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मौसम विभाग (India Meteorological Department) ने बताया है कि केरल में मानसून 1 जून की जगह 4 जून को आएगा। उत्तर पश्चिम भारत में इस सप्ताह गर्मी से राहत नहीं मिलेगी।
सूत्रों के अनुसार सिद्धारमैया कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे। उन्होंने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मुलाकात की। इसके बाद यह जानकारी सामने आई। सिद्धारमैया गुरुवार को शपथ लेंगे।
आतंकी गतिविधियों के लिए होने वाली फंडिंग (Terror funding) को लेकर NIA ने बड़ी कार्रवाई की है। NIA के अधिकारी आतंकियों और गैंगस्टर्स से जुड़े 122 ठिकानों पर छामेमारी कर रहे हैं।
पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके में मरने वालों की संख्या 9 हो गई है। मामले की जांच सीआईडी कर रही है। बीजेपी ने एनआईए से जांच कराने की मांग की है।
खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से इस मुद्दे पर फाइनल बातचीत कर बेंगुलुरू मंगलवार की रात या बुधवार को पहुंचेंगे।
फ्लाइट सेवाएं बुधवार सुबह तक ही बहाल होने की संभावना है।
इस आत्मीय मुलाकात को लेकर इन लोगों ने अपना नजरिया भी साझा किया। ट्राइबल समाज के लोगों का कहना था कि पीएम मोदी से मुलाकात कर घर के मुखिया से मिलने सरीखा महसूस हुआ।
सिद्धारमैया को खड़गे ने फिर बुलाया है। वह कुछ रणनीतियों पर चर्चा करेंगे इसके बाद खड़गे डीके शिवकुमार से मुलाकात करेंगे।
पश्चिम बंगाल की चीफ मिनिस्टर (West Bengal CM) ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने कहा है कि वे 27 मई को नई दिल्ली में होने वाली नीति आयोग (NITI Aayog) की मीटिंग में जरूर शामिल होंगी।
कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (KSRTC) की बस में एक महिला पैसेंजर (Woman Passenger) ने बच्चे को जन्म दिया है। बस की महिला कंडक्टर (Woman Conductor) ने महिला पैसेंजर की मदद की।
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दुर्ग। शिक्षित महिलाओं के पास रोजगार पाने का सुनहरा मौका हैं। दरअसल आंगनबाड़ी में सहायिका एवं कार्यकर्ता की नियुक्ति के लिए बाल विकास परियोजना अंतर्गत शहरी क्षेत्र में 13 आंगनबाड़ी (CG Anganwadi Bharti ) कार्यकर्ता एवं 21 आंगनबाड़ी सहायिका की नियुक्ति की जानी है।
बता दें कि नियुक्ति (CG Anganwadi Bharti) के लिए आवेदन 26 दिसंबर 2022 से 9 जनवरी 2030 तक बाल विकास परियोजना कार्यालय दुर्ग में पांच बिल्डिंग, बाल संरक्षण गृह परिसर, महिला एवं बाल विकास, दुर्ग में सीधे अथवा पंजीकृत डाक के माध्यम से कार्यालय में 11 से 5 बजे तक जमा कर सकते है।
आवेदिका की आयु 18 से 44 वर्ष के बीच और सेवा की अधिकतम आयु 62 वर्ष होगी व वार्ड की स्थाई निवासी होनी चाहिए। अर्हता रखने वाले इच्छुक आवेदक पद हेतु आवेदन कर सकते है।
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हरियाणा के अंबाला में हनीट्रैप मामले में फंसे आरोपी इंस्पेक्टर सुभाष की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। आज दोनों पक्षों के वकीलों ने अपना-अपना पक्ष रखा। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
ऐसे में अब आरोपी इंस्पेक्टर जमानत के लिए हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं। बता दें कि पिछले सोमवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पुलिस को केस से जुड़े सबूत पेश करने के निर्देश दिए थे। पिछली दोनों तारीख पर सुनवाई न होने से केस में कोई फैसला नहीं हो सका था।
विदित हो कि महेश नगर थाना के तत्कालीन SHO इंस्पेक्टर सुभाष कुमार पर अंबाला में तैनात FCI कर्मचारी को हनीट्रैप में फंसाकर 10 लाख रुपए की सौदेबाजी करने के आरोप लगे हैं। आरोप है कि आरोपी इंस्पेक्टर रामबाग रोड कैंट निवासी गौरव प्रताप समेत अन्य साथियों के साथ मिलीभगत करके पैसा ऐठने के मकसद से 30 सितंबर को सेक्टर-9 थाना में FCI कर्मचारी मनोज पर दुराचार व SC/ST एक्ट में केस दर्ज कराया था। ऐसा ही एक मामला 26 मार्च को महिला थाना यमुनानगर में दर्ज कराया था, जिसकी जांच खुद इंस्पेक्टर सुभाष कर रहे थे।
पुलिस ने इंस्पेक्टर की जमानत याचिका पर आपत्ति जताई। पुलिस हनीट्रैप के मामले में आरोपी वनीत कौर, सुखप्रीत कौर और प्रीति को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। ADJ संजय संधीर की कोर्ट ने आरोपी इंस्पेक्टर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
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'द कपिल शर्मा शो' फेम सुमोना चक्रवर्ती कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं। इसकी जानकारी कॉमेडियन ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए फैन्स को दी। साथ ही अपना हेल्थ अपडेट भी शेयर किया।
सुमोना ने बताया कि उनमें वैसे तो हल्के लक्षण पाए गए हैं, लेकिन फिर भी सेफ्टी को देखते हुए उन्होंने खुद को क्वारनटीन कर लिया है।
सुमोना चक्रवर्ती सोशल मीडिया पर एक मिलियन (10 लाख) फैन फॉलोइंग रखती हैं। इन्हें 'द कपिल शर्मा शो' और 'बड़े अच्छे लगते हैं' शो से फेम मिली। दर्शकों के दिल में कॉमेडी कर अपनी जगह बनाई। वैसे तो सुमोना सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव नहीं रहती हैं।
सुमोना से पहले कई सेलेब्स कोरोना पॉजिटिव आए, जिसकी सभी ने जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ही दी। इसमें एकता कपूर, प्रेम चोपड़ा और उनकी पत्नी, अर्जुन कपूर और इनकी बहन अंशुला कपूर, रिया कपूर और इनके पति करण बुलानी का नाम शामिल है।
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Indian Railway Rule: भारतीय रेलवे एक विशाल रेल नेटवर्क है। इससे प्रतिदिन लाखों लोग यात्रा करते हैं। भारतीय रेलवे के कुछ नियम हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि हर यात्री को जर्नी का बेस्ट अनुभव मिले और रेल नेटवर्क अच्छी तरह से काम करे। यदि आप रेल यात्री हैं तो आपको भारतीय रेलवे के नियमों के बारे में पता होना चाहिए। तो आप किसी भी परेशानी में न फंसें और ट्रेन में यात्रा के दौरान कोई परेशानी आने पर उनका इस्तेमाल करें। ये नियम ऑनबोर्ड यात्रियों की सुविधा के लिए हैं।
यह नियम तेज आवाज में म्यूजिक बजाने और ट्रेन में टेलीफोन कॉल पर तेज आवाज में बात करने पर है। यह नियम तब आया जब भारतीय रेलवे को टेलीफोन पर जोर-जोर से बात करने और बिना ईयरफोन के म्यूजिक बजाने के विरूद्ध कई शिकायतें मिलीं। ऑन-बोर्ड टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर), कैटरिंग स्टाफ और अन्य रेल कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वे ट्रेनों में सार्वजनिक शिष्टाचार बनाए रखें और यात्रियों के लिए परेशानी पैदा करने वाले लोगों को ऐसा न करने के लिए कहें।
भारतीय रेलवे का रात्रि नियम यात्रियों को अच्छी नींद सुनिश्चित करने के लिए है। ये नियम हैं। टीटीई रात 10 बजे के बाद आपका टिकट चेक करने नहीं आ सकता है। नाइट लाइट को छोड़कर सभी लाइटें बंद कर देनी चाहिए। ग्रुप्स में यात्रा करने वाले यात्री रात 10 बजे के बाद वार्ता नहीं कर सकते हैं। यदि बीच वाली बर्थ वाला सहयात्री अपनी सीट खोल देता है तो नीचे वाली बर्थ वाले यात्री कुछ नहीं कह सकते। ट्रेन सर्विस में औनलाइन भोजन रात 10 बजे के बाद नहीं परोसा जा सकता है। हालांकि, आप ई-कैटरिंग सर्विसेज के साथ रात में भी ट्रेन में अपने भोजन या नाश्ते के लिए प्री-ऑर्डर कर सकते हैं।
यदि यात्रियों को उनके द्वारा तय बोर्डिंग पॉइंट पर ट्रेन छूट जाती है। वे दो रेलवे स्टेशनों को पार करने तक ट्रेन में सवार हो सकते हैं। वैसे आपके पास एक रिजर्व टिकट है, टीटीई को आपकी सीट किसी अन्य यात्री को तब तक आवंटित करने की अनुमति नहीं है जब तक ट्रेन अगले दो रेल स्टॉप से गुजरती नहीं है। हालांकि, जब ट्रेन अगले दो स्टॉप से होकर गुजरती है, तो टीटीई किसी भी यात्री को आरएसी पीएनआर स्टेटस टिकट के साथ सीट आवंटित कर सकता है।
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अंडरवेट होने पर आपको कई तरह की समस्या से जूझना पड़ता है। ये न सिर्फ आपकी लुक्स को प्रभावित करता है बल्कि आपकी सेहत पर भी असर करता है। वहीं आप कई कोशिशें अपना वजन बढ़ाने के लिए कर चुके हैं लेकिन फिर भी कोई फायदा नहीं हो रहा है तो आपको अपने खान-पान की कुछ जरूरी बातों पर ध्यान देने की जरूरत है। आइए जानते हैं उन जरूरी बातों के बारे में।
खाना कितना खाएं- वजन बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आप ज्यादा खाना खाएं। 2-3 घंटे के अंतराल पर कुछ न कुछ खाते रहें। तीन मील्स के अलावा आप बीच में फल या जूस लेते रहें। आपको यह कोशिश करनी है कि आप अपने खाने में 500 कैलरीज ज्यादा ले सकें। इससे आपका वजन 1 हफ्ते में 1 किलो तक बढ़ेगा।
क्या खाएं- वजन बढ़ाने के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आप क्या खाएं। सिर्फ ऑइली समसे या घी-मक्खन खाने से आप वजन नहीं बढ़ा सकते। उल्टा ऐसी चीजे खाने का खराब असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। वजन बढ़ाने के लिए आपको वे चीजें खानी चाहिए जिनमें ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी हो। इसके लिए आप डेरी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। फुल क्रीम दूध, अंड्डे, मछली जैसी चीजों का ज्यादा सेवन करें। वहीं चावल में अच्छी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होता हैं। कोशिश करें की आप ज्यादा कैलरीज वाला खाएं। वहीं एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें ताकि आप जल्द बेहतर नतीजे पा सकें।
सोने से पहले- डिनर के बाद सोने से कुछ देर पहले स्नैक खाना आपका वजन बढ़ाने में आसानी से मदद कर सकता है। ऐसे में रात सोने से आधा घंटा पहले दूध लें। वहीं दूध के अलावा जेली सैंडविच, पीनट बटर, चीज, ऑट्स आदि चीजें खाना आपकी मदद कर सकता है।
देखें वीडियो (Source: Youtube/Howcast)
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रविदास जयंती कब मनाई जाती है?
रविदास जयंती को संत गुरु रविदास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह माघ महीने में पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस वर्ष, गुरु रविदास की 644 वीं जयंती मनाई जाती है। यह हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है। रविदास भक्ति आंदोलन के कवि-संत हैं। वह 15-16 शताब्दी सीई में रविदासिया धर्म के संस्थापक हैं।
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अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन के बयान पर चीन ने पलटवार किया है। उसने खुद को शांति का पक्षधर बताते हुए कहा कि विश्व पर आधिपत्य जमाने के लिए अमेरिका हर हथकंडे अपनाता है। आस्टिन ने चीन पर अन्य देशों की संप्रभुता को खतरे में डालने का आरोप लगाया था।
बीजिंग, एएनआइ। चीन ने खुद को विश्व शांति और समृद्धि में योगदान देने वाला देश बताते हुए अमेरिका पर निशाना साधा है। चीन ने कहा है कि अमेरिका अपना आधिपत्य जमाने के लिए सभी प्रकार के उपायों का सहारा लेता है, लेकिन इसका खामियाजा विकासशील देशों को भुगतना पड़ता है।
दरअसल, चीन ने अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड आस्टिन के उस बयान पर पलटवार किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमारे सामने चीन की धमकियां और जबरदस्ती, यूक्रेन के खिलाफ रूसी आक्रामकता, आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसी अंतरराष्ट्रीय चुनौतियां हैं।
भारत में चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि विश्व शांति और समृद्धि में चीन का योगदान है। वह चीन नहीं, अमेरिका है, जो जबरदस्ती और आधिपत्य के लिए सभी प्रकार के उपायों का सहारा लेता है। प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में नाटो देशों के दबाव और डराने-धमकाने का असर विकासशील देशों को भुगतना पड़ रहा है।
लायड आस्टिन ने क्या कहा था?
भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास के महत्व पर बोलते हुए आस्टिन ने कहा था कि दुनिया चीन की धमकियों और दबाव को देख रही है, जो बल प्रयोग से सीमाओं का पुनर्निधारण करना चाह रहा है। उन्होंने चीन पर अन्य देशों की राष्ट्रीय संप्रभुता को खतरे में डाल रहा है। उन्होंने आगे कहा,
शांति और समृद्धि के लिए आवश्यक स्वतंत्रता को संरक्षित करने और कायम रखने के लिए भारत और अमेरिका के मुखर नेतृत्व की आवश्यकता होगी। इसके लिए हमें अभी भी बहुत काम करना है। उन्होंने विश्वास जताया कि भारत अमेरिका साझेदारी हिंद-प्रशांत और व्यापक दुनिया के लिए खुले और समृद्ध भविष्य को सुरक्षित करने में मदद करेगी।
चीनी रक्षा मंत्री के नाटो पर दिए बयान पर आस्टिन ने क्या कहा?
अमेरिकी विदेश मंत्री ने चीन के रक्षा मंत्री की तरफ से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नाटो जैसे सैन्य गठबंधन के खिलाफ चेतावनी जारी करने पर कहा कि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नाटो की स्थापना का प्रयास नहीं कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए समान विचारधारा वाले देशों के साथ काम करना जारी रखेंगे कि यह क्षेत्र खुला रहे, ताकि व्यापार समृद्ध हो सके और विचारों का आदान-प्रदान जारी रहे।
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दशैतान को छकड़ो
जीवाणुओं के लिए कितना घातक होगा ! प्राणी-शरीर जितना ही अधिक उत्क्रान्त होता है, अल्कोहल उसके लिए उसी मात्रा में अधिक भयंकर और नाशक पाया गया है। मनुष्य ऊंची से ऊंची श्रेणी का प्राणी होने के कारण अलकोहल का
उस पर सबसे अधिक भयंकर होता है। उसके मस्तिष्क, स्नायुकेन्द्र तथा ज्ञानेन्द्रियों पर, जो उत्क्रान्ति की सब से ताथो और श्रेष्ठ उपज है, वह और भी तेजी से आक्रमण करता है । वह इन इन्द्रियों को मूदित कर देता है। इनके मृद्धित होते हो नीति अनीति की भावनाओं पर मनुष्य का अधिकार वा नियतृण उठ जाता है। ढालू जमीन पर दौड़ने वाली गाड़ी के समान
समान वह बहुत से विद्वान यह मानते हैं कि मनुष्य शरीर शुरू से ही ऐसा उग्रत नहीं था जैसा कि आज हम उसे देख रहे हैं। अन्यं प्राणियों के लिए भी यही बात कही जाती है। उनका कहना है कि इस सृष्टि में पहले पहल ऐसे जीय पैदा हुए जिनकी शरीररचना यहुत मामूली थी और धीरे धीरे उगका विकास होता गया। उदाहरण के लिए डार जिन साहिय का म्याद है कि मनुष्य का साथ रूप यन्दर था। धीरे धीरे विकसित होता हुआ यह मनुष्य के इस रूप को प्राप्त हुआ । इस कथन की पुष्टि में ऐसा क्या रखने वाले विद्वान की कई लदियों भो बताते हैं। हम भी देखते हैं कि मनुष्य विकार को अवश्य करता है अगर उसकी शारीरिक और मानसिक उन्नति के लिए पूर्ण अवकाश और अनुकता हो तो यह हो सकता है। गुलामी के मानी है इसे का और अनुकूलता का अभाव अथवा प्रत्यक्ष रुकावट । इसीलिए दम देते हैं कि राष्ट्र के नागरिक गुलाम राष्ट्रों को अपेक्षा दर या में बड़े होते हैं। उत्क्रान्ति इसी सोग विकास और नि का नाम है, फिर यह चाहे मनुष्य या किसी अन्य प्राणी की हो । |
इस नस्ल की मुर्गी कड़कनाथ मुर्गी को भी देती है टक्कर, जाने एक अंडे की क्या होगी कीमत, इस मुर्गी से बन सकते हो लखपति जाने पूरी डिटेल्स शरीर में प्रोटीन की पूर्ति के लिए अब ज्यादातर लोग अंडे का सेवन कर रहे हैं। इससे देश-दुनिया में भी अंडों की डिमांड बढ़ी है। इसका अंडा ना सिर्फ कड़कनाथ के अंडे से ज्यादा महंगा है, बल्कि इसका स्वाद और पोषण भी बाकी अंडों से काफी अलग है। ये कड़कनाथ मुर्गी को भी देती है मात तो आइये हम इसके बारे में डिटेल्स को जानते है।
हम आपको इस मुर्गी का नाम बताते जा रहे है जिसका नाम है असील मुर्गी है। जिसका एक ही अंडा 100 रुपये और मीट भी काफी महंगाबिकता है। ये कोई विदेशी मुर्गी नहीं, बल्कि प्योर इंडियन ब्रीड है। आपको जानकारी दे की कड़कनाथ को जीआई टैग मिला है। अंडा सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहता है, लेकिन इसके मांस और अंडे की कीमत को लेकर भ्रम दूर करना बेहद जरूरी है, क्योंकि बाजार में ऐसी मुर्गी भी मौजूद है, जिसका अंडा-मांस कड़कनाथ से भी महंगा बिक रहा है। आइये हम इस अंडे के कुछ लाभ या उपयोग बताते है।
असील मुर्गी के अंडो का इस्तेमाल दवाइयां बनाने में किया जाता है। सर्दियों में अंड़ों की बढ़ती डिमांड के बीच असील मुर्गी का अंडा दवाई के तौर पर भी खाया जा रहा है। वैसे तो असील मुर्गी के अंडे दाम कुछ 100 रुपये है, लेकिन ऑनलाइन-ऑफलाइन बाजार में मांग-सप्लाई के आधार पर अंडे की कीमत का निर्धारण होता है।
असील मुर्गी की पहचान इस तरीके से कर सकते है। असील मुर्गी का मुंह लंबा और बेलनाकार होता है जो कि पंखों, घनी आंखों, लंबी गर्दन वाला होता है. इनकी मजबूत और सीधी टांगे होती हैं। इस नसल के मुर्गे का भार 4-5 किलो और मुर्गी का भार 3-4 किलो होता है। इसके कोकराल का औसतन भार 3. 5-4. 5 किलो और मुर्गी का औसतन भार 2. 5-3. 5 किलो पाया जाता है।
सामान्य तौर पर आपको एक अंडा 6 से 10 रुपये में बिकता है। लेकिन असील मुर्गी का एक अंडा 100 रुपये में खरीदा जाता है। इनकी कीमत में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। जिससे आप लखपति बना सकते है। साथ ही इसका पालन करना भी आसान होता है यदि आपको कोई बिजनेस करना हो तो इस बिजनेस के बारे में एक बार जरूर जाने।
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गौरतलब है कि प्रेग्नेंसी के दौरान भी करीना अलग-अलग इवेंट में नजर आती रही हैं. कोई बॉलीवुड पार्टी हो या फिर घर में अपने दोस्तों के साथ मस्ती, हर जगह करीना ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है. प्रेग्नेंसी के दौरान करीना ने अपने बेबी बंप के साथ कई फोटोशूट कराए और यहां तक कि वह वह फैशन शो का भी हिस्सा रहीं. करीना अगस्त में हुए लैक्मे फैशन वीक में डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी के लिए रैंप पर उतरी थीं और उनके इस अंदाज को देख लोग हैरान थे, क्योंकि ऐसा शायद ही कभी पहले हुआ कि कोई एक्ट्रेस प्रेग्नेंसी के दौरान रैंप पर चली हों.
शायद करीना कपूर पहली ऐसी इंडियन एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान फिल्मों में काम किया. उन्होंने सोनम कपूर के साथ फिल्म 'वीरे दी वेडिंग' में काम किया है. करीना को पिछली बार फिल्म 'उड़ता पंजाब' में देखा गया था, जिसमें शाहिद कपूर, आलिया भट्ट और दिलजीत दोसांझ जैसे एक्टर भी थे.
करीना कपूर अभिनेता रणधीर कपूर और बबीता की बेटी हैं और राज कपूर की पोती हैं. वहीं, सैफ अली खान पूर्व क्रिकेटर मंसूर अली खान पटौदी और अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के बेटे हैं.
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उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परिक्षण पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने उदासीनता जाहिर करते हुए कहा कि "यह शॉर्ट रेंज मिसाइल थी और एक मानक सामग्री थी।" पियोंगयांग ने गुरूवार को दो कम मारक क्षमता की मिसाइल को दागा था और पांच दिनों में यह देश का दूसरा परिक्षण था।
उत्तर कोरिया ने गुरूवार को शाम 4:30 बजे अज्ञात मिसाइल को सिनो री क्षेत्र से पूर्वी दिशा की तरफ लॉच किया था, इन दोनों ने करीब 420 किलोमीटर और 270 किलोमीटर उड़ान भरी थी। इन परीक्षणों ने संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंधों का उल्लंघन किया है जिसके तहत उत्तर कोरिया के लिए बैलिस्टिक मिसाइल टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल प्रतिबंधित है।
उत्तर कोरिया ने 4 मई को ऐसी ही ड्रिल की थी जिसमे कई अज्ञात शार्ट रेंज प्रक्षेप्य को जापानी सागर की तरफ लॉच किया था। अमेरिका ने इसे मिसाइल और रॉकेट्स से सम्बंधित बताया था। साल 2017 के बाद उत्तर कोरिया का यह पहला परिक्षण था।
हनोई में आयोजित डोनाल्ड ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच दूसरी मुलाकात के बाद बातचीत ठप पड़ी हुई है। यह वार्ता बगैर किसी समझौते के रद्द हो गयी थी। दोनों पक्षों के बीच प्रतिबंधों से रिआयत को लेकर मतभेद बरक़रार थे। मिसाइल के परिक्षण के बाद डोनाल्ड ट्रम्प ने वार्ता के द्वार को दोबारा खोला है।
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जापान में अब तक के इतिहास में सबसे लंबे समय तक लगातार प्रधानमंत्री का पद संभालने वाले आबे की तबीयत खराब होती जा रही है। यही कारण है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से शुक्रवार को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। 2016 रियो ओलंपिक के समापन समारोह में 'सुपर मारियो' के रूप में काफी लोकप्रिय हुए आबे अब अगले साल 23 जुलाई से शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक में शायद प्रधानमंत्री की हैसियत से शिरकत नहीं करेंगे।
रियो में आबे ने जिस खुशमिजाज तरीके से लोगों को टोक्यो ओलंपिक का निमंत्रण दिया था वह पूरी दुनिया में प्रशंसकों के बीच काफी लोकप्रिय हुआ था। कोविड-19 महामारी के कारण इस साल के लिए प्रस्तावित इन खेलों को अगर टाला नहीं जाता तो आबे अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थामस बॉक के साथ इसके उद्घाटन समारोह में अति विशिष्ट लोगों के लिए बने स्थान पर बैठे होते।
आबे ने टोक्यो को मेजबानी दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी, 2013 में ब्यूनस आयर्स में जब इस शहर को मेजबानी मिलने की घोषणा हुई तो आबे वहां मौजूद थे। टोक्यो ने इस्तांबुल को पछाड़कर मेजबानी हासिल की थी। इस बीच कई सुनामी से परमाणु ऊर्जा केंद्र के क्षतिग्रस्त होने के साथ कई अन्य परेशानियां भी आयी लेकिन आबे हर बार आईओसी को समझाने में सफल रहे।
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Ranchi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यस्तता की वजह से रांची समेत देश के 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट की समीक्षा की तारीख 2 बार टल गई. इसे लेकर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) ने तैयारी कर रखी थी. 6 जुलाई को समीक्षा की तारीख प्रस्तावित थी. तैयारी के लिए दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम 2 जुलाई को रांची पहुंच गई और लाखों रुपये खर्च कर ड्रोन कैमरा समेत अन्य तकनीकी सेटअप लगाया. लेकिन प्रधानमंत्री की व्यस्तता के कारण डेट 2 दिन और बढ़ा दी गई. फिर विशेषज्ञों की टीम 8 जुलाई तक रुक गई. लेकिन पीएमओ से वह डेट भी कैंसल कर दिया गया. अब पीएम अपने ड्रीम प्रोजेक्ट की समीक्षा कब करेंगे ,इसकी निश्चित तारीख नहीं दी गई है.
गरीबों को रियायती दर पर फ्लैट उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत 1008 फ्लैट बनाए जा रहे हैं. रांची के धुर्वा इलाके में इन फ्लैटों का निर्माण हो रहा है. इससे पहले पीएम मोदी ने इस प्रोजेक्ट की ऑनलाइन समीक्षा 3 जुलाई 2021 को की थी. उस समय एक वर्ष के अंदर निर्माण कार्य पूरा कर लेने का दावा किया गया था. लेकिन अभी तक 50 फीसदी ही काम हुआ है. डीएमए ने दावा किया है कि दिसंबर 2022 तक प्रोजेक्ट को कंप्लीट कर लिया जाएगा.
लाइट हाउस में बन रहे 1008 फ्लैट का आवंटन 19 जुलाई को लॉटरी के जरिये होगा. रांची विश्वविद्यालय स्थित स्वर्ण जयंती दीक्षांत मंडप में सुबह 9 बजे लॉटरी का आयोजन होगा. रांची नगर निगम ने इस संबंध में सूचना जारी कर सभी आवेदकों से लॉटरी में उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है. मंगलवार को नगर निगम की ओर से सुयोग्य आवेदकों की सूची जारी कर दी गई है. लाइट हाउस में बन रहे फ्लैटों की कीमत 13 लाख 29 हजार है, जिसमें से 6लाख 79 हजार लाभुकों को देने होंगे. बाकी केंद्र और राज्य सरकार वहन करेगी.
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DEHRADUN: आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी में पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान क्0क्फ् स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई। समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल डॉ। कृष्ण कांत पॉल ने स्टूडेंट्स को डिग्री देकर सम्मानित किया। समारोह के दौरान क्ब् स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल से नवाजा गया।
यूनिवर्सिटी कैंपस में ऑर्गनाइज हुए पहले दीक्षांत समारोह को उत्तराखंड के राज्यपाल डॉ। केके पॉल ने लैंप लाइटिंग कर इनॉग्रेट किया। उन्होंने राष्ट्र निर्माण की दिशा में शिक्षण संस्थानों की भूमिका को अहम बताया। राज्यपाल ने कहा कि यूनिवर्सिटीज को रोजगार सृजन एवं कौशल विकास पर ध्यान देना चाहिए। कहा कि सभी संस्थानों को 'नेशनल नॉलेज नेटवर्क' से जुड़ते हुए सामाजिक कार्य योजनाओं में भागीदारी देने के लिए आस-पास के गांवों को गोद लेकर उन्हें विकसित किए जाने का आह्वान किया। विशिष्ट अतिथि राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ। गुरदीप सिंह ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा कि सीखने की प्रक्रिया जीवन भर चलती रहनी चाहिए। बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष अमित अग्रवाल ने सभी पासआउट हुए स्टूडेंट्स को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनएं दी।
समारोह में एमसीए के क्0ख्, एलएलएम के फ्7, एमबीए के ब्म्9, एमजेएमसी के ख्9, बीसीए के भ्फ्, एलएलबी ऑनर्स के क्9, बीबीए के क्भ्म्, बीकॉम ऑनर्स के 9म् और बीजेएमसी के भ्ख् स्टूडेंट्स सहित कुल क्0क्फ् स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गई। राज्यपाल ने सभी पदक विजेताओं को सम्मानित किया। इस दौरान बोर्ड ऑफ गवर्नर के चेयरमैन अमित अग्रवाल, चांसलर डा। एमपी जैन, कुलपति डा। आरके पांडेय आदि मौजूद रहे। रजिस्ट्रार बीबी पंत ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
एमसीए-रघुवीर सिंह सिनवाल और आरूषि कृषाली।
एलएलएम-नूरुल शाहबाज, अभय गोयल और नमिता पंत।
एमबीए-चारू चांदना और प्रिया शर्मा।
एमजेएमसी-रितु शर्मा और साक्षी तिवारी।
बीसीए-संदीप जखमोला।
एलएलबी ऑनर्स-विशाखा पुंडीर।
बीबीए-पूजा मेहरा।
बीकॉम ऑनर्स-सिमरन जल्होत्रा।
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खाना पुण्य है । कम खाना पुण्य तो श्रवश्य है, परन्तु खाने को कम मिलना क्या है? आपके सामने तीन चीजें हैंज्यादा खाना, कम खाना और कम खाने को मिलना । ज्यादा खाने के विषय में तो आपने कह दिया कि ग्रन्थकारो के कथनानुसार ज्यादा खाने वाला अगले जन्म में अजगर वनता है। और कम खाना धर्म माना जाता है। अपने यहाँ ऊनोदर तप माना गया है जो कि अनशन के बाद माता है, वह बडा उत्कृष्ट तप है । तपो मे एक के बाद दूसरा, और दूसरे के बाद तीसरा सूक्ष्म होता जाता है, अर्थात् - उत्तरोत्तर महत्त्वपूर्ण होता जाता है । एक आचार्य ने कहा है कि अनशन की तुलना में ऊनोदर तप विशेष महत्त्व रखता है । इसका क्या कारण है ? अनशन तप के समय बिल्कुल ही नही खाया जाता, खाने की तरफ ध्यान ही नही दिया जाता, परन्तु ऊनोदर में कम खाया जाता है। खाने के लिए बैठना और जब स्वादिष्ट मिष्टान्नो के खाने का आनन्द अनुभव हो तो भी प्रघूरा खाना मुश्किल होता है । भोजन करते समय भोजन के रस को बीच में ही छोड देना, भोजन बिल्कुल ही न करने की अपेक्षा अधिक त्यागवृत्ति माँगता है । यह एक बडा एव पवित्र परिवर्तन है, प्राध्यात्मिक क्रान्ति है । इस प्रकार का कम खाना हमारे यहाँ धर्म माना गया है ।
जन-धम में मनदशन मादि बारह तप माने गए हैं, उनमें ऊनोदर दूसरे नम्बर पर है। ऊनोदर का पथ है - जितनी भूख हो, उससे भी कुछ कम खाना । अर्थात्- पेट को थोडा खाली रखना ।
धन का महत्व
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परन्तु लाने को कम मिसना क्या है ? इसे पाप माना गया है। भारतीय संस्कृति कहती है कि कम सामा तो धर्म है किन्तु खाने की मात्रा कम मिलना पाप है। जिस देश के बयो बूडा महिसाभो और मौजवानो को खाना नही मिलता है उस देव की व्यवस्था करने वालो के लिए यह एक बडा गुनाह है। कम लाने की शिक्षा भय की गई है, पर खाना कम क्यों मिलना चाहिए ? जाने की मात्रा कम मिसना अपनी व्यवस्था को दोपपूर्ण सिद्ध करता है और अपने में एक पाप को प्रकट करना है। और यह पाप ऐसी बुराई है जो हमारी दूसरी बुराइयों को पैदा करती है,
इस विवेचन से यह स्पष्ट है कि धर्म को पुष्प की या सत्कर्म को हीरो औौर मोतियो से ठोलमा गलत बात है । पर दुआ तो इस बात का है कि गमत राहू को सही मान सिया गया है। पुष्प और पाप को जीवन की उपयोगिता
और उपयोगिताम्रो की पूरक मावस्यकताम्रो से सोममा चाहिए । बीवन की किसी भी अनिवार्य आवश्यकता पर पूर्ति ही पें-बबाहरात की विषमता से नही होती। चाँवी सोनेरोटियाँ भाकर मोतियो का बनाकर पर
हीरे का पानी' पीकर कोई अपने प्राणों की रक्षा मही कर समसा प्राणो की रक्षा तो केवल अन्त ही कर सकता है । अमीर हो मा गरीब दोनो को ही सम्म की सीधी-सभी ग्रह पर चलना होगा। सिर भीवन तो जीवन की ही राह पर मेवा । इस सम्बन्ध में एक प्राचार्य ने कहा है बिस्वा श्रीसि रत्नाति भवन पुजावितम् । पामाण-डे विजय" |
वीडियोः हापुड़ लिंचिंग मामले के पीड़ित परिवारों की कबीर अग्रवाल से बातचीत.
वीडियोः हापुड़ लिंचिंग मामले में कथित गोरक्षकों ने जहां कासिम नाम के एक व्यक्ति की निर्मम हत्या कर दी थी, वहीं बेरहमी से पीटकर मोहम्मद समीउद्दीन को अधमरा कर दिया गया था. एक महीने अस्पताल में रहने के बाद अब बाहर आए समीउद्दीन से कबीर अग्रवाल की बातचीत.
कथित गोरक्षकों और भीड़ द्वारा हो रही हिंसा के ख़िलाफ़ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि डर और अराजकता के माहौल से निपटना सरकार की ज़िम्मेदारी. नागरिक अपने आप में क़ानून नहीं बन सकते.
बीते दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मुस्लिम बुद्धिजीवियों से मिलने के बाद उर्दू अख़बार इंक़लाब ने राहुल गांधी का हवाला देते हुए 'हां, कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है' शीर्षक से ख़बर छापी. इसके बाद से प्रधानमंत्री समेत भाजपा नेताओं ने कांग्रेस के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया.
दिवंगत पत्रकार प्रभाष जोशी की जयंती पर भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी कहा कि आधार नई तकनीक है जो आपसे जुड़ी सारी जानकारी ले लेती है. किसी व्यक्ति की पहचान अब सिर्फ एक नंबर हो गया है.
12 जुलाई की रात जब कल्पेश याग्निक की मौत हुई तो इसका कारण दिल का दौरा बताया गया, लेकिन अब पुलिस आत्महत्या के एंगल को भी टटोल रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कल्पेश याग्निक की संदिग्ध आत्महत्या मामले की उचित जांच होगी.
कासगंज जिले में निज़ामपुर गांव के ठाकुरों ने धमकी दी थी कि अगर गांव में घोड़े पर बैठकर किसी दलित की बारात निकली, तो दोनों समुदायों में टकराव की स्थिति पैदा हो जाएगी.
उत्तर प्रदेश के हापुड़ में गोहत्या के शक में भीड़ द्वारा किए हमले में बुरी तरह घायल हुए समीउद्दीन को महीने भर बाद अस्पताल से छुट्टी मिली है. उनका कहना है कि वे मामले के चश्मदीद हैं, लेकिन पुलिस उनका बयान नहीं ले रही है.
संभल ज़िले के पाठकपुर गांव का मामला. पुलिस ने पांच में से तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया. लापरवाही बरतने को लेकर दारोगा समेत दो सिपाही लाइनहाज़िर.
दूध की कीमत में पांच रुपये की वृद्धि और इससे बनने वाले पाउडर को अनुदान देने की है मांग. कई जगहों में दूध के टैंकरों का आवागमन बाधित किया. विपक्ष ने समर्थन में किया सदन से बर्हिगमन.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम और मणिपुर के प्रमुख समाचार.
राज्य के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि 1 मार्च से 31 मई 2018 के बीच 639 किसानों ने आत्महत्या की है.
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर नेटफ्लिक्स की वेब सीरीज सेक्रेड गेम्स के ख़िलाफ़ एक और केस दर्ज किया गया है. दिल्ली उच्च न्यायालय में 16 जुलाई को होनी है सुनवाई. भाजपा ने कहा, वेब सीरीज़ से पार्टी का कोई संबंध नहीं.
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किंडरगार्टन संयुक्त प्रकार - किस प्रकार की संस्था?
3 साल से अधिक उम्र के अधिकांश बच्चेकिंडरगार्टन जाने के लिए तैयार हो रही है। यह बच्चों और खुद के माता-पिता दोनों के लिए एक बहुत ही रोमांचक क्षण है। दस्तावेजों को पूरा करना, उनमें से कुछ संस्थान के पूर्ण नाम पर ध्यान देते हैं - संयुक्त प्रकार का एक बाल विहार। शब्द क्या है, हर कोई नहीं जानता, और इस अलार्म से केवल बढ़ता है। आइए इस तरह के किंडरगार्टन की विशेषताएं क्या हैं, यह जानने का प्रयास करें।
किंडरगार्टन और उनकी गतिविधियों के प्रकार निर्धारित हैंडीओई पर मॉडल की स्थिति को मंजूरी देने का आदेश। यह दस्तावेज राज्य और नगर पालिका पूर्व स्कूल संस्थानों के प्रशासन के लिए अनिवार्य है। कई निजी उद्यानों के लिए, यह एक उदाहरण के रूप में कार्य करता है। आदेश निम्नलिखित प्रकार के पूर्वस्कूली संस्थानों को परिभाषित करता हैः
- सामान्य विकास फार्म;
- क्षतिपूर्ति प्रकार;
- विकास केंद्र;
संयुक्त प्रकार।
इन बगीचों में से प्रत्येक के पास काम की अपनी विशिष्टता है,जो आपको विभिन्न प्रकार के बच्चों के लिए आरामदायक रहने की अनुमति देता है, जिनमें विकास संबंधी विशेषताओं, इसकी देरी, विकलांग बच्चों के साथ शामिल हैं।
किंडरगार्टन संयुक्त प्रकार - यह क्या है?
इस प्रकार के पूर्वस्कूली में शामिल हैंविभिन्न दिशाओं के कई समूह। अधिकांश बागों के लिए आम के साथ, सामान्य विकास में इसमें क्षतिपूर्ति या मनोरंजक प्रजातियों के समूह शामिल हैं। यह सभी बच्चों को एक दूसरे के विशेषताओं को देखने और पहचानने के लिए एक साथ सीखने की अनुमति देता है। ऐसा माना जाता है कि विकासशील विशेषताओं वाले बच्चे अपने पर्यावरण के अनुकूल होते हैं यदि उन्हें नियमित रूप से अपने पूरी तरह स्वस्थ सहकर्मियों को देखने का मौका मिलता है।
किंडरगार्टन "संयुक्त प्रकार के किंडरगार्टन" में शामिल हैंबहुत अलग दिशाओं के समूह। यह सभी तीन विशेषज्ञताओं का संयोजन हो सकता हैः सामान्य विकास, क्षतिपूर्ति और स्वास्थ्य में सुधार, और उनमें से केवल दो, उदाहरण के लिए, सामान्य विकास और क्षतिपूर्ति। एक संयुक्त प्रकार के बगीचे में इसकी संरचना में एक भाषण चिकित्सा समूह हो सकता है, जिसमें भाषण दोष वाले बच्चे होंगे। ऐसे संस्थानों में अक्सर मानसिक और शारीरिक दोनों विकासशील देरी वाले बच्चों के लिए समूह होते हैं। कुछ बगीचों में मस्कुलस्केलेटल सिस्टम के रोगों के साथ बच्चों को पढ़ाने के लिए एक भौतिक और तकनीकी आधार है।
एक दस्तावेज़ है जो गाइड करता हैएक संयुक्त प्रकार किंडरगार्टन सहित प्रत्येक प्रीस्कूल संस्थान। यह क्या है यह एक शैक्षिक कार्यक्रम है जिसे बाल विहार द्वारा विकसित और अनुमोदित किया जाता है। हालांकि, इसे कुछ संघीय मानकों का पालन करना होगा। ऐसे कार्यक्रम में निर्धारित किया जाता हैः
- शिक्षण विधियां;
- प्रीस्कूलर की शिक्षा और विकास के लिए जरूरी धन;
- सीधे प्रशिक्षण कार्यक्रम।
किंडरगार्टन "संयुक्त प्रकार के बाल विहार" चाहिएऐसे कार्यक्रम को लागू करने के लिए सभी आवश्यक उपकरण हैं। उदाहरण के लिए, एक ऐसे संस्थान में जहां भाषण विकार वाले बच्चों के लिए समूह हैं, भाषण चिकित्सक, रोगविज्ञानी, और शिक्षक कर्मचारियों में उपस्थित होना चाहिए। मानसिक मंदता वाले बच्चों को मनोवैज्ञानिकों की मदद की आवश्यकता होती है। विभिन्न विशिष्टताओं के डॉक्टर आमतौर पर कर्मचारियों को भी संदर्भित करते हैं, जिनके बिना संयुक्त प्रकार का किंडरगार्टन काम नहीं कर सकता है। यह किस प्रकार के विशेषज्ञ सुधार समूहों के अभिविन्यास पर निर्भर करेगा।
संयुक्त प्रकार का एक बगीचा क्या है, और इसमें कैसे हैबच्चों को ले लो? विद्यार्थियों के साथ ऐसी संस्था की भर्ती संघीय आदेश के आधार पर भी होती है। जिस उम्र में टोडलर संयुक्त प्रकार के किंडरगार्टन में जा सकते हैं, वह विशेष संस्थान की सामग्री और तकनीकी क्षमताओं पर निर्भर करता है। अक्सर, बच्चे 3 साल तक पहुंचने पर प्रीस्कूल जाते हैं। सामान्य विकास समूह में, बच्चों को रिक्त स्थान के लिए कतार में उपयुक्त आयु और संख्या प्राप्त करने के आधार पर स्वीकार किया जाता है। एक सुधार समूह में नामांकन के लिए, कुछ विशेषज्ञों की राय - एक मनोवैज्ञानिक, रोगविज्ञानी, एक न्यूरोलॉजिस्ट या सर्जन भी आवश्यक है। विशेषज्ञ की सूची समूह के ध्यान और बच्चे की स्वास्थ्य विशेषताओं के आधार पर निर्धारित की जाती है। संयुक्त प्रकार के विद्यार्थियों के साथ एक किंडरगार्टन को पूरा करने में एक और विशेषता है। आम तौर पर बच्चे घर के बगल में स्थित पूर्वस्कूली को देने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन संयुक्त प्रकार के किंडरगार्टन सामान्य नहीं हैं, उदाहरण के लिए, सामान्य विकासशील के रूप में। इसलिए, शहर के दूसरे क्षेत्र में रहने वाले बच्चे अक्सर इस तरह के संस्थान में समाप्त होते हैं।
जिस तरह से बच्चे अपना समय बिताएंगेसंयुक्त प्रकार के किंडरगार्टन संस्थान में और क्षतिपूर्ति समूहों के विनिर्देशों पर अनुमोदित शैक्षणिक कार्यक्रम दोनों पर निर्भर करता है। निः शुल्क खेल, चलने, सोते हुए गतिविधियों के सामान्य विकास संस्थानों के मानक के अलावा, ऐसे किंडरगार्टन में विशेषज्ञों के साथ बच्चों की उपचारात्मक गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। वे भाषण चिकित्सा खेलों, फिजियोथेरेपी अभ्यास, ठीक मोटर कौशल के विकास और बच्चे के स्वास्थ्य के लिए लाभ के साथ समय बिताने के कई अन्य तरीकों का अभ्यास करते हैं।
ज्यादातर माता-पिता पता लगाते हैं कि एक बगीचा क्या है।संयुक्त रूप, वे समझते हैं कि इस संस्थान में इतने सारे कर्मचारी क्यों हैं। शिक्षकों और उनके सहायकों के अलावा, जो एक सामान्य उद्यान के कर्मचारियों का आधार बनाते हैं, इसमें शिक्षकों और संकीर्ण विशेषज्ञता के डॉक्टर शामिल हैं। इस बीच, वे अन्य डीओयू कर्मचारियों के समान आवश्यकताओं के अधीन हैंः
- उच्च या विशिष्ट माध्यमिक शिक्षा पर एक राज्य दस्तावेज की उपस्थिति।
- अदालत के आदेश के आधार पर शिक्षण गतिविधियों में शामिल होने के अवसर के वंचित होने की कमी।
- कुछ प्रकार के अपराधों के लिए कोई दृढ़ विश्वास नहीं।
- कानून द्वारा निर्धारित तरीके से पूर्ण कानूनी क्षमता।
- प्राधिकृत स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित बीमारियों की एक विशिष्ट सूची की अनुपस्थिति का संकेत देने वाले दस्तावेजों का प्रावधान।
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रिपोर्ट के मुताबिक सहजनवां थाना क्षेत्र के पास वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस ने दोनों बदमाशों को गिरफ्तार किया. मामले का खुलासा करते हुये एसपी नॉर्थ रोहित सजवाण ने बताया है कि दोनों बदमाशों की शिनाख्त क्रमशः सुधीर सैनी और चूड़ामणि पाठक के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि बीते माह सेक्टर-22 स्थित आटीआई में एक महिला से दोनों बदमाशों ने ही 70 हजार छीनकर फरार हो गए थे.
एसएसपी ने बताया कि महिला की तहरीर के बाद पुलिस की टीम को लूट के खुलासे के लिए लगाया गया था और शुरूआती जांच में लूट की घटना में सुधीर सैनी, जय दूबे और धर्मवीर का नाम प्रकाश में आया थ. ऐसे में पुलिस ने चारों बदमाशों की गिरफ्तारी को लेकर जाल बिछाया था.
पुलिस के मुताबिक सहजनावां पुलिस को सूचना मिली थी कि गीडा इलाके में दो बाइक पर चार लोग किसी वारदात के फिराक में घूम रहे हैं. मौके पर पहुंची पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो बाइक सवार बदमाश भागने लगे, लेकिन मुस्तैदी दिखाते हुए पुलिस ने एक बाइक समेत दो बदमाशों को मौके से गिरफ्तार किया था जबकि अन्य भाग निकले.
एसपी नॉर्थ ने बताया कि गिरफ्त में आए दोनों बदमाशों के पास से महिला से लूटे गए फीस के पैसों समेत एक बाइक भी बरामद किया है. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार शातिर अपराधी चूड़ामणि पाठक पर बांसगांव थाने में पहले से दर्ज एक मुकदमा है.
(रिपोर्ट-अनिल सिंह, गोरखपुर)
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Rashmika Mandanna Dance With Govinda: साउथ की लोकप्रिय एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) की फैन फॉलोइंग हिन्दी दर्शकों में भी काफी हो गई है. रश्मिका जल्द ही फिल्म 'गुडबाय (Good Bye)' से बॉलीवुड में कदम रख रही है. फिल्म के प्रमोशन के लिए एक्ट्रेस DID सुपर मॉम्स (DID Super Moms)' में नजर आई. इन दौरान एक्ट्रेस ने गाने सामी-सामी पर डांस भी किया.
रश्मिका मंदाना अपनी पहली बॉलीवुड फिल्म 'गुडबाय' के प्रमोशन में जोर-शोर से लगी है. एक्ट्रेस 'DID सुपर मॉम्स' के स्टेज पर अपनी फिल्म पुष्पा के गाने सामी-सामी पर जमकर थिरकी. इस दौरान उनके साथ बॉलीवुड एक्टर गोविंदा भी नजर आए. दोनों ने साथ में अपने डांस से आग लगा दिया. दोनों को ये अंदाज आपको बेहद पसन्द आएगा.
जी टीवी ने अपने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो में रश्मिका मंदाना एथनिक लुक में काफी खूबसूरत लग रही है. जबकि गोविंदा सूट-बूट में डैशिंग लग रहे है. इसके अलावा एक्ट्रेस ने कोरियोग्राफर रेमो डिसूजा के साथ भी डांस किया था. दोनों ने मिलकर श्रीवल्ली गाने पर हूक स्टेप किया. वीडियो तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रही है.
फिल्म 'गुडबाय' कब हो रही रिलीज?
फिल्म 'गुडबाय' में रश्मिका मंदाना सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और अभिनेत्री नीना गुप्ता के साथ स्क्रीन शेयर कर रही है. फिल्म 7 अक्टूबर, 2022 को रिलीज होगी. ये एक पारिवारिक फिल्म है और ये विकास बहल निर्देशित है. इसके अलावा रश्मिका एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ फिल्म मिशन मजनू में काम कर रही है. वहीं, एक्ट्रेस पुष्पा फ्रेंचाइजी के दूसरे पार्ट में भी है. इस मूवी का फैंस काफी बेताबी से इंतजार कर रहे है. बता दें कि पुष्पा का पहला पार्ट सुपरहिट रहा था. इसने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचा दिया था.
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
चमेली चमेली (Jasmine) का फूल झाड़ी या बेल जाति से संबंधित है, इसकी लगभग २०० प्रजाति पाई जती हैं। "चमेली" नाम पारसी शब्द "यासमीन" से बना है, जिसका मतलब "प्रभु की देन" है। चमेली, जैस्मिनम (Jasminum) प्रजाति के ओलिएसिई (Oleaceae) कुल का फूल है। भारत से यह पौधा अरब के मूर लोगों द्वारा उत्तर अफ्रीका, स्पेन और फ्रांस पहुँचा। इस प्रजाति की लगभग 40 जातियाँ और 100 किस्में भारत में अपने नैसर्गिक रूप में उपलब्ध हैं। जिनमें से निम्नलिखित प्रमुख और आर्थिक महत्व की हैंः 1. मोगरा मोगरा (वानस्पतिक नामः Jasminum sambac) एक फूल देने वाला पौधा है जो दक्षिण एशिया तथा दक्षिण-पूर्व एशिया का देशज है। यह फिलिपिंस का राष्ट्रीय पुष्प है। इसे संस्कृत में 'मालती' तथा 'मल्लिका' कहते हैं। मोगरा एक भारतीय पुष्प है। मोगरे का लैटिन नाम जेसमिनम सेमलेक है। मोगरे का फूल बहुत सुगन्धित होता है। मोगरा के फूल से सुगन्धित फूलों की माला और गजरे तैयार किये व पहने जाते हैं। रंग मोगरे के फूल का रंग सफ़ेद रंग का होता है। स्वभाव मोगरा के फूलों की प्रकृति गर्म होती हैं। मोगरे का विवरण दिल्ली सहित अजमेर, जयपुर, कोटा, बीकानेर आदि में टोंक के मोगरे के फूल व मालाएँ पसंद की जाती है। मोगरे के फ़ायदे .
चमेली और मोगरा आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
चमेली 12 संबंध है और मोगरा 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (12 + 3)।
यह लेख चमेली और मोगरा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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THE GAZETTE OF INDIA: JULY 19, 1969/ASADHA 28, 1891. [PART HI
गृह मंत्रालय
नई दिल्ली, 25 जून 1969
संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारत सरकार के गृह मंत्रालय की अधिसूचना संख्या 14/17/60-एवीडी, दिनांक अप्रैल 9, 1960 को निष्प्रभावित करते हुए राष्ट्रपति, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो को तृतीय श्रेणी के लिपिक वर्गीय पदों की नियुक्ति प्रणाली को विनियमित करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाते हैं
1. संक्षिप्त नाम तथा प्रारम्भ : ( 1 ) ये नियम केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ( तृतीय श्रेणी पद ) भर्ती नियम, 1969 कहे जायेंगे ।
( 2 ) ये सरकारी राजपत्र में प्रकाशित होने की तारीख से लागू होंगे ।
2. प्रयोज्यता : ये नियम केन्द्रीय प्रन्वेषण ब्यूरो के मुख्य कार्यालय एवं शाखा कार्यालयों के उन तृतीय श्रेणी लिपिक वर्गीय पदों पर लागू होंगे जिन्हें संलग्न अनुसूची के स्तम्भ 1 में निर्दिष्ट किया गया है ।
3. संख्या, वर्गीकररण, वेतन-मान, नियुक्ति प्रणालो, वय- सोमा एवं अन्य अर्हताएं : पदों की संख्या, उनका वर्गीकरण, उनका वेतन-मान, नियुक्ति प्रणाली, वय - सीमा, श्रर्हताएं एवं उन से सम्बन्धित अन्य बातें उक्त्त अनुसूची के स्तम्भ 2 --13 के अनुसार होंगी :
परन्तु उक्त अनुसूची के स्तम्भ 6 में विनिर्दिष्ट उच्च वय-सीमा में केन्द्रीय सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए सामान्य प्रदेशों के अनुसार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित श्रादिम जातियों या अन्य विशेष वर्गों के लोगों के लिए ढील दी जा सकती है ।
4. मनताएंः (क) जिस व्यक्ति को एक से अधिक पत्नी जीवित हों, या जो एक पत्नी के रहते हुए किसी ऐसी स्थिति में विवाह करता है जिस से पत्नी के जीवित रहने से विवाह श्रवैध हो जाए, वह उक्त किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगा, तथा
(ख) जिसका विवाह ऐसे व्यक्ति से हुआ हो जिसकी एक पत्नी जीवित होने के कारण यह विवाह अवैध हो गया है, या जिस ने ऐसे व्यक्ति से विवाह किया हो जिसकी एक पत्नी जीवित हो, यह उक्त किसी भी पद पर नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होगी ।
परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार संतुष्ट हो जाए कि किसी व्यक्ति को इस नियम से छूट देने लिए विशेष कारण हैं, यह इस नियम के लागू होने से उस को छूट देने को आदेश दे सकती है।
Soc. 3 (i)] THE GAZETTE OF INDIA: JULY 19, 1969/ASADHA 28, 1891
5. ढोल देने की शक्ति : जहां केन्द्रीय सरकार का यह मत हो कि व्यक्तियों की किसी श्रेणी या किसी वर्ग के सम्बन्ध में इन नियमों के किसी उपबन्ध में छूट देनी आवश्यक या समायोजित है, तो यह आदेश द्वारा लिखित रूप में कारण बता कर ऐसा कर सकती है । |
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{"smallUrl":"https:\/\/www7पैन में बेटर को डालें और इसे ओवन में रखेंः 75 मिनट तक पकाएं और समय-समय पर चेक करते रहें । कुछ ओवन असामान्य रूप से या बहुत जल्दी भी पका देते हैं, अगर आपके ओवन पर भी यह बात लागू होती हो तो नज़र रखें!
सादा पाउंड केक (Simple Pound Cake)
{"smallUrl":"https:\/\/www2मक्खन को चमचे से तब तक मलें जब तक वह मलाईदार और चिकना न हो जाएः चीनी डालें और बैटर को थोड़ा और क्रीम दें। यह अब एक दानेदार कंसिस्टेंसी का होना चाहिए।
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- अगर बटर कठोर हो तो इसे थोड़ी देर गर्म कमरे में रखें । इससे यह आसानी से नापने लायक और क्रीमी हो जायेगा । अगर आपके पास इसके लिए समय नहीं है तो माइक्रोवेव में 10 सेकंड के लिए इसे गर्म करें। इससे ज्यादा देर के लिए नहीं!
- एक हल्का और अधिक नर्म केक बनाने के लिए, पेस्ट्री के आटे में ब्रेड के आटे की अपेक्षा अधिक स्टार्च और कम ग्लूटेन (gluten) पाया जाता है ।[३] X रिसर्च सोर्स Herbst, Sharon Tyler & Herbst, Ron. Food Lover's Companion. New York: Barron's Education Series, 2007.
- ↑ Farmer, Fannie Merritt. The Boston Cooking-School Cook Book. Boston: Little, Brown, 1918; Bartleby.com, 2000.
- ↑ Herbst, Sharon Tyler & Herbst, Ron. Food Lover's Companion. New York: Barron's Education Series, 2007.
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नेजा नृत्य राजस्थान के प्रसिद्ध लोक नृत्यों में से एक है। यह नृत्य प्रसिद्ध हिन्दू त्योहार 'होली' के तीसरे दिन किया जाता है।
- इस नृत्य को भील व मीणा जाति के लोग मिलकर करते हैं ।
- राजस्थान के डूँगरपुर, उदयपुर, पाली व सिरोही क्षेत्र में नेजा नृत्य अधिक प्रचलित है।
- यह भीलों का एक खेल नृत्य है।
- होली के तीसरे दिन खम्भे को भूमि में रोपकर उसके ऊपरी सिरे पर नारियल रखकर इस नृत्य को किया जाता है।
- खम्बे से नारियल उतारने वाले पुरुष को घेरकर खड़ी स्त्रियाँ छड़ियों व कोड़ों से पीटती हैं।
- इस नृत्य के अवसर पर ढोल पर पगाल्या लेना नामक थाप दी जाती है।
- नेजा नृत्य मेवाड़ क्षेत्र में किया जाता है।
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लखनऊ. थाना सहादतगंज क्षेत्र की अम्बरगंज चौकी में महिला का हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. महिला का पागलपन का यह ड्रामा रविवार की रात तक चौकी में जारी रहा है. महिला द्वारा युवक को बंधक आरोप लगाते हुए युवक के पिता ने कोर्ट में एप्लिकेशन डाला था, जिसकी की जांच के लिए चौकी प्रभारी अम्बरगंज ने महिला व युवक को चौकी बुलाया.
पुलिस चौकी पर महिला ने जमकर ऑन डियूटी पुलिस कर्मियों से बत्तमीजी व गाली गलौज की. महिला ने पुलिस से दबंगई दिखाते हुए दरोगा की पिस्टल छीनने का भी प्रयास किया. महिला अपने को बचाने के लिए जमकर चौकी पर हंगामा किया. महिला द्वारा बंधक बनाए गए युवक का भी कहना है कि महिला मारपीट करती है. वीडियो में साफ तौर पर महिला की गुंडई कैद हो गई है. महिला अपने साथ आए युवक से शादी करना चाहती है.
युवक का कहना है कि महिला उसे बंधुआ मजदूर बनाकर रखना चाहती है. इसलिये वो इससे शादी नहीं करना चाहता है. इस वायरल वीडियो में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि महिला किस स्तर की चौकी में पुलिस के सामने गुंडई कर रही है.
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जिले में कोरोना संक्रमण का असर अब ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ने लगा है। अप्रैल में कुल संक्रमितों में से करीब चार हजार मामले ग्रामीण इलाकों में सामने आए हैं। सिकराय व दौसा ग्रामीण में संक्रमण तेजी से बढ़ा है। हाल ये हैं कि जिले के प्रत्येक ब्लॉक में 700 से अधिक पाॅजिटिव केस आ चुके हैं तथा सर्वाधिक 22 मौत भी जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ही हुई है। वर्ष 2020-21 में अप्रैल में अब सबसे अधिक 3964 संक्रमित आने के साथ एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत भी ग्रामीण क्षेत्रों में ही हुई है।
ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा 908 संक्रमित सिकराय क्षेत्र में मिले हैं। दूसरे नंबर पर दौसा ग्रामीण है। यहां अप्रैल में 821 कोरोना संक्रमित मिले हैं। तीसरे नंबर पर लालसोट क्षेत्र है। यहां 750 संक्रमित मिले हैं। इसके साथ ही 716 केस के साथ बांदीकुई चैथे नंबर पर व महवा ब्लाॅक में 703 केस हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सभी ब्लॉक को मिलाकर कुल 3,898 संक्रमित मिले हैं। इनकी हिस्सेदारी करीब 78 फीसदी से अधिक है।
जिले में वर्ष 2021 में जनवरी माह में 32, फरवरी में 5, मार्च में 21 व अप्रैल में 3964 पाॅजिटिव केस आए। जिनमें से 2734 संक्रमित रिकवर हो चुके हैं। जिले में 29 अप्रैल तक 2255 कुल एक्टिव केस मौजूद हैं तथा 4126 संक्रमित रिकवर हो चुके हैं। रिकवरी दर भी 64. 29 पहुंच गई है।
चिकित्सा विभाग की टीम जिले भर से अब तक एक लाख दो हजार 293 सैंपल ले चुकी है। जिले में पिछले सात दिनों में 1997 पाॅजिटिव केस सामने आए हैं। जिनमें से 1435 लोग रिकवर होने के साथ ही 85 मरीज को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्र में पिछले दिनों संक्रमण बढ़ने की सबसे बड़ी वजह तो आमजन की लापरवाही है। गांवों में शादी समारोह व सामूहिक आयोजनों के साथ-साथ सब्जी मंडी व दुकानों आदि पर मास्क व दो गज दूरी की पालना नहीं होना सबसे बड़ा कारण है। इसके साथ ही दूसरे राज्यों से लौटकर आए लोग भी संक्रमण स्प्रेडर साबित हुए। ऐसे में लोगों के एक-दूसरे के संपर्क में आने से कोरोना संक्रमण को बढ़ने का मौका मिला।
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मुल्जिम राजेंद्र ने बताया है कि उसने बड़ी संख्या में अन्य पेट्रोल पंपों पर भी घटतौली करने के लिए चिप लगाया है। जिनका नाम व पता उसे नहीं मालुम है। लेकिन वहां पहुंचने के रास्ते से वह भलीभांति परिचित है।
लखनऊः एसीजेएम रितीश सचदेवा ने पेट्रोल पंपो पर चिप लगाने के आरोप में गिरफ्तार मुल्जिम राजेंद्र को आठ दिन के लिए पुलिस की कस्टडी में सौंपने का आदेश दिया है। उन्होंने यह आदेश इस मामले के विवेचक व थाना हसनगंज के एसआई एसके तिवारी की अर्जी पर दिया है।
अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार मिश्र व विनोद कुमार पांडेय ने इस अर्जी पर बहस की। इनका कहना था कि मुल्जिम राजेंद्र ने बताया है कि उसने बड़ी संख्या में अन्य पेट्रोल पंपों पर भी घटतौली करने के लिए चिप लगाया है। जिनका नाम व पता उसे नहीं मालूम है। लेकिन वहां पहुंचने के रास्ते से वह भलीभांति परिचित है।
मुल्जिम ने यह भी बताया है कि उसने अलग अलग मशीनों में अलग अलग चिप लगाए हैं। कुछ चिप इतने छोटे हैं कि सामान्य आदमी उसे पहचान नहीं सकता। उनका कहना था कि राजेंद्र की मदद से ही उन पेट्रोल पंपो का पता ठिकाना मालूम किया जा सकता है। लिहाजा उसे 14 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में सौंपा जाए। पुलिस कस्टडी रिमांड की यह अवधि 30 अप्रैल की सुबह 9 बजे से शुरु होगी।
अदालत ने समस्त तथ्यों व परिस्थितियों के मद्देनजर मुल्जिम राजेंद्र को 8 दिन के लिए पुलिस हिरासत में सौंपने का आदेश दिया। अदालत ने इससे पूर्व घटतौली के इस मामले में गिरफ्तार सभी 23 मुल्जिमों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
बीते शुक्रवार को राजधानी पुलिस ने इन सभी मुल्जिमों को थाना वजीरगंज, हसनगंज, चिनहट, गोमतीनगर व कैंट इलाके के पेट्रोल पंपो पर छापा मारकर गिरफ्तार किया था। मुल्जिमों के खिलाफ धोखाधड़ी के साथ ही बाट-माप व आवश्यक वस्तु अधिनियम की धाराओं में भी मुकदमा कायम किया गया है।
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द्वितीय तर
अर्थ - हे सकल लोक के प्रकाशक ! हे प्रभो ! हे राग का विजय करने वाले ! हे जिनेश ! हे दयानिधे ! मेरे मन से मोह रूप अन्धकार को दूर कीजिये तथा कृपा करके हम सब को शीघ्र ही शान्ति-सुस दौनिये ॥ ८ ॥
२-नव तत्त्व निरूपणम् ।
पः कर्ता सर्व कार्याणां भोक्ता कर्मफलस्य च । व्यवहारनपेनासौ, जीवः प्रोक्तो जिनागमे ॥१॥
अर्थ - जो सच कार्यों का करने वाला है तथा कर्म फल का भोगने वाजा है; उसको व्यवहार नय के द्वारा जैन भागम में जीव कहा है ॥ १ ॥
निश्चयं नय माश्रित्य जीव लक्षण मुच्यते । ज्ञान दर्शन धारित्र निजगुण विधायकः ॥२॥ भोक्ता चाभिमतोजीवः, यदा तल्लक्षणं त्विदम् । सुख दुःख परिज्ञानोपयोगेनावृतस्तु यः ॥३॥ घेतनः प्राणधर्त्ताच, जीवोऽसौ प्रकीर्तितः ॥ आयतस्वस्थ जीवस्य लक्षणं सम्मकीर्तितम् ॥४॥
१०- दमाम । १० प्रकार --भोगने बाडा कोपरकरनेवाला ।
( विभिर्विशेषकम् )
अर्थ - अव निश्चय नय के अनुसार जीव का लक्षण कहा जाता है जो ज्ञान, दर्शन और चारित्र रूप अपने गुणों का कर्ता है और उनका भोका है यह जीव माना गया है, अथवा जीव का यह लक्षण है कि जो मुख, दुःख, ज्ञान और उपयोग से युक्त है, घेवन तथा प्राणधारक है उसे जीव कहते हैं, यह पहिले सत्य जीव का लक्षय कह दिया गया ॥ २ ॥ ३ ॥ ४॥
। नेवाला |
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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लीजिये बिग बॉस 13 की कंटेस्टेंट रहीं हिमांशी खुराना (Himanshi Khurana) लेटेस्ट म्यूजिक वीडियो 'Ohdi Shreaam' आज रिलीज हो गया है।
पंजाबी की एक्ट्रेस और मॉडल हिमांशी खुराना (Himanshi Khurana) ने हाल ही में अपने ट्विटर अकाउंट पर फैंस के बीच अपने नए म्यूजिक वीडियो 'Ohdi Shreaam' का लिंक शेयर कर दिया है। इस वीडियो में हिमांशी खुराना बेहद खूबसूरत और बोल्ड अंदाज में दिखाई दे रही हैं। यूट्यूब रिलीज हुए इस गाने को बस कुछ ही समय हुआ और गाने को 31 हज़ार से भी ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। इस गाने को खुद हिमांशी खुराना ने गया है और इसका म्यूजिक जस्सी एक्स ने दिया है। हाल ही में हिमांशी खुराना बिग बॉस 13 के घर में दाखिल हुई थीं लेकिन कम वोट मिलने के कारण उन्हें घर से बेघर कर दिया गया था।
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PATNA : बिहार ताइक्वांडो संघ की तरफ से ताइक्वांडो समर कोचिंग कैंप सभी स्टेट में सोमवार से शुरू की गई है। यह समर कैंप कोचिंग कैंप सभी स्टेट में क्9 जून तक चलेगी। पटना जिला में लिट्रा प्राइमरी स्कूल पाटलिपुत्रा में फ्री समर कोचिंग कैंप लगाया गया। इस समर कैंप की देख रेख मास्टर धमेंद्र कुमार के नेतृत्व में हो रहा है। बिहार ताईक्वाण्डो संघ के महासचिव अजय कुमार ने कैंप के सारे बच्चों को अपनी शुभकामनाएं और प्रोत्साहन प्रदान किया है।
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बताया जा रहा है कि जेल की बाथरूम में गिरने की वजह से तंजीम फातिमा को चोट लगी है. जेल प्रशासन के मुताबिक उनका इलाज कराकर वापस महिला बैरिक में भेजा गया. फिलहाल उनकी हालत में सुधार है.
यूपी की सीतापुर जेल में बंद आजम खान (Azam Khan) की पत्नी तंजीम फातिमा (Tazeen Fatma) गिरने से घायल हो गई हैं. उनके हाथ में गंभीर चोट आई है. साथ ही मैंट फ्रेक्चर की वजह से हाथ में प्लास्टर चढ़ााया गया है.
बताया जा रहा है कि जेल की बाथरूम में गिरने की वजह से तंजीम फातिमा को चोट लगी है. बता दें कि आजम खान और उनकी पत्नी तंजीम फातिमा सीतापुर जेल में बंद हैं. जिला कारागार के अधिकारियों की निगरानी में उनका इलाज किया गया. जेल प्रशासन के मुताबिक उनका इलाज कराकर वापस महिला बैरिक में भेजा गया. फिलहाल उनकी हालत में सुधार है.
हाल ही में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वरिष्ठ सपा नेता आजम खान और उनके परिवार को रमजान के महीने में जेल से रिहा करने की अपील की थी. इसके लिए अखिलेश ने आजम की खराब सेहत का हवाला भी दिया था.
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जनज्वार। सबसे पहले दुनिया में जब चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस फैला। तब हमारे देश का गोदी मीडिया लगातार चीन की खबरें दिखा रहा था लेकिन उसने भारत में सजग रहने के लिए भारत सरकार को नहीं जगाया। भारत में 30 जनवरी को कोरोनावायरस का पहला मामला आता है लेकिन इसके बाद भी सरकार कोई सुध नहीं लेती है। कोरोनावायरस को तो आसानी से काबू किया जा सकता था। लेकिन तब भी रैलियां करने में सरकार व्यस्त थी और आज भी कोरोनावायरस काल में रैलियां की जा रही है।
जैसे ही भारत में कोरोनावायरस का पहला मामला आया था तभी यातायात को बंद कर देना चाहिए था जितने लोग बाहर से अपने घर लौटते सभी को क्वॉरेंटाइन किया जाना चाहिए था । और प्रत्येक व्यक्ति की जांच की जानी चाहिए थी जिस व्यक्ति में कोरोनावायरस के लक्षण पाए जाते उसका इलाज किया जाता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ लोग विदेश से कोरोनावायरस लाते रहे और बिना जांच कराए अपने घरों में चले गए।
सबसे बड़ी कमी सरकार ने यह की थी कि कोरोनावायरस का पहला मामला आने के बाद भी यातायात पर कोई भी जांच नहीं की गई। जब भारत में कोरोनावायरस के मामले बढ़े तब विदेश से आए हुए यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की गई लेकिन थर्मल स्क्रीनिंग से केबल ताप पता लगाया जा सकता है कोरोनावायरस नहीं।
इधर भारत की जनता को घर में रहने की सलाह दी जा रही थी और पूरे देश में लॉक डाउन किया गया और उधर ज्योतिराज सिंधिया को अपने पाले में लेकर कोरोनावायरस काल में सरकार बना ली। यानी मतलब साफ है किस सरकार को कोरोनावायरस की कोई भी चिंता नहीं थी वह अपनी सरकार बनाने में पहले भी व्यस्त थी और आज भी व्यस्त है।
राहुल गांधी ने कोरोनावायरस को लेकर 12 फरवरी को एक ट्वीट किया लेकिन ट्वीट में भक्तों ने राहुल गांधी का मजाक उड़ाया। लेकिन नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम नहीं रुका। अगर मोदी सरकार उस वक्त विदेश से आने वाले यात्रियों को क्वॉरेंटाइन करके जांच कर लेती और हवाई यात्रा बंद कर देती आज भारत में कोरोनावायरस के कितने मामले में नहीं होते।
जिस वक्त गुजरात में नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम हुआ था उस वक्त सरकार इस कार्यक्रम को निरस्त कर देती तो आज देश में कोरोना वायरस इतना नहीं फैलता जोकि कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या ढाई लाख पार कर चुकी है और अब यह मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अब स्थिति यह है कि भारत में जांच भी कम हो रही है और कोरोनावायरस के मामले भी 10000 के ऊपर हर रोज आ रहे हैं। लेकिन फिर भी सरकार रैलियां कर रही है।
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था । अर्थात अपने पूर्वजो का पखवारा । क्योकि चन्द्रमा इस कक्ष मे उस समय प्रवेश करता है। जब नवचन्द्र का समय समीप रहता है वे अपने पूर्वजो के नाम पर इस पखवारे मे भिक्षुओ को भिक्षा प्रदान करते है। यह त्योहार आज भी परम्परागत तरीके से मनाया जाता है ।
वैशाख की तृतीया को एक त्योहार होता था जिसे गौर - त्र { गौरी तृतीया } कहा जाता है। इस अवसर पर पर्वत हिमवत की पुत्री और महादेव की पत्नी गौरी की पूजा होती थी ।
ज्येष्ठ के प्रथम दिन, जो कि नये चन्द्रमा का दिन होता है, हिन्दू एक उत्सव मनाते थे तथा अनुकूल शकुन करने के लिए जल मे सभी बीजो के प्रथम फलो को फेकते थे। इस मास की पूर्णिमा के दिन महिलाओ का त्योहार पडता था जिसे "रूप-पका' कहा जाता था ।
हिन्दुओ के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार बसन्त पचमी, जन्माष्टमी, होली, दीपावली, दशहरा, शिवरात्रि और एकादशी आदि थे। रामनवमी और रक्षाबन्धन भी धूमधाम से मनाए जाते थे। बसत पचमी का त्योहार आगमन का पूर्व सूचक था, जो माघ मास मे मनाया जाता था। बसंत पंचमी के अवसर पर सरस्वती पूजन भी होता था । इस अवसर पर गीत गाये जाते थे, जिसे "चवरी" कहा जाता था तथा लोक नृत्य का भी आयोजन होता था।
होली जैसा कि आज भी मनाया जाता है, यह हिन्दुओ का सबसे महत्वपूर्ण व लोकप्रिय त्योहार था । यह फालगुन मास के शुक्ल पक्ष के अन्तिम दिन मनाया जाता
पूर्वोद्धत, पृ० १८०
" वही, पृ०
● अलबरूनीज, इण्डिया २ [सचाऊ } पृ० १७८, मृगावती, पृ० ७६
' मो० यासीन, पृ० ७१, १०२ और नीरा दरबारी, पृ० १२१, १२२
आइने अकबरी, खण्ड ३ पृ० ३१७, ३२१
१ मो० यासीन, पृ० ७१, और नीरा दरबारी, पृ० १२१, १२२
10 मलिक मोहम्मद जायसी, पद्मावत, द्वितीय सस्करण, वि० स० २०४१, दोहा १४५, पृ० ८२ |
कोरोना वायरस लॉक'डाउन के 21वें दिन देश के नाम संबोधन में मंगलवार को सुबह 10 बजे पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस के ख'तरे को देखते हुए देश में 3 मई तक लॉक'डाउन जारी रहेगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल के बाद कुछ सीमित सेक्टर्स में सशर्त सीमित छूट दी जा सकती है. मगर कोरोना वायरस के मामलों में कमी नहीं दिखने पर इसे वापस ले लिया जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि देश पूरी मजबूती के साथ कोरोना वायरस महामा'री से लड़ रहा ह।
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना जिस तेजी से फैल रहा है उसने दुनियाभर में सरकारों और हेल्थ एक्सपर्टों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है. सबका यही सुझाव यही आता है कि लॉक'डाउन को बढ़ाया जाए. कई राज्यों ने पहले ही लॉक'डाउन को बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं. उन्होंने आगे कहा कि सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉक'डाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए. इसलिए हमें हॉटस्पॉट को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी. जिन स्थानों के हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी।
पीएम मोदी ने कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खि'लाफ ल'ड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी. 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर था'ने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉक'डाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।
कल इस बारे में सरकार की तरफ से एक विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी. पीएम मोदी ने कहा कि जो रोज कमाते हैं, रोज की कमाई से अपनी जरूरतें पूरी करते हैं, उनके जीवन में आई मुश्किल को कम करना है. अब नई गाइडलइंस बनाते समय भी उनके हितों का पूरा ध्यान रखा गया है. इस समय रबी फसल की कटाई का काम भी जारी है. केंद्र सरकार और राज्य सरकारें मिलकर प्रयास कर रही हैं कि किसानों को कम से कम दिक्कत हो. उन्होंने कहा कि हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर के मोर्चे पर भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं. अब 220 से अधिक लैब्स में टेस्टिंग का काम हो रहा है. भारत में आज हम एक लाख से अधिक बेड की व्यवस्था कर चुके हैं. इतना ही नहीं, 600 से भी अधिक ऐसे अस्पताल हैं, जो सिर्फ कोविड के इलाज के लिए काम कर रहे हैं।
लॉक डाउन के ठीक 21दिन बाद गरजा इंडिया का शेर kovid-19से जनता को बचाने के लिए किया नया ऐलान Reviewed by News pari on April 14, 2020 Rating:
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हमारी बातें
हम बड़े लोग घरो मे बैठे-बैठे कई तरह की बातें करते रहते हैं। जैसे, जात-पात की बातें, सगों ओर सम्बन्धियों को बातें, लेन-देन की बातें, बचपन की बातें, दोस्त और दुश्मन को बातें और अड़ोसी पड़ोसी की बातें । इसी तरह साहित्य की, काव्य की, विज्ञान की, विद्यालय की, दवाखाने की, और रेल गाडी आदि की अनेकानेक बातें चलती रहती हैं। हमारे बालक हमारे आसपास घूमते रहते हैं। उनके अपने कान होते है, और उनके पास उनको अपनी समझ भी होती है। हम जो कुछ भी बोलते रहते हैं, वह सब बीज रूप मे उनके पास पहुँचता रहता है। समय आने पर, खाद-पानी पाकर, अनुकूल वातावरण मिलने पर, ये बीज उग निकलते हैं ।
हम मानते है कि भला ये बालक हमारी बातो को क्या समझेंगे ? लेकिन असल मे बात ऐसी है नही । सच है कि बालक हमारी कुछेक बातों को समझ नही पाते। फिर भी वे बातें उनसे चिपक तो जाती ही हैं। जिन बातो को वे समझ नहीं सकते, उन बातों का अर्थ ये अकसर अपनी पकड़ और रुचि अनुसार लगा लेते हैं। कई बातों को तो वे ठीक अपने माता-पिता की दृष्टि से हो समझते, हैं । मतलब यह कि उनकी सुनी हुई बातें कभी बेकार नही जाती । उन बातो का भला-बुरा प्रभाव उन पर पड़ता ही रहता है।
यदि हम छोटे बच्चो को आपस में बात करते हुए सुनेंगे, तो हमको इस बात की पूरी प्रतीति हो सकेगी। बालक आपस में एक-दूसरे से कहते हैंः 'मेरी माताजो कह रही थी कि अमुक स्त्री तो बुरो है ।' 'मेरी चाचीजो कहती थी कि जब वे उस नाले के पास अकेली जाती हैं, तो मारे डर के थर-थर काँपने लगती है !' 'मेरे पिताजी मेरी माताजी पर नाराज होकर उनसे कह |
पीएम मोदी को जान से मारने के लिए एक ईमेल भेजा गया है। जिसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मारने के लिए 20 स्लीपर सेल तैयार है और इसके लिए 20 किलो आरडीएक्स उपलब्ध है। साजिश रचने वाले ने ईमेल में लिखा है कि वह आत्महत्या करने जा रहा है ताकि इस मामले का खुलासा नहीं हो सके। इस मेल की जांच मुंबई की शाखा नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) कर रही है। इस मेल के मिलने के बाद जांच एजेंसियां सतर्क को गई हैं। उन्होंने इस मामले की जांच हर एंगल से कर रही हैं।
पत्र में लिखा गया है कि इस घटना को अंजाम देने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है,इतना ही नहीं मेल लिखने वाले का कहना है कि उसके कई आतंकियों से संबंध भी हैं। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इस मेल एड्रेस को ख़ुफ़िया और सुरक्षा एजेंसी को भेज दिया गया है। ये एजेंसियां इस मेल की गहन जांच कर रही हैं। इसके अलावा इस ईमेल में 2 करोड़ लोगों के मारने की भी बात कही गई है। हालांकि, यह मेल लिखी गई बात कितनी सही हैं इसका पता तो जांच पड़ताल के बाद ही चलेगा। वहीं, धमकी भरे ईमेल मिलने पर जांच एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।
रूस-यूक्रेन युद्धः भारत को मध्यस्थता का ऑफर, पाक पीएम को लगी मिर्ची!
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इन्दौर - ईपत्रकार. कॉम ।राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता ने आज ब्रिलियंट कॉन्वेंशन सेंटर में मुख्यमंत्री संबल योजना के तहत ऊर्जा विभाग के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश में 80 लाख विद्युत उपभोक्ता परिवार के 5 हजार करोड़ रूपये के बिजली बिल मांफ कर दिये हैं और 03 हजार करोड़ ऊर्जा विभाग को भुगतान कर दिया गया हैं। इसी प्रकार प्रदेश में 88 लाख विद्युत उपभोक्ता परिवार अब मात्र 200 रूपये प्रतिमाह बिलजी बिल चुकायेगें। इंदौर जिले में 96 हजार 740 विद्युत उपभोक्ताओं के 121 करोड़ विद्युत बिल माफ कर दिये गये और प्रतीकात्मक तौर पर कुछ उपभोक्ताओं को विद्युत माफी प्रमाण पत्र वितरित किये गये। इसी प्रकार इंदौर जिले में अब 81 हजार 958 असंगठित पंजीकृत श्रमिक विद्युत उपभोक्ताओं को मात्र 200 रूपये प्रतिमाह विद्युत विद्युत बिल का भुगतान करना होगा।
उन्होने कहा कि राज्य शासन ने असंगठित श्रमिकों के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। सरल विद्युत बिल भुगतान योजना उसमें से एक हैं। इंदौर जिले में आज अनेक उपभोक्ताओं में 2 लाख तक के बिजली बिल माफ कर दिये हैं। असंगठित श्रमिक पंजीयन योजना में मध्य वर्ग की जनता भी उसमें शामिल हो गई हैं। इसी प्रकार शासन की सौभाग्य योजना के तहत हर गांव में इस वर्ष बिजली पहुंचा दी गई हैं। यह एक संवेदनशील सरकार का संवेदनशील कार्यक्रम हैं। उन्होने कहा कि राज्य शासन के प्रयासों से पिछले 14 साल में कृषि उत्पादन 5 गुना बढ़ गया हैं। राज्य शासन की विभिन्न योजनाओं, उत्पादन में वृद्धि और प्रदेश में सिंचाई रकबा 5 गुना बढ़ जाने के कारण केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश को पिछले 5 साल से लगातार कृषि कर्मण पुरस्कार दिया जा रहा हैं।
राजस्व मंत्री श्री गुप्ता ने कहा कि राज्य शासन पिछले 5 साल से गरीबों को एक रूपये किलो गेंहू, चावल और नमक उपलब्ध करा रहा हैं। उन्होने कहा कि सन् 2022 तक राज्य और केन्द्र सरकार मिलकर प्रदेश के सभी आवासहीनों को आवास उपलब्ध कराया जायेगा। हालही में शासन द्वारा एक लाख परिवारों को आवास उपलब्ध कराया गया। राशन, आवास और बिजली बिल माफी में जाति और धर्म का किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया गया हैं।
उनहोने कहा कि राज्य शासन के विशेष प्रयास से लाडली लक्ष्मी योजना के तहत लाखों हितग्राहियों को लाभांवित किया गया। अब लाडली लक्ष्मियों को कक्षा छठीं से छात्रवृत्ति भी मिलने लगी हैं। 18 वर्ष की उम्र के बाद उन्हें शादी के लिए एक लाख रूपये मिलेगें। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत प्रदेश के हजारों बीपीएल परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिये गये। इस समय स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों के प्रवेश हो रहें हैं। पंजीकृत असंगठित श्रमिकों के बच्चों की पहली से पीएचडी तक शिक्षण शुल्क राज्य शासन द्वारा जमा किया जायेगा। राज्य शासन ने जनता के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं।
इस अवसर पर विधायक श्री रमेश मेन्दोला ने कहा कि राज्य शासन की बिजली बिल मांफी योजना और सरल विद्युत बिल योजना से लाखों गरीब और मध्यम वर्गीय जनता को राहत मिली हैं। जनता में खुशी की लहर व्याप्त हैं। कार्यक्रम में कमिश्नर श्री राघवेन्द्र सिंह, कलेक्टर श्री निशांत वरवड़े, अधीक्षणयंत्री शहरी एमपीईबी श्री सुब्रतो राय और अधीक्षणयंत्री ग्रामीण एमपीईबी श्री अशोक शर्मा तथा बढ़ी संख्या में विद्युत उपभोक्ता मौजूद थे।
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भोपाल : मध्य प्रदेश में जंगल की सुरक्षा कर रहे वनकर्मियों के लिए ढाई हजार मोबाइल फोन खरीदे जाएंगे। इनकी मदद से जंगल की निगरानी आसान होगी। किसी भी घटना-दुर्घटना की स्थिति में वन विभाग के आला अधिकारियों तक वीडियो एवं फोटो भेजे जा सकेंगे। अतिक्रमण के मामले में इसी फोन से भूमि का सर्वे किया जा सकेगा। वर्तमान में वनकर्मी निजी मोबाइल का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनमें नक्शा बनाने सहित अन्य सुविधाएं नहीं हैं। विभाग मोबाइल खरीदने के लिए जल्द ही निविदा निकालने जा रहा है।
दरअसल, तकनीक का जमाना होने के बाद भी वन विभाग को जंगल में हुई घटनाओं की जानकारी समय से नहीं मिल पाती है। खासकर अतिक्रमण के मामले में मैदानी अमले को पता ही नहीं चलता है कि कितनी भूमि पर अतिक्रमण हो गया। विभाग की आइटी शाखा ने एक साफ्टवेयर तैयार किया है, जा यह काम आसानी से कर सकेगा। इसे नए मोबाइल में लोड किया जाएगा। इससे वनभूमि का माप आसान हो जाएगा।
अक्षांश-देशांतर रेखाओं सहित वनभूमि की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी। वन अधिकारियों का कहना है कि इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि अतिक्रमण वनभूमि पर किया गया है या नहीं। मोबाइल से फोटो, वीडियो और भूमि की पूरी जानकारी के साथ नक्शे भी विभाग के आला अधिकारियों को भेजे जा सकेंगे। जिससे कार्रवाई में देरी नहीं होगी।
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सुंदरनगर - बीएसएल कालोनी पुलिस थाना के दायरे में एक 44 वर्षीय शख्स को अश्लील वीडियो दिखा कर नाबालिग से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। पीडि़त लड़की की मां (जिला रोपड़ के आनंदपुर साहिब) ने कहा कि उसकी 11 वर्ष की बच्ची अपने रिश्तेदार के साथ सुंदरनगर में क्वार्टर में रहती है। उक्त आरोपी यहां आ कर उसकी बेटी के साथ अभद्र व्यवहार करता है व फोटो तथा अश्लील वीडियो दिखा कर गलत हरकत करता है। बीएसएल पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को धारा 354 व 12 पोक्सो अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया। सुंदरनगर बीएसएल कालोनी पुलिस थाना प्रभारी रामकृष्ण ने कहा कि मामला दर्ज कर जांच की जा रही है।
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गुवाहाटीः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) गुवाहाटी ने बिजली संयंत्रों से कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) कैप्चर करने के लिए अत्यधिक ऊर्जा कुशल संयंत्र डिजाइन और विकसित करने के लिए NTPC के साथ हाथ मिलाया है। स्वदेशी तकनीक एक नए सक्रिय अमीन विलायक (IITGS) का उपयोग करके ग्रिप गैस पर काम करती है।
यह वाणिज्यिक सक्रिय एमडीईए (मोनोएथेनॉलमाइन) विलायक की तुलना में 11 प्रतिशत कम ऊर्जा की खपत करता है और बेंचमार्क एमईए (मोनोएथेनॉलमाइन) विलायक की तुलना में 31 प्रतिशत कम ऊर्जा की खपत करता है।
केमिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी गुवाहाटी के प्रोफेसर बिष्णुपाद मंडल ने कहा, मानवजनित CO2 उत्सर्जन में वृद्धि ग्लोबल वार्मिंग के लिए जिम्मेदार कारणों में से एक है।
मंडल ने कहा, "इस वैश्विक चुनौती को दूर करने के लिए वैज्ञानिक समुदाय द्वारा व्यापक शोध प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें CO2 कैप्चर के लिए दक्षता में सुधार के माध्यम से मौजूदा प्रौद्योगिकियों में संशोधन शामिल हैं। प्रौद्योगिकी में राष्ट्र के लिए बहुत अधिक विदेशी मुद्रा बचाने की क्षमता भी है।
इस परियोजना के परिणामों से तेल, प्राकृतिक गैस, बायोगैस उद्योग और पेट्रोलियम रिफाइनरियों को लाभ होगा। MEA और अन्य स्वामित्व वाली विलायक-आधारित प्रौद्योगिकियां रासायनिक उद्योग में CO2 कैप्चर के लिए उपलब्ध हैं। इसका उपयोग कोयले और गैस से चलने वाले बिजली संयंत्रों में मुख्य रूप से कम मात्रा में खाद्य-ग्रेड CO2 का उत्पादन करने के लिए किया जाता है (बिजली संयंत्रों में CO2 कैप्चर की तुलना में)।
हालाँकि यह प्रक्रिया ऊर्जा-गहन है अगर बिजली संयंत्रों में बड़े पैमाने पर CO2 को पकड़ने के लिए अपनाया जाता है। IIT गुवाहाटी द्वारा नई तकनीक ग्रिप गैस से CO2 कैप्चर के लिए एक ऊर्जा-कुशल अमाइन-आधारित प्रक्रिया है।
आईआईटी गुवाहाटी और एनटीपीसी की टीमें इस तकनीक का पेटेंट कराने की प्रक्रिया में हैं। अध्ययन के अगले चरण में औद्योगिक फ़्लू गैस का उपयोग करके पायलट-पैंट का परीक्षण शामिल होगा।
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महाराष्ट्र के बाद पड़ोसी राज्य गोवा में कांग्रेस संकट में नजर आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि 5 विधायकों से उसका संपर्क नहीं हो पा रहा है। वहीं पार्टी ने अपने दो विधायकों- माइकल लोबो और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत पर बीजेपी के साथ मिलकर पार्टी के खिलाफ 'साजिश' रचने का आरोप लगाया है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस में गोवा संकट को दो नेताओं ने तैयार किया है, जो बीजेपी से आए हैं और अब घर वापसी करना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस में दरकिनार कर दिया गया था और पार्टी ने एक अन्य पूर्व बीजेपी नेता माइकल लोबो को विपक्ष के नेता के रूप में चुना, जिसने विद्रोह को जन्म दिया। अब कामत और लोबो दोनों ने कांग्रेस को झटका देने के लिए हाथ मिला लिया है।
कामत ने कांग्रेस से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया, बीजेपी में शामिल हो गए और फिर 2005 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। प्रताप सिंह राणे, लुइजि़न्हो फलेरियो और अन्य वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी के बाद उन्हें 2007 में मुख्यमंत्री बनाया गया था। लोबो हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से कांग्रेस में शामिल हुए थे। शुरू में विपक्ष के नेता के रूप में नियुक्त किए जाने के बाद, लोबो को पद से हटा दिया गया था।
वयोवृद्ध कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने आरोप लगाया है कि कामत और लोबो ने पार्टी को तोड़ने की साजिश रची है। इसके बाद कांग्रेस दोनों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है। कांग्रेस गोवा में संकट से जूझ रही थी, जहां विधायक दल की बैठक में आधे विधायकों के नहीं आने के बाद उसकी इकाई को दलबदल के खतरे का सामना करना पड़ रहा है।
कांग्रेस ने पार्टी महासचिव मुकुल वासनिक को सदन की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए भेजा है। पार्टी ने इस स्थिति के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और माइकल लोबो को जिम्मेदार ठहराया है और उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में संकट के बाद आया है, जहां पार्टी ने मोहन प्रकाश को पार्टी आलाकमान को रिपोर्ट करने के लिए भेजा है।
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मांस, त्वचा, स्प्रे और वसा ऊदबिलाव काफी मूल्यवान हैं और किसी भी घर में उपयोगी होगा। एक बार जब पशु आवश्यक है पूरा हुआ पाने के लिए है, तो शिकारी विभिन्न मौसमों में एक ऊदबिलाव को पकड़ने के विभिन्न तरीकों का इस्तेमाल शुरू किया। बीवर - केवल इस मामले में यह इतना आसान नहीं है, इतना शक्तिशाली और बुद्धिमान जानवर है। कैसे को पकड़ने के लिए, यह पता बंद नहीं करता कानून, क्या बेहतर पकड़ने के तरीकों के बाहर होने के लिए - आप इस लेख में के बारे में पढ़ सकते हैं।
बंदूकों के उपयोग - शायद एक मरे हुए जानवर होने का सबसे आम तरीका। बस हमेशा नहीं इस विधि कुछ लाभ लाता है।
पेशेवरोंः
- फास्ट एक जानवर की मौत हो गई। हंटर एक ऊदबिलाव, शॉट, मार डाला गया पशु को देखा। कुछ भी साथ चारों ओर गंदगी के लिए कोई ज़रूरत नहीं।
- एक गोली की सीमा। पशु बहुत दूर है? यह लक्ष्य प्राप्त करने और अपने शिकार को याद नहीं सटीक शॉट अनुमति देता है।
- सादगी और उपयोग में आसानी। हथियार के रूप में मुश्किल नहीं है और किसी भी अतिरिक्त ज्ञान की आवश्यकता नहीं है, तो यह संभाल करने के लिए काफी आसान है।
विपक्षः
- मरे हुए जानवरों। कभी कभी यह पशु जिंदा प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
- त्वचा को नुकसान। आप पूरी त्वचा पाने के लिए चाहते हैं, बंदूक काम नहीं करेगा, क्योंकि गोली या गोली मार दी अपनी अखंडता का उल्लंघन।
यह कैसे ऊदबिलाव को पकड़ने के लिए की बात आती है, तो आप बेहतर जाल शिकार पर ध्यान देना चाहते हैं। बेशक, इस मामले में यह अपने आप जटिलता है, तो वे तुरंत तैयार हो जाना चाहिए।
ऊदबिलाव - मजबूत और तेजी से जानवर। इसलिए, आप एक अच्छा जाल चयन करना होगा। गोल आर्क्स के साथ सातवें जाल सबसे अच्छा विकल्प है। बेशक, आप ऊदबिलाव मछली पकड़ने के इस प्रकार के अन्य विकल्प देख सकते हैं, लेकिन एक कृंतक की भौतिक विशेषताओं के बारे में भूल नहीं है।
ध्यान से क्षेत्र की जांच करने और सबसे अनुकूल जगह है, जहां अक्सर एक ऊदबिलाव है खोजने होंगे जाल स्थापित करने से पहले। एक अच्छा बुद्धि के बाद जाल को पकड़ने के लिए कैसे, समय की बात ही रहेगा। निगरानी के दौरान जगह है जहाँ पशु भूमि, जहां उनके जीवन के लिए भोजन और अन्य सामग्री प्राप्त करने के लिए एक जगह है पर बाहर आता है करने के लिए ध्यान देना चाहिए।
पहली नज़र में यह लग सकता है कि जाल सेट काफी सरल है। केवल वास्तविकता अन्यथा है। तो कैसे एक जाल में एक ऊदबिलाव को पकड़ने के लिए के बारे में बात करने के लिए है, यह भी शिकारी की अधिकतम देखभाल उल्लेख के लायक है। इसके अलावा, हम अपनी खुद की सुरक्षा के बारे में भूल नहीं करना चाहिए।
ज्यादातर मामलों में, शिकार करने के लिए इस उपकरण का पानी में निर्धारित करते हैं, तो आप इस तरह से है कि पशु खतरा नहीं देखा था में यह माउंट करने के लिए की जरूरत है, लेकिन एक ही समय और एक तंत्र पर समय लोड करने के लिए। कम गहराई पर जाल के तल पर रखा जा सकता है, और यह एक जगह है जहाँ बहुत गहरी, यह आवश्यक है एक कृंतक के लिए लकड़ी के दांव और रस्सी का उपयोग कर तट पर जाना नहीं कर सकता का सहारा लेना में स्थापित किया गया है, तो।
मुखौटा करने के लिए आप विशेष आइटम, साथ ही प्राकृतिक वातावरण का उपयोग कर सकते हैं। तुम सिर्फ रेत और अन्य मलबे कवर जाल करने के लिए पानी हिला कर सकते हैं।
शायद, बहुत से लोगों का मानना है कि बीवर सर्दियों नींद। केवल वास्तव में नहीं, बीवर बस अपनी गतिविधि को कम इसलिए है कि यह कैसे बीवर सर्दियों को पकड़ने के लिए के सवाल को संबोधित करने के लिए आवश्यक है।
यह अभी कहना चाहिए कि सर्दियों शिकार आसान नहीं है और लागत का एक बहुत आवश्यकता है, विशेष रूप से शारीरिक तल में।
सीधे सर्दियों मछली पकड़ने कृंतक गिरावट में शुरू होता है। जब बर्फ अभी तक तालाब में नहीं दिखी है, तो आप सबसे गहरा जगह है जहाँ बीवर कॉलोनी खोजने की जरूरत है। और यह निशान। यह है कि ठंड के मौसम में आप आसानी से एक जाल के भविष्य के स्थापना के लिए एक जगह पा सकते हैं सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।
जब बर्फ सामान्य मोटाई एक व्यक्ति का वजन बर्दाश्त है, तो आप शिकार करने के लिए शुरू कर सकते हैं। उल्लेखनीय स्थिति एक छेद, 50x50 सेमी के आकार बनाने के लिए आवश्यक है। यह पेड़ की एक उपयुक्त लंबाई की एक छोटी बैरल को खोजने के लिए आवश्यक है। जलाशय के तल में फंस ताकि बैरल 35-45% के कोण पर था तैयार की लकड़ी, और अन्य का एक सिरा बर्फ के ऊपर लटका है।
कैसे सर्दियों के समय में एक ऊदबिलाव को पकड़ने के लिए करने के लिए जवाब है, जाल का उपयोग शामिल है। तदनुसार, तैयारी छेद के बाद इसकी स्थापना के लिए आगे बढ़ना चाहिए। केवल पहली जगह में एक विशेष ठोस मंच तैयार करने के लिए मजबूती से तंत्र खड़े करने के लिए है। सही साथी का निर्माण करने के लिए यह एक छोटे से ठसाठस हो सकता है।
यह भी ऐस्पन (बीवर के लिए चारा) के एक झाड़ू शाखाओं को तैयार करने के लिए आवश्यक है। आप निश्चित रूप से एक और पेड़ का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन सबसे अच्छा अभी भी ऐस्पन शाखाओं से अधिक 1 मीटर की लंबाई अधिक नहीं होनी चाहिए लेने के लिए है।
सभी आवश्यक तैयारी के बाद, आप एक जाल स्थापित कर सकते हैं। एक जाल पैड तो के बारे में 50 सेमी छोड़े गए झाड़ू की दूरी पर छेद के बीच में डाल दिया जाता है,। यही कारण है कि बनी हुई है जानवर के लिए इंतजार करना है।
जाल - सबसे प्रभावी और लोकप्रिय विकल्प। वहाँ भी कैसे ऊदबिलाव को पकड़ने के लिए के अन्य तरीके हैं। ऊपर तंत्र शिकारी के आगमन से पहले उसे कुत्तों की मदद से पकड़ लिया। वे अपने घर से जानवर का पीछा किया, और कुत्ते इच्छित स्थान जहां जाल या पाश स्थापित किया गया है करने के लिए यह पीछा किया।
इस बिंदु पर आप कैसे पकड़ ऊदबिलाव पाश के बारे में बात कर सकते हैं। एक जानवर को पकड़ने का केवल इस विधि अवैध है, और जटिलता जैसा कि पहले उल्लेख तंत्र की मदद से मछली पकड़ने की तुलना में अधिक है।
नहीं कानून प्रवर्तन अधिकारियों के ध्यान के अंतर्गत आते हैं के लिए, यह शिकार अवधि के बारे में पता होना चाहिए। मूल रूप से, के सभी क्षेत्रों में बीवर के शिकार अर्थात् शरद ऋतु से वसंत के लिए ठंड के मौसम के दौरान की अनुमति दी है,।
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है चन्द्र मैं सूरज में आभास जिसका । जो व्यापक है कण २ में है बास उसका ! नहीं तीन कालों में हो नाश जिसका । वही आत्मा सच्चिदानन्द मैं हूँ । शिवोहम् शिवोहम् शिवोहम् शिवोहम् । जब अपनी निज स्वरूप की अनुभूति हो गई तब पुनः दुःख कहां कलेश कहाँ ? शरीर में अहता ममता के नाते ही
देह को में मानना सबसे बड़ा यह पाप है । सब पाप इसके पुत्र हैं सब पाप का यह बाप है ।।
को मैं मानना या मेरा मानना ही चेतन को मैं और देह ( शरीर ) को यह समझकर ममता की बेड़ी को काट देता भक्त तू ही तू, परमेश्वर ही परमेश्वर भगवान ही भगवान - मेरा तन प्रभु का है मन प्रभु का है धन प्रभु का है, मेरे रखवाले प्रभु है, मेरे स्वामी प्रभु है मैं तो उनकी हाथ की पुतली हूँ मैं तो उनके हाथ का खिलौना हूँ वही - मेरे सच्चे सहारे हैं वहीं मेरे पालक है- वही मेरे अपने है, मैं उन्हीं का हूं, किसी कवि ने कितना सुन्दर लिखा हैं हे
सखे, भव- डगर पर भटकते पथिक को, तुम्हीं एक सहारा रहे हो, रहोगे । तुम्हारी ही कल-स्नेह छाया में पलकर, कली कामना की सदा मुस्कराई,
तुम्हारे मधुर स्नेह के नव विटप पर, पिकी प्राण की की काकली गूँज पाई । तुम्हों से खुशी है, खुशी मैं तुम्हीं होतुम्हीं जब नहीं, कुछ नहीं खखुशनुमाई । बितत व्योम में भाग्य के चमचमातेतुम्हीं एक सितारा रहे हो, रहोगे । विकल वेदना वल्लकी के स्वरों मैंविभव राग-रंजित प्रणाम गीत गाती, अभागे चयन से विरह की मों मेंविकल चेतना मोतियों को लुटाती, करुण क्रन्दवों में सजल कल्पना केसफल चित्र नित आँसुओं से बनाती, तृषित चातकी आह को एक तुम्हीं तोसुखद मेध-धारा रहे हो,
चली वेग से है प्रबल घोर झंझा, ककुभ में तिमिर क्रूर भी घेर आया । नियति के चरण रुनझुनाते क्षितिज से पवन ताल देता हुआ गुन गुनाया । मधुर स्वप्न के टूटने से उद्धि काहृदय भी कसक पूर्ण हो बौखलाया । |
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इन दिनों बॉलीवुड की कई बड़ी फिल्में चर्चा में हैं। इसी बीच 2019 में रिलीज होने वाली एक और मल्टी स्टारर बिग बजट फिल्म सुर्खियों में आ गई है। हम बात कर रहे हैं करण जौहर की फिल्म कलंक की. . हाल ही में फिल्म की शूटिंग पूरी हुई है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर फिल्म के सेट से वीडियो लीक हो गया है। इस वीडियो में शानदार सेट और बेहद खूबसूरत आलिया भट्ट नजर आ रही हैं। कलंक के कई वीडियो लीक हुए हैं जिनमें कुछ में आलीशान सेट नजर आ रहा है तो कुछ में आलिया भट्ट किसी गाने पर फोक डांस करती दिख रही हैं।
बता दें कि ये एक पीरियड ड्रामा फिल्म है लेकिन इसकी कहानी अब तक रिवील नहीं की गई है। कलंक एक मेगा बजट फिल्म है जिसमें आलिया- वरुण, सोनाक्षी सिन्हा, आदित्य रॉय कपूर के अलावा सुपरस्टार संजय दत्त और माधुरी दीक्षित नजर आने वाले हैं। संजय दत्त ने एक इंटव्यू के दौरान फिल्म को लेकर बताया था कि ये एक फैमिली ड्रामा है जिसमें एक अलग तरह का परिवार दिखाया जाएगा जिसके जरिए आपको बड़े ही इंटरेस्टिंग तरीके से देश की हालत समझाने की कोशिश की जाएगी।
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बिहार में शराबबन्दी के नाम पर पुलिस पदाधिकारी, बेपर्दा महिलाओं के कक्ष में दाखिल होकर, ढ़ूंढ़ रहे हैं शराब ! यह निजता के अधिकार पर हमला और मानवाधिकार का है मामला ! !
बिहार के सीएम नीतीश कुमार की जिद से बिहार में निजता के अधिकार को लग रहा है ग्रहण ! !
बिहार में शराबबन्दी के नाम पर मर्द पुलिस पदाधिकारी, बेपर्दा महिलाओं के कक्ष में दाखिल होकर ढ़ूंढ़ रहे हैं शराब ! क्या औरतों के लिए निजता का अधिकार है ? क्या माननीय सुप्रीमकोर्ट इस मामले में लेगा, स्वतः संज्ञान ? यह मानवाधिकार का है मामला ! बिहार में पुलिस अधिकारियों के अच्छे दिन आये ! !
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शहर की सबसे पुरानी हाइड-मार्किट हमारी थी। हमारा अहाता बहुत बड़ा था।
हम चमड़े का व्यापार करते थे।
मरे हुए जानवरों की खालें हम ख़रीदते और उन्हें चमड़ा बनाकर बेचते।
हमारा काम अच्छा चलता था।
हमारी ड्योढ़ी में दिन भर ठेलों व छकड़ों की आवाजाही लगी ऱहती। कई बार एक ही समय पर एक तरफ. यदि कुछ ठेले हमारे गोदाम में धूल-सनी खालों की लदानें उतार रहे होते तो उसी समय दूसरी तरफ़ तैयार, परतदार चमड़ा एकसाथ छकड़ों में दबवाया जा रहा होता।
ड्योढ़ी के ऐन ऊपर हमारा दुमंज़िला मकान था। मकान की सीढ़ियाँ सड़क पर उतरती थीं और ड्योढ़ी व अहाते में घर की औरतों व बच्चों का कदम रखना लगभग वर्जित था।
हमारे पिता की दो पत्नियाँ रहीं।
भाई और मैं पिता की पहली पत्नी से थे। हमारी माँ की मृत्यु के बाद ही पिता ने दूसरी शादी की थी।
सौतेली माँ ने तीन बच्चे जने परंतु उनमें से एक लड़के को छोड़कर कोई भी संतान जीवित न बच सकी।
मेरा वह सौतेला भाई अपनी माँ की आँखों का तारा था। वे उससे प्रगाढ़ प्रेम करती थीं। मुझसे भी उनका व्यवहार ठीक-ठाक ही था। पर मेरा भाई उनको फूटी आँख न सुहाता।
भाई शुरू से ही झगड़ालू तबीयत का रहा। उसे कलह व तकरार बहुत प्रिय थी। हम बच्चों के साथ तो वह तू-तू, मैं-मैं करता ही, पिता से भी बात-बात पर तुनकता और हुज़्ज़त करता। फिर भी पिता उसे कुछ न कहते। मैं अथवा सौतेला स्कूल न जाते या स्कूल का पढ़ाई के लिए न बैठते या रात में पिता के पैर न दबाते तो पिता से खूब घुड़की खाने को मिलती मगर भाई कई-कई दिन स्कूल से ग़ायब रहता और पिता फिर भी भाई को देखते ही अपनी ज़ुबान अपने तालु के साथ चिपका लेते।
रहस्य हम पर अचानक ही खुला।
भाई ने उन दिनों कबूतर पाल रखे थे। सातवीं जमात में वह दो बार फेल हो चुका था और उस साल इम्तिहान देने का कोई इरादा न रखता था।
कबूतर छत पर रहते थे।
अहाते में खालों के खमीर व मांस के नुचे टुकड़ों की वजह से हमारी छत पर चीलें व कव्वे अकसर मँडराया करते।
भाई के कबूतर इसीलिए बक्से में रहते थे। बक्सा बहुत बड़ा था। उसके एक सिरे पर अलग-अलग खानों में कबूतर सोते और बक्से के बाकी पसार में वे उड़ान भरते, दाना चुगते, पानी पीते और एक-दूसरे के संग गुटर-गूँ करते।
भाई सुबह उठते ही अपनी कॉपी के साथ कबूतरों के पास जा पहुँचता। कॉपी में कबूतरों के नाम, मियाद और अंडों व बच्चों का लेखा-जोखा रहता।
सौतेला और मैं अकसर छत पर भाई के पीछे-पीछे आ जाते। कबूतरों के लिए पानी लगाना हमारे ज़िम्मे रहता। बिना कुछ बोले भाई कबूतरोंवाली खाली बाल्टी हमारे हाथ में थमा देता और हम नीचे हैंड पंप की ओर लपक लेते। उन्नीस सौ पचास वाले उस दशक में जब हम छोटे रहे, तो घर में पानी हैंड पंप से ही लिया जाता था।
गर्मी के उन दिनों में कबूतरों वाली बाल्टी ठंडे पानी से भरने के लिए सौतेला और मैं बारी-बारी से पहले दूसरी दो बाल्टियाँ भरते और उसके बाद ही कबूतरों का पानी छत पर लेकर जाते।
आज क्या लिखा? बाल्टी पकड़ाते समय भाई को टोहते।
कुछ नहीं, भाई अकसर हमें टाल देता और हम मन मसोसकर कबूतरों को दूर से अपलक निहारते रहते।
उस दिन हमारे हाथ बाल्टी लेते समय भाई ने बात खुद छेड़ी,
आज यह बड़ी कबूतरी बीमार हैं।
देखें, सौतेला और मैं खुशी से उछल पड़े।
ध्यान से, भाई ने बीमार कबूतरी मेरे हाथ में दे दी।
सौतेले की नज़र एक हट्टे-कट्टे कबूतर पर जा टिकी।
क्या मैं इसे हाथ में ले लूँ? सौतेले ने भाई से विनती की।
यह बहुत चंचल है, हाथ से निकलकर कभी भी बेकाबू हो सकता है।
मैं बहुत ध्यान से पकडूँगा।
भाई का डर सही साबित हुआ।
सौतेले ने उसे अभी अपने हाथों में दबोचा ही था कि वह छूटकर मुंडेर पर जा बैठा।
भाई उसके पीछे दौड़ा।
ख़तरे से बेख़बर कबूतर भाई को चिढ़ाता हुआ एक मुंडेर से दूसरी मुंडेर पर विचरने लगा।
तभी एक विशालकाय चील ने कबूतर पर झपटने का प्रयास किया।
कबूतर फुर्तीला था। पूरी शक्ति लगाकर फरार हो गया।
चील ने तेज़ी से कबूतर का अनुगमन किया।
भाई ने बढ़कर पत्थर से चील पर भरपूर वार किया, लेकिन ज़रा देर फड़फड़ाकर चील ने अपनी गति त्वरित कर ली।
देखते-देखते कबूतर और चील हमारी आँखों से ओझल हो गए।
ताव खाकर भाई ने सौतेले को पकड़ा और उसे बेतहाशा पीटने लगा।
घबराकर सौतेले ने अपनी माँ को पुकारा। सौतेली माँ फौरन ऊपर चली आईं। सौतेले की दुर्दशा उनसे देखी न गई।
इसे छोड़ दे, वे चिल्लाईं, नहीं तो अभी तेरे बाप को बुला लूँगी। वह तेरा गला काटकर तेरी लाश उसी टंकी में फेंक देगा।
किस टंकी में? भाई सौतेले को छोड़कर, सौतेली माँ की ओर मुड़ लिया।
मैं क्या जानूँ किस टंकी में?
हमारे अहाते के दालान के अंतिम छोर पर पानी की दो बड़ी टंकियाँ थीं। एक टंकी में नई आई खालें नमक, नौसागर व गंधक मिले पानी में हफ्तों फूलने के लिए छोड़ दी जाती थीं और दूसरी टंकी में ख़मीर उठी खालों को खुरचने से पहले धोया जाता था।
बोलो, बोलो, भाई ने ठहाका लगाया, तुम चुप क्यों हो गईं?
चल उठ, सौतेली माँ ने सौतेले को अपनी बाँहों में समेट लिया।
तुमने चमगीदड़ी किसे कहा? सौतेली माँ फिर भड़कीं।
जलेबी मुझे बहुत पसंद थीं, परंतु मैंने बीमार कबूतरी पर अपनी पकड़ बढ़ा दी।
तुम जाओ, सौतेली ने अपने आपको अपनी माँ की गलबाँही से छुड़ा लिया, हम लोग बाद में आएँगे।
ठीक है, सौतेली माँ ठहरी नहीं, नीचे उतरते हुए कह गईं, जल्दी आ जाना। जलेबी ठंडा हो रही हैं।
लड़कियों को टंकी में क्यों फेंका गया? मैं भाई के नज़दीक- बहुत नज़दीक जा खड़ा हुआ।
क्योंकि वे लड़कियाँ थीं।
लड़की होना क्या ख़राब बात है? सौतेले ने पूछा।
पिता जी सोचते हैं, लड़कियों की ज़िम्मेदारी निभाने में मुश्किल आती है।
कैसी मुश्किल?
पैसे की मुश्किल। उनकी शादी में बहुत पैसा ख़र्च करना पड़ता है।
पर हमारे पास तो बहुत पैसा है, मैंने कहा।
पैसा है, तभी तो उसे बचाना ज़रूरी है, भाई हँसा।
माँ कैसे मरीं? मैंने पूछा। माँ के बारे में मैं कुछ न जानता था। घर में उनकी कोई तस्वीर भी न थी।
छोटी लड़की को लेकर पिता जी ने उससे खूब छीना-झपटी की। उन्हें बहुत मारा-पीटा। पर वे बहुत बहादुर थीं। पूरा ज़ोर लगाकर उन्होंने पिता जी का मुक़ाबला किया, पर पिता जी में ज़्यादा ज़ोर था। उन्होंने ज़बरदस्ती माँ के मुँह में माँ का दुपट्टा ठूँस दिया और माँ मर गईं।
तुमने उन्हें छुड़ाया नहीं?
पिता जी को पुलिस ने नहीं पकड़ा?
नहीं! पुलिस को किसी ने बुलाया ही नहीं।
वे कैसी थीं? मुझे जिज्ञासा हुई।
उन्हें मनकों का बहुत शौक था। मनके पिरोकर उन्होंने कई मूरतें बनाईं। बाज़ार से उनकी पसंद के मनके मैं ही उन्हे लाकर देता था।
उन्हें पंछी बहुत अच्छे लगते थे? सौतेले ने पूछा, सभी मूरतों में पंछी ही पंछी हैं। घर की लगभग सभी दीवारों पर मूरतें रहीं।
हाँ। कई मोर... कई तोतों में अक्ल भी होती है और वफ़ादारी भी... कबूतरों की कहानियाँ उन्हें बहुत आती थीं।
मैं वे कहानियाँ सुनूँगा, मैंने कहा।
मैं भी, सौतेले ने कहा।
मुझे भी चमड़ा अच्छा नहीं लगता, सौतेले ने कहा।
उस दिन जलेबी हम तीनों में से किसी ने न खाईं।
Download PDF (चमड़े का अहाता)
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ब्यूरो नसीम खान 'क्या'
बगहा,स्वतंत्र प्रभात। बीते 27 मई को ग्राम पंचायत वाल्मीकिनगर में शिक्षा जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसमे समाजसेवियों समेत छात्र शामिल हुए थे । मकसद था युवाओं को शिक्षा के प्रति जागरूक करना और सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं से अवगत कराना ।
बता दें की इस कार्यक्रम की खबर प्रमुखता से छपी थी जिसमे कार्यक्रम के आयोजक व संस्था द्वारा कहा जा रहा है कि हमारे स्तर से मानवीय भूल के कारण कार्यक्रम के प्रकाशित खबर में जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र के सहायक प्रबंधक मनोज कुमार,सद्दाम हुसैन,जितेंद कुमार का नाम छप गया था जिसका हमे खेद है। वहीं वाल्मीकिनगर पंचायत के उप मुखिया रवि गुप्ता ने भी इस बात की पुष्टि की है की उक्त कार्यक्रम में जिला का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं था।
बतातें चलें कि कार्यक्रम के दौरान कार्यक्रम करने वाले संस्थान के सहयोगी ने मानवीय भूलवश मीडिया को उक्त लोगों के नाम दे दिया था जो अखबारों में प्रकाशित हुआ जिसपर कार्यक्रम करने वाले संस्था ने खेद प्रकट किया है और मानवीय भूलवश छपी खबर का खंडन किया है ।
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अमरावती/दि. २१-परतवाड़ा पुलिस थाना क्षेत्र में रहनेवाली १७ वर्षीय नाबालिग को अज्ञात मोबाइल धारक ने अश्लील वीडियो क्लीप भेजकर विनयभंग किए जाने का मामला सामने आया है. पीड़ित नाबालिग की शिकायत पर पुलिस ने मोबाइल धारक के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
पीड़ित नाबालिग ने अपनी शिकायत में बताया है कि बीते १८ दिसंबर की शाम अज्ञात मोबाइल धारक ने अपने मोबाइल नंबर ७७४३९७१०१ से नाबालिग के मोबाइल पर अश्लील वीडियो क्लीप भेजी. इसके अलावा खुद को सोनू खान बोलते हुए कहा कि यदि फोन नहीं उठाया तो उसका मोबाइल नंबर ६ हजार लोगों के गु्रप पर डालने की धमकी दी. पीड़ित नाबालिग की शिकायत पर अज्ञात मोबाइल धारक के खिलाफ परतवाड़ा पुलिस ने धारा ३५४ सी, ३५४ डी, ५०६ व उपधारा १२ पोक्सो के तहत अपराध दर्ज किया.
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मधुबन। रामपुर थाना क्षेत्र के महमुदसराय निवासी छठवीं में पढ़ने वाला एक छात्र पांच जुलाई को परिजनों की डांट से क्षुब्ध होकर घर से फरार हो गया था। परिजनों की सूचना के बाद रामपुर पुलिस ने 24 घंटे के अंदर बेल्थरा रोड रेलवे स्टेशन से अभिरक्षा में लेते हुए परिजनों के सुपुर्द कर दिया। यह बालक बेल्थरारोड रेलवे स्टेशन से कही जाने की फिराक में था।
महमुदसराय निवासी 11 वर्षीय मोहम्मद आरिफ पुत्र राफीउल्लाह उर्फ लप्पू मर्यादपुर स्थित सेंट्रल पब्लिक स्कूल में कक्षा छह का छात्र है। बीते पांच जुलाई को विद्यालय की शिकायत पर परिजनों ने पढ़ाई को लेकर डांट फटकार लगाया, जिससे क्षुब्ध होकर वह घर से फरार हो गया था। छह जुलाई को परिजनों ने किसी अनहोनी की घटना की आशंका व्यक्त करते हुए रामपुर थाना में गुमसुदगी का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसको रामपुर थाना प्रभारी लालबहादुर प्रसाद ने गंभीरता से लेते हुए जांच पड़ताल शुरू कर दिया। युवक का फोटो वायरल करते हुए आगे की कार्रवाई में जुटे रहे। इसी बीच तभी एक अज्ञात व्यक्ति से सूचना मिला कि यह युवक बलिया जनपद के बेल्थरा रोड रेलवे स्टेशन पर मौजूद है। फिर क्या था थाना प्रभारी ने अपने हमराहियों दीवान अश्वनी सिंह, चंद्रभान, विमल के साथ बेल्थरा रोड रेलवे स्टेशन पहुंचे तथा फोटो से मिलान कर युवक को कब्जे में लेकर रामपुर थाना आए और सभी कागजी कोरम पूर्ण कर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।
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रायपुर, 28 अगस्त। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने आज छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने का शासकीय संकल्प सर्वसम्मति से पारित कर दिया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह शासकीय संकल्प प्रस्तुत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा मिल चुका है,लेकिन छत्तीसगढ़ी भाषा अभी तक संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं हो पायी है। छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास और मान्यता के लिए छत्तीसगढ़ी भाषा का संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल होना आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि वर्ष 2007 में उन्होंने विधानसभा में छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए अशासकीय संकल्प लाया गया था, जिसे समवेत स्वर में पारित किया गया। पिछली सरकार ने भी भारत सरकार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में छत्तीसगढ़ी भाषा को संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा था। अनेक क्षेत्रीय भाषाएं आठवीं अनुसूची में शामिल हुई, लेकिन छत्तीसगढ़ी भाषा संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं हो पायी।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 20 साल हो गए हैं, लेकिन छत्तीगसढ़ी 8वीं अनुसूची में शामिल नहीं हो पायी है। केन्द्र सरकार से एक बार फिर इस संबंध में आग्रह करने के लिए यह शासकीय संकल्प विधानसभा में लाया गया है। उन्होने सभी सदस्यों से इस संकल्प को सर्वसम्मति से पारित करने के अनुरोध के बाद यह संकल्प विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित किया गया। चर्चा में डॉ. रमन सिंह,अजय चन्द्राकर, संगीता सिन्हा एवं धरमजीत सिंह ने हिस्सा लिया।
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नई देहली : देहली यूनिवर्सिटी के नॉर्थ कैंपस में बुधवार को हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान कई प्रदर्शनकारियों द्वारा कथित तौर पर कश्मीर की आजादी के पक्ष में नारेबाजी करने का मामला सामने आया है। इससे जुड़ा एक विडियो भी वायरल हो रहा है। विडियो में स्टूडेंट कश्मीर की आजादी के नारे लगाते दिखते हैं।
बता दें कि, प्रदर्शनकारियों में शामिल अधिकतर लोगों का कहना है कि, एबीवीपी के सदस्यों ने हिंसा की शुरुआत की। बुधवार को हुए संषर्ष में कम से कम ३० लोग घायल हुए। इनमें एक प्रोफेसर, १० पुलिसवाले और कई पत्रकार शामिल हैं। एबीवीपी ने घटना में अपनी भूमिका होने से खारिज किया है।
देहली पुलिस ने अज्ञात लोगों के विरुध्द दंगा करने, ऑन ड्यूटी पुलिसवालों से मारपीट का मामला दर्ज किया है।
जेएनयू छात्र उमर खालिद का देहली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में होने वाला कार्यक्रम रद्द होने को लेकर ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (एआईएसए) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ताओं के बीच बुधवार को हाथापाई हो गई। उमर खालिद को २१ फरवरी को रामजस कॉलेज द्वारा आयोजित सेमिनार में 'आदिवासी इलाकों में हिंसा' के मुद्दे पर बोलना था। इस सेमिनार को एबीवीपी के छात्रों ने विरोध किया था, जिसके बाद बुधवार को एआईएसए और एबीवीपी के कार्यकर्ताओं में भिड़ंत हो गई।
सेमिनार को रद्द करने के निर्णय पर बोलते हुए रामजस कॉलेज के प्रिंसिपल राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि, कार्यक्रम को छात्रों के विरोध के कारण रद्द करना पड़ा।
गौरतलब है कि, उमर खालिद उन तीन छात्रों में से एक थे जिन्हें २०१६ में जेएनयू में अफजल गुरु पर एक कार्यक्रम के आयोजन को लेकर गिरफ्तार किया गया था। रामजस कॉलेज ने उमर खालिद और जेएनयू छात्र संघ की पूर्व अध्यक्ष शेहला राशिद को निमंत्रण दिया था। शेहला राशिद छात्र संघ की पूर्व सदस्य हैं और छात्रों की गिरफ्तारी के विरोध में आंदोलन चलाने में शामिल थीं।
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शासन ने जिले के 143 मदरसों की एसआईटी से जांच कराने का फैसला किया है। इनमें कई मदरसों के कागजों पर संचालित किए जाने की शिकायत की गई थी। शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए एसआईटी को जांच का आदेश दे दिया। एसआईटी के एसपी देवरंजन वर्मा ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी कार्यालय से मदरसों के मान्यता संबंधी अभिलेख भी तलब कर लिए है। अब स्थलीय निरीक्षण करेगें। हालांकि, अभी स्थलीय निरीक्षण के संबंध में कोई तिथि तय नहीं की गई है।
जिले में विभिन्न स्थानों पर 143 मदरसा संचालित किए जा रहे हैं। सर्वाधिक मदरसा सपा के शासन में जिले में खोले गए थे। इस दौरान करीब 40 से 50 मदरसों को स्थाई और अस्थाई मान्यता दी गई थी। स्थाई मान्यता उन्हीं मदरसों को दी गई है जिनके पास खुद का भवन है। इनमें एक से पांच तक के मदरसों के लिए तीन कमरा, छह से आठ तक के मदरसों के लिए पांच कमरा और हाई स्कूल तक के मदरसों के लिए 11 कमरा निर्धारित किया गया है। शासन में की गई शिकायत में कहा गया है कि कई मदरसों के पास खुद का अपना भवन भी नहीं है और अनुदान लेने के लिए उन्हें मान्यता दे दी गई है।
शासन ने इसे गंभीरता से लेते हुए एसआईटी से जांच कराने का आदेश दे दिया है। एसआईटी के एसपी देवरंजन वर्मा के निर्देश पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने मदरसों की मान्यता एवं अनुदान संबंधित सभी अभिलेख जांच के लिए भेज दिए है। एसआईटी अभिलेखों का परीक्षण करने के बाद जिले में कभी भी पहुंच कर मदरसों के भवन आदि की जांच कर सकती है।
जिले के पांच मदरसों को मदरसा आधुनिकीकरण का लाभ मिला है। इनमें मदरसा अरबिया इलियट घाट, मदरसा इस्लामिया गरौड़ी, गौसिया इस्लामिक मदरसा बेगपुर नरायनपुर, अरबिया सुहेलिया मिल्लत नगर नटवां एवं मदरसा रजा मुस्तफा विजयपुर को स्थाई मान्यता के साथ ही आधुनिकीकरण का लाभ दिया गया है। इन मदरसों में कार्य करने वाले शिक्षकों और कर्मचारियों को शासकीय खजाने से वेतन आदि का भुगतान किया जाता है।
जिले के 138 मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को शासन से फिक्स मानदेय दिया जाता है। इनमें स्नातक की डिग्री वाले शिक्षकों को आठ हजार, परा स्नातक की डिग्री वाले शिक्षकों को पंद्रह हजार रुपये मानदेय दिया जाता है। बीते तीन वर्ष से मदरसा के शिक्षकों को मानदेय भी नहीं दिया गया है।
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झारखंड में हज़ारीबाग के चरही थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाली ख़बर का ख़ुलासा हुआ है। एक मुस्लिम शख़्स ने ख़ुद को हिन्दू बताकर हिन्दू युवती से पहले तो शादी की और फिर बाद में अपनी असलियत बताकर युवती का धर्म परिवर्तन करा दिया। पाँच साल बाद मुस्लिम शख़्स ने 'तीन तलाक़' देकर उक्त महिला को दो बच्चों समेत घर से बाहर निकाल दिया। दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर महिला का नाम मनीषा यादव है जो उत्तर प्रदेश के आज़मगढ़ की रहने वाली है।
दैनिक जागरण की ख़बर के अनुसार, मनीषा यादव ने पुलिस से मौखिक शिक़ायत की जिसमें उन्होंने कहा कि पाँच साल पहले चरही के पिपरा का रहने वाला ट्रक ड्राइवर रमज़ान अंसारी ट्रक में कोयला लेकर आज़मगढ़ जाता था। वहीं दोनों में जान-पहचान हो गई। मनीषा ने बताया कि रमज़ान ने ख़ुद को हिन्दू बताते हुए अपना नाम अखिलेश यादव बताया था और फिर उससे प्रेम-विवाह कर लिया। बाद में पता चला कि अखिलेश ने उससे झूठ बोला था क्योंकि उसका असली नाम रमज़ान अंसारी है जो पहले से ही शादीशुदा था।
मनीषा ने इस बात की भी जानकारी दी कि शादी के बाद रमज़ान ने उसे चरही ले जाने की बजाए रांची में ही रखा। वहाँ उसने अपनी असलियत बताकर मनीषा का धर्म परिवर्तन करवाया और फिर उससे मुस्लिम रीति-रिवाज़ से पुनः निक़ाह किया। निक़ाह के बाद उसका नाम मनीषा से शबनम रख दिया।
मनीषा ने बताया कि उसके दूसरे बच्चे के जन्म से पहले से ही रमज़ान ने उसके साथ बदसलूकी करनी शुरू कर दी थी। रमज़ान उसे बात-बात पर ताने देता और तरह-तरह से उसे प्रताड़ित करता था। मनीषा ने जब इन सबसे तंग आकर उसका विरोध किया तो एक साथ तीन बार तलाक़ बोलकर उसने उसे घर से निकाल दिया।
ख़बर में इस बात का भी ज़िक्र किया गया कि मनीषा ने अपने पति के ख़िलाफ़ लिखित में कोई शिक़ायत दर्ज नहीं की है और न ही करेगी क्योंकि वो उससे सहानुभूति भी रखती है। मनीषा ने अपने पति रमज़ान अंसारी से प्रति माह तीन हज़ार रुपए बतौर गुज़ारा भत्ता और कमेटी का 40 हज़ार रुपए की माँग की है। रमज़ान ने यह रक़म देने पर मौखिक रूप से सहमति जताई है, इसलिए इस मामले में कोई मुक़दमा दर्ज नहीं किया जा रहा है।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने रेल मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक प्रतिष्ठान बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड (बीएससीएल) को बंद करने की स्वीकृति दे दी है। यह निर्णय 10 वर्षों से अधिक समय में कंपनी की निरंतर गिरते भौतिक और वित्तीय प्रदर्शन तथा भविष्य में पुनरोत्थान की कम संभावना के कारण लिया गया है। इससे घाटे में चल रही बीएससीएल के लिए उपयोग में लाए जा रहे सार्वजनिक धन की बचत होगी और इसका उपयोग अन्य विकास कार्य के लिए किया जा सकेगा।
सरकार बंटवारा पैकेज और कंपनी की चालू देनदारियों को खत्म करने के लिए 417.10 करोड़ रुपये का एक समय का अनुदान देगी। इसके अतिरिक्त भारत सरकार (रेल मंत्रालय) द्वारा कंपनी को दिए गए 35 करोड़ रुपये के बकाया ऋण का मोचन कर दिया जाएगा। बीएससीएल के 508 कर्मचारी स्वैच्छिक अवकाश योजना (वीआरएस) से लाभान्वित होंगे।
बर्न स्टैंडर्ड कंपनी लिमिटेड 1976 में गठित की गई थी। वर्ष 1987 में राष्ट्रीकरण और बर्न एंड कंपनी तथा इंडिया स्टेंडर्ड वैगन कंपनी लिमिटेड का भारी उद्योग विभाग के अंतर्गत एकीकरण कर दिए जाने के बाद 1994 में कंपनी का मामला औद्योगिक तथा वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बीआईएफआर) को भेजा गया और इसे 1995 में बीमार घोषित कर दिया गया। तब से कंपनी बीमार स्थिति में है। मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की स्वीकृति के अनुसार 15-09-2010 को कंपनी का प्रशासनिक नियंत्रण डीएचआई से रेल मंत्रालय को सौंप दिया गया। कंपनी वैगनों के निर्माण और मरम्मत तथा इस्पात उत्पादन का कार्य करती है।
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आमतौर पर किसी प्राकृतिक आपदा के कारण खेतों में फसलों को हुए नुकसान पर सरकार मुआवज़ा देती है। लेकिन राहुल गाँधी ने गुरुवार (7 मार्च 2019) को रैली करने के लिए जगह खाली करवाने के लिए पहले खेतों में खड़ी फसल को कटवाया फिर किसानों को उसका मुआवज़ा दिया उसके बाद रैली की।
चुनाव का मौसम आ चुका है। हालाँकि अभी तक चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं हुई है, मगर राजनीतिक पार्टियाँ चुनावी रैलियों में जुट गई हैं। गुरुवार को पंजाब सरकार की तरफ से पंजाब के मोगा में रैली शो का आयोजन किया गया था, जिसमें कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने भाषण दिया था।
यहाँ पर गौर करने वाली बात ये है कि इस रैली के लिए मैदान तैयार करने के लिए किसानों की तकरीबन 100 एकड़ गेहूँ की खड़ी तैयार फसल को काटकर नष्ट कर दिया गया। हैरानी और ताज़्जुब की बात तो ये भी है कि हमेशा किसान कर्ज माफी और किसानों को लेकर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंकने वाली कॉन्ग्रेस पार्टी ने अपनी रैली के लिए उन्हीं किसानों की फसलें कटवा दीं और राज्य सरकार से मुआवज़ा भी दिलवाया।
साधारण सी बात है कि कॉन्ग्रेस पार्टी की तरफ से इस रैली का आयोजन किसी और स्थान पर किया जा सकता था। इसके लिए किसानों की खड़ी फसल को काटकर वहाँ पर मैदान तैयार करके रैली करने का क्या मतलब बनता है? प्रशासन का कहना है कि उसने इसके लिए किसानों को 40,000 प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा भी दे दिया है। पर मुआवजा तो किसी प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए होता है। लेकिन राहुल गाँधी खुद ही आपदा और आपदा प्रबंधक दोनों बन बैठे। चूँकि पंजाब में कॉन्ग्रेस की सरकार है, इसका यह मतलब कतई नहीं है कि पार्टी की रैली के लिए सरकारी फंड का इस तरह से दुरुपयोग किया जाए। सरकारी फंड का इस्तेमाल तो विशेष परिस्थितियों के लिए किया जाता है। वैसे कॉन्ग्रेस ने ऐसा करके ये तो दिखा ही दिया कि वह किसानों के कितने बड़े शुभचिंतक हैं।
इस मामले पर विपक्षी पार्टी शिरोमणि अकाली दल ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। बता दें कि शिरोमणि अकाली दल ने कॉन्ग्रेस की रैली में सरकारी फंड के दुरुपयोग की जांच करवाने की माँग की है। पार्टी प्रवक्ता डॉ दलजीत चीमा ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि सरकारी खजाने को इस तरह लूटने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। पत्र की कॉपी केंद्रीय और पंजाब चुनाव आयोग को भी भेजी गई है। इसमें माँग की गई है कि कर्ज माफी समागम की आड़ में राहुल की रैली करवाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि खर्च की गई रकम सरकारी खजाने में जमा करवाई जाए।
इधर पंजाबी एकता पार्टी प्रधान सुखपाल खैरा ने भी सवाल खड़े किए हैं और साथ ही आम आदमी पार्टी ने भी सरकारी खजाने का बेहिसाब दुरुपयोग करने पर राहुल गाँधी की निंदा की है। तो अब ऐसे में अब आगे देखना ये होगा कि पंजाब सरकार और राहुल गाँधी किस तरह से अपने आपको सही साबित करने की कोशिश करते हैं, क्योंकि ये बात तो तय है कि वो इसे गलत कभी नहींं मानेंगे।
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गुरुग्राम, मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में पहली बार एक घर से हैंड ग्रेनेड मिलने से पुलिस के हाथ-पांव फूल गए। इससे आसपास के लोग दहशत में हैं। सूचना मिलने पर एसीपी सदर भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। गुरुग्राम पुलिस जांच कर रही है कि आखिर यहां घर में हैंड ग्रेनेड और बम कैसे पहुंचे।
पुलिस को मंगलवार को सूचना मिली थी सेक्टर-31 स्थित एक घर में बम और अन्य खतरनाक हथियार रखे हुए हैं। पुलिस ने फौरन मौके पर पहुंचकर सुरक्षा घेरा बनाया। इसकी सूचना राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) मानेसर को दी । एनसीजी की बम निरोधक टीम सेक्टर-31 पहुंची। पुलिस और एनएसजी कमांडो ने घर का ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया। चप्पे-चप्पे की तलाशी ली। इस दौरान घर के शौचालय में हैंड ग्रेनेड बरामद हुए। बाद में क्षेत्र के पार्क में गहरा गड्ढा खोदकर उन्हें डिफ्यूज करने की तैयारी की गई।
इस दौरान आसपास की सड़कों में आवागमन बंद कर दिया गया। बताया जा रहा है कि घर का मालिक दिल्ली के पंजाबी बाग निवासी रविंद्र अग्रवाल है। डीसीपी राजीव देसवाल का कहना है कि फिलहाल इस बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी। जांच की जा रही है।
इस घटना के बाद गुरुग्राम जिला पुलिस चौकस हो गई। जिला के सभी नाकों, सीमाओं पर पुलिस ने लोगों को रुकवाकर वाहनों की तलाशी ली। समाचार लिखे जाने तक पुलिस इस बात का पता नहीं लगा पाई है कि इस घर में हैंड ग्रेनेड कहां से और किसके द्वारा पहुंचाए गए।
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पता नहीं क्यों नहीं सधती थी। मैं...मैं शायद बूढ़ा हो गया था। (वह अपनी मां से पूरी चिंता और गंभीरता से कहता रहता है।) अपने हिस्से से ज्यादा मेहनत-मशक्कत कर चुका था। मेरी सांस उखड़ती थी। मैं लपककर चल भी नहीं पाता था।
उसके ख्याल में मेरे थके-मांदे देह-मन को पूरी तरह जवान हो गए बेटे के पुरुषार्थ के अधीन हो जाना चाहिए और एक समझदार व्यक्ति की तरह परिधि पर आ जाना चाहिए। बड़े पुत्रा को केंद्र में आ जाने का विश्वास और अधिकार देते हुए। मिल सकनी चाहिए उसे अपने पिता की विरासत। सुख-दुःख का पूरा लेखा-जोखा...इस घर की दीवारों पर लिखे गए इतिहास का बयान और ज्ञान।
पर यही सब तो है जो उसे नहीं दिया जा सकता। नहीं बताया जा सकता उसे यहां तक...पहुंचने का रास्ता। इस तरह सुखों-सुविधाओं को पा लेने की विजयगाथा। नहीं बताया जा सकता कि कैसे मैंने अपनी पीठ पर उस चालाक दबाव को पहचानते हुए भी...दूध के रंग की लबालब चाय का आशय समझते हुए भी...हां, समझते हुए ही। नहीं, उसे नहीं बताना है एक पस्त घबराए हुए आदमी का ज़िंदगी से इस तरह का समझौता...कोई दूसरा रास्ता न बना पाए होने की हड़बड़ाई हुई नरमजान असमर्थता।
वह नहीं जानता, मैं सच में नहीं चाहता कोई भी भागीदार...नहीं चाहता कोई वारिस...नहीं चाहता रास्ते पर अपने कदमों के निशान...इस इतिहास को यहीं इसी जगह, मेरे साथ दफन हो जाना होगा। चाहे मेरा यह रवैया उसके और मेरे बीच तनाव के कितने ही चक्रव्यूहों की रचना करता रहे।
आज भी मैं उससे कतई उलझना नहीं चाहता था। कितने ही दिनों बाद वह मेरे साथ खाना खाने बैठा था। मैं भरसक बचने की चेष्टा कर रहा था, चाहे माहौल में कुछ वैसी ही आंधी के तेवर तने लग रहे थे। उसने मुझसे स्कूटर बुक कराने की बात कही थी। मुझे अच्छा लगा था। वह कुछ मांग रहा हैमुझसे। अपने पिता से।
हो जाएगा, मैंने भरसक निरुद्वेग आवाज़ में कहा।
ऐसी कोई ज़रूरत नहीं है। मैं कर लूंगा। आपको बता दिया...आपने पिछली बार शिकायत की थी।
तो यह सूचना थी! पिछली बार के उलाहने का प्रतिकार! क्या कर लोगे?
तुम्हें आम खाने से मतलब या पेड़ गिनने से?
जो घर को घर मानकर रहेगा, उसे पेड़ गिनकर आम खाने पड़ेंगे, अपनी आवाज़ की सख्ती छिपाने की उसने कोई कोशिश नहीं की।
...मैं तुम्हारा बाप हूं या तुम मेरे बाप? मैं शायद उसकी ललकार का सामना न कर पाने के कारण उद्गम को छोड़ नालियों की तरफष् चल निकला था।
उसने भी अब तक की लिहाज़ की ओढ़ी हुई चादर को उतार फेंका!
हैं क्योंकि...क्योंकि हम कुछ और कर ही नहीं सकते..बेबस हैं...नाकारे और पालतू... कहकर उसने थाली को एक ही झटके में आगे धकिया दिया था।
कई रंगों के इस उफषन को झेलते उसका पतला-सा चेहरा एकाएक गड्ड- मड्ड हो गया था। एक अधबनी-सी दयनीयता उसके होठों पर थरथराकर उसकी तमतमाहट को झूठा कर गई।
वह उठ गया था। सब्ज़ी के शोरबे से सने हाथ कांपते से, इस घर में बस आप ही आप हैं। बाकी सब टुकड़ेखोर...पालतू...एडोलसेंट... कहता हुआ वह वैसे ही जूठे हाथों से बाहर निकल गया। शोरबे के पीले चिकने धब्बों को हम दोनों के बीच घूरता छोड़कर।
मेरे पास इन बोले-अबोले उलाहनों का कोई उत्तार नहीं। सीधे-स्वाभाविक हकष् के पक्ष में खड़ा होकर अपने नंगेपन तक पहुंच जाने का साहस भी नहीं। कैसे कहूं कि उस भरोसे को पैदा करने की मेरे भीतर कोई चेष्टा नहीं...मुझे नहीं चाहिए था कोई वारिस...नहीं चाहिए...उसकी उजली अछूती अस्मिता का आत्मदान...किसलिए मैं किसी के भविष्य को विरासत के अंधकार के नाम गिरवी रखता फिरूं? ...इसका मुझे कोई हकष् नहीं...वह मेरा बेटा है तब तो और भी नहीं...कुछ दिन बाद वह भी समझ लेगा,
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शब्दार्थ - कटि - (१) कमर, लंक; (२) टेढ़ी । बाल - ( १ ) बालिका, (२) केश ।
अर्थ - ( १ ) तुलसीदासजी कहते हैं कि सीताजी के नेत्र विशाल हैं, ह (धनुप की भाँति ) टेढ़ी हैं और मस्तक चौड़ा है । ( इस प्रकार पूर्णांगी) वालिका (सीता) मन को मोहनेवाली है।
( २ ) तुलसीदासजी कहते हैं कि सुंदर चाल, वड़े नेत्र, कमर, भौं और उन्नत मस्तक मन मोहते हैं ।
टिप्पणी - इस छंद से परिकर अलंकार और 'मोहत मनहि मनोहर' में वृत्त्यनुप्रास है । प्रथम अर्थ के लिये अर्ध विराम कटि के वाद न होगा।
चंपक-हरवा सँग मिलि अधिक सोहाइ । जानि परै सिय- हियरे जब कुभिलाइ ॥ ५ ॥ शब्दार्थ चंपन-चंपा का फूल । हरवा - हार, माला । हियरे -
हृदय पर ।
अर्ध-सीताजी जो चंपा की माला पहने हैं वह उनके अंग के रंग के समान होकर बड़ी भली लगती है। ( दोनों का एक हो रंग है । ) वह तभी जान पड़ती है जब कुम्हला जाती है ।
टिप्पणी - इस चंद से उन्मीलित अलंकार है। गोसाईजी ने इसमें केवल अपनी उक्ति द्वारा यह प्रकट किया है कि सीताजी का वरी पीत-मिश्रित गौर है ।
सिय तुव संग-रंग मिलि अधिक उदात । हार बेलि पहिरावां चंपक होत ॥ ६ ॥ शब्दार्थ-वेलिलता, वेल ।। तुव (तच ) - तुम्हारा । )
अर्थ - ( १ ) उपर्युक्त बातें सुनकर सीताजी उनसे पूछती "क्या कह रही हो १" तब एक सखी कहती है - हे सीते ! तुम्हारे अंग के रंग में मिलकर हार जाता है। हम बेला का हार के समान सुशोभित होता है ।
( २ ) सखियाँ कहती हैं कि तुम्हारे अंग के रंग में मिलने से चंपा का हर अधिक खिलता है । तुम्हें चंपा का हार पहनाती हैं तो तुम्हारे शरीर की आभा चंपकलता सी मालूम होती है। टिप्पणी - ( १ ) इस छंद में तद्गुण अलंकार है ।
( २ ) द्वितीय अर्थ मे कोई विशेष चमत्कार प्रतीत नहीं होता । किंतु प्रथम अर्थ से छंद मे हमे ५वें छंद से कुछ विभिन्नता मिलती है अतः प्रथम अर्थ अधिक समीचीन है ।
साधु सुसील सुमति सुचि सरल सुभाव ।
राम नीतिरत, काम कहा यह पाव ? ॥ ७॥ शब्दार्थ - काम - कामदेव ।
अर्थ - गोसाईं जी इस वरवै में राम (उपमेय) द्वारा कामदेव (उपमान) को हेय ठहराने का प्रयत्न करते हैं। श्रीरामचंद्र साधुप्रकृति हैं, सुशील हैं, सुदर मनिवाले हैं, सीधे स्वभाववाले हैं और न्याय में तत्पर रहते हैं । केवन रूप-सादृश्य के कारण कामदेव इनकी समता कैसे कर सकता है ? ( क्योंकि वह साधु, दुःशील, दुर्बुद्धि और पापी है। )
टिप्पणी - ( १ ) इस छंद मे गोसाईजी ने राम को रूप तथा गुणो मे वैसे ही सर्वश्रेष्ठ कहा है जैसे कि दूसरे बरवै में सीताजी को । दोनों छंदों की प्रथम पंक्तियों मे स और की प्रवृत्ति ध्यान देने योग्य है ।
( २ ) इस बरवै से प्रतीक है। ( ३ ) प्रथम पंक्ति मे वृत्त्यनुप्रास भी है । कुकुसतिलक भाल, स्रुति कुंडल लोल । काकपच्छ सिलि, सखि ! कस लसत कपोल ॥ ८ ॥ शब्दार्थ-कुंकुम - केशर । स्रुति ( श्रुति ) स्रुति ( श्रुति ) - कान । बाल-सुंदर, चंचल । काकपच्छ - घुँघराले केश । कस-- कैसे । लसत शोभा पाते है । अर्थ- श्रीरामचंद्र के मस्तक पर केशर का तिलक और कानों में सुंदर कुंडल शोभायमान हैं। घुंघराले बाल कपोलों पर लटककर कैसे सुशोभित होते हैं ।
टिप्पणी - इस छंद में स्वभावोक्ति और छेकानुप्रास दोनों अलंकार हैं ।
भाल तिलक सिर, सोहत ह कमान ।
मुख अनुहरिया केवल चंद समान ॥ ८ ॥ र्ट । शब्दार्थ- सर ( शर ) - बाण । अनुहरिया - अनुसरण करनेवाली, एक प्राकृतिवाली ।
अर्थ - ललाट पर तिलक तो बारण के समान और भौंहें धनुष के समान शोभित हैं। रामचंद्रजी की मुखाकृति की समता करनेवाली केवल चंद्रमा के समान कोई वस्तु हो सकती है ।
टिप्पणी - ( १ ) इस स्थान पर गोसाईजी गोलाई मे ज्योत्स्ना में प्रत्यक्ष रूप से चंद्रमा की भी समता न दे सके। उन्होंने उसे कलंकी समझकर ही कदाचित् ऐसा किया है। किंतु यदि कोई समता कर सकता है तो केवल चंद्रमा ही । तात्पर्य यह कि उनका मुख अनुपम है ।
( २ ) इस छंद मे उपमा अलंकार है । |
वृश्चिक-इस सप्ताह परिवार में तनावपूर्ण स्थिति रहेगी. अचानक सगे-संबंधों में कुछ गलतफहमियां पैदा होंगी. महत्वपूर्ण कार्यवश घर से दूर जाना पड़ सकता है. अपनी क्रियाशीलता बढ़ा प्रगति की ओर अग्रसर होंगे. किसी महत्पूर्ण कार्य के परिणाम के प्रति जिज्ञासा प्रबल होगी. राजनीति से जुड़े लोगों को ग्रहों की अनुकूलता का लाभ मिलेगा. रविवार एवं सोमवार को आकस्मिक किसी सुखद समाचार से मन प्रसन्न होगा. काफी दिनों से अवरोधित कोई महत्वपूर्ण कार्य हल होने के आसार बनेंगे. आय के साधन सुलभ होंगे. बुधवार एवं शनिवार को किसी महत्वपूर्ण कार्य में अवराध से मन चिंतित होगा. पुराने संबंध प्रगाढ़ होंगे किंतु अपयश व लांछन से बचें.
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जुवा ]
'पचास हारे' ! धन्य री धन्य परंपरा ! मनु जी जो हमारे शास्त्रकारों के शिरोमणि हैं, हँसी के लिए भी इसका खेलना वर्जित करते हैं, पर वुह मनु जी से भी बढ़ गए जो कहते हैं दिवाली में न खेले तो गदहा का जन्म पाता है। बाजे २ बुद्धि के शत्रु शिव, युधिष्ठिर, बलदेव, नल आदि का नाम लेके कहते हैं कि वे खेले हैं तो हम क्यों न खेलें ! सच हैं, युधिष्ठिरादि के से मनी काम कर चुके हैं तो एक यही क्यों रह जाय ! ऐसी ही समझ ने बुद्धि हर ली है नहीं तो पुराणों में जिन को प्रमाण मान के आप जुवा की लत अपने पीछे लगाते हैं उनमे दो बातें हैं, एक इतिहास, दूसरी आशा और हम युधिष्ठिरादि के बचनों को मानने वाले हैं न कि उनके निज चरित्रों में दखल देने वाले । यदि बड़ों से कोई भूल हो तो उसका अनुकरण हमको श्रेयस्कर नहीं है । वेद का वाक्य है कि "यान्यस्माकं = सुचरितानि तानि त्वयोपास्यानि ना इतराणि" अर्थात् बड़े लोगों के अच्छे काम हमें सीखना चाहिए न कि जुवा आदि बुरे काम । उन्होंने यदि खेला तो उसका फल भी क्या पाया ? शिवजी ने अपने स्त्री पुत्रों में झगड़ा फैलाया। नल ने राज्य खोया। युधिष्ठिर ने भारत का सर्वनाश ही करा दिया ! बलदेव जी ने रुक्म (कृष्णचंद्र जी के साले) का प्राण लिया। जब कि बड़े बड़ों की यह गति जुषा के पीछे हुई तो तुम कौन जग जीतने की आशा रखते हो। हम तो यही कहेंगे कि उन्होंने हमें जुबा की बुराई दिखलाने के ही लिए खेला था । यह बात भी प्रसिद्ध है कि बड़े जो कुछ करें सों न करना चाहिए। उन्होंने खेला है पर हमें खेलने की आज्ञा कहीं नहीं दी । यदि कहीं किसी पुराण अथवा उपपुराण में प्रगट वा प्रच्छन्न आज्ञा हो भी तो उसके पात्र बिचारना चाहिए। हमारी दृष्टि में ऐसा वचन नहीं आया पर यह कहते हैं कि राजा को योग्य है । खैर राजाओं के लाखों का धन होता है, वे हजारों रु० दूसरों को दे सकते हैं। वे खेलें पर तुम्हें परमेश्वर ने आँखें दो हैं, तुम्हें क्या सूझी है कि दस पंद्रह को तो नौकरी करो, दो चार सौ अपने पराए लगाकर रूजगार करो, पर हारने के समय चार २ सौ नसाय देव ! भला वर्ष दो वर्षं खाने कपड़े में कष्ट उठाए बिना अथवा अपने दोन आश्रितों को सताए बिना यह गढ़ा क्यों कर पूरा हो सकता है। बुद्धिमानों ने इसे सब दुर्गुणों का घर कहा है सो बहुत ठीक है । घर से चलते ही जुवारियों को यह विचार होता है कि सबका धन बिना परिश्रम, बिना उस धन के स्वामी का कुछ काम किए मेरे हाथ आ जाय । खेलने के समय चाहें जैसा मित्र बैठा हो उसे भी यही कहेंगे, 'बेईमानी करते हो' रोए देते हो' इत्यादि । जब इसका भूत चढ़ता है तब दिन रात मन वचन कर्म से इसी में संलग्न रहते हैं । यौं तो सभी पवं आमोद प्रमोद करने के लिए नियत किए गए हैं, क्योंकि गृहस्थों को बारहो मास गृहधंधों को चिता चढ़ी रहती है; और चिता शरीर की शोषण करने वाली है इससे हमारे दयालु पूर्वजों ने प्रत्येक मास में एक दो दिन ऐसे नियत कर दिए हैं जिनमें निश्चिन्त हो के भगवद्भजन या और किसी रीति से आत्मपोषण किया जाय। उसमें भी तो होली, दिवाली विशेष हैं जिन में लड़के, बूढ़े, धनी, दरिद्री, विद्वान, मूर्ख, स्त्री, पुरुष सभी यथासामर्थ दिल खुश कर लेते हैं। पर विचारे जुबारियों को दशा पर खेद
[ प्रतापनारायण ग्रंथावली है कि अपनी बुद्धि से चार २ दिन खाना और सोना अपने ऊपर हराम कर लेते हैं । खास पर्व के दिन बाजे २ घरों में दिया जलाना और खील मिठाई खिलोना आदि से कुटुंब को तथा दीपश्राद्ध से पित्रों को एवं पूजन से देवताओं को प्रसन्न करना दूर रहा उलटा स्त्रियों पर इसलिए डंडे बाजी होती है कि 'गहना क्यों नहीं उतार देती' ! बाजे २ इतने में भी नहीं संतुष्ट होते तो चोरी तक करके धन लाते हैं, पर दिन रात है छै!! छै !!! हौंकने में कोताही नहीं करते। यदि दैवयोग से जीत गए तो यह कहना तो व्यर्थ है कि वह जीतना जिसमें पराई आत्मा कलपा के अपनी जेब भरे, अनुचित है, पर इसमें संदेह नहीं कि हराम का धन भले काम में नहीं लग सकता । हेर फेर के साथ वुह उन्हीं के घर जायगा जिनसे देश का सत्यानाश होने में कुछ न कुछ सहायता होती है। यह भी नहीं कि इन्हीं तीन चार दिनो या इसी महीने में खेल छुट्टी हो जाय । जीतने पर अधिक लालच और हारने पर घटी पूरी करने को उमंग में बाजे २ बारामासी द्यूतकार होने के लिए भी इसी शुभ दिन में आरंभ कर देते हैं जिसका फल बदनामी, निर्धनता, चोरोकी लत, न्यायी हाकिम के यहाँ झाड़बाजी, बड़ा घर, ईश्वर के यहाँ दंड इत्यादि बने बनाए हैं ! बरंच हमारा तो यह सिद्धांत है कि अपनी बुरी आदतों का गुलाम हो जाना ही महा नर्क है ! और यह बड़े २ बुद्धिमानों ने दृढ़ता से सिद्ध कर दिया है कि बुरे कर्म पहिले बहुत थोड़े जान पड़ते हैं पर धीरे २ मन में स्थिर हो के अनेक बुराइयों को उत्पन्न करके सर्वनाश का कारण होते हैं। फिर भला जुवा को सब बुराइयों का उत्पादक कहें तो क्या झूठ है ? पाप का बाप लोभ प्रसिद्ध है और उसी का मूल कारण जुवा है जिसका सर्वोत्तम फल यह है कि सहज में पराया धन हाथ में आवे, फिर इसको बुराइयों का ओर छोर क्या हो सकता है ? अतः जहाँ तक हो बुद्धिमानों को इससे सदा बचना चाहिए । क्या होलो क्या दिवाली बुरा काम सदा सब ठौर बुरा ही है ! हमारे कानपुर हो की एक सच्ची कथा है कि एक बनिया साहब खेल में तन्मय हो रहे थे, घर से खबर आई कि लड़का मर गया । उत्तर दिया कि फिर हम क्या चल के जिला लेंगे ? डाल आओ, हमें फुरसत नहीं है। भला ऐसे परम निर्मोही मषियों को तो हम क्या कहें ब्रह्माजी भी नहीं समझा सकते। पर हमारे पाठक कुछ भी इसकी ओर से मुंह फेरेंगे तो उन्हीं के लिए अच्छा है।
खं० ५, सं० ४ ( १५ नवंबर ६० सं० ४ )
यद्यपि यह शब्द फारसी का है पर हमारी भाषा में इतना घुलमिल गया है कि इसके ठीक भाव का बोधक कोई हिन्दी का शब्द ढूंढ़ लावे तो हम उसे बड़ा मर्द गिर्ने । 'मिथ्या प्रशंसा' 'ठकुरसुहाती' इत्यादि शब्द गढ़े हुए हैं। इनमें वुह बात ही नहीं पाई जाती जो इस मजेदार मोहनी मंत्र में है। कारण इसका यह जान पड़ता है हमारे पुराने लोग सीधे, सच्चे, निष्कपट होते रहे हैं। उन्हें इस का काम बहुत कम पड़ता था। फिर ऐसे शब्द के व्यवहार का प्रयोजन क्या ? जब से गुलाब का फूल, उरद् को शोरी जबान इत्यादि का प्रचार हुवा तभी से इस करामाती लटके का भी जोहर खुला । आहाहा ! क्या कहना है ! हुजूर खुश हो जायं और बंदे को आमद हो । यारों के गुलटरें । फिर इसके बराबर सिद्धि और फाहे में है ? आप चाहे जैसे कड़े मिजाज हों, रुक्खड़ हों, मक्खीचूस हों, जहाँ हम चार दिन झुक झुक के सलाम करेंगे, दौड़ २ आपके यहाँ आवेंगे, आपकी हाँ में हाँ मिलावेंगे, आपको इन्द्र, वरुण, हानिम, करण, सुर्य्य, चंद्र, लैली, शीरी इत्यादि बनावेंगे, आपको जमीन पर से उठा के झंडे पर चढावेंगे, फिर बतलाइए तो आप कब तक राहपरन आवेंगे ? हम चाहे जैसे निर्बुद्धि, निकम्मे, अविद्वान, अकुलीन क्यों न हों, पर यदि हम लोकलज्जा, परलोक भय, सबको तिलांजुली दे के आपही को अपना पिता, राजा, गुरु, पति, अन्नदाता कहते रहेंगे तो इसमें कुछ मीन मेख नहीं है कि आप हमें अपनायेंगे और हमारे दुख दरिद्र मिटावेंगे । अजी साहब, आप तो आप ही हैं, हम दीनानाथ, दीनचंधु, पतितपावन कह २ के ईश्वर तक को फुसला लेने का दावा रखते हैं, दूसरे किस खेत की मूली है। खुशामद वुह चीज है कि पत्थर को मोम बनाती है। बैल को दुह के दूध निकालती है। विशेषतः दुनियादार, स्वार्थपरायण, उदरंभर लोगों के लिये इससे बढ़ के कोई रसायन ही नहीं है। जिसे यह चतुराक्षरी मंत्र न आया उसकी चतुरता पर छार है, विद्या पर धिक्कार है । कोई कैसा ही सब्जन, सुशील, सहृदय, निर्दोष, न्यायशील, नम्रस्वभाव, उदार, सदगुणागार साक्षात् सतयुग का ओतार क्यों न हों पर खुशामद न जानता हो तो इस जमाने में तो उसको मट्टी स्वार है, मरने के पीछे चाहे भले ही ध्रुबजी के मुकुट का मणि बनाया जाय । और जो खुशामद से रीझता न हो उसे भी हम मनुष्य नहीं कह सकते । पत्थर का टुकड़ा, सूखे काठ का कुंदा या परमयोगी, महाबैरागी कहेंगे । एक कवि का बाक्य है कि, "बार पच माछी पर्च पत्थर हू पचि जाय, जाहि खुशामद पचि गई ताते कछु न बसाय' । सच है खुशामदी लोगों की बातें और घातें हो ऐसी होती हैं कि बड़े बड़ों को लुभा लेती हैं। सब जानते हैं कि यह अपने मतलब की कह रहा है, पर लच्छेदार बातों के मायाजाल में फंस बहुधा सभी जाते हैं। क्यों नहीं ! एक लेखे
[ प्रतापनारायण-प्रथावली
पूछो तो खुशामदी भी एक प्रकार के ऋषि मुनि होते हैं। अभी हमसे कोई जरा सह नखरा करे तो हम उरद के आटे की भाँति ऐंठ जायं। हमारे एक उजड्ड साथी का कथन ही है कि 'बरं हलाहल पानं सद्यः प्राण हरं विषम् । नहि दुष्ट धनाढ्यस्य भूभृङ्ग कुटिलाननः' । पर हमारे खुशामदाचार्य्यं महानुभाव सब तरह की निंदा, कुबातें सहने पर भी हाथ हो जोड़ते रहते हैं । भला ऐसे मन के जीतने वालों के मनोरथ क्यों न फले । यद्यपि एक न एक रीति से सभी सबकी खुशामद करते हैं, यहाँ तक कि जिन्होंने सब तज हर भज का सहारा करके बनवास अंगीकार किया है, कंद मूल से पेट भरते हैं, भोजपत्रादि से काया ढंकते हैं उन्हें भी गृहस्थाश्रम की प्रशंसा करनी पड़ती है फिर साधारण लोग किस मुंह से कह सकते हैं कि हम खुशामद नहीं करते । बरंच यह कहना कि हमें खुशामद करनी नहीं आती यह आला दरजे की खुशामद है। जब आप अपने चेले को, अपने नौकर को, पुत्र को, स्त्री को, खुशामदी को नाराज देखते हैं और उसे राजी न रखने में धन, मान, सुख, प्रतिष्ठादि की हानि देखते हैं तब कहते हैं क्यों ? अभी सिर से भूत उतरा है कि नहीं ? अक्किल ठिकाने आई है कि नहीं ? यह भी उलटे शब्दों में खुशामद है। सारांश यह कि खुशामद से खाली कोई नहीं है पर खुशामद करने की तमीज हर एक को नहीं होती। इतने बड़े हिंदुस्तान भर मे केवल चार छ : आदमी खुशामद के तत्ववेता हैं। दूसरों की क्या मजाल है कि खुशामदी की पदवी ग्रहण कर सकें। हम अपने पाठकों को सलाह देते हैं कि यदि अपनी उन्नति चाहते हो तो नित्य थोड़ा २ खुशामद का अभ्यास करते रहें । देशोन्नति फेशोन्नति के पागलपन में न पड़ें नहीं तो हमारी हो तरह भकुआ बने रहेंगे ।
खं० ५, सं० ५ ( १५ दिसंबर, ६० सं० ४ )
इस विषय पर लिखने का हमने कई बेर विचार किया पर कई बातें सोच के रह गए । इन दिनों हमारे परम सहायक श्रीस्वामी मंगलदेव संन्यासी महानुभाव की आज्ञा और कई एक मित्रों के अनुरोध से फिर इच्छा हो आई कि लिखा करें पर बुद्धिमान लोग समझ सकते हैं कि यह विषय अत्यन्त आवश्यक है, बहुत सोच समझ के लिखने का है । क्योंकि और लोगों को शिक्षा करना शिक्षा नहीं है केवल उनका मन बहलाना मात्र है । जिन्हें उस विषय को रुचि अथवा ज्ञान नहीं है वे न सुनेंगे न देखेंगे और जो रसिक हैं वे स्वयं उन बातों को जानते हो हैं। उन्हें शिक्षा की क्या आवश्यकता है ? हाँ, हमारी बहुत सी बातों में से जो दस पाँच बातें उन्हें रुचेंगी वे प्रसन्न हो जायंगे वा उनमें दृढ़ हो जायंगे । तो शिक्षा काहे को जी बहलाव हो ठहरा । पर बालकों के साथ ऐसा नहीं है।
बालशिक्षा ]
वे अभी किसी शिक्षा सम्बन्धी विषय को नहीं जानते और जो बातें उनसे, निम रीति से, जिन शब्दों में, कही जायंगी वे उन्हें ज्यों का त्यों सुनें समझेंगे । अतः शिक्षा के मुख्य पात्र बालक ही हैं। इसके अतिरिक्त मयाने लोगों को कुछ न कुछ सारग्राहिणी बुद्धि होती है, उनसे चाहे जैसी टेढ़ी सोधी औरेजी भाषा मे कोई बात कह दीजिए वे उसका मुख्य तात्पर्य यथाशक्ति समझ सकते हैं । पर बालक बहुधा बात की ध्वनि को म समझ के केवल शब्दार्थ ही समझ सकते हैं। यदि किसी बालक से कहा जाय कि पृथिवी का आधार गऊ है तो वह यह न समझेगा कि पृथ्वी के सर्वश्रेष्ट निवासी मनुष्य को खाना कपड़ा गऊ ही के दूध घी तथा गऊ पुत्र के उपजाए अन्न, रुई आदि से मिलता है, पर वुइ बालक समझेगा कि धरती को कोई गऊ अपनी पोठ अथवा सोग पर साढ़े है । अतः बालकों को जो बात समझाना हो वुह बहुत सरल रीति से कहना चाहिए । इसके सिवा बालक अभी अपने माता पिता तथा मुरूप साथियों के सिवा अपना घर मुहाल तथा दो चार सड़कों के सिवा दुनिया क्या है जानते भी नहीं है, इसलिए उन्हें सभी प्रकार की शिक्षा की आवश्यकता है। धर्मशिक्षा नीतिशिक्षा, व्यवहाजिक्षा, शिष्टाचार शिक्षा, उपयोगी भाषाओं की शिक्षा, इतिहास, गणित, इत्यादि ऐसी कोई शिक्षा नहीं है की उनके लिए आवश्यक न हो। और हम देखते हैं तो पूर्ण रूप से उपयुक्त पुस्तकें अभी हमारे देश के अभाग्य से यहां बहुत ही थोड़ी हैं, अतः यह कर्तव्य ( बालशिक्षा ) यदि अकेले हमी लिखें ( क्योंकि दूसरे लेखक अभी इस ओर बहुत हो कम झुके हैं ) तो कितनी कठिनता पड़ेगी । दुनिया भर की बातें लिखना और अनि हो सरल भाषा और भाव में लिखना थोड़े दिन का और सहज काम नहीं है । यही बातें सोच के अब तक इस विषय में हाथ नहीं डाला । पर अब इधर मित्रगण हुलियाते हैं कि लिख । और हम भी समझते हैं कि इसी नई पौध की भलाई के लिए हमारी ओर हमारे सहयोगियों की मुड़ घुन है, फिर इन प्यारे बालकों के उपयुक्त बातें क्यों न लिखी जायं । अस्तु हम लिखेंगे। पर बहुत दिन तक थोड़ी २ बातें लिखेंगे क्यों कि यह विषय अन्य विषयों की भांति नहीं है। दूसरे ग्रन्थकारों, सम्पादकों और कवियों से भी बिनय. है कि हमारा साथ दें, क्योंकि वे स्वयं विचार सकते हैं कि इसकी कितनी अधिक आदश्यकता है। भगवान बालमुकुन्द नन्दबजिरबिहारी, जानुप्राणिचारी, दधिमाम्वन आहारी हमारी सहाय करें। जानना चाहिए कि बालकों की सम्पूर्ण शिक्षा उनके माता पिता और गुरु पर निर्भर है। लिखा भी है कि 'मातृमान्पितृमानाचार्यवान्पुरुषोवेद' : अतः हम पहिले माता पिता और आचार्य के लिए कुछ उपयोगी बातें लिखते हैं । बालकों को पहिले २ और अधिकाधिक काम माता से पड़ता है अतः माता का परम धर्मं है कि अपने संतान को सुशिक्षित करें । पर खेत है कि हमारे देश में स्त्री शिक्षा काः अभाव सा है अतः माता स्वयं अशिक्षिता हैं, वे लड़कों को क्या शिक्षा देंगी। पर हो,. पिता को योग्य है कि बालक पर भी ध्यान रखें और उनकी माता पर भी । ( यदि ) हमारी आर्यललनागण जब तक लड़का दूध पिए तब तक मिरच खटाई तेल इत्यादि रोम
वर्धक पदार्थ न खाया करें । बहुधा स्त्रियां मिट्टी को मून के बहुत खाती हैं यह महा ·ओगुन है । न खाया करें। घी दूध आदि पुष्ट वस्तु खूब खाया करें। लड़के को रोने के डर से अफोम बहुत न खिलाया करें। तेल और काजल लगाने में न अलसाया करें। कपड़े, बिछौने आदि स्वच्छ रक्खा करें । लड़का कुछ स्याना हो तो रीछ, भूत, हौवा, गोदने वाले का नाम ले के उसे डरपोक न बनाया करें । बोलने लगे तो गालियां न सिखाया करें । बहुत पहिराय उढ़ाय के अकेले न छोड़ा करें। पढ़ाने वाले से यह न कहा करें कि " जाव, हमार बच्चा भीख मांग खाई, न पढ़ी।" जिन स्त्रियों से उन्हें हंसी करने का • नाता है उनके पास अधिक न रक्खा करें । यही बहुत कुछ है ।
पिता का कर्तव्य मुख्य तो यह है कि यदि माता अपने कर्तव्य ( जो पहिले लिखे गए हैं ) न निभा सके तो यथावकाश स्वयं उन पर ध्यान रक्खें, नीति के साथ उन्हें ( स्त्रियों को ) निज कृत्य के योग्य बनाने की चेष्टा करते रहें । नोचेत् न्हाने खाने सोने के अतिरिक्त उनको संगति हो से दूर रक्खें। भोजन, वस्त्र, शरीर और गृह की स्वच्छता पर ध्यान रखना परम कर्तव्य है । भोर सांझ के समय निर्मल बायु सेवन, समधानुकूल उपायाम कसरत, सोने जाने का नियत काल सबसे सरल व्यवहार, भले लोगों का संग, भले कामों में रुचि, भली बातों में श्रद्धा, मधुर भाषण इत्यादि भी पिता ही सिखा सकते हैं। लड़कों के बिगड़ने का हेतु बहुधा यही होता है कि उनके पितृचरण उनके आचरण पर या तो ध्यान ही नहीं देते हैं या उनका बात बात पर इतना दबाव रखते हैं कि वे निरे दर्बल हो जायं । घर में आ के स्त्री से अथवा बाहर निज मित्रों से स्वच्छंद वार्ता करते हैं। इसमें लड़कों का चित्त भी बिगड़ैल हो जाता है । अतः पिता को योग्य है कि ऐसे २ अवसरों पर संतान का इतना ही संकोच रक्खें जितना संतान को बड़ों के आगे रखना चाहिए। इसके सिवा पुस्तकादि की असाव धानता, पढ़ने से जी चुराना, नशा, जुवा, झगड़ा, बड़ों को बेअदबी इत्यादि से बचाने में पूर्ण प्रयत्न रखना चाहिए। जो नौकर उनके ( लड़कों के ) साथ रक्खे जायं उनके स्वभाव की परीक्षा भी अवश्य कर लेनी चाहिए । ढीठ, मुंहलगे, दुरभाषी, दुराचारी न हों नहीं तो लड़कों का बिगड़ना बहुत सहज है। साथ के सड़कों को भी देखते रहना चाहिए कि कौन कैसा है। संगति का गुण बड़ों को लग जाता है, लड़के तो लड़के ही हैं । मामूली खर्च तथा मेले ठेले का खर्च भी सामर्थ्यानुसार विचार के इतना देना चाहिए जिसमें उन्हें अपव्ययी बनने की संभावना न हो अथच निज मित्रों से रिण लेने का भी अवसर न आवे । उत्तम तो यह है कि उन्हीं से पूछ के तथा उन्हें भली बुरी रीति समझा के दिया जाय। बड़ी सभाओं तथा विद्या सम्बन्धी कौतुकों ( इल्मी जलसों एवं जिन तमाशों में कुवाच्य और कुकृत्यों को शिक्षा संभावित में हो उनमें जाने से कभी रोकना न चाहिए। बहुत प्रकार के बहुत से लोगों की बहुत सी बातें देखने सुनने से सहृदयता आती है। बरंच ऐसे स्थान पर अपने साथ ले जाके प्रत्येक विषय को समझाते रहना चाहिए। जहां तक हो पुत्र से सुमित्र का सा बर्ताव रखना योग्य है जिसमें उसे अपनो कोई बात छिपाने की इच्छा स्वयं न हो। ऐसा होने से दृढ़ाया है |
(सीएम भूपेश बघेल ने किया अमर वाटिका का लोकार्पण, फोटो क्रेडिट- अशोक नायडू)
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में इंडिया गेट की तर्ज पर बनाई गई अमर वाटिका का 26 जनवरी को मुख्यमंत्री ने लोकार्पण किया. लाखों रुपये की लागत से तैयार की गई इस अमर वाटिका में संगोष्ठी कक्ष के निर्माण के साथ ही करीब 60 फिट ऊंचा शहीद स्मारक बनाया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस "अमर वाटिका" का अवलोकन कर बस्तर संभाग में पिछले 5 दशकों से नक्सलियों से लोहा लेते हुए लगभग 1200 से ज्यादा सुरक्षाबल, आम नागरिक और पुलिस के जवानों की शहादत पर उन्हें याद कर श्रद्धांजलि दी.
दरअसल बस्तर में नक्सलियों से लोहा लेते शहीद जवानों, आम जनता की याद में इस अमर वाटिका को बस्तर पुलिस के द्वारा तैयार किया गया है, जहां 1200 से भी ज्यादा शहीद जवानों के नाम शहीद स्मारक के पास अंकित किए गए हैं. मुख्यमंत्री ने इन सभी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी, साथ ही मुख्यमंत्री ने शहीद परिवार के परिजनों से मुलाकात कर उन्हें शॉल और श्रीफल देकर सम्मानित किया और वाटिका में पौधा रौपण किया.
दअरसल बस्तर की शांति सुरक्षा और विकास के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले पुलिस और सुरक्षा बल के जवानों और आम नागरिकों की याद में शहर के आमागुड़ा चौक में अमर वाटिका को बनाया गया है. अमर वाटिका में करीब 60 फीट ऊंचा शहीद स्मारक बनाया गया है, शहीद स्मारक के पास ही काले ग्रेनाइट की दीवार पर बस्तर संभाग में नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के नाम अंकित किये गए हैं. इसके अलावा अमर वाटिका में "माटा लोना" (संवाद गृह) बनाया गया है, जहां बच्चों द्वारा बदलते बस्तर की थीम पर नाट्य प्रस्तुत किया गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि पिछले 4 सालों में राज्य सरकार की योजना और कार्यक्रमों के माध्यम से जनता का विश्वास अर्जित करने में बस्तर पुलिस को सफलता मिली है, नक्सली घटनाओं में भी 65% से ज्यादा कमी आई है.
'आने वाले सालों में नक्सल मुक्त होगा बस्तर'
उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है और माढ़ इलाके में इंद्रावती नदी पर पुल-पुलिया का बड़े पैमाने पर निर्माण किया जा रहा है, साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचार और कनेक्टिविटी की भी सुविधा बढ़ी है और लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है. सीएम ने कहा कि पिछले सालों के मुकाबले बस्तर काफी बदल रहा है और आने वाले सालों में निश्चित तौर पर बस्तर नक्सल मुक्त होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर की सुरक्षा और यहां के लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान करने वाले जवानों और आम नागरिकों की याद में अमर वाटिका का निर्माण किया गया है, निश्चित तौर पर यह शहीद स्मारकआने वाली पीढ़ियों को हमारे जवानों और नागरिकों के बलिदान की याद दिलाता रहेगा.
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North-Eastern Police Academy Bharti 2022: नार्थ-ईस्टर्न पुलिस अकादमी ने 10 दिसम्बर को प्रकाशित रोजगार समाचार में 33 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना प्रकाशित की है. पदों पर भर्ती के लिए फिजिकल टेस्ट का आयोजन 12 दिसम्बर 2022 और 19 दिसम्बर 2022 को होगा. इच्छुक उम्मीदवार निर्धारित तिथि के बीच आवेदन कर सकते हैं. ये भर्तियाँ MTS पदों और कांस्टेबल पदों पर की जाएंगी. पदों पर भर्ती के लिए इच्छुक उम्मीदवारों का 10वीं पास होना जरुरी है. साथ ही आवेदन के लिए उम्मीदवारों की आयु 18 वर्ष से 25 वर्ष होनी चाहिए. पदों की विस्तृत जानकारी के लिए नीचे डिटेल्स पढ़ें.
North-Eastern Police Academy Bharti 2022 महत्वपूर्ण तारीखें :
North-Eastern Police Academy Bharti 2022 पदों का विवरण :
North-Eastern Police Academy Bharti 2022 शैक्षिक योग्यता :
आवेदन के इच्छुक उम्मीदवारों का सभी पदों पर नियुक्ति के लिए किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या संस्थान से 10वीं पास होना जरुरी है. साथ ही अलग-अलग पदों के लिए अलग-अलग शैक्षिक योग्यताएं निर्धारित की गईं है जिसके विषय में उम्मीदवार ऑफिसियल वेबसाइट पर जा कर विस्तृत योग्यता देख सकते हैं.
North-Eastern Police Academy Bharti 2022 आवेदन प्रक्रिया :
पदों पर आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार नार्थ ईस्ट पुलिस अकादमी उम्सव, री-भोई मेघालय में जा कर आवेदन कर सकते हैं आवेदन के दौरान उम्मीदवारों को अपने साथ कम से कम एक पासपोर्ट साइज़ का फोटो, और आई डी प्रूफ लाना अनिवार्य है.
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इससे पहले महिला का आरोप था कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने उनके साथ मारपीट की है। वर्सोवा पुलिस ने इस शिकायत के आधार पर अभिनेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी। वहीं अब महिला का कहना था कि अभिनेता के साथ उसका पार्किंग की जगह को लेकर विवाद हुआ था, जिसके बाद अभिनेता ने उनके साथ बदसलूकी की।
हालांकि इस मामले पर नवाजुद्दीन के भाई का कहना था कि ऐसा कोई मामला नहीं है। आरोप लगाने वाली महिला के साथ ऐसी कोई भी घटना नहीं हुई है। वह साफतौर पर झूठी कहानी बना रही है। इसके बावजूद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था और मामले की जांच की जा रही थी।
वहीं बता दें कि इन दिनों अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी कोलकाता में फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। फिल्म में उनके साथ अमिताभ बच्चन और विद्या बालन भी काम कर रहे हैं। इस फिल्म का नाम 'तीन' बताया गया है और ये एक सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है। इसको निर्देशित कर रहे हैं सुजॉय घोष।
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मुकेश कुमार, गोपालगंज। गोपालगंज में थावे डायट सेंटर में कुचायकोट प्रखंड की मतगणना की जा रही है। आज बुधवार को जैसे ही कुचायकोट के सलेहपुर पंचायत के मुखिया पद की काउंटिंग संपन्न हुई। उसके बाद जिला प्रशासन की ओर से जीते हुए प्रत्याशी के नाम की घोषणा की गई। जीत की घोषणा होते ही नवनिर्वाचित मुखिया के समर्थक उत्साहित हो गए। उत्साहित मुखिया के समर्थकों ने थावे डायट सेंटर परिसर में ही जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया। जब ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने मुखिया समर्थकों को काउंटिंग परिसर से जाने को कहा तो उत्साहित समर्थकों ने पुलिस के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। बाद में हंगामा कर रहे उपद्रवियों को शांत करने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी। बाद में भारी मशक्कत के बाद उपद्रव कर रहे समर्थकों को डायट परिसर से बाहर किया गया। धक्का मुक्की और लाठी चार्ज के दौरान डायट सेंटर में कुछ देर के लिए अफरातफरी मच गई।
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एक छुट्टी थी। हम कहाँ स्वयं के लाभ के लिए और अपने बटुए में भारी नुकसान के बिना गर्म गर्मी के दिनों आकर्षित करते हैं? पसंद क्रीमियन सैरगाह पर पड़ता है। घरेलू शहरों कि आराम करने के लिए पर्यटकों को ले, विदेशी से भी बेहतर समय पर कल्पना करने के लिए है। क्रीमिया में बेहतरीन सैरगाह में से एक Evpatoria है। एक अद्भुत खाड़ी Kalamitsky में काला सागर तट पर स्थित शहर। और कैसे दुनिया में कहीं से याल्टा को पाने के लिए?
खुदाई का कहना है कि आधुनिक शहर लोगों तृतीय सहस्राब्दी ई. पू. में वापस रहते थे। ई। चतुर्थ शताब्दी ईसा पूर्व। ई। जब खाड़ी Kalamitsky के तट पर एक अद्भुत यूनानी नगर-राज्य Kerkentidoy बुलाया बनाया यह अवधि थी। बाद में, क्षेत्र खेरसॉन राज्य का हिस्सा बन गया। XV सदी में Crimean Tatars राज्य को जब्त कर लिया और Gezlev में Kerkentidu नाम दिया।
यह लंबे समय से नहीं था, और Kuchuk Kaynarca संधि शहर रूसी साम्राज्य ले जाया गया। कैथरीन द्वितीय, जो उस समय शासन किया, Yevpatoria में Gezleve नाम बदलने के लिए एक फरमान और काउंटी शहर का दर्जा प्राप्त होने पर हस्ताक्षर किए। उन्नीसवीं सदी की शुरुआत काला सागर के इस हिस्से में एक बड़ी समुद्री बंदरगाह की खोज के समय था। कई दशकों के शुरू करने के बाद एक रिसॉर्ट विकसित करना है "उद्योग। " यह हल्के जलवायु, अद्वितीय चिकित्सकीय मिट्टी, रेतीले समुद्र तटों के एक अविश्वसनीय संख्या, चिकित्सा खनिज जल के साथ स्प्रिंग्स द्वारा पदोन्नत किया गया था। यह देर से उन्नीसवीं सदी में था, कहानी येव्पेतोरिया रिजॉर्ट के शहर के रूप में शुरू होता है।
यह शहर सबसे प्रसिद्ध बाद के सोवियत अंतरिक्ष से एक माना जाता है और सबसे मौसम में पर्यटक आते। स्थानीय निवासियों गर्मियों में लगभग 140 हजार पर्यटकों को 5-8 अधिक में एक समय हो जाता है। आप आराम न केवल कर सकते हैं, और लागत बहुत बड़ा नहीं होगा (यह सब करने की क्षमता और यात्री की भूख पर निर्भर करता है), लेकिन यह भी कई खनिज स्प्रिंग्स और कीचड़ उपचार की वजह से उनके स्वास्थ्य में सुधार होगा।
केवल सवाल हल करने की जरूरत है कि, यह हैः
- कैसे याल्टा को पाने के लिए;
- कितना पैसा यात्रा के लिए तैयार करने के लिए;
- क्या सामान में लाने के लिए;
- क्या लागत रहते हैं गिर जाएगी।
शहर रिसॉर्ट्स और होटल, सराय और बोर्डिंग घरों, निजी अपार्टमेंट और घरों का एक बहुत का निर्माण किया। उत्तरार्द्ध, संयोग से, बहुत लोकप्रिय हैं। बेशक, यह ध्यान रखें कि समुद्र के करीब वहाँ एक घर या एक अपार्टमेंट, और अधिक महंगा यह खर्च होंगे है। और समुद्र तट पर आराम के अलावा, पर्यटकों, वास्तु सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्मारकों की यात्रा के लिए दिलचस्प हो जाएगा। तो लाभ के साथ और आत्मा, और शरीर के लिए छुट्टी पर जाना।
कैसे Yevpatoria में आने के लिए?
इस अद्भुत रिसॉर्ट में आराम करने का फैसला किया। कैसे याल्टा को पाने के लिए? बेशक,, आओ आओ और उड़ान भरने के परिवहन के किसी भी रूप पर हो सकता है। लेकिन यह येव्पेतोरिया के लिए ट्रेन टिकट खरीदने के लिए सबसे अच्छा है। इस मामले में, एक पारगमन बिंदु सिम्फ़रोपोल होगा। यहाँ से दूरी स्पा शहर के लगभग 76 किमी दूर है। कुछ शहरों में बाद के सोवियत अंतरिक्ष सीधे Evpatoria को रेल लिंक की स्थापना की है। तो, ब्रेस्ट, मिन्स्क, Kharkov, Vitebsk, सेंट पीटर्सबर्ग, Dnepropetrovsk, मास्को से आप इच्छित सहारा करने के लिए मिल सकता है। दूसरा विकल्प स्थानान्तरण के साथ Evpatoria पर जाने के लिए होगा।
हालांकि, यात्री के लिए रेल परिवहन बोझ है, तो आप बस, ट्रेन, टैक्सी की "सेवाओं" या अपने खुद के कार का उपयोग कर सकते हैं। मैं, खुशी है कि परिवहन यहाँ बहुत अच्छी तरह से विकसित की है हूँ ताकि यात्रियों को स्टेशन पर ऊब समय नहीं है।
Yevpatoria में के रूप में इस तरह के विमान आता है। परिवहन के इस रूप में सिम्फ़रोपोल के लिए फिर से पहुंचा जा सकता है। अप्रिय आश्चर्य पर्यटकों और तथ्य यह है कि जहाजों केवल ताशकंद, मास्को, कीव, त्बिलिसी से इस शहर में आ रहे हैं के लिए हो सकता है। ई कि सिम्फ़रोपोल के लिए यात्रियों को भेजने के शहरों की संख्या सीमित है,।
येव्पेतोरिया - वादा किया सहारा को पाने के लिए सबसे बजट रास्ता मार्ग सिम्फ़रोपोल पर प्रशिक्षित करने के लिए माना जाता है। उड़ानों दिन के दौरान बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन तय समय सुयोग्य है। प्रस्थान का समयः सुबह, दोपहर, शाम। यात्रा की अवधि - लगभग 2 घंटे।
बस स्टेशन रिसॉर्ट बसों और टैक्सियों से हर 10-20 मिनट। मैं खुश हूँ कि मार्ग सिम्फ़रोपोल पर परिवहन रन के इस प्रकार - येव्पेतोरिया दौर। यात्रा के समय लगभग 1. 5 घंटे है।
किसी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने की हिम्मत नहीं किया, तो उसके सामने कैसे, येव्पेतोरिया को पाने के लिए ट्रेन से बस या नहीं तो का एक मुद्दा है। एक यकीन है कि जिस तरह से बाहर - एक टैक्सी बुक। और सेवा ऑपरेटर किराया दर पर तय किया जाएगा, और निजी कैब, 1000 से कम नहीं रूबल अनुरोध कर सकते हैं नहीं तो और अधिक।
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कीजिए ।
जैन मुद्दोप पाठमासा - भाप १
भगवान् को केवल पम की विशिष्ठ पटनाओं का बरसेग
भवबाद के चरित्र की विषयतालिका लिलिये ।
२. मनवा के बीवन से भापको क्या शिक्षाएँ मिलती हूँ?
२ गणधर श्री इन्द्रभूतिजी (श्रो गोतमस्वामीनी )
मगध देश में पोबर' नामक एक गाँव मा महो । १ 'श्री इममूर्ति' नामक ब्राह्मण रहते थे। उनके पिता का नाम 'बमुभूति तथा माता का नाम पृथ्वी था। वे 'योतम' गौत्रीम बे उनके दो छोटे भाइयों का नाम क्रमा २'श्रीमभूति' तमा १ मी बायुमूर्ति था।
सीनो भरे-पूरे शरीर वाल मे शरीररूपरंग । देवताओं को भी सम्मित करने बासा मा शरीर शक्तिसम्पन्न था मानो बस का ही बना हो । पद्म-गर्भ के समान उनके शरीर का गोर बर देसवे ही बनता था। उनके मुख पर बडी दिव्य प्रतिभा थी ।
सीमो वैदिक धर्म के उपाध्याय ने वेद-वेदम के रहस्य को जानने वाले थे। तीनो ५००-५० ग्राम मे । श्री इम्ब्रमूर्ति उम सब मे तेज मे । उस युग में उनके समान कामपा अपने युग के सभी विषयों के छजस्वरीम |
खबर के अनुसार पटना के कंकड़बाग, फुलवारीशरीफ और दानापुर जैसे इलाकों में कोरोना के केस सामने आ रहे हैं। वहीं यहां कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या भी ज्यादा हैं। इसलिए लोगों को अभी सावधानी बरतने की ज़रूरत हैं।
बता दें की पटना के दानापुर-खगौल इलाके में अभी भी कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या 20 हैं। जबकि शास्त्रीनगर में 17 और फुलवारीशरीफ में 13 एक्टिव केस मौजूद हैं। हालांकि एक्टिव मरीजों की संख्या में प्रतिदिन कमी देखि जा रही हैं।
वहीं पिछले 4 दिनों में पटना में 30 से 40 से नए पॉजिटिव मरीज मिले हैं। जबकि शनिवार को पटना में 22 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं। पटनावासी को कोरोना से लड़ने के लिए सावधानी बरतनी चाहिए और कोरोना वैक्सीन जल्द से जल्द लगानी चाहिए।
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अभिनेता आयुष्मान खुराना और अपारशक्ति खुराना के पिता पी खुराना का शुक्रवार को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। अपारशक्ति के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि पेशे से ज्योतिषी रहे पी खुराना ने पंजाब के मोहाली में अंतिम सांस ली। बयान में कहा गया है, आयुष्मान और अपारशक्ति खुराना के पिता, ज्योतिषी पी खुराना का आज सुबह 10:30 बजे मोहाली में एक लंबी असाध्य बीमारी के कारण निधन हो गया। व्यक्तिगत क्षति के इस समय में हम आपकी सभी प्रार्थनाओं और समर्थन के लिए ऋणी हैं। " पी खुराना कुछ समय से दिल की बीमारी से जूझ रहे थे और उनका इलाज मोहाली के एक निजी अस्पताल में चल रहा था।
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New Bajaj Platina 110 ABS : Bajaj ला रही Platina 110cc सेगमेंट की सबसे सस्ती ABS सिस्टम बाइक, तूफानी फीचर्स और जबरदस्त माइलेज के साथ देखे कीमत और रापचिक लुक। बजाज ऑटो ने अपनी कम कीमत में लंबी माइलेज वाली कम्यूटर बाइक बजाज प्लेटिना 110 का नया वेरिएंट मार्केट में लॉन्च कर दिया है जिसमें कंपनी ने सिंगल चैनल एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के सतह बाजार में उतारा है। Bajaj Platina 110 बाइक में बेहतरीन फीचर्स के साथ दमदार इंजन दिया गया है।
लुक और सिस्टम की बात की कए तो Bajaj Platina 110 ABS बाइक के फ्रंट व्हील में डिस्क ब्रेक और रियर व्हील में ड्रम ब्रेक देखने को मिलते है। इस ब्रेकिंग सिस्टम के साथ सिंगल चैनल एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम का सपोर्ट दिया गया है। Bajaj Platina 110 ABS में एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम देने के अलावा कई और अपडेट को शामिल किया गया है। Bajaj Platina 110 ABS अपने सेगमेंट की एकमात्र बाइक है जिसमें एबीएस सिस्टम देखने को मिलते है।
इंजन की बात की जाये तो Bajaj Platina 110 ABS में 115. 45 सीसी सिंगल सिलेंडर, एयर कूल्ड इंजन मिलता है। यह इंजन 8. 44 PS की पावर और 9. 81 NM का पीक टॉर्क जेनरेट करने में सक्षम है। बजाज प्लेटिना 110 बाइक के इस इंजन के साथ 5 स्पीड गियरबॉक्स सपोर्ट दिया गया है। Bajaj Platina 110 एबीएस बाइक एक लीटर पेट्रोल पर 80 kmpl तक का माइलेज देने में सक्षम है।
Bajaj Platina 110 ABS बाइक में सेमी डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कंसोल, डिजिटल स्पीडोमीटर, गियर गाइडेंस फीचर, गियर पोजिशन इंडिकेटर, एंटी लॉक ब्रेकिंग सिस्टम इंडिकेटर, एलईडी डे टाइम रनिंग लाइट, और नए डिजाइन के रियर व्यू मिररजैसे फीचर्स को शामिल किया गया है। इसके साथ ही Bajaj Platina 110 ABS में 11 लीटर का फ्यूल टैंक भी देखने को मिल सकता है।
Bajaj PLATINA 110 ABS बाइक की एक्स शोरूम कीमत 72,224 रुपये रखी गई है। Bajaj Platina 110 ABS में चार नए कलर ऑप्शन देखने को मिलते है। जिसमें पहला कलर एबोनी ब्लैक, दूसरा कलर ग्लॉस प्यूटर ग्रे, तीसरा कलर कॉकटेल वाइन रेड और चौथा कलर ऑप्शन सैफायर ब्लू में देखने को मिलती है।
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बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है. कोरोना वायरस संकट के बीच देश में होने वाले ये पहले बड़े चुनाव हैं. शुक्रवार को चुनाव आयोग की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन तारीखों का ऐलान किया गया. इस बार बिहार में तीन चरणों में मतदान होंगे और 10 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. यानी दस तारीख को साफ हो जाएगा कि नीतीश कुमार एक बार फिर राज्य के मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर तेजस्वी यादव की अगुवाई में महागठबंधन नया इतिहास रच पाएगा. इसके साथ ही क्या ये चुनाव तेजस्वी की स्वीकार्यता का चुनाव भी साबित होगा?
The Election Commission of India has announced the schedule and the dates for the Bihar Election 2020. Bihar Election 2020 will be held in three phases from October 28 to November 7 and the votes polled in the state assembly polls will be counted on November 10. Bihar Election 2020 is the first major election being held amid the coronavirus pandemic. In this video know some political experts view that Will Bihar people accept Tejashwi Yadav.
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आखिर पटरी पर आई टीईटी की वेबसाइट, शाम 6 बजे दोबारा वेबसाइट शुरू होने के बाद आठ बजे तक हो गए एक लाख पंजीकरण।
इलाहाबाद : उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी यूपी टीईटी 2018 में आवेदन करने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए राहत भरी खबर है। आठ दिन से बंद पड़ी वेबसाइट मंगलवार शाम को चल पड़ी है। पंजीकरण व आवेदन आसानी से किया जा सकेगा। परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव ने आवेदन का समय बढ़ाने का जो प्रस्ताव सोमवार को भेजा था, वह आदेश शासन की ओर से बुधवार को जारी होने के संकेत हैं।
टीईटी 2018 के लिए 17 सितंबर से ऑनलाइन आवेदन व पंजीकरण करने की प्रक्रिया शुरू हुई। शुरुआत में वेबसाइट सही से चली और करीब साढ़े पांच लाख पंजीकरण व ढाई लाख आवेदन हुए। बीते आठ दिन से वेबसाइट सही से कार्य नहीं कर रही थी, आवेदन करने, ओटीपी आने और शुल्क अदा करने में अभ्यर्थियों को जूझना पड़ा।
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चैपल ने यह भी लिखा कि एक समय पंत की विकेटकीपिंग के लिए आलोचना की जाती थी, लेकिन उन्होंने चार टेस्ट मैचों के दौरान शानदार काम किया. वह सिर्फ बल्लेबाजी में ही नहीं बल्कि स्पिनरों के खिलाफ विकेटकीपिंग में भी काफी बेहतर हुए और कुछ हफ्तों के अंदर बेहतर करने लगेंगे. (फोटो-एपी)
नई दिल्ली. भारतीय युवा विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) अपने बल्ले से और विकेट के पीछे ग्लव्स से भारतीय क्रिकेट टीम को अपना योगदान दे रहे हैं, लेकिन इन सबके साथ पंत अपनी कमेंट्री और कमेंट्स से भी भरपूर मनोरंजन कर रहे हैं. वह विकेट के पीछे कमेंट्स ने ना केवल टीम इंडिया का हौसला बढ़ा रहे हैं, बल्कि फैन्स को जमकर हंसा भी रहे हैं. भारत और इंग्लैंड (India vs England) के बीच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम (चेपॉक) में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच में ऋषभ पंत के विकेट के पीछे से चल रही कमेंट्री सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है.
23 साल के विकेटकीपर ऋषभ पंत ने दूसरे टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ दमदार पारी खेलने के बाद विकेट के पीछ अपने मजाकिया अंदाज से फैन्स का भरपूर मनोरंजन किया. यह घटना मैच के दूसरे दिन की है, जब इंग्लैंड क्रिकेट टीम बल्लेबाजी कर रही थी. भारतीय क्रिकेट टीम की बल्लेबाजी के दौरान पंत गेंदबाजों को अपने ही अंदाज में प्रेरित कर रहे थे. वह बल्लेबाजों के कान के पास लगातार बोल रहे थे. वह इंग्लिश बल्लेबाजों को अपनी बातों से लगातार परेशान करने की कोशिश कर रहे थे.
विकेट के पीछे ऋषभ पंत के कमेंट्स से भारतीय फैन्स खासे प्रभावित नजर आए. ऐसे में कुछ फैन्स ने कहा कि पंत एक एक महान कमेंटेटर बनेंगे. कुछ फैन्स ने कहा कि जब ऋषभ पंत स्टंप्स के पीछे हों तो माइक का साउंड फुल होना चाहिए.
बता दें कि इससे पहले ऋषभ पंत ने इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में नाबाद 58 रनों की जरूरी पारी खेली, जिसके दम पर टीम इंडिया अपनी पहली पारी में 329 बनाने में कामयाब रही. जब वह पहले दिन बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आए तो रोहित शर्मा शतक जड़कर आउट हो चुके थे. रोहित के आउट होने के बाद अजिंक्य रहाणे भी ज्यादा वक्त क्रीज पर नहीं टिक पाए. इसके बाद भारतीय टीम पहली पारी का स्कोर बड़ा करने के लिए पंत पर निर्भर थी. पंत को अपने पार्टनर से हालांकि, ज्यादा सपोर्ट नहीं मिल पाया. बावजूद इसके ऋषभ पंत ने खतरा लिया और इंग्लिश गेंदबाजों पर दबाव बनाए रखा.
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एक तरह से बिजली की खपत, पानी की खपत और हीटिंग कम करने के लिए अपनी बचत है। यह बिजली मीटर के माध्यम से संसाधनों की खपत के लेखांकन के लिए धन्यवाद प्राप्त किया जा सकता।
क्या पानी मीटर की दूरी पर स्थापित करने के लिए?
यह घरेलू प्रयोजनों के लिए ताजा पानी के दुरुपयोग को कम करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक पानी मीटर की स्थापना के द्वारा प्राप्त किया जा सकता। मुख्य सकारात्मक क्षणों है, जो उपभोक्ता पानी मीटर की स्थापना देता है, कर रहे हैंः
- उपभोक्ता को अनुशासित। बुनियादी नियम के सिद्धांत होगा "पानी का उपयोग नहीं करते -। नल बंद कर देते हैं" इसके अलावा, एक प्रोत्साहन सभी दरारें और लीक ऊपर बंद हुआ।
- कम से कम पानी की खपत भी ऊर्जा की खपत हीटिंग और उपभोक्ता को इसके वितरण के लिए आवश्यक कम कर देता है। यही कारण है कि ऊर्जा की बचत में वृद्धि, है।
पानी मीटर का जीवन बहुत अधिक है, और यह बदलने की प्रक्रिया बहुत ज्यादा कठिनाई का कारण नहीं है। यही कारण है कि स्थापना और रखरखाव की लागत लाभ यह है कि वे प्रदान के अनुरूप नहीं हैं।
जल मीटर - एक मापन यंत्र, जिसके द्वारा पानी की मात्रा है कि समय की एक निश्चित अवधि के लिए पानी की आपूर्ति के माध्यम से गुजरता का रिकॉर्ड रखता है। इकाई घन मीटर का इस्तेमाल किया।
इन उपकरणों विभिन्न क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जा सकता है और विभिन्न स्थलों की है। इस प्रकार, भेद मीटर और पानी मीटर है।
एक निश्चित अनुभाग के माध्यम से पारित पदार्थ की मात्रा की गणना करने के लिए, प्रवाहमापी प्रयोग किया जाता है। प्रवाह एक जन (किलो / घंटा किलो / मिनट) या अनुमापी (घन। एम / मिनट) बराबर पर गणना की जा सकती।
पाइप लाइन की धारा के माध्यम से गुजर पानी की मात्रा को मापने के लिए, पानी मीटर की दूरी पर हुआ करता था।
वे व्यापक रूप से इस्तेमाल कर रहे हैं आजकल। वे अपार्टमेंट, निजी घरों, सार्वजनिक भवनों और कार्यालयों में उपयोग किया जाता है। वे मुख्य ग्राहक हैंः
- आवास के रखरखाव संगठन;
- निर्माण कंपनियों;
- निजी उपभोक्ताओं।
आज की निर्माताओं औद्योगिक और घरेलू जल मीटर, विदेशी और घरेलू निर्माताओं की एक विस्तृत विविधता प्रदान करते हैं। उच्च गुणवत्ता वाले एकीकृत का चयन करें - आधी लड़ाई है। एक पानी मीटर की सेवा जीवन भी स्थापना की गुणवत्ता पर निर्भर है।
जल मीटर डिवाइस के अपने तंत्र के आधार पर विभिन्न प्रकार में आते हैंः
- टैकोमीटर। सामग्री के प्रवाह को एक टरबाइन (इम्पेलर) जो गिनती तंत्र को रोटेशन पहुंचाता रखा गया है। विंग पर क्रमशः अलग किएः एकल जेट और बहु जेट; टरबाइनः एक यांत्रिक काउंटर और एक प्रेरण इकाई। पानी मीटर का जीवन 12 वर्ष से कम नहीं है। वे एक छोटे आकार और वजन है, साथ ही किफायती मूल्य की है। अपनी विश्वसनीयता के लिए धन्यवाद, काउंटर के इस प्रकार के माप में सबसे अधिक लोकप्रिय हो गया है पानी की खपत अपार्टमेंट और कार्यालयों में। अपार्टमेंट आमतौर पर विंग घर के पानी मीटर की दूरी पर रखा जाता है। उनके व्यास टरबाइन से बहुत कम होता (40 मिमी और 50-100 मिमी, क्रमशः) है। इसलिए, वे एक बहुत कम लागत पढ़ सकते हैं।
- अल्ट्रासाउंड। पदार्थ प्रवाह घनत्व अल्ट्रासोनिक तरंगों के माध्यम से जांच की जाती है। जिसके परिणामस्वरूप ध्वनिक प्रवाह के विश्लेषण से प्रवाह की दर निर्धारित करने के लिए।
- विद्युतचुंबकीय। एक पदार्थ है कि बढ़ रहा है करने के लिए चुंबकीय क्षेत्र की बातचीत की वजह से कार्य करें। बाद के दर चुंबकीय क्षेत्र प्रेरण की गति के लिए आनुपातिक है।
- भंवर। पानी का प्रवाह विशेष रूप से आकार का शरीर रखा गया है। भंवर शरीर के विश्लेषण से आप गति व्यय पदार्थों के लिए आनुपातिक अवगत कराएंगे।
- एक गर्म पानी मीटर ठंडे पानी के लिए एक और एक दूसरेः स्वाभाविक रूप से, तरल प्रवाह की गणना के लिए दो अलग-अलग मान लागू होते हैं। उनकी सेवा जीवन (न्यूनतम) 12 साल। यह राज्य मानक आवश्यकताओं है। पानी मीटर का सत्यापन पानी मीटर के दोनों प्रकार के लिए आवश्यक है। गर्म पानी के लिए डिवाइस के आपरेशन में तीन अंशांकन (- 4 साल कैलिब्रेशन अवधि) से गुजरना होगा। काउंटर ठंडे पानी में दो बार (हर 5-6 साल) इस प्रक्रिया के अधीन है। सभी tachometers गर्म तरल पदार्थ सूखी प्रकार होना चाहिए।
गर्म पानी प्रवाह की दर की गणना ठंड के लिए इसी तरह के कार्यों से अलग नहीं है। इसलिए एक ही प्रकार और ऑपरेटिंग सिद्धांतों के मीटर का इस्तेमाल किया। मतभेद के लिए उनके निर्माण और माप में त्रुटि के एक डिग्री से अधिक (लगभग 1%) के लिए और अधिक प्रतिरोधी सामग्री के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है।
पानी मीटर बाजार विभिन्न प्रकार और निर्माताओं के मॉडल की एक बड़ी संख्या का प्रतिनिधित्व करती है। इस तरह के काम कर रहे तापमान, पानी का दबाव, और योजक के चरम सीमा के रूप में उन कुशल संस्थापक महत्वपूर्ण विशेषताओं। यह जर्मन निर्माताओं की गुणवत्ता ध्यान दिया जाना चाहिए, लेकिन यह भी घरेलू ज्यादा आयातित करने के लिए अवर नहीं। विभिन्न निर्माताओं के पानी मीटर के जीवन में बहुत अधिक अंतर नहीं होना चाहिए।
बहुत से लोग, (हाथ से) बाजार पर पानी मीटर खरीदने के जो काफी एक जुआ है। अपने आप को बचाने के लिए, आप पैकेजिंग की अखंडता, दस्तावेज़ों का एक पैकेज की उपस्थिति, साथ ही जांच होनी चाहिए वारंटी अवधि के पासपोर्ट में निर्दिष्ट आपरेशन के।
पानी मीटर की स्थापना उचित आवासीय इकाइयों के कार्यान्वयन के लिए नियमों के अनुसार जगह ले जाना चाहिए। सबसे अच्छा विकल्प स्थापना, जादूगर काम के इस प्रकार के लिए एक लाइसेंस पकड़े होगा।
पानी मीटर के निर्माता के निर्धारण के अनुसार?
जब पानी मीटर के एक निर्माता का चयन निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिएः
- कंपनी पहले खरीदार के लिए एक लाइसेंस प्रदान करनी होगी। यह दस्तावेज़ स्थापना की गुणवत्ता और उपकरणों के बाद आपरेशन की गारंटी है।
- सभी वारंटी की बारीकियों स्पष्ट किया जाना चाहिए। एक लाइसेंस के साथ फर्म, लगभग हमेशा एक साथ वारंटी सेवाओं की है।
- यह पता लगाने के लिए एक प्रक्रिया की जाँच और है कि क्या वहाँ के लिए आवश्यक है काउंटर की जगह। उदाहरण के लिए, यदि काउंटर पहले टेस्ट में ठंडे पानी खराबी से पता चला है, निर्माता अपने unfitness का प्रमाण पत्र जारी करना होगा, और एक नया द्वारा बदल दिया।
- संगठन है, जो मीटर की स्थापना के साथ सौदा होगा के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के लिए सुनिश्चित करें। पूरा होने के प्रमाणपत्र आवश्यक है, जिसके अनुसार वहाँ एक पंजीकरण और उपकरण सेवा के रखरखाव है।
पानी मीटर की स्थापना लगातार कई और परस्पर चरणों में जगह ले जाना चाहिएः
- आवासीय जल मीटर की स्थापना के लिए आवास संगठन (DES) से संपर्क करना। आवेदनों की तैयारी संधि के समापन के लिए आधार होगा।
- जल आपूर्ति और क्रेन की स्थिति जांची। यदि आवश्यक हो मरम्मत कार्य।
- एक उपयुक्त मॉडल और उसके लाइसेंस प्राप्त संगठन की स्थापना का चयन। चालू पानी मीटर का Deza की उपस्थिति में जगह लेने के लिए और आपरेशन में प्रवेश के लिए एक त्रिपक्षीय अधिनियम के निष्कर्ष का समर्थन करना चाहिए। गर्म और ठंडे पानीः ज्यादातर मामलों में, दो काउंटरों की स्थापना की।
- पानी और सीवरेज के लिए चार्ज के क्रम में आवास निधि के साथ अनुबंध के निष्कर्ष।
- संगठन जल तापन के लिए जिम्मेदार के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने। अपने प्रतिनिधि के उपयुक्त प्राधिकारी को आवेदन जमा करने के बाद कुछ दिनों के भीतर oplombirovka किया जाना चाहिए पानी मीटर है।
अपार्टमेंट में पानी मीटर की स्थापना में काफी पानी की खपत की नकदी लागत कम हो जाएगा। यह तथ्य यह है कि भुगतान वास्तविक पानी की खपत के अनुसार बना है, और फुलाया दरों पर नहीं के कारण है। इसके अलावा, यह महीनों से पानी का प्रवाह ट्रैक करने के लिए और संभवतः इसे छोटा संभव है।
निम्नलिखित तरीकों की लागत को कम करनेः
- पानी का रिसाव के तथ्य को पाइपलाइन और उपकरणों की जाँच करें।
- अपने दाँत ब्रश नल के साथ बंद कर दिया।
- कपड़े धोने की मशीन और डिशवाशर का प्रयोग करें जब पूरी तरह से भरी हुई।
इन युक्तियों सही पानी मीटर का चयन करने और काफी अपने उपभोग व्यय को कम करने में मदद मिलेगी।
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ताका नाम अर्थ है । बहुरि 'तत्वेन अर्थस्तत्वार्थः' तत्व कहिए अपना स्वरूप, ताकरि सहित पदार्थ तिनका श्रद्धान सो सम्यग्दर्शन है। यहाँ जो 'तत्वश्रद्धान' ही कहते तो जाका यह भाव ( तत्व ) है, ताका श्रद्धान विना केवल भावहीका श्रद्धान कार्यकारी नाही । बहुरि जो 'अर्थश्रद्धान ही कहते तो भाव का श्रद्धान विना पदार्थका श्रद्धान भी कार्यकारी नाही । जैसे कोईकै ज्ञान-दर्शनादिक वा वर्णादिकका तो श्रद्धान होय - यह जानपना है, यह श्वेतवर्ण है, इत्यादि प्रतीति हो है परन्तु ज्ञान दर्शन आत्माका स्वभाव है सो मैं प्रात्मा हूँ बहुरि वर्णादि पुद्गलका स्वभाव है, पुद्गल मोते भिन्न जुदा पदार्थ हैऐसा पदार्थका श्रद्धान न होय तो भावका श्रद्धान कार्यकारी नाही । बहुरि जैसे मैं हूँ ऐसे श्रद्धान किया परन्तु आत्मा का स्वरूप जैसा है तसा श्रद्धान न किया तो भावका श्रद्धान विना पदार्थका भी श्रद्धान कार्यकारी नाही । तातै तत्वकरि अर्थका श्रद्धान हो है सो कार्यकारी हैं। अथवा जीवादिक्को तत्व सज्ञा भी है अर्थ संज्ञा भी है तातै 'तत्वमेवार्थस्तत्वार्थ.' जो तत्व मो हो अर्थ, तिनका श्रद्धान सो सम्यग्दशन है। इस अर्थकरि कही तत्वश्रद्धानको सम्यग्दर्शन कहें वा कही पदार्थ श्रद्धानको सम्यग्दर्शन कहें, तहाँ विरोध न जानना । ऐसे 'तत्व' और 'अर्थ' दोय पद कहने का प्रयोजन है।
बहुरि प्रश्न - जो तत्वार्थं तो अनते है । ते सामान्य अपेक्षाकार
जीव अजीवविषे सर्व गमित भए, तारों दोय ही कहने थे, के धनते कहने थे। आसवादिक तो जीव मंजीवहोके विशेष हैं, इनकों जुदा कहने का प्रयोजन कंहा ?
ताका समाधान - जो यहाँ पदार्थ श्रद्धान करने का ही प्रयोजन होता तो सामान्यकरि वा विशेषकरि जैसे सर्व पदार्थनिका जानना होय तसे हो कथन करते । सो तो यहाँ प्रयोजन है नाहीं यहाँ तो मोक्षका प्रयोजन है । सो जिन सामान्य वा विशेष भावनिका श्रद्धान किए मोक्ष होय घर जिनका श्रद्धान किए बिना मोक्ष न होय, तिनहीका यहाँ निरूपण किया। सो जीव अजीव ए दोय तो बहुत द्रव्यनिको एक जाति अपेक्षा सामान्यरूप तत्व कहे । सो ए दोय जाति जानें जोवके आपापरका श्रद्धान होय। तब परते भिन्न प्रपाकों जानें, अपन हितके अर्थ मोक्षका उपाय करे सर भापते भिन्न परकों जानें, तंब परद्रव्यते उदासीन होय रागादिक त्यागि मोक्षमार्गविर्ष प्रवर्ते । ताते ए दोय जातिका श्रद्धान भए ही मोश होय अर दोय जाति जाने बिना झापा परका श्रद्धान न होय, तब पर्यायबुद्धितें ससारीक प्रयोजन हीका उपाय करै । परद्रव्यविषे रागद्वेषरूप होय प्रवर्ती, तब मोक्षमार्गविषे कैसे प्रवर्ते । ताते इन दोय जातिनिका श्रद्धान न भए मोक्ष न होय । ऐसे ए दोय तो सामान्य तत्व अवश्य श्रद्धान करने योग्य कहे । बहुरि भासवादिक पाँच बहे, ते जीव पुद्गलकी पर्याय हैं। ताले ए विशेषरूप तत्व है । सो इन पांच पर्यायनिको जाने मोक्षका उपाय करनेका श्रद्धान होय । तहाँ मोक्षको पहिचान, तो ताकों हित मानि ताका उपाय करें। तातें मोक्षका श्रद्धान करना । बहुरि मोक्षका
उपाय संवर निर्जरा है सो इनको पहिचान तो जस सवर निर्जरा होय तैसे प्रवत्त । तातै संवर निर्जराका श्रद्धान करना । बहुरि संबर निर्जरा तो प्रभाव लक्षण लिए हैं; सो जिनका प्रभाव किया चाहिए, तिनको पहिचानने चाहिए। जैसे क्रोधका प्रभाव भए क्षमा होय सो कोषको पहिचान तो ताका प्रभाव करि क्षमारूप प्रवते । तैसें ही प्रास्लवका प्रभाव भए सवर होय अर बघका एक देश प्रभाव भए निर्जरा होय सो आस्रव बंधको पहिचाने तो तिनिका नाशकरि संवर निर्जरारूप प्रवर्ते । तातै प्राव बधका श्रद्धान करना । ऐसे इन पांच पर्यायनिका श्रद्धान भए ही मोक्षमार्ग होय। इनको न पहिचान तो मोक्षकी पहिचान बिना ताका उपाय काहेकों करें । संवर निर्जरा को पहिचान बिना तिनविषै कैसे प्रवर्ते । आस्रव बंघको पहिचान बिना तिनिका नाश कैसे करें ? ऐसे इन पाँच पर्यायनिका श्रद्धान न भए मोक्षमार्ग न होय । या प्रकार यद्यपि तत्वार्थ अनन्ते हैं, तिनिका सामान्य विशेषकर अनेक प्रकार प्ररूपण होय । परन्तु यहाँ एक मोक्षका प्रयोजन है ताते दोय तो जाति अपेक्षा सामान्य तत्व अर पांच पर्यायरूप विशेष तत्व मिलाय सात ही तत्व कहे। इनका यथार्थ श्रद्धानके आधीन मोक्षमार्ग है। इनि बिना प्रौरनिका श्रद्धान होहु वा मति होहु वा अन्यथा श्रद्धान होहु, किसी के प्राधीन मोक्षमार्ग नाहीं, ऐसा जानना बहुरि कही पुण्य पाप सहित नव पदार्थ कहे हैं सो पुण्य पाप त्रासवादिकके हो विशेष हैं, तात सात तत्वनिविषै गर्भित भए । अथवा पुण्यपापका श्रद्धान भए पुण्यकों मोक्षमार्ग न माने वा स्वच्छन्द होय पापरूप न प्रवते, तातं मोशमार्गविषै इनका श्रद्धान भी |
भोपाल । मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को टक्कर देने के लिए कांग्रेस अपने राष्ट्रीय नेताओं को प्रचार के मैदान में उतारने की तैयारी में है। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के जरिए प्रदेश की लगभग 16 जिलों की विधानसभा सीटों को कवर कर चुके हैं। अब पार्टी प्रियंका गांधी को जबलपुर में उतारकर महाकौशल की सीटों को साधने की कोशिश में है। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े को ग्वालियर चंबल विंध्य में प्रचार के लिए लाया जाएगा। कांग्रेस अपने बड़े नेताओं के जरिए प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों को कवर करने की तैयारी में है।
इस एक्शन प्लान को लेकर पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 16 जिलों की 35 से ज्यादा विधानसभा सीटों को कवर किया है। अब प्रियंका गांधी महाकौशल और उसके बाद पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ग्वालियर चंबल विंध्य में चुनाव प्रचार करेंगे। इधर, कांग्रेस के इलेक्शन कैंपेन प्लान पर मंत्री विश्वास सारंग ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि चुनावी मौसम में कांग्रेस के नेता महाकाल के दर्शन भी करेंगे, नर्मदा में डुबकी भी लगाएंगे। लेकिन, चुनाव में भाजपा की जीत पर कोई असर नहीं होगा।
गौरतलब है कि प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की प्रदेश इकाई से ज्यादा पार्टी का फोकस मोदी-शाह के इलेक्शन कैंपेन पर होगा। यही वजह है कि कांग्रेसी राहुल, प्रियंका के साथ पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं के जरिए चुनाव प्रचार में खुद को मजबूत बनाने की तैयारी में है। यही वजह है कि भाजपा के इलेक्शन कैंपेन के जवाब में कांग्रेस ताबड़तोड़ चुनावी कार्यक्रम बनाने की तैयारी में जुटी है। प्रदेश में चुनावी तैयारी में लगी कांग्रेस के प्रचार को धार देने के लिए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी मध्यप्रदेश में मोर्चा संभालेगीं। कांग्रेस अपने इलेक्शन कैंपेन की शुरुआत 12 जून को करने की तैयारी में है। इसकी शुरुआत महाकौशल के जबलपुर से होगी। 12 जून को प्रियंका गांधी जबलपुर में बड़ा रोड शो और जनसभा करेंगी। उनके कार्यक्रम को मंजूरी मिल गई है।
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इंग्लैंड टीम के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा कि हम अच्छा प्रदर्शन करके ही केविन पीटरसन के मामले से लोगों का ध्यान हटा सकते हैं। उन्होंने इंग्लैंड व वेल्स क्रिकेट बोर्ड (इसीबी) से पिछले सप्ताह प्रायोजकों के एक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने के लिए माफी मांगी है।
लंदन। इंग्लैंड टीम के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड ने कहा कि हम अच्छा प्रदर्शन करके ही केविन पीटरसन के मामले से लोगों का ध्यान हटा सकते हैं। उन्होंने इंग्लैंड व वेल्स क्रिकेट बोर्ड (इसीबी) से पिछले सप्ताह प्रायोजकों के एक कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लेने के लिए माफी मांगी है।
ब्रॉड को न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज के संबंध में लंदन में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेना था लेकिन वे उसमें उपस्थित नहीं हुए। ब्रॉड ने अपनी सफाई में कहा कि मीडिया रिपोर्टों में जो कुछ कहा गया। मैं इसमें विस्तार से नहीं जाना चाहता हूं लेकिन जैसा कहा गया है कि स्थिति वैसी नहीं थी। मैं जब जागा तो मुझे माइग्रेन था। मैं इंग्लैंड की तरफ से नहीं खेल रहा था लेकिन उन्हें इस स्थिति में डालने के लिए मैंने माफी मांगी, क्योंकि एंड्रयू स्ट्रॉस और पीटरसन मामले के बाद वे ऐसा नहीं चाहते थे।
ब्रॉड ऐसे समय में कार्यक्रम से नदारद रहे जबकि ईसीबी के नए क्रिकेट निदेशक स्ट्रॉस ने साफ किया कि पीटरसन उनकी योजना का हिस्सा नहीं है। इसके बाद स्ट्रॉस की कड़ी आलोचना हुई लेकिन ब्रॉड ने कहा कि इंग्लैंड मैदान पर सकारात्मक प्रदर्शन करके लोगों का ध्यान इस मामले से हटा सकता है। मेरा मानना है कि अब टीम के लिए समय है कि वह सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान दे और अच्छा प्रदर्शन करे क्योंकि तभी हम अच्छे परिणाम हासिल करेंगे। हमें मैच जीतने होंगे। खेलों में ऐसा ही होता है। यदि आप हारते हो तो आपकी आलोचना होगी। यदि आप जीतते हो तो लोग आपको देखना पसंद करेंगे।
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Best Washing Machine In India की लिस्ट में आने वाली ये शानदार वाशिंग मशीन आपको मिल रही हैं नए फीचर के साथ।
10 Best Washing Machine In India: क्या आप हाथों से कपड़े धो धो कर हो गई हैं परेशान? क्या इतनी मेहनत के बाद भी कपड़ों से जिद्दी दाग जाने का नाम नहीं ले रहे? अगर आपको भी इन सभी दिक्क्तों का सामना करना पढ़ रहा है तो अब हम आपकी चिंता का परमानेंट इलाज लेकर आए है जी हां, हम आपके लिए बेस्ट वाशिंग मशीन की जानकारी लेकर आये हैं, जोकि Fully Automatic Washing Machine है। वही ये आपके बजट में भी बिलकुल फिट रहेगी तो अब आप कम पैसों में अपने घर में एक नई मशीन को शामिल कर सकते हैं।
वही यहां मिलने वाली जानकारी की सभी वाशिंग मशीन नए फीचर्स के साथ मिल रही है। इनमें आपको इन्वर्टर टेक्नोलॉजी और स्मार्ट मोशन भी मिलेगा। साथ ही ये कम आवाज के साथ काम करने वाली मशीन है। इन वाशिंग मशीन का यूज करके आप कपड़ो को काफी आसानी से धूल सकेंगे। तो चलिए जानते हैं इन शानदार Washing Machine Price के बारे में जो आपके बजट में आराम से आ जाये।
कपड़ों की चकाचक सफाई के लिए परेशान हैं तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब हम आपको फुली ऑटोमेटिक वॉशिंग मशीन से लेकर Semi Automatic Washing Machine के बारे में जानकारी देंगे। इन सभी वाशिंग मशीन में आपको अलग-अलग डिजाइन, कलर, वेट और रेंज में मिल जाएंगी। इन मशीन को आप अपने बजट और मनपसंद कलर के हिसाब से चुन सकते हैं, जो आपकी फैमिली के हिसाब से बेस्ट रहे। वही इनमें न केवल कपड़े धुलने बल्कि सुखाने की भी की ही सुविधा होती है।
1. सबसे अच्छी Top Load Washing Machine कौन-सी है?
2. कौन-सी Washing Machine मेरे बजट में फिट बैठेगी?
3. वाशिंग मशीन में कौन सा ब्रांड सबसे अच्छा है?
LG, Samsung, Whirlpool, IFB और Bosch भारत के 5 सबसे अच्छे वाशिंग मशीन ब्रांड हैं।
Disclaimer: यहां कीमतें अमेज़ॅन के संबंध में परिवर्तन के अधीन हैं।
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
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संस्कारित हीरोइन ने कहा (व्यंग्य)
कम उम्र में सफलता में डूबी हीरोइन, टॉक शो में मिनी टाइट लाल ड्रैस पहन इठलाती हुई आकर सोफे पर बैठी तो सोफे की गलती से ड्रैस नीचे खिसक ली। दांत दिखाती, मन से खुश, 'ओह सौरी' बोलते हुए ड्रैस ठीक की। टीआरपी हेतू कार्यक्रम संचालक ने असहजता मनवाने की कोशिश की मगर सफलता मानी नहीं। उन्होंने आग्रह किया कि वह हिंदी में ही बात करेंगी। जितने सवाल हुए उनके जवाबों का सारांश यूं रहा। अपने बारे भावनात्मक होते हुए बताया कि वह छोटे से पहाड़ी गांव से हैं। खामोश तबीयत, काम में व्यस्त रहने वाली आम लड़की है। कढ़ीचावल पसंद हैं। मातापिता पारम्परिक, सुसंस्कृत, मेहनती और अनुशासन प्रिय हैं। अनुशासित परिवार की संस्कारवान बेटी हूं इसलिए व्यव्सायिक लाइफ व व्यक्तिगत लाइफ मिक्स नहीं करती।
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मातापिता अध्यापकों की इज्ज़त, भाईबहनों मित्रों को स्नेह दिल से मगर बिजनेस दिमाग़ से करूंगी। बचपन से सीधेसादे कपड़े पहने इसलिए अब वैस्टर्न परिधान ही पहनूंगी। संस्कारित हूं इसलिए बिना बॉडी एक्सपोज़र के, बॉडी सूट का इस्तेमाल करके काफी ग्लैमरस दिखती हूं। बोल्ड सीन देने में ज़रा हिचक नहीं क्यूंकि अनुशासित हूं। जो भी करूंगी सैंसर के वर्तमान कड़े नियमों के अंतर्गत शालीनता के दायरे में आवश्यकतानुसार होगा। वैसे आजकल शालीनता के मायने बदल गए हैं। हम कब तक पुरानी मान्यताओं के पीछे डंडा लेकर भागेंगे। घर छोड़कर इतनी दूर फेल होने नहीं आई। मेहनती मांबाप की बेटी हूं सफल होकर रहूंगी। समाज में न्यूडिटी बारे उन्होंने समझाया कि हम सब नंगे पैदा होते हैं। अब धीरे धीरे सभ्यता की जड़ों की तरफ लौट रहे हैं। दुनिया में आ रहे बदलावों के साथ चलने के लिए सीनियर आर्टिस्ट न्यूड सीन दे रहे हैं। हम तो यंग हैं हमें नंगे होने का ज्यादा हक है। पैसा कमाने के लिए कुछ भी करने बारे उन्होंने फरमाया, पैसा इम्पोर्टेन्ट नहीं है। काम में भरपूर समर्पण डालिए, शोहरत भाग कर आएगी पैसा उसके पीछे खुद आता है।
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ग्लैमरस होने और दिखने बारे उन्होंने समझाया, अब यह ज़िंदगी की आक्सीजन है। पहले सौम्यता, शालीनता, अनुशासन और संस्कार ही ज़िंदगी का ग्लैमर होते थे। ग्लैमरस पर्सनेलिटी द्वारा किए गए काम सफलता भरी इमेज बनाते है। क्रिकेट, चियर लीडर्ज़ के कारण ही देखने लायक बना। माहौल के मुताबिक खुद को प्रेजेंटेबल बनाना भी ग्लैमरस होना है। ग्लैमरस हो जाएं तो हम किसी भी फील्ड में सफल हो सकते हैं। ग्लैमर टेलेंट में वैल्यू एड करता है। समाज में रौनक लाने के लिए सबको ग्लैमरस हो जाना चाहिए। देश में बढ़ रही बेरोज़गारी, भ्रष्टाचार, समानता, जात पात बारे विचार प्रकट करने के लिए कहा तो संजीदगी से जवाब दिया, हम कभी ग़लत बयान नहीं देते। हमें अपने संस्कारों व देश का पूरा ख्याल है। उचित जवाब देकर, थोड़ा हिलने पर उनकी ड्रैस सातवीं बार खतरे के निशान से नीचे आ गई मगर उन्होंने अनुभवी की तरह ठीक कर लिया।
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मुंबई/दि. 8 - प्रदेश के तीन लाख युवाओं को अगले तीन साल में बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं और बीमा समेत अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए महाराष्ट्र राज्य कौशल्य विकास सोसायटी और केंद्र सरकार के इन्स्टिटयूट ऑफ कॉस्ट अकांउंटंटस् ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के बीच सामंजस्य करार हुआ है.
मंगलवार को प्रदेश के कौशल्य विकास, रोजगार और उद्यमिता मंत्री नवाब मलिक की मौजूदगी में राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में यह करार किया गया. मलिक ने कहा कि स्नातक, स्नातक के अंतिम वर्ष में पढनेवाले और कक्षा 12 वीं के बाद पढाई अधूरी छोडनेवाले युवकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. युवाओं को बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं, बीमा, फाइनांशियल अकाउंटिंग, टैली द्वारा कम्प्यूटराइज अकाउंटिंग, ई-फाईलिंग आदि विषयों का तीन से पांच महिने तक का मुफ्त में प्रशिक्षण दिया जाएगा. यह प्रशिक्षण लगभग 350 घंटों का होगा. सरकार युवाओं के खर्च का वहन करेगी. राज्य के सभी जिलों के महाविद्यालय और प्रशिक्षण संस्थाओं को चिन्हित करके प्रत्यक्ष और ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया जाएगा.
मलिक ने कहा कि कोरोना और अन्य आर्थिक संकट के कारण देश में बेरोजगारी की समस्या पैदा हो गई है. वित्तीय क्षेत्र में मानव संसाधन की अधिक आवश्यकता है. इन क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षण से कुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंगे.
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हरदयाल की साज़िश और जर्मन दूत
२२ नवम्बर, १९१७ को सेनफ्रान्सिस्को में एक अभियोग आरम्भ हुआ। सरकारी बयान से यह पता चलता है कि पञ्जाब युनिवर्सिटी के एक भूतपूर्व विद्यार्थी ने, जिसका नाम हरदयाल था, १९११ से पूर्व ही अमेरिका, जर्मन दूतों और योरोप में हिन्दुस्तानी क्रान्तिकारियों से एक साज़िश की और इसी मुहिम के अनुसार कैलिफ़ोर्निया में 'ग़दर' नामक विलववादी दल स्थापित किया और सारे कैलिफ़ोर्निया, औरेगन और वाशिङ्गटन में इस जर्मनी सिद्धान्त का प्रचार किया, कि जर्मनी इङ्गलैण्ड पर धावा करेगा ।
जर्मनी द्वारा भारतीय राष्ट्रवादियों का उपयोग सितम्बर, १९९४ में जूरिच की अन्तर्राष्ट्रीय भारतहितकारी सभा के प्रधान चम्पकरामन पिल्ले नामक एक तामिल नवयुवक ने जूरिच के जर्मन कौंसिल के पास इस बात की प्रार्थना की कि उसे जर्मनी में रेजों के विरुद्ध साहित्य छापने की आज्ञा दी जाए। अक्टूबर, १९९४ में वह जूरिच से बर्लिन गया और वहाँ के जर्मन पर राष्ट्र कार्यालय ( फ़ॉरेन ऑफिस ) के मातहत कार्य करने लगा, वहाँ उसने जर्मन जनरल स्टाफ़ से मिली हुई "भारतीय राष्ट्रीय पार्टी" स्थापित की। इसके सभासदों में ग़दर दल का संस्थापक हरदयाल, तारकनाथ दास, बरकत उल्ला, चन्द्रकुमार चक्रवर्ती और हिरम्भलाल गुप्तं भी थे । ( सेनफ्रान्सिस्को अमेरिका के अभियोग में आखिरी दो व्यक्ति अभियुक्त
थे ) ऐसा मालूम होता है कि पहिले पहल जर्मनी ने भारतीय पार्टी के लोगों को विशेष तौर पर अङ्गरेजों के विरुद्ध काम पर ही लगाया, और इन लेखों को उसने हर एक देश में, जहाँ कहीं भी हानि होने की सम्भावना थी, बँटवाया। बाद में इन लोगों को और भी काम दिये गए, बरकत उल्ला को यह काम सुपुर्द हुआ कि वह जर्मन द्वारा पकड़े गए अङ्गरेज़ी फ़ौजों के हिन्दुस्तानी सिपाहियों को फुसलाए । एक समय पिल्ले को बर्लिन ऑफ़िस कोड सुपुर्द किया गया जिसे कि उसने एम्सटर्डम (हालैण्ड ) जाकर उस आदमी के हवाले किया, जो कि अमेरिका द्वारा बैंकॉक ( श्याम ) पहुँच कर वहाँ एक छापाखाना खोलने जा रहा था । ऐसा विचार था कि बर्मा श्याम के सरहद से युद्ध समाचारों को मँगाकर गुप्त रीति से इन्हें छाप कर फैलाया जाए । कुछ काल तक हिरम्भलाल गुप्त अमेरिका में जर्मनी का भारतीय दूत था और वहाँ उसने वोहेम नामक जर्मन अफ़सर से ठीक-ठाक कर लिया था, कि मैं श्याम पहुँचकर लोगों को बर्मा पर चढ़ाई करने के लिये तैयार करूंगा, वोहेम के सम्बन्ध में यथा समय बहुत कुछ लिखा जाएगा, गुप्ता के चले जाने पर चक्रवर्ती अमेरिका बर्लिन ऑफ़िस का नीचे दिए हुए पत्र द्वारा जर्मन दूत बना दिया गया :बर्लिन, फ़रवरी ४, १३१६
सेवा में जर्मन राजदूत विभाग, वाशिङ्गटन
भविष्य में सम्पूर्ण भारत सम्बन्धी विषयों पर उस कमिटी का पूर्ण अधिकार होगा, जिसे कि डॉक्टर चक्रवर्ती सङ्गठित
करेंगे । इसलिए आगे के वास्ते वीरेन्द्र सरकार और हिरम्भलाल गुप्त वहाँ की 'भारतीय स्वतन्त्रता-समिति' के प्रतिनिधि नहीं रहेंगे। गुप्ता को हाल में जापान से निर्वासित किया गया है ।
( हस्ताक्षर ) ज़िमरमन
भारत के विरुद्ध जर्मनी की चेष्टाएँ
जर्मन जनरल स्टाफ़ ने भारत पर आक्रमण करने के लिए पक्के इरादे कर रक्खे थे । इस अध्याय में हम उन मन्सूबों का वर्णन न करेंगे, जोकि भारत की मुसलमानी शान्ति पर निर्भर थी, विशेष कर उत्तर पश्चिमी सूबों की तरफ से हमला करने को थीं। लेकिन जो और षड़यन्त्र थे, यानी वह, जो सेनफ्रान्सिसको के ग़दर दल की सहायता और बङ्गाल विलववादियों के सहयोग पर निर्भर थे । उनके केन्द्रस्थल बैंकॉक और बटेविया (जावा) थे । बैङ्कॉक का मनसूबा तो विशेष कर अमेरिका के लौटे हुए ग़दर पार्टी के सिक्खों पर निर्भर था और बटेविया का बङ्गालियों पर । ये दोनों स्कीमें जर्मन के सङ्घाई (चीन) स्थित कौन्सिल जनरल की निगरानी में चल रही थीं और स्वयं वह वाशिङ्गटन (अमेरिका) के जर्मन राजदूत विभाग की आज्ञानुसार काम कर रहा था, उनका ही बयान करेंगे।
बङ्गाल में जर्मन साज़िशें
अगस्त, १९१५ में फ्रॉन्सीसी पुलिस ने सूचना दी कि योरोप में रहने वाले विप्लववादी हिन्दुस्तानियों की यह धारणा थी, कि
कुछ ही समय बाद भारत भर में विद्रोहानल भड़क उठेगा और उसमें जर्मनी भारतीयों की सहायता करेगा। नीचे दिये हुए हाल से पता चलेगा कि इस धारणा की क्या बुनियाद थी ।
नवम्बर, १९९४ में पिङ्गले नामक एक मरहठा और सत्येन्द्र सेन नामक एक बङ्गाली एस० एस० सलेमिस नामक जहाज द्वारा अमेरिका से कलकत्ते पहुँचे । पिङ्गले उत्तरीय भारत की ओर बलवा सङ्गठित करने चला गया ।
सत्येन्द्र नं० १५९ बहूबाजार में ही ठहरा रहा । १९१५ के अन्त में पुलिस ने रिपोर्ट दी कि 'श्रमजीवी समव्यय' नामक स्वदेशी की दूकान के रामचन्द्र मजूमदार और अमरेन्द्र चटर्जी नामक हिस्सेदार बड़ी तादाद में हथियार रखने के लिए जतीन्द्र मुकुर्जी, अतुल घोष और नरेन्द्र भट्टाचार्य के साथ साजिश कर रहे हैं । १९१५ के आरम्भ में बङ्गाल के कुछ क्रान्तिकारियों ने मिलकर यह निश्चय कर दिया कि भारत में वृहद् विद्रोह करने कीको जर्मन की सहायता से कार्य में परिणत किया जाय । इस लिए दूसरी जगह के क्रान्तिकारियों और श्याम वालों से शृङ्खला में बँधकर जर्मनी से सम्बन्ध किया जाए और डकैतियों द्वारा एकत्रित किया जाए। इसलिए १२ जनवरी और २२ फरवरी को गार्डनरीच, और बेलियाघाट में डकैतियाँ डाली गई और ४० हजार रुपया जमा किया गया ।
बैकॉक के षड़यन्त्रियों से सलाह-मश्वरा करने और उनसे मिलने के लिए भोलानाथ चटर्जी को बैडॉक भेज दिया गया ।
मार्च के आरम्भ योरप से जितेन्द्रलाल लाहिड़ी बम्बई पहुँचा और बङ्गाली विप्लववादियों के लिए जर्मनी से सहायता का वचन लाया और यह सन्देशा पहुँचाया कि एक दूत इस काम के लिए बटेविया रवाना कर दिया जाए। तदुपरान्त एक सभा की गई और नरेन्द्र भट्टाचार्य को जर्मनों से परामर्श करने के लिए बटेविया भेज दिया गया । वह अप्रैल में रवाना हो गया और उसने अपना बनावटी नाम सी० मार्टिन रख लिया । उसी महीने षड्यात्रियों ने अविन मुकुर्जी व एक और बङ्गाली को जापान भेज दिया । उधर गार्डनरीच और बेलियाघाट की डकैतियों के कारण पुलिस की ज़ोर-शोर से अनुसन्धान जारी थी; सो उनका मुखिया वालासोर के जङ्गलों में छिप गया । इसी महीने में एस०, एस०, मेवेरिक नामक जहाज़ सैनपीडरो कैलिफ़ोर्नियो (अमेरिका) से रवाना हो गया*
जब 'मार्टिन' बटेविया पहुँचा तो जर्मन कौंसिल थ्योडर हैलकेरिक से उसका परिचय करा दिया। हैलफ़ेरिक ने उससे कहा कि अस्त्र-शस्त्रों का जहाज़ हिन्दुस्तानियों को राज्यक्रान्ति करने में सहायता देने के लिए कराँची के लिए रवाना होगया । 'मार्टिन' ने इस बात पर जोर दिया, कि जहाज बङ्गाल आना चाहिए और शङ्खाई-स्थित जर्मन कौन्सिल जनरल के परामर्श से भी यही निश्चय हुआ कि जहाज बङ्गाल ही पहुँचे । बस फिर क्या था 'मार्टिन'
*मेवेरिक के बारे में और हाल भागे लिखा जायगा ।
तो इस प्रबन्ध के लिए लौट आया कि सुन्दर बन में रायमङ्गल स्थान पर मेवेरिक का शस्त्रागार उतारा जाए ।
शस्त्रागार में ३० हज़ार बन्दू और एक करोड़ २० लाख गोली कारतूस के राउण्ड थे और दो लाख रुपया नक़द था । बलवे से पहिले 'मार्टिन' ने हेरी एण्ड सन्स नामक कलकत्ते के एक झूठे कारखाने को, जो कि वास्तव में क्रान्तिकारियों का एक प्रसिद्ध अड्डा था, तार दे दिया था कि 'व्यापार सहायक रहा ।' जून में 'मार्टिन' के नाम "हरी कम्पनी" ने तार दिया कि 'रुपया भेजो' इस पर बटेविया से हैलफेरिक ने हेरी कम्पनी, कलकत्ते को बार बार रुपया भेजना शुरू कर दिया। जून, जुलाई और अगस्त में ४३ हज़ार रुपया भेजा गया । क्रान्तिकारियों के पास केवल ३३ हजार ही पहुँच पाया था, कि सरकारी अफसरों ने सूँघ लिया कि मामला क्या है ।
जून के मध्य में 'मार्टिन' हिन्दुस्तान पहुँच गया । षड्यन्त्री लोग अर्थात जतीन्द्र मुकुर्जी, जदूगोपाल मुकुर्जी, नरेन्द्र भट्टाचार्य (मार्टिन) भोलानाथ चटर्जी और अतुल घोष मेवेरिक के शस्त्रागार को वसूल करने और सर्वोयुक्त रीति से प्रयोग करने की उधेड़-बुन में लग गये । उन्होंने निश्चय किया कि हथियारों को तीन भागों में विभक्त करें और उन्हें इस प्रकार बाँट देंः( १ ) हटिया में, पूर्वीय बङ्गाल के काम के लिए बारीसाल दल के पास ।
२ ) कलकत्ते में ।
( ३ ) बालासोर में ।
उनका खयाल था कि संख्या में भी उनके लोग पूर्वी बङ्गाल की फ़ौजों का मुक़ाबला करने के लिए यथेष्ट बलवान थे, परन्तु उनको अन्य प्रान्तों से आ जाने वाली फ़ौजों का भय था । इस विचार से निश्चय किया कि बङ्गाल की तीनों मुख्य रेलवे कम्पनी के ख़ास ख़ास पुलों को तोड़ कर यह समस्या भी हल कर दी जाय । मद्रास वाली रेलवे लाइन के पुल को बालासोर में जतिन्द्र विनष्ट करे, भोलानाथ चटर्जी को बङ्गाल-नागपुर रेलवे को तहस-नहस करने के लिये चक्रधरपुर भेजा जावे और ईस्ट इएडियन रेलवे के पुल को उड़ाने के लिए सतीश चक्रवर्ती अजय स्थान में निर्दिष्ट किया गया। नरेन्द्र चौधरी और फरिन्द्र चक्रवर्ती को हुक्म मिला कि वे हटिया पहुँच कर फ़ौज इकट्ठी करें । पहिले पूर्वीय बङ्गाल के जिलों को स्वाधीन करें और फिर कलकत्ते पर चढ़ाई बोल दें। नरेन्द्र भट्टाचार्य और विपिन गङ्गोली की आधीनता में कलकत्ते वाला दल पहिले तो कलकत्ते के आस-पास के शस्त्रागारों पर अधिकार करे और तब फ़ोर्ट - विलियम हस्तगत करके कलकत्ते शहर पर मुहासरा करदें, जर्मन अफ्सर लोग, जो कि मेवेरिक जहाज में आवें, पूर्वीय बङ्गाल में ठहरें और सेना भरती करें तथा उन्हें युद्ध कला सिखलावें ।
इधर यह जोड़-तोड़ जारी थी, उधर जदूगोपाल मुकुर्जी ने मेवेरिक के शस्त्रागार को उतारने का ठीक-ठाक कर लिया। उसने रायमङ्गल के निकट के एक जमीनदार से सामान उतारने वाले
आदमियों के बाबत बात-चीत पक्की करली । मेवेरिक रात के समय पहुँचेगा और उसमें सीधी लाईन में रोशनी लटकी होगी, यही उसकी पहिचान के लिए चिन्ह था । ऐसी आशा की जाती थी, कि पहिली जुलाई, १९९५ तक प्रथम बार हथियार बाँट दिये जाएँगे।
इसमें सन्देह नहीं, कि अतुल घोष के आदेशानुसार कुछ आदमी नाव द्वारा रायमङ्गल के आस-पास पहुँच गए थे। जिससे कि वे जहाज ख़ाली करने में हाथ बटा सकें । वे लोग दस दिन वहाँ ठहरे रहे, जून का अन्त हो गया, न तो मेवेरिक ही पहुँचा और न बटेविया ही से कुछ सूचना मिली कि विलम्ब का क्या कारण है। जब कि षड्यन्त्री मेवेरिक की बाट जोह रहे थे, आत्माराम नामक एक पञ्जाबी षड़यन्त्री से बैकॉक से एक बङ्गाली ३ जुलाई को यह सन्देशा लाया कि श्याम का जर्मन कौंसिल नाव द्वारा एक लाख रुपया और ५ हजार बन्दूक़ रायमङ्गल के लिए भेज रहा है । षड़यन्त्री समझे, कि यह अनुपयुक्त मदद मेवेरिक वाले माल के बदले भेजी जा रही है। उन्होंने समाचार लाने वाले बङ्गाली को तुरन्त बटेविया होते हुए बैङ्कॉक रवाना कर दिया और हैलफ़रिक को कहला दिया कि पहले वाले इरादे को न बदलें और भिन्न-भिन्न शस्त्र - कोश बङ्गाल की खाड़ी में हटिया (सन द्वीप ) में, बालासोर में, और काठियावाड़ के गोकर्णी स्थान पर भेजें। जुलाई में गवर्नमेण्ट को हथियारों के रायमङ्गल पहुँचने के इरादे का पता चल गया और उसने यथोचित
प्रबन्ध कर लिया। समाचार मिलने पर पुलिस ने ७ अगस्त को हेरी कम्पनी के मकानों की तलाशी ली और कुछ लोग पकड़े गए । १३ अगस्त को बम्बई से एक षड्यन्त्री ने हैलफ़ेरिक को तार द्वारा सूचना देदी और १५ अगस्त को नरेन्द्र भट्टाचार्य (मार्टिन) और एक और व्यक्ति उससे परामर्श करने के लिए रवाना हो गए । ४ सितम्बर को हेरी कम्पनी की बालासोर वाली शाख युनिवर्सल ऐम्पोरियम और २० मील दूर कपटी पद नामक स्थान में एक दूसरे क्रान्तिकारियों के की तलाशी ली गई। पिछले स्थान में सुन्दरबन का एक नक़शा मिला और उसके साथ ही मेवेरिक के सम्बन्ध में पेनाङ्ग के एक समाचार पत्र का कटिङ्ग भी था । अन्त में ५ बङ्गालियों का एक गिरोह घेर लिया गया और जो मुढभेड़ हुई, उसमें षड़यन्त्रियों का मुखिया जतीन्द्र मुकुर्जी और इन्सपैक्टर सुरेशचन्द्र मुकुर्जी को मारने वाला चित्तप्रिय राय चौधरी मारे गए। इस वर्ष षड़यन्त्रियों को मार्टिन से और कुछ समाचार न मिल पाया, अन्त में दो आदमी गोआ पहुँचे कि वहाँ से बटेविया में मार्टिन को तार दें । २७, दिसम्बर १९१५ को गोआ से मार्टिन के पास निम्न लिखित तार भेजा गया "क्या हाल चाल है कुछ समाचार नहीं मिला, बड़ी फ़िक्र है। बी चैटरटन" इस तार के कारण गोआ में अनुसन्धान की गई और दो बङ्गाली पकड़े गए, जिसमें एक भोलानाथ चटर्जी प्रमाणित हुआ । उसने पूना जेल में २७ जनवरी, १९१६ को आत्म हत्या कर डाली ।
जर्मनी द्वारा भेजे हुए जहाज़
अब हम मेवेरिक और हैनरी एस० नामक जहाजों की कहानी संक्षिप्त में बयान करेंगे। वे दोनों, पूर्वी सागरों के लिए अमेरिका से जर्मन षड़यन्त्रों के सम्बन्ध में रवाना हुए। इस बयान के बाद हम बाक़ी और जर्मन मन्सूबों का वर्णन करेंगे।
मेवेरिक एक पुराना तेल के टैंक वाला स्टीमर था, जिसे कि सेनफ्रान्सिस्को की एफ़० जेब्सन नामक एक जर्मन कम्पनी ने उसके मालिक स्टैण्डर्ड तेल कम्पनी से खरीदा था - यह सेनपेडरो, केलिफ़ोर्निया से बिना माल के २२ अप्रैल, १९१५ को रवाना हुआ। इसमें २५ अफ़्सर इत्यादि थे और पाँच, कहा गया, कि परशिया के रहने वाले हैं। जिन्हों ने हस्ताक्षर किए कि वे नौकर हैं । असल में यह सब के सब हिन्दुस्तानी ही थे और उन्हें सेनफ़ॉन्सिस्को की जर्मन कौन्सिल के बौनब्रिकन और हरदयाल के बाद ग़दर पार्टी के नेता रामचन्द्र ने बैठाया था। इनमें से एक का नाम हरीसिंह था । यह पञ्जाबी था और इसके पास सन्दूक़ों में ग़दर का माल था । मेवेरिक पहले कैलिफ़ोर्निया के निचले भाग में सेन जॉर्जडिलके नामक बन्दरगाह में पहुँचा और वहाँ से जावा में अजेर नगर के लिए टिकट कटाया । तब वह मेक्सिको के पश्चिम में ६०० मील दूर सोकोरो द्वीप के लिए रवाना हुआ। वहाँ, उसे एनी लॉर्सेन नामक एक छोटे जहाज से मिल कर उन अस्त्र-शस्त्रों को लादना था, जिन्हें कि उस जहाज
में सैनडिगों में न्यूयार्क के टाशर नामक एक जर्मन ने खरीद कर रख दिया था। मेवेरिक के स्वामी को यह हुक्म था कि बन्दूक़ों को एक खाली तेल की टङ्की में भर दिया जाए, और फिर उसमें तेल । कारतूस इत्यादि को दूसरी टङ्की में रक्खा जाए और कोई असाधारण भयानक समस्या उठ खड़ी हो तो जहाज को ही डुबो दे। परन्तु यह एनीलॉर्सेन से मिला ही नहीं और जब कि मेवेरिक कई सप्ताहाँ तक बाट देख चुका तो वह होनोलूलू होता हुआ जावा के लिए रवाना हो गया। जावा में उसकी उच्च अफ़सरों ने तलाशी ली, पर खाली पाया । अन्त में जून १९९५ के आखीर तक एनीलॉर्सेनवाशिङ्गटन के होकोमा स्थान पर पहुँचा और वहाँ उसके शस्त्र भण्डार को अमेरिकन सरकार ने जब्त कर लिया। वाशिङ्गटन के जर्मन दूत काउण्ट वर्न्स ट्रोफ़ ने कहा कि यह जर्मनी का माल है, परन्तु अमेरिकन सरकार ने एक न सुनी। हफ़लरिक ने मेवेरिक पर सवार लोगों की बटेविया में रक्षा की और अन्त में उन्हें उसी जहाज पर अमेरिका लौटा दिया। वहाँ हरीसिंह को उतार दिया और "मार्टिन " को सवार करा दिया। इस तरह से मार्टिन अमेरिका भाग गया, जब कि वह वहाँ पहुँचा तो अमेरिका सरकार ने उसे धर दबाया, सहायक बेड़े का दूसरा जहाज भी पकड़ा गया, जो कि हिन्दी - जर्मन षड़यन्त्र के सम्बन्ध में रवाना हुआ हेनर्स एस० नाम का था । इसने शङ्खाई के लिए मलीला फिलिपाइन द्वीप का टिकट कटा लिया । इस पर अस्त्र-शस्त्र भरा था, परन्तु पूर्व इसके, कि स्टीमर चल
पाता कस्टम अफसरों ने पता चला लिया कि क्या मामला है। उन्होंने झट "हेनरी" को खाली करा लिया । तब वह शङ्खाई के बदले पान्टियानख के लिए रवाना हो गया परन्तु बाद में उसके मोटर की कल बिगड़ गई और उसने सलीबीस द्वीप के एक बन्दर में लङ्गर डाल दिया - इस स्टीमर पर दो जर्मन, अमेरिकन थे इनका नाम बेहड़ और बोहम था । ऐसा मालूम होता है कि इनका इरादा यह था, कि पहिले बङ्गाल पहुँचें और कुछ शस्त्र - कोष वहाँ उतार दें और उन्हें एक सुरङ्ग में छिपा रक्खें, जो कि बरमा और श्याम की सरहद पर पकोह स्थान में बनाई गई थी, और बोहम हिन्दुस्तानियों को बरमा पर आक्रमण करने के लिए तय्यार करे । बोहम सलीबीस से बटेविया पहुँच गया। जब कि वह बटेविया से चला आ रहा था, सिङ्घापुर में पकड़ा गया । शिकागो से हेरम्ब लाल गुप्त की आज्ञानुसार वह मनीला में हेनरी एस० पर सवार हो गया था और उसको मनीला के जर्मन कौंसलर का यह हुक्म था, कि पाँच सौ रिवॉल्वर तो बैङ्कॉक में उतार दे और बाक़ो ५००० चटगाँत्र पहुँचवा दे। शस्त्रों में रिवॉल्वरें मय राइफल के थीं। इस लिए सम्भवतः वे माउज़र पिस्तौलें होंगी, जो कि दोनों हिस्से जोड़ देने से ही बन्दूक़ का काम देने लगती हैं ।
इस बात का सबूत है, कि जब मेवेरिक वाला मामला असफल रहा तो शङ्खाई के कैंसिल- जरनल ने दो और जहाजों को बङ्गाल की खाड़ी के लिए रवाना करने की ठानी, एक तो रायजर्मन षड़यन्त्र
मङ्गल के लिए और दूसरा बालासोर के लिए । पहिले में दो लाख रुप्यै तथा बीस हज़ार बन्दूकें, अस्सी लाख कारतूसें और दो हज़ार पिस्तौलें मय गोली बारूद थीं, दूसरे जहाज में दस हज़ार राइफलें १० लाख भरी हुई कारतूसें जाने का निश्चय था परन्तु बटेविया के जर्मन काऊंसिल को "मार्टिन" ने यह चेतावनी दे दी, कि राय-मङ्गल में अब जहाज भेजना उचित नहीं, बल्कि हटिया में भेजना ठीक होगा। इसलिए हलफेरिक से इस स्थानपरिवर्तन पर परामर्श किया गया और नीचे दी हुई तरकीब निश्चित ठहरी :- दिसम्बर के अन्त में जहाज शङ्खाई से सीधा हटिया आवे, बालासोर में आने वाला जहाज़, वह जर्मन जहाज़ हो, जो कि ख़ाली एक डच बन्दर में पड़ा रहे और समुद्र में ही अपना शस्त्र-भण्डार भरे, एक तीसरा जहाज़, ( जो कि जर्मनी का जङ्गी जहाज़ था ) अण्डमन (काला पानी ) पहुँचे, अस्त्र-शस्त्र समुद्र ही में भरे और पोर्ट ब्लेयर पर धावा बोल दे । वहाँ से
जों को और उन क़ैदियों को भी ले ले, जो कि सिङ्गापुर फ़ौज में ग़दर करने के लिए क़ैद थे और उन के ख़याल में कालापानी में ही रक्खे गए थे और तब रङ्गन पर हमला करदे । बङ्गाली षड़यन्त्रियों को सहायता देने के लिए हलफेरिक के साथ एक चीनी था, जिसके पास ६६ हज़ार गिनियाँ और एक चिट्ठी पिनाङ्ग में एक बङ्गाली के लिए थी, अगर वह न मिले, तो कलकत्ते के दो पते थे, जिसमें से किसी एक के हवाले करदे; पर वह संदेशा पहुँचाने ही न पाया, क्योंकि मय गिन्नियों के वह सिङ्गापुर
में पकड़ा गया । वह बङ्गाली, जो कि मार्टिन के साथ बटेविया भेजा गया था, शङ्खाई जर्मन काउन्सिल से परामर्श करने और हटिया जाने वाले जहाज़ से लौट जाने के लिए भेज दिया गया । वह मुश्किल से शङ्खाई पहुँच पाया था, कि पकड़ लिया गया । चूँकि इधर जतीन मुकुरजी मर चुका था, कलकत्ते के षड़यन्त्री भी चन्द्रनगर विश्राम करने चल दिए । उधर बङ्गाली दूत शङ्खाई में पकड़ा गया और जर्मनों की बङ्गाल की खाड़ी में हथियार भेजने की आखिरी चाल भी निष्फल हो गई। व्हेडवोहम और हिरम्ब लाल गुप्त पर शिकागो में हिन्दुस्तानी-जर्मन षड्यन्त्रों में भाग लेने के लिए सरकारी मुक़दमा चला । यह सैनफ्रान्सिस्को का मुक़दमा नवम्बर १९१७ में आरम्भ हुआ और इन्हीं षड़यन्त्रों के सम्बन्ध में बहुत से लोगों को दण्ड मिला, परन्तु इनका खुलासा हाल अभी यहाँ नहीं पहुँच पाया है ।
शङ्खाई में धर-पकड़
अक्टूबर १९९५ में शङ्खाई म्यूनिस्पैलिटी की पुलीस ने दो चीनियों को पकड़ा, जिनके पास स्वयम् घूमने वाली १२९ पिस्तौर बीस हजार आठ सौ तीस कारतूस के राउन्ड्स थे, जिन्हें कि वे नख्ते के बीच में रख कर नील-सेन नामक जर्मन की आज्ञानुसार ले जा रहे थे। इनको उन्हें श्रमजीवी सम्व्यय कलकत्ता के अमरेन्द्र चटर्जी को देना था। अमरेन्द्र उन षड़यन्त्रियों में से था, जो कि चन्द्रनगर भाग गए थे । नीलसेन
जर्मन षड़यन्त्र
का ठिकाना, यानी ३२ नं० याङ्गट सीप रोड, जिसका पता इन चीनियों के मुक़दमे में चला, अवनी मुकुरजी की नोटबुक में भी मिला । अवनी वह आदमी था, जिसका ज़िक्र पैरा १११ में किया जा चुका है - अर्थात् वह, जो कि जापान दूत बनाकर भेजा गया था; और जो कि लौटते हुए सिङ्घापुर में पकड़ा गया था। इस बात का भी यथेष्ट प्रमाण है, कि एक ऐसा हो षड्यन्त्र रास बिहारी बोस ने भी रचा था, जो कि उन दिनों नील सेन के मकान में ही रहा करता था । क्योंकि वे पिस्तौलें, जिन्हें रास बिहारी बोस भारत में भेजना चाहता था, उस चीनी के यहाँ मिलीं, जो कि १०८ नम्बर चावटङ्ग रोड वाली माई डिसपेन्सरी में काम करता था। यह दूसरा पता था, जैसा कि अवनी की नोट-बुक से मालूम होता है। उसी मकान में अविनाश राय नामक एक और क्रान्तिकारी भी रहा करता था। उसका भी शङ्काई के दल तथा जर्मन कोशिशों में हाथ था और इसने अवनी से कहा था कि चन्द्रनगर में मनीलाल राय से कह देना कि सारा काम ठीक चल रहा है और अब मेरे हिन्दुस्तान पहुँचाने की तब करे । अवनी की नोट-बुक में मनीलाल राय और कलकत्ता, ढाका, कमिल्ला और चन्द्रनगर के कितने ही छटे हुए क्रान्तिकारियों के पते दर्ज थे और के साथ पते ही साथ अमरसिंह इञ्जीनियर पकोह ( श्याम ) का भी नाम दर्ज था । यह वही स्थान था, जहाँ कि सुरङ्ग में हेनरी एस० के हथियारों में से कुछ को छिपाने का विचार था । माण्डले में
अमरसिंह को प्रारण-दण्ड की आज्ञा हुई और उसे टिकटिकी पर लटका दिया गया ।
जर्मन षड्यन्त्र की निस्सारता
जर्मनों के हथियार भेजने की इस साज़िश से पता चलता है, कि क्रान्तिकारी तो बहुत ही ज्यादा पुर - जोश थे, किन्तु वे जर्मन लोग, जो उनके पल्ले पड़े और जो उनके आन्दोलन से लाभ उठाना चाहते थे, उनके कार्यक्रम से नितान्त अनभिज्ञ थे ।
पहिला भाग समाप्त
( शेष रिपोर्ट के लिए दूसरा भाग देखिए ) |
राहुल वैद्य ने 'बिग बॉस 14' में अपने जिगरी यार अली गोनी और उनकी खास दोस्त जैस्मिन भसीन के लिए एक प्यार भरा गाना कंपोज किया था, जिसकी चंद लाइनें भी उन्होंने गाकर सुनाई थीं. तब राहुल वैद्य ने वादा किया था कि वह बिग बॉस के घर से बाहर जाने के बाद अपने उस गाने को रिलीज करेंगे. वहीं अब राहुल वैद्य ने ये वादा पूरा किया और अपनी दोस्ती के नाम लिखा और गाया ये गाना रिलीज कर दिया. इस गाने का नाम राहुल ने अपने दोस्त अली के नाम पर ही रखा है. गाने का नाम 'अली' है.
राहुल वैद्य ने इस वीडियो में बिग बॉस 14 की खूबसूरत जर्नी को दिखाया है. राहुल ने एक बार पिर बीबी हाउस में अली गोनी और जैस्मिन के साथ बिताएं पलो को ताजा कर दिया है.
'द फैमिली मैन 2' को लेकर बेहद एक्साइटेड है अली गोनी, जैस्मीन भसीन और राहुल वैद्य, सोशन मीडिया पर लिखा- 'नहीं कर सकते अब इंतजार'
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पंजाब के अजनाला थाने में पुलिस और सिख अलगाववादी अमृतपाल सिंह के समर्थकों के साथ हुई झड़प के दो दिन बाद राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत ने चुप्पी तोड़ी है।
एक ट्वीट कर भगवंत मान ने कहा कि जिन लोगों ने पुलिस थाने पहुंचने के लिए गुरु ग्रंथ साहिब की आड़ ली वे लोग पंजाब के असली वारिस नहीं हो सकते। कोई भी व्यक्ति 'शबद गुरु श्री गुरु ग्रंथ साहिब' को पुलिस थानों में विरोध करने के लिए ढाल के तौर पर इस्तेमाल करता है, उसे पंजाब और पंजाबियत का वारिस नहीं कहा जा सकता है।
भगवंत मान के इस ट्वीट को वारिस पंजाब दे के प्रमुक और कट्टरपंथी नेता अमृतपाल (29) पर सीधे हमले के तौर देखा जा रहा है।
पंजाब पुलिस प्रमुख गौरव यादव ने सभी थाना प्रभारी (एसएचओ) रैंक तक के अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें लॉ एंड ऑर्डर बिगाड़ने वालों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया। यादव ने शुक्रवार को कहा था कि गुरुवार को अजनाला पुलिस थाने में घुसे प्रदर्शनकारियों ने पवित्र ग्रंथ को ढाल की तरह इस्तेमाल किया और पुलिस कर्मियों पर हमला किया, जिसमें पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और पुलिस अधीक्षक जुगराज सिंह सहित छह पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार एक स्वयंभू धार्मिक उपदेशक के सैकड़ों सशस्त्र अनुयायियों ने गुरुवार को एक पुलिस स्टेशन पर कब्जा कर लिया और पुलिस ने इसलिए संयम बरता क्योंकि वे स्थिति को हाथ से निकलने नहीं देना चाहते थे।
पुलिस की यह प्रतिक्रिया खालिस्तान की मांग करने वाले 'वारिस पंजाब दे' के मुखिया अमृतपाल सिंह खालसा ने अजनाला पुलिस स्टेशन में पवित्रतम् श्री गुरुग्रंथ साहिब के साथ प्रवेश की कोशिश की थी। पुलिसकर्मियों तथा अमृतपाल के साथियों के बीच खुली मुठभेड़ हुई थी और इसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए और उन पर तलवारों से हमला किया गया था।
गुरुवार को अमृतपाल सिंह खालसा के बुलावे पर उसके समर्थक अजनाला में इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। पुलिस ने बैरिकेड्स लगाए हुए थे लेकिन उन्हें तोड़ दिया गया। खुद अमृतपाल सिंह खालसा वहां श्री गुरुग्रंथ साहिब के साथ पहुंचा और उसके बाद माहौल बेहद गर्मा गया। हथियारों से लैस उसके समर्थक थाने पर लगभग हमलावर हो गए। पुलिस ने बलप्रयोग करके उन्हें रोकना चाहा तो तमाम लोग खुली तलवारों के साथ पुलिसकर्मियों को जख्मी करते चले गए।
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प्रशंसा करते हुए कहा है कि इन ने अपने दुश्मनो की स्त्रियों को बिना तागे में पिरोये मोतियों (यानी) के हार पहनाए हैं । आज शायद यह वर्णन प्रशसा-रून न समझा जाय । कालिदास की दृष्टि में रघु का दिग्विजय के लिये निकल पड़ना कोई अनहोनी या बुरी बात न थी, आज हम युद्ध छेड़ देने के लिये हिटलर को कोसते हैं - और मजा यह है कि खुद हिटलर भी युद्ध की जिम्मेदारी लेने से बचना चाहता है और उसके लिये दूसरे राष्ट्रों को दोषी ठहराने की कोशिश करता है ।
फिर उसने विशेष रूप से साधना को लक्ष्य कर कहा-प्रश्न उसी समाज मे सार्थक जान पड़ता है जहाँ काफ़ी लोगों भविष्य के बारे मे अनिश्चय या सन्देह रहता है। ऐसे समाज में हमें वह व्यक्ति विशेष वीर मालूम पड़ता है जो दूसरे व्यक्तिप्रेमासद - को सारे समाज की उदासीनता या विरोध के विरुद्ध भय देता है, यह आश्वासन कि मैं सदैव तुम्हारा हूँ, तुम्हारे सुख-दुख का साथी; कल तुम्हारे लिये चाहे दुनिया बदल जाय, लेकिन मैं बदलनेवाला नहीं हूँ ।'
क्षण भर सब चुप रहे फिर साधना ने कहा - - इसका मतलब यह है कि प्रेम की स्थिरता अपने में कोई श्लाघ्य चीज नहीं है ।
चन्द्रनाथ - योगेन्द्र बाबू का कहना है कि ऐसी स्थिरता खासखास समाजों में उपयोगी हो सकती है, और इसलिये श्लाध्य भी और शायद वे कहेंगे कि उपयोगिता की कसौटी है व्यक्ति और समाज का सुख-दुख । ( योगेन्द्र से ) मैंने ठीक समझा है न ?
योगेन्द्र - ठीक ही है ।
चन्द्रनाय - तत्र तो हम साधना बाहन के पति को निर्दोष नही कह सकेंगे, क्योंकि हमारा समाज, विशेषतः स्त्रियों के लिये, सुरक्षाहीनता का समाज है ।
योगेन्द्र - सिर्फ स्त्रियों के लिये ही क्यों सारे नौकर-पेशा लोगों और |
जगदलपुर। NMDC Steel Plant : बस्तर के औद्योगीकरण के क्षेत्र में मील का पत्थर बनने जा रहे नगरनार स्टील प्लांट से उत्पादन शुरू करने जल्द ही कोक ओवन बैटरीज की हिटिंग की जाएगी। इसके लिए प्रक्रिया तेज करते हुए उल्टी गिनती शुरू कर दी गई है। कोक ओवन बैटरीज की हिटिंग के लिए 10 मार्च की तारीख एनएमडीसी और मेकान ने तय की थी जो नहीं हो पाई। इसे आगे बढ़ा दिया गया है। इस बीच कोक ओवन बैटरीज की हिटिंग केे पहले चिमनी की हिटिंग के लिए मशीनरी की जांच का काम बुधवार से शुरू कर दिया गया। दिल्ली से पहुंचे एक्सपर्ट इस काम को देख रहे हैं।
विधानसभा चुनाव 2018 केे एक माह पहले 26 सितंबर 2018 को कोक ओवन की चिमनी की हिटिंग की गई थी। यहां लालबाग मैदान में एक समारोह में तत्कालीन केंद्रीय इस्पात राज्यमंत्री विष्णुदेव साय, रेल राज्यमंत्री राजेन्द्र गोेहिल, मुख्यमंत्री डा रमन सिंह की मौजूदगी में समारोह स्थल से ही वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से हिटिंग का शुभारंभ किया गया था। हिटिंग के बाद तीन माह तक चिमनी को गरम रखने के बाद बाइप्रोडक्ट प्लांट के बनकर तैयार नहीं होने से कोक ओवन बैटरीज की हिटिंग में देरी होने की स्थिति देख चिमनी को बंद कर दिया गया था। अब दोबारा चिमनी की हिटिंग करने प्रक्रिया शुरू की गई है।
नगरनार स्टील प्लांट का निर्माण 23 हजार 140 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है। तीन मिलियन टन सालाना उत्पादन क्षमता वाले इस स्टील प्लांट में एचआर क्वाइल का निर्माण किया जाएगा। स्टील प्लांट के अधिशासी निदेशक प्रशांत दास से कोक ओवन हिटिंग की तैयारी को लेकर चर्चा करने पर बताया कि इसके लिए शुरूआती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। हिटिंग से पहले मशीनरी की जांच की जा रही है। दास के अनुसार चिमनी की हिटिंग के बाद कोक ओवन बैटरीज की हिटिंग जल्द ही अगले कुछ दिनों में करने की योजना है।
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कथित तौर पर नफरत भरे संदेश फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया है...!
दिल्ली में उत्तर जिला साइबर पुलिस ने वर्क फ्रॉम होम के नाम पर झांसा देकर ठगी में शामिल बीटेक इंजीनियर को गिरफ्तार किया है।
दलित सिंगर मर्डर केस का दिल्ली पुलिस ने खुलासा कर दिया है।
देश राजधानी दिल्ली में एक और दलित लड़की दरिंदों की हैवानियत की बलि चढ़ गई।
दिल्ली स्थित ऐतिहासिक यूनेस्को विश्व धरोहर कुतुब मीनार परिसर में स्थित मुगल मस्जिद में एएसआई ने नमाज पढ़ने पर रोक लगा दी है।
सोमवार सुबह-सुबह दिल्ली एनसीआर और उसके आसपास के इलाके में आंधी के साथ जोरदार बारिश हुई।
दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध हिंदू कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रतन लाल को शनिवार को दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी कोर्ट में पेश किया।
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उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से शादी का झाँसा दे एक युवती से रेप और फिर उस पर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का मामला सामने आया है।
इंडोनेशिया के संस्थापक और पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी सुकमावती सुकर्णोपुत्री ने आज इस्लाम का त्याग कर हिंदू धर्म को अपना लिया है।
जबलपुर के आधारताल थाना क्षेत्र में नसीम अहमद नाम के मुस्लिम ने अंकित ठाकुर नाम रखकर 20 साल की लड़की से लव जिहाद किया।
महिला ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की मदद से अपने शौहर के खिलाफ होजई के पुलिस अधीक्षक के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई है।
इस्लाम के आगमन के बाद इंडोनेशिया में हिंदूओं की संख्या घटने लगी थी, जिससे देश में हिंदुओं को अल्पसंख्यक बना दिया गया था।
इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति सुकर्णो की बेटी ने इस्लाम से वापस हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया है। सुधी वदानी नाम की रस्म होगी।
अवैध धर्मान्तरण के विरोध में कर्नाटक के बेलगावी जिले में जैन समाज ने एक बड़ी रैली आयोजित की। इस रैली में जैन समाज के तमाम संगठनों के पदाधिकारी और धर्मगुरु शामिल हुए।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में चैरिटेबल संस्था CFI पर धर्मान्तरण कराने के आरोप लगे हैं। इस संस्था से निकाले गए कर्मचारियों ने पुलिस में शिकायत की है।
मध्य प्रदेश सागर में ईसाई धर्मान्तरण के लिए दबाव बनाने का मामला चर्चा में आया है। अभिषेक अहिरवार पर फूफा ससुर दबाव डाल रहे हैं।
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ग्रामीणों ने ईसाई समुदाय के 45 से ज्यादा लोगों को बंधक बना लिया। यह समूह देर रात धर्मांतरण कराने के इरादे से पहुँचा था।
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Chennai : तमिलनाडु के कुन्नूर में सेना के एक हेलीकॉप्टर (MI) के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर है. जानकारी सामने आयी है कि हेलिकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और उनकी पत्नी भी सवार थे. सूत्रों के अनुसार खराब मौसम की वजह से हादसा हुआ है. तीन लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं. इन सभी को वेलिंग्टन बेस में इलाज के लिए ले जाया गया है. समाचार लिखे जाने तक 11 शव बरामद किये जा चुके थे. वायुसेना ने हादसे की जांच के आदेश दे दिये हैं.
बताया जा रहा है कि इलाका काफी घना है. यहां आसपास चारों ओर पेड़ ही पेड़ हैं. हादसा इतना दर्दनाक था कि चारों तरफ आग की लपटें नजर आ रही हैं. सेना और वायुसेना की टुकड़ियां पुलिस के साथ रेस्क्यू के लिए पहुंच गयी हैं. आसपास के इलाके में भी तलाश चलाया जा रहा है.
खबरों के अनुसार हेलिकॉप्टर में CDS सहित 14 लोग सवार थे. बताया जा रहा है कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे. तभी हेलिकॉप्टर नीलगिरी के इलाके में क्रैश कर गया. कार्यक्रम ऊंटी के वेलिंगटन में आयोजित था. वहां सीडीएस जनरल रावत को लेक्चर देना था. ऊंटी वेंलिगटन में आर्म्ड फोर्सेज का कॉलेज हैं. हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एल एस लिडेर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एन के गुरसेवक सिंह, एनके जितेंद्र कुमार, L/NK विवेक कुमार, L/NK बी साय तेजा, हवलदार सतपाल भी सवार थे.
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लखनऊ (डीएनएन)। परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं में एनीमिया(खून की कमी) से होने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए अब उन्हें प्रत्येक सोमवार को मिड-डे-मील के एक घंटे बाद आयरन गोली खिलाई जाएगी। प्राथमिक विद्यालय में आयरन की छोटी पिंक गोली(45 एमजी) तथा उच्च प्राथमिक विद्यालय में बड़ी नीली गोली (100 एमजी) दी जाएगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा निदेशक डीबी शर्मा ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं।एनीमिया एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या है। जिसका मुख्य कारण खान पान में लौह तत्व की कमी है। उत्तर प्रदेश में 6 से 14 आयु वर्ग के बच्चों में भी एनीमिया की व्यापक एवं गंभीर समस्या है। इस उम्र समूह में एनीमिया के कारण बच्चों को हमेशा थकान महसूस होना, हमेशा नींद महसूस होना, मुंह के किनारे घाव या दरार होना, सांस फूलना, शारीरिक श्रम करने पर सिर दर्द होना, पढ़ाई व खेल में रुचि न लोना, पांव में ऐठन होना एवं भूख न लगना आदि की शिकायतें होती हैं। इस समस्या के मददेनजर शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा निदेशक ने विद्यालयों में बच्चों को आयरन की गोलियां वितरित करने के निर्देश जारी किए हैं। यदि कोई छात्र-छात्रा सोमवार को अनुपस्थित रहता है तो उसे उपस्थिति होने पर आयरन गोली का सेवन सुनिश्चित कराना होगा।बुखार, पेट दर्द, दस्त में नहीं दी जाएगी गोली : यदि कोई छात्र-छात्रा अस्वस्थ्य है व उसे बुखार, पेट दर्द, दस्त आदि हो तो उन्हें यह गोली न दी जाए। उन्हें ठीक होने के बाद ही इसका वितरण किया जाए। छात्र-छात्राओं को छह माह के अंतराल पर वर्ष में दो बार (फरवरी-अगस्त) में राष्ट्रीय डी-वार्मिंग डे के दिन एल्बेन्डालॉज 400 मिलीग्राम की एक गोली चबाकर खिलाई जाएगी। राष्ट्रीय डी वार्मिंग डे 10 अगस्त को होगा।
मिड डे मील के साथ बच्चों को मिलेगी आयरन की गोली, बुखार पेट दर्द, दस्त आदि से पीड़ित बच्चों को गोली न देने के निर्देश Reviewed by Brijesh Shrivastava on 6:49 AM Rating:
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उत्तर : मैं उसके साथ तर्क करके उसे मनानेकी कोशिश तो करूंगा, पर शस्त्रोंके बलपर अपनी इच्छा उसपर नहीं थोपूँगा ।
साम्प्रदायिक समस्याके बारेमें विचार प्रकट करनेका आग्रह करनेपर उन्होंने अपना मत फिर दोहराया कि यदि सिख और मुसलमान परस्पर सहमतिसे अपनी माँगें पेश करें तो वे बिना किसी हिचकके उनको मान लेंगे । उनसे पूछा गया कि क्या यह दुःखकी बात नहीं कि प्रान्तीय समझौतोंमें विलम्ब होनेके कारण समूचे देशको प्रगति भी रुकी रहे ? उन्होंने कहा :
बात यह है कि यदि हम छोटी बातोंकी देख-भाल ठीक-ठीक कर सकते हैं तो फिर बड़ी बातोंकी भी कर ही सकते है । मैं इस चीजपर आग्रह क्यों कर रहा ? ये प्रान्तीय समझौते असलमें ऐसे तिनके हैं जिनसे पता चलता है कि हवाका ख क्या है; और हवा तो गोलमेज परिषद्तक के मौसमका रुख बदल सकती है - यहाँतक कि शायद उसे बिल्कुल ही अनुकूल बना दे सकती है ।
प्रश्न : 'बॉम्बे क्रॉनिकल' कहता है : 'क्या हमें यह बात दोहरानेको आवश्यकता है कि गोलमेज परिषद् के काम में तेजी लाने और उसे पूर्णतः सफल बनानेका सबसे कारगर तरीका यही है कि विदेशी वस्त्रोंके बहिष्कार आन्दोलनको और अधिक तीव्र बनाया जाये ? ' - स्पष्ट ही, इसका अर्थ होता है कि 'बॉम्बे क्रॉनिकल' बहिष्कारको • एक राजनीतिक अस्त्र मानता है और अस्त्र भी ऐसा जिसका प्रयोग सभी अन्य देशोंके विरुद्ध समान रूपसे नहीं किया जाना है; क्योंकि जापानी वस्त्रके बहिष्कारसे तो गोलमेज परिषद् के कार्यमें कोई तेजी नहीं लाई जा सकती। क्या आपके विचारसे इस प्रकारकी बात करना दिल्ली समझौतेके शाब्दिक अर्थ और उसको भावनाके विरुद्ध नहीं है ?
आपने जिस लेखसे उद्धरण दिया है मैने वह देखा नहीं । पर मै मोटे तौरपर कह सकता हूँ कि विदेशी वस्त्र बहिष्कार - आन्दोलनको एक राजनीतिक अस्त्र मानना निश्चय ही समझौतेके शाब्दिक अर्थ और उसकी भावनासे मेल नहीं खाता । विदेशी वस्त्रोंमें जापानी वस्त्र भी इस समय यदि अधिक नही तो उतने ही शामिल हैं जितने कि ब्रिटिश वस्त्र । इसका सीधा-सा कारण यही है कि आज ब्रिटिश वस्त्रों के मुकाबले जापानी वस्त्र कहीं कारगर ढंगसे खादी और भारतीय मिलों द्वारा तैयार किये गये वस्त्रोंको बाजारसे खदेड़ रहे हैं। उसके बहिष्कारके लिए अत्यन्त ही पर्याप्त आर्थिक और सामाजिक कारण मौजूद हैं।
ब्रिटेनके कंजर्वेटिव दलको संरक्षणोंकी जो चिन्ता है, आप किस हदतक उसकी गुंजाइश रखनेके लिए तैयार हैं ?
भारतके अपने हितों और प्रतिष्ठाको बरकरार रखते हुए यथासम्भव अधिक-सेअधिक सीमातक ।
१. इसके बादका अंश स्टेट्समैनसे लिया गया है। |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली की न्योता कांग्रेस को भी दिया गया है। इसके लिए रविवार को सीएम जयराम ठाकुर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह के घर पहुंचे और उन्हें निमंत्रण पत्र सौंपकर साथियों को साथ लेकर आने को कहा। इस मौके पर उन्होंने हॉलीलॉज में कुछ समय बिताया। उनके साथ शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज भी मौजूद थे।
प्रतिभा सिंह को निमंत्रण देने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जाखू में घर-घर जाकर लोगों को रैली में आने का निमंत्रण दिया। पार्टी के अन्य नेता भी लोगों के घर-घर जाकर पीएम की रैली में आने का निमंत्रण दे रहे हैं। इस दौरान पार्टी के नेता अपने समर्थकों के घर झंडा और पोस्टर भी लगा रहे हैं।
प्रधानमंत्री की रैली से पहले भाजपा ने शहर में स्वच्छता अभियान भी शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला के जाखू के ड्रीमलैंड से इस अभियान की शुरुआत की। इसी तरह पार्टी प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने टूटू में सफाई अभियान चलाया। यहां भी पार्टी के कई कार्यकर्ता और नेता मौजूद रहे। वहीं भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने शिमला के पगोग में सफाई अभियान चलाया।
बता दें कि स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियानों में से एक प्रमुख है। इसे भाजपा अपने हर कार्यक्रम में प्रमुखता से चलाती और लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करती है। पीएम नरेंद्र मोदी की रैली को लेकर भाजपा ने अपनी गतिविधियों को और बढ़ा दिया है। रैली को लेकर भाजपा ने अपने आईटी और युवा प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों के साथ आज शाम को एक बैठक तय की है, जिसमें रैली की तैयारियों को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे और रणनीति तैयार की जाएगी।
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नई दिल्लीः भारत 8वीं बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का गैर-स्थायी सदस्य बनने के लिए पूरी तरह तैयार है. संयुक्त राष्ट्र महासभा की तरफ से 17 जून को इस सम्बन्ध में मतदान होगा. इस चुनाव में 10 गैर-अस्थायी सदस्यों में से पांच मेंबर्स के चुनाव में भारत निर्विरोध खड़ा है. इसके बाद भी भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने UNSC में भारत की सीट सुरक्षित करने के लिए अभियान शुरु कर दिया है.
एशिया-प्रशांत समूह में भारत इस बार अकेला प्रत्याशी है. ऐसे में भारत की जीत तय है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की पांच अस्थाई सीटों के लिए इसी महीने चुनाव होना है. विदेश मंत्री ने शुक्रवार को ब्रोशर जारी करते हुए UNSC के लिए भारत की प्राथमिकताओं को बताया. बता दें कि UNSC में भारत 2011 और 2012 के बीच तक सेवारत रहा है. डॉ. जयशंकर ने कहा, 10 वर्ष पूर्व हम UNSC के लिए चुने गए थे. हम वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए चार अलग-अलग चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. आंतरिक शासन की सामान्य प्रक्रिया में तनाव बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि, कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौरान ग्लोबल कम्युनिटी पर काफी अधिक दबाव है. ऐसे में जनवरी 2021 के लिए UNSC में निर्वाचित होने पर विश्व के लिए भारत का दृष्टिकोण 5S- सम्मान, संवाद, सहयोग, शांति और समृद्धि होगा.
अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के तत्काल सुधार की जरुरत पर विचार करते हुए डॉ. जयशंकर ने कहा, इस असाधारण स्थिति में भारत एक सकारात्मक अंतर्राष्ट्रीय भूमिका निभा सकता है. हम हमेशा एक आवाज और अंतरराष्ट्रीय कानून के एक वोटर रहे हैं. हम वैश्विक मुद्दे पर बातचीत, परामर्श और निष्पक्षता की वकालत करते हैं और हम वैश्विक विकास पर बल देते हैं.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले दो दिन में दो नए रिकॉर्ड अपने नाम करने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के रूप में आज उनका 2,272वां दिन है। पिछले 6 साल दो महीने 19 दिन से मोदी पीएम हैं। अटलजी भी अपने तीन कार्यकाल में कुल इतने ही दिन प्रधानमंत्री रहे। यानी, आज मोदी ने अटलजी के रिकॉर्ड की बराबर की और कल वो इसे तोड़ देंगे। दूसरा रिकॉर्ड 15 अगस्त को लालकिले पर बनेगा। जब मोदी 7वीं बार झंडा फहराकर अटलजी से आगे निकल जाएंगे।
पीएम के रूप में मोदी से लंबा कार्यकाल सिर्फ तीन लोगों का रहा है। जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह। तीनों कांग्रेस से थे। सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकॉर्ड देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नाम है। नेहरू 16 साल 9 महीने और 12 दिन तक प्रधानमंत्री रहे।
सबसे लंबे समय तक पीएम रहने के मामले में नेहरू के बाद दूसरे नंबर पर उनकी बेटी इंदिरा गांधी हैं। इंदिरा दो हिस्से में कुल 15 साल 11 महीने 17 दिन प्रधानमंत्री रहीं। तीसरे नंबर पर मनमोहन सिंह हैं। मनमोहन लगातार 10 साल चार दिन तक प्रधानमंत्री के पद पर रहे। पीएम मोदी अगर अपना कार्यकाल पूरा करते हैं तो मनमोहन का रिकॉर्ड तोड़ सकते हैं।
मोदी 2024 में भी पीएम बनते हैं तो भी इंदिरा और नेहरू का रिकॉर्ड नहीं तोड़ पाएंगे। इसके लिए उन्हें अपना तीसरा कार्यकाल पूरा करके 2029 में फिर से पीएम बनना होगा। ऐसा होना मुश्किल है। क्योंकि, 2029 तक मोदी 78 साल के हो चुके होंगे। प्रधानमंत्री कहते हैं कि 75 के बाद नेताओं को चुनावी राजनीति से दूर हो जाना चाहिए। ऐसे में भाजपा के जीतने के बाद भी मोदी के पीएम बनने की संभावना बहुत कम है।
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बहुत से लोग पुलिस में सेवा करना चाहते हैं, क्योंकि यहबहुत ही प्रतिष्ठित काम, जिसके लिए उसी समय काफी वेतन होता है हालांकि, आंतरिक मामलों के मंत्रालय में सेवा में प्रवेश करना जितना आसान लगता है उतना आसान नहीं है। सीपीडी सहित आपको कई विभिन्न परीक्षणों और चेक को पास करना होगा। यह क्या है? जेआरसी की व्याख्या क्या है? यह वास्तव में इस लेख में चर्चा की जाएगी। आपको पता चलेगा कि यह क्या है, संक्षेप कैसे खड़ा है, और इस विशेष परीक्षण का सार क्या है। इसलिए, यदि आप सीपीडी को डीकोड करने में रुचि रखते हैं, तो यह लेख आपके लिए है।
वास्तव में, सीपीडी की व्याख्या काफी सरल है। मुद्दा यह है कि लोगों की काफी प्रभावशाली संख्या कानून प्रवर्तन निकायों में शामिल होने का प्रयास कर रही है। लेकिन साथ ही, अपराधियों से अपने आकाओं की रक्षा करने का सम्मान प्राप्त करने के लिए सभी को सेवा में नहीं जाना चाहता। बहुत से लोग पूर्वनिर्धारित मजदूरी की वजह से शरीर में तलाश करते हैं, और कुछ लोगों को पुलिस के लिए काम करने की सभी कठिनाइयों का सामना करने के लिए पर्याप्त स्थिर मानसिक स्थिति नहीं होती है। अक्सर, लोग शरीर में प्रवेश करना चाहते हैं, जिनके पास आपराधिक झुकाव है, इस उद्देश्य के लिए सीपीडी है।
डिक्रिप्शन वास्तव में आप का कारण नहीं हैप्रसन्नता और आपको प्रभावित नहीं करेगा - यह मूल रूप से सेंटर ऑफ़ साइकोलॉजिकल डायग्नॉस्टिक्स था, जो 1996 में खोला गया था, जो लोगों के लिए चयन और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करते हैं जो अंगों में सेवा करने आते हैं। तथ्य यह है कि इस तरह के काम का भार अक्सर बहुत अधिक होता है, और हर व्यक्ति जो खुद को समझता है मजबूत और संतुलित अंगों में लंबे समय तक सामना कर सकते हैं। इसलिए, सीपीडी आयोजित किया जाता है - जिसे पहले एक मनोवैज्ञानिक केंद्र के रूप में नामित किया गया था, आज पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक परीक्षाओं के लिए एक छोटा नाम है, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों में एक पद के लिए किसी उम्मीदवार को पास करना चाहिए।
अब आप जानते हैं कि सीपीआर क्या है इस अवधारणा को समझना काफी आसान था। हालांकि, इस परीक्षा में क्या शामिल है? जैसा ऊपर उल्लेख किया गया है, अंगों में आने के लिए, आपको परीक्षाओं की एक पूरी जटिल परीक्षा से गुजरना पड़ता है, जिसमें से शरीर के हृदय और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र की स्थिति का अध्ययन होता है। तदनुसार, आपके स्वास्थ्य की स्थिति की जाँच की जाती है, यही है, क्या आप कानून प्रवर्तन एजेंसियों में सेवा के लिए इस दृष्टिकोण से दृष्टिकोण करते हैं।
हालांकि, सबसे महत्वपूर्ण सर्वेक्षणों में से एकमनोवैज्ञानिक है यह निर्धारित करेगा कि आप आंतरिक मामलों के मंत्रालय में सेवा के लिए नैतिक रूप से कैसे तैयार हैं। कड़ाई से बोलते हुए, स्थिति इस प्रकार हैः जब आप अधिकारियों में सेवा दर्ज करना चाहते हैं, तो जेआरसी आपके मामले को प्राप्त करता है, जो आपके द्वारा आवेदन करने वाले पोस्ट को इंगित करेगा, साथ ही आपके बारे में अन्य विवरण। यह आपके लिए और दस्तावेजों के लिए एक निजीकृत प्रक्रिया है, जिनमें से मुख्य एक पॉलीग्राफ टेस्ट है - एक झूठ डिटेक्टर हाल ही में, सीपीडी के तहत कई लोग इस परीक्षा का अनुमान लगाते हैं, क्योंकि यह सबसे व्यापक में से एक है, और पूरे परिसर के आधार का भी प्रतिनिधित्व करता है इसलिए, सीपीडी के मामले में, डीकोडिंग का मतलब न केवल संक्षेप का स्पष्टीकरण हो सकता है बल्कि पॉलीग्राफ से पता चलता है कि परिणामों के विश्लेषण का भी एक उदाहरण है।
हालांकि, एक पॉलीग्राफ पर सीपीडी टेस्ट का गूढ़वाचन हैकेवल यही बात नहीं है कि केंद्र के मनोवैज्ञानिकों में लगे हुए हैं स्मृति, ध्यान, सामान्य बौद्धिक स्तर, साथ ही चरित्र गुण और व्यक्तिगत गुणों का पता लगाया जाता है। यह सब सावधानीपूर्वक यह निर्धारित करने के लिए विश्लेषण किया जाता है कि क्या व्यक्ति उस स्थिति में सेवा के लिए उपयुक्त है, जिसके लिए वह आवेदन कर रहा है।
इसके अलावा, परीक्षण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैसेवा में निर्धारित प्रवेश मंशा है, साथ ही मानव जीवन की सामान्य पृष्ठभूमि। पहली जगह में, के रूप में कहा गया है, यह चेक किया जाता है कि उसकी मंशा स्वार्थी नहीं थे। आसानी से समझा जा सकता है, प्रश्नावली में, आप पूरी तरह कुछ भी है, जिसके कारण आंतरिक मंत्रालय और पालीग्राफ प्रयोग किया जाता है, जिसके साथ आप आसानी से पहचान सकते व्यक्ति का कहना है कि सच या रोक कुछ लिख सकते हैं।
दुर्भाग्य से, बहुत से अभ्यर्थियों का होना संभव हैअशुद्ध। इसके अलावा, विशेषज्ञों ने साफ पानी भी लाया है, जिनके पास आपराधिक रिकॉर्ड छिपे हुए हैं, अल्कोहल और ड्रग्स के साथ समस्याएं और अतीत में किसी अन्य प्रकार के असामाजिक व्यवहार का प्रदर्शन किया गया है। यह ऐसे व्यक्तित्वों को जांचने के लिए है कि आंतरिक मामलों के मंत्रालय के एक सीपीडी हैं संक्षेप का स्पष्टीकरण इस मनोवैज्ञानिक केंद्र के बारे में जानने के योग्य होने का एक छोटा सा हिस्सा है। जैसा कि आप पहले से ही समझ सकते थे, इस लेख का एक महत्वपूर्ण हिस्सा एक पॉलीग्राफ के साथ शोध करने के लिए समर्पित होगा।
ऐसा लगता है कि ये सभी प्रक्रियाएं पहले से ही हैंकाम का एक प्रभावशाली राशि और यह पूरा किया जा सकता है हालांकि, यह पहला चरण है, जैसा ऊपर उल्लेखित है, पॉलीग्राफ मनोवैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण सहायक है। यह वह है जो यह निर्धारित करने में मदद करता है कि उम्मीदवार वास्तव में वह स्थिति है जिसके लिए वे आवेदन कर रहे हैं या नहीं। इसे समझने के लिए, आपको एक सीपीडी को समाप्त करना होगा। पॉलीग्राफ के संकेतों का गूढ़ रहस्य भी एक महत्वपूर्ण काम है, इसलिए विशेषज्ञों को विभिन्न तरीकों से शामिल करना चाहिए। तभी, उम्मीदवार के अनुपालन का निर्धारण यथासंभव सटीक हो जाता है।
तो, अब आप जानते हैं कि सत्यापन के पहले चरणकानून प्रवर्तन एजेंसियों में सेवा के लिए प्रवेश के लिए अनुपालन पर - चिकित्सा परीक्षा और मनोवैज्ञानिक परीक्षणों का उत्तराधिकारी है, अर्थात, वीवीसी और सीपीडी। पहले संक्षेप का गूढ़वाचन भी कुछ जटिल का प्रतिनिधित्व नहीं करता हैः यह एक सैन्य चिकित्सा आयोग है, और आप पहले से ही एक दूसरे के डीकोडिंग को जानते हैं।
यह तीसरे, आखिरी और के बारे में बात करने का समय हैसबसे महत्वपूर्ण कदम - एक polygraph जाँच। सवालों का बड़े सेट है, जो सत्यापन के समय उम्मीदवार के लिए की पेशकश की है, व्यक्तिगत रूप से पिछले चरणों के परिणामों के आधार पर बनाया। पालीग्राफ संभव नहीं मूर्ख क्योंकि पारित होने की जाँच पर, दो घंटे, जिसके दौरान उम्मीदवार सवाल उसे दिया जवाब देना होगा, और ऐसा करने के लिए यह जितना संभव हो उतना ईमानदार होना चाहिए के लिए दिया जाता है। अभ्यास से पता चलता है कि उम्मीदवारों जो कानून प्रवर्तन में एक पद के लिए आवेदन के अस्सी प्रतिशत, एक polygraph प्रतिशत एक सौ द्वारा परीक्षण किया जो है नहीं, यह पता चला है कि वे खुद को कुछ नकारात्मक छिपा दिया। और जब मनोवैज्ञानिक अपने प्रश्नों के सभी जवाब हो जाता है, वहाँ आता है डेटा विश्लेषण, यानी की एक स्टेज, डिक्रिप्शन एक polygraph से सीपीई परिणाम होता है।
अब आपके पास क्या पूरा विचार हैऐसी पुलिस में सीएपी है पॉलीग्राफ के परिणाम को समझना अंतिम चरण है, जो यह निर्धारित करता है कि क्या आप कानून प्रवर्तन एजेंसियों में एक स्थान लेने में समर्थ होंगे जिनकी आप रुचि रखते हैं। यह निश्चित रूप से अनुभवी विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है, जो कई वर्षों तक पॉलीग्राफ के साथ काम कर रहे हैं। बेशक, हाल ही में प्रौद्योगिकी बहुत दूर गई है, और यहां तक कि विशेष कार्यक्रम हैं जो डेटा का स्वतंत्र रूप से विश्लेषण करते हैं। हालांकि, इस तरह के एक जिम्मेदार अध्ययन में यह बहुत महत्वपूर्ण है कि कोई त्रुटि नहीं है, इसलिए जानकारी विशेषज्ञों द्वारा संसाधित की जाती है। वे पॉलीग्राफ को डीकोड करते हैं, फिर एक उपयुक्त निष्कर्ष निकालना, जिसमें वे सत्यापन के पिछले चरण के सभी परिणामों को मानते हैं। और फिर उम्मीदवार को अधिसूचित किया गया है कि क्या वह चुने हुए पद से गुजरता है या नहीं।
अगर हम एक पॉलीग्राफ़ पर सत्यापन के बारे में बात करते हैं, तोयह जानना दिलचस्प है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों में सेवा में प्रवेश करते समय अपने जीवन का विवरण अक्सर उम्मीदवारों को छुपाने के लिए क्या होता है। 1.7% मामलों में, पॉलीग्राफ से पता चलता है कि उम्मीदवार कुछ आपराधिक तत्वों के साथ स्थिर लिंक है। जिन मामलों में अपराधों को दंडनीय कृत्य किया गया, उन तीनों मामलों में एक और तीन प्रतिशत गिर जाते हैं, जो अंततः निर्दोष हो गए। 3,6% मामलों में अभ्यर्थी सेवा कनेक्शन, दुरुपयोग की शक्ति प्राप्त करने, ऑफ-कर्तव्य आय प्राप्त करने (जैसे रिश्वत), आदि के लिए सेवा में प्रवेश करना चाहता है। इसके अलावा, अक्सर लोग (5 प्रतिशत) हैं जिन्होंने अतीत में आत्महत्या के प्रयास किए हैं। स्वाभाविक रूप से, वे इस तरह के एक तनावपूर्ण वातावरण में सेवा के लिए उपयुक्त नहीं हैं। पंद्रह प्रतिशत मामलों में, उम्मीदवार ने पिछले अनुशासनात्मक दंड में किया था, जो आंतरिक निकायों में कार्यालय के लिए आवेदन करते समय सूचित नहीं थे। और सबसे लोकप्रिय छिपी कारकों में से एक है मनोचिकित्सक पदार्थों का उपयोग - 31.2 प्रतिशत लोग इसके बारे में झूठ बोलते हैं, और उनमें से ज्यादातर को दवाओं के साथ समस्याएं थीं और इनमें से केवल एक-पांच लोग शराब के साथ थे।
दुर्भाग्य से, वहाँ कोई बड़ा नहीं होगाखोज, चूंकि कुछ लोग छुपा रहे हैं, उनमें से 40 प्रतिशत लोगों को किसी भी बड़े श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है। इसलिए, उनके रहस्य श्रेणी "अन्य नकारात्मक डेटा" में प्रस्तुत किए जाते हैं उनमें से आप नकारात्मक लक्षण है कि कर्तव्यों बेहतर में बाधा कर सकते हैं, करीबी रिश्तेदार जो मानसिक बीमारी, शराब और नशीली दवाओं पर निर्भरता, किसी भी समुदाय, संप्रदायों और अन्य असामाजिक कंपनियों के लिए उम्मीदवार की भागीदारी की संभावना है की उपस्थिति पा सकते हैं। सामान्य तौर पर, बहुत सारे तथ्य हैं कि उम्मीदवार छिपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन अंत में यह बेकार हो जाता है।
यदि आप से कुछ छिपाने की कोशिश करते हैंपॉलीग्राफ़, आप एक सौ प्रतिशत विफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस मामले में, आपको अपनी मानसिक और शारीरिक स्थिति की परवाह किए बिना कानून प्रवर्तन निकायों में नहीं लिया जाएगा। एक और संभावना है - आपको एक विशिष्ट परिवीक्षा अवधि के लिए भर्ती किया जा सकता है। यह निर्धारित करने के लिए कि क्या आप पदों में सेवा के लिए उपयुक्त हैं या नहीं, अपने व्यवहार के पीछे इस समय सीमा में बारीकी से निगरानी की जाएगी। ऐसे कर्मचारियों को "सशर्त" कहा जाता है, और उन्हें आगे की सेवा के लिए आशा मिलती है। हालांकि, अभ्यास के अनुसार, पूर्वानुमान उनके लिए सबसे अनुकूल नहीं हैं - अधिकांश "सशर्त" कर्मचारी परिवीक्षाधीन अवधि की समाप्ति के बाद कानून प्रवर्तन निकायों को छोड़ देते हैं।
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भारत एक ऐसा देश है जहां एक से बढ़कर एक आश्चर्यचकित कर देने वाली खूबसूरत चीजें दिखेंगी. उन्हीं में से एक है, धनुषकोडी. सोशल मीडिया पर इन दिनों धनुषकोडी (Dhanushkodi) की तस्वीरें छाई हुई हैं.
भारत विविधताओं (Diversity) का देश है. अलग-अलग मौसम और तापमान के कारण यहां प्रकृति के भी अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं. यहां कहीं पहाड़ है तो कहीं मैदान, कहीं कल-कल बहती नदी तो कहीं सूखे रेगिस्तान. यही कारण है कि हमारे देश की नेचुरल ब्यूटी दुनियाभर के लोगों को अपनी ओर खींचती है. भारत में जाने कितनी देखी-अनदेखी खूबसूरत जगहें हैं जहां एक बार जाने के बाद वहां से वापस आने का मन नहीं करता.
देश की इसी नेचुरल ब्यूटी को लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर कई पेज भारत की खूबसूरत जगहों की तस्वीरें पोस्ट करते रहते हैं, जिन्हें देखकर आपका मन बस तुरंत वहां पहुँचने के लिए टिकट बुक कराने का ही होगा. ऐसी ही एक जगह है धनुषकोडी (Dhanushkodi). यह भारत और श्रीलंका के बीच की अकेली स्थलीय सीमा है जिसकी लंबाई सिर्फ 50 गज है. ये दुनिया की सबसे छोटी जगहों में से एक है. ये श्रीलंका से मात्र 24 किलोमीटर दूर भारत की भूमि का अंतिम सिरा है. एक तरफ पल्क स्ट्रेट और दूसरी तरफ मुन्नार की खाड़ी के साथ, यहां नीले पानी के अलग-अलग रंगों को देख सकते हैं. एक पल को देखने में ऐसा लगता है जैसे नीले समंदर के बीच कोई गिटार रखा हो.
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धनुषकोडी की खूबसूरती देखकर हर कोई वहां जाना चाहता है. सोशल मीडिया पर भी इस जगह की तस्वीरें लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही हैं. इन्स्टाग्राम पर indian.travellers नाम के अकाउंट से भी इसकी फोटो को शेयर किया गया है. लोकल से लेकर बाहरी टूरिस्ट तक इस जगह पर जाने के लिए उतावले होते रहते हैं.
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Gate Admit Card 2022: गेट परीक्षा 2022 का एडमिट कार्ड का लाखों स्टूडेंट्स इंतजार कर रहे हैं. एडमिट कार्ड (Gate Admit Card) आज यानी कि 7 जनवरी को जारी नहीं होगा. जल्द ही नई तारीख अपडेट कर दी जाएगी.
Gate Admit Card 2022: ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग (Gate Admit Card) गेट परीक्षा 2022 का एडमिट कार्ड आज यानी 7 जनवरी 2022 को नहीं जारी होंगे.आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) ने नोटिस जारी किया है. जल्द ही एडमिट कार्ड की तारीख अपडेट कर दी जाएगी. एडमिट कार्ड जारी होने के बाद उम्मीदवार ऑफिशियल वेबसाइट gate.iitkgp.ac.in पर जाकर एडमिट कार्ड (GATE 2022 hall Ticket) डाउनलोड कर सकेंगे. इस बार गेट परीक्षा आयोजित करने वाले संस्थान आईआईटी खड़गपुर (IIT Kharagpur) के द्वारा आयोजित की जाएगी. हाल ही में आईआईटी खड़गपुर ने गेट 2022 एग्जाम का शेड्यूल जारी किया है.
जारी शेड्यूल के अनुसार गेट 2022 का आयोजन फरवरी माह में चार तारीखों पर किया जाना है, जो कि 5 फरवरी, 6 फरवरी, 12 फरवरी और 13 फरवरी हैं. कार्यक्रम (GATE Exam Schedule) में 4 फरवरी और 11 फरवरी को परीक्षा से सम्बन्धित विविध कार्यों के लिए सुरक्षित रखा गया है. बता दें कि गेट परीक्षा 2022 के लिए आवेदन फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 07 अक्टूबर 2021 थी.
ऐसे करें डाउनलोड (How To Download)
सबसे पहले गेट की ऑफिशियल वेबसाइट gate.iitkgp.ac.in पर जाएं. अब "गेट 2022 एडमिट कार्ड" के लिंक पर क्लिक करें. लॉगिन विंडो स्क्रीन पर दिखाई देगी. अगले पेज पर मांगी गई नामांकन आईडी और पासवर्ड दर्ज करें. अब, "सबमिट" टैब पर क्लिक करें. गेट 2022 एडमिट कार्ड स्क्रीन पर दिखाई देगा. इसके डाउनलोड करें और इसकी एक हार्डकॉपी का प्रिंट निकालकर रख लें.
गेट परीक्षा 5 फरवरी, 2022 से शुरू होगी, जो 13 फरवरी, 2022 तक चलेगी. परीक्षा हर दिन दो पालियों में आयोजित की जाएगी. पहली पाली की परीक्षा सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित की जाएगी. वहीं दूसरी पाली का एग्जाम दोपहर 2:30 बजे से शाम 5 बजे तक होगा. परीक्षा केंद्रों को सैनिटाइज करने, सीटिंग अरेंजमेंट, पोस्टर व साइनबोर्ड डिस्प्ले की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.परीक्षा कोरोना के नियमों के तहत आयोजित की जाएगी इसलिए उम्मीदवार मास्क पहनना न भूलें साथ ही सामाजिक दूरी बनाएं रखें.
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साल 2001 में रिलीज़ हुई फिल्म चोरी चोरी चुपके चुपके, एक बॉलीवुड रोमांस ड्रामा फिल्म है, जिसका निर्देशन अब्बास- मस्तान ने किया है। फिल्म में, सलमान खान, रानी मुखर्जी और प्रीती ज़िंटा मुख्य भूमिका में नज़र आयें है। फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर सफल रही और ये फिल्म उस समय की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बनी।
अरबाज खान के दुल्हा बनते ही मलाइका अरोड़ा ने किया शादी का ऐलान? बोलीं- मैं जरूर शादी करूंगी..
Seema Haider कैमरे के सामने फूट-फूटकर रोईं, कहा- 'मेरा कोई नहीं है, अगर वो मुझे पसंद करता है तो...'
पार्टी से निकलीं जान्हवी कपूर की हालत देख चौंके यूजर्स, ट्रोल करते हुए बोले- 'फुल पीकर टाइट है'
Ayodhya प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचेंगे ये बॉलीवुड और साउथ के सितारे? चौकाने वाली लिस्ट वायरल!
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Mysterious Temple: यहां दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं। इसकी खास बात यह है कि स्थानीय लोगों का मानना है कि इस देवी को चारधाम और पहाड़ों की रक्षक के रूप में पूजा जाता है। माता धारी को देवभूमि उत्तराखंड की रक्षक देवी माना जाता है।
धारी देवी मंदिर श्रीनगरः हमारे देश में कई ऐतिहासिक मंदिर हैं, जहां जाने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और कष्ट दूर होते हैं। इन्हीं लोकप्रिय मंदिरों में से एक है माता धारी मंदिर, जो उत्तराखंड के श्रीनगर से लगभग 14 किमी दूर स्थित है। माता धारी को मां कालिका का रूप माना जाता है। यहां दूर-दूर से भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं। इसकी खास बात यह है कि स्थानीय लोगों का मानना है कि इस देवी को चारधाम और पहाड़ों की रक्षक के रूप में पूजा जाता है। माता धारी को देवभूमि उत्तराखंड की रक्षक देवी माना जाता है।
माता धारी से जुड़ी सबसे दिलचस्प बात यह है कि मां की मूर्ति दिन में तीन बार रूप बदलती है। सुबह वह एक युवती के रूप में, दोपहर में एक युवा महिला के रूप में और शाम को एक बूढ़ी महिला के रूप में दिखाई देती है। बद्रीनाथ जाने वाले भक्त यहीं रुकते हैं और माता के दर्शन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि धारी देवी उत्तराखंड के चारधामों की रक्षा करती हैं। माता धारी को पहाड़ों की रक्षक देवी के रूप में पूजा जाता है।
जिस प्रकार माता धारी देवभूमि की रक्षा करती हैं, उसी प्रकार माता का क्रोध भी है। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब इस मंदिर के साथ छेड़छाड़ की गई तो देवभूमि पर संकट आ गया। माता धारी का मंदिर अलकनंदा नदी पर बना है। एक बार बांध निर्माण के बाद माता धारी की मूर्ति को उसके स्थापित स्थान से हटा दिया गया तो पूरा उत्तराखंड जलमग्न हो गया। मंदिर का मूल स्थल बांध के कारण जलमग्न हो गया था। जिसके बाद इसके मूल स्थान को ऊंचा कर दिया गया। 16 जून 2013 की शाम को मूर्ति को उसके स्थान से हटा दिया गया। कुछ ही घंटों बाद केदारनाथ से लेकर पूरे उत्तराखंड पर बड़ा संकट आ गया.
के अनुसार, एक बार मां की मूर्ति भयानक बाढ़ में बह गई और धारो गांव में एक पत्थर की चट्टान से टकराकर वहीं बस गई। ऐसा कहा जाता है कि मूर्ति से एक दिव्य आवाज आई और ग्रामीणों को वहां मूर्ति स्थापित करने का आदेश दिया। इसके बाद गांव के लोगों ने माता का एक मंदिर बनवाया और यहां आने वाले सभी भक्त आवश्यकतानुसार माता की पूजा करते हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, 2013 में इस मंदिर को तोड़ दिया गया और मां धारा देवी की मूर्ति कहीं और स्थापित कर दी गई. माना जाता है कि माताजी इससे आहत हुईं। उसी वर्ष उत्तराखंड में भयानक बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई और हजारों लोगों की जान चली गई।
जानकारी के मुताबिक, 16 जून 2013 की शाम को मां की मूर्ति को मंदिर से हटा दिया गया था और कुछ घंटों बाद उत्तराखंड में बादल फट गया। इसके बाद मां धारा देवी की मूर्ति को उसी स्थान पर पुनः स्थापित किया गया और बाढ़ का प्रकोप कम होने लगा।
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