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कोलकाता, 12 अप्रैल :भाषाः भाजपा के युवा नेता के पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का सिर लाने वाले को 11 लाख रपये का इनाम देने की घोषणा की आज पार्टी नेताओं ने निंदा की और उसे तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की।
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पश्चिम बंगाल में भाजपा ने फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर प्रतिबंध लगाने के बाद पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और उनकी सरकार की जमकर आलोचना की। पार्टी ने कहा कि यह फैसला नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर गंभीर सवाल उठाता है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि फिल्म उन पीड़ितों की वास्तविक पीड़ा दिखाती है, जिन्होंने जनसांख्यिकीय आक्रमण की भयावहता को सहन किया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे आतंकवादी संगठन आईएस ने भोलेभाले लोगों को बरगलाकर उनका इस्तेमाल किया। इस खतरे जिक्र एक नहीं, बल्कि केरल के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों वीएस अच्युतानंदन (एक कम्युनिस्ट नेता) और कांग्रेस के ओमन चांडी ने भी किया था। उन्होंने सवाल किया कि ममता बनर्जी इस प्रतिबंध से किसे खुश करने की कोशिश कर रही हैं? क्या उन्हें लगता है कि बंगाल के मुसलमान भारतीय संविधान की तुलना में आईएस से अधिक जुड़ाव रखते हैं? उनकी इस विरोधाभासी राजनीति पर शर्म आती है।
एसीपी देरावर सिंह ने कहा कि रविवार को एक युवक ने 3 लोगों के खिलाफ रास्ते में रोककर मारपीट करने सहित एसी-एसटी एक्ट में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस जांच में जुटी है। पीड़ित युवक कपड़े की दुकान पर सेल्समैन है। पुलिस ने अपील की है कि सोशल मीडिया पर ऐसी कोई भी पोस्ट न करें, जिससे की धार्मिक भावनाएं आहत हों। युवक के साथ उदय मंदिर थाने पर पहुंचे विहिप के जिला मंत्री (पूर्व) जितेंद्र शर्मा ने कहा- हमारे एक साथी को किसी काम के बहाने घर से बाहर बुलाकर मारपीट की। वह किसी तरह बचकर अपने घर में भागा। युवक ने स्टेटस लगाया था। यह द केरला स्टोरी का स्टेटस था। स्टेटस में किसी जाति धर्म को लेकर कुछ आपत्तिजनक नहीं था। विहिप कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि मूवी देखना किसी भी व्यक्ति का स्वतंत्र अधिकार है और स्टेटस लगाने पर मारपीट करना न्यायपूर्ण नहीं है।
द केरल स्टोरी को मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी टैक्स फ्री कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ ने सोशल मीडिया पर इस बात की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, वे अपने कैबिनेट के साथ फिल्म भी देख सकते हैं। उधर फिल्म की कमाई की बात करें तो इसने कमाल कर दिया है। फिल्म को लेकर काफी कॉन्ट्रोवर्सी देखने को मिल रही है, बावजूद इसके फिल्म जबरदस्त कमाई कर रही है। फिल्म के तीसरे दिन की कमाई में लगभग 42% का ग्रोथ देखने को मिली। लगभग 30 से 40 करोड़ में बनी इस फिल्म ने अपनी पूरी लागत पहले ही निकाल ली है।
क्या है फिल्म The Kerala Story की कहानी, सुर्खियों में क्यों है?
द केरल स्टोरी को फिल्ममेकर सुदीप्तो सेन ने डायरेक्ट किया है। फिल्म अपनी कहानी को लेकर सुर्खियों में है। इसकी रिलीज के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक मैटर गया। हालांकि कोर्ट ने फिल्म की रिलीज को रोकने से मना कर दिया। फिल्म की कहानी लड़कियों के कन्वर्जन पर बेस्ड है। सुदीप्तो ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एक पॉइंट के बाद मुझे महसूस हुआ कि यह सब एक पैटर्न के तहत हो रहा है। पहले लोगों को डराओ, हिंदू देवी देवताओं को डिसक्रेडिट करो। केरल की एक ऑर्गेनाइजेशन है, जहां 10 लड़कियां बुरे टॉर्चर झेलती थीं। मैंने उनका इंटरव्यू किया। वहां से मुझे निमिषा, फातिमा का केस समझाया गया। महसूस हुआ कि धर्मांतरण और उसके बाद का सिलसिला सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है। चूंकि केरल में मुस्लिमों की तादाद सरकार बनाने में अहम रोल प्ले करती है, इसलिए इस मसले पर नेताओं और सरकार ने भी कुछ नहीं किया। इसके बाद इस फिल्म के आइडिया ने मूर्तरूप लिया।
सुप्रीम कोर्टः पहले जब इस याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की गई, तब चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा था- फिल्म बनाने के लिए एक्टर्स और प्रोड्यूसर ने मेहनत की है। आपको यह जरूर सोचना चाहिए। आपको फिल्म पर रोक लगाने के मामले में बहुत सावधान रहना चाहिए। अगर यह फिल्म अच्छी नहीं है तो ये बाजार तय कर देगा। बाद में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को राजी हो गया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने चीफ जस्टिस से याचिका पर जल्द सुनवाई की अपील की। इसके बाद अदालत ने सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख तय कर दी है।
केरल हाईकोर्टः 5 मई को जस्टिस एन नागरेश और जस्टिस सोफी थॉमस ने फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था- फिल्म केवल सत्य घटनाओं से प्रेरित है। फिल्म सर्टिफिकेशन बोर्ड ने इसे देखने के बाद रिलीज की इजाजत दी है। किसी समुदाय के लिए इसमें कुछ आपत्तिजनक नहीं दिख रहा है। किसी भी याचिकाकर्ता ने फिल्म देखी। प्रोड्यूसर कह रहा है कि फिल्म कुछ घटनाओं का काल्पनिक वर्जन है। वो उस टीजर को भी सोशल मीडिया से हटाने को राजी हैं, जिसमें 30 हजार महिलाओं के ISIS में शामिल होने की बात है।
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[ भाग I - खण्ड 1] (ii)
मै० शेनयांग मेटसुशिता स्टोरेज बैटरी कं० लि०, चीन जन. गण., चीनी जन गण के कानूनों के अंतर्गत शामिल है। यह मेटसुशिता इलैक्ट्रिक इंडस्ट्रियल कंपनी लि०, जापान और चाइनीज कंपनी डांगबेई स्टोरेज बैटरी कं० लि०, के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है । कंपनी की शेयर में हिस्सेदारी राज्य प्राधिकारियों के पास नहीं पाई गई। जांच दल ने दल के समक्ष उपलब्ध कराए गए रिकॉर्डों में राज्य प्राधिकारियों का कोई हस्तक्षेप अथवा नियंत्रण नहीं पाया । सत्यापन के दौरान यह पाया गया था कि कंपनी ने उत्पादन की लागत का मूल्यांकन काल्पनिक आधार पर किया था। कंपनी ने कच्चे माल उपयोगी वस्तुओं, प्रत्यक्ष श्रमिक, विनिर्माण संबंधी ऊपरी खर्चों प्रशासनिक ऊपरी खर्चों सहित सभी खर्चों का आबंटन / अनुभाजन विभिन्न मॉडलों के बिक्री मूल्य के अनुपात में किया है । निर्यातक प्रश्नावली के अनुसार कंपनी के लिए वास्तविक लागत के आधार पर संबद्ध वस्तु के संबंध में सूचना उपलब्ध कराना अपेक्षित है जिसे कंपनी द्वारा उपलब्ध नहीं कराया गया था । प्रस्तुत की गयी सूचना से लैड एसिड बैटरियों के विभिन्न मॉडलों / प्रकारों की वास्तविक लागत का सत्यापन नहीं किया जा सका । विद्युत, ऊर्जा और जल की खरीद राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों से की गयी थी जिसका सत्यापन कंपनी के पास उपलब्धा उनके मूल रिकॉर्डो से मि गया था । निर्यात बिक्री बीजकों का सत्यापन उनके रिकॉर्डों से किया गया था और यह पाया गया था कि विनिमय दर, जो जांच अवधि के लिए एक मासिक आधार पर उपलब्ध कराई गयी थी, को चीनी मुद्रा के रूप में ध्यान में रखा गया है। दिवालिया कानूनों के संबंध में कंपनी के प्रतिनिधि स्पष्ट करते हैं कि चीनी कंपनियाँ इस बारे में उपलब्ध कानूनों द्वारा विनियमित होती हैं, जो प्रचालन के लिए वैधानिक निश्चितता और स्थायित्व की गारंटी देते हैं ।
प्रकटन विवरण के उत्तर में निर्यातक ने तर्क दिया है कि उत्पादन की लागत की अस्वीकृति कंपनी की गैर बाजार स्थिति के निर्धारण में अकेला एक कारक नहीं हो सकता. है । इस संबंध में यह नोट किया जाता हैं कि एम ई टी की जांच पाटनरोधी नियमों के अनुबंध 1 के पैरा 8 ( 3 ) में यथा निर्धारित सभी अलग-अलग कारकों पर आधारित है ।
(iv) यह नोट किया जाता है कि चीनी निर्यातकों ने पाटनरोधी नियमों के अनुबंध 1 के पैराग्राफ 8 के उप पैरा 3 में यथा उल्लिखित सम्पूर्ण सूचना / साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए हैं जिससे निर्दिष्ट प्राधिकारी प्रत्येक मामले में निम्नलिखित मापदण्डों पर विचार करेंगे कि क्याः
(क) ऐसे देशों में संबंधित फर्मों कीमतों, कच्ची सामग्री सहित लागतों तथा निविष्टियों, प्रौद्योगिकी एवं श्रम लागत, उत्पादन, बिक्रियां तथा निवेश के बारे में बाजार संकेतकों अर्थात् पूर्ति एवं मांग के अनुसार तथा इस संबंध में राज्य के किसी महत्वपूर्ण हस्तक्षेप के बिना निर्णय लेती है और क्या प्रमुख निविष्टियों की लागतें सही ढंग से बाजार मूल्यों को प्रदर्शित करती हैं ।
[PART I--SEC. 1]
(ख) ऐसी फर्मों की उत्पादन लागतें तथा वित्तीय स्थिति पूर्ववर्ती गैर-बजार अर्थव्यवस्था प्रणाली से उत्पन्न विकृतियों विशेष रूप से परिसम्पत्तियों के मूल्य ह्रास जन्य बट्टे खातों, वस्तु विनिमय व्यापार और उधार की प्रतिपूर्ति के जरिए भुगतान के संबंध में, के प्रभाव में हैं ।
ऐसी फर्मों दिवालियापन तथा सम्पत्ति कानूनों के अधीन हैं जो फमों के प्रचालन के लिए वैधानिक निश्चितता तथा स्थायित्व की गारंटी देते हैं ।
विनिमय दर परिवर्तन बाजार दर पर किए जाते हैं ।
यह नोट किया जाता है कि इन ऊपर उल्लिखित चीनी निर्यातकों ने ऊपर यथा उल्लिखित गैर-बाजार अर्थव्यवस्था के अनुमान के खंडन के लिए सम्पूर्ण सूचना / साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है, प्राधिकारी संबंधित अलग-अलग कंपनियों के बाजार अर्थव्यवस्था दर्जे के इसके दावे की जांच करने की स्थिति में नहीं है ।
चीन जन.गण. के सभी निर्यातकों उत्पादकों के संबंध में सामान्य मूल्य का निर्धारण पाटनरोधी नियमों के अनुबंध 1 के पैरा 7 में यथा निहित गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं से संबंधित नियमों के अनुसार किया गया है ।
मैo शेनयांग मेहसुशिता स्टोरेज बैटरी कं० लि०, चीन जन. गण.
कंपनी ने जांच अवधि के दौरान भारत को निर्यातित सभी मॉडलो के संबंध में घरेलू बिक्रियों संबंधी सौदों के बीजक-वार ब्यौरे उपलब्ध कराए हैं । यह देखा गया कि कंपनी ने भारत को निर्यातित सभी मॉडलों के संबंध में उत्पादन लागत का आकलन परिकल्पित आधार पर किया है। कंपनी ने कच्ची सामग्रियों सुविधाओं, प्रत्यक्ष श्रम, विनिर्माण संबंधी अतिरिक्त व्यय, प्रशासनिक अतिरिक्त व्ययों समेत सभी व्ययों का आबंटन/संविभाजन विभिन्न मॉडलों के बिक्री मूल्य के अनुपात में किया गया है । निर्यातक प्रश्नावली के अनुसार कंपनी द्वारा वास्तविक लागत के आधार पर भिन्न-भिन्न मॉडलों के संबंध में सूचना उपलब्ध कराना अपेक्षित है जो कंपनी ने उपलब्ध नहीं कराई थी । प्राधिकारी कंपनी द्वारा प्रस्तुत सूचना से लैड एसिड बैटरियों के भिन्न-भिन्न मॉडलों / किस्मों की वास्तविक लागत का सत्यापन नहीं कर सके थे । उत्पादन लागत के अभव में प्राधिकारी यह निर्धारित नहीं |
हर गर्भवती महिला यही चाहती है की उसका होने वाला बच्चा गोरा और स्वस्थ पैदा हो. इसलिए वो प्रेगनेंसी में हमेशा अपने खाने पीने की चीजों का बहुत खास ध्यान रखती है, पर कभी कभी सही जानकारी ना होने के कारण उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाती है, इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे आहारों के बारे में बताने जा रहे है जिनके सेवन से आपका बच्चा गोरा और स्वस्थ पैदा होगा.
1- गर्भावस्था में कच्चे नारियल का सेवन बहुत फायदेमंद होता है, इसमें भरपूर मात्रा में पोटेशियम मौजूद होता है जो पेट में पल रहे बच्चे के बालों और स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होता है, इसलिए अगर आप चाहती है की आपका होने वाला बच्चा गोरा और स्वस्थ पैदा हो तो प्रेगनेंसी के दौरान कच्चे नारियल और मिश्री का सेवन एक साथ करे.
2- संतरे में भरपूर मात्रा में विटामिन सी मौजूद होता है जो एक गर्भवती महिला के लिए बहुत फायदेमंद होता है, प्रेगनेंसी के दौरान नियमित रूप से संतरे या इसके जूस का सेवन करने से बच्चे का रंग निखरता है. और साथ ही बच्चा स्वस्थ भी पैदा होता है.
3- हरी सब्जियों का सेवन हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है, खासकर प्रेगनेंसी के दौरान हरी सब्जियों का सेवन करने से माँ और बच्चे दोनों की ही सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. प्रेग्नेंसी के दौरान हरी सब्जियों का सेवन करने से भरपूर मात्रा में आयरन की प्राप्ति होती है, जो गर्भ में पल रहे बच्चे को स्वस्थ रखता है.
4- गर्भावस्था के दौरान हर महिला को दूध का सेवन ज़रूर करना चाहिए. पर अगर आप चाहती है की आपका बच्चा गोरा और स्वस्थ पैदा हो तो नियमित रूप से एक ग्लास दूध में एक चुटकी केसर मिलाकर पिए. इससे गर्भ में पल रहे बच्चे का रंग गोरा होता है.
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धर्मशाला - कांगड़ा पुलिस ने पिछले सप्ताह जिला के दो स्थानों से गायब हुई दो नाबालिग युवतियों को कम समय में ही तलाश किया। इसमें पहले मामले में पुलिस थाना लंबागांव में एक नाबालिग युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। इस मामले में पुलिस ने युवती को दस घंटे के भीतर ही जयसिंहपुर में ही तलाश कर लिया। इसके अलावा पुलिस थाना फतेहपुर में भी शनिवार रात्रि को एक गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई। इसमें पुलिस टीम ने गायब नाबालिग युवती को पांच घंटों के भीतर ही पंजाब के होशियारपुर से बरामद कर लिया।
कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद शांता कुमार के आगामी लोकसभा चुनावों में न उतरने की अटकलों के बाद धर्मशाला में नए चेहरे को लेकर मंत्रणा हुई। इसमें भाजपा प्रदेश प्रभारी मंगल पांडे सहित अन्य पदाधिकारियों ने चुनावों में प्रभावशाली तथा राजनीतिक क्षेत्र में तालमेल रखने वाले उम्मीदवार के नाम को लेकर चर्चा की।
27 फरवरी को रेडक्रास सोसायटी धर्मशाला द्वारा पुलिस मैदान में दिव्यांग व्यक्तियों को बांटे जाएंगे निःशुल्क सहायक उपकरण।
27 व 28 फरवरी को केंद्रीय विश्वविद्यालय में आयोजित होगा विज्ञान उत्सव।
बाजारों में सर्दी के मौसम के जाते-जाते अब विंटर सेल को भी कारोबारियों ने स्टॉक समाप्त करते ही बंद कर दिया। सर्दी के मौसम को देखते हुए रखे गए स्टॉक को कारोबारियों ने डिस्काउंट पर बेचा। इसके साथ ही अब बाजार में गर्मियों के मौसम को लेकर कारोबारियों ने स्टॉक रखना आरंभ कर दिया है। मार्केट में अब गर्मी के मौसम के कपड़े दुकानों के बाहर सजने आरंभ हो गए हैं।
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डीजल यहां अपनी फिल्म एक्सएक्सएक्सः रिटर्न ऑफ जेंडर केज के प्रमोशन के लिए दो दिवसिय दौरे पर आए थे, जिसमें दीपिका भी मुख्य भूमिका निभा रही है। एक साक्षात्कार के दौरान डीजल ने कहा कि दीपिका के ब्यायफ्रेंड रणवीर ने उनकी बहुत ही प्यारी तारीफ की।
डीजल ने डिजिटल शो फिल्म कॉरपोरेशन को दिए साक्षात्कार में (जिसकी होस्ट फिल्म समीक्षक अनुपमा चोपड़ा थीं) कहा, जिन्दगी का अनुभव आपको कई बहुमूल्य चीजें देती हैं।
मौनी रॉय को एयरपोर्ट के गेट से वापस भेजा !
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हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कांगड़ा संसदीय से कैंडिडेट पवन काजल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का पत्रकारों ने बहिष्कार किया है। पत्रकारों को कहना है कि 4 बजे का टाइम देने के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी उनसे नहीं मिले, जबकि वे काफ़ी समय तक इंतजार करते रहे। कुछ देर इंतजार करने के बाद भी वे उनके सामने लोगों और नेताओं से बात करते रहे, लेकिन उन्होंने पत्रकारों को नज़र अंदाज किया जिसके बाद धर्मशाला के पत्रकारों ने एक साथ उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस का बहिष्कार किया।
कहा तो ये भी जा रहा है कि पवन काज़ल ने अपने कांगड़ा के अपने कुछ एक-आध पत्रकार से बात की और बाकी पत्रकारों से रूबरू नहीं हुए। जनसभा संबोधित करने के बाद से पत्रकार उनका इंतजार कर रहे थे, लेकिन श़ायद कांग्रेस प्रत्याशी अपने बाकी नेताओं के साथ ज्यादा व्यस्त थे। ख़ासतौर पर धर्मशाला प्रेस इससे वाक्या से ख़ासी रोष में है।
ग़ौरतलब है कि राजधानी शिमला के बाद प्रेस का दूसरा बड़ा हब धर्मशाला में माना जाता है। धर्मशाला को दूसरी राजधानी के नाम से भी जाना जाता है और शिमला के बाद कोई दूसरी कोई भी राजनीतिक गतिविधियां यहीं होती हैं। ऐसे में यहां धर्मशाला प्रेस के साथ उनका ऐसा व्यवहार पत्रकारों के लिए नाराज भरा रहा। टाइम देकर पत्रकारों से न मिलना... अपने आप में पत्रकारिता का मज़ाक उड़ाने के बराबर है। वहीं, याद रहे कि पवन काजल गुरुवार को ही दिल्ली से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर टिकट लेकर लौटे हैं।
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इस समय पाकिस्तान के स्टार तेज़ गेंदबाज़ शाहीन अफरीदी काउंटी चैंपियनशिप में अपनी तेज़ तर्रार गेंदबाजी का जलवा दिखा रहे हैं. अपने काउंटी डेब्यू पर शाहीन ने शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन दिखाते हुए दो गेंदों में दो विकेट चटकाए और अपने प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया. मिडिलसेक्स के लिए अपना डेब्यू मैच खेल रहे शाहीन ने अपने पहले विकेट के तौर पर ऑस्ट्रेलिया के स्टार बल्लेबाज़ मार्नस लाबुशेन को पवेलियन का रास्ता दिखाया. शाहीन के खिलाफ आउट होने के बाद लाबुशेन काफी हैरान हुए और उन्हें यकीन नहीं हुआ कि वो अफरीदी के खिलाफ आउट कैसे हो गए.
इस मैच की बात करें, तो मिडिलसेक्स की टीम ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया. पारी का 9वां ओवर फेंकने आये तेज़ गेंदबाज़ शाहीन अफरीदी ने ओवर की चौथी गेंद पर मार्नस लाबुशेन को क्लीन बोल्ड आउट कर पवेलियन भेजा और अपनी टीम को एक अहम सफलता दिलाई. इस पारी में लाबुशेन ने 25 गेंदों पर 8 रन बनाये. इसके बाद अफरीदी ने ओवर की अगली ही गेंद पर सैम नार्थईस्ट को बिना खाता खोले ही पवेलियन भेज दिया.
शाहीन अफरीदी का लाबुशेन को आउट करने का वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है और फैंस इसे काफी पसंद कर रहे हैं. दोनों खिलाड़ियों के बीच यह सिलसिला हाल ही में खेली गई ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान सीरीज के बाद से ही चल रहा है. ऐसे में एक बार फिर शाहीन ने दोनों के बीच जारी इस जंग को जीत लिया है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि जब दोनों खिलाड़ी दूसरी पारी में आमने सामने आयेंगे, तो किसका पलड़ा भारी रहेगा.
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29 दिसंबर 2021, विदिशा । मत्स्य पालकों को केसीसी जारी होंगे - मत्स्य पालकों के लिए मतस्य पालन क्रेडिट कार्ड योजना में केसीसी बनवाने की सुविधा उपलब्ध की गई है। मत्स्योद्योग के सहायक संचालक संतोष दुबे ने बताया कि विदिशा जिले में मत्स्य पालन व्यवसाय में संलग्न व्यक्तियों के मत्स्य पालन केसीसी बनाये के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए हैं।
तत्संबंध में मत्स्य पालनकर्ता अपना आवेदन मत्स्य विभाग में सहायक संचालक मत्स्योद्योग विदिशा के कार्यालय में कार्यालयीन समय में प्रस्तुत कर सकते हैं।
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बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की बायोपिक पर इन दिनों तेजी से काम चल रहा है. फिल्म को लेकर रणबीर और संजय दोनों ही कमर कस चुके है. संजय रणबीर को फिल्म के लिए लगातार इन्ट्रक्सन भी दे रहे है. जिसे रणबीर बखूबी फॉलो भी कर रहे है. लेकिन संजय की पत्नी मान्यता को संजय की फिल्म में कोई खास इंटरेस्ट नहीं है.
हाल ही में एक शादी समारोह में नजर आई मान्यता से जब इस बारे में सवाल किया गया तो मान्यता ने कहा कि उन्हें फिल्म में इंटरेस्ट है लेकिन इतना खास भी नहीं. उन्हें बस संजय की रियल लाइफ से मतलब है. और ऐसा कहते हुए वे वहाँ से चली गई. आपको बता दे कि संजय इस समय अपनी फेमली के साथ अपना पूरा समय बिता रहे है.
वे अपने पत्नी और बच्चो को अपना पूरा टाइम दे रहे है. संजय जब से जेल से लौटे है उनकी यही दिनचर्या बन गई है. खबरों की मने तो वे जल्द ही फिल्म भूमि में नजर आने वाले है. यह बाप बेटी के रिश्ते पर आधारित फिल्म होगी जिसमे अदिति राव हैदरी संजय की बेटी के किरदार में होंगी. वही संजय की बायोपिक का निर्देशन राजकुमार हिरानी कर रहे है.
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Sawan 2022 Date, Time, Puja Muhurat: हिंदू धर्म के अनुसार सावन का महीना बहुत शुभ और पवित्र माना जाता है। बारिश की फुहार के साथ ही चातुर्मास के महीने की शुरुआत हो जाती है। इस महीने भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है, इसलिए इस श्रावण मास के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार सावन का महीना साल का पांचवां माह होता है। इस माह में सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु चार महीनों के लिए क्षीर सागर में माता लक्ष्मी के साथ योग निद्रा में चले जाते हैं, ऐसे में सृष्टि की जिम्मेदारी भगवान शिव के कंधों पर आ जाती है।
सावन के महीने में सोमवार के दिन का अत्यधिक महत्व होता है। कहते हैं कि इस समय प्रत्येक सोमवार को श्रावण का उपवास रखा जाता है। जगह-जगह रुद्राभिषेक किया जाता है, दूध और जल चढ़ाया जाता है। जिससे शिव प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामनाएं अवश्य पूर्ण करते हैं।
सावन का महीना सनातन धर्म में बहुत ही पवित्र माना जाता है। इस साल सावन का महीना 14 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त को समाप्त होगा। जिसमें से कुल 4 सोमवार होंगे और पहला सोमवार 18 जुलाई को होगा।
सावन सोमवार के व्रतों के अलावा भक्तगण मंगलवार को भी उपवास रखते हैं। जो देवी पार्वती को समर्पित होता है, जिसे मंगल गौरी का व्रत कहा जाता है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सावन यानी श्रावण मास में माता पार्वती ने तपस्या करके भोलेनाथ को प्रसन्न किया था और उन्हें पति रूप में प्राप्त किया था। इसलिए भी भगवान भोले नाथ को यह मास अत्यधिक प्रिय है. ये भी माना जाता है कि भोलेनाथ सावन मास में ही धरती पर अवतरित हुए थे और अपनी ससुराल गए थे। इसके अलावा धार्मिक मान्यताएं ये भी कहती हैं कि श्रावण मास में ही समुद्र मंथन हुआ था, जिसमें से निकले हलाहल विष को भगवान शिव ने ग्रहण किया था और इसकी जलन को शांत करने के लिए सभी देवताओं ने उन पर जल डाला था, इसी कारण शिव अभिषेक में जल का विशेष स्थान है।
भक्तों को स्नान करके, साफ कपड़े पहनकर, मंदिर जाने और सावन के महीने में शिव पार्वती की पूजा अर्चना करने का नियम बनाना पड़ता है। भगवान शिव को फूल, दूध, गंगाजल, पंचामृत, बेलपत्र, धतूरा और सफेद मिठाई अवश्य चढ़ानी चाहिए। साथ ही एक दिया जलाना चाहिए और सावन कथा का पाठ करना चाहिए जिससे भोले अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। शिव की सच्चे मन से पूजा करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। भक्तों के दुखों का निवारण होता है और सुख शांति का संचार होता है।
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पत्थलगांव, छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव-रायगढ़ राजमार्ग पर एक पिकअप वाहन के अनियंत्रित होकर पलट जाने से तीन महिला सहित चार लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी और 25 घायल हो गए, जिन्हें पत्थलगांव सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ के अंबेटिकरा मंदिर से वापस लौट रहे श्रद्धालुओं से भरा पिकअप वाहन कल देर शाम चरखापारा के समीप असंतुलित होकर पलट गया। दुर्घटना में बाकारुमा की मथुराबाई, मदारमति, सुमित्रा बाई और मोनू राठिया (06) की घटना स्थल पर मौत हो गयी, जबकि पिकअप सवार पच्चीस लोग घायल हो गए। घायलों को पत्थलगांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
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जीएसटी तय करेगा जनादेश !
प्रधानमंत्री मोदी ने भरोसा दिलाया है कि जीएसटी से आने वाले दिनों में गरीब, मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं को फायदा होगा। महंगाई भी कम हुई है, लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का आरोप है कि जीएसटी और नोटबंदी ने देश की अर्थव्यवस्था को आईसीयू में पहुंचा दिया है। तीसरा पक्ष अर्थशास्त्रियों का है। इस साल अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार जीतने वाले विद्वान ने नोटबंदी को दुनिया भर में सराहनीय, ऐतिहासिक कदम करार दिया है। 2013 में अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों ने जिस आर्थिक आधार पर भारत, दक्षिण अफ्रीका, इंडोनेशिया, ब्राजील और तुर्की में निवेश न करने की चेतावनी दी थी, आज वही भारत को 'शानदार अर्थव्यवस्था' करार दे रही हैं, लेकिन विरोधियों का आरोप है कि सरकारी और निजी क्षेत्र में निवेश घट रहा है। इन टिप्पणियों के मद्देनजर जीएसटी का मूल्यांकन कैसे किया जाए? क्या गुजरात और हिमाचल के विधानसभा चुनावों का जनादेश जीएसटी और नोटबंदी ही तय करेंगे? क्या भारत जैसे देश में ऐसा संभव है? बेशक जीएसटी से औसत दुकानदार और व्यापारी दुखी और परेशान है। उनका करीब 40 फीसदी कारोबार ठप हुआ है। कैसे हुआ है, इसका सटीक उत्तर उनके पास नहीं है। यदि जीएसटी से करीब 60,000 लघु उद्योग बंदी के कगार पर हैं और जीएसटी, नोटबंदी के बाद भारत सरकार के रोजगारों में 79 फीसदी गिरावट आई है, करोड़ों मजदूर खाली हाथ हो गए हैं, गुजरात में ही करीब 20 लाख बेरोजगार पंजीकृत हैं और 31. 65 लाख मनरेगा बेरोजगार हैं, देश में निवेश भी कम हो रहा है, तो खुद प्रधानमंत्री मोदी या वित्त मंत्री अरुण जेटली को सार्वजनिक तौर पर बिंदुवार जवाब देना चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो विपक्ष के झूठ ही एक दिन सच बन सकते हैं और फिर उस धारणा को खंडित करना नामुमकिन होगा। नोटबंदी के बाद उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जनादेश लेकर भाजपा साबित कर चुकी है। चूंकि जीएसटी के बाद गुजरात और हिमाचल में पहली बार चुनाव हो रहे हैं, गुजरात व्यापारियों और कारोबारियों का राज्य है, भाजपा का वह परंपरागत वोट बैंक रहा है, लिहाजा महत्त्वपूर्ण सवाल है कि क्या गुजरात के चुनाव जीएसटी पर जनमत संग्रह साबित होंगे? इधर कुछ सर्वे सामने आए हैं, जिनमें करीब 66 फीसदी लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री मोदी से गुजरात को फायदा हो रहा है। करीब 58 फीसदी मत बुलेट टे्रन सरीखी विलासिता वाली परियोजना के पक्ष में पड़े हैं और सबसे भयंकर समस्याएं बेरोजगारी और महंगाई को माना गया है। आज बीते कुछ माह में मुद्रा-स्फीति तीन फीसदी से भी कम है। औद्योगिक उत्पादन और विनिर्माण की विकास दरें बढ़ रही हैं। हां...सरकारी नौकरियां नगण्य हैं। ऐसा रोजगार कोई भी प्रधानमंत्री 100 फीसदी मुहैया नहीं करा सकता है। यदि निजी क्षेत्र में भी रोजगार मिल रहे हैं, तो उन्हें भी काम समझना चाहिए। यदि प्रधानमंत्री सार्वजनिक तौर पर रोजगार के सरकारी और निजी आंकड़े गिना सकें, तो एक धुंधलका छंट सकता है। नहीं तो राहुल गांधी जीएसटी का नामकरण कहते रहेंगे-'गब्बर सिंह टैक्स। ' गौरतलब यह भी है कि देश के प्रमुख राजनीतिक दलों ने 12 सालों तक जीएसटी पर विमर्श किया था और आज भी जीएसटी परिषद में सभी प्रमुख दलों की सरकारों के वित्त मंत्री हैं। तो फिर अकेले भाजपा या मोदी सरकार पर ही ठीकरा क्यों फोड़ा जाए? बेरोजगारी के जो आंकड़े या लघु उद्योगों की बंदी के तथ्य आज गिनाए जा रहे हैं, वे मोदी सरकार की ही देन नहीं हैं। वे कई सरकारों, कई सालों, कई अनदेखियों के यथार्थ हैं। लिहाजा हमारा मानना है कि जनादेश जीएसटी के बावजूद सामने आएगा। कोई अपनी जमात के लिए आरक्षण मांग रहा है, कोई मैला ढोने की कुरीतियों से मुक्त होना चाहता है, लेकिन कांग्रेस की ओर से ऐसा कोई ब्लू प्रिंट सामने नहीं आया है, जो जीएसटी और नोटबंदी से उपजी समस्याओं से निजात दिला सकेगा। दरअसल अब बेईमानों की नाकेबंदी हो रही है, मुखौटा कंपनियों पर ताले लगाए जा रहे हैं, बेनामी संपत्तियां जब्त की जा रही हैं, तो कष्ट होना स्वाभाविक है। कांग्रेस के कालखंडों के दौरान ऐसे पाप होते रहे हैं, सत्ता आंखें मूंदे रही है और आर्थिक आधार पर गहरे असंतुलन पैदा होते रहे हैं। उन 'काली ताकतों' का चीखना स्वाभाविक है, लेकिन कुछ सच्चे सवाल भी हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी को गंभीरता से संबोधित करना चाहिए।
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श्योपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। आचार संहिता लगे करीब 18 दिन हो चुके हैं। 25 जून से पंचायत और छह जुलाई से नगरीय निकाय चुनाव होना है। आचार संहिता लगने के बाद से ही गांवों में सरकारी कामकाज ठप हो गए हैं। इससे मजदूर पेशा वर्ग की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है। ऐसे में रोजगार की तलाश में प्रतिदिन सैकड़ों ग्रामीण जयपुर-गुजरात और दिल्ली की ओर पलायन कर रहे हैं। ग्रामीणों का पलायन पंचायत चुनाव के दौरान नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं। अब तक बड़ी संख्या में लोगों का पलायन चिंता का सबब बना हुआ है।
यहां बता दें, कि जिले में 25 जून, दूसरा चरण 1 जुलाई और तीसरा चरण 8 जुलाई को पंचायत चुनाव का मतदान है। जबकि 6 जुलाई को श्योपुर नपा, बड़ौदा नगर परिषद और 13 जुलाई को विजयपुर नगर परिषद का चुनाव होना है। ऐसे में प्रशासन द्वारा मतदान को लेकर किया जा रहा प्रचार-प्रसार भी नाकाम साबित हो जाएगा। जो परिवार प्रतिदिन मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं, उनके लिए यह दौर काफी मुसीबत भरा साबित हो रहा है। इसकी वजह यह है कि आचार संहिता लगने के बाद सरकारी कामकाज लगभग ठप पड़े हैं। इससे मजदूर वर्ग को रोजगार की चिंता सताने लगी है। ग्रामीणों के लिए यह समस्या उभरकर सामने आने लगी है कि वे परिवार का भरण-पोषण किस प्रकार से करें। इसके चलते प्रतिदिन क्षेत्रभर से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण जयपुर-गुजरात पलायन कर रहे हैं। अगर यही स्थिति बनी रही, तो इस बार भी मतदान का प्रतिशत 75 प्रतिशत के आसपास ही रहेगा, जो चुनाव नतीजे प्रभावित कर सकता है।
सालभर से नहीं लौटे ग्रामीण :
जिलेभर में ऐसे कई गांव है, जहां सालभर से ग्रामीण अपने परिवार सहित गुजरात में रह रहे हैं जबकि कुछ गांवों में हालत यह है कि पूरे गांव के गांव खाली हो गए हैं। श्योपुर बस स्टैंड पर प्रतिदिन बसों का इंतजार करते ग्रामीण नजर आ रहे हैं। इसके अलावा बड़ौदा, कराहल, विजयपुर में भी यही स्थिति है।
पिछले चुनाव में प्रभावित हुए थे परिणाम :
गौरतलब है कि 2015 के नगरीय निकाय चुनाव में बड़ौदा नगर परिषद में मतदान 83. 24 फीसद रहा था। उस समय इसकी मुख्य वजह पलायन को ही बताया गया था। जबकि नगर परिषद का पहले अध्यक्ष जनता द्वारा चुना गया था। ऐसे में चुनाव लड़ने वाले लोगों ने अपने खर्चे पर बाहर रहने वाले वोटरों को बुला लिया था। लेकिन इस बार अध्यक्ष पार्षद चुनेंगे। ऐसे में अब पार्षद बाहर रहने वालों को नहीं बुलाएंगे। इस बार भी पलायन दोनों ही परेशानी का सबब बना हुआ है।
बसें जा रही है फुल :
मालूम हो, कि पिछले साल कोरोना के चलते बड़ी संख्या में गुजराज, जयपुर व दिल्ली में रहने वाले लोग अपने घरों को लौट आए थे, लेकिन कोरोना संक्रमण खत्म होने के बाद अब श्योपुर से गुजरात व दिल्ली जाने वाली बसें पूरी तरह से फुल होकर जा रही हैं। जबकि वहां से आने वाली बसें लगभग खाली रहती हैं।
पलायन रोकने प्रशासन ने नहीं बनाई रणनीति :
त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में जिले से बाहर जाने वालों को रोकने और दूसरे प्रदेशों में काम कर रहे लोगों केा बुलाने के लिए प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस रणनीति नहीं बनाई है। यही वजह है कि बस स्टैंड से प्रतिदिन गुजरात, जयपुर, जोधपुर,इंदौर और दिल्ली के लिए डेढ़ दर्जन से अधिक बसें जाती हैं। यह बसें दोपहर 12. 30 बजे से रात 8 बजे तक तक फुल होकर जाती हैं।
गांव में कोई काम-धंधा नहीं है। ऐसे में घर का खर्चा भी नहीं चल पा रहा है। हम गुजरात में टिक्की का धंधा करेंगे। जिससे परिवार को 2 वक्त का खाना तो मिल सकेगा।
हम दिल्ली में 4 साल से सोनपपड़ी बनाने का काम कर रहे हैं। इससे हर महीने 15 से 20 हजार रुपये की कमाई हो जाती है, जबकि जिले में कोई काम-धंधा नहीं है।
सुग्रीव सिंह, सहसराम।
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Mango Production: आमों का राजा कहा जाने वाला दशहरी कल से बाजार में आ जाएगा। उत्तर प्रदेश के फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद-काकोरी में आम की मंडी सज गयी है और शनिवार से इसकी बिक्री शुरू हो जाएगी। हालांकि अभी दशहरी आमों की खेप बाहर ही भेजी जाएगी। स्थानीय बाजारों में इसे लोग 25 मई से खरीद सकेंगे।
कारोबारियों का कहना है कि अभी बाजार में पाल का दशहरी ही आएगा जिसकी तोड़ाई का काम जोरों पर बीते एक सप्ताह से चल रहा है। डाल की दशहरी बाजार में पांच जून के आसपास आएगी।
मलिहाबाद में आम की अस्थाई मंडी पहली जून से काम करने लगेगी। हालांकि औपचारिक रूप से आमों से पहली खेप शनिवार को भेजी जाएगी। आढ़तियों का कहना है कि अभी एक हफ्ते तक केवल बाहर के आर्डर ही भेजे जाएंगे।
मलिहाबाद में आम के आढ़ती खराब मौसम और कमजोर फसल के बाद भी इस बार अच्छे कारोबार की उम्मीद लगाए हैं। उनका कहना है कि सीजन शुरु होने से पहले ही मुंबई, दिल्ली, नासिक और केरल से भरपूर आर्डर आ चुके हैं।
इसके अलावा विदेशों से भी दशहरी निर्यात के लिए मांग आयी है। अकेले खाड़ी देशों में ही इस बार दशहरी के कम से कम 100 टन निर्यात की उम्मीद है। मलिहाबाद के रहमानखेड़ा में मैंगो पैक हाउस में निर्यात के लिए दशहरी की पैकिंग का काम होगा।
निर्यातकों का कहना है कि पहली खेप जून के पहले ही हफ्ते में दुबई और लंदन के लिए रवाना की जाएगी। पहली बार मलिहाबादी दशहरी को जापान से आर्डर मिला है जबकि न्यूजीलैंड में दूसरी बार यह आम जाएगा। इससे पहले 2012 में दशहरी का निर्यात न्यूजीलैंड को किया गया था। इस बार 50 टन दशहरी निर्यात का आर्डर न्यूजीलैंड से आया है।
मैंगो पैक हाउस के कर्मचारी बताते हैं कि आम की ग्रेडिंग, सफाई और पैकिंग करने वाली मशीन तैयार कर ली गयी है और अगले दस दिनों में पैकिंग का काम शुरु कर दिया जाएगा। पैकिंग और परिवहन के लिए सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ सब ट्रॉपिकल हॉर्टिकल्चर (सीआईएसएच) के वैज्ञानिकों ने तकनीक विकसित की है।
लकड़ी चिराई की आरा मशीनों के बंद होने के बाद इस बार दशहरी की पूरी पैकिंग गत्ते के डिब्बों में की जाएगी। डिब्बों को इस तरह से डिजायन किया गया है कि इसमें आम जल्दी खराब नहीं होगा। सीधी उड़ान सेवा के चलते खाड़ी देशों में जहां दशहरी की सबसे ज्यादा मांग रहती है, वहां उसकी डिलीवरी आसानी से हो जाती है। जबकि यूरोप व अन्य देशों में इसमें समय लगता है जिसके लिए विशेष पैकिंग की जरूरत होती है।
आम के कारोबारी और मलिहाबाद स्थित नफीस नर्सरी के शबीहुल हसन बताते हैं कि तमाम दिक्कतों व खराब मौसम के बाद भी इस साल 200 से 250 करोड़ के धंधे की उम्मीद है। इसमें निर्यात का 100 टन भी शामिल है।
उत्तर प्रदेश के फल पट्टी क्षेत्र मलिहाबाद-काकोरी में करीब 30000 हेक्टेयर में आम की बाग है और सीजन में एक लाख से ज्यादा लोगों को इससे रोजगार मिलता है। आम की अन्य किस्मों के मुकाबले दशहरी का सीजन एक से डेढ़ महीने ही रहता है उसमें भी डाल की दशहरी महज 20-25 दिनों तक बाजार में रहती है।
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SASARAM : रोहतास के डिहरी अनुमंडल क्षेत्र में NEWS4NATION की खबर का बड़ा असर हुआ है। दो दिन पूर्व शनिवार को हमने एक खबर चलाई थी। जिसमें दो युवक अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी के बोनट पर पिस्टल रखकर डिहरी के अति संवेदनशील इलाके में भोजपुरी के गीत बजा कर घूमता हुआ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था। इस वायरल वीडियो को हमने प्रमुखता से चलाया।
प्रशासन पर जब सवाल खड़े हुए तो रोहतास के एसपी आशीष भारती ने पूरे मामले का संज्ञान लिया और डिहरी के डीएसपी विनोद कुमार रावत के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। सोशल मीडिया पर वायरल किए गए वीडियो की तकनीकी जांच की गई और गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने इंद्रपुरी ओपी थाना क्षेत्र में दोनों युवकों को स्कॉर्पियो गाड़ी तथा पिस्टल के साथ धर दबोचा। गिरफ्तार उज्ज्वल कुमार मिश्रा डिहरी के जख्खी बिगहा तथा विजय कुमार सिंह डिहरी के ही डिलिया के वार्ड नंबर-20 का निवासी है।
सोशल मीडिया पर अपनी पापुलैरिटी बढ़ाने के लिए इन दोनों युवकों ने अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी के बोनट पर पिस्टल रखकर शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआईजी, रोहतास के एसपी के कार्यालय,BMP-2 कैम्प, इलाके में घूमता हुआ वीडियो बनाया तथा उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था। NEWS4NATION पर खबर चलते ही पुलिस के कान खड़े हो गए और एसपी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दोनों युवकों को धर दबोचा। वीडियो में दिख रहे पिस्टल के अलावे स्कॉर्पियो गाड़ी भी जप्त कर ली गई है। एसपी आशीष भारती ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से दहशत फैलाने की कोशिश की जा रही थी।
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एक बार फिर से सोनी के मशहूर क्वीज शो कौन बनेगा करोड़पति विवादों में हैं। वजह है मंगलवार को प्रसारित हुआ केबीसी का शो, जिसमें शो की ओर से मदाना गांव में बिगड़े हुए लिंगानुपात के आंकड़े को पेश किया गया है। जिसके बाद तो बवाल ही मच गया है। झज्जर गांव के लोग और स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शो ने अपने लाभ के लिए गांव के गलत आंकड़े लोगों के सामने पेश किये हैं। यहां कोई गर्भपात नहीं हुआ है।
जो हुआ है वो गलत हुआ है इसलिए अब शो वाले और शो के होस्ट इसके लिए माफी मांगे। एनएचएम के निदेशक राकेश गुप्ता ने कहा कि यह बेहद निंदनिय है कि कन्या भ्रूण हत्या सरीखे गंभीर विषय पर कोई चैनल इस तरह का संदेश लोगों को दें। हालांकि शो वालों की ओर से इस बाबत माफी मांगने से इंकार कर दिया है। जिसके बाद अब शो पर कोर्ट तलवार लटक रही है।
आपको बता दें कि बीते मंगलवार को झज्जर के मदाना गांव के ऋषि कुमार केबीसी के हाट सीट से साढ़े 12 लाख रुपये जीते थे। केबीसी में उनके गांव को लेकर जो जानकारी दी गई थी, उसमें दर्शाया गया कि लिंगानुपात को लेकर गांव की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। गांव में ऐसे बोर्ड भी लगे हुए भी दिखाए गए जिनमें गर्भपात कराए जाने को उकसावा देने की बात दर्शायी गई।
> participate > win ipads!
जिसके बाद गांव के लोग और स्वास्थ्य महकमें में हड़कंप मच गया और उन्होंने गांव का दौरा किया और एक सर्वे कराया जिसमें शो के आंकड़े गलत पाये गये और उसके बाद स्वास्थ्य महकमें की ओर से शो वालों को माफी मांगने के लिए कहा जा रहा है। विभाग की ओर से कहा जारहा है कि शो अगर ऐसा नहीं करता है तो वो अफवाह फैलाने के जुर्म में शो के खिलाफ कोर्ट जायेंगे।
तलाकशुदा हसीना ने नाइटी में पोस्ट कर दीं S*xy तस्वीरें, रात होते ही बेडरूम में ऐसे मचलीं कि. .
Ankita Lokhande की बला से खूबसूरत तस्वीरें वायरल, फैंस बोले- 'संजय लीला भंसाली के फिल्म की हीरोईन लग रही हैं'
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इस्तांबुल के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला "पत्थर की मिट्टी सोना है" वाक्यांश अल्तुनिजाद पड़ोस के लिए मान्य है, जो हाल ही में चमक रहा है। Altunizade में संपत्ति की कीमतें, जो dsküdar का केंद्र है, जहां Marmaray, Çsküdar dekmeköy मेट्रो और शहरी परिवर्तन परियोजनाएं लागू की गईं, 100 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पड़ोस, जिसे 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में अल्तुनिज़ादे üsmail ज़ुहदी पाशा द्वारा स्थापित किया गया था और इस नाम के साथ नाम, foundedsküdar जिले की संपत्ति की कीमतों में रिकॉर्ड-तोड़ क्षेत्र बन गया है। नई परियोजनाओं की स्क्वायर कीमतें उस क्षेत्र में 10 हजार लिरा देखने लगी हैं, जहां पुराने फ्लैट शहरी परिवर्तन कार्यों के कारण 'बिक' गए थे।
Marmaray, उस क्षेत्र का सितारा जहां निर्माण के लिए कोई खाली जमीन नहीं है, अंत के साथ चमकता है। हालांकि üsküdar के तटीय क्षेत्रों ने एक प्रीमियम विस्फोट का अनुभव किया है, अल्टुनिज़डे और अन्य पड़ोस भविष्य के प्रीमियम केंद्र बन गए हैं। इस्तांबुल चैंबर ऑफ रियल्टर्स के अध्यक्ष निजामतीन आस ने कहा कि किए गए बुनियादी ढांचे के निवेश ने üsküdar और उसके क्षेत्र को बनाया है, जो पहले से ही निवेशकों का पसंदीदा है, विशेष रूप से नई परियोजनाओं के लिए एक प्रीमियम केंद्र। यह बताते हुए कि जिले में निवेश के कारण वर्ग मीटर की कीमतें बढ़कर 10 हजार लिर हो गई हैं, नए और ब्रांडेड हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में यह आंकड़ा अधिक है, आसा ने कहा, "इस्तांबुल का हर जिला प्रीमियम बनाता है। मेट्रो परियोजनाओं के शुरू होने से metsküdar में कीमतें 100 प्रतिशत बढ़ गई हैं। क्षेत्र में हर कोई शहरी परिवर्तन की प्रतीक्षा कर रहा है। "नई परियोजनाओं में जीवन शक्ति है"।
अचल संपत्ति मूल्यांकन कंपनी ईवा गाय्रीमेनकुल के शोध के अनुसार, जब मारमार शुरू हुआ, तो उस समय वृद्धि हुई जब परियोजना पूरी हुई। कंपनी के महाप्रबंधक Cansel Turgut Yazıcı की भविष्यवाणी है कि क्षेत्र में दूसरी लहर वृद्धि ÜsküdarÇekmeköy मेट्रो के पूरा होने के साथ 100-15 प्रतिशत की सीमा में होगी। 25 और 2014 के बीच housingmraniye में आवास की कीमतों में 2015 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि जिले में आवास की कीमतों में संयुक्त वृद्धि 34 के बाद से 2012 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
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Patna : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दिल्ली से लौटते ही एक्शन मोड में नजर आए. दिल्ली के एम्स में आंख का ऑपरेशन कराकर लौटे नीतीश कुमार ने अफसरों का सख्त निर्देश दिया है. सीएम ने सूबे के सभी अफसरों को जल्द से जल्द अपनी संपत्ति का ब्योरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. साथ ही कहा है कि ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बिहार सरकार ऐसे लोगों की सूची भी बना रही है, जिन्होंने अब तक सरकार को संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है. ऐसे लोगों के खिलाफ शिकंजा कसने की रणनीति बनायी जा रही है. नीतीश सरकार का आदेश है कि बिहार में जो भी सरकार अफसर और कर्मचारी हैं, वह अपनी संपत्ति का ब्योरा सरकार को जरूर दें.
संपत्ति छिपाने वाले ऐसे सरकारी सेवकों पर न केवल अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी बल्कि उनके खिलाफ आपराधिक केस में एफआईआर भी दर्ज की जाएगी. सरकार के इस फैसले को लेकर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और डीजीपी को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा चल-अचल संपत्ति का ब्योरा और खरीद-बिक्री की जानकारी दिए जाने का प्रावधान सरकार द्वारा पहले से तय किया गया है.
पत्र में इस बात की भी चर्चा है कि 25 मार्च 2021 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मार्गदर्शन भी जारी किया गया है. इसके बाद भी कई ऐसे कर्मचारी हैं, जिन्होंने अबतक सरकार को अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है.
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Lucknow: प्रदेश सरकार ने नगर निकाय चुनावों के लिए आरक्षण सूचियां जारी कर दी हैं. गौतमबुद्ध नगर की रबूपुरा नगर पंचायतलिका और पांच नगर पंचायतों दनकौर, रबूपुरा, बिलासपुर, जेवर और जहांगीरपुर के वार्डों की आरक्षण सूची जारी कर दी गई हैं.
दादरी नगर पालिका में सभासदों के लिए 25 वार्ड हैं. इनमें से 9 वार्डों को सामान्य रखा गया है. नगर पालिका के 6 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं. इन वार्डों से किसी भी जाति की महिला चुनाव लड़ सकती हैं. अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए एक वार्ड आरक्षित किया गया है. पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए 2 वार्ड आरक्षित किए गए हैं. पिछड़ा वर्ग के लिए 4 वार्ड आरक्षित किए गए हैं. अनुसूचित जातियों के लिए 2 वार्ड आरक्षित किए गए हैं.
दनकौर नगर पंचायत में 11 वार्ड हैं. इनमें 3 वार्ड अनारक्षित रखे गए हैं. दो वार्ड सभी जातियों की महिलाओं के लिए हैं. पिछड़े वर्ग की महिलाओं के लिए एक वार्ड, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए एक वार्ड और अनुसूचित जाति के लिए 2 वार्ड रिजर्व किए गए हैं.
रबूपुरा नगर पंचायत में 12 वार्ड हैं. इनमें से 5 वार्ड सामान्य रहेंगे. अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए एक वार्ड रिजर्व किया गया है. पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए भी एक वार्ड रिजर्व किया गया है. महिलाओं के लिए 2 वार्ड रिजर्व किए गए हैं. पिछड़ा वर्ग के लिए 2 वार्ड रिजर्व किए गए हैं.
बिलासपुर नगर पंचायत में 10 वार्ड हैं. इनमें से 4 को अनारक्षित रखा गया है. एक वार्ड अनुसूचित जातियों के लिए और एक वार्ड अनुसूचित जातियों की महिलाओं के लिए आरक्षित है. पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए एक वार्ड आरक्षित किया गया है. पिछड़ा वर्ग के लिए एक वार्ड आरक्षित किया गया है.
जहांगीरपुर नगर पंचायत में 10 वार्ड हैं. इनमें से 5 वर्णों को अनारक्षित रखा गया है. अनुसूचित जातियों के लिए एक वार्ड रिजर्व किया गया है. पिछड़ा वर्ग के लिए एक वार्ड रिजर्व किया गया है. पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए भी एक वार्ड रिजर्व है.
जेवर नगर पंचायत में 16 वार्ड हैं. इनमें से छह वार्डों को अनारक्षित रखा गया है. पिछड़ा वर्ग महिलाओं के लिए 2 वार्ड रिजर्व किए गए हैं. अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए भी 2 वार्ड रिजर्व किए गए हैं. 2 वार्ड केवल महिलाओं के लिए रिजर्व हैं. मतलब, इन सीटों पर किसी भी जाति की महिला चुनाव लड़ सकती हैं. अनुसूचित जातियों के लिए 2 वार्ड रिजर्व किए गए हैं. पिछड़ा वर्ग के लिए भी दो वार्ड रिजर्व किए गए हैं.
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304 / दुष्यन्त कुमार रचनावली : चार
कांता : मगर मैं तो यह कहती हूँ राजेन्द्र भाई कि जब आप लोग सिगरेट छोड़ सकते हैं तो ये क्यों नहीं छोड़ सकते ? आप क्यों नहीं कहते, ज़ोर दीजिए इन पर फिर देखिए
राजेन्द्र : उससे कुछ नहीं होगा भाभी जी ! पुरानी आदतें बड़ी मुश्किल से छूटती हैं ।
फिर आपने कैसे छोड़ी ?
राजेन्द्र : इसका श्रेय तो कमल की पत्नी को जाता है भाभी जी ! उन्हें जाने कहाँ से एक दवाई वाला टकरा गया। बस, उन्होंने दवाई ख़रीद ली और फिर दूध में घोलकर जो कमल को पिलाई तो सुबह उठते ही चार-चार सिगरेटें फूंकने वाला कमल सिगरेट से ऐसे घबराने लगा जैसे बिल्ली से चूहा ! और फिर उन्होंने उस दवाई वाले को हमारे यहाँ भेज दिया तो हमारी श्रीमती जी ने भी हमें बाँध दिया।
कमल : फिर हम दोनों ने सोचा भाभी जी कि जब सिगरेट ही छूट गई तो फिर पान और चाय में ही क्या रखा है। और अब तो भाभी जी, हालत ये है कि कोई चाय, पान या सिगरेट सामने कर दे तो उबकाई आने लगती है ।
राजेन्द्र :
मगर आश्चर्य है । वह दवाई वाला इधर नहीं आया। मेरी श्रीमती जी ने तो उसे ख़ास तौर पर यहाँ का पता दिया था।
(धीरे से ) मगर ये भी अच्छा ही हुआ राजेन्द्र कि वह महेश की मौजूदगी में यहाँ नहीं आया, वरना तो बड़ी मुश्किल होती ।
आप इन्हें यहाँ से ले जाइए कमल भाई ! और इस बीच जैसे भी हो उसे यहाँ ज़रूर भेज दीजिए। अब्बास के झाँसे में क्यों पड़े ?
: मगर इस भरोसे मत रहना कि मैं पिक्चर दिखाऊँगा। मेरे पास एक पैसा नहीं है । श्रीमती जी ने साफ़ झंडी दिखा दी है।
तौबा-तौबा ! भई, बहुत ही ज़लील आदमी है तू तो ! अबे, जो आदमी पान, सिगरेट और चाय तक छोड़ चुका है वह भला सिनेमा न छोड़ चुका
होगा ।
कांता : नहीं राजेन्द्र भाई, सिनेमा की बात नहीं है, ये तो मुझे नीचा दिखाने की बात है । ये आप लोगों को यह बताना चाहते हैं कि मैं इन्हें जेब-ख़र्च के लिए एक पैसा नहीं देती, जबकि हर महीने नकद 30 रुपए इनकी जेब में डाल देती हूँ ।
[ बाहर से आवाज़ें- महेश, ओ महेश] |
मोदी सरकार के खिलाफ रहने वाले यशवंत सिन्हा क्या देंगे जयंत सिन्हा को वोट...?
हजारीबागः हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि पिता यशवंत सिन्हा का आशीर्वाद उनके साथ है और उम्मीद है कि उनके अभिभावक छह मई को उनके पक्ष में मतदान करेंगे.
वह इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि 2014 के चुनाव के वक्त उनके पिता ने उनके पक्ष में जोर शोर से प्रचार किया था, लेकिन बाद में पार्टी नेतृत्व से मतभेद बढ़ने के बाद उन्होंने भाजपा छोड़ दी थी और इस बार उन्हें अकेले प्रचार के लिए जाना पड़ रहा है. जयंत सिन्हा ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के ऊर्जावान नेतृत्व के तहत और उनके मार्गदर्शन तथा समर्थन से यह चुनाव लड़ रहा हूं तथा भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं के समर्थन के साथ लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने में मुझे कोई दिक्कत नहीं आएगी.
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Tuesday June 28, 2022,
टाटा ग्रुप (Tata Group) की झोली में आने के बाद एयर इंडिया (Air India) एक बार फिर अपनी खोई हुई पैठ वापस पाने की कोशिश कर रही है. टाटा ग्रुप, विमानन कंपनी को एक बार फिर लोकप्रियता के आसमान पर पहुंचाने की दिशा में पुरजोर प्रयास कर रहा है. Air India को टाटा ग्रुप को हैंडओवर करने की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर 27 जनवरी 2022 को पूरी हुई. लिहाजा अब Air India पूरी तरह से टाटा ग्रुप का हिस्सा है.
देश की पहली विमानन कंपनी Air India को टाटा समूह ने ही साल 1932 में शुरू किया था. जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने विमानन कंपनी को Tata Airlines के नाम से शुरू किया था. लेकिन 1946 में इसका दूसरा नाम चुनने की कवायद शुरू हुई, जब टाटा एयर लाइंस का विस्तार एक कंपनी के रूप में हुआ. इसी साल फरवरी माह में टाटा ग्रुप ने अपने ट्विटर हैंडल से 1946 के मासिक बुलेटिन के अंश शेयर किए थे. उन्हीं से सामने आया कि आखिर टाटा एयरलाइंस को एयर इंडिया नाम कैसे मिला.
टाटा एयरलाइंस का नया नाम चुनने के लिए टाटा समूह के कर्मचारियों के बीच एक जनमत संग्रह (Opinion Poll) कराया गया. उनके पास चार नामों के विकल्प थे- इंडियन एयरलाइंस, पैन-इंडियन एयरलाइंस, ट्रांस-इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया. कर्मचारियों के बीच मत पत्र वितरित किए गए.
पहली गणना में 64 मत एयर इंडिया के पक्ष में, 51 इंडियन एयर लाइंस के पक्ष में, 28 मत ट्रांस इंडियन एयरलाइंस के पक्ष में और 19 पैन-इंडियन एयरलाइंस के पक्ष में पड़े. अंतिम गणना में 72 मत एयर इंडिया के लिए और 58 इंडियन एयरलाइंस के पक्ष में थे. इस तरह नई कंपनी का नाम 'एयर इंडिया' रखा गया.
Air India का 1953 में राष्ट्रीयकरण हो गया था और एयर इंडिया सरकारी कंपनी बन गई. वक्त गुजरने के साथ-साथ Air India कर्ज में डूबती गई और खस्ता हाल हो गई. लिहाजा सरकार ने इसकी बिक्री करने का फैसला लिया. Air India की खरीद के लिए बिड अक्टूबर 2021 में टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा सन्स की इकाई Talace Pvt Ltd ने जीती. Talace Pvt Ltd 18000 करोड़ रुपये के साथ Air India के लिए विनिंग बिडर रही. Air India को टाटा ग्रुप को हैंडओवर करने की प्रक्रिया आधिकारिक तौर पर 27 जनवरी 2022 को पूरी हुई. इस तरह Air India 68 साल बाद फिर से टाटा की हो गई.
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LUCKNOW: खालसा पंथ का 317 साजना दिवस (बैसाखी पर्व) मंगलवार को बड़े धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा नाका हिंडोला और केन्द्रीय सिंह गुरुद्वारा आलमबाग में शबद कीर्तन के साथ लंगर का आयोजन किया गया। बैसाखी के अवसर पर गुरुद्वारा साहिब और दरबार को फूलों और रोशनी से भव्य रूप से सजाया गया। शबद कीर्तन के बाद हजारों लोगों ने अमृतपान छका।
खालसा पंथ का फ्क्7वां साजना दिवस (बैसाखी पर्व) नाका हिंडोला स्थित गुरुद्वारामें श्रद्धा एवं पारम्परिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस खास मौके पर गुरुद्वारा साहिब का भव्य दीवान हॉल खूबसूरती से सजाया गया था। दीवान हॉल के बीचो-बीच फूलों से सुसज्जित सुन्दर पालकी साहिब में गुरु ग्रन्थ साहिब का प्रकाश किया गया था। सुबह से ही लखनऊ एवं आसपास के इलाकों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु गुरुद्वारा नाका हिंडोला में पहुंचने लगे। पंक्तियों में खडे़ होकर गुरु ग्रन्थ साहिब के दर्शन किए। गुरुवाणी का रस पान किया। अखण्ड पाठ की समाप्ति के पश्चात हजूरी रागी राजिन्दर सिंह ने अपनी मधुर वाणी में पवित्र आसा दीवार का अमृतमयी शबद कीर्तन गायन कर वातावरण को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।
ज्ञानी दविन्दर सिंह ने बैसाखी पर्व पर कथा व्याख्यान किया। विशेष रूप से पधारे रागी जत्था कंवलदीप सिंह हजूरी रागी अमृतसर ने शबद कीर्तन गायन कर साध संगत को निहाल किया। ज्ञानी हरविन्दर सिंह प्रचारक दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी ने खालसा पंथ साजना दिवस पर गुरमत विचारों द्वारा दिल को छू देने वाले विचार व्यक्त किये। रागी जत्था बलवीर सिंह साबका हजूरी रागी दरबार साहिब अमृतसर वालों ने शबद कीर्तन गायन कर समूह साध संगत को भाव विभोर किया। माता गुजरी सत्संग सभा की सदस्याओं, गुरमति संगीत एकेडमी नाका हिंडोला के बच्चों ने भी कार्यक्रम में शबद कीर्तन गायन किया। अरदास के उपरान्त उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रसाद वितरित किया।
बैसाखी पर्व पर सुबह अमृत संचार के कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसमें दरबार साहिब अमृतसर से पधारे पांच प्यारों ने श्रद्धालुओं को अमृतपान करवाया। इसमे लगभग फ्0 पुरुष, महिलाओं और बच्चों ने अमृतपान किया। दोपहर के क्ख् बजे से गुरु का लंगर समस्त संगतों में वितरित किया गया। इसमें लगभग ख्0 हजार से ज्यादा लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। लंगर पकाने की सेवा सरदार दिलीप सिंह एवं उनके साथियों ने की। लंगर वितरित करने की सेवा सिख यंग मेन्स एसोसिएशन एवं दशमेश सेवा सोसायटी के सदस्यों द्वारा की गई। जल की सेवा सुखमनी साहिब सेवा सोसाइटी एवं अमृत सेवक जत्थे द्वारा की गई, जोड़ों (जूतों) एवं साइकिलों की सेवा सिख सेवक जत्थे द्वारा की गई। दरबार हॉल की सेवा यूथ खालसा एसोसिएशन एवं दशमेष सेवा दल द्वारा की गई, उन्हें लखनऊ गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष सरदार राजेन्द्र सिंह बग्गा ने गुरु घर का सम्मान सिरोपा देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सरदार सतपाल सिंह मीत ने किया।
केंद्रीय सिंह सभा गुरुद्वारा आलमबाग में वैसाखी का पर्व बहुत धूमधाम से मनाया गया। गुरुद्वारा साहिब एवं दरबार हॉल को फूलों और रोशनी से सजाया गया था। इस अवसर पर विशेष रूप से बडु साहिब से आये रागी जत्था एवं प्रचारक ने शबद गायन एवं कथा से सगंत को निहाल किया। पुराने रीति रिवाजों से ग्रसित निर्बल, कमजोर व साहसहीन हो चुके लोग सदियों की राजनीतिक व मानसिक गुलामी के कारण कायर हो चुके थे। निम्न जाति के समझे जाने वाले लोगों को जिन्हे समाज तुच्छ समझता था, दशमेष पिता गुरु गोबिन्द सिंह जी ने अमृत छकाकर सिंह बना दिया एवं जाति पाति का भेद भाव मिटा दिया। इस तरह क्फ् अप्रैल क्म्99 को श्री केसगढ़ साहिब आनन्दपुर में दशम गुरु गुरु गोविन्द सिंह ने खालसा पंथ की स्थापना कर अत्याचार को समाप्त किया।
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बुढ़ाना तहसील के गांव लोई निवासी इकराम पुत्र इकबाल ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि वह प्रधान पद का प्रत्याशी है और 19 अप्रैल को पंचायत चुनाव की मतगणना हुई थी, उनके गांव में कुल वोटिंग 3920 है, जिस पर 3102 पर वोटिंग हुई तथा बूथ संख्या 271 जिसका वर्णन संख्या 67 है। एक व्यक्ति बैलेट पेपर की गड़बड़ी के साथ फर्जी वोटिंग करते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था, जो कि एक ही चुनाव चिन्ह कर्नी के निशान पर वोट डालते हुए पकड़ा गया था।
उक्त व्यक्ति ने पुलिस को बताया था कि पीठासीन अधिकारी से चार्ज करके 200 बैलेट पेपरों पर मोहर मार कर ले गए थे तथा पीठासीन अधिकारी बूथ पर सोकर विपक्षी गण यूनिट प्रधान पद प्रत्याशी के घर पर सोया था, जिस बैलेट पेपरों की संख्या 38 34996 है जिसमें वह अलग-अलग बूथों में वोट डाल चुका था जैसे ही वह 271 में वोट डालने गया तभी दरोगा ओम दत्त शर्मा ने उसको पकड़ लिया और 420 में उसका चालान कर दिया। जिनके कुछ बैलेट पेपर थाना फुगाना के पास है।
सभी बूथों पर पंचायत प्रक्रिया में गड़बड़ी की गई, जिस के संबंध में यह मामला एसडीएम बुढ़ाना व जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे, मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश के पोर्टल पर भी सूचना दे दी है। इकराम ने ज्ञापन में मांग हैं कि उनके बैलेट पेपर की मिलान कर जांच की जाए जिससे कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
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इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने ये श्रृंखला चार-शून्य से जीत ली है. पांचवे दिन ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ़ चार विकेट लेने थे और उसमें कोई देर नहीं लगी.
मैच के बाद प्रेसवार्ता में भारतीय मैनेजर ने कहा कि टीम के सीनियर खिलाड़ियों के रिटायर होने के बारे में मीडिया में आ रही ख़बरें आधारहीन हैं.
शनिववार को सबसे पहले इशांत शर्मा को हैरिस ने विकेट के पीछे आउट किया. साहा भी सिडल की गेंद पर हैडिन को कैच थमा बैठे.
ज़हीऱ खान हिलफ़ेनहौस का शिकार बने और लॉयन ने उमेश यादव की विकेट लेते हुए ऑस्ट्रेलिया की जीत पक्की की.
इस सिरीज़ में भारतीय बल्लेबाज़ आठ में से चार बार दो सौ से कम के स्कोर में आउट हुए. बल्लेबाज़ में सिर्फ़ विराट कोहली ने एक शतक लगाया, लेकिन गेंदबाज़ों ने कई बार एक पारी में सौ से ज़्यादा रन खर्च किए.
वहीं ऑस्ट्रेलिया ने दो बार 600 से ज्यादा रन बनाए और उनकी टीम की तरफ़ से छह शतक लगे.
मैच के बाद भारतीय कप्तान विरेंदर सहवाग ने माना कि उनकी टीम ऑस्ट्रेलिया से हर मामले में पीछे रही लेकिन सबसे बड़ा नुक्सान खराब बल्लेबाज़ी से हुआ.
वहीं विजेता कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि वो तीन टेस्ट जीतने के बाद भी आराम नहीं कर रहे थे बल्कि टीम का ध्यान सिरीज़ 4-0 से जीतने में था.
ऑस्ट्रेलिया से लगातार चार मैच हारने से पहले भारत ने इंग्लैंड से भी 4-0 की मात खाई थी.
विरेंदर सहवाग ने कहा कि इस तरह की हार से टीम के चाहने वालों को दुख होगा लेकिन मुश्किल में भी उन्हें टीम इंडिया का साथ देना चाहिए.
भारतीय मीडिया मैनेजर ने संवाददाता सम्मेलन में टीम के सीनियर खिलाडियों द्वारा लिखा गया एक बयान पढ़ा जिसमें कहा गया कि टीम के सीनियर खिलाड़ी अभी रिटायर नहीं कर रहे और कुछ मीडिया में इस तरह की आई खबर बेबुनियाद है.
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यदि आपने अपना नया घर बनाना शुरू किया है,फिर डिजाइन चरण में आपको हीटिंग सिस्टम के बारे में सोचना चाहिए। यदि बिजली या गैस बॉयलर को जोड़ने की कोई संभावना नहीं है, तो लंबे जलने के उपकरण एक उत्कृष्ट समाधान होंगे। इसके साथ, आप ऑपरेशन की प्रक्रिया में पैसे बचा सकते हैं। ऐसे उपकरण एक अच्छी लागत और समय की बचत प्रदान करते हैं।
उन्हें हर 12 घंटे में ईंधन भरने की जरूरत है। ऐसे बॉयलर भी हैं जो बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता के बिना तीन दिन या उससे अधिक तक काम करते हैं। हालांकि, यह न केवल वर्णित इकाई के प्रकार का चयन करना महत्वपूर्ण है, बल्कि यह तय करने के लिए कि कौन सा निर्माता वरीयता देना है। आधुनिक बाजार में, "स्ट्रोपुवा" बॉयलर बहुत लोकप्रिय है, और इसकी चर्चा नीचे की जाएगी।
संबंधित माल की दुकान का दौरा करने के बाद, आपआप सार्वभौमिक लंबे जलने वाले बॉयलर और ठोस ईंधन पर काम करने वाले लोगों को पा सकते हैं। बाद की प्रजाति न केवल लकड़ी की लकड़ी का उपयोग कर सकती है, बल्कि लकड़ी के अपशिष्ट का भी उपयोग कर सकती है। उपयोगकर्ताओं के मुताबिक, इन उपकरणों की मुख्य विशिष्ट विशेषता बिजली से आजादी है। ऐसी इकाइयों की मदद से कमरे में गर्मी लगाना संभव होगा, भले ही बिजली न हो।
"स्ट्रोपुवा" बॉयलर भी सार्वभौमिक हैकंपनी का एक लोकप्रिय उत्पाद। इस तरह के डिवाइस की भट्टी में लोड लकड़ी, लकड़ी की लकड़ी, पीट और भूरे रंग के ब्रिकेट को अपशिष्ट और गुणवत्ता के स्तर के बावजूद बर्बाद कर सकते हैं। चूंकि उपयोगकर्ता जोर देते हैं, ऐसे डिवाइस के संचालन के लिए पावर ग्रिड से कनेक्ट करना आवश्यक है। यह एकमात्र तरीका है कि ऑक्सीजन नियमित रूप से भट्ठी में खिलाया जाएगा। एक घंटे में, बॉयलर 20 वाट का उपभोग करेगा, जो कि बहुत किफायती है।
खरीदार बॉयलर "स्ट्रोपुवा" के लिए भी चुनते हैंकारण है कि यह उपयोग करने के लिए सुरक्षित है। यदि गंभीर ओवरहीटिंग होती है, जो ओवरलोडिंग का कारण बनेगी, तो बॉयलर फट नहीं सकता है, इसका डिज़ाइन इस तरह से बनाया गया है कि यह अंदर "संपीड़ित" करेगा। इस हीटिंग उपकरण में एक उच्च-मात्रा भट्ठी है जो आपको उचित मात्रा में ईंधन डालने की अनुमति देती है। एयर डिफ्यूज़र गिरने के साथ ही यह धीरे-धीरे पतली परतों में बाहर जल जाएगा, और गर्म गैस चिमनी में बढ़ जाती है। प्रक्रिया में गर्मी आंतरिक दीवारों को दी जाएगी।
यदि आप बॉयलर "स्ट्रोपुवा" का चयन करने का निर्णय लेते हैंमॉडल, आपको शुरू में विशेषताओं के साथ खुद को परिचित करना चाहिए। डिवाइस की शक्ति 40 किलोवाट है, और यूनिट 400 वर्ग मीटर तक गर्म हो सकती है। जलने का समय 120 घंटे है। जैसा कि उपयोगकर्ता जोर देते हैं, यह एकल-सर्किट बॉयलर एक टैब पर दीर्घकालिक जल प्रदान करता है। ईंधन जलने की अंतिम अवधि इमारत की गर्मी हानि, ईंधन की गुणवत्ता और बाहरी तापमान पर निर्भर करेगी। लंबे समय तक जलने वाली "स्ट्रोपुवा" की लकड़ी पर बॉयलर 30 घंटे तक काम करेगा, ब्रिकेट पर जलने का समय 48 घंटे तक बढ़ जाता है। यदि आप छर्रों का उपयोग करते हैं, तो वे 72 घंटे तक रहेंगे। उपभोक्ता इस तरह के उपकरण 5 दिनों तक कोयले पर अतिरिक्त हस्तक्षेप के बिना काम कर सकते हैं। यदि आप बड़े पावर रिज़र्व वाला उपकरण चुनते हैं, तो जलने का समय काफी बढ़ जाएगा।
ठोस ईंधन बॉयलर "स्ट्रोपुवा", के बारे में समीक्षाजो सबसे सकारात्मक है, यह कोयले के एक टैब पर लगभग 12 दिनों तक काम कर सकता है (यह सभी मॉडल पर निर्भर करता है)। उपयोगकर्ता इस मॉडल को उपयोग में आसानी, समय और धन की बचत के साथ-साथ उच्च दक्षता के कारण चुनते हैं, जो 90% तक पहुंचता है।
यदि आप वर्णित बॉयलर को चुनने का निर्णय लेते हैं"स्ट्रोपुवा", जिसकी समीक्षा लेख में प्रस्तुत की गई है, आप ऑपरेशन में सुरक्षा और विश्वसनीयता की उम्मीद कर सकते हैं। बहुत पहले नहीं, ऐसे बॉयलरों की महत्वपूर्ण कमियां थींः ऑफ़लाइन काम करने की अक्षमता और ईंधन लोड करने की लगातार आवश्यकता। आज, ठोस ईंधन इकाइयों में ऐसी कमियां हैं। नियंत्रण सरल स्वचालन पर आधारित है, जो एक द्विध्रुवीय जोर नियामक के साथ एक वाल्व द्वारा दर्शाया गया है। यह एक विद्युत कनेक्शन की जरूरतों के लिए प्रदान नहीं करता है, जो इलेक्ट्रॉनिक स्वचालित उपकरणों के बिना पूरी तरह से स्वायत्त संचालन सुनिश्चित करता है। ऐसे बॉयलर "स्ट्रोपुवा" को ध्यान में रखते हुए, जिसकी समीक्षाओं से आप सही विकल्प बना सकते हैं, उपभोक्ता इसकी तुलना डीजल, गैस और इलेक्ट्रिक बॉयलर से कर सकते हैं। उत्तरार्द्ध में, हमेशा एक सर्किट बंद होने, डीजल ईंधन या गैस विस्फोट का खतरा होता है। खरीदारों को पसंद है कि ठोस ईंधन बॉयलर को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि, कई भारों से अधिक होने के कारण, यह विस्फोट नहीं कर सकता है।
यदि आप बॉयलर में लंबे समय तक रुचि रखते हैं("स्ट्रोपुवा") जल रहा है, तो आप ऊपर उल्लिखित मॉडल चुन सकते हैं, जिसे 68,000 रूबल के लिए भुगतान करना होगा। डिवाइस की शक्ति 8 किलोवाट है, और गर्म क्षेत्र 80 वर्ग मीटर तक पहुंच सकता है। ईंधन के एक टैब पर जलने का समय 72 घंटे है। निजी घरों के मालिकों का कहना है कि इस एकल-सर्किट बॉयलर में काम की एक बहुत ही स्पष्ट योजना और एक सरल डिजाइन है जिसे कोई भी उपयोगकर्ता सीख सकता है। यह ऑपरेशन की कठिनाई को समाप्त कर देगा।
इस तरह के डिवाइस को खरीदकर आप कर सकते हैंपांच साल की वारंटी पर निर्भर करता है, जो मामले पर लागू होता है, और उपभोग्य सामग्रियों पर दो साल की वारंटी। खरीदारों को पसंद है कि 5 साल के भीतर वे वार्षिक सेवा रखरखाव पर भरोसा कर सकते हैं। यह उपकरण खरीदारों के लिए आकर्षक है इस कारण से भी कि यह एक सौंदर्य उपस्थिति है। आप किसी भी रंग का चयन कर सकते हैं जो उस कमरे के इंटीरियर को फिट करेगा जहां उपकरण स्थापित किया जाएगा।
इस उपकरण के लिए 102,800 का भुगतान करना होगा।रगड़। इसकी क्षमता 20 किलोवाट है, और इसे 200 वर्ग मीटर या उससे कम गर्म किया जा सकता है। एक-समोच्च तांबे पर पांच साल की गारंटी प्रदान की जाती है। जैसा कि खरीदार जोर देते हैं, विभिन्न छर्रों के उपयोग के साथ, आप एक निश्चित प्रभाव प्राप्त कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अल्डर ब्रिकेट कम से कम धूम्रपान पीढ़ी के साथ जलते हैं। वे स्पार्क नहीं करते हैं और शूट नहीं करते हैं, अगर हम जलाऊ लकड़ी के साथ तुलना करते हैं। अंतिम दहन के बाद लगभग 2% राख बच जाती है, लेकिन लकड़ी से यह अवशेष 15% है। इस प्रकार के ईंधन की मदद से, आप तापमान में तेजी से वृद्धि प्राप्त कर सकते हैं और यहां तक कि जलने की पूरी अवधि में भी इसे बनाए रख सकते हैं। जलाऊ लकड़ी की तुलना में 1.5 गुना से जलने की अवधि बढ़ जाती है। लेकिन अगर पीट ब्रिकेट का उपयोग किया जाता है, तो उन्हें कम ऑक्सीजन की आपूर्ति के चैनल को खोलने के बिना आग लगा दी जानी चाहिए। कलेक्टर, अर्थात्, प्रशंसक, चालू होना चाहिए, ट्यूबलर डिफ्यूज़र सक्रिय होना चाहिए। यह कोयले के लिए एक हवाई वितरक है।
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औसिक्का गांव से प्रधान पद के दावेदार शकील (३२) की हत्या हो गई है। शकील प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। शनिवार रात वह कुछ लोगों के साथ गांव के बाहरी हिस्से में चुनाव प्रचार कर रहे थे कि तभी बाइक सवार लोगों ने उन्हें गोली मारी। उन्हें बड़ौत के एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें मेरठ के लिए रेफर कर दिया गया।
गोली लगने से शकील जमीन पर गिर गए अफरा तफरी का माहौल हो गया, जिसका फायदा उठाते हुए हमलावर भाग निकले। सूत्रों के अनुसार एक गोली शकील की बांह पर लगी और दूसरी जांघ पर। इस मामले में कोई तहरीर नहीं आई है। सूचना मिलते ही कोतवाल अजय शर्मा पुलिस बल के साथ पहुंचे। अब पुलिस हमलावरों की तलाश कर रही है।
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राष्ट्रपति बश्शार असद से मुलाक़ात, ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान की सीरिया यात्रा का पहला प्रोग्राम था। . . . . . . . विदेश मंत्री अब्दुल्लाहियान ने कहा कि हमने द्विपक्षीय सहयोग, क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बात की। राष्ट्रपति असद ने विश्व के हालात विशेष रूप से अफ़ग़ानिस्तान में अमरीका की शिकस्त का हवाला देते हुए और यूक्रेन संकट का ज़िक्र करते हुए कहा कि अमरीका और नैटो अब दुनिया में कोई बड़ा बदलाव नहीं ला सकते।
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#ArrestDilipMandal:इन दिनों देश में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने का ट्रेंड चल रहा है। हाल ही में इसका एक और उदाहरण सामने आया है। द प्रिंट के पत्रकार दिलीप मंडल (Dilip Mandal) ने भी कुछ ऐसा ही ट्वीट किया है, जिसे लेकर काफी विवाद हो रहा है।
Saraswati Mantras: अगर इस दिन आप माता सरस्वती के 5 शक्तिशाली मंत्रों (Saraswati Mantras) का जप करेंगे तो मां सरस्वती प्रसन्न तो होंगी ही साथ ही अपने भक्तों पर ज्ञान की बरसात भी करेंगी।
हिंदू पंचाग के अनुसार हर वर्ष माघ माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी माता सरस्वती (Saraswati Puja 2021) की आराधना का दिन होता है। इसी उपासना के दिन को बसंत पंचमी कहा जाता है।
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नई दिल्लीः Success story of UPSC topper Ishita Kishore संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया है। इसे UPSC की ऑफिशियल वेबसाइट upsc. gov. in पर चेक कर सकते हैं। इस परीक्षा में टॉप 4 में लड़कियां ही रहीं। इशिता किशोर ने एग्जाम टॉप किया है। दूसरे नंबर गरिमा लोहिया, तीसरे स्थान पर उमा हरति एन और चौथे पर स्मृति मिश्रा रहीं।
Success story of UPSC topper Ishita Kishore चयनित उम्मीदवारों की सूची में इशिका किशोर (रोल नंबर 5809986) का पहला स्थान हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के श्री राम कॉलेज ऑफ कार्मस से इकनॉमिक्स में पढ़ाई करने वाली इशिता किशोर अपने चयन पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मुझे सफलता की पूरी उम्मीद थी, लेकिन मेरिट लिस्ट में पहले स्थान प्राप्त होना मेरे लिए सुखद आश्चर्य है।
बता दें कि इशिता किशोर बिजनौर, उत्तर प्रदेश की रहने वाली है. एक इंटरव्यू में इशिता ने बताया कि उनकी वो ग्रेजुएशन के बाद एक प्राइवेट कंपनी में जॉब कर रही हैं। जॉब के साथ उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की है। वो शुरू से पॉलिटिकल साइंस और वैश्विक रिश्तों पर फोकस की थी।
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मुंबईः लाली की शादी में लड्डू दीवाना तो बाद में होगा, उससे पहले कुछ लोग फ़िल्म के एक सीन को लेकर नाराज़ हो गए हैं। इन लोगों ने प्रोड्यूसर टीपी अग्रवाल के दफ़्तर के बाहर प्रदर्शन किया और सीन को हटाने की मांग की।
सोमवार सुबर लगभग 10 बजे विश्व हिंदू परिषद के कुछ कार्यकर्ता टीपी अग्रवाल के दफ़्तर के सामने पहुंचे और विरोध प्रदर्शन करने लगे। संगठन को फ़िल्म के उस सीन से आपत्ति है, जिसमें गर्भवती नायिका को शादी करते हुए दिखाया गया है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस सीन से हिंदू धर्म के लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इन लोगों ने ये सीन फ़िल्म से हटाने और रिलीज़ से पहले इन्हें दिखाने की मांग की है। लाली की शादी में लड्डू दीवाना 7 अप्रैल को रिलीज़ हो रही है।
मनीष हरिशंकर निर्देशित फ़िल्म में अक्षरा हासन फ़ीमेल लीड रोल में हैं, जबकि विवान शाह और गुरमीत चौधरी मेल लीड रोल निभा रहे हैं। इस बारे में प्रोड्यूसर्स का कहना है कि फ़िल्म को सेंसर बोर्ड पहले ही U/A सर्टिफिकेट दे चुका है और वो उन्हें इन सब बातों से फ़र्क नहीं पड़ता।
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पंजाब के 'आप' विधायक ने दिया पार्टी से इस्तीफ़ा, कहा- भटक गई है पार्टी की विचारधारा !
पार्टी को छोड़ने से पहले बलदेव सिंह ने अरविंद केजरीवाल को भेजे ई-मेल में लिखा है, कि वो बेहद दुखी मन के साथ आम आदमी पार्टी की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे रहे हैं।
2016 में राहुल पहुँचे थे कन्हैया के लिए JNU, फिर अब बिलकुल चुप क्यों हैं?
राहुल के इस चुप्पी पर सवाल ये उठता है, जब 2016 मे वो जेएनयू की भीड़ से मिलने पहुँचे थे, तो अब आरोपितों के प्रति उनकी सहानुभूति कहाँ चली गई?
"ब्रिटेन और अमेरिका समेत लगभग सभी देशों में अल्पसंख्यक धर्मांतरण विरोधी कानून की माँग करते हैं। जबकि भारत में बहुसंख्यक माँग कर रहे हैं कि धर्मांतरण विरोधी कानून होना चाहिए। यह चिंता की बात है"
मोदी को फ़िलिप कोटलर प्रेसिडेंशियल अवॉर्ड मिलने पर माओवंशी गिरोह क्यों है परेशान?
एक ख़ास वर्ग इस देश में, विशेषकर 2014 के लोकसभा चुनावों के बाद से सक्रिय हुआ है, जिसका प्रथम उद्देश्य अपने प्रधानमंत्री को सिर्फ इसलिए नीचा दिखाने का है क्योंकि वो उनकी विचारधारा से अलग विचार रखता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि UDF और LDF, दोनों एक ही सिक्के के 2 पहलू हैं, ये दोनों नाम में भले ही भिन्न हों लेकिन भ्रष्टाचार, जातिवाद और साम्प्रदायिकता में दोनों एक समान हैं।
इसके आलावा मंत्री ने यह भी कहा कि वर्तमान कोटे में किसी तरह से छेड़छाड़ किए बिना 10% अतिरिक्त कोटा के ज़रिए इस कैटेगरी के छात्रों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
महबूबा का बयान ऐसे समय में आया है, राज्य में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए सेना लगातार छापेमारी कर रही है। पिछले साल सेना ने 250 से ज़्यादा आतंकियों को मार गिराया था।
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Sharda suman (चर्चा । योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:28, 9 मई 2013 का अवतरण ('{{GKGlobal}} {{GKRachna ।रचनाकार=सहजानन्द सरस्वती ।संग्रह=कांग्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
हमने भारत माता की जय , जय हिंद आदि नारे बहुत लगाए। अब समय पलटा है। नारे भी बदले जाएँ। ' जय किसान ', ' जय मजूर ' अब हमारे यही नारे होंगे। ' जो अन्न वस्त्र उपजाएगा , अब सो कानून बनाएगा। भारतवर्ष उसी का है , अब शासन वही चलाएगा ' यही हमारा मूलमंत्र हो। उसी के जाप से हमारी साधना पूरेगी और हमारा लक्ष्य-किसान-मजूर राज्य-प्राप्त होगा। एतदर्थ हमें हर किसान-मजूर स्त्री-पुरुष बालिग को किसान सभा में दाखिल करना होगा , सर्वत्र किसान सभा का जाल बिछाना होगा , गाँव में जो सबसे दबे-दुखिया हैं , मजूरी करते हैं उन्हें अपनाना होगा , उठाना होगा , तैयार करना होगा। अब उन्हीं का युग है। वही साथी बनेंगे , तभी विजय होगी , याद रहे। किसान सभा जिंदाबाद! मजूर सभा जिंदाबाद! किसान-मजूर राज्य जिंदाबाद! जय किसान , जय मजूर!
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जयनगर-कुर्था 34.90 किलोमीटर लंबा रेल खंड जयनगर- बिजलपुरा-बर्दिबास रेल (68.72 किलोमीटर) परियोजना का एक हिस्सा है जो पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। इस परियोजना के पहले चरण के तहत, बिहार के मधुबनी जिले में जयनगर से रेल लाइन को नेपाल में कुर्था से जोड़ा गया है। मार्च 2021 तक इसका विस्तार बीजलपुरा तक कर दिया जाएगा। भारत सरकार ने बिजलपुरा तक के खंड के लिए लगभग 550 करोड़ रुपये खर्च किए हैं जो कुर्था से 17 किमी आगे जाता है। बिजलपुरा के बाद, नेपाल सरकार द्वारा परियोजना के लिए भूमि सौंपने के बाद बर्दीबास तक नई लाइन का निर्माण किया जाएगा।
जयनगर भारत-नेपाल सीमा से 4 किलोमीटर दूर है। इस मार्ग में नेपाल का प्रसिद्ध तीर्थस्थल जनकपुर पड़ता है, जो जयनगर से 29 किलोमीटर दूर है। यह परियोजना इरकॉन द्वारा चलाई जा रही है। इसके इंजीनियरिंग और बुनियादी ढांचे के काम पूरे हो चुके हैं। इस मार्ग पर रेल सेवा संचालित करने के लिए कोंकण रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड केआरसीएल द्वारा 1600 एचपी डेमू यात्री रेक के 2 सेटों की आपूर्ति की गई है। इन 2 डेमू रेक में गैर वातानुकूलित कोच के अलावा 2 वातानुकूलित कोच हैं। इन 2 रेकों को 18 सितंबर, 2020 को नेपाल को सौंप दिया गया था। यह नेपाल में पहली बड़ी लाइन वाली यात्री रेल सेवा होगी। इससे पहले 2014 तक जयनगर और जनकपुर के बीच नेपाल द्वारा संचालित एक छोटी लाइन रेल सेवा ही चल रही थी। भारतीय रेल नेपाल के अधिकारियों को प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ-साथ नेपाल रेल कंपनी के साथ संचालन और रखरखाव प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी साझा करके बड़ी लाइन रेल सेवा चलाने के लिए नेपाल को पूरा सहयोग दे रही है। भारत सरकार द्वारा नेपाल रेलवे के साथ इस खंड में यात्री रेल सेवा परिचालन शुरू करने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार और साझा की गई है। नेपाल रेल कंपनी इस लाइन के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी तब तक केआरसीएल को सौंपने पर विचार कर रही है जब तक कि वह स्वयं ऐसा करने में सक्षम नहीं हो जाती। नेपाल और भारत दोनों जयनगर और कुर्था के बीच रेल सेवा शुरू करने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं और उम्मीद है कि आवश्यक तकनीकी और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के बाद, जल्द ही यह सेवा शुरू हो जाएगी।
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"निर्भय निर्गुण गुण रे गाऊँगा" कबीर को गाने वालों में पंडित कुमार गंधर्व का नाम अग्रणी है. उन्होंने दस बरस की छोटी सी उम्र में ही संगीत समारोहों में अपने चमत्कारी गायन से सबको हैरत में डाल दिया. इस वजह से उन्हें कुमार गंधर्व कहा जाने लगा. आपने परंपरागत रचनाओं के अलावा स्वरचित बंदिशें, तराने, संत कवियों की भक्ति वाणी, ऋतु संगीत, जोड़ राग और लोकगीतों को भी अपने गायन में समाहित किया.
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- #Bollywood Newsजब Abhishek Bachchan को फीमेल फैन ने जड़ा था जोरदार तमाचा, बोली- 'छोड़ दो एक्टिंग वरना. . . '
55 साल के अक्षय कुमार ने 32 साल के टाइगर श्रॉफ के साथ किया ऐसा काम, लोग बोले- 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी'
Akshay Kumar and Tiger Shroff Dance: बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार इन दिनों अपनी अपकमिंग फिल्म सेल्फी को लेकर सुर्खियों में छाए हुए हैं। ये फिल्म आगामी 24 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। आपको बता दें कि साल 2022 अक्षय कुमार के फिल्मी ग्राफ के लिए बिल्कुल भी अच्छा साबित नहीं हो सकता था। दरअसल साल 2022 में अक्षय कुमार की अधिकतर फिल्में बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से फ्लॉप हो गई थीं। ऐसे में अब लोगों को अक्षय कुमार की अपकिमंग फिल्म सेल्फी से ढे रों उम्मीदे हैं। इसी बीच अक्षय कुमार का एक डांस वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसी वीडियो में अक्षय कुमार के साथ टाइगर श्रॉफ भी डांस करते नजर आ रहे हैं।
आपको बता दें कि टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार की जोड़ी जल्द ही फिल्म 'बड़े मियां छोटे मियां' में नजर आने वाली है। हालांकि इस फिल्म के लिए लोगों को अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा। लेकिन इसी बीच टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार का एक डांस वीडियो इंटरनेट पर छाया हुआ है। इस वीडियो में दोनों जबरदस्त डांस करते नजर आ रहे हैं। इस डांस वीडियो में दोनों की एनर्जी देखने लायक है। दोनों अक्षय कुमार की अपकमिंग फिल्म सेल्फी के हालिया रिलीज हुए गाने 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' पर धमाकेदार डांस कर रहे हैं।
आपको बता दें कि फिल्म सेल्फी में अक्षय कुमार के साथ साथ इमरान हाशमी, डायना पेंटी और नुसरत भरूचा भी नजर आने वाली हैं। इस फिल्म से हाल ही में रिलीज हुआ पार्टी सॉन्ग 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी लोगों को काफी पसंद आ रहा है। इसी गाने पर अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ एकसाथ डांस करते नजर आ रहे हैं। दोनों का ये वीडियो लोगों को खूब पसंद आ रहे है। इस वीडियो पर लोग जमकर कमेंट्स कर रहे हैं।
आपको बता दें कि टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार ने इंस्टाग्राम रील्स बनाते हुए मैचिंग ब्लैक सनग्लासेस और ब्लैक आउटफिट पहनकर डांस करते हुए इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। दोनों की एनर्जी और डांस मूव्स को देखने के बाद से आम लोगों से लेकर सेलेब्स तक उन पर कायल हो रहे हैं।
वीडियो को देखने के बाद लोगों का कहना है कि 55 साल के अक्षय कुमार ने 32 साल के टाइगर श्रॉफ को कड़ी टक्कर दी है। दोनों ही इस वीडियो में धांसू डांस कर रहे हैं। ऐसे नें दोनों को लोगों से जमकर तारीफें मिल रही हैं। वीडियो में दोनों एक्टर्स की फिटनेस भी साफ देखी जा सकती है। दोनों एकदम फिट एंड फाइन नजर आ रहे हैं जबिक दोनों के बीच उम्र का फासला काफी अधिक है।
आपको बता दें कि 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' गाना अक्षय कुमार की साल 1994 में रिलीज हुई इसी नाम फिल्म के गाने का रीमेक वर्जन है। तब उनके साथ इस गाने में सैफ अली खान ने डांस किया था। उस समय भी ये गाना काफी पॉपुलर हुआ था। आज भी लोग इस गाने को गुनगुनाते नजर आते है।
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आजकल बौलीवुड में एक नई तरह की फिल्मों का टै्रंड बढ़ रहा है, जिन में 2-3 घंटे की फिल्म में प्यार, रोमांस, क्शन, थ्रिलर दिखाने के बजाय किसी सामाजिक मुद्दे को उठा कर 10-30 मिनट की शौर्ट फिल्में बनाई जा रही हैं और सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शकों तक पहुंचाई जा रही हैं. जी हां आज सोशल मीडिया एक ऐसा मंच बन गया है जहां हर कोई निःसंकोच अपनी बात रख सकता है और यही वजह है कि बौलीवुड इंडस्ट्री के लोग भी इस की तरफ बढ़ रहे हैं. कुछ समय पहले ही डायरेक्टर इम्तियाज अली ने फेसबुक पर 'इंडिया टुमौरो' नाम से एक शौर्ट फिल्म अपलोड की थी. इस फिल्म में सैक्स वर्कर और स्टौक ब्रोकर की कहानी को दिखाया गया था.
इन शौर्ट फिल्मों को मनोरंजन के बजाय एक मैसेज देने के लिए बनाया जा रहा है पिछले साल आई 'माई लाइफ माइ चौइस' वीडियो इसी का एक उदाहरण है जिस में दीपिका पादुकोण महिलाओं को अपनी जिंदगी अपनी शर्त पर जीने की आजादी का संदेश देती नजर आई थी. इन दिनों इंटरनैट पर राधिका आप्टे अपने एक वीडियो के लिए छाई हुई हैं जिस में वे लड़कियों को खुद पर विश्वास रखने की सलाह देती नजर आ रही हैं. यह वीडियो यूट्यूब चैन ब्लश द्वारा शुरू की गई है.
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Ranchi : विधानसभा के मॉनसून सत्र के आखिरी दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी ने नारेबाजी शुरू कर दी. बीजेपी विधायक वेल में उतरकर लाठीचार्ज के विरोध में हंगामा करने लगे. हंगामे को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12. 45 तक स्थगित कर दी है.
इससे पहले बीजेपी कार्यकर्ताओं पर बुधवार को हुए लाठीचार्ज के विरोध में बीजेपी विधायक हंगामा करने लगे. अपने कार्यकर्ताओं पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सभी BJP MLA काला पट्टा पहन कर आये. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के सभी विधायक वेल में उतरकर हंगामा करने लगे. सभी बीजेपी विधायक सदन में समाचार पत्र का कॉपी स्पीकर को दिखाने लगे और हेमंत सरकार लाठी गोली वाली सरकार का नारा लगाने लगे.
भाजपा विधायकों की लगातार विरोध को देखते हुए स्पीकर ने भाजपा एमएलए को कहा कि आप जो बोलेंगे वही सही,हम जो बोले वह कहानी. आपका खून खून, मेरा खून पानी.
इससे पहले स्पीकर ने भाजपा विधायक से कहा, आप जो पेपर मुझे दिखाना चाहते हैं, वह पेपर मुझे भेज दें. मार्शल ने BJP MLA से समाचार पत्र लेकर अध्यक्ष को दिया. स्पीकर ने कहा कि आप लोग टेबल को मत पटके, आसन के धैर्य की परीक्षा ना लें. बीजेपी के हंगामें और नारेबाजी को देखकर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने स्पीकर से कहा कि सदन के अंदर भाजपा विधायक अंगूठा दिखाने जैसा काम कर रहे हैं. इसलिए जरूरी है कि स्पीकर उनपर कार्यवाई करें.
बता दें कि विधानसभा सदन में धर्म विशेष के लिए नमाज के लिए कमरा आवंटन करने के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बुधवार को विधानसभा घेराव का कार्यक्रम बनाया था. जब भाजपा कार्यकर्ता आगे बढ़ रहे थे, उसी दौरान पुलिस की तरफ से लाठीचार्ज हुआ था, जिसमें कई कार्यकर्ता घायल भी हुए थे.
आजसू विधायक डॉ लंबोदर महतो ने अल्प सूचित प्रश्न के तहत सदन में पूछा कि झारखंड में 60 वर्ष से कम और 18 वर्ष से ज्यादा की 20,000 से ज्यादा विधवाएं हैं, जिन्हें केंद्र और राज्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में 60 वर्ष से कम और 6 वर्ष से ज्यादा उम्र की 15,000 से ज्यादा से ज्यादा दिव्यांग वैसे हैं, जिन्हें केंद्र या राज्य सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत पेंशन नहीं मिलता है.
इसके जवाब में विभागीय मंत्री जोबा मांझी ने बताया कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना के तहत 269368 और राज्य संचालित मुख्यमंत्री राज्य विधवा सम्मान पेंशन योजना के तहत 183601 यानी कुल 452969 लाभुकों को पेंशन का लाभ दिया जा रहा है.
जोबा मांझी ने कहा कि राज्य की सभी विधवाओं और दिव्यांगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की लिए राज्य सरकार गंभीर है. अपने सीमित संसाधनों से ज्यादा से ज्यादा लाभुकों को सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं से आच्छादित कर रही है.
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हिन्दी लेखन
लेखन क्या है,
लेखन का महत्व :- लेखा इतिहास का सजग प्रहरी है। किसी भी राष्ट्र की परम्परा ये संस्कृतियों यदि किसी भाषा में लिपिबद्ध वर्णित की गई हैं तो सदियों पश्चात भी हम उस समय की परम्पराओं और रीतिरिवाजो से अवगत हो सकते है । प्राचीन काल के शिल लेख ता, मपत्र हजारों वर्ष पुराने इतिहास को प्रकट करने में समर्थ है । यदि शिणलेखो, ताम्रपत्रों का लेखन नही किया जाता तो हम अतीन की उज्ज्वल परम्पराओं से अनभिज्ञ रहते । क्सिी भी भाषा को किसी भी उपयुक्त लिपि में लिपिबद्ध किया जा सकता है । प्रायः विकसित भाषाओं को उनकी परम्परा गत लिपियों में ही लिखने का चल्म है । यथा- संस्कत, मरा ठी प्राकृत, अपा, हिन्दी "देवनागरी " में, अंगेजी रोम में, पंजाबी गुसखी में मल्यालम मल्यालम " में लिखी जाती है।
क्सिी भाषा को लिपिबद्ध करना
ऊ पद -क्रम 4 पद रूप 5- वाक्य - गत्ल 6
दक्षता ये बहुत कुछ भीक्षा संरचना ज्ञान पर निर्भर है।
कहला ता
अधिगत के चार प्रमुख कौपाल है - श्रवण, भाषण, वाचन, लेखन । माझा की मौखिक अभिव्यक्ति पर आधारित 1- श्रवण 2- भाषण भाषा की लिखित अभिव्यक्ति पर आधारित - वाचन
वाचन "बोधा" पक्ष से तथा लेखा "अभिव्यक्ति पक्ष से सम्बन्धित है । भाषा की विखित
अभिव्यक्त के अन्तर्गत ये दक्षताये समाविष्ट है- -क्थ्य विषय ।
वर्तनी 7- वर्ण
2- वाक्य साचेवें
रचना । ये सभी |
तेजी के रुझानों के बीच मजबूती के साथ बंद हुआ घरेलू शेयर बाजार (राउंडअप)
मुंबई, 20 अगस्त । घरेलू शेयर बाजार में गुरुवार को बिकवाली के दबाव में सेंसेक्स 394 अंक लुढ़ककर 38,220 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 96 अंक फिसलकर 11,312 पर ठहरा।
भारतीय बाजार में हम Tesla का उस समय से इंतजार कर रहे हैं, जब 4 साल पहले कंपनी ने भारतीय बाजार में आने के लिए अपनी इच्छा जताई थी।
जैसा कि दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है, चीनी मोबाइल भारत में प्रतिबंधित किए जाने की संभावना है। भारतीय मोबाइल बाजार पर राज करने वाले ओप्पो, वीवो,
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इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी में वीसी के स्थायी पद को भरने के लिए 17 मई से ऑनलाइन आवेदन मांगे गए हैं। आवेदनर्ता के पास प्रोफेसर के पद पर अनुसंधान करवाने का दस वर्षीय अनुभव होना चाहिए। आवेदन मिलने के बाद उपराज्यपाल द्वारा गठित कमेटी उम्मीदवारों के दस्तावेजों का मूल्यांकन करेगी और उन्हें पैनल इंटरव्यू के लिए बुलाएगी।
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NEW DELHI : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि किसी कैदी को निरंतर हिरासत में रखने के बाद आखिरकार उसे बरी करना 'गंभीर अन्याय' है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अब जमानत को सरल बनाने के लिए जमानत कानून (Bail Act) बनाने पर विचार करने के लिए कहा है. देश के जेलों में विचारधीन कैदियों की भीड़ को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह सिफारिश की है. कोर्ट ने कहा कि अभी भी भारत में आजादी से पहले की ही दण्ड प्रक्रिया संहिता (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) संशोधन के साथ लगभग आज भी उसी रूप में मौजूद है. आजादी से पहले के नियमों से अब क़ानूनी फ़ैसला लेने में कठिनाई होती है और कोर्ट के विवेक पर भी नकारात्मक असर पड़ता है.
जस्टिस एस के कौल और एम एम सुंदरेश की बेंच ने कहा, स्वतंत्रता कानून में निहित है, इसे संरक्षित किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा, भारत में आपराधिक मामलों में सजा की दर बेहद कम है. हमें ऐसा प्रतीत होता है कि यह कारक जमानत आवेदनों का निर्णय करते समय अदालत के दिमाग पर नकारात्मक भार डालता है. अदालतें यह सोचती हैं कि दोषसिद्धि की संभावना बेहद कम होने के कारण, जमानत आवेदनों पर सख्ती से निर्णय लेना होगा. परन्तु यह कानूनी सिद्धांतों के विपरीत है. हम एक जमानत आवेदन पर विचार नहीं कर सकते हैं. जो कि ट्रायल के माध्यम से संभावित निर्णय के साथ प्रकृति में दंडात्मक नहीं है. इसके विपरीत, निरंतर हिरासत के बाद आखिरी में बरी करना घोर अन्याय का मामला होगा. जस्टिस एसके कौल और एमएम सुंदरेश की पीठ ने सीबीआई द्वारा पकड़े गए एक व्यक्ति के मामले में फैसला देते हुए यह बात कही है.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जाँच एजेंसी को अपनी प्रक्रिया में तेज़ी लाने को कहा है. ताकि समय रहते दोषी पर कारवाई की जा सके. बेंच ने हाईकोर्ट को भी उन विचाराधीन कैदियों का पता लगाने का निर्देश दिया है जो जमानत की शर्तों का पालन करने में सक्षम नहीं हैं, ताकि उनकी रिहाई के लिए कानून के तहत उचित कदम उठाए जा सकें. कोर्ट ने कहा कि जमानत याचिकाओं का निपटारा दो हफ्तों के भीतर किया जाना चाहिए, सिवाय इसके कि जब प्रावधान अन्यथा अनिवार्य हों, जबकि अग्रिम जमानत की याचिका पर छह हफ्ते के भीतर फैसला किया जाए.
कोर्ट ने कहा, हम आशा और विश्वास करते हैं कि भारत सरकार दिए गए सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी. कोर्ट ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को विशेष अदालतों के गठन के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा समय समय पर जारी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा.
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कोलकाता, (आईपीएन/आईएएनएस)। किसान दिन-रात कड़ी मेहनत कर फसलें उगाते हैं, लेकिन उन्हें खुद अपनी लहलहाती फसलों को जलाकर नष्ट करने को मजबूर होना पड़े, तो उन पर क्या बीतेगी इसका अंदाजा लगाना हर किसी के वश की बात नहीं। बांग्लादेश के रास्ते भारत के पूर्वी हिस्सों में दस्तक देने वाले एक खास किस्म के कवक के कारण गेहूं में होने वाले 'व्हीट ब्लास्ट' रोग ने किसानों के लिए यही स्थिति पैदा कर दी है।
यह हालात केवल देश के पूर्वी हिस्सों तक ही सीमित नहीं रहने वाला, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया के लिए खतरे की घंटी है। बांग्लादेश के वैज्ञानिकों ने इस बीमारी के प्रति चेतावनी देते इससे निजात दिलाने के लिए भारतीय समकक्षों को मदद की पेशकश की है। गेहूं में होने वाले इस रोग ने साल 2016 में बांग्लादेश में दस्तक दी थी। बंगाल में व्हीट ब्लास्ट का पहला मामला देखने के बाद राज्य में स्थित बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय (बीसीकेवी) के विशेषज्ञों ने रोगाणु को अच्छी तरह से समझने के लिए बांग्लादेश के बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान कृषि विश्वविद्यालय (बीएसएमआरएयू) के वैज्ञानिकों की मदद मांगी थी।
महापात्रा इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च से हरी झंडी मिलने का इंतजार कर रही हैं। व्हीट ब्लास्ट रोग 'मैग्नापोर्थे ओरिजी' नामक कवक से होता है, हालांकि वैज्ञानिक अभी इसकी सही-सही पहचान करने में लगे हुए हैं। महापात्रा ने कहा कि दक्षिण अमेरिका में समय-समय पर तबाही मचाने वाले इस रोग को बंगाल के मुर्शिदाबाद तथा नादिया जिले में गेहूं की फसलों में फरवरी में देखा गया। इन इलाकों में कम से कम 1,000 एकड़ जमीन में लगी गेहूं की फसलें इस रोग की चपेट में आ गईं।
उन्होंने कहा, "आईसीएआर, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ व्हीट एंड बार्ली तथा राज्य सरकार के कृषि विभाग ने तत्काल उपाय किए हैं और इस कवक के फैलने से रोकने तथा अगले मौसम तक इसे जीवित रहने से रोकने के लिए कवक से ग्रसित फसलों को जलाने का फैसला किया।" अब, चूंकि गेहूं को काटने का मौसम आने वाला है, इसलिए 'दुश्मन के बारे में जानने' की महत्ता बढ़ गई है।
व्हीट ब्लास्ट पहली बार सन् 1985 में ब्राजील में सामने आया था। फरवरी 2016 में यह बांग्लादेश के आठ जिलों में फैल गया और एक महामारी के रूप में सामने आया। दक्षिण अमेरिका के बाहर किसी देश में यह पहली बार सामने आया है। बांग्लादेश में पिछले साल 15,000 हेक्टेयर खेत में लगी फसलें बर्बाद हो गई थीं और गेहूं के कुल उत्पादन में 90 फीसदी की कमी आई थी। इस बीच, बीएसएमआरएयू में मोहम्मद तोफज्जल इस्लाम तथा उनके दल ने बीजों, अजैविक पौधों तथा वैकल्पिक होस्ट में व्हीट ब्लास्ट का पता लगाने के लिए एक पारंपरिक तथा तेज आणविक नैदानिक उपकरण का विकास किया है।
ब्रिटिश तथा बांग्लादेशी शोध दल ओपन व्हीट ब्लास्ट वेबसाइट पर मौजूद व्हीट ब्लास्ट रोगाणु के लिए कच्चे अनुवांशिक आंकड़ों का निर्माण कर रहे हैं। इस काम में ब्रिटेन के नॉर्विच स्थित द सेंसबरी लेबोरेटरी के सोफियन कमाउन महत्वपूर्ण सहयोग कर रहे हैं। इस्लाम ने कहा, "हमारा मूल उद्देश्य किसानों के लिए गेहूं के एक टिकाऊ ब्लास्ट रोधी किस्म का विकास करना है।" महापात्रा ने कहा कि रोगाणु के बारे में पता लगाने के लिए अनुवांशिक अध्ययन बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा, "हमें गेहूं की बुआई का अगला मौसम आने से पहले जल्द से जल्द रोगाणु के पूर्वजों, रोगाणु के व्यवहार, रोगाणु के विस्तार, होस्ट में रोग प्रतिरोधक क्षमता के बारे में भी जानकारी प्राप्त करने की जरूरत है।" इस्लाम का मानना है कि फंगस के स्पोर (जनन इकाई) ने हवा के माध्यम से छह किलोमीटर या उससे अधिक की दूरी तय की होगी, जिसके कारण यह बंगाल तक पहुंचा और वहां गेहूं को फसलों को नुकसान पहुंचाया।
उन्होंने कहा, "भौगोलिक सीमाओं को पार करने के लिए ब्लास्ट को किसी पासपोर्ट या वीजा की जरूरत नहीं होती। यह दक्षिण एशिया के लिए खतरे की घंटी है। अगर देर हुई तो यह दक्षिण एशिया के लिए विनाशकारी साबित होगा।" इंटरनेशनल मेज एंड व्हीट इंप्रूवमेंट सेंटर (सीआईएमएमवाईटी) की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण एशिया में 30 करोड़ लोग कुपोषण के शिकार हैं और इस क्षेत्र में सालाना 10 करोड़ टन से अधिक गेहूं की खपत होती है।
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Biharsharif/Avinash Pandey : जिलाधिकारी शशांक शुभंकर ने शनिवार को महिला हेल्पलाइन एवं वन स्टॉप सेंटर के कार्यों की समीक्षा की। बताया गया कि विभिन्न स्रोतों से प्राप्त वर्त्तमान में 36 मामलों में से 18 मामलों का निष्पादन किया गया है। इन मामलों में से 12 मामलों में आवश्यक परामर्श, 3 मामलों में दोनों पक्षों के बीच सुलह तथा एक मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की गई है। समीक्षा के क्रम में ज्ञात हुआ कि मामलों के निष्पादन हेतु किसी भी तरह की समय सीमा का निर्धारण एवं अनुपालन नहीं किया गया है। जिलाधिकारी ने इन पर काफी अप्रसन्नता व्यक्त किया। उन्होंने महिला विकास निगम के डीपीएम से स्पष्टीकरण पूछा।
उन्होंने महिला हेल्पलाइन के प्रभारी पदाधिकारी -सह- जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आईसीडीएस) एवं महिला विकास निगम के डीपीएम को विभागीय मार्गदर्शिका के प्रावधानों के अनुरूप सभी कार्यों का निष्पादन सुनिश्चित करने को कहा। सभी अधीनस्थ पदाधिकारी एवं कर्मियों को विभागीय मार्गदर्शिका के प्रावधानों के बारे में विस्तृत जानकारी देने को कहा गया। उन्होंने मामलों की सुनवाई से सम्बंधित पंजी का भी अवलोकन किया।
सभी मामलों के निष्पादन हेतु की जा रही कार्रवाई को स्पष्टता के साथ तिथिवार पंजी/संचिका में संधारित करने का स्पष्ट निदेश दिया गया। बताया गया कि महिला हेल्पलाइन में वर्त्तमान में कार्यरत दो कॉउंसलर में से एक द्वारा त्यागपत्र दे दिया गया है। जिलाधिकारी ने अविलंब विभागीय प्रक्रिया के तहत कॉउंसलर के चयन का निदेश दिया। विभागीय मार्गदर्शिका के अनुरूप कॉउंसलर पीड़ित पक्ष के घर पर जाकर काउंसेलिंग करें। नियमानुसार संबंधित थाने को भी मामले की जानकारी दें। पीड़ित के गृह भ्रमण हेतु कॉउंसलर को नियमानुसार यात्रा भत्ता का भुगतान करें।
बताया गया कि पालना घर के निर्माण हेतु स्थल चयन किया गया है। आगे की प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर पालना घर के निर्माण का निदेश दिया गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि दिए गए निदेशों का शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित करें। अगले माह फिर से बैठक कर अनुपालन की विस्तृत समीक्षा की जायेगी। बैठक में प्रभारी पदाधिकारी वन स्टॉप सेंटर -सह- जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक महिला विकास निगम, कॉउंसलर आदि उपस्थित थे।
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Ranchi : झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अंदर तीन प्रवक्ता आज पूरी तरह से मजबूत हो चुके हैं. पार्टी मुख्यालय में यह बात की चर्चा जोरों पर है. बीते दिनों मुख्यालय में एक प्रवक्ता और चार कार्यकारी अध्यक्षों के बीच अनबन की घटना हुई थी. उसके बाद भी संबंधित प्रवक्ता या किसी अन्य पर किसी तरह की कोई कार्रवाई प्रदेश अध्यक्ष की तरफ से नहीं की गयी. इसे देखकर यह बात चर्चा में है कि आज तीनों प्रवक्ता चार कार्यकारी अध्यक्षों पर पूरी तरह से भारी पड़ते दिख रहे है. वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के करीब माने जाने वाले तीन प्रवक्ताओं पर किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होना इस बात का पुख्ता संकेत दे रहा हैं.
पार्टी मुख्यालय में हर दिन बैठने वाले कार्यकर्ता सोमवार को डॉ रामेश्वर उरांव की जमकर तारीफ कर रहे हैं. कार्यकर्ता का कहना है कि अपने करीबियों के लिए अगर नेता हो. कार्यकारी अध्यक्षों से रामेश्वर उरांव की नाराजगी कितनी है कि यह तो बेरमो उपचुनाव के लिए बने वार रूम में घटी एक घटना से ही समझा जा सकता है. बता दें कि वार रूम का इंजार्च एक कार्यकारी अध्यक्ष को बनाया गया था. जब पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत (अभी पार्टी से निष्कासित है) वार रूम आये थे, तो डॉ उरांव ने उन्हें कड़ी फटकार लगायी थी.
बता दें कि प्रदेश मुख्यालय में बीते सोमवार को बैठक के दौरान खूब हंगामा मचान था. बैठक में महंगाई के खिलाफ आंदोलन की रणनीति तैयार की जानी थी, लेकिन वास्तविक तैयारियां कुछ और ही थी. लंबे समय से एक दूसरे को नीचा दिखाने की कोशिश में लगे दो धड़े (कार्यकारी अध्यक्षों व प्रवक्ताओं) आपस में भिड़ गए थे. शुरुआत एक धड़े ने की तो दूसरा धड़ा भी अड़ गया. कार्यकारी अध्यक्षों और प्रवक्ताओं की टोली ने प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के सामने ही जमकर अपनी भड़ास निकाली थी.
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यूपीः बांदा के बाबेरू कस्बे में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी का गला काटकर उसकी निर्मम हत्या कर दी. इसके बाद, वह हाथ में अपनी पत्नी का कटा हुआ गला लेकर पुलिस स्टेशन गया. पुलिस के सामने अपना अपराध कबूल करते हुए उसने आत्मसमर्पण कर दिया.
अचानक पुलिसवाले चौंक गए जब उन्होंने एक आदमी को देखा जो एक महिला को कटे हुए गले के साथ लाया था. शख्स ने पुलिस को बताया कि उसने अपने प्रेमी के साथ पत्नी को आपत्तिजनक स्थिति में देखकर घटना को अंजाम दिया.
पत्नी की हत्या करने के साथ ही उसने अपने कथित प्रेमी पर भी हमला किया. कथित प्रेमी गंभीर रूप से घायल है. वह बांदा के जिला अस्पताल में भर्ती है.
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बॉलीवुड की मशहूर सिंगर नेहा कक्कड़ ने डांडिया क्वीन फाल्गुनी पाठक का सिंगिंग रियलिटी शो 'इंडियन आइडल 13' के सेट पर स्वागत किया, जिसमें 'मैंने पायल है छनकाई' सांग के रीमेक को लेकर दोनों के बीच जंग चल रही थी। हाल ही में फाल्गुनी ने नेहा के सांग 'ओ सजना' पर अपना दुःख जताया है, क्योंकि यह उनके 90 के दशक के मशहूर गाने 'मैंने पायल है छनकाई' का रीमेक है।
चैनल सोनी ने नवरात्रि के खास एपिसोड वाले शो का एक नया प्रोमो शेयर किया था। दोनों गायकों को गरबा खेलते हुए भी देखा गया। नेहा कक्कड़ के साथ विवाद के बीच फाल्गुनी पाठक इंडियन आइडल 13 में शामिल होने के लिए पहुंचीं। इस के चलते नेहा कक्कड़ ने सब कुछ भूला कर बहुत विशेष अंदाज में फाल्गुनी पाठक का स्वागत किया। अब सोशल मीडिया पर दोनों का ये वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है।
इस वीकेंड इंडियन आइडल 13 पर फाल्गुनी थिएटर राउंड का भाग होंगी। डांडिया क्वीन फाल्गुनी पाठक के मशहूर गीत 'मैंने पायल है छनकाई' का रीमेक बनाने के लिए नेहा कक्कड़ को सोशल मीडिया पर आलोचना का सामना करना पड़ रहा था, जिन्होंने बीते सप्ताह कहा था कि वह बॉलीवुड सिंगर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना चाहती हैं। फाल्गुनी पाठक ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि वह मूल गीत के लिए अपने फैंस के प्यार को देखकर खुश हैं, जो मूल तौर पर 1999 में रिलीज हुई थी। फाल्गुनी ने कहा, "मैं इस गाने के लिए हर तरफ से इतना प्यार पाकर अभिभूत एवंअभिभूत महसूस कर रही हूं, इसलिए मुझे उनकी भावनाओं को साझा करना पड़ा। " फाल्गुनी ने यह भी बताया कि कक्कड़ के गाने के संस्करण 'ओ सजना' के मेकर्स ने उनसे संपर्क नहीं किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, फाल्गुनी ने अपने फैंस द्वारा एक कहानी फिर से शेयर की जिसमें उन्होंने कक्कड़ पर मुकदमा करने के लिए बोला। यह पूछे जाने पर कि क्या वह कानूनी रास्ता अपनाने की रणनीति बना रही हैं, फाल्गुनी ने कहा, "काश मैं कर पाती मगर अधिकार मेरे पास नहीं हैं। "
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İZBAN Torbalı लाइन तब खोलेगी जबः इजमिर मेट्रोपॉलिटन नगर पालिका के मेयर अजीज कोकोग्लू, जो कि स्थानीय चुनावों के दौरान उनके द्वारा लाई गई परिवहन परियोजनाओं में से एक है, 6 ने ट्राम के लिए वादा किया था।
मेयर, जो निवेश बजट के भीतर परिवहन परियोजनाओं को विशेष महत्व देते हैं, ने पहले कहा था कि BZBAN लाइन उत्तर में बर्गामा (52 किमी) और दक्षिण में सेल्कुक (56 किमी) तक फैलेगी। वास्तव में, मेयर ने ANZBAN की टोरबल लाइन खोली, जो TCDD के साथ समन्वय में काम करने का उत्पाद है और शनिवार को ,zmir के लिए अपरिहार्य हो गया है। उसी चुनावी अध्ययन के दौरान, मेयर कोकोआलु ने नई रेल प्रणाली लाइनों, फेह्र्ट्टिन अल्ताई-नार्लियरेरे İstahkam मेट्रो लाइन (8.5 किमी), नार्लियरियर इंजीनियर-उरला İYTE (30 किमी), ççol-Buca तेनज़ेटेपस कैम्पस (9.5 घंटे) की घोषणा की। 4.5 किमी) इवका 3-उन्होंने बोर्नोवा सेंट्रल लाइनों के बारे में अच्छी खबर दी।
उनमें से अधिकांश के लिए आवश्यक व्यवस्था, परियोजना निविदाएं या तो बनाई गई हैं या बनाई जाएंगी।
13 किमी कोणक ट्राम द्वारा 9.7 किमी Karşıyaka ट्राम पर काम शुरू हुआ। और यहां तक कि अध्ययन अपेक्षा से अधिक तेजी से प्रगति कर रहे हैं। लाइनों को पूरा किया जाएगा और निर्दिष्ट समय के भीतर इज़मिर के लोगों के लिए सेवा में डाल दिया जाएगा। Ardingirinyer-Tınaztepe (4.9 किमी) ट्राम लाइन के बारे में, राष्ट्रपति ने अप्रैल में परिवहन मंत्रालय के साथ समस्या के बारे में बात की, शहरवासियों से माफी मांगी और कहा कि वे जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू करेंगे। हम अभी भी इजमिर की तीसरी ट्राम लाइन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। Fevzipaşa Boulevard-Yenişehir अस्पताल-फातिह स्ट्रीट-हल्काप्नार ट्रांसफर सेंटर (3 किमी) और बोर्नोवा सेंटर-Bayraklı हमारे पास दो ट्राम परियोजनाएं हैं जो कि कोर्टहाउस (बोर्नोवा ट्राम से 4.5 किमी) के नाम से हैं। इसके बारे में आपके कदम कोंक और हैं Karşıyaka ट्रामों को त्यागने की उम्मीद है।
सबसे महत्वपूर्ण बिंदु जो मेरी दिलचस्पी है, हमारी 6 वीं ट्राम परियोजना है ... उदासीन ट्राम, जो अलसांस्क सिलोस से शुरू होगी और कोर्डन से कम्हुरियेट स्क्वायर तक निकल जाएगी, 2.2 किमी की दूरी पर चलेगी। परियोजना, जो क्रूज पर्यटकों को दिखाएगी कि शहर में अलग-अलग उत्तेजनाएं हैं, अलसानाक स्टेशन को भूमिगत करने की परियोजना की निरंतरता है, जिसका मैंने कल उल्लेख किया है ... कोर्डन ट्रामवे के लिए कोई स्पष्ट कदम नहीं उठाया गया है, जो दुनिया में सबसे आसान ट्राम परियोजनाओं में से एक है।
आप देखते हैं ... मुझे व्यापार समझ में नहीं आता है। लेकिन एक स्पष्ट तथ्य यह है कि यह आपके सिर को दीवारों के खिलाफ 2 साल बाद मार देगा।
इजमिर के केंद्र में हमारे पास एक भी चीज नहीं है जो एक पर्यटक को आकर्षित कर सके। यदि हम केमरल्टि, कडीफेकले और अगोरा को नवीनीकृत नहीं कर सकते हैं और एक धुरी का निर्माण कर सकते हैं, अगर हम बसमैन घरों को नहीं बचा सकते हैं, नए चौकों को खोल सकते हैं और उन्हें उदासीन ट्राम लाइनों के साथ सजा सकते हैं, और ये सब करते हुए, यदि हम अपनी सामग्री और नैतिक शक्ति के साथ नगरपालिका के पीछे नहीं जा सकते हैं, तो किसी को भी क्रूज़ टूरिस्ट की वापसी का इंतजार नहीं करना चाहिए। क्योंकि जो चल रहा है वह जाएगा।
अब मैं बाहर जाऊंगा और कोर्डन में कंक्रीट के ढेर के सामने पुराने कॉर्डन घरों का पुनर्निर्माण करूंगा, अलस्काक स्टेशन के सामने की सड़क को भूमिगत कर दूंगा, उस पर ऐतिहासिक इमारतों के बीच में त्योहारों का आयोजन करूंगा, लेकिन मुझे पता है कि इज़मिर इसके लिए तैयार नहीं है।
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बेटे नीरज चोपड़ा की सफलता पर भावुक हो गए किसान पिता सतीश चोपड़ा। 2019 में कोहनी की चोट से नीरज का हाथ कमजोर हो गया था। चिंतित हो गए थे कि पहले की तरह भाला फेंक पाऊंगा या नहीं पिता ने हौसला बढ़ाया अब नतीजा शानदार रहा।
पानीपत, [विजय गाहल्याण]। नीरज चोपड़ा की जीत पर किसान पिता सतीश चोपड़ा भावुक हो गए। बोले कि बेटा खरा सोना है। जमा तौड़ पाड़ दिया। देश ने उम्मीद लगाई थी, 100 फीसद खरा उतरा। नीरज चोपड़ा के पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि बेटा योद्धा है। जब-जब संकट और चोट से घिरा है, तब-तब उठा खड़ा हुआ। पहले से बेहतर प्रदर्शन कर जीतता रहा है।
जागरण से बातचीत में सतीश चोपड़ा ने कहा, आत्मविश्वास से भरे बेटे ने सोना जीता है। जैसे स्टार क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर टेनिस एल्बो की चोट से जूझे थे, वैसे ही 3 मई 2019 को बेटे नीरज की दायीं कोहनी का आपरेशन हुआ था। इसके बाद हाथ कमजोर हो गया था। नौ महीने अभ्यास से दूर रहा। तब बेटे को चिंता हो गई थी कि पहले की तरह भाला फेंक पाएगा या नहीं।
मनोस्थिति देख उन्होंने बेटे को काल कर कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। चोट ठीक होने में चाहे एक साल लग जाए, आराम करो। पूरे परिवार व देश को विश्वास है कि स्वस्थ हो जाओगे तो देश के लिए पदक भी जीत लेंगे। इससे बेटा का मनोबल बढ़ा। बेटे ने धीरे-धीरे डाक्टरों की निगरानी में अभ्यास किया। हाथ मजबूत हुआ। अब चोट को मात देकर बेटे ने देश के लिए पदक दिला दिया है।
सीनियर जैवलिन थ्रोअर नरेंद्र सहरावत ने बताया कि 2013 में पंचकूला के ताऊ देवीलाल स्टेडियम में बास्केटबाल का मैच था। नीरज ने जोश में बास्केट में गेंद डाली और रिंग पर लटक गया। हाथ फिसलने से रिंग से नीचे गिरा और दायीं कलई में फ्रेक्चर हो गया। तीन प्लास्टर बदले गए। चार महीने तक जैवलिन के अभ्यास के दूर रहे। नीरज में गजब की इच्छा शक्ति है। स्वस्थ होते ही नेशनल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत लिया।
देश के स्टार जैवलिन थ्रोअर और 2015 से इंडिया कैंप में नीरज के साथ रह रहे जींद के सच्चा खेड़ा गांव के राजेंद्र नैन ने बताया कि नीरज की खूबी है कि वह बड़े मुकाबलों में दबाव में नहीं रहते हैं। अपना 100 फीसद देते हैं। इसी खूबी की वजह से वह जीत भी हासिल करते हैं। आज भी नीरज पहले ही थ्रो से आत्मविश्वास से भरे थे। शांत थे। उन्हें पता चल चुका था कि पदक पक्का हो गया है।
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चर्चा में क्यों?
30 जनवरी, 2022 को राजस्थान के परिवहन राज्य मंत्री तथा जिला प्रभारी मंत्री बृजेंद्र सिंह ओला ने चूरू जिले के राजगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 2 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे ट्रॉमा सेंटर भवन का शिलान्यास किया।
- इस दौरान प्रभारी मंत्री ओला एवं सादुलपुर विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया ने ट्रॉमा सेंटर की शिलान्यास पटिेका का अनावरण भी किया।
- इस मौके पर मंत्री ओला ने चूरू से रोहतक वाया भिवानी, सरदारशहर से दिल्ली वाया भिवानी एवं राजगढ़ से गालड़ बस सेवा शुरू करने तथा बैरासर गाँव में बस स्टॉपेज शुरू करने का आश्वासन दिया।
- विधायक डॉ. कृष्णा पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा 2021-22 के अंतर्गत ट्रॉमा सेंटर के लिये कुल 6 करोड़ 4 लाख रुपए खर्च किया जाना प्रस्तावित है, जिसमें से 2 करोड़ रुपए लागत से भवन निर्माण किया जाएगा।
चर्चा में क्यों?
30 जनवरी, 2022 को राजस्थान के परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग के आयुक्त महेंद्र सोनी ने परिवहन भवन में सवाई मानसिंह चिकित्सालय, ट्रॉमा सेंटर में उपलब्ध अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चिकित्सकीय सुविधाओं से आमजन को परिचित कराने के लिये बनाई गई डॉक्यूमेंट्री 'हर जीवन अनमोल है' को रिलीज किया।
- इस डॉक्यूमेंट्री का लेखन और निर्देशन ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी व वरिष्ठ आचार्य, अस्थि रोग डॉ. अनुराग धाकड़ ने किया है। डॉक्यूमेंट्री में आवाज भी उन्होंने ही दी है।
- 5 मिनट की डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से आमजन मरीज के ट्रॉमा सेंटर में पहुँचने से लेकर प्राथमिक उपचार, ऑपरेशन, गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में उपलब्ध सुविधाओं के बारे जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
- इसका प्रसार-प्रचार सोशल मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनल, दूरदर्शन सहित विभिन्न माध्यमों के जरिये किया जाएगा।
- आयुक्त महेंद्र सोनी ने कहा कि चिकित्सालय के ट्रॉमा सेंटर टीम द्वारा बनाई गई इस डॉक्यूमेंट्री को देखने के बाद आमजन में राजकीय चिकित्सा सेवाओं के प्रति और अधिक विश्वास बढ़ेगा। राजकीय चिकित्सा सुविधाओं को लेकर बने कई मिथक (भ्रांतियाँ) भी दूर होंगे। साथ ही ट्रॉमा सेंटर में अत्याधुनिक चिकित्सकीय तकनीक से घायलों को तुरंत उपचार उपलब्ध कराने के बारे में भी जाना जा सकेगा।
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ग्रेटर नोएडा। Auto Expo 2020 का वैसे तो आज तीसरा दिन है लेकिन आप के लिए इसके दरवाजे आज से ही खुलने वाले हैं। आम लोग आज से टिकट लेकर इस एक्सपो में पेश हुई चमचमाती कारों का दीदार कर सकेंगे। हालांकि, आज के दिन की खास बात यह है कि यह दिन कॉर्पोरेट्स के लिए रखा गया है और इस वजह से आज टिकट के दाम ज्यादा होंगे। अगर आप ज्यादा दाम देकर भी जाना चाहते हैं तो जा सकते हैं। ऑटो एक्सपो रोजाना सुबह 11 बजे से शुरू होगा और शाम 7 बजे तक चलेगा। शुक्रवार को टिकट के दाम 750 रुपए हैं वहीं शनिवार से यह कम हो जाएंगे।
8 फरवरी और 9 फरवरी को टिकट का दाम 475 रुपए हो जाएंगे। इन दोनों दिनों में भी आयोजन सुबह 11 बजे से शुरू होकर रात में आठ बजे तक चलेगा। वीकेंड होने के कारण शनिवार व रविवार को भारी भीड़ आने की उम्मीद है। 10, 11 व 12 फरवरी को टिकट का दाम 350 रुपये रखा गया है।
अगर आप भी ऑटो एक्सपो जाना चाहते हैं और समझ नहीं आ रहा कैसे जाएं तो सीधा सा तरीका है कि आप या तो इसकी ऐप डाउनलोड कर लें। इसके अलावा मेट्रो ने भी लोगों के लिए विशेष सुविधा उपलब्ध करवाई है। दिल्ली मेट्रो की एक्वा लाइन यात्रियों को सीधे ऑटो एक्सपो पहुंचाएगी। ऑटो एक्सपो में जाने के लिए आप टिकट ऑनलाइन खरीद सकते हैं और यह आपको बुक माय शो पर मिल जाएंगी।
एक्सपो 12 फरवरी तक चलेगा और 12 फरवरी को इसका समापन है। ऑटो शो में आने वाले आम लोगों की सुविधा के लिए एक साइट मैप भी जारी किया गया है जिसमें आपको यह जानकारी मिल जाएगी कि कौन सी कंपनी कहां पर मौजूद है।
ऑटो एक्सपो में टिकट लेकर शो देखने वालों की किस्मत चमक सकती है। आगंतुक को जाते वक्त टिकट को एक्सपो में लगाए गए विशेष बाक्स में डालना होगा। अंतिम दिन लॉटरी के माध्यम से दो विजेताओं का चयन किया जाएगा। जिन्हें पुरस्कार के रूप में कार मिलेगी।
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मधेश प्रदेश के सभामुख नेकपा एमाले के रामचन्द्र मण्डल बने हैं । मंगलवार को हुए प्रदेशसभा सभामुख के निर्वाचन में मण्डल निर्वाचित हुए हैं ।
मत विभाजन एवं हस्ताक्षर के द्वारा हुए निर्वाचन में मण्डल के पक्ष में ७४ मत गया है तो वहीं उनके विपक्ष में २९ मत । सदन में १०३ सांसदों की उपस्थिति थी । इसी तरह उपसभामुख जनमत पार्टी की बबिता कुमारी राउत ईशर बनी है ।
उन्हें ७२ मत मिला है तो वहीं उनके विपक्ष में २९ मत दिया गया है । उपसभामुख के निर्वाचन में १०१ सांसदों की उपस्थिति थी । ईशर समानुपातिक प्रणाली द्वारा सांसद बनी हैं ।
मण्डल और राउत निर्वाचित हुए सभा की अध्यक्षता वरिष्ठ सदस्य गोबिन्द बहादुर न्यौपाने ने की ।
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असम की उद्यमी जाह्न्वी फूकन फिक्की के महिला संगठन (एफएलओ) की राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनी गयी हैं। फिक्की एफएलओ ने एक बयान में कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की मौजूदगी में 36वें एफएलओ वार्षिक सत्र में फूलन ने निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष हरजिंदर कौर तलवार से पदभार संभाला।
बयान में कहा गया, फूकन फिक्की एफएलओ की 37वीं राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में वह महिलाओं को उद्यमिता क्षमताओं और पेशेवर उत्कृष्टता के साथ सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करेंगी। फिक्की एफएलओ के 17 क्षेत्रों में निकाय (चैप्टर) हैं। यह राष्ट्रीय स्तर पर 8,000 से अधिक महिला उद्यमियों और पेशेवरों का प्रतिनिधित्व करता है। फूकन ने कहा, हम फिक्की एफएलओ में विभिन्न स्तरों पर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में काम कर रहे हैं। वर्तमान समय के अनुसार, हमारा उद्देश्य महिलाओं को आगे सशक्त बनाने के लिये स्थायी आजीविका बनाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
फूकन ने कलकत्ता विश्वविद्यालय, आईआईएमसी-दिल्ली और इंडियाना विश्वविद्यालय-यूएसए से पढ़ाई की है। वह यात्रा और आतिथ्य के क्षेत्र में जंगल ट्रैवल्स इंडिया और असम बंगाल नेविगेशन कंपनी की सह-संस्थापक हैं। वह 2012 से उद्यमिता और कौशल विकास मंत्रालय के तहत भारतीय उद्यमिता संस्थान (आईआईई) के राष्ट्रीय बोर्ड की सदस्य भी हैं। वह 2007 में एफएलओ नॉर्थ ईस्ट चैप्टर की संस्थापक उपाध्यक्ष थीं।
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एक कोर्स आमतौर पर उच्च विद्यालय के छात्रों के लिए खुले अध्ययन का एक केंद्रित क्षेत्र है। अवधि अलग-अलग होती है, क्योंकि पाठ्यक्रम केवल कुछ महीने ही हो सकते हैं या कई सालों तक बढ़ा सकते हैं। वे किसी विशेष विषय में एक कठोर शैक्षिक अनुभव प्रदान करते हैं।
मीडिया में ऑनलाइन पाठ्यक्रम क्या है? यह एक ऐसा कोर्स है जो विभिन्न प्रकार के मीडिया आउटलेटों का अध्ययन करता है और आज के तेजी से तकनीकी दुनिया में वर्तमान और उभरते हुए दोनों मीडिया को देखता है। छात्रों को उनके लिखित और मौखिक संचार कौशल के साथ-साथ मीडिया संरचनाओं को देखने के लिए काम करना है जो कि उनके काम को फ़्रेम करते हैं। यह अध्ययन महत्वपूर्ण सोच पर केंद्रित है और मीडिया के तरीकों की जांच भी करता है जो दुनिया को दर्शाता है, प्रतिनिधित्व करता है और प्रभाव डालता है। इस कोर्स में प्रतिलिपि लेखन, फिल्म निर्माण और रेडियो प्रसारण जैसे व्यावहारिक विषयों, साथ ही सैद्धांतिक क्षेत्रों जैसे कि लिंग, जाति, और पर्यावरण और सांस्कृतिक मुद्दों के मीडिया के प्रतिनिधित्व शामिल हो सकते हैं।
मीडिया छात्रों को अमूल्य कौशल प्राप्त होते हैं जो उनके जीवन भर में अच्छी तरह से सेवा करेंगे। वे प्रभावी संचारकों और प्रस्तुतकर्ता बनना सीखते हैं, और वे मीडिया के दायरे में बड़े चित्रकारों और व्यापक दुनिया बनना सीखते हैं। उन्हें गंभीर रूप से विश्लेषण करने के लिए सिखाया जाता है कि सूचना की प्रस्तुति दर्शकों की प्रतिक्रिया को कैसे प्रभावित करती है।
मीडिया में ऑनलाइन पाठ्यक्रम वैश्विक अपील हैं विषय प्रासंगिक और रोमांचक है, और छात्रों को जब भी और जहां भी हो, दूरस्थ अध्ययन पढ़ सकते हैं। विश्वविद्यालयों के बीच लागत भिन्न होती है, यद्यपि, इसलिए उन लोगों से संपर्क करना सबसे अच्छा होता है जो आवश्यक पंजीकरण और नामांकन शुल्क जानने के लिए आपको सबसे अधिक रुचि रखते हैं।
मीडिया में एक ऑनलाइन पाठ्यक्रम कई अलग-अलग कैरियर पथ के लिए छात्रों को तैयार कर सकता है। विपणन क्षेत्र, लेखन, अनुसंधान, योजना और ट्रैकिंग अभियानों सहित विभिन्न कौशलों पर कॉल करता है, डिजाइनरों और प्रिंटर के साथ काम कर रहा है, विज्ञापन रखता है और उत्पादन और वितरण की निगरानी करती है। पत्रकारिता एक और बहु-आयामी क्षेत्र है जिसमें फोटोग्राफी, संपादन, लेखन, उत्पादन और अनुसंधान सहित कई क्षेत्रों में विशेषज्ञता प्रदान की जाती है।
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अमर उजाला ब्यूरो, नई दिल्ली।
जीएसटी परिषद ने 2017 में ई-वॉलेट योजना शुरू करने का सुझाव दिया था। इस योजना के तहत जब कोई निर्यातक उत्पाद बनाने के लिए कच्चे माल का आयात करेगा तो उस पर लगने वाला टैक्स उसके ई-वॉलेट में डाल दिया जाएगा।
निर्यात के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को पाने के लिए सरकार 2022-23 के आम बजट में निर्यातकों को टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत दे सकती है। सूत्रों का कहना है कि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बजट में 'ई-वॉलेट' योजना लाने पर विचार किया जा सकता है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए 400 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य रखा है। इसका दो तिहाई हिस्सा नवंबर तक हासिल किया जा चुका है।
जीएसटी परिषद ने 2017 में ई-वॉलेट योजना शुरू करने का सुझाव दिया था। इस योजना के तहत जब कोई निर्यातक उत्पाद बनाने के लिए कच्चे माल का आयात करेगा तो उस पर लगने वाला टैक्स उसके ई-वॉलेट में डाल दिया जाएगा। यह रकम निर्यातक के पिछले साल के औसत टर्नओवर के हिसाब से एडवांस क्रेडिट किया जाएगा। वह जिस श्रेणी का उत्पाद बनाता है और निर्यात करता है, उस पर लगने वाले टैक्स के आधार पर एडवांस क्रेडिट की गणना होगी।
इस तरह टैक्स भुगतान के लिए उसके पास अतिरिक्त तरलता होगी। इसके अलावा, बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए डबल टैक्स डिडक्शन योजना को लॉन्च किया जा सकता है। इसके तहत एक निर्यातक विदेशी बाजार में प्रचार पर जितना खर्च करेगा, उसकी दोगुनी राशि पर उसे कुल करयोग्य रकम में छूट का लाभ मिलेगा।
नए बाजारों में सेवाओं और उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए वाणिज्य मंत्रालय 'ब्रांड इंडिया' अभियान शुरू कर सकता है। मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि यह अभियान भारत की ओर से निर्यात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए 'समग्र अभियान' के रूप में काम करेगा।
इसके तहत शुरुआती चरण में रत्न-आभूषण, वस्त्र, बागवानी उत्पादों (चाय, कॉफी, मसाले), शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मा और इंजीनियरिंग निर्यात पर जोर रहेगा।
इस अभियान के तहत गुणवत्ता, विरासत, प्रौद्योगिकी, मूल्य और नवाचार पर ध्यान दिया जाएगा। अधिकारी ने कहा, ऐसे अभियान की जरूरत इसलिए है क्योंकि फिलहाल विभिन्न क्षेत्रों को अलग-अलग तरीकों से 'व्यक्तिगत' पहचान के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आईबीईएफ) के ब्रांड इंडिया अभियान की समीक्षा की है।
परिधान निर्यात संवर्द्धन परिषद (एईपीसी) ने मंगलवार को कहा कि दुनियाभर में भारतीय परिधानों की मांग लगातार बढ़ रही है। इससे निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। परिषद के प्रमुख ए शक्तिवेल ने कहा कि दुनियाभर के खरीदारों और ब्रांडों से भारतीय परिधान विनिर्माताओं को मिलने वाले ऑर्डर तेजी से बढ़ रहे हैं।
मांग मजबूत होने से भी भारतीय परिधान निर्यात के आने वाले महीनों में ऐतिहासिक स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है। रेडिमेड वस्त्रों का निर्यात दिसंबर, 2021 में 22 फीसदी बढ़कर 1. 46 अरब डॉलर रहा। दिसंबर, 2020 में यह 1. 20 अरब डॉलर रहा था।
चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 9 महीनों में यह आंकड़ा 11. 13 अरब डॉलर पहुंच गया। शक्तिवेल ने कहा कि उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना और पीएम-मित्र योजनाएं कपड़ा एवं परिधान क्षेत्रों में भारत को अपनी वैश्विक नेतृत्व वाली स्थिति दोबारा हासिल करने में मददगार बनेंगी।
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ईदमिलादुन्नबी के मौके पर प्रदेशवासियों को दिली मुबारकबाद दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने पैगाम में कहा है कि आज का यह दिन हजरत मोहम्मद साहब के योम-ए-पैदाइश के रूप में खुशी से मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि मोहम्मद साहब ने मानव समाज को भाईचारे, समानता और सद्भाव के साथ जीवन में आगे बढऩे और नेक राह पर चलने का संदेश दिया। मोहम्मद साहब का यह संदेश आज भी प्रासंगिक है और इसको बढ़ावा देने के साथ अमल करने की जरूरत है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने प्रदेशवासियों से पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब के बताए रास्ते पर चलते हुए आपसी प्रेम व भाईचारे को कायम रख देश व समाज के उत्थान के लिए समर्पित होकर कार्य करने की अपील की है।
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मध्य प्रदेश में मौसम गर्म बना हुआ है। कई इलाकों में बारिश भी हो रही है, लेकिन गर्मी कम नहीं हो रही। दिन और रात में उमस परेशान कर रही है। लोगों को झमाझम बारिश का इंतजार है। दिन का पारा 42 डिग्री को पार कर गया है, वहीं रात का पारा भी 30 डिग्री के ऊपर बना हुआ है। प्रदेश में सबसे गर्म ग्वालियर रहा। सबसे गर्म रात दतिया की रही। संभावना जताई जा रही है कि दो दिन बाद मौसम फिर करवट लेगा।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट बता रही कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की उत्तरी सीमा पोरबंदर, बड़ौदा, शिवपुरी, रीवा, चुर्क से होकर गुजर रही है। पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के शहडोल संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, रीवा संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर, जबलपुर, सागर, नर्मदापुरम, इंदौर एवं उज्जैन संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षी दर्ज की गई। माडा में 9, करंजिया, चितरांगाी में 8, मउगंज में 5, सिंगरौली में 4 सेमी तक पानी गिरा है। वहीं धार में 20. 6, मंडवा में 9, रीवा में 8. 6, उमरिया में 1. 1 मिमी बारिश हुई है। जबलपुर, खजुराहो में भी बारिश दर्ज की गई।
अगले 24 घंटों के पूर्वानुमान की बात करें तो जबलपुर, शहडोल, भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर, रीवा, सागर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा या बौछारें पड़ सकती हैं। मौसम विभाग का यलो अलर्ट बता रहा है कि जबलपुर, शहडोल, इंदौर, नर्मदापुरम संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर, उज्जैन संभाग में जिलों में कहीं-कहीं बिजली गिरने की संभावना है।
मौसम विभाग के आंकड़े बता रहे कि तापमान लगातार बढ़ रहा है। उमस से लोग बेहाल हो रहे हैं। दिन का पारा 42 डिग्री को पार कर गया है, वहीं रात का पारा भी 30 डिग्री के ऊपर बना हुआ है। प्रदेश में सबसे गर्म ग्वालियर रहा। ग्वालियर में 42. 2, राजगढ़ में 42, दतिया में 40. 7, गुना-नौगांव में 40. 2, खजुराहो में 39. 8, टीकमगढ़-रायसेन में 39. 2, सिवनी में 38. 4, सागर में 38. 1, रतलाम-होशंगाबाद में 38 डिग्री अधिकतम तापमान रहा। न्यूनतम तापमान भी बढ़ रहा है। प्रदेश में सबसे गर्म रात दतिया की रही। दतिया में 30. 7, ग्वालियर में 30, होशंगाबाद में 28. 7, राजगढ़ में 28. 4, दमोह में 28. 2, नौगांव-रतलाम-भोपाल में 28 डिग्री तापमान रहा।
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सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। भारत के लिए एक शक्तिशाली विपक्ष अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि लोकतंत्र के अन्य
भारत में नरेंद्र मोदी सरकार भारतीय लोकतंत्र के विध्वंस के लिए ट्रम्प की सभी तीन रणनीतियों का इस्तेमाल कर रही है। हालांकि ट्रम्प ने अपने देश बताया कि चुनाव के समय की न्यायपालिका, नागरिक मतदान के लिए नौकरशाही, सुरक्षा विकल्प कैसे चुनते हैं। अपने एजेंसियों और चुनाव संबोधन में, उन्होंने 2016 के नियमों को खोखला करने अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव के का प्रयास किया, लेकिन बारे में ज्यादातर बातें की, उन्हें ज्यादा कामयाबी नहीं अगरचे उन्होंने भारत के 2014 मिली । के आम चुनाव के बारे में
सरसरी तौर पर बातें रखीं। हालांकि, जब मैंने उनसे पूछा कि अगर उन्हें ट्रम्प और मोदी के बीच चुनाव करना हो तो वो किसे चुनेंगे, तो उन्होंने जवाब में विस्तार से अपनी बात रखी। हालांकि, उन्हें पूरा यकीन था कि ट्रम्प अमरीकी लोकतंत्र के लिए जितना बड़ा खतरा हैं उसकी तुलना में मोदी भारतीय लोकतंत्र के लिए ज्यादा बड़ा खतरा हैं। ऐसा भारत की संस्थाओं और नागरिक समाज के कमजोर होने के कारण है।
जबकि ट्रम्प के मातहत भी अमेरिका में लोकतंत्र शायद इतनी आसानी से खत्म नहीं होगा, लेकिन नरेंद्र मोदी के मातहत भारतीय लोकतंत्र के भविष्य के बारे में ऐसी उम्मीद करना मूर्खतापूर्ण होगा।
(डेलीओ डॉट इन से साभार, हिंदी रूपांतरण- मनीष शांडिल्य)
प्रो. सुरेन्द्र स्निग्ध मुन्द्रिका सिंह यादव
रजनी तिलक
अरुण अभिषेक
छोटेलाल बहरदार विष्णु खरे सोमनाथ चटर्जी
मिथिलेश यादव
के निधन पर सबाल्टर्न परिवार
की ओर से उन्हें विनम्र
बुकर पुरस्कार से सम्मानित चर्चित लेखिका। साथ ही मानवाधिकारों और पर्यावरण के मुद्दे पर सक्रिय।
मुखर होती आवाज की घेराबंदी
। अरुंधति रॉय
जिस चीज के बारे में हम लोग बहुत दिनों से बहस कर रहे हैं, उसे 30 अगस्त 2018 के अखबार ने स्पष्ट कर दिया। इंडियन एक्सप्रेस ने अपने पहले पन्ने की रिपोर्ट में लिखा है, "पुलिस ने न्यायालय को बतायाः जिन्हें पकड़ा गया वे फासीवादी सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रच रहे थे।" हमें अब यह पता हो जाना चाहिए कि हम एक ऐसे शासन के अधीन हैं जिसे उसकी अपनी पुलिस ही फासीवादी कहती है । आधुनिक भारत में, अल्पसंख्यक होना ही अपराध है। मार दिया जाना अपराध है। पीट-पीट कर मार दिया जाना अपराध है। गरीब होना अपराध है। गरीबों के हक की बात करना अपराध है। सरकार को उखाड़ फेंकना अपराध है।
जब पुणे की पुलिस ने कई जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, वकीलों और पादरियों के घरों पर एक साथ पूरे देश में दबिश देकर पांच लोगों को- जिसमें तीन बड़े मानवाधिकार कार्यकर्ता और दो वकील हैं- बहुत ही हास्यास्पद या सतही आरोपों में गिरफ्तार किया, तो सरकार इस बात को बहुत ही अच्छी तरह जानती थी कि इसका प्रतिरोध होगा। इस कदम को उठाने से पहले अगर सरकार यह सब जानती थी कि उसका पूरे देश में विरोध होगा और इस तरह के प्रेस कांफ्रेंस भी होंगे तो उसने ऐसा किया क्यों?
हालिया उपचुनाव के वास्तविक वोटर आंकड़ों और देशव्यापी सर्वेक्षण को एक साथ मिलाकर लोकनीति-सीएसडीएस के अध्ययन से पता चलता है कि बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बहुत ही तेजी से अपनी लोकप्रियता खो रहे हैं। इसका मतलब यह हुआ कि हम खतरनाक दौर में प्रवेश कर
रहे हैं। अपनी लोकप्रियता में हो रही गिरावट की असली वजहों से जनता का ध्यान हटाने और विपक्षी दलों के बीच बन रही एकजुटता को तोड़ने के लिए अब निर्ममता से लगातार साजिशें रची जाएंगी। अभी से लेकर चुनाव तक लगातार सर्कस चलता रहेगा जिसमें गिरफ्तारियां, हत्याएं, पीट-पीट कर हत्या, बम विस्फोट, फर्जी हमले, दंगे और नरसंहारों का दौर शुरू होगा। हमने चुनाव के माहौल को सभी तरह की हिंसाओं से जोड़ना सीख लिया है। डिवाइड एंड रूल (बांटो और राज करो) तो था ही, अब इसमें यह नया शब्द भी जोड़ दीजिए डायवर्ट एंड रूल (ध्यान भटकाओ और राज करो)। अभी से लेकर आने वाले चुनाव तक हमें पता भी नहीं होगा कि कब और कैसे हमारे ऊपर आग का गोला गिरेगा और उस अग्निवर्षा का रूप कैसा होगा । इसलिए इससे पहले कि मैं वकीलों और एक्टिविस्टों की गिरफ्तारी के बारे में बातें करूं - बस मैं कुछ दूसरी बातों को दुहराना चाहती हूं कि हमें अग्निवर्षा के बावजूद भटकना नहीं चाहिए, चाहे जितनी भी विचित्र घटनाओं का हमें सामना करना पड़े।
1. आठ नवंबर 2016 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने टीवी पर नमूदार होकर देश के 80 फीसदी प्रचलित नोटों को एक झटके में बंद कर दिया, उस घटना को घटे एक वर्ष और नौ महीने हो गए हैं । ऐसा लगता है कि उनके उस फैसले से उनके कैबिनेट के मंत्री भी भौचक थे। अब भारतीय रिजर्व बैंक ने घोषणा की है कि 99 फीसदी से अधिक राशि बैंकों में वापस आ चुकी है। इंगलैंड के गार्जियन अखबार ने 30 अगस्त को ही लिखा है कि इससे देश की अर्थव्यवस्था का एक फीसदी सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घट गया है और लगभग 15 लाख नौकरियां खत्म कर दी गई हैं। इस बीच सिर्फ नए नोट को छापने में कई हजार करोड़ रूपए ऊपर से खर्च हो गए हैं। नोटबंदी के बाद माल और सेवा कर (जीएसटी) लागू कर दिया गया, जो नोटबंदी से जूझ रहे छोटे व मझोले व्यापारियों के लिए दूसरा बड़ा झटका था। इससे छोटे व मझोले व्यापारियों और खासकर गरीबों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है जबकि बीजेपी के करीबी कई निगमों ने अपनी संपत्ति में कई गुणा बढ़ोतरी कर ली है। विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे व्यवसायियों को सरकार ने हजारों करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति को लेकर भाग जाने दिया और सरकार मूकदर्शक बनकर देखती रही। इस तरह के
क्रियाकलापों में हम किसी तरह की जवाबदेही की उम्मीद रखते हैं? कुछ नहीं? बिल्कुल शून्य ? इसी बीच, जब 2019 में लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है, भारतीय जनता पार्टी सबसे अमीर राजनीतिक दल बन गई है। सबसे अपमानजनक यह है कि हाल ही में पेश किए गए चुनावी बॉड में यह कहा गया है कि राजनीतिक दलों को दान दिए गए चंदे का स्रोत पूरी तरह से गुप्त रखा जाएगा।
2. हम सभी को 2016 का मुबंई में 'मेक इन इंडिया' ईवेंट याद है जिसका उद्घाटन मोदी जी ने किया था और उस सांस्कृतिक महोत्सव में भीषण आग लग गई थी जिसमें उसका सबसे बड़ा पंडाल जलकर खाक हो गया था । खैर, दरअसल 'मेक इन इंडिया' के आइडिया को राख बनाने वाली चीज राफेल लड़ाकू विमान का वह सौदा है जिसकी पेरिस में प्रधानमंत्री ने कदाचित अपने रक्षामंत्री की जानकारी के बगैर ही घोषणा कर दी थी। यह घोषित शिष्टाचार के पूरी तरह खिलाफ है। हम मोटे तौर पर तथ्यों से वाकिफ हैं- कांग्रेसनीत यूपीए सरकार के तहत यह सौदा 2012 में ही किया जा चुका था जिसके तहत हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड की मदद से अपने ही देश में इसके कल-पुर्जों को जोड़ना था। इस सौदे को तो मोदी सरकार ने भंग कर दिया और इसका एक नया मसविदा तैयार किया गया। हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स, जो एक सरकारी कंपनी है, को अब इस सौदे से पूरी तरह गायब कर दिया गया है। कांग्रेस पार्टी के अलावा अन्य व्यक्तियों का, जिन्होंने इस सौदे का अध्ययन किया है - कहना है कि इसमें व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है और उन्होंने रिलायंस डिफेंस लिमिटेड के शामिल किए जाने पर सवाल भी उठाए हैं, क्योंकि उसने आज तक कभी हवाई जहाज बनाया ही नहीं है। विपक्ष ने संयुक्त संसदीय समिति से इस सौदे की जांच की मांग की है। क्या हमें इसकी अपेक्षा है? या फिर हमें अनिवार्यतः इन सभी जहाजों को बिना निगले ही पचा लेना चाहिए?
3. पत्रकार और एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या में कर्नाटक पुलिस की जांच में कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं। इसके क्रियाकलापों से दक्षिणपंथी हिन्दूवादी संगठन सनातन संस्थान जैसे अनेकों कार्यों की जानकारी मिली है। इससे पता चलता है कि उनकी जड़ें इतना विस्तृत हैं कि उनके पास आतंक फैलाने का पूरी तरह से तैयार एक गुप्त नेटवर्क है, उनके पास हिटलिस्ट है, उनके छुपने- छुपाने की अपनी जगह है, हथियार है,गोला-बारूद है, हत्या करने की तैयारी है, बम लगाने की तकनीक है और जहरशुमारी का तरकीब भी है। ऐसे कितने संगठन हैं जिनके बारे में हमें जानकारी है? इस तरह के और कितने गुप्त संगठन काम कर रहे हैं? वे लोग इस बात से आश्वस्त होंगे कि उसे ताकतवर लोगों का वरदहस्त है और
संभवतः पुलिस का संरक्षण भी प्राप्त है। उसने कितनी योजनाएं हमारे लिए बनाकर रखी हैं? कितने फर्जी हमले? असली कितने? ये कहां-कहां होंगे? कश्मीर में? अयोध्या में? या फिर कुंभ के मेले में? कितनी आसानी से वे किसी भी या सभी चीजों को- चाहे छोटा हो या बड़ा उत्पात मचाकर पालतू मीडिया घरानों की मदद से वे पटरी से उतार दे सकते हैं। इन असली खतरों से हमारा ध्यान भटकाने के लिए अभी ये गिरफ्तारी की गई हैं।
4. द्रुत गति से शैक्षणिक संस्थानों को नष्ट किया जा रहा है। बेहतर रिकार्ड वाले विश्वविद्यालयों को नष्ट किया जा रहा है और प्रेत की तरह सिर्फ कागजों पर मौजूद विश्वविद्यालय को महिमामंडित किया जा रहा है। तार्किक रूप से यह सबसे दुखदायी है । यह तरह-तरह से किया जा रहा है। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को देखते-देखते हमारी आंखों के सामने मिट्टी में मिलाया जा रहा है। वहां के विद्यार्थियों और कर्मचारियों पर लगातार हमले हो रहे हैं। कुछ टीवी चैनलों ने झूठा और नकली वीडियो दिखाकर, दुष्प्रचार करके वहां के छात्रों की जिंदगी खतरे में डाल दी है। उमर खालिद जैसे युवा स्कॉलर पर जानलेवा हमला हुआ, क्योंकि उसके खिलाफ लगातार झूठ बोलकर उसे बदनाम किया जाता रहा । झूठे इतिहास और बेवकूफियों से भरे पाठ्यक्रम से हम इतने जाहिल हो जाएंगे कि हम उससे उबर ही नहीं पाएंगे । और अंत में, शिक्षा का निजीकरण किए जाने से, आरक्षण से मिले थोड़े बहुत लाभ का भी सत्यानाश किया जा रहा है। हम शिक्षा में फिर से ब्राह्मणवाद का प्रादुर्भाव देख रहे हैं, जिसपर कॉरपरेट का मुलम्मा चढ़ा हुआ है। दलित, आदिवासी और पिछड़े छात्र-छात्राओं को एक बार फिर से शिक्षण संस्थाओं से बाहर धकेला जा रहा है क्योंकि अब वे मंहगी फीस नहीं भर सकते हैं । यह शुरू हो चुका है। यह किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है ।
5. कृषि क्षेत्र में भीषण परेशानी, किसानों की आत्महत्या में लगातार बढ़ोतरी, मुसलमानों की पीट-पीटकर हत्या, दलितों पर हो रहे लगातार हमले, आम लोगों पर अत्याचार, सवर्णों के अत्याचार के खिलाफ तनकर खड़े होने की कोशिश करने वाले भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर की गिरफ्तारी, अनुसूचित जाति और जनजाति अत्याचार अधिनियम को कमतर करने का प्रयास । इन सबसे हमारा ध्यान भटकना नहीं चाहिए। यह सबकुछ कहने के बाद मैं हाल में हुई गिरफ्तारियों पर बात करना चाहती हूं।
जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है - वरनॉन गोनजाल्विस, अरुण फरेरा, सुधा भारद्वाज, वरवर राव और गौतम नवलखा- इनमें से एक भी व्यक्ति यलगार परिषद् की 31 दिसबंर, 2017 को हुई रैली में उपस्थित नहीं थे। वे लोग अगले दिन हुई उस रैली में भी नहीं थे जिसमें लगभग 3 लाख से अधिक लोग, जो अधिकतर दलित थे, शामिल हुए थे, जो भीमा-कोरेगांव की |
ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी ने जीत हासिल की है और बोरिस जॉनसन प्रधानमंत्री बने हैं, जानिए उनका भारत से क्या है कनेक्शन.
ब्रिटेन में 650 सीटों वाली संसद में सरकार बनाने के लिए 326 सीटों की जरूरत होती है. कंजर्वेटिव पार्टी ने इस आंकड़े को पार कर लिया है और प्रधानमंत्री Boris Johnson को 363 सीटें मिल सकती हैं. बोरिस जॉनसन ने कहा है कि उन्हें अब स्पष्ट जनादेश मिला है, अब वे ब्रेक्जिट(ब्रिटेन को यूरोप यूनियन से अलग करना) लागू कर सकेंगे. नए जनादेश के साथ प्रधानमंत्री बनने वाले बोरिस जॉनसन कौन हैं, आइए जानते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें.
19 जून 1964 को न्यू यॉर्क के एक उच्च मध्य वर्गीय परिवार में जन्मे बोरिस जॉनसन के पिता कोलंबिया यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र पढ़ाते थे. बोरिस ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के बाद पत्रकारिता में कदम रखा. 1987 में मोस्टिन ओवेन (Mostyn-Owen) से उनकी शादी हुई और इसी साल उन्होंने The Times में ट्रेनी के तौर पर नौकरी शुरू की. आगे जाकर The Daily Telegraph में पूरे पत्रकार बन गए.
बोरिस जॉनसन ने पत्रकार, सांसद, मेयर, विदेश मंत्री से होते हुए प्रधानमंत्री बनने तक का सफर तय किया है. उससे पहले पत्रकारिता में भी सीधा संबंध राजनैतिक लेखन से ही रहा. यानी बोरिस राजनीति के पके चावल हैं. ब्रिटेन की सियासत में वे एक दिलचस्प शख्सियत हैं और उनके बारे में कहा जाता है कि उन्हें 'न' सुनना पसंद नहीं है. मिलनसार व्यक्तित्व के स्वामी बोरिस जॉनसन अपने विवादित कार्यों और भाषणों की वजह से भी अक्सर चर्चा में रहते हैं.
हाल ही में एक टीवी शो के रिपोर्टर ने उनसे बात करने की कोशिश की और उनसे शो में आने का वादा पूरा करने को कहा तो वे उसे इग्नोर करते हुए बड़े साइज के फ्रिज में घुस गए थे. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. दक्षिणपंथी विचारधारा की राजनीति में झुकाव रखने वाले बोरिस ने ब्रिटेन के यूरोपियन यूनियन से अलग होने का प्रतिनिधित्व किया.
2004 में बोरिस ने The Spectator नाम की पत्रिका में एक लेख लिखा था. लेख में इराक में बंदी बनाए गए ब्रिटिश नागरिक केन बिगले की हत्या पर लिवरपूल के लोगों की प्रतिक्रिया पर कड़ी आलोचना की थी. उन्हें इस लेख के लिए लिवरपूल के लोगों से माफी मांगनी पड़ी थी. 2004 में अपने लव अफेयर को छिपाने के आरोप में कंजर्वेटिव पार्टी से निकाल दिया गया था. वे दो बार लंदन के मेयर बन चुके हैं. पहली बार मेयर बनते ही उन्होंने सार्वजनिक वाहनों में शराब ले जाने पर बैन लगा दिया था.
बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने पर पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने उन्हें बधाई दी है. ये तो हुई राजनीति की बात, लेकिन बोरिस का भारत से रिश्ता ज़रा पर्सनल है. उनकी दूसरी पत्नी रहीं(2018 में तलाक) मरीना व्हीलर (Marina Wheeler) की मां दीप व्हीलर भारतीय मूल की हैं. दीप व्हीलर सिख परिवार से हैं. 54 साल की मरीना के साथ 25 साल बिताने के बाद बोरिस पिछले साल सितंबर में अलग हो गए थे. साथ रहने के दौरान बोरिस पत्नी के साथ कई बार भारत आए थे.
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नौकरी की तलाश में जुटे पत्रकारों के लिए 'एनडीटीवी' (NDTV) की डिजिटल टीम में काम करने का अच्छा मौका है।
पिछले एक साल में इस जंग ने हजारों लोगों की जिंदगियां छीन ली, शहरों और कस्बों को पूरी तरह से तबाह कर दिया।
दिल्ली महापौर शैली ने कहा, 'MCD के सिविक सेंटर में जितना नुकसान हुआ है, उसका खर्चा वीडियो फुटेज देखकर वसूला जाएगा।
इस मीडिया नेटवर्क को अपनी डिजिटल टीम (हिंदी व अंग्रेजी) के लिए पॉलिटिकल व बिजनेस बीट पर सब एडिटर-सीनियर सब एडिटर की तलाश है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान की एक बार फिर बेइज्जती हुई है। दरअसल हुआ यूं कि आयकर विभाग के सर्वे को पाकिस्तान का एक पत्रकार मुद्दा बनाना चाहता था,
पिछले दिनों अपने यूट्यूब चैनल पर स्ट्रीम की गई अपनी तरह की पहली वेब सीरीज 'FIR No. 208' के जरिये 'न्यूज18 इंडिया' ने सुकेश चंद्रशेखर की कहानी बयां की है।
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इस बजट ने वित्त मंत्री ने ऐसी कई योजनाओं का ऐलान किया, जिससे सीधे तौर पर गरीबों को लाभ मिलने वाला है। वहीं, इनकम टैक्स छूट की सीमा को 7 लाख तक कर मध्यमवर्ग को भी कुछ राहत देने की कोशिश सरकार ने की है।
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यह फिल्म सोशल-कॉमेडी है। इस फिल्म में अभिषेक बच्चन, निम्रत कौर और यामी गौतम जैसे बाॅलीवुड सितारे प्रमुख भूमिका में हैं।
लखनऊ से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें कुछ लोग रामचरितमानस की प्रतियों को जलाते हुए दिखाई दे रहे है। उन्होंने रोड़ पर ही रामचरितमानस की प्रतियां भी जलाई हैं।
चैनल के खिलाफ यह कार्रवाई भारत सरकार के एक कार्यक्रम पर आई कॉपीराइट स्ट्राइक को लेकर की गई है।
सीनियर कैमरामैन प्रकाश शिंदेजी बिजनेस न्यूज चैनल 'सीएनबीसी आवाज' (CNBC Awaaz) में करीब 18 साल अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद पिछले दिनों यहां से सेवानिवृत्त हो गए हैं।
'टाइम्स ऑफ इंडिया' के संपादकीय पेज पर आज लिखे अपने एक कॉलम में 'टाइम्स ग्रुप' के वाइस चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर समीर जैन ने पीएम मोदी की 'कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता' के लिए सराहना भी की है।
देश में समाचार पत्रों का रजिस्ट्रेशन अब जल्द ही डिजिटल तरीके से होगा।
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भोपाल, 21 मई (हि. स. )। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को भोपाल के राजा भोज विमानतल से मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के अंतर्गत विमान से तीर्थ-दर्शन कराने की योजना का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने भोपाल से प्रयागराज जाने वाली पहली तीर्थयात्रा में 32 बुजुर्ग तीर्थ-यात्रियों को विमान से रवाना किया। इन बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों में 24 पुरुष और 8 महिला तीर्थयात्री शामिल हैं। विमान से प्रयागराज जा रहे भाव-विभोर बुजुर्गों ने मुख्यमंत्री को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने बेटे की भूमिका निभा रहे हैं।
बैरागढ़ वार्ड क्रमांक-2 की निवासी 72 वर्षीय सिया कुमारी शर्मा ने कहा कि उनके कोई बच्चा नहीं है। वे सपने में भी सोच नहीं सकती थी कि वे हवाई जहाज से यात्रा करेंगी और वह भी प्रयागराज की। जब पार्षद कुसुम चतुर्वेदी ने उन्हें इसकी जानकारी दी और फॉर्म भरवाया तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा। उन्होंने तीन वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में तिरुपति बालाजी की यात्रा भी की है। उन्होंने भावुक होकर कहा कि मेरा कोई बच्चा नहीं है तो क्या मुख्यमंत्री शिवराज मेरे बेटे की भूमिका निभा रहे हैं। ईश्वर उन्हें सदा खुश रखे और आगे बढ़ाए।
तीर्थयात्री उमेश सिंह नागर (उम्र 72 वर्ष) ग्राम हर्राखेड़ा बैरसिया ने कहा कि मेरे जैसा साधारण किसान यह सोच भी नहीं सकता था कि कभी हवाई जहाज में बैठकर तीर्थयात्रा करूँगा। जब जनपद कार्यालय से फोन आया कि आपको हवाई जहाज से प्रयागराज की तीर्थयात्रा कराई जाएगी तो विश्वास ही नहीं हुआ। यह एक सुनहरे सपने जैसा था। कभी सोचा नहीं था कि सरकार हवाई यात्रा करवाएगी। वैसे मेरे तीन बेटे और एक बेटी है, सब अच्छे हैं, पर हमारी हैसियत नहीं है कि हवाई जहाज में बैठ सकें। सरकार ने पांच वर्ष पहले जगन्नाथ पुरी की यात्रा रेल से करवाई थी। आज प्रयागराज हवाई जहाज से जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके पूरे परिवार को दिल से आशीर्वाद एवं धन्यवाद देता हूं।
ग्राम रोंजिया, बैरसिया के 78 वर्षीय टीकाराम सेन कहते हैं कि आज तक ऐसा कोई मुख्यमंत्री नहीं बना जो गरीबों को हवाई जहाज से तीर्थयात्रा करवाए। त्रेता युग में श्रवण कुमार ने अपने माँ-बाप को कंधे पर बिठा कर तीर्थयात्रा करवाई थी और आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के बुजुर्गों को हवाई जहाज से तीर्थयात्रा करवा रहे हैं। उनको बहुत-बहुत धन्यवाद और आशीर्वाद।
हिनौती सड़क बैरसिया के 71 वर्षीय मांगीलाल नागर, दिल्लोद बैरसिया के 72 वर्षीय नरेश भार्गव और गोंदर मऊ की 67 वर्षीय राजल बाई आदि बुजुर्ग बताते हैं कि वे आज अत्यंत प्रसन्न और उत्साहित हैं। वे पहली बार हवाई जहाज में जा रहे हैं और वह भी प्रयागराज की तीर्थयात्रा पर। यह जीवन का एक सुखद और अविस्मरणीय क्षण है। सभी इसके लिए मुख्यमंत्री चौहान और राज्य सरकार को हृदय से धन्यवाद और आशीर्वाद देते हैं।
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अमरावती/दि. 10 - 60 वर्ष से अधिक आयुवाले बुजुर्ग नागरिकों के लिए कोविड के संक्रमण को बेहद खतरनाक कहा जाता है. किंतु यदि मन में जीवन के प्रति सकारात्मक विचार और आत्मविश्वास है, तो 80-90 साल की आयु में भी कोविड संक्रमण को मात दी जा सकती है. इस बात को कई बुजुर्ग मरीजों ने साबित कर दिखाया है. अकेले अमरावती जिले में ही 80 वर्ष से अधिक आयुवाले 14 हजार 304 बुजुर्ग इस बीमारी की चपेट में आने के बाद पूरी तरह से ठीक होकर अपने घर वापिस लौटे है.
बता दें कि, जिले में अब तक कुल 94 हजार 289 लोग कोविड संक्रमण की चपेट में आये है. जिसमें से 1 हजार 506 मरीजों की इस संक्रमण की वजह से मौत हुई है. वहीं 89 हजार 599 मरीज कोविडमुक्त होकर अपने घर लौटे है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की चपेट में आने के बाद कोविड मुक्त होनेवाले मरीजों का प्रतिशत काफी दिलासादायक है. इसके साथ ही अब यह तथ्य भी सामने आ रहा है कि, कोविड मुक्त होनेवाले मरीजों में काफी बुजुर्ग हो चुके लोगों की तादाद भी अच्छीखासी है और इन बुजुर्गों ने अपनी इच्छाशक्ति के दम पर कोविड मुक्त होते हुए युवाओं के सामने जिंदादिली का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है.
- जिले में 51 से 80 वर्ष आयुगुट में ही सर्वाधिक संक्रमितों की मौतें हुई है.
- 51 से 60 वर्ष आयुगुट में संक्रमण की पहली लहर के दौरान 189 तथा दूसरी लहर के दौरान 181 मौतें हुई.
- 61 से 70 वर्ष आयुगुट में पहली लहर के दौरान 280 व दूसरी लहर के दौरान 144 मौतें हुई.
- 71 से 80 वर्ष आयुगुट में पहली लहर के दौरान 137 व दूसरी लहर के दौरान 126 मौतें हुई.
- इसके बावजूद कोविड संक्रमण से मुक्त होकर अपने घर लौटे सभी बुजुर्ग नागरिकों ने यह साबित कर दिया कि, सकारात्मक विचारों के जरिये इस संक्रामक महामारी को मात दी जा सकती है.
हर संदर्भ में कोविड मुक्त होने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए 76 वर्षीय व्यक्ति ने बताया कि वे करीब 15 दिन कोविड अस्पताल में भरती थे. जहां पर डॉक्टरों व मेडिकल स्टाफ द्वारा उनका एकदम घर की तरह ध्यान रखा गया और उनका आत्मविश्वास बढाया गया. जिसमें उन्हें कोविड मुक्त होने में सहायता की. उन्हें पूरा भरोसा है कि, उनकी तरह अन्य बुजुर्ग नागरिक भी कोविड मुक्त होंगे. वहीं 80 वर्ष आयुवाले बुजुर्ग नागरिक ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि, वे पहले ही पैरालिसीस से पीडित है और इसी बीच कोविड संक्रमित भी हुए. जिसके चलते उन्हें करीब 20 दिनों तक कोविड अस्पताल में भरती रहना पडा. किंतु इलाज के बाद अब वे पूरी तरह से ठीक हो गये है और अब उन्हें श्वसन संबंधी कोई समस्या नहीं है. उनकी बहन भी उनके साथ कोविड संक्रमित होकर कोविड अस्पताल में भरती थी. वह भी अब पूरी तरह से ठीक हो गई है.
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पोर्ट ब्लेयर, पांच नवंबर अंडमान निकोबार द्वीप समूह में कोरोना वायरस संक्रमण के 17 नए मामले सामने आने के बाद बृहस्पतिवार को कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,389 हो गई।
एक स्वास्थ्य अधिकारी ने यह जानकारी दी।
अधिकारी ने कहा कि सात नए मरीजों ने बाहर यात्रा की थी और 10 मरीज संक्रमितों के संपर्क में आने से संक्रमित हुए।
अधिकारी ने कहा कि कोविड-19 के दस और मरीज ठीक हो गए।
संघ शासित क्षेत्र में अभी 166 मरीजों का इलाज चल रहा है और अब तक 4,163 मरीज ठीक हो चुके हैं।
अधिकारी ने कहा कि द्वीप समूह में अब तक कोविड-19 से 60 मरीजों की मौत हो चुकी है।
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गेटवेल अस्पताल का शुभारम्भ ( विराटनगर में )
जितेन्द्र ठाकुर, विराटनगर,12 जुलाई ।
पूर्वान्चल में पहली बार महिला तथा प्रस्तुति एवं नवजात शिशु के उपचारार्थ गेटवेल अस्पताल संचालन में आया है ।
यहाँ सभी उपचार एक ही जगह उपलब्ध होगा । माना जा रहा है कि अन्य अस्पतालों से सस्ता और सुविधाजनक अस्पताल के रुप में गेटवेल की स्थापना की गई है । यह अस्पताल विराटनगर के अस्पताल चौक में अवस्थित है । एक करोड़ के निवेश में इस अस्पताल का निर्माण हुआ है यह जानकारी अस्पताल के संचालक समिति के अध्यक्ष राकेश मिश्रा ने दी है । उनके अनुसार यह अस्पताल अन्य अस्पतालों से अधिक सुविधासम्पन्न है ।
हर जगह एसी की व्यवस्था की गई है । कर्मचारियों को अच्छे व्यवहार के साथ सेवा देने की शिक्षा दी गई है । वरिष्ठ महिला तथा प्रसूति रोगविशेषज्ञ डा.संगीता मिश्रा, डा.मधुमिता राभा के साथ ही बालरोग विशेषज्ञ डा.रामनारायण चौधरी और डा. प्रकाश राणा विशेषज्ञ के रुप में अपनी सेवा प्रदान करेंगे । अस्पताल के अन्दर ही केन्टीन की व्यव्स्था है और चार बेड आईसीयू के लिए भी उपलब्ध है ।
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रियल्टी सेक्टर इंडेक्स 3. 94 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ है। वहीं आईटी सेक्टर में लगातार दूसरे दिन उछाल देखने को मिला। सेक्टर इंडेक्स 2. 36 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। सरकारी बैंकों के इंडेक्स में 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी रही।
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प्रवेश परीक्षा के पश्चात तीन जनवरी को साक्षात्कार के लिए चयनित आवेदकों की सूची जारी की जाएगी। इस सूची के आधार पर पांच जनवरी को साक्षात्कार होगा और फिर छह जनवरी से पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए चयनित विद्यार्थियों के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी।
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (Central University of Haryana) में विभिन्न विभागों के अंतर्गत उपलब्ध पीएचडी पाठ्यक्रमों (PhD courses) में दाखिले के लिए 28 दिसंबर को प्रवेश परीक्षा का आयोजन होगा। विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (Entrance examinations) के पश्चात पांच जनवरी को साक्षात्कार आयोजित करेगा, जिसके पश्चात चयनित आवेदकों को पीएचडी दाखिले का अवसर प्रदान किया जाएगा। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने पीएचडी में दाखिले के इच्छुक आवेदकों को शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य के निर्माण में विश्वविद्यालय हर संभव सहयोग प्रदान करने का भरोसा दिलाया।
विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो. सारिका शर्मा के अनुसार पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा यूजीसी नेट-जेआरएफ की योग्यता प्राप्त आवेदकों को प्रवेश परीक्षा से छूट दी गई है। शेष आवेदनकत्ताअरं को आगामी 28 दिसंबर को आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा के प्रदर्शन के आधार पर दाखिले के लिए आयोजित साक्षात्कार में शामिल होने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
प्रवेश परीक्षा के पश्चात तीन जनवरी को साक्षात्कार के लिए चयनित आवेदकों की सूची जारी की जाएगी। इस सूची के आधार पर पांच जनवरी को साक्षात्कार होगा और फिर छह जनवरी से पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए चयनित विद्यार्थियों के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू होगी। दाखिला कार्यक्रम और दाखिला से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए इच्छुक विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर लॉगइन किया जा सकते हैं।
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नई दिल्लीः भुवनेश्वर में एपीजे स्कूल ने ऐसा काम किया, जिससे स्कूल के अधिकारियों पर मामला दर्ज हो गया। स्कूल ने फीस का भुगतान न करने पर 34 छात्रों को पुस्तकालय में बंद कर दिया। रिपोर्ट्स की मानें तो यह घटना सोमवार को उस वक्त हुई जब शिक्षकों ने अलग-अलग कक्षाओं के उन 34 छात्रों को लाइब्रेरी में बुला लिया, जिनकी फीस क्लियर नहीं हुई थी।
अधिकारियों ने परीक्षा के बाद छात्रों को पांच घंटे (सुबह 9. 30 से दोपहर 2. 30 बजे के बीच) तक वहीं रखा। इसके अलावा, बकाया राशि का भुगतान न करने पर चूक करने वाले माता-पिता को उनके बच्चों के माध्यम से नोटिस भी दिया गया। क्रूरता के बाद बड़ी संख्या में अभिभावकों ने स्कूल के सामने धरना दिया। माता-पिता ने दावा किया कि स्कूल के अधिकारियों ने मौजूदा शैक्षणिक सत्र में स्कूल की फीस 20% बढ़ा दी है। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि स्कूल की कार्रवाई से छात्रों को मानसिक पीड़ा हुई है और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इस बीच, पुलिस ने स्कूल अधिकारियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 342 और 34 और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया है।
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भारत जोडो यात्रा में नाना पटोले के परिवार का लाँचिंग?
अकोला/दि. 18- राहुल गांधी की भारत जोडो यात्रा गुरूवार को सुबह 6 बजे अकोला के पातुर से शुरू हुई. इस यात्रा में प्रदेशाध्यक्ष विधायक नाना पटोले के पुत्र-पुत्री भी शामिल हुए. इस कारण नाना पटोले ने इस यात्रा के जरिए अपने परिवार को लाँचिंग किया क्या? ऐसी चर्चा शुरू हो गई है.
राहुल गांधी की यात्रा में राज्य के कांग्रेस के अनेक बडे नेता शामिल हो रहे है. यात्रा में अनेक नेताओं को भी युवक लगातार चलते दिखाई दे रहे है. इसमें शिवानी वडेट्टीवार और अनेकों का समावेश है. अब तक प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले का परिवार राजनीति से दूर दिखाई दिया था. इसके पूर्व पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में उनका परिवार शामिल होता दिखाई नहीं दिया था. लेकिन कल अचानक पातुर में शुरू हुई पदयात्रा में उनकी दोनों बेटी और एक बेटा चलते हुए दिखाई दिए. इस कारण अनेक लोग देखने लगे. इसमें उनकी दोनों बेटी नीता, प्रिया और बेटे राहुल का समावेश था. इन तीनों ने यात्रा में शामिल होने के बाद राहुल गांधी के साथ चलते हुए संवाद किया. इस कारण कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले अपने बच्चों को राजनीति में लाँच करते रहने की चर्चा इस यात्रा में जोरो पर थी.
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कब्रिस्तान का कार्यक्रम मौसम पर निर्भर करता है। मई से सितंबर तक - सुबह 9 बजे से शाम 9 बजे तक और शेष महीनों में 9 से 17 तक। दफ़नाने वाले स्थान रोज़ाना काम के घंटे के दौरान होते हैं।
मिटिन्कोको कब्रिस्तान का नाम जिले के नाम पर रखा गया थामिटिनो, जिसके पास यह स्थित था, उसके आगे। फिलहाल यह मास्को जैसे शहर में सबसे बड़ा दफन स्थल है। Mitinskoe कब्रिस्तान आरामदायक और आधुनिक है। दफनाने के लिए 170 से अधिक साइटें हैं इतने लंबे समय से पहले उसके क्षेत्र में एक श्मशान बनाया गया था। कब्रिस्तान का एक विशेष भाग मुस्लिम धर्म के लोगों के दफनाने के लिए आरक्षित है।
क्षेत्र में पवित्र वर्जिन के संरक्षण का एक चैपल है यह मुख्य द्वार पर एक अनुष्ठान हॉल में 1994 में स्थापित किया गया था। इसके अलावा, रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च यहां भी स्थित है।
मिटिन्कोको कब्रिस्तान एक दफन स्थान बन गयाकई प्रसिद्ध लोग, सोवियत संघ के नायकों, कलाकार, कवि, लेखकों, एथलीटों चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में आग के दौरान 28 अग्निशामकों को मारा गया। यह इन निडर लोगों के वीर कर्म के सम्मान में था, जो पहले आपदा की रक्षा में आया, मिटिंक्सोय कब्रिस्तान में अप्रैल 1 9 86 में चेरनोबिल दुर्घटना में मरने वाले नागरिकों की स्मृति में एक स्मारक खड़ा किया गया था।
हर साल, मिंटिंन्कोय कब्रिस्तान में, सभी की स्मृतिजो उत्तर ओसेशिया गणराज्य के बेस्लान शहर में एक आतंकवादी हमले में निधन हो गया। त्रासदी के पीड़ितों के लिए अनन्त स्मृति और दुख के प्रतीक के रूप में सुबह हजारों की मोमबत्तियां सुबह 10 बजे प्रकाशित होती हैं। चेचन्या में सैन्य अभियानों में मारे गए सैनिकों को मिहिन्स्की कब्रिस्तान के क्षेत्र में दफन किया गया है। इसके अलावा यहां कई कलाकार, खेल, साहित्य और पत्रकारिता की कब्र हैं। "ट्रांसवाल पार्क" में त्रासदी के शिकार लोगों को मिटिंक्सोय कब्रिस्तान में भी दफनाया गया है।
1985 में अपने क्षेत्र के पास बनाया गया थाश्मशान, जो वर्तमान में काम कर रहा है। एक दिन लगभग 25 संस्कार हैं। आस-पास एक खुली प्रकार का कोलमारीयम भी है, जिसमें राख के साथ urns की दफ़न होता है। मिटिंक्सॉय कब्रिस्तान में एक लेखा प्रणाली स्थापित की गई थी। यह एक विशेष संग्रह है, जो सभी कब्रों के बारे में जानकारी दर्ज करता है।
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क्या यही नैनीताल है बाबा?
क्या इसे ही उरूज कहते हैं?
आदरणीय अमीरुद्दीन ख़ान साहब.
ग़ज़ल पर उपस्थिती तथा हौसला अफजाई के लिए आपका तहे-दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ.
आदरणीय जनाब सालिक गणवीर जी, आदाब । दमदार अश'आ़र से सुसज्जित शानदार ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें। सादर।
हार्दिक बधाई आदरणीय सालिक गणवीर जी। बेहतरीन गज़ल।
आ. भाई गणवीर जी, सादर अभिवादन । अच्छी गजल हुई है हार्दिक बधाई ।
"आंख इतना बरस चुकी अब तो" मिसरे को ऐसे भी किया जा सकता है क्या ? सादर..
ग़ज़ल पर उपस्थिति एवं सराहना के लिए हृदय से आभार.
ख़याल और ख़्याल दो भिन्न शब्द हैंं,आदरणीय, पहले का अर्थ कल्पना और दूजे का देखभाल होता है. रही बात मात्राओं के उठा ने या गिराने की,तो ऐसा करने से बचना चाहिए. गिरा सकते हैं तो उठाया भी जा सकता है.
यहां " कि" का वज़्न 2 लिया गया है शायरी में वज्न गिराया जा सकता है लेकिन बढ़ाया नहीं जा सकता।
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इंदिरा गांधी की हत्या के तीन दिन बाद 31 अक्टूबर 1984, दिल्ली की तत्कालीन सरकार और प्रशासनिक तंत्र ने पूरी तरह से घुटने टेक दिए थे. गुस्साए हथियार से लैस और संगठित प्रदर्शनकारियों ने गलियों में आग लगा दी और सिखों की संपत्ति को लूटने लगे और 3000 बच्चों, औरतों और पुरुषों को मौत के घाट उतार दिया गया.
दिल्ली पुलिस ने सभी व्यावहारिक कारणों से इन घटनाओं को रोकने की अपनी ज़िम्मेदारी नहीं उठाई. सरकार के मुखिया राजीव गांधी शोक में थे और इसी वजह सरकार भी शायद कुछ न कर सकी. सेना की तैनाती बेहद धीमी रफ़्तार से की गई. क्रमबद्ध तैनाती सरकारी शब्दावली थी. सरकारी नियंत्रण वाले रेडियो और टीवी स्टेशनों पर शोक की धुन प्रसारित की जा रही थी. कोई भी बड़ी घोषणा नहीं हुई और न ही नरसंहार के बारे में अधिक जानकारी दी गई. 72 घंटों तक ऐसा लगा कि भारत में सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं रही थी.
अगर दिल्ली जल सकती है, तो राज्यों का क्या हाल हुआ होगा. अब तक अलग राज्यों में सिखों के मौत की संख्या अनुमानित ही की जाती है. सच पूछिए तो केंद्रबिंदु हमेशा दिल्ली का नरसंहार बना रहा, जो कि होना भी चाहिए था. लेकिन अन्य राज्यों, ख़ास तौर से हिंदी भाषी क्षेत्रों में काफी कत्लोगारत हुआ और हज़ारों सिखों को मार दिया गया.
उत्तर प्रदेश के कानपुर, लखनऊ, गाज़ियाबाद के अलावा दूसरे शहरों में भी सिखों को निशाना बनाकर उनकी हत्या की जा रही थी. इंडिया टुडे ने 30 नवंबर 1984 के अंक में लिखा कि इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जो हिंसा और हत्या हुई, पुलिस इसे रोकने में असफल रही, जिसके लिए उन्हें दोषी ठहराया जाना चाहिए. उदाहरण के लिए लखनऊ में,चारबाग स्टेशन पर सुबह से जमा प्रदर्शनकारी एक अफवाह से उत्तेजित हो गए कि पंजाब में सिखों द्वारा मारे गए हिंदुओं की लाशें पंजाब से आ रही हैं.
हालांकि सिख यात्रियों पर उपद्रवियों ने जो हमले किए थे, उसकी सूचना पुलिस को दी गई थी, लेकिन कोई मामला दर्ज नहीं किया गया और न ही कार्रवाई की गई. उस दोपहर ट्रेन जब 3:15 बजे अमृतसर से यहां पहुंची, तब नरसंहार को रोकने के लिए कोई नहीं था- पांच सिखों को ट्रेन से खींचकर पुलिस के आने से पहले मार दिया गया. पुलिस घटनास्थल पर एक से डेढ़ घंटे देरी से पहुंची और दिखावे के लिए केवल हवा में फायरिंग की. उत्तर प्रदेश में लगभग पांच सौ सिखों ने अपनी जान गंवाई.
बिहार भी इससे अलग नहीं था. वास्तव में दिल्ली के बाद बिहार ही सिखों की हत्या के मामले में दूसरे स्थान पर रहा- पटना, जमशेदपुर, रांची, बोकारो, भागलपुर, डाल्टनगंज, मुज़फ्फरपुर, हज़ारीबाग के साथ ही दूसरे शहरों में भी हिंसा भड़क उठी. इंदिरा गांधी की हत्या के कुछ घंटे बाद उग्र प्रदर्शकारियों ने बोकारो में लूटपाट और लोगों को मारना शुरू कर दिया. आम तौर पर शांत रहने वाले बोकारो में शाम तक 60 सिखों को मौत के घाट उतार दिया गया. मुख्य मंत्री चंद्रशेखर सिंह राज्य छोड़कर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. जबतक वह वापस आए तब तक क्षति हो चुकी थी. इंडिया टुडे ने लिखा कि बहुत मामलों में लूटपाट करने वाले उपद्रवियों का नेतृत्व स्थानीय नेता कर रहे थे. यह संदेह तब और पुख्ता हो गया जब मुख्यमंत्री ने एक स्थानीय नेता को पटना साहिब (गुरु गोविंद सिंह के जन्म स्थल) से गिरफ्तार करने का आदेश दिया. पत्रिका में आगे लिखा गया है-राजनीतिक दलों से भी ख़राब तो पुलिस की नाकामी थी. इन सबके बीच एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बिना किसी झिझक के यह कह दिया कि जो कुछ भी हो रहा था, वह तो प्राकृतिक प्रतिक्रिया थी. प्रशासन के रवैए और भूमिका के बारे में पत्रिका में लिखा गया है- कई घटनाओं में सेना को केवल काग़ज़ पर बुलाया गया था. सेना ने केवल फ्लैग मार्च किया और बिना कोई ख़ास भूमिका निभाए वापस चली गई. यह ख़ास तौर पर पटना में हुआ, जहां सेना को मार्च का आदेश देन से पहले शायद ही ट्रकों से उतरने दिया गया. पत्रिका आगे बताती है-तीन दिनों तक चली इस बेरोकटोक हिंसा में केवल सात लोग ही पुलिस फायरिंग में मारे गए. बाकी सब की हत्या भीड़ ने की. हिंसा आख़िरकार तभी रुकी, जब पंद्रह शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया और सात में अंततः सेना की तैनाती की गई, लेकिन इस बीच लगभग 600 से 800 सिखों की हत्या बिहार में कर दी गई थी. इससे कई गुणा तो घायल हुए थे.
दूसरा राज्य, जिसमें सिखों का भारी पैमाने पर संहार हुआ, वह मध्य प्रदेश था. लगभग हरेक शहर ने किसी न किसी रूप में हिंसा देखी. इनमें रतलाम, रीवा, सागर, सतना, भोपाल, मांडला, रायपुर, बैतूल, भिंड, होशंगाबाद और इंदौर वगैरह. असल में इंदौर सबसे अधिक प्रभावित था. शहर में हिंसा इंदिरा गांधी की हत्या के एक दिन बाद शुरू हुई. आधिकारिक तौर पर एक नवंबर 1984 को इंदौर में 22 सिखों की हत्या हुई. शहर के तत्कालीन जिलाधीश अजित जोगी ने बयान दिया कि वह असहाय थे-हरेक चीज अनियंत्रित थी. ऐसा लगता था, मानो शहर की पूरी आबादी गलियों में थी. लगभग 200 से 300 सिखों की हत्या मध्य प्रदेश में हुई.
हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में भी बड़े पैमाने पर हिंसा और हत्याएं हुईं. मैं जब भी इंदिरा गांधी की हत्या के बाद सिखों के साथ हुई हिंसा के बारे में सोचता हूं, तो अचरज में पड़ जाता हूं कि एक देश और नागरिक के तौर पर हम अपना दुखद इतिहास क्यों भूल जाते हैं. हम कम से कम अपनी अंतरात्मा में क्यों नहीं झांकते और आख़िर दोषी को सज़ा क्यों नहीं देते? उसे क़ानून के सामने नंगा क्यों नहीं करते? हम क्यों छोटी, तुच्छ और बेकार की बातों पर बहस कर उसे बस खींचते रहते हैं. क्या मीडिया इतिहास की धारा को कृत्रिम बनाने का ज़िम्मेदार है, या हम ख़ुद दोषी हैं, क्योंकि हम वह सब कुछ पचा ले जाते हैं, जैसे ही हमें वास्तविकता से फंतासी की दुनिया में जाने का मौका मिलता है. जहां कारगिल का कोई महत्व नहीं है, लेकिन करीना और सैफ का है. खैर, यह तो विषयांतर है. मैं तो बस एक बात यह बताना चाहता हूं कि भारत ने उसकी बड़ी कीमत चुकाई है-सिखों के नरसंहार के बदले. पंजाब में आतंकवाद ने कम से कम 25,000 लोगों की जान लेल ी. क्या हम अपने कल से कुछ भी सीख लेंगे? क्या हमारे राजनीतिक दल अब अधिक बेहतर और मज़बूत बनेंगे? मेरा ख्याल है, नहीं. याद कीजिए, शूगेट (जरनैल सिंह नामक पत्रकार का चिदंबरम पर जूता फेंकना). आख़िर, उसका विरोध तो कांग्रेस के दो उम्मीदवारों के ख़िलाफ ही था. यह घटना कुछ महीने पहले की ही है. क्या हम उम्मीद करें कि इतिहास का सबक हमारे नेताओं को याद होगा?
इंदिरा गांधी की हत्या के तीन दिन बाद 31 अक्टूबर 1984, दिल्ली की तत्कालीन सरकार और प्रशासनिक तंत्र ने पूरी तरह से घुटने टेक दिए थे. गुस्साए हथियार से लैस और संगठित प्रदर्शनकारियों ने गलियों में आग लगा दी और सिखों की संपत्ति को लूटने लगे और 3000 बच्चों, औरतों और पुरुषों को मौत के घाट उतार दिया गया.
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नवाँ परिच्छेद । बोआई।
बीज बोने के लिये खेतों की जोताई होती है। जब वे अच्छी तरह से तैयार हो जाते हैं तो उनमें बीज बोया जाता है । बीज बोने के पूर्व बीज कैसा है, किस निमित्त बोया जाता है इसका विचार किया जाता है, फिर बीज किस समय और किस प्रकार बोना चाहिए इस पर ध्यान दिया जाता है। अच्छे अथवा खराब बीज के अनुसार खेती की पैदावार होती है। जो बोया जाता है वही काटा जा सकता है । जैसी धरती हो उसमें उसी प्रकार का बीज बोना चाहिए। उन अवस्थाओं का विचार करके बांज बोना चाहिए जिनमें व अच्छी तरह जम सकें और बढ़ सकें ।
१ - बोआई का समय ।
हर फसल के बोने का नियत समय होता है। उसका विचार करके बीज बोना चाहिए। समय व्यतीत हो जाने पर कितना ही उपजाऊ खेत क्यों न हो शस्य अच्छी प्रकार नहीं होता, बीज के जमने में प्राकृतिक बाधाएँ उपस्थित होती है । समय पर बोने से शस्य अच्छी तरह जमते और बढ़ते हैं। पौधों की बाढ़ और प्राकृतिक अवस्थाओं के विचार से यह सिद्ध हो गया है कि भिन्न भिन्न पौधों को भिन्न भिन्न |
शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। वसंत पचंमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है। मान्यता है कि वसंत पचंमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली का भी आशीर्वाद मिलता है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते है।
पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल पंचमी 25 जनवरी 2023 की दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से होगी और 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार इस साल वसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।
वसंत पचंमी वाले दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर साफ पीले या सफेद रंग का वस्त्र पहनें। उसके बाद सरस्वती पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थान पर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। मां सरस्वती को गंगाजल से स्नान कराएं। फिर उन्हें पीले वस्त्र पहनाएं। इसके बाद पीले फूल, अक्षत, सफेद चंदन या पीले रंग की रोली, पीला गुलाल, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। सरस्वती माता को गेंदे के फूल की माला पहनाएं। माता को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद सरस्वती वंदना एवं मंत्र से मां सरस्वती की पूजा करें। आप चाहें तो पूजा के समय सरस्वती कवच का पाठ भी कर सकते हैं। आखिर में हवन कुंड बनाकर हवन सामग्री तैयार कर लें और 'ओम श्री सरस्वत्यै नमःः स्वहा" मंत्र की एक माला का जाप करते हुए हवन करें। फिर अंत में खड़े होकर मां सरस्वती की आरती करें।
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उन्नाव, जसस : सांसद सच्चिदानंद हरि साक्षी महाराज ने मौलाना तौकीर रजा के बयान का जवाब देते हुए कहा कि भारत एक मात्र हिंदू राष्ट्र है. मुस्लिम राष्ट्र के नाम पर देश का बंटवारा हो चुका है।
सांसद ने सोमवार रात साकेत धाम में सदर विधायक द्वारा आयोजित कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह में मीडिया के सवालों के जवाब में यह बात कही. मीडिया ने सांसद से इत्तेहाद-ए-मिलत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा खान के बयान 'मुस्लिम युवा भी मुस्लिम राष्ट्र की मांग करने लगे तो क्या होगा' पर टिप्पणी करने को कहा.
जिस पर साक्षी महाराज ने कहा कि तौकीर रजा को पता होना चाहिए कि 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ था तो मुस्लिम राष्ट्र के नाम पर किया गया था. मुहम्मद अली जिन्ना ने मुस्लिम समुदाय को ले लिया, अब केवल हिंदू समुदाय ही रह गया है।
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कानपुर (ब्यूरो) तीन जून को उपद्रव के बाद का तीसरा जुमा। यूपी के कई हाइपरसेंसटिव जिलों में उपद्रव की सुगबुगाहट थी। जिसे पुलिस की विजिलेंस टीम और खुफिया इकाइयों ने पहले से ही सूंघ लिया और सीनियर ऑफिसर्स को संदेश दे दिया था। जिसके बाद शासन ने प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम करने की तमाम कोशिशें की। शुक्रवार को ये सभी कोशिशें पूरी तरह से सफल रहीं। हाईपर सेंसिटिव सिटी कानपुर के कमिश्नर की एक सप्ताह में बनाई गई स्टे्रटजी न सिर्फ अमल में लाई गई, बल्कि कम समय में बना प्लान पूरी तरह से सफल रहा। पूरे प्रदेश में कानपुर में युवा मित्र बनाने का प्रयोग भी सफल रहा।
योजना के मुताबिक साइबर और सर्विलांस सेल भी एक्टिव रहा। नई सड़क, यतीमखाना, परेड, बेकनगंज, फूल वाली गली, अनवरगंज, कुली बाजार, लाटूश रोड, चमनगंज समेत कई इलाकों के सैकड़ों नंबर सर्विलांस पर थे और उनकी हर छोटी बड़ी हरकत पर पुलिस नजर रखे थी। अफवाह तो दूर की बात पूरे इलाके में किसी भी सोशल प्लेटफार्म पर कोई भी असामाजिक गतिविधि नहीं हो पाई।
दोपहर में समय से यतीमखाना और आसपास के धार्मिक स्थलों समेत शहर के 348 धार्मिक स्थलों में नमाज अदा की गई। पुलिस का भरपूर इंतजाम किया गया था लिहाजा कोई भी उपद्रव का मंसूबा भी दिमाग में नहीं पाल सका। सभी धार्मिक स्थलों से देश के तमाम जिलों में हो रही हिंसा को देखते हुए शांति की दुआ की गई। नमाज के बाद नमाजियों ने लोगों को गुलाब का फूल देते हुए संदेश दिया कि जिस तरह एक डंडी से तमाम पंखुडिय़ां जुड़कर फूल बनाते हैैं। उसी तरह तमाम धर्म के लोग जुड़ कर एक स्वस्थ समाज की स्थापना करेंगे।
पूरे इलाके में सुबह से ही ड्रोन छतों पर रखे हुए पत्थर चेक कर रहा था। हालांकि कानपुर के लिए शासन से हेलीकॉप्टर निगरानी के लिए दिया गया था लेकिन उसकी जरूरत नहीं पड़ी। सीपी विजय सिंह मीना, जेसीपी आनंद प्रकाश तिवारी और डीएम विशाख जी अय्यर लगातार पूरे इलाके में गश्त करते रहे। इनके साथ डीसीपी, एसीपी और तमाम पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। यतीम खाने के बाहर सुबह से ही पुलिस तैनात थी। पीएसी और आरएएफ भी गलियों में तैनात की गई थी। नमाज के बाद पब्लिक एड्रेस सिस्टम से घर जाने की अपील की गई।
- लगातार गश्त से उपद्रवियों के मनसूबों पर पानी फेरना।
- पीस कमेटी की लगातार बैठक कर लोगों से बात करना।
- धर्मगुरुओं को कनविंस करना, जिससे कोई गलत संदेश न जाए।
- लगातार युवाओं को संदेश देना कि शांति कायम रखें।
- दो हजार से ज्यादा युवाओं का इस्तेमाल पुलिस मित्र के रूप में किया गया।
- ड्रोन से लगातार छतों की निगरानी, जिससे स्टोन पेल्टर के हौसले पस्त हों।
- कहीं पर भी बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया गया।
- कमिश्नर के वादे के मुताबिक किसी निर्दोष की गिरफ्तारी नहीं की गई।
- गश्त और चेकिंग के दौरान किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया।
- 56 गिरफ्तारियों के अलावा और गिरफ्तारियों नहीं की गईं।
- अमन और शांति के लिए पुलिस बैकफुट पर रही।
- दूसरा पोस्टर जारी होने के बाद भी उसका प्रदर्शन नहीं किया गया।
- कई उपद्रवियों की पहचान होने के बाद उनके परिवार को देख सहानुभूति दिखाई गई।
पुलिसकर्मियों की सजगता और लोगों की समझदारी की वजह से शहर में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण संपन्न हुई। लगातार लोग शांति का परिचय दे रहे हैैं।
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूजः बिग बॉस 16 के घर में इन दिनों शालीन भनोट अकेले पड़ गए हैं। ऐसे में एक्टर मंडली के साथ बैठे नजर आते हैं। हालांकि मंडली उनका मजाक बनाती हैं और उनके साथ बैठने से कतराती है। इस बीच अपकमिंग एपिसोड में शालीन भनोट के एक कॉमेंट का एमसी स्टैन को इस कदर बुरा लग जाएगा कि रैपर रो पड़ेंगे। इस वाक्ये की एक छोटी सी झलक हमें लेटेस्ट प्रोमो में देखने को मिली। वीडियो में हम देख सकते हैं कि एमसी स्टैन को इस बात का बुरा लगा है कि शालीन भनोट ने शिव ठाकरे को उनसे ज्यादा डिजर्विंग बताया है। साथ ही उन्हें इस बात से भी तकलीफ हुई है कि शो में शालीन शुरुआत से उनके जूते और ज्वेलेरी का मजाक उड़ाते हैं।
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जन अधिकार पार्टी के नेता आनंद कुमार सिंह उर्फ डब्बू सिंह पर हुए जानलेवा हमलले का खुलासा हो गया हैं। जाप नेता के ऊपर गोलियां, किसी और ने नहीं बल्कि उनके अपने ही बड़े भाई ने चलवाई थी। पटना पुलिस की जांच में इस बात की पुष्टि हुई है। इसके बाद से ही पुलिस की टीम डब्बू सिंह के बड़े भाई अनिल सिंह को तलाश रही थी। जो अब पूरी हो गई है। अपने इनपुट के आधार पर पाटलीपुत्र थाने की पुलिस ने मुजफ्फरपुर में छापेमारी कर अनिल सिंह को उसके ठिकाने से गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को पटना लाया गया। फिर अनिल सिंह से पूछताछ और फिर उसे जेल भेज दिया गया। पाटलिपुत्रा के थानेदार एसके शाही ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई कि अनिल सिंह के घर पर ही डब्बू सिंह को गोली मारने की साजिश रची गई थी। इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है।
18 सितंबर 2021 की देर रात अपराधियों ने मारी थी गोलीजाप नेता के ऊपर पटना में 13 सितंबर 2021 की देर रात जानलेवा हमला हुआ था। उस वक्त पाटलीपुत्रा के 155 डी स्थित घर के गेट पर ही डब्बू सिंह खड़े थे। तभी अपराधियों ने उन्हें गोली मारकर घायल कर दिया गया था। इस मामले में डब्बू सिंह के बयान पर उनके अपने छोटे भाई अमित कुमार सिंह उर्फ बीरू उर्फ शेखर, बड़े भाई अनिल सिंह, अनिल सिंह के ड्राइवर राहुल कुमार और एक अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। इस मामले में पुलिस ने जांच करते हुए अमित कुमार सिंह उर्फ बीरू, शूटर ऋषि सरदार, ड्राइवर राहुल को गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान यह बात सामने आई थी कि अनिल सिंह के जगदेव पथ स्थित घर पर ही पूरी साजिश रची गई थी। अनिल सिंह के घर से ही शूटर ऋषि सरदार का कपड़ा भी बरामद हुआ था। ऋषि ने पिस्टल का डर दिखाकर दो लोगों का मोबाइल लूट लिया था और लूटा गया मोबाइल भी अनिल सिंह के घर से ही पुलिस ने बरामद की थी।
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10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. उन्हें उस समय हार्ट अटैक आया था, जब वे जिम में एक्सरसाइज कर रहे थे.
मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव का निधन हो गया है. वो 58 साल के थे. उन्होंने दिल्ली के एम्स में बुधवार सुबह अंतिम सांस ली. 10 अगस्त को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था. बता दें कि उन्हें उस समय हार्ट अटैक आया था, जब वे जिम में एक्सरसाइज कर रहे थे. राजू श्रीवास्तव को पहचान कॉमेडी शो 'द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' से मिली थी. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वे फैन्स के बीच 'गजोधर भैया' के तौर पर काफी लोकप्रिय थे. उनके निधन के बाद से फैन्स बुरी तरह टूट गए हैं. लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके चहेते 'गजोधर' अब इस दुनिया में नहीं हैं.
ट्विटर पर #rajusrivastava टॉप ट्रेंड कर रहा है. फैन्स सदमे में हैं. वे लगातार ट्वीट के जरिए दिवंगत राजू श्रीवास्तव को अपने-अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दे रहे हैं. एक फैन ने लिखा है, 'सबको हंसाने वाला आज रुला कर चला गया.' वहीं, दूसरे ने लिखा है, यकीन ही नहीं हो रहा है कि राजू श्रीवास्तव अब इस दुनिया में नहीं हैं. एक अन्य फैन ने लिखा है, आप हमेशा दिल में रहेंगे 'गजोधर भैया', भगवान आपकी आत्म को शांति दे. आइए नजर डालते हैं फैन्स के रिएक्शन्स पर.
रुला गया सबको हंसाने वाला, नहीं रहे #rajusrivastava ॐ शांति ??
End of an Era! #RajuSrivastava has passed away. He was earlier declared brain dead.
Nobody can match the humor level of Raju Shrivastava. No double meaning jokes, no abusive words. He was the best stand up comedian in Indian history.
राजू श्रीवास्तव का जन्म 25 दिसंबर 1963 को कानपुर में हुआ था. वो एक मिडिल क्लास फैमिली से थे. उनके पिता का नाम रमेश चंद्र श्रीवास्तव था, जो एक कवि थे. उनके पिता को लोग बलाई काका नाम से पुकारते थे.
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हमीरपुर के वार्ड न. 1 में एक सनसनी खेज आत्महत्या का मामला सामने आया है जिसमें एक युवक ने अपने हाथ की नस काट कर आत्महत्या कर ली। जब हत्या के कारण की तफ्तीश की गई तो पता चला कि मामला प्रेम प्रसंग का निकला। युवक ने आत्महत्या करने से पहले युवती को फोन पर इसके बारे में बता दिया था।
वहीं, युवती ने इस सारे मामले की जानकारी मृतक के किसी जानने वाले को दी और उसने बताया कि ऋषभ (21) अभी आत्महत्या करने जा रहा है उसके बाद जब घर के मालिक जहां वो रहता था वहां पर संपर्क किया और उसके कमरे में जब सभी लोग पहुंचे तो उसने अपने गले को फंदा लगा लिया था।
इस सारे मामले को लेकर ASP राजेश कुमार ने बताया कि मामले की तफ्तीश जारी है लेकिन अभी तक यह आत्महत्या का मामला ही नजर आ रहा है। ये मामला 8 तरीख देर रात का है और बताया जा रहा है कि ऋषभ म्यूजिक का टीचर था और हमीरपुर के डीएवी स्कूल के पास ही वह एक एकेडमी में म्यूजिक की शिक्षा देता था।
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वेलेंटाइन डे का आज खास दिन है. आज के दिन हर एक प्रेमी एक दूसरे से अपने प्यार का इजहार करता है.
वेलेंटाइन डे का आज खास दिन है. आज के दिन हर एक प्रेमी एक दूसरे से अपने प्यार का इजहार करता है. आम लोगों से लकेर सेलेब्रिटीज तक हर कोई इस दिन को अपने अपने तरीके से मना रही है. ऐसे में कई सितारे इस मौके पर अपने पहले प्यार के किस्से सुना रहे हैं तो कुछ प्यार का इजहार कर रहे हैं. नेहा कक्कड़ से लेकर मोहित मलिक तक कई टीवी स्टार्स ने अपने पार्टनर्स को सोशल मीडिया पर खास दिन को विश किया है.
रोहनप्रीत ने इस खास दिन पत्नी नेहा कक्कड़ को एक खास तोहफा दिया है. रोहनप्रीत सिंह ने वेलेंटाइन डे पर खास नेहा कक्कड़ के लिए एक टैटू बनवाया है. रोहन ने अपनी कलाई पर नेहूज मैन(Nehu's Man) लिखवाया है। जिसकी जानकारी नेहा ने अपने इंस्टाग्राम पर दी है.
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उदयपुर में सोमवार को मौसम एक बार फिर बदला। सुबह से ही उदयपुर में हल्के बादल छाए हुए थे। जिसका असर मौसम पर दिखा और पूरे दिन काफी धुंध छाई रही। धुंध रहने से रात और सुबह के समय ज्यादा सर्दी का अहसास तो नहीं हुआ। मगर दोपहर के समय तेज धूप नहीं हाेने से तापमान गिर गया। रविवार को जहां उदयपुर का दिन का तापमान 25. 4 डिग्री था। वहीं सोमवार को यह 2. 4 डिग्री गिरकर 23 डिग्री पर पहुंच गया। दिन के तापमान में गिरावट होने से शहर में ठिठुरन और गलन का एहसास हुआ। वहीं सोमवार सुबह न्यूनतम तापमान 13. 4 डिग्री पर पहुंव गया था।
मौसम विभाग का अनुमान है आने वाले दो दिन उदयपुर में काफी बादल छाए रहेंगे। साथ ही हल्की बरसात भी हो सकती है। इससे ठिठुरन बढ़ेगी और दिन का तापमान काफी नीचे चला जाएगा। हल्की बरसात से लोगों को दिन के समय ज्यादा ठंड महसूस होगी। हालांकि बादल होने से रात और सुबह ज्यादा ठंड का अहसास नहीं होगा। वहीं मौसम विभाग का यह भी अनुमान है 28 दिसम्बर को उदयपुर में काफी कोहरा हो सकता है। जिसका असर जन जीवन पर देखने को मिलेगा।
वहीं मौसम वैज्ञानिकों का यह मानना है कि जनवरी के पहले सप्ताह में एक बार फिर तेज ठंड पड़ेगी। तापमान एक बार फिर 5 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। जैसे ही बादल छटेंगे तापमान गिरने लगेगा और ठंड में तेजी आएगी।
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नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच गतिरोध जारी है। इस बीच बुधवार को सरकार और किसान नेताओं के बीच 10वें दौर की बैठक हुई। इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच चली बातचीत में कोई नतीजा सामने नहीं आया। पिछले बैठकों की भांति यह बैठक भी बेनतीजा रही। दोनों पक्षों के बीच अब 22 जनवरी को दोपहर 12:00 बजे बैठक होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बैठक में सरकार की ओर से किसानों को यह प्रस्ताव दिया गया कि इस कानून पर अगले दो सालो के लिए रोक लगा कर कमेटी बना लें। लेकिन किसानों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया। कृषि मंत्री ने यहां तक कहा कि अगर कमेटी बनाकर बिंदुवार चर्चा के लिए किसान तैयार होते हैं तो सरकार इस बारे में कोर्ट में हलफनामा भी देने को तैयार हो जाएगी कि क़ानून दो साल के लिए स्थगित कर देंगे।
बता दें कि सरकार और किसान संगठनों के मध्य चल रही वार्ता के बीच उच्चतम न्यायालय ने 11 जनवरी को गतिरोध समाप्त करने के मकसद से चार सदस्यीय समिति का गठन किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी किसानों ने नियुक्त सदस्यों द्वारा पूर्व में कृषि कानूनों को लेकर रखी गई राय पर सवाल उठाए. इसके बाद एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने खुद को इस समिति से अलग कर लिया है।
प्रदर्शनकारी किसानों का आरोप है कि इन कानूनों से मंडी व्यवस्था और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद की प्रणाली समाप्त हो जाएगी और किसानों को बड़े उद्योग घरानों की 'कृपा' पर रहना पड़ेगा। हालांकि, सरकार इन आशंकाओं को खारिज कर चुकी है।
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युगकी आदिमें जब समस्त कल्पवृक्षोंका क्षय होगया था उससमय तीनवर्णोंका विभाग कर तीन ज्ञानके धारक भगवान आदीश्वरने प्रजाको षद्कर्मका उपदेश दिया था । ॥ ३४-३६ ।। तथा हिमवान और विंध्याचल पर्वतरूपी विशाल स्तनोंसे शोभित रूपाचलपर्वतरूपी मनोहर हार धारण करनेवाली समुद्ररूपी मेखला (कर्धनी) से मंडित इस पृथ्वीरूपी सुंदर वधूका चिरकालतक भोग किया था ।।३७।। कदाचित भगवान आदीश्वर को संसारसे विरक्तता होगई भरतआदि अपने सौ पुत्रोंको राज्य प्रदान कर मोक्षप्राप्तिकी अभिलापासे वनको चलदिये और चारहजार राजाओंके साथ दिगंवर दीक्षा धारण कर मुनि होगये ।।३८ ।। दिगंबर होते ही उन्हें चतुर्थज्ञानकी प्राप्ति होगई मति श्रुति अवधि और मनःपर्यय इन चार ज्ञानोंसे भूषित हो एक हजार वर्षापर्यत घोर तप किया क्षुधा तृषा आदि प्रचंड परीषह जीते वातिया कर्मोको मूलसे उखाड़कर केवलज्ञान प्राप्त किया केवलज्ञानसे समस्तपदार्थ उन्हें दर्पणके समान प्रत्यक्ष दीखनेलगे जिससे कि जहांतहां विहारकर धर्मोपदेश दे धर्मतीर्थकी प्रवृत्तिकी और पृथ्वीको दुष्टजीवोंसे रहित किया ॥ ३९-४० ।। भगवान आदीश्वरने गृहस्थाश्रम और मुनियोंका आश्रम इसप्रकार दो आश्रम बतलाये गृहस्थाश्रमसे स्वर्ग और मुनियोंके आश्रम से मोक्ष प्राप्त होती है यह उपदेश दिया ।। ४१ ॥ द्वादशांगरूपी वारह वेद बतलाये उनमें मुख्यतया मुनियोंके आचारका उपदेश दिया उन्हींके अंतर्गत श्रावकोंके भी आचार बतलाये अणुव्रत गुणत्रत शिक्षात्रतोंके पालक श्रावकोंके लिये अनेक नियम प्रतिपादन किये इसलिये जिन वेदोंका वर्णन भगवान ऋषभदेवने किया है वे आपवेद हैं ॥ ४२ - ४३ ॥ युगकी आदिमें भरत चक्रवतीने इन्हीं आर्षवेदोंका अध्ययन कर ब्राह्मणवंश की स्थापना की थी और वे ब्राह्मण इनही धर्मयज्ञोंको करते थे ।।४४।। इसप्रकार आर्षवेदोंकी उत्पत्ति बतलाकर अब मैं अनापवेदोंकी उत्पत्ति कहता हूं यहांपर यह बात ध्यान में रखनी चाहिये कि अनार्षका अर्थ . मनुष्य ( गृहस्थ ) है और मनुष्योंद्वारा जो वेद बनाया गया हो वह अनार्पवेद है इस नार्षवेदमें इस युगमें होनेवाले मनुष्योंके मनगढंत तात्पर्योंका वर्णन है ॥ ४५ ॥ धारणयुग्म नगरमें एक सूर्यवंशी राजा रहता था वह शत्रुओंकी दृष्टिमें अयोधन
- ( अजेय ) था इसलिये उसको लोग अयोधन कहते थे राजा अयोधनकी स्त्रीका नाम दिति था यह दिति सोमवंश में उत्पन्न राजा तृणविंदुकी लघुभगिनी थी ॥ ४६-४७ ॥ कदाचित् रानी दितिके स्त्रियोंके समस्त गुणोंसे मंडित एक सुलसा नामकी कन्या हुई जब वह पूर्ण युवति होगई तो उसके पिता अयोधनने उसके विवाहके लिये स्वयंवर किया ॥४८॥ जिससे परम यशस्वी स्वयंवरके अर्थ सगर आदि बड़े २ राजा आदरपूर्वक स्वयंवरमें आये ॥४९॥ एक दिन राजा सगरकी मंदोदरी नामकी प्रतीहारी रानी दितिके घर गई और उसने रानीको एकांत में सुलसासे इसप्रकार की बात करते हुये सुनाvd
"बेटी सुलसा ! तू मुझसे बहुत प्रेम करती है इसलिये मेरी वात सुन तू इस वातको पूर्णतया जानती है कि माताका प्रेम युवती लड़की के अनुकूल ही होता है ॥५०-५१॥ मेरा बड़ा भाई तृणबिंदु है उसकी स्त्रीका नाम सर्वयशोदेवी है और उन दोनोंके मधुपिंगल नामका पुत्र है जो अपनी अद्वितीय सुंदरतासे पृथ्वी में सबसे अधिक चढ़ा बढ़ा है ॥ ५२ ॥ मैंने मधुपिंगलके देनेकेलिये तेरा प्रथमसे ही संकल्प करलिया है इसलिये तेरेलिये मेरा यही कहना है कि स्वयंवरमें दूसरे मनुष्य के गलेमें वरमाला न डाल उसी के गले में डालना और मेरे मनोरथको पूर्ण करना" ऐसा कहकर और अपने वचनोंकी रक्षाका उपाय कठिन जान वह रोने लगी । माताको इसप्रकार दुःखित और रोती हुई देख सुलसाने कहा - " मा ! तू रोवे मत और न किसी प्रकारका अपने मनमें दुःख ही । स्वयंवर में राजाओंके सामने मैं तेरे ही चचनकी रक्षा करूंगी-मधु पिंगलके गले में ही वरमाला डालूंगी ।
मा और वेटीकी परस्परकी यह बात सुन मंदोदरी वहांसे चल कन्याके ग्रहण करनेमें परम उत्कंठित राजा सगरके पास आई और उससे वह सारा वृत्तांत कह सुनाया ॥५३ - ५६ ।। राजा सगर बड़ा चालाक था उसके यहां सामुद्रिक शास्त्रका वेत्ता एक विश्वभूति नामका पुरोहित रहता था उसने उस पुरोहितके द्वारा मनुष्यके लक्षणोंको बतलानेवाला एक शास्त्र रचवाया और उसे पुराना बतलाने के लिये धूमसे भदमैला कर लोहेकी संदूक में भरवा स्वयंवरकी जमीनमें गढ़वादिया धीरे २ स्वयंवरके दिन निकट आने लगे एक एककर राजाओंका भी जमाव होने लगा नियत दिन स्वयंवर मंडप राजा महाराजाओंसे खचाखच भर गया इतनेमें ही राजा सगरने अपनी चतुरंतासे उस लोहेके संदूकको निकलवाकर समस्त राजाओंके सामने पेशकिया यह देख राजाओंको मनुष्योंके लक्षण जाननेकी बड़ी अभिलाषा हुई उन्होंने उस पुस्तकके बांचनेके लिये पुरोहितसे बड़ा आग्रह किया जिससे कि वह इसप्रकार वांचने लगाजिसके चरण मीन शंख और अंकुशके चिन्होंसे युक्त हों कमलके मध्यभागके समान सुरख हों सुंदर पाणियों ( पसवाड़े ) से शोभित हों सघन अंगुलियोंसे मंडित हों चिकने और ललोंए नखोंसे युक्त हों गूढ़ गुल्फों ( टकूने ) से अलंकृत और नसोंसे रहित हों कुछ उष्ण हों कछुवेके समान उन्नत और पसीना रहित हों उसे राजा समझना चाहिये ।। ५७-६१ ॥ और जिसके पैर गोल नसोंसे व्याप्त, टेड़े, रूखे नखवाले शुष्क एवं वेगरी अंगुलियोंसे युक्त हों उसे पापी समझना चाहिये ।। ६२ ॥ छिद्रसहित कषेले रंगके पैर वंश नष्ट करनेवाले मनुष्य के होते हैं जली हुई मिट्टी के समान और पीले महाक्रोधी हिंसकके होते हैं अल्परोमोंसे मंडित और गोल जंघा ( तिलियां ) शुभ हैं एवं गोल और विशाल जानु ( जांघ ) भी शुभ हैं किंतु जो जंघा और जानु शुष्क
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Sr Ga हरिभाईदेवकरणजैनग्रंथमाला ।
हों वे अशुभ हैं ।। ६३-६४ । जिसके एक छेद (कूपक) में एक रोम वा एक बाल हो वह राजा होता है दो रोम या दो बालवाला विद्वान एवं तीन आदि रोम या बालोंवाला मूर्ख और निर्धन होता है । ६५ ।। जिसबालकका लिंग छोटा हो दक्षिण की ओर टेढ़ा हो और जिसकी गांठ मोटी हो वह शुभ है एवं इससे विपरीत अशुभ है ॥ ६६ ॥ जिनके वृषण ( पोते) छोटे २ होंगे वे बहुत थोड़ा जीयेंगे जिनका एक छोटा एक वड़ा वृषण होगा वे विषयी होंगे वराबर वृषणवाले राजा और लंबे वृषणवाले दीर्घजीवी होंगे ॥ ६७ । पेशाव करनेमें जिनके शब्द होगा वे सुखी और जिनके शब्द न होगा वे दुःखी होंगे । जिसकी मूत्रकी धारा प्रदक्षिणावर्त हो वह उत्तम होता है और इससे विपरीत अनुत्तम होता है ॥ ६८ ॥ जिनके दोनों नितंब अतिशय स्थूल हों वे दरिद्री पुष्टनितंबवाले सुखी एवं मेढ़कके समान उद्धत नितंबवाले व्याघ्रसे मृत्युको प्राप्त होते हैं ॥ ६९ ।। सिंहके समान कमरवाला राजा होता है बंदर और ऊंटकीसी कटिवाला धनवान बराबर पेटका धारक सुखी और जिसका पेट घड़ा और हांडीके समान हो वह दुःखी होता है ॥ ७० ॥ जिनकी पसड़ी पूर्ण हो वे धनी, नीची एवं टेडी पसलीवाले या नीची कोखवाले भोगरहित और सम कोखवाले भोगी होते हैं । ॥ ७१ ॥ जिनकी कोख उन्नत हों वे राजा, विषम कोखवाले निर्धनी, सर्पके समान पेटवाले दरिद्री और अधिक भोजन करनेवाले होते हैं ॥ ७२ ॥ जिनकी नाभि विशाल उन्नत गंभीर और गोल हो वे मनुष्य सुखी होते हैं और नीची छोटी एवं अदृश्य ( दीख न पड़े ) नाभिवाले दुःखी होते हैं ॥ ७३ ॥ जिनके मध्यकी त्रिवली विषम हो उन्हें शूलकी बाधा होती है और वही त्रिवली जिनके दाहिनी वा वाहिनी ओर आवर्तयुक्त हो वे बुद्धिमान होते हैं ॥ ७४ ॥ कमल की कलीके समान नामि राजापनेको सूचित करती है। एवं जिसकी नाभि ऊपर नीचे और पखवाड़ोंमें विशाल हो वह मनुष्य धनी अनेक गौओंवाला और दीर्घजीवी होता है । ७५ ॥ जिसके एक वलि हो वह शास्त्रार्थी या स्त्रीप्रिय होता है दो वलिवाला आचार्य तीनव लिवाला बहुत संतानवाला और चार वलि - वाला राजा होता है ॥ ७६ ॥ जिन मनुष्योंकी त्रिवलि सरल हो वे स्वदारसंतोषी होते हैं और जिनकी त्रिवलि कुटिल हो वे पापी अगम्यगामी व्यभिचारी होते हैं । जिनके पसवाड़े पुष्ट और दाहिनी ओर घूमते हुये रोमोंसे युक्त हों वे राजा होते हैं और इससे विपरीत पसवाड़ोंवाले आज्ञाकारी नौकर होते हैं ॥ ७७-७८ ॥ जिन मनुष्योंके स्तनोंके अग्रभाग प्रकट न हों और स्थूल हों वे सुंदर होते हैं और जिनके दीर्घ और विषम हों वे धनरहित होते हैं ॥ ७९ ॥ पुष्ट विशाल उन्नत और कंपरहित हृदयके धारण करनेवाले राजा गिने जाते हैं और इनसे विपरीत एवं कडे रोमोंसे युक्त हृदयके धारक पुण्यहीन निर्धनी होते हैं । ८० ॥ ४
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जिनके वक्षःस्थल बरावर एवं पुंष्टहों वे मनुष्य राजा या धनी होते हैं। और जिनके लघु और विषम हों वे निर्धनी या शस्त्रसे जीने मरनेवाले होते हैं ॥ ८१ । जिसका जानु पुष्ट हो वह मालिक होता है उन्नत जानुवाला भोगी और जिसका नीचा और हाड़ोंसे आच्छन्न जानु हो वह निर्धनी और विषम जानुवाला विषम होता है ।। ८२ ।। जिनकी कांख ( कक्ष ) पसीनारहित पुष्ट उन्नत सुगंधित एवं समान रोमोंसे व्याप्त हों वे धनवान् होते हैं ।। ८३ । जिसकी ग्रीवा चिपटी शुष्क और नसोंसे ढकी हुई हो वह पुरुष निर्धनी होता है शंखके समान ग्रीवावाला राजा और महिषके समान ग्रीवावाला शूरवीर होता है ॥ ८४ ॥ जो पृष्ठभाग रोमरहित और सीधा हो वह शुभ होता है
जो रोमरहित झुका हुआ हो वह शुभ नहिं गिना जाता ।। ८५ ।। छोटे पतले टेडे एवं रोमवाले कंधे निर्धनके होते हैं विशाल एवं पुष्ट कंधे तेजस्वी या धनवानके होते हैं ।। ८६ ।। जिसके हाथ पुष्ट सम लंबे और हाथीकी सूंढ़के समान हों वे राजा होते हैं और छोटे २ रोमवाले हाथोंके धारक निर्धनी होते हैं ॥ ८७ ॥ जो मनुष्य दीर्घजीवी हैं उनके हाथों की अंगुलियां दीर्घ और कोमल होती हैं सुंदर मनुष्योंके हाथों की बलिरहित और विद्वानोंके हाथकी छोटी २ होती हैं ॥ ८८ ।। स्थूल हाथवाले मनुष्य निर्धनी, चिपटे हाथवाले आज्ञाकारी भृत्य, वंदरके समान हाथवाले मालिक और वाघ के समान हाथवाले मनुष्य क्रूर निर्दयी होते हैं ॥ ८९ ॥ जिनके मणिबंधन ( पोंचे गूढ़ और कड़ी संधियोंसे युक्त हों वे राजा होते हैं और ढीलेढाले शब्द करते हुये मणिबंधनोंसे युक्त मनुष्य दरिद्री समझे जाते हैं ॥ ९० ॥ नीची हथेलीके धारक मनुष्य नपुंसक होते हैं और उन्हें माता पिताका धन नहिं मिलता गोल और कुछ नीची हथेलियोंके धारक धनी समझे जाते हैं और जिनकी हथेलियां उन्नतहों वे दानी होते हैं । ९१ ।। लाल हथेलियोंके धारण करनेवाले धनवान विषम हथेलियोंके धारण करनेवाले क्रूर दरिद्री होते हैं एवं जिनकी हथेलियां पीली और रूक्षहों वे व्यभिचारी और कुरूप समझे जाते हैं ॥ ९२ ॥ जिनके नख तुषके समान हों वे नपुंसक, फटे नखोंके धारण करनेवाले निर्धनी कुछ सुरखाईको लिये हुये नखोंके धारक सेनापति और कुटिल नखोंके धारक तर्कवितर्क करनेवाले होते हैं ॥ ९३ ॥ जिनके अंगूठेपर यवका चिन्ह हो वे मालिक होते हैं जिनके अंगूठेके मूलभागमें चिह्नहो वे बहुत पुत्रवाले एवं जिनके अंगूठेपर निम्न और अतिशय स्निग्ध रेखा हों वे धनी होते हैं एवं इनसे विपरीत लक्षणोंके धारक निर्धनी नोकर आदि होते हैं ॥ ९४ ॥ सघन अंगुलियोंके धारक स्वामी और वेगरी अंगुलियोंके धारक नौकर होते हैं एवं पोंचोंसे हाथतक जिसके तीन रेखा हों वह राजा होता है ॥ ९५ ।। जिनकी प्रदेशिनीमें रेखा हो वह दीवायु होता है और जिसके कटी रेखा वा थोड़ी रेखा हो, |
बॉलीवुडः इंडस्ट्री की दिलबर गर्ल नोरा फतेही सबसे हॉटेस्ट एक्ट्रेस है जिनका बैली डांस उनके फैंस को बहुत ज्यादा पसंद है. इन दिनों सोशल मीडिया पर नोरा का एक बोल्ड लुक वीडियो पोस्ट बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इंटरनेट पर नोरा फतेही सेक्सी फिगर और बोल्ड अवतार कोहराम मचाकर रखते हैं. नोरा फतेही एक बार फिर अपने बोल्ड और सेक्सी अवतार से लाखों लोगों को अपना दीवाना बना रही हैं. इंटरनेट पर वायरल वीडियो में नोरा फेतही रेड कलर के सेक्सी गाउन में नजर आ रही हैं. उनका रेड कलर सेक्सी गाउन इंटरनेट पर काफी पसंद किया जा रहा हैं.
इस वायरल वीडियो में नोरा फतेही के सेक्सी लेग्स साफ़ नजर आ रहे हैं. रेड गाउन में नोरा का रेड लिप मेकअप भी काफी पसंद किया जा रहा हैं. नोरा फतेही अक्सर अपने डांस से लोगों को इंप्रेस करती आईं हैं लेकिन इस बार वह अपने डांस से नहीं बल्कि अपने सेक्सी फिगर से लोगों का दिल जीत रही हैं. नोरा को बॉलीवुड में पहचान अपने डांस की वजह से ही मिली हैं. दिलबर दिलबर सॉन्ग में नोरा का सेक्सी डांस काफी फेमस रहा था.
नोरा फतेही की बढ़ती पॉपुलैरिटी को देखते दिलबर गर्ल को सलमान खान की फिल्म भारत में भी आइटम नंबर करने का मौका मिला है. फिल्म भारत में कैटरीना कैफ दिशा पटानी से बड़े स्टार मुख्य किरदार में हैं. वहीं नोरा फतेही साल 2018 में स्त्री फिल्म में भी अपना शानदार जलवा दिखा चुकी हैं. नोरा फतेही इन दिनों काफी सुर्खियो में रहती हैं. वहीं नोरा फतेही सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहती है.
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मुन ती रहती है। धाम को पड़ी की मुई ममी पभि पर नहीं पहुंचती कि उसके पति उसे घर से जाने के लिए प्रा जाते हैं। है तो बुरी बात परन्तु उन दोनों को इस तरह इकट्ठा जाते देस मैं ईर्ष्या से भर उठती हूँ । काय हम इस तरह इहावे पर एमा भाग सकर में पश नहीं हुई हूँ । जितना समय में दफ्तर में काम करती रहती हूं वह तो ठीक व्यतीत होता है परन्तु जब बाम नहीं रहता जब मैं घर मा जाती है ताबारी के मिषाय और कुछ नहीं रह जाता तब उस समय अपम को स्मृतियों में भुसा रखना भी कठिन हो जाता है तो तुम्हारे पत्र खोस कर पड़ती हूँ । रातको नहीं मानी तो मी तुम्हारे पत्र ही मेरा सहारा होते हैं तुम इन पत्रों को इतने निर्मोही ढंग समिखते हो जैतुम्हे मुझ कोई मतभव नहीं । कोई सगाड़ नहीं । कृ! पैमासमता कि मै तुम्हार हृदय के भागों स परि बित नहीं। परन्तु म नारी हूं और नारी कुछ बातों में श्रमि है। मौन स्नेह नहीं तक या सगता है जब देने वाला और मने बामा पात्र एक-दूसरे के पास हो । एक स्नेह मिल पत्र जिम में मुझे यह प्रामामु मिसे कि तुम भी मुझे याद करते हो मुझे कितनी साना देता है। जाने इतमा पनि जाने के बाद भी तुम्हें पत्नी को प्रमन्यम मियमा क्यों नहीं पाया । मरा इत्य तुम्हारे एक पत्र के लिये तड़प उठता है । मुनो एक बात मूभी बुरा न मानो तो मं तुम्हे के लिए एक पत्र सिर मेजती हूं, उसी तरह कास्मेहमरा पत्र तुम मुझे भी मिलमा । देखा तुम्हें मेरी |
एक नाम है- डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी। बताया गया है कि ये ईएमएस का डॉक्टर है और इसके बयान के आधार पर एबीवीपी को जेएनयू में हुई हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ये क्या है, इसकी पड़ताल तो हम करेंगे ही लेकिन सबसे पहले जानिए कि मामला क्या है? जैसा कि हमें पता है, जेएनयू में नकाबपोश वामपंथी गुंडों ने जम पर उत्पात मचाया। एबीवीपी की छात्र-छात्राओं की पिटाई की गई। सिक्योरिटी गार्ड्स और प्रोफेसरों तक को नहीं बख्शा गया। एबीवीपी के कई छात्रों को हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ा। कई वायरल वीडियो से पता चला कि वामपंथियों ने पूरी हिंसा को अंजाम दिया है। हालाँकि, न्यूज़लॉन्ड्री जैसे प्रोपेगंडा पोर्टल्स ने कुछ और ही दिखाने का प्रयास कर के झूठ फैलाया।
अब सवाल ये उठता है कि ये डॉक्टर भट्टी हैं कौन? इसके लिए नीचे 'यूथ कॉन्ग्रेस' के इस ट्वीट को देखिए। ये ट्वीट फ़रवरी 15, 2019 का है। लगभग एक वर्ष पहले का। इसमें कॉन्ग्रेस ने सूचित किया है कि डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी को 'ऑल इंडिया मेडिकल सेल' का राष्ट्रीय संयोजक बनाया गया है। साथ ही कॉन्ग्रेस ने भट्टी को शुभकामनाएँ भी दी हैं। इससे क्या पता चलता है? डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी काफ़ी पहले से कॉन्ग्रेस से जुड़े रहे हैं और पार्टी के पदाधिकारी भी हैं। क्या ऐसे व्यक्ति के बयान को आधार बना कर कोई निष्पक्ष दावा किया जा सकता है? इसका जवाब है- नहीं।
जब आप डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी का फेसबुक प्रोफाइल खँगालेंगे तो आपको पता चलेगा कि वो मोदी-विरोधी हैं और सीएए के विरोध में उन्होंने भीड़ जुटाई थी। उनके 4 फेसबुक पोस्ट्स से आप समझ सकते हैं कि कैसे वो अक्सर मोदी और भाजपा के ख़िलाफ़ ज़हर उगलता रहता है। डॉक्टर भट्टी ने एक फेसबुक पोस्ट में जामिया के डॉक्टरों द्वारा सीएए के विरोध में लगातार 6 दिन प्रदर्शन करने की बात कही है। उसने दावा किया था कि यूपी पुलिस ने डॉक्टरों को पीटा, उनपर गोली चलाई और उनके साथ बर्बरता की। जबकि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है। ऑपइंडिया ने एएमयू थाने से संपर्क किया तो उन्होंने डॉक्टरों पर गोली चलाने या उन्हें पीटने की बात से इनकार किया।
अब आते हैं डॉक्टर भट्टी के दूसरे फेसबुक पोस्ट पर। अपने दूसरे फेसबुक पोस्ट में उसने दावा किया कि यूपी पुलिस ने सीएए के विरोध में बोलने पर आईएएस कन्नन गोपीनाथन को हिरासत में ले लिया है। उसने दावा किया कि सभी डॉक्टर सीएए और एनआरसी के ख़िलाफ़ है। उसका एक और फेसबुक पोस्ट है, जिसमें उसने दावा किया है कि पुलिस ने जेएनयू के डॉक्टरों व नर्सों की पिटाई की है। डॉक्टर भट्टी ने भारत में क़ानून का राज ख़त्म होने और अराजकता फैलने की बातें की। बता दें कि कट्टर विपक्षी नेतागण भी ऐसी ही बातें कर के भाजपा और पीएम मोदी पर हमला करते हैं। उसने लिखा कि उसका संगठन 'पुलिस के हमले' की निंदा करता है।
क्या एक अंधविरोध से ग्रस्त राजनीतिक व्यक्ति का बयान 'एक्सपर्ट ओपिनियन' के रूप में प्रयोग किया जा सकता है? मान लीजिए अगर प्रियंका गाँधी बोलती हैं कि पीएम मोदी अगला चुनाव हार जाएँगे, तो ये लिखा जा सकता है कि 'राजनीतिक विश्लेषक' प्रियंका गाँधी ने फलाँ बयान दिया है। नहीं, उन्हें 'कॉन्ग्रेस महासचिव' प्रियंका गाँधी ही लिखा जाएगा। न्यूज़लॉन्ड्री ने डॉक्टर भट्टी के बयान के साथ यही खेल खेला है। सवाल ये उठता है कि क्या डॉक्टर भट्टी एम्स की तरफ़ से बयान दे रहा था? आख़िर प्रोपेगंडा पोर्टल न्यूज़लॉन्ड्री ने उनके बयान को एम्स के डॉक्टर का बयान बता कर क्यों पेश किया? क्या पी चिदंबरम के मोदी के ख़िलाफ़ दिए बयान को 'लीगल एक्सपर्ट' के बयान के रूप में दिखाया जाएगा या फिर कॉन्ग्रेस के पूर्व मंत्री के बयान के रूप में?
मोदी विरोधी कॉन्ग्रेस समर्थक के बयान के आधार पर न्यूज़लॉन्ड्री ने दावा कर दिया कि एबीवीपी ने हिंसा की है और वामपंथी दंगाई निर्दोष हैं। ये ज़हरीला प्रोपेगंडा लोगों तक पहुँचाया गया। दरअसल, एम्स के वेबसाइट पर डॉक्टर भट्टी को 'Alumna' के रूप में दिखाया गया है। अगर ऐसा है तो फिर और भी कई सवाल उठते हैं। वो एम्स के वार्ड में कैसे घुसा और उसने एम्स की तरफ़ से मीडिया को बयान क्यों दिया? अगर वो अधिकृत ही नहीं है तो उसने छात्रों को लगी चोटों और उनके इलाज को लेकर एम्स की तरफ़ से टिप्पणी क्यों की? क्या उसे एम्स के वार्डस में जाने की अनुमति है या फिर उसे एम्स ने प्रवक्ता बनाया है? जाहिर है, ऐसा कुछ भी नहीं है।
असलियत क्या है? असलियत ये है कि डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद का डॉक्टर है। उसने एक के बाद एक ट्वीट कर के दावा किया था कि चंद्रशेखर बीमार है और उसे हार्ट अटैक आ सकता है। हालाँकि, पुलिस ने उसके दावों को नकार दिया था। 'स्क्रॉल' सहित कई मीडिया संस्थानों ने भट्टी को 'चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ रावण' का डॉक्टर बताया था और कहा था कि अगर उसे जेल से हॉस्पिटल में नहीं शिफ्ट किया गया तो उसकी जान जा सकती है। 'रावण' को दरियागंज में हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था।
तो क्या 'रावण' के डॉक्टर को न्यूज़लॉन्ड्री ने एम्स के मेडिकल एक्सपर्ट का बयान बता कर पेश किया? तो क्या भट्टी भी एक 'फ्रीलान्स प्रोटेस्टर' है, जो मोदी-शाह के ख़िलाफ़ हर मुद्दे पर ज़हर उगलने के लिए कहीं भी पहुँच जाता है। डॉक्टर भट्टी के बारे में एम्स की वेबसाइट पर लिखा हुआ था कि वो मणिपाल हॉस्पिटल में कार्यरत है। जब मणिपाल हॉस्पिटल को कॉल किया गया तो पता चला कि इस नाम का कोई डॉक्टर वहाँ है ही नहीं। मणिपाल की वेबसाइट पर भी सर्च करने पर उसका नाम नहीं मिलता है। कुल मिला कर डॉक्टर हरजीत सिंह भट्टी के बारे में एक-एक चीज संदिग्ध है और न्यूज़लॉन्ड्री ने उसके बयान के आधार पर झूठा दावा कर दिया।
(इस लेख को स्वाति गोयल शर्मा और अभिजीत अय्यर मित्रा के रीसर्च के आधार पर तैयार किया गया है)
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कैटरीना कैफ और विक्की कौशल की अब तक की सबसे रोमांटिक फोटोज सामने आई है.
कैटरीना और विक्की ने अपनी नई तस्वीरें शेयर की हैं.
दोनों पूल में रोमांटिक पोज देते हुए नजर आ रहे हैं। कैट ने व्हाइट कलर की बिकनी पहनी हुई है।
कैटरीना और विक्की शादी के बाद हर फेस्टिवल साथ मनाते हैं.
दोनों ही अपने काम से ब्रेक लेकर एक-दूसरे को टाइम देते हैं.
कैटरीना और विक्की इंडस्ट्री के नए प़ॉवर कपल बन गए हैं.
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( कुछ मुस्करा कर ) अच्छा, सुनो तो उनके सहयोग के बिना हम अकेले प्रान्तीय राजधानियों में बैठे-बैठे क्या कर सकते थे ? यहाँ भी एक ही दृष्टान्त देता हूँ - किसानों पर वसूली के लिए सख्ती न की जाय और इसी तरह के जाने कितने हुक्म हम निकालते, लेकिन उन्हें डिविजन के कमिश्नर, जिले के डिप्टी कमिश्नर और कलेक्टर, तहसीलों के तहसीलदार इत्यादि कभी नहीं मानते । नीतिव्रतऔर इतने पर भी उन्हें कोई सजा नहीं दी जाती ?
जब सबके सब एक से ही हों, सब सजा किस किस को दी जाय ? ( कुछ रुककर) अगर हमारे असेम्बली के मेम्बरान निस्वार्थी और सतर्क होते सो इन लोगों के द्वारा जिले के अफसरों पर कन्ट्रोल रखने की कोशिश की जा सकती थी, पर इनमे से भी अधिकांश को अपनी
पड़ी है। कोई अपनी म्युनिसिपैलिटी का प्रेसीडेन्ट होना चाहता है तो कोई अपनी डिस्ट्रिक्ट कौंसिल का चेयरमैन । कोई अपने रिश्तेदार, कोई अपने मित्र को इन स्थानीय संस्थाओं के नामजद मेम्बर बनवा देने के लिए फिक्रमन्द रहते हैं तो कोई पवलिक प्रसीक्यूटरी के पीछे घूमते हैं। किसी को अपने भाई भतीजों को नौकरी |
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र पहले दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। शून्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे का मुद्दा उठा।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र पहले दिन विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गया। शून्यकाल में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफे का मुद्दा उठा। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने मुद्दा उठाया। इसे व्यवस्था का प्रश्न बताकर भूपेश बघेल सरकार से जवाब मांगा गया। विधायक ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट की स्थिति बन गई है। मंत्री ने पत्र लिखकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को पहले 10 मिनट के लिए और बाद में गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया।
मॉनसून सत्र शुरू होते स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग से इस्तीफे के मुद्दे पर हंगामा हो गया। मंत्री टीएस सिंहदेव के इस्तीफे के मसले पर छत्तीसगढ़ विधानसभा में भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू किया। भाजपा के अजय चंद्राकर सहित दूसरे विधायकों ने सवाल उठाए। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व मंत्रियों का सामूहिक उत्तरादायित्व के तहत जवाब आना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि एक मंत्री का मुख्यमंत्री को पत्र लिखना संवैधानिक संकट और व्यवस्था का प्रश्न नहीं होता। मंत्री का इस्तीफा स्वीकार करने की सूचना विधानसभा सचिवालय को नहीं है। भाजपा विधायकों के हंगामा की वजह से सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो भाजपा ने हंगामा जारी रखा।
भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री से पूरे मामले पर जवाब मांगा। कांग्रेसी विधायक इस पर जवाब देने लगे। मुख्यमंत्री की तरफ से जवाब नहीं आने पर सदन में जमकर हंगामा हुआ। इसके बाद सदन की कार्यवाही विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी है। इससे पहले सदन की कार्रवाई शुरू होते ही प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष ने जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वयन में देरी और गड़बड़ी को लेकर जोरदार हंगामा किया और सदन का वॉकआउट किया। भाजपा विधायकों ने कहा कि मंत्रियों के तय प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा है। कोरोनाकाल में फैसलों के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति अभी भी फैसले ले रही है। सीएस को मंत्रियों के ऊपर बिठाया जा रहा है। इसपर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया।
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* श्रीहनुमानका व्यक्तित्व
और उनकी प्रभावशालिना वाकू शक्तिकी मशमा जिनके द्वारा की गयी है, उनके लिये स्वय वाल्मीकि लिम्य गये है 'रामो द्विर्नाभिभापते । - श्रीराम दो प्रकारका बातें नहीं कहते ।' श्रीरामके इस कथनमें किसी प्रकारकी अतिशयोचि नहीं खोजा जा सकती ।
मन, कर्म और वाणीकी एकवा
हनुमानजी स्वयं महामनस्वी व्यक्ति थे । उनका मन जितना पवित्र और सयल था, उतने ही उनके कर्म भी पवित्र और सबल थे। उनका मन और उनके कर्म जिस प्रकार पवित्र और सतल थे, उसी प्रकार उनकी वाणी नितान्त निष्कपट, यथार्थ और आजस्विनी थी। इस प्रकार शुद्ध मन, शुद्ध कर्म और शुद्ध वाग्वलवाले श्रीहनुमान सुदैन सत्यके दी पक्षघर बने रहे और उसी सत्यमें एकाकार होकर वे उसके लिये प्रत्येक सकट झेलनेको तत्पर रहते थे। इसके प्रमाणके लिये वाल्माकीय रामायणका मदान् आधार हमारे सम्मुख आज भी नियमान है।
भीहनुमान आजके युगके लोगोंका भाँति उगते सूर्यके पुजारी नहीं थे। उनको वाली के बल प्रताप, ऐश्वर्य और रायसे कोई प्रयोजन न था । वे उन सुमीवके साथ थे, जिनके पत्र सत्यको छोड़कर और कुछ था ही नहीं। श्रीहनुमानमें ऐसी क्षमता थी कि वे धर्म और सत्यके का तथा अधर्म और असत्यके पक्ष अन्तर तुरत ममझ लेते य और तत्क्षण ऐसा निर्णय करते थे, जो स्पायी होता था । उसारका कोई भी प्रलोभन उहें उससे डिगा नहीं सकता था। अपनी महती प्रशाके द्वारा उन्होंने श्रीरामके उम्र सत्यमार्गकी महत्वा पहचान ली थी, जिसके लिये यह घोषित हो चुका है - यतो धमळतो जय ।'
भीरामनाउघर होरा सहज ग्राम नहीं था। श्रीरामके पक्षमें किसी भी प्रकार के भौतिक मुखों की प्राप्ति सम्भव नहीं थी। उनके घर के लिये यह अनियाय था कि वद सत्यका ओरखे असरयसे सघन कर वाली और रावण-जेस अग्रस्योन्मुख और सत्ता सम्पन्न विपक्षियोंका विरोध झेलना कोई सरल कार्य नहीं था । यद विरोध श्रीहनुमानपर न तो मुमीचत्रे द्वारा यदा गया था और न भीगभत्रे दी द्वारा यह उनपर मढ़ा गया था। यह उनके स्वयके तत्र चिन्तनका परिणाम था। एक सत्याप्रदी वयंसेवककी भाँति उन्होंने स्वयं ही इस विशेषका वरण किया
था । इसीलिये न जोवनभर मुग्रीनरे सचिन और श्रीरामको सेनाके स्वयंसेवक बने रहे। श्रीरामकी महती कृपा प्राप्त करके भी उदनि सदैव ही अपना नेता और अधिपति माना, यह उनकी एक बड़ी विशेषता थी । श्रीराम और सुग्रीवको वनभरक लिए करनमें हनुमानन अपनो त्रिस निलक्षण प्रतिमाका परिचय दिया था, उसी विलक्षण शक्तिका सतत परिचय देते हुए वे मुप्रीवके सचिव और श्रीरामके सेवक बने रहे।
श्रीहनुमानका मत्यार्पित जीवन
श्रीहनुमानने अपना सारा जीवन सत्यको समर्पित कर रखा था। सत्यके लिये समर्पित होकर उन्होंने अपने आपसे श्रीराम कायमय बना डाला था। विषम परिस्थितियों में भी उन्होंने भ्रष्टाचारके सम्मुन पुग्न नहीं टेके। उन्होंने उस समय अपने राज्यके युवराज अङ्गदको भी धीरज बँधाया, जब वे मृत्युसे डरकर अपने कर्तव्यधर्मस च्युत होने जा रहे थे। जा श्रीहनुमान समुद्र पार करनेके हेतु यारो विदा होने लग यह समय भी बड़ा नियम था। न जाने कौन-सी पिसि उनके सामने आ जाय । समुद्र प्रष्टि होना मृत्यु गुलमें ही प्रविष्ट होना तो था । फिर समुद्रके उस पार एकाकी हनुमानके सामने शत्रुओंका यद भयकर साम्राज्य था, जिसकी सुलना में खगारकी गभी भीरगाएँ फीकी दा जाती थीं । यदि हम अपने आपको श्रीदनुमानके म्यानपर रखकर परिस्थितिका न करें, तमो दम यह समझ पायेंगे कि श्रीहनुमान में कितनी अधिक सत्यनिष्ठा थी। उनमें कैसा ग्यलन्त शौष था और कितना निर्भीक था उनका
स्वभान ! कितना साइगु था उनमें ।
महानिपत्तिका माक्षात्कार
महात्रिपत्ति धाकार दो उठी ! भीहनुमानक बंदी हो गये । उद अपमानपूरक मारा-पी गया । तिरस्कारपूयक बाँधकर नगरकी सड़कोंपर पैदल चलकर उन्हें राज-दरबारमें उस सम्राटूक मम्मुख उपस्थित किया गया, जिसके आतसे उस युगको घरती ना नादि कर रही थी। मे सम्मुख नदी होकर जानेकी कल्पनाह औरतच साचिये कि हनुमान तिने सादग्री, विनिर्मा और कितने श्रीरामपैड-गमत ।
सोहगावाप मात्राममने अब द्वारा परिचर जानना थानेस |
Indore Airport: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर में समर शेड्यूल के तहत हवाई सेवाओं का विस्तार होने जा रहा है। इसमें अंतरराष्ट्रीय और घरेलू हवाई सेवा बढ़ने से यात्रियों का सफर आसान होगा। चार दिन बाद शुरू हो रहे समर शेड्यूल में 20 नई उड़ानें शुरू होंगी। देश के सात शहर में नियमित और शारजाह के लिए सप्ताह में तीन दिन उड़ानें संचालित होंगी। तीन शहरों के लिए उड़ानों में विस्तार होगा, जबकि चार शहर नए जुड़ेंगे। कोविड काल के दौरान बंद उड़ानें फिर से शुरू होंगी।
देवी अहिल्याबाई होलकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से वर्तमान में 76 नियमित उड़ानें संचालित होती हैं, लेकिन समर शेड्यूल के बाद उड़ानों की संख्या 95 हो जाएंगी। इसमें देश के अंदर 14 और छह उड़ानें शारजाह के लिए बढ़ेंगी। नई घरेलू उड़ानें शुरू होने से यात्रियों के पास विकल्प होंगे। एयरपोर्ट अधिकारियों का कहना है कि समर शेड्यूल में इंडिगो, विस्तारा और एयर इंडिया एक्सप्रेस द्वारा नई उड़ाने शुरू की जाएंगी। उड़ानें का शेड्यूल जारी होने के बाद तैयारी शुरू कर दी गई हैं। पहली बार विस्तारा एयरलाइंस मुंबई के लिए उड़ान भरेगी। विमान मुंबई से इंदौर प्रतिदिन रात 10 बजे पहुंचेगा और 10. 35 को वापस मुंबई के लिए रवाना होगा।
इंदौर से सात शहरों के लिए उड़ानें शुरू होने जा रही हैं। इनमें मुंबई, अहमदाबाद और लखनऊ में उड़ानों का विस्तार होगा। इंडिगो की अहमदाबाद के लिए तीसरी उड़ान और लखनऊ के लिए दूसरी उड़ान शुरू होगी। वहीं, कोविड काल के दौरान बंद हो चुकी शिर्डी और सूरत के लिए फिर से उड़ान शुरू होगी। उदयपुर और राजकोट इंदौर से पहली बार जुड़ेंगे। अब तक इन शहरों के लिए इंदौर से उड़ानें संचालित नहीं होती थी।
वर्तमान में इंदौर से 24 शहरों के लिए विभिन्न कंपनियों की उड़ानें संचालित होती हैं। अब चार और नए शहर शिर्डी, उदयपुर, सूरत और राजकोट जुड़ जाएंगे। ऐसे में इंदौर से 28 शहरों के लिए विमान सेवा उपलब्ध होगी।
- 95 हो जाएंगी इंदौर से उड़ानों की संख्या।
- समर शेड्यूल में सात शहरों के लिए शुरू होगी नई उड़ानें।
- सूरत और राजकोट की उड़ानें 1 मई से होगी प्रारंभ।
- राजकोट और उदयपुर के लिए पहली बार इंदौर से शुरू होगी उड़ान।
- कोविडकाल के बाद फिर शुरू होगी शिर्डी और सूरत के लिए उड़ान।
- अहमदाबाद और लखनऊ रूट पर होगा उड़ानों का विस्तार।
- शिर्डी, उदयपुर, राजकोट और सूरत नए शहर जुड़ेंगे।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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हरभजन ने कहा- 'अच्छा किया धौनी, आम्रपाली ने नहीं दिया विला'
टीम इंडिया के क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के रियल स्टेट कंपनी आम्रपाली से नाता तोड़ने पर शाबाशी मिली है।
नई दिल्ली (एएनआइ)। टीम इंडिया के क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धौनी के रियल स्टेट कंपनी आम्रपाली से नाता तोड़ने पर शाबाशी मिली है। धौनी को ये शाबाशी क्रिकेटर हरभजन से मिली है। इतना ही नहीं भज्जी ने कंपनी पर भी अपनी भड़ास निकाली है।
धौनी के आम्रपाली से नाता तोड़ने वाली खबर सुनते ही हरभजन सिंह ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर ट्वीट किया। भज्जी ने अपने ट्वीट में लिखा कि वेल डन धौनी। आम्रपाली की ब्रैंड एम्बैसडरशिप छोड़ कर अच्छा काम किया। आम्रपाली ने 2011 में विला देने की घोषणा के बावजूद नहीं दिया।
अपने दूसरे ट्वीट में हरभजन सिंह ने लिखा है कि कम से कम जिन लोगों ने पैसे दिये हैं उन्हें तो घर मिलना ही चाहिए। हमें विला देने की घोषणा करना पब्लिसिटी स्टंट हो सकता है।
आम्रपाली बिल्डर्स के निदेशक अनिल शर्मा ने कहा है कि हरभजन का विला तैयार है। वो जब चाहें अपना विला ले सकते हैं।
बता दें कि 2011 विश्व कप जीतने के बाद अम्रपाली समूह के सीएमडी ने 11 क्रिकेटरों को विला देने की घोषणा की थी, लेकिन अभी तक किसी को भी विला नहीं मिला।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में आम्रपाली बिल्डर्स के कुछ प्रोजेक्ट्स लंबे समय से अटके रहने पर लोगों ने सोशल मीडिया पर कैंपेन चला एमएस धौनी की आलोचना की थी। कुछ लोगों ने उनसे कंपनी की ब्रांड एंबैसेडरशीप छोड़ने का भी आग्रह किया था, जिसके बाद धौनी ने कंपनी से अपना नाता तोड़ लिया।
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अलीराजपुर. अलीराजपुर में सामाजिक कुरीति का एक वीभत्स चेहरा सामने आया है. जिले के नानपुर थाना क्षेत्र के मोरी फलिया में 40 साल पहले घर से भागकर शादी करने वाली 58 वर्षीय सन बाई की मौत के बाद मायके वालों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया. अंतिम क्रिया के पहले ही सन बाई का शव ससुराल से उठाकर मायका गांव उंडवा लेकर आ गए.
दरअसल क्षेत्र में प्रचलित आदिवासी सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार भागकर शादी करने वाले दंपती पर समाज की पंचायत में कुछ दंड निर्धारित किये जाते है. जिसे दापा कहते है. इस दंड (दापा) को प्राप्त करने का अधिकार महिला के मायके पक्ष को होता है. चार दशक पहले सन बाई के विवाह के समय निर्धारित इस सामाजिक दंड को अभी तक चुकाया नहीं गया था. वहीं मृतका के भाई ज्ञानसिंह का कहना है कि उन्होंने दितिलिया चंगोड़ से भागकर शादी कर ली थी. उस समय सामाजिक बैठक में 5000 रुपये और एक बकरे के दंड़ से दंडित किया गया था. उस दण्ड का भुगतान अभी तक दितिलिया द्वारा नहीं किया गया. इसलिये उसे या उसके परिवार को सनबाई का अंतिम संस्कार करने का हक नहीं है.
मृतका के परिजन मोहन सिंह निवासी मोरी फलिया ने बताया कि अंतिम क्रिया के समय सन बाई के घर पहुंचे. उसके मायके वालों ने उसके शव को अपने कब्जे में लिया और उसे अपने घर ले जाने लगे. बाद में कुछ लोगों के समझाने पर दोनों पक्ष नानपुर थाने पहुंचे. जहां घंटों चले विवाद के बाद मृतका के 10 बच्चों ने 5-5 सौ रुपये एकत्रित कर अपने मामा ज्ञान सिंह को दिया. इसके बाद मृतका सन बाई का अंतिम संस्कार हो सका.
मामला थाने जरूर पहुंचा था. दोनों पक्षों की ओर से किसी प्रकार की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई. मामला सामाजिक रीति रिवाज से जुड़ा होने के बाद पुलिस ने इसे अहस्तक्षेप योग्य मानकर इसमें दखल नहीं दिया.
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लीबिया के राष्ट्रीय सेना के कमांडर खलीफा हफ़्टर ने लीबिया में विकासशील स्थिति के बारे में बात की। मार्शल हफ़्टर के अनुसार, तथाकथित राष्ट्रीय सरकार के प्रतिनिधि, "जो देश में व्यापक असहमति का पीछा कर रहा है, तुर्की के कब्जे पर दांव लगाने की कोशिश कर रहा है। "
Haftarah:
हम तुर्की उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ेंगे। हमारे बहादुर सैनिकों और अधिकारियों के लिए, यह एक पवित्र युद्ध है जिसमें हम सभी के लिए जीत के अलावा कुछ नहीं है।
इस बीच, लीबिया से ऐसी खबरें आ रही हैं कि पीएनएस सेना फैयाज सराज, इदलिब से तुर्की द्वारा तैनात आतंकवादियों के सक्रिय समर्थन के साथ, त्रिपोली के दक्षिण में एक प्रमुख सुविधा का नियंत्रण ले लिया है। यह अल-यारमुक सैन्य अड्डा है, जिसका इस्तेमाल एलएनए द्वारा देश की राजधानी लेने के लिए कमांड के मुख्यालय के रूप में किया गया था।
पीएनएस के प्रतिनिधियों का दावा है कि अल-यरमौक को कथित तौर पर "पीएमसी वैगनर के रूसी व्यापारियों" द्वारा नियंत्रित किया गया था।
यह एक तुर्की सहयोगी के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टेलीफोन पर बातचीत के बारे में जाना गया। ट्रम्प ने एर्दोगन को जल्द से जल्द संघर्ष को खत्म करने का आह्वान किया। स्मरण करो कि संयुक्त राज्य अमेरिका लीबिया में पीएनएस की पूरी जीत की संभावना के बारे में चिंतित है इस तथ्य के कारण कि तब लीबिया के क्षेत्र फिर से काम शुरू कर सकते हैं और लीबिया के तेल का बड़े पैमाने पर निर्यात खुल सकता है। फिलहाल, हजर की सेनाएं सारज के लिए इस अवसर को वापस ले रही हैं, लेकिन अगर LNA खो देता है, तो लीबिया का तेल विश्व बाजार में बाढ़ लाएगा और OPEC + प्रारूप में पहुंच गए सभी समझौतों को कम कर देगा।
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असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (फाइल फोटो)
Assam Mizoram Border Dispute: असम सरकार की ओर से नवीनतम यात्रा सलाह जारी की गई है. इसमें असम के नागरिकों को मिजोरम की यात्रा ना करने की सलाह दी गई है. साथ ही मिजोरम में रह रहे असम के लोगों को भी पूरी सावधानी बरतने के लिए कहा गया है.
असम सरकार की ओर से जारी नवीनतम यात्रा सलाह में असम के नागरिकों को मिजोरम की यात्रा ना करने की सलाह दी गई है क्योंकि मौजूदा स्थिति असम के लोगों की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. 26 जुलाई को असम और मिजोरम के बीच सीमा संघर्ष और अंधाधुंध गोलीबारी में राज्य के 6 पुलिस अधिकारियों और एक नागरिक की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए है.
1. मौजूदा गंभीर स्थिति को देखते हुए असम के लोगों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है क्योंकि असम के लोगों की व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए किसी भी खतरे को स्वीकार नहीं किया जा सकता है.
2. काम से जुड़ी मजबूरी के चलते मिजोरम में रह रहे असम के लोगों को पूरी सावधानी बरतनी चाहिए.
एडवाइजरी में यह भी कहा गया है, 'इस घटना के बाद भी कुछ मिजो सिविल सोसाइटी, छात्र और युवा संगठन लगातार असम राज्य और उसके लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयान जारी कर रहे हैं. ' असम पुलिस के पास उपलब्ध वीडियो फुटेज के अनुसार माना जाता है कि कई निवासी स्वचालित और अन्य हथियारों से लैस हैं.
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जिन सज्जनों के मन में सदा परोपकार करने की इच्छा बनी रहती है, उनकी विपत्तियाँ नष्ट हो जाती हैं और उन्हें पग-पग पर सम्पत्ति प्राप्त होती है।
। । आप सभी का दिन मंगलमय हो। ।
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यूपी में आगरा जिले में गैंगरेप कांड के दोनों आरोपियों को 116 दिन में सजा सुनाई गई। जंगल में गैंगरेप के बाद पत्थर से सिर कुचलकर और गला घोंटकर हत्या का प्रयास भी किया था।
आगरा में मांगरौल गूजर (सिकंदरा) गैंगरेप कांड के दोनों आरोपियों को 116 दिन में सजा सुनाई गई। जंगल में गैंगरेप के बाद पत्थर से सिर कुचलकर और गला घोंटकर हत्या का प्रयास भी किया था। दुराचारी पीड़िता को मरा समझकर छोड़ गए थे। सिकंदरा पुलिस ने घटना में सात दिन में कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रमेंद्र कुमार ने दोषी गणेश और संतोष को ताउम्र कैद की सजा सुनाई है। दोनों को दो-दो लाख रुपये जुर्माने से भी दंडित किया है। पीड़िता को इंसाफ दिलाने में पुलिस और अभियोजन ने अहम भूमिका निभाई है।
10 मार्च 2023 को 14 वर्षीय किशोरी मांगरौल गूजर के जंगल में लहूलुहान हालत में मिली थी। वह जंगल से घिसटते हुए सड़क किनारे तक आई थी। नौ मार्च की दोपहर से वह लापता थी। परिजन तलाश में जुटे थे। घटना के बाद पुलिस ने किरावली निवासी गणेश और संतोष को गिरफ्तार करके जेल भेजा था। किशोरी को बहाने से बुलाया गया था। आरोपित पहले उसे रुनकता बाजार ले गए थे। बाद में वापस छोड़ने के बहाने आए थे। जंगल में ले जाकर दुराचार किया था। वह किसी को कुछ बता न दे इसलिए पत्थर से सिर कुचला था। दुपट्टे से गला घोंटा था। संयोग से किशोरी बच गई थी। किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने गैंगरेप, हत्या का प्रयास, साक्ष्य नष्ट करने और पॉक्सो एक्ट की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया था।
पुलिस आयुक्त डॉक्टर प्रीतिंदर सिंह ने इंस्पेक्टर सिकंदरा आनंद कुमार साही को निर्देश दिए थे कि सात दिन में चार्जशीट पेश की जाए। पुख्ता साक्ष्य जुटाए जाएं। रुनकता चौकी प्रभारी कुंवरपाल सिंह ने मुकदमे की विवेचना की। डिजिटल साक्ष्य भी जुटाए।
न्यायालय में पीड़िता ने अपने बयान में कहा कि वह चाहती है कि दोनों दरिंदों को फांसी होनी चाहिए। अभियोजन की ओर से वादी, पीड़िता, प्रधानाचार्य तेज प्रकाश सिंह, जय प्रकाश, मुख्य आरक्षी सत्यवीर सिंह, डॉ. वंदना तुलसी, डॉ. केसी भगत, विवेचक कुंवरपाल सिंह, डॉ. मोहित गोपाल वार्ष्णेय को गवाही के लिए न्यायालय में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट प्रमेंद्र कुमार ने पीड़िता और गवाहों के बयान के आधार पर गणेश और संतोष को दोषी पाते हुए ताउम्र कैद की सजा सुनाई। अभियोजन की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सुभाष गिरि और विशेष लोक अभियोजक विजय किशन लवानिया और वादी के वरिष्ठ अधिवक्ता संतोष दीक्षित द्वारा की गई थी।
विवेचक ने किशोरी का खून से सना दुपटटा, उसकी चप्पल, कपड़े, बाल, बाइक पर पीड़िता को ले जाने के सीसीटीवी फुटेज, एक रेस्टोरेंट के सीसीटीवी फुटेज, आरोपियों की मोबाइल की लोकेशन, घटना के समय जंगल में मौजूदगी, शराब की खाली बोतल, दो खाली गिलास, नमकीन के पाउच आदि साक्ष्य जुटाए थे।
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