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केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में श्री अन्न (मिलेट्स) को दुनियाभर में लोकप्रिय बनाने के प्रयास हो रहे हैं और 2023 को पूरी दुनिया अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मना रही है। श्री पटेल नई दिल्ली में एसोचैम द्वारा आयोजित वनस्पति-आधारित खाद्य पदार्थ पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे।
श्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने मोटे अनाज को आदर्श भोजन बताते हुये कहा कि दुनिया के एक वर्ग ने एक समय पर इसे गरीबों और पक्षियों का भोजन बताकर दरकिनार कर दिया था, लेकिन आज दुनियाभर में इसे स्वास्थ्य के लिये बेहतर बताया जा रहा है और वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया गया है।
श्री पटेल ने कहा कि आज दुनिया मधुमेह, कॉलेस्ट्रॉल और कई अन्य बीमारियों से जूझ रही है, मोटा अनाज आदर्श भोजन होने के साथ-साथ बीमारियों को भी दूर रखता है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के प्रति सजगता बढ़ने के बाद देश- दुनिया में वनस्पति-आधारित खाद्य पदार्थों की तरफ लोगों का रूझान बढ़ता जा रहा है।
सम्मेलन के दौरान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में गति लाने के लिये वनस्पति-आधारित खाद्य पदार्थों को प्रोत्साहन देने पर चर्चा की गई और ये स्वीकार किया गया कि इस क्षेत्र में बाजार विकास की व्यापक संभावनायें हैं।
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सोनम कपूर ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ऐसा ट्वीट किया, जिससे सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी क्लास लगा दी. उन्होंने मुंबई में चल रहे निर्माण के कारण बढ़ते यातायात और प्रदूषण पर नाराजगी व्यक्त की।
हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स को यह पसंद नहीं आया और सोनम के इस ट्वीट के बाद उन्होंने सोनम की राय को लेकर उन्हें ट्रोल करना और उनकी आलोचना करना शुरू कर दिया। एक शख्स ने लिखा कि सालों पहले जब आपका घर बना था तो उससे भी ज्यादा प्रदूषण था। साथ ही आपकी कार 100% प्रदूषण मुक्त नहीं है। एक अन्य शख्स ने लिखा विकास। यह काम सालों पहले हो जाना चाहिए था। कई बार वे नहीं पहुंचते। फिर भी आप एक एयरकॉन कार के अंदर सफर कर रहे हैं और आप उससे जल रहे हैं। एक रोज़ कम्यूटर की कल्पना करो।
एक ने लिखा मैडम, लेकिन आप रोल्स रॉयस, बीएमडब्ल्यू और मर्क में सफर करती हैं। उन लोगों की कल्पना करें जो बाइक पर या भीड़ भरी बस में यात्रा कर रहे हैं। अभी भी हमारे हौसले बुलंद हैं। और आपके पास दुनिया की सारी सुख-सुविधाएं हैं, इसलिए आप शिकायत करना चुनते हैं। एक ने सलाह दी कि साइकिल खरीदो और प्रदूषण कम करने के लिए अपना काम करो। लोग आपको फॉलो करेंगे। इसमें समय कम लगता है और प्रशंसक भी आपको सवारी करते हुए देखने का आनंद लेंगे और आपकी सराहना करेंगे।
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टीवी का चर्चित शो बिग बौस 12 में जसलीन मथारू कंटेस्टेंट रह चुकी हैं. इस शो में आम कंटेस्टेंट्स भी हिस्सा ले चुके हैं. इस शो में जसलीन मथारू काफी चर्चित थीं. आपको बता दें, जसलीन मथारू कलर्स चैनल के शो 'विश' से अपने एक्टिंग की शुरुआत करने जा रही हैं. इस शो में देबिना बनर्जी, विशाल वशिष्ठ और सना मकबूल प्रमुख भूमिकाओं में हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जसलीन मथारू 'विश' में एक 'जलपरी' की भूमिका निभाएंगी. 'विश' के साथ अपने फिक्शन टीवी डेब्यू की पुष्टि करते हुए, जसलीन मथारू ने मीडिया से कहा है कि, "हां, मैं शो कर रही हूं और जल्द ही इसकी शूटिंग शुरू करूंगी. हालांकि, मैं अभी तक अपने किरदार के बारे में नहीं जानती हूं. मैं केवल इतना कह सकती हूं कि यह है बहुत खास और दिलचस्प किरदार है."
जसलीन मथारू 'बिग बौस 12' में भाग लेने के बाद लोगों के बीच काफी मशहूर हुईं. वह 'बिग बौस' के घर में रहने के दौरान लगातार लाइमलाइट में थीं क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि वह अपने पार्टनर अनूप जलोटा को डेट कर रही हैं.
अन्य 'बिग बौस 12' के कंटेस्टेंट्स के बारे में बात करें तो रोमिल चौधरी ने स्टार प्लस के साथ 'कहां हम कहां तुम' से अपनी एक्टिंग करियर की शुरुआत की. रोश्मी बनिक ज़ी 5 की वेब-सीरीज 'इश्क आज कल' का हिस्सा हैं. जबकि, 'खान' बहनों में सबा और सोमी के हाथ में एक्टिंग के प्रोजेक्ट्स हैं.
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नई दिल्ली। गुजरात में पहले चरण के मतदान के लिए कुछ ही घंटे बाकी हैं लेकिन भाजपा ने अपना घोषणापत्र अभी तक जारी नहीं किया. घोषणा पत्र जारी नहीं करने को लेकर विपक्षी दल कांग्रसे ने भाजपा की तीखी आलोचना की थी, राहुल गांधी ने ट्वीट कर इसे गुजरात की जनता का अपमान बताया है. वहीं अब पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी भाजपा पर तीखा हमला बोला है. हार्दिक ने ट्वीट कर कहा है कि भाजपा सीडी बनाने के चक्कर में घोषणा पत्र बनाना ही भूल गई.
CD बनाने के चक्कर में भाजपा घोषणा पत्र बनाना भूल गई,कल वोटिंग हैं। ? ? ? ?
गुजरात में विकास के साथ साथ चुनावी घोषणा पत्र भी लापता हैं। साहब कोई कुछ भी नहीं कहेगा कृपया आप एक बार चुनावी घोषणा पत्र में अपनी शैली में फेंक दीजिए ? ? ?
आपको बता दें कि नवंबर में नवंबर में पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की कथित सेक्स सीडी वायरल की गई थी. जिसमें दावा किया गया था कि सीडी में दिखाई देने वाला शख्स हार्दिक पटेल ही था. जिस शख्स ने यह सीडी जारी की थी बाद में उसकी फोटो गुजरात के एक मंत्री के साथ वायरल हुई थी.
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सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी के इलाज की देखरेख के लिए एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। बोर्ड में विभिन्न विभागों के छह विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं। वे बीमार कांग्रेस नेता के स्वास्थ्य और उपचार की निगरानी करेंगे और निजी अस्पताल के डॉक्टरों से समन्वय करेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने नेय्यातिनकारा के निम्स अस्पताल में चांडी का दौरा करने के बाद एक मेडिकल बोर्ड नियुक्त करने का निर्णय लिया, जहां उन्हें सोमवार रात निमोनिया के साथ भर्ती कराया गया था।
पूर्व मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य तब चिंता का विषय बन गया जब उनके छोटे भाई एलेक्स वी चांडी और अन्य रिश्तेदारों ने आरोप लगाया कि बीमार नेता को उनके करीबी परिवार के सदस्यों द्वारा उचित उपचार नहीं दिया गया था। उन्होंने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को याचिका दी और उनके हस्तक्षेप की मांग की। मुख्यमंत्री ने चांडी के स्वास्थ्य पर चर्चा करने के लिए ओमन चांडी के परिवार को भी फोन किया और आगे के इलाज के लिए स्वास्थ्य मंत्री को भेजने का फैसला किया।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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Phone hack ho jaye to kya kare: इन दिनों फोन का इस्तेमाल कॉलिंग, मेल, मीडिया, और बहुत कुछ करने के लिए किया जाता है। हम फोन का उपयोग निजी डेटा जैसे व्यक्तिगत आईडी, सरकारी आईडी या यहां तक कि काम से संबंधित प्राइवेट फाइलों को स्टोर करने के लिए भी करते हैं।
इसका मतलब यह भी है कि अपने फोन को वायरस और हैकर्स से बचाना जरूरी है। इस गाइड में, हम इस बात पर एक नज़र डालेंगे कि कैसे पता लगाया जाए कि आपका फोन हैक हो गया है या नहीं।
यदि आपको थर्ड पार्टी से बहुत अधिक पॉप-अप विज्ञापन और बहुत से फालतू ऐप्स मिल रहे हैं, तो इस बात की अधिक संभावना है कि आपने एक मैलवेयर/स्पाइवेयर ऐप इंस्टॉल किया है जो इस प्रकार के पॉपअप को स्क्रीन पर डिस्प्ले करता है। ऐसे मामलों में आप उस कंटेंट पर क्लिक न करें क्योंकि यह बेहद हानिकारक है।
जब आप अपने कॉल लॉग या एसएमएस की जांच करते हैं, तो हो सकता है कि आपको उन लोगों के फोन दिखाई दें, जिन्हें आपने शुरू नहीं किया होगा और उन लोगों को एसएमएस कर सकते हैं जिन्हें आप शायद नहीं जानते हैं या शुरू नहीं करते हैं। अगर ऐसा है तो आपका फोन हैक होने की पूरी संभावना है।
यदि आपका फोन हैक हो गया है, तो सिस्टम का परफॉरमेंस प्रभावित हो सकता है और इसके कारण, फोन सुस्त काम कर सकता है और परफॉरमेंस एक बड़े अंतर से धीमा हो जाएगा। और, कुछ ऐप्स अपने आप ओपन हो सकती हैं।
यदि आपका फोन हैक हो गया है, तो कुछ स्पाइवेयर ज्यादा मात्रा में मोबाइल डेटा या वाई-फाई का उपयोग करते हैं, जिसे आप आसानी से फोन की सेटिंग में ले जा सकेंगे। ऐसे में आप चेक कर लें की आपके स्मार्टफोन में कौन सा ऐप ज्यादा डेटा खपत कर रहा है और इसे रिमूव करें।
जबकि आधुनिक समय के स्मार्टफोन ज्यादातर समय आसानी से एक दिन चल सकते हैं, यह उपयोग के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। लेकिन, अगर आप तेजी से बैटरी ड्रेन का अनुभव कर रहे हैं, तो यह जरूर चेक करें कि कौन सा ऐप सबसे ज्यादा बैटरी की खपत कर रहा है और इसकी जांच करें।
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खिदमत फरदय कदे न उरदा, रोजे जल तो सेवा
फरदा ।
लूं लू दे पिच रैइंदा घरदा, हर शै-समाना रे नौकर मेरा ।। वाह वाह० १
जद मौला मौला पन छुडदा, नौकर नम्ररे टसरे फडदा । फिरभी टेहल श्रोह पूरी करदा, हर नाच नचाना नौकर मेय ॥ ब्राह याद्द० २
( १ ) मेरा नौकर ( ईश्वर ) सेवा करने से कभी भी नहीं डरता है और अनादि काल से सेवा करता चला आता है और (यह ऐसा नोकर है कि ) मेरे रोम रोम में बसता है और सर्व वस्तू में रम रहा है । 1
( २ ) वय ईश्वर अपने ईश्वरपन को छोड़ता है अर्थात् जय यह पुरुष अपनी अझदृष्टि को स्यागता है सब ईश्वर रूपी नौकर भी उसरे टसरे करने लग पड़ता है, पर तो भी वह सेवा पूरी करता है । याद याद ! हर तरह के नाथ नाघने झाषा ( काम करने पाखा ) मेरा नोकर है ।
१ जनादि काल मे वाना, मध्यदेवख ५ ईश्वर पापा
न] रो रो कर 8 प्रत्येक वस्तुमाने ई ईश्वरपन देशव पैदा |
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अरोड़ा (पंजाबीः ਅਰੋੜਾ) या अरोरा पंजाब मूल का समुदाय/जाति है। अधिकांश अरोड़ा हिन्दू है और खत्री के साथ वह पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तानी पंजाब) के मुख्य हिन्दू समूह है। इनका मुख्य पेशा व्यापार हुआ करता था और दक्षिणी-पश्चिम पंजाब के सराइकी भाषी समाज में इनका काफी प्रभाव था। चेनाब के आसपास बसे अरोड़ा की जीविका कृषि पर आधारित थी। हालांकि अरोड़ा एक उच्च जाति है लेकिन उसे खत्री से नीचा माना जाता है। दोनों समुदाय एक दूसरे के काफी निकट हैं और दोनों समुदायों के बीच शादियां भी अब होती हैं। अरोड़ा का भाटिया और सूद से भी करीब का रिश्ता है। 1947 में भारत के विभाजन तथा इसकी आज़ादी से पहले अरोड़ा समुदाय मुख्य रूप से पश्चिमी पंजाब (अब पाकिस्तान) में सिन्धु नदी तथा इसकी सहायक नदियों के तटों; उत्तर-पश्चिम के सीमावर्ती राज्यों (एनडब्ल्यूएफपी) सहित भारतीय पंजाब के मालवा क्षेत्र; सिंध क्षेत्र में (मुख्य रूप से सिन्धी अरोड़ा पर पंजाबी तथा मुल्तानी बोलने वाले अरोड़ा समुदाय भी हैं); राजस्थान में (जोधपुरी तथा नागौरी अरोड़ा/खत्रियों के रूप में); तथा गुजरात में बसा हुआ था। पंजाब के उत्तरी पोटोहर तथा माझा क्षेत्रों में खत्रियों की संख्या अधिक थी। भारत में आजादी तथा विभाजन के बाद, अरोड़ा मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, जम्मू, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, गुजरात तथा देश के अन्य भागों में रहते हैं। विभाजन के बाद, अरोड़ा भारत और पाकिस्तान के कई हिस्सों के साथ पूरी दुनिया में चले गए। . महाराजा रणजीत सिंह (पंजाबीः ਮਹਾਰਾਜਾ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ) (१७८०-१८३९) सिख साम्राज्य के राजा थे। वे शेर-ए पंजाब के नाम से प्रसिद्ध हैं। जाट सिक्ख महाराजा रणजीत एक ऐसी व्यक्ति थे, जिन्होंने न केवल पंजाब को एक सशक्त सूबे के रूप में एकजुट रखा, बल्कि अपने जीते-जी अंग्रेजों को अपने साम्राज्य के पास भी नहीं भटकने दिया। रणजीत सिंह का जन्म सन 1780 में गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) जाट सिक्ख महाराजा महां सिंह के घर हुआ था। उन दिनों पंजाब पर सिखों और अफगानों का राज चलता था जिन्होंने पूरे इलाके को कई मिसलों में बांट रखा था। रणजीत के पिता महा सिंह सुकरचकिया मिसल के कमांडर थे। पश्चिमी पंजाब में स्थित इस इलाके का मुख्यालय गुजरांवाला में था। छोटी सी उम्र में चेचक की वजह से महाराजा रणजीत सिंह की एक आंख की रोशनी जाती रही। महज 12 वर्ष के थे जब पिता चल बसे और राजपाट का सारा बोझ इन्हीं के कंधों पर आ गया। 12 अप्रैल 1801 को रणजीत ने महाराजा की उपाधि ग्रहण की। गुरु नानक के एक वंशज ने उनकी ताजपोशी संपन्न कराई। उन्होंने लाहौर को अपनी राजधानी बनाया और सन 1802 में अमृतसर की ओर रूख किया। महाराजा रणजीत ने अफगानों के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं और उन्हें पश्चिमी पंजाब की ओर खदेड़ दिया। अब पेशावर समेत पश्तून क्षेत्र पर उन्हीं का अधिकार हो गया। यह पहला मौका था जब पश्तूनों पर किसी गैर मुस्लिम ने राज किया। उसके बाद उन्होंने पेशावर, जम्मू कश्मीर और आनंदपुर पर भी अधिकार कर लिया। पहली आधुनिक भारतीय सेना - "सिख खालसा सेना" गठित करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। उनकी सरपरस्ती में पंजाब अब बहुत शक्तिशाली सूबा था। इसी ताकतवर सेना ने लंबे अर्से तक ब्रिटेन को पंजाब हड़पने से रोके रखा। एक ऐसा मौका भी आया जब पंजाब ही एकमात्र ऐसा सूबा था, जिस पर अंग्रेजों का कब्जा नहीं था। ब्रिटिश इतिहासकार जे टी व्हीलर के मुताबिक, अगर वह एक पीढ़ी पुराने होते, तो पूरे हिंदूस्तान को ही फतह कर लेते। महाराजा रणजीत खुद अनपढ़ थे, लेकिन उन्होंने अपने राज्य में शिक्षा और कला को बहुत प्रोत्साहन दिया। उन्होंने पंजाब में कानून एवं व्यवस्था कायम की और कभी भी किसी को मृत्युदण्ड नहीं दी। उनका सूबा धर्मनिरपेक्ष था उन्होंने हिंदुओं और सिखों से वसूले जाने वाले जजिया पर भी रोक लगाई। कभी भी किसी को सिख धर्म अपनाने के लिए विवश नहीं किया। उन्होंने अमृतसर के हरिमन्दिर साहिब गुरूद्वारे में संगमरमर लगवाया और सोना मढ़वाया, तभी से उसे स्वर्ण मंदिर कहा जाने लगा। बेशकीमती हीरा कोहिनूर महाराजा रणजीत सिंह के खजाने की रौनक था। सन 1839 में महाराजा रणजीत का निधन हो गया। उनकी समाधि लाहौर में बनवाई गई, जो आज भी वहां कायम है। उनकी मौत के साथ ही अंग्रेजों का पंजाब पर शिकंजा कसना शुरू हो गया। अंग्रेज-सिख युद्ध के बाद 30 मार्च 1849 में पंजाब ब्रिटिश साम्राज्य का अंग बना लिया गया और कोहिनूर महारानी विक्टोरिया के हुजूर में पेश कर दिया गया। .
अरोड़ा और महाराजा रणजीत सिंह आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): लाहौर, सिख, अमृतसर।
लाहौर (لہور / ਲਹੌਰ, لاہور) पाकिस्तान के प्रांत पंजाब की राजधानी है एवं कराची के बाद पाकिस्तान में दूसरा सबसे बडा आबादी वाला शहर है। इसे पाकिस्तान का दिल नाम से भी संबोधित किया जाता है क्योंकि इस शहर का पाकिस्तानी इतिहास, संस्कृति एवं शिक्षा में अत्यंत विशिष्ट योगदान रहा है। इसे अक्सर पाकिस्तान बागों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। लाहौर शहर रावी एवं वाघा नदी के तट पर भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित है। लाहौर का ज्यादातर स्थापत्य मुगल कालीन एवं औपनिवेशिक ब्रिटिश काल का है जिसका अधिकांश आज भी सुरक्षित है। आज भी बादशाही मस्जिद, अली हुजविरी शालीमार बाग एवं नूरजहां तथा जहांगीर के मकबरे मुगलकालीन स्थापत्य की उपस्थिती एवं उसकी अहमियत का आभास करवाता है। महत्वपूर्ण ब्रिटिश कालीन भवनों में लाहौर उच्च न्यायलय जनरल पोस्ट ऑफिस, इत्यादि मुगल एवं ब्रिटिश स्थापत्य का मिलाजुला नमूना बनकर लाहौर में शान से उपस्थित है एवं ये सभी महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल के रूप में लोकप्रिय हैं। मुख्य तौर पर लाहौर में पंजाबी को मातृ भाषा के तौर पर इस्तेमाल की जाती है हलाकि उर्दू एवं अंग्रेजी भाषा भी यहां काफी प्रचलन में है एवं नौजवानों में काफी लोकप्रिय है। लाहौर की पंजाबी शैली को लाहौरी पंजाबी के नाम से भी जाना जाता है जिसमे पंजाबी एवं उर्दू का काफी सुंदर मिश्रण होता है। १९९८ की जनगणना के अनुसार शहर की आबादी लगभग ७ लाख आंकी गयी थी जिसके जून २००६ में १० लाख होने की उम्मीद जतायी गयी थी। इस अनुमान के मुताबिक लाहौर दक्षिण एशिया में पांचवी सबसे बडी आबादी वाला एवं दुनिया में २३वीं सबसे बडी आबादी वाला शहर है।.
भारतीय सेना के सिख रेजिमेन्ट के सैनिक सिख धर्म के अनुयायियों को सिख कहते हैं। इसे कभी-कभी सिक्ख भी लिखा जाता है। इनके पहले गुरू गुरु नानक जी हैं। गुरु ग्रंथ साहिब सिखों का पवित्र ग्रन्थ है। इनके प्रार्थना स्थल को गुरुद्वारा कहते हैं। हिन्दू धर्म की रक्षा में तथा भारत की आजादी की लड़ाई में और भारत की आर्थिक प्रगति में सिखों का बहुत बड़ा योगदान है। .
अमृतसर (पंजाबीःਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ) भारत के पंजाब राज्य का एक शहर है।http://amritsar.nic.in अमृतसर की आधिकारिक वैबसाईट अमृतसर पंजाब का सबसे महत्वपूर्ण और पवित्र शहर माना जाता है। पवित्र इसलिए माना जाता है क्योंकि सिक्खों का सबसे बड़ा गुरूद्वारा स्वर्ण मंदिर अमृतसर में ही है। ताजमहल के बाद सबसे ज्यादा पर्यटक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर को ही देखने आते हैं। स्वर्ण मंदिर अमृतसर का दिल माना जाता है। यह गुरू रामदास का डेरा हुआ करता था। अमृतसर का इतिहास गौरवमयी है। यह अपनी संस्कृति और लड़ाइयों के लिए बहुत प्रसिद्ध रहा है। अमृतसर अनेक त्रासदियों और दर्दनाक घटनाओं का गवाह रहा है। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे बड़ा नरसंहार अमृतसर के जलियांवाला बाग में ही हुआ था। इसके बाद भारत पाकिस्तान के बीच जो बंटवारा हुआ उस समय भी अमृतसर में बड़ा हत्याकांड हुआ। यहीं नहीं अफगान और मुगल शासकों ने इसके ऊपर अनेक आक्रमण किए और इसको बर्बाद कर दिया। इसके बावजूद सिक्खों ने अपने दृढ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति से दोबारा इसको बसाया। हालांकि अमृतसर में समय के साथ काफी बदलाव आए हैं लेकिन आज भी अमृतसर की गरिमा बरकरार है। .
अरोड़ा 46 संबंध है और महाराजा रणजीत सिंह 25 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 4.23% है = 3 / (46 + 25)।
यह लेख अरोड़ा और महाराजा रणजीत सिंह के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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महाराष्ट्र बीजेपी प्रेसिडेंट चंद्रशेखर बावनकुले ने अंधेरी विधानसभा उप चुनाव में बीजेपी की जीत का भरोसा जताया है और ठाकरे गुट की उम्मीदवार ऋतुजा लटके को वोट देने को कांग्रेस को वोट देने जैसा बताया.
मुंबई के अंधेरी विधानसभा के उप चुनाव के लिए 3 नवंबर को मतदान होना है. इस चुनाव में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) खेमे से दिवंगत विधायक रमेश लटके की पत्नी ऋतुजा लटके चुनाव लड़ रही हैं। बीजेपी की ओर से मुरजी पटेल में मैदान में हैं। कांग्रेस-एनसीपी ठाकरे गुट की उम्मीदवार को सपोर्ट कर रहे हैं। सीएम एकनाथ शिंदे की बालासाहेबांची शिवसेना बीजेपी को सपोर्ट कर रही है।'बालासाहेबांची शिवसेना' एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी का नया नाम है।
बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी मुंबई की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल करेगी।बावनकुले ने रविवार को दावा करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे को वोट देना राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस का समर्थन करने जैसा ही होगा।शिवसेना के विधायक रमेश लटके के निधन के कारण अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराना जरूरी हो गया था। तीन नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना खेमे के बीच सीधा मुकाबला होगा।
रविवार को इस चुनाव को लेकर एक और बड़ा डेवलपमेंट हुआ. अब तक तटस्थ रहे राज ठाकरे ना सिर्फ ऋतुजा लटके के समर्थन में आ गए बल्कि उन्होंने देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिख कर यह विनती भी कर दी कि वे अपने उम्मीदवार हटा लें और ऋतुजा लटके दिवंगत विधायक की पत्नी हैं, इसलिए उनका चुनाव निर्विरोध होने दें. राज ठाकरे ने ऐसा करके अंधेरी विधानसभा उप चुनाव में एक नया ट्विस्ट ला दिया है.
(भाषा इनपुट)
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NTA NEET UG 2020: नीट (यूजी) परीक्षा-2020 अंग्रेजी और हिंदी सहित 11 भाषाओं में आयोजित की जाएगी।
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (UG NEET 2020) देने के इच्छुक छात्रों को बड़ी राहत मिली है। NTA NEET UG 2020 परीक्षा में फॉर्म भरने के लिए आवेदन की आखिरी तारीख बढ़ा दी गई है। अब इच्छुक अभ्यर्थी 6 जनवरी रात 11. 50 तक आवेदन कर सकते हैं। तारीख के बढ़ने से उन लोगों को राहत मिलेगी, जो आखिरी समय में वेबसाइट पर ज्यादा लोड होने के कारण फॉर्म नहीं भर पाए थे।
इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय को बड़ी संख्या में अनुरोध आया था कि इसकी तिथि बढ़ाई जाए. बता दें कि पहले इस फॉर्म को भरने की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2019 थी। आखिरी समय में कई छात्र फॉर्म नहीं भर सके थे। अब उन्हें परीक्षा में बैठने का एक और मौका मिल सकेगा। यहां ये जानना जरूरी है कि ऑनलाइन फॉर्म में करेक्शन के लिए तारीख पुरानी ही रहेगी। सुधार के लिए ऑनलाइन विंडो 15 से 31 जनवरी, 2020 तक खुली रहेगी। उम्मीदवार यह ध्यान रखें कि तय तारीखों में ही फॉर्म में सुधार किया जाएगा, इसके बाद किसी भी उम्मीदवार को फॉर्म में करेक्शन का मौका नहीं मिलेगा।
एमबीबीएस-बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली एकल प्रवेश परीक्षा 'नीट-2020' देशभर के विविध शहरों में 3 मई, 2020 को आयोजित होगी। परीक्षा दोपहर 2 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक होगा। इसके लिए प्रवेश पत्र 27 मार्च 2020 को जारी किया जाएगा। एनटीए नीट यूजी का रिजल्ट 4 जून 2020 को जारी करेगा। नीट (यूजी) परीक्षा-2020 अंग्रेजी और हिंदी सहित 11 भाषाओं में आयोजित की जाएगी।
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कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ दुनिया में वैक्सीनेशन का काम जारी है. इसी क्रम में अब कई देशों के प्रमुखों को भी कोरोना वैक्सीन लग चुकी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी स्पुतनिक-वी की दोनों डोज़ लगवा चुके हैं, जिसका खुलासा अब हुआ है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को जानकारी दी कि उन्होंने इस साल की शुरुआत में ही स्पुतनिक-वी का टीका लगवाया था.
68 साल के व्लादिमीर पुतिन को मार्च, अप्रैल में ही वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं. हालांकि, इसके बारे में पहले जानकारी नहीं दी गई थी. ना ही रूसी सरकार द्वारा कोई वीडियो या फोटो जारी किया गया.
व्लादिमीर पुतिन के इस बयान के बाद स्पुतनिक-वी की ओर से भी ट्वीट कर जानकारी दी गई. स्पुतनिक-वी की ओर से ट्वीट किया गया कि राष्ट्रपति पुतिन ने स्पुतनिक-वी लेने की बात कही है, इससे उन्हें हाईलेवल एंटीबॉडी भी बनी है.
https://twitter. com/sputnikvaccine/status/1410167032025395202?
बुधवार को व्लादिमीर पुतिन ने जानकारी दी कि उन्हें उम्मीद है कि रूस में फिर से लॉकडाउन नहीं लगेगा. बता दें कि हाल ही में एक बार फिर रूस में कोरोना के मामलों में उछाल देखा गया है.
आपको बता दें कि रूस की स्पुतनिक-वी कोरोना के खिलाफ रजिस्टर होने वाली सबसे पहली वैक्सीन में से एक है. कंपनी के मुताबिक, इस वैक्सीन का सफलता प्रतिशत 91 फीसदी से भी ज्यादा है. रूस की इस वैक्सीन का इस्तेमाल कई देशों में किया जा रहा है, जिसमें भारत भी शामिल है.
भारत में डॉ. रेड्डी लैब्स और स्पुतनिक साथ में मिलकर वैक्सीन बना रहे हैं. भारत में इसका प्रोडक्शन शुरू हो गया है, जल्द ही भारत में बनने वाली स्पुतनिक-वी भी बाज़ार में उपलब्ध होंगी.
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से बाइक पर सवार दंपति सहित दो बच्चों की मौत हो गई।
राउ-खलघाट फोरमैन पर गणपति घाट के पास सामने से आ रही बस से टक्कर हो गई।
यह हादसा इतना भीषण था कि बाइक पर सवार चारों की मौके पर ही मौत हो गई।
चारों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए टोल एंबुलेंस के जरिए अस्पताल ले जाया गया, वही आक्रोशित ग्रामीणों ने इस घटना को लेकर विरोध दर्ज कराया।
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- इस बैठक के पहले दिन अपने अध्यक्षीय भाषण में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने विपक्ष और तेलंगाना की केसीआर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विकास के नए आयाम गढ़ रहा है. नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टीकरण की राजनीति ख़त्म हुई है. उन्होंने कहा, उनके नेतृत्व में देश की राजनैतिक कार्य संस्कृति भी बदली है.
- तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने पीएम मोदी के हैदराबाद पहुंचने पर उनका स्वागत नहीं किया. इस पर बीजेपी ने केसीआर पर निशाना साधा. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि हैदराबाद पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी नहीं कर मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने व्यक्ति का अपमान नहीं किया है, बल्कि प्रधानमंत्री की संस्था का अपमान किया है.
- बैठक के पहले दिन केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि देश में गरीबों की चिंता भाजपा सरकार की प्राथमिकता रही है. हर एक कदम, हर एक फैसला देश के गरीबों को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने किया है. उन्होंने कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारी सरकार के गवर्नेंस की पद्धति रही है.
- भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले दिन पारित शोक संदेश में उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल, गायक सिद्धू मूसेवाला का जिक्र किया गया है. दोनों को श्रद्धांजलि दी गई.
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगले 30 से 40 साल बीजेपी के होंगे और भारत विश्वगुरू बनेगा. अमित शाह ने राजनीति में जातिवाद, वंशवाद और तुष्टीकरण को बहुत बड़ा अभिशाप बताया और कहा कि देश की राजनीति से इनका अंत होकर ही रहेगा.
- शाह ने टीआरएस की सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि केसीआर की कमान असदुद्दीन ओवैसी के पास है. तेलंगाना में बीजेपी की सरकार बनेगी. वहींस केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि तेलंगाना सरकार भ्रष्टाचार का प्रतीक है. यह सभी एक ही परिवार के हैं जो सरकार में अहम पदों पर हैं. लोग बदलाव चाहते हैं. तेलंगाना बीजेपी के कई साल के कठिन परिश्रम के बाद बना है. इस प्रयास के लाखों लोग गवाह थे.
- बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा है कि एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और केसीआर मिलकर तेलंगाना को लूट रहे हैं. कार्यकारिणी की बैठक के दूसरे दिन रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आजकल कईं राजनीतिक दल अस्तित्व को बचाने में लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमें उनपर हंसना नहीं है. हमें यह बात सीखनी है कि हम ऐसा काम न करें जो उन्होंने किया है.
- प्रधानमंत्री ने विजय संकल्प रैली में कहा कि तेलंगाना में कला, कौशल, कर्मठता भरपूर है. तेलंगाना, प्राचीनता और पराक्रम की पुण्य स्थली है. पीएम मोदी ने कहा कि तेलंगाना का विकास, चौतरफा विकास, भारतीय जनता पार्टी की पहली प्राथमिकताओं में से एक है. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए हम तेलंगाना के विकास का निरंतर प्रयास कर रहे हैं.
- प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते 8 साल में हमने हर भारतीय के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा कि देशवासियों के जीवन कैसे आसान हो, विकास का लाभ कैसे हर व्यक्ति, हर क्षेत्र तक पहुंचे, इसके लिए हमनें निरंतर काम किया है. पीम मोदी ने कहा कि जो वंचित, शोषित रहे उनको भी राष्ट्रीय योजनाओं के माध्यम से हमने विकास में भागीदार बनाया है.
- पीएम मोदी ने कहा कि तेलंगाना के गरीबों को मुफ्त राशन हो, गरीबों को मुफ्त इलाज हो, भाजपा सरकार की नीतियों का लाभ सभी को बिना भेदभाव मिल रहा है. यही तो सबका साथ, सबका विकास है. इसी वजह से आज देश के सामान्य नागरिक का भाजपा पर इतना विश्वास है. यही कारण है कि गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े, आदिवासी सभी को आज लगता है कि भाजपा सरकार उनकी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं दोनों की पूर्ति कर रही है.
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इटली के पदोवा, रिमिनि, मोदेना और मिलान में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के सैकड़ों छात्र फंसे हुए हैं। इन जगहों पर कोरोना का प्रकोप सबसे ज्यादा है। इटली में 9 मार्च तक कोरोना वायरस की वजह से 97 लोगों की मौत हो चुकी है।
रोम इटली में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। इसके बाद यहां कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। करोड़ों लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं। ऐसे में सैकड़ों भारतीय स्टूडेंट भी यहां फंसे हुए हैं।
इटली के पदोवा, रिमिनि, मोदेना और मिलान में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के सैकड़ों छात्र फंसे हुए हैं। इन जगहों पर कोरोना का प्रकोप सबसे ज्यादा है। इटली में 9 मार्च तक कोरोना वायरस की वजह से 97 लोगों की मौत हो चुकी है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को सरकार ने यहां कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए।
इस बीच मिलान से एक विमान बिना स्क्रिनिंग के दिल्ली आया था। 80 यात्रियों वाले इस विमान की दिल्ली एयरपोर्ट पर रनवे के पास विशेष पार्किंग में स्क्रीनिंग हुई। ये स्पेस आपातकालीन स्थिति के लिए ही होता है।
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ALLAHABAD: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के शिक्षित बेरोजगारों एवं इसी वर्ग के विकलांग बेरोजगारों को तृतीय श्रेणी सेवा संबंधी परीक्षा की तैयारी के लिए फ्री ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रवेश के इच्छुक हाईस्कूल में अंग्रेजी सब्जेक्ट सहित न्यूनतम इंटरमीडिएट उत्तीर्ण अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए 18 से 35 वर्ष के अभ्यर्थी अपनी शैक्षिक योग्यता, आयु, जाति प्रमाण पत्र एवं पंजीयन कार्ड की छायाप्रति 25 मई तक क्षेत्रीय एवं सोवा योजन कार्यालय में जमा कर सकते हैं। इसमें उच्च शैक्षिक योग्यता एवं टंकणा/कम्प्यूटर का ज्ञान रखने वालों को वरियता दी जाएगी। ख्म् मई को इंटरव्यू निर्धारित किया गया है।
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ग्रन्थ सूची के सम्बन्ध मेंग्रन्थ सूचियों के निर्माण में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। प्रत्येक पाण्डुलिपि को सावधानी के साथ पढ़कर, ग्रन्थ, ग्रन्थकार, रचना-संवत्, लिपि-संवत्, रचना स्थल, लिपि स्थल, विषयादि कई वातों का पता लगाना होता है । कभी कभी एक हो पन्ने में एकाधिक रचनाएं भी मिलती हैं । थोड़ी सी भी प्रमाद की स्थिति, लिपि की स्पष्टता व लिपि-पढ़ने की लापरवाही से अनेक भ्रान्तियों व अशुद्धियों की परम्परा चल पड़ती है। कभी लिपिकार को रचनाकार और कभी रचनाकार को लिपिकार समझ लिया जाता है । इसी तरह कभी लिपिसंवत् को रचना-संवत् समझ लिया जाता है ।
रचना के अन्त में दी गई प्रशस्तियों का ऐतिहासिक दृष्टि से बड़ा महत्व होता है । ये प्रशस्तियाँ दो प्रकार की होती है- पहली स्वयं लेखक द्वारा लिखी हुई तथा दूसरी लिपिकारों द्वारा लिखी हुई । ये दोनों ही प्रामाणिक होती हैं और इनकी प्रामाणिकता में कभी शंका भी नहीं की जा सकती । ऐसा प्रतीत होता है कि इन ग्रन्थकारों एवं लिपिकारों ने इतिहास के महत्त्व को बहुत पहले ही समझ लिया था, शायद इसलिए ही ग्रन्थ लिखवाने वाले श्रावकों का, उनकी गुरुपरम्रा तथा तत्कालीन सम्राट् अथवा शासक के नाम्मोल्लेख के साथ-साथ उनके नगर का भी उल्लेख किया जाता था । इनमें ग्रन्थ, ग्रन्थकार, रचना-संवत्, लिपि-संवत्, लिपिकार, लिपिस्थल आदि की भी बहुमूल्य सूचनाएं मिलती हैं । साहित्य के इतिहास लेखन में इन सूचनाओं का बड़ा महत्त्व होता है ।
प्रत्येक रचना से सम्बन्धित ऊपर लिखित जानकारी प्राप्त कर लेने के बाद समग्र रचनाओं को वर्गीकृत करना पड़ता है । वर्गीकरण का यह कार्य जितना सरल दिखाई देता है, वह उतना मिले ही दूरुह भी है । कई विषय और काव्य - रूप अन्य विषयों और काव्य-रूपों से इस तरह दिखाई देते हैं कि उनको अलग-अलग वर्गों में बाँटना वड़ा मुश्किल हो जाता है । इसका एक कारण तो यह है कि जैन साहित्यकारों ने काव्य-रूपों के क्षेत्र में नानाविध नये-नये प्रयोग किये । एक ही चरित्र व कथा को भिन्न-भिन्न रूपों में वरिंगत किया । उन्होंने प्रचलित सामान्य काव्यरूपों को हुबहु स्वीकार न कर उनमें व्यापकता, लौकिकता और सहजता का रंग भरा । संगीत को शास्त्रीयता से मुक्त करं विभिन्न प्रकार की लोकदेशियों को अपनाया। प्राचार्यो द्वारा प्रतिपादित प्रबन्ध मुक्तंक की चली आती हुई काव्य परम्परा के बीच काव्य रूपों के कई नये नये स्तर निर्मित किये । साथ ही काव्य विषय की दृष्टि से भी उन्हें नयी भाव-भूमि श्रौर मौलिक अर्थवत्ता दी । उदाहरण के लिए वेलि, बारहमासा, विवाहलो, रासो, चौपई संज्ञक विभिन्न काव्यों व रूपों का परिक्षरण किया जा सकता है ।
इस ग्रन्थ सूची में समाविष्ट हस्तलिखित ग्रन्थों को २२ विषयों में विभाजित किया गया है । ये विषय क्रमशः इस प्रकार हैं- (१) श्रव्यात्म, श्रागम, सिद्धान्त एवं चर्चा, (२) श्रायुर्वेद (३) उपदेश एवं सुभाषितावली, (४) कथा, ( ५ ) काव्य, ( ६ ) कोश, ( ७ ) चरित्र ( ८ ) सचित्र ग्रन्थ, ( ६ ) छन्द एवं अलंकार, (१०) ज्योतिषः (११) न्यायशास्त्र, (१२) नाटक एवं संगीत,
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ग्रन्थसूची के इस भाग में करीब दो हजार ग्रन्थों का विवरणात्मक परिचय प्रस्तुत किया गया है। इसमें यदि कोई कमी रह गयी हो अथवा लेखक का नाम, लिपिकाल, रचनाकाल आदि के देने में कोई प्रशुद्धि रह गयी हो तो पाठक विद्वान् हमें सूचित करने का कष्ट करेगें, जिससे भविष्य के लिए उन पर ध्यान रखा जा सके । नागौर का परिचय जब में प्रथम वार ग्रन्थ भण्डार देखने के लिए गया था तब श्री मदनलालजी जैन के साथ पूरे नागोर का भ्रमण किया था, तव उन्हीं जैन सा० के माध्यम से तथा वहाँ प्रचलित किंवदन्तियों लेखों तथा शिलालेखों के आधार पर ही दिया है । इस सूची के आधार पर साहित्य एवं इतिहास के कितने ही नए तथ्य उद्घाटित हो सकेगें तथा राजस्थान के कितने ही विद्वानों, श्रावकों, शासकों एवं नगरों के सम्बन्ध में नवीन जानकारी मिल सकेगी।
श्राभारमें सर्वप्रथम जैन प्रनुशीलन केन्द्र के निदेशक प्रो० रामचन्द्र द्विवेदी का आभारी हूं जिन्होंने ग्रन्थ सूची के इस भाग को प्रकाशित करवाकर साहित्य जगत् का महान् उपकार किया है । जैन अनुशीलन केन्द्र द्वारा साहित्य शोध, साहित्य प्रकाशन एवं हस्तलिखित ग्रन्थों के सूचीकरण के क्षेत्र में जो महत्त्वपूर्ण कार्य किया है, व किया जा रहा है वह अत्यधिक प्रशंसनीय एवं श्लाघनीय है । आशा है भविष्य में साहित्य प्रकाशन के कार्य को और भी प्राथमिकता मिलेगी ।
ग्रन्थ -सूची के इस भाग के स्वरूप एवं रूपरेखा आदि के निखारने में जिन विद्वानों का परामर्श एवं प्रोत्साहन मिला है उनमें प्रमुख हैं - - प्रो० रामचन्द्र द्विवेदी (जयपुर) प्रो० गोपीनाथ शर्मा (उदयपुर), प्रो० सुधीरकुमार गुप्त ( जयपुर ), प्रो० के० सी० जैन ( उज्जैन), डॉ० कस्तुरचन्द कासलीवाल एवं पं० अपचन्द न्यायतीर्थ (जयपुर) । इन सबके सहयोग के लिए मैं प्रभारी हूं और कृतज्ञ हूँ ।
भट्टारकीय दिगम्बर जैन ग्रन्थ भण्डार नागौर के उन सभी व्यवस्थापकों का प्रभारी हूँ जिन्होंने अपने यहाँ स्थित शास्त्र भण्डार की ग्रन्थ- सूची बनाने में मुझे पूर्ण सहयोग दिया । वास्तव में यदि उनका सहयोग नहीं मिलता तो मैं इस कार्य में प्रगति नहीं कर सकता था । ऐसे व्यवस्थापक महानुभावों में श्री पन्नालाल जी चान्दवाड़, श्री डुंगरमलजी जैन, श्री जीवराज जी जैन, श्री शिखरीलाल जी जैन एवं श्री मदनलाल जी जैन आदि सज्जनों के नाम विशेषतः उल्लेखनीय हैं, इन सबका मैं हृदय से आभारी हूँ ।
प्रेस कापी बनाने, अनुक्रमणिका तैयार करने व प्रूफ आदि में सहधमिरगी स्नेहमयी चन्द्रकला जैन बी० ए० एलएल० बी० ने जो सहयोग दिया उसके लिए धन्यवाद देकर मैं उनके गौरव को कम नहीं करना चाहता ।
अन्त में पुस्तक के प्रकाशन की व्यवस्था आदि में केन्द्र के सक्रिय निदेशक प्रो० द्विवेदी एवं कपूर आर्ट प्रिन्टर्स जयपुर के प्रबन्धकों का जो सहयोग मिला है उसके लिए में इन सबका हृदय से प्रभारी हूँ ।
डॉ० प्रेमचन्द जैन
२१५१ हैदरी भवन, मरिणहारों का रास्ता, जयपुर -३ |
पटना : श्रीकृष्ण चेतना परिषद में अखिल भारतीय रौनियार वैश्य महासभा के सौ साल पूरे होने पर महासभा के शताब्दी वर्ष को बापू सभागार में धूमधाम से मनाने के उद्देश्य से आयोजन समिति एवं कार्यकारिणी की बैठक संपन्न हुई। कार्यकारिणी सह आयोजन समिति के अध्यक्ष सह राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय रौनियार वैश्य महासभा अशोक कुमार गुप्ता ने पत्रकारों से वार्तालाप कर बताया कि महासभा के स्थापना भारत की स्वतंत्रता संग्राम के युग में वर्ष 1919 मे की गयी थी। तब से आज तक आमसभा का स्वर्णिम इतिहास रहा है। अनेकों स्वतंत्रता सेनानियों के अलावा साहित्य आचार्य स्व. रामलोचन शरण, महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष 1946-47 में रहे हैं।
श्री गुप्ता ने बताया कि महासभा के सदस्य बिहार, झारखंड, यूपी दिल्ली एनसीआर, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, छतीसगढ़, मध्य प्रदेश आदिराज्यों में बसे हैं और उनकी जनसंख्या 50 लाख से अधिक है फिर भी महासभा के रौनियार वैश्य बिरादरी का एक भी एमएलए एमपी, मंत्री देश भर में नहीं है। इस अवसर पर आयोजन समिति के वरिष्ठ सदस्य शिवजी कुमार गुप्ता, राजू गुप्ता, प्रो. अजय कुमार, राजनाथ गुप्ता, उमाशंकर गुप्ता, डा. कामेश्वर गुप्ता, शशि शेखर गुप्ता, श्रीमती आशा गुप्ता आदि ने संबोधित किया। इस अवसर पर मुन्ना कुमार गुप्ता, मनीष गुप्ता शामिल थे।
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डा. राधाकृष्णन मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर की फार्मेसी में में चल रही दवाइयों की कमी जल्द पूरी हो जाएगी। 'दिव्य हिमाचल' मीडिया गु्रप के माध्यम से मामला प्रमुखता से उठाने के बाद मेडिकल कालेज प्रबंधन ने दवाइयों की डिमांड भेज दी है। डीवीडीएमएस पोर्टल पर समाप्त हो चुकी या फिर स्टॉक में कम बची हुई दवाइयों की डिमांड भेजी गई है। अब प्रदेश सरकार की तरफ से अस्पताल को दवाइयों की आपूर्ति करवाई जाएगी। हालांकि दवाइयां उपलब्ध होने में कुछ समय लग सकता है। मेडिकल कालेज एवं अस्पताल हमीरपुर की फार्मेसी में कई दवाइयों का टोटा चल रहा है। इनमें मुख्यतः गेस्ट्रिक की दवाई पेंटाप्रोजोल पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। इसके साथ ही मरीजों को प्लास्टर करने में इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टरोल भी खत्म हो गया है। इस वजह से मरीजों को सॉफ्टरोल भी बाहरी मेडिकल स्टोर से ही खरीदना करना पड़ रहा है। यही नहीं फार्मेसी में कफ सिरप भी समाप्त है।
अस्पताल में रोजाना हजारों की ओपीडी होती है। मरीजों को अस्पताल की फार्मेसी में निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध करवाई जाती हैं। यदि कोई दवाई समाप्त हो जाए, तो उसका स्टॉक मंगवा लिया जाता है। वर्तमान में अस्पताल की फार्मेसी में पेंटाप्रोजोल, कफ सिरप और सॉफ्टरोल समाप्त हो गया है। यदि किसी मरीज को प्लास्टर चढ़ाना हो तो फिर सॉफ्टरोल को बाहरी मेडिकल शॉप्स से खरीदकर लाना पड़ता है। इस वजह से मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह पहला वाक्या नहीं है जब फार्मेसी में दवाइयों का टोटा पैदा हुआ है। इससे पहले भी कई बार दवाइयां समाप्त हो चुकी हैं जिन्हें बाद में मंगवा लिया गया। वहीं फार्मेसी में दवाइयां कई दवाइयां समाप्त होने के कारण लोग प्रबंधों को कोसते हैं। बाद में बाहरी मेडिकल स्टोर से दवाइयां खरीदी जा रही हैं। लोगों का यह भी कहना है कि दवाइयां का स्टॉक फार्मेसी में समाप्त नहीं होना चाहिए। एडवांस में ही समाप्त होने जा रही दवाई का स्टॉक मंगवा लिया जाना चाहिए ताकि मरीजों को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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अजीव को जड़ और अचेतन भी कहते हैं । जो चेतना रहित है और सुख-दुःख की अनुभूति नहीं करता उसे मजीव कहते हैं। इनमें मूर्त और भौतिक पदार्थ जसे चूना, चांदी, सोना, ईंट आदि और अमृतं तथा अभौतिक पदार्थ जैसे काल, धर्मास्तिकाय आदि का समावेश हो जाता है ।
वजीव के पाँच भेद है
१ पुद्गल ओ स्पर्श, गध, रस एवं तथा गलन पर्यार्थों से युक्त हो पुद्गल है ।
सड़ता, गलना आदि पुद्गल की क्रियाएँ है ।
वर्ण से युक्त हो और पूरण परस्पर मिलना, विखरना,
पुद्गल के चार भेद है ।
स्कन्व परस्पर बद्ध प्रदेशों का समुदाय । देश स्कन्ध का एक भाग ।
प्रदेश एकत्व या देश से मिला हुआ दध्य का सूक्ष्म भाग । परमाणु पुद्गल का सूक्ष्मतम अंश (परम+अणु) जिसका अन्य विभाग न किया जा सके ।
अन्धकार, छाया, प्रकाश, शब्द आादि पुद्गल की अवस्थाएं हैं । पुद्गल सदा गतिशील रहता है और जीव से मिलकर सदनुसार गति प्रदान करता है । पुद्गल के चार धर्म है जिसके निम्त भेद है
स्पर्श (८) मृदु, कठिन, गुरु, लघु, शीत, उष्ण, स्निग्ध एव रुक्ष । रस (५) तिक्त, कटु, अम्ल, मधुर, कषैला । गंध (२) सुगन्ध, दुर्गन्ध ।
वर्ण (५) नील, पोत, शुक्ल, कृष्ण, लोहित ।
२ धर्मास्तिकाय - जीव और पुद्गल द्रव्यों का गति करने में सहायक द्रव्य को धर्मास्तिकाय कहा जाता है । यह गति का प्रेरक नहीं, सहायक तत्व है । जिस प्रकार मछली के लिए जल सहकारी है उसी प्रकार धर्मास्तिकाय है । इसके तीन भेद है स्कघ, देश और प्रदेश । |
Jio अपने कस्टमर को कई तरह के प्लान ऑफर करता है जिनमें 1 माह की वैलिडिटी वाले प्लान से लेकर 1 वर्ष की वैलिडिटी वाले प्लान शामिल है लेकिन क्या आप जानते हैं कि अब साल भर की वैलिडिटी वाले प्लान में बड़ा परिवर्तन भी दिया जा रहा है. दरअसल कंपनी ने इस प्लान की वैलिडिटी को और भी ज्यादा बढ़ाया जा रहा है और अब यूजर्स को ज्यादा बेनिफिट मिलेगा साथ ही साथ अधिक डाटा का लाभ में प्रदान किया जाएगा. अगर आपको इस प्लान के बारे में जानना है और इसे रिचार्ज करवाना है तो आज हम आपके लिए इस प्लान की डिटेल्स लेकर आ चुके है.
कौन सा है यह प्लानः जिस प्लान के बारे में हम बात कर रहे हैं उसका मूल्य ₹2999 है यानी तकरीबन ₹3000 , इस प्लान का मूल्य आपको अधिक लग सकती है लेकिन इसमें आपको पहले 365 दिनों की वैलिडिटी भी दी जा रही है जो अब बढ़ाकर 388 दिनों की कर दी गई है. आपको वर्ष भर वैलिडिटी की टेंशन लेने की आवश्यकता ही नहीं है. अगर आप को उसके अन्य बेनिफिट्स के बारे में बताएं तो इसमें आपको हर रोज के हिसाब से 2. 5 GB डाटा दिया जाता है जिससे अगर 388 दिनों के हिसाब से जुड़े तो यह 912. 5 GB डाटा होता है जो काफी ज्यादा है और किसी भी इंटरनेट यूजर के लिए बहुत है.
अन्य बेनिफिट्स के बारें में बात की जाए तो इस प्लान में आपको अनलिमिटेड वॉइस कॉलिंग के साथ ही हर रोज 100 s. m. s. दिए जाते हैं. इतना ही नहीं इस प्लान में ग्राहकों को JIO TV के साथ जिओ सिनेमा जिओ सिक्योरिटी और जिओ क्लाउड की भी सुविधा भी प्रदान की जा रही है.
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बॉलीवुड के बिग बी यानी अमिताभ बच्चन स्पोर्ट (Amitabh Bachchan Love Sport) को काफी फॉलो करते हैं, चाहे वो फुटबॉल हो, क्रिकेट, कबड्डी या फिर हॉकी। वह सभी खेलों के बारे में रूचि रखते हैं और उसके बारे में अच्छे से जानते हैं। इन दिनों वह आईसीसी वर्ल्ड कप को फॉलो कर रहे हैं। गुरुवार को जब भारत और न्यूजीलैंड का मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया, तो अमिताभ बच्चन ने इस पर जोक किया कि चैंपियनशिप इंडिया को दे देनी चाहिए क्योंकि हमें बारिश की जरूरत है।
इस पर अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) ने इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए लिखा,'वर्ल्ड कप 2019 के टूर्नामेंट को भारत में शिफ्ट कर देना चाहिए, हमें बारिश की जरुरत है। ' आपको बता दें कि अमिताभ रणबीर कपूर और आलिया भट्ट स्टारर ब्रह्मास्त्र (Brahmastra) में दिखाई देंगे। उन्होंने फिल्म की शूटिंग पहले ही खत्म कर ली है। इस फिल्म को अयान मुखर्जी डायरेक्ट कर रहे हैं। फिल्म मौनी रॉय और नागार्जुन भी मुख्य भूमिका में दिखाई देंगे।
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अभिनेता राजशेखर की युवा बेटी शिवात्मिका बहुत जल्द हीरोइन के रूप में फिल्म डोरसानी से डेब्यू करेंगी। जैसा कि इस फिल्म के टीज़र और गाने पहले ही सामने आ चुके हैं, यहाँ अब एक दिलचस्प बात आती है।
हम आपको बता दें हालांकि डोरसानी को अभी रिलीज नहीं किया गया है और शिवात्मिका को एक अभिनेता के रूप में अंक प्राप्त करना बाकी है, रिपोर्ट्स आ रही हैं कि वह अपनी दूसरी फिल्म के लिए पहले से ही चल रही हैं। जैसे उन्होंने हीरो विजय देवरकोंडा के भाई आनंद के साथ जोड़ी बनाई, अब वह अपने दूसरे आउटिंग में दिवंगत अभिनेता श्रीहरि के बेटे मेघमश के साथ हाथ मिलाएंगे। इस फिल्म का निर्देशन एक नवोदित कलाकार करेंगे जो कि मेघमश की पहली फिल्म राजदूत निर्माता होगी।
इसी के साथ मांचू लक्ष्मी, निहारिका कोनिडेला की पसंद सहित कई स्टार बेटियों ने टॉलीवुड में अपना सर्वश्रेष्ठ करने की कोशिश की है, लेकिन ज्यादा क्लिक नहीं किया है। इसलिए हमें यह देखना होगा कि क्या शिवात्मिका उनके आने के साथ ही फिल्म बना रही है या नहीं और उनकी मां जीविता की तरह एक नायिका बन जाती है।
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मुशर्रफ सोच रहा था : अटल ने मल्लिका को किस किया होगा , गलती से झापड़ मुझे पड़ गया।
मल्लिका सोच रही थी : हो सकता है मुशर्रफ ने मेरे को किस करने के चक्कर मे मार्गरेट थैचर को किस कर दिया हो इसलिए पिटा।
मार्गरेट सोच रही थीं : ये मुशर्रफ भी ना , गलत जगह हाथ डाल देता है , मुझे किस करता तो , कम से कम , झापड़ तो ना पड़ता ।
अटल सोच रहे थे : अगली बार सुरंग आएगी तो फिर से करूंगा।
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चित्रकूट। रैपुरा थाना क्षेत्र के भौंरी गांव निवासी महिला का शव मिलने के बाद परिजनों ने गांव के ही एक दंपती पर हत्या की आशंका जताई है।
तीन अगस्त को भौंरी गांव निवासी ननकी (40) पत्नी बुद्धू निवासी भौंरी घर से कहीं चली गई थी। वापस न आने पर परिजनों ने रैपुरा थाना में गुमशुदगी दर्ज कराई थी। रविवार को खेत के पास संदिग्ध हालात में शव मिला था। महिला के शरीर में चोट के निशान थे। रविवार को पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है।
महिला के भाई कपूरी गांव निवासी ननकावन ने गांव के ही स्वजातीय व्यक्ति व उसकी पत्नी पर हत्या की आशंका जताई है। बताया कि कुछ साल पहले पचास हजार रुपये की उधारी लेने के बाद उसे न चुका पाने के कारण आरोपी दंपती आए दिन धमकी देते थे। उसके घर आकर मानसिक रूप से परेशान किया जाता था।
पति पुणे में मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता है। महिला के तीन पुत्री, एक पुत्र है। इसमें दो पुत्री का विवाह हो चुका है। थाना प्रभारी नागेंद्र नागर ने बताया कि अभी उनके पास तहरीर नहीं आई है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के बाद कार्रवाई की जाएगी।
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- #Mallika Sherawat'दंगल' का हिस्सा होती मल्लिका शेरावत, फिर क्यों आमिर खान ने एक्ट्रेस से छीनी थी फिल्म?
मुंबई, 16 सितंबर। अगर आपने 2007 की सुपरहिट फिल्म 'वेलकम' देखी होगी, तो आपको पता होगा कि फिल्म में मल्लिका शेरावत ने कितनी शानदार भूमिका निभाई थी, उनके किरदार को काफी सराहा गया था। लेकिन साल 2015 में आए फिल्म के सीक्वल 'वेलकम बैक' में मल्लिका को मौका नहीं दिया गया। मल्लिका ने इसको लेकर एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया है।
मल्लिका से पूछा गया कि क्या वेलकम के एक और सीक्वल आने की संभावना है। इसका जवाब देते हुए मल्लिका ने कहा- वेलकम का सीक्वल बनेगा तो डॉयरेक्टर अपनी गर्लफ्रेंड को ही डालेगा न उसमें। वेलकम 2 बनी थी तो डायरेक्टर ने अपनी गर्लफ्रेंड को डाल दिया बताओ, अब में क्या करूं?
उन्होंने कहा कि वह किसी का नाम नहीं लेना चाहतीं, लेकिन यह सत्य है। जब वे इसका सीक्वल बना रहे थे तो उन्होंने अपनी गर्लफ्रेंड को कास्ट कर लिया और हीरो ने भी अपनी गर्लफ्रेंड को कास्ट किया। तब में क्या करती? मेरा बॉलीवुड में कोई बॉयफ्रेंड नहीं है, मैं कभी किसी एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के साथ नहीं रही। मैं सिर्फ अपने काम के साथ हूं, अगर आपको लगता है कि मैं आपके प्रोजेक्ट के लायक हूं तो मैं इसका हिस्सा बनना पसंद करूंगी। लेकिन अगर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर या एक्टर अपनी गर्लफ्रेंड को लेना चाहते हैं तो यह उनकी मर्जी है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इसी वजह से आपको वेलकम 2 नहीं मिली तो मल्लिका ने कहा जी हां। केवल यही कारण है। उनका वेब शो नकाब कल रिलीज हुआ। मल्लिका के खाते में रजत कपूर की एक फिल्म भी है। मल्लिका ने इस फिल्म को लेकर कहा कि मैं फिल्म में अभिनेत्री की भूमिका में हूं। मैं मिर्जापुर के शोरनर गुरमीत के साथ एक शो की शूटिंग के लिए दिल्ली रवाना हो रही हूं। मैं इन दो प्रोजेक्ट का इंतजार कर रही हूं। बता दें कि वेलकम और वेलकम बैक को अनीस बज्मी ने डायरेक्ट किया था।
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छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने स्टोर कीपर, लाइब्रेरियन, स्टेनोग्राफर एवं अन्य विभिन्न 31 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन मांगे गए है। उम्मीदवार अपनी योग्यता और इच्छा से इनके लिए अप्लाई कर सकते है।
8 वीं / हल्के मोटर वाहन चलाने का वैलिड ड्राइविंग लाइसेंस / 12 वीं + डिप्लोमा / सर्टिफिकेट (डाटा एंट्री ऑपरेटर / प्रोग्रामिंग) / हिंदी शॉर्टहैंड का ज्ञान / स्नातक डिग्री / डिप्लोमा / डिग्री (स्टोर कीपिंग) / डिग्री (लाइब्रेरी साइंस)
उम्मीदवार का चयन लिखित परीक्षा और इंटरव्यू में प्रदर्शन के अनुसार किया जाएगा।
आवेदन करने के लिए उम्मीदवार ऑफीशियल वेबसाइट www. psc. cg. gov. in के जरिए 12 फरवरी 2018 तक अप्लाई कर सकते है।
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जो सर्दियों टायर खरीदने के लिए बेहतर है? जो सर्दियों टायर "रेनो Daster" करने के लिए खरीदने के लिए बेहतर है?
टायर का मुख्य उद्देश्य - सड़क यातायात की स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए है। रबर उनके निर्माण के लिए इस्तेमाल किया संरचना, पर्याप्त रूप से लचीला होना चाहिए, लेकिन पहनने एक ही समय में। कार चलने सतह के वजन की कार्रवाई के तहत सड़क की सतह की अनियमितताओं के लिए अनुकूल होना चाहिए। अन्यथा, मशीन अस्थिर हो जाएगा, आपात स्थितियों की एक किस्म को जन्म दे सकती है। यदि एक टायर, इसके विपरीत, बहुत नरम है, यह फिसल जोखिम जब यह पार्श्व और अनुदैर्ध्य भार झेलने में असमर्थ है।
शीतकालीन टायर ठंड के मौसम में उनके उपयोग के संबंध में विकल्प उपलब्ध हैं। इसलिए, उनके लिए रबर रचना कम तापमान के अनुरूप। रबर, कार्बन, सल्फर और सिलिकॉन का इष्टतम अनुपात वांछित परिणाम है, जो की वजह से टायर वांछित गुणवत्ता प्राप्त देता है। यह इस निर्माता को प्राप्त होता है, उसके गुण में सबसे अच्छा टायर, जारी करने के लिए लक्ष्य।
शीतकालीन टायर जब औसत तापमान नीचे 7 डिग्री सेल्सियस चला जाता है जब नए टायर का उपयोग चल आवश्यकता है अवधि के दौरान परिवर्तित करने की सिफारिश की है। यह धीरे तेजी लाने और पहले से ब्रेक पेडल प्रेस किया जाना चाहिए। इसके अलावा, यह सभी चार पहियों एक ही टायरों पर उपयोग करने के लिए सिफारिश की है। विशेषज्ञों ड्राइव धुरा केवल पर सर्दियों टायर स्थापित करने के लिए नहीं की सलाह। इस मामले में, बदल जाता है में अस्थिरता की घटना का एक बढ़ा जोखिम है, साथ ही जटिल चालों में अस्थिरता।
ठंड के मौसम की प्रत्याशा में, कई चालकों सर्दियों टायर की खरीद के बारे में सोचने लगे हैं। इस स्थिति में, वहाँ हमेशा टायर के दो प्रकार के बीच विकल्प के साथ गंभीर कठिनाइयों कर रहे हैंः जड़ी और घर्षण। सर्दियों टायर के दोनों प्रकार के विश्वसनीय युग्मन और ब्रेक लगाना प्रदर्शन दिखा रहे हैं, लेकिन एक पूरी तरह से अलग सड़क की स्थिति में। यह उनके गुणों का वर्णन करने के थोड़ा और अधिक होना चाहिए।
घर्षण टायर अन्यथा "वेल्क्रो" कहा जाता है फिसलन सड़कों पर प्रभावी ब्रेक लगाना प्रदर्शन किया गया है। टायर के इस प्रकार के एक विशेष रबर यौगिक, स्पंज की तरह संरचना है, जो जल्दी अत्यधिक नमी जो पहिया और सड़क की सतह के बीच बनाई है अवशोषित कर लेता है से बना है। क्यों यह आवश्यक है?
सर्दियों के दौरान पक्की सड़कों अक्सर बर्फ के साथ कवर कर रहे हैं। सवारी के दौरान ऊपरवाला पतली परत और वाहनों, पिघलने के सक्रिय आंदोलन पानी की सतह फिल्म, जो एक मजबूत पहिया पर्ची भड़काती पर गठित से गर्म। विशेष टायर microporous जल्दी से और कुशलता को अवशोषित कर लेता पानी का गठन, prosushivaya संपर्क पैच, जिससे मंदी के दौरान रोक दूरी कम हो जाती है।
इसके अलावा, घर्षण टायर चलने हमेशा बेहतर युग्मन और निरोधात्मक गुण के आधार पर। ज्यादातर मामलों में, निर्माताओं ब्रेक लगाना या त्वरण के दौरान प्रतिरोध में सुधार विशेष lamellas की संख्या में वृद्धि हुई। सबसे अच्छा दक्षता आपरेशन में - कई आयताकार चेकर के साथ संरक्षक।
इसके अलावा टायर में जल निकासी खांचे कि जल निकासी प्रभाव में वृद्धि कर रहे हैं। इसके अलावा, चलने के कंधे क्षेत्र एक बर्फबारी में आपरेशन के दौरान बड़े लग्स, जो भू-भाग टायर और रबर की गुणवत्ता में सुधार के साथ प्रदान की जाती हैं स्वयं सफाई की सुविधा। बहुत बढ़िया घर्षण टायर एक मिश्रित सड़क चक्र दिखा। "स्टिकी" का एक महत्वपूर्ण लाभ, उनके शांत ऑपरेशन है भी डेटा avtotrasah टायरों पर उच्च गति आपरेशन में हम उत्पादन नहीं करते।
"स्टिकी बम" के मुख्य दोष यह उनके खराब प्रदर्शन जब कीचड़ पर और के दौरान ड्राइविंग कर रहे हैं बर्फ बहाव। रबर इस तरह की जब बर्फीली सड़कें तहत वाहन के संचालन मोटर यात्री ले क्योंकि पहियों में तेजी से पर्ची जाएगा, बर्फ में बिल खोदने कर सकते हैं।
ब्रेक लगाना में मुख्य तत्व जड़ी टायर बहुत कील है। इसलिए, जब सर्दियों टायर के इस प्रकार को चुनने प्रौद्योगिकी और इसकी स्थापना की गुणवत्ता पता करने के लिए आवश्यक है। टायर निर्माताओं कांटों का रूपों की एक किस्म की पेशकश करते हैं, नायाब गुणवत्ता के रूप में उनके माल की दलाली। हर कंपनी अपनी तरह और स्टड के रूपों पसंद करती हैं।
कंपनी कॉन्टिनेंटल, उदाहरण के लिए, बहुआयामी कीलें पसंद करती हैं। कंपनियों दौर स्टड साथ Barum, Kumho, मिशेलिन, योकोहामा, गुडइयर, Hankook उपज टायर, उत्पादकों Nokian टायर्स वर्ग स्टड के साथ रेल पर ब्रेक लगाना प्रदान करते हुए। इसके अलावा, विभिन्न निर्माताओं लगातार अपनी पहनने प्रतिरोध बढ़ाने के लिए सबसे उच्च गुणवत्ता वाले विकल्प बनाने के प्रयास में इन तत्वों को स्थापित करने के लिए नए तरीके खोज रहे हैं।
इतना ही नहीं गुणवत्ता पर भी कीलें की संख्या कर्षण में एक बड़ी भूमिका निभाता है। सबसे प्रभावी कई पंक्तियों में उनकी व्यवस्था है। कई निर्माता vosmiryadnuyu desyatiryadnuyu या studding प्रदान करते हैं। इसके अलावा, कीलें एक अराजक ढंग से स्थित हैं - यह ब्रेक लगाना और त्वरण क्षमताओं पहिया बेहतर बनाता है।
घर्षण के विपरीत रबर जड़ी एक पूरी तरह से विपरीत सड़क की स्थिति में उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रदर्शन। जड़ी टायर सूखा या गीला, बर्फीले डामर "बुरी तरह से व्यवहार कर"। लेकिन बर्फबारी के मामले में यह एक आदर्श विकल्प होगा। कई उपभोक्ताओं, जड़ी टायर के उच्च शोर स्तर ध्यान दें सूखी फुटपाथ पर विशेष प्रभावों में - टायर एक तेज चर्चा का उत्पादन, यातायात के साथ ड्राइवर ध्यान भंग।
जब सर्दियों टायर खरीदने की स्थिति में वाहन ठंड के मौसम में संचालित है का विश्लेषण करने के लिए आवश्यक है।
पेशेवर बड़े शहरों में, जहां पक्का क्षेत्रों नियमित रूप से बर्फ से मुक्त कर दिया जाता है के घर्षण टायर निवासियों प्राप्त करने के लिए सलाह देते हैं। ऐसी सड़कों पर जड़ी टायर जल्दी से ग्रस्त हैं, spikes के सबसे से वंचित कर सकते हैं। लेकिन "वेल्क्रो" पूरी तरह से यातायात से निपटने, प्रभावी त्वरण की गारंटी और प्रदर्शन ब्रेक लगाना। अगर वहाँ क्या सबसे अच्छा है सर्दियों टायर खरीदने के लिए के बारे में संदेह है, मत भूलना कि घर्षण टायर कार बर्फ पिछवाड़े में या गैरेज, जहां शहरी जीवन हमेशा क्षेत्रों दूर खाली करने के लिए समय नहीं है के पास पर्ची कर सकते हैं। इसके अलावा shiny- "वेल्क्रो" उचित अगर आप ग्रामीण इलाकों में लगातार यात्राएं करने की योजना नहीं हो सकता है।
जड़ी टायर छोटे शहरों, जहां फुटपाथ और सड़क सफाई पर लगातार बर्फ drifts देरी हो रही है में सड़कों पर इस्तेमाल के लिए एकदम सही है। ऐसी परिस्थितियों में, इस प्रकार टायर वाहन के लिए इष्टतम है।
रूस मोटर चालकों फ़ायदेमंद shipovanny अवतार सर्दियों टायर का इस्तेमाल किया। यह मुख्य रूप से रूसी सर्दियों की बर्फीली मौसम की स्थिति के कारण है।
कई कार मालिकों उदाहरण के लिए, मशीनों के विशिष्ट मॉडल के बारे में सवाल में रुचि रखते हैंः "सर्दियों टायर किस तरह बेहतर है में खरीदने के लिए" रेनो Daster "? "
215/65 R16 - इस avtomarki के लिए टायर का आकार। के रूप में ढलान 205 / 80R16, 235/75 R15, 215 65 / R16, 235 / 70R16 खरीदा जा सकता है। इसके अलावा, पेशेवरों सर्दियों टायर के लिए सलाह देते हैं एक संकरा आकार की खरीद। उदाहरण के लिए, यदि पहिया व्यास तो ठंड 205/70 R16 खरीद सकते हैं करने के लिए 215 / 65R16 है। जब जटिल सड़कों गुजर इस आकार उपयोगी है। मार्क, कीलें या घर्षण विकल्प - यह व्यक्तिगत पसंद की बात है। अगर किसी शक तो क्या बेहतर सर्दियों टायर खरीदने के लिए "रेनो Daster", एक और अधिक गुणात्मक के लिए चुनते चाहिए करने के लिए नहीं है।
कौन सा VAZ-2114 पर सर्दियों टायर खरीदने के लिए बेहतर है? इस उद्देश्य के लिए घरेलू कार सर्दियों टायर R13 आदर्श हैं, इस विकल्प के रूप में सबसे विश्वसनीय और लागत प्रभावी हो जाएगा। ज्यादातर यह लाभ गैस की बात आती है - टायर काफी ईंधन की खपत बचत होगी। विशेषज्ञों का टायर Mishelin फर्मों, खरीदने के लिए सलाह देने के Cordiant ध्रुवीय, डनलप।
"लाडा Priora"
अगर वहाँ क्या सर्दियों टायर की तरह "Priora" में खरीदने के लिए बेहतर है के बारे में एक सवाल है, पेशेवरों की राय सुनने के लिए करना चाहिए। विशेषज्ञों कार टायर के इस ब्रांड के लिए सलाह देने के लिए, एक आकार 175/65 खरीदने के लिए R14। विनिर्माण कंपनियों का सवाल है, इस तरह के कई Nokian, Cordiant, "कामदेव यूरो", ब्रिजस्टोन जैसी कंपनियों से उत्पादों को खरीदने की सलाह दी जाती है।
"किआ रियो"
जो सर्दियों टायर "किआ रियो" करने के लिए खरीदने के लिए बेहतर है? कोरियाई कार R15 सर्दियों टायर एकदम सही हैं। कार निर्माता की सिफारिशों के अनुसार, और आप रख सकते हैं टायर आकार 185 / 65R15 और 195 / 55R16। ब्फ गुडरिच जी-फोर्स स्टड, Gislaved NF5, Vredestein Arctrac: इष्टतम मूल्य / प्रदर्शन अनुपात का सवाल है, ग्रेड की सिफारिश की है। आप खरीद सकते हैं और अधिक महंगा विकल्प है, लेकिन उनके गुणों सबसे महत्वपूर्ण क्षण में ड्राइवर ले जा सकते हैं।
कौन सा VAZ-2107 पर सर्दियों टायर खरीदने के लिए बेहतर है? अपने वाहन के लिए सही सर्दियों टायर चुनने के लिए, आप इंजन की मात्रा का चयन करने के साथ-साथ वर्ष को ध्यान में रखना की जरूरत है। हम टायर निर्माता द्वारा सिफारिश के आकार, साथ ही प्रतिस्थापन और ट्यूनिंग विकल्पों पर विचार कर सकते हैं। पासपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार, सर्दियों टायर 175/70 R13 आकार VAZ-2107 के लिए उपयुक्त। अक्सर राष्ट्रीय "सात" के मालिकों सस्ता टायर में रुचि रखते हैं। बजट मॉडल से AMTEL, Cordiant, Nordman, डनलप के रूप में ऐसी कंपनियों में से उपयुक्त उत्पादों। पहनें प्रतिरोधी टायर कंपनियों महाद्वीपीय, Hankook प्रदान करते हैं।
"लाडा कलिना"
घरेलू नई कारों के लिए, यह टायर के उच्च गुणवत्ता वाले संस्करणों को खरीदने के लिए वांछनीय है। VAZ आकार और हल्के में छोटा है, तो आप अधिक स्थिरता के लिए एक विश्वसनीय टायर मिलना चाहिए।
कौन सा "कलिना" में सर्दियों टायर खरीदने के लिए बेहतर है? स्टाफ आकार ड्राइव ब्रांडः 175 / 70R13, 175 / 65R14, 185 / 60R14, विन्यास विकल्प पर निर्भर करता है।
Nokian Hakkapelitta, मिशेलिन एक्स बर्फ उत्तर, Nordman, Kleber (मिशेलिन): फिसलन भरी सड़कें करने के लिए सबसे अधिक स्थिर प्रतिरोध सर्दियों टायर प्रदान करते हैं। बेशक, यह अन्य, अधिक लागत टायर विचार करने के लिए संभव है। अच्छे प्रदर्शन के मॉडल Gislaved कंपनियों, Godyear, Cordiant है।
"हुंडई सोलारिस"
Yuzhnokroeysky ब्रांड कई रूसी मोटर चालकों के दिलों को जीत लिया है। करें "हुंडई" रूस में विदेशी कारों की बिक्री में नेताओं में से एक है। हुंडई सोलारिस "सर्दियों टायर किस तरह का में खरीदने के लिए बेहतर है" "? " - सर्दियों की पूर्व संध्या पर, इस सवाल कई रूसी मोटर चालकों पर सुना जा सकता है। 185/65 R15 - इस avtomarki के लिए टायर का आकार। की सिफारिश की ब्रांडों के लिए के रूप में, सबसे खरीदारों के बीच लोकप्रिय इस तरह के Gislaved नॉर्ड फ्रॉस्ट 5, Nokian Hakkapeliitta 7. के रूप में आप यह भी Nokian Hakkapeliitta 5. देख सकते हैं इन टायरों कीमत और गुणवत्ता के एक उत्कृष्ट संयोजन प्रदर्शन के पात्र हैं।
175/70 / R13, 175/65 R14, 185/60 R14, 185/55 R15, 195/50 R15: कार VAZ-2110 पर सर्दियों टायर के लिए बनाया गया ड्राइव, उपकरणों के आधार पर आकार।
कौन सा VAZ-2110 पर सर्दियों टायर खरीदने के लिए बेहतर है? कई चालकों, व्यक्तिगत अनुभव का उपयोग करते हुए, इस तरह के विकल्प सलाह देते हैं। कम मॉडलः Matador-Omskshina सांसद-57 Sibir, किसी भी वेरिएंट AMTEL, Barum। महंगा है, लेकिन बेहतरः Cordiant नॉर्ड मास्टर, Nokian Hakkapeliitta 5 (7), गुडइयर।
के बारे में क्या बेहतर है सर्दियों टायर खरीदने के लिए, यह लंबी और निरर्थक बहस का संचालन करने के लिए संभव है। अंत में इस मामले पर हर राय व्यक्तिगत अनुभव का उपयोग करने के लिए किया जाएगा। हालांकि, अंत में हम सर्दियों टायर के समय पर उपयोग के लिए की जरूरत की मोटर चालकों को याद दिलाना चाहिए। ठंड के मौसम में, यह कई गुना अधिक खतरनाक यातायात की तुलना में सड़कों पर गर्मी के मौसम में से हो जाता है। सभी सड़क यात्री यातायात की सुरक्षा - ड्राइवर का मुख्य कार्य है, तो आप जिम्मेदारी से सर्दियों टायर के चयन के लिए संपर्क करना चाहिए।
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Disclaimer : NBT के पत्रकारों ने इस आर्टिकल को नहीं लिखा है। आर्टिकल लिखे जाने तक ये प्रोडक्ट्स Amazon पर उपलब्ध है।
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नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रविवार (30 अप्रैल) को अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 100वें एपिसोड को सम्बोधित कर रहे हैं। इस एपिसोड के लिए दुनियाभर में विशेष तैयारियां की गई हैं। यहाँ तक कि, संयुक्त राष्ट्र (UN) के हेडक्वॉटर में भी पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जा रहा है। गौर करने वाली बात ये है कि, UN में आज तक इस तरह के किसी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण नहीं किया गया है। इसके अलावा दुनिया के कई देशों में भी पीएम मोदी को लाइव सुना जा रहा है।
आज के एपिसोड की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, 'आज 'मन की बात' का 100वां एपिसोड है। मुझे आप सबकी हजारों चिट्ठियां मिली हैं, लाखों सन्देश मिले हैं और मैंने कोशिश की है कि ज्यादा से ज्यादा चिट्ठियों को पढ़ पाऊं, देख पाऊं, संदेशों को जरा समझने की कोशिश करूं। ' उन्होंने कहा कि, 'आपके पत्र पढ़ते हुए कई बार मैं भावुक हुआ, भावनाओं से भर गया, भावनाओं में बह गया और खुद को फिर संभाल भी लिया। आपने मुझे 'मन की बात' के 100वें एपिसोड पर बधाई दी है, लेकिन मैं सच्चे दिल से कहता हूं, दरअसल बधाई के पात्र तो आप सब 'मन की बात' के श्रोता हैं, हमारे देशवासी हैं। '
पीएम मोदी ने कहा कि, '3 अक्टूबर 2014 को विजया दशमी का वो पर्व था और हम सबने मिलकर विजया दशमी के दिन 'मन की बात' की यात्रा शुरू की थी। विजया दशमी यानी, बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व, 'मन की बात' भी देशवासियों की अच्छाइयों का सकारात्मकता का एक अनोखा पर्व बन गया है। एक ऐसा पर्व, जो हर महीने आता है, जिसका इंतजार हम सभी को होता है। ' उन्होंने कहा कि, 'हम इसमें positivity को celebrate करते हैं। हम इसमें people's participation को भी celebrate करते हैं। कई बार यकीन नहीं होता कि 'मन की बात' को इतने महीने और इतने साल गुजर गए। हर एपिसोड अपने-आप में खास रहा। ' पीएम मोदी ने कहा कि, मन की बात' में पूरे देश के कोने-कोने से लोग जुड़े, हर आयु वर्ग के लोग जुड़े।
उन्होंने कहा कि, 'मेरे लिए 'मन की बात' ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाल की तरह है। 'मन की बात' मेरे मन की आध्यात्मिक यात्रा बन गया है। 'मन की बात' स्व से समिष्टि की यात्रा है। 'मन की बात' अहम् से वयम् की यात्रा है। ' उन्होंने कहा कि, 'आज देश में Tourism बहुत तेजी से Grow कर रहा है। हमारे ये प्राकृतिक संसाधन हों, नदियां, पहाड़, तालाब या फिर हमारे तीर्थ स्थल हों, उन्हें साफ़ रखना बहुत ज़रूरी है। ये Tourism Industry की बहुत मदद करेगा। ' पर्यटन में स्वच्छता के साथ-साथ हमने Incredible India movement की भी कई बार चर्चा की है। इस movement से लोगों को पहली बार ऐसे कितनी ही जगहों के बारे में पता चला, जो उनके आस-पास ही थीं।
उन्होंने कहा कि, 'मैं हमेशा ही कहता हूं कि हमें विदेशों में Tourism पर जाने से पहले हमारे देश के कम से कम 15 Tourist destination पर जरुर जाना चाहिए और यह Destination जिस राज्य में आप रहते हैं, वहां के नहीं होने चाहिए, आपके राज्य से बाहर किसी अन्य राज्य के होने चाहिए। '
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निकिता शिमला की रहने वाली हैं। वह मॉडलिंग में ही अपना करिअर बनाना चाहती है। प्रतियोगिता में भुंतर की तनुजा महंत को फर्स्ट रनरअप और शिमला की राखी ठाकुर को सेकंड रनरअप चुना गया।
प्रतियोगिता में सभी प्रतिभागियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली।
45 सुंदरियों के बीच शुरू हुआ यह मुकाबला मंगलवार देर रात कई चरणों के बाद अंतिम पड़ाव में पहुंचा। बाद में विंटर क्वीन की विजेता का चुनाव किया गया।
आखिरी दिन 25 सुंदरियों ने रैंप पर मॉडलिंग के जलवे बिखेरे। मॉडलिंग के जलवे देखकर पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
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उल्हासनगरः लोग अक्सर खोया या चोरी हुआ मोबाइल (Mobile) या अन्य सामान वापस पाने की उम्मीद छोड़ देते हैं, लेकिन परिमंडल-4 की पुलिस ने 76 मामलों के आरोपियों (Accused) को पकड़ने में सफलता अर्जित की और उनके द्वारा चोरी किए हुए सामान उनसे बरामद किया गया। जिनकी चोरी हुई थी बरामद सामान उनको लौटाने का उल्लेखनीय कार्य स्थानीय पुलिस ने किया है। सामान की कीमत 23 लाख 18 हजार रुपए बताई गई है।
परिमंडल-4 के अधीन आने वाले पुलिस स्टेशन क्रमशः उल्हासनगर, सेंट्रल और विठ्ठलवाडी पुलिस ने उनके कार्यक्षेत्र से चोरी हुए मोबाइल फोन, वाहन और सोने की चैन, मंगलसूत्र आदि चीजें संबंधित चोर को पकड़ने के बाद बरामद की।
उसी सामान को एक समारोह में लोगों की वापस किए गए। स्थानीय उल्हासनगर के टाउन हॉल में विशेष कार्यक्रम आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में उल्हासनगर के पुलिस उपायुक्त प्रशांत मोहिते खुद उपस्थिति रहे सहायक पुलिस आयुक्त मोतीचंद राठौड़, सेंट्रल लिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक मधुकर कड, उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र कदम और पुलिस कर्मियों ने भाग लिया।
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Shivangi Joshi Latest Video: शिवांगी जोशी ने सोशल मीडिया पर अपना एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो कोरियोग्राफर हिमांशु गडानी के साथ नजर आ रही हैं।
Yeh Rishta Kya Kehlata Haia actress Shivangi Joshi's dance video is going viral amid reports of her leaving the show: टीवी सीरियल ये रिश्ता क्या कहलाता है के दर्शकों को बीते कुछ दिनों से एक के बाद एक झटका लग रहा है। कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि मोहसिन खान इस शो को छोड़ने वाले हैं। अब ये भी कन्फर्म हो चुका है कि उनके साथ-साथ शिवांगी जोशी का भी पत्ता जल्द ही कटने वाला है। इन खबरों के बीच सोशल मीडिया पर शिवांगी जोशी का नया वीडियो छाया हुआ है। इस वीडियो को खुद शिवांगी जोशी ने पोस्ट किया है। वीडियो में शिवांगी जोशी 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' के कोरियोग्राफर हिमांशु गडानी के साथ डांस करती हुई नजर आ रही हैं।
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भोपाल। मध्यप्रदेश में वोटिंग के ठीक पहले प्रदेश कांग्रेस को बड़ी जीत हासिल हुई है। सूबे में लगभग 2 लाख संविदा कर्मचारियों ने कांग्रेस के समर्थन का ऐलान किया है। गुरुवार को प्रदेश के निष्कासित संविदा कर्मचारियों के संगठन ने कमलनाथ से मुलाकात कर प्रदेश के 2 लाख से अधिक संविदा कर्मचारियों के समर्थन का पत्र भी कमलनाथ को सौंपा।
इससे पहले कमलनाथ ने चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और निकाले गए संविदा कर्मचारियों का वापस नौकरी पर रखने का वादा किया था। कमलनाथ ने संविदा कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस की सरकार आते ही उनके भविष्य को सुरक्षित किया जाएगा।
कमलनाथ ने संविदा कर्मचारियों से कांग्रेस के समर्थन में वोटिंग की अपील की। इसके बाद संविदा कर्मचारियों ने चुनाव में कांग्रेस के समर्थन का ऐलान कर दिया है।
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बीमा, कमीशन, अंतर्देशीय भाड़ा व्यय, पत्तन व्यय और बैंक प्रभार के लिए निर्यात कीमत समायोजित की है।
चीन में उत्पादकों ने बाजार अर्थव्यवस्था व्यवहार का दावा नहीं किया है और इसीलिए उनका सामान्य मूल्य पाटनरोधी नियमावली के अनुबंध-I के अनुसार निर्मित किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि प्राधिकारी सामान्य मूल्य के निर्माण के लिए "फ्रांस" को उपयुक्त बाजार अर्थव्यवस्था वाला तीसरा देश मानें और विधिवत समायोजित समान उत्पाद के लिए भारत में वास्तविक रूप से दी गई कीमत अथवा देय कीमत के आधार पर सामान्य मूल्य का निर्माण करें।
घरेलू उद्योग ने प्राधिकारी से यह भी अनुरोध किया है कि वे संबंधित आयातक के आंकड़ों की जांच करें। अन्य हितबद्ध पक्षकारों द्वारा अनुरोध
अन्य हितबद्ध पक्षकारों द्वारा निम्नलिखित अनुरोध किए गए हैंः
क. सामान्य मूल्य और पाटन मार्जिन का निर्धारण संबद्ध देशों के निर्यातकों/ उत्पादकों द्वारा दी गई सूचना के आधार पर किया जाना चाहिए।
उत्पादकों/निर्यातकों द्वारा दायर प्रश्नावली के उत्तरों में पूरी तरह से कमी है और वे नवीनतम व्यापार सूचना के अनुसार दायर नहीं किए गए हैं।
सामान्य मूल्य के संबंध में याचिकाकर्ताओं द्वारा की गई अवधारणाएं स्वीकार्य नहीं हैं और इस प्रकार संबद्ध देशों में वास्तविक स्थितियों के कारण वे अवधारणाएं प्रतिनिधि कारक नहीं होंगी।
ग. प्रयोक्ताओं ने सामान्य मूल्य का परिकलन करते समय चीन के लिए फ्रांस को प्रतिनिधि संबद्ध देश का प्रयोग करने का विरोध भी किया है।
9क(1)(ग) के तहत, किसी वस्तु के संबंध में सामान्य मूल्य का तात्पर्य है :
(i) व्यापार की सामान्य प्रक्रिया में समान वस्तु की तुलनीय कीमत जब वह उप नियम (6) के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार यथानिर्धारित निर्यातक देश या क्षेत्र में खपत के लिए नियत हो, अथवा
(ii) जब निर्यातक देश या क्षेत्र के घरेलू बाजार में व्यापार की सामान्य प्रक्रिया में समान वस्तु की कोई बिक्री न हुई हो अथवा जब निर्यातक देश या क्षेत्र की बाजार विशेष की स्थिति अथवा उसके घरेलू बाजार में कम बिक्री मात्रा के कारण ऐसी बिक्री की उचित तुलना न हो सकती हो तो सामान्य मूल्य निम्नलिखित में से कोई एक होगाः(क) समान वस्तु की तुलनीय प्रतिनिधिक कीमत जब उसका निर्यात उप-धारा (6) के अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार निर्यातक देश या क्षेत्र से या किसी उचित तीसरे देश से किया गया हो; अथवा
(ख) उप-धारा (6) के अंतर्गत बनाए गए नियमों के अनुसार यथानिर्धारित प्रशासनिक, बिक्री और सामान्य लागत एवं लाभ हेतु उचित वृद्धि के साथ उद्गम वाले देश में उक्त वस्तु की उत्पादन
परंतु यदि उक्त वस्तु का आयात उदगम वाले देश से भिन्न किसी देश से किया गया है और जहां उक्त वस्तु को निर्यात के देश से होकर केवल यानांतरण किया गया है अथवा ऐसी वस्तु का उत्पादन निर्यात के देश में नहीं होता है, अथवा निर्यात के देश में कोई तुलनीय कीमत नहीं है, वहां सामान्य मूल्य का निर्धारण उद्गम वाले देश में उसकी कीमत के संदर्भ में किया जाएगा। |
रवीन्द्रनाथ ठाकुर कहते हैंThe flute steals his smile from my friend's lips and spreads it over my life."
--- Fruit Gathering
लहरों में प्यास भरी थी, थे भँवर पात्र भी खाली; मानस का सब रस पीकर, लुढ़का दी तुमने प्याली ।
सोएगी कभी न वैसी, फिर मिलन कुंज में मेरे ; चांदनी शिथिल अलसाई, सम्भोग सुखों से तेरे ।
उच्छ्वास और आँसू में विश्राम थका सोता है ; रोई आँखों में
सपना सोता है ।
यदि इन पंकियोंकी कुछ आलोचना की जाय तो लेख और बढ़ जायगा । दूसरी बात यह है कि लेखकको श्री प्रसादजीकी कविताएँ अति प्रिय है । सम्भव है, उसे दोष न दीखते हों, इसलिए इनके देखनेका भार दूसरोंपर, विज्ञसाहित्य-मण्डल, सहृदय-कवि-समाज, समालोचक- गणपर ही छोड़ दिया जाता है । वही न्यायसे उसका निश्चय करें । इनमें प्रसाद, माधुर्य और चमत्कार है कि नहीं, इसकी तुलनात्मक आलोचना तनिक कटु मालूम पड़ती है, नहीं तो कहा जाता कि आजकल कितने ही श्रेष्ठ कवियोंसे, जिनकी रचना कोर्सकी पुस्तकों में आ गयी हैं, अबहुत है । पर केवल 'प्रसाद' जी ही छायावादी कवि नहीं हैं। पं० सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' जीकी 'यमुने' की कुछ पंक्तियां पढ़िये
मुग्धाके लज्जित पलकों पर तू यौवनकी छवि ज्ञात ; आँख मिचौनी खेल रही है किस तीत शिशुता के साथ । किस तीत-सागर संगम को बहते खोल हृदय के द्वार ; वोहित के हित सरल अनिल से नयन-सलिल से स्रोत र
कितनी सरल, उच्च, भावपूर्ण उपमाए हैं। वाले कवियों को इसमें सिवाय नीरसता और शुष्कता के और क्या दिखाई देगा ?
और भी छायावादी कवियोंकी कृतियाँ हैं। सुंदर हैं । बिना उन्हें पढ़े केवल देखकर नाक-भौं चढ़ाने और उन्हें " समझकर छोड़ देनेसे क्या पता चलेगा ? हाँ, इन रचनामकर नुप्रासको ध्यान में रखकर भावकी हत्या नहीं की गई है । कविता समझने और उसका आनन्द लूटने के लिये हमारा हृदय रसपूर्ण होना चाहिये । कविके शब्दों में हम कह सकते हैं कि
"To know
Rather consists in opening out a way Whence the imprisoned splendour may escape, Than in effecting entry for a light Supposed to be without."
संवत् ( १९८४ वि० |
छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर शनिवार को नक्सलियों से हुई मुठभेड़ (Chattisgarh Naxali Encounter) में 5 जवानों की शहादत पर गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया है. सूत्रों के मुताबिक उन्होंने शनिवार शाम छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से बात की. हालात का जायजा लेने के लिए अमित शाह ने सीआरपीएफ के महानिदेशक को राज्य में पहुंचने के निर्देश दिए थे. सीआरपीएफ के डीजी कुलदीप सिंह (CRPF DG Kuldeep Singh) ऑपरेशन का काम देखने और हालात का जायजा लेने आज सुबह छत्तीसगढ़ पहुंचे.
गृहमंत्री (Home minister Amit Shah) ने ट्वीट कर कहा कि छत्तीसगढ़ में माओवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए बहादुर सुरक्षाकर्मियों के बलिदान को वह नमन करते हैं. राष्ट्र उनकी वीरता को कभी नहीं भूलेगा. इसके साथ ही उन्होंने शहीदों के परिवारों के लिए संवेदना भी जताई. अमित शाह ने कहा कि शांति और प्रगति के इन दुश्मनों के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी.
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•मारक न होकर तारक हो। और यह फैक्टरी विज्ञान को मारक बनाने के लिए नित नए-नए प्रयोग मुझसे करवाती थी । विज्ञान के इस दुरुपयोग से मुझे बड़ा हो दुःख और सन्तोष होता था। मुझे वहीं के जीवन में पता चला कि आज का वैज्ञानिक कितना निरोह और बेबस प्राणी है। वह मर जीकर अनुसंधान करता है, मगर उसके अनुसंधानों पर अधिकार दूसरे का होता है, यानी सरकार का, जो अपने राजनैतिक उद्देश्य को साधने के लिए उसका गलत प्रयोग करती रहती है। बस यही समझो कि बेटा मेरा और जनमते ही अधिकार किसी गैर का ! भला यह कैसी विडम्बना ! यह कैसा • व्यवहार !... आखिर यह सब क्यों ? क्योंकि राजनैतिक शक्ति हमारे पास नहीं है, क्योंकि हमारी बात दूर तक सुनी नहीं जाती और हम सदा बदनाम होते रहते हैं। बस, दुनिया तो समझती है कि संसार के सर्वनाश के जिम्मेवार हमी हैं ।
मेरा असंतोष बढ़ता गया। इसी बीच बम्बई में जहाज के सैनिकों में एक बड़े जबर्दस्त विद्रोह की आग भड़क उठी । विदेशी सरकार के खिलाफ़ आजाद हिन्द फौज के बाद यह दूसरा फौजी विद्रोह था। मैंने बलवाइयों को बारूद देना शुरू किया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि मेरे बनाए हुए यंत्र से मेरे ही देश के फौजी मारे जायँ । इस काम में मुझे सीता से सहायता और प्रेरणा दोनों मिलीं । मगर सरकारी नजर से हम छिप न सके। हम दोनों पकड़े गए और वर्षो नजरबन्द रहे। अभी-अभी हाल में हम दोनों छोड़ दिये गए । तो भारत का नक्शा ही बदल गया है। सीता फिर अपनी पार्टी में चली गई है। और, मैं वही रोटी और रोजी की तलाश में यहाँ तक दौड़ा - चला आया। |
अपने जन्म के समय से ही देश के मीडिया जगत में हलचल मचाने वाली वेबसाइट भड़ास4मीडिया डाट काम bhadas4media. com ने एक बार फिर हिंदी-अंग्रेजी सभी मीडिया वेबसाइटों में नंबर वन की पदवी हासिल कर ली है. किसी भी हिंदी मीडिया वेबसाइट का भड़ास से कभी मुकाबला नहीं रहा. भड़ास बाकियों से कई गुना आगे रहा है और है. अंग्रेजी की कई स्थापित वेबसाइटों को पहले भी भड़ास ने पछाड़ा और फिर पछाड़ कर नंबर वन मीडिया वेबसाइट का स्थान हासिल कर लिया.
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CTET 2019 Anwer Key: जल्द जारी की जाएगी सीटीईटी की आंसर की, प्रश्नपत्र के साथ रहें तैयार!
सीबीएसई द्वारा आयोजित सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET 2019) की परीक्षा हो चुकी है। अभ्यर्थियों को अब अगस्त में आने वाले नतीजों का इंतजार है। उससे पहले उम्मीदवार आंसर की के जरिए अपने नतीजों का अंदाजा लगा सकते हैं।
सीबीएसई द्वारा आयोजित सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET 2019) की परीक्षा हो चुकी है। अभ्यर्थियों को अब अगस्त में आने वाले नतीजों का इंतजार है। उससे पहले उम्मीदवार आंसर की के जरिए अपने नतीजों का अंदाजा लगा सकते हैं। जल्दी ही सीटीईटी की आंसर की और उम्मीदवारों की शीट जारी की जाएगी। इसे सीटीईटी की आधिकारिक वेबसाइट (www. ctet. nic. in) से चेक किया जा सकता है। हालांकि आंसर की जारी करने की तारीखों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।
सीटीईटी शिक्षक के रूप में नियुक्ति को लेकर किए जाने वाला टेस्ट है। जुलाई में हुई इस परीक्षा में 14 लाख अभ्यर्थी सम्मिलित हुए थे। सीबीएसई ने देश के 97 शहरों में 20 भाषाओं में सीटेट (CTET) परीक्षा आयोजित किया था।
केन्द्रीय शिक्षक पात्रता (सीटीईटी)-2019 की परीक्षा देकर आए अभ्यर्थियों का मानना है कि इसबार का पेपर आसान था। इससे अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं। हालांकि पेपर लंबा होने के चलते परीक्षार्थियों को थोड़ी परेशानी हुई।
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Viral Video: उत्तर प्रदेश के उधम सिंह नगर में एक शादी चर्चा का विषय बनी, जिस शादी समारोह में दूल्हे की जगह बग्गी पर सेहरा बांध कर एक दुल्हन पहुंची। भारतीय समाज में वैसे तो दूल्हे को सेहरा बांध कर आने की परंपराएं और रीति-रिवाज प्रचलित हैं, लेकिन काशीपुर में रहने वाले दुष्यंत चौधरी और मुजफ्फरनगर की रहने वाली सिमरन चौधरी के विवाह समारोह में सिमरन ने सभी परंपराओं को तोड़ते हुए घोड़े पर बैठकर एक अलग ही परंपरा विकसित की है।
काशीपुर में रहने वाले केपी सिंह के पुत्र दुष्यंत चौधरी का विवाह मूल रूप से पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली भैंसी गांव रहने वाले कृषक पिंटू चौधरी की इकलौती बेटी सिमरन चौधरी के साथ तय हुआ है। दुष्यंत पेशे से पैट्रोलियम इंजीनियर है जबकि बीटेक कर चुकी सिमरन वर्तमान में दुबई में कंपनी में नौकरी करती है।
जहाँ सिमरन ने अपने दीदी और जीजा से प्रेरणा लेते हुए तथा परिवार की सहमति से यह सब किया। सिमरन की बीते 27 नवंबर को मुजफ्फरनगर के खतौली में जगत कॉलोनी स्थित निवास पर घुड़चढ़ी हुई, जिसमें वह बग्गी पर सवार हुई और परिजन तथा सब रिश्तेदारों ने इस दौरान बैंड बाजे के साथ जमकर डांस किया। इस दौरान 25 वर्षीय सिमरन ने खुद को दूल्हे से कम नहीं आका और बारात में राजशाही अंदाज में एंट्री ली। बग्गी पर सवार सिमरन ने दूल्हे की तरह सज धज कर पगड़ी पहने और अपने परिवार व दोस्तों के साथ शादी की रस्म के लिए गई।
इसके बाद 28 नवंबर को काशीपुर से केपी सिंह अपने बेटे दुष्यंत चौधरी को अन्य परिजनों तथा संगी साथियों के साथ खतौली पहुंचे जहां खतौली के हवेली बैंकट हॉल में वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके बाद 29 नवंबर को सिमरन की विदाई हुई और वह काशीपुर आई तथा काशीपुर में 30 नवंबर को जसपुर रोड स्थित एक रिसोर्ट में प्रीतिभोज का आयोजन किया गया। सिमरन की घुड़चढ़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
परिजनों ने बताया कि समाज में एक संदेश देने के मकसद से यह सब किया गया है क्योंकि समाज में शादी की सभी रस्में लड़के और लड़की दोनों तरफ निभाई जाती हैं, जबकि घुड़चढ़ी की रस्म केवल वर पक्ष के द्वारा लड़के को घोड़ी पर बैठा कर निभाई जाती है। क्योंकि समाज में लड़कियां हर क्षेत्र में लड़कों से कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करती हैं इसलिए इस परंपरा में भी लड़की को लड़के के बराबर तवज्जो देते हुए इस परंपरा का आयोजन किया गया।
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) के वार्षिक प्रदर्शन की समीक्षा की और EASE 4.0 या एन्हांस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सीलेंस रिफॉर्म एजेंडा (Enhanced Access and Service Excellence Reform Agenda-EASE) लॉन्च किया।
- EASE 4.0 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिये एक सामान्य सुधार एजेंडा है जिसका उद्देश्य स्वच्छ और स्मार्ट बैंकिंग को संस्थागत बनाना है।
ईज़ 4.0 के बारे में :
- EASE 4.0 ग्राहक-केंद्रित डिजिटल परिवर्तन के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए PSB को तकनीक-सक्षम, सरलीकृत और सहयोगी बैंकिंग के लिये प्रतिबद्ध करता है।
- इसके अंतर्गत निम्नलिखित प्रमुख विषय प्रस्तावित किये गएः
- 24x7 बैंकिंग : EASE 4.0 के तहत बैंकिंग सेवाओं की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु लचीली तकनीक के साथ नए युग के 24x7 बैंकिंग की थीम पेश की गई है।
- उत्तर-पूर्वी राज्यों पर फोकस : बैंकों को भी उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिये विशेष स्कीम तैयार करने के लिये अनुरोध किया गया है।
- बैड बैंक : प्रस्तावित बैड बैंक लाइसेंस प्राप्त करने के बहुत करीब है।
- एक बैड बैंक वह है जिसे किसी अन्य वित्तीय संस्थान के बैड ऋणों और अन्य अनकदी (illiquid) होल्डिंग्स को खरीदने के लिये स्थापित किया जाता है।
- बैंकिंग क्षेत्र के बाह्य क्षेत्रों से धन का सृजनः बदलते समय के साथ अब उद्योगों के पास बैंकिंग क्षेत्र के बाह्य क्षेत्रों से भी धन के सृजन का विकल्प है।
- बैंक स्वयं विभिन्न माध्यमों से धन जुटा रहे हैं।
- जहाँ ज़रूरत हो वहाँ क्रेडिट को लक्षित करने के लिये इन नए पहलुओं का अध्ययन करने की आवश्यकता है।
- फिनटेक क्षेत्र का लाभ उठाना : फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी), एक ऐसा क्षेत्र जो बैंकों को तकनीकी सहायता प्रदान कर सकता है और साथ ही बैंकिंग क्षेत्र की सहायता से लाभ उठा सकता है।
- निर्यात प्रोत्साहन : 'एक जिला, एक निर्यात' एजेंडा को आगे बढ़ाने के लिये बैंकों से राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करने का आग्रह किया जाएगा।
EASE एजेंडा के संदर्भ मेंः
- इसे सरकार और PSB द्वारा संयुक्त रूप से जनवरी 2018 में लॉन्च किया गया था।
- इसे इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के माध्यम से कमीशन किया गया था और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप द्वारा निर्मित किया गया था।
- EASE सुधार एजेंडा के तहत विभिन्न चरणः
- EASE 1.0: EASE 1.0 रिपोर्ट ने पारदर्शी रूप से गैर-निष्पादित आस्तियों (NPA) के समाधान में PSB के प्रदर्शन में महत्त्वपूर्ण सुधार दिखाया।
- EASE 2.0: EASE 2.0 को EASE 1.0 की नींव पर बनाया गया था और सुधार यात्रा को अपरिवर्तनीय बनाने, प्रक्रियाओं और प्रणालियों को मज़बूत करने तथा परिणामों को लागू करने के लिये छह विषयों में नए सुधार कार्य बिंदु प्रस्तुत किये गए। EASE 2.0 के छह विषय हैंः
- ज़िम्मेदार बैंकिंग;
- ग्राहक प्रतिक्रिया;
- क्रेडिट ऑफ-टेक,
- उद्यमी मित्र के रूप में पीएसबी (MSMEs के क्रेडिट प्रबंधन के लिये सिडबी पोर्टल);
- वित्तीय समावेशन और डिजिटलीकरण;
- शासन और मानव संसाधन (HR)।
- Ease 3.0: यह तकनीक का उपयोग करते हुए सभी ग्राहक अनुभवों में बैंकिंग को आसान बनाने का प्रयास करता है।
- फिनटेक और ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ साझेदारी,
- Credit@Click,
- टेक-सक्षम कृषि ऋण,
- EASE बैंकिंग आउटलेट आदि।
- EASE रिफॉर्म्स एजेंडा के तहत प्रदर्शनः
- EASE रिफॉर्म्स इंडेक्सः इंडेक्स 120+ ऑब्जेक्टिव मेट्रिक्स पर प्रत्येक PSB के प्रदर्शन को मापता है। इसका लक्ष्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच बेहतर प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करके परिवर्तन को जारी रखना है।
- PSB ने अच्छा प्रदर्शन किया है और महामारी के दौरान विस्तारित सेवा के बावजूद त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) से बाहर आ गए हैं।
- PCA एक ढाँचा है जिसके तहत कमज़ोर वित्तीय मैट्रिक्स वाले बैंकों को आरबीआई द्वारा निगरानी में रखा जाता है।
- फरवरी 2020 में EASE 3.0 रिफॉर्म्स एजेंडा के लॉन्च होने के बाद से PSB ने चार तिमाहियों में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की है।
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पिछले कुछ वर्षों से विभिन्न कारणों और मुद्दों को लेकर कृत्रिम बुद्धिमत्ता बराबर चर्चा में बनी हुई है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता कंप्यूटर विज्ञान की एक ऐसी शाखा है, जिसका काम बुद्धिमान मशीन बनाना है। हाल ही में सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग और गूगल के बीच इस बात पर सहमति बनी है कि दोनों भारत की उदीयमान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelliegence-AI) और मशीन लर्निंग (Machine Learning-ML) के पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई पहलों पर मिलकर एक साथ काम करेंगे, जिससे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पारिस्थितिक तंत्र निर्मित करने में मदद मिलेगी। नीति आयोग को एआई जैसी प्रौद्योगिकियाँ विकसित करने और अनुसंधान के लिये राष्ट्रीय कार्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस जिम्मेदारी पर नीति आयोग राष्ट्रीय डाटा और एनालिटिक्स पोर्टल के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर राष्ट्रीय कार्य नीति विकसित कर रहा है, ताकि व्यापक रूप से इसका उपयोग किया जा सके।
- विदित हो कि गूगल की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी डीपमाइंड, ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस के साथ मिलकर कई प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
सामान्य तौर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग को समानार्थी समझा जाता है, लेकिन ऐसा है नहीं। आगे इन दोनों के बीच अंतर को स्पष्ट किया गया है, ताकि भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो।
क्या है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?
सरलतम शब्दों में कहें तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है एक मशीन में सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है और इसमें एक ऐसा दिमाग बनाया जाता है, जिसमें कंप्यूटर सोच सके...कंप्यूटर का ऐसा दिमाग, जो इंसानों की तरह सोच सके।
- पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक (Purely Reactive)
- सीमित स्मृति (Limited Memory)
- मस्तिष्क सिद्धांत (Brain Theory)
- आत्म-चेतन (Self Conscious)
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरुआत 1950 के दशक में हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ है-- बनावटी (कृत्रिम) तरीके से विकसित की गई बौद्धिक क्षमता।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जनक जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनों, विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और अभियांत्रिकी है अर्थात् यह मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस है।
- इसके ज़रिये कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जाता है, जिसे उन्हीं तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है, जिसके आधार पर मानव मस्तिष्क काम करता है।
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट या फिर मनुष्य की तरह इंटेलिजेंस तरीके से सोचने वाला सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है।
- यह इसके बारे में अध्ययन करता है कि मानव मस्तिष्क कैसे सोचता है और समस्या को हल करते समय कैसे सीखता है, कैसे निर्णय लेता है और कैसे काम करता है।
हॉलीवुड में जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्टार वार, आई रोबोट, टर्मिनेटर, ब्लेड रनर आदि जैसी फिल्में बन चुकी हैं, उनसे आपको यह पता चल सकता है कि आखिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है क्या बला! भारत में भी प्रख्यात अभिनेता रजनीकांत की फिल्म 'रोबोट' में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को देखा-समझा जा सकता है। वैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाला कंप्यूटर सिस्टम 1997 में शतरंज के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शामिल रूस के गैरी कास्पोरोव को हरा चुका है।
(टीम दृष्टि इनपुट)
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का आरंभ 1950 के दशक में ही हो गया था, लेकिन इसकी महत्ता को 1970 के दशक में पहचान मिली।
- जापान ने सबसे पहले इस ओर पहल की और 1981 में फिफ्थ जनरेशन नामक योजना की शुरुआत की थी।
- इसमें सुपर-कंप्यूटर के विकास के लिये 10-वर्षीय कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई थी।
- इसके बाद अन्य देशों ने भी इस ओर ध्यान दिया। ब्रिटेन ने इसके लिये 'एल्वी' नाम का एक प्रोजेक्ट बनाया।
- यूरोपीय संघ के देशों ने भी 'एस्प्रिट' नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी।
- इसके बाद 1983 में कुछ निजी संस्थाओं ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर लागू होने वाली उन्नत तकनीकों, जैसे-Very Large Scale Integrated सर्किट का विकास करने के लिये एक संघ 'माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड कंप्यूटर टेक्नोलॉजी'की स्थापना की।
कहाँ-कहाँ हो रहा उपयोग?
वर्तमान दौर को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर किये जा रहे प्रयोगों का दौर कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
- कंप्यूटर गेम (Computer Gaming)
- प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण (Natural Language Processing)
- प्रवीण प्रणाली (Expert System)
- दृष्टि प्रणाली (Vision System)
- वाक् पहचान (Speech Recognition)
- बुद्धिमान रोबोट (Intelligent Robot)
इसके अलावा, किसी बेहद जटिल सिस्टम को चलाने...नई दवाएं तैयार करने...नए केमिकल तलाशने...खनन उद्योग से लेकर अंतरिक्ष...शेयर बाज़ार से लेकर बीमा कंपनियां...मानव जीवन का कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है, जिसमें आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस का दखल न हो।
- आज विश्वभर में हवाई जहाज़ों की आवाजाही पूर्णतः कंप्यूटर पर निर्भर है। कौन-सा हवाई जहाज़ कब, किस रास्ते से गुज़रेगा...कहां सामान पहुंचाएगा...यह सब मशीनें तय करके निर्देश देती हैं। यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिये आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।
तात्पर्य यह कि जिस काम को करने में मनुष्य को समय अधिक लगता है या जो काम जटिल तथा दुष्कर है, वह इन मशीनी दिमाग़ों की मदद से चुटकियों में निपटाया जा सकता है।
(टीम दृष्टि इनपुट)
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से हमारे रहने और कार्य करने के तरीकों में व्यापक बदलाव आएगा। रोबोटिक्स और वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकों से तो उत्पादन और निर्माण के तरीकों में क्रांतिकारी परिवर्तन देखने को मिलेगा। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के मुताबिक अकेले अमेरिका में अगले दो दशकों में डेढ़ लाख रोज़गार खत्म हो जाएंगे।
संभवतया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में रोज़गार जनित चुनौतियों से हम निपट लें, लेकिन सबसे बड़े खतरे को टालना मुश्किल होगा। अतः स्पष्ट है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त मशीनों से जितने फायदे हैं, उतने ही खतरे भी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सोचने-समझने वाले रोबोट अगर किसी कारण या परिस्थिति में मनुष्य को अपना दुश्मन मानने लगें तो मानवता के लिये खतरा पैदा हो सकता है। सभी मशीनें और हथियार बगावत कर सकते हैं। ऐसी स्थिति की कल्पना हॉलीवुड की 'टर्मिनेटर' जैसी फिल्म में की गई है।
इस समय का नवीनतम आविष्कार कृत्रिम बुद्धिमत्ता मशीनों की बुद्धि को दर्शाता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से रोबोट को इफेक्टिव और इंटेलिजेंट बनाया जाता है। इस प्रकार के रोबोट विदेशों में एवं देश की कई बड़ी कंपनियों में अपनी जगह बना चुके है और ऐसे काम कर रहे हैं, जिन्हें करने में श्रमिकों और तकनीकी कर्मचारियों को बेहद कठिनाई का अनुभव होता है।
भारत आ चुकी है सोफियाः मुंबई में जब एशिया का सबसे बड़ा टेक फेस्ट-2017 आयोजित किया गया था तब इसके टेलीफेस्ट में रोबोट सोफिया भी आई थी। सोफिया ने इस कार्यक्रम में भारतीय अंदाज़ को अपनाया और इस प्रोगाम में भारतीय वेशभूषा में सफेद और संतरी रंग की साड़ी पहनी हुई थी। सोफिया ने 'नमस्ते इंडिया, मैं सोफिया' कहकर वहाँ मौजूद लोगों का अभिवादन किया। टेक फेस्ट-2017 में तीन हजार लोगों में इस बात को लेकर उत्सुकता थी कि आखिर सोफिया किस तरह बात करती है और सवालों के जवाब कैसे देती है। सोफिया ने सभी सवालों के जवाब बड़ी ही चतुराई और प्रभावी तरीके से दिये। सोफिया ने वहाँ मौजूद लोगों से हिंदी में बात की।
(टीम दृष्टि इनपुट)
मशीन लर्निंग (Machine Learning) क्या है?
जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसे कंप्यूटर प्रोग्रामों के लिये इस्तेमाल किया जाता है, जो उन समस्याओं को हल करने की कोशिश करता है, जिसे मनुष्य आसानी से कर सकते हैं, जैसे किसी फ़ोटो को देखकर उसके बारे में बताना। उसी प्रकार एक अन्य काम जो इंसान आसानी से कर लेते हैं, वह है उदाहरणों से सीखना...और मशीन लर्निंग प्रोग्राम भी यही करने की कोशिश करते हैं अर्थात् कंप्यूटरों को उदाहरणों से सीखने के बारे में बताना। इसके लिये बहुत सारे अल्गोरिद्म आदि जुटाने पड़ते हैं, ताकि कंप्यूटर बेहतर अनुमान लगाना सीख सकें। लेकिन अब कम अल्गोरिद्म से मशीनों को तेज़ी से सिखाने के लिये मशीनों को ज़्यादा कॉमन सेंस देने के प्रयास किये जा रहे हैं, जिन्हें तकनीकी भाषा में 'रेग्यूलराइज़ेशन' कहा जाता है।
- हॉलीवुड की फिल्म 'माइनॉरिटी रिपोर्ट' में टॉम क्रूज अभिनीत पुलिसमैन तीन पारलौकिक सी प्रतीत होने वाली शक्तियों से मिली सूचना के आधार पर भावी अपराधियों को कानून तोड़ने के पहले ही पकड़ लेता है।
वास्तव में ऐसा पूर्वानुमान लगाना अधिक कठिन है, लेकिन कंप्यूटर की पूर्वानुमान लगाने की बढ़ती क्षमता के कारण अब ऐसी संभावना कल्पना जगत तक ही सीमित नहीं प्रतीत होती। मशीन लर्निंग प्रोग्राम उल्लेखनीय रूप से सटीक पूर्वानुमान लगा सकता है। यह डेटा की भारी-भरकम मात्रा में पैटर्न तलाशने के सिद्धांत पर काम करता है।
- किसी रेस्तराँ में साफ-सफाई को ही लीजिये। यह मशीन लर्निंग प्रोग्राम पता करता है कि नज़र में न आने वाले कौन से कारकों के मिलने से समस्या उत्पन्न होती है, लेकिन यदि एक बार मशीन को प्रशिक्षित कर दिया जाए तो वह रेस्तराँ के गंदे होने के जोखिम का आकलन कर सकेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का विकास मानव के विभिन्न दृष्टिकोणों और ज़रूरतों की विविधता को दर्शाता है। Google AI सभी को यह जानकारी निःशुल्क दे रहा है और यह कोर्स उन सभी के लिये है, जो मशीन लर्निंग के बारे में जानना चाहते हैं। Learn with Google AI में ऑनलाइन कोर्स की सुविधा भी है। इसे आप गूगल के मशीन लर्निंग एक्सपर्ट के फीचर वीडियो और दृश्य चित्रण के जरिए जानकारी हासिल कर सकते हैं। इस कोर्स की अवधि 15 घंटे की है, जिसमें गूगल के रिसर्चर लेक्चर देंगे। इस कोर्स को गूगल की इंजीनियरिंग एजुकेशन टीम ने तैयार किया है।
(टीम दृष्टि इनपुट)
निष्कर्षः आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संकल्पना बहुत पुरानी है। ग्रीक मिथकों में 'मैकेनिकल मैन' की अवधारणा से संबंधित कहानियाँ मिलती हैं अर्थात् एक ऐसा व्यक्ति जो हमारे किसी व्यवहार की नकल करता है। प्रारंभिक यूरोपीय कंप्यूटरों को 'लॉजिकल मशीन' की तरह डिजाइन किया गया था यानी उनमें बेसिक गणित, मेमोरी जैसी क्षमताएँ विकसित कर इनका मैकेनिकल मस्तिष्क के रूप में इस्तेमाल किया गया था। लेकिन जैसे-जैसे तकनीक उन्नत होती गई और कैलकुलेशंस जटिल होते गए, उसी तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संकल्पना भी बदलती गई। इसके तहत इनको मानव व्यवहार की तरह विकास करने की कोशिश की गई, ताकि ये अधिकाधिक इस तरह से इंसानी कामों को करने में सक्षम हो सकें, जिस तरह से आमतौर पर हम सभी करते हैं।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का कहना है कि मानवता के फायदे के लिये हमने आग और बिजली का इस्तेमाल तो करना सीख लिया, पर इसके बुरे पहलुओं से उबरना जरूरी है। इसी प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी ऐसी ही तकनीक है और इसका इस्तेमाल कैंसर के इलाज में या जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी किया जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का निर्माण हमारी सभ्यता के इतिहास की सबसे बड़ी घटनाओं में से है। लेकिन सच यह भी है कि यदि इसके जोखिम से बचने का तरीका नहीं ढूँढा, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं, क्योंकि तमाम लाभों के बावजूद आर्टिफिशियल इंजेलिजेंस के अपने खतरे हैं। कुल मिलाकर एक शक्तिशाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उदय हमारे लिये फायदेमंद भी हो सकता है और नुकसानदेह भी। फिलहाल हम नहीं जानते कि इसका स्वरूप आगे क्या होगा, इसीलिये इस संदर्भ में और ज़्यादा शोध किये जाने की ज़रूरत है।
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इसी दौरान यह भयानक हादसा हुआ है। रात को यह मकान भरभरा कर धाराशायी हो गया, जिसके बाद एक कमरे में सो रही तीन बहनों और उनकी एक भाई की मौत हो गई है। हादसे में इन बच्चों के माता-पिता घायल हो गए हैं।
राजस्थान के धौलपुर में बड़ा हादसा हो गया है। यहां एक मकान ढहने से तीन बहनों और एक भाई की मौत हो गई है। घटना देर रात की बताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, एक कमरे में 3 बहनें अपने एक भाई और मां के साथ रात के वक्त सो रही थीं। इसी दौरान यह भयानक हादसा हुआ है। रात को यह मकान भरभरा कर धाराशायी हो गया, जिसके बाद एक कमरे में सो रहे चारों बच्चों की मौत हो गई है। हादसे में इन बच्चों के माता-पिता घायल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक, धौलपुर जिले के मनिया कस्बे में मकान ढहने से चार बच्चों की मौत हो गई है। एक परिवार मकान के अंदर सो रहा था उसी दौरान मकान ढह कर गिर गया। मकान में सो रहे चार भाई-बहनों की मलबे में दबने से मौत हो गई। वही पति-पत्नी गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनका जिला अस्पताल में इलाज जारी है।
यह घटना देर रात करीब 2:00 बजे की बताई जा रही है। जब मनिया कस्बे में रहने वाला प्रमोद नामक व्यक्ति अपनी पत्नी और चार छोटे बच्चों के साथ मकान में सो रहा था। कई दिनों से हुई लगातार बरसात की वजह से मकान में नमी आ गई थी। प्रमोद के सभी 4 बच्चे और पत्नी एक कमरे में सो रहे थे। मकान के मलबे में दबने से चार भाई-बहनों की मौत हुई। इनमें सभी की उम्र 3 महीने से 5 वर्ष तक है। एक बड़े हादसे के बाद पूरे कस्बे में शोक का माहौल व्याप्त है।
क्या कहना है पिता का. .
मकान मालिक प्रमोद ने बताया कि विगत कई दिनों से हुई बरसात की वजह से मकान के अंदर नमी आ गई थी। मेरी पत्नी और चारों बच्चे कमरे के अंदर सो रहे थे। मैं बरामदे में सोया हुआ था। देर रात यह भयानक घटना हुई है। घटना की सूचना के बाद जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा और पूरे मामले की जांच की जा रही है। वही माता-पिता का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू गुरुवार को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार के साथ मुलाकात करेंगे। इससे अटकलें लगाई जा रही हैं कि टीडीपी भाजपा के खिलाफ बन रहे मोर्चे में शामिल होंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार नायडू नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्स) के सीताराम येचुरी से भी 2019 के महागठबंधन के लिए मुलाकात करेंगे।
2014 चुनाव से पहले चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ जाने का फैसला लिया था और नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री के तौर पर समर्थन किया था। हालांकि इस साल की शुरुआत में वह गठबंधन से अलग हो गए। वहीं तेलंगाना में दिसबंर में चुनाव होने वाले हैं। राज्य की सत्ताधारी पार्टी तेलंगाना राष्ट्रीय समिति को हराने के लिए टीडीपी और कांग्रेस पहले ही साथ आ चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए भी दोनों हाथ मिला सकते हैं।
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हरा-हरा धनिया (Green coriander) जो अक्सर लोग खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए उपयोग करते हैं। हरा धनिया सेहत (Health) के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। धनिया व्यक्ति के शरीर को कई समस्या से बचाता है, इसलिए खाने में हरा धनिया उपयोग करना फायदेमंद माना जाता है। लेकिन जहां हरा धनिया सेहत के लिए फायदे से भरा होता है, वहीं इसके कुछ नुकसान भी होते हैं। तो चलिए जानते हैं इसके फायदे और नुकसान के बारे में।
हरा धनिया आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है। इतना ही नहीं, हरा धनिया विटामिन ए से भरपूर होता है। अगर कोई इसे रोजाना अपनी डाइट में शामिल करता है, तो इससे आई साइट (Eye sight) अच्छी होती है और आंखों में दर्द की दिक्कत भी दूर होती है।
हरा धनिया शरीर को पोषण देने में ख़ास भूमिका निभाता है। दरअसल, धनिए में मैग्नीशियम, कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन सी और पोटैशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं।
हरा धनिया खाने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे इम्यूनिटी बढ़ती है। हरा धनिया इम्यूनिटी को स्ट्रांग करने में व्यक्ति की मदद करता है। हरे धनिया में मौजूद विटामिन सी, शरीर को किसी किसी भी तरह के वायरस से बचाने में मददगार बनता है।
डाइजेशन को बेहतर बनाने के लिए व्यक्ति को रोजाना हरा धनिया खाना चाहिए। इसको रोजाना डाइट में शामिल करने से पाचन तंत्र सही तरह से काम करता है और गैस, कब्ज और अपच जैसी दिक्कतों से राहत मिलती है।
अगर किसी व्यक्ति को हर धनिया खाने से एलर्जी (Allergy) की समस्या हो रही है, तो ऐसे में इसका सेवन न करें क्योंकि इससे स्किन संबंधी परेशानियां हो सकती है।
जिन लोगों का ब्लड प्रेशर लो रहता है, उनको अधिक मात्रा में धनिया का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि इससे ब्लड प्रेशर और भी लो हो सकता है।
धनिया का अधिक मात्रा में सेवन करने से लिवर (Liver) को नुकसान पहुंच सकता है।
अस्वीकरणः सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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उप-कप्तान केएल राहुल का फॉर्म टीम इंडिया के लिए टेंशन का सबब बन चुका है. केएल राहुल ऑस्ट्रेलिया में हुए टी20 वर्ल्ड कप में बल्ले से फ्लॉप रहे ही, साथ ही बांग्लादेश दौरे पर भी उनका फॉर्म खराब रहा. दो टेस्ट मैचों में वह कप्तानी के साथ-साथ बैटिंग में भी फेल रहे.
1. शुभमन गिलः ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए कप्तान रोहित शर्मा के पूरी तरह फिट होकर मैदान पर वापसी करने की संभावना है. ऐसे में रोहित के साथ शुभमन गिल का ओपनिंग कॉम्बिनेशन भारतीय टीम के लिए कारगर साबित हो सकता है. शुभमन गिल ने बांग्लादेश दौरे पर टेस्ट में शतक भी लगाया है और वह फॉर्म में चल रहे हैं. गिल और रोहित पहले भी टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग कर चुके हैं.
2. संजू सैमसनः विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को भारतीय टीम के लिए ज्यादा मौके नहीं मिले हैं. संजू सैमसन टी20 में बतौर ओपनर केएल राहुल का बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं. टी20 इंटरनेशनल में संजू सैमसन ने चार मैचों में ओपनिंग की है, जिसमें उन्होंने 26. 25 की औसत और 164. 06 के स्ट्राइक रेट से 105 रन बनाए हैं. संजू वनडे क्रिकेट में मिडिल ऑर्डर में भी केएल राहुल का विकल्प हो सकते हैं.
3. ईशान किशनः ईशान किशन टी20 में सलामी बल्लेबाज के तौर पर केएल राहुल की जगह लेने के बेस्ट कैंडिडेट हैं. बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 21 टी20 मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 29. 45 की औसत से 589 रन बनाए हैं. ईशान किशन ने बांग्लादेश दौरे पर तीसरे वनडे मुकाबले में दोहरा शतक जड़ा था. इससे पता चलता है कि उनमें टी20 के साथ ही वनडे क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन करने की काबिलियत है.
4. ऋतुराज गायकवाड़ः महाराष्ट्र के बल्लेबाज ऋतुराज गायकवाड़ घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बना रहे हैं. हाल ही में हुए विजय हजारे ट्रॉफी में ऋतुराज ने चार शतक लगाए थे. यूपी के खिलाफ मुकाबले में तो ऋतुराज ने एक ओवर में सात छक्के उड़ा दिए थे. मुश्ताक अली ट्रॉफी में ऋतुराज ने बढ़िया खेल दिखाया था. ऋतुराज गायकवाड़ टी20 क्रिकेट में राहुल का सॉलिड विकल्प हो सकते हैं.
5. पृथ्वी शॉः 23 साल के पृथ्वी शॉ टी20 और टेस्ट क्रिकेट में केएल राहुल का एक मजबूत विकल्प हो सकते हैं. पृथ्वी पहले भी भारत के लिए बतौर ओपनर खेल चुके हैं. देखा जाए तो पृथ्वी का हालिया फॉर्म काफी अच्छा रहा है. इस सीजन के सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में वह मुंबई के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे. अगर भारतीय टीम मैनेजमेंट खासकर टी20 फॉर्मेट में नए सिरे से टीम बनाना चाहती है तो पृथ्वी उसमें अहम किरदार निभा सकते हैं.
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नई दिल्ली : पतंजलि उत्पादों की बढ़िया उपलब्धि हासिल करने वाले बाबा रामदेव अब बैलों की शक्ति से बिजली बनाने का अनूठा प्रयोग करने जा रहे है जिसमें प्राम्भिक सफलता भी मिल गई है. लेकिन वृहद बिजली उत्पादन के लिए प्रयोगाधीन है. अगर यह प्रयोग सफल रहा तो बैलों को बूचड़खाने भेजने से बचाया जा सकेगा.
आपको बता दें कि इस अभिनव प्रयोग का विचार मूलरूप से बालकृष्ण का है, जिस पर करीब डेढ़ साल से काम चल रहा है और प्रारम्भिक सफलता भी मिली है. उद्देश्य स्पष्ट है कि बैलों को बुचड़खाने भेजने के बजाय बिजली बनाने के काम में लिया जाए. बताया जा रहा है कि इस परियोजना में भारत की एक बहुराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल कंपनी के अलावा तुर्की की कंपनी भी शामिल है. इस अनुसन्धान परियोजना से जुड़े सूत्रों के अनुसार अब तक टर्बाइन की मदद से 2. 5 किलोवॉट बिजली बनाने का सफल प्रयोग हो चुका है. अब चुनौती अधिक बिजली बनाने की है.
एक अंग्रेजी अख़बार से बातचीत में बालकृष्ण ने कहा कि अब तक माना जाता था कि बैल किसी काम के नहीं होते और उन्हें बुचड़खाने भेज दिया जाना चाहिए. हरिद्वार स्थित पतंजलि मुख्यालय पर यह प्रयोग चलने की बालकृष्ण ने पुष्टि की है. उनके अनुसार सुबह बैलों से हल चलवाए जा सकते हैं और शाम को बिजली बनाने में उनका उपयोग हो सकता है. अभी यह प्रयोग जारी है कि क्या एक गरीब किसान अपने बैल की मदद से घर की जरूरत के लिए बिजली बना सकता है या नहीं? सूत्रों के अनुसार अभी तक बड़े स्तर पर बिजली बनाने में सफलता नहीं मिली है. पतंजलि गरीब परिवारों की मदद करना चाहती है इसलिए वह इस परियोजना से जुड़ी कोई चीज नहीं बेचेगी.
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नई दिल्लीः रियल स्टेट कंपनी आम्रपाली बिल्डर की दिल्ली, नोएडा, बिहार, उत्तराखंड समेत देश भर में स्थित कुल 29 ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी की जा रही है। इस छापेमारी में सीबीआई के साथ ED और EOW की टीमें भी शामिल हैं। अबसे थोड़ी देर पहले CBI टीम कंपनी के नोएडा सेक्टर 44 स्थित सोसायटी भी पहुंची।
आम्रपाली बिल्डर पर आर्थिक अनियमितताओं समेत करोड़ का फंड दूसरी जगहों पर अवैध तरीके से ट्रांसफर करने का आरोप है। सीबीआई द्वारा इसकी जांच की जा रही है और इसी सिलसिले में यह छापेमारी की जा रही है।
सीबीआई टीम की ओर से एक साथ कई जगहों पर छापेमारी की गई। प्रवर्तन निदेशालय, EOW द्वारा पर कंपनी पर लगे आर्थिक अनियमितताओं की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान फंड ट्रांसफर की बात सामने आई थी, जिसके बाद यह छापेमारी की गई।
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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैच की सीरीज का दूसरा मैच बैंगलोर के चिन्नास्वामी मैदान पर खेला जा रहा है. टीम इंडिया ने पुणे में मिली हार के बाद विराट कोहली ने टॉस जीतकर सुबह बल्लेबाज़ी का फैसला किया.
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने मैदान पर आकर कुछ शॉट्स लगाए, लेकिन लायन की एक गेंद को कोहली ठीक से पढ़ नहीं सके और सीधी गेंद को छोड़ बैठे, जिसके कारण उन्हें एलबीडब्ल्यू करार दिया गया. कोहली ने रिव्यू लिया, लेकिन उन्हें खुद पता था, कि वो आउट है और इसलिए कोहली ने अंपायर के निर्णय का इंतज़ार नहीं किया और पवेलियन की ओर चले गए.
कोहली के आउट होते ही, टीम इंडिया की बल्लेबाज़ी ताश के पत्तों की तरह डेह गयी और कोई भी बल्लेबाज़ विकेट पर टिक नहीं सका. एक छोर शुरू से लोकेश राहुल ने संभाला हुआ था, लेकिन उनका साथ देने के लिए कोई भी बल्लेबाज़ नहीं बचा था और इस वजह से राहुल भी तेज़ी से रन बटौरने के चक्कर में अपना विकेट गवा बैठे.
यहाँ देखें विडियो :
जब भारतीय टीम गेंदबाज़ी के लिए उतरी, तो अजिंक्य रहाणे ने डेविड वार्नर का कैच छोड़ा और उन्हें एक जीवनदान दिया. ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन का खेल ख़त्म होने तक बिना विकेट गवाए रन 40 बना लिए है.
संक्षिप्त स्कोरकार्ड :
भारत : 189 (राहुल 90, लायन 50/8)
ऑस्ट्रेलिया : 40/0 (वार्नर 23* रेंशो15*)
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वाराणसीः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी शनिवार की देर शाम श्री काशी विश्वनाथ मंदिर पहुंचे। दर्शन पूजन के पश्चात उन्होंने निर्माण कार्यों को देखा और कहा बाबा श्री काशी विश्वनाथ का धाम भव्य होगा।
मुख्यमंत्री करीब 8:10 बजे मंदिर प्रांगण पहुंचे। इस दौरान मंदिर परिसर में सप्त ऋषि आरती चल रही थी, जिसमें शामिल हुए। आरती के पश्चात उन्होंने बाबा काशी विश्वनाथ का विधि विधान से पूजन किया।
पूजन के पश्चात मुख्यमंत्री मुख्य प्रवेश द्वार से शनि मंदिर अक्षय वट हनुमान मंदिर होते हुए ज्ञानवापी मंडप पहुंचे। मंदिर परिसर के चारों ओर हो रहे निर्माण कार्यों का अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री रानी भवानी उत्तरी प्रवेश द्वार पर चुनार के लाल बलुआ पत्थरों को तराश कर बनाए जा रहे नए प्रदक्षिणा मार्ग और भव्य प्रवेश द्वार के डिजाइन को देखा पत्थरों को तराश कर जो नक्काशी उभरकर आई उसको देखने के बाद मुख्यमंत्री ने इसे श्री बाबा विश्वनाथ की कृपा और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की परिकल्पना को साकार बताया।
इसके बाद मुख्यमंत्री श्री काशी विश्वनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को देखने के लिए गंगा तट तक गए मंदिर चौक, मुमुक्षु भवन, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी सहित कई निर्माण के बारे में जानकारी ली। इस दौरान मंडलायुक्त श्री दीपक अग्रवाल ने बताया कि भवनों का निर्माण कार्य तेजी से किया जा रहा है।
बारिश के पश्चात जेट्टी का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया गया है। इसके पश्चात मुख्यमंत्री मणिकर्णिका घाट पर बने रैंप से होते हुए मणिकर्णिका घाट, जलासेन और ललिता घाट पर गए। उन्होंने जेट्टी के निर्माण कार्य के बारे जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने मां गंगा को प्रणाम करते हुए आचमन किया।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्य समय पर गुणवत्ता पूर्वक पूरे किए जाएं। इस दौरान मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री सुनील वर्मा ने बताया कि जलासेन घाट पर बने पुराने निर्माण को संरक्षित किया जाएगा। साथ ही गोयनका लाइब्रेरी को भी संरक्षण करने की योजना बनाई गई है। इस पर मुख्यमंत्री ने सभी मंदिरों पुरानी धरोहरों को संरक्षित करने का निर्देश दिया।
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भिलाई। सालों से निराश और हताश 53 वर्षीय वंदना राठौर का जीवन आज पटरी पर लौट आया। बीते दिनों मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई तीन के निवास पहुंचकर ने यह मदद मांगी थी। बुजुर्ग महिला वंदना राठौर ने मुख्यमंत्री निवास कैम्प में बताया था कि कैसे पति की मृत्यु उपरांत वह असहाय हो गई है। अगर उनको इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर मिल जाए, तो उनका जीवन आसान हो जाएगा। जिसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सहर्ष स्वीकार कर लिया था।
इस बात की जानकारी जैसे ही उनकी सुपुत्री स्मिता बघेल को लगी, तो उन्होंने बीमारी की गंभीरता और महिला की दिक्कतों को देखते हुए। आज बुजुर्ग महिला को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर मंगवाकर प्रदान किया। इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर पाकर महिला खुश हो गई वे अपने रूंधे गले से स्मिता बघेल का शुक्रिया अदा किया। इस दौरान स्मिता बघेल ने उनके स्वास्थ्य की जानकारी भी ली चर्चा करते करते दोनों भावुक हो गए।
स्मिता बघेल ने कहा कि मां चिंता मत करना हम सब लोग आपके साथ हैं। भगवान पर भरोसा रखिए इस घर का दरवाजा आपके लिए हमेशा खुला है। यह सुनकर वंदना राठौर के आंखों में आंसू छलक गए। मुख्यमंत्री के ओएसडी मनीष बंछोर ने महिला वंदना एवं उसकी पुत्री देवांशी राठौर को हर परेशानी में साथ देने की बात कही।
श्री बंछोर ने बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हुए, दवा ई या अन्य किसी मदद के लिए संपर्क में रहने की बात कही। वन्दना ने कहा कि वे वर्षों से दूसरों पर निर्भर होकर रह गई थी। अब स्वयं ही अपना दैनिक कार्य कर सकेगी।
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ताजा ICC Test Ranking में इंग्लैंड के कप्तान जो रूट दोबारा नंबर 1 बन गए हैं। उनको भारत के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी का इनाम मिला। रूट 6 साल बाद दोबारा टेस्ट के नंबर 1 बल्लेबाज बने हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड टीम के कप्तान केन विलियमसन को पीछे छोड़ते हुए ये खास उपलब्धि अपने नाम की।
आईसीसी की नई टेस्ट रैंकिंग में जो रूट 916 की रेटिंग के साथ पहले पायदान पर पहुंच गए हैं। तीसरे टेस्ट के बाद रूट को 23 पॉइंट्स का फायदा हुआ है। इसके पहले वह 893 की रेटिंग के साथ दूसरे स्थान पर बने हुए थे। वहीं कीवी टीम के कप्तान केन विलियमसन अब 901 की रेटिंग लिए दूसरे पायदान पर फिसल गए। जबकि स्टीव स्मिथ और मार्नस लाबुशेन क्रमशः तीसरे और चौथे पायदान पर बने हुए हैं।
लीड्स टेस्ट के बाद रोहित शर्मा टेस्ट (773) रैंकिंग में विराट कोहली को पीछे छोड़कर पांचवें पायदान पर पहुंच गए हैं। जबकि भारतीय कप्तान कोहली 766 रेटिंग पॉइंट्स के साथ छठे स्थान पर आ गए हैं। इसके अलावा भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत टॉप-10 से बाहर हो कर 12वें पायदान पर पहुंच गए। बाबर आजम नंबर 7 पर कायम है। जबकि डेविड वॉर्नर और क्विंटन डिकॉक को एक-एक स्थान का फायदा मिला है।
भारत के खिलाफ मौजूदा टेस्ट सीरीज में जो रूट का बल्ला जमकर धमाल मचा रहा है। उन्होंने 3 मैच की 5 पारियों में 126 की औसत से 507 रनों का ढेर लगा दिया है। उनके नाम लगातार तीन शतक भी दर्ज हुए हैं। रूट सीरीज में क्रमशः 109 (नॉटिंघम), 180 (लॉर्ड्स) और 121 (लीड्स) रनों की शतकीय पारी खेल चुके हैं।
गेंदबाजों की टेस्ट रैंकिंग की बात करें तो तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने टॉप-5 में जगह बना ली है। वह 813 की रेटिंग के साथ पांचवें पायदान पर विराजमान हो गए हैं। जिसके चलते कीवी टीम के धाकड़ गेंदबाज नील वेगनर छठे स्थान पर फिसल गए। इसके अलावा ओली रॉबिन्सन और क्रेग ओवरटन को भी आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में फायदा हुआ है।
ऑलराउंडर की टॉप-10 टेस्ट रैंकिंग में न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज टीम साउदी दसवें पायदान पर आ गए हैं। जहां उन्होंने क्रिस वोक्स को पीछे छोड़ा।
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गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा ने एक महीने की चोट से उबरने के बाद मैदान पर जोरदार वापसी की है। लॉज़ेन डायमंड लीग में अपने 'गोल्डन आर्म' का जादू दिखाते हुए उन्होंने 87. 66 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर एक बार फिर गोल्ड मेडल पर कब्जा कर लिया है. यह उनका साल का दूसरा और 8वां अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक है। इससे पहले वह दोहा डायमंड लीग में भी खेल चुके हैं।
पहले राउंड में नीरज चोपड़ा ने फाउल से शुरुआत की. वहीं, जर्मनी के जूलियन वेबर ने 86. 20 मीटर के थ्रो के साथ बढ़त बनाई। पहले राउंड के अंत में नीरज शीर्ष तीन खिलाड़ियों में भी नहीं थे. फिर दूसरे प्रयास में नीरज ने 83. 52 मीटर थ्रो किया. हालाँकि, दूसरे राउंड के अंत में जूलियन अभी भी बढ़त में थे। हालांकि, नीरज की रैंकिंग में सुधार हुआ और वह तीसरे नंबर पर पहुंच गए। तीसरे प्रयास में नीरज ने 85. 02 मीटर का स्कोर किया। इस थ्रो के साथ वह दूसरे स्थान पर पहुंच गये. हालाँकि, जूलियन ने 86. 20 मीटर के थ्रो के साथ फिर भी बढ़त बनाए रखी। चौथे प्रयास में नीरज फाउल हो गये. पांचवें प्रयास में, नीरज की 'गोल्डन आर्म' ने अपना जादू चलाया और 87. 66 मीटर का थ्रो हासिल किया।
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BAREILLY: बारादरी के संजय नगर तिराहा स्थित एक होटल के किचन में गोली चलने से सनसनी मच गई। होटल के सिक्योरिटी गार्ड ने रेस्टोरेंट कैप्टन को गोली मार दी, जिसे होटल से सटे प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया। हालत गंभीर होने पर उसे भोजीपुरा स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है। गोली मारने की वजह मोबाइल पर अश्लील फिल्म देखने को लेकर हुआ झगड़ा बताया जा रहा है। वारदात की सूचना पर एसपी सिटी समेत भारी संख्या में तीन थानों की फोर्स पहुंच गई। होटल मालिक से परिजनों की हॉट टाक भी हुई। पुलिस ने गार्ड को गिरफ्तार कर गन जब्त कर ली है।
सीबीगंज के मढ़ोली निवासी ख्ब् वर्षीय दीपू संजय नगर तिराहा स्थित होटल में ख्ब् वर्षीय दीपू रेस्टोरेंट कैप्टन की जॉब करता है। इसी होटल में सिक्योरिटी गार्ड देवचरा निवासी लालाराम काम करता है। मंडे रात करीब नौ बजे होटल के पीछे किचन में तंदूर के पास गोली चलने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर वेटर राजेश बाहर पहुंचा तो उसने दीपू ने बताया कि उसे लालाराम ने गोली मार दी। लालाराम ने उसे भी गोली मारने की धमकी दी। दीपू की कमर में गोली लगी है। सूचना पर होटल के मालिक भी मौके पर पहुंच गए और उसे तुंरत होटल से सटे हॉस्पिटल में ले जाया गया।
कंट्रोल रूम से एसओ इज्जतनगर को घटना के बारे में बताया गया। एसओ इज्जतनगर ने जब कॉलर की लोकेशन पता की तो पता चला कि गोली होटल में चली है। उसके बाद मौके पर बारादरी इंस्पेक्टर, इज्जतगर इंस्पेक्टर, प्रेमनगर एसएसआई भारी संख्या में पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। कुछ देर बाद ही एसपी सिटी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने लालाराम को तुरंत पकड़कर थाना पहुंचा दिया। लालाराम नशे में पूरी तहर से धुत था। पहले तो पुलिस को सही घटनास्थल ही नहीं बताया गया। काफी देर पूछताछ करने पर पीछे ले जाया गया। पुलिस को मौके पर कोई ब्लड पड़ा नहीं मिला है। जिस जगह वारदात हुई वहां पर नाइट विजन सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है।
पुलिस गिरफ्त में आए लालाराम ने बताया कि उसका संडे रात में खाना खाने के दौरान दीपू से मोबाइल में क्लिप देखने को लेकर झगड़ा हो गया था। मंडे को भी खाना खाने के वक्त उसकी दीपू से कहासुनी हो गई जिसके बाद उसने गोली मार दी।
मौके पर बारादरी इंस्पेक्टर ने होटल मैनेजमेंट पर लापरवाही बरतने पर जमकर लताड़ भी लगायी। इंस्पेक्टर का कहना था कि शराब के नशे में किसी गार्ड को ड्यूटी ही क्यों करने दी गई। पुलिस इस मामले में मैनेजमेंट के खिलाफ लाइबेलिटी एक्ट के तहत एक्शन लेने की बात कह रही है।
गार्ड और रेस्टोरेंट कैप्टन में मजाक-मजाक में गोली चली है। रेस्टोरेंट कैप्टन का इलाज कराया जा रहा है। वारदात होटल प्रामिसेस के बाहर हुई है।
होटल के किचन में गार्ड ने युवक को गोली मारी है। आरोपी को गिरफ्तार कर बंदूक जब्त कर ली गई है। आरोपी और होटल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को उत्तर प्रदेश डीजीपी मुख्यालय ने लखनऊ, कानपुर नगर और वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट के पुनर्गठन को मंज़ूरी दे दी। कानपुर नगर और वाराणसी में एक-एक ज़ोन बढ़ाया गया है, जबकि लखनऊ ग्रामीण के थानों को लखनऊ में समायोजित कर दिया गया है।
- एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि तीनों ही ज़िलों में कमिश्नरेट के पहले के ढाँचे में बदलाव किया गया है। अब लखनऊ में 52 थाने, 16 सर्किल और पाँच ज़ोन होंगे। कानपुर नगर पुलिस कमिश्नरेट में 49 थाने, 14 सर्किल और चार ज़ोन होंगे। वहीं वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट में 30 थाने, 9 सर्किल और तीन ज़ोन होंगे।
- कानपुर में सेंट्रल और वाराणसी में गोमती नया ज़ोन बनाया गया है। कानपुर में एक डीसीपी, एक एडीसीपी और चार एसीपी का पद बढ़ाया गया है। इसी तरह वाराणसी में एक डीसीपी, एक एडीसीपी और तीन एसीपी का पद बढ़ा है।
- लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में कोई नया ज़ोन नहीं बनाया गया है। ग्रामीण के सात थानों को अलग-अलग ज़ोन में शामिल कर दिया गया है। हालाँकि, लखनऊ में तीन एसीपी का पद बढ़ाया गया है।
- वाराणसी में गोमती नया ज़ोन होगा। इसके साथ ही वाराणसी में अब ज़ोन की संख्या दो से बढ़कर तीन हो गई है। सर्किल की संख्या भी छह से बढ़कर नौ हो गई है। काशी ज़ोन में 13 थाने, वरुणा ज़ोन में 10 थाने और गोमती ज़ोन में सात थाने रखे गए हैं। काशी ज़ोन में चार सर्किल, वाराणसी ज़ोन में तीन सर्किल और गोमती ज़ोन में दो सर्किल रहेंगे।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को बिहार के भोजपुर ज़िले के मैथिली साहित्य के प्रयोगधर्मी साहित्यकार आचार्य सोमदेव का निधन हो गया।
- वरिष्ठ साहित्यकार विभूति आनंद ने यह जानकारी देते हुए बताया कि 24 फरवरी, 1934 को जन्मे सोमदेव ने मैथिली साहित्य में 'यात्री-नागार्जुन' के बाद नई ऊर्जा भरी थी। प्रयोगवाद (कालध्वनि कविता संग्रह, जिसकी प्रख्यात भूमिका डॉ. धीरेंद्र ने लिखी थी) से शुरू होकर उन्होंने कई तरह के प्रयोग किये।
- पारंपरिक लोक धुनों को आधार बनाकर उन्होंने कई जनगीत लिखे, जो काफी चर्चित रहे। कविता में दोहा के साथ ही उन्होंने उपन्यास में भी अलग तरह के प्रयोग किये। उनकी लिखी 'चरपतिया' लोगों की जुबान पर आज भी है।
- गौरीशंकर, यानी सोमदेव ने दरभंगा को अपना कार्यक्षेत्र चुना था। एक दशक तक वे अपने पुत्र के साथ सहरसा में भी रहे।
- साहित्य अकादमी से पुरस्कृत सोमदेव पॉकेट बुक्स के प्रयोग को पहली बार मैथिली में लाए। उन्होंने प्रयोग के तौर पर मैथिली में 'होटल अनारकली' जैसे उपन्यास लिखे। सहसमुखी चौक पर, सोम पदावली, चरैवेति, चानोदाई जैसी उनकी किताबें चर्चित रहीं।
- आचार्य सोमदेव ने यात्री-नागार्जुन की रचनाओं के साथ ही 'मेघदूत' व 'नामदेव' का मराठी अनुवाद भी किया। उनकी कथा 'भात'माइल स्टोन माना जाता है। उन्होंने 'मिथिला भूमि' व 'मिथिला टाइम्स'जैसे पत्र-पत्रिकाओं का संपादन-प्रकाशन भी किया। नक्सलबाड़ी आंदोलन के दौरान उन्होंने 'अग्नि संकलन'का प्रकाशन तथा मैथिली की प्रख्यात पत्रिका 'वैदेही'का संपादन भी किया था।
- आचार्य सोमदेव को 'यात्री चेतना पुरस्कार', 'सुभद्रा कुमारी चौहान शताब्दी पुरस्कार'आदि से भी सम्मानित किया जा चुका है।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार के बक्सर में 3,390 करोड़ रुपए की दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन और रोहतास में एलिवेटेड पुल का शिलान्यास किया।
- मंत्री नितिन गडकरी ने बक्सर में दो राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर 1662 करोड़ रुपए की लागत से 44 किलोमीटर लंबा 4-लेन वाला कोइलवर से भोजपुर खंड तैयार किया गया है।
- इसी तरह से राष्ट्रीय राजमार्ग-922 पर 48 किलोमीटर 4-लेन भोजपुर से बक्सर खंड 1728 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ है।
- केंद्रीय मंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इन दोनों परियोजनाओं के बनने से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी आसान होगी। इससे बिहार से लखनऊ होते हुए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुँचने में लगने वाला 15 घंटे का समय अब घटकर 10 घंटे हो जाएगा।
- इस सड़क से आरा में ट्रैफिक जाम से लोगों को राहत मिलेगी और कृषि उत्पादों की नए बाज़ार तक पहुँच आसान होगी। वहीं गंगा पुल के निर्माण से उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच यातायात सुगम हो जाएगा। इस मार्ग पर 37 अंडर पास पैदल चलने वालों और वाहनों की आवाजाही की सुविधा प्रदान करेंगे।
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार के रोहतास में सोन नदी पर पंडुका के पास बनने वाले 5 किलोमीटर लंबे 2-लेन के एलिवेटेड आर.सी.सी. पुल का शिलान्यास भी किया। इसके निर्माण पर 210 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
- इस पुल के निर्माण से राष्ट्रीय राजमार्ग-19 और राष्ट्रीय राजमार्ग-39 सीधे जुड़ जाएंगे। पुल के बनने के बाद बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बीच यातायात का आवागमन सुगम बनेगा।
- केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान में रोहतास ज़िले के पंडुका तथा झारखंड के गढ़वा ज़िले से श्रीनगर पहुँचने के लिये 150 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है और एलिवेटेड पुल के निर्माण से इस यात्रा समय में करीब चार घंटे की बचत होगी। अब पुल की मदद से डेहरी पुल पर ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा और औरंगाबाद तथा सासाराम जैसे शहरों को जाम की समस्या से मुक्ति मिल सकेगी।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरू हुए चौदह दिवसीय भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में इस वर्ष की थीम 'वोकल फॉर लोकल, लोकल फॉर ग्लोबल' के अनुरूप राजस्थान मंडप नए रूप-रंग के साथ प्रारंभ हुआ।
- राजस्थान मंडप का उद्घाटन राजस्थान लघु उद्योग निगम (राजसीको) के चेयरमैन राजीव अरोड़ा ने किया। मेला के पहले दिन ही राजस्थान मंडप राजस्थानी कला और संस्कृति के प्रतीक रूप में दर्शकों के बीच आकर्षण का केंद्र बना रहा।
- इस अवसर पर राजीव अरोड़ा ने कहा कि व्यवसाय जगत् और जनता के बीच राजस्थान राज्य सरकार के कार्यक्रमों एवं नीतियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड (राजसीको) द्वारा प्रगति मैदान में स्थापित राजस्थान पवेलियन देश-विदेश से आए व्यापारियों और दर्शकों के लिये राजस्थान को समझने और वहाँ निवेश करने के नए अवसरों को समझने का मौका प्रदान करेगा।
- राजसीको की प्रबंध निदेशक डॉ. मनीषा अरोड़ा ने कहा कि इस बार ट्रेड फेयर में आरएसआईसी के साथ-साथ रीको, बीआईपी और उद्योग विभाग भाग ले रहे हैं। B2B और B2C घटकों के साथ यह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला सबसे बड़े एकीकृत व्यापार मेलों में से एक है, जिसमें भारत के लगभग सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भाग ले रहे हैं।
- राजस्थान मंडप के निदेशक दिनेश सेठी ने बताया कि मंडप में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से व्यापार मेले में भाग लेने आए उद्यमियों द्वारा लगभग 27 स्टॉलों का प्रदर्शन किया गया है, जिसमें राजस्थान के विश्वप्रसिद्व हस्तशिल्प उत्पादों को विशेषरूप से देश-विदेश में धूम मचाने वाली राजस्थानी हस्तशिल्प वस्तुओं में लाख की चूड़ियाँ, महिलाओं के श्रृंगार के विविध आईटम्स, टेक्सटाईल्स का सामान, चद्दरें और मोजड़ियों के उत्पादों के स्टॉल शामिल हैं।
- मंडप के मुख्य द्वार पर राजस्थान पर्यटन द्वारा एक चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों को प्रदर्शित किया गया है। मंडप स्थल पर रीको, रूडा और राजस्थली द्वारा प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है, जिसमें प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा उद्योगों और हैंडीक्राफ्ट को बढ़ावा देने के लिये चलाए जा रहे कार्यक्रमों का विवरण प्रदर्शित किया है।
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राजस्थान मंडप के उद्घाटन के दिन विशेष अतिथियों में स्लोवाकिया के राजदूत महामहिम राबर्ट मैक्सियन, अफगानिस्तान के उप राजदूत कादिर शाह, केन्या के राजनयिक पैट्रिक ओमिनियो सहित व्यापार और फिल्म जगत् की कई हस्तियों ने भ्रमण किया।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान (एचसीएम रीपा) एवं भारत सरकार के अंकेक्षण एवं लेखा विभाग के मध्य सिविल सेवा व राजकीय अधिकारियों की क्षमता निर्माण को प्रोत्साहित करने एवं बढ़ावा देने हेतु एमओयू हुआ।
- हरिश्चंद्र माथुर राजस्थान राज्य लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक व अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रशिक्षण सुधांश पंत व अंकेक्षण एवं लेखा विभाग के क्षेत्रीय प्रशिक्षण संस्थान के महानिदेशक आशुतोष जोशी ने एचसीएम रीपा परिसर में इस पाँच वर्षीय MoU पर हस्ताक्षर किये।
- दोनों प्रशिक्षण संस्थान इस पाँच वर्ष की अवधि में विभिन्न अनुसंधान योजना (Research Projects), संकाय सहयोग, लोक प्रशासन व सुशासन से जुड़े हुए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार करने तथा आपसी सहमति से अन्य कार्यक्रम आयोजित करने में आपसी सहयोग करेंगे।
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14 नवंबर, 2022 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से यूएस के कॉन्सुलेट जनरल (महा वाणिज्य दूत) मिचेल हेंकी ने भेंट की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश और यूएस के मध्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की व्यापक संभावनाएँ हैं।
- मुख्यमंत्री ने यूएस के कॉन्सुलेट जनरल मिचेल हेंकी को जनवरी में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिये भी आमंत्रित किया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत और यूएस के मध्य विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की व्यापक संभावनाएँ हैं। द्विपक्षीय व्यापार और निवेश की प्राथमिकताओं पर कार्य के लिये यह बैठक महत्त्वपूर्ण है।
- गत तीन वर्ष में मध्य प्रदेश से यूएस में होने वाले निर्यात में वृद्धि हुई है। वर्ष 2019-20 में 05 बिलियन यूएस डॉलर का निर्यात हुआ, वहीं यह आँकड़ा वर्ष 2020-21 में बढ़ कर 1.28 और वर्ष 2021-22 में बढ़ कर 1.43 बिलियन यूएस डॉलर हो गया है। मुख्य रूप से जो उत्पाद मध्य प्रदेश से यूएस निर्यात होते हैं, उनमें बासमती चावल, दवाइयाँ, सूती वस्त्र, खाद्य तेल आदि शामिल हैं।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि निवेश के रूप में मध्य प्रदेश की केंद्रीय और आदर्श भूमिका है। देश के करीब 60 प्रतिशत भू-भाग को मध्य प्रदेश से आसानी से कवर किया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा निवेशकों से नियमित संवाद होता है।
- यूएस एवं मध्य प्रदेश की उन्नत विनिर्माण, रिन्यूएबल एनर्जी, मशीनरी इक्विपमेंट्स, ऑटोमोबाइल, फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्रों में साझेदारी है। इसे यूएस एवं मध्य प्रदेश की सरकारी संस्था एमपीआईडीसी और यूएसटीडीए के मध्य एमओयू कर और आगे ले जाया जा सकता है।
- प्रदेश में कृषि विकास, उद्यानिकी और खाद्य प्र-संस्करण के क्षेत्र में बहुत अच्छा आधार स्थापित है। मध्य प्रदेश, भारत में गेहूँ का सबसे बड़ा निर्यातक राज्य है। इस क्षेत्र में भी यूएस के साथ साझेदारी कर टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर निवेश की संभावनाएँ तलाशी जा रही हैं।
- कौशल विकास एवं प्रशिक्षण, नवाचार और अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में सेंटर ऑफ एक्सीलेन्सेस, इन्क्यूबेशन सेंटर और कॉमन फेसिलिटी सेंटर को यूएस कंपनियों के साथ साझेदारी कर स्थापित करने के प्रयास हैं। प्रदेश में स्मार्ट सिटी विकास में साझेदारी एवं नवाचार के नवीन अवसर खोजने का कार्य भी प्राथमिकता में शामिल है।
- मध्य प्रदेश इन्फ्रा-स्ट्रक्चर (सड़क), वित्तीय और नवकरणीय क्षेत्रों में अधिक निवेश के लिये प्रयासरत् है। प्रदेश में चयनित ओडीओपी उत्पादों को अमेरिका में विपणन के अवसर प्रदान करने की संभावनाएँ विद्यमान हैं। 'स्टार्ट योर बिज़नेस इन थर्टी डेज़'की व्यवस्था का लाभ उद्यमियों को मिल रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश, देश का हृदय प्रदेश है। स्वच्छता के क्षेत्र में मध्य प्रदेश देश में सबसे आगे है। नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में रीवा ज़िले में स्थापित 'रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट'एक प्रमुख परियोजना है, जिसकी लागत 4 हज़ार 500 करोड़ रुपए और क्षमता 750 मेगावाट है।
- उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर में सौर ऊर्जा से संचालित फ्लोटिंग संयंत्र की स्थापना की पहल की गई है। भविष्य में बरगी और गांधी सागर जलाशय पर भी ऐसे संयंत्र लगाने का विचार है।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने वर्ष 2022 के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा की। खेल-कूद और गेम्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये 25 खिलाड़ी 2022 के अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करेंगे, जिनमें हरियाणा के सोनीपत के दो खिलाड़ी सीमा अंतिल व पहलवान सरिता मोर शामिल हैं। इसके साथ ही अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक राज सिंह छिक्कारा को द्रोणाचार्य अवार्ड (लाइफटाइम कैटेगरी) के लिये नामित किया गया है।
- पुरस्कार विजेता 30 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति भवन में एक विशेष रूप से आयोजित समारोह में भारत की राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
- देश के प्रतिष्ठित खेल सम्मान अर्जुन अवार्ड के लिये नामित देश की सबसे अनुभवी एथलीट डिस्कस थ्रोअर सीमा अंतिल पूनिया राष्ट्रमंडल खेलों में पदकों की हैट्रिक जमाने का कारनामा कर चुकी हैं। यह कारनामा उन्होंने वर्ष 2006, 2010 व 2014 में किया था। यही नहीं वह वर्ष 2004, 2012, 2016 व 2022 में भी ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी हैं।
- सीमा अंतिल का जन्म सोनीपत के गाँव खेवड़ा में हुआ था। परिवार में खेलों का माहौल शुरू से था। खेलों के इसी माहौल के बीच सीमा ने डिस्कस थ्रो करना शुरू किया।
- 2016 के रियो ओलंपिक के लिये सीमा ने 62 मीटर डिस्कस थ्रो कर ओलंपिक में जगह बनाई थी। यह उनका अब तक का बेस्ट रिकॉर्ड रहा। सीमा वर्ष 2004 एथेंस में खेलीं, वर्ष 2006 के राष्ट्रमंडल खेल में रजत पदक जीता, वर्ष 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीता, वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में 61.91 का थ्रो करते हुए 13वें स्थान रहीं, वर्ष 2014 के राष्ट्रमंडल खेल में रजत पदक, वर्ष 2014 में एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक, वर्ष 2018 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक और वर्ष 2018 गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीता।
- वहीं पहलवान सरिता मोर ने 12 साल की उम्र में चौधरी भरत सिंह मेमोरियल स्पोर्ट्स स्कूल, निडानी में कुश्ती का अभ्यास शुरू किया था। सरिता मोर का जन्म 16 अप्रैल, 1995 को सोनीपत के गाँव बरोदा में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। वह तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं।
- सरिता मोर एक भारतीय फ्री स्टाइल पहलवान हैं। इन्होंने 2017 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में 58 किग्रा. भार वर्ग में रजत पदक, 59 किग्रा. भार वर्ग में 2020 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, 2021 में रोम इटली में आयोजित सीरीज में 57 किग्रा. भार वर्ग स्पर्धा में रजत पदक और हाल ही में विश्व रैंकिंग श्रृंखला 2022 अल्माटी (कज़ाखस्तान) में स्वर्ण पदक जीतकर अपनी श्रेणी (59 किग्रा. भार वर्ग) में विश्व नंबर 1 रैंकिंग तक पहुँचने में कामयाबी हासिल की।
- भारतीय जूनियर कुश्ती टीम के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षक राज सिंह छिक्कारा को कुश्ती के खेल में दिये गए उनके योगदान को देखते हुए द्रोणाचार्य अवार्ड (लाइफटाइम अवार्ड) दिया जाएगा। राज सिंह छिक्कारा ने देश को करीब 70 अंतर्राष्ट्रीय पहलवान दिये हैं। ओलंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त, एशियन गेम्स मेडलिस्ट मौसम खत्री, परवेश, युद्धवीर, कुलबीर, रविंद्र भूरा, डालमिया, सुनील कुमासपुर, सतपाल, सोनू आदि ने इनके मार्गदर्शन में कुश्ती में देश का नाम चमकाया है।
- उल्लेखनीय है की खेलों में उत्कृष्टता को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिये हर साल राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिये जाते हैं। पिछले चार वर्षों की अवधि में 'खेल-कूद और गेम्घ्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन ए नेतृत्व, खेल भावना और अनुशासन जैसी खूबियाँ दिखाने के लिये अर्जुन पुरस्कार'दिया जाता है।
- द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल-कूद और गेम्स में लगातार उत्कृष्ट और सराहनीय कार्य करने वाले और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सक्षम बनाने वाले कोचों को दिया जाता है।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री भारत रत्न पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती के अवसर पर उनके विचारों, व्यक्तित्व और कृतित्व पर 'नेहरू का भारत डॉट कॉम' http://nehrukabharat.com वेबसाइट का लोकार्पण किया।
- गौरतलब है कि पंडित नेहरू के विचारों और उनके 'आइडिया ऑफ इंडिया'से आम जनता को परिचित कराने एवं जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से 'पॉलिसी एनालिसिस, रिसर्च एंड नॉलेज फाउंडेशन'(पार्क फाउंडेशन) द्वारा यह वेबसाइट तैयार कराई गई है। इसके अंतर्गत डिजिटल पाक्षिक बुलेटिन भी प्रारंभ किया जा रहा है।
- इस वेबसाइट में पंडित नेहरू, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और स्वतंत्रता संग्राम पर सत्य एवं तथ्यात्मक जानकारियाँ उपलब्ध होंगी।
- इस वेबसाइट का उद्देश्य आम जनता तक सत्य और तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराकर समाज के सभी वर्गों के मध्य प्रेम, सौहार्द्र, समरसता, भाईचारा और आपसी विश्वास कायम करना तथा पंडित नेहरू के 'आइडिया ऑफ इंडिया'और संविधानवाद का संरक्षण करना है।
- वेबसाइट में देश के पहले प्रधानमंत्री और स्वप्नदृष्टा पंडित जवाहर लाल नेहरू का 'आइडिया ऑफ इंडिया', जिसमें उनकी वैश्विक समझ, विश्व बंधुत्व, मानवतावादी दृष्टि, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और धर्मनिरपेक्ष सोच के साथ-साथ समावेशी विचारधारा, उनके प्रगतिशील विचार समाहित हैं।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती बाल दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय आडिटोरियम में छत्तीसगढ़ के 11 ज़िलों के 26 स्कूलों को राज्यस्तरीय स्वच्छता पुरस्कार से सम्मानित किया।
- इस कार्यक्रम का आयोजन यूनिसेफ और छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इसमें ओवरऑल परफॉर्मेंस पर 20 स्कूलों को और उप-श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये छह स्कूलों को सम्मानित किया गया।
- प्रबंध संचालक (समग्र शिक्षा) नरेंद्र कुमार दुग्गा ने बताया कि यह पुरस्कार दो श्रेणियों में दिया जाता है, जिसमें सभी उप-श्रेणियों (कुल स्कोर) में समग्र प्रदर्शन और प्रत्येक उप-श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन, अर्थात् पानी, शौचालय, धुलाई, संचालन रख-रखाव, क्षमता निर्माण और व्यवहार परिवर्तन एवं कोविड-19 की तैयारी के लिये दिया जाता है।
- स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. टेकाम द्वारा कार्यक्रम में ओवरआल परफॉर्मेंस पर 20 स्कूलों को सम्मानित किया गया। इनमें हायर सेकेंडरी स्कूल आदित्य बिड़ला पब्लिक स्कूल रावन ज़िला बलौदाबाजार, सेंट जेवियर्स पी.एस.राजपुर ज़िला बलरामपुर, शासकीय उच्च विद्यालय पाली और टैगोर इंटरनेशनल स्कूल सकरी ज़िला बिलासपुर, शासकीय शिव सिंह वर्मा बालिका हायर सेकेंडरी स्कूल धमतरी, शासकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय पोटिया और स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल, कुम्हारी ज़िला दुर्ग शामिल हैं।
- इसके साथ ही जशपुर ज़िले की शासकीय उच्च प्राथमिक शाला दुलदुला, स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम नवीन आदर्श हायर सेकेंडरी स्कूल जशपुर, शासकीय उच्च प्राथमिक बासनताला जशपुर, सेंट मैरी इएमएस, कुनकुरी, डीएवी पब्लिक स्कूल, कंडोरा, कवर्धा ज़िले की शासकीय उच्च प्राथमिक शाला परसवारा और शासकीय उच्च प्राथमिक शाला भगतपुर, कोरिया ज़िले का किड्स कैंपस पब्लिक स्कूल, हीरागिरी हल्दीबाड़ी, महासमुंद ज़िले का शासकीय उच्च प्राथमिक शाला कासेकेरा और जवाहर नवोदय विद्यालय सरायपाली, रायगढ़ ज़िले का शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल रायकेरा, रायपुर ज़िले का बीपी पुजारी उत्कृष्ट इंग्लिश मीडियम स्कूल राजातालाब और द ग्रेट इंडिया स्कूल आरंग शामिल हैं।
- इसी प्रकार उप-श्रेणियों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये छह स्कूलों को सम्मानित किया गया। इनमें धमतरी ज़िले में कुरूद के ग्राम दर्रा का शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल, दुर्ग ज़िले का केपीएस इंग्लिश मीडियम स्कूल और बीएसपी हायर सेकेंडरी स्कूल, कोरिया ज़िले का जवाहर नवोदय विद्यालय केनापारा, महासमुंद ज़िले का केंद्रीय विद्यालय और राजधानी रायपुर माना कैंप स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय शामिल हैं।
- स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि प्रदेश के बिलासपुर ज़िले के टैगोर इंटरनेशनल स्कूल सकरी तखतपुर को भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा 19 नवंबर को नई दिल्ली में आयोजित किये जाने वाले राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिये चुना गया है।
- उन्होंने बताया कि देश भर के 39 स्कूलों को राष्ट्रीय पुरस्कार 2022 हेतु चुना गया है। छत्तीसगढ़ के 55,217 स्कूलों सहित देश भर के लगभग आठ लाख स्कूलों ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार, 2021-22 में भाग लिया है।
- छत्तीसगढ़ राज्य ने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार 2021-22 में अधिकतम स्कूल भागीदारी के लिये 97.7 प्रतिशत आवेदन जमा करने के रिकॉर्ड के साथ देश में तीसरा स्थान हासिल किया है।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के कृषि निदेशक गौरीशंकर ने बताया कि उत्तराखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये केंद्र सरकार प्रति हेक्टेयर पाँच हज़ार रुपए प्रतिवर्ष किसानों को देगी। इस धनराशि से किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति प्रोत्साहित किया जाएगा।
- कृषि निदेशक गौरीशंकर ने बताया कि योजना के तहत पहले साल किसानों को खेती करने के तरीके और खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिये 11 ज़िलों में 128 क्लस्टर का चयन भी किया गया है।
- उन्होंने बताया कि रुद्रप्रयाग व ऊधमसिंह नगर ज़िले को फिलहाल प्राकृतिक खेती योजना में शामिल नहीं किया गया है। अन्य 11 ज़िलों में प्राकृतिक खेती पर काम किया जाएगा। चयनित क्लस्टरों में किसी तरह की रासायनिक खादों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
- केंद्र और राज्य सरकार की ओर से पर्यावरण संरक्षण, मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिये प्राकृतिक खेती पर ज़ोर दिया जा रहा है। केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिये दिशा-निर्देश जारी किये हैं।
- प्रदेश सरकार की ओर से प्राकृतिक खेती के लिये लगभग 6400 हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल चयनित किया गया है, जिसमें 50 हेक्टेयर का एक क्लस्टर होगा। प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिये 'मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजना'शुरू की है। इस योजना के माध्यम से भी किसानों को प्रोत्साहित करने के साथ ही गैप फंडिंग की जाएगी।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने काली एवं गोरी नदी के संगम स्थल जौलजीबी में भारत और नेपाल सीमा पर आयोजित होने वाले ऐतिहासिक जौलजीबी मेला एवं विकास प्रदर्शनी-2022 का शुभारंभ किया। यह मेला 24 नवंबर तक लगेगा।
- सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय जौलजीबी मेला भारत, नेपाल तथा तिब्बत के पारस्परिक व्यापार को बढ़ावा देता रहा है। यह मेला भारत और नेपाल के बीच संस्कृति, सभ्यता, व्यापारिक संबंधों को बढ़ाकर देश के रिश्तों को ऑक्सीजन देता है।
- अंतर्राष्ट्रीय जौलजीबी मेले के शुभारंभ पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आपदा प्रभावित धारचूला के एलधारा भूस्खलन क्षेत्र का उपचार उत्तरकाशी के वरुणावत पर्वत की तर्ज़ पर किया जाएगा। क्षेत्र की काली नदी सहित सीमा पर अन्य स्थानों के भूस्खलन स्थलों के लिये बृहद् योजना की जा रही है। प्रस्ताव रक्षा और गृह मंत्रालय को भेजे गए हैं।
- उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्र के विकास के लिये काली नदी पर डबल लेन मोटर पुल का निर्माण किय जा रहा है, जिससे भारत और नेपाल के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग का भी निर्माण और चौड़ीकरण किया जा रहा है। इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग बन जाने से कैलाश मानसरोवर जाने वाले यात्री इसी मार्ग से होकर जाएंगे, जिससे व्यापार बढ़ेगा और क्षेत्र का विकास होगा।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 70वें राजकीय औद्यौगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले (गौचर मेला) का शुभारंभ किया और मेले के संस्थापक पत्रकार स्व. गोविंद प्रसाद नौटियाल की मूर्ति का अनावरण किया।
- कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकार रमेश गैरोला 'पहाड़ी'को गोविंद प्रसाद नौटियाल स्मृति पत्रकार सम्मान से नवाजा। इस मौके पर सीएम ने देवेश जोशी की ओर से 'कै. धूमसिंह चौहान'पर लिखी पुस्तक का विमोचन भी किया।
- उल्लेखनीय है कि गौचर मेला लगभग 75 वर्षों से आयोजित होता आ रहा है। पहले यह मेला व्यापार के लिये प्रसिद्ध था, मगर समय के साथ मेले का रूप बदला और अब ये सांस्कृतिक मेले के रूप में मनाया जाता है। मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में गढ़-कुमाऊँ की संस्कृति दिखती है।
- गौचर मेला अब तक 11 बार अलग-अलग कारणों से नहीं हो पाया। गौचर मेला वर्ष 1943 के नवंबर माह में भोटिया व्यापारिक मेले के नाम से शुरू हुआ था, जो 1953 तक इसी नाम से चलता रहा।
- यह मेला उस समय पूर्णतया एक व्यापारिक मेला था। मेले में मुख्यतया तिब्बती ऊन, तिब्बती पश्मीना ऊन, च्यालकू, बकरियाँ, तिब्बती कालीन, दन, हींग, तिब्बती नमक, कस्तूरा एवं भोटिया चाय का व्यापार होता था, लेकिन 1962 में युद्ध के बाद चीन के साथ आए रिश्तों में तनाव के कारण अचानक तिब्बत के व्यापारिक मार्ग बंद हो गए थे।
- वर्ष 1947 से मेले का आयोजन नवंबर में शुभ तिथि निकालकर किया जाता था। तिब्बत से व्यापार बंद होने के बाद यह मेला औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले के रूप में देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर होने लगा। इस मेले को एक बार ज़िला परिषद चमोली और दो बार टाउन एरिया कमेटी गौचर की ओर से संचालित किया जा चुका है।
चर्चा में क्यों?
14 नवंबर, 2022 को युवा कार्य और खेल मंत्रालय ने वर्ष 2022 के राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों की घोषणा की। खेल-कूद और गेम्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये देश भर से 25 खिलाड़ी 2022 के अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करेंगे, जिनमें उत्तराखंड के अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन भी शामिल हैं।
- पुरस्कार विजेता 30 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति भवन में एक विशेष रूप से आयोजित समारोह में भारत की राष्ट्रपति से पुरस्कार प्राप्त करेंगे।
- 16 अगस्त, 2001 को अल्मोड़ा में जन्मे शटलर लक्ष्य सेन मूलरूप से ज़िले के सोमेश्वर के ग्राम रस्यारा निवासी हैं। इनके दादा जी सीएल सेन ने सिविल सर्विसेस में राष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। वहीं कई खिताब अपने नाम किये, जबकि पिता डीके सेन भी वर्तमान में कोच हैं। पहले वह साई के कोच थे।
- लक्ष्य ने ज़िला, राज्य के बाद राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक अपने नाम किये। इसके बाद उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पैठ जमाई। 10 वर्ष की उम्र में लक्ष्य ने इज़राइल में पहला अंतर्राष्ट्रीय खिताब स्वर्ण पदक के रूप में जीता था।
- लक्ष्य ने 8 अगस्त, 2022 को बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में बैडमिंटन के पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीता था। फाइनल में उन्होंने मलेशिया के एंग जे योंग को 19-21, 21-9, 21-16 से हराया था। लक्ष्य पिछले साल विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और वर्ष 2022 में जनवरी में इंडिया ओपन में सुपर 500 का खिताब जीत चुके हैं।
- लक्ष्य ने लिनिंग सिंगापुर यूथ इंटरनेशनल सीरीज़ में स्वर्ण, इज़राइल जूनियर इंटरनेशनल के डबल और सिंगल में स्वर्ण, इंडिया इंटरनेशनल सीरीज़ के सीनियर वर्ग में स्वर्ण, योनेक्स जर्मन जूनियर इंटरनेशनल में रजत, डच जूनियर में कांस्य, यूरेशिया बुल्गारियन ओपन में स्वर्ण, ऐशिया जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण, यूथ ओलंपिक में रजत, वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक समेत कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत को पदक दिलाया है।
- उल्लेखनीय है की खेलों में उत्कृष्टता को पहचानने और पुरस्कृत करने के लिये हर साल राष्ट्रीय खेल पुरस्कार दिये जाते हैं। पिछले चार वर्षों की अवधि में 'खेल-कूद और गेम्स में उत्कृष्ट प्रदर्शन एवं नेतृत्व, खेल भावना और अनुशासन जैसी खूबियाँ दिखाने के लिये अर्जुन पुरस्कार' दिया जाता है।
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नई दिल्लीः Bijli Bill New Update. लाखों बिजली उपभोक्ताओं (electricity consumers) के लिए हाल ही में बड़ी खबर निकल के सामने आई है। जो हर किसी पर असर डालने वाली है। आप को बता दें कि देखा जाता है कि कई लोग अपने बिजली बिल को समय से नहीं भरते हैं, जिससे कुछ महीनों के बाद में बिजली कन्नेक्शन को कट किया जा सकता है।
दरअसल आप को बता दें कि अक्सर बिजली विभाग उपभोक्ताओं को समय-समय से बिल करने का अलर्ट करता रहता है। ऐसा नहीं होने पर बिजली उपभोक्ताओं के बढ़े हुए बिजली बिल के कारण विद्युत विभाग की टीम द्वारा किए जार रहे सर्वे में उपभोक्ताओं की बिजली कट करता है। वही खबरों में बताया जा रहा है कि, विद्युत विभाग की तरफ से उपभोक्ताओं के लिए अब विभागीय कैश कॉउंटर या ऑनलाइन के माध्यम से आंशिक बिजली बिल जमा करने की सुविधा प्रदान की जा रही है। जिससे अब सभी बिजली उपभोक्ता अपनी बिजली को कटने से बचा सकते हैं।
बताया जा रहा है कि, उत्तर प्रदेश पॉवर कॉर्पोरेशन के द्वारा दिए गए निर्देश के मुताबिक अब न्युनतम 100 रूपये का आंशिक भुगतान कर सकेंगें। अब लोगों को कम से कम बिजली बिल का भुगतान बहुत ही आसानी से कर पाएंगें। इसके लिए उपभोक्ता विभागीय कैश कॉउंटर या ऑनलाइन के माध्यम से बिजली बिल जमा कर सकते हैं। खबरों में बताया जा रहा है कि, अस्थायी रूप से कटे हुए कनेक्शन वाले कस्टमरों को अपने बिजली बिल का पेमेंट करने लिए अपने बिजली बिल का कम से कम 25 प्रतिशत तक की रकम को भुगतान करके अपने कनेक्शन को फिर से जुड़वा सकते हैं।
ऐसे में कस्टमर के लिए बिजली बिल को लेकर लोगों के लिए बहुत ही अच्छी स्कीम आ गई है। अब लोगों को बिजली बिल जमा करने के लिए आंशिक बिजली बिल का पेंमेंट आसानी से कर सकते हैं और बिजली कस्टमर इस आंशिक भुगतान को महीने में एक बार से अधिक बार बिजली बिल भुगतान कर सकते हैं। ऐसे में कस्टमर फटाफट इस सुविधा का लाभ आपको विभागीय काउंटर से ले सकते हैं।
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यूपी में 24 घंटे में बदलेगा मौसम हाई अलर्ट जारी!
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में जल्दी मौसम बदलने वाला है। रविवार शाम से इसका असर शुरू होगा। चक्रवाती तूफान से 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा चलेगी। कई इलाके में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय गुजरात से आगे बढ़ चुका है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक 18 जून को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चक्रवाती तूफान का असर देखने को मिलेगा। 40 से 50 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलेगी। सोमवार को इस तूफान का असर पूरे उत्तर प्रदेश तक पहुंच जाएगा। इस दौरान पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
मंगलवार 20 जून को पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तेज आंधी गरज चमक के साथ बिजली गिरने की भी चेतावनी जारी की गई है। वहीं भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शनिवार को उत्तर प्रदेश के कुछ इलाके में आसमानी बादल छाए रहेंगे। चक्रवाती तूफान का असर नजर नहीं आएगा।
जल्द उत्तर प्रदेश में मानसून की दस्तक भी देखने को मिलेगी। फिलहाल मानसून दक्षिण पश्चिम पूर्व बिहार के पास ठहरा हुआ है। आगे बढ़ने के लिए फिलहाल स्थिति अनुकूल नहीं है। 2 से 3 दिनों में इसके बदलने का पूर्वानुमान जताया गया है। जम्मू कश्मीर पर एक पश्चिमी विक्षोभ केंद्रित है जिसके कारण पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौसम में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। शनिवार को कई जिलों में गर्मी का लहर बना रहेगा।
प्रयागराज को सबसे गर्म रिकॉर्ड किया गया है। वहीं तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। दक्षिण पश्चिम मानसून पूर्व बिहार के पास रुका हुआ है। 21-22 जून से इसके पूर्व भारत के बचे हिस्से में पहुंचने के लिए स्थिति अनुकूल बताई जा रही है। शनिवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में गरज चमक की चेतावनी जारी की गई है। साथ ही बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है।
मौसम विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के 10 जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। गुजरात के साथ ही राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में तूफानी चक्रवात की एंट्री हो चुकी है। 3 दिन तक उत्तर प्रदेश के मौसम में उतार-चढ़ाव जारी रहेगा। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर प्रदेश में मानसून की दस्तक जल्दी होगी। इससे पहले प्रयागराज, कानपुर, बनारस, आगरा, अलीगढ़, आजमगढ़, गोरखपुर, लखनऊ, झांसी में बारिश की चेतावनी जारी की गई। 40 की रफ्तार से आंधी चलेगी।
तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच सकता है। गर्मी फिलहाल बहुत ज्यादा बनी हुई है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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लंदन। लॉर्ड्स टेस्ट में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद क्रिकेट जगत ने भारतीय टीम की जमकर प्रशंसा की। सोशल नेटवर्किग साइट ट्विटर पर पूर्व क्रिकेटरों ने भारतीय टीम को बधाई दी।
- 'इंग्लैंड के लिए डरावना घंटा। भारत ने पूरा फायदा उठाया। याद रहे हरी पिच पर इंग्लैंड ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी की। अब बदलाव की जरूरत है. . '
'भारतीय टीम को बधाई। लॉर्ड्स पर इस शानदार जीत के आप सही मायने में हकदार थे। एक चिर-परिचित इंग्लिश पिच पर आपने इंग्लैंड को मात दी। '
'मुझे डर लग रहा है। अब बदलाव चाहिए. . कप्तानी नाकाम. . गेंदबाजी नाकाम. . बल्लेबाजी नाकाम. . और सोच भी नाकाम। '
'शाबाश इंडिया, शाबाश इशांत। इंग्लैंड के लिए कोई सहानुभूति नहीं, जिसे कोच नहीं बल्कि हेड मास्टर चाहिए। '
'लंच के बाद इंग्लैंड ने आत्महत्या की, लेकिन पांचों दिन भारत बेहतर टीम रही। भारत जीत का हकदार है। '
'शानदार जीत। महेंद्र सिंह धौनी और उनकी टीम को बधाई। आपने देश को गौरवांवित किया। '
'बधाई इशांत शर्मा, 7/74 से आलोचकों को जवाब दिया। मानसिक मजबूती, कौशल और दृढ़ संकल्प का शानदार प्रदर्शन। '
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भारत और मलेशिया (India-Malaysia Trade) के बीच हुए ट्रेड समझौते में पहली बार ऐसा हुआ है कि भारतीय रुपए में फॉरेन ट्रेड हो सकेगा। दोनों देशों के बीच हुए व्यापार समझौते ने इंडियन करेंसी को बड़ी अहमियत मिली है।
IPL 2023 GT vs CSK. आईपीएल का शानदार आगाज हो चुका है और पहला मैच गुजरात टाइटंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया है। गुजरात ने चेन्नई को 5 विकेट से हराकर जीत के साथ टूर्नामेंट की शुरूआत की। आइए जानते हैं 16वें सीजन के जरूरी फैक्ट्स।
IPL 2023 GT vs CSK Top Moments. आईपीएल के पहले मैच में गुजरात टाइटंस ने चेन्नई सुपर किंग्स को 5 विकेट से हराकर मैच जीत लिया है। चेन्नई ने पहले बैटिंग करते हुए 178 रन बनाए। वहीं गुजरात ने 20वें ओवर में 180 रन बनाकर मैच जीत लिया।
पाकिस्तान के कराची शहर में मुफ्त राशन वितरण के दौरान हुए हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई है। यह घटना दुखद इसलिए हो गई है क्योंकि मरने वालों में 8 महिलाएं और 3 बच्चे भी शामिल हैं।
IPL 2023 के 16वें सीजन का रंगारंग आगाज हो चुका है और अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में आईपीएल का पहला मुकाबला खेला गया जिसमें गुजरात की टीम ने चेन्नई सुपर किंग्स को रोमांचक मुकाबले में हरा दिया है।
आईपीएल 2023 की शानदार शुरूआत होने जा रही है और पहले मैच से पहले सभी कप्तानों ने ट्रॉफी का अनावरण किया। इस दौरान सभी कप्तानों ने ट्रॉफी के साथ फोटो सेशन भी कराया लेकिन आश्चर्य की बात रही कि मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा इस दौरान गायब रहे।
31 मार्च को कोर्ट ने किसी राजनेता को राहत दी तो किसी को तगड़ा झटका दिया। वहीं कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तेजी दिखानी शुरू कर दी है। बड़ी खबर यह है कि मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी गई है।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा (Howrah Violence) में फिर से हिंसा भड़क गई और घरों पर पथराव किए गए। इसके बाद वहां पर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) की तैनाती कर दी गई है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने बंगाल के गवर्नर से बात की है।
बीजेपी नेता राज्यवर्धन सिंह राठौर (Rajyavardhan Rathore) ने कांग्रेस नीत यूपीए सरकार पर करारा हमला बोला है। नये संसद भवन के विरोध को लेकर राठौर ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा प्रहार किया है।
आईपीएल 2023 (IPL 2023 Opening Ceremony) का रोमांचक सफर शुरू हो चुका है और नरेंद्र मोदी क्रिकेट स्टेडियम में फैंस पहुंच चुके हैं। आईपीएल का पहला मुकाबला गुजरात टाइटंस बनाम चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला जाएगा।
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क्नोजी का 'पवारा' साहित्य
निरथक शब्दों को दोहराया जाता है और वहीं प्रारम्भ की या पीछे की किसी पक्ति को दोहरा दिया जाता है। कनौजी पंवारों में दोना प्रकार के 'टेक' मिलते हैं। वहीं तो हो, हो रामा, ह रामा की आवृत्ति होती है और वहीं पर एक पक्ति की आवृत्ति होती हैतब मुख बोलें राजा न बासुको सुनि लेव न नउवा मेरो ज्वाव । अरे सुनि लेव न नउवा मेरो ज्वाव ।
रूढ़ अर्को की पुनरुक्ति
इन पँवारों में कुछ ऐसे यश होते हैं जिन्हें रूढ़ियों से युक्त कहा जा सकता है । किसी पंवारे विशेष में यदि दम चार युद्ध का वणन होता है या कोई प्रेभी कई बार अपने प्रेम का निवेदन करता है तो सभी बार एक ही प्रकार की
योग करता है । कोई प्रेमी अपने संदेश-वाहक से अपनी प्रेयसी के पाम सुरेश भेजता है। सटेश-वाह से पहले प्रेमी अपना संदेश बतलाता है और फिर सनेश वाहन जाकर वे उसको प्रेमी के सम्मुख उसी का पुनक्थन करता है। कभी कभी किसी पंवार विशेष के बुद्ध अश दूसरे पवार म भी बार बार दाह्रराये जात हैं । आल्हा म मुद्ध और प्रेम विषयक उत्कृष्ट रूट अशा के उगहरण दशनीय है । इनमे युद्ध के सजीव चित्र प्रस्तुत किए जाते हैं । युद्ध व दृश्य का उदाहरण बाल्हखण्ड के मदभ म दिया जा चुका है। क्यानक के विकास में एक प्रमग वा छोडवर दूर वा प्रारम्भ करने के लिए भी कुछ रूढ प्रयोग जाते हैं, जसे भाल्हा में हिमन की बातें हिजर्न छोडो और आगे को सुनी हवाल और 'घनइया में हिअर की बातें हिअने छोडि देउ रगम लिआ कहिये आप हिअन की बातें हिअन छादि देउ बसा बसेली वहिये आय' ।
लोक गीतो की ही भांति इन 'पँवारा' स भी शास्त्रीय नियमा से युक्त श वा सवथा अभाव है। जहा वहीं कुछ छाद मिल भी जाते हैं यहाँ पर नियम बड़े ही शिथिल पड़ जाते हैं। इन छ दो को मात्रिक या वण-वक्ष " परिध में नहीं रखा जा सकता 1 पर इतना सब होते हुए भी इनमें लय एक एसी वस्तु है जो इन सारे अभावा की पूर्ति कर देती है। इन 'पंवारों को लिपिवद्ध करने
१ इमी मध्याय म 'आल्हा' को सक्षिप्त क्या देखिए । २ रामनरेश त्रिपाठी- वविता वौमुदी (ग्राम गीता), पृ० ६६ प्रियमन-रॉयल एशियाटिक सोसायटी आप बगाल, वर्ष १८८५
वनौजी लोक साहित्य
देखा जाए तो यति और गति की शिथिलता में वारण इनकी गयता में सदेह ज्ञान लगता है परनु वास्तविकता बुद्धदूमरी ही है। गायव अपनी सय और तान से इनकीताप्रान करता है। पति इनम छ विधान के अनुमधान व निए आग्रह ही है तो कहा जा सकता है कि इनम सप व द्वारा की रचना की जाती है और इमे 'द्रत गति नाम दिया जा माना है। 'पँवार' या वयानक तीव्रना के साथ आग बढता है, थर सवय हो इसी प्रकार व छदया उपयोग किया जाता है। मनोज गायर उमा साधन द्वारा पवार पर सवाद्य बनान में सरकता प्राप्त थरता है ।
सो गाहि य म वणन की स्वाभावित्रता एवं बहुत बही विषपता मानी जाती है और हममानवयनाय व वारण यसकारों का प्राय यभाव हो रहता है। अनारा में वृद्धि वा वभव रहता है जबकि साव रचना भानुक्ता और स्वाभावित्रता को सदस्य मान पर चलता है इमोलिए इन यारोंपनी को कोई स्थान ही नहीं मिलता है। यह बात दूसरी है कि वगन ने स्वाभाविक प्राहम वहीं वहाँ लोक रचनावार को अनायास बुद्ध अर बार शुभ जाते हैं। इनमें से अनुप्राग और उपमा विशेष उल्लखनीय है । अनुग्राम व निम्नक्ति उत्पहरण
जइसे मिट्टर' मेडन पइट जइसे सिंघ विदार गाय । (छेकानुप्रास ) जहमे सुझा' सुपारी काटे जबसे सेती नून किमान (छकानुप्रास) सुमिरन करिव परमेसुर को मतिया मुमिर महोयें क्यार ( वत्यनुप्रास ) द्रोंड तमोली रचि गई जीवा को भी करो वर्माान। (उपमा ) दांत पियारे यस घना मुंह बेनिन ल नाम ( उपमा)
पंवारों में अनवारा वो पे-योजना अधिक होती है । "याम शिव, 'रामा', राधा पावती और सीता का प्रयोग पति और पत्नी व प्रतीकों वरूपम सवत्र मिलता है ।
विस्तत क्यानक
इन पँवारों की एक बहुत बड़ी विधपता होती है इन आकारको विशा
१ धावइया के कुट यश पाछे चुके हैं। परन स एसा ही प्रतीत होता है कि उनम पति और गति का अभाव है पर गाया गाता है, व पूर्ण रूप म गयता लिए हुए हान हैं।
लता । इनकी क्यानक इतना अधिक लम्बा होता है, घटनाओ का ऐसा 'घटाटोप' होता है कि इन्हें लोक महाकाव्य को सज्ञा दी जा सकती है। इनमें मुख्य स्थानक के साथ एक के बाद उपस्थानक जुडते जाते हैं। इनमें आए हुए चरित्रो के सागोपाग वजन का प्रयत्न किया जाता है । आल्हा ' म बावन युद्धो वा वणन है और 'ढोला' मे अनेक घटनाएं एव वत्त दिए गए हैं।
वणन प्रधानता
इन 'पँवारों' की एक प्रमुखता इनकी वणन प्रधानता भी है। इनमें घटनाओं का 'घटाटोप' रहता है। किसी नायव या नायिका के जीवन की विशिष्ट घटना को न लेकर उसके जीवन का समग्र चित्र प्रस्तुत किया जाता है तथा कथानक निरंतर रूप से अग्रसर होता रहे और किसी प्रकार का बोच मे गत्यवरोध न हो इसीलिए गायक इस बात का ध्यान रखता है कि धाराप्रवाह वणन चलता रहे, जिससे कि न तो कोई घटना ही छूटने पाए और न श्रोताओ को उत्सुकता एव मनोरंजन महो किसी प्रकार का व्यवधान उपस्थित हो । क्नोजी में प्राप्त सभी पंवारों में वर्णन द्रुतगति से चलता है, चरित्र चित्रण की अपेक्षा घटनाओ के वणन पर अधिक बल दिया जाता है --चरित्र चित्रण के लिए ठहरने के लिए गायक वो अवकाश ही नही है। इस धारा प्रवाह वर्णन मे गायव के स्वर में प्रमगानुसार परिवतन होना रहता है - यदि नायव किसी सक्ट में पड़ गया है तो गायव स्वर वरुणा से आपूरित हो जाएगा, यदि उसे सफलता मिल रही है तो उसके स्वर में आह्लाद का सचार होगा और यदि युद्धस्थल वा वर्णन हैं तो उसके स्वर के ओजस्यों बन जाने में देर लगेगी।
सवादों द्वारा स्थान का विकास
अभी उल्लेख किया जा चुका है कि 'पँवारा' म वणन प्रधानता होती है और क्यानका का वाय (ऐक्शन) बडी तीव्र गति से आगे बढ़ता है। वस्तुत इस तीव्रता को लाने वाले तत्व कथोपकथन है । इन क्थोपकथनो द्वारा वर्णन में स्वाभाविकता और सजीवता तो उत्पन होती ही है चित्रात्मकता को सष्टि भी होती है, साथ ही अनायास वस्तु का विकास भी होता चलता है । वनौजी में प्राप्त सभी पंवारे सवादा की इस विशेषता से युक्त हैं। कुछ पँवारे, विशेषत 'घ'नइया मे तो ऐसा प्रतीत होता है, माना उसमे सवाद हो सवाद हा -
तब मुख बोलो कुंअर खरगलाल मुनि लेव न ददुआ मेरी वात टीका हम न घढइयो ।
तब मुल योल राजा सुरज मल टीका न लौटन अब को जाय टोका न लौटन अब जाय ।
बनोजी सोव-साहित्य
तब मुख धोत्र र गरगलास मुनि लेय न ददुआ मरी बात टोरा न देय लोगरि । परिनक्षी बराम्हन राजा बुलामें अच्छी माइनन देव तुम बनाय स लेवन पायो दयो आज ।
तय मुख बाल पनि यो वरान गुन लेवदतुला मेरा पाइ माताज है ददुभा टीपा न सर घड़वाय । तय मुल बान कर पग्लास मुनि लय 7 ददुआ मारी यात श्रम तुम्हारोबुद्ध नाइ वटाउन दय लोगय । गुनि लेव दत्घ्रा तुम हमारे ।
नतिष निक्षा
ग्रेजी में मिलनवाने पंदारा व चरित नायर त्याग योग्ता मरित्रता धोरता पसर और मध्यता व आदर व लिए ही इनका जन्म होता है। इन्हें पग पर ईतना पता है पर तु य निचरित नहीं छान । यस भाग पर चलत है अत मन प्रवत्तिया चा? जितनी भी प्रव्रत क्या न हाँ उहें अगवा पराजित कर हैं। योगको बोरता प्रमियों का मच्चा प्रेम, पतिताना वा आग्ण मतान मद्दा दानिया की दानशालता यमवोरा की कमण्यता - इन सबवा वगन लोक गायक हम प्रकार करताना म प्रभावित होनाको विजय योमर प्रेरणा प्राप्त करें और अपर जीवन में नवीनता का अनुभव परें इन मंत्राश म नतिर शिक्षा निहित रहती है । प्रमोनमें उपारमा प्रवृत्ति या भाव है। परतु मवत्र यही जना रहनी है कि माग परितनाथायी मौन धीर वीर त्यागी आग्ण प्रेमी परी हानी और मारवार उठाएँ ।
पनौजी पंवारों में रस
वनौजीपेंदारों में विभाग अनुमाव और मचारी भानों व मयोग द्वारा शास्त्रीय चाह को निष्पत्ति नाम पर इन रसा हमकता में किया प्रहार काम नही किया जा गाना । इनात्मकता का सबस वहा प्रमाण है कि जब गायक पंवार वा जाना प्रारम्भ करता है तो सुनन वाल मत्रमुग्ध हा जान । गायन गभरात पर क्या मजान है त्रिगुनने वानों में रहना और न का किमी प्रकार की कमी या जाए । रम को माहित्य कावामा माननाता परिनिष्ठ साि इन शादियाउन्नम महामन पर आगीन कराना चाहिए ।
कनौजी का 'पवास साहित्य
इन पँवारों में प्रमुखतया वीर, शृगार, अभुत और कम्ण रस का बाहुल्य रहता है । 'आल्हा' म वर्णित समस्त क्यानत्र युद्धा वा हो तो वणन है । अत इसम सवत्र वीर रस के दशन होते हैं। विवाहा के प्रसग म शृगार रम भी स्वाभाविक रूप मे आ जाता है। प्रेम गयात्मक पारा मे तो शृंगार की प्रधानता होती ही है । अलौगिक तत्त्वा से युक्त पँवारा म अदभुत रस को प्रधानता रहती है। नायक ऐस ऐसे विचित्र वाय करते है कि लोग आश्चयचत्रित हो जाते हैं और उनमे अद्भुत रस का संचार होने लगता है। गोपीचन्द भथरी, जगदेव जाहरपीर आदि पँवारो के किहो कि ही स्थला पर करुण रस भी मिल जाता है । योगियों के वराग्य मशाप्त रस वे दशन भी हो जाते हैं। वीर गाथात्मक पँवारा म युद्धा के समय में गायक वीभत्स और भयानक रस की सष्टि भी करना नहीं भूलता है। पंदारों के विश्लेषण म इन तथ्या की ओर सवेत किया जा चुका है। अत उगहरणा द्वारा इनको पुनरुक्ति नहीं की जा रही है ।
क्नोजी पंवारों में घम का स्वरूप
वनौजी पंवारा म धम या सम्प्रदाय विशेष वा न तो तात्त्विक विश्लपण किया गया है और न किमी सम्प्रदाय विशेष के महत्व वा स्थापित करने का प्रयत्न ही किया गया है। आदश चरित्रा म धार्मिक भावना विद्यमान होती है इसीलिए जब वे किसी वाय विशेष को पूरा चाहते हैं वरना तो अनेक श्वी देवताओं का स्मरण करते हैं, जिन देवी देवताओ और सतो महात्माओ गारखनाथ गूगापीर' वा इनम उल्लेख हुआ हे वास्तव में व नायक नायिकाओं के सहायक के रूम चित्रित किए गए हैं। वे नायक नायिकाओं का माग सचालन करते है और यादश्यक्ता पडन पर उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करके असल वृत्तियो का पराभव क्श देते हैं ।
यों तो इन पवारो म 'सुमिरन अश म गणेश, राम, कृष्ण, दुर्गा, हनुमान, सरस्वती गगा गुरु गोरखनाथ आदि का नामोल होता है, परंतु सहायता करने वाला के रूप में विशेष रूप से कर पाती दुर्गा तथा गोरखनाथ का नाम आता है। पँवारे प्राय मध्ययुगीन रचनाएँ है और उस समय पत्र, शाक्त और नाथ सम्प्रदायों का अधिक प्रचार था । सम्भवत इसी कारण से इनम शकर, दुर्गा और गोरखनाथ - इन तीना वे नामो की ही प्रधानता है । यह बात अवश्य है कि लोक गायक ने साम्प्रदायिक वट्टरता को कोई भी स्थान नहीं दिया है और एक ही पंवारे म कभी कभी इन ताना का नाम पूर्ण श्रद्धा के साथ लिया जाता है ।
इन पँवारों में शकर को 'आशुतोष और 'भोने यावा व रूप में चिनित किया गया है। जो भी उनका स्मरण करता है, उनमें सहायता देने में ये विलम्ब दन मे ये विनम्ब नहीं करने । इनम भोलापन इतना अधिक है कि जब भी य पावती मे साथ भ्रमण के लिए किते हैं और किसी को दुखो देखते हैं तो इनका
हृत्य द्रविन हो जाता है और दुषी व्यक्ति का निवारण पर दन है । 'मत्व का गौना म जब जीवा अउन पतिय शव का साथ निता म जल ज्ञान के लिए सन्नद्र है, उसी समय शत्ररथावती भ्रमण व लिए निक्त हैं। पावती के आग्रह स व कमन्त्र का जीवित पर है ।
बनौजी पवारा म दुगा का नाम अनिवाय स्थानानायक, विषय पस वीर गाथाना का प्रत्यक नायर अपन मनाथ कोमिद्धि व लिए इनका अवश्य स्मरण करता है योर व आग्य मार्ग पर घनन बान व्यक्तिमा पर मस्ट पडन की स्थिति और युद्ध स्थन में उपस्थित सभी घाघमात्र
म दूर भगानी । नायक और नाविका वा दुर्गा देवी पर पूल अधिकार रहता है। व जब भी चाहत है, पटवा ह्वान करतऔर यह उन पर अपना वरद हस्त रखकर अभय प्रज्ञान वरती है। याहा और उस पर तो स्त्री की मन्व कृया रहती थी ।
गापोच और मयरो गारमनाथ कोरिम्परा म आउ इनके जीवन का सर रचित पंवारों में नाथ सम्प्रदाय का प्रभाव पहनावाभाविव ही है। नाम सम्यको मदाति विवचना तो इन नहीं इनमें गार है पर तु नाथ तथा मदनाथ व नाम उनका योगी और तर साधना की ओर अवश्य मवेत किया गया है और इनमें नाथ माय व व्यापार चित्र उपस्थित किया गया है। माता पिता स्त्रो परिजनपुरजनों त्याग इंद्रिय का निग्रह द्वारा काम मनोमाति वा मन तान्चया व प्रति जागन्त्रता तथा गुरुमक्ति व यमरण गाठीच और 'मयरी' नाम पैदारों में उप ल हान है ।
प्रपंदारेका गायक अय दरवायों व साथ सुरता की याराधना नहीं भूलता, क्योंकि उनक बिना कट पर बटे वह गायन म सफलता की बपना ही नहीं कर सकता । वह प्राथना करता है कि जहा जहाँ भी वह कुछ भूम रहा हो, सरस्वती उसका स्मरण करा
पनीजी पंवारों में अवि तत्व
बनौजी पंवारों में एक वचित्र जगत का चित्रण किया गया है। यह ऐसा ममार है जिसमें पशु एत्र पक्षी मनुष्य की भाँति विचार और मनुष्य वी भाषा को भी बातना जानत है। पान तो उनम सभवत मनुष्य सभी अधिक है तभी
क्नौजी का 'पवारा' साहित्य
तो वे उसका पथ संचालन करते हैं, उसके भविष्य में आने वाली आपत्तिया को सूचना देते हैं और उनके निराकरण का उपाय भी बनलाने हैं। शुक इस आदि पक्षी दूतकाय करते हैं और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें शारीरिक सहायता भी देते हैं । जब 'नका बजारा अपनी पत्नी से मिलन के लिए जाना चाहता है तो हस उसे अपनी पीठ परवठावर ले जाता है और प्रात वाल होने के पहल ही वापस भी लाता है । चराचर जगत की कोई भी वस्तु इन 'पँवारा' म जड रूप में नहीं चित्रित की जाती । सब म चेतनता है और सभी वस्तुएं कथानत्र म सत्रिय सहयाग देता है । जब 'नूगा पोर पृथ्वी से समाधि के लिए स्थान मागता है तो पनी उत्तर देती है कि पहने तुम क्लमा पढकर आयो तब तुम्ह समाधि के लिए मैं स्थान दू गो गगा लोगों को डूबने से बचाती है ।
नायक और नायिकाएँ अलौकिक शक्तियों से युक्त होत हैं। देवी और देवता उनके हाथ में रहते हैं और वे लाग जिस रूप में भी चाहत हैं, उनका उपयोग कर सकते हैं। नायक या नायिका जन्म लते ही लोगो से सभापण करन लगते हैं और उहें उसी समय अपने विवाह की चिता भी घेर लती है। कभी कभी तो गमस्थित नायक अपने माता पिता का माग सचालन करने लगते .
पँवारों में जादू टोना का भी उपयोग किया जाता है। जादू जानन वाला जब भी चाहता है किसी को भेजकरी वल' बना देता है और स्वय भी अपनी योगि परिवर्तन कर लेता है। इन पंवारा म इस प्रकार के यलोकित ताव अन्तर्राष्ट्रीय क्यानक रूटियों से सम्बध रखते हैं ।
१ 'धनइया' पंवारे में । |
एक दिन सीमा की बेटी कविता की तबीयत अचानक खराब हो गई. उस दिन रविवार था. बैंक बंद थे और एटीएम घर से बहुत दूर थे. घर में 6-7 सौ रुपए ही थे. सीमा के पति विवेक के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आईं. उन्होंने कहा कि किसी से पैसा उधार लेना होगा. पता नहीं कोई देगा या नहीं. पति को बेचैन देख कर सीमा ने कहा कि मेरे पास कुछ रुपए हैं, उन से काम चल जाएगा. विवेक ने हैरानी से उस की ओर देख कर कहा कि तुम्हारे पास पैसे कहां से आए? जितने रुपए देता हूं वे तो खर्च ही हो जाते हैं? तब सीमा ने बताया कि वह हर महीने उन के दिए पैसों से कुछ बचा कर रख लेती थी.
विवेक ने उसे गले से लगा लिया और कहा कि तुम ने तो मुझे किसी के सामने हाथ फैलाने से बचा लिया. इसी तरह प्रियंका बताती हैं कि एक रात उस की सास की तबीयत अचानक खराब हो गई. पति बाहर गए हुए थे. वे उसे कुछ रुपए दे कर गए थे, पर उतने कम रुपयों से सास का इलाज मुमकिन नहीं था. पड़ोसी एंबुलैंस मंगा कर सास को अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे. प्रियंका ने अपनी अलमारी खोली और अपने बचत किए गए पैसों को जोड़ा तो करीब 10 हजार रुपए निकल आए. तब जा कर उस की जान में जान आई. सासूमां को सही समय पर अस्पताल ले जाया गया और बेहतर इलाज कराया गया. 3 दिन के बाद प्रियंका के पति लौटे तो छूटते ही उन्होंने पूछा कि इतने रुपए कहां से आए? किसी से कर्ज लिया क्या? जब प्रियंका ने उन्हें सारा माजरा बताया तो बीवी की बचत करने की आदत पर फख्र से उन का सीना चौड़ा हो गया.
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मुंबई : महाराष्ट्र के अमरावती परतवाड़ा इलाके की सड़कों पर तेज़ रफ़्तार स्विफ्ट डिजायर कार अचानक रुक गयी। ड्राइवर ने तमाम तरीके से गाडी को स्टार्ट करने की पूरी कोशिश की लेकिन कार स्टार्ट होने का नाम नहीं ले रहा था। बीच सड़क पर अचानक गाडी रुकने से ट्रैफिक हो गया और मौके पर पुलिस भी पहुँच गयी। किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था की आखिर कार को हुआ क्या है। तभी ड्राइवर ने कार के पीछे जाकर जब साइलेंसर की जांच की तो वो भी सन्न रह गया।
ड्राइवर ने देखा की, कार के पिछले हिस्से में झांक कर देखा तो उसे एग्जास्ट पाइप में कुछ डंडे सा दिख रहा था। डाइवर ने जब निकालने की कोशिश की वो और अंदर घुसता चला जा रहा था. तब जाकर ये बात समझ आई जिसे वो डंडा समझ रहा था दरअसल वो सांप था। उसने जैसे ही सांप की पूंछ को टच किया वह पाइप में अंदर घुस गया।
किसी तरह खुद ड्राइवर ने उस सांप को बहार निकला. ड्राइवर के मुताबिक, सांप की लम्बाई तकरीबन 6 फीट थी। उसे पकड़ने के बाद फॉरेस्ट डिपार्टमेंट की टीम को सौंप दिया गया।
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-४साहित्य में मनुष्य की बुद्धि और भावना इस प्रकार मिल जाती हैं जैसे धूपछाहीं वस्त्र में दो रंगों के तार जो अपनी अपनी भिन्नता के कारण ही अपने रंगों से भिन्न एक तीसरे रंग की सृष्टि करते हैं । हमारी मानसिक वृत्तियों की ऐसी सामञ्जस्यपूर्ण एकता साहित्य के अतिरिक्त कहीं सम्भव नहीं । उसके लिए न हमारा अन्तर्जगत त्याज्य है और न वाह्य क्योंकि उसका विषय सम्पूर्ण जीवन है, यांशिक नहीं ।
मनुष्य के बाह्य जीवन में जो कुछ ध्वंस और निर्माण हुआ है, उसकी शक्ति और दुर्बलता की जो परीक्षाएँ हुई हैं, जीवनसंघर्ष में उसे जितनी हारजीत मिली है केवल उसीका ऐतिहासिक विवरण दे देना साहित्य का लक्ष्य नहीं । उसे यह भी खोजना पड़ता है कि इस ध्वंस के पीछे कितनी विरोधी मनोवृत्तियाँ काम कर रही थीं, निर्माण मनुष्य की किस सृजनात्मक प्रेरणा का परिणाम था, उसकी शक्ति के पीछे कौन सा था, दुर्बलता उसके किस भाव से प्रसूत थी, हार उसकी किस निराशा की संज्ञा थी और जीत से में उसकी कौन सी कल्पना साकार हो गई ।
जीवन का वह असीम और चिरन्तन सत्य जो परिवर्तन की लहरों में अपनी क्षणिक अभिव्यक्ति करता रहता है अपने व्यक्त और व्यक्त दोनों ही रूपों की एकता लेकर साहित्य में व्यक्त होता है । साहित्यकार जिस प्रकार यह जानता है कि बाह्य जगत में मनुष्य जिन घटनाओं को जीवन का नाम देता है वे जीवन के व्यापक सत्य की गहराई और उसके आकर्षण की परिचायक हैं, जीवन नहीं; उसी प्रकार यह भी उससे छिपा नहीं कि जीवन के जिस व्यक्त रहस्य की वह भावना कर सकता है उसी की छाया इन घटनाओं को व्यक्त रूप देती है । इसी से देश और काल की सीमा में बँधा साहित्य रूप में एकदेशीय होकर भी अनेक देशीय और युगविशेष से सम्बद्ध रहने पर भी युगयुगान्तर के लिए संवेदनीय बन जाता है ।
साहित्य की विस्तृत रंगशाला में हम कविता को कौन सा स्थान दे यह प्रश्न भी स्वाभाविक ही है । वास्तव में जीवन में कविता का वही महत्त्व है जो कठोर भित्तियों से घिरे कक्ष के वायुमण्डल को अनायास ही बाहर के उन्मुक्त वायुमण्डल से मिला देने वाले वातायन को मिला है। जिस प्रकार वह आकाश-खण्ड को अपने भीतर बन्दी कर लेने के लिए अपनी परिधि में नहीं बाँधता प्रत्युत हमें उस सीमारेखा पर खड़े होकर क्षितिज तक दृष्टिप्रसार की सुविधा देने के लिए; उसी प्रकार कविता हमारे व्यष्टि-सीमित जीवन को समष्टि व्यापक जीवन तक फैलाने के लिए ही व्यापक सत्य को अपनी परिधि में बाँधती है । साहित्य के अन्य अंग भी ऐसा करने का प्रयत्न करते हैं परन्तु उनमें सामञ्जस्य को खोज लेने के कारण ही कविता उन ललित कलाओं में उत्कृष्टतम स्थान पा सकी है जो गति की विभिन्नता, स्वरों की अनेकरूपता या रेखाओं की विषमता के सामञ्जस्य पर स्थित है ।
कविता मनुष्य के हृदय के समान ही पुरातन है परन्तु अब तक उसकी कोई ऐसी परिभाषा न बन सकी जिसमें तर्कवितर्क की सम्भावना न रही हो । धुँधले अतीत से लेकर वर्तमान तक और 'वाक्यं रसात्मकं काव्यम्' से लेकर आज के शुष्क बुद्धिवाद तक जो कुछ काव्य के रूप और उपयोगिता के सम्बन्ध में कहा जा चुका है वह परिमाण में कम नहीं, परन्तु अब तक न मनुष्य के हृदय का पूर्ण परितोष हो सका है और न उसकी बुद्धि का समाधान । यह स्वाभाविक भी है क्योंकि प्रत्येक युग अपनी विशेष समस्यायें लेकर आता है जिनके समाधान के लिए नई दिशायें खोजती हुई मनोवृत्तियाँ उस युग के काव्य और कलाओं को एक विशिष्ट रूपरेखा देती रहती हैं। मूलतत्व न जीवन के कभी बदले हैं और न काव्य के, कारण वे उस शाश्वत चेतना से सम्बद्ध हैं जिसके तत्वतः एक रहने पर ही जीवन की अनेकरूपता निर्भर है।
तीतयुगों के जितने संचित ज्ञानकोप के हम अधिकारी हैं उसके आधार पर कहा जा सकता है कि कविता मानव-ज्ञान की ग्रन्य शाखाओं
की सदैव जा रही है । यह क्रम अकारण रकमक न होकर सकारण और निश्चित है क्योंकि जीवन में चिन्तन के शैशव में ही में भावना तरुण हो जाती है। मनुष्य वाह्य संसार के साथ कोई बौद्धिक समझौता करने के पहले ही उसके साथ एक रागात्मक सम्बन्ध स्थापित कर लेता है यह उसके शिशु जीवन से ही स्पष्ट हो जायगा । यदि हम मनुष्य के मस्तिष्क के विकास की तुलना फल के विकास से करें जो अपनी सरसता में सदा ही परिमित है तो उसके हृदय के विकास को फूल का विकास कहना उचित होगा जो अपने सौरभ में अपरिमित होकर ही खिला हुग्रा माना जाता है। एक अपनी परिपक्वता में पूर्ण है और दूसरा अपने विस्तार में ।
यह सत्य है कि मनुष्य के ज्ञान की समष्टि में कविता को और विशेषतः उसके बाह्य रूप को इतना महत्त्व मनुष्य की भावुकता से ही नहीं उसके व्यावहारिक दृष्टिकोण से भी मिला था । जिस युग में मानव जाति के समस्त ज्ञान को एक कण्ठ से दूसरे कण्ठ में संचरण करते हुए ही रहना पड़ता था उस युग में उसकी प्रत्येक शाखा को अपने अस्तित्व के लिए छन्दवद्धता के कारण स्मृतिसुलभ पद्य का ही
श्रय लेना पड़ा । इसके अतिरिक्त शुष्क ज्ञान ने अधिक ग्राह्य होने के लिए भी पद्य की रूपरेखा का वह बन्धन स्वीकार किया जिसमें ध्वनि और प्रवाह से युक्त होकर शब्द अधिक प्रभावशाली हो जाते हैं । कहना व्यर्थः होगा कि काव्य के उस धुँधले आदिकाल से लेकर जवं ग्रावश्यंकतावश ही मनुष्य प्रायः अपने बौद्धिक निरूपणों को भी काव्यकाया में प्रतिष्ठित करने पर वाध्य हो जाता था, ग्राज गद्य के विकास काल तक ऐसी कविता का प्रभाव नहीं रहा ।
साधारणतः हमारे विचार विज्ञापक होते हैं और भाव संक्रामक; इसीसे एक की सफलता पहले मननीय होने में है और दूसरे की पहले संवेदनीय होने में । कविता अपनी संवेदनीयता में ही चिरन्तन है चाहे युगविशेष के स्पर्श से उसकी बाह्य रूपरेखा में कितना ही अन्तर क्यो
नावे । और यह संवेदनीयता भावपक्ष ही में अक्षय है । विज्ञान से समृद्ध भौतिकता की ओर उन्मुख बुद्धिवादी आधुनिक युग ने तो मानो हमारी कविता के सामने एक विशाल प्रश्नवाचक चिह्न लगा दिया है, विशेषकर उस कविता के सामने जो व्यक्त जगत में परोक्ष की अनुभूभास से रहस्य और छायावाद की संज्ञा पाती रही है।
यह भावधारा मूलतः नवीन नहीं है क्योंकि इसका कहीं प्रकट और कहीं छिपा सूत्र हम अपने साहित्य की सीमान्त रेखा तक पाते हैं । कारण स्पष्ट है । किसी भी जाति की विचारसरणि, भावपद्धति, जीवन के प्रति उसका दृष्टिकोण आदि उसकी संस्कृति से प्रसून होते हैं । परन्तु संस्कृति को कोई एक परिभाषा देना कठिन हो सकता है क्योंकि न वह किसी जाति की राजनैतिक व्यवस्था मात्र होती है और न केवल सामाजिक चेतना; न उसे नैतिक मर्यादा मात्र कह सकते हैं और न केवल धार्मिक विश्वास । देशविशेष के जलवायु में विकसित किसी जाति - विशेष के अन्तर्जगत और बाह्य जीवन का वह ऐसा समष्टिगत चित्र है जो अपने गहरे रंगों में भी स्पष्ट और सीमा में भी असीम है वैसे ही जैसे हमारे आँगन का काश। यह सत्य है कि संस्कृति की बाह्य रूपरेखा बदलती रहती है परन्तु मूलतत्वों का बदल जाना तब तक सम्भव नहीं होता जब तक उस जाति के पैरों के नीचे से वह विशेष भूखण्ड और उसे चारों ओर से घेरे रहनेवाला वह विशिष्ट वायुमण्डल ही ऩ हटा लिया जावे।
जहाँ तक इतिहास की किरणें नहीं पहुँच पातीं उसी सुदूर अतीत में जो जाति इस देश में आकर बस गई थी जहाँ न बफ़ के तूफ़ान थेन रेत के बवंडर, न आकाश निरन्तर ज्वाला बरसाता रहता था और विराम रोता, न तिल भर भूमि और पल भर के जीवन के लिए मनुष्य का प्रकृति से संघर्प होता था न हार, उस जाति की संस्कृति अपना एक विशिष्ट व्यक्तित्व रखती है। सुजला सफला शस्यĮ
श्यामला पृथ्वी के अंक में, मलयसमीर के झोंकों में भूलते हुए, मुस्कराती नदियों की तरंग-भंगिमा में गति मिला कर, उन्मुक्त आकाशचारी विहंगों के कण्ठ से कण्ठ मिलाकर मनुष्य ने जिस जीवन का निर्माण किया, जिस कल्पना और भावना को विस्तार दिया, जिस सामूहिक चेतना का प्रसार किया और जिन अनुभूतियों की अभिव्यञ्जना की उसके संस्कार इतने गहरे थे कि भीषण रक्तपात और उथलपुथल में भी वे अंकुरित होने की प्रतीक्षा में धूल में दवे हुए बीज के समान छिपे रहे, कभी नष्ट नहीं हुए।
वास्तव में उस " प्राचीन जीवन ने मनुष्य को प्रकृति से तादात्म्य अनुभव करने की, उसके व्यष्टिगत सौन्दर्य पर चेतन व्यक्तित्व के आरोप की तथा उसकी समष्टि में रहस्यानुभूति की सभी सुविधायें सहज ही दे डालों । हम वीर पुत्रों और पशुओं की याचना से भरी वेद ऋचाओं में जो इतिवृत्त पाते हैं वही उषा, मरुत् आदि को चेतन व्यक्तित्व देकर एक सहज और सरल सौन्दर्यानुभूति में बदल गया है । फिर यही व्यष्टिगत सरल सौन्दर्यबोध उस सर्ववाद का बन जाता है जिसका पुरुष सूक्त में, विश्व पर एक विराट शरीरत्व के द्वारा प्रकट हुआ। चलकर इसी के निखरे रूप की फलक सृष्टि सम्बन्धी ऋचा के गम्भीर प्रश्नों में मिलती है जो उपनिषदों के ज्ञान-समुद्र में मिलकर उसकी लहर मात्र बन कर
रह गया ।
ज्ञानक्षेत्र के तत्वमसि, 'सर्वं खल्विदं ब्रह्म, सोऽहम् आदि ने उस युग के चिन्तन को कितनी विविधता दी है यह कहना व्यर्थ होगा । तत्वचिन्तन के इतने विकास ने एक और मनुष्य को व्यावहारिक जगत के प्रति वीतराग बनाकर निष्क्रियता बढ़ाई और दूसरी
रियों द्वारा प्रयोगरूप सिद्धान्तों को सत्य बन जाने दिया जिससे रूढ़िवाद की सृष्टि सम्भव हो सकी । इसी की प्रतिक्रिया से उत्पन्न बुद्ध की विचारधारा ने एक ओर ज्ञानक्षेत्र की निष्क्रिय चेतना के स्थान में
-६अपनी सक्रिय करुणा दी और दूसरी ओर रूढ़िवाद को रोकने के लिए पुराने प्रतीक भी स्वीकृत कर दिये ।
यह क्रम प्रत्येक युग के परिवर्तन में कुछ नये उलट फेर के साथ है इससे आधुनिक काल के साथ भी इसे जानने की आवश्यकता रहेगी।
कविता के जीवन में भी स्थूल जीवन से सम्बन्ध रखनेवाला इतिवृत्त, सूक्ष्म सौन्दर्य की भावना, उसका चिन्तन में अत्यधिक प्रसार और अन्त में निर्जीव अनुकृतियाँ ग्रादि क्रम मिलते ही रहे हैं । इसे और स्पष्ट करके देखने के लिए, हमारा उस युग से काव्यसाहित्य पर एक दृष्टि डाल लेना पर्याप्त होगा जिसकी धारा वीरमाथाकालीन इतिवृत्त के विषम शिलाखण्डों में से फूटकर, निर्गुण सगुण भावनाओं की उर्वर भूमि में प्रशान्त, निर्मल और मधुर होती हुई रीतिकालीन रूढ़िवाद के क्षार जल में मिलकर गतिहीन हो गई ।
परिवर्तन का वही क्रम हमारे आधुनिक काव्यसाहित्य को भी नई रूपरेखाओं में बाँधता चल रहा है या नहीं, यह कहना अभी सामयिक न होगा । रीतिकालीन रूढ़िवाद से थके हुए कवियों ने जब सामयिक परिस्थितियों से प्रेरित होकर तथा बोलचाल की भाषा में अभिव्यक्ति की स्वाभाविकता और प्रचार की सुविधा समझ कर ब्रजभाषा का
खड़ीबोली को सौंप दिया तब साधारणतः लोग निराश ही हुए । भाषा लचीलेपन से मुक्त थी, ब्रजमाधुर्य्य के स्तनों को ध्वनि में कर्कशता जान पड़ती थी और उक्तियों में चमत्कार न मिलता
था । इसके साथ साथ रीतिकाल की प्रतिक्रिया भी कुछ कम वेगवती न थी । अतः उस युग की कविता की इतिवृत्तात्मकता इतनी स्पष्ट हो चली कि मनुष्य की सारी कोमल और सूक्ष्म भावनायें विद्रोह कर उठीं । इसमें सन्देह नहीं कि उस समय की अधिकांश रचनाओं में, भाषा लचीली न होने पर भी परिष्कृत, भाव सूक्ष्मतारहित होने पर भी सात्विक, छन्द नवीनताशून्य होने पर भी भावानुरूप और विषय |
Redmi Watch 2 को Redmi Note 11 सीरीज के साथ लॉन्च किया गया। नई स्मार्टवॉच, जो मूल रेडमी वॉच का सक्सेसर है। यह पहले वाले मॉडल की तुलना में बड़ी टीएफटीAMOLED डिस्प्ले के साथ आती है। Redmi Watch 2 में भी 12 घंटे तक की बैटरी लाइफ मिलती है।
Redmi Watch 2 के साथ Xiaomi के सब-ब्रांड Redmi ने Redmi Buds 3 Lite ट्रू वायरलेस स्टीरियो (TWS) ईयरबड्स को भी लॉन्च किया है। नए मॉडल में 18 घंटे तक की बैटरी लाइफ और ब्लूटूथ v5.2 कनेक्टिविटी देने का दावा किया गया है।
Redmi Watch 2 की कीमत CNY 399 (करीब 4,700 रुपये) रखी गई है। स्मार्टवॉच 11 नवंबर से चीन में ब्लैक, ब्लू और आइवरी डायल रंगों में खरीदने के लिए उपलब्ध होगी। इसमें ब्राउन, ओलिव और पिंक स्ट्रैप शेड विकल्प भी होंगे।
दूसरी ओर, Redmi Buds 3 Lite की कीमत CNY 99 (लगभग 1,200 रुपये) है और यह चीनी बाजार में खरीदने के लिए उपलब्ध है। भारत सहित वैश्विक बाजारों में Redmi Watch 2 और Redmi Buds 3 Lite की कीमत और उपलब्धता के बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है।
Redmi Watch 2 में 63.7 प्रतिशत स्क्रीन-टू-बॉडी अनुपात के साथ 1.6-इंच AMOLED डिस्प्ले है। यह पतले बेजल से आता है, जिसे पिछले साल की Redmi Watch की तुलना में बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया है। नई स्मार्टवॉच में 100 वॉच फेस भी शामिल हैं और इसमें ऑलवेज-ऑन डिस्प्ले के लिए सपोर्ट है। नए डिस्प्ले के अलावा, Redmi Watch 2 में कई सेंसर हैं, जो हार्ट रेट मॉनिटरिंग, SpO2 ट्रैकिंग और स्लीप ट्रैकिंग आदि में मदद करती है। रनिंग और आउटडोर वर्कआउट को ट्रैक करने के लिए वॉच में GPS, GLONASS, गैलीलियो और BeiDou के लिए भी सपोर्ट है।
Redmi ने Redmi Watch 2 पर 117 फिटनेस मोड के लिए सपोर्ट दिया है, जिसमें 17 पेशेवर एक्सरसाइज शामिल हैं। स्मार्टवॉच में NFC सपोर्ट भी है और इसमें स्मार्ट कंट्रोल के लिए XiaoAi AI असिस्टेंट भी शामिल है।
कंपनी ने कहा कि रेडमी वॉच 2 में एक अपग्रेडेड कम बिजली की खपत वाला चिपसेट शामिल है जिसे एक बार चार्ज करने पर 12 दिनों तक की बैटरी लाइफ देने के लिए एक नई बैटरी मैनेजमेंट एल्गोरिदम के साथ जोड़ा गया है। स्मार्टवॉच को एक नए चुंबकीय चार्जर के साथ भी जोड़ा गया है और इसमें 5ATM वाटर रेजिस्टेंस है।
Redmi Buds 3 Lite एक इन-ईयर डिजाइन के साथ आता है, जिसे Redmi Buds 3 और Redmi Buds 3 Pro पर उपलब्ध चीजों से ट्वीक किया गया है। कंपनी डिजाइन को unique cat-ear design कहती है, जिसके बारे में दावा किया जाता है कि यह यूजर्स को एक स्थिर फिट प्रदान करने में मदद करता है।
ब्लूटूथ v5.2 कनेक्टिविटी पर आधारित TWS ईयरबड्स में USB टाइप-C चार्जिंग सपोर्ट और टच कंट्रोल बटन के साथ चार्जिंग केस भी है। Redmi का दावा है कि Redmi बड्स 3 लाइट चार्जिंग केस के साथ कुल यूसेज टाइम 18 घंटे तक देने में सक्षम है।
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Amazon और Flipkart से 108 मेगापिक्सल कैमरे वाले स्मार्टफोन को खरीदा जा सकता है. इन फोन में न सिर्फ स्ट्रांग बैटरी है, बल्कि एक मोबाइल में +5जी सपोर्ट भी दिया है. आइये जानते हैं इनके बारे में.
भारतीय मोबाइल बाजार में वैसे तो ढेरों स्मार्टफोन मौजूद हैं, जो अलग-अलग फीचर्स और प्राइस सेगमेंट में आते हैं. लेकिन आज हम कुछ ऐसे स्मार्टफोन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 108 मेगापिक्सल कैमरे के साथ आता है. इन सभी फोन को सिर्फ 1 हजार रुपये से भी कम या फिर 1 हजार रुपये महीन के खर्च यानी आसान किस्तों में घर लाया जा सकता है.
आज हम आपको रेडमी, रियलमी, मोटोरोला और शाओमी एमआई ब्रांड के स्मार्टफोन के बारे में बताने जा रहे हैं, जो न सिर्फ 108 मेगापिक्सल कैमरे के साथ आते हैं, बल्कि इनमें कई अन्य और अच्छे फीचर्स भी मिलते हैं. इतना ही एक फोन में तो 5G तक का सपोर्ट मिलेगा. आइये जानते हैं इनके बारे में और उन पर मिलने वाली आसान किस्तों को भी.
रियलमी ने भारत में इस साल रियलमी 8 प्रो स्मार्टफोन को लॉन्च किया था. इस स्मार्टफोन में बैक पैनल पर क्वाड कैमरा सेटअप है, जिसमें प्राइमरी कैमरा 108 मेगापिक्सल का है. साथ ही सेकेंडरी कैमरा 8 मेगापिक्सल का है. अन्य दो कैमरे 2-2 मेगापिक्सल के हैं. 8जीबी रैम वाले वेरियंट की कीमत 19999 रुपये है, लेकन इसे एचडीएफसी कार्ड की मदद से सिर्फ 970 रुपये की आसान किस्तों में खरीदा जा सकता है, जो 24 महीने तक चलेंगी.
मोटोरोला का यह स्मार्टफोन 108 मेगापिक्सल का कैमरे के साथ आता है, जो एक प्राइमरी कैमरा है. इसके अलावा एक 8 मेगापिक्सल और 2 मेगापिक्सल का सेंसर है. साथ ही 32 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा है. यह फोन 6000 mAh की बैटरी के साथ आता है. इसका रिफ्रेश रेट 120hz है और इसमें 6.78 इंच का फुलएचडी प्लस डिस्प्ले दिया गया है. इस स्मार्टफोन की कीमत 16999 रुपये है, जिसमें 6 जीबी रैम और 128 जीबी इंटरनल स्टोरेज मिलती है. एचडीएफसी बैंक के कार्ड की मदद से इसे 825 रुपये में खरीदा जा सकता है.
रेडमी ने इस स्मार्टफोन को भी इस साल मार्च में लॉन्च किया था और इसकी कीमत 21999 रुपये है. एचडीएफसी कार्ड की मदद से इसे 1067 रुपये की आसान किस्तों में खरीदा जा सकता है, जो 24 महीने तक चलेंगी. इस कीमत में 6 जीबी रैम और 128 जीबी वेरियंट मिलता है. साथ ही इसमें बैक पैनल पर चार कैमरों का सेटअप है, जिसमें प्राइमरी कैमरा 108 मेगापिक्सल का है. सेकेंडरी कैमरा 8 मेगापिक्सल का है. इसके अलावा तीसरा कैमरा 5 मेगापिक्सल का और चौथा कैमरा 2 मेगापिक्सल का है. साथ ही इसमें 16 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है. कंपनी ने इस फोन में 5020mAh की बैटरी और 33W का फास्ट चार्जर दिया है.
108 मेगापिक्सल कैमरे के साथ 5G सपोर्ट वाला फोन लेना चाहते हैं तो एमआई 10आई को ले सकते हैं, जो अमेजन पर लिस्टेड है. इसकी कीमत 21999 रुपये है, जिसमें 6जीबी रैम वाले वेरियंट मिलता है. साथ ही इस फोन में बैक पैनल पर क्वाड कैमरा सेटअप है, जिसमें प्राइमरी कैमरा 108 मेगापिक्सल का है. साथ ही यह फोन स्नैपड्रैगन 750 प्रोसेसर के साथ आता है. इसमें 4820 mAh की बैटरी दी गई है. एचडीएफसी कार्ड की मदद से इसे 1,067 रुपये की आसान किस्तों में खरीदा जा सकता है, जो 24 महीने तक चलेंगी.
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उत्तराखंड के प्रसिद्ध हास्य एवं रंगकर्मी रामरतन काला का हृदय गति रुकने से निधन।
उत्तराखंड संगीत जगत से बुरी खबर युवा गायक मुकेश कैंतुरा का एम्स में निधन।
किशन महिपाल का 'बंगाल चूड़ी' यूट्यूब पर 1लाख पार,दर्शकों ने कहा जबरदस्त सॉन्ग।
उत्तराखंड के मशहूर संगीतकार संजय राणा का निधन,कोरोना के थे लक्षण।
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बॉलीवुड इंडस्ट्रीज मे जब किसी अभिनेत्री या अभिनेता को लगता है की वह अब अपनी शादीशुदा लाइफ मे खुश नही है तो वह तलाक लेकर अपनी रास्ते अलग कर लेता है। खूबसूरत अभिनेत्री दीया मिर्जा भी इस लिस्ट मे शामिल हो चुकी है। जिन्होंने पिछले वर्ष ही अपने पति को तलाक देकर अलग होने का फैसला कर लिया था।
मगर अब लगता है की तलाक लेने के बाद भी दीया मिर्जा अपने पति से दूरी बर्दाश्त नही कर पा रही है। पहले बात करें उनकी शादीशुदा जिंदगी की तो दीया मिर्जा ने साल 2014 मे साहिल सांघा से शादी रचाई थी। यह इनकी लव मैरिज थी शादी से पहले दीया और साहिल लंबे समय तक एक दूसरे को डेट भी कर चुके है। लेकिन शादी के महज 5 साल बाद 2019 मे दीया ने साहिल को तलाक दे दिया।
खबरों की माने तो दीया मिर्जा ने साहिल से 30 करोड़ लेकर तलाक लिया है। अब वह एक तलाकशुदा अभिनेत्री की तरह जिंदगी गुजार रही है और काफी खुश भी है। दीया फिल्मों मे भी बहुत कम दिखती है लेकिन वह हमेशा लाइमलाइट मे बनी रहती है। हाल ही मे उनकी तस्वीरें कैमरे मे कैद हुई।
दरहसल दीया मिर्जा को बीती रात अपने एक्स पति के घर के बाहर स्पॉट किया गया। पति से तलाक लेने के बाद भी वह उनसे दूर नही रह पा रही है। इसलिए तो पति की याद आने पर वह देर रात अपने एक्स पति से मिलने उनके घर पहुंची। आप खुद इन तस्वीरों मे देख सकते हों दीया व्हाइट ड्रेस मे बला की खूबसूरत और हसीन लग रही है।
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।ग्राम क्रमांक :
।ग्राम का नाम :
।तहसील :
।जनपद :
।फसली वर्ष :
।भाग :
।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.)
।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद )
।1क(क) - रिक्त ( नदारद )
।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद )
।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। ( नदारद )
।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद )
।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद )
।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद )
।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद )
।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद)
।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद )
।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद )
।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद )
।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद )
।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद )
।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। ( नदारद )
।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद )
।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद )
।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद )
।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि । ( नदारद )
।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो। ( नदारद )
।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो । ( नदारद )
।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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सरकार के द्वारा हाल में ही जारी किए गए एक विज्ञापन के अनुसार सरकार आने वाले वक्त में एक 2 नही बल्कि, पूरे 50000 लोगो के लिए नौकरी के अवसर प्रदान करने वाली है. इस विज्ञापन के अनुसार सरकार जॉब की तालाश में इधर उधर भटक रहे युवाओ को अपनी जन धन योजना के साथ जोडकर उन्हें कुछ पैसे कमाने का अवसर प्रदान करने वाली है. जन धन योजना से जुड़ना या फिर दूसरे शब्दों में कहे तो "बैंक मित्र" इसके सैलरी की बात करे तो जहाँ तक बात सामने आ रही है कि इस काम को करने वाले लोगो की सैलरी 5000 प्रति महीने के साथ साथ खाते में लेनदेन का कमिशन अलग से होगा. इसके साथ ही सरकार की तरफ से उन लोगो को अतिरिक्त सुविधा का लाभ भी मिलेगा. अन्य सुविधाओं के लाभ में बैंक मित्रो को कंप्यूटर वाहन के अलावे बैंक से कर्ज भी उन्हें मिल सकेगा.
कौन बन सकते हैं बैंक-मित्र?
बैंक मित्र की बात करें तो ये वो लोग होते है जिनके सिर भारत सरकार की जन धन योजना के तहत लोगो के बीच काफी आसानी के साथ बैंकिंग सुविधा को उपलब्ध करवाने का जिम्मा होता है. इन लोगो के काम करने की जगह की बात करे तो इनका ज्यादातर काम उन जगहों पर ही होता है जहाँ दूर दराज के इलाकों तक बैंक और एटीएम की सुविधा उपलब्ध नही हो पाती है. ऐसे इलाको में ये बैंक मित्र लोगो तक पाहुँच कर उन्हें बैंकिंग सुविधा का भरपूर लाभ उठाने में लोगों की मदद करते है.
सरकार के मुताबिक वह हर एक शख्स बैंक मित्र बन सकता है जिसकी उम्र कम से कम 18 साल हो और ज्यादा से ज्यादा 60 साल हो. इस आयु के बीच आने वाले स्टूडेंट से लेकर एक्स सर्विसमैन, पीसीओ किराना दुकान, पेट्रोल पंप और किसी भी अन्य जगह काम करने वाले लोगो के लिए इस काम को करने का सुनहरी अवसर है. बैंक मित्र बनने के लिए इस्तेमाल में आने वाले उपकरण के ऊपर भी सरकार आपको मशीन की आधी राशि मुहैया करवाएगी. उसके साथ ही सरकार अलग से गाड़ी के लिए भी 50000 रुपये कर्ज़ के रूप में देगी.
इस योजना के तहत भर्ती किये जाने वाले बैंक मित्रो को बैंक के इस्तेमाल के प्रति लोगो के बीच जागरूक करने का काम करना होगा. इसके इलावा उनकी सारी प्रथामिक जानकारियों को इकठ्ठा करने के साथ ही उनके आंकड़े को संभाल कर रखने के साथ लोगो के द्वारा बैंक को दी गयी जानकारी को इक्कठा करना और लोगो के द्वारा जमा की गई राशि को सुरक्षित तरीके से रखने की जिम्मेदारी होगी. इसके अलावे लोगो को सही समय पर भुगतान करने का जिम्मा भी उनके ऊपर ही होगा.
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Jaipur News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की पहल पर सूडान (Sudan) से लौटने वाले सभी राजस्थानियों को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद राज्य सरकार (Rajasthan Government) के खर्च पर राजस्थान में उनके गतंव्य तक पहुंचाया जाएगा.
Jaipur: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) की एक ओर मानवीय पहल. सूडान (Sudan) से लौटने वाले सभी राजस्थानियों को दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचने के बाद राज्य सरकार (Rajasthan Government) के खर्च पर राजस्थान में उनके गतंव्य तक पहुंचाया जाएगा.राज्य सरकार (Rajasthan Government) ने इन सब के लिए रहने और खाने की भी व्यवस्था करेगी. मुख्यमंत्री गहलोत ने पूर्व में आंतरिक संघर्ष के कारण सूडान (Sudan) में फंसे सभी राजस्थानियों के लिए चिंता जताई थी.
राज्य सरकार (Rajasthan Government) ने हेल्पलाइन नम्बर शुरू किए थे जिसेकी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली.राजस्थान और राज्य के बाहर के कई लोग,रिश्तदार सूडान (Sudan) में है. इन नम्बरों पर जानकारी मांगने के साथ साथ संघर्ष प्रभावित अफ्रीकी देश में मौजूद अपने व्यक्तियों के बारे में विवरण दिया गया.बीकानेर हाउस रेजिडेंट कमिश्नर ऑफिस और राजस्थान फाउंडेशन के संयुक्त प्रयास से सूडान (Sudan) में फंसे राजस्थानियों की सूची भी विदेश मंत्रालय को मुहैया कराई गई है.
राजस्थान फाउंडेशन के आयुक्त रेजिडेंट कमिश्नर धीरज श्रीवास्तव ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने हिंसा प्रभावित सूडान (Sudan) में राजस्थानियों की सुरक्षा और निकासी तय करने के लिए निर्देश दिए.विदेश मंत्रालय को प्रवासी राजस्थानियों के बार में प्रमाणिक जानकारी देने वाले पहला राज्य बना.सूडान (Sudan) से लौटे सभी राजस्थानियों की इच्छा के अनुसार फ्लाइट,बस या किसी अन्य प्रकार के परिवहन से यात्रा कर रहे हो राज्य सरकार (Rajasthan Government) उनको उनके गतंव्य तक निशुल्क पहुंचाएगी. सूडान (Sudan) से राजस्थानियों को सुरक्षित निकालने में हमारा प्रवासी परिवार भी मददगार रहा है.
विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार लगभग 500 भारतीयों को विभिन्न तरीकों से खार्तूम से पोर्ट सूडान (Sudan) ले जाया गया. सभी लोग 60 राजस्थानियों सहित पोर्ट सूडान (Sudan) सुरक्षित पहुंचाए गए. इन सभी लोगों को पोर्ट सूडान (Sudan) से सऊदी अरब के जेद्दा तक समुद्री मार्ग से ले जाया गया और वहां से उन्हें हवाई मार्ग से दिल्ली लाया जाएगा. जिसके बाद उन्हें उनके मूल स्थानों पर सुरक्षित पंहुचा दिया जाएगा. इस दौरान राजस्थान फाउंडेशन विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में रहा और सूडान (Sudan) में फंसे राजस्थानियों के परिजनों को नियमित अपडेट देता रहा.
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भोपाल। मध्य प्रदेश में सहरिया, बैगा और भारिया जनजाति के बेरोजगार युवक-युवतियों के लिए राज्य सरकार ने नौकरी में विशेष छूट का प्रावधान किया है। उन्हें नौकरी के लिए सिर्फ आवेदन करना होगा, परीक्षा अथवा साक्षात्कार प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना पडेगा। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछडा वर्ग के आरक्षण के लिए बनाए गए लोकसेवा अधिनियम, 1994 की धारा 13 में मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए अधिनियम 1998 के आरक्षण व भर्ती नियम में संशोधन कर दिया है।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि सहरिया, बैगा और भारिया जनजाति से संबंध रखने वाले जिन आवेदकों के पास संविदा पर स्कूल शिक्षक, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के किसी भी पद अथवा वनरक्षक के पद के लिए न्यूनतम योग्यता होगी, उन्हें भर्ती प्रक्रिया में शामिल किए बिना उक्त पद पर नियुक्त किया जाएगा। राज्य में तीनों जनजातियां खास इलाकों में रहती है, इसी आधार पर क्षेत्र भी तय किए गए हैं। परीक्षा व साक्षात्कार के बिना नौकरी पाने का लाभ श्योपुर, दतिया, मुरैना, भिंड,ग्वालियर, शिवपुरी, गुना की सहरिया जनजाति, मंडला, डिंडौरी, शहडोल, उमरिया, बालाघाट व अनूपपुर की बैगा जनजाति और बालाघाट के तामिया विकासखंड की भारिया जनजाति को मिलेगा। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा किए गए संशोधन को राज्यपाल की भी अनुमति मिल गई है।
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अमरावती/प्रतिनिधि दि. ३ - इस समय जहां चहुंओर केवल कोविड वायरस के संक्रमण की चर्चा चल रही है और इस वायरस की प्रतिबंधात्मक वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर ही आम लोगों में उत्सूकता है. वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य महकमे द्वारा अन्य सभी तरह की गंभीर व जानलेवा बीमारियों पर भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है और नागरिकों को इन बीमारियों के संक्रमण से बचाने हेतु प्रतिबंधात्मक दवाईया उपलब्ध करायी जा रही है. जिसके तहत अकोला स्थित स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय द्वारा अमरावती जिला स्वास्थ्य विभाग व जिला सामान्य अस्पताल को 11 अलग-अलग बीमारियों पर कारगर रहनेवाली प्रतिबंधात्मक दवाईयों के डोज उपलब्ध कराये गये है.
इस संदर्भ में विभागीय लसीकरण केंद्र के मुख्य औषध निर्माण अधिकारी प्रदीप पहाडे तथा औषध निर्माण अधिकारी राजेंद्र इंगले द्वारा बताया गया कि, डायरिया को नियंत्रित करने हेतु रोटावायरस वैक्सीन, रूबेला, गालगुंड व गोवर को नियंत्रित करने हेतु मिसल्स रूबेला वैक्सीन, मच्छरों से होनेवाले जापानीज् इंफ्ल्यूएंझाईटिस को नियंत्रित करने हेतु जेई वैक्सीन, धनुर्वात, घटसर्प व सुखी खांसी के संक्रमण को रोकने हेतु टीडी वैक्सीन, धनुर्वात, घटसर्प व सुखी खांसी के साथ ही पीलिया व हिमोफिलीस इंफ्ल्यूएंझा को रोकने हेतु पेेंटावेलेंट वैक्सीन, क्षयरोग के खिलाफ प्रतिकार क्षमता बढाने व क्षयरोग को रोकने हेतु बैसिलस वेलमेटे गुरीन यानी बीसीजी वैक्सीन, पीलीया तथा लिवर में होनेवाले संक्रमण को रोकने हेतु हेपेटाईटीस-बी, धनुर्वात, घटसर्प व सुखी खांसी को रोकने हेतु डीपीटी वैक्सीन, पोलीओ के वायरस को खत्म करने हेतु एफआयपीवी इंजेक्शन तथा बीओपीवी ओरल ड्रॉप तथा न्यूमोकोकल बैक्टेरिया से होनेवाली निमोनिया की बीमारी से छोटे बच्चों को बचाने हेतु न्यूमोकोकल कांज्यूगेट वैक्सीन (पीसीवी) का प्रयोग किया जाता है. इन सभी प्रतिबंधात्मक दवाईयों के डोज संभाग के पांचों जिला स्वास्थ्य अधिकारियों तथा अमरावती व अकोला मनपा स्वास्थ्य विभाग को स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय की ओर से नियमित तौर पर प्रदान किया जाता है.
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घाटी में पर्यटन हितधारकों को उम्मीद है कि श्रीनगर में आगामी जी20 कार्य समूह की बैठक यूरोपीय संघ के देशों और अमेरिका द्वारा जम्मू और कश्मीर-विशिष्ट यात्रा सलाह को उठाने का मार्ग प्रशस्त करेगी, जो पर्यटन क्षेत्र को भारी बढ़ावा दे सकती है। बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक - यहां तक कि उन देशों से भी, जिनके पास नकारात्मक यात्रा सलाह है - कश्मीर का दौरा कर रहे हैं और उन्हें लगता है कि यह स्थान बिल्कुल सुरक्षित है।
"एक पर्यटन हितधारक के रूप में, मैं G20 कार्यक्रम का स्वागत करता हूं। दुनिया भर के विभिन्न देशों से सलाह ली जा रही है, जो दुर्भाग्य से 1990 के दशक से लागू है। जहां तक कश्मीर की समग्र स्थिति का संबंध है, एक महान परिवर्तन हुआ है। जम्मू-कश्मीर सरकार के पर्यटन सचिव सैयद आबिद राशिद ने पीटीआई-भाषा को बताया, "अभी बहुत शांति है और कुछ ऐसे उदाहरण हैं जहां यूरोपीय देश इन यात्रा परामर्शों को हटाने पर चर्चा कर रहे हैं। "
उन्होंने कहा कि नकारात्मक यात्रा परामर्श जारी करने वाले देशों के प्रतिनिधि जी20 बैठक के लिए घाटी में होंगे। "मुझे यकीन है कि इन बातों पर चर्चा की जाएगी और वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और कश्मीर के शांतिपूर्ण वातावरण को ध्यान में रखते हुए, मुझे उम्मीद है कि वे इन सलाहों को हटाने पर विचार करेंगे। विभिन्न देशों के पर्यटकों के आने से समग्र पर्यटन उद्योग में योगदान होगा। " जम्मू और कश्मीर में, "राशिद ने कहा।
मंज़ूर अहमद वांग्नू, जो कई दशकों से पर्यटन व्यापार से जुड़े हुए हैं, ने कहा कि सलाहों को रद्द करने का यह सबसे अच्छा समय है। "मुझे लगता है कि उन सलाहों को रद्द करने का यह सबसे अच्छा समय है। आप देखिए, पिछले दो वर्षों से, सभी होटल, हाउसबोट भरे हुए हैं। इसका श्रेय पर्यटन विभाग को जाता है। इससे पहले, आप जानते हैं, हमारे पास COVID था और व्यवसाय था लगभग शून्य। अब हमारे पास आरक्षण के लिए पर्यटक बुला रहे हैं, वे जानना चाहते हैं कि उन्हें होटल के कमरे मिलेंगे या नहीं। यह बहुत अच्छी खबर है, "वांगनू ने कहा।
अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के आगमन पर उन्होंने कहा, "पिछले दो वर्षों में यह उतना अच्छा नहीं था, लेकिन यह ऊपर की ओर बढ़ने लगा है। आप शिकारावालों और टट्टूवालों और पर्यटन व्यापार से जुड़े लोगों को देखें। वे अद्भुत व्यवसाय कर रहे हैं। यह संदेश देश-विदेश में जाता है। इसमें थोड़ा समय लगेगा, हम उन्हें कश्मीर की बेहतरीन मेहमाननवाजी दिखा रहे हैं। " उन्होंने कहा, "कश्मीर पर्यटकों, खासकर अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए सुरक्षित है। "
विदेशी पर्यटकों का कहना है कि वे घाटी में सुरक्षित महसूस करते हैं और लोगों के आतिथ्य से चकित हैं। जर्मन नागरिक लबौफ ने कहा, "मैं तीन दिनों के लिए श्रीनगर में हूं और मैं बहुत सुरक्षित और अच्छा महसूस कर रहा हूं. . . मैं पूरे शहर में घूमा और मुझे असुरक्षित महसूस नहीं हुआ। " उन्होंने कहा कि उन्हें जर्मन सरकार की सलाह के बारे में पता था लेकिन फिर भी उन्होंने कश्मीर की यात्रा की। "मैं असुरक्षित महसूस नहीं करता, कोई समस्या नहीं है, इसे (सलाह) रद्द करने का बिल्कुल सही समय है। " डारिया, रूस से एक युवा प्रतिनिधि, जो हाल ही में Y20 कार्यक्रम के लिए यहां आई थी, ने कहा कि उसे कश्मीर आने के बारे में अपनी शंकाएं और चिंताएं हैं।
"ईमानदारी से कहूं तो मैं डर गया था। मुझे कुछ चिंताएं थीं लेकिन यहां आने के बाद, मेरे सारे संदेह दूर हो गए। यह सुरक्षित है और मुझे अब चिंता नहीं है। मेरे अनुभव के आधार पर, वे उचित नहीं हैं (नकारात्मक यात्रा परामर्श) ) मैं यहां बिल्कुल सुरक्षित महसूस करती हूं। '
फ़्रांस से आए एक यात्री फ़्लू ने कहा कि उसे कश्मीर की स्थिति की जानकारी नहीं है, लेकिन वह जगह उसे बहुत पसंद है। उन्होंने कहा, "मैं कल ही आया था। इसलिए मेरे पास पूरी तस्वीर नहीं है, लेकिन यह वास्तव में एक खूबसूरत जगह है, पहाड़ भी खूबसूरत हैं और झील भी। लोग बहुत अच्छे लगते हैं। " तीन दिवसीय तीसरी जी20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक यहां 22 से 24 मई तक होगी। बैठक में भाग लेने वाले विदेशी प्रतिनिधि उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले में प्रसिद्ध स्की रिसॉर्ट गुलमर्ग भी जाएंगे।
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती समारोह के हिस्से के अवसर पर भारत सरकार के पत्र सूचना कार्यालय और प्रादेशिक लोकसमपर्क ब्यूरो ने "पराक्रम दिवस" के संबंध में एक वेबिनार का आयोजन किया। भारत सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती दिवस 23 जनवरी को हर साल 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने की घोषणा की है। डॉ. अनीता बी. फाफ (नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी) और सुश्री रेणुका मलाकर (नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रपोत्री) ने आज के वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। श्री महेश चंद्र शर्मा (वरिष्ठ पत्रकार) ने भी अतिथि वक्ता के रूप में वेबिनार को संबोधित किया।
(डॉ. अनीता बोस फाफ वेबिनार को संबोधित करते हुए)
इस वेबिनार में जर्मनी से शामिल हुईं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की बेटी डॉ. अनीता बोस फाफ ने कहा कि नेताजी भारतीय लोगों के दिलों में थे, हैं और आगे भी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हालांकि उनके पिता एक धर्मनिष्ठ हिंदू थे लेकिन उनके मन में सभी धर्मों के लिए सम्मान था। डॉ. अनीता ने कहा कि उनके पिता ने एक ऐसे भारत की कल्पना की थी जहां सभी धर्म के लोग शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहते हों। उन्होंने कहा कि नेताजी लैंगिक समानता के हिमायती थे। उनका दृष्टिकोण एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना था जहां पुरुषों और महिलाओं को न केवल समान अधिकार हों, बल्कि वे समान कर्तव्यों का पालन भी कर सकें। यह महिलाओं पर है कि वे स्वयं दासत्व से मुक्ति पाएं, महिलाओं को जीतना चाहिए और वे जीत सकती हैं। डॉ. अनीता बोस ने स्वतंत्रता संग्राम और राष्ट्र निर्माण में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन और योगदान पर भी विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कहा कि नेताजी के पास भारत की वित्तीय और आर्थिक मजबूती के लिए एक विजन था और भारत को आजादी मिलने से पहले ही उन्होंने एक योजना आयोग का गठन कर लिया था।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रपोत्री और नेताजी सुभाष बोस आईएनए ट्रस्ट दिल्ली-इंडिया की पूर्व महासचिव व वर्तमान ट्रस्टी सुश्री रेणुका मलाकर ने अपने संबोधन में कहा कि नेताजी को अपने देशवासियों से अत्यधिक प्रेम था। भारत के युवा देश का भविष्य है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि उन्हें देश को सर्वोपरि रखना चाहिए और यदि ऐसा होता है तो भारत को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
(सुश्री रेणुका मलाकर वेबिनार को संबोधित करते हुए)
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर विस्तार से जानकारी देते हुए वरिष्ठ पत्रकार और लेखक श्री महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि जिस तरह नेताजी ने देश को सर्वोच्च प्राथमिकता दी, उसी तरह युवाओं को भी राष्ट्र के लिए प्रयासरत रहना चाहिए, ताकि देश एकजुट, शक्तिशाली तथा धार्मिक और जाति आधारित भेदभाव से मुक्त हो सके। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस का राष्ट्र के प्रति समर्पण, भारत में युवाओं के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।
वेबिनार में इससे पहले पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) की अपर महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने उद्घाटन और स्वागत भाषण दिया। डॉ. पालीवाल ने सबसे पहले नेताजी की बेटी डॉ. अनीता बोस फाफ का स्वागत किया और अपना कीमती समय देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि पत्र सूचना कार्यालय के इस वेबिनार में उनकी और सुश्री रेणुका मलाकर की उपस्थिति सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि नेताजी की अदम्य साहस व राष्ट्र के लिए निःस्वार्थ सेवा का सम्मान करने और उन्हें स्मरण रखने को लेकर भारत सरकार ने देश के लोगों विशेषकर युवाओं, को प्रेरित करने के लिए हर साल 23 जनवरी यानी उनके जन्मदिन को "पराक्रम दिवस" के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
इस वेबिनार में देश के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इनमें बीएसएफ के जवान, एनसीसी के कैडेट, नेहरू युवा केंद्र संगठन के युवा स्वयंसेवक और अन्य अधिकारी शामिल थे। अंत में, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भूमिका पर बनाये गए एक वीडियो को वेबिनार के दौरान दिखाया गया। इस वीडियो का निर्माण सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने किया है। इस वेबिनार का संचालन पीआईबी जयपुर के उप निदेशक श्री पवन सिंह फौजदार ने किया।
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Ganesh Chaturthi 2023 Wishes in Hindi; गणेश जयंती के दिन हिंदू भक्त भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाते हैं. हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है. इस साल गणेश जयंती 25 जनवरी को है. महाराष्ट्र और कोंकण क्षेत्रों में गणेश जयंती एक बड़े उत्सव के तौर पर मनाया जाता है. गणेश जयंती को महाराष्ट्र में तिलकुंड चतुर्थी, माघ शुक्ल चतुर्थी और वरद चतुर्थी भी कहा जाता है. इस त्योहार के दौरान भक्त हल्दी या सिंदूर के पाउडर से भगवान गणेश की मूर्ति बनाते हैं. बाद में इस मूर्ति को पानी में विसर्जित कर दिया जाता है. भक्त इस त्योहार के दौरान अनुष्ठान, पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इन दिन पूजा अर्चना करने से सभी प्रार्थनाएं पूरी होती हैं और साल शांति और समृद्धि से भरा रहता है. गणेश जयंती के दिन आप अपने प्रियजनों को इन संदेशों के साथ शुभकामनाएं (Ganesh Chaturthi 2023 Wishes) दे सकते हैं.
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभः।
विघ्नहर्ता व रिद्धि-सिद्धि के दाता पूज्य भगवान श्री गणेश जी की जयंती (माघी गणेश जयंती) आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
एकदन्ताय शुद्घाय सुमुखाय नमो नमः।
प्रपन्न जनपालाय प्रणतार्ति विनाशिने। ।
सृष्टि में प्रथम पूज्य भगवान गणेश जयंती की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं। एकदन्त बप्पा सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करें।
गणेश जयंती के पावन अवसर पर सभी को शुभकामनाएं।
विघ्नहर्ता भगवान गणेश आप सभी के जीवन को हर्षोल्लास और खुशियों से पूर्ण करें, तथा देश और समाज की सेवा के लिये सभी को अधिक शक्ति और सामर्थ्य प्रदान करें।
सब शुभ कारज में पहले पूजा तेरी,
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गणेश जयंती के पावन अवसर पर सभी को शुभकामनाएं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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पंचकूला। मोरनी के गांव थापली स्थित होटल में देह व्यापार की गुप्त सूचना पर पुलिस द्वारा बुधवार को छापा मारने के दौरान होटल मालिक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों में होटल का मालिक ओल्ड एसडीएम कोर्ट, हांसी निवासी बलराज सिंह के अलावा चंडीगढ़ के गांव बहलाना निवासी धर्मबीर सिंह और मूल रूप से नेपाल का रहने वाला नर बहादुर शामिल हैं। पुलिस ने मौके से एक महिला को भी काबू किया, जो मामले में पुलिस की गवाह बनी। गिरफ्तार उक्त तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उन्हें अदालत में पेश किया। पुलिस ने कोर्ट से होटल के मालिक का रिमांड मांगा, जबकि अन्य दोनों आरोपियों से पूछताछ पूरी कर लिए जाने की बात कही।
गौरतलब है कि मोरनी चौकी और थाना चंडी मंदिर के पुलिसकर्मियों ने बुधवार को गांव थापली स्थित होटल राओ हट में देह व्यापार के गोरखधंधे की गुप्त सूचना पर एसीपी राज कुमार के नेतृत्व में कार्रवाई की। पुलिस ने उक्त आरोपियों के पास एक पुलिसकर्मी को फर्जी ग्राहक बनाकर भेजा था। फर्जी ग्राहक बने पुलिसकर्मी ने आरोपियों से सौदा किया और डील फाइनल होने पर पुलिसकर्मी ने छापा मारने को तैयार बैठी पुलिस टीम को इशारा किया। इसके बाद पुलिस टीम ने होटल से एक महिला के अलावा उक्त तीन आरोपियों को काबू किया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया। दर्ज मामले में महिला गवाह बनी, जबकि अन्य तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
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कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने BJP पर बड़ा आरोप लगाया है। कहा कि मेघालय में बेटियों को वेश्यावृत्ति में धकलनेवाले को BJP ने दिया टिकट। कहे तो क्या कहे BJP?
मेघालय में 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव है। भाजपा और कांग्रेस सभी 60 सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं। चुनावी सरगर्मी तेज है। इस बीच कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने भाजपा पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने मेघालय की बेटियों को वेश्यावृत्ति में धकलने वाले व्यक्ति को चुनाव में प्रत्याशी बनाया है। मालूम हो कि भाजपा ने बर्नार्ड मारक (Bernard N Marak) को पार्टी प्रत्याशी बनाया है।
मारक भाजपा के नेता हैं। पिछले साल जुलाई में मेघालय पुलिस ने उनके फॉर्म हाउस पर छापा मारा था। पुलिस ने छह यवतियों को मुक्त कराया था। यहां से पुलिस ने 73 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही 500 पैकेट गर्भनिरोधक तथा आपत्तिजनक सामग्री बरामद की थी। इस घटना की देशभर में निंदा हुई थी। अब सेक्स रैकेट चलाने के आरोपी को टिकट दिए जाने पर कांग्रेस ने सवाल उठा दिया है। मारक को तब पुलिस ने उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया था। भाजपा की तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। अगर मेघालय चुनाव में मारक को टिकट दिया जाना मुद्दा बना, तो भाजपा को परेशानी हो सकती है।
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि आप बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देते हैं। मेघालय की जनता और खासकर बेटियां जानना चाहती हैं कि जिस पर पॉक्सो (POCSO) Act के तहत मामला चल रहा है, उसे टिकट देकर सम्मानित क्यों किया? पुलिस ने पिछले साल मारक के तुरा स्थित फॉर्म हाउस से छह नाबालिग लड़कियों को मुक्त कराया था। मारक पर वेश्यालय चलाने का आरोप था। बाद में उसे उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। वह नवंबर से बेल पर बाहर है।
कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने मेघालय की राजधानी शिलांग में भाजपा और एनपीपी के पांच साल के कुशासन पर जम कर हमला बोला। उनके आरोप से मेघालय की राजनीति में भूकंप आ गया है। देखना है कि कांग्रेस मारक के मुद्दे को किस प्रकार चुनावी मुद्दा बनाती है तथा भाजपा किस प्रकार बचाव करती है।
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अक्षरा स्कूल टीचर से सुनाऊंगा कि अपने बच्चों के बीच में 3 साल का अंतर रखना चाहिए लेकिन ऐसी स्कूल टीचर के बारे में बताने जा रहे हैं यह 7 साल में 7 बार गर्भवती हो चुकी है।
यह मामला बिहार के एक शिक्षिका कहां है जो कि 7 साल में 7 बार गर्भवती हो चुकी है लेकिन यह शिक्षिका सच में गर्भवती नहीं हुई यह सिर्फ गर्भवती होने का नाटक कर रही थी।
लेकिन इस शिक्षिका नहीं गर्भवती होने का नाटक एक खास मकसद के लिए किया है रअसल ये अपने आपको गर्भवती बोलकर स्कूल से छुट्टी लिया करती थी. वो भी काफी लम्बे समय के लिए और घर बैठकर उसको पगार मिल रहा था उसको स्कूल में आना ना पड़े उसके लिए वो ऐसा कर रही थी।
स्कूल वाले प्रशासन को भी 19 से यह शिक्षिका बेवकूफ बना रही थी लेकिन अब जाकर प्रशासन को इसका पता चला तो उसके खिलाफ स्कूल प्रशासन ने कार्रवाई कर दी है।
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यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Essie Karimi. एस्सी करीमी एक प्रोफेशनल टेलर हैं और Sew Fit Tailoring & Alterations के मालिक हैं, जो एक सिलाई की दुकान है जो 40 से अधिक वर्षों से काम कर रही है। Essie सिलाई, ऑल्टरेशन, सिलाई, रिपेयरिंग और रिडिजाइन में माहिर है। Essie विभिन्न प्रकार के कपड़ों पर काम करते हैं, जिसमें शादी के कपड़े, फॉर्मल वियर, केजुअल वियर, स्पोर्ट्स वियर, स्विमवियर और यूनिफ़ोर्म शामिल हैं।
यहाँ पर 7 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।
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अपनी किसी ऐसी बड़ी ड्रेस को सीधे न फेंक दें, जो कई दिनों से आपकी अलमारी में पीछे दबी रखी है! उसकी फिटिंग को बेहतर करने के लिए उसे कमर पर दबाएँ और आपको ऐसा महसूस होगा, जैसे आपको एक ब्रांड न्यू ड्रेस मिल गई है। अतिरिक्त कपड़े को आप साइड सीम के साथ कमर पर नीचे तक पिन कर सकते हैं। ये आपके नई सीम सिलने पर होने वाली पकरिंग (puckering) या अजीब से दबे हिस्से को बनने से रोकेगा। अगर आप एक लूज स्टाइल के साथ ड्रेस को दबा रहे हैं, तो फिर इसकी बजाय कमर पर एक फेब्रिक केसिंग को सिलें। फिर, इलास्टिक बैंड को केसिंग में से दबाएँ ताकि ये कमर पर इकट्ठी हो जाए।
साइड्स से कमर पर अंदर दबाना (Taking in the Waist at the Sides)
- कमर को बराबर रखने के लिए, आपको दोनों साइड सीम से एक समान मात्रा में फेब्रिक को अंदर करना होगा।
- जैसे, आपको ड्रेस को दोनों साइड पर 1⁄2 इंच (1.3 cm) अंदर दबाना होगा, ताकि ये बेहतर फिट हो जाए।
2ड्रेस को उल्टा पलटें और पिन को सीमलाइन के साथ में इन्सर्ट करेंः उल्टी पलटी हुई ड्रेस को एक समतल सरफेस पर फैलाएँ और साइड सीम के ऊपरी भाग को लोकेट करें, जहां वो बाँहों के छेद से मिलती हैं। फिर, अपने रूलर को ड्रेस पर रखें और पिन को अंदर डालें, ताकि ये सिलाई की दिशा में लगी रहे। नई पिन की सीमलाइन को पुरानी सीम के साथ में रखकर अतिरिक्त कपड़े को मापें। इसे आपके द्वारा लिए मेजरमेंट के साथ में मैच करना चाहिए।
- हर 1 इंच (2.5 cm) या और भाग को कमर के सबसे सँकरे पार्ट के साथ में पिन करें।
- सुनिश्चित करें कि पिन ड्रेस के दोनों साइड्स में से निकलती है।
3ड्रेस को ट्राई करें और पिन को जरूरत के अनुसार एडजस्ट करेंः इसके पहले कि आप ड्रेस को काटना या सिलना शुरू करें, उसे उल्टा रखकर ही कुछ देर के लिए पहने रखें। क्योंकि आपने अतिरिक्त कपड़े को पिन कर दिया है, कमर को आपकी पसंद के अनुसार फिट आना चाहिए।
- अगर कमर अभी भी ढीली है, तो थोड़े और कपड़े को दबाने के लिए पिन को एडजस्ट करें। अगर ड्रेस बहुत टाइट फील होती है, तो कमर पर थोड़े से कपड़े को छोड़ने के बारे में विचार करें।
- साइड सीम को कमर पर दबाना, अतिरिक्त कपड़े को निकालने के दौरान कमर को पकरिंग या टेढ़ा होने से रोके रखेगा।
- भले आप ड्रेस को अपने हाथ से सिलकर दबा सकती हैं, लेकिन एक सिलाई मशीन ज्यादा स्ट्रॉंग, ज्यादा एक-समान टांके बनाएगी।
सलाहः अगर आप एक लाइन ड्रेस को दबा रहे हैं, तो लाइनिंग को वहाँ पर काटें, जहां ये ड्रेस के कपड़े से अटेच है। जब आप नई सीम को ड्रेस की कपड़े के साथ में सिल लेते हैं, फिर लाइनिंग से उतनी ही मात्रा को अंदर दबाएँ। फिर, लाइनिंग को ड्रेस के अंदर की साइड पर फिर से अटेच करें।
- केयर लेबल को पढ़ के चेक करें कि उस पर प्रैस किया जा सकता है या नहीं। इससे आपको एक और भी पॉलिश लुक मिल जाएगा।
कमर को एक इलास्टिक बैंड से दबाना (Cinching the Waist with an Elastic Band)
- बेल्ट को वहाँ पर लगाएँ, जहां आप इलास्टिक केसिंग को रखना चाहते हैं।
सलाहः एक इलास्टिक को एड करना उन लूज या बैगी ड्रेस को कम वजन के कपड़े के साथ में सही रहता है, जो ड्रेप होते या लटकते हैं, जैसे कि रेयॉन, लिनेन और कॉटन।
- क्योंकि आपके लिए अपने चारों ओर पहुँच पाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए आपको इस स्टेप के लिए अपने किसी फ्रेंड से मदद मांगने की जरूरत होगी।
- ड्रेस को धोने पर कपड़े की चॉक को घुल के निकल जाना चाहिए।
- जरूरी है कि आप साइज चार्ट पर भरोसा करने की बजाय, अपने खुद के माप का इस्तेमाल करें। साइज चार्ट्स, जो वेस्ट माप के साथ में पेयर होते हैं, उनके साइज अलग हो सकते हैं।
- जैसे, अगर आपकी वेस्टलाइन का माप 38 इंच (97 cm) है, तो पट्टी को 39 इंच (99 cm) लंबा और 1 3⁄4 इंच (4.4 cm) चौड़ा काटें।
5पट्टी को लेंथवाइज़ फ़ोल्ड करें और किनार के साथ में 1⁄4 इंच (0.64 cm) सिलाई करेंः कपड़े को लंबाई के अनुसार फ़ोल्ड करें, ताकि सीधे साइड एक दूसरे की तरफ फेसिंग रहें। फिर, उसे सिलाई मशीन तक ले आएँ और कपड़े की लंबी किनार के साथ में स्ट्रेट स्टिच सिलें। सीम की जगह के लिए 1⁄4 इंच (0.64 cm) छोड़ें। आप जब पट्टी के सिरे पर करीब 2 इंच (5 cm) पर पहुँच जाएँ, तब सिलाई करना बंद कर दें।
- इसे सिलना आसान बनाने के लिए, कपड़े की पट्टी को प्रैस करने के बारे में विचार करें, ताकि ये फ्लेट बना रह सके।
- अब आपके पास में एक केसिंग होगी, जो एक लंबे, पतले ट्यूब की तरह दिखता है।
- अगर आप केसिंग को फ्लेट रखना चाहते हैं, आप उसे एक बार सीधे साइड के बाहर आने पर प्रैस कर सकते हैं।
- आप केसिंग के सीधे साइड को बाहर टर्न करने के बाद सेफ़्टी पिन को हटा सकते हैं।
- हर 1 से 2 इंच (2.5 से 5.1 cm) पर पिन करने की कोशिश करें, ताकि केसिंग कहीं भी खिसके नहीं।
- अगर आपकी मशीन पर ये है, तो एक एज जॉइनिंग फुट (edge joining foot) का इस्तेमाल करें। आप जब केसिंग के साथ में किनारे की सिलाई करेंगे, तब ये फुट एक गाइड की तरह काम करेगा।
- इलास्टिक को केसिंग में वापस जाने से रोकने के लिए, आप सिरों को केसिंग के बाहर पिन भी कर सकते हैं।
- इस पॉइंट पर, आप ड्रेस को सीधा करके ट्राई कर सकते हैं, और देख सकते हैं कि आपको वेस्टलाइन की फिटिंग ठीक लग रही है या नहीं।
- अगर आप इलास्टिक केसिंग को अलग रखना चाहते हैं, तो एक डिफरेंट कपड़े का इस्तेमाल करें, जो ड्रेस को कॉम्प्लिमेंट करे।
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दूसरे प्रकार के निर्णयों में 'सौन्दर्य' और 'अच्छाई' के आदर्शों से तुलना कर गुणावधारण किया गया है।
मूल्य आत्मगत हैं या विषयगत ? (Are Values Subjective or Objective?) प्रारम्भ से ही दर्शनिकों में इस प्रश्न पर विवाद होता रहा है कि मूल्य आत्मगत हैं या विषयगत ? कुछ दार्शनिकों ने मूल्यों को आत्मगत बताया है और कुछ ने विषयगत । हम निम्नलिखित पंक्तियों में इन दोनों मतों को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं ।
मूल्यों को आत्मगत प्रतिपादन करने वाले दार्शनिकों का कथन है कि मूल्य व्यक्ति के सन्तोष पर निर्भर है। संसार की कोई भी वस्तु स्वयं में मूल्यवान नहीं है । जब हम किसी वस्तु को मूल्यवान कहते हैं उसका अभिप्राय केवल इतना ही होता है कि उस वस्तु को प्राप्त कर लेने पर हमें सन्तोष मिलता है, वह हमें आवश्यक या लाभदायक है, या उससे हमारी इच्छा की पूर्ति होती है। इसीलिए अर्बन ( Urban ) मूल्य की परिभाषा करते हुए कहते हैं "मूल्य वह है जो मानव इच्छा की पूर्ति करता है" । वास्तविकता यह है कि मूल्य का रुचि से बड़ा गहरा सम्बन्ध है । जिस व्यक्ति या समाज की जिस वस्तु में रुचि होती है उसे वही मूल्यवान प्रतीत होती है । पैरी ( Perry ) का कथन है कि, "रुचि की विषय-वस्तु स्वभावतः मूल्यवान होती है। कोई भी वस्तु चाहे वह कुछ भी हो रुचि हो जाने पर मूल्यवान हो जाती है, जिस प्रकार कोई भी वस्तु चाहे वह कैसी भी हो लक्ष्य बन जाती है जब कोई भी व्यक्ति उसकी ओर लक्ष्य कर लेता है"? । रुचि में भेद हो जाने से व्यक्तियों के मूल्यों में भी भेद हो जाता है। जहाँ विद्वानों एवं विचारकों को पुस्तकें अत्यन्त मूल्यवान प्रतीत होती हैं वहाँ अशिक्षित एवं गंवारों के लिए उनका कोई मूल्य नहीं होता। विद्वानों में भी विषय भेद-से, भिन्न भिन्न विषयों के • विद्वानों को अपने अपने विषय की पुस्तकें अधिक मूल्यवान दृष्ट होती हैं । बालकों को अपने क्रीड़ा उपकरण ही सर्वाधिक मूल्यवान लगते हैं, किन्तु प्रौढ़ों के लिए उनका कोई भी मूल्य नहीं होता। पुनः अवसर के भेद से भी वस्तुओं के मूल्यों में अन्तर पड़ जाता है । एक ही व्यक्ति को एक अवसर पर जो वस्तु अच्छी लगती है
1. "Value is that which satisfies human desire" (W. M. Urban). 2. "That which is an object of interest is 'eo ipso' invested with value. Any object, whatever it be, acquires value when any interest, whatever it be, is taken in it, just as anything whatsoever becomes a target when anyone whosever aims at it."(R. B. Perry).
वही उसे दूसरे अवसर पर बुरी लगती है । सुख के समय जो गीत बहुत अच्छा लगता है वही दुख के समय बुरा लगने लगता है। जो वस्त्र और आभूषण हर्ष के समय अत्यन्त प्रिय प्रतीत होते हैं वही शोक के क्षणों में बहुत अप्रिय प्रतीत होते हैं । स्थान के अन्तर से भी मूल्यों में परिवर्तन हो जाता है। एक स्थान या देश में जो वस्तु अच्छी मानी जाती है वही दूसरे स्थान या देश में बुरी समझी जाती है । इस प्रकार यह स्पष्ट हो जाता है कि मूल्यों को न तो सर्वजनगृहीत कहा जा सकता है और न ही नित्य । वे पूर्णतया विषयी ( subject ) की रुचि एवं मानसिक स्थिति पर निर्भर करते हैं और देश काल के अनुसार उनमें परिवर्तन होते रहते हैं । हॉलैण्ड के महान् दार्शनिक स्पिनोजा का कथन है कि हम किसी वस्तु की इच्छा इस कारण नहीं करते कि वह स्वयं में मूल्यवान है, प्रत्युत इसके विपरीत हम उसे मूल्यवान इसलिए समझते हैं कि हम उसकी इच्छा करते हैं ।
मूल्यों को आत्मगत प्रतिपादित करने वाले विचारकों में कुछ यह तर्क प्रस्तुत करते हैं कि यदि मूल्य सचमुच वस्तुओं में होते तो वस्तुओं के अन्य गुणों के साथ हमें उनका भी अनुभव होता। किन्तु सब जानते हैं कि मूल्यों का किसी को कोई प्रत्यक्ष नहीं होता । इससे स्पष्टतया यह प्रमाणित होता है कि स्वयं वस्तुओं में मूल्य नहीं हैं ।
विख्यात प्रयोगवादी दार्शनिक जॉन डैवी ( John Dewy ) का मत है कि मूल्य न तो वस्तुगत हैं और न ही उन्हें नित्य कहा जा सकता है। संसार में जो लोग प्रगति के विरोधी हैं और प्राचीन रूढ़ियों में परिवर्तन नहीं करना चाहते वे ही मूल्यों के नित्य होने का प्रचार करते हैं। ऐसे लोग न्यायालयों को स्थित ( कायम ) रखने के लिए न्याय की नित्यता की घोषणा करते हैं और पादरियों एवं पुजारियों के हितों की रक्षा के लिए धर्म के नित्यत्व का प्रतिपादन करते हैं ।
लोट्जे (Lotze) का कथन है कि मूल्य हमारी परितृप्ति की अनुभूति (feeling of satisfaction ) पर आधारित हैं । जिन वस्तुओं से हमें परितृप्ति की अनुभूति होती है, अर्थात् दूसरे शब्दों में, जो वस्तुएँ हमें आनन्द प्रदान करती हैं वही हमें मूल्यवान दृष्ट होती हैं। जीवन के उच्चतर मूल्यों (Higher values of life ) - सत्यम् ( Truth), शिवम् (Good ) एवं सुन्दरम् ( Beauty) के विषय में भी यही तथ्य है कि वे मूल्य इस हेतु हैं कि वे हमें आनन्दप्रद हैं । अब क्योंकि
1. "In no case do we strive for, wish for, long for or desire any thing, because we deem it to be good, but on the other hand we deem a thing to be good, because we strive for it, wish for it or desire it."
आनन्द की अनुभूति व्यक्तिगत होती है, अतः यह प्रमाणित होता है कि सत्यम्, शिवम् एवं सुन्दम् भी व्यक्तिगत या आत्मगत ही हैं।
उपयुंक्त विचारधारा से भिन्न, जैसा कि पहले इंगित किया गया है, कुछ दूसरे दार्शनिकों के अनुसार मूल्य आत्मगत न होकर विषयगत हैं। इन दार्शनिकों, जिनमें प्रो० मूर ( Prof Moore ), लेयर्ड (Laird ) आदि नव्य वस्तुस्वातन्त्र्यवादी सम्मिलित हैं, का मत है कि हमें जिस प्रकार वस्तु के शब्द, स्पर्श, रूप, रस तथा गन्ध की अनुभूति होती है, उसी प्रकार उसके मूल्य' की भी अनुभूति होती है। जिस प्रकार वस्तु के ठोसपन ( solidity ), आकार, गठन आदि गुण उसमें विद्यमान रहते हैं और आत्मगत नहीं होते, उसी प्रकार वस्तु का मूल्य भी उसका एक ऐसा गुण है जो उसी में विद्यमान रहता है और जो आत्मगत या विषयीगत नहीं कहा जा सकता । साधारण अनुभव भी हमें यह बताता है कि मूल्य वस्तुओं में रहते हैं बुद्धि के अन्दर नहीं । उदाहरण के रूप में जब हम यह कहते हैं कि यह पुष्प सुन्दर है' या 'गरीबों की सहायता करना अच्छा है', तब हमारे निर्णयों को हमारी अभिरुचि के यदृच्छ निर्णय ( arbitrary judgments ) नहीं कहा जा सकता । पुष्प में निश्चय ही कोई ऐसी विशेषता है जिसके कारण हम उसे सुन्दर कहते हैं; और इसी प्रकार गरीबों की सहायता के कार्य में भी अवश्य ही कोई ऐसी बात है जिससे हम उसे शुभ कहते हैं । विचार करने पर यही ज्ञात होता है कि मूल्य हमारी पसन्द नापसन्द से सर्वथा निरपेक्ष एवं स्वतन्त्र हैं; वे वस्तुओं में ही रहते हैं, वस्तुओं से बाहर उनका कोई अर्थ ही नहीं है। हाँ, यह बात अवश्य कही जा सकती है कि जब हम मूल्यात्मक निर्णय देते हैं तब हमारे वे निर्णय वस्तुओं की उन विशेषताओं की ओर इंगित करते हैं जो हमारे अन्दर प्रशंसा या निन्दा की प्रतिक्रियायें उत्पन्न करती हैं ।
इस सम्बन्ध में हमारा विनम्र विचार यह है कि मूल्य किसी सीमा तक आत्मगत हैं और किसी सीमा तक विषयगत । वे न केवल बुद्धि में रहते हैं और न ही केवल वस्तुओं में मूल्यात्मक निर्णय बुद्धि की एक ऐसी प्रतिक्रिया है जो एक विशेष परिवेषगत परिस्थिति ( environmental situation ) के प्रति होती है । इसमें सन्देह नहीं कि मूल्यों का निर्धारण बुद्धि करती है, किन्तु इसका अभिप्राय यह कदापि नहीं है कि वे बुद्धि के यदृच्छ वरण ( arbitrary choice) या उस ( बुद्धि ) की सनक (caprice ) पर निर्भर हैं। जिस प्रकार तार्किक निर्णयों में प्रामाण्य का आदर्श ( Ideal of true knowledge ) छिपा रहता है, उसी प्रकार मूल्यात्मक निर्णयों में भी शुभ का आदर्श ( Ideal of Good) छिपा रहता है।
यह माना जा सकता है कि किसी अंश में मूल्य मनुष्य की व्यक्तिगत अभि
रुचि पर भी निर्भर करता है। एक ही वस्तु एक व्यक्ति के लिए अत्यन्त मूल्यवान होती है, और दूसरे के लिये उसका कोई भी मूल्य नहीं होता । परन्तु, मनुष्य की रुचि का एक सार्वजनिक एवं सर्वग्राह्य रूप भी है। उदाहरण के रूप में एक चित्र। कार अपनी रुचि के अनुसार एक चित्र का निर्माण करता है, एक कवि अपनी अनुभूति के अनुरूप अपनी काव्य रचना करता है और एक गायक अपनी भावना के के अनुकूल गीत-सृष्टि करता है। किन्तु हम देखते हैं कि ये रचनायें प्रायः सभी के हृदयों को आकृष्ट करती हैं, सभी को प्रिय होती हैं। इनका मूल्य विश्वव्यापी (Universal) होता है, इनकी महत्ता सार्वदेशिक एवं सार्वकालिक होती है । कालिदास, भवभूति, शेक्सपीयर ( Shakespeare ) और गैटे ( Goethe) के काव्यों से और तानसेन की संगीत-सृष्टि से जो आनन्द स्वयं उन्हें तथा उनके समकालीन लोगों को प्राप्त होता था वही आनन्द आज हमें भी प्राप्त होता है। इससे यह प्रमाणित होता है कि उक्त महान् मनीषियों एवं कलाकारों की रचनाय व्यक्तिगत होते हुए भी सर्वग्राह्य हैं, और सर्वग्राह्य होने का अर्थ ही यह है कि वे विषयगत भी हैं ।
हम ने ऊपर कहा है कि दार्शनिकों का एक वर्ग यह प्रतिपादित करता है कि जिस वस्तु की प्राप्ति करके हमें सन्तोष मिलता है या परितृप्ति होती है वही वस्तुतः हमारे लिये मूल्यवान होती है। किन्तु प्रश्न यह है कि कौन वस्तु हमें सन्तोष या परितृप्ति प्रदान करेगी और कौन नहीं यह बात क्या मनुष्य पर निर्भर करती है या वस्तु के स्वभाव पर ? हमारा मत है कि आंशिक रूप से दोनों बातें सत्य । किसी अंश में व्यक्ति का सन्तोष और उसकी परितृप्ति उसके अपने स्वभाव पर निर्भर करते हैं, और किसी अंश में वे वस्तु के स्वभाव पर निर्भर करते हैं । अस्तु यही कहना अधिक उपयुक्त दृष्ट होता है कि मूल्य आत्मगत और विषयगत दोनों हैं ।
गम्भीरता से विचार करने पर इस सम्बन्ध में एक और तथ्य प्रकट होता है । वह यह कि मनुष्य का चरित्र और उसके जीवन की सम्पूर्ण गतिविधियाँ इस बात पर निर्भर करती हैं कि उसके जीवन मूल्य (Values of life ) क्या हैं । यदि किसी व्यक्ति के जीवन मूल्य निम्न स्तर के हैं तो उसका चरित्र और व्यवहार दोनों भी निम्न स्तर के होंगे, और यदि किसी के जीवन-मूल्य उच्च स्तर के हैं तो उसका चरित्र और व्यवहार भी उच्च स्तर के ही होंगे। वास्तविकता यह है कि मनुष्य की सम्पूर्ण प्रगति एवं उत्कर्ष उसके जीवन मूल्यों की उच्चता एवं सत्यता पर ही आधारित होते हैं । यदि मूल्य केवल आत्मगत ही होते और साथ साथ वस्तुगत न होते तो मनुष्य की प्रगति उन पर कदापि आधारित व होती ।
पाश्चात्य दर्शव
मूल्य और तत्त्व ( Value and Reality )
मूल्यों के सम्बन्ध में यह प्रश्न एक बड़े महत्व का है कि मूल्यों का सम्बन्ध केवल व्यावहारिक जगत् मात्र से है अथवा पारमार्थिक जगत में भी उनका कोई स्थान है ? हम देखते हैं कि इस प्रश्न पर भी दार्शनिकों में परस्पर बड़ा मतभेद रहा है । कुछ दार्शनिकों, जिसमें ब्रेड्ले ( Bradley) तथा शंकर के नाम मुख्य हैं, का मत है कि मूल्य केवल व्यावहारिक जगत् मात्र से सम्बंधित हैं, उनका पारमार्थिक जगत् या पारमार्थिक सत्ता से कोई सम्बन्ध नहीं है। ये दार्शनिक कहते हैं कि पारमाथिक सत्ता या परम तत्व एक निर्विशेष तत्व है, जिसमें ज्ञाता और ज्ञेय, कर्ता और कर्म, भोक्ता और भोग्य आदि किसी प्रकार के भेद ( distinctions) नहीं हैं । अतः उस तत्व में मूल्यावधारण (Valuation ) का प्रश्न ही कैसे उठ सकता है ? मूल्य किसी विषय (object) का हुआ करता है, और विषय का यह मूल्यात्मक ज्ञान किसी विषयी ( subject ) को होता है। परन्तु पारमार्थिक सत्ता निविशेष होने के कारण विषय और विषयी के भेद से परे है । अतः ; उसमें मूल्यों की स्थिति होना ही असम्भव है। पुनः, यह तो स्पष्ट ही है कि सभी मूल्यावधारण में आदर्श ( Ideal ) और वस्तुस्थिति (Actual ) का भेद होना निश्चित है। हमारे व्यावहारिक जगत् जो एक सीमित क्षेत्र है, में आदर्श प्राप्ति की बात सार्थक है; किन्तु पारमार्थिक सत्ता, जो एक निस्सीम सत्ता है, में इस प्रकार की वार्ता पूर्णतया अर्थहीन है । इसके अतिरिक्त, उक्त दार्शनिकों का मत है कि हमारा व्यावहारिक संसार सत्य नहीं प्रत्युत आभास (Appearance ) है, अतः समस्त मूल्य भी केवल आभास हैं, पारमर्थिक जगत् में उनका कोई स्थान नहीं है।
मूल्य और तत्व के सम्बन्ध के विषय में दार्शनिकों का दूसरा वर्ग यह प्रतिपादित करता है कि मूल्य पारमार्थिक सत्ता के ही रूप हैं; उन्हें आभास मात्र कहना सर्वथा अनुचित है । उपर्युक्त मत के विरुद्ध इनका यह कथन है कि यदि परम तत्व में सत्यम्, शिवम् एवं सुन्दरम् का अनस्तित्व है तो वह अपूर्ण है और हमारे लिए उसका कोई उपयोग नहीं है। यदि आदर्श हमारी कल्पना मात्र हैं, अनित्य हैं तो हम उनकी प्राप्ति हेतु किसी भी प्रकार का प्रयास ही क्यों करेंगे ? आदर्शों को परमार्थ सत्ता से दूर रखने का अर्थ है मनुष्य को उच्च जीवन की ओर अग्रसर होने से रोकना और इस प्रकार सम्पूर्ण मानव प्रगति को अवरुद्ध कर देना ।
हमारा विचार है कि शंकर तथा ब्रेड्ले आदि के सदृश परम सत्ता को निविशेष तत्व मानते हुए भी हमारे जीवन में मूल्यों का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है ।
जब यह कहा जाता है कि मूल्यों का सम्बन्ध केवल व्यावहारिक जगत् से है पारमार्थिक सत्ता से नहीं, इससे यह अभिप्राय कदापि नहीं है कि मूल्यों का जीवन में कोई महत्व ही नहीं है। यह ठीक है कि परम सत्ता एक निविशेष सत्ता है जिसमें कर्त्ता एवं कर्म, भोक्ता एवं भोग्य तथा आदर्श एवं वस्तु स्थिति आदि के कोई भेद विद्यमान नहीं है, किन्तु इसका यह अर्थ नहीं है कि व्यावहारिक स्तर पर भी इन भेदों को लोप है। व्यावहारिक स्तर पर जिस प्रकार संसार के अन्य भेद सत्य हैं, उसी प्रकार मूल्य भी सत्य हैं । इस स्तर पर ये आभास या कल्पना कदापि नहीं हैं, और हमारे जीवन को उत्कर्ष की ओर प्रेरित करने के लिए पूर्ण सशक्त हैं । जब तक हमारा सम्बन्ध व्यावहारिक जगत् से रहता है तब तक सत्यम्, शिवम्, एवं सुन्दरम् के आदर्श हमारे जीवन में बड़ा महत्वपूर्ण कार्य करते हैं और प्रगति पथ पर अग्रगामी होने के लिये हमें अमित उत्साह प्रदान करते हैं ।
मूल्यों के प्रकार भेद
(Kinds of Values )
मूल्यों को मुख्य रूप से दो भागों में वर्गीकृत किया गया है : (१) स्वतः मूल्य या आन्तरिक मूल्य (Intrinsic values ) तथा ( २ ) परतः मूल्य या बाह्य मूल्य ( Extrinsic values ) । जगत में कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं जिन्हें प्राप्त करने के लिये हम इस कारण प्रयत्न नहीं करते कि उनकी प्राप्ति से हमारे कुछ अन्य उद्देश्यों की पूर्ति होती है, प्रत्युत इसलिए प्रयत्न करते हैं कि स्वतः उन्हें प्राप्त करना ही हमारा उद्देश्य होता है। दूसरी ओर, कुछ ऐसी वस्तुएँ होती हैं जिन्हें प्राप्त करना हमारा उद्देश्य नहीं होता, प्रत्युत उन्हें प्राप्त करने के लिए हम इसलिए चेष्टा करते हैं कि उनके द्वारा हमारे कुछ अन्य उद्देश्यों की पूर्ति होती है। प्रथम प्रकार की वस्तुएँ क्योंकि स्वयं में ही मूल्यवान होती हैं, अतः वे 'स्वतः मूल्य' कहलाती हैं; और दूसरे प्रकार की वस्तुएँ क्योंकि स्वयं में मूल्यवान न होकर कुछ अन्य परवर्ती उद्देश्यों की पूर्ति में साधन होती हैं, अतः वे 'परतः मूल्य' कहलाती हैं । स्वतः मूल्यों और परतः मूल्यों का अन्तर बताते हुए राइट महोदय ( Mr. Wright ) कहते हैं, "An intrinsic value is of worth on its own_account; an instrumental (i. e., extrinsic) value because of its consequence." ( अर्थात्, 'एक स्वतः मूल्य स्वयं अपने ही कारण मूल्यवान् है; और एक परतः मूल्य अपने परिणाम के कारण मूल्यवान है" ।) । सत्यम् शिवम् तथा सुन्दरम् स्वतः मूल्य हैं, क्योंकि हम सत्य को सत्य के लिए, शिव को शिव के लिए और
सौन्दर्य को सौन्दर्थ्य के लिये ही चाहते हैं किसी अन्य उद्देश्य की पूर्ति के लिये नहीं । दूसरी ओर हमारा शारीरिक स्वास्थ्य, रुपया पैसा, मकान, वस्त्र आदि परतः मूल्य हैं, क्योंकि इन वस्तुओं की चाहना हम इस कारण नहीं करते कि वे स्वयं में ही हमें प्रिय हैं वरन् इस कारण करते हैं कि उनके द्वारा हमारे लक्ष्यों की प्राप्ति होती है । परतः मूल्य ( Extrinsic Values )
परतः मूल्य प्रायः दो प्रकार के होते हैं : (1) दैहिक मूल्य (Physica) values) और (2) आर्थिक मूल्य ( Economic values ) । (1) ( 1 ) दैहिक मूल्य ( Physical Values )
जीवन के उच्च मूल्यों की प्राप्ति के लिए शरीर को स्वस्थ एवं सुरक्षित रखना आवश्यक है । यद्यपि शरीर नाशवान है, तथापि इसके अभाव में अथवा इसकी रुग्णावस्था में उच्च मूल्यों को प्राप्त करना सम्भव ही नहीं है। इसीलिए मनीषियों ने सर्वदा ही इसके महत्व को स्वीकार किया है। महाकवि कालिदास कहते हैं : "शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्" (अर्थात्, "शरीर ही धर्म के साधन का मूल है" ) । इसी भाव की अभिव्यक्ति करने वाले महामना सन्त तुलसीदास के भी शब्द देखिए : "साधनधाम मोच्छ करि द्वारा "
वास्तविकता यही है कि जीवन में महान् आदर्शों की प्राप्ति के लिए स्वस्थ शरीर ही साधन है। जब तक हम इसे ठीक न रखेंगे तब तक हम उन्नति के पथ पर कदापि अग्रसर न हो सकेंगे। यद्यपि मूल्यों की श्रृंखला में इसका स्थान बहुत ही निम्न स्तर पर है, तथापि इसकी महत्ता को कोई भी विचारवान् व्यक्ति अस्वीकार नहीं कर सकता । किन्तु दूसरी ओर, हमें यह स्मरण रखना होगा कि देह को ही सब कुछ मानकर उसी को सुन्दर बनाने और सुसज्जित करने में अहर्निश संलग्न रहना भी जीवन के गहनतम रहस्यों को न समझना है ।
(2) आर्थिक मूल्य ( Economic Values )
शरीर को स्वस्थ एवं शक्ति सम्पन्न रखने हेतु जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है उन्हें आर्थिक मूल्यों की संज्ञा दी जाती है। इन मूल्यों का भी जीवन में बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। जीवन के उच्चतर मूल्यों की प्राप्ति के लिए क्योंकि शरीर की आवश्यकता है, अतः शरीर को स्वस्थ रखने के लिये जिन वस्तुओं की अपेक्षा है उनकी भी महत्ता नितान्त स्वाभाविक है। किन्तु हमें स्मरण रखना होगा कि आर्थिक मूल्यों को ही हमें जीवन का अन्तिम लक्ष्य अथवा साध्य कदापि नहीं बना लेना चाहिए । "धनाद् धर्मम" की संस्कृत सूक्ति के अनुसार हमें आर्थिक मूल्यों की उपलब्धि के हेतु उसी सीमा तक प्रयत्न करना उचित है जिस सीमा तक वे हमें
उच्चतर मूल्यों की प्राप्ति में सहायक होते हैं; परन्तु यदि आर्थिक मूल्यों की प्राप्ति ही जीवन का उद्देश्य बन जाता है तो उससे निश्चय ही व्यक्तिगत तथा सामाजिक दोनों प्रकार का जीवन पतन की ओर अग्रसर होता है ।
स्वतः मूल्य (Intrinsic Values )
हमने ऊपर परतः मूल्यों और स्वतः मूल्यों में अन्तर स्पष्ट करते हुए स्वतः मूल्यों का स्वरूप भी इंगित किया है। जैसा कि हमने कहा है, स्वतः मूल्य वे हैं जिनकी प्राप्ति हम किन्हीं अन्य परवर्ती उद्देश्यों की पूर्ति के लिए नहीं करना चाहते, वरन इसलिए करना चाहते हैं कि वे स्वयं में ही हमारे लिए मूल्यवान हैं। सत्यम् ( Truth), शिवम् (Goodness ) तथा सुन्दरम ( Beauty ) ही ऐसे मूल्य हैं जो स्वयं में ही मूल्यवान हैं; वे अन्य मूल्यों की प्राप्ति के साधन नहीं वरन् स्वयं ही साध्य हैं । हम उन्हें उनके लिए ही चाहते हैं किन्हीं अन्य वस्तुओं के लिये नहीं । मानव मन की तीन मौलिक वृत्तियाँ हैं - ज्ञानात्मक वृत्ति ( Knowing process), भावात्मक वृत्ति ( Feeling psocess ) तथा क्रियात्मक वृत्ति (Willing process)।
सत्यम्, शिवम् तथा सुन्दरम के आदर्श मन के इन्हीं पहलुओं ( aspects ) को सन्तोष प्रदान करते हैं । सत्य ज्ञानात्मक या विचारात्मक पहलू को सन्तुष्ट करता ।
है, सौन्दर्य्य भावात्मक पहलू को और शिव या शुभ क्रियात्मक पहलू को ।
परम मूल्य
(Ultimate or Highest Value )
परतः मूल्यों और स्वतः मूल्यों के सम्बन्ध में पाश्चात्य दार्शनिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करने के पश्चात यहाँ सम्भवतः यह अप्रसांगिक न होगा कि इस विषय में हम भारतीय दृष्टिकोण से भी, संक्षेप में, विचार कर लें। भारतीय दर्शन में मूल्यों को "पुरुषार्थ" कहा गया है । ये पुरुषार्थ भारतीय विचारकों द्वारा चार माने गये हैं - (1) धर्म ( Virtue), ( 2 ) अर्थ ( Wealth ), ( 3 ) काम ( Desire ) तथा (4) मोक्ष (Liberation ) । इनमें प्रथम तीन को साधन मूल्यों या परतः मूल्यों (Instrumental values or Extrinsic values ) के रूप में स्वीकार किया गया है, और केवल चतुर्थ को अन्तिम रूप से साध्य मूल्य या स्वतः मूल्य ( Intrinsic Value) के रूप में प्रतिपादित किया गया है। अवान्तर रूप से यों तो कई बार अर्थ और काम को साधन मूल्य और धर्म को साध्य मूल्य भी कहा गया है । परन्तु अन्तिम दृष्टिकोण यही है कि "मोक्ष" ही वस्तुतः परम साध्य है, परम मूल्य है, परम पुरुषार्थ है। भारतीय दार्शनिकों का कथन है कि सत्यम्, शिवम् एवं सुन्दरम्
परम ब्रह्म ( Supreme eality ) की ही विविध अभिव्यक्ति है । विचारणीय बात यह है कि जब यह कहा जाता है कि सत्य, शिव, एवं सौन्दर्य स्वतः मूल्य हैं क्योंकि वे स्वयं ही हमें सन्तोष प्रदान करते हैं, इससे निष्कर्ष यह निकलता है कि वस्तुतः सन्तोष, शान्ति या सुख ही हमारे जीवन का साध्य है, लक्ष्य है। हम सत्य, शिव एवं सौन्दर्य को भी इसीलिए चाहते हैं कि उनकी प्राप्ति में हमें सुख एवं शान्ति की अनुभूति होती है। यहां यह प्रश्न उपस्थिति होता है कि क्या हमारी यह चाह क्षणिक एवं सान्त सुख की है या शाश्वत एवं अनन्त सुख की ? भारतीय मनीषी कहते हैं कि मनोविश्लेषण के आधार पर यह एक ध्रुव सत्य निश्चित होता है कि विश्व का कोई भी प्राणी क्षण भर के लिये भी दुःख या अशान्ति नहीं चाहता । दूसरे शब्दों में हम यों कह सकते हैं कि विश्व के सभी प्राणी सदा सर्वदा एक ऐसे सुख या शान्ति की खोज में हैं जिसका कभी अवसान ( अर्थात, अन्त ) न हो । अस्तु, यह सिद्ध होता है कि संसार के सभी व्यक्तियों का सर्वोपरि या अन्तिम उद्देश्य है शाश्वत सुख एवं शान्ति की प्राप्ति । इसी शाश्वत सुख एवं शान्ति को 'मोक्ष' की संज्ञा प्रदान की जाती है । मोक्ष प्राप्ति ब्रह्म-साक्षात या आत्म-साक्षात का ही प्रतिफल है जिसमें सत्य, शिव और सौन्दर्य्य तीनों का पूर्ण समन्वय समाहित है । इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि पाश्चात्य दार्शनिकों द्वारा प्रतिपादित जीवन के उच्चतर मूल्यों (Higher values ) ( अर्थात, सत्य, शिव एवं सौन्दर्य्य ) की पृष्ठभूमि में भी भारतीय दर्शन द्वारा उद्घोषित परम मूल्य (Highest or Ultimate Value) की ही खोज छिपी है । किन्तु यह अवश्य कहना होगा कि पाश्चात्य दार्शनिकों का अन्वेषण केवल उच्चतर मूल्यों तक ही सीमित रहा, परम या उच्चतम मूल्य की चेतना उन्हें न हो पायी । |
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
हिन्दु कुश और हिन्दू राज आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पर्वतमाला, पाकिस्तान, काराकोरम।
अंतरिक्ष से देखने पर हिमालय पर्वतमाला एक पर्वतमाला या पर्वत श्रृंखला पहाड़ों की एक श्रृंखला होती है जहाँ एक पर्वत दूसरे से सटा रहता हैं और इन पर्वतों को कोई दर्रा या घाटी ही से दूसरे पर्वतों से अलग करती है। यह आवश्यक नहीं है कि एक ही पर्वत श्रृंखला के भीतर आने वाले हर पर्वत का भूविज्ञान (संगठन) एक समान ही हो पर अक्सर ऐसा ही होता है और एक ही श्रृंखला में पृथक उत्पत्ति के पर्वत हो सकते हैं, उदाहरणतः ज्वालामुखी, प्रोत्थान पर्वत या वलित पर्वत एक ही श्रृंखला में हो सकते हैं जो वस्तुतः अलग अलग चट्टान से बने होते हैं। हिमालय पर्वत श्रृंखला में पृथ्वी की सतह पर स्थित दुनिया के कुछ सर्वोच्च पर्वत शामिल हैं और जिसमें से उच्चतम माउंट एवरेस्ट है। एण्डीज़ पृथ्वी की सतह पर विश्व की सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला है। सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला वास्तव में मध्याह्न अटलांटिक पर्वतश्रेणी है, जिसका फैलाव अटलांटिक महासागर के तल पर बीच में है। आर्कटिक कॉर्डिलेरा विश्व के सबसे उत्तर में स्थित पर्वतमाला है जिसमे पूर्वी उत्तरी अमेरिका के कुछ ऊँचे पर्वत समाहित हैं। .
इस्लामी जम्हूरिया पाकिस्तान या पाकिस्तान इस्लामी गणतंत्र या सिर्फ़ पाकिस्तान भारत के पश्चिम में स्थित एक इस्लामी गणराज्य है। 20 करोड़ की आबादी के साथ ये दुनिया का छठा बड़ी आबादी वाला देश है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ उर्दू, पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो हैं। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद और अन्य महत्वपूर्ण नगर कराची व लाहौर रावलपिंडी हैं। पाकिस्तान के चार सूबे हैंः पंजाब, सिंध, बलोचिस्तान और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा। क़बाइली इलाक़े और इस्लामाबाद भी पाकिस्तान में शामिल हैं। इन के अलावा पाक अधिकृत कश्मीर (तथाकथित आज़ाद कश्मीर) और गिलगित-बल्तिस्तान भी पाकिस्तान द्वारा नियंत्रित हैं हालाँकि भारत इन्हें अपना भाग मानता है। पाकिस्तान का जन्म सन् 1947 में भारत के विभाजन के फलस्वरूप हुआ था। सर्वप्रथम सन् 1930 में कवि (शायर) मुहम्मद इक़बाल ने द्विराष्ट्र सिद्धान्त का ज़िक्र किया था। उन्होंने भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंध, बलूचिस्तान, पंजाब तथा अफ़गान (सूबा-ए-सरहद) को मिलाकर एक नया राष्ट्र बनाने की बात की थी। सन् 1933 में कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के छात्र चौधरी रहमत अली ने पंजाब, सिन्ध, कश्मीर तथा बलोचिस्तान के लोगों के लिए पाक्स्तान (जो बाद में पाकिस्तान बना) शब्द का सृजन किया। सन् 1947 से 1970 तक पाकिस्तान दो भागों में बंटा रहा - पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान। दिसम्बर, सन् 1971 में भारत के साथ हुई लड़ाई के फलस्वरूप पूर्वी पाकिस्तान बांग्लादेश बना और पश्चिमी पाकिस्तान पाकिस्तान रह गया। .
काराकोरम एक विशाल पर्वत श्रृंखला है जिसका विस्तार पाकिस्तान, भारत और चीन के क्रमशः गिलगित-बल्तिस्तान, लद्दाख़ और शिन्जियांग क्षेत्रों तक है। यह एशिया की विशाल पर्वतमालाओं में से एक है और हिमालय पर्वतमाला का एक हिस्सा है। काराकोरम किर्गिज़ भाषा का शब्द है जिस का मतलब है 'काली भुरभुरी मिट्टी'। विश्व के किसी भी स्थान की अपेक्षा, काराकोरम पर्वतमाला में पाँच मील से भी ऊँची सबसे अधिक चोटियों स्थित हैं (60 से ज़्यादा), जिनमें दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची चोटी के2, (8611 मी / 28251 फुट) भी शामिल है। के2 की ऊँचाई विश्व के सर्वोच्च शिखर एवरेस्ट पर्वत (8848 मी / 29029 फुट) से सिर्फ 237 मीटर (778 फीट) कम है। काराकोरम श्रृंखला का विस्तार 500 किमी (311 मील) तक है और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर दुनिया के सबसे अधिक हिमनद इसी इलाके में हैं। ध्रुवीय क्षेत्रों से बाहर सियाचिन ग्लेशियर 70 किमी और बिआफो ग्लेशियर 63 किमी की लंबाई के साथ दुनिया के दूसरे और तीसरे सबसे लंबे हिमनद हैं। काराकोरम, पूर्वोत्तर में तिब्बती पठार के किनारे और उत्तर में पामीर पर्वतों से घिरा है। काराकोरम की दक्षिणी सीमा, पश्चिम से पूर्व, गिलगित, सिंधु और श्योक नदियों से बनती है, जो इसे पश्चिमोत्तर हिमालय श्रृंखला के अंतिम किनारे से अलग कर दक्षिणपश्चिम दिशा में पाकिस्तान के मैदानी इलाकों की ओर बहती हैं। काराकोरम श्रृंखला का सब से ऊंचा पहाड़ के टू .
हिन्दु कुश 19 संबंध है और हिन्दू राज 5 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 12.50% है = 3 / (19 + 5)।
यह लेख हिन्दु कुश और हिन्दू राज के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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मुझे मालूम हुवा कि जीवन समस्या विषयक किसी प्रश्न के उत्तर से भी मेरी शान्ति नहीं हो सकती । जीवन की
ऐसी समस्यायें है कि इन के समझने के लिये सकल संसार के समझने की आवश्यकता है। मैंने अपने दिल से प्रश्न किया-"समय, कारण तथा स्थान के अतिरिक्त मेरे जीवन का क्या आंशय है ? " बहुत कुछ परिश्रम तथा सोच विचार के बाद उत्तर मिला-" कुछ नहीं।
अपनी तमाम तर्कनाओं तथा सोच विचार के पश्चात् यही प्रमाणित हुया कि परिमित परिमित है, अपरिमित अपरिमित है, शक्ति शक्ति हैं, एक एक के बराबर है, शून्य शून्य के बराबर है अर्थात् वही बात है जो गणित शास्त्र में है। एक समान वस्तुए एक समान प्रमाणित हो जाती हैं ।
'डैस्काज़' ( Descattes ) के अनुसार अन्वेषण करने से पूर्व हम को कोई सिद्धान्त नहीं बना लेना चाहिये । प्रत्येक अन्वेषण में अनुभव तथा बुद्धि से काम लेना चाहिये । अतएव इसी दार्शनिक के अनुसार जीवन समस्या के प्रश्न का पूर्ण उत्तर नहीं मिल सकता !
पहिले मेरा विचार था कि विज्ञान से पूर्ण उत्तर मिल सकती है जैसा कि शापनहार ( Schopenhatir ) ने दिया है अर्थात् जीवन निर्थक तथा निस्सार है। जब मैंने इस उत्तर पर विचार किया तो मुझे मालूम हुवा कि यह उत्तर यथेष्ट नहीं है तथा मेरी तबीयत के मुकाव के कारण है। ब्राह्मणों, सुलेमान तथा शापनहार का एक ही उत्तर है। दर्शन किसी वस्तु का खण्डन नहीं करता । उस का यही उत्तर है कि जीवन समस्या पूर्णरूप से हल नहीं हो सकती। जब मैं उसे परिणाम पर पहुंच गया तो मेरी समझ में आया कि जब तक इस प्रश्न में कुछ परिवर्तन न किया जाय,
नर्वा अध्याय
अर्थात् परिमित तथा आरिमित के सम्बन्धों को सम्मिलित न किया जाय-इस प्रश्न का उत्तर विज्ञान से नहीं मिल सकता । मेरी समझ मे यह भी आगया कि विश्वास या ईमान के उत्तर कितने ही झूठे क्यों न हों, उन से परिमित तथा अपरिमित मे एक प्रकार का सम्कन स्थिर होता है ।
मुझ को किस प्रकार रहना चाहिये ? इस प्रश्न को मैं किसी रूप में क्यों न करू, मुझे एक ही उत्तर मिलता है- "ईश्वरीय नियमों के अनुसार।" "क्या मेरे जीवन का कुछ परिण महोगा।" उत्तर मिलता है- "निरन्तर शान्ति या कष्ट । " क्या जीवन में कोई ऐसा पदार्थ है जा मृत्यु से नष्ट नहीं होगा ? मिलता है - "ईश्वर में लय हो जाना या स्वर्ग । इस प्रकार में इस बात को मानने पर विवश हुआ कि मानुनिक जीवन में बुद्धि के अतिरिक्त विश्वास का भी प्रवेश है तथा इस विश्वास के कारण ही जीवन जीवित रहने योग्य वन सकता है । यद्यपि अब भी मैं विश्वास या ईमान की मूर्खता की बात समझता रहा, किन्तु विवश होके कहना पड़ा कि बिना विश्वास के जीवन निरर्थक तथा निस्सार है ।
युक्तियों से मुझे प्रमाणित हुवा कि जीवन आत्म हत्या कर लेनी चाहिये तो उस समय भी मुझ में जीवन था । जब मैंने अपने चारो ओर मनुष्यों को जीवित रहते देखा और मुझे प्रगट हुवा कि वे जीनव समस्या को समझे हुघे हैं तो मुझे विश्वास हुवा कि विश्वास से ही जीवन संभव है ।
मैंने जीवन का अनुभव अपने ही देश में नहीं किया वरन् अन्य देशों में भी। मैंने आधुनिक काल के मनुष्यों को प्राचीन काल के मनुष्यों से मिलाया तो मालूम हुआ कि संसंबर के आरम्भ से अ |
Goat Milk Benefits For Skin: अगर आप अपने चेहरे को हेल्दी और ग्लोइंग बनाना चाहते है तो उसके लिए आप बकरी के दूध का सहारा ले सकते है. बता दें कि बकरी के दूध की प्रकृति काफी मुलायम होती है जो आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाए बिना चेहरे को चमकदार बना सकता है. अगर आप अपने चेहरे पर बकरी के दूध को लगाएंगे तो उससे आपकी स्किन मुलायम और सॉफ्ट बन जाएगी. आप रोजाना दिन में 2 से 3 बार अपने चेहरे पर बकरी के दूध का इस्तेमाल करके एक मुलायम और चमकदार त्वचा पा सकते हैं. अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे कि चेहरे पर बकरी का दूध लगाने से आपको कौन-कौन से फायदे प्राप्त होंगे.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, बकरी के दूध के अंदर कैल्शियम, पोटेशियम, मैग्निशियम, विटामिन-ए, विटामिन-सी व कई तरह के फैटी एसिड्स मौजूद होते हैं जो बाजार से प्राप्त होने वाले साबुन या स्किन केयर प्रोडक्ट्स के मुकाबले ज्यादा असरदार हैं.
बकरी का दूध आपके चेहरे से गंदगी व धूल-मिट्टी को हटाने में काफी कारगर है. यह आपकी स्किन की प्राकृतिक नमी को छीने बिना त्वचा की गहराई से सफाई करने में फायदेमंद है. आप चेहरे की सफाई के लिए रोजाना बकरी के दूध को इस्तेमाल में ले सकते हैं.
बकरी का दूध आपकी स्किन को एक्सफोलिएट करके डेड स्किन सेल्स को हटाने में सहायता करता है. बता दें कि बकरी के दूध में अल्फा-हाइड्रोक्साइल एसिड्स मौजूद होते हैं जो मुहासों के निशान, काले धब्बे, झुर्रियों आदि को हटाने में कारगर हैं.
बकरी के दूध के अंदर लैक्टिक एसिड पाया जाता है जो आपकी त्वचा की रंगत को निखारने में मदद कर सकता है. इसकी सहायता से आपकी त्वचा का रंग हल्का होने के साथ-साथ बढ़ती उम्र के लक्षण भी कम हो जाते हैं.
सर्दियों के मौसम में स्किन का ड्राई होना एक बहुत ही आम बात है. जिसके कारण लोगों को रैशेज, खुजली, फाइन लाइंस जैसी कई त्वचा संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं. इन सभी त्वचा संबंधी दिक्कतों से बचने के लिए आप बकरी के दूध को इस्तेमाल में ले सकते है.
अधिकतर लोग मुहांसों की समस्या से परेशान रहते हैं. बता दें कि मुहांसों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए बकरी का दूध बहुत ही ज्यादा फायदेमंद है. यह दूध चेहरे के सभी रोमछिद्रों को खोलकर साफ करता है और अतिरिक्त तेल निकालता है जिसके कारण मुहांसों की समस्या रुक जाती है.
(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें. )
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अहिंसा का सकारात्मक स्वरूप और युवा पीढ़ी
३. करुणा भाव - सभी जीव सुख चाहते है उनके सुख में बाधक न बने बल्कि उनके सुख में निमित्त बने, उनके दुःख में अपना दुःख समझे, उसे दूर करने का भाव प्रयत्न करें। जिसमें करुणा नही, दया नहीं तो प्रेम, मैत्री, उदारता, सहानुभूति, सहयोग, क्षमाशीलता, उपकार की भावना कैसे उदित हो सकती हैं, जो अहिंसा के मुख्य लक्षण है । सभी जीव सुखी हों, विषमता से समता में आयें । दुःख है आधि-संकल्प विकल्प चिताओ का विकारो का, । व्याधि-शरीर के रोगों का, उपाधि देह - स्त्री पुत्रादिक कुटुम्व, धन, वैभव पद प्रतिष्ठा का इन्हें मिटाने व समाधि मे स्थित हों, सुखी हों, ऐसी दया भावनायही स्व-पर करुणा अहिंसा की मूर्ति है ।
४. मध्यस्थ भावना - सभी जीव कर्म सहित है, कर्मों के कारण देह, कुटुम्ब, व्यवहारीजन, धन, वैभव, पद, प्रतिष्ठा आदि का संयोग होता है। इनमे न किसी के प्रति अनुकूलता मानकर राग करना है और न किसी को प्रतिकूल मानकर द्वेष करना है । क्योकि व्यक्ति, वस्तुएँ, परिस्थितियां न अनुकूल होती है और प्रतिकूल होती हैं । जो आज जिस रूप में है, वह कल किस रूप हो जायेगी, रहेगी भी या नही ? तथा कर्मों के उदय फलस्वरूप ऐसे संयोग जुटे हैं उनमे क्या हर्ष, शोक, इष्ट-प्रनिष्ट, शत्रु-मित्र, लाभ-हानि, मान अपमान की कल्पना करना । सर्वत्र मध्यस्थ भाव से समभाव से, उदासीनता से, हित रूप हो वैसे शुक्लभावो में रहना
है ।
५. विषयों की मन्दता अथवा जितेन्द्रियता - पदार्थो का सच्चा बोध होने पर मानव मात्र शरीरादि के निर्वाह हेतु तथा संयम के लिए मुक्त होने के लिए इन इन्द्रिय विषयभोगों मे आसक्त न हो, जितेन्द्रिय होने का सफल प्रयास करे तो इतनी दौड धूप, तृष्णा, लालसा, झूठ, कपट, चोरी, अन्याय न हो तो सर्वत्र समता, प्रेम, मैत्री, करुणा, मध्यस्थता के भाव जाग्रत होकर सुखी हो सकता है । मुक्त हो सकता है, यही असा का मूल मंत्र है ।
(६) कषाय की उपशान्तता-मानव सामाजिक प्राणी है । उसे समाज मे, कुटुम्ब मे, राष्ट्र मे, लोक मे, सर्व प्राणीजगत् मे रहना पड़ता है - जब तक मुक्त न हो जाये । अतः कई प्रसंग-परिस्थितियां कब, कैसे, किस प्रकार आ सकती है; उनमें न कही क्रोध, मान, माया, लोभ, राग-द्वेष करे, न उत्तेजित हो, न आसक्त हो, क्योकि ये सभी प्रसग कर्मानुसार मिले है। अब पुन ऐसे कर्म नही करने हे जिससे कर्मबन्धन हो और चतुर्गति मे भ्रमण करना पड़े, क्लेश कष्ट भुगतना 1 कषाय ही जनम-मरण की श्रृंखला को बढ़ाने वाले भयंकर विषतुल्य है । घनत जनम-मरण, दु.ख भोग, पीड़ा सहन करनी पडती है । अतः अहिंसा का साधक विचारपूर्वक, विवेक पूर्वक, सोच समझ कर शुद्ध परिणामो को घातक समझकर शुद्ध सहज स्व-पर कल्याणकारी समता भाव से वर्तन करे । |
पहाड़ों की खुदाई का काम जोखिम भरा है। यहां बड़ों से लेकर बच्चे तक काम करते हैं। मजदूरों की मौत आम बात है। काम की परिस्थितियों पर तो कई सवाल हैं। लेकिन मौत होने या जख्मी होेने पर मुआवजे के लिए इन्हें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है। उस पर भी मुआवजा मिल ही जाएगा, यह तय नहीं है। सवाल उठता है कि ठेके सरकारी हैं तो फिर निगरानी कौन करेगा?
चित्रकूट। जिले के कई कस्बों में पहाड़ खुदाई का काम चलता है। यहीं पर एक कस्बा है, भारतकूप। यहां पिछले दो महीनों में पहाड़ पर काम करने वाले तीन लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन किसी को मुआवज़ा नहीं मिला है।
ब्लाक कर्वी, गांव गोंड़ा। यहां की आएशा ने बताया कि मेरा पति साबिर खां 30 दिसंबर 2014 को सुबह छह बजे डंपर लेकर भौरा पहाड़ गया था। उसके साथ खैरा गांव का बुद्धराज भी था।
इस पहाड़ का ठेका लाखन सिंह के पास है। भौरा पहाड़ खुदाई होने के कारण गहरा हो गया था। मेरे पति साबिर खां और बुद्धराज जब सौ फुट की खदान में उतरकर पत्थर लेने गए थे, तभी खदान धंस गई और मेरे पति और बुद्धराज दोनों मर गए। हमने ठेकेदार से मुआवजे़ की मांग की। लेकिन तीन महीने पूरे होने वाले हैं, अब तक हमें न तो मुआवज़ा मिला न ही मुआवज़ा मिलने का कोई भरोसा मिला। खबर लहरिया के पत्रकारों ने लाखन सिंह से बात करने की कोशिश कई बार की मगर बात नहीं हो पाई। भरतकूप चैकी के प्रभारी आर.बी.सिंह ने बताया कि लाखन सिंह के खिलाफ मुकदमा चल रहा है। परिवार को चाहिए कि न्यायालय से कागज निकलवाकर मुआवजे़ की रकम का दावा करें।
कर्वी, गांव रौली कल्याणपुर। यहां की रहने वाली कुसमा ने बताया कि 21 फरवरी को उसका तेरह साल का लड़का दिलीप बजनी नाम के पहाड़ में ब्लास्टिंग होने से मौके पर ही मर गया। बजनी पहाड़ का ठेका इन्द्रप्रसाद के पास है। कुसमा ने बताया कि इस खदान में मेरा देवर मोती काम करता था। मेरा लड़का उसे खाना देने गया था। लेकिन जब वह खाना देकर आकर आ रहा था तभी पहाड़ में ब्लास्ट हो गया और वह वहीं मर गया।
खदान मालिक ने अभी तक कोई मुआवज़ा नहीं दिया है। वह हमसे समझौता करने के लिए कह रहा है। हम पांच लाख रुपए मुआवजा मांग रहे हंै लेकिन वह देने को तैयार नहीं है। खदान मालिक इन्द्रपाल से इस बारे में पूछताछ करने की बहुत कोशिश हुई लेकिन वह घर पर कभी नहीं मिलता।
खनिज अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि सरकार तो ठेकेदारों को ठेका दे देती है। किसी भी तरह की दुर्घटना होने पर मुआवजा खदान मालिक ही देते हैं। अगर खदान मालिक के खिलाफ मुकदमा लगा है तो न्यायालय तय करेगा कि खदान मालिक को कितना मुआवजा देना होगा। ज्यादातर परिवार वाले न्यायालय से बाहर ही समझौता कर लेते हैं। मुआवजे की रकम दोनों पक्षों के बीच ही तय होती है। मौत होने पर अक्सर मुआवजे की राशि दो या ढाई लाख होती है।
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रांचीः राजधानी रांची के कांके रोड के विद्यापति नगर स्थित वीके एन्क्लेव सोसाइटी की तरफ से शुक्रवार को नगर निगम के सफाईकर्मियों को प्रोत्साहन के तौर पर कुछ राशि प्रदान की गयी.
सोसाइटी के लोगों ने कहा कि इस संकट की घड़ी में ये लोग अपने कार्य में काफी तत्पर हैं. साफ-सफाई कर रहे हैं. वाकई में यह काबिले तारीफ है. सोसायटी के लोगों ने मिलकर इनके कार्यों की प्रशंसा की. इनका मनोबल बढ़ाने के लिए राशि प्रदान की.
सोसाइटी में रहने वाले आलोक ने लोगों को यह संदेश भी दिया है कि वह अपने घरों में साफ सफाई रखें. कोरोना जैसी महामारी से बच कर रहें. उनका कहना है कि साफ-सफाई रहेगी तो हमें कोई बीमारी अपनी चपेट में नहीं ले सकती है.
सफाई कर्मियों ने सोसाइटी के लोगों को धन्यवाद दिया और आश्वस्त किया कि वे हर वक्त उनके लिए मुसीबत की घड़ी में अपने कार्य से कभी पीछे नहीं हटेंगे.
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सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक (Facebook) लंबे समय से डाटा लीक को लेकर चर्चा में बना हुआ है। एक बार फिर से कंपनी ने माना है कि करीब 100 एप डेवलपर्स ने गलत तरीके से यूजर्स के डाटा को एक्सेस किया है, जिनमें प्रोफाइल फोटो, ग्रुप एक्टिविटी और अन्य कई जानकारियां शामिल हैं। लेकिन कंपनी ने इस जानकारी की आधिकारिक पुुष्टि नहीं की है।
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बिहार के पशु एवं मत्सय संसाधन विभाग ने अपने 19 अफसरों का वेतन रोक दिया है. दिवाली के ठीक पहले यह कदम आखिर विभाग ने क्यों उठाया?
विभाग के निदेशक निदेशक आलोक रंजन घोष दर असल इन अफसरों की लापरवाही से बेबस हो चुके ते. ये अफसरान अपने हाकिमों की बातों को भी ठेंगे दिखाते रहे हैं. नतीजे में सोमवार को 7 प्रमंडलों के क्षेत्रीय निदेशक और 12 जिला पशुपालन पदाधिकारी (डीएचओ) का वेतन रोक दिया गया है.
घोष का कहना है कि इन अफसरों ने पांच-छह बार भेजे गए रिमाइंडर के बावजूद पशु दवा खरीद का हिसाब-किताब नहीं दिया और न ही इस बात की वजह बतायी कि वे हिसाब क्यों नहीं दे रहे. उन्होंने कहा कि यह तो अनुशासनहीनता, कार्य के प्रति घोर लापरवाही और वरीय पदाधिकारी के आदेश का उल्लंघन है. इसलिए अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता.
इन उन्नीस अफसरों के वेतन रोकने के अलावा विभाग ने 32 जिलों के जिला पशुपालन पदाधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सभी से सात दिन में जवाब मांगा गया है.
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तुर्की रेलवे इफ्तार से मिलता हैः TCDD महाप्रबंधक İsa Apaydınबेहिकबे में डेमिरस्पोर सुविधाओं में कर्मचारियों को इफ्तार रात्रिभोज दिया।
कार्यक्रम में बोलते हुए यूडीएच मंत्रालय के पूर्व उप सचिव तलत अयदीन, टीसीडीडी के पूर्व महानिदेशक सुलेमान करमन, मंत्रालय के नौकरशाह, सार्वजनिक संस्थानों और संगठनों के महाप्रबंधक और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, अपायदीन ने कहा कि वे काम करेंगे। अपने 2023 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दें।
अपने भाषण में, "मैं अपने सभी दोस्तों को अपना प्यार और शुभकामनाएं भेजता हूं जो हमारे देश के सभी कोनों में काम करते हैं, एडिरने से कार्स तक, सैमसन से इस्केंडरुन तक।" Apaydın ने यह कहते हुए शुरुआत की, "सरकारों के समर्थन से, हाल के वर्षों में रेलवे को आवंटित धन के साथ बड़े निवेश किए गए हैं, और प्रत्येक रेलवे परियोजना को लागू किया गया है, विशेष रूप से अंकारा - इस्कीसिर - इस्तांबुल, अंकारा - कोन्या और कोन्या - इस्कीसिर - इस्तांबुल हाई स्पीड ट्रेनें, हमारे देश के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन को गहराई से प्रभावित करती हैं।
"देश के भविष्य के लिए रेलवे हर तरह की कमी सहने को तैयार है"
यह बताते हुए कि रेलवे परिवार को गर्व और खुशी है कि रेलवे क्षेत्र, जिसने न्यू तुर्की के निर्माण में प्रमुख भूमिका निभाई, ने बहुत ही कम समय में यूरोपीय संघ के मानकों को हासिल कर लिया है, अपायडिन ने कहा, "यह जीने का हमारा अधिकार है इसे पूरी तरह से. क्योंकि, मेरी तरह, रेलवे में कई वर्षों तक काम करने वाले सभी रेलकर्मी अच्छी तरह जानते हैं कि यह विकास कितना महत्वपूर्ण और मूल्यवान है और हम कहां से आए हैं। रेलयात्रियों के रूप में, हमने अभाव और अस्तित्व दोनों का स्वाद चखा है। ऐसे भी दिन थे जब हम सुदूर स्टेशनों पर असहाय थे। लेकिन हमने कभी भी कठिन से कठिन परिस्थिति में ट्रेन नहीं रोकी. हमारे देश के विकास के लिए रेल का पहिया 160 वर्षों से घूम रहा है। हम कितने खुश हैं... हमारे बीच के हमारे युवा साथी बहुत भाग्यशाली हैं। वे रेलवे क्षेत्र में काम करते हैं, जो हमारे देश के सबसे गतिशील क्षेत्रों में से एक बन गया है, और वे रेलवे के स्वर्ण युग को जी रहे हैं। उनके लिए खुशी की बात है," उन्होंने कहा।
यह व्यक्त करते हुए कि हाई-स्पीड और हाई-स्पीड रेलवे लाइनों को परिचालन में लाया गया, सड़कों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण किया गया, अपायडिन ने जारी रखाः "हमारा वाहन बेड़ा छोटा हो रहा है। उद्योग और अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले लॉजिस्टिक्स केंद्र स्थापित किए गए हैं। हम एक ऐसा देश बन गए हैं जो रेलवे तकनीक का उत्पादन करता है और जिसका उप-उद्योग लगातार विकसित हो रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह सफलता हमारी सबसे बड़ी पूंजी है, हमारा 160 साल का गहरा इतिहास, हमारी रेलवे संस्कृति और ट्रेन के प्रति रेलकर्मियों की प्रतिबद्धता है। इस कारण से, हम अपने सभी रेलरोड मित्रों को पर्याप्त धन्यवाद नहीं दे सकते। हम अपने देश के 100 लक्ष्यों, हमारे गणतंत्र की 2023वीं वर्षगांठ को प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी ताकत से मिलकर काम करेंगे। इस कठिन यात्रा में आप हमारा सबसे बड़ा आश्वासन हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि जिन रेलकर्मियों ने राष्ट्रीय संघर्ष के दौरान गोलियों की बारिश की परवाह किए बिना देश की आजादी के लिए अपनी ट्रेनें चलाईं, वे अब देश के भविष्य के लिए हर तरह का बलिदान देने के लिए तैयार हैं।
अपने भाषण के अंत में, अपायडिन, जिन्होंने रेलवे की उदारीकरण प्रक्रिया को भी छुआ, ने घोषणा की कि TCDD Taşımacılık A.Ş की स्थापना 14 जून 2016 को हुई थी।
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GMTहाल ही में हॉट "मूव-टू-अर्न" मोबाइल रनिंग गेम का टोकन कदम, मई के मध्य में लगभग 39% ऊपर चला गया। वास्तव में, मूव-टू-अर्न फिटनेस ऐप ने भी मार्च और अप्रैल में अपने टोकन जीएमटी को मजबूत लाभ दर्ज किया। हालांकि, पिछले दो हफ्तों में इसमें गिरावट आई है।
प्रेस समय पर, टोकन का सामना करना पड़ा 9% सुधार के रूप में यह $ 1.35 के निशान के आसपास कारोबार करता है।
मई के बाद से STEPN उपयोगकर्ताओं की वृद्धि दर धीमी हो गई है। नए दैनिक उपयोगकर्ताओं की संख्या 18,000 से गिरकर 13,000 हो गई है, और दैनिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 11,000 है। इसे नीचे दिए गए ग्राफिकल विश्लेषण में दर्शाया गया है जिसमें जीएसटी ब्रेक-ईवन की स्थिति में प्रतीत होता है। वू ब्लॉकचेनएक प्रसिद्ध समाचार एजेंसी, ने 21 मई को प्रकाशित एक ट्वीट में इस गिरावट पर प्रकाश डाला।
इसके अलावा, सक्रिय पते और ट्रेडिंग वॉल्यूम जैसे संकेतकों ने भी मंदी की तस्वीर दिखाई। उदाहरण के लिए, ब्लॉकचैन एनालिटिक्स फर्म सेंटिमेंट के अनुसार, वॉल्यूम ने एक दुखद परिदृश्य दिखाया। नकारात्मक विचलन मूल्य पुलबैक की संभावना का संकेत दे सकता है।
ऐसा कहने के बाद, टोकन ने महत्वपूर्ण धूप देखी।
लगभग तीन सप्ताह पहले, अभ्यास और Web3-आधारित GMT टोकन पहुंचा कुछ ही दिनों में 17.64% तक। टोकन भी 22.03% बढ़ गया, इस प्रक्रिया में नए सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गया। GMT ने शीर्ष 50 क्रिप्टो में सबसे अधिक साप्ताहिक रैली देखी। यह उपरोक्त संपत्ति और इसके मूल टोकन से संबंधित कुछ संभावनाओं को दर्शाता है। यहां तक कि दावा किया प्रचार को देखते हुए अविश्वसनीय उपयोगकर्ता गोद लेने के मील के पत्थर को अनलॉक करने के लिए।
क्रिप्टो बाजार के भीतर चल रहे संघर्ष के बावजूद, अल्पकालिक सीमा विशिष्ट स्तरों पर कुछ अवसर प्रदान कर सकती है जैसा कि इसमें उल्लेख किया गया है लेख 20 मई को प्रकाशित।
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कर्नाटक सरकार के मंत्री आर रोशन बेग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुले आम गालियां दी है। ये घटना तीन दिन पहले की है जब कर्नाटक शरकार के शहरी विकास मंत्री आर रोशन बेग पुलिकेशनगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। तमिल भाषा में दिये गये कांग्रेसी मंत्री का ये वीडियो क्लिप जबर्दस्त वायरल हो रहा है। आर रोशन बेग ने नोटबंदी का जिक्र करते हुए कहा, 'जब मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता मिली तो लोगों ने कहा कि वे हमारे बेटे हैं, लेकिन अब क्या हुआ? उन्होंने 1000 के नोट बैन कर दिये? , 500 के नोट बैन कर दिये? अब ऐसे ही लोग उनपर हमला कर रहे हैं। इसके बाद आर रोशन बेग ने पीएम के खिलाफ एक गाली का इस्तेमाल किया। आर रोशन बेग ने आगे कहा, 'ये कांग्रेस नहीं बल्कि गुजराती और मारवाड़ी हैं जिन्होंने बीजेपी को सपोर्ट किया था अब ऐसा कह रहे हैं। ' आर रोशन बेग ने कहा कि यही व्यापारी अब कह रहे हैं कि कमल का फूल हमारी भूल। कर्नाटक के शहरी विकास मंत्री आर रोशन बेग ने कहा कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी ने देश के लिए कुर्बानी दी, लेकिन बीजेपी बयानबाजी के अलावा कुछ नहीं कर सकती है।
आर रोशन बेग के इस बयान के बाद बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है। कर्नाटक से बीजेपी की सांसद शोभा कर्नादलजे ने कहा कि ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कांग्रेस की संस्कृति का हिस्सा है। शोभा ने कहा कि आर रोशन बेग को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए साथ ही सीएम सिद्धारमैया को उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता मधुसूदन ने कहा कि पीएम मोदी सिर्फ बीजेपी के ही प्रधानमंत्री नहीं हैं, बल्कि वो पूरे देश के पीएम हैं। मधुसूदन ने कहा, 'बेग को अपनी भाषा पर नियंत्रण रखना चाहिए अन्यथा हम उसी भाषा में जवाब देने को मजबूर देंगे जिस भाषा में वे लोगों की बात समझते हैं। ' जनता दल सेकुलर ने भी आर रोशन बेग के बयान की निंदा की है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने कहा कि चाहे जो भी हो लोगों को अपनी भावनाओं पर काबू रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुद्दों पर बात करने में कोई हर्ज नहीं है। लेकिन गलत भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
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बॉलीवुड एक्टर सलमान खान एक वायरल वीडियो के कारण चर्चा में है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पाकिस्तान के कराची के बाज़ार में सलमान जैसा दिखने वाला एक शख्स अपनी बाइक अडजस्ट करता नज़र आ रहा है। यह 14 सेकंड के क्लिप के बारे में सभी बात कर रहे हैं और सलमान के कई फैंस उन्हें इस वीडियो में टैग कर के उनसे रिप्लाई मांग रहे हैं।
इसी बीच, दुबई मॉल में सलमान का एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जहां उन्हें कोई नोटिस नहीं कर रहा है।
सलमान के प्रोफेशनल फ्रंट की बात करें तो उनकी लास्ट रिलीज फिल्म 'रेस 3' बॉक्स-ऑफिस पर कमाल नहीं कर पाई थी। फिलहाल वह 'भारत' की शूटिंग कर रहे हैं, जिसमें उनके साथ कटरीना कैफ, दिशा पाटनी, तब्बू, सुनील ग्रोवर, नोरा फतेही हैं। फिल्म को अली अब्बास जफ़र ने डायरेक्ट किया है। फिल्म का टीज़र 26 जनवरी को रिलीज हो सकता है।
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नेशनल फुटबॉल लीग में एक फुटबॉल को पेंट करने के लिए, आपको एक पैर की आवश्यकता होती है जो नाइट्रोग्लिसरीन संचालित पेंडुलम की तरह निकलती है। स्टीव वेदरफोर्ड, जो न्यू यॉर्क दिग्गजों के लिए पिगस्किन से बाहर निकलता है, वह है। उसके पास यह साबित करने के लिए एक सुपर बाउल अंगूठी है कि वह भी बहुत अच्छा है।
लेकिन यह सिर्फ उसका पैर नहीं है जो प्रभावशाली है। वेदरफोर्ड का पूरा शरीर माइकलएंजेलो के डेविड को शर्मिंदा करने के लिए रखता है- 6'2 ", 230 पौंड पेंटर फर्श अप से टकरा गया है, जो साल भर बॉडीबिल्डिंग-प्रतियोगिता-योग्य 5 प्रतिशत शरीर वसा का दावा करता है।
कोई पेंटर नहीं है। बिल्ली, पूरी लीग में शायद ही कोई आदमी कटा हुआ है। लेकिन अगर आपको लगता है कि यह आदमी गर्भ से भगवान-धन्य आनुवांशिकी के साथ उभरा है जो उसे श्वार्ज़नेगर की तरह दिखता है, तो फिर से सोचो।
"मैंने 107 पाउंड वजन वाले हाईस्कूल के अपने नए साल में प्रवेश किया। वेदरफोर्ड कहते हैं, "मैं कुछ लड़कियों को छोड़कर पूरे स्कूल में सबसे हल्का व्यक्ति था।" "मैंने खेल खेले, और मैं एथलेटिक था, लेकिन मुझे एक कुलीन स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए आकार की कमी थी। तो मैंने बड़ा, तेज और मजबूत पाने का निर्णय लिया। "
चौदह वर्षीय वेदरफोर्ड ने पुस्तकालय की ओर अग्रसर किया और वह फिटनेस और पोषण संबंधी जानकारी को भस्म कर दिया। वह किस तरह से आया था वह इतनी योजना नहीं थी क्योंकि यह जीवित रहने में पूरी क्रांति थी। "तब से, हर दिन एक ही थाः मैं 6 बजे वजन कक्ष में जाऊंगा, फिर मैं कक्षा में जाऊंगा। कक्षा के बाद, मैं खेल प्रथाओं पर जाऊंगा- मैंने चार खेल खेले- फिर मैं वज़न कक्ष फिर से मारा। बाद में यह होमवर्क करने का घर था। और अगर मैं उन तीनों चीजों में से एक नहीं कर रहा था, तो मैं मांसपेशियों को पहनने के लिए खा रहा था। "
चार साल बाद, वह स्नातक स्तर पर 225 रनों का वजन बढ़ाकर चला गया।
"मेरे छोटे शहर में अफवाह यह थी कि मैं स्टेरॉयड पर था," वह कहता है। "कोई भी विश्वास नहीं कर सकता कि स्वस्थ जीवनशैली के लिए पूरी तरह से काम करने के माध्यम से, कोई सचमुच अपने शरीर के आकार को दोगुना कर सकता है।"
वह ज्ञान है। वेदरफ़ोर्ड की सभी महान चीजें हैं- ग्रह पर सबसे प्रतिष्ठित निकायों में से एक, एक महान पारिवारिक जीवन, $ 12.75 मिलियन अनुबंध-स्टेम, जो खुद को उस प्रतिबद्धता के लिए 14 में बनाया गया था।
"मुझे विश्वास है कि यदि आप बलिदान करते हैं और अपने आप को प्रतिबद्ध करते हैं तो आप जीवन में जो कुछ भी चाहते हैं उसे प्राप्त कर सकते हैं।"
दरअसल, हाईस्कूल के बाद से उनकी दिनचर्या में काफी बदलाव नहीं आया है। आज वह उस खेल को बाहर करता है और अभ्यास करता है जिसे वह प्यार करता है, हालांकि कक्षा और गृहकार्य को परिवार और परोपकार के साथ बदल दिया गया है। "मेरे समय का निवेश कुछ पैदा करना है," वह कहते हैं। "यही कारण है कि मेरा पूरा समय फिटनेस, फुटबॉल, परिवार और परोपकार में जाता है-जिनके लिए मेरे लिए सबसे ज्यादा उपज है।"
वेदरफोर्ड एक चैंपियन बॉडीबिल्डर की तरह दिखता है क्योंकि वह अपने कसरत के लिए बॉडीबिल्डिंग-स्टाइल दृष्टिकोण लेता है। सप्ताह के प्रत्येक दिन, वह अपने शरीर के एक विशिष्ट क्षेत्र का काम करता है - उदाहरण के लिए, सोमवार को पैर, मंगलवार को छाती-जिम को छह दिनों में सक्रिय विश्राम के एक दिन के साथ मारना।
नियमित रूप से फिटनेस ट्रिम्स के साथ मसालेदार होता है जो प्रशिक्षण के आपके दृष्टिकोण के बावजूद सिर्फ "काम" करता है। उनका कहना है कि उनके सबसे महत्वपूर्ण अभ्यास कुल शरीर की लिफ्ट हैं, जैसे कि लोहे का बैक स्क्वाट, बेंच प्रेस, और डेडलिफ्ट। उन में, वह 10 प्रतिनिधि के लिए 420 पाउंड, 1 प्रतिनिधि के लिए 525 और 335 के लिए 335 रखता है।
(सर्वश्रेष्ठ बॉडीबिल्डिंग युक्तियों के लिए, पढ़ें अंतिम जिद्दी पाउंड खोनाः बॉडीबिल्डर का रहस्य.)
फुटबॉल अभ्यास उन्हें गतिशील, एथलेटिक प्रशिक्षण प्रदान करते हैं जो उनकी गतिशीलता और गति को बनाए रखने में मदद करता है।
बॉडी बिल्डर के विपरीत- जिनकी शरीर की वसा प्रतियोगिताओं के आसपास उतार-चढ़ाव करती है-वेदरफोर्ड वर्ष के 12 महीनों के लिए लगभग 5 प्रतिशत बैठता है। निश्चित रूप से, आदमी के पास संभवतः एडोनिस डीएनए की एक स्ट्रैंड या दो नसों के माध्यम से चल रही है, जीन जो खुद को व्यक्त करते हैं जब उन्होंने लोहे और ढेर कैलोरी को उस उम्र में जोड़ दिया जब उसके शरीर को विकास के लिए प्राथमिक बनाया गया था।
लेकिन जीन केवल आपको ले जा सकते हैं, वह सोचता है। "फ्रीक जेनेटिक्स आपको लगभग 6 प्रतिशत शरीर वसा प्राप्त कर सकता है," वे कहते हैं। "इसके नीचे आने के लिए, आपको फिटनेस और पोषण के साथ बेहद रेजिमेंट होना चाहिए।"
तो अपने बारे में बताओ? क्या आपके पास वेदरफोर्ड जैसी कवर-मॉडल क्षमता है? शायद आखिरी बार आपने देखा था कि आपका छः पैक उच्च विद्यालय का वरिष्ठ वर्ष था। या शायद आप थोड़ी देर (या इतनी मामूली नहीं) आंत को तब तक लटका दिया है जब से आप याद कर सकते हैं। यह वास्तव में कोई फर्क नहीं पड़ता। जब तक आप प्रतिबद्ध नहीं होते, आप वास्तव में कभी नहीं जानते कि आप कैसे फंस सकते हैं।
निम्नलिखित तीन रणनीतियों ने Weatherford के लिए काम किया। Commit, और देखें कि वे आपके लिए काम करते हैं या नहीं।
कम-एकल-अंक शरीर वसा प्राप्त करने के लिए एक बार-बार, फिर से बार-बार दृष्टिकोण के साथ प्राप्त नहीं किया जा सकता है। आपको सभी में जाना होगा।
"मैं हाई स्कूल में बहुत से चूक गया- मैं अपने दोस्तों के साथ पीने नहीं गया, मैं रात में देर से बाहर नहीं रहा। वे वेटफोर्ड कहते हैं, "मैं वेट रूम में गया था।" "यह हमेशा आसान नहीं था, और लोग जिम में रहने के लिए मुझे चिढ़ाते थे। लेकिन मुझे कुछ भी पछतावा नहीं है- और अब वे लोग मुझे शहर में खेलते समय गेम के लिए मुफ्त टिकट मांगते हैं। "
हाँ, आप अपने कसरत और खाने के साथ 100 प्रतिशत ऑन-पॉइंट के बिना अभी भी अच्छे लग सकते हैं, लेकिन गंभीरता से कटाई करने से प्रतिबद्धता बहुत अधिक होती है जो ज्यादातर लोग नहीं देंगे।
वेदरफोर्ड कहते हैं, "मैं यह नहीं कहना चाहता कि मुझे फिटनेस पूरी तरह से पता चला है।"लेकिन मैंने यह मेरे लिए निकाला है।" यह संभवतः आपके हिस्से पर कुछ प्रयोग करेगा, लेकिन यह निर्धारित करने के लिए कि कौन से दृष्टिकोण आपके लिए काम करते हैं, आपको बेहतर परिणाम मिलेंगे।
उदाहरण के लिए, जब लोग कार्बोस खाते हैं तो कुछ लोग अधिक वसा डालते हैं, अन्य पास्ता पाउंड करने में सक्षम होते हैं और पूरी तरह से फट जाते हैं। (Weatherford पूरे गेहूं पास्ता प्यार करता है।)
कुछ लोग उच्च तीव्रता अंतराल प्रशिक्षण जैसे अधिक कटे हुए होते हैं अराजकता कसरत, जबकि अन्य बॉडीबिल्डिंग-स्टाइल रूटीन से अधिक लाभ उठाते हैं। वेदरफोर्ड कहते हैं, यह पता लगाएं कि आपके लिए क्या काम करता है और इसके बाहर बिल्ली का काम करता है।
वेदरफोर्ड से पूछता है, "क्या होगा अगर मैंने आपको बताया कि मैं आपको कोई नई कार खरीदूंगा?" "पकड़ यह है कि आपको कार को अपने पूरे जीवन के लिए रखना है। तुम क्या करोगे? आप कार को पूरी तरह से बनाए रखने और साफ रखने के साथ शायद निर्दोष होंगे ताकि यह टिके। वैसे ही हमारे शरीर कैसे हैं। तो ज्यादातर लोग अपने शरीर के साथ ऐसा क्यों नहीं करते? "
एक अच्छी योजना खोजें जो आपके लिए काम करती है (ऊपर देखें) और इसे सूर्यास्त में सवारी करें। वेदरफोर्ड कहते हैं, "आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सालों लग सकते हैं।" "लेकिन उन वर्षों में, स्वस्थ आदतें दूसरी प्रकृति बन जाती हैं, और आप स्वस्थ और संभवतः जीवन के लिए अधिक खुश और अधिक आत्मविश्वास वाले रहेंगे।"
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आवाज़ आ रही थी। नाले के पास ही बड़ी बड़ी चट्टानों से, जज़ीरों से बँधा हुआ कोई बदसूरत व्यक्ति उसे दिखाई दिया। पिंगल डर के कारण वापिस भागने की सोच ही रहा था कि उसे ख्याल आया कि वह व्यक्ति बड़े बड़े चट्टानों से बँधा हुआ था और भाग नहीं सकता था। वह वहीं चुपचाप खड़ा हो गया ।
'हे स्वामी ! मेरे हाथ के इन जंज़ीरों को काटकर, मेरी रक्षा कीजिये। आप जो चाहेंगे, मैं आपकी वह मदद करूँगा।" कहकर, वह बदसूरत व्यक्ति, पिंगल की ओर मुँह मोड़कर चिल्लाने लगा ।
पिंगल का डर जाता रहा। वह धीमे धीमे, एक एक कदम रखता, उस व्यक्ति के पास गया। जब उसको पास से देखा तो वह और कुरूपी नजर आया। उसके पैर ताड़ की जड़ की तरह थे। सारे शरीर पर जंगली भैंसे की तरह, नोकीले, मोटे मोटे बाल थे। कान हाथी के कान की तरह थे। आँखें अंगारे बरसाती-सी लगती थीं। पिंगल भय के कारण कम्पित हो उठा। "स्वामी ! मेरी रक्षा कीजिये। मैं आपकी हर तरह से सहायता कर
सकता हूँ। इन तीन लोकों में कहीं भी, मैं आपको अपने कन्धों पर बिठाकर ले जा सकता हूँ।" उस चदशकल व्यक्ति ने कहा ।
पिंगल यह सुनकर हँसा । "तीन लोक क्या, चौदह चौदह लोकों में भी अगर मैं जाना चाहूँ, तो मुझे ले जाने के लिए एक गधा है। पर तू गधे से भी अधिक बलवान और बुद्धिमान नज़र आता है। तेरा नाम क्या है ? " पिंगल ने पूछा ।
" मेरा नाम भल्लूक केतु है।" उस कुरूपी ने सविनय कहा।
चन्दामामा १५ |
Bhopal News: भोपाल के हजारों रेल यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब यात्री मंथली सीजन टिकट (एमएसटी) पर लंबी दूरी की ट्रेनों के साथ मंडल से चलने वाली ट्रेनों में भी सफर कर सकेंगे। रेलवे ने इस सुविधा की घोषणा करने के साथ ही इसे एक जुलाई से लागू भी कर दिया। अब यात्री बेफ्रिक होकर मंडल से चलने वाली ट्रनों में बैठ सकते हैं। रेलवे के इस फैसले से प्रतिदिन ट्रेन से सफर करने वाले भोपाल के करीब 40 हजार डेली पैसेंजरों को फायदा होगा।
बता दें कि, कोविड शुरू होने के बाद से सभी गाड़ियों में सीजन टिकट यानी मासिक, त्रैमासिक आदि की सुविधा पूरी तरह से बंद कर दी गई थी। इन सुविधाओं को शुरू करने के लिए यात्री पिछले साल से ही मांग कर रहे थे। हालांकि रेलवे एमएसटी को फिर से शुरू करने के लिए अभी तक कोरोना खत्म होने का इंतजार कर रहा था, लेकिन इस वायरस के पूरी तरह से खत्म होने में लग रहे समय के कारण रेलवे अब फिर से पहले जैसी स्थिति में लौटने की कोशिश कर रहा है। इस क्रम में एमएसटी को फिर से लागू कर दिया गया है।
इसके अलावा यात्रियों को रेलवे द्वारा एक और बड़ी सुविधा दी गई है। रेलवे ने भोपाल मंडल से शुरू होने वाली 36 ट्रेनों के जनरल बोगी में अब अनरिजर्व्ड टिकट की सुविधा भी बहाल कर दी है। यह सुविधा भी एक जुलाई से मान्य हो गई है। हालांकि अभी भी भोपाल से अप-डाउन चलने वाली 40 ऐसी ट्रेनें हैं, जिनमें रिजर्वेशन टिकट जारी रहेगा। रेलवे द्वारा जिन ट्रेनों को रिजर्वेशन से मुक्त किया गया है, उनमें शान -ए -भोपाल एक्सप्रेस, विंध्याचल, रानी कमलापति, एलटीटी एक्सप्रेस, अमरकंटक- बिलासपुर एक्सप्रेस आदि शामिल हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, जल्द ही बची हुई ट्रेनों को जनरल बोगी को भी पूरी तरह से रिजर्वेशन मुक्त कर दिया जाएगा।
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कैसे करें प्रदोष व्रत :
सूर्यास्त के पश्चात पुनः स्नान करके भगवान शिव का षोडषोपचार से पूजन करें।
नैवेद्य में जौ का सत्तू, घी एवं शकर का भोग लगाएं, तत्पश्चात आठों दिशाओं में 8 दीपक रखकर प्रत्येक की स्थापना कर उन्हें 8 बार नमस्कार करें।
इसके बाद धर्म सत्वं वृषरूपेण से नंदीश्वर (बछड़े) को जल एवं दूर्वा खिलाकर स्पर्श करें।
शिव-पार्वती एवं नंदकेश्वर की प्रार्थना करें।
प्रदोष व्रतार्थी को नमकरहित भोजन करना चाहिए।
* आरोग्य के लिए- रविवार।
* संतान प्राप्ति के लिए- सोमवार।
* ऋण से छुटकारे के लिए- मंगलवार।
* इष्ट प्राप्ति के लिए- बुधवार।
* सौभाग्य के लिए- शुक्रवार।
* हर तरह की मनोकामना के लिए- शनि प्रदोष शुभ है।
इस तरह हर प्रदोष व्रत के दिन पूजन करने से सौभाग्य और सुख-शांति की प्राप्ति होती है तथा मनुष्य का सोया हुआ भाग्य भी जाग जाता है।
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नई दिल्ली,डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है। डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल 1 जुलाई को National Doctors' Day मनाया जाता है।
डॉक्टर्स डे के अवसर पर, स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सक्रिय एक गैर-सरकारी संगठन मेडस्कैप इंडिया ने दूसरे फिट इंडिया कॉन्क्लेव का भव्य आयोजन किया। जिसमें मुख्य रूप से स्वामी चिदानंद जी महराज, पतंजलि के सीएमडी आचार्य बालकृष्ण के अलावा मेडस्केप इंडिया की चेयरपर्सन डॉ सुनीता दुबे आदि शामिल हुए। इस अवसर पर भारत में हेल्थकेयर इकोसिस्टम लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि लोगों को उचित स्वास्थ्य सुविधा प्रदान की जा सके और भविष्य के लिए एक स्थाई हेल्थकेयर इकोसिस्टम का निर्माण किया जा सके ।
बड़ी संख्या में डॉक्टरों, राजनेताओं, नौकरशाहों, वरिष्ठ मंत्रियों और स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली में शामिल होने वाले दूसरे फिट इंडिया कॉन्क्लेव में इस मुद्दे पर चर्चा की और विचारों का आदान-प्रदान किया। जिस कॉन्क्लेव का उद्देश्य प्लेटफॉर्म बनाने पर चर्चा करना, विचार-विमर्श करना और इस तरह से विचार करना था कि देश को अपनी स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। कॉन्क्लेव में विकास की दर , बेड हीलकेयर प्रैक्टिस, केस स्टडीज, पेशेंट सेंट्रिक और आंकड़ों पर चलने एवं रिसर्च कोलाबरेशन पर भी प्रकाश डाला गया क्योंकि इसमें उच्च स्तर के प्रेजेंटेशन, डिस्कशन और नेटवर्किंग का उचित कॉम्बिनेशन दिखाई दिया।
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चर्चा में क्यों?
18 फरवरी, 2022 को नैनीताल वन प्रभाग द्वारा चिड़ियाघर में 35 लाख रुपए की लागत से 60 सीटर इंटरप्रिटेशन सेंटर (मिनी थियेटर) शुभारम्भ किया गया।
- इसके माध्यम से वन विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों समेत प्रशिक्षुओं को वन्य जीव-जंतुओं के जीवन, जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं से बचने समेत विभाग द्वारा किये जाने वाले कार्यों की डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाकर दिखाई जाएगी।
- डीएफओ टीआर बीजूलाल ने बताया कि अमेरिका समेत विभिन्न देशों में भी इंटरप्रिटेशन सेंटर पद्धति के माध्यम से विभिन्न जानकारियाँ व प्रशिक्षण दिया जाता है।
- इंटरप्रिटेशन सेंटर स्थापित करने के लिये नैनीताल वन प्रभाग को राज्य योजना के तहत 35 लाख रुपए की धनराशि दी गई थी।
- यहाँ पर अब वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को विभाग द्वारा किये गए कार्यों को समझने और करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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