sentences
stringlengths 13
616k
|
---|
गोवा, स्ट्राइकर डेनियल चीमा चुक्वु को अपने साथ जोड़ने से उत्साहित जमशेदपुर एफसी अपनी फॉर्म जारी रखते हुए हीरो इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) 2021-22 की अंक तालिका के शीर्ष पर पहुंचने के लिए दमखम लगाएगी, जब मैन ऑप स्टील का सामना शुक्रवार को बैम्बोलिन स्थित जीएमसी एथलेटिक स्टेडियम में लीग मुकाबले में एफसी गोवा से होगा।
जमशेदपुर इस समय 11 मैचों में 19 अंक लेकर तीसरे स्थान पर है, जो कि केरला ब्लास्टर्स (11 मैच) और लीग लीडर हैदराबाद एफसी (12 मैच) से एक अंक कम है। शुक्रवार को जीत जमशेदपुर को शीर्ष पर पहुंचा सकती है लेकिन गुरुवार को हैदराबाद और ओड़िसा एफसी के बीच मैच के परिणाम पर काफी कुछ निर्भर करता है। हालांकि, कोच ओवेन कोयले की टीम के पास एक मैच अतिरिक्त होगा और अगर वो लगातार तीसरी जीत दर्ज करती है, तो वे अन्य टीमों के लिए वास्तविक चुनौती पैदा करेगी। जमशेदपुर के पास एक बहुत अच्छी हमलावर यूनिट है, जिसमें ग्रेग स्टीवर्ट के साथ जॉर्डन मरे शामिल हैं। जमशेदपुर ने जनवरी के ट्रांसफर विंडो में चीमा चुक्वु को ईस्ट बंगाल से हासिल किया और नाईजीरियाई स्ट्राइकर उसकी अग्रिम पंक्ति को ज्यादा पैनापन देगा।
उधर, एफसी गोवा अपने पिछले तीन मैचों में जीत हासिल नहीं कर पाई है और 13 मैचों में 14 अंकों के साथ नौवें स्थान पर है। कोच डेरिक परेरा की टीम पूरे सीजन में निरंतर नहीं रही है और उसके लिए अभिशाप रहा है कि वो सेट-पीस (फ्रीकिक व कॉर्नर किक) से गोल खा रही है, क्योंकि सेट-पीस पर गोल करने के मामले में जमशेदपुर बहुत मजबूत है।
पिछली बार सीजन के पहले चरण में जब ये दोनों टीमें आपस में भिड़ी थीं, तब जमशेदपुर 3-1 से विजयी रही थी।
|
अन्नपूर्णा पर्वत हिमालय श्रेणी का गिरिखंड उत्तर-मध्य नेपाल, काली गंडक और मरस्यांदी नदी घाटियों के बीच 48 किमी लंबी पर्वतश्रेणी का निर्माण करता है। इसमें चार प्रमुख शिखर (चोटियाँ) हैं।
- अन्नपूर्णा I पश्चिमी और उत्तरी छोर पर (8,091 मीटर)
- अन्नपूर्णा II (7,937 मीटर)
- अन्नपूर्णा III (7,555 मीटर)
- अन्नपूर्णा IV (7,525 मीटर)
- अन्नपूर्णा I विश्व की सबसे ऊंची चोटियों में से एक है। हालांकि पर्वतारोही 1924 में एवरेस्ट पर्वत पर 8,580 मीटर तक पहुँच चुके थे, लेकिन अन्नपूर्णा I को ख्याति 1950 में मिली, जब यह 8,00 मीटर से अधिक ऊँचाई वाली ऐसी पहली चोटी बनी, जिसके शिखर तक पहुँचा गया था।
- यह गौरव फ़्रासीसी पर्वतारोही दल को मिला, जिसके नेता मॉरिस हरज़ॉग अपने सहयोगी लुई लाचेनल के साथ 3 जून को शिखर पर पहुँचे।
- अन्नपूर्णा IV पर एच. बिलर, एच. स्टेनमेट्ज़ और जे. वेलेनकैंप ने 30 मई, 1955 में विजय प्राप्त की।
- अन्नपूर्णा II के शिखर पर जेम्स ओ. एम. रॉबर्ट्स के नेतृत्व में आर. एच. ग्रांट और सी. जे. बॉनिंगटन 17 मई, 1960 को पहुँचे। 1970 में महिला पर्वतारोहियों के जापानी अभियान दल ने अन्नपूर्णा 3 की चोटी पर पहुँचने में सफलता पाई।
|
नई दिल्ली/ टीम डिटिटल। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी (Maruti suzuki) ने अपनी हैचबैक कार 'बलेनो आरएस'के दाम एक लाख रुपये तक घटा दिए हैं। कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इस हफ्ते की शुरुआत में, कंपनी ने चुनिंदा मॉडलों के दाम में पांच हजार रुपये तक की कटौती की थी। इसमें आल्टो 800, आल्टो के 10, स्विफ्ट डीजल , सेलेरियो, बलेनो डीजल, इग्निस, डिजायर डीजल, टूर एस डीजल, विटारा ब्रेजा और एस क्रॉस के सभी संस्करण शामिल हैं।
ये मॉडल 2. 93 लाख रुपये से 11. 49 लाख रुपये के हैं। मारुति सुजुकी ने बयान में कहा कि उसने उपरोक्त कटौती के साथ बलेनो आरएस की शोरूम - कीमत में एक लाख रुपये तक की कटौती की है। दिल्ली में बलेनो आरएस की शोरूम कीमत अब 7,88,913 रुपये से शुरू होगी।
|
मधेपुरा से सांसद और जन अधिकार पार्टी (जेएपी) के संरक्षक पप्पू यादव ने कहा कि वह कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं और इस बारे में अब कांग्रेस नेतृत्व को फैसला करना है।
राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने "भाषा" से बातचीत में कहा, "अगर कांग्रेस नेतृत्व चाहेगा, तब हम निश्चित रूप से कांग्रेस में शामिल होने के लिये तैयार हैं। देश और मानवता को बचाना महत्वपूर्ण है और सभी समान विचारधारा वाले लोगों एवं दलों को एकजुट होना चाहिए। अब कांग्रेस नेतृत्व को तय करना है। " यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपने दल जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय करेंगे, यादव ने कहा कि विचारों के सामने व्यक्ति का महत्व नहीं होता है। कांग्रेस विचारों पर आधारित पार्टी है। ऐसे में जब देश संकट के समय से गुजर रहा हो तब देशहित में कांग्रेस नेतृत्व से जो भी आदेश आयेगा, वह उसका पालन करेंगे।
भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि देश में आज किसान और युवा संकट से दौर से गुजर रहे हैं, आर्थिक स्थिति कमजोर है। ऐसे में देश में बदलाव की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उन्हें किसी से व्यक्तिगत बैर नहीं है, राजनीति में किसी से कोई व्यक्तिगत रंजिश नहीं होती है।
यह पूछे जाने पर कि चुनावी समझौते के सिलसिले में राजद से क्या कोई बात हुई है, यादव ने कहा कि राजद से कोई बात नहीं हुई है लेकिन वे राजद के मतदाताओं को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं, लालू प्रसाद को अपना बड़ा भाई मानते हैं. . . विचारधारा भले ही अलग अलग हों।
गौरतलब है कि पप्पू यादव ने 2014 का लोकसभा चुनाव राजद के टिकट पर लड़ा था। हालांकि नेतृत्व से मतभेद के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। यादव की पत्नी रंजीत रंजन सुपौल सीट से कांग्रेस पार्टी की सांसद हैं।
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।
Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
|
भारत और वेस्टइंडीज के बीच तीन मैचों की ट्वंटी20 सीरीज का आगाज आज से होना है। पहला मैच कोलकाता के ईडन गार्डन्स मैदान पर खेला जाना है। इस मैच से पहले वेस्टइंडीज के कप्तान कार्लोस ब्रैथवेट के बयान ने सबको हैरान कर दिया है। ब्रैथवेट ने सीरीज से पहले ही कह डाला कि टीम इंडिया इस सीरीज को जीतने की बड़ी दावेदार है।
भारत को वेस्टइंडीज के खिलाफ अंतिम चार मैचों में जीत नहीं मिली है जिसमें 2016 विश्व टी20 की सेमीफाइनल हार भी शामिल है। वेस्टइंडीज का भारत के खिलाफ जीत का ओवरआल रिकार्ड 5-2 का है। ब्रैथवेट ने मैच से पहले कहा, 'हमें ऐसा नहीं लगता। भारतीय टीम अपनी सरजमीं पर किसी भी प्रारूप में मजबूत है। विशेषकर आईपीएल के आने के बाद और भारतीय सुपरस्टार जितना टी20 क्रिकेट खेलते हैं, उसे देखते हुए मुझे लगता है कि वे निश्चित रूप से प्रबल दावेदार के रूप में शुरूआत करेंगे। '
उन्होंने कहा, 'हम वैसे इस प्रारूप में दूसरे नंबर पर कहलाने के आदि नहीं हैं लेकिन इस बार हम इससे इनकार नहीं करेंगे। लेकिन हम इससे शर्म महसूस नहीं कर रहे हैं। ' भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 2-0 से क्लीनस्वीप किया था जबकि पांच मैचों की वनडे सीरीज 3-1 से अपने नाम की थी।
|
तरबूज एक बहुत ही स्वादिष्ट फल होता है. यह हमारी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. पर क्या आप जानते हैं कि सिर्फ तरबूज ही नहीं बल्कि इसके बीज भी हमारी सेहत को बहुत सारे लाभ पहुंचाते हैं. तरबूज के बीजों में भरपूर मात्रा में माइक्रो न्यूट्रीशन, आयरन, प्रोटीन और फाइबर मौजूद होते हैं. जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं दिल के लिए तरबूज के बीज बहुत फायदेमंद होते हैं.
1- तरबूज के बीज में भरपूर मात्रा में कुछ ऐसे गुण मौजूद होते हैं. जो रक्त के बहाव को सही रखने का काम करते हैं. रोजाना तरबूज के बीज खाने से दिल हमेशा स्वस्थ रहता है.
2- तरबूज के बीजों में एंटीआक्सीडेंट की भरपूर मात्रा मौजूद होती है. जो आप को लंबे समय तक जवान बनाए रखती है.
3- अगर आपको शुगर की समस्या है तो रोजाना तरबूज के बीजों का सेवन करें. ऐसा करने से आपका शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल में रहेगा.
4- अगर आप अपने शरीर में मैग्नीशियम की कमी को पूरा करना चाहते हैं तो आज से ही तरबूज के बीजों का सेवन शुरू कर दें. तरबूज के बीज खाने से शरीर में मैग्नीशियम की कमी पूरी हो जाती है.
|
लखनऊ। प्याज-लहसुन वाली सब्जी खाने से मलाशय के कैंसर के विकसित होने का खतरा कम हो जाता है। एक नए अध्ययन में इस बारे में दावा किया गया है। कोलन और मलाशय बड़ी आंत के हिस्से हैं, जो पाचन तंत्र का सबसे निचला हिस्सा होता है। विभिन्न तरह के कैंसर से जितनी मौत होती है, उसमें महिलाओं और पुरूषों के मामले में कैंसर का यह क्रमशः दूसरा और तीसरा सबसे बड़ा रूप है।
एशिया पैसिफिक जर्नल ऑफ क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि प्याज, लहसुन वाली सब्जी खाने से वयस्कों में कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा 79 प्रतिशत घट गया। चाइना मेडिकल यूनिवर्सिटी के फर्स्ट हॉस्पिटल के झी ली ने कहा कि हमारे अध्ययन से जो निष्कर्ष निकल कर सामने आया है, उसके मुताबिक यह कहना ठीक होगा कि ऐहतियात के लिए प्याज और लहसुन वाली सब्जी खाना ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि अध्ययन के नतीजे इस पर भी प्रकाश डालते हैं कि जीवनशैली में परिवर्तन कर किस तरह शुरूआत में ही कोलोरेक्टर कैंसर की रोकथाम कर सकते हैं।
हमारे हर्बल एक्सपर्ट दीपक आचार्य बताते हैं, " बच्चों को यदि पेट में कृमि (कीड़े) की शिकायत हो तो लहसुन की कच्ची कलियों का 20-30 बूंद रस एक गिलास दूध में मिलाकर देने से कृमि मर कर शौच के साथ बाहर निकल आते हैं।"
अगर पेशाब होना बंद हो जाए तो प्याज दो चम्मच प्याज का रस और गेहूं का आटा लेकर हलुवा बना लीजिए। इसको गर्म करके पेट पर इसका लेप लगाने से पेशाब आना शुरू हो जाता है।
प्याज गर्म होती है इसलिए सर्दी के लिए बहुत फायदेमंद होती है। सर्दी या जुकाम होने पर प्याज खाने से फायदा होता है। इसके साथ ही गठिया में प्याज बहुत ही फायदेमंद होता है। गठिया में सरसों का तेल व प्याज का रस मिलाकर मालिश करें, फायदा होगा।
इसके साथ ही वैज्ञानिकों ने बताया कि लहसुन शरीर में नाइट्रिक ऑक्साइड और हाइड्रोजन सल्फाइड बनने की प्रक्रिया को तेज करता है। ये रसायन रक्त संचार को दुरुस्त रखते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। जर्मनी में इन गोलियों को दवाइयों के रूप में लाइसेंस मिल चुका है और डॉक्टर भी इन्हें मरीजों को खाने की सलाह दे रहे हैं। इसके साथ-साथ दिल, मधुमेह और घुटने का दर्द कम करने में भी है बहुत उपयोगी होता है।
|
दानापुर स्टेशन के सेन्ट्रल कैबिन से पहले रविवार को एक ट्रेन की चार बोगियां पटरी से उतर गईं। हालांकि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ हैं। पूर्वी मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इस हादसे में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस हादसे के बाद डीआरएम दानापुर ने वरिष्ठ रेल अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर पटरी से उतरी बोगियों को हटाने का कार्य शुरू करा दिया है। दानापुर स्टेशन के प्लेटफार्म 4 से अपराह्न पौने चार बजे आनंद विहार जाने के लिए जनसाधारण एक्सप्रेस रवाना हुई और स्टेशन परिसर के सेन्ट्रल कैबिन के पास पहुंते ही उसकी चार बोगी पटरी से उतर गईं।
घटना के समय ट्रेन की गति काफी कम थी। इस हादसे के बाद अप लाइन की ट्रेनें रोक दी गईं और उक्त ट्रेन से सभी यात्री नीचे उतर गए। राजेश ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच के लिए पूर्वी मध्य रेलवे के महाप्रबंधक ने प्रशासनिक स्तर की एक वरिष्ठ टीम का गठन कर दिया है।
उन्होंने बताया कि इस हादसे के कारण 12367 विक्रमशिला एक्सप्रेस ट्रेन, 12401 मगध एक्सप्रेस ट्रेन, 2317 कोलकता अमृतसर एक्सप्रेस ट्रेन,12393 सम्पूर्ण क्रांति एक्सप्रेस ट्रेन और 12309 राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन के मार्ग में परिवर्तन किया गया तथा रविवार को रवाना होने वाली 15126 पटना-मांडुआडीह जनशताब्दी एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया। राजेश ने बताया कि इसके अलावा कुछ सवारी ट्रेनें भी रद्द की गयी हैं तथा कुछ ट्रेनों का समय फिर से निर्धारित किया गया है।
|
28 मार्च। युजवेंद्र चहल (38 रन पर 4 विकेट) की शानदार गेंदबाजी के बावजूद मुंबई इंडियंस ने यहां एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 12वें सीजन के सातवें मैच में गुरुवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के खिलाफ आठ विकेट पर 187 रन का स्कोर बना लिया। टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी मुंबई को उसके दोनों ओपनर क्विंटन डी कॉक (23) और कप्तान रोहित शर्मा (48) ने पहले विकेट के लिए 6.3 ओवर में 54 रन की साझेदारी कर अच्छी शुरुआत दी।
युजवेंद्र चहल ने डी कॉक को बोल्ड कर इस साझेदारी को तोड़ा। डी कॉक ने 20 गेंदों पर दो चौके और एक छक्का लगाया। डी कॉक के आउट होने के बाद मुंबई ने 87 के स्कोर पर रोहित के रूप में अपना दूसरा विकेट गंवाया। रोहित ने 33 गेंदों पर आठ चौके और एक छक्का लगाया।
मुंबई को तीसरा झटका युवराज सिंह (23) के रूप में 124 के स्कोर पर लगा। युवराज ने 14वें ओवर में युजवेंद्र के पहले तीन गेंदों पर लगातार तीन छक्के लगाए और फिर इसके बाद वह चौथी गेंद पर सीमा रेखा पर कैच आउट हो गए।
मुंबई ने अंतिम तीन ओवर में 40 रन बटोरे। हार्दिक पांड्या ने 14 गेंदों पर दो चौकों और तीन छक्कों की मदद से 32 रन की नाबाद पारी खेलकर मुंबई को 20 ओवर में आठ विकेट पर 187 रन तक पहुंचाया।
सूर्यकुमार यादव ने 38 रन बनाए। कीरोन पोलार्ड ने पांच, क्रुणाल पांड्या ने एक, मिशेल मैक्लेनेगन ने एक, मयंक मारकंडे ने छह रन बनाए। बेंगलोर की ओर से चहल के चार विकेटों के अलावा उमेश यादव और मोहम्मद सिराज ने दो-दो विकेट लिए।
|
लखनऊ कन्नौज से आलू लाद कर ले जा रहे एक ट्रक चालक से तीन ठग मैकेनिक बनकर 5 हजार रुपये ठग ले गये। इत्तिफाक की बात यह रही कि ट्रक चालक ने जालसाजों की बाइक का नम्बर नोट कर लिया था। बाइक नम्बर की मदद से पुलिस ने एक ठग को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उसके दो साथी अभी फरार हैं। बिहार निवासी अनिल पासवान ट्रक चालक है। बताया जाता है कि मंगलवार को वह कन्नौज जनपद से आलू लादकर भागलपुर जा रहा था। ट्रक जब बंथरा के हरौनी चौकी के पास पहुंचा तो एक बाइक सवार तीन युवकों ने उसको रोक लिया। बाइक सवार दो युवकों ने खुद को ट्रक का मैकेनिक बताया और चालक से उनको कुछ दूर आग छोडऩे की बात कही। ट्रक चालक ने दोनों युवकोंं को ट्रक में बैठा लिया, जबकि उनका एक साथी बाइक लेकर वहां से चला गया। ट्रक चालक कुछ दूर ट्रक लेकर चला कि ट्रक में सवार दोनों युवकों ने चुपके से उसका फ्यूल पाइन काट दिया। इस पर ट्रक अचानक रूक गया। ट्रक चालक ने दोनों युवकों को मैकेनिक समझकर ट्रक सही करने की बात कही। दोनों युवकों ने ट्रक का मुआयना किया और 20 से 22 हजार रुपये का खर्च बताया। दोनों ने ट्रक चालक से 5 हजार रुपये भी ले लिया और बाकी रकम चालक से खाते में डालने की बात कही। ट्रक चालक भी दोनों को मैकेनिक समझ 5 हजार रुपये दे दिये। पांच हजार रुपये लेने के बाद दो युवक सामान खरीदने की बात कहकर वहां से गायब हो गये। दोनों युवक जब काफी देर वापस नहीं लौटे तो ट्रक चालक ने पास में ही एक ढाबे के मालिक को इस बारे में बताया। ढाबे के मालिक ने चालक को ठगी का शिकार होने की बात बतायी और सूचना बंथरा पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची बंथरा पुलिस ने छानबीन कर इस मामले में ट्रक चालक की तहरीर पर तीन जालसाजों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली। ट्रक चालक ने पुलिस को जालसाजों की बाइक का नम्बर बताया। बाइक का नम्बर हाथ लगते ही पुलिस ने एक जालसाज हरदोई निवासी नसीम को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने वारदात में शामिल अपने दो अन्य साथियों पप्पू व सरकार का नाम बताया। अब बंथरा पुलिस दोनों की तलाश में लगी है।
|
सियोलः सोमवार को जारी एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक-योल की अनुमोदन रेटिंग पिछले सप्ताह से अपरिवर्तित है ।
पिछले महीने पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार यूं की अनुमोदन रेटिंग पिछले सप्ताह 50 प्रतिशत से नीचे गिर गई।
राष्ट्रपति, को हाल ही में वित्तीय पर्यवेक्षी सेवा के प्रमुख सहित सरकारी पदों पर पूर्व और वर्तमान अभियोजकों को नियुक्त करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा।
एक नए रियलमेटर पोल के अनुसार, यूं के राज्य मामलों को संभालने का नकारात्मक मूल्यांकन 1. 2 प्रतिशत अंक बढ़कर 45. 4 प्रतिशत हो गया। सत्तारूढ़ रूढ़िवादी पीपुल्स पावर पार्टी के लिए लोगों का समर्थन पिछले सप्ताह 0. 5 प्रतिशत गिरकर 46. 8 प्रतिशत हो गया।
डेमोक्रेटिक पार्टी, मुख्य उदार विपक्षी दल, ने अपनी अनुमोदन रेटिंग 0. 2 प्रतिशत अंक बढ़ाकर 39. 4 प्रतिशत कर दी।
पिछले हफ्ते, माइनर प्रोग्रेसिव जस्टिस पार्टी को 3. 4% वोट मिले, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 0. 2 प्रतिशत कम है।
पाकिस्तान के सरकारी कोष में नहीं है पैसा,फिर भी अपने बजट को बता रहा "जन-समर्थक"
|
कोरोना वायरस के खौफ के कारण बॉलुवड स्टार भी घर में समय बीता रहे हैं। बी टाउन के चर्चित चेहरों में से एक दिशा पाटनी भी अपना वक्त खुद को क्वारनटीन करके बिता रही हैं। लेकिन वह अपने बॉयफ्रेंड टाइगर श्राफ के साथ नहीं बल्कि उनकी बहन कृष्णा श्राफ के साथ समय गुजार रही हैं।
सोशल साइट इंस्टाग्राम पर दिशा पाटनी ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वे कृष्णा श्राफ के साथ नजर आ रही हैं। दिशा इस वीडियो में काफी सुंदर लग रही हैं। उन्होंने व्हाइड टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन रखी है। साथ ही दोनों ने माथे पर बिंदी लगा रखी है।
टाइगर के साथ रिश्ते में आने के बाद कृष्णा से दिशा के अच्छे रिश्ते हो गए हैं। दोनों अक्सर चिल करते हुए देखी जाती हैं। अगर बात करें दिशा पाटनी के वर्क फ्रंट की तो हाल में ही उनकी फिल्म मलंग रिलीज हुई है। इस फिल्म में दिशा के साथ आदित्य रॉय कपूर, अनिल कपूर भी नजर आए। दिशा अब प्रभु देवा की फिल्म राधे में सलमान खान के साथ नजर आएंगी।
|
देहरादून. राज्य सरकार ने चारों धामों में रोजाना दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या तय कर दी है. सचिव धर्मस्व की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, यह व्यवस्था यात्रा के शुरुआती 45 दिन के लिए तय की गई हैं.
सचिव धर्मस्व हरिश्चंद्र सेमवाल की ओर से शनिवार को जारी आदेश के मुताबिक, चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है. इसे देखते हुए यह व्यवस्था की गई है. चारधाम मार्ग पर यात्रा के दौरान रात दस बजे से सुबह चार बजे तक यातायात प्रतिबन्धित रहेगा.
चारधाम के लिए गद्दीस्थलों से डोलियों के धामों को रवाना होने की तिथियां तय कर दी गई हैं. दो मई से गद्दीस्थल से डोलियों के धामों के लिए रवाना होने का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा. आठ मई तक सभी धामों के कपाट दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए जाएंगे.
श्री बदरी केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि केदारनाथ और गंगोत्री की डोली दो, यमुनोत्री की तीन और बदरीनाथ देवडोली 6 मई को जोशीमठ से रवाना होगी.
गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में डोली के प्रस्थान से पहले किए जाने वाले अनुष्ठानों की तैयारी शुरू हो गई है.
|
हर्षराज गुप्ता,खरगोन। खरगोन जिले के बडवाह क्षेत्र में तोतो से भरा पिंजरा लेकर जा रही एक यात्री बस को पुलिस और वन विभाग की टीम ने पकड़ा है. बस खंडवा से इन्दौर जा रही थी. बताया जा रहा है कि 100 से अधिक तोते पिंजरे में बंद थे. तोते रोजरिंग पैराकीट प्रजाति के है. अब पूरे मामले में वाईल्डलाइफ एक्ट 1972 के तहत तोतो का अवैध परिवहन को लेकर कार्रवाई की जा रही है.
बडवाह के वाइल्ड लाइफ वार्डन टोनी शर्मा को मिली सूचना के बाद पुलिस और वन विभाग की टीम ने नाकेबंदी कर निजी यात्री बस को बडवाह के आगे काटकूट फाटे के पास रुकवाया. बस के ऊपर केरियर में बंधे पिंजरे से तोते जब्त किए. पुलिस बस चालक और कंडक्टर से पूछताछ कर रही है. बस पर पिंजरे में रखे तोते की सूचना टोनी शर्मा को मिली थी. टोनी शर्मा ने पुलिस प्रशासन को सूचना देकर अवैध रूप से तोते ले जाने का बड़ा खुलासा किया.
खंडवा से रामश्री बस एमपी 09 एफ़ए 6658 बस को रुकवाया, तो देखा की ऊपर कपड़ा लपटे हुए दो बड़े पिंजरे रखे हुए थे. जिसमें से लगातार तोतो की आवाज आ रही थी. नीचे उतारकर जब पिंजरे को खोलकर देखा तो एक पिंजरे में चार अलग-अलग लेयर में तोतो को भर रखा था.
इस तरह दोनों पिंजरों में करीब 100 से अधिक तोते होने की सम्भावना है. इसकी जानकारी रेंजर डीएस राठौर को दी. डिप्टी रेंजर एचएस सिसौदिया, राजेश सुल्या मौके पर पहुंचे. चालक, परिचालक और बस को वन विभाग के ऑफिस ले जाया गया. यात्रियों को दूसरी बस में बैठाकर पुलिस ने रवाना किया. अब पूरे मामले में वाईल्डलाइफ एक्ट 1972 के तहत तोतो का अवैध परिवहन को लेकर कार्रवाई की जा रही है. बताया जा रहा कि बरामद हुए तोते रोजरिंग पैराकीट प्रजाति के है.
|
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से लैस ChatGPT और बार्ड जैसे चैटबॉट के बाद अब इंस्टाग्राम की तरफ से भी एक AI चैटबॉट देखने को मिल सकता है। ऐप शोधकर्ता एलेसेंड्रो पालुजी द्वारा ट्विटर पर शेयर की गई तस्वीरों के अनुसार, इंस्टाग्राम AI चैटबॉट पर काम कर रही है। ये AI चैटबॉट सवालों का जवाब और सलाह देगा। इसमें यूजर्स को 30 अलग-अलग AI पर्सनालिटी को चुनने का विकल्प मिलेगा, जो यूजर्स को मैसेज लिखने में भी मदद कर सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, एलेसेंड्रो ने इंस्टाग्राम के कोड को रिवर्स-इंजीनियर करने और नए AI चैटबॉट को खोजने में सफलता हासिल की है। एक ट्वीट में एलेसेंड्रो ने कहा कि इंस्टाग्राम AI के जरिए चैट को अधिक मजेदार और इंटरैक्टिव बनाने के लिए काम कर रही है। इंस्टाग्राम की मूल कंपनी मेटा पहले से ही मैसेंजर, व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम जैसे अपने प्लेटफार्मों पर AI के उपयोग के तरीके तलाश रही है।
मेटा CEO मार्क जुकरबर्ग ने लोगों की सहायता करने वाले AI पर्सनालिटी बनाने के बारे में पहले ही बात की है। जुकरबर्ग इंस्टाग्राम पर फिल्टर और विज्ञापनों को बेहतर बनाने के लिए भी AI का उपयोग कर रहे हैं। कुछ समय पहले ही जुकरबर्ग ने रील्स को यूजर्स तक पहुंचाने के लिए AI के योगदान की प्रशंसा की थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, रील्स रिकमेंडेशन में AI के इस्तेमाल से यूजर्स इंस्टाग्राम पर 24 प्रतिशत ज्यादा समय बिता रहे हैं।
इंस्टाग्राम ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह एक नए फीचर की टेस्टिंग कर रही है। इस नए फीचर के जरिए यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर दिखने वाले कंटेंट पर और अधिक कंट्रोल मिलेगा। यूजर्स रिकमेंडेड पोस्ट दिखने पर एक नया "इंट्रेस्टेड" बटन सेलेक्ट कर पाएंगे। इससे ऐप को यह पता चलेगा कि यूजर्स किस तरह का कंटेंट देखना पसंद करते हैं और ऐप यूजर्स को उनकी पसंद के आधार पर ही कंटेंट रिकमेंड करेगी।
मेटा ने एडवांटेज+ जैसे टूल का एक्सेस भी यूजर्स को दिया है, जो विज्ञापनदाताओं को सही ऑडियंस खोजने और विज्ञापनों को प्लेटफॉर्म पर ऑटोमैटिक तरीके से प्लेस करने में मदद करता है। विज्ञापनदाताओं के लिए AI का उपयोग कर विज्ञापन बनाने के तरीके पर भी मेटा काम कर रही है। लगभग 2 महीने पहले के रिफिनिटिव के डाटा के मुताबिक, पिछले साल की तुलना में इस तिमाही मेटा के प्रति विज्ञापन की कीमत में 17 प्रतिशत की कमी आई है।
|
ऐसे ही एक दिन कुछ सैनिक दबंगई करते विन्ध्वासिनी तीर्थ क्षेत्र में आ गए ,मकसद मंदिर को लूटना और वंहा से मिले धन सम्पदा से सरकारी खजाना भरना और लोगो को गुलाम बनाना था । विंध्यावासिनी देवी के मंदिर में उनके दर्शन हेतु उन दिनों मेला लगा हुआ था, जहाँ लोगों की खूब भीड़ जमा थी।
छत्रसाल ने एक गहरा श्वास लिया और जैसे हाथियों के झुंड पर सिंह टूट पड़ता है, वैसे ही उन घुड़सवारों पर वह टूट पड़ा। छत्रसाल ने ऐसी वीरता दिखाई कि एक को मार गिराया, दूसरे ब्लॉकों ने भी आतताइयों को देखकर उन्हें सबक सीखना आरम्भ कर दिया, . लोगों को पता चले उसके पहले ही आधा दर्जन फौजियों को मार भगाया। धर्म की रक्षा के लिए अपनी प्राण तक की परवाह नहीं की वीर छत्रसाल ने। वही वीर बालक आगे चलकर पन्नानरेश हुआ।
क़र्ज़ मुक्ति के सरल उपाय ! !
लक्ष्मी प्राप्ति के सरल उपाय ! !
|
टोयोटा ने अपनी नई कार इनोवा हाइक्रॉस ( Innova Hycross) को इंडोनेशिया में लॉन्च कर दिया है. इंडोनेशियन मार्केट में इसे Innova Zenix नाम से उतारा गया है. टोयोटा की इस गाड़ी में SUV गाड़ियों नें नजर आने वाले कई सारे फीचर्स की झलकियां दिखेंगी. भारत में यह कार Innova Hycross के नाम से 25 नवंबर को पेश की जाएगी.
हाइब्रिड पावरट्रेन 2. 0-लीटर पेट्रोल इंजनः
इस कार को 2. 0 लीटर स्ट्रांग हाइब्रिड इंजन से लैस किया गया है. दावा किया जा जा रहा है इस गाड़ी का एवरेज 20kmpl लीटर है. इस कार में डीजल इंजन नहीं दिया गया है. इस एमपीवी को कंपनी ने कई बड़े बदलाव के साथ पेश किया है, जो कि इसे मौजूदा Innova Crysta से बिल्कुल अलग बनाते हैं.
एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टमः
भारतीय मार्केट में TOYATA पहली बार किसी कार में ADAS (एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम) दे रही है. इसमें एडाप्टिव क्रूज कंट्रोल, ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग, फॉरवर्ड-टक्कर वार्निंग, लेन डिपार्चर वार्निंग, लेन कीप असिस्ट, ब्लाइंड स्पॉट मॉनिटरिंग और ऑटोमैटिक हाई बीम जैसे एडवांस फीचर दिए गए हैं. यह रडार बेस्ड सेफ्टी टेक्नॉलाजी के साथ भारत में टोयोटा की पहली कार होगी.
टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टमः
टोयोटा हाईक्रॉस में वायरलेस एंड्रॉइड ऑटो और ऐप्पल कारप्ले के साथ एक नया फ्री-स्टैंडिंग 10-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम की सुविधा दी गई है. वहीं टोयोटा के अन्य गाड़ियों में वेरिएंट नौ-इंच टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम की ही सुविधा उपलब्ध है.
इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड टेलगेटः
Innova Hycross इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड टेलगेट है का फीचर भी दिया गया है. इस फीचर की मदद वॉयस असिस्ट के माध्यम से गाड़ी के बूट स्पेस को खोला और बंद किया जा सकता है.
इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधाः
इस कार में 10 इंच के टचस्क्रीन सिस्टम के साथ इंटरनेट कनेक्टिविटी की सुविधा भी दी जा रही है. ये फीचर्स ज्यादातर महंगी और एडवांस फीचर्स के साथ लैस गाड़ियों में ही नजर आते हैं.
Ottoman के साथ रेक्लाइनर सीटः
टोयोटा की यह गाड़ी 6 सीटर है. इसमें इलेक्ट्रिली एडजस्टेबल रियर कैप्टन सीट का फीचर दिया गया है. सीटों के बीच में अलग-अलग आर्मरेस्ट और कप होल्डर भी हैं. यह फीचर किसी मास-मार्केट एमपीवी कार में पहली बार देखा गया है.
पैनोरमिक सनरूफ फीचरः
भारतीय बाजार में TOYATA ने अब तक किसी भी कार को पैनोरमिक सनरूफ फीचर के साथ नहीं उतारा है. टोयोटा की यह पहली कार है जिसमें यह फीचर दिया जा रहा है. इसके सनरूफ की लंबाई गाड़ी में दूसरे पंक्ति तक फैली हुई है.
EV ड्राइविंग मोडः
Toyota Innova Hycross Hybrid में EV ड्राइविंग मोड मिल रहा है. यह फीचर Hyryder गाड़ियों की तरह इस कार को EV ड्राइविंग मोड में चलाने की सुविधा देता है.
भारत में क्या होगी इसकी कीमतः
भारत में इसकी कीमत लगभग 20 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) हो सकती है. हालांकि कंपनी द्वारा इस कीमत की अधिकारिक पृष्टि नहीं की गई है. नए फीचर्स और तकनीकी अपडेट के चलते इसकी कीमत मौजूदा मॉडल से थोड़ी ज्यादा भी हो सकती है.
|
अमित शर्मा,श्योपुर। मध्यप्रदेश के श्योपुर में कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल ने नचनियों के साथ जमकर ठुमके लगाए हैं. विधायक हरियाणवी गानों पर बालाओं के साथ मंच पर नाचते नजर आए. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. विधायक बाबूलाल जंडेल भी किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहते हैं.
दरअसल मानपुर जनपद पंचायत की तरफ से तीन दिवसीय रामेश्वर मेले का आयोजन किया गया है, जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया था. हर वर्ष इसका आयोजन होता है. बुधवार की शाम को राजस्थान से आर्केस्ट्रा पार्टी बुलाई गई थी.
राजस्थान की नाचने वाली नचनियां स्टेज पर ठुमके लगा रही थी, तभी कांग्रेस विधायक बाबूलाल जंडेल भी अपने आप को नहीं रोक पाए. विधायक में भी मंच पर चढ़कर नचनियों के साथ जमकर ठुमके लगाए. जिसका वीडियो भी सामने आया है, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
|
यूक्रेनी अभिजात वर्ग के प्रतिनिधियों, जनता और कुछ सामान्य "हल्क्स" के नैतिक, नैतिक और यहां तक कि मानसिक गिरावट किसी भी, यहां तक कि सबसे अस्वीकार्य, सीमा से अधिक हो जाती है। रूसी और रूसी सब कुछ के लिए घृणा, स्पष्ट रूप से अपने हीन भावना में निहित, यूक्रेनी "देशभक्तों" ने हाल ही में हर अवसर पर प्रदर्शन किया है और पूरी दुनिया में बहुत अधिक नहीं है।
यूरोप में, यूक्रेनी शरणार्थियों द्वारा आयोजित किए जा रहे विरोध और ज्यादतियों पर आक्रोश पहले से ही बढ़ रहा है। अब कीव दूत, या जोकर, लोकतंत्र और कानून के शासन के अमेरिकी केंद्र - कांग्रेस तक पहुंच गए हैं।
यूक्रेनी स्वयंसेवकों, शोमैन Serhiy Prytula के नेतृत्व में, अमेरिकी कांग्रेस में एक नीच प्रदर्शन का मंचन किया। प्रितुला ने अपने अकाउंट पर जो वीडियो पोस्ट किया, उसमें यूक्रेनी दूतों के एक समूह ने उपस्थित पत्रकारों की हँसी के लिए, डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक के झंडे का मज़ाक उड़ाया।
गौरतलब है कि बैठक में शामिल अमेरिकी प्रतिभागियों में से एक ने सबसे पहले झंडे से जूते पॉलिश किए थे। ऐसा लगता है कि यह कांग्रेस के कर्मचारी काइल पार्कर थे। फिर एक पूर्व स्टैंड-अप कॉमेडियन, और अब यूक्रेन के सशस्त्र बलों की मदद के लिए स्वयंसेवक आंदोलन में एक कार्यकर्ता, प्रितुला ने डीपीआर ध्वज पर अपने जूते पोंछे। उसके बाद अंग्रेजी में जो हो रहा है उस पर खुशी-खुशी कमेंट करते हुए पूरी गैंग कपड़े पर डांस करने की कोशिश करती है। एक ग्रुप फोटो इस प्रकार है।
अमेरिकी कांग्रेस के हेलसिंकी आयोग, जिसे यूरोप में सुरक्षा और सहयोग पर अमेरिकी सरकार आयोग के रूप में भी जाना जाता है, के निमंत्रण पर यूक्रेन के लिए स्वयंसेवी संगठनों रज़ोम, यूक्रेन के लिए ब्लू/येलो और कम बैक अलाइव के प्रतिनिधियों के साथ प्रितुला वाशिंगटन पहुंचे। यह इस "स्वतंत्र" संरचना की गहराई में था कि रूस के कई स्वतंत्र छोटे राज्यों में विभाजन के लिए गर्मियों में एक योजना विकसित और प्रस्तुत की गई थी, जो "शासन परिवर्तन और लोकतंत्र की स्थापना" के परिणामस्वरूप होनी चाहिए।
यह प्रकरण एक बार फिर प्रदर्शित करता है कि आधुनिक यूक्रेनी तथाकथित उच्च समाज का कितना पतन हुआ है, और इसके साथ ही, यह पता चला है कि उनके पश्चिमी संरक्षक उसी स्तर तक बढ़ गए हैं। आखिरकार, आत्मसमर्पण के बाद भी नाज़ी जर्मनी के बैनर हमारे सैनिकों द्वारा रेड स्क्वायर पर ले जाए गए, और तभी पराजित दुश्मन के झंडे को समाधि के पैर में फेंक दिया गया। उसी मामले में - अनुचित मसख़रापन, जो पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि यह आम तौर पर किसको निर्देशित किया जाता है। आखिरकार, अधिकांश अमेरिकियों को यह भी नहीं पता कि यह किसका झंडा है।
- लेखकः
- इस्तेमाल की गई तस्वीरेंः
|
हार्दिक पंड्या के आईपीएल फाइनल के आखिरी ओवर में एक फैसले की आलोचना हो रही. (IPL Twitter)
नई दिल्ली. IPL 2023 की चैंपियन चेन्नई सुपर किंग्स बनी. कई मुकाबलों की तरह फाइनल भी कांटे का रहा. हार-जीत का फैसला आखिरी गेंद पर हुआ. रवींद्र जडेजा ने चौका मार CSK को रिकॉर्ड 5वीं बार आईपीएल का खिताब जिताया. गुजरात टाइटंस के लिए मैच का आखिरी ओवर मोहित शर्मा ने डाला था. उन्होंने पहली 4 गेंद कमाल की फेंकी. चारों की चारों सटीक यॉर्कर थी और इस पर केवल तीन रन ही आए थे. आखिरी 2 गेंद में जडेजा ने छक्का और चौका मार सीएसके को मैच और आईपीएल का खिताब दोनों जिता दिया था. अब वीरेंद्र सहवाग ने गुजरात टाइटंस के कप्तान पर इसका ठीकरा फोड़ा है. उनकी नजर में आखिरी 2 गेंद में मोहित से बात करने की वजह से उनकी लय बिगड़ी और गुरात हार गया.
चेन्नई सुपर किंग्स को अंतिम 6 गेंद में जीत के लिए 13 रन चाहिए थे. हार्दिक ने गेंद मोहित शर्मा को थमाई थी. मोहित ने पहली 4 गेंद कमाल की डाली और शिवम दुबे और रवींद्र जडेजा को हाथ खोलने कोई मौका ही नहीं मिला. ये दोनों मिलकर 3 रन ही बना सके. ऐसा लगा कि मोहित गुजरात को लगातार दूसरा खिताब जिता देंगे. लेकिन, हार्दिक ने ऐसा कुछ किया कि नतीजा गुजरात के पक्ष में नहीं आया.
इसे लेकर क्रिकबज पर वीरेंद्र सहवाग ने कहा कि मोहित शर्मा आखिरी ओवर में अपनी रणनीति के तहत गेंदबाजी कर रहे थे. उन्होंने सटीक यॉर्कर फेंकी थी. लेकिन बीच ओवर में हार्दिक पांड्या उनके पास गए और आखिरी 2 गेंद में ही सारा खेल खराब हो गया. गुजरात को हार के रूप में खामियाजा उठाना पड़ा.
सहवाग क्यों हार्दिक पर भड़के?
.
जुलाई में खरीदना है 25 हजार से कम में बेस्ट 5G स्मार्टफोन? इस लिस्ट को देखे बिना कोई भी फैसला लेना पड़ेगा भारी!
|
आज से 32 साल बाद यानी 2050 में विभिन्न धार्मिक समुदायों के हिसाब से कैसा होगा दुनिया का नक्शा, अमेरिका की जानीमानी सर्वेक्षण संस्था 'पीयू' द्वारा दुनिया के प्रमुख धर्मों की आबादी के ट्रैंड्स के बारे में कुछ समय पहले जारी की गई रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है. रिपोर्ट ने कई देशों की नींद उड़ा दी है. यदि ये ट्रैंड्स सही साबित हुए तो दुनिया के कई देशों का भूगोल बदल जाएगा. आज विश्व का हर देश इस बदलाव से अपने देश पर होने वाले असर के बारे में सोच रहा है. ऐसा स्वाभाविक भी है क्योंकि आज के लोकतांत्रिक युग में जनसंख्या धर्मों की ताकत नापने का प्रमुख पैमाना है. जनसंख्या के अनुपात में धर्मों की राजनीतिक शक्ति बढ़ती या घटती है.
पीयू की रिपोर्ट में वर्ष 2010 को आधार मान कर वर्ष 2050 तक 8 प्रमुख धार्मिक समुदायों की जनसंख्या का आकलन और विश्लेषण किया गया है. विश्व तथा भारत के संदर्भ में इस के निष्कर्ष चौंकाने वाले हैं. इन 40 सालों में विश्व की जनसंख्या में 35 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जिस में प्रमुख समुदायों में मुसलमानों की जनसंख्या सर्वाधिक यानी 73 प्रतिशत, ईसाई समाज की 35 प्रतिशत तथा हिंदुओं की जनसंख्या 34 प्रतिशत बढ़ेगी, इस हिसाब से आबादी के मामले में ईसाई पहले, मुसलमान दूसरे तथा हिंदू तीसरे नंबर पर होंगे.
भारत के हिंदुओं के लिए बुरी खबर यह है कि साल 2050 में भारत की कुल आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी में 2.8 फीसदी तक कमी आने की संभावना है. वर्ष 2050 में देश की कुल आबादी 1.7 अरब होगी. इस में 76.7 फीसदी हिंदू होंगे, जबकि साल 2010 में यह आंकड़ा 79.5 फीसदी था. 2010 में देश में हिंदुओं की कुल आबादी 97.37 करोड़ थी, जबकि साल 2050 में संभावित तौर पर यह 129.79 करोड़ होगी, इस प्रकार इस दौरान कुल हिंदू आबादी में मात्र 32.42 करोड़ की वृद्धि होगी. एक भ्रम फैलाया जा रहा है कि 2050 तक हिंदू 50 फीसदी से कम होंगे.
|
नई दिल्लीः भारत में कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन के बीच एक अच्छी खबर यह है कि इस वजह से देश में कई नदियों की जल और वायु गुणवत्ता में उद्योग और गाड़ियों के नहीं चलने से काफी सुधार हुआ है। वाराणसी के आईआईटी-बीएचयू के केमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर डॉ पीके मिश्रा ने रविवार को बताया कि वाराणसी में गंगा नदी में पानी की गुणवत्ता में 40-50 फीसदी सुधार हुआ है।
वहीं उत्तराखंड के हरिद्वार से भी गंगा नदी की एक वीडियो सामने आया है। हरिद्वार में भी गंगा नदी की जल गुणवत्ता में सुधार हुआ है क्योंकि कोरोनो वायरस लॉकडाउन के बीच हर की पौड़ी घाट और उद्योग बंद हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में कोरोनोवायरस के प्रकोप के मद्देनजर देशव्यापी लॉकडाउन के बीच हवा की गुणवत्ता में भारी सुधार हुआ है। चूंकि सड़क पर न तो कोई वाहन चल रहा है और न ही कल-कारखाने चल रहे हैं, लिहाजा वातावरण में जहरीले धुंए नहीं हैं। इस कारण राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक वर्तमान में 97 पर आ गया है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के अनुसार, वायु गुणवत्ता सूचकांक 47 पर 'अच्छी' श्रेणी का माना जाता है।
|
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर को मंडोली जेल में अपने वकीलों से मिलने और परामर्श करने के लिए समय बढ़ाने की याचिका दायर करने के लिए फटकार लगाई।
जस्टिस अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि जेल नियमों के अनुसार चंद्रशेखर से पहले ही मुलाक़ात की जा रही है।
"आप वकीलों के नाम बताएं, हम जेल अधिकारियों से कहेंगे कि आपके वकीलों को जेल में रहने दिया जाए। आप इस अदालत में किस तरह का बयान दे रहे हैं? क्या आप जेल में विशेषाधिकार चाहते हैं? पीठ ने टिप्पणी की।
चंद्रशेखर की ओर से पेश वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ छह शहरों में 28 मामले लंबित हैं और 10 से अधिक वकीलों को काम पर लगाया गया है।
जेल नियमों के अनुसार, वकीलों से मिलने के लिए सप्ताह में दो बार केवल 30 मिनट दिए जा रहे हैं, जो पर्याप्त नहीं है, उनके वकील ने कहा, उनके मुवक्किल के अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है।
शीर्ष अदालत ने तब अपने आदेश में कहा था, "यह विवाद नहीं है कि जेल नियमों के अनुपालन में याचिकाकर्ता से मुलाक़ात कराई जाती है। जो प्रार्थना की जा रही है वह असाधारण राहत है जिसकी अनुमति नहीं है। " जेल के नियमों के अनुसार, एक कैदी को अपने रिश्तेदारों या दोस्तों के साथ आधे घंटे की अवधि के लिए हर हफ्ते दो साक्षात्कार (बैठक) करने की अनुमति है।
चंद्रशेखर और उनकी पत्नी कथित मनी लॉन्ड्रिंग और कई लोगों को ठगने के आरोप में जेल में बंद हैं।
|
मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज लाडली बहना योजना लाकर महिनलाओं को साधने में जुटे हुए है तो वही बैंकें अपनी मनमानी कर शिवराज के मंसूबों पर पानी फेरने में लगे हुए है।
Ladli Behna Yojana : मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री शिवराज लाडली बहना योजना लाकर महिलाओं को साधने में जुटे हुए है तो वही बैंकें अपनी मनमानी कर शिवराज के मंसूबों पर पानी फेरने में लगे हुए है।
दरअसल, सीएम शिवराज की लाडली बहना योजना बैंक राह का रोड़ा साबित हो रही है। लाडली योजना की राशि बहनों को मिली, लेकिन बैंकों की मानमानी के चलते बहनों के हाथ नहीं आई। जानकारी के अनुसार प्रदेश की ऐसी हजारों महिलाओं के खाते में योजना के 1000 रुपए तो आए लेकिन बैंकों ने अलग-अलग शुल्क लगाकर उनकी राशि काट ली। ऐसे में कई लाड़ली बहने योजना की राशि से वंचित रह गई।
करीब 5000 महिलाओं को नहीं मिल पैसे!
बताया जा रहा है कि प्रदेश में ऐसे करीब 5000 मामले सामने आ चुके हैं। प्रदेश सरकार की ओर से जैसे ही महिलाओं के खातों में योजना के 1 हजार रूपये डाले गए वैसे ही बैंकों ऐसी महिलाओं के खातो से राशि काट ली जिनके खातों से लंबे समय से लेनदेन नहीं हुआ था। बैंकों ने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने तक का चार्ज काट लिया। बताया जा रहा है कि प्रदेश में ऐसी कई महिलाएं है जिनकी दूसरी किस्त भी बैंक की शुल्क अदाएगी में चली जाएगी।
प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में करीब 18 हजार महिलाओं के खाते में लाडली बहना योजना की पहली किस्त नहीं पहुची है। यह वो महिलाएं है जिनके खाते अभी तक डीबीटी एक्टिवेटेड नहीं हुए हैं।
आपको बता दें कि लाड़ली बहना योजना की लाड़ली बहनों के खातों में सरकार द्वारा अंतरित की गई राशि से न्यूनतम बैलेंस नही होने से सेवा शुल्क काटे जाने की खबरे है। जबकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार प्रधानमंत्री जन धन योजना में खुले बैंक खातों सहित सेविंग्स बैंक डिपॉजिट में न्यूनतम बैलेंस रखने की बाध्यता नहीं है। बैंक, इन खातों पर सेवा शुल्क नहीं ले सकते हैं।
खबरे सामने आने के बाद स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी ने निर्देश जारी कर निष्क्रिय खातों वाली लाड़ली बहनाओं के खाते, जन धन खातों में परिवर्तित करने की कार्यवाही करने के निर्देश भी दिए हैं, जिससे कि बहनों के खाते में अंतरित की गई राशि जमा हो सके।
|
26 नवंबर। भारतीय तेज गेंदबाजी तिगड़ी ने पिछले सप्ताह कोलकाता में खेले गए मैच में बांग्लादेश को मात दे दो मैचों की टेस्ट सीरीज 2-0 से अपने नाम की। इस गेंदबाजी आक्रमण में जसप्रीत बुमराह का नाम नहीं था जो चोट के कारण टीम से बाहर हैं। बुमराह हालांकि अपनी वापसी के प्रयास में लगे हुए हैं और इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को सोशल मीडिया पर अभ्यास सत्र के बाद टूटे स्टम्प के साथ एक वीडियो साझा किया है।
बुमराह ने ट्वीटर पर यह फोटो साझा की है और इस बात का संदेश दिया है कि वह वापसी की राह पर हैं।
बुमराह ने फोटो के साथ लिखा, "खत्म। सीजन का अंत स्टम्प के साथ खत्म।"
भारतीय टीम के तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा ने बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में 12 विकेट अपने नाम किए। मोहम्मद शमी के हिस्से नौ विकेट आए जबकि उमेश यादव के हिस्से 12 विकेट आए।
बुमराह चोट के कारण दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेली गई सीरीज से ही बाहर चल रहे हैं। उन्हें स्ट्रेस फ्रेक्चर की समस्या है। उनके अगले साल होने वाले टीम के न्यूजीलैंड दौरे पर टीम में लौटने की आशंका है।
|
ऊना-जिला की विभिन्न पंचायतों में कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मामले आने के चलते संबंधित क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन घोषित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन घोषित किए गए क्षेत्रों में अब तुरंत प्रभाव से आगामी आदेशों तक कर्फ्यू में ढील नहीं दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि कंटेनमेंट जोन में रह रहे विद्यार्थियों, जिनमें कोविड-19 के लक्षण न हों, उन्हें परीक्षा देने के लिए जाने की अनुमति रहेगी। उपायुक्त ऊना संदीप कुमार ने बताया कि मलाहत के वार्ड नंबर-7 में प्रवीण कुमारी के घर, गोंदपुर बनेहड़ा अपर के वार्ड नंबर-4 में सुनीता देवी के घर, गुरुदेव सिंह के घर से तेज पाल के घर व बलवंत कुमार के घर, घनारी के वार्ड नंबर-2 में गिरधारी लाल के घर, गगरेट के वार्ड नंबर-3 में राज कुमारी के घर, ऊना के वार्ड नंबर-2 में रोहिनी ठाकुर के घर, एनएसी गगरेट के वार्ड नंबर-7 में धर्मवीर के घर को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त गोंदपुर बनेहड़ा के वार्ड नंबर 4 के शेष हिस्से, घनारी के वार्ड नंबर-2 के शेष हिस्से, गगरेट के वार्ड नंबर-3 के शेष हिस्से, एनएसी गगरेट के वार्ड नंबर-7 के शेष हिस्से, को बफर जोन घोषित किया गया है। वहीं, डीसी संदीप कुमार ने आदेश जारी कर जिला के तीन हॉटस्पॉट क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन से बाहर कर दिया गया है। जिनमें बाथू के वार्ड नंबर-4 में रत्तन निवास के घर, नंगल जरियालां के वार्ड नंबर-4 में अंकुश कुमार के घर, दौलतपुर के वार्ड नंबर-7 में प्रियंका के घर को हॉटस्पॉट सूची से बाहर कर दिया गया है। अब यहां 20 अक्तूबर से कर्फ्यू में ढील दी जाएगी। उन्होंने बताया कि एक्टिव केस फाइंडिंग की प्रक्रिया 28 दिनों की अवधि तक जारी रहेगी और सभी को कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी दिशा-निर्देशों जैसे निर्धारित सामाजिक दूरी, मास्क का प्रयोग, नियमित अंतराल पर हाथों को धोना, सेनेटाइजर का प्रयोग करना इत्यादि की अनुपालना पूर्व की भांति सुनिश्चित करते रहना होगा।
कंटेनमेंट जोन बनाए, तीन हॉटस्पॉट सूची से बाहर Reviewed by Himachal Fast News on 20 October Rating:
|
आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए भारतीय टीम के 15 सदस्यीय टीम की घोषणा 25 अप्रैल को की गई और अब इंतजार उप कप्तान का नाम सामने आने का है. इस जिम्मेदारी को लेने के लिए सबसे आगे अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा का नाम चल रहा है. बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज से वापसी करने के बाद इस बैटर ने अपना दम दिखाया है. चैंपियनशिप का फाइनल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जून में इंग्लैंड के ओवल मैदान पर खेला जाना है.
WTC Final के लिए भारतीय टीम इस प्रकार है. रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, केएल राहुल, केएस भरत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और जयदेव उनादकट.
|
मुंबई. ये तो सभी जानते है कि ऐश्वर्या राय और सलमान खान अफेयर और विवाद इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा है। सलमान से रिश्ता तोड़ने के बाद ऐश्वर्या ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि कई बार ऐसा हुआ था सलमान उनके साथ फिजिकल हुए थे। इसी बीच सलमान का एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने बताया कि रिश्ते में रहते हुए ऐश्वर्या के साथ कभी मारपीट नहीं की थी। बता दें कि कोरोना वायरल की दहशत होने के बावजूद सलमान अपनी फिल्म राधे की शूटिंग कर रहे हैं। वहीं, ऐश्वर्या के पास फिलहाल किसी भी बॉलीवुड फिल्म का ऑफर नहीं है। वे अभी साउथ की एक फिल्म की शूटिंग में बिजी हैं।
|
महाराष्ट्र के बुलढाना में हुए सड़क हादसे में 26 लोगों की मौत हो गई. मृतकों की पहचान करने के लिए डीएनए टेस्ट किया जाएगा.
महाराष्ट्र के बुलढाना में हुए दर्दनाक हादसे से हर कोई सदमें में है. इस हादसे में बस में भीषण आग लगने से 26 लोगों की मौत हो गई. बताया जा रहा है बस के डिवाइडर से टकराने की वजह से बस में आग लगी. मृतकों की पहचान कराने के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. वहीं बस के ड्राइवर और कंडक्टर को हिरासत में ले लिया गया है. गृह मंत्री अमित शाह से लेकर राहुल गांधी तक कई बड़े नेताओं ने हादसे पर दुख व्यक्त किया है. अमित शाह ने घायलों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है.
|
पंजाब में पंचायती जमीनों से अवैध कब्जा छुड़ाने में मान सरकार किसानों के आगे झुक गई है। मान सरकार ने इसकी डेडलाइन को 31 मई से बढ़ाकर 30 जून कर दिया है। पहले सीएम भगवंत मान ने चेतावनी दी थी कि 31 मई तक कब्जा छोड़ो वर्ना पर्चे और खर्चे के लिए तैयार रहो। सोमवार को पंजाब भवन में हुई मीटिंग के बाद सरकार ने एक महीने की मोहलत और दे दी है। इसके अलावा अब किसी भी अवैध कब्जे को हटाने से पहले 15 दिन का नोटिस देना होगा। पहले पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल खुद पुलिस फोर्स के साथ तुरंत कब्जा ले रहे थे। यह फैसला भी मंत्री धालीवाल और किसान नेताओं के बीच हुई मीटिंग में लिया गया।
किसान नेता हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि कई किसान वर्षों से पंचायती जमीन पर खेती कर रहे हैं। कई किसानों ने घर भी बना रखे हैं। अगर सरकार उन्हें नोटिस देती है तो उनके पास 15 दिन का वक्त होगा। वह जिला विकास और पंचायत अफसर के पास पेश होकर मालिकाना हक का दावा कर सकते हैं।
अवैध कब्जों को लेकर किसानों के लिहाज से एक सांझी कमेटी बनेगी। जो पूरे मामले की पड़ताल करेगी। इसमें 3 मेंबर किसान, 3 मेंबर अफसर और एक मेंबर रेवेन्यू विभाग का होगा। इसमें वकील भी शामिल होंगे। यह कमेटी देखेगी कि किसानों को उनका हक कैसे दिलवाया जाए? ।
This website follows the DNPA Code of Ethics.
|
आज भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी और एक्ट्रेस सुमोना चक्रवर्ती, सिंगर मधु बालकृष्णन का जन्मदिन है। इन सभी के साथ आज जिन लोगों का जन्मदिन है उन सभी को जन्मदिन की बहुत-बहुत बधाई। आइए जानते हैं अगला एक साल आपका कैसा रहने वाला है।
मेष राशि का बृहस्पति और तुला राशि का केतु मेष का राहु, मंगल का मिश्रित फल आपके वर्ष पर प्रभाव डालता रहेगा। कई बार आप व्यर्थ की आशंका पालकर भी रूग्ण हो जाएंगे। जून शेष से जुलाई तक अगर आपने अपने कार्य का समय पर निष्पादन नहीं किया तो कहीं पर भी विश्वासघात हो सकता है।
अपने से अधिक शक्तिशाली व्यक्ति से शत्रुता या संघर्ष करना अच्छा नहीं होगा। अगस्त और सितंबर में स्वास्थ्य खराब रह सकता है। अक्टूबर से नवंबर में किसी मंगल कार्य, विवाह शादी की योजना बनेगी। दिसंबर से जनवरी 2024 में सार्थक यात्रा और देशाटन के योग हैं।
फरवरी और मार्च में अपने व्यक्तिगत ज्ञान व मनोरंजन पर व्यय करना लाभप्रद रहेगा। वर्ष पर्यन्त थोड़ी मेहनत से ही सुख शांति व धन की प्राप्ति होती रहेगी। अप्रैल और मई में विशेष अच्छे परिणामों के लिए बृहस्पतिवार पीले फल और मिष्ठान का दान करते रहें।
|
48 प्रणय निवेश
जिन्हें उमन यही स एप पर रखा था। यह इन यावया का समय असमय पर दाहगता रहता था- मैं तुम्हारे बिना रह नहीं समता, मुझे रात को नोद नहीं याती, अगर तुम मुझसे मुहय्यत नही रोगी तो मैं नदी में या झोल में छलांग लगा दूगा ।" आज की युवती को इन बायोमो सुनने को आत पड़ चुकी है। यह जानती है कि रास मो जागने यास दिन को गहरी नीद गोत हैं। आत्मघात मरने की धमनियोग सार नहीं होता। इस तरह आज मा कुमार प्रणय निवेदन यी बात महतो देता है, लेकिन उसे बहने या ठग नहीं आता। चिरकुमार और चिरकुमारी को मुहब्बत से डर नगता है । इटचाल से अकेले रहने की आदत पड घुषी होती है । एक दूसरे के निकट आने से इन्हें सोच होता है। एक दूसरे के पास आकर भी फिर दूर हो जाते हैं। इाये मन में यह भय होता है कि प्रणय निवेदन वहीं स्वीकृत न हो जाए। विवाहित और अविवाहित में प्रणय निवेदन स्वतरे से खाली नहीं होता। इनकी तीन कोटिया बन सकती है - आदमी शादी चुदा और औरत कुआरी है, औरत की शादी हो चुकी है और आदमी कुआरा है, दोना शादी शुदा है। इसमे विधुर और विधवा को फिलहाल शामिल नहीं किया गया है। भारत में आदमी और औरत मे मित्रता की परम्परा अभी विकसित नहीं है। इस तरह तिफोन और चारकोन की स्थिति में प्रणय निवेदन कितनी उसयनें पैदा कर सकता है इसका अनु मान लगाना कठिन है। बात कहते हो तलाव, सन्तान कानून, समाज इतना टूट पडता है कि वह कुचली जाती है ।
ऐसा भी होता है कि कभी-कभी लोग फिल्मो और कहानिया के प्रणय निवेदन को अपने जीवन मे आजमाना चाहते हैं । वे यह भूल जाते हैं कि कहानी और असली जीवन में कितना अतर होता है। एक बार एक विवाहित नारी ने मुझे यह बताने का साहस किया कि उसके प्रेमी ने पाश्चात्य उपयासो स प्रणय निवेदन की शब्दावली को रट रखा था। यह और बातें तो अपनी भाषा में करता था जो सहज लगती थी और प्रेम की बात वह अग्रेजी मे करने लगता था जिससे बनावट की गयी थी। यह शायद इसलिए कि लव इस तरह का हो सकता है, लेकिन प्रेम मे पावनता होती है। जब वह अपने प्रेमी से अपने तलाक की बात चलाती थी तो वह मौन हो जाता था। उसे लगता था कि उसका प्रेम निवेदन झूठा था। वह महज बात करने के लिए बात करता था। वह नहीं जानता था कला के लिए कला का युग बीत गया है। इस तरह अधिकाश स्थितियों मे बात दब कर रह जाती है ।
आज के युग मे यह परम्परा दिनोदिन बढ रही है। लडका और
प्रणय निवेदन
लडको अपने जीवन-माथी खुद चुनना चाहते हैं, लेकिन मुश्किल यह पडती है कि न तो उनके पास बात होती है और न ही बात करने का ढग इसकी तालीम नहीं दी जा सकती ? जब इतने कालेज खोले जा रहे इसके लिए कालेज नहीं खोला जा सकता ? अगर यह सम्भव नहीं है तो पत्राचार के माध्यम मे इसकी तालीम नही दी जा सकती ? यह सुनने मे आया है कि समलिगियो मे मुहब्बत इसलिए गहरी होती है कि इसका नतीजा नही निकलता और नतीजा महगा पडता है, लेकिन कानून इसके खिलाफ है। पुराने युग मे तो शादी पहले होती थी और मुहब्बत बाद मे, अगर यह जरूरी हो । नापित की सेवा से साथी का चयन किया जाता था। वह शिकार खेलने के काम में माहिर होता था। आज युवक और युवती खुद शिवार इसलिए करना चाहते है कि मरे शिवार मे लज्जत नही होती, लेकिन इनको न तो बन्दुक चलानी आती है और न ही गोली दागनी आती है। यहां तक कि केडिट कोर के लडके लडकियो को भी इस कला मे कुशलता हाथ नहीं लगती। इनकी बदूको और कारतूसो को जग ही लग जाता है और प्रणय निवेदन की बात धरी की धरी रह जाती है। असल म प्रणय निवेदन की बात इतनी सीधी और सरल होती है कि इसे तूल देना पढता है पेचदार बनाना पडता है ताकि इसमे वजन आ सके। आज महानगरो मे फासले इतने बढ़ गए ह कि एक-दूसरे को मिला न केवल कठिन हो रहा है, महगा भी पडने लगा है। इसलिए शायद अमरीका के महानगरों में अब मुहब्बत फोन पर होन लगी है। अगर चेहरे भी फोन पर आने लग जाए ता इस कला का नया आयाम मिल सकता है। प्रणयनिवेदन के बाद ही मिलन की आवश्यकता पड़ेगी या नही पड़ेगी । |
यदि आप गूगल पर मिशन मंगल के अक्षय कुमार को सर्च करते हैं, तो जो तस्वीर प्राप्त होती है वह बॉलीवुड के अक्षय कुमार है।
हालांकि, अगर आप आईएमबीडी पर फिल्म खोजते हैं तो आपको असली तस्वीर मिलेगी।
आईएमबीडी के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय अभिनेता अक्षय, जो 'इनसाइड मैनः मोस्ट वांटेड' का हिस्सा हैं, उनका जन्म और पालन-पोषण पूर्वी लंदन में हुआ है।
उसने पहली बार 2017 में हॉलीवुड फिल्म अनलॉक्ड में एक छोटी भूमिका निभाई थी।
पूर्वी लंदन के अक्षय की फिल्म 'इनसाइड मैनः मोस्ट वांटेड' का निर्देशन एमजे बसेट ने किया है। (आईएएनएस)
'मिशनः इम्पॉसिबल 7' : क्या खतरनाक हथियार खत्म कर पाएंगे टॉम क्रूज?
|
नीना गुप्ता अपनी ऑटोबायोग्राफी 'सच कहूं तो' को लेकर चर्चा में है. अपनी आत्मकथा में नीना ने अपने जीवन के उन रहस्यों से पर्दा उठाया है, जिससे उनके प्रशंसक और उनके बहुत सारे दोस्त अनजान थे. वेस्ट इंडीज के फॉर्मर क्रिकेटर विवियन रिचर्ड के साथ अफेयर, बिना शादी के उनसे बेटी मसाबा का जन्म लेना जैसी चीजों पर उन्होनें रोशनी डाली है. जहां नीना की बुक को लाखों लोग पढ़ रहे हैं वहीं वह चाहती है कि भारतीय लिरिसिस्ट गुलजार साहब भी उनकी किताब को पढ़ें.
नीना ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें वह ऑटोबायोग्राफी के साथ गुलजार साहब के बंगले के बाहर खड़ी दिखाई दे रही हैं. उन्होंने गेट पर ही उन्हें किताब भेंट की. गुलज़ार बुक को अपने हाथ में लेकर फोटोग्राफरों को पोज़ देते हैं. कैमरे के सामने नीना की आवाज़ आती है, मैं गुलज़ार साहब को बुक देने आयी हूं. उम्मीद है कि यह पढ़ लें.
फिर दूर से ही झुककर पूछती हैं- पढ़ोगे? गुलज़ार साहब उन्हें पास आने के लिए कहते हैं. नीना दौड़कर गुलज़ार से कुछ दूर दरवाज़े के पास खड़ी हो जाती हैं. नीना एक बार फिर गुलज़ार से कहती हैं कि पढ़के बताना कैसी है. नीना ने इस वीडियो के साथ लिखा भी है- बहुत ख़ुश और नर्वस हूं कि उन्हें कैसी लगेगी?
नीना के वीडियो पर अनिल कपूर ने कमेंट करते हुए लिखा- शानदार नीना. पढ़ने का इंतज़ार रहेगा. वरिष्ठ फ़िल्म पत्रकार भावना सोमाया ने लिखा, 'यह सिर्फ़ आप ही कर सकती हैं. '
|
फिजूलखर्ची पर रोक लगाने में परिवार के अन्य सदस्यों का साथ भी मिलेगा । व्यायाम के साथ साथ आपके लिए आराम भी बहुत जरुरी है ,थकान का अनुभव कर सकते हैं । कोई आपकी सफलता से इर्ष्या रखता है ,ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखना हितकर होगा । रोमांटिक स्तर पर आपका व्यवहार प्रेमी के मन में किसी प्रकार की शंका पैदा कर सकता है ,सावधान रहें ।
|
3. 30 PM: राहुल गांधी लंच ब्रेक के बाद वापस ईडी दफ्तर पहुंच गये हैं, जहां उन्हें फिर से ईडी के सवालों का सामना करना पड़ेगा।
2. 37 PM: राहुल गांधी से पूछताछ का सिलसिला 11 बजकर 8 मिनट पर शुरू हुआ था, जो 2. 30 बजे थमा। राहुल गांधी को लंच ब्रेक दिया गया है। उनके पास ऑप्शन था कि वे वहीं खाना खाएं या अपने घर जाकर खाएं। इस पर राहुल गांधी ने प्रियंका वाड्रा के घर जाकर खाना खाने का विकल्प चुना। इस दौरान उन्होंने वकीलों से बातचीत की और अस्पताल जाकर सोनिया गांधी से भी मिले।
12. 16 PM: भाजपा की ओर से केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा, कांग्रेस नेता खुलेआम एक जांच एजेंसी पर दबाव बनाने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं क्योंकि उनका भ्रष्टाचार उजागर हो गया है . . . यह गांधी परिवार की संपत्ति की रक्षा करने का प्रयास है।
12. 06 PM: ईडी के दफ्तर में राहुल गांधी से पूछताछ शुरू हो गई है। पहले प्रियंका वाड्रा उनके साथ थीं, लेकिन अब वो बाहर निकल गई हैं। ईडी के अधिकारी पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) की धारा 50 के तहत पूछताछ की जा रही है। इस धारा के तहत सवाल पूछे जाते हैं और सामने वाले को जवाब स्वयं लिखने होते हैं। माना जा रहा है कि इसी कारण राहुल गांधी से इस पूछताछ में घंटों का समय लग सकता है।
11. 10 AM: ईडी दफ्तर पहुंचे राहुल गांधी। ईडी दफ्तर के बाहर कांग्रेसियों का प्रदर्शन।
11. 00 AM: राहुल गांधी पार्टी कार्यालय से पैदल ही ईडी दरफ्तर के लिए निकले। उनके साथ बहन प्रियंका वाड्रा समेत तमाम बड़े कांग्रेस नेता मौजूद हैं। पुलिस ने इसी इलाके में धारा 144 लगा रही रखी है।
10. 20 AM: राहुल गांधी के ईडी के सामने पेश होने से पहले रॉबर्ट वाड्रा ने पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, राहुल गांधी सभी आरोपों से बरी होंगे। मुझे भी 15 बार समन भेजा गया है। सत्य की जीत होगी।
9. 20 AM: कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा, कहीं ना कहीं राजनीतिक विरोधियों पर दबाव बनाने की राजनीति चल रही है। देश में इतने जरूरी मुद्दे हैं लेकिन अलग विचारधारा के लोगों को दबाने का काम हो रहा है। कांग्रेस के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। हमनें गांधीवादी और शांतिपूर्ण तरीके से एक मार्च निकालने की कोशिश की थी लेकिन दिल्ली में अनुमति नहीं मिली। मुझे लगता है कि ये लोग जिस तरह एजेंसी का दुरूपयोग कर रहे हैं वो जगजाहिर है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी और तमाम नेताओं पर 7-8 साल से बंद केस डाले गए।
वीडियोः राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी करते नेताओं को AICC मुख्यालय के बाहर हिरासत में लिया गया।
#WATCH । Delhi Police detain Congress leaders amid sloganeering in support of party leader Rahul Gandhi ahead of his appearance before ED today in the National Herald case.
8:37 AM: कांग्रेस मुख्यालय के बाहर से पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया है। दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की है।
8:10 AM: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नेशनल हेराल्ड मामला एक बड़ी राजनीतिक लड़ाई में तब्दील होने जा रहा है। कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, पार्टी के सांसद और सभी वरिष्ठ नेता उनके समर्थन में ईडी कार्यालय तक मार्च करेंगे और यह संदेश देंगे कि पार्टी पूरी तरह से राहुल के साथ है।
8:05 AM: इस शक्ति प्रदर्शन में कांग्रेस शासित दोनों राज्यों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल होंगे। राहुल की पेशी से पहले, कांग्रेस ने रविवार को चौतरफा हमला करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार विपक्ष की सबसे मुखर आवाज को दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। पार्टी इससे नहीं डरेगी, बल्कि लड़ेगी।
8:00 AM: दिल्ली में राहुल गांधी के निवास के साथ ही कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भारी संख्या में कांग्रेसी नजर आ रहे हैं। कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भारी पुलिस बल भी तैनात है। कांग्रेसी हंगामा करते हैं तो हिरासत में लिया जा सकता है।
7:13 AM: कांग्रेस नेताओं ने पार्टी मुख्यालय से ईडी दफ्तर तक मार्च की अनुमति मांगी थी, जिसके लिए दिल्ली पुलिस ने इन्कार कर दिया। इस मामले में राहुल गांधी के साथ ही उनकी माताजी सोनिया गाधी आरोपी हैं और 7 साल से जमानत पर है। राहुल गांधी को आज सुबह 11. 30 बजे ईडी दफ्तर में पेश होना है।
7:10 AM: कांग्रेस सांसदों और कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों को सोमवार को दिल्ली में मौजूद रहने को कहा गया है। इसके लिए रणनीति तय करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिवों, राज्य प्रभारी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) प्रमुखों की बैठक हुई।
7:01 AM: कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह एक 'राजनीतिक प्रतिशोध' है और मामले की जांच का कोई आधार नहीं है। ईडी ने इस साल अप्रैल में नई दिल्ली में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के कोषाध्यक्ष पवन बंसल से भी नेशनल हेराल्ड मामले में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में पूछताछ की थी।
Robert Vadra: Rahul Gandhi is fearless, he will face ED - #Nationalheraldcase Meanwhile: INC conducting agitation to each ED office & RaGa is being accompanied by many upto ED office 🤓 INC & each related to that family is honest,innocent & symbol of truth alike a Cobra without Venom. The entire country has been witnessing treachery since it's inception.
#nationalheraldcase 10:30am this Chor was supposed to be in ED office, but this law abiding Congress leader is in Congress party office?
Rahul Gandhi's ED appearance LIVE: Congress workers Protest, detained. #Inkhabar #RahulGandhi #Protest #NationalHeraldCase #Congress Watch More:
|
लखनऊ. नेताओं के विवादित बयान अक्सर उनके साथ-साथ उनकी पार्टियों के गले की फांस बन जाते हैं. नेताओं की फिलसती जुबान और बदजुबानी अक्सर नए-नए विवादों को जन्म देती है. यूपी के एक बड़े मुस्लिम नेता ने एक बार फिर ऐसा बयान दिया है जो न सिर्फ अमर्यादित है बल्कि महिला संगठनों की त्यौरियां इस बयान के बाद चढ़ गई हैं.
दरअसल, समाजवादी पार्टी के फायरब्रांड मुस्लिम नेता और पूर्व मंत्री आजम खां अपने विवादित बयानों के चलते खूब सुर्खियां बटोरते हैं. उन्होंने ऐसा ही एक विवादित बयान देकर फिर से हंगामा खड़ा कर दिया है. फिल्म अभिनेत्री औऱ कभी समाजवादी पार्टी से सांसद रही जया प्रदा ने पत्रकारों के पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा था कि पदमावत फिल्म देखकर उसके खिलजी के किरदार में मुझे आजम खान का किरदार दिख रहा था.
जया प्रदा के इस बयान के बाद आजम खान का उबलना स्वाभाविक था. जब पत्रकारों ने उनसे जया प्रदा के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी तो हमेशा की तरह विवादों मे रहने वाले आजम खान ने एक और विवादित बयान देकर अपनी भड़ास निकाल ली. आजम ने कहा कि एक नाचने-गाने वाली ने मेरे खिलाफ टिप्पणी की. मैं नाचने-गाने वालियों के मुंह नहीं लगता. अगर मैं उनके मुंह लगूंगा तो सियासत कैसे करूंगा.
|
राजस्थान के अजमेर जिले में दलित युवक खुदकुशी मामले में परिजनों के विरोध प्रदर्शन का अंत शुक्रवार देर शाम हो गया। प्रशासन और परिजनों के बीच सहमति बन गई। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद रावण ने मृतक को मुखाग्नि दी।
अजमेर के रूपनगढ़ में दलित युवक आत्महत्या मामले के बाद से ही मृतक के परिजन धरने पर थे, जिसका तीन दिन बाद शुक्रवार को प्रशासन और परिजनों की आपसी सहमति से प्रदर्शन समाप्त हो गया। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने मृतक ओमप्रकाश रेगर की अंतिम इच्छा पूरी की। उन्होंने मृतक को मुखाग्नि देकर उसका अंतिम संस्कार किया।
बता दें कि नोसल ग्राम निवासी ओमप्रकाश ने एक नवंबर को खुदकुशी कर ली थी। उसने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उसने भीम आर्मी चीफ के हाथों अंतिम संस्कार करने की इच्छा जाहिर की थी। इतना ही नहीं मृतक युवक के सुसाइड नोट में कुछ आरोपियों का नाम था। परिजन उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर लगातार तीन दिनों से रूपनगढ़ के राजकीय स्वास्थ्य केंद्र के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इसमें भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी शामिल थे।
शुक्रवार को प्रशासन और परिजनों के बीच आपसी बातचीत के बाद सभी मांगों पर लिखित सहमति बनने पर प्रदर्शन को समाप्त कर दिया गया। वहीं, पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद के अलावा सरकारी नौकरी देने के लिए सीएम कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके इतर सभी आरोपियों को नौ दिनों के भीतर गिरफ्तार किए जाने की भी बात कही गई। साथ ही थाना प्रभारी अयूब खान को हटाने के बाद पीड़ित परिवार को सुरक्षा मुहैया कराई गई।
इधर, प्रदर्शन के समापन के बाद पुलिस ने मृतक ओमप्रकाश के शव को उसके परिजनों को सौंप दिया। इस दौरान उपखंड अधिकारी भंवरलाल जनागल, तहसीलदार हरेंद्र मूंड, एडिशन एसपी वैभव शर्मा, सीओ सिटी मनीष शर्मा सहित चारों थानों की पुलिस मौजूद रही। मामले की जांच सीओ सिटी मनीष शर्मा करेंगे। रूपनगढ़ के नोसल गांव में मृतक ओमप्रकाश का अंतिम संस्कार किया गया, जिसे भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद और मृतक के पिता और बहन नीतू ने संयुक्त रूप से मुखाग्नि दी। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां मौजूद रहे।
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।
Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
|
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के रिक्त पदों की भर्ती के लिए एक अधिसूचना जारी की है। कानूनी क्षेत्र में करियर की तलाश कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह एक शानदार अवसर है। इच्छुक उम्मीदवार जिन्होंने सभी पात्रता मानदंडों को पूरा किया है, वे UPPSC की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम इस भर्ती के बारे में महत्वपूर्ण विवरण जैसे पात्रता मानदंड, आवेदन शुल्क, महत्वपूर्ण तिथियां और ऑनलाइन आवेदन कैसे करें पर चर्चा करेंगे।
पात्रता मानदंड- उम्मीदवार जो UPPSC सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रिक्तियों के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें निम्नलिखित पात्रता मानदंडों को पूरा करना चाहिएः
आयु सीमाः 01-07-2022 को न्यूनतम आयु सीमा 22 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 35 वर्ष है।
शैक्षणिक योग्यताः उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक (एलएलबी) की डिग्री होनी चाहिए।
आवेदन शुल्कः
UPPSC सिविल जज (जूनियर डिवीजन) भर्ती के लिए आवेदन शुल्क इस प्रकार हैः
आवेदन शुल्क का भुगतान मोड नेट बैंकिंग / कार्ड भुगतान / अन्य भुगतान मोड का उपयोग करके ऑनलाइन के माध्यम से है।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करेंः UPPSC सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रिक्तियों के लिए इच्छुक और योग्य उम्मीदवार नीचे दिए गए चरणों का पालन करके ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैंः
चरण 1: UPPSC की आधिकारिक वेबसाइट uppsc. up. nic. in पर जाएं।
चरण 2: "ऑनलाइन आवेदन करें" लिंक पर क्लिक करें और सभी आवश्यक विवरणों के साथ आवेदन पत्र भरें।
चरण 3: निर्धारित प्रारूप में अपनी तस्वीर और हस्ताक्षर की स्कैन की हुई प्रतियां अपलोड करें।
चरण 4: आवेदन शुल्क का भुगतान ऑनलाइन मोड के माध्यम से करें।
चरण 5: आवेदन पत्र जमा करें और भविष्य के संदर्भ के लिए उसका एक प्रिंटआउट लें।
महत्वपूर्ण लिंकः उम्मीदवार जो UPPSC सिविल जज (जूनियर डिवीजन) रिक्तियों के लिए आवेदन करने में रुचि रखते हैं, वे नीचे दिए गए महत्वपूर्ण लिंक देख सकते हैंः
|
तृणवत् फेंककर राजा लोग तप करने जा बैठते थे, उस गंगाका दर्शन करके मुझे असीम शांति मिलती थी। उस शांतिका वर्णन मैं कैसे करूँ ? वाणीकी वहाँ सीमा आ जाती है। यह समझमें आने लगा कि हिन्दू यह क्यों चाहता है कि मरनेपर कम-से-कम मेरी अस्थि तो गंगामें पड़ जाय ! आप हँसिये, आपके हँसनेसे कुछ बिगड़ता नहीं । परन्तु मुझे ये भावनाएँ बहुत पवित्र और संग्रहणीय मालूम होती हैं । मरते समय गंगाजलकी दो बँदें मुँहमें डालते हैं । ये दो बँदें क्या हैं ? मानो परमेश्वर ही मुँहमें उतर आता है। उस गंगाको परमात्मा ही समझो। वह परमेश्वरकी करुणा वह रही है। तुम्हारा सारा भीतरी-बाहरी कूड़ाकर्कट वह माता धो रही है, बहा ले जा रही है। गंगामातामें यदि परमेश्वर प्रकटित न दिखाई दे, तो कहाँ दिखाई देगा ? सूर्य, नदियाँ, धू-धू करके हिलोरें मारनेवाला वह विशाल सागर - ये सब परमेश्वर की ही मूर्तियाँ हैं।
और वह पवन ! कहाँसे आता है, कहाँ जाता है, कुछ पता नहीं । यह भगवान्का दूत ही है । हिन्दुस्तानमें कुछ हवा स्थिर हिमालयपरसे आती है, कुछ गंभीर सागरपरसे। यह पवित्र हवा हमारे हृदयको छूती है, हमें जाग्रत करती है, हमारे कानों में गुनगुनाती है; परन्तु इस हवाका संदेश सुनता कौन है ? जेलरने यदि हमारा चार पंक्तियोंका पत्र न दिया, तो हमारा दिल खट्टा हो जाता है। अरे मंदभागी, क्या रखा है उस चिट्ठी में ? परमेश्वरका यह प्रेम-संदेश हवाके साथ हर घड़ी आ रहा है, उसे तू सुन !
और हमारे घरके मवेशी ! वह गो-माता कितनी वत्सल, कितनी समता और प्रेमसे परिपूर्ण है ! दो-दो, तीन-तीन मीलसे, जंगल-झाड़ियोंसे अपने बछड़ोंके लिए कैसी दौड़कर आती है। वैदिक ऋषियोंको पहाड़ों-पर्वतोंसे स्वच्छ जल लेकर कल-कल करती हुई दौड़ी आनेवाली नदियाँ देखकर अपने बछड़ोंके लिए दूध-भरे स्तनोसहित रँभाती हुई आनेवाली वत्सल गायोंकी याद हो आती है । ऋषि नदीसे कहता है"हे देवि ! दूधकी तरह पवित्र, पावन, मधुर जल लानेवाली तू धेनु
گیری سال
जैसी है । जैसे गाय जंगलमें ही नहीं रह सकती, वैसे ही तू पर्वतोंमें नहीं रह सकती । तू सरपट दौड़ती हुई प्यासे बालकोंसे मिलने के लिए आती है।"
वाश्रा इव धेनवः स्यन्दमानाः ।
वत्सल गायके रूपमें भगवान् दरवाजेपर खड़ा है !
और वह घोड़ा ! कितना उम्दा, कितना ईमानदार, कितना वफादार ! अरब लोग अपने घोड़ोंसे कितना प्यार करते हैं ! उस अरबकी कहानी तुम्हें मालूम है न ? वह विपत्तिग्रस्त अरव एक सौदागरको घोड़ा बेचने के लिए तैयार हो जाता है । हाथमें मुहरोंकी थैली लेकर वह तबेलेमें जाता है, परन्तु घोड़ेकी उन गंभीर और प्रेम - पूर्ण आँखोंपर उसकी निगाह पड़ती है, तो वह थैली फेंक देता और कहता है कि "मेरी जान चली जाय, पर मैं घोड़ा नहीं बेचूँगा । मेरा जो होना होगा, होगा । खाना न मिलेगा, तो न सही । खुदा मेरी मदद करेगा ।" पीठ थपथपाते ही कैसे वह प्रेमसे फुरफुराता है, कैसा बढ़िया उसका अयाल ! सचमुच घोड़ेमें अनमोल गुण हैं । इस साइकिलमें क्या रखा है ? घोड़ेको खरहरा करो, वह तुम्हारे लिए जान दे देगा । तुम्हारा साथी होकर रहेगा। मेरा एक मित्र घोड़ेपर बैठना सीख रहा था । घोड़ा उसे गिरा देता । वह मुझसे कहने लगा - "घोड़ा तो बैठने ही नहीं देता ।" मैंने उससे कहा - "तुम सिर्फ घोड़ेपर बैठने ही जाते हो या उसकी कुछ सेवा भी करते हो ? सेवा तो करे दूसरा और उसकी पीठपर सवारी करो तुम, यह कैसा ? तुम स्वयं उसे दाना-पानी दो, खरहरा करो और तव सवारी करो ।" वह मित्र यही करने लगा । कुछ दिनों बाद मुझसे आकर बोला - "अव घोड़ा गिराता नहीं है । " घोड़ा तो परमेश्वर है । वह भक्तोंको क्यों गिरायेगा ? उसकी भक्ति देखकर घोड़ा झुक गया। घोड़ा जानना चाहता है कि यह भक्त है या और कोई । भगवान् श्रीकृष्ण स्वयं खरहरा करते थे और अपने पीताम्बर में दाना लाकर उसे खिलाते थे । टेकरी आयी, नाला आया, कीचड़ आया |
राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज 20 जनवरी, 2020 को नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में 14वां रामनाथ गोयंका विशिष्ट पत्रकारिता पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि रामनाथ गोयंका विशिष्ट पत्रकारिता पुरस्कार पत्र-पत्रिका, प्रसारण एवं डिजिटल मीडिया के उन पत्रकारों को प्रदान किए जाते हैं, जिन्होंने अपार चुनौतियों के बावजूद अपने व्यवसाय के सर्वश्रेष्ठ मानदंडों को कायम रखते हुए ऐसे कार्य किए हैं जिससे समाचार माध्यम में लोगों का विश्वास कायम रखने में मदद मिली है तथा लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है। इन पुरस्कारों का अर्थ उन लोगों को सम्मानित करना है, जो सच्चाई के लिए कलम धारण करते हैं। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी तथा उनसे सच्चाई से परे नहीं जाने की मांग की, जो अच्छी पत्रकारिता के लिए एकमात्र निर्धारक है।
राष्ट्रपति ने किसी समाचार रिपोर्ट के रूप में योग्यता के लिए जादुई पांच डब्ल्यू तथा एच (व्हाट, व्हेन, व्हाई, व्हेयर, हू एवं हाव) के उत्तर की अनिवार्यता के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि 'ब्रेकिंग न्यूज' के कोलाहल के बीच फिलहाल समाचार माध्यम का ह्रास हुआ है और संयम तथा उत्तरदायित्व का मूलभूत सिद्धांत काफी कमजोर हुआ है। फर्जी समाचार (फेक न्यूज) एक नई त्रासदी के रूप में उभरा है, जिसके जुगाड़ू व्यक्ति खुद के लिए पत्रकार होने का दावा करते हैं और इस भद्र पेशे पर दाग लगाते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि पत्रकारों को अपने कर्तव्य के दौरान कई प्रकार के उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना होता है। इन दिनों अक्सर वे एक जांचकर्ता, एक अभियोजक और एक न्यायाधीश की भूमिका निभाते हैं, जो एक में ही सिमट गए हैं। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु पत्रकारों के लिए काफी आंतरिक शक्ति एवं अदम्य उत्साह की जरूरत है, ताकि वे सच्चाई तक पहुंचने के क्रम में एक ही समय में इतनी भूमिकाएं निभा सकें। विभिन्न विषयों पर विचार करने की उनकी प्रतिभा सराहनीय है, किंतु यह पूछने की जरूरत है कि क्या सचमुच शक्ति के इस व्यापक प्रयोग के पीछे सच्चा उत्तरदायित्व जुड़ा है?
राष्ट्रपति ने सभी लोगों से चिंतन करने के लिए कहा कि यदि श्री रामनाथ गोयंका पेड न्यूज अथवा फेक न्यूज के कारण विश्वसनीयता के जोखिम का सामना करते तो वे क्या करते? निश्चित तौर पर, वे कभी भी भटकाव की अनुमति नहीं देते और संपूर्ण समाचार माध्यम में सुधार के लिए पहल करते। इसमें कोई संदेह नहीं कि पत्रकारिता एक नाजुक दौर से गुजर रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सच्चाई की तलाश करना एक कठिन कार्य है। किंतु इसका अनुसरण किया जाना चाहिए। तथ्यों को सामने लाने में विश्वास करना और उन पर चर्चा करने की इच्छा-शक्ति होना हमारे जैसे लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। लोकतंत्र तभी सार्थक है, जब नागरिकों को अच्छी जानकारी हो। उस अर्थ में, पत्रकारिता के क्षेत्र में विशिष्टता से लोकतंत्र को पूरी सार्थकता मिलती है।
|
इस मर्डर केस में शशि थरूर से पूछताछ के बारे में उठे एक सवाल के जवाब में बस्सी ने कहा, नहीं अभी उनसे किसी भी तरह कोई पूछताछ नहीं की गई है. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही उनसे पूछताछ करेंगे. फिलहाल वह शहर से बाहर हैं और संभवतः शाम तक लौटेंगे. उन्होंने बताया कि वह शाम को सात बजे तक वापस लौट रहे हैं. ऐसे में उन्होंने एक दो दिन में उनसे पूछताछ करने के संकेत दिये.
इसके बाद बस्सी से यह सवाल पूछने पर कि क्या थरूर से खबरों में आई उस घटना के बारे में भी पूछताछ की जायेगी, जिसमें पिछले 15 जनवरी को तिरुवनंतपुरम से दिल्ली की उड़ान में थरूर और सुनंदा के बीच झगड़ा हुआ था और इस विमान में तत्कालीन सूचना व प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी भी सवार थे. इसके जवाब में बस्सी ने इसकी संभावना से इंकार नहीं किया. उन्होंने कहा कि वह यह बताना चाहते हैं कि इस मामले में जिस व्यक्ति के पास भी किसी भी तरह की सूचना है, उसपर वह उससे बात जरूर करेंगे. इसके साथ ही उन बिन्दुओं पर भी गौर से ध्यान देंगे, जिससे इस मामले पर रोशनी डाली जा सके.
आगे उनसे यह पूछने पर कि क्या दिल्ली पुलिस जांच में शामिल होने के लिए शशि थरूर को औपचारिक नोटिस भेजेगी. बस्सी ने जवाब दिया कि यह छोटी-छोटी जानकारियां हैं जो एसआईटी के समक्ष हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह यह जरूर बताना चाहेंगे कि वे इस मामले में जितनी तेजी से संभव हो, उतनी तेजी के साथ आगे बढ़ेंगे. बताते चलें कि 51 वर्षीय सुनंदा पुष्कर का शव 17 जनवरी 2014 की रात को दक्षिण दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में पाया गया था. इससे ठीक एक दिन पहले सुनंदा का पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के साथ माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर पर अपने पति थरूर के साथ उनके कथित संबंधों को लेकर तकरार भी हुई थी.
यह भी बताते चलें कि इस मामले में अब तक जिन लोगों से पूछताछ की गई है, उनमें नारायण सिंह, शशि थरूर के पारिवारिक मित्र संजय दीवान, होटल के डॉक्टर और होटल के मैनेजर समेत अन्य कर्मचारी भी मुख्य रूप से शामिल हैं. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस अगले एक दो दिन में एक महिला पत्रकार से भी पूछताछ करने की तैयारी में है, जिनके साथ मौत से ठीक पहले सुनंदा ने बात भी की थी. इनके अलावा पुलिस शशि थरूर के निजी सचिव अभिनव कुमार से भी गहराई से पूछताछ कर सकती है. ये वही अभिनव हैं जिन्होंने सरोजनी नगर थाने के एसएचओ को मौत के बारे में सूचना दी थी.
|
मुजफ्फरपुर। भारतीय संस्कृति में सबको मिला है। संत, शास्त्र और सत्पुरुषों द्वारा किसी समस्या का समाधान होने पर समाज एवं राष्ट्र का कल्याण होता है, जबकि अमर्यादित लोगों के दखल व्यवधान पैदा करता है। हम जब किसी कार्य के प्रति संकल्प करते हैं, तो हमारे सद्प्रयास और समर्पण के बाद परमात्मा सत् संकल्प के साथ हमारे अरमान को पूरा कर देते हैं। पाखंडियों के मार्ग पर चलने एवं उनके गलत कायों के प्रति आसक्ति से जीवन में संकट आता है। जीयर स्वामी ने नगर निगम क्षेत्र के कुम्हु में रविवार को भागवत की महत्ता दर्शाते हुए कहा कि सत्कर्म का मतलब ज्ञान होता है। ज्ञान से मुक्ति होती है। ज्ञान भागवत कथा को ही बताया गया है।
जो कार्य भागवत कथा करेगा, वह वेद नहीं कर सकता। भागवत, भगवान की वाणी है और वेद श्वांस है। वैष्णव धर्म में भागवत पुराण को 'पंचम वेद' माना गया है। भागवत पुराण भक्ति-प्रधान ग्रन्थ है। भक्ति के अधीन ही ज्ञान-विज्ञान और सत्कर्म हैं। भक्ति स्वतंत्र है; यह किसी अन्य मार्ग पर निर्भर नहीं करती। तुलसी बाबा कहते हैं 'भक्ति सुतंत्र सकल सुख खानी' पुनश्च सो सुतंत्र अवलंब न आना, तेहि अधीन ग्यान-विग्याना। ' उनका निश्चित मत है कि भले ही पानी को मथने से घी उत्पन्न हो जाए, बालू को पेरने से तेल निकल आवे लेकिन परमात्मा के भजन (भक्ति) बिना संसार-सागर को पार करना असंभव है। "बारि मथी घृत होई बरू, सिकता ते बरू तेल ।
बिनु हरि भजन न भव तरिअ यह सिद्धांत अपेल । । " स्वामी जी ने कहा कि वेद की बातों को तोड़-मरोड़कर पेश नहीं किया जाना चाहिए। भागवत के अधिकारी सभी हैं, लेकिन वेद के अधिकारी वैदिक तरीका से जीवन यापन करने वाले ही हैं। उन्होंने कहा कि पूस और चैत माह में कामनायुक्त भागवत कथा का श्रवण नहीं करनी चाहिए। कामना रहित भागवत कथा श्रवण में दोष नहीं है। भागवत कथा श्रवण से हरि चित में चिपक जाते हैं। जो बहुत दिनों के योग-तपस्या एवं समाधि से प्राप्त नहीं होता, वह कलियुग में भागवत कथा श्रवण मात्र से होता है। नए साल के मौके पर हजारों की संख्या में लोगों ने स्वामी जी का दर्शन किया तथा प्रसाद लिया।
|
बॉलीवुड का बोल्ड पटाखा बम राखी सावंत जो के हमेशा से ही अपनी बोल्ड अदाओ से विवाद में घिर ही जाती है लेकिन आजकल वे अपने बयान से ज्यादा सुर्ख़ियों में है. लेकिन इस बार तो उनके खिलाफ जो मुद्दा उठा है. उसमे तो उन्होंने सारी हदे ही पार कर दी. राखी को लुधियाना पुलिस के द्वारा गिरफ्तार करने के मामले में अब स्वंय लुधियाना की पुलिस ने इंकार किया है.
हाल ही में खबर आई थी कि भगवान वाल्मीकि और उन्हें मानने वालों पर दिए गए विवादित बयान के चलते राखी सावंत को पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. परन्तु ऐसा कुछ भी नही है राखी की यह तस्वीर देखकर तो हमे नही लगता के वह टेंशन में है बल्कि वह तो आराम की मुद्रा में है.
जी हाँ जनाब, गिरफ्तारी की सारी ही खबरों को धुँधलाते हुए राखी ने अपने इंस्टाग्राम पर अपने सेक्सी लेग्ज की एक तस्वीर शेयर की है. फैन्स को लगा कि वह जेल में हैं, जबकि राखी तो अपने पैरों की वैक्सिंग कराने में व्यस्त हैं. गौरतलब है के छले साल राखी सावंत ने एक टीवी इंटरव्यू में रामायण के रचयिता महर्षि महर्षि वाल्मिकी को आतंकवादी कह दिया था. राखी के इस बयान से महर्षि के अनुयायियों में आक्रोश फैला हुआ है. तथा इसी मामले में राखी के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी.
|
Gujarat: भाजपा में शामिल होने वालों में कई सरपंच और उपसरपंच हैं। खबरों के अनुसार ये लोग काफी वक्त से कांग्रेस समर्थक थे। ऐसे में राज्य में चुनाव से पहले इतनी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं का कांग्रेस का साथ छोड़ने किसी झटके से कम नहीं है।
नई दिल्ली। गुजरात में इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसके लिए सतारूढ़ भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस समेत तमाम दलों के नेता राज्य में जीत का परचम लहराने में जुट गए है। इसी बीच चुनाव आयोग का एक दल गुरुवार से गुजरात और हिमाचल प्रदेश का दौरा सकता है। दोनों प्रदेश में चुनाव व्यवस्था की तैयारी का आकलन करेगा। वहीं गुजरात में चुनाव से पहले दल बदल का खेल भी शुरू हो गया है। इसी बीच गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। गुजरात से कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है। दरअसल कांग्रेस के पूर्व गढ़ भरूच के विभिन्न गांवोंं के कांग्रेस कार्यकर्ताओं समेत 300 से ज्यादा मुस्लिम नेताओं ने आज भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है।
इससे पहले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को झटका देकर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्होंने सोनिया गांधी को भेजे इस्तीफा में राहुल गांधी को जमकर खरी खोटी सुनाई है। भाजपा में शामिल होने वालों में कई सरपंच और उपसरपंच हैं। खबरों के अनुसार ये लोग काफी वक्त से कांग्रेस समर्थक थे। ऐसे में राज्य में चुनाव से पहले इतनी बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं और नेताओं का कांग्रेस का साथ छोड़ने किसी झटके से कम नहीं है।
खबर ये भी है कि इन सभी लोगों ने ना खुद केसरिया गमछा ओढ़ा, बल्कि अपने गांवों के मैनगेट पर भारतीय जनता पार्टी का झंडा फहराया है। कांग्रेस का झटका देकर भाजपा में शामिल हुए सभी कार्यकर्ताओं का अरुण सिंह राणा ने जोरदार तरीके से स्वागत किया। इस दौरान उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि, इन लोगों ने कांग्रेस को अलविदा कहकर बीजेपी की नीति और नीयत में भरोसा जताया है।
|
Anupamaa 13 May 2022: इसके बाद सभी लोग अनुपमा और अनुज की हल्दी की तैयारियों में जुट जाते हैं। सभी लोग रस्म के लिए सुपर एक्साइटेड होते हैं लेकिन बाबूजी की खुशी के लिए अनुपमा मुस्कुराने का फैसला लेती है। तभी डॉली आती है और बा और वनराज के सामने हाथ जोड़कर कहती है कि वो बापूजी की खुशी के लिए ही सही लेकिन अनुपमा की शादी में शामिल हो जाएं।
Anupamaa 10 May 2022: आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि राखी दवे गिफ्ट में बापूजी की डायग्नोस्टिक रिपोर्ट को देखकर हैरान हो जाती है। इसी बीच देविका बताती है कि वनराज और अनुज दोनों सिर्फ बात करने के लिए बाहर गए हैं। दूसरी और वनराज और अनुज के बीच परिवार को लेकर बहस होती है। अनुज का कहना है कि जो भी अनुपमा पर अपना हक जताने की कोशिश करेगा।
Anupamaa 6 May 2022: आज के एपिसोड में आप देखेंगे समर, किंजल, पाखी, तोशु और देविका साथ बैठकर ये प्लान करते हैं कि अनुज को शादी के बाद क्या कहकर बुलाना है। सभी लोग कहते हैं कि पिता कहना ठीक नहीं होगा। इसलिए हम उनको डैडी कहकर बुलाएंगे।
Anupamaa 2 May 2022: आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि वनराज अनुज को ताना मारता है कि कितना अजीब है कि उसने अनुपमा का नाम एक पहेली में ढूंढ निकाला है। बाबूजी वनराज को कहते हैं कि बीते 26 सालों में तूने अनुपमा को ही नोटिस नहीं किया. . . अब नाम नोटिस करने से क्या फायदा है। सगाई में गेम खेला जाता है।
Anupamaa 30 April 2022: आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुज और अनुपमा का प्यार देखकर काव्या कहती है कि काश उसे भी कोई ऐसा मिला होता। अनुपमा, अनुज की तारीफ करते हुए सभी को देखकर वनराज और लीला चिढ़ जाते हैं। वहीं सभी लोग सगाई को लेकर बहुत खुश होते हैं।
Anupamaa 19 April 2022: आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुज अनुपमा से मिलने के लिए शाह हाउस जाता है जहां पहले से ही सभी लोग मौजूद होते हैं। बा अनुज को गुस्से में देखकर कहती है कि जिंदगी में ऐसा दूल्हा नहीं देखा है जो हमेशा दिवाली की झालर की तरह जलता रहता है।
Anupamaa 18 April 2022: आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि अनुपमा रसोई में काम कर रही होती है तभी उसे बिजली का झटका लगने वाला होता है लेकिन तोशू आकर उसे बचा लेता है। तोशू कहता है कि उसे संभलकर काम करना चाहिए क्योंकि कुछ दिनों में उसकी शादी है।
Anupamaa 16 April 2022: बीते एपिसोड में आपने देखा कि अनुपमा की डांस अकादमी को 1 साल का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। ये खबर सुनकर बापूजी,किंजल और समर के चेहरे पर मुस्कान जाती है जबकि वनराज और बा का चेहरा देखने लायक होता है। वनराज परेशान हो जाता है कि आखिरी अनुपमा को पैसे मिल कैसे रहे हैं। वहीं काव्या अपने एक्स पति को फोन घुमा देती है। आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि काव्या और वनराज के बीच भयंकर लड़ाई होती है।
|
सुनील छेत्री और विराट कोहली (Credit - PTI) ( Image Source : PTI )
Sunil Chhetri Challenge To Virat Kohli: सोशल मीडिया पर विराट कोहली (Virat Kohli) और भारतीय फुटबॉल टीम (Indian Football Team) के कप्तान सुनील छेत्री (Sunil Chhetri) का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. दरअसल, भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने विराट कोहली को एक चैलेंज दिया. इस चैलेंज के मुताबिक, विराट कोहली को अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर टीम के साथी खिलाड़ियों को पहचानना था. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) ने अपने ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल से मजेदार वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह विराट कोहली अपनी आंखों पर पट्टी बांधकर साथी खिलाड़ियों को पहचानने की कोशिश कर रहे हैं.
इस वीडियो में विराट कोहली अपनी टीम के साथी खिलाड़ी दिनेश कार्तिक को नहीं पहचान पाए. दरअसल, विराट कोहली ने दिनेश कार्तिक को मोहम्मद सिराज बता दिया. हालांकि, इसके बाद उन्होंने गलती सुधारी और दिनेश कार्तिक को पहचानने में कामयाबी हासिल की. विराट कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान फॉफ डु प्लेसी को पहचानने में कोई गलती नहीं की. विराट कोहली ने टैटू के आधार पर फॉफ डु प्लेसी को पहचान लिया. बहरहाल, सोशल मीडिया पर वीडियो तेज से वायरल हो रहा है. वहीं, सोशल मीडिया यूजर्स लगातार कमेंट्स कर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.
A post shared by PUMA India (@pumaindia)
गुरूवार को आईपीएल 2023 (IPL 2023) में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (Royal Challengers Bangalore) ने पंजाब किंग्स (Punjab Kings) को हरा दिया. इस मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी फॉफ डु प्लेसी (Faf du Plessi) की कप्तानी वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम ने 20 ओवर में 4 विकेट पर 174 रन बनाए. इस तरह पंजाब किंग्स के सामने 175 रनों का लक्ष्य था, लेकिन पंजाब किंग्स लक्ष्य से दूर रह गई. वहीं, इस मैच में विराट कोहली (Virat Kohli) ने 59 रनों की शानदार पारी खेली. जबकि रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान फॉफ डु प्लेसी ने 82 रनों का योगदान दिया.
|
सोनी टीवी का चर्चित रियलिटी शो कौन बनेगा करोड़पति का 14वां सीजन शुरू हो गया है। केबीसी 14 शुरू होते ही सुर्खियों में बना हुआ है अमिताभ बच्चन स्टारर इस शो में कोलकाता की रहने वाली श्रुति डोगरा पहुंची। श्रुति डागा एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। तमिलनाडु में जन्मीं श्रुति शानदार गेम खेल रही हैं। बीते दिनों पहले कंटेस्टेंट दुलीचंद ने 50 लाख रुपये जीते थे और अब कंटेस्टेंट श्रुति डागा ने 50 लाख रुपये पर जीत हासिल की है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि श्रुति ने बिना किसी लाइफ लाइन के 50 लाख रुपए जीते हैं। आइए आपको बताते हैं कि वह यहां तक किस सवाल का जवाब देकर पहुंची हैं।
श्रुति डागा दी गई तीन लाइफलाइनों का इस्तेमाल करते हुए 25 लाख रुपये का पड़ाव पार कर गईं। उनके लिए 7. 5 करोड़ रुपये और धनअमृत का पड़ाव भी खुल गया। हालांकि, जब उनसे 50 लाख रुपये का सवाल किया गया, तब वह परेशान हो गई थीं। उनके पास सिर्फ एक लाइफलाइन बची थी।
श्रुति डागा से पूछा गया था कि "किस संस्थान ने भारत की राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी को विकसित किया है और उसका प्रबंधन करता है? " इसके लिए चार ऑप्शन दिए गए थे। पहला- भारतीय विज्ञान संस्थान, दूसरा- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर, तीसरा- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय या चौथा- एपीजे अब्दुल कलाम तकनीकी विश्वविद्यालय।
श्रुति ने इस सवाल का सही जवाब देते हुए ऑपशन बी भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान खड़गपुर को चुना। उनको सवाल के जवाब को लेकर थोड़ा कंफ्यूजन था। उनके पास सिर्फ एक ही लाइफलाइन बची थी। हालांकि श्रुति ने हार नहीं मानी, रिस्क लिया और सवाल का सही जवाब देकर 50 लाख रुपए जीत लिया। श्रुति ने इस सवाल के लिए अपनी बची हुई लाइफ लाइन इस्तेमाल की।
उन्होंने वीडियो कॉल ए फ्रेंड का इस्तेमाल किया। सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे अपने कॉलेज के एक जूनियर को कॉल किया, लेकिन वहां से भी मदद नहीं मिल पाई। बिग-बी ने उन्हें शो छोड़ने की भी सलाह दी लेकिन श्रुति आगे तक गेम आगे खेलना चाहती थीं। उन्होंने रिस्क लेते हुए गेम को आगे ले गईं। बता दें कि श्रुति 11 अगस्त 2022 को 75 लाख रुपये के सवाल का जवाब देती नजर आएंगी।
|
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (US Former President Donald Trump) मंगलवार को न्यूयॉर्क की अदालत (New York Court) में पेश होंगे। यहां पर हश मनी मामले में आज वह सरेंडर कर सकते हैं। कोर्ट के बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। ट्रंप पर कई धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
|
लंदन। भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में खेले जा रहे टेस्ट मैच के पहले दिन का खेल खत्म हो चुका है। पहले दिन का खेल खत्म होने तक भारत ने पहली पारी में सात विकेट पर 338 रन बना लिए हैं। क्रिज पर रवींद्र जडेजा और मोहम्मद शमी डटे हैं। जडेजा 83 रन पर नाबाद हैं।
मुकाबले में इंग्लैंड ने टॉस जीता था और भारतीय टीम को बल्लेबाजी करने का आमंत्रण दिया। इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। 27 रन के कुल स्कोर पर ही भारत को शुभमन गिल के रूप में पहला झटका लगा। गिल 17 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद भारत ने 98 रन तक पांच विकेट गवां दिए। चेतेश्वर पुजारा 13 रन, हनुमा विहारी 20 रन, विराट कोहली 11 रन और श्रेयस अय्यर 15 रन बनाकर आउट हुए।
संकट में दिख रही भारतीय टीम को यहां से विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत और स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने मिलकर संभाला। दोनों ने कमाल की बल्लेबाजी करते हुए छठे विकेट के लिए 222 रन की साझेदारी निभाई। पंत ने इस दौरान टेस्ट करियर का पांचवां शतक लगाया। पंत 111 गेंदों पर 146 रन बनाकर आउट हुए। हालांकि तब तक पंत भारतीय टीम को 300 के पार पहुंचा चुके थे। पंत के आउट होने के बाद जडेजा ने मोर्चा संभाला और पारी को आगे बढ़ाया। दिन का खेल खत्म होने तक भारतीय टीम ने पहली पारी में सात विकेट पर 338 रन बना लिए हैं। जडेजा 83 रन बनाकर नाबाद हैं। उनके साथ मोहम्मद शमी (0) नाबाद हैं।
इंग्लैंड की ओर से पहले दिन जेम्स एंडरसन ने तीन विकेट, मैटी पॉट्स ने 2, बेन स्टोक्स और जो रूट ने एक-एक विकेट लिया।
मुकाबले के पहले ही दिन ऋषभ पंत ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए। उन्होंने 111 गेंदों पर 146 रनों की तेज पारी खेली है। एक वक्त भारत ने 98 रन पर पांच विकेट खो दिए थे। ऐसे में पंत ने तेज पारी खेलकर भारत को मुश्किल परिस्थिति से बाहर निकाला। पंत ने 89 गेंदों पर शतक लगाया। इसी के साथ पंत इंग्लैंड में सबसे तेज शतक लगाने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं। पहले नंबर पर मोहम्मद अजहरूद्दीन हैं। अजहरूद्दीन ने 1990 में 88 गेंदों में शतक जड़ा था। साथ ही पंत एक कैलेंडर ईयर में दो शतक लगाने वाले चौथे भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले एमएस धोनी, ऋद्धिमान साहा और बी कुंदरन ने ये कारनामा किया है।
इसी पारी के दौरान पंत ने टेस्ट क्रिकेट में 2 हजार रन भी पूरे कर लिए। पंत ने ये उपलब्धि करियर का 31वां टेस्ट खेलते हुए 52वीं पारी में हासिल की। इसके अलावा भी पंत ने कई उपलब्धि अपने नाम की है।
|
कुछ समय पहले एक खबर वायरल हुई थी जहां एक शादी में एक अनोखा कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया था। इसके तहत कॉन्ट्रैक्ट में कहा गया था कि हर महीने पति अपनी पत्नी को पिज्जा खिलाएगा। इसी के साथ ही कई एनी शर्ते भी रखी गई थी जिसकी वजह से यह चर्चा का विषय बनी थी और दोनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुए थे। अब ये दोनों फिर से चर्चा में हैं। इन दोनों को पिज़्ज़ा हट ने हर महीने एक बार मुफ़्त पिज़्ज़ा देने का फैसला किया है।
अगर आपको पूरा मामला याद नहीं है तो हम आपको फ्लैशबेक में लिए चलते हैं। मिंटू राय और शांति प्रसाद ने इस साल जून में शादी की थी। उन्होंने न केवल हिंदू विवाह अनुष्ठानों सहित पवित्र प्रतिज्ञाएं लीं, बल्कि उन्होंने मज़ेदार छोटी चीज़ों के एक स्पेशल कॉन्ट्रैक्ट पर भी साइन किए थे। जिसमें कई मज़ेदार चीज़ें शामिल थीं जो वे एक साथ करना चाहते हैं...। जिसमें हर दिन जिम जाना, हर 15 दिनों के बाद शॉपिंग करना और हर महीने एक बार पिज़्ज़ा डेट पर जाना शामिल है।
इस बार करवा चौथ के मौके पर पिज्जा हट ने इन दोनों को हर महीने पिज्जा देने का फैसला किया। पिज़्ज़ा हट इंडिया ने हाल ही में अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर ये घोषणा की। आउटलेट ने लिखा, 'अपने पति के साथ लंबे और सुखी जीवन के लिए एक महीने में एक पिज्जा! ! यही वह सौदा है जिसके लिए हम जी रहे हैं। सभी पिज्जा पसंद करने वाले खुश जोड़ों को करवा चौथ की शुभकामनाएं। " ये घोषणा मिंटू राय और शांति प्रसाद के एक वीडियो के साथ की गई थी।
ये भी पढ़े :
|
जम्मू कश्मीर में एक बड़ी घटना होने से बच गई। शुक्रवार तड़के सुबह दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के चवलगाम इलाके में एक बस पलट गई। दुर्घटना का शिकार हुई ये बस सेना के जवानों ले जा रही थी। इस दौरान बस पलटने से आईटीबीपी के 4 जवान घायल हो गए। स्थानीय लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया है।
कुलगाम स्टेशन हाउस के अधिकारी ने बताया कि बस चवालगाम में सड़क पर फिसल गयी, जिसके बाद वाहन चालक का बस पर नियंत्रण नहीं रहा और बस सड़क किनारे पलट गई। जिससे आईटीबीपी के 4 जवान घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल ले जाया गया। जैसे बस दुर्घटना का शिकार हुई, स्थानीय फ़ौरन ही मदद के लिए सामने आए और सेना के जवानों को बस से निकालने में भी मदद की और घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाने में भी मदद की।
|
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
कैस्पियन सागर (फ़ारसीः, दरया-ए-माज़ंदरान), एशिया की एक झील है जिसे अपने वृहत आकार के कारण सागर कहा जाता है। मध्य एशिया में स्थित यह झील क्षेत्रफल के हिसाब से विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसका क्षेत्रफल ४,३०,००० वर्ग किलोमीटर तथा आयतन ७८,२०० घन किलोमीटर है। इसका कोई बाह्यगमन नहीं है और पानी सिर्फ़ वाष्पीकरण के द्वारा बाहर जाता है। ऐतिहासिक रूप से यह काला सागर के द्वारा बोस्फ़ोरस, ईजियन सागर और इस तरह भूमध्य सागर से जुड़ा हुआ माना जाता है जिसके कारण इसे ज्यरचना के आधार पर इसे झील कहना उचित नहीं है। इसका खारापन १.२ प्रतिशत है जो विश्व के सभी समुद्रों के कुल खारेपन का एक-तिहाई है। . मंगोलिया का एक बंद जलसंभर जहाँ सारा बहता जल समुद्र की बजाय उएउएरेग नूर झील में आकर ठहर जाता है बंद जलसंभर या समावृत जलसंभर भूगोल में ऐसे जलसंभर क्षेत्र को कहा जाता है जिसमें वर्षा अथवा पिघलती बर्फ़ का पानी एकत्रित हो कर किसी नदी के ज़रिये समुद्र या महासागर में बहने की बजाय किसी सरोवर, दलदली क्षेत्र या शुष्क क्षेत्र में जाकर वहीँ रुक जाता है। आम तौर पर जो भी पानी धरती पर बारिश या हिमपात के कारण पड़ता है वो नदियों, नेहरों और झरनों के द्वारा ऊंचे इलाकों से निचले इलाकों की ओर बहता है। यह चलते पानी के समूह एक-दुसरे से संगम करते रहते हैं जब तक के एक ही बड़ी नदी न बन जाए। फिर यह नदी आगे चलकर किसी सागर में मिल जाती है। लेकिन जो क्षेत्र सागरों से ढलान, पहाड़ों या रेगिस्तानों की वजह से पृथक हैं वहाँ पर पानी सब से निचले स्थान पर पहुँच कर रुक जाता है। ऐसे स्थानों पर या तो झीलें बन जाती हैं या धरती पानी को सोख लेती है। दुनिया की सब से बड़ी झीलों में ऐसे ही बंद जलसंभारों की वजह से बनी हुई कुछ झीलें हैं, जैसे की अरल सागर और कैस्पियन सागर। .
कैस्पियन सागर और बन्द जलसम्भर आम में 3 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): भूमध्य सागर, काला सागर, अरल सागर।
भूमध्य सागर (Mediterranean sea) पृथ्वी का एक सागर है, जो उत्तरी अफ्रीका, यूरोप, अनातोलिया तथा मध्य पूर्व के बीच स्थित है। इसका क्षेत्रफल लगभग २५ लाख वर्ग किलोमीटर है, जो भारत के क्षेत्रफल का लगभग तीन-चौथाई है। प्राचीन काल में यूनान, अनातोलिया, कार्थेज, स्पेन, रोम, यरुशलम, अरब तथा मिस्र जैसे प्रदेशों तथा नगरों के बीच स्थित होने की वजह से इसे भूमध्य (धरती के बीच का) सागर कहते थे। यह अटलांटिक महासागर से जिब्राल्टर द्वारा जुड़ा है, जो केवल १४ किलोमीटर चौड़ा एक जलडमरूमध्य है। भूमध्य सागर का मानचित्र .
नासा के वर्ल्ड विंड ग्लोब सॉफ्टवेयर द्वारा कृष्ण सागर का दृश्य कृष्ण सागर या काला सागर एक महाद्वीपीय समुद्र है जो दक्षिण-पूर्वी यूरोप, कॉकेशस और अनातोलिया के प्रायद्वीप (तुर्की) से घिरा है। अंध महासागर में यह भूमध्य और एजियन सागरों और विभिन्न जलडमरूमध्यों के माध्यम से जुड़ा हुआ है। इसमें बोस्पोरस की जलसंयोगी मारमरा सागर का नाम उल्लेखनीय है। कृष्ण सागर, 436,400 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल का जलाशय है, जिसकी अधिकतम गहराई 2212 मीटर है। इसमें समाहित जल का आयतन लगभग 5,47,000 घन किमी है। कृष्ण सागर पश्चिम में बुल्गारिया, रोमानिया, उत्तर-पूर्व में रूस और यूक्रेन, दक्षिण में तुर्की के बीच स्थित है। इसके पूर्व में जॉर्जिया तथा कॉकेशस की पर्वतमालाएँ हैं जो इसे कैस्पियन सागर से अलग करती हैं। पूर्व से पश्चिम की सबसे अधिक लंबाई लगभग 1175 किमी है। "'कृष्ण सागर"' का क्रीमिया गणराज्य के एक गांव से दृश्य इस तट के साथ लगे महत्वपूर्ण शहरों में शामिल हैंः कॉस्टैंटा (306000 550000 के एक मेट्रो के साथ), इस्तांबुल (11372613), ओडेसा (1001000), मंगालिया (41153), बुर्गास (229250), वार्ना (357752 416000 के एक मेट्रो के साथ), खेरसॉन (358000), सेवास्टॉपॉल (379200), याल्टा (80552), कर्च (158165), नोवोरोसीस्क (281400), सोची (328809), सूखुमी (43700), नैवोदारी (34669), पोती (47149), बातुमी (121806), ट्रैबज़ॉन (275137), सैमसन (439000) ओर्दू (190143) और जोंगूल्दाक (104276).
1960 में झील का आकार, इस मानचित्र में वर्तमान देशों की राजनैतिक सीमाएं दिखाई गई हैं। वे देश जिनसे भूमि द्वारा विसर्जित पानी इसमें आता है पीले रंग में दिखाए गए हैं। अरल सागर या अराल सागर (कज़ाख़ः Арал Теңізі, उज़बेकः Orol dengizi, रूसीः Аральскοе мοре, ताजिक/फ़ारसीः दरिय (ओचा)-ए-खवारज़्म) मध्य एशिया में स्थित एक झील है जिसके बड़े आकार के कारण इसे सागर कहा जाता है, पर अब दिनोदिन इसका आकार घटता जा रहा है। स्थानीय भाषाओं में इसका शाब्दिक अर्थ है 'द्वीपों की झील', जो इस झील में एक समय पर दिखने वाले लगभग १५०० टापुओं के आधार पर नामांकित थी। सन् १९६० में सोवियत प्रशासन ने इसमें विसर्जित होने वाली दो नदियों - आमू दरिया और सिर दरिया को मरुभूमि सिंचाई के लिए विमार्गित करने का निर्णय लिया, जिसके बाद से अरल सागर घटा और तीन अलग-अलग भागों में बंट गया। इसके फलस्वरूप आने वाले ४० सालों में अराल सागर का ९० प्रतिशत जल खत्म हो गया तथा ७४ प्रतिशत से अधिक सतह सिकुड़ गई और इसका आकार १९६० के इसके आकार का सिर्फ १० प्रतिशत ही रह गया है। .
कैस्पियन सागर 20 संबंध है और बन्द जलसम्भर 16 है। वे आम 3 में है, समानता सूचकांक 8.33% है = 3 / (20 + 16)।
यह लेख कैस्पियन सागर और बन्द जलसम्भर के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
|
सिर्फ 699 रुपये में मिल रहा है ये धांसू Smartphone!
क्या आप सस्ते में स्मार्टफोन खरीदना चाहते हैं?
अगर हां, तो सिर्फ 699 रुपये में आप नया फोन ले सकते हैं।
करीब 20 हजार रुपये में आने वाला स्मार्टफोन भारी छूट के साथ मिल रहा है।
रियलमी 10 को फ्लिपकार्ट पर 16,999 रुपये में लिस्ट किया गया है।
फ्लिपकार्ट पर फोन को बैंक और एक्सचेंज ऑफर के साथ बेचा जा रहा है।
इन दोनों ऑफर्स से फोन की कीमत काफी कम हो सकती है।
फ्लिपकार्ट एक्सिस बैंक कार्ड से पेमेंट करने पर 5% की छूट मिल रही है।
इस फोन पर 16,300 रुपये का एक्सचेंज डिस्काउंट दिया जा रहा है।
|
वास्तव में, यह पूरी तरह से समझ में नहीं आता है कि आप और मैं - रूसी लोग - सफल व्यवसायियों के लिए कितने कृतघ्न हैं। हां, व्यवसाय को बेल्ट से झुकना चाहिए, अनातोली बोरिसोविच को चुंबन के लिए चुंबन करना चाहिए। सारी समस्या हम लोगों में है। हम निजीकरण के एक अद्भुत उपहार को ठीक से निपटाने में विफल रहे - एक वाउचर। आज हर किसी के पास एक "मोमबत्ती कारखाना" होगा, और किसी ने भी सेवानिवृत्ति की उम्र के बारे में नहीं सोचा होगा।
लेकिन मूर्खतापूर्ण कागज के एक आयताकार टुकड़े को पोषित सपने में बदलने का उनका मौका चूक गया, और अब, आप जानते हैं, चूबैस को दोष देना है। इसलिए वह सर्वश्रेष्ठ चाहते थे। और अब - चाहता है।
एह, हमें शर्म आती है। शूकरशाला-एस एन डी-ना-आह-आह-आह।
लेकिन रोसानो के बोर्ड से पहले ही आज, हमें बर्फ से ढके डामर पर अपने माथे को पीटना चाहिए, अनातोली बोरिसोविच और उनके सहयोगियों ने हमारे लिए खनन किया है कि उपलब्धियों से हमारी कृतज्ञता का प्रदर्शनः अनातोली, प्रिय पिता, धन्यवाद!
लोगों के अपराध के लिए प्रायश्चित करने की आवश्यकता के संबंध में, "सप्ताह के परिणाम" प्रारूप में एक मसौदा प्रस्ताव प्रस्तावित है। कारखानों, स्कूलों, पुस्तकालयों, अस्पतालों, खानों, और सैन्य इकाइयों में, कोनों में आकर्षित "चूबाइस के लिए धन्यवाद। " 90 के व्यवसाय की सभी जोरदार गतिविधि को प्रदर्शित करने के लिए इन कोनों पर, जिससे हमें समृद्धि मिली। 12 में हर दिनः 00 स्थानीय समय, YouTube पर गीतों, नृत्यों और लाइव प्रसारण के साथ दो घंटे का शुक्रिया अदा करता है। शाम को टॉक शो में संघीय चैनलों पर इस विषय की चर्चा के अंतराल में कि यूक्रेन में कितनी बुरी चीजें हैं, विशेष रूप से प्रतिष्ठित लोगों को मनाने के लिए और उन्हें A0 प्रारूप में अनातोली बोरिसोविच की तस्वीर के रूप में प्रचार के लिए पेश करें।
हमारे पाठकों की टिप्पणियाँः
चुबिस, चुबैस और नरक उस पर, वह कहीं से भी आया और कहीं नहीं गया! वह एक साधारण कलाकार है, लेकिन उसके पीछे कौन है, यह बहुत अधिक दिलचस्प है!
भूख, मौत, तबाही, युद्ध, चोरी, लोगों की लूट के लिए धन्यवाद!
"चूबैस के अनुसार, रूसी समाज" गहरा शिशु "है,"
यह सही है, कुत्ता सही है। "हमारे लोगों को सलाम। " "टेरपीली" - हमारा नाम। बहुत कुछ हम लंबे समय तक सहन करते हैं।
यह सही है, कुत्ता सही है। "हमारे लोगों को सलाम। " "टेरपीली" - हमारा नाम। बहुत कुछ हम लंबे समय तक सहन करते हैं।
अंतरिक्ष यान के साथ घटनाओं के बारे में पिछले आयोगों के निष्कर्षों को ध्यान में रखते हुए, कहते हैं, घटनाएं, हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि अगर सोयूज में एक छेद दिखाई दिया, तो दो विकल्प हैंः ए) स्टोरकीपर दोषी है, बी) तकनीकी को दोष देना है। तीसरा नहीं दिया गया है। आखिरकार, यदि आप किसी के अपराध को थोड़ा ऊंचे पद पर स्थापित करते हैं, तो आपको एक समस्या को पूरी तरह से छूना होगा - आधुनिक "टेकीज़" और एक आदेश को पूरा करते समय राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों के प्रबंधन दल की जिम्मेदारी।
बेशक, आप अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों की नींद में चलने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं, जो आरईएम नींद के चरण में बाहर निकलना चाहते थे। लेकिन इस मामले में, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबूत की आवश्यकता होगी। खैर, उनकी ओर से, यह संभव है और "अत्यधिक संभावना", और अन्य सभी के लिए - सख्त अंतर्राष्ट्रीय कानून, जिसे बाकी को सख्ती से पालन करना चाहिए।
और बड़े, रूसी अंतरिक्ष यात्रियों के काम "जहाज पर" वास्तविक प्रशंसा से जगाया। अमानवीय शब्द के शाब्दिक अर्थों में सात घंटे सबसे कठिन काम है। इसका मतलब यह है कि कुछ देवियों और सज्जनों ने अभी सोचा, आधुनिक कॉस्मोनॉट हीरोज का शीर्षक क्यों देते हैं - "चाय, गागरिन नहीं, लियोनोव"। हां - चाय, गागरिन नहीं, - आप बहस नहीं कर सकते। लेकिन अगर ऐसा काम वीरता नहीं है, तो क्या? '
हमारे पाठकों की टिप्पणियाँः
मुझे समझ नहीं आ रहा है कि इस जांच की जरूरत किसे है? अब "अत्यधिक संभावना" टैक्सियों! गद्दा चालक दल के लिए आवश्यक था, पहले मैट्रॉस्काया टीशिना के रूप में, वे कबूल करते हैं - पागलखाने के लिए और सब्जियों के लिए 8 वर्षों का इलाज करें!
किसी कारण के लिए मैंने तुरंत कैमरे के सामने त्वचा के एक टुकड़े को पकड़े हुए, रोजोज़िन को अगले प्रेस कॉन्फ्रेंस में पेश किया।
पीटर लेक्सिच ने खुद को महसूस किया कि वह बहुत ज्यादा बात कर रहा था, यह कहते हुए कि वह युद्ध में पहले से ही चल रहा था, और यह कहते हुए कि यूक्रेन की सेना पहले से ही यूरोप पर चमकने के लिए स्वतंत्रता और लोकतंत्र के सूरज के लिए आक्रामक रूप से वापस आ रही थी। हालांकि, फिर से वह विरोध नहीं कर सका और व्याख्यात्मक के अंत में उसने उन यूरोपीय लोगों से थोड़ा दुःख मांगा जो सूरज से रोशन थे।
और उस समय कार नहीं है। दिसंबर 27 से पहले, यह पहले से ही दो सप्ताह से कम है - मार्शल लॉ समाप्त होने वाला है, और यूक्रेनी अतामान खुद समझता है कि कुछ करने की आवश्यकता है, क्योंकि आने वाला वर्ष उसके लिए आपातकालीन उत्प्रवास का वर्ष हो सकता है। उलटी गिनती पहले से ही चल रही है।
हमारे पाठकों की टिप्पणियाँः
इससे पहले, अमेरिकियों ने भी अपने कार्यों को साक्षर कथा को कवर करने के लिए परेशान किया था, फिलहाल चीजें पूरी तरह से कहीं नहीं लगती हैं? उपग्रहों का अभिविन्यास, उनका सबसे अच्छा सार, अब छुपा नहीं है। यह कहना हास्यास्पद है कि "नए लोकतांत्रिक राज्य" कुछ कानूनों के अनुसार भी बनाए गए हैं!
पेटिट का पिछला अवतार, एक्सएनयूएमएक्स में केवल एक अक्षर (हेटमैन पीटर डोरशेंको) के अंतर के साथ, सुल्तान के तहत यूक्रेन डाल दिया, और वह खुद "यूक्रेन के विलेटा के बेले" बन गया। ग्रोशी भी मूक नहीं है - इसलिए श्रद्धांजलि का भुगतान किया गया था दयालु (लड़कियों - हरम में, युगल - जनश्रुतियों में)। तो अब क्या बदल गया है? यूरोपीय वेश्यालयों में, जीवित सामानों की मांग है, और अफगानिस्तान में, यूएसए अपने जीआई को नहीं भेजना पसंद करेंगे, लेकिन नेज़ेलझ्नॉय से "तोप चारे"!
Американцам нужен конфликт, желательно горячий, в котором Россия однозначно будет назначена виновной. Но коммерческий интерес тут есть. Во-первых, легче будет союзникам оружие своё втюхивать. А во-вторых, отмена СП-2 для США также актуальна.
मुझे याद है कि अमेरिकियों द्वारा जॉर्जियाई लोगों को भी सख्त सलाह दी जाती थी . . . और फिर हमारे विशेषज्ञों ने पोटी में अपनी नौकाओं को उड़ा दिया! हां, और एक अन्य हथियार को बड़े पैमाने पर नष्ट कर दिया गया था और कुछ निर्यात किया गया था . . . मुझे पता है, क्या दिलचस्प है, और पूर्व सोवियत गणराज्यों के हमारे दोस्त और भाई कहां हैं? ठीक है, यूक्रेन एक आश्चर्य-वृत्ति से अभिभूत है, लेकिन भाइयों बेलारूसियों, कज़ाकों, अर्मेनियाई, उदाहरण के लिए, उन्हें हिला देंगे! रूस को भौंकते हुए वे क्या कहते हैं? भूल गया, अगर कोई तुम्हारे लिए पोनास्ट्रोइल प्लांट करता है, जिसने तुम्हें सब्सिडी दी, लेनिन, आखिरकार, अपने संस्थापक के पिता को भूल गए!
मुद्रा युद्ध, राइफल्स और बंदूकों के साथ युद्ध, जासूसों के युद्ध - यह सब, यह पता चला है, पुराना है। कनाडा और चीन, सहयोग में, रणनीतिक पता दावा करते हैंः गिरफ्तारी का युद्ध।
बेशक, केवल अमीर गिरफ्तारी के तहत आते हैं।
युद्ध का प्रस्ताव वैंकूवर हवाई अड्डे पर Huaveya के वित्तीय निदेशक, सुश्री मेंग वानझोऊ का निरोध था। अमेरिकियों ने अपने सहयोगियों से उसे हिरासत में लेने के लिए कहा। हालांकि, कनाडाई लोगों को पैसा मिल रहा था जिन्होंने 10 मिलियन डॉलर (कैनेडियन) की जमानत पर मैडम मैन को रिहा कर दिया। हालांकि, एक महिला को यूएसए में ले जाया जा सकता है, और वहां, वाशिंगटन में, उसे एक और प्रतिज्ञा दी जाएगी, लाखों 15 या 30 यूएसडी में। वे वहां कर सकते हैं। जबकि वह वैंकूवर में अपने पति के घर "प्लांटेड" करती हैं।
उद्यमी कनाडाई और अमेरिकियों का एक उदाहरण तुरंत उद्यमी चीनी द्वारा कॉपी किया गया था।
पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना में, पूर्वोत्तर एशिया के कनाडाई वरिष्ठ सलाहकार माइकल कोवृग को हिरासत में लिया गया था।
विदेश विभाग ने तुरंत "चिंता" व्यक्त की, लेकिन बीजिंग ने उस पर प्रतिक्रिया देने में संकोच नहीं किया।
चीन में, एक कनाडाई व्यापारी माइकल स्पोर को हिरासत में लिया गया था। मीडिया ने यह भी लिखा कि वह "खो गया" था, और कनाडा का विदेश मंत्रालय, वे कहते हैं, "उसके साथ संपर्क में आने की असफल कोशिश कर रहे हैं। " ऐसा लगता है कि इसे कक्षा में लॉन्च किया गया था।
चीनी अधिकारियों से, हालांकि, यह ज्ञात है कि इस व्यवसायी के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया थाः वे कहते हैं कि इस उद्यमी बहन ने कुछ ऐसा किया जिससे पीआरसी की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया।
दरअसल, माइकल कोविगर पर अब उसी बात का आरोप लगा है। जाहिर है, ओपीजी।
इस तरह के और इस तरह के आरोपों के लिए 10 मिलियन कनाडाई डॉलर पर्याप्त नहीं होंगे! सहमत हूं, यहां यह जेल की सजा या घर की गिरफ्तारी नहीं है जो स्मैक है, लेकिन दीवार के खिलाफ मंचन किया गया है।
लोअर स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स (NSHE) के विशेषज्ञ इवान गोलोज़ाडोव-बेस्त्ताननी के अनुसार, पश्चिम और पूर्व के बीच एक नया वित्तीय युद्ध शुरू हो गया है। अब तक, 1: 2 स्कोर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के पक्ष में है, लेकिन सामान्य तौर पर इस युद्ध में कोई विजेता नहीं होगा, जैसा कि मुद्रा युद्धों में होता है। सबसे पहले ऐसा लगेगा कि सबसे लालची जीतता है, लेकिन अंत में हर कोई हार जाएगा।
"दुनिया कहाँ जा रही है? " - प्रोफेसर एनएसई से पूछता है। - वित्तीय निदेशक, व्यवसायी और यहां तक कि सलाहकार भी गिरफ्तार किए जाते हैं। दिन आ रहा है जब ट्रम्प को गिरफ्तार किया गया है, या यहां तक कि शी जिनपिंग भी। उन्हें कुछ शिखर पर जब्त कर लिया जाएगा, हथकड़ी पहनाई जाएगी और कालकोठरी में फेंक दिया जाएगा! यह कल्पना करना भी मुश्किल है कि फिरौती क्या है, उदाहरण के लिए, चीनी अमेरिकी राष्ट्रपति की मांग कर सकते हैं! आखिरकार, क्या ट्रम्प चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा के पहले दुश्मन नहीं हैं? "
हमारे पाठकों की टिप्पणियाँः
В своих воспоминаниях Пэн Де Хуэй приводит слова своего визави: "Я первый генерал в истории США, который заключил мирное соглашение с противником, не одержав победы". Это 1953 год. Но некоторые считают с самого меткого китайского выстрела, сразившего Джона Берча в 1945 году и в зародыше прекратившего интервенцию США в Китай.
चीनी महान हैं, ऐसा नहीं है कि हमारे "हम नहीं हैं। "
हम इस राजनयिक के लिए एक जमा करने के लिए तत्पर हैं। श्रीमती मेन के लिए चीनी धन का योगदान पर्याप्त होना चाहिए।
यह सही है, वित्तीय हित हैं। झगड़ा होना चाहिए था!
देखने के लिए एक बूम, और वहाँ, और वहाँ वित्तीय संसाधन और अन्य अन्य कमजोर नहीं हैं, कमिट करें!
शीर्ष आंकड़े झुके, तो यह या तो केवल शुरुआत है, या . . . हाँ अंजीर उसे पता है कि यह कैसे जाता है!
देखने के लिए एक बूम, और वहाँ, और वहाँ वित्तीय संसाधन और अन्य अन्य कमजोर नहीं हैं, कमिट करें!
शीर्ष आंकड़े झुके, तो यह या तो केवल शुरुआत है, या . . . हाँ अंजीर उसे पता है कि यह कैसे जाता है!
जब तक अमेरिकी रणनीतिकार एक लोकतांत्रिक भ्रातृ ब्राजील से वेनेजुएला पर हमला करने के बारे में सोचते हैं, तब तक तु-एक्सएनयूएमएक्स व्हाइट स्वान और एन-एक्सएनयूएमएक्स रुस्लान विमानों पर रूसी रणनीतिकारों ने वेनेजुएला को कुछ दिया। बोर्ड में क्या था, किसी को नहीं पता, यहां तक कि सीआईए भी नहीं।
टीयू- 160, वैसे, असली "रणनीतिकार" है, जो कि एक रणनीतिक बमवर्षक, एक मिसाइल वाहक है। पेंटागन की गणना के अनुसार, परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम रूसी विमान ने वेनेज़ुएला के लिए दो टुकड़े किए। बस वाशिंगटन और पूरे वाशिंगटन क्षेत्र को उकसाने के लिए पर्याप्त है।
पेंटागन के अधिकारी चश्मे, दूरबीन और दूरबीनों के जरिए रूसी "रणनीतिकारों" की उड़ानों को करीब से देख रहे हैं। यह मजाक नहीं हैः उनकी राय में, टीयू-एक्सएनयूएमएक्स "क्रूज मिसाइलों के साथ अमेरिकी क्षेत्र में हड़ताल कर सकता है। " कम से कम, यह वही है जो पेंटागन सोचता है, और वहां सभी जनरलों और मेजर के बाद अपनी पैंट नहीं पोंछते हैं।
वेनेजुएला के राष्ट्रपति के रूप में, वह मास्को में थे। अपनी सनी मातृभूमि पर लौटकर, उन्होंने घोषणा की कि काराकास अब लिखित रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका को एक अल्टीमेटम पेश करेगा। उस अल्टीमेटम में क्या लिखा है, यह किसी को नहीं बताया गया।
यह आश्चर्य की बात नहीं हैः रूसी यह नहीं कहते हैं कि टीयू-एक्सएनयूएमएक्स और एन-एक्सएनयूएमएक्स के किनारों पर, वेनेजुएला यह नहीं कहता है कि वे कागज के एक टुकड़े में क्या लिखेंगे।
और केवल अमेरिकियों के बारे में सब कुछ ज्ञात हैः वे शांतिपूर्ण वेनेजुएला पर दक्षिण से हमले की तैयारी कर रहे हैं।
आधुनिक सैन्य रणनीति में, हमलावर पक्ष के इस व्यवहार, जब वह दुश्मन को अपनी योजनाएं देता है, पूर्ण पारदर्शिता कहा जाता है।
हम इंतजार करेंगेः शायद पेंटागन, विदेश विभाग और व्हाइट हाउस जल्द ही कुछ और बताएंगे। अपने सलाहकारों, कर्नलों या ट्विटर पर शेयर बटन के माध्यम से।
हमारे पाठकों की टिप्पणियाँः
आइए प्रतीक्षा करें जब संयुक्त राज्य अमेरिका संधि से बाहर आता है, तो मुझे कुछ ऐसा लगता है कि हमारी मध्यम दूरी की मिसाइलों की उपस्थिति वहां हो सकती है, अच्छी तरह से, ताकि संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए जीवन शहद न लगे।
रूस वेनेजुएला को $ 5 बिलियन और 600 हजार टन अनाज प्रदान करेगा। तेल उद्योग के अलावा, एक और $ 1 बिलियन को सोने के उत्पादन में निवेश करने की योजना है। इसकी घोषणा राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने अपने ट्विटर पेज पर की।
हाँ, क्षमा करें चावेज़ थोड़ा जीवित थाः उसने ट्रम्प को जवाब दिया होगा!
टीयू-एक्सएनयूएमएक्स ने नियमित हथियारों के साथ उड़ान भरी, लेकिन क्या-एक्स-एनएनयूएमएक्स लाया - एक सवाल।
"द नेशनल प्रोटेस्ट" पत्रिका से सुपरएक्सपर्ट और हाइपरानैलिटिक वूड्या सोलनत्सेडारा की राय में, शीर्ष-गुप्त निर्दयी रूसी हथियारों के उपयोग के दो विकल्प हैंः तुरंत और बाद में।
उल्लिखित हथियार "डूम्सडे" का हथियार हैः "परिधि" प्रणाली, अन्यथा "डेड हैंड"।
कर्नल सोलनत्सेदर का मानना है कि जब संयुक्त राज्य अमेरिका अपनी मध्यम दूरी की मिसाइलों को यूरोप में तैनात करेगा, रूसियों को अंततः और "अमानवीय" परमाणु हमले के सिद्धांत को स्वीकार करना होगा।
यह ध्यान देने योग्य है कि श्री सोलनत्सर ने दो परिभाषाओं को उलझा दियाः अमानवीय और रोबोट।
जैसा कि यह निकला, वर्दी में अमेरिकी सैन्य रूसियों से बिल्कुल भी डरते नहीं हैं - लोग, अजीब तरह से, काफी शांतिपूर्ण हैं और लगातार "रक्षा" शब्द का उपयोग कर रहे हैं, जो कि अमेरिका में भी गलत तरीके से समझा जाता है।
वे अमेरिकी उपनिवेशों और रूसी रोबोटों के जनरलों से डरते हैं। जिन्हें फिल्म में "टर्मिनेटर" के बारे में नहीं फिल्माया गया था, क्योंकि वे टॉप सीक्रेट हैं।
और यह कुछ भी नहीं है कि नेशनल प्रोटेस्ट की संख्या भयानक सेनाओं के बारे में बताती हैः क्रूज मिसाइलों "एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र के साथ", "एक सौ मेगाटन के युद्ध के साथ रोबोट पनडुब्बियां" और यहां तक कि "रोजोजिन के" बटुत-एम "उपग्रह जो" पृथ्वी के ऊपर उड़ते हैं " अमेरिकी कक्षा में। "
श्री सोलनत्सर, जो समय से पहले आतंक का शिकार है, स्वीकार करता है कि मॉस्को आज भी "परिधि" ("डेड हैंड") प्रणाली को उजागर करने के लिए तैयार है, ताकि बैक बर्नर पर रक्षा के पवित्र कारण में देरी न हो।
इसके अलावा, सुपरनैलिसिस एक तार्किक निष्कर्ष देता हैः संयुक्त राज्य अमेरिका को धीरे-धीरे इंटरमीडिएट-रेंज और पोर्टर-रेंज मिसाइलों के उन्मूलन पर संधि से वापस लेना चाहिए ताकि रूसी "कुज़्मा की मृत मां" वापस हड़ताल करने की जल्दी में न हो।
बेनामः चलो कुछ और, हुह जीना?
यह वाक्य उनके लेख, कर्नल सोलनत्सर को समाप्त करता है।
हमारे पाठकों की टिप्पणियाँः
सामान्य तौर पर, पारस्परिक YAU की अवधारणा किसी न किसी तरह दोषपूर्ण है।
हम किस तरह की जीत की बात कर सकते हैं? हम अपने स्वयं के एंटीबायोटिक दवाओं का उत्पादन नहीं करते हैं, बच्चों के सूखे मिश्रण, भी, अन्य दवाओं के रूप में भी।
उद्योग, टैंकों को छोड़कर, कुछ भी नहीं करता है। "मेड इन द रशियन फेडरेशन" लेबल के साथ बिजली उपकरणों के रूप में क्या सस्ता है, पीआरसी में किया जाता है, हमारा एकमात्र बॉक्स (सबसे अच्छा)।
क्या आपको लगता है कि चीन किस मामले में साइन अप करेगा? सहिजन! यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके मुख्य आर्थिक भागीदार हैं।
इस तथ्य के बारे में मिथक कि नाटो देश सैन्य रूप से कमजोर हैं, पूरी तरह से बकवास है। याद रखें कि इराक, सर्बिया, लीबिया, इज़राइल अपने पड़ोसियों के साथ संघर्ष करता है (उनके पास एक तरफ पश्चिमी सैन्य विचार है और दूसरी तरफ हमारा)।
यह हमारे लिए इंटरनेट बंद करने, सेलुलर और वायर्ड संचार को सीमित करने, हमें बैंकिंग प्रणाली से अलग करने और सब कुछ करने के लिए पर्याप्त है, युद्ध की जरूरत नहीं है। पाषाण युग। अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।
एकमात्र युद्ध जिसमें हम जीत नहीं सकते हैं, लेकिन कम से कम मृत साथियों के लिए बदला लेने के लिए, पांचवीं पीढ़ी का युद्ध है। यानी संलयन। हालांकि, इस मामले में भी, हम पर्याप्त रूप से जवाब देंगे यदि हम पहले शुरू करते हैं, अन्यथा हमारी हड़ताल घातक नहीं होगी।
मुझे लगता है कि कोई भी ऐसा नहीं चाहता है।
PS 6,5 और 7 कक्षों के अलावा।
उद्योग, टैंकों को छोड़कर, कुछ भी नहीं करता है। "मेड इन द रशियन फेडरेशन" लेबल के साथ बिजली उपकरणों के रूप में क्या सस्ता है, पीआरसी में किया जाता है, हमारा एकमात्र बॉक्स (सबसे अच्छा)।
क्या आपको लगता है कि चीन किस मामले में साइन अप करेगा? सहिजन! यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका इसके मुख्य आर्थिक भागीदार हैं।
इस तथ्य के बारे में मिथक कि नाटो देश सैन्य रूप से कमजोर हैं, पूरी तरह से बकवास है। याद रखें कि इराक, सर्बिया, लीबिया, इज़राइल अपने पड़ोसियों के साथ संघर्ष करता है (उनके पास एक तरफ पश्चिमी सैन्य विचार है और दूसरी तरफ हमारा)।
यह हमारे लिए इंटरनेट बंद करने, सेलुलर और वायर्ड संचार को सीमित करने, हमें बैंकिंग प्रणाली से अलग करने और सब कुछ करने के लिए पर्याप्त है, युद्ध की जरूरत नहीं है। पाषाण युग। अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।
एकमात्र युद्ध जिसमें हम जीत नहीं सकते हैं, लेकिन कम से कम मृत साथियों के लिए बदला लेने के लिए, पांचवीं पीढ़ी का युद्ध है। यानी संलयन। हालांकि, इस मामले में भी, हम पर्याप्त रूप से जवाब देंगे यदि हम पहले शुरू करते हैं, अन्यथा हमारी हड़ताल घातक नहीं होगी।
मुझे लगता है कि कोई भी ऐसा नहीं चाहता है।
PS 6,5 और 7 कक्षों के अलावा।
हाल ही में, केवल "परिधि" के बारे में सुना। या तो वे हमारे "साझेदारों" को डराते हैं, या विरोधियों से बदला लेने का यह अंतिम मौका है।
|
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को विधानसभा में नगर निगम संशोधन अध्यादेश पेश किया। पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में वार्डों की संख्या 34 से बढ़ाकर 41 करने का विधेयक पारित किया था। हिमाचल में सरकार बदलते ही इसे दोबारा 34 वार्ड का नगर निगम संशोधन अध्यादेश लाया गया था। इसे विधानसभा में सदन के पटल पर रखा गया। अब आगामी दिनों में इसका विधेयक सदन में पारित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 11 जून 2022 को भाजपा शासित शिमला नगर निगम का कार्यकाल खत्म हो गया है।
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
|
हुआ कि इस का कोई भी रूप इसकी स्पर्धा में नहीं ठहर सका । अपनी प्रतिभा का प्रयोग करने के लिये लेखक को जितना क्षेत्र और जितनी सुविधाएं कहानी-साहित्य में मिलीं, उतनी दूसरे किसी भी क्षेत्र में नहीं मिलीं।
इसमें सन्देह नहीं कि द्विवेदी-युग कहानी - साहित्य की भूमिका रहा और आधुनिक कहानियों की विविध जातियों के बीज उसी युग में बोए भी गए और अंकुरित भी हुए परन्तु उसका सच्चा और विशाल स्वरूप इसी युग में देखा गया ।
कहानीकार - सर्वश्री जयशंकर प्रसाद, जी० पी० श्रीवास्तव और चन्द्रधर शर्मा गुलेरी ने द्विवेदी-युग में प्रगतिशील कहानी - साहित्य का सूत्रपात कर दिया था। इस युग में कहानी - साहित्य अति पुष्ट रूप में आने लगा । खास कर प्रेमचन्द, उम्र, श्रीवास्तव, कौशिक और सुदर्शन ने अपनी एक शैली स्थापित कर ली और उन्होंने कहानी-साहित्य को अधिकाधिक सम्पन्न करना जारी रखा । प्रसाद की रहस्यमयी वृत्ति कहानियों में भी उपस्थित रही, और इसी से वे कहानीक्षेत्र में उतने सफल नहीं हुए जितने नाटक और काव्य के क्षेत्र में । प्रसाद ने जीवन में बहुत कम यात्राएं कीं, इसी से उनका विश्वदर्शन कल्पना और अध्ययन ही के आधार पर था । इसी कारण उनकी कहानियों की भाषा दुरूह और अधिक कृत्रिम रही ।
'कौशिक' ने ३०० के लगभग कहानियां लिखीं, पर उन्होंने उत्तरोत्तर विकास नहीं पाया । उनका ढर्रा वही पुराना रहा; उनमें अनावश्यक विस्तार भी रहा, और जीवन की सामान्य बातों ही का सूत्रपात भी ।
प्रेमचन्द की कहानियां वैसी ही रहीं जैसे उनके उपन्यास । वे सब से अधिक लोकप्रिय रहीं और उन्होंने अपने काल में सब से अधिक कहानियां लिखीं। वे अपने ग्राम और समाज तथा आदर्श के क्षेत्र से बाहर नहीं निकले । कहीं २ उन्होंने इतिहास को स्पर्श किया पर चमत्कार न दिखा सके। वे मानव हृदय के कोमल आघात प्रतिघातों को चित्रण नहीं कर सके, न वे मनोविज्ञान के प्रदर्शन में सफल हुए ।
सुदर्शन प्रेमचन्द ही के ढर्रे पर चले । उनके भीतर प्रचारक की भावना भी रही । फिर भी उनका बात कहने का अपना निराला ढंग रहा और उनकी कहानियां अधिक सर्वप्रिय हुई ।
रायकृष्णदास, चंडीप्रसाद 'हृदयेश', गोविन्दबल्लभपन्त, शिवपूजनसहाय, पदुमलाल पन्नालाल बख़्शी, मन्ननद्विवेदी ने भी कहानियां लिखीं। इनमें रायकृष्णदास और बख़्शी की कहानियों में चमत्कार रहा।
कवि कहानीकार - सर्वश्री निराला, पन्त, भगवतीचरण वर्मा ने जो कहानियां लिखीं उनमें उनका कवि जगत् साथ चलता रहा। खास कर निराला और पन्त प्रसाद की भांति अपनी कहानी कला को कवि-कला के प्रभाव से नहीं बचा सके । इसी से इनकी कहानियों ने कहानियों की एक नई कला को जन्म दिया, जिसमें मनोविज्ञान कम और मानसिक संताप अधिक था ।
२१ से २७ तक- सन १९२१ से १९२७ तक जो नए कहानी लेखक प्रकट हुए उनमें मोहनलाल नेहरू, रघुपति सहाय (१६२१) भगवती प्रसाद वाजपेयी, बेचनशर्मा 'उग्र' (१६२२) विनोदशंकर व्यास (१९२५) राजेश्वरप्रसादसिंह (१९२६) जनार्दनप्रसाद झा 'द्विज', वाचस्पति पाठक, दुर्गाप्रसाद भास्कर, जैनेन्द्रकुमार, ऋषभ चरण जैन और इलाचन्द्र जोशी (१९२७) मुख्य हैं। मोहनलाल नेहरू ने उद्देश्य प्रधान अच्छी कहानियां लिखीं। भगवतीप्रसाद वाजपेयी ने परिश्रम से कहानी लिखीं। 'उग्र' अपने स्टाइल के निराले सशक्त कहानीकार रहे। उनमें प्रतिभा थी पर आगे उसका विकास नहीं हुआ। विनोदशंकर व्यास और द्विज ने भावपूर्ण कहानियां लिखीं । जैनेन्द्रकुमार ने अपने निजी आदर्श के आधार पर कहानियां लिखीं । उनकी कहानियां प्रायः अच्छी होने पर भी रूखी हैं । इलाचन्द जोशी ने भी अच्छी कहानियां लिखीं।
२८ की कहानी-कला - सन २८ में कहानियां साहित्य का मुख्य अंग बन चुकी थीं। इस समय जो पुराने लेखक कहानी लिख रहे थे उनके सिवा सर्वश्री सियारामशरण गुप्त, श्रीनाथसिंह, श्रीरामशर्मा, सद्गुरुशरण अवस्थी, मोहनलाल महतो, वियोगी, और स्वामी सत्यदेव ने कहानियां लिखनी प्रारम्भ कीं। पन्त, निराला और भगवतीचरण वर्मा भी इसी काल में कहानी क्षेत्र में उतरे । इन कहानी-लेखकों में ५ कवि थे, परन्तु एक भगवतीचरण वर्मा ही कहानियों से अपने काव्य-रस को प्रथम रख सके, वे जैसे एक स्वतन्त्र कवि थे, वैसे ही स्वतन्त्र कहानीकार । स्वामी सत्यदेव शीघ्र ही पिछड़ गए, श्रीराम शर्मा ने तल्लीनता दिखाई । श्रीनाथसिंह ने कहानियों में अच्छा परिश्रम किया। सद्गुरुशरण अवस्थी की कहानियों में निबन्ध-लेखन प्रकट हुआ । सत्यजीवन वर्मा के सम्बन्ध में भी यही कहा जा सकता है ।
कृष्णानन्द गुप्त ने पिछले दिनों कहानी लिखना प्रारम्भ किया, पर फिर सुस्त हो गए। उनकी शैली में पाश्चात्य कहानी-कला की झलक थी ।
३२ के कहानी लेखक - सन १९३२ के लगभग सर्वश्री चन्द्रगुप्त विद्यालंकार, मंगलाप्रसाद विश्वकर्मा, अख्तर हुसेन रामपुरी, वीरेश्वर, साधुशरण, आनन्दीप्रसाद श्रीवास्तव, , सञ्चिदानन्द वात्स्यायन अज्ञेय, धर्मवीर, अनन्तगोपाल
शेवडे, माधव, राजकुमार रघुवीरसिंह, उपेन्द्रनाथ अश्क, पहाड़ी, सूर्यदेवनारायण, • श्रीवास्तव और यशपाल ने कहानियां लिखना प्रारम्भ किया ।
इनमें राजकुमार रघुवीरसिंह और अख्तर हुसेन रामपुरी ने कहानियों में प्रतिभा का प्रदर्शन किया । राजकुमार ने ऐतिहासिक रस का और अख्तर हुसेन रामपुरी ने क्रान्तिकारी युवक भावनाओं का प्रकटीकरण किया, परन्तु दोनों ने बहुत कम कहानियां लिखीं ।
'अज्ञेय' एक गम्भीर और नई प्रतिभा लेकर कहानी क्षेत्र में आए । उनकी कहानियों का धरातल क्रान्ति और मानव हृदय के आर्तनाद से व्याप्त है । प्रतिभा और अनुभूति अज्ञेय की कहानियों में इस समय के सब साथियों से विलक्षण रही। यशपाल ने भी इसी प्रकार की अच्छी कहानियां लिखीं ।
हास्य रस की कहानी लेखकों में जी०पी० श्रीवास्तव तो थे ही, शिवनाथ शर्मा, हरिशंकर शर्मा, कृष्णदेवप्रसाद गौड़ और अन्नपूर्णानन्द के नाम भी उल्लेखनीय हैं । श्रीवास्तव की कला पुरानी हो है, हरिशंकर शर्मा ने अनेक स्केच लिखे । अन्नपूर्णानन्द भी सफल हुए हैं परन्तु उनकी कहानियां साधारण होती हैं । कृष्णदेवप्रसाद गौड़ 'बेढ़ब' ने हास्य लिखने में अपना ख़ास स्थान प्राप्त किया है ।
स्त्री कहानी-लेखिकाएं - इन पिछले दिनों में हिन्दी में ५-७ अच्छी स्त्री कहानी-लेखिकाएं प्रकट हुई । सुश्री उमा नेहरू ने सब से प्रथम सम्भवतः कहानी पर लेखनी उठाई थी, उनके बाद शिवरानी प्रेमचन्द, सुभद्राकुमारी चौहान, तेजरानी पाठक, उषादेवी मित्रा, कमलादेवी चौधरी, सुशीला आग़ा, सरस्वती, होमवती देवी, तारा पाण्डेय, रत्नकुमारी और सत्यवती मलिक ने कहानी लिखना प्रारम्भ किया। शिवरानी ने सीधे-सादे घरेलू जीवन के चित्र खींचे, सुभद्राकुमारी ने पुरुषों के प्रति विद्रोह की भावना को कहानियों में व्यक्त किया, पर जितनी वे कविता क्षेत्र में सफल हुई उतनी कहानी क्षेत्र में नहीं । उषादेवी मित्रा की कहानियों में व्यक्तित्व का अच्छा विकास हुआ। कमलादेवी बाद में सन १९३३ में आई, पहले ये हिन्दी नहीं जानती थीं पर शीघ्र ही उन्होंने उस पर अधिकार कर लिया । कमलादेवी की प्रतिभा असाधारण और मनोविज्ञान की वे पारदर्शिनी दृष्टि रखती हैं। सुशीला आमा ने भी अच्छी कहानियां लिखीं । सत्यवती मलिक को भावपूर्ण छोटी २ कहानियां लिखने और भाव- चित्र बनाने में अच्छी सफलता मिली है। सौनरिक्सा दम्पति ने कहानी-कला पर आधारित कहानी लिखना प्रारम्भ किया ।
आज का कहानी-साहित्य - आज कहानी-साहित्य की बाढ़ आ रही है, और अनगिनत कहानी- लेखक उत्पन्न हो रहे हैं । कहानियों की अनेक पत्रपत्रिकाएं चल रही हैं परन्तु दुःख से कहना पड़ता है कि उन में पांच प्रतिशत भी अच्छी नहीं हैं । हिन्दी की सर्वप्रिय कहानी - पत्रिका 'माया' ही का उदाहरण यदि लिया जाय तो हम कहानी-साहित्य की अधोगति पर अफ़सोस कर सकते हैं । आज हिन्दी में कहानी-साहित्य के पाठक बहुत हैं पर उन्हें हर प्रकार की आत्मतुष्टि देने वाले कहानीकारों की बड़ी कमी है । खेद है कि जो कुछ इनेगिने कहानीकार हैं उनसे पत्रकारों का सहयोग नहीं । इसके दो कारण हैं - एक यह कि प्रायः कहानी-पत्रिकाओं के सम्पादक और मालिक अपने को साहित्य से सम्बन्धित नहीं समझते, न वे कला और संस्कृति के प्रति उत्तरदायी ही हैं । उन्होंने व्यवसाय के अर्थ पत्र चलाए हैं । ये सस्ते पाठकों को उनकी कच्ची पसन्द की भड़कीली और ऐन्द्रीयता से परिपूर्ण सस्ती कहानियां देते हैं, जो या तो उन्हें मुफ्त ही मिल जाती हैं या वे इधर उधर से अन्य भाषाओं से भ्रष्ट अनुवाद कराके काम चला लेते हैं। दूसरा कारण यह है कि अन्य साहित्यिक पत्रों के सम्पादक विवश और असहाय हैं । वे जानते हैं कि उनके पत्र घाटे में चल रहे हैं और उनकी अपनी नगण्य सी तनख्वाह भी मालिक लोग देने में भार समझते हैं। वे साहस नहीं कर सकते कि किसी अच्छे कलाकार से अच्छा पारिश्रमिक देकर अच्छी कहानी लें। इन पत्रकारों की मनोवृत्ति प्रायः पूंजीवादी होती है, वे पत्रिका के लिये कहानी नहीं मांगते; कहानी का कापीराइट मांगते हैं । इस प्रकार लेखक को वे मज़दूर से भी बदतर समझते हैं। उन्हें महीनों बाद पारिश्रमिक मिलते हैं और कभी २ तो उन्हें सब करना पड़ता है ।
आज कहानी क्षेत्र में आमूल परिवर्तन की आवश्यकता है। कहानीपत्रिकाओं की ये सस्ती कहानियां सारहीन ही नहीं बहुधा कुरुचिपूर्ण भी होती हैं, कभी कभी तो बहुत ही गन्दी । यदि इन कहानियों और पत्रिकाओं को नष्ट न किया जायगा तो कहानी-साहित्य के प्रति एक गहरी उदासी अतिशीघ्र छा जायगी ।
आज का भारत कल का दरिद्र और रुदन करने वाला, रूढ़ियों से जकड़ा हुआ, असहाय, राम आसरे बैठा हुआ भारत नहीं है। वह अपनी तमाम बेड़ियों को तोड़कर बड़े से बड़े खतरे का सामना करने के लिए अपने मानवीय अधिकारों को बलपूर्वक छीन लेने को कटिबद्ध है। वह इसके लिए सर्वस्व त्यागने, सब कुछ करने को तुला बैठा है। उसने आज आत्मानुभूति ही नहीं प्राप्त की है, विश्व की सब सम्पदाओं के अधिपति |
Don't Miss Out on the Latest Updates.
Subscribe to Our Newsletter Today!
भारत ही नहीं दुनिया में सबसे अधिक खायी जाने वाली सब्जी आलू है. आलू के पराठे भारत का मुख्य नाश्ता बन चुका है. आलू खाने के फायदे के बारे में आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि आलू में स्टार्च, पोटेशियम, विटामिन ए और विटामिन सी पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है. आलू सेहत के लिए इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह तुरंत ऊर्जा देने का काम करता है. आलू में कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और जिंक जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं.
आलू में पाये जाने वाले पोषक तत्वों की खास बत यह होती है कि ये शरीर को तुरंत एनर्जी देते हैं. आलू का कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और ग्लूकोज एमिनो एसिड में बदलकर बॉडी को तुरंत एनर्जी दने का काम करते हैं. इन सब बातों के बाद भी लोग आलू के पराठे खाने को लेकर सवाल करते रहते हैं.
सुबह का नाश्ता हेल्दी होना चाहिए. नाश्ते में ऐसे फूड का सेवन करना चाहिए जो प्रोटीन, फाइबर के साथ ऊर्जा देने वाला हो. डाइट एक्सपर्ट्स से बात करने पर पता चलता है कि नाश्ते में आलू के पराठे खाए जा सकते हैं. रोजाना आलू के पराठे खाने पर डाइट एक्सपर्ट्स भी मना करते हैं. आलू में कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो वजन बढ़ाने का काम करते हैं.
आलू में स्टार्च की मात्रा पायी जाती है जो शरीर को तुरंत एनर्जी देने का काम करता है.
आलू में पोटेशियम, विटामिन ए, विटामिन सी, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन और जिंग जैसे पोषक तत्व पाये जाते हैं.
आलू में प्रोटीन और ग्लूकोज की भी मात्रा पर्याप्त होती है. यह शरीर को ऊर्जा देने के साथ मजबूत बनाने में भी मदद करता है.
आलू खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
पाचन तंत्र के लिए आलू का सेवन फायदे मंद होता है. आलू में पाये जाने वाले तत्व बेहतर नींद के ठीक होते हैं.
बढ़ती उम्र में त्वचा की देखभालके लिए भी आलू का सेवन फायदेमंद होता है.
विटामिन सी और विटामिन बी कॉम्पलेक्स त्वचा के निर्माण और कसाव में मददगार होते हैं.
शुगर और साल्ट फ्री डाइट को ऐसे बनाएं फुल न्यूट्रीशन डाइट.
बच्चों का होगा संपूर्ण विकास, जब डाइट में शामिल करेंगी ये 6 पोषक तत्व.
मूंगफली, चना और बादाम का फूड स्नैक्स ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखते हैं.
|
ठियोग - कुफरी में बर्फबारी के बाद एक बार फिर सैलानियों का आना शुरू हो गया है। पिछले दो दिन पहले हुई बर्फबारी के बाद सैलानी बर्फ का आनंद लेने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं। ऐसे में स्थानीय कारोबार को भी बहुत ज्यादा फायदा हो रहा है। इन दिनों पर्यटकों के आने से स्थानीय लोगों की खूब कमाई हो रही है। वहीं, सड़क पर फिसलन बहुत ज्यादा होने से घोड़ा व्यवसायी परेशान हैं। ऐसे में घोड़ा कारोबार बंद हो गया है। बर्फ के कारण सड़क पर फिसलन बढ़ गई है। इसके चलते घोड़ा कारोबारियों की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है। इतना ही नहीं वाहन चलाने में भी लोगों को परेशानी हो रही है। सबसे ज्यादा घोड़ा कारोबारी परेशान हैं। घोड़ा व्यवसायियों का कहना है कि निजी गाड़ी वाले इसका फायदा उठा रहे हैं और घोड़ा चालकों का चलान किया जा रहा है। वहीं, कुफरी पंचायत के उप प्रधान सोहन ठाकुर का कहना है कि घोड़े वालों पर प्रशासन एक तरफा करवाई करता है और पर्यटकों को भी कुफरी नहीं आने दिया जाता। उन्होंने कहा कि इससे ज्यादा बर्फ कई साल पहले पड़ती थी, लेकिन अब थोड़ी बर्फ पड़ने पर भी प्रशासन पर्यटकों को रोक देता है। उधर इन इलाकों में सड़क पर फिसलन के कारण इन दिनों जाम की भी भारी समस्या बनी हुई है और कई बार लंबी कतार गाडि़यों की लग जाती है। इससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि नेशनल हाईवे की ओर से रेत भी सड़क पर डाली गई है, लेकिन बर्फबारी अधिक होने के कारण इन इलाकों में बर्फ जम गई है। इससे यहां पर कई बार गाडि़यों के फिसलन होने से एक दूसरे से टकरा जाती है, जिससे जाम की समस्या पैदा हो रही है। शनिवार को मतियाना नारकंडा फागू के आस-पास बर्फ की हल्की फुआरे भी गिरी, जिससे इलाके में ठंड और बढ़ गई है।
|
खबर भोपाल से है। माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्विद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्रों को विभाग के ही नवनियुक्त शिक्षक सौरभ मालवीय, रचनात्मक लेखन करने से रोक रहे है। यह एक विश्वविद्यालय को लिए त्रासद स्थिति है और एक शिक्षक की जिम्मेदारी पर सवाल खड़ा करता है। क्या एक शिक्षक का यही दायित्व है कि वह अपने छात्रों के ही प्रतिभा विकास में बाधक बनकर उसे नष्ट करने में लग जाय? लेकिन सौरभ मालवीय ऐसा क्यूं कर रहे हैं, इसके पीछे भी विश्वविद्यालय की अंदरूनी राजनीति की गहरी साजिश है।
भोपाल से सूचना है कि माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीयय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में अब पूरी तरह शांति बहाल हो गई है. छात्रों का आंदोलन आखिर रंग लाया. कुलपति प्रो बीके कुठियाला ने बुधवार शाम विभागाध्यक्ष पुष्पेंद्र पाल सिंह को फिर से पत्रकारिता विभाग का विभागाध्यक्ष बहाल कर दिया. कुलपति की ओर से रजिस्ट्रार एसके त्रिवेदी ने विवि परिसर में चल रहे धरनास्थल पर पहुंचकर इस बात की घोषणा की. रजिस्ट्रार ने कहा कि श्री सिंह को सम्मान सहित उनके पद पर बहाल किया जाता है. इसके साथ ही छात्रों के खिलाफ दर्ज कराए गए मुकदमे भी विवि प्रशासन वापस ले लेगा. यह प्रक्रिया गु़रुवार सुबह से शुरू हो जाएगी. कुलपति के ताजा रुख के बाद छात्रों का कामयाब आंदोलन अपनी पूर्णता को पहुंच गया. यह सारा घटनाक्रम रात 8 बजे के बाद विवि परिसर में मीडिया की मौजूदगी में हुआ.
माखनलाल विवि छोड़े हुए करीब सात साल हो गए हैं और इस बीच केवल एक बार ही पूर्व छात्र की हैसियत से विवि कैम्पस में जाने का मौका मिला। करीब चार साल पहले मैं और संदीप विवि के नए परिसर में गए। बहुत खुशी हुई जब देखा कि हमें जो चीजें नहीं मिल पाईं वो हमारे बाद आने वाले छात्रों को मिल रही हैं। करीब सात-आठ साल से पेशेवर व अन्य जिम्मेदारियों के चलते पुरानी चीजें गौण होती गईं, लेकिन जब कभी भी वहां का कोई छात्र टकराता है सारी यादें एक झटके में ताजा हो जाया करती हैं।
माखनलाल विवि के नए कुलपति की तलाश शुरू!
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुलपति बीके कुठियाला के खिलाफ चल रहे छात्र आंदोलन में छात्रों का पलड़ा भारी होता नजर आ रहा है। भोपाल से खबर आ रही है कि मुख्यमंत्री कार्यालय कुठियाला कल्प समाप्त करने के मूड में आ गया है। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर नए कुलपति के चयन के लिए चार लोगों का पैनल बनाया गया है, और इसी पैनल में से किसी एक व्यक्ति को विश्वविद्यालय का नया कुलपति बनाया जा सकता है। विश्वविद्यालय के नए कुलपति के संभावति नामों में चार लोगों के नाम प्रमुखता से लिए जा रहे हैं।
श्रीकांत व पुष्पेंद्र पाल ने लगाई है आग!
माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय इन दिनों आंतरिक उठापटक व अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। देश का एकमात्र पत्रकारिता विश्वविद्यालय होने के बाद भी 20 वर्षों में विश्वविद्यालय के स्तर का कोई प्रशासनिक ढांचा नहीं बन पाया था। इस कारण अकादमिक स्थिति काफी लचर बनी हुई थी। विश्वविद्यालय में अभी तक कोई रजिस्ट्रार नहीं था। न ही अधिनियम में इसका प्रावधान रखा गया था। मध्यक्रम में भी उप कुलसचिव तथा सहायक कुलसचिव जैसे पदों का प्रावधान आवश्यकता से काफी कम थी। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों की अंधाधुंध भर्ती की गई थी।
|
गुड्डू मुस्लिम के सौतेले बेटे आबिद ने खुलासा किया है कि उनका अब्बा आतीक अहमद की बीवी शाइस्ता परवीन से मोहब्बत करता था।
'या खुदा' का नारा लगा कर इमरान ने देहरादून में मंत्री गणेश जोशी पर किया हमला तो भीड़ ने उसे पकड़कर पहले पीटा और फिर पुलिस को सौंपा।
बिहार की राजधानी पटना में बाइक सवार 2 बदमाश चेकिंग कर रहे पुलिस कॉन्स्टेबल राम अवतार को गोली मार कर फरार हो गए। पुलिस ने इस मामले में 6 संदिग्धों को पकड़ा है।
हैदर अली के मुताबिक, पूर्वांचल में हिन्दुओं और मुस्लिमों के बीच फैली वैमनस्यता का सबसे बड़ा जिम्मेदार मुख़्तार अंसारी है। झूठे प्रचार के देता है पैसे।
कृष्णानंद राय के अखिलेश राय की भी हत्या हुई थी। उनके भाई शिवजी ने बताया कि सपा सरकार में मुख़्तार अंसारी को पूर्वांचल का सेकेंड मुलायम सिंह कहा जाता था।
"2005 में मऊ दंगे के दिन यादव बिरादरी के कई लोग दूध बेचने शहर गए थे, जो आज तक वापस नहीं लौटे। उन सभी को मार दिया गया। इसकी जाँच आज तक नहीं हुई। "
पूर्वांचल के लोगों ने उन खबरों को सरासर फर्जी बताया है, जिसमें माफिया मुख़्तार अंसारी को ब्रिगेडियर के परिवार से या खानदानी रईस बताया जाता है।
मऊ में मुख्तार अंसारी द्वारा मार डाले गए मन्ना सिंह केस में गवाह और पुलिस के गनर को भी बाद में मार डाला गया।
यूपी के कुख्यात गैंगस्टर अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना को यूपी STF ने मेरठ में हुए एक एनकाउंटर में मार गिराया है।
|
जबलपुर स्मार्ट सिटी में शहर के एंट्री प्वाइंट को सवारना शुरू कर दिया है। जिसकी शुरुआत पाटन बायपास के एंट्री पॉइंट से शुरू की गई है। भारत सरकार द्वारा आयोजित आजादी के 75 वें अमृत महोत्सव के अंतर्गत स्मार्ट सिटी में 75 घंटे में एंट्री प्वाइंट का जीर्णोद्धार किया है। अमृत महोत्सव की 2. 0 चैलेंज में जबलपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा भाग लिया गया। जिसमें स्मार्ट सिटी में शहर के एंट्री प्वाइंट पाटन बायपास को चयनित कर लगातार 75 घंटे में कार्य कर एंट्री प्वाइंट को संवारने का कार्य किया।
कार्यक्रम में सबसे पहले एंट्री प्वाइंट से अतिक्रमण हटाया गया। जिसके पश्चात साफ-सफाई और प्रकाश की व्यवस्था को बेहतर बनाया गया साथ ही एंट्री प्वाइंट की सुंदरता को संवारने के उद्देश्य से आकर्षक पेंटिंग स्मार्ट सिटी द्वारा कराई गई। जिससे पाटन बायपास का एंट्री प्वाइंट आकर्षक नजर आने लगा है। वहीं शहर में प्रवेश करने वाले अंग तक रुक कर एंट्री प्वाइंट को देखने मजबूर हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी की सीईओ निधि सिंह राजपूत के मुताबिक भविष्य में शहर के समस्त एंट्री प्वाइंट को भी इसी तरह से संवारा और सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया जाएगा।
This website follows the DNPA Code of Ethics.
|
Ranchi: रातू इलाके की दो नाबालिग सगी बहनों के साथ हुए दुष्कर्म के बाद उन्हे कांके अस्पताल में भर्ती करया गया है. मीडिया के माध्य्म से जानकारी मिलने पर बाल संरक्षण आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया और नारी निकेतन में जच्चे बच्चे के साथ मुलाकात की. बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्षा आरती कुजूर के साथ बाल कल्याण समिति की सदस्या तनुश्री सरकार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी सेवक राम उपस्थित थे. नारी निकेतन में दोनों बच्चियों के साथ उनके माता पिता भी थे.
आरती कुजूर ने बताया की बड़ी बेटी के साथ गुलरेज अंसारी ने शादी का झांसा देकर संबंध बनाया और बाद में मुकर गया. छोटी बेटी के साथ 55 वर्षीय जमीन दलाल मोजिम अंसारी ने दुष्कर्म किया. साथ ही किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी.
मामले की जानकारी मिलने पर सदर अस्पताल में उनका इलाज कराया गया. वहीं पर सरस्वती नामक नर्स या आया ने उन्हें निर्मल ह्रदय का पता बताकर वहीं रखने की सलाह दी. मामले को दबाने में सदर के सचिव और मोबिल डीलर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी. तस्लीम के द्वारा रातू थाने में मामला दर्ज कराया गया. आरोप है कि पैसा देकर मामले को दबाने का दबाव बनाया गया .
मामला मीडिया के पास पहुंचने के बाद पीड़िता के परिवार वालों के साथ मारपीट करने आरोपित पक्ष के लोग पहुंच गए. इसके बाद घर में अकेले पाकर पीड़िता की बड़ी बहन के साथ मारपीट की गई और धमकी भी दी गई. इससे पीड़िता के परिवार वाले भयभीत हैं. पीड़िता के परिवार वालों को महिला आयोग टीम ने हरसंभव सुरक्षा का आश्वासन दिया है.
महिला आयोग की टीम ने पीड़िता को अंतरिम मुआवजा देने और लीगल हेल्प एडवोकेसी सहित मेडिकल और काउंसलिंग में हेल्प करने का निर्देश सम्बंधित थाने को दिया है. साथ थी डीएसपी और डीसीपीओ से केस की जानकरी देने को कहा है. निर्मल ह्रदय से रेस्क्यू सभी बच्चियों और लड़कियों का अलग-अलग केस हिस्ट्री के साथ रिपोर्ट देने को कहा है.
|
१५९ - कलकत्ते का हत्याकाण्ड
हम लोग इस काम में लगे हुए थे कि कलकत्ते से खवर आयी कि वहाँ भयकर साम्प्रदायिक ढगा शुरू हो गया है। लीग की ओर से, अपनी नयी नीति के प्रचार के लिए, १६ अगस्त मुकर्रर किया गया था। उस दिन सभी जगहो मे हडताल और सभाएँ करने की आज्ञा थी । इसी निश्चय के अनुसार कलकत्ते मे भी हडताल वगैरह होने की बात थी । बगाल और सिन्ध मे लीगी मंत्रिमण्डल काम कर रहे है। इन दोनो सूबो मे मत्रिमण्डल ने उस दिन आम सरकारी छुट्टी दे दी। इस तरह सभी दफ्तरो, बको इत्यादि को जबरन बन्द कर दिया । काँग्रेस प्राय २७-२८ वरसो से हडताल मनाने के लिए दिन मुकर्रर करती आयी है - बहुत हडताले पूरी तरह कामयाव भी रही है । पर वह चाहे गवर्नमेण्ट के विरुद्ध रही हो, चाहे गवर्नमेण्ट की वागडोर उसके हाथ में रही हो, उसने गवर्नमेण्ट के अधिकार से इस काम मे कभी लाभ नही उठाया। लीग ने इस पहले अवसर पर उस अधिकार का दुरुपयोग किया । इसका विरोध सभी लोगो ने किया। यह खास करके कहा गया कि छुट्टी हो जाने से बहुतेरे लोग बेकार रहेगे और जलूस, सभा तथा हडताल में इतने बेकार लोग हमेशा खतरा पैदा कर सकते है । वगाल की धारा-सभाओं में ये बाते हुई । पर मि० सुहरावर्दी प्रधान मंत्री ने एक की भी न सुनी - उलटे यह कहा कि शान्ति बनाये - रखने के लिए ही छुट्टी दी गयी है। उस दिन सवेरे से ही दूकाने वन्द करवाने मे जबरदस्ती शुरू हो गयी। उसके साथ-साथ लूट-पाट और खून-खराबा भी जारी हो गया ।
गवर्नमेण्ट ने १६ और १७ अगस्त के दोपहर तक बलवा रोकने की कोई विशेष कार्रवाई नहीं की। इस वीच मे हजारो आदमी कत्ल हो चुके और हजारो मकान लूटे और जलाये गये । उसकी रोक-थाम की कोशिश की गयी, पर उपद्रव बहुत आगे वढ चुकने के बाद । चार दिनों तक खूब हत्याएँ और ज्यादतियाँ होती रही। सुना जाता है कि ६ - ७ हजार आदमियो का खून हुआ है। सडको पर दो-तीन दिनो तक लाशे पडी रही । ३००० से ऊपर लाशे जहाँ-तहाँ से हटायी गयी है । यह भी खवर है कि बहुत लाशे जमीन के अन्दर के नाले में डाल दी गयी है जिनकी दुर्गन्ध से रास्ता चलना कठिन हो गया है। इसी तरह जलाये हुए मकानो के अन्दर और हुगली नदी में कितनी लाशे डाल दी गयी है, इसका पता नही । सुना जाता है कि हावडा-पुल पर से बहुतेरे लोग फेक और ढकेल कर गगा मे डुवा दिये गये। वच्चे, बूढे, बेकस स्त्रियाँ, किसी पर आततायियो ने दया नही की - सब उनके क्रूर कर्मों के शिकार बने है । आज नवाँ दिन है। अब हालत सुधर रही है । पर अब भी फौज और पुलिस का कडा पहरा है। तो भी इक्के-दुक्के कुछ न कुछ हो ही जाता है। इस तरह का कल आम कलकत्ते मे कभी न हुआ था। शायद नादिरशाह के दिल्लीवाले कत्ल-आम के अलावा और कही भारतवर्प के इतिहास में ऐसा नही
कलकत्ते का हत्याकाड
हुआ । इसका भी ठीक पता नही है कि उस कल-आम म कितने लोग मारे गये थे । लीग के एक प्रमुख नेता सर फीरोज खॉ नून ने एक बार हाल ही में कहा था कि वह ऐसी हालत पैदा कर देगे जैसी चगेज और हलाकू खाँ ने भी नहीं की थी । लीग की सीधी कार्रवाई का कुछ नमूना लोगो के सामने आ गया । उस दिन और जगहो मे भी जहाँ-तहाँ कुछ होता नजर आया, पर कही कोई विशेष बात नही हुई । छोटी-मोटी घटनाएँ कलकत्ते के सामने नगण्य है । पर अब सुनने में आया है कि ढाका, बनारस, इलाहाबाद, रानीगज, दिल्ली तथा दूसरे कई स्थानों में इस समय कुछ न कुछ हो रहा है। कुछ खून-खराबा इन सभी जगहो मे हो रहा है, पर वहाँ के सरकारी कर्मचारी स्थिति सँभालने मे लगे है। अब तो मि० सुहरावर्दी भी इस काम मे लगे है और सबसे शान्ति स्थापना की अपीले कर रहे है। हिन्दी कहावत है"सत्तर चूहे खाकर बिल्ली चली हज को।" कलकत्ते के बलवे के सम्बन्ध मे 'स्टेट्स्मैन' जैसे अँगरेजी पत्र ने, जो हमेशा लीग की हिमायत करता आया है, जोरो से बारबार लिखा है कि लीगी मंत्रिमण्डल शान्ति कायम रखने में अपने को अयोग्य साबित कर चुका, उसे हटना चाहिए । इसी प्रकार को बाते इंगलंड के बहुतेरे पत्रो ने लिखी है जिनमे 'टाइम्स' भी शरीक है । देशी पत्रो की तो बात ही क्या । किन्तु इतने पर भी लीगवालो के कान में जूं तक नही रेगी। १९३७ - ३९ के काँग्रेसी मंत्रिमण्डलो के विरुद्ध जिन्होने बिना कारण इतना वावैला मचाया था वे ही लोग आज इस अभूतपूर्व हत्याकाण्ड और भीषण अत्याचार पर, जिसके कराने मे अगर उनका हाथ साफ-साफ नही रहा है तो कम से कम जिस पर से चश्मपोशी उन्होने जरूर की है, बिलकुल चुप है । मि० जिन्ना ने केवल इतना ही कहा है कि जिस किसी ने बलवा किया हो उसको सजा मिलनी चाहिए और चूँकि उनको पूरी रिपोर्ट नहीं मिली है इसलिए वह यह नहीं कह सकते कि इसमें किसका कसूर है तथा उनको विश्वास है कि लीगी लोग लीग के हुक्म के विरुद्ध नही गये होगे और याद कोई गया होगा तो प्रान्तीय लीग उस पर अनुशासन की कार्रवाई करेगी। उनके मुख्य पत्र 'डौन' ने तो जो कुछ हुआ उसे बहुत थोडा बतलाया और देर करके खबरे छापने के अलावा कई दिनो तक इस विषय पर कुछ लिखा ही नही। इस दुर्घटना से सारे देश में खलबली है और घबराहट है । यह भी सुनने में आया है कि शुरू मे तो हिन्दू ही मारे गये पर पीछे जब किसी तरह की मदद उनको गवर्नमेण्ट की ओर से नहीं मिली तो उन्होने भी अपना बचाव किया और अब तो शायद जितने मरे है उनमे अधिक सख्या मुसलमानो की ही होगी। जो हो, चाहे हिन्दू अधिक मरे हो या मुसलमान, इसमे शक नहीं हो सकता कि मरनेवालो मे सबसे अधिक बेकसूर लोग है, जो दगे मे शरीक नही हुए, पर उसके शिकार बन गये । धन तो करोडो का बर्बाद हुआ है - बहुत अशो मे हिन्दुओ का ही धन बर्बाद हुआ और लूटा गया है। अभी तक वहाँ तनातनी है। देखे, आगे कलकत्ते मे और दूसरे स्थानो मे क्या होता है ।
१६० - अस्थायी सरकार के पहले
इवर दरमियानी राष्ट्रीय गवर्नमेण्ट की बातचीत चल रही थी, उधर इस तरह का खून-खरावा हो रहा था। वाइसराय और पडित जवाहरलाल ने निश्चय कर लिया कि इस कारण उस काम में रुकावट नही पडनी चाहिए। हम लोगो से राय करके पडितजी ने वाइसराय को दरमियानी राष्ट्रीय गवर्नमेण्ट के लिए नाम दे दिये जो आज ही प्रकाशित हो जायेंगे । इन नामो मे मेरा नाम भी है। आज से एक सप्ताह बाद, सितम्बर के आरम्भ से, ये नामजद लोग गवर्नमेण्ट का काम सँभालने लग जायेंगे । आज ही तक यह वृत्तान्त लिखकर समाप्त करना चाहता हूँ ।
यो तो सिमले में भी मेरा नाम दिया गया था । जैसा ऊपर कह आया हूँ,. मे बहुत पसोपेश मे था । अन्त मे पूज्य बापू (महात्माजी) के कहने पर मैने उसे मजूर किया था। मुझे एक नैतिक अडचन बहुत सता रही थी । वह यह थी कि उस समय लडाई चल रही थी । गवर्नमेण्ट का भार लेने का अर्थ उस लड़ाई में सहायता देना भी होता था । सिमला- कान्फ्रेन्स के भग होने के थोडे ही दिन बाद वह लडाई समाप्त हो गयी । इसलिए, जब कैबिनेट मिशन और वाइसराय से इस बार बाते शुरू हुई तो वह नैतिक अडचन उस रूप में अब नही रही, और पहले भी पंडित जवाहरलालजी ने मेरा नाम कह दिया था। इस तरह १६ जून की योजना में मेरा नाम भी था, पर उसकी नामजूरी के बाद वह बात टल गयी थी । इस बीच मे जब फिर यह बात चली तो पहले यह भी सोचा गया कि दरमियानी गवर्नमेण्ट मे पंडितजी के शरीक हो जाने के बाद मै ही मेरठ-कॉग्रेस के प्रेसिडेण्ट के लिए खाली रखा जाऊँ । कुछ ने यह भी सोचा कि विधान निर्माण समिति का सभापति में ही बनाया जाऊँ, मुझे दरमियानी गवर्नमेण्ट मे जगह न दी जाय। मुझे इस विषय में किसी से कुछ कहना नही था। जो कुछ भी निश्चय होता, मुझे मजूर था । पर यदि मेरी अपनी रुचि की बात पूछी जाय तो मै उन दोनो को अस्थायी गवर्नमेण्ट की मेम्बरी से ज्यादा पसन्द करता । पर यह बात मेरे पसन्द पर निर्भर नही थी । लोगो ने सब बातो पर विचारकर मुझे यही पद देना उचित समझा। मेरा नाम दे दिया गया है। यह सब निश्चय दिल्ली में मेरे सामने ही किया गया । मै आराम करने के लिए पिलानी चला आया था । वहाँ से एक दिन के लिए जयपुर गया था। जयपुर में ही बुलाहट का तार मिला। वही से दिल्ली चला गया। हमारे बीच जब नामो का निश्चय हो गया तो में पिलानी चला आया। जब तक फिर बुलाहट न हो, यही रहने का विचार था । मै समझता था कि शायद अगस्त के अन्त तक यहाँ रह सकूँगा, क्योकि इसके पहले दरमियानी गवर्नमेण्ट मे काम उठाने का समय नहीं होगा। पर यहाँ पहुँचने पर मालूम हुआ कि तारीख २७ अगस्त ( १९४६) को ही वर्किंग कमिटी की बैठक दिल्ली मे होनेवाली है जिसमे पूज्य महात्माजी भी आ रहे है, इसलिए अब वहाँ २७ अगस्त तक ही पहुँच जाना जरूरी है।
अस्थायी सरकार के पहले
पिछले २६ बरसो मे दिन-रात कॉग्रेस के काम में लगा रहा हूँ। घर पर बीमार होकर ही गया हूँ । वहाँ के काम मे, भाई के मरने के बाद ही, कुछ थोडा समय कुछ दिनो तक देना पडा था, नही तो घर के काम में भी एकवाग्गी अलहदगी रही है। अपने रहने के लिए कही कोई अलग इन्तजाम नहीं किया । आश्रम मे रहा या जब कही गया तो मित्रो के साथ । पटने में मृत्युञ्जय के डेरे पर दो-चार ही रोज रहा हूँ । इस तरह एक ही प्रकार का जीवन कटा है। कभी किसी दफ्तर मे बैठकर काम नहीं किया। कुछ दिनो तक पटना म्युनिसिपॅलिटी के चेयरमैन की हैसियत से दफ्तर का काम किया था, पर वह अनुभव इतना कम और थोडे दिनो का था कि उसकी कोई गिनती नहीं है। कॉग्रेस के दफ्तर का काम सँभालना पडा है, पर वहाँ भी दफ्तर से अधिक जन सम्पर्क का ही काम किया है और जाहिर है है कि वह काम बिलकुल दूसरे प्रकार का है। अब एक नये प्रकार के जीवन में प्रवेश करना है। पहले तो अपने लिए अलग खास घर लेना है । उसमे रहने और खानेपीने आदि का इन्तजाम करना होगा । अब रुपये भी वहाँ मुशाहरे के मिलेगे। मालूम नही, इस सम्बन्ध मे कॉंग्रेस की ओर से क्या आदेश मिलेगा हम कितना लेगे और उसे किस तरह खर्च करेगे ।
इसके बाद, जो जटिल समस्याएँ सामने पेश है उनका हल किस तरह किया जायगा। मालूम नही, मुझे कौन विभाग मिलेगा। पहले सुनता था कि कृषि विभाग और अन्न विभाग मुझे दिये जायेंगे। पता नही कि पडितजी से वाइसराय की जो बातचीत मेरे चले आने के बाद हुई उसमे मेरे लिए कौन विभाग सोचा गया । यदि वे ही विभाग रहे तो मेरे मन के मुताबिक होगे । यद्यपि अझ सकट बहुत कठिन है और इसका इस समय सँभालना आसान नही है।
मै चाहता था कि काम शुरू करने के पहले एक बार पटने और रॉची से हो आता, पर शायद इसका समय नही मिलेगा । राँची जाने की बहुत जरूरत है । जनार्दन का बच्चा चिरजीवी सूर्य्यप्रकाश बहुत दिनो से बीमार है। उसे बीमारी के कारण बम्बई से पटने बुला लिया था । बम्बई और पटने के डाक्टर उसे आराम न कर सके। तब वह रॉची भेजा गया है। आज से प्राय दस महीने हो गये । २ ।। बरस का बच्चा बहुत कष्ट पाता आ रहा है। प्रतिदिन ज्वर हो आता है। खाँसी भी बहुत हुआ करती थी । फेफड़े की कुछ शिकायत थी । पर अब सुनते है कि वह कम । अब काँख मे घाव-सा हो आया है। उसको देख लेने की बहुत इच्छा है । जनार्दन भी अब बम्बई अपनी नौकरी पर चले गये है। देखे, क्या होता है। ऐसी स्थिति मे नया काम शुरू करना पड़ रहा है।
नये लोगो का साथ होगा, जिनमे बहुतेरे ऐसे होगे जिन्होने या जिनके साथियो ने हमको और हमारे साथियों को जेलो मे बन्द रखा - - हमारे लोगो के साथ तरहतरह की सख्तियाँ की। पर मेरे मन में किसी के प्रति कोई दूसरा भाव नहीं है और मै मानता हूँ कि मै सबको मिलाकर अपना काम कर सकूँगा । पर गवर्नमेण्ट के बाहर
भी भारी कठिनाइयों का सामना करना है । न मालूम लीग क्या-क्या करेगी और जनना का रूप क्या रहेगा। यदि हमने मचाई के साथ और निप्पन्न होकर सबको सेवा की तो फल अच्छा ही होगा । अपना इरादा ऐसा ही है। आगे ईश्वर के हाथ में है।
मैने सस्मरण लिखना कब आरम्भ किया और यह कैसे लिखा गया, इसका जिक्र पुस्तक के १५१वे अध्याय में किया है। पुस्तक के अन्त में यह भी लिखा है कि दरमियानी गवर्नमेण्ट के बनने तक का ही हाल इसमे लिखा गया है। आज से प्राय ४ महीने पहले मैने पुस्तक को पूरा किया था। इस बीच में बहुत बाते हो गयी है जिनका महत्व है और जिनको इस परिशिष्ट के रूप मे दे देना अच्छा प्रतीत होता है।
तारीख २ सितम्बर १९४६ को दरमियानी गवर्नमेष्ट बनी। इसमे १२ मत्री बनाये गये जिनके नाम थे सर्वश्री जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभभाई पटेल, शरतचन्द्र बोस, राजगोपालाचारी, आसफअली, डाक्टर मठाई, जगजीवनराम, सर शफात अहमद खॉ, सरदार बलदेव सिंह, भाभा, अलीजहीर और मै। सरदार वल्लभभाई पटेल, श्री जगजीवनराम और में उस समय बिडला - भवन मे ठहरे हुए थे। वहाँ के लोगो ने मागलिक क्रिया के साथ हमको गवर्नमेण्ट हाउस के लिए रवाना किया। वहाँ से हम लोग पूज्य गाधीजी के पास गये और वहाँ से और साथियों के साथ गाधीजी का आशीर्वाद लेकर वाइसराय के पास अपना काम सँभालने के लिए गये। वहाँ नियमानुकूल हमको सौगघ लेनी पड़ी। इसमें एक मुख्य बात यह थी कि हम बादशाह जार्ज और उनके वारिसो के प्रति सच्ची वफादारी बरतेगे ।
हमारी सारी जिन्दगी ब्रिटिश साम्राज्य से हिन्दुस्तान को मुक्त कराने में लगी रही है । अन्त में ब्रिटिश बादशाह की वफादारी की सौगध कहाँ तक ठीक है, यह प्रश्न बहुतो के दिलो मे उठा करता है। बात यह है कि ब्रिटिश-विधान मे इस प्रकार की सौगध एक आवश्यक वस्तु है और प्रजातत्र का काम प्रजा की मरजी के मुताबिक चलना और चलाना भी वैसा ही आवश्यक अग है। राजा प्रजातंत्र की सम्मति के विरुद्ध कुछ भी नही कर सकता और प्रजातंत्र की सम्मति पारलेमेण्ट द्वारा ही जानी जाती है। प्रधान मंत्री उस सम्मति के अनुसार ही काम करता है। राजा उसमे हस्तक्षेप नही कर सकता और मंत्रिमण्डल के बनाये हुए भाषण देता है तथा बताये हुए काम को ही करता है। एक विधान-शास्त्री ने लिखा है कि जो भी कागज प्रधान मंत्री पेश करे उस पर राजा को दस्तखत करना ही पड़ता है, यहाँ तक कि यदि उसके सामने राजा को फॉसी देने का हुक्मनामा भी पेश किया जाय तो राजा उस पर दस्तखत करने से इनकार नहीं कर सकता। इस प्रकार की एक घटना कुछ वर्ष पूर्व हुई भी जब राजा अप्टम एडवर्ड को, प्रधान मंत्री बाल्डविन की सम्मति मान कर, गद्दी छोडनी पडी। जब वहाँ का विधान ऐसा है तो भारतवर्ष को स्वतंत्र बनाने का प्रयत्न इस सौगध के विरोध में नहीं माना जा सकता है और सब लोगो ने ऐसा ही समझा भी है । यदि बाल्डविन राजा को गद्दी छोडने की सम्मति दे सकते है तो भारतीय मंत्री भी
उसे हिन्दुस्तान पर से ब्रिटिश सत्ता हटा देने की सलाह, सौगध के बावजूद, देही सकते दे है। इसलिए दोनो मे कोई विरोध नही दीखा और हम सव न सौगध ले ली।
मेरे जिम्मे अन्न और खेती विभाग दिये गये । अन्न-सकट सारे देश मे जबर्दस्त था । विशेप करके दक्षिण के उन हिस्सों में जहाँ के लोग चावल ही ग्वाया करते है । १९४५ मे वर्षा बहुत कम हुई ओर धान की फसल बहुत जगहों में, विशेष करके दक्षिण मे, मारी गयी । जाडो मे भी पानी नही बरसा । इसलिए रबी की फमल भी कम हुई। पहले से लड़ाई के जमाने में ही अन्न की बहुत कमी हो गयी थी, क्योकि वर्मा से चावल आना वन्द हो गया था । हिन्दुस्तान के कुछ हिस्सो मे वहाँ के लोगो के खाने के लिए काफी अन्न नही होता है । यह कमी वर्मा के चावल से पूरी होती थी। जब उसकी आमदनी वन्द हो गयी तो बड़ी कठिनाई हो गयी। बगाल के भयकर अकाल के कारणो मे यह भी एक था । १९४६ के आरम्भ से ही इसका डर हुआ कि इस साल अन्न की बहुत कमी रहेगी और फिर भी कही अकाल न पड जाय । इसलिए भारत सरकार ने विदेशों से अन्न मँगाने का इन्तजाम मोचा । आजकल दुनिया में अन्न सकट है इसलिए एक अन्तरराष्ट्रीय मस्था बनायी गयी है जो सभी देशो में, जहाँ कुछ अधिक अन्न मिल सकता है, पता लगाकर उन देगो मे उसे पहुँचवाने का प्रवन्ध करती है जहाँ अन्न की कमी है। इस मस्था में भारतवर्ष भी शरीक और उससे भारत की ओर से अन्न की माँग की गयी।
विदेशो में और विशेप करके अमेरिका में यहाँ का समाचार पहुँचा। वहाँ के मूतपूर्व राष्ट्रपति हूवर सभी देशो मे अन्न-सकट की स्थिति देखते देखते हिन्दुस्तान भी पहुँचे। वे यहाँ की बुरी हालत से बहुत प्रभावित हुए और मदद देने की सलाह दी। इसके बाद ही कुछ लोग अमेरिका से गैरसरकारी तौर पर यहाँ की हालत देखने आये । इनके प्रधान ये डाक्टर गुल्ट्ज जो कृषि और अन्न-सम्वन्धी समस्याओं के विशेषज्ञ समझे जाते है । वह भी यहाँ की दुर्दशा से बहुत प्रभावित हुए । नतीजा यह हुआ कि अन्तरराष्ट्रीय संस्था ने भारतवर्ष के लिए अन्न दिया पर हम जितना चाहते थे उतना नहीं, उसमे बहुत कम । इसका कारण यह था कि उनके पास इससे अधिक देने की शायद गुंजाइश थी ही नहीं, क्योकि उनको दूसरे देशो को भी देखना था । जिस दिन मैने इस काम को सँभाला, हालत बहुत नाजुक थी और डर मालूम होता था कि किसी न किसी दिन अन्न बिना लोग मरने लग जायेंगे । देश और विदेश से जो कुछ मिल सकता था उसे देश के भिन्न-भिन्न भागो में जरूरत के मुताबिक बॉटा जा रहा था। आते ही मैन देखा कि पूज्य गाधीजी ने जो कुछ पहले कहा था वही ठीक है। उन्होने कहा था कि विदेशों पर हम बहुत भरोसा नही कर सकते, क्योकि वहाँ से अस लाने में हजारों अडचने पड़ सकती है। हमारे लिए अपने देश और अपने लोगों पर ही भरोसा करना ठीक है। मैने तुरन्त स्थिति को समझ कर इस बात की अपील की कि जिससे जो वन पड़, अधिक अन्न पैदा करने के लिए करे -- जितना कम अन्न खर्च कर सके, करे और जितना बचा करके दूसरो के लिए दे सके, दे।
विदेशो से जो कुछ आ सकता था उस पर जोर लगाया गया और देश मे जो कुछ मिल सकता था और अन्न के खर्च में जितनी किफायत हो सकती थी, की गयी । चिन्ता दिन-रात बनी रहती। यह बात केवल मेरे ही साथ नही थी - हमारे विभाग के सभी कर्मचारी हमसे भी अधिक चिन्तित रहते थे, क्योकि अभी तक अकालमृत्यु से बचाने का भार तो उन पर ही था । मै तो अभी आया था । मुझे इस बात से बडी प्रसन्नता हुई कि मेरे विभागो मे मेरे और कर्मचारियों के बीच किसी प्रकार का मतभेद नही हुआ और सभी मिल-जुलकर अपनी शक्ति भर सकट से देश को बचाने के काम में लगे रहे। सबसे कठिन समय हम, सितम्बर से दिसम्बर तक के, चार महीने मानते थे । दिसम्बर समाप्त हो गया । ईश्वर की कृपा है कि अब तक कोई अन्न बिना मरा नही है। लोगो की खुराक बहुत कम कर दी गयी है। जो चावल के सिवा गेहूँ - मकई कभी खाते नहीं थे, ऐसे अन्न को किस तरह खाने के लिए तैयार किया जाता है यह भी नहीं जानते थे, उनको भी हम गेहूँ - मकई दे सके है और चावल बहुत कम मात्रा मे। इस तरह उनको बहुत कम खुराक मिली है और ऐसी खुराक मिली है जिसको वह पहले जानते ही नही थे। तो भी बावजूद इन कष्टो के लोगो ने बहुत ही साहस और धीरज से सकट का समय काट लिया है । बरसात मामूली तौर पर अच्छी हुई है और धान की फसल औसत है। अब तो धान लोगो की आँखो के सामने है, कही-कही खलिहान मे आ गया है और कही-कही तो चावल भी तैयार हो गया है। अब उन हिस्सो के लोगो के लिए जहाँ चावल खाया जाता है भय कम हो गया है । पर गेहूँवाले प्रदेशो की हालत अब चिन्तित करने लगी है। चावल की कमी के कारण जहाँ तक हो सका, वहाँ से गेहूँ लेकर चावलवाले प्रदेशो में दिया गया था। उसे अब वापस करना है । गेहूँ की फसल तैयार होने मे अभी कम से कम तीन-चार महीनो की देर है । इस बीच मे पत्थर-पानी न मालूम कितनी आसमानी आफते आ सकती है। विदेशो से, विशेष करके अमेरिका से जो गेहूँ आने की आशा थी वह पूरी नहीं हो रही है, क्योंकि वहाँ जहाजो पर काम करनेवालो की और कोयले की खानो मे हडताल चली है। इसलिए गेहूँ की कमी हो रही है। जिस तरह ईश्वर ने चावल-सकट को हटाया, आशा है, इस सकट से भी वही त्राण देगा ।
थोडे दिनो के अनुभव ने मेरा यह विश्वास और भी दृढ कर दिया है कि भारतवर्ष जैसे कृषिप्रधान देश को अपनी खुराक खुद पैदा करनी चाहिए। इसके लिए विदेशो पर भरोसा करना ठीक नही । यह कोई आसान समस्या नही है। हमारी आबादी बढती जा रही है। आबाद होने लायक जमीन अब बहुत नही बची है। बहुत कुछ आबाद हो चुकी है। पहले भी ५-६ करोड मन चावल हर साल बाहर से मँगाना पडता था। अब आबादी बढ जाने से अधिक अन्न की जरूरत हो गयी है और बढती जायगी । इस कमी को पूरा करने का प्रयत्न करना कृषिविभाग का काम है । फिर यह भी जाहिर है कि हमारे लोगो को जो भोजन मिलता है वह ऐसा नहीं होता कि |
जव दर्शन मोह के परमाणु का पूर्ण उपशमन होता है तब औपशमिक सम्यक्त्व होता है । केवल विपाकोदय रुक कर प्रदेशोदय होने पर क्षायोपशमिक सम्यक्त्व होता है और पूर्ण विलय (क्षय) होने पर क्षायिक सम्यक्त्त्व होता है ।
यद्यपि प्राप्ति क्रम के सम्बन्ध में कोई निश्चित मत नही है, तथापि यह स्पष्ट है कि सैद्धान्तिक दृष्टि से सर्व प्रथम क्षायोपशमिक सम्यग्दर्शन उत्पन्न होता है । महापुराण और कर्मग्रन्थ के अनुसार औपशमिक सम्यग्दर्शन होता है । कितने ही प्राचार्य दोनों विकल्पों को मान्य करते है और कितने ही आचार्यों का यह भी अभिमत है कि क्षायिक सम्यकुदर्शन भी पहले पहल प्राप्त हो सकता है । सम्यग्दर्शन का सादि अनन्त विकल्प इसका प्राधार है ।
तत्त्वो के सही श्रद्धान से मिथ्यात्व का नाश होता है और सम्यक्त्व की उपलब्धि होती है। जो आत्मविकास का प्रथम सोपान है ° जिससे श्रावक- धर्म या श्रमरण - धर्म को ग्रहण करने के लिए क़दम आगे बढ़ते है । २१
सम्यग्दर्शन जीवन की मूल्य निधि है । जिसे यह अमूल्य निधि प्राप्त हो जाती है वह भंगी भी देव है । तीर्थकरो ने उसे देव कहा १६. क्षयाद् दर्शनमोहस्य, सम्यक्त्वादानमादितः । जन्तोरनादिमिथ्यात्व कलङ्क कलिलात्मनः ।।
-~-महापुराण, ११७।९।२०० मोख महल की परथम सीढ़ी, या विन ज्ञान चरित्रा । सम्यक्ता न लहै सो दर्शन, जानो भव्य पवित्रा ।।
- पं० दौलतराम, छहढाला
(ख) दर्शनं ज्ञानचारित्रात्साधिमानमुपाश्नुते, दर्शनं कर्णधार तन्मोक्षमार्ग प्रचक्षवे ।
- समन्तभद्र, रत्नकरण्डश्रावकाचार
नन्थि चरित्त सम्मत्तविहूर, दंसरणे उ भइयव्वं । सम्मत्तचरित्ताइ जुगवं पुव्वं व सम्मत्त 11
-उत्तराध्ययन, अध्य० २८ गा० २६
मम या मूल सम्यग्दगन
है। रास से ग्राच्छादित श्रग्नि का तज तिमिर नहीं बनता, वह ज्योतिपुञ्ज ही रहता है । 22 मानवता का सार ज्ञान है और ज्ञान का प्राधार सम्यग्दन है। 23
वहा जाता है कि श्रीकृष्ण के पास मुदर्शन चक्र था, जिससे सम्पूर्ण श्री को पराजित करके विखण्ड के अधिपति बन गये। मात्मापी कृष्ण के पास भी यदि सम्यग्दशनरूपी सुदर्शन चक्र है तो यह भी कपाय शत्रुम्रो को पराजित कर एक दिन त्रिलोकीनाथ वन सकता है ।
महापुरपो के विचारों का यह निथरा हुआ निचोड है- धर्मस्पी मोती सम्यग्दर्शन म्पी सोपी मे ही पनपता है ।
गम्य नगम्पन्नमवि दया दव विरमगारातरोजसम् ।।
नरस्म ग्रार, सारा वि नालस्म होद
-रत्नकरण्डयायवाचार २८ |
अमूमन सभी सब्जियां भ्रूण की सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं लेकिन फिर भी करेले जैसी कुछ सब्जियों के प्रेग्नेंसी में सेवन को लेकर महिलाओं में उलझन रहती है। आइए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में करेला खाना चाहिए या नहीं।
गर्भावस्था में करेले के फायदे को लेकर किए गए अध्ययनों के मिलेजुले परिणाम सामने आए हैं। मान लीजिए कि एक अध्ययन में करेले के जूस और इसमें मौजूद एथेनोल एवं करेले की पत्तियों को प्रेगनेंट महिलाओं के लिए सुरक्षित पाया गया तो वहीं इसके बीजों और जड़ को गर्भाश्य को उत्तेजित करने में कमजोर पाया गया।
वहीं, अध्ययन में ये बात भी कही गई कि कंसीव करने की कोशिश करने के दौरान महिलाओं को करेला नहीं खाना चाहिए।
इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि प्रेग्नेंसी में करेला खाने से प्रेगनेंट महिला को लाभ मिल सकता है। इसी तरह इस बात का भी कोई सबूत नहीं है कि करेले से प्रेग्नेंसी में मुश्किलें आ सकती हैं। कभी-कभी प्रेग्नेंसी में करेला खाना हानिकारक नहीं होगा।
अगर डॉक्टर ने आपको गर्भावस्था में करेला खाने से मना किया है तो इसका मतलब है कि आपमें निम्न जोखिम हो सकते हैं :
- पाचन संबंधी : ज्यादा करेला खाने से दस्त, पेट फूलने, गर्भावस्था में गैस और पेट में ऐंठन हो सकती है।
- सेंसिटिविटी : कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी में करेला खाने से फेविज्म हो सकता है। करेले में मौजूद विक्सिन नामक अणु के कारण लाल रक्त कोशिकाओं के नष्ट होने के कारण ऐसा हो सकता है। इससे एनीमिया भी हो सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप प्रेग्नेंसी में करेला न खाएं।
- मिसकैरेज का खतरा : इंटरनेशनल जरनल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च एंड रिव्यू के अनुसार प्रेग्नेंसी में करेला अधिक मात्रा में खाने की वजह से गर्भाश्य को नुकसान पहुंच सकता है और जल्दी प्रसव या मिसकैरेज तक की नौबत आ सकती है। इस सब्जी का कड़वा स्वाद पेट और गर्भ में स्पंदन भी पैदा कर सकता है।
इंटरनेशनल जरनल ऑफ साइंटिफिक रिसर्च एंड रिव्यू की मानें तो प्रेग्नेंसी में करेले का जस पीने से पेट में संकुचन पैदा हो सकता है। इसके कारण गर्भावस्था में ब्लीडिंग तक हो सकती है।
वैसे तो गर्भावस्था में करेला खाना सुरक्षित नहीं है लेकिन अगर आप इसे खाना चाहती हैं तो हफ्ते में एक या दो बार एक कप से ज्यादा करेला न खाएं। इससे ज्यादा मात्रा में करेला एक बार में खाना नुकसानदायक हो सकता है। आप लंच और डिनर में कम मात्रा में करेला ले सकती हैं। अगर आपने पहले कभी करेला नहीं खाया है तो प्रेग्नेंसी में भी इसे खाने से बचें।
|
नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के जीटी करनाल रोड पर एक बड़ा हादसा हो गया है. बीती रात हुए इस भीषण सड़क हादसे में चार कांवड़ियों की दर्दनाक मौत हो गई है. वहीं, हादसे में 15 अन्य लोग जख्मी बताए जा रहे हैं, जिनको पास के अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. जानकारी के अनुसार, कई घायलों की स्थिति गंभीर है.
पुलिस ने बताया है कि, ये हादसा उत्तर पश्चिमी दिल्ली के सिरसपुर के पास दो ट्रकों की भीषण टक्कर के बाद हुआ. एक तेज रफ्तार ट्रक अलीपुर की ओर से आ रहा था, जिसने कांवरियों से भरे दूसरे ट्रक में जोरदार टक्कर मार दी. चश्मदीदों के अनुसार, दो गाड़ियों की ये भिड़ंत इतनी तेज थी कि आस-पास के लोग दहल उठे. मौके पर तत्काल पुलिस पहुंची. पुलिस ने दुर्घटनास्थल पर आपातकालीन सेवाओं को बुलाया और घायलों को नरेला के सत्यवादी हरिश्चंद्र अस्पताल पहुंचाया. दुर्घटना के शिकार 4 लोगों की जान नहीं बचाई जा सकी. पुलिस के अनुसार, ट्रक पर लगभग 25 कांवड़िये सवार थे.
बता दें कि, पिछले एक सप्ताह के दौरान दिल्ली-NCR में ये दूसरा बड़ा हादसा है, जिसमें कांवड़ियों की मौत हो गई है. अलीपुर के पास हुई इस दुर्घटना से दो दिन पहले ही गाजियाबाद में भी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर एक बड़ा हादसा हुआ था. इस हादसे में भी 8 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी और कई जख्मी हो गये थे.
|
बडे २ महारथी और शस्त्रधारी जिसके भ्राता हो । भला आज कोई बनासक्ता है कि देहली में उसका कोई चिन्ह मिलना है आज एक छोटासा मनुष्य भी उसकी आज्ञा को नहीं मानता किन्तु कोई भी नहीं जानता कि युधिष्टिरका गृह देहली के किस महल्ले में था युधिष्ठिर के पीछे बहुत से राजे महाराजे हुवे जिन्हों ने इसको अपना समझा परन्तु यह देहली किसी की नहीं हुई युधिष्ठिर ने कौरवों से लडाई की संपूर्ण वंशका नाश किया हा ! आर्यावर्त्त के भीष्मपितामह जैसे उसकी सहा यता के लिये मारे [ कतल किये ] गए. द्रोणाचार्य जैसे शत्र विद्या के गुरु मारेगए परन्तु क्या देहली युधिष्ठिर की हुई नहीं जिस युधिष्ठिर ने देहली के लिये इतना श्रम उठाकर हजा रक्त [ खून ] बहाकर बंडे २ दुःख उठाए सारे वंश का नाम किया परन्तु इतने पर भी देहली उसकी न हुई भला जब इतनी आपत्तियों के उठाने से भी देहली सुधिष्टिर की नहीं हुई तो उसके आदेशों [जानशीनों ] को उससे क्या आशा होसकी श्री सर्व राजे नम्बरवार देहेली को अपना २ कहते हुवे चलेंग 'परन्तु यह किसी की ना हुई किसी मूर्ख को यह स्मरण ना दुवा कि संसार तो आज तक किसी का हुवा हीं नहीं पुनः हम उसमें अपना अहंकार रखकर उसके वास्ते वंश का ना करने का कलंक क्योंले यदि वंश को जगत् के अन्दर होने के उसकी कुछ परवाह न करो तो धर्म का क्यों नाश कर हा ! अविद्या तेरी महिमा अपार है जब युधिष्ठिर जैसे सभ्य पुरुष |
क्या तुम मेरी मां हो? पीडी ईस्टमैन द्वारा न केवल एक रैंडम हाउस है, जिसे मैं पाठकों की शुरुआत के लिए शुरुआती पुस्तक द्वारा पढ़ सकता हूं , लेकिन यह उन छोटे बच्चों के साथ भी बेहद लोकप्रिय है जो मनोरंजक कहानी को बार-बार पढ़ना पसंद करते हैं।
क्या आप मेरी माँ में चित्र और शब्द दोनों हैं ! एक चीज़ पर सख्ती से ध्यान केंद्रित रहेंः एक बच्चे की चिड़िया उसकी मां के लिए खोज।
जबकि एक मां पक्षी उसके घोंसले से दूर है, घोंसला घोंसले में अंडा। बच्चे के पक्षी के पहले शब्द हैं, "मेरी मां कहां है? "
छोटी पक्षी घोंसला से बाहर कूदती है, जमीन पर गिरती है और अपनी मां की तलाश शुरू करती है। चूंकि वह नहीं जानता कि उसकी मां कैसा दिखती है, वह विभिन्न जानवरों के पास आकर शुरू होता है, और उनमें से प्रत्येक से पूछता है, "क्या तुम मेरी माँ हो? " वह एक बिल्ली का बच्चा, एक मुर्गी, एक गाय और एक कुत्ते से बात करता है, लेकिन वह अपनी मां नहीं ढूंढ सकता है।
बच्चा पक्षी नदी में लाल नाव सोचता है या आकाश में बड़ा विमान उसकी मां हो सकता है, लेकिन जब वह उन्हें बुलाता है तो वे रुकते नहीं हैं। अंत में, वह एक बड़ा लाल भाप फावड़ा देखता है। बच्चा पक्षी इतना यकीन है कि भाप फावड़ा उसकी मां है कि वह बेसब्री से अपने फावड़े में घुस जाता है, केवल भयभीत होने पर जब यह एक बड़ा झटका देता है और आगे बढ़ना शुरू करता है। छोटी चिड़िया के आश्चर्य के लिए, फावड़ा ऊंचा और ऊंचा हो जाता है और उसे वापस अपने ही घोंसले में जमा कर दिया जाता है। इतना ही नहीं, लेकिन उसने अपनी मां को पाया है, जो अभी उसके लिए कीड़े की खोज से लौट आया है।
इस सरल कहानी को इतना प्रभावशाली बनाता है कि विनोदी चित्र और एक कहानी जिसमें बहुत बार दोहराव शामिल है। चित्र सीमित रंग पैलेट में किए जाते हैंः पीले और लाल रंग के स्पर्श के साथ म्यूट ब्राउन। कार्टून की तरह चित्रों में बच्चे के पक्षी और उनकी खोज पर ध्यान केंद्रित नहीं किया गया है, बिना किसी विवरण के।
कहानी की संक्षिप्तता, नियंत्रित शब्दावली, और सरल वाक्य संरचना एक प्रारंभिक पाठक के लिए सही स्तर पर हैं। 64-पेज पुस्तक के अधिकांश पृष्ठों में चित्रों के साथ केवल एक से चार संक्षिप्त वाक्य हैं। शब्दों और वाक्यांशों की पुनरावृत्ति और चित्रों द्वारा प्रदान किए गए सुराग भी शुरुआत पाठक का समर्थन करते हैं।
पीडी ईस्टमैन ने कई परियोजनाओं पर डॉ। सीस (थियोडोर गीज़ेल) के साथ काम किया और लोगों ने कभी-कभी विश्वास किया कि डॉ सीस और पीडी ईस्टमैन एक ही आदमी हैं, जो सच नहीं है। फिलिप डे ईस्टमैन एक लेखक, चित्रकार और फिल्म निर्माता थे। 1 9 33 में एम्हेर्स्ट कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने नेशनल एकेडमी ऑफ डिज़ाइन में अध्ययन किया। ईस्टमैन ने वॉल्ट डिज़्नी और वार्नर ब्रदर्स समेत कई कंपनियों के लिए फिल्म उद्योग में काम किया। पीडी ईस्टमैन के नाम पर, उन्होंने कई शुरुआती किताबें बनाईं जो वर्षों से लोकप्रिय रही हैं। उनकी शुरुआती किताबों में से कुछ में शामिल हैंः जाओ, डॉग गो! , बेस्ट नेस्ट , बिग डॉग। । । लिटिल डॉग , फ्लैप योर विंग्स एंड सैम एंड द फायरली ।
जैरी पिंकनी द्वारा शेर और माउस , 2010 की तस्वीर पुस्तक चित्रण के लिए रैंडोल्फ कैल्डकोट पदक विजेता, एक शब्दहीन चित्र पुस्तक है।
आप और आपका बच्चा चित्रों को पढ़ने और कहानी को एक साथ कहने का आनंद लेंगे। डॉ। सीस तस्वीर की किताबें और शुरुआत पाठक किताबें हमेशा एक इलाज होती हैं और केट डिकैमिलो द्वारा पाठकों की शुरुआत के लिए मर्सी वाटसन श्रृंखला मजेदार है।
|
कदली, सीप, भुजंग मुख, स्वाति एक गुन तीन।
पकिस्तान से बढ़ती दोस्ती के कारण चीन की हरकतें भी पाकिस्तान जैसी होने लगी हैं। हालिया घटनाक्रम में चीन की पीएलए के सैनिकों ने उत्तराखंड के चमोली जिले के बाराहोती में भारतीय सीमा में 1 किलोमीटर अंदर घुसकर भारतीय चरवाहों को धमकी दी। यह घटना 25 जुलाई की सुबह को हुई थी। चीनी सैनिकों ने चरवाहों को धमकाते हुए उन्हें वहाँ से वापस लौट जाने को कहा था। यह घटना ऐसे समय में घटित हुई है जब सिक्किम के डोकलाम में भारतीय और चीनी सेना में पहले से ही गतिरोध कायम है। इसे चीन की उकसावे की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से 140 किलोमीटर दूर यह जगह उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लगी सीमा के मध्य सेक्टर की 3 चौकियों में से एक है। यह आईटीबीपी के निगरानी क्षेत्र में आता है और विसैन्यीकृत क्षेत्र है। जवावों को यहाँ हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है। बाराहोती को वर्ष 1958 में भारत और चीन ने एक विवादित क्षेत्र के रूप में सूचीबद्ध किया था और इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों में से कोई भी देश यहाँ अपनी सेना नहीं भेजेगा। इसका पालन करते हुए चीन की पीएलए ने वर्ष 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के दौरान इस मध्य सेक्टर में प्रवेश नहीं किया था और पूर्वी सेक्टर में अरुणाचल प्रदेश तथा पश्चिमी सेक्टर में लद्दाख पर हमला किया था। युद्ध के बाद भी गश्ती के दौरान आईटीबीपी के जवान यहाँ शांतिपूर्ण(गैर जंगी) तरीका अपनाते थे। वह अपनी बन्दूक की नाल को नीचे जमीन की तरफ करके गश्ती करते थे।
सीमा विवाद सुलझाने के लिए चीन के साथ कई दौर की वार्ताएं हुई हैं। उन्हीं में से एक वार्ता जून, 2000 में हुई थी। इस वार्ता के बाद भारत इस बात पर सहमत हो गया था कि मध्य सेक्टर की 3 चौकियों बाराहोती, करौली और हिमाचल प्रदेश के शिपकी में आईटीबीपी के जवान हथियार लेकर नहीं जायेंगे। आईटीबीपी के जवान यहाँ सिविलियन्स की तरह गश्ती करने जाते हैं और स्थानीय चरवाहे यहाँ के चरागाहों में अपनी भेड़े चराने के लिए ले जाते हैं। तिब्बत के लोग भी अपनी याक चराने के लिए बाराहोती के चरागाहों का इस्तेमाल करते हैं। भारत-चीन की सेनाओं के बीच डोकलाम में कायम गतिरोध के बीच ड्रैगन की यह घुसपैठ मौजूदा परिस्थितियों को और तनावपूर्ण बनाएगी और भारतीय सेना को उकसाने का काम करेगी।
|
तिप्रालैंड नाम के अलग राज्य के लिए स्वदेशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा ने 10 जुलाई से असम-अगरतला हाईवे और रेल नेटवर्क जाम कर देने का ऐलान किया.
उत्तर पूर्व में भारी बारिश की वजह से कई राज्यों में बाढ़ जैसी स्थितियां बन गई हैं. बांग्लादेश की सीमा से लगे मिज़ोरम के लंगलेई ज़िले में जनजीवन अस्त-व्यस्त.
मिज़ोरम की राजधानी आइजोल में गृह मंत्री के दौरे के समय स्थानीय लोगों ने बीफ फेस्टिवल का आयोजन किया.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और मेघालय के प्रमुख समाचार.
पांच हज़ार कार्यकर्ताओं के अलावा, पांच मंडल इकाइयां भी भंग हो गई हैं. इसके पहले दो बड़े नेता इसी मुद्दे पर पार्टी छोड़ चुके हैं.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, मेघालय, असम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड के प्रमुख समाचार.
प्रदेश के तूरा ज़िले के भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सरकार बनी तो गोमांस पर प्रतिबंध नहीं लगेगा बल्कि दाम घटाया जाएगा.
साक्षात्कारः छह साल से मणिपुर की एक मां अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए भटक रही है. उनके बेटे की हत्या का आरोप राज्य के मुखिया एन. बीरेन सिंह के बेटे पर है.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, नगालैंड, सिक्किम, मेघालय, मिज़ोरम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ढोला-सदिया सेतु का उद्घाटन किया. तकरीबन नौ किलोमीटर लंबे पुल को भूपेन हजारिका का नाम दिया.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, त्रिपुरा, असम, नगालैंड, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
इस महीने असम के मुख्यमंत्री के रूप में एक साल पूरे करने जा रहे सर्बानंद सोनोवाल का कहना है कि एक सुदृढ़ शासन व्यवस्था बनाने के लिए जनता की आवाज़ को भी सुना जाना ज़रूरी है.
मणिपुर में मार्च में बनी भाजपा सरकार के साथ प्रदर्शनकारियों के समझौते में लाशों का दफनाने पर सहमति बन गई है.
इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, अरुणाचल प्रदेश और मिज़ोरम के प्रमुख समाचार.
|
आगरा, एक अगस्त आगरा के थाना खंदौली क्षेत्र अंतर्गत गांव बहरामपुर में गत शनिवार को दबंगों ने एक युवक को गोली मार दी। युवक की इलाज के दौरान रविवार को मौत हो गयी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मामला तालाब का पानी ओवरफ्लो होने पर मेड़ टूटने से खेत में निकल रहे पानी को लेकर था।
दरअसल, तलाब के पास में ही सुमित परमार का खेत है। तालाब के पानी से खेत की मेड़ टूट गयी थी। शनिवार सायं साढ़े सात बजे सुमित खेत पर पहुंचा और अपने खेत को जलमग्र देखा। उसमें मछलियां भी पड़ी हुई थीं। इसको लेकर सुमित ने आपत्ति जताई तो उसका गांव के ही भोला से विवाद हो गया। दोनों के बीच कहासुनी मारपीट में बदल गयी। इसी बीच भोला का बेटा आदित्य घर से लाइसेंसी बन्दूक लेकर आया। उसने सुमित को गोली मार दी। गोली सुमित के जबड़े में लगी।
इस संबंध में रविवार को थाना खंदौली इंसपेक्टर अरविंद निर्वाल ने बताया कि घायल सुमित को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान उसकी रविवार को मौत हो गयी। हत्यारोपी फरार हैं। आरोपियों के घर पर पुलिस की दबिश जारी है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
|
बद्रीनाथ ने सबको बैठक में ले जाकर बैठा दिया। वह समझ नहीं पा रहे थे कि पुलिस अचानक यहाँ क्यों आई है ? विशाल ने तो फोन करके ताबीज़ वाली बात बता दी थी। उन्होंने इंस्पेक्टर हरीश से कहा,
"इंस्पेक्टर साहब हमारे बेटे विशाल ने तो आपके सवाल का जवाब दे दिया था। अब आपको क्या पूछना है ?"
इंस्पेक्टर हरीश ने कहा,
"विशाल कहाँ है ?"
"वह किसी काम से बाहर गया है। हमने उसे आप लोगों के बारे में बता दिया था। आता ही होगा।"
इंस्पेक्टर हरीश ने कहा,
"घर में और लोग भी तो होंगे ?"
बद्रीनाथ ने कहा,
"हाँ हमारी पत्नी और बड़ी बहन हैं।"
"उन दोनों को बुलाइए।"
बद्रीनाथ को कुछ अजीब लगा। उन्होंने कहा,
"उन लोगों से क्या काम है ?"
सब इंस्पेक्टर कमाल ने कहा,
"हम लोग सारे परिवार के सामने बात करना चाहते हैं। आप उन्हें लेकर आइए।"
बद्रीनाथ अंदर गए। उन्होंने किशोरी को बताया कि पुलिसवाले उन्हें और उमा को बुला रहे हैं। किशोरी ने कहा,
"मर्दों से बात करें। औरतों को क्यों बुला रहे हैं ? जाकर कह दो कि हमारे घर की औरतें अपरचित मर्दों के सामने नहीं जाती हैं।"
उमा पास ही खड़ी थीं। उन्होंने भी किशोरी की बात का समर्थन किया। बद्रीनाथ बैठक में जा रहे थे तभी विशाल आ गया। उसने कहा,
"पापा आपका फोन मिलते ही भागे भागे आए हैं। कहाँ हैं पुलिस वाले ?"
बद्रीनाथ ने उसे सारी बात बताई। सब सुनकर विशाल ने कहा,
"बुआ हम तो कहते हैं आप लोग भी चलकर बैठिए। नहीं तो उन्हें शक होगा। उन्हें क्या बताया है आप दोनों को पता है। बस उसी पर टिकी रहिएगा।"
किशोरी मान गईं। चारों लोग बैठक में चले गए। विशाल ने इंस्पेक्टर हरीश से वही सवाल किया जो बद्रीनाथ ने किया था। इंस्पेक्टर हरीश ने कहा,
"तुमने ताबीज़ के बारे में जो बताया था, सच था ?"
इस सवाल से एक पल को विशाल परेशान हो गया। फिर अपने आप को संभाल कर बोला,
"बिल्कुल सच था। आप हमारी बुआ जी से पूछ लीजिए। इन्होंने ही वह ताबीज़ तांत्रिक बाबा से बनवाए थे।"
उसकी बात सुनकर किशोरी ने कहा,
"हम लोग झूठ क्यों बोलेंगे भला। एकदम सच है। पुष्कर की कुंडली में ग्रहों का कुछ दोष था। इसलिए हमने बहू और बेटे की रक्षा के लिए ताबीज़ बनवाया था।"
सब इंस्पेक्टर कमाल ने कहा,
"बुआ जी कुंडली में ग्रहों के दोष के लिए लोग पंडित के पास जाते हैं। आप तांत्रिक के पास क्यों गईं ?"
किशोरी ने कहा,
"नहीं पंडित जी से बनवाए थे।"
इंस्पेक्टर हरीश ने फौरन कहा,
"विशाल ने तो अभी तांत्रिक कहा।"
किशोरी कुछ परेशान हो गईं। उन्होंने विशाल की तरफ देखा। वह भी परेशान था। बद्रीनाथ ने कहा,
"विशाल अपने भाई पुष्कर की मौत के बाद से बहुत परेशान रहता है। गलती से तांत्रिक बाबा कह गया। पंडित जी ही थे।"
इंस्पेक्टर हरीश उनकी बात सुनकर मुस्कुराने लगा। उसे मुस्कराते हुए देखकर सिन्हा परिवार में सब आश्चर्य में पड़ गए। विशाल ने गुस्सा दिखाते हुए कहा,
"इंस्पेक्टर साहब आपने तो देखा था पुष्कर की मौत के बाद हमारी और पापा की हालत कितनी खराब थी। हमने अपने भाई को खोया है। ऐसी गलती होना कोई बड़ी बात नहीं है। आप संवेदना दिखाने की जगह मुस्कुरा रहे हैं।"
सब इंस्पेक्टर कमाल ने कहा,
"हमें आपके भाई की मौत का अफसोस है। लेकिन आप लोग सरासर झूठ बोल रहे हैं।"
इस बार बद्रीनाथ उत्तेजित होकर बोले,
"आप लोग हम पर बेवजह इल्ज़ाम लगा रहे हैं।"
सब इंस्पेक्टर कमाल ने भी गुस्से से कहा,
"हम जो कह रहे हैं सही कह रहे हैं। ताबीज़ तांत्रिक ने बनाए थे। आपके तांत्रिक बाबा पुलिस कस्टडी में हैं। कल रात भवानीगंज पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया है।"
तांत्रिक की गिरफ्तारी की बात सुनकर एकबार फिर सब चौंक गए। विशाल ने कहा,
"तांत्रिक बाबा को क्यों गिरफ्तार किया गया है ?"
साथ आए कांस्टेबल ने सारी बात बताई। सब सुनकर सिन्हा परिवार के चारों सदस्य एक दूसरे का मुंह देखने लगे। इंस्पेक्टर हरीश ने कहा,
"महिपाल ने अपने बयान में माया वाली सारी बात बताई है। माया वाली बात आपने खुद उसे बताई थी। आप लोग पढ़े लिखे होकर तंत्र मंत्र में यकीन रखते हैं। कैसे मान लिया कि एक लड़की जो बरसों पहले आत्महत्या करके मर गई थी वह आपके परिवार को नुक्सान पहुँचा रही है।"
किशोरी ने कहा,
"वो माया ही है.....उसका श्राप है जो हम लोगों को परेशान कर रहा है। हम लोग तो निश्चिंत थे कि तांत्रिक उसे वश में कर लेगा। लेकिन वह तो ठग निकला। अब हमारे परिवार पर ना जाने कौन सी मुसीबत आने वाली है।"
किशोरी की बात सुनकर उमा की परेशानी और अधिक बढ़ गई। वह रोने लगीं। विशाल उन्हें चुप कराने लगा। इंस्पेक्टर हरीश ने कहा,
"आप रोइए मत। कुछ नहीं होगा आपके परिवार को। जो कई सालों पहले मर चुका हो वह आपके परिवार को कैसे नुकसान पहुँचा सकता है। आप लोग बेवजह अंधविश्वास को पाल कर बैठे हैं।"
उमा ने रोते हुए कहा,
"अंधविश्वास नहीं है यह। माया इस घर के आंगन में श्राप देकर गई थी। वही हमारे परिवार की बर्बादी का कारण है।"
विशाल ने कहा,
"आपको भले ही भरोसा ना हो। लेकिन हम भुक्तभोगी हैं। उसने हमारी खुशियां छीनी हैं।"
"विशाल तुमको क्यों लगता है कि तुम्हारी पत्नी और बच्चे की मौत का कारण माया थी। तुमने उनकी मौत ज़हर से हुई थी। पुलिस केस बनता था। लेकिन तुम लोगों ने मामला ऐसे ही दबा दिया।"
बद्रीनाथ को आश्चर्य हो रहा था कि इंस्पेक्टर हरीश को इतनी सारी बातें कैसे पता हैं। उन्होंने कहा,
"हमने उस ठग तांत्रिक को यह नहीं बताया था कि हमारी बहू और पोते की मौत ज़हर के कारण हुई थी। आपको यह बात कैसे पता चली ?"
इंस्पेक्टर हरीश ने जवाब दिया,
"विशाल ने ताबीज़ के लिए जो कहानी सुनाई थी उस पर मुझे यकीन नहीं था। मैंने दिशा से फोन पर बात की। उसने सारी बातें बताईं। पुष्कर ने इस घर से जाने से पहले उसे सबकुछ बता दिया था। मैं सच जानने के लिए यहाँ आया था। तब पुलिस स्टेशन में मुझे महिपाल के बारे में पता चला। लेकिन इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि मुझे कैसे पता चला। बात सच है। अब यह बताइए कि किस आधार पर आप लोगों ने परिवार के दो सदस्यों की ज़हर से हुई मौत की जानकारी पुलिस को नहीं दी।"
सिन्हा परिवार के चारों सदस्य इस समय बहुत परेशान थे। खासकर बद्रीनाथ और विशाल। उन्होंने सोचा था कि पुलिस को वही बात बताकर चलता कर देंगे। लेकिन इंस्पेक्टर हरीश तो कुसुम और मोहित की मौत पर भी सवाल खड़े कर रहा था। विशाल ने कहा,
"आपको पुष्कर की मौत का केस देखना है। आप इतने साल पहले हुई मौत को लेकर परेशान हो रहे हैं।"
इंस्पेक्टर हरीश ने उसे घूरकर देखा। उसने कहा,
"पुष्कर की हत्या का केस भी सॉल्व करूँगा। लेकिन उन दो मौतों के बारे में भी तहकीकात करूँगा।"
विशाल ने चिढ़कर कहा,
"क्यों ? हम हमारी पत्नी और बच्चे की मौत की जांच नहीं चाहते हैं। हमें पूरा विश्वास है कि उनकी मौत का कारण माया ही थी।"
"आपको होगा लेकिन कानून ऐसी बातों पर यकीन नहीं करता है कि कोई मरा हुआ व्यक्ति किसी की मौत का कारण हो सकता है। आप लोगों ने उस समय पुलिस को सूचना ना देकर गलत किया था। अब पुलिस का सहयोग कीजिए। सारी बात विस्तार से बताइए।"
विशाल ने बद्रीनाथ की तरफ देखा। उन्होंने इशारे से कहा कि सब बता दे। विशाल ने उस रात जो हुआ था सब विस्तार से बताया। उसने उस अस्पताल का और डॉक्टर का नाम भी बताया। इंस्पेक्टर हरीश ने कहा,
"आपसे मिली जानकारी के अनुसार हम उस केस में भी तहकीकात करेंगे। आगे भी आपके सहयोग की ज़रूरत पड़ेगी। इसी तरह सब सच बताइएगा।"
इंस्पेक्टर हरीश उठकर खड़ा हो गया। सब इंस्पेक्टर कमाल ने कहा,
"जिस अंधविश्वास में आप लोग जी रहे हैं उसे दूर कीजिए। नहीं तो बेवजह परेशानियों में पड़ेंगे।"
चलते वक्त इंस्पेक्टर हरीश को कुछ याद आया। उसके फोन पर उस आदमी की तस्वीर थी जिसे चेतन ने बात करते हुए सुना था। उसने वह तस्वीर दिखाते हुए उसके बारे में पूछा। विशाल और बद्रीनाथ दोनों ने ही कुछ जानने से इंकार कर दिया। इंस्पेक्टर हरीश अपने साथियों के साथ चला गया।
बैठक में एकदम शांति थी। सभी अपने अपने विचारों में खोए हुए थे। किशोरी और उमा यह सोचकर परेशान थीं कि अब माया और उसके श्राप से छुटकारा कैसे मिलेगा ? बद्रीनाथ सोच रहे थे कि इंस्पेक्टर हरीश अब कुसुम और मोहित की मौत के बारे में पड़ताल करेगा। ना जाने क्या निकल कर आएगा ? माया वाली बात पर उन्हें यकीन था। इसलिए वह नहीं चाहते थे कि उस केस की कोई पड़ताल हो।
विशाल भी परेशान बैठा था। अचानक उसने गुस्से से कहा,
"इंस्पेक्टर हरीश हमारी मुसीबत को और बढ़ाएगा। बेवजह गड़े हुए मुर्दे उखाड़ रहा है।"
यह कहकर वह बैठक से बाहर निकल गया। बद्रीनाथ उसके इस तरह चिल्लाने से और अधिक चिंतित हो गए। उमा हमेशा की तरह रोने लगीं तो उन्होंने चिढ़कर कहा,
"अब आंसू बहाने से क्या होगा। जो किस्मत में लिखा है झेलेंगे।"
"यह मुसीबत हमने खुद अपनी किस्मत में लिखी है।"
यह कहकर उमा भी बैठक से बाहर चली गईं। बद्रीनाथ और किशोरी उनकी बात सुनकर सकते में आ गए थे।
बैठक से निकल कर विशाल तालाब वाले मंदिर की तरफ जा रहा था। तभी किसी ने उसे पुकारा। उसे देखकर विशाल घबरा गया। उसने कहा,
"यहाँ से चले जाओ कौशल। पुलिस कुछ देर पहले ही घर से गई है। तुम्हारी तस्वीर है उनके पास। रात में उसी जगह मिलना।"
कौशल वहाँ से चला गया। विशाल घबराया सा इधर उधर देख रहा था।
|
नई दिल्ली। सरकार ने करीब दो साल बाद देश में 27 मार्च से अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों को कोविड दिशा-निर्देशों के अनुपालन के साथ पुनः शुरू करने का फैसला किया है। नागर विमान महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कोविड महामारी के मद्देनजऱ 23 मार्च से अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों को स्थगित कर दिया था। डीजीसीए ने 28 फरवरी को जारी परिपत्र में अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक उड़ानों पर रोक को अगले आदेश तक बढ़ाया था।
नागर विमानन मंत्रालय ने आज कहा कि विश्व भर में कोविड टीकाकरण के कवरेज में वृद्धि और सभी पक्षकारों से विचार-विमर्श के उपरांत भारत सरकार ने नियमित वाणिज्यिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 26 मार्च को मध्य रात्रि के बाद नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है और इस प्रकार से 27 मार्च 2022 से ये उड़ानें बहाल हो जाएंगी।
कुछ खास देशों के साथ एयर बबल की व्यवस्था भी 26 मार्च की मध्य रात्रि तक चलेंगी। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय विमान परिचालन केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के 10 फरवरी 2022 को अंतरराष्ट्रीय यात्रा संबंधी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत किया जाएगा। गौरतलब है कि इससे अंतरराष्ट्रीय पर्यटन एवं आतिथ्य उद्योग को राहत मिलने की संभावना है जो दो साल से पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है।
|
हाल ही में कदवूर सिवादासन का निधन हुआ, वे किस पार्टी के नेता थे?
कदवूर सिवादासन कांग्रेस नेता तथा केरल के पूर्व मंत्री थे, उनका निधन 17 मई, 2019 को हुआ। वे एक सक्रिय व्यापार संघ नेता थे। वे पांच बार विधायक बने। उन्हें के. करुणाकरण की सरकार में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट सरकार में मंत्री रहे। उन्होंने विधानसभा में कोल्लम तथा कुंद्रा का प्रतिनिधित्व किया।
|
मुजफ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी में लम्बे समय से कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहीं बहनों से मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने घर-घर जाकर राखी बंधवाकर रक्षाबंधन पर्व मनाया एवं भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण पर उन्हें शुभकामनाएँ दी।
कोरोना संक्रमण एवं संचारी रोगों से बचाव के लिए शासन द्वारा हर शनिवार व रविवार को लगाई जाने वाली पूर्ण बंदी अगस्त में भी जारी रहेगी, लेकिन भाई-बहन के अटूट प्रेम के प्रतीक, पावन पर्व रक्षा बंधन के दृष्टिगत मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन के बीच भी राखी, पूजा सामग्री और मिठाई-नमकीन की दुकानें खुली रखने का फैसला लिया गया है।
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने भाजपा नेताओं के साथ अपनी विधानसभा क्षेत्र की भारतीय जनता पार्टी की समस्त महिला पदाधिकारियों, कार्यकत्रियों के घर-घर पहुँच कर उनसे राखी बंधवाई और अयोध्या में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण के शिलान्यास पर शुभकामनाएँ दी।
उन्होंने कहा कि विगत 03 वर्षों की भांति इस बार भी प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने माताओं-बहनों के लिए आज (02 अगस्त) रात 12 बजे से कल (03 अगस्त) रात 12 बजे तक निःशुल्क बस यात्रा सेवा उपलब्ध कराये जाने और आवागमन में सुविधा के लिए 06 अगस्त तक प्रदेश में उ0प्र0 परिवहन निगम की 3200 अतिरिक्त बसें चलाये जाने के निर्देश दिये हैं।
कपिल देव ने पूर्व विधायक सुशीला अग्रवाल, जिलाध्यक्ष महिला मोर्चा अंजली चौधरी, जिला महामंत्री सुषमा पुंडीर, इंद्रा सैनी, सोनिया शर्मा, अंजना शर्मा, बोबी ठाकुर, मिथलेश राजपूत, दुलारी मित्तल, मीनू यादव, कविता सैनी, रेणु गर्ग, अमिता चौधरी, सुनीता शर्मा, महेशो चौधरी, एकता गुप्ता, बबीता गुप्ता, सरिता गौड, रोशनी पांचाल, सीमा सैनी, नीलम ढींगरा, प्रीति चौधरी, पूनम गर्ग, उषा सिंह, सीमा शर्मा, लक्ष्मी धीमान, सरला धीमान, साधना मित्तल, गीता जैन, कुंती देवी, बोबी ठाकुर, सुषमा त्यागी, सीमा शर्मा पूर्व सभासद, सीमा गोस्वामी आदि सैकडों कार्यकत्रियों के घर पहुंचकर छोटी बहनों का स्नेह और बडी बहनों से आशीर्वाद प्राप्त किया।
इन सभी पदाधिकारियों, कार्यकत्रियों ने मंत्री कपिल देव व भाजपा नेताओं की लम्बी आयु, उत्तम स्वास्थ्य, यशस्वी होने और खुशहाल जीवन की कामना की।
कपिल देव ने कहा कि हमें रक्षाबंधन के पावन पर्व पर कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए फेस मास्क, सैनिटाईजर और शारीरिक दूरी एवं शासन के निर्देशों का पालन भी निश्चित रूप से करना है।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष विजय शुक्ला, जिला उपाध्यक्ष संजय गर्ग एवं रोहताश पाल, विजेंद्र पाल, डॉ. अशोक गर्ग, विशाल गर्ग, रोहित तायल, केशव मण्डल अध्यक्ष कपिल त्यागी, नन्दकिशोर पाल, राजकुमार वर्मा आदि उपस्थित रहें।
|
लॉकडाउन में सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रत्येक महिला जनधन खाताधारक के खाते में 500 रुपये जमा कराए हैं। बैंकों में भीड़ न लगे इसके लिए खाते के अंक के आधार पर भुगतान की व्यवस्था बनी है। इस बीच कुछ लोगों द्वारा जनधन खातों में जमा पैसे नहीं निकाले जाने पर पैसे की वापसी की अपवाह फैलाए जाने के कारण बैंकों में अनावश्यक भीड़ इकट्ठी हो रही है।
एसबीआई के डीजीएम पीसी बरोड़ ने शुक्रवार को किसी भी प्रकार की अफवाह से बचने की सलाह देते हुए कहा कि शाखाओं में ज्यादा भीड़ न हो इसके लिए खाता संख्या के आधार पर भुगतान की व्यवस्था की गई थी। हालांकि अब सामान्य व्यवस्था कर दी गई है। जिन शाखाओं में ग्राहक अधिक हैं वहां अतिरिक्त स्टाफ तैनात किए गए है। ताकि शीघ्र भुगतान किया जा सके।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय ने भी ट्वीट कर इस प्रकार की अफवाहों से बचने की सलाह दी है। श्री बरोड़ ने ग्राहकों को डिजिटल माध्यम से बैंकिंग लेनदेन करने की सलाह देते हुए कहा कि यदि डिजिटल सेवाओं में कोई समस्या आ रही हो तो वे शाखा में जाने की बजाए फोन पर संपर्क कर सकते हैं।
बैंक की अन्य सभी सेवाएं इंटरनेट बैंकिंग या अन्य डिजिटल माध्यमों से उपलब्ध हैं। एसबीआई योनो एप का इस्तेमाल कर ग्राहक अपने घर से ही सुरक्षित लेनदेन कर सकते हैं। बैंक ने अपनी सभी शाखाओं व ग्राहक सेवा केंद्रों को यह निर्देश जारी किया है कि वे ग्राहकों को सैनेटाइज़ करने के अलावा उनमें उचित दूरी भी बनाए रखें ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण की कड़ी को रोका जा सके।
|
यथास्तित्वं स्वतःसिद्धं संयोगोऽपि तथानयोः । कर्तृमोक्त्रादिभावानामन्यथानुपपत्तितः ।। ५१ ।। ननु मूर्तिमता मूर्ती बध्यते द्वयणुकादिवत् । मूर्तिमत्कर्मणा बन्धो नामूर्तस्य स्फुटं चितः ॥ ५२ ॥ नैवं यतः स्वतःसिद्धः स्वभावोऽतर्कगोचरः । तस्मादर्हति नाक्षेपं चेत्परीक्षां च मोऽर्हति ।। ५३ ॥ अग्नेगेष्णथं यथा लक्ष्म न केनाप्यर्जितं हि तत् । एवंविधः स्वभावाद्वा न चेत्स्पर्शेन स्पृश्यताम् ॥ ५४ ।। दथानादिः स्वतो बन्धो जोवपुद्गलकर्मणोः ।
कुतः केन कृतः कुत्र प्रश्नोऽयं व्योमपुष्पवत् ॥ ५५ ॥
विशेषाथे -- यहां जीव और कर्म के अस्तित्व की सिद्धि की गई हैं। जीव का अस्तित्व तो 'मै इस प्रकार के ज्ञान से सिद्ध होता है और उस 'मै' पदाच्य आत्मा की तरतम रूप विविध के देखने से कर्म का अस्तित्व सिद्ध होता है यह उक्त कथन का तात्पर्य है । यद्यपि दरिद्रता और श्रीमती यह सीधा कर्म का कार्य नहीं है पर सकर्मा आत्मा के ही भावानुसार बाह्य पदार्थों का न्यूनाधिक सम्ब न्ध देखा जाता है इसलिये परम्परा इससे भी कर्म के अस्तित्व की सिद्धि होती है। यही सबब है कि प्रकृत में ग्रन्थकर्ता ने एक का दरिद्र होना और दूसरे का श्रीमान होना कर्म के अस्तित्व मे साधक माना है। वास्तव में दरिद्रता और श्रीमती यह राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था का फल है कर्म का नहीं । कर्म तो आत्मा की विविध अवस्थाओं के होने में निमित्त है और उसमें ऐसी योग्यता उत्पन्न करता है जिससे वह अवस्थानुसार शरीर, वचन, मन और श्वासास के योग्य पुदलों को योग द्वारा ग्रहण करके तद्रूप परिणमाता है। कर्म कुछ सीधा धन सम्पत्तिके इकट्ठा करने में निमित्त नहीं होता। उससे तो राग द्वेप आदि भाव होते है और इन भावों के अनुसार जीव धन, घर, स्त्री आदि बाह्य पदार्थों के सयोग वियोग मे प्रयत्नशील रहता है, इसलिये इन्हें सीधा कर्म का कार्य नहीं मानना चाहिये ।।४६-५०।। जीव और कर्म तथा उनके बन्ध की सिद्धि
जिस प्रकार जीव और कर्म का अस्तित्व स्वतःसिद्ध है उसी प्रकार इनका संयोग भी स्वतः सिद्ध है अन्यथा कर्तापन और भोक्तापन आदि भावों की उत्पत्ति नहीं हो सकती है । ५१ ।।
शंका - दूधणुक आदि की तरह मूर्त पदार्थ से मूर्त पदार्थ ही बंधता है। सूर्त कर्म के साथ अमूर्त आत्मा का बन्ध नहीं हो सकता ?
समाधान - ऐसा नहीं है, क्यों कि जीव और कर्मका बन्ध स्वतः सिद्ध है। इनका ऐसा ही स्वभाव है जो तर्कका विषय है इस लिये वह आक्षेप के योग्य नहीं फिर भी चाहो तो उसकी परीक्षा की जा सकती है ।। ५३ जैस अग्नि का लक्षण उष्णता है वह किसीने उपार्जित नहीं किया है। स्वभाव से ही वह ऐसा है। यदि उसे ऐसा नहीं मानते हो तो स्पर्शन इन्द्रिय से स्पर्श करके जान सकते हो ॥ ५४ ॥ वैसे ही जीन और पुट्ठल कर्म का बन्ध भी अनादि और स्वतः सिद्ध है। वह
१- इसकी
जानकारी के लिये समतिका नामक षष्ठ कर्मग्रन्थ की भूमिका पढ़िये ।
चेत् बुभुत्सास्ति चित्ते ते स्यातथा वान्यथेति वा । स्वानुभूतिसनाथेन प्रत्यक्षेण विमृश्यताम् ।। ५६ ।। अस्त्यमृतं मतिज्ञानं श्रुतज्ञानं च वस्तुतः । मद्यादिना ममूतन स्यात्तत्याकानुसारि तत् ।। ५७ ।। नामिद्धं तत्तथा योगाद् यथा दृष्टोपलब्धितः । विना मद्यादिना यस्मात् तद्विशिष्टं न तद् द्वयम् ।। ५८ ।। अपि चोपचारतो मृतं तूक्कं ज्ञानद्वयं हि यत् ।
न नत्तत्त्वाद्यथा ज्ञानं वस्तुमीनोऽनतिक्रमात् ।। ५९ ॥ नासिद्धचोपचारोऽयं मूर्त यत्तत्वतोऽपि च । वैचित्र्याद्वस्तुशक्तीनां स्वतः स्वस्यापराधतः ।। ६० ।।
किसने कहां पर कैसे किया यह प्रश्न आकाश फूल के समान है ॥ ५५ ॥ इतने पर भी यदि तुम्हारे चित्त मे यह जानने की इच्छा हो कि यह वात ऐसी है या अन्य प्रकार से है तो स्वानुभव प्रत्यक्ष से इसका विचार कर सकते हो ।। ५६ ।। उदाहरणार्थ - मतिज्ञान और श्रुतज्ञान ये वास्तव में अमूर्त है फिर भी वे मूर्त मद्य आदिक के सम्बन्ध से उनके परिपाक के अनुसार वैसे हो जाते है इसी प्रकार प्रकृत में जानना चाहिये ।। ५७ ।। मदिरा के सम्बन्ध से मतिज्ञान और वैसे हो जाते है । यह बात असिद्ध भी नही है, क्यो कि प्रत्यक्ष से ऐसा ही उपलब्ध होता है। यह हम प्रत्यक्ष से देखते हैं कि मदिरा आदि का संयोग हुए बिना वे दोनो ज्ञान मछिन नही होने ॥ ५८ ॥ फिर भी यहा जो इन दोनों ज्ञानों को मूर्त कहा है सो उपचार से ही कहा हे । वास्तव मे वे दोनों ज्ञान मूर्त नहीं है, क्यों कि किसी भी अवस्था में पदार्थ की मर्यादा का उल्लंघन नहीं होता ।। ५६ ।। और यह उपचार असिद्ध नहीं है, क्योंकि ये दोनो ज्ञान वास्तव रीति से भी मूर्त है । पदार्थों की शक्ति की विचित्रता ही ऐसी है जिससे ये स्वतः अपने अपराधवश मूर्त हो रहे है ॥ ६० ॥
विशेषार्थ- यहां पर जीव और कम के अस्तित्व को स्वीकार करके उनके सम्बन्ध की सिद्धि की गई है। प्रश्न यह है कि जब कि जीव अमूर्त है और कर्म मृर्त तब इनका सम्बन्ध कैसे हो सकता है ? प्रन्थकार ने इस प्रश्न का जो समाधान किया है उसका भाव यह है कि यह सम्बन्ध अनादि से स्वतः सिद्ध है अतः इससे तर्क नही हो सकता है। जैसे अग्नि स्वभाव से उण है उसी प्रकार यह सम्बन्ध भी स्वभाव से हैं। आशय यह है कि जीव में स्वभाव से अनादि कालान ऐसी योग्यता है जिससे वह कर्म से बंधता है और कर्म भी स्वभाव से ऐसी योग्यतावाला है जिससे वह जीव से सम्बद्ध होकर जीवमें विपरिणति पैदा करने में निमित्त होता है । ज्ञान यद्यपि जीव का धर्म हैं तो भी जैसे मंदिग के सम्बन्ध से मतिज्ञान और ज्ञान मूर्छित देखे जाते है उसी प्रकार जीव कर्म से बंधता है यहां ऐसा समझना चाहिये। मुख्य बात यह है कि मूर्त कर्म भी सदात्मक पदार्थ है और अमूर्त जीव भी महात्मक पदार्थ है, अतः इनका बन्ध होने में कोई बाधा नहीं आती। फिर भी बन्च का कारण जीवकी अशुद्धत हैं जो उसमें अनादि काल से विद्यमान है अतः वह कर्म से बधता रहता है और जब तक यह अशुद्धता रहेंगी तबतक बंधता रहेगा ऐसा ही वस्तु का परिणमन है उसे कोई रोक नहीं सकता। जैसे जीव की यह अशुद्धता की धारा अनिमित्तक है, जीव में से ही आती है उसी प्रकार प्रति समय होनेवाली यह अशुद्धला कर्मनिमित्तक
अभ्यस्त्यनादिसिद्धस्य सतः स्वाभाविकी क्रिया । वैभाविकी क्रिया यास्ति पारिणामिकशक्तितः ॥ ६१ ॥ न परं स्यात्परायता सतो वैविक क्रिया । यस्मात्सतोऽसती शक्तिः कर्तुमन्यैर्न शक्यते ।। ६२ ॥ ननु वैभाविकभावाख्या क्रिया चेत्पारिणामिकी । स्वाभाविक्याः क्रियायाश्च कः शेषो हि विशेषभाक् ।। ६३ ।। अपि चार्थपरिच्छेदि ज्ञानं स्वं लक्षणं चितः । ज्ञेयाकारक्रिया चास्य कुतो वैभाविकी क्रिया ॥ ६४ ॥ तस्माद्यथा घटाकृत्या घटज्ञानं न तद् घट । मद्याकृत्या तथा ज्ञानं ज्ञानं ज्ञानं न तन्मयम् ।। ६५ ।। नैवं यतो विशेषोऽस्ति बद्धाबद्धावबोधयोः । मोहकर्मावृतो बद्ध स्यादबद्धस्तदत्ययात् ।। ६६ ।। मोहकर्मावृतं ज्ञानं प्रत्यर्थं परिणामि यत् । इष्टानिष्टार्थसंयोगात् स्वयं रज्यद् द्विपद् यथा ॥ ६७ ॥
भी है। इस प्रकार यह संबंध जहा स्वभाव सिद्ध ठहरता है वहा वह अन्यसापेक्ष भी सिद्ध होता है । जगत् का समूचा व्यवहार इसी आधार पर चल रहा है इसलिये इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिये । ज्ञान को मूर्त और अमूर्त इसी आधार से कहा जाता है। अमूर्त आत्मा का धर्म होने से तो वह अमूर्त है और निमित्त की अपेक्षा होनेवाला ज्ञान मूर्त है अन्यथा ज्ञान के मतिज्ञान आदि भेद नहीं बन
स्वाभाविक और की किया का खुलासा करते हुए पुनः बन्ध का समर्थनयद्यपि सन् अनादि सिद्ध है। तथापि वह परिणमनशील होने से उसके दो प्रकार की क्रिया होती है - एक स्वाभाविकी क्रिया और दूसरी वैभाविकी किया ।। ६१ ॥ सत् की वैभाविकी क्रिया केवल पराधीन होती है ऐसा नहीं है, क्यों कि जो शक्ति मन की नहीं है वह अन्य के द्वारा भी नहीं की जा सकती है ॥६६॥
शकर -- यदि वैभाविकी क्रिया पारिणामिक हैं तो स्वाभाविकी क्रिया से इसमें कौन मी विशेषता शेष रहती है ? उदाहरणार्थ ज्ञान पदार्थ को जानता है यह चैनन्य का स्वलक्षरण है। ऐसी हालत में उसकी जो ज्ञेयाकार किया है वह वैभाविकी किया कैसे हो सकती है ॥ ६४ । इस लिये घटाकार घटज्ञान होता है घटरूप नहीं हो जाता है वैसे ही जो ज्ञान मयाकार होता है यह मद्यरूप नहीं हो जाता है ज्ञान ही रहता है ?
से आवृत है बद्रज्ञान का उदा
नहीं है, क्यों कि बद्धज्ञान और अबद्ध ज्ञान में अन्तर है । जो मोहनीय कर्म और जो मोहनीय कर्म के प्रभाव से होता है वह अवद्ध ज्ञान है । ६६ । जो ज्ञान मोहनीय कर्म से आवृत है वह प्रत्येक पदार्थ को जानता हुआ इष्ट |
मुज़फ्फरनगर। उत्तर प्रदेश की अंडर १६ क्रिकेट टीम के चयन के लिए जनपद शामली और मुज़फ्फर नगर टीम के चयन के लिए ७३ क्रिकेट खिलाड़ियों का चयन कर ६ टीम बनाई गई है।
इन टीमो के बीच मैच कराकर व्यक्तिगत प्रदर्शन को आधार बनाकर दोनो जनपदों की टीम बनाई जाएगी। हाल ही में १९० खिलाड़ियों के ट्रायल के बाद इन खिलाड़ियों को चुना गया था।
फैजल और प्रज्जवल पुरोहित को चयनित किया गया है। एम सी ए के सचिव मंनोज पुंडीर ने बताया कि जल्द ही इन टीमो के बीच लीग मैच कराए जाएंगे।
|
बांग्लादेश में एक बार फिर चार हिन्दू मंदिरों तोड़ दिया गया है। बांग्लादेश के खुलना जिले के एक गांव शियाली में मुस्लिमों ने हमला करके गांव के चार हिन्दू मंदिरों को नष्ट कर दिया। मूर्तियां तोड़कर शवाब भी हासिल कर लिया गया।
इस उपद्रव की वजह कुछ खास नहीं थी। बांग्लादेश के कुछ जिलों में हिन्दुओं की अच्छी जनसंख्या है। उसमें खुलना भी है। खुलना में 20 प्रतिशत हिन्दू हैं। इसलिए यहां गांवों में हिन्दुओं के तीज त्यौहार भी मनाये जाते हैं और धार्मिक आयोजन भी होते हैं। शियाला गांव में भी 7 अगस्त को हिन्दू महिलाओं ने सिर पर कलश रखकर गांव की परिक्रमा किया था। क्योंकि गांव के रास्ते में मस्जिद भी है इसलिए उन्हें वहां से भी गुजरना पड़ा। बस, फिर क्या था इमाम की भावनाएं आहत हो गयीं।
अब क्योंकि जहां मुसलमान होता है वहां धार्मिक भावना सिर्फ मुसलमान की ही होती है इसलिए ध्यान भी सिर्फ मुसलमान की भावना का ही रखना होता है। सिर पर कलशा देख आहत इमाम ने तत्काल विरोध किया कि हिन्दू महिलाएं मस्जिद के सामने से नहीं जा सकतीं। इसलिए देखते ही देखते गांव और आसपास के मुसलमान इकट्ठा हो गये और अपनी भावनाओं का प्रदर्शन करते हुए चार मंदिर और उनकी मूर्तियों को तोड़ दिया। क्योंकि आहत भवनाएं इतने से शांत नहीं हो पा रही थीं इसलिए हिन्दुओं के मकानों और दुकानों को भी लूट लिया।
हालांकि बांग्लादेश भले ही इस्लामिक रिपब्लिक हो लेकिन शासन प्रशासन का ढांचा लगभग सेकुलर ही है। इसलिए तत्काल पुलिस कार्रवाई हो गयी। कुछ गिरफ्तारियां भी हो गयीं। लेकिन सवाल तो मुसलमानों की भावना का है? आखिर मूर्तिपूजकों से इतनी घृणा क्यों? मोमिन की भावना इतनी जल्दी आहत क्यों हो जाती है कि मस्जिद के सामने से दलित की बारात गुजर जाए तो विरोध। महिलाएं कलशा लेकर चली जाएं तो दंगा और लूटपाट? क्या इन घृणित भावनाओं के रहते समाज में भाईचारा और सद्भाव संभव है?
|
29 June 2023,Rashifal: आज 29 जून 2023 गुरुवार का दिन सभी राशियों के लिए काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। आज मेष राशि वाले जातक भविष्य को लेकर चिंतित रह सकते हैं। वही वृषभ राशि वाले जातको का आज आध्यात्म की ओर झुकाव बढ़ता हुआ नजर आएगा। जानिए 12 राशियों के लिए आज का दिन कैसा रहेगा।
मेष राशिफल (Aries)
ष राशि वालों का भाग्य साथ दे रहा है और आज आपके लिए आर्थिक लाभ का दिन है। आपको आज हर मामले में जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। संतान के व्यवहार से व्यथित हो सकते हैं। स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।
वृषभ राशिफल (Taurus)
वृष राशि वालों के लिए आज का दिन लाभपूर्ण है और आज आपको हर कार्य में संतोषजनक परिणाम मिलेंगे। आर्थिक दृष्टि से आज का दिन सामान्य है। नौकरीपेशा अपने से उच्च अधिकारी से सतर्क रहें। पौष्टिक भोजन समय पर करे।
मिथुन राशिफल (Gemini)
मिथुन राशि के लोगों को आज आर्थिक मामलों में संभलकर चलने की जरूरत है। व्यापार-व्यवसाय में आकस्मिक हानि हो सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य को लेकर मन में भय रहेगा। संध्या के समय निकट के मित्र के साथ समय व्यतीत करेंगे।
कर्क राशिफल (Cancer )
आज का दिन जातक का आर्थिक रूप से अच्छा रहने वाला है। सलाह दी जाती है की आलस्य त्याग कार्य पर फोकस करें। संतान के दायित्व की पूर्ति होगी और आपको भाग्य का साथ मिलेगा।
सिंह राशिफल (Leo)
आज के दिन जातक का झुकाव अध्यात्म की ओर अधिक रहेगा। पूजा पाठ में मन लगेगा। जातक वास्तविक दुनिया को छोड़ काल्पनिक सोच अपनाएंगे। प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करने में मदद करेगा। आज आपको अधिक भागदौड़ करने की वजह से काफी थकान हो सकती है।
कन्या राशिफल (Virgo)
आज के दिन जातक सकारात्मक ऊर्जा से भरे रहेंगे दिन की शुरुआत में कोई अनचाही परेशानी से ग्रसित होंगे। लेकिन अपनी क्षमताओं और पराक्रम से सफलता प्राप्त करेंगे। संतान पक्ष से भी संतोषजनक सुखद समाचार मिलेगा और करियर में आपको नए मौके मिलेंगे।
तुला राशिफल (Libra)
आज के दिन जातक का प्रतिकूल रहने वाला है। कार्यस्थल पर अधिक कार्य होने के कारण चिड़चिड़ापन और तनाव महसूस करेंगे। सहकर्मी से किसी बात पर वाद-विवाद हो सकता है। आपको कहीं से रुका धन मिलने से आपके कोष में वृद्धि होगी और आपका मन अच्छे काम में लगेगा।
वृश्चिक राशिफल (Scorpio)
धनु राशिफल ( Sagittarius)
धनु राशि वालों के लिए आज का दिन आर्थिक मामलों में शुभ होगा और आपके विरोधी भी आपकी तारीफ करेंगे। स्वास्थ्य को लेकर दिन सामान्य रहेगा। अपनी दिनचर्या में पौष्टिक आहार और व्यायाम को शामिल करें।
मकर राशिफल (Capricorn)
आज मकर राशि वालों के लिए आज का दिन आर्थिक मामलों में लाभ देने वाला है। घर की छोटी-छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति करेंगे। दिन के अंत में जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब हो सकता है, सतर्क रहें।
कुंभ राशिफल (Aquarius)
आज आप बिना वजह के किसी विवाद में फंस सकते हैं और शत्रुओं के साथ उलझ सकते हैं। पिता से पैतृक संपत्ति को लेकर विवाद हो सकता है। गले में इन्फेक्शन हो सकता है, स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें।
मीन राशिफल (Pisces)
आमीन राशि वालों के लिए आर्थिक मामलों में आज का दिन शुभ है और काफी समय से चल रही समस्याओं का अंत होगा। साथ ही आपसी संबंध मजबूत होंगे। जीवनसाथी के साथ भविष्य की योजनाओं पर बातचीत कर सकते हैं।
|
आज के वर्तमान समय में बहुत से लोग ऐसे हैं जो तनाव और डिप्रेशन की समस्या से ग्रसित हैं। इस समस्या के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं तथा उनकी सेहत ख़राब हो जाती हैं। आज इसी विषय में जानने की कोशिश करेंगे कुछ ऐसे काम के बारे में जिस काम को करके आप तनाव और डिप्रेशन की समस्या से बच सकते हैं। तो आइये जानते हैं विस्तार से।
1 . मेडिटेशन करें : अगर आप तनाव और डिप्रेशन से बचना चाहते हैं तो आप रोजाना सुबह के समय मेडिटेशन करें। क्यों की मेडिटेशन करने से दिमाग में ब्लड का सर्कुलेशन तेजी के साथ होगा। जिससे दिमाग की कार्य प्रणाली अच्छी रहेगी और स्ट्रेस भी कम हो जायेगा। इससे डिप्रेशन की समस्या दूर होगी। इसलिए आप ये काम जरूर करें। ये आपकी सेहत के लिए भी लाभकारी हैं।
2 . मॉर्निंग वॉक करें : रोजाना मॉर्निंग वॉक करने से ब्रेन में ऑक्सीजन का प्रवाह सही तरीकों से होता हैं। जिसके कारण ब्रेन का न्यूरो सिस्टम सही तरीकों से कार्य करता हैं और ब्रेन स्वस्थ और सेहतमंद रहता हैं। इससे ब्रेन में होने वाले तनाव और डिप्रेशन की समस्या दूर हो जाती हैं। साथ ही साथ इंसान खुद को स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करता हैं। इसलिए आप ये काम रोजाना करें।
3 . ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें : अगर आप तनाव और डिप्रेशन से बचना चाहते हैं तो आप सुबह की डाइट में ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। क्यों की ड्राई फ्रूट्स में पाए जानें वाला विटामिन और मिनरल्स ब्रेन सेल्स को मजबूत बनाता हैं। इससे ब्रेन की कार्य प्रणाली बेहतर रहती हैं। साथ ही साथ इससे इंसान की याददाश्त तेज होती हैं। इसलिए सभी व्यक्ति को रोजाना ड्राई फ्रूट्स का सेवन करना चाहिए।
|
चतुर्विंशस्तम्भः । ।
कलहे तत्समीपं च वर्जनीयं निरंतरम् ॥ देशकालविरुद्धं च भोज्यं कृत्यं गमागमौ ॥ १९ ॥ भाषितं व्यय आयश्च कर्त्तव्यानि न कर्हिचित् ॥ चातुर्वर्ण्यस्य सर्वस्य व्रतादेशोयमुत्तमः ॥ २० ॥ इतिचातुर्वर्ण्यस्यसमानोव्रतादेशः ॥
अथ चारों वर्णोंका समान व्रतादेश कहते हैं. ॥ अपने पूज्य गुरुके कहे देवधर्मादिका पालना, देवपूजा करनी, साधुकी यथायोग्य पूजा करनी, ब्राह्मण और लिंगधारीको प्रणाम करना. । न्यायसें धन उपार्जन करना. परकी निंदा वर्जनी, किसीका भी अवर्णवाद न बोलना, राजादिविषयक तो विशेषसें अवर्णवाद न बोलना. । अपने सत्वको छोडना नही, धनके अनुसार दान देना, लाभानुसार खरच करना, भोजनके कालमें भोजन करना । थोडे जलवाले देशमें वसना नही, नदी और धर्मगुरुवर्जित देशमें भी नही वसना । राजा, राज्याधिकारी, स्त्री, नदी, लोभी, पूर्ववैरी, इनोंका विश्वास नही करना. । कार्यविना स्थावर जीवोंकी भी हिंसा नही करनी । असत्य अहितकारि वचन नही बोलना, गुरुओं (बडों) के साथ विवाद नही करना. माता, पिता और गुरु, इनको उत्कृष्ट तत्त्वकीतरें मान सत्कार करना । शुभ अष्टादश दूषणरहित सर्वज्ञोक्त शास्त्रका श्रवण करना; अभक्ष्य ( नही खाने योग्य ) का भक्षण नही करना; जे त्यागने योग्य नही है, उनका त्याग नही करना; जे मारणे योग्य नही है, तिनको मारणा नही. अतिथि, सुपात्र, और दीन, इनको यथाविधि यथायोग्य दान देना; दरिद्र, अंधे, दुःखी, इनको भी यथाशक्ति दान देना. । हीन अंगवालोंको, और विकलोंको कदापि हसना नहीं । भूख, तृषा, घृणा, क्रोधादि उत्पन्न हुए भी, गोपन करने । षट् (६) अरिवर्गका विजय करना, गुणोंमें पक्षपात करना, देशाचार आचरण करना, पाप और अपवादका भय करना । सदृश आचारवाले, समजाति, और अन्य गोत्रजोंके साथ विवाह करना; धर्म अर्थ कामको निरंतर परस्पर अप्रतिबंधसें साधन करना. । अपने और परायेका ज्ञान |
पड़ोसी देश फिनलैंड और स्वीडन अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन कर दिया है। ऐसे में रूस खुद पर दबाव महसूस करने लगा है। रूस ने फिनलैंड से लगने वाली पश्चिमी सीमा पर सैनिकों और हथियारों की तैनाती बढ़ाने का फैसला किया है।
मैरियूपोल पर कब्जे के बाद रूस ने यूक्रेन में नई पीढ़ी के शक्तिशाली लेजर हथियारों की तैनाती की है। इसके सहारे वह पश्चिम से यूक्रेन को सप्लाई किए गए ड्रोन को नष्ट करेगा।
Get latest World News headlines in Hindi related political news, sports news, Business news all breaking news and live updates. Stay updated with us for all latest Hindi news.
|
जन्मभूमि ९
इस मरु-प्रदेश ने बहुत प्राचीनकाल से कच्छ की उत्तर पूर्वी सीमा की सुरक्षा की है, इसका कारण यह है कि कोई भी सेना इसे सरलता से पार करके इस ओर आ नही सकती । इतना होते हुए भी कुछ हठी आक्रमणकारी इस मरु भाग को लांघ कर कच्छ में प्रविष्ट हुए, परन्तु कच्छ के बहादुर लोगों ने उनका जोरदार मुकाबला करके या तो उन्हे भगा दिया अथवा उनका विनाश कर दिया । एक कवि ने कहा है कि- 'सिंधोड़ों सोंणाइ सुजे, रत मुडसेंजा उछरन' अर्थात् इस भूमि के निवासी ऐसे है कि जिनका रक्त सिन्धुड़ा राग तथा शहनाई का स्वर सुनतें ही अन्तर से उबल पड़ता है ।
समुद्री किनारे ने इस प्रदेश के लोगों को नौकाएँ वनाना तथा समुद्र की यात्राएँ करना सिखाया है। प्राचीन भूगोल-निर्माता टॉलेमी ने इस देश के उत्तम समुद्री व्यापार का आदर-पूर्वक सूचन किया है तथा मध्य युग के अंग्रेज लेखकों ने यहाँ के समुद्र सम्बन्धी साहसिक कार्यो की मुक्तकण्ठ से प्रशसा की है ।
ट्रफाल्गर के युद्ध में विश्वविख्यात वना हुआ 'विक्टरी' जहाज तथा इग्लैण्ड और अमेरिका के बीच यातायात करने वाला 'कटिसार' जहाज माडवी वन्दरगाह मे बना था ।
इन दिनो कच्छ में लखपत, कोटेश्वर, जखौ, मांडवी, मुदरा, तुणा, कडला तथा खारी रोहर - ऐसे आठ बन्दरगाह है । इनमें आज तक मांडवी का स्थान प्रथम था, कितु विगत कुछ वर्षो से कडला बन्दरगाह प्रमुख वन गया है और उसका विकास इतनी तेजी से हुआ है कि अब उसकी गणना भारत के प्रथम
१० जीवन और जागृति
श्रेणी के बन्दरगाहों में होती है । इस विकास में भारत सरकार ने पर्याप्त सहयोग दिया है तथा इसके निकट ही गांधीधाम नाम से एक नये शहर का भी विकास किया है। अब तो उसे 'फ्री झोन' के रूप में घोषित कर दिया है, इसलिए व्यापार-उद्योग अच्छी तरह से विकसित हो रहा है । संक्षेप में कहा जा सकता है कि कंडला- बन्दरगाह, 'फो झोन' और गांधीधाम का त्रिवेणी संगम होने से इसकी गणना समस्त भारत के एक महत्त्वपूर्ण स्थान के रूप में होने लगी है ।
कच्छ की अपनी कई विशेषतएँ हैं। इस सम्बन्ध में कवियों कहा है कि --
भल घोड़ा काठी भला पेनी इक पे 'रवेश । मानव मोंघा मूलना, कोडीलो कच्छ देश, ।।
कच्छ देश वस्तुतः कोडीला अर्थात् सुन्दर है, क्योंकि वहाँ उत्तम जाति के अश्व पैदा होते है, उत्तम जाति के काठी लोग निवास करते हैं, पैरों के तलुए ढक जाएं ऐसा मर्यादावाला पहनावा है और मनुष्य मॅहगे मूल्यवाले है ।'
बेर बुरी ने बावरी, बरी कंढा ने ब्या कख्ख । होथल हलो कच्छड़े, जित माडु सवा लख्ख ।
जहाँ बेर, थुअर और बबूल के वृक्ष है, तथा काँटे और अन्य घास है । इतना होते हुए भी हे होथल ! तू उस कच्छ देश
जन्मभूमि ११
में ही चल, क्योंकि वहाँ मनुष्य सवा लाख के हैं ।' ये शब्द ओढा जाम नामक कवि के मुख से निकले है ।
कच्छ की भूमि कुछ स्थानों पर हरियाली भी है, परन्तु इसका साधारण स्वरूप ऊपर बताए अनुसार है । ऐसा होने पर भी यह भूमि मुझे तो बहुत प्रिय लगती है । कौन जाने क्यों ? इस भूमि में जन्म लेनेवाले की इसके प्रति ममता कैसे भी संयोगों में नहीं छूटती । कहा गया है किअक्क, वण, जाडेजा ठक्कर, घर घर कूढा रच्छ । रब ठडूके कुनियाँ, तो य भडारो कच्छ ।।
वन में आक के वृक्ष हैं, ठकुराई जाडेजा रजपूतों की है,. घर-घर बरतनों में पानी के कुंड़े हैं और हँड़िया में राब धड़ाके करती रहती है, फिर भी हम कहते हैं कि हमारा कच्छ देश भला है ।
कच्छ के तीन प्राकृतिक विभाग हैः वागड, कंठी और अब-ड़ासा । इन तीनों विभागों की अपनी-अपनी विशेषता है और यही कारण है कि ये एक-दूसरे से भिन्न प्रतीत होते है, किन्तु इनमे अधिक उज्जवलता कंठी की है । मुनि श्री विद्याविजयजी ने 'मेरी कच्छयात्रा' में लिखा है कि - कंठी को मै नन्दनवन इसीलिए कहता हूँ कि, कच्छ जैसी शुष्क भूमि मे भी कंठी सुन्दर वृक्षो की घटाओं से सुशोभित प्रान्त है। प्रत्येक गाँव में वाड़ियाँ और बगीचे है । प्रमुख रूप से भुजपुर, देशलपुर और बीदडा के बगीचों में पैदा होनेवाले आम सारे कच्छ मे प्रशसा
१२ जीवन और जागृति
पाते है । सारा प्रदेश पूरा हरियाला दिखाई देता है। लोगों का रहन-सहन, खान-पान और वेषभूषा आदि अन्य प्रान्तों की अपेक्षा निराली ही दिखाई देती है।'
इस कंठी विभाग में भूखी नदी के किनारे स्थित पत्री गाँव में मेरा जन्म हुआ था । सामान्यतः मनुष्य को अपने जन्मस्थान के प्रति ममत्व होता है और होना भी चाहिए, ऐसी मेरी मान्यता है । जननी और जन्मभूमि को स्वर्ग से भी अधिक कहा गया है, इसका कारण यह है कि वे हमारे पिण्ड का पोषण करती हैं, हमारे जीवन का निर्माण करती हैं और हमें निश्चिन्त होने के लिए आश्रय देती हैं । हम पर सामान्य उपकार करनेवालों को भी हमें भूलना नही चाहिए, तब जो भूमि हम पर असीम उपक़ार करती है, उसे कैसे भूल सकते है ? मुझे संयोगवश जन्मभूमि से दूर जाना पड़ा और आज भी दूर ही रहता हूँ, परन्तु उसके प्रति मेरा जो महत्व है उसमें तनिक भी कमी नहीं आई है, इसे मैं अपने जीवन का परम सौभाग्य मानता हूँ ।
जव मेरा जन्म हुआ, तव कच्छ की स्थिति ठीक नहीं थी । आजीविका का मुख्य साधन खेती था, परन्तु वर्षा की अनिय मितता के कारण बार वार दुप्काल जैसी परिस्थिति उत्पन्न होती और लोगों को बहुत परेशानी उठानी पड़ती । साथ ही शिक्षा का स्तर भी बहुत सामान्य तथा सामाजिक रूढिपाँ इतनी वलवान् थी कि उनमें से लोग तनिक भी इधर उधर नहीं हो सकते थे । इसी प्रकार वैयक्तिक सत्ता तथा उसकी धार्क भी बहुत भारी, इससे कोई उसके सामने ऊँची आवाज में बोल नहीं
संकता था ।
जन्मभूमि १३
इसके अतिरिक्त उद्योग-धन्धे कम और रास्ते भी अधिकाश कच्चे । ऐसी स्थिति में उन्नति के दर्शन कहाँ से हो ? किन्तु कुछ समय पश्चात् स्वराज्य की हलचल से सारे भारत मे क्रान्ति की एक लहर आ गई तथा उसके बाद आजादी की लड़ाई आरम्भ होने पर प्रजा में प्राण आया । उसके मधुर फल इस देश को भी मिले । आज कच्छ में प्रगति के दर्शन हो रहे है और उसके छोटे-छोटे गाँव सुधरने लगे है ।
स्वराज्य के पश्चात् कच्छ एक स्वतन्त्र प्रान्त बना था और उसका प्रबन्ध दिल्ली के आधीन चीफ़ कमिश्नर द्वारा होने लगा था। बाद में गुजरात राज्य बनजाने पर उसमें यह मिल गया । इस परिवर्तन के समय भारत सरकार ने पर्याप्त सहायता की तथा वर्तमान में गुजरात राज्य की ओर से भी अच्छी मात्रा में सहायता मिल रही है ।
पत्री ( मेरी जन्मभूमि ) की बात करूँ तो २३०० मनुष्यों की बस्ती में एक 'गाँधी विद्यालय' नाम से उच्चतर माध्यमिक विद्यालय है, एक छात्रालय है, एक कन्याशाला है, एक श्राविकाशाला है, एक ज्ञानभण्डार, एक पुस्तकालय और एक वाचनालय है । तीन धर्मशालाएँ और तीन चिकित्सालय भी है । गाँव की उत्तर दिशा में तीन मील की दूरी पर 'खेगार सागर' नामक एक तालाब है । उस पर बाँध बना कर नहर खोदी गई है, जिसका पानी गाँव की भूमि को मिलता है । इस के अतिरिक्त कुछ छोटे तालाब तथा पचीस के लगभग कुए है। गाँव की ५६०० एकड़ जमीन में से ५००० एकड़ जमीन में खेती होती
१४ जीवर और जागृति
है । अव तो इंजिन लगा दिये गये हैं और 'जोते उसकी जमीन' का कानून हो जाने से लोग बड़े उत्साह से जमीन को सुधार कर अधिक फसल उगाने लगे है । इसके अतिरिक्त जैन मन्दिर, स्थानक तथा प्रत्येक धर्म के मन्दिर है; इनमें भूतेश्वर शिवमन्दिर और राममन्दिर रमणीय है । गाँव में एक मस्जिद भी है ।
आज से बारह वर्पपूर्व 'श्रीपत्री सर्वोदय समाज' की रजतजयन्ती के अवसर पर एक विशेषाङ्क निकला था । उसमें 'मेरे स्वप्न' शीर्षक लेख में मैंने लिखा था कि, "सर्वोदय की दृष्टि से 'ग्राम स्वराज्य' का अर्थ "सबका उत्कर्प" है; ऐसे ग्रामस्वराज्य की स्थापना अभी पूर्ण नही हुई है। हमारा गाँव आदर्श गाँव वन सके, हमें वैसा कार्य करना चाहिये । ईश्वर हमें प्रेरणा दे ! आदर्श गाँव वनाने के लिये लोगों में उत्साह, उत्तम स्वास्थ्य और निर्भयता लानी पडेगी। लोगों के जीवनस्तर को ऊँचा उठाने के लिये हमें क्रान्ति की दिशा में जाना पड़ेगा। इसके लिये जन-साधारण में व्याप्त प्रमाद और आलस्य को दूर करना जरूरी है । चाय, वीड़ी आदि व्यसनों से उन्हे मुक्त रहने के लिए समझाना चाहिए । दूसरों की निन्दा करने के निन्दनीय कार्य से उन्हें रोकना पड़ेगा ।"
उस लेख में यह भी वतलाया था कि 'लोग अपना समय व्यर्थ के कार्यो मे न गंवाकर सार्वजनिक कार्यो में लगाएँ । ग्रामस्वच्छता तथा ग्रामोद्योग के कार्य में सभी लग जायँ । सार्वजनिक कार्य मे सव का भला है, यह समझे । कठोर परिश्रम के विना कार्य सिद्धि नही होती इस महामन्त्र को अपनाएँ । गाँवों
जन्मभूमि १५
में फैले हुए अनेक व्यसन जीवन को पराधीन बना रहे है और गरीबी की ओर ढंकेल रहे है । आलस्य भी एक व्यसन ही है । इस सच्ची बात पर लक्ष्य रखकर व्यसनो को तिलांजलि दे । हम इन व्यसनों को दूर करने के लिये उत्साह पूर्वक प्रयत्न करे । सभी मित्र, भाई-बहिन, और बालक साथ मिल कर इस कार्य को करे ।
मुझे यह बतलाते हुए हर्ष होता है कि मेरे ये स्वप्न पूर्णरूप से तो नहीं किन्तु बहुत अधिक मात्रा मे साकार होने लगे है और सभी की दृष्टि पत्री की ओर लगी हुई है।
पत्री मुंदरा परगने का गाँव है । यह भुज से २४ मील, अजार से २४ मील और मुदरा से १० मील के अन्तर में स्थित है । इन सभी स्थानों के साथ मोटर का आवागमन चालू है । अब तो कडला बन्दरगाह से भी बस के द्वारा सीधे जा सकते हैं । इसके लिए लगभग ३६ मील का रास्ता तै करना पड़ता है ।
पत्री का इतिहास पुराना है, किन्तु वह सब यहाँ लिखना आवश्यक नही है । केवल उसके तीन वर्ष याद रखने लायक है । ई. सन् १२६३ में जेशर क्षत्रियों ने इसे वसाया। संवत् १३६५ से यह ओसवालों की बस्ती हुई सवत् १८३७ में महाराव रायधनजी के राज्यकाल में इस गांव पर आक्रमण हुआ; तब यहाँ के प्रजापालक जाडेजा भारोजी ने इसकी रक्षा करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी । आज भी दरबार - गढ मे उस चीर पुरुष की याद दिलातीं हुई एक छत्री, एक स्मारक चिह्न सगर्व खड़ है ।
१६ जोवन और जागृति
इस प्रकरण को समाप्त करने से वे पूर्व इतना वता देना चाहता हूँ कि पत्री गाँव जिस प्रकार मुंदरा परगने का एक भाग है और मुदरा परगना कच्छ प्रदेश का एक भाग है, वैसे ही कच्छ - प्रदेश गुजरात राज्य का एक भाग है और गुजरात राज्य भारत का एक भाग है । अतः अन्त में तो हम सबको इस भारत की सन्तान के रूप में ही गौरव प्राप्त करना है । |
दिसंबर की मंदी की लकीर ने फिर से क्रिप्टोक्यूरेंसी बाजार में अपने प्रवास को लम्बा करने का फैसला किया। अधिकांश सिक्कों के लिए बीता दिन काफी विनाशकारी रहा है। कुछ अपवादों को छोड़कर, लगभग सभी लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप सिक्के शुक्रवार के शुरुआती घंटों के दौरान लाल रंग में कारोबार कर रहे थे।
व्यापक गिरावट, काफी हद तक, बाजार के राजा-सिक्के द्वारा शुरू की गई है। वास्तव में, बीटीसी ने पिछले सप्ताह में अपने मूल्य का 15% से अधिक और पिछले दिन के मूल्य का लगभग 5% गिरा दिया है। इसलिए, बाजार की भावना को मंदी से तेजी की ओर मोड़ने के लिए, बिटकॉइन के लिए कदम बढ़ाना और इसके नुकसान को नकारना काफी महत्वपूर्ण है।
लेकिन, क्या हमने पहले ही एक भालू बाजार में कदम नहीं रखा है?
एक हफ्ते से भी कम समय पहले, 4 दिसंबर को बाजार में भारी गिरावट देखी गई थी। 24 घंटे की अवधि में वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैप का 14% से अधिक नष्ट हो गया था। तब से, समुदाय के कई लोगों ने वकालत करना शुरू कर दिया है कि बिटकॉइन ने अपने मंदी के चरण में कदम रखा है।
कुछ हफ़्ते पहले तक, बिटकॉइन दिसंबर तक $100,000 को पार करने की संभावना प्रतीत होती थी। लेकिन अब, बाजार की भयावह स्थिति को देखते हुए, मैक्रो बुलिश स्ट्रक्चर निश्चित रूप से खंडित दिखता है। यदि अगले कुछ दिनों में मंदी की तीव्रता बढ़ जाती है, तो यह टूट भी सकता है।
तो अब, यह जानने के लिए कि आगे क्या हो सकता है, बाजार की भावना का आकलन करना और बाजार सहभागियों की नजर पर नजर रखना जरूरी हो गया है। ऐसा करने के लिए, बिटकॉइन के वायदा बाजार की स्थिति का विश्लेषण करना महत्वपूर्ण है क्योंकि अधिक बार नहीं, हाजिर बाजार सूट का अनुसरण करता है।
इस महीने की शुरुआत से ही कुल बिटकॉइन फ्यूचर्स ओपन इंटरेस्ट में गिरावट का रुख रहा है। नवंबर की पहली छमाही के दौरान, OI आमतौर पर $25 बिलियन के आसपास घूमता था। हालांकि, अब यह 15 अरब डॉलर के आसपास मँडरा रहा है।
ओआई मूल्य में गिरावट का अनिवार्य रूप से मतलब है कि व्यापारियों द्वारा खुली स्थिति को धीरे-धीरे बंद कर दिया गया है। यह इस तथ्य को भी उजागर करता है कि नए व्यापारी अभी बाजार में प्रवेश करने के लिए उत्सुक नहीं हैं।
इसलिए, चूंकि इस स्तर पर बाजार में बहुत अधिक नया पैसा नहीं आ रहा है, इसलिए बीटीसी के लिए अपने सुस्त चरण को दूर करना और आगे बढ़ना मुश्किल होगा।
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि पिछले एक दिन में, लंबे अनुबंधों के परिसमापन की संख्या ने पर्याप्त अंतर से लघु अनुबंध परिसमापन की संख्या को कम कर दिया है। इसका तात्पर्य यह है कि बाजार ने पहले ही व्यापारियों को डाउनट्रेंड कथा के पक्ष में समर्थन देना शुरू कर दिया है।
इसलिए, इस स्तर पर बिटकॉइन की कीमत में सुधार के लिए, बैलों को कदम बढ़ाना चाहिए। यदि बैल कुछ भारी लिफ्टिंग करते हैं और कीमत को उसके मूविंग एवरेज के करीब $50k के स्तर तक धकेल देते हैं, तो नकारात्मक भावना को कुछ हद तक मिटा दिया जा सकता है। हालांकि, अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो मंदी तेज हो जाएगी और बिटकॉइन अगले कुछ घंटों में $46k तक पहुंच सकता है।
बाजार की वर्तमान स्थिति और सामूहिक व्यापारी भावना को ध्यान में रखते हुए, बाद के परिदृश्य में इस समय पूर्व की तुलना में सामने आने की संभावना थोड़ी अधिक है।
|
Posted On:
कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान छोटे पार्सल में चिकित्सा आपूर्तियों, स्वास्थ्य उपकरण, खाद्य पदार्थ आदि आवश्यक सामानों की ढुलाई काफी महत्वपूर्ण होने जा रही है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारतीय रेल ने ई-कॉमर्स कंपनियों और राज्य सरकारों सहित अन्य के द्वारा की जा रही त्वरित व्यापक ढुलाई के लिए रेलवे के पार्सल वैन उपलब्ध करा दिए हैं। रेलवे ने आवश्यक सामानों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समय सारणी के आधार पर विशेष पार्सल ट्रेनें चलाने का फैसला किया है।
रेलवे मंडल नियमित रूप से इन विशेष पार्सल ट्रेनों के लिए रूटों की पहचान और उन्हें अधिसूचित कर रहे हैं। वर्तमान में 82 रूट पर इन ट्रेनों को चलाया जा रहा है। इसके तहत चिह्नित रूट इस प्रकार हैं :
i) दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे देश के बड़े शहरों के बीच नियमित संपर्क।
ii) राज्यों की राजधानियों/प्रमुख शहरों का राज्य के सभी हिस्सों से संपर्क कायम करना।
iii) देश के पूर्वोत्तर हिस्से से संपर्क सुनिश्चित करना।
iv) अतिरिक्त उत्पादन वाले क्षेत्रों (गुजरात, आंध्र प्रदेश) से ज्यादा मांग वाले क्षेत्रों को दूध और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति।
v) उत्पादक क्षेत्रों से देश के दूसरे हिस्सों को अन्य आवश्यक सामानों (कृषि सामग्री, दवाएं, चिकित्सा सामान आदि) की आपूर्ति।
रेलवे की पार्सल ट्रेनों के संचालन में बढ़ोतरी को त्वरित, अनुकूलित और सभी के लिए लाभकारी बनाने के प्रयासों के द्वारा देश में माल ढुलाई के काम में वृद्धि के तौर पर देखा जाना चाहिए।
रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हाल में ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक कंपनियों को रेलवे के नजदीक लाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया था।
05 मई 2020 को 66 विशेष पार्सल ट्रेन चलाई गई थीं, जिनमें 65 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनके माध्यम से 1,936 टन सामग्री का लदान किया गया, जिससे रेलवे को 57.14 लाख रुपये की आय हुई।
05 मई 2020 तक कुल 2,067 ट्रेनों का परिचालन हुआ, जिनमें से 1,988 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनसे 54,292 टन सामान का लदान हुआ और 19.77 करोड़ रुपये की आय हुई है।
|
Born on 26 Jul 1945 (Age 78)
*अस्वीकरणः इस पृष्ठ में प्रदर्शित तस्वीरें उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रस्तुत की जाती हैं और माना जाता है कि वे सार्वजनिक डोमेन से ली गयी हैं। इन तस्वीरों का कॉपीराइट उनके मूल प्रकाशक / फोटोग्राफर का है। यदि आपको लगता है कि ये फोटोज़ आपकी हैं या आपको लगता है कि आपके कॉपीराइट का उल्लंघन किया गया है, तो कृपया ([email protected]) पर हमें बतायें। हम तुरंत उन तस्वीरों को हटा देंगे।
|
रजाय शीश सबही के " ( स्कन्दपुराणे ) ब्रह्मविष्णुमहेशाद्या यस्यांशे लोकसाधकाः । तमादिदेवं श्रीरामं विशुद्धं परमं भजे " ( पुनर्वशिष्ठसंहितायाम् ) "जयमत्स्याद्यसंख्येयावतारोद्भवकारण। ब्रह्मविष्णुमहेशादिसंसेव्यचरणाम्बुज ॥ ६७ ॥
करता कारण कर्म ते, पर पर आतमज्ञान । होत न बिन उपदेश गुरु, जो षट वेद पुरान ६८ करता जीव कारण आदि प्रकृति कारण माया कर्म कहे कार्यरूप माया अर्थात् देहेन्द्रिय आदि यावत् व्यवहार हैं इत्यादिकन ते परात्पर आत्मतत्त्व को ज्ञान है काहेते आत्मतत्त्व अकर्ता आ नन्दरूप सदा एकरस है वाही के जब इच्छा भई तब कर्ता भयो सोई इच्छा आदि प्रकृति कारण मायावश है आत्मरूप भूलि बुद्धि के बशपरि जीवत्व को प्राप्त भयो अर्थात् हर्ष, विषाद, ज्ञान, ज्ञान, अहमिति अभिमानी भयो सो अभिमान सतोगुण मिलि ताते मन अरु दशेन्द्रिय भई अरु तामस अहंकार ते शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गन्ध तिनते क्रमते आकाश, वायु, अग्नि, जल, पृथ्वी भई तब कार्यरूप माया वश है शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गन्धादि की चाहते कामना बढ़ी कामना न होने से क्रोध भयो क्रोध ते. मोह अर्थात् हानिलाभ की सुधि न रही तव बुद्धिभ्रम भयो तब गुरु शास्त्रादि उपदेश भूलेते जीव जड़ है गयो ( पुनः ) जो आत्मतत्त्व को ज्ञान च ताहेतु चारिङ वेद छहो शास्त्र अठारहो पुराएँ सब पढ़ते आत्मज्ञान न होइगो बिना सद्गुरु के कृपा उपदेश दीन्हे जब सद्गुरु कृपा करि उपदेश करि मार्गलखावें तापर चारूढ़ होइ तब आत्मतत्त्व को ज्ञान होई ॥ ६८ ॥
तुलसीसतसई ! दोहा । प्रथम ज्ञान समुझे नहीं, विधिनिषेध व्यवहार । उचितानुचित हेरि घरि, करतब करे सँभार ६६ कारज जो स्थूलशरीर व्यवहार इन्द्रियसुख विषय कामादिकन में आसक देहाभिमान ताते पर कारण शरीर आदि प्रकृति का र माया जो आत्मदृष्टि भुलाय जीव बनायो ताते पर करता जीव जो आत्मदृष्टि त्यागि अकर्ता ते करता है प्रकृति में लीन होने की इच्छा करी अर्थात् सूक्ष्मरूप ताते पर आत्मज्ञान है तहां जबलग स्थूल शरीर को अभिमानी जबलग कारण शरीर में आसक्त जबले सूक्ष्म शरीर में बासना बनी तबलग ज्ञान कहा है ताते कहत कि प्रथमही ज्ञानको न समुझे कि इन्द्रिय तो विषयमें आसक्त मनकामादिकन में धावत मुखते ज्ञान कथनीकरै ( यथा )
अहं द्वितीयं नास्ति " इत्यादि फाल्गुन के बालकन सम वृथा न बकै (यथा ) (शङ्कराचार्येणोक्क) "वाक्योचार्यसमुत्साहा तत्कर्म कर्तुमक्षमाः । कलौ वेदान्तिनो भान्ति फाल्गुने बालका इव" ॥ ताते प्रथम विधि निषेध व्यवहारमय कर्म करै तहां विधि कहे जो कर्म करिवेको उचित है निषेध कहे जो कर्म करिबे को अनुचित है ते उचित अरु अनुचित हेरि कहे विचार दृष्टिते देखि लेवे कि ये कर्म करिबे योग्य हैं अरु ये कर्म त्यागिने योग्य हैं ऐसा बिचारि दृढकरि हृदय में धरिलेइ तंत्र मनते सँभारिकै करतब जो कर्म तिनको करै ( यथा ) ( सिद्धान्ततत्त्वदीपिकायाम् ) " कर्म सुबेद विहितनिष्काम । भगवत् हित करिये बसुयाम ।। ते गनि तीरथ गमन स्नान । सत्य शौच जप दान विधान ।। स्वाध्यायरुशमदमतपत्याग । शीलस्वधर्मयोग बतयाग ।। देहा |
स्वर्गीय पंडित मालनलाल चतुर्वेदी के पत्र
भी कम न दी। आप बाहर भीतर एक से हैं, और घर के अमीर भी नही। कुटुम्बियों ने खास कर पत्नी ने और बच्चों ने (यदि हों) यह कठिन संकल्प जिसे वे समझ भी नहीं सकते माना होगा, ऐसी मेरी धारणा नही। मेरी प्रार्थना है आर्थिक प्रश्न को किसी स्वरूप में सुलझाइयेगा।
कुटुम्ब को निराधार छोड़ जाना मैं पाप समझता हूँ और जगत की छाती पर एक निन्दनीय उदाहरण भी। मैं कर्मक्षेत्र मे आपका पूजक हूँ पर इस मग विरोध के लिए यदि हो तो क्षमा किया जाऊँ ।
आपका अपना-- मा० ला० चतुर्वेदी
'प्रमा' आफिस
कानपुर, ३८ नवम्बर १९२२
चतुर्वेदीजी महाराज, सप्रेम प्रणाम !
आपका कृपा कार्ड बहुत दिन हुए मुझे मिल गया था। एक दुनियावी प्राणी होने से, मैं अपने मन को इतना केन्द्रित न कर पाया कि आपके उस पवित्र भावो वाले कृपा कार्ड का उत्तर दे पाता। कार्ड मेरे लिये कृपा का भारी बोझा लाया था, काहिल को बिना परिश्रम मिलने वाली जायदाद के समान, मैंने उसे पाया, अति प्रसन्न हुआ किन्तु संकोच भी कम न था। आप मुझे सहस्रो मील उस पार बैठकर देख रहे हैं और अपनी उस समय की भावनाओं को आप ताजा बनाये हुए हैं, जब इन लकीरो का लेखक राजनीति वर्तमान राजनीति, और उसकी उथल-पुथल की कालिमाओं के प्रवाह के तट पर खड़ा आदर्श और उद्देश्य की मीठी बाते किया करता था। उस समय उसे पता न था कि इस प्रवाह में पड़ने पर उस पर कौनसा रंग चढ़ेगा। अपने हृदय की सज्जित आत्मशक्ति को टटोलने पर, उसे पता चला कि (वह) इतनी नहीं है जो प्रवाह की कालिमा में उज्ज्वलता ला सके। इसके सिवा प्रलोभन आसपास थे और उन पर ललचानेवाली भावना मेरे बिना जाने हृदय मे पैदा हो चुकी थी । तब हृदय के खाद्य के दो हिस्सेदार हो गए। वह आत्मशक्ति और यह मोहमाया । परिणाम वही हुआ जो होना था। आत्मशक्ति खाद्य के अभाव में मुरझाने लगी। बस इसी अवस्था में आपका कृपा कार्ड पहुँचा, जिसमे आशीर्वाद की मांग थी । यदि आपके चरणों मे अत्यन्त निकट मे अपना हृदय पचाने में समर्थ हो सकूं, तो कदाचित् मेरे, जीवन भावो के दीवाल खोरेपन को आप जान पायें और उस समय कदाचित जो वस्तु आप मुझसे चाहते हैं वह मुझे (ही) दान करने लगें । मेरी पुण्यभूमि मे पाषाण पूजे जाते हैं, 'न बुद्धिभेदं जनयेदज्ञानाकर्म सगिनाम्' वाली भगवान की बात तो मैं भी मानता आया हूँ किन्तु इस दिशा मे आपका अपराध क्षमा करने की न तो मुझे लगन है, न क्षमा करने को जी ही चाहता है। अस्तु, मैं तो आपके चरणों के निकट उपस्थित हूँ, उसे आप आशीर्वाद, वरदान या आप कुछ भी समझ लीजिये। किन्तु यंत्र-भाद्रपद, शक १८९२ ]
आप मुझे इस राजनीति के पाप-पक से शीघ्र निकलने का यथार्थ आशीर्वाद अवश्य ( दें ) । भक्त, भूला हुआ या पापों का प्यारा कुछ भी समझ कर कृपा रखिये । 'कर्मवीर' में मतभेद हो जाने से मैं उससे जुदा हो गया। किसी अर्थ साधने के लिये ही नही आया हूँ । जो कुछ प्रयत्न का परिणाम होगा सेवा मे निवेदन करूँगा । आशा है आप और प्रिय हरिभाऊजी दोनो प्रसन्न होंगे।
आपका --माखनलाल
श्रीमान् साधुवर चतुर्वेदी जी, प्रणाम ।
आपको मैंने पत्रों के जवाब नहीं दिये यह मेरा अपराध है। मैंने जानबूझ कर ही यह अपराध किया है। बात यह है कि मैं आपसे डरने लगा हूँ। आप एक देहाती तलैया मे स्नान करने में अधिकाधिक उत्सुक होते जाते हैं। मैं यह नहीं सोचता कि स्नान का नाम लेकर आप उस तलैया का मजाक उडाना चाहते हैं, यद्यपि यदि आप ऐसा करते तो अनुचित न था किन्तु यह मैं जानता हूँ कि आप सच्चे भाव ही से भैंसो के लौटने और जलकीटो के उत्पन्न करने वाली देहाती तलाई मे डुबकी लगावेगे । मेरा ऐसा विश्वास है कि आपको अपनी कृति पर कुछ समय पश्चात् पछताना हो (गा ) इसीलिये मैं उसके डुबकी लगाने के मन और प्रयत्न से डर रहा हूँ । मेरा मन मुझसे कहता है कि मेरी ये पक्तियाँ दम्भ से खाली नही हैं किन्तु मुझे अपने हृदय भाव आप पर प्रगट करने के लिये इन शब्दो के सिवा दूसरे पाखण्ड-रहित शब्द ही नहीं मिले। जो कोठे मे हो सो दुकान पर आवे । मेरा जी आपके प्रयत्नो और साजिशो के बदले उमड़ता है। कभी-कभी मैं इतना बडा आदमी बन जाता हूँ कि उस समय मुझे कुछ नहीं सूझता । आप कदाचित् इस पर विश्वास करे न करे परन्तु मेरे देवता, मेरे पतन के द्वार की कुजी मुझ से क्यो र्मागते हो ? मैंने ससर्ग मे जाकर देखा है, ऐसे लोगो के ससर्ग मे जाकर देखा है जिन्हें मैं पूजने की चीज समझता हूँ पर मेरे छिद्र बढ़े ही । फूटा बर्तन था, चाहे जैसे मीठे कुएँ मे जाता आखिर खाली तो लौटना ही था । आप कुछ नए छेद पाड़ कर, इस गये गुजरे 'टीन पाट' की सुन्दरता बढाना चाहते हैं। मैं तो समय रहते आपसे 'सावधान' ही कहना चाहता हूँ ।
आपने किलीमजारो की महान् वस्तु न जाने कहाँ फेंक दी है। वह मूठ का हीरा हो, पर वह रहेगी सदैव मेरे पास तबतक जब तक मैं स्थायी, और पराधीन जीवन में उसे सम्हाल कर रख सकूँ । आप जानते हैं मेरी पत्नी नही है और जेल मे जाने पर बहुमूल्य वस्तुएँ भी छोडकर [भाग ५६, संख्या २, ३
ही जाना होता है। मैं जीवन के इतने वर्षों के पश्चात् भी अभी तक कोई अपना ऐसा मित्र नहीं बना पाया, जिसके निकट मैं माता के समान खुला हुआ, पिता के समान विश्वस्त भाव पूर्ण और पत्नी के समान जिसके सर्वथा हाथों में अपने आपको सौंप सकूँ। ऐसी अवस्था मे किलीमजारो जैसी आपके जीवन की एकमात्र घरोहर का भी मैं अधिकारी हूँ या नही स्वयं सोच लीजिये ।
यह चिट्ठी लेख बनी जा रही अतः बस यही खतम करता हूँ। मैं आपसे एक ही बात चाहता हूँ और यदि आप उत्तर 'हाँ' मे दे तो उस वस्तु का नाम एक पोस्ट कार्ड ही में लिख कर भिजवा दूंगा । वह मेरा डर दूर कर देगी और मुझे आपके पास पहुँचने में आकर्षण पैदा कर देगी।
मैं यह पत्र केवल आपको लिख रहा हूँ । आशा है लडकपन के इन विचारों से आप नाराज न होगे ।
-माखनलाल चतुर्वेदी
आपकाकर्मवीर कार्यालय खडवा, १३-१२-२६
प्यारे चतुर्वेदीजी,
आपके आविष्कार मे सच्चाई है, कहिये तो आपको जगदीशचन्द्र बोस कह दूं? मैं चुनाई की हलचल मे इतना फँस गया कि पत्रों के उत्तर तक न दे सका । यों सुस्त तो सदा का हूँ । एक पत्र तो ऐसा आया था जिससे मैं नाराज हो उठा था, वह था क्षणिक आय वाला । श्री स्वर्गीय राजा लक्ष्मणसिंह जी की जयन्ती मनाने के समय के पत्रों को भी मैंने देर से उलटापलटा, इसी से विलम्ब हुआ ।
मेरी भी इच्छा कुछ दिनों काम छोड भागने की हो रही है । से सुख मिलेगा। श्रीकृष्णदत्त जी के साथ मी रहने को ( मिलेगा ) पाने योग्य नहीं ।
गरीब जीवन की तपस्या की समाराधना मे आपको रत देखकर चित्त और भी आपके पास रहने को चाहता है। क्या आपकी 'जर्नलिज्म' वाली सेवा मे, मैं भी कुछ सेवकाई कर सकता हूँ ?
यह अत्यन्त उचित है कि आप भी नरदेव जी शास्त्री का बोझ अपने कंधो पर लेकर सम्पादक के लिये उद्योग करें ?
मेरी तुकबन्दियाँ आपकी सेवा मे उपस्थित कर दूंगा । यदि न करूंगा तो, आप, आप अपनी तुलना किसी वणिक से करने लगेंगे। जेल का संग्रह तो मेरे पास है, परन्तु उसमें से चैत्र-भाद्रपद, शक १८९२]
आपके साथ समय बिताने परन्तु मेरे भाग्य अवकाश
बहुत कुछ छप चुकीं, प्रताप (विशेषाकों समेत) विद्यार्थी ( प्रारम्भिक दो, तीन वर्ष), प्रभा, कर्मवीर पुराना : कर्मवीर नया, म घुरी, मनोरमा आदि मे ।
सब कूड़ाकरकट मिल जायगा। पुराने चित्रमयजगत्, स्वदेश, राजस्थान केसरी और न जाने कहाँ-कहाँ सारी मनहूसी बिखरी पड़ी होगी । दिनोदिन यह खोज की हो रही है, ऐसी अवस्था में मैं स्वय क्या भिजवाऊँ, आज्ञा का कैसे पालन करूं, बताइये ? कभी-कभी सुधि लेते रहिये ।
कर्मवीर कार्यालय खडवा, २५-१-३०
प्रिय चतुर्वेदीजी, सादर प्रणाम ।
कृपा पत्र मिल गया था। गत महीनों से मेरा स्वास्थ्य इतना खराब है कि संभलकर मैं कुछ भी नही कर पाता, अस्तु, विशालभारत के लिये मैं लिखता न होऊं, सो बात नहीं। मैं तो यह भी चाहता हूँ कि यदि आप एक दो दिन के लिये जंगलो मे मेरे गाँव पर पधारें तो विशालभारत, तुकबन्दियाँ आदि समस्त विषयों की चर्चा हो । भाई, मुझे नही मालूम आपने कैसे समझ लिया है कि मैं तुकबन्दियो के संग्रह का अधिकार चि० शंकरराव सप्रे को देना चाहता हूँ । मैंने तो ऐसा कमी नहीं लिखा । भविष्य में भी आप ऐसी कल्पना अपने मन मे न होने दें। मैं तो उन तुकबन्दियो को आपको दे दूंगा। आप चाहे रामानन्द बाबू से चर्चा करें या किसी से । विशालभारत के विषय मे, यह सच है कि तुकबन्दी लिखने में मैं घबडा गया। मैं भी कला की सरलता का कायल हूं, किन्तु में जंसी तुकबन्दियाँ लिखता हूँ वे सचमुच मिडिल स्कूल के बच्चो की समझ में नहीं आ सकती। तब मैं तुकबन्दी भेजकर, आपके सकोच पर अधिक बोझ लादने का साहस कैसे करता ? मैं जब यह खुद ही मानता हूँ कि मैं कविता लिखने मे श्रेष्ठ नही, तब में आलोचक. को जवाब भी क्या दूं? मेरा पागलपन तो मेरी अपनी ही वस्तु है । वे सच्चे है जो मुझसे पूछते हैं कि मैं अपनी यह सनक औरो पर क्यों लादता हूँ। किन्तु मेरे इस उन्माद को औरों पर लादते हैं मेरे ही अपने सुहृद । तब मैं क्या करूँ। मैं तो अपनी पंक्तियों को अपनी लज्जा की तरह छुपाता रहा हूँ, किन्तु अब मेरी बेशर्मी की उम्र भी २४ वर्ष की हो चुकी है, तब तो मैं घर के कोने से निकल कर हाट का दुकानदार बन गया हूँ, और बना भी दिया गया हूँ तब फिर ग्राहको की... माल न पहुंचने पर, गालियों का हकदार क्यों [भाग ५६, संख्या २, ३ |
सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस में जोरदार चुनावी टक्कर के बीच कल मतगणना (Lok Sabha Elections Results 2019) में साफ हो जायेगा कि विधानसभा चुनाव में जनता ने बदलाव के लिए मतदान किया है या फिर वह मौजूदा सरकार को दोहराना चाहती है।
सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस में जोरदार चुनावी टक्कर के बीच कल मतगणना (Lok Sabha Elections Results 2019) में साफ हो जायेगा कि विधानसभा चुनाव में जनता ने बदलाव के लिए मतदान किया है या फिर वह मौजूदा सरकार को दोहराना चाहती है। चुनाव पूर्व अधिकतर सर्वेक्षणों एवं एक्जिट पोल में विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस (वाईएसआरसी) को जबरदस्त जीत का पूर्वानुमान जताया गया है।
सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू अपनी पार्टी की जीत के प्रति '1000 प्रतिशत' विश्वास जता रहे हैं। नायडू ने हाल में कहा था कि एक्जिट पोल (Lok Sabha Elections Exit Polls 2019) गलत साबित हुए हैं और कई मौकों पर ये जमीनी हकीकत से कोसों दूर रहे हैं। निःसंदेह आंध्र प्रदेश में तेदेपा (TDP) की सरकार बनेगी।
उन्होंने आगे कहा कि हमें भरोसा है कि गैर-भाजपा पार्टियां केंद्र में गैर-भाजपा सरकार बनाएंगी। अधिकारियों के अनुसार बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा में राज्य की 25 लोकसभा सीटों और 175 विधानसभा सीटों के लिए समूचे राज्य के 36 केंद्रों में मतगणना (Lok Sabha Elections Vote Counting) होगी।
|
Don't Miss!
- Lifestyle New Year 2024: भारत में एक बार नहीं बल्कि 5 बार मनाया जाता है नया साल! जानिए कैसे?
भारतः अली अब्बास जफर ने शूटिंग रोकने का कर दिया ऐलान, सलमान खान की वजह से..
अली अब्बास जफर निर्देशित फिल्म भारत इस समय काफी ज्यादा चर्चा में चल रही है। सलमान खान और कैटरीना कैफ के अलावा फिल्म दिशा पटानी भी लीड रोल में नजर आने वाली है। अब इस फिल्म को लेकर अली अब्बास जफर ने एक ट्वीट करते हुए बताया है कि इसकी शूटिंग 2018 में नहीं हो पाएगी। दरअसल इस महीने सलमान खान का जन्मदिन है। इसलिए उन्होने फिल्म की आखिरी शेड्यूल की शूटिंग जनवरी में पूरा करने का फैसला किया है।
उन्होने लिखा है कि भाई के बर्थडे वाले महीने कौन काम करता है पर हम एडिटिंग में लगे हुए हैं। फिल्म से इनके अलावा इस फिल्म से जैकी श्रॉफ और सुनील ग्रोवर का नाम भी जुड़ चुका है।
फिल्म को सलमान खान के लकी निर्देशक अली अब्बास जफर निर्देशित कर रहें हैं। इसके पहले सलमान खान के साथ अली अब्बास जफर टाईगर जिंदा है में नजर आए थे और फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। ये फिल्म 2019 के ईद में रिलीज होने वाली है और सलमान के फैंस को इससे काफी उम्मीदें हैं।
|
१३ या १४ की बात है, मै उन दिनो अपनी ननिहाल (कोसीकलाँ, मथुरा) की जैन पाठशालामे पढा करता था। बालबोध तीसरा भाग घोटकर पी लिया गया था और महाजनी हिसाबमे कमाल हासिल करनेका असफल प्रयत्न जारी था। तभी एक रोज एक गेरुआ वस्त्रघारी - हाथमे कमण्डलु और बगलमे चटाई दबाये कसबेके १०-५ प्रमुख सज्जनोके साथ पाठशालामें पधारे । चाँद घुटी हुई, चोटीके स्थानपर यूंही १०-५ रत्तीभर बाल, नाकपर चश्मा, सुडौल और गौरवर्ण शरीर, तेजसे दीप्त मुखाकृति देख हम सब सहम गये । यद्यपि हाथमे उनके प्रमाण-पत्र नही था, फिर भी न जाने कैसे हमने यह भाँप लिया कि ये कोरे वाबाजी नही, बल्कि बाबू बाबाजी है। साधु तो रोजाना ही देखनेमे आते थे, बल्कि आगे बैठने के लालचमे हम खुद कई बार रामलीलाओमे साधु बन चुके थे, परन्तु किताबी पाठके सिवा सचमुचके जीते जागते साधु भी जैनियोमे होते है, इस विलुप्त पुरातत्त्वका साक्षात्कार अनायास उसी रोज हुआ । मै आज यह स्मरण करके कल्पनातीत आनन्द अनुभव कर रहा हूँ कि वचपनमे मैने जिस महात्माके प्रथमवार दर्शन किये, वे इस युगके समन्तभद्र ब्र० सीतलप्रसादजी थे ।
विद्यार्थियोकी परीक्षा ली । देव-दर्शन और रात्रि भोजन त्यागका महत्त्व भी समझाया । दो-एक रोज रहे और चले गये, मगर अपनी एक अमिट छाप मार गये । जीवनमे अनेक त्यागी और साघु फिर देखनेको. मिले, मगर वह बात देखनेमे न आई ।
" तुलसी कारी कामरो, चढौ न दूजौ रंग।" |
Quick links:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोरोना वायरस आज भी देश में मौजूद है और इसके स्वरूप बदलने की संभावना बनी हुई है इसलिए सभी सावधानियां बरतने के साथ ही भावी चुनौतियों से निपटने के लिए देश की तैयारियों को ज्यादा मजबूत करना होगा।
हर देशवासी को मुफ्त टीका लगाने की केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से मास्क पहनने और उचित दूरी का पालन करने सहित बचाव के सभी उपायों का पालन करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे के योद्धाओं के लिए विशेष रूप से तैयार एक क्रैश कोर्स की शुरुआत करने के बाद अपने संबोधन में यह बातें कहीं।
किसी विषय विशेष की जानकारी देने और कौशल विकसित करने के मकसद से अल्प अवधि के लिए चलाये जाने वाले कार्यक्रम को क्रैश कोर्स कहते हैं।
इस कार्यक्रम की शुरुआत 26 राज्यों में फैले 111 प्रशिक्षण केन्द्रों में की गई है।
इस अवसर पर केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, आर के सिंह, नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे और जाने माने चिकित्सक नरेश त्रेहन उपस्थित थे।
(इनपुट- भाषा से भी)
|
विम्व विहान हिँ पस्यो गगन सुरसरि की धारा । मारुतसुत के मासत्रास पावत नहिँ पारा ॥ सुकवि सरम साँ सीतल है जनु गयो तेज जस । अधर विम्वसरवरिक के पाप पखारत सो लस ॥ ५६६ ॥
लसै मुंरासा + तियस्रवन यो मुकुतनि दुति पाइ । मानो परस कपोल के रहे सेदकन छाइ ॥ ४८० ॥
रहे सेदकन छाइ किधौँ तारन गर्न आयो । किधों सत्वगुन उमगि बाँधि मण्डल छवि छायो ॥ रसिकन के मन बँधे कि आसा के पासा । भूलि रहे हैं किधाँ सुकवि धोँ लसे मुरासा ॥ ५७० ॥
सालति है नटसाल सी क्यों हूँ निकसति नाहिँ । मनमथनेजानोंक सी ख़ुभी खुभी मन माहिं ॥ ४८१ ॥ भी खुभी मन माहिँ खत्र खूची तरसावति । ऊबी डूबी सुमति अजूवी है घबरावति ॥ धीरजज्ञानविवेक आदि छन हीं गहि घालति । सुकवि न कळू उपाय सामनो परते सालति ॥ ५७१ ॥
भी खुभी मन माँहि करेजे घाव बढ़ायो । दरद हीय में कियो नैन सों नीर बहायो ॥ घबरायो सब चैद की कळू न चालति । सुकवि दूर करि जुलुमभरी जादू के सालति ॥ ५७२ ॥
झीने पट में झुलमुली झलकति ओप अपार । सुरतरु की मनु सिन्धु में लसति सपल्लव डार ॥ ४८२ ॥
क्षसति सपल्लव डार लहर सौ प्रति लहराई । ऊपर पूरनचन्द्रविम्व क्षीने • बराबरी । † मुरामा तरको ( सलान ) 1 - |
वर्ष 2021 का पहला चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse) 26 मई बुधवार को होगा। यह विशेष खगोलीय ग्रहण होगा क्योंकि एक ही बार में सुपरमून(Supermoon),चंद्र ग्रहण (Lunar eclipse )और ब्लड मून (Blood Moon) 2021 होगा। पृथ्वी का चक्कर काटते समय जब ऐसी स्थिति बनती है चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। इस दौरान कक्षा में करीबी बिंदु से इसकी दूरी करीब 28,000 मील रहती है। इसी खगोलीय घटना को सुपरमून कहा जाता है। इसमें सुपर का अर्थ चंद्रमा के निकट आ जाने से है। चंद्रमा आकार में बड़ा और चमकीला दिखता है। सुपरमून और सामान्य चंद्रमा के बीच कोई अंतर निकालना कठिन है जब तक कि दोनों स्थिति की तस्वीरों को किनारे से ना देखा जाये।
चंद्र ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में पूरी तरह या आंशिक रूप से छिप जाता है। यह खगोलीय घटना पूर्णिमा के दौरान होती है। इसलिए पहले पूर्णिमा के चंद्रमा के महत्व को जानना होगा। पृथ्वी की तरह ही चंद्रमा का आधा हिस्सा सूरज की रोशनी में प्रकाशित रहता है। पूर्ण चंद्र की स्थिति तब बनती है जब चंद्रमा और सूरज पृथ्वी के विपरीत दिशा में होते हैं। इससे रात में चंद्रमा तश्तरी की तरह नजर आता है। प्रत्येक चंद्र कक्षा में दो बार चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य दोनों के समान क्षैतिज तल पर होता है। अगर यह पूर्ण चंद्रमा से मेल खाती है तो सूरज, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आते हैं और चंद्रमा पृथ्वी की छाया से होकर गुजरेगा। इससे पूर्ण चंद्र ग्रहण होता है।
चंद्रमा के, छाया से गुजरने के दौरान चंद्र ग्रहण पृथ्वी के रात वाले हिस्से से दिखेगा। इस तरह 26 मई को ग्रहण देखने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान प्रशांत महासागर के मध्य, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के पूर्वी तट और अमेरिका के पश्चिमी तट में होंगे। अमेरिका के पूर्वी हिस्से से भी यह दिखेगा लेकिन आरंभिक चरण का ही चंद्र ग्रहण नजर आएगा। भारत में नॉर्थ ईस्ट, पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों और ओडिशा के तटीय इलाकों और अंडमान और निकोबार द्वीप से यह कुछ समय के लिये ही नजर आएगा। आईएमडी ने कहा है कि भारत में पूर्वोत्तर के हिस्सों (सिक्किम को छोड़कर), पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ तटीय इलाकों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में चंद्रोदय के ठीक बाद ग्रहण के पार्शियल फेज का समापन कुछ देर के लिये नजर आएगा। ग्रहण का पार्शियल फेज दोपहर सवा 3 बजे शुरू होगा और शाम 6 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा। पूर्ण चरण शाम 4 बजकर 39 मिनट पर शुरू होकर जो शाम 4. 58 मिनट पर खत्म होगा। पोर्ट ब्लेयर से चंद्रग्रहण शाम 5 बजकर 38 मिनट से 45 मिनट तक के लिये देखा जा सकता है जो भारत में ग्रहण का सबसे अधिक समय होगा। भारत में अगला चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को दिखेगा।
|
यहाँ पर "आवेग " नामक भाव की अभिव्यक्ति हो रही है ।
भावशान्तिअष्टमाडु. में चैतन्य महाप्रभु के ब्रहमानन्द भारती के समीप चले जाने पर पुनः उनके शीघ्रागमन पर सन्देह उत्पन्न होने पर गोपीनाथ आचार्य का कथन है"गोपीनाथाचार्यः सम्पति द्वराज्यादिकमपि नास्ति । पन्थाश्च सुगमः । गुण्डियायात्रा च नेदीयसी । दागमनसामग्री सर्वेवास्ति । किं स्वामिना प्रत्यागमनवार्ता तावद्द्दूरगामिनी चेदवति । अथवा कृत संदेहेन ।" पृ. - 274.
यहाँ पर "अथवा कृतं संदेहेन" से गहुा भाव की शान्ति दिखायो गयी है ।
विषय में चित्रित विराग का कथन हैद्वितीयाडू. के प्रारम्भ में कलि से प्रभावित युग को देखकर अपने बान्धवों के
ठे कर्मणि केवलं कृतधियः सूत्रकचिह्ना द्विजाः
संज्ञामात्र विशेषिता भुजभुवो वैश्यास्तु कौद्धा द्रव । शूद्राः पण्डितमानिनो गरुतया धर्मोपदेशोत्सुका :
वर्णानां गतिरीहगेव कलिना हा हन्त संपादिता ।। 2/2.
यहाँ "ग्लानि" तथा "दैन्य" नामक भाव अभिव्यक्त हो रहे हैं ।
आवेगो नाम- उत्पातवातवर्षाग्निकुञ्जरो दक्षमणप्रिया प्रियश्रवणव्यसनाभिघातादिभिर्विभावः समुत्पद्यते । नाट्य शास्त्र- पृ॰ - 408. |
Nitin Gadkari: जर्मनी की लग्जरी कार मेकर मर्सिडीज बेंज (Mercedes-Benz) ने हाल ही में अपनी नई इलेक्ट्रिक कार Mercedes-Benz EQS 580 4Matic लॉन्च की है. यह देश की सबसे ज्यादा रेंज देने वाली इलेक्ट्रिक कार है. यह फुल चार्ज में 850KM से भी ज्यादा चल सकती है. इसके अलावा यह पहली मेड इन इंडिया लग्जरी इलेक्ट्रिक कार भी है, जिसे पुणे के चाकन स्थित प्लांट में बनाया जाएगा. इस गाड़ी की लॉन्चिंग पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे. इस गडकरी ने मर्सिडीज-बेंज को स्थानीय रूप से ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां बनाने की सलाह दी.
उन्होंन कहा कि घरेलू स्तर पर अधिक वाहन बनाएं, क्योंकि ऐसा करने से लागत कम होगी और दाम भी घटेंगे. मंत्री ने कहा, "आप प्रोडक्शन बढ़ाएं, तभी लागत कम करना संभव है. हम मिडिल क्लास लोग हैं, यहां तक कि मैं भी आपकी कार नहीं खरीद सकता." बता दें कि मर्सिडीज की नई नवेली इलेक्ट्रिक कार की कीमत 1.55 करोड़ रुपये है. मर्सिडीज ने भारत में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार EQC इलेक्ट्रिक एसयूवी के रूप में लॉन्च की थी. अक्टूबर 2020 में लॉन्च हुई इस गाड़ी की कीमत 1.07 करोड़ रुपये थी. क्या है Mercedes-Benz EQS 580 की खासियतगाड़ी में आपको 107.8 kWh का बड़ा बैटरी पैक दिया गया है, जो 516bhp की पावर और 885 एनएम का टार्क जेनरेट करता है. इन पावर स्टैटिस्टिक्स के चलते कार की टॉप स्पीड 210kmph तक पहुंच जाती है. कार स्टैंडर्ड तौर पर 11 kW चार्जर के साथ आती है जबकि 22 kW का चार्जर ऑप्शनल है. खास बात है कि 200 kW अल्ट्रा-क्विक DC चार्जर के जरिए यह गाड़ी सिर्फ 15 मिनट चार्ज होकर 300 KM की रेंज ऑफर करेगी.
|
weather update (Photo Credit: @ani)
नई दिल्लीः
दिल्ली-एनसीआर का मौसम ठंड के साथ घने कोहरे की मार झेल रहा है. यहां पर स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है. ऐसा अनुमान है कि जनवरी माह में इतनी लंबी शीतलहर 10 साल में पहले की कभी नहीं पड़ी. मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में न्यूनतम तापमान आठ डिग्री सेल्सियस पाया गया. यहां पर कुछ जगहों पर शीतलहर देखी गई. भारत मौसम विभाग के अनुसार, अगले 24 घंटे थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. मगर 14 से 15 जनवरी तक शीतलहर की दोबारा वापसी हो सकती है. बुधवार को राहत मिलने की उम्मीद है. इस बीच ऐसी सूचना है कि दिल्ली समेत पंजाब, हरियाणा, उत्तर राजस्थान में बादल छाए रह सकते हैं. 14 जनवरी को कोहरे के साथ शीतलहर वापसी कर सकती है.
दिल्ली में कोहरे के कारण ट्रेनों के साथ उड़ानों पर भी असर पड़ रहा है. दिल्ली-काठमांडू, दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-शिमला, दिल्ली-देहरादून, दिल्ली-चंडीगढ़-कुल्लू की उड़ाने लेट हैं. कई ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा है. उत्तर रेलवे की 36 ट्रेनें लेट हैं.
उत्तर रेलवे की 36 ट्रेनें कोहरे की वजह से लेट हैं. इनमें दरभंगा-नई दिल्ली क्लोन स्पेशल,मालदा टाउन-दिल्ली एक्सप्रेस, प्रयागराज-नई दिल्ली एक्सप्रेस, बठिंडा-गोरखपुर गोरखधाम एक्सप्रेस, पद्मावत एक्सप्रेस, लखनऊ-नई दिल्ली मेल के नाम शामिल हैं.
राजधानी में शीतलहर का प्रकोप जारी है. 2021 में जनवरी में पूरे माह लगातार शीतलहर नहीं रही. इस साल पूरे माह 4 डिग्री से नीचे तापमान नहीं गया. इस साल मात्र छह दिन शीतलहर थी, मगर यह लगातार नहीं था. इस वर्ष एक जनवरी के बाद 12 से 13 जनवरी और फिर 26 जनवरी, 28 जनवरी और 31 जनवरी को शीतलहर चली थी.
इसके पहले 2013 में शीतलहर का असर छह दिनों तक रहा था. मगर यह भी लगातार नहीं था.
मंगलवार यानि आज सुबह के वक्त घना कोहरा छाया रहा. कुछ इलाकों में शीतलहर की स्थिति थी. यहां पर न्यूनतम तापमान 8 डिग्री तक रहा. बताया जा रहा है कि 11 से 13 जनवरी तक सर्दी में राहत होने की उम्मीद है. इसके बाद 14 जनवरी को दोबारा शीतलहर की वापसी होगी. तापमान में गिरावट आएगी. 15 जनवरी को न्यूनतम तापमान 4 और अधिकतम तापमान 16 डिग्री तक होने की उम्मीद है.
|
ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि कानून में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में जो प्रोविजन है उसके मुताबिक होल्डिंग कंपनी ऑटोनोमस बॉडी है। ये अपना प्रस्ताव सरकार को देने के बजाय राज्य की रेगुलेटरी कमीशन को देती है। रेगुलेटरी कमीशन पब्लिक से भी हेयरिंग करता है। उसी हेयरिंग के बाद वह रेट फाइनल करता है। यह दोनों स्वतंत्र बॉडी है जो समीक्षा करने के बाद बिजली की दरों पर अनुशंसा करते हैं। इसलिए रेट हर साल कुछ ना कुछ तो बढ़ाना ही होगा।
उन्होंने कहा कि बिजली का दर बढ़ रहा है तो राज्य सरकार कितना घाटा उठाएगी। ऊर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि फिलहाल बताना मुश्किल है कि बिजली का रेट कितना बढ़ेगा, लेकिन अनुमान है कि करीब 10 फीसदी की बढ़ोत्तरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि बिजली रेट बढ़ाने को लेकर अभी अनुशंसा नहीं की गई है।
बता दें कि फिलहाल बिहार में बिजली के रेट कई राज्यों से ज्यादा हैं। बिहार में अभी शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को 100 यूनिट तक 6. 10 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होता है। हालांकि इस पर बिहार सरकार 1. 83 रुपये का अनुदान भी देती है। वहीं 101 से 200 यूनिट तक 6. 95 रुपयेऔर 200 यूनिट से ऊपर 8. 05 रुपये प्रति यूनिट का रेट तय है। वहीं गांव में में बिजली यूज करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट तक 6. 10 रुपये, 51 से 100 यूनिट तक 6. 40 रुपये और 100 यूनिट से ज्यादा होने पर 6. 70 रुपये वसूले जातेहैं। हालांकि, इस पर करीब साढ़े तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से अनुदान मिलता है।
|
Subsets and Splits
No community queries yet
The top public SQL queries from the community will appear here once available.