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Firozabad News: फिरोजाबाद का प्राइवेट ट्रामा सेंटर में महिला गार्डों ने की मरीज की तीमारदार महिला की जमकर पिटाई कर दी है। महिला को आई काफी चोट महिला पहुंची थाना उत्तर पुलिस ने महिला को मेडिकल के लिए भेजा।
Firozabad News: फिरोजाबाद के प्राइवेट ट्रॉमा सेंटर में सिक्योरिटी की आड़ में गुंडागर्दी देखने को मिल रही है। दरअसल पूरा मामला विमल कुमार जैन सेवार्थ संस्थान ट्रामा सेंटर का है जहां आज दोपहर चरण सिंह नाम के पेशेंट को उसके परिवार वालों ने भर्ती किया था। जब उनकी बेटी विनीता अपने पिता से मिलने आईसीयू में जाने के लिए गार्डो से कहा तो वहां मौजूद महिला गार्डों ने उसे रोक लिया और उसके साथ बदतमीजी करने लगी और महिला गार्ड ने अपने अन्य साथिय गार्डों को बुला लिया और भर्ती मरीज चरण सिंह की बेटी विनीता के साथ जमकर मारपीट की है।
जिससे उसके बहुत चोट आई है। वही महिला के साथ मारपीट को लेकर महिला विनीता ने थाना उत्तर में शिकायत की है। तो वही शिकायत के आधार पर पुलिस ने महिला का मेडिकल कराया और इस बारे में ट्रामा सेंटर के संचालक पीके जिंदल का कहना है कि जिन गार्डों ने मारपीट की है उनको हमने नौकरी से निकाल दिया है। जिनके साथ मारपीट हुई है वह पुलिस से शिकायत करके कार्रवाई कर सकते हैं। वहीं घायल महिला का कहना है कि मेरे साथ तो मारपीट की ही है मेरी बड़ी बहन के साथ भी मारपीट की है।
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जापान मे एक बहुत ही हैरान कर देने वाली प्यार की दास्तान देखने को मिली है। यकीन नहीं होता है कि आज भी इस तरह की प्यार होता है। 64 साल यासुओ ताकामात्सु नाम का शख्स बीते 10 वर्षों से अपनी पत्नी को समंदर में ढूंढ रहा है। साल 2011 में जापान में आई सुनामी में यासुओ ताकामात्सु की पत्नी युको लापता हो गई थीं। तभी से वो अपनी पत्नी को खोज संमदर में कर रहा हैं।
यासुओ ने यहां तक कि अपनी पत्नी को ढूंढने के लिए अंडरवॉटर डाइविंग का लाइसेंस भी लिया है। सात वर्षों से वो अकेले अंडरवॉटर डाइव कर रहे हैं। इस उम्मीद के साथ की उनकी पत्नी यूको उनको मिल जाएगी। जापान का प्रशासन पिछले कई सालों से अंडरवॉटर सर्च अभियान के तहत ढाई हजार लोगों की गुमशुदगी की तलाश कर रहा है। यासुओ निजी तौर पर इससे जुड़े हैं।
इस सर्च अभियान में यासुओ पानी के अंदर कई कपड़े, एल्बम और ना जाने क्या-क्या सामान मिल चुका है लेकिन उनकी पत्नी का नहीं मिली है। बता दें कि साल 2011 में आई सुनामी 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 133 फीट लंबी लहरों ने जापान के उत्तरपूर्वी कोस्ट को हिला कर रख दिया था। इस तबाही में 15 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।
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मार्गशीर्ष शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को बड़े ही धूम धाम से राजा राम सरकार का विवाहोत्सव मनाया जाता है। यह महोत्सव विशेष रूप से मिथलांचल में बहुत उत्साह के साथ मनाते हैं। त्रेता युग में पृथ्वी पर राक्षसों का अत्याचार अपनी चरम सीमा पर था। उस समय मुनि विश्वामित्र अपने यज्ञ की रक्षा करने के उद्देश्य से अयोध्या के महाराज दशरथ से उनके पुत्रों राम एवं लक्ष्मण जी को माँग कर ले गए। यज्ञ की समाप्ति के पश्चात विश्वामित्र जी जनक पुरी के रास्ते से वापसी आने के समय राजा जनक के सीता स्वयंवर की उद्घोषणा की जानकारी मिली। मुनि विश्वामित्र ने राम एवं लक्ष्मण जी को साथ लेकर सीता के स्वयंवर में पधारें। सीता स्वयंवर में राजा जनक जी ने उद्घोषणा की जो भी शिव जी के धनुष को भंग कर देगा उसके साथ सीता के विवाह का संकल्प कर लिया। स्वयंवर में बहुत राजा महाराजाओं ने अपने वीरता का परिचय दिया परन्तु विफल रहे। इधर जनक जी चिंतित होकर घोषणा की लगता है यह पृथ्वी वीरों से विहीन हो गयी है, तभी मुनि मुनि विश्वामित्र ने राम ने राम को शिव धनुष भंग करने का आदेश दिया। राम जी ने मुनि विश्वामित्र जी की आज्ञा मानकर शिव जी की मन ही मन स्तुति कर शिव धनुष को एक ही बार में भंग कर दिया। उसके उपरान्त राजा जनक ने सीता का विवाह बड़े उत्साह एवं धूम धाम के साथ राम जी से कर दिया। साथ ही दशरथ के तीन पुत्रों भरत के साथ माध्वी, लक्ष्मण के साथ उर्मिला एवं शत्रुघ्न जी के साथ सुतकीर्ति का विवाह भी बड़े हर्ष एवं धूम धाम के साथ कर दिया।.
0 संबंधों।
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जायगो । ये । सुन के चारों चौबे भाग गये । छीतस्वामी ने एक पद करिके गायो । राग नटभई अब गिरिधर सो पहेचान । ये पद सुन के गुसाई जी प्रसन्न भए ।
नागरीदास जी ने भी छीतस्वामी की झगड़ालू प्रकृति का वर्णन करते हुए कहा है कि एक दिन छीतस्वामी थोथे नारियल में राख भरकर गोस्वामी विट्ठलनाथ जी के सम्मुख ले गए और उन्हें भेट किया किंतु गोस्वामी जी के तुड़वाने पर उनके सामने ही उसमे से गरी, निकलो । यह चमत्कार देखकर छीतस्वामी बहुत लज्जित हुए और उसी समय उन्होने यह पद गाया - राग सारंग - जे बसुदेव किये पूरन तप तेई फल फलित श्री वल्लभदेव ।
उपर्युक्त प्रसग से भी इसी बात की पुष्टि होती है कि ये वल्लभ-सम्प्रदाय में आने से पहले कवि थे और पद गाया करते थे । आचार्य जी के सम्पर्क में आने से पूर्व ही आपको संगीत का ज्ञान था । तभी तो छीतस्वामी ने गोस्वामी जी के समक्ष तत्काल पद बनाकर गाया था ।
छीतस्वामी के किसी सम्प्रदाय की दीक्षा देने वाले स्वामी होने का कोई प्रमाण नही मिलता । किंतु गोसाई जी की शरण में जाने से पहले ही छीतस्वामी भी गोविन्दस्वामी की तरह 'स्वामी' कहलाते थे । अत संभव है कि गान विद्या तथा कविता सीखने के लिए इनके पास आनेवाले शिष्यों ने इनको स्वामी की उपाधि दे दी हो ।
वार्ता अथवा अन्य किसी भी आधार से यह नही ज्ञात होता कि इन्होने सगीत की शिक्षा कब और कहाँ पाई । ऐसा ज्ञात होता है कि वल्लभ-सम्प्रदाय में आने से पूर्व आपको संगीत का थोड़ा ज्ञान था । किंतु गोस्वामी विट्ठलनाथ जी की शरण में आने के उपरान्त उनकी शिक्षा तथा अष्टछाप के अन्य कवियों के सम्पर्क से छीतस्वामी की संगीत विषयक प्रतिभा का और भी विकास तथा पूर्ण प्रस्फुटन हुआ । वार्ता में लिखा है कि श्री गुसाई जी की कृपा से छीतस्वामी भगवदीय कवीश्वर और कीर्तनकार हुए । वार्ता से ज्ञात होता है कि अकबर बादशाह ने भी उनका कीर्तन सुना था ।
" और एक दिन बीरबल देशाधिपति सों रजा लेके श्री गोकुल मे जन्माष्टमी के दर्शकु आयो । पाछे वेष पलटाय के देशाधिपतिहूं छाने छाने आयो । तब जन्माष्टमी के पालना के दर्शन करे। मनुष्यन की भीड मे । तब देशाधिपति कु श्री गुसाई जी बिना और कोई ने पहिचान्यो नही । तब छीतस्वामी कीर्तन करत हते । और श्री गुसाई जी श्री नवनीतप्रिया जी कु पालना झुलावत हते तब छीतस्वामी ने ये पद गायो ।" ४
१. २५२ वैष्णवन की वार्ता, पू० १६-१७
२. नागर समुच्चय, पद प्रसंग माला, सिंगार सागर, शिवलाल, पृ० २०७
३. 'सो वे गुसांई जी की कृपा ते बड़े कवीश्वर भये, सो बहुत कीर्तन किये ।'
अष्टछाप काँकरोली, पृ० २५६
४. २५२ वैष्णवन की वार्ता, पृ० १६
पुष्टि- सम्प्रदाय मे दीक्षा लेने के अनन्तर वे स्थायी रूप से गोवर्द्धन पर श्रीनाथ जी के मंदिर में भजन-कीर्तन करने लगे और भक्ति में लीन होकर उन्होने बहुत से पद बना कर गाए ।
गदाधर भट्ट
भक्तमाल मे जो छप्पय दिया हुआ है उसमे गदाधर भट्ट के संगीत ज्ञान पर कुछ भी प्रकाश नही पडता । भक्तमाल की पंक्तियो- 'भागवत सुधा बरखै बदन काहू को नाहिन दुखद, गुण निकर गदाधर भट्ट अति सबहिन को लागे सुखद ।" से यह अवश्य ज्ञात होता है कि गदाधर भट्ट जी भागवत सुनाया करते थे । भक्तनामावली में कहा गया है
भट्ट गदाधर नाथ भट्ट विद्या भजन प्रवीन । सरस कथा बानी मधुर सुनि रुचि होत नवीन ॥ १
इससे भी इस बात का समर्थन होता है कि ये भजन में प्रवीण थे और मधुर वाणी से कथा कहा करते थे । भक्तमाल की टीका में एक निम्नलिखित प्रसग दिया हुआ है"स्याम रग रगी" पद सुनि कै - गुसांई जी व पत्र दै पढाये उभै साधु बेगि धाये है । "रनी बिन रग कैसे चढ्यो अति साच बढ्यो कागद मे प्रेम मढ्यो तहा लैके आये है । पुरढिग कूप तहाँ बैठ रस रूप लगे पूछिबे को तिन हो सो नाम ले बताये है । रह्यो कौन ठौर सिरमोर वृंदावन धाम नाम सुनि मुरछा है गिरे प्रान पाये है ।"
काहू कही 'भट्ट श्री गदाधर जू एई जानौ' मानौ उही पाती चाह फेरि कै जिवाये है । दियौ पत्र हाथ लियो, सीस सो लगाय चाय बाचत ही, चले बेगि वृन्दावन आये है । मिले श्री गुसाई जू सो आंखे भरि आई नीर सुधि न शरीर धरि धीर वही गाये है । पढ़े सब ग्रथ सग नाना कृष्ण कथा रग रस की उमग अंग- अग भाव छाये है । "
इस प्रसंग से ज्ञात होता है कि जीवगुसाई जी के सम्पर्क में आने से पूर्व ही गदाधर भट्ट जी पद गाया करते थे और उनके पदो की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई थी ।
गदाघर जी ने गायन-कला की विधिवत शिक्षा पाई थी अथवा नही तथा उनके जीवन से संबंधित अन्य किसी संगीत संबंधी घटना का कोई विवरण नही प्राप्त होता ।
१ भक्तमाल, सुधा स्वाद तिलक, पू० ७९३ ० १३८ २. भक्तनामावली, पृ० ४
३. भक्तमाल, भक्ति सुधास्वाद तिलक, पृ० ७६४-७९५ |
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार श्रम संहिताओं के अगले वित्तीय वर्ष तक लागू होने की संभावना है क्योंकि बड़ी संख्या में राज्यों ने इन पर मसौदा नियमों को अंतिम रूप दिया है.
वेतन, सोशल सिक्योरिटी, औद्योगिक संबंध और व्यवसाय सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार श्रम संहिताएं (Labour Codes) अगले वित्तीय वर्ष तक लागू होने की संभावना है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कम से कम 13 राज्यों में इन कानूनों पर मसौदा नियम पहले से जारी कर दिए हैं. केंद्र ने इन कोड्स के तहत नियमों को पहले ही अंतिम रूप दे दिया है और अब राज्यों को अपनी ओर से नियम बनाने की जरूरत है क्योंकि श्रम एक समवर्ती विषय है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि चार श्रम संहिताओं के अगले वित्तीय वर्ष तक लागू होने की संभावना है क्योंकि बड़ी संख्या में राज्यों ने इन पर मसौदा नियमों को अंतिम रूप दिया है. केंद्र ने फरवरी 2021 में इन कोड्स पर मसौदा नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली है, लेकिन चूंकि श्रम एक समवर्ती विषय है, इसलिए केंद्र चाहता है कि राज्य इसे भी एक बार में लागू करें.
केंद्रीय श्रम मंत्री (Union Labour Minister) भूपेंद्र यादव ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में एक जवाब में कहा था कि व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति संहिता ही एकमात्र कोड है जिस पर कम से कम 13 राज्यों ने मसौदा नियमों को पहले ही जारी कर दिया है.
24 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा वेज कोड (Wage Code) पर सबसे अधिक मसौदा अधिसूचनाएं पूर्व-प्रकाशित की गई हैं. इसके बाद इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड (Industrial Relations Code) (20 राज्यों द्वारा) और सामाजिक सुरक्षा संहिता (Social Security Code) (18) राज्यों द्वारा जारी किया गया है.
उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार और कुछ राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने चार लेबर कोड्स के तहत नियम जारी किए हैं. केंद्र सरकार बाकी राज्य सरकारों के साथ मिलकर चारों संहिताओं के तहत नियम बनाने का प्रयास कर रही है.
केंद्र सरकार ने चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित किया है. 8 अगस्त, 2019 को वेज कोड, 2019 और इंडस्ट्रियल रिलेशंस कोड 2020 और 29 सितंबर 2020 को सोशल सिक्योरिटी कोड, 2020 व ऑक्युपेशनल सेफी, हेल्थ एंड वर्किंग कोड 2020 को नोटिफाई किया.
हालांकि, केंद्र और राज्यों को इन कानूनों को संबंधित अधिकार क्षेत्र में लागू करने के लिए चार संहिताओं के तहत नियमों को अधिसूचित करने की जरूरत है. कोड्स के तहत नियम बनाने की शक्ति केंद्र सरकार, राज्य सरकार और उपयुक्त सरकार को सौंपी गई है और सार्वजनिक परामर्श के लिए 30 या 45 दिनों की अवधि के लिए उनके आधिकारिक राजपत्र में नियमों के प्रकाशन की आवश्यकता है.
मंत्री के जवाब के अनुसार, वेतन संहिता पर मसौदा नियम 24 राज्यों द्वारा पूर्व-प्रकाशित किए जाते हैं. ये राज्य मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, पंजाब, छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, राजस्थान, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, गोवा, मिजोरम, तेलंगाना, असम, मणिपुर, केंद्र शासित प्रदेश हैं. जम्मू और कश्मीर, पुडुचेरी और दिल्ली के जीएनसीटी हैं.
कम से कम 18 राज्यों ने सोशल सिक्योरिटी कोड्स पर नियमों का मसौदा पूर्व-प्रकाशित किया है. ये राज्य मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, गुजरात, गोवा और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर हैं.
श्रम मंत्रालय ने औद्योगिक संबंध, वेतन, सामाजिक सुरक्षा और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य दशा संहिता को एक अप्रैल, 2021 से लागू करना था. इन चार संहिताओं से 44 केंद्रीय श्रम कानूनों को सुसंगत किया जा सकेगा.
मंत्रालय ने इन चार संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है. लेकिन कई राज्य इन नियमों को अधिसूचित करने की स्थिति में नहीं हैं ऐसे में इनका कार्यान्वयन अभी संभव नहीं है.
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पीएम मोदी नए साल पर लखनऊ को सौगात देंगे. पीएम 1040 आवासीय फ्लैट का शिलान्यास करेंगे. अवध विहार योजना के तहत ये फ्लैट बनाए जाएंगे. ये फ्लैट्स आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को अलॉट होंगे. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पीएम मोदी इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे.
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पोषक तत्वों की कमी, बहुत ज्यादा प्रदूषण और ख्याल ना रखने की वजह से बाल दोमुंहे हो जाते हैं। इसके लिए ना जाने कौन-कौन से शैम्पू और कंडीशनर प्रयोग में लाए जाते हैं लेकिन फिर भी कोई फायदा नही होता। तो अब घर में मौजूद चीजों के इस्तेमाल से इनसे छुटकारा पाया जा सकता है।
- अंडे से बेहतर कोई विकल्प नहीं। ये बालों को ना केवल पोषण देता है बल्कि चमक लाता है और दोमुंहे बालों को दूर करता है। अंडे के साथ थोड़ा सा ऑलिव ऑयल और शहद मिक्स करें और बालों में इसे मास्क की तरह लगाएं। आधे घंटे बाद धो दें, फायदा होगा।
- केले में पोटेशियम, जिंक, ऑयरन और विटामिन ए, सी और ई मिलता है। इससे सीधे बालों में लगाएं तो दोमुंहे बालों से निजात मिलेगी। साथ ही बालों में चमक लाता है केला।
- पपीते को पीसकर उसमें दही मिलाएं और इसे पैक की तरह बालों में 30 मिनट तक लगाएं और धो लें। दोमुंहे बालों पर जल्द असर करता है पपीता।
- एक चम्मच क्रीम में आधा कप थोड़ा दूध मिलाएं और 15 मिनट तक बालों में लगाकर रखें। बाल चमक उठेंगे।
- थोड़ी सी दही में शहद मिलाए और इसे बालों के सिर पर लगाएं। 20 मिनट बाद धो लें।
- घर में काली दाल को पीसकर उसमें मेथी मिलाएं और साथ में दही भी मिलाएं। दो घंटे तक लगाकर रखें और बाद में किसी हल्के शैम्पू से धो लें।
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बॉलीवुड से हॉलीवुड तक एक्टिंग का परचम लहरा चुकीं प्रियंका चोपड़ा ने मेट गाला Met Gala रेड कार्पेट पर दूसरी बार एंट्री मारी। इस बार वो डिजाइनर राल्फ लॉरेन के मरून रंग की वेलवेट ट्रेन गाउन में दिखीं लेकिन लोगों को उनका यह लुक कुछ खास पसंद नहीं आया, लोग उन्हें ट्रोल करने लगे।
दरअसल प्रियंका चोपड़ा ने मेट गाला 2018 की थीम 'Heavenly Bodies: Fashion and the Catholic Imagination' को फॉलो करते हुए ऐसी ड्रेस पहनी थी लेकिन इस आउटफिट को लेकर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। सोशल मीडिया पर प्रियंका पर मीम बनाए जाने लगे।
जानकारी के मुताबिक इस ड्रेस को बनाने में 250 घंटे लगे हैं। डिजाइनर ने खुद बताया कि इस कस्मट गाउन की एंब्रॉयडरी हाथ से बनाई गई है। यह भी बताया जा रहा है कि यह गाउन Jesus से प्रेरित है लेकिन फैंस को प्रियंका का ये अंदाज पसंद नहीं आया।
आप भी पढ़ें प्रियंका चोपड़ा की इस ड्रेस पर लोगों ने क्या क्या कमेंट किए। बता दें कि met gala 2018 में दीपिका पादुकोण ने भी रेड कार्पेट पर वॉक किया।
बता दें कि पिछले साल भी इसी इवेंट में प्रियंका अपनी ड्रेस की वजह से चर्चा में आईं थीं। प्रियंका को इस लुक को पसंद भी किया गया था लेकिन साथ ही उनका सोशल मीडिया पर मजाक भी उड़ाया गया। बाद में ट्रोलर्स को भी प्रियंका ने ट्रोलर्स को इसका जवाब भी दिया था।
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लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए जल्द अनाधिकृत कालोनी एवं प्लाटिंग की सूची बनाकर उनके खिलाफ अभियान चलाएगा। इसके साथ ही अवैध निर्माणों पर लगाम कसने के लिए सील बिल्डिंगों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाएगी। वीसी डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी ने अनाधिकृत कालोनियों एवं अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए इस संबंध में आदेश जारी किये हैं।
वीसी ने बताया कि प्राधिकरण सीमा के अंतर्गत अवैध कालोनी एवं प्लाटिंग की सूची बनाई जाएगी, जिसका समाचार पत्रों में प्रकाशन कराने के साथ ही प्रत्येक अवैध प्लाटिंग स्थल पर डिजिटल बोर्ड लगवाये जाएंगे। उन्होंने इसके लिए सभी जोन के अधिकारियों को एक सप्ताह में अवैध कालोनियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिये हैं। वीसी ने बताया कि सभी अधिकारियों को अपने क्षेत्र में हो रही अवैध प्लाटिंग को सूचीबद्ध करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जा रहा है। उसके बाद यदि यह पता चलता है कि किसी अवैध प्लाटिंग को सूचीबद्ध नहीं किया गया है, तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वीसी ने बताया कि पूर्व में कुछ ऐसे प्रकरण संज्ञान में आये हैं, जहां विहित प्राधिकारी द्वारा अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई की गई और बाद में सील खोलकर बिल्डर को अवैध निर्माण को पूरा करने का अवसर दे दिया गया। उन्होंने अधिकारियों को इस संबंध में सचेत करते हुए दो टूक कहा कि इस तरह की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि सील खोलने के सभी प्रार्थना पत्रों को सचिव के माध्यम से उनके संज्ञान में लाया जाए। तत्पश्चात यदि प्रकरण वैधानिक हो, तभी उसमें नियमानुसार निर्णय लेते हुए आगे की कार्रवाई की जाए। इसके अतिरिक्त वीसी ने निर्देश दिये हैं कि प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा सील बिल्डिंगों की साप्ताहिक मॉनिटरिंग की जाये, जिसकी वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी करायी जाए।
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अक्षय कुमार, करीना कपूर खान, कियारा आडवाणी और दिलजीत दोसांझ की अपकमिंग फिल्म 'गुड न्यूज' का ट्रेलर आज 18 नवंबर को मेकर्स द्वारा रिलीज कर दिया गया है. जैसा कि फिल्म के पोस्टर्स को देखकर लग रहा था. फिल्म का ट्रेलर रोमांस और शानदार कॉमेडी से भरा हुआ है. खासतौर पर अक्षय और करीना की केमेस्ट्री बेहद मजेदार लग रही है. फुल एंटरटेनमेंट से भरा हुआ यह ट्रेलर ऑडियंस को भी बेहद पसंद आ रहा है.
फिल्म की कहानी सरोगेसी पर आधारित है. इस फिल्म को अक्षय की साल की गूफ-अप ऑफ द ईयर का टैग दिया गया है. वीडियो में अक्षय और करीना के साथ-साथ कियारा और दिलजीत भी बच्चे को पाने के लिए जुगत लगाते हुए नजर आ रहे हैं. हालांकि ट्रेलर में कॉमेडी के साथ कुछ इमोशनल दृश्यों को भी दिखाया गया है. जिससे लगता है कि फिल्म ऑडियंस के दिल को छूने वाली है.
'गुड न्यूज' के लिए अक्षय और करीना के फैंस इस शानदार ट्रेलर को देखने के बाद और अधिक उत्साहित होंगे. क्योंकि जहां यह फिल्म बेहद शानदार साबित होने वाली है. तो वही अक्षय और करीना साल 2009 में आई फिल्म 'कमबख्त इश्क' में रोमांस करने के 9 साल बाद अब 'गुड न्यूज' में एक दूसरे के अपोजिट नजर आएंगे. फिल्म में अक्षय और करीना के अलावा कियारा और दिलजीत भी अहम रोल में हैं. फिल्म 'गुड न्यूज' का निर्देशन राज मेहता कर रहे हैं. वहीं करण जौहर के साथ अक्षय कुमार इस फिल्म को प्रोड्यूस कर रहे हैं. फिल्म 27 दिसंबर 2019 को रिलीज होगी.
(Source: YouTube)
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अहमदाबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को अहमदाबाद में 36वें राष्ट्रीय खेल गान और शुभंकर का अनावरण करेंगे। वह अहमदाबाद नगर निकाय के स्मार्ट स्कूलों की भी शुरुआत करेंगे। शाह अहमदाबाद में छठी अखिल भारतीय जेल ड्यूटी बैठक का भी उद्घाटन करेंगे। गृह मंत्री पहले अहमदाबाद नगर निगम के स्मार्ट स्कूलों का उद्घाटन करेंगे। वह शाम को 36वें राष्ट्रीय खेल के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेंगे, जहां उनके साथ केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर और गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद होंगे।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन आधिकारिक तौर पर अहमदाबाद के ईकेए एरीना ट्रांस स्टेडिया बहुउद्देशीय स्टेडियम में किया जाएगा, जहां राज्यभर से नौ हजार अतिथियों के शामिल होने की उम्मीद है। उद्घाटन समारोह में राष्ट्रीय खेल गान और शुभंकर के साथ-साथ एक वेबसाइट और ऐप को भी पेश किया जाएगा। इस कार्यक्रम के साथ 11वें खेल महाकुंभ का समापन भी हो जाएगा, जो गुजरात सरकार का आयोजन है। राष्ट्रीय खेल सात साल के अंतराल पर आयोजित हो रहे हैं।
इस वर्ष 29 सितंबर से 12 अक्टूबर के बीच गुजरात के छह शहरों में राष्ट्रीय खेल होंगे और नयी दिल्ली में ट्रैक साइकलिंग स्पर्धा आयोजित की जाएगी। राष्ट्रीय खेलों में 36 अलग-अलग खेल विधाओं से जुड़े देश के सात हजार प्रतिभागियों के शामिल होने की उम्मीद है। शाह रविवार को छठी अखिल भारतीय जेल ड्यूटी बैठक में भी शामिल होंगे, जिसमें मुख्यमंत्री पटेल और गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष सांघवी भी मौजूद रहेंगे। यह द्विवार्षिक बैठक पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा चार सितंबर से छह सितंबर के बीच आयोजित की जाएगी।
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गगहा के देवकली गांव में शनिवार की रात जमानत पर छूटे छेड़छाड़ के आरोपी ने पीड़ित के घर पहुंच उसके पिता पर चाकू से हमला कर दिया। घटना के बाद जुटे घर वालों ने आरोपी को पकड़ लिया। छुड़ाने पहुंचे उसके पिता और बहन पर चाकू और डंडे से हमला कर घायल कर दिया। गांव के लोगों ने घायलों को कौड़ीराम पीएचसी पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने आरोपी युवक के पिता को मृत घोषित कर दिया और गंभीर रुप से घायल तीन लोगों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
कौड़ीराम प्रतिनिधि के अनुसार देवकली गांव के वकील कुमार (30) ने गांव की एक युवती से चार महीने पहले छेड़छाड़ की थी। पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने वकील को जेल भेज दिया था। शनिवार की शाम जेल से छूटने के बाद रात आठ बजे वकील घर पहुंचा और चाकू लेकर सीधे युवती के घर पहुंचकर उसके पिता रामसिंगार पर हमला कर दिया। गले, पेट और दाएं तरफ सीने में चाकू लगने से रामसिंगार घायल हो गए। शोर मचाने पर जुटे घर वालों ने वकील की पिटाई शुरू कर दी।
जानकारी के बाद वकील के पिता रामजियावन (60), बहन रीना (20) और भाई भी मौके पर पहुंचे। रामसिंगार के घरवालों ने उनपर चाकू और डंडे से हमला कर दिया। सिर में चोट लगने से रामजियावन अचेत हो गए। गांव वालों ने पुलिस को सूचित कर घायलों को पीएचसी पहुंचाया, जहां डॉक्टर ने रामजियावन को मृत घोषित कर दिया और रामसिंगार, रीना और उसके भाई को जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
बवाल की आशंका में एसपी ग्रामीण ब्रजेश सिंह ने गगहा थाने के सिपाहियों की देवकली गांव में ड्यूटी लगाई है। एसएसपी रामलाल वर्मा ने बताया कि आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश एसओ को दिया है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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होलाष्टक के कारण बंद हुए शुभ कार्य होली के दिन से यानि चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से प्रारंभ हो जाएंगे. यदि आप कोई नया या शुभ कार्य करना चाहते हैं तो उसे 8 मार्च से कर सकते हैं।
होलाष्टक की 8 तिथियों में 8 प्रमुख ग्रह उग्र रहेंगे. ऐसे में व्यक्ति का मन अशांत हो सकता है, इस वजह से होलाष्टक के समय में बड़े फैसलों को करने से बचने की सलाह दी जाती है. होलाष्टक में क्रमशः चंद्रमा, सूर्य, शनि, शुक्र, गुरु, बुध, मंगल और राहु ग्रह अष्टमी से पूर्णिमा के बीच उग्र रहते हैं।
होलाष्टक में भगवान की भक्ति और पूजा पाठ में समय व्यतीत करें. होलाष्टक में आमलकी एकादशी, रंगभरी एकादशी, शनि प्रदोष जैसे व्रत आने वाले हैं. फाल्गुन पूर्णिमा पर स्नान दान करें और माता लक्ष्मी की पूजा करके धन-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। होलाष्टक के इन 9 दिनों में विवाह, मुंडन, सगाई, गृह प्रवेश या कोई नया कार्य न करें. इन दिनों में नए वाहन की खरीदारी भी करना अशुभ माना जाता है।
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किसी सुन्दरी में ग्रासक्त नायक अपने सहचर से अपने मन की दशा इस प्रकार कहता हैप्रतिदिन ( रहस्य खुल जाने के डर से ) अत्यन्त संताप उत्पन्न करने वाली ( गुप्तरूप से किये गये पाप का डर जिस प्रकार हृदय से क्षण भर के लिये भी दूर नहीं होता उसी प्रकार प्रतिदिन वियोग के कारण अत्यधिक संताप देने वाली ) वह पोडशी सुन्दरी मेरे हृदय से क्षण भर के लिये भी दूर नहीं होती ।
'प्रच्छन्नपापशङ्का' की उपमा से 'जैसे अपने द्वारा गुप्तरूप से किया हुआ पाप किसी को भी नहीं बताया जाता उसी प्रकार उस कुलरमणी को भी नहीं बताना चाहिये था फिर भी मैंने तुम्हें यह भेद बता दिया है' मित्र के प्रति नायक का यह अत्यन्त विश्वास ध्वनित है ।
श्रज्जय पाहं कुवित्रा अहसु कि सुहा पसाएसि ।
तुह मण्णुसमुष्पान्झएण मज्झ माणेण चि ण कज्जम् ॥ ८४ ॥ [[[यज्ञ नाहं कुपिता ऽवगूहस्व किं मुधा प्रसादयसि । तव मन्युसमुत्पादकेन मम मानेनापि न कार्यम् ॥]
(सक्ति ) प्रकट हो जाने पर परिरम्भण आदि द्वारा मनाने का प्रयत्न करते हुए नायक से रुष्ट मानिनी आक्षेपसहित वोलो---
'यज्ञ ! मैं कुपित नहीं हूँ' आलिङ्गन करो । व्यर्थं मनुहारें क्यों कर रहे हो ? तुम्हें खेद उत्पन्न करने वाले मान से भी मेरा कोई प्रयोजन नहीं । कुपित होते हुए भोपित न कहना और अपराधी होते हुए भी नायक को निरपराध कहना वक्तृवोद्धव्य वैशिष्ट्य से विपरीत लक्षणा द्वारा प्रतिकूल अर्थ को अभिव्यक्ति करता है । अतः 'मैं कुपित नहीं हूँ' से 'तुम्हारी करतूत हो ऐसी है कि क्रोध आता ही है। लिङ्गकरो' से 'लिङ्गन क्यों करते हो, देकार है' 'व्यर्थ क्यों मनाते हो' से 'जब तक अपने व्यवहार को नहीं सुधारते मेरा मनाना व्यर्थ है। अन्य महिलाओं से प्रेम की लत छोड़ दो, मैं स्वयं प्रसन्न हो जाऊँगी' और 'तुम्हें दुःखी करने वाले मान से मुझे क्या प्रयोजन' से 'मैं तुम्हें दुःखी करना नहीं चाहती किन्तु तुम्हारी बेवफ़ाई पर विवशतावश क्रोध आ ही जाता है ।' आदि अर्थ ध्वनित है !
दोहह्णपउरणीसासपश्राविश्रो वाहसलिल परिसित्तो ।
साहेइ सामसवलं व तोएँ प्रहरी वह विनोए ॥ ८५ ॥ [ दीर्घोप्णप्रचुरनिःश्वासप्रतप्तो वाप्पसलिलपरिक्तिः । सावयति श्यामशचलमिव तस्या अस्तव वियोगे ॥
विरहिणी नायिका की सभी नायक से कहती है'दोघं और उप्ण निःश्वासों से संतप्त तथा ऋभुजल से मिक्त उसका अधर मानो तुम्हारे वियोग में श्यामशबल ( व्रतविशेष) की साधना किया करता है ।' |
Amazon Prime Video ने 80 करोड़ में खरीदी John Abraham की Mumbai Saga!!
Mumbai Saga Sold to Amazon Prime Video: ताजा मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मुंबई सागा के मेकर्स ने अमेजन प्राइम वीडियो के साथ डील कर ली है और दर्शकों को जल्द ही जॉन अब्राहम की फिल्म देखने को मिलेगी।
Mumbai Saga Sold to Amazon Prime Video: कोरोना वायरस महामारी की वजह से कई फिल्म निर्माता अपनी अपकमिंग फिल्मों को सीधे ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज कर रहे हैं। अक्षय कुमार (Akshay Kumar) की लक्ष्मी (Laxmii) और वरुण धवन (Varun Dhawan) की कुली नं 1 (Coolie No 1) जैसी बड़ी फिल्में तक ओटीटी पर रिलीज की गईं ताकि फिल्म निर्माताओं को बड़े नुकसान से बचाया जा सके। ट्रेड एक्सपर्स्ट की मानें तो आने वाले समय में यह सिलसिला जारी रहेगा और मध्यम ही नहीं बल्कि बड़े फिल्म निर्माता भी अपनी फिल्मों को ओटीटी प्लेटफॉर्म के पास लेकर जा सकते हैं।
अगर साल 2021 की शुरूआत में ही सामने आई रिपोर्ट की मानें तो बताया जा रहा है कि फिल्म 'मुंबई सागा' के मेकर्स ने अपनी फिल्म को सीधे ओटीटी पर रिलीज करने का मन बनाया है और इसके चलते उन्होंने अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime Video) के साथ हाथ मिलाया है। पीपिंगमून नाम की वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है कि मुंबई सागा (Mumbai Saga) के मेकर्स ने लगभग 80 करोड़ रुपये अमेजन प्राइम वीडियो के साथ डील की है। अमेजन प्राइम वीडियो वाले'मुंबई सागा' को साल 2021 के फर्स्ट क्वार्टर में रिलीज करने की सोच रहे हैं।
'मुंबई सागा' का निर्देशन संजय गुप्ता (Sanjay Gupta) ने किया है और इस फिल्म में गुलशन ग्रोवर, समीर सोनी, अमोल गुप्ते, प्रतीक बब्बर, काजल अग्रवाल, जॉन अब्राहम, इमरान हाशमी और जैकी श्रॉफ जैसे कलाकार नजर आएंगे। यह साल 2021 में रिलीज होने वाली सबसे बड़ी मल्टीस्टारर फिल्म है, जिसे टी-सीरीज ने व्हाइट फेदर प्रोडक्शन के साथ मिलकर बनाया है।
फिल्म 'मुंबई सागा' की कहानी की बात करें तो यह सालों पहले मुंबई में फैले गैंगस्टर वर्ल्ड के आसपास घूमती दिखाई देगी, जिसमें जॉन अब्राहम बड़े माफिया का किरदार निभाते दिखेंगे और इमरान हाशमी एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर के रूप में दिखेंगे, जो सभी गैंगस्टर्स का सफाया करने में जुटा हुआ है। वैसे आप 'मुंबई सागा' देखने के लिए कितने उत्साहित हैं, हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
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दिल्ली में मॉल कल्चर के दस्तक देने से बहुत पहले पालिका बाजार में जाकर शॉपिंग करने का फैशन हुआ करता था। यह भूमिगत और वातानुकूलित था, इसलिए यहां घूमने का दिल्ली मौका नहीं छोड़ती थी। यह 1978 के अंत में बनकर तैयार हुआ था। इसका श्रीगणेश हुआ 1979 के शुरू में। पालिका बाजार ने सस्ते आयातित इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेडिमेड कपड़ों और फुट वियर की सफल मार्केट के रूप में अपनी तुरंत पहचान बना ली थी। दिल्ली के पुराने लोगों को याद होगा कि देश में 1975 में इमरजेंसी लगने के बाद कनॉट प्लेस में एक और बाजार खोलने का निर्णय हुआ। इस फैसले से बहुत से लोग नाखुश थे क्योंकि यहां पर पहले से ही कनॉट प्लेस के अलावा जनपथ, मोहन सिंह प्लेस, शंकर मार्केट, सुपर बाजार थे ही। पालिका बाजार का निर्माण नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) ने किया था।
लालू प्रसाद यादव पहली बार लोकसभा के लिए 1977 में निर्वाचित हुए थे। वह दिल्ली में रहने लगे। कम-से- कम जब संसद का सत्र चलता तो वह दिल्ली में ही रहते। कहते हैं, वह जब यहां से वापस पटना जाते तो अपने मित्रों के साथ पालिका बाजार शॉपिंग के लिए अवश्य पहुंचते। वहां से राबड़ी देवी और बच्चों के लिए कपड़े और घर का दूसरा सामान खरीदते। लालू यादव पालिका बाजार को ठंडी मार्केट कहते थे।
जब पालिका बाजार शुरू हुआ तो यह पूरी तरह से एयर कंडीशंड मार्केट थी। उस समय का भारत बहुत अलग था। देश बिजली की किल्लत झेलता था और बाजार एयर कंडीशंड नहीं होते थे। इस वजह से पालिका बाजार को कुछ लोग ठंडी मार्केट भी कहते थे। यहां सबसे पहले पंचकुइयां रोड के दुकानदारों, जिनकी दुकानें कनॉट प्लेस से सुचेता कृपलानी अस्पताल तक थीं, को स्पेस दिए गए थे। जहां पर पालिका बाजार बना वहां पर थिएटर कम्युनिकेशन बिल्डिंग थी। इसमें बहुत से स्वयंसेवी संस्थाओं के दफ्तर चलते थे। इसके साथ ही कॉफी हाउस भी था।
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कोविड-19 वायरस को समझने की वैज्ञानिक जितनी कोशिश कर रहे हैं, उतने ही रहस्य गहराते जा रहे हैं। पहले अध्ययनों में यह बात सामने आई थी कि 25 फीसदी लोगों में बीमारी के लक्षण ही प्रकट नहीं होते हैं, वहीं अब नये अध्ययन में यह बात सामने आई है कि ठीक हो चुके करीब आठ फीसदी कोविड संक्रमितों में एंटीबॉडीज नहीं बन रहे है। एंटीबाडीज वायरस संक्रमण के खिलाफ काम करते हैं। सवाल खड़ा होने लगा है कि क्या यह वायरस लोगों के प्रतिरोधक तंत्र को खराब बना रहा है ?
यह शोध भारत के संदर्भ में इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार कोविड हॉट स्पॉट में एंटीबॉडीज के आधार पर संग्दिध मरीजों की जांच शुरू करने जा रही है। लेकिन यदि रोगी के शहरी में एंटीबॉडीज बनेंगे ही नहीं तो मरीज की पहचान कैसे हो पाएगी।
चीन के फुदान विश्वविद्यालय ने अस्पताल में भर्ती 130 मरीजों में एंटीबॉडीज की जांच की। कोविड के ये मरीज स्वस्थ हो चुके थे और करीब 15 दिनों के बाद एंटीबॉडीज टेस्ट किया गया। लेकिन आठ फीसदी यानि दस मरीजों में एंटीबॉडीज मिले ही नहीं। जबकि तीस फीसदी में एंटीबाडीज मिले तो सही लेकिन उनकी मात्रा बेहद कम थी। जिन मरीजों में एंटीबॉडीज नहीं पाए गये, उन दस में से नौ की उम्र 40 साल से नीचे थी। एक ज्यादा उम्र का था।
इस अध्ययन पर वर्धमान महावीर मेडिकल कालेज के कम्युनिटी मेडिसिन के निदेशक डॉक्टर जुगल किशोर ने कहा कि पहला सवाल यह खड़ा होता है कि क्या यह वायरस संक्रमण के बाद प्रतिरोधक तंत्र को ही बिगाड़ रहा है। दूसरे, इन मरीजों की आगे जांच होनी चाहिए कि कहीं उनमें देर से तो एंडीबॉडीज नहीं बन रही हैं। डॉक्टर किशोर के अनुसार यह आरंभिक अध्ययन है लेकिन आगे अध्ययन की जरूरत को दर्शाता है।
दुनिया के कई देशों में यह बात सामने आ रही है कि कोविड मरीजों में उपचार के बाद भी संक्रमण की पुष्टि हो रही है या उनका कोरोना का टेस्ट पॉजीटिव आ रहा है। यह अध्ययन भी इसी ओर ईशारा करता है कि यदि ठीक होने के बाद रक्त में एंटीबॉडीज नहीं बन रही हैं तो दोबारा संक्रमण का खतरा हो सकता है।
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कमभूमि ]
बैठी थी । पैदावार का मूल लागत और लगान से कहीं कम था । खाने कपड़े की गुञ्जाइश नहीं थी,... सलीम को असामियों से सहानुभूति होती जाती थी। कितना अन्याय है कि जो वेचारे रोटियो के मुहताज हैं, जिनके पास तन ढाकने को केवल चिथड़े हों, जो बीमारी में एक पैसे की दवा भी न कर सकते हों, जिनके घरों में दीपक भी न जल ते हो, उनसे पूरा लगान वसूल किया जाय। जब जिन्स महंगी थी तब किसी तरह एक जून रोटियाँ मिल जाती थीं। इस मन्दी में तो उनकी दशा वर्णनातीत हो गई है।...
अब सलीम ने किसानों का सच्चा हाल लिखकर एक रिपोर्ट तैयार की, और उसे मिस्टर गजनबी के पास मेज दिया। दोनों में बहस होने लगी । गजनबी कहता था - 'हमारा काम केवल अफसरों की श्राज्ञा मानना है । उन्होंने लगान वसूल करने की श्राशा दी । हमें लगान वसूल करना चाहिये । प्रजा को कष्ट होता हो तो हो, हमें इससे प्रयोजन नहीं । हमें खुद अपनी आमदनी से टैक्स देने में कष्ट होता है, लेकिन मजबूर होकर देते हैं।' जब 'सलीम ने यह सुना तो उसने कहा'हम सरकार के नौकर केवल इसलिए है कि प्रज्जा की सेवा कर सके...।' गजनबी ने बहुत ऊँच-नोच सुझाया, लेकिन सलीम पर कोई असर नहीं हुआ । उसे डडों से लगान वसूल करना किसी तरह मंजूर नहीं था । श्रखर गजनवी ने मजबूर होकर उसकी रिपोर्ट ऊपर मेज दो, और एक ही सप्ताह के अन्दर गवन मेन्ट ने उसे पृथक कर दिया । इसके बाद सलीम किसानों में काम करता हुआ दिखाई देता है। सलीम की जगह मिस्टर घोष श्राये, वे एक नम्बर जालिम थे । उन्होंने किसानों से हर तरीके से लगान वसूल करना चाहा । किसान उत्ते जित हो गये, तो वे बुरी तरह मारे गये, कई को जान से हाथ धोना यहा । सलीम भी एक सब इन्सपेक्टर और कई कान्सटेबलों के साथ एक लारी पर सदर भेज दिया गया। बाद को वह उसी जेल में पहुँचाया
गया जहाँ अमरकान्त था । श्रमर ने सलीम से पूछा- तुम तो सरकार के खैरख्वाह नौकर ये, तुम जेल में कैसे ा गये ? सनीम हँसा- तुम्हारे इश्क में } - 'दादा को किसका इश्क था १ -'अपने बेटे का ' -'और सुखदा को ?' -'अपने शौहर का '
-'और सकीना को ! और मुन्नी को ? और इन सैकड़ों श्रादमियों को जो तरह-तरह की सख्तियाँ मेल रहे हैं १'
पठानिन तक गिरकार हो चुकी थी। बनारस में अजीब हाल था । हथियारचन्द पुलिस का पहरा है। कोई भाषण नहीं दे सकता, कोई जलशा नहीं हो सकता । फिर भी लोगों ने जलशा किया। एक के बाद एक माषणकर्त्ता गिरफ्तार होते जाते थे । डाक्टर शान्तिकुमार भाषण दे रहे थे- 'हमारे धनवानों को किसका बल है १ पुलिस का । इम पुलिस ही से पूछते हैं, अपने कान्स्टेबल भाइयों से हमारा सवाल है कि क्या तुम भी गरीब नहीं हो १...' डाक्टर साहब भी गिरफ्तार दो गये । डाक्टर के बाद नैना ने भाषण शुरू किया । उसने झंडा उठा लिया और बीस-पचीस हजार की भीड़ के साथ म्युनिसिपिलिटी के दफ्तर की ओर रवाना हो गई। उधर म्युनिसिपल बोर्ड में यही प्रश्न छिड़ा हुआ था। टेलीफोन से कमेटी को पता लगा कि इस प्रकार एक अपार भीड़ दफ्तर की ओर आ रही है। डि० एस० पी० ने मेम्बरों से टेलीफोन पर यह पूछा कि फायर किये बगैर जुलूस इटने वाला नहीं है, कमेटी के मेम्बरान यह बतलावे कि क्या वे ऐसी हालत में चाहते हैं कि भीड़ को रोका जाय । इस पर कमेटी में वोट लिया गया। बारह हाथ पक्ष में उठे, और दस विपक्ष में, यह तय हुआ कि गोली चलाकर भीड़ को रोका जाय। इतने में फिर टेलिफोन आया। हाफिजजी ने कान |
(सेवानिवृत्त आईएएस मनीष वर्मा पर मेहरबान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार)
Manish Verma Patna : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) की अध्यक्षता में मंगलवार को वर्चुअल मोड में कैबिनेट की बैठक हुई है। इस बैठक में सरकार ने कुल सात एजेंडों पर मुहर लगाई। बिहार विकास मिशन के तहत मुख्यमंत्री के लिए एक अतिरिक्त परामर्शी के पद के सृजन पर भी मुहर लगी। इस फैसले के बाद से सबकी नजरें इस अतिरिक्त परामर्शी के पद पर टिक गई है।
इस पद को लेकर अब चर्चा हो रही है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) किसी खास को इस पद पर बैठाना चाहते हैं। इसलिए इस पद का सृजन किया गया है। चर्चा इस बात की भी है कि नीतीश कुमार ने अपने खास अधिकारी मनीष वर्मा (Manish Verma Patna) के लिए इस पद को क्रिएट किया है। मनीष वर्मा ने पिछले साल ही वॉलेंटरी रिटायरमेंट लिया था। मनीष वर्मा नीतीश कुमार के इतने खास माने जाते हैं कि नीतीश कुमार उन्हें खुद से अलग नहीं रहने देना चाहते हैं। जानते हैं मनीष वर्मा के बारे में।
मनीष वर्मा फिलहाल सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी (Retd. IAS Manish Verma) हैं लेकिन उन्हें बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है। मुख्यमंत्री के लिए अतिरिक्त परामर्शी पद इसलिए सृजित किया गया है ताकि मनीष वर्मा को लाया जा सके। मनीष वर्मा 2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें अपने मूल कैडर में वापस बुलाया जा रहा था लेकिन मनीष वहां जाने के इच्छुक नहीं थे। ऐसे में उन्होंने वॉलेंटरी रिटायरमेंट ले लिया था ताकि वह नीतीश कुमार के पास रह सकें। वॉलेंटरी रिटायरमेंट के बाद भी वह नीतीश कुमार के साथ काम कर रहे हैं।
मनीष वर्मा उस वक्त नीतीश कुमार के करीब आए जब वह पटना के जिलाधिकारी थे। जब वे पटना के जिलाधिकारी थे तब 3 अक्टूबर 2014 को पटना के गांधी मैदान में रावण दहन के बाद भगदड़ मची थी। भगदड़ में सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे जबकि 33 लोगों की मौत हो गई थी।
मनीष वर्मा साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भी चर्चाओं में आए थे तब वह पूर्णिया के जिलाधिकारी थे। उस वक्त सुशील मोदी ने उनके काम से नाराज होकर चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखकर मनीष वर्मा को हटाने का आग्रह किया था।
बहरहाल मनीष वर्मा नीतीश कुमार के करीब रहने के लिए वॉलेंटरी रिटायरमेंट लेने के बाद भी उनकी सेवा में लगे रहे। चर्चा है कि मुख्यमंत्री ने उनकी निष्ठा को देखते हुए इस पद का सृजन किया है। इसका ही उन्हें ईनाम दिया जा रहा है।
बिहार के राज्यपाल के निर्देश पर सेवानिवृत्त आईएएस मनीष कुमार वर्मा को बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का सदस्य बनाया गया है। इस संबंध में राज्य रकार के अपर सचिव रामचंद्रुडु ने अधिसूचना जारी की है।
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झारखंड के पलामू में पंचायत के अत्याचार की शिकार हुई महिला। शादीशुदा महिला से मिलने उसके ससुराल पहुंचे दूर के रिश्तेदार युवक को गांव वालों ने प्रेमी समझ दोनेां को बंधक बना पिटाई की, वीडियो वायरल किया, तनाव में महिला ने दे दी जान।
पलामू (झारखंड). झारखंड के पलामू जिले के रामगढ़ में एक युवती समाज के ठेकेदारों की भेट चढ़ गई। एक सप्ताह पहले युवती पर गलत आचरण का आरोप लगा पंचायत के सामने पीटाई की गई थी। इसका वीडियो बनाकर वायरन भी कर दिया गया था। सभी के सामने पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद से युवती आहत थी। तनाव में आकर युवती ने पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। बता दें कि तीन माह पहले किरण की शादी रामगढ़ के बाघी गांव निवासी शिव भुइयां के पुत्र जितेंद्र भुइयां के साथ हुई थी। 17 अगस्त को किरण व किरण के गांव के ही रहने वाले एक युवक को बाघी गांव के ग्रामीणों ने बंधक बना लिया और पिटाई की।
महिला के ससुराल में एक युवक मिलने आया था जिसके बारे में ग्रामीणों को शक था कि वह उसका प्रेमी है, जबकि महिला बार-बार कह रही थी कि वह उसका दूर का रिश्तेदार है। महिला का पति चेन्नई में मजदूरी करने गया हुआ था। महिला और उसके साथ के युवक की पिटाई की घटना एक सप्ताह पहले हुई थी।
महिला किरण देवी के साथ एक युवक को भी बाघी गांव में पंचायत बैठाकर पीटा गया था। दोनों की पिटाई से संबंधित वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसके बाद से महिला मानसिक तौर पर परेशान थी। घटना के बाद वह अपने मायके गढ़वा ज़िला के रमकंडा चली गई थी।
इधर महिला किरण ने घटना के छह दिन बाद अपने मायके से आकर रामगढ़ थाना में बाघी गांव निवासी मुन्ना बैठा, राजमुनि सिंह, सकेन्द्र भुइयां व प्रेम भुइयां समेत एक दर्जन लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया था। महिला के मुताबिक रिश्तेदार महेश कुमार 17 अगस्त को उसके ससुराल आए थे। घर परिवार की बातें कर रहे थे। इसी दौरान कुछ लोगों ने प्रेमी-प्रेमिका कहते हुए बंधक बना लिया और पिटाई की। वीडियो भी बनाया गया। इस घटना से वह मानसिक रूप से परेशान है। रामगढ़ पुलिस एफआईआर दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करती उससे पहले ही महिला ने फांसी लगा ली। महिला के मौत की पुष्टि रामगढ़ थाना प्रभारी प्रभात रंजन राय ने की है। उन्होंने कहा कि महिला की पिटाई करने वाले सभी की पहचान की जा रही है। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
महिला के मायके वालों को बुलाया गया और युवक के माता-पिता भी पंचायत में आए तब उन्हें छोड़ा गया था। महिला को मायके वालों के साथ भेज दिया गया। युवक पर पंचायत ने एक लाख रुपए का दंड लगाया था, जिसमें से 10 हज़ार रुपए लेने के बाद पंचायत ने युवक को छोड़ा था। बाघी के ग्रामीणों के मुताबिक पकड़े गए युवक के साथ महिला का प्रेम प्रसंग चल रहा था। युवक एक रात पहले महिला से मिलने आया था। दोनों को साथ में छत पर देखा गया था। शोर मचाने पर युवक रात में भाग निकला। जब अगली सुबह अपना मोटरसाइकिल लेने आया तो पकड़ा गया। जिसके बाद दोनों को बांध कर पीटा गया था।
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बरदाई का वंशज मानते हैं । इनके अन्धे होने के बारे में जो प्रवाद प्रचलित है, वह मिथ्या मालूम होता है । ये जन्म के अन्धे न थे । इन्होंने प्रकृति का, रूप-रंग का, मानव चेष्टाओं का जो वर्णन किया है, वह जन्मान्ध नहीं कर सकता । उदाहरण के लिए नीचे दिए हुए पद में पनिहारिनों की चेष्टाओं का वर्णन बिना सूक्ष्म निरीक्षण के असंभव है :●
नागरि गागरि लिए पनिघट ते घरहिं आवै । ग्रीवा डोलत, लोचन लोलत, हरि के चितहिं चुरावै ॥ ठठकति चलै, मटकि मुँह मोरै, वंकट भौंह चलावै ।
ये महाप्रभु वल्लभाचार्य के सर्व प्रधान शिष्य थे। उन्हीं की आज्ञा से आप ने भागवतपुराण की कथा को पदों में गाया । यह ग्रन्थ - 'सूर-सागर' के नाम से प्रसिद्ध हुआ। इसकी पद संख्या सवा लाख मानी जाती है, पर अभी तक लगभग ६ हज्जार पद ही मिल सके हैं। इन पदों में भागवत के दशम स्कन्ध की कथा विस्तारपूर्वक कही गई है। शेष स्कन्धों की कथा बहुत संक्षेप से थोड़े से पदों में कह दी गई है ।
सूर-सागर में कृष्ण जन्म से लेकर कृष्ण के मथुरा जाने तक की कथा बहुत विस्तार से गाई गई है। पर पदों के क्रम और विषय को देखकर यह स्पष्ट हो जाता है कि यह ग्रन्थ कथा कहने की प्रवृत्ति से नहीं रचा गया है। कथानक के अनुसार पदों का कम नहीं है । कहीं कहीं वही विषय भिन्न भिन्न पदों में है। भक्ति भाव से प्रेरित होकर जो भाव सुर के हृदय में उठे उन्हीं को उन्होंने पदों में प्रकट किया है ।
प्रत्येक पद स्वतः पूर्ण है । ये पद मुक्तक के रूप में हैं। सभी पद गेय हैं । अतः सूर सागर को हम गीत-काव्य कह सकते हैं ।
तुलसी की अपेक्षा सूर का काव्य क्षेत्र संकुचित है। तुलसी के राम चरित्र में मानव जीवन की प्रत्येक परिस्थिति का समावेश है। सूर के कृष्ण चरित्र में यह व्यापकता नहीं । तब भी शृंगार और वात्सल्य रस की रचनाएँ तुलसी की तद्विषयक रचनाओं से बढ़कर हैं ।
इतना स्वाभाविक चित्र अन्यत्र दुर्लभ है । विप्रलंभ शृंगारात्मक गोपी-विरह का वर्णन और उद्धव के प्रति गोपियों की सुन्दर कटूक्लियाँ बहुत ही मर्मस्पर्शिनी हैं । ऐसा रोचक उपालंभ अन्यत्र नहीं मिलता । यह अंश 'भ्रमरगीत' के नाम से प्रसिद्ध है ।
सूरदास ने रामचरित संबन्धी भी कुछ पद रचे हैं। पर वे उसी प्रकार के हैं जैसे तुलसी के कृष्ण-चरित संबन्धी पद, अर्थात् उनमें वह
रोचकता नहीं है जो सूर के
कृष्ण संबन्धी पदों में और तुलसी के रामसंबन्धी पदों में है ।
सूर-सागर की रचना विशुद्ध व्रजभाषा में हुई है और ब्रजभाषा का यह सर्व श्रेष्ठ ग्रन्थ है। इसमें अनेक वैदेशिक शब्द जैसे 'मसकत' ( फ़ा० मशक्कत ), मुद्दकम, "आयो बाज", 'हवस' इत्यादि भी प्रयुक्त हुए हैं । इनके अन्य ग्रन्थ, सूर सारावली, साहित्य-लहरी, व्याहलो (अप्राप्य ) और नल-दमयन्ती (अप्राप्य ) हैं । |
मौसम विभाग के मुताबिक रविवार से बादल और बारिश से तापमान में कमी और गर्मी से राहत के आसार बन रहे हैं।
ताजनगरी शनिवार को सूबे में सबसे गर्म शहर रही। शुक्रवार को मेरठ सबसे गर्म शहर रहा था लेकिन उससे पहले लगातार चार दिन तक आगरा प्रदेश में सबसे गर्म रहा। महज एक दिन बाद ही आगरा फिर से सूबे का सबसे गर्म शहर बन गया, जहां दिन और रात में तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस ज्यादा है। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार से बादल और बारिश से तापमान में कमी और गर्मी से राहत के आसार बन रहे हैं।
शनिवार को अधिकतम तापमान 36. 4 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 3 डिग्री ऊपर है। यही हाल रात के तापमान का भी है, जो 27. 7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दोपहर में तेज कड़ी धूप लोगों को बेहाल करती रही लेकिन अपराह्न चार बजे से मौसम में बदलाव आया और काले बादल घिर आए। एक बार को लगा कि झमाझम बारिश होने वाली है लेकिन शाम तक बारिश नहीं हुई।
मौसम विभाग के पूर्वानुमान केंद्र के मुताबिक अगले तीन दिनों तक बादलों की लुकाछिपी और बारिश, बूंदाबांदी के आसार बन रहे हैं। एक सितंबर तक मानसून के बादल बरसने के आसार हैं। इससे दिन के तापमान में दो से तीन डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
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#Review: बेईमान लव, फिर सनी लियोन के साथ लव...सेक्स और धोखा!
सनी लियोन की नई फिल्म आई है बेईमान लव और एक बार फिर उनके साथ लव, सेक्स और धोखा हो चुका है। जानिए कैसी है उनकी नई फिल्म।
- कई चीज़ों का CLOSE UP विचलित कर सकता है।
- सनी लियोन वाकई सनी लियोन हैं!
- थियेटर में अगल बगल देखने से बचें।
- चूंकि वो सनी लियोन हैं वो कभी भी डांस करना शुरू कर सकती हैं।
अगर आपको लगता है कि क्या कूल हैं हम, मस्तीज़ादे और ग्रेट ग्रांड मस्ती इस साल की सबसे वाहियात फिल्म थी तो लीजिए, कंपिटीशन आ चुका है।
फिल्म सनी लियोन की है तो बात एक एक डीटेल में होनी चाहिए। बेईमान लव की कहानी (जो कि कहीं नहीं है) सनी लियोन की है जिनका नाम है सुनैना। अब सनी लियोन को डीटेल में दिखाना डायरेक्टर का काम है। एक एक सीन में अच्छे से सनी को फोकस करने के बाद ही सीन शुरू होता है।
बहरहाल, कहानी (फिर बता दें, जो कि है नहीं) एक बिज़नेसवूमन सुनैना और उसके प्रतिद्विंदी राज मल्होत्रा की है। अब हर राज नाम का लड़का शाहरूख खान नहीं हो सकता। तो सनी लियोन के लिए एक परफेक्ट और परमानेंट हीरो ढूंढ लिया गया है रजनीश दुग्गल। वही राज हैं।
अब सुनैना ने धोखेबाज़ी कर करके अपने लिए सीढ़ियां बनाई हैं और ये धोखेबाज़ी उसने हमेशा राज के साथ की है और दोनों के ओवरएक्सप्रेशन से ये साफ है कि इसके पीछे कुछ पुराने कर्म - कांड हैं।
तो अब ये पुराने कर्म - कांड वाले प्रेमियों ने एक दूसरे को बरबाद करने की कसम खाई है लेकिन दोनों के बीच अभी भी शायद कुछ बाकी है....शायद सेक्स...वासना Ooops प्यार !
खैर ये पूरी लव, सेक्स और धोखा वाली कहानी तीन चीज़ों से बनी है - बहुत सारे नशेड़ी लोग....सीढ़ी से तौलिया में उतरती सनी लियोन और सनी लियोन को घूरते हुए लोग।
नियोन बिकीनी का ज़माना आजकल काफी चल गया है। कैटरीना ने भी पहनी थी। सनी लियोन ने भी पहनी है। बस फर्क इतना है कि सनी लियोन हॉट लगती हैं। और कैटरीना नहीं लग पाई थीं।
फिल्म में कहानी तो खैर छोड़िए नहीं है लेकिन फिल्म में सनी लियोन हैं, सनी लियोन हैं तो आईटम हैं, आईटम डांस हैं तो कम कपड़े हैं और कम कपड़े हैं तो और ढेर सारा सेक्स है।
फिल्म में बहुत सारा संस्कारी सेक्स भी है। साड़ी वाला। जहां सनी लियोन बिल्कुल सिंदूर, साड़ी में आएंगी और फिर थोड़ा शर्मो हया और रोमांटिक गाने वाला सेक्स करेंगी।
और हां फिल्म में डैनियल वेबर भी हैं। सनी लियोन के असली पति। फिल्म में उनका नाम डैनियल पीटरसन है! फिल्म तो खैर आप क्या ही देखेंगे।
लेकिन हमें पता है कि आप भी फिल्म डाउनलोड करने का इंतज़ार ज़रूर करेंगे। क्योंकि फिल्म में वो सब कुछ है जो सनी लियोन की फिल्म में होना चाहिए। ट्रेलर में भी सब कुछ था।
अब हमें पता है कि आप ट्रेलर ज़रूर देखेंगे इसलिए क्लिक करने से पहले आजू बाजू वालों का ख्याल रख लें, लैपटॉप/मोबाईल का वॉल्यूम धीमा कर दें, वरना आगे जो होगा वो हमारी ज़िम्मेदारी नहीं है।
कुल मिलाकर अगर फिल्म की बात की जाए तो ये एक डार्क लव स्टोरी है, जहां प्यार की बईमानियों को सामने लाने का ज़िम्मा लिया है सनी लियोन। फिल्म की कहानी एक आजाद ख्याल लेकिन मजबूत औरत के इर्द गिर्द घूमती है, जो रिलेशनशिप के फंदों में उलझी है।
सनी लियोन बहुत मेहनत कर रही हैं कि बॉलीवुड में उनकी छवि बदले। लेकिन पहले उन्हें ये एक ही तरह की फिल्में करना बंद करना पड़ेगा। और ये समझना होगा कि बॉलीवुड उन्हें केवल बेवकूफ बनाकर अपना धंधा चला रहा है।
जहां तक रही फिल्म की बात तो फिल्म हर सनी लियोन फिल्म की तरह है। लव, सेक्स और धोखा, इन्हीं तीन शब्दों पर इस तरह की हर फिल्म बनती है और बेईमान लव भी कोई अलग नहीं हैं।
फिल्म में कहानी के नाम पर तो कुछ नहीं है और सेक्स के नाम पर भी सेंसर ने ज़्यादा कुछ नहीं छोड़ा है। कुछ मिलेगा तो सनी लियोन पर फोकस कैमरा, उनके छोटे कपड़े, हाई हील और नियोन बिकीनी।
पार्टी से निकलीं जान्हवी कपूर की हालत देख चौंके यूजर्स, ट्रोल करते हुए बोले- 'फुल पीकर टाइट है'
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चित्तौड़गढ़। राष्ट्रीय चिंतक एवं विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने कहा कि आज दुनिया हथियारों से नहीं बल्कि सच से डरती है इसलिए सच को पूरी ताकत से बोलो।
कुलश्रेष्ठ ने आज यहां आयोजित दो दिवसीय वीर सावरकर साहित्य सम्मेलन के उछ्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए देश की वर्तमान राजनीतिक व सामाजिक परिस्थितियों को आजादी से पूर्व व बाद की घटनाओं से जोड़ते हुए कहा कि सच को पूरी ताकत से बोलना चाहिए क्योंकि आज दुनिया सच सेडरती है और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री को जनता ने सच के कारण ही चुना है।
उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रवाद पर जमकर हमला बोला और कहा कि सुभाष बो आजादी के आंदोलन के सच को दबाया लेकिन अब सारी सच्चाई बाहर आने लगी है जिससे ये लोग डरे हुए हैं। उन्होंने सावरकर के हिंदूवाद को भी सच बताते हुए कहा कि हिंदूत्व को कोई समाप्त नहीं कर सकता क्योंकि बाकी मजहब कोई 1400 साल पहले जन्मा तो कोई 2000 साल पहले लेकिन हिंदुत्व की कोई तारीख नहीं है ये सनातनी है इसलिए कभी समाप्त नहीं हो सकता लेकिन इस सच को दूसरे जान लें कि जो पैदा हुआ है उसे एक दिन समाप्त होना ही है और यह पैदा होने वाले मजहब पर लागू होता है।
कुलश्रेष्ठ ने पूर्व प्रधानमंत्री जवारिलाल नेहरू एवं लार्ड माउंटबैटन परिवार से संबंधों के बारे में बताते हुए माउंटबेटन की पत्नी के 1962 में मरने पर नेहरू क्षरा शोक अभिव्यक्ति का प्रस्ताव पारित करने को उनकी गुलाम मानसिकता बताने के साथ तत्कालीन जनसंघ सांसदों पर भी हमला बोला और कहा कि जब पण्डित नेहरू ने यह प्रस्ताव रखा तो वहां खुद को हिंदूवादी व राष्ट्रवादी बताने वालों ने मौन धारण कर लिया और सच नहीं बोल पाए। उनका कहना था कि सच को पूरी ताकत से बोलिए, सच पर विवाद कीजिए और चुनौती दीजिए।
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1 इस बार परमेश्वर लोगों को मारने नहीं, बल्कि यथासम्भव उन्हें आया है। गलतियां किससे नहीं होतीं? यदि सभी को मार दिया जाए, तो फिर यह "उद्धार" कैसे होगा? कुछ अपराध जान-बूझकर किये जाते हैं, जबकि कुछ अनजाने में हो जाते हैं। अनजाने में हुये अपराधों को पहचानकर, तुम बदल सकते हो, तो क्या परमेश्वर तुम्हारे बदलने से पहले ही तुम्हें समाप्त कर देगा? क्या उस तरह से परमेश्वर लोगों को बचा सकता है? चाहे तुमसे अपराध अनजाने में हुआ हो या विद्रोही प्रकृति के कारण, तुम्हें यह याद रखना चाहिए कि एक बार अपराध हो जाने पर, तुम्हें शीघ्रता करनी है, और वास्तविकता को पहचानकर आगे बढ़ना है; हालात कुछ भी हों, तुम्हें आगे बढ़ने का प्रयास करना है।
2 परमेश्वर उद्धार का कार्य कर रहा है और वह जिन्हें बचाना चाहता है, उन्हें यूँ ही नहीं मार देगा। तुम चाहे किसी भी स्तर तक बदल पाने की स्थिति में हो, यदि अंत में परमेश्वर तुम्हें मार भी देता है, तो निश्चय ही उसका ऐसा करना धर्मितापूर्ण होगा; और जब समय आयेगा तो वह तुम्हें समझा देगा। इस समय तुम्हें सत्य के लिए प्रयास करना चाहिए, जीवन प्रवेश पर ध्यान देना चाहिए और सही तरीके से अपने कर्तव्य का निर्वहन करना चाहिए। इसमें कोई दोष नहीं है! अंततः, परमेश्वर तुम्हारे साथ जैसा चाहे बर्ताव करे, वह हमेशा न्यायसंगत ही होता है; इस पर तुम्हें न तो संदेह करना चाहिये और न ही इसकी चिंता करनी चाहिये; भले ही इस समय तुम परमेश्वर की धार्मिकता न समझ पाओ, लेकिन वह दिन आयेगा जब तुम आश्वस्त हो जाओगे।
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भोपाल। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास के साथ हुई चर्चा के बाद शुक्रवार सुबह 11 बजे डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल स्थगित कर दी। डॉक्टरों की मांगों को लेकर मंत्री सारंग ने हाईपावर कमेटी बनाने पर हामी भर दी है, साथ ही समय सीमा में विचार कर कमेटी द्वारा रिपोर्ट दिए जाने का आश्वासन भी दिया है। इससे पहले राजधानी समेत प्रदेश के अधिकांश जिलों में सुबह तक हड़ताल जारी रही। दोपहर होते ही हड़ताल स्थगित होने की घोषणा के बाद डॉक्टरों के काम पर लौटने से अस्पतालों में सामान्य दिनों की तरह कार्य शुरू हो गया। मप्र शासकीय एवं स्वशासी चिकित्सक महासंघ के संयोजक डॉ राकेश मालवीय ने बताया कि इस मामले में पहले हमारी बात चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से हुई, जिन्हें मुख्यमंत्री ने खुद अधिकृत किया था। मुख्यमंत्री से मुलाकात हुई तो मुख्यमंत्री ने हमें बताया कि हमारी दोनों मांगे डीएसीपी लागू करना और मेडीकल कार्य में अधिकारियों की दखल अंदाजी बंद करने को लेकर एक हाई पॉवर कमेटी बनाई जाएगी। जिसमें छह विभाग के पीएस के अलावा महासंघ के तीन पदाधिकारी होंगे।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हमारी सरकार संवाद करने वाली सरकार है। कोरोना के समय में डॉक्टरों ने बहुत अच्छा काम किया था। मंत्री सारंग ने कहा कि मैं चिकित्सा महासंघ को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने हड़ताल को स्थगित करने का फैसला लिया है।
डॉक्टरों की हड़ताल का सबसे अधिक असर सुबह से ही हमीदिया अस्पताल में देखने को मिला, जहां सुबह से ही डॉक्टर्स नहीं पहुंचे। इसके अलावा ओपीडी में ताला लगा होने के कारण पर्चे भी नहीं बने। सुबह से मरीज इलाज के लिए भटकते रहे। इसके अलावा यहां किसी तरह के कोई आॅपरेशन, जांच आदि भी नहीं हुए। वहीं जेपी अस्पताल में इक्का दुक्का डॉक्टर्स मरीजों को देखते मिले। इसके अलावा अधिकतर डॉक्टर्स के कमरे खाली ही दिखाई दिए।
डीएसीपी लागू करना।
मेडीकल कार्य में अधिकारियों की दखलअंदाजी बंद करना।
पुरानी पेंशन बहाल करना।
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उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने आज यहां एक समारोह में स्वतंत्रता सेनानी मौलाना हसरत मोहानी के सम्मान में एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मौलाना हसरत मोहानी एक प्रसिद्ध कवि, स्वतंत्रता सेनानी और अतुलनीय व्यक्ति थे। वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने 1921 में अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की बैठक में 'पूर्ण स्वाधीनता' का मुद्दा उठाया था। हमें हमेशा उनके योगदान को याद रखना चाहिए और उनके सपनों को साकार करने की कोशिश करनी चाहिए।
मौलाना हसरत मोहानी 20वीं सदी के पूर्वाध में महान स्वतंत्रता सेनानी थे। वे मुख्य रूप से गजल लिखते थे। उत्तर प्रदेश के मोहान स्थान से होने के कारण उन्हें मोहानी कहा जाता था। वे लोकमान्य तिलक के प्रशंसक थे और वे अपनी कविताओं में भी उन्हें तिलक महाराज कह कर संबोधित करते थे।
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बूंदी जिले की हिंडोली पुलिस ने हाईवे किनारे लोहे की दुकान में बिना लाइसेंस शराब बेचते एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से 2 लाख रुपए कीमत की अंग्रेजी और देसी शराब जब्त की है। फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
थानाधिकारी मुकेश मीणा ने बताया कि आरोपी रामप्रसाद निवासी रेगर मोहल्ला पगारा बूंदी को गिरफ्तार किया है। दोपहर मुखबिर से सूचना मिली कि पगारा रोड पर हाईवे किनारे लोहे की दुकान बनाकर एक युवक बिना लाइसेंस के शराब बिक्री करता है। सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई कर दुकान पर दबिश दी। दुकान पर शराब बेचते मिले आरोपी रामप्रसाद से लाइसेंस मांगा तो नहीं मिला। पुलिस ने आबकारी एक्ट के तहत आरोपी रामप्रसाद को गिरफ्तार किया। जिसके कब्जे से मिली देसी शराब की 40 और अंग्रेजी शराब की 6 पेटी जब्त की गई। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से शराब बिक्री के 1120 रुपए भी बरामद किए है।
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प्रमुख तेल कंपनियों ने मंगलवार को तेल के दामों में और भी बढ़ोतरी की है, जिससे महंगा होता पेट्रोल अब और भी ज़्यादा महंगा होने लगा है।
मालूम हो कि सरकार ने पेट्रोल डीज़ल के दामों को जीएसटी के अंतर्गत सम्मलित नहीं किया है। पेट्रोल-डीजल पर अभी भी राज्य सरकारों द्वारा वैट (वैल्यू एडेड टैक्स) लगाया जाता है, जिसकी दर ज़्यादा होती है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में पेट्रोल के दाम 91.20 रुपये प्रति लीटर तक पहुँच गए हैं, वही डीजल के दाम 79.89 रुपये प्रति लीटर पर हैं। इसी के साथ देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल के दाम 83.85 रुपये प्रति लीटर पर हैं वहीं दिल्ली में डीजल के दाम 75.25 रुपये प्रति लीटर हैं।
आपको यह भी बताते चलें कि दिल्ली राज्य सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के दामों पर बहुत कम वैट लगाया गया है, इसी कारण राज्य में पेट्रोल-डीज़ल के दाम कुछ कंट्रोल में हैं।
हालाँकि उत्तर प्रदेश, हरियाणा दिल्ली समेत कई बड़े राज्य पेट्रोल पर लगने वाले यूनिफार्म टैक्स को फिक्स करना चाहते हैं।
इसी के साथ अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम भी अब नवंबर 2014 के बाद से सबसे अधिक हैं। अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमत 85.45 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरेल तक पहुँच गयी है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
पुदुच्चेरी शहर पुदुच्चेरी केन्द्र-शासित प्रदेश की राजधानी है। . पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य (२० सितम्बर १९११ - ०२ जून १९९०) भारत के एक युगदृष्टा मनीषी थे जिन्होने अखिल भारतीय गायत्री परिवार की स्थापना की। उनने अपना जीवन समाज की भलाई तथा सांस्कृतिक व चारित्रिक उत्थान के लिये समर्पित कर दिया। उन्होने आधुनिक व प्राचीन विज्ञान व धर्म का समन्वय करके आध्यात्मिक नवचेतना को जगाने का कार्य किया ताकि वर्तमान समय की चुनौतियों का सामना किया जा सके। उनका व्यक्तित्व एक साधु पुरुष, आध्यात्म विज्ञानी, योगी, दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक, लेखक, सुधारक, मनीषी व दृष्टा का समन्वित रूप था। .
पुदुच्चेरी शहर और राम शर्मा आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
पुदुच्चेरी शहर 1 संबंध नहीं है और राम शर्मा 19 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (1 + 19)।
यह लेख पुदुच्चेरी शहर और राम शर्मा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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मेरठ में गंगनहर में डूबकर मां-बेटी की मौत मामले की पुलिस जांच हुई तो ये हादसा नहीं हत्या निकला। पति आशीष ने ही 12 साल छोटी लड़की से शादी करने के चक्कर में पत्नी, बेटी की हत्या कर दी। पुलिस ने बेटी, बीवी के हत्यारोपी आशीष को जेल भेज दिया है। आशीष के माता-पिता को भी पुलिस खोज रही है। परिवार उजड़ गया, लेकिन अब आशीष की उन दोनों बेटियों को कौन पालेगा जो पलभर में अनाथ हो गईं। इन बच्चियों को रखने के लिए अब कोई तैयार नहीं है।
आशीष की 10 साल पहले 2013 में बागपत की ज्योति से अरेंज मैरिज हुई थी। दोनों के 3 बेटियां हुईं। अविका, अवनी और भव्या। 2 साल की भव्या को आशीष ने पत्नी ज्योति के साथ ही मार डाला। लाश को गंगनहर में बहा दिया। आशीष की प्लानिंग अवनी और अविका को भी मारकर रास्ते से हटाने की थी। इसमें वो सफल नहीं हो सका। दोनों बेटियां सुरक्षित बच गईं।
अब अवनी, अविका के सामने जिंदगी का संकट खड़ा हो गया। महज 6 और 4 साल की उम्र की ये बच्चियां अब किसके सहारे जिएंगी। हत्यारोपी पिता ने इन बच्चियों की मां को मौत के घाट उतार दिया। खुद जेल चला गया। वहीं आशीष के बुजुर्ग माता-पिता के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज है। पुलिस उन्हें भी खोज रही है। जिस दिन दोनों बुजुर्ग पुलिस के हत्थे चढ़े, जेल जाएंगे। आशीष इकलौता बेटा था। घर में कोई भाई नहीं होने के कारण ये दोनों बच्चियां अब किसके सहारे जिएंगी।
दोनों बच्चियों को रखने के लिए परिवार का कोई भी शख्स तैयार नहीं हैं। ननिहाल पक्ष ने भी इन दोनों बेटियों को रखने से इनकार कर दिया। ननिहाल पक्ष ने पुलिस के सामने साफ तौर पर कहा कि वो इन बच्चियों को नहीं रखेंगे। अगर ये बच्चियां लड़का होती तो रिश्तेदार भी इन्हें रख लेते। पुलिस ने फिलहाल दोनों बच्चियों को रिश्तेदारों के यहां रखा है। जल्द ही तय होगा कि बच्चियों को किसके पास छोड़ा जाए, इनकी देखभाल कौन करेगा।
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एमपी के खरगोन में शुक्रवार को आई आंधी-बारिश और बिजली गिरने के चलते दो लोगों की जान चली गई। 40 वर्षीय ईशराम और उनका भांजा 25 साल का सुनील खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक बिजली गिरी और दोनों की वहीं मौत हो गई।
खरगोन मध्य प्रदेश के खरगोन में जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर भगवानपुरा क्षेत्र के कई गांवों में शुक्रवार शाम तेज आंधी के साथ जोरदार ओलावृष्टि हुई। बड़े-बड़े ओले गिरने के चलते सड़कों पर सफेद चादर जैसी बिछ गई। झमाझम बारिश के साथ ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा जबकि बिजली गिरने से खेत में काम कर रहे मामा-भांजे की मौत हो गई।
झिरन्या थाना क्षेत्र के नहालदरी में खेत में काम कर रहे 40 वर्षीय ईशराम और 25 वर्षीय सुनील की मौके पर मौत हो गई। दोनों मामा-भांजे नुक्ते के लिए नरवट गए थे। लौटकर नहालदारी में खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान उन पर बिजली गिर गई। दोनों की मौत से गांव में मातम पसर गया।
बेमौसम बारिश और ओले गिरने से इलाके में फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। खेत में लगी गेहूं और चना की फसल खराब होने से किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इसके साथ हरी सब्जी और प्याज की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। इस साल जबरदस्त बारिश के चलते प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में सोयाबीन की फसल भी बर्बाद हो गई थी। ऐसे में बेमौसम बारिश के इस दौर ने किसानों पर दोहरी चोट की है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि जिन इलाकों में ओलावृष्टि एवं बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है, वहां सर्वे के निर्देश दे दिए गए हैं। शीघ्र ही सर्वे शुरू हो जाएगा और किसानों को फसलों के नुकसान का समुचित मुआवजा दिया जाएगा।
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टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा कीपिंग ग्लव्स पर बलिदान बैज लगाकर खेलने का मामला शांत होने का नाम ही नहीं ले रहा। हालांकि अभी तक धोनी इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी बोलते नजर नहीं आए हैं। बलिदान बैज मामले में कई दिग्गज खिलाड़ी उनके सपोर्ट में बोल चुके हैं। अब इसी क्रम में भारत के पूर्व विकेटकीपर फारूख इंजीनियर ने भी अपनी बात रखी है।
धोनी ने रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच खेलने से पहले शनिवार को इस मुद्दे पर भारत के पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर के साथ बातचीत की है। भारतीय विश्व कप टीम के सबसे सीनियर खिलाडी धोनी को आईसीसी ने उनके दस्ताने से बलिदान बैज हटाने की बात कही है। संभवतः धोनी आगे मैच में बलिदान बैज लगाकर खेलते नहीं दिखेंगे। इस मुद्दे पर फारुख इंजीनियर ने कहा,
कल मैंने धोनी के साथ एक चैट की थी और हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि इस छोटी सी बात को इतना तूल देकर पहाड़ जैसा बना दिया गया है । मैंने धोनी को कहा कि वास्तव में मुझे धोनी पर गर्व है। हम सब भारतीय हैं और अपनी सेना की इज्जत से जुड़े हुए हैं । यदि मैं उनकी जगह पर होता तो मुझे अपने इस निर्णय पर गर्व होता।
टीम इंडिया के विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने खुले तौर पर अपने दस्ताने पर सेना के लोगो के बारे में अपने विचार व्यक्त नहीं किए हैं, लेकिन उनका मानना है कि सेना के लोगो को उनके स्टंपिंग दस्ताने पर पहनने के निर्णय को तिल का ताड़ बनाया जा रहा है।
बताते चलें कि, दिलचस्प बात यह है कि बीसीसीआई ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई बयान जारी नहीं किया है। देखना काफी दिलचस्प होगा कि रविवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलते वक्त धोनी बलिदान बैज पहनेंगे या नहीं।
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मुजफ्फरपुर के मोतीपुर थाना के भवानीडीह गाँव में चौकीदार पर हुए हमले के आरोपियों को पकड़ने गई पुलिस ग्रामीणों ने धावा बोल दिया ,जिसमे आठ पुलिस के जवान घायल हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस के दो गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया और गिरफ्तार किये गए आरोपित को छुड़ा लिया।
बता दे कि शुक्रवार की देर रात मोतीपुर चीनीमिल की जमीन पर अतिक्रमण करने गए लोगों ने चौकीदार भोला राम पर हमला कर दिया। जब इसकी खबर मोतीपुर थाना मिली तो उक्त गाँव में पुलिस टीम पहुंची। पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया। गिरफ्तारी की खबर सुनते ग्रामीण उग्र हो गए और उन्होंने पुलिस पर हमला कर दिया।
हमले में पुलिस के आठ जवान घायल हो गए जिन्हे पीएचसी में भर्ती कराया गया। उग्र ग्रामीणों ने एक आरोपी को पुलिस के अभिरक्षा से छुड़ा लिया और पुलिस के वाहन को क्षतिग्रस्त कर दिया।
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MUZZFARPUR : बिहार में सड़क हादसों में रोकथाम को लेकर सरकार सड़क सुरक्षा सप्ताह चलाती रहती है। लेकिन, इसके बाबजुद राज्य में कहीं न कहीं से सड़क हादसे से जुडी हुई खबर निकल कर सामने आती रहती है। इस बीच अब एक ताजा मामला बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर से निकल कर सामने आ रहा है। जहां, एक अनियंत्रित पिकअप वैन ने इंटर की परीक्षा देने जा रहे चार स्टूडेंट को रौंद दिया है। जिसमें दो की हालत काफी नाजुक बताई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार, मुज़फ़्फ़रपुर जिले के सकरा थाना क्षेत्र में सबहा चौक के पास इंटर का परीक्षा देने जा रहे 4 छात्र सड़क दुर्घटना में बुरी तरह जख्मी हो गए। यह लोग दो बाइक पर सवार थे, तभी तेज गति से आ रही पिकअप वैन ने पीछे से धक्का मार दिया। इससे ये लोग सड़क किनारे गिर पड़े और पिकअप वैन का ड्राइवर इन लोगों को रौंद डाला। वही, घायल स्टूडेंट का इलाज सकरा के एक अस्पताल में कराया जा रहा है। जिसमें दो छात्र की हालत गंभीर बताई जा रही है।
बताया जा रहा है कि, यह मामला जिले के सकरा थाना क्षेत्र के सबहा चौक स्थित काली मंदिर के पास की है। जहां एक पिकअप और बाइक में जबरदस्त टक्कर हो गई है। जिसमें इंटर के परीक्षा देने जा रहे 4 छात्र बुरी तरह जख्मी हो गए हैं। इस घटना के बाद घटनास्थल पर स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जुट गई जिसके बाद आनन-फानन में स्थानीय लोगों के द्वारा घायल चारों छात्र को सकरा के रेफरल अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वहीं स्थानीय लोगों ने पिकअप और पिकअप चालक को पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया। इस घटना में घायल चारों छात्रों की पहचान सकरा थाना क्षेत्र के गन्नीपुर बेझा निवासी इंद्रजीत कुमार ,विक्की कुमार ,प्रकाश कुमार और मोहम्मद राजा उल्लाह के रूप में हुई है।
आपको बताते चलें कि, मुजफ्फरपुर जिले में हाईवे और प्रमुख सड़कों पर सड़क दुर्घटना पर लगाम लगाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर कैमरा और हाई स्पीड मीटर लगाया गया। लेकिन, इसके बाबजूद हाई स्पीड गाड़ी चलाने वालों लोगों में इन कैमरे का डर बिल्कुल भी नजर नहीं आ रहा है। जिसका खामियाजा सड़क दुर्घटना के रूप में हमेशा नजर आ ही जाता है।
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यूरोप में भारतीय समुदाय के लोगों को एक साथ लाने के उद्देश्य से हेग में तीसरे क्षेत्रीय मिनी-प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया गया था। इस आयोजन का उद्देश्य संस्कृति, विरासत और परंपरा के क्षेत्रों में भारत और यूरोप के बीच सहयोग बढाना तथा भारत-यूरोपीय व्यापार और निवेश के अवसरों की तलाश करना था। इस कार्यक्रम में हेग नगरपालिका की भागीदारी के साथ-साथ नीदरलैंड के इंडो-डच संगठनों की ओर से सक्रिय सहयोग भी मिला। इस कार्यक्रम में 405 पंजीकृत आमंत्रित अतिथियों और 40 मीडिया कर्मियों सहित 535 लोगों ने भाग लिया।
अपने संबोधन में प्रवासी भारतीय कार्य मंत्री श्री वयालार रवि ने भारतीय अर्थव्यवस्था के लचीलेपन पर जोर देते हुए कहा कि भारत ने यूरोप के भारतवंशियों अथवा अप्रवासी भारतीयों के लिए सभी क्षेत्रों में व्यापक अवसरों की पेशकश की है।
डच के पूर्व प्रधानमंत्री और मुख्य अतिथि प्रो. रूड लूबर्स ने बताया कि किस प्रकार अंतर्राष्ट्रीय समुदाय राज्यों की स्वतंत्रता और संप्रभुता से अपना ध्यान हटाकर राज्यों की अंतर-निर्भरता की ओर केन्द्रित कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक बहु-आयामी विश्व में भारत को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी और भारतीय समुदाय सभ्यताओं को आपस में जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
(Release ID :777)
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टेरर फंडिंग मामले में यासीन मलिक को दोषी करार दिए जाने के बाद बलिदानी स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना की पत्नी ने कहा है कि यह आतंकी उस मामले में भी नहीं बच पाएगा।
नागपुर स्थित RSS मुख्यालय की रेकी के मामले में कश्मीर से जैश आतंकी को गिरफ्तार किया गया है। रेकी कर इस आतंकी ने वीडियो पाकिस्तान स्थित अपने हैंडलर को भेजा था।
जम्मू कश्मीर पुलिस ने सुरक्षाबलों के साथ मिलकर बांदीपोरा जिले में प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है।
प्रोफेसर अल्ताफ हुसैन पंडित ने 1990 में सीमा पार से हथियार चलाने की ट्रेनिंग ली थी, बाद में JKLF का सक्रिय आतंकी बन गया था।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। वहीं, सरकार ने राहुल भट की पत्नी को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया है।
13 मई की सुबह दहशतगर्दों ने एक पुलिसकर्मी रियाज अहमद ठोकर के घर में घुसकर उन्हें गोली मार दी। अस्पताल भर्ती ठोकर की हालत गंभीर बनी हुई है।
आतंकवादियों ने 5 दिन पहले एक पुलिसकर्मी को गोली मारकर घायल कर दिया था। घायल कांस्टेबल को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
करनाल पुलिस ने 4 संदिग्ध खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इन आतंकियों के पास से 1 पिस्टल 31 कारतूस, 3 IED और कैश बरामद किया गया है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बांग्लादेश के आतंकवादी समूह के कई मॉड्यूल पर नकेल कसने के लिए असम पुलिस की सराहना की। 16 आतंकी गिरफ्तार।
NDTV की रिपोर्टर आरोपित अंसार के लिए 'आप, उन्होंने, उनके और अंसार जी' जैसे शब्दों का प्रयोग करती हुई नजर आईं। जहाँगीरपुरी के दंगाई का बचाव।
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मायावती ने बुधवार (22 अक्टूबर) को यहां जारी बयान में कहा कि सीबीआई में विभिन्न प्रकार के हस्तक्षेपों के कारण पहले भी काफी कुछ गलत एवं अनर्थ होता रहा है।
बसपा प्रमुख मायावती ने देश की प्रमुख जांच एजेंसी सीबीआई में शीर्ष स्तर पर जारी घमासान को चिंताजनक बताते हुये उच्चतम न्यायालय से इस संस्था की विश्वसनीयता को बहाल करने के लिये मौजूदा विवाद पर विस्तार से संज्ञान लेने का अनुरोध किया है।
मायावती ने बुधवार (22 अक्टूबर) को यहां जारी बयान में कहा कि सीबीआई में विभिन्न प्रकार के हस्तक्षेपों के कारण पहले भी काफी कुछ गलत एवं अनर्थ होता रहा है। अब जो कुछ उठापठक हो रही है वह देश के लिये गंभीर चिन्ता की बात बन गई है क्योंकि इससे जनता में अनेक प्रकार की भ्रान्तियाँ पैदा हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि चर्चा में आये इस विवाद के कारण लोगों का सीबीआई से भरोसा डगमगा सा गया है। पिछले तीन दिनों से जारी इस मामले में बसपा प्रमुख ने पहली बार प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा कि सीबीआई में पिछले कुछ दिनों से जारी आपसी घमासान के दौरान केन्द्र सरकार ने मंगलवार को देर रात जांच एजेंसी के निदेशक को लम्बी छुट्टी पर भेजने के साथ बड़े पैमाने पर अधिकारियों के तबादले भी कर दिये।
मायावती ने कहा कि सीबीआई पर लोगों का भरोसा फिर से बहाल करने के लिये जरूरी है कि उच्चतम न्यायालय विस्तारपूर्वक प्रभावी रूप से वर्तमान संकट पर संज्ञान ले।
बसपा प्रमुख ने कहा कि केन्द्र सरकार की द्वेषपूर्ण, जातिवादी और सांप्रदायिकता पर आधारित नीतियों और कार्यकलापों ने सीबीआई सहित हर संवैधानिक और स्वायत्त संस्थाओं को संकट में डाल रखा है।
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बॉलीवुड एक्ट्रेस दिशा पाटनी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं. उनके तस्वीरें और वीडियो आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो जाती हैं. वह आज मुंबई के बांद्रा में स्पॉट हुईं।
दिशा पाटनी की कई तस्वीरें सामने आई हैं. इन तस्वीरो में वह काफी फिट दिखाई दे रही हैं।
बात करें वर्कफ्रंट की तो दिशा की इस साल राधे रिलीज हुई थी, जिसमें वह सलमान खाने क अपॉजिट दिखाई दीं. उनके पास एक विलेन रिटर्न और टीना जैसी फिल्में पाइपलाइन में हैं।
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KBC 14 Play Along 28 October, Kaun Banega Crorepati 14, Episode 61: नासा का अंतरिक्ष अभियान डीप ऐट्मोस्फियर वीनस इन्वेस्टीगेशन ऑफ नोबल गैसेस, केमेस्ट्री, एंड इमेंजिग किस रूप में अधिक प्रसिद्ध एक व्यक्ति के नाम पर रखा गया है?
ऑप्शनः
नासा का अंतरिक्ष अभियान डीप ऐट्मोस्फियर वीनस इन्वेस्टीगेशन ऑफ नोबल गैसेस, केमेस्ट्री, एंड इमेंजिग चित्रकार रूप में अधिक प्रसिद्ध एक व्यक्ति के नाम पर रखा गया है. इसका नाम Davinci है. Leonardo da Vinci एक महान चित्रकार थे. वह अपनी नाटकीय और अभिव्यंजक कलाकृति के लिए सबसे अधिक जाने जाते हैं, लियोनार्डो ने दर्जनों सावधानीपूर्वक सोचे-समझे प्रयोग भी किए और भविष्य के आविष्कारों का निर्माण किया जो उस समय के लिए महत्वपूर्ण थे. उनकी तेज नजर और तेज दिमाग ने उन्हें महत्वपूर्ण वैज्ञानिक खोज करने के लिए प्रेरित किया, फिर भी उन्होंने अपने विचारों को कभी प्रकाशित नहीं किया.
कौन बनेगा करोड़पति 14 (Kaun Banega Crorepati 14) में शुक्रवार के केबीसी प्ले अलाॅन्ग स्पेशल एपिसोड (KBC Play Along Special Episode) में राहुल नायर (Rahul Nair) नाम के कंटेस्टेंट हाॅट सीट पर आए थे. उन्होंने अपने ज्ञान के जरिए 6 लाख 40 हजार रुपये की धनराशि जीती. वह 12 लाख 50 हजार रुपये के कठिन सवाल पर जाकर अटक गए थे. उनकी सभी लाइफलाइन भी खत्म हो गई थी जिसके चलते उन्होंने गेम को छोड़ने का फैसला लिया. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऊपर दिए गए सवाल का सही जवाब 'चित्रकार' है.
सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन के लोकप्रिय रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति 14 को अगर आप मुफ्त में देखना चाहते हैं तो आप जिओ टीवी ऐप पर जाकर देख सकते हैं. इसके अलावा सोनी टीवी चैनल पर भी इसे देख सकते हैं. ये शो सोमवार से शुक्रवार रात 9 बजे से प्रसारित होता है.
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10 Home Remedies for Heart Disease हृदय रोग से ज्यादातर वे लोग पीड़ित होते हैं। जो दिनभर गद्दी पर बैठे रहते हैं और हर समय अनाप-शनाप खाते-पीते हैें। इस रोग के शुरू में साधारण दर्द होता हैे। फिर धीरे-धीरे रोग बढ़ जाता है।
जो सम्पूर्ण हृदय को जकड़ लेता हैे यह रोग होने पर बड़ी बेचैनी रहती हैे। अचानक हृदय में पीड़ा उठती है और फिर सारा शरीर जकड़ जाता हैे रोगी की सांस रुक-रुककर बड़ी तेजी से चलने लगती हैे। बेचैनी के साथ-साथ हाथ-पैरों में शिथिलता शुरू हो जाती हैे।
- 10 मि. ली. अनार के रस में 10 ग्राम पिसी मिश्री डालकर हर रोज सुबह पीने से हृदय की जकड़न और हृदय का दर्द दूर हो जाता है।
- हृदय की धड़कन तेज हो तो एक टेबलस्पून अनार के ताजे पत्ते को एक कप पानी में पीसकर और छानकर सुबह-शाम पीने से हृदय मजबूत बनता है और हृदय की धड़कन सामान्य होती है।
- 200 मि. ली. ताजे गाजर के रस में 100 मि. ली. पालक का रस मिलाकर रोज सुबह पीएं। हृदय की तकलीफेंः दिल का दौरा और दिल का बेकाबू हो धड़कना, सब नियंत्रण में आ जाता है।
- हृदय रोगी यदि खूब मथकर मक्खन निकाला हुआ एक ग्लास छाछ रोज पीएं तो हृदय की रक्तवाहिनियों में बढ़ी हुई चर्बी कम हो जाती है और दिल की तेज धड़कन व घबराहट भी दूर हो जाती है।
- हींग को भूनकर उसका चूर्ण बना लें। फिर काला व सफेद जीरा, अजवायन और सेंधा नमक- सभी बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनाएं और हींग के चूर्ण को इसमें मिलाकर बॉटल में भरकर रख दें। हर रोज एक टीस्पून चूर्ण का सेवन करें। कुछ दिनों में ही हृदय का दर्द दूर हो जाएगा।
- 100 मि. ली. अदरक के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर चाटने से हृदय के दर्द में आराम मिलता है। यदि छाती के बाईं ओर दर्द उठता है और सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है, पसीना आने लगता है। तो दूध में लहसुन पकाकर पीएं। कुछ दिनों तक निरंतर इस दूध का सेवन करने से लाभ होता है।
- यदि दिल घबराता है, धड़कन तेज हो गई है, पसीना आ रहा है, तो आलूबुखारा खाइए या मीठा अनार चूसिए। आराम मिलेगा।
- पका हुआ कद्दू लेकर उसे धो लें और छिलके सहित उसके छोटे-छोटे टुकड़े काट लें। इसे अच्छी तरह सुखाकर मिट्टी के बर्तन में भरकर बर्तन के मुख पर ढक्कन लगाकर ऊपर से कपड़ा रखकर मिट्टी का लेप लगा दें। इस बर्तन को 15-20 मिनट तक धीमी आंच पर रखकर गर्म करें। फिर उसे उतारकर ठंडा होने पर खोलें। कुम्हड़े के जले हुए टुकड़ों को कूटकर चूर्ण बनाएं और एयरटाइट बॉटल में भरकर रख दें। आधा टीस्पून चूर्ण में 1/4 टीस्पून सोंठ का चूर्ण मिलाकर गर्म पानी के साथ सेवन करें। इससे सभी तरह के हृदय दर्द से राहत मिलती है।
- हृदय रोग और रक्तचाप रोग में यदि नियमित रूप से सुबह-शाम लौकी की सब्जी का सूप पीएं या उसकी सब्जी भोजन के साथ सेवन करें, तो एक महीने में ही लाभ होने लगेगा।
- हृदय में दर्द होने या दौरा पड़ने पर दो चम्मच शुद्ध घी में आधा टीस्पून बेल का रस मिलाकर पीएं। गाय का घी हो, तो अति उत्तम है। इससे तुरंत राहत मिलेगी।
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कोटाः जंग खाया हवाई जहाज, टूटे झूलें और चोट देने की क्षमता रखने वाली फिसल पट्टी ऐसा ही कुछ नजारा दिखाई देता है आजकल चंबल किनारे बनाए हुए ट्रैफिक पार्क की। कहने को तो ये यातायात पार्क है लेकिन मजेदार बात ये है कि इस गार्डन में यातायात के नियमों की जानकारी देने के लिए जो बोर्ड लगाया हुआ है उस बोर्ड से यातायात के संकेत देने के लिए बने कई चिन्हों को मिटे ही जमाना बीत चुका है। लेकिन ना संबंधित अधिकारियों का और ना ही जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर जा रहा हैं।
यहां पर सुबह-शाम घूमने आने वालों का कहना हैं कि करोड़ों रूपए खर्च करके शहर में आॅक्सीजोन बनाया गया है लेकिन जो स्थान सालों से शहर की पहचान बने हुए हैं उनकी सुध तक नहीं ली जा रही है। उनमें से एक चंबल गार्डन के पास ही बनाया गया ट्रैफिक पार्क भी है। जहां सुबह-शाम शहर के लोग ही नहीं बल्कि कई बाहरी पर्यटक भी घूमने, सैर करने तथा व्यायाम करने के उद्ेश्य से आते हैं।
ट्रैफिक गार्डन में इसके निर्माण के समय बच्चों के खेलने-कूदने के लिए जो झूले चकरी और फिसल पट्टी और अन्य मनोरंजन के संसाधन लगाए वो अब नकारा हो चुके है और बच्चों को चोटिल कर रहे है। अधिकांश उपकरण जंग खा चुके हैं। इन खेल उपकरणों में से कुछ महीनों से क्षतिग्रस्त हुए पड़े है जो कभी भी बच्चों या अन्य आयु वर्ग के लोगों को चोटिल कर सकते हैं लेकिन उनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है। बच्चों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए गार्डन में एक हवाई जहाज का निर्माण करवाया गया था। आज उस हवाई जहाज पर इतना जंग लग चुका है कि उसे दूर से देखने से ही उसके पास तक जाने का मन नहीं करता है। गार्डन की सुन्दरता बढ़ाने के लिए लगाए गए फव्वारें बंद पड़े हैं।
गार्डन में लोगों को पीने के पानी उपलब्ध करवाने के लिए जो संसाधन लगाए गए थे वो तो कभी के गायब हो चुके हैं। अब तो वहां टूटे नल हैं जो शौपीस बनकर लगे हुए हैं। जबकि लिख हुआ जल मंदिर है। इसी प्रकार गार्डन में आने वाले लोेगों को बैठने के लिए जो बैंच लगाई गई थी उनमें से कुछ टूट चुकी हैं और जुगाड़ के रूप में उन पिल्लरों पर पत्थरनुमा कुछ बैंच लगाई गई है। वहीं गार्डन की कुछ क्यारियों में लगाए पौधें उचित देखरेख के अभाव में सूखी झाड़ियों के रूप में तब्दील हो चुके हैं। कुछ स्थानों पर सूखी पत्तियों के ढ़ेर भी लगा रहे हैं जो गार्डन में बनी अव्यवस्थाओं की ओर इशारा कर रहे हैं।
याातायात नियमों की धज्जियां तो आए दिन उड़ती रहती है लेकिन चम्बल गार्डन के ट्रैफिक गार्डन में नगर निगम की और से बच्चों के लिए लगाए यातायात नियमों की जानकारी बोर्ड भी जंग खा रहे है। यातायात नियम बोर्ड से गायब है तो कई के नामों निशान मिट चुके है। सुबह की सैर और शाम को घूमने आने वाले लोगो को अब यह जंग खाते यातायात नियम बोर्ड मुंह चिढ़ाते नजर आते है।
ट्रैफिक पार्क, प्रसिद्ध चंबल गार्डन के बगल में स्थित एक और शानदार पार्क है जो कोटा और बाहरी लोगों को उनके पिकनिक समारोह के लिए आकर्षित करता है। पार्क मुख्य रूप से बच्चों के लिए मनोरंजन के साथ सीखने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए बनाया गया था। लक्ष्मण झूला नामक एक फुट ओवर ब्रिज चंबल गार्डन और ट्रैफिक पार्क के दो उद्यानों को जोड़ता है। यह गार्डन 1990 में बनाया गया था और यह लगभग 16 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है।
पार्क में विकास के कुछ कार्य होने हैं जिनके बारे में संबंधित उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया दिया गया हैं।
- रामलाल, उद्यान अधीक्षक।
मैं लगभग 4 साल के बाद ट्रैफिक पार्क में आया हंू। उद्यान में कई चीजे टूटी हुई हैं। हालात पहले जैसे नहीं हैं। कोटा शहर में इतने कार्य हो रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधियों की नजर इस गार्डन की ओर नहीं जा रही है।
- विकास जैन।
पूरे पार्क की हालात बिगाड़ कर रखी हुई है। सालों पहले जो चमक इस गार्डन की थी वो सब खत्म हो चुकी हैं। बच्चे इस बाग में आकर काफी खुश होते थे लेकिन अब उनको यहां लाकर क्या ये जंग खाए हवाई जहाज दिखाए।
- कौशल कुमार शर्मा।
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याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुदीप सेठ ने एलएमसी को लखनऊ में उपद्रव करने वाले पक्षियों, जानवरों को मारने का आदेश जारी करने की मांग की थी।
पीठ ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इनकार कर दिया।
फैसले का स्वागत करते हुए पशु अधिकार कार्यकर्ता कामना पांडे ने कहा, यह एक ऐतिहासिक फैसला है। यह कुत्तों के खिलाफ जारी अभियान पर रोक लगाएगा।
(आईएएनएस)
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एक्सीडेंटल चोटों के कारण अधिकांश मृत्यु हॉस्पिटल के बाहर होती है. भारत में एमरजेंसी केयर सिस्टम अभी भी बहुत ही धीरजपूर्ण चरण में है. देश के प्रीमियर हेल्थ इंस्टीट्यूट - एम्स, दिल्ली द्वारा आयोजित एक अध्ययन में पाया गया है कि देश में एमरजेंसी मेडिकल केयर सिस्टम पर्याप्त मात्रा से कहीं दूर है. यह अध्ययन इस तथ्य को भी सपोर्ट करता है कि देश के द्वितीयक और तृतीयक स्तर के केंद्रों में 91% हॉस्पिटल्स में एम्बुलेंस होते हैं, जबकि इनमें से 35% से कम के मेडिकल स्टाफ और पैरामेडिक्स ने रोगियों को आपातकालीन मेडिकल केयर प्रदान करने के लिए कुशल मेडिकल स्टाफ और पैरामेडिक्स प्रदान किए हैं. इसके अलावा, एमरजेंसी केयर सर्विसेज़ अधिकांशतः शहरी शहरों (टियर 1 या 2) तक सीमित हैं और वास्तविक भारत में उपलब्ध नहीं हैं, जहां 70-80% आबादी वास्तव में रहती है.
वैश्विक स्तर पर, सड़क यातायात दुर्घटनाओं के कारण हर साल 1. 3 मिलियन लोगों की मृत्यु हो जाती है और 20-50 मिलियन लोगों को गैर-घातक चोट लगती है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, क्रैश की जगह पर या हॉस्पिटल में लगभग 50% सड़क ट्रैफिक घातकताएं होती हैं. चोट के कारण हॉस्पिटल में होने वाली हर मृत्यु के लिए, लगभग 15-20 गंभीर रूप से घायल मरीजों को हॉस्पिटलाइज़ेशन की आवश्यकता होती है और समुदाय में लगभग 30-50 घायल मरीजों को फर्स्ट-एड केयर की आवश्यकता होती है.
1 के भीतर लगभग आधी आघात मृत्यु हो जाती हैसेंट दुर्घटना का समय और अस्पताल पहुंचने के 24 घंटों के भीतर दूसरा 30%. द 1सेंट किसी दुर्घटना या चोट के बाद घंटे स्वर्ण घंटे माना जाता है. इस समय रोगी को सही जगह और सही समय पर सही उपचार प्राप्त करना होगा.
एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो) के अनुसार, 2020 में दुर्घटनाओं के कारण 3. 74 लाख से अधिक लोग अपना जीवन खो गए. सड़क दुर्घटनाओं में 35% अर्थात 1. 31 लाख पीड़ित व्यक्ति शामिल थे.
किसी भी सड़क दुर्घटना या चोट के लिए पहली सहायता महत्वपूर्ण है. यह हानिकारक स्थितियों को रोक सकता है. हालांकि, हम में से अधिकांश को CPR जैसी पहली सहायता में इस्तेमाल की जाने वाली बुनियादी प्रक्रियाएं नहीं पता है. पहली सहायता के बारे में जानना अपनी आपातकालीन स्थितियों में अन्य लोगों की मदद करने में वास्तव में मददगार हो सकता है. आप पहली सहायता तकनीक और प्रक्रियाओं को जानकर किसी के जीवन को बचा सकते हैं.
जीवन बचाने के लिए प्रथम सहायता प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, सितंबर की हर दूसरी शनिवार को विश्व का पहला सहायता दिवस मनाया जाता है और इस वर्ष इसे 10 पर देखा जा रहा हैटीएच सितंबर का. इस दिन, पहली सहायता के महत्व को हाइलाइट करने और जागरूकता पैदा करने के लिए विभिन्न अभियान आयोजित किए जा रहे हैं. वर्ल्ड फर्स्ट एड डे के लिए इस वर्ष की थीम जीवनभर की पहली सहायता है. विश्व की पहली सहायता पहले रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) द्वारा देखी गई थी.
एम्बुलेंस सर्विसेज़ 108 भारत में प्रीहॉस्पिटल केयर की देखभाल कर रही हैं. लेकिन ट्रैफिक कंजेशन के कारण उनकी सेवाओं में मुख्य बाधा आ रही है. इस प्रकार, बाइक एम्बुलेंस पारंपरिक कार एम्बुलेंस सर्विस से बेहतर काम करता है. यह एक व्यस्त गली और ट्रैफिक जैम के माध्यम से आसानी से यात्रा कर सकता है. हालांकि, इसमें अपनी खुद की चुनौतियां हैं जैसे अपर्याप्त सार्वजनिक फंडिंग और कुशल कार्यबल की कमी. बाइक एम्बुलेंस सर्विसेज़ कुछ राज्यों के शहरों में शुरू की गई है और इसका लंबा तरीका है.
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वीडियो में जेठालाल फोन पर एक क्लाइंट से जरूरी बात कर रहा होता है। इससे पहले जेठालाल दया के काम में हाथ बंटा रहा होता है, तभी फोन बज उठता है। जेठालाल के हाथ में दयाबेन की साड़ी का एक किनारा होता है। दया साड़ी तय कर रही होती है। ऐसे में साड़ीकी किनारी को जेठालाल अपनी कमरपटी में फंसा देता है। इसके बाद घर का फोन बज उठता है। दया बेन फोन उठाती है और जठा को बताती है कि शॉप से फोन है। फोन रखते ही दया को शरारत सूझती है।
इसके बाद से ही दया बेन साड़ी जेठालाल पर लपेट देती है। दया बात करते हुए जेठालाल पर साड़ी लपेटती रहती है। इसके बाद बापूजी घर में आते हैं और जेठालाल को पुकारने लगते हैं। तो वहीं जेठालाल बापूजी के पास दौड़े चले जाते हैं।
जेठा को ऐसे देख चंपक चाचा चिल्ला पड़ते हैं और कहते हैं तेरेको शर्म नहीं आती। जेठा लाल की बोलती बंद हो जाती है। तभी जेठा कुछ कह नहीं पाता और दया बेन को भी बहुत बुरा लगता है वहअपने कमरे में होती है । दया सोचती है कि उसकी वजह से टप्पू के पापा जेठा को डांट पड़ गई। इसने में बबीताजी भी वहां आ धमकती हैं। बापूजी पहले ही जेठा को डांट रहे होते हैं । ऐसे में जेठा की शक्ल देखने वाली होती है। इस सीन को फैंस खूब पसंद कर रहे हैं।
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शाओमी कथित तौर पर अपकमिंग Mix Fold 3 के साथ बड़ी तरक्की करने वाला है।
Vivo अपनी V29 सीरीज के साथ अपना ग्लोबल प्रभाव बनाने की तैयारी कर रहा है।
Infinix 3 अगस्त को अपनी GT 10 Pro सीरीज को लॉन्च करने वाला है।
अगस्त 2023 में कई सारे हाई-एंड स्मार्टफोंस को लॉन्च किया जाने वाला है और कम्पनियां इस त्योहार के महीने में ग्राहकों को खुश करने के लिए अपने प्रॉडक्ट्स के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। जिन स्मार्टफोंस का सबसे अधिक इंतज़ार किया जा रहा है उनमें से तकनीकी दुनिया में Vivo V29 और Infinix GT 10 Pro की सबसे अधिक चर्चा हो रही है।
फैन्स तकनीकी दुनिया में लेटेस्ट डेवलपमेंट के लिए काफी उत्सुक हैं और आगे के अपडेट्स समेत इन स्मार्टफोंस के बारे में नई घोषणाओं का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।
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HT Tech की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Xiaomi Mix Fold 3, Vivo V29 series, Realme GT 5, Infinix GT 10 Pro और कई दूसरे डिवाइसेज इस अगस्त के महीने में भारतीय बाजार में लॉन्च हो सकते हैं। आइए इन स्मार्टफोंस की डिटेल्स देखते हैं।
शाओमी कथित तौर पर अपकमिंग Mix Fold 3 के साथ बड़ी तरक्की करने वाला है जो चीन में लॉन्च होने के लिए तैयार है। यह फोल्डेबल डिवाइस इस सेगमेंट में Samsung Galaxy Z Fold 5 और दूसरे ब्रांड्स के स्मार्टफोंस को आमने-सामने की टक्कर देगा। बता दें कि इस फोन का कैमरा सिस्टम इसकी एक बड़ी खासियत है जिसे लेजेंडरी ब्रांड Leica के सहयोग से बनाया गया है।
Vivo अपनी V29 सीरीज के साथ अपना ग्लोबल प्रभाव बनाने की तैयारी कर रहा है। इस सीरीज में Vivo V29 और Vivo V29 Pro मॉडल्स शामिल हैं। दिलचस्पी की बात यह है कि ये मॉडल्स Vivo S17 सीरीज का रीब्रांडेड वर्जन हैं। Vivo S17 सीरीज को शुरू में चीन में लॉन्च किया गया था। अपकमिंग V29 सीरीज के डिवाइसेज से यूजर्स पॉवरफुल परफॉरमेंस की उम्मीद कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रियलमी 2023 का अपना पहला फ्लैगशिप Realme GT 5 पेश करने की तैयारी कर रहा है। इस फोन को शक्तिशाली स्नैपड्रैगन 8 जेन 2 चिपसेट, 144Hz OLED डिस्प्ले और 50MP ट्रिपल कैमरा सेटअप के साथ तैयार किया गया है। फैन्स द्वारा इस फोन के आने का बेसब्री से इंतज़ार किया जा रहा है।
Infinix 3 अगस्त को अपनी GT 10 Pro सीरीज को लॉन्च करने वाला है। यह स्मार्टफोन एक खूबसूरत डिजाइन और मीडियाटेक डायमेंसिटी 8050 चिपसेट से लैस होगा। ऑप्टिक्स की बात करें तो इसमें आपको 108MP प्राइमरी सेंसर मिलेगा।
HT Tech के अनुसार, वनप्लस बहुत जल्द अपने फोल्डेबल स्मार्टफोन OnePlus Open को लॉन्च करने वाला है। यह डिवाइस शक्तिशाली स्नैपड्रैगन 8 जेन 2 प्रोसेसर, 2K AMOLED प्राइमरी डिस्प्ले और OnePlus 11 5G की तरह ट्रिपल रियर कैमरा सिस्टम से लैस होने की उम्मीद है। यह फोन इस इंडस्ट्री में अन्य फोल्डेबल फोंस के लिए तगड़ा प्रतिस्पर्धी होगा। OnePlus Open न्यू यॉर्क में 29 अगस्त को लॉन्च होने की संभावना है।
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पूर्वी चीन में एक अनोखी चोरी का मामला सामने आया है। जिंआग्सू प्रांत में एक चोर ने कंकरीट से बनी सड़क के 800 मीटर हिस्से को रातभर के अंदर चुराकर उसे बेच दिया। चीनी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक 24 जनवरी को सुबह जब सानकेशू गांव के निवासियों ने सड़क के एक हिस्से को गायब पाया तो वे परेशान हो गए। उन्होंने पुलिस को सूचना दी और बताया कि सड़क का एक हिस्सा आश्चर्यजनक रूप गायब है। कुछ ग्रामीणों ने समझा कि संभवतः बिना घोषणा के ही सड़क मरम्मत का कार्य चल रहा है, लेकिन जब पुलिस ने जांच की तो मामला कुछ और निकला। पुलिस ने पाया कि झू नाम के व्यक्ति ने खुदाई करने वाले यंत्र की सहायता से करीब 800 मीटर सड़क को खोद डाला और उसके कंकरीट के मलबे को एक फैक्टरी को बेच दिया। पुलिस ने बताया कि झू इसके जरिए पैसे बनाना चाहता था और उसे लगता था कि कंकरीट की सड़क को खोदकर उसे बेचना, बिजनेस का एक अच्छा मौका है। झू ने कहा कि कोई भी उस सड़क से नहीं जा रहा था। मैं उसे क्यों न खोद डालूं। मैं सीमेंट के टुकड़े को बेचकर कुछ पैसे बना सकता हूं। झू ने करीब 500 टन कंकरीट को चुराया और उसे 51 हजार रुपए में बेच दिया। सड़क चोरी का पूरा मामला मीडिया में आने के बाद चीनी सोशल मीडिया में कॉमेंट की बाढ़ आ गई। इसमें कई ऐसे लोग थे जिन्होंने झू का समर्थन भी किया। एक यूजर ने लिखा कि गरीबी ने उसे रचनात्मक बना दिया। एक यूजर ने लिखा कि इस चोरी की सबसे अच्छी सजा यह होगी कि उसे सड़क बनाने के लिए कहा जाए।
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संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी लता बहुत ही संस्कारी थी। सबकी चहेती थी वह, भगवान ने भी रंग रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। दादा-दादी, चाचा-चाची, ताऊ-ताई, छह बहन, पाँच भाई इतना बड़ा परिवार था उसका। परिवार में इतनी बेटियाँ होने के कारण शीघ्र ही उनका विवाह कर दिया जाता था। लता भी अब शादी की उम्र में आ चुकी थी, हालांकि अभी वह केवल 19 वर्ष की ही थी किंतु विवाह के लिए अब उसका नंबर आ गया था।
अच्छा-सा लड़का व अच्छा परिवार देखकर उसका विवाह कर दिया गया और वह अपने ससुराल आ गई। ससुराल में इतना बड़ा परिवार तो नहीं था, फिर भी सास-ससुर, देवर, ननद सभी लोग थे। उस परिवार की बेटी सपना भी परिवार में सभी की लाड़ली थी। अपनी भाभी के आने के साथ उसे ऐसा लगने लगा मानो उसे एक बड़ी बहन मिल गई हो। वह बहुत ही प्यार से अपनी भाभी के साथ रहती थी। लता भी उसके साथ उतने ही प्यार से पेश आती थी।
सपना अपने पापा का बहुत ही ज़्यादा ख़्याल रखती थी। अपने पापा का हर काम करना उसे बेहद पसंद था। जब वह नहाने जाते तो उनके कपड़े, उनसे पहले ही बाथरूम में रख दिए जाते। जब वह नहा कर बाहर निकलते तो सपना हैंगर में पेंट शर्ट इस्त्री करके तैयार रखती थी। पापा के ऑफिस से आते ही वह गरमा-गरम चाय की प्याली उनके हाथों में थमा देती। सपना रात का भोजन रोज़ अपने पापा के साथ एक ही थाली में करती थी।
सपना भी अब तक विवाह योग्य हो चुकी थी और कुछ ही दिनों में उसका रिश्ता भी तय हो गया। अब सपना डोली में बैठकर विदा हो जाएगी, यह सोचकर रामचंद्र की आँखों में ग़म के ऐसे बादल छा गए कि वह चाह कर भी उन्हें बरसने से रोक नहीं पाते थे। उन्हें लगता था कि सपना के जाने के बाद घर कितना सूना हो जाएगा। उनका इतना ज़्यादा ख़्याल कौन रखेगा? वह उसके बिना कैसे रह पाएंगे। यही सब ख़्याल उनकी रातों की नींद उड़ा चुके थे।
एक दिन सपना ने अपने पापा से कहा, "पापा मैं शादी नहीं करूँगी।"
रामचंद्र चौंक गए, "क्या हुआ सपना? ऐसा क्यों बोल रही हो बेटा?"
"पापा मैं आपके बिना रहने की कल्पना मात्र से ही सिहर जाती हूँ। मैं आपसे दूर नहीं जाऊँगी, फिर मेरे पापा का ख़्याल कौन रखेगा।"
"सपना बेटा, हर बेटी को एक ना एक दिन विवाह के बँधन में बँध कर ससुराल तो जाना ही पड़ता है, इसका कोई दूसरा रास्ता नहीं है।"
आख़िरकार सपना का विवाह संपन्न हो गया। विदाई के समय सपना जब भी अपने पापा की तरफ़ आँख उठाकर देखती, उनकी आँखें बिना बोले ही सब कुछ कह देतीं। एक दूसरे के दिल की धड़कनों को पहचानने वाले पिता और बेटी एक दूसरे के मन में उठे हुए तूफ़ान को महसूस कर रहे थे। जाते वक़्त सपना अपने पापा से लिपटकर फूट-फूट कर रो रही थी। रामचंद्र भी अपने आँसुओं को रोक ना पाए। आख़िरकार सपना अपने पति के साथ ससुराल के लिए विदा हो गई। घर शांत और सूना हो गया, पूरी रात बीत गई।
दूसरे दिन सुबह रामचंद्र जब नहाने गए तो उनके कपड़े हर रोज़ की तरह ही उन्हें बाथरूम के अंदर मिले। वह हैरान थे, नहाकर जब वह बाहर निकले, तब पेंट-शर्ट का जोड़ा इस्त्री किया हुआ हैंगर पर लटका उनका इंतज़ार कर रहा था। जब शाम को वह वापस लौटे, तब उनकी बहू लता, सपना की तरह ही चाय का प्याला, पानी के गिलास के साथ लेकर आई।
लता की तरफ़ देखकर रामचंद्र को उसमें अपनी बेटी सपना का अक्स दिखाई देने लगा। उन्हें ऐसा महसूस हो रहा था, मानो उनके समक्ष सपना ही खड़ी है। रामचंद्र की आँखों में उस वक़्त ख़ुशी के आँसू छलक आए। उनकी पत्नी चंद्रा भी यह दृश्य देखकर फूली नहीं समा रही थी। अपनी बहू पर उसे भी नाज़ हो रहा था।
उसने अपने पति से कहा, "एक बेटी गई लेकिन दूसरी हमारे पास हमेशा के लिए आ गई है।"
रात में भोजन का समय हो गया, सभी लोग भोजन करने बैठ गए।
तब लता को आवाज़ आई, "लता बेटा आ जाओ, हम दोनों एक साथ, एक ही थाली में खाना खाएंगे।"
लता आश्चर्यचकित रह गई, वह आई और अपने पिता के पास बैठ गई। रामचंद्र ने अपनी थाली से रोटी का पहला कौर उठाकर अपने हाथों से प्यार के साथ उसे खिलाया और कहा, "लता बेटा आज से हम दोनों हर रोज़ साथ में खाना खाएंगे। मैं नहीं जानता था कि मेरी एक बेटी विदा हो गई लेकिन दूसरी बेटी तो मेरे पास है।"
लता ने ख़ुश होकर कहा, "हाँ पापा, हम दोनों अब से रोज़ साथ में खाना खाएंगे।"
इतना कहकर लता सोच रही थी, "कौन कहता है बेटी विदा होकर ससुराल जाती है। मुझे तो ऐसा लगता है, बेटी एक मायके से विदा होकर दूसरे मायके ही आती है, जहाँ बहन, भाई, माता-पिता और मिल जाते हैं।"
कुछ दिनों के बाद सपना पग फेरे के लिए वापस आई। शाम का वक़्त था, वह अपनी ससुराल की बातें सब को बता रही थी। तभी उसके पापा आए और उनके आते ही सपना ने देखा उसी की तरह लता चाय का प्याला और पानी का गिलास लेकर आ गई और उसके पापा ने प्यार से लता के हाथ से चाय ले ली। सपना देख कर मन ही मन ख़ुश हो रही थी।
रात के भोजन के समय वह अपने पापा के पास आकर बैठ गई। तभी उसके पापा ने आवाज़ लगाई, "लता बेटा आ जाओ।"
आज रामचंद्र के एक तरफ़ लता और दूसरी तरफ़ सपना, दोनों ही उनके साथ खाना खा रहे थे।
आज यह दृश्य देखकर सपना बेफिक्र थी कि उसके पापा का ख़्याल रखने के लिए उसकी भाभी है, जो पापा को कभी दुःखी नहीं होने देगी और उसकी कमी हमेशा पूरी करती रहेगी।
रत्ना पांडे, वडोदरा (गुजरात)
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पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने बुधवार को 27 जनवरी से सभी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की।
पंजाब स्कूल शिक्षा विभाग ने बुधवार को 27 जनवरी से सभी स्कूलों में प्राइमरी कक्षाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की। इस महीने की शुरुआत में राज्य सरकार ने कक्षा 5 से 12 के लिए स्कूलों को फिर से खोल दिया था।
शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने यहां एक बयान में कहा कि माता-पिता की लगातार मांग के बाद राज्य सरकार ने प्राथमिक कक्षाओं के लिए 27 जनवरी से सभी स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला किया है।
मंत्री ने कहा कि निर्णय के अनुसार कक्षा 3 और 4 के छात्रों को 27 जनवरी से स्कूल में उपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी। 1 फरवरी से, कक्षा 1 और 2 को सभी स्कूल में फिर से शुरू किया जाएगा।
समय सुबह 10 से दोपहर 3 बजे तक रहेगा और अभिभावकों को स्कूलों में अपने वार्ड भेजने से पहले लिखित सहमति देनी होगी। सिंगला ने अधिकारियों और स्कूल प्रबंधन को परिसर की उचित सफाई सुनिश्चित करने और कोविड-19 सुरक्षा मानदंडों का पालन करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को जल्द ही विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, जो सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों को प्रसारित किए जाएंगे।
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Ganesh Chaturthi 2022 Date Muhurta: ज्योतिषचार्यों के अनुसार बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी का होना इस व्रत के महत्व को और भी कई गुणा ज्यादा बढा रहा है क्योंकि गणेशजी को स्वयं बुधवार के देवता माना जाता हैं।
Ganesh Chaturthi 2022 Date Muhurta: प्रत्येक साल के भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है । आमतौर पर गणेश चतुर्थी को सिद्धि विनायक व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी बुधवार 31 अगस्त से शुरू हो रही है। देश के विभिन्न भागों में इस दिन गणेशजी की प्रतिमा को बैठाकर लोग श्रद्धा भाव से पूजा -अर्चना करते हैं। ज्योतिषचार्यों के अनुसार बुधवार के दिन गणेश चतुर्थी का होना इस व्रत के महत्व को और भी कई गुणा ज्यादा बढा रहा है क्योंकि गणेशजी को स्वयं बुधवार के देवता माना जाता हैं।
क्या है गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त?
गणेश चतुर्थी यानी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का आरंभ मंगलवार 30 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 34 मिनट पर हो जाएगा। जबकि भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का समापन बुधवार 31 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 23 मिनट पर होगा। ज्योतिषीय गणनाओं के मुताबिक़ इस साल गणेश चतुर्थी पर विघ्नहर्ता गणेशजी अपने साथ शुभ रवि योग भी लेकर आ रहे हैं। जिसके बारे में कहा जाता है कि इस योग में सभी अशुभ योगों के प्रभाव को नष्ट करने की अदभुत क्षमता होती है। मान्यताओं के अनुसार इस वर्ष शुभ योग में विघ्नहर्ता गणेशजी तमाम विघ्नों को दूर करके अपने भक्तों का कल्याण करने आ रहे हैं।
गणेश चतुर्थी यानी भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी शुभ दिन मंगलमूर्ति, विघ्नहर्ता, गजानन गणेशजी का जन्म दोपहर के समय हुआ था। इसलिए हिन्दू धर्म में गणेश चतुर्थी को गणेश जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
हिन्दू धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक़ गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की मूर्ति की स्थापना करने से लेकर कई भक्त 10 दिनों तक इनकी पूजा -अर्चना करते हैं। जबकि कुछ भक्त एक दिन, तीन दिन, सात दिन, के लिए भी गणेश जी की प्रतिमा को अपने घर बैठाते हैं। मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन गणेशजी की प्रतिमा को अपने घर में बैठाकर इनकी श्रद्धा भाव से पूजा करने से भगवान् गणेश उनके तमाम संकटों को हर लेते हैं।
हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार गणेशजी को मोदक अतिप्रिय हैं। इसलिए उनकी पूजा में मोदक का भोग लगाना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा मोतीचूर के लड्डू और बेसन के लड्डू भी गणपति जी को बेहद प्रिय माने जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार गणेश उत्सव के पांचवें और छठे दिन मखाने की खीर का भोग लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
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यह एक परिस्थिति होती है जिसमें कोई व्यक्ति या संगठन एक से अधिक हितों या गोल को हासिल करने में लिप्त हो जिनमें आपसी टकराव हो.
इन दिनों क्रिकेट प्रेमियों के दिल और दिमाग में आईपीएल 2020 का मुकाबला छाया हुआ है। हालांकि इस लीग में क्रिकेट फैंस को तब बड़ा झटका लगा था,
बीते मंगलवार आईपीएल 2019 का मैच राजस्थान रॉयल्स और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच में खेला गया। इस मैच में राजस्थान को पंजाब ने हरा दिया।
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आईपीएल 2022 में युवा प्रतिभाओं ने काफी प्रभावित किया, लेकिन कई खिलाड़ी मौके की कमी में अपना हुनर नहीं दिखा सके।
आईपीएल 2022 में बहुत से युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करके क्रिकेट फैंस का दिल जीता, लेकिन कुछ टैलेंटेड खिलाड़ी ऐसे भी थे जिन्हें पूरे सीज़न ज्यादा मौके नहीं मिल सके। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताएंगे उन 3 खिलाड़ियों के नाम जिन्हें अगर उनकी टीम आईपीएल 2023 से पहले रिलीज करती हैं तो ऑक्शन में वह मालामाल हो सकते है।
शाहरुख खान (Shahrukh Khan)
शाहरुख खान एक हार्ड हीटिंग बल्लेबाज़ हैं। आईपीएल 2021 में उन्होंने अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी से सभी को काफी प्रभावित किया था, लेकिन आईपीएल 2022 उनके लिए कुछ खास नहीं रहा।
इस साल शाहरुख ने 16.71 की औसत से 117 रन बनाए, जिसके दौरान उनका स्ट्राइक रेट महज 108.33 का रहा। पूरे सीजन में उन्हें 8 मुकाबले खेलने को मिले। लेकिन वह अपने चित परिचित अंदाज में प्रदर्शन नहीं कर सके।
इसके बावजूद सभी टीमों की निगाहें उन पर रहेंगी क्योंकि सभी टीम्स एक भारतीय विस्फोटक बल्लेबाज को अपने मिडिल ऑर्डर में रखना चाहती हैं। ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर उन्हे रिलीज किया जाता है तो वह मालामाल हो सकते हैं।
अब्दुल समद (Abdul Samad)
अब्दुल समद को ऑरेंज आर्मी ने मेगा ऑक्शन से पहले 4 करोड़ रुपये में रिटेन किया था। समद अपनी विस्फोटक बल्लेबाज़ी के लिए जाने जाते है। आईपीएल 2020 में उन्होंने अपने डेब्यू सीज़न में सनराइजर्स के मिडिल ऑर्डर में बैटिंग करते हुए 170.76 की स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे। हालांकि इस सीज़न रिटेन किए जाने के बावजूद उन्हें सिर्फ 2 ही मुकाबलों में प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का मौका मिला।
समद एक यंग टैलेंट है और ऐसे में अगर अब सनराइजर्स की टीम उन्हें बाहर का रास्ता दिखाती है तो दूसरी फ्रेंचाइज़ी उनके नाम पर बोली लगाती जरूरी नज़र आएंगी।
कार्तिक त्यागी (Kartik Tyagi)
आईपीएल 2022 में कार्तिक त्यागी को सनराइजर्स हैदराबाद ने 4 करोड़ में रुपये में खरीदा था, हालांकि इसके बावजूद उन्हें सीज़न में सिर्फ 2 ही मुकाबले खेलने को मिले।
कार्तिक त्यागी अंडर19 वर्ल्ड कप 2020 में भारतीय टीम के स्टार गेंदबाज़ रहे थे। इस दाएं हाथ के सीम बॉलर ने टूर्नामेंट में 11 विकेट हासिल किए थे, जिसके बाद राजस्थान ने आईपीएल 2020 में उन्हें 1.30 करोड़ में खरीदा था।
इस सीज़न सनराइजर्स की प्लेइंग इलेवन में उन्हें सिर्फ 2 ही मुकाबलों में शामिल किया गया, जिसमें वह सिर्फ एक ही सफलता हासिल कर सके। हालांकि इसके बावजूद अगर उन्हें टीम से बाहर का रास्ता दिखाया जाता है तो बाकि फ्रेंचाइज़ी इस युवा स्टार पर बोली लगाकर उन्हें माला माल कर सकती है।
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Jamshedpur (Ashok kumar) : टाटा वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष वीजी गोपाल की हत्या 14 अक्तूबर 1993 को स्कूटर पर सवार बदमाशों ने दिन-दहाड़े गोली मारकर कर दी थी. घटना के बाद जमशेदपुर दहल गया था. इसके विरोध में भाजपा के पूर्व विधायक दीनानाथ पांडेय ने तब जोरदार आंदोलन किया था. आंदोलन में आम लोग भी शरीक हुये थे और खूब राजनीति भी हुई थी. तब एसपी परवेज हयात हुआ करते थे. इनके बाद ही डॉ. अजय कुमार को जमशेदपुर का नया एसपी बनाया गया था. अजय कुमार के प्रभार संभालने के पहले अपराधी वीर सिंह बोदरा, संजय ओझा और गरमनाला गिरोह का साहेब सिंह मुठभेड़ में मारा गया था. इस बीच टाटा स्टील के अधिकारी टीपी सिंह और ठाकुर जी पाठक की भी हत्या कर दी गयी थी. अधिकारियों की हत्या के बाद भाजपा की ओर से तब एसपी के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया गया था. इस बीच ही वीजी गोपाल की हत्या हो गयी थी. इस दौरान टाटा स्टील के प्रबंध निदेशक डॉ. जेजे ईरानी ने अपराध पर नियंत्रण के लिये अविभाजीत बिहार के सीएम लालू प्रसाद यादव से नया एसपी देने का आग्रह किया था.
डॉ. अजय कुमार ने 1994 में जमशेदपुर एसपी का प्रभार संभाला था. एसपी ने प्रभार संभालने के बाद सोनारी और मानगो बस स्टैंड में मुठभेड़ के दौरान अखिलेश सिंह गिरोह के सात गुर्गों को मार गिराया था. मुठभेड़ में मारे जाने वालों में नरेंद्र बहादुर सिंह, श्रवण कुमार, इशा, रंजन आहूजा और विमल लोहार शामिल है. जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ अजय कुमार ने मुहिम छेड़ दिया था उससे अपराधी शहर छोड़कर भाग निकले थे या अंडरग्राउंड हो गये थे. डॉ. अजय कुमार की कार्यशैली से लोग गद-गद थे. तब उनकी चर्चा चौक-चौराहें पर भी खूब होती थी.
एसपी अजय कुमार के कार्यकाल में कुछ ऐसे अपराधी मुठभेड़ में मारे गये थे जिनका शव तक बरामद नहीं हुआ था. इसमें से आदित्यपुर का रहने वाला गरमनाला गिरोह का नरेंद्र बहादुर सिंह भी शामिल है. उनके कार्याकल में ही परसुडीह के तिलगढ़ में वीर सिंह बोदरा, सुंदरनगर में ओमियो उर्फ ओमी और सुंदरनगर में राजेश पगला को मुठभेड़ में मार गिराया गया था. बोकारो का चर्चित अपराधी भोला सिंह भी जमशेदपुर में ही मारा गया था. तब गुंजन मछुआ बचकर भागने में सफल रहा था, लेकिन दो साल के बाद उसकी बीमारी से मौत हो गयी थी.
डॉ. अजय कुमार 1994 से 1996 तक जमशेदपुर में एसपी थे. इस बीच उनके बेहतर पुलिसिंग से अपराधियों में खौफ था. उनके भय से अपराधी या तो शहर छोड़कर भाग चुके थे या जेल के भीतर रहना ही खुद को सुरक्षित समझते थे. 1996 में ही उन्होंने आइपीएस की नौकरी छोड़ दी और टाटा समूह से जुड़ गये थे. यह नौकरी भी उन्हें रास नहीं आयी और राजनीति की राह पकड़ ली. अपने कार्यशैली के बूते ही लोगों ने उन्हें 2011 में जमशेदपुर का सांसद बनाया था.
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नया साल आते ही लोग इस बात को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि ये साल उनके करियर के लिए कैसा रहेगा। अगर आपकी राशि मकर है और आप जानना चाहते हैं कि साल 2021 में जो आप चाहते हैं वो इस साल कर पाएंगे या नहीं, या फिर प्रमोशन होने का क्या चांस है। ये सब कुछ ज्योतिषाचार्य अनिल कुमार ठक्कर से जानिए।
करियर में, इस वर्ष आपकी मेहनत के अनुसार अच्छे फल प्राप्त होंगे। व्यापारियों के लिए भी यह साल विशेष शुभ रहने वाला है। आर्थिक जीवन में शुरुआती कुछ महीनों में परेशानियां आएंगी, लेकिन बाद में धन की आवाजाही आपकी आर्थिक तंगी को दूर करेगी। विद्यार्थियों को अच्छे फलों की प्राप्ति होगी, जिससे उन्हें अपने सभी विषय को समझने में मदद मिलेगी।
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अगर आपसे शुक्रवार की मनोरंजन जगत से जुड़ी बड़ी खबरें मिस हो गई हैं तो Entertainment Top 5 में आप इनके बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं.
मनोरंजन जगत में रोजना ऐसी खबरें सामने आती हैं, जो कि कभी लोगों के चेहरे पर मुस्कान ला देती हैं, तो कभी उन्हें मायूस कर जाती हैं. 16 जुलाई यानी शुक्रवार को भी बॉलीवुड से लेकर टीवी तक तमाम खबरें सुर्खियों में रहीं. एक तरफ जहां सुरेखा सीकरी इस दुनिया को अलविदा कहकर चली गई हैं, वहीं भूषण कुमार पर एक महिला ने रेप का आरोप लगाया है. अगर आपसे शुक्रवार की मनोरंजन जगत से जुड़ी बड़ी खबरें मिस हो गई हैं तो Entertainment Top 5 में आप इनके बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं.
नेशनल अवॉर्ड विनर एक्ट्रेस सुरेखा सीकरी का मुंबई में निधन हो गया है. एक्ट्रेस काफी समय से बीमार चल रही थीं. 2020 में सुरेखा, ब्रेन स्ट्रोक का शिकार हो गई थीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक्ट्रेस का निधन शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ है. वह दूसरे ब्रेन स्ट्रोक की वजह से हुए कॉम्पलीकेशन्स से जूझ रही थीं.
बता दें कि सुरेखा ने थिएटर, फिल्म और टीवी में खूब काम किया था. उन्होंने साल 1978 में पॉलिटिकल ड्रामा फिल्म किस्सा कुर्सी का से डेब्यू किया था. सुरेखा इसके बाद कई फिल्मों में काम कर चुकी थीं. इतना ही नहीं सुरेखा को सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए 3 बार नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है.
टी-सीरीज (T Series) कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर भूषण कुमार (Bhushan Kumar) पर रेप का मामला दर्ज हुआ है. आरोप है कि टी सीरीज के एक प्रोजेक्ट में काम दिलाने का लालच देकर उन्होंने एक 30 साल की लड़की से बलात्कार किया. मुंबई के डी एन नगर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक शिकायतकर्ता का आरोप है कि मुंबई के अलग-अलग जगहों पर घटना को अंजाम दिया गया था. पीड़िता ने ये भी आरोप लगाया कि उसके फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी दी जा रही थी. हालांकि अभी तक इस मामले में भूषण कुमार या उनकी टीम की तरफ से कोई स्टेटमेंट नहीं आया है.
साल 2016 में आई 'ऐ दिल है मुश्किल' (Ae Dil Hai Mushkil) के बाद, करण जौहर (Karan Johar) करीब पांच साल बाद अपनी आगामी पीरियड फिल्म 'तख्त' (Takht) के जरिए एक बार फिर से निर्देशन की कमान संभालने का फैसला लिया था. लेकिन अब करण जौहर के ड्रीम प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी अपडेट सामने आई है, जिसे सुनकर करण के फैंस को झटका लग सकता है.
कहा जा रहा है कि फिल्म तख्त विवादास्पद मुगल इतिहास पर आधारित फिल्म थी. इस फिल्म का बजट भी बहुत तगड़ा था. ये एक दमदार और महंगा हिस्टॉरिकल कॉस्ट्यूम ड्रामा फिल्म थी. इस फिल्म का निर्माण करण जौहर फॉक्स स्टार स्टूडियोज (Fox Star Studios) के साथ मिलकर कर रहे थे, लेकिन कुछ वजहों से फॉक्स स्टार स्टूडियोज ने फिल्म 'तख्त' से अपने सारे रिश्ते तोड़ लिए शायद एक वजह ये भी हो सकती है कि फाइनेंशियल नुकसान को देखते हुए करण जौहर ने तख्त को फिलहाल नहीं बना रहे हैं.
बॉलीवुड की टॉप एक्ट्रेस मंदाकिनी (Mandakini) को आज हर कोई जनता है. उनकी सुपरहिट फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' को दर्शक आज भी खूब पसंद करते हैं. 80 के दशक में बॉलीवुड में एंट्री करने वाली एक्ट्रेस मंदाकिनी आज भी बॉलीवुड का बड़ा नाम हैं. एक्ट्रेस ने बॉलीवुड में अपनी फिल्म 'राम तेरी गंगा मैली' से दमदार डेब्यू किया था. इस फिल्म को राज कपूर ने बनाया था और इस फिल्म में हमें राजीव कपूर एक्ट्रेस के साथ मुख्य भूमिका में नजर आए थे. इस फिल्म में एक्ट्रेस का झरने वाला सीन बहुत चर्चा में आया था. एक्ट्रेस का असली नाम यास्मीन जोसेफ है लेकिन उन्होंने फिल्मों में काम न मिलने के कारण अपना नाम बदल लिया था. ऐसे में अब खबर है कि एक्ट्रेस बहुत जल्द बॉलीवुड में अपना कमबैक करने वाली हैं.
मंदाकिनी बहुत जल्द बॉलीवुड फिल्मों में हमें नजर आ सकती हैं. एक्ट्रेस के मैनेजर ने बताया है कि एक्ट्रेस बहुत जल्द हमें किसी प्रोजेक्ट में नजर आएंगी. ये जानकारी उनके मैनेजर बाबूभाई ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दी है. मैनेजर ने कहा है कि एक्ट्रेस बहुत जल्द हमें किसी न किसी प्रोजेक्ट में नजर आएंगी. जहां वो इन दिनों लगातार स्क्रिप्ट पढ़ रही हैं. जिस वजह से निश्चित रूप से वो हमें किसी न किसी फिल्म में नजर आएंगी. वो इन दिनों लीड रोल के तलाश में हैं. मंदाकिनी के भाई भानु चाहते हैं कि वो फिर एक बार एक्टिंग में अपनी दमदार वापसी करें.
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) का मशहूर शो कौन बनेगा करोड़पति का सीजन 13 (Kaun Banega Crorepati Season 13) बहुत जल्द टीवी पर वापस आने वाला है. जहां इस शो के शुभारंभ की जानकारी भी एक ब्रांडेड एंटरटेनमेंट बन चुकी है. जी हां देशभर में पसंद किए जाने वाले इस शो को अब बड़े ही अलग अंदाज में प्रमोट किया जा रहा है. मशहूर फिल्मकार नितेश तिवारी (Nitesh Tiwari) ने इस शो को प्रमोट करने के लिए 3 हिस्सों की शॉर्ट फिल्म बनाई है. जिसे जल्द रिलीज किया जाएगा. इसकी पहली झलक सामने आ चुकी है. जो बेहद कमाल की है.
मध्य प्रदेश के बेरछा में खास तौर पर शूट की गई इस फिल्म में एक्टर ओमकार दास मानिकपुरी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं. ओमकार दास मानिकपुरी फिल्मों और नाटकों में खूब काम करते हैं, और वो बेहद मशहूर भी हैं. जहां इस कहानी में कई पात्र हैं जो एक गांव में रहते हैं. गांव में स्कूल नहीं है. जिस वजह से सभी परेशान हैं. लेकिन इस बीच अमिताभ बच्चन का कौन बनेगा करोड़पति का एड चलता है और सभी लोग इसे देखते हैं. इस एड के खत्म होते ही गांव की असली कहानी की शुरुआत होती है.
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इस फीचर को यूज करके स्मार्टफोन यूजर्स को अपने फोन्स से बार बार मेमोरी फ्री नही करनी पड़ेगी. इस फीचर से पिक्चर्स को वीचैट के क्लाउड सर्वर पर अपलोड किया जा सकता हैं.
वीचैट की क्लाउड लोकेशन पर एप यूजर्स पिक्चर्स और वीडियोज के साथ साथ वॉयस नोट्स भी सेव कर सकते हैं. एप के कंटेंट को सेव करने के लिए यूजर्स को फोटो, वीडियो पर अवेलेबल फेवरेट बटन पर क्लिक करना होगा. एप यूजर्स को कंटेट फेवरेट होने पर स्टोरेज लोकेशन चूज करने का मौका मिलेगा जिससे यूजर्स क्लाउड चूज कर सकते हैं.
वीचैट क्लाउड सर्वर पर सेव डाटा को किसी भी डिवाइस से एक्सेस किया जा सकेगा. यह एप आईओएस, एड्रॉयड और विंडोज फोन्स के लिए अवेलेबल है. एंड्रॉयड यूजर्स इस एप को गूगल प्ले स्टोर से और आईओएस यूजर्स आईट्यून्स से डाउनलोड कर सकते हैं.
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शिवपुरी। शिवपुरी एसपी राजेश हिंगणकर ने बदरवास, सतनवाड़ा और सुभाषपुरा के थाना प्रभारी बदल दिए हैं। इसके चलते कृपाल सिंह राठौर को सतनवाड़ा की कमान सौंपी है। सतनवाडा थाना प्रभारी गोपाल चौबे को सुभाषपुरा थाना प्रभारी बनाया गया है। वही सुभाषपुरा थाना प्रभारी सुरेन्द्र यादव को पुलिस लाईन अटैच किया है। इसी के साथ बदरवास थाना प्रभारी दीनबंधु सिंह तोमर को बनाया है।
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BOX OFFICE धमाका.. जब हुआ शाहरूख- सलमान- अक्षय- सनी में जोरदार भिड़ंत!
जब सलमान खान, शाहरूख खान, अक्षय कुमार, आमिर खान की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर टकराई। तो ऐसा रहा नतीजा।
शाहरूख खान की 'रईस' और ऋतिक रोशन की 'काबिल' का धमाकेदार क्लैश अभी लोग भूले ही हैं कि एक बार फिर शाहरूख- अक्षय की फिल्मों की टक्कर खबरें बना रही है। माना जा रहा है कि दोनों की फिल्में अगस्त 2017 में क्लैश करेगी।
बहरहाल, यह पहली बार नहीं है बॉलीवुड के दो सुपरस्टार आमने सामने आने वाले हैं। बल्कि सालों से कभी सलमान- शाहरूख, कभी अक्षय कुमार तो कभी अजय देवगन की फिल्में टकराती रही हैं। कई बार दोनों ही फिल्में ऐवरेज रह जाती हैं, तो कई बार होता है बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कलेक्शन।
वैसे बता दें, शाहरूख खान को क्लैश किंग कहा जाता है। दिलवाले को छोड़कर शायद ही कभी शाहरूख की फिल्म, दूसरी फिल्मों से प्रभावित हुई हो! लेकिन अगस्त में होने वाला यह क्लैश किसे विनर बनाएगा.. देखते हैं।
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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्टार्टप्स के लिए निधि स्थापित करने के लिए निम्नलिखित प्रस्तावों को अनुमति प्रदान कर दी है। इसे पिछले साल जून में 1,000 करोड़ रुपये के साथ स्थापित किया गया था।
· गजट अधिसूचना जी एस आर 180 17-02-2016 के मुताबिक स्टार्टप्स निधि द्वारा सहायता प्राप्त वैकल्पिक निवेश निधि(एआईएफ) को कम से कम दो बार निवेश किया जा सकेगा। अगर स्टार्ट-अप समाप्त होने से पहले पूरी तरह से स्टार्ट-अप के लिए प्रतिबद्ध राशि को जारी नहीं किया गया है तो शेष राशि उसके बाद जारी रह सकती है।
· यह भी निर्णय लिया गया कि एआईएफ और बकाया के लिए किए गए प्रतिबद्धताओं के 0.50% की सीमा तक एफईएस से ली जाएगी जिससे वेंचर कैपिटल इनवेस्टमेंट कमेटी की बैठक का आयोजन, कानूनी और तकनीकी मूल्यांकन के लिए परिचालन व्यय आदि की पूर्ति होगी। प्रत्येक आधे वर्ष की शुरुआत में (एक अप्रैल और एक अक्टूबर को) इसे फंड में निकासी की जाएगी।
केंद्रीय कैबिननेट की 22-06-2016 को हुई बैठक में स्टार्टअप्स के लिए निधि स्थापित करने का फैसला लिया था जिसके लिए 10000 करोड़ रुपये की धनराशि निर्धारित की गई थी। यह योगदान 14वें और 15वें वित्त आयोग के धनराशि की चक्रीय उपलब्धता और कार्यान्वयन की प्रगति के लिहाज से किया गया था। बैठक में एफएफएस वैकल्पिक निवेश निधि(एआईएफ) के लिए धन प्रदान करने का फैसला लिया गया।
एफएफएस का प्रबंधन भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक(सिडबी) की देखरेख में होता है। सेबी में पंजीकृत वैकल्पिक निवेश निधि(एआईएफ) में एफएफएस योगदान करता है। यह योगदान अधिकतम 35 प्रतिशत से अधिक तक हो सकता है।
उसी बैठक में कैबिनेट ने फैसला किया कि एआईएफ द्वारा जुटाया गया फंड पूरे स्टार्टप्स में निवेश किया जाएगा। विभिन्न हितधारकों के साथ अपनी बातचीत के दौरान यह विभाग को सूचित किया गया है कि एआईएफ में निवेशकों को प्राथमिकता दी जाएगी जिससे एआईएफ का पोर्टफोलियो निवेश के जोखिम को उचित रूप से प्रबंधित करने के लिए पर्याप्त रूप से विविध है और अगर एआईएफ के संपूर्ण धन को स्टार्ट-अप में निवेश किया जाता है तो यह ऐसे एआईएफ के निवेशकों के लिए अस्वीकार्य जोखिम बना हुआ है।
जिन अन्य मुद्दों को लेकर हितधारकों ने चिंता जाहिर की उनमें एआईएफ द्वारा स्टार्ट-अप के वित्तपोषण की प्रक्रिया लंबे समय से तैयार की गई है जो एआईएफ द्वारा शुरूआती प्रतिबद्धता से शुरू होती है और फिर फंड्स में फंड जारी करता है, शामिल है। इस प्रकार यह संभव है कि अंतिम किस्त के जारी किए जाने से पहले स्टार्ट-अप का कारोबार 25 करोड़ रुपये हो लेकिन इसकी अभी भी अपनी विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए धन की आवश्यकता है। इसके अलावा, स्टार्ट अप को अपने जीवन चक्र के विभिन्न चरणों के माध्यम से धन जुटाने की आवश्यकता होती है, अर्थात प्रारंभिक चरण, बीज स्तर और विकास मंच पर।
सिडबी द्वारा विभाग को भी बताया गया कि वर्तमान प्रावधान एआईएफ को स्वीकृति के बाद की गई गतिविधियों के लिए सिडबी को मुआवजा देने के लिए अधिकार प्रदान नहीं करते हैं।
इन निर्णयों को ऊपर की चिंताओं की पृष्ठभूमि में लिया गया है।
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देश में कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कोरोना से फैलने से रोका जा सके, इसके लिए दिल्ली के सभी सिनेमा हॉल को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है।
नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस की वजह से दिल्ली सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि कोरोना से फैलने से रोका जा सके, इसके लिए दिल्ली के सभी सिनेमा हॉल को 31 मार्च तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सभी स्कूल और कॉलेज भी 31 मार्च तक बंद कर दिए गए। स्कूल और कॉलेज वही बंद किए गए हैं जहां परीक्षाएं खत्म हो चुकी हैं।
दिल्ली में कोरोना वायरस से 6 लोग प्रभावित हैं। डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया। इसके बाद दिल्ली सरकार ने भी इसे महामारी घोषित कर दिया।
महामारी घोषित होने के बाद दिल्ली सरकार ने बड़ी तैयारी की है। कोरोना से प्रभावित मरीजों के लिए दिल्ली अरबन शेल्टर इम्प्रूवमेंट बोर्ड ( DUSIB) के खाली फ्लैटों और निर्माणाधीन अस्पतालों में बेड का इंतजाम किया जा रहा है।
- ऐसे जगहों पर 500 से ज्यादा बेड का इंतजाम किया गया है।
दिल्ली सरकार ने आदेश दिया है कि सभी सार्वजनिक स्थानों जैसे कि सरकारी और प्राइवेट ऑफिस, दुकानों, मॉल आदि को रोज सैनेटाइज करने का आदेश दिया है।
भारत में कोरोना का असर और गहराता जा रहा है। संक्रमित होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। देश में गुरुवार को 5 और नए मामलों की पुष्टि की गई है। जिसके बाद कोरोना से संक्रमितों की संख्या अब 73 तक पहुंच गई है। सरकार ने कोरोना से राहत पाने के लिए विदेश से आने वाले नागरिकों के वीजा को 15 अप्रैल तक निलंबित कर दिया है।
कोरोना से प्रभावित मरीजों की संख्या सबसे अधिक राजस्थान के जयपुर में है, जहां 18 मरीज कोरोना की चपेट में आए हैं। जबकि केरल में मरीजों की संख्या 14 है। वहीं, उत्तर प्रदेश में 11 तो उत्तर प्रदेश में 9 मामले सामने आए हैं। इन सब के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 5, कर्नाटक में 4 और लद्दाख में 2 मरीज समेत कुल 73 लोग कोरोना से संक्रमित हैं।
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लैला मजनूं की अमर कहानी को बॉलीवुड में कई निर्माता-निर्देशकों ने सैकड़ों बार अलग-अलग अंदाज में बनाया है। कहानी इतनी बार बन चुकी है कि बासी पड़ गई। निर्माता इम्तियाज अली के भाई साजिद अपनी डेब्यू फिल्म में लैला-मजनूं की कहानी लाए हैं। जिसमें कश्मीर की पल-पल रंग बदल कर नई बनी रहती खूबसूरती के अलावा कुछ नया नहीं है। लेखक-निर्देशक ने कहानी पर गौर करने की जरूरत नहीं समझी। उन्हें लगा कि कश्मीर के सौंदर्य में डूबने के बाद दर्शक कहानी तक पहुंच ही नहीं पाएंगे।
किस्सा यह कि कॉलेज जाने वाली लैला (तृप्ति डिमरी) और कैस (अविनाश तिवारी) का मिलना, प्यार में पड़ना। फिर पता चलना कि उनके पिताओं में 36 का आंकड़ा है। घर के लोगों नाते-रिश्तेदारों का ही दुश्मन बन जाना। लैला की कहीं और शादी। कैस का बाहर चले जाना और हालात तथा वक्त का पहिया घूमने के बाद फिर लौट आना। पुराने प्यार का जागना, कैस का पागल हो जाना और अंत में दोनों का मौत की बांहों में समा जाना। शरीर मर जाता है और आत्मा अमर हो जाती है, वाले अंदाज में। फिल्म को भले ही लैला-मजनूं नाम दिया गया हो परंतु इसमें प्यार की वह कशिश नहीं, जो बांधे रखे।
एक अमर कहानी को नए जमाने की दिखने के बाद भी साजिद की लैला मजनूं बासी व्यंजन है। जिसे कश्मीर, कैमरे और संगीत के वरक से सजाने की कोशिश की गई है। कश्मीर यहां वैसा नहीं है, जैसा खबरों में आता है और 90 के दशक के प्यार अंदाज फिल्म में दिखता है। लेखक और निर्देशक ने प्यार के पुराने फार्मूलों का ही इस्तेमाल किया गया है। प्रेम कहानी कहते हुए साजिद अपना मौलिक अंदाज ढूंढने के बजाय भाई के बनाए रास्ते पर ही चलने की कोशिश करते हैं। कहानी के साथ स्क्रिप्ट भी कमजोर है। संतुलन कम है। पहला हिस्सा लैला के नाम है तो दूसरा हिस्सा कैस के।
फिल्म कई जगहों पर टीवी धारावाहिकों जैसी नजर आती है और बार-बार गाने आते हैं। इरशाद कामिल के गीत सुंदर हैं लेकिन पर्दे पर गानों का जादू नहीं जागता। अविनाश तिवारी ने कैस की भूमिका में उतरने की भरपूर कोशिश की और वह काफी हद तक कामयाब रहे। तृप्ति डिमरी सहज हैं। अन्य अभिनेता भी अपनी भूमिकाओं में फिट हैं। धीमी रफ्तार के बावजूद अंतिम आधे घंटे में फिल्म जरूर उठती है और कुछ आकर्षक लगती है। मगर इतना काफी नहीं। निर्देशक के रूप में साजिद प्रभाव नहीं छोड़ते। उन्हें अपने भाई की तरह प्रेम कहानियों का मोह छोड़ कर अपना व्याकरण खुद गढ़ना होगा।
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यह हमले ऐसे समय में हुए हैं जब फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इजरायली सैनिकों की एक छापेमारी में 9 लोग मारे गए थे। पुलिस का कहना है कि यह गोलीबारी एक 'आतंकवादी हमला' है।
गाजा शहर और वेस्ट बैंक में कई जगहों पर फिलिस्तीनी लोग जश्न मना रहे हैं। यह जश्न पूर्वी यरुशलम पर हमले को लेकर मनाया जा रहा है जिसमें 7 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई। मारे गए लोगों में एक 70 वर्षीय महिला भी शामिल है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली बचाव सेवा ने कहा कि यहूदी उपासना स्थल के पास हुई गोलीबारी में सात लोगों की मौत हुई। कई वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रहे हैं जिनमें फिलिस्तीनियों को जश्न मनाते हुए देखा जा सकता है।
यह हमले ऐसे समय में हुए हैं जब फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इजरायली सैनिकों की एक छापेमारी में 9 लोग मारे गए थे। पुलिस का कहना है कि यह गोलीबारी एक 'आतंकवादी हमला' है। उन्होंने कहा कि गोलीबारी शुक्रवार शाम को पूर्वी यरुशलम के उत्तरी हिस्से में हुई जोकि एक पूजा स्थल भी है। आतंकवादी कार से आया था। वह पूर्वी यरुशलम के उत्तरी हिस्से के पड़ोस में एक पूजा स्थल के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली इमारत पर पहुंचा और गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने बंदूकधारी को मौके पर ही मार दिया। उन्होंने कहा कि हमले में इस्तेमाल की गई एक पिस्तौल जब्त कर ली गई है।
पुलिस के मुताबिक, हमलावर 21 साल का था। तत्काल इस हमले की जिम्मेदारी किसी ग्रुप ने नहीं ली है। लेकिन गाजा में सत्तारूढ़ हमास आतंकवादी समूह के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमला गुरुवार को घातक सैन्य हमले के लिए "बदला और प्रतिक्रिया" था। देश के विदेश मंत्रालय के अनुसार, 2008 में यरूसलम में एक यहूदी पूजा स्थल में हुई गोलीबारी में आठ लोगों की मौत के बाद से इजरायलियों पर यह सबसे घातक हमला था।
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Bareilly Conclave: बरेली के अधिवेशन में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोग जुड़े। कार्यक्रम में राहुल आनंद, आदित्य मूर्ति ने कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने कहा कि बरेली का नाम शिक्षा के क्षेत्र में सबसे आगे, बच्चों को मिले सही माहौल, बच्चों को मिले सही माहौल, गरीब छात्रों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऑनलाईन क्लासेस से सारी शिक्षा पूरी नही की जाती। कोरोना काल में बच्चों को ऑनलाईन जोड़ना काफी कठिन रहा। NEP काफी रोजगार पूरक, बरेली शिक्षा का हब बन रहा, उत्तराखंड के बच्चे भी आते है पढ़ने, सभी के प्रयास से आगे है बरेली की शिक्षा व्यवस्था, बच्चों को शिक्षा से जोड़ना काफी महत्वपूर्ण, स्टूडेंट्स सिर्फ क्लास में नही पढ़ता, आने वाला समय तकनीक का परिवर्तन के लिए समाज को तैयार रहना चाहिए।
वहीं इस कार्यक्रम में शिरकत करते हुए धर्मपाल सिंह ने कहा कि विश्वास के बिना विकास संभव नहीं इसलिए लोगों के विकास को जीतना जरुरी। उन्होंने कहा कि मदरसा शिक्षा में सरकार ने किया सुधार। अल्पसंख्यक मोदी के साथ आगे बढ़ने को तैयार है। वहीं उन्होंने कहा कि मदरसों की जा रही जांच। 50 से ज्यादा मदरसे चिन्हित जिनपर जांच जारी है। दरसों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया जा रहै है। शिक्षको को भरने की प्रक्रिया में बदलाव होगा।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपराधियों को समाप्त कर दिया। अतीक अहमद के केस लिए कोई वकील तैयार नहीं हुआ करता था, आज वो सलाखों के पीछे। योगी सरकार में गुंडाराज समाप्त हुआ है। विदेशों में गायों का पालन बढ़ा है। आने वाले समय में गाय सड़को पर घूमते हुए नजर नहीं आएंगी। उन्होंने कहा कि PPP मॉडल पर गौशाला बनाएंगे। इन गौशाला में 4000 देशी गाय पाली जाएंगी, गायों के गोबर का भी होगा प्रयोग। गाय के गोबर से सीएनजी बनाई जाएगी।
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वर्तमान में टेलीविज़न श्रृंखला के वर्तमान दर्शकों ने उन्हें या तो "अनंत" ("रसोई", "वोरोनिन", "इंटर्नेट"), या "पुलिस" और अपराधियों (ग्लूकर, टूटी लालटेन की स्ट्रीट के टकराव के बारे में आपराधिक कहानियों का संग्रह के रूप में, "का पता लगाने")। हालांकि, साबुन ओपेरा की साजिश रेंज हर साल विस्तार कर रही है। घरेलू श्रृंखला बहुत ज्यादा है लगभग उन सभी को काफी लंबा है, कुछ सौ से ज्यादा श्रृंखलाएं एक अपरंपरागत कहानी के साथ घरेलू श्रृंखला का एक ज्वलंत उदाहरण परियोजना "ज़ेमेकी डॉक्टर" है, कलाकारों और भूमिकाओं में सख्ती से रचनाकारों के विचार के अनुसार चयन किया गया था।
टीवी श्रृंखला एक प्रकार की सिनेमा कला है, जब एक दया एक साक्षर, यादगार तस्वीर बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। हमें जरूरी एक निर्दोष, सत्यापित स्क्रिप्ट, एक रोचक व्यावसायिक उत्पादन, एक कुशल अभिनेता का खेल और अपनी शैली, एक "उत्साह" होना चाहिए। उपरोक्त सभी फिल्म "ज़मेकी डॉक्टर" में हैं। अभिनेता और भूमिकाएं एक-दूसरे के साथ-साथ संभवतः सूट करती हैं, हालांकि फिल्म केवल पुराने स्कूल "पुराने-स्कूल" विशेषज्ञों के साथ ही व्यस्त नहीं है एक बार फिर उनके डायरेक्टर एम। मालीच और ऑपरेटर के। मिरोनोव ने अपने व्यावसायिकता को साबित कर दिया, उन्होंने अपने काम को विशेष रूप से बिना किसी विशेष तामझाम और मास्टरपीस के प्रदर्शन के लिए किया, लेकिन बिना किसी असभ्यता के चरम से चरम पर फेंकने के बिना।
एक प्यारा डॉक्टर, एक खूबसूरत महिला ओल्गा समोइलोवा अपने प्रिय पति की मृत्यु के बाद उसकी अनोखी उपहार खो देती है। वह एक पेशेवर संकट शुरू करती है, नायिका जटिल परिचालन करने में सक्षम नहीं है, इसलिए वह एक दूरदराज के प्रांतीय शहर में राजधानी छोड़ती है। वहां, वह जल्दी से एक चिकित्सक के रूप में एक स्थानीय अस्पताल की व्यवस्था करता है। हालांकि, ओल्गा अपने व्यवसाय से बच नहीं सका। इसलिए, एक नए जीवन में सुर्खियों में कूदते हुए, चिकित्सक परिधीय शहर के अधिकांश निवासियों के भाग्य में एक निर्णायक भूमिका निभाने के लिए शुरू होता है, सामान्य नागरिकों से लेकर महापौर के साथ समाप्त होता है। एक महानगरीय चिकित्सक की कहानी जो अपने करियर के संकट के बारे में चिंतित है, वह नया नहीं है, लेकिन यह भूगोल ड्रैग हो जाता है और अंत में देखने के लिए आग्रह करता है। टेलीविज़न श्रृंखला में, सभी कम मात्रा मेंः और जुनून, और अनुभव, और संवाद।
ओल्गा बुडिना, इरीना कुप्पचेंको, अलेक्जेंडर लेज़ेरेव, जूनियर, दिमित्री पेव्सोव, तात्याना वसीलीवा और अन्य लोगों की श्रृंखला "ज़मेकी डॉक्टर" (जिनकी अभिनेताओं और भूमिकाएं नीचे सूचीबद्ध की जाएंगी) उन भव्य कलाकारों पर गर्वमान हो सकती हैं जो आसानी से सबसे अधिक घरेलू फीचर फिल्मों में बाधाएं आ सकती हैं। प्रसिद्ध और छोटे-छोटे स्क्रीन विज़ार्ड उनके लिए धन्यवाद, 2010 में फ़िल्म ने रूसी साबुन ओपेरा की फ़िल्म रेटिंग में एक प्रमुख स्थान लिया। इसलिए, सफलता से प्रेरित रचनाकारों श्रृंखला "Zemsky डॉक्टर" की निरंतरता जारी। नए एपिसोड में अभिनेता और भूमिकाएं (2012) लगभग समान रही हैं, लेकिन एक नया रोगी (ए। चेरनीशोव) प्रकट होता है, जिसे मुख्य चरित्र केवल सहानुभूति से ज्यादा महसूस करता है, और अंत में प्रतिष्ठित व्यक्तिगत खुशी प्राप्त करता है लेकिन पहले भाग के विपरीत, घरेलू सिनेमा के दूसरे स्वामी ए पावलोवस्की द्वारा निर्देशित थे।
"ज़मेकी डॉक्टर, अभिनेता और भूमिकाएं (2013), जो कि प्रकाश निर्देशक के हाथ में मामूली बदलाव आये, उन्हें" वापसी "कहा गया। नए सत्र की शूटिंग न केवल यूगलिच शहर में हुई थी ज्यादातर माल मास्को में गोली मार दी गई थी लेकिन, इसके बावजूद, यूगलिच "साबुन ओपेरा" का जन्मस्थान बना रहा, एक जगह जहां, प्रांतीय परिदृश्यों की करामाती पृष्ठभूमि के खिलाफ, मुख्य चरित्र के जीवन में अगली घटनाओं का विकास हुआ। इस सीजन को दर्शकों द्वारा मेडिकल असंगतताओं और दृश्यमान भूलों की संख्या में नेता के रूप में पहचाना गया था। जो कि, हालांकि, प्रशंसकों को विमुख नहीं किया और दर्शकों के हितों को पसंदीदा शो में ठंडा नहीं किया।
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सोनिया गांधी अस्पताल में भर्ती : अभी अभी इस वक्त की एक बड़ी खबर सामने आ रही है बताया जाता है कि कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा सांसद सोनिया गांधी की तबीयत अचानक खराब हो गई है आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है. हिंदुस्तान अखबार के अनुसार कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं। उन्हें गुरुवार देर रात बुखार की शिकायत के बाद अस्पताल लाया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी हालत स्थिर है।
चेस्ट मेडिसिन के डॉक्टर अरुप बसु और उनकी टीम की निगरानी में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख का इलाज किया जा रहा है। बुलेटिन में कहा गया है, सोनिया गांधी चिकित्सकों की निगरानी में हैं और उनकी जांच की जा रही है।
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ZeptoLab में तैयार किया यह गेम किसी इंजीनियरिंग से कम नहीं है. गेमर के इंट्रेस्ट के हिसाब से इसे Action की श्रंखला में रखा गया है. गेमर अपने हिसाब से फाइटर कार मॉडिफाई करो.
फिर उसके बाद आपके सामने वाले कार से आपको लड़ना होगा. उसकी कार को पूरी तरह से क्रश करना होगा. इस क्रश को करने के बाद आपको काफी सारी पॉइंट्स मिलेंगे. जिससे आप अपनी कार को मॉडिफाई करने के लिये वेपन से मॉडिफाई कर सकते है.
वैसे यह कार एक बिल्ली के द्वारा ऑपरेट होती है इसलिए इस गेम का नाम कैट के आधार पर रखा है. CATS Crash Arena Turbo Stars गेम की ओवरॉल रेटिंग 4. 6 दी हुई है.
इसको इनस्टॉल करने वाले गेम 1 लाख से ऊपर है. इस गेम को खेलने वाले गेमर इसको ओके ओके ही बताते है.
CATS Crash Arena Turbo Stars Action गेम को इनस्टॉल कर एडवंचर के साथ जुड़े और कमेंट करके बताये की आपको यह गेम कैसा लगा. आपके फीडबैक लोगो के लिए कारगर साबित हो सकते है.
अपनी एयरलाइन बनाये Airport City: Airline Tycoon !
फाइट शुरू करे MARVEL Contest of चैंपियंस !
Top Eleven , बनो एक फुटबॉल मैनेजर !
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वहीं वरुण धवन (Varun Dhawan) ने भी इंस्टाग्राम (Instagram) पर इन तस्वीरों को फैंस के साथ साझा करते हुए लिखा-'चेक-मेट, तुम तंग करती हो, अब नफरत मत करो, क्योंकि तुम शानदार हो।
सोशल मीडिया (social media) पर दोनों के इस पोस्ट को काफी पसंद किया जा रहा हैं। वरुण धवन (Varun Dhawan) और सारा अली खान (Sara Ali Khan) इन दिनों अपनी आगामी फिल्म 'कुली नं. 1' के प्रमोशन में व्यस्त है। इस फिल्म (film) में परेश रावल (Paresh Rawal) भी होंगे। फिल्म में वह सारा अली खान के पिता का किरदार निभाएंगे। फिल्म में जावेद जाफरी (Javed Jaffrey) भी अहम भूमिका में होंगे।
कॉमेडी फिल्म 'कुली नं. 1' का निर्देशन डेविड धवन (David Dhawan) ने किया है। यह फिल्म इसी साल क्रिसमस के मौके पर 25 दिसंबर को amazon prime video पर रिलीज होगी। यह फिल्म 1995 में आई गोविंदा और करिश्मा कपूर की 'कुली नं. 1' (Coolie no-1) का रीमेक है।
कॉमेडी फिल्म 'कुली नं. 1' का निर्देशन डेविड धवन (David Dhawan) ने किया है। यह फिल्म इसी साल क्रिसमस के मौके पर 25 दिसंबर को amazon prime video पर रिलीज होगी। यह फिल्म 1995 में आई गोविंदा और करिश्मा कपूर की 'कुली नं. 1' (Coolie no-1) का रीमेक है।
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भारतीय ओलंपिक संघ ने पहलवानों के बृजभूषण शरण सिंह के विरूद्ध यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए समिति गठित की. विरोध कर रहे पहलवानों ने शुक्रवार को भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) से भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के विरूद्ध यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए जांच समिति के गठन की मांग की थी. जिसके कारण शुक्रवार शाम भारतीय ओलंपिक संघ ने पहलवानों की मांगों पर चर्चा के लिए कार्यकारी परिषद की आपात बैठक बुलाई थी. मीटिंग में बड़ा निर्णय हुआ है. IOA ने WFI प्रमुख के विरूद्ध यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया है. सात सदस्यीय समिति के सदस्य मैरी कॉम, डोला बनर्जी, अलकनंदा अशोक, योगेश्वर दत्त, सहदेव यादव सहित अन्य हैं.
इससे एक दिन पहले पहलवानों ने इस खेल प्रशासक के विरूद्ध कई एफआईआर दर्ज कराने की धमकी दी थी. आईओए अध्यक्ष पीटी उषा को लिखे पत्र में पहलवानों ने डब्ल्यूएफआई की ओर से (कोष में) वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाने के अतिरिक्त दावा किया कि राष्ट्रीय शिविर में कोच और खेल विज्ञान स्टाफ 'बिल्कुल अक्षम' हैं.
इस पत्र पर पांच पहलवानों के हस्ताक्षर हैं जिसमें तोक्यो ओलंपिक के पदक विजेता रवि दहिया और बजरंग पूनिया भी शामिल हैं. रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेता विनेश फोगाट और दीपक पूनिया ने भी इस पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं.
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फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के दुखद निधन के बाद अभिनेत्री हिना खान और आएशा टाकिया ने कार्यस्थल पर मिलने वाली धमकियों और तानों के बारे में खुलासे किए हैं। सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु ने मनोरंजन इंडस्ट्री के कई काले रहस्यों पर चर्चा शुरु कर दी हैंl इसमें अवसाद, भाई-भतीजावाद या कार्यस्थल पर होनेवाली बदमाशियां शामिल है। अब उनके बारे में बहुत सारे कलाकार खुलकर बात कर रहे हैं। अभिनेत्री हिना खान और आएशा टाकिया ने भी इसपर अपनी राय रखी हैं।
हिना और आएशा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट्स पर लिखा है कि उन्होंने भी ऑनलाइन ट्रोल्स और वर्कप्लेस पर बदमाशी का सामना किया है। जहां बिग बॉस की एक्स-कंटेस्टेंट ने इसे शेयर किया किया, वहीं कुछ बिना मेकअप वाली तस्वीरों के साथ आएशा ने एक लंबा नोट लिखकर अपने अनुभव को याद किया।
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पंजाब (Punjab) के फिरोजपुर (Firozepur) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सुरक्षा में चूक को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court of India) ने कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया है। इससे संबंधित मामले की शुक्रवार (7 जनवरी 2022) को सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को पंजाब यात्रा के दौरान पीएम मोदी की मूवमेंट के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और पंजाब सरकार को अपने मौखिक आदेश में पीएम की सुरक्षा चूक की जाँच कर रही संबंधित समितियों की कार्यवाही को अगले सोमवार तक स्थगित करने के लिए कहा।
मामले की सुनवाई भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ कर रही थी। 'लॉयर वॉयस' नाम के एक एनजीओ ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में कोर्ट की निगरानी में पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के मामले की जाँच करने का आग्रह किया था।
एनजीओ की तरफ से कोर्ट में उपस्थित सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने एसपीजी ऐक्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह मामला राज्य सरकार के विधि-व्यवस्था के अंतर्गत नहीं आता। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है। इसलिए मामले की जाँच राज्य सरकार नहीं कर सकती। इसे कोर्ट की निगरानी में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी द्वारा कराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा सेवानिवृत जज की अगुआई में समिति गठित की गई है, जो कि उपयुक्त नहीं है।
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तरह पीछे नहीं रहे। इन्होने भी ईरान के एक प्रान्त पर कब्जा जमा लिया । वही पर 'उर' राजवश को नीव पड गई । उर नगरी का भी निर्माण हो गया । उर नगरी को ही आज ईराक कहा जाता है। प्राचीन उर नगरी की आज खुदाई हो चुकी हैं। भूगर्भ से मिले सामान लन्दन के अजायच घर मे रखे गये है। विश्व के भूतत्त्ववेत्ताओं का कहना है कि उर' नगरी विश्व की प्राचीनतम नगरी थी। इस कथन का मतलब यह होता है कि चाक्षुष मनु के पुत्रो के पहले की कोई ऐतिहासिक सामग्री अभी तक पाश्चात्यो को वहाँ नहीं मिली है। इसीलिये वे लोग आयों को वही का आदिवासी कहने मे नही हिचकते । भारतीय विद्वान भी उन्ही की नकल किया करते हैं। लेकिन वे लोग चाक्षुप मनु के पहले के आर्य-वश वृक्ष पर विचार करने का कष्ट नहीं करते ।
चाक्षुप मनु छठे मनु थे। उनके पहले पांच मनुओं का काल भारत में ही वीत चुका था। इस देश का नामकरण 'भारतवर्ष भी हो चुका था । पजाब-हडप्पा मे उन लोगो का राज्य था। सरस्वती से सिन्धु नदी तक सप्त सिन्धव प्रदेश में राज्य उन्ही लोगो का था । इसीलिये मैक्स मूलर ने भी ठीक हो कहा है कि- "It can be now proved even by geographical evidence that the Zoroastrian had been settled in India before they emigrated to 'Persia."
महाजल प्रलय मे मन्युपुरी सुपा नगरी तो मृत्यु सागर बन गई, इसलिये मन्यु - महाराज अपने परिवार परिजन सहित अजरवंजान मे आकर बस गये, किन्तु 'उर' नगरी उस विपत्ति से बच गई। उर राजनश दो सौ वर्षो तक चलता रहा (The English man dated 20 th April 1925) महाराज उर के राज्यपाल मे हो जनाब इब्राहिम थे, जो उनके भय से वहाँ से भाग गये थे । पर्शिया के प्राचीन इतिहास में जहाँ तहाँ उनका वर्णन है ।
भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग-चाक्षुप मन्वन्तरकाल के आरम्भ होते ही उनके पुत्र अत्यरातिजानन्तपति, अभिमन्यु, उर, पुर, तपोरत और उर-पुत्र अगिरा जादि छे भारतीय आयं विजेताओं ने अपना उपनिवेश पश्चिम एशिया तक बढा लिया । उन लोगों ने अपना राज्य ही नही बढाया बल्कि उसका सुन्दर ढंग से निर्माण किया । वहाँ भिन्न-भिन्न नामो से सभ्यता फैलाई । उन्हीं के बराबर सुमेर में रहते थे, जिनमे सुमेरियन सभ्यता वा जन्म हुआ 17
१. जोराष्ट्रियन भारतीय (मेक्समूलर ) । २ हिस्ट्री श्राफ सुमेर । |
दो दिन की देरी से केरल में दस्तक देने के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अच्छी गति के साथ आगे बढ़ रहा है. मॉनसून 2021 कई राज्यों में समय से काफी पहले पहुंच गया है और अभी भी इसके आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं.
दो दिन की देरी से केरल में दस्तक देने के बाद दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अच्छी गति के साथ आगे बढ़ रहा है. मॉनसून 2021 कई राज्यों में समय से काफी पहले पहुंच गया है और अभी भी इसके आगे बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं. खरीफ फसलों की खेती-बाड़ी में लगे किसानों के लिए मॉनसून की बारिश का सबसे ज्यादा इंतजार रहता है. हालांकि सामान्य से कम और ज्यादा बारिश उनके लिए नुकसान का सबब बन जाती है. लेकिन भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अपने पूर्वानुमान में मॉनसून के सामान्य रहने की बात कही है.
मॉनसून की स्थिति पर जानकारी देते हुए मौसम विभाग ने बताया कि 13 जून 2021 तक दक्षिण पश्चिम मॉनसून मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सो, पूरे छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के हिस्सों में आगे बढ़ गया है. मॉनसून पूर्वी उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से और पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को कवर कर लिया है.
विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चमि मॉनसून के पूरे मध्य प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश के बाकी बचे हिस्सों, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, हरियाणा और पंजाब में आगे बढ़ने के लिए अगले 48 घंटे तक स्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं.
आईएमडी ने बताया है कि राजस्थान में अभी मॉनसून नहीं पहुंचा है लेकिन अगले तीन-चार दिन आंधी बारिश जारी रहने का अनुमान है. 15 जून को पश्चिमी राजस्थान की जोधपुर और बीकानेर संभाग में आंधी बारिश की गतिविधियों में बढ़ोतरी होगी. इस दौरान तेज थंडरस्टॉर्म, हवा की गति 40 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटा तक दर्ज हो सकती है.
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक आरएस शर्मा के अनुसार अजमेर, जयपुर, भरतपुर कोटा संभाग के जिलों में भी 15-16 जून को थंडरस्टॉर्म के साथ तेज बारिश होने की प्रबल संभावना है. उदयपुर व कोटा संभाग में भी 15-16-17 जून को थंडरस्टॉर्म के साथ बारिश का अनुमान है.
इसके अलावा, मौसम विभाग ने पंजाब और हरियाणा के अधिकतर हिस्सों में 14 जून और 15 जून को कहीं मध्यम और कहीं गरज के साथ छींटे पड़ने का पूर्वानुमान जताया है.
Update on Progress of southwest Monsoon as on 13th June 2021:
♦ Southwest Monsoon has further advanced into some more parts of Madhya Pradesh; entire Chhattisgarh, Odisha, West Bengal, Jharkhand, and Bihar; most parts of east Uttar Pradesh; some parts of west Uttar Pradesh;
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कम दबाव का क्षेत्र ओडिशा के ऊपर है. इसके और अधिक सशक्त होने की उम्मीद है और पश्चिम उत्तर-पश्चिम दिशा में झारखंड और उत्तरी छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ सकता है. इसके बाद अच्छी बारिश हो सकती है.
स्काईमेट के अनुसार आने वाले 24 घंटे में कोंकण, गोवा और उत्तरी तटीय कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है. पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, ओडिशा के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, केरल, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है. इन इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा.
इसके अलावा, सिक्किम, पूर्वोत्तर भारत, तटीय आंध्र प्रदेश, मध्य महाराष्ट्र, मराठवाड़ा, तमिलनाडु, आंतरिक कर्नाटक, पश्चिमी हिमालय, पंजाब के कुछ हिस्से, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर और पूर्वी राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. दक्षिण गुजरात में हल्की बारिश हो सकती है.
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मुजफ्फरनगर। थाना को0नगर पर नियुक्त उ0नि0 हरीश राघव द्वारा वॉछित अभियुक्त नकीब पुत्र लियाकत निवासी मौहल्ला किदवईनगर थाना कोतवाली नगर मु0नगर को अभियुक्त के मसकन से गिरफ्तार किया गया।
वहीं थाना को0नगर पर नियुक्त उ0नि0 नीरज कुमार द्वारा वारण्टी अभियुक्त कालू पुत्र नजीर निवासी नयाबाग ठठेरो वाली गली थाना को0नगर मु0नगर को अभियुक्त के मस्कन से गिरफ्तार किया गया।
इसके अतिरिक्त थाना नई मण्डी पर नियुक्त उ0नि0 संजय सिंह द्वारा वांछित अभियुक्त सागर पुत्र तेजपाल निवासी ग्राम सिसौली थाना भौराकलां जनपद मु0नगर को भोपा पुल बाईपास से गिरफ्तार किया गया।
वहीं थाना नई मण्डी पर नियुक्त उ0नि0 विजयपाल अत्री द्वारा वांछित अभियुक्त अनिल पुत्र धनापल निवासी ग्राम सिम्भालकी थाना छपार जनपद मु0नगर हाल पता ओमविहार थाना रूडकी जनपद हरिक्षर को अभियुक्त के मसकन से गिरफ्तार किया गया।
इसके अतिरिक्त थाना नई मण्डी पर नियुक्त उ0नि0 योगेश शर्मा द्वारा वारण्टी अभियुक्त सोनू पुत्र लालसिंह निवासी हाल पता मौहल्ला अमितविहार कूकडा थाना नई मण्डी जनपद मु0नगर व वारंटी अभियुक्त भीम पुत्र जन्गी निवासी ग्राम अलमासपुर जनपद मुजफ्फरनगर को अभियुक्तों के मसकन से गिरफ्तार किया गया।
इसके अलावा थाना पुरकाजी पर नियुक्त व0उ0नि0 रघुराज सिंह द्वारा वांछित अभियुक्तों कुवॅरपाल उर्फ कोरा पुत्र शेरसिंह, सुभाष पुत्र सिंहराम निवासीगण ग्राम खेडकी थाना पुरकाजी जनपद मुजफ्फरनगर को अभियुक्तों के मसकन से गिरफ्तार किया गया।
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इस समय भारत में कोविड-19 के कारण लॉकडाउन का नियम लागू है और ऐसे में खिलाड़ी घर में कैद रहते हुए अपनी क्रिएटिविटी का भरपूर परिचय दे रहे हैं। भारतीय क्रिकेट टीम के युवा बल्लेबाज श्रेयस अय्यर ने एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह अपनी जादुई कला को दिखा रहे हैं। भारत की सीमित ओवरों की टीम के नंबर-4 के बल्लेबाज अय्यर अपने बल्ले से टेनिस गेंद को मारते हैं तो वह उनके कुत्ते के पास जाती है और फिर उनके परिवार वालों से होते हुए पंखे से टकरा एक अलमारी में रखे एक गिलास में जाती है।
अय्यर ने इस वीडियो के अंत में कहा, "यह जादू है या हकीकत। ' उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है, 'बैटिंग प्रैक्टिस। ' बता दें कि अगर हालात सामान्य होते तो अय्यर इस समय आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स की कप्तानी कर रहे होते। उनकी कप्तानी में टीम ने पिछली बार काफी बढ़िया प्रदर्शन किया था। दिल्ली कैपिटल्स आईपीएल की उन चुनिंदा टीमों में से एक है जिसके खाते में अब तक एक बार भी आईपीएल का खिताब नहीं आ सका है।
बता दें कि पिछले कुछ वक्त में श्रेयस अय्यर ने लिमिडेट ओवर के क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने अपनी परफॉर्मेंस के दम पर भारतीय क्रिकेट टीम में नंबर 4 के स्लॉट को भर दिया है। न्यूजीलैंड के खिलाफ 5 मैचों की टी-20 सीरीज में श्रेयस अय्यर ने अहम भूमिका निभाई थी। इस स्टाइलिश बल्लेबाज ने 5 टी-20 मैचों की सीरीज में 51 की औसत से 153 रन बनाए थे। वह इस सीरीज में केएल राहुल के बाद सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर रहे थे।
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Digital News Media संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार मीडिया पंजीकरण के लिए नए कानून में डिजिटल मीडिया को भी शामिल कर रही है। इससे पूर्व डिजिटल मीडिया को सरकारी रेगुलेशन में शामिल नहीं किया गया था।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार मीडिया पंजीकरण के लिए नए कानून में डिजिटल मीडिया को भी शामिल कर रही है। इससे पूर्व डिजिटल मीडिया को सरकारी रेगुलेशन में शामिल नहीं किया गया था। अपनी 2019 की योजना को पुनर्जीवित करते हुए केंद्र सरकार अंततः मंत्रिमंडल के सामने समाचार पत्रों के लिए एक नई पंजीकरण व्यवस्था के लिए प्रस्तावित विधेयक को रखने के लिए तैयार है, जिसमें भारत का बढ़ता डिजिटल समाचार मीडिया उद्योग भी शामिल होगा जो अब तक सरकारी पंजीकरण ढांचे से बाहर था।
अगले हफ्ते शुरू हो रहे संसद सत्र में सरकार मीडिया पंजीकरण के लिए नए कानून में डिजिटल मीडिया को भी शामिल कर रही है। इससे पूर्व कभी डिजिटल मीडिया को सरकारी रेगुलेशन में शामिल नहीं किया गया था। इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद समाचार वेबसाइट्स अगर नियमों का उल्लंघन करती हैं तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई होगी। इसके तहत ना सिर्फ उनका रजिस्ट्रेशन रद हो सकता है, बल्कि उन पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने प्रेस और पीरियोडिकल्स बिल के रजिस्ट्रेशन में बदलाव को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रस्तावित कानून ब्रिटिश काल के प्रेस और पुस्तकों के पंजीकरण अधिनियम, 1867 की जगह लेगा, जो वर्तमान में भारत में मुद्रित प्रिंटिंग प्रेस और समाचार पत्रों को नियंत्रित करता है। इसके तहत पहली बार डिजिटल मीडिया को शामिल किया जा रहा है। अब इसके दायरे में किसी भी इलेक्ट्रानिक डिवाइस के जरिए प्रकाशित होने वाले समाचारों को शामिल किया जाएगा। इस बिल के आने के बाद अब डिजिटल समाचार पब्लिशर्स को रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। यह काम कानून लागू होने के 90 दिनों में करना होगा।
इस कानून के लागू होने के बाद डिजिटल समाचार पब्लिशर्स को प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के पास रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। इसके अलावा सरकार के बनाए नियमों का डिजिटल पब्लिशर्स उल्लंघन करता पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई होगी। कार्रवाई का अधिकार प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के पास होगा। दोषी पाए जाने पर पब्लिशर्स के रजिस्ट्रेशन को न सिर्फ निलंबित किया जा सकेगा बल्कि उसे रद भी किया जा सकता है। इसके अलावा उस पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इस कानून के आने से पहले अभी तक डिजिटल मीडिया किसी कानून या रेगुलेशन के तहत नहीं था। इस बदलाव के बाद डिजिटल मीडिया सीधे तौर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालयण के नियंत्रण में आ जाएंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय प्रेस काउंसिल के अध्यक्ष के साथ एक अपीलीय बोर्ड की योजना भी बनाई जा रही है। अब तक पीएमओ और अन्य स्टेकहोल्डर्स ने इस बिल को मंजूरी नहीं दी है।
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UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मथुरा (Mathura) जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां 7 साल पहले मरी एक महिला को राजस्थान के दौसा से बरामद किया गया है। इतना ही नहीं, इस महिला की हत्या के आरोप में उसका पति और पति का दोस्त कई महीनों तक जेल में भी रहे। जेल से निकलने के बाद पति ने उसे खोज निकाला। महिला दूसरे पति के साथ रह रही थी।
घटना सितंबर 2015 की है। जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के जालौन जिले के रहने वाले सूरज प्रसाद गुप्ता अपनी बेटी आरती (25) के साथ वृंदावन (मथुरा) में रहते थे। तभी आरती और सोनू सैनी की मुलाकात हुई थी। दोनों ने बांदीकुई में कोर्ट मैरिज कर ली। आरोप था कि शादी के आठ दिन बाद ही आरती लापता हो गई। इसके बाद आरती के पिता ने पति सोनू सैनी, भगवान सिंह और अरविंद पाठक के खिलाफ हत्या और शव को गायब करने का मुकदमा दर्ज कराया।
मार्च 2016 में पुलिस ने मथुरा जिले के मगोर्रा थाना क्षेत्र में एक महिला का शव बरामद किया। बताया गया है कि कपड़ों और अन्य चीजों के आधार पर सूरज प्रसाद गुप्ता ने शव की पहचान अपनी बेटी आरती के रूप में की। इसके बाद मुकदमे को हत्या की धाराओें में बदला गया। आरती के पति समेत तीनों लोगों को गिरफ्तार किया गया। पति सोनू डेढ़ साल और उसका दोस्त करीब नौ माह जेल में रहा।
जेल से बाहर आने के बाद सोनू ने आरती की तलाश शुरू की। बताया गया है कि सोनू को कुछ दिनों पहले आरती के राजस्थान के दौसा जिले में होने की जानकारी मिली। मौके पर जाकर देखा तो सामने आया है कि आरती सात साल से यहां शादी करके दूसरे पति के साथ रह रही थी। सोनू ने इस मामले की जानकारी मथुरा पुलिस को दी। मथुरा के स्वाट टीम प्रभारी अजय कौशल अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। छानबीन के बाद आरती को हिरासत में लिया।
मथुरा के एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने बताया कि महिला को कोर्ट में पेश किया गया है। उसकी डीएनए जांच के लिए कोर्ट में अर्जी दी जाएगी। पूर्व में महिला की हत्या के आरोप में जेल गए तीनों लोग जमानत पर हैं। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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- टीवी सीरियल अलादीन नाम तो सुना होगा में अवनीत कौर और सिद्धार्थ निगम लीड रोल में थे।
- अब चाइल्ड एक्ट्रेस अवनीत ने अपना फेमस सीरियल अलादीन नाम तो सुना होगा छोड़ा दिया है।
- अवनीत ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए शो छोड़ने का फैसला किया है।
टीवी शोज की शूटिंग धीरे-धीरे शुरू हो गई है। सीरियल अलादीन- नाम तो सुना होगा की स्टारकास्ट भी सेट पर लौटने लगी है। लेकिन इसी बीच लीड एक्ट्रेस के रिप्लेसमेंट की खबरें आ रही हैं। टीवी सीरियल अलादीन नाम तो सुना होगा में अवनीत कौर और सिद्धार्थ निगम लीड रोल में थे। दोनों की जोड़ी को खूब पसंद किया जा रहा था लेकिन अब अवनीत कौर इसका हिस्सा नहीं है। टीवी-बॉलीवुड की चाइल्ड एक्ट्रेस और टिकटॉक स्टार रहीं अवनीत कौर ने अपना फेमस सीरियल अलादीन नाम तो सुना होगा छोड़ा दिया है। अवनीत कौर सीरियल में यासमीन का रोल निभा रही हैं। अब शो में टीवी अभिनेत्री और ये उन दिनों की बात है फेम आशी सिंह उनकी जगह लेंगी।
हाल ही में एक इंटरव्यू में अवनीत कौर और आशी सिंह ने इस विषय पर की है। अवनीत ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए शो छोड़ने का फैसला किया है। अवनीत कौर ने बताया, 'मैंने कोरोना वायरस संकट के कारण शो छोड़ने का फैसला किया। मैं पिछले साल डेंगू से पीड़ित थी और मेरी इम्यूनिटी फिलहाल शूटिंग के लिए मजबूत नहीं है। मैं दुखी हूं, लेकिन स्वास्थ्य पहले आता है। ' अवनीत ने यह भी कहा कि वह अपने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर तनाव में थी और अब महामारी में कारण शूटिंग फिर से शुरू करने को लेकर डरी हुई हैं। शो छोड़ने का फैसला अवनीत ने अपने माता-पिता की सूझबूझ से लिया है।
अभिनेत्री आशी सिंह ने अवनीत कौर की जगह ली। अभिनेत्री ने बताया, 'मैं कभी किसी को रिप्लेस नहीं चाहती थी, क्योंकि मूल अभिनेता द्वारा निर्धारित बेंचमार्क को पार करना मुश्किल होता है। शो के नए एपिसोड की शूटिंग में तीन महीने का ब्रेक मेरे पक्ष में काम करेगा। क्योंकि ब्रेक के बाद दर्शकों के लिए नए चेहरे को स्वीकार करना आसान होगा। '
अवनीत कौर के नखरों से मेकर्स थे परेशान?
फरवरी 2020 में खबर आई थी कि मेकर्स एक्ट्रेस अवनीत कौर को शो से बाहर करने का प्लान कर चुके हैं। तब इसका कारण अवनीत कौर का बिहेवियर बताया गया था। मेकर्स का कहना था कि वो अवनीत कौर की टाइमिंग से काफी परेशान हैं। अवनीत कौर इस साल अपनी रानी मुखर्जी स्टारर फिल्म मर्दानी-2 में भी बिजी थीं। अवनीत ने फिल्म की शूटिंग के लिए इस साल और कुछ इवेंट्स के लिए भी डेट्स दी हुई थी। लेकिन डेयली शोप होने के कारण सीरियल अलादीन नाम तो सुना होगा के सेट पर अवनीत को ज्यादा मौजूद रहना था। दूसरे इवेंट्स के कारण अवनीत कौर ऐसा नहीं कर पा रही थीं। इसीलिए टीवी सीरियल अलादीन नाम तो सुना होगा के मेकर्स ने तभी से अवनीत की जगह दूसरी चाइल्ड एक्ट्रेसेस को अप्रोच करना शुरू कर दिया था। ताकि अवनीत कौर को जल्द से जल्द रिप्लेस किया जा सके।
अवनीत कौर के पिता से जब इन खबरों को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने इनसे इंकार नहीं किया था। उनका कहना था कि अवनीत के फिलहाल बोर्ड एग्जाम चल रहे हैं और अभी वो उसी में बिजी होने की वजह से टाइम नहीं दे पा रही हैं।
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ग्रेटर नोएडा के जिम्स में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्राइवेट रूम की सुविधा शुरू की गई है। 50 बेड वाले इस वार्ड में भर्ती होने वाले मरीज को रोजाना 3000 रुपये चुकाने होंगे।
गौतमबुद्धनगर। ग्रेटर नोएडा के जिम्स में कोरोना मरीजों के इलाज के लिए प्राइवेट रूम की सुविधा शुरू की गई है। 50 बेड वाले इस वार्ड में भर्ती होने वाले मरीज को रोजाना 3000 रुपये चुकाने होंगे। इस वार्ड के एक कमरे में अगर 2 मरीज रहेंगे, तब रोजाना 2000 रुपये शुल्क देना होगा।
इस वार्ड के सभी कमरों में अटैच वाशरूम होगा। हालांकि उपचार और खानपान सामान्य ही रहेगा। अभी तक आईसीयू कमरों का शुल्क तय नहीं किया गया है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग 6 हजार रुपये रोजाना तय किया जाएगा। जिम्स में ये कमरे चौथे और तीसरे माले पर बनाए गए हैं।
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।ग्राम क्रमांक :
।ग्राम का नाम :
।तहसील :
।जनपद :
।फसली वर्ष :
।भाग :
।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.)
।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद )
।1क(क) - रिक्त ( नदारद )
।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद )
।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो।
।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो।
।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद )
।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद )
।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद )
।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद)
नई परती / . / .
।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद )
।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन।
आबादी प्रसार हेतू / / .
बजरं / . / .
।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद )
।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद )
।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद )
।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। ( नदारद )
।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद )
।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद )
।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद )
।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि ।
तालाब / . / .
नाली / . / .
।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
आबादी / . / .
चकमार्ग / . / .
रास्ता / . / .
सड़क / . / .
।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो।
काब्रास्तिान / . / .
शमशन / . / .
।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो ।
आबादी मेला / . / .
खेल का मैदान / . / .
हड़ावर / . / .
।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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कोरोना काल में अब तक मेरे पोस्टमॉर्टम हाउस में 36-37 संदिग्ध कोरोना संक्रमित शव पहुंचे हैं। इनमें पुरुष, महिलाएं, बच्चों सहित हर वर्ग और उम्र के कोरोना सस्पेक्टेड शामिल रहे हैं।
कोरोना संबंधी यह तमाम सनसनीखेज सवाल, राष्ट्रीय राजधानी के एक वरिष्ठ फॉरेसिंक साइंस एक्सपर्ट (विधि विज्ञान विशेषज्ञ) डॉ. बी. एन. मिश्रा की मुंहजुबानी हैं। डॉ. मिश्रा राजधानी में पहले-दूसरे पायदान के समझे जाने वाले दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल के विधि विज्ञान केंद्र (फॉरेंसिक साइंस सेंटर यानि पोस्टमॉर्टम हाउस) के प्रभारी हैं। यह तमाम सनसनीखेज खुलासे और सवाल डॉ. बी. एन. मिश्रा ने विशेष बातचीत के दौरान सामने रखे।
अमूमन दिल्ली के दो सबसे बड़े और पुराने समझे जाने वाले पोस्टमॉर्टम हाउस में (सब्जी मंडी और दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल) सालाना 2 से 2500 हजार शवों का पोस्टमॉर्टम होता रहा है। जबसे कोरोना ने दस्तक दी है? तब से आपके (डीडीयू अस्पताल) पोस्टमॉर्टम हाउस में प्रतिदिन शवों की संख्या पर भी प्रभाव पड़ा है? पूछे जाने पर डॉ. मिश्रा बोले, "रेल से कटकर मरने वाले, सड़क हादसों में मरने वाले, फांसी लगाकर आत्महत्या करने वालों की संख्या नगण्य हो गयी है।
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उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इस मामले में सीबीआई ने प्रयागराज में दर्ज हुई एफआईआर को ही तहरीर बनाया है.
सीबीआई की दिल्ली यूनिट ने आईपीसी 306 में एफआईआर दर्ज की है और ये एफआईआर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित यानी उकसाने की धारा में दर्ज हुई है. सीबीआई की टीम ने प्रयागराज पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है.
महंत नरेद्र गिरि महाराज की हत्या हुई थी या उन्हे आत्महत्या के लिए उकसाया गया था और इसके पीछे क्या कोई आपराधिक षडयंत्र भी था? सीबीआई इन तमाम एगंलो की जांच करेगी.
जिस कमरे में महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी वसीयत लिखी थी, उस कमरे से एक कथित हस्तलिखित सुसाइड लेटर भी बरामद किया गया था और कई लोगों के नाम उसमें लिखे हुए थे. उनकी मृत्यु के बाद एक बड़ा विवाद तब खड़ा हो गया जब कई संतों ने कथित सुसाइड नोट को फर्जी करार दिया और महंत की मौत को हत्या करार दिया.
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भगवान् महावीर
वे महा प्रभु, विश्व के विभु, सत्य के अवतार थे ।
वे जगत की चेतना के नियम के संसार थे । वे अहिंसा विश्व समता, दया विद्या धाम थे ।
वे सुकवि की कल्पना से मञ्जु मृदु अभिराम थे ।
विभव के धन, सुधा के धन स्वर्ग साधन को प्रणाम ।
गृही के जप, साधु के तप, सुख विटप 'जिन' को प्ररणाम ।। आधि-व्याधि उपाधि के, सव दोष हर शङ्कर प्रणाम ।
बुद्धि के बल शुद्ध केवल, भक्त के मलहर प्रणाम ।। ( श्री उदय शङ्कर भट्ट)
महावीर जैसे मौन सेवा व्रतो थे; वैसे ही एक महान् विचारक, सफल प्रचारक, उग्र क्रान्तिकारी, प्रबुद्ध बुद्धिवादी, महा महिम-विभूति-शाली एवं विश्व शान्ति के अग्रदूत भी थे । त्रस्त जनता को शान्ति सन्देश देने, दुखातुरों को त्राण देने, वे उस समय प्राये जब वर्वर दानवता के पञ्जे में फँसी मानवता वारण के लिये कराह रही थी ! प्रारण के लिये छटपटा रही थी !! जीवनदान के लिये आशाभरी दृष्टि लिये कोने में विलख रही थी !!!
कारण ? राजनैतिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति के सम होने पर भी सामाजिक, धार्मिक स्थिति विषम हो चुकी थी ! मानव मानवता भूल चुके थे ! धर्म के नाम पर मानव का मूल्य मूक बराबर तथा मूक प्रारणी का मूल्य मिट्टी प्रस्तर बराबर भी न रह गया था ! परिस्थिति को सत्यालोक में परखने का प्रयत्न कीजिये ।
महावीर की समकालीन स्थिति
राष्ट्र, देश, धर्म या व्यक्ति की उन्नति अवनति में सामयिक परिस्थितियों का महत्व पूर्ण योग रहता है इसलिये उनका प्रमारिणत परिचय प्राप्त करते समय तात्कालिक परिस्थितियों का अनुशीलन आवश्यक हो जाता है। भगवान् महावीर के प्रभावक व्यक्तित्व को १. राजनैतिक, २. शैक्षिक, ३. आर्थिक, ४. सामाजिक एवं ५. धार्मिक परिस्थितियों के दर्पण में इस तरह प्रतिबिम्बित देखिये । राजनैतिक स्थिति
गरणतन्त्र प्ररणाली पूर्व विकसित रूप में न थी किन्तु जितने गरणतन्त्र थे वे अत्यन्त समृद्ध और बलशाली थे । संघों के संगठन में लिच्छवि-संघ विशेष प्रभावक एवं महत्त्वशील था । मगध का साम्राज्य भी अति विस्तृत एवं प्रभावशाली था परन्तु दोनों के पारस्परिक सहयोगी अब एक दूसरे के बीच मित्रता की कड़ियों को जोड़े हुए थे । लिच्छवि संघ के राजा सिद्धार्थ का इसी तरह का मैत्री सम्बन्ध सभी राज्यों से था ।
उनकी महारानी त्रिशला वैशाली के राजा चेटक की पुत्री थीं । कौशाम्बी के राजा शतानीक, हेरकच्छ के राजा दशरथ, रोरुक नगर के अधिपति उदयन, गंधार नरेश सात्यक, चम्पा नरेश दधिवाहन और राजगृह नगर के राजा श्रेणिक सिद्धार्थ के साहू भाई थे । इस तरह सिद्धार्थ का बहुत से राजवंशों साथ मैत्री भाव पूर्ण, आत्मीयता पूरक सच्चा सम्बन्ध था । सिद्धार्थ नाथ वंश के श्रेष्ठ क्षत्रिय थे, उन्होंने अपनी शासन प्रणाली में बहुत कुछ सुधार किये थे। उनकी शासन प्रणाली में बहुमत की मुख्यता थी । इस तरह पार्श्ववर्ती राज्यों से निकट का सम्बन्ध, शासन प्रणाली में बहुमत की प्रधानता और सिद्धार्थ की शासन कला कुशलता आदि ऐसे कारण थे जिनसे उनके राज्य में सर्वत्र सुख शान्ति समृद्धि के गीत गातीं किशोर कृषक बालिकानों को देखकर अन्य देशीय-दर्शक शासकों के हृदय पटल पर सिद्धार्थ की श्रद्धा मुद्रा अङ्कित हो जाती थी । आर्थिक स्थिति
सुजला, सुफला, मलयज शीतला, सस्य -श्यामला भारत भूमि पर - लहलहाते खेतों पर अल्हड़ गीत गाती कृषक कुमारियों का कूर्दन खेलन ही बता देता था - "वहां न कोई दास है ; न दासी, न मजदूर है न मजदूरिन ।" खेती का मुख्य व्यवसाय, शिल्प का साम्राज्य तथा चीन, लङ्का, फारस जैसे देशों से व्यापार था। समृद्धि के कारण वापी-कूप, तड़ाग, स्नानागार एवं कलामय निकेतन जनसाधारण की भोग्य वस्तु थे । अन्यायअत्याचार, चोरी जैसे पापाचार उस समय न थे । सादगी के
साम्राज्य में विलासता का वास न था, सरल स्वभावी श्रमिकों के जीवन में प्रालस्य का श्रावास न था ।
शैक्षिक स्थिति
शिक्षा सम्बन्धी स्थिति भी राजनैतिक स्थिति की तरह पूर्ण सन्तोष एवं गौरव पूर्ण थी । भले ही आज जैसे विश्व विद्यालय उस समय न थे फिर भी तात्कालिक भारत को शिक्षा क्षेत्र में विश्व गुरु और बिहार को उसका नेता बनने का सौभाग्य प्राप्त था । इसी परम्परा में एक समय वह था जब भगवान् महावीर के प्रथम गणधर गौतम स्वामी नालन्दा में सैकड़ों छात्रों को श्रौदार्य भाव से ज्ञान-दान देते थे। वे उन दिनों बिहार के प्रतिभा सम्पन्न विद्वानों के गुरु थे । उनके दार्शनिक बुद्धिबल का परिचय जैन शास्त्रों में स्पष्ट मिलता है। समाज स्वयं छात्रों की सम्पूर्ण व्यवस्था उत्साहपूर्वक करता था । शिक्षा गुरु और समाज में पूर्णतया सहयोग भावना व्याप्त थी । और इसी प्रभावक परम्परा के कारण गुप्तकाल में एक समय वह भी आया कि नालन्दा विश्व विद्यालय जैसी सुप्रसिद्ध संस्था स्थापित हुई जिसमें १५०० उपाध्याय विद्यादान देते थे । देश विदेश के प्रज्ञानातप तप्त विद्यार्थी इसी ज्ञान कल्पतरु की सुखद छाया में सरस्वती प्रदत्त विविध विद्या सुधा का पान कर अपने को संतृप्त समझ सुख शान्ति का अनुभव किया करते थे । इस प्रान्त में भगवान् महावीर और जैन धर्म की प्रभावपूर्ण पर्याप्त मान्यता थी ।
सामाजिक स्थिति
ईस्वी पूर्व छठी शती की भारतीय सामाजिक स्थिति विषम थी । समाज पर उन लोगों का आधिपत्य था जो रूढ़ि-जन्य क्रियाओं के कट्टर पक्षपाती थे । गरगराज्य होते हुए भी समाज के किसी भी प्रकार के निर्णय में पण्डितों की राय अपेक्षित थी । पोथियों के अक्षरों पर समाज का विकास निर्भर था, अनुभव को कोई स्थान न था । नारी और शूद्रों का सामाजिक जीवन बड़ा कष्टप्रद था । नारी के अधिकार सीमित थे । वह वेद का पारायरण न कर सकती थी । स्वार्थियों की इच्छाओं पर उन का सामाजिक अस्तित्व था । अन्धविश्वास सृजित धार्मिक भावनाओं ने समाज को पंगु बना दिया था ।
यह देखा गया है कि मानव जाति की किसी भी प्रकार की उन्नति के लिये सामाजिक संगठन वाञ्छनीय है। समाज जितना दृढ़, स्थिर और निर्दोष होगा वह राष्ट्र उतना ही उन्नत होगा । समाज के उचित विकास पर ही सांस्कृतिक विकास प्रव लम्बित है। दूषित समाज से उन्नति की आशा व्यर्थ है । भगवान् महावीर के समय के समाज की दशा पर प्रकाश डालने वाले स्वतन्त्र ग्रन्थ भले ही न मिलते हों पर तत्कालीन साहित्य में पाये जाने वाले समाज में साम्राज्यवाद पोषक बिचारधारा पनपती जा रही थी । व्यक्ति स्वातन्त्र्य का सिद्धान्त नाममात्र को रह गया था । गुरण पूजा का स्थान व्यक्ति पूजा ने ले लिया था ।
सामाजिक परिस्थिति तथा व्यक्तियों की मनःस्थिति के
संघर्ष में विभिन्न ध्येय और वाद जन्मते हैं, पनपते है । सामाजिक स्थिति अगर बहुत ही जड़ या जटिल हो चुकी हो तो प्रशान्त मानव-मन प्रशान्त होने पर क्रान्ति के लिये तयार हो जाता है । क्रान्ति से अनेक आन्दोलनों की, संघर्षों की परम्परा प्रारम्भ हो जाती है । उस समय यही हुआ भी ।
बौद्धिक जागरण से, धार्मिक क्रान्ति से कुछ जनता को उज्जवल भविष्य निर्माण का शुभावसर मिला, तो कुछ जनता ने उसे अपनी स्वार्थ साधना का साधक भी बनाया । समाज की स्वतन्त्र स्थिति पर धार्मिक परतन्त्रता का भारी भार लाद कर चैतन्य समाज को मुर्दा बना दिया ।
धार्मिक वातावरण से सम्बन्धित होने के कारण सामाजिक स्थिति जटिल हो चुकी थी, धार्मिक युग की छाप समाज पर पड़े बिना कैसे रह सकती थी ? वैदिक एवं श्रमण संस्कृति के बीच धार्मिक मान्यताओं की खाई ने प्रशान्त और प्रभावपूर्ण संघर्ष के अपने दो किनारों से संस्कृति की लोल लहरियों को समय-समय पर एक दूसरे से टकराने वाला बना दिया। धार्मिक स्थिति अत्यन्त उलझ गई, साथ ही सामाजिक स्थिति को भी उलझा ले गई ! स्त्रियों और शूद्रों को धर्माराधन के अधिकारों से भी बञ्चित कर दिया गया !! जातिभेद, वर्णभेद जटिल हो चले, अन्याय के अन्धकार में पड़ो समाज की आत्मा न्याय के प्रकाश के लिये चिल्ला उठी - "विषमता का नाश हो, समता का साम्राज्य हो ।" परन्तु फिर दबा दिये गये !
धार्मिक स्थिति
श्रमरण संस्कृति ने जहाँ जनता के प्रत्येक जीवन व्यवहार को सर्वतन्त्र स्वतन्त्र ( स्वच्छन्द नहीं) रखा वहां वैदिक संस्कृति ने जनता के प्रत्येक जीवन व्यवहार को बाह्य विधि-विधानों से ऐसा जकड़ा कि वेदमंत्रों या ऋचाओं के गान के बिना सोनाउठना, खाना-पीना, नहाना-धोना भी दुष्कर हो गया ! कुशल इतने ही से न थी; धर्म के नाम पर क्रूर-कुटिल विधि-विधानों और अमर्यादित आडम्बरों ने मानव जीवन के स्वर्ग को नरक से बदतर बना दिया था ! नर राक्षसों ने मूक पशु-पक्षी, और निर्बल नर-नारियों के अश्वमेध नरमेध यज्ञ रचाकर अपनी स्वर्गारोहण कल्पना को सक्रिय करना प्रारम्भ किया ! धर्म दूकानों में बिकने वाली वस्तु बन गया ! स्वर्ग के टिकिट बांटने वाला अपने आपको सर्वोच्च कहने वाला, तथा कथित एक वरर्णाभिमानी वर्ग रह गया। वह चाहे सदाचारी - प्रसदाचारी, पण्डित- मूर्ख, विवेकी अविवेकी, सुजन दुर्जन कैसा भी हो कोई पूछने वाला नहीं, उन्हें सन्तुष्ट किया कि सर्वार्थ सिद्धि होने में देर नहीं लगती थी ! इस तरह ईश्वर और धर्म के नाम पर जनता की मानसिक, अध्यात्मिक एवं सामाजिक कल्याण कोकिला को वाह्य विधि-विधान और अमर्यादित आडम्बर शलाका निर्मित दासता के पिंजड़े में बन्द कर दिया गया !
धार्मिक क्रान्ति का युगारम्भ
बौद्धिक, नैतिक, सामाजिक एवं धार्मिक स्वतन्त्रता के लिए जहां उस परतन्त्र कोकिला ने फड़फड़ाना प्रारम्भ किया कि |
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अन्तरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान (School of International Studies) जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का सबसे पुराना संस्थान है। इतने लम्बे समय से अन्तरराष्ट्रीय संबंधों और क्षेत्रीय अध्ययन के शिक्षण एवं शोध में संलग्न इस संस्थान ने अपने आपको पूरे देश में एक अग्रणी संस्थान के रूप में स्थापित किया है। संस्थान ने भारत में अन्तरराष्ट्रीय सम्बन्धों का अध्ययन एक शैक्षिक विषय के रूप में विकसित करने और अन्तरराष्ट्रीय मामलों के ज्ञान एवं समझ को अन्तरविषयक परिप्रेक्ष्य में उन्नत करने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। यह 'क्षेत्रीय अध्ययन' को उन्नत करने तथा विश्व के विभिन्न देशों एवं क्षेत्रों में सुविज्ञता विकसित करने वाला देश में पहला संस्थान है। संस्थान ने उच्च शिक्षा केंद्र के रूप में भी अन्तरराष्ट्रीय ख्याति हासिल की है। स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरन्त बाद के वर्षों में इस तरह के संस्थान की आवश्यकता महसूस की गई थी। उस समय देश भर में विदेशी मामलों से सम्बन्धित केवल एक ही संस्थान - विश्व मामलों की भारतीय परिषद् - ने भारत में अन्तरराष्ट्रीय मामलों का अध्ययन शुरू करने की बात को समझा। पूरे विश्व में आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में हो रहे विकास को समझने के लिए युवा वर्ग को प्रशिक्षित करना ज़रूरी था। पंडित हृदयनाथ कुंजरू की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों पर अक्टूबर 1955 में इंडियन स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज की स्थापना हुई और डॉ॰ ए. अप्पादुरई इस संस्थान के पहले निदेशक नियुक्त हुए। शुरू में यह संस्थान दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध था। वर्ष 1961 से लेकर जून 1970 में जेएनयू का एक हिस्सा बनने तक इस संस्थान ने सम-विश्वविद्यालय के रूप में कार्य किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का हिस्सा बनने के बाद इसके नाम से 'इंडियन` हटाकर इसे "अन्तरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान" नाम दिया गया और फिर यह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय का एक संस्थान बन गया। लम्बे समय तक संस्थान के शैक्षिक कार्यक्रम केवल शोध पर आधारित रहे और संस्थान केवल पी-एच.डी. विश्व में रूसी भाषा का प्रसार रूसी भाषा (русский язык,रूस्किय् यज़ीक्) - पूर्वी स्लाविक भाषाओं में सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। रूसी यूरोप की एक प्रमुख भाषा तो है ही, विश्व की प्रमुख भाषाओं में भी इस का विशेष स्थान है, हालाँकि भौगोलिक दृष्टि से रूसी बोलने वालों की अधिकतर संख्या यूरोप की बजाय एशिया में निवास करती है। रूसी भाषा रूसी संघ की आधिकारिक भाषा है। इसके अतिरिक्त बेलारूस, कज़ाकिस्तान, क़िर्गिस्तान, उक्राइनी स्वायत्त जनतंत्र क्रीमिया, जॉर्जियाई अस्वीकृत जनतंत्र अब्ख़ाज़िया और दक्षिणी ओसेतिया, मल्दावियाई अस्वीकृत जनतंत्र ट्रांसनीस्ट्रिया (नीस्टर का क्षेत्र) और स्वायत्त जनतंत्र गगऊज़िया नामक देशों और जनतंत्रों में रूसी भाषा सहायक आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार की गई है। रूसी भूतपूर्व सोवियत संघ के सभी १५ सोवियत समाजवादी जनतंत्रों की राजकीय भाषा थी। सन् 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद भी इन सभी आधुनिक स्वतंत्र देशों में अपनी-अपनी राष्ट्रीय भाषाओं के साथ-साथ परस्पर आपसी व्यवहार के लिए सम्पर्क भाषा के रूप में रूसी भाषा का प्रयोग किया जाता है। इन १५ देशों में रहने वाले निवासियों में से भी अधिकांश की मातृभाषा रूसी ही है। विश्व के विभिन्न देशों में (इसराइल, जर्मनी, संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया इत्यादि) जहाँ कहीं भी भूतपूर्व सोवियत संघ या रूस के प्रवासी बसे हुए हैं, वहाँ कई जगहों पर रूसी पत्र-पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं, रूसी भाषा में रेडियो और दूरदर्शन काम करते हैं तथा स्कूलों में रूसी सिखाई जाती है। कुछ वर्ष पहले तक पूर्वी यूरोपियाई देशों के स्कूलों में रूसी भाषा विदेशी भाषा के रूप में पढ़ाई जाती थी। कुल मिला कर विश्व में रूसी भाषा बोलने वालों की संख्या ३०-३५ करोड़ है, जिस में से 16 करोड़ लोग इसे अपनी मातृभाषा मानते हैं। इसके आधार पर रूसी संसार की भाषाओं में पाँचवे स्थान पर है और वह संयुक्त राष्ट्र (UN) की ५ आधिकारिक भाषाओं में से एक है। .
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(यस्य) जिस राजा के ( मन्त्रम् ) गूढ़ विचार ( पृथक् जनाः समागम्य न जानन्ति ) अन्य जन मिलकर नहीं जान सकते अर्थात् जिसका विचार गम्भीर, शुद्ध, परोपकारार्थ सदा गुप्त रहे (सः कोशहीनः + पि पार्थिवः) वह धनहीन भो राजा ( कृत्स्नां पृथिवों भुङ्क्ते ) सब पृथिवी का राज्य करने में समर्थ होता है । १४८ । ( स० प्र० १५८ )
अनुशीलनः (१) मन्त्र शब्द का राजनीतिपरक अर्थ - 'मन्त्र' शब्द के अर्थ पर यहां विशेष विचार अपेक्षित है। राजनीति के प्रसंग में 'मन्त्र' गोपनीय विचार-विमर्श को कहा जाता है। जिसमें गुप्त बातों पर रहस्यमय विचार किया जाये वह मन्त्ररणा कहलाती है । मन्त्र शब्द 'मत्र - गुप्तभाषणे' = गुप्त विचार करना अर्थ में, इस धातु से घञ् प्रत्यय के योग से सिद्ध हुआ है । निरुक्त में 'मन्त्राः - नात्' कहकर निरुक्ति दी है। मनन करने के कारण राजनीति के रहस्यों को और वेदमन्त्रों को मन्त्र कहते हैं ।
(२) "कोशहीनोऽपि पार्थिवः" का प्रयोग मुहावरे के रूप में हुआ है । इसी प्रकार के भावों की अभिव्यक्ति ७ । ३३ में द्रष्टव्य है। धर्म, काम, अर्थ-सम्बन्धी बातों पर चिन्तन करेमध्यंदिनेऽधंरात्रे वा विश्रान्तो विगतकलमः ।
चिन्तयेद्धर्मकामार्थान्साधं तैरेक एव वा ॥ १५१ ॥ (११६) ( मध्यंदिने ) दोपहर के समय (वा) अथवा (विश्रान्तः विगतक्तमः) विश्राम करके थकान-प्रालस्यरहित होकर स्वस्थ व प्रसन्न शरीर और मन से (अर्धरात्रे ) रात के किसी समय (धर्म-काम-अर्थान्) धर्म, काम और अर्थसम्बन्धी बातों को (तैः सार्धम् ) उन मन्त्रियों के साथ मिलकर (वा) अथवा परिस्थिति विशेष में ( एक एव ) अकेले ही (चिन्तयेत् ) विचारे ॥ [चिन्तयेत् क्रिया का अन्वय १५८ तक चलता है] ।। १५१ ॥
अनुशीलन : (१) राजा द्वारा धर्म-काम- अर्थ पर चिन्तन - राजा को प्रसन्न मन से धर्म काम अर्थ सम्बन्धी बातों पर देश-काल कार्य को देख कर अकेले अथवा अन्य मन्त्रियों के साथ प्रतिदिन विचार करना चाहिए । कौटिल्य ने भी कहा"देश-काल-कार्यवशेन त्वेकेन सह द्वाभ्याम् एको वा यथासामर्थ्य मन्त्रयेत ।" [प्र० १० । ऋ० १४]
( २ ) धर्म, काम, अर्थ के स्वरूप पर विस्तृत विवेचन ७ । २६ पर द्रष्टव्य है। (३) 'अर्ध' शब्द का यहाँ 'एक भाग' अर्थ में प्रयोग है। संप्रविभाग अर्थ में |
पर्वतीय क्षेत्रों में सरकारी डिग्री कॉलेजों को शिक्षकों की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा। सरकार मानकों के मुताबिक कॉलेजों में शिक्षकों की तैनाती करेगी।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। पर्वतीय क्षेत्रों में सरकारी डिग्री कॉलेजों को शिक्षकों की कमी से जूझना नहीं पड़ेगा। सरकार मानकों के मुताबिक कॉलेजों में शिक्षकों की तैनाती करेगी। शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए जल्द राज्य लोक सेवा आयोग को प्रस्ताव भेजा जाएगा। शासन ने उच्च शिक्षा निदेशक को रिक्त पदों का ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। शिक्षकों की भर्तियां यूजीसी रेगुलेशन-2018 के तहत होंगी। नियमित भर्ती होने तक संविदा पर भी शिक्षकों की नियुक्तियां की जाएंगी।
प्रदेश में सरकारी डिग्री कॉलेजों की संख्या बढ़कर 104 हो चुकी है। नए खोले गए कॉलेजों में शिक्षकों की तैनाती करनी है। खासतौर पर पर्वतीय क्षेत्रों के कॉलेजों में शिक्षकों की संख्या अपेक्षाकृत काफी कम है। इन कॉलेजों में पठन-पाठन दुरुस्त करने के लिए अन्य कॉलेजों से सरप्लस शिक्षकों की तैनाती की जाएगी। सरप्लस शिक्षकों के संबंध में उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से रिपोर्ट शासन को मुहैया कराई गई है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सरप्लस शिक्षकों को जरूरतमंद कॉलेजों में तैनात किया जाएगा।
राज्य लोक सेवा आयोग से 877 शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में बाधा बनी हुई है। इस संबंध में हाईकोर्ट में दायर याचिका पर उच्च शिक्षा विभाग की ओर से जवाब दाखिल किया जा चुका है। नई नियुक्तियों के संबंध में शासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय को रिक्त पदों को ब्योरा देने को कहा है।
उच्च शिक्षा सचिव अशोक कुमार ने बताया कि यूजीसी रेगुलेशन-2018 को राज्य सरकार कुछ संशोधनों के साथ लागू कर चुकी है। नई नियुक्तियां इसके मुताबिक होंगी। नई व्यवस्था के तहत नियुक्तियों में दिक्कतें भी पेश नहीं आएंगी। हालांकि, नियमित नियुक्तियों में लंबा समय लगने की वजह से संविदा पर शिक्षकों की नियुक्तियां करने पर मंथन चल रहा है। पंचायत चुनाव निपटने के बाद इस कार्य को तेजी से अंजाम दिया जाएगा।
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जानकारी के मुताबिक तसीमो गांव में कुशवाह समाज के लोग मोहल्ले में ट्रांसफार्मर की मरम्मत कराकर उसे फाउंडेशन पर रखवा रहे थे कि मोहल्ले के एक गुट ने सहयोग करने से मना कर दिया। इससे दोनों पक्षों में कहासुनी हो गई। कहासुनी के बाद दोनों पक्ष गाली-गलौज पर उतर आए। उसके बाद नौबत लाठी भाटा जंग तक पहुंच गई। आधा घंटे तक दोनों तरफ से चले खूनी संघर्ष में एक पक्ष के राकेश पुत्र चेतसिंह और मनोज पुत्र ज्ञानसिंह घायल हो गए। वहीं दूसरे पक्ष के मनोज पुत्र मंगल, नरेंद्र पुत्र मंगल और नबाब पुत्र रामजीलाल घायल हो गए।
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उत्तरी यमन में हुए एक हवाई हमले में कम से कम बीस लोग मारे गए हैं. ये हमला एक शादी समारोह पर हुआ है.
बचाव दलों के मुताबिक रविवार देर रात हुए इस हमले में तीस से अधिक लोग घायल भी हुए हैं.
हूथी विद्रोहियों ने इस हमले का आरोप सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन पर लगाया है.
सऊदी गठबंधन यमन की निर्वासित सरकार के समर्थन में हूथियों पर हमले कर रहा है.
वहीं गठबंधन के एक प्रवक्ता ने कहा है कि हमले की रिपोर्टों की जांच की जा रही है.
यमन की निजी न्यूज़ वेबसाइट अल मसदर ऑनलाइन के मुताबिक ये हमला बनी क़िस इलाक़े के अल रक़ा गांव में हुआ है.
हमले के बाद हज्जा इलाक़े के रिपब्लिकन अस्पताल में आपातकाल घोषित कर दिया गया है और लोगों से रक्तदान करने की अपील की गई है.
यमन में हूथी विद्रोहियों पर हमले कर रहे सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठबंधन पर नागरिकों पर हमले करने के आरोप लगते रहे हैं.
साल 2017 में शादा प्रांत में एक बाज़ार पर हमले के आरोप भी गठबंधन पर लगे थे हालांकि गठबंधन ने कहा था कि हमला हूथी विद्रोहियों को निशाना बनाकर किया गया था.
यमन में तीन साल से चल रहे गृहयुद्ध में अब तक दस हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं.
इस गृह युद्ध की वजह से यमन में भुखमरी के हालात हो गए हैं और दसियों लाख लोग बेहद मुश्किल में जीवन जी रहे हैं.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. )
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पूर्णिया में शपथ से पहले ही एक सरपंच पति का तालिबानी चेहरा सामने आया है। प्रेम प्रसंग में फरार युवती को अपने आवास पर बुलाकर लड़के को छोड़ने के लिए जबरन दबाव बनाया। युवती के इंकार करने पर संरपच पति ने पहले तो थप्पड़ मारा फिर की कोड़े से पिटाई।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। पंचायत चुनाव में जीत के बाद अभी सरपंच पद की जीती किरण चौधरी ने शपथ भी नहीं ली है कि उनके पति सुरेन्द्र चौधरी का तालिबानी चेहरा सामने आया है। सरपंच पति सुरेन्द्र चौधरी ने अपने प्रेमी के साथ फरार होने के बाद ना केवल लड़के को छोड़ देने का फरमान जारी किया बल्कि उस लड़के के साथ कोई संबंध नहीं है, यह लिखकर देने को भी कहा।
युवती जब सरपंच पति सुरेन्द्र चौधरी के पैर पकड़कर कहती है वह लड़के के साथ रहना चाहती है तो पहले उसे चमड़ी उतार लेने की धमकी दी जाती है फिर थप्पड़ से मारा जाता है और फिर कौड़े निकाल कर पिटाई की जाती है। इसका वीडियो वारयल होने के बाद हड़कंप मच गया। यह मामला केनगर प्रखंड के गणेशपुर पंचायत का है। सबसे हैरत की बात यह है की इस मामले में न्याय मित्र नवल मंडल भी वीडियो में युवती से जबरन हस्ताक्षर करवाते हुए तथा यह कहते हुए नजर आ रहे हैं की तुम्हारे मां बाप ने हस्ताक्षर कर दिया है तुम भी साइन कर दो कुछ नहीं होगा।
घटना के संबंध में बताया जाता है की केनगर के बैेरगाछी के रहने वाले युवक एवं पास के प्रखंड की एक युवती आपस में प्यार करते थे। वे भाग भी गए लेकिन यह मामला युवक के घरवालों को नागवार गुजरा क्योंकि युवक और युवती दो अलग- अलग जाति के थे। इसके बाद न्याय की उम्मीद में युवती सरपंच के घर पहुंची जहां सरपंच पति का तालिबानी चेहरा सामने आया। एसपी दयाशंकर ने बताया की इस मामले को लेकर जो वीडियो सामने आया है उसको जांच के लिए केनगर थाना भेजा गया है।
वहीं सरपंच पति सुरेन्द्र चौधरी ने बताया की यह सब एक साजिश के तहत उनके साथ किया गया है। उनके यहां लड़की को लाकर योजना के तहत बीडियो तैयार किया गया। इसके बाद रविवार को उनको बैंरगाछी बुलाकर उनके साथ शाम में मारपीट कर जख्मी कर दिया गया। उनके वाहन को भी पिटाई करने वालों ने क्षतिग्रस्त कर छीन लिया वे जान बचाकर वहां से भागे हैं। केनगर थाना प्रभारी विकास कुमार आजाद ने बताया की संरपच पति के साथ मारपीट किए जाने की भी जानकारी मिली है। वहीं सरपंच पति का वीडियो भी आया है जिसकी जांच की जा रही है।
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पथरी की समस्या आजकल आम हो गई है. बच्चों से लेकर बूढ़ों तक किसी भी उम्र के व्यक्ति को पथरी की समस्या हो जाती है. पथरी होने पर बहुत दर्द होता है. पथरी से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर ऑपरेशन करवाने की सलाह देते हैं. लेकिन आप कुछ घरेलू उपाय करके भी पथरी की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं.
तुलसी और शहद आपकी मदद कर सकता है. तुलसी के पत्ते औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. हालांकि तुलसी के पत्तों को चबाकर नहीं खाना चाहिए. इससे दांतों को नुकसान होता है. इसके अलावा शहद भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. अगर आप तुलसी के पत्तों और शहद को मिलाकर खाते हैं तो पथरी की समस्या में बहुत आराम मिलता है. ऐसा करने से पथरी गलकर पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है. इसके अलावा शहद और तुलसी के पत्ते खाने से कई और फायदे होते हैं.
पथरी की समस्या से हमेशा छुटकारा पाने के लिए ट्राई करे ये घरेलु नुस्खे Reviewed by News pari on November 27, 2019 Rating:
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संवाद, भाव-भंगी और वेश-भूषा आदि का भी पूर्ण रूप से समावेश हो चुका था और सर्वांगपूर्ण रूपक होने लग गए थे । पाणिनि के सूत्रों की व्याख्या करते हुए पतंजलि अपने महाभाष्य में लिखते हैं कि रङ्गशालाओं में नाटक होते थे और दर्शक लोग उन्हें देखने के लिए जाया करते थे । उन दिनों कम-त्रय और वलि आदि तक के
नाटक होने लग गए थे। इससे सिद्ध होता है कि ईसा से सैकड़ों हजारों वर्ष पहले इस देश में नाटकों का पूर्ण प्रचार हो चुका था । हरिवंश पुराण महाभारत के थोड़े ही दिनों पीछे का बना है। उसमें लिखा है कि बज्रनाभ के नगर में कौबेररंभाभिसार नाटक खेला गया था, जिसकी रङ्गभूमि में कैलास पर्वत का दृश्य दिखाया गया था। महावीर स्वामी के लगभग दो सवा दो सौ वर्ष पीछे भद्रवाहु स्वामी हुए थे, जिन्होंने कल्पसूत्र के अपने विवचन में जड़वृत्ति साधुओं का उल्लेख करते हुए एक साधु को कथा दी है। एक वार एक साधु कहीं से बहुत देर करके आया । गुरु के पूछने पर उसने कहा कि मार्ग में नटों का नाटक हो रहा था; वहीं देखने के लिए मैं ठहर गया था। गुरु ने कहा कि साधुओं को नटों के नाटक आदि नहीं देखने चाहिएं। कुछ दिनों पीछे उस साधु को एक बार फिर अपने आश्रम को आने में विलंब हो गया। इस बार गुरु के पूछने पर उसने कहा कि एक स्थान पर नटियों का नाटक हो रहा था, मैं वहीं देखने लग गया था। गुरु ने कहा कि तुम बड़े जड़वुद्धि हो। तुम्हें इतनी भी समझ नहीं कि जिसे नटों का नाटक देखने के लिये निषेध किया जाय, उसके लिये नटियों का नाटक देखना भी निषिद्ध है। इन सब बातों के उल्लेख से हमारा यही तात्पर्य है कि आज से लगभग ढाई-तीन हजार वर्ष पहले भी इस देश में ऐसे ऐसे नाटक होते थे, जिन्हें सर्वसाधारण बहुत सहज में और प्रायः देखा करते थे। कौबेररंभाभिसार सरीखे नाटकों का अभिनय करना जिनमें कैलास के दृश्य दिखाए जाते हो और ऐसी रङ्गशालाएँ बनाना जिनमें राजा रथ पर आते और आकाश मार्ग से जाते हों (दे० विक्रमोर्वशी ) सहज नहीं है। नाट्यरूपक का विकास
कला को उन्नति की इस सीमा तक पहुँचने में सैकड़ों हजारों वर्ष लगे होंगे। कौवेररंभाभिसार के सम्बन्ध में हरिवंश पुराण में लिखा है कि उसमें प्रद्युम्न ने नल कूचर का, शूर ने रावण का, सांब ने 'विदूषक का गढ़ ने पारिपार्श्व का और मनोवती ने रंभा का रूप धारण किया था और सारे नाटक का अभिनय इतनी उत्तमता के साथ किया गया था कि उसे देखकर वज्रनाभ आदि दानव बहुत ही प्रसन्न हुए थे। यदि इस कथा को सर्वथा सत्यमान लिया जाय, तो यही सिद्ध होता है कि श्रीकृष्ण के समय में भी भारत में अच्छे-अच्छे नाटकों का अभिनय होता था।
भारतवर्ष में नाक-शास्त्र के प्रधान आचार्य भरत मुनि माने जाते हैं। उनका नाट्य शास्त्र सम्बन्धी श्लोकबद्ध ग्रन्थ इस समय हमें उपलब्ध है । यद्यपि उन्होंने अपने ग्रन्थ में शिलालिन और कृशाश्व का उल्लेख नहीं किया है, तथापि उस ग्रन्थ से इतना अवश्य सूचित होता है कि उनसे भी पहले नाट्य-शास्त्र सम्बन्धी अनेक ग्रंथ लिखे जा चुके थे। भरत ने अपने ग्रन्थ को जितना सर्वांगपूर्ण बनाया है और उसमें जितनी सूक्ष्मातिसूक्ष्म बातों का विवेचन किया है, उससे यही सिद्ध होता है कि भरत से पहले इस देश में अनेक रूपक लिखे जा चुके थे और साथ ही नाट्य शास्त्र के कुछ लक्षण-ग्रन्थ भी बन चुके थे। भरत ने उन्हीं नाटकों और लक्षण-ग्रन्थों का भली भाँति अध्ययन करके और उनके गुण-दोष का विवेचन करके अपना ग्रन्थ बनाया था । भरत ने नाट्यशास्त्र के प्रथम अध्याय में नाट्य के विषय, उसके उद्देश्य और उसकी सामाजिक उपयोगिता का विशद विवेचन किया है। वे लिखते हैं -
"इस संपूर्ण संसार ( त्रिलोक ) के भावों ( अवस्था कानुन ही नाट्य है ; १ - १०४।"
"अनेक भावों से युक्त, अनेक वाओं से परिपूर्ण तथा लोक के चरित्रों से के अनुकरणवाला यह नाट्य मैंने बनाया है ; १ - १०८ ।
"यह उत्तम, मध्यम तथा प्रथम मनुष्यों के कृत्यों का समुदाय है, हितकारी उपदेशों को देनेवाला है (और धैर्य, क्रीड़ा और सुख आदि उत्पन्न करनेवाला है ; ) १ - ७६
"यह नाव्य दुःखित, असमर्थ, शोकार्त्ता तथा तपस्वियों को भी समय पर शांति प्रदान करनेवाला है; १८० । "
"यह नाट्य धर्म, यश, आयु की वृद्धि करनेवाला, लाभ करनेवाला, बुद्धि चढ़ानेवाला और लौकिक या व्यावहारिक उपदेश देनेवाला होगा : १-८१" "न कोई ऐसा ज्ञान है, न शिल्प है, न विद्या है, न कला है, न योग है, न कर्म है जो इस नाट्य में न मिले : १-८२ "
"यह नाट्य वेट, विद्या और इतिहास के आख्यानों का स्मरण करानेवाजा तथा समय पाकर विनोद करनेवाला होगा : १ - ८६ ।"
उपर्युक्त त्रिवेचन से स्पष्ट है कि भारतीय नाव्य का आदर्श केवल जनता की चित्तवृत्ति को आनंदित करना तथा उनकी इंद्रिय-लिप्सा को उत्तेजित करना नहीं, वरन् घर्म, आयु और यश की वृद्धि करना है । भारतीय नाट्य शास्त्र तथा नाट्य साहित्य की यही विशेषता है।
अव हम रूपकों के सम्बन्ध में एक और बात का विवेचन करना चाहते हैं जिससे रूपों की प्राचीनता और उनके प्रारंभिक रूप पर विशेष प्रकाश पड़ने की संभावना है। पाठकों में कठपुतली का नाच से बहुतों ने कठपुतली का नाच देखा होगा । संस्कृत में कठपुतली के लिए पुत्रिका, पुत्तली और पुत्तलिका आदि शब्दों का प्रयोग होता है, जिनका अर्थ होता है - छोटी बालिका । लैटिन भाषा में कठपुतली के लिये प्यूपा' अथवा 'प्यूपुल' आदि जो शब्द हैं उनका भी यही अर्थ है । यह कठपुतली का नाच हमारे यहाँ बहुत प्राचीन काल से प्रचलित है। प्राचीन भारत में ऊन, काठ, सींग और हाथी दाँत आदि की बहुत अच्छी पुतलियाँ बनती थीं । कहते हैं, पार्वतीजी ने एक बहुत सुन्दर पुतली बनाई थी। उस पुतली को वे शिवजी से छिपाना चाहती थी, इसलिये उन्होंने उसे मलय पर्वत पर ले जाकर रखा था। पर उसे देखने और उसका शृंगार करने के लिये वे नित्य मलय पर्वत पर जाती थीं, जिससे शिवजी को कुछ संदेह हुआ। एक दिन शिवजी भी छिपकर पार्वती के पीछे-पीछे मलय पर्वत पर जा पहुँचे। वहाँ उन्होंने पार्वतीजी की वह पुतली देखी । वह पुतली
रूपक का विकांस
संजीव न होने पर भी सर्वथा सजीव जान पड़ती थी। अतः शिवजी ने प्रसन्न होकर उस पुतली को सजीव कर दिया था। महाभारत में भी कठपु वलियों का उल्लेख है । जिस समय अर्जुन कौरवों से युद्ध करने के लिये जा रहे थे, उस समय उत्तरा ने उनसे कहा था कि मेरे लिये अच्छी-अच्छी पुतलियाँ या गुड़ियाँ लेते आना । कथा-सरित्सागर में, एक स्थान पर लिखा है कि असुर मय की कन्या सोमप्रभा ने अपने पिता की बनाई हुई बहुत सो कठपुतलियाँ रानी कलिंगसेना को दो थीं। उनमें से एक कठपुतली ऐसी थी जो खूँटी दबाते हो हवा में उड़ने लगती थी और कुछ दूर पर रखी हुई छोटी-माटी चीजें तक उठा लाती थी । उनमें से एक पुतली पानी भरती थी, एक नाचती थी और एक बात चीत करती थी। उन पुतलियों को देखकर कलिंगसेना इतनी मोहित हो गई थी कि वह दिन-रात उन्हीं के साथ खेला करती थी और खाना-पीना तक छोड़ बैठी थी। यह तो सभी लोग जानते हैं कि कथा-सरित्सागर का मूल गुणाड्य-कृत बड़का ( बृहत्कथा ) है, जो बहुत प्राचीन काल में पैशाची भाषा में लिखी गई थी; पर यह वृहत्कथा अब कहीं नहीं मिलती । हमारे कहने का तात्पर्य केवल यही है कि गुरणाढ्य के समय में भी भारत में ऐसी अच्छी-अच्छी कठपुतलियाँ बनती थीं जो अनेक प्रकार के कठिन कार्य करने के अतिरिक्त मनुष्यों की भाँति बातचीत तक करती थीं। ये कठपुतलियाँ कोरी कवि-कल्पना कदापि नहीं हो सकतीं । कथाकोष में लिखा है कि राजा सुन्दर ने अपने पुत्र अमरचन्द्र के विवाह में कठपुतलियों का नाच कराया था। इन सब बातों से सिद्ध होता है कि बहुत प्राचीन काल में ही भारत में कठपुतलियों का नाच बहुत उन्नत दशा को पहुँच चुका था। राजशेखर ने दसवीं शताब्दी के आरम्भ में जो बाल-रामायण नाटक लिखा था, उसके पाचवें अंक में कठपुतलियों का उल्लेख है। उसमें लिखा है कि असुर मय के प्रधान शिष्य विशारद ने दो कठपुतलियाँ बनाई थीं, जिनमें से एक सीता की और दूसरी सिंदूरिका की प्रतिकृति थी । ये दोनों कठपुतलियाँ संस्कृत और प्राकृत दोनों भाषाएँ बहुत अच्छी तरह बोल सकती |
मापने की सफलता मुश्किल है, क्योंकि इसका मतलब प्रत्येक व्यक्ति के लिए कुछ अलग हो सकता है। एक बास्केटबाल भावना में, सफलता को सबसे अच्छा खिलाड़ी होने के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इसका मतलब जूनियर हाई स्कूल टीम पर खेलना, हाईस्कूल टीम में खेलना, कॉलेज बॉल खेलना, पेशेवर खेलना है। या बस ग्रीष्मकालीन लीग में एक अच्छा खिलाड़ी होने के नाते। प्रत्येक व्यक्ति को कितना सुधार करना है।
सबसे पहले, खेल के लिए एक जुनून जरूरी है। क्यूं कर? चूंकि बास्केटबॉल एक बेहद जटिल और शामिल गेम है जो काम करने के लिए घंटों तक काम करता है। खेल में वास्तव में सफल होने के लिए आपको बस "शूट करें" से ज्यादा कुछ करना है। उचित काम करने के लिए खेल का प्यार जरूरी है। बास्केट बॉल, जो इसे गंभीरता से लेते हैं, एक वर्षभर खेल है।
जितना हो सके उतना खेलें; कहीं भी और जब भी आप कर सकते हैं। बास्केट बॉल एक महान खेल है। मज़े करो। अपने आस-पास के खिलाड़ियों से सीखें। देखो वे क्या करते हैं। अभ्यास करने और अपने विरोधियों के जितना अच्छा बनने के लिए आप क्या कर सकते हैं? क्या अन्य खिलाड़ियों के पास कदम है जो आपके लिए प्रभावी होंगे? सभी महान खिलाड़ी दूसरों से सीखते हैं।
साथ ही, जागरूक रहें कि आप क्या करते हैं। उन चीजों का अक्सर अभ्यास करें। आपके पास एक ताकत लें और इसे और भी मजबूत बनाएं। यदि आप एक उचित शूटर हैं , तो अधिक शूट करें और एक अच्छा शूटर बनें। यदि आप एक अच्छे शूटर हैं, तो और भी शूट करें और एक महान शूटर बनें।
जितनी चीजें आप कर सकते हैं उतनी ही खेलें और उन चीजों पर सुधार करें जो आप सबसे अच्छा करते हैं, जबकि उन चीजों पर भी काम करते हैं जो आप काफी कुछ नहीं कर सकते हैं।
जानें कि आपको किसमें सुधार करने की आवश्यकता है। उन कौशल में सक्षम बनने का अभ्यास करें जो आप कमज़ोर हैं। एक अच्छा, चारों ओर खेल के विकास पर काम करें।
शिविर, लीग, क्लीनिक, इंट्रामरल, और कई अन्य जगहें आप खेल सकते हैं।
ये सभी अवसरों के रूप में कार्य करते हैं। इन प्रकार के कार्यक्रमों में शामिल हों और मज़े करें, और हमेशा सीखने का प्रयास करें। उन लोगों को सुनो जो सफल होते हैं और पता लगाते हैं कि उन्हें क्या सफल बना दिया गया। उन व्यवहारों को मॉडल करने का प्रयास करें।
जितना अधिक आप अभ्यास करेंगे उतना ही बेहतर आप खेलेंगे। जब आप अभ्यास करते हैं, एक उद्देश्य के साथ अभ्यास करें। गेम को उस कौशल में विभाजित करें जिसमें आपको सुधार करने की आवश्यकता है और जिस कौशल पर आप अच्छे हैं। जैसा कि मैंने कहा, वास्तव में उन कौशल को बनाने में अपनी कमजोरियों और काम को सुधारने पर काम करें जो आप मजबूत हैं।
एक अभ्यास कार्यक्रम बनाओ और इसका पालन करें। प्रत्येक ड्रिल का समय और शेड्यूल पर रहें। प्रत्येक अभ्यास सत्र के लिए लक्ष्य रखें और उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए काम करें। एक दोस्त के साथ काम करें ताकि आप एक दूसरे की मदद कर सकें और एक दूसरे को मजबूती दे सकें।
बास्केटबाल में सीखा जाने वाली आदतें जीवन के सभी पहलुओं में अनुवाद कर सकती हैं। एक खिलाड़ी के रूप में विकसित होने वाली कार्य आदतों से आपको बेहतर छात्र, बेहतर कार्यकर्ता, बेहतर टीममेट और बेहतर समग्र व्यक्ति बनने में भी मदद मिलेगी।
एक बेहतर खिलाड़ी बनने के लिए क्या लगता है?
• और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि खेल से प्यार करें! जुनून महानता बनाता है।
यहां काम करने के लिए कुछ सामान्य बास्केटबॉल कौशल दिए गए हैंः
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कुश अग्रवाल बलौदाबाजार - लोक निर्माण एवं गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू 14 फरवरी को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के दौरे पर आएंगे। निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार ताम्रध्वज साहू इस दिन सवेरे 10 बजे रायपुर के पुलिस परेड मैदान से हेलीकाॅप्टर द्वारा रवाना होकर 10. 30 बजे दामाखेड़ा पहुंचेंगे।
दामाखेड़ा के हाई स्कूल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में साहू समाज के नव-निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। कार्यक्रम के बाद दोपहर 11. 45 बजे हेलीकाॅप्टर से बिलाईगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पवनी के लिए रवाना होकर सवा 12 बजे पवनी पहुंचेंगे। यहां हाई स्कूल मैदान में साहू समाज के नव-निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। दोपहर 1. 30 बजे सरगुजा जिले के मैनपाट के लिए रवाना हो जाएंगे।
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जैसे बुझ सा गया था । अढाई सौ रुपये की नौकरी करके उसने सिर्फ अपना ही नहीं, सारी बंगाली जाति का मुँह काला किया है। कम-से-कम सदाव्रत को तो यही लगा। सदाव्रत जैसे खुद ससुर के यहाँ काम करके अपने को खत्म कर रहा है, विनय का भी वही हाल है। हो सकता है मन-ही-मन विनय को सदाव्रत से जलन होती हो। लेकिन उसे क्या मालूम कि दोनो का ही एक हाल है। दोनों ही इस शताब्दी के अर्थ कोलिन्य की बलि है। इंडिया के इस नये वर्णाश्रम धर्म को वेदी पर उन दोनों की बलि चढायी गयी है। क्यों विनय विद्रोह नही कर पाया ? आदमी जिस तरह पहले धर्म के लिए लड़ता था, दुश्मन से लडता था, भूख, नीद, हर चीज से लड़ा है? विनय के सामने तो उस जैसी लाचारी नहीं थी । विनय को तो टी० बी० अस्पताल के रोगी का खर्च चलाना नहीं होता। फिर ? लेकिन अढाई सौ रुपये में विनय को क्या मिला ? डेढ सौ रुपये का टेरिलिन या गैबरडीन मूट ? और लोगों को दिखाने के लिए एक काम । विनय इतने से के लिए फँस गया ! इतने सस्ते दामो मे अपने को बेच दिया !
"पता है एक सूट और दिया है बनने। मोहम्मद अली की दुकान में । तुझे बाद में किसी दिन दिसलाऊंगा । एकदम नये डिज़ाइन की कोटिंग है, चालीस रुपये गज ।"
फिर जरा रुककर कहा, "तू जो भी कह भाई, मुसलमान दर्जियो की सो बढ़िया सिलाई कोई नही कर सकता।"
अचानक अन्दर से गोविन्द आया । बोला, "छोटे बाबू, आपका टेलीफ़ोन ! "
"मेरा टेलीफोन ? कोन है, रे?"
विनय ने कहा, "अच्छा तो भाई, मैं चलता हूँ। मेरी बात याद रमना । जल्दी से अन्दर आकर रिसीवर उठाते ही सदाव्रत अवाक् रह गया।
मिस्टर बोस का फोन था ।
"तुम जरा अभी सोघे चले आओ, सदाव्रत । मनिला खूब रो रही है। एक सीरियस मामला हो गया है।"
"क्या हुआ ?"
"वह तुम आकर ही जान पाओगे । मनिला के नाम एक चिद्री आ है । तुम्हारे अगेन्स्ट कई 'एलिगेशन' हैं । येरी गोरियस ऐलिगेशन्न।" "मेरे अगेन्स्ट ? किसने लिया है ?
"नाम नहीं है। लेकिन लगता है ऐसे किसी ने लिखा है, जो तुम्हे बा |
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पंच भूतों का अनादि चक्र
ओ३म । पञ्चरे चक्रे परिवर्त्तमाने तस्मिन्ना तस्थुर्भुवनानि विश्वा । तस्य नाक्षस्तप्यते न भूरिभार. सनादेव न शीर्यते सनाभि ।। ऋ १ । १६४ १३
( तस्मिन् ) उस पञ्चारे ) पाच नरों वाले ( चक्रे ) चक्र के ( परिवर्त्तमाने ) चलने पर
( विश्वा ) सच ( भुवनानि ) भुवन, लोक ( )सर स्थित होते हैं । ( तस्य ) उसका ( श्रक्षः ) अक्ष (न) न तो (तप्यते) तपता है औौर ( न ) न (भूरिभार . ) बहुत भार वाला होता है । (सनात् + एव) सनातन से ही वह (सनाभिः) सर्नाभिः =बधनयुक्त, केन्द्रयुक्त होने से (न) नहीं (शीर्यते) बिखरता, फटता, नष्ट होता यह ससार चक्र चल रहा है । न्यायदर्शन १ । १ । २ के वात्स्यायभाष्य में ससार का लक्षण हैइमे मिथ्याज्ञाना दयो दु खान्ता धर्म्मा, अविच्छेदेनैव प्रवर्त्तनानाः ससार । मिथ्याज्ञान, दोष, प्रवृति, जन्म और दुःखों का निरन्तर प्रवृत रहना ससार है ।
मिथ्याज्ञान से राग, द्वेष, मोह होते हैं, रागद्वेष भोह से प्रवृत्ति होती है, प्रवृत्ति से जन्म होता है और जन्म साक्षाद् दु ख है । साधारण लोग इस गहरे ससार के सार तक नहीं पहुंच पाते उनके मत में सूर्य्यचन्द्रनक्षत्र भूमि, श्राकाश पर्वत, नदी नाले झील तालाब, खेती धनधान्य, सामान, मकान, पिता, पुत्र, माता भगिनी आदि सब मिल मिला कर ससार
चाहे तत्त्वज्ञानियों का ससार लें, चाहे ज्ञानियों का । ढोनों का कारण एक ही है । निमित्त कारण का विचार छोड़ कर उपादान कारण पर ध्यान दीजिये । सभी के मत मे पञ्चभूतात्मक प्रकृत्ति ही इसका उपादान कारण है । गिरि, नदी, भूमि, सूर्य, चन्द्र ग्रह, उपग्रह आदिनानाविध लोक इमी के बने और इसी में रहते हैं 1 घड़ा मिट्टी से बनता और मिट्टी में रहता है । मिट्टा से बाहर घड़ा कहा है । कपड़ा तन्तु से बना है, तन्तुओं से रहता है। तन्तुनों से ग्रन्यत्र उसकी सत्ता का भान किस को होता है । इसी भाव से वेद कहता है-पश्चारे चक परिवर्त्तमाने तस्मिन्नातस्थुर्भुवनानि विश्वा
पचभृतमय, निरन्तर फिरते हुए इस ससारचक्र मे सब भुवन स्थित है । अर्थात् सारा ससार पच भूतों से बना है, और इन्हीं में स्थित है ।
रथ के पहिये का क्ष तप जाता है, उसे विश्राम देना होता है। परिणाम से अधिक भार पड़ जाये, तो वद्द टूट जाता है किन्तु वह चक्र नाक्षस्तन्यते न भूरि भार. सनादेव न शीर्यते सनाभिः इस चक्र का श्रक्ष तपता है, न बहुत भार से छूटता है और न शीर्ण होता है क्योंकि सनातन से यह नाभि =बन्धन युक्त है।
अनादि काल से यह समार चला या रहा है। उसका यक्ष लक्षपर पहुंचने से पूर्व तप ही नहीं सक्ता । बहुत भार तो तत्र हो, नत्र इससे बाहर कुछ भार हो । भार तो पहले सारा इसी में है। भगवान् इसकी नाभि है, श्रुत' इसके शीर्ण होने का प्रश्न ही नहीं है ।
दिन के वाढरात्रि के पश्चात् दिन के समान सृष्टि के बाद प्रलय, प्रलय के बाट पुनः सृष्टि इसी तर मसार चक्र चल रहा है । |
हाल ही में, असम सरकार ने यह घोषणा की कि 1 जनवरी, 2021 से जिस भी व्यक्ति के दो से ज़्यादा बच्चे होंगे वह सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य पाया जायेगा। इसकी चर्चा करते हुए, NDTV की एक एंकर ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के खुद छह बच्चे हैं।
उपरोक्त वीडियो में, एंकर सोनल मेहरोत्रा कपूर को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि, "2017 में असम विधानसभा ने दो-बाल जनसंख्या नीति अपनाई थी। राज्य मंत्रिमंडल ने आखिरकार अब दो से अधिक बच्चों वाले लोगों के लिए सरकारी नौकरियों की सीमा से बाहर करने का फैसला लिया है। इसका मतलब है कि यदि आपके दो से अधिक बच्चे हैं, तो आप असम में किसी भी सरकारी नौकरी के हकदार नहीं होंगे। यह नीति 1 जनवरी, 2021 से लागू होगी ... इसमें दिलचस्प बात यह है कि मुख्यमंत्री के खुद के छह बच्चे हैं, लेकिन उन्होंने आखिरकार इस दो-बाल नीति को लागू करने का फैसला किया है"-अनुवादित। वीडियो में वह हिस्सा जब एंकर मुख्यमंत्री को संदर्भित करती है, वह 00:47 मिनट से शरू होता है।
NDTV की रिपोर्ट, जिसमें बताया गया है कि असम के मुख्यमंत्री के छह बच्चे है, गलत है। 2014 में लोकसभा चुनाव के लिए सर्बानंद सोनोवाल द्वारा दाखिल एक हलफनामे में, जो मुख्य निर्वाचन अधिकारी, असम की वेबसाइट पर उपलब्ध है, यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि उनके कोई बच्चे नहीं हैं।
इसके अलावा, सर्बानंद सोनोवाल की वैवाहिक स्थिति के बारे में जानकारी असम विधानसभा की वेबसाइट पर आसानी से उपलब्ध है। वेबसाइट पर मुख्यमंत्री के परिचय के मुताबिक, उनकी शादी नहीं हुई है।
सोनल मेहरोत्रा कपूर, जिन्होंने कार्यक्रम की एंकरिंग की थी, ने बाद में अपनी गलती को स्वीकार करते हुए एक ट्वीट किया और माफ़ी मांगी।
NDTV ने अपने प्रसारण में झूठा दावा किया था कि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के छह बच्चे है और बाद में अपने प्रसारण को हटा दिया।
26 अक्टूबर को NDTV ने इस गलती पर अपने दर्शकों से माफ़ी मांगते हुए ट्वीट किया।
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देहरादून की बस्तियों पर हाउस टैक्स लगाने के बाद अब इन्हे मालिकाना हक देने की मांग उठने लगी है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच ने बस्तियों को नियमित करने की मांग को लेकर नरग निगम परिसर में प्रदर्शन किया। इसके बाद मंच के प्रतिनिधिमंडल ने मेयर सुनील उनियाल गामा को ज्ञापन देकर मांग पूरी करने की गुहार लगायी।
ज्ञापन के जरिए मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी व जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने संयुक्त रूप से कहा कि निगम प्रशासन ने बस्तियों पर हाउस टैक्स लगाना शुरू कर दिया है, जिसका मंच स्वागत करता है, लेकिन सवाल इस बात का है कि आखिर बस्तियों को मालिकाना हक कब दिया जाएगा। कहा कि हाउस टैक्स क़ी रसीद पर इस बात तरह की बात लिखी जा रही है कि यह मालिकाना हक के लिए नहीं है। इससे बस्ती के लोगों के बीच संदेह की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने घर-घर से कूड़ा उठान, नालियों की सफाई, आवारा पशुओं से बने आतंक से जुड़ी समस्या भी उठायी। मेयर के साथ वार्ता के दौरान कहा कि एक तरफ स्मार्ट सिटी की बात खूब हो रही है, लेकिन नगर निगम में न तो सफाई कर्मचारी और न ही सुपरवाईजर बढ़ा जा रहे हैं। जिसका असर सफाई व्यवस्था पर पड़ रहा है। इसके लिए शहरी विकास मंत्री को गंभीरता से सोचना होगा। कुंभ पर नजर बनाने के साथ ही प्रदेश के नगर निकायों को भी देखना चाहिए। उन्होने कहा कि सरकार अपने वायदे के तहत बस्तियों को नियमित करे। इस दौरान मंच के सलाहकार ओमी उनियाल, प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन नेगी, रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , पूर्ण सिह लिंगवाल , विनोद असवाल , केप्टन मोहन सिह रावत , कलम गुसाई , मनमोहन लखेड़ा , विनीत त्यागी , सुरेश नेगी , यशवीर आर्य , जीतपाल बर्त्वाल , प्रभात डंडरिया , पवन शर्मा, शकुन्तला भट्ट , ज्ञानदेवी कुंडलिया , प्रतिमा चौहान , अंजलि चौहान , राजेन्द्र कुमार , प्रेमा खंडूड़ी , लक्ष्मी रावत , मीना नेगी, संजय शर्मा आदि मौजूद रहे।
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।'नृसिंह द्वादशी' का हिन्दू धर्म में बड़ा धार्मिक महत्त्व है। इस दिन भगवान नृसिंह की पूजा का विशेष महत्त्व बताया गया है।
।नरसिंह द्वादशी व्रत को विधि-विधान से करने वाले मनुष्य के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के प्रभाव से भय दूर हो जाता है, आत्मविश्वास बढ़ता है और साहस की प्राप्ति होती है।
नृसिंह द्वादशी फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की द्वादशी को मनाई जाती है। भगवान विष्णु के बारह अवतार में से एक अवतार नृसिंह भगवान का है। नृसिंह अवतार में भगवन श्रीहरि विष्णु जी ने आधा मनुष्य तथा आधा शेर का रूप धारण करके दैत्यों के राजा हिरण्यकशिपु का वध किया है।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्राचीन काल में कश्यप नामक ऋषि रहते थे। ऋषि कश्यप की पत्नी का नाम दिति था तथा उनकी दो संतान थीं। ऋषि कश्यप ने प्रथम पुत्र का नाम 'हिरण्याक्ष' तथा दूसरे पुत्र का नाम 'हिरण्यकशिपु' रखा। परंतु ऋषि के दोनों संतान असुर प्रवृत्ति का हो गये। आसुरी प्रवृत्ति के होने के कारण भगवान विष्णु के वराह रूप ने पृथ्वी की रक्षा हेतु ऋषि कश्यप के पुत्र हरिण्याक्ष का वध कर दिया। अपने भाई की मृत्यु से दुःखी तथा क्रोधित होकर हिरण्यकशिपु ने अपने भाई की मृत्यु का प्रतिशोध लेने के लिए अजेय होने का संकल्प लिया। हिरण्यकशिपु ने भगवान ब्रह्मा का कठोर तप किया। उसकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान ब्रह्मा ने हिरण्यकशिपु को अजेय होने का वरदान दिया।
वरदान पाने के पश्चात हिरण्यकशिपु ने स्वर्ग पर अधिपत्य स्थापित कर लिया तथा स्वर्ग के देवों को मारकर भगा दिया। तीनों लोकों में त्राहि माम् मच गया। अजेय वर प्राप्त करने के कारण हिरण्यकशिपु तीनों लोकों का स्वामी बन गया। देवता गण उनसे युद्ध में पराजित हो जाते थे। हिरण्यकशिपु को अपनी शक्ति पर अत्यधिक अहंकार हो गया। जिस कारण हिरण्यकशिपु प्रजा पर भी अत्याचार करने लगा। इस दौरान हिरण्यकशिपु की पत्नी कयाधु ने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम प्रह्लाद रखा गया। परन्तु प्रह्लाद पिता के स्वभाव से पूर्णतः विपरीत स्वभाव का था। भक्त प्रह्लाद बचपन से ही संत प्रवृत्ति का था तथा भक्त प्रह्लाद अपने बाल्यकाल से ही भगवान विष्णु का भक्त बन गया। प्रह्लाद अपने पिता के कार्यों का विरोध करता था। भगवान की भक्ति से प्रह्लाद का मन हटाने के लिए हिरण्यकशिपु ने बहुत प्रयास किया। प्रह्लाद इससे कभी विचलित नहीं हुए। अंततः हिरण्यकशिपु ने अनीति का सहारा लेकर अपने पुत्र की हत्या के लिए उसे पर्वत से धकेला। होलिका दहन में जलाया गया, परन्तु हर बार भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रह्लाद बच जाते थे। भगवान के इस चमत्कार से प्रजाजन भी भगवान विष्णु की पूजा तथा गुणगान करने लगी।
इस घटना से हिरण्यकशिपु क्रोधित हो गया। वह प्रह्लाद से कटु शब्द में बोला- "कहाँ है तेरा भगवान? सामने बुला।" प्रह्लाद ने कहा- "प्रभु तो सर्वशक्तिमान हैं। वह तो कण-कण में व्याप्त हैं। यहाँ भी हैं, वहाँ भी हैं।" हिरण्यकशिपु ने क्रोधित होकर कहा- "क्या इस खम्बे में भी तेरा भगवान छिपा है?" भक्त प्रह्लाद ने कहा- "हाँ।" यह सुनकर हिरण्यकशिपु ने खम्बे पर अपने गदा से प्रहार किया। तभी खंभे को चीरकर भगवान नृसिंह प्रकट हुए और हिरण्यकशिपु को अपनी जांघों पर रखकर उसकी छाती को नखों से फाड़ कर उसका वध कर डाला। भगवान नृसिंह ने भक्त प्रह्लाद को वरदान दिया, जो कोई आज के दिन भगवान नृसिंह का स्मरण, व्रत तथा पूजा-अर्चना करेगा, उसकी मनोकामनाएँ अवश्य पूर्ण होंगी।
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
इन मंत्रों के जाप करने से समस्त प्रकार के दुःखों का निवारण होता है तथा भगवान नृसिंह की कृपा से जीवन में मंगल ही मंगल होता है। भगवान नृसिंह अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं।
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