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(i) विमुक्त और अर्ध-घुमंतु जनजातियों से संबंधित जातियों की राज्यवार सूची तैयार करना।
(ii) अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा केन्द्रीय सूची/अन्य पिछड़ा वर्गों की राज्य सूची में विमुक्त और घुमंतु जनजातियों की पहचान करना।
(iii) विमुक्त और घुमंतु जनजातियों से संबंधित उन जातियों की पहचान करना जिन्हें अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गों की केंद्रीय सूची में शामिल नहीं किया गया तथा इन्हें इन सूचियों में इस प्रयोजनार्थ निर्धारित तौर-तरीकों पर निर्भर करते हुए इनमें शामिल करने के लिए कार्रवाई करना।
(iv) ऐसे स्थानों की पहचान करना जहां विमुक्त, घुमंतु जनजातियों की घनी आबादी हो।
(v) केंद्र तथा राज्यों के तहत विमुक्त और घुमंतु जनजातियों के विकास के संबंध में प्रगति का मूल्यांकन करना।
(vi) विमुक्त, घुमंतु और अर्ध-घुमंतु जनजातियों के संबंध में केंद्र अथवा राज्य सरकार द्वारा किए जाने वाले उपयुक्त उपायों के बारे में सुझाव देना।
(vii) कोई अन्य संबद्ध कार्य जो सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सौंपा जाए।
यह आयोग तीन वर्ष के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा।
अर्ध-घुमंतु जनजातियों (डीएनटी) के कुछ एक ऐसे समूह भी है जिन्हें अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों की सूचियों के तहत कवर नहीं किया गया है, ऐसे लोगों के लिए सरकार ने दो योजनाएं नामतः (i) डॉ. अम्बेडकर मैट्रिक पूर्व केंद्र प्रायोजित योजना और विमुक्त, घुमंतु और अर्ध-घुमंतु जनजातियों (डीएनटी) के व्यक्तियों हेतु मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति योजना और (ii) वर्तमान वित्तीय वर्ष में विमुक्त, घुमंतु और अर्ध-घुमंतु जनजातियों के लिए छात्रावासों के निर्माण की केंद्र प्रायोजित योजना। इन योजनाओं के तहत महाराष्ट्र तथा कर्नाटक राज्य सरकार को निधियां जारी कर दी गई हैं।
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Pakistan News: संघीय जांच एजेंसी (Federation Investigation Agency) ने कथित तौर पर प्रतिबंधित फंडिंग मामले में पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Ex PM Imran Khan) सहित कई नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है. स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पार्टी की वित्तीय टीम और एक निजी बैंक के प्रबंधक पर भी मामला दर्ज किया गया है.
पाकिस्तान के दैनिक समाचार-पत्र डॉन की खबर के मुताबिक, यह मामला इस्लामाबाद में एफआईए के कॉरपोरेट बैंकिंग सर्कल के माध्यम से दायर किया गया था. प्राथमिकी (एफआईआर) के अनुसार आरिफ मसूद नकवी, जो वूटन क्रिकेट लिमिटेड के मालिक हैं, उन्होंने पीटीआई के नाम से पंजीकृत एक बैंक खाते में गलत तरीके से धन हस्तांतरित किया था. शिकायत के मुताबिक धनराशि के लेन-देन की वास्तविक प्रकृति, उत्पत्ति, स्थान, संचालन और स्वामित्व को छिपाने के लिए सहमत हस्तांतरण किया गया है.
प्राथमिकी के मुताबिक पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेताओं ने विदेशी मुद्रा अधिनियम का उल्लंघन किया है और उन्हें संदिग्ध बैंक खातों के लाभार्थियों के रूप में घोषित किया गया है. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि आरिफ मसूद नकवी ब्रिटेन और अमेरिका में निवेशकों से धोखाधड़ी के मुकदमे का भी सामना कर रहा है.
समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक दर्ज शिकायत में इमरान खान, सरदार अजहर तारिक खान, सैफुल्ला खान नियाजी, सैयद यूनुस अली रजा, आमेर महमूद कियानी, तारिक रहीम शेख, तारिक शफी, फैसल मकबूल शेख, हामिद जमान और मंजूर अहमद चौधरी का नाम शामिल है.
"पीटीआई ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग के समक्ष आरिफ मसूद नकवी का एक हलफनामा प्रस्तुत किया जिसमें कहा गया था कि डब्ल्यूसीएल के खातों में एकत्र की गई सभी राशि पाकिस्तान में पीटीआई के खाते में जमा की गई थी. यह हलफनामा झूठा/फर्जी साबित हुआ है क्योंकि मई 2013 में डब्ल्यूसीएल से पाकिस्तान में दो अलग-अलग खातों में दो और लेनदेन भी किए गए थे.
बता दें कि पिछले महीने, चुनाव आयोग ने पीटीआई के खिलाफ गलत तरीके से अर्जित किए गए धन के मामले में अपने फैसले में कहा था कि पार्टी को वास्तव में निषिद्ध धन प्राप्त हुआ था. मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर (सीईसी) सुल्तान राजा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय ईसीपी पीठ ने कहा कि पार्टी को वूटन क्रिकेट लिमिटेड से धन प्राप्त हुआ और ये साबित हुआ है कि पीटीआई ने 2,121,500 अमरीकी डालर गलत तरीके से अर्जित किया था.
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रोमांस से भरी कॉमेडी फिल्म तनु वेड्स मनु की सफलता के बाद अब निर्देशक आनंद एल. राय ने इसका सिक्वेल बनाने का फैसला किया है. इरोस इंटरनेशनल स्टूडियो इसका निर्माण करेगा.
राय ने कहा है मैं इस फिल्म के लिए इरोस के साथ काम करने को लेकर रोमांचित हूं. मुझे विश्वास है कि हम मिलकर एक बेहद मनोरंजक फिल्म बना सकेंगे. मैं इसके अगले संस्करण में भी वैसा ही जादू लाना चाहता हूं और अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों तक पहुंचना चाहता हूं.
अगले संस्करण के कलाकारों के नाम जल्दी ही घोषित किए जाएंगे. तनु वेड्स मनु इस साल 25 फ रवरी को प्रदर्शित हुई थी. इसमें आर. माधवन और कंगना रानाउत ने मुख्य भूमिका निभाई है.
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16 मार्च, गुरुवार को चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि रहेगी। गुरुवार को पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से प्रजापति नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इनके अलावा व्यातिपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
मेष राशिफल (Aries Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं आज आप समय का सदुपयोग करें। काम समय पर पूरे होंगे और घर का माहौल व्यवस्थित रहेगा। किसी धार्मिक कार्यक्रम में जाने से लोगों से मेलजोल बढ़ेगा। कई बार उदासी और तनाव मन पर हावी हो सकता है। आपकी समस्याओं का आपके परिवार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। व्यापार में उचित व्यवस्था रहेगी। सफलता के अच्छे योग हैं। महिलाओं से संबंधित व्यवसाय विशेष रूप से सफल रहेंगे।
वृषभ राशिफल (Taurus Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं कि दिनचर्या में कुछ नया लाने का प्रयास करें, घर के किसी सदस्य के विवाह की भी व्यवस्था बनेगी। क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखें। अन्यथा विवाद जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। व्यवसायिक स्थिति अनुकूल रहेगी। युवाओं को अपनी मेहनत का सकारात्मक परिणाम मिलेगा। व्यावसायिक गतिविधियों की गोपनीयता अधिक महत्वपूर्ण है। पारिवारिक कार्यों में सहयोग से संबंध मधुर होंगे।
मिथुन राशिफल (Gemini Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं कि संपत्ति के क्रय-विक्रय से संबंधित कोई कार्यवाही चल रही है तो उस पर ध्यान दें। किसी अजनबी से अचानक हुई मुलाक़ात फ़ायदेमंद साबित होगी। कोर्ट केस से जुड़े दस्तावेज और कागजात संभाल कर रखें। किसी अनुभवी व्यक्ति से सलाह लेने में संकोच न करें। व्यवसाय के सारे काम आसानी से बनेंगे। अगर पेमेंट कहीं अटका हुआ है तो वह मिल सकता है। लेकिन किसी भी तरह की व्यापारिक डील करने से पहले कागजों को अच्छी तरह जांच लें। अविवाहित लोगों के लिए संबंध अच्छे होने से घर में खुशी का माहौल रहेगा।
कर्क राशिफल (Cancer Daily horoscope)
गणेशजी कहते हैं, विद्यार्थी अपनी पढ़ाई पर ध्यान देंगे। आपको कुछ ख़र्चों और चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए किसी भी तरह का जोखिम उठाने से बचें। रिश्तों में कड़वाहट भी आ सकती है। व्यापार में धन संबंधी कार्यों पर अधिक ध्यान दें। नए संपर्क स्थापित होंगे जो लाभकारी रहेंगे। व्यस्तता के बावजूद परिवार के लिए समय निकालना जरूरी है। प्रेम संबंधों का खुलासा आपको परेशानी में डाल सकता है। एलर्जी जैसी समस्या रहेगी।
सिंह राशिफल (Leo Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं, बाहरी गतिविधियों और महत्वपूर्ण संपर्कों में अधिक समय व्यतीत होगा। आप अपनी मेहनत और प्रयासों से परिस्थितियों के अनुकूल ढलने की कोशिश कर रहे हैं। विवादों को बढ़ाने के बजाय उन्हें सुलझाने का प्रयास करें; इस समय धैर्य बहुत जरूरी है। मार्केटिंग से जुड़े काम पर गंभीरता से ध्यान दें। इस समय मशीनरी फैक्ट्री आदि व्यवसाय में अनुकूल स्थिति रहेगी। पारिवारिक वातावरण सुखमय रहेगा। प्रेम संबंधों में निकटता आएगी।
कन्या राशिफल (Virgo Daily horoscope)
गणेशजी कहते हैं, घर में अनुशासन और शांति का माहौल बनाए रखने में आपका विशेष योगदान रहेगा। भाग्य आपका साथ देगा। इस समय चचेरे भाइयों के साथ आपके मतभेद हो सकते हैं। पैतृक संपत्ति को लेकर किसी प्रकार की चर्चा संभव है। व्यवसाय से संबंधित किसी प्रकार की यात्रा स्थगित करें। तथा अपने कार्य क्षेत्र में व्यापारिक गतिविधियों को पूर्ण करें। सरकारी कार्यों से उत्तम लाभ की संभावना है। परिवार के लोगों और जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा।
तुला राशिफल(Libra Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं, भ्रम दूर होने से युवा राहत की सांस लेंगे। और आपको कोई बड़ा फैसला लेने का साहस मिलेगा। मेहनत के अनुकूल परिणाम मिलेंगे। किसी करीबी से संबंध खराब हो सकते हैं। तथा असफलता की स्थिति का सामना करना पड़ सकता है। व्यापार विस्तार की योजना हाथ लग सकती है। इस समय पूरी तरह से एकाग्र मन से काम करें, लेन-देन से जुड़े मामलों में सावधानी बरतें। परिजनों का विश्वास और प्यार आपके प्रति बना रहेगा। तथा घर का वातावरण खुशनुमा रहेगा।
वृश्चिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं, निकट संबंधियों से संपत्ति को लेकर कोई गंभीर और लाभदायक चर्चा होगी, जो आपके हित में होगी। आपका हस्तक्षेप परिवार के सदस्यों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। पारिवारिक व्यवसाय से जुड़े लोग इस समय बड़ी उपलब्धि हासिल करेंगे। वरिष्ठों की सलाह से कार्य पद्धति में बेहतर बदलाव आएगा। परिवार के सभी सदस्यों के बीच पूर्ण प्रेम और उचित सामंजस्य रहेगा।
धनु राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं कि आप हर कार्य को व्यवस्थित ढंग से पूरा करने का प्रयास करेंगे और सफल रहेंगे। आपके भीतर आध्यात्मिक शांति बनी रहेगी। आय की स्थिति मध्यम रहेगी, जिससे मन अशांत रहेगा। क्रोध और जिद जैसी नकारात्मक बातें आपके बनते बनते काम बिगाड़ सकती हैं। अपनी व्यावसायिक प्रथाओं को बदलने के लिए सुविचारित योजनाओं पर चर्चा करें। मेहनत का परिणाम निकट भविष्य में सफल होगा। पति-पत्नी के बीच सामान्य विवाद उत्पन्न हो सकता है।
मकर राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)
कुंभ राशिफल (Aquarius Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं, दिन की शुरुआत शुभ समाचार से होगी और आप किसी महत्वपूर्ण कार्य को करने में राहत महसूस करेंगे। कोई महत्वपूर्ण उपलब्धि मिलने की संभावना है। किसी राजनीतिक रिश्ते में आपकी छवि खराब होगी। पड़ोसियों से किसी तरह का झगड़ा या कहासुनी की स्थिति बन सकती है। ऑनलाइन गतिविधियों से कुछ उपलब्धियां प्राप्त होंगी, व्यापार में किसी अनुभवी व्यक्ति के सहयोग व सलाह से कई रुकी हुई गतिविधियां फिर से शुरू हो जाएंगी।
मीन राशिफल (Pisces Daily Horoscope)
गणेशजी कहते हैं, अनुभवी और वरिष्ठ लोगों के मार्गदर्शन और सहयोग से जानकारी मिल सकती है। खर्चों पर नियंत्रण रखना जरूरी होगा। मन में कुछ नकारात्मक विचार आएंगे। निजी जीवन से जुड़ा किसी भी तरह का जोखिम उठाने से बचें आप व्यापार में पूरी लगन और विश्वास के साथ काम करेंगे। अपने संपर्क मजबूत करें दांपत्य जीवन सुखमय रहेगा। प्रेम संबंधों में तनाव हो सकता है। कामकाज की वजह से थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है।
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।
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लंदन, 12 अगस्तः वेस्टइंडीज को अपनी कप्तानी में दो वर्ल्ड कप जिताने वाले महान क्रिकेटर क्लाइव लॉयड ने कहा है कि विराट कोहली एक असाधारण बल्लेबाज हैं लेकिन उनका बेहतरीन कप्तान बनना अभी बाकी है। 70-80 के दशक में वेस्टइंडीज की महान टीम की कप्तानी करने वाले लॉयड भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरे दिन का खेल देखने लॉर्ड्स पहुंचे थे।
लॉयड ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि कोहली एक आक्रामक कप्तान हैं और ये तब तक ठीक है जब तक वह सीमा नहीं पार करते हैं। लेकिन एक कप्तान के तौर पर कोहली के बारे में उन्होंने कहा, 'विराट का बनना अभी भी जारी है और उनकी कप्तानी के बारे में आखिरी निर्णय लेने में अभी वक्त लगेगा। ' लॉयड ने कहा, 'लेकिन हां, उन्होंने सकारात्मक संकेत दिखाए हैं। हां, वह आक्रामक हैं, लेकिन जब तक वह सीमा नहीं लांघते हैं, ये ठीक है। आक्रामकता, आखिरकार खराब चीज नहीं है। '
लॉयड जिन भारतीय कप्तानों के साथ खेले थे, के बारे में कहा, 'जब मैं खेल रहा था तो मैंने पांच अलग भारतीय कप्तानों को देखा था। टाइगर पटौदी, अजित वाडेकर, बिशन सिंह बेदी, सुनील गावस्कर और कपिल देव। उन सबकी अपनी एक अलग स्टाइल थी, मुझे बेदी काफी अच्छे लगे थे। '
उन्होंने कहा, 'हाल के दिनों में ये सौरव गांगुली और एमएस धोनी होते। धोनी बहुत ही बेहतरीन कप्तान थे। वह बहुत ही प्रेरणादायक थे, एक अच्छे रणनीतकार और टीम का नेतृत्व पूरी धाक के साथ किया। मुझे उनकी कप्तानी की स्टाइल पसंद थी। '
हालांकि लॉयड ने एक बल्लेबाज के तौर पर कोहली की काबिलियत में पूरा भरोसा जताया, जिन्होंने एजबेस्टन में भारत की 31 रन से हार में भी पूरे मैच में सर्वाधिक 200 रन बनाए और अब टेस्ट में दुनिया के नंबर एक बल्लेबाज हैं।
लॉयड ने कहा, 'इस बात में कोई संदेह नहीं है कि कोहली एक असाधारण बल्लेबाज हैं। वह अपने देश के लिए महान काम कर रहे हैं और अगर आप मुझसे पूछे कि क्या वह मेरी टीम में जगह बना पाते तो मेरा जवाब है हां। वास्तव में कोहली कई पीढ़ियों की महान टीमों में जगह बनाते। '
ये पूछे जाने पर कि क्या जेम्स एंडरसन भी उनकी टीम में जगह बना लेते तो उन्होंने कहा, 'हां, क्यों नहीं? वह एक शानदार स्विंग गेंदबाज हैं और वर्तमान में सबसे बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं। यही वजह है कि उन्हें इतने विकेट मिले हैं और मैं उन्हें खेलते देखने का हमेशा लुत्फ उठाया है। '
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मॉडल और एक्टर नतालिया कौर को हाल ही में खतरों के खिलाड़ी डर का ब्लॉकबस्टर शो से बाहर निकाल दिया गया। सापों से लेकर कॉकरोचेस तक के टास्क और ऊंची बिल्डिंग से कूदने तक के हर एक टास्क में अपना बेस्ट देने के बाद नतालिया कौर को आखिरकार शो से बाहर जाना पडा। इस शो में एंट्री करने से पहले उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि वो इतने गंभीर और मुश्किल भरे टास्क करेंगी।
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जब शादीशुदा धर्मेंद्र ने तनुजा के साथ कर दी ऐसी हरकत, भड़कीं एक्ट्रेस, सेट पर ही जड़ दिया तमाचा, कहा- बेशर्म. .
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सिवनी, नईदुनिया प्रतिनिधि। नगर के बुधवारी तालाब में कई टन मछलियां पानी दूषित होने के कारण अचानक मर गई है। इससे मछुआ समिति व मछली पालकों में आक्रोश व्याप्त है। मछली पालकों का कहना है कि नगर पालिका द्वारा सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं देने और तालाब में फेंका जा रहा कचरा-गदंगी व रसायनिक पदार्थों के कारण तालाब का पानी दूषित व जहरीला हो रहा है। इससे तालाब में पल रहे मछलियों की अचानक मौत हो गई। हालाकि तालाब में डाला गया पूरा मछली बीज समाप्त नहीं हुआ हैं। मछुआ समिति के सदस्यों का कहना है कि तालाब में शेष बची मछलियां जीवित हैं। लेकिन कई टन मछलियों के मरने से समिति को भारी आर्थिक क्षति हुई है। मृत मछलियों का तौल कराया गया है, जिसमें 30 क्विंटल मछलियां मरी पाई गई हैं।
गौरतलब है कि तालाब के चारों ओर व्यवसायिक प्रतिष्ठान संचालित हैं, जहां से आसपास के प्रतिष्ठानों की गंदगी इसी तालाब में फेंकते हैं। मौसम में आई गर्मी के कारण पर्याप्त मात्रा में मछलियों को आक्सीजन न मिलने से मछलियों की मौत होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। तालाब में वाहनों से निकलने वाला जला हुआ आयल बड़ी मात्रा में बहाया जाता है और यहां पर दोपहिया-चार पहिया वाहनों की धुलाई की जाती है। इससे तालाब से 24 घंटे सड़ी दुर्गंध फैल रही है। सिवनी मछुआ समिति के अनिल कश्यप ने बताया कि मंगलवार रात अचानक तालाब में बड़ी मात्रा में मछलियां मर कर किनारे आ गई। तालाब की कई टन मछलियां मरने का अनुमान है। इससे समिति को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
स्वच्छता व्यवस्था चाक चौबंद होने का दावा करने वाले सिवनी नगर पालिका प्रशासन द्वारा प्राचीन तालाब की साफ सफाई पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लोगों का कहना है कि इसके कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। तालाब के करीब धार्मिक स्थल होने के बावजूद नगर पालिका प्रशासन द्वारा साफ सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। तालाब के आसपास बड़ी मात्रा में व्यवसायिक प्रतिष्ठान होने से बजबजा रही गंदगी व बदबू आम आदमियों के लिए असहनीय हो रही है। इससे बीमारियां फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। मंगलवार रात तालाब में मछलियां मरने से आसपास के लोगों की चिंता बढ़ गई है।
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बेंगलुरू। उपचुनाव में जनता दल सेक्युलर (जेडी-एस) और कांग्रेस गठबंधन की शानदार सफलता से उत्साहित कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस को 2019 चुनाव में भाजपा के विरुद्ध प्रस्तावित महागठबंधन की अगुवाई करनी चाहिए, क्योंकि यह विपक्ष की अग्रणी पार्टी होगी और सबसे ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि सभी क्षेत्रीय पार्टियों को अगले आम चुनावों में कांग्रेस को समर्थन देने के लिए एक साथ आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पांच में से चार लोकसभा व विधानसभा सीट में जेडी (एस)-कांग्रेस गठबंधन की जीत राज्य के लोगों के लिए एक संदेश है।
कुमारस्वामी ने कहा कि अगला आम चुनाव कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टी समेत विपक्षियों के लिए 'एक सफल नतीजा' साबित होगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी गठबंधन के अगुवा होंगे, कुमारस्वामी ने कहा कि उनके बयान को इस तथ्य के साथ नहीं परखा जाना चाहिए कि कांग्रेस और जनता दल-सेक्युलर गठबंधन सरकार चला रही हैं और कांग्रेस प्रमुख इसका समर्थन कर रहे हैं।
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नरेन्द्र शर्मा
भारतेन्दु युग में प्रगतिशील हिन्दी काव्य ने देश-काल के अनुरूप ही देश-प्रेम और समाज-सुधार को अपना विषय बनाया। इस दिशा में बढ़ती हुई काव्य-धारा द्विवेदी-युग में पहुँच कर परिणति को प्राप्त हुई और देश-काल के अनुरूप विषय वस्तु के साथ-साथ वैसी ही भाषा भी उसे मिली । द्विवेदी-युग ने विषय-वस्तु और भाषा के बीच के व्यवधान को हर लिया। देखतेदेखते १६१४-१८ का महायुद्ध भी छिड़ गया, और भारतीय समाज एक नये मोड़ पर श्रा पहुँचा।
यह प्रश्न मन में सहज ही उठ खड़ा होता है कि आखिर उस युद्ध से भारतीय समाज का सम्बन्ध क्योंकर जुड़ सका। इस प्रश्न का उत्तर संक्षेप में इस प्रकार दिया जा सकता है कि १७५७ में पलासी के युद्ध में कम्पनी सरकार की विजय से लेकर १८५७ में, भारतीय सामन्तशाही के नेतृत्व में भारतीय विद्रोह की पराजय तक, उन सौ वर्षों में अँगरेजी पूँजी ने भारत को कच्चे माल की खरीद यन्त्रों द्वारा बड़ी संख्या और मात्रा में निकलने वाले मशीनी सामान की बिक्री
की मण्डी बना दिया था । के नये साधन इसी दृष्टि से बनाए जा रहे थे कि विदेशी सामान यहाँ बिना चुरुंगी-महसूल चुकाए बड़ी तादाद में आ सकें और यहाँ से जो सामान जाय, उसकी निकासी मँहगी पड़े। १८५७ में भारतीय पराजय और अँगरेजी शासन की विजय के बाद तो इस व्यावसायिक व्यवस्था पर सील-मोहर लगा दी गई । कम्पनी सरकार का स्थान मलिका विक्टोरिया की सरकार ने ले लिया और रेलों के लौह-जाल- जैसा ही सुदृढ़ शासन इस दृष्टि से स्थापित कर दिया गया कि भारत अँगरेजी पूँजी के लिए उपयोगी मण्डी बना रहे, जहाँ से कच्चा माल सस्ते दामों पर खरीदा जा सके और अँगरेजी मशीनों द्वारा बनाया हुआ पक्का माल मँहगे ढामों पर बेचा जा सके। इस काम में योग देने वाले भारतीय सौदागर नये युग के दलाल बने देशको दिनों-दिन अधिक-से-अधिक निर्धन बनाकर वे अपना घर धन से भरने लगे। दलाली की इस अर्थनीति से शासित भारत की आर्थिक व्यवस्था केवल परछाई थी, जिसका आधार बना अँगरेजी पूँजीवाद । 'सोने की चिड़िया' विदेशी पूँजीवाद के पिंजरे में बैठी
ब्रिटेन ही इस विदेशी पूँ जीवाद का अगुआ था, फ्रांस उसका साथी और जर्मन पूँजीवाद उसका प्रतिस्पर्धी था। इस प्रकार एशिया और के भाग्य-विधाता यूरोप में मण्डियों के बटवारे के लिए जो आपसी संघर्ष शुरू हुआ, उसकी परिणति का दूसरा नाम ही १९१४-१८ का महायुद्ध है। अँगरेजी दलालों के इस देश में खलबली मच गई।
अर्थ-जगत् के दलालों- जैसे ही वे भारतीय थे, जो संस्कृति, साहित्य, शिक्षण और शासन के क्षेत्रों में भी दलाली करते थे। वह भारत की हर चीज को प्रत्येक दृष्टि से केवल कच्चा माल समझते थे और समझते थे कि यहाँ खपत होनी चाहिए सिर्फ उस चीज की जो अँगरेजी |
Gwalior BJP News: ग्वालियर, (नईदुनिया प्रतिनिधि) इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव का शंखनाद भाजपा व कांग्रेस प्रदेश की राजनीति का शक्ति केंद्र ग्वालियर-चंबल अंचल से संत रविदास जयंती पर कर रहीं हैं। दोनों दलों विधानसभा चुनाव घोष करने का दिन संत रविदास जयंती को चुना है। क्योंकि दोनों दलों के रणनीतिकारों की नजर अनुसूचित वर्ग के वोट बैंक पर है। जनादेश का शक्तिपूंज जिस दल को अंचल से मिलेगा, उसी दल के हाथ में प्रदेश सरकार की कमान होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को प्रदेश सरकार की विकास यात्रा का शुभारंभ भिंड जिले से कर चुनाव का शंखनाद करेंगे। प्रदेश कांग्रेस के मुखिया कमल नाथ भी रविदास जयंती पर पिछले चुनाव मृत कांग्रेस को आक्सीजन देने वाले अंचल की धरा से चुनाव का घोष करेंगे। यानि एक बार फिर ग्वालियर-चंबल अंचल प्रदेश की राजनीति का केंद्र बन गया है।
तीन दशक में दस साल प्रदेश में कांग्रेस का शासन रहा। दिग्विजय सिंह के 2003 के विधानसभा चुनाव का पहले कार्यकाल कांग्रेस अपनी स्मृति से डीलेट करने की लगातार कोशिश कर रही है। क्योंकि दिग्विजय सिंह की गलती नीतियों के कारण उत्पन्न हुये बिजली संकट के कारण प्रदेश अंधकार में डूब गया था। प्रदेश के कर्मचारियों व अधिकारियों का सरकार से विश्वास पूरी तरह से उठ गया था। भाजपा इसे भुनाने में सफल हुई। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने दिग्विजय सिंह का नामकरण मिस. बंटाढार किया। 2003 के विधानसभा चुनाव में भाजपा सरकार कांग्रेस सरकार छीनने में सफल हुई। भाजपा ने शुरुआती झटकों के बाद प्रदेश सरकार की कमान शिवराज सिंह चौहान को सौपी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश का विश्वास जीतने में सफल रहे।
2018 के चुनाव में भाजपा ने ग्वालियर-चंबल अंचल में मात खा गई- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व भाजपा नीति निर्धारक 2018 के चुनाव में ग्वालियर-चंबल में मात खा गये। दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के चेहरे का जादू चल गया। दोनों अंचलों की 44 विधानसभा सीटों में कांग्रेस 27 सीटें जीतने में सफल हुई। और भाजपा को केवल सात और बसपा को एक सीट मिली। जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव की तस्वीर दूसरी थी। भाजपा को 34 में से 20 सीटें मिलीं थी। कांग्रेस को 12 सीटों पर संतोष करना पड़ा था। दो सीटें भाजपा के खाते में गईं थीं।
ग्वालियर-चंबल भाजपा का गढ़ रहा है। किंतु इस बार के विधानसभा चुनाव में कोई चूक करना नहीं चाहती है। इसलिये भाजपा का पूरा फोकस अंचल पर है। इसलिये विधानसभा चुनाव का शंखनाद अंचल से करने की तैयारी भाजपा ने की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसी लिये विकास यात्रा का शुभारंभ भिंड जिले से संत रविदास जयंती पर कर रहे हैं। हालांकि यह विकास यात्रा एक फरवरी को शुरु होनी थी, किंतु इसे एक रणनीति के तहत संत रविदास जयंती से शुरु किया जा रहा है। दूसरी तरफ आगामी विधानसभा चुनाव में थोड़ी मुश्किलें बढ़ी है। क्योंकि अंचल मेंं कांग्रेस को मजबूत आधार देने वाला चेहरा (ज्योतिरादित्य सिंधिया) अभी विरोधी खेमे हैं। इसके बाद कांग्रेस ने हार नहीं मानी है। अंचल में राजनीतिक जमीन को मजबूत आधार देेने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ सोची-समझी रणनीति के तहत एट्रोसिटी सिटी एक्ट के कारण हुये जातीय संघर्ष का केंद्र रहे थाटीपुर के दशहरा मैदान से संत रविदास जयंती पर विधानसभा चुनाव का घोष करने जा रहे हैं। क्योंकि कांग्रेस की कसरत प्रदेश में कमजोर पड़ी बसपा के वोट बैंक अनुसचित वर्ग को अपने पाले में लाने की है। जिसके कारण संत रविदास जयंती अंचल में राजनीति का केंद्र बन गई है।
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चेन्नई, 26 नवंबर रक्षा विभाग अपनी संपत्तियों को किराये के लिए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पट्टे पर देने के बजाय उन्हें अपने पास बनाये रखे ताकि और अधिक ढांचागत सुविधाओं को प्रदान किया जा सके। यह सुझाव मद्रास उच्च न्यायालय ने दिया है।
न्यायमूर्ति एस. एम. सुब्रमण्यम ने मेजर सी. साथिया मूर्ति गोपालन एवं दो अन्य लोगों की रिट याचिकाओं को 23 नवंबर को खारिज करते हुए यह सुझाव दिया। तीनों पेट्रोल पंप के मालिक हैं। तीनों ने एक दशक से अधिक समय से किराये के रूप में कई करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने के लिए विभाग द्वारा उन्हें जमीन से हटाए जाने की कार्रवाई को चुनौती दी है।
तथ्यों एवं परिस्थितियों पर गौर करने के बाद न्यायाधीश ने पाया कि रक्षा विभाग को अपनी संपत्तियों की देखरेख करने में कठिनाई आ रही है और उनमें से कुछ को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए पट्टे पर दे रखा है।
न्यायाधीश ने सुझाव दिया कि रक्षा संपत्तियों का उपयोग उसे अपने फायदे के लिए ढांचागत सुविधाओं में करना चाहिए।
अदालत ने कहा कि इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) को किराये पर दी गई पंप की जमीन पर याचिकाकर्ता दस वर्षों से अधिक समय से काबिज हैं, इसलिए उन्हें इसे खाली कर सवाल खड़े करने का अधिकार नहीं है। साथ ही आईओसी को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता पंप को तत्काल प्रभाव से सभी पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति बंद करें।
उन्होंने कहा कि इसे जमीन को खाली कर देना चाहिए और उसे रक्षा संपदा अधिकारी (डीईओ) को दो महीने के अंदर सौंप देना चाहिए।
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अमर बनाने वालों में वे धर्म प्रकारक वे जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी, फाँसी के तख्ते पर हँसते-हँसते अपने जीवन को न्योछावर कर दिया और अनेक प्रकार की यातनाएँ सहीं । उनमें कुछ लोगों को विरोधियों ने जला दिया, कुछ को देश से निकाल दिया जिसके फलस्वरूप उन्हे जंगली जानवरों का आहार बनना पडा, परन्तु आज कहीं भी उन लोगों की चर्चा नहीं होती जिन्होंने ईसाई धर्म को अमरत्व प्रदान किया । आज कोई भी उन व्यक्तियों का नाम नहीं जानता जिन्होंने ईसाई धर्म को अमर बनाया । आज उन्हीं लोगों के पुण्य प्रताप से ईसाई धर्म फला-फूला है।
शब्दार्थ ( पृष्ठ २०६ \- दधीचि = वैदिक युग के एक ऋषि जिन्होंने बज्र बनाने के लिए देवताओं को, देवासुर संग्राम के समय अपनी हड्डियाँ स्वेच्छा से दे दी थी। मूढ = मूर्ख । धारणा = विचार । निर्माण = रचना, बनाना । होड़ा-होड़ी = छीना-झपटी । लुप्त हो रही है = गायब हो रही है। अनुप्राणित = उत्साह और उमग से भरा हुआ । अभिभूत = घिरा होना । कामना = इच्छा । आतुर = व्यग्र । चुनौती = ललकार ।
'लुप्त हो रही है। (पृष्ठ २०६ ) व्याख्या - प्रस्तुत पक्तियों में बेनीपुरी जी ने बतलाया है कि हमारा देश कई सदियों तक गुलामी की रेशमी बंधनों में बंधा रहा जिसके फलस्वरूप इसकी सामाजिक व्यवस्था शिथिल पड़ गई । हम अव हमारा देश आजाद हो गया है और हम एक नये समाज की रचना करने के लिए प्रयत्नशील हैं जिसके लिए कुछ ऐसे नवयुवकों की आवश्यकता है जो नींव की ईंट की तरह स्वार्थभाव दूर रहकर अपने आप को उत्सर्ग कर दें । लेखक का कहना है कि इस समय देश को ऐसे नौजवानों की जरूरत है जिनमें कंगूरा बनने की कामना न हो, कलश कहलाने की वासना न हो अर्थात् नेता बनने की कक्षा न हो । आज जो लोग समाज निर्माण के कार्य में सलग्न है, उनमें नींव की ईंट बनने की आकांक्षा नहीं है प्रत्युत व कगूरा और कलश कहलाने के लिए परस्पर लड़ा करते हैं। हैं मच तो यह है कि ऐसे व्यक्तियों के द्वारा हमारे समाज निर्माण कार्यों का |
पवन राठी सोनीपत। लंदन ओलंपिक-2012 के हरियाणा के पदक विजेता खिलाडियों, पतिभागी खिलाडियों तथा खेल पशिक्षकों के स मान में 26 अगस्त को गोहाना में आयोजित हो रहे नागरिक अभिनदंन समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। ओलंपिक खिलाडियों के स्वागत एवं स मान में समारोह स्थल को शानदार लुक दिया गया है। ओलंपिक खिलाडियों को स मानित कर मु यमंत्री श्री भूपेन्द सिंह हुड्डा खिलाडियों के स मान में एक नया अध्याय जोडने जा रहे है। शनिवार को सांसद जितेन्द मलिक, मु यमंत्री के राजनैतिक सलाहकार पौफेसर विरेन्द, विधायक जगबीर सिंह मलिक, विधायक श्री ज़्=ढष्ण हुड्डा तथा मु यमंत्री के भतीजे सुखेन्द उर्प मोनू हुड्डा ने गोहाना की सब्जी मंडी पहुंचकर नागरिक अभिनंदन समारोह की तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान उपायुक्त पंकज अग्रवाल भी मौजूद थे। गुप्तचर विभाग के महानिरिक्षक राजबीर सिंह देशवाल, पुलिस महानिरिक्षक आलोक मित्तल ने भी पुलिस अधीक्षक अरूण नेहरा के साथ सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। उल्लेखनीय है कि 26 अगस्त, रविवार को गोहाना की सब्जी मंडी में आयोजित होने जा रहे नागरिक अभिनंदन समारोह की तैयारियां योजनाबद्घ रूप से की गई है। लंदन ओलंपिक-2012 के पदक विजेता खिलाडियों तथा पतिभागी खिलाडियों के स्वागत एवं स मान में समारोह स्थल को सुंदर एवं आकर्षक रूप दे दिया गया है। पदक विजेता खिलाडी तथा पतिभागी खिलाडी स मान एवं शान सहित मंच पर शोभायमान होंगे। मु य मंच के साथ बाए ओर बनाए गए मंच पर खिलाडियों के परिजनों एवं निकटवर्तियो के बैठने की व्यवस्था की गई। मंच के दाए ओर मीडिया गैलरी को अंतिम रूप दे दिया गया है। ओलंपिक खिलाडियों की लंदन ओलंपिक-2012 में हुई पतिस्पर्धाओं को मंच के निकट लगाई गई तीन बडी-बडी एलईडी स्ज़्ढ्राrन पर पदर्शित किया जाएगा। नागरिक अभिनंदन समारोह स्थल पर खिलाडियों के स्वागत एवं स मान में होर्डिंग्स लगाकर आकर्षक रूप दिया गया है। समारोह स्थल पर वाटर पूफ शामियाना लगाया गया है। उल्लेखनीय है कि ओलंपिक खिलाडियो के अभिनंदन समारोह को लेकर लोगों में भारी उत्साह व हर्ष है। पूरे पशासन तथा विभिन्न विभागों द्वारा समारोह की शानदार तैयारियों को अंतिम रूप देने में किसी पकार की कोई कमी नहीं छोडी है।
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दुनिया में पहले से अकेलापन है। ऐसे में कोरोना ने कई लोगों को और ज्यादा अकेला कर दिया है। इसलिए इस संकट को रिश्तों को परखने का समय भी कहा जा रहा है।
कहीं नए रिश्ते बन रहे हैं तो कहीं रिश्तों को समझने का समय दिया जा रहा है। यानी यह रिश्तों के परीक्षण का भी वक्त है। लॉकडाउन के इस समय में जो प्रेम कहानियां बन रही हैं, उन कहानियों के किरदारों को 'कोरोनियल' कहा जा रहा है।
न्यूजीलैंड का एक कपल करीब 2 घंटे की दूरी पर रहता है। दोनों करीब 3 हफ्ते पहले ही टिंडर पर मिले थे। उनके बीच कुछ ही डेट्स हुई थी, लेकिन जैसे ही न्यूजीलैंड में लॉकडाउन की घोषणा हुई, दोनों ने इस पीरियड में साथ रहने का फैसला किया।
लॉरेंस अपने पार्टनर चेसन के घर आ गईं। लॉकडाउन के इस वक्त में अब दोनों एक दूसरे के साथ रहते हैं, वर्कआउट करते हैं, खूब सारी बातें करते हैं। साथ में खाना बनाते हैं और अच्छी शराब का लुत्फ लेते हैं। अपने रोमांस के साथ ही दोनों अपने डे टाइम में ऑफिस का काम भी कर रहे हैं।
अभी वे सिर्फ लॉकडाउन पीरियड एंजॉय कर रहे हैं, लेकिन दोनों उम्मीद करते हैं कि हो सकता है हमारा यह रिश्ता एक लॉन्ग टाइम रिलेशनशिप में बदल जाए।
वे यह भी सोच रहे हैं कि इस संकट के खत्म हो जाने के बाद भी लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशन को मैंटेंन करने की कोशिश कर सकते हैं।
ठीक इसी तरह एक कपल ने लॉकडाउन के वक्त इसलिए साथ रहना चुना ताकि वे अपने आने वाले भविष्य में बेहतर तरीके से एक दूसरे को समझ सके और साथ में जिंदगी गुजार सकें।
ब्राजील की केमिला और पुर्तगाल के डेनियल कुछ ही दिनों पहले मिले थे। स्वीडन में उनकी एक दो ही मुलाकातें हुईं, लेकिन वे टेक्स्ट मैसेज और फोन कॉल्स से लगातार टच में रहते हैं। अब जब स्वीडन में भी लॉकडाउन हो चुका है उनका मिलना बंद हो गया है, लेकिन इस संकट के समय में वे दोनों एक दूसरे के जॉब वर्क में मदद कर रहे हैं। एक दूसरे को ज्यादा और बेहतर समझ रहे हैं।
टिंडर पर मिला पेरिस के एक कपल ने साथ में बेहद ही अच्छे दिन और मुलाकातें गुजारी है, लेकिन जब फ्रांस की इस राजधानी में लॉकडाउन हुआ तो दोनों ने अलग-अलग रहने का फैसला किया। उन्होंने अपने लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशन को अवसर दिया। वे कहते हैं कि थैंक्स टू अवर लॉन्ग कन्वर्शेसन, इसस से हमारी बॉन्डिंग और अच्छी हो गई है। हम एक दूसरे को बेहतर ढंग से समझ रहे हैं।
एक कपल ने इसलिए लॉकडाउन के वक्त अलग रहना मंजूर किया ताकि वो अपनी पर्सनलिटी को ग्रूम कर सके। अपनी कमजोरियों को खत्म करने की प्रैक्टिस कर सके। इसमें यह कपल एक दूसरे की फोन कॉल्स और वीडियो कॉल्स पर मदद करता है।
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विशेष पतिनिधि नई दिल्ली। पिछले सात दिनों से अनशन पर बैठे टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल और गोपाल राय की तबीयत बिगड़ गई है। डॉप्टरों ने उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव दिया है। लेकिन अरविंद और गोपाल राय ने अनशन तोड़ने से मना कर दिया है। वहीं केंद्र सरकार टीम अन्ना से बात करने के मूड में नहीं दिख रही है। मंगलवार को अनशन का सातवां दिन है लेकिन अभी तक सरकार की ओर से बातचीत की कोई पहल नहीं की गई है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि लोकपाल पर सलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट आने से पहले कोई कदम नहीं उठाया जाएगा। वहीं सरकार द्वारा बातचीत की प्रािढया न शुरु करने पर अन्ना हजारे ने भी तीखे तेवर अख्तियार कर लिए हैं। मंगलवार को अन्ना ने कहा, 'मीडिया में कहा जा रहा है कि सरकार टीम अन्ना से बात नहीं कर रही है लेकिन ऐसे भ्रष्ट मंत्रियों से तो हम भी बात नहीं करना चाहते। जो सरकार लगातार धोखा दे रही है उससे हमें कोई उम्मीद नहीं है। ' दूसरी ओर,अन्ना हजारे ने मीडिया के लोगों के साथ समर्थकों द्वारा हुई बदसलूकी के लिए माफी मांगी और कहा कि मीडिया और कार्यकर्ताओं को मिलकर लोकतंत्र की मजबूती के लिए काम करना होगा। अन्ना ने कहा, यदि ऐसी घटना दोबारा हुई तो वह आंदोलन समाप्त कर देंगे। अन्ना हजारे ने समर्थकों को चेताते हुए कहा कियह आंदोलन पूरी तरह अहिंसक है। इसमें हिंसा के लिए कोई स्थान नहींहै। अरविंद केजरीवाल ने माफी मांगते हुए कहा कि अब यह न्यूज चैनलों के मालिकों को सोचना चाहिए कि वह किसके साथ हैं। हम मीडिया के साथ हुई बदसलूकी के लिए माफी मांगते हैं? टीम के सदस्य शांति भूषण ने सोमवार रात कहा था कि मीडिया के जो लोग यहां है, वह तो सब सच्चाई जानते हैं। इनका कोई कसूर नहीं है। मालिकों के हाथ में सबकुछ है।
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उत्तम ब्राह्मणके फुलमे हुआ. वैराग्यभावनाके अत्यंत प्रवल होनेस जन्म लेने पर भी उन्हें अपने पूर्व जन्मका ज्ञान था और अपने इस अतपल ( जन्म लेने ) के लिए वडा दुख था उन्होंने संसारसे विरक्त रहनेका सकल्प कर, माताके उदरसे बाहर होनेपर विना वोले और विना दूध पिये अपने इस जन्मको सफल करनेका निश्चय कर लिया माता पिताके अत्यत लालन पालन और अनेक उपाय करनेपर भी वे विरक्त ही रहे; क्योकि पूर्वेदैहिक ( पूर्व जन्म के शरीर सबधी) कर्मका उन्हें पूर्ण ज्ञान था + जिस वासना के कारण उन्हें यह जन्म लेना पडा उस आपत्ति से दूर होनेके लिए गर्भहीसे उन्होंने प्रयत्न करना भारभ किया यह देख उनके माता पिता व्यवहारका विचार कर बडे ही दुःखित हुए लोगोंमे फ्टी कि योगीन्द्रमुनिके यहाँ पैदा हुआ वालक अत्यत सुन्दर और परम तेजस्वी होनेपर भी जरासा दूध भी नहीं पीता, जरा भी नहीं रोता, तो भी जैसे दिनको नहीं बढता वैसे रातको बढ़ता है और जैसे रातको नहीं बढता बैँस दिनको बढ़ता है, यह महत् मायर्य की बात है।
यह बात फैलते, फैलते, उस गणिका के भी कानमे पड़ी, तब वह बहुत विस्मित हुई कि, यह जगत् अन्नमय है, विना अन्न कोई भी जीव नहीं जी सकता. योगी आदि भी देह निर्वाह के लिए अन्न फलका आहार करते हैं, परन्तु यह बालक विना अन्नके जीता है और जन्म लेनेके बाद उसने कभी रूकार या हुँकार भी नहीं की, इसका कोई गुप्त कारण अवश्य होगा. नगरके अनेक लोग इस बालक के दर्शन के लिए उसके पिता के घर जाते थे. उनके साथ एक दिन यह गणिका भी गई और उस बालक्का परम तेजस्वी स्वरूप देखते ही उसे, अपने और उस योगीके पूर्व देह, मृत्युके समय होनेवाली वासना, अपने यहाँ आनेवाले मनुष्योंका तिरस्कार और इसी चिन्तामें उसकी मृत्यु होने और इस वासनाके प्रावल्यसे ऐसे महात्मा योगीको भी जन्म मरण (आवर्जन विसर्जन ) के फेरे में पहना होता है, आदि की विचित्र गतिका स्मरण हुआ "अहो । महाप्रयास ( कठिन परिश्रम ) द्वारा शुभव मेंके सेवन करनेवाले ऐसे महात्मा योगीको भी जब ऐसी *शुचीना श्रीमतां गेहे योगभ्रष्टोऽभिजायते ।
अथवा योगिनामेव कुळे भवति धीमताम् ॥ ६-४२ मी. † तत्र त बुद्धिसयोग लभते पौर्वदेहिकम् । यतते च ततो भूयः ससिद्धौ कुरुनदन ! ॥ |
उमरिया (नईदुनिया प्रतिनिधि। जानवरों को मंडराता देख गांव वाले जब कूड़े के ढेर के पास पहुंचे तो वह हैरान रह गए। वहां एक वृद्ध महिला का शव मिल गया। यह शव गांव की उसी महिला का था जिसे उसके परिजन ढूंड रहे थे।
वह महिला पिछले 48 घंटे से लापता थी। मामले में मिली जानकारी के अनुसार पाली थाना अंतर्गत ग्राम शाहपुर में जिस वृद्ध महिला का शव पाया गया है उसकी पहचान बुल्ली (55) पति बैसाखू कोल के रूप में कई गई है। इस बारे में मिली जानकारी के मुताबिक बुल्ली कोल की लाश सुदामा द्विवेदी के घर की बाउंड्री पास पड़ी हुई थी। लाश के आसपास जानवरों को मंडराता हुआ देखकर यह पता चला कि पैरे का ढेर वहां लगा हुआ है उसके नीचे महिला की लाश पड़ी है। दरअसल बुल्ली कोल की हत्या करने के बाद उसे पैरे में इस तरह लपेट कर फेंका गया था जैसे मूर्ति बनाने से पहले मूर्तिकार पैरे से ढांचा तैयार करते हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। घटनास्थल पर पहुंचने के बाद पुलिस ने लाश को अपने कब्जे में ले लिया और घटनास्थल का निरीक्षण करने लगी।
वृद्ध महिला की मौत किन कारणों से हुई और मकान से दूर शव किन परिस्थितियों में आया, फिलहाल पुलिस तफ्तीश कर रही है। बताया जाता है कि हायर सेकंडरी स्कूल के बगल में स्थित प्रधानमंत्री आवास योजना से निर्मित मकान में वृद्ध महिला अपने पति बैसाखू के साथ रहती थी, इसके दो बेटे सूरज कोल एवम सेवक कोल अपने परिवार के साथ पैतृक मकान में रहते थे।
बताया जाता है कि शनिवार से महिला लापता रही है, गांव सहित सगे संबंधियों के यहां पतासाजी के प्रयास भी किए गए, परंतु महिला का कुछ अता-पता नही चला, बाद में आज सोमवार को महिला का शव पैरे से ढका बरामद हुआ है। शव की हालत काफी खराब हो गई थी, प्राथमिक दृष्ट्या शव देख माना जा रहा है कि महिला की मौत करींब 72 घंटे के अधिक समय पहले ही हो चुकी है।
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विश्लेषणात्मक शिल्प विधि व उपायास
नही था। "नविशोर की यह विक्षिप्तता जयनी के प्रति दमित काम वासना ( Re pression ) का परिणाम है।
विश्लेषणात्मक गिलय विधि के उपन्यासो म पात्रा की छोटी से छाटी त्रिया का भी स्पष्टीकरण किया जाता है। यह स्पष्टीकरण मनोवज्ञानिक आधार पर खोज कर ही सम्पन होता है । 'सयासी' म नन्दकिशोर को ही नही गान्ति जयती बलदेव और क्लाप ग्रादि पात्रा की सभी वियाग्रा का स्पष्टीकरण किया है। नदवार वी विक्षप्तता, परपीडन, तत्परता तथा अहम यता का पूरा अवेषण किया है। वह शान्लि के मुख पर एक अलौक्वि उल्लास की दीप्ति देखता है उस सौदय सभा का सन्तुनित उपयोग नहीं करता, अपितु उसका कुण्ठित मन उसे ( शान्ति ) को भय और का के वातावरण में डालने की योजनाएं बनाता है । वह शान्ति में पूछता है- 'रामे श्वरी को देखा वैसी विचित्र लड़की है ।
शान्ति ने कहा- मैं तो उसका स्वभाव कुछ समझ न पाई। भीतर वह हम लोगा का सुनाते हुए काफी ऊंची आवाज में कडी-चडी बातें कह रही थी पर जब बाहर आई तब से अन्त तक एक शब्द भी उसने मुह से न निवाला । भीतर वसी ढीठ और बाहर इतनी सकोचशील । तिसपर उसका स्वाभिमान देखा । सचमुच लडकी बडी विचित्र बसनर का जादू चल जाता है। वह शान्ति का प्रकार करने लिए इस विचित्रता वे स्पष्टीकरण शाति से यह वहा है - "तुमने भी उसकी विचित्रता इसी हद तक देखी है । पर मुझ तो उस देवर एवं एस विक्ट भय और भावने घर दवाया है कि मेरी दूसरी चिताए जो कुछ कम भयकर नही
है उसके नीचे दव सी गई है । न जाने क्या एक अनात सरकार मुभमे वह रहा है कि इस लडकी के जीवन का परिणाम बडा दुख होगा। ऐसा जान पड़ता है कि इसे हिस्टीरिया वे स भवे बीच बीच में आते रहते हैं। इसीलिए वह कभी प्रत्यन्त उत्तेजित होकर बहुत बोलने लगती है और कभी एक्म सकुचित होवर विल्कुन चुप हो जाती है। एक आर आवश्यकता से स्वाभिमान और दूसरी र एसी असहन गीलता कि भाई को नई साडी न लाने के लिए वोमना-- इस प्रकार को परस्पर विरोधी प्रवृत्तिया के विक्टद्वद्व का चक्र इस लड़की के भीतर चना करता है। ऐसे व्यक्तिया म मैंने देखा है कि उनके स्वाथ की मात्रा चरम सीमा तक पहुंच जाती है और उनका त्याग भी वसा ही प्रवल होता है । सच बात तो यह है कि बडे श्रात्मगत जीव होने है मुझ उसमें कुछ उमाद के लक्षण दीख पड़ते है । 'नदारा पनीभूत होती है शाति प्रातक्ति हो उठती है।
सयासी की सवस बडी विशेषता वयक्तिक पात्रा की उद्भावना है। ये पान वणनात्मक शिल्प विधि के सामाजिक पात्रो की भाति लखक के हाथा नाचन वाने कठपुतली
२ सयासी-पष्ठ ५० ३ वही - पृष्ठ २२६ है वहां पृष्ठ २२७ |
यह विरोध-सा दीखता है, परन्तु इस विरोधका कारण है। इसका कारण यही है कि यद्यपि संसार सत्य है, इसके विषय सत्य है, तथापि जब हम संतारको पूर्ण सत्य मानकर इसके विषयों रम रम जाते हैं, इतना रम जाते हैं कि इससे परे जो कुछ है उसे भूल जाते है, तब यह संसार असत्य हो जाता है, मिथ्या हो जाता है, तब विषयोंमें अपने आपको खो देनेवालेके सामने यह सत्य-संसार ही अपनी असत्यता, निस्सारता और मियात्व खोलकर रख देता है। कौन है जो संसारके विषयोंमें रमनेके बाद उनसे उपराम नहीं हो जाता, उनसे लगावके बाद अलगाव नहीं अनुभव करता । संसारसे लगावको जैसे हम अनुभव करते हैं, वैसे इससे अलगाव को भी हमीं अनुभव करते हैं । इस दृष्टिसे भौतिकवाद भी सत्य है, अध्यात्मवाद भी सत्य है ---परन्त पूर्ण सत्य न भौतिकवाद है, न अध्यात्मवाद है, पूर्ण सत्य भौतिकवाद और अध्यात्मवादका समन्वय है। व्यापक दृष्टि तो नहीं है, जो अधूरी नहीं, पूरी सचाईको देखे, और पूरी सचाई संसारका सत्य होना, मनुष्यका संसारके भोगके लिये लालायित हो उठना, उसके बाद संसारका असत्य प्रतीत होने लगना, और संसार को भोग लेने के बाद संसारसे उपराम हो जाना। यही सत्य दृष्टि है, व्यावहारिक वृष्टि है-ऐसी दृष्टि जो हर एकको अपने प्रतिदिनके व्यवहारमें अपने अनुभवमें आती दीख पड़ती है ।
यह संसार जो सत्य प्रतीत होता है, कुछ देरके बाद असत्य क्यों प्रतोत होने लगता है, दुनियांको भोगनेका परिणाम दुनियां विरक्ति क्यों हो जाती है ? इसके दो कारण हैं। एक वाह्य कारण है, दूसरा आभ्यन्तर । वाह्य कारण तो यह है कि संसारकी सारताके पीछे असारता छिपी पड़ी है, और जब हम संसारको सत्य मानकर चलने लगते हैं तब वह धीरेधोरे प्रकट होने लगती है। जो उत्पन्न हुआ है वह समय आनेपर नष्ट |
कान बन्द कर लेने पड़ते हैं। भगवान ने तुम्हें सौन्दर्य दिया है पर बुद्धि नहीं दी है। में कष्टों के कारण बहुत कमजोर हो गया हूँ। फिर भी मुझ में जो शक्ति है, वह दिखाऊँगा।" कहता हुआ वह उठा। - उसने एक बड़ा पत्थर का गोला उठाया, और उसको सिर के चारों ओर घुमाकर, दूर फेंक दिया।
फासला नापनेवाले ने बद्द जगह नापी, जहाँ गोला गिरा था "आपने सब की अपेक्षा अधिक दूर गोला फेंका है। इतनी दूर और कोई नहीं फेंक सकता है। आप निश्चिन्त रहिये ।"
रूपधर को यह सुनकर आनन्द हुआ फिर उसने उत्साहपूर्वक कहा - "अरे भाई ! अगर दम हो तो गोला फेंकने में तुम भी दो चार हाथ दिखाओ। मैं उतरा न था, जब उतरा ही हूँ तो पीछे नहीं हहूँगा। कुश्ती में दौड़ में, जिस किसी बात में चाहो मुकाबला कर सकते हो। में बाण विद्या भी जानता हूँ युद्ध में, इस विद्या में मुझसे बढ़कर धनुभव ही अकेला था। देवताओं के बारे में तो हम नहीं जानते हैं पर, आदमियों में चाहे वह
कोई भी हो में मुकाबला करने के लिए तैयार हूँ।
किसी ने कुछ न कहा । महाभेधी ने रूबर की ओर मुड़कर कहा :"अगर कोई आपका तिरस्कार करे तो अपनी बढ़ाई स्वयं करने में कोई खराबी नहीं है। आपकी शक्ति में सन्देह करने योग्य यहाँ कोई नहीं है। आपको तो सिर्फ यह चाहिये कि यहाँ थोड़ा मनोरंजन करले और चले जायें। कई कीड़ाओं में हम कम हैं। मल्लयुद्ध और बाकी की ड़ाओं में
हमें न काफ़ी शिक्षा मिली है, न अभ्यास ही है। हम जानते हैं नौकायें बनाना, उनको चलाना, गाना, नाचना। हम चाहते हैं कि आप इनका आनन्द लें। और घर पहुँचकर हमें याद कर सकें।"
फिर नृत्य और गान का कार्यक्रम चला उस देश के नृत्य और गान को देखकर रूपघर को आश्चर्य हुआ। उसने महामेघी से कहा ।
महाराज ! इतने सुन्दर नृत्य मैंने कहीं नहीं देखे हैं।"
उसके अतिथि के यह कहने पर राजा बहुत खुश हुआ। उसने उस देश के बारह राजकुमारों को बुलवाकर, उनसे अतिथि को अच्छी अच्छी पोपाकें, व सोना पुरस्कार में दिखाया रूपघर को जिसने चिढ़ाया था, उसने उसे कई चीजें भेंट में दीं।
उस दिन रात को भोजन के समय अन्धगायक ने "काठ के घोड़े की कहानी " गाकर सुनाई। कथा, प्रीकों के शिवर जला का, अपनी नौकाओं के चले जाने के साथ आरम्भ हुई। जब ट्रोजनों का काठ के घोड़े को अन्दर ले जाना का वर्णन होने लगा तो रूपधर उसे सुनते सुनते आसू बहाने लगा ।
यह देख महाभेधी ने गायक को गाना बन्द करने का संकेत किया। रूपधर की और मुड़कर उन्होंने पूछा- "आप बिना छुगये यह बताइये कि आप कौन हैं? आपका नाम क्या है ? ग्राम क्या है ? आपका कौन-सा देश है आप कहाँ से जा रहे हैं? ट्रोय युद्ध की कथा सुनने पर आप क्यों दुःखी हो जाते हैं। कहीं आपका कोई निकट सम्बन्धी उसमें मारा तो नहीं गया है ! (क्रमशः)
अद्भुत दीप
[ राजकुमारी बुर का मन्त्री के लड़के से विवाह, अलादीन ने बिना किसी के जाने रद्द करवा दिया। राजा की दी हुई अवधि के समाप्त होते ही उसने अपनी माँ द्वारा खबर भिजवाई कि राजकुमारी का उसके साथ विवाह किया जाय। मन्त्री की सलाह पर राजा ने अपनी लड़कों के लिए बहुत-से रनों का दहेज माँगा । दीप के भूत की सहायता से अलादीन ने दहेज भेज दिया। फिर राजा ने अलादीन को बुलाकर उसका स्वागत किया ।]
दरबार भवन में राजा और अलादीन के भोजन का प्रबन्ध किया गया । मन्त्री ने स्वयं उनको भोजन परोसा। और दरबारी भी वहाँ उपस्थित थे ।
भोजन के समाप्त होते ही राजा ने पुरोहित आदियों को बुलाकर अपनी लड़की का विवाह अलादीन के साथ निश्चित किया। फिर उसने अलादीन से पूछा- "क्यों बेटा,
कब विवाह का मुहूर्त तय किया जाय ! तुम्हारी क्या राय है ? "
"महाराज ! मुहूर्त जब कभी चाहे आप निश्चित करें, वह मुझे स्वीकृत होगा। किन्तु में, हम दोनों के रहने के लिए एक सुन्दर महल बनवाने की फिक में हूँ। उस महल के तैयार होते ही मैं विवाह कर लूँगा।" अलादीन ने कहा।
"यह महल कहाँ बनवाओगे !"
पूछा। अगर आपकी अनुमति मिले तो ठीक आपके राजमहल के सामने ही आप तो यही चाहते होंगे कि आपकी लड़की आपके जितना पास रहे उतना अच्छा में भी आपके दर्शन अक्सर कर सकूँगा ।" अलादीन ने कहा ।
'इसके लिए मेरी अनुमति लेने की क्या जरूरत है, जहाँ तुम चाहो, वहाँ बना लो। पर यह ख़्याल रहे कि यह काम जल्दी खतम हो जाय। मैं उतावला हो
रहा हूँ कि कब मेरी लड़की शादी करती है और कब मैं पोते-पोतियों से खेलता हूँ।" राजा ने कहा ।
अलादीन यह सुन मुस्कराया। वह राजा से आज्ञा लेकर अपने घर चला गया। घर पहुँचते ही उसने अपनी माँ से सारी बातें कहीं। वह फिर अपने कमरे में चला गया । किवाड़ बन्द कर दिये। एकान्त में दीप रगड़ कर उसने मूत को तुरत बुलाया।
भूत ने आकर पूछा-"क्या आज्ञा है!" "मेरी इच्छाओं को पूरी करने में तुम बहुत चुम्ती दिखा रहे हो। इस बार और चुस्ती दिखानी होगी। मेरे और मेरी पत्नी के रहने के लिए राजमहल के सामने एक सुन्दर, अच्छा राजमहल बनवाना होगा । उसके निर्माण का भार सब तुम पर ही छोड़ देता हूँ। कहाँ कहाँ क्या क्या रत्न लगाने हैं, यह भी तुम ही देख लो। परन्तु महल के बीचों बीच एक बड़ा स्फटिक का बुर्ज होना चाहिये, उसके खम्भों पर सोने चान्दी का पलस्तर होना चाहिये । उस बुर्ज में निन्यानवें खिड़कियाँ होनी चाहिये । उन पर वज्र, रत्न आदि जड़े जाने चाहिए। पर निन्यानव खिड़की को खाली छोड़
खन्दामामा ५८
दो, उसपर रत्न आदि न रखो। मद्दल के सामने फवारा बनाओ, नहरों का इन्तज़ाम करके सुन्दर उद्यान तैयार करो। राजमहल के नीचे एक तहरवाना बनाओ और उसमें सोने के जेवर जवाहरात रखो। रसोई, अस्तबल, गुलामों की रहने की जगह, जैसे तुम चाहो वैसे बनाओ। काम स्ख़तम होते ही मुझे बताओ।" अलादीन ने दीप के मूत से कहा।
"जो आपकी आज्ञा ।" कहकर भूत चला गया।
अगले दिन सवेरे के समय, भूत ने सोते अलादीन को उठाकर कहाआपका महल खतम हो गया है, आकर देखिये। " जय वह मान गया तो भूत उसको पीठ पर चढ़ाकर ले गया। उसको उसने नया महल दिखाया। यह महल, राजमहल के सामने था और उससे कई गुना अधिक सुन्दर था। इस महल में जाने के लिए दो संगमरमर के रास्ते थे। महल को बाहर से देखने के बाद अलादीन मूत को लेकर अन्दर का हिस्सा देखने गया। महल में उसे ऐसा ऐश्वर्य-वैभव दिखाई दिया, जिसकी उसने कभी कल्पना
भी न की थी। महल के नीचे एक बहुत बड़ा धनागार था। सोने चान्दी से भरे चोरे थे। राजमहल की तरह, उसमें रसोई घर, अस्तबल, दासियाँ बग़ैरह सब कुछ थे । अस्तबल में अच्छी नस्ल के घोड़े थे । साईस उनकी मालिश कर रहे थे। उनके दाना-पानी के लिए चान्दी के नांद थे ।
भलादीन बड़ा खुश हुआ। उसने मूत की ओर मुड़कर कहा- "तुम तुम एक बात भूल गये हो, मेरी पत्नी के लिए मेरे घर से राजमहल जाने के लिए एक लम्बा कालीन दोनों महलों के बीच बिछाओ।" |
जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म किए जाने को चुनौती देने समेत इससे जुड़ी करीब 8 याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी। इन याचिकाओं में अनुच्छेद 370 खत्म करने, जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की वैधता और वहां लगाई गई पाबंदियों को चुनौती दी गई है।
इन्हीं में एक याचिका कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की भी है, जिसमें उन्होंने अपने गृह राज्य जाने की इजाजत मांगी है।
इन याचिकाओं की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एस. ए. बोबडे और एस. अब्दुल नजीर की बेंच करेगी। जम्मू और कश्मीर पीपल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने और राज्य के पुनर्गठन की वैधता को चुनौती दी है।
इसके अलावा बाल अधिकार कार्यकर्ता इनाक्षी गांगुली और प्रफेसर शांता सिन्हा ने भी विशेष दर्जा खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर में कथित रूप से बच्चों को गैरकानूनी रूप से कैद करने के खिलाफ एक याचिका दायर की है।
राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के संस्थापक वाइको की याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने केंद्र और जम्मू-कश्मीर को यह निर्देश देने के लिए कहा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को अदालत के सामने लाया जाए, जिन्हें कथित रूप से नजरबंद करके रखा गया है।
इस दौरान कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन की याचिका पर भी सुनवाई होगी, जिसमें उन्होंने कश्मीर में मीडिया पर लगाए प्रतिबंधों को हटाने की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट सोमवार को जम्मू-कश्मीर से जुड़ी जिन याचिकाओं की सुनवाई करेगा उनमें एक याचिका सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद की भी है। उन्होंने याचिका में अपने परिवार वालों और रिश्तेदारों से मिलने की इजाजत मांगी है।
आजाद ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के बाद दो बार राज्य में जाने की कोशिश की है, लेकिन प्रशासन ने उन्हें एयरपोर्ट से वापस भेज दिया। ऐसे में उन्होंने शीर्ष अदालत से अनुमति मांगी है, ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों से मिल सकें।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
चक्र, (संस्कृतः चक्रम्); पालिः हक्क चक्का) एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ 'पहिया' या 'घूमना' है।परमहंस स्वामी महेश्वराआनंदा, मानव में छिपी बिजली, इबेरा वरलैग, पृष्ठ 54. ISBN 3-85052-197-4 भारतीय दर्शन और योग में चक्र प्राण या आत्मिक ऊर्जा के केन्द्र होते हैं। ये नाड़ियों के संगम स्थान भी होते हैं। यूँ तो कई चक्र हैं पर ५-७ चक्रों को मुख्य माना गया है। यौगिक ग्रन्थों में इनहें शरीर के कमल भी कहा गया है। प्रमुख चक्रों के नाम हैं-. पञ्चभूत (पंचतत्व या पंचमहाभूत) भारतीय दर्शन में सभी पदार्थों के मूल माने गए हैं। आकाश (Space), वायु (Quark), अग्नि (Energy), जल (Force) तथा पृथ्वी (Matter) - ये पंचमहाभूत माने गए हैं जिनसे सृष्टि का प्रत्येक पदार्थ बना है। लेकिन इनसे बने पदार्थ जड़ (यानि निर्जीव) होते हैं, सजीव बनने के लिए इनको आत्मा चाहिए। आत्मा को वैदिक साहित्य में पुरुष कहा जाता है। सांख्य शास्त्र में प्रकृति इन्ही पंचभूतों से बनी माना गया है। योगशास्त्र में अन्नमय शरीर भी इन्हीं से बना है। प्राचीन ग्रीक में भी इनमें से चार तत्वों का उल्लेख मिलता है - आकाश (ईथर) को छोड़कर।यूनान के अरस्तू और फ़ारस के रसज्ञ जाबिर इब्न हय्यान इसके प्रमुख पंथी माने जाते हैं। हिंदू विचारधारा के समान यूनानी, जापानी तथा बौद्ध मतों में भी पंचतत्व को महत्वपूर्ण एवं गूढ अर्थोंवाला माना गया है। .
चक्र और पञ्चभूत आम में एक बात है (यूनियनपीडिया में): भारतीय दर्शन।
भारत में 'दर्शन' उस विद्या को कहा जाता है जिसके द्वारा तत्व का साक्षात्कार हो सके। 'तत्व दर्शन' या 'दर्शन' का अर्थ है तत्व का साक्षात्कार। मानव के दुखों की निवृति के लिए और/या तत्व साक्षात्कार कराने के लिए ही भारत में दर्शन का जन्म हुआ है। हृदय की गाँठ तभी खुलती है और शोक तथा संशय तभी दूर होते हैं जब एक सत्य का दर्शन होता है। मनु का कथन है कि सम्यक दर्शन प्राप्त होने पर कर्म मनुष्य को बंधन में नहीं डाल सकता तथा जिनको सम्यक दृष्टि नहीं है वे ही संसार के महामोह और जाल में फंस जाते हैं। भारतीय ऋषिओं ने जगत के रहस्य को अनेक कोणों से समझने की कोशिश की है। भारतीय दार्शनिकों के बारे में टी एस एलियट ने कहा था- भारतीय दर्शन किस प्रकार और किन परिस्थितियों में अस्तित्व में आया, कुछ भी प्रामाणिक रूप से नहीं कहा जा सकता। किन्तु इतना स्पष्ट है कि उपनिषद काल में दर्शन एक पृथक शास्त्र के रूप में विकसित होने लगा था। तत्त्वों के अन्वेषण की प्रवृत्ति भारतवर्ष में उस सुदूर काल से है, जिसे हम 'वैदिक युग' के नाम से पुकारते हैं। ऋग्वेद के अत्यन्त प्राचीन युग से ही भारतीय विचारों में द्विविध प्रवृत्ति और द्विविध लक्ष्य के दर्शन हमें होते हैं। प्रथम प्रवृत्ति प्रतिभा या प्रज्ञामूलक है तथा द्वितीय प्रवृत्ति तर्कमूलक है। प्रज्ञा के बल से ही पहली प्रवृत्ति तत्त्वों के विवेचन में कृतकार्य होती है और दूसरी प्रवृत्ति तर्क के सहारे तत्त्वों के समीक्षण में समर्थ होती है। अंग्रेजी शब्दों में पहली की हम 'इन्ट्यूशनिस्टिक' कह सकते हैं और दूसरी को रैशनलिस्टिक। लक्ष्य भी आरम्भ से ही दो प्रकार के थे-धन का उपार्जन तथा ब्रह्म का साक्षात्कार। प्रज्ञामूलक और तर्क-मूलक प्रवृत्तियों के परस्पर सम्मिलन से आत्मा के औपनिषदिष्ठ तत्त्वज्ञान का स्फुट आविर्भाव हुआ। उपनिषदों के ज्ञान का पर्यवसान आत्मा और परमात्मा के एकीकरण को सिद्ध करने वाले प्रतिभामूलक वेदान्त में हुआ। भारतीय मनीषियों के उर्वर मस्तिष्क से जिस कर्म, ज्ञान और भक्तिमय त्रिपथगा का प्रवाह उद्भूत हुआ, उसने दूर-दूर के मानवों के आध्यात्मिक कल्मष को धोकर उन्हेंने पवित्र, नित्य-शुद्ध-बुद्ध और सदा स्वच्छ बनाकर मानवता के विकास में योगदान दिया है। इसी पतितपावनी धारा को लोग दर्शन के नाम से पुकारते हैं। अन्वेषकों का विचार है कि इस शब्द का वर्तमान अर्थ में सबसे पहला प्रयोग वैशेषिक दर्शन में हुआ। .
चक्र 52 संबंध है और पञ्चभूत 16 है। वे आम 1 में है, समानता सूचकांक 1.47% है = 1 / (52 + 16)।
यह लेख चक्र और पञ्चभूत के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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उत्तराखंड के ऊधमसिंहनगर जिले के सितारगंज में दर्दनाक हादसा हो गया। चिल्ड्रंस डे पर नानकमत्ता घूमकर लौट रहे स्कूली बच्चों की बस हादसे का शिकार हो गई। जानकारी के अनुसार बस में सवार एक छात्रा और एक महिला स्टाफ की मौत हो गई। इस दौरान हादसे में करीब 20 से 25 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। वहीं कई बच्चों और स्टाफ को हल्की चोटे आई हैं।
स्कूल बस हादसे को लेकर सीएम धामी ने शोक जताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा 'नयागांव भट्टे (सितारगंज) में वेदराम स्कूल, किच्छा की बस के दुर्घटनाग्रस्त होने का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है। हादसे में 2 लोगों के निधन एवं कई छात्राओं के घायल होने की अत्यंत पीड़ादायक सूचना मिली है। प्रशासन द्वारा सभी घायलों को उपचार हेतु नजदीकी अस्पताल भेज दिया गया है। '
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सूत्र एवं वीरका वि, वरं महालयं सव्वोतवोकमं उसंपज्जित्ता विहरड़, तंजहाअर्थ - इस प्रकार सातवा अध्ययन वीरसेनकृष्णा का भी समझना चाहिए । विशेष - वह महत्सर्वतोभद्र तप को अगीकार करके विचरने लगी । जैसेसूत्र - चउत्थं करेड़, करिता सव्वकामगुणिय पारेड, पारिता छ करेई, करित्ता सव्वकामणिय पारेड पारित्ता को करिता सव्वाकामगुणियं पारेड, पारिता दसमं करेह, कारत्ता सव्वकामगुणियं पातेड़, पारित्ता दुवालसमं करेश, करित्ता सव्वकामगुणिय पारेड, पारिता
अर्थ- उपवास करके सर्वकामगुरण पारणा किया, वेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, तेला करके सर्वकामगुण पारणा किया, चोला करके सर्वकामगुण पारणा किया, पचोला करके सर्वकामगुण पारणा किया,
सूत्र - चउद्दसमं करेड्, करित्ता सव्वकामगणिय पारेड, पारित्ता सोलसमं करेइ, करित्ता सव्बकामगुणिय पारेइ, पारित्ता
पढमा लाया ॥१॥
अर्थ - छह करके सर्वकामगुण पारणा किया, सात करके सर्वकामगुण पारणा किया । यह प्रथम लता हुई ॥१॥ |
प्रयागराज (ब्यूरो)। 28 साल पहले जब आरोपी की उम्र 15 साल थी तब वह मोर को दाना और पानी दिया करता था। किसी अन्य व्यक्ति द्वारा मोर पर लाठी से प्रहार कर मार दिया गया। वन्य अधिकारियों द्वारा दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया। बालक पर मोर को अवैध रूप से पालने का आरोप था। किशोर न्याय बोर्ड फैसला सुनाते हुए कहा कि बच्चों का यह स्वाभाविक गुण है कि जब वे कोई सुंदर प्यारा जानवर देखकर उससे दोस्ती करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में उस समय का किशोर 28 साल से कोर्ट का चक्कर लगा रहा है और अब उसे किसी प्रकार का दंड दिया जाना न्योयाचित नही है। इसी तरह 28 साल पुराने एक अन्य मामले में भी सर्वोत्त हित को देखते हुए प्रकरण की कार्यवाही को बंद कर दिया गया।
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Rewa MP News: रीवा नगर निगम (Rewa Nagar Nigam) के वार्ड क्रमांक 4 में अम्बेडकर महिला बहुउद्देशीय सहकारी उपभोक्ता भण्डार द्वारा उचित मूल्य दुकान का संचालन किया जाता है। इस दुकान से खाद्यान्न वितरण में अनियमितता की शिकायते लगातार प्राप्त हो रही थी।
कलेक्टर मनोज पुष्प ने दुकान की आकस्मिक जांच करायी जिसमें खाद्यान्न वितरण में अनियमितता तथा आवंटित खाद्यान्न की हेरा-फेरी सामने आयी। जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला आपूर्ति नियंत्रक ओपी पाण्डेय ने उचित मूल्य दुकान के सैल्समैन के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करायी साथ ही उचित मूल्य दुकान को निलंबित करने के आदेश दिये हैं।
कलेक्ट्रेट सभागार में 6 मार्च को प्रातः 11 बजे से बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कलेक्टर मनोज पुष्प टीएल पत्रों तथा सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों के निराकरण की विभागवार समीक्षा करेंगे। बैठक में गेंहू उपार्जन, बिजली की आपूर्ति, सिंचाई व्यवस्था, पेयजल व्यवस्था तथा लाडली बहना योजना के क्रियान्वयन की तैयारी की समीक्षा की जायेगी। सभी संबंधित अधिकारियों से बैठक में उपस्थित रहने का अनुरोध किया गया है।
लाडली बहना योजना का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। इस योजना में पात्र महिलाओं के आवेदन पत्र 25 मार्च से भरे जायेंगे। इस योजना के कियान्वयन के तैयारियों के समीक्षा बैठक 6 मार्च को कलेक्ट्रेट सभागार में टीएल बैठक के बाद आरंभ होगी। संबंधित अधिकारियों, सभी एसडीएम, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारियों, बैंकों के प्रतिनिधियों तथा महिला एवं विकास विभाग के परियोजनाओं से बैठक में उपस्थित रहने का अनुरोध किया है।
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नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने देश भर में अपनी विभिन्न शाखाओं में 10 साल से अधिक की तैनाती बिता चुके 200 से अधिक कर्मियों को स्थानांतरित कर दिया है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि स्थानांतरण के इस कदम का उद्देश्य लोअर डिविजन क्लर्क (एलडीसी), अपर डिविजन क्लर्क (यूडीसी) और अपराध सहायकों की शिफ्टिंग में निष्पक्षता और ईमानदारी बनाए रखना है।
अधिकारी ने कहा कि ये स्थानांतरण उन कर्मियों को इधर-उधर भेजने की प्रक्रिया का हिस्सा है, जो किसी यूनिट में एक अवधि तक तैनात रहे हैं और उनके आचरण व उनकी कार्य संस्कृति एजेंसी के अनुशासन को बुरी तरह प्रभावित कर रही थी।
इन सीबीआई कर्मियों का स्थानांतरण एजेंसी के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला की अध्यक्षता में हुई शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक के बाद 20 सितंबर को किया गया।
अधिकारी के अनुसार, 150 से अधिक एलडीसी, 50 यूडीसी और लगभग 25 अपराध सहायक स्थानांतरित किए गए हैं।
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Lucknow : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. खबर है कि थानास्तर पर हिस्ट्रीशीटरों की तलाश शुरू की गयी है. अभियान के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि 112 हिस्ट्रीशीटर अभी जेल में हैं. अभियान में 207 हिस्ट्रीशीटरों का अभी तक पता नहीं चला है. एक बात और कि यूपी पुलिस ने जब हिस्ट्रीशीटरों की कुंडली खंगालनी शुरू की तो कई मजेदार तथ्य सामने आये.
पुलिस लंबे समय से गायब चल रहे हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों की जानकारी हासिल कर रही थी. अभियान के क्रम में वेस्ट यूपी के रामपुर जिले में दो हिस्ट्रीशीटर मंदिरों से मिले. वे अपराध छोड़कर पुजारी बन गये थे और धार्मिक गतिविधियों में लगे हुए थे. एक हिस्ट्रीशीटर मजार पर मौलाना बना हुआ मिला.
खबरों के अनुसार यूपी की रामपुर पुलिस ने एक शाम-गांव के नाम अभियान चलाया है. अभियान के तहत पुलिस उपाधीक्षक और थाना प्रभारी शाम के समय गांवों में जाते हैं. गांव वालों संग चौपाल पर बैठक करते हैं चुनाव में शांति बनाये रखने की हिदायत और सहयोग की अपील करते हैं. कानून व्यवस्था हाथ में लेने या गड़बड़ी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी जा रही है.
किस गांव में कब कब अपराध हुआ. गांवों में रहने वाले अपराधियों के बारे में जानकारी जुटाते हैं, पुराने अपराधियों को थाने में बुलाकर काउंसलिंग की जाती है. जानकारी के अनुसार पुलिस द्वारा हिस्ट्रीशीटरों की तलाश कर उनके घरों पर दस्तक दी जाती है. क्राइम में लिप्त रहने पर कार्रवाई की जाती है. क्राइम छोड़ चुके हिस्ट्रीशीटरों को आगे भी शांति कायम रखने की हिदायत दी जाती है.
जांच अभियान के दौरान पुलिस को पता चला है कि 112 हिस्ट्रीशीटर अभी जेल में हैं. अभियान में 207 हिस्ट्रीशीटरों का अभी तक पता नहीं चला. पुलिस उनकी खोज में जुटी हैं. रामपुर की स्वार थाना पुलिस ने 35 साल से गायब होकर उत्तराखंड में रह रहे रामपुर के एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ा है. एक हिस्ट्रीशीटर क्राइम करना छोड़कर एक मजार पर मुल्ला बनकर काम कर रहा हैं. सैफनी थाना पुलिस ने 17 साल से लापता चल रहे दो हिस्ट्रीशीटरों की तलाश की, तो खुलासा हुआ कि दोनों मंदिर में पुजारी बनकर रह रहे हैं.
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मुंबई/दि. १० - मुंबई के प्रसिध्द लालबाग राजा मंडल में आज सुबह पहले तो पुलिस द्वारा लगाये गये कडे प्रतिबंधों की वजह से गणेश स्थापना में विलंब हुआ. पश्चात पुलिस निरीक्षक संजय निकम द्वारा पत्रकारों के साथ आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग करने के साथ ही धक्का-मुक्की भी की गई. जिसे लेकर राज्य के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि आघाडी सरकार द्वारा प्रसार माध्यमों पर दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके तहत कभी पत्रकारों पर अपराध दर्ज किये जाते है और कभी किसी को गिरफ्तार किया जाता है. यह एक तरह से अपने खिलाफ उठनेवाली हर आवाज को दबाने की तरह है.
फडणवीस के मुताबिक लालबाग राजा के दरबार में कोई बहुत ज्यादा भीडभाड नहीं थी और मीडिया कर्मी के पास प्रवेश की पासेस थी. ऐसे में उन्हें धमकाने और धक्का-मुक्की करने का कोई औचित्य नहीं था. अतः इस मामले को लेकर आवश्यक कार्रवाई होनी चाहिए.
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छतरपुरः पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Dhirendra Kirshana Shastri) के बागेश्वर धाम में 13 फरवरी को सामूहिक विवाह कार्यक्रम है। आयोजन से पहले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने गढ़ा गांव में मीडिया से बात की है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी धर्म से भेदभाव और द्वेष नहीं रखते है। बागेश्वर महाराज ने कहा कि लेकिन हिंदुस्तान में हिंदू धर्म के साथ अवहेलना होती है। उसके लिए हिंदू राष्ट्र अत्यंत आवश्यक है। इसलिए मैं हिंदू राष्ट्र की मांग करता हूं।
वहीं, आरोपों और विवादित सवालों पर जवाब देने से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बचते रहे हैं। इस दौरान वह बागेश्वर धाम में आयोजित होने वाले कन्या विवाह के बारे में बात करते रहे। कुछ पत्रकारों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि वह ऐसा कुछ भी बोलकर फंसना नहीं चाहते, जिसमें विवाद बने। बागेश्वर महाराज अपने गढ़ा गांव में 121 गरीब कन्याओं का विवाह कराने को लेकर तैयारी कर रहे हैं।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि धाम में होने वाले कन्या विवाह में ज्यादा से ज्यादा लोग आएं। उन्होंने कहा कि ताकि यहां आने वाले लोग धाम के भाव और लोक कल्याण को समझ सके। बागेश्वर धाम में कन्या विवाह की शुरुआत 13 फरवरी से होगी जो कि 19 फरवरी तक चलेगा। आयोजन में शामिल होने के लिए कई हस्तियों को आमंत्रण भेजा गया है।
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Roman Reigns: पूर्व WWE रेफरी माइक चियोडा (Mike Chioda) ने दिग्गज द रॉक (The Rock) की एंट्री को लेकर बड़ा बयान दिया है। चियोडा का कहना है कि रेसलमेनिया (WrestleMania) 39 में द रॉक नज़र आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि वो मेनिया में एंट्री कर रोमन रेंस (Roman Reigns) के साथ रेसलिंग कर सकते हैं।
WrestleMania 39 में रोमन रेंस का मैच कोडी रोड्स के साथ होगा। पहले कहा जा रहा था कि रोमन का मैच द रॉक के साथ होगा। फैंस को अभी भी उम्मीद है कि रॉक मेनिया में डायरेक्ट एंट्री करेंगे। मेनिया के लिए द रॉक को बुक नहीं किया गया है। चियोडा को फिर भी लगता है कि किसी तरीके से वो एंट्री कर सकते हैं।
Sportskeeda Wrestling पर बात करते हुए माइक चियोडा ने बड़ा बयान दिया और कहा,
मुझे लगता है कि WrestleMania 39 में ये हो सकता है। मेरा मतलब है कि ये शो दो रात का होगा। मुझे उम्मीद है कि 20 से 30 मिनट किसी रात आकर द रॉक काम कर सकते हैं। अगर रोमन रेंस के साथ उनका मैच होगा तो इससे अच्छा कुछ भी नहीं होगा। कुछ अलग एंगल में इसे दिखाया जा सकता है। मैं भी ये मुकाबला देखना चाहता हूं। फैंस भी इस मैच को देखना चाहते हैं।
आपको बता दें 4 साल से WWE रिंग में द रॉक नज़र नहीं आए। फैंस उनकी वापसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इस बार तो पक्का लग रहा था कि वो आएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अभी भी उनकी वापसी को लेकर कोई कंफर्म जानकारी सामने नहीं आई है।
रोमन रेंस ने पिछले साल कहा था कि अगर द रॉक रिंग में वापसी करेंगे तो सबसे पहले वो उन्हें चुनौती देंगे। द रॉक भी एक अंतिम मैच की इच्छा जता चुके हैं। इन दोनों के बीच ड्रीम मैच कब होगा इसके बारे में किसी को नहीं पता। फिलहाल सभी की नजरें रोमन रेंस और कोडी रोड्स के बीच होने वाले मैच पर टिकी होंगी।
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भवानीगंज थाने का निरीक्षण के दौरान अभिलेखों के रखरखाव में खामियां मिलने व परिसर में साफ-सफाई न होने पर एएसपी सिद्धार्थ ने नाराजगी जताते हुए व्यवस्था में सुधार करने का निर्देश दिया। उन्होंने आरक्षी बैरक, सीसीटीवी कैमरा, शस्त्रागार, मेस, महिला हेल्प डेस्क, विवेचना कक्ष व अभिलेखों की गहनता से जांच की। जांच के दौरान अभिलेखों के रखरखाव में कमी मिलने पर नाराजगी जताते हुए सुधार का निर्देश दिया। उन्होंने मेस में बेहतर भोजन बनाने व आसपास सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
यह हिन्दुस्तान अखबार की ऑटेमेटेड न्यूज फीड है, इसे लाइव हिन्दुस्तान की टीम ने संपादित नहीं किया है।
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जुनून पेंटिंग और मूर्तिकला की ओर ही झुकता चला गया।
केंद्रित कर रही हैं।
विषयों में कोई भूली हुई स्मृति, एक गुजरा हुआ दिवास्वप्न,
लेता हैं कि चित्र में एक पूरे दिन का जादू समा जाता है।
करते हुए चित्रकारी करती हैं।
कर रही हैं।
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मुंबईः क्रू जहाज में ड्रग्स लेने के मामले में फंसे बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को जमानत मिल गई है। करीब 25 दिन जेल में रहने के बाद वह घर लौट आए है। उनके आने के बाद घर में बने माहौल का धीरे धीरे खुलासा हो रहा है। इसी बीच खबर आई है कि आर्यन खान की मां गौरी खान जमानत की खबर मिलते ही फुट फुट कर रोने लगी थी। हालांकि ये आंसू बेटे के जेल से बाहर आने की थी।
शाहरुख खान बेटे की रिहाई के लिए लगातार मेहनत कर रहे थे जिसके बाद वह 28 अक्टूबर को कामयाब हो पाए। आर्यन खान की रिहाई की खबर मिलते ही पिता शाहरुख खान की आंखों से भी आंसू झलक पड़े। इतना ही नहीं बल्कि शाहरुख और गौरी खान के पास बधाइयों का तांता लग गया। खबरों को मुताबिक सलमान खान, अक्षय कुमार और सुनील शेट्टी हर किसी ने शाहरुख खान को फोन किया था।
बता दें, आर्यन खान को जमानत मिलने के बाद सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई थी। इन तस्वीरों में शाहरुख खान मुस्कुराते हुए नजर आ रहे हैं। इसके अलावा कहा जा रहा है कि, जब संजय कपूर की पत्नी महीप कपूर ने गौरी खान को बधाई देने के लिए फोन किया तो वह फूट-फूट कर रोने लगी थी।
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सरल ग्राध्यात्मिक प्रवचन १३० में उपयोग मात्र, स्वच्छतामात्र, ज्ञानप्रकाशस्वरूप एक आज वलेशमयी स्थितिको कैसे प्रोर क्यो प्राप्त होता हूं ? आजकी स्थिति बडी भयकर स्थिति है । जन्म मरणके बीचमे थोडासा जीवन मिलता है तो तीन बातें है ना जन्म, जीवन और मरण । उसके बाद फिर भी जन्म, जीवन प्रोर मरण यह परम्परा चलती रहती है । जन्ममे भी क्लेश, जीवनमे भी वलेश प्रौर मरणमे भी क्लेश, निरन्तर क्लेश ही क्लेश चले श्रा रहे हैं । जैसे बाँसकी पोरमे कोई कीडा फम जाय और उस बांसके दोनो ओर छोरमे आग लग जाय तो जैसे उस कीडेकी कुशल नहीं है इसी प्रकार जन्म और मरण ये दोनो ओर छोर हैं, इनमे भाग लगी है, बीचमे है जीवन, तो उस जीवनकी कहीं कुशल है ? ऐसा जीवन हम आपको क्यो प्राप्त हुआ है इस विषयमे कुछ विचार करना है। इतना तो निश्चित है कि यह स्थिति मेरे मेरेमे अपने आप केवल मेरे सत्त्वकी श्रोरसे नही हुई है, क्योकि किसी भी पदार्थका सत्त्व उस पदार्थ के विवाद के लिए नही होना । तो मेरा सत्त्व मेरे बिगाडके लिए नहीं हो सकता । तो मैं अपने आपको प्रोरसे, अपनी सत्ता की ओरसे सहज निरपेक्ष होकर स्वय ऐसी विपत्तियोमे पड रहा हू सो बात तो है नही । तब यह निश्चित होता है कि मेरे साथ कोई विरुद्ध उपाधि लगी है, जिसके सन्निधानमे मेरी ये विकार दशायें होती है। किसी भी वस्तुमे अगर स्वभाव से विपरीत कोई विकार दशा बनती हो तो वह किसी विपरीत उपाधिके सन्निधानमे ही बन पाती है । खोजना यह है कि वह बाहरी उपाधि क्या हो सकती है । मैं हू चैतन्यस्वरूप तो बाहरी उपाथि चैतन्यम्वरूप न होगी, मुझसे विरुद्ध होना चाहिए वह् उपाधि । तब ही उस सन्निधानसे इस मुझमे विकार प्रा सकते है । वह समान उपाधि न होगी मैं चेतन हू तो उपाधि अचेतन है । मैं श्रमूतं हू तो वह उपाधि मूर्त है लेकिन मूर्त होनेपर अगर इतना मूर्त हो, इतना स्थूल हो कि जिससे प्रकार प्रकार दृष्टि गोचर हो, जिसको पकड सकते हो, ऐसा कोई मूर्त पदार्थ हो तो वह भी मेरे लिए उपाधिभूत नहीं बन सकता है, क्योकि अमूर्तका स्थूलमूर्ति के साथ उपाधिभाव न बन सकेगा । सम्बन्ध ही नहीं बन सकता । तो वह मूर्त है, अचेतन है तिस पर भी सूक्ष्म है । ऐसी कोई बाहरी उपाधि लगी है जिसे वर्म नामसे कहो, प्रकृति नामसे कहो, दोनो नाम सही है क्योकि कर्मका अर्थ है- 'क्रियते इति कर्म,' जो किया जाय सो वर्म । यद्यपि किया जाता है प्रात्माके द्वारा अपना उपयोग याने भाव ही किया जाता है, मगर उन भ बोका निमित्त पाकर जो बात बनती है उसे भी कर्म कर्म कह सकते हैं । तो वह कर्म स्थूल नविन्तु सूक्ष्म, प्रमूर्त नही विन्तु मूर्त, चेतन नही किन्तु अचेतन, ऐसी कोई एक विलक्षण योग्यता लिए हुए पौलिक कर्मउपाधि साथमे है, जिस सन्निधान मे हम ग्रापको ऐसी विदिशायें होती है ।
( १३१) नवीन फर्मोंके आत्रवरगकी पद्धति - अब जरा कर्मके सम्बन्धमे दो बातों पर दृष्टि देना है कि ये कर्म बनते कैसे है, प्राते कैसे है ? और उन कर्मोंके उदयमे इसको रागद्वेष होते कैसे है ? इन दो उपायों पर विचार करना है, कुछ युक्तिसे, कुछ श्रागमसे, कुछ अनुभवसे सभी प्राधारोसे इस पर विचार करना है । कर्म प्राते कैसे है ? तो एक बात सामने आती है कि कर्म आयें और कर्म बंधे तो कर्मका बन्धन अमूर्तके साथ नही हो सकता क्योंकि वे मूर्त हैं । मूर्तका मूर्तके साथ बन्धन बनेगा, मूर्तका अमूर्त के साथ बन्धन न बनेगा । । बन्धनके मायने है फंस जाना । जैसे रस्सीका एक छोर दूसरे छोरसे गाँठमे किया जाता है इस तरहकी गांठ हो जाना यह न सम्भव हो सकेगा। क्योकि कर्म मूर्त है, आत्मा अमूर्त है, लेकिन हाँ निमित्तनैमित्तिक भाव तो हो सकता है, जैसे कि लोग पुत्रको देखकर बन्धन में बँध जाते है, मुग्ध हो जाते है, परतन्त्र हो जाते है तो वह पुत्र इतना स्थूल, इतना मूर्त, उसके साथ देखो एक परतन्त्रताका बन्धन बन गया, मगर गठजोरी नहीं हो सकती । किसी पिताके शरीरमे पुत्रका शरीर गठबन्धको प्राप्त हो जाय सो तो नहीं है । ऐसे श्रात्माके साथ पौद्गलिक कर्म गठबंधको प्राप्त हो जाय, ऐसा बन्धन तो नही हो सकता किन्तु मूर्तकर्मका आत्माके साथ, निमित्तनैमित्तिक भाव हो सकता है। हम बाहरी गठबन्धनकी बात कह रहे हैं कि कर्मका बन्धन जीवके साथ नही हो सकता, किन्तु कर्मका बन्धन कर्मके साथ हो सकता है । याने जो अभी सत्तामे पड़े है पहिलेसे बंधे हुए कर्म उनमें नये कर्म आते है और उनसे कर्मों का बन्धन होता है, पर निमित्तनैमित्तिक भाव ऐसा है कि आत्मामे बन्धन, क्लेश, परायत्तता हो जाती है । यहाँ बहुत तर्क करने की आवश्यकता नही, सामने ही विदित होता है कि यह जीव परतन्त्र होता है लेकिन बन्धन है कर्मका कर्मके साथ अब देखिये वे कर्म किस किस तरह है, कार्माण वर्गणायें अब भी जीवमे अनन्त पडी है, जो कि विस्रसोपचय कहलाती है । उनमे कर्म आते है इसके मायने हैं कर्मका प्राव हुआ । ऐसे कर्मोका प्राव होनेमे निमित्त क्या है ? तो देखो प्रसिद्ध बात यह है कि जीवका रागद्वेष, मोहका निमित्त पाकर कर्ममे कर्म पना होता है यह बात यद्यपि सही है फिर भी और जानने के लिए एक बात और सुनें । नये कर्मके आस्रव होनेमे निमित्त जीवका रागद्वेष मोहभाव नहीं है, किन्तु उदयमे श्रा रहे कर्म नवीन कर्मके के निमित्त होते है । तब इस उदयमे भाये हुए कर्ममे ऐसा निमित्तपना
कि वे नवीन कर्म के आस्रवके निमित्त बन जायें, ऐसा निमित्तपना होनेमे निमित्त जीव का रागद्वेष मोह भाव है तो नवीन कर्मके आस्रवके निमित्तके निमित्तपनेका निमित्त है रागद्वेष मोह, न कि नवीन कर्मोके आस्रवका साक्षात् निमित्त है। इतनी टेढ़ी बातको बहुत घुमा फिरा कर कहने की आवश्यकता न होना चाहिए, क्योकि आखिर बन्धनका मूल तो जोत्रका
रागद्वेष हुआ। जीवमे रागद्वेषभाव न हो तो उदयागतकर्ममे निमित्त पनेकी बात नहीं बनती । जब तक उसमे निमित्तत्वकी बात नही बनती तब तक कर्मका बन्धन नहीं होता । तब सीधी बात यह है कि जीवमे कर्म रागद्वेष है इसीको सीधा नवीन कर्मोके वका निमित्त कहा गया है, ऐसा कुछ समझ लेनेमे उसको अपने हितके लिए बहुतसी प्रेरणाये प्राप्त होती हैं ।
(१३२) उदाहररणपूर्वक नव्यकर्मास्त्रवरण की विधिका विवरण -- कर्मास्रवके विधानको ठोक समझने के लिए जरा एक दो दृष्टान्त लीजिए । जैसे सड़क पर जो उजेला है अभी प्रकाश है तो यह बतलावो कि यह प्रकाश किसका है ? आम लोग तो यह कहेंगे कि यह प्रकाश सूर्यका है, लेकिन एक यह नियम है कि जिस वस्तुमे जो चीज है वह चीज उस वस्तुके प्रदेश में ही रहेगी, उससे बाहर न रहेगी तो सूर्यका अगर वह प्रकाश है तो या तो यह मानो कि सूर्य यहाँ तक है, बहुत बड़ा है, पर ऐसा नही है । सूर्य तो करीब पौने दो हजार कोसका है इसलिए सूर्यका रूप, रस, गंध, स्पर्श, प्रकाश श्रादिक जो कुछ भी होगा वह सब सूर्यका सूर्य मे होगा । उससे बाहर सूर्यकी चीज नही ऋा सकती । तब फिर सूर्यका वह प्रकाश यहां कैसे श्रा गया ? यहाँ तो इस बातको सभी लोग यो समझ रहे है कि सब सूर्यका प्रकाश है और यहां कहा जा रहा कि यह प्रकाश सूर्यका नहीं है तो फिर किसका है और कहाँ से आया ? - तो सुनो यह प्रकाश जो जमीनपर है वह इस जमीनका ही प्रकाश है । भीत पर अगर धूप है तो वह प्रकाश उस भीतका ही है । लेकिन वह प्रकाश सूर्यका निमित्त पाये बिना नही हो सकता, इसलिए निमित्त दृष्टिसे एकदम यह कहा जाता कि सूर्यका प्रकाश है । कहने मे गल्ती नही है । लेकिन उसके लिए उसका मंतव्य समझना चाहिए । अच्छा तो यह संदेह होता कि हम कैसे जानें कि यह प्रकाश सूर्यका नहीं है, यह प्रकाश भीतका है ? तो सुनो-सूर्यका प्रकाश होता तो उसका प्रकाश नो एक सा ही होगा, लेकिन दर्पणपर सूर्यका प्रकाश . बडा तेज चमकता है और जमीनपर कम पडता है तो यह भेद क्यो प्राया ? अगर यह प्रकाश सूर्यका है तो वह तो हर जगह एक समान रहना चाहिए । चाहे भीत पर पडे, चाहे पृथ्वीपर पड़े, चाहे दर्पण पर पडे, लेकिन यह भेद क्यो हुआ ? उसका कारण यह है कि यह प्रकाश सूयंका नहीं है । दर्पण पर पडने वाला प्रकाश दर्परगका है, भूमिपर पडने वाला प्रकाश भूमिका है, भीतपर पडने वाला प्रकाश भीतका है । सूर्य सामने हो तो ऐसी स्थिति बनती है । दर्पण सामने हो तो सूर्यका निमित्त पाकर इस रूप झलक गया । ये सब उपादानको विशेषतायें हैं। इस वर्णनसे आप इतना समझ लेंगे कि वस्तुका स्वरूप कैसे स्वतंत्र होता हे ? प्रत्येक पदार्थ स्वयं सत् है, अपने आपमे अपना उत्पाद व्यय करता रहता है । यह वस्तु का एकस्वरूप है, ऐसा जाने विना, स्वतंत्रताका कुछ बोध हुए बिना लोगोको शान्तिका मार्ग
न मिल पायगा । तो साथ ही साथ इसपर भी दृष्टिपात करते जायें । प्रकृत बात कह रहे थे कि भूमिपर जो प्रकाश है वह भूमिका है, सूर्य भी प्रकाशमान पदार्थ है, स्वय प्रकाशित औौर परके प्रकाश में निमित्तभूत है । भूमि ऐसा पदार्थ है कि वह स्वयं प्रकाशित नहीं है, किन्तु सूर्यका निमित्त पाकर प्रकाशित हो जाय, इतना उसमे माद्दा है ।
(१३३) निमित्तमें निमित्तत्व के निमित्तको मौलिकता -- दर्पण पर जो प्रकाश प्राया है वह दर्पणका प्रकाश है और उसमे सूर्य निमित्त है, और कदाचित् उस दर्पणको सडक पर खडे खडे ही इस हालकी तरफ कर दिया जाय तो प्रकाश हालमे प्रा जाता है, बच्चे लोग अपने खेल में ऐसा किया भी करते हैं। अब बतलाओो उस हालमे जो दर्पण द्वारा प्रकाश उस प्रकाशका निमित्त कौन है ? उस प्रकाशका तो दर्पण निमित्त है सूर्य नही । और दर्परण पर जो प्रकाश आया है उसका निमित्त सूर्य है, लेकिन दर्पणमे ऐसा निमित्तपना माया उसमे सूर्य सन्निधान निमित्त है जब कि यह दर्पण कमरेके अन्दरके प्रकाशका निमित्त बना । इसके लिए निमित्त है सूर्य । इसलिए एकदम यहाँके प्रकाशको भी सूर्यका प्रकाश कहा जाता है, पर गहरी दृष्टि से अगर देखा जाय तो कमरेके अन्दर आने वाले प्रकाशका निमित्त है दर्पण और दर्पणमे प्रकाश मानेका निमित्त है सूर्यं । इसी तरह यहाँ देखें कि नवीन कर्मों के प्रावका नि मित्त है उदयमे प्राये हुए पुद्गल कर्म और उन पुद्गल कर्मोंमें ऐसा निमित्तपना श्रा जाय कि वे नवीन कर्म निमित्तके प्राश्रव बनें इसमे निमित्त है ये रागद्वेष मोह भाव । यह सब समझ लीजिये कर्मबन्धनकी तरकीब ।
( १३४) आस्रवकी मुद्रा - अब देखिये - ये आश्रव कैसे क्या हुआ करते है। तो व - के मायने आना और बधके मायने बँधना । बंधन कब होता है जब कमसे कम दो समय तक ठहरे । स्थिति पड़ी, उसके साथ बध होना पडता है । स्थिति तो सागरी पर्यन्त चलती रहती है। इस समय बहुत पहिलेके बांधे हुए कर्म भी इस आत्मा के साथ बँधे है । देखो - हम प्राप लोगोकी वर्तमान स्थिति कुशलताकी नही है । अगर ऐसा वैभव समागम आज पाया है तो इसमे मौज न मानें और अपनी शान्तिके लिए अपने को सुखी बनाने के लिए ऐसा विचार करें कि मेरेको जो वैभव मिला है वह मेरी जरूरतसे कई गुना अधिक है। इतने की जरूरत न थी । कैसे जाना कि जरूरत से अधिक है ? देखो - इससे भी कई गुना कम मिलता तो भी गुजारा होता कि नहीं ? और लोगोंका भी गुजारा हो रहा कि नही ? तो ऐसा ही जान कर सतोष करना चाहिए । तृष्णा न करें और दूसरोका देख देखकर मनमे मोहभाव न लायें । जो हो रहा है ये सब कर्मके ठाठ है । इनसे मेरे आत्माका उद्धार नहीं है । । यहाँको मौजमें न आयें । यह सब पूर्वबद्ध कर्मका विपाक है जो नाना स्थितियाँ बन रही हैं और
कभी कोई क्लेश आये तो उसमें खेद न मानें और यहां तक कि प्रभुसे प्रार्थना करें तो यह प्रार्थना न करें कि हे भगवन मुझे विपत्ति न आये । हे भगवन मेरे पर कोई उपसर्ग न प्राये, निर्धनता न हो, अरे मांगता ही है तो यह मांगो कि हे प्रभो । मेरेमे ऐसा ज्ञानबल प्रकट हो कि चाहे कितने ही कष्ट प्रा जायें, मैं उनको समतासे सह लूं, याने मुझे कष्टसहिष्णुता प्राप्त हो । देखो - भगवानसे मानने से कुछ मिलता नही और मांगनेकी कोई हद भी नही होती । एक सहनशीलता (कष्टसहिष्णुता ) श्री गई तो फिर किसी भी प्रकारका दुख हो तो चलो उन दु.खोसे निवृत्त तो हो गए । तो यह सब जितना जो कुछ हो रहा है, विकल्प होते है, श्रज्ञान होता है, रागद्वेष होते है, कल्पनायें उठती हैं, लगाव बनता है । यह सब कर्मविपाक है । ये भावास्रव व द्रव्यास्रवकी द्विविधामे पड़े रहते है ।
( १३५) कर्मविपाक व जीवविभावका परस्पर योग- अब दूसरी बात इसी सम्बन्ध मे कहना है कि ये कर्मविपाक कैसे होते है ? कर्मफल कैसे मिलता है ? तो ग्रन्थोमे लिखा है, सतजनोका उपदेश है कि कर्म जब उदयमे प्राते हैं तब इस जीवके रागद्वेष मोह होता है । पर एक बात विचारिये जो कर्म बधे हैं उन कर्मोंमे स्थिति भी पडी थी कि ये कर्म इतने वर्ष तक जीवके साथ रहेगे और उनमे अनुभाग पडा था कि जब ये कर्मं उदयमे आयेंगे तो उसमें इतनी शक्ति वाले रागद्वेष इसमे पैदा होगे । तो आप समझिये कि जिस जीवमे रागद्वेष पैदा होते है यह तो बादकी बात समझिये लेकिन जो कर्म बधे है उन कर्मोंमे / रागद्वेष पहिलेसे हो भरे हैं । जब कर्मका उदय आयगा तब जीवमे रागद्वेष होगे लेकिन कर्म जबसे बंधे है तबसे लेकर लगातार अब तक उसमे रागद्वेषके अनुभाग पडे हैं, जिन्हे अनुभाग कहते है । ग्रन्थोमे करणानुयोगमे बताया गया है कि इसमे इतने अनुभागका राग है इतने अनुभागका द्वेष है । क्रोधप्रकृति नाम क्यो धरा कि इसमे क्रोधन दशाकी प्रकृति पडी हुई है, मानमे मानकी प्रकृति पडी है, उसी पर तो नाम है । बँचते के साथ ही उसमे अनुभाग श्रा गया था। तो ध्यान हम आपका इस ओर दिलाते है कि जो आपको सरल पडेगा । बीचमे जो थोडासा कुछ कठिन प्रकरण श्रा गया है उसको सुनकर अधीर न हो जाना । बात यह बतला रहे हैं । कि जो प्रकृति पडी उसमे क्रोध, मान, माया, लोभको प्रकृति पडी है और उसमे उस प्रकार का अनुभाग पडा है और जव उदयमे आता है तो क्रोधप्रकृतिमे क्रोध प्रकट होता है, लेकिन यहां यह बात जानने की है कि वह अचेतन प्रकृति है । श्राप उसको महसूस करना चाहेगे अपने ढगसे तो वह स्वरूप न मिलेगा । उस क्रोवमे क्रोध न होता है मगर वह अचेतन क्रोध न है । जिसे समयसारमे अनेक जगह बताया है कि ऋध, रागद्वेष, मिथ्यात्व, प्रज्ञान, अविरनि ये दो दो प्रकार के है - चेतन और अचेतन । अचेतन क्रोध है तो कुछ बात तो होगी या
जिस चाहे कर्मका नाम क्रोध धरो या उसमें मान माया आदि नाम न रखो, इसका कारण क्या है । एक विलक्षणता है । विलक्षणता क्या है कि क्रोधमे क्रोधनदशा प्रकट होती है। बात यहाँ तक कुछ कठिन थी, आप समझेंगे कि जिस समय कर्म उदय है उस समय तो उस कर्ममे क्रोधकर्ममे एक क्रोधन दशा हुई । वह क्रोधन दशा तत्काल हुई, उस ही समय इस उपयोगस्वरूप जीवमे अनेक बातें एक साथ पैदा हो गई । क्या ? चेतना, प्रतिभासना, उसका क्षोभ होना, उसका लगाव होना, उसको श्रहंरूपसे अगीकार करना, और वह होता है चेतनरूपसे । जैसे एक स्फटिक स्वच्छ पत्थर है, स्फटिक पाषाण स्वयं ही लाल, काला, पोला आदिक रूप नही होता, वह तो स्वयं स्वच्छ होता है, किन्तु उसमे लाल, काला, पीला जो कागज अथवा कपडेवी उपाधि लग जाती है उससे वह स्फटिक उस रंगका हो जाता है। मगर वहाँ यह भेद श्रवश्य है कि उस स्फटिकमें लाल पीला आदिक रूप परिगमन और ढगका है और कपडा प्रथवा कागज और ढंगका है । तो उसी प्रकारसे अचेतन क्रोध प्रकृतिमे जो क्रोधन अवस्था है वह अचेतन है, वह उसके ढगकी चीज है, जैसा अनुभाग बांधा था उसका निमित्त पाकर इस जीवमे चूंकि यह उपयोगमय है, स्वच्छस्वरूप है, तो इसकी स्वच्छतामे विकार प्राया है, वह विकार किस तरहका प्राया है ? जिस जिस तरह की प्रकृतिका उदय है । अब जो इन विकारो को है उन्हें तो कहते है मोही अज्ञानी, मैं क्रोधी हूं, मानो हू, इस तरह अपने श्रापको मान लेते है वे कहलाते है अज्ञानी । और जो यह जानते है कि यह सब कर्मकी लीला है, कर्म का परिणाम है, इसे श्रात्मा नहीं करता है उसे कहते हैं ज्ञानी, इसका सकेत समयसारकी ७५ वी गाथामे दिया हुआ है । 'मोहरागद्वेषसुखदुःखादिरूपेरणातः उत्प्लवमान कर्मण. परिणाम' कर्मों के परिणाम मोह रागद्वेष सुख दुःख आदिक रूपसे अंतरगमे उठ रहे है, उनका व्याप्य व्यापक सम्बंध वर्मके साथ है । ये सब बाते इस बातको पुष्ट करती है कि उन प्रकृतियोमे ऐसी श्रवस्था होती है और यह उपयोगस्वरूप प्रात्मा उस क्रोधादिभावायन्न कर्मविपाकका निमित्त पा कर यह स्वय रागद्वेषरूप चेतन रागद्वेषरूप परिणामता है, यही इसके साथ क्लेश है ।
( १३६ ) क्लेश भी एक और फ्लेश मेटनेका उपाय भी एक--जीवके चिदाभासरूप क्लेशको मेटनेका एक उपाय है । पहिले तो यह जाने कि हम आपको क्लेश कितने है, लोग तो बतायेंगे कि हमारा लडका यो नही बन सका, इसका क्लेश है । यो लोग पचासो तरह के क्लेश बतावेंगे, पर वास्तवमे क्लेश सिर्फ एक है - क्या ? परको निज मानना, उस परमे स्व का विकल्प करना, बस इतना ही क्लेश है । बाकी कितने ही क्लेशोके नाम लेकर कहा जा रहा हो लेकिन वे सब क्लेश उठे किस तरह है, उनकी पद्धति क्या है ? तो बताना यह चाहिये कि परको निज जान लिया, परमे लगाव लगा लिया, परकी ओर उपयोग बना लिया, बस |
किसी वस्तु की कार्य करने की क्षमता को उसकी "ऊर्जा" कहते है उदाहरण के लिए बंदूक से छोडी गयी गयी गोली लक्ष्य से टकराकर विस्थापन उत्पन करती है, कार्य की भाँति ही ऊर्जा एक अदिश राशि है और इसका मात्रक जूल है.
प्रकृति में ऊर्जा कई अलग अलग रूपों में मौजूद है। इन के उदाहरण हैंः प्रकाश ऊर्जा, यांत्रिक ऊर्जा, गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा, विद्युत ऊर्जा, ध्वनि ऊर्जा, रसायनिक ऊर्जा और परमाणु ऊर्जा। प्रत्येक ऊर्जा को एक अन्य रूप में परिवर्तित या बदला जा सकता है।
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पुराणों के अवतरण के सम्बन्ध में भी अनेक ग्रन्थों में अनेक प्रकार
के सकेत हैं। इस सन्दर्भ में यह तथ्य स्मरण करने योग्य है कि पुराणों के विकास के पूर्व इनकी देश प्रकार की धाराएँ थीं। एक पुरषणधारा वह थी जो महर्षि वेद व्यास के पूर्व चल रही थी औरजो भले ही लिखित परम्परा के रूप में प्रतिष्ठित न हुई थी किन्तु कर्ण- परम्परा के रूप में वह विद्यमान थी। दूसरी पुराण की परम्परा वह थी जो भगवान् व्यास के पश्चात्काल में प्रतिष्ठित हुई थी और जिस परम्परा में लिखित सामग्री उपलब्ध थी। महर्षि व्यास का यह महनीय कार्य था कि उन्होंने पुराणों की स्थिति को एक आधार दिया और उनके बाद पुराणों की एक व्यवस्थित धारा स्पष्ट हो सकी ।
इस कथन के प्रमाण के रूप में कुछ पुराणों के वे सन्दर्भ दिए जा सकते हैं जिनमें यह कहा गया है कि पुराण शास्त्र ऐसे हैं जिनका स्मरण ब्रह्मा ने सर्वप्रथम किया। यह शब्द पुराणवाचक है और इसका विस्तार शतकोटि परिमित है। यह कथन और अधिक विस्तृत तब हो जाता है जब यह कहा जाता है कि इनके मुख से वेद भी नित हुए ।
पुराणों का फलक क्तिना व्यापक और विस्तृत है, इस सम्बंध
पुराण शब्द की जो व्युत्पत्तियाँ दी गई हैं, वे भी इस अर्थ में इसकी व्यापकत
। पुरावां सर्वशास्त्राणां प्रथमं ब्रहमणा स्मृतम् । नित्यं शब्दमयं पुण्यं शतकोटि प्रविस्तरम् । अनन्तरं च वक्त्रेभ्यो वेदास्तस्य विनिताः ।।
पुराणों का फलक कितना व्यापक और विस्तृत है, इस सम्बन्ध में पुराण शब्द की जो व्युत्पत्तियाँ दी गई हैं वे भी इस अर्थ में इसकी व्यापकता का अंकन करती हैं। जैसे एक स्थान पर यह कहा गया कि यह पुराकालिक है और यह शास्त्र परम्परा का घोतक है। इस अर्थ में यह ग्रहण किया गया कि यह शास्त्र पुरातन परम्परा का घोतक है। इसी प्रकार यह कहा गया है कि सर्व प्रथम इसका कथन करने के कारण यह पुराण है। इतना ही नहीं, यह तक कहा गया है कि कल्पान्सर में पुराण एक था। इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत था और इसके विस्तार की कोई सीमा नहीं थी क्योंकि यह देवलोक तक में प्रतिष्ठित था । केवल समय की परिवर्तन की यह विलक्षणता ऐसी हुई कि इतने बड़े पुराण साहित्य का ग्रहणी भली प्रकार न कर पाने से यह बाद में संकुचित होकर रह गया और पुराण साहित्य का विस्तृत फलक संक्षिप्त होकर ग्रन्थों के रूप में अस्तित्व में आया। इस विस्तृत पुराण साहित्य को भगवान् विष्णु के अवतार वेद व्यास जी ने पृथमतः चार लाख श्लोकों में संक्षिप्त कर पुराण शास्त्र के रूप में ग्रथित कर दिया और बाद में लौकिक मनुष्यों की क्षमता का आकलन कर इसे अठारह भागों में विभक्त कर दिया जिससे बाद की परम्परा में अठारह पुराण प्रतिष्ठित हुए।
1. पुरा परम्परां वीष्ट पुराणं तेन तत् स्मृतम् प० पु०5 /2/53 2. यस्मात् पुरा इयनक्तीदं पुराणं तेन तत् स्मृतम् ।
इन पुराणों में मुख्य रूप से भगवान् के विविध अवतारों की कथाएं हैं, राजाओं के वंश और उनके वंशानुपरित का कथन भी किया गया है। किन्तु इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि इन पुराणों में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष के सम्बन्ध में विचार किया गया है और कोई भी पुरुष चतुर्वर्ग की प्राप्ति कैसे करे यह भी वर्णित है। यही देखकर यह विचार उत्पन्न हुआ है कि इन सभी महत्त्वपूर्ण पुराणों का पर्यालोचन किया जाए और धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष के सम्बन्ध में जो इन पुराणों में कहा गया है उसका पर्यालाचन किया जाए तथा इसका यथा स्थान अंकन किया जाए।
इन पुराणों में इसके अतिरिक्त तत्कालीन समाज का चित्रण भी प्राप्त है। समाज की तब जो स्थिति थी और उसमें नैतिक तथा अनैतिक आचारव्यवहार के जो सन्दर्भ थे, उनका भी पुनरावलोकन किया जाए तथा उस समय के समाज का जो आदर्श स्वरूप था उसका विवरण देकर आज के समाज के लिए उसके उपभोग और महत्त्व के रेखांकित किया जाए। कहा यह जाता है कि तब का समाज अपेक्षाकृत दार्शनिक पृष्ठभूमि पर जीवन रत था, इसलिए उस समय के जीवन में व्यक्ति के पास एक विचार की पृष्ठभूमि थी। इस सबका पुनरावलोकन इस कार्य के माध्यम से किया जाए - यही इस कार्य का उद्देश्य है।
828 अध्ययन का महत्व
यद्यपि भारतीय परम्परा में वेद अत्यधिक महत्त्व शील और ब समादर्य हैं तथापि उनका अर्थ जानने के लिए पुराणों के महत्त्व को स्थान- स्थान पर प्रतिपादित किया गया है। जहाँ वेदों की व्याख्या की आवश्यकता होती है, वहाँ पर अन्य स्रोतों की व्याख्या की अपेक्षा पुराणों द्वारा की गई व्याख्या अधिक महत्वपूर्ण तथा आदर्श मानी जाती है। यद्यपि निस्वत, ब्राह्मण ग्रन्थ, प्रतिशाख्य, श्रौतसूत्र, कल्पसूत्र, गृध्यसूत्र, धर्मसूत्र सभी वेदाङ्ग वेदार्थ के प्रकाशक ही हैं किन्तु इतिहास और पुराण वेदों की जा व्याख्या करते हैं वह व्याख्या सरल और सामान्य व्याख्या होती है। इसलिए यह कहा गया है कि इतिहास और पुराण को जानना परम आवश्यक है क्योंकि जो इतिहास और पुराण को ठीक से नहीं जानता है, वह वेदार्थ ठीक से नहीं जान सवता । यहीकारण है कि वेद उनसे डरते हैं जो अल्पश्चत हैं क्योंकि जा अल्पश्चत वेदों का अर्थ करेंगे, वे निश्चय ही ठीक से उनका अर्थ नहीं कर सकेंगे। अतः अल्पश्चत से वेद डरते हैं। यही कारण
है कि वेद भी पुराण - व्याख्या पर आधारित हैं और पुराणों द्वारा व्याख्या सरल - सहज ढंग से किए जाने के कारण वे महत्त्वपूर्ण हैं।
1. इतिहासपुराणाभ्यां वेदं समुपवृंहयेत् ।
बिभत्यल्पश्चताद् वेदो मामयं प्रहरिष्यति ।।
इस विशेषता के अतिरिक्त पुराणों का एक वैशिष्ट्य यह है कि ये लोकवृत्त से अधिक्तम रूप में जुड़े हैं। लौकिक जीवन और व्यवहार तथा इसकी संगति एवं असंगति का विवेचन अपनी कथा के माध्यम से करना इन पुराणों का एक अति विशिष्ट स्वरूप है। यही कारण है कि वेद, उपनिषद् तथा वेदाइ. परम्परा की अपेक्षा पुराण परम्परा सामान्य जन से अधिक स्प में जुड़ी है और यह अपने प्रतिपादन से अधिकतम लोगों को प्रभावित भी करती है।
पुराण परम्परा की एक और विशेष अभिरूचि यह है जो सामान्य जन को अपनी ओर आकर्षित करती है, वह यह है कि यह भगवान् के प्रति आस्था रखने वालों के लिए उनके ऐसे परित्रों का व्याख्यान करती है जो रूचिकर हैं, शान्तिदायक हैं और भक्तिभाव को दृढ़ करने वाले हैं। पुराणों में ईश्वर के अनेकानेक अवतार कहे गए हैं और उनके अद्भुत आख्यान समाहित हैं। इन आख्यानों में जहाँ भगवान् की अपूर्व और अनुमेय शक्ति का वर्णन है, वहीं उनकी दयालुता और करुणा भी कही गई है। इससे सामान्य जन जहाँ भगवान् के आश्चर्यकर रूप के आख्यान को सुन कर चक्ति होता है वहीं वह उनकी करुणा और दया के प्रति समर्पित तथा आपकत होता है। यह पुराणों के प्रति सामान्य जन का आकर्षित होने का एक और कारण है।
पुराणों के महत्त्व के विषय में स्वयम् पुराणकार ही इतना कुछ
कहते हैं कि उसी से यह ज्ञात हो जाता है कि ये पुराण और इन पर किया गया
कार्य कितना महत्त्वपूर्ण है। स्कन्द पुराण में तो यह कहा गया है कि वेद विधा का निमार्ण स्वयम् ईश्वर ने किया है। सभी शास्त्रों के निर्णय रूप में तीन विद्याएँ हैं किन्तु ब्रह्मा के अनुशासन से पुराण पंचम वेद के रूप में प्रतिष्ठित हैं। वे इन्हीं पुराणों में प्रतिष्ठित हैं, यह भी शास्त्रकार कहते हैं। आचार्य पुराणों की महत्ता का आख्यान इस रूप में करते हैं कि जो वेदों में स्पष्ट नहीं हो सका, वह स्मृतियों में स्पष्ट रूप से जाना जा सका। जो वेदों और स्मृतियों से भी स्पष्ट रूप से नहीं जाना जा सका, वह पुराणों के द्वारा सरल और सरस रूप में निरूपित कर दिया गया । । यही कारण है कि सरलता और सरसता से पुराण सर्व सुलभ बन गए और इन्हें पंचम वेद के रूप में भी कह दिया गया ।
1. आत्मनो वेदविद्या व ईश्वरेण विनिर्मिता । शौनकीया च पौराणी धर्मशास्त्रात्मिका तु या ।। तिस्त्रो विद्या इमा मुख्याः सर्वशास्त्रविनिर्णय । पुराण पंचमों वेद इति ब्रहमानुशासनम् । वेदाः प्रतिष्ठिताः सर्वे पुराणे नात्र संशयः । आत्मा पुराणं वेदानां पृथगानि तानि षट् ।। यन्न न दृष्टं हि वेदेषु तद् दृष्टं स्मृतिभिः किल । उभाभ्यां यन्न दृष्टं हि तत् पुराणेषु गीयते ।।
पुराणं सर्वशास्त्राणां प्रथमं ब्रह्मणा स्मृतम् ।। स्क 0 रेवण्० 1/17-18; 22-23
एक अन्य स्थान पर यह कहा गया है कि जिस प्रकार से गंगा में स्नान करने पर सभी प्रकार के पाप-ताप दूर हो जाते हैं, उसी प्रकार से यदि निष्ठापूर्वक पुराण का श्रवण किया जाए तो जीवन के सभी पाप-ताप धुल जाते हैं। सभी वेदों का ज्ञान इन पुराणों में समाहित है। तर्क, वाद, नीति सभी कुछ जानने के हेतु पुराण हैं। ये पुराण ही ऐसे हैं जो व्यक्ति को इस लोक में और अपर लोक में सुखी करते हैं। यदि कोई विधान पूर्वक पुराणों को सुनता है अमा विधानपूर्वक कोई पुराणों को कहता है तो वह इस संसार में पुनः जन्म नहीं लेता है। इस रूप में जहाँ भक्तिपूर्वक पुराण का श्रवणी करने पर पाप-ताप दूर हो जाते हैं वहीं पर यह भी कहा गया है कि पुराण का श्रवण करने पर व्यक्ति इस लोक में और अपर लोक में सुखी हो जाता है। यह भी पुराणों की महत्ता का स्वस्प है।
1. यथा पापानि पूयन्ते गंगावारिविगाहनातू । तथा पुराण श्रवणत दुरितानां विनाशनम् ।।
सर्ववेदार्थसाराणि पुराणानीति भूपते ।
तर्कस्तु वाद हेतुः स्यान्नी तिस्त्वैहिकसाधनम् ।।
पुराणानि महाबुद्धे इहामुत्र सुखाय हि । अष्टादश पुराणानि यः शृणोति नरोत्तमः । कथ्येद वा विधानेन नेह भूयः सः जायते ।। |
मुंबईः बॉलीवुड और टीवी के सेलेब्स किसी ना किसी कारण सुर्खियों में ही बने रहते हैं। कभी वह अपने काम को लेकर तो कभी पर्सनल लाइफ को लेकर। इसी कड़ी में टीवी सीरियल रिश्तों का चक्रव्यूह में नजर आ रही अंजू महेन्द्रू एक नाम है जो काफी समय से इंडस्ट्री में है। कभी लव अफेयर तो कभी एक्टिंग को लेकर चर्चा में रही है। अब जिस चीज को लेकर उनकी चर्चा हो रही है वो है उनकी स्मोकिंग की लत। अंजू जो करती हैं वो डंके की चोट पर करती हैं। वो हमेशा ही अपने एटीट्यूड को लेकर लाइमलाइट में बनी रहती हैं और उन्हें कभी इसका पछतावा नहीं होता है।
उनका मानना है कि अगर एटीट्यूड नहीं दिखाओगे तो सामने वाला दिखाएगा। कहा जाता है कि एक वक्त पर अंजू का नाम राजेश खन्न के साथ भी जुड़ा था लेकिन राजेश ने अंजू को छोड़ डिंपल का हाथ पकड़ लिया था। अंजू अब छोटे पर्दे पर शो 'रिश्तों का चक्रव्यूह' में नजर आ रही हैं। हाल ही में उन्होंने इंटरव्यू में बात करते हुए अपनी कुछ पर्सनल बातें शेयर की हैं। जिसे सुनकर आप हैरान होने वाले है। उन्होंने बताया कि मेरी सेहत का राज है 40 कप चाय के साथ 40 सिगरेट और हर सुबह चार बजे सोना। वो सिर्फ चार घंटे सोती हैं। कई लोग इस लाइफस्टाइल से डरते भी हैं और हमेशा पूछते हैं कि इससे आपको कोई दिक्कत नहीं होती क्या। लेकिन उनके साथ ऐसा बिलकुल नहीं है। वे कई सालों से ऐसे ही जी रही हैं लेकिन फिर भी फिट है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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चमार, जुलाहा आदि निम्न कोटि के शिल्प से आजीविका करने वाले शिल्प जुङ्गित हैं । यह जुङ्गित का चौथा प्रकार भी है। वे सभी दीक्षा के अयोग्य हैं। इन्हें दीक्षा देने से लोफ में अपयश होने की संभावना रहती है ।
( १६ ) अनबद्ध - धन लेकर नियत काल के लिये जो व्यक्ति पराधीन बन गया है वह अववद्ध कहलाता है। इसी प्रकार विद्या पढ़ने के निमित्त जिसने नियत काल तक पराधीन रहना स्वीकार कर लिया है वह भी अवबद्ध कहा जाता है। ऐसे व्यक्ति को दीक्षा देने से क्लेश आदि की शंका रहती है ।
( १७ ) भृतक - नियत अवधि के लिये वेतन पर कार्य करने वाला व्यक्ति भृतक कहलाता है। उसे दीक्षा देने से मालिक अप्रसन्न हो सकता है ।
( १८ ) शैक्ष निस्फेटिका - माता पितादि की रजामन्दी के विना जो दीक्षार्थी भगा कर लाया गया हो या भाग कर आया हो वह भी दीक्षा के अयोग्य होता है। उसे दीक्षा देने से माता पिता के फर्म बन्ध का संभव है एवं साधु अदत्तादान दोष का भागी होता है ( प्रवचन सारोद्धार द्वार १०७)
( धर्मसंमद अधिकार ३ गाया ७८ टीका )
पुरुषों की तरह उक्त अठारह प्रकार की स्त्रियाँ भी उक्त कारणों से दीक्षा के अयोग्य बतलाई गई हैं। इन के सिवाय गर्भवती और स्तन चूँघने वाले छोटे बच्चों वाली स्त्रियाँ भी दीक्षा के अयोग्य हैं। इस प्रकार दीक्षा के भयोग्य स्त्रियॉ कुल बीस हैं। (प्रवचन सारोद्वार द्वार १०८)
नोट - उपरोक्त भठारह बोल उत्सर्ग मार्ग को लक्ष्य में रख कर कहे गए है । अपवाद मार्ग में गुरु आदि उस दोक्षार्थी की योग्यता देख कर सुत्र व्यवहार के अनुसार दीक्षा दे सकते हैं ।
८६२ - ब्रह्मचर्य के अठारह भेद
मन, वचन और काया को सांसारिक वासनाओं से हटा कर श्रात्मचिन्तन में लगाना ब्रह्मचर्य है। इसके अठारह भेद हैंदिवा कामरइसुहा तिविहं तिविहेण नवविहा विरई। लिया उवि तहातं चंभ असभ्य ।। अर्थात् - देवसम्बधी भोगों का मन, वचन और काया से स्वयं सेवन करना, दूसरे से कराना तथा करते हुए को भला जानना, इस प्रकार नौ मेद हो जाते हैं । औदारिक अर्थात् मनुष्य, तिर्यञ्च सम्बन्धी भोगों के लिए भी इसी प्रकार नौ भेद हैं। कुल मिलाकर भेद हो जाते हैं।
इन अठारह प्रकार के भोगों का सेवन न करना अठारह प्रकार का ब्रह्मचर्य है ।
(समवायांग १८ वा समवाय) (प्र० सा• द्वार १६८ पाया ६१)
८६३ - अब्रह्मचर्य के अठारह भेद
ऊपर लिखे भोगों को सेवन करना अठारह प्रकार का अब्रह्मचर्य है। (सम० १८ वाँ समवाय) (भावश्यकनियुक्ति प्रतिक्रमणाध्मयन) ८६४ - पौषध के अठारह दोष
जो व्रत धर्म की पुष्टि करता है उसे पौषधव्रत कहते हैं अथवा अष्टमी, चतुर्दशी, अमावास्या और पूर्णिमा रूप पर्व दिन धर्मवृद्धि के कारण होने से पौषध कहलाते हैं । इन पर्वों में उपवास करना । पौषधोपचास व्रत है। यह व्रत चार प्रकार का है- (१) आहार पौषध (२) शरीर पौषध (३) ब्रह्मचर्य पौषध (४) अव्यापार पौषध । का त्याग करके धर्म का पोषण करना आहार पौषध है। स्नान, उवटन, वर्णक, विलेपन, पुष्प, गन्ध, ताम्बूल, वस्त्र, आभरण रूप शरीर सत्कार का त्याग करना शरीर पौषध है।
अब्रह्म (मैथुन) का त्याग कर कुशल अनुष्ठानों के सेवन द्वारा धर्मवृद्धि करना ब्रह्मचर्य पौषध है। कृषि, वाणिज्यादि सावद्य व्यापारों का त्याग कर धर्म का पोषरण करना अव्यापार पौषध है। आहार तनुसत्कारा ब्रह्म सावद्य कर्मणाम् । त्यागः पर्व चतुष्टय्यां तद्विदुः पौषधम्रतम् ॥ भावार्थ- चारों पर्वों के दिन आहार, शरीर सत्कार, श्रब्रह्म और सावद्य व्यापारों का त्याग करना पौषधव्रत कहा गया है ।
লম जनaaaaaक्त
उक्त पौषध व्रत के शास्त्रकारों ने अठारह दोष बताए हैं। वे ये हैं( १ ) पौषध निमित्त ठूंस घूंस कर सरस आहार करना । ( २ ) पौषध की पहली रात्रि में मैथुन सेवन करना । ( ३ ) पौषध के लिये नख, केश आदि का संस्कार करना। (४) पौषध के ख्याल से वस्त्र धोना या धुलवाना । ( ५ ) पौध के लिये शरीर की शुश्रूषा करना । (६) पौषध के निमित्त आभूषण पहिनना । पौषधव्रत लेने के पहले दिन उक्त छः वातें करने से पौषध दूषित होता है। इस लिये इनका सेवन न करना चाहिये । (७) अव्रती (व्रत न लिए हुए व्यक्ति) से बैया नृत्य कराना। (८) शरीर का मैल उतारना ।
( 8 ) बिना पूँजे शरीर खुजलाना । (१०) अकाल में निद्रा लेना, जैसे- दिन में नींद लेना, रात जाने के पहले सो जाना और पिछली रात में उठकर धर्मजागरणन करना ।
(११) विना पूँजे परठना । (१२) निंदा, विकथा और हँसी मजाक करना । (१३) सांसारिक बातों की चर्चा करना । (१४) स्वयं ढरना या दूसरों को डराना |
Mumbai/Alive News : अगर आप सारा अली खान को सोशल मीडिया पर फॉलो करते हैं, तो आप शायद उनके 'नॉक नॉक' पोस्ट से परिचित होंगे। अभिनेत्री अक्सर अपने फनी वीडियो को फैंस के बीच साझा करती हैं, हाल ही में अभिनेत्री ने अपने नए वीडियो के साथ नॉक-नॉक गेम खेला। मंगलवार को एक्ट्रेस ने एक और वीडियो शेयर किया।
वर्क फ्रंट की बात करें तो सारा को आखिरी बार वरुण धवन के साथ कुली नंबर 1 में देखा गया था। अभिनेत्री फिलहाल अपनी आने वाली फिल्म 'अतरंगी रे' की रिलीज़ का इंतजार कर रही हैं। फिल्म में वह अक्षय कुमार और धनुष के साथ नजर आएंगी। आनंद एल राय की तरफ से डायरेक्ट की गई 'अतरंगी रे' हिमांशु शर्मा की तरफ से लिखी गई है और इसे एक क्रॉस-कल्चरल लव स्टोरी के रूप में पेश किया जाएगा।
सारा ने फिल्म की शूटिंग पूरी कर ली है। रैप-अप की घोषणा करते हुए सारा ने सेट से कुछ स्टिल्स के साथ इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर किया था।
'अतरंगी रे' को मार्च 2020 में वाराणसी में शूट किया गया था। टीम ने मदुरै में शूटिंग लॉकडाउन के बाद से फिर से शुरू की, इसके बाद दिल्ली और आगरा में फिल्म की शूटिंग का शेड्यूल किया गया।
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पहले उनके ऊपर एक साख ढाँचे को ढाँचे की नीव को हटा दिया जाय ।
निर्मित करने की आज्ञा दे दीं जाय और फिर
अमेरिका में इसका उपयोग खुले बाजार की क्रियाओं के समान केवल व्यापार चक्र सम्बन्धी परिवर्तनों को रोकने के लिये नहीं वरन् असाधारण परिस्थितियों को ठीक करने के लिये भी किया गया था । अमेरिका की सफलता से आकर्षित होकर न्यूजीलैण्ड और मेक्सिको ने सन् १९३६ में, स्वीडन ने १९३७ में तथा आस्ट्रेलिया ने १९४१ में इस नीति को अपनाया था और अब तो लगभग सभी केन्द्रीय बैंकों ने इसका प्रयोग आरम्भ कर दिया है ।
यह विधि भी दोष रहित नहीं है। यह सम्भव है कि नकद कोषों के अनुपात में परिवर्तन होने से बैंक के नकद कोषों में कोई कमी न आये और यदि बैंक के नकद कोष कम भी हो जाँय तो यह आवश्यक नहीं कि साख का परिमाण भी उसी अनुपात में कम हो जाय क्योंकि व्यापारिक बैंक सदैव ही अपने विनियोगों को अपने नकद कोषों के अनुपात में बदलते नहीं रहते या इसलिये भी कि जनता को बैंक से प्राप्त होने वाले ऋणों की मात्रा बैंक के नकद कोषों के अनुसार कम और अधिक नहीं होते ।
(४) सदस्य बैंकों के लिये द्वितीय कोष सम्बन्धी शर्तें ( Secondary Reserve Requirements for member Banks) : यह विधि अमेरिका में सन् १९५४ में अपनाई गई थी। इस सिद्धांत के अनुसार व्यापारिक बैंकों को अपने अतिरिक्त कोषों का एक निश्चित न्यूनतम भाग अल्पकालीन सरकारी प्रतिभूतियों तथा अन्य तरल आदेयों (Assets) में विनियोग करना पड़ता है। ऐसे ही प्रतिबन्ध बाद में फ्रांस, बेल्जियम, मेक्सिको, भारत, स्वीडन, नार्वे, हालैण्ड और फिलीपाइन्स आदि देशों में भी लगाये गये थे जिनका मुख्य उद्देश्य बैंकों की उधार देने की शक्ति को कम करना था। कुछ देशों में यह मुद्रास्फीति को कम करने का एक उपाय रहा है और अन्य देशों में इसने सरकार हीनार्थ प्रबन्धन (Defecit Financing ) की नीति को सफल बनाने में सहायता पहुंचाई है ।
( ५ ) प्रतिभूति सम्बन्धी ऋणों की सीमा में फेर-बदल (Changes in Margin Requirements on Security Loans) : यह विधि भी अमेरिका ने सन् १९३४ में अपनाई थी। इसका मुख्य उद्देश्य प्रतिभूतियों में किये जाने वाले सट्ट को नियन्त्रित करना था। फेडरल रिजर्व बैंक को, प्रतिभूतियों की आड़ में बैंकों द्वारा दिये जाने वाले ऋणों की राशि को नियमित करने के लिये कानून बनाने और सीमाओं को निर्धारित करने का अधिकार दे दिया गया है । यह विधि
काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई है किन्तु इसमें भी यही दोष है कि यह केन्द्रीय बैंक पर अत्यधिक दायित्व डाल देती है ।
(६) उपभोक्ता साख का नियमन (Regulation of consumer's credit) : सन् १९४१ में अमेरिका के प्रेसीडेन्ट ने 'संचालक मण्डल' को यह अधिकार दिया कि वह उन शर्तों को निर्धारित करें जिनके आधीन उपभोक्ताओं को स्थायी वस्तुयें खरीदने के लिये किश्तों में भुगतान करने वाले ऋण प्रदा किये जा सकें । यह केवल उन वस्तुओं की माँग को कम करने के उद्देश्य से किया गया था जो सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण थीं। इसका दूसरा उद्देश्य मुद्रा प्रसार को रोकना था क्योंकि ऐसा समझा जाता था कि वस्तुओं की कमी के कारण उनकी मांग में वृद्धि होगी तो मूल्य बढ़ने लगेंगे। यह प्राथमिक रूप से युद्धकालीन उपाय था, किन्तु इसको १९५२ तक लागू किया जाता रहा । कनाडा, ग्रेट ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड और बेल्जियम में भी इस नीति को लागू किया गया था ।
(७) प्रचार (Publicity) : अनेक केन्द्रीय बैंकों ने प्रचार का उपयोग साख नियन्त्रण की विधि के रूप में किया है । यह नियमित रूप से अपने आदेयों तथा भुगतानों, साख तथा व्यापार की दशाओं, अपनी क्रियाओं तथा सामान्य मुद्रा बाजार और बैंकिंग दशाओं से सम्बन्धित आंकड़ों तथा ब्योरों को प्रकाशित करती है । कुछ केन्द्रीय बैंक केवल अपना कर्तव्य समझ कर ही आंकड़ों को प्रकाशित करती हैं और कुछ इसको विशेष महत्व प्रदान करती हैं। जनता में जागृति उत्पन्न हो जाने के कारण केन्द्रीय बैंकों द्वारा, मुद्रा बाजार तथा उसके विभिन्न अंगों से सम्बन्धित आंकड़ों को प्रकाशित करना अब आवश्यक सा प्रतीत होने लगा है ।
साख नियन्त्रण की कठिनाइयाँ
उपरोक्त विवेचन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि कुशल साख नियन्त्रण कोई सरल कार्य नहीं है । इसकी सफलता के लिये यह आवश्यक है कि बैंक-साख तथा गैर बैंक - साख, सभी प्रकार की साखों पर केन्द्रीय बैंक का नियन्त्रण हो । जान स्टुअर्ट मिल, लीफ, एन्डरसन तथा अन्य लेखकों ने भी इस बात को सिद्ध किया है। पोलैण्ड के अर्थशास्त्री Lewinke का कहना है कि मूल्यों में सबसे पहली वृद्धि बिना बैंक-साख के ही उत्पन्न होती है ।
साख नियन्त्रण केवल उसी समय प्रभावशाली हो सकता है जब केन्द्रीय बैंक और व्यापारिक बैंकों में तथा विभिन्न व्यापारिक बैंकों में आपस में पूर्ण सहयोग हो । यदि व्यापारिक बैंकों का केन्द्रीय बैंक से सुरक्षित कोष रखने के विषय में कोई प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं है (जैसा अमेरिका में है) तो साख नियन्त्रण कदापि प्रभावशाली नहीं हो सकता।
साख का पूर्ण नियन्त्रण एक कल्पना है (Perfect control a myth) :
यदि ये सीमायें न भी हों तो भी साख पर पूर्ण नियन्त्रण सम्भव नहीं है । मूल्य निर्धारण में इतनी जटिलतायें होती हैं कि उसका निश्चित शर्तों तथा निश्चित नीतियों एवं नियमों के अनुसार कार्य करना सम्भव नहीं होता है । मुद्रा के परिमाण में परिवर्तन कर देने से यह आवश्यक नहीं है कि कीमत-स्तर में इच्छानुसार परिवर्तन हो जाय । इसके अतिरिक्त विश्वासनीय आंकड़ों के अभाव में परिमाणात्मक नियन्त्रण कदापि भी सम्भव नहीं हो सकता। सबसे बड़ी बात तो यह है कि यह निश्चित करना भी कठिन है कि मूल्य-स्तर के सारे परिवर्तन केवल मुद्रा के परिमाण के परिवर्तनों के कारण ही उत्पन्न होते हैं; क्योंकि मौद्रिक कारणों के अतिरिक्त बहुत से ऐसे भी कारण हैं जिन पर केन्द्रीय बैंक का कोई भी नियन्त्रण नहीं होता है । उदाहरणार्थ :
(१) प्राकृतिक धन के कारण वस्तुओं की कमी हो जाने के परिणामस्वरूप कीमतों में कमी हो सकती है ।
( २ ) केवल बैंक - साख द्वारा ही वस्तुओं तथा सेवाओं को नहीं खरीदा जाता, वरन् अन्य प्रकार की साख को भी इसके लिये उपयोग किया जाता है । इसके अतिरिक्त बैंक-साख का उपयोग केवल वस्तुओं के खरीदने के लिये ही नहीं होता, वरन् प्रतिभूतियाँ भी इसके द्वारा खरीदी-बेची जाती हैं । इसलिये मूल्य बढ़ने के स्थान पर गिर सकते हैं । कहने का तात्पर्य यह है कि साख नियन्त्रण नीति को प्रभावशाली बनाने के लिये यह अत्यन्त आवश्यक है कि कीमत-स्तर के परिवर्तनों के मुख्य कारणों का सही पता लगाया जाय ।
( ३ ) मुद्रा की चलन गति में परिवर्तन होने से भी कीमत- स्तर में परिवर्तन हो जाते हैं । किन्तु चलन -गति का सही अनुमान लगाना सम्भव नहीं होता, इसीलिये साख नियन्त्रण नीति की सफलता भी सन्देहजनक होती है ।
(४) अन्त में, यदि केन्द्रीय बैंक साख नियन्त्रण की सभी विधियों को अपनाये तो भी उसकी नीति असफल हो सकती है, यदि व्यापारिक बैंक उसको सहयोग न दें । अतः साख पर पूर्ण नियन्त्रण एक कठिन कार्य ही है । एन्डरसन का कथन है कि आर्थिक सन्तुलन की गड़बड़ी के कारण ही मन्दी उत्पन्न होती है और यह कीमत- परिवर्तनों द्वारा ही सम्भव होता है । इससे एक भंग हुये सन्तुलत को सही बनाया जाता है। साख नियन्त्रण की नीति केवल उसी समय अपना पूरा प्रभाव डाल सकती है जब बिल तथा मुद्रा बाजार पूर्ण विकसित हों और केन्द्रीय बैंक तथा व्यापारिक बैंकों में परस्पर सहयोग हो ।
केन्द्रीय बैंक और व्यापार चक्र (Central Bank & Trade Cycles)
कीमत स्तरों पर मौद्रिक एवं अमौद्रिक कारणों से चक्रीय परिवर्तन होते |
हेल्थ से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करना चाहती हैं तो सर्दियों में अमरूद और इसकी पत्तियों का इस तरह इस्तेमाल करें।
अमरूद बड़ों को नहीं बच्चों को भी बेहद पसंद होता है। हम में से कई लोग अमरूद खाना पसंद करते हैं और उनके कई प्राकृतिक स्वास्थ्य लाभों के बारे में भी जानते हैं। अमरूद विटामिन-सी, ए और ई का समृद्ध स्रोत होता है।
अमरूद को सुपर फ्रूट इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें संतरे से चार गुना ज्यादा विटामिन-सी और पाइनएप्पल से 3 गुना ज्यादा प्रोटीन और चार गुना ज्यादा फाइबर पाया जाता है। यह भी कहा जाता है कि इसमें केले से अधिक पोटैशियम होता है।
लेकिन क्या आपने कभी अमरूद की पत्तियों के फायदों के बारे में सोचा है? हां, आपने सही समझा! अधिकतर नहीं, हम केवल फलों और सब्जियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं और उन पत्तियों को त्याग देते हैं जो उनसे जुड़ी होती हैं। उनके लाभों के बारे में जागरूक होने से, यदि कोई होता है तो हमें उनमें से अधिक से अधिक लाभ उठाने में मदद मिलेगी। उदाहरण के लिए, अमरूद की पत्तियां एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होती हैं।
पॉलीफेनोल्स, टैनिन, फ्लेवोनोइड्स, कैरोटीनॉयड्स और अन्य चिकित्सीय पौधों के यौगिकों से भरपूर, अमरूद के पत्ते दर्द और कई स्वास्थ्य चिंताओं के लक्षणों से राहत दिलाने में कारगर साबित हो सकते हैं। लेकिन ज्यादातर लोगों को इसका सेवन करने का सही तरीका नहीं जानते हैं।
A post shared by Dr Dixa Bhavsar Savaliya (@drdixa_healingsouls)
इसलिए आज हम आपके लिए इसके सेवन का सही तरीका लेकर आए हैं। इसकी जानकारी आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ दीक्सा भावसार ने इंस्टाग्राम पर शेयर की है। उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'अमरूद प्रकृति में ठंडे होते हैं और स्वाद में कसैले, मीठे और खट्टे होते हैं। यह त्रिदोष शामक हैं (सभी 3 दोषों- वात, पित्त और कफ को संतुलित करते हैं) जो उन्हें अद्वितीय बनाते हैं। '
यह डाइटरी फाइबर, विटामिन-ए और सी, फोलिक एसिड, और आहार मिनरल्स, पोटेशियम, कॉपर और मैंगनीज से भरपूर होते हैं। अमरूद में कैरोटेनॉयड्स और पॉलीफेनोल्स दोनों होते हैं जो उन्हें एंटी-एजिंग और एंटी-कैंसर गुणों के साथ त्वचा और बालों के लिए सबसे अच्छा बनाते हैं।
अमरूद के सभी भाग फल, पत्ते और छाल औषधि के रूप में उपयोगी होते हैं। अमरूद एसिडिटी, पीरियड्स में ऐंठन, मुंह के छाले, माइग्रेन सिरदर्द से राहत दिलाता है। डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, जोड़ों के दर्द, पोषक तत्वों की कमी, बुखार और वजन घटाने के लिए अद्भुत है।
कैसे इस्तेमाल करें?
- पीरियड्स की ऐंठन, एसिडिटी, डायबिटीज और बालों के स्वास्थ्य के लिए 4 कप पानी में 7-10 पत्ते तब तक उबालें तक तक पानी आधा न रह जाए।
- इसे खाली पेट दिन में 1-2 बार लें।
- इस काढ़े से गरारे करने से मुंह के छाले, मसूड़ों से ब्लड आना और मुंह के स्वास्थ्य में मदद मिलती है।
- इस काढ़े से अपने बालों को धोने से बालों के झड़ने को रोकने और मैनेज करने में मदद मिलती है और बालों के हेल्दी ग्रोथ में बढ़ावा मिलता है।
- अमरूद के ताजे पत्तों का पेस्ट सूजन, बुखार, सिरदर्द और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।
अमरूद का फल कैसे खाएं?
- अपनी भूख के अनुसार 1-2/दिन खाया जा सकता है। आपकी वेट लॉस जर्नी को आसान बनाते हुए आपको फुलर रखने में मदद करता है और क्रेविंग को कम करता है।
- आपके दिल की सुरक्षा के साथ-साथ शुगर के लेवल को नियंत्रित रखने में भी मदद करता है (यह एक कार्डियो प्रोटेक्टिव है)।
- यह आंखों के लिए अच्छा है, दृष्टि में सुधार करता है क्योंकि इसमें विटामिन-ए की मात्रा अधिक होती है।
- विटामिन-सी और अन्य एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण त्वचा और बालों को बेहतर बनाने में मदद करता है।
पीरियड्स की ऐंठन से लेकर माइग्रेन तक, अमरूद इन सभी में काम करता है। हमें और क्या चाहिए, है ना? इसलिए स्थानीय बाजार जाएं और इस मौसमी फल को लें और अपने परिवार के साथ इसका आनंद लें।
चूंकि इसकी प्रकृति ठंडी होती है, इसलिए इसे तब लेना सबसे अच्छा होता है जब सूरज ऊपर हो (दोपहर के समय में- दोपहर के भोजन से एक घंटे पहले या दोपहर के भोजन के 2 घंटे बाद)। देर शाम, सुबह जल्दी या रात में इसे खाने से बचना चाहिए।
आप भी ये सारे फायदे पाने के लिए अमरूद और इसके पत्तों इस तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं। उम्मीद है कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। इस आर्टिकल को शेयर और लाइक जरूर करें। इसी तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए हमें कमेंट करके बताएं और हरजिंदगी के साथ जुड़े रहें।
आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
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सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया में ऑफिसर ग्रेड ए (असिस्टेंट मैनेजर) के पदों पर भर्ती निकली है। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट sebi. gov. in के माध्यम से 31 जुलाई, 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती अभियान के माध्यम से सूचना प्रौद्योगिकी स्ट्रीम में 24 पदों को भरा जाएगा। उम्मीदवारों के पास किसी भी विषय में इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री या किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय / संस्थान से कंप्यूटर एप्लीकेशन / सूचना प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर योग्यता होनी चाहिए।
वहीं, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER) ने ग्रुप बी और ग्रुप सी पदों पर भर्ती निकाली है। इसके तहत नर्सिंग ऑफिसर, एक्स-रे तकनीशियन (रेडियोथेरेपी), एक्स-रे तकनीशियन की भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इन भर्ती अभियान के माध्यम से कुल 139 पदों पर भर्ती की जाएगी, जिसमें से 137 पद ग्रुप बी पदों के लिए और 2 पद ग्रुप सी के लिए है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट jipmer. edu. in के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Sarkari Naukri 2022: दिल्ली, यूपी और बिहार समेत देश के कई राज्यों में सरकारी नौकरी निकली है। उम्मीदवार इस ब्लॉग के जरिए भर्ती से संबंधित प्रक्रिया से जुड़ी हुई जानकारी देख सकते हैं।
शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने असिस्टेंट मैनेजर पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। योग्य उम्मीदवार 16 अगस्त 2022 तक ऑनलाइन मोड में आवेदन कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से 46 पदों पर भर्ती की जाएगी।
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वैदिक साइंसेज ने रिसर्च ऑफिसर और फार्मासिस्ट सहित अन्य 38 पदों के लिए आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार 14 अगस्त 2022 तक आवेदन कर सकते हैं।
इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनल ने क्लर्क के 6035 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। उम्मीदवार 21 जुलाई 2022 तक आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों को 850 रुपए आवेदन शुल्क जमा करना होगा।
ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज ने ग्रुप ए पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार रोजगार समाचार में विज्ञापन जारी होने के 30 दिन के अंदर तक आधिकारिक वेबसाइट aiimskalyani. edu. in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (UPRVUNL) ने टेक्निकल ग्रेड II पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट uprvunl. org पर 5 अगस्त 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर चयनित उम्मीदवारों को 28000 रुपए महीने तक का वेतन दिया जाएगा।
आर्मी डेंटल कॉर्प्स ने डेंटल कॉर्प्स पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर 14 अगस्त 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार की आयु 45 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
पश्चिम बंगाल पब्लिक सर्विस कमिशन (WBPSC) ने फैकल्टी पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट पर 1 अगस्त 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों का चयन स्क्रीनिंग टेस्ट और इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा।
नवोदय विद्यालय समिति ने शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार 22 जुलाई 2022 तक आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
नेशनल हेल्थ मिशन (NHM), उत्तर प्रदेश ने कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट upnrhm. gov. in पर तय समय के अंदर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
नेशनल हेल्थ मिशन पंजाब ने कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर, मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट और क्लीनिक असिस्टेंट पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। योग्य उम्मीदवार तय समय के अंदर आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
Army Dental Corps Recruitment 2022: उम्मीदवारों को डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त कॉलेज से न्यूनतम 55% अंकों के साथ बीडीएस/ एमडीएस होना चाहिए।
Army Dental Corps Recruitment 2022: उम्मीदवारआधिकारिक वेबसाइट http://www. joinindianarmy. nic. in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
Army Dental Corps Recruitment 2022: भारतीय सेना एसएससी अधिकारी भर्ती 2022 के तहत कुल 30 पदों को भरा जाएगा।
JKPSC Recruitment 2022: शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा और वेतन से संबंधित अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे जेकेपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट jkpsc. nic. in पर विस्तृत अधिसूचना पढ़ें।
उम्मीदवारों को 13 अगस्त से 15 अगस्त, 2022 तक अपने आवेदन फॉर्म में बदलाव करने का समय दिया जाएगा।
JKPSC Recruitment 2022: उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट jkpsc. nic. in के माध्यम से 8 अगस्त 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
CCRAS Recruitment 2022: अनुसंधान अधिकारी के पदों पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की ऊपरी आयु सीमा 40 वर्ष और फार्मासिस्ट और पंचकर्म के लिए आयु सीमा 27 वर्ष है।
CCRAS Recruitment 2022: इस भर्ती अभियान के माध्यम से रिसर्च ऑफिसर के 5 पद, फार्मासिस्ट के 25 पद और पंचकर्म के 8 पद शामिल हैं।
इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंकिंग पर्सनल ने क्लर्क के 6035 पदों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है। उम्मीदवार 21 जुलाई 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों को 850 रुपए आवेदन शुल्क जमा करना होगा।
राजस्थान में प्रथम लेवल शिक्षक के 272 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया जारी है। योग्य उम्मीदवार 20 जुलाई 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (PGCIL) ने अप्रेंटिस पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट आधिकारिक वेबसाइट apprenticeshipindia. gov. in या portal. mhrdnats. gov. in पर 31 जुलाई 2022 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
नवोदय विद्यालय समिति ने शिक्षक पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों से आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार 22 जुलाई 2022 तक आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
पश्चिम मध्य रेलवे (WCR) ने नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (NTPC) के तहत विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आवेदन मांगे हैं। उम्मीदवार 28 जुलाई 2022 तक या उससे पहले आधिकारिक वेबसाइट wcr. indianrailways. gov. in ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इन पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवार की आयु 18 साल से 42 साल के बीच होनी चाहिए।
Sarkari Naukri 2022: दिल्ली, यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में सरकारी नौकरी नौकरी निकली है। इसके लिए उम्मीदवार घर बैठे ही आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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अंशुमान झा ने अपने डायरेक्टोरियल डेब्यू 'लॉर्ड कर्ज़न की हवेली' को शुरू करने के लिए दो लंबे साल, तीन महामारी की लहरों का इंतजार किया है। जनवरी 2022 में तीसरी लहर के सामने आने पर फिल्म को तीसरी बार फिर से लगभग आगे बढ़ा दिया गया था, लेकिन अंशुमन ने हार नहीं मानी और फरवरी में इसे शूट करने की योजना बनाई। कलाकारों और क्रू - जिसमें अर्जुन माथुर, रसिका दुगल और परेश पाहुजा शामिल हैं - ने 1 फरवरी को यूके के लिए उड़ान भरी और फिल्म इस महीने के पहले हफ्ते में समाप्त हुई।
एलएसडी, अंग्रेजी में कहते हैं' और हाल ही में हम भी अकेले, तुम भी अकेले' जैसी फिल्मों के साथ विपुल अग्रणी व्यक्ति अंशुमन झा कहते हैं, "हर फिल्म उसका अपना भाग्य है और लॉर्ड कर्ज़न की हवेली का भाग्य अब होने वाला था। एक महामारी, आखिरी मिनट में वीज़ा की देरी, एक महाद्वीपीय तूफान जब हमारे सर पे था हमने शूटिंग की, लेकिन हमने समय पर, समय पर शुटिंग पूरी की। और इससे मुझे बहुत आनंद मिला। मैं उनके विश्वास के लिए टीम का आभारी हूं। ' लॉर्ड कर्ज़न की हवेली एक ब्लैक कॉमेडी थ्रिलर है, जो पुरस्कार विजेता बिकास मिश्रा द्वारा लिखित और गोल्डन रेशियो फिल्म्स और फर्स्ट रे फिल्म्स द्वारा निर्मित है।
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झारखंड हाईकोर्ट के प्रवक्ता ने बताया कि दुमका जिला न्यायाधीश ने आवासीय परिसर से पेड़ कटवाकर अपने इस्तेमाल के लिए रखवा लिया था. इस संबंध में हाईकोर्ट को अगस्त महीने में शिकायत मिली थी, जिसकी जांच के लिए आदेश दिया गया था.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुच्छेद 370 हटाने का फायदा बताने के लिए जम्मू कश्मीर के करीब 70 छात्र-छात्राओं से मुलाकात की. इस दौरान मीडिया कवरेज पर पूरी तरह से पाबंदी रही. एक टीवी चैनल पर कार्यक्रम का प्रसारण हुआ, लेकिन कश्मीरी छात्र-छात्राओं के सवाल-जवाब का सिलसिला शुरू होने के साथ प्रसारण रोक दिया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए स्वच्छता, स्वास्थ्य बीमा, बैंक खातों, आतंकवाद, जन कल्याण, पर्यावरण जैसे मुद्दों पर बात की. यह संयुक्त राष्ट्र में मोदी का दूसरा संबोधन था.
शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने करीब 40 मिनट के भाषण में कश्मीर का मुद्दा उठाने से पहले तीन वैश्विक मुद्दों को उठाया जिसमें जलवायु परिवर्तन, अमीरों का भ्रष्टाचार और इस्लामोफोबिया शामिल थे.
मामला उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर ज़िले के शोहरतगढ़ स्थित सरस्वती शिशु मंदिर का है. पिता ने स्कूल के प्रिंसिपल पर जातिसूचक टिप्पणियां करने का आरोप लगाया.
डिप्टी एसपी एनपी मिश्रा ने सीबीआई के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) एके भटनागर पर झारखंड में 14 लोगों का फ़र्ज़ी एनकाउंटर करने का आरोप लगाया है. उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय को एक पत्र लिखा है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुआवज़े की ये राशि बिल्डरों और प्रमोटरों से वसूली जा सकती है. इसके अलावा अवैध इमारतों के निर्माण में शामिल बिल्डरों और प्रमोटरों की संपत्तियां जब्त करने का आदेश भी दिया गया.
अदालत बाबरी मस्जिद ढहाने की साजिश रचने के मुकदमे की सुनवाई कर रही है, जिसमें कल्याण सिंह के अलावा भाजपा नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती तथा अन्य को आरोपी बनाया गया है.
जैक शिराक पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यहूदी नरसंहार में फ्रांस की भूमिका को स्वीकार किया था और 2003 में इराक़ पर अमेरिकी हमले का विरोध किया था.
चुनाव आयोग के एक अधिकारी के अनुसार जिन रजिस्टर्ड वोटर का नाम एनआरसी की अंतिम सूची में नहीं आया है, वे डी-वोटर नहीं कहलाएंगे. असम में डाउटफुल या संदिग्ध वोटर उन मतदाताओं की श्रेणी है, जिनकी नागरिकता संदेह के घेरे में होती है.
यह मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल अस्पताल का है, जहां अगस्त 2017 में कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी से एक हफ्ते में 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी. इस मामले में डॉ. कफ़ील ख़ान को दोषी ठहराया गया था.
मामला मलप्पुरम ज़िले का है, जहां स्कूल में काउंसिलिंग के दौरान सातवीं कक्षा की छात्रा ने इस बारे में बताया. बच्ची का पिता बेरोज़गार है और ऐसा बताया जा रहा है कि पहले उसने बच्ची की मां को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया था.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने हिरासत में रखे गए नाबालिगों के रिश्तेदारों की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं में से एक मामले में 10 दिन के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं जबकि दूसरे मामले में सरकार से जवाब मांगा है.
रिज़र्व बैंक ने बीते 24 सितंबर को पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक पर छह महीने के लिए कई पाबंदियां लगाई थीं. रिज़र्व बैंक ने इससे पहले पीएमसी खाताधारकों के लिए निकासी की सीमा छह महीने में सिर्फ़ 1,000 रुपये तय कर दी थी.
मामला नवी मुंबई के वाशी का है. पुलिस ने बताया कि युवक के कई ऑपरेशन करने पड़े हैं और उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. अब तक किसी भी आरोपी को गिरफ़्तार नहीं किया जा सका है.
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एक बार मुल्ला नसरुद्दीन के साथ दुर्घटना हुई और वह अस्पताल में थे। शरीर के हरेक अंग की कोई न कोई हड्डी टूटी थी। उनके सारे चेहरे पर पट्टियां बंधी हुई थीं। केवल उनकी आंखें दिख रही थीं। उनके एक मित्र उनसे मिलने आए और पूछा, कैसे हो मुल्ला? उन्होंने कहा, मैं ठीक हूं, सिवाय इसके कि जब मैं हंसता हूं तो दर्द होता है। तब उनके मित्र ने उनसे पूछा, भला इस हालत में आप हंस कैसे सकते हैं। मुल्ला ने जवाब दिया, अगर मैं अब न हंसू तो मैं जिंदगी में कभी हंस नहीं पाऊंगा। यह अविरत उत्साह संपूर्ण स्वास्थ्य में रहने का आयाम है। संस्कृत में स्वास्थ्य के लिए शब्द है स्वस्ति, माने प्रबुद्ध व्यक्ति, जो स्वयं में स्थित है। स्वयं में बने रहने की पहली निशानी है उत्साह, जो हंस कर यह कह सके कि आज कोई काम नहीं बना। यह कह सकने के लिए तुम्हें ऐसी मानसिक स्थिति चाहिए, जो कि तनाव मुक्त और दबाव सिद्ध हो। जब तुम तनाव में होते हो, तब तुम्हारी भौहें चढ़ जाती हैं। जब तुम इस तरह त्योरी चढ़ाते हो, तब तुम चेहरे की 72 नसें और मांसपेशियां उपयोग में लाते हो, लेकिन जब तुम मुस्कराते हो तब उनमें से केवल 4 का उपयोग करते हो। अधिक कार्य का अर्थ है अधिक तनाव। तनाव तुम्हारी मुस्कान को भी गायब कर देता है। तुम्हारी बॉडी लैंग्वेज तुम्हारी मानसिक स्थिति और शारीरिक तंत्र की ऊर्जा का संकेत दे देती है। हम एक ऊर्जा के बादल में संपुटित हैं, जिसे चेतना कहते हैं। यह एक मोमबत्ती और बाती जैसा है। जब तुम मोमबत्ती पर माचिस की तीली लगाते हो, तो बाती पर ज्योत प्रकट होती है। जब उसे प्रज्वलित किया जाता है, तब ज्योति केवल उसकी चोटी पर टिमटिमाती है। इसी तरह हमारा शरीर मोमबत्ती की बाती की तरह है और इसके आसपास जो है वह चेतना है, जो हमें जीवित रखती है। तो हमें अपने मन और आत्मा का ध्यान रखना है। हमारे अस्तित्व के सात स्तर हैं। शरीर, श्वास, मन, बुद्धि, स्मृति, अहम और आत्मा। मन तुम्हारी चेतना में विचार और अनुभूति की समझ है, जो निरंतर बदलते रहते हैं। आत्मा हमारी अवस्था और अस्तित्व का सूक्ष्मतम पहलू है। मन और शरीर को जो जोड़ती है, वह हमारी सांस है। हमारा शरीर बदलाव से गुजरता है। वैसे ही मन, बुद्धि, समझ, धारणाएं, स्मृति, अहम भी। मगर ऐसा कुछ है तुम्हारे भीतर जो नहीं बदलता और उसे आत्मा कहते हैं, जो सब बदलावों का संदर्भ बिंदु है। आपके दिमाग पर बोझ का असरकम होगा तो उतनी ही चिंता और तनाव कम होगा। अगर आप भीतर से आनंद की अनुभूति नहीं करेंगे, तो जीवन में तनाव बना ही रहेगा। तनाव मुक्त होने के लिए पहला नियम है कि मुस्कराते रहो। हर कार्य को एक चुनौती समझ कर करना चाहिए।
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पाकिस्तान के कराची (Karachi, Pakistan) से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। कराची के गुलशन-ए-इकबाल (Gulshan-e-Iqbal) इलाके में एक 33 वर्षीय महिला को उसके शौहर ने अवैध संबंध बनाने से इनकार करने पर कड़ाही में उबालकर मार डाला। पुलिस के अनुसार, गुलशन-ए-इकबाल ब्लॉक नंबर 4 में स्थित एक स्कूल की रसोई की कड़ाही में महिला का शव मिला है।
पाकिस्तान टुडे के मुताबिक, जाँच में पाया कि शौहर आशिक अपनी बीवी नरगिस को अवैध संबंध बनाने के लिए मजबूर करता था। नरगिस ने उसकी बात मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद शौहर आशिक ने नरगिस की क्रूरतापूर्वक हत्या कर दी।
नरगिस की 15 वर्षीय बेटी ने पुलिस को घटना के बारे में सूचित किया, जिसके बाद वह घटनास्थल पर पहुँची। पूर्वी कराची के एसएसपी अब्दुर रहीम शेराजी भी इस घटना से हैरान हैं। उन्होंने बताया कि मृत महिला का शौहर आशिक स्कूल का चौकीदार है और अपने परिवार के साथ स्कूल के ही क्वार्टर में रहता है।
शेराजी ने बताया कि यह स्कूल बीते 8-9 महीने से बंद पड़ा है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपित चौकीदार अपने तीन बच्चों के साथ फरार हो गया है। पुलिस ने तीन अन्य बच्चों को हिरासत में लिया है।
शुरुआती जाँच और बच्चों के बयानों से पता चलता है कि आरोपित ने पहले अपनी बीवी को बुरी तरह मारा और फिर तकिए से मुँह दबाया। उसके बाद उसने अपने बच्चों के सामने कड़ाही में उबालकर मार डाला। इस दौरान महिला का एक पैर भी शरीर से अलग हो गया।
पुलिस के मुताबिक, आरोपित आशिक हुसैन के पास दो सिम कार्ड हैं। घटना को अंजाम देने के बाद उसने अपने दोनों सिम कार्ड बंद कर दिए हैं। जल्द ही आरोपित को ट्रेस करके उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
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राजस्थान में पिछले कई दिनों से रेप के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। यहां लड़कियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं दुष्कर्म के बढ़ते मामलों ने प्रदेश सरकार के सामने एक नई परेशानी पैदा कर दी है।
जयपुर। राजस्थान में पिछले कई दिनों से रेप के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। यहां लड़कियों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। वहीं दुष्कर्म के बढ़ते मामलों ने प्रदेश सरकार के सामने एक नई परेशानी पैदा कर दी है। इसी को लेकर विपक्षी पार्टी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इन प्रकरणों पर भाजपा नेता सरकार का पुरजोर विरोध करते नज़र आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया और उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सरीखे वरिष्ठ नेता सरकार को चौतरफा घेरने की कोशिश कर रहे हैं। बुधवार को बाड़मेर में नाबालिग किशोरी से बलात्कार का मामला सामने आने के बाद एक बार फिर भाजपा नेताओं ने सरकार के खिलाफ बयानी 'हल्ला बोल' किया है।
राजे ने एक बार फिर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाये हैं। खासतौर से प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से लगातार सामने आ रहे बलात्कार प्रकरणों पर उन्होंने चिंता ज़ाहिर की है। एक ताज़ा बयान में राजे ने बाड़मेर में किशोरी के साथ हुए बलात्कार की घटना का ज़िक्र करते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आज फिर बाड़मेर में 15 वर्ष की मासूम से दुष्कर्म. . ! ! प्रदेश के ऐसे हालात देखकर आने लगी शर्म. . ! ! कभी गैंग रेप, तो कभी नन्ही बच्चियों से ज़्यादती. . ! ! क्या ये ही है राजस्थान की त्रासदी. ! ! कुछ तो करो सरकार. . ! ! गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री राजे प्रदेश में किशोरियों-महिलाओं से बढ़ते बलात्कार मामलों में पिछले लगभग एक सप्ताह से ज्यादा मुखर हुई हैं। वे हर दिन बलात्कार मामलों को लेकर सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहीं हैं।
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आगरा। दीवानी से पेशी के दौरान भागे जिस बंदी को पुलिस शहर में तलाश कर रही थी, वह गोवा में गर्लफ्रेंड के साथ घूम रहा था। पुलिस ने दबाव बनाने के लिए परिजनों पर शिकंजा कसा, तो बंदी ने शुक्रवार को एक नेता के यहां समर्पण कर दिया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया है।
नैनाना जाट निवासी जीतू पुत्र ओमप्रकाश हत्या के मामले में जिला जेल में निरुद्ध था। वह 25 नवंबर को दीवानी से पुलिस को गच्चा देकर भाग निकला। गिनती के दौरान इसकी जानकारी हुई। पुलिस ने दबाव देने के लिए उसके माता-पिता को पकड़ा था। साथ ही पुलिस उसकी शहर में तलाश कर रही थी। जीतू ने शुक्रवार को एक नेता के यहां पर आकर समर्पण कर दिया। यहां से पुलिस उसे थाने ले गई। उसने बताया कि वह दादी से बहुत प्यार करता है। उसकी दादी की तबियत खराब थी। वह दादी को देखने के लिए भागा था, लेकिन घर पर दादी नहीं मिली तो वह अपनी गर्ल फ्रेंड को लेकर गोवा घूमने चला गया। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।
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मुंबईः देश के मशहूर बिजनेसमैन रतन टाटा ने इंस्टाग्राम पर अपनी जवानी के दिनों की एक फोटो शेयर की है। दरअसल, रतन टाटा ने लगभग 3 महीने पहले ही इंस्टाग्राम ज्वाइन किया है। उन्होंने यह तस्वीर #ThrowbackThursday के साथ शेयर की और अपने पुराने दिनों की एक झलक फॉलोअर्स को दिखाई। उन्होंने लिखा कि "लॉस एंजिल्स की यह तस्वीर भारत लौटने से कुछ समय पहले की है। " उनकी इस बेहतरीन फोटो को देखने के बाद अधिकतर लोगों ने यही कहा की "वो हॉलीवुड स्टार जैसे लग रहें है। " बात दें कि रतन टाटा अमेरिका में पढ़ाई और कुछ वक्त काम करने के बाद साल 1962 में भारत लौटे थे।
वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने लोकतंत्र सूचकांक में भारत के 10 स्थान लुढ़कने को लेकर आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार में लोकतांत्रिक संस्थाओं को शक्तिहीन किया गया है और सत्ता में बैठे लोग असली 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' हैं।
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कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि आंदोलन के एक साल पूरे होने के अवसर पर 26 नवंबर और इसके बाद देशभर में आंदोलन को व्यापक रूप से धार दी जाएगी. 29 नवंबर से इस संसद सत्र के अंत तक 500 चुनिंदा किसान शांतिपूर्वक और पूरे अनुशासन के साथ ट्रैक्टर से हर दिन संसद तक जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे मामलों में अपीलीय अदालतों के स्थगन आदेश पर भी चिंता ज़ाहिर की और कहा कि इससे सुनवाई की गति प्रभावित होती है.
दिल्ली हाईकोर्ट दो लोगों की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिन्हें कथित तौर पर अवैध रूप से हिरासत में लिया गया और दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों ने इस दौरान उन्हें बेरहमी से पीटा था. उनका यह भी आरोप है कि पुलिस की ज़्यादती को लेकर की गई उनकी शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई.
कोविड-19 के चलते दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा यमुना घाटों पर छठ पूजा करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. सोमवार को इस रोक के बावजूद भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा आईटीओ के पास एक घाट पर पार्टी कार्यकर्ताओं और पूर्वांचली समाज के लोगों के साथ पहुंचे और वहां पूजा की.
भाजपा के महासचिव पी. मुरलीधर राव ने मध्य प्रदेश की राजधानी भाजपा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जब कुछ वर्गों के लोगों की संख्या अधिक थी तो लोग कहते थे कि पार्टी उनकी है. जब पार्टी में ब्राह्मण होते हैं, तो आप उसे ब्राह्मण पार्टी कहते हैं, जब बनिया होते हैं तो उसे बनिया पार्टी कहते हैं.
भ्रष्टाचार संबंधी मामलों पर नज़र रखने वाले 'पीपुल राइट टू इनफॉरमेशन एंड डेवलपमेंट इम्पलीमेंटिंग सोसाइटी ऑफ मिज़ोरम' और वरिष्ठ नागरिक संघ 'मिज़ोरम उपा पाउल' ने 2009 में मुख्यमंत्री जोरमथांगा पर लोकसेवक के तौर पर अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.
मिज़ोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखते हुए से राज्य की नवनियुक्त मुख्य सचिव को बदलने की मांग की है. उनका कहना है कि मुख्य सचिव काम चलाने लायक भी मिज़ो भाषा नहीं जानती हैं और उनकी कैबिनेट के सदस्य हिंदी नहीं समझ पाते हैं और कुछ को अंग्रेज़ी में भी मुश्किल होती है.
कहा कि हम भारत सरकार से पेट्रोल और डीज़ल पर लगाए गए कुल उपकर को हटाने की मांग कर रहे हैं. यह संभव है और यह देश के हित के लिए है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल की कीमतों में बिना किसी बढ़ोतरी के केंद्र ने पेट्रोल-डीज़ल पर बेवजह सेस लगाया है, जिसका बोझ ग़रीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है.
भारतीय स्टेट बैंक की यह शाखा मुंबई के कुर्ला ईस्ट के नेहरू नगर में हैं, जो मुस्लिम बहुल इलाका है. सोशल मीडिया पर स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने के बाद बैंक ने शाखा परिसर में लगे इस नोटिस को हटा दिए जाने की बात कही और ट्वीट कर माफ़ी मांगी.
छत्तीसगढ़ के सुकमा ज़िले में केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की 50वीं बटालियन के एक शिविर में जवान रितेश रंजन ने अपने साथियों पर एके-47 राइफल से गोली चला दी थी, जिससे चार जवानों की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए. सीआरपीएफ ने कहा कि जवान कथित तौर पर तनाव से गुज़र रहा था.
पिछले सप्ताह केरल के वन विभाग द्वारा तमिलनाडु जल संसाधन विभाग को दी गई अनुमति को निरस्त करना उस आलोचना के मद्देनज़र आया है, जिसमें कहा जा रहा है कि इस क़दम से मौजूदा 126 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध के बदले एक नए बांध की केरल की मांग कमज़ोर हो जाएगी. केरल की मांग है कि एक नया बांध बनाया जाना चाहिए और तमिलनाडु कह रहा है कि एक नए बांध की आवश्यकता नहीं है.
मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित कमला नेहरू बाल चिकित्सालय (हमीदिया अस्पताल परिसर) की विशेष नवजात शिशु इकाई में सोमवार रात आग लग गई थी. यहां कुल 40 बच्चों को भर्ती किया गया था. इनमें से 36 बच्चों को अलग-अलग वार्डों में रखा गया है. प्रदेश सरकार ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 3,43,77,113 हो गए हैं और इस महामारी की चपेट में आकर अब तक 4,61,389 अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के बढ़कर 25 करोड़ के पार हो गए हैं और मृतक संख्या 50. 56 लाख से अधिक हो चुकी है.
इंडियन वूमंस प्रेस कोर ने त्रिपुरा में एक पत्रकार समेत कइयों पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किए जाने को लेकर राज्य पुलिस की आलोचना करते हुए इन्हें तत्काल वापस लिए जाने की मांग की है. एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि वह पत्रकारों के ख़िलाफ़ पुलिस की कार्रवाई से स्तब्ध है और यह राज्य सरकार द्वारा हिंसा को नियंत्रित करने में अपनी विफलता से ध्यान हटाने का एक प्रयास है.
फ्रांसीसी वेबसाइट मेदियापार के अनुसार, सीबीआई को 11 अक्टूबर 2018 को मॉरीशस के अटॉर्नी-जनरल के कार्यालय से कई दस्तावेज़ मिले थे, जिसमें 'फ़र्ज़ी बिल' भी शामिल थे. ऐसा जांच एजेंसी को रफाल मामले में भ्रष्टाचार से संबंधित आधिकारिक शिकायत मिलने के ठीक एक सप्ताह बाद हुआ था.
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बॉलीवुड इंडस्ट्री जितनी सीधी दिखाई देती है। उससे कई ज्यादा उसमें राज छिपे हैं। बॉलीवुड का हर राज समय के साथ बाहर आता है। कभी ना कभी तो स्टार्स भी इन राज को अपने अंदर दबाकर रखने में नाकामयाब साबित होते हैं और राज को उजागर कर ही देते हैं। ये राज कभी मी टू बनकर सामने आते हैं। तो कभी कोई अभिनेत्री कास्टिंग काउच का पर्दाफाश कर देती है। अब हाल ही में बॉलीवुड सिंगर नेहा कक्कड़ ने भी इंडस्ट्री से जुड़ा एक सच उजागर किया है।
बॉलीवुड सिंगर नेहा कक्कड़ हमेशा सुर्खियों में ही बनी रहती हैं। कभी अपने गानों की वजह से तो कभी किसी सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से। कभी अपनी शादी को लेकर तो कभी अपने ब्रेकअप को लेकर। अब हाल ही में नेहा कक्कड़ एक बार फिर से अपने एक बायन को लेकर चर्चा में आ गईं। नेहा ने अपने बयान में बॉलीवुड से जुड़ा एक राज कोला है। नेहा ने बताया है कि बॉलीवुड में सिंगर्स को गाने के पैसे नहीं मिलते हैं। बल्कि उन्हें अलग से अपनी कमाई करना पड़ती है।
दरअसल नेहा कक्कड़ ने हाल ही में एक न्यूज पोर्टल वेबसाइट को इंटरव्यू दिया है। अपने इंटरव्यू में नेहा ने ये राज खोला है। इंटरव्यू में नेहा ने कहा, 'बॉलीवुड हमें गाने के पैसे नहीं देती है। उन्हें लगता है कि अगर हम कोई सुपरहिट गाना दे रहे हैं तो हम शोज से ही पैसा कमा लेंगे। लाइव कॉन्सर्ट्स के जरिए मैं अच्छा खासा कमा लेती हूं लेकिन बॉलीवुड से नहीं। '
अब नेहा के इस खुलासे में कितनी सच्चाई है और कितनी नहीं ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। लेकिन ये बात तो सच है कि बॉलीवुड सिंगर्स जितने गाने बॉलीवुड में नहीं गाते उससे कहीं ज्यादा वो कॉन्सर्ट्स कर लेते हैं। और तो और कई ऐसे सिंगर्स भी हैं जो बॉलीवुड में इतना बड़ा नाम तो हासिल नहीं कर पाए। लेकिन कॉन्सर्ट्स के जरिए इन सिंगर्स ने अच्छा खासा नाम कमाया है और साथ ही पहचान भी बनाई है।
गौरतलब है कि इंडियन आइडल शो के दौरान नेहा शो के होस्ट आदित्य नारायण के साथ शादी को लेकर काफी चर्चाओं में आ गई थीं। हालांकि ये सबकुछ केवल एक मजाक था। जबकि शो के दौरान दोनों के परिवार के बीच भी बातचीत हो गई थी और तो और शादी की तरीख भी तय कर दी गई थी। जिससे फैन्स को लगने लगा था कि वाकई में नेहा और आदित्य शादी करने जा रहे हैं। हालांकि ऐसा कुछ हुआ नहीं जिससे नेहा के फैन्स काफी निराश हुए।
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IND vs WI 3rd T20I : भारत ने वेस्टइंडीज को तीन मैचों की टी20 सीरीज के आखिरी मैच में 17 रनों से हरा दिया है। इस जीत के साथ भारत ने तीन मैचों की सीरीज 3-0 से क्लीन स्वीप की। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 184 रन बनाए थे। इसके जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 20 ओवर में 9 विकेट खोकर 167 रन ही बना सकी। वेस्टइंडीज की ओर से निकोलस पूरन ने सर्वाधिक 61 रन बनाए। भारत की ओर से हर्षल पटेल ने तीन विकेट झटके।
भारत की ओर से सर्वाधिक सूर्यकुमार यादव ने 31 गेंद में 65 रन बनाए। पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारत की शुरुआत खराब रही। रुतुराज चार रन बनाकर पवेलियन लौट गए। जिसके बाद ईशान किशन और श्रेयस अय्यर ने दूसरे विकेट के लिए 36 गेंद में 53 रन की साझेदारी की। अय्यर 25 रन बनाकर आउट हुए। वहीं ईशान किशन तेज शुरुआत के बावजूद 31 गेंद में 34 रन बनाकर आउट हुए। कप्तान रोहित 15 गेंद में 7 रन बनाकर पवेलियन लौटे। वेंकटेश अय्यर ने 19 गेंद में नाबाद 35 रन बनाए।
India vs West Indies 3rd T20 Match ALL LIVE UPDATES:
LIVE UPDATES:
10. 48 PM: भारत ने वेस्टइंडीज को टी20 सीरीज में भी क्लीन स्वीप कर दिया है। तीसरे मैच में वेस्टइंडीज को 17 रन से हार का सामना करना पड़ा है।
10. 40 PM: वेस्टइंडीज को आखिरी ओवर में जीत के लिए 23 रन चाहिए।
10. 30 PM: शार्दुल ठाकुर ने फिफ्टी लगा चुके निकोलस पूरन को पवेलियन भेज दिया है। पूरन ने 47 गेंद में 61 रन बनाए। अपनी पारी में उन्होंने 8 चौके और एक छक्का लगाया।
10. 22 PM: निकोलस पूरन ने अर्धशतक पूरा कर लिया है। पहले और दूसरे मैच में भी उन्होंने फिफ्टी लगाया था।
10. 12 PM: रवि बिश्नोई ने अपने कोटे के 4 ओवर डाल दिए हैं। उनको मैच में कोई विकेट नहीं मिला। हालांकि ईशान ने बिश्नोई की गेंद पर पूरन का कैच टपकाया था।
10. 05 PM: हर्षल पटेल ने रोस्टन चेज को बोल्ड करके पवेलियन भेजा। चेज ने 7 गेंद में 12 रन बनाए।
9. 55 PM: पोलार्ड को आउट करने के बाद अपने अगले ओवर में वेंकटेश ने जेसन होल्डर का विकेट भी झटका। होल्डर 6 गेंद में दो रन बनाकर आउट हुए।
9. 46 PM: वेंकटेश अय्यर बल्लेबाजी में धमाल मचाने के बाद गेंदबाजी में भी कमाल कर रहे हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज के कप्तान कीरोन पोलार्ड का विकेट झटक लिया है। पोलार्ड 7 गेंद में 5 रन बनाकर आउट हुए।
9. 40 PM: रवि बिश्नोई के ओवर में भारत ने पोलार्ड के खिलाफ LBW के लिए रिव्यू लिया था, लेकिन गेंद स्टंप को मिस कर रही थी। जिस वजह से पोलार्ड बच गए। इस ओवर में 4 रन बने।
9. 32 PM: हर्षल पटेल ने भारत को तीसरी सफलता दिलाई है। शार्दुल ठाकुर ने रोवमन पॉवेल का शानदार कैच पकड़ा। पॉवेल 14 गेंद में 25 रन बनाकर आउट हुए।
9. 23 PM: शार्दुल ठाकुर अपने पहले ओवर में काफी महंगे साबित हुए हैं। विंडीज बल्लेबाजों ने उनके ओवर में 18 रन बटोरे।
9. 14 PM: तेज गेंदबाद दीपक चाहर चोटिल होकर मैदान से बाहर चले गए हैं।
9. 08 PM: दीपक चाहर ने टीम को दूसरी सफलता दिलाई है। उन्होंने शाई होप को पवेलियन भेजा। होप 4 गेंद में 8 रन बनाकर आउट हुए।
9. 02 PM: आवेश खान के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय ओवर अच्छा नहीं रहा। पूरन ने इस ओवर में दो चौके लगाए। आवेश के पहले ओवर में 11 रन बने।
8. 55 PM: दीपक चाहर ने मेयर्स को पवेलियन भेज दिया है। मेयर्स ओवर की तीसरी गेंद पर रिव्यू लेकर बच गए थे, लेकिन पांचवीं गेंद पर उन्हें चाहर ने कैच आउट करवाया। हालांकि फील्ड अंपायर ने आउट नहीं दिया था, जिसके बाद रोहित ने रिव्यू लेकर अंपायर का फैसला बदलवाया।
भारतीय पारी- 184/5 (20)
8. 37 PM: भारतीय बल्लेबाजों ने पारी के आखिरी ओवर में 21 रन निकाले। सूर्यकुमार ने इस ओवर में छक्के के साथ अपनी फिफ्टी पूरी की। वेंकटेश और सुर्यकुमार के बीच पांचवें विकेट के लिए 37 गेंद में 91 रन की साझेदारी हुई।
8. 34 PM: ड्रेक्स के तीसरे ओवर में भारतीय बल्लेबाजों ने कुल 21 रन बटोरे।
8. 29 PM: सूर्यकुमार और वेंकटेश के बीच पांचवें विकेट के लिए 60 रन से ज्यादा की साझेदारी हो चुकी है। कुमार फिफ्टी के करीब हैं।
8. 20 PM: शेफर्ड के ओवर में भी भारतीय बल्लेबाजों ने 17 रन बटोरे हैं।
8. 13 PM: वेंकटेश अय्यर और सूर्यकुमार यादव एक बार फिर अच्छी पारी खेल रहे हैं। अपने पहले ओवर में रोहित का विकेट लेने वाले ड्रेक्स दूसरे ओवर में काफी महंगे साबित हुए हैं। उन्होंने दूसरे ओवर में कुल 17 रन लुटाए।
8. 05 PM: वेस्टइंडीज ने वेंकटेश के खिलाफ रिव्यू लिया था, लेकिन टीम का रिव्यू बेकार गया। विंडीज ने LBW के लिए अपील की थी, लेकिन गेंद पहले ही बल्ले से टच हो गई थी।
8. 00 PM: ड्रेक्स ने अपने पहले ही ओवर में रोहित को पवेलियन भेज दिया है। डोमिनिक ड्रेक्स ने रोहित को बोल्ड आउट कर दिया है। कप्तान रोहित 15 गेंद में 7 रन बनाकर आउट हुए।
7. 55 PM: अय्यर और किशन के लगातार ओवरों में आउट होने के बाद रोहित और सूर्यकुमार ने पारी को संभाला है। वॉल्श के ओवर में सुर्यकुमार ने पारी का दूसरा छक्का लगाया।
7. 48 PM: सूर्यकुमार ने भारतीय पारी का पहला छक्का जड़ दिया है।
7. 41 PM: ईशान किशन को रोस्टन चेज ने बोल्ड कर दिया है। ईशान 31 गेंद में 34 रन बनाकर आउट हुए। उन्होंने अपनी पारी में 5 चौके लगाए।
7. 36 PM: श्रेयस अय्यर 16 गेंद में 25 रन बनाकर आउट हो गए हैं। उन्होंने अपनी पारी में 4 चौके लगाए। अय्यर के आउट होने के बाद रोहित शर्मा क्रीज पर आए हैं।
7. 32 PM: ईशान किशन और अय्यर के बीच दूसरे विकेट के लिए 32 गेंद में 50 रन की साझेदारी हो चुकी है।
7. 26 PM: हेडन वॉल्श के पास ईशान किशन को कॉट एंड बोल्ड करने का मौका था लेकिन उन्होंने गंवा दिया।
7. 22 PM: किशन और अय्यर ने पिछले दो ओवर में 5 चौके लगा दिए हैं। भारत ने पांच ओवर में 37 रन बना दिए हैं।
7. 20 PM: किशन के बाद श्रेयस अय्यर ने होल्डर के ओवर में लगातार गेंदों पर दो चौके लगाए।
7. 15 PM: ईशान किशन ने रोमारियो शेफर्ड के पहले ही ओवर में तीन चौके जड़ दिए हैं।
7. 11 PM: रुतुराज 4 रन बनाकर पवेलियन लौट गए हैं। गायकवाड को होल्डर ने मेयर्स के हाथों कैच आउट करवाया। वह 8 गेंद खेलकर पवेलियन लौटे। इस दौरान उन्होंने एक चौका लगाया।
7. 08 PM: रुतुराज गायकवाड़ ने चौके के साथ अपना खाता खोला है। भारत ने दो ओवर में 9 रन बना लिए हैं।
7. 04 PM: ईशान किशन और रुतुराज गायकवाड़ पारी की शुरुआत करने के लिए क्रीज पर आ चुके हैं। होल्डर के पहले ओवर की चौथी गेंद पर ईशान ने चौका लगाया।
6. 59 PM: ईडन गार्डन्स पर घंटी बजाकर मैच शुरू करने की परंपरा है, भारत के दिग्गज गेंदबाज अजीत आगरकर ने घंटी बजाकर मैच शुरू करने का ऐलान किया। दोनों टीमों के खिलाड़ियों ने पहली गेंद डलने से पहले ब्लैक लाइव्स मैटर अभियान का घुटने टेककर समर्थन किया।
6. 55 PM: पहले और दूसरे मैच में ईशान किशन और रोहित शर्मा की जोड़ी ने ओपनिंग की थी।
6. 50 PM: रोहित शर्मा ने टॉस के दौरान कहा है कि आज भारतीय पारी की शुरुआत रुतुराज गायकवाड़ और ईशान किशन करेंगे।
6. 35 PM: इस मैच में रुतुराज गायकवाड, श्रेयस अय्यर, शार्दुल ठाकुर और आवेश खान को मौका दिया गया है। रुतुराज गायकवाड ओपन करेंगे।
6. 32 PM: भारतीय टीम इस मैच में चार बदलाव के साथ उतरी है। विराट कोहली, भुवनेश्वर कुमार, युजवेंद्र चहल और ऋषभ पंत इस मैच में नहीं खेल रहे हैं।
6. 20 PM: तेज गेंदबाज आवेश खान तीसरे टी20 मैच में डेब्यू कर रहे हैं। उनको भुवनेश्वर कुमार ने भारतीय कैंप सौंपी है।
5. 40 PM: बीसीसीआई ने मैच से पहले ईडन गार्डन्स स्टेडियम की एक तस्वीर शेयर की है, जिसमें स्टेडियम पूरी तरह कवर से ढका हुआ है।
5. 30 PM: बल्लेबाजी की बात करें तो रोहित शर्मा, विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, ऋषभ पंत और वेंकटेश अय्यर बल्ले के साथ अच्छे दिख रहे हैं, हालांकि कोहली और पंत के बाहर होने से तीसरे मैच में श्रेयस अय्यर, रुतुराज गायकवाड़ और दीपक हुड्डा को मौका मिल सकता है। वहीं गेंदबाजी में शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, आवेश खान और कुलदीप यादव को मौका दिया जा सकता है।
5. 10 PM: पूर्व कप्तान विराट कोहली और मौजूदा उप कप्तान एवं विकेटकीपर ऋषभ पंत वेस्ट इंडीज के खिलाफ मौजूदा टी-20 सीरीज का तीसरा और आखिरी मैच नहीं खेलेंगे। आखरी टी-20 मैच के लिए आराम दिया है और दोनों को टीम के बायो-बबल से रिलीज कर दिया गया है।
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भोपालः मध्यप्रदेश में इन दिनों कोरोना का कहर बढ़ने लगा है। ऐसे में सभी को मास्क पहनने के लिए कहा जा रहा हैं। इसी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करने के लिए कहा जा रहा है। वैसे इन सभी के बीच कई नेता और विधायक हैं जो कोरोना महामारी के गंभीर समय में कोरोना नियमों में लापरवाही कर रहे हैं। इसी लिस्ट में शामिल हैं मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाह। हाल ही में वह बिना मास्क के नजर आए।
ऐसे में जब उनसे पूछा गया कि 'उन्होंने मास्क क्यों नहीं लगाया, उन्हें कोरोना संक्रमण हो सकता है। ' तो यह सुनकर उन्होंने बहुत ही अजीब और अटपटा बयान दे दिया। अपने बयान में उन्होंने कहा, 'मैं बाजरे की चार रोटियां खाता हूँ, इसीलिए मुझे कोरोना कैसे हो सकता है। ' यह बात कहकर वह अपनी लापरवाही को छिपाते नजर आए।
वैसे मध्य प्रदेश के इकलौते कांग्रेस के विधायक बैजनाथ कुशवाहा ही हैं जो हमेशा कोरोना नियमों में लापरवाही बरतते नजर आए हैं। इसके अलावा राज्य की विधानसभा के बाहर भी कई सांसदों को बिना मास्क के देखा गया। इस समय एक बार फिर से तेजी से फैल रहे कोरोना के मामलों के बीच यह लापरवाही बड़ी मुसीबत में डाल सकती है।
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रानू मंडल कुछ टाइम पहले सोशल मीडिया पर अपने गाने की वजह से वायरल हुई थीं. रानू लता मंगेशकर का गाना 'एक प्यार का नगमा है' गाकर फेमस हुई थीं. सोशल मीडिया की वजह से उनका गाना रातोंरात वायरल हो गया और वह इंटरनेट सेंसेशन बन गयीं. फेमस होने के बाद उन्हें कई रियलिटी शो में बुलाया गया और उन्हीं में से एक शो को हिमेश रेशमिया जज कर रहे थे. जब उन्होंने रानू का गाना सुना तो उन्होंने वादा किया कि वह उनके साथ जल्द ही गाना रिकॉर्ड करेंगे. ऐसे में हिमेश का एक विडियो भी काफी वायरल हुआ था जिसमें वह रानू के साथ गाना रिकॉर्ड कर रहे थे. रानू का गाना 'तेरी मेरी कहानी' काफी फेमस हुआ था.
लेकिन कहते हैं न सफलता को बहुत संभालकर रखना चाहिए वरना कब ये हाथों से फिसल जाए और कब आप राजा से रंक बन जाएं पता ही नहीं चलेगा. रानू मंडल स्टार तो बन गयी लेकिन शायद इस सफलता को पचा पाना उनके लिए मुश्किल हो गया है तभी वह कई बार मीडिया से दुर्व्यवहार करते हुए देखी जा चुकी हैं.
हाल ही में रानू मंडल के दो विडियो वायरल हुए थे जिनमें उनके बर्ताव को देख फैंस नाराज हो गए थे और उनकी ट्रोलिंग शुरू कर दी थी. वायरल हुए पहले विडियो में जहां वह मीडिया के सवालों को नजरंदाज़ करती दिखीं वही दूसरी विडियो में उन्होंने एक फैन को लताड़ दिया जो उनके साथ सेल्फी लेने की कोशिश कर रही थी.
अब ऐसे में एक बार फिर रानू मंडल का विडियो सामने आया है जिसे देख लोग उन्हें फिर से ट्रोल करने लगे हैं. इस बार रानू अपनी अंग्रेजी को लेकर ट्रोल हो रही हैं. बता दें, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ ये क्लिप रानू मंडल के इंटरव्यू का है. इंटरव्यू पत्रकारिता जगत की जानी-मानी पत्रकार बरखा दत्त ले रही हैं. आप देखेंगे कि विडियो में बरखा दत्त रानू मंडल से कहती हैं कि वह कोई गाना सुना दें.
यह कहकर बरखा रानू की तरफ माइक बढ़ा देती हैं. रानू कहती हैं कि, "मैंने हिमेश जी के साथ जो गाना गाया है वो गाऊं"? इस पर बरखा दत्त कहती हैं कि हां आप वही सुना दीजिये. लेकिन गाना गाने की जगह रानू माइक पकड़ कर सोच में पड़ जाती हैं और थोड़ी देर बाद अंग्रेजी में कहती हैं, "ओह माय गॉड आई फॉरगेट इट". दरअसल, वह कहना चाहती थीं कि वह गाना भूल गयी हैं. बस रानू का यही बर्ताव देखकर लोगों ने उनका मजाक बनाना शुरू कर दिया है.
लोग ये विडियो देखने के बाद तरह-तरह से रानू मंडल को ट्रोल करने लगे हैं. कुछ यूजर्स ने तो कहा वह ऐसे बात कर रही हैं जैसे न जाने कितने गाने गा चुकी हैं. वहीं कुछ की मानें तो अब रानू अपना मजाक बनवाकर ज्यादा सुर्खियां बटोर रही हैं. वहीं, एक ने तो कहा कि लगता है अब इसका करियर चौपट हो गया है. बता दें, इससे पहले रानू अपने मेकअप को लेकर ट्रोल हुई थीं. खैर, आप देखिये ट्रोलर्स के कुछ कमेंट्स.
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बैंक का नाम जेहन में आते ही याद आ जाता है अपना धन यानी बैंक, जिसमें धन जमा किया जाता है। परंतु पिहोवा में एक युवक ने ऐसा बैंक बनाया है, जहां धन नहीं केवल किताबे हैं। इस युवक ने किताबवाला बैंक के नाम से अपना बैंक बनाया, जो पुरानी किताबें लेकर अपने पास बैंक में रखता है तथा जो गरीब बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं, उन्हें वह किताबें दे देता है। किताब बैंक वालों के बारे जानकारी देते हुए सचिन मित्तल ने बताया कि कोरोना काल में माहौल बहुत ज्यादा खराब हो गया था। लोग घरों में दुबक गए थे, परंतु अनेक लोग एक-दूसरे की मदद करने लगे।
लोगों को मदद करते देख उसके मन में भी ख्याल आया कि वह भी किसी तरह लोगों की मदद करे। उसने विचार किया कि कोरोना का सबसे ज्यादा प्रभाव बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा। उसने बच्चों की मदद करने के लिए ही एक किताब बैंक शुरू कर दिया। उसके एक दोस्त ने उसे अपने पुराने घर में एक कमरा दे दिया। कमरे में दरी बिछाकर उसी में उसने अपना किताब बैंक शुरू कर दिया। उसके साथ सर्वेश्वर, अरुण मित्तल व विकास शर्मा युवक भी जुड़ गए। जैसे-जैसे उसने कार्य शुरू किया तो कुछ बच्चे उसके पास आए, जिन्होंने अपनी कक्षा के लिए उससे किताबें मांगी उसने बच्चों को वह किताबें दे दीं।
लोगों को जब इसकी भनक लगी तो उन्होंने उसको फोन करना शुरू कर दिया। कैथल, कुरुक्षेत्र, ढांड आदि से भी फोन आने लगे। वह अपने साथियों के साथ घर-घर जाने लगा तथा वहां से किताबें मिलने लगीं।
साल 2020 में जब उसने यह बैंक किताबवाला शुरू किया तो लगभग 125 बच्चों को उसने किताबें दीं। वर्ष 2021 में लगभग 600 बच्चे उससे जुड़ चुके थे तथा किताबें लेकर अपने क्लासों में जाने लगे थे। अब 3 अप्रैल को उसने हवन-यज्ञ करके वर्ष 2022 के लिए अपना कार्य फिर बैंक में शुरू किया। अब तक वह 200 बच्चों को किताबें दे चुके हैं, केवल किताबें ही नहीं अब वह कापी, पेन, स्कूल बैग भी देने लगे हैं। कैथल, लाडवा, थानेसर, शाहाबाद सहित अन्य शहरों से भी फोन आ रहे हैं कि इन शहरों में भी वह आकर किताब बैंक बनाएं। सचिन मित्तल ने बताया कि वह धीरे-धीरे प्रयास करेंगे ताकि पूरे हरियाणा में इस तरह के किताब बैंक बन सकें।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अंतरिक्ष से लिए गए इस चित्र में मकरान अरब सागर से लगी ज़मीन की अर्ध-रेगिस्तानी पट्टी है - यह दक्षिणी पाकिस्तान और ईरान में पड़ती है ग्वादर में मकरान का तटीय क्षेत्र मकरान तटीय राजमार्ग पर चलता ट्रक मकरान (फ़ारसीः, अंग्रेज़ीः Makran) पाकिस्तान के सिंध और बलोचिस्तान प्रान्तों के दक्षिणतम भाग में और ईरान के सिस्तान व बलोचिस्तान प्रान्त के दक्षिणतम भाग में अरब सागर से लगा एक शुष्क, अर्ध-रेगिस्तानी क्षेत्र है। इस इलाक़े से भारतीय उपमहाद्वीप और ईरान के बीच का एक महत्वपूर्ण मार्ग गुज़रता है जिस से कई तीर्थयात्री, खोजयात्री, व्यापारी और आक्रामक इन दोनों भूभागों के बीच आते-जाते थे। Mecran region in the Map of Persia by Bowen 1747 . सिस्तान और बलूचिस्तान ईरान का सबसे बड़ा प्रांत है जो देश के दक्षिण-पूर्वी छोर पर स्थित है। पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान की सीमा से लगे इस प्रांत के दो भाग हैं - उत्तरी सिस्तान जहाँ शिया आबादी बसती है और दक्षिणी बलूचिस्तान जहाँ बलोच लोग रहते हैं। इसकी राजधानी ज़ाहेदान है। यह ईरान के सबस विपन्न प्रांत है। इस प्रांत के उत्तरी भाग को सकिस्तान (शकों की भूमि) कहते थे औक दक्षिणी बलूचिस्तान पाकिस्तानी बलूचिस्तान का विस्तार है। हख़ामनी शासकों के बिसितून शिलालेख में बलूचिस्तान का ज़िक्र एक पूर्वी प्रांत के रूप में आता है। .
मकरान और सिस्तान और बलूचिस्तान आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बलोच लोग, हख़ामनी साम्राज्य, ईरान।
बलोच लोगों का भौगोलिक फैलाव (गुलाबी रंग में) पारम्परिक बलोच पोशाक में ओमान की एक बलोच लड़की पारम्परिक बलोच स्त्रियों के ज़ेवर बलोच, बलौच या बलूच दक्षिणपश्चिमी पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त और ईरान के सिस्तान व बलूचेस्तान प्रान्त में बसने वाली एक जाति है। यह बलोच भाषा बोलते हैं, जो ईरानी भाषा परिवार की एक सदस्य है और जिसमें अति-प्राचीन अवस्ताई भाषा की झलक मिलती है (जो स्वयं वैदिक संस्कृत की बड़ी क़रीबी भाषा मानी जाती है। बलोच लोग क़बीलों में संगठित हैं। वे पहाड़ी और रेगिस्तानी क्षेत्रों में रहते हैं और आसपास के समुदायों से बिलकुल भिन्न पहचान बनाए हुए हैं। एक ब्राहुई नामक समुदाय भी बलोच माना जाता है, हालांकि यह एक द्रविड़ भाषा परिवार की ब्राहुई नाम की भाषा बोलते हैं। सन् २००९ में बलोच लोगों की कुल जनसंख्या ९० लाख पर अनुमानित की गई थी।, Ethnologue.com., Ethnologue.com. Retrieved June 7, 2006., Library of Congress, Country Profile. Retrieved December 5, 2009. इसमें से लगभग ६०% पाकिस्तान के बलोचिस्तान प्रान्त में और २५% ईरान के सिस्तान व बलूचेस्तान प्रान्त में रहते हैं। पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रान्त के दक्षिणी भाग में भी बहुत से बलोच रहते हैं। अफ़्ग़ानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, ओमान, बहरीन, कुवैत और अफ़्रीका के कुछ भागों में भी बलोच मिलते हैं। बलोच लोग अधिकतर सुन्नी इस्लाम के अनुयायी होते हैं। ईरान में शियाओं की बहुतायत है, इसलिए वहाँ इनकी एक अलग धार्मिक पहचान है। .
अजमीढ़ साम्राज्य अपने चरम पर - ईसापूर्व सन् 500 के आसपास हख़ामनी वंश या अजमीढ़ साम्राज्य(अंग्रेज़ी तथा ग्रीक में एकेमेनिड, अजमीढ़ साम्राज्य (ईसापूर्व 550 - ईसापूर्व 330) प्राचीन ईरान (फ़ारस) का एक शासक वंश था। यह प्राचीन ईरान के ज्ञात इतिहास का पहला शासक वंश था जिसने आज के लगभग सम्पूर्ण ईरान पर अपनी प्रभुसत्ता हासिल की थी और इसके अलावा अपने चरमकाल में तो यह पश्मिम में यूनान से लेकर पूर्व में सिंधु नदी तक और उत्तर में कैस्पियन सागर से लेकर दक्षिण में अरब सागर तक फैल गया था। इतना बड़ा साम्राज्य इसके बाद बस सासानी शासक ही स्थापित कर पाए थे। इस वंश का पतन सिकन्दर के आक्रमण से सन ३३० ईसापूर्व में हुआ था, जिसके बाद इसके प्रदेशों पर यूनानी (मेसीडोन) प्रभुत्व स्थापित हो गया था। पश्चिम में इस साम्राज्य को मिस्र एवम बेबीलोन पर अधिकार, यूनान के साथ युद्ध तथा यहूदियों के मंदिर निर्माण में सहयोग के लिए याद किया जाता है। कुरोश तथा दारुश को इतिहास में महान की संज्ञा से भी संबोधित किया जाता है। इस वंश को आधुनिक फ़ारसी भाषा बोलने वाले ईरानियों की संस्कृति का आधार कहा जाता है। इस्लाम के पूर्व प्राचीन ईरान के इस साम्राज्य को ईरानी अपने गौरवशाली अतीत की तरह देखते हैं, जो अरबों द्वारा ईरान पर शासन और प्रभाव स्थापित करने से पूर्व था। आज भी ईरानी अपने नाम इस काल के शासकों के नाम पर रखते हैं जो मुस्लिम नाम नहीं माने जाते हैं। ज़रदोश्त के प्रभाव से पारसी धर्म के शाही रूप का प्रतीक भी इसी वंश को माना जाता है। तीसरी सदी में स्थापित सासानी वंश के शासकों ने अपना मूल हख़ामनी वंश को ही बताया था। .
ईरान (جمهوری اسلامی ايران, जम्हूरीए इस्लामीए ईरान) जंबुद्वीप (एशिया) के दक्षिण-पश्चिम खंड में स्थित देश है। इसे सन १९३५ तक फारस नाम से भी जाना जाता है। इसकी राजधानी तेहरान है और यह देश उत्तर-पूर्व में तुर्कमेनिस्तान, उत्तर में कैस्पियन सागर और अज़रबैजान, दक्षिण में फारस की खाड़ी, पश्चिम में इराक और तुर्की, पूर्व में अफ़ग़ानिस्तान तथा पाकिस्तान से घिरा है। यहां का प्रमुख धर्म इस्लाम है तथा यह क्षेत्र शिया बहुल है। प्राचीन काल में यह बड़े साम्राज्यों की भूमि रह चुका है। ईरान को १९७९ में इस्लामिक गणराज्य घोषित किया गया था। यहाँ के प्रमुख शहर तेहरान, इस्फ़हान, तबरेज़, मशहद इत्यादि हैं। राजधानी तेहरान में देश की १५ प्रतिशत जनता वास करती है। ईरान की अर्थव्यवस्था मुख्यतः तेल और प्राकृतिक गैस निर्यात पर निर्भर है। फ़ारसी यहाँ की मुख्य भाषा है। ईरान में फारसी, अजरबैजान, कुर्द और लूर सबसे महत्वपूर्ण जातीय समूह हैं .
मकरान 18 संबंध है और सिस्तान और बलूचिस्तान 6 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 12.50% है = 3 / (18 + 6)।
यह लेख मकरान और सिस्तान और बलूचिस्तान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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यदि आप कभी भी घोड़े की दौड़ देखने जा रहे हैं, तो यह शनिवार हैः यदि ब्रह्मांड में हर विकलांगता का मानना है, तो बिग ब्राउन 1 9 78 में पुष्टि के बाद से ट्रिपल क्राउन जीतने वाला पहला घोड़ा होगा।
इस शानदार प्रदर्शन से 100,000 से अधिक लोगों को बेलमोंट के विशाल ट्रैक, साथ ही साथ लाखों लोगों (5 पीएम ईटी, एबीसी) में एक राष्ट्रीय टेलीविजन दर्शकों को आकर्षित करने की उम्मीद है। और यदि बिग ब्राउन भीड़ से घिरा हुआ है, तो भीड़ से भारी गर्जना के माध्यम से, 2008 का आपका इलेक्ट्रिक स्पोर्टिंग पल है।
लेकिन यहां रगड़ हैः "रेस स्पष्ट होने पर पैसा बनाना मुश्किल है," डिक जेरार्डी, घोड़े के रेसिंग लेखक के लिए कहते हैं फिलाडेल्फिया डेली न्यूज और _XpressBet.com। यह जानकर कि बिग ब्राउन लगभग निश्चित रूप से जीतने का मतलब है कि उसकी बाधाएं डूब जाएंगी, और एक $ 2 शर्त विजेता के लिए $ 3 से कम भुगतान करेगी।
हालांकि, आपको शर्त लगानी पड़ेगी। जेरार्डी कहते हैं, "आप शर्त नहीं लगा सकते हैं।" "इसके खिलाफ एक नियम है। वे आपको बाहर निकाल देंगे।" कार्रवाई को छोड़ना कोई मजेदार नहीं है, या तो। यहां, जेरार्डी इस ऐतिहासिक दौड़ के दौरान प्रयास करने के लिए कुछ स्मार्ट मजदूरों की पेशकश करता है।
सबसे सुरक्षित शर्तः यह लगभग एक पूर्व निष्कर्ष निकाला गया है कि बिग ब्राउन जीतेंगे, और अधिकतर विशेषज्ञ दूसरे को खत्म करने के लिए एक जापानी गोल्ट, कैसीनो ड्राइव चुन रहे हैं। बिग ब्राउन को सीधे सट्टेबाजी करने के बजाय, जेरार्डी का कहना है कि एक सुरक्षित लेकिन कम भुगतान करने वाला दांव बीबी और सीडी का सटीक होगा। जेरार्डी का कहना है, "यह $ 2 या $ 8 के ऑर्डर पर $ 2 या $ 8 के ऑर्डर पर कुछ भुगतान करेगा।" "लेकिन अगर आप अपने जीवन के एक दिन के लिए मस्ती के लिए अपनी ज़िंदगी बनाने के लिए आ रहे हैं, तो यह शर्त है।"
तुम्हारा कॉलः टेलर तक चलो और कहें "5 के साथ 1, $ 2 सीधे। "
(टेंटेटिव) जुआरी के लिएः यदि आप कुछ उच्च हिस्सेदारी के लिए तैयार हैं, तो जेरार्डी दो पसंदीदा में से एक के खिलाफ शर्त लगाने के लिए कहती है। "अगर आप थोड़ी सी जुआ करना चाहते हैं, तो नाटक जीतने के लिए कैसीनो ड्राइव खेलने का खेल हो सकता है।" बाधाओं के आधार पर, एक कैसीनो ड्राइव जीत $ 2 शर्त पर $ 6 से $ 10 का भुगतान कर सकती है।
यदि आप पसंदीदा के साथ रहना चाहते हैं, हालांकि, जापानी घोड़े को लंबे शॉट के लिए छोड़ देंः "यदि आप बिग ब्राउन पर शर्त लगाने जा रहे हैं, तो उसे रेस [सटीक में] दौड़ में लंबे शॉट्स में से एक के साथ शर्त लगाएं," Jerardi। "अगर कैसीनो ड्राइव दूसरे भाग नहीं पाती है, तो कोई दूसरा रन चला सकता है।" दूसरी बार एक और घोड़े के साथ बिग ब्राउन के लिए एक जीत आकर्षक हो सकती हैः प्रीकनेस में $ 2 सटीक $ 36 का भुगतान किया।
तुम्हारा कॉलः कैसीनो ड्राइव को शर्त लगाने के लिए, उस टेलर को बताएं जिसे आप चाहते हैं "जीतने के लिए संख्या 5। " बिग ब्राउन को एक और घोड़े के साथ शर्त लगाने के लिए, उसे बताएं "1 [जो भी घोड़ा आप चुनते हैं] की संख्या, $ 2 सीधे। "
बड़े स्पेंडर के लिएः बिग ब्राउन और कैसीनो ड्राइव से परे अपनी शर्त बढ़ाने के लिए- और पहले दो घोड़ों से परे-शौकिया खिलाड़ी मूल रूप से दौड़ में हर घोड़े पर शर्त लगा सकते हैंः बीबी शर्त, फिर सीडी, और फिर घोड़ों के किसी भी अन्य संयोजन में तीसरे और चौथे स्थान पर सुपरफेक्टा (पहले चार फिनिशर्स पर एक शर्त) $ 42 खर्च होंगे, प्रत्येक संभावित खत्म पर $ 1 शर्त होगी (इस वर्ष के बेलमोंट में 9 घोड़े शामिल होंगे)। जेरार्डी का कहना है, "यह खेलने का एक तरीका है, लेकिन आप लंबे शॉट्स की उम्मीद कर रहे हैं।" इस वर्ष के केंटकी डर्बी के सुपरफेक्टा ने $ 2 शर्त के लिए 2 9, 000 डॉलर का भुगतान किया- लेकिन उस दौड़ में 20 घोड़े (अर्थात् लंबी बाधाओं और अधिक महंगे शर्त शामिल हैं।) लंबे शॉट्स में से कुछ चुनने के लिए बेहतर - अपने बेयर नंबर या ट्रेनर रिकॉर्ड्स का चयन करने के लिए बेहतर (रेसिंग फॉर्म उपयोगकर्ता की मार्गदर्शिका से लिंक करें) - और उम्मीद है कि वे बड़े बोपर्स के पीछे आ जाएंगे।
तुम्हारा कॉलः ट्राइफेक्टा में किसी अन्य घोड़े के साथ बिग ब्राउन और कैसीनो ड्राइव को शर्त लगाने के लिए, "5 के साथ 1 और कोई, $ 1। " बिग ब्राउन और कैसीनो ड्राइव को अपने चयन के अन्य घोड़ों के साथ शर्त लगाने के लिए, "1, 5, [आपकी तीसरी जगह पसंद की संख्या], [आपकी चौथी जगह पसंद की संख्या], $ 2 सुपर। "
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8 महीने के लंबे इंतजार के बाद चुनाव आयोग ने सिरसा की ऐलनाबाद विधानसभा सीट पर उपचुनाव करवाने की घोषणा कर दी है। कृषि कानूनों के विरोध में ऐलनाबाद से इनेलो पार्टी के इकलौते विधायक अभय सिंह चौटाला ने 27 जनवरी को पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से सीट खाली पड़ी थी। अब चुनाव आयोग इस सीट के लिए मतदान कराने जा रहा है।
शेड्यूल के अनुसार, 8 अक्टूबर तक विधायक पद चुनाव के लिए नॉमिनेशन फाइल किया जा सकेगा। इसके बाद 13 तक नाम वापस लिया जा सकेगा। 30 अक्टूबर को चुनाव होंगे और 2 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। बरौदा उपचुनाव के बाद ऐलनाबाद उपचुनाव किसान आंदोलन के बीच दूसरी बार सत्ताधारी दल भाजपा-जजपा गठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा है।
हालांकि बरौदा उपचुनाव में भाजपा-जजपा गठबंधन के संयुक्त उम्मीदवार योगेश्वर दत्त कांग्रेस प्रत्याशी इंद्रराज नरवाल के सामने हार गए थे। इसी तरह से ऐलनाबाद सीट पर भी जीत के लिए सत्ताधारी पार्टियों के लिए डगर कठिन रहने वाली है। इनेलो नेता ओमप्रकाश चौटाला और अभय चौटाला ऐलनाबाद सीट डर के कारण चुनाव नहीं करवाने का आरोप भाजपा पर लगाते रहे हैं।
ऐलनाबाद सीट पर लगातार कई सालों से इनेलो पार्टी का दबदबा रहा है। उपचुनाव समेत गत तीन विधानसभा चुनाव में अभय चौटाला लगातार जीत दर्ज करते आ रहे हैं। 2014 व 2019 में उनका सीधा मुकाबला भाजपा प्रत्याशी पवन बेनीवाल के साथ रहा है और दोनों बार वह करीबी मतों से चुनाव जीते हैं। इस बार उपचुनाव में हालात और समीकरण काफी बदले हुए हैं। लगातार दो बार प्रत्याशी रहे पवन बेनीवाल कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं, वहीं जजपा भी इस बार भाजपा के साथ सत्ता में गठबंधन में है। 2019 के चुनाव में पूरे हरियाणा में इनेलो सिर्फ एक ऐलनाबाद सीट पर ही दर्ज कर पाई थी। इस सीट पर अभय चौटाला को 57 हजार 55 वोट व भाजपा प्रत्याशी पवन बेनीवाल को 45 हजार 133 व कांग्रेस प्रत्याशी भरत सिंह बेनीवाल को 35 हजार 383 वोट मिले थे। जजपा प्रत्याशी ओपी सिहाग को मात्र 6569 वोट मिले थे।
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दिल्ली के लिए सबसे बड़ी चिंता क्रिस गेल के बल्ले को खामोश रखने की है। गेल का बल्ला इस समय जमकर रन उगल रहा है। गेल ने पिछले तीन मैचों में 63, नाबाद 104 और नाबाद 90 रन बनाए हैं।
दोनों टीमों ने आईपीएल में अब तक 21 मैच खेले हैं, जिसमें दिल्ली को 9 और पंजाब की टीम ने 12 मैचों में जीत हासिल की है।
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वह अपने पलके भी नहीं झपकता। लेकिन यह खूबसूरत लडकी एक डॉल है। जी हां,
इसे देखकर हर कोई जिंदा लडकी समझता है।
यह डॉल सोशल साइट्स पर काफी पॉपुलर है। एक नजर में कोई भी इसे जीती जागती लडकी समझ बैठता है। लेकिन जैसे ही इसके नजदीक जाकर देखने पर पता चलता है कि असल में एक ऐसी डॉल है, जो बात भी कर सकती है। इस तरह के डॉल्स प्लेजर के लिए बनाए जाते हैं।
आपको बता दें कि विदेशों में ऐसी डॉल्स के साथ शारीरिक संबंध बनाना काफी पसंद करते है। जिनका भरोसा धोखे के कारण इंसानों से उठ जाता है, वो इन सेक्स डॉल्स पर निर्भर करते हैं। इन डॉल्स की कीमत करीब तीन लाख अस्सी हजार रुपए तक होती है। अब तो इन डॉल्स के ऊपर स्किन भी लगाई जाती है, जिससे ये बिल्कुल असली दिखाई देते हैं।
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भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम मंगलयान ने मंगल ग्रह की पहली तस्वीर भेजी है.
इसरो ने मंगलयान के ट्विटर हैंडल @MarsOrbiter पर लिखा, "यहां नज़ारा ख़ूबसूरत है. "
मंगलयान बुधवार सुबह आठ बजे लाल ग्रह की कक्षा में स्थापित किया गया था.
अगले क़रीब छह महीनों तक ये उपग्रह मंगल ग्रह के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां और तस्वीरें उपलब्ध कराता रहेगा.
शुरुआती विफलताओं के बाद अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भी हाल ही में अपना उपग्रह, "मैवेन" मंगल की कक्षा में स्थापित किया है.
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मुझे क्यों मारा?
मुझे क्यों मारा?
राजीव अपनी पत्नी श्वेता और अपने ढाई साल के बेटे चिनमय (चीनू) के साथ गुड़गाँव में एक घर में रहता था। उनका एक ठीक-ठाक सा हँसता खेलता परिवार था। चीनू का अपने पापा से बहुत लगाव था, सो पापा से चिपक कर ही सोता था। एक रात अचानक राजीव को महसूस हुआ, जैसे कोई उसे जगाने की कोशिश कर रहा है। आँख खुली तो राजीव ने देखा कि चीनू उसके सीने पर चढ़ा हुआ है। चीनू की आँखें बहुत बड़ी हो गयी थीं और वो बहुत गंभीर लग रहा था। चीनू बहुत ही गंभीर और दुखी आवाज़ में बोला, "आपने मुझे क्यों मारा ?" और इतना कह कर रोने लगा। राजीव को लगा कि चीनू ने कोई सपना देख लिया है और डर गया है, उसने चीनू को अपने से चिपका लिया। थोड़ी देर में ही चीनू दोबारा सो गया। सुबह उठने पर सब कुछ सामान्य था, राजीव भी रात की बात भूल गया। एक हफ्ता ऐसे ही बीत गया। ठीक एक हफ्ते के बाद वही घटना दोबारा हुई। इस बार राजीव ने श्वेता को ये बात बताई। श्वेता इस बात से थोड़ी परेशान हो गई, क्योंकि उसका मानना था कि दो बार, एक जैसी घटना इत्तेफाक नहीं हो सकती। उसने चीनू से घुमा फिरा कर पूछा पर चीनू कुछ भी बता नहीं पाया, जैसे उसे कुछ याद ही नहीं था। खैर फिर हफ्ता बीत गया और कुछ नहीं हुआ। लेकिन ठीक एक हफ्ते के बाद वही घटना हुई। चीनू उठ कर बस यही पूछता कि आपने मुझे क्यों मारा और रोने लगता। अब राजीव और श्वेता को चिंता होने लगी, उन्होंने तय किया कि वो डाक्टर से बात करेंगे। दोनों चीनू को लेकर अपने पारिवारिक डाक्टर के पास गए। डाक्टर ने चीनू को देखा और सारी बात सुनी मगर उन्हें कोई परेशानी नहीं दिखी। डाक्टर ने दोनों को सलाह दी कि उन्हें किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ से बात करनी चाहिए क्योंकि चीनू की समस्या शारीरिक न होकर मानसिक लगती है। राजीव और श्वेता की चिंता और बढ़ गयी।
राजीव ने एक मानसिक रोग विशेषज्ञ का पता किया जो कि बच्चों के रोगों की विशेषज्ञ थीं। दोनों चीनू को लेकर उनके पास गए। डाक्टर बहुत ही अनुभवी और समझदार औरत थी। उन्होंने सारी बात सुनी, चीनू का चेकअप किया फिर राजीव और श्वेता को बाहर बैठने को बोला। दोनों बाहर आ गए और डाक्टर ने चीनू को एक खिलौना देकर अपने पास बैठा लिया और अपने तरीके से बात करनी शुरू की। लगभग एक घंटे के बाद डाक्टर ने दोनों को अंदर बुलाया और बैठने के लिए बोली। डाक्टर ने बहुत ही गंभीर आवाज़ में बताना शुरू किया, "राजीव जी मैंने आपके बेटे से बहुत सारी बातें करी और आप तो जानते ही होंगे कि 'हम' लोगों के अन्दर से वो बातें भी निकाल लेते हैं, जो वो होशो हवास में खुद भी नहीं जान पाते। बातों-बातों में, जो मैं चीनू से जान पाई, वो आपको बताना चाहती हूँ। हो सकता है आपको मेंरी बातें थोड़ी अजीब लगें पर ये सच हो सकता है। चीनू की बातों से लगता है कि उसका पुनर्जन्म हुआ है, और पिछले जन्म में उसकी मौत आकस्मिक और अप्राकृतिक रूप से हुई थी, तथा उसकी मौत के लिए किसी न किसी तरह से आप ज़िम्मेदार हैं। इसीलिए चीनू बार-बार आपसे कहता है कि 'आपने उसे क्यों मारा'। एक डाक्टर होने के नाते मेरे लिए भी इस पर विश्वास कर पाना कठिन है पर इसकी बातें यही इशारा कर रही हैं। आप याद करने की कोशिश कीजिए क्या कभी कोई ऐसी घटना हुई है आपके साथ, जिसमें आपकी वजह से किसी की मौत हुई हो?"
राजीव याद करने की कोशिश करता है, मगर उसे कुछ भी याद नहीं आता। तीनों घर आ जाते हैं पर राजीव के दिमाग में अभी भी डाक्टर की बात गूँज रही थी। रात में सोते समय राजीव फिर अपने दिमाग पर ज़ोर डालकर सोचता है, तब उसे याद आता है करीब 6 साल पहले जब उसने नई कार खरीदी थी। एक दिन वो देर रात ऑफिस से निकल कर घर जा रहा था कि तभी एक सूनसान जगह पर उसकी कार की टक्कर एक मोटरसाईकिल से हो गई। टक्कर की वजह से मोटरसाईकिल और उस पर सवार व्यक्ति दोनों सड़क के किनारे जा गिरे। एक तो नई कार ऊपर से सूनसान जगह, राजीव घबरा गया और कार नहीं रोकी। राजीव ने श्वेता को पूरी बात बताई, लेकिन ये भी कहा कि उसे बिलकुल नहीं पता कि वो आदमी बचा था या नहीं। दोनों ही इस बात को लेकर बहुत घबराए हुए और बेचैन थे। राजीव ने श्वेता से कहा कि वो उस आदमी के बारे में पता लगा कर रहेगा, क्योंकि उसे उम्मीद थी कि शायद वहाँ से चीनू के ठीक होने का कोई रास्ता मिल जाये। राजीव ने पता लगाना शुरू किया तो पता चला कि वो आदमी ज़्यादा चोट लगने के कारण वहीं मर गया था। मानेसर थाने में रिपोर्ट दर्ज हुई थी और उस आदमी की शिनाख्त हो गयी थी, पर कार वाले का पता न लगने के कारण केस बन्द हो गया। ये सारा ब्योरा और उस आदमी का नाम पता थाने में मौजूद था। राजीव ने जान पहचान निकाल कर उस आदमी का नाम और पता मालूम कर लिया। अब राजीव और श्वेता ने तय किया कि वो वहाँ जाऐंगे और पता करेंगे कि क्या हुआ था।
अगले दिन ही दोनों चीनू को लेकर उस पते पर पहुँच गए। घर की चौखट पर पहुँच कर राजीव ने चीनू की तरफ देखा, मगर चीनू बिलकुल सामान्य था। ये एक पुराना सा घर था राजीव ने धड़कते दिल के साथ घर का दरवाज़ा खटखटाया। थोड़ी देर के बाद, एक करीब 40 से 45 वर्ष की महिला ने दरवाज़ा खोला। राजीव ने बताया कि वो रहमत भाई (मृत व्यक्ति) का पुराना मित्र है और बहुत सालों के बाद शहर में वापस आया है और आने के बाद उसे रहमत भाई की मौत के बारे में पता लगा इसलिए उनके परिवार का हालचाल लेने आ गया। उस महिला ने बताया कि वो रहमत की पत्नी है और घर में उसके अलावा परिवार में उसके दो बेटे हैं और रहमत के बूढ़े अब्बू जो चल फिर नहीं सकते। बेटे अभी छोटे हैं इसलिए घर चलाने की ज़िम्मेदारी रहमत की पत्नी पर ही है।
राजीव और श्वेता को सब सुन कर बहुत दुःख हो रहा था, राजीव को ऐसा लग रहा था जैसे वो ही सबका ज़िम्मेदार है। सारी बातों के बीच में कई बार राजीव और श्वेता ने चीनू की तरफ देखा मगर चीनू की ओर से कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं दिखाई दी। थोड़ी देर के बाद उन्होंने उन लोगों से विदा ली और अपने घर की ओर चल दिए। रास्ते में श्वेता ने राजीव से पूछा कि उसने उन लोगों से चीनू के बारे में बात क्यों नहीं की। राजीव ने कहा कि चीनू की प्रतिक्रिया से ऐसा कहीं से भी महसूस नहीं होता कि वो उस घर को या वहाँ के लोगों को पहचानता है और पता नहीं सारी बात जानकर वो लोग क्या करते हैं। राजीव के हिसाब से उनको अभी थोड़ा और देख समझ कर कदम उठाना चाहिए। इस बीच एक बार फिर वही घटना हुई, चीनू ने राजीव को जगाया और कहा, "आपने मुझे क्यों मारा? " और रोने लगा, राजीव ने चीनू को अपने सीने से लगा लिया और बोला, "मैं आपको आपके घर लेकर गया पर आपने पहचाना ही नहीं।" चीनू ने बहुत ही अजीब तरह से राजीव को देखा और लगभग चिल्ला कर बोला, "नहीं वो मेंरा घर नहीं है।" और इतना कह कर वो और तेज फूट-फूट कर रो पड़ा। श्वेता जो अब तक सारी बात सुन रही थी बहुत ज़्यादा घबरा गयी। कुछ ही पलों में चीनू सो गया मगर राजीव और शवेता की नींद उड़ चुकी थी, दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें कहाँ जाएं ।
दोनों ने एक बार फिर मनोचिकित्सक से बात करने का सोचा, राजीव ने अगले दिन के लिए डाक्टर से मिलने का समय ले लिया। निश्चित समय पर दोनों चीनू को लेकर डाक्टर के पास पहुँचे। राजीव ने डाक्टर को अब तक जो भी हुआ सब बताया। सारी बातें सुनकर डाक्टर भी सोच में पड़ गई। उसने दोनों को बाहर बैठने को बोला और चीनू से बातें करनी शुरू की। धीरे-धीरे चीनू डाक्टर के सम्मोहन में आकर सारी बातें बताने लगा।
2 घंटे तक चीनू से बात करने के बाद डाक्टर ने राजीव और श्वेता को अंदर बुलाया। डाक्टर की आँखें नम थीं। डाक्टर ने शवेता की ओर देखकर पूछा, "श्वेता जी अगर आप बुरा न मानें तो मैं आपसे कुछ बहुत निजी सवाल करना चाहती हूँ।" श्वेता ने तुरंत जवाब दिया, "डाक्टर अगर यह मेंरे बेटे की बिमारी से सम्बन्धित है तो आप जो चाहें पूछ सकती हैं।" डाक्टर ने चीनू को नर्स के साथ दूसरी तरफ भेज दिया और श्वेता से बात शुरू की, "चीनू के जन्म से पहले भी आप एक बार गर्भवती हुई थीं मगर आपका गर्भपात हो गया था, क्या यह सच है।" श्वेता थोड़ी परेशान होकर बोली, "हाँ, मगर इस बात का चीनू से क्या सम्बन्ध है।" डाक्टर ने श्वेता की आँखों में देखते हुए बोला, "आपने गर्भपात क्यों कराया?" श्वेता कुछ नहीं बोली केवल राजीव की ओर देखने लगी। राजीव बोला, "डाक्टर, यह तब की बात है जब हमारी शादी को केवल एक साल हुआ था और हम परिवार को बढ़ाने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे इसलिए.." डाक्टर ने उसकी बात काटते हुए कहा, "क्या केवल यही वजह थी या कुछ और भी?" इतना सुनने के बाद श्वेता रोने लगी। डाक्टर ने बोलना शुरू किया, "मैं सच सुनना चाहती हूँ राजीव जी, आपके मुँह से।" राजीव के चेहरे पर बेचैनी और घबराहट थी उसने बोला, "दरअसल बात यह है कि हमें पता चल गया था कि वो लड़की है और मैं पहला बच्चा लड़का चाहता था इसलिऐ मैंने श्वेता को इस गर्भ को गिराने के लिए समझाया।" डाक्टर ने कहा "और इसलिए आपने अपनी ही बेटी की जन्म से पहले हत्या कर दी। आज वो आपके बेटे के रूप में आकर आपसे अपनी हत्या का जवाब माँग रही है। जी हाँ, चीनू आपकी उसी बेटी का पुनर्जन्म है। शर्म आनी चाहिए आपको, आप जैसे पढ़े लिखे लोग ऐसा करेंगे तो औरों को हम क्या समझाएंगे। जाइए अपनी बेटी से माफी मांगिए हो सकता है वो आपको माफ भी कर दे क्योकि बेटियाँ ऐसी ही होती हैं लेकिन मैं और ये समाज आपको कभी माफ नहीं करेगा।"
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ताजा शोध में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। मिट्टी में उगी इन सब्जियों में पलने वाला एक खतरनाक कीड़ा आपको मिरगी की बीमारी दे सकता है। पीजीआई चंडीगढ़ में मिरगी पर डाक्टरेट करने वाले फोरेंसिक लैबोरेटरी धर्मशाला के सहायक निदेशक डॉ. एसके पाल ने अपने शोध में यह दावा किया है।
शोध के दौरान पाया है कि मिट्टी में उगने वाली सब्जियों में टेमवोर्न नामक कीड़ा विकसित होता है। सब्जियों को मिट्टी से सीधा उखाड़ कर खाने या फिर अधपका खाने से यह कीड़ा सीधा शरीर में चला जाता है।
यह कीड़ा बाद में दिमाग में चला जाता है। इसके बाद मिरगी बीमारी व्यक्ति को जकड़ लेती है। रसायनिक खाद से पनपने वाला यह कीड़ा मिट्टी में ही होता है जो सब्जियों और पत्तों में अड़े देता है। इसे लोग नंगी आंखों से नहीं देख पाते।
डा. पॉल के अनुसार टेमवोर्न कीड़ा गाजर, मूली, शलगम, बंदगोभी, फूलगोभी और आलू में ज्यादा पाया जाता है। इस बीमारी से ग्रस्त मरीज पूरी नींद ले। पीडि़त व्यक्ति चमकता पानी और शीशा न देखे। इसके अलावा दिन भर भूखा न रहे।
इस बीमारी में दवाई लेने से मरीज की स्मरणशक्ति क्षीण होती है। पीजीआई चंडीगढ़ के पूर्व प्रोफेसर एवं न्यूरो सर्जन डॉ. अशीष पाठक ने बताया कि ऑपरेशन ही इस बीमारी का एकमात्र इलाज है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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FIFA World Cup 2022 Qatar: कतर जैसे अरब देश के लिए यह बड़ी बात है कि वह फीफा वर्ल्ड कप का आयोजन कर रहा है क्योंकि खेल की टॉप संस्था ने जब से 2010 में कतर को मेजबानी के अधिकार दिए हैं तब से लेकर अब तक इस देश में काफी उथल-पुथल हुई है।
लेकिन एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि कतर बिना फुटबॉल विरासत के इतना बड़ा आयोजन कैसे करेगा। लेकिन इस देश ने कोई कसर नहीं छोड़ी है क्योंकि आठ अत्याधुनिक स्टेडियमों का निर्माण किया गया है और उन्हें पहले से ही तैयार कर लिया है।
ये 8 स्टेडियम हैं- अल बेयट स्टेडियम, खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम, अल थुमामा स्टेडियम, अहमद बिन अली स्टेडियम, लुसैल स्टेडियम, स्टेडियम 974, एजुकेशन सिटी स्टेडियम और अल जानौब स्टेडियम। वे सभी कतर की राजधानी दोहा से 55 किलोमीटर या उससे कम की दूरी पर स्थित हैं।
दोहा, लुसैल, अल खोर, अल वाकराह और अल रेयान पांच शहर हैं जहां आठ स्टेडियम फैले हुए हैं।
अल बेयट स्टेडियम- 14 दिसंबर को सेमीफाइनल सहित आठ अन्य महत्वपूर्ण मैचों के साथ,20 नवंबर को कतर और इक्वाडोर के बीच मुख्य कार्यक्रम के उद्घाटन मैच की मेजबानी करेगा।
खलीफा इंटरनेशनल स्टेडियम- ये 1976 में बनाया गया था। यहां पहले एशियाई खेलों, अरेबियन गल्फ कप और एएफसी एशियन कप सहित महत्वपूर्ण इवेंट हो चुके हैं।
अहमद बिन अली स्टेडियम- 18 दिसंबर, 2020 को, स्टेडियम को आधिकारिक तौर पर 2020 आमिर कप फाइनल के साथ खोल दिया गया था। स्टेडियम में छह ग्रुप स्टेज गेम्स सहित सात विश्व कप खेल खेले जाएंगे।
अल थुमामा स्टेडियम- अल सद्द और अल रेयान के बीच आमिर कप फाइनल 22 अक्टूबर, 2021 को स्टेडियम के पहले आधिकारिक इवेंट के रूप में सम्पन्न हुआ।
लुसैल स्टेडियम स्टेडियम- इसकी क्षमता 80,000 दर्शकों की है, को कतर के सबसे बड़े टूर्नामेंट स्थल के रूप में जाना जाता है।
एजुकेशन सिटी स्टेडियम- 40,000 सीटों वाला एजुकेशन सिटी स्टेडियम 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान फ्रंट-लाइन हेल्थकेयर पेशेवरों को सम्मानित करने के लिए एक समारोह के लिए खोला गया था।
स्टेडियम 974- 30 नवंबर, 2021 को कतर में फीफा अरब कप के यूएई बनाम सीरिया खेल के दौरान, 40,000 सीटों वाले स्टेडियम ने अपनी शुरुआत की।
अल जानूब स्टेडियम- 22 नवंबर को फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया 40,000 सीटों वाले अल जनाब स्टेडियम में फीफा विश्व कप के उद्घाटन मैच में खेलेंगे।
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जम्मू। गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार के पटना में हो रही विपक्षी दलों के नेताओं की मीटिंग पर पर हमला बोला है। अमित शाह ने जम्मू के भगवती नगर इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी को हराने के लिए सारे विपक्ष एकजुट हैं।
2024 में भाजपा की 300 से ज्यादा सीटें आनी तय है और एक बार फिर नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने यह कहा है कि विपक्षी दलों के नेता चाहे जितने भी बैठकें कर लें, लेकिन वे एक साथ आने वाले नहीं हैं।
उन्होंने विपक्षी दलों के महामंथन पर तंज कसते हुए कहा कि पटना में आज एक फोटो सेशन चल रहा है। एक मंच पर सारे विपक्ष के नेता आ रहे हैं और वे संदेश देना चाहते हैं कि हम बीजेपी और पीएम नरेंद्र मोदी जी को चुनौती देंगे। मैं विपक्ष पार्टियों के नेताओं को कहना चाहता हूं कि चाहे कितने भी हाथ मिला लो, लेकिन आप एक साथ नहीं आ सकते हैं और आ भी गए तो 2024 में मोदी का 300 से ज्यादा सीटों के साथ आना तय है।
वडोदरा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के वडोदरा में नारी शक्ति वंदन-अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। प्रधानमंत्री ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर विपक्ष वास्तव में महिलाओं को लेकर चिंतित होता तो वह दशकों से महिलाओं को उनके अधिकरों से वंचित नहीं रखता।
पीएम मोदी ने नारी शक्ति वंदन-अभिनंदन कार्यक्रम में कहा कि ये वही लोग हैं, जिन्होंने महिलाओं के लिए शौचालयों के बारे में बात करने पर मेरा मजाक उड़ाया था। उन्होंने आगे कहा कि मैंने महिलाओं के लिए जनधन खातों की बात की, लेकिन इन्होंने उज्ज्वला योजना का भी मजाक उड़ाया।
पीएम ने तीन तलाक के मुद्दे पर भी विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से मुक्ति दिलाने की बात कर रही थी, लेकिन विपक्ष को अपनी राजनीतिक समीकरणों की चिंता थी।
विपक्ष को मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों की कोई चिंता नहीं थी। वह केवल अपने वोट बैंक को खोना नहीं चाहते थे। पीएम ने आगे कहा कि जब तीन तलाक के खिलाफ कानून लाया गया तो वह मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के लिए खड़े नहीं हुए।
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नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
Haryana Central University: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग विभाग द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग प्रौद्योगिकी के भविष्य के स्वरूप विषय पर आयोजित कार्यशाला में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग प्रौद्योगिकी के भविष्य के स्वरूप विषय पर केंद्रित रही कार्यशाला (Haryana Central University)
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग प्रौद्योगिकी का अध्ययन-अध्यापन व प्रशिक्षण बहुत कम स्थानों पर उपलब्ध है। ऐसे में जब हर क्षेत्र इस तकनीक का उपयोग कर रहा है तो इसमें उपलब्ध उज्ज्वल भविष्य को सहेज ही समझा जा सकता है। इसलिए इस क्षेत्र में प्रशिक्षित युवाओं के लिए भविष्य की अपार संभावनाएं उपलब्ध हैं। कार्यशाला में मुख्य वक्ता गुरू जम्भेश्वर विज्ञान व तकनीकी विश्वविद्यालय, हिसार के प्रो. अंजन कुमार बराल ने कहा कि इस क्षेत्र में नई तकनीक की मदद से बड़े बदलाव संभव हैं और इस तकनीक के सहारे ही पैकेजिंग के स्तर पर होने वाले वेस्ट को भी कम किया जा सकता है।
प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं (Haryana Central University)
फॉरच्यूनर पैकेजिंग प्रइवेट लिमिटेड के श्री नीरज शर्मा ने कहा कि प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग के क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं उपलब्ध है। इस कोर्स में अध्ययन के बाद नौकरी ही नहीं बल्कि स्वरोजगार भी बेहद फायदे का सौदा है। कार्यक्रम में शामिल स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टैक्नोलॉजी के अधिष्ठाता प्रो. फूल सिंह ने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए प्रिंटिंग एंड पैकेजिंग प्रौद्योगिकी विभाग के शिक्षकों का धन्यवाद किया और कहा कि अवश्य ही इस तरह के आयोजनों के माध्यम से विद्यार्थियों को भविष्य के लिए आवश्यक तैयारी हेतु विभिन्न बदलावों को जानने-समझने का अवसर मिलता है। कार्यशाला के आयोजन में विभाग के प्रभारी संदीप बूरा, सहायक आचार्य शम्मी मेहरा, अनिल कुंडू, तरूण सिंह व निशान सिंह ने महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की।
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रोहतक, 11 सितंबर (हप्र)
राज्य सरकार द्वारा हरियाणा मोटर वाहन नियम 1993 के नियम 67ए में संशोधन कर स्टेज कैरिज परमिट वाले वाहनों की अधिकतम आयु 15 वर्ष तक बढ़ा दी गई है। यह प्रावधान वाहनों की फिटनेस पर लागू होगा। इस कदम का उद्देश्य रोडवेज बसों की कमी को दूर करना है। संशोधन से पहले, हर बस को 8 साल बाद या 7 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद, जो भी पहले हो, कंडम घोषित कर दिया जाता था, चाहे उनकी फिटनेस अच्छी ही क्यों न हों। हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य कार्यालय सचिव जय कुमार दहिया का कहना है कि वर्तमान में, हरियाणा रोडवेज के रोहतक डिपो में कम से कम 20 ऐसी बसें हैं, जिन्हें 8 वर्ष पूरा होने के बाद कंडम घोषित किया गया है। हालांकि इन सभी बसों की फिटनेस अच्छी है। उम्र में वृद्धि ने अब अधिकारियों के लिए यात्रियों के लाभ के लिए इन सभी बसों को फिर से सड़क पर लाने का मार्ग प्रशस्त किया है।
रोहतक डिपो के महाप्रबंधक राहुल मित्तल ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है और आठ साल बाद भी सभी फिट बसों को हमेशा की तरह चलाना सुनिश्चित करेगा।
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आपके माध्यम से कहना चाहूंगा कि राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में कानून एवं व्यवस्था सुधारने के की बात की गयी है । अध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से पूरे सदन का ध्यान दिलाना चाहूंगा कि पिछले दिनों लंबे टाईम के बाद बड़ी मुश्किल से हरियाणा सरकार ने पुरूष कांस्टेबल की भर्ती निकाली थी । जोकि कई महीनों से माननीय कोर्ट में लटकी हुई हैं। सरकार अपनी ही बनाई नीति को कोर्ट में सही साबित नहीं कर पायी । भर्ती में जिन युवाओं का चयन हुआ था, वे कई महीनों से ज्वाइनिंग के इंतजार में बैठे हुए हैं। हरियाणा प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था का दिवालिया पिटा हुआ है। ऐसे में हरियाणा प्रदेश में नए पुलिस वालों की जरूरत है, लेकिन सरकार उस भर्ती को पूरी नहीं कर पा रही है। अगर महिलाओं की बात करें और खिलाड़ियों की बात करें तो पिछले दिनों पूरे देश ने देखा कि पूरी दुनिया में हरियाणा प्रदेश का नाम रोशन करने वाली हरियाणा प्रदेश की बेटियां जंतर-मंतर पर धरना दे रही थीं। उन्होंने एक सांसद पर शोषण के आरोप लगाए। इतना ही नहीं वो बाहुबली सांसद हरियाणा प्रदेश की बेटियों को रोज मीडिया के जरिए धमकी दे रहा था । लेकिन पूरा हरियाणा प्रदेश यह देखकर हैरान था कि बी. जे. पी. जे. जे. पी. की सरकार उस सांसद के खिलाफ एक शब्द तक नहीं बोली। अध्यक्ष महोदय, मैं पूरे सदन की भावना से आपको परिचित करवाना चाहता हूं कि उस सांसद को हरियाणा प्रदेश का सदन चेतावनी दे कि हमारी बेटियों की तरफ नजर उठाने की हिम्मत न करें। लेकिन हमारी सरकार उससे इतना क्यों डरी हुई है ? इसके बारे में पता नहीं क्या बात है? इस सरकार ने खिलाड़ियों से तो मानो दुश्मनी लगा रखी है। माननीय पूर्व मुख्यमंत्री श्री हुड्डा जी की सरकार ने खेल नीति लागू की थी तो उसमें हर विभाग में खेल कोटे का 3 प्रतिशत आरक्षण लागू किया था। लेकिन हरियाणा प्रदेश की बी.जे.पी.- जे.जे.पी. सरकार ने केवल 3 विभागों में ही 3 प्रतिशत कोटा छोड़कर बाकी विभागों में से
खेल कोटा ही खत्म कर दिया। क्या यह सरकार युवाओं को खिलाड़ी के स्थान पर नशेड़ी बनाना चाहती है? कांग्रेस सरकार की 'पदक लाओ - पद पाओ' खेल नीति से 750 प्लस खिलाड़ियों को नियुक्तियां मिली थी। लेकिन अब खिलाड़ियों से बड़े पदों पर नियुक्ति का अधिकार ही छीन लिया गया है। इस मोर्चे पर ये सरकार नाकाम है। सरकार किसानों को एम. एस. पी., खराबे का मुआवजा, वक्त पर खाद-बीज, युवा को रोजगार, बुजुर्गों को पैंशन, बच्चों को वजीफा, व्यापारी को राहत, नागरिक की सुरक्षा, स्कूल में टीचर्ज, दफ्तर में कर्मचारी, अस्पताल में डॉक्टर्ज, यहां तक की मरीज को जरूरत पड़ने पर दवाई और ऑक्सीजन भी नहीं दे पायी । यहीं बी.जे.पी. और जे. जे. पी. के 8 साल का रिपोर्ट कार्ड है। अध्यक्ष महोदय, आपने देखा कि कोविड-19 के समय पर ऑक्सीजन की बहुत ज्यादा कमी थी, लेकिन हॉस्पिटल्ज में ऑक्सीजन भी नहीं मिली। वर्ष 2014 से पहले हरियाणा प्रदेश प्रति व्यक्ति आय, प्रति व्यक्ति निवेश, रोजगार सृजन, खिलाड़ियों, किसानों, बुजुर्गों के सम्मान, खुशहाली और विकास में तमाम राज्यों के मुकाबले पहले पायदान पर था। लेकिन इस सरकार ने 8 साल में हरियाणा प्रदेश को बेरोजगारी, अपराध, नशा, भ्रष्टाचार, किसानों पर अत्याचार, खिलाड़ियों से भेदभाव और बदहाली में पहले नंबर पर पहुचा दिया है । अध्यक्ष महोदय, प्रदेश में आलम यह है कि आज बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक मौजूदा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं। अभी आपने देखा होगा कि पिछले दिनों आदमपुर के चुनाव में इस बात की बड़ी सुर्खियां बनी थी कि बच्चों को भी अपने स्कूलों को बचाने के लिए धरने पर बैठना पड़ा था । अध्यक्ष महोदय, युवाओं को भर्ती घोटाले के खिलाफ, रोजगार की मांग के लिए, खिलाड़ियों के खेल कोटा बचाने के लिए, किसानों को कभी एम. एस. पी., कभी मुआवजा तो कभी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ, व्यापारियों को जी.एस.टी., लॉकडाउन की अव्यवहारिक पाबंदी
के खिलाफ, राहत पैकेज की मांग को लेकर मजदूरों और कच्चे कर्मचारियों का रोजगार छीनने के खिलाफ, कर्मचारियों को कभी पुरानी पैंशन स्कीम लागू को लेकर, महिला और आम नागरिक को सुरक्षा की मांग को लेकर बार-बार सड़कों पर प्रदर्शन करने को मजबूर होना पड़ा है। (घंटी) अभी हमारे कर्मचारी पुरानी पैंशन की मांग कर रहे थे कि उन पर लाठियां बरसाई गई और जींद में सरपंचों पर लाठीचार्ज भी करवाया गया। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 परसैंट कोटा देने की बात कही गई थी लेकिन बड़ा दुख होता है कि सरकार द्वारा आज हरियाणा प्रदेश में महिलाओं पर भी लाठियां बरसाने का काम किया जा रहा है इसलिए मैं आपके माध्यम से पूरे सदन से निवेदन करना चाहूंगा कि हमारी महिलाओं पर लाठी चार्ज करने के लिए निंदनीय प्रस्ताव लेकर आयें। इस सरकार की उपलब्धि जनता के गले की फांस साबित हुई है। उदाहरण के लिए जिस परिवार के पहचान पत्र को सरकार उपलब्धि बता रही है, उसने बुढ़ापा पैंशन काटने का काम किया और पिछड़े वर्गों का आरक्षण खत्म करने के अलावा कोई काम नहीं किया ।
श्री राम कुमार कश्यप (इन्द्री) : अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने का मौका दिया, इसके लिए मैं आपका दिल की गहराईयों से धन्यवाद करता हूं। महामहिम ने अपने अभिभाषण में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं और उपलब्धियों का उल्लेख किया है। इनमें चाहे निरोगी हरियाणा स्कीम की बात हो या फिर चिरायु योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड बनाने की बात हो, चाहे प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात हो, चाहे कृषि और बागवानी को बढावा देने के लिए इसमें बजट को 4 गुणा बढाने की बात हो या फिर पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत और बी.सी.ए. वर्ग को 8 प्रतिशत आरक्षण देने की बात हो । इन सभी योजनाओं
के कारण हरियाणा में हर क्षेत्र में विकास हुआ है और सभी वर्गों को इन योजनाओं का बहुत लाभ हुआ है । अतः मैं महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करता हूं। अध्यक्ष महोदय, मैं इसी संदर्भ में मेरे हल्के की कुछ समस्याएं हैं जिनका उल्लेख करना जरूरी समझंगा । मेरे हल्के में गीढ से धापू तक 3 किलोमीटर का रास्ता है। यह हरियाणा को पंजाब से जोड़ने का काम करता है। तीन साल पहले यमुना पर कोई पुल नहीं था और पुल बनने के बाद इंटर स्टेट सड़क बन गई है। जिसके कारण आवागमन के साधन बढ़ गये जिससे सड़क की हालत बहुत ही खराब हो चुकी है और सड़क के नाम पर गड्ढे ही गड्ढे नजर आ रहे हैं । अध्यक्ष महोदय, मेरा आपके माध्यम से सरकार से निवेदन है कि जब हरियाणा और यू.पी. को यह रोड जोड़ने का काम करती है तो इसको निश्चित तौर पर जल्दी से जल्दी बनाने का काम किया जाये। दूसरा मेरे हल्के में लहसुन की खेती होती है इसलिए मेरा आपके माध्यम से सरकार से निवेदन है कि लहसुन की खेती को और बढ़ावा दिया जाये ताकि किसानों का उत्पादन बढ़ सके और उनकी आमदनी में बढ़ोतरी हो सके। इसके लिए लहसुन अनुसंधान केन्द्र खोलने का काम किया जाये। इसके अतिरिक्त मैं यह भी कहना चाहूंगा कि हरियाणा में पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए केश कला बोर्ड और माटी कला बोर्ड बनाया गया था परन्तु दो साल से इसका पुनर्गठन नहीं हुआ है इसलिए इन दोनों बोर्डों का गठन किया जाये ताकि पिछड़े वर्गों को इससे फायदा हो सके। इसके बाद मैं आपके माध्यम से कहना चाहूंगा कि हरियाणा में 150 लाख के करीब आर. एम. पी. डॉक्टर काम कर रहे हैं। इन्होंने करोना काल में भी लोगों के घर-घर जाकर प्राथमिक उपचार देने का काम किया था और उनको जागृत करने का भी काम किया था । अध्यक्ष महोदय, ये डॉक्टर्ज थोड़े से पैसों में गरीबों का इलाज कर देते हैं परन्तु इनको हर समय छापा पड़ने का डर सताता
रहता है जिसके कारण ये हर समय टैंशन में रहते हैं। मेरा आपके माध्यम से सरकार से निवेदन है कि सरकार इनको ट्रेनिंग देकर प्राथमिक उपचार की अनुमति देगी तो ये डॉक्टर्ज बहुत अच्छी तरह से और फ्री माइंड होकर गरीब जनता का भला कर पायेंगे। इसके अतिरिक्त मैं एक और बात कहना चाहूंगा कि सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं पर ई-टैंडरिंग लाने का जो काम किया है यह काम में पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है। मैं समझता हूं कि इससे भ्रष्टाचार से छुटकारा मिलेगा परन्तु मैं यह भी कहूंगा कि फिर भी अगर इसमें कहीं पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों की कोई समस्या है तो मेरा आपके माध्यम से सरकार से अनुरोध है कि मिल बैठकर इस समस्या का समाधान करें। मैंने यह बात कहनी थी। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।
श्रीमती शैली (नारायण्गढ़) : अध्यक्ष महोदय, आपने मुझे महामहिम राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर बोलने का समय दिया इसके लिए मैं आपका आभार प्रकट करती हूं। अध्यक्ष महोदय, मैंने महामहिम राज्यपाल का अभिभाषण सुना जिसमें सरकार ने महामहिम राज्यपाल के माध्यम से अपनी नाकामियों को छुपाया है। अध्यक्ष महोदय, सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। आज प्रदेश की जनता के सामने समस्याओं का अंबार लगा हुआ है। प्रदेश में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, अपराध, महंगाई तथा अत्याचार चरम पर है । अध्यक्ष महोदय, लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांग उठाने वाले लोगों पर सरकार लाठियां बरसा रही है। सरकार द्वारा पहले किसानों पर, फिर नौजवानों पर और उसके बाद पंचकुला के अन्दर कर्मचारियों और जीन्द में पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधि जिनमें महिला भी शामिल थीं पर लाठियां बरसाई गईं। अध्यक्ष महोदय, आज हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। सरकारी विभागों में करीब 2 लाख पद खाली पड़े हैं तथा तमाम गड़बड़ घोटाले और पेपर लीक के बीच जो इक्का-दुक्की भर्तियां होती हैं
उनमें भी हरियाणा की बजाय अन्य राज्य के लोगों का चयन हो जाता है। अध्यक्ष महोदय, हरियाणा के तमाम वर्गों के साथ आज कर्मचारी सड़क पर हैं। अगर कांग्रेस शासित राज्य अपने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दे सकते हैं तो हरियाणा सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती? अध्यक्ष महोदय, आज सरकार बड़े बड़े वादे करती है, बड़े-बड़े नारे देती है, 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' लेकिन आज हमारी बेटियों के साथ कितना अत्याचार हो रहा है। अगर हमारी बेटियां मंत्रियों के घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं तो कहां पर सुरक्षित होंगी ? अध्यक्ष महोदय, करनाल के अन्दर हमारी विधान सभा कमेटी गई थी तब वहां पर हमारी बेटियों ने कमेटी के सामने बताया । जब स्कूल तथा कॉलेजों में हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं तो कहां पर सुरक्षित होंगी ? अध्यक्ष महोदय, आपके माध्यम से मेरा सरकार से अनुरोध है कि ऐसा करने वाले लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि आगे आने वाले समय में लोग ऐसा करने से पहले 10 बार सोंचे । (इस समय उपाध्यक्ष महोदय पदासीन हुए) उपाध्यक्ष महोदय, आज हमारे किसानों की क्या हालत है बीजेपी सरकार ने चुनाव से पहले किसानों की आय दोगुनी करने का वायदा किया था लेकिन आज हमारे किसानों को किस तरह से सड़कों पर धरने पर बैठना पड़ रहा है। उपाध्यक्ष महोदय, मैं सदन के अन्दर बार-बार अपनी नारायणगढ़ मिल की मांग उठाती हूं कि आज भी हमारे किसानों की 100 करोड़ रुपये के करीब पेमैंट बकाया है। उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से सरकार से कहना चाहूंगी कि किसानों को उनकी बकाया पेमैंट जल्दी की जाए। उपाध्यक्ष महोदय, आज सड़कों की हालत क्या हो चुकी है ? आज पूरे हरियाणा की सड़कें टूटी पड़ी हैं। सदन में पहले तो मेरे सारे भाई सरकार की तारीफ करेंगे फिर बताएंगे कि हमारी सारी सड़कें टूटी पड़ी हैं। अगर सरकार इतना अच्छा काम ही कर रही है तो फिर चारों तरफ जो धरने-प्रदर्शन हो रहे हैं, ये क्यों किये जा रहे
हैं ? अगर सरकार इतना अच्छा काम करती तो ये लोग सड़कों पर क्यों बैठते। आज जनता गरीबी से त्रस्त हो चुकी है। उपाध्यक्ष महोदय, जब से हमारा देश आजाद हुआ है क्या आपने कभी आटे के ऊपर जी.एस.टी. देखी है लेकिन आज आटे पर भी जी.एस.टी. लगाई जा रही है और आटे को 20-25 रुपये किलो बेचा जा रहा है, गरीब आदमी अपना गुजारा कैसे करेगा । उपाध्यक्ष महोदय, मैं आपके माध्यम से सरकार से कहना चाहूंगी सरकार को महंगाई की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। आज स्कूलों के अन्दर टीचर्स नहीं है। हॉस्पिटलों के अन्दर डॉक्टर्स नहीं हैं और हमारे बच्चे नौकरी के लिए दूसरे देशों में जा रहे हैं तो कहां से डॉक्टर आएंगे। उपाध्यक्ष महोदय, सरकार हमारे प्रदेश के बच्चों को यहीं पर रोजगार दे। उपाध्यक्ष महोदय, अब मैं बुढ़ापा पैंशन पर बात करना चाहूंगी कि सरकार ने वादा किया था कि हम बुजुर्गों को 5100 रुपये पैंशन देंगे, आज उस वादे का क्या हुआ ? लोगों को पहले जो पैंशन मिलती थी वह भी काट ली गई। आज लोगों के राशन कार्ड काटे गये हैं, पैंशन काटी गई है। उपाध्यक्ष महोदय, आप गांवों में जाकर के देखें वहां ऐसे-ऐसे गरीब लोग, मेरी बहनें तथा बुजुर्ग लोग हैं जो कहते हैं कि हमारी पैंशन काट ली गई है। उनकी आय ज्यादा दिखाकर पैंशन काटी गई है। इस बात को सरकार ने भी माना है कि इसमें कुछ कमियां पाई गई हैं। इसलिए इन कमियों को जल्दी दूर किया जाए (घंटी) और जिनकी पैंशन काटी गई है उनकी पैंशन वापस से शुरू की जाए और जिनके राशन कार्ड काटे हैं उनके राशन कार्ड भी बनाए जाएं । उपाध्यक्ष महोदय, अंबाला से लेकर के काला अम्ब तक एक सड़क निकाली गई है उसमें मेरे हल्के के कुछ गांव आते हैं उनको बहुत कम मुआवजा दिया गया है अतः मेरा सरकार से अनुरोध है कि हमारे किसान आए दिन वहां धरने पर बैठते हैं और मांग करते हैं कि हमारा
मुआवजा बढ़ाया जाए। (घंटी) उपाध्यक्ष महोदय, मुझे अपनी बात रखने के लिए दो मिनट का समय और दिया जाए ।
श्री उपाध्यक्षः माननीय सदस्या, आपके बोलने का समय पूरा हो चुका है आप अपनी बाकी समस्याएं लिखकर के दे दीजिए वे रिकॉर्ड में आ जाएंगी। श्री जगदीश नायर (होडल) : उपाध्यक्ष महोदय जी, आपने मुझे महामहिम गवर्नर महोदय जी के अभिभाषण पर बोलने का समय दिया सबसे पहले मैं इसके लिए आपका धन्यवाद करता हूं। मैं इसके समर्थन में बोलना चाहूंगा। सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली, पानी, सिंचाई और सड़क इत्यादि के क्षेत्र में सराहनीय काम किया गया है। शिक्षा के मामले में हर विधान सभा क्षेत्र में जो कॉलेज खोलने का माननीय मुख्यमंत्री जी ने कार्य किया वह बहुत ही सराहनीय है। हैल्थ डिपार्टमैंट के तहत मैडीकल कॉलेज जिलेवाईज खोलने की घोषणा की गई। इसी प्रकार से हमारे विधान सभा क्षेत्रों के हॉस्पिटल्ज की दशा को सुधारने का सरकार ने जो कार्य किया वह भी बहुत ही सराहनीय है। रोजगार में पारदर्शिता लाकर नौकरियां देने का काम किया गया। प्रदेश में 24 घंटे बिजली देने के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए सरकार ने 5682 गांवों में आज 24 घंटे बिजली देने का काम किया है। हमारी सरकार की यह भी एक अनोखी मिसाल है। हर घर जल-नल योजना के तहत पानी की पाईप लाईन बिछाकर लोगों को पानी देने के लिए जो काम सरकार कर रही है वह भी काबिलेतारीफ है। हमारी सरकार के समय हरियाणा प्रदेश में जो सड़कों का जाल बिछाया गया है वह किसी से भी छिपा नहीं है। मैं
मानता हूं कि बरसात के बाद सड़कें टूट जाती हैं लेकिन आदरणीय मुख्यमंत्री महोदय जी ने प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र की सड़कों को ठीक करने के लिए 25-25 करोड़ रूपये की राशि दी है लेकिन इसके बाद भी माननीय मुख्यमंत्री महोदय जी कहते हैं कि कुछ और राशि सड़कों के नैटवर्क को और ज्यादा बेहतर बनाने के लिए दी जायेगी। मैं इसके लिए अपनी सरकार का बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं। उपाध्यक्ष जी, मैं इस मंच के माध्यम से अपनी सरकार से एक अनुरोध और करना चाहूंगा कि हमारे जो सरपंच धरने पर बैठे हैं वे हमारे छोटे भाई हैं। उनके साथ सलाह-मश्विरा करके सरकार उनके साथ समझौता करे। सफाई कर्मचारी पार्ट टाईम स्वीपर बेचारे लम्बे समय से 1996 के बाद से आज तक पक्के नहीं हुए। मेरी सरकार से यही प्रार्थना है कि हमारी सरकार इस मामले में भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करें। मेरी सरकार से प्रार्थना है होडल में क्लर्क मेरे से भी मिले थे। वे भी बेचारे धरने पर बैठे थे। उनकी भी तनख्वाह का कोई विषय था । मेरा सरकार से अनुरोध है कि सरकार उनके मामले पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार करे। इसके बाद मैं अपने विधान सभा क्षेत्र की बात कहना चाहूंगा। मेरे विधान सभा क्षेत्र की बृज चौरासी कोस की परिक्रमा है। यह एक बहुत ही अहम मुद्दा है। 100 गांवों की पंचायत मेरे विधान सभा क्षेत्र में हुई थी । वहां पर एक नया इशू और आ गया कि भारत सरकार ने बृज चौरासी कोस की परिक्रमा के विकास के लिए 9 हजार करोड़ रूपये दिये थे लेकिन इसमें से हमारे हरियाणा का दायरा कम करके यू.पी. का दायरा बढ़ा दिया गया है। मेरा
आपके माध्यम से सरकार से अनुरोध है कि उस दायरे को ज्यों की त्यों रखा जाये । इसी प्रकार से मेरी यह मांग है कि होडल और हसनपुर में एक बाई-पास की जरूरत है इसलिए इन दोनों जगहों पर नये बाई-पास बनाये जायें। बहडोली से रामगढ़, हसनपुर से बिडूकी, रामगढ़ से बिडूकी, बाहोली से रामगढ़, नवलगढ़ से काचीखेड़ा, बोराका से नवलगढ़ रोड, बोराका से बिछोर रोड और खामी से बिडुकी रोड ये कच्चे रोड हैं इसलिए इन रोडों पर काम करने की जरूरत है। इसके लिए मैं सरकार से अनुरोध करता हूं। वैसे सरकार ने मेरे विधान सभा क्षेत्र में 500 करोड़ रूपये दिया है यदि मैं वह लिस्ट पढूं तो बहुत समय लग जायेगा। मैं अपनी सरकार से मांग करता हूं कि पिंगौर ड्रेन पर तीन नये पुल बनाये जायें। बंचारी-गोच्छी ड्रेन पर माता शक्ति मंदिर के पास नया पुल बनाया जाये। बेंगलतू गांव में साईफन पर एक नया पुल बनाया जाये । खामी में एक गर्ल्स कॉलेज खोला जाये और सौंध में उच्च विद्यालय को 10 प्लस टू स्कूल का दर्जा दिया जाये। दिघौट में 10 प्लस टू स्कूल बनाया जाये। सराय गांव में आई.टी.आई. की जमीन हमारे पास पड़ी है। वहां पर आई.टी.आई. की बहुत सख्त जरूरत है। इसी प्रकार से हसनपुर में एक नर्सिंग कॉलेज की जरूरत है। यमुना नदी के पास मेरे विधान सभा क्षेत्र के लगभग 6-7 गांव पड़ते हैं वहां पर यमुना नदी में हॉल्ट लगाये जाने की बहुत सख्त जरूरत है क्योंकि जब यमुना नदी में बाढ़ आती है तो इन सभी गांवों में अफरा तफरी मच जाती है इसलिए वहां पर यमुना नदी में हॉल्ट लगाकर इनको सुरक्षा प्रदान करने की जरूरत है। उपाध्यक्ष
महोदय, हमारे कांग्रेस के साथी श्री इंदुराज जी ने माननीय मंत्री जी श्री संदीप
सिंह के बारे में कुछ टिप्पणी की थी। मैं हमारे कांग्रेस के साथियों को बताना
चाहता हूं
श्री इंदुराजः उपाध्यक्ष महोदय, मैंने जो बात कही थी वह सदन के सदस्य तथा मंत्री जी के बारे में कही थी । माननीय सदस्य उन लोगों के बारे में बात कर रहे हैं जो इस सदन के सदस्य नहीं हैं इसलिए इन बातों को रिकॉर्ड से निकलवा दिया जाये। (शोर एवं व्यवधान)
श्री उपाध्यक्षः माननीय सदस्य श्री जगदीश नायर जी ने उन व्यक्तियों का जिक्र किया है जो इस सदन के सदस्य नहीं हैं इसलिए वह रिकॉर्ड से निकाल दिया जाये। अब श्री अमरजीत ढांडा जी अपनी बात रखेंगे । (शोर एवं व्यवधान)
श्री अमरजीत ढांडा ( जुलाना): उपाध्यक्ष महोदय, आपने मुझे राज्यपाल महोदय के अभिभाषण पर बोलने के लिए समय दिया उसके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद । राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में 127 बिंदुओं पर फोकस किया गया है जो कि 36 बिरादरी के लिए लाभदायक हैं उसके लिए मैं माननीय मुख्यमंत्री जी को बधाई देना चाहता हूं। हमारे विपक्ष के साथी कह रहे थे कि सरकार कह रही थी कि वर्ष 2022 में किसान की आय दोगुनी कर देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मैं विपक्ष के साथियों को कहना चाहता हूं कि आज 4500 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से जीरी बिक रही है तो वह किसान की ही तो बिकी है। इसी प्रकार से विपक्ष के साथी सड़कों के
* चेयर के आदेशानुसार रिकॉर्ड से निकाल दिया गया ।
बारे में कह रहे थे कि सड़कें टूटी हुई हैं तो उनको मैं बताना चाहता हूं कि नैशनल हाईवे 152 - डी ऐसा हाईवे बना है जिसके कारण हम जीन्द से 2 घंटे में चण्डीगढ़ पहुंच जाते हैं । गोहाना से जीन्द का जो रोड बना है वह मेरे विधान सभा क्षेत्र जुलाना से हो कर गुजरता है और वह भी बहुत अच्छा रोड बना है। जीन्द के बारे में जिस प्रकार से हमारे साथी डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा जी बता रहे थे मैं भी बताना चाहूंगा कि आज जीन्द के अन्दर से 8 एन.एच. निकल रहे जिससे लोगों को फायदा हो रहा है। इनमें मुख्य रूप से हांसी से अम्बाला रोड है वह जीन्द से होकर गुजरता है। रोहतक से जीन्द रोड भी बना है वह भी मेरे विधान सभा क्षेत्र जुलाना से होकर गुजरता है । इसके अलावा जुलाना विधान सभा क्षेत्र की गांव से गांव को जोड़ने वाली 62 सड़कें ऐसी थी जो आज तक नहीं बनी थी वे सड़कें आज बन रही हैं। पहले जुलाना हल्का विपक्ष में रहता था इसलिए जुलाना हल्के की सड़कों को नहीं बनाया जाता था । जुलाना के चारों तरफ जीन्द, महम, रोहतक, गोहाना और बरोदा हल्के लगते हैं इसलिए जहां पर जुलाना हल्के की सीमा शुरू होती थी वहीं पर हमारी सड़कें बननी बंद हो जाती थी। आज पूरे हरियाणा प्रदेश में सड़कें बन रही हैं उसके लिए मैं सरकार को बधाई देता हूं। जहां तक किसान की बात है तो मेरे हल्के में बाढ़ की बहुत मार रहती थी लेकिन सरकार ने 300 करोड़ रुपये की लागत से पाइप लाइन बिछा कर बाढ़ के पानी की निकासी का उचित प्रबंध कर दिया है जिससे 36 बिरादरी खुश है। अब मेरे हल्के जुलाना में बाढ़ का प्रकोप समाप्त हो गया है तथा किसानों को अब बाढ़ से नुकसान नहीं होता है। बाढ़ का प्रकोप समाप्त होने के कारण आज जुलाना में किसानों के खेतों में 90-90 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जीरी का उत्पादन हो रहा है तथा किसान खुशहाल हो रहे हैं। खेतों में पानी न भरने के कारण आज गेहूं की फसल भी बहुत अच्छी लगी हुई है। उपाध्यक्ष
महोदय, अब मैं मेरे हल्के के खेल स्टेडियमों के बारे में अपनी बात रखना चाहूंगा। मेरे हल्के में जुलाना, हथवाला तथा बुआना में खेल स्टेडियम बन रहे हैं जिनका कुछ काम पैंडिंग है और उस पैंडिंग वर्क के ऐस्टीमेट्स मुख्यालय पर आए हुए हैं। मैं आपके माध्यम से सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि उनको यथाशीघ्र पूरा किया जाये तथा वहां तक पहुंचने के लिए रास्ते का भी इंतजाम किया जाये । इसी प्रकार से मेरे हल्के में एक रामराय गांव है जहां पर बच्चे तीर्थ स्थल के तालाब में तैराकी करते हैं इसलिए वहां पर एक स्विमिंग पूल बनाने के लिए मैं सरकार से अनुरोध करता हूं ताकि बच्चों को तैराकी करने की सुविधा मिल सके। अतः निवेदन है कि बजट से स्विमिंग पूल के लिए पैसा देने का काम किया जाये । उपाध्यक्ष महोदय, जुलाना में 72 गांव हैं, जिसमें से 38 गांव ऐसे हैं जहां पर फ्लड की बहुत ज्यादा मार पड़ती थी। यहां पर 34 गांव ऐसे है जहां पर नीचे का पानी अच्छा नहीं है। आदरणीय भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के समय में यहां पर बिरोही माइनर, करेला माइनर तथा रामकली सब माइनर के लिए तीन प्रपोजल चले हुए थे लेकिन पता नहीं किन कारणों की वजह से यह प्रपोजल अधूरे ही रह गए । अतः मैं सदन के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री जी तथा माननीय उप-मुख्यमंत्री जी से अनुरोध करता हूँ कि इन तीनो माइनरों से संबंधित स्कीम को दोबारा से शुरू किया जाये और इन तीनों माइनर के लिए बजट से पैसा देने का काम किया जाये। इससे किसान भी खुश हो जायेंगे और उनकी डबल आमदनी भी हो जायेगी। उपाध्यक्ष महोदय, सदन में माननीय मंत्री जे.पी. दलाल जी बैठे हुए हैं जिनके पास मार्केटिंग बोर्ड भी है, मैं उनके ध्यान में लाना चाहूंगा कि मेरे हल्के में मार्किट बोर्ड की तीन चार बड़ी सड़कें बनी हैं और 10 साल की समयावधि के होते हुए इनकी तो अब डी.एल.पी. भी खत्म हो गई है। इन सड़कों के नाम कुछ इस प्रकार से है जैसे फतेहगढ़ से लिजवाना कलां, देशखेड़ा से देवरढ़, नीडाना से ललित खेड़ा, रामकली
से करसोला, देवरड़ से मालवी वाया कमाच खेड़ा, शामलों खुर्द से रधाना, खरेंटी से उगालन, सुंदरपुर से सिवाहा, ढिगाना से नंदगढ और रामराय खेड़ा से रामगढ़ तक। ये सड़कें पहले अच्छी थी लेकिन बड़ा रोड बनाने की वजह से अब ये टूट चुकी हैं अतः इनको दोबारा से बनाने का काम किया जाये। उपाध्यक्ष महोदय, जुलाना हल्के में एक गतौली गांव है। वहां पर डिप्टी सी. एम. साहब, महिला कालेज की घोषणा करके आये थे। मेरा सदन के माध्यम से माननीय शिक्षा मंत्री जी से अनुरोध है यह कालेज मेरे इलाके मे देने की कृपा कर दी जाये । एक मेरा अनुरोध यह है कि सरपंचों की पावर 2 लाख रूपये से बढ़ाकर 20 लाख रूपये तक बढ़ाने का काम किया जाये।
श्री मेवा सिंह (लाडवा): उपाध्यक्ष महोदय, सरकार ने सदन में महामहिम राज्यपाल महोदय से बहुत लंबे-चौड़े भाषण के माध्यम से सरकार की उपलब्धियों का गुणगान कराने का काम किया है। सरकार की तरफ से बड़े लुभावने नारे दिए गए जैसे शासन कम-सुशासन ज्यादा, हरियाणा एक- हरियाणवी एक और सबका साथ-सबका विकास । उपाध्यक्ष महोदय, हरियाणा के लोग अपने सपनों को साकार करने के लिए बड़ी आशा के साथ आपकी तरफ देख रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा जो बड़ी-बड़ी बातें की जाती हैं, उनका असर धरातल पर कहीं नजर नहीं आता है। किसान कल्याण की बात की गई । आखिरकार किसान के लिए सरकार ने किया ही क्या है ? सरकार ने 2024 तक आमदनी दोगुनी करने का वायदा किया था लेकिन सरकार ने तो लागत को दोगुनी करने का काम किया है। आठ साल के अंदर सरकार ने महज पांच रूपये गन्ने का रेट बढ़ाने का काम किया जबकि कांग्रेस की सरकार में चौधरी भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने 193 रूपये तक भी गन्ने का रेट बढ़ाने का काम किया था। आज आलू के किसान के क्या हालात हो गए है, यह हम सब जानते हैं। मेरे हल्के में पिपली सब्जी मंडी आती है जोकि आलू की
बहुत बड़ी मंडी है। वहां पर आलू एक रूपया पर किलो के हिसाब से बिक रहा है। आज सरकार ने किसान की यह हालत कर दी है। राज्यपाल अभिभाषण में सिंचाई और जल संरक्षण की बात कही गई । उपाध्यक्ष जी, हमारे इलाके में दादुपूर नलवी नहर की सबसे बड़ी जरूरत थी । मैं सदन के माध्यम से एलान करता हूँ कि मुख्यमंत्री जी और इस सरकार का नाम काले अक्षरों में लिखा जायेगा जिसने एक खुदी - खुदाई नहर को काटने का काम किया । हमारा लाड़वा, थानेसर और यमुनानगर जिला एक तरह से डार्क जोन में आता है और यहां के लिए यह नहर किसी जीवन दायिनी से कम नहीं थी लेकिन सरकार ने इस नहर को जिस तरह से काटने का काम किया है, इसके लिए जनता इस सरकार को माफ नहीं करेगी। ग्रामीण विकास और पंचायत की बात करें तो पिछले दो साल तक तो सरकार ने पंचायतों के चुनाव तक नहीं करवाये थे और अब चुनाव करवाये भी हैं तो सरपंचों के हाथ बांध दिए गए हैं। तीन महीने से हर ब्लॉक में ताले लगा- लगाकर सरपंच, सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। अगर ऐसा ही करना था तो सरकार को पंचायत के चुनाव कराने की क्या जरूरत थी ? जब पिछले दो साल से पंचायत के अभाव में जे. ईज काम कर रहे थे तो आगे भी जे.ई से काम करवा लेते ? सरकार जे.ईज. पर तो विश्वास करती है लेकिन चुने हुए प्रतिनिधियों पर सरकार को कोई विश्वास नहीं है। अगर ऐसा ही करना था तो सरकार ने पंचायत चुनाव करवाकर आखिरकार लोगों को इस तरह से चुनावों में लुटवाने की क्या जरूरत थी ? क्यों लोगों को चुनाव में धकेला गया ? मेरी सरकार से मांग है कि सरपंचों पर विश्वास करते हुए उनकी 2 लाख रूपये की पावर को बढ़ाते हुए 25 लाख रूपये तक बढ़ाने का काम किया जाये । उपाध्यक्ष महोदय, मैं पंचायती राज सिस्टम में सरपंच, ब्लॉक समिति का मैम्बर, जिला परिषद का वाइस चेयरमैन तथा जिला परिषद के चेयरमैन जैसे पदों पर काम करके यहां एम.एल.ए. बनकर आया हूँ और
मैं जमीनी स्तर की भी पूरी जानकारी रखता हूँ । जे.ई. के पास असैसमैंट और एस्टिमेट्स की पावर होती है तो ऐसी सूरत में इसका फायदा उठाकर वे सरपंच को मजबूर करने का भी काम करते हैं। अगर कोई सरपंच ईमानदारी से काम करता है तो ऐसी स्थिति में जे.ई. उसकी असेसमैंट पूरी नहीं करता है। अगर सरपंच 10 लाख रूपये ईमानदारी के साथ विकास कार्यों पर खर्च करने की कोशिश करता है तो जे.ई. उसकी असैसमैंट 8 लाख रूपये कर देता है। अगर जे.ई. की सेवा-पानी होती रहती है तो असैसेमैंट को 12 लाख रूपये भी कर देता है। ऐसी परिस्थिति में इस तरह की व्यवस्था पर नकेल कसने की आवश्यकता है। यूं कहें कि सरकार को सरपंच की बजाय टैक्निकल विंग पर नकेल कसने की ज्यादा जरूरत है और सरपंचों पर विश्वास करते हुए उनकी फाइनेंशियल पावर्स को बढ़ाने का काम किया जाये। उपाध्यक्ष महोदय, मेरे पिपली हल्के में बस स्टैंड के प्रस्तावित निर्माण की बात कही गई है लेकिन पिछले 8 साल से माननीय मुख्यमंत्री की अनाउसमेंट में यह कार्य शामिल होने के बाद भी आज तक यहां पर एक ईंट तक भी लगाने का काम नहीं किया गया है और जैसी परिस्थिति चल रही है, उससे ऐसा लगता है कि आगे के दो साल में भी हमारे बस स्टैंड का कार्य प्रस्तावित ही रहेगा। सरकार द्वारा व्यायामशालाओं की बात कही गई और इसकी एवज में हजारों एकड पंचायत की जमीन को बर्बाद करने का काम किया गया और इस जमीन की चारदीवारी करके एक तरह से जमीन को घेर तो लिया गया लेकिन यहां पर न तो कहीं ग्राउंडमैंन है और न ही कहीं कोई कोच वगैरह है बल्कि यहां पर भेड़ें, बकरियां और आवारा बच्चे बैठे रहते है और ये आवारा बच्चे यहां बैठकर दारू, सिगरेट और बीडी पीते हैं । उपाध्यक्ष महोदय, सरस्वती नदी की बात की गई । आज कुरुक्षेत्र में पूरी सरस्वती नदी पर लोगों का कब्जा हो चुका है। लोगों ने कहीं चारदीवारियां कर ली हैं तो कहीं छोटे-छोटे
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दिल्ली के एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमण का इलाज करा रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री व भारतीय जनता पार्टी के नेता दिलीप गांधी का निधन हो गया।
69 वर्षीय गांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जहाजरानी मंत्री का कार्यभार संभाला। हाल में ही कोविड संक्रमित होने का पता चला था और इसके लिए उनका इलाज जारी था। BJP नेता ने अपने करियर की शुरुआत 80 के दशक में की थी। महाराष्ट्र के अहमदनगर से तीन बार उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की।
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सौरमंडल। यह अब तक खोजी गई अंतरिक्ष की सबसे बड़ी आकृति है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसके अंदर कई बड़े ब्लैकहोल हैं। जो कि तेजी से चलने वाले आवेषित कण हैं जो रेडियो तरंगों को इधर से उधर ले जा रहे हैं। अंतरिक्ष में अब तक की सबसे विशालकाय रेडियो गैलेक्सी (Radio galaxy) मिली है। यह हमारी आकाशगंगा से 100 गुना ज्यादा चौड़ी और सौरमंडल से 300 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर है। 'अल्सियोनियस' ('Alcionius') नामक रेडियो गैलेक्सी (Radio galaxy) अंतरिक्ष में पांच मेगापारसेक्स में फैली है।
इसकी लंबाई 1।63 करोड़ प्रकाश वर्ष है। यह अब तक खोजी गई अंतरिक्ष की सबसे बड़ी आकृति है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इसके अंदर कई बड़े ब्लैकहोल हैं। जो कि तेजी से चलने वाले आवेषित कण हैं जो रेडियो (Radio)तरंगों को इधर से उधर ले जा रहे हैं। 'एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स' ('Astronomy and Astrophysics') पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अल्सियोनियस ('Alcionius') से निकलने वाले जेट स्ट्रीम भी बहुत बड़े हैं। इसलिए इन्हें जायंट रेडियो गैलेक्सी (Radio galaxy)(जीआरजीएस) कहते हैं।
लिडेन यूनिवर्सिटी के शोधार्थी मार्टिन ओई (Martin Oi) ने अपनी टीम के साथ मिलकर इस खोज को अंजाम दिया है। टीम ने कहा कि इतनी बड़ी रेडियो गैलेक्सी (Radio galaxy) मिलने के बाद हमें लगता है कि अंतरिक्ष में अभी भी रहस्यों का पिटारा छिपा हुआ है। अब तक अंतरिक्ष के बारे में हमें बहुत कम ज्ञान है। फिलहाल हमारी टीम इसके विशाल आकार पर अध्ययन कर रही है।
'अल्सियोनियस' ('Alcionius') ग्रीक का एक शब्द है, जो हरक्यूलिस (ग्रीक का देवता) का सबसे बड़ा दुश्मन था। इसका शाब्दिक अर्थ विशालकाय पुठ्ठा होता है। यह 5।04 मेगापारसेक्स चौड़ा यानी हमारी आकाशगंगा की चौड़ाई से 100 गुना ज्यादा है। इस आकाशगंगा में इतने तारे हैं, जिनका वजन हमारे सूरज से अरबों गुना ज्यादा है। इसके अंदर मौजूद ब्लैकहोल 40 करोड़ सोलर मास के बराबर है। इसके अंदर मौजूद दबाव क्षेत्र इसे सबसे विशेष बनाता है। जो किसी रेडियो गैलेक्सी (Radio galaxy) के अंदर मौजूद सबसे गर्म इंटरगैलेक्टिक माध्यम है।
अब तक अंतरिक्ष में करीब एक हजार विशालकाय या जायंट रेडियो गैलेक्सी (Radio galaxy) (जीआरजीएस) का पता चला है। लेकिन इनमें से कोई भी तीन मेगापारसेक्स से ज्यादा नहीं थी। सिर्फ एक जे1420-0545 ही है, जो आकार में अल्सियोनियस ('Alcionius') से थोड़ा छोटा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अल्सियोनियस ('Alcionius') के आवेषित कणों (सुपर चार्ज्ड पार्टिकल) को सिंक्रोट्रॉन कहते हैं। जो गैलेक्सी (galaxy) के अंदर रेडियो (Radio) तरंगों के संचार को बनाते हैं। ये तरंगे पूरी आकाशगंगा में एक तरफ से दूसरी तरफ तक जाती हैं। वास्तव में ये रेडियो (Radio) जेट्स होती हैं, जो बिना किसी को पता चले एक जगह से दूसरी जगह लगभग प्रकाश की गति से चली जाती हैं।
जो रेडियो तरंगों को इधर से उधर ले जा रहे हैं। अंतरिक्ष में अब तक की सबसे विशालकाय रेडियो गैलेक्सी (Radio galaxy) मिली है। 'अल्सियोनियस' ('Alcionius') नामक रेडियो गैलेक्सी (Radio galaxy) अंतरिक्ष में पांच मेगापारसेक्स में फैली है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, अल्सियोनियस ('Alcionius') के आवेषित कणों (सुपर चार्ज्ड पार्टिकल) को सिंक्रोट्रॉन कहते हैं। जो गैलेक्सी (galaxy) के अंदर रेडियो (Radio) तरंगों के संचार को बनाते हैं। ये तरंगे पूरी आकाशगंगा में एक तरफ से दूसरी तरफ तक जाती हैं। वास्तव में ये रेडियो (Radio) जेट्स होती हैं,
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नदी किनारे जमीन पर कर रहे अतिक्रमण. (Photo Credit: News State Bihar Jharakhand)
Dhanbad:
झारखंड में भूमाफियाओं के हौसले इस कदर बुलंद है कि दिन के उजाले में किसी भी जमीन पर अतिक्रमण का गोरखधंधा शुरू कर देते हैं. अब इन भूमाफियाओं ने धनबाद खमाड़गोडा काको मोड़ के पास नदी किनारे की जमीन हथियाने की कोशिश में है और प्रशासन ने मानो आंखे बंद कर ली हो. माफियाओं पर कार्रवाई ना होने से परेशान ग्रामीणों ने अब आंदोलन की चेतावनी दे दी है. हालांकि परेशानी सिर्फ माफियाओं से नहीं है. आस-पास की फैक्ट्रीज भी नदी के पानी को गंदा करने में पीछे नहीं है. जिससे लोगों को पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है.
झारखंड में जल जंगल और जमीन की राजनीति करने वाले माननीयों को ना तो जल की चिंता है. . . ना जंगल की फिक्र और ना जमीन की कद्र. तभी तो प्रदेश में कानून को ताक पर रखकर माफिया धड़ल्ले से जंगलों की कटाई करते हैं. आम जनता दो बूंद पानी के लिए तरसती है और जमीन पर अतिक्रमण का खेल खत्म होने का नाम नहीं लेता है. धनबाद में एक बार फिर भूमाफियाओं ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की शुरूआत कर दी है.
धनबाद जिले के जमुवाटांड़ पंचायत में खमाड़गोडा काको मोड़ के पास कतरी नदी के तट की धड़ल्ले से मिट्टी डाल कर भराई की जा रही है. नदी के आस-पास लगे पेड़ों को काट कर नदी में ही डाल दिया जा रहा है. जिससे नदी का पानी भी गंदा हो रहा है. वहीं, नदी किनारे जमीन की भराई कर उसपर अतिक्रमण करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन दिन-दहाड़े माफियाओं के इस खेल को देख भी प्रशासन ने मानो आंखे बंद कर ली हो. दिन के उजाले में ये गोरखधंधा चलाया जा रहा है और माफियाओं पर कार्रवाई करने वाला कोई नहीं है.
काको से धनबाद गोल बिल्डिंग तक 8 लेन सड़क बनाने वाली कम्पनी त्रिवेणी कंट्रक्शन भी नदी के पानी को दूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. जिसके चलते आस-पास के ग्रामीण नदी के पानी का इस्तेमाल नहीं कर पाते. वहीं, नदी के आस-पास की जमीन पर अतिक्रमण करने का आरोप ग्रामीण पंचायत के एक जनप्रतिनिधि पर लगा रहे हैं. ग्रामीणों की मानें तो जमीन भराई का विरोध करने पर माफिया उनसे तू-तू-मैं-मैं करने लगते हैं. आरोपियों पर कार्रवाई ना होने से गुस्साए ग्रामीणों ने अब सड़क पर उतरकर आंदोलन की चेतावनी दे दी है. वहीं इसको लेकर बाघमारा अंचल अधिकारी का कहना है कि मामले संज्ञान में है. दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
हालांकि धनबाद में भूमाफियाओं के बुलंद हौसले का ये पहला उदाहरण नहीं है. जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ही माफियाओं पर कार्रवाई नहीं होती. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है. ऐसे में ग्रामीणों की शिकायत पर इस बार प्रशासन क्या एक्शन लेता है देखना दिलचस्प होगा.
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राजस्थान के बांसवाड़ा से बीजेपी विधायक जीतमल खांट पर अपने साथियों के साथ मिलकर टोल कर्मचारियों के साथ मारपीट करने का आरोप लगा है। आपको बता दे कि बांसवाड़ा जिले की गढ़ी विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक और पूर्व राज्यमंत्री जीतमल खांट का टोलकर्मी के साथ मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर इन दिनों वायरल हो रहा है।
इस वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि विधायक और उनके साथी टोल कर्मचारियों के साथ बदसलूकी और मारपीट कर रहे हैं। इतना ही नहीं विधायक जीतमल एक कर्मचारी को उंगली दिखाकर धमकाते हुए इस वीडियो में साफ देखे जा सकते हैं। फिलहाल इस मामले में कोई भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। ऐसा लगता है कि टोल कर्मचारी स्थानीय बीजेपी विधायक जीतमल के खिलाफ इसलिए शिकायत दर्ज नहीं कराना चाहते क्योंकि वे एक स्थानीय नेता के साथ दुश्मनी नहीं करना चाहते।
यह पहली घटना नहीं है जहां पर बीजेपी नेताओं द्वारा अपनी दबंगई दिखाते हुए टोल कर्मचारियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया गया है। राजस्थान में इस प्रकार की घटनाएं पहले भी सामने आई हैं लेकिन प्रदेश में कानून व्यवस्था लचर दिखाई पड़ती है। प्रदेश में इस प्रकार के बढ़ते मामलों पर राजे सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए।
वही , अभी इस घटना की टोलकर्मी की ओर से शिकायत नहीं आई है। पुलिस अधीक्षक कालूराम रावत ने बताया कि उनके पास शुक्रवार की इस तरह की कोई घटना सामने नहीं आई है। वीडियो में विधायक जी हरे रंग के कुर्ते में दिख रहे है। इस मामले पर अभी तक भाजपा एमएलए जीतमल खांट की ओर से किसी भी तरह का कोई बयान सामने नहीं आया है।
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इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी और जी किशन रेड्डी भी मौजूद थे। पंजाब के पर्यटन मंत्री हरजोत बैंस, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरमीत सिंह कालका भी इस अवसर पर मौजूद थे।
आयोजन स्थल पर मोदी के पहुंचते ही पूरे माहौल में उत्साह छा गया। इस दौरान उन्होंने सफेद कुर्ता, चूड़ीदार पजामा पहना हुआ था और सिर पर केसरिया रंग का वस्त्र धारण किया हुआ था।
प्रधानमंत्री ने गुरु ग्रंथ साहिब को तीन बार नमन किया और प्रार्थना की। बीचोंबीच फूलों से सजा एक भव्य मंच बनाया गया था जिसमें गुरु ग्रंथ सहिब को रखा गया था। इस स्टेज के अगल बगल दो और बड़े स्टेज बनाए गए थे, जहां 400 रागियों ने कीर्तन किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने जमीन पर बैठ कर कीर्तन सुना। उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत और अंत 'वाहे गुरुजी का खालसा, वाहे गुरुजी की फतेह" के साथ की।
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"स वक्तुमखिलाञ्शक्तो हयग्रीवाश्रितान्गुणान् । योऽम्बुकुम्मैः परिच्छेदं ज्ञातुं शक्तो महोदधेः ।।
हयग्रीव में रहने वाले गुणों को पूर्णतया वही कह सकता है जो जल के घड़ों के द्वारा ( घड़े भर-भरकर ) महासमुद्र के अंत को जानने में समर्थ हो ।"
इस पद्य को ध्वनिकार ने ( इष्टार्थ के निषेध के अभिव्यक्त होने के कारण ) जो 'क्षेप ध्वनि' का उदाहरण दिया है उसके विषय में अपने माने हुए ( निषेधाभासरूप ) आक्षेप की अभिव्यक्ति न होने के कारण "यह प्रक्षेप की ध्वनि का उदाहरण नहीं है" इस तरह बिना युक्ति के कहने वाले 'सर्वस्वकार परास्त हो जाते हैं, क्योंकि 'भारूप ही निषेध क्षेप है' यह कोई वेद की आज्ञा नहीं है । न प्राचीन प्राचार्यों की ही श्राज्ञा है और न इसमें कोई युक्ति ही है जिसके कारण ध्वनिकार के कथन की उपेक्षा करके कथन पर श्रद्धा करें। किंतु विपरीतता ( ध्वनिकार पर श्रद्धा पर)
ही उचित है, क्योंकि ध्वनिकारालंकारिकों की पद्धति के व्यवस्थापक हैं । इस शास्त्र ( साहित्य शास्त्र ) में 'आक्षेप' आदि शब्दों के संकेत का ग्राहक प्राचीन वचनों के अतिरिक्त अन्य कोई प्रमाण है भी नहीं । यदि ऐसा न मानो तो सर्वत्र विपर्यास होने लगेगा ।
"नरेन्द्रमौले ! न वयं राजसंदेशहारिणः । जगत्कुटुम्बिनस्तेऽद्य न शत्रुः कश्चिदीच्यते ।।
हे राजशिरोमणि, हम राजा के संदेशवाहक 'खुशामदिया' नहीं है। सब जगत् के कुटुम्बी आपका कोई शत्रु नहीं दिखाई देत। । "
इस पद्य को अलंकारसर्वस्वकार के मत से उदाहरण देकर कहा है कि "यहाँ संदेशवाहकों की उक्ति में 'हम संदेशवाहक नहीं हैं यह निषेध उत्पपन्न नहीं, अतः, संधिकाल के उचित कपट-वचनों को हटाकर यथार्थवादित्व में पर्यवसित हो जाता है और तब 'सब पृथ्वी के पालन-कर्चा आपके द्वारा कोई भी शत्रुभाव से देखने के योग्य नहीं हैं, किंतु सभी राजा लोग भृत्यभाव से रक्षा करने के योग्य है' इस विशेषता को प्राक्षिप्त करता है ।"
सो यह ठीक नहीं । कारण, आपने जो विशेष अर्थ बतलाया है वह निषेध से अभिव्यक्त नहीं होता, क्योंकि 'हम राजा के संदेशवाहक नहीं हैं' यह कह देने मात्र से 'तुम्हारे द्वारा कोई भी शत्रुभाव से देखने योग्य नहीं है, किंतु सभी राजा लोग भृत्यभाव से रक्षा करने योग्य हैं' यह विशेष अर्थ प्रतीत नहीं होता, अपितु 'जगत् के कुटुंबी " इत्यादिक उत्तरार्ध के प्रयोग करने पर वह विशेष अर्थ प्रतीत होता है, अतः यहीं पर उसे निषेध से श्राक्षित कहना अनुचित है, क्योंकि 'जो विशेष अर्थ केवल निषेध के सामर्थ्य से क्षित होता है उसी के विषय में निषेध श्राक्षिप्त करता है' यह कहना उचित है, न कि अन्य किसी वाक्य द्वारा प्रतीत हुए विशेष अर्थ को निषेध के द्वारा क्षिप्त कहना ।
देखिए, यहाँ पर राजा के संदेशवाहक द्वारा प्रयुक्त किए हुए 'हम राजा के संदेशवाहक नहीं है' इस वाक्य में अपने ( राजसंदेशवाहक ) में अपना ( राजसंदेशवाहकता का ) निषेध वाधित होने के कारण 'राजा के संदेशवाहक' इस पद से लक्षणा द्वारा राजा के संदेशवाहकों में रहने वाले 'कपटवचन के प्रयोगकर्तृत्व' आदि धर्मों
से युक्त श्रथं ( कैतववादी ) उपस्थित किया जाता है ( अर्थात् 'राजसंदेशवाहक' पद का लक्ष्य अर्थ है 'कैतववादित्व' ) और उसका प्रयोजन है 'कपटवचनप्रयोक्तृत्व का निषेध हो जाने पर अपने अंदर सत्यवक्तृत्व की अथवा अपने वचन के अंदर सत्यत्व की प्रतीति' । यही विशेष अर्थ का आक्षेप है ऐसी दशा में क्यों कहा जाता है कि 'आपके द्वारा कोई भी शत्रु भाव से देखने योग्य नहीं है....... इत्यादि निषेध सेक्षित है।
अब यदि कहा जाय कि पूर्वोक्त बाघ ( राजसंदेशहारी का राजसंदेशहारित्व के निषेध ) के कारण ही 'राजा' पद की शत्रु अर्थ में लक्षणा करके 'हम शत्रु के संदेशहारी नहीं हैं' इस तरह ( लक्ष्य रूप में) प्राप्त हुए अर्थ के द्वारा 'हमारे स्वामी शत्रु नहीं हैं इतना ही नहीं, किंतु भृत्यभाव से पालन करने योग्य है इस विशेष अर्थ की प्रतीति होती है । तो तृतीय कक्षा में आया हुआ 'हमारे स्वामी शत्रु ही नहीं है' यह निषेध 'क्षेप' होगा, न कि उसको उठानेवाला आपके द्वारा उक्त निषेध, जो इस निषेध का उत्थापक है।
किंतु यदि 'परंपरया यथाकथञ्चित् किसी विशेष अर्थ को उठाने वाला भी श्राक्षेप होता है' यह कहा जाय तथापि 'संधिकाल के उचित कपटवचन के परिहार द्वारा यथार्थवादिता में पर्यवसित होता हुआ..... " इत्यादिक आपके कथन की तो प्रसंगति ही रही, क्योंकि केवल यथार्थवादित्व के द्वारा श्राप का बताया हुआ विशेष अर्थ [क्षित नहीं हो सकता, किंतु उससे उत्तरार्द्ध द्वारा अर्थ का
परिपोषण मात्र होता है। इसलिए जहाँ तुमने निषेध का पर्यवसान बताया है वहीं विशेष अर्थ निषेध के द्वारा आक्षेप करने योग्य है, न कि अन्य कोई विशेष श्रर्य ।
लंकारसर्वस्वकारने जो यह लिखा है कि- |
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केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल 3 दिवसीय ऑस्ट्रेलिया यात्रा पर आज नई दिल्ली से रवाना हुए। उनकी यह यात्रा भारत और ऑस्ट्रेलिया द्वारा शनिवार 2 अप्रैल को आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ दिनों बाद ही शुरू हो रही है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान मैं ईसीटीए को जनता तक ले जाऊंगा। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारिक दिग्गजों, भारतीय छात्रों, प्रवासी भारतीयों आदि के साथ भी बातचीत करने की योजना बनाई गई है।
इस यात्रा के दौरान श्री गोयल ईसीटीए को आगे ले जाने के बारे में अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री श्री डैन तेहान, सांसद के साथ विस्तार से चर्चा करेंगे। ईसीटीए एक दशक से अधिक समय के बाद एक विकसित देश के साथ भारत का पहला व्यापार समझौता है जो दो देशों के बीच व्यापार को बेहतर बनाने के लिए एक संस्थागत तंत्र प्रदान करता है। श्री गोयल आज शाम ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री के विशेष व्यापार दूत श्री टोनी एबॉट के साथ भी बातचीत करेंगे।
श्री गोयल सांसद श्री जेसन वुड, सीमा शुल्क, सामुदायिक सुरक्षा और बहुसांस्कृतिक मामलों के सहायक मंत्री मंत्री, श्री एलेक्स हॉक, आप्रवासन और बहुसांस्कृतिक मामलों के मंत्री, श्री रोजर कुक, विधायक, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री तथा राज्य मंत्री विकास, रोजगार, व्यापार, पर्यटन, वाणिज्य तथा विज्ञान और सुश्री शेडो व्यापार मंत्री से भी मुलाकात करेंगे।
अपने व्यस्त कार्यक्रम के दौरान श्री गोयल कल मेलबर्न विश्वविद्यालय और ऑस्ट्रेलिया भारत संस्थान का दौरा करेंगे। वे मंत्री डैन तेहान और श्री एलन मायर्स, चांसलर मेलबर्न विश्वविद्यालय के साथ मेलबर्न लॉ स्कूल में सार्वजनिक वार्तालाप में भाग लेंगे।
श्री गोयल ऐतिहासिक मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड का भी दौरा करेंगे और भारतीय मीडिया के साथ बातचीत करने के अलावा, मंत्री डैन तेहान के साथ ऑस्ट्रेलिया-इंडिया चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड ऑस्ट्रेड को भी संबोधित करेंगे। वह बाद में मेलबर्न में शिव विष्णु मंदिर जाएंगे और भारतीय प्रवासियों के साथ एक सामुदायिक कार्यक्रम में भाग लेंगे।
श्री गोयल और मंत्री डैन तेहान 7 अप्रैल को सिडनी में न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करेंगे और विश्वविद्यालय परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। श्री गोयल बाद में भारत-ऑस्ट्रेलिया बिजनेस एंड कम्युनिटी अवार्ड्स (आईएबीसीए) द्वारा आयोजित इमर्जिंग डायस्पोरा बिजनेस लीडर्स रिसेप्शन को संबोधित करेंगे। इसके बाद श्री गोयल मंत्री डैन तेहान और मंत्री एलेक्स हॉक, आप्रवासन और बहुसांस्कृतिक मामलों के मंत्री के साथ सिडनी में स्वामीनारायण मंदिर में एक सामुदायिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। शुक्रवार 8 अप्रैल को सिडनी से रवाना होने से पहले श्री गोयल श्री क्वांटास एयरवेज के सीईओ और एमडी एलन जॉयस से भी मुलाकात करेंगे।
श्री गोयल ऑस्ट्रेलिया के कृषि उत्पादकों से भी मुलाकात करेंगे और पर्थ में उप-प्रधानमंत्री रोजर कुक तथा सुश्री मैडलिन किंग, शेडो व्यापार मंत्री के साथ बातचीत करेंगे। वे पर्थ के वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट ग्राउंड (डब्ल्यूएसीए) का दौरा करेंगे और भारतीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रेस वार्ता आयोजित करने के अलावा टूरिज्म वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया के साथ एक पर्यटन कार्यक्रम में भाग लेंगे। शुक्रवार शाम को श्री गोयल कम्युनिटी सेंटर इंडियन सोसाइटी ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (आईएसडब्ल्यूए) को संबोधित करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत ऑस्ट्रेलिया का 9वां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। इस ईसीटीए से अगले 5 वर्षों के दौरान द्विपक्षीय व्यापार को 27.5 बिलियन (2021) से लगभग दोगुना बढ़कर 45 से 50 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है। ईसीटीए से रोजगार के नए अवसर जुटाए जाने, जीवन स्तर ऊंचा करने और दोनों देशों के लोगों के समग्र कल्याण में वृद्धि होने की उम्मीद है। अगले 5 वर्षों में 10 लाख अतिरिक्त रोजगार सृजन होने का अनुमान है।
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साल 2020 में कोविड-19 महामारी की वजह से क्रिकेट के एक्शन पर लंबे वक्त तक पाबंदी लगी रही। मार्च से लेकर नवंबर तक भारतीय टीम ने कोई टेस्ट मैच नहीं खेला। मार्च से पहले टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड दौरे पर दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेली थी और इसके बाद दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के दो मुकाबले खेले।
भारत ने साल 2020 में कुल चार टेस्ट मैच खेले जिसमें टीम को साल के आखिरी टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत मिली और इससे पहले अन्य तीन टेस्ट मैचों में हार मिली थी। 2020 के शुरुआत में भारत ने न्यूजीलैंड दौरे पर दो मैचों की टेस्ट सीरीज विराट की कप्तानी में खेली जहां टीम को हार मिली तो वहीं दिसंबर में विराट की ही कप्तानी में कंगारू टीम के खिलाफ एडिलेड में भी टीम को हार का सामना करना पड़ा। यानी विराट की कप्तानी में इस साल टीम इंडिया एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत पाई। रहाणे ने अपनी कप्तानी में भारत को एकमात्र टेस्ट मैच में जीत दिलाई।
2020 के आखिरी टेस्ट में जब टीम इंडिया मेलबर्न में कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे की कप्तानी में मैदान पर उतरी तब उसने सफलता का स्वाद चखा। मेलबर्न टेस्ट मैच में रहाणे ने पहली पारी में 112 रन की पारी खेलकर टीम की जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी और 2020 में भारत की तरफ से टेस्ट में एकमात्र शतक लगाने वाले खिलाड़ी भी रहे।
भारत की तरफ से 2020 में अजिंक्य रहाणे ने टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाए। उन्होंने इस साल 4 टेस्ट मैचों में 272 रन बनाए और उनका औसत 38. 85 का रहा। इन मैचों में उन्होंने एक शतक लगाया और बेस्ट स्कोर 112 रन रहा। वहीं भारत की तरफ से इस साल टेस्ट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर चेतेश्वर पुजारा रहे। पुजारा ने 4 टेस्ट में 20. 37 की औसत से 163 रन बनाए और उनका बेस्ट स्कोर 54 रन रहा।
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भारतीय अनुशीक्षन
नरांताली ने शरांमा अन्तर मार बासा परसी; पाएर नई नह॒सी ।
तरह चालां वाली और यारह भम (ग)वाली (मन्यात चालाक है) अन्दर परदमा मार बैठेगी, चाहर
किसा का पता न दगा।
सैट्टीता मैटा ह, मंडी के इथनला ।
तरी है वा मरी है, मरी का हाथ न लगा ।
तेरा मेटा जाड, मंडो का त हाथी गर । मँडा मंडा नाइ, सु न पाड़ ।
तरी मरी बनी है (ता) मरा हुन पर हाथी चला।
तरी मरा अनवन है (ता) मग छत पर सुई मत गाढ !
धक सनिलीं ?
थूक फेंक कर निगली जाती है ?
थाड़ा ये ड्डा पने निम्म्मा मूल न वर्त्त ।
घाडा घाडा फान, पर निकम्मी हर्गिज्ञ न रहे ।
न्म हितों ने नित्त विमासी ।
प्राय पन हूँ ता नित वैशासा (है) । वैशासी या वैशास-मकान्ति पंजाय का मय म बडा त्योहार है, यह नववर्षारम्भ का दिन होता है।
दिल कि हावा सच्च, गली न नगी थी के नच्च ।
(सर) दिल म होवे सचाइ ता (भले ही) गन्नी में नगी हो कर नाच ।
लड्डू जरा खाव, पदनाव, जरा न खावं श्रावी पहनावे दिवो के लड्डू जा खाए पछताए जा न खावे सा भी पछताय ।
दुनियाँ रगचग्गी आई राजा ने कोई भगा । दुनिया रंग बिरंगा काई राजा ता काई भगा ।
दिखाण कण्ढ वलाई, चप्पर उक्खड़ थाइ ।
पढइ न पीठ फरी, चिपड उखड भाई ।
धन करेंदा कम्म, काला रात कं ।
धन काना (अँधियारी) रात म भो काम कर देता है 1
धाता किराड़, भुक्खा भियाइ ।
नहाया किराड, भूगा वघला (सा होता है) - हिन्दू का नहाने के बाद बड़ा भूख लगती है। |
मंदी की मार से आईटी क्षेत्र कर्मचारी भी हलकान हो रहे हैं।
अपनी लागत कम करने के मकसद से देश की दूसरी सबसे बड़ी आईटी सेवा प्रदाता कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज ने अनूठा तरीका निकाला है। उसने अपने कर्मचारियों को एक पत्र जारी कर कहा है कि कर्मचारी चाहें, तो एक साल तक अध्ययन, समाज सेवा या अन्य कार्यों के लिए अवकाश पर जा सकते हैं और इस दौरान कंपनी उन्हें कुल वेतन का 50 फीसदी का भुगतान करेगी।
ऐसा कर कंपनी जहां लागत कम करने का प्रयास कर रही है, वहीं कर्मचारियों की छंटनी से बचने का रास्ता तलाश रही है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2008 तक कंपनी के कुल कर्मचारियों की संख्या करीब 1 लाख पहुंच चुकी है।
कंपनी उन्हीं कर्मचारियों को इस ऑफर का लाभ देगी, जो पिछले दो साल से लगातार कंपनी के पे-रोल पर काम कर रहे हों, साथ ही इसका निर्णय इन्फोसिस के वरिष्ठ सदस्य करेंगे। कंपनी के सूत्रों का कहना है कि यह एक तरह से स्वैच्छिक अवकाश है, जिससे कर्मचारियों का तो भला होगा ही, कंपनी भी इससे लाभान्वित होगी।
सूत्रों का कहना है कि जो भी कर्मचारी स्वेच्छा से सामाजिक कार्यों के लिए इस अवकाश का लाभ उठाना चाहते हैं, उन्हें अवकाश की अवधि पूरी होने पर कंपनी में वापस लिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि कंपनी इस मामले में विचार कर रही है कि अवकाश पर गए कर्मचारियों को किस नियम के तहत वेतन या अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।
कंपनी की योजना है कि कुछ रकम वेतन मद में दिया जाए, जबकि शेष राशि स्वयं सेवी संगठनों में काम कर अर्जित किया जाए। इन्फोसिस के प्रवक्ता ने बताया कि इस योजना को दो माह पहले ही लागू किया गया है, जिसके तहत कोई भी कर्मचारी एक साल के लिए सामाजिक कार्यों के लिए अवकाश पर जा सकता है।
उन्होंने कहा कि सभी कर्मचारियों को इसके बारे में बता दिया गया है। हालांकि यह स्वैच्छिक अवकाश की तरह है। जब उनसे पूछा गया कि इस दौरान कर्मचारियों को कितना वेतन दिया जाएगा, तो उन्होंने बताया कि कंपनी कर्मचारियों के वेतन का 50 फीसदी का भुगातन करेगी, जबकि शेष रकम सामाजिक संगठनों में काम कर कर्मचारी कमा सकते हैं।
कंपनी के सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि कंपनी के चेयरमैन नारायण मूर्ति की यह इच्छा है कि समाज से जब हम लेते हैं, तो उसे कुछ देना भी हमारा कर्तव्य है। यही नहीं, कई कर्मचारी सामाजिक कार्यों के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ चुके हैं।
यही वजह है कि कंपनी ने इस की योजना की शुरुआत की है। कंपनी प्रवक्ता ने बताया कि ऐसे में उन लोगों को इस नए नियम से फायदा होगा, जो समाज सेवा करना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि वैश्विक वित्तीय संकट की वजह से उनके कई ग्राहकों का मुनाफा घटा है, जिनमें वित्तीय संस्थान, बैंक और दूरसंचार कंपनियां शामिल हैं। प्रमुख ब्रोकरेज हाउस सीएलएसए ने भविष्यवाणी की है कि वित्तीय संकट के कारण इन्फोसिस को तीसरी तिमाही में डॉलर मद में घाटा हो सकता है।
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ये बदलाव बहुत धीमा और इंतज़ार लंबा है. लेकिन सऊदी सफ़राजेट (महिला अधिकार के लिए आंदोलन करने वाली महिलाएं) के लिए स्थानीय चुनाव में मतदान भी जश्न मनाने का विषय है.
इस रूढ़िवादी देश में निगम चुनाव के 12 दिसंबर को होने वाले तीसरे चरण में, महिलाओं को भी पहली बार चुनाव लड़ने का मौक़ा मिला है.
हाएफ़ा अल-हबादी एक स्थानीय अख़बार में छपी अपनी तस्वीर दिखाती हुई कहती हैं, "हम इतिहास बना रहे हैं. "
ये तस्वीर उस दिन ली गई थी जिस दिन वह स्थानीय चुनाव मैदान में उतरने वाली पहली महिला बनी थीं. इसके ख़्याल से ही उनके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है और वह एक आंसू पोंछती हैं.
जब मैं इस ओर इशारा करती हूं कि अधिकतर देशों में मतदान का अधिकार बरसों पहले मिल गया है तो वह कहती हैं, "सऊदी अरब एक नया और छोटा देश है, मात्र 85 साल पुराना. हम वह पीढ़ी हैं जो बदलाव लाएंगी. "
लेकिन इस हालिया उपलब्धि पर प्रतिक्रियाएं ख़ामोश ही रही हैं. क़रीब तीन करोड़ की आबादी वाले देश के पांच लाख पंजीकृत मतदाताओं में महिलाओं की संख्या केवल 20 फ़ीसद है.
अल-नाहदा केंद्र में मुख्य परियोजना अधिकारी शेखा अल-सुदैरी कहती हैं, "यह पहला क़दम है. आप इसे इसलिए बेमतलब नहीं बता सकते क्योंकि यह परिपूर्ण (परफ़ेक्ट) नहीं है. "
अल-नाहदा में महिलाएं निदेशक मंडल से लेकर सफ़ाई कर्मचारियों तक की ज़िम्मदारी उठा रही हैं. देश में वे मतदान के सिद्धांतों और व्यवहार के बारे में महिलाओं और पुरुषों को बता रही हैं हालांकि उन्हें इसका अनुभव नहीं है.
सऊदी अरब के राजतंत्र होने के नाते सभी बदलाव, जिसमें महिलाओं के ये नए अधिकार भी शामिल हैं, राजाज्ञा से आते हैं.
वो कहती हैं, "हम लोग स्थानीय परिषदों के बारे में बात कर रहे हैं और इसका अर्थ पानी, सीवेज, कूड़े के प्रबंधन में अंतर कर दिखाने से है. इसलिए हम लोगों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि अपनी नागरिक ज़िम्मेदारी निभाकर वह फ़र्क़ ला सकते हैं. "
उनका चुनावी वीडियो एक रंगीन और चतुरताई से भरा कार्टून है जिसमें एक परिवार गाड़ी से एक सऊदी शहर से गुज़र रहा है और कूड़ेदानों से बाहर निकलते कूड़े और ट्रैफ़िक जाम की शिकायत कर रहा है और फिर वह बदलाव की ख़ूबसूरती के बारे में पुकार लगाते हैं.
अल-नाहदा की मुख्य कार्यकारी अधिकारी राशा अल-तुर्की कहती हैं, "प्रशिक्षण के लिए आने वालों की प्रतिक्रिया ख़ुश करने वाली है. "
वो कहती हैं, "शुरू में तो वह कुछ तुनकमिजाज़ से होते हैं. लेकिन अंत में वह इतने ऊर्जावान हो जाते हैं कि आप उनसे बिजली का कोई उपकरण लगा दें तो वह काम करने लगे. "
यह ऊर्जा अब भी सऊदी अरब की नई पीढ़ी की कंप्यूटर में दक्ष महिलाओं तक नहीं पहुंची है. पिछले राजा अब्दुल्लाह के शुरू किए गए वज़ीफ़ों के कार्यक्रमों की बदौलत अब विश्वविद्यालयों में महिलाएं पुरुषों से अधिक संख्या में हैं.
रियाद के प्रिंस सुल्ताऩ विश्वविद्यालय में महिला विभाग में वास्तुकला और शहरी डिज़ाइन पढ़ाने वालीं हाएफ़ा अल-हबादी कहती हैं, "मैं अपनी छात्राओं को कहती हूं कि मतदान ऐसी विलासिता है जो हम यहां नहीं पा सकतीं. "
वो कहती हैं, "हमारी पीढ़ी के लिए यह एक सपना था और उनके लिए, उन्हें कोई परवाह ही नहीं है. क्या आप इसकी कल्पना कर सकते हैं? "
राजधानी रियाद, जो जेद्दाह जैसे अन्य मुख्य शहरों के मुक़ाबले ज़्यादा परंपरावादी है, में मेरी मुलाक़ात ऐसी युवतियों से हुई जो बदलाव को लेकर आशंकित थीं.
कॉर्पोरेट गवर्नेस में सलाहकार के रूप में काम करने वाली 27 साल की सुल्ताना अहमद कहती हैं, "मुझे लगता है कि यह एक बड़ा क़दम है लेकिन मैं थोड़ा रुककर इसके परिणाम देखना चाहूंगी. "
जब मैंने उनसे पूछा कि वह किस बात से झिझक रही हैं, तो उनका जवाब था, "शायद असफलता का डर. मैं देखना चाहती हूं कि महिलाएं सचमुच कुछ कर दिखाती भी हैं. "
उनके साथ बैठी हुई, 29 साल की अधवा शाकेर इससे सहमति जताती हैं, "हम एक रूढ़िवादी मानसिकता वाले समाज में रहते हैं. हम अपने दादा की पीढ़ी और अपनी पीढ़ी के बीच एक मध्यममार्गी आधार तलाशने की और साथ मिलकर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं. "
एक विशिष्ट समाज में, जहां किसी मुद्दे पर वास्तव में जुड़ाव दरअसल सोशल मीडिया के ज़रिए ही होता है, बेचैनी के कई युवा स्वर भी हैं. सऊदी अरब में ट्विटर और यूट्यूब का सर्वाधिक प्रति व्यक्ति प्रयोग होता है.
लेखिका और मानवाधिकार कार्यकर्ता बारीअा अल-ज़ुबीदी कहती हैं, "लोग बदलाव से डरे हुए हैं. उन्हें लगता है कि हर बदलाव के बाद कुछ बुरा होगा. "
बारीअा 'महिलाओं गाड़ी चलाएं' अभियान से जुड़ी हुई थीं. ये इस रूढ़िवादी राज्यव्यवस्था में महिलाओं के अधिकारों की दुर्लभ सार्वजनिक अभिव्यक्ति थी.
सऊदी अरब दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां महिलाएं गाड़ी नहीं चला सकतीं. जिन दो महिलाओं ने इस प्रतिबंध का उल्लंघन किया था उन्हें 70 दिन जेल में रखने के बाद इसी साल कुछ समय पहले रिहा किया गया है.
बारीअा महिलाओं के मताधिकार पर कहती हैं, "उनकी कोशिश है कि हम छोटे मुद्दों पर ही सोचें, जैसे कि वह बड़े मामले हों. यह एक चाल है. "
महिलाओं के मतदान करने और चुनाव लड़ने से वह सार्वजनिक रूप से ज़्यादा नज़र आएंगी, हालांकि प्रचार के लिए महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग रखने के सख़्त नियम लागू हैं.
एक ऐसा सरंक्षण तंत्र जिसमें महिलाओं को शिक्षा से लेकर बाहर जाने तक, हर काम के लिए पुरुष की अनुमति की ज़रूरत पड़ती है, जटिलताएं और बढ़ा देता है.
लेकिन देखें तो महिलाओं की स्थिति में महत्वपूर्ण बदलाव मुख्यतः शाही आदेश और आर्थिक अनिवार्यता से ही आया है.
चारों ओर मौजूद किसी शॉपिंग मॉल में से किसी एक महंगे ब्रांड वाले मॉल में घुस जाइए आपको काले चोगों- एबाया- और स्कार्फ़ में लिपटी महिलाएं दिखाई देंगी, जो अब सुपरमार्केट समेत हर दुकान में काम करती हैं.
महिलाएं अब मुख्य द्वार पर सुरक्षा के काम भी कर रही हैं. यह बदलाव पिछले कुछ साल का है. एक नई राजाज्ञा ने महिलाओं को सेवा देने वाले हर स्टोर में महिलाओं को नौकरी देना अनिवार्य बना दिया है.
एक विश्वविद्यालय में पढ़ रही 22 साल की हाना बहान्नान कहती हैं, "हमें समय दीजिए. "
उनकी दोस्त 22 साल की ओहोद अल-आरिफ़ी भी आशा और गर्व से चमकते हुए कहती हैं, "जब मेरी उम्र हो जाएगी तो मैं भी स्थानीय निकाय चुनाव में खड़ी होऊंगी. और एक दिन मैं सरकार में मंत्री बनूंगी. "
लेकिन क्या राज्य के रूढ़िवादी विद्वान, जिन्होंने इन अति सीमित बदलावों का भी तीखा विरोध किया है, उन्हें रोक देंगे?
इस सवाल पर वो इनकार में अपना सिर यक़ीन के साथ हिलाती हैं, जो उतना ही मज़बूत है जितना कि उन लोगों की आशंका कि ऐसा नहीं हो पाएगा.
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धार (मध्यप्रदेश)। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 2008 के पहले परिसीमन से गंधवानी नई विधानसभा सीट बनी। इसमें गंधवानी, बाग व तिरला विकासखंड के 45 मतदान केंद्रों को शामिल किया गया। इसके पहले गंधवानी विकासखंड के गांव व गंधवानी नगर मनावर विधानसभा क्षेत्र में आता था। जबकि बाग व टांडा क्षेत्र सरदारपुर विधानभा क्षेत्र तथा तिरला के 45 मतदान केंद्र धार विधानसभा में आते थे। तब कांग्रेस ने प्रदेश की उप मुख्यमंत्री रह चुकीं जमुनादेवी के भतीजे उमंग सिंघार को मैदान में उतारा। पहली बार हुए चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चयन में बाजी मार गई। जबकि भाजपा परिसीमन के बाद बनी नई परिस्थितियों में प्रत्याशी चयन ठीक से नहीं कर पाई। यही वजह रही कि उमंग सिंघार चुनाव जीत गए।
अगले विधानसभा 2013 चुनाव में भाजपा की लहर होने के बावजूद उमंग सिंघार ग्रामीण क्षेत्र में अपनी पैठ के कारण जीत गए। भौगोलिक दृष्टिकोण से क्षेत्र के रास्ते काफी घुमावदार हैं व इलाका पहाड़ी है। विधानसभा सीट का क्षेत्रफल अन्य क्षेत्रों की तुलना में काफी बड़ा है, इसलिए प्रत्याशियों को अधिक मेहनत और जनसंपर्क करना पड़ता है। 2008 में उमंग सिंघार व भाजपा से सांसद रहते हुए छतरसिंह दरबार आमने-सामने थे लेकिन उमंग ने उन्हें परास्त कर कांग्रेस को मजबूती से खड़ा किया है।
कांग्रेस 63. 26 55. 44 (वोट प्रतिशत में)
क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता आदिवासी समाज के हैं। उसके बाद अन्य सभी वर्गों के मतदाता हैं, किंतु उनकी संख्या बहुत कम है। जीत आदिवासी समाज के वोटों पर निर्भर करती है।
क्षेत्र में सबसे ज्यादा मतदाता आदिवासी समाज के हैं। उसके बाद अन्य सभी वर्गों के मतदाता हैं, किंतु उनकी संख्या बहुत कम है। जीत आदिवासी समाज के वोटों पर निर्भर करती है।
कांग्रेस - उमंग सिंघार (विधायक)
स्वास्थ्य केंद्रों में महिला डॉक्टरों की कमी लगातार बनी हुई है। नवीन स्वीकृत कॉलेजों में सभी संकाय नहीं हैं। इससे कई छात्रों को पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता है। ग्रामीण अंचल होने की वजह से पुलिस बल की भी कमी है इसलिए कानून-व्यवस्था भी कमजोर रहती है।
गंधवानी व बाग में आईटीआई कॉलेज का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। शासकीय कॉलेज गंधवानी की शुरुआत हो चुकी है। भवन निर्माण भी शुरू हो गया है। सड़कों को लेकर काफी काम हुआ है। कई स्कूलों का उन्न्यन भी हुआ है। टांडा क्षेत्र में ग्राम नरवाली व ग्राम झेगदा में विद्युत ग्रिड का निर्माण हुआ है।
कांग्रेस से वर्तमान विधायक उमंग सिंघार ही एकमात्र दावेदार हैं। लगातार दो बार की जीत का श्रेय तो उनके पास है ही, वे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के भी काफी नजदीक हैं। भाजपा की तरफ से कई दावेदार दौड़ में हैं। इससे भाजपा में भितरघात की आशंका बनी हुई है। जिला पंचायत अध्यक्ष मालती मोहन पटेल, उनके ससुर लक्ष्मण पटेल से लेकर स्थानीय कई नेता भी टिकट चाहते हैं। इस स्थिति में भाजपा के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना बड़ी चुनौती बना हुआ है।
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एक ताइवान आधारित बहुराष्ट्रीय कंप्यूटर और मोबाइल कंपनी है, जिसने ZenUone Max Pro M1 नामक #Un अपराजेय को लॉन्च किया है।
मूल रूप से ज़ेनफोन श्रृंखला की लागत काफी अधिक होगी।
लेकिन यह फोन कुछ कम था। इसे मई 2018 में लॉन्च किया गया था। मोबाइल में आसुस की बजाय स्टॉक एंड्रॉयड दिया गया है।
लॉन्च इवेंट में Asus ने दो प्रमुख सॉफ़्टवेयर अपडेट प्रदान करने का वादा किया। इसके द्वारा उन्होंने Android Pie अपडेट प्रदान किया। मार्च 2020 को भी हम एक और अपडेट की उम्मीद कर सकते हैं। 13 5 एमपी रियर कैमरा, 8 एमपी फ्रंट कैमरा, स्नैपड्रैगन 636 प्रोसेसर, आदि।
इंडियन मार्केट में लांच हुआ ZenUone Max Pro जानिए कीमत ओर शानदार फीचर्स Reviewed by News pari on February 11, 2020 Rating:
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अज्ञात वाहन ने मारी टक्कर, सड़क हादसे में 2 भाइयों की मौत !
10 वर्ष की बालिका से एक युवक ने किया दुष्कर्म, पुलिस ने आरोपी को भेजा जेल !
लखनऊ शहर की ट्रैफिक से बचने के जुनून में खुद ही बना डाली बैटरी चलित गियर वाली साइकिल !
राजधानी की सड़कों की हालत खस्ता, बारिश से कई जगह धंसे फुटपाथ और सड़कें !
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डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार रपट में कहा गया कि अब तक राज्य सरकार ने अवैध तरीके से कब्जायी गई 27 लाख कनाल सरकारी भूमि में से 348160 कनाल भूमि के मालिक कब्जाधारियों को बना दिया है। सरकारी नियम के अनुसार इनसे भूमि की कीमत के तौर पर 317. 54 करोड़ रुपया लिया जाना था।
डा. कुलदीप चंद अग्निहोत्री वरिष्ठ स्तंभकार अब इन सभी ने मिल कर जम्मू-कश्मीर को पुराने कैदखाने में लाने के लिए पीपुल्स एलायंस बनाया है। बड़ों की बड़ी बातें। बस इतना ही कि इस एलायंस में शेख भी हैं, सैयद भी, चीन भी है और पाकिस्तान भी। नहीं हैं तो कश्मीरी नहीं हैं, दलित नहीं हैं,
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नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को परिपत्र जारी कर बताया कि पहले के आदेश में आंशिक बदलाव करते हुए भारत से आने-जाने वाली इंटरनेशनल कमर्शियल पैसेंजर उड़ानों को आगे बढ़ाने का फैसला किया गया है।
नई दिल्लीः नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को बताया कि देश में अंतरराष्ट्रीय यात्री विमान सेवा पर रोक 28 फरवरी 2022 तक जारी रहेगी। डीजीसीए ने ट्विटर पर परिपत्र जारी कर बताया कि अथॉरिटी ने फैसला किया है कि भारत से आने-जाने वाली निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 28 फरवरी 2022 तक निलंबित रहेंगी। बता दें कि पहले इंटरनेशनल फ्लाइट्स को 31 जनवरी 2022 तक निलंबित किया गया था। मगर ओमीक्रोन मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी वजह से अब डीजीसीए ने इस तारीख को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।
डीजीसीए ने परिपत्र जारी कर ये भी बताया कि पहले के आदेश में आंशिक बदलाव करते हुए भारत से आने-जाने वाली इंटरनेशनल कमर्शियल पैसेंजर उड़ानों के निलंबन को 28 फरवरी तक बढ़ाने का फैसला किया गया है। मगर इंटरनेशन ऑल-कार्गो ऑपरेशन और रेगुलेटर की तरफ से स्पेशल अप्रूव उड़ानों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। साथ ही, 'एयर बबल' व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जिसके चलते यह सेवा भी नियमित रूप से चलेगी।
मालूम हो, कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से मार्च 2020 से नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद हैं। ऐसे में जहां एक ओर लॉकडाउन को लेकर जनता को ढील तो मिली लेकिन अभी भी नियमित रूप से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू नहीं हुई हैं। हालांकि, इस बार कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन ने तमाम देशों को चिंता में डाल दिया है, जिसके कारण एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लग गई है।
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रूस के रक्षामंत्रालय के प्रवक्ता से जब एक पश्चिमी संवाददाता ने मास्को की ओर से हिज़्बुल्लाह को आतंकी संगठन न बताए जाने के बारे में प्रश्न किया तो वह आपे से बाहर हो गये और उन्होंने ग़ुस्से में पत्रकार को फटकार लगा दी।
चेचन्या में हुए आत्माघाती हमले का एक दिल दहला देने वाला सीसीटीवी वीडियो सामने आया है।
ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के सलाहकार अली अकबर विलायती का कहना है कि तेहरान इराक़ और सीरिया समेत किसी भी मध्यपूर्व देश के विभाजन की योजना का विरोध करता है।
ज़ायोनी शासन के न्यायिक तंत्र ने फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ अन्यायपूर्ण फ़ैसलों के ताज़ा क्रम में एक 14 साल के फ़िलिस्तीनी किशोर को ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ कथित अपराध का दोषी ठहराया।
राजनीतिक टीकाकारों का मानना है कि ईरान के साथ यूरोपीय और एशियाई देशों के आर्थिक व व्यापारिक संबंधों के बेहतर हो जाने के बावजूद अब भी बड़े बैंक एवं व्यापारी अमेरिकी प्रतिबंधों से चिंतित हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रजब तय्यब अर्दोग़ान ने यूरोपीय संघ में तुर्की की सदस्यता के बारे में घोषणा की है कि यूरोपीय संघ में तुर्की की सदस्यता अब भी अंकारा की स्ट्रैटेजिक है।
ईरान के रक्षा मंत्री ने 'नासेह'ड्रोन का लोकार्पण किया है।
अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए पार्टी के भीतर होने वाले आरंभिक चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनल्ड ट्रंप का नाम प्रत्याशी के रूप में निश्चित हो जाने के बाद वह धीरे- धीरे अपने पहले वाले दृष्टिकोणों से पीछे हटने लगे हैं।
मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा में शक्ति परीक्षण की कार्यवाही पूरी हो गई।
एशिया की मंडी में ईरान के कच्चे तेल की मांग 50 प्रतिशत बढ़ी है। मार्च 2016 की पिछले साल इसी महीने से तुलना करने के बाद यह वास्तविकता सामने आयी है।
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३०७. पत्रः छगनलाल जोशीको
तुम्हारे २६ और २७ तारीखके दोनो पत्र एक साथ मिले । चि० रतिलालके बेटेके आपरेशन पर खर्च हुआ; कोई बात नही । ऐसे मामलोमे वह धनी वापका बेटा है, यह बात वह एकाएक मूल नहीं सकता। चम्पा उसे भूलने भी न देगी। धीरेधीरे जितनी सादगी सिखा सको उतनी सिखाना। वह नवयुवक बहुत सरल हृदय है । उसे अपने पास बैठा कर ठीक ही किया है। कुछ लिखे, कुछ पढे, कुछ कताई करे तो बहुत अच्छा होगा। इस आपरेशनके बारेमे डॉक्टर मेहताको सीधा पत्र लिखना । उसमे कितना खर्च हुआ है यह भी लिखना ।
मैं चि० नारणदास या रमणीकलालपर दबाव नही डालना चाहता। तुम, बहने, सुरेन्द्र वगैरह उन्हें समझा कर रोक लो तो दूसरी बात है। आखिर काम तो तुम्हे ही लेना है। यदि उन्हें न रोका जा सके तो मैं उसमे तुम्हारा तनिक भी दोष नही मानूंगा। मेरे आनेतक रुके तो अच्छा है। मेरे विचारसे छगनलालके पास दस हजार रुपये इस प्रकार इकट्ठे हुए गहने बेचकर, फीनिक्समे बचे, ब्याजसे बढे रुपये तथा डा० मेहताने जो रुपये दिये थे उसमेसे बचे हुए । डा० मेहताने जो रुपये दिये थे वे तो एक विशेष काम अर्थात् विलायतके खर्चके लिए थे। उसमेसे कुछ बचा था तो उन्हें लौटा देना चाहिए था । ऐसा करनेके बदले छगनलालने उसे अपने पास रख लिया तो यह चोरी ही मानी जायेगो । उसने भी उसे चोरी हो माना है। जब उसने पैसा दिया तब उसने ऐसा ही कुछ कहा था । किन्तु मुझे किसी भी तरहका शक न था इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा । किन्तु चोरीकी बात मालूम पड़नेपर मुझे समझमे आया और छगनलालने भी अधिक स्पष्ट रीतिसे बताया । यह पैसा कितना था यह मै नही जानता । चाहे जितना भी हो, जिसमें चोरीका धन शामिल है, उसका उपयोग नही किया जा सकता ।
रमणीकलालको मेरी यही सलाह है कि वह जबलपुर चला जाये । किन्तु किशोरलाल जानेको तैयार हो तो ठीक हो है । पीछे किसीको बुलाना हो तो बुला ले । हाँ, यदि कामका क्षेत्र हो तो ।
विधवा सत्यवतीका किस्सा 'यंग इंडिया' में देखना ।' यह 'नवजीवन' में भी छपना चाहिए। यदि वह आना चाहे तो उसे लिये बिना छुटकारा नहीं होगा। उसके आनेकी सम्भावना कम ही है।
महादेवको फुरसत हो तो बहनोको पढाये । मगनलाल और सोमणको बुलानेका विचार न करना । काकाके पाससे अभी किसीको नहीं ले सकते । मन्दिरकी पद्धति
१. देखिए "आन्ध्र देशमें [ ३]", २-५-१९२९ का उप-शीर्षक "एक अल्पवयस्क विधवासे भेंट " । २. मगनभाई देसाईं ।
२. रामचन्द्र सोमण । |
Delhi School Corona Update: राजधानी में जहां पर एक तरफ कोरोना के मामलों में इजाफा होते जा रहा है वहीं पर हाल ही में चल रहे स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए नए नियम और गाइडलाइन जारी की जा रही है अब स्कूलों में मास्क के अलावा कोरोना के लक्षण आने वाले छात्रों में अलग से क्वारंटीन रूम होने की बात की गई है। जिसे लेकर दिल्ली सरकार ने गाइडलाइन जारी की है।
आपको बताते चलें कि, दिल्ली सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक अब, स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के लिए अलग से क्वारंटीन रूम बनाए जाने की बात की गई है। इसके साथ ही स्कूल की एंट्री और एक्जिट पाइंट पर भीड़भाड़ नहीं होनी चाहिए। इसके लिए फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी अनिवार्य किया गया है। बताया जा रहा है कि, साथ ही इन लक्षण का कोई भी छात्र मिलता है तो हेड ऑफ स्कूल को जानकारी देनी होगी जो कि, क्षेत्रीय/जिला अथॉरिटी को इस बारे में सूचित करेंगे। साथ ही कोविड के लक्षण वाले स्टूडेंट को स्कूल में बने क्वारंटीन रूम में रखना होगा।
1- स्कूलों को क्लास और अटेंडेंस के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
स्कूलों में क्लास रूम को नियमित तौर पर सेनेटाइज किया जाना होगा। इसके साथ ही थर्मल स्कैनर, सेनेटाइजर, हैंडवाश, सहित दूसरी चीजों की पर्याप्त व्यवस्था रखनी होगी।
स्कूल में बच्चों के हैंडवाश की उचित व्यवस्था करनी होगी। इसके साथ ही समय-समय पर स्टूडेंट अपने हैंड वॉश करते रहें।
स्कूल स्टाफ, टीचर, प्रिंसिपल और स्टूडेंट को कोविड टीका लगाना अनिवार्य किया गया है।
स्कूलों में एंट्री और एक्सिड पाइंट पर भीड़ नहीं होनी चाहिए। साथ ही स्टूडेंट की एंट्री के समय टेम्परेचर चेक किया जाना अनिवार्य किया गया है।
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नालागढ़ - नालागढ़ शहर के मुख्य स्थलों पर अब सीसीटीवी कैमरे की नजर रहेगी। पुलिस और नगर परिषद के संयुक्त तत्त्वावधान में शीघ्र ही इन कैमरों को स्थापित कर लिया जाएगा और इसके लिए स्थलों का चयन कर लिया गया है। नगर परिषद व पुलिस की संयुक्त टीम ने शहर में दौरा करके जगहों को देख लिया है और परिषद द्वारा कुछ नए स्थल भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए सुझाए गए है। जल्द ही इन कैमरे स्थापित होंगे और समूचा शहर तीसरी आंख की नजर में कैद रहेगा। इन सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग डीएसपी कार्यालय नालागढ़ व एसपी कार्यालय बद्दी से होगी और किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि इसमें कैद होने के उपरांत तुरंत उस पर संज्ञान लिया जाएगा। जानकारी के अनुसार शहर में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है और नगर परिषद के सहयोग से इन कैमरों को स्थापित किया जा रहा है, ताकि शहर में असामाजिक गतिविधियों पर नकेल लग सकेगी। परिषद के अधीन आने वाले नालागढ़ शहर के मुख्य स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिनमें पुलिस और नगर परिषद द्वारा देखे गए स्थलों कालका चौक, रोपड़ चौक व रामशहर चौक, मुख्य प्रवेश द्वार, स्लिप रोड़, पुलिस स्टेशन के बाहर पर लगाए जाएंगे, जबकि नगर परिषद द्वारा एमसी पार्क के समीप, रामलीला मैदान, शीतला माता मंदिर चांैक, चोये वाले मंदिर सहित अन्य स्थानों पर यह सीसीटीवी लगाने की प्रोपोजल दी है। नगर परिषद अध्यक्ष नीरू शर्मा ने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा शुरू की गई पहल पर नगर परिषद इसमें पूर्ण सहयोग कर रही है और सीसीटीवी लगाने के लिए परिषद सात लाख रुपए की राशि खर्च कर रही है। डीएसपी नालागढ़ चमन लाल ने कहा कि इन सीसीटीवी का कंट्रोल पुलिस अधीक्षक कार्यालय सहित डीएसपी कार्यालय में रहेगा, ताकि किसी भी प्रकार की आपराधिक घटना या असामाजिक गतिविधि की सूरत में तुरंत प्रभाव से निपटा जा सके।
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नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) के बाद अब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Govt) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लव जिहाद (Love Jihad) के खिलाफ विधेयक को मंजूरी दे दी है। प्रदेश में लव जिहाज विरोधी विधेयक 'धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2020' को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है।
Bhopal: MP Freedom of Religion Bill 2020 approved by cabinet in a special meeting chaired by CM Shivraj Singh Chouhan.
Bhopal: MP Freedom of Religion Bill 2020 approved by cabinet in a special meeting chaired by CM Shivraj Singh Chouhan.
राज्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कानून के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि नए विधेयक के तहत किसी को बलपूर्वक धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर करने पर 1-5 साल की कैद और न्यूनतम 25,000 रुपये का जुर्माना होगा। इस कानून के तहत महिला, नाबालिग और अनुसूचित जाति- अनुसूचित जनजाति के धर्म परिवर्तन के मामलों में अपराधियों को 2 से 10 साल तक कैद के अलावा 50 हजार रुपए का जुर्माना दोषियों पर देय होगा।
नए कानून के तहत स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन के लिए संबंधित जिलाधिकारी को एक महीने पहले आवेदन देना अनिवार्य किया गया है। ऐसे में अगर बिना आवेदन दिए धर्मातरण का मामला सामने आने पर सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
मालूम हो कि लव जिहाद के खिलाफ सबसे पहले उत्तर प्रदेश में कानून को मंजूरी दी गई, मध्य प्रदेश इस कानून को लाने वाला अब दूसरा राज्य बन गया है। इससे पहले उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020' को मंजूरी दे दी थी। उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव अतुल श्रीवास्तव ने राज्यपाल की मंजूरी के बाद उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020'की अधिसूचना जारी कर दी गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी गई थी।
यूपी में लाए गए कानून के तहत, विवाह के लिए छल, कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर अधिकतम 10 वर्ष कारावास और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इस कानून में यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर किसी व्यक्ति को इच्छा से धर्म परिवर्तन करना है तो उसे दो महीने पहले जिला मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना देनी होगी। आप अपनी इच्छा से करें तो भी इस बारे में सभी सबूत और सूचना प्रशासन के पास जाएगी। यानी बिना प्रशासन की अनुमति के अपनी इच्छा से भी कोई धर्म परिवर्तन नहीं कर सकेगा। और अगर कोई इस नियम का उल्लंघन करता है तो उसके लिए सजा का प्रावधान है।
ऐसे मामले में 6 महीने से लेकर 3 साल तक की सजा का और 10 हजार रुपये का जुर्माने का प्रावधान होगा इसमें यह भी नियम है कि दो महीनें पहले सूचना देने के साथ ही व्यक्ति को घोषणा करनी पड़ेगी कि वह धर्म परिवर्तन करना चाहता है या चाहती है। इसके अलावा अधिकारी के सामने जाकर बयान देना पड़ेगा कि धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं। उसे ये घोषणा करनी होगी कि वो बिना किसी लालच और बहकावे में धर्म परिवर्तन कर रहा है या कर रही है।
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फ्रांसीसी छात्रों को यह जानकर प्रसन्नता होगी कि सहयोगी एक आसान क्रिया है। यह एक नियमित क्रिया है जो एक विशिष्ट पैटर्न का पालन करती है, इसलिए विषय और तनाव से मेल खाने के लिए इसे बदलना अपेक्षाकृत आसान है।
एडर "मदद करने के लिए" फ्रेंच क्रिया है। यह याद रखना आसान है क्योंकि फ्रांसीसी शब्द के अंदर "सहायता" पाई जाती है। इसके साथ ही, यह फ्रांसीसी सबक एक त्वरित होने का वादा करता है।
हम अंग्रेजी में क्रियाओं को भी संयोजित करते हैं, केवल इतना नहीं कि अन्य भाषाएं भी होती हैं।
फ्रांसीसी में, विषय सर्वनाम को इंगित करने और समर्थन करने के लिए क्रिया को बदलना - जे ', टीयू , आईएल , नूस , आदि . -- साथ ही साथ तनाव आवश्यक है।
नियमित रूप से एबर की तरह क्रिया के साथ, यह आसान है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ये क्रियाएं एक दूसरे के समान तरीकों से अंत में बदलती हैं। एक बार जब आप सीखें कि एडर को कैसे जोड़ना है , तो एसीप्टर जैसे क्रिया के साथ ऐसा करना उसी तरीके से किया जाता है।
एडर के विभिन्न रूपों को जानने के लिए इस चार्ट का उपयोग करें। यह बदल जाएगा जिसके अनुसार आप तनाव के साथ-साथ तनाव भी बोल रहे हैं। उदाहरण के लिए, फ्रांसीसी में "मैं मदद करता हूं" कहने के लिए, आप " j'aide " या "हम मदद करेंगे" के लिए कहेंगे, आप " nous aiderons " का उपयोग करेंगे।
एक क्रिया से परे उपयोग के लिए वर्तमान प्रतिभागी का उपयोग करके एडर को परिवर्तित किया जा सकता है। इस रूप में, यह एक विशेषण, gerund, या संज्ञा भी हो सकता है।
ऐसा करने के लिए, आपको वर्तमान प्रतिभागी का उपयोग करना होगा, जो सहायक है ।
फ्रांसीसी में पिछले काल के लिए पास कंपोज़ का उपयोग करना बहुत आम है। यह अपूर्ण से भी एक आसान संयोजन है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप अतीत में "मदद" करने के लिए एक सहायक क्रिया के साथ पास कंपोज़ का उपयोग कर सकते हैं।
अजीर के लिए , सहायक क्रिया avoir है । आपको सहयोगी के लिए पिछले भाग की भी आवश्यकता होगी, जो सहायता है।
इसका मतलब यह है कि जब आप "मैं मदद करता हूं" कहना चाहता हूं, तो आप फ्रांसीसी " जैई एडे " का उपयोग कर सकते हैं । कहने के लिए "हमने मदद की," यह केवल " nous avons aidé " होगा । यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि " एआई "और" avons "इन उदाहरणों में सहायक क्रिया avoir के conjugates हैं।
ऐसे कई संयोजन हैं जिनका आप कभी-कभी उपयोग कर सकते हैं, हालांकि उपर्युक्त उपरोक्त सबसे महत्वपूर्ण रूप हैं।
निम्नलिखित तालिका आपको उपजाऊ - अनिश्चितता का एक रूप - साथ ही सशर्त क्रिया रूप भी प्रदान करेगी। आपको पास सरल और अपूर्ण उपजाऊ रूप भी मिलेंगे। इन दोनों का औपचारिक लेखन में उपयोग किया जाता है।
आपको सहयोगी के लिए एक अंतिम संयोग जानने की आवश्यकता होगी और यह अनिवार्य रूप है । इसका उपयोग आदेशों या अनुरोधों के लिए किया जाता है, जो कि सहयोगी के लिए आम उपयोग हैं, इसलिए अध्ययन करना महत्वपूर्ण है।
अनिवार्य के लिए, विषय सर्वनाम का उपयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अनिवार्य क्रिया का अर्थ है "कौन। " उदाहरण के लिए, " il aide le " कहने के बजाय "उसकी मदद करें" कहने के बजाय, आप बस " सहयोगी ले " कहेंगे। यह छोटा और बिंदु है, आपको सहायता की आवश्यकता होने पर आपको क्या चाहिए।
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सांसद अनिल फिरोजिया ने दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन से मुलाकात कर उन्हें पत्र सौंपा। इसमें मांग की गई कि उज्जैन जिले में मेडिकल कॉलेज शुरू करवाया जाए।
इस पर केंद्रीय मंत्री ने भरोसा दिलाया कि कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर प्रमुखता से विचार होगा। सांसद ने बताया कि पूर्व में भी इस आशय व मांग का पत्र वे मंत्री को दे चुके थे लेकिन उज्जैन में आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज होने के चलते उस पर विचार नहीं हुआ।
ऐसे में इस बार की मुलाकात में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया कि उज्जैन संभागीय मुख्यालय है। यहां देश-विदेशों से लोगों का आना-जाना लगा रहता है। कोरोना काल में यहां मृत्यु दर भी काफी बढ़ गई थी। तब केंद्र सरकार ने ही स्थिति की मॉनिटरिंग करने के लिए टीम उज्जैन पहुंचाई थी। इन बातों को सुनने के बाद मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भरोसा दिलाया कि जल्द ही कैबिनेट की बैठक में उनके प्रस्ताव पर प्रमुखता से विचार किया जाएगा।
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फार्मा कंपनियां पार्टियांः देश के डॉक्टरों के लिए अहम खबर सामने आ रही है। डॉक्टरों को खुश करने के लिए फार्मा कंपनियों द्वारा बड़ी-बड़ी पार्टियां आयोजित की जाती हैं। इसमें डॉक्टर, चिकित्सा क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारी और उनके परिजन भाग लेते हैं। लेकिन ऐसी पार्टियां अब दबाव में आ जाएंगी. नेशनल मेडिकल कमीशन ने इस संबंध में चेतावनी दी है.
एनएमसी उन डॉक्टरों पर नजर रखेगी जो सेमिनार, वर्कशॉप के नाम पर फार्मा कंपनियों द्वारा पांच सितारा होटलों में आयोजित रात्रिभोज, पार्टियों में शामिल होते हैं।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने अब दवा कंपनियों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रायोजन वाले किसी भी सेमिनार, कार्यशाला, पार्टी, समारोह पर प्रतिबंध लगा दिया है।
इसमें फार्मा कंपनियों और स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली अन्य कंपनियों को भी शामिल किया जाएगा और कहा जा रहा है कि आयोग ने इस संबंध में नियम तैयार कर लिए हैं.
नियमों का उल्लंघन करने पर डॉक्टर का लाइसेंस 3 महीने के लिए रद्द करने की सजा का भी प्रावधान किया गया है.
आयोग के नियमों की धारा 35 के अनुसार, डॉक्टरों या उनके परिवार के सदस्यों को अब कंपनियों या उनके प्रतिनिधियों से परामर्श शुल्क या यहां तक कि पारिश्रमिक प्राप्त करने पर सख्त प्रतिबंध है।
बताया जाता है कि एजेंसी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में कदाचार को खत्म करने के लिए अपने नियम कड़े कर दिए हैं।
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Withania somnifera ( अश्वगंधा ) द्वारा कैंसर का इलाज अब संभव !!!
हैपेटाईटिस का आसान घरेलु इलाज मुमकिन है - Hepatitis Home Remedies !!
Research - अदरक है कैंसर जैसी घातक बीमारी में संजीवनी बूटी सामान !!
हाल ही हुए शोध के मुताबिक काली मिर्च की गोली कैंसर को हरा सकती है !!
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( श्री सूत्रकृताङ्ग सूत्र ठि. श्रुत. )
जीव तूण-यौनिक तृणों में तुम रूप से उत्पन्न होते हैं और वे तुमन्यांनिक तृण पशरीर का आहार करते हैं। प पूर्ववत् जानना चाहिए। इसी प्रकार कोई-कोई जीम तृणयोगिक तृणों में मूल मायत कंद आदि रूप से उत्पन्न होते है। इनका वर्णन भी पूर्ववत् समझ लेना चाहिए ।
इसी प्रकार औषधियों (घान्यों) के भी चार आलापक समझ लेने चाहिए और हरित काय पे भी चार आलापफ समझ लेना चाहिए ।।१०।। (ये सब मिलकर बीस आलापक हुए )
मूल- श्राहावरं पुरक्खायं इहेगड्या सत्ता पुढविजोणिया पुढविसंभवा जाय कम्मनिया तत्थक्कमा यागाविहजोगियासु पुढवोसु आयत्ताए वायत्ताए कायत्ताए कूहणत्ताए कंदुकत्ताए उल्लेहणियताए निव्वेहणियत्ताए सछत्ताए छत्तगत्ताए त्रासाणियत्तार कूरत्तार चिउट्टंति । ते जीवा तेसिं गाणाविहजोखियाणं पुढवीणं सिरोहमाहारेंति । तेऽवि जीवा आहारत पुढविसरीरं जाव संतं । अरेविय णं तेसिं पुढविजोणियाणं आयताणं जाव कुराणं सरीरा गाथाचण्णा जावमक्खायें । एगो चेव आलावगो, सेसा तिरिण नत्थि । ११ । अर्थ - श्रीतीर्थंकर भगवान् ने वनस्पति का और भी भेद कहा है। इसे जगत् में कोई-कोई प्राणी अपने कर्मों से आकर्षित होकर पृथ्वी में उत्पन्न होते पृथ्वी में ही रहते और बढ़ते हैं । वे नाना प्रकार की योनि वाली पृथ्वी में आर्य, बाये, काय, कूहूण, कदूक, उपेहणी, निर्वहणो, सच्छत्र, छत्रक, वासणी और क्रूर नामक वनस्पति के रूप में उत्पन्न होकर नाना प्रकार की योनि वाली पृथ्वी के सार का आहार करते है, तथा अन्य कार्यों का भी आहार करते हैं । और उन्हें अपने शरीर के रूप में परिणत कर लेते है। उन आर्य यावत् क्रूर वन-पतियों के नामा वणं आदि वाले दूसरे शरीर भी होते हैं इने वनस्पतियों के विषय में एक ही आलापक कहना चाहिए, शेप तीन आलापक नही ॥११॥
मूल - ग्रहावरं 'पु॒रक्खाय' इहेगइया सत्ता उदगंजोणिया उदगसंभवा जाव कम्मनियाखेरणं तत्थवुकमा गणाविहजोसिएस
उदएस रुक्खत्ताए विउद्वेति । ते जोवा तेसिं खाणाविहजोणियाां उदगाणं सिरोहमाहारैति । ते जीव आहारन्ति पुढविसरीरं जाव |
T-14 सक्रिय संरक्षण "अफगान" के एक परिसर से सुसज्जित है, जो शारीरिक रूप से लक्ष्य को नष्ट करने और उन्हें अक्षम करने दोनों में सक्षम है। "अफ़गनिटा" रेडियो-ऑप्टिकल रडार में चार सक्रिय चरणबद्ध एंटीना सरणियां होती हैं जो निकटवर्ती गोले का संकेत देती हैं। इलेक्ट्रॉनिक दमन प्रणाली मिसाइलों के प्रक्षेपवक्र को मारती है - लेजर और रडार को अवरुद्ध करके और स्मोक स्क्रीन के लिए धन्यवाद।
बैरी का मानना है कि यह काउंटर सिस्टम पूरी तरह से एंटी टैंक गन के लिए खतरा है, विशेष रूप से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई। एटीजीएम जेवलिन। जैसा कि उन्होंने कहा, उत्तरी अटलांटिक ब्लॉक के देशों में, इस समस्या पर व्यावहारिक रूप से चर्चा नहीं की गई है। उनमें से कुछ अपने टैंक को एक सक्रिय सुरक्षा प्रणाली से लैस करने के उद्देश्य से अनुसंधान और परीक्षण करते हैं।
लेकिन वे अपने स्वयं के टैंक रोधी क्षमता के बारे में अजीब निष्कर्ष पर गायब हो रहे हैं।
- विशेषज्ञ इंगित करता है।
इस संबंध में, उनकी राय में, नाटो देशों को एंटी-टैंक रक्षा प्रणाली में सुधार के उद्देश्य से उपाय करने की आवश्यकता है।
बीबीसी के अनुसार, नॉर्वे एक ऐसा देश था जिसने धन के आवंटन के लिए गठबंधन में (200-350 मिलियन क्रून, यानी 24-42 मिलियन क्रून) एक संभावित शत्रु के भारी बख्तरबंद वाहनों के खिलाफ लड़ने की क्षमता बनाए रखने के लिए जेवलिन मिसाइल सिस्टम की जगह ली।
VO ओर, हम ध्यान दें कि IISS एक विश्लेषणात्मक केंद्र है जो विशेषज्ञ समुदाय में सम्मानित है। यह वह संगठन है जो अपनी मात्रात्मक और गुणात्मक विशेषताओं और विशेषताओं के संकेत के साथ दुनिया के देशों की सशस्त्र बलों की वार्षिक समीक्षा प्रकाशित करता है।
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उज्जवल तिवारी,बलरामपुर,रामानुजगंजः बलरामपुर रामानुजगंज जिले के नव पदस्थ कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने जिले में कोविड 19 के कम होते प्रभाव को देखते हुए दुकानें खोलने एवं बंद करने के समय में बदलाव किया है आदेशानुसार अब सुबह 08 बजे से रात 08 बजे तक दुकानें खोलने की छूट दी गई है।
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में लिखा है कि प्रतिदिन रात 08 बजे से सुबह 06 बजे तक संपूर्ण जिले में धारा 144 लागू रहेगी।
पढ़िए किन किन चीजों में मिली है छूट. . ?
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Govt Teacher Bharti 2023 : असिस्टेंट टीचर भर्ती के लिए टीईटी पास होना जरूरी है.
Govt Teacher Bharti 2023 : असम के प्रारंभिक शिक्षा निशेक कार्यालय ने लोअर प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में असिस्टेंट टीचर पदों पर बंपर भर्ती निकाली है. इस भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया 17 फरवरी से शुरू होकर 1 मार्च तक चलेगी. नोटिफिकेशन के अनुसार प्राइमरी स्कूलों में असिस्टेंट टीचर के 5320 रिक्त पदों पर भर्ती होगी. इसमें से 3887 वैकेंसी लोअर प्राइमरी के लिए और 1433 वैकेंसी अपर प्राइमरी के लिए हैं. इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन ऑफिशियल वेबसाइट dee. assam. gov. in पर जाकर करना है.
असिस्टें टीचर, लोअर प्राइमरी- उम्मीदवारों को 12वीं कम से कम 50 फीसदी मार्क्स के साथ पास होना चाहिए. साथ ही दो साल का डीएलएड कोर्स किया होना चाहिए. डीएलएड में भी कम से कम 45 फीसदी मार्क्स जरूरी हैं. लोअर प्राइमरी स्कूलों में असिस्टेंट टीचर पद के लिए डीएलएड के अलावा बीएलएड किए हुए कैंडिडेट भी आवेदन कर सकते हैं. साथ में असम टीईटी या सीटीईटी परीक्षा भी पास होना जरूरी है.
असिस्टेंट टीचर, अपर प्राइमरी- उम्मीदवारों के पास ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. साथ ही डीएलएड/बीएड/डीएड/बीएड स्पेशल एजुकेशन किया होना चाहिए. असम टीईटी या सीटीईटी परीक्षा भी पास होना जरूरी है.
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