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माउंट माउंगानुई। न्यूजीलैंड ने मंगलवार को यहां तीसरा व अंतिम वनडे 5 विकेट से जीतते हुए टीम इंडिया का सीरीज में 3-0 से सफाया कर दिया। मेजबान कीवी टीम को टी20 सीरीज में 0-5 की करारी हार का सामना करना पड़ा था। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने टॉस जीता और पहले फील्डिंग का निर्णय किया।
टीम इंडिया ने 50 ओवरों में 7 विकेट गंवाकर 296 रन बनाए। जवाब में न्यूजीलैंड ने 47. 1 ओवर में पांच विकेट के नुकसान पर लक्ष्य हासिल कर लिया। हेनरी निकोलस (80), मार्टिन गुप्टिल (66) और कोलिन डी ग्रैंडहोम (नाबाद 58) ने अर्धशतक जमाए। युजवेंद्र चहल ने तीन विकेट लिए।
इससे पहले भारत के लिए लोकेश राहुल ने अपने वनडे करिअर का चौथा शतक जड़ते हुए 112 रन की पारी खेली। राहुल ने 112 रन बनाए, श्रेयस अय्यर ने 68 और मनीष पांडे ने 42 रन की पारी खेली। इस मैच के लिए टीम इंडिया में केवल 1 बदलाव रहा। केदार जाधव की जगह मनीष पांडे को अंतिम एकादश में शामिल किया गया।
न्यूजीलैंड ने 2 बदलाव किए। मार्क चैपमैन और टॉम ब्लंडेल की जगह विलियमसन और मिशेल सैंटनेर को जगह दी गई। विलियमसन ने चोट के बाद वापसी की है। वे टी20 सीरीज के दौरान चोटिल हो गए थे और उन्होंने शुरुआती दोनों वनडे मैच नहीं खेले।
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आगरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा संचालित जनधन योजना के लाभार्थियों को बीएसएनएल टू जी व थ्री जी की फ्री सिम देगा। इस बारे में बीएसएनएल के पीआरओ कुन्दन सिंह ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए लाभार्थी को अपने साथ आईडी प्रूफ व जनधन योजना की पासबुक की फोटोस्टेट साथ लानी होगी। इस योजना का लाभ आठ सितम्बर से छह दिसम्बर तक लिया जा सकता है।
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Kolkata : SSC recruitment scam में फंसे ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट ने आज14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. दोनों अब 18 अगस्त तक ज्यूडिशियल कस्टडी में रहेंगे. बता दें कि ईडी ने दोनों की कस्टडी मांगी थी. इससे पहले कोर्ट में अर्पिता मुखर्जी के वकील ने कहा कि उनकी जान को खतरा है. जांच करने के बाद ही अर्पिता को भोजन और पानी दिया जाना चाहिए. कहा कि हम अर्पिता के लिए एक डिवीजन 1 कैदी कैटेगिरी चाहते हैं.
खबर है कि ईडी के वकील ने भी समर्थन किया कि अर्पिता की सुरक्षा बढ़ा दी जानी चाहिए. कहा कि अर्पिता को 4 से ज्यादा कैदियों के साथ नहीं रखा जा सकता. साथ ही ईडी ने कहा कि टेस्ट करने के बाद ही अर्पिता को भोजन और पानी दिया जाना चाहिए. साथ ही ईडी ने कहा कि पार्थ को लेकर कोई खतरा नहीं है.
ED ने कोर्ट में जानकारी दी कि कुल 49. 8 करोड़ रुपए की बरामदगी हुई है. ईडी के अनुसार 1 नवंबर 2012 को पार्थ और अर्पिता ने बेलघोरिया फ्लैट में कंपनी बनाई, जहां से कैश वसूल किया गया था. दोनों के फोन डेटा भी बरामद किये गये हैं. पूछताछ की जा रही है कि क्या ये कंपनियां मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल थीं, इसलिए दोनों की न्यायिक हिरासत देना जरूरी है. ईडी ने बताया कि अब तक 50 अकाउंट की जांच की जा रही है.
सुनवाई के क्रम में पार्थ के वकील ने कहा कि वे भागेंगे नहीं. वह 72 साल के हैं और बीमार हैं. कहा कि पार्थ चटर्जी के लिए लगातार दवा की जरूरत होती है. इसलिए हम जमानत मांग रहे हैं. पार्थ चटर्जी के वकील ने कहा कि सीबीआई ने मामले में आरोपी को सीधे तौर पर पैसे लेते या मांगते नहीं देखा है. इस मामले में कोई गवाह नहीं है कि पार्थ चटर्जी ने पैसे मांगे हैं. पार्थ चटर्जी का किसी को पैसे के लिए प्रेरित करने का कोई उदाहरण नहीं है. दस्तावेज कहां है. ये सब आरोप हैं. पार्थ चटर्जी का आय से कोई लेना-देना नहीं है.
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अगर पेटीएम ऐप पर कोई नया यूजर आता है तो वह Paytm UPI साइन-अप कर सकता है. वह इसे पेटीएम पेमेंट बैंक अकाउंट या दूसरे बैंक अकाउंट से भी लिंक कर सकता है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) ने हाल ही में पेटीएम पेमेंट बैंक (Paytm Payments Bank) पर बैन लगाया है. इस बैन के तहत उसे नए खाते खोलने से रोक दिया गया है. आरबीआई की कार्रवाई पर पेटीएम (Paytm) की तरफ से सफाई दी गई है. उसने कहा कि कस्टमर अभी भी UPI सर्विस के लिए रजिस्टर कर सकते हैं, हालांकि यूजर्स नया PPB वॉलेट या सेविंग और करंट अकाउंट नहीं खोल सकते हैं. कस्टमर को संबोधित करते हुए पेटीएम पेमेंट बैंक ने एक नोट जारी किया है. उनसे कहा गया है कि पहले से चालू सभी अकाउंट फंक्शनल और एक्टिव हैं. कस्टमर्स ने जितना जमा किया है वह भी पूरी तरह सुरक्षित है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने हालिया आदेश में तत्काल प्रभाव से नए कस्टमर को PPB लॉगिन करने से रोक दिया है. इसको लेकर 11 मार्च को एक लेटर जारी किया गया था. पेटीएम पेमेंट बैंक ने कहा कि हम नियमन को पूरी तरह लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बैंक रेग्युलेटर के साथ काम करना चाहता है और उनकी तरफ से उठाई गई सभी चिंताओं पर गौर किया जा रहा है. रिजर्व बैंक जब नया ग्राहक जोड़ने की अनुमति देगा तब बैंक इसकी सूचना देगा.
पेटीएम पेमेंट बैंक के वर्तमान कस्टमर सभी तरह की सुविधाओं का लाभ उठाते रहेंगे. उन्हें बैंकिंग और डिजिटल पेमेंट सर्विस का पूरा लाभ मिलेगा. यूजर्स के सेविंग अकाउंट, फिक्स्ड डिपॉजिट, पेटीएम वॉलेट, फास्टैग सर्विस, UPI सर्विस पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ा है. यह पहले की तरह काम कर रहा है. अगर पेटीएम ऐप पर कोई नया यूजर आता है तो वह Paytm UPI साइन-अप कर सकता है. वह इसे पेटीएम पेमेंट बैंक अकाउंट या दूसरे बैंक अकाउंट से भी लिंक कर सकता है.
आरबीआई ने अपने अधिकार क्षेत्र के तहत अन्य कानूनों के साथ-साथ बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत पेटीएम पेमेंट्स बैंक लिमिटेड को नए ग्राहकों के बैंक खाते पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने का निर्देश दिया है. आरबीआई ने भुगतान बैंक से अपने सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली (IT System) की व्यापक समीक्षा करने के लिए एक आईटी ऑडिट कंपनी नियुक्त करने का भी निर्देश दिया.
रिज़र्व बैंक ने अपने बयान में कहा, "पेटीएम पेमेंट्स बैंक का नए ग्राहकों के खाते खोलना आईटी लेखा परीक्षकों की रिपोर्ट की समीक्षा के बाद आरबीआई द्वारा दी जाने वाली विशिष्ट अनुमति के अधीन होगा."पेटीएम पेमेंट्स बैंक का गठन अगस्त 2016 में हुआ था और इसने मई 2017 में औपचारिक रूप से अपना काम शुरू किया था.
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एक रिपोर्ट के मुताबिक, फेसबुक पैरेंट मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक ने इस साल अपनी कई टीमों के लिए बजट जारी नहीं किया है, क्योंकि कंपनी एक और छंटनी की योजना बना रही है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बजट की कमी और छंटनी के डर से मेटा स्टाफ में अनिश्चितता का माहौल है।
बता दें कि मेटा ने साल 2022 के नवंबर महीने में करीब 11 हजार कर्मचारियों की छंटनी की थी। यह कंपनी के कुल कर्मचारियों का 13 फीसदी था। मेटा फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप कंपनियों की मूल कंपनी है। इससे पहले कंपनी के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि यह साल हमारी कंपनी के लिए काफी अहम है. मेटा के मुताबिक, इस साल कंपनी का खर्च 89 से 89 अरब डॉलर के बीच रहेगा।
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इंसानों के जीवन में हमेशा से पालतू जानवरों का खास महत्व रहा है। कई बार तो ये जानवर अपनी वफादारी भी साबित कर चुके हैं और उनकी कहानियां किसी का भी दिल जीत लेती हैं। ऐसी ही एक घटना ऑस्ट्रेलिया से सामने आई है जहां एक तोते ने मालिक की जान बचाई।
अक्सर बहादुरी दिखाने और मालिक को खतरे से बचाने में कुत्ते की भूमिका वाली बातें हमने कई बार सुनी लेकिन ऑस्ट्रेलिया में जो हुआ, उसे जानकर आप समझ सकेंगे कि कई बार पालतू जानवर कितना बड़ा काम कर देते हैं।
ये घटना ऑस्ट्रेलिया के क्विंसलैंड प्रांत की है। घर के मालिक एंटन न्यूयेन ने बताया कि वो सो रहे थे और तभी घर में आग लग गई। ऐसे में स्मोक अलार्म के एक्टिव होने से भी पहले ही उनके तोते ने उन्हें इसकी चेतवानी दे दी और वो मौके से बच कर निकलने में सफल रहे।
वहीं, क्वींसलैंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज इंस्पेक्टर कैमरन थॉमस ने बताया कि तोते ने बार-बार "एंटोन, एंटोन! " कहते हुए अपने मालिक का नाम पुकारा और उसे सचेत करने की कोशिश करता रहा।
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Ind vs Aus भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलेगी जिसकी शुरुआत इस साल दिसंबर में होगी।
मेलबर्न, प्रेट्र। Ind vs Aus cricket series: एडिलेड ओवल के पास स्थित होटल भारत के खिलाफ होने वाली चार मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए बायो सिक्योर बबल (कोरोना से बचाव के लिए बनाया गया सुरक्षित वातावरण) के तौर पर उपयोग में लिया जाएगा। भारत को इस साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। आरोन फिंच की कप्तानी वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम इस समय इंग्लैंड में सीमित ओवरों की सीरीज खेल रही है। वह अपने अनिवार्य क्वारंटाइन के लिए एडिलेड आएगी और घरेलू सत्र के लिए तैयारी करेगी।
जो खिलाड़ी आइपीएल के 13वें सत्र में नहीं खेलेंगे वो और उनके अलावा कोचिंग स्टाफ ऑस्ट्रेलिया लौटने के बाद एडिलेड में रहेंगे। दक्षिण ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट संघ (एसएसीए) के मुख्य कार्यकारी कीथ ब्रैडशॉ ने कहा कि हम इस बात से खुश हैं कि हम ऑस्ट्रेलियाई टीम के लौटने पर दक्षिण ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड ओवल के ओवल होटल में उनकी मेजबानी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'हमने स्टीवन मार्शल, और दक्षिण ऑस्ट्रेलिया (एसए) की सरकार के साथ मिलकर जनता और खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित की है। हमें उम्मीद है कि ओवल होटल को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट सत्र के लिए लगातार उपयोग में लिया जा सके। आने वाले दिनों में सीए भारत के साथ होने वाली सीरीज के कार्यक्रम का एलान करेगा। एडिलेड ओवल लगातार दो टेस्ट मैचों की मेजबानी कर सकता है जिसमें दिन-रात टेस्ट मैच भी शामिल है। '
आपको बता दें कि भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर इस साल के अंत में जाएगी जहां उसे पहले चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है और इसके बाद तीन मैचों की वनडे सीरीज का आयोजन किया जाएगा। टेस्ट सीरीज की शुरुआत तीन दिसंबर से होगी जबकि आखिरी यानी चौथा टेस्ट मैच तीन जनवरी से खेला जाएगा। इसके बाद वनडे सीरीज का पहला मैच 12 जनवरी, दूसरा मैच 15 जनवरी और तीसरा मैच 17 जनवरी को खेला जाएगा।
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Seth Rollins: WWE सुपरस्टार सैथ रॉलिंस (Seth Rollins) अगले हफ्ते अपने पुराने दुश्मन डीन एंब्रोज (Dean Ambrose) उर्फ जॉन मोक्सली (Jon Moxley) के नक्शे-कदम पर चलकर उनके 10 साल पुराने रिकॉर्ड की बराबरी करने वाले हैं। बता दें, सैथ रॉलिंस को अगले हफ्ते NXT में ब्रॉन ब्रेकर (Bron Breakker) के खिलाफ मैच में अपना वर्ल्ड हैवीवेट टाइटल डिफेंड करना है। सैथ रॉलिंस ने हाल ही में साफ कर दिया था कि वो फाइटिंग चैंपियन बनना चाहते हैं और वो किसी भी ब्रांड के सुपरस्टार के खिलाफ अपना टाइटल डिफेंड करने के लिए तैयार हैं।
इसके बाद ब्रॉन ब्रेकर ने सैथ रॉलिंस को टाइटल मैच के लिए चैलेंज देते हुए उन्हें NXT में बुलाया था। सैथ रॉलिंस ने इस हफ्ते NXT में बिग स्क्रीन पर नज़र आकर ब्रॉन ब्रेकर के चैलेंज को स्वीकार कर लिया था और अब वो अगले हफ्ते NXT में मैच लड़ते हुए दिखाई देंगे। यह मैच लड़ने के साथ ही सैथ रॉलिंस पिछले 10 सालों में मेन रोस्टर के ऐसे पहले मेल सुपरस्टार बन जाएंगे जिन्होंने NXT में जाकर अपना टाइटल डिफेंड किया हो। ट्विटर पर Wrestling Stats & Info के अनुसार, डीन एंब्रोज ने साल 2013 में NXT में नेविल के खिलाफ मैच में अपना यूएस टाइटल डिफेंड किया था।
सैथ रॉलिंस Night of Champions में वर्ल्ड हैवीवेट चैंपियनशिप जीतने के बाद से ही सचमुच फाइटिंग चैंपियन के रूप में काम कर रहे हैं। सैथ रॉलिंस NXT में ब्रॉन ब्रेकर के खिलाफ टाइटल डिफेंड करने से एक दिन पहले Raw में चैंपियनशिप मैच के लिए ओपन चैलेंज दे चुके हैं। इसके अलावा सैथ रॉलिंस Money in the Bank 2023 में फिन बैलर के खिलाफ मैच में अपना वर्ल्ड हैवीवेट टाइटल डिफेंड करते हुए दिखाई देंगे।
बता दें, Raw के आखिरी एपिसोड में सैथ रॉलिंस और फिन बैलर के बीच सैगमेंट भी देखने को मिला था। हालांकि, इस सैगमेंट के दौरान फैंस ने सैथ रॉलिंस का थीम सॉन्ग लगातार गाकर फिन बैलर को ठीक तरह से प्रोमो देने नहीं दिया था।
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छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से जो सरकारी विज्ञापन रिलीज किए जाते हैं अखबारों-पत्रिकाओं आदि के लिए, उसमें भी कमीशनबाजी का खेल होता है. भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 'संवाद' नामक एक सरकारी एजेंसी है, जिसे प्रत्येक विज्ञापन का पंद्रह प्रतिशत कमीशन भेंट किया जाता है. पिछले दिनों भड़ास4मीडिया के हाथ एक ऐसा रोचक मेल हाथ लगा जिससे कमीशनबाजी का खेल उजागर होता है.
मेल के इस मजमून से जाहिर है कि कोई सरकारी एजेंसी है जिसका नाम संवाद है और वह पंद्रह प्रतिशत कमीशन लेती है. क्या आप बता सकते हैं कि यह कमीशनखोरी लीगल है या इल-लीगल? अगर लीगल है तो किस मकसद से है यह कमीशनखोरी और इल-लीगल है तो यह धंधा इतना खुलेआम क्यों है?
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गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की भूमि पर लगे कई हेक्टेयर लाही की खड़ी फसल लापरवाही की भेंट चढ़ गई। करीब 10 दिन पहले खेतों से कटाई के बाद आधी-अधूरी थ्रेसरिंग कर शेष खेत में ही छोड़ दिया गया जिससे दाने खुद ही चिटक कर बाहर गिरने लगे।
पंतनगर, जागरण टीमः गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की भूमि पर लगे कई हेक्टेयर लाही की खड़ी फसल लापरवाही की भेंट चढ़ गई। करीब 10 दिन पहले खेतों से कटाई के बाद आधी-अधूरी थ्रेसरिंग कर शेष खेत में ही छोड़ दिया गया, जिससे दाने खुद ही चिटक कर बाहर गिरने लगे। जो शेष थे, वह बारिश ने पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। मगर जिम्मेदार बेखबर हैं।
विवि फार्म के एन ब्लाक और पी-क्यू ब्लाक में करीब 11 हेक्टेयर में लाही की फसल लगाई गई थी। इसमें एन ब्लाक के 8. 2 हेक्टेयर में लगी फसल 10 मार्च को फार्म के मजदूरों से कटाई का कार्य पूर्ण कर लिया गया था।
24 फरवरी को विश्वविद्यालय फार्म के हल्दी एवं बेनी प्रक्षेत्रों पर गेहूं एवं लाही फसल की थ्रेसिंग के लिए टेंडर निकाला गया था, जिसका टेंडर 11 मार्च को हुआ। टेंडर होने के 10 दिन बाद भी फसल खेत में ही पड़ी रही।
बरसात होने के एक दिन पहले यानी रविवार को एन ब्लाक की कटी लाही की फसल की थ्रेसरिंग हो गई थी, शेष की नहीं की जा सकी। इसके अलावा पी क्यू ब्लाक में 3. 8 हेक्टेयर भूमि में लगी लाही फसल तैयार होने के बाद भी कटाई नहीं हुई। इससे दाने जमीन पर चिटककर गिर गए हैं।
तराई में सोमवार व मंगलवार को हुई बारिश से फसल खराब हो गई। बताया जा रहा है कि करीब सौ क्विंटल लाही की फसल बर्बाद हुई है। इससे विवि प्रशासन को लाखों रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। हैरानी है कि फसल की कटाई व नुकसान की जानकारी जिम्मेदारों को नहीं है।
पंत विवि के ऑपरेशन फार्म जीएम डाॅ. डीसी बचखेती ने बताया कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके बारे में सीजीएम फार्म ही जानकारी दे सकते हैं।
पंत विवि के सीजीएम फार्म डाॅ. जयंत सिंह ने बताया कि लाही फसल नुकसान होने के बारे में जानकारी नहीं है। फसल का जायजा लिया जाएगा। इसके बाद ही पता चल पाएगा।
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देश में करोड़ों रुपये की कीमत दर्शाने वाले नकली नोट प्रतिवषर्ष पकड़े जा रहे हैं। इससे पता चलता है कि देश में बड़ी संख्या में नकली नोट प्रचलन में हैं। ये न केवल लोगों के लिए परेशानी का सबब हैं बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी बड़ी चुनौती हैं। बीते तीन साल में सुरक्षा एजेंसियों ने करीब 138 करोड़ रुपये के नकली नोट पकड़े हैं। पकड़े गए नोटों में ज्यादा संख्या दो हजार रुपये के नकली नोटों की है।
केंद्र सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो खर्च करने में सक्षम नहीं हैं। वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री चाहते हैं कि रेलवे हर भारतीय के जीवन में बड़ा परिवर्तनकारी बदलाव लाए। हाइड्रोजन आधारित ट्रेनों पर एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि वंदे भारत की तरह भारतीय इंजीनियर इसे डिजाइन कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "डिजाइन की प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और हमें दिसंबर 2023 तक देश में पहली हाइड्रोजन ट्रेन शुरू करने में सक्षम होना चाहिए। "वैष्णव ने रेलवे के निजीकरण से इनकार करते हुए कहा, "रेलवे एक रणनीतिक क्षेत्र है और यह सरकार के पास रहेगा। " केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रेलवे वंदे भारत-3 डिजाइन पर काम कर रहा है, जिसमें स्लीपर क्लास भी होगी। इन ट्रेनों का इस्तेमाल लंबी यात्रा के लिए भी किया जाएगा। वर्तमान में, रेलवे एक दिन में 12 किमी रेलवे ट्रैक निर्माण कर रहा है, जो 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दौरान केवल चार किमी प्रतिदिन हुआ करता था।
अर्जेंटीना ने तीसरी बार वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया है. इससे पहले अर्जेंटीना ने 1978 और 1986 में दो बार विश्व कप जीता था। रोमांचक मुकाबले में दोनों टीमों ने अतिरिक्त समय में भी शानदार प्रदर्शन किया और मैच अंत में पेनल्टी शूट आउट तक गया जहां अर्जेंटीना ने शानदार प्रदर्शन करते हुए फ्रांस को 4-2 से हरा दिया. 90 मिनट की समाप्ति पर स्कोर 2-2 था और मैच अतिरिक्त समय में चला गया। जहां मेसी ने 30 मिनट के अतिरिक्त समय के दूसरे हाफ में टीम का तीसरा और अपना दूसरा गोल किया। लेकिन इस दौरान फ्रांस की ओर से अंबाप ने तीसरा गोल भी दागा और मैच में और रोमांच पैदा कर दिया. और परिणामस्वरूप मैच पेनल्टी शूट आउट में चला गया।
दूसरे हाफ में भी जब अर्जेंटीना का खेल आक्रामक था तो ऐसा लग रहा था कि अर्जेंटीना के लिए यह खेल आसान है। लेकिन फ्रांस के स्टार खिलाड़ी एम्बाप्पे ने 80वें और 81वें मिनट में गोल कर मैच को रोमांचक मोड में ला दिया. अर्जेंटीना को 22वें मिनट में पेनल्टी मिली, जिसे कप्तान लियोनेल मेसी ने लिया। मेसी ने गोल कर अपनी टीम अर्जेंटीना को मैच में 1-0 की बढ़त दिला दी। फ्रांस के कप्तान और गोलकीपर लोरिस मेसी पेनल्टी से चूके और मेसी ने इस विश्व कप में अपना छठा गोल किया।
मैच का पहला हाफ समाप्त होने पर अर्जेंटीना ने दो गोल कर अपना दबदबा कायम रखा। मेसी ने 23वें मिनट में टीम के लिए पहला गोल पेनल्टी से किया। जबकि दूसरा गोल डि मारिया ने 36वें मिनट में किया। पहले हाफ में फ्रांस की टीम एक भी गोल नहीं कर सकी। जबकि अर्जेंटीना के गोल करने के 6 प्रयास थे, उनमें से 3 निशाने पर थे।
तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच यांग्त्से में झड़प के बाद बाद प्रसिद्ध तवांग मठ के भिक्षुओं की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। तवांग मठ के भिक्षुओं ने चीन चेतावनी देते हुए कहा है कि, "ये 1962 नहीं, ये 2022 है" और "ये पीएम नरेंद्र मोदी सरकार है"। तवांग मठ के एक भिक्षु लामा येशी खावो ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी को नहीं बख्शेंगे। हम मोदी सरकार और भारतीय सेना का समर्थन करते हैं। " 17वीं शताब्दी के मठ में उपस्थित सभी लोगों की चिंताओं को व्यक्त करते हुए भिक्षु ने कहा कि, 1962 में एशियाई दिग्गजों के बीच संघर्ष भी हमने देखा है।
लामा येशी खावो ने ये भी कहा कि, चीनी सरकार हमेशा "अन्य देशों के क्षेत्रों पर नजरें गड़ाए रहती है" ये पूरी तरह से गलत है। लामा येशी खावो ने कहा कि, "वो भारतीय भूमि पर भी नजर रखते हैं। चीनी सरकार गलत है। अगर वो दुनिया में शांति चाहते हैं, तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। अगर वो वास्तव में शांति चाहते हैं, तो उन्हें किसी को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। " उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें वर्तमान भारत सरकार और भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है, जो तवांग को सुरक्षित रखेगी।
दिसंबर महीने में मौसम पूरी तरह से बदलता हुआ नजर आ रहा है और आने वाले दिनों में ठंड का प्रचंड रूप लोगों के लिए मुसीबत बन सकता है। पहाड़ों पर बदले मौसम के मिजाज की वजह से मैदानी इलाकों में इसका प्रभाव नजर आने लगा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत में ठिठुरन के साथ-साथ कोहरा भी देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक दिल्ली, हरियाणा समेत मैदानी इलाकों के कुछ हिस्सों में 20 दिसंबर तक शीतलहर चलेगी।
हरियाणा, दिल्ली के अलावा पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी तापमान गिरा है। राजस्थान में कई जिलों में तापमान 5 डिग्री सेल्सियस के नीचे पहुंच गया है। आने वाले दिनों में उत्तर भारत के कई इलाकों में शीतलहर चलने का भी अनुमान जताया गया है। विभाग के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अगले कुछ दिनों में ठंड बढ़ेगी, जिसके कारण प्रदेश के कई जिलों का तापमान भी गिर सकता है। विभाग ने बिहार में कोहरा बढ़ने के साथ साोथ-ठंड में बढ़ोतरी का की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी के लिए अभी इंतजार करना होगा। पहाड़ों में ठंड और ठिठुरन में इजाफा होगा लेकिन बर्फबारी की संभावना कम ही हैं। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में मौसम साफ रहने की संभावना है। मौसम विभाग की तरफ से तमिलनाडु कुछ हिस्सों में 19 दिसंबर से बारिश की संभावना जताई गई है साथ ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में भी ठंड के बढ़ने की संभावना है। विभाग के मुताबिक अगले 12 घंटे में अंडमान निकोबार द्वीप समूह, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और ओडिशा सहित महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में गरज के साथ बारिश हो सकती है।
केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों के फायदे के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चलाई जा रही है. इस स्कीम में सरकार किसानों की फसलों को बीमा कवर की सुविधा देती है. फसल बीमा योजना के क्लेम में 48 फीसदी की गिरावट आई है सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2021-22 में आवेदनों की संख्या में बढ़ोतरी के बावजूद, पीएमएफबीवाई के माध्यम से कुल क्लेम किए भुगतान में 48. 77 फीसदी की कमी देखी गई है. इसी दौरान 8. 32 करोड़ बीमा क्लेम के एवज में 13,728. 64 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. यह राशि 2020-21 में 6. 23 करोड़ आवेदनों के लिए भुगतान किए 20,425. 01 करोड़ रुपये से कम है.
इस साल देश के कई राज्य जैसे ओडिशा, महाराष्ट्र, हरियाणा और पंजाब में बहुत ज्यादा बारिश हुई है. वहीं देश के कुछ और राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश में भी बहुत ज्यादा बारिश हुई है. इस कारण किसानों की फसल जैसे धान, दलहन आदि को काफी नुकसान हुआ है. अगर मौसम की मार या किसी प्राकृतिक आपदा के कारण फसल बर्बाद हो जाती है, तो सरकार किसानों को इसका मुआवजा देती है. इससे किसानों को मुसीबत के समय आर्थिक सहायता मिल जाती है.
PMFBY वेबसाइट के मुताबिक, पीएमएफबीवाई केंद्रीय कृषि मंत्रालय और राज्य सरकारों के गाइडेंस में इंपैनल्ड बीमा कंपनियों द्वारा एक मल्टी-एजेंसी फ्रेमवर्क के माध्यम से लागू किया है. किसी राज्य के लिए लागू करने वाली कंपनी का चयन उसकी सरकार द्वारा एक बोली प्रक्रिया के माध्यम से किया है. किसानों की मदद के लिए पीएमएफबीवाई योजना का इस्तेमाल बीमा कंपनियों द्वारा मुनाफा कमाने के लिए किया है. रबी और खरीफ दोनों की फसलों के लिए 2021 के लिए ग्रॉस प्रीमियम 28,288. 31 करोड़ रुपये रहा था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले कार्यकाल के दौरान साल 2016 में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की थी. इस योजना को प्राकृतिक आपदाओं, कीटों और रोगों या किसी भी तरह से फसल के खराब होने की स्थिति में इंश्योरेंस कवर देने के लिए लाया गया था. जिससे किसानों को आर्थिक घाटे की भरपाई कराई जा सके. इस योजना का लाभ फसल उगाने वाले पट्टेदार, जोतदार किसानों सहित सभी किसान उठा सकते हैं.
वही दूसरी ओर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बदलाव होने के आसार जताए जा रहे है. नवंबर महीने में कृषि सचिव मनोज आहूजा ने इस बात की जानकारी मीडिया को दी थी. आहूजा ने कहा था कि हाल के जलवायु संकट और टेक्नोलॉजी के तेजी से विकास के मद्देनजर सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में किसानों के फायदे के लिए बदलाव करने को तैयार है.
मेष - पॉजिटिव- दिनभर की व्यस्तता के बावजूद आप घर परिवार के लिए भी उचित समय निकाल लेंगे। भूमि, वाहन आदि की खरीद-फरोख्त संबंधी योजना बनेगी। आपकी योग्यता और कार्यशैली से लोग प्रभावित होंगे। सामाजिक गतिविधियों में आपका योगदान रहेगा।
नेगेटिव- किसी की भी चिकनी-चुपड़ी और लुभावनी बातों में ना आए। बनते कार्यों में कुछ दिक्कतें भी आ सकती हैं। हालांकि आप अपने विवेक द्वारा परिस्थितियों को सामान्य कर लेंगे। विद्यार्थी वर्ग को पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है।
व्यवसाय- बिजनेस में मौजूदा गतिविधियों पर ही ध्यान दें। नए कामों को अंजाम देने के लिए समय अनुकूल नहीं है। परेशानियों में फंस सकते हैं। कामकाज से संबंधित सभी विषय को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। ज्यादा निवेश करने से भी परहेज रखें।
लव- पति-पत्नी के बीच कुछ नोकझोंक जैसी स्थिति रह सकती है। विवाह योग्य लोगों के लिए उत्तम रिश्ता आने की संभावना है।
स्वास्थ्य- आपके संतुलित खान-पान और दिनचर्या रखने से पिछले कुछ समय से चल रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानी से राहत मिलेगी। आप सकारात्मक ऊर्जा महसूस करेंगे।
वृष - पॉजिटिव- बच्चों से संबंधित चल रही किसी समस्या का समाधान मिलने से राहत महसूस होगी। आपकी कड़ी मेहनत और प्रयासों से कोई महत्वपूर्ण रास्ता खुलने वाला है। साथ ही आर्थिक परेशानियों से कुछ हद तक निजात मिलेगी। इस समय अपने व्यक्तिगत हित को प्राथमिकता दें।
नेगेटिव- ज्यादा संवेदनशील होने की वजह से कोई महत्वपूर्ण काम बीच में अधूरा भी रह जाएगा, इसलिए प्रैक्टिकल बने। विद्यार्थियों तथा युवाओं को कुछ अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है। घबराने की बजाय समस्याओं का हल ढूंढने का प्रयास करें।
व्यवसाय- कारोबारी मामलों में की गई कोशिशों के बेहतर नतीजे मिल सकते हैं। व्यापारिक कामकाज के सिलसिले में यात्रा करनी पड़ सकती है। सरकारी कामों में बहुत फायदा होने की संभावना है। नौकरीपेशा लोग कामों में लापरवाही न करें।
लव- पारिवारिक वातावरण सुखद रहेगा। युवा वर्ग व्यर्थ के प्रेम प्रसंगों से दूर रहें तथा अपने करियर पर ध्यान दें।
स्वास्थ्य- शारीरिक और मानसिक सुकून के लिए उचित आराम भी लेना जरूरी है। काम के दबाव व तनाव के कारण आपको स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं।
मिथुन - पॉजिटिव- काफी समय से रुके हुए कार्यों में आज कुछ गति आएगी और आप अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन करने में सक्षम रहेंगे और दैनिक कार्य प्रणाली भी सामान्य रूप से चलेगी। मानसिक रूप से आप स्वस्थ व प्रसन्न चित्त महसूस करेंगे।
नेगेटिव- भाई बहनों के साथ किसी गलतफहमी की वजह से संबंध खराब हो सकते हैं। अपने गुस्से और जिद पर नियंत्रण रखें। किसी भी प्रकार की चुनौती को स्वीकार करने के लिए तैयार रहें। इस समय खर्चों में बेतहाशा वृद्धि होगी।
व्यवसाय- बिजनेस में चुनौती स्वीकार करने से आपको फायदा मिलेगा। सरकारी काम करने के लिए समय बहुत अनुकूल है। नई संभावनाएं मिलेंगी। इस समय नौकरी में कड़ी मेहनत के बावजूद परिणाम आपके पक्ष में नहीं रहेगा। परंतु हिम्मत ना हारे और प्रयत्नशील रहे।
लव- दांपत्य सुख में वृद्धि होगी। परिवार तथा बच्चों के साथ समय व्यतीत करना सबको खुशी प्रदान करेगा।
स्वास्थ्य- अत्यधिक जिम्मेदारियां होने की वजह से थकान रहेगी। कुछ समय एकांत तथा व्यायाम आदि के लिए भी जरूर निश्चित करें।
कर्क - पॉजिटिव- आप अपने अंदर भरपूर आत्मविश्वास महसूस करेंगे और अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाएंगे। भावनात्मक रूप से निकट संबंधियों के साथ आपके संबंध मधुर होंगे। मेहमान नवाजी में भी खुशनुमा समय व्यतीत होगा।
नेगेटिव- किराएदारी संबंधी मामलों में कुछ वाद-विवाद जैसी स्थिति बन सकती हैं। फाइनेंस संबंधी मामले आपकी चिंता का कारण बन सकते हैं। अपने किसी नजदीकी मित्र द्वारा ही आलोचना होने से अपना मनोबल गिरने ना दे। और अपना आत्मविश्वास बनाए रखें।
व्यवसाय- इस समय बिजनेस में सफलता मिलने के योग हैं। सरकारी कामों से जुड़े लोगों के संपर्क बढ़ेंगे। जो कि फायदेमंद साबित होंगे। ऑफिस में सहकर्मियों के साथ सहयोगात्मक व्यवहार रहेगा। ट्रांसफर या तरक्की मिलने के भी योग हैं।
लव- परिवार जनों के बीच आपसी सामंजस्य का कुछ अभाव रहेगा। उचित व्यवस्था बनाए रखने में आपका प्रयास जरूरी हैं। प्रेम संबंधों में स्थायित्व आएगा।
स्वास्थ्य- आप अपने दिनचर्या और आहार के प्रति सजग रहेंगे तथा आप खुद को ऊर्जावान व आत्मविश्वास से भरपूर महसूस करेंगे।
सिंह - पॉजिटिव- आपकी कोई महत्वपूर्ण इच्छापूर्ति होने की प्रबल संभावना है। साथ ही अनुभवी और जिम्मेदार लोगों का मार्गदर्शन भी मिलेगा। जीवन की बारीकियों पर गंभीरता से मूल्यांकन करेंगे। तथा यह परिवर्तन आपके जीवन में खुशियां लेकर आएगा।
नेगेटिव- वार्तालाप करते समय को क्रोध और उत्तेजना से कोई बनता काम बिगड़ भी सकता है। अपने अहम को नियंत्रित रखें। दोपहर बाद परिस्थितियां कुछ विपरीत रहेंगी। आपको अनायास ही किसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
व्यवसाय- बिजनेस में आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे। फाइनेंस से संबंधित गतिविधियों में सफलता मिलेगी। जमीन-जायदाद संबंधित कार्यों में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। नौकरी में तरक्की संबंधी शुभ समाचार मिल सकता है।
लव- आपके योगदान और प्रयासों से घर तथा व्यवसाय दोनों जगह उत्तम व्यवस्था बनी रहेगी। घर में नए मेहमान की किलकारी संबंधी गूंज की खुशखबरी मिलेगी।
स्वास्थ्य- अपने आसपास घट रही नकारात्मक बातों का असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। वर्तमान में रहे तथा अपने कार्यों में मस्त रहें।
कन्या - पॉजिटिव- भावुकता की बजाय अपनी बुद्धि बल और चातुर्य से काम निकालने की कोशिश करें। इससे आप बेहतर तरीके से कार्य कर पाएंगे। विद्यार्थियों को मनमाफिक परिणाम मिलने से प्रसन्नता का भाव रहेगा। कलात्मक गतिविधियों और क्रियाकलापों में भी व्यस्तता रहेगी।
नेगेटिव- कुछ मामलों में आपके विचार दूसरों से भिन्न रह सकते हैं और मनमुटाव का कारण भी बन सकते हैं। घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य संबंधी परेशानी होने से आपके कार्यों में विलंब आ सकता है। दूसरों की सहायता करते समय अपने बजट का भी ध्यान अवश्य रखें।
व्यवसाय- व्यवसाय में आपकी योग्यता से हर काम सुनियोजित ढंग से पूरे होते जाएंगे। पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े कार्यों में ज्यादा ध्यान दें। विदेशी बिजनेस में कोई खास सफलता मिलने वाली है। नौकरी में किसी वजह से बॉस की डांट फटकार सुननी पड़ सकती है।
लव- घर में मेहमानों के आगमन से खुशियों का माहौल रहेगा। तथा उपहारों का आदान-प्रदान सबको रोमांचित करेगा।
स्वास्थ्य- घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य को लेकर चिंता रह सकती है। उनका उचित इलाज लेना आवश्यक है। साथ ही अपने स्वास्थ्य के प्रति भी सजग रहें।
तुला - पॉजिटिव- सामाजिक अथवा राजनैतिक मीटिंग में शामिल होने का अवसर मिल सकता है। कोई पारिवारिक यात्रा का भी प्रोग्राम बन सकता है। किसी काम को पूरी हिम्मत व लगन से अंजाम देने से अनुकूल परिणाम हासिल होंगे।
नेगेटिव- कभी-कभी मन में कुछ डामाडोल जैसी स्थिति रहने की वजह से आप दूसरों के साथ अपना भी नुकसान कर बैठेंगे। इस वजह से कुछ गलत लोग आपको फंसाने की भी कोशिश करेंगे, इसलिए ऐसे लोगों से सावधान रहें। सकारात्मक लोगों का सानिध्य करें।
व्यवसाय- बिजनेस संबंधी कोई गतिविधि शुरू होगी। इनकम सोर्स बढ़ेंगे। युवा वर्ग भी अपने करियर के प्रति सजग रहेंगे। पार्टनर संबंधित व्यवसाय में मजबूती आएगी। सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती हैं।
लव- घर में सुख-शांति का माहौल रहेगा। मित्रों तथा परिजनों के साथ आनंददायक समय व्यतीत होगा।
स्वास्थ्य- बदलते मौसम का प्रभाव स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। इस समय खानपान तथा दिनचर्या संबंधी गतिविधियों को बहुत ही संतुलित रखने की जरूरत है।
वृश्चिक - पॉजिटिव- अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए की गई मेहनत के अनुकूल परिणाम मिलने वाले हैं। दिल की बजाए दिमाग से निर्णय लें, इससे आप अपनी कार्यप्रणाली को और अधिक बेहतर बना पाएंगे। विद्यार्थियों को रिसर्च, विज्ञान आदि जैसे क्षेत्रों में उचित कामयाबी मिल सकती है।
नेगेटिव- योजनाओं और कार्यप्रणाली को सार्वजनिक ना करें वरना कोई इसका फायदा उठा सकता है और आपकी मेहनत व्यर्थ हो सकती है। खर्चों की भी बढ़ोतरी होगी। इलेक्ट्रॉनिक आइटम खराब होने से बड़ा खर्चा सामने आएगा।
व्यवसाय- फाइनेंस संबंधी मामलों में भरोसेमंद इंसान की सलाह जरूर लें। जल्दबाजी में निवेश न करें। बिजनेस में अचानक कोई अच्छा ऑर्डर मिल सकता है। सरकारी सेवारत लोगों पर अतिरिक्त कार्यभार बना रहेगा।
लव- परिवार तथा प्रिय जनों का सहयोग आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा। रोमांटिक मामलों में अपना कोई प्रॉमिस अवश्य पूरा करें।
स्वास्थ्य- स्वास्थ्य से संबंधित कोई पुरानी समस्या दोबारा उठ सकती है। उत्तम इलाज लेना जरूरी है। अन्यथा परेशानी बढ़ सकती है।
धनु - पॉजिटिव- आज आप कुछ ऐसे लोगों से मिलेंगे, जो कि आपके लिए उपयोगी साबित होंगे। आप अपने लक्ष्य को भी हासिल करने में कामयाब रहेंगे। घर के किसी सदस्य के विवाह संबंधी मांगलिक कार्यों की रूपरेखा भी बनेगी। विद्यार्थी वर्ग अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे।
नेगेटिव- अन्य कार्यों में व्यस्तता की वजह से आपके व्यक्तिगत कार्य अधूरे भी रह सकते हैं। किसी भी तनावपूर्ण स्थिति में धैर्य से काम ले। इस समय किसी भी काम को स्वयं पूरा करने की कोशिश करें, दूसरों पर भरोसा रखना नुकसान दे सकता है।
व्यवसाय- इस समय व्यवसाय में नई योजनाएं और चुनौतियां आपको रोमांचित करेंगी। काम को सच्ची लगन और गर्मजोशी से पूरा करने की कोशिश करेंगे। ध्यान रखें कि अपनी योजनाओं को अपने तक ही सीमित रखना जरूरी है। नौकरीपेशा लोग किसी मामले में उलझने की कोशिश न करें।
लव- पति-पत्नी के बीच एक दूसरे के प्रति समर्पण की भावना रहेगी। प्रेम संबंधों में नज़दीकियां बढ़ेंगी और विवाह के लिए भी विचार-विमर्श होगा।
स्वास्थ्य- दुर्घटना, चोट आदि जैसी परेशानियों से भी गुजरना पड़ सकता है। वाहन सावधानी पूर्वक चलाएं।
मकर - पॉजिटिव- तरक्की के अवसर मिलेंगे, काम का अतिरिक्त भार बढ़ेगा परंतु आप अपनी सकारात्मक सोच और योग्यता से बड़ी आसानी से संभाल भी लेंगे। कोर्ट-कचहरी संबंधी मामलों में आपकी जीत संभव है। वित्तीय योजनाओं को कार्यान्वित करें।
नेगेटिव- लोगों की नकारात्मक बातों पर ध्यान ना दें वरना इस वजह से आपकी कार्य क्षमता प्रभावित होगी। किसी करीबी संबंधी का स्वास्थ्य आपकी चिंता का कारण बन सकता है। अपने चिड़चिड़ापन तथा उत्तेजित स्वभाव पर नियंत्रण रखना जरूरी है।
व्यवसाय- वित्तीय मामलों में समय उन्नति दायक है। आज व्यवसाय में काम का अतिरिक्त बोझ रहेगा। हालांकि आप स्टाफ की मदद से सब संतुलित भी कर लेंगे। इस समय नौकरी तथा व्यवसाय में आगे बढ़ने के लिए उचित अवसर बन रहे हैं। समय का भरपूर सदुपयोग करें।
लव- दांपत्य संबंध मधुरता से परिपूर्ण रहेंगे। परिजनों तथा मित्रों से भेंट मुलाकात बहुत ही सुखद रहेगी।
स्वास्थ्य- स्वास्थ्य ठीक रहेगा। परंतु घर के किसी सदस्य की अस्वस्थता की वजह से चिंता रह सकती हैं।
कुंभ - पॉजिटिव- पिछले कुछ समय से आप जिस खास काम को निपट कार्य के प्रति प्रयासरत थे, आज उस लक्ष्य को हासिल करने का उत्तम समय है। घर की देखभाल तथा पारिवारिक लोगों के साथ भी काफी समय व्यतीत होगा। आपकी उम्मीद तथा आशाएं कामयाब होगी। कुछ समय खुद के साथ भी व्यतीत करना चाहिए।
नेगेटिव- आर्थिक रूप से कुछ उलझने और समस्याएं आ सकती हैं हालांकि आप समय रहते सुलझा भी लेंगे। अपने महत्वपूर्ण दस्तावेजों को संभालकर रखें। इस समय कोई भी जोखिम अथवा खतरा लेना आपके लिए मुसीबत खड़ी करेगा।
व्यवसाय- बिजनेस में काम करने के तरीकों में जो बदलाव किया है, उसके अच्छे नतीजे सामने आएंगे। कोई भी व्यापारिक फैसला लेना फायदेमंद साबित होगा। रुकावटें भी आ सकती हैं। नौकरी में अपने लक्ष्य आसानी पा लेंगे।
लव- परिवार जनों के आपसी सामंजस्य से पारिवारिक व्यवस्था उचित बनी रहेगी। प्रेम और रोमांस के मामले में आपके लिए नई संभावनाएं बन सकती हैं।
स्वास्थ्य- स्वास्थ्य संबंधी मामूली समस्याएं आएंगी। परंतु लापरवाही ना करके अपना उचित इलाज अवश्य ले।
मीन - पॉजिटिव- कोई शुभ समाचार मिलने से घर में उत्सव भरा माहौल रहेगा। काफी समय से चल रही कोई कार्य बाधा दूर होने से राहत मिलेगी। आप मानसिक शांति को ज्यादा महत्व देंगे। टीम वर्क में आपका उचित प्रदर्शन रहेगा। तथा आपकी कार्य क्षमता की भी सराहना होगी।
नेगेटिव- पारिवारिक सदस्यों के बीच रुपए-पैसे को लेकर कुछ तनाव की स्थिति बनेगी। साथ ही महिलाओं को घरेलू व्यवस्था बनाए रखने में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कोई खास कार्य मन मुताबिक तरीके से संपन्न ना होने से तनाव रह सकता है।
व्यवसाय- व्यवसाय में विस्तार संबंधी योजना पर काम शुरू होगा। अपने कामों में पूरी लगन और मेहनत बनाए रखें। बिजनेस या ऑफिस में टीम वर्क बनाकर काम करें। इसके उत्तम परिणाम हासिल होंगे। सरकारी मामलों में उलझनें बढ़ सकती हैं।
लव- जीवनसाथी के साथ पारिवारिक मामलों को लेकर नोकझोंक रहेगी। बात को बढ़ाने की बजाय समाधान निकालने की कोशिश करें। प्रेम संबंधों मे भावनात्मक नजदीकियां बढ़ेगी।
स्वास्थ्य- खांसी-जुकाम तथा गला खराब जैसी होने जैसी परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। मौसम के अनुकूल खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
केरल के कोट्टायम जिले के कई इलाकों में बर्ड फ्लू फैल चुकी है। जिले के दो पंचायतों में बर्ड फ्लू फैलने की सूचना मिलने के बाद अधिकारियों को प्रभावित इलाकों में एक किलोमीटर के दायरे में लगभग 8,000 बत्तखों, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश देना पड़ा है। रविवार को कोट्टायम पशु चिकित्सा प्रमुख ने जानकारी दी कि कोट्टायम जिले के दो इलाकों में H5N1 वायरस का प्रकोप है।
बता दें कि बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएंजा भी कहते हैं, जो कि एक वायरल इन्फेक्शन है। यह फ्लू पक्षियों से पक्षियों में फैलता है और ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा भी साबित होता है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (CDC) की मानें तो, बर्ड फ्लू आमतौर पर जंगली पक्षियों के जरिए पालतू पक्षियों में फैलता है। सीडीसी के मुताबिक, यह वायरस पक्षियों की आंतों या श्वसन तंत्र पर हमला करता है और उन्हें बीमार कर देता है।
गुरु घासीदास जयंती के मौके पर SC-ST-OBC संघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सम्मानित किया है। समाज की ओर से यह सम्मान आरक्षण विधेयक में इन वर्गों का आरक्षण बढ़ाने को लेकर दिया गया है। इस समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अनुसूचित जाति-SC और अन्य पिछड़ा वर्गों-OBC के लिए नये प्रयास आवासीय विद्यालय शुरू करने की घोषणा की है।
रायपुर के पेंशनबाड़ा में आयोजित समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षित वर्गों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। उन्होंने सभी संभागीय मुख्यालयों में अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रयास विद्यालय प्रारंभ करने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने इन वर्गों के लिए अलग-अलग छात्रावास की भी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने पेंशनबाड़ा स्थित अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास में 50 लाख रुपए की लागत से ई-लायब्रेरी शुरू कराने की घोषणा भी की। यह काम रायपुर नगर निगम की ओर से कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में कौन व्यक्ति, कहां, किस धर्म में, किस स्थान में जन्म लेगा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम अच्छी शिक्षा से व्यक्तित्व को निखार सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार भी बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयास कर रही है। समारोह को नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया और संसदीय सचिव चंद्रदेव राय ने भी संबोधित किया। इस मौके पर महापौर एजाज ढेबर और नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा, उनकी सरकार ने बस्तर में नक्सलवाद की वजह से बंद 260 स्कूलों में फिर से पढ़ाई शुरू कराई है। बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके इसलिए 279 स्वामी आत्मानंद उत्कृट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले हैं। हमारी सरकार ने बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती की है। साल 1998 के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती हुई है। मुख्यमंत्री ने बताया, उन्होंने हाल ही में प्रदेश के स्कूल भवनों, आश्रमों और छात्रावासों के कायाकल्प के लिए एक हजार करोड़ रुपए स्वीकृत किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सामाजिक सामंजस्य में गुरु घासीदास के आदर्श विचारों की बात की। उन्होंने कहा, गुरु घासीदास जी एक ऐसे संत थे जिन्होंने मानवता को बचाने के लिए मानव-मानव एक समान का संदेश दिया। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने के लिए समानता, भाईचारा, प्रेम और सद्भाव का संदेश दिया। मुख्यमंत्री का कहना था, गुरू घासीदास जी एकमात्र संत हैं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ी में उपदेश दिया। इसके जरिये उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा-बोली को आगे बढ़ाने का काम किया है।
बिहार में जहरीली शराब पीने से हुई मौत को लेकर बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कभी अपने पुराने सहयोगी रहे नीतीश कुमार पर तीखी टप्पणी करते हुए उनको निर्दयी और असंवेदनशील करार दिया. सुशील मोदी ने कहा कि उन्होंने छपरा में जहरीली शराब त्रासदी में जान गंवाने वालों के लोगों के परिवार वालों से मुलाकात की. उन्होंने दावा किया कि बिहार में मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 100 को पार कर गई है लेकिन नीतीश सरकार संख्या छिपा रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस के डर से लोग बिना पोस्टमॉर्टम किए ही अपने परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं.
सुशील मोदी ने कहा कि थाने से जहरीली शराब की आपूर्ति हो रही है. सुशील मोदी ने अपील करते हुए कहा कि जीतन राम मांझी को दलित के बीच जाना चाहिए. जब शराबबंदी कानून बना था तो हमलोग बिहार में विपक्ष में थे. उन्होंने यह भी कहा कि नीतिश सरकार दलित और अति पिछडा विरोधी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के बावजूद 2016 में गोपालगंज के पीड़ितों को मुआवजा दिया था. अब उनका कहना है कि सारण पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने से शराबबंदी प्रभावित होगी. इससे पता चलता है कि वह हर मामले में यू-टर्न लेते रहे हैं.
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार मौत का आंकडा एनसीआरबी को भी नहीं देती है. शव को पोस्टमार्टम के बिना जलाया जा रहा है. अस्पताल में इलाज का अभाव था और यहां पर गरीब लोगों की मौत हुई है. प्रशासन ने यह इंतजाम किया है कि जो पीएगे वो मरेगा. उन्होंने सीएम नीतीश कुमार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सीएम निर्दयी और संवेदनहीन हैं.
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भगत शिरोमणि घाट पै, किरिवास ।
राम विमल यश कहि चले, उपज्यो हृदय हुलास ॥ ५० ॥ दिन में जितनी रचना रचते । निसि माहिं सुसंचित ना बचते ॥ यह लोपक्रिया प्रति द्यौस सरै । करिये सो कहा नहिं चूझि परै ।। अठयें दिन शम्भु दिये सपना । निज बोलि में काव्य करो अपना ।। उचटी निंदिया उठि बैठु मुनी । उर गूँजि रह्यो सपने की धुनी ॥ प्रगटे शिव संग भवानि लिये । मुनि आठहु अंग प्ररणाम किये ॥ शिव भापेउ भाषा में काव्य रचो । सुर-दानि के पीछे न तात पचो ॥ सब कर हित हाइ सोई करिये । अरु पूर्व प्रथा मत आचरिये ।। तुम जाइ अवधपुर घास करो । तहॅई निज काव्य प्रकाश करो ॥ मम पुण्य प्रसाद सों काव्य-कला । होइहै सम साम ऋचा सफला ॥ सो० - कहि अस शम्भु भवानि, अन्तर्धान भये तुरत ।
आपन भाग्य वस्त्रानि, चले गोसाई अवधपुर ॥ ५१ ।। दो०- जेहि दिन साहि समान में, उदय लह्यो सन्मान ।
तेहि दिन पहुॅचे अवध में, श्री गोसाई भगवान ।। ५२ ।। सरयू करि मज्जन गव दिन मे । बिचरे पुलि नारन वीथिन में ।। एक सन्त मिले। कहनो सो लगे । थल रम्य लसै महबीरि लगे ।। लै संग सो ठाम दिखायो भले । वट की बिटपावलि पुराय थले । तिन माँ बट एक विशाल थही । तिसु मूल में वेदिका सोहि रही ।। तिसु ऊपर बैठु सिधासन से । इक सिद्ध प्रसिद्ध हुतासन से । थल देखि लोभायो गोसाई' मना । बसिये यहि ठाँव कुटीर बना ॥ जब सिद्ध के सन्निधि मों गुदरे । तजि आसन सो जय जय उचरे । सो को गुरु मोर निदेश दियो । तेहि कारन हौं यह वास लियो । गुरु मोर बतायड मर्म सबै । सो तो देखत हौं परतच्छ अबे ।। कुं० - मम गुरु कहेड कि फरहिन सिद्ध पृष्ठ थल वास । कछु दिन बीते कहिगे हरियश तुलसीदास ।। |
अगर आपको घर से बाहर निकलते समय पैसे मिलते हैं तो इसका मतलब है कि आपको अपने काम में सफलता जरूरी मिलेगी. इस तरह पैसे मिलने का अर्थ है कि भगवान आपकी परीक्षा ले रहे हैं.
हम सभी लोगों को कई बार रास्ते में गिरे हुए पैसे मिलते हैं, जिसे हम उठाकर रख लेते हैं या कई बार उसके मालिक तक पहुंचाने का प्रयास करते हैं. पैसों का खोना और गिरे हुए पैसों को उठाना दोनों बातों का अलग मतलब है. जहां पैसे खोने पर हमें दुख होता है वहीं, पैसे मिलने पर खुशी भी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गिरे हुए पैसे मिलना भी संकेत होता है और किस तरह आपकी किस्मत बदल सकती हैं.
अगर आपको घर से बाहर निकलते समय पैसे मिलते हैं तो इसका मतलब है कि आपको अपने काम में सफलता जरूरी मिलेगी. इस तरह पैसे मिलने का अर्थ है कि भगवान आपकी परीक्षा ले रहे हैं. क्योंकि जो पैसे आपको मिले हैं वो किसी की मेहनत की कमाई हैं. इसलिए इस दौरान संयम से काम लें. जो लोग ईमानदार रहते हैं भगवान अक्सर उनके साथ रहते हैं.
इसके अलावा जिन लोगों को अचानक से रास्ते में धन मिलाता है तो ये उस व्यक्ति का दायित्व है कि उसको संभाल कर रखे. अगर आपको ज्यादा मात्रा में धन मिलता है तो कोशिश करें कि उस व्यक्ति तक पहुंचा दें. इन पैसों को गरीबों या मंदिर में दान करना चाहिए.
वहीं, रास्ते पर मिले धन को पूर्वजों से भी जोड़कर देखा जाता है. माना जाता है कि आपके पूर्वज देखते हैं कि आप उस धन का इस्तेमाल कहां करते हैं. वास्तव में ये आपकी परीक्षा हैं जो बताती है कि आप किस तरह के व्यक्ति हैं. कभी भी रास्ते पर मिले धन को अपने दैनिक चीजों पर खर्च नहीं करना चाहिए. अगर आप इस धन को मौज- मस्ती में उड़ा देते हैं तो इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.
वहीं, जिन लोगों के पैसे खो जाते हैं, उस वक्त भी भगवान उनकी परीक्षा ले रहे होते हैं कि वो इसका दोष किसको देते हैं और किस तरह दोबारा से धन कमाते हैं. अगर व्यक्ति धन कमाने के लिए गलत तरीकों को अपनाता है तो उसे इसका परिणाम जल्द मिलता है.
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नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस की रफ्तार कम होने का ना नहीं ले रही है. हर दिन मामलो के नये रिकॉर्ड सामने आरहे है. रविवार सुबह स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ताजा आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में एक बार फिर सर्वाधिक 28,637 नए Covid-19 के मामले सामने आए हैं.
जिसके बाद देश में अब कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 8,49,553 पर पहुंच चुकी है. वहीं बात करें मृतकों की संख्या की तो आपको बता दें कि पिछले 24 घंटों में 551 लोगों की मौत हुई है. जिसके बाद अब तक कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 22,674 हो गई है.
अब तक इस खतरनाक वायरस को मात देने में 5,34,621 लोगों ने कामयाबी पाई है. जोकि ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं. रिकवरी रेट में भी मामूली बढ़त देखने को मिली है जोकि बढ़कर 62. 92 फीसदी पर पहुंच गया है. इसके अलावा पॉजिटिविटी रेट 10. 22 फीसदी पर आ गया है.
वहीं अगर बात करें राज्यों की तो , पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र में 8139, तमिलनाडु में 3965, कर्नाटक में 2798, आंध्र प्रदेश में 1813 और दिल्ली में 1781 मामले सामने आए हैं. वहीं पिछले 24 घंटों में महाराष्ट्र में 223 लोगों की मौत हुई है, जबकि कर्नाटक में 70, तमिलनाडु में 69, दिल्ली में 34 और पश्चिम बंगाल में 26 नए मामले सामने आए हैं.
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नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बाद आज कांग्रेस ने भी अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र को 'उन्नति विधान' नाम दिया है। इसमें यूपी की जनता के बिजली बिल आधा करने के साथ किसानों का कर्ज 10 दिन में माफ करने समेत कई लोकलुभान वादे किये गये हैं।
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और यूपी की पार्टी प्रभारी प्रियंका गांधी और अन्य नेताओं कांग्रेस का यह घोषणा पत्र जारी किया। पार्टी का कहना है कि यूपी के लिये तैयार इस घोषणापत्र को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और पीएल पुनिया ने जनता के बीच जाकर तैयार किया है। इस मौके पर यूपी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी शामिल रहे। यह कांग्रेस के घोषणापत्र का तीसरा हिस्सा है।
घोषणापत्र जारी करते हुए प्रियंका गांधी ने दावा है कितीनों घोषणापत्र में शामिल बातें लोगों से बात करने के बाद ली गई हैं। उनके पार्टी नेताओं ने जनता के मुद्दों को समझा है और उन्हें घोषणापत्र में शामिल किया है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने युवाओं के लिए 'युवा विधान' और महिलाओं के लिए 'शक्ति विधान' घोषणा पत्र जारी कर चुकी है।
1. यूपी में कांग्रेस की सरकार बनने पर 20 लाख युवाओं को सरकारी रोजगार, 12 लाख खाली सरकारी पद भरे जाएंगे। किसानों का 2. पूरा कर्ज माफ होगा और सरकार बनने पर 10 दिनों के अंदर कर्ज माफी का जायेगी।
12. शिक्षकों के खाली 2 लाख पद भरे जाएंगे, एडहॉक शिक्षकों, शिक्षामित्रों को अनुभव अनुसार नियमित किया जाएगा।
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फुलवारीशरीफ। पटना एम्स ऑडिटोरियम में रविवार को जन स्वास्थ्य कल्याण समिति, पटना, बिहार के द्वारा एम्स के डॉक्टर्स, नर्सिग स्टाफ, पदाधिकारी, सुरक्षा कर्मी एवं पदाधिकारियों को कोरोना काल में किये गये उत्सुक कार्यों के करने के लिए सम्मानित किया गया। जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के सचिव, डॉ एल बी सिंह एम्स के डायरेक्टर डॉ. प्रभात कुमार ने इस मौके पर एक-दूसरे को सम्मानित करते हुए स्वागत किया। एम्स निदेशक द्वारा डॉ. एलबी सिंह को बुद्ध भगवान का प्रतिमा देकर सम्मानित किया गया वहीं डॉ. एलबी सिंह ने निदेशक एम्स पटना डॉ. प्रभात कुमार को अंग वस्त्र और बुद्ध भगवान के प्रतिमा देकर सम्मानित किये।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अशोक कुमार चौधरी, मंत्री भवन निर्माण विभाग, बिहार सरकार, सांसद रामकृपाल यादव, डॉ. प्रेम कुमार पूर्व मंत्री सह सभापति याचिका समिति, डॉ. सहजानन्द प्रसाद सिंह, ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष समेत अन्य कई जाने-माने चिकित्सकों की मौजूदगी भी रही।
राज्य के भवन निर्माण विभाग के मंत्री अशोक कुमार चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह दिन-रात एम्स के चिकित्सकों-नर्सो समेत हर विभाग के फैकल्टीज व स्टाफ्स ने मानव जीवन के इस सबसे बड़े संकट में काम किया है, वह काबिले तारीफ है।
उन्होंने सभी लोगों से चिकित्सकों और हर तरह के स्वास्थय कर्मियों का पूरा सम्मान करने की अपील भी की। जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के द्वारा बराबर सामाजिक कार्य किया जाता है। डॉ एल बी सिंह ने कहा कि कोरोना काल में भी जन स्वास्थ्य कल्याण समिति के द्वारा पूरे बिहार में जगह-जगह पर जाकर लोगों को अन्न वितरण किया था और आज भी कोरोना काल में काम करने वाले डॉक्टरों को सम्मानित करने का काम कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम में डा. संजीव कुमार, डॉ. सी. एम. सिंह, डॉ. विनिता, जीवन कुमार, ज्योति सोनी, निर्मल जीवन धारा फाउण्डेशन के सचिव मनीषा पटेल और अध्यक्ष रेखा सालिया को सांसद रामकृपाल यादव ने अपने हाथ से सम्मानित किया। स्वागतकर्ता जितेन्द्र सिंह संयोजक, वैशाली, जिला परिषद् अध्यक्ष, ज्योति सोनी, जीवन कुमार, प्रेम सागर, शिवपूजन राम, रणविजय, रौशन, प्रदेश मंत्री, किसान मोर्चा आदि लोगों ने इस कार्यक्रम में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया।
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व्यक्तित्व समाज में अधिग्रहित व्यक्तिगत संपत्तियों के एक सेट के साथ एक सामाजिक शिक्षा है। इस बयान के अनुसार, एक व्यक्ति जन्म से व्यक्ति नहीं है, लेकिन धीरे-धीरे हो जाता है, या, बिल्कुल नहीं बनता है। मनोविज्ञान में तीन व्यक्तित्व संरचनाएं हैं। ये चरित्र , क्षमता और प्रेरणा के लक्षण हैं। इसमें व्यक्तिगत गुण नहीं जोड़ना चाहिए, क्योंकि ये गुण केवल व्यक्तित्व की संरचना में चरित्र की कमी की कुछ क्षतिपूर्ति कर सकते हैं।
व्यक्तित्व की प्रेरक संरचना निर्धारक, व्यक्ति के जीवन में ड्राइविंग तत्व है। प्रेरक संरचना गुणों के कई समूहों के संयोजन द्वारा निर्धारित की जाती है, जिसे हम अब गणना करते हैं।
ऐसे गुण हैं जो व्यक्ति के अभिविन्यास के बारे में बोलते हैं। यह - लालच, अनुरूपता, आत्म-पुष्टि।
समूह पर, करीबी पर, रेफरेंस। यह निर्धारित करेगा कि व्यक्ति द्वारा कौन निर्देशित किया जाएगा। और व्यक्तिगत प्रेरणा के गुणों का एक समूह भी है जो किसी व्यक्ति की मानवता के माप की व्याख्या करता है। यह दूर, समाज, और ईमानदारी के उपाय की दिशा में एक अभिविन्यास है।
इसके अलावा दो अलग-अलग गुण हैं - इच्छा और आदर्श। अधिकांश प्रेरणा इच्छा के आकार और आदर्श की ऊंचाई पर निर्भर करती है। इससे आगे बढ़ते हुए, अनुकूल प्रेरणा की गणना की जाती है। उदाहरण के लिए, उच्च मानवतावाद, कम आदर्श, और संदर्भ के लिए अभिविन्यास, किसी व्यक्ति को नेतृत्व करने के लिए प्रेरित करने की संभावना नहीं है।
हजारों साल पहले दार्शनिक मनाते थे, और आधुनिक मनोवैज्ञानिक किसी और चीज से आश्चर्यचकित नहीं हैं, यह बताते हुए कि मानवता को अभी तक व्यक्ति की जरूरतों की संरचना की पूरी श्रृंखला नहीं पता है। सबसे उपयुक्त वर्गीकरणों में से एक शारीरिक, सुरक्षा, समाज में भागीदारी, आत्म-प्राप्ति और मान्यता की आवश्यकताओं के बारे में लिखता है। लेकिन वास्तव में, प्रत्येक व्यक्ति इन बुनियादी गुणों को विभिन्न तरीकों से प्रकट करता है।
आत्म-चेतना एक व्यक्ति की खुद को और उसके आस-पास की दुनिया को बदलने और दुनिया में खुद को आकलन करने की क्षमता है। व्यक्ति की आत्म-चेतना की संरचना का अर्थ अहंकार, आत्म-छवि और मानव जीवन की आत्म-अवधारणा का प्रभाव है। कुछ मनोवैज्ञानिक निम्नलिखित मानदंडों में इसकी व्याख्या करते हैंः
- आत्म ज्ञान;
- स्व;
- आत्म नियमन।
अन्य, इस शब्द के अनुसार, संवेदी आत्म-जागरूकता (शरीर में आंतरिक प्रक्रियाओं की सनसनी), व्यक्तित्व (अपने स्वयं के प्लस और माइनस का मूल्यांकन करने की संभावना), विश्लेषणात्मक या आत्मनिरीक्षण, और सक्रिय, यानी प्रेरित व्यवहार शामिल हैं।
किसी भी मामले में, एक व्यक्ति की आत्म-चेतना उसे अपने आस-पास की दुनिया से अलग करने और अपने कार्यों, राज्यों, अनुभवों पर ध्यान केंद्रित करने की अनुमति देती है।
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कविशिक्षा :
आचार्य बप्पभट्टिसरि ( वि० सं० ८०० से ८९५ ) ने 'कविशिक्षा' या ऐमे ही नाम का कोई साहित्यग्रन्थ रचा हो, ऐसा विनयचन्द्रसिरचित 'काव्यशिक्षा के उल्लेखों से ज्ञात होता है। आचार्य विनयचन्द्रसूरि ने 'काव्यशिक्षा' के प्रथम पद्य में 'यप्पभट्टिगुरोगिरम्' (पृष्ठ १ ) और 'लक्षणर्जायते काव्यं पप्पमहि प्रसादतः' (पृष्ठ १०९ ) इस प्रकार उल्लेख किये हैं। बप्पमसूरि का 'कविशिअ' या इसी प्रकार के नाम का अन्य कोई ग्रन्थ आज तक उपलब्ध नहीं हुआ है।
आचार्य बप्पभट्टर ने अन्य ग्रन्थों की भी रचना की थी। इनके 'तारागण' नामक काव्य का नाम लिया जाता है परन्तु वह अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है।
शृङ्गारमंजरी :
मुनि अजितसेन ने 'शृङ्गारमञ्जरी' नाम की कृति की रचना की है। इसमें ३ अध्याय है और कुल मिलाकर १२८ पद्य है। यह अलंकारशास्त्र सम्बन्धी सामान्य अन्य है । इसमें दोष, गुण और अर्थालंकारों का वर्णन है।
कर्ता के विषय में कुछ भी जानकारी नहीं मिलती। सिर्फ रचना से ज्ञात होता है कि यह ग्रन्थ विक्रम की १० वीं शताब्दी में लिखा गया होगा।
इसकी हस्तलिखित प्रति सूरत के एक भण्डार में है, ऐसा 'जिनरत्नकोश' पृ० ३८६ में उल्लेख है। कृष्णमाचारियर ने भी इसका उल्लेख किया है।" काव्यानुशासन :
'सिद्धद्देमचन्द्रशब्दानुशासन' वगैरह अनेक ग्रन्थों के निर्माण से मुविख्यात, गुर्जरेश्वर सिद्धराज जयसिंह से सम्मानित और परमाईत कुमारपाल नरेश के धर्माचार्य कलिकालसर्वश आचार्य हेमचन्द्ररि ने 'काव्यानुशासन' नामक अलंकारअन्य की वि० सं० १९९६ के आसपास में रचना की है।
१. देखिए- हिस्ट्री ऑफ पलासिकल संस्कृत लिटरेचर, पृ० ७५२.
२. यह मन्य निर्णयसागर प्रेस, बम्बई की 'काव्यमाला' ग्रन्थावली में स्वोपश दोनों वृत्तियों के साथ प्रकाशित हुआ था। फिर महावीर जैन विद्यालय, यम्बई से सन् १९३८ में प्रकाशित हुआ। इसकी दूसरी भावृत्ति वहीं से सन् १९६५ में प्रकाशित हुई है।
संस्कृत के सूत्रबद्ध इस ग्रन्थ में आठ अध्याय हैं। पहले अध्याय में काव्य का प्रयोजन और लक्षण है। दूसरे में रस का निरूपण है। तीसरे में शब्द, वाक्य, अर्थ और रस के दोप बताये गए हैं। चतुर्थ में गुणों की चर्चा की गई है। पाँचव अध्याय में छः प्रकार के शब्दालंकारों का वर्णन है। छठे में २९ अर्थालंकारों के स्वरूप का विवेचन है। सातवें अध्याय में नायक, नायिका और प्रतिनायक के विषय में चर्चा की गई है। आठवें में नाटक के प्रेक्ष्य और श्रव्य - ये दो भेद और उनके उपभेद बताये गए हैं । इस प्रकार २०८ सूत्रों में साहित्य और नाट्य शास्त्र का एक ही ग्रन्थ में समावेश किया गया है ।
कई विद्वान् आचार्य हेमचंद्र के 'काव्यानुशासन' पर मम्मट के 'काव्यप्रकाश' की अनुकृति होने का आक्षेप लगाते हैं। बात यह है कि आचार्य हेमचंद्र ने अपने पूर्वज विद्वानों की कृतियों का परिशीलन कर उनमें से उपयोगी दोहन कर विद्यार्थियों के शिक्षण को लक्ष्य में रखकर 'काव्यानुशासन' को सरल और सुबोध बनाने की भरसक कोशिश की है। मम्मट के 'काव्यप्रकाश' में जिन विषयों की चर्चा १० उल्लास और २१२ सूत्रों में की गई है उन सब विषयों का समावेश ८ अध्यायों और २०८ सूत्रों में मम्मट से भी सरल शैली में किया है । नाट्यशास्त्र का समावेश भी इसी में कर दिया है, जबकि 'काव्यप्रकाश' में यह विभाग नहीं है ।
भोजराज के 'सरस्वती कण्ठाभरण' में विपुल संख्या में अलंकार दिये गये हैं। आचार्य हेमचंद्र ने इस ग्रन्थ का उपयोग किया है, ऐसा उनकी 'विवेकवृत्ति' से मालूम पड़ता है, लेकिन उन अलंकारों की व्याख्याएँ सुधार सँवार कर अपनी दृष्टि से श्रेष्ठतर बनाने का कार्य भी आचार्य हेमचंद्र ने किया है।
जहाँ मम्मट ने 'काव्यप्रकाश में ६१ अलंकार बताये है वहाँ हेमचंद्र ने छठे अध्याय में संकर के साथ २९ अर्थालंकार बताये हैं। इससे यही व्यक्त होता है कि हेमचंद्र ने अलंकारों की संख्या को कम करके अत्युपयोगी अलंकार ही बताये हैं। जैसे, इन्होंने संसृष्टि का अन्तर्भाव संकर में किया है। दीपक का लक्षण ऐसा दिया है जिससे इसमें तुल्ययोगिता का समावेश हो । परिवृत्ति नामक अलंकार का जो लक्षण दिया है उसमें मम्मट के पर्याय और परिवृत्ति दोनों का अन्तर्भाव हो जाता है । रस, भाव इत्यादि से संबद्ध रसवत्, प्रेयस्, ऊर्जेखिन्, समाहित आदि अलंकारों का वर्णन नहीं किया गया। अनन्वय और उपमेयोप्रमा को उपमा के प्रकार मानकर अंत में उल्लेख कर दिया गया। प्रतिवस्तूपमा, दृष्टान्त तथा दूसरे लेखकों द्वारा निरूपित निदर्शना का अन्तर्भाव
इन्होंने निदर्शन में ही कर दिया है। स्वभावोक्ति और अप्रस्तुतप्रशंसा को इन्होंने क्रमशः जाति और अन्योक्ति नाम दिया है ।
हेमचंद्र की साहित्यिक विशेषताएँ निम्नलिखित हैंः
१. साहित्य-रचना का एक लाभ अर्थ की प्राप्ति, जो मम्मट ने कहा है, हेमचंद्र को मान्य नहीं है ।
२. मुकुल भट्ट और मम्मट की तरह लक्षणा का आधार रूदे या प्रयोजन न मानते हुए सिर्फ प्रयोजन का ही हेमचंद्र ने प्रतिपादन किया है।
३. अर्धशक्तिमूलक ध्वनि के १. स्वतःसंभवी, २. कविप्रौदोक्तिनिष्पन्न और ३. कविनित्रद्धवक्तृप्रौढोक्तिनिष्पन्न - ये तीन भेद दर्शानेवाले ध्वनिकार से हेमचंद्र ने अपना अलग मत प्रदर्शित किया है।
४. मम्मट ने 'पुंस्त्वादपि प्रविधलेत्' पद्य श्लेषमूलक अप्रस्तुतप्रशंसा के उदा हरण में लिया है, तो हेमचंद्र ने इसे शब्दशक्तिमूलक ध्वनि का उदाहरण बताया है ।
५. रसों में अलंकारों का समावेश करके बड़े-बड़े कवियों ने नियम का उल्लंघन किया है। इस दोष का ध्वनिकार ने निर्देश नहीं किया, जबकि हेमचंद्र ने किया है ।
'काव्यानुशासन' में कुल मिलाकर १६३२ उद्धरण दिये गये हैं। इससे यह ज्ञात होता है कि आचार्य हेमचन्द्र ने साहित्य शास्त्र के अनेकों ग्रन्थों का गहरा परिशीलन किया था ।
हेमचंद्र ने भिन्न-भिन्न ग्रन्थों के आधार पर अपने 'काव्यानुशासन की रचना की है अतः इसमें कोई विशेषता नहीं है, यह सोचना भी हेमचंद्र के प्रति अन्याय ही होगा, क्योंकि हेमचंद्र का दृष्टिकोण व्यापक एवं शैक्षणिक था । काव्यानुशासन-वृत्ति ( अलङ्कारचूडामणि ) :
'काव्यानुशासन' पर आचार्य हेमचंद्र ने शिप्यहितार्थं 'अलंकारचूडामणि' नामक स्वोप लघुवृत्ति की रचना की है। हेमचंद्र ने इस वृत्ति-रचना का हेतु बताते हुए कहा है : आचार्यदेमचन्द्रेण विद्वामीत्यै प्रतन्यते ।
यह वृत्ति विद्वानों की प्रीति संपादन करने के हेतु बनाई है। यह सरल है। इसमें फर्ता ने विवादग्रस्त बातों की सूक्ष्म विवेचना नहीं की है। यह भी कहना ठीक होगा कि इस वृत्ति से अलंकारविषयक विशिष्ट ज्ञान संपन्न नहीं हो सकता । वृत्तिकार ने इसमें ७४० उदाहरण और ६७ प्रमाण दिये हैं।
काव्यानुशासन-वृत्ति (विवेक ) :
विशिष्ट प्रकार के विद्वानों के लिए हेमचंद्र ने स्वयं इसी 'काव्यानुशासन' पर 'विवेक' नामक वृत्ति की रचना की है। इस वृत्तिरचना का हेतु बताते हुए हेमचंद्र ने इस प्रकार कहा है :
विवरीतुं कचिद् व्धं नवं संदर्भितुं कचित् । काव्यानुशासनस्यायं विवेकः प्रवितन्यते ।।
इस 'विवेक' वृत्ति में आचार्य ने ६२४ उदाहरण और २०१ प्रमाण दिये है। इसमें सभी विवादास्पद विषयों की चर्चा की गई है ।
अलङ्कारचूडामणि-वृत्ति ( काव्यानुशासन-वृत्ति ) :
उपाध्याय यशोविजयगणि ने आचार्य हेमचंद्रसूरि के 'काव्यानुशासन' पर 'अलङ्कारचूडामणि-वृत्ति' की रचना की है, ऐसा उनके 'प्रतिमाशतक' की स्वोपज्ञ वृत्ति में उल्लिखित 'प्रपञ्चितं चैतदलङ्कारचूडामणिवृत्तावस्माभिः' से मालूम पड़ता है । यह ग्रन्थ अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है । है
काव्यानुशासन-वृत्ति :
'काव्यानुशासन' पर आचार्य विजयलावण्यसूरि ने स्वोपज्ञ दोनों वृत्तियों के आधार पर एक नई वृत्ति की रचना की है, जिसका प्रथम भाग प्रकाशित हो चुका है।
काव्यानुशासन-अवचूरि :
'काव्यानुशासन' पर आचार्य विजयलावण्यसूरि के प्रशिष्य आचार्य विजय सुशीलसूरि ने छोटी-सी 'अवचूरि' की रचना की है।
कल्पलता :
'कल्पलता' नामक साहित्यिक ग्रन्थ पर 'कल्पलतापल्लव' और 'कल्पपल्लवशेष' नामक दो वृत्तियाँ लिखी गई, ऐसा 'कल्पपल्लवशेष की हस्तलिखित प्रति से ज्ञात होता है। यह प्रति वि० सं० १२०५ में तालपत्र पर लिखी हुई जैसलमेर के हस्तलिखित ग्रन्थभण्डार से प्राप्त हुई है। अतः कल्पलता का रचनाकाल वि० सं० १२०५ से पूर्व मानना उचित है ।
'कल्पलता' के रचयिता कौन थे, इसका 'कल्पपलवशेष' में उल्लेख न होने से रचनाकार के विषय में कुछ भी ज्ञात नहीं होता। वादी देवसूरि ने जो |
रूसी रक्षा मंत्रालय के हितों में सेंट पीटर्सबर्ग में बनाए गए प्रोजेक्ट 21180M के नवीनतम आइसब्रेकर "एवपती कोलोव्रत" ने कारखाने के समुद्री परीक्षणों को पारित करना शुरू कर दिया है। यह सैन्य विभाग की प्रेस सेवा द्वारा सूचित किया गया था।
डीजल-इलेक्ट्रिक आइसब्रेकर ने अल्माज जहाज निर्माण कंपनी की बाहरी दीवार को छोड़ दिया और उद्यम के चालक दल और कमीशनिंग टीम के साथ बाल्टिक सागर में प्रवेश किया। ZHI के हिस्से के रूप में, आइसब्रेकर की सभी प्रणालियों और इसकी विशेषताओं, उपकरणों और तंत्रों के संचालन आदि की जाँच की जाएगी। संदेश में परीक्षण का समय इंगित नहीं किया गया है। सबसे अधिक संभावना है, "एवपती कोलोव्रत" "क्रिसमस ट्री के तहत" या अगले साल की शुरुआत में रूसी नौसेना का हिस्सा बन जाएगा, यह परीक्षणों पर निर्भर करेगा।
आइसब्रेकर प्रशांत बेड़े में सेवा के लिए जाएगा, यह रूस के उत्तर-पूर्व में सेना और सेना प्रदान करने वाले जहाजों की टुकड़ी का हिस्सा होगा। कामचटका में आइसब्रेकर के चालक दल का गठन किया गया था।
Evpatiy Kolovrat को दिसंबर 2018 में अल्माज़ में रखा गया था और 20 नवंबर, 2020 को लॉन्च किया गया था। प्रोजेक्ट 21180M, जिसके अनुसार इसे बनाया गया था, प्रोजेक्ट 21180 का एकमात्र आइसब्रेकर इल्या मुरोमेट्स का एक और विकास है। बेस आइसब्रेकर के विपरीत, नया एक "हल्का संस्करण" है जिसमें उथले ड्राफ्ट हैं, जो इसे उथले पानी में संचालित करने की अनुमति देता है।
पूर्ण विस्थापन - 4080 टन, पतवार की लंबाई - 82 मीटर, चौड़ाई - 19 मीटर, ड्राफ्ट - 4,6 मीटर। गति - 14 समुद्री मील तक, परिभ्रमण सीमा - 7600 मील, स्वायत्तता - 30 दिन। क्रू - 28 लोग। एक हेलीकाप्टर के लिए एक मंच है। आइसब्रेकर 1 नॉट की गति से 2 मीटर मोटी तक की बर्फ को तोड़ने में सक्षम है।
जहाज को बलों के आधार और तैनाती प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है बेड़ा बर्फ की स्थिति में, जहाजों और जहाजों का स्वतंत्र मार्गदर्शन, साथ ही बर्फ की स्थिति में उनका रस्सा समर्थन।
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इत्वरपरिगृहीतागमनं स्तोककालपरिमृ होतानशनम्, भाटीप्रवानेन कियन्तमपि कालं स्ववशोकृत वेश्यामेथुनासेवनमित्यर्थः ।१। अपरिगृहोतागमनं जपरिगृहोता नाम वेश्या अभ्यसक्कागृहीतभाटी कुलाङ्गना वा अनाथेति तद्गमनं यथाक्रमं स्वदारसंतोषवत्-परदारवजनोरतो चारः । २॥ अनङ्गक्रीडा नाम कुच कक्षोरु-वदनान्तरकोडा, तीव्रकामाभिलाषेण वा परिसमामसुरतस्याप्याहार्यैः स्थूलका विभिर्योषिबवाच्यप्रदेशा सेवनमिति । ३ । परविवाहकरणमन्यापस्थस्य कन्यफललिप्सया स्नेहसंबन्धेन वा विवाहकरणम् । स्वापत्येष्वपि सङ्ख्याभिग्रहो न्याय्य इति ॥४॥ कामे तीव्राभिलाषश्चेति सूचनात्काम भोगतो व्राभिलाषः -- कामा शब्दादयः, भोगा रसादयः, एतेषु तोव्राभिलाषः अत्यन्ततवध्यवसायित्वम् ॥५॥ एतानि समाचरन्नतिश्चरति चतुर्थमणुक्तमिति ।।२७३।। वज्जिज्जा मोहकरं परजुवइदंसणाइ सवियारं ।
एए खु मयणवाणा चरितपाणे विणासंति ॥ २७४॥
विवेचन - इन अतिचारोंका स्पष्टीकरण इस प्रकार है- ( १ ) इत्वरपरिगृहोतागमनइत्वरका अर्थ अल्पकाल होता है, भाड़ा देकर कुछ कालके लिए ग्रहण की गयो बेश्याको अपने अधीन करके उसके साथ मैथुन सेवन करना, यह ब्रह्मचर्याणुव्रतका इत्वर परिगृहोतागमन नामका प्रथम अतिचार है । यद्यपि वेश्या परस्त्री हो है, पर उसे भाडा देकर कुछ कालके लिए ग्रहण कर लिया गया है, इसलिए उसके साथ विषय-सेवन करनेमे चूँकि कथंचित् स्वस्त्रोको कल्पना की गयी है, पर वस्तुतः वह परस्त्री ही है, अतएव गुडीत व्रतके कथंचित् भंग और कथंचित् अभंग रहने के कारण इसे स्वदारसन्तोषव्रतो के लिए अतिचार समझना चाहिए । ( २ ) अपरिगृहोता. गमन - अपरिगृहोता नाम वेश्याका है, क्योंकि वह दूसरेके द्वारा यथाविधि ग्रहण नहीं की गयी है। उसने किसी अन्यमें आसक्त होकर यदि उसमे भाडा ग्रहण नहीं किया है तो उसके साथ अथवा किसी अनाथ कुलांगना के साथ विषय- सेवन करनेपर यह परदार परित्यागी अणुव्रतीके लिए अतिचार होता है, क्योंकि वह दूसरेके द्वारा ग्रहण नहीं की गयी है, इसलिए भले ही उसे परस्त्री न समझा जाये, पर वस्तुतः वह परस्त्री हो है, अतः इसे व्रतके कथंचित् भंग व अभंगकी अपेक्षा अतिचार समझना चाहिए । ( ३ ) अनंग-क्रीड़ा - कामसेवनके अंगोंसे भिन्न, स्तन, काँख, ऊरु और मुखके भीतर क्रीडा करना अथवा तीव्र कामविषयक अमिलाषासे सम्भोग-क्रिया के समाप्त हो जानेपर भी स्थूलकादिके द्वारा - लकड़ी, बस्त्र व फल आदिके द्वारा निर्मित जननेन्द्रियसेस्त्री के अवाच्य प्रदेशका सेवन करना; इत्यादिको ब्रह्मचर्याणुव्रतका अनंगकोड़ा नामका तीसरा अतिचार जानना चाहिए। (४) परविवाहकरण - अपनी सन्तानको छोड़कर कन्याविषयक फलको इच्छा से अथवा स्नेह के वश अन्यको सन्तान के विवाह करनेका नाम परविवाहकरण है। यह ब्रह्मचर्याणुव्रतका चौथा अतिचार है। ब्रह्मचर्याणुवतीको अपनो सन्तान के विषय में भी संख्याका नियम करना चाहिए। ( ५ ) कामतीवाभिनिवेश - कामविषयक तीव्र अभिलाषाको जो सूचना की गयी है उसमें कामसे शब्द आदिको और भोगसे रस आदि विषयोंको ग्रहण करना चाहिए । इन सबके विषय में आसक्तिपूर्ण अतिशय प्रवृत्त रहना, यह उस ब्रह्मचर्याणुव्रतका पाँचवाँ अतिचार है। इन अतिचारोंसे स्वीकृत व्रत मलिन होता है। विशेषके लिए देखिए तत्त्वार्थाधिगम की टीका ७-२३, योगशास्त्र का स्वोपन विवरण ३-९४ ओर सागारधर्मामृतको स्वो. टोका ४-५८ आदि ।। २७३ ।।
१. अ 'स्तोककालपरिगृहोतागमनं नास्ति ।
[२७५वर्जयेम्मोहकरं परयुवतिदर्शनम्, वादिशब्दात्संभाषणाविपरिग्रहः । किंभूतम् ? सविकारी सविधामम् । एते दर्शनादयो यस्मान्मदनबाणाश्चारित्रप्राणान् विनाशयन्तीति । उक्तं च -
अनिशमशुभसंज्ञाभावनासन्निहत्या. कुरुत कुशलपक्षप्राणरक्षां नयशाः । हृदयमितरथा हि स्त्रीविलासाभिधाना मदन-शबरबाणश्रेणयः काणयन्ति ॥
उक्तं चतुर्थमणुव्रत मधुना पचममाह -
सचिचाचित्तेसुं इच्छापरिमाणमो य पंचमयं ।
भणियं अणुव्वयं खलु समासओ गंतनाणीहिं ।।२७५ ॥
सचित्ता चित्तेषु द्विपदावि-हिरण्याविषु । इच्छायाः परिमाणमिच्छापरिमाणं, एतावतामूर्ध्वमग्रहणमित्यर्थः । एतत्पश्चममुपन्यासक्रमप्रामाण्याद्भणितमणुव्रतं खलु समासतः सामान्येनानन्तज्ञानिभिस्तो थंक रेरिति ॥ २७५॥
'मेएण खित्तव त्थूहिरण्णमाईसु होइ नायव्वं ।
दुपयाईसु य सम्मं वज्जण मेयस्स पुब्बुन्तं ।।२७६।।
आगे प्रकृत अणुव्रतको सुरक्षाको दृष्टि से रागपूर्ण दृष्टिसे परयुवतीके देखनेका भी निषेध किया जाता हैरागादिरूप विकारके साथ परयुवतीका देखना और उसके साथ सम्भाषण करना आदि मोहको उत्पन्न करनेवाला है, अतः उसका परित्याग करना चाहिए, क्योंकि ये ऐसे काम बाण हैं जो संयमीके चारित्ररूप प्राणोंको नष्ट कर दिया करते हैं ।
कहा भी है - आहार व मैथुन आदि अशुभ संज्ञाओंको भावनाको छोड़कर नीतिमान् पुरुषों को अपने संयमरूप प्राणोंका संरक्षण करना चाहिए। अन्यथा, कामरूप भोलके बाणोंकी पंक्तियां, जिन्हें स्त्रोविलास कहा जाता है, हृदयको व्यथित कर देनेवाली हैं ।।२७४।।
आगे क्रमप्राप्त पाँचवें अणुव्रत ( इच्छापरिमाणव्रत ) का स्वरूप दिखलाया जाता हैमनुष्य, स्त्री, पुत्र व दासी दास आदि द्विपद और हाथी-घोड़ा आदि चतुष्पद इन सचित्त वस्तुओंके विषय में तथा सुवर्ण व चांदी आदि अचित्त वस्तुओंको विषयमें जो इच्छाका प्रमाण किया जाता है कि में उनमें अमुक अमुक वस्तुको इतने प्रमाण में ग्रहण करूंगा, इससे अधिकको नहीं ग्रहण करूंगा, इसे संक्षेप में अनन्तशानियों ( वीतराग सर्वश ) के द्वारा पांचव अणुव्रत ( परिग्रहपरिमाण ) कहा गया है ॥२७५॥
आगे इसे विशेष रूपसे स्पष्ट किया जाता हैविशेष रूपसे क्षेत्र, वास्तु, हिरण्य आदि अचित्त वस्तुओंके विषय में तथा स्त्री-पुत्रादि द्विपद सचित्त वस्तुओंके विषय में पूर्वोक्त (१०८) विधिके अनुसार प्रकृत अणुव्रतके विषयका समोचोनतथा परित्याग करना; इसे पांचव अणुव्रत जानना चाहिए ।
१. अ 'इति' नास्ति । २. अ समासतो । ३. श्र भेदेण खेत्त । |
Saturn Transit 2022: इस वर्ष दो प्रमुख ग्रहों का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। शनि और गुरु ग्रह साल 2022 में अपनी राशि बदलने वाले हैं। शनि 29 अप्रैल को अपनी स्वराशि कुंभ राशि में 30 वर्षों के बाद दोबारा से गोचर करने वाले हैं। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी जातकों के ऊपर अवश्य पड़ता है। शनिदेव अभी मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। जिसके चलते धनु,मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती जबकि मिथुन और तुला राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या चल रही है। शनिदेव जैसे ही 29 अप्रैल को मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे वैसे ही धनु राशि के जातकों को साढ़ेसाती से मुक्ति मिल जाएगी जबकि मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा। वैसे तो शनि के राशि परिवर्तन का प्रभाव सभी जातकों पर पड़ेगा लेकिन कुछ राशियां ऐसी हैं जिन पर शनि के गोचर का प्रभाव लाभ पहुंचाने वाला रहेगा।
आपकी कुंडली में शनिदेव का गोचर लाभ भाव यानी 11वें भाव में होगा। ऐसे में आपकी इनकम में बढ़ोतरी के संकेत हैं। आय के नए-नए साधन बनेंगे। आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी। काम-धंधे में तरक्की के संकेत हैं। बिजनेस करने वाले जातकों के लिए शनिदेव मुनाफा करवाएंगे। वहीं जो जातक नया व्यापार करने के बारे में सोच रहे हैं। उनके लिए समय अनुकूल रहेगा। कार्यस्थल में सभी साथियों का सहयोग प्राप्त होगा।
आपकी राशि में शनि का गोचर 10वें भाव में होने जा रहा है। कुंडली का दशम भाव कर्म, करियर और नौकरी से संबंध होता है। ऐसे में शनि का गोचर वृषभ राशि वाले जातकों के लिए अच्छा संकेत है। नई नौकरी की आपकी खोज पूरी होगी जिसका लंबे समय से आपको इंतजार था। आपको धन लाभ की प्रबल संभावना है। सुख, ऐश्वर्य और वैभव की प्राप्ति का संकेत आपको है। विदेश में नौकरी प्राप्त करने वालों के लिए यह सुनहरा अवसर है। वृष राशि के जातकों पर शुक्र ग्रह का प्रभाव सबसे ज्यादा रहता है इस कारण से इस राशि के जातको को शनि का गोचर शुभ परिणाम लाने वाला सिद्ध होगा।
शनिदेव का राशि परिवर्तन मकर से कुंभ राशि में होने जा रहा है। आपकी राशि के लिए शनि का गोचर दूसरे भाव में होने से धन संबंधी सभी तरह की समस्याओं का अंत हो जाएगा। नौकरी करने वाले जातकों के लिए यह परिवर्तन बहुत ही शानदार और शुभ रहने वाला होगा। व्यापार में अच्छा लाभ हो सकता है। राजनीति के क्षेत्र में सफलता प्राप्ति होने की प्रबल संभावना है। मकर राशि शनिदेव की अपनी स्वराशि है ऐसे में इस राशि के लिए शनि का गोचर शुभ और लाभकारी साबित होने वाला होगा।
मिथुन राशि के जातकों के लिए शनि का राशि परिवर्तन किसी वरदान से कम नहीं है। आपके मान-सम्मान में इजाफा होगा। आपको पूरे वर्ष किस्मत का सहयोग प्राप्त होगा। नौकरीपेशा जातकों के लिए कई तरह के सुनहरे अवसर की प्राप्ति होगी। जो जातक जमीन-जायदाद की खरीद बिक्री से जुड़े है उनके लिए शनि का कुंभ राशि में गोचर अच्छे मुनाफे दिलवाएगा।
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उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मंगलवार सुबह दाऊदपुरा-पानसर संपर्क सड़क मार्ग पर सामान से लदे ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में एक महिला की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि उसकी बेटी व दामाद गंभीर घायल हुए हैं। हादसे के जिम्मेदार ट्रक को कब्जे में ले लिया और घायलों को बेहट सीएचसी में भर्ती कराया। मृतक महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भेजा गया है।
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क्या आपको पता है कि ग्रीन टी पीने के अनेकों फायदे हैं, आइये जानते हैं इसके असली फायदों के बारे में.
यदि आप पर घर और आफिस मे काम का दबाव होता है और आप कुछ काम करने के बाद ही मानसिक रूप से थकान महसूस करने लगती हैं तो ग्रीन टी आपके इस मानसिक थकान को भगाने के लिए अच्छा रहेगा.
यदि आपको ब्लड प्रेशर की समस्या है तो रोजाना ग्रीन टी पिए. इसे पीने से आपकी यह परेशानी नार्मल रहेगी. रक्तचाप सामान्य रहने से आपको गुस्सा भी नहीं आएगा.
दिल के रोगियों के लिए ग्रीनटी का सेवन बहुत फायदेमंद है. ये शरीर में बेड कोलेस्ट्राल को कम करके गुड कोलेस्ट्राल को बढ़ाने में मददगार होती है.
यदि आपके शरीर में शुगर लेवल बढ़ रहा है तो ग्रीन टी का सेवन आपको बहुत फायदा पहुंचाता है. इसके अलावा जिन रोगियों को डायबिटीज की दिक्कत हैं तो उन्हें प्रतिदिन सुबह उठकर एक कप ग्रीन टी पीनी चाहिए.
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#Copy: सलमान खान ने नकल तो कर ली. . . . लेकिन अकल लगाई कि नहीं?
हाल ही में सलमान खान - कैटरीना कैफ स्टारर टाईगर ज़िंदा है का नया गाना, दिल दियां गल्लां रिलीज़ हुआ है। इस गाने को इस साल का सबसे रोमांटिक गाना कहा जा रहा है। इतना ही नहीं, इस गाने को रिलीज़ होते ही 24 घंटे में रिकॉर्ड तोड़ व्यूज़ भी मिल चुके हैं।
दरअसल,
है।
किया।
किया।
अब यश चोपड़ा के खूबसूरत गानों से सीधा सीधा मतलब हो जाता है शाहरूख खान से। हालांकि ऐसा नहीं है कि यश चोपड़ा ने केवल शाहरूख के साथ काम किया है।
फिल्में,
रहीं।
बहरहाल,
सीधा,
हैं।
लेकिन क्या आपको वाकई लगता है कि उनका नया गाना, यश चोपड़ा के रोमांस के लेवेल का है? हमें कमेंट बॉक्स में ज़रूर बताइएगा।
जब शादीशुदा धर्मेंद्र ने तनुजा के साथ कर दी ऐसी हरकत, भड़कीं एक्ट्रेस, सेट पर ही जड़ दिया तमाचा, कहा- बेशर्म. .
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हमीरपुर में सेवानिवृत्त शिक्षक दंपती के बैग में रखे हुए 40 हजार रुपये पर महिला ने बडी चालाकी से हाथ साफ किया है. यह सारी घटना दुकान में लगे हुए सीसीटीवी कैमरे मे कैद हो गई है. वही बाजार में घूम रही प्रवासी महिलाओं ने बड़ी चालाकी से तेजधार ब्लेड से बैग काटकर नोटों के बंडल पर हाथ साफ कर दिया. चोरी की यह वारदात दुकान में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई है.
राजेंद्र पराशर और रूमा देवी पराशर निवासी वार्ड नंबर दो हमीरपुर के रूप में हुई है. सेवानिवृत्त शिक्षक दंपती दोपहर के समय भारतीय स्टेट बैंक हमीरपुर शाखा में पैसे निकालने पहुंचा था. दंपती ने बैंक से 40 हजार रुपये की नकदी निकाली और इसके बाद एक दुकान पर गए. दंपती को बैंक से पैसे निकालते हुए प्रवासी महिलाओं ने देख लिया था और महिलाएं बुजुर्ग दंपती का पीछा करती रही. जैसे ही दंपती ने दुकान के भीतर प्रवेश किया, तो प्रवासी महिलाएं भी दुकान के भीतर घुस आई. दो महिलाएं दुकानदार से बात कर उनको उलझाती रहीं.
जबकि एक प्रवासी महिला ने बड़ी चालाकी से बुजुर्ग के कंधे से लटके कपड़े के बैग पर तेजधार ब्लेड से कट लगाया और नोटों का बंडल निकाल लिया. इसका पता काफी देर तक शिक्षक दंपती को नहीं लगा. जैसे ही दंपती बाजार में कुछ दूर पहुंचा तो थैला कटा हुआ पाया. जब थैले की जांच की तो नकदी गायब पाई. इसकी सूचना उन्होंने अपने बेटे अनूप पराशर को दी. जिसने मौके पर पहुंचकर तुरंत आसपास की दुकानों के सीसीटीवी खंगाले. तभी एक दूध उत्पाद की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में सारी वारदात सामने आ गई.
इसके बाद उन्होंने सदर पुलिस को शिकायत दी है जिस पर पुलिस ने भी धारा 379, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर लिया है और शिकायत मिलते ही पुलिस टीम ने जगह-जगह दबिश देकर प्रवासी महिलाओं के गिरोह को ढूंढने का प्रयास किया जा रहा है.
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श्रीदेवी के अचानक निधन से पूरा देश सदमे में है। ऐसे में उनकी मौत को लेकर कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। पहले कहा जा रहा था कि बोनी कपूर ने सबसे पहले श्रीदेवी को होटल के बाथरूम में अचेत अवस्था में देखा था। उसके बाद उन्हें अस्पताल लेकर जाया गया। लेकिन अब एक अलग बात सामने आ रही है।
बता दें कि श्रीदेवी होटल रूम में अकेली थीं। उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर जाया गया जहां श्रीदेवी को 'डेड ऑन अराइवल' घोषित कर दिया गया। श्रीदेवी अपनी पेंटिंग्स के ऑक्शन के लिए दुबई में रुकी हुईं थी। श्रीदेवी को कोई भी दिल की बीमारी नहीं थी।
श्रीदेवी एक समारोह में शामिल होने दुबई गई थीं। वहीं उन्हें हार्ट अटैक से आया जिससे उनका निधन हो गया। वह केवल 54 साल की थीं। दुबई से उनका पार्थिव शरीर आज शाम तक मुबंई पहुंचेगा। अनिल कपूर के घर लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देंगे जिसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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शास्त्र सर्वतोगामी चक्षु है ।
शास्त्र समस्त प्रयोजन सिद्ध करने वाला कल्प-तरु है ।
शास्त्र प्रज्ञानान्धकार को नष्ट करने वाला तेजस्वी तारा है। शान्त्र द्वितीय दिवाकर एव तृतीय लोचन है ।
शास्त्र जीवन की ज्योति, अन्तर की उपा और उज्ज्वल भविष्य की
भीडू है ।
शास्त्र मोह के साम्राज्य को परास्त करने वाला मोघ शस्त्र है ।
शास्त्र विकार के बादल को विलय करने वाली विराटकाय वायु है । शास्त्र पर भाव को परास्त करके स्वभाव मे स्थिर करने वाला सद्गुरु है ।
शास्त्र सच्चा सखा, वन्धु, मित्र, स्नेही और वैद्य है ।
शास्त्र पयोधि के बिना ही प्रगट हुआ पीयूष और अन्य की अपेक्षा मे रहित ऐश्वर्य है ।
शास्त्र धर्म रूपी उद्यान को पुलकित करने वाली अमृत की नाली है ।
इस प्रकार के अपार उपकारी शास्त्रो पर ( श्री जिन वचन पर) जिसे अनन्य श्रद्धा है, जो शास्त्रो मे वर्णित प्राचारों का पालन करने वाला है, जो शास्त्रो का ज्ञाता एव उपदेशक है और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र मे, व्यवहार मे शास्त्र को अपना नेत्र बनाकर चलता है, ऐसा योगी परम- पद प्राप्त करता है ।
प्रश्नः - शास्त्रो का इतना गुण-गान क्यो किया गया है ?
उत्तर - शास्त्र सर्वज्ञ वीतराग श्री तीर्थंकर परमात्मा के वचनो का संग्रह है ।
श्री तीर्थंकर परमात्मा को अनुपस्थिति में उनके वचन ही भव्य जीवो के लिये आधार है ।
सिले मन भीतर भगवान
विशिष्ट ज्ञानी भगवत के अभाव में भी उनके समान ही सूक्ष्म ज्ञान शस्त्रों के अध्ययन से प्राप्त होता है। केवल - ज्ञानी भगवत केवल ज्ञान के बल से जैसा प्ररुपण कर सकते है, उसी प्रकार का प्ररूपण श्रुतकेवली भगवत श्रुत के अध्ययन से कर सकते हैं ।
शास्त्र परमात्मा के वचन का अंग होने से परमात्मा के समान ही पूजनीय है ।
कहा है कि - "जिनवर जिन श्रागम एक रूपे । सेवता न पड़ो, भव - कूपे । "
तात्पर्य यह है कि स्वय श्री जिनराज के समान उनके वचन और उनके संग्रह के रूप मे आगम भी जीव को भव रूपी अगाध अधकारपूर्ण कुएँ मे गिरने से बचाकर परम - पद पर प्रतिष्ठित करते हैं ।
'एक अपि जिन वचन निर्वाहको भवति' अर्थात् श्रीजिनराज का एक वचन भी उनके अनन्य शरणागत को भव - सागर से पार करता है ।
श्री जिन-वचन की यह अद्वितीय विशेषता है कि उसे ग्रहण करके ज्यो ज्यो उसका मनन करते हैं, त्यो त्यो उसमे से आत्म-स्नेहवर्धक माधुर्य प्रस्फुटित होता है ।
जो-जो आत्मा परम पद को प्राप्त हुई हैं, प्राप्त हो रही है और प्राप्त होगी, वे समस्त श्री जिनोक्त शास्त्राज्ञा के पालन के बल पर ही प्राप्त हुई हैं, प्राप्त हो रही हैं और प्राप्त होगी, यह निस्सन्देह है ।
सम्यग् - श्रुत (शास्त्र) के यथार्थ अध्ययन के द्वारा विवेक-दृष्टि खुलती है, जिससे त्याज्य, ग्राह्य एव हिताहित का विवेक उत्पन्न होता है ।
विवेक से वैराग्य मे वृद्धि होती है, जड पदार्थों के प्रति राग का क्षय होता है और जीव-तत्त्व के प्रति स्व-तुल्य भाव उत्पन्न होता है, जिससे सयम सुदृढ होता है और उसके द्वारा कर्म-शत्रुओ का अन्त किया जा सकता है तथा
अन्त मे आत्मा का सच्चिदानन्दधन स्वरूप प्रकट किया जा सकता है । इसलिये ही तो महा पुरुषो ने शास्त्रो का इतना गुण-गान किया है । कहा है कि
"यस्य त्वनादर शास्त्रे, तस्य श्रद्धादयो गुणा । उन्मत्तगुणतुल्यत्वान्न प्रशसास्पद सताम् ॥ "
अर्थ - जिसे शास्त्र के प्रति अनादर होता है, उसके श्रद्धा आदि गुण उन्मत्त व्यक्ति के गुणो के समान होने से सत पुरुषो द्वारा प्रशसा - पात्र नही हो पाते ।
परन्तु जिस भाग्यशाली व्यक्ति को शास्त्रो के प्रति भक्ति होती है उसके लिये वह शास्त्र - भक्ति मुक्ति दूत हो सकती है । इस प्रकार शास्त्र के अधीन बना साधक ही साधना के क्षेत्र मे यथार्थ रूप से प्रगति कर सकता है ।
शास्त्र फरमाते हैं कि देव, गुरु, धर्म की परतन्त्रता स्वीकार करने वाला धन्य व्यक्ति सर्व कर्म परतन्त्रता से सर्वथा मुक्त होकर मुक्ति का अधिकारी हो सकता है ।
जिनका त्रिभुवन पर एक छत्र राज्य है उन श्री अरिहन्त परमात्मा की आजानुसार जीवनयापन करने वाले भाग्यशाली की सुरक्षा का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व धर्म - महासत्ता वहन करती है । उनकी साधना मे आवश्यक शक्तियो का योग, विकसित शक्तियो का क्षेम (सुरक्षा) योगक्षेमकर परमात्मा के अचिन्त्य सामर्थ्य से होता है ।
इस प्रकार परमात्म-प्रज्ञा योग-क्षेम करके साधक की साधना मे प्राणो का सचार करती है, उसे वेगवती वनाती है।
आज्ञापालन अर्थात् प्राज्ञा-पालन । उसमे तर्क के लिये कोई स्थान नही है । यदि कोई सैनिक अपने सेनापति की आज्ञा का पालन करने के समय आज्ञा का पालन करने के बदले तर्क करना है तो वह दण्ड का भागी होता है । उसी तरह से जो मनुष्य त्रिभुवन-पति श्री अरिहत परमात्मा की सर्वथा निरवद्य प्राज्ञा का पालन करने के अवसर पर यदि तर्क करते हैं, कि यह श्राज्ञा
पालने से सचमुच लाभ होगा प्रथवा नही, होगा तो कितने समय मे होगा ? होने के पश्चात् वह लाभ स्थायी रहेगा अथवा नहीं, वे एक ऐसी उलझन मे फस जाते हैं जिसमे से चाहर निकलना उनके बस की बात नही होती ।
महान मोह रूपी पहलवान ( मल्ल) को मात करने का परम सामर्थ्य केवल श्री जिनाज्ञा मे है, उसके त्रिविध पालन मे है । इस सत्य मे सम्पूर्ण श्रद्धा रखने वाला साधक तो श्री जिनेश्वर देव और उनकी आज्ञा को त्रिविध से समर्पित सद्गुरु को समर्पित होकर साधन-पथ मे अग्रसर होता रहता है और परमात्मा के समीप पहुँचता जाता है ।
ज्यो-ज्यो वह समीप पहुँचता है, त्यो त्यो उसकी दर्शन, मिलन की अभिलाषा श्रदम्य होती जाती है, तीव्रतर होती जाती है, स्वरूप - सवेदन अधिक सजीव होता जाता है, श्रात्मा एव परमात्मा के मध्य को प्रभेद की अनुभूति जाज्वल्यमान होती जाती है और परमात्मा की आज्ञा मे जो आत्मा को परमात्मा बनाने का परम सामर्थ्य होने का शास्त्रीय विधान है वह सर्वथा सही प्रतीत होता है ।
श्रागमो मे नव-तत्त्व, पड्-द्रव्य, द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव, उत्पाद-व्यय-ध्रौव्य, क्षायिक आदि पाँच भाव, द्रव्य-गुण- पर्याय, पचास्तिकाय, निश्चय-व्यवहार, उत्सर्ग -अपवाद, सप्तनय और सप्त भगी तथा कर्म का जो सूक्ष्मातिसूक्ष्म स्वरूप प्रदर्शित किया गया है उसका अन्तिम तात्पर्य यही है कि आत्मा के स्वरूप का वास्तविक परिचय प्राप्त करके, कर्म की परतत्रता से भव-भ्रमण करती हुई आत्मा को भव-बधन से मुक्ति दिलाकर शाश्वत सुख का भोक्ता
बनाना ।
तीन लोको मे सारभूत द्वादशागी है और द्वादशागी का सार निज शुद्ध आत्मा है । तीन लोक से श्रात्मा अधिक है। आत्मा है तो तीन लोको का ज्ञान है । उस ज्ञान की स्वामिनी आत्मा विश्व की स्वामिनी है ।
द्रव्य से प्रात्मा ही ऐसी महिमामयी है कि उसके साथ किया गया स्नेह अनन्त लाभ का कारण बनता है । अनन्त श्रव्याबाध सुख का कारण
भी शुद्धआत्म-स्नेह है । श्रात्मा हो उपादेय है, ज्ञेय है और ध्येय है । ज्ञात करने योग्य भी श्रात्मा है और आदरणीय भी एक श्रात्म-तत्त्व ही है । वह चिन्मय एव श्रानन्दमय है, नित्य एव स्वाधीन है । सब जानकर भी जिसने एक आत्मा को नहीं जाना उसने कुछ नही जाना । शुद्ध' निज आत्मस्वरूप के यथार्थ ज्ञान विहीन समस्त ज्ञान एक के अक विहीन शून्यो के समान है ।
जो मनुष्य आत्म-स्वप का सच्चा परिचय प्राप्त कर सकते हैं, उन्हे ..ही परमात्म स्वरूप का सच्चा परिचय प्राप्त होता है ।
जिस व्यक्ति ने एक आत्म-तत्त्व का निश्चय कर लिया उसे परमार्थ से समस्त तत्त्व का, समस्त चराचर विश्व का निश्चय हो ही जाता है । कहा है कि -- "जो एग जाणई सो सव्व जाणइ " -- श्री प्राचाराग सूत्र
शुद्ध आत्म-स्वरूप का ठोस परिचय प्राप्त होने पर परमात्मस्वरूप से यथार्थ परिचय हो ही जाता है क्योकि परमात्म-तत्त्व प्रात्मा से भिन्न तत्त्व अथवा पदार्थ नहीं है । यह तो प्रात्म-तत्त्व का ही परम विशुद्ध स्वरूप है जिसका यथार्थ स्पर्श श्री अरिहन्त परमात्मा की भाव युक्त भक्ति के प्रभाव मे साधक को होता है ।
इस प्रकार के स्पर्श के पश्चात् डांवाडोल चित्त प्रडोलता धारण करता है, निज उपयोग से कदापि भ्रष्ट नहीं होने वाली आत्मा के उपयोग मे स्थिर रहता है । यह स्थिरता परमानन्द समाधि का बीज बनता है, जो जन्मान्तर मे साधक के साथ रह कर साधक को साध्यमय बनाने का अपना • कर्तव्य पूर्ण करता है ।
इस प्रकार का परमात्म-स्वरूप मेरी आत्म मे भी है यह जानकर उसे प्रक्ट करने के लिये साधक परमात्मा के नाम आदि निक्षेपा के आलम्बन द्वारा उनके स्मरण और ध्यान से आगे बढता है ।
प्रत्येक छद्मस्य के लिये परमात्मा के चारो निक्षेपा के आलम्बन श्रावश्यक ही नहीं, परन्तु अनिवार्य है । इन चार निक्षेपा मे से किसी एक
निक्षेपा का आलम्बन लेकर ही वह मोक्ष मार्ग की साधना मे लागे वढ सकता है ।
श्री जिनाज्ञा के अगभूत शास्त्रों में पूर्ण श्रद्धा रखने से ऐसी सन्मति प्रकट होती है, जिससे सम्यग् - ज्ञान एव सम्यग् ध्यान मे रमण करता हुआ साधक आत्म-स्वभाव मे, सच्चारित्र में स्थिरता प्राप्त करता है ।
इस प्रकार शास्त्र - योग के द्वारा वचन - अनुष्ठान में प्रवृत्त साधक अच्छी तरह परमात्म-स्वरूप का ध्यान कर सकता है और उसमे दक्षता प्राप्त करके परमात्मा के प्ररूपी गुणो के ध्यान स्वरूप निरालम्बन ध्यान में प्रवेश करने की योग्यता प्राप्त करता है ।
इस स्तर तक पहुँचा हुआ साधक विषय-कषाय की परिणति से परे होकर अन्तरात्म दशा में स्थिर होता है, उसके चित्त मे सत् के स्वामित्व की स्थापना होती है, चचलता, अधीरता, उत्सुकता आदि के अश भी उसके चित्त के समस्त भागो मे से लुप्त हो जाते हैं । तात्पर्य यह है कि वह म स्वभावी बन कर परमात्मा के ध्यान मे एकात्म हो जाता है । उस समय उसे इतना अपूर्व आनन्द आता है कि विश्व की कोई भी वस्तु चाहे वह मणि हो अथवा माणिक, कनक हो अथवा कामिनी, पुष्प हो अथवा कटक तनिक भी राग अथवा द्वेष का कारण नही बनता । अर्थात् परस्पर विरोधी वस्तुप्रो के प्रति भी वह सम भाव रखता है और श्रागे बढ कर मुक्ति एव ससार दोनो के प्रति भी समदृष्टि रखता है, क्योकि संसार का भय सर्वथा नष्ट हो जाने से मुक्ति प्राप्त करने की इच्छा भी उसके हृदय मे से लुप्त हो जाती है ।
इस प्रकार की प्रान्तरिक दशा ही परा-भक्ति' कहलाती है जो भक्त को भगवत्-स्वरूप की प्राप्ति करा देती है ।
इस प्रकार की भक्ति मे ऐसी ऊष्मा और प्रभा होती है कि करोडो चर्षों मे भी क्षय नहीं होने वाले कठोर कर्मों को भी श्वासोश्वास जितने अल्प समय मे क्षय कर डालती है ।
इस प्रकार की भक्ति वचन - अनुष्ठान द्वारा अर्थात् श्री जिनाज्ञा के सम्पूर्ण पालन द्वारा उत्पन्न होती है ।
त परमात्मा दर्शन - मिलन की लगन वाले साधक को वचन- अनुष्ठान द्वारा परमात्मा की परा-भक्ति सिद्ध करके आत्म-साधना मे अग्रसर होना चाहिये ।
इस प्रकार अग्रसर होने वाला साधक परमात्म-कृपा का अधिकारी होकर आत्मा एव परमात्मा के भेद का छदेन करके परमात्म-मिलन के पूर्व आनन्द का अनुभव करता है । |
किन्तु कुन्ती स्पष्ट देख रही थी कि पाण्डु का उत्साह बसे हो बुझ गया, जैसे एक फूंक से दीपक की लौ बुझ जाती है ।
कुन्ती के मन में आवेश-सा उठा । बहुत कुछ था उसके मन में कहने को ।... किन्तु जैसे उसने स्वयं को थाम लियाः कुछ कहने का अवसर नही था यह रूठा पति एक लम्बी अवधि के पश्चात् घर लौटा हो तो ऐसा कुछ कहना, फिर से रूठने का बहाना बन जाता है। आज वह पति को केवल रिक्षायेगी, मनायेगी, आमन्त्रित करेगी उपालम्भ फिर कभी सही **
पाण्डु ने थाली परे सरका दो । कुन्ती ने दासी को बुलाना आवश्यक नही समझा। स्वयं ही हाथ घुला दिये ।
पाण्डु उठकर पलंग पर आ बैठा ।
कुन्ती ने द्वार पर खड़ी दासी को संकेत किया, "बर्तन उठाकर ले जा । और देख हमारे एकान्त में विघ्न न पड़े।
"तुम नहीं खामोगी ?" पाण्डु ने पूछा ।
"आपके दर्शन हो मेरी भूख मिटाने के लिए पर्याप्त हैं।"
पाण्डु ने विशेष आग्रह नही किया। उसने कुन्ती की इस भावात्मक उक्ति को जैसे तथ्य के रूप में ही स्वीकार कर लिया था।
कुन्ती आकर, पलंग पर पाण्डु के निकट बैठ गयी ।
पाण्डु ने उसे देखा, "तुम्हारा वर्णं कुछ फीका पड़ गया है। क्या मेरी अनुपस्थिति में बहुत चिन्ता करती रही हो ?"
कुन्ती को लगा, पाण्डु के आने के समय से वह इसी वाक्य को प्रतीक्षा करती रही थी। उसका मन कुछ रीझा। रोझ आँखों से बोली, "आप युद्ध करने जायेंगे, तो चिन्ता नही होगी मुझे ?"
"योद्धाओं की पत्नियाँ चिन्ता करने लगीं, तो पति निश्चिन्त होकर लड़ेगा कैसे ?"
"तो योद्धा की पत्नी उससे प्रेम भी न करे ?" कुन्ती के नयनों मे निमन्त्रण
"वीर पुरुष का जीवन एक बड़ी विकट समस्या है, "पाण्डु की आँखों में उत्तेजना का मद छलकने लगा, "एक ओर शत्रु खड्ग का वार करते हैं और दूसरी ओर सुन्दरियो के कटाक्षों के बाण। किस-किससे बचाये कोई अपने आपको ।"
"कवच पहनकर क्यों नहीं आये ?" कुन्ती हँसी, "बाणो से रक्षा का तो वही एक साधन है।"
"कबच पहनकर आऊं तो हृदयं कवच को ही कॉसेगा, कि इन दाणों को मुफ्त
बन्धन / 383 |
कवि सिंहलद्वीप, उसके राजा गंधर्वसेन, राजसभा, नगर, बगीचे इत्यादि का वर्णन कर के पद्मावती के जन्म का उल्लेख करता है। राजभवन में हीरामन नाम का एक अद्भुत सुआ था जिसे पद्मावती बहुत चाहती थी और सदा उसी के पास रह कर अनेक प्रकार की बातें कहा करती थी। पद्मावती क्रमशः सयानी हुई और उसके रूप की ज्योति भूमंडल में सबसे ऊपर हुई। जब उसका कहीं विवाह न हुआ तब वह रात दिन हीरामन से इसी बात की चर्चा किया करती थी। सूए ने एक दिन कहा कि यदि कहो तो देश देशांतर में फिर कर मैं तुम्हारे योग्य वर ढूँढ़ूँ। राजा को जब इस बातचीत का पता लगा तब उसने क्रुद्ध हो कर सूए को मार डालने की आज्ञा दी। पद्मावती ने विनती कर किसी प्रकार सूए के प्राण बचाए। सूए ने पद्मावती से विदा माँगी, पर पद्मावती ने प्रेम के मारे सूए को रोक लिया। सूआ उस समय तो रुक गया, पर उसके मन में खटका बना रहा।
एक दिन पद्मावती सखियों को लिए हुए मानसरोवर में स्नान और जलक्रीड़ा करने गई। सूए ने सोचा कि अब यहाँ से चटपट चल देना चाहिए। वह वन की ओर उड़ा, जहाँ पक्षियों ने उसका बड़ा सत्कार किया। दस दिन पीछे एक बहेलिया हरी पत्तियों की टट्टी लिए उस वन में चला आ रहा था। और पक्षी तो उस चलते पेड़ को देख कर उड़ गए पर हीरामन चारे के लोभ में वहीं रहा। अंत में बहेलिए ने उसे पकड़ लिया और बाजार में उसे बेचने के लिए ले गया। चित्तौर के एक व्यापारी के साथ एक दीन ब्राह्मण भी कहीं से रुपए ले कर लोभ की आशा से सिंहल की हाट में आया था। उसने सूए को पंडित देख मोल ले लिया और ले कर चित्तौर आया। चित्तौर में उस समय राजा चित्रसेन मर चुका था और उसका बेटा रत्नसेन गद्दी पर बैठा था। प्रशंसा सुन कर रत्नसेन ने लाख रुपए दे कर हीरामन सूए को मोल ले लिया।
एक दिन रत्नसेन कहीं शिकार को गया था। उसकी रानी नागमती सूए के पास आई और बोली - 'मेरे समान सुंदरी और भी कोई संसार में है?' इस पर सूआ हँसा और उसने सिंहल की पद्मिनी स्त्रियों का वर्णन कर के कहा कि उनमें और तुममें दिन और अँधेरी रात का अंतर है। रानी ने सोचा कि यदि यह तोता रहेगा तो किसी दिन राजा से भी ऐसा ही कहेगा और वह मुझसे प्रेम करना छोड़कर पद्मावती के लिए जोगी हो कर निकल पड़ेगा। उसने अपनी धाय से उसे ले जा कर मार डालने को कहा। धाय ने परिणाम सोचकर उसे मारा नहीं, छिपा रखा। जब राजा ने लौटकर सूए को न देखा तब उसने बड़ा कोप किया। अंत में हीरामन उसके सामने लाया गया और उसने सब वृत्तांत कह सुनाया। राजा को पद्मावती का रूपवर्णन सुनने की बड़ी उत्कंठा हुई और हीरामन ने उसके रूप का लंबा-चौड़ा वर्णन किया। उस वर्णन को सुन राजा बेसुध हो गया। उसके हृदय में ऐसा प्रबल अभिलाष जगा कि वह रास्ता बताने के लिए हीरामन को साथ ले जोगी हो कर घर से निकल पड़ा।
उसके साथ सोलह हजार कुँवर भी जोगी हो कर चले। मध्यप्रदेश के नाना दुर्गम स्थानों के बीच होते हुए सब लोग कलिंग देश में पहुँचे। वहाँ के राजा गजपति से जहाज ले कर रत्नसेन ने और सब जोगियों के सहित सिंहलद्वीप की ओर प्रस्थान किया। क्षार समुद्र, क्षीर समुद्र, दधि समुद्र, उदधि समुद्र, सुरा समुद्र और किलकिला समुद्र को पार कर के वे सातवें मानसरोवर समुद्र में पहुँचे जो सिंहलद्वीप के चारों ओर है। सिंहलद्वीप में उतर कर जोगी रत्नसेन तो अपने सब जोगियों के साथ महादेव के मंदिर में बैठ कर तप और पद्मावती का ध्यान करने लगा और हीरामन पद्मावती से भेंट करने गया। जाते समय वह रत्नसेन से कहता गया कि वसंत पंचमी के दिन पद्मावती इसी महादेव के मंडप में वसंतपूजा करने आएगी; उस समय तुम्हें उसका दर्शन होगा और तुम्हारी आशा पूर्ण होगी।
बहुत दिन पर हीरामन को देख पद्मावती बहुत रोई। हीरामन ने अपने निकल भागने और बेचे जाने का वृत्तांत कह सुनाया। इसके उपरांत उसने रत्नसेन के रूप, कुल, ऐश्वर्य, तेज आदि की बड़ी प्रशंसा कर के कहा कि वह सब प्रकार से तुम्हारे योग्य वर है और तुम्हारे प्रेम में जोगी हो कर यहाँ तक आ पहुँचा है। पद्मावती ने उसकी प्रेमव्यथा सुन कर जयमाल देने की प्रतिज्ञा की और कहा कि वसंत पंचमी के दिन पूजा के बहाने मैं उसे देखने जाऊँगी। सूआ यह समाचार ले कर राजा के पास मंडप में लौट आया।
वसंत पंचमी के दिन पद्मावती सखियों के सहित मंडप में गई और उधर भी पहुँची जिधर रत्नसेन और उसके साथी जोगी थे। पर ज्योंही रत्नसेन की ऑंखें उस पर पड़ीं, वह मूर्च्छित हो कर गिर पड़ा। पद्मावती ने रत्नसेन को सब प्रकार से वैसा ही पाया जैसा सूए ने कहा था। वह मूर्च्छित जोगी के पास पहुँची और उसे होश में लाने के लिए उस पर चंदन छिड़का। जब वह न जागा तब चंदन से उसके हृदय पर यह बात लिख कर वह चली गई कि 'जोगी, तूने भिक्षा प्राप्त करने योग्य योग नहीं सीखा, जब फलप्राप्ति का समय आया तब तू सो गया।'
राजा को जब होश आया तब वह बहुत पछताने लगा और जल मरने को तैयार हुआ। सब देवताओं को भय हुआ कि यदि कहीं यह जला तो इसकी घोर विरहाग्नि से सारे लोक भस्म हो जाएँगे। उन्होंने जा कर महादेव पार्वती के यहाँ पुकार की। महादेव कोढ़ी के वेश में बैल पर चढ़े राजा के पास आए और जलने का कारण पूछने लगे। इधर पार्वती की, जो महादेव के साथ आईं थीं, यह इच्छा हुई कि राजा के प्रेम की परीक्षा लें। ये अत्यंत सुंदरी अप्सरा का रूप धर कर आईं और बोली - 'मुझे इंद्र ने भेजा है। पद्मावती को जाने दे, तुझे अप्सरा प्राप्त हुई।' रत्नसेन ने कहा - 'मुझे पद्मावती को छोड़ और किसी से कुछ प्रयोजन नहीं।' पार्वती ने महादेव से कहा कि रत्नसेन का प्रेम सच्चा है। रत्नसेन ने देखा कि इस कोढ़ी की छाया नहीं पड़ती है, इसके शरीर पर मक्खियाँ नहीं बैठती हैं और इसकी पलकें नहीं गिरती हैं अतः यह निश्चय ही कोई सिद्ध पुरुष है। फिर महादेव को पहचान कर वह उनके पैरों पर गिर पड़ा। महादेव ने उसे सिद्धि गुटिका दी और सिंहलगढ़ में घुसने का मार्ग बताया। सिद्धि गुटिका पा कर रत्नसेन सब जोगियों को लिए सिंहलगढ़ पर चढ़ने लगा।
राजा गंधर्वसेन के यहाँ जब यह खबर पहुँची तब उसने दूत भेजे। दूतों से जोगी रत्नसेन ने पद्मिनी के पाने का अभिप्राय कहा। दूत क्रुद्ध हो कर लौट गए। इस बीच हीरामन रत्नसेन का प्रेमसंदेश ले कर पद्मावती के पास गया और पद्मावती का प्रेम भरा सँदेसा आ कर उसने रत्नसेन से कहा। इस संदेश से रत्नसेन के शरीर में और भी बल आ गया। गढ़ के भीतर जो अगाध कुंड था वह रात को उसमें धँसा और भीतरी द्वार को, जिसमें वज्र के किवाड़ लगे थे, उसने जा खोला। पर इस बीच सबेरा हो गया और वह अपने साथी जोगियों के सहित घेर लिया गया। राजा गंधर्वसेन के यहाँ विचार हुआ कि जोगियों को पकड़ कर सूली दे दी जाय। दल बल के सहित सब सरदारों ने जोगियों पर चढ़ाई की। रत्नसेन के साथी युद्ध के लिए उत्सुक हुए पर रत्नसेन ने उन्हें यह उपदेश दे कर शांत किया कि प्रेममार्ग में क्रोध करना उचित नहीं। अंत में सब जोगियों सहित रत्नसेन पकड़ा गया। इधर यह सब समाचार सुन पद्मावती की बुरी दशा हो रही थी। हीरामन सूए ने जा कर उसे धीरज बँधाया कि रत्नसेन पूर्ण सिद्ध हो गया है, वह मर नहीं सकता।
जब रत्नसेन को बाँध कर सूली देने के लिए लाए तब जिसने जिसने उसे देखा सबने कहा कि यह कोई राजपुत्र जान पड़ता है। इधर सूली की तैयारी हो रही थी, उधर रत्नसेन पद्मावती का नाम रट रहा था। महादेव ने जब जोगी पर ऐसा संकट देखा तब वे और पार्वती भाँट भाँटिनी का रूप धर कर वहाँ पहुँचे। इस बीच हीरामन सूआ भी रत्नसेन के पास पद्मावती का यह संदेसा ले कर आया कि 'मैं भी हथेली पर प्राण लिए बैठी हूँ, मेरा जीना मरना तुम्हारे साथ है।' भाँट (जो वास्तव में महादेव थे) ने राजा गंधर्वसेन को बहुत समझाया कि यह जोगी नहीं राजा और तुम्हारी कन्या के योग्य वर है, पर राजा इस पर और भी क्रुद्ध हुआ। इस बीच जोगियों का दल चारों ओर से लड़ाई के लिए चढ़ा। महादेव के साथ हनुमान आदि सब देवता जोगियों की सहायता के लिए आ खड़े हुए। गंधर्वसेन की सेना के हाथियों का समूह जब आगे बढ़ा तब हनुमान जी ने अपनी लंबी पूँछ में सबको लपेट कर आकाश में फेंक दिया। राजा गंधर्वसेन को फिर महादेव का घंटा और विष्णु का शंख जोगियों की ओर सुनाई पड़ा और साक्षात् शिव युद्धस्थल में दिखाई पड़े। यह देखते ही गंधर्वसेन महादेव के चरणों पर जा गिरा और बोला - 'कन्या आपकी है, जिसे चाहिए उसे दीजिए'। इसके उपरांत हीरामन सूए ने आ कर राजा रत्नसेन के चित्तौर से आने का सब वृत्तांत कह सुनाया और गंधर्वसेन ने बड़ी धूमधाम से रत्नसेन के साथ पद्मावती का विवाह कर दिया। रत्नसेन के साथी जो सोलह हजार कुँवर थे उन सबका विवाह भी पद्मिनी स्त्रियों के साथ हो गया और सब लोग बड़े आनंद के साथ कुछ दिनों तक सिंहल में रहे।
इधर चित्तौर में वियोगिनी नागमती को राजा की बाट जोहते एक वर्ष हो गया। उसके विलाप से पशु पक्षी विकल हो गए। अंत में आधी रात को एक पक्षी ने नागमती के दुःख का कारण पूछा। नागमती ने उससे रत्नसेन के पास पहुँचाने के लिए अपना सँदेसा कहा। वह पक्षी नागमती का सँदेसा ले कर सिंहलद्वीप गया और समुद्र के किनारे एक पेड़ पर बैठा। संयोग से रत्नसेन शिकार खेलते-खेलते उसी पेड़ के नीचे जा खड़ा हुआ। पक्षी ने पेड़ पर से नागमती की दुःख-कथा और चित्तौर की हीन दशा का वर्णन किया। रत्नसेन का जी सिंहल से उचटा और उसने स्वदेश की ओर प्रस्थान किया। चलते समय उसे सिंहल के राजा के यहाँ से विदाई में बहुत सा सामान और धन मिला। इतनी अधिक संपत्ति देख राजा के मन में गर्व और लोभ हुआ। वह सोचने लगा कि इतना अधिक धन ले कर यदि मैं स्वदेश पहुँचा तो फिर मेरे समान संसार में कौन है। इस प्रकार लोभ ने राजा को आ घेरा।
समुद्रतट पर जब रत्नसेन आया तब समुद्र याचक का रूप धर कर राजा से दान माँगने आया, पर राजा ने लोभवश उसका तिरस्कार कर दिया। राजा आधे समुद्र में भी नहीं पहुँचा था कि बड़े जोर का तूफान आया जिससे जहाज दक्खिन लंका की ओर बह गए। वहाँ विभीषण का एक राक्षस माँझी मछली मार रहा था। वह अच्छा आहार देख राजा से आ कर बोला कि चलो हम तुम्हें रास्ते पर लगा दें। राजा उसकी बातों में आ गया। वह राक्षस सब जहाजों को एक भयंकर समुद्र में ले गया जहाँ से निकलना कठिन था। जहाज चक्कर खाने लगे और हाथी, घोड़े, मनुष्य आदि डूबने लगे। वह राक्षस आनंद से नाचने लगा। इस बीच समुद्र का राजपक्षी वहाँ आ पहुँचा जिसके डैनों का ऐसा घोर शब्द हुआ मानो पहाड़ के शिखर टूट रहे हों। वह पक्षी उस दुष्ट राक्षस को चंगुल में दबा कर उड़ गया। जहाज के एक तख्ते पर एक ओर राजा बहा और दूसरे तख्ते पर दूसरी ओर रानी।
पद्मावती बहते-बहते वहाँ जा लगी जहाँ समुद्र की कन्या लक्ष्मी अपनी सहेलियों के साथ खेल रही थी। लक्ष्मी मूर्च्छित पद्मावती को अपने घर ले गई। पद्मावती को जब चेत हुआ तब वह रत्नसेन के लिए विलाप करने लगी। लक्ष्मी ने उसे धीरज बँधाया और अपने पिता समुद्र से राजा की खोज कराने का वचन दिया। इधर राजा बहते बहते एक ऐसे निर्जन स्थान में पहुँचा जहाँ मूँगों के टीलों के सिवा और कुछ न था। राजा पद्मिनी के लिए बहुत विलाप करने लगा और कटार ले कर अपने गले में मारना ही चाहता था कि ब्राह्मण का रूप धरकर समुद्र उसके सामने आ खड़ा हुआ और उसे मरने से रोका। अंत में समुद्र ने राजा से कहा कि तुम मेरी लाठी पकड़कर आँख मूँद लो; मैं तुम्हें जहाँ पद्मावती है उसी तट पर पहुँचा दूँगा।
जब राजा उस तट पर पहुँच गया तब लक्ष्मी उसकी परीक्षा लेने के लिए पद्मावती का रूप धारण कर रास्ते में जा बैठीं। रत्नसेन उन्हें पद्मावती समझ उनकी ओर लपका। पास जाने पर वे कहने लगीं - "मैं पद्मावती हूँ।" पर रत्नसेन ने देखा कि यह पद्मावती नहीं है, तब चट मुँह फेर लिया। अंत में लक्ष्मी रत्नसेन को पद्मावती के पास ले गई। रत्नसेन और पद्मावती कई दिनों तक समुद्र और लक्ष्मी के मेहमान रहे। पद्मावती की प्रार्थना पर लक्ष्मी ने उन सब साथियों को भी ला खड़ा किया जो इधर-उधर बह गए थे। जो मर गए थे वे भी अमृत से जिला दिए गए। इस प्रकार बड़े आनंद से दोनों वहाँ से विदा हुए। विदा होते समय समुद्र ने बहुत से अमूल्य रत्न दिए। सबसे बढ़कर पाँच पदार्थ दिए - अमृत, हंस, राजपक्षी, शार्दूल और पारस पत्थर। इन सब अनमोल पदार्थों को लिए अंत में रत्नसेन और पद्मावती चित्तौर पहुँच गए। नागमती और पद्मावती दोनों रानियों के साथ रत्नसेन सुखपूर्वक रहने लगे। नागमती से नागसेन और पद्मावती से कमलसेन ये दो पुत्र राजा को हुए।
चित्तौर की राजसभा में राघवचेतन नाम का एक पंडित था जिसे यक्षिणी सिद्ध थी। एक दिन राजा ने पंडितों से पूछा, 'दूज कब है?' राघव के मुँह से निकला, 'आज'। और सब पंडितों ने एक स्वर से कहा कि 'आज नहीं हो सकती, कल होगी।' राघव ने कहा कि 'यदि आज दूज न हो तो मैं पंडित नहीं।' पंडितों ने कहा कि 'राघव वाममार्गी है; यक्षिणी की पूजा करता है, जो चाहे सो कर दिखावे, पर आज दूज नहीं हो सकती।' राघव ने यक्षिणी के प्रभाव से उसी दिन संध्या के समय द्वितीया का चंद्रमा दिखा दिया।'1 पर जब दूसरे दिन चंद्रमा देखा गया तब वह द्वितीया का ही चंद्रमा था। इस पर पंडितों ने राजा रत्नसेन से कहा - "देखिए, यदि कल द्वितीया रही होती, तो आज चंद्रमा की कला कुछ अधिक होती; झूठ और सच की परख कर लीजिए।" राघव का भेद खुल गया और वह वेदविरुद्ध आचार करनेवाला प्रमाणित हुआ। राजा रत्नसेन ने उसे देशनिकाले का दंड दिया।
पद्मावती ने जब यह सुना तब उसने ऐसे गुणी पंडित का असन्तुष्ट हो कर जाना राज्य के लिए अच्छा नहीं समझा। उसने भारी दान दे कर राघव को प्रसन्न करना चाहा। सूर्यग्रहण का दान देने के लिए उसने उसे बुलाया। जब राघव महल के नीचे आया तब पद्मावती ने अपने हाथ का एक अमूल्य कंगन - जिसका जोड़ा और कहीं दुष्प्राप्य था - झरोखे पर से फेंका। झरोखे पर पद्मावती की झलक देख राघव बेसुध हो कर गिर पड़ा। जब उसे चेत हुआ तब उसने सोचा कि अब यह कंगन ले कर बादशाह के पास दिल्ली चलूँ और पद्मिनी के रूप का उसके सामने वर्णन करूँ। वह लंपट है, तुरंत चित्तौर पर चढ़ाई करेगा और इसके जोड़ का दूसरा कंगन भी मुझे इनाम देगा। यदि ऐसा हुआ तो राजा से मैं बदला भी ले लूँगा और सुख से जीवन भी बिताऊँगा।
यह सोच कर राघव दिल्ली पहुँचा और वहाँ बादशाह अलाउद्दीन को कंगन दिखा कर उसने पद्मिनी के रूप का वर्णन किया। अलाउद्दीन ने बड़े आदर से उसे अपने यहाँ रखा और सरजा नामक एक दूत के हाथ एक पत्र रत्नसेन के पास भेजा कि पद्मिनी को तुरंत भेज दो, बदले में और जितना राज्य चाहो ले लो। पत्र पाते ही राजा रत्नसेन क्रोध से लाल हो गया और बिगड़ कर दूत को वापस कर दिया। अलाउद्दीन ने चित्तौड़ गढ़ पर चढ़ाई कर दी। आठ वर्ष तक मुसलमान चित्तौड़ को घेरे रहे और घोर युद्ध होता रहा, पर गढ़ न टूट सका। इसी बीच दिल्ली से एक पत्र अलाउद्दीन को मिला जिसमें हरेव लोगों के फिर से चढ़ आने का समाचार लिखा था। बादशाह ने जब यह देखा कि गढ़ नहीं टूटता है तब उसने कपट की एक चाल सोची। उसने रत्नसेन के पास संधि का एक प्रस्ताव भेजा और यह कहलाया कि मुझे पद्मिनी नहीं चाहिए; समुद्र से जो पाँच अमूल्य वस्तुएँ तुम्हें मिली हैं उन्हें दे कर मेल कर लो। 1. लोना चमारिन के संबंध में भी प्रसिद्ध है कि उसकी बात इसी प्रकार से सत्य करने के लिए देवी ने प्रतिपदा के दिन आकाश में जा कर अपने हाथ का कंगन दिखाया था जिसे देखनेवालों को द्वितीया के चंद्रमा का भ्रम हुआ था।
राजा ने स्वीकार कर लिया और बादशाह को चित्तौरगढ़ के भीतर ले जा कर बड़ी धूमधाम से उसकी दावत की। गोरा बादल नामक विश्वासपात्र सरदारों ने राजा को बहुत समझाया कि मुसलमानों का विश्वास करना ठीक नहीं, पर राजा ने ध्यान न दिया। वे दोनों वीर नीतिज्ञ सरदार रूठ कर अपने घर चले गए। कई दिनों तक बादशाह की मेहमानदारी होती रही। एक दिन वह टहलते-टहलते पद्मिनी के महल की ओर भी जा निकला, जहाँ एक से एक रूपवती स्त्रियाँ स्वागत के लिए खड़ी थीं। बादशाह ने राघव से, जो बराबर उसके साथ-साथ था, पूछा कि 'इनमें पद्मिनी कौन है?' राघव ने कहा, 'पद्मिनी इनमें कहाँ? ये तो उसकी दासियाँ हैं।' बादशाह पद्मिनी के महल के सामने ही एक स्थान पर बैठ कर राजा के साथ शतरंज खेलने लगा। जहाँ वह बैठा था वहाँ उसने एक दर्पण भी रख दिया था कि पद्मिनी यदि झरोखे पर आवेगी तो उसका प्रतिबिंब दर्पण में देखूँगा। पद्मिनी कुतूहलवश झरोखे के पास आई और बादशाह ने उसका प्रतिबिंब दर्पण में देखा। देखते ही वह बेहोश हो कर गिर पड़ा।
अंत में बादशाह ने राजा से विदा माँगी। राजा उसे पहुँचाने के लिए साथ-साथ चला। एक एक फाटक पर बादशाह राजा को कुछ न कुछ देता चला। अंतिम फाटक पार होते ही राघव के इशारे से बादशाह ने रत्नसेन को पकड़ लिया और बाँध कर दिल्ली ले गया। वहाँ राजा को तंग कोठरी में बंद कर के वह अनेक प्रकार के भयंकर कष्ट देने लगा। इधर चित्तौर में हाहाकार मच गया। दोनों रानियाँ रो-रो कर प्राण देने लगीं। इस अवसर पर राजा रत्नसेन के शत्रु कुंभलनेर के राजा देवपाल को दुष्टता सूझी। उसने कुमुदनी नाम की दूती को पद्मावती के पास भेजा। पहले तो पद्मिनी अपने मायके की स्त्री सुन कर बड़े प्रेम से मिली और उससे अपना दुःख कहने लगी, पर जब धीरे-धीरे उसका भेद खुला तब उसने उचित दंड दे कर उसे निकलवा दिया। इसके पीछे अलाउद्दीन ने भी जोगिन के वेश में एक दूती इस आशा से भेजी कि वह रत्नसेन से भेंट कराने के बहाने पद्मिनी को जोगिन बना कर अपने साथ दिल्ली लाएगी। पर उसकी दाल भी न गली।
अंत में पद्मिनी गोरा और बादल के घर गई और उन दोनों क्षत्रिय वीरों के सामने अपना दुःख रोकर उसने उनसे राजा को छुड़ाने की प्रार्थना की। दोनों ने राजा को छुड़ाने की दृढ़ प्रतिज्ञा की और रानी को बहुत धीरज बँधाया। दोनों ने सोचा कि जिस प्रकार मुसलमानों ने धोखा दिया है उसी प्रकार उनके साथ भी चाल चलनी चाहिए। उन्होंने सोलह सौ ढकी पालकियों के भीतर सशस्त्र राजपूत सरदारों को बिठाया और जो सबसे उत्तम और बहुमूल्य पालकी थी उसके भीतर औजार के साथ एक लोहार को बिठाया। इस प्रकार वे यह प्रसिद्ध कर के चले कि सोलह सौ दासियों के सहित पद्मिनी दिल्ली जा रही है।
गोरा के पुत्र बादल की अवस्था बहुत थोड़ी थी। जिस दिन दिल्ली जाना था उसी दिन उसका गौना आया था। उसकी नवागता वधू ने उसे युद्ध में जाने से बहुत रोका पर उस वीर कुमार ने एक न सुनी। अंत में सोलह सौ सवारियों के सहित वे दिल्ली के किले में पहुँचे। वहाँ कर्मचारियों को घूस दे कर अपने अनुकूल किया जिससे किसी ने पालकियों की तलाशी न ली। बादशाह के यहाँ खबर गई कि पद्मिनी आई है और कहती है कि राजा से मिल लूँ और उन्हें चित्तौर के खजाने की कुंजी सुपुर्द कर दूँ तब महल में जाऊँ। बादशाह ने आज्ञा दे दी। वह सजी हुई पालकी वहाँ पहुँचाई गई जहाँ राजा रत्नसेन कैद था। पालकी में से निकल कर लोहार ने चट राजा की बेड़ी काट दी और वह शस्त्र ले कर एक घोड़े पर सवार हो गया जो पहले से तैयार था। देखते-देखते और हथियारबंद सरदार भी पालकियों में से निकल पड़े। इस प्रकार गोरा और बादल राजा को छुड़ा कर चित्तौर चले।
बादशाह ने जब सुना तब अपनी सेना सहित पीछा किया। गोरा बादल ने जब शाही फौज पीछे देखी तब एक हजार सैनिकों को लेकर गोरा तो शाही फौज को रोकने के लिए डट गया और बादल राजा रत्नसेन को लेकर चित्तौर की ओर बढ़ा। वृद्ध वीर गोरा बड़ी वीरता से लड़कर और हजारों को मार कर अंत में सरजा के हाथ से मारा गया। इस बीच में राजा रत्नसेन चित्तौर पहुँच गया। पहुँचते ही उसी दिन रात को पद्मिनी के मुँह से रत्नसेन ने जब देवपाल की दुष्टता का हाल सुना तब उसने उसे बाँध लाने की प्रतिज्ञा की। सबेरा होते ही रत्नसेन ने कुम्भलनेर पर चढ़ाई कर दी। रत्नसेन और देवपाल के बीच द्वंद युद्ध हुआ। देवपाल की साँग रत्नसेन की नाभि में घुस कर उस पार निकल गई। देवपाल साँग मार कर लौटना ही चाहता था कि रत्नसेन ने उसे जा पकड़ा और उसका सिर काट कर उसके हाथ-पैर बाँधें। इस प्रकार अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर और चित्तौरगढ़ की रक्षा का भार बादल को सौंप रत्नसेन ने शरीर छोड़ा।
राजा के शव को ले कर पद्मावती और नागमती दोनों रानियाँ सती हो गईं। इतने में शाही सेना चित्तौरगढ़ आ पहुँची। बादशाह ने पद्मिनी के सती होने का समाचार सुना। बादल ने प्राण रहते गढ़ की रक्षा की पर अंत में वह फाटक की लड़ाई में मारा गया और चित्तौरगढ़ पर मुसलमानों का अधिकार हो गया।
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कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को बेंगलुरु में कहा कि कर्नाटक में 100 फीसदी हमारी पार्टी सत्ता में वापस आएगी.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को बेंगलुरु में कहा कि कर्नाटक में 100 फीसदी हमारी पार्टी सत्ता में वापस आएगी. उन्होंने कहा कि हमारे नेता कड़ी मेहनत कर रहे हैं. वे (BJP-RSS) यहां स्वायत्त निकायों और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर रहे हैं. खरगे ने आगे कहा कि हमें संसद से सड़क तक लड़ना है. देश में बेरोजगारी और महंगाई है, जीडीपी विकास दर गिर रही है, रुपये का मूल्य गिर रहा है, पेट्रोल-डीजल और आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं.
उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करना और भाजपा-आरएसएस की प्रतिशोधी नीतियों से लड़ना मेरा कर्तव्य है. वे धर्म के आधार पर देश को बांट रहे हैं. वे पिछड़ों, अनुसूचित जातियों, अल्पसंख्यकों को बांट रहे हैं. BJP-RSS सब कुछ चुनाव के नजरिए से देखते हैं. कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोमवार यानी कल चुनाव होना है. टक्कर मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर के बीच होगा.
19 अक्टूबर (बुधवार) को पता चलेगा कि कौन पार्टी के इस अहम पद की कमान संभालेगा. करीब 22 साल बाद गांधी परिवार के बाहर का कोई व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष बनेगा.कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे और शशि थरूर इस मुकाबले में एक-दूसरे के सामने हैं और वे प्रदेश कांग्रेस समिति (पीसीसी) के 9000 से अधिक 'डेलीगेट्स' (निर्वाचित मंडल के सदस्य) को लुभाने के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं.
खरगे को इस पद के लिए पसंदीदा और अनाधिकारिक रूप से आधिकारिक उम्मीदवार माना जा रहा है और बड़ी संख्या में वरिष्ठ नेता उनका समर्थन कर रहे हैं जबकि थरूर ने अपने आप को बदलाव लाने वाले उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है. थरूर ने अपने प्रचार के दौरान असमान मुकाबला होने के मद्दे को उठाया है जबकि दोनों उम्मीदवारों और पार्टी ने कहा है कि गांधी परिवार निष्पक्ष है और कोई आधिकारिक उम्मीदवार नहीं है.
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संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था । लेकिन अब 17वीं लोकसभा का 10वां सत्र शुक्रवार यानि कि आज 23 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है ।
आपको बता दें कि लोकसभा की कार्यवाही शीतकालीन सत्र में तय समय से छह दिन पहले ही खत्म कर दी गई । लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 13 बैठकों में 68 घंटे और 42 मिनट कामकाज हुआ । उन्होंने कहा कि इस दौरान कार्य उत्पादकता करीब 97 प्रतिशत रही । सदन में इस दौरान 9 बिल पेश किए गए और 7 बिल पास हुए ।
शीतकालीन सत्र के दौरान 7 विधेयक पास हुए। 'समुद्री जलदस्युता रोधी विधेयक 2022', 'संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (दूसरा, तीसरा, चौथा, पांचवां संशोधन) विधेयक 2022' को मंजूरी दी गई। इसके साथ वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 3. 25 लाख करोड़ रुपये की अनुदान की अनुपूरक मांगों और 2019-20 के लिए अनुदान की अतिरिक्त मांगों को मंजूरी दी गई। ओम बिरला ने ये भी बताया कि मल्टी-स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाइटीज (संशोधन) विधेयक और जन विश्वास (संशोधन) विधेयक को संसद के दोनों सदनों की ज्वाइंट कमेटी के पास भेजा गया है ।
लोकसभा अध्यक्ष ने ओम बिरला ने बताया कि शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में 56 तारांकित प्रश्नों के उत्तर मौखिक तौर पर दिए गए। 2760 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर लिखित में दिए गए। इससे इतर जन महत्व के 298 मामले सदन में उठाए गए। जीरो आवर के दौरान लोकसभा सदस्यों ने जन महत्व से जुड़े 374 मामले उठाए गए। स्पीकर ने बताया कि स्टैंडिंग कमेटी ने सदन में 36 रिपोर्ट पेश कीं और 43 बयान दिए । सदन में कुल 1811 पत्र प्रस्तुत किए गए।
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डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि एच3एन8 बर्ड फ्लू से चीन में एक व्यक्ति की मौत हुई है. यह इस वायरस के कारण हुई दुनिया में पहले व्यक्ति की मौत है. डब्ल्यूएचओ ने बताया कि चीन में मरने वाली 56 वर्षीय महिला दक्षिणी चीन के ग्वांगडोंग प्रांत की थी. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि महिला एवियन इन्फ्लूएंजा सब वेरिएंट एच3एन8 से संक्रमित होने वाली चीन की तीसरी इंसान थी. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि यह वायरस इंसानों में दुर्लभ है और इंसानों के बीच इसका संक्रमण नहीं दिखता है. एवियन इन्फ्लूएंजा एच3एन8 के सब वेरिएंट के सभी तीन मामले चीन में पाए गए हैं. इनमें से दो मामले पिछले साल सामने आए थे.
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक एक वेट मार्केट से जुटाए गए नमूने जहां फ्लू से मरने वाली महिला बीमार होने से पहले गई थी, उनमें इन्फ्लूएंजा ए (एच3) पाया गया था. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बाजार महिला के संक्रमित होने का स्रोत हो सकता है. साथ ही संगठन ने कहा कि उस महिला के संपर्क में आए किसी अन्य इंसान में इस तरह का संक्रमण नहीं पाया गया है. इंसानों में एच3एन8 वायरस दुर्लभ है लेकिन यह पक्षियों में आम है. हालांकि पक्षियों में भी इससे संक्रमण के लक्षण या तो बिल्कुल नजर नहीं आते हैं या बहुत कम नजर आते हैं. इसने अन्य स्तनधारियों को भी संक्रमित किया है.
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क्वेटा/नई दिल्ली। चीन सरकार पाकिस्तान के ग्वादर में अपने पांच लाख चीनी नागरिकों को बसाने के लिए एक औपनिवेशिक शहर बनाने जा रही है। इस शहर में केवल चीनी नागरिक रहेंगे। यह जानकारी मंगलवार को मीडिया रिपोर्ट से मिली।
विदित हो कि इससे पहले चीन अपने नागरिकों के लिए अफ्रीका और मध्य एशिया में ऐसे परिसर या उपनगर बना चुका है। लेकिन दक्षिण एशिया में चीन इस तरह का पहला शहर बना रहा है।
बताया जाता है कि चीन सरकार पूर्वी रूस और उत्तरी म्यांमार में जमीन खरीदने की दिशा में बहुत आगे बढ़ चुकी है। विशेषज्ञों की मानें तो औपनिवेशिक काल वापस आ रहा है जिसमें चीन नए जमाने का साम्राज्यवादी देश बन रहा है।
उल्लेखनीय है कि यह शहर चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपेक) का हिस्सा होगा। इस शहर को बनाने में 15 करोड़ डॉलर की लागत आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2022 तक यह शहर बनकर तैयार हो जाएगा।
दरअसल, सीपेक के तहत पाकिस्तानी बंदरगाह ग्वादर में चीन की कई वित्तीय जिले बनाने की योजना है। इन जिलों में काम काम करने वाले चीनी कामगारों के रहने के लिए यह शहर बनाया जा रहा है।
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भारत के
यूरोप के साहब लोग जिसको नही चाहते, वह सब फेक देना चाहिए। गोपियो का वर्णन, यहाँ तक कि कृष्ण का वर्णन भी प्रक्षिप्त है। जो लोग ऐसी घोर वाणिज्य - वृत्ति के हैं, जिनके धर्म का आदर्श भी व्यवसाय ही से उत्पन्न हुआ है, उनका विचार यही है कि वे इस ससार मे कुछ करके स्वर्ग प्राप्त करेंगे । व्यवसायी सूद दर सूद चाहते हैं, वे यहाँ ऐसा कुछ पुण्य - सचय करना चाहते है, जिसके फल से स्वर्ग मे जाकर सुख-भोग करेंगे। इनके धर्ममत मे गोपियो के लिए अवश्य स्थान नही है। अब हम उस आदर्श प्रेमी श्री कृष्ण का वर्णन छोड़कर और भी नीचे की तह मे प्रवेश करके गीता-प्रचारक श्री कृष्ण की विवेचना करेंगे। यहाँ भी हम देखते है कि गीता के समान वेदो का भाष्य कभी नहीं बना है और बनेगा भी नही । श्रुति अथवा उपनिषदो का तात्पर्य समझना बडा कठिन है, क्योकि नाना भाष्यकारो ने अपने अपने मतानुसार उनकी व्याख्या करने की चेष्टा की है । अन्त मे जो स्वय श्रुति के प्रेरक है, उन्ही भगवान् ने आविर्भूत होकर गीता के प्रचारक रूप से श्रुति का अर्थ समझाया और आज भारत में उस व्याख्याप्रणाली की जैसी आवश्यकता है, सारे ससार मे इसकी जैसी आवश्यकता है, वैसी किसी और वस्तु की नही । यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि परवर्ती शास्त्र - व्याख्याता गीता तक की व्याख्या करने में बहुघा भगवान् के वाक्यो का अर्थ और भाव-प्रवाह नहीं समझ सके । गीता मे क्या है और आधुनिक भाष्यकारो मे हम क्या देखते है ? एक अद्वैतवादी भाष्यकार ने किसी उपनिषद् की व्याख्या की, जिसमे बहुत से द्वैतभाव के वाक्य है । उसने उनको तोड-मरोडकर कुछ अर्थ ग्रहण किया और उन सबका अपनी व्याख्या के अनुरूप मनमाना अर्थ लगा लिया। फिर द्वैतवादी भाष्यकार ने भी व्याख्या करनी चाही, उसमे अनेक अद्वैतमूलक अश हैं, जिनकी खीचतान उसने उनसे द्वैतमूलक अर्थ ग्रहण करने के लिए की । परन्तु गीता मे इस प्रकार के किसी अर्थ के बिगाडने की चेष्टा तुमको नही मिलेगी । भगवान् कहते हैं, ये सव सत्य हैं, जीवात्मा वीरे धीरे स्थूल से सूक्ष्म, सूक्ष्म से अति सूक्ष्म सीढियो पर चढती जाती है, इस प्रकार क्रमश. वह उस चरम लक्ष्य अनन्त पूर्णस्वरूप को प्राप्त होती है। गीता मे इसी भाव को समझाया गया है, यहाँ तक कि कर्मकाड भी गीता मे स्वीकृत हुआ है और यह दिखलाया गया है कि यद्यपि कर्मकाड साक्षात् मुक्ति का सावन नही है, किन्तु गौण भाव से मुक्ति का सावन है, तथापि वह सत्य है, मूर्ति पूजा भी सत्य है, भव प्रकार के अनुष्ठान और क्रिया-कर्म भी सत्य है, केवल एक विषय पर ध्यान रखना होगा - - वह है चित्त की शुद्धि । यदि हृदय शुद्ध और निप्कपट हो, तभी उपासना ठीक उतरती है और हमे चरम लक्ष्य तक पहुँचा देती है। ये विभिन्न
अपूर्ण मये मान का उदय हुआ था उसका कुछ मामार बबदम था। बम्प किसी भी महापुस्प या पैराम्बर के जीवन पर विचार करने पर यह जान पड़ता है कि बह पैगम्बर अपने पूर्ववर्ती कितने ही भागों का विकास माम है हम देखते हैं कि उसने अपने देश में यहाँ तक कि उस समय जैसी शिक्षा प्रथसित की केवल उसका प्रचार किया है महाँ तक कि उस महापुरुष के अस्तित्व पर भी सन्देह हो सकता है, किन्तु में चुनौती देता हूँ कि कोई यह साबित कर दे कि कृष्ण के निष्काम कर्म निरपेक्षनिष्ठा मौर निष्काम प्रेम पत्रण के ये उपवेध ससार में मौलिक गाविष्कार मही है। यदि ऐसा नहीं कर सकते तो यह अवस्य स्वीकार करना पड़ेगा कि किसी एक व्यक्ति ने निश्चय ही इन तत्वों को प्रस्तुत किया है। यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि ये तत्त्व किसी दूसरे मनुष्य से किये गये हैं। कारण गर कि हम के उत्पन्न होने के समम सर्वसाधारण में इन तत्वों का प्रचार नही था। भगवान् श्री कृष्ण ही इनके प्रथम प्रचारक है उनके शिष्यसमेत तत्वों का साधारण बन में प्रचार किया ऐसा श्रेष्ठ बादर्स और कभी चिमित नही हुमा। हम उनके प्रत्व में गोपीजनबरकम मृत्यायन-बिहारी से और कोई सच्च तर भादर्श नही पाते। जब तुम्हारे हृदय में इस उम्मत्तता का प्रवेश हा बब तुम माम्पबती गोपियों के भाग को समझौपे तमी तुम जानोगे कि प्रेम क्या वस्तु है । अब समस्त ससार तुम्हारी दृष्टि से अन्तपन हो जायेगा जब तुम्हारे म और कोई कामना नहीं रहेगी जब तुम्हारा चित्त पूर्णरूप से हो जायेगा अन्य कोई कदम न होपा यहाँ तक कि जब तुममें सत्यानुसन्धान की भावना भी नहीं रहेगी धमी तुम्हारे हम में उस प्रेमम्मतता का निर्माण होपातमी म योपियों की प्रेम की महिमा समझोगे। मही है। यदि तुमको यह प्रेम मिला तो सब कुछ मिल पमा ।
इस बार इस नीचे की वहीं में प्रवेश करते हुए गीताप्रचारक कृष्ण की विवेचना करणे मारत में इस समम कितने ही कोपों में ऐसी बेप्टा दिखायी पड़ती है, जो मोहे के आगे बड़ी जीतनेवालों की ही होती है। इसमें से बहुतों की मह वारणा है कि श्री कृष्ण का पौपियों के साथ प्रेमलीला करना बड़ी ही लटकनेवासी बात है। यूरोप के लौम मी इसे पसन्द नही करते। इस योपी अम अमुक पति को अच्छा नही समझ मद्राए बगस्य गोपियों को बहा दो। बिना पूरोप के माहवा के अनुमोदन के कैसे टिक सकते है ? कयापि नही टिक सकते। महाभारत में बीएस्पानों को छोड़कर भी बैंसेउतीमही पोपियों प्रम दोहींकी प्रार्थना मे और पाल-जप के समय विशुपालकी में का वर्णन माया है। सब प्रबंध है। VITI इत्यापन मै |
दीपशिखा सिकरवार, नई दिल्ली ऐप के जरिए कैब सर्विसेज देने वाली ऊबर और ओला जैसी कंपनियों की लीज्ड कारों का रेंटल गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू होने से 25-30 पर्सेंट बढ़ सकता है। इन दोनों कंपनियों के पास करीब 30,000 लीज्ड कारें हैं। कॉर्पोरेट एग्जिक्युटिव्स के लिए भी कार लीज पर खर्च बढ़ सकता है। इस वजह से बहुत से एग्जिक्युटिव्स अपनी मौजूदा कार लीज को समय से पहले समाप्त करवाने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि, केंद्र सरकार इस मुद्दे को जल्द ही GST काउंसिल के सामने उठा सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'हम इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं और हमें GST काउंसिल के पास ले जाएंगे। '
पुराने टैक्स सिस्टम से GST में बदलाव से टैक्सेशन पर पड़ने वाले असर से जुड़े नियमों में गुड्स को राहत दी गई है, लेकिन ऐसा लगता है इसमें लीज पर ध्यान नहीं दिया गया है। वीइकल्स लीज पर देने वाली कंपनियों के एक संगठन ने सरकार से मौजूदा लीज पर सेंट्रल GST से छूट मांगी है क्योंकि वीइकल्स पर पहले ही सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी चुकाई जा चुकी है। इस संगठन के सदस्यों में ऊबर, ओला, लीजप्लान, ट्रांजलीज, ओरिक्स, मैग्मा, टाटा कैपिटल, सुंदरम फाइनैंस शामिल हैं। इसके अलावा ट्रैक्टर्स मैन्युफैक्चरर्स असोसिएशन ने भी सरकार से ऐसी ही गुहार लगाई है।
ट्रांजलीज के प्रेजिडेंट हरि कौशक ने बताया, 'हमारे पस लीज को समय से पहले बंद करने के निवेदन बड़ी संख्या में आए हैं। हमारी टीमें इस समस्या से निपटने के लिए काम कर रही हैं। ' लीज पर वीइकल लेने वालों के लिए GST के कारण मासिक भुगतान बढ़ने से इस इंडस्ट्री के बिजनस में बड़ा बदलाव आएगा। इस अजीब स्थिति का कारण लीज को गुड्स मानना है, सर्विसेज नहीं और इसके अनुसार ही इन पर वैल्यू एडेड टैक्स (VAT) लगाया जाता है।
इन कारों को खरीदने के समय सेंट्रल एक्साइज टैक्स पहले ही चुकाया जा चुका है। GST में सेंट्रल एक्साइज और राज्यों के बहुत से टैक्स मिल जाएंगे और इस वजह से लीज पर लिए गए वीइकल्स के लिए यह दो बार टैक्स चुकाने जैसा हो जाएगा क्योंकि इन पर एक्साइज पहले ही दिया जा चुका है। उदाहरण के लिए, अगर एक मिड साइज कार का बेसिक मंथली लीज रेंट 25,000 रुपये है तो मौजूदा सिस्टम में उसे पर 12. 5 पर्सेंट VAT लगेगा और कुल लीज रेंट 28,125 रुपये हो जाएगा।
GST लागू होने के बाद यह रेंट बढ़कर 35,750 रुपये हो जाएगा। नए सिस्टम में लीज रेंट पर 28 पर्सेंट GST और 15 पर्सेंट सेस लगेगा। ओला फ्लीट टेक्नॉलजीज के CEO शलभ सेठ ने बताया, 'हमारी कंपनी उन हजारों ड्राइवर-पार्टनर्स के लिए एक लीजिंग स्कीम चलाती है जो खुद कार नहीं खरीद सकते। GST लागू होने के बाद इनकी आमदनी पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्हें लीज की बाकी अवधि के लिए 1 लाख रुपये से अधिक चुकान होंगे। '
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शांति का माहौल कायम करने की कोशिशें बेकार साबित हो रही हैं। मंगलवार को भी कई जगहों पर धरना-प्रदर्शन चलता रहा। कुलपति की कार पर पत्थर और पानी की बोतलें फेंकी गई। विनायक दामोदर सावरकर की फोटो पर स्याही पोतने का मामला भी सामने आया है। एकतरफ डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति का मामला है तो दूसरी ओर फीस में कमी की मांग। इन दोनों मांगों को लेकर बीएचयू के छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रफेसर पद पर डॉ. फिरोज खान की नियुक्ति के विरोध में कुलपति आवास के बाहर छात्रों का धरना मंगलवार को 12वें दिन भी जारी रहा। दोपहर में कुलपति प्रफेलर राकेश भटनागर की कार धरनास्थल के पास से गुजरी तो छात्र दौड़ पड़े। इस बीच किसी ने एक पत्थर और पानी की बातलें कार पर फेंकी। हालांकि, पत्थर कार में लगा नहीं लेकिन इससे हड़कंप मच गया। सुरक्षाकर्मी दौड़े तो कुछ देर के लिए छात्र हट गए। बीएचयू प्रशासन के प्रवक्ता डॉ. राजेश सिंह का कहना है कि धरनारत छात्रों में किसी ने पानी की बोतल कुलपति की कार पर फेंकी थी।
उधर, विधि संकाय के एलएलबी के छात्र फीस कम करने की मांग को आंदोलित हैं। छात्रों ने कक्षा का बहिष्कार करने के साथ प्रदर्शन किया। छात्रों का कहना है कि एक तरफ पुरानी प्रणाली से एलएलबी करने वालों से महज तीन से चार हजार रुपये शुल्क लिया जाता है जबकि नई व्यवस्था में 65 हजार रुपये सालाना शुल्क लिया जा रहा है। इसी संकाय के कुछ छात्रों ने रविवार को एक छात्रा से हुई छेड़खानी और शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने के विरोध में मुख्य द्वार पर धरना दिया।
इस बीच बीएचयू जॉइंट ऐक्शन कमिटी से जुड़े छात्रों ने जेएनयू में हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में 'पीएम नरेंद्र मोदी शिक्षा विरोधी' नारा लिखे बैनर के साथ कैंपस स्थित विश्वनाथ मंदिर से विरोध मार्च निकाला। यह मार्च कला संकाय, सामाजिक विज्ञान संकाय सहित अन्य संकायों से होते हुए परिसर में घूमा। मार्च में शामिल भगत सिंह छात्र मोर्चा के कार्यकर्ताओं के साथ एबीवीपी के कार्यकर्ताओं की झड़प और मारपीट हुई।
विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग में लगी वीर सावरकर की फोटो पर स्याही पोतने की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति 10 दिनों के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी। छात्र नेता डॉक्टर अरुण चौबे और अभय प्रताप सिंह ने इस हरकत की कड़ी निंदा करते हुए आरोप लगाया कि वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने अंजाम दिया है।
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Yoga for fertility in female in Hindi बांझपन दूर करने के योगासन, महिलाओं में इनफर्टिलिटी (बांझपन) आज एक गंभीर समस्या हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि जो महिलाएं फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योगासन का अभ्यास करती हैं, उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना अन्य महिलाओं से अधिक होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में लगभग 15 प्रतिशत जोड़े, प्रजनन मुद्दों के लिए मदद चाहते हैं। बांझपन, तनाव और अनियमित जीवनशैली से होने वाली सबसे आम परेशानियों में से एक है।
महिलाओं में फर्टिलिटी के लिए योग बहुत मदद करता है जो अंतःस्रावी और प्रजनन प्रणाली को पोषण, समर्थन और मजबूत करने में मदद करता है। आपका अंतःस्रावी तंत्र उचित हार्मोनल संतुलन के लिए आवश्यक है, योग आपके स्वस्थ अंतःस्रावी के कार्य को बढ़ावा देता है इसके लिए आपको बस उन महत्वपूर्ण योग आसन का उपयोग करना है जो प्रजनन प्रणाली का समर्थन करते है। आइये महिलाओं में इनफर्टिलिटी को दूर करने लिए योगासन के बारे में विस्तार से जानते हैं।
महिलाओं में इनफर्टिलिटी और बांझपन के कई कारण हैं। इसमें सबसे आम कारण तनाव है जिससे हम रोजमर्रा की जिंदगी से गुजरते हैं। एक शोध से साबित होता है कि तनाव व्यक्ति की प्रजनन क्षमता में एक बड़ी बाधा का काम करता है। इसके अलावा अन्य कारण जैसे आयु, तंबाकू, शराब, भोजन विकार और फैलोपियन ट्यूब या गर्भाशय का क्षतिग्रस्त होना आदि कारण हो सकते हैं।
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जब आप इन महत्वपूर्ण योग का अभ्यास करते हैं तो तनाव कम हो जाता है। जो कि महिलाओं में इनफर्टिलिटी का मुख्य कारण है। गर्भावस्था के लिए योग आपके शरीर और दिमाग को भी तैयार करता है। हालाँकि इसमें गर्भाधान की गारंटी नहीं है, लेकिन आपके लिए फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योगासन बेहतर हैं। फर्टिलिटी योग कोई अलग प्रकार का योग नहीं है जो आपके गर्भावस्था की संभावनाओं को बढ़ाता है, बल्कि कुछ विशेष योग और आसनों का एक सेट है जो तनाव के स्तर को कम करने और विषाक्त पदार्थों को शरीर से साफ करने में मदद करता है। आइये महिलाओं में इनफर्टिलिटी को दूर करने के लिए योगासन को विस्तार से जानते हैं।
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उत्तानासन को स्टैंडिंग फ़ॉरवर्ड बेंडिंग पोज़ कहा जाता है। यह श्रोणि क्षेत्र और तंत्रिका तंत्र में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। यह रीढ़ को अधिक लचीला बनाता है और उदर क्षेत्र से तनाव मुक्त करता है, जिससे महिला में गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। उत्तानासन करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और अपने दोनों हाथों को ऊपर सीधा कर लें। अब धीरे-धीरे सामने की ओर कमर से नीचे झुकते जाएं और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजों को छूने की कोशिश करें। इस आसन में आप 60 से 90 सेकंड के लिए रहें फिर आसन से बाहर आयें।
(और पढ़े - उत्तानासन (हस्तपादासन) करने का तरीका और फायदे...)
पश्चिमोत्तानासन योग हैमस्ट्रिंग, पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों को एक अच्छा खिंचाव देता है। यह महिला प्रजनन अंगों, खासकर गर्भाशय और अंडाशय को भी उत्तेजित करता है। जिससे प्रजनन स्तर में सुधार होता है और तनाव दूर होता है। पश्चिमोत्तानासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके दण्डासन में बैठ जाएं। अपने दोनों हाथों को ऊपर उठा के सीधे कर लें। अब धीरे-धीरे आगे की ओर झुके और अपने दोनों हाथों से पैर के पंजे पकड़ लें। अपनी सिर को घुटनों पर रख दें। इस आसन को 20 से 60 सेकंड के लिए करें।
(और पढ़े - पश्चिमोत्तानासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां...)
जानुशीर्षासन निचली पीठ को एक अच्छा खिंचाव देता है। यह पीठ का खिंचाव पीठ को मजबूत करता है। गर्भावस्था के लिए शरीर को तैयार करते समय यह आवश्यक है। यह आसन तनाव मुक्त करने में भी मदद करता है। इसलिए यह प्रजनन क्षमता और फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योगासन में एक उत्कृष्ट आसन है। जानुशीर्षासन करने के लिए आप किसी साफ स्थान पर योगा मैट को बिछा के दोनों पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ के बाएं पैर की जांघ पर रखें। अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर करें सीधा खड़ा करें। अब अपने ऊपर के शरीर को बाएं पैर की ओर नीचे झुकाएं और बाएं पैर के पंजें को पकड़ लें। अपने सिर को बाएं पैर के घुटने पर रख लें। इस मुद्रा में रहते हुयें 5 से 10 बार साँस लें।
(और पढ़े - जानुशीर्षासन करने का तरीका और फायदे...)
बटरफ्लाई पोज़ या बद्ध कोणासन प्रजनन क्षमता के लिए सबसे प्रभावी योगों में से एक है क्योंकि यह कमर, आंतरिक जांघों और घुटनों को बढ़ाता है। यह आसान कमर और कूल्हे के क्षेत्रों में लचीलेपन के स्तर में सुधार करता है। यह सब गर्भवती होने की संभावना को अनुकूल बनाता है और यदि गर्भावस्था में बाद में इस आसन का अभ्यास किया जाता है, तो आपका सुचारू प्रसव भी होना तय है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को साफ जगह में बिछा के दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। इसके बाद दोनों पैर को अपनी ओर मोड़ लें और दोनों पैरों के पंजों से पंजे मिलाएं। अब दोनों हाथों से घुटनों को धीरे-धीरे दबाएँ जिससे दोनों घुटने फर्श पर रख जाएं। इस मुद्रा को आप 2 से 3 मिनिट के लिए करें।
(और पढ़े - बद्ध कोणासन करने का तरीका और फायदे...)
यह आसन एक विश्राम मुद्रा है। लेकिन जब आप इसका अभ्यास करते हैं, तो आपकी एड़ियों, कूल्हों और जांघों को फैलाया और मजबूत किया जाता है। इस आसान से आपके मस्तिष्क को आराम मिलता है जिससे तनाव और थकान से राहत मिलती है। इससे श्रोणि क्षेत्र में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है जो आपकी प्रजनन दर को बढ़ाने के लिए आवश्यक है। इस आसन को करने से पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह सामान्य हो जाता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर वज्रासन में या घुटने टेक के बैठ जाएं। अब धीरे-धीरे अपने सिर को झुकाते जाएं और जमीन पर सिर को रखें। अपने दोनों हाथों को सामने की ओर सीधे करके फर्श पर रखें। इस आसन में आप कम से कम 2 से 3 मिनिट रहने का प्रयास करें।
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जब आप सेतुबंधासन को करते हैं तो आप अपने श्रोणि क्षेत्र को ऊपर उठाते हैं। जब आप इस आसन में होते हैं तो श्रोणि ऊपर की ओर जोर देती है जिससे अंडाशय और गर्भाशय में रक्त परिसंचरण में वृद्धि होती है। यह निश्चित रूप से आपकी प्रजनन क्षमता में सुधार करता है और आपके गर्भवती होने की संभावना को बढ़ाता है। सेतुबंध आसन करने के लिए आप एक योगा मैट को बिछा के उस पर सीधे लेट जाएं, अब अपने पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़ें और अपने हिप्स को ऊपर उठायें, अपने दोनों हाथों को पीठ के नीचे आपस में जोड़ लें। इस स्थिति में रहते हुयें 20 बार साँस लें और स्थिति से बाहर आयें।
(और पढ़े - सेतुबंधासन करने का तरीका, फायदे और सावधानियां...)
सलंबा सर्वांगासन को जब आप करते हैं तो आप अपने शरीर के वजन को अपने कंधों पर संतुलित करते हैं। यह आसन थायरॉयड ग्रंथि को ट्रिगर करता है क्योंकि उरोस्थि (sternum) थायरॉयड क्षेत्र को दबाता है। इससे श्रोणि और गर्भाशय क्षेत्र में रक्त के प्रवाह में वृद्धि होती है जिसके कारण प्रजनन दर में सुधार होता है। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट के सीधे पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों को कमर के यहाँ से मुड़े और उनकों ऊपर करें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पीठ को सहारा देते हुए उठायें। अपने पैरों को अधिकतम ऊंचाई तक ऊपर करें। इस स्थिति में आपकी रीड की हड्डी और आपके पैर एक सीधी रेखा में रहनी चाहियें।
आपके शरीर का पूरा वजन कन्धों पर होगा और दोनों हाथ पीठ को ऊपर की ओर सीधा रखने में सहायता करेगें। इस आसन में आपको कम से कम 30 सेकंड तक रुकना हैं उसेक बाद पैरों को नीचे करते हुए अपनी प्रारंभिक अवस्था में आना हैं।
(और पढ़े - सर्वांगासन करने का तरीका और फायदे...)
विपरीता करणी उनके लिए एक महान आसन जो बांझपन की समस्याओं को दूर कर गर्भाधान के अवसरों को बढ़ाना चाहते है। जब आप अपने पैरों को ऊपर उठाते हैं, तो रक्त आपके श्रोणि क्षेत्र में बहता है जिससे आपके बच्चे बनाने वाले हार्मोन में वृद्धि होती है। जब संभोग के तुरंत बाद इस आसन का अभ्यास किया जाता है, तो आपके पास उस महीने गर्भधारण करने की अधिक संभावना होती हैं। इस आसन को करने के लिए आप सबसे पहले एक योगा मैट को बिछा के उस पर दीवार की ओर पैर करके सीधे लेट जाएं। अपने दोनों पैरों को ऊपर उठा के दीवार पर रखें और अपनी पीठ को जमींन पर ही रहने दें। इस स्थिति में आपकी कमर पर 90 डिग्री का कोण बनेगा। अपने दोनों हाथों को फर्श पर सीधा रखें।
इस मुद्रा में 5 से 15 मिनट तक बने रहें।
(और पढ़े - विपरीत करणी योग करने का तरीका और फायदे...)
शवासन एक योग निद्रा नामक आसान हैं जो सचेत योग निद्रा को प्रेरित करने में सहायक है। यह आसान शरीर और मन में संतुलन बनाने में सहायता करता है। यह मुद्रा महिलाओं के लिए अन्य प्रजनन योग आसन की अपेक्षा बहुत सरल है, लेकिन यह मन की अवस्था को बढ़ाने और उनके दृष्टिकोण को आशावादी बनाने में मदद करता है। इस आसन को करने के लिए आप एक योगा मैट को फर्श पर बिछा के उस पर पीठ के बल लेट जाएं। अपने दोनों पैरों और हाथों को सीधा रखें। अब अपने दोनों पैरों के बीच में 1.5 से 2 फिट की दूरी रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से 40 डिग्री पर रखें और हथेलियों को ऊपर की ओर रखें। अब इस मुद्रा में आराम करें, इस आसन में आपको सोना नहीं हैं। शवासन में आप अपनी क्षमता के अनुसार रह सकते है।
(और पढ़े - शवासन योग करने के फायदे और तरीका...)
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Se अध्याय चतुर्दश
नियमनिष्ठ आदमी निडर होते हैं पर सब नियम वाले नहीं होते।
६ नान कुंग को, ने एक बात पूछते पूछते कहा । ई धनुर्विद्या में दक्ष था जमीन पर नाव खेंच सकता था । पर इन में स्वाभाविक मौत से न मरा ।
यू और चेह अपने हाथों से खेती करते थे और वे चीन के महाराजा बन गए । कुङ्गमुनि यह सुन कर चुप हो रहे । जब वह चला गया तो बोले : यह महापुरुष है । यह वास्तव में धर्म का मोल जानता है । ७ गुरुदेव बोलेः ऐसे ऐसे महापुरुष होगए हैं जो सदा धर्मात्मा न थे ( कभी कभी चूक जाते थे ) पर कोई नीच अब तक नहीं हुआ जो धर्मात्मा रहा हो । ५. क्या ऐसा प्यार भी होसकता है जो कभी प्यारे के साथ क्रूरता से न वर्ते । ऐसी भक्ति भी होती है जो राजा को अनुमति न देवे ?
यदि प्रेम से कठोरता हटाली जाय तो बच्चे और जवान स्त्रियां, नौकर और अधिकारी वश से बाहर होजाते हैं । सिर पर चढ़ने लगते हैं । ९ गुरुदेव ने कहा :.
चिंग महावंश में राज की आज्ञाओं को पहिले पे शिन लिखता था । शेशू उस पर विचार कर के विवाद' करता
निडर आदमी
कुङ्गमुनि से और नागो से एक भी |
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (फाइल फोटोः एबीपी लाइव)
Chhattisgarh Assembly Elections 2023: छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में हैं और 90 विधानसभा सीटों में से 71 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक काबिज है. वहीं छत्तीसगढ़ का वीवीआइपी जिले दुर्ग की बात करें तो दुर्ग जिले में 6 विधानसभा सीटें हैं जिनमें से 5 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. हालांकि एक सीट पर बीजेपी का कब्जा है. ऐसे में इस साल विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस का दुर्ग जिले में क्या प्लान है यह जानना अहम हो जाता है.
दुर्ग में छह विधानसभा सीटे हैं जिनमे से पांच सीटों पर कांग्रेस और एक सीट पर बीजेपी का विधायक काबिज है. पाटन विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री भुपेश बघेल कांग्रेस से विधायक है. वहीं दुर्ग ग्रामीण विधानसभा सीट से गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू कांग्रेस से विधायक हैं. अहिवारा विधानसभा सीट से पीएचई मंत्री गुरु रुद्र कुमार कांग्रेस से विधायक है और दुर्ग शहर विधानसभा से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा कांग्रेस से विधायक है. वहीं भिलाई नगर विधानसभा क्षेत्र से देवेंद्र यादव कांग्रेस से विधायक हैं. इन 6 सीटों में से एक सीट वैशाली नगर विधानसभा सीट पर बीजेपी के विधायक विद्या रतन भसीन कब्जा है.
इस बार के विधानसभा चुनाव में, दुर्ग जिले में कांग्रेस तो सबसे पहले यह चाहेगी की दुर्ग जिले की 6 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हो. वैसे तो कांग्रेस दुर्ग जिले में अच्छे पोजीशन पर है. 6 विधानसभा क्षेत्रों में से 5 कांग्रेस के पास है और सिर्फ 1 विधानसभा क्षेत्र पर बीजेपी का कब्जा है. बता दें कि वैशाली नगर विधानसभा सीट पर कई सालों से बीजेपी का दबदबा कायम है. ऐसे में कांग्रेस की यह प्लान रहेगा कि दुर्ग जिले के वैशाली नगर विधानसभा में कांग्रेस का कब्जा हो और दुर्ग जिले की 6 सीटों पर कांग्रेस के विधायक जीत हासिल करें.
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत से अपनी सरकार बनाई थी. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के तौर पर भूपेश बघेल ने शपथ ली थी. भूपेश बघेल सीएम बनने के बाद से लगातार छत्तीसगढ़ के कई विधानसभा क्षेत्रों में दौरा कर रहे हैं और लोगों से भेंट-मुलाकात कर रहे हैं. वे आम लोगों से फीडबैक ले रहे हैं और सरकार की तरफ से चलाई जा रही योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं मिल रहा है इसकी जानकारी भी ले रहे हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने भेंट मुलाकात कार्यक्रम के दौरान दुर्ग जिले के 6 विधानसभा सीटों का भी दौरा करेंगे. इस दौरे में मुख्यमंत्री चुनावी साल को देखते हुए कई अहम घोषणा कर सकते हैं और जनता को कई सौगातें भी दे सकते हैं जिससे जनता कांग्रेस की तरफ आकर्षित हो सके.
इस बार जनता सीएम भूपेश बघेल का चेहरा देखकर कांग्रेस को वोट करेगी या फिर वह अपने क्षेत्र के मौजूदा विधायक या नए चेहरे को देखकर वोट करेगी, यह तो 2023 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा. वोटर्स कांग्रेस को छत्तीसगढ़ में सत्ता पर बैठाती है या फिर बीजेपी को यह चुनावी नतीजे ही बताएंगे. चुनावी साल होने की वजह से एक तरफ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार छत्तीसगढ़ के कई विधानसभाओं का दौरा कर रहे हैं तो वहीं बीजेपी भी अब जनता के बीच सत्ताधारी कांग्रेस सरकार की खामियां बताते हुए जनता का फीडबैक लेने के लिए मैदान में उतर चुकी है.
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108 : सामाजिक मानवशास्त्र की रूपरेखा
मानव जाति को निम्नलिखित मुख्य तीन भागों में बांटने के सम्बन्ध में एकमत हैं : (क) काकेशॉयड, (ख) मगोलॉयड और (ग) नोग्रॉयड । यह भो सभी मानवशास्त्री मानते हैं कि इन तीन मुख्य प्रजातियों की एकाधिक उप प्रजातियाँ भी हैं। परन्तु प्रत्येक मुख्य प्रजाति को कितनी उप-प्रजातियाँ हैं इस सम्बन्ध मे उनमे मतभेद है । कुछ भी हो, जनसंख्या के आधार पर हम मानव जाति को ग्यारह प्रजातियों में विभाजित कर सकते हैं। ये ग्यारह प्रजातियाँ निम्न हैं - (1) काकेशॉयड, (2) मंगोलॉयड, (3) अफ्रीकी नीग्रॉयड (4) काँगो या मध्य अफ्रीकी पिग्मी, (5) सुदूर-पूर्व के पिग्मी, (6) बुशमैनहॉटेनटाट, (7) मेलानेशियन, (8) माइक्रोनेशियन-पॉलीनेशियन (9) आस्ट्रेलॉयड, (10) ऐनू, और (11) बेड्डॉयड ।
मुख्य प्रजातियों को उपर्युक्त सूची प्रस्तुत करते हुए सर्वश्री जैकब तथा स्टर्न (Jacobs and Stern) ने इन प्रजातियों की प्रमुख विशेषताओं का निरूपण इस प्रकार किया है(1) काकेशॉयड (Caucasoid) - संसार मे यह प्रजाति संख्या में प्रायः दस खरब (One billion) है । सर्वसाधारण की भाषा मे इन्हे गोरी या श्वेत प्रजाति कहा जाता है । परन्तु वास्तव मे उन्हें श्वेत प्रजाति कहना उचित न होगा, क्योंकि उनका रंग पूर्णतया सफेद नहीं होता। इस प्रजाति मे सर्वाधिक हल्के रंग से लेकर गहरे भूरे रंग तक विविध रंगो के लोग पाये जाते है । सिर के केशो मे भी पर्याप्त भिन्नता पाई जाती है; सोधे केशों से लेकर घुंघराले केशो तक सब भेद इस प्रजाति के लोगो मे मिलते हैं। केशों का रग राख को-सी सफेदी लिए हुए से लेकर काले रंग तक का होता है। उनके शरीर पर भी पर्याप्त बाल होते हैं। आँखो का रंग हल्के नीले से लेकर गहरा बादामी तक होता है । नाक अधिकतर पतली तथा ऊँची होती है। कद तथा शीर्ष देशना मे भो इस प्रजाति के लोगों में पर्याप्त विविधता पाई जाती है। इस प्रजाति के अन्तर्गत उप-प्रजातियों के सम्बन्ध मे मानवशास्त्रियो मे एक मत नहीं है। फिर भी काकेशॉयड प्रजाति की तोन उप-प्रजातियां उल्लेखनीय है - (अ) आल्पाइन (Alpine), (ब) भूमध्यसागरीय (Mediterranean), और (स) नॉडिक (Nordic)।
आल्पाइन प्रजाति के लोग आज विशेष रूप से यूरोप के केन्द्रीय तथा पूर्वी भागों मे पाये जाते हैं। इनकी प्रमुख शारीरिक विशेषताएँ निम्न हैं - कद मध्यम दर्जे का ( औसत बद 5 फीट 5 इच), सिर चौडा, लम्बी नासिका, बन्धे चौड़े, छाती गहरी, शरीर और मुंह पर पर्याप्त बाल, केश तथा आँखों का रंग मध्यम से लेकर गहरा भूरा, केश साधारणतया सोधे, होठ मध्यम से लेकर पतले और त्वचा का रंग हल्का सफेद या पोला-भूरा । इस प्रजाति के नमूने भारत में विशेष रूप से गुजरात में मिलते हैं तथा मध्य भारत, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में भी कही नही मिलते है ।
भूमध्यसागरीय प्रजाति के लोग भूमध्यसागरीय प्रदेशो में तथा वहाँ से पूर्वीय दिशा में भारत तक फैले हुए हैं। भारत में इस प्रजाति के लोग पजाव, सिन्धु, राजपूताना
1. Jacobs and Stern, op. cit., pp. 48-64.
प्रजाति और जातिवाद 109
और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पाये जाते हैं इनको प्रमुख शारीरिक विशेषताएँ निन्न हैं -वद मध्यम दर्जे का (औ5 फीट 4 इच) सिर लम्बी लम्बी नासिका, होंठ पवने, केश काल और लहरदार या घुंघराले तथा कभी-कभी सोधे होते हैं, चेहरे और शरीर के अन्य भागों में बहुत कम बाल, वजन में लाइन प्रजाति के लोगों की अपेक्षा हल्के, अखें बादामी और त्वचा का रंग हल्का बादामी या फोका जैतनी होता है। नोटिक प्रजाति के लोगो के लिए आकार के और नाक
होती है। इनके घरोर लम्बे (5 फीट 8 इच) और पउने तथा चेहरे लम्बे होते हैं। इनके होंठ पचने तथा बान सीधे या लहरदार होते हैं। बाई नीली या रो होती हैं। इनकी त्वचा का रंग गुलाबीन लिए हुए सफेद होता है। ये लोग विशेषत स्वॅण्डिनेविया (Scandinavia), बाल्टिक देशों (Balthe countries) तथा उत्तरी जर्मनी में पाये जाते हैं। भारत में इस प्रजाति के लोकाश्मीर पंजाब के पश्चिमी भाग और राजस्थान में फैले हुए हैं।
(2) मंगोलॉप (Mongoloid) - जनमुना की दृष्टि से भगोनॉयड प्रजाति के लोग सवार में सबसे अधिक सख्या में हैं। इस प्रजाति का सबसे प्रमुख शारीरिक लक्षण बघta (slant eyes) होती हैं। इन आंखों का रंग बादशमीमा महरा बादामी होता है। शरीर-रचना में वे साधारणतया नाटे कद के तथा कुछ मोटे होते हैं। इस प्रजाति के लोगों के केश सीधे और कमी-नमो हल्के घुंघराने होते हैं। इनकी नाक छोटीऔर ची होती है और सिर चौडा और माया सीघा होता है। त्वचा का रंग पोला साया ताम्र गेहूँसा होता है। इनके सिर के बने होते हैं परन्तु शरीर के अन्य मार्गों पर वाल बहुत ही कम होते हैं। इनके होठ साम्रा और दोडी गोल होती है। इस प्रजाति के लोग विशेष रूप से उत्तर मध्य तथा दक्षिण-पूर्वी एशिया में वास करते हैं। अनेक मानवशास्त्री अमेरिकन इनको भी इस प्रजाति का सदस्य मानते हैं। इस प्रजाति के उक्त भौगोलिक को ध्यान में रखते हुए हो सर्वश्री बोल्ड तथा हाँइजर ( Beals and Horjer) ने इसकी तीन उपका उल्लेख किया है- (क) एशियाबासी मंगोल, (ख) इण्डोनेशिया या मनापावासी मंगोल, तया (ग) अमेरिकन इण्डियन । परन्तु मंगोलियन उप-प्रजातियों के सम्बन्ध में विद्वानों में बहुत कुछ मतभेद है। उदाहरणायं कुछ विद्वानों का कथन है कि अमेरिका के इंडियन लोगों में थोड़े से शॉयड तथा प्रॉड लक्षण और हिन्द-सुविग-वासी समूहों में शुमव्यसागरीय तत्त्व अधिक हैं। फिर भी अधिक मात्र इन दोनों मानव समूहों को मंगोल प्रजाति के अन्तर्गत हो उन हैं। भारतवर्ष मे इस प्रजाति की दो शाखाएं हैं - प्राचीन औरॉपड ये
लोग काम, पूर्वी सीमान्त प्रान्त, चटगांव, सिक्किम और भूटान में पाये जाउँ है । (3) अनोप्रॉयड (The Africsn Negroids) मानव जाति की तीसरी मुख्य प्रजाति है जिसकी सदस्य मख्या दस करोड़ के लगभग
1. For detailed discussion please see E. A. Hoebel, op. cit., p. 133.
है। इस प्रजाति के लोग दक्षिणी सहारा से लेकर केप-ऑफ-गुडहोप तक फैले हुए हैं । यह सच है कि मानव की आधुनिक प्रजातियों मे नीग्रो लोगो का रंग सबसे काला है फिर भी बहुत कम नीग्रो का रंग वास्तव मे वाला होता है। उनमे से अनेक का रंग गाढा बादामी या बादामी काला होता है। नीग्रो लोगों के केश रूखे, ऊनी और कडे घुंघराले होते हैं। शरीर पर बाल बहुत कम होते हैं। नाक बहुत चौडी, कान छोटे तथा ऊपर का जबड़ा आगे को बढा हुआ होता है। होंठ दूसरी प्रजातियों की अपेक्षा मोटे तथा बाहर को निकले हुए और लटकते से होते हैं। सिर के बाल घने, पर छोटे होते हैं। पुरुषो की दाढीमूंछो मे भी थोड़े बाल होते हैं। कद मध्यम लम्बा (medium tall ), हाथों को कुहनी से आगे का भाग लम्बा और पैर जमीन पर बैठा-सा (low-arched) होता है जैसा कि ऊपर कहा गया है, इस प्रजाति के लोग प्रधानत. सहारा के दक्षिण मे अफ्रीकी प्रदेशों मे निवास करते रहे हैं, परन्तु 17वी से 19वी शताब्दियों के बीच कई लाख अफ्रीकी नीग्रो अपने मूल निवास स्थान से अमेरिका में जाकर बस गये हैं। पूर्वी अफ्रीका के नाइलोटिस नोप्रो (Nilotic Negro ) अपनी कुछ दूसरी ही विशेषताओं के कारण प्रसिद्ध हैं। इनके शरीर का बीच का भाग (body) पतला और छोटा होता है जो कि लम्बे पैरों पर टिका हुआ होता है जिसके फलस्वरूप इनका कद दुबला और काफी ऊंचा होता है। पुरुषो को औसत ऊँचाई छ फुट से भी अधिक होती है और आम (स्त्री-पुरुष दोनों को मिलाकर) औसत ऊँचाई 5 फीट 10 इच या अधिक होती है। मुख्य नीग्रॉयड प्रजाति की एक और शाखा ओशियानिक नीप्रो ( Oceanic Negro) के नाम से प्रसिद्ध है। ये लोग विशेषकर सॉलोमन्स (Solomons ) , न्यू हैब्रिडीज ( New Hebrides ), न्यू कैलेडोनिया (New Caledonia ) तथा न्यू गिनी (New Guinea ) में पाये जाते हैं। इनकी शारीरिक विशेषताएँ प्राय अफ्रीकी नीग्रो लोगो के अनुरूप ही होती है, केवल अन्तर इतना होता है कि इनके बाल अधिक कुचित (frizzly ) तथा झाडी-से (bushy ) होते हैं; चेहरे मे नाक प्रधान होती है जो अपनी जड के स्थान पर बहुत नीची होती है; और होठ अफ्रीकी नीग्रो लोगो को अपेक्षा पतले तथा बाहर की ओर कम लटके हुए होते हैं ।
(4) कांगो या मध्य अफ्रीकी पिग्मी ( The Cango or Central African Pygmies ) - इनकी संख्या प्राय एक लाख है। अधिकतर विद्वान नीग्रो प्रजातीय परिवार की इस शाखा को अफीकी नीप्रॉयड के अन्तर्गत ही मानते हैं, परन्तु सर्वश्री जैकब तथा स्टर्न के अनुसार इन दोनों में इतना अधिक भेद है कि इन्हें एक ही वर्ग में सम्मिलित नहीं किया जा सकता। इनका विद्यमान औसत कद 5 फीट से भी कम है (प्राय 4 फोट 9 इच) । दूसरे शब्दों में पिग्मी' लोग, जैसाकि उनके नाम से ही स्पष्ट है, बोने और नाटे कद के होते हैं। उनका माथा विशेष रूप से निकला हुआ होता है। इनके केश विशिष्ट प्रकार के चक्करदार होते हैं जोकि बहुत घने रूप में सिर को ढक लेते हैं। ये अफ्रीकी नोप्रॉयड मेलानेशियन जितने काले भी नहीं होते और इन दोनो
1. This paragraph is mainly based on E A Hoebel, Ibld. pp. 133-134. |
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को जब अचानक लद्दाख पहुंचे तो हर कोई हैरान था। मीडिया में भी किसी को भनक तक नहीं थी कि पीएम मोदी लद्दाख पहुंचने वाले हैं। लद्दाख पहुंचने के बाद पीएम ने सबसे पहले अधिकारियों से मिलकर एलएसी पर ताजा हालातों की जानकारी ली और फिर उन सैनिकों से बात की जो चौबीसों घंटे देश की रक्षा केलिए सीमा पर तैनात रहते हैं और चीन की हर हरकत पर नजर रखते हैं।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने न केवल सैनिकों का हौसलफजाई की बल्कि उनकी वीरता को भी सलाम किया। इस दौरान पीएम मोदी ने एक कैप पहनी थी जिस पर शायद आपने भी ध्यान दिया होगा। यह कैप कोई साधारण कैप नहीं थी बल्कि यह उस 14वीं की कैप थी जिसे फायर एंड फ्यूरी कहा जाता है। इस कैप में उसी कोर का चिह्न है। फायर एंड फ्यूरी वह कोर है जो लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा की निगरानी करती है। इसकी वीरता के कई किस्से जगजाहिर हैं।
'फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स' की स्थापना करगिल युद्ध के बाद 2 सितंबर 1999 में हुई थी। इसका प्रतीक चिन्ह के बारे में बात करें तो इसमें एक तलवार को आर पार करते हुए दो जलते हुए वज्र होते हैं। इसमें वज्र हिंदू और बौद्ध दोनों में एक महत्वपूर्ण प्रतीक है और शक्ति तथा जीत का प्रतीक है। इस तरह के प्रतीक का कोई धार्मिक महत्व नहीं है। 14 कोर भारतीय सेना में एकमात्र कोर है जो पाकिस्तान और चीन दोनों का सामना करती है। दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र सियाचिन 14 कोर के दायरे में आता है।
पीएम मोदी ने फायर एंड फ्यूरी का जिक्र करते हुए कहा था, 'सिंधु के आर्शीवाद से ये धरती पुण्य हुई है। वीर सपूतों के शौर्य और पराक्रम की गाथाओं को ये धरती अपने-आप में समेटे हुए है। लेह-लद्दाख से लेकर करगिल और सियाचिन तक, रिजांगला की बर्फीली चोटियों से लेकर गलवान घाटी के ठंडे पानी की धारा तक, हर चोटी, हर पहाड़, हर जर्रा-जर्रा, हर कंकड़-पत्थर भारतीय सैनिकों के पराक्रम की गवाही देते हैं। 14 कॉर्प्स की जांबाजी के किस्से तो हर तरफ हैं। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है, जाना है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही हैं और भारत माता के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी। '
चीन का ना लिए बगैर पीएम मोदी ने कहा था, ', विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है, ये युग विकासवाद का है। तेजी से बदलते हुए समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है। विकासवाद के लिए ही अवसर हैं और विकासवाद ही भविष्य का आधार भी है। बीती शताब्दियों में विस्तारवाद ने ही मानवता का सबसे ज्यादा अहित किया, मानवता को विनाश करने का प्रयास किया। विस्तारवाद की जिद जब किसी पर सवार हुई है, उसने हमेशा विश्व शांति के सामने खतरा पैदा किया है। '
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आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड (ABFRL) ने शुक्रवार को मसाबा गुप्ता के साथ रणनीतिक समझौते का ऐलान किया है. इसके तहत, कंपनी डिजाइनर द्वारा शुरू किए गए हाउस ऑफ मसाबा लाइफस्टाइल में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी.
आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल लिमिटेड (ABFRL) ने शुक्रवार को मसाबा गुप्ता के साथ रणनीतिक समझौते का ऐलान किया है. इसके तहत, कंपनी डिजाइनर द्वारा शुरू किए गए हाउस ऑफ मसाबा लाइफस्टाइल में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी. हाउस ऑफ मसाबा लाइफस्टाइल में अपैरल, नॉन-अपैरल, ब्यूटी और पर्सनल केयर के साथ मसाबा ब्रांड का एक्सेसरीज बिजनेस आता है. समझौते का मकसद मसाबा ब्रांड के तहत एक जेन-नेक्स्ट फोकस्ड फैशन और लाइफस्टाइल बिजनेस विकसित करना है.
ABFRL के मैनेजिंग डायरेक्टर आशीष दीक्षित ने कहा कि युवा लोगों की नई पीढ़ी डिजिटल तौर पर एक्टिव है और वह फैशन और लाइफस्टाइल की जरूरतों के लिए खोजबीन करते हैं. वे एक्टिव तौर पर ऐसे ब्रांड्स को खोजते हैं, जो कलरफुल और डिजिटल हों. उन्होंने आगे कहा कि मसाबा एक युवा, आकर्षक ब्रांड है, जिसका लाइफस्टाइल की हर कैटेगरी पर एकदम नया और इनोवेटिव नजरिया है.
उन्होंने आगे कहा कि यह पार्टनरशिप तेजी से बढ़ते ब्यूटी और पर्सनल केयर सेगमेंट में मौजूदगी बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह भारत के सबसे बड़े डिजाइनरों के साथ समझौता करके फैशन और लाइफस्टाइल की कैटेगरी में घरेलू बाजार में विकसित ब्रांड्स का बड़ा और विभिन्नता वाला पोर्टफोलियो बनाना है.
गुप्ता ने कहा कि एक युवा, घरेलू बाजार में विकसित ब्रांड के तौर पर, वे आदित्य बिड़ला फैशन और रिटेल लिमिटेड के साथ समझौता करके खुश हैं. इससे वे हाउस ऑफ मसाबा को एक 360 डिग्री वाला, ग्लोबल लाइफस्टाइल ब्रांड के तौर पर बनाने में मदद मिलेगी.
पार्टनरशिप पर बोलते हुए, गुप्ता ने आगे कहा कि भारत के हमेशा बदलते, जेन जी कंज्यूमर से प्रेरणा लेते हुए, ब्रांड कई प्रोडक्ट्स का विस्तार करेगा. इसके तहत कंपनी के पोर्टफोलियो में कोस्मैटिक्स, पर्सनल केयर और होम डेकोर को शामिल किया जाएगा. हाउस ऑफ मसाबा ने पहले ही युवाओं के बीच एक मजबूत आधार बना लिया है. इसमें मजबूत डिजिटल फर्स्ट रणनीति और आदित्य बिड़ला फैशन और रिटेल लिमिटेड के साथ समझौता इस स्थिति को मजबूत करेगा, जिससे ब्रांड भविष्य के लिए तैयार होगा. उन्होंने कहा कि इस पार्टनरशिप के साथ, वे अपनी टार्गेट ऑडियंस के लिए बेहतर अनुभव मिलेगा.
ब्रांड मसाबा को डिजिटल डायरेक्ट टू कंज्यूमर (D2C) चैनल के जरिए बढ़ाया जाएगा, जिसमें ज्यादा युवा और डिजिटल तौर पर प्रभावित लोगों के साथ उसके कनेक्ट का फायदा लिया जाएगा.
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ग्रेटर नोएडा : यहाँ स्थित जीएल बजाज संस्थान में योग सत्र का आयोजन कर पाॅचवा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इस अवसर पर संस्थान परिसर में सुप्रसिद्ध योगगुरू सुश्री भानुप्रिया ने "योग एवं साधना की प्रासंगिकता एवं महत्व" विषयान्तर्गत जानकारी साझा किया एवं सभी शिक्षक एवं कर्मचारीगण के समक्ष विभिन्न योगमुद्राओं व योगासनों को प्रदर्शित किया, साथ ही सभी को प्रतिदिन योगासन करने हेतु प्रेरित किया। सभी उपस्थित शिक्षक एवं कर्मचारीगण ने योगगुरू के साथ योगासनों का अभ्यास किया। सत्र के आरम्भ में पीजीडीएम प्रोग्राम की डीन एवं प्रोफेसर डाॅ0 कीर्ति दत्ता ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के शब्दों "योग से न केवल शारीरिक अनुकूलता को बल मिलता है, अपितु शारीरिक सर्मथता" प्राप्त होती है" पर पुनः जोर देते हुए कहा कि योगासन वर्तमान परिवेश में विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिदिन के तनावों को दूर करने एवं उत्तम मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य हेतु सहायक है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योग के इस सत्र के आयोजन से सभी उपस्थित सदस्यों को योग एवं इसके महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त हुई, एवं सामूहिक योगसत्र में भाग लेकर सामूहिक लयबद्ध योग एवं प्राणायाम करने का अनुभव भी प्राप्त हुआ।
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ग्वालियर, 24 जनवरी (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के ग्वालियर पहुंचे भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रहलाद पटेल की गाड़ी ने यातायात नियमों का उल्लंघन किया तो यातायात पुलिस ने चालान काट दिया।
पटेल गुरुवार को निजी कार्यक्रम में हिस्सा लेने ग्वालियर आए थे। वे जब सिटी सेंटर क्षेत्र से गुजर रहे थे, जहां यातायात पुलिस वाहनों की चेकिंग कर रही थी। पटेल की गाड़ी भी रोकी गई। इस गाड़ी की नंबर पट्टिका भाजपा के रंग की थी।
पटेल ने संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि नियम विरुद्ध कोई बात है तो गाड़ी का चालान बनाना चाहिए, यह गाड़ी जिसकी है, उसने गलती की है। हां, झंडा न निकाला जाए यह उन्होंने जरूर कहा।
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भारतीय नौसेना के जहाज आईएनएस राणा, एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक और स्वदेशी रूप से निर्मित अपतटीय गश्ती जहाज आईएनएस सुमेधा ने 30 जून 2023 को बंगाल की खाड़ी में फ्रांसीसी नौसेना के जहाज एफएस सुरकॉफ के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास (एमपीएक्स) किया। फेयेट श्रेणी के युद्धपोत सुरकॉफ ने 26 से 29 जून 2023 तक विशाखापत्तनम का दौरा किया और भारतीय नौसेना के जहाजों के साथ कई गतिविधियों में भाग लिया, जिसमें पेशेवर और सामाजिक गतिविधि, खेल कार्यक्रम और क्रॉस डेक दौरे शामिल थे।
विशाखापत्तनम से प्रस्थान पर, एफएस सुरकॉफ ने आईएन जहाजों राणा और सुमेधा के साथ विभिन्न समुद्री अभ्यास किए, जिसमें सामरिक युद्धाभ्यास, समुद्र में पुनःपूर्ति (आरएएस) दृष्टिकोण, लड़ाकू विमानों के खिलाफ वायु रक्षा और क्रॉस डेक हेलीकॉप्टर संचालन शामिल रहे। अभ्यास का समापन दोनों नौसेनाओं के बीच घनिष्ठ मित्रता की पुष्टि करते हुए जहाजों के बीच एक पारंपरिक विदाई स्टीमपास्ट के साथ हुआ। एफएस सुरकॉफ़ की भारत यात्रा भारतीय नौसेना और फ्रांसीसी नौसेना के बीच मजबूत संबंधों का प्रतीक है।
इससे पूर्व इसी वर्ष एफएस ला फेयेट, एक फ्रिगेट और एफएस डिक्सम्यूड, एक मिस्ट्रल-क्लास आक्रामक श्रेणी के जहाज ने 10 से 11 मार्च 2023 तक एक निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस सह्याद्री के साथ एक साझेदारी अभ्यास में भाग लिया था।
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506 : प्रेमचंद रचनावली - 19
आप कौन-सा मार्ग छोड़ते हैं ? मैंने कहा, 40 रुपये मासिक लीजिए और 20 रुपये कटवाइए। आमदनी की कमी को अनुवाद से पूरा कीजिए। आपने स्वीकार नहीं किया
मैंने कहा, प्रेस को 30 फ़ॉर्म दीजिए। आपने कहा, 30 फ़ॉर्म पर तो आप कहीं से भी 75 रुपये कमा सकते हैं। तो फिर आप क्या चाहते हैं ? मैं कह चुका हूँ, प्रेस की स्थिति जो इस वक़्त है वह 60 रुपये मासिक देने की नहीं है। इस वक़्त जो आमदनी है वह खर्च भर को मुश्किल से काफ़ी है। प्रेस का पावना शायद 400 या 500 रुपये होगा । देना है कम-से-कम 1200 रुपया, वह सब कहाँ से आयेगा ? अगर आप अपने लिए कोई मार्ग नहीं निकाल सकते तो प्रेस को इतना काम दीजिए कि आपका वेतन निकल सके। 60 रुपये वेतन के लिए कम-से-कम 25 फ़ॉर्म काम हर महीने बाहर से आना चाहिए। अगर आप इसका जिम्मा लें और परिश्रम करके काम लायें तो ठीक है । बुक डिपो की आमदनी से मैं प्रेस नहीं चला सकता, जैसा अब तक हुआ है।
अगर यह भी स्वीकार न हो तो फिर और मैं क्या करूँ, मेरी समझ में नहीं आता। मैंने तो यहाँ तक कह दिया कि आप स्टॉक में भी जो कुछ हिसाब से निकले वह ले लीजिए । जो कुछ है वह तो स्टॉक ही है। मैंने तो कुछ नहीं छिपा कर रख लिया है आपकी जो दशा है वही तो मेरी है। मैं किससे फ़रियाद करूँ ? घाटे में और होता क्या है ? यह तो प्रेस का दीवाला है ।
अगर आपको इन शर्तों में कोई मंजूर हो तो काम कीजिए। साझे-वाझे का झगड़ा मैं नहीं पाल सकता। उसका निहायत कटु अनुभव हुआ । अगर कोई शर्त मंजूर न हो तो जैसी आपकी खुशी !
'हंस', हंस कार्यालय, बनारस सम्भवतः दिसम्बर, 35
आप न मेरी बात समझते हैं, न मैं आपकी बात समझता हूँ। मुझे इसका दुःख है कि आपके इन्तज़ाम में मेरी इतनी दिनों की सारी साहित्यिक तपस्या, जहाँ तक अर्थ का सम्बन्ध है, व्यर्थ हो गयी । अगर मुझे शर्तों के अनुसार प्रेस का सूद और नफ़ा देते जाते तो मैं न 'हंस' निकालता, न 'जागरण', न प्रकाशन करता । यह सब-कुछ इसलिए किया गया कि आप प्रेस को नहीं चला सके और मैंने आपका भार हलका करने के लिए सब-कुछ किया । 'हंस' में मैंने पाँच साल काम किया। आपको मैंने 10 रु. मासिक दिया। मुझे अपनी कहानियों और रचनाओं के लिए कम से कम 30 रु महीना तो मिलना ही चाहिए था ! पाँच वर्ष में वह भी 2000 रु. के ऊपर हो जाता है। जब 'हंस' से आपने कोई हानि नहीं उठायी तो फिर आपको दुःख किस बात का ? जब मैंने देख लिया कि 'हंस' के कारण मुझे दिन-दिन घाटा हो रहा है तो क्या उसे चलाया ही जाता ? कब तक चलाया जाता ? कैसे चलाये जाता ? घर बेचकर ? या बाज़ार वालों की डिग्री लेकर और जेल में सड़कर ? 'हंस' मैंने दूसरों को दे दिया। मुफ़्त । मुझे कोई लाभ नहीं हुआ 'जागरण' भी हम दोनों ने निकाला, उसकी ज़िम्मेदारी मुझ पर ही नहीं। अगर आप कह |
इस लिस्ट से ये बात साफ हो गई है कि ग्लोबली तौर पर भी लोग इंडिया के नॉर्थ इंडिया रिजन और यहां के फूड को काफी पसंद करते हैं।
आज की जनरेशन और यंगर्सटर्स को पिज्जा-बर्गर खाने में कुछ अलग ही मजा मिलता है। देसी खाने को छोड़कर विदेशी खाने को लोग खूब चाव से खा रहे हैं मगर क्या आप जानते हैं कि इंटरनेट पर सबसे ज्यादा जिस फूड या खाने को सर्च किया जाता है वो पिज्जा या बर्गर नहीं बल्कि हमारी आपकी सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली बिरयानी है।
जी हां, बिरयानी किसे नहीं पसंद। मांस के साथ इंडियन मसालों में मिले खिले हुए चावल का स्वाद हमारी जुबान पर टेस्ट और होठों पर मुस्कुराहट ला देता है। वैसे वेज बिरयानी को लेकर अक्सर ही लोगों में डिबेट होता रहता है कि उसे बिरयानी कहा जाए या पुलाव। कहा जो भी जाए मगर एक रिसर्च में इस बात का दावा किया गया है कि साल 2019 में मोस्ट सर्च्ड इंडियन फूड में बिरयानी का नाम सबसे पहले आता है।
बिरयानी के बाद बटर चिकन, समोसा, चिकन टिक्का मसाला, डसा, तंदूरी चिकन, पालक पनीर, नान, दाल मखनी और चाट को इस लिस्ट में जगह मिली है। जिसे लोगों ने सबसे ज्यादा सर्च किया है। ये वो इंडियन फूड हैं जो देसी लोगों के साथ ही विदेशियों के मन को भी भा जाते हैं।
एचटी की रिपोर्ट के अनुसार साउथ इंडिया की फेमस डिश डोसा को औसतन 2. 28 लाख बार सर्च किया गया। इसके बाद तंदूरी चिकन, पालक पनीर, नान, दाल मखनी और चाट को भी सबसे ज्यादा सर्च किया गया है। वहीं इंडिया ब्रेकफास्ट हैबिट स्डटी की ओर से किए जाने वाले इस सर्वे में बताया गया है कि डोसा और इसके साथ ही खाया जाने वाला सांभर और इडली को इंडियन सबसे हेल्दी ब्रेकफास्ट मानते हैं।
वहीं इंडियन फूड में पंजाबी फूड की भी काफी डिमांड होती है। स्पाइसी स्नैक में समोसा और चाट को टॉप 10 की लिस्ट में जगह मिली है। जो नॉर्थ इंडिया की सबसे पॉपुलर डिश में से एक है। वहीं पालक पनीर और दाल मखनी इस लिस्ट में वेजीटेरियन लोगों की पसंद हो सकती है। वहीं इस लिस्ट से ये बात साफ हो गई है कि ग्लोबली तौर पर भी लोग इंडिया के नॉर्थ इंडिया रिजन और यहां के फूड को काफी पसंद करते हैं।
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भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने जिम्बाब्वे के खिलाफ मैच में अपने प्रदर्शन से निराश किया था, ऋषभ पंत सिर्फ तीन रन की पारी खेल सके थे. अब टीम इंडिया को सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ खेलना है, ऐसे में क्या ऋषभ पंत को मौका मिलेगा, या फिर दिनेश कार्तिक को प्लेइंग-11 में जगह दिया जाएगा, इसे लेकर टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ ने साफ कर दिया है.
राहुल द्रविड़ ने संकेत दिया है कि इंग्लैंड के खिलाफ गुरुवार को होने वाले टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में बाएं हाथ के बल्लेबाज पंत को मौका मिल सकता है. द्रविड़ ने जिंबाब्वे के खिलाफ 71 रन से जीत के बाद कहा कि मुझे नहीं लगता कि हमें एक मैच के आधार पर खिलाड़ी का आकलन करना चाहिए, हम उन्हें खिलाते हैं या नहीं यह एक मैच के प्रदर्शन पर आधारित नहीं होता है.
द्रविड़ ने पर्याप्त संकेत दिए कि पंत को उतारने का फैसला कुछ खास कारणों से ही नहीं लिया जाएगा क्योंकि वह संभवतः इसे सेमीफाइनल में लेकर स्पिनर आदिल राशिद के 'मैच अप' के रूप में देख रहे हैं. द्रविड़ ने कहा कि कई बार मैच अप को ध्यान में रखकर ऐसा किया जाता है, हमें यह देखने की जरूरत होती है किसी खास गेंदबाज के खिलाफ हमें किस तरह के कौशल की जरूरत पड़ेगी, इसलिए इस तरह के फैसलों में कई तरह की चीजें जुड़ी होती है.
उन्होंने फिर से दोहराया टीम प्रबंधन ने पंत पर से कभी भरोसा नहीं खोया था. द्रविड़ ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमने कभी पंत पर से भरोसा खोया. हमें टीम में शामिल सभी 15 खिलाड़ियों पर पूरा भरोसा है लेकिन केवल 11 खिलाड़ी खेल सकते हैं और यह संयोजन पर निर्भर करता है. उन्होंने कहा कि अगर वह यहां है और विश्वकप टीम का हिस्सा है तो इसका मतलब है कि हमें उन पर बहुत भरोसा है। इसका मतलब है कि उन्हें किसी भी समय अंतिम एकादश में शामिल किया जा सकता है.
मुख्य कोच ने कहा कि आप केवल एक मैच में 11 खिलाड़ियों के साथ ही खेल सकते हैं, ऐसे में कुछ खिलाड़ियों को बाहर रहना पड़ता है। ऋषभ भी इनमें से एक है, उसने नेट्स पर काफी बल्लेबाजी की है तथा उसने विकेटकीपिंग का भी जमकर अभ्यास किया है ताकि वह तैयार रहे. द्रविड़ बाएं हाथ के स्पिनर सीन विलियम्स के खिलाफ पंत के रवैए से खुश हैं भले ही वह अपने शॉट को सही तरह से नहीं खेल पाए थे.
उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर आज उसका रवैया काम नहीं आया लेकिन मैं इससे परेशान नहीं हूं क्योंकि मुझे लगता है कि उसने सही फैसला किया था। उसकी भूमिका बाएं हाथ के स्पिनर पर हावी होकर खेलना था और उसने ऐसा किया। कभी आप इसमें सफल होते हैं तो कभी नाकाम.
द्रविड़ ने इसके साथ ही था कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर जानबूझकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया क्योंकि एडिलेड में होने वाले सेमीफाइनल से पहले वह स्कोर का बचाव करने के बारे में सोच रहे थे. उन्होंने कहा कि कुछ चीजें जो हम करना चाहते थे उनमें मौका मिलने पर पहले बल्लेबाजी करना भी शामिल था, निश्चित तौर पर इसके लिए हमारा टॉस जीतना जरूरी था, हमने यहां पाकिस्तान के खिलाफ पहले गेंदबाजी की थी लेकिन अब हम यह देखना चाहते थे कि इस तरह की परिस्थितियों में हम स्कोर का बचाव कैसे करते हैं.
द्रविड़ से जब एडिलेड ओवल में युजवेंद्र चहल को मौका दिए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जैसा मैंने पहले कहा कि सभी 15 खिलाड़ियों को लेकर हमारी राय स्पष्ट है, हमारा मानना है कि जो 15 खिलाड़ियों में शामिल है उसके रहने से हम किसी तरह से कमजोर नहीं होते हैं.
भारतीय कोच ने कहा कि एडिलेड की पिच को देखने के बाद ही अंतिम एकादश के बारे में फैसला किया जाएगा क्योंकि इस मैदान पर बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच खेले गए मैच में स्पिनरों ने अहम भूमिका निभाई थी. उन्होंने कहा कि हम वहां जाकर परिस्थितियों को देखने के बाद फैसला करेंगे.
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
आर्यावर्त प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में 'उत्तरी भारत' को आर्यावर्त (शाब्दिक अर्थः आर्यों का निवासस्थान) कहा गया है। . आगरा में यमुना नदी यमुना त्रिवेणी संगम प्रयाग में वृंदावन के पवित्र केशीघाट पर यमुना सुबह के धुँधलके में यमुनातट पर ताज यमुना भारत की एक नदी है। यह गंगा नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है जो यमुनोत्री (उत्तरकाशी से ३० किमी उत्तर, गढ़वाल में) नामक जगह से निकलती है और प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा से मिल जाती है। इसकी प्रमुख सहायक नदियों में चम्बल, सेंगर, छोटी सिन्ध, बतवा और केन उल्लेखनीय हैं। यमुना के तटवर्ती नगरों में दिल्ली और आगरा के अतिरिक्त इटावा, काल्पी, हमीरपुर और प्रयाग मुख्य है। प्रयाग में यमुना एक विशाल नदी के रूप में प्रस्तुत होती है और वहाँ के प्रसिद्ध ऐतिहासिक किले के नीचे गंगा में मिल जाती है। ब्रज की संस्कृति में यमुना का महत्वपूर्ण स्थान है। .
आर्यावर्त और यमुना नदी आम में 5 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): पंजाब क्षेत्र, हिमालय, विष्णु पुराण, गंगा नदी, इलाहाबाद।
पंजाब दक्षिण एशिया का क्षेत्र है जिसका फ़ारसी में मतलब पांच नदियों का क्षेत्र है। पंजाब ने भारतीय इतिहास को कई मोड़ दिये हैं। अतीत में शकों, हूणों, पठानों व मुगलों ने इसी पंजाब के रास्ते भारत में प्रवेश किया था। आर्यो का आगमन भी हिन्दुकुश पार कर इसी पंजाब के रास्ते ही हुआ था। पंजाब की सिन्धु नदी की घाटी में आर्यो की सभ्यता का विकास हुआ। उस समय इस भूख़ड का नाम सप्त सिन्धु अर्थात सात सागरों का देश था। समय के साथ सरस्वती जलस्रोत सूख् गया। अब रह गयीं पाँच नदियाँ-झेलम, चेनाब, राबी, व्यास और सतलज इन्हीं पाँच नदियों का प्रांत पंजाब हुआ। पंजाब का नामाकरण फारसी के दो शब्दों से हुआ है। पंज का अर्थ है पाँच और आब का अर्थ होता है जल। .
हिमालय पर्वत की अवस्थिति का एक सरलीकृत निरूपण हिमालय एक पर्वत तन्त्र है जो भारतीय उपमहाद्वीप को मध्य एशिया और तिब्बत से अलग करता है। यह पर्वत तन्त्र मुख्य रूप से तीन समानांतर श्रेणियों- महान हिमालय, मध्य हिमालय और शिवालिक से मिलकर बना है जो पश्चिम से पूर्व की ओर एक चाप की आकृति में लगभग 2400 कि॰मी॰ की लम्बाई में फैली हैं। इस चाप का उभार दक्षिण की ओर अर्थात उत्तरी भारत के मैदान की ओर है और केन्द्र तिब्बत के पठार की ओर। इन तीन मुख्य श्रेणियों के आलावा चौथी और सबसे उत्तरी श्रेणी को परा हिमालय या ट्रांस हिमालय कहा जाता है जिसमें कराकोरम तथा कैलाश श्रेणियाँ शामिल है। हिमालय पर्वत पाँच देशों की सीमाओं में फैला हैं। ये देश हैं- पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान और चीन। अन्तरिक्ष से लिया गया हिमालय का चित्र संसार की अधिकांश ऊँची पर्वत चोटियाँ हिमालय में ही स्थित हैं। विश्व के 100 सर्वोच्च शिखरों में हिमालय की अनेक चोटियाँ हैं। विश्व का सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट हिमालय का ही एक शिखर है। हिमालय में 100 से ज्यादा पर्वत शिखर हैं जो 7200 मीटर से ऊँचे हैं। हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमाल, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रॊलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, धौलागिरी और कंचनजंघा है। हिमालय श्रेणी में 15 हजार से ज्यादा हिमनद हैं जो 12 हजार वर्ग किलॊमीटर में फैले हुए हैं। 72 किलोमीटर लंबा सियाचिन हिमनद विश्व का दूसरा सबसे लंबा हिमनद है। हिमालय की कुछ प्रमुख नदियों में शामिल हैं - सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज। भूनिर्माण के सिद्धांतों के अनुसार यह भारत-आस्ट्र प्लेटों के एशियाई प्लेट में टकराने से बना है। हिमालय के निर्माण में प्रथम उत्थान 650 लाख वर्ष पूर्व हुआ था और मध्य हिमालय का उत्थान 450 लाख वर्ष पूर्व हिमालय में कुछ महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल भी है। इनमें हरिद्वार, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गोमुख, देव प्रयाग, ऋषिकेश, कैलाश, मानसरोवर तथा अमरनाथ प्रमुख हैं। भारतीय ग्रंथ गीता में भी इसका उल्लेख मिलता है (गीताः10.25)। .
विष्णुपुराण अट्ठारह पुराणों में अत्यन्त महत्त्वपूर्ण तथा प्राचीन है। यह श्री पराशर ऋषि द्वारा प्रणीत है। यह इसके प्रतिपाद्य भगवान विष्णु हैं, जो सृष्टि के आदिकारण, नित्य, अक्षय, अव्यय तथा एकरस हैं। इस पुराण में आकाश आदि भूतों का परिमाण, समुद्र, सूर्य आदि का परिमाण, पर्वत, देवतादि की उत्पत्ति, मन्वन्तर, कल्प-विभाग, सम्पूर्ण धर्म एवं देवर्षि तथा राजर्षियों के चरित्र का विशद वर्णन है। भगवान विष्णु प्रधान होने के बाद भी यह पुराण विष्णु और शिव के अभिन्नता का प्रतिपादक है। विष्णु पुराण में मुख्य रूप से श्रीकृष्ण चरित्र का वर्णन है, यद्यपि संक्षेप में राम कथा का उल्लेख भी प्राप्त होता है। अष्टादश महापुराणों में श्रीविष्णुपुराण का स्थान बहुत ऊँचा है। इसमें अन्य विषयों के साथ भूगोल, ज्योतिष, कर्मकाण्ड, राजवंश और श्रीकृष्ण-चरित्र आदि कई प्रंसगों का बड़ा ही अनूठा और विशद वर्णन किया गया है। श्री विष्णु पुराण में भी इस ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति, वर्ण व्यवस्था, आश्रम व्यवस्था, भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की सर्वव्यापकता, ध्रुव प्रह्लाद, वेनु, आदि राजाओं के वर्णन एवं उनकी जीवन गाथा, विकास की परम्परा, कृषि गोरक्षा आदि कार्यों का संचालन, भारत आदि नौ खण्ड मेदिनी, सप्त सागरों के वर्णन, अद्यः एवं अर्द्ध लोकों का वर्णन, चौदह विद्याओं, वैवस्वत मनु, इक्ष्वाकु, कश्यप, पुरुवंश, कुरुवंश, यदुवंश के वर्णन, कल्पान्त के महाप्रलय का वर्णन आदि विषयों का विस्तृत विवेचन किया गया है। भक्ति और ज्ञान की प्रशान्त धारा तो इसमें सर्वत्र ही प्रच्छन्न रूप से बह रही है। यद्यपि यह पुराण विष्णुपरक है तो भी भगवान शंकर के लिये इसमे कहीं भी अनुदार भाव प्रकट नहीं किया गया। सम्पूर्ण ग्रन्थ में शिवजी का प्रसंग सम्भवतः श्रीकृ्ष्ण-बाणासुर-संग्राम में ही आता है, सो वहाँ स्वयं भगवान कृष्ण महादेवजी के साथ अपनी अभिन्नता प्रकट करते हुए श्रीमुखसे कहते हैं- .
गंगा (गङ्गा; গঙ্গা) भारत की सबसे महत्त्वपूर्ण नदी है। यह भारत और बांग्लादेश में कुल मिलाकर २,५१० किलोमीटर (कि॰मी॰) की दूरी तय करती हुई उत्तराखण्ड में हिमालय से लेकर बंगाल की खाड़ी के सुन्दरवन तक विशाल भू-भाग को सींचती है। देश की प्राकृतिक सम्पदा ही नहीं, जन-जन की भावनात्मक आस्था का आधार भी है। २,०७१ कि॰मी॰ तक भारत तथा उसके बाद बांग्लादेश में अपनी लंबी यात्रा करते हुए यह सहायक नदियों के साथ दस लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के अति विशाल उपजाऊ मैदान की रचना करती है। सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण गंगा का यह मैदान अपनी घनी जनसंख्या के कारण भी जाना जाता है। १०० फीट (३१ मी॰) की अधिकतम गहराई वाली यह नदी भारत में पवित्र मानी जाती है तथा इसकी उपासना माँ तथा देवी के रूप में की जाती है। भारतीय पुराण और साहित्य में अपने सौन्दर्य और महत्त्व के कारण बार-बार आदर के साथ वंदित गंगा नदी के प्रति विदेशी साहित्य में भी प्रशंसा और भावुकतापूर्ण वर्णन किये गये हैं। इस नदी में मछलियों तथा सर्पों की अनेक प्रजातियाँ तो पायी ही जाती हैं, मीठे पानी वाले दुर्लभ डॉलफिन भी पाये जाते हैं। यह कृषि, पर्यटन, साहसिक खेलों तथा उद्योगों के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देती है तथा अपने तट पर बसे शहरों की जलापूर्ति भी करती है। इसके तट पर विकसित धार्मिक स्थल और तीर्थ भारतीय सामाजिक व्यवस्था के विशेष अंग हैं। इसके ऊपर बने पुल, बांध और नदी परियोजनाएँ भारत की बिजली, पानी और कृषि से सम्बन्धित ज़रूरतों को पूरा करती हैं। वैज्ञानिक मानते हैं कि इस नदी के जल में बैक्टीरियोफेज नामक विषाणु होते हैं, जो जीवाणुओं व अन्य हानिकारक सूक्ष्मजीवों को जीवित नहीं रहने देते हैं। गंगा की इस अनुपम शुद्धीकरण क्षमता तथा सामाजिक श्रद्धा के बावजूद इसको प्रदूषित होने से रोका नहीं जा सका है। फिर भी इसके प्रयत्न जारी हैं और सफ़ाई की अनेक परियोजनाओं के क्रम में नवम्बर,२००८ में भारत सरकार द्वारा इसे भारत की राष्ट्रीय नदी तथा इलाहाबाद और हल्दिया के बीच (१६०० किलोमीटर) गंगा नदी जलमार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया है। .
इलाहाबाद उत्तर भारत के उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित एक नगर एवं इलाहाबाद जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। इसका प्राचीन नाम प्रयाग है। इसे 'तीर्थराज' (तीर्थों का राजा) भी कहते हैं। इलाहाबाद भारत का दूसरा प्राचीनतम बसा नगर है। हिन्दू मान्यता अनुसार, यहां सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने सृष्टि कार्य पूर्ण होने के बाद प्रथम यज्ञ किया था। इसी प्रथम यज्ञ के प्र और याग अर्थात यज्ञ से मिलकर प्रयाग बना और उस स्थान का नाम प्रयाग पड़ा जहाँ भगवान श्री ब्रम्हा जी ने सृष्टि का सबसे पहला यज्ञ सम्पन्न किया था। इस पावन नगरी के अधिष्ठाता भगवान श्री विष्णु स्वयं हैं और वे यहाँ माधव रूप में विराजमान हैं। भगवान के यहाँ बारह स्वरूप विध्यमान हैं। जिन्हें द्वादश माधव कहा जाता है। सबसे बड़े हिन्दू सम्मेलन महाकुंभ की चार स्थलियों में से एक है, शेष तीन हरिद्वार, उज्जैन एवं नासिक हैं। हिन्दू धर्मग्रन्थों में वर्णित प्रयाग स्थल पवित्रतम नदी गंगा और यमुना के संगम पर स्थित है। यहीं सरस्वती नदी गुप्त रूप से संगम में मिलती है, अतः ये त्रिवेणी संगम कहलाता है, जहां प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभ मेला लगता है। इलाहाबाद में कई महत्त्वपूर्ण राज्य सरकार के कार्यालय स्थित हैं, जैसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय, प्रधान महालेखाधिकारी (एजी ऑफ़िस), उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग (पी.एस.सी), राज्य पुलिस मुख्यालय, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्रीय कार्यालय एवं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद कार्यालय। भारत सरकार द्वारा इलाहाबाद को जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजना के लिये मिशन शहर के रूप में चुना गया है। .
आर्यावर्त 26 संबंध है और यमुना नदी 47 है। वे आम 5 में है, समानता सूचकांक 6.85% है = 5 / (26 + 47)।
यह लेख आर्यावर्त और यमुना नदी के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मुताबिक़ जानलेवा इबोला वायरस के संक्रमण से पश्चिम अफ़्रीका में अब तक 3,000 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
ताज़ा आंकड़ों के अनुसार उस क्षेत्र में 6,500 से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में हैं.
इस वायरस के संक्रमण का सबसे ज़्यादा असर लाइबेरिया पर पड़ा है. वहां संक्रमण के सबसे अधिक 1,830 लोगों की मौत हुई है.
इबोला वायरस के ख़तरे को देखते हुए अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इसे 'वैश्विक सुरक्षा के लिए ख़तरा' कहा था.
कुछ अध्ययनों ने आगाह किया है कि नवंबर की शुरुआत तक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 20,000 के पार जा सकती है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक़ पिछले एक सप्ताह में गिनी और लाइबेरिया में दो नए स्थानों में इबोला के पहले मामलों की पुष्टि हुई है.
डब्लूएचओ की यह रिपोर्ट इबोला वायरस से निपटने में मदद कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों से वायरस से संक्रमित होने के ख़तरों के प्रति भी आगाह करती है.
इसके अनुसार अब तक 375 स्वास्थ्यकर्मी इबोला से संक्रमित हुए हैं जबकि 211 की मौत हो चुकी है.
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शहर के प्रत्येक वार्ड में अब सफाई कर्मचारियों के नाम से लेकर सुपरवाइजर के नाम उनके मोबाइल नंबर और कार्यस्थल की जानकारी लोगों को आसानी से मिलेगी। इसके लिए उन्हें वार्ड पार्षद या जोन अधिकारी के पास जाना नहीं पड़ेगा। नगर निगम खुद अपने 10 जोन के 70 वार्ड में नई सुविधा देने जा रहा है।
शहर के प्रत्येक वार्ड में अब सफाई कर्मचारियों के नाम से लेकर सुपरवाइजर के नाम उनके मोबाइल नंबर और कार्यस्थल की जानकारी लोगों को आसानी से मिलेगी। इसके लिए उन्हें वार्ड पार्षद या जोन अधिकारी के पास जाना नहीं पड़ेगा। नगर निगम खुद अपने 10 जोन के 70 वार्ड में नई सुविधा देने जा रहा है। इसमें प्रत्येक वार्ड में 5 स्थानों को कलस्टर बनाकर सफाई कर्मचारियों के नाम, उनके मोबाइल नंबर, वार्ड नंबर सार्वजनिक स्थानों पर लिखा जा रहा है।
गली-मोहल्ले की सफाई, डोर टू डोर कचरा कलेक्शन में परेशानी आने पर सीधे सफाई कर्मचारी से पूछताछ करने में आसानी। सफाई कर्मचारियों की अनुपस्थिति या कचरा समय पर नहीं उठने की स्थिति में सुपरवाइजर को शिकायत। किस वार्ड में कौन-कौन सफाई कर्मचारी हैं उनके नाम क्या हैं? मोबाइल नंबर ये सब जानकारी एक जगह मिलेगी। रामकी की कचरा गाड़ी में आने वाले कर्मचारियों के नाम और उनके कार्यक्षेत्र का विवरण मिलेगा।
अभी तक यह जानकारी नगर निगम के सफाई महकमे के अधिकारी और वार्ड पार्षद और जेडएचओ के पास रहती थी पर पहली बार शहर का आम आदमी अपने वार्ड के सफाई कर्मचारी से लेकर सुपरवाइजर के ना केवल नाम बल्कि उनके मोबाइल नंबर की जानकारी होने पर सफाई संबंधी शिकायत सुझाव सीधे तौर पर निगम प्रशासन को दे सकेगा।
लोगों को अपने वार्ड के सफाई कर्मचारी, सुपरवाइजर के बारे में जानकारी देने और सफाई कार्य में पारदर्शिता लाने प्रत्येक वार्ड में 5 स्थानाें पर कलस्टर बनाकर इनके नाम व मोबाइल नंबर लिखे जा रहे हैं ताकि लोगों को किसी तरह की दिक्कत ना हो।
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मुंबई, अभिनेत्री आहाना कुमरा का कहना है कि महानायक अमिताभ बच्चन के साथ काम करना वास्तव में उनके लिए फायदेमंद साबित हुआ। उन्होंने टीवी पर अभिनेता की बेटी के रूप में शो युद्ध से आगाज किया था। आहाना ने अपने बयान में कहा, मेरे जैसी युवा कलाकार के लिए मिस्टर बच्चन के साथ काम करना वास्तव में मेरे जीवन का फायदेमंद अनुभव रहा।
उन्होंने मेरे काम में बहुत सहयोग किया और हर छोटी से छोटी बात को भी सराहा। आहाना आगामी फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' में बगावती स्वभाव की युवा ब्यूटीशियन के रूप में नजर आएंगी। उन्होंने कहा कि अमिताभ द्वारा इस फिल्म के बारे में ट्वीट किए जाने पर उन्हें बेहद खुशी हुई और उनका दिन बन गया। अभिनेत्री ने बताया कि उन्होंने इस फिल्म को अलग किस्म का और बोल्ड बताया है। फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का 21 जुलाई को रिलीज होगी।
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राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा चुनावी राजनीतिक की दृष्टि से कितनी सफल होगी यह तो अभी भविष्य के गर्भ में है, पर इस अर्थ में जरूर सफल है कि वह मौजूदा political discourse के केन्द्र में आ गयी है। आज भाजपा-संघ सहित तमाम राजनीतिक दल, ( यहां तक कि संत-महंत ), मीडिया, नागरिक समाज सब उस पर react करने के लिए मजबूर हैं, चाहे जिस भी दृष्टि से करें।
बताया जा रहा है कि मोदी जी ने मंत्रियों से अपने मंत्रालय ही नहीं, उससे इतर सरकार की "उपलब्धियों और कल्याणकारी योजनाओं" पर लगातार प्रेस वार्ता के निर्देश दिए हैं, वे स्वयं G 20 और "विश्व जोड़ो " से भारत जोड़ो का मुकाबला करने वाले हैं !
मोदी-केंद्रित/ नफरती हिंदुत्व विमर्श को displace करते हुए यात्रा का मीडिया में अच्छा खासा स्पेस कवर करना और राजनीतिक चर्चा के केंद्र में बने रहना अपने आप में सकारात्मक विकास है। इस दृष्टि से भाईचारा और मोहब्बत का पैगाम लेकर जारी यह यात्रा ध्रुवीकरण की राजनीति पर स्वतः ही एक brake का काम कर रही है। यह कुछ-कुछ साल भर चले किसान आंदोलन के प्रभाव जैसा है।
पिछले 8 सालों से समाज में ऐसा माहौल बना दिया गया है कि सेकुलरिज्म की, इस देश में अल्पसंख्यकों, मुसलमानों की बराबरी और हित की बात करना, यह कहना कि यह देश उनका भी उतना ही है, जितना हिंदुओं का, यहां तक कि आज़ादी की लड़ाई में उनके योगदान की चर्चा करना- यह सब जैसे अपराध होता जा रहा है। आम समाज में भी लोग बचने लगे थे और राजनीतिक नेता तो डरने ही लगे थे। धर्मनिरपेक्षता को निषिद्ध और अछूत बना दिया गया, कुछ-कुछ वैसे ही जैसे एक समय समाजवाद को विमर्श से बाहर किया गया। नफरती प्रोपेगंडा मटेरियल से लैस नफरती गैंग आक्रामक ढंग से आपका मुंह नोचने के लिए हर जगह तैयार खड़ी है-चाहे वह फिजिकल स्पेस हो-घर, परिवार, कार्यालय, नाते-रिश्तेदार, कालोनी या फिर साइबर स्पेस-सोशल मीडिया हो !
भारत जोड़ो यात्रा में भले ही इसे सीधे politically confront नहीं किया जा रहा है, लेकिन भाईचारे और मोहब्बत के आधार पर भारत जोड़ने की बात संघ-भाजपा के नफरती विमर्श पर चोट तो कर ही रही है।
इस यात्रा ने संसदीय विपक्ष के सबसे बड़े दल को फासीवादी सत्ता के विरुद्ध पुनर्जीवित और सक्रिय किया है, यह निश्चय ही लोकतन्त्र के हित में है। दूसरे और राजनीतिक घटनाक्रमों तथा जनान्दोलन की संभावनाओं के साथ मिलकर इसने यह उम्मीद जगाई है कि 2024 में फासीवादी निज़ाम के विदाई की संभावनाएँ जिंदा हैं। भय पस्तहिम्मती और निराशा से पैदा होने वाली अवसादजनित निष्क्रियता से इसने सारी भाजपा विरोधी ताकतों को बाहर निकलने में मदद की है, यह इसकी महत्वपूर्ण सफलता है।
यात्रा ने न सिर्फ कांग्रेस को ऊर्जस्वित किया है, बल्कि सम्पूर्ण विपक्ष को हिम्मत और हौसला दिया है। जाहिर है, राजनीतिक प्रतिस्पर्द्धा के चलते विपक्ष के तमाम दल अपने ठोस राजनीतिक फायदे/नुकसान के आकलन के आधार पर इस यात्रा के प्रति अपने response को तय कर रहे हैं और पब्लिक posturing कर रहे हैं, पर हर हाल में उन्हें ऐसी बयानबाजी से बाज आना चाहिए जो भाजपा को किसी तरह भी लाभ पहुंचाए।
तमाम लोकतान्त्रिक ताकतें जिनकी इस समय सबसे बड़ी चिंता 2024 में भाजपा की विदाई है, वे यात्रा की सफलता की कामना कर रही हैं और उनमें से अनेक लोग यात्रा में शामिल भी हो रहे हैं। फासीवादी सत्ता के खिलाफ हर सकारात्मक प्रयास के प्रति समर्थन उचित है और जरूरी है,
पर सारे लोग यात्रा में शामिल हों ही यह आवश्यक नहीं है, और कुछ मामलों में शायद नुकसानदेह भी है- उदाहरण के लिए किसान आंदोलन के नेता अथवा अन्य जनान्दोलन या वाम-लोकतान्त्रिक ताकतें इसमें साथ चलें और कांग्रेस के साथ अपने को identify करें, यह अवांछित है और शायद नुकसानदेह भी है।
After All, कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और वह एक शासकवर्गीय पार्टी के बतौर मूलतः अपने राजनीतिक कार्यक्रम और एजेंडा के आधार पर काम करेगी जो जाहिर है वही नहीं है, न हो सकता है जो वाम-लोकतान्त्रिक परिप्रेक्ष्य से जनता का एजेंडा होगा। मसलन, यह उम्मीद नहीं की जानी चाहिए कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में छत्तीसगढ़ में जल जंगल जमीन पर कारपोरेट कब्जे, आदिवासियों पर दमन और उसके खिलाफ उनके प्रतिरोध का मुद्दा उठेगा, ठीक वैसे ही यह भी अपेक्षा नहीं है कि काले कानूनों की वापसी ( जिनमें से अधिकांश उसने खुद बनाये हैं ), रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने का सवाल, MSP की कानूनी गारंटी का वायदा, नवउदारवादी नीतियों और निजीकरण के roll back का सवाल, सामाजिक न्याय को सुसंगत ढंग से लागू करने या तमाम संस्थाओं के लोकतांत्रिकरण अथवा पड़ोसी देशों के साथ मैत्री और नो वार पैक्ट जैसे सवाल इसमें उठेंगे। इन सवालों के लिए तो किसान-युवा-श्रमिक जनान्दोलन की ताकतों तथा लोकतान्त्रिक-वाम शक्तियों को लड़ना पड़ेगा।
यह वर्तमान में भविष्य के हितों की चिंता की दृष्टि से ही नहीं बल्कि स्वयं वर्तमान समय के लिए भी शायद बेहतर रणनीति होगी कि किसान आंदोलन समेत जनान्दोलन की ताकतें एवम वाम-लोकतान्त्रिक शक्तियां कांग्रेस से identify होने की बजाय स्वतंत्र प्लेटफार्म से अपने जन-एजेंडा को लोकप्रिय बनाएं और उसे 2024 के लिए common minimum programme का हिस्सा बनाने के लिए कांग्रेस समेत संपूर्ण विपक्ष को बाध्य करें।
इसीलिए यात्रा में राकेश टिकैत के न शामिल होने पर गोदी मीडिया में " टिकैत ने भी राहुल गांधी को दिया धोखा " जैसी सनसनीखेज heading या तो नासमझी है या एजेंडा-प्रेरित।
मोदी-शाह की भाजपा से मुकाबले के लिए विभाजनकारी माहौल के खिलाफ एकता, भाईचारे का लोकतान्त्रिक माहौल बनाना जरूरी है, पर वह पर्याप्त नहीं है। जरूरत है कि सौहार्द और सद्भाव की इस नई बनती जमीन पर संघ-भाजपा के विनाशकारी राज के बरक्स जनता के विभिन्न तबकों के ज्वलंत सवालों के ठोस समाधान के आश्वासन के साथ राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का नया स्वप्न जनता के सामने पेश किया जाए।
इसीलिए किसान आंदोलन के नेता इस दौर में अपनी सर्वोत्तम भूमिका किसान- आंदोलन के पुनरुत्थान द्वारा ही निभा सकते हैं, MSP जैसे सवालों पर किसानों को भाजपा के खिलाफ राजनीतिक रूप से खड़ा कर तथा कांग्रेस व विपक्ष को उसे मानने और चुनाव का एजेंडा तथा साझा कार्यक्रम का अंग बनवाकर ही किसान आंदोलन किसानों के हितों की भी सेवा कर सकता है और किसान समुदाय को चुनाव में भाजपा के खिलाफ विपक्ष के साथ खड़ा कर सकता है, न कि कांग्रेस के साथ राजनीतिक रूप से पूरी तरह नत्थी ( identify ) होकर।
ठीक इसी तरह युवाओं को रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, सभी खाली पदों को समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार भरने के ठोस आश्वासन, ठेका प्रथा के खात्मे, अग्निवीर को रद्द करने, रोजगार मिलने तक जीवन निर्वाह भत्ता, सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था के रोजगारोन्मुख विन्यास के लिए अपने स्वायत्त आंदोलन के माध्यम से विपक्ष पर दबाव बनाना होगा। इन सवालों पर ठोस आश्वासन ही व्यापक युवा समुदाय को भाजपा के खिलाफ राजनीतिक तौर पर लामबंद कर सकता है।
यही बात निजीकरण, छंटनी, लेबर कोड के विरुद्ध, OPS के लिए मजदूर कर्मचारी आंदोलन समेत अन्य तबकाई, मुद्दा आधारित आंदोलनों तथा वाम-लोकतान्त्रिक शक्तियों की राजनीतिक पहल पर लागू होती है।
किसान आंदोलन ने जिस तरह मोदी सरकार के कारपोरेटपरस्त चरित्र का ठोस exposure किया और जनता की संघर्षशील वर्गीय एकता के माध्यम से संघ-भाजपा की विभाजनकारी राजनीति का मुंहतोड़ जवाब दिया, वह एक अनुकरणीय मॉडल है। सच तो यह है कि जनांदोलनों तथा भारत जोड़ो समेत तमाम राजनीतिक अभियानों को उसके आगे जाना होगा और जनकल्याण तथा राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के ठोस वैकल्पिक कार्यक्रम के साथ जनता को राजनीतिक विकल्प के लिये खड़ा करना होगा।
(लेखक लाल बहादुर सिंह इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष हैं।)
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री चाकरी भली भांत करी छै । श्री महाराज से खानाजाद छै ओर अठारी सारी तपसीलवार हकीकत वेणी राम जबानी सु मालुम करसी जी ।
। वाउड़ता परवानां सदा ईनाइत कराव जो जी । सांवत १७६७, चैत सुद १ । श्री जी सलामत । सरकार री तरफ सु असवार हजार चार सु कम मत लीराजो पेहलो मुकदमो छै । सो ईतरी जमीत जरूर लावण रो हुकम हुवै जी । |
गैंगस्टर गोल्डी बरार के नाम से छात्र ने सलमान खान को कथित तौर पर धमकी भरे संदेश भेजे थे. (फाइल फोटो)
मुंबई. बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान को कथित रूप से धमकी भरा ईमेल भेजने के मामले में मुंबई पुलिस ने ब्रिटेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे एक भारतीय छात्र के खिलाफ 'लुकआउट सर्कुलर' (एलओसी) जारी किया है. पुलिस के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा कि छात्र के इस साल के अंत तक भारत लौटने की संभावना है क्योंकि उस वक्त तक ब्रिटेन में उसका शैक्षणिक सत्र समाप्त हो जाएगा. पुलिस को संदेह है कि मार्च से जेल में बंद गैंगस्टर गोल्डी बरार के नाम से छात्र ने सलमान खान को कथित तौर पर धमकी भरे संदेश भेजे थे.
कुछ दिनों पहले, सलमान खान को उनकी एक आधिकारिक आईडी पर एक ई-मेल मिला, जिसमें कहा गया था कि उन्हें गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के सहयोगी गोल्डी बराड़ से मिलना चाहिए और हमेशा के लिए अपने मतभेदों को सुलझा लेना चाहिए, या परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए.
मुंबई पुलिस ने हाल ही में एक नाबालिग लड़के को कंट्रोल रूम में फोन करने और कथित तौर पर सलमान खान को जान से मारने की धमकी देने के बाद गिरफ्तार किया था.
(इनपुट एजेंसी से भी)
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टीम इंडिया के स्टार ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या की गैरमौजूदगी में शिवम दुबे को टीम इंडिया में डेब्यू करने का मौका मिला. शुरुआत में अपने प्रदर्शन से मैच का रुख पलटने वाले शिवम को चयनकर्ताओं ने न्यूजीलैंड दौरे पर टी20 व वनडे दोनों ही स्क्वाड में शामिल किया.
कप्तान विराट कोहली ने शिवम दुबे को खेले गए 5 मैचों में सभी मैचों में प्लेइंग इलेवन में शामिल किया. मगर इस टी20 सीरीज में दुबे अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं कर सके. उन्होंने 51. 00 के औसत से 2 विकेट्स हासिल किए. साथ ही वह बल्ले से रन बनाने में भी नाकामियाब रहे.
इस सबसे हटकर यदि प्लेइंग इलेवन पर गौर करें तो टीम में 3 तेज गेंदबाजों के तौर पर कप्तान कोहली बुमराह, शमी और शार्दुल को शामिल करना चाहेंगे. इसलिए ये कहना गलत नहीं होगा कि शिवम दुबे को एकदिवसीय सीरीज पर खेले जाने वाले तीनों मैचों में प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठना पड़ सकता है.
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Aus vs Pak इफ्तिखार अहमद ने नाबाद 62 रन की पारी खेली और एक नया विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया।
नई दिल्ली, जेएनएन। Australia vs Pakistan t20 series: पाकिस्तान क्रिकेट टीम (Pakistan cricket team) के मध्यक्रम के बल्लेबाज इफ्तिखार अहमद (Iftikhar Ahmed) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अहमद ने दूसरे टी 20 मुकाबले में अपने करियर की बेस्ट पारी खेली और नाबाद 62 रन बना डाले। इफ्तिखार ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने टी 20 करियर की सबसे बेहतरीन पारी खेलते हुए एक वर्ल्ड रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया। उन्होंने नया विश्व रिकॉर्ड बनाते हुए एरोन फिंच (Aaron Finch) और MS Dhoni को पीछे छोड़ दिया।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के मध्यक्रम के बल्लेबाज इफ्तिखार अहमद ने कंगारू टीम के विरुद्ध दूसरे टी 20 मुकाबले में नाबाद 62 रन की पारी खेलते हुए टीम के स्कोर को सम्माजनक स्थिति में पहुंचा दिया और पाकिस्तान ने 20 ओवर में 6 विकेट पर 150 रन बनाए। इफ्तिखार ने 34 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 62 रन बनाए और पांच चौके व तीन छक्के जड़े। उनका स्ट्राइक रेट 182. 35 रहा।
इफ्तिखार ने अपनी इस पारी के बाद ऑस्ट्रेलिया में नंबर छह पर बल्लेबाजी करते हुए टी 20 क्रिकेट की सबसे बेस्ट पारी खेली। अब तक ये रिकॉर्ड एरोन फिंच के नाम पर था जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर टी 20 क्रिकेट में नंबर छह पर बल्लेबाजी करते हुए साल 2011 में नाबाद 53 रन की पारी खेली थी। वहीं इस मामले में तीसरे स्थान पर भारत के MS Dhoni हैं जिन्होंने 2012 में नाबाद 48 रन बनाए थे। इफ्तिखार अब फिंच व धौनी से आगे निकल गए हैं और टी 20 क्रिकेट में ऑस्ट्रेलिया में नंबर छह पर बल्लेबाजी करते हुए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं।
Iftikhar Ahmed - 62* (2019)
Aaron Finch - 53* (2011)
MS Dhoni - 48* (2012)
इफ्तिखार अहमद का ये टी 20 क्रिकेट का पांचवां मुकाबला था। उन्होंने अब तक खेले पांच टी 20 मैचों में 105. 00 की शानदार औसत से कुल 105 रन बनाए हैं। नाबाद 62 रन उनका बेस्ट स्कोर है। उन्होंने अपने करियर का पहला टी 20 मैच चार मार्च 2016 को श्रीलंका के खिलाफ ढ़ाका में खेला था। अपने पहले मैच में वो शून्य पर नाबाद रहे थे।
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भारत वैज्ञानिक प्रकाशनों की वैश्विक श्रेणी में 7वें स्थान छलांग लगा कर से तीसरे स्थान पर पहुँच गया है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर के साथ समीक्षा बैठक के बाद आज यहां यह जानकारी दी है।
भारत की वैज्ञानिक बिरादरी के लगातार प्रयासों की सराहना करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदान किए गए एक सक्षम वातावरण और काम करने की स्वतंत्रता को सारा श्रेय दिया। उन्होंने कहा कि, हमारे वैज्ञानिक प्रयासों में इस तरह की लंबी छलांग केवल पिछले कुछ वर्षों में हो रही है और यह तथ्य पीएम मोदी द्वारा नीतियों की सुगमता के साथ-साथ उनकी व्यक्तिगत अनुग्रह और प्राथमिकता दोनों ही मामलों में दिए गए बल का प्रमाण है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के नेशनल साइंस फाउंडेशन ( एनएसएफ ) के विज्ञान और इंजीनियरिंग संकेतक 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिक प्रकाशनों में विश्व स्तर पर भारत की स्थिति 2010 में 7वें स्थान से सुधर कर 2020 में तीसरे स्थान पर आ गई है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के विद्वानों का कार्य 2010 में 60,555 शोध प्रपत्रों (पेपर्स) से बढ़कर 2020 में 1,49,213 शोध प्रपत्र (पेपर) हो गया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि ऐसा केवल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कारण संभव हो पाया है, क्योंकि वे न केवल विज्ञान के लिए एक स्वाभाविक झुकाव रखते हैं बल्कि पिछले 8 वर्षों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधारित पहलों और परियोजनाओं को समर्थन और बढ़ावा देने में भी आगे हैं। उन्होंने कहा कि अब "आत्मनिर्भर भारत" के निर्माण में भारत के वैज्ञानिक कौशल की प्रमुख भूमिका होने जा रही है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के अनुसंधान प्रदर्शन में बहुत सुधार हुआ है और जो अनुसंधान प्रकाशनों, प्रौद्योगिकियों के विकास एवं समग्र विकास में योगदान देने वाले नवाचारों के संदर्भ में बड़ी मात्रा में वैज्ञानिक ज्ञान के माध्यम से दिखाई देता है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर भी गर्व किया कि भारत अब विज्ञान और इंजीनियरिंग में शोध (पीएचडी)की संख्या के मामले में तीसरे स्थान पर है। उन्हें इस तथ्य से भी अवगत कराया गया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान भारत पेटेंट कार्यालय (आईपीओ) में भारतीय वैज्ञानिकों को दिए गए पेटेंट की संख्या भी 2018-19 के 2511 से बढ़कर 2019-20 में 4003 और 2020-21 में 5629 हो गई है।
नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) संयुक्त राज्य अमेरिका सरकार की एक स्वतंत्र एजेंसी है जो विज्ञान और इंजीनियरिंग के सभी गैर-चिकित्सा क्षेत्रों में मौलिक अनुसंधान और शिक्षा का समर्थन करती है।
अब यह याद किया जा सकता है कि विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ( डब्ल्यूआईपीओ ) द्वारा लाए गए वैश्विक नवाचार सूचकांक ( ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स - जीआईआई ) 2022 के अनुसार, भारत की जीआईआई श्रेणी में भी 2014 के 81वें स्थान से 2022 में 40वें स्थान पर पहुँचने का महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें वैज्ञानिक विभागों के लिए आवंटन में क्रमिक वृद्धि, गैस्ट्रो इसोफेजियल रेफलक्स डिजीज ( जीईआरडी ) के उपचार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करना, विज्ञान के क्षेत्र में व्यापार करने की सुगमता में सुधार करना के साथ ही प्रौद्योगिकी और नवाचार ( एसटीआई ) गतिविधियाँ; सार्वजनिक खरीद के लिए लचीले उपकरण पेश करना; पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप और अन्य नवोन्मेषी मिश्रित निवेश तन्त्र ( इनोवेटिव हाइब्रिड फंडिंग मैकेनिज्म ) जैसे पोर्टफोलियो- आधारित निवेश तन्त्र ( फंडिंग मैकेनिज्म ) के माध्यम से सहयोगी एसटीआई में निवेश ( फंडिंग ) के लिए रास्ते बनाना शामिल है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को आगामी केंद्रीय बजट 2023-24 में पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक धन मिलने की संभावना है।
पिछले बजट में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ( डीएसटी ) को 6,002 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जो कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय को आवंटित कुल 14,217 करोड़ रुपये के कोष का 42 प्रतिशत था। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान विभाग ( डीएसआईआर ) को 5,636 करोड़ रुपये (40 प्रतिशथत) मिले, जबकि जैव-प्रौद्योगिकी विभाग ( डीबीटी ) को 2,581 करोड़ रुपये ( 18 प्रतिशत ) मिले।
सरकार ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व ( सीएसआर ) के प्रावधान के अंतर्गत कॉर्पोरेट क्षेत्र को अनुसंधान एवं विकास में निवेश करने की अनुमति दी है। कॉर्पोरेट्स अपने सीएसआर के एक भाग के रूप में प्रौद्योगिकी व्यवसाय ऊष्मायकों ( इन्क्यूबेटर्स ) में निवेश कर सकते हैं या अन्य संस्थानों और राष्ट्रीय अनुसंधान प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए अनुसंधान प्रयासों में अपना योगदान दे सकते हैं। इसके लिए विशिष्ट निवेश प्रोत्साहन की पेशकश की जाती है जैसे स्थान- आधारित कर प्रोत्साहन जो भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में उद्योग स्थापित करने तथा व्यवसाय करने से उत्पन्न लाभ की 100 प्रतिशत कटौती को सक्षम बनाता है।
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अयोध्या, राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य एवं भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद डॉ0 रामविलास दास वेदांती का दावा किया है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण वर्ष 2019 से पहले होगा।
वेदांती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या आने से पहले अपने बयान में कहा कि जिस तरह से विवादित ढांचा ढहाने की कोई भी अनुमति नहीं ली गई थीए उसी तरह से यहां पर भव्य मंदिर बनवाने के लिए किसी आज्ञा की जरुरत नहीं है। उन्होने कहा कि अयोध्या में वर्ष 2019 से पहले अचानक भव्य राम मंदिर का निर्माण होगा।
उन्होंने कहा कि यहां पर भव्य मंदिर बनवाने के लिए किसी आज्ञा की जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा ही राम मंदिर का निर्माण करा सकती है। वेदांती ने उम्मीद जताई कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की सरकार बनेगी और नरेंद्र मोदी ही देश के दोबारा प्रधानमंत्री बनेंगे।
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चर्चा में क्यों?
14 दिसंबर, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को जेड प्लस सुरक्षा दी गई है।
- जेड प्लस सुरक्षा के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सुरक्षा में 36 NSG कमांडो तैनात होंगे। इसके साथ ही 2 एसपी, 2 एएसपी और 4 डीएसपी, विशेष सुरक्षा बल के जवान और राज्य पुलिस के हथियारबंद जवान तैनात किये जाएंगे।
- सीएम डॉ. मोहन यादव के लिये 15 से 18 गाड़ियों का काफिला होगा। इस काफिले में एक बुलेटप्रूफ कार भी शामिल हैं, जिसमें वह सवार रहेंगे।
- गौरतलब है कि भारत में मुख्य रूप से 4 प्रकार की सुरक्षा श्रेणियाँ हैंः एक्स (X), वाई (Y), जेड (Z) और जेड प्लस (Z Plus)। इसके अतिरिक्त SPG सुरक्षा भी है, जो केवल प्रधानमंत्री और उसके परिवार के लिये होती है। अन्य सुरक्षा श्रेणियों के तहत किसी भी ऐसे व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है, जिस पर खतरे की आशंका के संबंध में केंद्र या राज्य सरकारों के पास खतरे से जुड़ी कोई जानकारी हो।
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गहलोत आज सीकर के सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने कभी भी किसी पद के लिए न तो लॉबिंग की और न ही मांग। पार्टी आलाकमान ने जो जिम्मेदारी सौंपी, उसे ईमानदारी से निभाया। आगे भी जो जिम्मेदारी मिलेगी उसे पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि जब भी कोई प्रदेशाध्यक्ष बनता है, मीडिया के पांच - छह लोग उसके दोस्त बन जाते है और उसे सीएम बना देते है। वह भी हवा में चलता है। यह समझदारी नहीं है। यह तो खुद के समझने की भी बात है।
उन्होंने कहा कि अभी तो कांग्रेस को मजबूत बनाने का वक्त है। इसके लिए जिला, तहसील और गांव तक संघर्ष करना होगा। तभी जनता विकल्प के रूप में कांग्रेस को वोट देगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भाजपा सरकार से जनता परेशान है। जनता भाजपा के चार साल के कुशासन के खिलाफ वोट करेगी और उसका फायदा कांग्रेस को उपचुनाव में मिलेगा। कांग्रेस तीनों सीटों पर जीत हासिल करेगी।
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गोरखपुर से एक बेहद हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां हरपुर बुदहट इलाके के कटशहरा में एक मौलवी ने संतकरीबनगर के एक व्यापारी को तंत्रमंत्र के सहारे गड़ा हुआ सोना दिलाने के नाम पर 7 लाख रुपए ठग लिए जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित ने पुलिस को तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गई है।
संतकरीबनगर के मोलनापार निवासी रामचन्द्र गल्ला व्यापारी हैं। करीब एक साल पहले उनकी मुलाकात कटशहरा निवासी सुहेल मौलवी से हुई। आरोप है कि सुहेल मौलवी ने रामचन्द्र को बताया कि आपके घर में एक करोड़ रुपये का सोना गड़ा हुआ है। उसने दावा किया कि मैं तंत्र-मंत्र से सोना निकलवा दूंगा। व्यापारी भी मौलवी के झांसे में आ गया। आरोप है कि इस काम के एवज में मौलवी धीरे-धीरे कर उनसे एक साल के अंदर लगभग सात लाख रुपये ऐंठ लिए।
इसके बाद भी लगातार रुपयों की मांग किए जाने के बाद व्यापारी को एहसास हुआ कि वह ठगा जा रहा है। आरोप है कि जब व्यापारी ने काम न होने पर मौलवी से अपने पैसे वापस मांगे तो उसने कहा कि अगर पैसा वापस मांगोगे तो तंत्र-मंत्र से तुम्हारी जान ले लूंगा। मौलवी द्वारा ठगे जाने के बाद व्यापारी ने रविवार को हरपुर बुदहट थाने में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई है। वहीं थाना प्रभारी उदयशंकर कुशवाहा ने कहा कि तहरीर मिली है। मौलवी को बुलवाया गया है। उससे पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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सेलिब्रिटी फैशन डिजाइनर मनीष मल्होत्रा (Manish Malhotra) ने मुंबई में गुरुवार को एक ग्रैंड ब्राइडल शो होस्ट किया था.
इस इवेंट में रणवीर सिंह (Ranveer Singh) और आलिया भट्ट (Alia Bhatt) शो स्टॉपर बने थे.
वहीं, इस शो में कई बड़े स्टार्स शामिल हुए थे. जिसमें दीपिका पादुकोण भी मौजूद रहीं. उनकी खूबसूरती देख लोग उनपर से अपनी नजरें नहीं हटा पा रहे थे.
अपने रैंप शो में रणबीर सिंह ने अपना ध्यान सबकी ओर खींच लिया...जब उन्होंने रैंम के दौरान पत्नी दीपिका को किस किया.
एक्ट्रेस ने ऑफ व्हाइट कलर की साड़ी पहन रखी है. जिसपर उन्होंने स्टाइलिश ब्लाउज पहन रखा है. जो पूरी बैकलेस है.
वहीं, एक्ट्रेस की खूबसूरती देख फैंस जमकर फोटो पर कमेंट कर रहे हैं. 1 मीलियन से ज्यादा फोटो पर वीव्यू आ चुके हैं.
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Chardham Yatra 2023 गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में मौसम साफ है। दोनों धामों में चारधाम यात्रा सुचारू रूप से संचालित हो रही है। गंगोत्री धाम में सोमवार को 11367 और कुल 265329 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए।
टीम जागरण, उत्तरकाशीः Chardham Yatra 2023: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में मौसम साफ है। दोनों धामों में चारधाम यात्रा सुचारू रूप से संचालित हो रही है। दोनों धामों में इन दिनों तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। यमुनोत्री धाम में गत सोमवार को 10256 और कुल-239913 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन कर दिए हैं। गंगोत्री धाम में सोमवार को 11367 और कुल 265329 तीर्थ यात्रियों ने दर्शन किए।
जानकीचट्टी से यमुनोत्री धाम के लिए मंगलवार सुबह 9:00 बजे तक 5000 तीर्थयात्री रवाना हुए। जबकि गंगोत्री धाम में सुबह 9 बजे तक करीब 4500 तीर्थयात्री पहुंच गए हैं। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ने के कारण धाम में चारधाम व्यापारी और तीर्थ पुरोहित काफी खुश है।
साथ ही दोनों धामों के विभिन्न पड़ाव पर भी रौनक लौट आई है। गंगोत्री नेशनल पार्क के अंतर्गत गंगोत्री गोमुख तपोवन ट्रैक भी इन दिनों गुलजार हो गया है। इस ट्रैक पर प्रतिदिन 125 से अधिक पर्यटक ट्रैकिंग करने के लिए जा रहे हैं। मंगलवार की सुबह 105 सैलानी गौमुख तपोवन की ट्रेकिंग के लिए रवाना हुए हैं।
ज्यों-ज्यों केदारनाथ धाम में यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। पुलिस ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। दिन-प्रतिदिन अत्यधिक संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। अब तक की यात्रा में साढ़े चार लाख का आंकड़ा पार हो चुका है।
श्री केदारनाथ धाम सहित सभी यात्रा पड़ावों पर आ रहे श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सेवा हेतु पुलिस बल तैनात है। न केवल जिला पुलिस अपितु एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, पीएसी फायर कार्मिक, अभिसूचना इकाई, संचार कार्मिक, होमगार्ड, पीआरडी, सभी पारस्परिक समन्वय के साथ यात्रा से सम्बन्धित सुरक्षा व्यवस्था ड्यूटियों में लगे हैं।
पैदल मार्ग की दुश्वारियां हों या फिर कुबेर व भैरव गधेरे का ग्लेशियर व एवलांच वाला क्षेत्र, सोनप्रयाग व गौरीकुण्ड की संकरी जगह पर भीड़ प्रबन्धन, घोड़ा पड़ावों व शटल पार्किग से सम्बन्धित ड्यूटी, सोनप्रयाग व सीतापुर पार्किंग सहित सम्पूर्ण यात्रा मार्ग पर यातायात की ड्यूटी, इन सभी स्थानों पर पुलिस के स्तर से दिन रात एक करके आ रहे श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल व सुगम बनाया जा रहा है।
विपरीत परिस्थितियों के बीच भी सम्पूर्ण पुलिस बल द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जा रहा है। राह भटक चुके व अपनों से बिछड़ों को मिलवाने का जिम्मा बखूबी निभा रहे हैं। खोयी सामग्री, खोये मोबाइल वापस कराये जा रहे हैं। किसी प्रकार से दुर्घटना से या गिर जाने से घायल हो रहे। श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार देकर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर ले जा रहे हैं। बूढ़े बुजुर्गों को सहारा देकर उनकी राह आसान कर सुगम दर्शन कराये जा रहे हैं।
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लंदन, 18 जनवरी (आईएएनएस)। ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे इस साल स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच के सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगी। इस समय उनका पूरा ध्यान ब्रेक्सिट मसले का समाधान तलाशने पर लगा हुआ है। इस सप्ताह की शुरुआत में उनकी ब्रेक्सिट योजना को हाउस ऑफ कॉमंस (ब्रिटिश संसद का निचला सदन) में भारी मतों से खारिज कर दिया गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि संभव है कि चांसलर फिलिफ हैमंड और बिजनेस सेक्रेटरी ग्रेग क्लार्क सम्मेलन में पहुंचेंगे।
विश्व आर्थिक मंच सम्मेलन 22 जनवरी को आरंभ होगा और यह 25 जनवरी तक चलेगा।
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KFin Technologies IPO: इस सप्ताह कई कंपनियों का आईपीओ आने वाले हैं। आज यानि 19 दिसंबर को एक और कंपनी ने आपका इनिशियल फ्लिक ऑफरिंग खोल दिया है। कंपनी कक नाम केफिन टेक्नोलॉजीज है। निवेशों को दांव लगाने के लिए 21 दिसंबर तक का मौका दिया गया है। इसके तहत कंपनी 1500 करोड़ रुपये की रकम कलेक्ट करने वाली है।
इसेलिए प्राइस बैंड 347 रुपये से 366 रुपये तक तय किया गया है। हालांकि इसके शेयर सब्स्क्रिप्शन पहले से ही ग्रे मार्केट में मिलने लगे थे। कंपनी ओएफएस के तौर पर इस IPO को इश्यू करेगी। , जिसके शेयर 5 रूपये प्रति इक्विटी शेयर के प्रीमियम में उपलब्ध होगा। कंपनी द्वारा जारी किये जा रहे इस आईपीओ के लिए एक लॉट में 40 शेयर हैं, जिसके लिए इन्वेस्टर्स आवेदन कर सकते हैं।
रीटेल निवेशकों के पास कम से कम और अधिकतम 13 लॉट को खरीदने की अनुमति होगी। KFin Technologies के आईपीओ के लिए बिगशेयर सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को ऑफिशियल रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्ति किया गया है। कहा जा रहा है की 26 दिसंबर 2022 तक इसके शेयर आवंटन को फाइनल रूप दिया जाएगा। आईपीओ की लिस्टिंग 29 दिसंबर 2022 तक BSE और NSE पर हो सकती है।
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बिहार में बैन स्टेट एसपीसीए से जुड़े लोग फर्जी इंस्पेक्टर बनकर रुपए की वसूली कर रहे हैं। ये पुलिस की वर्दी पहनते हैं। संस्था ने वैशाली एसपी को अंधेरे में रखकर थानाध्यक्षों के नाम एक पत्र भी निर्गत करा लिया। एसपी का पत्र देख कई थानों की पुलिस ने इन फर्जी इंस्पेक्टरों की मदद भी की। जब राज खुला तो पुलिस ने साख बचाने के लिए पहले तो आदेश को निरस्त किया, बाद में एफआईआर दर्ज की। कुल मिलाकर इस मामले में वैशाली पुलिस पूरी तरह ठगी गई और इस गोरखधंधे से अनभिज्ञ रही।
बिहार,ओडिशा व झारखंड में है संस्था का नेटवर्क : स्टेट एसपीसीए नाम की यह संस्था बिहार, झारखंड, ओडिशा सहित अन्य राज्यों में पशु क्रूरता के खिलाफ काम करने के लिए बनी थी। यह एनजीओ है और सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत रजिस्टर्ड भी है। लेकिन इस संस्था ने बिहार, झारखंड में अपने सदस्यों की बतौर इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के रूप में पोस्टिंग की हुई है जो पशु तस्करों से पैसे ऐंठने लगे। धीरे-धीरे इनकी जड़ें तीनों राज्यों में मजबूत होती गईं।
पहले ओड़िशा, फिर बिहार ने इस पर बैन लगाया : ओड़िशा की ने स्टेट एसपीसीए को अवैध करार दिया। बाद में 2017 में तत्कालीन पशुपालक निदेशक राधेश्याम साह ने इस संस्था को फर्जी बताया। 4 अगस्त 2018 को बिहार में इसे अवैध घोषित कर प्रतिबंधित किया गया।
संस्था ने दो लोगों की पोस्टिंग का आदेश निकाला : संस्था के अध्यक्ष महनार के पूर्व विधायक डॉ अच्युतानंद सिंह ने 25 मई को दो इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर को वैशाली जिले में पोस्टिंग का आदेश निकाला। कहा गया कि एक सप्ताह के भीतर एसपी कार्यालय में अपना योगदान दें।
19 जून, को एसपी ने थानाध्यक्षों को संस्था की मदद करने का आदेश दिया। 23 जून को संस्था की मदद से औद्योगिक थाना क्षेत्र में कुछ पशु तस्कर पकड़े गए। केस हुआ। बाद में थानाध्यक्ष को पता चला कि संस्था ही फर्जी है। उसके बाद फिर एक केस हुआ इसे उसी पशु तस्कर ने दर्ज कराया, जिसके खिलाफ पहले केस हुआ था। एसपी ने भी 19 जून का आदेश रद्द कर दिया।
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स्कोडा कुशाक और स्लाविया मॉडल ईयर 2023 में कई कॉस्मेटिक बदलाव किए जा सकते हैं। इनकी फीचर लिस्ट और पावरट्रेन भी अपडेट की जाएगी।
- कुशाक कार के 2023 मॉडल में कई हल्के फुल्के बदलाव किए जा सकते हैं।
- मॉडल ईयर 2023 में नए अपडेट के तौर पर स्लाविया में नया मोंटे कार्लो एडिशन शामिल किया जा सकता है।
- इन दोनों गाड़ियों के लोअर वेरिएंट्स में ज्यादा एडवांस सेफ्टी फीचर्स शामिल किए जा सकते हैं।
- इनकी पावरट्रेन को अपकमिंग एमिशन नॉर्म्स के अनुसार अपडेट किया जा सकता है।
- मॉडल ईयर 2023 अपडेट मिलने से इन दोनों मॉडल्स की प्राइस बढ़ सकती है।
स्कोडा अपनी कुशाक और स्लाविया कार को 2023 मॉडल ईयर अपडेट देने जा रही है। नए अपडेट के साथ इन दोनों कारों में कई हल्के-फुल्के बदलाव देखने को मिलेंगे।
कुशाक कॉम्पेक्ट एसयूवी स्कोडा इंडिया के लाइनअप की बेस्ट सेलिंग कार है। ग्लोबल एनकैप के क्रैश टेस्ट में इस कार को 5-स्टार रेटिंग मिली है जिसके चलते यह भारत की सबसे सुरक्षित कार बन गई है। इस एसयूवी कार के एक साल पूर होने पर कंपनी ने इसका स्पेशल एनिवर्सरी एडिशन भी लॉन्च किया था। अनुमान है कि मॉडल ईयर 2023 अपडेट मिलने से इस गाड़ी की वेरिएंट वाइज़ फीचर लिस्ट में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। कुशाक कार के लोअर वेरिएंट्स में ज्यादा एडवांस सेफ्टी फीचर शामिल किए जा सकते हैं।
स्लाविया सेडान ने भारत में 2022 में एंट्री ली थी और अब कंपनी 2023 में इसका मोंटे कार्लो एडिशन उतारेगी। स्लाविया मॉडल ईयर 2023 में मिलने वाले बाकी अपडेट्स कुशाक कार से मिलते जुलते हो सकते हैं। कंपनी इस गाड़ी की वेरिएंट वाइज़ फीचर लिस्ट को अपडेट कर सकती है जिसके चलते इसके लोअर वेरिएंट्स में ज्यादा एडवांस सेफ्टी फीचर शामिल हो सकते हैं।
अनुमान है कि कंपनी इन दोनों गाड़ियों की पावरट्रेन को अपकमिंग एमिशन नॉर्म्स के अनुसार अपडेट कर सकती है। स्लाविया और कुशाक दोनों ही कारों में 1-लीटर और 1. 5-लीटर टर्बो पट्रोल इंजन मिलने जारी रहेंगे। इंजन के साथ 6-स्पीड मैनुअल और 7-स्पीड डीएसजी ऑटोमेटिक गियरबॉक्स की चॉइस मिलेगी।
स्कोडा ने भारत में तैयार की जाने वाली कारों की प्राइस हाल ही में बढ़ाई है, लेकिन अनुमान है कि मॉडल ईयर 2023 अपडेट मिलने से यह दोनों कारें और महंगी हो सकती हैं। वर्तमान में स्कोडा कुशाक की प्राइस 11. 59 लाख रुपए से 19. 69 लाख रुपए के बीच है, जबकि स्लाविया की कीमत 11. 29 लाख रुपए से शुरू होकर 18. 39 लाख रुपए (एक्स-शोरूम) तक जाती है।
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AC Industry In India : उत्तर भारत में भारी गर्मी का दौर चल रहा है, इसके साथ ही पूरे देश में एयर कंडीशनर (Air Conditioner) की डिमांड काफी तेजी से बढ़ गई है. तेज गर्मी में सिर्फ AC ही आपको राहत दे सकता है. AC की बढ़ती डिमांड से व्यापारियों को जमकर फायदा हुआ है. आपको बता दे कि साल 2022 की घरेलू बाजार की पहली छमाही में एसी की बिक्री 60 लाख यूनिट्स के रिकॉर्ड पार हो चुकी है.
कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड अप्लायंसेज मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (CEAMA) के अध्यक्ष एरिक ब्रेगेंजा ने जानकारी दी है कि इस साल की पहली छमाही एसी इंडस्ट्री के लिए काफी अच्छी रही है. उन्होंने कहा कि जनवरी से लेकर जून के बीच घरेलू एसी बाजार करीब 60 लाख यूनिट्स का रहा है. पहले कभी बिक्री आंकड़े इतने अधिक नहीं रहे. उन्होंने यह भी कहा कि दूसरी छमाही में यह 25 लाख यूनिट्स और साल के अंत तक करीब 85 लाख यूनिट्स रहेगा.
बीते 6 महीने में एसी के दाम 2 से तीन बार में 10 से 15 % बढ़े हैं. आपको बता दे कि धातुओं से लेकर अहम कलपुर्जों तक महंगाई के अभूतपूर्व दबाव और लॉजिस्टिक्स चार्ज में बढ़ोतरी के कारण कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़े हैं.
पहली छमाही में टाटा ग्रुप की कंपनी वोल्टास (Voltas) ने करीब 12 लाख रेसिडेंशियल एसी बेचे, एलजी (LG) इलेक्ट्रॉनिक इंडिया ने घरेलू बाजार में 10 लाख से अधिक इन्वर्टर एसी बेच दिए है. Hitachi, Daikin, Panasonic और Haier जैसे अन्य एसी मैन्युफैक्चर्रस (AC Manufacturers) ने भी बिक्री में वृद्धि दर्ज की है. साथ ही साल की दूसरी छमाही में भी बिक्री अच्छी रहने का अनुमान लगाया जा रहा है.
इस साल की पहली छमाही में एलजी इलेक्ट्रॉनिक इंडिया (LG Electronic India) ने घरेलू बाजार में 10 लाख से ज्यादा रेसिडेंशियल इनवर्टर एसी बेचे जो पिछले वर्ष के मुकाबले 50 % ज्यादा है. इस बारे में एलजी इलेक्ट्रॉनिक इंडिया के उपाध्यक्ष (Home Appliances and Air Conditioner) दीपक बंसल ने कहा कि जनवरी से जून के दौरान एसी कैटेगरी से 4,000 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है.
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कई हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि हमारे शरीर में आयरन की मात्रा होनी बेहद जरूरी होती है। साथ ही हमें रोजाना ऐसे पोषक तत्वों का इस्तेमाल करना चाहिए जो हमारे शरीर में आयरन की मात्रा को बनाएं रखें।
शरीर को मजबूत रखने साथ ही अनेक प्रकार की बीमारियों से लड़ने के लिए आयरन का हमारे शरीर में होना बेहद जरूरी होता है। यदि आप ठीक प्रकार से आहार ग्रहण नहीं करेंगे तो आपके शरीर में अनेक बीमारियां अपना घर बना लेती हैं और आप उन सभी प्रकार की बीमारियों के शिकार हो जायेंगे।
हर व्यक्ति को रोजाना ऐसे आहार का सेवन करना चाहिए जिसमें भरपूर मात्रा में आयरन मौजूद हो। जो कि हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है।
• जिस व्यक्ति को आयरन की कमी शरीर में आ जाती है उसे हर समय थकान व कमजोरी महसूस होने लगती है।
• आयरन की कमी आने पर व्यक्ति के पैरों में परेशानियां आ जाती हैं।
• इसके आलावा जिस व्यक्ति को आयरन की कमी होती है उसकी त्वचा का रंग पीला दिखाई देने लगता है।
• आयरन की कमी से मरीज को सिर में दर्द और चक्कर आने लगते हैं ।
• ऐसे लोगों के शरीर में सूजन आ जाती है साथ ही जीभ में भी दर्द बना रहता है।
• जो व्यक्ति आयरन की समस्या से पीड़ित होता है उसे भूख भी नहीं लगती है।
आयरन की कमी को कैसे करें दूर?
• रोजाना संतरे का जूस पीने से शरीर में आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है।
• आयरन की कमी को दूर करने के लिए राजमा, सोयाबीन का आटा, चना, दाल, अनाज इन सभी को आहार में शामिल कर लें।
• ऐसी स्थिति में लोगों को अधिक से अधिक विटामिन-सी का सेवन करना बेहद जरूरी हो जाता है।
• साथ ही अनेक पोषक तत्वों का शरीर में प्रयोग करना चाहिए।
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रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री व जेसीसी-जे सुप्रीमो अजीत जोगी के निधन को आज तीन दिन ही हुआ है. उनके निधन के बाद से ही जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय होने की चर्चाएं तेज हो गई हैं. इन्हीं चर्चाओं के बीच छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया अगले हफ्ते रायपुर आ रहे हैं.
चर्चा है कि विलय करने का मैसेज सोनिया गांधी के यहां आया है. जिसके बाद पिछले दिनों हुए मंत्रियों की मीटिंग में इस मुद्दे को उठाया गया था. हालांकि सभी मंत्रियों ने इसका विरोध किया था, कोई भी मंत्री इसके लिए तैयार नहीं है. यदि जोगी कांग्रेस का कांग्रेस में विलय हुआ तो सभी विधायक भी कांग्रेस में प्रवेश हो जाएंगे.
पीएल पुनिया ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में इन अटकलों को खारिज किया है. राजधानी पहुंचने के बाद पुनिया दो दिन रायपुर में ही रहेंगे. वे निगम मंडल की नियुक्तियों पर चर्चा और संगठन के कामकाज की समीक्षा करेंगे.
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India Squad for SA: चयन समिति के एक सदस्य ने इनसाइडस्पोर्ट को बताया, "हम प्लेऑफ से पहले टीम के चयन के लिए मुंबई में रोहित से मिलेंगे, सबसे अधिक संभावना 23 तारीख की है। हमें अभी तारीख तय करनी है। टीम की घोषणा 26 तारीख तक की जाएगी। " दो सालों में पहली बार टीम की सिलेक्शन मीटिंग ऑनलाइन नहीं बल्कि सभी की फिजिकल उपस्थिति के साथ होगी। रोहित शर्मा की मुंबई इंडियंस के प्लेऑफ की दौड़ से बाहर होने के साथ, वह 22 मई को बायो-बबल से बाहर हो जाएंगे। रोहित शर्मा पूरी सीरीज के लिए उपलब्ध रहेंगे। हालांकि, कुछ घायल खिलाड़ियों के साथ विराट कोहली को आराम दिए जाने की संभावना है।
दक्षिण अफ्रीका के लिए भारतीय टीमः
- चयन समिति की बैठक 23 मई को मुंबई में होगी।
- टीम की घोषणा 25 मई तक की जानी चाहिए।
- चेतन शर्मा पर्सनली भारतीय कप्तान रोहित शर्मा से मिल सकते हैं।
- मीटिंग में विराट कोहली को ब्रेक और कुछ वरिष्ठ सदस्यों पर चर्चा की जाएगी।
- रोहित शर्मा विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए पूरी ताकत से टीम के साथ जाने के इच्छुक हैं।
- लेकिन चोटों की सूची हर दिन लंबी होती जा रही है।
- टीम नौ जून को पहले टी20 के लिए दिल्ली के लिए उड़ान भरने से पहले 4 जून को एनसीए में एक छोटे शिविर में इकट्ठा होगी।
- दीपक चाहर - हैमस्ट्रिंग की चोट (अभी भी ठीक हो रहे हैं)
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छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सलियों के घात लगाकर हमला करने से 25 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए। जवानों की शहादत से पूरे देश में शोक और गुस्सा नजर आ रहा है। मशहूर टीवी पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी ट्वीट कर इस घटना पर गुस्सा जाहिर किया है। राजदीप ने अपने गुस्से में सराकार और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को लपेटे में लिया है। राजदीप ने ट्विटर पर पूछा है कि सुकमा जैसी घटनाओं पर पूर्व की यूपीए सरकार से इस्तीफा मांगने वाले आज कहां हैं। राजदीप के इस ट्वीट के बाद लोगों ने उन्हें जमकर आड़े हाथों लिया। ऐसा नहीं है कि लोगों ने शिर्फ उनकी खिंचाई ही की, बहुत से यूजर्स उनकी बात से सहमत भी नजर आए। आपको बता दें कि सोमवार को छत्तीसगढ़ के सुकमा में 300 नक्सलियों ने सीआरपीएफ के जवानों पर हमला बोल दिया था जिससे 25 जवान शहीद हो गए।
राजदीप सरदेसाई ने सुकमा हमले के कुछ घंटों बाद एक ट्वीट किया। उन्होंने अपने इस ट्वीट में लिखा कि अगर ये नक्सली हमला यूपीए के शासनकाल में होता तो ट्विटर पर सबसे पहला रिएक्शन होता कि गृह मंत्री को हटाओ। लेकिन आज ऐसा नहीं है. . कहां हैं वो मानवाधिकार वाले। राजदीप के इस ट्वीट ने सोशल मीडिया पर हंगामा सा खड़ा कर दिया। लोगों के कमेंट आने शुरु हो गए। कुछ कमेंट राजदीप के बयान से सहमती में तो बहुत सारे उनके बयान के खिलाफ।
When Naxal attacks took place in UPA, first response on twitter would be: sack the HM. Now, its about where are human rts activists!
कुछ यूजर्स ने राजदीप के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि आप पत्रकारिता छोड़ कर राजनीति में क्यों नहीं आ जाते। पत्रकार रहते हुए विपक्ष की तरह बातें करना बंद कीजिए। एक यूजर ने लिखा कि अगर राजदीप जैसे लोग हों तो दुश्मनों की जरूरत ही नहीं है।
@sardesairajdeep Bhaishab tweet like a senior journalist not like an opposition party,
यूजर्स ने राजदीप से सहमति जताते हुए लिखा कि ऐसे लोग अपनी पवित्र गाय का दूध निकालने में व्यस्त हैं । वहीं कुच यूजर्स ने राजदीप के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह से इस्तीफा देने की अपील भी की।
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मुंबई में डब्बेवाले हमेशा से ही समय पर लोगों के डब्बे उनके पास पहुंचाते आ रहे है और इसका सबसे बड़ा कारण है मुंबई की लोकल। लोकल ट्रेनों में डब्बेवालों के लिए एक अलग से मालवाहक डब्बा होता है। जिसमें डब्बेवाले डब्बों को लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाते है और समय पर डब्बों की डिलवरी करते है।
यह भी पढ़े - डब्बेवालें करेंगे 'साफ सफाई' ।
लेकिन अब इन डब्बेवालों की मांग है की लोकल की तरह मेट्रो में भी डब्बेवाले के लिए एक अलग से कंपार्टमेंट हो जिसमें वह अपने खाने के डब्बे को एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचा सके। मेट्रो 1 का कार्य पूरा होने के बाद बीकेसी स्थित मेट्रो ऑफिस में डबेवाला एसोसिएशन के प्रवक्ता सुभाष तलेकर ने मेट्रो अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हे इस बाबत एक पत्र भी सौपा।
हालांकी मेट्रो अधिकारियों का कहना है की फिलहाल मेट्रो में ऐसे किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं है . लेकिन भविष्य में अगर मेट्रो में डब्बे बढ़ाए जाते है तो डब्बेवालो की इन मांगो पर जरुर ध्यान दिया जाएगा।
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सोहा अली खान का फर्स्ट लुक आया सामने. ( Image Source : Instagram )
Soha Ali Khan First Look: बॉलीवुड एक्ट्रेस नुसरत भरूचा (Nushrratt Bharuccha) अपनी नई हॉरर फिल्म छोरी 2 (Chhorri 2) को लेकर सुर्खियों में बनी हुई हैं. इस फिल्म में सोहा अली खान (Soha Ali Khan) भी नजर आएंगी. इसके साथ ही उनका फर्स्ट लुक भी सामने आ गया है, जिसे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस फिल्म में उनका किरदार बहुत अलग होने वाला है. सोहा का फर्स्ट लुक देखकर फैंस फिल्म को लेकर काफी एक्साइटेड हो गए हैं.
सोहा अली खान ने इंस्टा हैंडल पर फिल्म छोरी 2 से अपने लुक को लेकर पर्दा उठाया है. तस्वीर में देखा जा सकता है कि सोहा ब्लैक कलर के ट्रेडिशनल आउटफिट में नजर आ रही हैं. उनके माथे पर चोट के निशान दिख रहे हैं. सोहा ने बड़ी नोज रिंग पहनी है और ख्यालों में खोई हुई दिख रही हैं. उनका ये लुक फैंस को बहुत पसंद आ रहा है.
सोहा ने कैप्शन में लिखा, 'वो कहते हैं कि अपने डार्क साइड को एक्सप्लोर करिए'. इसके साथ ही एक्ट्रेस ने हैशटैग के साथ बताया कि 'छोरी 2' की शूटिंग कम्प्लीट हो चुकी है. एक दिन पहले फिल्म छोरी 2 से नुसरत भरूचा ने अपने लुक की झलक दिखाई थी जिसमें वह एक कमरे में बंद और डरी हुई नजर आईं.
बताते चलें कि 'छोरी 2' (Chhorri 2) साल 2021 में रिलीज हुई 'छोरी' का सीक्वल है. ये फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम हुई थी, जिसमें नुरसत भरूचा (Nushrratt Bharuccha) ने एक प्रेग्नेंट महिला का किरदार निभाया था. इस मूवी को क्रिटिक्स से पॉजिटिव रिव्यूज मिले थे. दरअसल, ये साल 2017 में रिलीज हुई मराठी फिल्म का हिंदी रीमेक है. इसके अलावा नुरसत भरूचा, अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की फिल्म सेल्फी (Selfie) का भी हिस्सा हैं, जो 24 फरवरी, 2023 को सिनेमाघरों में दस्तक देगी. ये एक कॉमेडी-ड्रामा फिल्म है.
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भाषा, अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है। भाषा मानव जीवन का अभिन्न अंग है। संप्रेषण के द्वारा ही मनुष्य सूचनाओं का आदान प्रदान एवं उसे संग्रहित करता है। सामाजिक, आर्थिक, धार्मिक अथवा राजनीतिक कारणों से विभिन्न मानवी समूहों का आपस में संपर्क बन जाता है। गत शताब्दी में सूचना और संपर्क के क्षेत्र में अद्भुत प्रगति हुई है। इलेक्ट्राॅनिक माध्यम के फलस्वरूप विश्व का अधिकांश भाग जुड गया है। सूचना प्रौद्योगिकी क्रांती ने ज्ञान के द्वार खोल दिये है। बुद्धि एवं भाषा के मिलाप से सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे आर्थिक संपन्नता की ओर भारत अग्रसर हो रहा है। इलेक्ट्राॅनिक वाणिज्य के रूप में ई-कॉमर्स, इंटरनेट द्वारा डाक भेजना, ई-मेल द्वारा संभव हुआ है। ऑनलाईन सरकारी कामकाज विषयक ई-प्रशासन, ई-बैंकिंग द्वारा बैंक व्यवहार ऑनलाईन, शिक्षा सामग्री के लिए ई-एज्यूकेशन आदि माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी के बहु आयामी उपयोग के कारण विकास के नये द्वार खुल रहे हैं। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी का क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है। इस क्षेत्र में विभिन्न प्रयोगों का अनुसंधान करके विकास की गति को बढाया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी में सूचना, आँकडे (डेटा) तथा ज्ञान का आदान प्रदान मनुष्य जीवन के हर क्षेत्र में फ़ैल गया है। हमारी आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक, व्यावसायिक तथ अन्य बहुत से क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी का विकास दिखाई पड़ता है। इलेक्ट्रानिक तथा डिजीटल उपकरणों की सहायता से इस क्षेत्र में निरंतर प्रयोग हो रहे हैं। आर्थिक उदारतावाद के इस दौर के वैश्विक ग्राम (ग्लोबल विलेज) की संकल्पना संचार प्रौद्योगिकी के कारण सफ़ल हुई है। इस नये युग में ई-कॉमर्स, ई-मेडीसिन, ई-एज्यूकेशन, ई-गवर्नंस, ई-बैंकिंग, ई-शॉपिंग आदि इलेक्ट्राॅनिक माध्यमों का विकास हो रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी आज शक्ति एवं विकास का प्रतीक बनी है। कंप्यूटर युग के संचार साधनों में सूचना प्रौद्योगिकी के आगमन से हम सूचना समाज में प्रवेश कर रहे हैं। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के इस अधिकतम देन के ज्ञान एवं इनका सार्थक उपयोग करते हुए, उनसे लाभान्वित होने की सभी को आवश्यकता है। .
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चेस्ट (सीना) को बढ़ाने का सबसे अच्छा और आसान उपाय एक्सरसाइज है। किसी भी पुरुष को आकर्षक दिखने के लिए उसका चौड़ा सीना बहुत ही आवश्यक होता है। चौड़ा सीना बनाना पुरुषों का सपना होता है क्योंकि इससे उनके शरीर को बहुत अच्छा शेप मिलता है। पुरुषों के चेस्ट को बढ़ाने के लिए कई प्रकार के व्यायाम उपलब्ध है पर उनको करने की लोगों के पास पूर्ण जानकारी नहीं होती है। सीने की मांसपेशियां दैनिक कार्यों जैसे वजन उठाना, वस्तु को धक्का देना आदि में आपकी मदद करती हैं। इसके साथ आपकी शारीरिक शक्ति में भी सुधार करती हैं। अपने चेस्ट को बढ़ाने के लिए सीने में पायी जाने वाली पेक्टोरल मांसपेशियों (pectoral muscles) को बाहर की ओर निकालना होता है। आइये चेस्ट (सीना) कैसे बनाएं या बढ़ाएं इसके उपाय और एक्सरसाइज को विस्तार से जानते हैं।
चेस्ट को बढ़ाने के लिए आपको अपनी छाती की पेक्टोरल मांसपेशियों (pectoral muscles) को विकसित करना होता है। इन मांसपेशियों को "पेक्स" (pecs) के रूप में जाना जाता है। यह पेक्स (pecs) छाती में सबसे बड़ी मांसपेशियां होती हैं जो वास्तव में कई छोटी-छोटी मांसपेशियां से मिलकर बनी होती हैं। यह लेटिसिमस डॉर्सी (latissimus dorsi) मांसपेशियों और कंधे के चारों ओर ट्रेपेज़ियस मांसपेशियों (trapezius muscle) सहित पेक्टोरल मांसपेशियों का समर्थन करती हैं।
(और पढ़े - इस टिप्स से कुछ ही सप्ताह में बनेंगी ज़बरदस्त मसल्स...)
सीना बढ़ाने के लिए नीचे कुछ एक्सरसाइज दी जा रही हैं जिनको आप नियमित रूप से करके अपने चेस्ट को बढ़ा सकते हैं।
सीना बढ़ाने के लिए पुशअप एक्सरसाइज सबसे बेहतर तरीका मानी जाती हैं। पुशअप एक्सरसाइज सबसे अच्छी बात यह है कि इसे करने के लिए आपको किसी भी प्रकार के उपकरण की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए आपको चेस्ट बढ़ाने के लिए जिम जाने की जरूरत भी नहीं है। पुशअप एक्सरसाइज को आप आसानी से अपने घर पर ही कर सकते हैं। साधारण पुशअप 61 प्रतिशत चेस्ट की मांसपेशियों की सक्रियता प्रदान करता है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप फर्श पर पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों की हथेलियों को फर्श पर अपनी छाती के पास में रखें।
अब दोनों हाथों और पैर की उंगलियों पर वजन डालते हुए शरीर को ऊपर करें और फिर से हाथ की कोहनी को मोड़ें और शरीर को नीचे करें। यह क्रिया आप बार-बार दोहराहएं और इसके आप 3 सेट पूरा करें। यदि आप अच्छे फॉर्म के साथ एक मानक पुशअप नहीं कर सकते हैं तो अपने घुटनों को आप फर्श पर रख सकते हैं।
(और पढ़े - पुश अप्स एक्सरसाइज करने के तरीके और फायदे...)
बारबेल बेंच प्रेस एक्सरसाइज बहुत ही लाभदायक होती है इसे करने के लिए आप बेंच पर सीधे लेट जाएं। अपने पैरों को घुटनों से मोड़ कर जमीन पर रख लें। इसमें आपकी पीठ बेंच पर फ्लैट पर रखें। अपनी पीठ को बेंच पर इस प्रकार रखें कि बारबेल आपकी आंखों के ऊपर होना चाहिए। बारबेल को अपने दोनों हाथों से मजबूती से पकड़ें। यदि आप शुरूआती है तो सपोटर की मदद से बारबेल बेंच प्रेस एक्सरसाइज करने की शुरुआत करें। अपनी कोहनी और कलाई को सीधा रखते हुए अपनी ऊपरी छाती पर पट्टी को रखें। अब बारबेल को इसी स्थिति में रखे हुए अपने दोनों हाथों को धीरे-धीरे सीधा करें। उसके बाद अपने दोनों हाथों को कोहनी से मोड़े और बारबेल को नीचे अपने चेस्ट की ओर लेकर आयें। आप इस क्रिया को को कई बार दोहराहएं।
(और पढ़े - फिट बॉडी बनाने के लिए एक्सरसाइज...)
चेस्ट प्रेस एक्सरसाइज सीना बनाने के लिए के लिए आपकी पेक्टोरल मांसपेशियों को विकसित करने में मदद करता है। यह एक्सरसाइज लगभग बारबेल बेंच प्रेस की तरह ही है। चेस्ट प्रेस एक्सरसाइज करने के लिए आप सबसे पहले बेंच पर लेट जाएं और अपनी पीठ को बेंच पर सीधा रखें। अपने दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ कर फर्श पर रखें। अपने दोनों हाथों में अपनी आवश्यकता के अनुसार डंबल पकड़ें। अब दोनों हाथों को डंबल के साथ सीधा करें और फिर अपनी कोहनी को थोड़ा मोड़कर अपने दोनों हाथों को बाहर की ओर सीधा करें। यह क्रिया को अपनी क्षमता से बार-बार दोहराहएं।
(और पढ़े - बॉडी बनाने के तरीके हिन्दी में...)
पीईसी डेक (Pec deck) चेस्ट बढ़ाने की बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज है। पीईसी डेक करने के लिए आप इसकी मशीन की सीट पर बैठ जाएं, अपनों दोनों पैरों को कंधे की चौड़ाई की दूरी पर रखें। अपनी पीठ को मजबूती से पीईसी डेक की मशीन से झुका कर रखें और रीढ़ की हड्डी को पूरी तरह से सीधा रखें। अब अपने दोनों हाथों को कंधों की ऊंचाई तक ले जाएं और मशीन के हैंडल को दोनों हाथों से पकड़ लें। अपनी कोहनी पर बनाने वाला कोण 75 डिग्री से 90 डिग्री के बीच होना चाहिए। अब मशीन के हैंडल को हाथों से आगे की ओर खींचे। फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति पर आयें।
यह पीईसी डेक एक्सरसाइज है, सीधा चौड़ा करने के लिए आप इसे कई बारे करें। ध्यान रखें की पीईसी डेक में अधिक वजन बढ़ाने से आपको चोट लग सकती है। यदि आपके कंधे में चोट लगी है तो यह अभ्यास आपके लिए नहीं है।
(और पढ़े - पीठ का फैट को करना है कम तो रोज करें ये एक्सरसाइज...)
केबल फ्लाई एक्सरसाइज को करने के लिए हाई पुली मशीन की आवश्यकता होती है। यह एक्सरसाइज पुरुषों के सीना को चौड़ा करने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। केबल फ्लाई (Cable fly) एक्सरसाइज करने के लिए आप इस प्रकार खड़े हो जैसे कि आप चल रहे हों, इसके लिए आप एक पैर को दूसरे पैर से अपनी कंधे की चौड़ाई बराबर की दूरी पर रखें। अब अपने दोनों हाथों से हाई पुली मशीन के हैंडल को सीधा और अंदर की ओर पकड़ें। अपने हाथों को कन्धों से नीचे रखें। अब अपने दोनों हाथों पर जोर लगायें और हैंडल को आगे की और खीचें। अपनी क्षमता के अनुसार इसे कुछ मिनिट तक बार-बार करने का प्रयास करें।
(और पढ़े - वर्कआउट क्या होता है कितनी देर तक करें फायदे और नुकसान...)
अपने सीने को बढ़ाने के लिए डिप्स लगाना बहुत आसान तरीका है। शायद आपने सुना होगा कि अक्सर लोग अपने सीने को बढ़ाने के लिए डिप्स लगाने की सलाह देते है। किसी भी प्रकार की डिफेंस जॉब के लिए फिजिकल टेस्ट में डिप्स लगाना अनिवार्य होता है। आइये इसे करने की विधि को विस्तार से जानते है। डिप्स लगाने के लिए आप सबसे पहले समांतर डिप्स बार (parallel dip bars) को मजबूती से पकड़ें। अब हाथों पर जोर डालते हुए अपने शरीर को ऊपर उठायें और अपनी कोहनी को सीधा करें। आपका सिर और धड़ एक ही लाइन में सीधा रहना चाहिए।
अपने शरीर के निचले हिस्से को स्थिर करने के लिए एक पैर को दूसरे में फसा सकते है। अब साँस को छोड़ते हुए अपने हाथों को कोहनी से मोड़े और शरीर को नीचे लाएं। झुकाव या झूलने से बचने के लिए आपके पैर सीधे आपके शरीर के नीचे होने चाहिए। अपने आप को तब तक नीचे करें जब तक कि आपकी कोहनी 90 डिग्री के कोण पर न हो और आपकी ऊपरी भुजाएं फर्श के समानांतर हों। इसे अपनी क्षमता के अनुसार दोहराहएं और अंत में अपनी प्रारंभिक स्थिति में लौट आएं।
(और पढ़े - सिक्स पैक एब्स बनाने के लिए क्या करें और क्या ना करें...)
इंक्लाइन (Inclined) डंबल फ्लाई एक्सरसाइज आपके चेस्ट को बढ़ाने में आपकी मदद करता है। इसे चेस्ट प्रेस एक्सरसाइज की तरह किया जाता है। पुरुषों के सीने को फ़ैलाने में यह सहायक होता है। इसे करने के लिए आप आप के बेंच पर लेट जाएं और अपने दोनों हाथों में डंबल पकड़ लें। दोनों पैरों को फर्श पर रखें और अपने कंधों, पीठ, सिर और कूल्हों को बेंच पर दबाएँ। अपनी छाती के पास डंबल को रखें और अपनी हथेलियों को अंदर की ओर रखें। साँस छोड़ते धीरे-धीरे दोनों हाथों को नीचे की ओर लाएं जब तक वे आपकी छाती के साथ समतल न हों जाएं। चेस्ट को बढ़ाने के लिए इंक्लाइन डंबल फ्लाई एक्सरसाइज को बार-बार दोहराहएं।
(और पढ़े - फिट रहने के लिए सिर्फ दस मिनट में किए जाने वाले वर्कआउट और एक्सरसाइज...)
आपके द्वारा किए गए रेप्स और सेट की संख्या आपके लक्ष्य पर निर्भर करती है जैसे- चेस्ट बढ़ाने हेतु व्यायाम में नए लोग वेट लिफ्टिंग के 8-12 रेप्स के एक से तीन सेट करें। अनुभवी पुरुष वेट लिफ्टिंग के 1-12 रेप्स के तीन से 6 सेट का प्रयास करें। अधिक रेप्स और सेट करने के लिए बीच में 1-2 मिनिट का रेस्ट करें।
(और पढ़े - वेट लिफ्टिंग (वजन उठाने) के फायदे और नुकसान...)
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वरुण धवन, तापसी पन्नू और जैकलीन फर्नाडिज स्टारर फिल्म जुड़वा-2 आज रिलीज हो गई है।
एंटरटेनमेंट और मसाले वाली ये फिल्म इस बार दर्शकों को जरूर पसंद आएगी। पुरानी शराब को नई बोतल में पेश किया गया है, जो डेविड धवन ने किया है। फिल्म की कहानी काफी हद तक पुरानी फिल्म से ही मिलती जुलती है ।
जैसा की नाम से ही जाहिर है कि इस फिल्म में वरुण धवन जुड़वा भाइयों के किरदार में है। जुड़वा की ही तरह इसमें भी एक को मार पड़ती है तो दूसरे को भी चोट लगती है। हिरोइनें अपने-अपने प्यार को पहचानने में भी कई बार कनफ्यूज होती हैं।
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नई दिल्ली। अगर आप भी अक्सर थर्ड एसी से सफर करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. रेलवे की तरफ से लिए गए फैसले के बाद ट्रेन के एसी थ्री इकोनॉमी कोच में सफर करना सस्ता हो गया है. रेलवे बोर्ड की तरफ से जारी सर्कुलर के तहत एसी कोच के किराये को लेकर पुरानी व्यवस्था बहाल करने का फैसला लिया है. नया नियम लागू होने के बाद एसी थ्री इकोनॉमी कोच का किराया एसी थ्री कोच से कम हो जाएगा. यह फैसला आज से ही यानी 22 मार्च से लागू कर दिया गया है.
आज से यदि आप ट्रेन के एसी 3 इकोनॉमी कोच में यात्रा करते हैं तो आपको थर्ड एसी के मुकाबले कम पैसा देना होगा. रेलवे अधिकारियों के अनुसार इस फैसले का फायदा पहले ही टिकट बुक करा चुके यात्रियों को भी मिलेगा. जी हां, ऑनलाइन और काउंटर से टिकट लेने वाले यात्रियों को रेलवे की तरफ से पैसा वापस किया जाएगा. जानकारी के अनुसार रेलवे की तरफ से पिछले साल एक कमर्शियल सर्कुलर जारी किया गया था. इस सर्कुलर के बाद एसी 3 कोच और एसी 3 इकोनॉमी कोच का किराया बराबर कर दिया गया था.
आपको बता दें पहले इकोनॉमी कोच में यात्रियों को कंबल और चादर नहीं दी जाती थीं. लेकिन पिछले साल से इकोनॉमी कोच का किराया बढ़ाये जाने के बाद कंबल और चादर की सुविधा यात्रियों को मिलने लगी थी. अब 21 मार्च को रेलवे ने सर्कुलर जारी कर पुरानी व्यवस्था को बहाल करने का फैसला लिया है. आपको बता दें AC 3 कोच में सीटों की संख्या 72 होती है, जबकि एसी 3 इकोनॉमी कोच में बर्थ की संख्या 80 होती है.
यही कारण है कि एसी 3 कोच के मुकाबले एसी 3 इकोनॉमी कोच की बर्थ छोटी होती है. दरअसल, रेलवे की तरफ से एसी 3 इकोनॉमी कोच की शुरुआत ऐसे यात्रियों के लिए की गई थी जो एसी कोच में यात्रा तो करना चाहते हैं लेकिन टिकट की कीमत उनके आड़े आती है. दरअसल, एसी 3 इकोनॉमी कोच का टिकट शुरुआत में एसी 3 के मुकाबले कम था. अब एक बार फिर से पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया गया है.
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यह विंध्याचल की एक धार्मिक जगह है और पृथ्वी पर सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। यहां तक कि दुर्गा सप्तशती में भी इस धार्मिक जगह का उल्लेख बड़ी श्रद्धा के साथ किया गया है। इसमें ऐसा कहा गया है कि जिस रात भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था उसी रात यशोदा के गर्भ से देवी दुर्गा का जन्म हुआ था। जब कंस ने उनको पत्थर से मारने की कोशिश की तो, वे चमत्कारिक रूप से दुर्गा के रूप में बदल गई। इस तरह देवी ने विंध्याचल को अपना निवास स्थान बना लिया। मंदिर में मां काली की मूर्ति स्थापित है, जिनकी पूजा मां काजला के रूप में की जाती है। इस शक्तिपीठ मंदिर में जो आता है, मां उसकी हर मनोकामना पूर्ण करती हैं। मंदिर मिर्जापुर शहर से 8 किमी दूर स्थित है।
अष्टभुजा मंदिर विंध्यवासिनी मंदिर से 3 किमी की दूरी पर मौजूद है। ये धार्मिक स्थल पहाड़ी की चोटी पर बसा हुआ है। इस मंदिर की पीठासीन देवता अष्टभुजा देवी हैं, जो मां दुर्गा का अवतार मानी जाती हैं। इस मंदिर के दर्शन करने के साथ-साथ सीता कुंड, गेरुआ और मोतिया नामक तीन पवित्र तालाबों को भी देख सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि उस समय के राजा अपने दुश्मनों को खत्म करने के लिए देवी दुर्गा की पूजा किया करते थे।
विंध्यवासिनी मंदिर से 2-3 किमी दूर स्थित इस गुफा-मंदिर में देवी महाकाली का वास है। यह पहाड़ी के आधार पर स्थित है जहां अष्टभुजा मंदिर है।
स्थानीय नागरिकों का मानना है कि देवी सीता ने अपने पति राम के साथ वनवास की अवधि के दौरान विंध्याचल के एक तालाब में स्नान किया था। यह तालाब बाद में सीता कुंड बन गया, यहां भी आप भक्तों की अच्छी भीड़ देखने को मिलती है।
राम गया घाट पर स्थित यह धार्मिक जगह विंध्यवासिनी मंदिर से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर मौजूद है। ऐसा कहा जाता है कि अपने गुरु महर्षि वशिष्ठ के कहने पर, भगवान राम ने अपने मृत पिता की याद में इस स्थान पर एक शिव लिंग की स्थापना की थी।
हवाई मार्ग सेः वाराणसी में पास का हवाई टर्मिनल लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा है, जो विंध्याचल से 51 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल द्वाराः विंध्याचल का अपना रेलवे स्टेशन है।
सड़क मार्ग सेः विंध्याचल तक राज्य द्वारा प्राइवेट बसों, टैक्सियों और लोकल कारों से पहुंचा जा सकता है।
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आयरलैंड और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरा टी-20 मुकाबला काउंटी ग्राउंड ब्रिस्टल में शुक्रवार को खेला जाएगा।
आयरलैंड और साउथ अफ्रीका के बीच टी-20 सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला ब्रिस्टल में खेला जाएगा।
सीरीज के पहले मुकाबले में रीजा हेंड्रिकस साउथ अफ्रीका के हीरो रहे। इस दाएं हाथ के बल्लेबाज ने 53 बॉल पर 10 चौके और 1 छक्का जड़कर 74 रन बनाए। हेंड्रिकस के अलावा एडेन मार्कराम ने 56 रनों की पारी खेली। ट्रिस्टन स्ट्रब्स और ड्वेन प्रिटोरिया ने डेथ ओवर्स में बड़े शॉट्स लगाकर टीम को शानदार फिनिश दिया।
साउथ अफ्रीका के गेंदबाज़ों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया। आयरिश टीम के 9 विकेट गिरे, जिनमें से केशव महाराज, पार्नेल, और तबरेज शम्सी ने दो-दो विकेट चटकाए। लुंगी नगिडी और ड्वेन प्रिटोरियस को एक-एक सफलता मिली।
आयरलैंड की बल्लेबाजी की बात करे तो लोर्कन टकर ने एक बार भी शानदार बल्लेबाजी की। टकर ने 38 बॉल पर 78 रन जड़े। वहीं जॉर्ज डॉकरेल ने 28 बॉल पर 43 रन बनाए। लेकिन इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा और कोई भी बल्लेबाज मैदान पर टिक नहीं सका, जिस वजह से आयरिश टीम ने यह मुकाबला गंवा दिया।
साउथ अफ्रीका के बल्लेबाजों के आगे आयरलैंड के गेंदबाज़ बेबस नजर आए। आयरिश टीम के खिलाफ साउथ अफ्रीका ने 211 रन जड़े। इस दौरान मेहमान टीम के सिर्फ 5 विकेट गिरे, जिनमे से 2 विकेट ग्रेथ डेनाली के नाम रहे।
साउथ अफ्रीका की टीम कप्तान डेविड मिलर की अगुवाई में बेहतरीन क्रिकेट खेल रही है। हाल ही में अफ्रीकी टीम ने इंग्लैंड पर उन्हीं की जमीन पर विजय प्राप्त की थी, ऐसे में आयरलैंड के खिलाफ दूसरे मुकाबले में भी साउथ अफ्रीका फेवरेट रहेगी।
साउथ अफ्रीका के कप्तान डेविड मिलर ने पहला मुकाबला चोट के कारण मिस किया था, लेकिन दूसरे मुकाबले में वह टीम की प्लेइंग इलेवन में नज़र आ सकते हैं।
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ग्वालियर में तीन दिन में 37 कोरोना संक्रमित निकलने के बाद कोरोना की रोकथाम के लिए बैठकों का दौर जारी है। मंगलवार शाम अचानक यूनिवर्सिटी के अटल सभागार में कलेक्टर, सांसद, विधायक व व्यापारियों के साथ अफसरों की बैठक शुरू हो गई है।
जैसा अभी पता लगा है कि बैठक में कलेक्टर ग्वालियर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सुझाव रखा है कि कोरोना की रोकथाम के लिए क्यों न व्यापारी दुकानें स्वेच्छा से रात 9 बजे तक बंद कर दें। यहां सांसद का सुझाव आया है कि संक्रमण को रोकने के लिए बाजारांे में भीड़ कम करनी होगी। पर व्यापारी नेता व मध्य प्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा है कि मौतें बाजारों में भीड़ से नहीं बल्कि घबराहट और दवाइयों की कमी के कारण हुई है। इसलिए दवाओं की व्यवस्था और बेहत्तर इलाज के बारे में व्यवस्था बनाई चाहिए।
बैठक में सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि थोड़ी सी भी असावधानी की हमें बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसलिए भीड़ पर नियंत्रण अत्यंत जरूरी हो गया है। हम सब मास्क लगाकर और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखकर कोरोना संक्रमण को काफी हद तक रोक सकते हैं। हमें चिंता इस बात की भी करनी है कि अस्पतालों पर कम से कम दबाव आए। जिससे अन्य संक्रमितों को बेहतर इलाज मिलता रहे। इसके लिए सभी को प्रयास करना होंगे।
जिला पंचायत प्रशासकीय समिति की अध्यक्ष मनीषा यादव ने सभी से कोरोना को लेकर पूरी सावधानी बरतने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि शहर की सब्जी मंडियों में भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि यहां लाेग एक दूसरे से सोशल डिस्टेंस नहीं बना पाते हैं। इसलिए यहां नियंत्रण की आवश्यक्ता है। भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कोरोना की तीसरी लहर को रोकने में उनके संगठन की ओर से हर संभव मदद करने और हर बूथ पर प्रशासनिक दल के सहयोग के लिये दो दो कार्यकर्ता साथ रहेंगे।
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिये जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियों के विस्तार से बताया है। कहा है कि सभी जनप्रतिनिधिगण अपने-अपने वार्ड की जिम्मेदारी लें। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना की चैन तोड़ने के लिये कनटेंनमेंट जोन भी बनाए जाएंगे। कोरोना की जांच के लिये सभी फीवर क्लीनिक फिर से शुरू कर दिए गए हैं। कलेक्टर ने व्यापारिक संगठनों से कहा है कि भीड़ नियंत्रण के लिये अपने स्तर पर व्यवस्था बनाएं, प्रशासन इसमें पूरा सहयोग करेगा। व्यापारीगण चाहें तो बाजार खुलने का समय कम कर सकते हैं।
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ओमान की राजकुमारी के नाम से एक फर्जी ट्विटर अकाउंट से किए गए एक ट्वीट में बुधवार को वहां काम कर रहे 10 लाख भारतीयों को बाहर निकालने की धमकी दी गई थी. ओमान की जिस राजकुमारी सैय्यदा मोना बिंत फहद अल सैद के नाम से ये फर्जी ट्वीट किए गए थे, अब उन्होंने खुद इसकी असलियत बताई है. ओमान की राजकुमारी ने बयान जारी कर रहा है कि देश से भारतीयों को बाहर निकालने वाले ट्वीट से उनका कोई संबंध नहीं है.
दरअसल, पाकिस्तान के एक ट्विटर अकाउंट ने अपना नाम बदलकर ओमानी राजकुमारी के नाम पर कर लिया था. उसके बाद इस फर्जी अकाउंट से ट्वीट किया गया कि अगर भारत सरकार मुस्लिमों का उत्पीड़न नहीं रोकती है तो ओमान में काम कर रहे भारतीयों को बाहर निकाल दिया जाएगा. एक अन्य ट्विटर यूजर ने सऊदी की राजकुमारी बनकर बिल्कुल ऐसा ही ट्वीट किया. ये ट्विटर अकाउंट वेरिफाइड भी नहीं थे.
ओमान की राजकुमारी सैय्यदा मोना सुल्तान काबूस यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल को-ऑपरेशन की वाइस-चांसलर हैं. अरबी भाषा में जारी किए गए बयान में ओमान की राजकुमारी सैय्यदा मोना ने कहा, मेरे नाम से चल रहे फर्जी ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट की जांच करने के लिए मैं आप सभी को शुक्रिया कहना चाहूंगी. जैसा कि आपको पता है कि इससे मेरा कोई संबंध नहीं है और ओमान के समाज में ऐसी गतिविधियां बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं हैं. राजकुमारी ने ये भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर उनकी मौजूदगी इंस्टाग्राम पर @hhmonaalsaid और ट्विटर पर @MohaFahad13 अकाउंट तक सीमित है.
राजकुमारी के नाम से बनाए गए फर्जी अकाउंट से ट्वीट किया गया था, "ओमान भारत में अपने मुस्लिम भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है. अगर भारत सरकार मुस्लिमों का उत्पीड़न नहीं रोकती है तो ओमान में रह रहे 10 लाख भारतीयों को निकाल दिया जाएगा. मैं निश्चित तौर पर इस मुद्दे को ओमान के सुल्तान के सामने उठाऊंगी. " ताजा घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ओमान की राजकुमारी बनकर किसी ने भारत में सामाजिक सौहार्द और नई दिल्ली के पश्चिम एशियाई देशों के साथ रिश्ते खराब करने की कोशिश की थी.
पाकिस्तान के जाने-माने पत्रकार हामिद मीर ने भी इस ट्वीट को सच मानकर रीट्वीट कर दिया था और मोदी सरकार पर निशाना साधा था. हामिद मीर ने लिखा, "भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन भारतीयों के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं जो दूसरे देशों में काम कर रहे हैं. ओमान की राजुकमारी के ट्वीट से साफ है कि नरेंद्र मोदी की मुस्लिम विरोधी नीतियों के खिलाफ गुस्सा बढ़ रहा है. संभव है कि मध्य-पूर्व में भारत के ये दोस्त अपने संबंधों पर फिर से विचार करें. " तमाम पाकिस्तानी भी फर्जी ट्वीट के चक्कर में ओमान की राजकुमारी की तारीफ करने लगे थे.
ओमान की राजकुमारी के स्पष्टीकरण के बाद भारतीय दूतावास ने उनका शुक्रिया अदा किया. ओमान में भारतीय राजदूत मुनु महवार ने कहा, भारत ओमान के साथ अपने दोस्ताना संबंध की कद्र करता है और दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करने के लिए यहां के लोगों और सरकार के साथ काम करना जारी रखेगा.
ओमान में भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीयों को सोशल मीडिया पर गलत मंशा से फैलाई जा रही फेक न्यूज से सावधान रहने की अपील भी की. दूतावास ने कहा, इस चुनौतीपूर्ण वक्त में कोरोना वायरस की लड़ाई में एकजुट होना जरूरी है और हमें अपना पूरा ध्यान इसी पर लगाना होगा. ओमान में रह रहे भारतीय सोशल मीडिया पर हो रहे किसी भी दुष्प्रचार से ना भटकें.
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दवा 3 से 6 घंटे तक रहता है। प्रभाव 15-30 मिनट के बाद दिखाई देना शुरू होता है।
ड्रामाइन की गोलियां शरीर द्वारा अच्छी तरह अवशोषित होती हैं और ऊतकों को वितरित की जाती हैं। नैदानिक परीक्षणों में, नर्सिंग माताओं के स्तनपान में छोटी मात्रा में दवा का पता चला था।
गुर्दे के माध्यम से पूरी तरह से 1 दिन के लिए उत्सर्जित।
वयस्कों के लिए, डॉक्टर रोजाना 50 मिलीग्राम या 100 मिलीग्राम के लिए 2-3 बार दवा का इस्तेमाल करता है।
बच्चों के लिए "नामीना"
12 वर्ष की आयु तक पहुंच चुके बच्चे, डॉक्टर ने डॉक्टर के विवेक पर, 100 मिलीग्राम के दैनिक उपयोग के लिए 2-3 बार या 2-3 बार के लिए दवा को नियुक्त किया है।
7 वर्ष की आयु तक पहुंच चुके बच्चे, दैनिक उपयोग के लिए दवा के 25 मिलीग्राम के लिए 2-3 बार या चिकित्सक के विवेक पर, 50 मिलीग्राम के लिए निर्धारित किया जाता है।
6 वर्ष की आयु के बच्चों में दवा का इस्तेमाल रोजाना 12.5 मिलीग्राम या 25 मिलीग्राम के लिए 2-3 बार किया जाता है।
दवा 1 वर्ष की आयु तक पहुंच चुके बच्चों के लिए निर्धारित की जा सकती है।
खाने से पहले गोली लेने की सिफारिश की जाती है।
किनेटोसिस की रोकथाम के लिए, वाहन के जाने से पहले दवा का आधा घंटे लग जाता है। प्रवेश की खुराक 50 मिलीग्राम या 100 मिलीग्राम है।
तंत्रिका तंत्र के काम में विकार प्रकट होते हैंचक्कर आना, सिरदर्द, उनींदापन, सामान्य कमजोरी, थकान मरीजों ने चिंता, अनुचित घबराहट और अनिद्रा की शिकायत की।
शायद ही कभी आवास, दृष्टि थी।
पाचन तंत्र में गड़बड़ी सूखा मुंह, भूख की हानि, मतली, उल्टी से प्रकट हुई।
श्वसन प्रणाली के काम में गड़बड़ी नाक श्लेष्मलता की सूखापन द्वारा प्रकट हुई, ब्रोन्कियल स्राव के घनत्व में वृद्धि।
एलर्जी प्रतिक्रियाओं त्वचा चकत्ते, सूजन, ब्रोंकास्पेशम, जिल्द की सूजन द्वारा प्रकट होते हैं।
शरीर के अन्य विकारों में, डॉक्टरों ने हेमोलाइटिक एनीमिया की ओर इशारा किया, पेशाब करने में कठिनाई।
1. मिर्गी के साथ।
3. 1 वर्ष की आयु के बच्चे।
6. डिमेंहेड्रिड और दवा के अन्य घटकों की बढ़ती संवेदनशीलता के साथ।
चिकित्सक को एक एन्टेनेटेटेज लिखना चाहिएउन रोगियों आक्षेप, कोण-बंद मोतियाबिंद, प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया प्रदर्शन का मतलब है। बीमारियों कि काम में देखभाल की आवश्यकता हो सकती है "Dramina" ब्रोन्कियल अस्थमा, हृदय प्रणाली के विघटन, hyperthyroidism, पेप्टिक अल्सर, pyloroduodenal एक प्रकार का रोग भाग मूत्राशय रुकावट के साथ जुड़े निदान संदर्भित करता है।
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ली जॉर्डन जोआन रॉलिंग द्वारा एक काला आदमी के रूप में वर्णित हैकाले बाल वाले एक लड़का ड्रेडलॉक में लटके हुए थे सभी दर्शकों के लिए "पोटरियाना" यह चरित्र खेल मैचों का एक शरारती और मजाकिया टीकाकार के रूप में जाना जाता है। हालांकि, किताबों के पाठकों ने कई तरह के मजाक और चालें पर अपने हास्य की अधिक सराहना की है।
संकाय छात्र ग्राईफिंडर, हैरी के दोस्त और सहयोगी है, साथ ही सभी क्विडडिच मैच के स्थायी टीकाकार, ली महाकाव्य की सबसे प्रमुख और करिश्माई पात्रों में से एक है।
हैरी, ली जॉर्डन से कई साल पुराने होने के नातेवह अद्वितीय वीसली जुड़वा बच्चों के लिए सबसे अच्छा दोस्त था। वह उनके साथ मजाक कर रहा था और स्कूल खेल, चुराना के खिलाफ सरल संचालन की योजना बना रही है और सक्रिय रूप (ग्रेट हॉल, ग्राईफिंडर कॉमन रूम में दृश्य, पुस्तकालय में) कई छोटे घटनाओं में शामिल है। किताबें जुड़वाँ है कि वे जल्दी करने की, क्योंकि ली महल किसी का ध्यान नहीं से बाहर निकलने के लिए एक नया तरीका मिल गया है की जरूरत है ने उल्लेख में से एक में। ली के परिवार ने कथित तौर पर जादूगरों के होते हैं, अन्यथा वह मंच 9 पर गर्मी की छुट्टियों में एक बहुत बड़ा मकड़ी से एक के बाद लाने के लिए और ¾ सकता है?
इसके अलावा, किताबें बार-बार उल्लेख करती हैंजुड़वां ली जॉर्डन के व्यावसायिक उद्यम के विकास के लिए किया गया योगदान हैरी पॉटर और उनके दोस्तों की प्रशंसा और यहां तक कि कभी-कभी अपने सभी उद्देश्यों के लिए "सभी प्रकार के जादुई wreckers" का उपयोग करें उदाहरण के लिए, उम्ब्रिज के अत्याचार के टकराव के दौरान, साथ ही साथ उनके कार्यालय पर छापा मारने के लिए वैसे, ली ली जॉर्डन था जो नेनोर के कमरे में नीहेल की शुरुआत की थी, उससे उसे सफेद गर्मी तक पहुंचा दिया था।
सबसे हास्यास्पद एंजेलीना के बारे में बयान थेजॉनसन, जो ली जॉर्डन के साथ स्पष्ट रूप से सहानुभूति रखते हैं। चरित्र का उद्धरण प्रकाश हास्य और तेज वाक्यांशों से संतृप्त होता है जो जादुई दुनिया के वातावरण का अभिन्न अंग बन जाता है।
हैरी पॉटर के पक्ष में बनना, ली ले जाता हैअंधेरे कला से गुप्त प्रशिक्षण संरक्षण में सक्रिय भागीदारी, साथ ही डंबलडोर आदेश की गतिविधियों में भी इसके अलावा, वह बहादुरी से और निराश रूप से अंब्रीज का पालन करने से इंकार कर दिया।
ली जॉर्डन भी हॉगवर्ट्स के लिए लड़ाई में झगड़े। जॉर्ज के साथ मिलकर, उन्होंने यक्षली की मृत्यु के भयावहता के साथ द्वंद्वयुद्ध में विजय जीती।
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JAMSHEDPUR : स्वाइन फ्लू की जांच अब शहर में भी संभव हो सकेगा। इसकी तैयारी एमजीएम मेडिकल कॉलेज में जोर-शोर से चल रही है। अबतक जांच के लिए मरीजों का सैंपल दिल्ली, पूणे, कोलकाता सहित अन्य राज्यों में भेजा जाता रहा है। एमजीएम कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ। एसी अखौरी ने बताया कि जानलेवा बीमारियों का पता लगाने के लिए एमजीएम में इंटीग्रेटेड डिजीज एंड सर्विलेंस प्रोग्राम (आईडीएसपी) लैब को विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
लैब में गंभीर रोगों के अध्ययन के अलावा वायरस में होने वाले बदलावों की पहचान भी होगी। साथ ही एक ही छत के नीचे सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसमें स्वाइन फ्लू और बर्ड फ्लू जैसी खतरनाक बीमारियों की जांच भी हो सकेगी। इस संबंध में रांची में आयोजित मीटिंग में शहर से डॉ। एसी अखौरी को शामिल किया गया था। विशेषज्ञों की मानें, तो इस लैब के चालू होने में करीब दो वर्ष लगेंगे। अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस प्रयोगशाला के लिए एमजीएम कॉलेज में स्थान का भी चयन कर लिया गया है।
अत्याधुनिक तकनीकों से लैस इस लैब में मेडिकल रिसर्च से जुड़ी वे तमाम सुविधाएं होगी। इस लैब के बनने से एमजीएम में मेडिकल रिसर्च को तेजी से बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान में यहां कुछ ही जांच हो पाता है। जैसे जापानी इंसेफ्लाइटिस, बैक्टीरिया, डायरिया सहित अन्य शामिल है। डॉ। एसी अखौरी ने बताया कि महामारी गंभीर बीमारियों के प्रकोप से निपटने के लिए वर्तमान में देश में दो बड़ी लेबोरेट्रीज हैं। इनमें से एक नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय नियंत्रण केंद्र और दूसरा पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान है। चूंकि दिनोंदिन बीमारियों की स्थिति गंभीर होती जा रही है। इसके कारण इन दोनों लेबोरेट्रीज पर भार बढ़ चुका है। इसी भार को कम करने के लिए एमजीएम कॉलेज में लैब को विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
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नयी दिल्लीः उत्तर प्रदेश के विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश के जेल में ट्रांसफर करने के मामले में योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पंजाब सरकार मुखर रूप से अंसारी का बचाव कर रही है। योगी सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि पंजाब सरकार कुख्यात अपराधी से राजनेता बने मुख्तार अंसारी का मुखर रूप से बचाव कर रही है जोकि कथित रंगदारी मामले में रूपनगर की जिला जेल में बंद है। साथ ही कहा कि अंसारी वहां जेल में मौज कर रहा है। उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आरएस रेड्डी की पीठ से कहा कि अंसारी की संलिप्त्ता वाले कई गंभीर अपराध के मामलों की सुनवाई राज्य में चल रही है और पंजाब सरकार एक कुख्यात अपराधी का समर्थन कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पंजाब राज्य और रूपनगर जेल अधिकारियों को तत्काल अंसारी को जिला जेल बांदा को सौंपने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। याचिका में रंगदारी मामले के संबंध में पंजाब में चल रही आपराधिक कार्यवाही और सुनवाई को इलाहाबाद की विशेष अदालत में स्थानांतरित करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया।
अंसारी पंजाब में रूपनगर जिला जेल में जनवरी 2019 से ही बंद है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा, "वह पंजाब की जेल में मौज ले रहा है। पंजाब राज्य एक कुख्यात अपराधी का साथ दे रहा है। " अंसारी की तरफ से पेश वकील ने कहा कि उन्होंने भी उत्तर प्रदेश के मामलों को पंजाब स्थानांतरित करने के संबंध में याचिका दायर की हुई है और इस मामले के साथ ही उस याचिका पर भी सुनवाई की जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि वह इस मामले में 24 फरवरी को सुनवाई करेगी।
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तड़प एक रोमांटिक एक्शन ड्रामा फिल्म है। यह तेलगू फिल्म, आर एक्स 100 की रीमेक है। फिल्म का निर्देशन मिलन लुथरिया कर रहे हैं। इस फिल्म से सुनील शेट्टी के बेटे अहान शेट्टी ने हिंदी सिनेमा में अपनी जर्नी शुरुवात की है, फिल्म में उनके अपोजिट तारा सुतारिया नजर आयीं हैं।
विदेश से लौटी रमिसा को इशाना बेहद पसंद आता है, दोनों को एक दूसरे से प्यार हो जाता है। लेकिन बाद में इशाना बेहद आक्रमक हो जाता है, जब रमिसा उसे छोड़ कर चली जाती है और उसे पता चलता है के रमिसा ने उसे कभी प्यार नहीं किया बल्कि उसका यूज किया है।
ईशाना मसूरी का 'लोकल डार्लिंग' है, वह अपने पिता (सौरभ शुक्ला) के साथ रहता है, जिसे हर कोई डैडी कहकर ही संबोधित करते हैं। डैडी राजनेता दामोदर नौटियाल (कुमुद मिश्रा) के करीबी सहयोगी हैं, जो राज्य के लिए चुनाव लड़ रहा है। उनकी लंदन रिटर्न बेटी है रमीसा। रमीसा और ईशाना को एक दूसरे से प्यार हो जाता है। दो- तीन दिनों की ही मुलाकातों में दोनों एक- दूसरे को टूटकर चाहने लगते हैं। दोनों के बीच ऐसे जुनूनी प्यार की शुरुआत होती है कि इसकी खबर दोनों के परिवार तक भी पहुंच जाती है। दोनों परिवारों के बीच बड़ा फासला होने की वजह से रमीसा की शादी किसी दूसरे लड़के से कर दी जाती है और उसे वापस लंदन भेज दिया जाता है। इधर ईशाना सालों साल उसे भुला नहीं पाता है। रमीसा से अपनी दूरी का गुस्सा वो रमीसा के परिवार पर निकालता है, जिन्होंने उन दोनों को अलग किया था। वो रमीसा के प्यार को पाने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। लेकिन जैसे जैसे कहानी आगे बढ़ती है, इस जुनूनी प्यार की दास्तां में एक बड़ा मोड़ आता है और ईशाना के लिए सब कुछ बदल जाता है।
फिल्म का पहला पोस्टर 2 मार्च 2021 को रिलीज़ हुआ था।
ये फिल्म 24 सितम्बर 2021 में सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली थी लेकिन बाद में ये फिल्म 3 दिसम्बर 2021 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई है।
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लखनऊ। लोकसभा उपचुनाव के बीच समाजवादी पार्टी को एक बार फिर झटका लगा है। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक रहे कल्पनाथ पासवान ने सोमवार को भाजपा का दामन थाम लिया। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कल्पनाथ पासवान को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इससे पहले भाजपा ने शनिवार को सपा के संस्थापक सदस्य व पूर्व विधायक रामदर्शन यादव को भी पार्टी में शामिल किया था। कल्पनाथ पासवान का पासी समाज में मजबूत पकड़ मानी जाती है।
मुबारकपुर विधानसभा के शाहगढ़ में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ के पक्ष में आयोजित जनसभा को संबोधित करने पहुंचे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक कल्पनाथ पासवान को पार्टी की सदस्यता दिलाई। इस दौरान सपा के पूर्व विधायक ने डिप्टी सीएम का आभार जताया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 1991 में कल्पनाथ पासवान पहली बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर मेंहनगर सुरक्षित विधानसभा सीट से सदन में पहुंचे। इसके बाद इन्हें लगातार चार बार हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद कल्पनाथ पासवान वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। वर्ष 2017 में समाजवादी पार्टी ने मेंहनगर विधानसभा से अपने सिटिंग विधायक बृजलाल सोनकर का टिकट कल्पनाथ पासवान को टिकट दिया और कल्पनाथ पासवान दोबारा विधायक चुने गये। वर्ष 2019 में कल्पनाथ पासवान काफी सुर्खीयों में तब आये, जब उन्होंने 10 लाख रुपये चोरी होने के मामले में सदन में फूट-फूट कर रोए थे। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कल्पनाथ पासवान का टिकट काट दिया था। अब कल्पनाथ पासवान ने भाजपा का दामन थाम लिया है। कल्पनाथ पासवान का कहना है कि वे पहले से ही भाजपाई रहे हैं। पीएम मोदी और सीएम योगी के द्वारा किये जा रहे जनकल्याणकारी कार्यो को देखते हुए उन्होंने एक बार फिर अपने घर में वापसी की है।
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Year Ender 2019: एमी जैक्सन से कपिल शर्मा तक, यह साल बॉलीवुड सितारों और टीवी सितारों के लिए गुड न्यूज लेकर आया। कई सितारे इस बार माता-पिता बने हैं और उनके घर नन्हा मेहमान आया है। आज हम आपको कुछ ऐसे ही सितारों के बारे में बताने जा रहे हैं जो इस साल माता-पिता बने हैं।
साल खत्म होते-होते सलमान खान की बहन अर्पिता खान के घर नन्हीं परी ने जन्म लिया है। अर्पिता और आयुष ने सलमान खान के जन्मदिन पर उन्हें भांजी का नायाब तोहफा दिया।
जनवरी में 'भाबीजी घर पर हैं' की अनीता भाभी यानी कि सौम्या टंडन एक बेटे की मां बनी हैं। सौम्या ने करीना कपूर की फिल्म जब वी मेट में करीना की बहन रूप का किरदार निभाया था। दिसंबर 2016 में सौम्या ने बैंकर सौरभ देवेंद्र सिंह से शादी की थी।
26 जनवरी 2019 को पूरब कोहली और उनकी पत्नी लूसी ने एक बेटे को जन्म दिया। कपल ने बेटे का नाम ओसियन नूर रखा है। पूरब ने साल 2018 में अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड लूसी पायटन से गोवा में शादी की थी। दोनों की पहले से एक बेटी भी है जिसका नाम इनाया है, वो 2015 में पैदा हुई थी।
सीरियल 'दिया और बाती हम' के सूरज यानी अनस राशीद 11 फरवरी को एक बेटी के पिता बने।
टीवी की क्वीन कही जाने वाली प्रोड्यूसर एकता कपूर सरोगेसी के जरिए एक बेटे की मां बनी हैं। एकता के घर ये नन्हा मेहमान 27 जनवरी को आया था। एकता पहली ऐसी महिला सेलिब्रिटी हैं जो सरोगेसी के जरिए सिंगल मदर बनी हैं। एकता ने अपने बेटे का नाम रवि कपूर रखा है।
सलमान खान की फिल्म रेस 3 में नजर आ चुके एक्टर फ्रेडी दारुवाला 3 फरवरी को बेटे के पिता बने हैं। 6 साल पहले फ्रेडी ने क्रिस्टल संग शादी की थी।
20 अप्रैल को एक्ट्रेस सुरवीन चावला और पति अक्षय ठक्कर के घर नन्हीं परी ने जन्म लिया। दोनों ने अपनी बेटी का नाम ईवा रखा है।
टीवी एक्ट्रेस नवीना बोले यानी सीरियल 'इश्कबाज' की टिया भी इस साल मां बनी हैं। नवीना और करण जीत के घर बेटी का जन्म हुआ, उन्होंने अफनी बेटी का नाम किमायरा रखा है। किमायरा का जन्म 9 मई को हुआ था।
टीवी एक्ट्रेस छवि मित्तल 13 मई को एक बेटे की मां बनीं। छवि ने 14 साल पहले राइटर मोहित हुसैन से शादी खी थी। दोनों की 6 साल की एक बेटी भी है जिसका नाम अरीजा है। छवि ने अपने दूसरे बच्चे का नाम अरहाम रखा है।
12 जुलाई को समीरा रेड्डी के घर भी नन्हा मेहमान आया और वो एक बेटी की मां बनीं। साल 2014 में समीरा ने बिजनेसमैन अक्षय वर्दे से शादी की थी। साल 2015 में वो एक बेटे की मां बनी थीं।
बॉलीवुड एक्टर अर्जुन रामपाल और उनकी गर्लफ्रेंड गैब्रिएला डेमेट्रियड्स भी इस साल माता-पिता बने हैं। अर्जुन के घर 28 जुलाई को बेटे ने जन्म लिया। दोनों ने बच्चे का नाम अरिक रामपाल रखा है। बता दें, अर्जुन ने इससे पहले मेहर जेसिया से शादी की थी। दोनों की शादी 20 साल तक चली। अर्जुन के मेहर से दो बच्चे हैं, बड़ी बेटी माहिका 16 साल की वहीं छोटी बेटी मायरा 13 साल की है।
मॉडल से एक्ट्रेस बनीं रोबोट 2 की एक्ट्रेस एमी जैक्सन भी इस साल 23 सितंबर को मां बनीं। एमी और उनके मंगेतर जॉर्ज पानायियोटौ ने सोशल मीडिया पर अपने माता-पिता बनने का ऐलान किया।
एक्ट्रेस ईशा देओल ने 10 जून को अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। ईशा ने इंस्टाग्राम पर इस गुड न्यूज की जानकारी दी। ईशा ने अपनी बेटी का नाम मिराया तख्तानी रखा है। ईशा और भरत तख्तानी ने 2012 में शादी की थी। 23 अक्टूबर 2017 को ईशा ने पहली बेटी राध्या को जन्म दिया था।
टीवी एक्टर्स जय भानुशाली और माही विज इस साल पहले बच्चे के माता-पिता बनें। 22 अगस्त ने दोनों ने शादी के करीब 9 साल बाद बेटी को जन्म दिया। जय और माही ने अपने केयरटेकर के बच्चों को भी एडॉप्ट किया है।
कॉमेडियन कपिल शर्मा के घर 9 दिसंबर को बेटी ने जन्म लिया। कपिल और गिन्नी ने पिछले साल 12 दिसंबर को शादी की थी।
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रिपोर्ट : भक्तिमान पांडेय बाराबंकीः बनीकोडर क्षेत्र के सिल्हौर घाट में चल रहे सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा का बृहस्पतिवार को समापन हुआ। भागवत कथा में चार वेद, पुराण, गीता एवं श्रीमद् भागवत महापुराण की व्याख्या, प्रभुपाद, पंडित हरिश्चंद्र महाराज के मुखारवृंद से उपस्थित भक्तों ने श्रवण किया। विगत सात दिनों तक भगवान श्री कृष्ण जी के वात्सल्य प्रेम, असीम प्रेम के अलावा उनके द्वारा किए गए विभिन्न लीलाओं का वर्णन कर वर्तमान समय में समाज में व्याप्त अत्याचार, अनाचार, कटुता, व्यभिचार को दूर कर सुंदर समाज निर्माण के लिए युवाओं को प्रेरित किया।
इस धार्मिक अनुष्ठान के सातवें एवं अंतिम दिन भगवान श्री कृष्ण के सर्वोपरी लीला श्री रास लीला, मथुरा गमन, दुष्ट कंस राजा के अत्याचार से मुक्ति के लिए कंसबध, कुबजा उद्धार, रुक्मणी विवाह, शिशुपाल वध एवं सुदामा चरित्र का वर्णन कर लोगों को भक्तिरस में डुबो दिया। इस दौरान भजन गायन ने उपस्थित लोगों को ताल एवं धुन पर नृत्य करने के लिए विवश कर दिया। पंडित जी ने सुंदर समाज निर्माण के लिए गीता से कई उपदेश के माध्यम अपने को उस अनुरूप आचरण करने कहा जो काम प्रेम के माध्यम से संभव है, वह हिंसा से संभव नहीं हो सकता है। समाज में कुछ लोग ही अच्छे कर्मों द्वारा सदैव चिर स्मरणीय होता है, इतिहास इसका साक्षी है।
लोगों ने रातभर इस संगीतमयी भागवत कथा का आनंद उठाया। इस सात दिवसीय भागवत कथा में आस-पास गांव के अलावा दूर दराज से काफी संख्या में महिला-पुरूष भक्तों ने इस कथा का आनंद उठाया। कथा के आखिरी दिन अपने समर्थकों के साथ पहुंचे दरियावाद विधानसभा युवा सपा नेता रितेश सिंह रिंकू,विधान सभा उपाध्यक्ष अजय प्रताप पप्पू, युवजन सभा विधान सभा अध्यक्ष सरजू प्रसाद, बच्चा सिंह,अनिल सिंह, राधे श्याम यादव, अजीत सिंह, गोविंद रावत प्रधान सुरेन्द्र यादव आदि लोगो के साथ पहुंचकर कथा में सम्मिलित हुए और कई वर्षों बना मंदिर पर माथा टेका।
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Shani Jayanti 2020 Wishes, Images, Quotes, Messages, FB & Whatsapp Status in Hindi: शनि देव से भले ही पूरी दुनिया डरती हो, लेकिन वास्तविकता यह है कि वो इंसान का कर्मफल देने वाले न्यायपूर्ण देवता हैं। हर वर्ष जेष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनिदेव की जयंती मनाई जाती है। बता दें कि नवग्रहों में शनि ही एक मात्र ऐसे ग्रह हैं , जिनकी जयंती मनाई जाती है। शनिदेव आप पर कृपा बनाए रखें, इसके लिए शनि जयंती पर खास पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं। अगर आप इस दिन कुछ विशेष नहीं कर पा रहे हैं, तो शनि जयंती की शुभकामनाएं सभी का भेजकर उन्हें कुछ प्रसन्न तो कर ही सकते हैं। यहां से चुनें अपना भक्तिमय मैसेज और अपनों के साथ करें शेयर।
2: सदा तुम पूरी मेरी हर इक आस करना,
तेरी भक्ति से मिलता है आत्मा को आराम,
3: हे शनि तुम हो सबसे बेमिसाल,
तुमसे आंख मिलाए किसकी है मजाल,
सूर्य के हो पुत्र तुम और छाया के लाल,
मूरत तेरी देखकर भाग जाए काल.
4: ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
5: जोड़े हाथ हम खड़े हैं बनके भिखारी,
दया करो हे शनिदेव आए हम शरण तिहारी,
तुमको सब कहते हैं नौ ग्रहों में दंडनायक,
6: हे श्यामवर्ण वाले, हे नीलकंठ वाले,
कालाग्नि रूप वाले, हल्के शरीर वाले,
स्वीकारो नमन हमारे, शनिदेव हम हैं तुम्हारे,
7: हे शनिदेव जिस पर होती है आपकी वक्र दृष्टि,
उस व्यक्ति का पल भर में विनाश है निश्चित,
आपकी कुदृष्टि से राजा भी होता है पल में भिखारी,
नहीं डूबती उनकी नैय्या, जो होते हैं शरण तिहारी.
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वीर अर्जुन संवाददाता लखनउढ। खचाखच भरे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर चारों ओर से आते `इंडिया इंडिया' के शोर के बीच भारत ने आज बेहतरीन हाकी का नमूना पेश करते हुए बेल्जियम को 2-1 से हराकर जूनियर हाकी विश्व कप अपने नाम करने के साथ इतिहास पुस्तिका में नाम दर्ज करा लिया। भारतीय हाकीप्रेमियों ने ऐसा अप्रतिम मंजर बरसों बाद देखा जब टीम के हर मूव पर `इंडिया इंडिया' के नारे लगाते 10000 से ज्यादा दर्शकें का शोर गुंजायमान था। मैदान के चारों ओर दर्शक दीर्घा में लहराते तिरंगों और हिलोरे मारते दर्शकें के जोश ने अनू"ा समा बांध दिया। जिसने भी यह मैच मेजर ध्यानचंद स्टेडियम पर बै"कर देखा, वह शायद बरसों तक इस अनुभव को भुला नहीं सकेगा। हूटर के साथ ही कप्तान हरजीत सिंह की अगुवाई में भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान पर भंगड़ा शुरू कर दिया तो उनके साथ दर्शक भी झूम उ"s। कोच हरेंद सिंह अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख सके। हर तरफ जीत के जज्बात उमड़ रहे थे। कहीं आंसू के रूप में तो कहीं मुस्कुराहटों के बीच। पंदह बरस पहले आस्ट्रेलिया के होबर्ट में खिताब अपने नाम करने के बाद भारत ने पहली बार जूनियर हाकी विश्व कप जीता। भारत 2005 में स्पेन से कांस्य पदक का मुकाबला हारकर चौथे स्थान पर रहा था और उस समय भी कोच हरेंद सिंह ही थे। इससे पहले 2013 में दिल्ली में हुए टूर्नामेंट में भारत दसवें स्थान पर रहा था। मैदान के भीतर दर्शकों की भीड़ दोपहर से ही जुटनी शुरू हो गई थी। सीटों के अलावा भी मैदान के चप्पे चप्पे पर दर्श्शक मौजूद थे और भारतीय टीम ने भी उन्हें निराश नहीं किया। पिछले दो बरस से कोच हरेंद सिंह के मार्गदर्शन में की गई मेहनत आखिरकार रंग लाई।
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Kia Sonet vs Tata Nexon: Kia Sonet और Tata Nexon एक ही प्राइस सेगमेंट की गाड़ियां हैं और कई लोग इन्हें लेने से पहले इन दोनों कार की खूबियों को जान लेते हैं.
टाटा मोटर्स (Tata Motors) और किआ इंडिया (Kia India) वर्तमान में दो ऐसे ब्रांड हैं, जिनकी कार भारतीय ऑटोमोबाइल (India Automobile) बाजार में धीरे-धीरे लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं. इन दोनों ब्रांड की दो कारों के बारे में बताने जा रहे हैं और उन दोनों के बीच अंतर को भी बयां करने जा रहे हैं. सबसे पहले बात कीमत की करते हैं किआ सोनेट के जीटीएक्स प्लस एटी डुअल टोन की एक्स शो रूम कीमत 13.35 लाख रुपये है. वहीं टाटा नेक्सॉन एक्सजेडए प्लस ओ डीजल डार्क एडिशन की एक्स शो रूम कीमत 13.24 लाख रुपये है.
किया सोनेट में 1.5 लीटर सीआरडीआई वीजीटी का इंजन दिया गया है,जो 1500 आरपीएम पर 250 एनएम का टॉर्क पैदा कर सकता है. इसमें ऑटोमैटिक गियर्स का ऑप्शन है. जबकि टाटा नेक्सॉन 1.5 लीटर टर्बोचार्ज्ड है, जो 1500 आरपीएम पर 260 एनएम का टॉर्क पैदा कर सकता है. इसमें एएमटी 6 गियर्स दिए गए हैं.
इंजन की बात करें तो किआ की कार में 1493 सीसी का 4 सिलेंडर इन लाइन 4 वल्व इंजन दिया गया है. नेक्सॉन में 1497 सीसी का 4 सिलेंडर्स इनलाइन 4 वल्व का इंजन मौजूद है. किआ 4000 आरपीएम पर 113 बीएचपी पावर जनरेट कर सकता है, वहीं नेक्सॉन 4000 आरपीएम पर 108 बीएचपी की पावर पैदा कर सकता है.
किया सोनेट में जहां यूजर्स को 19 माइलेज मिलेगा, जो डील वेरियंट की है, वहीं नेक्सॉन में डीजल पर 22.4 की माइलेज मिलेगी. यह एआरएआई द्वारा प्रमाणित है.
किआ सोनेट में 392 सीसी का बूट स्पेस दिया गया है, वहीं नेक्सॉन के अंदर 350 सीसा का इंजन दिया गया है. दोनों ही कार के अंदर 5 लोगों की सीटिंग कैपिसिटी मिलती है. दोनों ही कार्स 5 डोर्स के साथ आती हैं. इसके अलावा सोनेट में 45 लीटर का फ्यूल टैंक और नेक्सॉन में 44 लीटर का टैंक दिया गया है.
दोनों ही कार बैक व्हील पर डिस्क ब्रेक सिस्टम दिया गया है और सामने की तरफ ड्रम ब्रेक सिस्टम है. दोनों कार में कम से कम टर्निंग रेडिअस 5.1 का है. दोनों ही कार में एलॉय व्हील्स का इस्तेमाल किया गया है. दोनों ही कार में कुछ समानताएं भी हैं व अंतर भी है.
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भारतीय क्रिकेट टीम और श्रीलंका के बीच केरल में खेले गए आखिरी वनडे में 20,000 से भी कम दर्शक स्टेडियम में पहुंचे थे। 42,000 की क्षमता वाले इस स्टेडियम में मैच के लिए केवल 7,201 टिकट ही बिके और केरल क्रिकेट एसोसिएशन इसे बड़ा नुकसान बता रही है।
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की फ्रेंचाइजी पंजाब किंग्स (PBKS) ने पूर्व भारतीय गेंदबाज सुनील जोशी को अपना स्पिन गेंदबाजी कोच बनाया है। PBKS ने आधिकारिक तौर पर यह ऐलान किया है।
श्रीलंका क्रिकेट टीम को भारत के खिलाफ तीसरे वनडे में 317 रनों के अंतर से करारी हार झेलनी पड़ी थी। 391 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की टीम 73 रनों पर ही ढेर हो गई थी।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान मिताली राज संन्यास त्यागकर फिर से क्रिकेट के मैदान पर खेलते हुए दिखाई दे सकती हैं।
दुनिया के नंबर एक टी-20 बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को 9 फरवरी से शुरू हो रही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के पहले दो मैचों में भारतीय टीम में जगह मिली है।
महिलाओं के अंडर-19 विश्व कप में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को 122 रन से हराकर अपनी लगातार दूसरी जीत दर्ज की है।
10 फरवरी से दक्षिण अफ्रीका में होने जा रहे महिला टी-20 विश्व कप के लिए न्यूजीलैंड ने मोर्ने मोर्कल को अपने सपोर्ट स्टाफ टीम में शामिल किया है। दक्षिण अफ्रीका के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 544 विकेट लेने वाले मोर्कल टीम को तेज गेंदबाजी में सपोर्ट देंगे।
महिला इंडियन प्रीमियर लीग के पहले पांच सीजनों का मीडिया प्रसारण अधिकार वॉयकॉम-18 ने हासिल कर लिया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सेक्रेटरी जय शाह ने बताया है कि यह अधिकार 951 करोड़ रूपये में बिके हैं।
महिला इंडियन प्रीमियर लीग (WIPL) के उद्घाटन संस्करण ने धीरे-धीरे आकार लेना शुरू कर रहा है।
हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फरवरी-मार्च में होने वाली टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मुकाबलों के लिए टीम घोषित की गई है।
भारतीय क्रिकेट टीम ने तीसरे और आखिरी वनडे में श्रीलंका क्रिकेट टीम को रिकॉर्ड 317 रन से हरकर सीरीज पर 3-0 से कब्जा कर लिया है।
हरारे में खेले गए तीसरे और आखिरी टी-20 में जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम ने आयरलैंड को चार विकेट से हराकर 2-1 से सीरीज जीत ली है।
भारत और श्रीलंका क्रिकेट टीम के बीच वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में रोहित शर्मा ने अपने एक फैसले से सबका दिल जीता था।
तिरुवनंतपुरम के ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल स्टेडियम में भारतीय क्रिकेट टीम ने तीसरे वनडे में श्रीलंका क्रिकेट टीम को 317 रन से हराकर सीरीज पर 3-0 से कब्जा किया है।
वनडे विश्व कप 2023 का आयोजन भारत में होने जा रहा है। मेजबान होने के नाते भारत से उम्मीदें अधिक होंगी।
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए अपने वनडे करियर का 46वां शतक लगा दिया है।
भारतीय क्रिकेट टीम के युवा सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए अपने वनडे करियर का दूसरा शतक लगा दिया है।
शुकरी कॉनराड और रॉब वाल्टर दक्षिण अफ्रीका की पुरुष टीम के मुख्य कोच के रूप में कार्यभार संभालने के लिए तैयार हैं।
भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज शुभमन गिल ने श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ तीसरे वनडे में अर्धशतक जड़ दिया है।
भारत और श्रीलंका की टीमें तीन मैचों की वनडे सीरीज के तीसरे और अंतिम मुकाबले में रविवार को आमने-सामने हो रही हैं।
भारतीय ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा को अगले महीने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू होने वाली घरेलू टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए टीम में चुना गया है।
टी-20 अंतरराष्ट्रीय में सूर्यकुमार यादव के रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ आगामी सीरीज के लिए टेस्ट टीम में जगह दिलवा दी है।
भारतीय क्रिकेट टीम 18 जनवरी से न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलने वाली है। इसके मैच हैदराबाद, रायपुर और इंदौर में खेले जाएंगे।
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत 30 दिसंबर, 2022 को कार एक्सीडेंट में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके घुटने में काफी चोट आई थी।
हरारे में खेले गए टी-20 अंतरराष्ट्रीय सीरीज के दूसरे मुकाबले में शनिवार को आयरलैंड ने जिम्बाब्वे को छह विकेट से हरा दिया।
भारतीय क्रिकेट टीम के दो स्टार खिलाड़ी विराट कोहली और रोहित शर्मा न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज का हिस्सा नहीं हैं। सीरीज में युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया है। इससे पहले श्रीलंका के खिलाफ भी दोनों खिलाड़ी टीम में नहीं थे।
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ खेली जाने वाली बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऋषभ पंत टीम का हिस्सा नहीं होंगे। दुर्घटना में घायल होने के कारण उनकी जगह केएस भरत और ईशान किशन को टेस्ट सीरीज में जगह दी गई है। देखने वाली बात होगी कि प्लेयिंग इलेवन में किसे मौका मिलेगा।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीन वनडे मैचों की सीरीज 18 जनवरी (बुधवार) से शुरू होने जा रही है।
उत्तर प्रदेश के रहने वाले और मुंबई की ओर से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले सरफराज खान का बल्ला फर्स्ट क्लास क्रिकेट में जमकर बोल रहा है। इस फॉर्मेट में उनसे बेहतर औसत सिर्फ सर डॉन ब्रैडमैन का है। (कम से कम 50 पारियां)
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने शुक्रवार देर रात ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज के शुरुआती दो मैचों के लिए टीम घोषित कर दी है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अगले महीने से चार टेस्ट मैचों की महत्वपूर्ण बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज खेली जाएगी।
न्यूजीलैंड के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए मुंबई के सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ का चयन किया गया है।
कराची के नेशनल स्टेडियम पर खेले वनडे सीरीज के तीसरे और निर्णायक मुकाबले में शुक्रवार को न्यूजीलैंड ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम को दो विकेट से हरा दिया है।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (CA) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) निक हॉकले ने अफगानिस्तान दौरा रद्द करने के मामले में महत्वपूर्ण बयान दिया है।
हिमाचल प्रदेश के युवा क्रिकेटर सिद्धार्थ शर्मा सिर्फ 28 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। वह विजय हजारे ट्रॉफी जीतने वाली टीम का हिस्सा थे।
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के कप्तान केन विलियमसन ने पाकिस्तान के खिलाफ वनडे सीरीज के तीसरे और निर्णायक मुकाबले में शुक्रवार को शानदार अर्धशतक जमा दिया है।
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज डेवोन कॉनवे का शानदार फॉर्म जारी है। दूसरे वनडे में शतक लगाने के बाद उन्होंने तीसरे मैच में अर्धशतक लगा दिया।
भारत के प्रतिष्ठित घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी 2022-23 का चौथा चरण शुक्रवार को पूरा हो गया।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बल्लेबाज फखर जमान ने न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में शतक जड़ दिया है। उन्होंने 120 गेंद का सामना किया और 10 चौके और एक छक्के की मदद से शतक पूरा किया।
भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। सर्जरी के बाद पंत पहली बार अपने पैरों पर खड़े हुए हैं। पंत बहुत देर तक खड़े नहीं रह सके, लेकिन उनका इलाज कर रहे डॉक्टर्स इसे अच्छा संकेत बता रहे हैं।
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गुवाहाटी/आईजोलः असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने मिजोरम से लगी राज्य की सीमा पर हुई हिंसक झड़प में कई लोगों के घायल हो जाने के बाद वहां की मौजूदा स्थिति से रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. असम सरकार के एक बयान के मुताबिक सोनोवाल ने मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा को भी टेलीफोन किया और सीमा पर हुई घटना के बारे में उनसे बात की.
मिजोरम के मुख्यमंत्री के साथ अपनी बातचीत के दौरान सोनोवाल ने सीमा मुद्दे को हल करने के लिये सार्थक उपाय एवं संयुक्त कोशिशें करने पर जोर दिया. उन्होंने सीमा विवाद को सौहार्द्रपूर्ण तरीके से हल करने और अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति, कानून व्यवस्था कायम रखने के लिये सहयोग के साथ काम करने की भी हिमायत की.
उन्होंने कहा कि हो सकता है कि आपस में मतभेद हों, लेकिन उन्हें अवश्य ही वार्ता के जरिये दूर किया जाना चाहिए. जोरमथंगा ने सोनोवाल को अंतर-राज्यीय सीमा पर शांति कायम रखने की कोशिशों और सहयोग का भरोसा दिलाया.
मिजोरम ने भी तनाव दूर करने के लिए केंद्र से संपर्क किया मिजोरम सरकार ने भी असम के कछार जिले और राज्य के कोलासीब जिले के बीच सीमा पर तनाव दूर करने के लिये केंद्र से संपर्क किया है. मिजोरम के गृह मंत्री लालचमलियाना ने बताया कि दोनों राज्यों के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक होगी , जिसमें हालात का जायजा लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों के मुख्य सचिव भी बैठक में उपस्थित रहेंगे.
क्या है पूरा मामला? मिजोरम के कोलासिब जिले का वैरेंगते गांव राज्य का उत्तरी हिस्सा है, जिससे गुजरता राष्ट्रीय राजमार्ग-306 असम को इस राज्य से जोड़ता है. वहीं, असम के कछार जिले का लैलापुर इसका सबसे करीबी गांव है. कोलासिब जिले के पुलिस उपायुक्त एच लल्थलंगलियाना ने कहा कि शनिवार शाम को लाठी-डंडे लिए असम के कुछ लोगों ने सीमावर्ती गांव के बाहरी क्षेत्र में स्थित ऑटो रिक्शा स्टैंड के पास कथित तौर पर एक समूह पर पथराव किया, जिसके बाद वैरेंगते गांव के निवासी भारी संख्या में एकत्र हो गए.
उन्होंने कहा कि इलाके में लागू निषेधाज्ञा के बावजूद वैरेंगते गांव की गुस्साई भीड़ ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करीब 20 अस्थायी झोपड़ियों और दुकानों को आग लगा दी, जोकि लैलापुर गांव के लोगों की थी. पुलिस उपायुक्त ने कहा कि घंटों तक चली इस हिंसक झड़प में मिजोरम के चार लोगों समेत कई अन्य लोग घायल हो गए.
कछार के पुलिस अधीक्षक भंवर लाल मीणा ने कहा, ' हमें कुछ अस्थायी घरों और दुकानों को जलाए जाने की रिपेार्ट मिली थी. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू किया. भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हों, इसे लेकर हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं. '
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30 जनवरी, 2023 को भारत उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिये शहीद दिवस के रूप में मनाता है, जिन्होंने देश के लिये बलिदान दिया। इस दिन को देश के 'बापू', महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में भी चिह्नित किया गया है।
- भारत में शहीद दिवस या सर्वोदय दिवस वर्ष में कई बार मनाया जाता है।
शहीद दिवसः
- स्मृति मेंः
- महात्मा गांधी जिनका जन्म 2 अक्तूबर, 1869 को हुआ था, भारत के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक थे तथा उन्होंने देश की स्वतंत्रता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- इसी दिन वर्ष 1948 में नाथूराम गोडसे ने नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी।
- जश्न मनाने का माध्यमः
- भारत ने दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर शहीद दिवस मनाया।
- राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुख (सेना, वायु सेना और नौसेना) 'राष्ट्रपिता' को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
- भारत ने दिल्ली में राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर शहीद दिवस मनाया।
- महत्त्वः
- शहीद दिवस का महत्त्व इस तथ्य में निहित है कि महात्मा गांधी ने अहिंसक दृष्टिकोण के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रमुख आंदोलनों का नेतृत्त्व किया।
- उनका दर्शन अहिंसा, सत्य के लिये लड़ाई (सत्याग्रह), राजनीतिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता (स्वराज) के सिद्धांतों पर आधारित था तथा उनके सिद्धांतों ने लाखों लोगों को प्रेरित किया।
- शहीद दिवस का महत्त्व इस तथ्य में निहित है कि महात्मा गांधी ने अहिंसक दृष्टिकोण के माध्यम से ब्रिटिश शासन के खिलाफ प्रमुख आंदोलनों का नेतृत्त्व किया।
भारत में अन्य शहीद दिवसः
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पटना : बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की जांच का अधिकार CBI को दिया है. लंबे वक्त से सुशांत का परिवार और उनके फैंस सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में दर्ज FIR को सही ठहराया है. साथ ही मुंबई पुलिस को जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है.
वहीं सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी यह माना है कि पटना पुलिस की जांच सही दिशा में थी. इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इस केस को सीबीआई के जिम्मे देने का फैसला सुनाया है.
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि यह बहुत हाई प्रोफाइल केस है. कई लोगों को पोल खुल जाने का डर सता रहा है. ऐसे में सीबीआई की जांच में सबकुछ सच सामने आएगा. वहीं, रिया चक्रवर्ती के बयानबाजी पर डीजीपी ने कहा कि बिहार के सीएम पर कमेंट करने की औकात रिया चक्रवर्ती की नहीं है.
इसके साथ ही गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि यह सत्य की जीत है. बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांंडेय ने कहा कि एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती की हैसियत नहीं है कि वो बिहार से सीएम नीतीश कुमार पर टिप्पणी करें.
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सेना की उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी (PTI File Photo)
Lieutenant General Upendra Dwivedi on LAC-LoC: भारतीय सेना जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों सीमाओं पर लगातार उभर रहे खतरों और चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. यह बात उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने श्रीनगर में अलंकरण समारोह में कही. आजादी के बाद से यह पहली बार है कि उत्तरी कमान जो एलओसी (पाकिस्तान) और एलएसी (चीन) दोनों को नियंत्रित करती है, ने श्रीनगर में इस समारोह का आयोजन किया.
ऑपरेशन स्नो लेपर्ड (लद्दाख), मेघदूत (सियाचिन) और रक्षक (कश्मीर) में बहादुरी, प्रतिबद्धता और बलिदान के प्रेरणादायक कार्यों के लिए जवानों और अधिकारियों को 77 पुरस्कार प्रदान किए गए. अधिकांश पुरस्कार एलएसी स्थित जवानों और इकाइयों के लिए थे जिन्होंने पूर्वी लद्दाख में गलवान और देपसांग ला में चीनी आक्रमण के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सुरक्षा की स्थिति ने विशेष रूप से उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर विभिन्न विरोधियों से इलाके और परिचालन गतिशीलता में कई चुनौतियां पेश की हैं. भारतीय सेना अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और गलवान संघर्ष, कोविड-19 की कई लहरों के बाद नई चुनौतियों के बीच भविष्य में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार थी.
जनरल द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय सेना राष्ट्र की लोकतांत्रिक परंपराओं को बनाए रखते हुए भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. हम निरंतर निगरानी रख रहे हैं, सभी घटनाक्रमों की निगरानी कर रहे हैं और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे. एलओसी पर स्थिति के बारे में बात करते हुए जनरल द्विवेदी ने कहा कि जब स्थिति स्थिर रही और पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम जारी रहा तो बहुत सख्त निगरानी और एक मजबूत प्रौद्योगिकी सक्षम बहु-स्तरीय काउंटर घुसपैठ ग्रिड को बनाए रखा जा रहा है ताकि किसी भी प्रयास को विफल किया जा सके.
जनरल द्विवेदी ने आगे कहा, "संघर्ष विराम उल्लंघन, घुसपैठ की कोशिश या दुश्मन की ओर से किए गए किसी दुस्साहस से मजबूती से निपटा जाएगा. स्थिति पर टिप्पणी करते हुए, उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष घुसपैठ की कई कोशिशों को नाकाम कर दिया गया और काउंटर टेरर ऑपरेशंस ने सफलतापूर्वक खतरों को कम कर दिया है और सीमित कर दिया है, लेकिन नार्को-आतंकवाद में वृद्धि हुई है क्योंकि पाकिस्तान अब इसे एक नए उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. इसका छद्म युद्ध कई गुना बढ़ गया है.
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, "हाल ही में, सामाजिक ताने-बाने को बाधित करने के प्रयास में स्थिति को ज्वलंत बनाए रखने के लिए ड्रोन के माध्यम से ड्रग्स के साथ-साथ हथियारों को भेजने की एक दोहरी रणनीति को नियोजित किया जा रहा है. नशीले पदार्थों की सीमा पार से तस्करी आतंकवाद को सहायता प्रदान करती है. सुरक्षाबल इस प्रवृत्ति के लिए जीवित हैं और पहले से ही खतरे को रोकने के लिए काउंटर ड्रोन उपाय शुरू कर चुके हैं. "
एलएसी पर स्थिति के बारे में टिप्पणी करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि यथास्थिति को एकतरफा बदलने के चीनी प्रयासों की प्रतिक्रिया भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से एक तेज, निडर और समन्वित कार्रवाई थी. जनरल द्विवेदी ने कहा, "किसी भी प्रतिकूल आक्रामक डिजाइन या प्रयास का निश्चित रूप से बलों की उचित मुद्रा और मजबूत इरादे और उपयुक्त मुद्रा के साथ मुकाबला किया जाएगा. " उन्होंने कहा, "राजनयिक और परिचालन स्तरों पर एलएसी की स्थिति को हल करने के उपाय भी एक साथ चल रहे हैं और पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भौतिक गश्त और तकनीकी माध्यमों का वर्चस्व है और हमारी क्षेत्रीय अखंडता सुनिश्चित की जा रही है. "
'4जी-5जी टावर लगाने के लिए 144 गांवों की पहचान'
उन्होंने कहा कि सेना के अलावा, आईटीबीपी और बीएसएफ जैसे अर्धसैनिक बलों के साथ समन्वय और तालमेल और प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और सीमा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए समन्वय प्रशिक्षण, अभ्यास और परिचालन कार्य संयुक्त रूप से किए जा रहे हैं. पिछले तीन वर्षों में, हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए हर साल तैनात की जाने वाली इकाइयों और अभिवृद्धि बलों के लिए लगभग 1,500 करोड़ रुपये के बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया है. इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय स्तर पर गति शक्ति पहल के अनुरूप 800 किलोमीटर से अधिक नई सड़कों का निर्माण किया गया है, जिससे इस क्षेत्र की दूरदर्शिता दूर हो गई है.
सैन्य अधिकारी ने कहा कि सेना ने संचार मंत्रालय के साथ मिलकर लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दूरदराज के इलाकों में 4जी-5जी टावर लगाने के लिए 144 गांवों की पहचान की है ताकि यह महत्वपूर्ण सुविधा दूरदराज के सीमावर्ती गांवों में रहने वाली आबादी तक पहुंचे. नई चुनौतियों के बारे में बात करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के सबक ने विघटनकारी और दोहरे उपयोग वाली तकनीकों के रोजगार जैसे कई सबक सामने लाए हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा, "सूचना युद्ध, साइबर और अंतरिक्ष युद्ध नए क्षेत्र के रूप में उभरे हैं. काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक दोनों डोमेन में ग्रे जोन वारफेयर एक चुनौती है और हमने इन रणनीतियों से जुड़ी अस्पष्टताओं को अच्छी तरह से अपनाया है. यह आवश्यक है कि हम स्वयं को सुसज्जित करें, उत्तरोत्तर कारक बनें और बेहतर और अधिक प्रभावी युद्ध लड़ने की सुविधा के लिए इन विशिष्टताओं पर विचार करें. "
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आज समाज डिजिटल, पानीपत :
पानीपत। एनएफएल और दलित इंडियन चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एवं इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई), एनएसआईसी-एससी/एसटी हब तथा (एमएसएमई) सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट, करनाल के सहयोग से एनएफएल परिसर में गत दिवस एक विक्रेता विकास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि भारत भूषण ग्रोवर, महाप्रबंधक (प्रभारी) ने किया। इस अवसर पर डीआईसीसीआई पानीपत के संयोजक डॉ. ओम प्रकाश, बीजेन्द्र सिंह कबीरा, प्रेसीडेंट डीआईसीसीआई हरियाणा, गुरमैल सिंह, इंचार्ज एनएसआईसी-नेशनल एससी/एसटी हब, लुधियाना एवं एमएसएमई विकास संस्थान करनाल के सहायक निदेशक मुकेश वर्मा, विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने एमएसएमई विभाग द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों पर प्रकाश डाला।
महेश पाटिल, मुख्य प्रबंधक (सामग्री) ने कार्यक्रम में पहुंचे सभी का स्वागत किया तथा उपस्थितजनों को सार्वजनिक प्रापण नीति - 2012 के बारे में अवगत कराया। अभिनव सचदेवा, सहायक प्रबंधक (सामग्री) ने एनएफएल पानीपत में इस नीति के कार्यान्वयन के बारे में एवं वेंडर पंजीकरण के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, एनएफएल के महाप्रबंधक (प्रभारी) भारत भूषण ग्रोवर ने अपने उद्घाटन संदेश में कहा कि डीआईसीसीआई द्वारा देश के विकास हेतु दलित तथा महिला उद्यमियों को एकत्रित करना, मौजूदा और इच्छुक उद्यमियों के लिए वन-स्टॉप रिसोर्स सेंटर बनना तथा उनकी सामाजिक-आर्थिक समस्याओं के समाधान के रूप में महिलाओं तथा दलित उद्यमियों के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।
एमएसएमई सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने व ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्र के औद्योगीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि एनएफएल का इन दोनों संस्थाओं के समन्वय से क्षेत्रीय असंतुलनों में कमी होगी और राष्ट्रीय आय एवं धन का समान वितरण सुनिश्चित होगा। उन्होंने पानीपत इकाई में सरकार द्वारा एमएसएमई कार्यक्षेत्र से सम्बंधित दिशा-निर्देशों के पूर्ण रूप से पालन पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसे कार्यक्रमों से मेक इन इंडिया एवं आत्मनिर्भर भारत जैसे राष्ट्रीय अभियानों को बल मिलेगा।
कार्यक्रम के दौरान डीआईसीसीआई, एनएसआईसी-एससी/एसटी हब एवं एमएसएमई अधिकारियों द्वारा सरकारी स्कीमों व पंजीकरण के फायदों पर व्याख्यान दिया गया। तत्पश्चात उपस्थित विक्रेताओं को एनएफएल पानीपत में पंजीकरण प्रक्रिया से अवगत करवाया गया। इस अवसर पर एनएफ़एल द्वारा नियमित रूप से प्रयोग होने वाली वस्तुओं और पुर्जों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम में विक्रेताओं के प्रश्नों व संशयों का समाधान किया गया। कार्यक्रम का संचालन दिलराज सिंह, सामग्री अधिकारी ने किया।
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Subsets and Splits
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