥ ७ ॥
जो स्वयं जिन बने हुए हैं और दूसरोंको भी जिन बनानेवाले हैं, जो संसार समुद्रसे पार होगये हैं और दूसरोंको भी पार पहुँचाने - वाले हैं; जो स्वयं बुद्ध हैं तथा दूसरोंको भी बोध देनेवाले हैं; जो मुक्त हैं तथा दूसरोंको मुक्ति दिलानेवाले हैं ॥ ८ ॥
जो सर्वज्ञ और सर्वदर्शी हैं तथा शिव, स्थिर, व्याधि और वेदनासे रहित, अनन्त, अक्षय, अन्याबाध और अपुनरावृत्ति अर्थात् जहाँ जानेके बाद संसारमें वापस आना नहीं रहता, ऐसे सिद्धिगति नामक स्थानको प्राप्त किये हुए हैं उन जिनोंको-भय जीतनेवालोंको नमस्कार हो ॥ ९ ॥ |
Hyderabad : तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने गुरुवार को तेलंगाना के सीएम पद की शपथ ली. बता दें कि केसीआर का यह लगातार दूसरा कार्यकाल है. जान लें कि टीआरएस के नवनिर्वाचित विधायकों ने बुधवार को टीआरएस मुख्यालय तेलंगाना भवन में आयोजित बैठक में केसीआर को अपना नेता चुना था. चूंकि मंत्रिमंडल का गठन अभी नहीं किया गया है. इस कारण केसीआर के साथ किसी भी मंत्री ने शपथ नहीं ली. खबरों के अनुसार मंत्रिमंडल का गठन कुछ दिन में हो सकता है. केसीआर ने नयी सरकार के गठन व शपथ ग्रहण समारोह के लिए अपना इस़्तीफा दे दिया था. इससे पूर्व टीआरएस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात कर टीआरएस विधायक दल की बैठक में केसीआर को सर्वसम्मति से दल का नेता चुने जाने का प्रस्ताव उन्हें सौंपा.
बता दें कि तेलंगाना में सात दिसंबर को हुए चुनाव में 119 सदस्यीय विधानसभा में टीआरएस को 88 सीटें हासिल हुई हैं. शपथ लेने के बाद टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव ने कहा कि वह अपने मंत्रिमंडल में सभी वर्गो को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश करेंगे. बता दें कि राज्य में संवैधानिक व्यवस्था के तहत मंत्रिमंडल में अधिकतम 18 सदस्य हो सकते हैं.
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इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मौजूदा सत्र में शानदार शुरूआत के बाद लय खोने और फिर मुंबई इंडियस के खिलाफ रविवार के मैच में उसे दोबारा हासिल करने वाले राजस्थान रॉयल्स के बल्लेबाज संजु सैमसन ने कहा कि उन्होंने खुद पर भरोसा बनाए रखा था। संजु ने मुंबई के खिलाफ 8 विकेट से मिली अहम जीत में नाबाद 54 रन बनाए और बेन स्टोक्स के साथ तीसरे विकेट की अटूट साझेदारी में 152 रन जोड़े।
उन्होंने जीत के बाद कहा कि मैने खुद पर विश्वास बनाए रखा था। जब आपको 14 मैच खेलने हों तो उतार चढ़ाव आते ही हैं। हर विकेट अलग तरह का होता है और उस पर अलग तरीके से खेलना होता है। मैंने आज वही किया। उन्होंने कहा," मैं जरूरी रनरेट की तरफ देख ही नहीं रहा था। मैं बस गेंद को उसकी गुणवत्ता के आधार पर खेल रहा था। मुझे जमने में 5 - 6 गेंद का समय लगा। "चोटिल रोहित शर्मा की जगह मुंबई की कमान संभाल रहे किरॉन पोलार्ड ने स्टोक्स और सैमसन की तारीफ की।
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काबुल : ईद उल अजहा (बकरीद) के मौके पर अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन को रॉकेट को निशाना बनाया गया। गनीमत ये रही कि ये रॉकेट अपने निशाना चूक गए। राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाकर जिस समय हमले हुए उस समय बकरीद की नमाज पढ़ी जा रही थी। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। रायटर्स न्यूज एजेंसी ने स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि यह साफ नहीं हो सका है कि इस हमल के पीछे कौन है।
स्थानीय टीवी फुटेज में दिखाया गया कि जिस समय रॉकेट से हमले और धमाके हो रहे थे उस समय राष्ट्रपति अशरफ ने नमाज पढ़ना जारी रखा। राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट से ये हमले सुबह आठ बजे के करीब हुए। राष्ट्रपति भवन के आस-पास का इलाका ग्रीन जोन में स्थित है और यहां अमेरिका सहित कई देशों के दूतावास स्थित हैं।
नमाज पढ़ने के बाद राष्ट्रपति घनि ने वहां भाषण भी दिया जिसे स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित किया गया। अफगानिस्तान में मंगलवार से बकरीद की छुट्टियां शुरू हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति भवन के पास एक के बाद एक तीन रॉकेट गिरे। रॉकेट विस्फोट की आवाज दूर तक सुनाई पड़ी।
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्तनेकजई ने कहा, 'आज अफगानिस्तान के दुश्मनों ने काबुल शहर के कई हिस्सों में रॉकेट से हमले किए। ये तीनों रॉकेट अलग-अलग हिस्सों में गिरे। अभी जो शुरुआती जांच रिपोर्ट मिली है उसके मुताबिक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। ' यह पहली बार नहीं है जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन को निशाना बनाया गया है। इसके पहले भी इसे निशाना बनाते हुए हमले हो चुके हैं।
राष्ट्रपति भवन पर पिछला हमला गत दिसंबर में हुआ था। राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट के हमले ऐसे समय हुए हैं जब कई प्रांतों में अफगान सुरक्षाबलों और तालिबान के बीच संघर्ष चल रहा है। अमेरिकी और नाटो बलों की वापसी शुरू होने के बाद तालिबान ने देश के बड़े इलाके पर अपना नियंत्रण कर लिया है। देश में शांति स्थापित करने को लेकर तालिबान की अफगान सरकार के साथ दोहा में दो दौर की असफल वार्ता हुई है। दुनिया के करीब 15 देशों ने बकरीद के मौके पर तालिबान से सीजफायर करने की अपील की है।
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पटनाः बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी यादों को साझा किया जहां दिवंगत वरिष्ठ नेता ने उन्हें छात्र आंदोलन से आगे बढ़कर मुख्यधारा की राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया था। पूर्व प्रधानमंत्री की अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद सुशील ने मीडिया के साथ उनकी बातों को साझा किया जो वाजपेयी ने पटना में 13 अप्रैल 1986 को उनकी शादी में शामिल होने के दौरान कही थी।
1970 के दशक से एबीवीपी के सक्रिय सदस्य रहे सुशील मोदी पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ के महासचिव रहे और पटना मध्य (अब कुम्हरार) विधानसभा क्षेत्र से 1990 में विधानसभा चुनावों में सफल कदम रखा। वाजपेयी ने भाषा, धर्म और प्रांत की बाधाओं को तोड़ने के लिए युवा दंपति की प्रशंसा की थी। सुशील मोदी की शादी मलयाली ईसाई जेसी जॉर्ज से हुई है जिनकी परवरिश मुंबई में हुई।
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SSC MTS 2019 Paper I Result: कर्मचारी चयन आयोग (SSC) आज मंगलवार को पहले चरण के मल्टी टास्किंग स्टाफ भर्ती परीक्षा (Multi-Tasking Staff (MTS) Tier I) का रिजल्ट घोषित कर सकता है। रिजल्ट की घोषणा आधिकारिक वेबसाइट ssc. nic. in पर की जाएगी। परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार इस वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं।
पहले रिजल्ट घोषित करने के लिए 25 अक्टूबर की तारीख तय की गई थी लेकिन बाद में रिजल्ट थोड़ी देरी से जारी करने का फैसला लिया गया। पेपर 1 की परीक्षा पास करने के बाद उम्मीदवारों को दूसरे और तीसरे स्टेज की परीक्षा में शामिल होना होगा। दूसरे स्टेज की परीक्षा 24 नवंबर को होगी जिसके लिए एडमिट कार्ड परीक्षा से चार दिन पहले यानी 20 नवंबर, 2019 को रिलीज कर दिए जाएंगे। कमीशन कैटेगरी-वाइज, स्टेट/यूनियन टेरीटरी-वाइज कटऑफ लिस्ट जारी करेगा।
- आधिकारिक वेबसाइट ssc. nic. in पर जाएं।
- होमपेज पर मौजूद "SSC MTS Result 2019" के लिंक पर क्लिक करें।
- अब लॉगइन क्रेडेंशियल दर्ज करें।
- अब SSC MTS Result 2019 आपकी स्क्रीन पर ओपन हो जाएगा।
- अब अपना रिजल्ट डाउनलोड कर लें या फिर इसका एक प्रिंट भविष्य के लिए जरूर रख लें।
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Oscar Awards 2023: दीपिका दुनिया के उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जो ऑस्कर अवार्ड समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगे। इससे पहले भी कई बार प्रमुख मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है।
Oscar Awards 2023: बॉलीवुड स्टार दीपिका पादुकोण को ऑस्कर 2023 में प्रस्तुतकर्ता के रूप में चुना गया है। दीपिका ने इंस्टाग्राम पर सभी प्रस्तुतकर्ताओं के नामों के साथ एक पोस्ट साझा की है। अवार्ड सेरेमनी को संचालित करने वालों की सूची में ड्वेन जॉनसन, माइकल बी जॉर्डन, रिज अहमद, एमिली ब्लंट, ग्लेन क्लोज, ट्रॉय कोत्सुर, ड्वेन जॉनसन, जेनिफर कोनेली, सैमुअल एल जैक्सन, मेलिसा मैककार्थी, जो सलदाना, डॉनी येन, जोनाथन मेजर्स और क्वेस्टलोव जैसे स्टार भी शामिल हैं।
दीपिका पादुकोण हर कदम पर भारत को गौरवान्वित कर रही हैं और देश को बार-बार वैश्विक मानचित्र पर ला रही हैं। अब वह मनोरंजन उद्योग में प्रतिभा की सराहना के लिए दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित अकादमी पुरस्कार, 2023 में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है। दीपिका दुनिया के उन चुनिंदा लोगों में से एक हैं जो समारोह में पुरस्कार प्रदान करेंगे। दीपिका ने पहले भी कई बार प्रमुख मंचों पर देश का प्रतिनिधित्व किया है। उन्हें कान्स फ़िल्म फेस्टिवल की जूरी में एकमात्र भारतीय के रूप में चुना गया था। उन्होंने फीफा विश्व कप ट्रॉफी का अनावरण किया था। दुनिया के सबसे बड़े लक्जरी ब्रांड के पहले चेहरे के रूप में उनको साइन किया गया था।
95वां अकादमी पुरस्कार समारोह 12 मार्च (भारत में 13 मार्च) को लॉस एंजिल्स के डॉली थिएटर में आयोजित किया जाएगा। ऑस्कर में भारत के लिए यह एक विशेष वर्ष है। इस बार, केवल एक नहीं, बल्कि तीन महत्वपूर्ण भारतीय फिल्में प्रतिष्ठित ऑस्कर अवार्ड्स 2023 के नामांकन के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। शौनक सेन की ऑल दैट ब्रीथ्स को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म और गुनीत मोंगा की द एलिफेंट व्हिस्परर्स को बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट के लिए नॉमिनेट किया गया है।
आरआरआर ने 'नातु नातु' के लिए सर्वश्रेष्ठ मूल गीत श्रेणी में नामांकन प्राप्त किया है, जिसने इस वर्ष की शुरुआत में उसी श्रेणी में गोल्डन ग्लोब पुरस्कार जीता था। एसएस राजामौली, एमएम कीरावनी और राम चरण पुरस्कार समारोह में शामिल होंगे। समारोह में राहुल सिप्लिगुंज और काल भैरव, ऑस्कर नामांकित गीत का प्रदर्शन करेंगे।
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अब तक आपने पढ़ा :-मुकुल की उपेक्षा से कामिनी समझ नहीं पा रही थी कि वह ऐसा व्यवहार क्यों कर रहा है ? उसने अपनी दोस्त नीलम से इसका जिक्र किया उसके मन ने किसी तीसरे के होने का संशय जताया लेकिन उसे अभी भी किसी बात का समाधान नहीं मिला है। बैचेन कामिनी सोसाइटी में घूमते टहलते अपना मन बहलाती है वहीं अरोरा अंकल आंटी हैं जो इस उम्र में भी एक दूसरे के पूरक बने हुए हैं। कामिनी की परेशानी नीलम को सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर उसके साथ क्या हो रहा है? रविवार के दिन राकेश सुबह से मूड में था और नीलम उससे बचने की कोशिश में। एक सितार के दो तार अलग अलग सुर में कब तक बंध सकते हैं। मुकुल अपनी अक्षमता पर खुद चिंतित है वह समझ नहीं पा रहा है कि उसके साथ ऐसा क्या हो रहा है ? कामिनी की सोसाइटी में रहने वाला सुयोग अपनी पत्नी प्रिया से दूर रहता है। ऑफिस से घर आने के बाद अकेलापन उसे भर देता है।
शनिवार की वह सुबह कामिनी के लिए वही ऊब लेकर आई तो नीलम के लिए राकेश को टालना कठिन हो रहा था। कामिनी की सोसाइटी में रहने वाली शालिनी के लिए सुबह अलग ही रंग लिए थी जिसमे उदासी अकेलापन और यादें थीं।
सुबह की हल्की ठंडक कमरे में प्रवेश कर चुकी थी जिसने शालिनी के शरीर को सिकुड़ने पर मजबूर किया उसने पैरों तले दोहर को टटोल कर अपने ऊपर खींचा तभी किसी दूध वाले की बाइक के तीखे हॉर्न ने कुनमुनाई सी नींद को पूरी तरह उचटा दिया। शालिनी ने बुदबुदाते हुए तकिए को खींच सिर के ऊपर कर लिया। आज शनिवार है उसे ऑफिस तो जाना नहीं है इसलिए वह देर तक सोना चाहती है। इससे दुनिया को क्या उसका काम तो सुबह से शोर मचाना है। सोसाइटी में आती स्कूल वैन दूधवाले कार धोने वाले और सुबह से घरों का काम निपटाने की हड़बड़ी में कामवाली बाई और महिलाएं शालिनी और उस जैसे छुट्टी के दिन सुबह की छुट्टी करने वाले लोगों का ध्यान रखे बिना शोर कर करके सुबह के होने का ऐलान कर रहे हैं। एक दिन भी लोग चैन से सुबह नहीं होने देते। इनके शंख नगाड़े बजे बिना मानों सूरज ही नहीं जागेगा। अब नींद खुल ही गई तो शालिनी ने सिर के ऊपर से तकिया हटाकर बाहों में दबोच लिया। कुछ शोर से उपजे आक्रोश और कुछ सूरज की तपन से उपजी गर्मी ने दोहर को पैरों के नीचे रौंद दिया।
शालिनी ने आंखें खोल दीं सूरज की रोशनी कमरे में भर आई थी। सब कुछ उजला उजला लग रहा था लेकिन शालिनी की सुबह से यह उजास वर्षों पहले गायब हो गई थी। अब उसके सुबह दोपहर शाम सभी एक धुंधलके में लिपटे रहते हैं और अपने होने का अर्थ खो चुके हैं। यही नहीं शालिनी की एकाकी जिंदगी में अब दिन महीने साल भी अर्थहीन हैं। अब उसकी जिंदगी में दो तरह के दिन ही होते हैं एक वह जिस दिन उसे ऑफिस जाना हो दूसरे वह जिस दिन उसे ऑफिस नहीं जाना। ऑफिस जाने वाले दिन घड़ी की टिक टिक के साथ शुरू होते हैं और न जाने वाले दिन सोसाइटी के तमाम शोर के बावजूद एक गहरे सन्नाटे के साथ आते हैं। यह सन्नाटा शालिनी के अंदर तक धँसा होता है और उसे देर तक सुन्न पड़े रहने पर मजबूर कर देता है। उस ने बेड के बगल की ड्रावर खोलकर वह फोटो फ्रेम निकाली उस पर उंगलियां फिराते उसे निहारते शालिनी की आंखें कब धुंधली हो गई पता ही नहीं चला। आंखों का भी अजीब है कभी तो वे अथाह दुख सुख को भीतर समेट लेती हैं और कभी चार बूँद आंसू भी नहीं समेट पाती। हाँ छलक कर वे दृष्टि साफ कर देती हैं।
शालिनी ने फोटो फ्रेम सीने से लगा लिया गहरी उदासी अकेलापन और कुछ अपने भविष्य की आशंका ने उसे फिर दोहर का सहारा लेने को मजबूर किया।
आठ वर्ष हो गए हैं अभय को गए हुए लेकिन वह पल वह लम्हा आज भी शालिनी की जिंदगी में ठहरा हुआ है। कॉलेज कैंपस में शालिनी की उन्मुक्त मीठी हंसी बड़ी प्रसिद्ध थी वह उम्र ही ऐसी थी जिसमें छोटी-छोटी बातों पर भी हंसी आ जाती थी। दिल और दिमाग समाज के व्यवहार की कालिख से मैला हुआ था। दोस्तों और सखियों से दुनिया में उजास ही उजास था और यही उन्मुक्त हंसी का राज भी। आंखों में हसीन सपने थे उन्हें पूरा करने का हौसला था। उन्हीं सपनों में एक छोटा सा सपना था खूब प्यार करने वाले एक साथी का कि वह जो भी होगा खूब प्यार करने वाला, हर छोटी छोटी बात का ध्यान रखने वाला, होगा। होगा क्या वह तो कहीं है बस उसे सामने आने की उसे पहचानने की देर है। देर सवेर सही समय आने पर वह सामने भी आ जाएगा उसे देख कर दिल में जलतरंग भी बज उठेगा और वह तुरंत पहचान लिया जाएगा।
उस दिन सुबह का पहला ही लेक्चर कैंसिल हो गया था शालिनी सहेलियों के साथ कैंटीन चली आई। दिसंबर की सर्दी तीखी हो चुकी थी ऐसे में पेड़ों से घिरे कैंपस में ठंडी हवा और धूप की आंख मिचौली में बैठने के बजाय कैंटीन की चाय की भाप खुशबू और स्वाद के साथ वक्त गुजारना ज्यादा भाता है। यहाँ चाय की गर्मी के साथ हंसी ठहाकों की गर्मजोशी भी रहती है। वैसे तो कॉलेज की लाइब्रेरी भी समय काटने का ठिकाना हो सकती है। पूरी लंबाई में बाहर को खुलने वाली खिड़कियों की श्रंखला से आती धूप के बावजूद लाइब्रेरी का शांत गंभीर माहौल मन में एक ठंडा पल भर देता है। जो शालिनी और उसके दोस्तों के मिजाज के अनुकूल तो बिलकुल नहीं है।
वे सभी चाय की चुस्कियों के साथ चर्चा में मशगूल थे तभी एक समवेत ठहाके ने उन सभी का ध्यान खींचा। लेकिन शालिनी का ध्यान खींचा उनमें से एक भारी गंभीर आवाज़ ने। उसने पलट कर देखा लेकिन वह आवाज़ जिसने शालिनी को आकर्षित किया था किसकी है जानना मुश्किल था। वही बेचैनी वह अब फिर महसूस करने लगी उसने दोहर फेंक पैर सीधे किए और तस्वीर को होठों से लगा लिया। जानू कितनी दिलकश थी तुम्हारी वह हँसी तुम्हारी आवाज तुम्हारी आंखें शालिनी बेतहाशा तस्वीर को चूमने लगी। अगले पीरियड का समय हो चला था दोनों ही ग्रुप उठ खड़े हुए। शालिनी मायूस थी उसका मन वहाँ से जाने का नहीं था कम से कम तब तक तो नहीं जब तक पता न चले कि वह आवाज़ किसकी है ? तभी किसी ने आवाज लगाई और क्षण भर की देर किए बिना शालिनी ने पलट कर देखा और आवाज के साथ उस सूरत को भी आंखों में कैद कर लिया।
लाल चेक की शर्ट काला पेंट जूते करीने से संवरे बाल बाएं हाथ में बड़े डायल की रिस्ट वॉच गहरा गेहूंआ रंग गहरी काली आंखें घनी मूछें और दिलकश आवाज। लग तो यही रहा है यह आवाज शालिनी के दिल से आई थी लेकिन दिमाग एक बार फिर सुनिश्चित करना चाहता था। तभी फिर से आवाज लगाई गई और शालिनी का दिल बल्लियों उछलने लगा। उसकी सहेली ने उसे चिकोटी काटी। वह कौन है क्या नाम है किस डिपार्टमेंट में है यह पता लगाने का जिम्मा उसकी प्रिय सखी ने उठा लिया।
जल्दी ही पता चल गया कि वह अभय है एम कॉम फाइनल ईयर में है पढ़ाई के प्रति बहुत गंभीर है और अधिकतर समय लाइब्रेरी में बिताता है। वह तो उस दिन पता नहीं कैसे दोस्तों के साथ कैंटीन में आ गया था। शालिनी को विश्वास हो गया कि उस दिन लेक्चर कैंसिल होना उसका और अभय का कैंटीन आना कायनात का इशारा है कि उनको मिलना चाहिए। लेकिन कायनात को इस मुलाकात के लिए इंतजाम करना मुश्किल ही था वह पढ़ाकू और शालिनी हंसती खेलती मदमस्त। शालिनी के दोस्त ने एमकॉम का टाइम टेबल पता करके बता दिया कुछ दिन तो वह चुपके से एमकॉम की क्लास में भी जा कर बैठी ताकि वह अभय को देख सके। फिर उसने कॉलेज की लाइब्रेरी में जाना शुरु किया यह जगह ज्यादा मुफीद थी। अभय मोटी मोटी किताबों में झुका रहता और वह उसे निहारते सपनों में खो जाती। कुछ दिनों में उसका धैर्य जवाब देने लगा। वह अभय से मिलने बात करने को लालायित थी वह जानना चाहती थी कि क्या वह भी उसके प्रति कोई भावना रखता है या वही हवाई महल बना रही है ?
शालीन ने फिर फोटो को चूमा उसे वापस ड्रावर में रख दिया हाथ पैरों को तानकर अंगड़ाई ली और उठ खड़ी हुई। 9:00 बज चुके थे थोड़ी देर में मेड आ जाएगी। फ्रेश होकर उसने एक कप चाय बनाई और बाहर बालकनी में आ गई। नीले चमकीले आसमान में फैली धूप ने उसकी आंखें चौंधिया दीं। उसने आसपास के फ्लैट पर एक नजर दौड़ाई सामने की बिल्डिंग में कामिनी खड़ी थी वह भी उसी की ओर देख रही थी। शालिनी ने हाथ हिलाया प्रत्युत्तर में कामिनी ने भी हाथ हिलाया। उसका और कामिनी का परिचय सोसाइटी के एक कार्यक्रम में हुआ था वहाँ शालिनी ने गाना गाया था और कामिनी ने बेहद खूबसूरत शब्दों में उसकी तारीफ की थी। तारीफ के शब्दों से ज्यादा प्रभावित वह उसके व्यक्तित्व और ड्रेसिंग से हुई थी। सोसाइटी की महिलाएं उसके अकेले रहने के कारण उससे जरा दूरी बनाए रहती हैं लेकिन कामिनी का स्पष्ट कहना है कि किसी की पर्सनल लाइफ से नहीं वह व्यक्ति से संबंध रखती है।
वह बालकनी में बैठ गई यादों का सिलसिला फिर शुरू हो गया। उसे नोटिस तो क्लास में ही कर लिया गया था लाइब्रेरी में उसकी उपस्थिति और उसे देखते रहने को भी अभय जानता था बस अनजान होने का नाटक करता था। पता तो उसने भी करवा लिया था सिर्फ यही नहीं कि वह किस विभाग में है बल्कि कहाँ रहती है पापा क्या करते हैं और परिवार में कौन-कौन है ? शालिनी अभय की अनभिज्ञता से निराश हो चली थी वह अपनी कितनी ही क्लासे बंक कर लाइब्रेरी में बिता चुकी थी लेकिन बात करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी। वह अपने इस पागलपन पर विचार करने ही लगी थी कि उस दिन अभय ने उसके सामने वाली कुर्सी पर बैठते हुए एक लाल गुलाब उसकी तरफ बढ़ा कर कहा था हैप्पी बर्थडे। चौक गई थी वह उसे कैसे पता चला कि आज उसका बर्थडे है। वह अचकचाकर थैंक्यू ही नहीं कह पाई थी कि अभय ने कहा 'आई लव यू' इन 3 शब्दों ने उसे आसमान पर पहुँचा दिया। बर्थडे पर इससे खूबसूरत गिफ्ट क्या हो सकता था। अभय ने उसका हाथ अपने हाथों में लिया और कहा चलें तुम्हारे दोस्त पार्टी के लिए कैंटीन में इंतजार कर रहे हैं। उस दिन पार्टी अभय ने दी उस पार्टी में दुगना उत्साह था शालिनी तो शर्म से सुर्ख गुलाब हुई जा रही थी।
दरवाजे की घंटी बजी कामवाली बाई थी उसे देखकर शालिनी को याद आया उसके यहां आज वीक एन्ड पॉट लक डिनर पार्टी है। उसके दोस्त एक एक डिश बना कर लाने वाले हैं अब कौन क्या लाएगा नहीं पता। कप सिंक में रखकर वह डस्टिंग में लग गई। उसने शाम के लिए छोले गला दिए और खुद के खाने की तैयारी करने लगी। नहाकर आईने के सामने बैठी आंखों में काजल की रेखा के सहारे फिर अतीत में पहुंच गई। अभय को उसकी काजल लगी आंखें बहुत पसंद थी। पसंद तो उसकी लंबी पतली उंगलियां भी थी जिन्हें अपनी मजबूत गद्देदार हथेली में थामें बात करते-करते वह धीरे से दांतों से दबा देता और शालिनी चिंहुक जाती। उसके चेहरे पर उदास मुस्कान तैर गई कितना प्यार करता था वह उससे। पढ़ाई पूरी करते ही शादी करके उसे अपनी बाहों में छुपा कर रखने का वादा करता। वह कहती मुझे तो जॉब करना है। हाँ तो करना न लेकिन तुम मेरी हो बस मेरी। मेरी शालिनी को कोई तकलीफ नहीं होने दूंगा। अपने इर्द-गिर्द अपनी दोनों बाहें लपेटे शालिनी ने गहरी सांस ली। तुमने मेरी तकलीफ बांटने की बात तो की अभय लेकिन खुद की तकलीफ मुझसे नहीं बाँटी। हमेशा साथ रहने का बाहों में छुपा कर रखने का वादा करके साथ छोड़ गए।
अभय की नौकरी लग गई थी दोनों के घर वाले भी राजी थे शहनाई बजने की तैयारियां होने लगी थी। अभय को छुट्टी नहीं मिल रही थी इसलिए शालिनी ने अपनी शॉपिंग भी रोक दी थी। बड़ी मनहूस सुबह थी वह जब फोन पर किसी अजनबी ने बताया था कि अभय हॉस्पिटल में है। अच्छा खासा लंबा तगड़ा आदमी एक चक्कर खाकर गिरा तो फिर उठ ही नहीं सका। ब्लड कैंसर लास्ट स्टेज सुनकर शालिनी भी खुद को कहाँ खड़ा रख पाई। आखरी समय में उसकी हथेली थामें वादा लिया था अभय ने कि वह जीना नहीं छोड़ेगी। उसे याद भले करे लेकिन आंसू नहीं बहायेगी। जल्दी ही नौकरी ढूँढ कर शादी कर लेगी। उसकी ढीली हथेली में अपनी हथेली को वह सुन्न होकर देखती रही।
वह जिद करके गई थी शमशान तक लेकिन उसके बाद जब भी आंखें बंद करती जलती लपटें ही दिखती, उसके सपनों अरमानों को भस्म करती लपटें। वह घंटों छत को निहारती रहती । कभी कभी माँ जबरदस्ती उसकी पलकें बंद कर देतीं ताकि वह सो जाए बिलकुल वैसे जैसे किसी मुर्दे की की जाती हैं। अभय के जाने के बाद वह लाश से ज्यादा कुछ रह भी नहीं गई थी। माँ खिला देतीं तो मुँह में कौर रखे बैठी रह जाती चाय पानी पिला देतीं पी लेती यहाँ तक कि बहुत देर से बाथरूम नहीं गई है यह ध्यान भी वही रखतीं। अभय के मां पापा उस के हाल सुनकर देखने आए और अभय के लिए उसका प्यार देख फूट-फूटकर रोते रहे। कितना बदनसीब है अभय जो ऐसे प्यार को छोड़कर दूर अनंत यात्रा पर निकल गया।
दो-तीन महीने सभी सोचते रहे कि वक्त हर घाव को भर देगा लेकिन उसकी हालत में सुधार न हुआ। अभय के पापा ने ही मनोचिकित्सक से समय लिया। दुख कहीं गहरे जम चुका था शालिनी के अंदर जिस पर बातचीत पूछताछ स्नेह सांत्वना का भी कोई असर नहीं हुआ। अंततः एंटीडिप्रेसेंट दवाओं की हाइ डोज देकर उसके दिमाग को घंटों नींद की बेहोशी में रखा गया। अभय के मम्मी पापा को भी उससे न मिलने की ताकीद दी गई। वह जब भी जागे घर में खुशनुमा माहौल बनाए रखने की सलाह भी। कई महीने तो जागते हुए भी वह सोई ही रहती जैसे किसी सपने में हो फिर अचानक फूट-फूटकर रो पड़ती जैसे इस दुनिया में नहीं किसी और दुनिया में हो। धीरे-धीरे दवाओं ने असर दिखाना शुरू किया और वह वर्तमान से तालमेल बैठाने लगी।
डेढ़ साल लगा उसे खुद को जैसे-तैसे संभालने में लेकिन अभय को दिया वादा पूरा नहीं कर पाई। अभय ने भी कहाँ अपना वादा निभाया था चला गया उसे छोड़कर। फिर वही क्यों निभाए अपना वादा। तब से इस शहर में अकेली है। मम्मी पापा शादी के लिए कह कह कर हार गए फिर बमुश्किल एक फ्लैट लेने के लिए उसे तैयार किया। 29 साल की हो गई है अब वह नौकरी में व्यस्त खूब खुश दिखाई देती है लेकिन कोई नहीं जानता रात के अंधेरे में दो अदृश्य बाहें उसे जकड़ लेती हैं। उसका शरीर उसमें कसमसाता है और होंठ खुद के दाँतों से ऐसे भींचती है कि खून छलछला जाता है। अपने हाथों से दोनों वक्षों को मसलते देर तक करवटें बदलते पैरों को पटकते छटपटाती है। दिल ने अभय के बिना रहना सीख लिया है लेकिन शरीर अभय की कमी को तरसता है। उसके न होते हुए उसे महसूस करता है सिसकारी भरता है और उसे निढाल कर देता है।
उपन्यास छूटी गलियाँ (प्रिंट और मातृभारती पर उपलब्ध)
ओंकार लाल शास्त्री पुरस्कार बाल साहित्य के लिए।
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आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटक स्थानों में से एक जोधपुर की। जोधपुर ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां आपको ज्यादातर घर ब्लू रंग में रंगे दिखेंगे। बता दें मुख्य रूप से यहां आकर्षण का केंद्र मंदिर, किले, महल, उद्यान, बाजार हैं।
जोधपुर राजस्थान के प्रमुख शहरों में से एक है। राजस्थान घूमने का सबसे अच्छा समय हर साल अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है। आज हम आपको बाताएंगे जोधपुर के कुछ प्रसिद्ध और लोकप्रिय जगहों के बारे में।
जोधपुर शहर से 410 फीट की ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। वहीं राजस्थान में यह दूसरा सबसे बड़ा किला है। मेहरानगढ़ किला 5 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। आप इस किले के शाही दरबारों, महलों और मंदिरों में जा सकते हैं। यहां राठौर कबीले के हथियारों, कलाकृतियों, कपड़े, पेंटिंग, पालकी और ऐसी बहुत चीजों को देखने के लिए संग्रहालय जरूर जाए।
यूनाइटेड किंगडम में बकिंघम पैलेस के बाद, उम्मेद भवन पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास है। इसमें जोधपुर का शाही परिवार अभी भी रहता है। बता दें यह भारत में सबसे खूबसूरत महल है। आपको बता दें इमारत का एक हिस्सा ताज होटल द्वारा एक लक्जरी होटल में बदल दिया गया है। इस महल में कुल 350 कमरे हैं। इसके अलावा हाल ही में इसे ट्रिपएडवाइजर ट्रैवल एजेंसी से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लक्जरी होटल का पुरस्कार मिला है।
मंडोर गार्डन जोधपुर के सबसे पुराने उद्यानों में से एक है। कहा जाता है की इसे लगभग एक हजार साल पहले बनाया गया था। मंडोर में प्राचीन साम्राज्य, बगीचे में कई शाही संरचनाएं और बीच में एक झील है। यहां आपको सिर्फ खूबसूरत बगीचे ही नहीं बल्कि आश्चर्यजनक वास्तुकला भी देखने को मिलती है। साथ ही आप यहां कई प्राचीन मंदिर भी देख सकते हैं।
महाराजा सरदार सिंह ने अपने शासनकाल में सरदार बाजार और घंटाघर का निर्माण करवाया था। यह सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों और स्थानों में से एक है। इसके आसपास एक बड़ा बाजार है, जहां आप कपड़े, गहने, संगमरमर के इनले, शिल्प और बहुत कुछ खरीद सकते हैं। आप यहां से मजेदार राजस्थानी संस्कृति की याद ले जा सकते हैं।
कायलाना झील 1872 में प्रताप सिंह द्वारा निर्माण किया गया था। प्राचीन काल के समय इस क्षेत्र में जोधपुर के दो नेताओं द्वारा निर्मित महल और उद्यान थे, लेकिन बाद में प्रताप सिंह और उनके लोगों द्वारा इसे नष्ट कर दिया गया था। इसके बाद रेगिस्तानी शहर जोधपुर में हमेशा पानी की कमी रहने के कारण यहां कायलाना झील का निर्माण किया गया था।
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नई दिल्ली :
Sushmita Sen In Lakme Fashion Week : बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन को हाल ही में दिल का दौरा पड़ा था, जिसके चलते उनके फैंस काफी ज्यादा परेशान थे. हाल ही में उन्होंने लैक्मे फैशन वीक में रैंप वॉक (Sushmita Sen Ramp Walk) किया था, जिसकी चर्चा जोरों-शोरों से हो रही है. अभिनेत्री डिजाइनर अनुश्री रेड्डी के लिए शो स्टॉपर बनी थीं. विशेष दिन के लिए उन्होंने येलो कलर का लहंगा पहन रखा था. एक्ट्रेस का लुक लोगों को काफी पसंद आया. उस दौरान सुष्मिता को एक पंजाबी गाने पर थिरकते हुए भी देखा गया और उन्हें फ्लॉवर के साथ भी रैंप वॉक करते हुए देखा गया. उनके लुक की चर्चा काफी ज्यादा हो रही है.
अगर सुष्मिता के लहंगे की बात करें तो, इसमें एम्बेलिश्ड चोली, मैचिंग हैवी एम्बेलिश्ड लहंगा और उनके चारों ओर खूबसूरत तरीके से लिपटा हुआ नेट का दुपट्टा था, जिसको उन्होंने शानदार मेकअप के साथ पूरा किया था. उनका लुक फैंस को हर बार लुभाने में कामयाब होता है. यह पहली दफा नहीं है, जब अदाकारा के लुक की चर्चा हो रही है. इसके साथ ही रैंप वॉक (Sushmita Sen In Lakme Fashion Week) का वीडियो इंस्टाग्राम पर वायरल हो गया है, जिसे 10 मिनट में 700 के करीब लाइक्स मिल चुके है. मिस यूनिवर्स के लेटेस्ट अवतार को फैंस दिल खोलकर एक्सेप्ट कर रहे हैं.
सुष्मिता सेन (Sushmita Sen) को हाल ही में बड़े पैमाने पर दिल का दौरा पड़ा और उन्हें एंजियोप्लास्टी और स्टेंट लगाने के लिए नानावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसके बाद उनके चाहने वाले और करीबी उनके ठीक होने की दुआ कर रहे थे. हालांकि अब वो ठीक हैं. यही वजह है कि उनके फैंस काफी ज्यादा खुश हैं.
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फरहान अख्तर और रितेश सिधवानी की एक्सेल एंटरटेनमेंट ने आज कैटरीना कैफ, सिद्धांत चतुर्वेदी और ईशान खट्टर स्टारर 'फ़ोन भूत' की अनाउंसमेंट की है साथ ही फिल्म का फर्स्ट लुक साझा किया है. यह एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है. ये तीनों सितारें पहली बार किसी फिल्म में साथ नजर आएंगे.
एक्सेल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर फर्स्ट लुक साझा करते हुए लिखा, जब तक आप रास्ते में हंस रहे हैं तब तक डरना अलाउड है. 2021 में फ़ोन भूत नजदीकी सिनेमाघरों में होगी रिलीज.
कुछ समय पहले एक लीडिंग वेबसाइट के साथ इंस्टाग्राम लाइव चैट में ईशान ने सिद्धांत चतुर्वेदी और कैटरीना कैफ के साथ करने की पुष्टि की थी. ईशान ने कहा था, 'मैंने फिल्म की कहानी सुनी है और ये बहुत ही इंट्रेस्टिंग है. स्क्रिप्ट की जितनी तारीफ करूं वो कम है. उम्मीद है, एक बार जब चीजें आगे बढ़ेंगी तो उस पर अधिक जानकारी होगी. ' इसी के साथ उन्होंने आगे कहा था, 'मुझे नहीं लगता कि सिद्धांत ने पुष्टि की और न ही उन्होंने फिल्म पर उठ रहे किसी भी अफवाहों का खंडन किया और मैं भी ऐसा ही करने जा रहा हूं, लेकिन ये जरूर कहूंगा कि ये फिल्म ऐसी है जिसकी मुझे तलाश थी. '
आखिरी बार कैटरीना सलमान के साथ 'भारत' में दिखाई दी थीं. वह और सूर्यवंशी की पूरी टीम थिएटर खुलने का इंतजार कर रहे हैं, जिससे वह अपनी फिल्म 'सूर्यवंशी' रिलीज कर सके.
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अब्दुस्समद (जन्म 1952) ने राजनीतिशास्त्र को अध्ययन विषय बनाकर पी-एच. डी. की उपाधि प्राप्त की। वे उर्दू, हिन्दी तथा अंग्रेजी भाषा के ज्ञाता हैं। वे आर. एन. कॉलेज, हाजीपुर में राजनीतिशास्त्र विभाग में रीडर के पद पर कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त पत्रकारिता और राजनीति दोनों उनके मनपसंद क्षेत्र हैं। पहली कहानी पंद्रह वर्ष की उम्र में प्रकाशित हुई। उनकी रचनाओं पर आधुनिकतावादी लेखन का प्रभाव रहा जिसकी गहरी छाप बड़ा रंगों वाला कमरा (1980) कहानी-संग्रह में मिलती है। आपकी अन्य प्रकाशित कृतियों में शामिल हैं पसे-दीवार, स्याह काग़ज़ की धज्जियाँ (कहानी-संग्रह) महात्मा, ख्वाबों का सवेरा (उपन्यास)। आपको साहित्य अकादेमी पुरस्कार, उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी पुरस्कार एवं बिहार उर्दू एकेडमी पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों सम्मानों से विभूषित किया जा चुका है। श्री अब्दुस्समद ने अपनी इस चर्चित कृति का स्वयं हिन्दी अनुवाद किया है, जो हिन्दी में उनकी रचनात्मक पैठ का प्रमाण है।
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गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कांग्रेस नेताओं के बयानों को लेकर पलटवार करते हुए कहा कि मेरे ऊपर कीचड़ उछालने की प्रतियोगिता चलती है। कांग्रेस चाहे जितना कीचड़ उछाल ले। कीचड़ में ही तो कमल खिलता है।
बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी पर टिपण्णी करते हुए उन्हें रावन कहा था। जिसका जवाब आज पीएम मोदी ने दिया है। खड्गे ने कहा था कि नगर निगम, विधानसभा या फिर लोकसभा चुनाव हो, सब जगह पीएम नरेंद्र मोदी नजर आते हैं। क्या वह 100 सिरों वाले रावण की तरह हैं, जो इतनी जगहों पर नजर आते हैं।
खड्गे के इस बयान पर पीएम मोदी ने कहा- पीएम मोदी ने कहा, मैं कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का सम्मान करता हूं। लेकिन वे मुझे 100 सिर वाला रावण बता रहे हैं। पीएम ने कहा, कांग्रेस पार्टी नहीं जानती कि ये रामभक्तों का गुजरात है। वे राम भक्तों की धरती पर रामभक्तों के सामने बोले कि मोदी के रावण की तरह 100 सिर हैं। पीएम मोदी ने कहा, हम सभी को पता है कि कांग्रेस न राम भक्त पर विश्वास करती है। न ही राम के अस्तित्व को मानती है। कांग्रेस रामसेतू पर भी विश्वास नहीं करती। कांग्रेस रामभक्तों का सम्मान नहीं करती। न ही राम के अस्तित्व को मानती है। न ही कांग्रेस अयोध्या में राममंदिर के पक्ष में थी।
भाजपा ने मल्लिकार्जुन खड़गे की इस टिप्पणी को मुद्दा बना लिया और पीएम नरेंद्र मोदी का अपमान करार दिया। यही नहीं पीएम मोदी की इस टिप्पणी को उसने गुजराती अस्मिता से भी जोड़ दिया है। इससे पहले कांग्रेस के सीनियर नेता मधुसूदन मिस्त्री ने भी गुजरात चुनाव में पीएम मोदी को औकात दिखाने जैसा बयान दे दिया था, जिस पर विवाद छिड़ गया था। यही नहीं खुद पीएम मोदी ने एक चुनावी सभा में इस पर जवाब देते हुए कहा था कि कांग्रेस कभी मुझे नीच कहती है तो कभी औकात दिखाने की बात करती है।
वही इस पूरे प्रकरण को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी के अपमान का जवाब जनता देगी। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने जब जब पीएम मोदी का अपमान किया है, गुजरात की जनता से वोट से जवाब दिया है। इस बार भी जनता पीएम मोदी के अपमान का बदला बैलेट पेपर से देगी।
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कोलकाता : कोलकाता में ब्रिटेन में सामने आए कोरोना वायरस के नए प्रकार (स्ट्रेन) का पहला मामला सामने आया है। स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि कलकत्ता मेडिकल कॉलेज अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी का बेटा लंदन से आने के बाद 'म्यूटेंट स्ट्रेन' से संक्रमित पाया गया है। सरकारी अस्पताल के 'सुपर-स्पेशलिस्ट सेक्शन' में उसका इलाज चल रहा है। इसके साथ ही उनके सम्पर्क में आए सभी लोगों का अलग रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने बताया कि 10 दिन पहले कोलकता लौटने पर 'नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे' पर जांच के दौरान युवक संक्रमित पाया गया था। उसके सम्पर्क में आए छह अन्य लोगों के संक्रमित ना होने की पुष्टि हुई थी। उसके ब्रिटेन से लौटने के बाद उसके नमूनों को आनुवंशिक विश्लेषण के लिए भेजा गया था। इस जांच में उसके वायरस के नए 'स्ट्रेन' से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। उसकी रिपोर्ट दिल्ली के राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केन्द्र को भेजी गई है। गौरतलब है कि देश में वायरस के इस नए 'स्ट्रेन' के 20 मामले सामने आ चुके हैं।
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Eng vs SA इंग्लैंड के कोच ने संकेत दिए हैं कि दूसरे टेस्ट मैच से एंडरसन या फिर ब्रॉड दोनों में से किसी एक को बाहर बैठना पड़ सकता है।
केपटाउन, आइएएनएस। इंग्लैंड क्रिकेट टीम के कोच क्रिस सिल्वरवुड ने ऐसे संकेत दिए हैं कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले जाने वाले दूसरे टेस्ट मैच में स्पिनर की जगह बनाने के लिए अनुभवी तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड में से किसी एक को बाहर बैठा सकते हैं।
इंग्लैंड अपने खिलाडि़यों की बीमारी से भी परेशान है। उसकी टीम के 10 खिलाड़ी बीमार पड़े हुए हैं। इस सूची में हाल ही में सलामी बल्लेबाज डॉम सिबले का नाम शामिल हुआ है। स्पिनर जैक लीच अब ठीक हो चुके हैं और कोच ने कहा है कि अगर जरूरत पड़ी को टीम कड़ा फैसला भी ले सकती है। पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने सभी तेज गेंदबाज खिलाए थे।
सिल्वरवुड ने कहा कि एंडरसन और ब्रॉड के रूप में हमारे पास बहुत अनुभव है और हम अगर उसे हर मैच में न ले जाएं तो हमारी गलती होगी, लेकिन अगर आप चाहते हैं कि आपके युवा सामने आएं तो और अगर हमें स्पिनर के लिए जगह बनानी पड़ी तो हमें देखना होगा कि कौन सा तेज गेंदबाज पिच के मुताबिक ठीक रहेगा। अगर बड़ा फैसला लेने की जरूरत पड़ी तो हम पीछे नहीं हटेंगे। अगला मैच न्यूलैंड्स में होना है और यहां कि पिच स्पिनरों की मददगार मानी जाती है। कोच ने कहा कि हमें न्यूलैंडस में स्पिनर खिलाने के बारे में सोचना होगा।
आपको बता दें कि दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड की टीम को चार टेस्ट मैचों की सीरीज के पहली ही मैच में यानी बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में 107 रन से हरा दिया था। इस मैच में टीम के सबसे अनुभवी तेज गेंदबाजी जेम्स एंडरसन ने दोनों पारियों में सिर्फ दो विकेट ही लिए थे। वहीं स्टुअर्ट ब्रॉड की बात करें तो उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर कुल 5 विकेट लिए थे। एंडरसन ने दोनों पारियों में एक-एक विकेट लिए जबकि ब्रॉड ने पहली पारी में चार और दूसरी पारी में एक विकेट लिए।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
इस्लाम की विजय यात्रा मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम के प्रमुख को खलीफ़ा कहते थे। इस विचारधारा को खिलाफ़त कहा जाता है। प्रथम चार खलीफाओं को राशिदुन कहते हैं। उम्मयद, अब्बासी और फ़ातिमी खलीफा क्रमशः दमिश्क, बग़दाद और काहिरा से शासन करते थे। इसके बाद उस्मानी (ऑटोमन तुर्क) खिलाफ़त आया। मुहम्मद साहब के नेतृत्व में अरब बहुत शक्तिशाली हो गए थे। उन्होंने एक बड़े साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था जो इससे पहले अरबी इतिहास में शायद ही किसी ने किया हो। खलीफ़ा बनने का अर्थ था - इतने बड़े साम्राज्य का मालिक। अतः इस पद को लेकर विवाद होना स्वाभाविक था। . 10 फरवरी ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार वर्ष का 41वॉ दिन है। साल में अभी और 324 दिन बाकी है (लीप वर्ष में 325)। .
ख़िलाफ़त और १० फ़रवरी आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बग़दाद, ख़िलाफ़त।
बगदाद एक प्रमुख नगर बग़दाद (بغداد) विश्व का एक प्रमुख नगर एवं ईराक की राजधानी है। इसका नाम ६०० ईपू के बाबिल के राजा भागदत्त पर पड़ा है। यह नगर 4,000 वर्ष पहले पश्चिमी यूरोप और सुदूर पूर्व के देशों के बीच, समुद्री मार्ग के आविष्कार के पहले कारवाँ मार्ग का प्रसिद्ध केंद्र था तथा नदी के किनारे इसकी स्थिति व्यापारिक महत्व रखती थी। मेसोपोटामिया के उपजाऊ भाग में स्थित बगदाद वास्तव में शांति और समृद्धि का केंद्र था। 9वीं शताब्दी के प्रारंभिक वर्षों में यह अपने चरमोत्कर्ष पर था। उस समय यहाँ प्रबुद्ध खलीफा की छत्रछाया में धनी व्यापारी एवं विद्वान लोग फले-फूले। रेशमी वस्त्र एवं विशाल खपरैल के भवनों के लिए प्रसिद्ध बगदाद इस्लाम धर्म का केंद्र रहा है। यहाँ का औसत ताप लगभग 23 डिग्री सें.
इस्लाम की विजय यात्रा मुहम्मद साहब की मृत्यु के बाद इस्लाम के प्रमुख को खलीफ़ा कहते थे। इस विचारधारा को खिलाफ़त कहा जाता है। प्रथम चार खलीफाओं को राशिदुन कहते हैं। उम्मयद, अब्बासी और फ़ातिमी खलीफा क्रमशः दमिश्क, बग़दाद और काहिरा से शासन करते थे। इसके बाद उस्मानी (ऑटोमन तुर्क) खिलाफ़त आया। मुहम्मद साहब के नेतृत्व में अरब बहुत शक्तिशाली हो गए थे। उन्होंने एक बड़े साम्राज्य पर अधिकार कर लिया था जो इससे पहले अरबी इतिहास में शायद ही किसी ने किया हो। खलीफ़ा बनने का अर्थ था - इतने बड़े साम्राज्य का मालिक। अतः इस पद को लेकर विवाद होना स्वाभाविक था। .
ख़िलाफ़त 13 संबंध है और १० फ़रवरी 13 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 7.69% है = 2 / (13 + 13)।
यह लेख ख़िलाफ़त और १० फ़रवरी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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अगर आप कश्मीर सिर्फ हिल स्टेशन घूमने के लिए जाते हैं, तो इस बार यहां स्थित मंदिर को जरूर एक्सप्लोर करें। यकीन मानिए इतना अच्छा लगेगा की आप बार-बार जाना पसंद करेंगे।
कश्मीर की वादियों में घूमना किसे पसंद नहीं है भला. . . . यहां के खूबसूरत नजारे और ठंडी हवाओं को हर कोई इंजॉय करना चाहता है। इसलिए हमारा साल में एक बार कश्मीर जाने का जरूर प्लान बनता है। हालांकि, हम यहां तभी जाना पसंद करते हैं, जब हमारा वादियों में घूमने का मन होता है या फिर हमें शांत माहौल चाहिए होता है। मगर क्या आपने कभी पूजा करने या फिर उपवास को तोड़ने के लिए कश्मीर एक्सप्लोर किया है?
अगर नहीं, तो एक बार जरूर करके देखें क्योंकि यहां पूजा करने का अलग ही मजा है। बता दें कि यहां कई ऐसे मंदिर मौजूद हैं, जहां पूजा करने के साथ-साथ घूमा जा सकता है। इसके लिए बस आपको हमारा पूरा लेख पढ़ना होगा।
मार्तंड सूर्य मंदिर 8वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था और यह एक कश्मीरी हिंदू मंदिर है, जो भगवान सूर्य को समर्पित है। इसका निर्माण कर्कोटा राजवंश के तीसरे शासक लालिदादित्य मुक्तापीड़ा ने करवाया था। पहले यह पूरा मंदिर 84 स्तंभों पर टिका हुआ था, जो कश्मीर घाटी का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता था।
हालांकि, 15वीं शताब्दी में कुछ शासकों के आदेश पर मंदिर को नष्ट कर दिया गया था। इस मंदिर में तैयार की गई कश्मीरी वास्तुकला की काफी सराहना की गई थी। आज भी यह मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। अगर आपने इस मंदिर को एक्सप्लोर नहीं किया है, तो एक बार जरूर जाएं और करके देखें।
कश्मीर के मंदिरों की बात की जाए और वैष्णो देवी मंदिर का नाम न लिया जाए ऐसा हो ही नहीं सकता। वैष्णो देवी मंदिरजम्मू और कश्मीर राज्य के कटरा में स्थित एक हिंदू मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि देवी वैष्णो अपने भक्तों की इच्छा पूरी करती हैं। इसलिए लाखों भक्त इस पवित्र स्थान पर आते हैं। यह मंदिर दर्शन करने के लिए चौबीसों घंटे और साल भर खुला रहता है।
यहां माता रानी के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं। इस शुभ स्थान का वातावरण आमतौर पर माता का जयकारा और मां वैष्णवी के गीतों से भरा रहता है। हर साल लाखों लोग इस स्थान पर आते हैं और देवी की गुफा तक पहुंचने के लिए लगभग 13 किमी की चढ़ाई चढ़ते हैं।
कश्मीर राज्य में स्थित यह मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध है। बता दें भगवान राम को समर्पित, इस मंदिर का निर्माण महाराजा गुलाब सिंह ने करवाया था और बाद में महाराजा रणबीर सिंह ने इसे पूरा किया। (कश्मीर को स्वर्ग बनाती हैं ये 4 जगहें)
इस मंदिर का इंटीरियर भगवान राम और कृष्ण से संबंधित सोने की परत वाले शिखर, कला और चित्रों द्वारा अच्छी तरह से तैयार किया गया है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर सूर्य चिह्न है और इसमें एक पुस्तकालय भी है। इस मंदिर में सात अद्भुत शिखरों के साथ सात हिंदू मंदिर हैं।
खीर भवानी मंदिर कश्मीर के तुल-मूल गांव के पास स्थित है जहां ज्यादातर हिंदू अनुयायी आते हैं। यहां श्रद्धालु पूजा और आस्था के प्रतीक खीर भवानी को चावल और दूध की खीर चढ़ाते हैं। यह मंदिर एक झरने के ऊपर बनाया गया था जिसके भीतर एक छोटा-सा संगमरमर मौजूद है।
इस मंदिर में लोग मई या जून में पूर्णिमा के आठवें दिन वार्षिक उत्सव मनाते हैं। लोगों का यह भी मानना है कि देवी के अवतारों के अनुसार वसंत का रंग बदल जाता है। यहां का नजारा इनता खूबसूरत है कि आपको बहुत अच्छा लगेगा।
कश्मीर के इन मंदिरों को एक्सप्लोर करें और अपना एक्सपीरियंस हमें नीचे कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
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Punjab Election 2022 के दौरान एक अजीबोगरीब खबर सामने आई है। यहां एक ही पार्टी से एक ही सीट पर 2 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतर गए हैं। इसको लेकर लोग पूछ रहे हैं कि असली कौन है। हालांकि, अब इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी (BSP) के अध्यक्ष जसवीर सिंह गढ़ी ने किया है कि बरजिंदर सिंह हुसैनपुर ने नवांशहर से अपना नामांकन पार्टी के 'फर्जी' टिकट पर दाखिल किया है, जबकि आधिकारिक उम्मीदवार पहले ही पर्चा दाखिल कर चुके हैं।
BSP के प्रत्याशी नछत्तर पाल ने कुछ दिन पहले अपना नामांकन दाखिल किया था। हुसैनपुर ने बाद में एक वीडियो मैसेज में कहा था कि पाल को कुछ लोगों ने बहका दिया था और वो नामांकन वापस लेंगे। उपायुक्त और जिला निर्वाचन अधिकारी विशेष सारंगल की ओर से जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि हुसैनपुर ने बसपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया। लेकिन अभी तक नामांकन वापस नहीं हुआ।
सूचना मिलने के बाद पंजाब में बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष गढ़ी नवांशहर गए और निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात की है। बाद में नछत्तर पाल और शिअद के नवांशहर प्रभारी जरनैल सिंह वाहिद के साथ, गढ़ी ने बसपा से बरजिंदर सिंह हुसैनपुर के नामांकन को 'फर्जी' करार दिया और कहा कि नवांशहर से पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार नछत्तर पाल हैं।
ऐसे में यहां पर एक सीट पर एक ही पार्टी के दो उम्मीदवारों के नामांकन की चर्चा से इस सीट पर अटकलों का दौर तेज हो गया है। गौरतलब है कि बीएसपी इस बार पंजाब में विधान सभा का चुनाव शिरोमणि अकाली दल के साथ लड़ रही है।
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नवरात्रि में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के 9 दिन रोजाना एक गुलाब के साथ मां दुर्गा को लौंग का एक जोड़ा चढ़ाएं। नवरात्रि में धन प्राप्ति के लिए लौंग का यह टोटका बहुत ही असरदार माना जाता है। इस उपाय को करने से आपके घर में बरकत बढ़ती है और मन में सकारात्मक विचार आते हैं।
नवरात्रि का महापर्व मां दुर्गा का प्रसन्न करने के साथ ही अपनी शक्तियों को जागृत करने का भी पर्व है। नवरात्रि में बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए भी लौंग का टोटका किया जा सकता है। नवरात्रि में मंगलवार या शनिवार को हनुमानजी के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उस दीपक में लौंग का एक जोड़ा डाल दें। फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें। उसके बाद हनुमानजी की मूर्ति से बात करने के लहजे में अपनी समस्या या फिर अपनी मनोकामना बताएं। ऐसा माना जाता है बजरंगबली के दरबार में आपकी सुनवाई जल्द होगी।
अगर आपके घर में भी अजीब सा नकारात्मकता का माहौल बना हुआ है और आपस में सभी लोगों के बीच में अच्छा तालमेल नहीं है। तो नवरात्रि में लौंग का उपाय आपकी समस्या को दूर कर सकता है। नवरात्रि के नौ दिन रोजाना सुबह लौंग और कपूर का धुंआ पूरे घर में करना चाहिए। ऐसा करने से आपके घर की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।
नवरात्रि राहु-केतु के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। नवरात्रि में रोजाना आपको लौंग का दान करना चाहिए। इसके अलावा नवरात्रि में शिवलिंग पर रोजाना लौंग का जोड़ा चढ़ाएं। ऐसा करने से आपकी कुंडली से राहु और केतु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं और आपके घर में खुशहाली आती है।
अगर आपके घर में पैसों को लेकर हमेशा किल्लत बनी रहती है तो नवरात्रि में लौंग का उपाय करना बहुत ही अच्छा माना जाता है। लौंग का एक जोड़ा छोटे से पीले रंग के कपड़े में बांधकर घर के किसी कोने में लटका दें। या फिर अपने घर के धन के स्थान पर रख दें। ऐसा करने से धीरे-धीरे आपकी कमाई बढ़ने लगेगी और पैसों की किल्लत कम होने लगेगी।
अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके घर में हर सुख सुविधा है लेकिन आपके दांपत्य जीवन में प्रेम और सौहार्द नहीं है तो यह नवरात्रि में यह उपाय करने से आपको प्रेम की प्राप्ति हो सकती है। नवरात्रि में अष्टमी के दिन मां दुर्गा के किसी मंदिर में 3 लौंग लाल कपड़े में बांधकर किसी मंदिर में दान कर दें। आपके जीवन में प्रेम बढ़ेगा। इसके साथ ही मां महागौरी को गुलाब की पंखुड़ियों के साथ लौंग का एक जोड़ा चढ़ाएं। उसके बाद इन पत्तियों को अपने कमरे में रख लें और लौंग का जोड़ा चाय में डालकर पति को चाय पिलाएं। मां दुर्गा आपके जीवन को प्यार और खुशियों से भर देंगी।
अगर कई जगहों पर इंटरव्यू देने के बाद भी आपकी नौकरी नहीं लग रही है तो नवरात्रि में लौंग का यह उपाय आजमाकर देखें। नवरात्रि के पहले दिन लौंग का एक जोड़ा अपने ऊपर से 7 बार घुमाएं और उसे मां दुर्गा के चरणों में अर्पित कर दें। उसके बाद नवमी के दिन फिर से यही उपाय करें। आपकी नौकरी में आ रही बाधाएं शीघ्र ही दूर होंगी।
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प्रतापगढ़(तरुण मित्र), जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित एवं कम करने के लिये सड़क सुरक्षा नियमों का सभी से कड़ाई से अनुपालन करायें। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क सुरक्षा के नियमों का नुक्कड़ नाटक के माध्यम से अच्छे से प्रचार प्रसार करें तथा टै्रफिक नियमों की जानकारी जनसामान्य को उपलब्ध करायें। बैठक में जिलाधिकारी ने ई-रिक्शा पर निर्धारित मानक से ज्यादा सवांरियॉ बैठाये जाने पर हो रही दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में एआरटीओ को निर्देशित किया कि ई-रिक्शा यूनियन संघ के साथ बैठक कर उन्हें ई-रिक्शा पर मानक से ज्यादा सवांरियॉ न बैठाने हेतु निर्देशित करें यदि वे इसके बावजूद भी नही मानते है तो ई-रिक्शा चालकों पर कार्रवाई की जाये। उन्होने परिवहन एवं पुलिस के अधिकारियों को निर्देश दिया कि शराब पीकर वाहन चलाने व तेज रफ्तार तथा बिना हेलमेट, बिना सीटबेल्ट व ओवर लोडिंग के वाहन चलाने वालों के विरूद्ध आवश्यक कार्यवाही की जाये। जिलाधिकारी ने ईओ नगर पालिका को शहरों में किये गये अतिक्रमण के सम्बन्ध में निर्देशित किया कि शहरों में किये गये अतिक्रमण को हटवाने हेतु पहले तीन दिन अतिक्रमण हटवाने हेतु एनाउन्समेन्ट करवायें यदि नही मानते है तो चौथे दिन चालान की कार्रवाई की जाये और उसके बाद भी सुधार नही आता है तो अतिक्रमण करने वालों के सामानों को जब्त कर लिया जाये। शहर में सड़क के किनारे बालू डम्पिंग के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने ईओ नगर पालिका को निर्देशित किया कि बालू डम्पिंग करने दुकानदारों पर चालान की कार्रवाई करें। अवैध बस अड्डों से शहर में लग रहे जाम के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने ए0आर0टी0ओ0 एवं टीआई को निर्देशित किया कि अवैध बस अड्डों पर आवश्यक कार्रवाई कर जाम की समस्या से निजात दिलाये। ब्लैक स्पाट के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने एनएच, एनएचआई एवं पीडब्लूडी के अधिकारियों को निर्देशित किया कि चिन्हित ब्लैक स्पॉट को जल्द से जल्द से ठीक करायें। हाईवे एवं सड़कों पर अवैध कट के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि हाईवे एवं सड़कों पर अवैध कट को बन्द करें एवं सड़कों के किनारे अवैध अतिक्रमण को रोड साइट कन्ट्रोल एक्ट के अन्तर्गत नियमानुसार हटाये जाने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। नेशनल हाईवे के रोडों पर जो लिंक रोड जुड़े हुये है उन पर हो रही दुर्घटनाओं के सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि लिंक रोड पर स्पीड ब्रेकर बनाया जाये जिससे दुर्घटनाओं को रोका जा सके। जिला विद्यालय निरीक्षक के प्रतिनिधि विन्ध्यांचल सिंह को निर्देशित किया गया कि जिला विद्यालय परिवहन सुरक्षा समिति एवं विद्यालय परिवहन की बैठकें करायी जाये, लापरवाही कदापि न बरती जाये। इसी प्रकार जिलाधिकारी ने गुड्स सेमेरिटन (नेक आदमी) को चिन्हित कर सम्मानित किये जाने सम्बन्धी व्यवस्था को प्रभावी रूप से लागू किये जाने, हिट एण्ड रन दुघर्टना के मामलों, यात्री वाहनों के दुर्घटना के मामलों में परिवहन विभाग द्वारा कराधान/अधिनियम/नियमावली के अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली सहायता से सम्बन्धित जनपद में लम्बित प्रकरणों की समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) त्रिभुवन विश्वकर्मा, लोक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियन्ता एन0के0 यादव, प्रान्तीय खण्ड के अधिशाषी अभियन्ता ओ0पी0 चौरसिया, एआरटीओ दिलीप गुप्ता सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।
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जैसा कि हम जानते हैं, 19 मई को सातवें और अंतिम 59 सीटों के लिए मतदान संपन्न होने के साथ ही लोकसभा चुनाव का समापन हो जाएगा और 23 मई को नतीजे आने की बात कही गई है। लेकिन परिस्थितियाँ कुछ अलग बनीं तो चुनाव परिणाम 24 मई को भी आ सकते हैं। अर्थात, नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे या नहीं, यह जानने के 24 मई तक इन्तजार करना पड़ सकता है। कुल मिलकर बात यह है कि अगर चुनाव परिणाम के आँकड़े निर्णायक रहे तो 23 मई को सब कुछ साफ़ पता चल जाएगा लेकिन क़रीबी लड़ाई की स्थिति में आपको एक दिन और इन्तजार करना पड़ सकता है। ख़बरों के अनुसार, 23 मई की जगह अंतिम नतीजे 24 मई को प्राप्त हो सकते हैं।
आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने चुनाव ख़त्म होने के बाद 21 मई को सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाने की पेशकश की है। इस सम्बन्ध में उन्होंने कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी से मुलाक़ात भी की। सोनिया ने विपक्षी दलों को यह सन्देश देने की कोशिश की है कि भले ही वे सभी चुनाव पूर्व गठबंधन का हिस्सा न रहे हों लेकिन परिणाम आने के बाद मिली-जुली सरकार के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी और हरियाणा के नेता अभय चौटाला पूर्व में मायावती को प्रधानमंत्री बनाने की बात कह चुके हैं। ऐसे में ऊँट किस करवट बैठेगा, ये मई की 23 या 24 तारीख़ को ही पता चलेगा।
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Leo Daily Horoscope । Leo Rashifal in Hindi (सिंह राशिफल शुक्रवार, 2 जून 2023) : ज्योतिष शास्त्र (Astrology) में राशिफल के माध्यम से विभिन्न काल खण्डों के बारे में भविष्यवाणी की जाती है. दैनिक राशिफल (Dainik Rashifal) रोजाना की भविष्य का कथन करता है, जो ग्रह नक्षत्रों की चाल पर निर्भर होता है. आइये जानते हैं सिंह राशि के जातको का राशिफल शुक्रवार को क्या है.
आज आप बाहर घूमने जाएंगे तो काफी मौज-मस्ती करेंगे और काफी प्रसन्न रहेंगे. हो सकता है कि आप जल्द पैसा कमाना चाहते हों, लेकिन बाद में आपको कोई अच्छी ख़बर सुनने को मिलेगी जिससे आपका पूरा परिवार ख़ुश होगा.
सब कुछ ज्यादा सुंदर और चमकदार लगने लगेगा क्योंकि आप बहुत प्यार महसूस करेंगे. आप रचनात्मक होने में बहुत अच्छे हैं, और आज आप जो भी बनाएंगे उसे लोग वास्तव में पसंद करेंगे.
आमतौर पर ख़ुद के लिए समय निकालना मुश्किल होता है, लेकिन आज आपके पास अपनी पसंद के काम करने के लिए काफ़ी समय होगा. जीवनसाथी के साथ समय बिताने और साथ में एक रोमांटिक दिन बिताने के लिए आज का दिन बहुत अच्छा है.
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बीकानेर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की 75 वी पुण्यतिथि पर बीकानेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा स्मरण सभा और पुष्पांजलि कार्यक्रम कार्यालय में आयोजित किया गया।
इसी कार्यक्रम से पहले राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार आज जिला कांग्रेस कमेटियों को सुबह 10 बजे ध्वजारोहण करना था। ठीक 10 बजे जिला अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने ध्वजारोहण किया।
स्मरण सभा कि अध्यक्षता करते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष यशपाल गहलोत ने कहा की महात्मा गांधी जी के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि रहा और सत्याग्रह के रास्ते पर चलकर उन्होंने अमन और शांति के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर दिये।
प्रदेश कांग्रेस सचिव हाजी जिया उर रहमान आरिफ ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का देश प्रेम और अहिंसा का सिदान्त आज सम्पूर्ण विश्व मे मान्य होता जा रहा है। आज हम सबको गांधी के सिदाँतो पर चलकर देश को असामाजिक ताकतों से बचाना है।
प्रदेश सचिव गजेंद्र सिंह सांखला ने गांधी जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तारित प्रकाश डालते हुए कहा कि राष्ट्रपिता की उपाधि प्राप्त करना कोई सामान्य बात नही है।
प्रवक्ता नितिन वत्सस ने कहा की आज राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर हम सबको ये संकल्प लेना होगा कि देश के सर्वांगीण विकास हेतु और अमन भाईचारे को बनाये रखने के लिए कार्य करेंगे।
पुण्यतिथि पर आयोजित स्मरण सभा को वरिष्ठ कांग्रेसी नेता गुलाम मुस्तफा, प्रेमरतन जोशी पट्टू, किशनलाल इनखिया, ब्लॉक अध्यक्ष सुमित कोचर, ब्लॉक अध्यक्ष आनंद सिंह सोढा, ब्लॉक अध्यक्ष शहजाद खान भुट्टो, ब्लॉक अध्यक्ष जाकिर नागौरी, ओबीसी जिला अध्यक्ष कमल कुमार नागल, पार्षद अभिषेक गहलोत, पार्षद मनोज किराडू, महासचिव ललित तेजस्वी, हरिशंकर नायक,जयदीप सिंह जावा,पूर्व ब्लॉक अध्यक्ष साजिद सुलेमानी, एससी प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर चवरिया,महिला शहर अध्यक्ष सुनीता गौड़,महिला देहात अध्यक्ष राजकुमारी व्यास, अर्चना नागल, शबनम पठान, सचिव हाजिर खान, विकास तंवर, अब्दुल रहमान लोदरा, करणीसिंह राजपुरोहित,मोहम्मद फारूक, रविकांत वाल्मिकी, एन डी कादरी, धनसुख आचार्य, मनोज व्यास,ने भी संबोधित करते महात्मा गांधी के आदर्शो को अपनाने की बात कही। अंत में 11 बजकर दो मिनट का मौन रखा गया उसके बाद बापू के प्रिय भजन गाए गए।
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पड़ोसी होने के नाते जितेंद्र और रिंकी की फैमिलीज में काफी मेल-जोल हो गया था। इसी दौरान जितेंद्र रिंकी को पसंद करने लगा। रिंकी की बहन बबिता ने बताया कि जितेंद्र एकतरफा प्यार करता था। रिंकी अपनी सभी बहनों से सुंदर थी। वहीं जितेंद्र विकलांग है। जितेंद्र ने रिंकी से अपने प्यार का इजहार किया और शादी का प्रस्ताव रखा लेकिन उसने इससे इंकार कर दिया। रिंकी की तीन बड़ी बहनों की शादी होनी बाकी है। रिंकी ने इस बारे में अपनी फैमिली को बताया तो उन्होंने भी जितेंद्र की बुरी आदतों की वजह से शादी से इंकार कर दिया। हालांकि जितेंद्र की फैमिली रिंकी से उसकी शादी करवाना चाहती थी।
रिंकी अपने परिवार के साथ सनराइज इंक्लेव में रहती थी। परिवार में पिता मोहनलाल, मां विद्यावती, भाई आदर्श और सात बहनें हैं। उसके पिता बीसलपुर में जूनियर हाई स्कूल में प्रिंसिपल हैं। रिंकी इज्जत नगर स्थित विशाल कन्या डिग्री कॉलेज में बीए फाइनल ईयर की स्टूडेंट थी। पड़ोस में जगतपाल उर्फ जीतू उर्फ जितेंद्र रहता है। उसके पिता का नाम प्यारेलाल है। प्यारेलाल बदायूं जिले के मूसाझाग थाना में सिपाही है। जितेंद्र का परिवार करीब पांच साल पहले कॉलोनी में आया था। जितेंद्र लखनऊ से बीटेक कर रहा था लेकिन फेल होने से पढ़ाई छूट चुकी है। जीतू के परिवार में मां शांति देवी और बहनें मीनाक्षी व सपना हैं।
हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका।
हॉस्पिटल में रिंकी के परिजनों को धमकाने के लिए जितेंद्र के मामा व अन्य दो लोग पहुंचे। कोतवाली में तहरीर भी दी गई। रिंकी के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने सिर्फ जितेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और उसके पिता को बचा लिया।
बबिता ने बताया कि शादी से इंकार करने पर जितेंद्र नाराज हो गया था। डेढ़ महीने पहले वह उनके घर आया और जबरन शादी करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर उसने रिंकी का गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की। किसी तरह परिजनों ने रिंकी को बचाया। तब से जितेंद्र और फैमिली का आना बंद हो गया। बात न फैले, इसलिए रिंकी की फैमिली ने पुलिस से शिकायत नहीं की थी।
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चंडीगढ़, 12 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा मिनिस्िट्रयल स्टाफ एसोसिएशन (हेमसा) ने लिपिक का वेतन 35400 करने और पुरानी पेंशन बहाली सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलन करने का फैसला किया है। इसका ऐलान 27 फरवरी को अंबाला में होने वाले राज्य सम्मेलन में किया जाएगा। राज्य सम्मेलन का उद्घाटन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा करेंगे।
हेमसा महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि 27 फरवरी को अंबाला में होने वाले त्रैवार्षिक राज्य सम्मेलन में प्रदेशभर से चुने हुए 300 करीब डेलीगेट भाग लेंगे। सम्मेलन में सरकार द्वारा लिपिक वर्ग के साथ वेतनमान में किए जा रहे भेदभाव के खिलाफ व लंबे समय से पेंडिंग पड़ी विभागीय समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन का ऐलान किया जाएगा। सेठी ने कहा कि 25 अगस्त, 2014 के मंत्रिमंडल के फैसले अनुसार, लिपिक को पहली नवंबर, 2014 से 9300-34800 के वेतनमान में 3200 ग्रेड मिलना था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने घोषणा-पत्र से पलटकर कैबिनेट के फैसले पर ही रोक लगा दी।
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अब अवनी के पास कोई और रास्ता नहीं बचा था,क्योंकि पवन दिन-रात वंशिका को याद करता रहता था और वो नहीं चाहती थी पवन की और हालत बिगड़े इसलिए उसने एक फैसला लिया और ये फैसला था वंशिका को चिट्ठी लिखना,
अवनी (वंशिका को चिट्ठी लिखती है)- हाय !!मेरा नाम अवनी है, और मैं दिल्ली शहर की रहने वाली हूं, मैं जानती हूं कि तुम्हारा नाम वंशिका हैं, अब तुम्हें इस बात की हैरानी हो रही होगी कि मुझे तुम्हारा नाम कैसे पता,
दरअसल मैं और पवन एक दूसरे से प्यार करते हैं,और हमारी जल्द शादी भी होने वाली थी, पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था, हमारी शादी के कुछ दिन पहले ही पवन का एक्सीडेंट हो गया और उसकी याददाश्त चली गई वो अपना present भूल चुका है, उससे सिर्फ अपना past याद है,
जिस मैं नही तुम हो और अब वो तुम्हें पागलों की तरह याद करता है क्योंकि कभी वो तुमसे प्यार करता था, वो बात अलग हैं कि तुमने उसके प्यार को समझा नही, पर अब शायद भगवान ने तुम्हे एक chance दिया है,अब उसके लिए कुछ करने का बस मैं यह चाहती हूं,
तुम पवन की याददाश्त वापस लाने में मेरी मदद करो तुम्हें जल्दी ही सिकर आना होगा पवन के घर, तुम्हारे आने से पवन ठीक हो सकता हैं, बस एक ही ज़िद पकड़ के बैठा हैं कि वो तुमसे मिलना चाहता है, किसी की नही सुन रहा बस दिन रात तुम्हें याद करता रहता हैं, मैं आशा करती हूं कि तुम मेरी बात को समझ को समझो और इंडिया आ जाओ मैं तुम्हारे जवाब का इंतजार करूंगी.
अवनी वह चिट्ठी post office जाकर पोस्ट कर देती है और रोज हर एक नई उम्मीद में होती है उसकी चिट्ठी का जवाब आएगा वह रोज गेट की तरफ देखती है कि कोई पोस्टमैन उसकी छुट्टी उसे देकर जाए पर ऐसा नहीं होता,
काफी दिन बीत जाते हैं पर उस चिट्ठी का कोई जवाब नहीं आता फिर वह खुद post office जाकर वहां पूछती है कि क्या उसकी लंदन से कोई चिट्ठी आई है?? पर वहां पर भी कुछ पता नहीं चल पाता वह बहुत निराश हो जाती है उसे समझ नहीं आता कि अब वह क्या करेगी??
फिर एक दिन योगेंद्र जी का अवनी को फ़ोन आता हैं,
योगेंद्र जी (परेशान हो कर)-अवनी तुम कहाँ हों?? तुम जल्दी से घर आ जाओ पवन की हालत खरब होती जा रही हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या करूँ??
अवनी (घबरा कर)- आप चिंता मत कीजिए मैं बस वहाँ आती हूँ और पवन से बात करती हूँ.
अवनी पवन के घर के लिए निकल जाती हैं।
जब अपनी पवन के घर पहुंचती हैं तो वह देखती है कि योगेंद्र जी और माया जी एक कोने में बैठे होते हैं, अवनी को वह दोनों बहुत परेशान लग रहे होते हैं अवनी उनके पास जाती है।
अवनी- अंकल,आंटी क्या हुआ सब ठीक तो है ना?
माया जी (परेशान हों कर )- कुछ ठीक नहीं है अवनी बेटा उसने तो ज़िद पकड़ ली कि जब तक वंशिका से नहीं मिलेगा, और अब सो उसने दवाइयां भी छोड़ दी, तुम ही बताओ बेटा अगर वह दवाईया नहीं लेगा तो ठीक कैसे होगा,
अब हम वंशिका को कहां से ढूंढ कर लाए वह इस बात को समझने के लिए तैयार ही नहीं है, मेरा तो दिल बैठा जा रहा है इन सब चक्कर में कहीं मैं अपने बेटे को ही ना खो दूं,
हमें समझ नहीं आ रहा कि हम उसे कैसे समझाएं ना कुछ खा रहा है ना ढंग से हम से बात कर रहा हैं बस एक ही नाम है जुबान पर वंशिका! वंशिका!.
योगेंद्र जी- हां बेटा माया बिल्कुल ठीक कह रही है अब हम हिम्मत हार रहे हैं बेटा हम उसे से घर से बाहर नहीं जाने दे सकते उसकी हालत ठीक नहीं है पर वो यह बात सुनने को तैयार नहीं है, कहता हैं कि हमने उसे घर में कैद करके रखा है अब हम उसे कैसे बताएं कि हमें उसकी कितनी चिंता है, उसे हम नहीं बस वो लड़की दिख रही है जिसके लिए वह अपनी जिंदगी दाऊ पर लगाने के लिए तैयार हैं, अवनी बताओ बेटा हम क्या करें?
अवनी( गुस्से से)- आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए मैं भी जाकर बात करती हूं कि वह यह सब जो कर रहा है ना ना यह उसके लिए ठीक है और ना ही हम सबके लिए ठीक है उसे समझाना बहुत जरूरी है मैं बस अभी आती हूं।
अवनी पवन के कमरे में जाती है जब कमरे में पवन को देखती है तो वह सोफे पर बैठी आंखें मीचे एक गहरी सोच में खोया हुआ होता हैं अवनी जब उसे देखती है तो उसका गुस्सा शांत हो जाता है।
अवनी- पवन?
अवनी उसे धीरे से पुकारती है,
पवन अपनी आंखें खोलता है और अवनी की तरफ देखता है,
पवन - अब तुम यहां क्या कर रही हो तुम भी मुझे समझाने आई हो क्या? मैं किसी की नहीं सुनने वाला और तुम्हारी तो बिल्कुल भी नहीं मुझे वंशिका से मिलना है जब तक मैं वंशिका से नहीं मिल लेता, मैं कोई दवाई नहीं खाऊंगा चाहे कुछ भी हो जाए इसलिए तुम अपना time मत खराब करो और यहां से चली जाओ मुझे कुछ नहीं सुनना,
अवनी- देखो मैं जानती हूं कि तुम वंशिका से बहुत प्यार करते हो उससे मिलना चाहते हो उससे बात करना चाहते हो पर अभी वह यहां नहीं है,और तुम उसके लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा रहे हो कम से कम अपने मां बाप के बारे में तो सोचो तो तुमसे कितना प्यार करते हैं,पहले जैसे कि उन्होंने तुम्हें खो ही दिया था,पर वो दुबारा तुम्हें खोना नहीं चाहते इसलिए तुम्हें वह कहीं जाने नहीं दे रहे हैं, पर एक बार उनकी तरफ देखो और उनकी तरह सोचो तब तुम्हें पता चलेगा कि वह अपनी जगह सही है, इसलिए कह रही हो please यह दवाइयां खा लो, और रही वंशिका की बात तो मैं तुम्हें बता दूं वो तुमसे अब प्यार नहीं करती हैं मैंने उसे चिट्ठी लिखी थी तुम्हारी हालत के बारे में बताया फिर भी उसने मेरी चिट्ठी को कोई जवाब नहीं दिया, वह अपनी लाइफ में आगे बढ़ चुकी है फिर तुम क्यों पीछे पड़े हो ?
एक बार अपने मां बाप के बारे में सोच कर देखो वो तुमसे बहुत प्यार करते हैं उनसे ज्यादा प्यार तुम्हें कोई और नहीं कर सकता वो लड़की भी नहीं, अगर उसे तुम्हारी फिक्र होती तो तुमसे मिलने जरूर आती पर ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरी बात मान जाओ यह दवाई ले लो और अपना ध्यान रखो पवन.
पवन को अवनी की बातें सुनकर उस पर गुस्सा आता है अवनी का हाथ पकड़ के बाहर की और लाता है।
पवन (गुस्से से)- यह मनगढ़ंत कहानियां बनाना बंद करो और मुझे वंशिका के खिलाफ भड़काना भी,तुम्हें क्या पाता कि वो मुझसे कितना प्यार करती थी, अच्छा अब समझ में आया कि तुम यह सब मुझसे क्यों कह रही हो मैं बर्दाश्त नहीं हो रहा ना तुम्हें जलन हो रही है कि कि मैं तुमसे नहीं उससे प्यार करता हूं मुझे नहीं पता कि तुम कौन हो क्या हमारे बीच क्या था वह मुझे कुछ भी याद नहीं और ना ही मैं याद करना चाहता हूं मुझे सिर्फ वंशिका से प्यार है और मैं उसी के साथ अपनी जिंदगी जीना चाहता हूं, इसलिए अपनी बकवास बंद करो और यहां से चली जाओ और अब दुबारा वंशिका के खिलाफ एक word भी बोला ना तो मुझसे बुरा और कोई नहीं होगा,
अवनी (रोते हुए)- मेरा यकीन करो मैं सच कह रही हूं मैंने उससे मदद मांगी थी पर उसने कोई जवाब नहीं दिया मैं सच बोल रही हूं, अच्छा तुम यह चाहते हों ना कि मैं यहां से चली जाऊं तो ठीक है मैं चली जाऊंगी पर तुम दवाइयां खा लो प्लीज मैं तुम्हारे आगे हाथ जोड़ती हूं.
पवन (चिढ़ते हुए)- यह सब नाटक मेरे सामने मत करो मुझे कोई दवाई नहीं खानी जब तक मैं वंशिका से नहीं मिलूंगा, और मैं इतना कमजोर नहीं हूं कि कुछ दिन दवाइयां नहीं खाऊंगा तो मर जाऊं मैं अपने आप को संभाल लूंगा तुम्हें मेरी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है,
पवन अवनी की हाथ से दवाइयां फेंक देता है, ये सब कुछ पवन के मां-बाप देख रहे होते हैं, और वह दवाइयां जाकर बाहर खड़ी दरवाजे पर एक लड़की के पैरों पर जाकर गिरती है,
क्या वंशिका सच में अवनी की मदद करने के लिए आई है या उसके पीछे कोई उसका मकसद है???
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जब भी हमें कोई सामान लेना होता है, तो हम ऐसे बाजारों की खोज में होते हैं जहां हमारी जरूरत की हर एक चीज मिल जाए और वो भी कम दामों में। लेकिन कई बार हमें अपनी जरूरत की चीजें नहीं मिल पाती हैं। ऐसे में हमें कई बार उन चीजों को लेने के लिए काफी दूर जाना पड़ता है, और महंगे दामों पर उस चीज को लेना पड़ता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिल्ली एक ऐसी जगह है, जहां आपको हर तरह की चीजें मिल जाएंगी। यहां कई ऐसे बाजार है, जहां आपको अपनी जरूरत का सामान बड़ी ही आसानी से मिल जाएगा। तो चलिए जानते हैं इन बजारों के बारे में।
- अगर आपको अपने नाप की जींस नहीं मिल रही है या आपकी पसंद की जींस कहीं नहीं है, तो फिर आप दिल्ली में स्थित टैंक रोड जा सकते हैं। यहां आपको सभी ब्रांड, नाप और सभी आकार की जींस आसानी से मिल जाएंगी और वो भी अच्छे दामों पर। यहां लोग दूर-दूर से शॉपिंग करने आते हैं, और अपनी पसंद की जींस लेकर जाते हैं।
- आप किताबें पढ़ने का शौक रखते हैं, आपको अपने लिए या अपने बच्चों के लिए कोई किताबें नहीं मिल रही हैं। तो फिर आप नई सड़क का रूख कर सकते हैं। यहां आपको सभी किताबें बड़ी ही आसानी से मिल जाएगी और वो भी अच्छे दाम पर। यहां पुरानी से पुरानी और नई से नई किताबें मिलती हैं।
- बात जब महिलाओं की शॉपिंग की आती है, तो उनको कई ऐसी चीजें चाहिए होती हैं, जो कई बार आम मार्किट में नहीं मिल पाती। कई बार उनकी पसंद इतनी अलग होती है कि उन्हें अपनी चीज के लिए बहुत दूर जाना पड़ता है, लेकिन यहां हम आपको बता दें कि महिलाओं के लिए सरोजिनी नगर की स्ट्रीट शॉपिंग काफी मशहूर है। यहां महिलाओं के कपड़े सस्ते में और न्यू डिजाइन के आसानी से मिल जाते हैं।
- खाने-पीने का शौकीन कौन नहीं होता? हर कोई चाहता है कि वो घर पर जो भी खाना बनाए उसमें स्वाद आए, जिसके लिए आपको अच्छे मसालों की जरूरत होती है। लेकिन कई बार हमें बाजारों में अच्छे मसाले नहीं मिल पाते। ऐसे में आप दिल्ली में स्थित खारी बावली जा सकते हैं। यहां आपको तमाम तरह के अलग-अलग मसाले मिल जाएंगे, जो आपके खाने का स्वाद बढ़ा सकते हैं।
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भाग दौर भरी जिंदगी में खुशी भी बहुत जरूरी है। हम खुश रहते है तो हमारा हैल्थ भी अच्छा रहता है। खुश रहना भी एक इंसान के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि स्वस्थ रहना। तो आइए जानते है लाइफ में खुश रहने के कुछ टिप्स (Image Credit : Wallpapers. com)
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क : कनाडा के सांसद चंद्रकांत आर्य, अपनी पत्नी के साथ, तुमकुरु जिले के सिरा तालुक में अपने पैतृक गांव द्वारलु गए और पड़ोसी गजजीगढ़हल्ली में देवी लक्ष्मी मंदिर में पूजा-अर्चना की। आर्य अपने बचपन के दोस्तों, रिश्तेदारों और गांव के लोगों से मिले। श्री सिद्धार्थ एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस, रोटरी क्लब, लायंस क्लब, चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, हलप्पा फाउंडेशन, आदर्श फाउंडेशन और मातृछाया संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम में आर्य और उनकी पत्नी संगीता को रविंद्र कला निकेतन में सम्मानित किया गया।
मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत के दौरान भारत में राजनीति के बारे में अपनी राय पर एक सवाल के जवाब में आर्य ने कहा, "मैं भारतीय राजनीतिक दलों और राजनीतिक व्यवस्था के बारे में नहीं जानता। इसलिए मेरी कोई टिप्पणी नहीं है। "
"कनाडा और भारत के बीच का अंतर समाज है। लोकतंत्र में, हमें वह मिलता है जिसके हम हकदार हैं और हमें सरकार और पार्टियों को दोष नहीं देना चाहिए। कनाडा में, हम लोगों से डरते हैं क्योंकि समाज मजबूत है। अगर मैं काम नहीं करता, तो मैं करूंगा निर्वाचित नहीं होना चाहिए और अगर मेरी सरकार काम नहीं करती है, तो लोग इसे नहीं चुनेंगे। समाज की ताकत तय करती है कि देश कैसे काम करता है। "एक संवाद सत्र में उन्होंने कहा, "मैं कनाडा की संसद में एक विधेयक पेश करूंगा जिसमें हर साल हिंदू विरासत माह मनाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। " उन्होंने कहा कि कनाडा बहुसांस्कृतिक देश है। उन्होंने कहा, "150 से अधिक देशों के लोग वहां रहते हैं और हम सभी की संस्कृति का सम्मान करते हैं। नवंबर को हिंदू विरासत माह के रूप में मनाने की योजना बनाई गई है। "
58 वर्षीय आर्य लिबरल पार्टी के सदस्य हैं और बैंगलोर विश्वविद्यालय और कर्नाटक विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। पिछली बार अपने चुनाव में, आर्य ने कनाडा की संसद में कन्नड़ में एक बयान दिया, जिसकी कर्नाटक में व्यापक सराहना हुई। आर्य और उनकी पत्नी को सम्मानित करने के बाद, पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर ने कहाः "अगर मैं ऑस्ट्रेलिया में होता, तो मैं सांसद बन जाता। " उन्होंने कहा कि उन्हें आर्य पर गर्व है, जो तीन बार सांसद रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्य नगर नियोजन और शिक्षा पर सात देशों की समिति के अध्यक्ष हैं और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समिति के सदस्य भी हैं।
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प्रियंका चोपड़ा ने बताया अपना लाइफ प्लान!
नया संसद भवन तो बन गया, अब पुराने का क्या होगा?
खुद-ब-खुद जुड़ जाएगा वोटर लिस्ट में नाम, समझें सरकार का प्लान!
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असली वजह के बारे में अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.
नई दिल्लीः मेक्सिको (Mexico) में 'प्रेत आत्माओं' से इलाज के नाम पर एक महिला को मेंढक का धुआं दिया गया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. हालांकि, उसकी मौत की असली वजह के बारे में अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है.
डेली स्टार के मुताबिक, इस मामले में पुलिस ने मेक्सिको के सोनोरा में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान 41 साल के Juan Pablo और 30 साल के 41, Juan Diego के तौर पर हुई है. जो 'प्रेत आत्माओं' से इलाज करवाने का दावा करते थे. वहीं मरने वाली महिला की पहचान 31 साल की Perla N के तौर पर हुई है.
खबर के मुताबिक, इस महिला के साथ इस अजीबोगरीब पारंपरिक इलाज में 6 और लोग भी शामिल थे. दरअसल, मेक्सिको में इस पारंपरिक इलाज में लोगों को पेरुवियन मेंढक (Peruvian frog) के जहर का धुआं दिया जाता है.
मेक्सिको की स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस महिला को उसके परिजन ही इलाज के लिए ले गए थे. जहां गिरफ्त में इन दो लोगों ने दावा कि वह पारंपरिक तौर पर इलाज करते हैं. दरअसल, लैटिन अमेरिका के कई देशों में इस तरह से कई जहरीले मेंढक से लोगों का इलाज करने का दावा किया जाता है.
पोर्न स्टार ने की थी ऐसे ही हत्या !
पोर्न स्टार नाको विडल (Porn actor Nacho Vidal ) ने भी इसससे पहले फैशन फोटोग्राफर जोश लुइस (Jose Luis) को साल 2019 में कोलोराडो नदी में पाए जाने वाले टोड का जहर पारंपरिक इलाज के नाम पर दिलवाया था. फोटोग्राफर कोकीन लेने के लती थे. इसके बाद फोटोग्राफर की मौत हो गई थी.
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि वैश्विक वित्तीय संकट का असर भारत पर भी पड़ा है लेकिन इससे निपटने के लिए सरकार हरसंभव क़दम उठा रही है.
भारत में महंगाई की दर में लगातार पाँचवें हफ़्ते गिरावट आई है. चार महीने में पहली बार महंगाई की दर 11 फ़ीसदी से नीचे आ गई है.
दुनिया की तीन बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों ने आधिकारिक हस्तक्षेप रोकने और ऑनलाइन पर बोलने की आज़ादी की सुरक्षा के लिए एक समझौते किया है.
भारत के उद्योग और वाणिज्य मामलों से जुड़े संगठन एसोचैम के अनुसार भारत के विभिन्न सेक्टरों में 25 प्रतिशत नौकरियों की कटौती होंगी.
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गौतम वृद्ध और उनके उपदेश
प्रतीक रूपो को अपने में सम्मिलित कर सकती है। जो लोग इस व्यापक उदार दृष्टिकोण के लिए अभी तैयार नहीं है उनके लिए वह हीनयान सम्प्रदाय का उपयोग करती है। ज्ञानियों को सत्य का दर्शन कराने के अनेक मार्ग है । अन्तर्गढ- सत्ता की विविध अभिव्यक्तियो के रूप में अनेक प्रतीको को सहन और स्वीकार करने की क्षमता ने महायान धर्म को यह शक्ति दी है कि वह अपने आपको नवीन परिस्थितियों के अनुकूल बना सके । उसका अध्यात्म-गास्त्र और धर्म हिन्दू धर्म के सवल प्रभाव में विकसित हुआ है। हिन्दू धर्म की देव-सृष्टि से अनेक देवो श्रौर देवियो को स्वीकार कर लिया गया है। महायान में निर्वाण का वर्णन ऐसा किया गया है कि वह पहले से ही सम्पन्न सत्य तथ्य है । उसका निर्माण नहीं होता। जैसे ही हमारा ज्ञान नष्ट होता है निर्वाण हमें मिल जाता है। निर्वाण का अर्जन या सर्जन नहीं होता। निर्वाण न मुक्तानुवन्धी है और न उसका विनाश हो सकता है। समस्त प्रयोग-सिद्ध विभेदो और पदार्थों से वह ऊपर है । ज्ञान और प्रेम उसमें एकाकार है। जिन लोगो में बोधिचित्त सजग हो जाता है वे भूतसमुदाय की रक्षा के लिए अपने आपको बलिदान कर देते है । यह सामारिक जीवन निर्वाण की सत्ता से हमे दूर नहीं ले जाता । उपपन्नता भी अस्तित्व ही है । यद्यपि यह जीवन प्रसत् है फिर भी अर्थ - हीन नहीं है । विमलकीर्ति-सूत्र का कथन है ---"जैसे कमल पुष्प सूखी धरती पर नहीं उत्पन्न होता वल्कि जलमय अन्व कीचड से उत्पन्न होता है, उसी प्रकार बोधिचित्त या ज्ञानमय हृदय की उत्पत्ति होती है। कामना और पाप के पक से ही बुद्धत्व के वीज प्रकुरित और विकसित होते है। जब हम इस वृद्ध- प्रकृति, बोधिचित्त का विकास कर लेते हैं जो बुद्ध को तात्विक प्रकृति है, तब हम समस्त बुद्धो के साथ एक हो जाते है,
तव हमें प्रज्ञा अथवा आध्यात्मिक ज्ञान दीप्ति और करुणा अथवा निस्वार्थ परहितरति प्राप्त हो जाती है ।
महायान बौद्ध धर्म ने लोगो को न केवल बुद्धो के स्वर्ग का आह्वान दिया बल्कि धरती पर एक व्यवस्थित और स्वस्थ जीवन की भी प्रेरणा दी। उसका उद्देश्य था सभी मनुष्यो को सुखी बनाना । ससार में जीवन को प्रेरणा धर्म-भावना से मिलनी चाहिए। जैसे अर्हत का आदर्श हटा कर उसका स्थान बोधिसत्व के प्रदर्श ने ले लिया, ठीक उसी प्रकार तापस के आदर्श का स्थान गृहस्थ के आदर्श ने ले लिया । कामना यह थी कि ससार में रहा जाय पर ससार का बन कर नही। महन्तो की परम्परा चलती रही पर देव-विभूति- सम्पन्न सामान्य व्यक्ति को भी गौरव-पद दिया गया । संस्कृत ग्रन्थ विमलकीर्तिनिर्देश' में वर्णित विमलकीर्ति का चरित्र बताता है कि कैसे हम लोगो में घुल-मिल सकते है, घरो में रह सकते हैं सामान्य लोगो और पापियो के मित्र बन सकते है और फिर भी साधु बने रह सकते है । विमलकीति बैशाली में रहते थे पर 'केवल जीवो की रक्षा के आवश्यक उपाय के निमित्त अत्यन्त सम्पन्न, सर्वदा दीनो की चिन्ता करने वाले आत्मानुशासन में विशुद्ध, समस्त धार्मिक उपदेशो का पालन करने वाले, शान्ति के अभ्यास से समस्त क्रोध दूर करते हुए, उद्यम के अभ्यास से समस्त आलस्य दूर करते हुए, एकाग्र चिन्तन से समस्त क्षोभ मिटाते हुए, ज्ञान की पूर्णता से समस्त प्रज्ञान दूर करते हुए, यद्यपि वह सामान्य गृहस्थ मात्र थे फिर भी शुद्ध विहारिक अनुशासन
मूल संस्कृत ग्रन्थ खो गया है पर उसके चीनी रूपान्तर का अंग्रेजी अनुवाद प्रोफेसर इदुमो ने किया है --Eastern Buddhist III, ( १६३८-३६)
का पालन करते थे, यद्यपि उनके एक पत्नी थी और बच्चे थे फिर भी वह शुद्ध धर्माचरण का पालन करते थे, यद्यपि वह परिवार से घिरे थे, फिर भी वह सासारिक जीवन से अपने को बिलकुल अलग रखते थे, यद्यपि हीरक जटित सासारिक आभूषणो का प्रयोग करते थे फिर भी वह आध्यात्मिक विभा से विभासित थे, यद्यपि खाते-पीते थे फिर भी चिन्तन के श्राह्लाद से प्रानन्द पाते थे, यद्यपि द्यूतशालाम्रो मे जाते थे फिर भी जुग्रारी लोगो को सत्-पथ का प्रदर्शन करते थे, यद्यपि किम्बदन्तियो और पाखण्ड-पन्थो के ससर्ग में आते थे फिर भी अपनी सत्य - श्रद्धा पर कभी
नने देते थे, यद्यपि सासारिक विद्या का उन्हें गम्भीर ज्ञान या फिर भी बुद्ध द्वारा उपदिष्ट प्राध्यात्मिक तथ्यों में ही उन्हें सर्वदा आनन्द मिलता था, यद्यपि सभी प्रकार की वृत्तियों या व्यवसायो से वह लाभ उठाते थे फिर भी उनमें निमग्न हो जाने से बहुत दूर रहते थे, सर्वदा विद्यालय में प्रवेश करने पर युवको और ज्ञानियों को उपदेश देते थे, व्यभिचार के अड्डो या वेश्यालयों में प्रवेश करने पर सब को कामूकता की बुराइयाँ स्पष्ट करते थे, मद्य-विक्रेता की दुकान पर पहुँचने पर सबको उच्चतर पदार्थों की खोज के लिए प्रेरित करते थे, धनिको के बीच सद्धर्म का उपदेश देते थे, क्षत्रियो को शान्ति सिखाते थे, ब्राह्मणों के बीच पहुँचने पर उनका दर्प दूर करते थे, महामत्रियो को न्याय का उपदेश देते थे, राजकुमारों को निष्ठा कम कीजिये और पितृ-भक्ति का उपदेश देते थे, राजदरवार की महिलाओ को ईमानदारी का उपदेश देते थे, जनता मे सद्गुणो की कामना और रक्षा का उपदेश देते थे ।" अपने अद्वैत अध्यात्म शास्त्र और आस्तिक-धर्म से समन्वित, महायान शाखा के अनेक सिद्धान्त और उनके विस्तृत प्रयोग भगवद्गीता के उपदेशो से मिलते जुलते, उनके |
केंद्रीय मंत्री अश्वनी चौबे (Ashwini Choubey) के काफिले पर गुरुवार की शाम बक्सर में पत्थरबाजी हो गई। दरअसल, घटना बक्सर बनारपुर गांव की है। बता दें कि पिछले दिनों पुलिस द्वारा महिलाओं और बच्चों पर लाठियां बरसाने, नाबालिग बच्चों के पकड़े जाने को लेकर लोग आक्रोशित थे।
MSP गारंटी और बिजली कानून की वापसी पर किसान आंदोलन एक बार फिर उग्र हो सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बावजूद आंदोलन खत्म करने के मूड में दिखाई नहीं दे रहा है।
BIG BREAKING : प्रधानमंत्री ने कहा कि आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को Repeal करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।
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