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अदरक एक ऐसी चीज है जो गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसम में भारतीय घरों में मिलती हैं। इसका इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकात है। खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ ही ये हेल्थ के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। सर्दियों में होने वाली खांसी और जुकाम से बचाव के लिए आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। गले की खराश में होने वाले दर्द से छुटकारे के लिए एक छोटे से अदरक का टुकड़ा काफी है। यहां जानिए इसके कुछ फायदे और सर्दी में होने वाली परेशानी से निपटने के तरीके। इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में अदरक कमाल कर सकता है। कोरोना काल में जब हर कोई इम्यूनिटी बूस्ट करने के बारे में सोच रहा था तब अदरक और इससे बनने वाली चीजें रामबाण साबित हुई थीं। ऐसे में अब इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। स्टडीज की मानें तो इसमें एंटीवायरल गुण होते हैं जो सांस संबंधी वायरय से लड़ने में मददगार होते हैं। हालांकि इसके लिए आपको फ्रेश अदरक का इस्तेामल करना होगा। अदरक में एंटी इंफ्लामेट्री गुण होते हैं, जो गले में खराश होने पर दर्द और गले में खराश-खुजली से छुटकारा दिला सकते हैं। अदरक टॉन्सिालिटिस के दर्द में बेहतरीन है। अदरक खाने के बाद टॉन्सिल्स के दर्द में आराम मिल सकता है। चाय में मिलाएं- गले की खराश हो या फिर बंद नाक, सभी से छुटकारे के लिए सबसे इफेक्टिव तरीका है कि आप इसे चाय में मिलाएं। अगर आप चाय पीना पसंद नहीं करते हैं तो आप सूखे अदरक को उबालकर चाय बना रकते हैं। अदरक की टॉफी- वैसे तो बाजार में आपको कई तरह की टॉफी मिल जाएंगे जिसमें अदरक का फ्लेवर होता है। लेकिन आप इसे घर पर शुद्ध तरीके से बना सकते हैं। भूने हुए में मिलाएं काला नमक- कच्चा अदरक आसानी से बाजार में मिल जाएगा। फिर करना यह कि इसे आंच पर भूनकर अच्छे से छोटे टुकड़ों में काट लें और फिर इसमें काला नमक छिड़क कर खाएं।
उत्तराखंड में टनकपुर-तवाघाट मार्ग के दोबाट में बीती रात हुई भारी बारिश के बाद मलबा आने से रास्ता बंद हो गया था। वहीं, मंगलवार सुबह दोबाट में फिर से भारी भूस्खलन हो गया। जिसके बाद सड़क बंद होने से दोनों ओर दर्जनों वाहन फंस गए। गनीमत रही कि भूस्खलन के दौरान वहां आवाजाही नहीं थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। दोपहर में रास्ता खुलने पर लोगों ने राहत की सांस ली। राहगीर योगेश सिंह ने बताया की भारी बोल्डर और मलबा आने से दोबाट में सुबह सात बजे सड़क बंद हो गई थी। सड़क बंद होने से दारमा, व्यास और चौदास घाटी के दर्जनों वाहन और लोग वहां फंसे थे। जरूरी कार्य से तहसील कार्यालय आने वाले लोग जान जोखिम में रखकर पैदल आवाजाही करते रहे। वहीं, सोमवार देर रात एनडीआरएफ को दोबाट में एक कार फंसने की सूचना मिली थी। जिसके बाद टीम वहां गई, लेकिन वहां कोई गाड़ी नहीं मिली। लौटते समय रास्ता बंद होने से एनडीआरएफ के 13 जवान भी रातभर वहां फंसे रहे। मौके पर हिलवेज कंपनी की जेसीबी मशीन दोनों साइड से सड़क खोलने में लगी रही। हिलवेज के पीआरओ त्रिलोक सिंह दानू ने बताया कि सुबह से ही सड़क खोलने का कार्य किया जा रहा था। मौसम साफ होने पर दोपहर 12 बजे रास्ता खोल दिया गया। वहीं, बारिश के बाद पूर्णागिरि मार्ग पर भी मलबा आ गया। जिसके बाद बाटनागड़ क्षेत्र मलबे से पट गया है। जिसके चलते वाहनों को भी आवाजाही में काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। उधर, मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के साथ ही मैदानी इलाकों में मंगलवार को बारिश और बिजली चमकने की संभावना जताई है। जबकि, देहरादून, नैनीताल और चम्पावत में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार गौ-रक्षकों की गुंडागर्दी से निपटने के लिए तैयार है. वो उनकी गुंडागर्दी की पुरानी सारी फाइलें खोलने वाली है. प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने साफ कहा है कि अब गौ-रक्षा की आड़ में गुंदागर्दी नहीं चलने देंगे. दो दिन पहले सिवनी ज़िले में ऐसे ही कथित गौ-रक्षकों की गुंडागर्दी के बाद कमलनाथ सरकार एक्शन में आ गई है. गृहमंत्री बाला बच्चन ने न्यूज 18 से चर्चा में कहा कि गुंडागर्दी करने वाले लोगों की खैर नहीं होगी. ऐसे लोगों के ख़िलाफ कानून के तहत सख़्त कार्रवाई की जाएगी. -गौ- रक्षकों की गुंडागर्दी की फाइलें फिर खुलेंगी. -सभी ज़िलों के एसपी को गौ रक्षक से जुड़े मामलों की जांच के निर्देश. सिवनी में दो दिन पहले ऑटो में मांस ले जा रहे दो युवकों और एक महिला को कथित तौर पर श्रीराम सेना के अध्यक्ष शुभम बघेल और उसके साथियों ने पेड़ से बांधकर मारपीट की थी. इस मामले को कमलनाथ सरकार ने गंभीरता से लिया है. उसके बाद पुलिस मुख्यालय ने सभी एसपी को गौ- रक्षकों और उनकी हरक़तों पर नज़र रखने के लिए कहा है. गुंडागर्दी करने वालों पर सख़्त कार्रवाई के लिए कहा गया है. .
Green Emrald Ratan: जिस तरह कुंडली के विभिन्न ग्रहों का संबंध रत्नों से है उसी तरह से रत्नों का संबंध पारिवारिक रिश्तों से है. कुंडली में ग्रहों की स्थिति ऊंची नीची होती रहती है, इसी मजबूत और कमजोर स्थिति का अध्ययन कर ज्योतिषाचार्य रत्नों को धारण करने की सलाह देते हैं. उनकी सलाह पर रत्न धारण करने के बाद भी कई बार अपेक्षित लाभ नहीं मिल पाता है जिसका मुख्य कारण है कि लोग रत्न तो धारण कर लेते हैं किंतु उस रत्न से संबंधित रिश्ते को नहीं मानते हैं. रत्न धारण करने का पूरा लाभ तभी मिलता है जब आप उससे संबंधित रिश्ते को भी उचित सम्मान देते हैं. कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए पन्ना धारण किया जाता है और पन्ना का सीधा संबंध परिवार में बहन से है. हर रत्न परिवार के किसी न किसी रिश्ते को रिप्रेजेंट करता है, जिस तरह माणिक्य पिता और मोती मां का प्रतिनिधित्व करता है उसी तरह पन्ना रत्न का संबंध बहन से होता है. बुध का पूर्ण फल प्राप्त करने के लिए पन्ना धारण कराया जाता है किंतु इसका पूरा लाभ तभी प्राप्त होगा जब आप परिवार में अपनी बहन से भी अच्छे संबंध रखेंगे. यदि आपके रहते बहन किसी तरह से दुखी है तो पन्ना आपको कोई लाभ नहीं देगा, आपको बहन को प्रसन्न कर आशीर्वाद लेना होगा तभी पन्ना का पूर्ण लाभ प्राप्त होगा. उन्हें खुश करें और समय समय पर उपहार भी दें. हमारे शास्त्रों में पारिवारिक रिश्तों में बहन को बहुत उच्च स्थान प्राप्त है. बहन छोटी हो या बड़ी उनके चरण स्पर्श करने की परम्परा है. रक्षा बंधन का पवित्र पर्व ही भाई बहन के मजबूत रिश्ते का प्रतीक है, वर्ष में सिर्फ एक बार रक्षा बंधन के अवसर पर ही बहन का सम्मान करने की जरूरत नहीं बल्कि वर्ष पर्यन्त उनका सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त करना है, उस दिन तो उन्हें विशिष्ट उपहार देने ही चाहिए, बीच में भी किसी न किसी बहाने उपहार देकर प्रसन्न रखना चाहिए. एक बात और महत्वपूर्ण है कि यदि बहन का विवाह हो गया है तो उन्हें कभी कभी तो घर बुलाकर आदर व्यक्त करना ही है, रक्षाबंधन के अवसर पर आप उनके घर जाकर रक्षा सूत्र बंधवाएं और उपहार देने के साथ आशीर्वाद प्राप्त करें तो और भी अच्छा रहेगा. यदि किसी कारण से आपकी सगी बहन नहीं है तो चचेरी, ममेरी, फुफेरी आदि पारिवारिक बहनों का सम्मान करें, कुल मिलाकर बहन से बहन संपर्क बनाए रखिए, इससे संबंध में ऊर्जा रहेगी. बहन के साथ इनडोर गेम खेलें, उनके साथ इन्वाल्व रहें. हंसी मजाक भी करें और उत्साह के साथ रहें. यदि आप बहन से दूर रहते हैं तो उनसे मोबाइल पर बातचीत का सिलसिला जारी रहना चाहिए. कभी कभी वीडियो कॉल कर उनके दर्शन भी करना चाहिए. यदि रिश्ते की बहन के मामले में भी कोई दिक्कत है तो आप मुंह बोली बहन बना सकते हैं. बुध ग्रह प्रकृति का भी प्रतीक है, इसलिए अपने घर के आसपास ग्रीनरी बढ़ाएं. पेड़ पौधे लगाएं और समय-समय पेड़ पौधों की सेवा भी करें.
धन करते हुए कहा- मित्रो ! हमें धैर्य से काम लेना चाहिये । हमलोगोंने प्रहार किया लेकिन असफल रहे । दूसरी चढ़ाई के लिये हम लोगोंको समयकी प्रतीक्षा करनी चाहिये । भीड़से भनभनाहटके शब्द सुनाई पड़े। एक वीरने मुँह बनाकर कहाः- हम लोग सदा उपयुक्त अवसरकी प्रतीक्षा ही करते रहते हैं। वास्तवमें कुछ काम नहीं करते । उसकी व्यंग्यभरी बात एमेटके दिलमें चुभ गई। उसकी भौंहे तन गई । उसने तीखे स्वरमें कहना आरंभ किया : प्रतीक्षाको सबसे अधिक मैं घृणा करता हूँ। इस तरहके शुभ कार्य के लिये कौन देर करना चाहेगा । कलकी भीषण अस फलतासे मैं बहुत ही शर्मिन्दा हुआ हूँ । मैं जानता हूँ कि आप लोग बड़े वीर और साहसी हैं। मैं यह भी जानता हूँ कि सैकड़ो अन्य लोग भी आपका अनुकरण करनेके लिये तैयार हैं। हफ्ते भरके भीतर हम लोग आधे आयलैण्डमें विद्रोहकी यह आग प्रज्वलित कर सकते हैं। इस बार हमलोग इस तरहका संग्राम करना चाहते हैं जो हमारी पिछली शर्मको धो दे । मैं इसी तरहका युद्ध इस बार करना चाहता हूँ । सबका चेहरा प्रसन्नतासे खिल उठा । एमेटने फिर कहना आरम्भ किया-लेकिन इस वक्त यह सम्भव नही है । दुश्मन सावधान और सतर्क हो गया है। वह उत्सुकतासे उस अवसरकी तलाश में है जब वह विद्रोहकी आग को सदा के लिये बुझा दे । इसलिये यदि हम लोग जल्दीबाजी. से काम लेंगे तो हम लोगों को कोई लाभ नही होगा। हम लोग देशको लाभ पहुँचाने के बदले उसे हानि पहुँचावेंगे। यदि आज मैं आप लोगोंको आदेश दे दूँ तो इस आक्रमण में जो मारे जायेंगे उनकी हत्याका दोषी मैं ठहरूँगा । इसलिये देशके कल्याणका ख्याल करते हुए हम लोगोंको समयकी प्रतीक्षा करनी चाहिये, यद्यपि लड़नेकी अपेक्षा रोक रखना कठिन काम होगा । उपयुक्त अवसर आवेगा ही। उस समयं आप लोगोंको अपनी वीरता दिखानेका अवसर मिलेगा ही । वे लोग फिर चिल्ला उठे - प्रतीक्षा करते करते हमलोग ऊब उठे हैं। शीघ्रता कीजिये । इसी समय माइकलने आयरिश भाषा में कुछ कहा । इस पर सबके सब हँस पड़े और उसका इशारा होते ही वे सवके सब तेजी के साथ पहाड़ोंके बीच गायब हो गये । केवल माइकल, एमेट और नीलन वहाँ रह गये । सब कुछ इतनी फुर्तीसे हो गया कि एमेटको बहुत अधिक विस्मय हुआ । एमेटकी बातोंसे माइकलको निराशा हुई तोभी उसने नम्रतासे कहा- जहाँतक सम्भव है हमलोग प्रतीक्षा करेंगे । लेकिन इन सबकी हालत ठीक उस शिकारी कुत्ते की-सी हो रही है जो शिकारको अपने वगलसे निकल जाते हुए देखता है । १७९८ ई० की घटना याद कर इनका कलेजा दहकते कोयले के समान जलता रहता है । एमेट- इन्हें अपनी बीरता दिखानेका समय आवेगा और बहुत शीघ्र ही । माइकल - आप यहाँ कुछ दिन हम लोगों के साथ रहें । इससे इन्हें ढाढ़स होगा और आप पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे। एमेट - शायद मुझे शीघ्र ही फिर पेरिस जाना पड़े। माइकल - पेरिस जानेकी भी यहाँसे बहुत सुविधा है। नावें हमेशा आती जाती रहती हैं और किसी तरहकी झञ्झट भी नहीं है । एमेट क्षणभर चुप रहा । जो कुछ वह कहना चाहता था उसकी याद कर उसका चेहरा सुर्ख हो गया । बोला - मैं शीघ्र लौट आऊँगा । लेकिन इतना कहकर वह फिर चुप हो गया । माइकल - 'लेकिन क्या ? एमेट- मुझे सबसे पहले डबलिन जाना चाहिये । माइकल - आप भी विचित्र आदमी हैं। जब हमलोग शेरकी माँदसे दूर रहना चाहते हैं तब आपही वहाँ समाधि क्यों लगायेंगे। वहाँ सबसे ज्यादा खतरा तो आपको ही है । डबलिनमें दरदर तलाश आपकी हो रही है, हम लोगोंकी नहीं । जहाँ हम लोगोंके लिये खतरा है वहाँ आपके लिये मृत्यु है । आप यहाँसे तभी हटने पावेंगे जब पूरी शान्ति हो जायगी । यदि इसके लिये जरूरत पड़ेगी तो हम आपको बाँधकर भी रखेंगे। ļ इतना कहकर माइकल हँसने लगा । एमेट भी हँस पड़ा । उसके कन्धेपर हाथ रखते हुए उसने कहा- आपकी सदाशयता के लिये मैं कृतज्ञ हूँ । लेकिन मुझे जाना ही पड़ेगा । माइकलने आग्रहसे पूछा- ऐसी क्या आवश्यकता है ? एमेट- आपसे मैं कोई बात छिपाना नही चाहता । वहाँ जाना मेरी प्रतिष्ठा के लिये आवश्यक है । फ्रांसके लिये प्रस्थान करनेके पहले मुझे एक युवतीसे विदाई लेनी है। मैं उससे वचनबद्ध हो चुका हूँ । इस समय तक अनी दोनोंकी बातें चुपचाप सुन रही थी । सैनिकोंके चले जानेके बाद वह बहुत कुछ सुस्त हो गई थी । लेकिन एमेटके अकेले डबलिन वापस जानेकी बात सुनकर उससे चुप नहीं रहा गया। विरोधका भाव दिखलाते हुए उसने कहा - मि० रावर्ट । समझदारीकी बात कहिये । इस तरह मौतके मुँह में पैर डालने के लिये आपको वहाँ कोई नहीं बुला रहा है। यदि कुमारी सराहके पास कोई संवाद भेजना है तो मैं उसे बड़ी प्रसन्नतासे ले जा सकती हूँ । जहाँतक मुझे मालूम है आप उनसे किसी भी प्रकार वचनबद्ध नहीं हैं । साथ ही इस विदाईसे भी उन्हें जरा भी खुशी नही होगी, यदि आप पुनः वापस आनेका वचन उन्हें नही माइकल - अनीने सच ही कहा है। यदि आप अधिकारियों को आत्मसमर्पण नही करना चाहते तो आपको डबलिनसे दूर ही रहना चाहिये । नीलन इसी अवसर की प्रतीक्षामे था । उसने इस तरह कहना शुरू किया मानों सच होते हुए भी उसे कहने में संकोच हो रहा हो । बोला :- यदि तुम समझते हो कि तुम्हें जाना ही चाहिए तो कुछ कहना सुनना व्यर्थ है । तुम्हें जाना ही चाहिए । जहाँ प्रतिष्ठा का प्रश्न है वहाँ खतरे की गणना नहीं की जाती । मेरी समझमे खतरा उतना संगीन नही है जितना ये लोग कल्पना करते हैं। यदि माइकलको स्वयं जाना होता तो वे खतरे की बातपर हँस पड़ते यद्यपि वे आपके लिए इतनी व्यग्र ता दिखा रहे है । यदि चलना ही है तो मै भी चलूँगा । रातको चुपचाप हमलोग अपने डेरेमे चले चलेंगे और वही छिपकर पड़े रहेंगे । यहाँसे किसी भी तरह हम अरक्षित नहीं रहेंगे । नीलनकी बात न तो अनीको ही जँची और न इससे डायर को ही सन्तोष हुआ। लेकिन दोनोने विरोध करना व्यर्थ समझा। उन्होंने देखा कि खतरेकी जितनी ज्यादा चर्चा की
मुंबई : मुंबई पुलिस ने दो ऐसे चोरों को गिरफ्तार किया है जो अल्लाह के नाम पर जुम्मा के दिन बड़े बड़े मस्जिदों में नमाज़ पढ़ने के बहाने जाते थे और चोरी से पहले अल्लाह से माफ़ी मांगते थे। फिर जैसे लोग नमाज़ के लिए नीचे झुकते थे यह दोनों महंगे और कीमती फ़ोन या बैग चोरी कर फरार हो जाते थे। इन चोरों की मस्जिद में चोरी की ये घटना कैमरे पर क़ैद हो गई। जो सीसीटीवी सामने आया है उसमे भी देखा जा सकता है कि कैसे लाल कपडा पहनकर एक चोर मस्जिद में घुस रहा है। दूसरे सीसीटीवी में दिखता है कि लाल कपड़ा वाला चोर पहले मस्जिद में बैठा है। फिर थोड़ी देर बाद वह खड़ा हो जाता है और मस्जिद में घूमता है। जैसे ही सब नमाज़ में लग जाते है यह चोर एक बैग उठाकर निकल जाता है। कांदीवली पुलिस ने जिन दो चोरों को गिरफ्तार किया है उनका नाम गुड्डू बुल्लू अंसारी (25) और इसरार यूनुस खान ( 40) है, यह दोनों धारावी के रहने वाले है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक पकड़े गए दोनों चोर मुम्बई के हाई प्रोफाईल मस्जिदों में शुक्रवार यानी जुम्मे के दिन नमाज़ पढ़ने के बहाने जाते है। और चोरी से पहले अल्लाह से दुआ करते है 'हे अल्लाह हमे माफ करना,पकड़े जाने से बचाना' और फिर उसके बाद चोरी कर फरार हो जाते है। लेकिन इनकी यह नापाक हरकत अल्लाह को भी नही भाया और दुनिया की तीसरी आँख कहे जाने वाले सीसीटीवी में चोरी की लाइव तश्वीरे कैद हो गयी। कांदीवली पुलिस दोनों आरोपियों को धारावी से गिरफ्तार कर जांच किया, तो उनके पास से चोरी का 6 मोबाइल फ़ोन मिला। पुलिस ने बताया कि दोनों ने मुंबई के कुर्ला धारावी और मालवणी जैसे मुस्लिम इलाकों में इस तरह की कई घटनाओं को अंजाम दिया है जिसकी जांच चल रही है।
2000 में, एक दूर रूस में, एक चमत्कार हुआ, एक ग्रे और अगोचर छोटा आदमी वीवी उसमें सत्ता में आया। पुतिन। बहुत से अप्रत्याशित रूप से कई के लिए। दरअसल केजीबी एजेंट को ग्रे, शांत, विनम्र, अगोचर और कभी-कभी बदसूरत भी होना चाहिए। अरे हाँ, सबसे महत्वपूर्ण एजेंट महिलाओं के लिए पवित्र और प्रतिरोधी होना चाहिए - संक्षेप में एक भिक्षु या एक भिक्षु। उनकी भूमिका है, चाय एलेन डेलन नहीं है। अब आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर एलेन डेलन, जीन-पॉल बेलमंडो, या जेरार्ड डेपर्डियू केजीबी के एजेंट हो सकते हैं। . . . . . . . Hootyayaya! ठीक है, प्रस्तुत के रूप में? यह काम नहीं करता है, और फिर आप अपनी आँखें निचोड़ते हैं और धीरे-धीरे, जप पर, सिलेबल्स में दोहराते हैंः एलेन डेलोन महिलाओं के लिए ठंडा है, अगोचर और बदसूरत, एजेंट केजीबी। जीन-पॉल बेलमंडो एक ग्रे और मामूली कुंवारी, एजेंट केजीबी है। जेरार्ड डेपर्डिउ एक शांत और अगोचर तपस्वी, एजेंट केजीबी है। खैर, कैसे? और न ही कैसे। कैसे नहीं? बागे और तपस्वी में जेरार्ड की कल्पना नहीं कर सकते? जी हाँ, प्रभु की पूर्णता, इस दुर्भाग्यपूर्ण, शांत, जेरार्ड डेपर्डियू पर करीब से नज़र डालें। यहाँ वह आपके सामने खड़ा है, उसके हाथ जोड़ दिए जैसे भावुक प्रार्थना के सामने, उसका सिर थोड़ा एक तरफ झुका हो, और उसकी आँखें दुख और विनम्रता से भरी हों। यह सारी क्रिया सूर्यास्त के समय होती है, एक बागे में तपस्वी आकृति धीरे-धीरे सूर्य की अंतिम किरणों के साथ अंधेरे में घुल जाती है, जब तक कि यह पूरी तरह से गायब नहीं हो जाता। परी और केवल! तो क्यों, यह क्यों पूछा गया है, जेरार्ड डेपर्डियू केजीबी का एजेंट नहीं हो सकता है? उसे इस अधिकार से वंचित न करें। यहाँ आप विशेष रूप से, हाँ, हाँ, आप वास्तव में यह नहीं मानते हैं कि जेरार्ड एक केजीबी एजेंट है। यकीन मानिए! अलिलुइय्या ! ! ! हमारे आदमी! और आप और जेरार्ड। इश। (फुसफुसाते हुए) एलेन और जीन-पॉल भी हमारे लोग हैं। लेकिन यह किसी के लिए एक शब्द नहीं है, सहमत है। मकबरे! लेकिन वापस हमारे ग्रे एजेंट केजीबी के लिए। पुतिन के अचानक रूस का राष्ट्रपति बनने के बाद, आश्चर्यचकित होकर, कई लोगों ने सवाल पूछाः श्री पुतिन कौन हैं? तो क्या था सब कुछ बहुत सरल है - यह एक रहस्य है और इसे कई और वर्षों के लिए सील कर दिया जाएगा। Shh। (फिर कानाफूसी में) ......। मैं आपको गुप्त रूप से बताऊंगा - यह रहस्य 2070 वर्ष में आरआईआई के केजीबी द्वारा प्रकट किया जाएगा, यह पहले नहीं किया जा सकता है। . . . . . . और फिर, पूरे विस्तार से, रहस्य आपको पता चलेगा, लगभग वीवीपी के रूप में मैं रूस के राष्ट्रपति के सिंहासन पर, भालू के एक मॉडल, येल्तसिन को बदलने में सक्षम था। पुतिन के रूस के प्रमुख के रूप में पदभार संभालने के बाद, अंकल सैम ने अंदाजा लगाना शुरू कर दिया कि उनके साथ क्या हुआ, उन्होंने शतरंज खेला, और चेकर्स-गिववे में नहीं। अंकल सैम ने सोचा कि उन्होंने इवान सिवोलपोव को हराया था, और यह इस तरह निकला। यहां सैम अपने युवा भ्रम में अकेला नहीं है, ऐसे पाइरेट्स रूस ने कई, कई दर्जनों अनुभव किए हैं। कोई और नहीं है, लेकिन दूसरों से धूल भी नहीं है। रूस के लोगों की इच्छा से निर्धारित समय के ग्रेनाइट मिलस्टोन ने अपने सभी काल्पनिक विजेताओं को कुचल दिया। ग्रे समय से यह इतना प्रचलित हो गया है और इसलिए यह किसी भी थोपा के लिए होगा। जिंदा रूस और मरने वाला नहीं! Вьюноша Сэм плохо учился, особенно часто он пропускал уроки истории. Вот где корень проблем США. Считать-то Сэма научили почти с пелёнок, но счёт ведь бывает и гамбургским. А по нему победители всегда только настоящие, а не договорные или купленные. अंकल सैम ने जोर से खुद को रूस पर विजेता घोषित किया, और साथ ही साथ "इतिहास के अंत" के बारे में भी। यह सही है, मामूली होने के लिए क्या है - रूस हार गया है। किसी भी मामले में, वह ऐसा चाहता था। संयुक्त राज्य अमेरिका में कुलीनों ने अपनी घातक गलती के बारे में तुरंत अनुमान नहीं लगाया, यह पता चला है, वे एक ऐतिहासिक जाल में गिर गए - भूजल दिवस। खैर, आप क्या कर सकते हैं, वे पहले नहीं हैं, और वे अंतिम नहीं हैं। तो, क्या जीत की घोषणा की गई थी? यह था। पूरी दुनिया के लिए दावत थी? यह था। पदक "शीत युद्ध में विजय के लिए" थे? ढाला। खैर, मैं और क्या कह सकता हूं। और ज्यादा कुछ नहीं चाहिए। हमारे पास सभी रिकॉर्ड दर्ज हैं। (C) रूस को किसी और की ज़रूरत नहीं है, लेकिन हम निश्चित रूप से हमारे लिए आते हैं और मानव अधिकारों की अंजीर पत्तियों के पीछे छिपने की ज़रूरत नहीं है। अधिकारों और सच्चाई के बारे में हमारे अपने विचार हैं। पुतिन ने दुनिया के मंच पर रूस लौटने के लिए पूरी दुनिया को ब्यू मोंडे सिखाने के लिए कदम से कदम उठाया। स्वाभाविक रूप से, हर कोई घटनाओं के इस मोड़ के बारे में खुश नहीं था, खासकर अंकल सैम के लिए। पुतिन ने रूस के लिए व्यवस्थित रूप से धूप में एक स्थान जीता। रूस ने जितनी अधिक जगह पर कब्जा किया, वह संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए उतना ही खराब हो गया। पुतिन ने पवन चक्कियों और बेकार ऊर्जा से लड़ाई नहीं की, वह एक महान डॉन क्विक्सोट नहीं है - एक आदर्शवादी, वह एक क्रूर यथार्थवादी है। पुतिन का मुख्य हमला ड्रैगन के सबसे घातक स्थान पर भेजा गया था। दिल में? उह, नहीं। अजगर की मौत उसके अंदर नहीं है। पूर्व एजेंट (? ) KeyBiBi एक मिलीमीटर तक जानता था, एक ड्रैगन की मौत सुई में है। यहाँ उसका मिस्टर "हू" है, हुक या बदमाश द्वारा नहीं, पश्चिम के चंगुल से छीन लिया गया। किस तरह की सुई? सस्ते। साधारण सस्ते तेल की सुई। अजीब तरह से पर्याप्त है, लेकिन सुई रूसी गहराई में थी। और संयुक्त राज्य अमेरिका उस पर कसकर बैठ गया, मदर रूस ने अपमानित किया। मैं अंकल सैम को अंतिम हस्तांतरण के लिए तैयार किया गया था, वह सचमुच एक स्टार-धारीदार चीर में पैक किया गया था और एक नीली धार वाली प्लेट (ओं) पर रखा गया था, उन्हें कोम्सगर्गा को खोदोरकोव्स्की को सौंपने का काम सौंपा गया था। लेकिन पुतिन ने एक शूरवीर की चाल चली, जिसमें खोडोरकोव्स्की को लगाया, जहां भी उसे डाल दिया गया था, भूनने के लिए। उसी क्षण, बहुत से लोग यह महसूस नहीं कर पाए कि पुतिन के हाथों में तेल की सुई एक अजगर की देरी से मौत बन गई। उन्हें सब कुछ अनुमान नहीं था, लेकिन अंकल सैम ने तुरंत एक जगह को सूंघ लिया, अगर उन्होंने पुतिन की गर्दन नहीं घुमाई, तो उन्हें लंबे समय तक सोने (ओं) के साथ नहीं रहना पड़ेगा। तेल लेखांकन, पुतिन और सह के साथ सरल जोड़तोड़ के परिणामस्वरूप, सस्ते तेल की सुई अचानक मूल्य में वृद्धि करने लगी। अपतटीय दस्तावेजों के अनुसार, खोदोरकोवस्की ने पानी और मिट्टी + तेल की अशुद्धता के एक छोटे से हिस्से से तेल को सस्ते खाद में बदल दिया है। जादूगर। पुतिन के लिए, तेल वह रस्सी बन गया है जिसके माध्यम से उन्होंने रूस को रसातल से बाहर निकाला। हाँ, हाँ, यह रूस था जो रसातल में गिर गया। और यह कैसे कहा जा सकता है अगर रूस में प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद, एक्सएनयूएमएक्स से एक्सएनयूएमएक्स तक, तीन बार से अधिक ढह गया है। और देश को खंडहर में गिराने के लिए युद्ध आवश्यक नहीं है। रूस की GDP 1990 वर्ष की तुलना में 1999% तक गिर गई। संयुक्त राज्य में महामंदी के दौरान, उनकी जीडीपी 60% से गिर गई, इसलिए उनके लिए यह एक भयानक आपदा थी। तब रूस में क्या था, दुनिया का अंत? फिर भी हम क्यों जीते हैं? उनके द्वारा आयोजित द्वितीय विश्व युद्ध की बदौलत ही अमेरिका अपनी तबाही से बाहर निकलने में कामयाब रहा। रूस एक ऐसे विश्व नरसंहार के आयोजन के बारे में भी नहीं सोच सकता, जो अपनी समस्याओं को अन्य देशों में स्थानांतरित कर दे। इसके अलावा, रूस में चुबिस और सह के कार्यालयों में बैठने वाले प्रशिक्षकों के दाखिल होने के साथ ही चेचन्या में गृह युद्ध का आयोजन हुआ। तोपों के तोपखाने के तहत, वे देश को लूटने के लिए अधिक सुविधाजनक थे। Но вернёмся к нефти, Ходору и посланному с небес, для России, Путину. Для Ходорковского и ко (семисвечной семибанкирщины) нефть была удавкой на шее России. А в руках Путина нефть и газ стали тем, чем они и являются на самом деле - это стратегическое оружие, а не заурядный биржевой товар, как бобы какао. Без какао и шоколада можно прожить, а без энергии простым людям уже невозможно прожить, и не только людям, многие государства элементарно "протянут ноги". Вернее уже, "протягивают ноги" и это только начало. मैं एक बार फिर दोहराता हूंः युद्ध संसाधनों के कारण हुए हैं, हैं और होंगे! तेल न केवल अधिक महंगा हो गया है, बल्कि तेजी से महंगा हो रहा है और इसकी कीमत लगभग उचित हो गई है। अब से, दुनिया में तेल की कीमत रूस की सक्रिय भागीदारी के साथ निर्धारित की गई थी, न कि चाचा सैम की इच्छा और आदेश के अनुसार। उस पल से, अंकल सैम का वास्तव में कठिन समय था। इससे पहले, वह बचपन की बीमारी और उदास थे। जब तेल की कीमत शुरू से ही सीधे ज़ीनत के पास चली गई, तो अमेरिकी बजट में सेंध लग गई। छेद धीरे-धीरे विस्तारित हुआ, और प्रिंटिंग प्रेस के बिना इसे नीचे से पूरी तरह से लड़ना असंभव था। संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए, यूएसएसआर का पतन एक सुनहरा बारिश में बदल गया। यह क्या प्रकट है? यूएसएसआर से पश्चिम की ओर बढ़ने वाले सस्ते प्राकृतिक संसाधनों की विशाल धारा के रूप में। उस समय की दूसरी विश्व अर्थव्यवस्था, जिस तरह से जी. डी. पी. सब कुछ बहुत सरल है, पूर्व यूएसएसआर का उद्योग सिर्फ मानव निर्मित है, लेकिन कच्चे माल बने रहे। कई, कई कच्चे माल। कच्चे माल का खनन ही नहीं किया गया था, उन्हें मूर्खतापूर्ण तरीके से देश के रणनीतिक भंडार से खींच लिया गया था और पश्चिम में सस्ते में बेच दिया गया था। यहां पीछे देखने और देखने का समय है कि चालीस साल पहले राज्यों ने कैसा महसूस किया था। यदि 1970 में, अमेरिकी राष्ट्रीय ऋण 380 बिलियन डॉलर, मात्र पैसे थे, तो दस साल बाद कर्ज पहले से ही 909 बिलियन डॉलर था। और 1980 से 1990 तक, अमेरिकी राष्ट्रीय ऋण 3206 अरबों डॉलर के तीन गुना से अधिक है। रोनाल्ड रीगन द्वारा बहुत "स्टार वार्स" की लागत, जिसके बाद अमेरिका पतन के कगार पर था। संयुक्त राज्य अमेरिका को पतन से बचाया, संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी के लोगों के नायक, जुदास गोर्बाचेव। 90 वर्षों में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने अपने राष्ट्रीय ऋण के निर्माण को धीमा कर दिया - यह केवल लगभग दोगुना हो गया। 1990 से 2000 तक, US राष्ट्रीय ऋण 3206 बिलियन डॉलर से 5628 बिलियन डॉलर हो गया है। यह एक चमत्कार था। क्लिंटन राष्ट्रपति पद के दूसरे कार्यकाल में, संयुक्त राज्य अमेरिका के पास भी एक वर्ष के लिए एक्सएनयूएमएक्स से एक्सएनयूएमएक्स तक बजट अधिशेष था। एक बार के लिए। कितना प्रतीकात्मक। येल्तसिन के सबसे अच्छे दोस्त ने जानबूझकर बोरे के साथ ब्रांडी पिया और उसे लोकतंत्र सिखाया। एक वसा बढ़ता है, दूसरा गर्म होता है। लेकिन बोरिस छोड़ दिया, "अपनी मर्जी," और वह उसकी जगह लेने के लिए आया था! उदार लोकतंत्र के खूनी तानाशाह और जल्लाद - व्लादिमीर पुतिन, जैसा कि लोकतंत्रों का मीडिया अब उन्हें कहता है - ने महान लोकतंत्र की जगह ले ली है। वह आया, तो क्या? बिल्कुल कुछ भी नहीं। यहां फेड द्वारा अपने स्वयं के गर्भ के लिए उत्पन्न नकदी प्रवाह है, अचानक पूरी तरह से दूसरे, शांत और विश्वसनीय बंदरगाह में प्रवाहित होता है। चाचा सैम गुस्से में था और नाराज था, उसने अपने पैरों को मासिक रूप से मुहर लगा दिया और एक चमकदार उंगली से धमकी दी, पुतिन को सभी सजाओं के साथ डरा दिया। लेकिन पुतिन को धमकियों से डर नहीं लगा या खूनी आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला ने देश को चौपट कर दिया। इसके अलावा, पुतिन स्वर्गीय कार से डरते नहीं थे, वह रूस के साथ भगवान को जानता था। पुतिन जानते हैं कि अंकल सैम पृथ्वी पर शैतान के प्रतिनिधि हैं। पुतिन के वास्तव में रूस के तेल पर नियंत्रण पाने के बाद, चाचा सैम के पास इसके बदले प्रतिस्थापन की तलाश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। स्वाभाविक रूप से, तेल जल्दी से पाया गया था, खासकर जब से यह पहले से ही अपने अंकल सैम को इसे पोस्ट करने की योजना में था, लेकिन थोड़ा बाद में। कब? रूस के तेल के एक अंश के लिए पोस्ट करने के बाद। लेकिन। एक साथ नहीं उगाया। रूस में पुतिन के सत्ता में आने के तुरंत बाद, संयुक्त राज्य अमेरिका ने महसूस किया कि पुतिन ऐसे विचारों की अनुमति नहीं देते हैं, किसी को भी रूस को तेल और गैस दें। उन्हें तत्काल एक नई योजना विकसित करने, सस्ते एंट्रेल के साथ दाता की तलाश करने की आवश्यकता थी। सद्दाम हुसैन और इराक को निष्पक्ष ट्रिम के लिए उम्मीदवारों के रूप में चुना गया था। आखिरकार, ईरान के साथ युद्ध में पूर्व सहयोगी और प्रिय प्रोटेग, और भुगतान करने के लिए ऋण सुंदर है। ईंट बनाने वालों के सुझाव पर, पुतिन के महान मित्र, जॉर्ज डब्ल्यू। बुश ने सस्ते तेल के लिए खुद को इराक में फेंक दिया। लेकिन पुतिन ने अपने दोस्त को चेतावनी दीः इराक के लिए ज़ोरा पर चढ़ाई न करें, आप राजमिस्त्री के अशुद्ध हाथों में बलि का बकरा बन जाएंगे! या हो सकता है कि वोवा ने ज़ोरिक को धक्का दे दिया हो? ज़ोरा दोस्त पर विश्वास नहीं करता था, या बल्कि उसे एक दोस्त व्लाद पर विश्वास करना मना था। कौन? वे सबसे अधिक, कठपुतली राजमिस्त्री हैं। मानस के लिए इस तरह के एक झटके के बाद, झोरिक ने दुः ख के साथ, यहां तक कि इसे धँसा, काला एक पर धोया। और दूसरा कौन दोस्त हो सकता है, इस पर आप विश्वास कर सकते हैं। इस प्रकार वित्तीय रीफ़ के बारे में मनुष्य के आदर्शों को सबसे अच्छे तरीके से तोड़ा जाता है। अंकल सैम को पुतिन की भविष्यवाणियों पर विश्वास नहीं था, उन्होंने सही तरीके से तर्क दिया, वह केवल एक आदमी है, कैसंड्रा नहीं। और पुतिन सभी 100000% पर सही थे। नहीं, बेशक, अंकल सैम ने इराक को हराया। और जॉर्ज बुश को उनकी घमंड को खत्म करने के लिए दिया गया था और उन्होंने सद्दाम हुसैन पर जीत की घोषणा की। हॉलीवुड की सर्वश्रेष्ठ परंपराओं में सभी। श्रमिकों की अंतरराष्ट्रीय एकजुटता के दिन कार्रवाई हुई, एक्सएनयूएमएक्स मई एक्सएनयूएमएक्स, अमेरिकी विमान वाहक "अब्राहम लिंकन" पर, जॉर्ज बुश ने पूरी ईमानदारी से कहाः "तानाशाह गिर गया और इराक मुक्त है। " लेकिन यह केवल शुरुआत थी। इराक में चाचा सैम का जुआ अमेरिकी बजट के लिए तेजी से बढ़ रहा था। एक सस्ती तेल सुई की खोज में, संयुक्त राज्य अमेरिका ने तुरंत ध्यान नहीं दिया कि यह जीत उनके लिए एक असहनीय बोझ थी। आप सस्ते (s) के लिए पॉप का पीछा नहीं करेंगे। याद रखें कि 2000 वर्ष में संयुक्त राज्य में राष्ट्रीय ऋण क्या था, काफी सही - 5628 बिलियन अमेरिकी डॉलर। ध्यान दें, इस साल के अंत में, अमेरिकी राष्ट्रीय ऋण लगभग 17500 बिलियन अमेरिकी डॉलर होगा। ध्यान दें, बिल खरबों में जाता है। ब्लाह उड़ता है, यह भूख। अरे हाँ, मैं भूल गया। उन्होंने खुद लिखा और भूल गए कि ऊपर वर्णित क्या था। ड्रैगन, हालांकि, सात मुंह के बारे में है। इसलिए, पुतिन की आपूर्ति के साथ, तेल अधिक महंगा हो गया है। और जहां शिरोचका, वहां और मशरुचका, तेल के साथ तेजी से गैस की कीमत में तेजी से वृद्धि शुरू हुई। गैस पुतिन के सक्षम हाथों में एक सार्वभौमिक राम बन गया है, वह उन्हें यूरोप के अभेद्य महल में सभी फाटकों "भूमि"। बढ़ते प्राकृतिक संसाधनों के कारण, पुतिन के दाखिल होने के साथ, चाचा सैम को आहार पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन सरल नहीं, लेकिन सबसे प्रभावी पर - शाकाहारी। मैं सक्शन पर वरिष्ठ बैठा, और फैसला किया, और अच्छी तरह से . . . . . . - यह आहार, मैं उच्च सड़क पर जाऊंगा, मैं इसे दूंगा। आदत लानत है। पीड़ित सिपाही सड़क पर चला गया, साथ में कामचलाऊ सियार भी। राजमार्ग पर, अंकल सैम ने सीरिया को शांति से चलते देखा। लकी, अंकल सैम ने सोचा, एक शुरुआत के लिए बुरा नहीं है, यहाँ आपके पास मेज और आश्रय है। (सी) मैंने इसे पूरा निगल लिया - सैम ने सोचा, मैं इसमें खुदाई करूँगा और इसे बाहर थूक दूंगा, और केवल सींग और पैर ही रहेंगे। तेल कम हैं। बिना किसी हिचकिचाहट के, उसने अपने गुर्गे सीरिया के लिए अशोभनीय प्रस्तावों के साथ भेजे। सीरिया ने बिना किसी हिचकिचाहट के लंबी यात्रा पर भेजा। अनुवाद के बिना अंतरराष्ट्रीय वैचारिक अभिव्यक्ति पर। वह है, रूसी में! उसने क्या कहा? उसने बस कहाः गोपोट, जा . . . ! चाचा सैम बहुत हैरान थे, यह पता चला कि उन्हें भेजा गया था, लेकिन इंटरनेशनल में भी। बिल्कुल चौंका, क्या यह एक छोटी सी बात है पॉट-बेलिड? - सोचा सैम। सिलेंडर के भगवान आश्चर्य से नाराज थे, उन्हें एक सार्वजनिक थप्पड़ में स्मैक दिया गया था, और वे ऐसे सियार थे, बहुत संवेदनशील प्राणी थे। और फिर। क्या-क्या, और वे विकसित के रूप में हू हू। ग्रह पृथ्वी के मुख्य पुलिसकर्मी की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए, अंकल सैम ने अपने सियार और स्थानीय चूहों को गर्वित आलिया को अलग करने का आदेश दिया। सीरिया खुद ही चौपट हो गया। कानूनी रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति बशर अल-असद को सार्वजनिक रूप से एक अरब सड़क की खुशी के लिए सार्वजनिक रूप से और किसी अन्य तरीके से नहीं किया गया था। ओह, कैसे एक चरवाहे को इस तरह के लोकतांत्रिक विद्रोह पसंद हैं, और यहां तक कि जीवित भी। उसे इसकी जरूरत है, यह लगता है। कैफ उन्मत्त, शैतानी आँखों में ख़ून की चमक, और सहानुभूति के उद्गारः मिलोसेविक - वाह! सद्दाम -vvaaauu! मुअम्मर - वववाअउउ! ... . . ओह, मुझे माफ करना, मैडम सचिव, आप वास्तव में भूल गए हैं। ठीक। चकित श्रीमती का एक उद्घोष क्लिंटन - यह एक कुतिया ओसामा का हमारा बेटा है - WAAAAUUUU ! ! ! इस तरह अंकल सैम ने एक समय में सीरिया को निगलने का फैसला किया। लालच से? आशाहीनता के लिए नहीं। लेकिन सीरिया स्वेच्छा से अजगर के मुंह में नहीं चढ़ना चाहता था। हालाँकि ड्रैगन ने इसे अपने विशाल मुंह में फेंक दिया, लेकिन उसने इसे निगल नहीं लिया। सीरिया एक तेज हड्डी के साथ पश्चिम के शिकारी ग्रसनी के पार खड़ा था। हां, यह इतना "सफल" है कि इस मामले में, सुपरनोवा क्रूसेडर्स के मुंह से मच्छर को बाहर निकालना संभव है, जो इस बार केवल सर्जरी द्वारा नवजातवाद का आरोपण कर रहे हैं। नव-लोकतंत्र एक समय-परीक्षणित अग्रानुक्रम, नवउपनिवेशवाद (उर्फ़ त्रात्स्कीवाद) और अल-क़ायदा में निहित है। ठीक है, इसलिए, गले में हड्डी के बारे में। ऐसे मामलों में, हथेली या पीठ पर मुट्ठी की पारंपरिक ताली नहीं बचेगीः डॉक्टर ने चाकू के नीचे कहा, इसका मतलब चाकू के नीचे है! और नहीं। या तो एक व्यक्ति में चरवाहा और कसाई, चाचा सैम और को, सीरिया को विश्व जिहाद राक्षस के बिखरने के लिए नेतृत्व करते हैं जो उनके द्वारा पैदा किए गए हैं, या रिडना रक्त जिहाद धीरे-धीरे अपने निर्माता को शुरू करता है। सीरिया में भाड़े के सैनिकों के क्रूर ब्रेकअप के मामले में, उन्हें खूनी युद्ध के साथ अन्य क्षेत्रों में तत्काल संलग्न होने की आवश्यकता होगी। वे कहां हैं? अब तक ऐसे कुछ क्षेत्र हैं। अभी स्क्रिप्ट जल्दी है। बल्कि, परिदृश्य के अनुसार, बस उस समय तक, ईरान को पहले ही जल जाना चाहिए था, लेकिन यह जलने के बारे में भी नहीं सोचता। कौन जान सकता था कि असद डरपोक अरब नहीं होगा, लेकिन एक लौह इच्छाशक्ति वाला शेर और जीत में विश्वास करेगा। चाचा सैम मानता है और भगवान निपटता है। सीरिया के खिलाफ प्रोग्राम किए गए आक्रामकता को दो साल बीत चुके हैं और असद हार के बारे में सोचते भी नहीं हैं। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बशर असद अपने लोगों को यह समझाने में कामयाब रहे कि वह उन्हें पश्चिम के प्रबुद्ध बर्बर और आज़ाद अल-क़ायदा की दया पर नहीं जाने देंगे। असद न केवल खुद लड़ता है, वह अपने लोगों को बाहरी आक्रमणकारियों, और स्थानीय यहूदा के खिलाफ एक पवित्र युद्ध में जुटाने में कामयाब रहा। लेकिन असद, केवल शारीरिक और तकनीकी रूप से, अकेले और हथियारों के बिना, हमलावरों के गठबंधन के खिलाफ खड़े नहीं हो सकते थे। बहुत अधिक असमान बल। सौभाग्य से, सीरिया के लिए, यूएसएसआर के पतन के बाद, इसने रूस के साथ अच्छे संबंध बनाए रखे। उस समय सीरिया के नेता, हाफ़ेज़ असद, बशर अल-असद के पिता, ने अपने घर में अशांति के समय में रूस से अलग ढंग से शर्म नहीं की। उन दिनों, कई अरबों ने रूस को स्क्रैप के रूप में लिखने के लिए दौड़ लगाई, लेकिन बड़े असद नहीं, वह समझदार था कि वह कुएं में नहीं थूकता। निश्चित रूप से हाफिज असद ने अपने बेटों के मन को एक बार से अधिक सिखाया, बशर अल-असद और प्रेरितः एक पुराना दोस्त, नए दो से बेहतर। बशर के पिता सौ बार सही थे। ओह, वह कैसे सही था, कुआँ उपयोगी था। हाफ़िज़ असद की प्रशंसा करते हुए, वह अपनी मृत्यु के बाद भी सीरिया की मदद करने में सक्षम था। सीरिया और बशर अल-असद के लिए सबसे मुश्किल क्षण में, उसे पुतिन से मदद के लिए बाहर निकाला गया था - यह विशेष रूप से समझदार और मुखर बेवकूफों के लिए नहीं किया गया था। पूरी दुनिया जानती है, पुतिन की बातें उनके कामों से असहमत नहीं हैं। व्लाद - द्रष्टा हर किसी की आँखों के सामने सच बोलता है, विशेषकर राष्ट्राध्यक्षों, इस वजह से वह बहुत क्रूर और यहां तक कि असभ्य माना जाता है। वोवा बस डरता है और चुपचाप नफरत करता है, लेकिन वह कितना ईर्ष्यालु है, और उससे भी ज्यादा उसकी प्रतिष्ठा उसके आदमी के रूप में है। पुतिन और अन्य "प्रमुखों" के बीच - बात करने वाले, खाड़ी सरीसृप के साथ प्रभावित होते हैं, और वे कभी भी नहीं कूदते हैं। सिर्फ इसलिए कि पुतिन उनके खुद के मालिक हैं, और उनके पश्चिमी सहयोगियों में साधारण कमी है, जो सबसे प्राचीन सूदखोरों के कामों को चलाकर अतिरिक्त धन कमाते हैं। आप पुतिन के दोस्त जॉर्ज के शब्दों को कैसे याद नहीं कर सकते हैंः ज़ोरा, बिना निमंत्रण के यात्रा पर न जाएं, खासकर इराक में। जॉर्ज कुष्ठ मित्र पर विश्वास नहीं करता था, लेकिन व्यर्थ। इराक में लोकतंत्र अब इतना अधिक हो गया है जितना जॉर्ज चाहते थे कि अब शायद ही कोई इराकी परिवार सद्दाम हुसैन को रात के खाने में याद करे। इराक के लोग किसी और को नहीं बल्कि खुद को दोषी मानते हैं। बकवास मत करो और रोटी का दुरुपयोग न करें जो आप देते हैं! ईरान के रास्ते पर अंतिम कड़ी के रूप में पश्चिम के लिए सीरिया की आवश्यकता है। लेकिन रूस के रास्ते में ईरान केवल एक मध्यवर्ती स्टेशन है। आपको शायद याद होगा कि मौत की सुई पुतिन के हाथों में है। विश्व के खिलाड़ी इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कौन, क्या, किससे क्या चाहता है और बदले में क्या मांगता है। पुतिन की ओर से बशर असद को आत्मसमर्पण करने की मांग। महीने के अंतिम 2 में, प्रतिनिधिमंडल एक-एक करके मास्को आए और रूस के लाभ के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से भी पुतिन को सीरिया और असद को बेचने के लिए कहा। मॉस्को जाने से पहले, प्रेस में हर एक राजनीतिक दल घोषणा करता है कि वे पुतिन से रियायतों की मांग कैसे करेंगे। मॉस्को पहुंचकर, उनमें से कोई भी पुतिन से मांग करने की कोशिश नहीं कर रहा है। अशुभ कदमों से। यह तथ्य कि पुतिन की कथनी और करनी में असहमति नहीं है, वह एर्दोगन और अब नेतन्याहू के नाम से जाना जाता है। पश्चिम के सभी दूतों को पुतिन से एक स्पष्ट जवाब मिला कि वह फरीसियों के वंशजों के उदार वादों के बदले में सीरिया को आत्मसमर्पण नहीं करेगा। इसके अलावा, पुतिन को इस बात की जानकारी है कि रूस के कमजोर होने पर पश्चिमी राजनेता अपने वादे कैसे निभाते हैं, यहां तक कि उनके साथ हस्ताक्षरित और सील की गई संधियां उनके लिए बहुत कम मायने रखती हैं। सच्चे सज्जन। आधुनिक दुनिया में लगभग कोई राजनेता नहीं बचा है जिसके शब्द का किसी दस्तावेज़ पर औपचारिक प्रिंट की तुलना में अधिक भार होगा। पुतिन के अपवाद के साथ, चालाक क्यों हैं, कोई भी नहीं है! हर कोई, दोनों दुश्मन और सहयोगी, पुतिन द्वारा दिए गए शब्द और वादों पर विश्वास करते हैं। फरवरी 2012 में एसवीआर फ्राडकोव और लावरोव के प्रमुख के सीरिया के दौरे के बाद, देश में सैन्य स्थिति धीरे-धीरे शुरू हुई लेकिन बशर अल-असद के पक्ष में निश्चित रूप से बदल गई। सीरिया के लोगों ने यह समझा कि जब पुतिन और रूस असद और सीरिया के पीछे खड़े हैं, तो कोई भी उन्हें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के नाम पर हड़ताल नहीं करेगा। पिछले एक साल में, सीरिया में युद्ध सामान्य सीरियाई लोगों के लिए देशभक्तिपूर्ण युद्ध का पर्याय बन गया है, वे पीछे हटने के लिए कहीं नहीं हैं, और विकल्प छोटा है, या तो मौत के डर को हराने के लिए, और उसी समय उनके दुश्मन, या मौत को स्वीकार करते हैं। जैसे ही प्रत्येक सीरियाई ने, अपने लिए, अंतिम सांस तक लड़ने का निर्णय लिया, राष्ट्र के भाड़े के सैनिकों और गद्दारों के साथ सैन्य लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया। सीरियाई लोगों की भावना की ताकत धीरे-धीरे शुरू हुई लेकिन निश्चित रूप से भाड़े के सैनिकों को धूल में मिलाना। यहां तक कि अतिरिक्त सैकड़ों और हजारों प्रशिक्षक, पड़ोसी देशों के पड़ोसी देशों से लेकर सीरिया तक, देश में सैन्य स्थिति को उलटने में सक्षम नहीं हैं। जैसा कि वे शिविरों में अधिक से अधिक नए भाड़े के सैनिकों को प्रशिक्षित नहीं करते हैं, और सीरियाई सेना अधिक से अधिक आत्मविश्वास से उन्हें नष्ट कर रही है। यह इस बिंदु पर पहुंच गया कि तथाकथित विद्रोहियों ने एक ट्रूस के बारे में चिल्लाया। विपक्ष के नेताओं ने अंकल सैम से आगे बढ़ने वाले क्यूरेटर दिए, तुरंत एक ट्रूस मांगते हैं, और इस समय के दौरान, अपनी सांस को पकड़ते हैं और अपने पतले बलों को फिर से इकट्ठा करते हैं। अंकल सैम और उनके पीछे के आकाओं को इस बात का संदेह था कि सीरिया की सुरक्षा सेवाएँ दर्द से काम करने लगी हैं। सीरिया में स्थिति तेजी से बदलने लगी, न कि भाड़े के सैनिकों के पक्ष में। पिछले वर्ष के दौरान, सीरियाई विशेष बलों और सैनिकों ने भ्रष्ट विपक्ष के शीर्ष को व्यवस्थित रूप से पहचानना शुरू कर दिया और अपनी जड़ों - परिवारों और आदिवासी कुलों को बेअसर या नष्ट कर दिया। युद्ध में युद्ध की तरह। इतना समय पहले नहीं था, पश्चिम और खाड़ी के देशों से पैसे की खाइयों को बाहर निकालने के लिए हथेली के पीछे विपक्ष के सामने के रैंकों में छींटाकशी हुई थी। एक वर्ष से भी कम समय में, अव्यवस्था और टीकाकरण उनके रैंक में बढ़ता है, कुछ ने प्रमुख पदों से इनकार करना शुरू कर दिया। तो यह नैतिक टूटना तक नहीं है। अधिकांश विपक्षी प्रदर्शनकारियों ने अपने खूनी अल-कायदा सहयोगियों को छोड़ना शुरू कर दिया। लेकिन यह पहले से ही बहुत देर हो चुकी है, कोई भी पश्चिमी प्रचार और अल-जज़ीरा दो पैरों वाले जानवरों के पंजे से खून को धोने में सक्षम नहीं है, जो लोगों के दिलों को सार्थक कर रहा है। सैन्य विशेषज्ञों के लिए, यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सीरिया में बहुत ही अनुभवी और विवेकपूर्ण सैन्य विशेषज्ञ और आतंकवाद निरोधी अभियानों में एक प्रशिक्षक हैं। यदि सेना और सीरिया के गुप्त सेवाओं के बीच संघर्ष के पहले साल में उन भाड़े के सैनिकों के खिलाफ पंचर और पराजय हुई, तो अब लगभग ऐसी गलतफहमी नहीं है। यह ये सैन्य विशेषज्ञ और प्रशिक्षक हैं जो अब देश में सभी आतंकवाद विरोधी अभियानों का विकास और निर्देशन कर रहे हैं। विरोधियों के विनाश के लिए मशीन की लिखावट, नीरस और सुपर-कुशल संचालन को देखते हुए, इन विशेषज्ञों ने सैन्य मामलों में सदियों पुराना ज्ञान जमा किया है। क्या सीरिया में सैन्य मामलों की सदियों पुरानी परंपराएं हैं? नहीं। विशेषज्ञों के साथ ऐसे देश, एक, दो और obchelsya। यदि कोई विशेषज्ञ नहीं हैं, तो आपको दोस्त बनाने की आवश्यकता है। एक सौ डॉलर शायद ही कभी मदद करता है। यह स्पष्ट हो जाने के बाद कि विपक्ष को कुचल दिया जाएगा, बातचीत का रोना हरकत में आ गया। उससे पहले, भास्कर भी बशर असद के साथ बातचीत के बारे में नहीं सुनना चाहते थे। अंत में, जब यह बहुत स्पष्ट हो गया, तो विपक्ष हार जाएगा, असद के साथ वार्ता की शुरुआत तक, लगभग सभी ट्रम्प कार्ड उनके हाथों में थे, क्योंकि भारी तोपखाने व्यवसाय में प्रवेश किया था। भाड़े के सैनिकों के लिए भयावह स्थिति को देखते हुए, असद और सीरिया के खिलाफ आक्रामकता के असली प्रायोजक और ग्राहक - अंकल सैम एंड कं, और सबसे महत्वपूर्ण बैकस्टेज अभिनेता, इज़राइल अखाड़े में आए। अब यह सभी के लिए स्पष्ट है, xy xy। आक्रामकता के नेता बिना किसी समकक्ष के अपने दम पर सीरिया पर बमबारी करना चाहते थे। केवल एक ही पकड़ है, अंतरराष्ट्रीय जनता की ओर से सुंदर पैकेजिंग में उनकी आक्रामकता कैसे पैक करें। रूस कसाई के रास्ते में खड़ा है, बार-बार संयुक्त राष्ट्र में पश्चिम और अरब तानाशाहों की पहल के खिलाफ मतदान करता है। रूस की सहमति के बिना, उन्हें संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में और सीरिया की ओर से बमबारी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सीरिया पर बमबारी करने के लिए पश्चिम और इज़राइल के पास केवल एक ही अवसर बचा है। और यहाँ एक घात है, सीरिया लीबिया गद्दाफी नहीं है। सीरिया में एक अच्छी सेना है, और यह पहले ही मामले में साबित हो चुका है। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह रूस के साथ अनुबंध समाप्त करने में कामयाब रही और रूसी हथियारों से अपने हवाई बचाव को फिर से सुसज्जित करने में कामयाब रही। अपने बचाव में ठोस विश्वास के लिए, सीरिया में रूस से केवल सी-एक्सएनयूएमएक्स परिसरों का अभाव था। वह अब सीरिया में है या नहीं, कोई भी निश्चित रूप से नहीं कहेगा, माउस बिल्लियों का खेल जारी है। और अगर वह कहता भी है, तो इस बार और नहीं। यह बहुत जटिल है कि इज़राइल का कहना है कि उसने लंबे समय तक सबसे छोटे विवरणों का अध्ययन किया है और इससे डरता नहीं है। इजरायली विशेषज्ञों ने एक निर्णय, C-300 अप्रचलित वायु रक्षा परिसर का प्रतिपादन किया। सवाल यह है कि अगर आपने अप्रचलित सी-एक्सएनयूएमएक्स कॉम्प्लेक्स की पूरी कहानी का अध्ययन किया है, और आप जानते हैं कि इसे कैसे लड़ना है, तो पूरी दुनिया के सामने बर्तन धोने के साथ एक समान टैंट्रम की व्यवस्था क्यों करें। इसके अलावा, यह परिसर एक आक्रामक हथियार नहीं है, बल्कि विशुद्ध रूप से रक्षात्मक परिसर है। मंदबुद्धि C-300 इजरायल पर मिसाइल दागने में सक्षम नहीं है, उदाहरण के लिए, हसाम हिज़बुल्लाह की तरह। अगर इजरायल सीरिया पर बमबारी नहीं करने जा रहा है, तो फिर एक टैंट्रम क्या चुनाव है? या शायद इजरायल अभी भी सीरिया पर बमबारी करने जा रहा है? सबसे अधिक संभावना यह भी है। इज़राइल का मुख्य लक्ष्य ईरान और उसकी परमाणु सुविधाएं हैं। लेकिन, ईरान में परमाणु सुविधाओं पर बमबारी करने के लिए, इजरायल के विमानों को अपने एयरफील्ड और ईरान के लिए प्रमुख से किसी का ध्यान नहीं उड़ना चाहिए। इसके अलावा, अगर इजरायल के विमान छापे में उड़ते हैं, तो उन्हें निश्चित रूप से हवा में ईंधन भरने की आवश्यकता होगी। सच्चाई एक और विकल्प है, लेकिन फिर इजरायली कामिकेज़ को छापे में उड़ना चाहिए। स्वयं के लिए तय करें कि स्वयंसेवक होंगे या नहीं। और आप गुप्त रूप से इज़राइल में विमान के एक समूह के उदय को कैसे रख सकते हैं? आज, लगभग कुछ भी नहीं। सीरिया के क्षेत्र से, रडार इजरायल के माध्यम से स्कैन करेंगे। एक या दो विमान उड़ान भर सकते हैं, लेकिन फिर कौवे का झुंड हवा में चक्कर लगाएगा, जिसे नोटिस करना आसान नहीं है। और ईरान जाने के लिए कौन सा मार्ग चुनना है? सऊदी अरब के माध्यम से - बाहर रखा गया। सउदी लोग ईरान के खिलाफ इजरायल की आक्रामकता के साथ मिलीभगत के लिए आग का आरोप लगाने से डरते हैं। सउदी खुद एक पाउडर केग पर बैठे हैं, और वे अभी तक गोलियां नहीं ले जा रहे हैं इज़राइल के लिए आग से बाहर। ईरान के खिलाफ एक बड़े गठबंधन में, वे महान होंगे, और इसलिए वे भेड़ हैं। लेकिन वह कहां है, वह गठबंधन? अभी नहीं, हिंसक। इजराइल को छोड़कर। इसके पीछे हम ईरान जाने के लिए सऊदी अरब के क्षेत्र को पार करते हैं। लाल सागर के ऊपर और अरब प्रायद्वीप से ओमान तक उड़ान भरने के लिए एक बिल्कुल शानदार विकल्प है, और वहाँ और ईरान तक दूर नहीं। लेकिन यह विकल्प बहुत जोखिम भरा है, भले ही अमेरिकियों को फारस की खाड़ी क्षेत्र में अपने ठिकानों से अमेरिकियों द्वारा मदद की जाएगी। ओमान भी इजरायल की वजह से ईरान के साथ काउंटर पर, सभी जगह से डुबकी लगाने की इच्छा से नहीं जलता है। और जब से इज़राइल को ईरानी परमाणु परिसर के विनाश की 100% गारंटी की आवश्यकता है, ओमान के माध्यम से विकल्प संदिग्ध है। इज़राइल के पास बस दूसरा प्रयास नहीं होगा। इज़राइल की योजना थी कि वह जॉर्जिया और अजरबैजान के इलाके से काकेशस से ईरान पर हमला करेगा। लेकिन दक्षिण ओससेटिया में साकाश्विली के उकसावे की विफलता के बाद, ये योजनाएं एक्सएनयूएमएक्स की धन्य स्मृति से आगे निकल गई हैं। मिशिको बिग गेम में एक कुंद मोहरा था, उसे रूस से एक रोशनी के लिए पूछने के लिए औपचारिक रूप से भेजा गया था। मिशिको ने भोलेपन से लिया और पूछा, स्वाभाविक रूप से स्नोट द्वारा प्राप्त किया गया। पुतिन बीजिंग से उत्तर ओसेशिया के लिए उड़ान भरने के लिए बहुत आलसी नहीं थे और खुद पर नियंत्रण रखा। यह तब था जब पश्चिम ने स्पष्ट रूप से महसूस किया कि पुतिन डरता नहीं है, वह करता है। दुनिया सर्वनाश के करीब थी। अंकल जो को अचानक एक पूर्ण आत्मसमर्पण करना पड़ा। खैर, ट्रांसक्यूकसस के माध्यम से हड़ताली के विकल्प के साथ, हमें पता चला। फिलहाल - यह शानदार है। Был у Израиля ещё один коронный вариант, нанести удар по Ирану с территории Турции. Но это было давно, тогда Израиль и Турция дружили семьями. В настоящее время Израиль проводит вялотекущее бодание с Турцией, из-за безвинных жертв - флотилии мира, и ряда других мелочей. Маленький турок несколько лет последовательно подогревался воинственной риторикой Эрдогана, в адресс Израиля. И если теперь Эрдоган сделает финт ушами, и даст Израилю коридор для нанесения удара по Ирану, то его разорвут сами турки. Так что и здесь Израилю ничего не светит. केवल एक विकल्प बचता है, सीरिया के क्षेत्र के माध्यम से, फिर इराक के माध्यम से, और शालोम, ईरान! यह विकल्प तभी संभव होगा जब सीरिया को तबाह और विघटित किया जाए, और उसकी सेना का अस्तित्व समाप्त हो जाए। तदनुसार, तब सीरिया ईरान को धमकी देने वाले हमले से पहले चेतावनी नहीं दे सकेगा। तब कोई भी इजरायल को नहीं रोक पाएगा, सीरिया और इराक के माध्यम से गलियारा पूरी तरह से वायु रक्षा हथियारों से मुक्त हो जाएगा। इराक वर्तमान में लगभग एक चिथड़े पदार्थ में विलीन हो गया है, दूर से एक ही राज्य जैसा दिखता है। जैसा कि आप समझते हैं, इराक की वायु रक्षा प्रणाली विशुद्ध रूप से नाममात्र है, यह बस मौजूद नहीं है और कोई कर्मी नहीं हैं। सीरिया में इस समय अच्छी वायु रक्षा है, और सी-एक्सएनयूएमएक्स के लिए भी सेवा कर्मचारी हैं। और चालक दल जल्दी से रूसी बोलना सीख गए, इसलिए यह उनके लिए अधिक सुविधाजनक है, दस्तावेज़ रूसी में है। लेकिन यह निश्चित रूप से, आप समझ रहे हैं? स्टेब-स्टेबी और वायु रक्षा, हालांकि, सीरिया निश्चित रूप से है, जिसमें अशुलुक में प्रशिक्षित समन्वित गाड़ियां हैं। सीरिया की सेना और वायु रक्षा को तत्काल नष्ट कर दिया जाना चाहिए, और फिर कलाकारों से अड़चन पैदा हुई, वे खुद टिड्डियों और चूहों के रूप में नष्ट होने लगे। इज़राइल में, सीरिया पर उन्होंने इतना छींटाकशी क्यों की? आखिरकार, इस्राएल के लिए यह बुरा लग रहा है कि वह आपके बगल में एक नष्ट राज्य है। यह आम आदमी के दृष्टिकोण से है। और इजरायल के अपने कारण हैं, एक बात यह है कि खदानों के पीछे खराब संगठित पक्षपातपूर्ण टुकड़ियों पर बमबारी करना है। यह एक और बात है कि विमान-रोधी विमान-रक्षा के क्षेत्र में कार्रवाई करना। इज़राइल मुख्य रूप से छोटे और बहुत छोटे छद्म राज्यों में पूरे मध्य पूर्व के विखंडन का पक्षधर है। जो पूरी तरह से यहूदी राजधानी पर निर्भर करेगा। यहां इजरायल और अमेरिकी यहूदी राजधानी के हित अस्थायी रूप से मेल खाते हैं। लेकिन अगर चुनाव अपनी पूरी ऊंचाई पर है, तो अपनी राजधानी को बचाने के लिए या बलि के कप पर इज़राइल को फेंकने के लिए, एक दूरदर्शी होने की आवश्यकता नहीं है, वे इज़राइल को दान करेंगे। हिटलर को उसकी हीनता को संतुष्ट करने के लिए, उस समय यहूदियों का एक हिस्सा कैसे बलिदान किया गया था। उन्होंने बस अपनी यहूदी जड़ों का बदला लिया। लेकिन दूसरी तरफ, फेड से स्मार्ट लोगों की पूंजी कई गुना अधिक बढ़ गई है। लेकिन हम फिर से मध्य पूर्व के विखंडन की ओर वापस चले गए। यहां तक कि विशाल तेल भंडार छोटे बौनों की मदद नहीं करेगा, जिसमें ऑगोज़ोचन सेनाएँ हैं। तेल भंडार पहले से ही विकट परिस्थितियों में हैं। ऐसे भाग्यशाली पहले लूट लिए जाएंगे। और नेफिग बाहर खड़े हैं। लेकिन फिर, हमारी भेड़ों के पास, यानी इज़राइल। इज़राइल जल्दी में क्यों है? सब कुछ अपमान करने के लिए प्राथमिक है। इज़राइल या संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अपनी परमाणु सुविधाओं की बमबारी की प्रतीक्षा में, ईरान बिल्कुल नहीं बैठा है वध के लिए राम की तरह। नहीं, बिल्कुल। ईरान के पास एक व्यापक हथियार कार्यक्रम है और इसे लागू करने की कोशिश कर रहा है। एक बिंदु पर, ईरान परमाणु बम बनाने की समस्या को हल करने के करीब आएगा। यह क्षण पहले से ही बहुत करीब है, 4-5 वर्षों के भीतर। इसलिए, इजरायल अब मध्य पूर्व में परमाणु क्लब के साथ बाएं और दाएं नहीं घूम सकता है, जिसका एकाधिकार समाप्त हो जाएगा। यहां तक कि एक परमाणु शुल्क ब्याज के साथ इजरायल के लिए पर्याप्त है। वक्त बेवजह इजरायल को सिर पर चढ़ जाने के लिए मजबूर करता है। इज़राइल की अवसरवादिता की खिड़की ईरान पर बमबारी करती है। खुद के लिए गंभीर परिणाम के बिना। कम समय बचा है, और अधिक पागलपन इजरायल को कवर करेगा। जल्दबाजी हमेशा कारण को चोट पहुंचाती है। यह बहुत देर नहीं है, जिग, ब्रेक मारा!
जब से ग्रह मानवता के पैदा हुआ था, उसकी कहानी शुरू कर दिया। कुल मिलाकर, हालांकि, के बारे में इस विज्ञान बोल नहीं सकता, क्योंकि मूल रूप से सभी लोगों को जनजातियों, जो एक पूरी तरह से अलग दुनिया क्षेत्रों में रहते थे में विभाजित किया गया। किसी ने सागर के तट पर लाइव से सम्मानित किया गया, द्वीपों, दूसरों टुंड्रा में ठंड के साथ संघर्ष किया, और दूसरों को गर्म रेगिस्तान में थे . . . यह इस प्रवृत्ति दुनिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों का गठन की वजह से है। क्योंकि सबसे उल्लेखनीय विशेषताएं जो की अब हम विस्तार से विचार करें। क्या ऐसे क्षेत्रों का गठन किया? दुनिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों हमारे ग्रह है, जो कल्पना की और मानव जाति में विकसित किया गया था के कुछ क्षेत्रों रहे हैं। उन्हें व्यक्तिगत रूप भेद, विकास के अलग-अलग पथ, जो मोटे तौर पर जलवायु और प्राकृतिक परिस्थितियों पर निर्भर है। इसी तरह, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों एक दूसरे से अलग स्मारकों, परंपराओं, धार्मिक संस्कार और विश्वास और इतने पर। एन इसके अलावा, महत्वपूर्ण मतभेद खेती के प्रकार में मनाया जाता है। एक दिलचस्प तथ्य यह है कि सीमाओं को अपनी स्थापना के बाद दुनिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों है, विशेष रूप से महत्वपूर्ण बदलाव के बिना बच गया है। यूरेशिया, अमेरिका, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलियाः बहुत सामान्य शब्दों में, यह हमारी दुनिया में केवल चार ऐतिहासिक क्षेत्रों गिनती करने के लिए संभव है। हालांकि, प्रत्येक के भीतर, जिनमें से कई प्रांतों, जीवन और संस्कृति जो अपने व्यक्तिगत, रंग की तरह कोई और नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, दुनिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में भी जातीय श्रेणियों के माध्यम से विशेषता है। का निवास इनमें से प्रत्येक क्षेत्र में मानव, दौड़ जो एक दूसरे के समान नहीं हैं और प्रकार के। इस हम कैलिफोर्निया के एक देशी, न केवल भाषा और कपड़ों में, लेकिन यह भी बाहरी डेटा पर से के बीच, कहते हैं, एक बीजिंग निवासी भेद कर सकते हैं के कारण। नीचे हम सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रांतों, जो प्राचीन काल में जन्म लिया है और इस दिन के लिए मौजूद हैं की एक सूची प्रस्तुत करते हैं। दुनिया का एक हिस्सा यूरोप कहा जाता है, विडंबना यह ग्रह पर सबसे छोटी है, और इसके साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत, सबसे अमीर में से एक है एशियाई या अफ्रीकी के साथ। इस देश के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों अमेरिका में परंपराओं के आगे विकास के लिए आधार बन गया, और यह भी ऑस्ट्रेलियाई महाद्वीप पर एक प्रभाव है, और भी रूस का एक बड़ा हिस्सा था। करने वाले देशों में सांस्कृतिक और जातीय क्षेत्र, अपने आकार में छोटे की रेंज में हैं, लेकिन उनमें से प्रत्येक के पिछले एक से अलग है, अपनी ही भाषा, इतिहास, परंपराओं और मान्यताओं है। खैर, क्षेत्रों, जो कई राज्यों को कवर किया जाएगा में से प्रत्येक पर एक संक्षिप्त देखो। क्या अब देश इस क्षेत्र के लिए आते हैं पर, विवादों जाना। किसी ने फ्रांस, एंडोरा, जर्मनी, मोनाको, लक्समबर्ग, नीदरलैंड और स्विट्जरलैंड शामिल करने के लिए है। अन्य स्पेन के लिए ब्रिटेन से क्षेत्र खिंचाव। पश्चिमी मध्य यूरोपीय क्षेत्र है, जो समूह की भाषा के लिए और घर के समान है - ऐतिहासिक तौर पर, एक एक एकल क्षेत्र भेद कर सकते हैं। यहाँ कॉकेशियन जो भारत-जर्मन और रोमांस भाषाओं में बोलते हैं, साथ ही साथ सेल्टिक, Finno-Ugric, ग्रीक और अल्बानियाई रहते हैं। अर्थव्यवस्था प्रकार - कृषि हल। एक ही समय में इन दिनों जनसंख्या के अधिकांश शहरों में रहती है। पूरे में मकानों के निर्माण का प्रकार यूरोप का इतिहास नहीं बदला हैः उत्तर में - इमारत लॉग, केंद्र में - दक्षिण में फंसाया - पत्थर और ईंट। पोषक तत्वों की प्रबल आटा आधारित भोजन, मांस, शराब और विभिन्न गर्म पेय (विशेष रूप से चाय) के रूप में। ईसाई धर्म है, जो रोमन कैथोलिक ईसाई और प्रोटेस्टेंट के रूप में प्रस्तुत किया जाता है - यूरोप, एक भी धर्म के पार। अपने क्षेत्र और अपने क्षेत्र की विभिन्न परंपराओं में से सबसे बड़ी में से एक के लिए यूरेशिया के विभिन्न अन्य ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों से सटे। काकेशस के आर्कटिक महासागर से - हम पूर्वी यूरोपीय प्रांत है, जो यूराल पर्वत श्रृंखला के लिए, पश्चिम से पूर्व की फैला पोलैंड से, और उत्तर से दक्षिण के बारे में बात कर रहे हैं। कई जातीय समूहों उन्हें रूस, बेलारूसी, यूक्रेनियन, कॉकेशियन Udmurts, Tatars, चूवाश, एस्टोनिया और कई अन्य लोगों के अलावा, रहते हैं। इस क्षेत्र में फैल कृषि हल बस गए। घरों पत्थर से बनाया जाता है और उसके बाद फ़ायदेमंद मिट्टी और belyatsya के साथ लेपित। किसी भी घर का एक विशेषता स्टोव है। क्वास और चाय - इस सांस्कृतिक क्षेत्र के लिए पारंपरिक भोजन सूप (उत्तर में गर्म, ठंडा के दक्षिण में), पैनकेक्स, केक, अनाज और पेय पदार्थ हैं। पूर्वी यूरोपीय प्रांत रूढ़िवादी धर्म की विशेषता है, लेकिन बहुत से लोगों को बंद करने के कुछ दक्षिणी और एशियाई क्षेत्रों में - मुसलमानों। इस क्षेत्र में Caucasoid और मोंगोलोएड दौड़ मिश्रण। यह पूर्व में कैस्पियन सागर से फैला है और दोनों रेगिस्तान मैदानों और बहुत अधिक शामिल किया गया पामीर्स के पहाड़ों और टीएन शान। इस क्षेत्र में किरगिज़, ताजिक और Kazakhs रहते हैं। आवास का प्रकार भी अलग-अलग जलवायु के आधार पर। फ्लैट छतों के साथ मिट्टी झोपड़ियां, उत्तर में - - yurt दक्षिण में। पेय के बीच में थे और लोकप्रिय चाय, आर्यन, घोड़ी बने हुए हैं। इसके अलावा मध्य एशिया के लिए एक विशेष पकवान के साथ दुनिया प्रस्तुत - चावल, जो उनके परंपरा है। धर्म भी मिलाया जाता है - इन भूमि रूढ़िवादी ईसाई, बौद्धों और मुसलमानों का निवास पर। सामान्य तौर पर, दुनिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में यह सुदूर पूर्वी क्षेत्र के बिना कल्पना करना मुश्किल है। वहाँ के प्रतिनिधि हैं मोंगोलोएड दौड़ प्रशांत प्रकार है, जो चीन तिब्बती परिवार, जापानी और कोरियाई के हैं। प्रारंभ में अर्थव्यवस्था का एक प्रकार का गठन - मैनुअल सिंचाई खेती, और बाद में व्यापार, प्रकाश उद्योग, परिवहन का विकास शुरू किया। आवास क्षेत्र ढेर के आधार पर मुख्य रूप से निर्माण किया, दीवार ईंटों, मिट्टी या की तरह सामग्री भरने। धार्मिक संदर्भ में यहाँ एक लंबे समय समन्वयता निर्धारित है। कई प्रवृत्तियों, विभिन्न क्षेत्रों, जो एक दूसरे के समान हैं के लिए विशिष्ट हैं, लेकिन एक ही समय में अलग-अलग बारीकियों की एक बहुत कुछ है। एक एंग्लो ऑस्ट्रेलियाई और आदिवासी-ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र - दुनिया का सबसे छोटा महाद्वीप दो भागों में विभाजित किया जा सकता है। इनमें से पहला जीवन के अपने यूरोपीय चार्टर की विशेषता है। ये भूमि ज्यादातर ब्रिटिश विजय प्राप्त की, क्योंकि एक लंबे समय तो बढ़ने बड़े शहरों, उद्योग उन में विकसित कर रहा है के लिए। समाज ब्रिटिश के लिए विशिष्ट नैतिक लकीर के फकीर की स्थापना की। उपनगरों में, एंग्लो ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र बहुत अच्छी तरह से अनाज की खेती और भेड़ प्रजनन विकसित की है। ऑस्ट्रेलियाई आदिवासियों-ऑस्ट्रेलियाई क्षेत्र है जो अपने क्षेत्र में छोटा होता है। यहाँ इस महाद्वीप के स्थानीय लोगों को, जो वर्तमान आस्ट्रेलायड्रस के अवतार हैं। कोई बड़े शहरों, उद्योग भी याद आ रही है। इन भूमि, परंपरा और यहाँ के लोग विशेषता है कि इससे पहले कि गोरों पहुंचे जीवन के रास्ते पर।
लखनऊ (ब्यूरो)। साइबर जालसाजों ने रिटायर्ड दारोगा के अकाउंट से 8. 40 लाख रुपये उड़ा दिए थे। कॉल कर पेंशन रोकने के नाम पर रिटायर्ड दारोगा को कंफ्यूज किया और फिर एनी डेस्क एप डाउनलोड करा उनके अकाउंट को खाली कर दिया। शिकायत पर साइबर क्राइम सेल ने जालसाज के खाते में ट्रांसफर होने से पहले पैसा फ्रीज करा दिया। कुछ समय बाद रुपये पीडि़त के खाते में वापस आ गए। एडीसीपी नॉर्थ क्राइम प्राची सिंह ने बताया कि पुलिस विभाग से रिटायर्ड दारोगा रामानंद राय विकासनगर में रहते हैं। 22 मई को उनके पास एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को ट्रेजरी कर्मचारी बताते हुए उनकी पेंशन रुकने की बात कही। जालसाज ने कहा कि पेंशन चालू कराना चाहते हैं तो एनी डेस्क एप डाउनलोड कर लें। उसकी बातों में आकर रामानंद ने एप डाउनलोड कर लिया। एप डाउनलोड होते ही जालसाज ने उनके एसबीआई खाते से 8. 40 लाख रुपये अपने पेयू वॉलेट में ट्रांसफर कर लिए, जिसके बाद उन्होंने हजरतगंज स्थित साइबर क्राइम सेल और एडीसीपी प्राची सिंह से संपर्क किया। साइबर क्राइम सेल की टीम ने पेयू कंपनी से संपर्क कर आरोपी के वॉलेट में गए पीडि़त के 8. 40 लाख रुपये फ्रीज करा दिये। इसके बाद बुजुर्ग के सारे रुपये उनके खाते में वापस आ गये।
जबलपुर। मप्र पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने एनरिच सोलर पावर प्लांट छेनेरा जिला खंडवा के लिए 132 केवी की लाइन एवं फीडर बे अपने 220 के व्ही सबस्टेशन में ऊर्जीकृत करने में सफलता पाई है। गत दिवस 1. 6 किलोमीटर लंबी इस लाइन एवं इसके लिए सबस्टेशन में फीडर बे का निर्माण एवं परीक्षण का कार्य पूर्ण होने के बाद मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने इसे ऊर्जीकृत किया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया कि इस फीडर के ऊर्जीकृत होने से एनरिच सोलर पावर प्लांट से उत्पादित लगभग 50 मेगावाट ग्रीन एनर्जी 132 केव्ही फीडर के माध्यम से 220 केवी सबस्टेशन छेनेरा को प्राप्त हो सकेगी। Share:
निर्धारित की है। प्राधिकारी ने सब्सिडी मार्जिन की मात्रा 0.55 प्रतिशत मानी है। कार्यक्रम संख्या 9 : सूचीबद्ध शेयरों के लिए अनुदान यह कार्यक्रम चीन जन गण सरकार और स्थानीय सरकार द्वारा प्रशासित की है, जो एसएमई को अनुदान, ऋण, ऋण गारंटी तथा वस्तुओं व सेवाओं के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए है। इस कार्यक्रम के लिए एसएमई, प्राइवेट उद्यम और संयुक्त स्टॉक उद्यम यहां तक पात्र है कि वे प्राधिकारियों द्वारा चुने गए स्टॉक एक्सचेंज के संबंध में शेयरों का व्यापार कर रहे हैं। यह कार्यक्रम प्रतिसंतुलनकारी है क्योंकि लाभ पात्रता मापदंडों के आधार पर कतिपय उद्यमों तक सीमित है। घरेलू उद्योग ने "राष्ट्रीय विकास और सुधार आयोग के आदेश तथा आदेश संख्या 35: लौह एवं इस्पात उद्योग के विकास के लिए नीतियां, दिनांक 8 जुलाई, 2005" तथा "प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव और स्टॉक को सूचीबद्ध करने के लिए प्रशासनिक उपाय" तथा अपने दावे के समर्थन में कई वेब आधारित सूचना का उल्लेख किया है। फोशन लिशेंग स्टेनलेस स्टील कं. लि. में पात्र इस्पात उद्योग चीन जन गण में छोटे एवं मझोले उद्यमों में से है। न तो चीन सरकार ने और न ही प्रतिवादी निर्यातकों ने कथित कार्यक्रम के संबंध में कोई विशिष्ट टिप्पणियां प्रदान नहीं की हैं । प्राधिकारी द्वारा जांच चीन सरकार द्वारा अथवा प्रतिवादी निर्यातकों द्वारा इस कार्यक्रम के संबंध में कोई सूचना प्रदान न किए जाने पर प्राधिकारी ने याचिकाकर्ताओं द्वारा प्रदान की गई सूचना पर भरोसा किया है। कार्यक्रम की प्रकृति, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, स्पष्ट रूप से यह दर्शाती है कि यह कार्यक्रम अनुदानों के रूप में प्रतिसंतुलनकारी लाभ प्रदान करता है। यह कार्यक्रम विशिष्ट औद्योगिक उद्यमों को अनुदानों के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान करता है। अनुदानों में शेयरों में सूचीबद्ध किसी उद्योग को धनराशि का प्रत्यक्ष अंतरण करके वित्तीय अंशदान प्रदान करना शामिल है। अनुदान कार्यक्रम के तहत प्राप्तकर्ताओं को लाभ प्रदान करके सार्वजनिक निकाय द्वारा वित्तीय अंशदान के रूप में प्रदान की गई धनराशि के समान लाभ प्रदान किया गया है और इसीलिए एएससीएम के तहत प्रतिसंतुलनकारी है। इस कार्यक्रम के तहत सब्सिडी उद्यम विशिष्ट है। प्राधिकारी यह नोट करते हैं कि इस कार्यक्रम की पहले कुछ अन्य जांच प्राधिकारियों द्वारा जांच की जा चुकी है और इस कार्यक्रम की मौजूदगी तथा प्रतिसंतुलनकारिता संयुक्त राज्य द्वारा नॉन-ऑरियंटेड स्टील प्रतिसंतुलनकारी शुल्क (सीवीडी) जांच में प्रमाणित की जा चुकी है । चीन सरकार और चीन से उत्पादकों/निर्यातकों से सहयोग और कोई सूचना प्राप्त न होने पर प्राधिकारी ने याचिका में निहित सूचना और उसके पास सर्वोत्तम रूप से उपलब्ध सूचना पर भरोसा किया है। प्राधिकारी यह नोट करते हैं कि चीन में बड़ी संख्या में एसएमई के स्टील उत्पादक हैं, जो इस कार्यक्रम के तहत लाभान्वित हुए हैं। यह कार्यक्रम एसएमई, प्राइवेट उद्यमों तथा संयुक्त स्टॉक उद्यमों तक सीमित है और इसीलिए विशिष्ट है और लाभार्थी को वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, चीन सरकार ने ऐसा कोई साक्ष्य प्रदान नहीं किया है जो यह दर्शा सके कि यह कार्यक्रम किसी भी रूप में मौजूद नहीं है अथवा प्रतिसंतुलनकारी सब्सिडी प्रदान नहीं करता। चूंकि यह कार्यक्रम अन्य प्राधिकारियों द्वारा भी इसी क्षेत्र में प्रतिसंतुलनकारी पाया जा चुका है, इसलिए प्राधिकारी ने यह पाया है कि उपरोक्त कार्यक्रम में प्रतिसंतुलनकारी सब्सिडी शामिल है। कार्यक्रम संख्या 10 : गुआंगडोंग प्रांत में उद्यम के बाहरी विस्तार के लिए धनराशि यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय बाजार की लाश में क्षेत्रीय उद्योगों की सहायता के लिए गुआंगडोंग नगर पालिका निगम द्वारा संचालित किया गया है। इस कार्यक्रम के तहत उद्यमों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार तलाशने, प्रदर्शनियों, संवर्धनों, कानूनी व निर्यात ऋण व्ययों, अनुसंधान, प्रशिक्षण, आईपीआर, अनुप्रयोगों इत्यादि के लिए अनुदान, ऋण और ऋण गारंटी प्रदान की जाती है। गुआंगडोंग प्रांत में स्थित उद्यम, जो उद्योग के बाहरी विस्तार के लिए कार्य करते हैं, ऐसी सहायता के लिए पात्र हैं। यह कार्यक्रम प्रतिसंतुलनकारी हैं क्योंकि इसके लाभ पात्रता मानदंडों के आधार पर कतिपय उद्यमों तक सीमित हैं। घरेलू उद्योग की
बात उस समय की है जब सुपरस्टार अजय देवगन को लेकर रामगोपाल वर्मा फिल्म 'भूत' बना रहे थे और ताब ही उनके साथ एक हादसा हुआ था. आपको पहले इस बात से अवगत करा दें कि सिंह अजय देवगन की यह फिल्म 16 साल पहले साल 2003 में रिलीज हुई थी और इसे बेहतरीन फिल्म माना जाता है. इसमें अजय ने दमदार रोल अदा किया था. इस फिल्म की शूटिंग एक बार 28वीं मंजिल पर हो रही थी और एक बार अजय देवगन काम खत्म करने के बाद लिफ्ट से वापस नीचे आ रहे थे. तब ही चौथी मंजिल से लिफ्ट में खराबी आ गई और वो धड़ाम से सीधे एक दम नीचे आ गई. इससे अजय देवगन काफी घबरा गए थे. वे कुछ समझ पाते इतने में लिफ्ट अपना काम कर चुकी थी. अजय इस दौरान लिफ्ट में फंस गए और डेढ़ घंटे तक वे पसीना-पसीना होते रहे. उनके जीवन का यह सबसे बुरा अनुभव भी रहा. बताया जाता है कि बड़ी मुश्किल से वे बाहर निकले और इस घटना से अजय इतना घबराए गए थे कि वे क्लॉस्ट्रोफोबिक हो गए और लिफ्ट के अंदर जाने से भी वे घबराने लगे. इस बात का अंदाजा इससे से लगाया जा सकता है कि अजय देवगन ने इसके बाद शूटिंग के लिए सीढ़ी से जाने का फैसला ले लिया और वे 28 वीं मंजिल तक जाने और नीचे आने के लिए सीढ़ियों का इस्तेमाल किया करते थे. जानकारी के मुताबिक़, वे दिन में वे चार बार भी ऐसा कर लेते थे. ख़ास बात यह है कि अजय अभी भी लिफ्ट के इस्तेमाल से डरते हैं और वे ऐसी लिफ्ट में ही जाना पसंद करते हैं जिससे आरपार सब नजर आता हो.
कद्दू के palatability और उपयोगी गुणों के अलावा, यह सभी खोने वाले वजन का सबसे अच्छा दोस्त भी है। चूंकि यह वजन घटाने के लिए बहुत प्रभावी है। कद्दू में विटामिन और खनिजों का एक जटिल, साथ ही साथ न्यूनतम कैलोरी भी होती है। कद्दू से भी आप बहुत सारे आहार व्यंजन बना सकते हैं। यह सूप, फ्रिटर, अनाज , पुलाव और बहुत सारे मीठे और स्वादिष्ट मिठाई हो सकते हैं। इसके अलावा, यह सब्जी कैंसर के खतरे को कम करती है और दिल की कार्यप्रणाली में सुधार करती है। वजन घटाने के लिए कद्दू का उपयोग उपयोगी सूक्ष्म और मैक्रो तत्वों की उपलब्धता के कारण बनता है। विटामिन एः - विकास के लिए उपयोगी; - हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है; - शरीर को संक्रमण से बचाता है; - एक एंटीऑक्सीडेंट है; - दृष्टि में सुधार करता है। विटामिन सीः - घावों की तेजी से उपचार को बढ़ावा देता है; - एक एंटीऑक्सीडेंट है; - सर्दी और फ्लू से बचाता है; - प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। विटामिन ईः - त्वचा की स्थिति में सुधार करता है; - अनुकूल रूप से बाल और नाखूनों को प्रभावित करता है। - फास्फोरसः - शरीर के विकास और विकास में भाग लेता है; - हड्डियों और मुलायम ऊतकों को अनुकूल रूप से प्रभावित करता है। तांबेः - हीमोग्लोबिन और प्रोटीन के गठन में भाग लेता है। लोहाः - ऑक्सीजन परिवहन; - रक्त कोशिकाओं के गठन में भाग लेता है। पैंटोथेनिक एसिडः - शरीर के स्वर को बढ़ाता है; - ऊर्जा के संचय को बढ़ावा देता है; कद्दू के आधार पर, कई आहार और विभिन्न पोषण प्रणालियों का निर्माण किया गया है। आज हम उनमें से एक से परिचित होंगे। कद्दू आहार 7-14 दिनों के लिए बनाया गया है। वजन घटाने का औसत 7 किलोग्राम है। पाठ्यक्रम के दौरान, आपको केवल कद्दू व्यंजन खाना चाहिए, लेकिन आप आहार में अन्य सब्जियां और कुछ फल शामिल कर सकते हैं। शुद्ध रूप में चीनी और नमक को बाहर रखा जाना चाहिए। चीनी और क्रीम और दूध के बिना पीने के लिए चाय और कॉफी की भी सिफारिश की जाती है। आहार के पेशेवरः - आपको भूख नहीं लगती है; - भोजन संतुलित है; - शरीर की दर्द रहित सफाई; - विषाक्त पदार्थों और विषाक्त पदार्थों को वापस लेना; - वजन लंबे समय तक नहीं लौटाता है। और अब हम एक हल्के कद्दू सूप के सबसे सरल और लोकप्रिय नुस्खा से परिचित होंगे। सामग्रीः - पानी - 1 एल; - लुगदी लुगदी - 1 किलो; - प्याज - 1 पीसी। - लहसुन - 2 लौंग; - मक्खन - 50 ग्राम; - दूध - 50 मिलीलीटर; - सब्जी या जैतून का तेल - 2 बड़ा चम्मच। एल। - चीनी - 0. 5 चम्मच; - काली मिर्च और नमक - स्वाद के लिए। कद्दू के साथ त्वचा काट, बीज हटा दें। छोटे क्यूब्स में मांस काट लें। प्याज साफ और छोटे टुकड़ों में काटा जाता है। लहसुन साफ हो जाता है और हम स्कैबर्ड से गुजरते हैं। इसके बाद, पारदर्शी तक मक्खन में एक सॉस पैन में प्याज तलना, लहसुन जोड़ें। फिर लगातार stirring, कुछ और मिनट के लिए कद्दू cubes, तलना जोड़ें। अब पैन में आप पानी में डाल सकते हैं और उबालने की अनुमति देते हैं। कम गर्मी पर लगभग आधे घंटे तक कुक करें, जब तक कि कद्दू के टुकड़े नरम न हों। मैश किए हुए आलू की स्थिति में, एक चलनी या ब्लेंडर में गुजरने वाले सभी अवयवों को पीस लें। इसके बाद, दूध या क्रीम, काली मिर्च और नमक में डालना। आप सब्जी या मांस कट के साथ पकवान की सेवा कर सकते हैं। कद्दू का तेल प्रसिद्ध लिनन से कम नहीं है। यह सक्रिय रूप से पेट, कूल्हों और कमर क्षेत्र में, उपकरणीय वसा जलने को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, विभिन्न बीमारियों को रोकने, यकृत, पेट और आंतों के कामकाज पर कद्दू का तेल का सबसे अच्छा प्रभाव पड़ता है। एक उपयोगी प्रोफिलैक्सिस कद्दू के तेल से सलाद और मुख्य व्यंजनों में भर जाएगा। यदि आपका मुख्य लक्ष्य वजन कम करना है - इसे अन्य खाद्य पदार्थों के अलावा बेहतर तरीके से उपयोग करें। भोजन से एक घंटे पहले यह 3 बार 3 बार चम्मच पर्याप्त होगा। वजन कम करने के लिए कद्दू के बीज का फाइबर भी उपयोगी होता है। इसके अलावा, यह भूख को हतोत्साहित करता है, परजीवी के खिलाफ झगड़ा करता है और शरीर को शुद्ध करने में मदद करता है। एक चम्मच पर दिन में 3 बार बुनियादी भोजन के साथ इसे अनुशंसा की जाती है।
गुजरात जायंट्स और पुनेरी पलटन के बीच एक करीबी मुकाबला हुआ, जिसमें दोनों टीमों ने लूट साझा की। प्रो कबड्डी सीजन 8 के 118वें मैच में 40 मिनट के बाद मैच 31-31 पर बराबरी पर था। मोहित गोयत ने 10 अंकों के साथ पुनेरी पलटन का नेतृत्व किया, जबकि राकेश संग्रोया 10 अंक हासिल कर गुजरात जायंट्स के लिए शो के स्टार रहे। गुजरात जायंट्स रेड विभाग में 22 के स्कोर पर पुनेरी पलटन के 17 अंकों के साथ बराबरी पर था। जब गुजरात जायंट्स से टैकल की बात आई तो उसने पुनेरी पलटन के 11 अंकों के साथ 6 अंक बनाए। दूसरे हाफ में रेड्स का और जोरदार मुकाबला हुआ और अंत में मैच टाई पर समाप्त हुआ। गुजरात जायंट्स के कप्तान सुनील कुमार ने 1 रन बनाए जबकि पुनेरी पलटन के कप्तान नितिन तोमर ने 1 को चुना। गुजरात जायंट्स का मुख्य आधार सुनील कुमार 97% रेड तक मेट पर रहते थे। ।Aslam Inamdar (PU) ।असलम इनामदार एक बोनस अंक के साथ वापस आते हैं। ।Ajay Kumar (GJ) ।सुपर रेड! मैदान पर पिन किए जाने के बावजूद अजय ने 3 पुनेरी पलटन खिलाड़ियों को बाहर कर दिया। ।Rakesh Sangroya (GJ) ।नितिन तोमर गलती करते हैं और उन्हें बेंच पर वापस जाना पड़ता है और राकेश संग्रोया के लिए यह एक और बिंदु है। ।Rakesh Sangroya (GJ) ।राकेश संग्रोया सोमबीर के साथ लॉक हॉर्न करते हैं, लेकिन लाइन पार करने में सफल होते हैं। ।Mohit Goyat (PU) ।मोहित गोयत ने गिरीश एर्नाक को हैंड टच से एलिमिनेट किया। ।Rakesh Sangroya (GJ) ।राकेश संग्रोया ने असलम इनामदार को पीछे छोड़ते हुए खेल का मुद्दा उठाया। ।Mohit Goyat (PU) ।परफेक्ट टीम प्ले, डिफेंस ने रेडर मोहित गोयत को मैट से बाहर किया। रेडर हालांकि एक बोनस चुटकी लेते हैं। ।Rakesh Sangroya (GJ) ।अभिनीश नटराजन एक टैकल के लिए जाते हैं, लेकिन रेडर फिसल जाते हैं और टैकलर को कोर्ट छोड़ना पड़ता है। ।Rakesh Sangroya (GJ) ।विशाल भारद्वाज, अभिनीश नटराजन को राकेश संग्रोया के टच में आने पर छोड़ना पड़ा। ।Aslam Inamdar (PU) ।असलम इनामदार को गिरीश एर्नक को आउट करते ही एक और रेड प्वाइंट मिलता है। ।Ajay Kumar (GJ) ।अजय को उतारा गया है! ।Mohit Goyat (PU) ।हादी गलती करते हैं और उसे वापस बेंच पर जाना पड़ता है और यह मोहित गोयत के लिए एक और बिंदु है। ।Mohit Goyat (PU) ।मोहित गोयत पिछले कुछ समय से पी भैंसवाल को निशाना बना रहे हैं और आखिरकार स्मार्ट हैंड टच से उन्हें आउट कर दिया। ।Mahendra Ganesh Rajput (GJ) ।परफेक्ट टीम प्ले, डिफेंस ने रेडर महेंद्र को मैट से बाहर निकाला। रेडर हालांकि एक बोनस चुटकी। ।Mohit Goyat (PU) ।हित गोयत सुनील कुमार के साथ लॉक हॉर्न करते हैं, लेकिन लाइन पार करने में सफल होते हैं। ।Rakesh Sangroya (GJ) ।विशाल भारद्वाज को राकेश संग्रोया के टच में आने पर छोड़ना पड़ता है। ।Rakesh Sangroya (GJ) ।राकेश संग्रोया ने सफलतापूर्वक रेड किया और मोहित गोयत, अभिनीश नटराजन को आउट किया।
फिल्मों में जो किरदार हम देखते हैं वो निर्देशक के कहने पर हमें दिखाया जाता है. कभी-कभी फिल्मों में अच्छे किरदार निभाने वाले कलाकार असल जिंदगी में बुरे होते हैं और फिल्मों में खलनायक बने सितारे असल जिंदगी में बहुत ही शांत और अच्छे होते हैं. बॉलीवुड की भी यही कहानी है जिसमें कई ऐसे विलेन हैं जो अपनी असल जिंदगी में बहुत ही शांत और लवेबल जिंदगी जीते हैं. फिल्म में जितना महत्वपूर्ण किरदार हीरो और हीरोइन निभाते हैं उतना ही विलेन का भी होता है. पूरी फिल्म में जिस हीरोइन के लिए विलेन हीरो से लडता है उससे कहीं ज्यादा खूबसूरत उनकी पत्निया हैं. बॉलीवुड के इन खतरनाक विलेन की पत्नियां हैं बेहद खूबसूरत, इनके बारे में आपको भी पता होना चाहिए क्योंकि फिल्मों में इनका उग्र रूप असल जिंदगी में अलग हैं. बॉलीवुड इंडस्ट्री में एक से बढ़कर एक कलाकार हैं जिन्होंने निगेटिव किरदार निभाए और अपनी खास पहचान बनाई. लोगों के दिलों में वो भले ही इनके लिए उतना प्यार ना हो लेकिन असल जिंदगी में वो भी कलाकार हैं और पर्दे पर वही किरदार निभाते हैं जो उन्हें करने को कहा जाता है. आज हम आपको इंडस्ट्री के इन्हीं विलेन की खूबसूरत पत्नियों से मिलवाने जा रहे हैं. फिल्म हॉलीडे में जिस विलेन ने अक्षय कुमार की नाक में दम कर दिया था उनका नाम फ्रेडी दारुवाला है. उनकी पत्नी क्रिस्टल बरियावां किसी एक्ट्रेस से खूबसूरत नहीं हैं. फ्रेडी फिल्मों में अक्सर विलेन का किरदार ही निभाते हैं लेकिन असल जिंदगी में वे बेहद शांत हैं और अपने पत्नी से बहुत प्यार करते हैं. जिस्म-2, मैं तेरा हीरो और ब्लैकमेल जैसी फिल्मों में विलेन का किरदार निभा चुके अरुणोदय सिंह भी असल जिंदगी में एक खुशमिजाज आदमी हैं. फिल्मों में भले ही वो दमदार किरदार निभाते हों लेकिन असल जिंदगी में वो अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते हैं जिसका नाम ली एल्टन है. वांटेड, सिंघम, दबंग-2 और एंटरटेनमेंट जैसी फिल्मों में दमदार विलेन का किरदार निभाने वाले प्रकाश राज साउथ सिनेमा के एक उम्दा एक्टर हैं. उनकी पत्नी पोनी वर्मा को उनके विलेन वाले रोल से कोई परहेज नहीं है और उनकी खूबसूरती आप तस्वीर में आसानी से देख सकते हैं. हमारी इस लिस्ट में बहुत ही पुराने विलेन कबीर बेदी हैं जिन्होंने अब तक चार शादियां कीं. 70 साल की उम्र में कबीर बेदी ने 34 साल की लड़की से शादी की जो उनकी बेटी पूजा बेदी से चार साल छोटी हैं. उनकी चौथी पत्नी का नाम परवीन दुसंज है और वो बेहद खूबसूरत हैं. फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस के थंगाबाली विलेन को कोई कैसे भूल सकता है ? उनका नाम निकितन धीर है और उन्होंने छोटे पर्दे की झांसी की रानी कृतिका से शादी की. कृतिका ने छोटे पर्दे पर बहुत से पॉपुलर किरदार निभाए और निकितन धीर ने साउथ की कई फिल्मों में दमदार विलेन का किरदार निभाया.
नई दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के शिक्षा निदेशक विनय भूषण के तबादले पर नाराजगी जताई है। सिसोदिया ने इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण देश एक अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। स्कूल-कॉलेज बंद हैं। इसका असर पढ़ाई पर पड़ रहा है। इस संकट के बीच शिक्षा निदेशक को अचानक हटाए जाने से दिल्ली सरकार की पढ़ाई को जारी रखने की कोशिशों को खासा नुकसान होगा। लिहाजा वर्तमान शिक्षा सत्र तक बिनय भूषण को शिक्षा निदेशक पद पर बने रहने दिया जाए। तबादले पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा है कि शिक्षा निदेशक को कार्यभार संभाले एक वर्ष ही हुआ है, ऐसे में उन्हें पद से हटाने की जल्दबाजी क्यों दिखाई गई है। सरकारी स्कूलों में बारहवीं का रिजल्ट काफी अच्छा रहा है। ऐसे में इतनी जल्दी शिक्षा निदेशक के तबादले का औचित्य समझ में नहीं आ रहा। पत्र में उन्होंने तबादले के फैसले पर पुनर्विचार करने और तबादले के आदेश को रद्द हुए बिनय भूषण को कम से कम मार्च 2021 तक शिक्षा निदेशक के पद पर बनाए रखने की अपील की है। सिसोदिया ने कहा है कि किसी भी केंद्र शासित राज्य के मुख्यमंत्री से सलाह लिए बिना ही तबादले के आदेश जारी कर दिए गए। किसी भी अधिकारी की अंतरराज्यीय ट्रांसफर-पोस्टिंग से पहले संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा करके ही फैसले लिए जाने की व्यवस्था कायम होनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि शिक्षा निदेशक का तबादला अंडमान निकोबार करने के आदेश गृह मंत्रालय ने दिए हैं। विनय भूषण करीब दो दशक से दिल्ली में ही तैनात हैं। वह शिक्षा विभाग में इससे पहले अतिरिक्त निदेशक के पर भी कार्यरत रहे हैं। मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय गृहमंत्री से सवाल किया है कि केंद्र कहता है कि दिल्ली केंद्र शासित प्रदेश है। तो क्या केंद्र की यह जिम्मेदारी नहीं है कि वह दिल्ली में शिक्षा के काम में मदद करें। कानूनन गृह मंत्रालय एजीएमयूटी कैडर, अरुणाचल, गोवा, मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेशों के आईएएस अधिकारियों की कैडर कंट्रोलिंग अथॉरिटी हैं।
की कूटनीतिज्ञता थी, इसमें अन्य किसी शक्ति का हाथ नहीं था । इम अध्याय में हम यह देखेंगे कि इस हिन्दू संन्यामी अनूप गिरि ने किम प्रकार अपनी राजनीतिक चाल से मराठा सरदार महादजी को दिल्ली में सर्वोच्च स्थान पर पहुॅचा दिया। नजफ खाँ की मृत्यु के पश्चात् उसका प्रिय अनुयायी खॉ रीजेन्ट नियक्त किया गया । सियाव ने रीजेन्ट बनने के लिए यह वायदा किया था कि वह मम्राट् के कोप को अनुत सम्पत्ति से भरकर उन्हें प्रमन्न कर देगा। परन्तु जब वह अपने इस वायदे की पूर्ति न का मका. सम्राट् ने उसे पदच्युत कर शफी खाँ को उसके स्थान पर नियुक्त करने की चाल खेन्नी । ऐसा करने के लिए सम्राट् ने अंग्रेजी सेना की सहायता लेने का विचार किया। उधर गोसाई गिरि ने सफासियाच खाँ को ऐसी सकटकालीन स्थिति में पाकर उसे सभी प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा महायता दिलाने का प्रयत्न करने का आश्वासन दिलाया । साथ ही गोसाई जी ने ऐमा प्रयत्न किया जिससे कामियाब राजकुमार को अपने साथ लेकर आगरे को प्रस्थान करे और वहाँ जानेवानी सेना का यं यक्ष रहे । परन्तु दुर्भाग्यवश यह चाल सफल न हुई । सम्राट् ने इसको अपमानजनक समझकर, सियाव के सलाहकार अनूप गिरि जी पर प्रतिबंध व नियंत्रण लगा दिया। अपने सलाहकार के इस अपमान को अफासियाव भी न सहन कर सका । उसने इसका बदला लेने का इरादा किया । इसके परिणामस्वरूप अफासियाय को अपने पद से हाथ धोना पड़ा। उसके स्थान पर शफी की. नियुक्ति की गई । परन्तु शफी को सफलता चिरस्थायी न रही । यह मुख्य रूप से हमदनी की सैनिक सहायता के बल पर ही इस पद पर पहुँचा था और उसने आपस में होने वाली समझौतों की शर्तों को न मानकर हमदनी को प्रसन्न कर लिया था। हमदनी ने शफी के विरुद्ध विद्रोह खड़ा कर दिया। उसने जयपुर तथा मछेरी के राजाओं के साथ मिलकर आगरा के निकटवर्ती प्रदेश में डेरा डाला । शफी ने भी इस चुनौती को स्वीकार कर लिया और हमदनी को उचित उत्तर देने के लिए उसने अपने विद्रो हियों-अफासियाच तथा अनूप गिरि जी की भी सहायता प्राप्त कर ली। इस कार्य के लिए अंग्रेजों से सैनिक सहायता पाने के लिए तत्कालीन गवर्नर-जनरल लार्ड उधर इस देरदार को देखकर अनुप गिरि जी ने इस अवसर से लाभ उठाया । उन्होंने हमदनी से अच्छी टक्कर लेने के लिए सिंधिया से सैनिक सहायता लेने का प्रस्ताव रखा (इज़ात ११, ५७) इस प्रकार इस रूप में देहली के राजनैतिक क्षेत्र में एक नवीन शक्ति का उदय हुआ। उस समय महादजी सिन्धिया गोहद के जाट राजा के साथ खालियर में युद्ध में लगे हुए थे । अपनी इस योजना को मूर्त रूप देने के लिए अनूप गिरि सिन्धिया के शिविर में जा पहुँचे । भाग्य की बात है कि इस समय से कोई पच्चीस वर्ष से भी पहले इन्हीं जाटों की बदौलत सिंधिया तथा गोसाईंजी की मित्रता हुई थी । गोताईजी पर जाटों ने आक्रमण कर दिया था और उन्हें भागकर महादजी के यहाँ शरण लेनी पड़ी थी और उधर महादजी ने अपनी पगड़ी गोसाईजी को देकर तथा : गोसाईंजी की पगड़ी स्वयं लेकर सन्धि, की रस्म अदा कर ली थी। इस प्रकार के मैत्रीपूर्ण संबंध देखकर कोई भी व्यक्ति आसानी से यह निष्कर्ष निकाल सकता था कि गोसाईंजी ने जिस कार्य को हाथ में लिया है, उसे वे बड़ी आसानी से पूरा कर देंगे। परन्तु ऐसी बात नहीं थी । इस घटना के कुछ ही दिन पूर्व, अनूप गिरि जी के बन्धु उमराव गिरि जी, जो कि सम्राट् द्वारा भेजे गए थे, निराश होकर वापस लौट आए थे । शाहजादा जवानबख्त ने मराठा सरदार के पास यह कहला मेजा था कि मैं आपके यहाँ आना चाहता हूँ। इस पर मराठा सरदार ने यह उत्तर दिया था कि आप मेरे यहाँ आने का कष्ट न करें, में स्वयं आपके यहाँ आ जाऊँगा । (सतारा हिस्ट्री सेक्स 1, ६६, न्यू हिस्ट्री आफ दि मराठा III १३६) मराठा सरदार के उपरोक्त उत्तर से यह स्पष्ट हो जाता है कि सम्राट्व शहजादा के प्रति उनकी किस प्रकार की भावना थी । ग्वालियर वापस आने पर, फरवरी में, गोसाई जी ने देखा कि सिन्धिया का कुछ झुकाव शफी की तरफ है। ऐसी भावना का मुख्य कारण यह था कि इस समय हमदनी ग्वालियर में पहुँच गया था और गुप्त रूप से राणा छत्रसिंह को त्रस्त कर रहा था। परन्तु जब महादजी सिन्धिया तथा हमदनी में एक प्रकार का समझौता हो गया तो हमदनी ने जयपुर के राजा की ओर प्रस्थान कर दिया। इधर सिन्धियो के भी विचार बदले । महादजी ने उन क्षेत्रों से, जिन पर कि नजफ खाँ ने अधिकार जमा लिया था, चौथ की झूठी माँग की, साथ ही कुछ हिन्दू राज्यों - भरतपुर और जयपुर के राजाओं के लिए एक प्रकार के संरक्षण की माँग रखी जिससे उनके शिविर में स्थित ब्रिटिश रेजीडेन्ट किसी प्रकार की बड़ी सन्धि का होना असम्भव समझे । द्वादश अध्याय गोस्वामी अनूप गिरि के अन्य कार्य गोसाईंजी की कूटनीतिज्ञता के फलस्वरूप दोनों में आपस में होनेवाली सन्धि के मार्ग में पढ़नेवाले रोड़े दूर हो गये । धौलपुर के निकट, चम्बल नदी के तट पर, जून के अन्त में शफी तथा महादजी का मिलन हुआ और दोनों ने आपस में पगड़ी बदल करके सन्धि की रस्म अदाई की। इधर जब गोसाईंजी ग्वालियर में ठहरे हुए थे -- फरवरी से लेकर जून तक तो उधर दिल्ली के राजनैतिक क्षेत्र में एक विचित्र ही परिवर्तन हो गया । इस संमय गवर्नर जनरल लार्ड हेस्टिंग्स ने सम्राट् शाह आलम से अँगरेजों के अच्छे सम्बन्ध स्पष्ट करने और सम्राट् के हित-साधन करने के लिए जेम्स ब्राउन को नियुक्त किया । ( फारेस्ट-कृत सेलेक्शन फाम रेकर्ड्स इन दि फारेन डिपार्टमेन्ट ३, १०२५) वह अगस्त सन् १७८२ में कलकत्ते से खाना होकर नवम्बर में अवध के सीमान्त क्षेत्र फर्रुखाबाद में पहुँच गया था। यहाँ पर उसे सम्राट् की अनुमति न मिलने के कारण तीन मास तक रुकना पड़ा । अन्त में सलाउद्दीन मुहम्मद के प्रयत्नों के फलस्वरूप २६ फरवरी को उसने आगरे में शफी से भेंट को अपनी योग्यता व प्रतिभा के कारण जेम्स ब्राउन ने दिल्ली की राजनीति में अच्छा स्थान प्राप्त कर लिया । चम्बलवाले सम्मेलन में ब्राउन का सिन्धिया से भी परिचय कराया गया । जब शफी डीग चला गया, मीर वख्शी के साथ होनेवाले जाट रांजा के समझौते में भी ब्राउन ने मध्यस्थ का काम किया । इस प्रकार शफी के सलाहकारों को ब्राउन ने प्रभावित करना शुरू कर दिया, और शफी से युद्ध तथा शान्ति के समय एक दूसरे को सहायता देने का वायदा कर समझौता कर लिया। परन्तु इसके पहले कि शफी सन्धि को दृढ करता या सिन्धिया की सन्धि वह निष्फल कर देता, उसे पड़यन्त्र द्वारा जिसमें कि गोसाई अनूप गिरि जी का मुख्य हाथ था, राजनीतिक मंच से निकाल बाहर किया गया । शफी का अन्त कर दिया गया। इस बात का पता सन् १७८४ की तीसवी अक्टूबर के 'अखवारात' के एक पत्र से लग जाता है। शफी की हत्या के पश्चात् महादजी ने शफी की उम्र सम्पत्ति की मॉग की जिम पर हमदनी ने अधिकार जमा लिया था। इस पर वकील
सत्ताधारी संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने पूर्व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के दौरान 2003 में दक्षिण अफ़्रीकी कंपनी डेनेल के साथ हुए रक्षा सौदे की जाँच सीबीआई को सौंप दी है. दूसरी ओर पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने इसे सेनाओं को हतोत्साहित करने की साजिश क़रार दिया है. रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी ने घोषणा की कि उन्होंने जाँच के आदेश दे दिए हैं कि इस रक्षा सौदै में कोई मध्यस्थ तो शामिल नहीं था. डेनेल के साथ 20 करोड़ रुपए का सौदा हुआ था जिसके तहत उसे टैंकरोधी राइफ़ल की आपूर्ति करनी थी. भारतीय नियमों के अनुसार रक्षा सौदों में कोई मध्यस्थ या दलाल नहीं होना चाहिए. दक्षिण अफ़्रीका के अख़बार 'केप आर्गूस' ने ख़बर छापी थी कि इस सौदे में ब्रिटिश एस्ले स्थित एक एजेंड को 13 फ़ीसदी कमीशन दिया गया. इस दौरान जॉर्ज फर्नाडिंस भारत के रक्षा मंत्री थे. समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार डेनेल के एक प्रवक्ता ने कहा है कि भारत को राइफ़ल आपूर्ति में भ्रष्टाचार के आरोपों पर कंपनी जल्द अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेगी. रक्षा मंत्री प्रणव मुखर्जी के अनुसार कंपनी ने ऐसी 300 राइफ़ल की आपूर्ति कर दी है और लगभग उतनी ही राइफ़ल की आपूर्ति पर रोक लगा दी गई है. तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने इसके लिए कांग्रेस और नेहरू-गाँधी पर निशाना साधा है और कहा है कि कांग्रेसवाद के विरोध के कारण उनको निशाना बनाया जा रहा है. फर्नांडिस कहना है कि यह सेनाओं को हतोत्साहित करने की साजिश है. रक्षा सौदों के मामले को लेकर मंगलवार को भी संसद के दोनों सदनों में भी हंगामा हुआ था और कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी. दरअसल सत्तारुढ़ यूपीए के घटक दलों, ख़ासकर कांग्रेस ने कारगिल के दौरान हुए रक्षा सौदों को लेकर जॉर्ज फ़र्नांडिस पर घोटाले के आरोप लगाए थे. इसको लेकर संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष में खासी नौंकझोंक हुई थी.
NASA इटेलियन स्पेस एंजेसी (ASI), कैनेडियन स्पेस एजेंसी (CSA) और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के साथ साझेदारी में मंगल ग्रह (Mars) पर Mars Ice Mapper मिशन के लिए रोबोट ऑर्बिटर भेजने वाली है। साइंटिस्ट को यह मालूम है कि मंगल ग्रह पर ध्रुवों और बड़े गड्ढों में काफी बर्फ मौजूद है। इस रिसर्च के जरिए वे यह जानना चाहते हैं कि इसके अलावा कहां बर्फ स्थित है। ऐसा अनुमान है कि कई जगहों में सतह के नीचे भारी मात्रा में बर्फ है। यह भविष्य के मिशन को देखते हुए काफी मददगार साबित हो सकती है। इसमें भविष्य में एस्ट्रोनॉट्स को बर्फ के लिए ध्रुवों में सभी जगह नहीं ढूंढना होगा, उन्हें यह पहले से पता होगा कि कहां जमीन खोदने पर बर्फ मिल सकती है। NASA के प्लेनेटरीसाइंस डिवजन डिप्टी डायरेक्टर और मार्स एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम के डायरेक्टर Eric Ianson ने कहा कि भविष्य में मंगल ग्रह पर मानव के लिए मददगार होने के अलावा इस मिशन से ग्रह की सतह के नीचे बर्फ की जानकारी वैज्ञानिक की खोज में ज्यादा योगदान करेगी। सतह के नजदीक पानी उसके ऊपर के लेयरिंग को दिखाएगा। इससे पता चलेगा कि मंगल ग्रह पर पर्यावरण कैसा रहता था और कैसा रहता है। कई ऐसे सवाल हैं, जिनका सवाल साइंटिस्ट जानना चाहते हैं तो उनका जवाब मिलेगा। इससे यह पता चलेगा कि मंगल पर माइक्रोबियल जीवन आज संभव है या नहीं।
शाजापुर (मध्य प्रदेश), 22 जुलाई मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले की एक अदालत ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के मामले में 28 वर्षीय युवक को बृहस्पतिवार को 12 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। घटना करीब दो साल पहले की है। शुजालपुर के अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजय मोरे ने बताया कि न्यायालय द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश शुजालपुर ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में बृहस्पतिवार को सुनवाई करते हुए आरोपी अर्जुन सिंह अहिरवार (28) को लैंगिक अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम- 2012 की धारा 3/4 में 12 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5,000 रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, अदालत ने उसे भादंवि की धारा 450 में पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2,000 रूपये अर्थदण्ड से भी दंडित किया है। मोरे ने बताया कि दुष्कर्म की यह घटना 22 अगस्त 2019 को हुई थी। तब पीड़िता अपने घर पर अकेली थी और आरोपी ने उसके घर में घुस कर इस वारदात को अंजाम दिया था। उन्होंने कहा कि अभियोजन की ओर से पीड़िता, साक्षीगण, डॉंक्टर, विवेचक एवं सभी आवश्यक गवाहों के बयान करवाकर अदालत में अंतिम तर्क प्रस्तुत किये गये। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
प्रोजेक्ट 49RV की प्रायोगिक पनडुब्बी S-633 बालाक्लावा में भूमिगत संग्रहालय परिसर का एक संग्रहालय टुकड़ा बन जाएगा। पनडुब्बी को सूखी गोदी में स्थापित किया जाएगा, जिससे बाहर और अंदर दोनों तरफ से निरीक्षण किया जा सकेगा। सैन्य निर्माता बालाक्लावा में भूमिगत परिसर के पुनर्निर्माण के दूसरे चरण को पूरा कर रहे हैं, जहां सोवियत पनडुब्बियों का आधार हुआ करता था। वर्तमान में, एक नया संग्रहालय परिसर है जिसमें सोवियत पनडुब्बी S-49 परियोजना 633RV (नाटो वर्गीकरण के अनुसार "रोमियो") जल्द ही अपनी जगह ले लेगी। पनडुब्बी को सूखी गोदी में स्थापित किया जाएगा, जहां पहले काला सागर पनडुब्बियों की मरम्मत की गई थी बेड़ा. पनडुब्बी S-49 को 29 मार्च, 1961 को गोर्की (निज़नी नोवगोरोड) में क्रास्नोय सोर्मोवो शिपयार्ड में रखा गया था, 27 जुलाई, 1961 को लॉन्च किया गया था और 31 दिसंबर, 1961 को चालू किया गया था। उसने उत्तरी और काला सागर बेड़े में सेवा की। 60 के दशक के उत्तरार्ध में, इसे पनडुब्बी रोधी प्रणालियों "वाटरफॉल" और "विंड" के परीक्षण के लिए फिर से सुसज्जित किया गया था। आधुनिकीकरण की प्रक्रिया में, इसे नए टॉरपीडो के परीक्षण के लिए दो 650-मिमी टारपीडो ट्यूबों के साथ धनुष में एक अधिरचना प्राप्त हुई। 1985 तक, S-49 ने USSR नौसेना के लिए सीरियल टॉरपीडो के सभी परीक्षणों में भाग लिया। 1991 में मरम्मत के बाद, इसे एक प्रयोगात्मक पनडुब्बी के रूप में वर्गीकृत किया गया था, और 1995 में इसे रूसी नौसेना से बाहर रखा गया था। उसी वर्ष, इसे एक फ्लोटिंग चार्जिंग स्टेशन में बदल दिया गया और इसका नाम बदलकर PSZ-50 कर दिया गया और 2019 तक सेवा दी गई, जिसके बाद इसे बेड़े से निष्कासित कर दिया गया। 2021 में, परियोजना 633РВ (रोमियो) की अंतिम पनडुब्बी को एक संग्रहालय प्रदर्शनी में फिर से सुसज्जित करने और इसे बालाक्लावा में भूमिगत संग्रहालय परिसर में रखने का निर्णय लिया गया। - इस्तेमाल की गई तस्वीरेंः
सतलुज नदी - श्यासो खड्ड चे चलकर नेसड़ पुल के पास पहुंचने पर सतलुज का मिलन 'ग्यनिथङ्' या 'नेसड़' उपत्यका की चोटी से आने वाली 'नेसड़/ग्यनथिङ' खड्ड से इसके बाएं तट पर होता है। नसड़ पुल से आगे बढ़ने पर यह थेबोर भाषा-भशी क्षेत्र 'शुमछो' में प्रवेश होती है। शुमछो की सीमा पर 'कोरङ' के पास सतलुज का मिलन इसके बाएं तट पर लिद-फू, जिसे 'पेंजुर' या 'तेती' उपत्यका भी कहते हैं, के शीश-लरसा तथा इसके आसपास के क्षेत्रों से बनकर आने वाली पेंजुर या तेती नाम की नदी से होता है। स्पीति के बाद तेलेती दूसरी बड़ी नदी है, जो सतलुज में मिलती है। लरसा से कीरङ तक इसके दाएं तट पर क्रमशः टेपोङ् चिपोङ्, गुमजङ, वारी, शुलती, द्रमलिङ, ओरशटडङ् गुरश, सवाफू, पेतकारङ, ठोफर, शोङल और बाएं तट पर कुलुसोरड् होमगर, स्कठा, ठोटी, चत-तीगारङ, (लिप्पा खडड्) आदि खड्डें इसमें मिलती हैं। कोरङ से आगे बढ़ने पर बायीं तरफ स्थित 'मूरंग' क्षेत्र में सतलुज का मिलन 'मिरूङ खड्ड' से होता है। यह खड्ड भारत-तिब्बत की सीमा से बनकर उत्तर-पश्चिम दिशा में बहती हुई यहां पहुंचती है। इस खड्ड की बायीं तरफ किन्नर कैलाश पर्वत स्थित है। मूरंग से आगे बढ़ने पर सतलुज में बाएं तट पर डुवा गारड़, चेरड़ गारड़, रल्दङ गारङ, तङलिङ, गारङ, बारङ, बारङ गारङ और दाएं तट पर कशङ् गारड़ और मुलगुन गारङ खड्डें मिलती हैं। सतलुज की दायीं तरफ से मिलने वाली उक्त खड्डों के मूल स्रोत किन्नर कैलाश के विभिन्न क्षेत्र हैं, क्योंकि मूरंग के बाद करछम तक सतलुज अपनी बायीं तरफ स्थित इसी पर्वत के पास से गुजरती है। रल्दङ खड्ड के आगे जो गांव आता है, उसे 'रिब्बा' (दिङ) के नाम से जाना जाता है। रिब्बा से लेकर तङलिङ तक के क्षेत्र की चोटी ही किन्नर कैलाश की प्रमुख चोटी मानी जाती है। इनमें एक प्रमुख चोटी प्रातः सूर्योदय से लेकर सायं सूर्यास्त तक विविध रंगों में दिखती है। साथ ही पोवरी के शीश पर स्थित एक समतल जगह पर कई फुट ऊंचा एक खड़ा पत्थर भी है, जिसे लोग शिवलिंग मानते हैं। सतलुज के दाएं तट पर इसमें मिलने वाली 'कशङ गरङ' (खड्ड) इसी नाम की उपत्यका के शीश से बनकर आती है। इस उपत्यका में पांगी वालों के कंढे की जमीनें तथा दोघरियां हैं। इनके अतिरिक्त इसमें कोई स्थायी बस्ती नहीं है। किन्नौर क्षेत्र के लोगों में यह भी मान्यता है कि इस खड्ड के शीश वाले जल क्षेत्रों में 'गड-बल' यानी 'हिम मेंढ़क' भी रहते हैं।
जोधपुर. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अपनी जमानत के समर्थन में फर्जी सूचना का अधिकार (आरटीआई) जवाब पेश करने से जुड़े मामले में राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने सोमवार को स्वयंभू संत आसाराम (Asaram Bapu) को जमानत दे दी, लेकिन फिलहाल उन्हें जेल में ही रहना पड़ेगा. नाबालिग का यौन उत्पीड़न का दोषी आसाराम जेल से बाहर नहीं आ सकेगा. आसाराम को जमानत देते हुए उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ के न्यायमूर्ति कुलदीप माथुर ने कहा कि शीर्ष अदालत के समक्ष प्रस्तुत फर्जी आरटीआई जवाब गढ़ने में याचिकाकर्ता की कोई सीधी भूमिका नहीं थी और उसके द्वारा किए गए कथित अपराध मजिस्ट्रेट न्यायालय द्वारा विचार किए जाने योग्य है. अपने 'गुरुकुल' की नाबालिग से यौन उत्पीड़न के दोषी आसाराम को साल 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. अदालत ने इस बात को भी ध्यान में रखा कि सह-आरोपी रविराय मारवाह को पहले ही जमानत मिल चुकी है और मुकदमे के लंबे समय तक चलने की संभावना है. आसाराम के समर्थकों में से एक मारवाह ने 2016 में जमानत के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय में स्वयंभू संत की स्वास्थ्य स्थिति से संबंधित फर्जी आरटीआई जवाब जमा किया था. इसके बाद आसाराम के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. ये भी पढ़ेंः जिंदगी की आखिरी सांस तक जेल की सजा काट रहे आसाराम को हाई कोर्ट से जमानत, क्या सलाखों से बाहर आ सकेगा कथावाचक? दस्तावेज कथित रूप से जोधपुर जेल से गणेश कुमार नामक व्यक्ति द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर एक आवेदन के माध्यम से प्राप्त किया गया था. इसके बाद इसे मारवाह को प्रदान किया गया था. मारवाह ने बाद में इसे शीर्ष अदालत में आसाराम के वकील को सौंप दिया था, लेकिन बाद में पता चला कि यह दस्तावेज फर्जी है. .
सहारनपुर से वाया मेरठ, दिल्ली जा रही सहारनपुर पैसेंजर (टू-डीएस) के दो कोच शनिवार सुबह जलकर राख हो गए। यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर जान बचाई। गनीमत रही कि हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। शार्ट सर्किट और ज्वलनशील पदार्थ से आग लगने का अंदेशा जताया जा रहा है। हादसे के कारण दिल्ली-मेरठ रूट पर ट्रेनों का आवागमन पांच घंटे तक ठप रहा। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह 7:15 बजे दौराला स्टेशन के पास ट्रेन के बीच में लगे मोटरयान के नीचे अचानक धमाका हुआ। कुछ मिनट बाद ही कोच के नीचे से आग लगनी शुरू हो गई। आग लगती देख लोको पायलट ने ट्रेन को स्टेशन से पहले ही रोक लिया। इसके अगले दो मिनट में आग ने दो कोचों को चपेट में ले लिया। ट्रेन के रुकते ही यात्रियों ने कूदना शुरू कर दिया। इसके बाद तेजी से आग बढ़ती चली गई। रेलवे अधिकारियों को सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। इसके बाद दिल्ली से डीआरएम डिंपी गर्ग अपनी विशेष ट्रेन से दौराला स्टेशन पर पहुंच गए। लगभग एक घंटे बाद मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग बुझाने का कार्य शुरू किया। तब तक कोच के अंदर सीट जलकर राख हो चुकी थीं। ट्रेन से काफी संख्या में सुबह के समय दैनिक यात्री सफर करते हैं। शनिवार होने के कारण ट्रेन में यात्रियों की संख्या कम थी। आग लगने के बाद यात्रियों ने धक्का लगाकर ट्रेन को जलते कोच से अलग किया। इससे बड़ा हादसा होने से बच गया। डीआरएम डिंपी गर्ग ने कहा कि मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाएगी। इसके लिए मुख्यालय से टीम गठित कर दी गई है। प्रथम दृष्टया अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। शॉट सर्किट को देखते हुए ही चर्चा की जा रही है।
हिमाचल में चारों संसदीय सीटों पर कब्जे के लिए भाजपा पूरी तरह से जुट गई है। ताे दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी प्रदेशभर में पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए जुटे हैं। धर्मशाला, नीरज आजाद। हिमाचल प्रदेश की चारों संसदीय सीटों पर कब्जे के लिए राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा पूरी तरह जुट गई है। प्रचार का जिम्मा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने संभाल रखा है। मंत्रियों व विधायकों को सख्त संदेश है कि चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार भी होगा और फेरबदल भी, लेकिन इसमें लीड को ही प्रमुख आधार माना जाएगा। आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट का पैमाना भी इसी आधार पर रहेगा। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी 85 की उम्र पार करने के बावजूद प्रदेशभर में पार्टी प्रत्याशियों की जीत के लिए जुटे हैं। उन्होंने प्रचार के दौरान यह भी कहा था कि जो प्रत्याशी उनकी पसंद के हैं उनके लिए भी पूरी तरह प्रचार करेंगे। हालांकि बाद में उन्होंने बयान पलट दिया था। कहा था कि जो पार्टी के प्रत्याशी हैं वे उनके भी प्रत्याशी हैं। मंडी में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पौत्र आश्रय शर्मा पार्टी प्रत्याशी हैं। इसी क्षेत्र से वीरभद्र सिंह संसद में प्रतिनिधित्व करते रहें हैं। उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह भी यहीं से सांसद रही हैं। इतिहास गवाह है कि वीरभद्र सिंह के सुखराम के साथ कभी मधुर संबंध नहीं रहे हैं। सुखराम ने इस बार कहा था कि उन्होंने वीरभद्र सिंह से माफी मांग ली है, लेकिन प्रचार के दौरान वीरभद्र सिंह उस टीस को छिपा नहीं पा रहे हैं। मंडी संसदीय हलके में प्रचार के दौरान वीरभद्र अक्सर कहते रहे हैं कि बुजुर्गों की सजा बच्चों को नहीं दी जा सकती। सभी जानते हैं कि यह इशारा सुखराम के प्रति ही रहा है। वीरभद्र ने अधिकतर समय कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे पवन काजल के समर्थन में लगा रखा है। शुरू में वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री जयराम के खिलाफ कुछ भी कहने से बचते रहे हैं, लेकिन अब अधिकतर भाषणों में उनका निशाना जयराम ठाकुर पर ही है। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार व प्रेम कुमार धूमल भी अपने संसदीय हलकों से बाहर भी प्रचार में उतर गए हैं। मंत्री भी अपने-अपने क्षेत्रों में अधिक से अधिक लीड के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में पार्टी से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले नेताओं की भी घर वापसी की जा रही है। कांग्रेस ने भी इसी फार्मूले पर कई नेताओं की घर वापसी की है। एक-दूसरे दलों में भी सेंध लगाने की भी कोशिश की जा रही है। शांता कुमार के चुनाव न लड़ने की घोषणा के बाद भाजपा ने प्रदेश सरकार में मंत्री किशन कपूर को चुनावी जंग में उतारा था। कपूर गद्दी समुदाय से संबंधित हैं। इस समुदाय के करीब चार लाख मतदाता हैं। पहली बार है कि बड़ी पार्टी ने इस समुदाय का कोई प्रत्याशी संसदीय चुनाव में उतारा है। कांग्रेस ने ओबीसी समुदाय से कांगड़ा के विधायक पवन काजल को चुनावी जंग में उतारा है। जब तक पवन काजल प्रत्याशी घोषित हुए तब तक कपूर संसदीय क्षेत्र का एक दौरा पूरा कर चुके थे। भाजपा ने कांगड़ा से ही ओबीसी नेता व कांग्रेस के पूर्व विधायक सुरेंद्र काकू को भाजपा में शामिल कर इस ओबीसी वर्ग को साधने के साथ ही विपक्षी दल को करारा झटका दिया है। उधर, कांग्रेस के ओबीसी चेहरा रहे पूर्व सांसद चंद्र कुमार सिर्फ अपने ही विधानसभा क्षेत्र तक सीमित हैं। किशन कपूर व पवन काजल दोनों शांता कुमार के राजनीतिक शिष्य रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर काजल निर्दलीय विधायक बने थे। इसके बाद वह अगले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने हैं। पवन काजल अब शांता कुमार पर ही विकास कार्य न कराने के आरोप लगा रहे हैं। मतदाताओं में इसका कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं दिख रहा है। वीरभद्र सिंह करीब सात दिन तक क्षेत्र में रहे लेकिन इसके बाद काजल को वरिष्ठ कांग्रेसियों का साथ नहीं मिल रहा है। इस संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाले 17 विधानसभा क्षेत्रों में से 13 पर भाजपा का कब्जा है। बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष एवं सांसद अनुराग ठाकुर इस बार जीत का चौका लगाने की जुगत में हैं। करीब एक साल से हलके में सक्रिय रहे अनुराग प्रचार के दो दौर पूरे कर चुके हैं। यहां पर कांग्रेस ने प्रत्याशी चयन में ही काफी देर कर दी। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं तीन बार सांसद रहे सुरेश चंदेल को पार्टी प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर पार्टी में एकमत नहीं हो पाया। कांग्रेस ने यहां पर विधायक रामलाल ठाकुर को चुनाव में उतारा है। कबड्डी और कुश्ती में दांवपेंच लगा चुके रामलाल के सामने क्रिकेट खिलाड़ी अनुराग ठाकुर हैं। यहां दो खिलाड़ियों में रोचक जंग है। यह अलग बात है कि इस संसदीय क्षेत्र से रामलाल को तीन बार हार का मुंह देखना पड़ा है, लेकिन पिछली हार के गम को भुलाकर चुनावी अखाड़े में रामलाल भी पूरे जोश में नजर आ रहे हैं। कांग्रेस में चल रही टिकट की कशमकश के बीच चंदेल को प्रत्याशी बनाने की बात भी उछली थी। तीन बार भाजपा सांसद रहे सुरेश चंदेल भी प्रत्याशी बनने के बाद ही कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस में ही विरोध के स्वर उठने के बाद चंदेल टिकट की दौड़ से बाहर हो गए। काफी जद्दोजहद के बाद वह कांग्रेस में शामिल हुए। चंदेल का उनके ही गृह जिले बिलासपुर में ही विरोध होता रहा। हालांकि बाद में पार्टी हाईकमान के निर्देश पर मामला शांत हुआ है लेकिन अंदरखाने विरोध की चिंगारी अभी शांत नहीं हुई है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 17 विधानसभा हलकों में से 10 पर भाजपा, छह पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय विधायक है। निर्दलीय विधायक भाजपा सरकार का समर्थन कर रहे हैं लेकिन अभी तक वह किसी भी पार्टी के समर्थन में नहीं आए हैं। संसदीय क्षेत्र शिमला में दो पूर्व सैनिक आमने-सामने हैं। भाजपा ने इस बार सांसद वीरेंद्र कश्यप की जगह पच्छाद के विधायक सुरेश कश्यप को मैदान में उतारा है। वह दूसरी बार विधायक बने हैं। कांग्रेस ने पूर्व सासंद व सोलन के विधायक धनीराम शांडिल को प्रत्याशी बनाया है। कश्यप वायुसेना से सेवानिवृत्त हुए हैं, जबकि शांडिल कर्नल रहे हैं। शांडिल दो बार सांसद रहे हैं। पहली बार हिमाचल विकास कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने हैं। शिमला संसदीय क्षेत्र में वीरभद्र सिंह का दबदबा रहा है, लेकिन इस बार भाजपा ने सिरमौर से प्रत्याशी उतार कर मुकाबले को कड़ा बना दिया है। ऊपरी शिमला कांग्रेस का गढ़ रहा है। रामपुर से कई बार विधायक रहे सिंघी राम कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऊपरी शिमला में भाजपा काफी समय से पैठ बना रही है। सोलन से पूर्व विधायक महेंद्र नाथ सोफत ने भाजपा में घर वापसी कर ली है। मंडी में सुखराम की साख दांव पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम के पौत्र व प्रदेश में सत्तासीन भाजपा सरकार में मंत्री रहे अनिल शर्मा के बेटे आश्रय शर्मा कांग्रेस प्रत्याशी हैं। इनकी टक्कर भाजपा प्रत्याशी सांसद रामस्वरूप शर्मा से है। रामस्वरूप काफी अरसे से जनता के बीच में हैं। सुखराम पहले पौत्र आश्रय शर्मा के लिए भाजपा से टिकट की मांग करते रहे। जब बात नहीं बनी तो कांग्रेस से टिकट हासिल कर लिया। यहां बेटा कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है, जबकि पिता भाजपा के टिकट पर विधायक। बेटे को टिकट मिलने के बाद बयानों की तल्खी के बीच अनिल शर्मा को मंत्री पद छोड़ना पड़ा। अब वह भाजपा विधायक होने के कारण बेटे के लिए चुनाव प्रचार नहीं कर पा रहे हैं। भाजपा ने अनिल को घर में ही घेरने के लिए उनके हलके से कई नेताओं को भाजपा में शामिल कर लिया है।
एक मात्र यही प्रधान कारण है । यदि नियमित दिनचर्या वना ली जाय तो दोनों तरह को उतियो को शिकायत जाती रहे । सर्व प्रथम प्रात. काल उठना चाहिये । उठने का समय ब्राह्ममुहूर्त्त का ४ बजे का होना चाहिये कुछ देर हो तो ५ बजे तक जरूर उठ जाना चहिये । उठ कर पहले ईश्वर का चिन्तन करना चाहिये और उसमे श्रेष्ठ कार्यों में दिन वोतने की प्रार्थना करनी चाहिये। फिर घड़ी शान्ति और सरलता पूर्वक विस्तर छोड़ना चाहिये । विस्तर से उठकर शौच जाना चाहिये । यदि शौच जाने से पूर्व जल पीने की आदत हो तो दो एक कुल्ले से मुख साफ करके तब जल पीना चाहिये । शौच में निपट कर मिट्टी में अच्छी तरह हाथ और लोटा मलकर वोना चाहिये। इसके बाद अच्छी तरह कुल्ला दातून करके मुख वीना चाहिये । डानून अवश्य करना चाहिये दाँत साफ न करने से उनमें मैल जम जाता है और वदवू तो आने ही लगती है साथ ही अजीर्ण आदि अनेक तरह के रोग पैदा को जाने हैं। दाँतों में कीड़े लग जाते हैं, उनमें पीप वगैरह पड जाती है इस लिये दाँत रोज अच्छी तरह साफ़ करना चाहिये । ढानून मिहोरा, बबूल, नीम, मौलश्री की बहुत फायदे मन्द होती है। यदि दातून न मिला तो मजन या कोयल आदि मे
>Meerut। कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार के आदेश को दरकिनार कर अवैध निर्माण को रोकने के बजाय बुधवार को एमडीए की टीम मौका मुआयना के दौराना खानापूर्ति कर चली आई। मेरठ के पॉश वेस्टर्न कचहरी रोड पर मंगलवार को शिकायत पर कमिश्नर ने एमडीए वीसी साहब सिंह को अवैध निर्माण पर रोक लगाने के आदेश दिए थे। कमिश्नर के आदेश पर वीसी ने टीम को गठित की किंतु वो टीम अवैध निर्माण के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई पर टालमटोल करती रही तब जाकर शिकायतकर्ताओं ने विरोध कर निर्माण पर राेक लगाई। शिकायतकर्ता एसके मलिक ने मंगलवार कमिश्नर डॉ। प्रभात कुमार से शिकायत की कि शहर के अति विशिष्ट और बेशकीमती इलाकों में प्राधिकरण के अफसरों की शह से अवैध-निर्माण फल-फूल रहा है। शिकायत को संज्ञान में लेकर कमिश्नर ने एमडीए वीसी साहब सिंह को प्रशासनिक अधिकारी को शामिल करते हुए एक जांच कमेटी बनाने के आदेश्ा दिए थे। कमिश्नर के आदेश के बाद वीसी ने तहसीलदार मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में एक 4 सदस्यीय टीम गठित कर दी। बुधवार को अवैध-निर्माण जारी रखने पर एक बार फिर शिकायतकर्ता ने एमडीए वीसी से शिकायत की तो टीम ने मौका मुआयना किया। आरोप है कि टीम अवैध-निर्माण रुकवाने के बजाए खानापूर्ति कर चलती बनी। मनाही के बावजूद टीम में संबंधित जोन के जोनल प्रभारी भी शामिल थे, जबकि कमिश्नर ने कहा था कि अन्य जोन के अधिकारी को जांच में शामिल न किया जाए। एमडीए टीम के रवैये के बाद शिकायतकर्ता के साथ आसपास के निवासियों ने ही दोपहर 3 बजे अवैध- निर्माण को विरोध प्रदर्शन कर रुकवाया। 1. पूर्व में ध्वस्तीकरण आदेश को दरकिनार कर दोबारा किस तरह से पास किया नक्शा? 2. जांच के लिए गई टीम ने क्यों बंद नहीं कराया निमार्ण कार्य? 3. कमिश्नर के निर्देश के बाद भी जांच टीम में कोई प्रशासनिक अधिकारी क्यों नहीं था? 4. जांच अधिकारी की गैर-मौजूदगी में संबंधित जोन के प्रभारी मौके पर क्यों गए थे? 5. कमिश्नर के लगातार निर्देशों को क्यों टाल रहे प्राधिकरण के अधिकारी? दोबारा शिकायत के बाद 4 सदस्यीय टीम को जांच के लिए भेजा गया है। टीम ने निर्माण नहीं रुकवाया इसकी जानकारी नहीं है। पूछताछ के बाद आगे की कार्यवाही को अमल में लाया जाएगा। एमडीए को निर्माण कार्य रुकवाने और जांच कर अग्रिम कार्यवाही के निर्देश दिए गए थे। यदि जांच टीम द्वारा निर्माण कार्य नहीं रुकवाया गया तो जबाव-तलब होगा।
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
उच्च रक्त चाप यानी हाइपरटेंशन वह समस्या है जब धमनियों यानी आर्टरी में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इसके चलते कई गंभीर शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस लिस्ट में ह्रदय रोग, किडनी फेल्योर, स्ट्रोक व आंखों से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं। हालाँकि अगर खान-पान और प्राकृतिक चीज़ों का सेवन किया जाए, तो रक्त चाप को नियंत्रित रखा जा सकता है। आज हम आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी जड़ आपको इससे बचा सकती है। जी दरअसल हम बात कर रहे हैं रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार की जड़ के फायदे के बारे में। आपको बता दें कि सदाबहार एक फ्लावरिंग प्लांट है, जिस पर गुलाबी, सफ़ेद और पर्पल रंग के सदाबहार फूल खिलते हैं। इस पौधे को अंग्रेज़ी में Madagascar Periwinkle के नाम से जाना जाता है। इसी के साथ इसका वैज्ञानिक नाम Catharanthus roseus है। कहा जाता है सदाबहार की गिनती औषधीय पौधों में होती है। इस पर कई वैज्ञानिक शोध हो चुके हैं, जिसमें विभिन्न शारीरिक समस्याओं में सदाबहार के फ़ायदे देखे गए हैं। कहते हैं विभिन्न शारीरिक समस्याओं में इसके फूल, पत्तों, टहनियों व जड़ों का भी इस्तेमाल किया जाता है। वहीं शरीर में रक्त चाप को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार की जड़ लाभकारी हो सकती है। कहते हैं इसमें एल्कलॉइड पाया जाता है, जो हाइपोटेंसिव (ब्लड प्रेशर को कम करने वाला) प्रभाव दिखा सकता है, जिससे शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। वहीं एल्कलॉइड में एंटी-कैंसर प्रभाव भी पाए जाते हैं यानी इसका सेवन कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है। लेकिन इसे कैंसर का इलाज नहीं कहा जा सकता है। वहीं डायबिटीज़ में सदाबहार के फ़ायदे मिलते हैं। केवल यही नहीं बल्कि इसका उपयोग मलेरिया, बुखार व अल्सर में भी फ़ायदेमंद होता है। कैसे करें उपयोग- उच्च रक्तचाप के लिए सदाबहार की जड़ को डॉक्टरी परामर्श पर थोड़ी मात्रा में सुबह खाली पेट चबाया जा सकता है। लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि जड़ को अच्छी तरह साफ़ करने के बाद ही इस्तेमाल में लाएं। इसी के साथ सदाबहार की जड़ का रस निकालकर भी थोड़ी मात्रा में सेवन कर सकते हैं। आप चाहे तो सदाबहार की जड़ को सुखाकर फिर उसका चूर्ण बनाकर गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में भूकंप जोखिम प्रबंधन के साथ विभिन्न आपदाओं से निपटने की तैयारियों की स्थिति की समीक्षा के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन, एनडीएमए के उपाध्यक्ष श्री एम शशीधर रेड्डी की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव श्री पी.के. त्रिपाठी के नेतृत्व में बैठक में दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, डीडीएमए के मंडल आयुक्त और सदस्य सचिव श्री धर्मेंद भी शामिल हुए। दिल्ली सरकार के आपदा प्रबंधन ने इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए है। इसके तहत राज्य स्तर पर दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और जिला स्तर पर जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों का गठन किया गया है। राज्य और जिला आपदा प्रबंधन के लिए तैयार योजनाएं स्वीकृति की प्रतिक्षा में है। सभी नौ जिलों में 24 घंटे कार्य करने वाले आपातकालीन संचालन केंद्र स्थापित किए गए है। आपातकालीन कार्रवाई के लिए एमसीडी के साथ भारी उपकरणों को रखा गया है। किसी भी संभावित घटना निपटने के लिए अत्याधुनिक अग्निशमन और आपातकालीन सेवा प्रणाली लगाई गई है। सरकारी और निजी क्षेत्रों में आपातकाल चिकित्सा के लिए एम्बुलेंस सेवा की उपलब्धता की गई है। दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए प्रयासों की सराहना करते हुए एनडीएमए ने दिल्ली क्षेत्र में भूकंप जोखिम की तैयारियों के लिए की गई पहलों की भी जानकारी दी। बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों जैसे दिल्ली प्रशासन, डीडीएमए, अग्निशमन सेवा, पीडब्ल्यूडी, डीडीए आदि के विभिन्न वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा एनडीएमए के सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। (Release ID :9078)
मान्यता है कि जिसने इन 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन कर लिया उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इनमें से कुछ ज्योतिर्लिंग पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर है तो कुछ शहर के बीचो-बीच। मगर इन सभी ज्योतिर्लिंगों में 12 महीने श्रद्धालुओं की भीड़ लगी होती है। हिन्दू धर्म में भगवान शिव को सबसे पूजनीय माना गया है। देवों में देव महादेव की पूजा देश भर में अलग-अलग रूप में की जाती है। भगवान शिव अपने 12 रुपों में देश भर के अलग-अलग हिस्सों में विराजमान है। जिन्हें 12 ज्योतिर्लिंगों के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि जिसने इन 12 ज्योतिर्लिंगों का दर्शन कर लिया उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इनमें से कुछ ज्योतिर्लिंग पहाड़ों की ऊंची चोटियों पर है तो कुछ शहर के बीचो-बीच। मगर इन सभी ज्योतिर्लिंगों में 12 महीने श्रद्धालुओं की भीड़ लगी होती है। आइए आपको बताते हैं कौन से हैं वो 12 ज्योतिर्लिंग और कहां है स्थित। गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को सबसे पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। कहते हैं इसकी नींव स्वयं चंद्रदेव ने रखी थी। इसका उल्लेख ऋृग्वेद में भी मिलता है। आंध्र प्रदेश की कृष्णा नदी के तट पर स्थित ये ज्योतिर्लिंग श्रीशैल पर्वत पर स्थित है। मान्यता है कि इसके दर्शन मात्र से ही सारे पाप कट जाते हैं। मध्य प्रदेश के उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर स्थित यह ज्योतिर्लिंग भारत का एक मात्र ऐसा ज्योतिर्लिंग है जो दक्षिणमुखी है। इसलिए ये विश्वभर में विख्यात है। हर साल लोग लाखों की संख्या में यहां दर्शन करने आते हैं। मध्य प्रदेश में ही नर्मदा नदी के किनारे यर ज्योतिर्लिंग स्थित है। कहते हैं इनके दर्शन मात्र से ही पुरूषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति होती है। य ज्योतिर्लिंग ऊं के आकार का है। इसलिए इसका नाम ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। हिमालय की केदारनाथ की चोटी पर स्थित ये ज्योतिर्लिंग जितना खूबसूरत है उतना मनमोहक भी। बाबा केदार की यात्रा जितनी कठिन है उतनी ही फलदायी भी। केदारनाथ में भोलेबाबा नंदी के पीठ के रूप में स्थापित हैं। जिसे देखने लाखों लोग यहां आते हैं। केदारनाथ का वर्णन स्कन्द पुराण और शिव पुराणों में मिलता है। भीमाशंकर महाराष्ट्र के पुणे में स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग का आकार काफी मोटा है इसीलिए इसे मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है। कहते हैं जो भक्त इस मंदिर में दर्शन करता है उसके सारे पाप कट जाते हैं। काशी नगरी को भोले की नगरी भी कहा जाता है। इस नगरी में भोले बाबा का ये ज्योतिर्लिंग शहर के बीचो-बीच बसा है। बावजूद इसके इस मंदिर में लम्बी लाइन लगती है। कहा जाता है कि हिमालय को छोड़कर भगवान शिव यहीं रहने आए थे। हिन्दू धर्म में सभी धर्म स्थलों में काशी का अत्यधिक महत्व बताया जाता है। यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक से कुछ किलोमीटर की दूर पर है। इसके सबसे अधिक करीब ब्रह्मागिरी पर्व है। इसी पर्वत से गोदावरी नदी शुरू होती है। जिसका वृहंग दृश्य आप इस ज्योतिर्लिंग से देख सकते हैं। बिहार में स्थित इस ज्योतिर्लिंग की बहुत महत्ता बताई जाती है। कहा जाता है कि रावण ने तप के बल से शिव को लंका ले जा रहे थे मगर रास्ते में व्यवधान आ जाने से शर्त के अनुसार शिव जी को यहीं स्थापित कर दिया। तब से इसकी महत्ता और बढ़ गई। तमिलनाडु राज्य के रामनाथ पुरं नामक स्थान में स्थित यह ज्योतिर्लिंग बेहद खूबसूरत है। कहा जाता है कि लंका पर चढ़ाई करने से पहले भगवान राम ने यहां शिवलिंग की स्थापना की थी। राम के द्वारा स्थापित किए गए इस ज्योतिर्लिंग का नाम रामेश्वरम पड़ गया। गुजरात में द्वारकापुरी से 17 मील दूर यह ज्योतिर्लिंग अवस्थित है। कहा जाता है कि इसका नाम भगवान ने खुद रखा था। यहां दर्शन करने से भक्तों के सभी पाप कट जाते हैं। महाराष्ट्र के दौलताबाद से 12 मील दूर बेरुल गांव में इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की गई थी। इसके दर्शन से लोगों को आत्मिक शांति प्राप्त होती है। हर साल यहां लोग हजारों की संख्या में दर्शन के लिए आते हैं।
लोहारू, 7 अक्तूबर (निस) राजकीय कॉलेजों की स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थियों को कोरोना काल में अपनी फीस तीन किस्तों में भरने की सुविधा नसीब नहीं हो पा रही है। उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने 5 अक्तूबर को सभी राजकीय कॉलेजों का आदेश जारी किए थे कि प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए मेरिट में आए विद्यार्थी अपनी फीस तीन किस्तों में 30:30:40 फीसदी के आधार पर जमा करा सकते हैं। विद्यार्थियों ने बताया कि इन आदेशों का पालन एडिड कॉलेजों के पोर्टल पर तो हो गया है लेकिन राजकीय कॉलेजों में बुधवार शाम तक भी पोर्टल पर तीन किस्तों में फीस जमा कराने का कोई विकल्प नहीं था। इससे प्रथम मेरिट लिस्ट में अपना स्थान बनाने वाले मेधावी विद्यार्थी आर्थिक तंगहाली में कॉलेज की 4 से 5 हजार रुपये तक की फीस एकमुश्त जमा नहीं करा पा रहे हैं। प्रथम मेरिट लिस्ट के विद्यार्थियों की फीस जमा कराने की अंतिम तारीख भी 8 अक्तूबर है जबकि 7 अक्तूबर की शाम तक भी उच्चतर शिक्षा निदेशालय की साइट पर राजकीय कॉलेजों के पोर्टल पर तीन किस्तों में फीस अदायगी का कोई विकल्प मौजूद नहीं था। राजकीय कॉलेज लोहारू प्राचार्य डा. उमेश मोहन ने बताया कि तीन किस्तों में फीस जमा कराने के आदेश तो हुए थे, लेकिन निदेशालय के पोर्टल पर अभी इसका कोई विकल्प नहीं है। इस बारे में वे बृहस्पतिवार को उच्च अधिकारियों से संपर्क करेंगे।
Exam (Photo Credit: News Nation ) नई दिल्लीः IDBI बैंक में संविदा के आधार पर एग्जीक्यूटिव पदों के लिए निकली वैकेंसी के लिए आपने अवेदन किया है तो ये खबर आपके लिए बहुत ही जरुरी है. दरअसल में IDBI बैंक के द्वारा इस पदों के परीक्षा को लेकर बड़ा अपडेट दिया गया है. एग्जीक्यूटिव भर्ती परीक्षा में सम्मिलित होने के लिए आवेदन किए उम्मीदवार के लिए IDBI बैंक के द्वारा परीक्षा से जुड़ी बड़ी जानकारी साझा की गई है. परीक्षा में शामिल होने वालों के लिए परीक्षा आयोजक द्वारा 27 अगस्त 2021 को एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया है. उक्त जानकारी के मुताबिक उम्मीदवार अपने एडमिट कार्ड 27 अगस्त 2021 से लेकर परीक्षा की तारीख तक डाउनलोड कर पाएंगे. गौरतलब है कि IDBI बैंक में संविदा के आधार पर एग्जीक्यूटिव पदों के लिए भर्ती परीक्षा 5 सितंबर 2021 को ऑनलाइन मोड में बैंक के द्वारा आयोजित की जाएगी. इसकी जानकारी परीक्षा आयोजक के द्वारा दी गई है. एडमिट कार्ड डाउनलोड करने किए इस लिंक पर क्लिक करें. परीक्षा में सम्मिलित होने जा रहे उम्मीदवारों के लिए बैंक ने जरूरी निर्देश जारी किए हैं. बैंक ने एक सूचना पुस्तिका के माध्यम से परीक्षा से जुड़ी निर्देश जारी किए हैं. बैक के द्वारा जारी निर्देश में परीक्षा को लेकर कहा गया है कि परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाएगी. इसके अलावा बैक के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक परीक्षा के लिए सूचना पुस्तिका से उम्मीदवार मॉडल क्वेश्चंस देख सकते हैं. बैंक के द्वारा एग्जीक्यूटिव भर्ती परीक्षा के लिए जारी निर्देश में परीक्षा में प्रश्नों के विषयवार को लेकर जानकारी साझा की गई है. बैंक ने बताया कि परीक्षा में तर्कशक्ति, कार्यकारी अंग्रेजी भाषा और संख्यात्मक अभियोग्यता विषयों से जु़ड़ी 50-50 प्रश्न पूछे जाएंगे. बैंक के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक परीक्षा में पूछे जाने वाले हर प्रश्न के सही उत्तर के लिए 1 अंक निर्धारित है. वहीं परीक्षा में पूछे जाने वाले हर प्रश्न के गलत उत्तर के लिए 0. 25 अंक की कटौती की जाएगी. बता दें कि बैक के द्वारा परीक्षा से जुड़ी दी गई जानकारी के मुताबिक परीक्षा में अंग्रेजी और हिंदी भाषा में प्रश्न पूछे जाएंगे. वहीं अंग्रेजी के प्रश्न की भाषा अंग्रेजी में ही रहेंगी. परीक्षा की कुल अवधि को लेकर बैंक के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक परीक्षा की कुल अवधि 90 मिनट निर्धारित किए गए हैं.
जौं करनी समुझे प्रभु मोरी । नहिं निस्तार कलप सत कोरी ॥ जन अवगुन प्रभु मान न काऊ । दीन बंधु अति मृदुल सुभाऊ ॥ मोरे जियं भरोस दृढ़ सोई। मिलहहिं राम सगुन सुभ होई ॥ बीते अवधि रहहिं जौं प्राना । अधम कवन जग मोहि समाना ॥ उपर्युक्त चौपाइयों का आर्त भाव से भगवान् श्रीराम के शीघ्र दर्शन की अत्यन्त उत्कृट उत्कण्ठा को लेकर जब तक कार्य सिद्ध न हो जाय, कमसे-कम इक्कीस बार जप करे और साथ ही, 'ऊं रां रामाय नमः' मन्त्र की ११ माला का जप करे। -सु०सिं० भगवान् श्री कृष्ण के दर्शन के लिये कच्चितुलसि कल्याणिगोविन्दचरण प्रिये । सह त्यालि कुलैर्बिभ्रदृष्टस्तेऽतिप्रियोऽच्युतः ॥ ( श्रीमद्भागवत १०।३०१७ ) इस मन्त्र को विल्ब काष्ठा की छोटी पीठिका (चौकी) बनवाकर तुलसी काष्ठ के चन्दन से और तुलसी काष्ठ की ही कलम से लिखकर रोज षोडशोपचार से पूजन करे और कम-से-कम ३२००० जप संख्या पूरी करे। ब्रह्मचर्य का अखण्ड पालन करे और सत्य का आचरण करे। ब्रजवनौ कखां व्यक्तिरङ्ग ते वृजिनहन्त्र्यलं विश्वमङ्गलम् । त्यज मनाक् च नरत्वत्पृद्यत्मनां स्वजनहद्रु जां यन्निषूदनम् ॥ इस मन्त्र की एक माला का जप करके (ॐ) गोपीजन वल्लभाय नमः, मन्त्र की ११ माला का प्रति दिन जाप करे। ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है। (१) तासामाषिरभूच्छोरिः स्मयमान मुखाम्बुजः । पीताम्बरधरास्त्रम्वी साक्षान्मन्मथ मन्मथ ।। ( श्रीभद्भागवत १० ।३२।२) इस मन्त्र की एक माला का जप करके 'ॐ क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा' इस मंत्र की कम-से-कम ११ मालाओं का जाप प्रतिदिन शुद्ध होकर करे । ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है
उल्लेखनीय है कि स्कूल की प्रधानाध्यापिका से एक आवेदन प्राप्त हुआ था और इस संबंध में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के एक अनुभाग में समाचार भी प्रकाशित किया गया था। इस संबंध में रंगिया थाने में मामला दर्ज किया गया है। इस बीच, 14 अक्टूबर को इस मामले के संबंध में स्कूल के निरीक्षक के कार्यालय से गोस्वामी को एक कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था, लेकिन आज तक शिक्षक से कोई जवाब नहीं मिला है, एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है। इन परिस्थितियों में एवं विभागीय कार्यवाही के लंबित रहने पर विद्यालय निरीक्षक, कामरूप ने असम सेवा (अनुशासन एवं अपील) नियम, 1964 के अनुसार उक्त शिक्षक की सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन की अवधि के दौरान, बिनोद कुमार गोस्वामी स्वीकार्य नियमों के अनुसार निर्वाह भत्ता प्राप्त करने के हकदार होंगे और वह सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ सकते, निलंबन आदेश में कहा गया है। यह भी देखेंः
Posted On: केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने फैसला किया है कि विशेषज्ञों का एक उच्चस्तरीय दल तुरंत केरल रवाना किया जायेगा। यह दल केरल के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ सहयोग करेगा, ताकि वहां कोविड-19 से कारगर तरीके से निपटा जा सके। उल्लेखनीय है कि केरल में कोविड मामले रोज तेजी से बढ़ रहे हैं। केरल रवाना होने वाले केंद्रीय दल में छह सदस्यों को रखा गया है। इनका नेतृत्व राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के निदेशक डॉ. एसके सिंह कर रहे हैं। दल 30 जुलाई, 2021 को केरल पहुंचेगा और कुछ जिलों का दौरा करेगा। यह दल राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करेगा, वास्तिवक स्थिति का जायजा लेगा और राज्य में कोविड के तेजी से बढ़ते मामलों पर अंकुश लगाने के लिये जन-स्वास्थ्य सम्बंधी जरूरी सुझाव देगा। केरल में कोविड के सक्रिय मामले 1.54 लाख हैं, जो देश के कुल सक्रिय मामलों का 31.7 प्रतिशत हैं। पिछले सात दिनों में मामले 1.41 प्रतिशत की दर से बढ़े हैं। राज्य में रोज औसतन 17,443 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। राज्य में पॉजिटिविटी दर भी बढ़कर 12.93 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है और साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 11.97 प्रतिशत है। वहां ऐसे छह जिले हैं, जिनकी साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर 10 प्रतिशत से ऊपर है।
Don't Miss Out on the Latest Updates. Subscribe to Our Newsletter Today! प्रेगनेंसी रैशेज़ की समस्या कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के समय परेशान कर सकती है। कई बार इन रैशेज़ वाली जगह पर खुजली भी होने लगती है। खुजली करने से नाखूनों की वजह से त्वचा के कटने और रगड़ खाने का भी खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में अक्सर गर्भवती महिलाएं चिड़चिड़ापन महसूस करने लगती हैं। इस परेशानी को कम करने में मदद करता है आपकी ड्रेसिंग टेबल पर पड़ा रहने वाला नारियल का तेल। जी हां, नारियल का तेल जहां सुंदर बालों के लिए बहुत-सी महिलाओं का भरोसमंद तेल है वहीं यह आपकी स्किन के लिए एक अच्छे मॉश्चराइज़र के तौर पर भी काम करता है। नारियल का तेल त्वचा को ठंडक प्रदान करता है और इसीलिए त्वचा पर महसूस होने वाली जलन और खुजली जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है।
(३) सी० २० कष्चायन सूत्र वृत्ति का श्री एच०सुमङ्गल के शिष्य भी गुणरन धेर द्वारा सम्पादित तथा सिहली लिपि में १९१३ में प्रकाशित संस्करण । मूल सूत्रो तथा वृत्ति को इन तीनो सस्करणो से मिलाकर उपयुक्त पाठ को ऊपर रखकर उपलब्ध पाठभेद को इन संस्करणो के नाम से (से० सी० १, सी० २) नीचे दे दिया गया है। पहले यह भी विचार था कि वृत्ति में प्राये हुए उदाहरणों का पिटक तथा अनुपिटक साहित्य से सन्दर्भ दे दिया जाय पर ग्रन्थ के बहुत बढ़ जाने के भय से इसे छोड़ देना पड़ा। देवनागरी लिपि में मूल सूत्रों तथा वृत्ति का एक संस्करण महामहोपाध्याय सतोशचन्द्र विद्याभूषण के सम्पादकत्व में १९०१ में निकला था। पर अपने इस कार्य के लिए सर्वथा अनुपयुक्त होने के कारण इसका ग्रहण यहाँ नहीं किया गया। इस प्रकार से वैज्ञानिक रीति से कच्चायन के मूल सूत्रो तथा वृत्ति को देवनागरी लिपि में प्रस्तुत करने का यह प्रथम प्रयास है। अनुवाद मूल सूत्र तथा वृत्ति को उपयुक्त रीति से देकर उसके नीचे वृत्ति का प्रक्षरश. अनुवाद दिया गया है और उसके पश्चात् [ ] कोष्ठ के अन्दर विषय वस्तु को स्पष्ट करने के लिए टिप्पणी दी गई है । इस टिप्पणी में कच्चायन सम्प्रदाय के प्रकरण ग्रन्थ 'न्यास', 'रूपसिद्धि', 'कच्चायनभेद' तथा 'कच्चायनवरगना' आदि से यथासम्भव सहायता ली गई है और कठिन एवं शंकाग्रस्त विषयों के सम्बन्ध में पूर्वपक्ष को उठाकर प्रथवा तत्सम्बन्धित प्रश्नों का समावेश कराकर उनका परिहार दिया गया है। कच्चायन के अतिरिक्त 'मोग्लान' एवं उनकी 'पश्चिका' में प्राप्त व्याख्यान तथा 'सद्दनीति' के भी उद्धरण इस सम्बन्ध में दिये गये हैं, साथ ही गायगर का भी उल्लेख किया गया है। इन उद्धरणों के अतिरिक्त कच्चायन सूत्रों से सम्बन्धित विषयों को स्पष्ट करने के लिए 'निरुक्त', 'महाभाष्य', महाभाष्य को टीका, सिद्धान्तकौमुदी', उसकी टीका 'तत्त्वबोधिनी' श्रादि से भी उद्धरण दिये गये हैं। उदाहरणार्थं सूत्र 'नामानं समासोत्तत्थों ( ३१८ ) पर टिप्परगी देते समय कच्चायन सम्प्रदाय के आधार पर 'युत्तत्थ' आदि की व्याख्या देने के उपरान्त 'वृत्ति' के प्रसङ्ग में समास का जो विस्तृत विवेचन 'महाभाष्य' में प्राप्त है, उसे दिया गया है। साथ ही 'कच्चायन-न्यास' तथा 'मोग्गल्लानपचिका' मादि पर इस विवेचन का क्या प्रभाव पड़ा है, इसे भी वही पर व्यक्त कर दिया गया है। इसी प्रकार का व्याख्यान 'उरणाविकप्प' के प्रारम्भ में भी विद्यमान है, जहाँ उणादि-विवेचन की भारतीय वैयाकरणो की परम्परा का उल्लेख करते हुए,
तोक्योः कुछ ही दिन पहले टोक्यो ओलंपिक खेलों को एक साल के लिए स्थगित करने का फैसला किया गया। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक संघ शुरुआत में ये फैसला लेने से हिचक रहा था लेकिन जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार इन खेलों को 2021 में कराने का फैसला लिया गया। इसका कार्य्रकम भी जारी कर दिया गया है। लेकिन अब टोक्यो ओलंपिक के मुख्य कार्यकारी ने शुक्रवार को ये कहकर चौंका दिया कि वे इस बात की गारंटी नहीं दे सकते कि खेल 16 महीने के विलंब के बाद अगले साल भी हो सकेंगे। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इस सप्ताह आपात घोषणा करके पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया है। टोक्यो आयोजन समिति के सीईओ तोशिरो मुतो ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कोई भी यह कहने की स्थिति में होगा कि अगले साल जुलाई में भी खेल हो सकेंगे या नहीं। ' उन्होंने कहा, 'हम आपको स्पष्ट उत्तर देने की स्थिति में नहीं है। ' टोक्यो ओलंपिक अब 23 जुलाई 2021 से और पैरालम्पिक खेल 24 अगस्त से होंगे। शिंजो आबे पर कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिये देर से कदम उठाने के आरोप लगाये जा रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि वो इसी साल ओलंपिक कराना चाहते थे। अब आने वाले समय में जापान के प्रधानमंत्री की मुश्किलें और दबाव बढ़ सकता है।
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत सोमवार को एक बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें वह इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे कि प्रौद्योगिकी किस तरह से दुनियाभर में युद्ध की प्रकृति को बदल रही है। इस दौरान वह भारत के समक्ष 'नॉन कॉन्टैक्ट' युद्ध की चुनौतियों पर चर्चा करेंगे। बैठक में भारतीय सेना प्रमुख के लिए चुने गए लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवाने नॉन कॉन्टैक्ट युद्ध पर तथा दुनिया की प्रमुख शक्तियों द्वारा सैन्य पुनर्गठन कार्यक्रम के तौर पर जोड़े गए अपरंपरागत घटकों पर फोकस करेंगे। रावत 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं और सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल नरवाने को नया सेना प्रमुख नियुक्त किया है। मानेकशॉ सेंटर में आर्मी टेक्नोलॉजी सेमिनार के दौरान होने वाली चर्चा में सैन्य अभियानों में शामिल हो चुके लोग, सरकार के प्रतिनिधि, उद्योग जगत से तथा शिक्षाविद शामिल होंगे। इस दौरान रक्षा क्षेत्र में स्वदेश पर निर्भरता तथा नॉन कॉन्टैक्ट युद्ध में प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा अन्य क्षेत्रों के उभरती चुनौतियों पर भी फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नॉन कॉन्टैक्ट युद्ध में किसी भी देश की जीत उसके विरोधी को उसकी ही जमीन पर उसकी सेना को हराने, दुश्मन की आर्थिक क्षमता तथा राजनीतिक प्रणाली को नष्ट करने में निहित होती है। उन्होंने कहा कि बैठक में नॉन कॉन्टैक्ट युद्ध के मुद्दे पर भविष्य की योजना बनाई जाएगी।
अनुष्का शर्मा(Anushka Sharma) और वरुण धवन(Varun Dhawan) तीन साल पहले अपनी फिल्म सुई धागा के प्रमोशन के लिए कौन बनेगा करोड़पति में गए थे. जहां हॉट सीट पर बैंठी कंटेस्टेंट से अमिताभ बच्चन ने पूछा था. अनुष्का शर्मा(Anushka Sharma) और विराट कोहली(Virat Kohli) बॉलीवुड के क्यूट कपल्स में से एक हैं. दोनों को फैंस का ढेर सारा प्यार मिलता है. विराट की एक खास बात है कि जब भी वह देश के लिए 100 रन बनाते हैं तो फील्ड से अपनी प्यारी बीवी अनुष्का को फ्लाइंग किस करते हैं. इस बात पर बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन(Amitabh bachchan) ने एक बार अनुष्का शर्मा की टांग खिचाई की थी जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. अनुष्का शर्मा और वरुण धवन तीन साल पहले अपनी फिल्म सुई धागा के प्रमोशन के लिए कौन बनेगा करोड़पति में गए थे. जहां हॉट सीट पर बैंठी कंटेस्टेंट से अमिताभ बच्चन ने पूछा था कि क्या वह टीवी पर क्रिकेट देखती हैं? इस पर कंटेस्टेंट ने कहा था कि नहीं. बिग बी ने कहा था कि अनुष्का देखती हैं. यहां देखिए अनुष्का शर्मा का वीडियोः एक तरफ कंटेस्टेंट थोड़ा कंफ्यूज हो जाती हैं तो अनुष्का बताती हैं कि उनके पति क्रिकेटर हैं और वह उनके लिए क्रिकेट देखती हैं. तब अमिताभ बच्चन उनकी टांग खिचाई करते हैं कि केवल उनको देखने के लिए? अपनी बात को सही करने के लिए अनुष्का कहती हैं कि वह टीम को सपोर्ट करने के लिए क्रिकेट देखती हैं. बिग बी अनुष्का की टांग खिचाई करते हुए कहते हैं कि सभी जानते हैं कि टीवी पर क्या होता है और विराट जो फील्ड से कैमरा की तरफ फ्लाइंग किस करते हैं. उस समय अनुष्का, विराट और ऑडियन्स अपनी हंसी रोक नहीं पाते हैं और बहुत जोर-जोर से हंसते हैं. विराट कोहली ने हाल ही में आईपीएल में अपना पहला अर्धशतक लगाया था. जिसे उन्होंने अपनी प्यारी बेटी वामिका के नाम किया था. अर्धशतक लगाने के बाद विराट का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह पवेलियन की ओर इशारा करते हुए किस किया और साथ ही गोदी में वामिका को खिलाने का इशारा भी किया. विराट का ये अंदाज देखकर फैंस उनके दीवाने हो गए हैं. विराट का यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. आपको बता दें अनुष्का शर्मा और विराट कोहली इसी साल जनवरी में बेटी के माता-पिता बने हैं. विराट और अनुष्का बेटी को सोशल मीडिया और फोटोग्राफर्स की नजरों से दूर रखते हैं.
टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के इस साल के आईपीएल में खेलने पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। दिल्ली डेयरडेविल्स ने कहा है कि वह इस मामले पर नजर रख रही है और बीसीसीआई से मिलने वाले निर्देशों के अनुसार ही इस मुद्दे पर फैसला लेगी। शमी के खिलाफ उनकी पत्नी हसीन जहां द्वारा घरेलू हिंसा और जान से मारने की कोशिश जैसे गंभीर आरोपों के तहत कोलकाता पुलिस में एफआईआर दर्ज कराया है। इसके बाद शमी के आईपीएल में खेलने या न खेलने को लेकर बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारी बैठक करने वाले हैं। इससे पहले बीसीसीआई ने इस विवाद को देखते हुए शमी को अपनी सालाना करार लिस्ट में शामिल नहीं किया था। दिल्ली डेयरडेविल्स के सीईओ हेमंत दुआ ने कहा है कि फ्रेंचाइजी ने अभी शमी के भविष्य को लेकर कोई फैसला नहीं किया है क्योंकि वह बीसीसीआई से मिलने वाले निर्देशों का इंतजार कर रही है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली डेयरडेविल्स मैनेजमेंट इस मामले में एकतरफा निर्णय नहीं ले सकता है। आईपीएल में खेलने वाले सभी खिलाड़ियों के त्रिपक्षीय करार होता है, जिसमें फ्रेंचाइजी, बीसीसीआई और खिलाड़ी शामिल होते हैं। हां, हम संवेदनशील मामले से पूरी तरह अवगत हैं और इस मामले में बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से चर्चा कर रहे हैं। इसमें किसी खिलाड़ी द्वारा खेल की बदनामी किए जाने की भी धारा है, लेकिन इसकी व्याख्या वकील ही कर सकते हैं। ' (पढ़ेंः मोहम्मद शमी पर रेप से लेकर जान से मारने की कोशिश का आरोप, इन 7 धाराओं के तहत FIR दर्ज) माना जा रहा है कि शमी के मामले की चर्चा बीसीसीआई के कार्यकारी अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी, ट्रेजरर अनिरुद्ध चौधरी और सीईओ और राहुल जौहरी मुंबई में 12 मार्च को होने वाली कैप्टंस कॉनक्लेव के दौरान हो सकती है। इससे पहले बुधवार को हसीन जहां ने अपने पति मोहम्मद शमी पर उनको प्रताड़ित करने और एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के आरोप लगाए थे। जहां ने फेसबुक पर शमी की कई महिलाओं के साथ हुए कथित चैट, महिलाओं की तस्वीरें और उनके फोन नंबर शेयर करते हुए आरोप लगाया था कि शमी और उनके परिवारवालों ने उनका 'शोषण' किया और जान से 'मारने की कोशिश' की। हसीन ने शमी के खिलाफ एफआईआर के साथ-साथ उनके भाई के खिलाफ भी रेप के आरोपों के तहत मामला दर्ज कराया है। शमी और हसीन जहां की शादी अप्रैल 2014 में हुई थी और इन दोनों की एक ढाई साल की बेटी है।
लखनऊ : कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के साथ अब बीएड की प्रवेश परीक्षा और विश्वविद्यालयों की वार्षिक व सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू की जाएंगी। मुख्य सचिव आरके तिवारी ने गुरुवार को निर्देश दिए कि बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा जुलाई के किसी भी रविवार को आयोजित की जाए। जरूरत के अनुसार बीएड की प्रवेश परीक्षा के लिए दूसरे राज्यों में भी परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। इस दिन कोई भी विवि व कॉलेज अपने यहां परीक्षाएं आयोजित नहीं करेगा। शारीरिक दूरी के मानकों का पालन और सैनिटाइजेशन की पुख्ता व्यवस्था के साथ परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। मुख्य सचिव ने सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति, निदेशक उच्च शिक्षा और डीएम व मंडलायुक्त को दिए। मुख्य सचिव ने सभी विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों की वार्षिक परीक्षाएं और सेमेस्टर परीक्षाएं भी 30 जून के बाद यानी जुलाई में आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए जरूरत के अनुसार सभी जिलों में विश्वविद्यालय परीक्षा केंद्र बनाएंगे ताकि शारीरिक दूरी के नियमों का पालन आसानी से हो सके। परीक्षा केंद्र का सैनिटाइजेशन करवाने के साथ-साथ यहां तैनात शिक्षक व शिक्षणोत्तर कर्मचारियों को फेस कवर और फेस मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा। परीक्षा केंद्र पर आने वाले विद्यार्थियों व ड्यूटी पर तैनात शिक्षक और कर्मियों की इंफ्रारेड थर्मामीटर से स्क्रीनिंग की जाएगी। प्रवेश पत्र के आधार पर ही परीक्षा केंद्र पर विद्यार्थियों को जाने की अनुमति दी जाएगी। लखनऊ : यूपी बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) 2020 के परीक्षा केंद्र बदलने का आवेदन शुक्रवार तक किया जा सकेगा। राज्य प्रवेश समन्वयक प्रोफेसर अमिता बाजपेई ने बताया कि अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर पर्वितन कर सकते हैं। बीएड प्रवेश परीक्षा जुलाई में, परीक्षा केंद्र बदलने का अंतिम मौका आज Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:21 AM Rating:
शिमला- अनुबंध कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तर्ज पर महंगाई भत्ता देने का निर्णय जल्द लिया जाए। यह मांग हिमाचल प्रदेश पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच के पदाधिकारियों ने प्रदेश सरकार से की है। मंच के के प्रदेशाध्यक्ष पंकज कुमार, महिला प्रकोष्ठ की राज्य अध्यक्ष छवि सूद, राज्य उपाध्यक्ष दिनेश पटियाल, महासचिव राजपूत संजीव ठाकुर, मुख्य सलाहकार नरेंद्र शर्मा, राज्य कोषाध्यक्ष रविकांत शर्मा, संयोजक कासिम खान, सहसचिव अमित शर्मा, सिरमौर से अश्वनी ठाकुर, विनोद गौतम, विनीता ठाकुर, बिलासपुर से सुनील गौतम, कांगड़ा प्रभारी शिवनंदन धीमान, अशोक क्लोत्रा, नवीन गुलेरिया, जिलाध्यक्ष चंबा नीरज चौहान, जिलाध्यक्ष हमीरपुर संजीव शास्त्री, पवन लखनपाल, जिलाध्यक्ष बिलासपुर धर्मपाल गोरा ने कहा है कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत 80 फीसदी अनुबंध कर्मचारी अगले साल मार्च में नियमित हो जाएंगे। यदि सरकार चुनावी वर्ष में छह माह पूर्व अनुबंध कर्मचारियों के महंगाई भत्ते का निर्णय लेती है, तो इससे अनुबंध कर्मचारियों को तो राहत मिलेगी ही, साथ ही सरकार का यह कदम मिशन रपीट में मील का पत्थर साबित होगा।
Kushi Kapoor Shares Throwback Pictures To Wish Sister Janhvi Kapoor मिली एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर सोमवार को अपना 26वां जन्मदिन मना रही हैं। फैंस के बाद अब उनकी बहन खुशी कपूर ने एक्ट्रेस के लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया है। नई दिल्ली, जेएनएन। Kushi Kapoor Shares Throwback Pictures To Wish Sister Janhvi Kapoor: एक्ट्रेस जाह्नवी कपूर सोमवार को अपना बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं। एक्ट्रेस को उनके फैंस सोशल मीडिया ढेर सारी बधाइयां दे रहे हैं। अब जाह्नवी की छोटी बहन खुशी कपूर ने भी एक्ट्रेस को विश करने के लिए एक स्पेशल पोस्ट शेयर किया है। खुशी कपूर ने जाह्नवी के लिए अपने इंस्टाग्राम के स्टोरी सेक्शन में कुछ पुरानी तस्वीरों का एक कोलाज पोस्ट किया है। कोलाज में जाह्नवी और खुशी की बचपन से लेकर बड़े होने तक की खूबसूरत यादें देखने को मिल रही है। पहली तस्वीर में छोटी जाह्नवी कपूर डांस कर रही हैं और पीछे से खुशी उन्हें कॉपी कर रही हैं। वहीं, दूसरी तस्वीर में जाह्नवी नन्ही खुशी को गोद में लेकर किस कर रही हैं, जबकि तीसरी फोटो दोनों के बड़े होने के बाद की है। पोस्ट को शेयर करते हुए खुशी ने लिखा, 'मेरे साथी को हैप्पी बर्थडे, मैं तुमसे सबसे ज्यादा प्यार करती हूं। ' बॉलीवुड में एक्टिंग करने के बाद अब जाह्नवी कपूर जल्द साउथ में भी डेब्यू करने वाली हैं। एक्ट्रेस की पहली फिल्म एनटीआर 30 है, जिसका फर्स्ट लुक उनके बर्थडे पर जारी किया गया है। फिल्म में जाह्नवी के साथ लीड रोल में आरआरआर स्टार जूनियर एनटीआर लीड रोल में नजर आएंगे। एनटीआर 30 के अलावा जाह्नवी की फिल्म बवाल भी आ रही है। इस फिल्म में उनकी जोड़ी वरुण धवन के साथ नजर आएगी। फिल्म की शूटिंग पूरी हो चुकी है। फिल्म इस साल 7 अप्रैल को रिलीज होगी। आखिरी बार जाह्नवी फिल्म मिली में नजर आई थीं। जाह्नवी कपूर के बाद अब खुशी कपूर भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने जा रही हैं। खुशी, जोया अख्तर की फिल्म द आर्चीज के साथ डेब्यू करेंगी। ये फिल्म थिएटर में रिलीज न होकर नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम की जाएगी। द आर्चीज के साथ खुशी के अलावा शाह रुख खान की बेटी सुहाना खान और अमिताभ बच्चन के नाती अगस्त्य नंदा भी डेब्यू कर रहे हैं।
निकटवर्ती कस्बे सादुलशहर में बस संचालकों और स्टूडेंट्स में विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। गुरुवार को कस्बे के डीटीओ ऑफिस में विवाद के निपटारे के लिए बैठक बुलाई तो हंगामे की भेंट चढ़ गई। श्रीगंगानगर के डीटीओ विनोद लेघा की मौजूदगी में बस संचालक और स्टूडेंट्स भिड़ पड़े। हंगामे की शुरुआत छात्र संघर्ष समिति के एक सदस्य और बस ऑपरेटर के बीच विवाद से हुई। बात इतनी बढ़ी की बैठक को स्थगित ही करना पड़ा। बाद में दोपहर में फिर से बैठक शुरू की गई। हंगामे की शुरुआत एक बस ऑपरेटर के स्टूडेंट पर आरोप लगाने के साथ हुई। शुरुआत में केवल बातचीत हुई लेकिन धीरे-धीरे यह टकराव में बदल गई। बस ऑपरेटर ने स्टूडेंट के साथ धक्का मुक्की की और उसे ऑफिस के बाहर तक ले आए। बाद में आसपास के लोगों ने बीच बचाव किया और स्टूडेंट को छुड़वाया। इसके बाद बैठक एक बार फिर शुरू हुई। बाद में इस संबंध में शुक्रवार को बैठक का निर्णय किया गया। श्रीगंगानगर और सादुलशहर के बीच स्टूडेंट्स तथा बस ऑपरेटरों का विवाद पुराना है। स्टूडेंट इस रोड पर कम किराए की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें किराए में 75 प्रतिशत छूट दी जानी चाहिए। अभी सामान्य किराया चालीस रुपए है जबकि वे दस रुपए किराया करने की मांग कर रहे हैं। विवाद के संबंध में दो-तीन दिन पहले श्रीगंगानगर-सादुलशहर रोड जाम भी कर दी गई थी। This website follows the DNPA Code of Ethics.
चर्चा में क्यों? 4 अक्तूबर, 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास 'समत्व भवन'में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मंत्रि-परिषद द्वारा 6 हज़ार करोड़ रुपए की 18 सिंचाई परियोजनाओं को स्वीकृति देने के साथ ही कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए। - मंत्रि-परिषद द्वारा स्वीकृत 18 सिंचाई परियोजनाओं में चितावद-उज्जैन, मेढ़ा-बैतूल, पन्हेटी-गुना, लोनी-रीवा, खाम्हा-कटनी, डोकरीखेड़ी-नर्मदापुरम, सोनपुर-शिवपुरी, थावर-मंडला, मुरकी-डिंडोरी, पावा-शिवपुरी, सिरमौर-रीवा, कनेरा-भिंड, मल्हारगढ़-मंदसौर, देवरी-नर्मदापुरम, सीतलझिरी-बैतूल, आहू-आगर मालवा, बगलीपीठ-बालाघाट और पहाड़िया-रीवा शामिल हैं। - इन परियोजनाओं से 02 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र में वृद्धि होगी। इससे लगभग 1250 ग्रामों के लगभग 02 लाख कृषक लाभान्वित होंगे। - मंत्रि-परिषद द्वारा छिंदवाड़ा ज़िले की तहसील सोंसर एवं पांढुर्ना को समाविष्ट कर नवीन ज़िला पाढुर्ना बनाने की स्वीकृति दी गई है। - मंत्रि-परिषद द्वारा ज़िला उज्जैन में नवीन तहसील उन्हेल, ज़िला बालाघाट में नवीन तहसील लामता, ज़िला रायसेन में नवीन तहसील बम्होरी एवं सुल्तानगंज तथा ज़िला मंदसौर में नवीन तहसील कयामपुर के गठन को स्वीकृति दी गई। - मंत्रि-परिषद द्वारा मंदसौर ज़िले की ग्राम पंचायत नाहरगढ़, बोलिया एवं गांधीसागर, सीधी ज़िले की ग्राम पंचायत सेमरिया, शाजापुर ज़िले की ग्राम पंचायत अवंतिपुर बड़ोदिया एवं गुलाना, सतना ज़िले की ग्राम पंचायत सिंहपुर, हरदा ज़िले की ग्राम पंचायत रहटगाँव को नगर परिषद के रूप में गठन एवं शहडोल ज़िले की नगर परिषद ब्यौहारी को नगर पालिका परिषद में उन्नयन किये जाने तथा राज्यपाल को प्रेषित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। - कमला पार्क से संत हिरदाराम नगर तक एलिवेटेड कॉरिडोर की स्वीकृतिः मंत्रि-परिषद द्वारा भोपाल से इंदौर, राजगढ़ एवं पुराने भोपाल में यातायात सुगम करने के लिये 8-लेन मार्ग के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। मार्ग का निर्माण हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के अंतर्गत किया जाएगा। परियोजना के क्रियान्वयन के लिये 3 हज़ार 156 करोड़ रुपए का अनुमोदन किया गया। - मंत्रि-परिषद द्वारा सेवामुक्त होने पर कोटवार को निर्धारित नियमों के अंतर्गत एक लाख रुपए की राशि दिये जाने की स्वीकृति दी गई। - पैक्स और लैंपस की प्रबंधकीय अनुदान की राशि में अतिरिक्त वार्षिक वृद्धि करने का निर्णयः मंत्रि-परिषद द्वारा सहकारिता विभाग की योजना के अंतर्गत प्राथमिक साख सहकारी समितियों (पैक्स) एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों (लैंपस) को दिये जाने वाले प्रबंधकीय अनुदान की राशि में प्रति समिति 3 लाख रुपए की अतिरिक्त वार्षिक वृद्धि किये जाने का निर्णय लिया गया। - इसके साथ सार्वजनिक वितरण प्रणाली की उचित मूल्य दुकानों के संचालन के लिये पैक्स एवं लैंपस समितियों के विक्रेताओं को भी 3 हज़ार रुपए प्रति विक्रेता प्रति माह पारिश्रमिक मानदेय बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। - योजना का क्रियान्वयन 01 अक्तूबर, 2023 से किया जाएगा। - स्कूटी प्रदाय योजना के सरलीकरण की स्वीकृतिः मंत्रि-परिषद द्वारा सभी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्रा एवं छात्र को निःशुल्क ई-स्कूटी/स्कूटी के क्रय करने की कार्यवाही के सरलीकरण के प्रस्ताव की स्वीकृति दी गई। - तीन सिंचाई परियोजनाओं की निविदा आमंत्रित करने की अनुमतिः मंत्रि-परिषद द्वारा नर्मदा घाटी विकास विभाग की 3 परियोजनाओं क्रमशः बहोरीबंद माइक्रो सिंचाई परियोजना, शहीद इलाप सिंह उदवहन माइक्रो सिंचाई परियोजना और खंडवा उदवहन माइक्रो सिंचाई परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति एवं निविदा आमंत्रित करने की अनुमति प्रदान की गई। - लगभग 1,12,220 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित करने वाली तीनों परियोजनाओं की लागत राशि 3 हज़ार 598 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई। - आहार अनुदान योजना की हितग्राहियों को प्रतिमाह राशि में वृद्धि की स्वीकृतिः मंत्रि-परिषद द्वारा आहार अनुदान योजना की हितग्राहियों को प्रतिमाह राशि में 250 रुपए की वृद्धि करते हुए प्रतिमाह राशि 1250 रुपए के स्थान पर 1500 रुपए प्रतिमाह किये जाने की स्वीकृति दी गई है। - विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये केवल एक बार ही शुल्क लिये जाने की स्वीकृतिः मंत्रि-परिषद द्वारा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये केवल एक बार ही शुल्क लिये जाने के संबंध में प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया गया। कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं के लिये वन टाईम परीक्षा शुल्क एवं रजिस्ट्रेशन की सुविधा प्रारंभ की जा रही है। - शहीद हुए वनकर्मियों को 25 लाख विशेष अनुग्रह अनुदान की स्वीकृतिः मंत्रि-परिषद द्वारा शहीद हुए वनकर्मियों को मध्य प्रदेश शासन द्वारा शहीद घोषित करते हुए आश्रितों को 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 25 लाख रुपए विशेष अनुग्रह अनुदान प्रदान करने की स्वीकृति दी गई है। - जनजातीय कार्य विभाग के 95 सीएम राइज स्कूलों के चयन एवं स्थान परिवर्तन का अनुसमर्थनः मंत्रि-परिषद द्वारा जनजातीय कार्य विभाग के 95 सीएम राइज स्कूलों के चयन एवं स्थान परिवर्तन का अनुसमर्थन किया गया। - जनजातीय एवं लोक कलाकारों को प्रदर्शन के लिये दैनिक मानदेय एवं भत्ते की दरों में वृद्धि की स्वीकृतिः मंत्रि-परिषद ने जनजातीय एवं लोक कलाकारों को प्रदर्शन के लिये दैनिक मानदेय एवं भत्ते की दरों में वृद्धि की स्वीकृति दी है। - कलाकारों को प्रदर्शन के लिये दैनिक मानदेय 800 रुपए प्रति दिवस से बढ़ाकर 1500 रुपए प्रति दिवस एवं दैनिक भत्ता 250 रुपए प्रति दिवस से बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिदिवस किया गया। - लोक कलाकारों को आवागमन, स्थानीय परिवहन तथा आवास सुविधा पूर्ववत् जारी रखी जाएगी। - अंतर्राष्ट्रीय प्रस्तुतियों में प्रतिभागिता हेतु जाने वाले कलाकारों तथा उनके समन्वय हेतु जाने वाले विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों को भेजे जाने के लिये संस्कृति विभाग सक्षम प्राधिकारी होगा। - विवेकानंद युवा संसाधन केंद्र की स्थापना की स्वीकृतिः मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के 52 ज़िला मुख्यालयों पर युवाओं के लिये 'विवेकानंद युवा संसाधन केंद्र'की स्थापना की स्वीकृति दी है। विवेकानंद युवा संसाधन केंद्र में भौतिक स्वरूप, त्रिस्तरीय समितियाँ होंगी। - कर्मचारियों को आयुष्मान भारत 'निरामयम'प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना में शामिल करने की स्वीकृतिः मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के शासकीय कर्मचारी/कार्यकर्त्ता/संविदा कर्मियों को आयुष्मान भारत 'निरामयम'प्रधानमंत्री जन-आरोग्य योजना के अंतर्गत सम्मिलित किये जाने की स्वीकृति दी है। - भारत निरामयम योजना के अंतर्गत स्वीकृत पात्र हितग्राही, आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, पंचायत सचिव, ग्राम रोज़गार सहायक, आशा तथा ऊषा कार्यकर्त्ता, आशा सुपरवाईजर, कोटवार एवं संविदा कर्मचारियों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपए स्वास्थ्य सुरक्षा लाभ स्वीकृत किया गया है। - मंत्रि-परिषद द्वारा भारत सरकार, वस्त्र मंत्रालय की पीएम मेगा एकीकृत वस्त्र क्षेत्र और परिधान (पीएम मित्र) योजना के अंतर्गत प्रदेश में टेक्सटाईल पार्क की स्थापना के लिये एसपीवी (विशेष प्रयोजन वाहन) के गठन संबंधी जॉइंट वेंचर एग्रीमेंट, मेमोरेंडम तथा आर्टीकल्स ऑफ एसोसिएशन प्रारूप के अनुमोदन के संबंध में निर्णय लिया गया है। - मंत्रि-परिषद द्वारा महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यलाय उज्जैन का कैम्पस ज़िला रीवा में भी स्थापित करने की स्वीकृति दी गई। - मंत्रि-परिषद द्वारा अमरपाटन ज़िला मैहर में नवीन शासकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति दी गई। - मंत्रि-परिषद द्वारा रायसेन ज़िले में 100 एम.बी.बी.एस. सीट प्रवेश क्षमता के नवीन मेडिकल कॉलेज की स्थापना की स्वीकृति दी गई। - मंत्रि-परिषद द्वारा मेडिकल कॉलेज के शैक्षणिक संवर्ग को वर्ष 2016 से 7वाँ वेतनमान दिये जाने की स्वीकृति दी गई। - वनरक्षकों को प्रशिक्षण पूर्ण होने की दिनांक से मूल वेतन स्वीकृत किये जाने की स्वीकृति दी गई है।
कोट्टायम (केरल): 'मलंकारा ऑर्थोडॉक्स सीरियन चर्च ऑफ इंडिया' के सर्वोच्च प्रमुख बेसेलियस मारथोमा पॉलोस द्वितीय का रविवार देर रात निधन हो गया. पादरी 74 वर्ष के थे. गिरजाघर के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी. प्रवक्ता ने बताया कि पादरी का कोविड-19 के बाद हुई जटिलताओं के कारण पतनमतिट्टा जिले के पारूमाला में एक निजी अस्पताल में उपचार चल रहा था. रविवार देर रात करीब 2:35 बजे उनका निधन हो गया. Greetings to everyone on the special occasion of the Rath Yatra. We bow to Lord Jagannath and pray that his blessings bring good health and prosperity in everyone's lives. Jai Jagannath! हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. My condolences on the passing of the supreme head of Malankara Orthodox Syrian Church of India- His Holiness Baselios Marthoma Paulose II. वह दिसंबर 2019 से फेफड़ों के कैंसर से भी पीड़ित थे और इस वर्ष फरवरी में कोरोनावायरस संक्रमण से उबरे थे. गिरजाघर की ओर से बताया गया कि बेसेलियस मारथोमा पॉलोस द्वितीय मलंकारा (पूर्व) के गिरजाघरों के आठवें प्रमुख (कैथोलिकोस) थे.
अमरीश मिश्रा बाजार षुकुल (छत्रपति षाहू जी महाराज नगर )। किसी गीत कार की चन्द लाइने हमसे का भूल हुयी जो ई सजा हमका मिली। विधान सभा क्षेत्र जगदीषपुर ही नही वरन अमें"ाr संसदीय क्षेत्र के सभी विधान सभा क्षेत्र के हारे हुए दिग्गज पत्याषियो तथा पूर्व सीटिंग विधायका पर सटीक बै"ती है सर्वपथम बात करते है विधान सभा जगदीषपुर की जहां पर पथम बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड रहे राधेष्याम धोबी ने कांग्रेस के चिर पतिद्वन्दियो भाजपा के पूर्व मंत्री राम लखन पासी सपा के दिग्गज नेता विजय पासी , बसपा के श्रीराम कान्तिकारी तथा पूर्व विधायक नन्द लाल पासी को विधान सभा चुनाव में पटकनी दी। कांग्रेस पत्याषी राधेष्याम धोबी ने अपना पथम चुनाव जीतकर नौ बार के सीटिंग विधायक नाना राम सेवक धोबी के विजय रूपी तिलिस्म को जहां बरकरार रखा । वही नाती ने नाना की साख भी बचाई परन्तु हारे हुए पत्याषियो से क्या भूल हुयी यह उनके समझ से परे है कांग्रेस की सबसे बडी हार भारत को पधान मंत्री देने वाली विधान सभा तथा कांग्रेस की कर्म भूमि अमे"ाr विधान सभा क्ष्sात्र में हुई जहां की हार को न तो कांग्रेस पचा सकती है और न ही तीन बार की सीटिग विधायक अमिता सिह ही कांग्रेस के अमें"ाr में हारते ही आरोप पत्यारोप का दौर जहां षुरू हो गया वही कांग्रेस संग"न की अर्न्तकलह भी खुल कर सामने आ गयी । यहां से सपा पत्याषी गायत्री पसाद पजापति ने जीत दर्ज की यह किसी के समझ में नही आ रहा है कि कौन सी भूल हुयी । जो ये सजा हमको को मिली। विधान सभा गौरीगंज के सीटिंग बसपा विधायक चन्द पकाष मिंश्र मटियारी ने जिले को तोहफा तो दे दिया।
65 Written Answers 8. रोग निवारण और नियंत्रण, संचारी रोग निवारण PHALGUNA 30, 1895 (SAKA) Written Answers सचारी रोगों का महामारी वैज्ञानिक सर्वेक्षण और अन्य परजीवी रोग, फाइलेरिया नियत्रण चेचक उन्मूलन । 9. माईकोबेक्टीरियल रोग कुष्ठ नियंत्रण, राष्ट्रीय टी० वी० नियंत्रण कार्यक्रम । 10 पशु चिकित्सा, जन स्वास्थ्य प्रशिक्षण 11. प्रसवारी रोग कम्मर का निवारण और नियत्रण उदवाहिया राग दन्न शिक्षा का सुधार । 12 श्रौषधि प्रयोगशाला विधियां और जेब मानकीकरण 13 पर्यावरण स्वास्थ्य मे सुधार ग्राम जलपति भूमि जल प्रशिक्षण पात्यत्रम ठाम दूषित मामग्री का विकास जनपणा निवारण और नियंत्रण वायुदूषण का नियंत्रण । 14 व्यावसायिक स्वास्थ्य 15 प्रायनोकारी विकिरण के जोब चिकित्सा सबधी और पर्यावरधिक स्वास्थ्य रेडियाग्राफरी का प्रशिक्षण विकिरण श्रायुविज्ञान केन्द्र बम्बई अस्पताल भौतिकी का पाठ्यक्रम जन स्वास्थ्य इन्जीनियरी शिक्षा । 16. स्वास्थ्य सांख्यको सेवाओ का विकास और बृढ़ीकरण सन् 1974 के बीच भी विश्व स्वास्थ्य संगठन का विचार 17,03,965 डालर की इस प्रकार की सहायता देने का है। और दक्षिण-पूर्व एशिया की विश्व स्वास्थ्य प्रादेशिक समिति द्वारा प्रस्ताव अनुमोदित करने के की विश्व स्वास्थ्य संगठन विशेषज्ञा नियुक्ति भीर माज सामान की धापूर्ति के लिए कार्यवाही भारम्भ करना है और फिर जिन सम्याओं को यह सहायता देनी होती हैं उन्हें दे देता है । विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत दी जाने वाली अधिछात्रवृत्तिया स्वास्थ्य और परिवार नियोजन मन्त्रालय द्वारा राज्य सरकारा, मघ शासित क्षेत्रा ने प्रशामनो तथा अन्य राबधित संस्थामा मे परिपत्रित कर दी जाती है। छात्रवृत्तिया देने के लिए व्यक्तियों का इस मंत्रालय की चयन समिति द्वारा किया जाना (ख) विश्व स्वास्थ्य संगठन वेन्द्र सरकार अथवा राज्य सरकारो के अधीन पारस्परिक सहमति से परियोजनाओ / संस्थाओं के काम के लिए fafree rafध तक अपने सामान्य कार्यक्रम के अनुसार सहायता देता है। विश्व स्वास्थ्य सभा रक्षा उत्पादन एककों तथा प्रायुक्त कारखानों द्वारा 'एशिया- 72' में हिस्सा लिया जाना 4025 श्री मूल यह बताने की कृपा करेंगे वि डागाः क्या रक्षा मन्त्री (क) क्या रक्षा उत्पादन एका तथा आयुध कारखाना ने 'एशिया-72 मे हिस्सा लिया था, और (ख) यदि हा तो उस पर बुल कितनी धनराशि खर्च की गयी ? रक्षा मंत्रालय (रक्षा उत्पादन ) मे राज्य मन्त्री (श्री विद्या चरण शुक्ल ) ( व ) और ( ख ) जी हा श्रीमान् लगभग 17,27,500 रुपये कोयले के भाव निर्धारित करने के प्राधार 4026 श्री मूल चन्द डागा : क्या इस्पात चौर खान मत्री यह बताने की कृपा करेगे कि सरकार कोयले के भाव किन माधार पर निर्धारित करती इस्पात और खान मंत्रालय में उप-मत्री (श्री सुबोध हसदा) केन्द्रीय सरकार द्वारा कोयले के मूल्य पर किमी प्रकार का कानूनी नियत्रण नहीं लगाया गया है। भावश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अन्तर्गत राज्य सरकारों को यह अधिकार
टाटा अल्ट्रोज अब सबसे सस्ती सनरूफ वाली कार बन गई है. नई दिल्ली. वो जमाना अब गया जब सनरूफ को खास और महंगी कारो की प्रीमियम फीचर माना जाता था. अब यह फीचर लग्जरी कारों तक ही सीमित नहीं है. अब मास-सेगमेंट कारों के बीच भी यह काफी पॉपुलर फीचर बन गया है. Tata Motors उन कार निर्माताओं में से एक है जो इस मार्केट का गेम चेंजर है. कार निर्माता ने हाल ही में अपने अल्ट्रोज़ हैचबैक मॉडल लाइनअप में सनरूफ का फीचर जोड़ा है. अब यह भारत की सबसे सस्ती सनरूफ ऑफर करने वाली कार बन चुकी है. समान ट्रिम में बिना सनरूफ वाले वेरिएंट से अगर तुलना करें तो अल्ट्रोज़ के सनरूफ से लैस वेरिएंट की कीमत 45,000 रुपये ज्यादा है. इसके मुकाबले वाली मारुति बलेनो में सनरूफ फीचर की कमी है और Hyundai i20 के एस्टा और एस्टा (ओ) ट्रिम्स में सनरूफ मिलती है और जिनकी कीमत 9. 03 लाख रुपये से चालू होती है. हालांकि, हुंडई जल्द ही सिंगल-पैन सनरूफ के साथ Hyundai Exter माइक्रो SUV लाने वाली है. इसके टॉप ट्रिम्स में सनरूफ का फीचर मौजूद होगा. यह Hyundai की सबसे किफायती SUV होगी और साथ ही सनरूफ के साथ आने वाली सबसे सस्ती कार भी होने की उम्मीद है. Tata Altroz मॉडल लाइनअप में 1. 2L NA पेट्रोल, 1. 2L टर्बो पेट्रोल और 1. 5L डीजल इंजन विकल्प मिलता है. NA और टर्बोचार्ज्ड पेट्रोल इंजन क्रमशः 86bhp और 110bhp जेनरेट करने में सक्षम हैं. वहीं, डीजल इंजन 90bhp जनरेट कर सकता है. यह कार 5-स्पीड गियरबॉक्स स्टैंडर्ड आती है जबकि 6-स्पीड डीसीटी ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन केवल 1. 2L NA पेट्रोल इंजन के साथ खरीदी जा सकती है. हाल ही में कार निर्माता ने Tata Altroz रेंज में 6 CNG वेरिएंट जोड़े हैं और इनकी कीमत 7. 55 लाख रुपये से 10. 55 लाख रुपये के बीच है. इसमें ड्यूल-सिलेंडर CNG सेटअप के साथ 1. 2L पेट्रोल इंजन का इस्तेमाल किया गया है. CNG मोड पर यह इंजन 77bhp की पीक पावर और 103Nm का टार्क जेनेरेट करने में सक्षम है. .
भारत पर सिकंदर का आक्रमणा सामना करते तो यूनान के राजा की क्या मजाल थी कि वह भारतीयों को हरा सकता, पर उनके आपसीधै र ने सब कुछ खो दिया । ३२६ ई० पू० में सिन्धु नदी को पार कर जब सिकंदर हमारे देश के अन्दर घुसा तो पश्चिमी पंजाब में तक्षशिला का राजा अम्भी उससे मिल गया । इस प्रकार भारत का भाग्य खोटा था कि भारत का ही एक राजा अपने देश के विरुद्ध शत्रु से जा मिला। सिकंदर को अब क्या चाहिए था; अम्भी मदद पा कर वह तेजी से झेलम की ओर बढ़ चला । सिकंदर और पुरु का युद्ध - झेलम और चिनाव के बीच तब एक शक्तिशाली राज्य था । इस राज्य का राजा पुरु या पोरस था । वह अम्भी की तरह कायर और देश-द्रोही न था। पुरु अपनी मातृभूमि का भक्त था; इसलिए जब सिकन्दर बढ़ता हुआ उसके राज्य की सीमा पर पहुॅचा तो वह भी अपनी विशाल सेना ले कर उसका सुकाबला करने को आगे बढ़ा । झेलम नदी के तट पर सिकंदर और पुरु की सेनाओं में घोर युद्ध हुआ । पुरु के विशाल सैन्यदल और हाथियों को देख कर सिकंदर के सैनिक डर से कॉप उठे । भारतीय सैनिकों ने युद्ध में यूनानियों के छक्के छुड़ा दिये, लेकिन हाथियों के भड़क जाने से अन्त में पुरु की सेना हार गयी और सिकंदर विजयी हुआ । हारने पर भारतीय सैनिकों में भगदड़ मच गयी, लेकिन वीर पुरु अकेला ही तब तक मैदान में डटा रहा, जब तक कि बुरी तरह घायल हो कर गिर न गया ।
डेस्क । । साल 2018 जाने की ओर है वहीं नए साल का स्वागत करने के लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरु हो गई है। साल के आखिरी दिनों में लोग दोस्तों और परिवार के साथ जमकर जश्न मनाते हैं। नये साल में जश्न बनाना तो बनता है लेकिन कई बार उमंग और उत्साह के कारण हम कुछ चीजों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते है जिसकी वजह से नए साल में ही कई बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। पार्टी के दौरान कई बार हम स्वादिष्ट भोजन का हैवी डोज ले लेते हैं जिसके कारण कई परेशानियां हो जाती हैं। ध्यान रखें कि अगर आप पार्टी में जा रहे है और आपको डॉयबिटीज है तो पार्टी में मिलने वाले खाने के आइटम्स से ब्लड शुगर अचानक बढ़ता है, जिससे शरीर में इंसुलिन के स्तर में बढ़ोतरी होती है और नींद आने लगती है। आपको लिए ये स्थिति बेहद गंभीर हो सकती है। पार्टी के दौरान खाए जाने वाले व्यंजन न केवल वजन बढ़ाते हैं बल्कि आपको ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा देते है। पार्टी के दौरान कोशिश करें कि कोल्ड ड्रिंक से दूर रहे। ठंड के मौसम में कोल्ड ड्रिंक आपको परेशान करने के साथ सांस लेने में समस्या भी कर सकती है।
बीते कल लिरिक्स और स्क्रिप्ट राइटर जावेद अख्तर ने अपना 75वां जन्मदिन मनाया है और उन्होंने अपने जन्मदिन को बहुत ही स्पेशल तरीके से एन्जॉय किया. वहीं उन्होंने दो पार्टी होस्ट की और एक पार्टी 16 जनवरी की रात तो दूसरी 17 जनवरी की रात. वहीं आपने देखा होगा पहली पार्टी में उन्होंने पुराने दिनों को याद करते हुए रेट्रो थीम पार्टी दी और उनकी दूसरी पार्टी उन्होंने मुंबई के फाइव स्टार होटल ताज लैंड्स एंड में दी. इस पार्टी में बॉलीवुड के तमाम बड़े सितारों ने शिरकत की. जी हाँ, इस दौरान पार्टी में सबकी निगाहें रेखा पर थमी क्योंकि वह बहुत खूबसूरत नजर आईं. उन्होंने इस दौरान ग्रीन कलर की साड़ी पहनी हुई थी जो उनकर ऊपर काफी दिलकश दिखाई दे रही थी. इस दौरान पार्टी में रितेश देशमुख और जेनेलिया डिसूजा भी नजर आए और दोनों का लुक काफी शानदार रहा. इस दौरान दिव्या दत्ता दिखी. उन्होंने ब्लू कलर का गाउन कैरी किया. मैसी बन उनके लुक को कॉम्प्लीमेंट कर रहा था. वहीं जोया अख्तर पार्टी में गोल्डन कलर के गाउन में नजर आईं. इस ड्रेस में वे बहुत खूबसूरत दिखीं. इस दौरान ऋचा चड्ढा पार्टी में अपने बॉयफ्रेंड अली फजल के साथ पार्टी में नजर आईं. उन्होंने पार्टी के लिए फ्लावर प्रिंट की व्हाइट साड़ी को चुना. इस दौरान विद्या बालन के पति और फिल्म प्रोड्यूसर सिद्धार्थ रॉय कपूर भी नजर आए और उन्ही के साथ एक्टर सतीश कौशिक भी पार्टी में शरीक हुए. इस दौरान माधुरी दीक्षित भी पार्टी में पहुंचीं और उन्होंने पार्टी के लिए ऑरेंज कलर को चुना. इस दौरान वह साड़ी में बहुत खूबसूरत नजर आईं.
यह फिल्म 2008 में ही बनकर तैयार हो गई थी। फिल्म थिएटर में भले ही रिलीज न हो पाई हो लेकिन यह कई फिल्म उत्सवों में प्रदर्शित हो चुकी है। फिल्म को सराहना भी मिली है। फिल्म में रणदीप हुड्डा ने 19वीं सदी के महान चित्रकार राजा रवि वर्मा और नंदना ने उनकी पत्नी सुगंधा की भूमिका अदा की है। इस फिल्म के जरिए नंदना सेन एक बार फिर सुर्खियों में आ जाएंगी। हालांकि नंदना ने यह फिल्म तब की थी जब वह अविवाहित थीं। अब उनकी शादी हो चुकी है। इन दिनों के बीच फिल्माए गए गर्मागर्म दृश्यों की रिलीज से पहले ही चर्चा है। फिल्म के इन दृश्यों पर नंदना इतनी असहज हो गई थीं कि उन्होंने इसे फिल्म से हटवाने तक का अनुरोध किया था।
न्यूजीलैंड ने ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर खेले गए सेमीफाइनल मैच में भारत को 18 रन से मात दे विश्व कप-2019 के फाइनल में कदम रख लिया है। इस मैच में भले ही भारतीय टीम को हार मिली हो, लेकिन रवींद्र जडेजा के कमाल के प्रदर्शन ने सभी का दिल जीत लिया। यह जडेजा के खेल का ही कमाल था कि जिस संजय मांजरेकर ने जडेजा को अपनी संभावित एकादश टीम में भी जगह नहीं दी थी, उन्होंने भी ट्वीट कर लिखा, 'वेल प्लेड जडेजा'। जडेजा-मांजरेकर विवाद क्रिकेट जगत में खासा चर्चित रहा था। भारत के लिए रवींद्र जडेजा ने 59 गेंदों पर 77 रनों की लाजवाब पारी खेली और महेंद्र सिंह धोनी ने 72 गेंदों पर 50 रन बनाए। इन दोनों के बीच हुई शतकीय साझेदारी भी भारत को जीत नहीं दिला सकी। अंत के ओवर्स में न्यूजीलैंड ने इन दोनों के विकेट लेकर भारत को हार दे दी। मंगलवार को बारिश के कारण पूरा न हो सका यह मैच बुधवार को पूरा हुआ। कीवी टीम ने भारत के सामने 240 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे भारतीय टीम संघर्ष के बाद भी हासिल नहीं कर पाई और 49. 3 ओवरों में सभी विकेट खोकर 221 रन ही बना सकी। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
वैशाली जिले के हाजीपुर नगर थाना क्षेत्र के डाकबंगला चौराहे पर प्रेमी-प्रेमिका का हाईवोल्टेज ड्रामा देखा गया। जहां दोनों बीच सड़क पर गाली-गलौज और हाथापाई कर रहे थे। ऐसे में दोनों को लड़ता देख वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। जब लोग वहां पहुंचे तो पता चला कि प्रेमी जोड़ा किसी बात को लेकर झगड़ रहे थे। वहीं, हंगामे और बवाल करते लड़की के परिजन लगातार पुलिस को बुलाने की बात कह हंगामा करते दिखे। छपरा से हाजीपुर पहुंचे इस लड़के ने बताया की लड़की उसकी प्रेमिका है। दोनों के बीच पिछले 3 साल से चक्कर चल रहा था। लेकिन इस बीच प्रेमिका किसी और लड़के से भी बात करने लगी थी। इसको लेकर प्रेमी बात करने के लिए छपरा से हाजीपुर आया था। वहीं, लड़की ने बात करने के बदले बीच सड़क उसकी जमकर पिटाई कर दी। लड़की और उसकी मां ने पूरी भीड़ के सामने उसे गंदी-गंदी गालियां भी दी और कई थप्पड़ जड़ दिए। इधर, हंगामे की वजह से व्यस्त सड़क पर जाम के हालात बन गए। अंत में पुलिस ने लोगों को खदेड़ कर वहां से भगाया। वहीं मौके पर पुलिस के पहुंचते ही दोनों लोग फरार हो गए। This website follows the DNPA Code of Ethics.
Weather Update: देश के कई राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है वहीं बांकी इलाकों में जल्द ही उसके पहुंचने की संभावना है। Monsoon Alert: दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने सामान्य समय से 3 दिन पहले रविवार को केरल में दस्तक दे चुका है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी है। दरअसल, दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत की सामान्य तारीख 1 जून थी।
लद्दाख सीमा पर चीन को लेकर तनाव जारी है. लेकिन देश की सियासत अब चीन के फंड पर आकर लटक गई है. कांग्रेस के सीमा पर तनाव को लेकर पूछे जा रहे सवालों पर बीजेपी ने चंदे को लेकर घेराबंदी शुरू कर दी है. आज जेपी नड्डा ने एक बार फिर कांग्रेस से चीन के चंदे को लेकर 10 सवाल किए. जवाब में कांग्रेस बीजेपी पर मुद्दे से भटकाने का आऱोप लगा रही है. आज हल्ला बोल में इसी मुद्दे पर बहस के दौरान जब बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा से ये सवाल किया गया चीन से विवाद के बीच किसी को दिए गए चंदे का क्या लेना देना? इस पर क्या बोले संबित पात्रा, जानने के लिए देखिए वीडियो. Intensifying the attack on the Congress, Bhartiya Janata Party on Saturday asked the opposition party 10 questions, including about alleged links between the Rajiv Gandhi Foundation and China. Today, during the debate on the same issue in Halla Bol, when BJP spokesperson Sambit Patra was asked this question, what to do with the donation given to anyone amid the dispute with China? Watch video to know his reaction.
१३२. हमको क्या जिन्दगी से 'अदम' । आ जाती है, आप १३३. जिन्दगी खोके यह खयाल आया । जिन्दगी चीज थी जरूरत की । १३४. जो जीना हो तो पहले जिन्दगी का मुद्दा समझे । खुदा तौफीक दे तो आदमी खुद को खुदा समझे ।। १३५ जिन्दगी क्या है मुसल्सिल शौक पैहम इज्तराब । हर कदम पहले कदम से तेजतर" रखता हूँ मै ।। - जौनिसार अख्तर १३६ दिल से गर्मो- सर्दका एहसास तक जाता रहा । जिन्दगी यह है तो नैयर, मौत किसका नाम है ? १३७ मुसल्सल' मुसीवत', सरासर तवाही" । मेरी जिन्दगानी अरे तोबा । तौवा ॥ १३८ उमीदो मे ही जाने-जिन्दगी है, पासवाने - जिन्दगी 3 है, रहे जोगे- अमल दिल मे मुसल्सल ४, - नैयर अकबराबादी - हरीचन्द प्रस्तर १ उद्देश्य, अभिप्राय, प्रयोजन, २ योग्यता, पात्रता, ३. निरन्तर चाह, लगन, अलावा, ४ लगातार वेचनी, ५ अधिक तेज, ६ संसारिक सुख-दुख का ऊँच-नीचका, ७ निरन्तर 8 विपत्ति १० विल्कुल ११ का प्राण है, माशा पर ही १३ जीवन १४ लगातार ज़िन्दगी जिन्दादिली का नाम है । यही रूहे रवाने' - जिन्दगी है, - नही बाकी जो सरमे कोई सौदा, तो फिर क्या खाक शाने- जिन्दगी है ? १३९ जिन्दमी है सिर्फ शायद एक मौजे-बेकरार । वारा लौटे है तूफा की तरफ साहिल से हम । वह जिन्दा क्या जिसका बुझ गया दिल । सरासर नौहा ख्वाने - जिन्दगी है ।। न सोज़ है तेरे दिल मे, न साज फितरत मे । यह जिन्दगी तो नही, जिन्दगी हकीकत मे ॥ जानता है बता नहीं सकता । जिन्दगी किस तरह हुई बरबाद ? ~~~ श्रम्त लखनवी १४३ जिन्दगी धूप-छाँव है ऐ दोस्त । गम से उकता के मुस्करा देंगे । - मख्मर सईवी - राज चौदपुरी १४२ अरे ओ बेकसी प रोने वाले । कुछ खबर भी है ? वही है जिन्दगी, जो जिन्दगी देखी नही जाती ॥ - शिफर ग्वालियरी -हबाब तरमजी १४४ गमे-दौरा मे५ गुजरी जिस कदर गुजरी जहां गुजरी । और इस पर लुत्फ ये है जिन्दगी को मुख्तसर जाना ।। प्राण डालने वाली २ जिन्दगी का मातम, जीवन का शोक ३ बेचैन लहर ४ बार-बार, कई बार ५ दुनिया की मुमीवनो मे ६ सक्षिप्त, अत्यल्प, थोडी ।
विंडोज 11 वर्तमान में उपयोगकर्ताओं को टास्क मैनेजर, कमांड प्रॉम्प्ट, पॉवरशेल और सेटिंग्स का उपयोग करके किसी भी प्रक्रिया को खत्म करने की अनुमति देता है, जब तक कि वे नाम या प्रोसेस आईडेंटिफायर (पीआईडी) की पहचान कर सकते हैं. इसके अलावा, रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि टास्क मैनेजर भी एक नए सर्च बार के साथ आता है, जिससे बैकग्राउंड प्रक्रियाओं की पहचान करना बहुत आसान हो जाता है. नया विंडोज 11 टेस्ट बिल्ड भी एक्सेसिबिलिटी फीचर्स के लिए एक बड़े अपडेट के साथ आता है. यह अपडेट चीनी (सरलीकृत और पारंपरिक), फ्रेंच, जर्मन, इतालवी, जापानी, पुर्तगाली (ब्राजील), स्पेनिश और अन्य सहित कई नई भाषाओं के लिए सपोर्ट जोड़कर लाइव कैप्शन सुविधा को बढ़ाता है. इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट कथित तौर पर विंडोज 11 में एक नए फीचर लाएगा, जो उपयोगकर्ताओं को आरजीबी प्रकाश व्यवस्था को नियंत्रित करने की अनुमति देगा. ट्विटर उपयोगकर्ता अल्बाकोर ने पाया कि विंडोज 11 के लेटेस्ट इनसाइडर बिल्ड में आरजीबी पुर्जो को नियंत्रित करने के लिए एक छिपा हुआ फीचर शामिल है.
लाठी थानाक्षेत्र के डेलासर गांव में मां व 2 मासूम बेटियों की टांके में डूबने से मौत हो गई। पुलिस मौके पर पहुंची तब तक तीनों का अंतिम संस्कार हो चुका था। लाठी थानाधिकारी अचलाराम ढाका ने बताया की हमें गुरुवार सुबह जानकारी मिली की डेलासर गांव में एक महिला व उसकी दोनों बेटियों की टांके में गिरकर डूबने से मौत हो गई है। सूचना पर पुलिस की टीम डेलासर गांव पहुंची तब तक परिजनों ने तीनों का अंतिम संस्कार कर लिया था। मृतका के परिजनों व ससुराल पक्ष दोनों ने इसे दुर्घटना करार देते हुए किसी भी तरह की कानूनी प्रक्रिया नहीं करने की बात कही। लाठी थानाधिकारी अचलाराम ढाका ने बताया की परिजनों के अनुसार घटना बुधवार शाम की है जब डेलासर गांव निवासी निजू कंवर (37) पत्नी देवी सिंह की दोनों बच्चियां हवा (6) व पींटू (5) घर के बाहर बने पानी के टांके से पानी लेने के लिए गईं। वहां दोनों रस्सी से बाल्टी खींच रही थीं तभी दोनों एक साथ पानी के टांके में गिर गईं। वहीं पास उसकी मां निजू कंवर ने जब ये देखा तब वो भी उनके पीछे टांके में कूद गई। आसपास किसी की मौजूदगी नहीं होने से किसी को इसकी जानकारी नहीं मिली। थोड़ी देर बाद घर वालों ने खोजने पर तीनों को टांके में मृत पाया गया। जोधपुर स्थित मृतका के पीहर पक्ष को इसकी जानकारी देने के बाद आज सवेरे उन तीनों का दाह संस्कार कर दिया गया। पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली और वे जब मौके पर पहुंचे तब तक उनका दाह संस्कार हो चुका था तथा दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से कानूनी कार्रवाई नहीं करने की बात कही। This website follows the DNPA Code of Ethics.
गुलदार के भय से शाम होते ही घर में दुबक जाते हैं ग्रामीण. नैनीताल भले ही पर्यटकों की पहली पसंद हो, मगर इन दिनों नैनीताल में गुलदार ने आतंक मचा रखा है. ग्रामीण इलाकों में गुलदार की धमक से ग्रामीण लोग दहशत में हैं, तो वन विभाग शिकायत के इंतजार में हैं. नैनीताल जिले में भूमियाधार हो चाहे भवाली या फिर कोई और गांव सभी जगहों पर गुलदार की धमक से ग्रामीण परेशान हैं. रात होते ही गुलदार गांव के आस-पास दिखाई दे रहा है, तो ग्रामीण दिन ढलने के साथ ही घरों में कैद हो रहे हैं. नैनीताल वन प्रभाग में आने वाले गांवों में गुलदार से ग्रामीणों को खतरा बना है, गुलदार की डर इतनी है कि लोग बाजार भी आने-जाने से भी कतरा रहे हैं. गौरतलब है कि नैनीताल वन प्रभाग में गुलदार से लोग परेशान हैं, पिछले दिनों रतीघाट के पास गुलदार ने एक बाइक सवार पर हमला कर दिया, रामगढ़ में गुलदार का आतंक मवेशियों की जान पर भारी पड़ी है. लगातार बढ़ रहे गुलदार के हमले और दहशत से ग्रामीणों की परेशानी का वन विभाग के पास भी ठोस जवाब नहीं है. वन विभाग ये मनाता है कि यहां गुलदार का आतंक है पर शिकायत ना मिलने का भी बहाना बना रहा है. बहरहाल गुलदार के आतंक से ग्रामीणों की मुसीबत बढ़ रही है, तो वन विभाग शिकायत का इंतजार कर रहा है. जरुरी होगा कि ग्रामीण इलाकों में गुलदार के आतंक से लोगों को निजात दिलाने के लिए वन विभाग कोई ठोस कदम उठाए, ताकि बड़े हादसों से बचा जा सके. . क्या 'दंगल', क्या 'पठान'. . . इस धांसू मूवी के सामने सब पड़ जाएंगे फीके! रिलीज से पहले ही कमा लिए 800 करोड़!
बिहार के कद्दावर नेताओं में शुमार रघुवंश प्रसाद सिंह के आरजेडी छोड़ने की घोषणा के बाद से ही बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है। लालू प्रसाद यादव खुद उन्हें चिट्ठी लिखकर मनाने के प्रयास में लगे हैं। पटना आरजेडी के संस्थापक सदस्य रहे रघुवंश प्रसाद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कद्दावर नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का राजद से इस्तीफा देना पार्टी के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। रघुवंश प्रसाद ने समाजवादी विचारधारा से राजनीति में एक अलग पहचान बनाई और यही कारण था कि राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के रघुवंश प्रसाद सिंह बेहद करीबी रहे राजद में लालू प्रसाद के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह को पार्टी में एक बड़ा चेहरा माना जाता है। बिहार की सभी पार्टियों के नेताओं में रघुवंश प्रसाद सिंह राजपूत का चेहरा बड़ा माना जाता है। यही कारण है कि खुद लालू प्रसाद यादले ने उन्हें चिट्ठी लिखकर कहा है कि आप पार्टी में हैं, कहीं नहीं जा रहे हैं। पांच से अधिक बार बने सांसद रघुवंश प्रसाद सिंह अपने समाजवादी विचारधारा के कारण वैशाली लोकसभा से 5 से अधिक बार सांसद बने और राजद ने भी अपनी पार्टी में सिरमौर बनाकर रखा और जब भी राज्य में और केंद्र में राजद समर्थित सरकार बनी रघुवंश प्रसाद सिंह उसमें वरिष्ठ मंत्री के रूप में शामिल हुए। राजनीतिक शिक्षकों का कहना है कि तमाम विकट परिस्थितियों के बावजूद भी रघुवंश प्रसाद सिंह स्वर्ण समाज से आते हुए भी राजद के साथ रहे। कई बार अन्य दलों की ओर से उन्हें वरिष्ठ पद देने का ऑफर दिया जा चुका है, लेकिन रघुवंश प्रसाद सिंह ने लालू प्रसाद को छोड़कर कभी किसी दाल में जाने की इच्छा नहीं जताई। मगर प्रसाद के इस्तीफे के बाद ऐसा लगा रहा है कि राजनीति के चक्रचाल में आ गए हैं। साफ सुथरी छवि के चलते बाहुबलियों के खिलाफ रहे रघुवंश प्रसाद सिंह लंबे संघर्ष के बाद ऊंचाई पर पहुंचे और इस दौरान उन्होंने अपनी साफ सुथरी छवि बरकरार रखी। महनार के शाहपुर के रहने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपनी छवि को दागदार होने से बचाने के लिए हमेशा से बाहुबली नेता रामा सिंह की खिलाफत की, लेकिन जब आरजेडी ने रामा सिंह को अपने करीब लाने के संकेत दिए तो रघुवंश प्रसाद सिंह ने इसका पुरजोर विरोध किया। बता दें कि पूर्व में रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी में रहते हुए सभी पदों से इस्तीफा देकर रामा सिंह को राजद में शामिल करने का खुलकर विरोध किया और इसके लिए उन्होंने पार्टी आलाकमान को पत्र लिखे। रघुवंश प्रसाद सिंह ने पत्र के जरिए साफ तौर पर कह दिया यदि रामा सिंह राजद में शामिल होते हैं तो राजद से उनका कोई नाता नहीं रहेगा तब राजद पशोपेश में पड़ गई। रघुवंश प्रसाद सिंह के इस स्टैंड पर पार्टी के विचार धाराओं में मतभेद उभर कर सामने आई, लेकिन डैमेज कंट्रोल करने के लिए तुरंत जेल में बंद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पहल की और इसको लेकर उन्होंने अपने पुत्र प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को तत्काल रघुवंश प्रसाद सिंह से मुलाकात करने का निर्देश दिया। तेजस्वी यादव और मनोज झा पहुंचे थे रघुवंश को मनाने लालू के निर्देश पर तेजस्वी यादव के अलावा पार्टी के राज्यसभा सांसद मनोज झा भी रघुवंश प्रसाद सिंह जो फिलहाल दिल्ली के एम्स में भर्ती है उन्हें मनाने के लिए पहुंचे थे। विश्वस्त सूत्रों का कहना है कि इस दौरान भी रघुवंश प्रसाद सिंह ने साफ तौर पर कह दिया की रामा सिंह को यदि पार्टी में लाया गया तो वह उसे बर्दाश्त नहीं करेंगे, लेकिन इसी बीच रघुवंश प्रसाद सिंह ने राजद से इस्तीफा की घोषणा कर सबको चौंका दिया । अब लगता है 32 वर्षों का राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और रघुवंश प्रसाद सिंह का रास्ता अलग-अलग हो गया है। रघुवंश के जाने से पार्टी को होगा भारी नुकसान कयास लगाए जा रहे हैं कि रघुवंश प्रसाद सिंह के पार्टी से बाहर जाने के बाद पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, क्योंकि रघुवंश प्रसाद सिंह का वैशाली लोकसभा के साथ-साथ वैशाली जिले में भी बड़ा प्रभाव है। वैशाली लोकसभा के मुजफ्फरपुर में 5 विधानसभा और वैशाली जिले की वैशाली विधानसभा में रघुवंश प्रसाद सिंह का हर वर्ग में बड़ा प्रभाव रहा है, जिसके चलते 1996 से लेकर 2004 तक रघुवंश प्रसाद सिंह वैशाली लोकसभा से 5 बार सांसद चुने गए। मुजफ्फरपुर के पारू जो कि बीजेपी का गढ़ माना जाता है, वहां भी रघुवंश प्रसाद सिंह का अच्छा प्रभाव माना जाता है इसके अलावा मुजफ्फरपुर के बरूराज और कांटी जहां एनडीए के उम्मीदवार विधायक है वहां भी रघुवंश प्रसाद सिंह की अच्छी पैठ मानी जाती है, वही साहिबगंज और मीनापुर आरजेडी का गढ़ माना जाता है जहां रघुवंश प्रसाद सिंह का बड़ा प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। आरजेडी का चुनाव गणित बिगड़ने की उम्मीद राजद से इस्तीफा देने के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह मुजफ्फरपुर के पांचों विधानसभा क्षेत्र में राजद को बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। वहीं दूसरी ओर वैशाली जिले के 8 विधानसभाओं में भी रघुवंश प्रसाद सिंह का बड़ा प्रभाव माना जाता है। रघुवंश प्रसाद सिंह राजपूत समाज से आते हैं, लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि रघुवंश प्रसाद सिंह राजपूत समाज के साथ-साथ अति पिछड़ा और पिछड़ा जाति में भी अपनी अच्छी पैठ रखते हैं, इस कारण वैशाली जिले में भी रघुवंश प्रसाद सिंह के जाने से राजद को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। कुल मिलाकर रघुवंश प्रसाद सिंह राजद को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं ऐसे में राजद के कोई भी बड़ा नेता फिलहाल कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। थाम सकते हैं जेडीयू का दामन आरजेडी से इस्तीफे के बाद रघुवंश प्रसाद सिंह जदयू का दामन थाम सकते हैं। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि रघुवंश प्रसाद सिंह बीते 1 महीने से जदयू के टच में है इस बीच कई दौर चला जब रघुवंश प्रसाद सिंह को राजद की ओर से मनाने का सिलसिला चला। लेकिन इस बीच तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए रघुवंश प्रसाद सिंह ने अपनी पुरानी पार्टी से मोह भंग करते हुए इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे के बाद से बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है।
मेघालय सरकार ( Meghalaya govt. ) ने राज्य में तीन स्वायत्त जिला परिषदों (ADC) के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने और ग्राम परिषदों के अध्यक्ष के रूप में पारंपरिक प्रमुखों की नियुक्ति का फैसला किया है। मेघालय सरकार ने शिलांग में एक कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में परिषद के लिए सीटें बढ़ाने की सिफारिश को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा (Conrad Sangma) ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि खासी हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (KHADC) और गारो हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (GHADC) में 40 से अधिक सदस्य नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि "इसमें से 4 को नामांकित किया जाएगा और बाकी को नामांकित किया जाएगा। वयस्क मताधिकार के माध्यम से चुना जाएगा, "। मुख्यमंत्री संगमा (Conrad) ने आगे कहा कि जयंतिया हिल्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल (JHADC) में 32 से अधिक सदस्य नहीं होंगे, जिनमें से 2 से अधिक सदस्य मनोनीत नहीं होंगे, जबकि बाकी का चुनाव वयस्क मताधिकार के माध्यम से किया जाएगा। संगमा ने कहा कि KHADC और JHADC के लिए सीटों की संख्या 40 से अधिक नहीं होनी चाहिए, अगर वे 35 या 36 रखना चाहते हैं तो यह उनके ऊपर है लेकिन ऐसा करने की एक प्रक्रिया होगी। मेघालय सरकार ( Meghalaya govt. ) ने राज्य में तीन स्वायत्त जिला परिषदों (ADC) के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने और ग्राम परिषदों के अध्यक्ष के रूप में पारंपरिक प्रमुखों की नियुक्ति का फैसला किया है। मेघालय सरकार ने शिलांग में एक कैबिनेट बैठक (Cabinet meeting) में परिषद के लिए सीटें बढ़ाने की सिफारिश को मंजूरी दे दी।
गढ़वाः जिले के गढ़वा थाना क्षेत्र के जाटा गांव में जमीन विवाद व बालू उठाव को लेकर एक ही परिवार के दो मासूम समेत पत्नी की धारदार हथियार व लाठी डंडा से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। जबकि पति गंभीर रूप से घायल हुआ है। मृतकों में शोभा देवी 35 वर्ष, रंजीत रजक 8 वर्ष एवं अभिषेक रजक 5 वर्ष के नाम शामिल हैं। जबकि इस घटना में सत्येंद्र रजक गंभीर रूप से घायल बताया जा रहा है। सत्येंद्र रजक ने हत्या का आरोप अपने चचेरे भाईयों पर लगाया है। उधर घटना की सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गई है।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने सिविल नयायाधीश के पदो को भरने के लिए आवेदन मांगे है। यदि आपने लॉ पास कर ली है और अनुभव है तो आप इन पदो के लिए पात्र और योग्य उम्मीदवार इस नौकरी के लिए 10-6- 2020 तक आवेदन कर सकते हैं. उम्मीदवारों की अधिकतम आयु विभाग के नियमानुसार मान्य होगी और आरक्षित वर्ग को आयु सीमा में छूट दी जाएगी। यदि आपका चयन इन पदो के लिए हो जाएगा तो आपको विभाग के नियमानुसार वेतन दिया जाएगा। उम्मीदवारों को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से लॉ में स्नातकोत्तर डिग्री हो और अनुभव हो। उम्मीदवार का लिखित परिक्षा के आधार पर चयन होगा।
अमरावती : हाल ही में आंध्र प्रदेश से एक दिल दहला देने वाली खबर आई है. जी दरअसल यहाँ कोविड-19 सेंटर में से दो कैदी भाग गए हैं. इसी के कारण पूरे राज्य में दहशत का माहौल बन चुका है. मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिमी गोदावरी जिला जेल में कोरोना संक्रमित होने के कारण 13 कैदियों को एलुरु कोविड सेंटर में एडमिट करवाया गया था. वहीं बताया जा रहा है इनमें अनेक प्रकार की, की गई चोरी के मामलों में गिरफ्तार दो कैदी आज यानी शनिवार को अल सुबह ही फरार हो गये है. इसी के कारण कोविड सेंटर के अधिकारियों ने पुलिस को इस मामले में सुचना दी. जानकारी मिलने के बाद से पूरे राज्य में दहशत फैली हुई है. इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस ने फरार कैदियों की धरपकड़ के लिए अपना अभियान तेज कर दिया है. वहीं रेलवे स्टेशन और बस स्टेशनों में फरार कैदियों के लिए कड़ी नजर रखी जा रही है. इसी के साथ जल्द से जल्द कैदियों को पकड़ने के बारे में भी कहा जा रहा है. वैसे हम आपको यह भी बता दें कि आंध्र प्रदेश में कोरोना के रिकॉर्ड तोड़ 8,147 नये मामले दायर हुए हैं. इसके अलावा संक्रमितों की संख्या बढ़कर 80,858 हो चुकी है. जी दरअसल प्रदेश में 48,114 लोगों का टेस्टिंग किये गये हैं. केस लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं जो सभी के लिए हैरानी का सबब बन चुके हैं. प्रदेश में अब तक 15,41,993 कोरोना टेस्टिंग हो चुके है. वहीं एक ही दिन में 49 मरीजों की मौत हो गई है जिससे लोगों में कोरोना को लेकर भी डर बैठा हुआ है.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिला मुख्यालय के एक कपड़ा दुकान में भीषण आग लगी है। आग में दुकान का मैनेजर जिंदा जल गया। तीन मंजिला कपड़े की दुकान में आग इतनी तेजी से फैली की कुछ करने का मौका ही नहीं मिला। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिला मुख्यालय के एक कपड़ा दुकान में भीषण आग लगी है। आग में दुकान का मैनेजर जिंदा जल गया। तीन मंजिला कपड़े की दुकान में आग इतनी तेजी से फैली की कुछ करने का मौका ही नहीं मिला। फायर ब्रिगेड की टीम आग बुझाने की कोशिश कर रही है। रात 10 बजे तक भी आग पर पूरी तरह काबू नहीं पाया जा सका है। आसपास की दुकानों को भी बंद करवाया गया है और बिजली सप्लाई भी काट दी गई है। मिली जानकारी के मुताबिक मंगलवार को दोपहर बाद मानसरोवर कपड़ा दुकान में भीषण आगजनी की घटना हुई है। जिस वक्त आग लगी उस समय दुकान के अंदर ग्राहक और कर्मचारी समेत 40 से ज्यादा लोग मौजूद थे। जैसे-तैसे सभी निकल गए, लेकिन संचालक, मैनेजर समेत कुल 4 लोग अंदर फंस गए। 3 लोगों को बड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला गया, लेकिन मैनेजर वहीं फंस गया। मैनेजर आग में जिंदा जल गया, जिसका कंकाल पुलिस ने बरामद किया है। मैनेजर का नाम जैनेंद्र जैन बताया जा रहा है। वह खैरागढ़ क्षेत्र का रहने वाला था। सिटी कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर मौजूद है। आगजनी में लाखों रुपये का कपड़ा जलकर खाक हो गया है। लपटें इतनी अधिक थी कि चंद मिनटों में ही आग ने तीन मंजिला कपड़े की दुकान में फैल गई। पुलिस व फायर ब्रिगेड की टीम को बुलाया गया। एक फायर ब्रिगेड गाड़ी भी आग पर काबू नहीं पा सकी, जिसके बाद कोडागांव से दूसरी वाहन बुलाई गई। टैंकरों से भी पानी मंगवाया गया। प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। शार्ट सर्किट से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। आगजनी में लाखों रुपये का कपड़ा खाक हो गया है।
- Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? केरला में ज्यादातर लोगों को फिश काफी पसंद होती है इसलिये वह इसको तरह तरह की स्टाइल से पकाते रहते हैं। अगर आप भी फिश प्रेमी हैं, तो आज हम आपको केरला स्टाइल फिश करी बनाना सिखाएंगे। यह केरला कोकोनट फिश करी बड़ी ही लाजवाब होती है। इसे बनाने के लिये नारियल और इमली का प्रयोग किया जाता है, जिसका टेस्ट काफी क्रीमी और चटपटा हो जाता है। आइये जानते हैं इस फिश करी को बनाने की विधि। - 10-12 मछली (साफ और कटी हुई) - मछली के कटे पीस ले कर उस पर मिर्च पावडर और हल्दी लगा कर कुछ देर के लिये किनारे रख दें। - अब कढाई में तेल गरम करें। फिर उसमें मेथी डालें। - उसके बाद इसमें कटी प्याज और अदरक डाल कर फ्राई करें। - अब इसमें मछली के मैरीनेट किये पीस डालें और फ्राई करें। - उसके बाद इसमें नारियल, मिर्च, टमाटर और नमक का पिसा हुआ पेस्ट डालें। - फिर अगर पानी की जरुरत हो तो थोड़ा सा पानी भी डालें। - अब मछली को उबलने दें। - जब मछली पक जाए तब इसमें भिगोई हुई इमली का पानी और उसका पल्प डालें। - आंच को धीमा रखें और फिर उसमें कडी पत्ते डाल कर चलाएं। - आपकी कोकोनट फिश करी तैयार है। GET THE BEST BOLDSKY STORIES! Fish Curry with Coconut is a tangy South Indian dish. Learn how to make Fish Curry with Coconut by following this easy recipe.
उसका गाल अभी भी जल रहा था, हालाँकि आँसू कबके सूख गये थे। हाथ में आवर्धक शीशा लिए वो भूमि को तक रहा था। बहुत सावधानी से उसने सूरज की किरणों को प्रकाश के एक शक्तिशाली पुंज में संकेन्द्रित कर दिया था, जो वहाँ घूम रही नन्ही चींटियों को जला रहा था। उसकी सांस तेज़ चल रही थी, अभी भी उसकी नस-नस में क्रोध तड़क रहा था। सतत पीड़ा की केन्द्र उसकी नाभि फड़क रही थी। सबसे पहले उसकी नाक में सुगन्ध पहुँची। उसे लगा उसकी सांस रुक गयी है । उसने अपना सिर घुमाया और उन्हें देखा। कन्याकुमारी को। उसका शरीर जड़ हो गया, आवर्धक शीशा अभी भी उसके हाथ में था । जली-भुनी चींटियाँ उसके पैरों के पास पड़ी थीं। सूरज की संकेन्द्रित किरणें घास को झुलसा रही थीं। कन्याकुमारी के भाव शान्त रहे। न घृणा का कोई चिह्न था। न क्रोध का। वो निकट आयीं और रावण के हाथ से शीशा ले लिया। "तुम इससे अच्छा कर सकते हो ।" रावण ने कुछ नहीं कहा। अचानक उसका मुँह सूख गया था। देर से रोकी हुई सांस आह बनकर फूट पड़ी। कन्याकुमारी हौले से मुस्कुराई। दिव्य मुस्कान। जीवित देवी की मुस्कान उन्होंने आश्रम की ओर संकेत किया जहाँ सुबह को संगीत की प्रतियोगिता हुई थी। "तुम उससे भी बेहतर कर सकते हो ।" रावण को अपने होंठ हिलते महसूस हुए। उसने पाया कि उसकी नाभि का दर्द जादुई ढंग से गायब हो गया था। कुछ पल के लिए। "कम से कम प्रयास तो करो," कन्याकुमारी ने कहा वो मुड़ीं और चली गयीं। -I"तुम वैसे भी जीत जाते, " डागर ने मुस्कुराते हुए कहा। सूर्यास्त हो चुका था। अधिकांश आश्रमवासी अपनी कुटियाओं में चले गये थे। रावण अपने साथ कमल के पवित्र फूलों का वो हार लेकर डागर से मिलने आया था जो उसने दिन में जीता था। बेमन से, उसकी आँखें डागर से आँखें मिलाने को तैयार नहीं थीं, उसने अपराध स्वीकार जैसा कुछ कहा। उससे बड़ी उम्र के प्रतिभागी ने शालीनतापूर्वक उत्तर दिया था। आयोजन में उपस्थित अन्य अधिकांश लोगों की तरह डागर को भी सन्देह था कि उसके वाद्य में कुछ तो गड़बड़ है। प्रतियोगिता के बाद उसने अपनी वीणा की जाँच की और के जल्दी ही समस्या को पकड़ लिया। मगर वो नाराज़ नहीं हो पाया। रावण अन्ततः बालक ही तो था। रावण ने कुछ नहीं कहा। वो सिर झुकाए खड़ा रहा। कन्याकुमारी के बारे में सोचते हुए। वो अगली सुबह जाने वाली थीं।
पातालगरुड़ी नाम सुनकर अजीब लग रहा होगा न! हिन्दी में यह जलजमनी, छिरहटा ऐसे अनेक नामों से जाना जाता है। असल में घरों के आस-पास, नम छायादार जगहों में इस तरह के बेल नजर में आते हैं। इन बेलों के कारण जल जम जाते हैं वहां इसलिए इन्हें जलजमनी भी कहा जाता है। आयुर्वेद में लेकिन इस बेल के अनेक औषधीय गुण का परिचय भी मिलता है। चलिये इसके बारे में आगे विस्तार से जानते हैं। पातालगरुड़ी बेल बरसात के दिनों में सब जगह उत्पन्न होती है, इसके पत्तों को पीसकर पानी में डालने से पानी जम जाता है, इसलिए इसको जलजमनी कहते हैं। इसकी जड़ के अन्त में जो कन्द या बल्ब होता है, उसे जल में घिसकर पिलाने से उल्टी करवाकर सांप का विष निकालने में मदद मिलती है, अतः इसे पातालगरूड़ी कहते हैं। पाठा मूल के स्थान पर इसकी जड़ों को बेचा जाता है या पाठा मूल के साथ इसकी जड़ों की मिलावट की जाती है। पाठा के जैसी किन्तु अधिक मोटी तथा दृढ़ लता होती है। नई बेल धागा जैसी पतली तथा पुरानी बेल अधिक मोटी होती है। इसके फल छोटे, गोल, चने के बराबर, चिकने, झुर्रीदार, बैंगनी काले रंग के, मटर आकार के, कच्ची अवस्था में हरे तथा पकने पर काले या बैंगनी रंग के होते हैं। इसकी जड़ टेढ़ी, स्निग्ध, हलकी भूरी अथवा पीले रंग की, जमीन में गहराई तक गई हुई, सख्त तथा अन्त में कन्द से युक्त व स्वाद में कड़वी होती है। पातालगरुड़ी का वानास्पतिक नाम Cocculus hirsutus (Linn.) W.Theob.(कोकुलस हिर्सुटस) Syn-Cocculus villosus DC. Menispermum hirsutum Linn. होता है। इसका कुल Menispermaceae(मेनिस्पर्मेसी) होता है और इसको अंग्रेजी में Broom creeper (ब्रूम क्रीपर) कहते हैं। चलिये अब जानते हैं कि पातालगरुड़ी और किन-किन नामों से जाना जाता है। Sanskrit-छिलिहिण्ट, महामूल, पातालगरुड़, वत्सादनी, दीर्घवल्ली; Hindi-पातालगरुड़ी, छिरेटा, फरीदबूटी, चिरिहिंटा, छिरहटा, जलजमनी; Urdu-फरीदबूट्टी (Faridbutti); Odia-मूसाकानी (Musakani); Konkani-वानाटिक्टीका (Vanatiktika); Kannada-दागड़ी (Dagadi), दागाड़ीवल्ली (Dagadiballi); Gujrati-पातालग्लोरी (Patalglori), वेवड़ी (Vevadi); Telugu-दूसरतिगे (Dusartige), चीप्रुतिगे (Chieeprutige); Tamil-कातुककोदी (Kattukkodi); Bengali-हुएर (Huyer); Nepali-कासे लहरो (Kaselahro); Punjabi-फरीद बूटी (Farid buti); Marathi-वासनवेल (Vasanvela), भूर्यपाडल (Bhuryapadal); Malayalam-पाथाअलमूली (Paathaalamuuli)। English-इन्क बेरी (Ink berry); Persian-फरीद बूटी (Farid Butti)। हर दिन तनाव से सर फटने लगता है तो पातालगरुड़ी का इस्तेमाल इस तरह से करने पर जल्दी आराम मिल सकता है। इसके लिए पातालगरुड़ी जड़ तथा पत्ते को पीसकर सिर पर लगाने से सिरदर्द से आराम मिलने में मदद मिलती है। पातालगरुड़ी का औषधीय गुण पातालगरुड़ी के पत्तों को पकाकर सेवन करने से रात्र्यान्धता (रतौंधी) में लाभ होता है। पातालगरुड़ी पत्ते के रस का अंजन करने से अभिष्यंद (आँखों का आना) तथा आँखों में दर्द में लाभ होता है। दांत दर्द से परेशान रहते हैं तो पातालगरुड़ी के औषधीय गुणों का इस्तेमाल इस तरह से करने से जल्दी आराम मिलता है। पातालगरुड़ी पत्ते के पेस्ट को दाँतों पर मलने से दांत दर्द से आराम मिलता है। खाने-पीने में गड़बड़ी होने के वजह से बदहजमी की समस्या से परेशान रहते हैं तो 1-2 ग्राम पातालगरुड़ी जड़ चूर्ण में समान भाग में अदरक तथा शर्करा मिलाकर सेवन करने से अजीर्ण से आराम मिलता है। खान-पान में असंतुलन होने से अक्सर दस्त जैसी समस्या होती है। 5 मिली पातालगरुड़ी जड़ के रस का सेवन करने से अतिसार में लाभ होता है। पातालगरुड़ी के नये पत्तों का काढ़ा बनाकर 10-20 मिली काढ़े में शर्करा मिलाकर सेवन करने से श्वेतप्रदर में लाभ होता है। 5 मिली पातालगरुड़ी पत्ते के रस को जल में जैली की तरह जमाकर और दही के साथ सेवन करने से पूयमेह या शुक्रमेह (गोनोरिया) में लाभ होता है। इसके अलावा 5 मिली पातालगरुड़ी पत्ते के रस को पिलाने से सूजाक में लाभ होता है। 10 ग्राम छाया में सुखाया हुआ जलजमनी पत्ते के चूर्ण में घी में भुनी हुई हरड़ का चूर्ण मिलाकर, इसके समान मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें। प्रतिदिन सुबह शाम 2 ग्राम की मात्रा में गाय दूध के साथ सेवन करने से स्वप्नदोष में लाभ होता है। औषध सेवन काल में पथ्य पालन आवश्यक है। गठिया के दर्द से परेशान रहते हैं तो पिप्पली तथा बकरी के दूध से सिद्ध जलजमनी के 10-20 मिली काढ़े का सेवन करने से जीर्ण आमवात (गठिया) अथवा रतिज रोगों के कारण उत्पन्न दर्द में लाभ होता है। इसके अलावा 5 ग्राम जलजमनी की जड़ को 50 मिली बकरी के दूध में उबालकर छानकर, उसमें 500 मिग्रा पिप्पली, 500 मिग्रा सोंठ तथा 500 मिग्रा मरिच डालकर पिलाने से आमवात, त्वचा संबंधी बीमारियों तथा उपदंश (Syphilis) की वजह से होने वाले संधिवात में लाभ होता है। जलजमनी पत्ते को पीसकर लगाने से संधिवात या अर्थराइटिस में लाभ होता है। जलजमनी पत्ते के रस का लेप करने से छाजन, खुजली, घाव तथा जलन से राहत मिलने में आसानी होती है। 5 मिली जलजमनी पत्ते के रस को 50 मिली तिल तेल में मिलाकर, पकाकर, छानकर तेल प्रयोग करने से क्षय रोग में लाभ होता है। जलजमनी के 2-4 ग्राम चूर्ण को प्रतिदिन 1 माह तक सेवन करने से शराब तथा भांग की आदत छूट जाती है। इसका प्रयोग करते समय यदि उल्टी हो तो इसकी मात्रा कम कर देनी चाहिए। लता करंज के बीजचूर्ण तथा जलजमनी जड़ के चूर्ण को मिलाकर 1-2 ग्राम मात्रा में सेवन कराने से बच्चों के पेट के दर्द से आराम मिलता है। पातालगरुड़ी जड़ को पीसकर पानी में घिसकर 1-2 बूँद नाक लेने से तथा इसके 5 मिली पत्ते के रस में 5 मिली नीम पत्ते के रस में मिलाकर पीने से सांप के काटने से जो विष का असर होता है उसको कम करने में मदद मिलता है। यदि आप किसी ख़ास बीमारी के घरेलू इलाज के लिए पातालगरुड़ी का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बेहतर होगा कि किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही इसका उपयोग करें। चिकित्सक के सलाह के अनुसार 2-4 ग्राम चूर्ण ले सकते हैं। भारत में यह उष्णकटिबंधीय एवं उप-उष्णकटिबंधीय साधारण प्रान्तों में मुख्यतः हिमालय के निचले क्षेत्रों, पश्चिम बंगाल, बिहार एवं पंजाब में पाया जाता है।
बहुचर्चित गीतिका शर्मा सुसाइड केस मामले में कोर्ट ने मुख्य आरोपी हरियाणा के सिरसा से पूर्व विधायक गोपाल कांडा और उनके मैनेजर अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया है। इस फैसले ने 11 साल से कानूनी लड़ाई लड़ रहे गीतिका के परिवार को तोड़ कर रख दिया है। गीतिका का परिवार सदमे में है। परिवार के सदस्यों ने मंगलवार को कहा कि इतने लंबे समय तक चली कानूनी लड़ाई में शारीरीक और भावनात्मक दोनों तरफ से नुकसान होने के बाद भी उन्हें निराशा मिली है। गीतिका के परिवार को कानून से बहुत उम्मीद थी की न्याय के लिए जो लड़ाई वे लड़ रहे हैं उसमें उन्हें जीत और अंत में गीतिका की आत्मा को शांति मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि "हम अब अपने जीवन को लेकर डरे हुए हैं। देश हमारा नहीं है, यह उनका है जिनके हाथों में सत्ता है।"केस हारने के बाद गीतिका शर्मा के परिवार को अब अपनी जान का डर सता रहा है। उन्होंने पुलिस सुरक्षा का अनुरोध किया है। गीतिका शर्मा सुसाइड केस में विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने मंगलवार को मुख्य आरोपी गोपाल गोयल कांडा और अरुणा चड्ढा को बरी कर दिया। दोनों पर गीतिका शर्मा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है। मामले में आरोपों को साबित करने में अभियोजन पक्ष की विफलता का हवाला दिया गया। 5 अगस्त 2012 को, गोपाल गोयल कांडा की एमडीआरएल एयरलाइंस में एयर होस्टेस गीतिका शर्मा ने अपने अशोक विहार आवास पर सुसाइड कर लिया था। गीतिका के परिवार का कहना है कि गोपाल कांडा के खिलाफ "पर्याप्त सबूत थे।" उन्होंने एमडीआरएल एयरलाइंस में एयर होस्टेस के रूप में काम किया और बाद में उन्हें गुरुग्राम में श्री कांडा के कॉर्पोरेट कार्यालयों में से एक में निदेशक बना दिया गया। सुसाइड से पहले गीतीका ने एक नोट लिखा था जिसमें उसने बार-बार अपने उत्पीड़न औऱ मौत के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को जिम्मेदार ठहराया था। गीतिका शर्मा की मौत के छह महीने बाद उनकी मां अनुराधा शर्मा ने अपनी बेटी की मौत के लिए गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा को दोषी ठहराया और आत्महत्या कर ली। ( कुमुद प्रसाद जनचौक की सब एडिटर हैं।)
नई दिल्ली : दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान हैंडसेट निर्माता कंपनी पैनासोनिक ने अपने दो नए स्मार्टफोन Eluga Ray Max और Eluga Ray X को लॉन्च किया है. पहली बार इन दोनों ही स्मार्टफोन्स में Arbo वर्चुअल असिस्टेंट फीचर को जोड़ा गया है. बता दें की कंपनी ने 32जीबी वाले Eluga Ray Max की कीमत 11,499 और 64जीबी वाले मॉडल की कीमत 12,499 रुपए तय की गई है. जहां तक बात करें Eluga Ray X की कीमत की तो इसकी कीमत 8,999 रुपए तय की गई है. यह दोनों ही स्मार्टफोन्स ई-कॉमर्स वेबसाइट फिल्पकार्ट पर उपलब्ध होंगे, कंपनी के मुताबिक Arbo वर्चुअल असिस्टेंट मशीन लर्निंग का उपयोग कर यूजर्स को बेहतर एडवाइस देता है, उन्होंने बताया की Arbo अभी अपने शुरुआती दौर में है और आने वाले समय में इसमें बदलाव देखने को मिलेंगे. 1) इस हैंडसेट में 5. 2 इंच की डिस्प्ले दी गई है. 2) इस स्मार्टफोन में 1. 4GHz का ऑक्टा-कोर प्रोसेसर के साथ इसमें 4GB रैम दी गई है. 3) अगर बात की जाए इस स्मार्टफोन की स्टोरेज की तो इसमें 32 और 64 GB की इंटरनल मेमोरी के दो मॉडल पेश किए गए हैं जिसे मेमोरी कार्ड की मदद से 128 GBतक बढ़ाया जा सकता है. 4) इस स्मार्टफोन में 16 मेगापिक्सल का वाला रीयर कैमरा और सेल्फी लवर्स के लिए 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है. 5) यह स्मार्टफोन एंड्रॉयड 6. 0 मार्शमैलो को सपोर्ट करता है. 6) एंड्रायड में बैटरी की खपत को देखते हुए कंपनी ने कहा कि इसमें 3000mAh की बैटरी दी गई है. एक महीने तक बढ़ सकता है Jio प्राइम सब्सक्रिप्शन ऑफर! 1) इस हैंडसेट में 5. 5 इंच की डिस्प्ले दी गई है. 2) इस स्मार्टफोन में 1. 3GHz का क्वॉड कोर प्रोसेसर के साथ इसमें 3GB रैम दी गई है. 3) अगर बात की जाए इस स्मार्टफोन की स्टोरेज की तो इसमें 32 GB की इंटरनल मेमोरी के दो मॉडल पेश किए गए हैं जिसे मेमोरी कार्ड की मदद से 64 GBतक बढ़ाया जा सकता है. 4) इस स्मार्टफोन में 13 मेगापिक्सल का वाला रीयर कैमरा और सेल्फी लवर्स के लिए 5 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा दिया गया है. 5) यह स्मार्टफोन एंड्रॉयड 6. 0 मार्शमैलो को सपोर्ट करता है. 6) एंड्रायड में बैटरी की खपत को देखते हुए कंपनी ने कहा कि इसमें 4000mAh की बैटरी दी गई है.
•०ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ ॐ श्रीवीतरागाय नमः गांधी- हरिभाईदेवकरण जैनग्रंथमाला सिद्धं श्रौव्यव्ययोत्पादलक्षणद्रव्य साघनं 1 जैनं द्रव्याद्यपेक्षातः साद्यनाद्यथ शासनं दोहा । नाशोत्पत्तिधौव्ययुत वस्तुप्रकाशक सिद्ध । नयवश सादिअनादि है जैनागम सुप्रसिद्ध । केवलज्ञानविकाशयुत लोकालोकसुभान । वंदो लक्ष्मीवृद्धियुत वर्धमान भगवान ।। जो किसीके द्वारा बना हुआ न होनेसे स्वयं सिद्ध है, उत्पाद व्यय धौन्य लक्षणको धारण करनेवाले द्रव्योंका कथन करनेवाला है और जो द्रव्यार्थिकनयकी अपेक्षा अनादि और पर्यायार्थिकनयकी अपेक्षा सादि है, ऐसा जिनेंद्र भगवानका शासन सदा जयवंत रहो ॥ १ ॥ जो शुद्ध केवलज्ञानके धारणकरनेवाले हैं, लोक अलोक को प्रकाशित करनेमें अद्वितीय सूर्य हैं, अनंतज्ञान, अनंतदर्शन, अनंतसुख अनंतवीर्यरूपी अंतरंग लक्ष्मी और समवसरण आदि वाह्य लक्ष्मीके खामी हैं, ऐसे श्रीवर्द्धमान भगवान के लिये नमस्कार है ।।२।। चतुर्थकालकी आदिमें असि मसि कृषि आदि समस्त रीतियोंको बतलानेवाले, सबसे प्रथम धर्मतीर्थ के प्रवर्तक, समस्त पदार्थों को जाननेवाले, (सर्वज्ञ ) आदिब्रह्मा, श्रीआदिनाथ भगवानकेलिये नमस्कार है ।।३।। जिस (अजितनाथ) भगवानने वादियों द्वारा सर्वथा अजेय धर्मतीर्थकी प्रवृत्ति की, समस्त कर्मरूपी वैरियोंको जीता, उस दूसरे जिनेंद्र श्रीअजितनाथकेलिये नमस्कार है ॥ ४॥ जिस भगवानके स्थितिकालमें उनके उपदेशसे भव्योंको इसवातका विचार हुआ कि मुख मोक्षमें है या संसारमें है ? ऐसे तीसरे तीर्थकर श्रीशंभवनाथ भगवानके लिये नमस्कार हो ॥५॥ जिस भगवानने मोक्षामिलापी भव्यजीवोंकेलिये चौथे धर्मतीर्थकी प्रवृत्ति
मुंबई : बढ़ती महंगाई के बीच गेहूं के बाद केंद्र सरकार ने अब एक जून से चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने बुधवार को घरेलू उपलब्धता और मूल्य स्थिरता बनाए रखने के लिए 1 जून, 2022 से चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स असोसिएशन (WISMA) के अध्यक्ष बी.बी. ठोंबरे ने दावा किया कि, केंद्र सरकार के इस फैसले से घरेलू बाजारों में चीनी की कीमतों में गिरावट नहीं होगी। WISMA द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में ठोंबरे ने कहा है कि, पिछले सीजन का अधिशेष स्टॉक 107 लाख टन था, जबकि इस साल 15 मई तक देश में लगभग 350 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। घरेलू बाजारों में चीनी की 270 लाख टन खपत होने का अनुमान है। अधिशेष स्टॉक और इस सीजन का उत्पादन मिलाकर कुल 457 लाख टन चीनी में से घरेलू बाजारों के लिए 270 लाख टन चीनी के इस्तेमाल के बाद भी हमारे पास 187 लाख टन चीनी बचती है। इस साल लगभग 90 टन चीनी निर्यात के अनुबंध हो चुके है, और 74 लाख टन चीनी देश के बाहर भेजी गई है। उन्होंने कहा, अब सरकार द्वारा 100 लाख टन चीनी निर्यात करने की अनुमति है, इसका मतलब है की 26 लाख टन निर्यात करने का और मौका है। जिसके चलते सरकार के इस फैसले का चीनी मिलों के राजस्व पर कोई नकारात्मक असर नहीं होगा, और मिलें किसानों का भुगतान भी समय पर कर सकती है।
Goa: भारत का मशहूर टूरिस्ट स्टेट गोवा इन दिनों एक खेल और सांस्कृतिक प्रतियोगिता (Sports and Cultural Competition) को लेकर चर्चा में है जिसमें 40 हजार युवा भाग लेंगे। इस चैंपियनशिप का नाम 'सीएम ट्रॉफी' (CM Trophy championship) दिया गया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा (Bharatiya Janata Yuva Morcha Goa) की गोवा यूनिट की ओर से आयोजित ये बड़ी प्रतियोगिता 30 अक्टूबर से 13 दिसंबर को पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर (Former CM Manohar Parrikar) की जयंती तक चलेगी। बता दें कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Goa Assembly elections) से पहले सीएम ट्रॉफी का आयोजन काफी अहमियत रखता है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस प्रतियोगिता का मकसद, सीएम डॉ. प्रमोद सावंत (CM Dr. Pramod Sawant) के नेतृत्व में बीजेपी सरकार को दोबारा सत्ता में लाने के लिए युवाओं को जोड़ने का है। गौरतलब है कि गोवा में कुल 40 विधानसभा क्षेत्र हैं। हर विधानसभा क्षेत्र से एक हजार युवा सीएम ट्रॉफी में हिस्सा लेंगे। इस तरह कुल 40 हजार युवा सीएम ट्रॉफी के लिए खेलेंगे। सीएम ट्रॉफी के तहत स्पोर्टस और कल्चरल के कुल 13 तरह के इवेंट होंगे। स्पोर्ट्स में क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, कबड्डी, कैरम, पॉवरलिफ्टिग, बैडमिंटन प्रतियोगिता होगी। वहीं कल्चरल में सोलो सिंगिंग, पेंटिंग, रंगोली, आरती आदि प्रतियोगिताएं होंगी। सीएम ट्रॉफी आयोजन समिति के मुताबिक, चैंपियनशिप की हर प्रतियोगिता पहले विधानसभा स्तर पर होगी। फिर विधानसभा स्तर पर जीतने वाली टीम जिला लेवल की प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगीं। और जिला लेवल में जीत हासिल करने वालीं टीमें स्टेट लेवल में दाखिल होंगी। आपको बता दें कि इस सीएम ट्रॉफी चैंपियनशिप की ओपेनिंग सेरेमनी सीएम डॉ. प्रमोद सावंत, प्रदेश अध्यक्ष सदानंद शेट तनावड़े और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या की मौजूदगी में होगी। वही पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की 13 दिसंबर को जयंती के दिन सीएम चैंपियनशिप का फाइनल होगा। साथ ही, केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Sports Minister Anurag Thakur) के भी प्रतियोगिता के समापन अवसर पर उपस्थित होने की संभावना है ।
परमात्मा का दूसरा नाम प्रेम है और वे प्रेम के विवश हैं, प्रेमाधीन हैं । वे प्रेम के अतिरिक्त अन्य किसी साधनों से नहीं रीझते हैं । प्रेम ईश्वर के लिए महापाश है । प्रेमवश वह कुछ भी कर सकते हैं, कहीं भी सहज उपलब्ध हो सकते हैं । 'श्रीकृष्ण कल हस्तिनापुर आ रहे हैं' - यह बात विदुरजी को ज्ञात हुई तो उनके आनन्द का पारावार न रहा । कल उनके आराध्य पधार रहे हैं, जी-भर कर उनका दर्शन करेंगे - यह सोच-सोच कर उनका रोम-रोम पुलकित और रोमांचित हो रहा है । यह भक्त के जीवन सर्वोत्तम क्षण था । ऐसे भक्त जिनमें भगवान को पाने के लिए लगातार विरह-अग्नि जलती रहती है, खाना पीना तक नहीं सुहाता, नींद उड़ जाती है और दिन-रात प्रेमाश्रु बहते रहते हैं, उन विरहाकुल निष्कपट भक्तों के लिए भगवान भला कैसे निष्ठुर हो सकते हैं ? वे तो ऐसे भक्तों के पास में ही छिपे-छिपे रहते हैं । फल मेवा मिष्टान्न सब, दुर्योधन का त्याग । कृष्णचन्द्र श्रीविदुर घर, चले चाखने साग । । जा पहुंचे तत्काल ही, विदुर-भक्त के द्वार । देख कपाटों को लगे, करने लगे प्रेम-पुकार । । 'खोलो विदुरजी ! विदुरजी ! पट' कृष्ण यों रटने लगे । भव-बन्ध मानो विदुर के तत्काल ही कटने लगे । । भगवान 'खोलो' कह रहे, वह बँध गए किस डोर से । सत्प्रेम की जंजीर से, जकड़े हुए चहुँ ओर से । । आवाज सुनकर विदुरजी ने द्वार खोला तो सामने चतुर्भुज नारायण के साक्षात् दर्शन हो गए । सामने भगवान को देख हर्ष की अधिकता से पति-पत्नी भाव-शून्य हो गए । एकदम मूर्तिवत् ! जड़ ! स्तब्ध ! श्रीकृष्ण के भी लोचनों से प्रेम के आंसू बहे । भगवान उनकी गुप्त-भक्ति पर ठगे से ही रहे । । पति-पत्नी को कुछ सूझता नहीं है । 'क्या कुछ खिलाऊँ मैं इन्हें ? ' विदुरानि चिन्ता में पड़ी, पल भर न आत्मा ने उसे पर दी वहां रहने खड़ी । कुछ भी खिला दे आज तू, होगा सुधा से कम नहीं, भगवान भूखे भाव के हैं, देख लेना तू यहीं । । यह है प्रेम की शक्ति जिसने आप्तकाम (भगवान को कोई कामना नहीं होती है) को सकाम (भोजन की कामना करने वाला) बना दिया । भगवान को भूख नहीं लगती है, लेकिन भक्त के लिए भगवान को भूख लगी है । कितना अलौकिक दृश्य होगा ! देखा ज्यों ही कृष्ण ने, कदलीफल हैं चार । मानो भूखे जन्म-जन्म के, टूटे इसी प्रकार । । झट लग गई घनश्याम को छिलके खिलाने छील कर, बेसुध खिलाती वह रही, बेसुध हुए हरि खा रहे । क्या बात है इन फलों की, यों कथन करते जा रहे, इस भांति आधे से अधिक श्रीकृष्ण फल खा चुके । । इतने में विदुरजी ने, जब देखा यह अंधेर । छिलके खाते श्याम हैं, थाली में गिरी का ढेर । । छिलका दीन्हें स्याम को, भूली तन मन ज्ञान । खाए पर क्यों आपने, भूलि गए क्यों भान । । पत्रं पुष्पं फलं तोयं यो में भक्त्या प्रयच्छति । तदहं भक्त्युपहृतमश्नामि प्रयतात्मनः । । (गीता ९। २६) अर्थात् - जो कोई भक्त मेरे लिए प्रेम से पत्र, पुष्प, फल, जल आदि अर्पण करता है, उसे मैं सगुण रूप से प्रकट होकर प्रेम से खाता हूँ । हो धन्य तुम भी विदुरजी, विदुरानि ! तू भी धन्य है, हरि के हृदय को हर लिया, तुम-सा जग में न अन्य है । भगवान को प्यारा नहीं अभिमानयुत सम्मान भी, भगवान को प्यारा सदा सम्मानयुत अपमान भी । । माण्डव्य ऋषि के शाप से यमराज ने ही दासीपुत्र विदुर के रूप में जन्म लिया जो धृतराष्ट्र और पाण्डु के भाई थे । यमराज भागवताचार्य हैं; इसलिए मनुष्य जन्म में विदुर होकर भी वे भगवान के परम भक्त रहे ।
ट्विटर का मकसद एक वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म बनना है जो यूजर्स की व्यापक जरूरतों को पूरा करता है. ( Image Source : रॉयटर्स ) Twitter jobs listings feature: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) फिर से एक नए फीचर के साथ आ रहा है. इस फीचर में जॉब्स से जुड़ा है. इसमें ट्विटर (Twitter) अपने प्लेटफॉर्म पर नौकरियों की लिस्टिंग की पेशकश करने वाली है. वेब डेवलपर और ऐप शोधकर्ता नीमा ओवजी के मेहनत के चलते यह जानकारी सामने आई. ओवजी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर अपने दिलचस्प निष्कर्ष पोस्ट किए. यह खोज ट्विटर द्वारा हाल ही में जॉब सर्च स्टार्टअप लास्की के अधिग्रहण के बाद आई है. खबर के मुताबिक, नई सुविधा के साथ, ट्विटर का मकसद सामाजिक संवाद के केंद्र के रूप में अपने काम के साथ-साथ प्लेटफॉर्म को एक हलचल भरे जॉब मार्केटप्लेस में बदलना है. ओवजी के इस खुलासे (Twitter Job Listings feature) के मुताबिक, यह सुविधा नौकरी पोस्टिंग को लिस्ट करने के लिए एक सुनहरे चेकमार्क द्वारा पहचाने गए वेरिफाइड ऑर्गनाइजेशन को परमिशन देगी. यह नया उद्यम अपने यूजर एक्सपीरियंस में विविधता लाने और उसे मजबूत करने के ट्विटर (Twitter) की कोशिशों का विस्तार है. विचारों को साझा करने से लेकर नौकरी खोजने तक, ट्विटर का मकसद एक वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म बनना है जो यूजर्स की व्यापक जरूरतों को पूरा करता है. जाहिर है, ट्विटर (Twitter) अपनी पॉपुलैरिटी पर यही थमने वालों में से नहीं है. प्लेटफॉर्म में लास्की की सुविधाओं का तेजी से एकीकरण ट्विटर (Twitter) की अपने यूजर्स को अधिक मूल्य प्रदान करने की उत्सुकता को दर्शाता करता है. सोशल और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के बीच की रेखा धुंधली होने के चलते, ट्विटर का नया जॉब लिस्टिंग फीचर पूरी तरह से नए तरीके से डिजिटल दुनिया पर हावी होने के लिए सोशल मीडिया जायंट का टिकट हो सकता है. इस रोमांचक विकास पर ज्यादा जानकारी के लिए बने रहें और अपने अगले नौकरी (Twitter Job Listings feature) के अवसर के लिए ट्वीट करने के लिए तैयार रहें. एलन मस्क (Elon Musk) ने हाल ही में कहा कि ट्विटर (Twitter) इस सप्ताह एक नया अपडेट जारी करेगा. यह अपडेट जो ब्लू यूजर्स (Twitter blue users) को आपको फॉलो नहीं करने वाले लोगों को डीएम भेजने की क्षमता को सीमित कर देगा. उम्मीद है कि इस हफ्ते अपडेट जारी किया जाएगा.
वे पहले थिएटर (Theater) में काम करते थे। बताया जाता है कि उन्होंने कभी कॉमेडियन बनकर उन्हें हंसने को मजबूर किया, बाद में उन्होंने बॉलीवुड में भी अपना सिक्का कायम किया। उन्होंने 'सिंघम' और 'वांटेड' जैसी सुपरहिट फिल्मों में भी काम किया है। वही प्रकाश राज के बारे में कहा जाता है कि, उन्हें स्टेज शो के लिए महज 300 रुपए प्रति महीना मिलते थे। हालांकि प्रकाश राज ने अपने छोटी उम्र की एक महिला से शादी है। जिससके फोटोज और विडियों सामने आते रहते हैं। जो फैन्स को काफी पंसद आ रहे हैं। बता दें कि साल 2005 में उनके बेटे की अचानक मौत हो गई। उनके बेटे की उम्र मात्र 5 साली थी। प्रकाश राज को इससे बहुत तकडा सदमा लगा। प्रकाश राज ने बताया था की वह मात्र 5 साल का था और ऊँची मेज पर एक पैर ऊपर करके पतंग उड़ा रहा था। वही प्रकाश राज ने पहली पत्नी को तलाक दे दिया। तलाक देने के एक साल बाद प्रकाश राज ने कोरियोग्राफर पोनी वर्मा से शादी रचा ली। दोनो की उम्र में 12 साल का अंतर है। आप को बता दें कि प्रकाश राज की पत्नी पोनी वर्मा एक बॉलीवुड कोरियोग्राफर हैं, पोनी वर्माने साल 2000 में बॉलीवुड में अपने करियर की शुरवात की थी। बताया जाता है कि, पोनी वर्मा ने टाइगर जिंदा है, जंजीर, प्रिंस, गुजारिश, भूल भुलैया आदि जैसी फिल्मों में डांसिंग कोरियोग्राफ किया है। फैन्स को यहां पर बता दें की अभी तक 30 फिल्मों में फिल्म जगत के तमाम स्टार्स को अपने उंगली पर नचाया है। तो वही सुपरहिट फिल्म 'टाइगर जिंदा है' में पोनी वर्मा ने ही सलमान और कटरीना को डांस स्टेप्स सिखाए थे। पोनी वर्मा के नाम रखने को लेकर बताया जाता है कि, उनका नाम दादी ने रखा है।
लखनऊ। रोटेरियन संगीता मितल का जन्म पुराने लखनऊ के एक प्रमुख व्यवसायी परिवार में हुआ था। वह हमेशा एक मेधावी छात्राग रहीं, उन्हें हाई स्कूल और इंटरमीडिएट में डिस्टिंक्शन होल्डर होने के कारण छात्रवृत्ति मिली। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर किया और बाद में बीएड किया। वह अपने जीवन के 28 वर्षों तक एक शिक्षिका, प्रधानाचार्य के रूप में एक शिक्षाविद् बनीं और न केवल छात्रों, बल्कि उन्होंने एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय निगम 'इंटेल' के लिए काम करते हुए 'कंप्यूटर साक्षरता कार्यक्रम' के तहत लखनऊ के सभी प्रसिद्ध स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया। वह 30 वर्ष की कम उम्र में इनरव्हील क्लब ऑफ अमेठी में शामिल हो गईं और वर्ष 1992-93 में क्लब अध्यक्ष बन गईं। बीच में थोड़े अंतराल के बाद, वह 2017 में फिर से रोटरी क्लब ऑफ लखनऊ में शामिल हो गईं और 2023-24 के लिए क्लब अध्यक्ष के रूप में चुनी गईं। 👉मजहब के नाम पर पसमांदा मुसलमानों का शोषण बंद हो! इस अवसर पर रोटरी क्लब ऑफ लखनऊ के नए अध्यक्ष संगीता मित्तल ने क्लब के सदस्यों का आभार व्यक्त किया,और विश्वास दिलाया कि क्लब की सामाजिक गतिविधियों को और बेहतर करने के साथ साथ स्वस्थ भारत और स्वच्छ भारत की परिकल्पना को साकार करने का हर संभव प्रयास करेंगी।
४. जैसे सूर्य अपना वक्षःस्थल प्रकटित करते हैं और नौधा ऋषि मे जैसे अपनी प्रिय वस्तु का आविष्कार किया है, उसी प्रकार उषा मे भी अपने को आविष्कृत किया है। जैसे गृहिणी जागकर सबको जगाती है, वैसे ही उषा भी मनुष्यों को जगाती है । अभिसारिकाओं के बीच उषा सबसे अधिक आती है । ५. विस्तृत आकाश के पूर्व भाग में उत्पन्न होकर उषा दिशाओं को चेतना-युक्त करती है । उषा पितृ-स्थानीय स्वर्ग और पृथिवी के अन्तराल में रहकर अपने तेज से देवों को परिपूर्ण करके विस्तृत और विशिष्ट रूप से प्रख्यात हुई है । ६. इस तरह अत्यन्त विस्तृत होकर उषा सरलता से दर्शन- निमित्त मनुष्यादि और देवादि में से किसी को भी नहीं छोड़ती । प्रकाशशालिनी उषा विमल शरीर में क्रमशः स्पष्ट होकर छोटे या बड़े किसी से भी नहीं हटतो । ७. भ्रातृ-हीना स्त्री जैसे पित्रादि के अभिमुख गमन करती हैं, गतभत्तृ का जैसे धन प्राप्ति के लिए घर आती है, उषा भी वैसा ही करती है। जैसे पत्नी पति की अभिलाषिणी होकर सुन्दर वस्त्र पहनती हुई हास्य- द्वारा अपनी दन्त-राजि प्रकाशित करती है, उसी प्रकार उषा भी करती है । ८. भगिनी-रूपिणी रात्रि ने बड़ी बहन (उषा) को अपर रात्रिरूप उत्पत्ति स्थान प्रदान किया है एवं उषा को जनाकर स्वयं चली जाती है। सूर्य-किरणों से अन्धकार हटाकर उषा विधुद्रराशि की तरह जगत् को प्रकाशित करती है । ९. इन सब भागतीभावापन प्राचीन उषाओं में पहली दूसरी के पीछे प्रतिदिन गमन करती हैं। प्राचीन उषाओं की तरह नई उषा सुदिन पैदा करती हुई हमें प्रभूत-धन-विशिष्ट करके प्रकाशित करे । १०. धनवती उषा, हविर्दाताओं को जगाओ । पणिलोग न जागकर निद्रा में पड़ें। धनशालिनी, धनी यजमानों को समृद्धि दो। सूनूते, तुम सारे प्राणियों को क्षीण करती हुई यजमान को समृद्धि दो। ११. युवती उषा पूर्व दिशा से आती है। उसके रथ में सात अश्व जुते हैं। वह दिन की सूचना करके रूप-रहित अन्तरिक्ष में अन्धकार का निवारण करती है। उसका आगमन होने पर घर-घर में आग जलती है । १२. उषा, तुम्हारा उदय होने पर चिड़ियाँ अपने घोंसले से ऊपर उड़ती हैं। अन्न-प्राप्ति में आसक्त होकर मनुष्य ऊपर मुँह करके जाते हैं। देवि, देव-पूजन-गृह में अवस्थित हव्य-दाता मनुष्य के लिए प्रभूत धन ले आओ। १३. स्तुति - पात्र उषाओ, मेरे मन्त्र द्वारा तुम स्तुत हो । मेरी समृद्धि की इच्छा करके हमें वद्धित करो। देवियो, तुम्हारी रक्षा प्राप्त करके हम सहस्र संख्यक और शतसंख्यक धन प्राप्त करें । १२५ सूक्त ( देवता दान) १. स्वनय राजा ने, प्रातःकाल आकर, रत्नादि रख दिये। कक्षीवान् ने उठकर उन्हें ग्रहण किया। उस रत्नराजि-द्वारा प्रजा और आयु की वृद्धि करके धन लाभ किया । २. उन राजा के पास बहुत गो-धन हो । उनके पास बहुत सुवर्ण और बहुत घोड़े हों। उन्हें इन्द्र बहुत अन्न वें । जैसे लोग रस्सी से पशु, पक्षी आदि को बाँध देते हैं, उसी तरह उन्होंने भी प्रातःकाल पैदल ही आकर आगमनकारी को धन-द्वारा आबद्ध किया। ३. मैं यज्ञ के त्राता शोभनकर्मा को देखने की इच्छा करके, सुसज्जित रथ पर चढ़कर, आज उपस्थित हुआ हूँ । वीप्तिशाली मादक सोम के अभिषत रस का पान करो। प्रभूत-वीर-पुत्रादि-विशिष्ट को प्रिय और सत्य वाक्य-द्वारा समृद्ध करो। ४. दुग्धवती और कल्याणदायिनी गायें, यजमान और यज्ञसंकल्पकारी के पास जाकर, दुग्ध प्रदान करती हैं । समृद्धि के कारणभूत घृतधारा, तर्पणकारी और हितकारी पुरुषों के पास, चारों ओर से उपस्थित होती हैं । ५. जो व्यक्ति देवों को प्रसन्न करता है, वह स्वर्ग के पृष्ठदेश में अवस्थान करता तथा देवों के बीच गमन करता है। प्रवहमान जल, उसके पास, तेजोविशिष्ट सार प्रदान करता है । पृथिवी शस्य आदि से सफल होकर उसे सन्तोष प्रदान करती है । ६. जो व्यक्ति दान देता है, उसी को ये सारी मणि-मुक्तादि वस्तुएँ प्राप्त होती हैं । दानदाता के लिए धुलोक में सूर्य रहते हैं । दानबाता ही जरा-मरण-शून्य स्थान प्राप्त करते हैं। दान देनेवाले दीर्घ आयु प्राप्त करते हैं । ७. जो देवों को प्रसन्न रखता है, उसे दुःख और पाप नहीं मिलते; शोभन-व्रतशाली स्तोता भी जराग्रस्त नहीं होते। देवों के प्रीतिप्रदाता और स्तुतिकर्ता से भिन्न पुरुषों को पाप आश्रित करता है । जो देवों को प्रसन्न नहीं करते, उन्हें शोक प्राप्त होता है । १२६ सूक्त ( १ से ५ मंत्र राजा भावयव्य के लिए हैं और इनके ऋषि कक्षी - वान हैं । ६ठा मंत्र राजा की स्त्री के लिए है और इसके ऋषि उक्त राजा हैं। ७ वाँ मंत्र लोमशा के पति के लिए है और इसके ऋषि लोमशा हैं । छन्द १ से ५ तक त्रिष्टुप् और अन्त के दो अनुष्टुप् । ) १. सिन्धुनिवासी भावयव्य-पुत्र स्वनय के लिए, अपने बुद्धि-बल से, बहुसंख्यक स्तोत्र सम्पादन ( प्रणयन ) करता हूँ । हिंसा-विरहित राजा ने कीत्ति प्राप्ति की इच्छा से मेरे लिए हजार सोम-यज्ञों का अनुष्ठान किया है ।
नई दिल्लीः विदेश से भारत आने वाले यात्रियों के लिए सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी। इस गाइडलाइंस के मुताबिक, भारत आने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नेगेटिव आरटी-पीसीआर टेस्ट रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य होगा। दरअसल, ब्रिटेन में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट का म्यूटेशन वर्जन कोहराम मचा रहा है। 11 अक्टूबर के बाद से वहां प्रतिदिन 40 हजार के ज्यादा कोरोना के मामले दर्ज किए जा रहे हैं, ऐसे में इसका असर भारत पर न हो इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 48 घंटे पहले के आरटी-पीसीआर टेस्ट को अनिवार्य कर दिया है। सरकार ने नियमों को लेकर सख्ती भी की है। जो भी यात्री इन नियमों का उल्लंघन करेगा उस पर कड़ा एक्शन लिया जा सकता है। कोरोना संक्रमण के चलते 23 मार्च 2020 से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगाई गई थी, लेकिन मई 2020 से वंदे भारत मिशन के तहत विशेष अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन हो रहा है। आपको बता दें कि ब्रिटेन में मंगलवार को संक्रमण के 43,738 मामले दर्ज किए गए जबकि वायरस के कारण 223 मरीजों की मौत हो गई जोकि मार्च के बाद से एक दिन में वायरस के चलते जान गंवाने वालों की सबसे अधिक संख्या है। रोजाना 40,000 से अधिक मामले सामने आने के मद्देनजर देश की स्वास्थ्य सेवा से जुड़े प्रमुखों ने सरकार से अनिवार्य रूप से मास्क पहनने जैसे सख्त कोविड-19 रोकथाम नियमों को लागू करने का अनुरोध किया है। एनएचएस संघ के मुख्य कार्यकारी मैथ्यू टेलर ने कहा, 'यह सरकार के लिए अपनी रणनीति के प्लान बी को बिना देर किए लागू करने का समय है क्योंकि बिना पूर्व तैयारी के हमें सर्दियों के दौरान संकट का सामना करना पड़ सकता हैं। साथ ही, स्वास्थ्य सेवा से जुड़े प्रमुख लोगों को यह समझने की जरूरत है कि अगर ये उपाय अपर्याप्त हैं तो 'प्लान सी' क्या होगा? '
हर्ष त्यागी और आयुष बदोनी के चार-चार विकेटों की बदौलत भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम ने दो मैचों की यूथ टेस्ट सीरीज के पहले मैच के पहले दिन मंगलवार को मेजबान श्रीलंका अंडर-19 टीम को 70.3 ओवर में 244 रन पर समेट दिया। भारतीय टीम ने इसके जवाब में दिन का खेल खत्म होने तक एक विकेट के नुकसान पर 92 रन बना लिए हैं और वह अभी श्रीलंका के स्कोर से 152 रन पीछे हैं जबकि उसके नौ विकेट बाकी हैं। अथर्वा टाइडे 42 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 26 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। कप्तान अनुज रावत ने 59 गेंदों पर आठ चौकों और दो छक्के के सहारे 63 रन बनाए। उन्हें सेनारत्ने ने आउट किया। अनुज के आउट होते ही स्टंप्स की घोषणा कर दी गई। भारत की ओर से 10 खिलाड़ी और श्रीलंका अंडर-19 टीम की ओर से पूरे 11 खिलाड़ी इस मैच से अपना डेब्यू कर रहे हैं। इससे पहले, श्रीलंका ने पी सूर्यबांद्रा (69) और निशन मादुस्का, कप्तान निपुन धनंजय और एसटी मेंडिस के 39-39 रनों की बदौलत 244 का स्कोर बनाया। सूर्यबांद्रा ने 134 गेंदों पर चार चौके और तीन छक्के लगाए। मादुस्का ने 54 गेंदों पर सात चौके, धनंजय ने 61 गेंदों पर आठ चौके और मेंडिस ने 59 गेंदों पर चार चौके और एक छक्का लगाया। भारतीय अंडर-19 टीम की ओर से त्यागी ने 92 रन पर चार विकेट और बदोनी ने 24 रन पर चार विकेट हासिल किए। पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर को 33 रन पर एक विकेट मिला। वहीं मोहित जांगड़ा ने 28 रन पर एक विकेट चटकाया।
यूपी में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने का बाद सपा कार्यकर्त्ताओं की गुंडई जारी है। इस क्रम में रविवार रात थाना शहर कोतवाली में जंदरपुर से अगवा की गई युवती के मामले में एक व्यक्ति को हिरासत में लेने पर सपाइयों ने जमकर बवाल मचाया। सपाइयों ने थाने में ही पुलिस को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। हालांकि बाद में पुलिस ने सपाइयों को थाने से खदेड़ दिया। मिली जानकारी के अनुसार गांव जंदरपुर की एक युवती को मंडावली सैदू के मुस्तकीम पर अगवा करने का आरोप है। पुलिस ने इस मामले में मुस्तकीम के बहनोई गांव रेहरा निवासी रईस को हिरासत में ले रखा है। रविवार शाम जिलाध्यक्ष राशिद हुसैन की अगुवाई में सपाई थाने पहुंचे। उनका कहना था कि जिस तरह पुलिस जंदरपुर की युवती के मामले में कार्रवाई कर रही है, ऐसे ही बुखारा व कांशीराम कालोनी वाले मामले में भी कार्रवाई करे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक इसी मामले को लेकर पुलिस और सपाइयों में नोकझोंक शुरू हो गई। मामला इतना बढ़ा कि सपाइयों ने पुलिसवालों को पीटना शुरू कर दिया। थाने में जो भी पुलिसकर्मी हाथ लगा उसे ही पीटना शुरू कर दिया। पुलिसकर्मियों ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। इसके बाद थाने में पुलिस इकट्ठा हो गई और सपाइयों पर लाठियां बरसाकर उन्हें थाने से खदेड़ा। सपा कार्यकर्ता अखलाक उर्फ पप्पू को भी पुलिस ने पीट डाला। वह थाने में ही जमीन पर लेटा रहा। सपाइयों ने थाने में फिर से हंगामा कर दिया और कोतवाल रामप्रकाश दुबे को हटाने की मांग करने लगे। हंगामा बढ़ता देख थाने में पीएसी बुला ली गई, जिस देख सपाई भड़क उठे और पीएसी की गाड़ी के सामने हंगामा शुरू कर दिया। एसपी दलवीर सिंह मौके पर पहुंचे तो उन्हें भी घेर लिया और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एसपी ने सपा नेताओं से मामले को सुलझाने के लिए कई बार बात की, लेकिन सपाई कोतवाल को हटाए बिना कोई बात सुनने को तैयार नहीं। सपाइयों ने पुलिस पर लाठीचार्ज करने और एक सपा नेता की दाढ़ी खींचने का आरोप लगाया। हंगामा बढ़ता देख एसपी ने शहर कोतवाल रामप्रसाद दुबे को हटाने की घोषणा कर दी। सपाई रेहरा निवासी रईस को छोड़ने की भी मांग करने लगे। देर रात तक सपाई थाने में डेरा डाले हुए थे।
वर्धा. डा. बाबासाहब आंबेडकर उद्यान से डेकोरेटिव पोल चोरी हो गए है़ं हालांकि, इस मामले में अब तक थाने में शिकायत दर्ज नहीं की गई है़ मंगलवार को नगर परिषद प्रशासन ने उद्यान के ठेकेदार को पत्र भेजकर पोल गायब होने के मामले में 24 घंटों के अंदर स्पष्टीकरण मांगा है. इसके बाद वास्तविक में चोरी हुई या नहीं, इस बात को लेकर विभिन्न चर्चाओं का बाजार गरमाया हुआ है. नगर परिषद प्रशासन के भेजे पत्र में कहा कि सोमवार को पथदीप दुरूस्ती के लिए जाने पर डा़ बाबासाहब आंबेडकर उद्यान से 29 डेकोरेटिव पोल जगह पर दिखाई नहीं दिए़ यह पोल ठेकेदार ने निकालकर रखे है अथवा अन्य कारण रहने पर 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण देने कहा गया है. बता दें कि कुछ दिनों पूर्व ठेकेदार ने नगर परिषद को पत्र देकर उद्यान से चोरी होने की आशंका व्यक्त करते हुए इसे जल्द हस्तांतरित कर सुरक्षा उपलब्ध करने की मांग की थी. ठेकेदार का स्पष्टीकरण प्राप्त होने के उपरांत नगर परिषद प्रशासन की ओर से थाने में शिकायत दर्ज की जाने की बात कही जा रही है. डा़ बाबासाहब आंबेडकर उद्यान से डेकोरेटिव पोल चोरी होने के बाद अन्य उद्यानों का भी सुरक्षा का मुद्दा उपस्थित हो गया है़ मामले की विस्तृत जांच करने की मांग नागरिकों ने की है.
हिंदी न्यूज चैनल 'आजतक' के सलाहकार संपादक व प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने भी एक ट्वीट किया है, जो चर्चा में है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी इस समय भारत जोड़ो यात्रा पर हैं, लेकिन वह अपने पहनावे को लेकर बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में इस समय राहुल गांधी तामिलनाडु में हैं। शो की सफलता का जश्न मनाने के लिए 'इंडिया टुडे' हेडक्वार्टर में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें लोग इस शो के किरदारों से मिल सकते हैं। 'न्यूज नेशन नेटवर्क' एक हिंदी न्यूज चैनल 'न्यूज नेशन' के अलावा तीन रीजनल चैनल न्यूज स्टेट यूके/यूपी, न्यूज स्टेट एमपी/सीजी और न्यूज स्टेट बिहार/झारखंड का प्रसारण करता है। पूर्व ओलंपिक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट पीटी उषा ने राज्यसभा में सांसद पद की शपथ ली। यह मौका कुछ कारणों से ऐसा खास बन गया कि इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी है। उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सेक्टर-62 से शुरू होने जा रहे इस चैनल की आधिकारिक रूप से लॉन्चिंग 15 अगस्त को की जाएगी। खबर है कि उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सेक्टर-62 से शुरू होने जा रहे इस चैनल की आधिकारिक रूप से लॉन्चिंग 15 अगस्त को की जाएगी। 'जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड' में वह करीब पौने दो साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे और इस साल मार्च में उन्होंने यहां से विदाई ले ली थी। बता दें कि अजय कुमार ने पिछले दिनों 'इंडिया टीवी' (India TV) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह करीब दो साल से बतौर मैनेजिंग एडिटर वहां अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था 'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) इंडिया ने 26वें हफ्ते के न्यूज व्युअरशिप डेटा जारी कर दिए हैं। वंदना को उनकी शानदार एंकरिंग के लिए 'मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया' की ओर से बेस्ट रीजनल फीमेल न्यूज एंकर के अवॉर्ड से भी नवाज़ा जा चुका है। आने वाले दिनों में कई और बड़े नामों 'हिन्दी खबर' के साथ जुड़ सकते हैं, ऐसी संभावना जताई जा रही है। देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था 'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) इंडिया ने 24वें हफ्ते के न्यूज व्युअरशिप डेटा जारी कर दिए हैं। 'जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड' (Zee Media Corporation Ltd) की ओर से इन पदों पर काम करने के लिए इच्छुक व योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं। संयुक्तराष्ट्र संघ में अभी भी दुनिया की सिर्फ छह भाषाएं आधिकारिक रूप से मान्य हैं। अंग्रेजी, फ्रांसीसी, चीनी, रूसी, हिस्पानी और अरबी! अंदरखाने से मिली खबरों के अनुसार, चैनल में भर्ती प्रक्रिया जोरों पर चल रही है और जल्दी ही ऐड सेल्स के तमाम वरिष्ठ पदों पर भी नियुक्तियां शुरू होंगी। 30 मई 'हिंदी पत्रकारिता दिवस' देश के लिए एक गौरव का दिन है। आज विश्व में हिंदी के बढ़ते वर्चस्व व सम्मान में हिंदी पत्रकारिता का विशेष योगदान है।
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बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर इन दिनों अपनी फिल्म 'शिव शास्त्री बलबोआ' को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। इस फिल्म में अभिनेता एक अलग अवतार में नजर आएंगे, जिसके लिए उन्होंने खुद को पूरी तरह से ट्रांसफॉर्म कर दिया है। रविवार को दिल्ली में फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया था, जहां अभिनेता को ऑटो से पहुंचता देख हर कोई हैरान रह गया था। अब अभिनेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर इस घटना के बारे में बताया है।
बिहार पुलिस ने लॉकडाउन में फंसे पुलिसकर्मियों को ड्यूटी पर आने के निर्देश जारी किए. पटना. बिहार पुलिस मुख्यालय (Bihar Police Headquarters) की ओर से एक आदेश जारी कर कहा है कि वैसे पुलिसकर्मी और पदाधिकारी, जो लॉकडाउन (Lockdown) से पहले छुट्टी पर चले गए थे, और इस कारण योगदान नहीं कर पा रहे हैं, वे नजदीकी थाने में ड्यूटी करेंगे. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिला के एसपी और एसएसपी को निर्देश जारी कर दिया है. इस निर्देश में कहा गया है कि वैसे पुलिसकर्मी और पदाधिकारी, जिसमें सिपाही से लेकर डीएसपी तक शामिल हैं, उनके स्थानीय पते के साथ सूची बनाते हुए सभी को उपलब्ध करायी जाएगी. पुलिस मुख्यालय ने संबंधित जिले के एसपी और एसएसपी को निर्देश दिया है कि संबंधित कर्मियों- पदाधिकारियों को फोन से सूचित कर निर्देश दिया जाए कि वे तत्काल संबंधित स्थानीय थाना, जिस जगह लॉकडाउन के समय उपस्थित हैं, वहां अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर उसी जगह पर अपनी ड्यूटी देंगे. पुलिस मुख्यालय ने यह भी कहा है कि सभी पुलिसकर्मियों से उनकी आवश्यकतानुसार कार्य लिए जाएंगे. साथ ही लॉकडाउन खत्म होने और स्थिति सामान्य होने के बाद ऐसे पुलिसकर्मी- पदाधिकारी वर्तमान जिला से ड्यूटी आदेश प्राप्त कर अपनी मूल पदस्थापन जिला में ड्यूटी के लिए उपस्थित होंगे. कुल मिलाकर बात करें तो वह लॉकडाउन के पश्चात जो पुलिसकर्मी छुट्टी पर गए थे उन पुलिसकर्मियों को लॉकडाउन के दौरान भी अपने गृह जिले के थानों में काम करना पड़ेगा. .
BHAGALPUR : इश्क का खुमार जब किसी पर चढ़ता है तो फिर उसे सही और गलत में कोई फर्क समझ नहीं आता है। उसे लगता है कि उसके महबूब के तरफ से कही गई बातें ही सच है। इसी कड़ी में अब एक रोचक मामला भागलपुर से मिकल कर सामने आया है। जहां कुछ दिन पहले अपनी दोस्त की शादी में गए युवक का दिल उस शादी में शामिल एक लड़की पर आ गया और अब बात शादी तक पहुंच गई। दरअसल, भागलपुर के जिला व्यवहार न्यायालय स्थित मैरिज ब्यूरो में उस समय लोगों ने भीड़ लगाना शुरू कर दिया। जब उन्हें मालूम चला ही यहां एक बड़ा ही रोचक शादी का मामला सामने आया है। यहां एक लड़के ने कुछ दिन पहले एक शादी समारोह में शामिल हुई लड़की ने अपनी शादी रचाने पहुंचा। यह लड़का मुंबई का रहने वाला है और लड़की भागलपुर के लालूचक भट्ठा इलाके की। बताया जा रहा है कि, कुछ दिन पहले मुंबई के ठाणे के रहनेवाला देवीलाल अपने एक दोस्त की शादी में भागलपुर पहुंचा। जहां उसे दुल्हन की सहेली खुशबू सिंह दिखी। दोनों में बातचीत हुई और नंबर साझा किया गया। सुबह जब बारात की विदाई की घड़ी आयी तो देवीलाल ने अपने प्यार का इजहार खुशबू से कर दिया। लड़के ने खुशबू से शादी करने की बात पूछी। इधर, खुशबू ने इस मामले को लेकर देवीलाल से बोला की आप यह बातें मेरे मम्मी और पापा से करें। ज्सिके बाद लडकें ने देर नहीं की और खुद के बारे में बताते हु खुशबू की मां से बात की। जिसके बाद इस लड़के के बारे में दुल्हा बने साथी से उसकी पूरी जानकारी ली गयी। जिसके बाद लड़का पंसद आया और शादी के लिए सभी राजी हो गये। इसके बाद देवीलाल ने कोर्ट मैरिज के लिए आवेदन दिया। जिसके बाद देवीलाल दी गयी तिथि के अनुसार भागलपुर पहुंचा। शुक्रवार को उन्होंने भागलपुर कोर्ट परिसर स्थित मैरिज ब्यूरो पहुंच शादी रचाया। इसके बाद शादी के बाद एक दूसरे को वरमाला पहना कर दोनों ही पक्ष के लोगों ने एक दूसरे मिठाई खिलाय।
करैरा। पंचायत में हुए सरपंच के चुनाव के परिणाम तो तत्काल आ गए लेकिन इन परिणामों के बाद जा रंजिशे आपस में चल रहे हैं उनके परिणाम आते रहते है। आज शाम को करैरा नगर के मैन बाजार काली माता के मंदिर के पास एक दुकान पर आधा दर्जन लोगों ने हथियारों से लैस होकर हमला कर दिया। इस हमले में 3 लोग घायल हो गए,जिसमें एक शिवपुरी के सरकारी अस्पताल में आईसीयू में भर्ती हैं। जानकारी के अनुसार भपेन्द्र सिंह परमार निवासी रहरगंवा करैरा काली मातामंदिर के पास स्पोर्टस की दुकान चलाते है। अपने भाई रूपेन्द्र परमार और पिता वृजेन्द्र परमार के साथ दुकान पर काम कर रहा था तभी 10 लोग लाठी कुल्हाडी लेकर आये और तीनों को मारना शुरू कर दिया तीन को घायल अवस्था में छोड़कर चले गए। घायलों के करैरा स्वास्थ्य केंद्र में मेडिकल के ले जाया गया। तभी मानेवेन्द्र सिंह चैहान करारखेड़ा,दीपेन्द्र सिंह परमार रहरगांव छोटू राजा रहरगांव जितेन्द्र सिंह रहरगांवा राजाजी रहरगंावा ने लाठी कुल्हाड़ी से हमला कर दिया वृजेन्द्र सिंह की हालत गम्भीर बनी हूई है। आइसीयू में भर्ती कराया गया है। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि यह विवाद सरपंच के चुनाव को लेकर गांव में दोनों पक्षों में विवाद चला हैं। भपेन्द्र सिंह परमार समर्थित प्रत्याशी चुनाव जीत गया इस कारण यह चुनावी रंजिश गांव में चली आ रही हैं इसी का परिणाम के कारण गावं में रहने वाले दो ठाकुर समुदाय आपस में टकरा गए।
बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री जूही चावला भले ही फिल्मों में अब ज्यादा सक्रिय नहीं दिखाई देती हैं लेकिन सोशल मीडिया पर अपने फैंस के साथ जुड़ी रहती हैं। इन दिनों जूही केपटाउन में हैं और छुट्टियों का आनंद ले रही हैं। केपटाउन साउथ अफ्रीका का एक खूबसूरत शहर है और सिलेब्रिटी हॉलीडे के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशंस में से एक माना जाता है। वहां जाने के बाद सितारे अक्सर खूबसूरत नजारों की तस्वीरें साझा करते हैं। ऐसे ही जूही भी लगातार खूबसूरत तस्वीरें साझा कर रही हैं। हाल ही में जूही ने एक वीडियो साझा किया था जिसमें वो खूबसूरत नजारों की झलकियां दे रही थीं। इसके साथ ही जूही ने कलरफुल स्ट्रीट से भी एक प्यारी तस्वीर साझा की थी। इसी बीच जूही ने एक बार फिर तस्वीरें साझा की हैं जिसमें वह काफी खुश और खूबसूरत नजर आ रही हैं। फैंस भी जूही की ये तस्वीरें देख मंत्रमुग्ध हो गए हैं। दरअसल, जूही ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से दो तस्वीरें साझा की हैं जिनमें आप देख सकते हैं कि जूही काफी खुश नजर आ रही है और फोटो में नजारे की खूबसूरती तो देखते ही बनती है। इसके साथ ही जूही का तस्वीर के साथ कैप्शन पूरे दृश्य को बखूबी बयां कर रहा है। जूही ने कैप्शन में लिखा, 'बस इन नजारों से प्यार हो गया, साफ नीला सागर और खुला आसमान और ताजी हवा. . . आहा. . शानदार दृश्य। ' जूही की तस्वीरों के साथ-साथ कैप्शन भी फैंस को खूब पसंद आ रहा है और लोग जमकर कमेंट कर रहे हैं। तस्वीर साझा करने के बाद ही ढेरों लाइक्स आ चुके हैं। एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, 'क्या शानदार नजारा है और साथ में जूही मैम. . . वाह। ' वहीं अन्य यूजर ने लिखा, 'नाइस फोटो जूही जी। ' एक यूजर ने तो लिखा, 'आपकी तस्वीरें देखकर हमेशा खुशियां मिलती हैं। ' गौरतलब है कि जूही चावला ने 1986 में 'सल्तनत' के साथ अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। उसके बाद फिल्म 'कयामत से कयामत तक' ने उन्हें मशहूर कर दिया। साल 1984 में जूही चावला ने मिस इंडिया का खिताब भी जीता। साल 1997 में जय मेहता से शादी के बाद जूही ने फिल्मों से ब्रेक ले लिया और अपने पारिवारिक जीवन में व्यस्त हो गईं। जूही के दो बच्चे हैं जिनका नाम जान्हवी और अर्जुन है। इसके अलावा जूही आखिरी बार साल 2017 में वेब सीरीज द टेस्ट केस में नजर आई थीं।
बॉलीवुड एक्ट्रेस मल्लिका शेरावत 68वें कान्स इंटरनेशल फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने फ्रांस जा रही हैं. उनका कहना है कि वह फिल्म फेस्टिवल का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रही हैं. मल्लिका ने मंगलवार को ट्विटर पर लिखा, 'फिक्की द्वारा 68वें कान्स फिल्म फेस्टिवल में आमंत्रित किए जाने पर गद्गद् हुई. मल्लिका कान्स में. ' फिक्की ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से मल्लिका को 14 मई को होने वाली परिचर्चा के मद्देनजर पैनल डिस्कशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है. कान्स फिल्म फेस्टिवल 13 से 24 मई तक आयोजित होगा. मल्लिका ने एक दसूरे ट्वीट में लिखा, 'कान्स, मैं आ रही हूं. ' परिचर्चा पैनल का हिस्सा बनने के बारे में मल्लिका ने कहा, 'मैं परिचर्चा का हिस्सा बनने को लेकर खुश हूं'.
सबसे हल्की धातु हमेशा जवान - पिछली शताब्दी की सैर-कार्ल्सबाड का आरोग्यकारी जल- कौन-सी चीज हल्की है ? -- वैसलिन बाय - विमान चालकों को रक्षा जाकेट दिए गए-गाऊट का इलाज - आवश्यकता आविष्कार की जननी है-जल में न डूबनेवाली धातु - न सर्दी का डर और न ही गर्मी का-ऐण्टार्कटिक महाद्वीप में काफी दूर तक शाश्वत स्नेहक - क्या कांच जायकेदार होता है? -- नीली ज्वाला - 'प्रथम वायलिन' - बमबारी के परिणाम - लीथियम न्यूट्रॉन निगल जाता है-बीस द्नीपर जलबिजलीघर की कुल क्षमता के बराबर वही पुराना ईधन-मिट्टी का तेल- लीथियम लीवियम का मुकाबला करता है- नाभिकीय गोंद- दक्षिणी डकोटा में पाया गया एक क्रिस्टल - 'खुल जा सिम-सिम !' - जूठा नाश्ता मेडेलीफ की आवर्त सारणी में धातुओ का ग्रुप लीथियम से शुरू होता है । यह ऐसी पहली धातु थी जिसकी खोज की 150 वीं जयती 1967 में मनाई गई। इतने वर्ष बीत जाने पर भी इस धातु का महत्त्व जरा भी कम नहीं हुआ है। आधुनिक तकनीक में इसकी उतनी ही कद्र है जितनी पिछली शताब्दी में थी । आधुनिक प्रविधि में यह धातु बहुत ज्यादा उपयोगी सिद्ध हो रही है। फिर भी आज के वैज्ञानिक विश्वास ही नहीं करते कि उन्हें इस धातु की सारी खूबियां मालूम है । उनके विचारानुसार भविष्य में इस धातु का महत्त्व और भी ज्यादा बढ़ जाएगा। लेकिन इन बातो की चर्चा करने से पहले, आइए, हम पिछली शताब्दी मे लौटते हे और स्वीडिश रसायनज्ञ आर्फवेडसन की प्रयोगशाला देखने चलते हैं । यह 1817 की बात है । प्रयोगशाला में शाति छाई हुई है। कई दिनों से वैज्ञानिक स्टाकहोल्म के पास ऊटो की खानों में पाए गए खनिज पेटेलाइट का विश्लेषण करने में व्यस्त सबसे हल्की धातु / 9 हे । वह बार-बार अपने विश्लेषण के परिणामों की जांच करन सब अवयवो की प्रतिशत संख्या का याग 96 आना है। बाकी । क्या ऐसा सभव है ? निश्चित रूप से खनिज में कई जान है। आर्फवडसन बार-बार कोशिश करते है। अनमरमानना हे एक नई क्षारीय धातु खोज निकाली है। चूंकि यह धान अपन नम पोटैशियम तथा सोडियम की तरह कार्बनिक उत्पादों में ना न पाई गई, इसलिए वैज्ञानिक ने इस धातु का नाम लीथियम रखन ( यूनानी शब्द "litheos " से, जिसका अर्थ पत्थर है। शीघ्र ही आर्फवेडसन ने यह धातु अन्य खनिजी में भी छूट अन्य स्वीडिश रसायनज्ञ बर्जेलियस ने कार्ल्सबाड तथा मेरियेनक इस धातु की उपस्थिति सिद्ध कर दिखाई। हमारे जमाने में फ्रास जगह इसी कारण से ही तो प्रसिद्ध है कि वहां के खनिज जन में विद्यमान हैं जिनकी वजह से इस जल मे अतिलाभदायक स्नान- चिकि 1818 में अंग्रेज वैज्ञानिक डैवी ने लीथियम के हाइड्रॉक्साइड इसके शुद्ध कण निकाले और 1855 में दो और वैज्ञानिकों ने चेकोस्लोवाकिया का एक स्वास्थ्यप्रद स्थान । इसका आधुनिक नाम मार 10 / धातुओं के रोचक तथ्य अपन-अपन दशा में गनित लाथियम क्लोराइड के वितण से शुद्ध लीथियम प्राप्त कर दिखाया येथे जर्मन रसायनज्ञ बुन्सत तथा अंग्रेज मातिकविद् मथसन टखन म यह चादा जस सफदरंग की कामल धातु था जिसका वजन जल के वजन का करीब आधा था। धातुआ म हल्कंगन में लीथियम का कोई भी दूसरी धात मुकाबला नहीं कर सकती-ऐलुमिनियम इससे 5 गुना भारी है, लोह 15 गुना और आमियम 10 गुना सामान्य ताप पर ही लीथियम वायु में उपस्थित नाइट्रोजन तथा ऑक्सीजन के साथ तीन प्रतिक्रिया कर जाता है। लीथियम के एक छोटे से टुकड़े को काच के ऐसे बनन में रखकर देखें जिसमें शीशे का प्लग खूब कसकर लगा हुआ हो। आप देखेंगे कि लीथियम सारी वायु का अवचूषण कर लेगा जिसके फलस्वरूप वर्तन निवांतयुक्त हो जाएगा तथा वायुमडलीय दाब प्लग को इतना ज्यादा कस टंगा कि आप उसे वर्तन से अलग करने में शायद ही समर्थ हो सकेंगे। यही कारण है कि लीथियम का सचयन एक कठिन समस्या है। सोडियम को तो आसानी से मिट्टी के तल या पेट्रोल में सुरक्षित रखा जा सकता है पर लीथियम के साथ ऐसा तरीका नहीं अपनाया जा सकता वह एकदम सतह पर बैठ जाएगा ओर प्रज्वलित होने लगगा। लीथियम को सुरक्षित रखने के लिए इसकी बत्तियां बनाकर उन्हें वैसलिन या पंगफिन में रख देते हैं। इन चीजों का लेप संरक्षी आवर्ण की भूमिका निभाता है। हाइड्रोजन के साथ लीथियम और भी ज्यादा तीव्रता से प्रतिक्रिया कर जाता है। धातु की थोड़ी-सी मात्रा भी इस गैस के भारी आयतनो को आकर्षित करने की क्षमता रखती हैः एक किलोग्राम लीथियम हाइड्राइट में 2800 लीटर हाइड्रोजन होता है। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमरीकी विमानचालकों को लीथियम हाइड्राइट की रक्षा जाकेट (पेलेट) दी गई जिनका प्रयोग आपत्काल में किया जा सकता था। समुद्र के ऊपर उड़ते समय अगर जहाज क्रैश होकर पानी में गिर जाए तो जैसे ही पेलेट पानी के संपर्क में आएगा, जाकेट तुरत घुल जाएगी और हाइड्रोजन निकलना शुरू हो जाएगा। यह हाइड्रोजन बचाव के साधनो को फुलाने लगेगा, जैसे लाइफ बोट, लाइफ-जाकेट, ऐण्टेना वाला बैलून आदि । लीथियम यौगिकों में अपार जल अवचूषण की क्षमता होने के कारण इनका विस्तृत उपयोग पनडुब्बियों, हवाई जहाजो के रेस्पिरेटरों तथा कंडिशनरो में हवा की सफाई करने के लिए किया जाता है । लीथियम के औद्योगिक उपयोग का प्रथम प्रयास इस शताब्दी के आरम्भ मे किया गया। इससे पहले लगभग सौ साल तक इसका प्रयोग मुख्यतः गाऊट सबसे हल्की धातु / 11 के इलाज के लिए किया जाता था । प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी को औद्योगिक प्रयोग के लिए दिन के बहुत सख्त जरूरत पड़ रही थी। देश में ऐसा कच्चा माल भी नहीं था जिससे टिन प्राप्त किया जा सके। अतः वैज्ञानिको को इसके बदले में अन्दी में दूसरी धातु की खोज करनी थी । लीथियम ने उनकी समस्या पूरी तरह से हल कर दी। एक लेड- लीथियम ऐलॉय बेहतरीन घर्षणरोधी धातु सिद्ध हुआ. इसका नाम बाहन धातु ( Babn-metal) था। तब से तकनीकी कार्यों में विभिन्न लीथियम ऐeta लगातार प्रयुक्त किए जा रहे हैं, जैसे-ऐलुमिनियम, बेरिलियम, ताम्र, जिंक तथा रजत ऐलॉय । एक अन्य हल्की धातु मैग्नीशियम के साथ लीथियम के ऐलॉय से भविष्य में काफी आशा की जा रही है। मैग्नीशियम में बहुत सारी उपयोगी विशेषताएं तो हैं । निर्माण कार्यो में इसके प्रयोग की बात उल्लेखनीय है । वे बहुत उपयोगी सिद्ध हो रहे है। एक लीथियम- मैग्नीशियम ऐलोय, जिसमें लीथियम की मात्रा 50% से अधिक है, जल से हल्का होता है। इस प्रकार के संयोजन से कई ऐलॉय बनाए जा चुके हैं, परंतु दुर्भाग्यवश वे सभी अस्थाई सिद्ध हुए हैं। वायु मे तुरंत उपचवित हो जाते हैं। धातु-विशेषज्ञ ऐसी टेक्नालाजी विकसित करने का प्रयास करते रहे जिसकी बदोलत लीथियम के ऐलॉय दीर्घकालीन रहे। सोवियत संघ की विज्ञान अकादमी के अंतर्गत बाइकोव नामक अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक इस समस्या के हल में सफल हुए है। उन्होने निर्वातरहित पिघलाऊ विद्युत भट्टी में निष्क्रिय गैस आर्गन की मदद से लीथियम और मैग्नीशियम का ऐलॉय प्राप्त किया जो वायु में धुंधला नहीं होता और न ही जल में डूबता है। उच्च प्रतिक्रिया-क्षमता, निम्न गलनांक (केवल 1805°c ) तथा अपने यौगिकों के निम्न घनत्व के कारण लौह व अलौह धातुकर्म में लीथियम का प्रयोग एक उत्तम विगैसर, विऑक्सीकारक के रूप में किया जाता है। वह धातु में पिघली गैसों, जैसे ऑक्सीजन और नाइट्रोजन, को निकाल देता है । लीथियम की सहायता से कुछ ऐलॉयों की सरचना अल्पकणीय बन जाती है जिससे उनके यांत्रिक गुण बेहतर हो जाते हैं । ऐलुमिनियम के उत्पादन में लीथियम एक प्रक्रमी उत्प्रेरक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। विद्युतविश्लेषण में लीथियम यौगिक मिलाने से ऐलुमिनियम विद्युत अपघटनी सेल का संवेग प्रवाह बढ जाता है तथा अवगाह ताप और विद्युत की खपत कम करने में भी सफलता प्राप्त होती है। पहले जो क्षारीय बैटरियां बनाई जाती थीं उनके विद्युतविश्लेषक में केवल सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन प्रयुक्त किया जाता था। जैसे ही इसमें लीथियम हाइड्रॉक्साइड की थोड़ी-सी मात्रा ( कुछ ग्राम) मिलाई जाने लगी, इन वैटरियों की 12 / धातुओं के रोचक तथ्य कार्य-अवधि तीन गुना बढ़ गई। इसके साथ-साथ बैटरियों की तापीय परासभी काफी बढ़ गई 10°0 ताप पर भी वैटरी डिसचार्ज नहीं होती और से 20°c नीचे तापमान होने पर भी सही सलामत रहती है। एक लीथियम अपघटित्र में इतने ज्यादा या कम ताप को सहने की क्षमता नही होती ही में जापान में हाथ की घड़ियों के लिए ऐसे सेल बनाए गए है। इन से ऐनोडो मे लीथियम प्रयुक्त किया गया है जिसका वजन केवल 54 माइक्रो यह ऐनोड मनुष्य के बाल से भी बारीक है। एक सेल से घडी 200-30 चल सकती है। अमरीकी फर्म भी लीथियम से काफी आशा लगाए बैठ कुछ कार्बनिक लीथियम यौगिकों (स्टिऐरेट, पामिऐट तथा अन्य ) के भ गुण विस्तृत ताप-परिसरण में वैस के वैसे ही रहते है जिसकी वजह से प्रयोग सैनिक मशीनों के स्नेहक के रूप में किया जाता है। यह लीथियमयुक्त स्नेहक ही तो है जिसकी वजह से ऐण्टार्कटिक महाद्वीप में भारी जीपे ऐसे-ऐसे इलाकों में पहुंच जाता है जहा तापमान - ४०°९ तक गिर जाता है। लीथियम-स्नेहक कारों में भी बहुत विश्वसनीय सिद्ध हुआ है। सोवियत कार 'लादा' के मालिक इसे 'शाश्वत स्नेहक' करते है। इस कार के कुछ घर्षणरत पुर्जों को सिर्फ एक बार इस स्नेहक की जरूरत पड़ती है। हालीवुड की हिट फिल्मों पर बनी चेकोस्लोवाकियन पैरोडी का एक पात्र फिल्म में 'शैतानी काकटेल' लेता है । वह कई सारे गिलास खा जात भारतीय योगी भी तो अक्सर ऐसा करिश्मा दिखाते है । वे पहले गिलास है और फिर उसकी किरचे इतने स्वाद के साथ निगलते है जैसे कि इससे स्वादिष्ट कोई और चीज है ही नहीं। अगर हम पाठकों से यह पूछेंः "क्या कभी कांच खाया हे?" जवाव मिलेगा-"कैसा बेहूदा सवाल कर रहे हैं? नि रूप से कभी नहीं खाया।" परंतु पाठक भ्रम में हैं। साधारण कांच जल मे हो जाता है। यह बात जरूर है कि वह चीनी की तरह नहीं घुलता, पर जरूर है। सर्वाधिक सुग्राही वैश्लेषिक तुला यह बताती है कि गरम चाय व गिलास के साथ हम 1/1000 ग्राम कांच खा जाते हैं। लेकिन काच बनाते अगर उसमें लैन्थेनम, जिर्कोनियम तथा लीथियम के लवण मिला दिए जा सबसे हल्की धातु
गुजरात में ब्लैक फंगस की भयावहता के मद्देनजर सरकार की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए गुजरात हाईकोर्ट ने दवा के वितरण पर जारी अधिसूचना को अस्पष्ट और त्रुटिपूर्ण बताया। कोर्ट ने बुधवार को कहा कि सभी जिले की अपनी विशेषज्ञ कमेटी होनी चाहिए जो यह तय करे कि उन्हें कितनी दवा की आवश्यकता है। बता दें, ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के मामले देश के कई राज्यों में सामने आए हैं, लेकिन गुजरात में इसके मरीज सबसे अधिक हैं। केंद्रीय मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने बुधवार को बताया कि ब्लैग फंगस के मरीज सबसे अधिक गुजरात में हैं। न्यायमूर्ति बेला त्रिवेदी और भार्गव डी कारिया की पीठ ने कहा कि गुजरात सरकार को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के वितरण पर स्पष्ट बताना चाहिए कि सरकारी, गैर सरकारी अस्पतालों में कहां कितने मरीज हैं और उन्हें कितनी दवाएं दी गईं। जनहित याचिका पर स्वतः संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि इसके अलावा भी विशेषज्ञ कमेटी के गठन और किसके निर्णय पर मरीज को गंभीर मानते हुए दवा दी जाएगी, पर अधिक विवरण की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि 19 मई की अधिसूचना के मुताबिक सिर्फ 7 जिलों को ही शामिल किया गया है। कोर्ट ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि केंद्र की ओर से मिली दवाओं को आखिर किस आधार पर सरकारी, निजी अस्पतालों और निगम के अस्पतालों में भर्ती मरीजों को दिया जाएगा। पश्चिम बंगाल सरकार ने हालात की गंभीरता और स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के बाद ब्लैक फंगस को 'अधिसूचित रोग' घोषित कर दिया। एक अधिकारी ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। अधिकारी ने स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि डॉक्टरों के लिए म्यूकोरमाइकोसिस का पुष्ट या संदिग्ध मामला सामने आने पर अधिकारियों को इसकी जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि इसके तहत रोगी की निजी जानकारी समेत सभी संबंधित जानकारियों को साझा किया जाना जरूरी है। राज्य में ब्लैक फंगस के चलते अब तक दो लोगों की मौत हो चुकी है। सोमवार तक 10 लोग संक्रमित पाए गए थे, जिनका इलाज चल रहा था। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) कश्मीर पहुंच चुकी है। इसी बीच 23 जनवरी को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने पुलवामा हमले के बाद हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर अपनी बात रखी। सोशल मीडिया पर लोग दिग्विजय सिंह के इस बयान पर तंज कस रहे हैं और कह रहे हैं कि इस तरह के बयान राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की पूरी मेहनत को बर्बाद कर देंगे। क्या बोले दिग्विजय सिंह? जम्मू कश्मीर में एक सभा को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं कि हमने इतने लोग मार गिराए, लेकिन प्रमाण कुछ नहीं। केवल झूठ के पुलिंदे पर यह राज कर रहे हैं। यह देश सबका है। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की कोई रिपोर्ट संसद में नहीं रखी गई। कहते थे आतंकवाद समाप्त हो जाएगा लेकिन जब से धारा 370 हटी है, आतंकवाद बढ़ा है। दिग्विजय सिंह के बयान पर गौरव भाटिया (Gaurav Bhatia) ने कहा कि गैरजिम्मेदाराना बयान देना कांग्रेस पार्टी का चरित्र है। हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ बोलने वाले किसी को भी देश बर्दाश्त नहीं करेगा। पीएम मोदी से नफरत के चलते राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह में अब देशभक्ति नहीं बची। @MajGenSanjaySoi यूजर ने लिखा कि इन बयानों को सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं इस तरह की टिप्पणी करने के पीछे की मंशा को नहीं समझता। हम भारत के लोगों को उनसे अब सवाल पूछने की जरूरत है। @abaranwal1802 यूजर ने लिखा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जो फायदा मिल सकता था, उसे दिग्विजय सिंह ऐसे बयान देकर खत्म कर देंगे। @darshanpathak यूजर ने तंज कसते हुए लिखा कि दिग्विजय सिंह, मोदी जी के सबसे बड़े समर्थक हैं। @amaresh4 यूजर ने लिखा कि कांग्रेस सीख ही नहीं रही है, हर बार वही गलती करती है। @Sankalp1703 यूअर ने लिखा कि फ़ौज से जवाब मांगने वालों को आने वाले चुनावों में जनता जवाब जरूर देगी। एक यूजर ने लिखा कि अरे अभी से? 2024 चुनाव आने दो, तब ये सब बोलना। बता दें कि सभा को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने यह भी कहा कि सरकार केवल हिंदू-मुसलमान में नफरत फैला रही है और कोई काम नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार समस्या कायम रखना चाहती है ताकि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्म बनती रहे। इससे पहले जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने भारत जोड़ो यात्रा पर सवाल उठाया तो दिग्विजय सिंह ने कहा था कि राजनाथ सिंह को नफरत का पता लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ के भाषण सुनने चाहिए।
विलियम डरने के पास चिनाय नहर की कर वृद्धि के सम्बन्ध में एक पत्र, आवश्यक कागजा के साथ भेजा भी एक मित्र का पर लिसा । इसम लिगा--"पता नही विलायती डाक के निमें पत्र लिखने म समर्थ होऊँगा या नहीं इसलिए यह पत्र इतनी जल्दी भेन रहा पनर भोजन किया। फिर दो पत्र और लिसे । इसके बाद एक ऐस लिया । फिर चिडियाँ ऐस आदि जेन में रखकर चीफक जाने क लिए गाड़ी तैयार करने की आना दी। राराजी अदालत जाने के लिए तैयार हो रहे थे कि उनके मुगा सबर ~~ "दो आदमी आपसे मिलना चाहते हैं।" रोलनी उनकी अभ्यर्थना को बाहर आये तो देखा कि एक सबने शहर और दूसरे अनारकली थाने के थानेदार है। सिटी पुलीस के इसपेक्टर में लानी से कहा कि आपसे कमिश्नर और डिपुटी कमिश्नर मिलना चाहत हैं, शीघ्र चरिए । ●ालाजी ने सोचा कि शासन अफसरों ने उह अशान्ति निवारण के ि प्रयत्न करने के सम्पाव में बुलाया हो इसलिए बोर-"मुझ कचहरी में कुछ काम हे अत वहाँ से लौटते समय में कमिश्नर साहब से मिलगा ।" शहर के थानेगर ने कहा -"कमिश्नर साहव डिस्ट्रिक्ट आफिस में हैं, चर मिनटों के लिए ही आपसे मिलना चाहते हैं । आप उनमे मिलकर क 'हरी जा सकते हैं " रालाजी को कुछ सदेह हुआ । वह दोनो थानेदारो के साथ गाडी में बैठ गये । अभी गाडी थोड़ी ही दूर चली थी कि जिला पुलिस सुपरि ●ण्टण्डेण्ट, एक और अग्रेज के साथ, कूदर गाडी के पायदाना परचा गये। लालाजी के आग्रह करने पर वे भी अन्दर बैठ । आफिस में पहुँ घने पर कमिश्नर ने उन्ह सपरिषद् चढ़ लाट द्वारा निकाली गई निवासन की आना सुनाकर कहा-"आप गिरफ्तार किये गये है और आपका देश निकाला होगा हाँ व्यवहार सजनतापूर्ण किया जायगा।" कमिन्नर
Recover your password. A password will be e-mailed to you. कार्तिक आर्यन को डेट कर रही सारा अली खान जब वरुण धवन के साथ डांस क्लास आई तो.... रानू मंडल की बेटी की इस बात पर गुस्सा आ जायेगा आपको, क्या कोई बेटी अपनी मां के साथ ऐसा कर सकती है ? सलमान खान और आलिया भट्ट की फिल्म हुई पोस्टपोन- फेंस हुए दुखी जाने कौन सी थी वो फिल्म ?
माॅस्को। रूस के सेना ने कुपियांस्क की दिशा में पांच यूक्रेनी निगरानी चौकियों को नष्ट कर दिया है। रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि कुपियांस्क की दिशा में सैन्य कार्रवाई के दौरान रूसी टैंक और एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम के सहयोग से उच्च शक्ति वाले स्व-चालित मोर्टार 2 एस 4 'तुल्पन' के चालक दल ने यूक्रेन की पांच निगरानी चौकियों को नष्ट कर दिया। उन्होंने कहा कि रूसी वायु रक्षा एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियों ने तीन यूक्रेनी टोही ड्रोन को भी नष्ट कर दिया। Copyright @ 2023 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.