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भगवा पार्टी के मुताबिक, कर्नाटक में मिली हार के पीछे चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस द्वारा दी गई गारंटी, मुस्लिमों का एकजुट होकर वोट करना और नेताओं के बीच समनव्य के अभाव में चुनाव में निराशा हाथ लगी।
भारतीय जनता पार्टी ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव में मिली हार पर समीक्षा बैठक की है। इसमें तीन प्रमुख कारणों को सुचिबद्ध किया गया है। भगवा पार्टी के मुताबिक, कर्नाटक में मिली हार के पीछे चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस द्वारा दी गई गारंटी, मुस्लिमों का एकजुट होकर वोट करना और नेताओं के बीच समनव्य के अभाव में चुनाव में निराशा हाथ लगी।
बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने कर्नाटक में चुनाव की जिम्मेदारी संभाल रहे कई नेताओं से इस मुद्दे पर बैठक की और यह निष्कर्ष निकाला है। बीजेपी के एक नेता का कहना है, 'कर्नाटक की लगभग हर घर तक कांग्रेस का गारंटी कार्ड पहुंचाया गया। उनमें से अधिकांश वादे महिलओं के लिए थे। ' उनका यह भी कहना है कि भाजपा ने भी लगभग यही वादे किए थे, लेकिन इसमें काफी देरी हो गई।
बीजेपी की समीक्षा बैठक में जो सबसे बड़ी बात सामने निकलकर आई है वह यह है कि पार्टी के नेताओं के बीच आपसी तालमेल का अभाव। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही बड़े मंचों पर लिंगायत समुदाय से आने वाले कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्पा को प्रमुखता दे रहे थे, लेकिन प्रदेश स्तर पर ऐसे तालमेल का अभाव दिखा। मुख्यमंत्री रहे बसवराज बोम्मई और बीएस येदियुरप्पा की आपस में नहीं बनी। आपको बता दें कि भाजपा ने येदियुरप्पा को हटाकर बोम्मई को कर्नाटक का मुख्यमंत्री बनाया था।
आपको बता दें कि कर्नाटक में मुस्लिम बाहुल्य कुल 56 सीटें हैं। 2018 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में इनमें से 42 सीटें भाजपा जीती थीं। यहां हिंदुओं का ध्रुवीकरण हुआ था। इस चुनाव में स्थिति पलटी। बीजेपी यह मानकर चल रही है कि मुसलमानों ने एकजुट होकर वोटिंग की है। कांग्रेस की झोली में इन 56 में से 55 सीटें मिलीं। बीजेपी को सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा। मुस्लिम वोटों पर गौर करें तो कांग्रेस को 78 फीसदी, जेडीएस को 12 प्रतिशत और बीजेपी को 5 फीसदी वोट मिले हैं। कांग्रेस ने 15 मुस्लिम उम्मीदवार खड़े किए थे। इनमें से 9 विधायक बनने में सफल रहे हैं।
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Aaj Ka Rashifal 24 June 2023: आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और शनिवार का दिन है। आज पूरा दिन, पूरी रात पार कर के कल सुबह 5 बजकर 26 मिनट तक सिद्धि योग रहेगा। साथ ही आज पूरा दिन, पूरी रात पार कर कल सुबह 10 बजकर 11 मिनट तक पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र रहेगा। आज स्कन्द षष्ठी व्रत है। आज दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर बुध मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। आचार्य इंदु प्रकाश से जानिए कैसा रहेगा आपके लिए 24 जून का दिन और किन उपायों से आप ये दिन बेहतर बना सकते हैं। साथ ही जानते हैं आपके लिए लकी नंबर और लकी रंग कौन सा होगा।
आज आपका दिन शुभ रहेगा। भाग्य आपका साथ देगा। आपको आपके परिश्रम का उचित फल मिलेगा। जीवनसाथी के साथ किसी यात्रा पर जाने की योजना बनाना आपके रिश्ते के लिए मददगार साबित होगा। अपने परिवार पर पैसा खर्च करने से आपको खुशी मिलेगी। कार्यक्षेत्र में आपके लिए काम की संभावनाएं बेहतर होंगी। काम से जुड़े लक्ष्य प्राप्त करना आसान होगा। नौकरी में वेतन वृद्धि की उम्मीद है। अविवाहित लोगों के लिए विवाह की संभावनाएं बन रही है। इस दौरान आप बिना सोचे समझे कहीं निवेश करने से बचें। कार्यस्थल पर सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाएं।
आज आपका दिन बेहतर रहेगा। व्यापारिक दृष्टि से आज का दिन लाभप्रद रहेगा। आप अपनी सूझबूझ से अपने व्यापार को आगे बढ़ाएंगे। अचानक काम से संबंधित यात्राएं हो सकती हैं। जिससे आपको लाभ मिलेगा। आप अपने प्रोफेशनल लाइफ को व्यक्तिगत जीवन पर हावी नहीं होने देंगे। अपने निजी रिश्ते पर ध्यान देंगे। आपकी रचनात्मक प्रवृत्ति आपके लिए मददगार साबित होगी। आपको अतिरिक्त आय के स्रोत मिलेंगे। आप ऑनलाइन की दुनिया में नए दोस्त और संपर्क बनाने में सफल रहेंगे। इस दौरान आप किसी भी बड़े खर्चे से बचें।
आज आपका दिन खुशहाल रहेगा। आप अपने रिश्ते को बेहतरीन तरीके से संभालने की कोशिश करेंगे। जीवनसाथी के साथ सामंजस्य बनाएंगे। कार्यक्षेत्र में आपको अपना कौशल दिखाने का मौका मिलेगा। अपने काम को खुशी-खुशी पूरा करेंगे। जिससे आपको नए अवसर मिलने की संभावना बढ़ेगी। यदि आप व्यवसाय करते हैं तो साझेदारी में काम करने से बचें। आपके सामाजिक जीवन में सुधार होगा। प्रियजनों एवं दोस्तों के बीच आपकी अच्छी इमेज बनेगी। पत्रकारिता अथवा विज्ञापन आदि से जुड़े कार्यों में आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। आप अपने मन को केंद्रित करने के लिए मेडिटेशन करें।
आज आपको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ अच्छा समय बिताने की कोशिश करेंगे, जो आपके लिए लाभदायक रहेगा। आप निजी व्यवसाय करते हैं तो आपको अच्छे अवसर मिलने के योग हैं। साझेदारी में किया गया व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। इस दौरान आप किसी से बातचीत करते समय भाषा का सोच समझकर प्रयोग करें आपके लिए बेहतर रहेगा। कुछ व्यावसायिक यात्राएं हो सकती हैं। जिससे आप की आमदनी की संभावनाएं बढ़ेगी। आपको अपनी संतान की ओर से कोई बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। जिससे आपको प्रसन्नता होगी।
आज आपको नए अवसर मिलेंगे। आप अपने कार्यक्षेत्र में सकारात्मक रहकर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। नौकरी में आपको कई नए अवसर प्राप्त होंगे। यदि आप नौकरी बदलना चाहते हैं तो इस दिशा में प्रयास कर सकते हैं। अच्छे परिणाम मिलेंगे। आपको नई जगह कुछ नया करने को मिलेगा। धन लाभ की संभावना बढ़ेगी। आपके वैवाहिक जीवन में अधिक प्रेम और सौभाग्य रहेगा। लेकिन आप अपने व्यवहार को सौम्य रखें, शब्दों को सोच समझकर बोलें। जल्दबाजी में कोई निर्णय ना लें।
आपके लिए आज का दिन आनंदमय रहेगा। आप अपने जीवनसाथी के साथ किसी पहाड़ी इलाकों में घूमने का प्लान बनाएंगे। आपका समय अच्छा बीतेगा। नई नौकरी में आपको बेहतरीन परिणाम देखने को मिलेंगे। इस दौरान आप अपने डर पर नियंत्रण रखेंगे। सही निर्णय लेकर मेहनत करेंगे। सैलरी बढ़ने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। आप अपने तथा अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहेंगे। परिवार तथा बच्चों के साथ समय बिताएंगे। जिससे आपको मानसिक शांति मिलेगी। कार्यस्थल पर आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिलेगा जिससे आप बहुत प्रभावित होंगे।
आज आपका दिन बेहतरीन रहेगा। आपकी आर्थिक स्थिति काफी उन्नत रहने वाली है। आप आय के नए अवसर भी खोजेंगे। आपको किसी मल्टीनेशनल बैंक से नौकरी का ऑफर मिलेगा। आप उत्साहित महसूस करेंगे। कार्यस्थल पर साथ काम करने वालों से सावधान रहें। आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। जिससे आपकी प्रतिष्ठा आहत हो सकती है लेकिन आप संतुलन बनाकर रखेंगे और उससे बाहर निकलेंगे। अन्य क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आपको परिवार का पूरा सपोर्ट मिलेगा। दाम्पत्य जीवन में आप दोनों की कंपैटिबिलिटी शानदार रहेगी। लवमेट्स के साथ आपके रिश्ते अच्छे बने रहेंगे।
आपके लिए दिन फायदेमंद रहेगा। अचानक आपकी मानसिकता में बदलाव आएगा। यह बदलाव पॉजिटिव होगा। आपके लिए अच्छे धन लाभ की संभावना है। जो लोग तकनीकी क्षेत्र में करियर बनाना चाहते हैं उनको अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। जो लोग पहले से जुड़े हुए हैं उन्हें प्रमोशन मिल सकता है। उनके कार्यों की प्रशंसा भी होगी। आपके पारिवारिक जीवन से सकारात्मक ऊर्जा और खुशी मिलेगी। आप पारिवारिक जीवन में अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे। ताकि चीजें सहज हो सकें। आप अपनी इम्यूनिटी स्ट्रांग करने के लिए अपने स्वास्थ्य समस्याओं पर ध्यान देंगे। खानपान की आदतों में भी सुधार करेंगे। एक्सरसाइज को अपनी जिंदगी का हिस्सा बनाएंगे।
आपके लिए दिन आशा से भरा रहेगा। आप अपने कार्यक्षेत्र में आशावादी दृष्टिकोण अपनाएंगे। जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिलेंगे। आपकी कार्यशैली बेहतर होगी। आपका सामाजिक दायरा बढ़ेगा। आप खुद को किसी तरह के उलझन से दूर रखेंगे। अनावश्यक वाद-विवाद में पड़ने से बचने की कोशिश करेंगे। वैवाहिक जीवन शानदार रहने वाला है। आप दोनों किसी ट्रिप पर जाएंगे और आपके रिश्ते मजबूत होंगे। साथ ही आपसी समझ बढ़ेगी। इस दौरान फ्रेशर्स को नौकरी के कई अवसर मिलेंगे। आपकी मेहनत रंग लाएगी आपको अच्छी आमदनी होने की संभावना बढ़ेगी।
आपके लिए आज का दिन फायदेमंद रहेगा। आपको प्रोफेशनल लाइफ में कई नए अवसर प्राप्त होंगे। आपके लिए खुद को व्यक्त करने का मौका मिलेगा। जो आपके लिए फायदेमंद रहेगा। आप अपने करीबी लोगों से अपने मन की बात साझा करेंगे। जो आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा साबित होगा। आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी रहेगी। आप अपनी योजना अनुसार बचत भी करेंगे। आपके सीनियर्स आपको बेहतर तरीके से समझेंगे। आपको अपनी कार्यक्षमता दिखाने का मौका मिलेगा। आप अपने परिवार के साथ कहीं ट्रैवलिंग पर जा सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही ना करें। रूटीन चेकअप कराते रहें।
आज आपका दिन खुशियों से भरा रहेगा। आप अपने जीवनसाथी के साथ कोई नया व्यवसाय शुरू करेंगे। आप दोनों के बीच बेहतर समझ विकसित होगी और आपके कारोबार में प्रगति होगी। आपको आर्थिक लाभ मिलेगा। आप कोई संपत्ति या वाहन खरीदने का प्लान बना सकते हैं। परिवार में संतान की ओर से शुभ समाचार मिलेगा। कोई बड़ी उपलब्धि हासिल होगी। घर में खुशी का माहौल रहेगा। आप अपने परिवार के साथ समय बिताएंगे। जिससे भावनात्मक जुड़ाव बेहतर होगा। स्वास्थ्य संबंधी सुझावों का पालन करें। आपका सामाजिक जीवन बेहतर रहेगा। किसी कार्यक्रम में भाग ले सकते हैं।
आज आपका दिन रोज से बेहतर रहेगा। कार्यक्षेत्र में अनुकूल परिस्थितियों का आनंद लेंगे। आपका काम करने में मन लगेगा। परीक्षार्थी अपने परीक्षाओं में अच्छे परिणाम प्राप्त करेंगे। आप अपने मनपसंद कॉलेज में एडमिशन पा सकेंगे। आपका पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा। सदस्यों में अच्छी सहमति के चलने प्रगति बनी रहेगी। संतान की ओर से कोई अच्छी खबर मिलेगी यह खबर नौकरी लगने की भी हो सकती है। घर में खुशियां आएंगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का ध्यान रखें। रोज एक्सरसाइज करने का लक्ष्य निर्धारित करें। इससे आपकी समस्याएं दूर होंगी।
(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7. 30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं। )
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मनामाः बहरीन में रविवार को साल 2014 में हुए एक हमले के मामले में 3 कैदियों को फांसी दे दी। उस हमले में 3 पुलिकर्मियों की मौत हो गई थी। इस अरब देश में पिछले एक दशक में पहली बार फांसी दी गई है। समाचार एजेंसी एफे न्यूज के मुताबिक, सामी मुशाइमा (42), अली संकिस (21) और अब्बास सामी (27) को साल 2015 में दोषी ठहराया गया था।
फांसी के बाद तीनों दोषियों के परिजनों को अंत्येष्टि में शामिल होने के लिए मनामा के कब्रिस्तान में बुलाया गया। विरोध प्रदर्शनों से बचने के मद्देनजर कब्रिस्तान की घेराबंदी की गई थी। प्राधिकारियों के मुताबिक, शिया बहुल इस शहर के बाहर स्थित पुलिस चौकी पर शनिवार की रात प्रदर्शनकारियों के हमले में एक पुलिसकर्मी घायल हो गया। पिछले हफ्ते एक शीर्ष अदालत ने इस मामले में अंतिम अपील खारिज कर दी थी और संयुक्त राष्ट्र ने शनिवार को बहरीन सरकार से तीनों लोगों की फांसी रोकने को कहा था।
फांसी की सजा पाने वाले ये तीनों लोग एक आतंकी संगठन के सदस्य थे। इन्हें 3 अन्य साथियों के साथ दोषी ठहराया गया था। इन लोगों ने मार्च, 2014 में सनाबिस गांव में बम विस्फोट किया था, जिसमें संयुक्त अरब अमीरात के एक अधिकारी समेत 3 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी।
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स्वेच्छा से किये गये दान वा महत्त्व दवाव से दिये गये पैसे की अपेक्षा वई गुना होता है। इसलिए समय रहते ही चेत जाना श्रेयस्कर है। विनोवाजी ने खतरे की घटी बजा दी है और सुझा दिया है कि सही रास्ता यह है। मानना, न मानना लोगो के हाथ की बात है। जो मान लेंगे, वे मुनाफे में रहेग और जो नही मानगे, वे अपनी जड पर स्वय कुठाराघात करेंगे । कन्ट्रोल
कभी-कभी कुछ चीज हमारे साथ ऐसी चिपक जाती है, कि हम चाहते हुए भी उन्हें छोड नही पाते। कट्रोल एक ऐसी ही चीज है। अधिकारी नहीं चाहते कि कट्रोल रहे, और देश भी इस बला से जल्दी से जल्दी मुक्त हो जाना चाहता है। लेकिन दुर्भाग्य कुछ ऐसा है कि उससे पीछा नही छूटता ! सरकार को लगता है कि कट्रोल हटन पर सपन लोग अपने घरो में अनाज भर लेगे और मध्यम या सामान्य श्रेणी के लोग भूखो मर जायगे। सरकार के इस डर में सचाई हो सकती है, लेकिन इस तथ्य में भी कम सचाई नही है जबतक कट्रोल रहेगा, अन की दृष्टि से देश स्वावलम्बी नही हो सकता। क्ट्रोल रखने के मानी यह है कि देश को अनाज देने की जिम्मेदारी सरकार की है । जबतक यह जिम्मेदारी लोगो वे ऊपर आकर नही पडेगो, तबतक 'अधिक अन उपजाओ के हजार नारे लगाने और उस पर वरोडो रुपये खर्च कर देने पर भी कुछ भी नही होने का । देश अधिक से अधिक परमुखापेक्षी होता जायगा । केन्द्रीय सरकार के खाद्यमन्त्री श्री रफी अहमद विदवई ने अपने एक वक्तव्य में कहा है कि
छोटे छोटे उत्पादको को देना और अन्वेषणो के उन
सन् १९५१ मे बाहर से ४७ लाख टन अन्न लाना पड़ा था । १६५२ में ३६ लाख टन और अब १९५३ में कुल २५ लाख टन लाना पड़ेगा। यह ठीक है कि इन आकडो में क्मी हुई है। पर इनसे यह निश्चय नही होता कि हम जल्दी ही अपने पैरों पर खड़े हो जायगे । अपने निधन से कुछ समय पूर्व गाधीजी ने अपने एक प्रवचन में कहा था कि हमारे देश में ३ प्रतिशत अन्न की कमी है। उसे लोग सप्ताह में एक बार खाना छोड़ कर पूरी कर सकते है या सागभाजी वा अधिक उपयोग करके । लेकिन इस कमी को बाहर से अन लाकर पूरा करने में एक बड़ा खतरा यह है कि हम दूसरो पर निर्भर करना सीख जायगे, स्वावलम्बी होने का प्रयत्न नही करेंगे। उनकी भविष्यवाणी सही निक्ली ।
( पृष्ठ ४४३ वा शेप )
चुने हुए परिणामा का सक्षिप्त विवरण उपस्थित करना जो शीघ्र ही व्यवहार में लाये जा सके। पत्र की सामग्री लोकोपयोगी है । उसे पढवर अनेक वातो की जानकारी प्राप्त हो जाती है। पत्र के अत मे उन पारिभाषिक शब्दो
सरकार ने कट्रोल की चीजो के यातायात को ढीला वरही दिया है। अब वह क्यो क्ट्रोल को नही हटा देती ? नियन्त्रित भावो पर वह क्डी निगाह रक्खे और जो भी उसकी अवहेलना करे, उसे कठोरतम दड दे। आज तो सरकार की आखो के सामने चोरवाजारी होती है और लोग वघडक कहते है कि सरकार अपनी है । डर क्या है ? दावतें होती है। ऐसी ढिलाई से क्या परिणाम निकलेगा ? अन्न की दृष्टि से देश को स्वावलम्बी बनाने वा एक ही उपाय है और वह यह कि यहां के ३५ करोड निवासियो के पेट भरने की जिम्मेदारी उन्ही पर डाली जाय, नियन्त्रित दामो का वडाई से पालन कराया जाय और चोरबाजारी तथा संग्रह के लिए कड़ी से कड़ी सजा दी जाय । कट्रोल रख कर यह काम नही हो सकेंगे । -थ.
के अंग्रेजी पर्याय दिये गए है जो इस अक में प्रयुक्त हुए है। पत्र का वार्षिक मूल्य ५ ) और एक अन का 1 ) है। मिलने का पता 'विज्ञान प्रगति', पब्लिकेशन डिवीजन, कौंसिल ऑब साइटिपिक एण्ड इडस्ट्रियलरिसर्च, २० पूसा रोड, नई दिल्ली। |
रांचीः विधानसभा क्षेत्र में 12 दिसंबर 2019 को वोट डाले जायेंगे. मतदान में ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं की भागीदारी हो इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से लगातार विभिन्न तरीके से मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है. इसी कड़ी में आज स्वीप के तहत मोरहाबादी मैदान से वुमेन बाइक रैली निकाली गयी. अलग-अलग कॉलेज की छात्राओं ने बाइक रैली के जरिये मतदाताओं को आगामी 12 दिसंबर को मतदान करने के लिए प्रेरित किया.
वुमेन बाइक रैली के दौरान स्वीप के वरीय प्रभारी सौमित्र शुक्ला और नोडल पदाधिकरी डॉक्टर प्रभात शंकर भी उपस्थित थे. पदाधिकारियों ने बताया कि रांची शहरी क्षेत्र में मतदान प्रतिशत कम रहता है, ज्यादातर महिला मतदाता मतदान के लिए घरों से बाहर नहीं निकलती. आगामी विधानसभा चुनाव में रांची विधानासभा क्षेत्र में 12 दिसंबर को होनेवाले मतदान में ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अपने-अपने घरों से निकलकर वोट करें, इसके लिए वुमेन बाइक रैली का आयोजन किया गया है.
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अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के आह्वान पर नवरात्रि के उपरांत अगले ही दिन से सामूहिक प्रार्थना का एक रूपक्रम विश्वस्तरीय सामूहिक गायत्री महामंत्र प्रार्थना के रूप में पूरे देश एवं अन्य देशों में भी परिजनों द्वारा चलाया जा रहा है।
ऊँ गुरुब्र्रह्मा गुरुर्विष्णुः,
गुरुरेव महेश्वरः, गुरुरेव परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः। ।
ऊँ आयातु वरदे देवि! त्र्यक्षरे ब्रह्मवादिनी। गायत्रीच्छंदसां मातः ब्रह्मयोने नमोऽस्तुते। ।
ऊँ गुरवे नमः, ऊँ गायत्र्यै नमः । आवाहयामि, ध्यायामि।
ततो नमस्कारम् करोमि । ।
ऊँ स्वस्ति प्रजाभ्यः परिपालयन्तां,
न्याय्येन मार्गेण् महीं महिशाः।
लोकाः समस्ताः सुखिनो भवन्तु । ।
सर्वे भवन्तु सुखिनः,
सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु,
मा कश्चिद दुःखमाप्नुयात्। ।
ऊँ द्यौः शान्तिरन्तरिक्ष ऽऽ शान्तिः, पृथिवी शान्तिरापः, शान्तिरोषधयः शान्तिः। वनस्पतयः शान्तिर्विश्वेदेवाः, शान्तिब्र्रह्मशान्तिः, सर्वऽऽ शान्तिः, शान्तिरेव शान्तिः, सा मा शान्तिरेधि। ।
ऊँ शान्तिः, शान्तिः, शान्तिः। सर्वारिष्ट -सुशान्तिर्भवतु।
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लखनऊ। सीमैपऔर डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के बीच हुए एमओयू (सहमतिपत्र) के बाद संस्थान के शोध और सामान्य छात्र एक-दूसरे केंद्र पर जाकर शोध में हिस्सा ले सकेंगे।
इस एमओयू के माध्यम से दोनों संस्थानों में शोध एवं शैक्षिक गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सकेगी और वैज्ञानिक, शिक्षक एवं शोध छात्रों को एक दूसरे के यहां कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा। इसके अलावा इन संस्थानों द्वारा आयोजित प्रशिक्षण प्रोग्राम, पीएचडी प्रोग्राम तथा अन्य विषय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों में वैज्ञानिक/शिक्षक और शोध छात्र प्रतिभाग कर सकेंगे।
सीमैप के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया, "सीमैप अवध विश्वविद्यालय के साथ समयबद्ध और वैज्ञानिक सहयोग से सरयू नदी के तटों पर खस और अन्य सगंध पौधों की खेती तथा उनका प्रसंस्करण एरोमा मिशन के अंतर्गत करेगा। सीमैप साथ ही में विश्वविद्यालय में हर्बल गार्डन की स्थापना में सहयोग करेगा।"
राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मनोज दीक्षित ने यह आशा जताई कि औषधीय एवं सगंध कि उन्नत प्रजातियों से किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी और इस मॉडल क्लस्टर से फ़ैज़ाबाद में किसानों को पारंपरिक खेती का विकल्प उपलब्ध हो सकेगा।"
इस समझौते के बाद सीमैप और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक/शिक्षक एक दूसरे के शोध छात्रों को अपने निर्देशन में शोध करा सकेंगे। दोनों संस्थान राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाओं के लिए संयुक्त रूप से आवेदन कर सकेंगे।
सीमैप की ओर से निदेशक, अनिल कुमार त्रिपाठी के अलावा प्रो.जसवंत सिंह, डॉ.लईकुर रहमान, डॉ.आलोक कालरा, डॉ.विक्रांत गुप्ता, डॉ.अनिर्बान पाल, डॉ.शोएब लुक़मान, ई.मनोज सेमवाल, डॉ. वीआर सिंह, डॉ. संजय कुमार और डॉ. रमेश श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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रांचीः गहना घर प्रतिष्ठान के गोलीकांड में घायल रोहित को बुधवार को नयी दिल्ली के अपोलो अस्पताल रेफर कर दिया गया. सुबह 10.30 बजे इन्हें राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान के ट्रॉमा सेंटर से रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट परिसर तक ग्रीन कोरिडोर के जरिये लाया गया. जिला प्रशासन की तरफ से ग्रीन कोरीडोर की व्यवस्था की गयी थी. एयर एंबुलेंस से इन्हें नयी दिल्ली के अपोलो अस्पताल भेजा गया.
यहां बताते चलें कि दो दिन पहले राजधानी के लालपुर चौक स्थित गहना घर गोलीकांड में अज्ञात बंदूकधारियों ने रोहित और उनके भाई को गोली मार दी थी. दोनों भाईयों को घायलावस्था में रिम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. रिम्स में दोनों भाईयों का इलाज कर रहे सर्जन डॉ मृत्युंजय शर्मा के अनुसार पेट से गोली नहीं निकाली जा सकी थी. इसलिए इन्हें अपोलो रेफर किया गया है. घायल भाईयों के पेट में अब भी अपराधियों द्वारा मारी गयी गोली फंसी हुई है.
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जबकि सर्वे में शामिल 28. 6 फीसदी लोगों ने भाजपा और मुसलमानों के बीच मतभेदों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को जिम्मेदार ठहराया।
यह पूछे जाने पर कि दोनों के बीच की खाई के लिए मुस्लिम पक्ष से कौन जिम्मेदार है, कम से कम 38. 5 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने विभाजन के लिए समुदाय के कट्टरपंथी मौलवियों को दोषी ठहराया।
सर्वेक्षण में भाग लेने वालों में से एक और 31. 0 प्रतिशत ने भाजपा और समुदाय के बीच मतभेदों के लिए पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों को जिम्मेदार ठहराया और 30. 5 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि समुदाय के राजनीतिक नेताओं जैसे एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी दोनों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के लिए जिम्मेदार हैं। (आईएएनएस)
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करोड़ों यूजर्स के डाटा लीक के मामले में फेसबुक को लगातार दूसरे दिन भारी झटका लगा। कंपनी के स्टॉक में शुक्रवार को 2. 66 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इससे फेसबुक के मार्केट कैप में करीब 1,23,681 करोड़ रुपये की कमी आ गई।
इस मामले में अमेरिका और कई यूरोपीय देशों की सरकारों ने भी सवाल उठाए हैं। हालांकि फेसबुक के संथापक मार्क जुकरबर्ग ने डाटा लीक के मामले में सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी है।
वहीं चीन ने पलटवार करते हुए 128 अमेरिकी उत्पादों की सूची जारी की है। चीन की ओर से वाइन, फल, स्टील पर ड्यूटी लगाई जा सकती है। अमेरिका से सहमति नहीं बनने पर चीन ड्यूटी लगा सकता है। चीन की ओर से आए बयान में कहा गया है कि ट्रेड वॉर को आखिरी तक लेकर जाएंगे, लेकिन उम्मीद ये भी है कि अमेरिका से ट्रेड वॉर खत्म हो सकता है।
रुपये ने आज कमजोरी के साथ शुरुआत की है। डॉलर के मुकाबले रुपया 8 पैसे की गिरावट के साथ 65. 18 के स्तर पर खुला है। कल के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 65. 18 के स्तर पर बंद हुआ था।
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कहते हैं कि 'अमेरिका को छींक आए तो पूरी दुनिया को जुखाम हो जाता है', मौजूदा हफ्ता कारोबार और शेयर बाजार के हिसाब से ऐसा ही बीता। अमेरिका में मंदी की आहट से भारत और दुनिया शेयर बाजारों के लिए मौजूदा सप्ताह किसी बुरे ख्वाब जैसा रहा। पहले अमेरिका में 40 साल में सर्वाधिक महंगाई के आंकड़े ने बीते शुक्रवार को ही गिरावट की आहट दे दी थी। वहीं 24 साल में ब्याज दरों की सबसे बड़ी वृद्धि ने अमेरिकी मंदी की आशंकाओं को पुख्ता कर दिया।
भारतीय बाजार की बात करें तो बीता हफ्ता मई 2020 के बाद सबसे मनहूस साबित हुआ। खराब वैश्विक संकेतों और विदेशी निवेशकों की द्वारा धड़ाधड़ बिकवाली की वजह से पांच दिनों के कारोबार में निफ्टी 5. 8 फीसदी टूट गया। हफ्ते के आखिरी दिन निफ्टी 67 अंक या 0. 44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,277. 90 पर बंद हुआ। वहीं बीएसई बेंचमार्क सेंसेक्स 135 अंक या 0. 26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 51,360. 42 के स्तर पर बंद हुआ। यह दोनों सूचकांक का 52 हफ्ते का सबसे निचला स्तर रहा।
बीता हफ्ता एशियाई बाजारों के लिए बेहद खराब रहा। जापान का निक्केई सूचकांक 6. 7 फीसदी की दर से गिर गया। वहीं साउथ कोरिया को कोस्पी भी 6 प्रतिशत लुढ़क गया। शुक्रवार की बात करें तो निक्केई में 2. 33 फीसदी कमजोरी के साथ बंद रहा। हालांकि हैंगसेंग में 0. 99 फीसदी बढ़त रही तो ताइवान वेटेड में 0. 81 फीसदी और कोस्पी में 1. 16 फीसदी कमजोरी देखने को मिली।
शेयर बाजार में वैसे तो सभी सेक्टर में गिरावट है, लेकिन बीते एक महीने के दौरान मेटल शेयरों में सबसे बड़ी गिरावट आई है। मैटल शेयर 10% से 32% तक टूट चुके है। बीते महीने महंगाई को कम करने के लिए सरकार ने एक्सपोर्ट ड्यूटी जहां बढ़ा दी, वहीं स्टील इंडस्ट्री में इस्तेमाल होने वाले रॉ मटेरियल पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा दी थी। इससे टाटा स्टील स्टील 23% और जिंदल स्टील में 32% टूट गया। हिंडाल्को इंडस्ट्री में इस दौरान 23% और JSW स्टील में 14% कमजोरी आई। नाल्को के शेयरों में 1 महीने में 23% गिरावट रही तो SAIL में 20% कमजोरी आई।
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बीजिंग। चीन के डॉक्टरों ने चूहे का सिर ट्रांसप्लांट करके नया कारनामा कर दिया है। इन डॉक्टरों ने एक चूहे के सिर पर दो सिर लगा दिए और यह परीक्षण सफल भी रहा। हालांकि यह चूहा ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सका। 36 घंटे बाद उसकी मौत हो गई।
चिकित्सा पद्धति में हुए बदलावों के चलते अब कोई भी इलाज नामुमकिन नहीं रह गया। किडनी से लेकर आंखों के ट्रांसप्लांट के बारे में आपने काफी सुना होगा। अब डॉक्टरों की टीम ने 2017 के आखिर तक पहले मानव सिर ट्रांसप्लांट की तैयारी कर ली है।
इसी के चलते चीन के हार्बिन मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों ने मिलकर चूहे के सिर ट्रांसप्लांट का एक्सपेरिमेंट किया और वह उसमें सफल भी हुए। चीन के विवादित न्यूरोसर्जन सर्जियो केनवारो ने हेड ट्रांसप्लांट को लेकर एक रिसर्च की थी।
उनका कहना था कि इस प्रक्रिया में ब्रेन टिश्यू को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। बस इसी का पता लगाने के लिए एक चूहे पर दो सिर लगाए गए।
डॉक्टरों की टीम ने इसके लिए तीन चूहों का चिन्हित किया। जिसमें कि दो बड़े और एक छोटा चूहा था। छोटे चूहे (डोनर) के सर को एक बड़े (रिसिपिंट) के सर के ऊपर लगाया गया।
जबकि ऑपरेशन के दौरान जब खून की जरूरत पड़ी तो तीसरे चूहे का इस्तेमाल किया गया। कई घंटो तक चला यह ऑपरेशन आखिरकार सफल रहा। एक बड़े चूहे के सर पर एक और सर जोड़ दिया गया।
जिस सर को जोड़ा गया था वह जिंदा था और उसने आंखे भी झपकाईं थीं। यह चूहा ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सका, 36 घंटे बाद उसकी मौत हो गई।
दुनिया में पहली बार मानव सर का सफल प्रत्यारोपण करने की तैयारी अंतिम चरण में है। अगर कोई तकनीकी समस्याएं नहीं हुईं तो साल 2017 के शुरुआती महीनों में चीन में मानव सर का सफल ट्रांसप्लांट हो सकेगा।
अगर विफल हुए तो कई चिकित्सा विशेषज्ञों और अनुसंधान कर्ताओं जेल जाना पड़ेगा। इसके लिए एक रूसी युवक ने सर को स्वैच्छिक रूप से डोनेट करने का निर्णय लिया है। चीन और इटली के ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ रूस के 31 वर्षीय एक कंप्यूटर वैज्ञानिक वेलेरी स्पिरीदोनोव पर यह प्रयोग करेंगे।
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(ख) प्रश्नांश (क) में उल्लेखित अतिक्रामकों के विरूद्ध नियमानुसार कब तक क्या कार्यवाही की जावेगी एवं समय पर कार्यवाही न करने पर दोषी कौन है एवं उसके विरूद्ध शासन कब तक एवं क्या कार्यवाही करेगा?
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री (श्रीमती माया सिंह ) : (क) नगर निगम जबलपुर द्वारा अतिक्रमण की जानकारी संकलित नहीं रहती है, अतिक्रमण मुख्यतः अस्थायी होते है, नगर निगम द्वारा सतत् कार्यवाही की जाती है। अतिक्रमण की संख्या/ स्थान परिवर्तित होता रहता है, बस स्टैण्ड की 500 मीटर की परिधि में अतिक्रमण की जानकारी दी जाना संभव नहीं है। पुराने बस स्टैण्ड के आसपास मास्टर प्लान के अनुसार सड़कों की चौड़ाई निम्नानुसार है :- (1) महाराणा प्रताप चौक से ब्लूम चौक की ओर जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 24 मीटर (2) महाराणा प्रताप चौक से गौमाता की ओर जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 18 मीटर (3) नव भारत तिराहे से एम.एल.बी. ओर जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 18 मीटर (4) अभिनंदन होटल से डॉ. खान की ओर जाने वाले मार्ग की चौड़ाई 15 मीटर। मार्ग के दोनों ओर म.प्र. भूमि विकास नियम तथा मास्टर प्लान के प्रावधान अनुसार सेट बेक (प्रावधानित खुले क्षेत्र) छोड़कर नियमानुसार स्वीकृति दी जाती है। पुराने बस स्टैण्ड परिसर के चारों तरफ के अधिकतर भवन लगभग 30 वर्ष के पूर्व से निर्मित है। नवनिर्मित भवन नियमानुसार स्वीकृत एवं निर्मित किये गये हैं। (ख) पुराने बस स्टैण्ड परिसर के चारों तरफ अस्थायी स्वरूप के (ठेले / टपरे) के अतिक्रमण होते हैं जिन्हें निरंतर अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही के तहत हटाने की कार्यवाही की जाती है। स्थायी पक्के अतिक्रमण नहीं होने से समय पर कार्यवाही नहीं करने हेतु दोष निर्धारण किए जाने का प्रश्न उत्पन्न नहीं होता हैं।
स्कूल की
सफारी / जिप्सी वाहन चालकों को वेतन भुगतान [वन]
76. ( क्र. 1698 ) श्री संजय शाह मकड़ाई : क्या वन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान अन्तर्गत मढ़ई में विगत 2 वर्षों से कितने वाहन सफारी हेतु संचालित हैं? शासन द्वारा प्रश्न दिनांक तक कितने सफारी वाहन क्रय किये गये एवं कितने जिप्सी वाहन होटल / रिसोर्ट द्वारा प्राप्त किये? (ख) विगत 2 वर्षों में जिप्सी, सफारी द्वारा कितना आय प्राप्त की गयी? कितना व्यय किया गया? मदवार जानकारी देवें? (ग) क्या वाहन चालकों को केवल 8 माह का वेतन दिया जाता है? यदि हाँ, तो वार्षिक वेतन के लिए शासन द्वारा क्या प्रक्रिया की जा रही है?
वन मंत्री ( डॉ. गौरीशंकर शेजवार) : (क) सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के अंतर्गत मढ़ई पर्यटन स्थल पर विगत 2 वर्षों से ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति द्वारा सफारी संचालित हैं। शासन द्वारा कोई वाहन क्रय नहीं किया गया है। 11 जिप्सी वाहन, होटल/रिसॉर्ट प्रबंधन द्वारा प्रदाय किये गये हैं। विगत 2 वर्षों में 11 वाहनों के अतिरिक्त 04 वाहन ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति मर्यादित, मढ़ई द्वारा पर्यटन ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति मर्यादित मढ़ई के कार्य के लिये क्रय किये गये हैं। (ख) विगत 2 वर्षों में जिप्सी सफारी ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति, मर्यादित मढ़ई को प्राप्त आय की राशि रूपये 1,49,24,600/- है एवं जिप्सी संचालन पर सहकारी समिति, मढ़ई द्वारा किये गये व्यय का मदवार विवरण संलग्न परिशिष्ट अनुसार है। (ग) वाहन चालकों को वेतन भुगतान ईको विकास टूरिज्म सहकारी समिति मर्यादित, मढ़ई द्वारा कार्य के आधार पर वर्ष 2014-15 में 09 माह एवं वर्ष 2015-16 में 9.5 माह का वेतन भुगतान किया गया है। वाहन चालकों को वेतन भुगतान उपरोक्त सहकारी समिति द्वारा किया जाता है। शासन द्वारा कोई भुगतान नहीं किया जाता है। अतः शासन द्वारा भुगतान के संबंध में प्रक्रिया निर्धारित नहीं किया जाना है।
परिशिष्ट - "चौदह"
खरगापुर विधान सभा के अहार ग्राम में लघु शक्कर उद्योग खोले जाने हेतु [सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम]
77. ( क्र. 1733 ) श्रीमती चन्दा सुरेन्द्र सिंह गौर : क्या राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) क्या टीकमगढ़ जिले में कोई भी उद्योग कारखानें आदि नहीं है और बेरोजगार पलायन करके मजदूरी करने बड़े-बड़े शहरों में चले जाते है खासतौर पर खरगापुर विधान सभा के मजदूर भारी संख्या में बाहर जाते है? (ख) क्या खरगापुर विधान सभा क्षेत्र के ग्राम अहार, लड़वारी क्षेत्र में गन्ने की फसल की अच्छी पैदावार होती है? क्या खरगापुर विधान सभा में एक लघु शक्कर मील खोल दिया जाय तो मजदूरों के पलायन को रोका जा सकता है? (ग) क्या इस प्रकार की कोई योजना शासन के पास है कि बुन्देलखण्ड के टीकमगढ़ और छतरपुर अंचल में दोनों जिलो को शामिल करते हुये कहीं पर किसी स्थान पर कोई कारखाना या लघु उद्योग खोला जाए तथा मजदूरों के हित में कब तक इस प्रकार के उद्योगों/कारखानों की शुरूआत कर देंगे?
राज्यमंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम ( श्री संजय पाठक ) : (क) जी नहीं। टीकमगढ़ जिले में स्थापित सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी की 13227 इकाइयां स्थापित हैं और उनमें 26532 व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। (ख) से (ग) विभाग द्वारा स्वयं कोई उद्योग स्थापित नहीं किया जाता है वरन उदयमियों को उद्योग स्थापना हेतु मार्गदर्शन, प्रेरण एवं नियमानुसार सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
जनपद पहाडगढ़ (मुरैना) की पंचायत चिन्नौनी करेरा के विकास निर्माण कार्य [पंचायत और ग्रामीण विकास ।
78. ( क्र. 1771 ) श्री सत्यपाल सिंह सिकरवार : क्या पंचायत मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) ग्राम पंचायत चिन्नौरी करेरा जनपद पहाडगढ़ मुरैना में वर्ष 2013-14 एवं 2014-15 भूमिया के पास नाला निर्माण व स्वराज भवन का निर्माण किस निधि से किया गया। (ख) इस पर कितनी राशि खर्च हुई प्रत्येक निर्माण की अलगअलग जानकारी उक्त निर्माण का पूर्णता प्रमाण पत्र कब जारी किया गया है? यदि नहीं हुआ तो क्यों नहीं किया गया। (ग) उक्त निर्माण कार्यों का अंतिम भुगतान कब किया एवं पूर्व में कब-कब कितनी राशि का भुगतान किया। (घ) उक्त निर्माण की अंतिम नाप किस अधिकारी द्वारा की गई अधिकारी का नाम, पद एवं अंतिम भुगतान की तिथि सहित पूर्ण जानकारी दी जावें।
पंचायत मंत्री ( श्री गोपाल भार्गव ) : (क) ग्राम पंचायत चिन्नौरी करेरा में भूमियां के पास नाला निर्माण भाग-1 वर्ष 2013-14 में सांसद मद से कुल लंबाई 68.50 मीटर राशि रू. 2.00 लाख का एवं भाग -2 का कार्य वर्ष 2015-16 में पंचपरमेश्वर मद से 225 मीटर राशि रू. 4.97 लाख का स्वीकृत किया गया। ग्राम पंचायत चिन्नौरी करेरा में स्वराज भवन स्वीकृत नहीं किया गया है। (ख) भूमियां के पास नाला निर्माण कार्य भाग-1 में राशि रू.0.80 लाख दिनांक 21.07.2014 को प्रदाय की गई। कार्य पूर्ण नहीं होने से शेष राशि जारी नहीं की गई। भाग-2 में राशि रू. 496792/व्यय की गई। कार्य का पूर्णता प्रमाण पत्र दिनांक 01.11.2016 को जारी किया गया। (ग) उक्त उत्तर "ख" अनुसार। (घ) भूमियां के पास नाला निर्माण कार्य भाग-1 का कार्य अंतिम माप श्री सुरेन्द्र सिंह सिकरवार, उपयंत्री द्वारा दिनांक 29.05.2015 को तथा भाग -2 का अंतिम माप श्री सुरेन्द्र सिंह सिकरवार, उपयंत्री द्वारा दिनांक 14.06.2015 को किया गया। कार्य का सत्यापन श्री एच. एन. पाण्डोरिया सहा. यंत्री जनपद पंचायत पहाडगढ़ द्वारा दिनांक 30.05.2016 को किया गया।
रिक्त स्थानों पर पदों की पूर्ति [उच्च शिक्षा]
79. ( क्र. 1784 ) श्री राम लल्लू वैश्य : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (ख) क्या उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत सिंगरौली जिले में संचालित महाविद्यालयों में सहायक अध्यापक एवं अन्य स्टाफ की भारी कमी है, जिसके कारण अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित नहीं हो पा रहा है। (ख) यदि हाँ, तो इन पदों की पूर्ति कब तक में की जावेगी?
उच्च शिक्षा मंत्री (श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जी हाँ। शैक्षणिक संवर्ग में स्वीकृत पदों के विरूद्ध नियमित शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया हेतु लोक सेवा आयोग से दिनांक 19-02-2016 को विज्ञापन जारी हो चुका है। रिक्त पदों के
आवश्यकतानुसार विषय के विशेषज्ञ अतिथि विद्वानों को आमंत्रित कर अध्यापन कार्य सुचारू रूप से संचालित हो रहा है। (ख) शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यार्थियों की सूची प्राप्त होते ही की जा सकेगी। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों की पूर्ति "आउट-सोर्स" से की जाने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। निश्चित समय-सीमा बताई जाना संभव नही है ।
कार्य भुगतान में देरी
[ नगरीय विकास एवं आवास]
80. ( क्र. 1793 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या नगरीय विकास एवं आवास मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) क्या नगर निगम उज्जैन के द्वारा सिंहस्थ 2016 में पंचकोशी मार्ग के पड़ाव स्थलों पर अस्थाई शौचालय का निर्माण करवाया गया था? (ख) क्या प्रेशियस इंटरप्राईजेस नान्देड के द्वारा भी शौचालयों का निर्माण किया गया था, जिसका सत्यापन इंजीनियरों के द्वारा माप पुस्तिका में दर्ज करके कर दिया गया था? (ग) क्या थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन शासकीय अभियांत्रिकीय महाविद्यालय उज्जैन ने गुणवत्तापूर्ण मटेरियल पाये जाने का प्रमाणीकरण प्रेशियस इंटरप्राईजेस नांदेड को जारी किया? (घ) क्या कंपनी को पूर्ण भुगतान कर दिया गया है? यदि नहीं तो क्यों? उक्त कंपनी का भुगतान रोके जाने का औचित्य बतावें।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ( श्रीमती माया सिंह ) : (क) जी हाँ। नगर निगम उज्जैन द्वारा सिंहस्थ 2016 में पंचक्रोसी मार्ग के पड़ाव स्थलों पर अस्थाई शौचालय का निर्माण करवाया गया था। (ख) जी हाँ । प्रेशियस इंटरप्राईजेस नान्देड के द्वारा भी शौचालयों का निर्माण किया गया था, जिसे माप पुस्तिका में दर्ज किये गये है। (ग) शौचालय निर्माण में उपयोग किये गये मटेरियल की टेस्टिंग शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय उज्जैन से कराई गई। (घ) कंपनी को भुगतान नहीं किया गया है। मेसर्स प्रेशियस इंटरप्राईजेस नान्देड द्वारा कार्य समय-सीमा एवं गुणवत्तापूर्वक नहीं किया गया। इस कारण संपूर्ण कार्य अमान्य किया गया और 100 प्रतिशत भुगतान राशि काटी गई है।
खेल सामग्री वितरण में असमानता
[खेल और युवा कल्याण]
81. ( क्र. 1815 ) श्री अनिल फिरोजिया : क्या खेल और युवा कल्याण मंत्री महोदया यह बताने की कृपा करेंगी कि (क) विभाग में विगत तीन वर्षों में ग्रामीण खेलकूद को बढ़ावा देने हेतु किन-किन विकासखण्डों में कितनी राशि की कितनी-कितनी स्थाई/अस्थाई खेल सामग्री प्रदान की गई? (ख) क्या प्रत्येक विकासखण्डों में सामग्री का वितरण समान रूप से किया गया? यदि नहीं, तो असमान वितरण का क्या कारण है? (ग) प्रदाय की गई सामग्री क्या गुणवत्ता पूर्ण थी? यदि हाँ, तो सामग्री की गुणवत्ता किसके द्वारा प्रमाणित की गई ?
खेल और युवा कल्याण मंत्री (श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ) : प्रश्नांश (क) से (ग) जानकारी एकत्रित की जा रही है।
ग्राम पंचायतों के विकास कार्य हेतु गौण खनिज के उत्खनन [खनिज साधन]
82. ( क्र. 1849 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या खनिज साधन मंत्री महोदय यह बताने की कृपा करेंगे कि (क) म.प्र. गौण खनिज अधिनियम 1996 के नियम 3 अंतर्गत ग्रामीण विकास कार्य हेतु क्या प्रावधान किये गये है? (ख) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत कितनी ग्राम पंचायतों के किस ग्राम में कितनी मुरम, गिट्टी, पत्थर एवं रेत की खदान ग्राम विकास कार्य हेतु आरक्षित की गई है? (ग) वर्ष 2014-15 से कितनी ग्राम पंचायतों को कितनी-कितनी मात्रा में गौण खनिज रेत निकालने की स्वीकृति तथा रायल्टी मुक्त अभिवहन पास संबंधित तहसीलदार द्वारा जारी किये गये है? (घ) यदि विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत म.प्र. गौण खनिज अधिनियम 1996 के नियम 3 अंतर्गत ग्रामीण विकास कार्य हेतु मुरम, गिट्टी, पत्थर एवं रेत की खदाने आरक्षित नहीं है तो उसके लिए कौन अधिकारी / कर्मचारी जवाबदेह है? संबंधितों पर शासन द्वारा क्या कार्यवाही की जावेगी?
खनिज साधन मंत्री ( श्री राजेन्द्र शुक्ल ) : (क) मध्यप्रदेश गौण खनिज अधिनियम, 1996 के नाम से कोई अधिनियम अधिसूचित नहीं है। अतः प्रश्न उपस्थित नहीं होता। (ख) प्रश्नाधीन क्षेत्र में प्रश्नानुसार कोई खदान आरक्षित नहीं की गई है। (ग) प्रश्नाधीन विधानसभा क्षेत्र में संबंधित तहसीलदार द्वारा प्रश्नानुसार स्वीकृति अथवा अभिवहन पास जारी नहीं किये गये हैं। (घ) प्रश्नाधीन क्षेत्र के अंतर्गत प्रश्नानुसार खदान आरक्षित किये जाने हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त न होने के कारण अधिकारी/कर्मचारी की जबावदेही अथवा कार्यवाही किये जाने का प्रश्न उपस्थित नहीं होता।
रिक्त पदों की पूर्ति [उच्च शिक्षा]
83. ( क्र. 1850 ) श्री कुँवरजी कोठार : क्या उच्च शिक्षा मंत्री महोदय यह बताने की 'कृपा करेंगे कि (क) विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर अंतर्गत संचालित शासकीय स्वामी विवेकानन्द महाविद्यालय सारंगपुर एवं शासकीय वीर सावरकर महाविद्यालय पचोर में कुल स्वीकृत पदों के विरुद्ध कितने-कितने प्राध्यापक/सहा.प्राध्यापक एवं लिपिकीय कर्मचारी कार्यरत हैं? महाविद्यालयवार जानकारी से अवगत करावें? (ख) यदि प्राध्यापक/सहा.प्राध्यापक एवं लिपिकीय कर्मचारियों के पद रिक्त हैं, तो क्या इन रिक्त पदों के कारण महाविद्यालयों में शैक्षणिक एवं कार्यालयीन कार्य प्रभावित हो रहे हैं? (ग) यदि हाँ, तो महाविद्यालयों के रिक्त प्राध्यापक/सहा.प्राध्या एवं लिपिकीय कर्मचारियों के पदों पर नियुक्ति शासन कब तक व किस प्रकार करेगा?
उच्च शिक्षा मंत्री (श्री जयभान सिंह पवैया ) : (क) जानकारी संलग्न परिशिष्ट के प्रपत्र 'अ' एवं 'ब' अनुसार है। (ख) जी नहीं। शैक्षणिक संवर्ग के प्राध्यापक/सहायक प्राध्यापक के रिक्त पदों के विरूद्ध आवश्यकतानुसार अतिथि विद्वानों का आमंत्रण कर अध्यापन व्यवस्था सुचारू है एवं अशैक्षणिक कर्मचारियों के रिक्त पदों का प्रभार कार्यरत अन्य कर्मचारियों को आवंटित कर कार्यालय कार्य कराया जा रहा है। (ग) शैक्षणिक संवर्ग के रिक्त पदों की पूर्ति की
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लखीमपुर हिंसा मामले में आशीष मिश्रा ने रविवार को आत्मसमर्पण कर दिया। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक सप्ताह का समय देने के बाद MoS अजय मिश्रा के बेटे ने कहा था कि वह सोमवार को आत्मसमर्पण करेंगे, हालांकि, उन्होंने मीडिया की चकाचौंध से बचने के लिए एक दिन पहले आत्मसमर्पण कर दिया।
आशीष इस मामले में मुख्य आरोपी है, मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा चार महीने सलाखों के पीछे रहने के बाद 15 फरवरी को रिहा हुए थे। 4 अप्रैल को, CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली की SC बेंच ने आरोपी की जमानत को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा कि पीड़ितों को इलाहाबाद एचसी में सुनवाई के अधिकार से वंचित कर दिया गया है, जिसने आशीष मिश्रा को जमानत दी थी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि एचसी ने पिछले उदाहरणों की अनदेखी की और कई अप्रासंगिक विचारों को ध्यान में रखा।
पीठ ने आशीष मिश्रा को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने का निर्देश दिया। इसने मामले को हाई कोर्ट में भी भेज दिया और प्रासंगिक विचारों के आलोक में मामले को नए सिरे से तय करने के लिए कहा। साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा कि याचिकाकर्ताओं की निष्पक्ष सुनवाई हो। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान, यह सामने आया था कि शीर्ष अदालत द्वारा गठित एसआईटी ने दो मौकों पर उत्तर प्रदेश सरकार से एचसी के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का आग्रह किया था।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर 2021 को हिंसा भड़क गई, जिसमें चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई। 17 नवंबर 2021 को, सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर हिंसा की जांच की निगरानी के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राकेश कुमार जैन को नियुक्त किया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इससे जांच में "पारदर्शिता और पूर्ण निष्पक्षता" सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
इसने पैनल में तीन आईपीएस अधिकारियों- एसबी शिराडकर, प्रीतिंदर सिंह और पद्मजा चौहान को शामिल करके योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा गठित एसआईटी का पुनर्गठन किया। यूपी एसआईटी ने निष्कर्ष निकाला कि लखीमपुर हिंसा एक सुनियोजित साजिश थी।
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Dr. Sumanth Unakalkar धारवाड़ के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। वह न्यूरोसर्जन के विशेषज्ञ हैं। Dr. Sumanth Unakalkar को विभिन्न अस्पतालों और क्लीनिक में काम करने का 8 साल से ज्यादा का अनुभव है। आजकल Dr. Sumanth Unakalkar K.L.E SOCIETY, NIMHANS, G.S.R INSTITUTE OF CLEFT AND CRANIOFACIAL SURGERIES, FATHER MULLER MEDICAL COLLEGE AND HOSPITAL में काम कर रहे हैं। इसके अलावा Dr. Sumanth Unakalkar K.L.E SOCIETY, NIMHANS, G.S.R INSTITUTE OF CLEFT AND CRANIOFACIAL SURGERIES, FATHER MULLER MEDICAL COLLEGE AND HOSPITAL में भी अपनी सेवाएं प्रदान कर चुके हैं। Dr. Sumanth Unakalkar Complete/Partial Dentures Fixing, Cosmetic/ Aesthetic Dentistry, PRP Hair Transplantation, Flap Surgery, Artificial Teeth, Oral & Maxillofacial Surgery में विशेषज्ञ हैं। कई अस्पतालों से जुड़े होने के साथ-साथ Dr. Sumanth Unakalkar अनेक मेडिकल संस्थानों के साथ भी सक्रिय हैं। Dr. Sumanth Unakalkar को Association of Oral and Maxillofacial Surgeons of India (AOMSI) की सदस्यता प्राप्त है। KLE Vishwanath Katti Institute of Dental Sciences,Belgaum से Dr. Sumanth Unakalkar ने BDS डिग्री की है। इसके बाद Dr. Sumanth Unakalkar ने Hair Foundation Course डिग्री Institute of Laser & Aesthetic Medicine(ILAMED) से पूरी की है।
Q: Dr. Sumanth Unakalkar के पास कौन-कौन सी डिग्री हैं?
A: Dr. Sumanth Unakalkar के पास BDS, Hair Foundation Course डिग्री हैं। Dr. Sumanth Unakalkar की क्वालिफिकेशन की एक पूरी सूची के ऊपर दी गयी है।
Q: Dr. Sumanth Unakalkar को कितने वर्षों का अनुभव है?
A: Dr. Sumanth Unakalkar को न्यूरोसर्जन होने का 8 सालों का अनुभव है।
Q: Dr. Sumanth Unakalkar किन-किन बीमारियों के मरीजों को देखते हैं?
A: Dr. Sumanth Unakalkar Complete/Partial Dentures Fixing, Cosmetic/ Aesthetic Dentistry, PRP Hair Transplantation के मरीजों को देखते हैं। ऊपर सूची में Dr. Sumanth Unakalkar द्वारा दी जाने वाली सभी सेवाओं की जानकारी दी गई है।
Q: Dr. Sumanth Unakalkar से परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट कैसे ले सकते हैं?
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रोहडू - राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रोहडू (छात्र) में आयोजित अंडर 19 छात्रा वर्ग की खेलकूद प्रतियोगिता में रोहडू गर्ल्स ने बेहतरीन प्रदर्शन कर लगातार दसवीं बार ओवरऑल चैंपियन का खिताब अपने नाम किया। वहीं इस उत्कृष्ट प्रदर्शन पर स्कूल परिवार की ओर से छात्राओं को सम्मानित किया गया। स्कूल की छात्राओं ने विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेते हुए प्रथम स्थान हासिल कर स्कूल का नाम रोशन किया है। स्कूल के मीडिया प्रभारी व अंग्रेजी के प्रवक्ता डा. सतनाम खागटा ने बताया कि प्रतियोगिता में रोहडू गर्ल्स नें खो-खो में प्रथम, लोकनृत्य में प्रथम, एकांकी में प्रथम, मार्चपास्ट में प्रथम, समुह गायन में प्रथम, एकल गायन में द्वितीय व वॉलीबाल में दूसरा स्थान हासिल किया। वहीं खिलाडि़यों में साक्षी खो-खो की बेस्ट रनर, निकिता बेस्ट प्लेयर, बेस्ट चेजर समप्रिया व शिवानी को वालीवाल की श्रेष्ठ प्लेयर चुना गया। स्कूल के प्रधानाचार्य सुभाष संघेल ने स्कूल की सभी टीमों व समूहों को बेहतरीन प्रदर्शन पर बधाई दी देते हुए खिलाडि़यों को खेल भावना को निरंतर कायम रखते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि स्कूल की टीमों के इस बेहतरीन प्रदर्शन के लिए शारीरिक शिक्षक अरविंद चौहान, डीपी चौहान व सांस्कृतिक दल की प्रभारी मंगलेश सामरा व सुजाता नेगी बधाई के पात्र हैं। स्कूल की विभिन्न टीमों में छात्राओं मेंं कनिका, शिवानी, पल्लवी, प्रियांजली, सन्नेह लता, आक्षी, कृतिका, अंजली नेगी, महक, किरण बाला, साक्षी, कशिश, प्राची साप्टा, महक माकटा, अंजली ठाकुर, नमिता, अनुजा, अंकिता, पल्लवी, अक्षिता, किरण बाला, साक्षी कुमारी, यशिका, सिमरन, समृति, सक्षी, नितिका, मनीषा, तनवी, समप्रिया, नम्रता, मुस्कान, नीवी, दीपिका, सोनाली व श्रेया ने भाग लिया।
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Vicki Johnson: 1991 में हुआ कत्ल, 30 बरस बाद नाखून ने पहुंचाया कातिल के पास!
America Crime News: कहते हैं कि अपराधी कितना भी शातिर क्यों ना हो कोई ना कोई सुराग छोड़ ही जाता है. 30 साल अमेरिका में विकी जॉनसन मर्डर केस का पुलिस ने अब खुलासा कर दिया है. मुकदमा चलाने के लिए आरोपी जिंदा नहीं है.लेकिन जॉनसन की शरीर पर उंगलियों के निशान से साफ हुआ का आरोपी कौन था.
Vicki Jhonson Sensational Murder Case: अमेरिकी पुलिस ने 30 साल पुराने केस का राजफाश कर दिया है. यह सब कुछ संभव डीएनए मैच से हो सका. सी साइड फायर पुलिस ने फेसबुक पोस्ट के जरिए खुलासा किया. पुलिस के मुताबिक 30 साल पहले एक 34 साल की महिला की मौत हो गई थी. पुलिस ने अपनी जांच को जब आगे बढ़ाया तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई. विकी जानसन नाम की एक महिला के शव को सीसाइड इलाके के डॉर्विन स्ट्रीट में पाया गया था उस समय पुलिस ने बताया कि महिला का पहले गला घोंटा गया और बाद में उसे जला दिया गया था. इस केस को लेकर अमेरिका में उस समय जबरदस्त चर्चा हुई कि अब यह देश एक खास समाज के लिए सुरक्षित नहीं है. 30 साल बाद जॉनसन की शरीर पर आरोपी के नाखून के निशान से पुलिस राजफाश करने में कामयाब हुई.
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जॉनसन की मौत से हर कोई भौचक्का रह गया था. दरअसल उनके साथ इस हद तक हैवानियत की गई थी कि हर कोई परेशान था कि अमेरिका जैसे सभ्य मुल्क में यह सब संभव कैसे हुआ. करीब 3 दशक तक उनके मौत की गुत्थी उलझी रही. इस मामले में जांच जब आगे बढ़ी तो एक शख्स संदेह के घेरे में आया लेकिन उसे पुख्ता तौर पर दोषी मानने की कोई वजह नहीं दिखाई दिया क्योंकि साक्ष्यों का अभाव था. पुलिस को जब कोई और रास्ता नहीं सुझा तो डीएनए टेस्ट कराने का फैसला किया. अदालत के आदेश के बाद डीएनए टेस्ट हुआ जिसके जरिए आरोपी की पहचान पुख्ता हुई.
पुलिस के मुताबिक घटनास्थल से जब कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले तो अदालत के सामने डीएनए टेस्ट की अर्जी लगाई गई. डीएनए टेस्ट के बाद पता चला कि आरोपी फ्रैंक लुईस मक्लर नाम का शख्स था जिसकी 2021 में 77 वर्ष की उम्र में मौत हो चुकी थी. यह नहीं पता चल सका कि जॉनसन और उसके बीच रिश्ता किस तरह का था. पुलिस का कहना है कि डीएनए टेस्ट से पता चला कि पीड़ित और आरोपी के बीच शारीरिक संघर्ष हुआ था और वो अपनी अंतिम सांस तक लड़ी थी. जॉनसन की शरीर पर मक्लर के उंगलियों के निशान मिले थे और यहां से साबित हुआ कि आरोपी कौन था. हत्या का मकसद आज भी साफ नहीं है. जांच में यह पता चला था कि आरोपी मक्लर का पहले से ही आपराधिक इतिहास रहा था.
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नौकरी करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने जानकारी दी है कि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए पीएफ पर 8. 65 फीसदी ब्याज मिलेगा।
नौकरीपेशा लोगों के लिए आज का दिन बहुत खास है। श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने मंगलवार को कहा कि 6 करोड़ से अधिक ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) के सदस्यों को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए उनकी जमा राशि पर 8. 65 प्रतिशत की दर से ब्याज का भुगतान किया जाएगा। पिछले महीने श्रम मंत्री ने कहा था कि श्रम मंत्रालय 2018-19 के लिए जल्द ही 8. 65 फीसदी का ब्याज अधिसूचित करेगा क्योंकि वित्त मंत्रालय ने इस पर अपनी असहमति जाहिर नहीं की है।
इससे पहले श्रम मंत्री की अध्यक्षता वाली कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के लिए निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई, केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) ने 2018-19 के लिए 8. 65 फीसद ब्याज देने का निर्णय किया था। इससे पहले 2017-18 में ब्याज दरें 8. 55 फीसदी थी। मतलब साफ है कि ब्याज दरों में 0. 10 फीसदी का इजाफा हुआ है।
बता दें कि 8. 65 फीसदी की दर सरकार की अन्य छोटी बचत स्कीमों पर उपलब्ध ब्याज से ज्यादा है। छोटी बचत स्कीमों के रिटर्न की बेंचमार्किंग मार्केट रेट पर होती है। पीएफ पर ब्याज की बढ़ोतरी के बाद ही भविष्यनिधि के 6 करोड़ से ज्यादा अंशधारकों को इसका फायदा होगा। इसके अलावा, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) इस ब्याज दर पर भविष्य निधि कोष की निकासी के दावों का निपटान कर सकेंगे।
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वाशिंगटन, 10 सितंबर (हि.स.)। अमेरिका ने 2026 में जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की पुष्टि की है। उसने कहा कि ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था जलवायु संकट और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसी कई समस्याओं से जूझ रही है भारत की अध्यक्षता में हुए इस साल के नई दिल्ली शिखर सम्मेलन ने यह साबित कर दिया कि अभी भी जी-20 सबसे गंभीर मामलों का हल निकाल सकता है। 2026 में यह सम्मेलन राजधानी वाशिंगटन में होगा। मीडिया रिपोर्ट्स में व्हाइट हाउस के हवाले से शनिवार को जारी उसके बयान के आधार पर यह जानकारी दी गई है।
माडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक व्हाइट हाउस ने कहा कि भारत की राजधानी नई दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन सबसे गंभीर मुद्दों का हल निकालने की दिशा में एक बड़ा कदम है। व्हाइट हाउस का यह बयान दिल्ली की घोषणा के तुरंत बाद आया है। व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका भारत की जी-20 अध्यक्षता में हुई प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसकी शुरुआत 2024 में ब्राजील और 2025 में दक्षिण अफ्रीका की प्रेसीडेंसी से होगी।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि अमेरिका ने अफ्रीकी यूनियन के जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल होने पर स्वागत किया। वैश्विक अर्थव्यवस्था में अफ्रीका की महत्वपूर्ण भूमिका है। उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को अफ्रीकी यूनियन के जी-20 के 21वें सदस्य के रूप में शामिल होने की घोषणा की थी।
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ट्रेंडिंग डेस्क : यूक्रेन हमले का विरोध करने पर रूस (Russia) ने एक 19 साल की लड़की को आतंकी घोषित कर दिया है। रूस ने उसका नाम उस लिस्ट में डाल दिया है, जिसमें IS, अल-कायदा और तालिबान जैसे खतरनाक संगठन हैं। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला. .
ओलेसा क्रिवत्सोवा (Olesya Krivtsova) अपनी मां के साथ रूस के अर्खांगेलस्क शहर में रहती है। 8 अक्टूबर, 2022 को रूस पर हुए यूक्रेनी हमले के बाद ओलेसा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कुछ कई पोस्ट किया था। उसी दिन यूक्रेन ने रूस का कर्च ब्रिज उड़ा दिया था। यह ब्रिज रूस को क्रीमिया से जोड़ता था। ओलेसा ने अपने पोस्ट में यूक्रेन (Ukraine) पर रूस के हमले का विरोध जताया था और रूसी सेना की बेइज्जती भी की थी। इस पोस्ट के बाद उसे हाउस अरेस्ट कर दिया गया था।
जब ओलेसा को नजरबंद किया गया तो उसके पैर में एक ट्रैकर लगाया गया। जिसकी मदद से उसकी हर एक्टिविटी पर नजर रखी जाती है। वहीं, हाउस अरेस्ट के बाद ओलेसा ने भी अपने पैर पर एक स्पाइडर का टैटू बनवाया। स्पाइडर की बॉडी को पुतिन के फेस से रिप्लेस किया गया है। इस पर लिखा है - बिग ब्रदर इज वॉचिंग यू. .
क्रिवत्सोवा ओलेसा पर रूसी सेना के अपमान के आरोप हैं। उसके वकीलों ने बताया है कि उसे तीन से सात साल की सजा हुई है। लेकिन कोशिश है कि ये सजा कम हो जाए। उन्होंने जानकारी दी कि फिलहाल क्रिवत्सोवा को नजरबंद रखा गया है। उनका कहना है कि ओलेसा को कुछ जुर्माने की सजा दी जाए और फिर छोड़ दिया जाए।
बेटी की सजा पर ओलेसा की मां नताल्या क्रिवत्सोवा का कहना है कि रूसी अथॉरिटीज उनकी बेटी को उदाहरण की तरह सामने ला रही है। सरकार जनता को चेतावनी दे रही है कि अगर विचार सीमित नहीं रखे तो इसकी सजा मिलेगी। सरकार किसी भी तरह विरोध को दबाना चाहती है। मई, 2022 में भी ओलेसा पर सेना की आलोचना करने पर कुछ चार्ज लगाए गए थे। तब उसने एंटी-वॉर पोस्टर्स बांटे थे। वकीलों ने बताया कि बार-बार एक ही तरह के अपराध से क्रिमिनल केस बन जाता है।
लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के एक ऑफिसर ने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ओलेसा बेवकूफ है। 19 साल की इस लड़की को जंग के मैदान में भेज देना चाहिए, ताकि वो वहां लड़ रहे रूसी सैनिकों से नजर मिलाकर देखे कि वह किस परिस्थिति में और कैसे लड़ रहे हैं।
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- #Saudi Arabiaसऊदी अरब के बाद रूस ने भी लिया यह फ़ैसला, क्या भारत पर पड़ेगा भारी?
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Explain: इजरायल से दोस्ती करने को लेकर सऊदी अरब के लोग क्या सोचते हैं?
तेल अवीव/रियाद, सितंबर 06: इजरायल में सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहे नेता सऊदी अरब राज्य द्वारा संचालित टीवी चैनल पर बार बार दिखाई देते रहते हैं, एक अमेरिकन-इजरायल पर्यटक सऊदी अरब पहुंचने के बाद अपने आप को "सऊदी अरब का प्रमुख रब्बी" घोषित करता है और सऊदी अरब का एक प्रमुख व्यापारिक परिवार इजरालय की दो कंपनियों में भारी निवेश करता है और इसे छिपाने की कोशिश भी नहीं करता है। हाल के समय में घटी ये घटनाएं आज से 10 या 15 साल पहले तक सोचने पर अकल्पनीय लग सकती थीं, लेकिन अब सऊदी अरब और इजरायल गुप्त संबंधों से आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। लेकिन, सवाल ये है, कि इजरायल और सऊदी अरब के बीच की दुश्मनी भले ही खत्म हो गई हो, लेकिन क्या ये दोनों देश दोस्त बनेंगे?
पिछले कुछ सालों में मध्य-पूर्व में राजनीति काफी तेजी से बदली है और इस क्षेत्र में मौजूद देशों के बीच काफी तेजी से प्रतिद्वंदिता बढ़ी है, यहां तक की संयुक्त अरब अमीरात भी अब सऊदी अरब का 'छोटा भाई' बनकर नहीं रहना चाहता है और इस क्षेत्र के देश काफी सावधानीपूर्वक व्यावहारिक आर्थिक और सुरक्षा संबंधों की तरफ कदम आगे बढ़ा रहे हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और वास्तविक नेता मोहम्मद बिन सलमान अपने देश की अर्थव्यवस्था को तेल-निर्भर ही बनाकर नहीं रखना चाहते हैं, लिहाजा वो अपनी योजनाओं में तेजी लाना चाहते हैं, जबकि इजराइल छोटे खाड़ी देशों के साथ 2020 की राजनयिक सफलताओं की बुनियाद पर नये संबंधों का निर्माण करने का इच्छुक है। प्रिंस मोहम्मद ने इस साल की शुरुआत में इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा विवादित माने जाने वाले इजरायल को लेकर कहा था, कि "हम इजरायल को एक दुश्मन के रूप में नहीं, बल्कि एक संभावित सहयोगी के रूप में देखते हैं। " क्राउन प्रिंस का ये बयान यही माना गया, कि सऊदी अरब एक बार फिर से इजरायल के साथ अपने संबंधों का पुनर्मुल्यांकन कर रहा है।
सऊदी और इजरायल में कैसे रहे संबंध?
1948 में इजराइल की स्थापना के बाद के दशकों तक सऊदी अरब और उसके फारस की खाड़ी के पड़ोसियों ने यहूदी राज्य के साथ संबंध नहीं बनाए, बल्कि इन सभी मुस्लिम देशों ने फिलीस्तीन के साथ एकजुटता का प्रदर्शन किया और इजरायल को हमेशा दुश्मन देश ही माना। आज भी हालात कुछ ज्यादा बदले नहीं हैं और मुस्लिम देशों की बहुमत के आधार पर देखें, तो मतदान से यही पता चलता है कि, खाड़ी में एक विशाल बहुमत इजरायल को सिर्फ एक अन्य देश के रूप में स्वीकार करने का विरोध करता है और इजरायल के साथ व्यापारिक संबंध बनाने को घृणित मानता है, लेकिन इन देशों की स्वीकार्यता या फिर अस्वीकार्यता से ज्यादा मायने ये रखता है, कि सऊदी अरब और यूएई क्या चाहता है और इन दोनों देशों ने कम से कम इजरायल के लिए अपने घर के दरवाजे तो खोल ही दिए हैं। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल के प्रति सऊदी की विदेश नीति का अध्ययन करने वाले एक शोधकर्ता अब्दुलअजीज अल्घाशियान का मानना है, कि "यह संबंधों के गर्म होने के बजाय संबंधों के पिघलने का वक्त है। और यह अभी भी बहुत महत्वपूर्ण है। " इजरायल के लोग अब काफी आसानी से किसी तीसरे देश के पासपोर्ट के जरिए सऊदी अरब आने-जाने लगे हैं और अपना कारोबार चलाने लगे हैं, जाहिर है इसका फायदा भी सऊदी अरब को हो रहा है, क्योंकि जहां इजरायली हैं, वहां साइंस और टेक्नोलॉजी है और सऊदी अरब इस बदलाव की हवा को महसूस कर रहा है।
क्वालिटेस्ट 2019 में अंतरराष्ट्रीय निवेशकों द्वारा अधिग्रहित एक इजराइली इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर-टेस्टिंग कंपनी है। यह सीधे सऊदी अरब में काम नहीं करती है, लेकिन इस कंपनी के यूरोप, इजरायल और मध्य पूर्व के डायरेक्टर शाई लिबरमैन ने कहा कि, वो अपनी कंपनी के प्रोडक्ट्स को किसी तीसरे देश को बेचते हैं और फिर वो देश सऊदी अरब में उन प्रोडक्ट्स को बेचती है और ये बिक्री काफी ज्यादा है। और ये निवेश और व्यापार सिर्फ एकतरफा नहीं है, बल्कि सऊदी अरब से भी रुपये का बहाव होने लगा है। सऊदी अरब की कंपनी मिठाक कैपिटल एसपीसी, जो अलराझी परिवार का है, जिसे सऊदी बैंकिंग स्कियंस नियंत्रित करता है, इस कंपनी ने इजरायल की दो कंपनियों मोबिलिटी इंटेलिजेंस फर्म ओटोनोमो टेक्नोलॉजीज लिमिटेड और लंदन में रजिस्टर्ड इजरायली कंपनी ट्रेमर इंटरनेशनल लिमिटेड में भारी निवेश किया है और सऊदी राज परिवार इस बात से परिचित है।
गल्फ देश ईरान को अपनी सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा मानते हैं और अपनी साझा चिंताओं को दूर करने के लिए अरब देशों ने इजरायल से 'गुप्त समझौते' स्थापित किए हुए हैं। जिसके अंतर्गत हथियारों की खरीददारी तक शामिल है। लेकिन, अब अरब देश आर्थिक विकास चाहते हैं और प्रिंस सलमान ने इसके लिए विजन-2030 भी बनाया हुआ है, जिसके तहत सऊदी अरब में सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिवर्तन शामिल है और सऊदी अरब को टेक्नोलॉजी के हिसाब से उन्नत बनावा है, लिहाजा प्रिंस सलमान की पहली पसंद इजरायल रहा है और वो इजरायल की मदद से सऊदी अरब में टेक्नोलॉजी हब स्थापित करना चाहते हैं।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, मिथाक कैपिटल के प्रबंध निदेशक मुहम्मद आसिफ सीमाब ने कहा कि, "हमें इजराइल का इनोवेशन और टेक्नोलॉजी को लेकर उनकी संस्कृति काफी पसंद है और हम इससे लाभ उठाने के तरीके खोजने की कोशिश करते हैं। " वहीं, सऊदी अरब सरकार ने शामिल होने वाले नये अधिकारी इजरायल के साथ संबंधों को खुले तौर पर विस्तार देने का समर्थन कर रहे हैं। इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का सऊदी टेलीविजन चैनल अल अरबिया पर साक्षात्कार लिया गया था, जो हिब्रू भाषा के नक्शे के सामने बैठे थे और ईरान के साथ संभावित परमाणु समझौते के खतरे की चेतावनी दे रहे थे। वहीं, रब्बी जैकब हर्ज़ोग भी एक नाम हैं, जिन्हें सऊदी राजधानी रियाद में विदेशी श्रमिकों के एक छोटे यहूदी समुदाय में मंत्री बनने की अनुमति दी गई है।
क्या सऊदी अरब से मिलेगा पुरस्कार?
जब साल 2020 में संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने इजरायल के साथ राजनीतिक संबंध जोड़ लिए, जिसे अब्राहम समझौते के तौर पर जाना जाता है, तो यही संदेश मिला, कि सऊदी अरब भी निकट भविष्य में इसका पालन करेगा। इजराइली नेताओं के लिए, सऊदी अरब से मान्यता प्राप्त करना मध्य पूर्व की जियोपॉलिटिक्स के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में भी एक प्रतिष्ठित पुरस्कार होगा और इजरायल की कोई भी सरकार हो, उसकी सबसे बड़ी कोशिश यही होती है। लेकिन, सऊदी अरब के लिए भी ये फैसला अचानक लेना मुश्किल है। सऊदी अरब में धार्मिक कट्टर संगठन अभी भी हावी हैं और सऊदी अरब के लिए अपने पड़ोसी इस्लामिक देशों को भी इजरायल से संबंध स्थापित करने के लिए मनाना आसान नहीं होने वाला है, लिहाजा अभी भी व्यापारिक बाधाएं मौजूद हैं और रियाद का दौरा करने वाला एक इजराइली व्यापारी मालिक बताते हैं, कि वो अभी भी तेल अवीव सीधे फोन नहीं कर सकते हैं और वो वो अकेले पैसे ट्रांसफर नहीं कर सकते हैं।
वाशिंगटन इंस्टीट्यूट फॉर नियर ईस्ट पॉलिसी ने एक सर्वे में सऊदी अरब के लोगों के बीच इजरायल को लेकर राय जानने की कोशिश की थी, जिसमें पता चला कि, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन ने इजरायल के साथ जो अब्राहम अकॉर्ड किया, उसको लेकर निराशा है और सिर्फ 19 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक सऊदी अरब के लोगों का मानना है, कि इजरायल के साथ संबंध जोड़कर सही फैसला लिया गया। हालांकि, जिन लोगों को अब्राहम समझौता पसंद नहीं आया है, उनमें ज्यादातर लोगों का ये मानना है, कि इजरायल के अस्तित्व को नकारा नहीं जा सकता है और इजरायल के साथ अनौपचारिक संबंधों को स्वीकृति देने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। हालांकि, सभी लोगों का ऐसा नहीं सोचना है। इसी साल जुलाई महीने में मक्का की भव्य मस्जिद के एक इमाम ने जुमे की नमाज़ की अगुवाई करते हुए यहूदियों के देश पर कब्जा करने के नारे लगाए और इस खातिर जुमे की नमाज में प्रार्थना की। वहीं, जब राष्ट्रपति बाइडने की यात्रा के दौरान एक यहूदी पत्रकार 'पवित्र शहर मक्का' में दाखिल हुआ, तो उसे वहां से बाहर निकाल दिया और उसकी निंदा की गई।
Opinon: कैसे शेख हसीना ने 'चीन की दीवार' तोड़कर भारत और भारत के बीच लिंक जोड़ा है?
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उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा उपचुनाव में केन्द्र और राज्य में सत्तारुढ़ भाजपा को करारी शिकस्त देने वाले समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार नागेन्द्र प्रताप सिंह पटेल ने पहली बार कोई चुनाव लड़ा है। पहली बार में ही उन्होंने यूपी से सीधे दिल्ली का रुख कर लिया।
गौरतलब है कि फूलपुर सीट 2014 के आम चुनाव में भाजपा ने सपा से छीनी थी। पटेल फूलपुर विधानसभा क्षेत्र के निवासी हैं और रेलवे के बड़े ठेकेदार हैं। उनकी पटेल मतदाताओं के बीच अच्छी पकड़ है और इसी कारण सपा ने उन्हें फूलपुर उपचुनाव के लिए अपना प्रत्याशी बनाया।
नागेंद्र ने अपनी शुरुआती पढ़ाई इलाहाबाद से की और वहीं से उनकी राजनीतिक यात्रा भी शुरू हुई। वर्ष 1991 में इलाहाबाद डिग्री कॉलेज में उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ने के साथ ही नागेंद्र सक्रिय राजनीति में आ गए। छात्र राजनीति के दौरान ही पटेल उस वक्त के बसपा के कद्दावर नेता जंग बहादुर पटेल के संपर्क में आ गए। इसी के साथ उनकी राजनीति की गाड़ी भी आगे बढ़ती रही।
सबसे अमीर प्रत्याशी : लोकसभा चुनाव के लिए दाखिल नामांकन के मुताबिक, नागेंद्र फूलपुर से सबसे अमीर प्रत्याशी थे। उनकी कुल संपत्ति 33 करोड़ रुपए है।
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मेंगलुरु। जेडीएस नेता और पूर्व श्रममंत्री के. अमरनाथ शेट्टी का सोमवार सुबह शहर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 80 वर्षीय शेट्टी कुछ समय से बीमार थे और कुछ दिनों पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
वर्ष 1983 में उन्होंने जेडीएस के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और पहली बार मुडबिद्री निर्वाचन क्षेत्र से कर्नाटक विधानसभा के लिए चुने गए। वह 1987 और 1994 में फिर से इसी निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने पर्यटन और श्रममंत्री के रूप में कार्य किया।
शेट्टी पूर्व केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एम वीरप्पा मोइली के सहपाठी थे। उन्हें साफ-सुथरी छवि वाले राजनीतिज्ञ के तौर पर जाना जाता था। उनके निधन से दक्षिण कन्नड़ जिले ने एक प्रतिष्ठित नेता को खो दिया है।
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चिटफंड कंपनियों पर प्रशासनिक शिकंजा लगातार कसता जा रहा है, हालांकि शासन स्तर पर अब तक किसी प्रकार का ठोस कानून अब तक नहीं बन पाया है। 2 से 5 गुना राशि लौटाने का झांसा देकर जिले के 212575 निवेशकों से ठगी की गई। पिछले दिनों लिए गए आवेदनों के आधार पर यह खुलासा हुआ है।
निवेशकों के आवेदन और बॉन्ड पेपर की जांच से हुआ है। दैनिक भास्कर ने इसकी पड़ताल की तो पता चला कि जिला प्रशासन ने अब तक सिर्फ 125 कंपनियों की जानकारी जुटाई है। इससे पता चला कि ठगी करने वाली सबसे ज्यादा लिमिटेड कंपनी है। जिले के निवेशकों से ठगी करने में दिल्ली की सबसे ज्यादा 18, रायपुर की 17 और दुर्ग की 13 कंपनी शामिल हैं। सूची में शामिल बाकी राज्यों की तुलना में 30 % कंपनियां राज्य की है।
आवेदनों की जांच से पता चला कि है जिन कंपनियों का नाम सामने आया है, वह सभी नई कंपनियां हैं। इन कंपनियों का पुलिस थानों में दर्ज एफआईआर से कोई लेना देना नहीं है। इससे यह खुलासा हुआ है कि पहले की 40 कंपनियों के बाद भी जिले के ग्रामीणों से साथ 250 कंपनियों ने निवेश के नाम से ठगी की है।
अब तक की जांच में पता चला है कि निवेशकों से ठगी करने में 94 कंपनियां ऐसी है जो लिमिटेड कंपनियों की सूची में शामिल है। ये कंपनियां कंपनी लॉ के तहत रजिस्टर्ड होती है। इनकी जानकारी ऑनलाइन मिल गई है। बाकी कंपनियां ऐसी है जिनके रजिस्ट्रेशन के लिए रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर जानकारी मंगवाई गई है।
चिटफंड कंपनी की संपत्ति की जानकारी जुटाने, संपत्ति की कुर्की के लिए न्यायालय से अनुमति लेने और निवेशकों को पैसा लौटाने की जिम्मेदारी जिले के सक्षम अधिकारी को होती है। लेकिन ऐसे मामलों में अंतिम आदेश कोर्ट लेते है। ज्यादातर मामलों में चिटफंड की धारा, 6, 7 और 10 की जटिलता के कारण प्रकरण उलझ गए हैं।
लिमिटेड कंपनियां कंपनी लॉ के तहत रजिस्टर होती हैं। उनकी जानकारी जुटाना लेंगे। 24 जनवरी को दो कंपनियों के खिलाफ इश्तेहार देंगे। 1 हफ्ते में कंपनी और ठगी की राशि का पता चल जाएगा।
फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई हैं। जिन मामलों में चालान पेश नहीं हो पाए हैं,उनके फरार आरोपियों को गिरफ्तार करके चालान पेश किया जाएगा।
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GAYA : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार बिहार दौरे पर है। अपने इस बिहार दौरे के दौरान वे शनिवार को नालंदा और राजगीर के दौरे के बाद देर रात गया पहुंचे थे। वहीं आज सुबह उन्होंने विष्णुपद मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद उन्होंने अपने पूर्वजों की मुक्ति के लिए फल्गू नदी में पूरे विधि-विधान के साथ तर्पण और पिंडदान किया। इस दौरान उनकी पत्नी भी उनके साथ रहीं।
बताते चलें कि देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल बिहार दौरे पर हैं। अजीत डोभाल शनिवार की सुबह विशेष विमान से पटना पहुंचे। डोभाल पटना एयरपोर्ट से ही कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच गया और राजगीर के लिए रवाना हो गए। अजीत डोभाल के इस दौरे को उनका निजी कार्यक्रम बताया जा रहा है।
डोभाल के दौरे का क्या और भी मकसद ?
हालांकि पटना पहुंचते ही अजित डोभाल ने बिहार डीजीपी के. एस द्विवेदी से उनके घर पर जाकर मुलाकात की है। हालांकि NSA अजीत डोभाल का यह दौरा अधिकारिक नहीं है। लेकिन उसके बावजूद इस बात की चर्चा तेज है कि आखिर डोभाल गया और राजगीर ही क्यों जा कर रहे हैं। बोधगया में आतंकी ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियों की नजर लगातार वहां चौकन्नी है।
गया के अलावा राजगीर भी बिहार में एक ऐसी जगह है जहां अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों का खूब आना जाना है। ऐसे में अजीत डोभाल का दौरा भले ही निजी हो लेकिन उनके आने भर से कयासों का बाजार गर्म है।
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जम्मू कश्मीर के शोपियां में टेरिटोरियल आर्मी का एक सैनिक मृत पाया गया है, बताया जा रहा है कि, सैनिक को अगवा किया गया था । पुलिस के अनुसार कीगम इलाके से बरामद शव पर गोलियों के निशान भी मिले हैं । २३ साल के इस सैनिक का नाम इरफान अहमद डार है और वह साजन गांव के रहने वाले थे ।
सैनिक की तैनाती गुरेज इलाके में थी और वह छुट्टी पर अपने घर आया हुआ था । किसी भी आतंकी संगठन ने अबतक इस हत्या की जिम्मेदारी नहीं ली है । इस घटना के बाद सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर मामले की जांच में शुरू कर दी है ।
दक्षिण कश्मीर के इलाके में यह दूसरा ऐसा मामला है जब किसी सैनिक को अगवा कर उसकी हत्या की गई हो । इससे पहले मई में सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज को भी अगवा कर उनकी हत्या कर दी गई थी । उमर शोपियां में अपने घर में एक शादी समारोह में शामिल होने आए थे ।
इस घटना से ध्यान में आता है कि, आज जिहादी आतंकवादी इस प्रकार हमारे सैनिकों की हत्या कर रहे है । परंतु जब भारतीय सेना या पुलिस आतंकियों के विरूद्ध अभियान चलाते है, ताे कश्मीर के स्थानिक धर्मांध सैनिकों पर पत्थरबाजी कर आतंकियों को भागने में सहायता करते है । जब किसी आतंकी का जनाजा निकलता है, तो हजारो की संख्या में जिहादी कश्मीरी इकठ्ठा हो जाते है । उस समय वे भारत तथा हिन्दूआें के विरूद्ध नारेबाजी भी करते है । अब भारतीय सैनिकों का बलिदान व्यर्थ ना जाए, इस हेतु जिहादी आतंकवाद तथा इन आतंकवादियों को सहायता करनेवालों को जड से उखाडने के लिए तुरंत प्रयास करने चाहिए ।
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भारतीय क्रिकेट टीम के धुरंधर बल्लेबाज सुरेश रैना और बागपत के बामनौली के तेजपाल की बिटिया प्रियंका चौधरी चार अप्रैल को परिणय-सूत्र में बंध जाएंगे।
बागपत । भारतीय क्रिकेट टीम के धुरंधर बल्लेबाज सुरेश रैना और बागपत के बामनौली के तेजपाल की बिटिया प्रियंका चौधरी चार अप्रैल को परिणय-सूत्र में बंध जाएंगे। दिलचस्प संयोग यह है कि प्रियंका के भाई की तीन अप्रैल को शादी होगी। वह शामली से दुल्हन लाएंगे। इसे लेकर मुजफ्फरनगर और बागपत दोनों जिलों में उत्सुकता है।
गुरुवार को तेजपाल के चचेरे भाई जयप्रकाश ने बताया कि प्रियंका व रैना की शादी से एक दिन पहले प्रियंका के बड़े भाई विवेक की शादी होगी। शामली के गांव हाथी करौदा के एक बिल्डर की बेटी से उनकी शादी तय हुई है। दोनों शादियों को लेकर जश्न का माहौल है।
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ऐसी कक्षाएं एक प्रशिक्षण योजना तैयार करने की मूल बातें, खाद्य उत्पादों को चुनने के बारे में जानकारी प्रदान करती हैं। यदि आपके पास ऐसा ज्ञान नहीं है, तो ट्रेनर से संपर्क करने के लिए इष्टतम होगा।
जिम के लिए सबसे अधिक आगंतुकआश्चर्य है कि वसा जलने और राहत चित्रण के लिए कौन सी प्रशिक्षण योजना चुननी है गर्मी की शुरुआत के साथ, हर कोई गलत जगहों पर जमा बिना किसी तंग शरीर चाहता है। यह लड़कियों और पुरुषों दोनों के हित में है प्रशिक्षण पहले और दूसरा थोड़ा अलग होगा चलो उनसे जुदा करने की कोशिश करते हैं।
प्रशिक्षण योजना पर विचार करने से पहले, आपको अपने मूल नियमों से परिचित होना चाहिएः
निपटान के मामले में सबसे प्रभावीअतिरिक्त वजन का अभ्यास सुपरसैट्स होता है जैसा कि आप जानते हैं, चमड़े के नीचे की वसा को जलाने के दौरान इस घटना में बहुत अधिक कैलोरी जल जाएगा, और यह उच्च तीव्रता प्रशिक्षण द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। बढ़ते दृष्टिकोण और दोहराव, आराम के समय को कम करने और कार्डियो लोड जोड़ने से वजन कम करने की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।
लड़कियों को वजन कम करने के लिए जिम में प्रशिक्षण की योजना कई कार्यों को करने के लिए डिज़ाइन की गई हैः
सभी मांसपेशी समूहों को तीन दिनों में विभाजित किया जाएगा, प्रत्येक अभ्यास में 3-4 दृष्टिकोण और 15-20 पुनरावृत्ति होनी चाहिए। 20 प्रतिनिधि या 4 से 15 के 3 सेट के मोड में इष्टतम प्रशिक्षण।
पहला दिन हम अपने पैरों, प्रेस, कंधे, पीठ, दांतों को स्विंग करते हैंः
दूसरे दिन हम अपने पैरों को प्रशिक्षित करते हैं, प्रेस करते हैं, छातीः
तीसरे दिन हम अपने पैरों, बछड़ों, प्रेस, पीठ, कंधे, triceps हिलाते हैंः
वजन घटाने के लिए पुरुषों के लिए प्रशिक्षण योजना निम्नलिखित कार्यों को पूरा करती हैः
पहला दिन हम प्रेस, पीठ और छाती को प्रशिक्षित करते हैंः
दूसरे दिन हम हाथ हिलाते हैंः
तीसरे दिन हम प्रेस, पैरों और कंधों को प्रशिक्षित करते हैंः
एक परिपत्र पर एक लड़की के लिए हॉल में प्रशिक्षण की योजनाविधि पुरुषों के अध्ययन से अलग नहीं है। इसके अलावा परिपत्र प्रशिक्षण यह है कि आप हॉल की एक यात्रा के लिए सभी मांसपेशी समूहों को काम कर सकते हैं। वसा जलने के लिए, यह वास्तव में अद्भुत है।
इसके अलावा, इस तरह के प्रशिक्षण में तेजी आती हैचयापचय, सहनशक्ति में सुधार और व्यायाम के लिए समय कम करें। सार सभी मांसपेशी समूहों पर बिना किसी रोक के व्यायाम करना है। यही है, पाठ में प्रत्येक मांसपेशी समूह के लिए एक दृष्टिकोण शामिल होगा। यह बहुत ऊर्जा-गहन प्रशिक्षण है और बहुत सारी ऊर्जा और ऊर्जा लेता है, इसलिए एक आदमी के लिए भी बड़े वजन के साथ काम करना संभव नहीं होगा।
प्रशिक्षण के लिए, आपको एक सर्कल में अभ्यास के बीच आराम के बिना 3-5 सर्किलों के माध्यम से जाना और 12-20 पुनरावृत्ति करना होगा। प्रशिक्षण योजना पर विचार करें।
पहला दिनः
दूसरा दिनः
यद्यपि हॉल में प्रशिक्षण के लिए यह योजना हफ्ते में दो बार डिज़ाइन की गई है, लेकिन यह कसरत को वैकल्पिक रूप से 3 या 4 बार अभ्यास करने के लिए अनुकूल होगा। इससे अधिक कैलोरी जलने में मदद मिलेगी और वजन कम हो जाएगा।
प्रशिक्षण योजना दोनों महिलाओं और दोनों के लिए उपयुक्त हैपुरुष, क्योंकि भार समान रूप से वितरित किया जाता है, और मांसपेशियों के किसी भी समूह पर कोई जोर नहीं होता है, क्योंकि वसा जलने के लिए जीव को जटिल तरीके से प्रभावित करना आवश्यक है, और कुछ मांसपेशियों को सटीक रूप से प्रशिक्षित नहीं करना आवश्यक है।
एक में 15 पुनरावृत्ति का औसत प्रदर्शन करनाचार गोद (1 घंटा) के लिए व्यायाम, आप 600 क्रियाएं (10 प्रति मिनट) कर सकते हैं। यह एक बहुत गहन भार है, जिसके कारण वसा अच्छी तरह से जला देगा। कार्यान्वयन के दृष्टिकोण से, इस तरह के प्रशिक्षण बहुत श्रमिक हैं, और कड़ी मेहनत करने के लिए आवश्यक होगा। हालांकि, कुछ महीनों के बाद, परिणाम खुद को महसूस करेंगे, और आप समझेंगे कि सभी व्यय बलों व्यर्थ नहीं थे।
जिम में प्रशिक्षण योजना मेंबढ़ी हुई वसा जलने के लिए 30 मिनट से कार्डियक सत्र की आवश्यकता होती है। प्रशिक्षण के बाद, मांसपेशियों में सभी ग्लाइकोजन का उपभोग होता है, और इस बार कार्डियो रखने के लिए सबसे इष्टतम है। ऊर्जा के लिए, शरीर को वसा भंडार लगभग तुरंत जला देना होगा, क्योंकि ग्लाइकोजन नहीं है। एरोबिक व्यायाम के लिए इष्टतम समय 45 मिनट है।
यदि आप ताकत अभ्यास या अंदर से पहले कार्डियो करते हैंएक और दिन, शुरुआत के बाद लगभग तीस मिनट तक वसा जलने लगेगा, क्योंकि ग्लाइकोजन पहले उपभोग किया जाएगा। इसलिए, एरोबिक भार के लिए इष्टतम समय बल के बाद होता है। व्यायाम बाइक, ट्रेडमिल या एलीपसॉइड पर एक कार्डियोयन किया जा सकता है, जो इतना महत्वपूर्ण नहीं है। लक्ष्य क्षेत्र में नाड़ी को रखना अधिक महत्वपूर्ण है, जिसमें वसा को सबसे अधिक जला दिया जाता है। इसकी गणना इस प्रकार की जा सकती हैः 220 मिनट की उम्र और 0.7 से गुणा करें।
लड़कियों के लिए जिम में कसरत की योजना बनाएं औरपुरुषों के लिए - नहीं वजन खोने में सबसे महत्वपूर्ण बात यह। वांछित परिणाम उचित पोषण के बिना हासिल नहीं किया है। प्राप्त से अधिक खर्च करने - इसलिए, वसा के खिलाफ लड़ाई में आप एक आहार का पालन करने की जरूरत है। वहाँ आहार के बहुत सारे, बस व्यायाम की तरह हैं, लेकिन हाल ही में एथलीटों प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट पसंद करते हैं। लब्बोलुआब यह प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट, जो वजन धीरे धीरे और निश्चित रूप से कम करने के लिए मदद करता है के सेवन बारी करने के लिए नीचे आता है।
लड़कियों के लिए, आहार चक्र निम्नानुसार होंगेः
पुरुषों के लिए, खपत भोजन का आदर्श फिट होना चाहिएः
वसा बर्नर के बीच सबसे लोकप्रिय पूरकएल-कार्निटाइन है। यह पदार्थ हमारे शरीर में उत्पादित होता है, लेकिन वसा भंडार जलाने के लिए पर्याप्त नहीं है। यह ध्यान देने योग्य है कि दवा परहेज़ किए बिना काम नहीं करेगा। यही है, आपको खर्च से कम कैलोरी उपभोग करने की जरूरत है। आहार, व्यायाम और कार्निटाइन के साथ यह एक उत्कृष्ट परिणाम देगा।
एल-कार्निटाइन पाउडर और तरल रूप में उपलब्ध है,यह अपेक्षाकृत सस्ती है। इसके अलावा, लोकप्रिय वसा बर्नर लिपो 6 है, यह पिछले उत्पाद की तुलना में परिमाण का अधिक महंगा खर्च करता है, लेकिन यह अधिक प्रभावी है। बोलते हुए एथलीटों ने बार-बार वसा बर्नर के अच्छे दृश्य प्रभाव को नोट किया है, इसलिए यदि आप परिणाम पर स्पष्ट रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो आप सुरक्षित रूप से उनका उपयोग कर सकते हैं। अपनी प्रशिक्षण योजना में वसा immobilization के लिए मददगार सहित, आप वांछित परिणाम तेजी से प्राप्त कर सकते हैं।
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Hindi Diwas 2022 Celebration कर्नाटक के पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी ने अपने पत्र में कहा कि कर्नाटक में 14 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हिंदी दिवस कार्यक्रम को जबरदस्ती मनाना राज्य सरकार द्वारा कन्नड़ के साथ अन्याय होगा।
बेंगलुरु, एजेंसी। Hindi Diwas 2022: कर्नाटक में हिंदी का विरोध अभी शांत होता नहीं दिख रहा है। कर्नाटक के पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को पत्र लिखा है कि प्रदेश में हिंदी दिवस न मनाया जाए। एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि अगर कर्नाटक में 'हिंदी दिवस' मनाया जाता है तो यह कन्नड़ लोगों के लिए अपमानजनक होगा। आगे पत्र में लिखा कि सीएम बोम्मई टैक्सपेयर्स के पैसे का इस्तेमाल करके हिंदी दिवस न मनाएं। उन्होंने कहा कि 14 सितंबर को होने वाला हिंदी दिवस जबरदस्ती मनाना कर्नाटक के लोगों के साथ अन्याय होगा।
सरकार को लिए एचडी कुमारस्वामी ने अपने पत्र में कहा कि कर्नाटक में 14 सितंबर को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित हिंदी दिवस कार्यक्रम को जबरदस्ती मनाना, राज्य सरकार द्वारा कन्नड़ के साथ अन्याय होगा। मैं आग्रह करता हूं कि ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे कर्नाटक सरकार को करदाताओं के पैसे का इस्तेमाल करके हिंदी दिवस मनाया जाए।
दक्षिण में हिंदी दिवस पर विरोध अब भी जारी है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने हिंदी दिवस पर सवाल उठाते हुए एक बार कहा था कि गैर हिंदी भाषियों के लिए इसमें क्या है। उन्होंने हिंदी दिवस को अन्य भाषा बोलने वाले लोगों पर हिंदी थोपने का 'चालाकी भरा कदम' बताया था।
कुमारस्वामी ने कहा कि केंद्र सरकार हिंदी दिवस को 'भाषा दिवस' के रूप में मनाने के लिए कदम उठा सकती है, जिससे सभी लोग देश में सभी भाषाओं के लिए दिवस मना सकेंगे। हम निश्चित रूप से केंद्र का समर्थन करेंगे अगर यह हिंदी दिवस के बजाय भाषा दिवस मनाने का फैसला करता है। कुमारस्वामी ने कहा कि अगर राज्य में या केंद्र में भाजपा सोचती है कि त्रि-भाषी फॉर्मूले को लाकर कर्नाटक में हिंदी को आसानी से लागू किया जा सकता है, तो इसका जबरदस्त विरोध किया जाएगा।
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ज्यूरी के त्यावल में दो कमरों के मकान में आग लगने से मकान और मकान में रखा सामान जल कर रखा हो गया है। शार्ट सर्किट से लगी इस आग से 5 लोगों का करीब 2 लाख 68 हजार का नुकसान हुआ है। आगजनी की यह घटना रात करीब डेड बजे के करीब पेश आई है। हादसे में कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है। स्थानीय लोगों, पुलिस, आईटीबीपी और फायर ब्रिगेड, ने कड़ी मुश्क़त के बाद सुबह चार बजे आग पर काबू पाया।
सोमवार को रात को करीब डेड बजे संगीता देवी गांव त्यावल के घर में आग लगी। इस घर में सो रहे लोगों को आग लगने के वक्त पर आभास होने से उठे और साथ के कमरों में सो रहे सभी लोगों को उठा लिया जिस कारण सभी की जान बच गई। मकान मालिक ने शोर कर आसपास के लोगो को भी जगाया जिस के बाद उन्होंने ज्यूरी पुलिस को सूचना दी।
सूचना मिलते ही ज्यूरी चौकी से चौकी प्रभारी चमन लाल, हेड कांस्टेबल मनोज, जगदीश परमार मौके पर पहुंचे। उस के बाद आईटीबीपी की 43 बटालियन की एक टुकड़ी भी सहायता के लिए मौके पर पहुंची। 43 वीं आईटीबीपी टुकड़ी एसिस्टेंट बृजेश कुमार की अगुवाई में आग भुजाने में सहयोग दिया। इसी बीच रामपुर और एनजेएचपीएस झाकड़ी से फायर ब्रिगेड की दो गाड़ियां भी पहुंची। जिस के बाद आग पर पूरी तरह काबू पाया गया।
पुलिस के अनुसार संगीता शर्मा के दो कमरे और एक टिन का स्टोर जल कर राख हो गया है। जिस में संगीता का दो लाख का नुकसान और उन्हीं के किराएदार अवधेश शर्मा और उन के साथ रहने वाले तीन और मजदूरों का करीब 68 हजार का सामना भी जल का राख हुआ है। मामले की पुष्टि करते हुए डीएसपी रामपुर अभिमन्यु वर्मा ने बताया की आगजनी की यह घटना शॉट सर्किट की वजह से पेश आई है।
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एजेंसी/ इलाहाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास के वास्ते उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता में लाने की अपील करते हुए कहा कि अगर हमने ठीक काम नहीं किया तो हमें लात मारकर निकाल दीजिएगा। इस दौरान पीएण नरेंद्र मोदी ने सत्ताधारी दल समाजवादी पार्टी (एसपी) और मुख्य विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) पर जोरदार निशाना साधा।
मोदी ने सूबे की बर्बादी के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा)को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अब इन दोनों की जुगलबंदी बंद होनी चहिए। मोदी ने कहा कि मुलायम और मायावती में पांच-पांच साल का कान्टेक्ट है। दोनों सत्ता से बाहर रहने पर एक दूसरे के खिलाफ कार्रवाई की बात करते हैं लेकिन सत्ता में आते ही एक दूसरे का बचाव करने लगते हैं। इनकी जुगलबंदी है। इनकी पांच पांच साल लूट की ठेकेदारी बंद नहीं हुई तो उत्तर प्रदेश का भला नहीं होगा।
प्रधानमंत्री ने प्रदेश सरकार को लचर कानून व्यवस्था और गुंडागर्दी के नाम पर कठघरे में खड़ा करते कहा कि हुए उत्तर प्रदेश में भाई-भतीजावाद की राजनीति चरम पर है। इस बार यूपी को इन सभी समस्याओं से मुक्ति दिलानी होगी और इसका एकमात्र रास्ता विकास है। इलहाबाद को निषादराज की धरती बताते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रयागराज भी है। यहां लोकहितार्थ सबसे बड़ा यज्ञ हुआ था। प्रयागराज की धरती पर आज से उत्तर प्रदेश के लिए नए यज्ञ की शुरुआत हो रही है। वह यज्ञ है विकास का यज्ञ। विकास का यज्ञ करना है तो हमें कुछ आहुति देनी होती है। विकास का यज्ञ तब सफल होता है जब उसमें अहंकार की आहुति दी जाए, जातिवाद, भाई भतीजावाद , संप्रदायवाद की आहुति दी जाए।
प्रधानमंत्री ने अपने अंदाज में लोगों से पूछा, 'मुझे बताइए कि उत्तर प्रदेश गुंडागर्दी, जातिवाद, भाई भतीजावाद भ्रष्टाचार से परेशान है कि नहीं। इसलिए मैं विकास का यज्ञ चाहता हूं। अगर बदलाव लाना है तो विकास के रास्ते पर जाना पड़ेगा। इसके बिना कोई चारा नहीं है। ' मोदी ने कहा, 'मैं आपके पास मंत्र लेकर आया हूं। हम नहीं चाहते कि हमारे मां-बाप को तकलीफों का सामना करना पड़े। हम नहीं चाहते कि हमारी आने वाली पीढ़ी को कठिनाईयां उठानी पड़े। हर मुसीबत का एक ही समाधान विकास है। अगर विकास नहीं होगा तो नौजवान को रोजगार कहां से मिलेगा। ' नौकरियों में इंटरव्यू को भष्टाचार का बड़ा कारण बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं प्रयागराज की धरती से नौजवानों को विश्वास दिलाता हूं कि यदि आप में योग्यता है तो भ्रष्टाचार व भाई भतीजावाद से आपका हक कुचला नहीं जाएगा। हम आपको आपका हक देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आज कुछ राज्य सरकारें हमारी बात नहीं मान रही है लेकिन जनता-जर्नादन का ऐसा दवाब बनेगा कि उन्हे हमारी बात माननी पड़ेगी। तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरी में इन्टरव्यू समाप्त करना ही पड़ेगा। केन्द्र सरकार ने इसे समाप्त कर दिया है।
भीड़ को देख गदगद प्रधानमंत्री ने दावा किया की देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। लेकिन देश के विकास के लिए उत्तर प्रदेश का विकसित होना बेहद जरूरी है। देश की हो रही तरक्की में उत्तर प्रदेश को श्रेय देते हुए पीएम मोदी ने कहा जब जब हिंदुस्तान मुसीबत से गुजरा है, हिंदुस्तान को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सबसे पहले आगे आया है। इसलिए पूरे देश विकास के पहिए को गति देने के लिए उत्तर प्रदेश के विकास के रास्ते पर ले जाना होगा। क्योकि देश को नम्बर वन पर लाने के लिए इस राज्य को विकास की गति देनी ही होगी। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से ही देश का प्रधानमंत्री, गृह मंत्री व रक्षा मंत्री हैं। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा की यदि यहां सरकार बन गयी तो उत्तर प्रदेश से केन्द्र में मंत्रियों की सर्वाधिक संख्या विकास के रास्ते को और मजबूत करेगी।
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परसावल (बाराबंकी) : गायत्री निषाद को 30 जनवरी की रात को प्रसव पीड़ा के लक्षण महसूस होने लगे, लेकिन उन्हें इस डर से पूरी रात घर पर ही गुज़ारनी पड़ी कि कहीं वह अपने बच्चे को घर पर ही जन्म न दे दें। उन्हें सुबह जाकर ही एंबुलेंस नहीं, बल्कि मोटरसाइकिल से अस्पताल ले जाया गया।
तक़रीबन 20 साल की यह गृहिणी उस परसावल गांव में रहती है, जो लखनऊ से लगभग 84 किमी दूर है और ज़ोरदार घाघरा नदी के दो पाटों के बीच बसा यह एक द्वीपनुमा गांव है। इस गांव में लगभग 60 परिवार रहते हैं, जिनमें से ज़्यादातर निषाद समुदाय के हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इस परसावल गांव से क़रीब 7 किमी दूर है, लेकिन वहां पहुंचने के लिए ग्रामीणों को घाघरा नदी के दो पाटों को ज़्यादा पानी होने पर या तो नाव के सहारे या पानी कम होने पर पैदल चलकर पार करना होता है।
गायत्री को बताया गया कि प्रसव होने में अभी समय है और उन्हें मल्टीविटामिन, फ़ॉलिक एसिड और दूसरी दवायें लेने के लिए कहा गया। वह अपने पति और एक चचिया ससुर के साथ उसी मोटरसाइकिल पर घर वापस लौट आयीं।
एक साल की बेटी की मां गायत्री कहती हैं, "पूरी रात मैं यही सोचती रही कि मेरे बच्चे की डिलीवरी घर के भीतर ही होगी। मैं पूरी रात बहुत डरी हुई थी और भगवान से प्रार्थना करती रही कि किसी तरह दर्द बंद हो जाये और अस्पताल ले जाने के लिए सुबह तक का इंतज़ार करती रही। लेकिन,पूरी रात दर्द कम नहीं हुआ, और मैंने वह रात करवट बदल-बदलकर रोते और चिल्लाते हुए बितायी।"
वह आगे बताती हैं कि वह इतनी डरी हुई थीं कि उनके मन में मौत के ख़्याल तक आने लगे थे और एक समय तो दर्द इतना बढ़ गया था कि वह बेहोश होकर गिर गयी थीं और फिर क़रीब आधे घंटे तक अचेत सोई रहीं। जो दवायें उन्हें पहले लेने के लिए कहा गया था,वे परिवार के पास घर पर ही थीं, लेकिन उन दवाओं से भी दर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा था।
प्रसव का इंतज़ार कर रही उस गर्भवती महिला ने कहा, "मुझे याद है कि अस्पताल ले जाने के लिए मैं अपने पति पर दो बार से ज़्यादा चिल्लायी थी, लेकिन रात में घने कोहरे के चलते वह कुछ नहीं कर सके।"
यूरो स्त्री रोग विशेषज्ञ और सुरक्षित प्रसव को लेकर अभियान चलाने वाली डॉ अपर्णा हेगड़े का कहना है कि प्रसव से पहले की देखभाल अहम होती है, और सरकारी दिशानिर्देशों के मुताबिक़ गर्भवती महिला को गर्भावस्था के नौवें महीने में तीन बार अल्ट्रासाउंड करवाना चाहिए। गायत्री ने महज़ एक अल्ट्रासाउंड करवाया था, और डॉक्टरों का कहना है कि वह एक या दो हफ़्ते में कभी भी अपने बच्चे को जन्म दे सकती है।
परसवाल गांव मांजा परसवाल और प्रताप पुर गांवों का हिस्सा है। परसावल नदी से घिरा हुआ है और इसमें विकास का कोई निशान तक नहीं दिखता है। गांव में सड़क, बिजली, शौचालय, पक्के मकान, स्वास्थ्य सेवा, स्कूल और दूसरी बुनियादी सुविधाओं का अभाव है। अभी तक किसी भी दल के प्रत्याशी ने गांव का दौरा नहीं किया है और गांव की कई महिलाओं को अपने राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में पता तक नहीं है।
पचास साल के धनलाल निषाद इसी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने ग्राम प्रधान के पद के लिए पिछला पंचायत चुनाव लड़ा था, और उनके गांव का विकास ही उनका चुनावी मुद्दा था। चुनाव हार जाने के बावजूद उन्हें प्यार से 'नेता जी' के नाम से जाना जाता है। धनलाल तंज करते हुए कहते हैं कि इस गांव में तो कोई समस्या ही नहीं है। यह इसलिए शांतिप्रिय गांव है, क्योंकि इस गांव के किसी भी घर में टेलीविज़न या मनोरंजन का कोई दूसरा साधन नहीं है, क्योंकि बिजली नहीं है। वह कहते हैं, "मैं सात बच्चों, यानी तीन बेटों और चार बेटियों का पिता हूं। मेरे बच्चे खेती और घर के कामों में मदद करते हैं।"
सात बच्चों के पिता धनलाल आगे कहते हैं कि परसावल गांव में रह रहे लोगों का मुख्य पेशा या आजीविका का स्रोत खेतीबाड़ी है और कोई दूसरा पेशा इसलिए नहीं है, क्योंकि शिक्षा की कोई सुविधा ही नहीं है। धनलाल आगे बताते हैं,"निकटतम स्कूल यहां से तक़रीबन 5 किमी दूर है, और कोई कनेक्टिविटी नहीं है। स्थानीय प्रशासन गर्मियों के दौरान नदी पर पोंटून पुल (पिपा पुल) बनवा देता है। लेकिन, नदी में बाढ़ जब आती है, तो यह पुल ख़राब हो जाता है, और तब हमारे पास आने-जाने के साधन के रूप में नाव का इस्तेमाल करने का विकल्प ही बचता है। मैं अपने बच्चों को ऐसी स्थिति में दूसरे गांवों में शिक्षा के लिए नहीं भेजूंगा। हर पांच साल में चुनाव आते हैं और अगर नेता हमें सुविधायें देने के बारे में थोड़ा भी चिंतित होते, तो हमारे पास कम से कम पुल तो होता। हम अपने मोबाइल फ़ोन चार्ज करने और शाम को एक बल्ब जलाने के लिए सरकार की तरफ़ से उपलब्ध कराये गये सोलर पैनलों पर निर्भर होते हैं, लेकिन बाढ़ और भारी बारिश के दौरान यह भी काम करना बंद कर देता है।"
न्यूज़क्लिक ने ज़िला प्रशासन से संपर्क किया,लेकिन वह टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं था।
'जो नसीब में होगा, उसे कौन बदल सकता है'
गायत्री के 24 साल के पति अर्जुन इसी गांव में तक़रीबन 8-10 बीघा ज़मीन का स्वामित्व वाले एक छोटे किसान है। अर्जुन ने बताया कि रात में अपनी पत्नी को अस्पताल नहीं ले जाने की इकलौती वजह घना कोहरा थी और यह भी कि टोल-फ़्री एम्बुलेंस सेवा ने उन्हें नदी पार करने के बाद गांव के अलग छोर पर आने के लिए कहा था, लेकिन अंधेरे और घने कोहरे के चलते रात में मोटरसाइकिल से ऐसा कर पाना मुमकिन ही नहीं था।
उन्होंने आगे कहा, "गर्भावस्था के आख़िरी महीने में अपनी पत्नी को यहां रखना जोखिम भरा है, लेकिन हमारे पास कोई दूसरा विकल्प भी तो नहीं है, और मैं बुरी से बुरी स्थिति के लिए तैयार रहता हूं। जो मेरे नसीब में होगा, उसको कौन बदल सकता है।"
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रूसी समाज का पुरानापन जिस बात में था, वह उसकी ग्राम-व्यवस्था थी । वर्माजी ने लिखा है कि "रूस की अधिकांश प्रजा केवल खेतीवारी करके ही अपन पेट पालती और छोटे-छोटे गांवों में ही रहकर अपने दिन बिताती थी ।" (पृष्ठ १९६) । इसका अर्थ यह है कि क्रान्ति के समय रूस की बहुसंख्यक जनता किसान थी । भारत के ग्रामसमाजों का स्मरण करते हुए वर्माजी ने आगे लिखा है, "हमारे देश की पंचायतों से मिलती-जुलती एक सरथा रूस मे भी है जिसे मीर कहते है। इसे हमारे हिन्दू संयुक्त परिवार का कुछ परिवर्तित और परिवधित रूप हो समझना चाहिए। रूसी गाँवों के समस्त निवासियों के हित और उत्तरदायित्व बिल्कुल एक होते थे । प्रत्येक गाँव में एक मुखिया होता था जो गाँव के आन्तरिक शासन का सारा काम करता था और उच्च कर्मचारियों आदि के सामने वही अपने गाँव के प्रतिनिधिस्वरूप उत्तरदायी होता था। गाँवो के आसपास जोतनेबोने अथवा पशुओं के चरने के लिए जितनी भूमि होती थी उस पर कुछ अशों मे गाँव के समस्त निवासियों का अधिकार होता था।" (उप.) । वर्माजी ने यह भी बताया है कि यह प्रथा बहुत प्राचीन है और जिस समय मनुष्य जाति केवल खेतीवारी करती थी, उस समय संसार के अधिकाश देशो में इस प्रथा का चलन था । भारत और रूस के सामाजिक विकास की अनेक समस्याएँ इस प्रथा के कायम रहने या टूटने से सम्बन्धित है। वर्माजी ने लिखा है कि रूस मे मीरवाली प्रथा बड़े-बड़े जमीदारो और ज़ार के लिए लाभदायक थी। बाद में सरकार ने अपनी नीति बदल दी और "धनिक कृषकों का एक नया वर्ग खड़ा करने के उद्देश्य से उस संस्था को तोड़ने का बहुत कुछ प्रयत्न किया और व्यक्तिगत कृषकों को इस बात का अधिकार दे दिया कि वे गाँवों की पंचायती जमीनों में से अपनी अधिकृत भूमि अलग कर लें। लेकिन फिर भी इस नवीन अधिकार का बहुत प्रयोग न हो सका।" (पृष्ठ १९८) । यहाँ इस बात का बहुत हल्का-सा सकेत है कि रूसी कान्ति से पहले वहाँ की पुरानो ग्राम-व्यवस्था टूट रही थी ।
इस पिछड़े हुए देश मे क्रान्ति हुई । बोल्शेविक पार्टी के नेतृत्व मे सोवियत राज्यसत्ता कायम हुई । बोल्शेविक नाम क्यो पड़ा, इसके बारे मे लिखा है कि पुराने साम्यलोकमतवादी दल मे जिस पक्ष का बहुमत था, वह बोल्शेविक कहलाया । "रूसी भाषा मे इस शब्द का अर्थ है - बहुमतवाला पक्ष या दल ।" ( पृष्ठ ३६२) । जो लोग दल में अल्पमत वाले थे, वे मेन्शेविक कहलाये । बोल्शेविक पार्टी के लिए लिखा है कि "आरम्भ से ही यह दल कान्तिवादी रहा है।' वोल्शेविक दल के नेता लेनिन के बारे में वर्माजी ने लिखा है, "बोल्शेविकों के नेताओं में लेनिन ही सर्वप्रधान है। मास्को मे बोल्शेविकों को जो प्रधान कार्यकारिणी सभा है, उसका वह सभापति है । वास्तव में वोल्शेविक आन्दोलन की जान लेनिन हो है। उसका जन्म १० अप्रैल १८७० को एक बहुत ही उच्च तथा
के कारण वह कजन नगर से निर्वासित कर दिया गया था। लेनिन के कुल के कई आदमी क्रान्तिवादी और क्रान्तिकारक हो गये हैं। इसी अपराध में उसके एक भाई
हिन्दी प्रदेश में समाजवादी चेतना का प्रसार / २८७ |
ज्ञानकी प्राप्ति करनेवाले ज्ञानयोगी श्रावक बतलाइए आपमें कितने हैं ? सायन्सका अभ्यास करनेवाले कितने हैं ? मानस शास्त्रका मनन करनेवाले कितने हैं ? संस्कृत प्राकृत भाषाका यथेष्ट ज्ञान प्राप्त करके मूल शास्त्रों के बांचनेवाले कितने हैं ? और यूरोप अमेरिकाके ' रिव्यू आफ रिव्यूज' तथा ' दि माइण्ड' जैसे पत्रोंके आफिसों में रहकर जिन्होंने उच्च श्रेणीके समाचारपत्रों के सम्पादन करनेकी योग्यता प्राप्त कर ली है ऐसे कितने हैं ? बतलाइए ऐसे कितने जैनी हैं जो राजनीतिक, नैतिक, सामाजिक, बौद्धिक और मद्यपाननिषेधक, मांसाहारनिषेधक आदि देशोपकारी आन्दोलनोंमें शामिल होकर कुछ काम करते हैं ? दो चार ऐसे पुरुषोंके ही नाम बतलाइए जो पाठशालाओं मन्दिरों और तीर्थक्षेत्रादिकोंका सार्वजनिक धन हजम कर जानेवाले पापियोंके विरुद्ध निर्भय होकर आन्दोलन करते हैं? कुछ ऐसे ही लोगोंके नाम गिनाइए जो दो. चार खास खास पुरुषोंके अभिमानादिके कारण उठे हुए कलहसे सारे समाजको अशान्तिके गड्ढे में पड़ते देखकर अपने हाथका सहारा देते हों । सार्वजनिक हितके लिए अपनी कीर्तिमें भी बट्टा लगवानेके लिये प्रसन्नता से तैयार होनेवाले श्रावक आज कितने हैं ? और परोपकारिणी संस्थाओंके लिये रास्तों में एक एक पैसा भीख मांगनेवाले विलायतके मिथ्यातियोंकी भी बराबरी करनेवाले कर्मयोगी कितने हैं ?
बड़े आश्चर्य की बात है कि यद्यपि हमारे उक्त सब प्रश्नोंका उत्तर प्रायः 'नहीं' ही मिलता है - हमारी धार्मिक योग्यता इतनी बढ़ी चढ़ी है, तौ भी हम दूसरे धर्मवालोंको जैनी बनाने का दम भरते हैं । हम समझते हैं कि हम धर्मात्मा हैं इसलिए दूसरोंको
भी अपने समान धर्मात्मा बनानेका मोह हमारे सिरपर सवार हो गया है; परन्तु मेरी समझमें जब तक जैनियोंमें 'कर्मयोग' का प्रेम उत्पन्न नहीं हुआ है तब तक इस प्रयत्नसे हानिके सिवा कोई लाभ नहीं हो सकता । जैनसमाज परोपकारके खयालसे अथवा स्वार्थत्यागके विचारसे जितने पीछे पड़ा हुआ है, उतने पीछे शायद ही कोई दूसरी समाज हो । मांसाहारी और मिथ्याती कहलानेवाले मुक्तिफौजके संचालकोंने लाखों भूखे मरनेवाले प्राणियोंको अन्नवस्त्र देकर बचाया है, लाखों दुराचारियोंको सदाचारी बनाया है, और जो कैदी कैदखानोंसे छूटकर या तो अपने जीवनको और भी नीच बनाते हैं या आत्मघात करके भयंकर शान्तिका अनुभव करनेको उत्सुक होते हैं उन्हें मुक्त होते ही व्यापार कला-कौशल्यादि सिखलाने और जीविका निर्वाहके योग्य बना देनेका अतिशय पुण्यकार्य भी उन्होंने अपने हाथमें ले लिया है । आज बहुतसे पारसी विद्वान् और ब्राह्मण विद्वान् हजार हजार रुपये मासिक वेतनकी नौकरियां छोड़कर परोपकारी संस्थाओंकी मुफ्त में सेवा कर रहे हैं । इसका नाम कर्मयोग है। क्या जैनी अपने समाजमें भी ऐसे दो चार दृष्टान्त बतला सकते हैं? यदि नहीं तो जबतक ऐसे प्रत्यक्ष गुण जैनसमाज में दिखलाई न देने लगें तबतक 'हमारे शास्त्रोंमें सब कुछ है' इस तरह कहने मात्र से कुछ होनेका नहीं । इस समय हमें द्रव्यसाधु और द्रव्यश्रावकोंकी जरूरत नहीं । अब हम भावसाधु और भावश्रावक चाहते हैं। हम प्राणान्तक कष्टोंको चुपचाप सहन करनेवाले योगीश्वरोंके भक्त हैं, लाखोंकरोड़ोंका दान करनेवाले दानवीरोंके वंशज हैं और उन भगवान् ऋषभदेवके अनुयायी हैं जिन्होंने यह जानकर भी कि हम इसी
भवमें मुक्त हो जायँगे सारे संसारके हितके लिए सारा विज्ञान ( Sciences ) और सारी कलाएँ ( Arts ) सिखलाई थीं । इतनेपर भी क्या कारण है जो हम ज्ञानयोग, कर्मयोग और भक्तियोगसे बिलकुल खाली हो गये हैं ?
सबसे पहले कारणकी खोज करनी चाहिए। क्योंकि जबतक कारण मालूम न हो, तबतक वास्तविक उपाय नहीं किया जा सकता। हम पूछते हैं कि क्या आजकलके श्रावक जैनधर्मके गुरुओंका या पण्डितोंका उपदेश सुननेसे इंकार करते हैं ? कदापि नहीं । क्या जैनगुरुओं या पण्डितोंकी संख्या यथेष्ट नहीं है ? बहुत है। क्या जैनशास्त्र थोड़े हैं ? हरगिज नहीं । क्या धर्ममार्गमें धनखर्च नहीं किया जाता ? खूब किया जाता है, बल्कि जितना चाहिए उससे भी जियादा किया जाता है। जब हमारे प्रश्नोंका उत्तर उक्त प्रकारसे मिलता है तब कहना होगा कि जैनियोंकी इस अजैनताका कारण सामान्य श्रावकोंमें तो नहीं है । बेचारा श्रावक समूह अपने साधुओं और पण्डितोंका जूंआ अब तक बराबर अपने कन्धोंपर लादे आ रहा है और मानो ये हमें किसी देवलोकमें ले जावेंगे ऐसी श्रद्धा या अन्धश्रद्धा से अपनी बुद्धिकी और विचारशक्तिकी लगाम इनके हाथमें देकर और यह विश्वास रख कर कि इनके सिवा सारा संसार पापी है- मिथ्याती है- नरकमें जानेके लिए ही सृजित हुआ है - इन द्रव्य क्षेत्रकाल भावके ज्ञानसे सर्वथा शून्य हांकनेवालोंके इशारेसे चल रहा है। इस प्रकारकी श्रद्धा यदि कोई अच्छा गुण हो, तो कहना होगा कि यह गुण अन्यधर्मियोंकी अपेक्षा श्रावकोंमें बहुत अधिक है; परन्तु इसके होनेपर भी यह समूह अन्य समूहोंकी अपेक्षा धर्म नामके तत्त्वसे बिलकुल अनभिज्ञ है। यहां हमें
एक विद्वानका वचन याद जाता है कि "मनुष्य जिसे पूजता है उसीके समान हो जाता है।" मनुष्यपर जितना असर शिक्षकोंके प्रतिदिनके आचरणका पड़ता है उतना किसीका भी नहीं पड़ता। शिक्षकोंके हृदय में यदि भक्तियोग हो तो शिष्य भक्तिपरायण बनते हैं, शिक्षकोंके मस्तकमें यदि ज्ञानयोग हो तो शिष्य विद्याविलासी बनते हैं और शिक्षकोंके हाथ पैरोंमें यदि कर्मयोग हो तो शिष्य परोपकारी कर्मयोगी बनते हैं। जिसे हम जन्मसे ही सर्वोत्कृष्ट, सबसे अधिक पूज्य और सबसे अधिक अनुकरणीय मानते आ रहे हैं हमारे मनपर उसके वर्तावसे अधिक प्रभाव दूसरे किसी भी पदार्थका, दूसरी किसी भी घटनाका, या दूसरी किसी भी पुस्तकका नहीं पड़ सकता । यदि कोई धर्मसम्प्रदाय या कोई पाठशाला आगे बढ़नेकी अपेक्षा नीचेको ढलती दिखलाई देवे, तो उसके उन्नत करनेका सबसे अच्छा मार्ग यही है कि शिक्षक बदल दिये जायँ । यदि अच्छे शिक्षक न मिल सकते हों तो इन आलसी, झगडालू, स्वार्थी और दुराचारी मनुष्य बनानेवाली पाठशालाओं में ताले ही लगा देने चाहिए और जिन विद्यार्थियोंको उनके माबाप अपने घर कुछ पढ़ा लिखा सकते हों उन्हें अपने घर चले जाने देना चाहिए, या कोई दूसरी पाठशाला तलाश कर लेने देना चाहिए । पर जिनके लिए ऐसा कोई भी प्रबन्ध न हो सकता हो, उन्हें इस अमानुषिक शिक्षामें समय गँवाने देनेकी अपेक्षा मूर्ख ही रहने देना चाहिए। हमारी समझमें उस पढ़नेकी अपेक्षा यह म पढ़ना कुछ कम हानिकारी है। एक बड़े भारी विद्वानका कथन है :As to the nation, can that kind of union save her, which is not for righteousness? Can you unite the people by keeping them in the dark? Would national harmony be
secured by sworn slavery to error and superstition? Suppose all the sailors work in a common direction but that direction be negative, not one with the evolutionary course, not truth-ward; would that be desirable ? Such a boat is bound to be shattered to pieces on a rock, and, perhaps the sooner the better... union in purity and truth alone is practicable."
उक्त महात्माके ही निम्नलिखित वाक्य सञ्चे सुधारकोंके लिए... बड़े कीमती हैंःEvery statue (Smrite ) stands there to say; 'Yesterday we agreed so and so, but how feel you this article today ?' Every institution is a currency which we stamp with our own portrait; it soon becomes unrecognizable and in process of time must return to the mint. Nature exults in forming, dissolving and reforming her crystals. Changeless change is the essential condition of life.
नियम और संस्थायें किस लिए हैं ? मनुष्यजातिको आगे बढ़ाने के लिए, पशुत्वमेंसे मनुष्यत्वमें लानेके लिए और मनुष्यत्वमेंसे देवत्वमें पहुंचाने के लिए । नियम, कानून और संस्थायें मनुष्योंके लिए बनी हैं, कुछ मनुष्य नियम और संस्थाओं के लिए नहीं बने । मनुष्यको अधिकार है कि वह बदली हुई परिस्थिति के अनुसार नये नियम और नई संस्थायें बनावे । वे मनुष्य कितने अभागी हैं कि जिनका ' भविष्यत् ' 'भूत' में है, जिनकी दृष्टिके आगे निरन्तर भूतकाल ही रहता है और जो कभी वर्तमानकी ओर आंख उठाकर भी नहीं देखते । स्थल और समय दोनों बदला करते हैं । जहां पहले एटलाण्टिक भूभाग था, वहां आज महासमुद्र लहरा रहा है। उक्त भूभागमें जानेके लिए यदि किसी प्राचीन ग्रन्थमें यह लिखा हो कि वहांको गाड़ी आदि सामग्री तैयार करके जाना |
केंद्रीय राज्यमंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद की बातों में हामी भरना मजबूरी हो गई है। उन्होंने रालोसपा के उम्मीदवारों से चुनाव के दौरान शराब का वितरण नहीं करने का अनुरोध किया। पटना में पत्रकारों से बातचीत में कुशवाहा ने कहा कि लालू प्रसाद के सामने नीतीश कुमार की कोई औकात नहीं है। लालू अब नीतीश की मजबूरी बन गए हैं। यह कई मामलों में साबित भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि कोई भी पार्टी आरक्षण के विरोध में नहीं है परंतु लालू और नीतीश बेवजह इसे मुद्दा बना रहे हैं परंतु इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है।
कुशवाहा ने रालासेपा के उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान शराब वितरण नहीं करने का निर्देश देते हुए कहा कि अगर शराब बांटने की शिकायत मिलती है तो पार्टी चुनाव के बीच ही उम्मीदवारों को हटा देगी। मंत्री ने नीतीश के शराबबंदी की घोषणा पर तंज कसते हुए कहा कि नीतीश ने गांव-गांव शराब दुकान खुलवा दिए हैं और अब कहते हैं कि अगली बार चुन कर आएंगे तो शराबबंदी लागू की जाएगी। नीतीश को ऐसा करने का मौका नहीं मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि अगली सरकार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की बनेगी और तब शराबबंदी सख्ती से लागू की जाएगी।
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अधिकार वर्णन करती है इससे विद्या ( ज्ञान ) का स्वतंत्र फलका हेतु होना सिद्ध नहीं होता जो यह शंका हो कि, वेद पटनमात्रको श्रुतिमें कहा है अर्थज्ञान नहीं कहा तो यह शंका युक्त नहीं है अर्थसहित ही वेदपटनकी विधि है व अर्थसहितही पठन अध्ययन स्थापन कियागया है ॥ ६ ॥
नियमात् ॥ ७॥
अनु० - नियमसे ॥ ७ ॥
भाष्य- इससे भी विद्यासे पुरुषार्थ सिद्ध नहीं होता कि, कर्मका जीवनपर्यंत नियम किया है यथा कुत्रेवेह कर्माणि जिजीविषेत् शतं समाः अर्थ ( इद्द ) इसमें संसार में ( कर्माणि कुर्वन् एव ) कर्मोंको करतेही ( शतं समाः ) सौ वर्ष ( जिजीविषेद् ) जीनेकी इच्छा करे इसमकारसे आत्मज्ञानी पुरुषके सम्पूर्ण आयुपर्यन्त कमक करनेका नियम होनेसे कर्महीसे फल होना सिद्ध होता है विद्या कर्मका अङ्गही है अब इसका उत्तर वर्णन करते हैं ॥ ७ ॥
अधिकोपदेशात्तु बादरायणस्यैवं तद्दर्शनात् ॥ ८ ॥
अनु० - अधिक उपदेश होनेसे तो बादरायणका ऐसेही (विद्याहीसे फल होता है ऐसेही ) मत है वह श्रुतिमें देखनेसे वा श्रुतिप्रमाणसे ॥ ८ ॥
भाष्य - तो शब्द पूर्वपक्षकी व्यावृत्ति ( निवारण ) के लिये है कि, विद्याको कर्मका शेष होना वा अङ्ग मानना तो यथार्थ नहीं है विद्याही से पुरुषार्थ सिद्ध होता है किस हेतुसे अधिक उपदेश होनसे अर्थात् कर्मों में कर्ता जीवसे अधिक असंख्येय ( सङ्ख्यायोग्य नहीं ) कल्याणगुणोंका आकररूप जानने योग्य उपास्य परब्रह्मका उपदेश होनेसे भगवान् बादरायणका विद्यासे फल होता है यही मत है सो वह अतिप्रमाणसे सिद्ध है श्रुति में जीवमें संभव होने योग्य नहीं ऐसे सम्पूर्ण उत्तम गुण सत्यसंकल्प होना अपने संकल्पसे जगत्की उत्पत्ति स्थिति व लय करना सर्वज्ञता सर्वशक्तिमत्ता वाकू मनके व्यापारकी सीमासे परिमित न होना शुद्ध परम आनन्दरूप होना आदि अनन्त गुणोंके आकररूप सबके शासनकर्ता जीवोंके अधिपति परब्रह्म के जानने व उपासन करनेका उपदेश श्रुतियों में किया है यथा अपहतपाप्मा विजरो विमृत्यु विशोको विजिघित्सोऽपिपासः सत्यकामः सत्यसंकल्पः अर्थ - पापरहित जरा ( वृद्धापन ) रहित मृत्युरहित शोकरहित क्षुषारहित पियासरहित सत्यकाम सत्यसंकल्प है तदेक्षत बहु स्यां मजायेय,
तसेजोऽसृजत् अर्थ- उसने ईक्षा किया बहुत होऊँ उत्पन्न होऊं, उसमें तेज को उत्पन्न किया यः सर्वज्ञः सर्ववित् जो सर्वज्ञ है सब में विद्यमान पराऽस्य शक्तिर्विविधैव श्रूयते स्वाभाविकी ज्ञानवलक्रिया च अर्थ इसकी अर्थात् ब्रह्म की पराशक्ति नानाप्रकार की सुनीजाती है और ज्ञानकिया व बलक्रिया स्वाभाविकी सुनीजाती है यतो वाचो निवर्तन्ते अमाप्य मनसा सह अर्थ-जिससे बाणी निवृत्त होती हैं मन से प्राप्त होने योग्य नहीं हैं एव सर्वेश्वर एष भूताधिपतिः यह सबका ईश्वर है यह सब भूतों का अधिपति है स कारणं करणाधिपाधिपो न चास्य कश्चिजनिता नचाघिपः अर्थ - वह कारण है और इन्द्रियोंके स्वामी जीव का स्वामी है न इसका कोई उत्पन्न करनेवाला है और न इसका कोई स्वामी है एतस्य वा अक्षरस्य प्रशासने गार्गि सूर्याचन्द्रमसो विधृतो तिष्ठतः द्यावापृथिव्या विते तिष्ठतः अर्थ-- हे गार्गि ! इस अक्षर ( अविनाशी वा व्यापक ) ब्रह्म के शासन में अर्थात् भाज्ञा में सूर्य व चन्द्रमा धारण किये गये स्थित हैं तथा स्वर्ग व पृथिवी धारण कियेगये स्थित हैं इत्यादि वाक्यों में उपदेशशब्दों में अविद्याआदि व त्यागने योग्य गुणों से संयुक्त कर्ता जीवात्मा के उपदेश का सम्बंध नहीं है सब वेदान्त विद्या उपास्य परब्रह्मविषयसम्बंधी हैं उसकी प्राप्तिरूप मोक्षफल होना प्रत्येक विद्या में सुनाजाता है इससे विद्या से पुरुषार्थ सिद्धहोना यथार्थ कहागया है ॥ ८ ॥
तुल्यन्तु दर्शनम् ॥ ९ ॥ अनु० -तुल्पही दर्शन है ॥ ९ ॥
भाष्य - जो यह कहा है कि, ब्रह्मज्ञानियोंका कर्मानुष्ठान देखने से विद्या कर्मका अङ्ग है यह युक्त नहीं है ब्रह्मज्ञानियोंका कर्मका अनुष्ठान करना व कर्मका अनुष्ठान न करना दोनोंका तुल्यही दर्शन है अर्थात् जैस जनकआदि ज्ञानियोंका कर्ममें प्रवृत्त होना देखाजाता है ऐसही ज्ञानियोंका कर्मका अनुष्ठान न करना किन्तु कर्मका त्याग करना देखाजाता है इससे ब्रह्मज्ञानियोंके लिये कर्मका अनुष्ठान ऐकान्तिक नहीं है इन वाक्यों में ब्रह्मज्ञानियोंका कर्मत्याग देखाजाता है तद्विद्वांस आहुर्ऋषयः किमर्था वयमध्येध्यामहे किमर्था वयं यक्ष्यामहे एतद्ध स्म वैतत्पूर्व विद्वांसोऽग्निहोत्रं न जुहुयाञ्चक्रिरे एतं वै तमात्मानं विदित्वा ब्राह्मणाः पुत्रेषणायाश्च विलेषणायाच लोकेषणायाश्च व्युत्थायाथ भिक्षाचर्य चरन्ति अर्थ-( तद्विद्वांसः ऋषयः ) वह विद्वान् ऋषि (आहुः ) कहते हैं कि, (किमर्था वयं ) किस मयोजनवाले हम अर्थात् किस प्रयोजनके लिये हम ( अध्येध्यामहे ) अध्ययन करेंगे अर्थात् पढेंगे ( किमर्या वयं ) किसलिये हम ( यक्ष्यामहे ) दान
वेदान्ततस्वत्र काशभाषाभाष्यसमेतम् । (५३३ )
देवेंगे या देखें ( तत् एतत् ) उसमें यह है अर्थात् उस संन्यास धारण में यह कारण है कि, (ह स्म वै पूर्वे विद्वांसः ) निश्चय पूर्वकालमें जो विद्वान् लोग हुये उन्होंने ( अग्निहोत्रं ) अग्निहोत्रको ( न जुहुयाथ किरे ) हवन नहीं किया अर्थात् अमिहोत्र यज्ञको नहीं किया, (वै ) निश्चय से ( एतम् आत्मानं ) इस आत्माको ( विदित्वा ) जानकर ( ब्राह्मणाः ) ब्रह्म के जाननेवाले (पुत्रेषणायाः) पुत्रकी इच्छासे ( च ) और ( वित्तेषणायाः ) धनकी इच्छासे ( च लोकजायाः ) लोककी इच्छासे ( व्युत्थाय ) चित्तको उठाकर ( अथ ) इसके पश्चात् ( भिक्षाच चरन्ति ) भिक्षाचरण करतेहुये विचरते हैं इसप्रकार के श्रुतिवाक्यों में कर्मत्याग व पुत्रआदिसे विराग होना देखने से विद्या कर्मका अङ्ग नहीं है क्योंकि विद्या कर्मका अंग होने में विद्या में कर्मका त्याग किसीप्रकार से सम्भव नहीं होसक्ता अब जो यह कहा है कि, श्रुतिही से विद्याका कर्मका अंग होना विदित होता है इसका उत्तर वर्णन करते हैं ॥ ९ ॥
असार्वत्रिकी ॥ १० ॥
अनु० - सब में संबंधवाली नहीं है अर्थात् सब विद्याविषय- वाली नहीं है ॥ १० ॥
भाष्य - जो विद्यासे श्रद्धा व उपनिषढ़से कर्म करता है वही कर्म अतिशय फलंदायक होता है यह अर्थ प्रतिपादन करनेवाली श्रुति है यह सब विद्याविषयवाली नहीं हैं उद्गीथही विद्याविषयवाली अर्थात् उद्गीथही विद्यासम्बंधिनी है यह आशय नहीं है कि, जो कर्म करता है वह विद्याही के साथ करता है उद्गीथही के लिये कहा है कि, जो उद्गीय विद्याके साथ करता है वही वीर्यवत्तर होता है ( अतिशय फलदायक ) है सब कर्म के अङ्ग वा कर्मों के साथ विद्याका सम्बंध होना नहीं कहा अब जो यह कहा है कि, विद्या व कर्मका साथही सम्बंध देखने से विद्या कर्मका अङ्ग है इसका उत्तर वर्णन करते हैं ॥ १० ॥ विभागः शतवत् ॥ ११ ॥
अनु० - विभाग है सौके समान ॥ ११ ॥
भाष्य-जो यह कहा है पुरुषके साथ विद्या व कर्म दोनों जाते हैं व साथही फलको आरंभ करते हैं इसमें साथ कहने में समुच्चय नहीं समझना चाहिये विभाग समझना चाहिये विद्या व कर्म भिन्न फलवाले होनेसे विद्या अपने फलके लिये साथ जाती है कर्म अपने फलके लिये जाता है इससे विभाग निश्चय करना चाहिये शतके समान अर्थात् जैसे क्षेत्र ( खेत ) व रत्न बेचने वाले को दोसौ साथ प्राप्त होते हैं यह कहने में सौ क्षेत्रके लिये व सौ रत्नके लिये ऐसा विभाग होना प्रतीत होता है ऐसेही इसमें भी विभाग जानना चाहिये अथवा |
जयपुर, 22 जनवरी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रिश्वत देने के एक मामले में सवाईमाधोपुर के जिला आबकारी अधिकारी मधुसूदन सैनी को गिरफ्तार किया है।
ब्यूरो महानिदेशक भगवानलाल सोनी ने बताया कि सैनी को ब्यूरो के तत्कालीन चौकी प्रभारी व उपाधीक्षक भैरूलाल को 20 हजार रुपये मासिक बंधी के रूप में देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
उपाधीक्षक भैरूलाल को ब्यूरो की एक टीम ने पिछले दिनों मासिक बंधी के रूप में रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।
सोनी के अनुसार उस प्रकरण की जांच में यह सामने आया कि जिला आबकारी अधिकारी सैनी भी चौकी प्रभारी भैरूलाल के लगातार संपर्क में था। इस पर सैनी से पूछताछ की गयी तो उसने भैरूलाल को 20 हजार रुपये मासिक बंधी के रूप में देने की बात स्वीकार की जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया।
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पटना। जितेन्द्र कुमार सिन्हा। सनातन धर्म में कई परंपराएं और मान्यताएं है, इन्ही में एक है सुहागिन महिलाओं के सोलह श्रृंगार। यह श्रृंगार धार्मिक महत्व, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और शास्त्रों से जुड़ा हुआ है। शास्त्रों के अनुसार, सुहागिन महिलाएं सिंदूर, चूड़ी, बिंदी, मंगलसूत्र, पायल और बिछिया को श्रृंगार में शामिल करती है, क्योंकि ये सभी चीजों को सुहाग की प्रतीक मानती है।
बिंदी का अर्थ बूंद या कारण से होता है। सनातन धर्म में शादीशुदा महिलाएं लाल रंग की बिंदी लगाती है, क्योंकि लाल रंग का संबंध माता लक्ष्मी से होता है और ज्योतिष में लाल रंग मंगल ग्रह का कारक माना जाता है, इसलिए लाल रंग के बिंदी लगाने से जीवन में खुशियाली आती है।
यह बिंदी दोनों भौंह की बीच में लगाया जाता है, जो शरीर का छठा चक्र होता है, जिसे सामान्यतः आज्ञा चक्र, भौंह चक्र और तीसरा नेत्र कहा जाता है।लाल बिंदी लगाने से आंतरिक ज्ञान को बढ़ाने वाली शक्तियों का विकास होता है, इसलिए काले रंग की बिंदी लगाना सुहागिनों के लिए अपशकुन माना जाता है।
वैज्ञानिक आधार के अनुसार, माथे के बीचों बीच पिनियल ग्रंथि होती है। बिंदी लगाते समय दबाव पड़ने से यह ग्रंथि तेजी से काम करती है। इससे दिमाग शांत होता है और काम में एकाग्रता बढ़ती है। साथ ही इससे गुस्सा और तनाव भी काम होता है।
एक्युप्रेसर सिद्धांत के अनुसार, माथे पर जहां बिंदी लगाई जाती है वहां पर एक विशिष्ट बिंदु होता है, यह बिंदु सिर दर्द में राहत देता है क्योंकि यहां बिंदी लगाने से नसों और रक्त वाहिकाओं का अभिसरण होता है। शिरोधरा विधि के अनुसार, माथे के इस बिंदी वाले स्थान पर दबाव बनाने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है।
बिंदी जिस स्थान पर लगाई जाती है उस स्थान से कान से संबंधित नस भी गुजरती है जिस पर दवाब पड़ने से सुनने की क्षमता बढ़ती है और साइनस जैसी समस्या में भी फायदा मिलता है।
सुहागिन महिलाओं को चूड़ियां पहनना भी श्रृंगार का अहम हिस्सा है। हाथ में चूड़ी पहनने की परंपरा वैदिक युग से ही चला आ रहा है। कहा जाता है कि चूड़ियां पहनने से उसकी खनखन से कई बाधाएं दूर होती है, वहीं वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ता है और पति की आयु भी बढ़ता है।
सिंदूर, चूड़ी, बिंदी अवश्य रहता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हरी चूड़ियों के दान से बुध देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और सुहागिन महिलाओं को पुण्य फल की प्राप्ति होती है। वहीं वास्तुशास्त्र के अनुसार, चूड़ियों की खनखन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से जो महिलाएं चूड़ियां पहनती हैं, उनका स्वास्थ्य अनुकूल बना रहता है। क्योंकि चूड़ी पहनने से सांस और दिल संबंधित होने वाली परेशानियां कम होती है।चूड़ी पहनने से मानसिक संतुलन भी ठीक रहता है और इससे महिलाओं को कम थकान महसूस होती है। विज्ञान के अनुसार, कलाई से नीचे 6 इंच तक एक्युप्रेशर प्वाइंट्स होते हैं। इन पर दवाब पड़ने से शरीर स्वस्थ रहता है। ऐसे में हाथों में चूड़ियां पहनने से महिलाएं ऊर्जावान बनी रहती है।
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तय था । इधर की हलचलों की चिन्ता न कर वे उस रिश्ते को पक्का कर गए हैं। तो सच समझ गए थे ? छोड़िए उसे कोई और बातें
कीजिए ।'
हर्ष ने कहा - 'उसी की खुशी में तब मुझे बेवकूफ बना रही थीं ? खूब रही । चाहिए तो यह था कि मुझे मिठाई मँगाकर खिलातीं । यह अँगूठी तुम्हारे दाम्पत्य प्रेम को चिरस्थायी रख सके, यह मेरी कामना है । साथ ही मेरी बधाई भी स्वीकार करें ।'
हरवंस शोखो से मुस्कराती हुई बोली- 'ग्राप तो बड़े सीधे निकले जो मेरी बातों को सच मान बैठे ? इस तरह तो आपको बहुत आसानी से पाया जा सकता है । औौरतों से होशियार रहा करें । सभी तरह की होती हैं । जो एक बार अपने रास्ते से हट जाती हैं, उनके लिए फिर कुछ भी मुश्किल नहीं रह जाता । वे वैसा कुछ भी कर डालती हैं, जिसे सुनकर दाँतों तले अँगुली रखनी पड़ती है ।'
'तो ब्याह कब होगा, यह बताइये ? ' 'आपको नहीं बताऊँगी ।
'क्यों ?"
में अपने नाम से नहीं, पर दूसरों के नाम से सच्ची कहानियाँ लिखकर छाप लेते हैं। यह ठीक नहीं है । "
'कहानी के समय मेरा अखबार बन्द है, यह अफ़सोस है । नहीं तो उसमें आपका फोटो देता की कहानी छापता ।'
हरवंस बोली-~~- 'उपन्यास लिखिये । मसाला बहुत मिलेगा । जो कुछ आप चाहेंगे, मैं और दे दूँगी । जैसे विश्वास की मोहब्बत की बातें। उन्हें हम दोनों ही जानते हैं ।"
हर्ष ने अनुभव किया कि अधिक रुकना निरर्थक बातों में समय गँवाना है। हाथ में बँधी घड़ी की ओर देखकर बोला वह -- 'अब चलूँगा । शाम की गाड़ी से बनारस जाना चाहता हूँ । वहाँ कोई पत्र नहीं लिखा है सोचता रहा तार दूँगा । पर स्थिति फिर बदल गई है। मैंने अनुभव किया |
Jay Bhanushali became the last contestant of Salman Khan's show 'Bigg Boss 15', got a direct entry at the last moment: बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान का मोस्ट वांटेड शो 'बिग बॉस 15' (Bigg Boss 15) दर्शकों के सामने आने के लिए पूरी तरह से तैयार है। आधिकारिक घोषणा हो गई है कि पॉपुलर रियलिटी शो 'बिग बॉस 15' 2 अक्टूबर से ऑनएयर होगा। इसी बीच मेकर्स इस शो को लेकर काफी उत्साहित है। कंफर्म कंटेस्टेंट्स को लेकर कई नाम सामने आ चुके है। इसमें एक और कलाकार का नाम शामिल हो गया है। हम बात कर रहे है टीवी अभिनेता जय भानुशाली (Jay Bhanushali) की। मिली जानकारी के अनुसार, टीवी एक्टर जय भानुशाली को मेकर्स ने डायरेक्ट बिग बॉस के घर में एंट्री कराई है। अभिनेता शो में बतौर कंटेस्टेंट नजर आएंगे।
मालूम हो कि जय भानुशाली टीवी इंडस्ट्री के जाना-माना चेहरा हैं। अभिनय के साथ-साथ जय कई डांसिंग और सिंगिंग रियलिटी शोज को शानदार तरीके से होस्ट करते नजर आ चुके हैं। खैर, जय भानुशाली के अलावा करण कुंद्रा, सिंबा नागपाल, उमर रियाज, ईशान सहगल, विशाल कोतिया, तेजस्वी प्रकाश, अकासा सिंह,अफसाना खान, विधि पांड्या, डोनल बिष्ट, साहिल श्रॉफ और मीशा अय्यर जैसे सेलेब्स बिग बॉस शो के लिए फाइनल हो चुके हैं।
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नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन बुधवार को इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन को पछाड़कर नवीनतम आईसीसी पुरुष टेस्ट गेंदबाजी रैंकिंग के शीर्ष पर पहुंच गए। नयी दिल्ली में दूसरे टेस्ट में भारत की जीत के दौरान छह विकेट चटकाने वाले अश्विन को दो स्थान का फायदा हुआ है। वेलिंगटन टेस्ट में न्यूजीलैंड के खिलाफ इंग्लैंड की हार के बाद एंडरसन दूसरे स्थान पर खिसक गए हैं।
छत्तीस साल के अश्विन टेस्ट गेंदबाजों के बीच पहली बार 2015 में शीर्ष पर पहुंचे थे। इसके बाद वह कई बार शीर्ष पर जगह बना चुके हैं। अश्विन ने दिल्ली में भारत की जीत के दौरान पहली पारी में मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ को एक ही ओवर में आउट करने के बाद एलेक्स कैरी को खाता खोले बिना पवेलियन भेजा था। इस ऑफ स्पिनर ने दूसरी पारी में शीर्ष पांच में से तीन विकेट चटकाए थे जबकि उनके स्पिन जोड़ीदार रविंद्र जडेजा ने दूसरे छोर से ऑस्ट्रेलिया के बाकी बल्लेबाजों को आउट किया था। अश्विन के पास घरेलू सरजमीं पर बोर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बाकी बचे दो मैच में और बेहतर प्रदर्शन करके शीर्ष पर लंबे समय तक बने रहने का मौका होगा। पिछले तीन हफ्ते में अश्विन तीसरे गेंदबाज हैं जो टेस्ट रैंकिंग में शीर्ष पर पहुंचे हैं। पिछली बार एंडरसन ने ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस को पछाड़कर शीर्ष स्थान हासिल किया था। कमिंस नवीनतम रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं। अश्विन के 864 रेटिंग अंक हैं जो एंडरसन से पांच अधिक हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टेस्ट में 10 विकेट चटकाने वाले जडेजा भी गेंदबाजी रैंकिंग में आठवें स्थान पर पहुंच गए हैं। जडेजा और अश्विन टेस्ट ऑलराउंडर रैंकिंग में पहले दो स्थान पर हैं। इंग्लैंड के जो रूट ऑलराउंडर की सूची में दो स्थान के फायदे से आठवें स्थान पर हैं। वेलिंगटन में फॉर्म में वापसी करते हुए रूट ट्रेविस हैड और बाबर आजम को पछाड़कर आईसीसी टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। ऑस्ट्रेलिया के मार्नस लाबुशेन और स्टीव स्मिथ टेस्ट बल्लेबाजी रैंकिंग में पहले दो स्थान पर हैं। न्यूजीलैंड के टॉम ब्लंडेल ने शीर्ष 10 में जगह बनाई है। वह चार स्थान के फायदे से सातवें स्थान पर पहुंच गए हैं। उनकी उम्दा पारी से न्यूजीलैंड ने फॉलोआन खेलने के बाद इंग्लैंड को रोमांचक मुकाबले में एक रन से हराया। इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज हैरी ब्रूक एक और शतक के साथ 15 स्थान के फायदे से विराट कोहली के साथ संयुक्त रूप से 16वें स्थान पर हैं।
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NEWS DESK :बिहार में शिक्षक भर्ती की नियमावली में बदलाव के बाद सूबे की सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर अब शिक्षा मंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी सियासी हमला तेज हो गया है। बिहार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर द्वारा दिए गये बयान के बाद पूर्व मंत्री ने निशाना साधा है।
बिहार के पूर्व सहकारिता मंत्री राणा रणधीर सिंह ने शिक्षा मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनका लगातार दुर्भाग्यपूर्ण बयान आता रहता है। महागठबंधन की सरकार ने बहुत ही चुनकर ऐसा शिक्षा मंत्री बनाया है। शिक्षा विभाग की हालत पहले से ही ख़राब है लेकिन शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में और भी बदतर होते जा रहा है।
'बिहारियों के मान-सम्मान पर चोट'
पूर्व मंत्री राणा रणधीर सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री द्वारा दिया गया बयान बिहारियों के गौरव और मान-सम्मान पर भी चोट कर रहा है। शिक्षा मंत्री का ये कहना कि बिहार के छात्रों में क्षमता नहीं है। पूरे देश में बिहारी IAS, IPS बन रहे हैं। परीक्षाओं में टॉप कर रहे हैं। बिहारी प्रतिभा को पूरे विश्व में सम्मान दिया जा रहा है लिहाजा शिक्षा मंत्री का ये बयान काफी दुर्भाग्यपूर्ण है।
गौरतलब है कि मंगलवार को शिक्षक भर्ती की नियमावली में बदलाव के बाद शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा था कि देश के विभिन्न राज्यों के जो प्रतिभावान छात्र हैं और बेरोजगार हैं, वे इसमें भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि हमलोगों के लिए ये बड़ी समस्या है कि पहले बहाली में अंग्रेजी, गणित और विज्ञान विषय के अभ्यर्थी नहीं मिल पाते थे, सीटें खाली रह जाती थी लिहाजा सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया।
शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि बिहार में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए ये फैसला लेना बेहद जरूरी था। अब देश का कोई भी अभ्यर्थी इसमें शामिल हो सकता है। प्रतिभावान अभ्यर्थी इस बहाली की प्रक्रिया में शामिल हो सकता है। उनकी भी बहाली होगी।
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सड़क, बिजली और परिवहन किसी भी देश्ा, प्रदेश के विकास की अनिवार्य शर्तें और बुनियादी ताकतें हैं। इन्हीं पर उसकी समृद्धि टिकी होती है। अगर मध्य प्रदेश की बात करें तो निःसंदेह कुछ साल पहले तक सड़कों के मामले में यह बहुत पिछड़ा हुआ था, मगर धीरे-धीरे स्थिति बदल रही है। नई सड़कों के विकास और पुरानी के रखरखाव के लिए प्रदेश सरकार कर्ज तक लेने को तैयार दिख रही है।
मगर सड़कों की इस तेज रफ्तार में एक विडंबना भी सामने आ रही है। वह ये कि प्रदेश में जितनी तेजी से नई सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, उसी अनुपात में एक-दो साल में सड़कें उखड़ भी रही हैं। इससे लोग तो परेशान हैं ही, सरकार पर भी दबाव पड़ रहा है। नतीजतन मप्र सरकार गारंटी पीरियड की सड़कों को सुधारने के लिए करीब 400 करोड़ रुपए का कर्ज एडीबी (एशियन डेवलपमेंट बैंक) और एनडीबी (न्यू डेवलपमेंट बैंक) से लेने जा रही है। यहां सवाल ये उठता है कि जब गारंटी पीरियड में खराब हुई सड़कों को सुधारने की जिम्मेदारी ठेकेदारों की है तो फिर इन्हें सुधारने के लिए सरकार अतिरिक्त कर्ज क्यों भुगते? चूंकि बैंकें सड़कों की मरम्मत के लिए ऋ ण नहीं देतीं, इसलिए लोक निर्माण विभाग नवीनीकरण के प्रस्ताव देकर लोन लेने की तैयारी में है।
सड़क उखड़ने पर ये तर्क देकर बचने की कोशिश की जाती है कि 'बारिश व प्रकृति की अन्य विषमताओं के कारण सड़कें टूटीं या जर्जर हो गईं। " मगर इस दलील पर पर्याप्त संदेह इसलिए होता है क्योंकि उन्हीं सड़कों के साथ बनी अन्य सड़कें नहीं टूटतीं। दरअसल, खराब गुणवत्ता वाली सड़कें बनाने के बावजूद किसी ठेकेदार, एजेंसी या अन्य भागीदार पर कभी कोई कार्रवाई नहीं होती। होती भी है तो उससे सड़क रिपेयर करवाकर या उसका पैसा रोकने से ज्यादा कुछ नहीं होता। नतीजतन, ठेकेदारों का हौसला बढ़ता जाता है और वे गुणवत्तापूर्ण सड़क बनाने के अपने उत्तरदायित्व से बचते हुए मोटा मुनाफा कमाने की कोशिश में रहते हैं। कुछ समय पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा लोक निर्माण विभाग की समीक्षा में यह बात सामने आई थी कि प्रदेशभर की उखड़ी सड़कों के सुधार के लिए करीब 2200 करोड़ रुपए की जरूरत होगी। ऐसे में सवाल यह भी कि फिर इस मद के लिए 4000 करोड़ रुपए का कर्ज क्यों? वह भी उन सड़कों के लिए जो गारंटी पीरियड में हैं। यदि सरकार सख्ती से छानबीन करे तो शायद पहले से ही अरबों रुपए के घाटे में डूबी सरकार को इस नए कर्ज की जरूरत ही न पड़े।
वैसे प्रदेश के लिए राहत की बात है कि केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत करीब 5000 किमी सड़कों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। मगर सवाल वही कि क्या प्रदेश सरकार ठेकेदारों से बेहतर सड़कें बनवा पाएगी?
(लेखिका स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं। )
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राज्य सरकार ने सोमवार को सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ी घोषणा की है. आगामी त्योहारों के देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वित्तीय पैकेज की घोषणा की है.
दरअसल, केरल सरकार ने सोमवार को सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राज्य के त्योहार ओणम के लिए एक वित्तीय पैकेज की घोषणा की है. इससे करीब 13 लाख लोगों को फायदा पहुंचेगा. वर्षों से ओणम पर बोनस एक प्रथा रही है. इस बार इसमें सभी सरकारी कर्मचारियों को 4,000 रुपये और बोनस पाने के योग्य नहीं होने वालों के लिए 2,750 रुपये शामिल है.
इसके अलावा, राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों को 20,000 रुपये अग्रिम के रूप में मिलेंगे जो आने वाले महीनों में किश्तों में वसूल किए जाएंगे. पेंशनभोगियों को उनकी मासिक पेंशन के साथ अतिरिक्त 1,000 रुपये मिलेंगे. जबकि सभी अंशकालिक और आकस्मिक कर्मचारियों को उनके अगस्त वेतन चेक के साथ अग्रिम के रूप में 6,000 रुपये मिलेंगे.
अपनी ओणम प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए, पैसे की कमी झेल रही राज्य सरकार को 1,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे. इस बीच राज्य में निजी क्षेत्र में सामान्य मानदंड है कि सभी कर्मचारी ओणम बोनस के रूप में एक महीने का वेतन पाने के पात्र हैं. पिछले दो वर्षो के विपरीत जब उत्सव महामारी के कारण कम मनाया गया, इस वर्ष राज्य पूर्व-कोविड समय में लौटने और फसल उत्सव को भव्य तरीके से मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
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RR vs GT Playing 11: इंडियन प्रीमियर लीग 2023 (IPL 2023) का 48वां मुकाबला आज खेला जा रहा है। इस मुकाबले में राजस्थान रॉयल्स बनाम गुजरात टाइटन्स (RR vs GT) के बीच भिड़ंत हो रही है। मैच जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में खेला जा रहा है। तो आइए जानते हैं इस मैच में दोनों टीमों की प्लेइंग 11 कैसी है।
गौरतलब है कि हार्दिक की कप्तानी वाली गुजरात को अपने पिछले मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। जबकि राजस्थान रॉयल्स अपने पिछले मुकाबले में मुंबई से हारी थी। लेकिन अब इस मैच दोनों टीमें इस उम्मीद में उतरेंगी की उन्हें जीत हासिल हो। अब यह देख पाना दिलचस्प होगा की मैच में कौन सी टीम किसपर भारी पड़ेगी।
राजस्थान रॉयल्स बनाम गुजरात टाइटन्स मैच का लाइव प्रसारण आप स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर और स्ट्रीमिंग जियो सिनेमा ऐप और वेबसाइट पर देख सकते हो। किसी भी सिम/नेटवर्क का मोबाइल यूजर्स जियो सिनेमा की वेबसाइट पर जाकर फ्री में मैच का आनंद उठा सकता है।
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Optical Illusions: ऑप्टिकल इल्यूजन वाली तस्वीरें (Optical Illusion Photo) सोशल मीडिया पर अक्सर देखने को मिलती हैं। इन तस्वीरों को देखकर लोग भ्रमित हो जाते हैं। इन तस्वीरों में कोई न कोई पहेली छिपी होती है जिसे सुलझाना बेहद कठिन होता है। ऑप्टिकल इल्यूजन तस्वीरें लोगों को दिमाग पर जोर डालने के लिए मजबूर कर देती हैं। कई ऑप्टिकल इल्यूजन में छिपी पहेली को हल करना होता है जबकि कुछ ऑप्टिकल इल्यूजन आपकी पर्सनैलिटी के बारे में बताते हैं।
ऑप्टिकल इल्यूजन तस्वीरें लोगों को कन्फ्यूजन में डाल देती हैं। लोग समझ नहीं पाते हैं कि आखिर तस्वीर में क्या छिपा है या उन्होंने पहले क्या नोटिस किया है। हजारों कोशिशों के बाद भी अधिकतर लोग ऑप्टिकल इल्यूजन को हल नहीं कर पाते हैं। अब इन दिनों सोशल मीडिया पर एक बार फिर ऑप्टिकल इल्यूजन तस्वीर वायरल हो रही है। इस तस्वीर में आपको छिपा कुत्ता खोजना है जिसे खोजने के लिए 11 सेकेंड की समयसीमा तय की गई है।
अगर आप भी तेज दिमाग वाले लोगों में शामिल होना चाहते हैं, इस चैलेंज को हल करने की कोशिश करिए। अगर आप 11 सेकेंड के अंदर तस्वीर में कुत्ते को खोजने में कामयाब हो जाते हैं, तो आपको जीनियस माना जाता है। इस तस्वीर में 99 फीसदी लोग 11 सेकेंड के अंदर कुत्ते को खोजने में फेल हो चुके हैं। इसमें कुत्ते को खोजकर अपनी प्रतिभा साबित कर सकते हैं।
ऑप्टिकल इल्यूजन फोटोज का मतलब होता है आंखों को धोखा देने वाली तस्वीरें। इन तस्वीरों में छिपी चीजें हमारी आंखों के सामने ही होती हैं, लेकिन हमें दिखती नहीं हैं। इन तस्वीरों को लेकर पूछे गए सवाल का अधिकतर लोग गलत जवाब देते हैं। इस वायरल तस्वीर को आप ऑप्टिकल इल्यूजन का बिल्कुल सटीक उदाहरण मान सकते हैं।
ऑप्टिकल इल्यूजन तस्वीरों में चीजों को ऐसे छिपाया जाता है कि लोगों का दिमाग चकरा जाता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर में कुत्ता इस जगह बैठा है कि किसी को नजर आ रहा है। अगर आप गौर से देखेंगे, तो आपको कुत्ता दिख जाएगा। आप नहीं खोज पाते हैं, तो हमने तस्वीर शेयर की है जिसमें कुत्ता आसानी से दिख जाएगा।
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2019 Lok sabha Election Results : लोकसभा चुनाव में राष्ट्रवाद, सुरक्षा, हिंदू गौरव और 'नये भारत को केंद्र में रखकर चलाये गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान ने भारतीय जनता पार्टी को लगातार दूसरी बार प्रचंड बहुमत के साथ केंद्र में सरकार बनाने की ओर अग्रसर कर दिया। चुनाव आयोग द्वारा जारी मतगणना के आंकड़ों के अनुसार कांग्रेस के 50 सीटों तक ही सिमटने के ही आसार नजर आ रहे हैं। इस चुनाव ने 68 बरस के नरेंद्र दामोदरदास मोदी को पिछले कई दशकों में सबसे लोकप्रिय नेता बना दिया । चुनाव आयोग द्वारा जारी मतगणना के आंशिक आंकड़ों के अनुसार भाजपा इस बार 2014 से बेहतर प्रदर्शन करके 300 का आंकड़ा पार करने जा रही है।
शाम छह बजे तक भाजपा ने 542 में से 26 सीटें जीत ली है और 278 सीटों पर आगे हैं । सात चरण में हुए मतदान में जनता ने विपक्षी गठबंधन को नकार दिया है और कांग्रेस पार्टी ने सात सीटें जीती है जबकि सिर्फ 43 पर आगे है। मोदी वाराणसी में चार लाख 30 हजार वोट से आगे हैं जबकि पार्टी अध्यक्ष अमित शाह गुजरात में गांधीनगर लोकसभा सीट पर साढे पांच लाख वोट से आगे चल रहे हैं। मोदी ने ट्वीट किया ," सबका साथ , सबका विकास और सबका आत्मविश्वास यानी विजयी भारत। उन्होंने कहा ," हम एक साथ विकास करेंगे और साथ मिलकर सशक्त और समावेशी भारत बनायेंगे । एक बार फिर भारत की जीत हुई।
मतदान के आखिरी चरण में 'अबकी बार 300 पार का भाजपा का नारा सही साबित होता दिख रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के 'चौकीदार चोर है के नारे का मतदाताओं पर कोई असर हुआ नहीं दिखता। इन नतीजों से गांधी के नेतृत्व और उनकी पार्टी के भविष्य पर भी सवाल उठने लगे हैं। एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने इन मसलों पर बात करने से इनकार करते हुए कहा कि पार्टी शुक्रवार को भविष्य को लेकर बैठक करेगी। गांधी ने कहा ," भारत के लोगों ने तय किया है कि नरेंद्र मोदी अगले प्रधानमंत्री होंगे और मैं उसका पूरा सम्मान करता हूं । उन्होंने मोदी और भाजपा को बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन हार के कारणों की पड़ताल करने का नहीं है बल्कि देशवासियों की इच्छा का सम्मान करने का है।
अंतिम नतीजों तक रूझान यही रहते हैं तो भाजपा और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन में उसके सहयोगी 344 सीट जीत जायेंगे जबकि 2014 में उन्होंने 336 सीटें जीती थी । भाजपा ने पिछली बार खुद 282 सीटें जीती थी ।
पंडित नेहरू ने लगातार तीन बार और इंदिरा गांधी ने लगातार दो बार कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिलाकर सरकार बनाई थी। नेहरू ने 1952, 1957 और 1962 का चुनाव जीत था। इंदिरा गांधी ने 1967 और 1971 का चुनाव पूर्ण बहुमत के साथ जीता था। 2014 में उनके नेतृत्व में भाजपा ने 282 सीटें जीती थीं और इस बार भी वह 272 से ज्यादा सीटें जीतते दिख रही है। एनडीए का आंकड़ा तो 330 के पार जा सकता है।
2019 Lok sabha Election Results Live Updates:
मध्यप्रदेश के राजगढ़ संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस की मोना सुस्तानी को चार लाख से अधिक मतों से पराजित कर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा।
मध्यप्रदेश के विदिशा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रमाकांत भार्गव ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के शैलेन्द्र पटेल को 4 लाख 99 हजार से अधिक मतों से पराजित कर सीट पर पा का कब्जा बरकरार रखा।
तेलंगाना में लोकसभा चुनाव में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के जीत की ओर बढ़ने के साथ एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी दो लाख वोट से आगे चल रहे हैं और टीआरएस के दो उम्मीदवार अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में तीन लाख वोट से आगे चल रहे हैं । हैदराबाद से चुनाव लड़ रहे ओवैसी अपने भाजपा प्रतिद्वंद्वी भगवंत राव से 2. 53 लाख वोट से बढ़त बनाए हुए हैं। एआईएमआईएम ने 11 अप्रैल को हुए चुनाव के लिए टीआरएस से समझौता किया था। ताजा रूझान के मुताबिक, टीआरएस के कोठा प्रभाकर रेड्डी (मेडक) और दयाकर पुसूनूरी (वारंगल) अपने अपने निर्वाचन क्षेत्र में क्रमशः 3. 11 लाख और 3. 45 लाख वोट से आगे चल रहे हैं। मुख्यमंत्री की बेटी के कविता निजामाबाद में भाजपा के डी अरविंद से 40,000 वोट से पीछे चल रही हैं । निजामाबाद से 185 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे थे। यहां पर 178 किसानों ने अपनी फसल के उचित मूल्य के लिए चुनाव लड़ने का फैसला किया। 2014 के लोकसभा चुनाव में टीआरएस ने 11 सीटें और कांग्रेस ने दो सीटें हासिल की थी। भाजपा, तेदेपा, वाईएसआरसीपी और एआईएमआईएम को एक-एक सीट मिली थी । पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी खम्मम निर्वाचन क्षेत्र में टीआरएस उम्मीदवार एन नागेश्वर राव से 1. 43 लाख वोट से पीछे चल रही हैं ।
सिक्किम की विपक्षी पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने विधानसभा की सात सीटों पर जीत हासिल की है और वह चार सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। वहीं एसडीएफ को तीन सीटों पर जीत मिली है और वह छह पर आगे चल रही है। बृहस्पतिवार को चुनाव अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सिक्किम में 32 विधानसभा सीटें हैं। सिक्किम के मुख्यमंत्री एवं सिक्किम एसडीएफ के प्रमुख पवन चामलिंग पोकलोक कामरंग विधानसभा सीट से विजयी हुए हैं। चामलिंग ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के खड़क बहादुर राई को 2,899 वोट से परास्त किया। चामलिंग नामची सिंहीथांग से भी चुनाव लड़े हैं और वह 289 वोट से आगे चल रहे हैं।
राजस्थान की भरतपुर लोकसभा सीट से भाजपा की रंजीता कोल 3,18,399 मत से जीतीं।
गठबंधन के सहारे उत्तर प्रदेश में खोई जमीन की तलाश में जुटे समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव का प्रयास मौजूदा लोकसभा चुनाव में फलीभूत होता नहीं दिख रहा है। वर्ष 2014 में 'मोदी लहर' के बावजूद अपने कुनबे की सीटों पर मजबूती से डटे यादव परिवार की जमीन इस बार खिसकती नजर आ रही है। मतगणना से मिल रहे रूझानो के अनुसार सपा कम से कम छह सीटों पर बढ़त बनाये हुये है जबकि पिछले चुनाव में पाटीर् ने पांच सीटों पर जीत हासिल की थी। बदायूं में यादव परिवार के अहम सदस्य धमेर्न्द्र यादव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की डा संघमित्रा मौर्य से कड़ी चुनौती मिल रही है वहीं कन्नौज में श्रीमती डिंपल यादव और फिरोजाबाद में अक्षय यादव को अपने निकटतम प्रतिद्धंदी से कांटे की टक्कर मिल रही है।
उत्तर प्रदेश की प्रतिष्ठित इलाहाबाद संसदीय सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की डा रीता बहुगुणा जोशी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी(सपा) के राजेन्द्र सिंह पटेल के खिलाफ निणार्यक बढ़त हासिल कर ली है। डा. जोशी सपा के राजेन्द्र सिंह पटेल से 104823 मतों से आगे है। इस चुनाव में जोशी और सपा उम्मीदवार के बीच कांटे की भिड़ंत का अनुमान लगाया जा रहा था जबकि भाजपा से अलग होकर कांग्रेस में शामिल योगेश शुक्ल से भी भाजपा की राह में रोड़ा बनने की उम्मीद थी। इन सभी चुनौतियों को सिरे से खारिज करते हुये भाजपा प्रत्याशी अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप जीत का परचम लहराने को तैयार हैं।
भारतीय जनता पार्टी की सांसद किरण खेर चंडीगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी पवन कुमार बंसल से लगभग आठ हजार मतों से आगे चल रही हैं। निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के अनुसार चंडीगढ़ से चार बार सांसद रहे बंसल, किरण खेर से सात हजार 948 मतों से पीछे चल रहे हैं। बंसल पिछले आम चुनाव में खेर से चुनाव हार गए थे ।
हिमाचल प्रदेश की सभी चार लोकसभा सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा के उम्मीदवारों की जीत लगभग तय दिख रही है क्योंकि राज्य की चारों लोकसभा सीटों -- मंडी, कांगड़ा, हमीरपुर और शिमला पर उसके प्रत्याशी 3. 23 लाख से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं। राज्य चुनाव अधिकारी के मुताबिक, कांगड़ा सीट से भाजपा के किशन कपूर, कांग्रेस के पवन काजल से चार लाख 66 हजार मतों से आगे चल रहे हैं। पिछली बार इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता शांता कुमार विजयी हुए थे। अधिकारी के मुताबिक, हमीरपुर सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस के रामलाल ठाकुर पर तीन लाख 84 हजार वोटों की बढ़त बना ली है। शिमला सीट पर भाजपा के सुरेश कश्यप, कांग्रेस के धनीराम शांडिल से तीन लाख 23 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं। वर्ष 2014 में इस सीट से भाजपा के विरेंद्र कश्यप जीते थे। मंडी से मौजूदा सांसद रामस्वरूप ने कांग्रेस के आश्रय शर्मा पर तीन लाख 96 हजार वोटों की बढ़त बना ली है। वर्ष 2014 में भी भाजपा ने राज्य की चारों सीटें जीती थीं।
बिहार की दरभंगा लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गोपाल जी ठाकुर ने राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को 2. 67 लाख से अधिक मतों के अंतर से शिकस्त दी। सिद्दीकी राजद की राज्य इकाई के प्रमुख और बिहार की राजद सरकार में मंत्री रह चुके हैं इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के कीर्ति आजाद ने 35043 मत से जीत हासिल की थी। हालांकि 2019 के आम चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था और पड़ोसी राज्य झारखंड की धनबाद सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
श्रीनगर लोकसभा सीट से आगे चल रहे नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को उम्मीद जतायी कि केंद्र की नयी सरकार जम्मू कश्मीर के साथ न्याय करेगी और कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करेगी। पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से बातचीत में अब्दुल्ला ने अपनी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और श्रीनगर के लोगों को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को राज्य विधानसभा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की बृहस्पतिवार को बधाई दी। पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (बीजद) देश भर में चल रही मोदी लहर के बाद भी राज्य की 146 विधानसभा सीटों में से 112 सीटों पर आगे चल रही है। पटनायक लगातार पांचवीं बार सरकार बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। पटनायक बिजेपुर और हिंजीली दोनों सीटों से आगे चल रहे हैं। मोदी ने ट्विट किया, "नवीन बाबू को ओडिशा में एक बार फिर से जीतने की बधाई। उन्हें अगले कार्यकाल की बहुत सारी शुभकामनाएं।
केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से आगे चल रहे कांग्रेस उम्मीदवार शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह खुद को ऐसे बल्लेबाज की तरह महसूस कर रहे हैं जिसने शतक लगाया लेकिन उसकी टीम हार गई। थरूर ने ट्वीट कर कहा, "मैं करीब 50 हजार वोटों से आगे चल रहा हूं। मैं खुद को उस उम्मीदवार की तरह महसूस कर रहा हूं जिसने शतक लगाया लेकिन उसकी टीम हार गई। उन्होंने कहा, "यह मेरे लिए खट्टा-मीठा अनुभव है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली करारी हार को स्वीकार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि वह जनादेश का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से निराश नहीं होने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि राज्य की सभी 25 सीटों पर कांग्रेस पिछड़ गयी है। राज्य की 24 सीटों पर भाजपा व एक सीट पर उसके सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी ने निर्णायक बढ़त बना ली है।
लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा की अभूतपूर्व जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी, अमित शाह की प्रशंसा की।
लोकसभा चुनाव के ताजा रुझानों में भाजपा के बड़े बहुमत से सत्ता पर काबिज होने के संकेतों के बीच पार्टी नेताओं ने बृहस्पतिवार को जोर दिया कि इससे स्पष्ट है कि अब 'राजनीति का व्याकरण बदल चुका है और लोगों ने विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को खारिज कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यों पर मुहर लगाई है। कई मंत्रियों और नेताओं ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की 'सुनामी' करार दिया। मतगणना के रुझानों से जहां भाजपा नीत राजग के खेमे में हर्ष छाया हुआ है, वहीं कांग्रेस और वाम दलों का उत्साह ठंडा पड़ चुका है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने लोकसभा चुनाव में जीत की ओर बढ़ रहे उम्मीदवारों को बधाई दी और प्रक्रिया की पूर्ण समीक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ट्वीट, 'सबका साथ + सबका विकास + सबका विश्वास = विजयी भारत'
Together we grow.
Together we prosper.
Together we will build a strong and inclusive India.
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए महाराष्ट्र की सभी 48 सीटों के रुझान प्राप्त हो गए हैं। फिलहाल भाजपा-शिवसेना गठबंधन 42 सीटों पर आगे चल रहा है। नागपुर सीट से केन्द्रीय मंत्री नितिन जयराम गडकरी अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी नाना पटोले से 49,422 वोटों से आगे चल रहे हैं। बारामती सीट से राकांपा की सुप्रिया सुले भाजपा की कांचन राहूल कुल से 79,722 वोटों से आगे चल रही हैं।
दिवंगत केन्द्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी एवं भाजपा प्रत्याशी प्रितम गोपीनाथराव मुंडे बीड लोकसभा सीट से कांग्रेस के बजरंग मनोहर सोनवने से 65,939 वोटों से आगे चल रही हैं। चन्द्रपुर सीट से केन्द्रीय मंत्री एवं भाजपा प्रत्याशी हंसराज गंगाराम अहीर कांग्रेस के बालुभाऊ उर्फ सुरेश नारायण धानोरकर से 4,265 वोटों से आगे चल रहे हैं। जालना सीट से भाजपा के रावसाहेब दादाराव दानवे कांग्रेस प्रत्याशी औताडे विलास केशवराव से 1,11,319 वोटों से आगे चल रहे हैं। मुम्बई उत्तर मध्य सीट से भाजपा की पूनम महाजन कांग्रेस की प्रिया सुनील दत्त से 74,914 वोटों से आगे चल रही हैं।
असम की 14 लोकसभा सीटों में से नौ पर भाजपा आगे चल रही है जबकि उसकी सहयोगी असम गण परिषद (अगप) ने दो सीटों पर बढ़त बनाई हुई है। भाजपा ने तीन सीटें अपने सहयोगियों-- दो अगप और एक बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ)--को दी थी। कालियाबोर में एजीपी के मणि माधव महन्त ने कांग्रेस के उम्मीदवार तरूण गोगोई पर 11233 मतों की बढ़त बना ली है। गोगोई ने 2014 में यह सीट 93874 वोटों से जीती थी। तेजपुर में, प्रदेश सरकार में मंत्री और भाजपा प्रत्याशी पल्लब लोचन दास, कांग्रेस के एमजीवीके भानू से 17 हजार 733 वोटों से आगे चल रहे हैं। इस सीट पर अच्छी खासी संख्या में गोरखा आबादी है।
मंगलदोई सीट से भाजपा के दिलीप सैकिया कांग्रेस के भुवनेश्वर कलीता से 29 हजार 268 वोटों से आगे चल रहे हैं जबकि नौगांव सीट पर भगवा दल के रूपक शर्मा ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रद्धयुत बारदोलोई पर 30 हजार 431 मतों से बढ़त बनाई है। सिलचर सीट पर भाजपा प्रत्याशी राजदीप रॉय मौजूदा सांसद और कांग्रेस उम्मीदवार सुष्मिता देव से 13 हजार 489 वोटों से आगे चल रहे हैं। देव अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहन देव की बेटी हैं।
कोकराझार और धुबरी में क्षेत्रीय पार्टियों ने बढ़त ली हुई है। धुबरी में मौजूदा सांसद और एआईयूडीएफ के उम्मीदवार बदरूद्दीन अजमल, कांग्रेस के अबू ताहिर बेपारी से 22 हजार 658 वोटों से आगे चल रहे हैं। कोकराझार में यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी (लिबरल) के उखराव ग्वरा ब्रह्मा, बीपीएफ की प्रमिला रानी बह्मा से 6433 मतों से आगे चल रहे हैं। बरपेटा में अगप के कुमार दीपक दास, कांग्रेस के अब्दुल खालिक से 26 हजार 80 वोटों से आगे हैं। गौहाटी सीट पर कांग्रेस की बबीता शर्मा और भाजपा की क्वीन ओझा के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा है। लोकप्रिय टीवी निर्माता एवं फिल्मी अभिनेत्री शर्मा 2889 मतों से आगे चल रही हैं। डिब्रूगढ़ से भाजपा के रामेश्वर तेली ने कांग्रेस के पवन सिंह घटवार पर एक लाख एक हजार 981 वोटों से बढ़त बनाई हुई है जबकि जोरहट में भाजपा के तपन कुमार गोगोई कांग्रेस के सुशांत बोरगोहेन से 23 हजार 570 वोट से आगे चल रहे हैं।
आम आदमी पार्टी ने चुनाव परिणाम के रुझानों में भाजपा को मिली निर्णायक बढ़त के आधार पर कहा है कि प्रजातंत्र में जनादेश सबसे पवित्र माना जाता है और पार्टी इसका सम्मान करती है। आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, "मैं अपनी पार्टी की तरफ से भाजपा को बधाई देता हूं। हम नरेन्द्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने की शुभकामनायें भी देते हैं।
मथुरा लोकसभा सीट पर भाजपा सांसद हेमामालिनी तीसरे दौर की गिनती पूरी होने तक अपने निकटतम प्रत्याशी रालोद के कुंवर नरेंद्र सिंह से 22873 मतों से आगे चल रही हैं। मथुरा लोकसभा सीट के कुल 17 लाख 99 हजार 321 मतदाताओं में से 10 लाख 88 हजार 206 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया है। सभी विधानसभा क्षेत्रों के मतों की गिनती के लिए कुल 32 दौर तक गणना जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव मतगणना के शुरुआती चरणों से ही अपने-अपने प्रतिद्वंद्वियों पर मजबूत बढ़त बनाए हुए हैं। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी अपने-अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वियों से पीछे चल रहे हैं। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी सीट से करीब एक लाख 49 हजार मतों से आगे चल रहे हैं। वहीं, लखनऊ से राजनाथ सिंह लगभग 93 हजार वोटों की बढ़त बनाये हुए हैं। अमेठी से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल तीसरे दौर की मतगणना के दौरान अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की स्मृति ईरानी से करीब साढ़े छह हजार मतों से पीछे चल रहे हैं।
गुजरात की सभी 26 सीटों पर भाजपा आगे। अमित शाह गांधीनगर सीट पर दो लाख 25 हजार से अधिक मतों से आगे।
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से नौ सीटो पर भाजपा आगे हैं जबकि कांग्रेस उम्मीदवार केवल दो सीटो पर ही बढ़त बना पाए है। सरगुजा सीट पर भाजपा की रेणुका सिंह लगभग 49 हजार मतों से, रायपुर सीट पर भाजपा के सुनील सोनी लगभग 48 हजार मतो से,कोरबा में भाजपा के ज्योतिनंद दुबे 10 हजार 740 मतो से,दुर्ग सीट पर भाजपा के विजय बघेल 58 हजार 508मतो से,बिलासपुर सीट से अरूण साव 13 हजार 321 मतों से, कांकेर सीट पर भाजपा के मोहन मडावी पांच हजार 376 मतो से,रायगढ़ सीट पर भाजपा के गोमती साय 29995 मतो से तथा जांजगीर चापा से भाजपा के गुहाराम अजगले 31 हजार मतो से आगे चल रहे है। कांग्रेस केवल बस्तर एवं महासमुन्द सीट पर ही आगे चल रहे है। महासमुन्द सीट पर कांग्रेस के धनेन्द्र साहू 8332 मतो से तथा बस्तर सीट पर दीपक बैज 20 हजार 795 मतो से आगे चल रहे है।
मध्यप्रदेश की कुल 29 लोकसभा सीटों में से शुरूआती तीन घंटे के दौरान 11 बजे तक आए सभी सीटों के रुझानों में 28 पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और एक पर कांग्रेस ने बढ़त बनायी हुयी है। यहां पहुंची प्रारंभिक खबरों के अनुसार भोपाल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर से लगभग 42 हजार मतों से पीछे चल रहे हैं। गुना से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया भी भाजपा के के पी यादव से करीब 23 हजार मतों से पीछे चल रहे हैं। मंदसौर से कांग्रेस प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन करीब 67 हजार मतों से भाजपा प्रत्याशी सुधीर गुप्ता से पीछे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात की सभी 26 सीटों पर भाजपा आगे चल रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह गांधीनगर लोकसभा सीट पर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के सी जे चावड़ा से एक लाख 86 हजार से अधिक मतों से आगे चल रहे हैं। भाजपा के अन्य प्रमुख प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री जसवंतसिंह भाभोर दाहोद सीट, गुजरात सरकार के मंत्री परबत पटेल बनासकांठा सीट पर आगे हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी आणंद सीट, पूर्व केंद्रीय मंत्री तुषार चौधरी बारडोली में पीछे चल रहे हैं। कांग्रेस के अमरेली के प्रत्याशी तथा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी समेत पार्टी की ओर से चुनाव लड़ रहे कांग्रेस के सभी आठ विधायक पीछे हैं। भाजपा ने पिछली बार राज्य की सभी 26 सीटों पर जीत हासिल की थी।
मध्यप्रदेश की भिंड संसदीय सीट पर भाजपा की संध्या राय कांग्रेस के देवाशीष से 25453 वोटों से आगे।
हजारीबाग लोकसभा सीट पर शुरुआती रुझानों में केंद्रीय मंत्री जयन्त सिन्हा अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी, कांग्रेस के उम्मीदवार गोपाल प्रसाद साहू से 20,862 मतों से आगे चल रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पलामू (सुरक्षित) लोकसभा सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद विष्णु दयाल राम राजद के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी घूरन राम से 34,387 मत से आगे चल रहे हैं।
मध्यप्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में मतगणना के दौरान भाजपा की बढ़त कायम। भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी से 66,673 मतों से आगे।
पंजाब की संगरूर संसदीय सीट से आम आदमी पार्टी के भगवंत मान कांग्रेस के केवल ढिल्लों से आगे ।
देश में आम चुनावों के तहत केंद्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ की एकमात्र लोकसभा सीट के गत 19 मई को हुये चुनाव की आज हो रही मतगणना में भाजपा प्रत्याशी और निवर्तमान सांसद किरण खेर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी पर कांग्रेस प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल से आगे चल रही हैं।
पंजाब की आनंदपुर साहिब लोकसभा सीट से अकाली दल के उम्मीदवार और मौजूदा सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा पीछे चल रहे हैं जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी 2,561 मतों से आगे चल रहे हैं।
उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटों पर अब तक प्राप्त रूझानों में भाजपा प्रत्याशियों ने अच्छी बढ़त बना ली है ।
अल्मोडा : केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा अपने निकटतम प्रतिद्वंदी और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा से 22,351 मतों से आगे चल रहे हैं ।
पौडी गढ़वाल : भाजपा के राष्ट्रीय सचिव तीरथ सिंह रावत कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंदी और मौजूदा भाजपा सांसद भुवन चंद्र खंडूरी के पुत्र मनीष खंडूरी से 42,581 मतों से आगे चल रहे हैं ।
टिहरी : मौजूदा भाजपा सांसद महारानी राज्यलक्ष्मी शाह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी और प्रदेश पार्टी अध्यक्ष प्रीतम सिंह से 16,428 मतों से आगे चल रही हैं ।
ऊधमसिंह नगर - नैनीताल : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट अपने निकटतम प्रतिद्वन्दी कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से 34,606 मतों से आगे हैं ।
हरिद्वार : मौजूदा भाजपा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक कांग्रेस के अपने निकटतम प्रतिद्वंदी अंबरीष कुमार से 16,753 मतों से आगे चल रहे हैं ।
उत्तराखंड में पहले चरण में 11 अप्रैल को चुनाव हुआ था ।
उत्तर-प्रदेश में मतगणना के शुरुआती रुझान में केन्द्रीय मंत्री मेनका गांधी और संतोष गंगवार समेत दिग्गज नेता अपने-अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से आगे चल रहे हैं। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुताबिक बरेली से भाजपा प्रत्याशी संतोष गंगवार और सुलतानपुर से भाजपा उम्मीदवार मेनका गांधी पहले चरण की मतगणना में अपने-अपने प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त बनाये हुए हैं। इसके अलावा पीलीभीत से भाजपा उम्मीदवार वरुण गांधी और इलाहाबाद से इसी पार्टी की प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी भी पहले चरण में बढ़त बनाये हुए हैं। उधर, मैनपुरी से सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ से पार्टी प्रत्याशी सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, उनकी पत्नी कन्नौज से सपा उम्मीदवार से आगे चल रही हैं।
मध्यप्रदेश के इंदौर लोकसभा क्षेत्र में मतगणना के दौरान भाजपा की बढ़त कायम। भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी अपने नजदीकी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी से 66,673 मतों से आगे।
हरियाणा में दलीय स्थिति इस प्रकार है :
तमिलनाडु में दस संसदीय सीटों पर आये रूझान में द्रमुक और इसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस एवं एमडीएमके आगे चल रहे है। जबकि केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन कन्याकुमारी सीट पर पीछे चल रहे है। चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी। द्रमुक तिरूनलवेली सीट से, एमडीएमके इरोड सीट से और कांग्रेस विरूद्धुनगर सीट पर अपने निकटतम विरोधियों से आगे चल रहे हैं। बढ़त बनाये हुये उम्मीदवारों में द्रमुक के ए. राजा नीलगिरि से, द्रमुक की कनीमोझी तूतीकोरिन से बढ़त बनाये हुये हैं। इसके अलावा द्रमुक अरक्कोणम, कुड्डालोर, सलेम, तेनकासी और पेरूम्बलूर सीट पर आगे चल रही है। केंद्रीय मंत्री राधाकृष्णन, कांग्रेस उम्मीदवार एच वसंतकुमार से 7757 मतों से पीछे चल रहे हैं। माकपा मदुरै में और भाकपा नगापट्टिनम सीट पर बढ़त बनाये हुये है। द्रमुक ने 19 संसदीय सीटों पर चुनाव लड़ रही है जबकि शेष 19 सीटों पर उसके सहयोगी दल चुनाव लड़ रहे हैं। अन्नाद्रमुक ने 20 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं।
जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला, भाजपा नेता जितेंद्र सिंह और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जी ए मीर शुरुआती रुझानों में अपनी-अपनी सीटों से आगे चल रहे हैं। अधिकारियों के मुताबिक, अब्दुल्ला ने श्रीनगर सीट पर पीडीपी उम्मीदवार आगा सैयद मोहसिन से 80 वोटों की बढ़त बना ली है जबकि केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह उधमपुर सीट से कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह से 4000 वोटों से आगे चल रहे हैं। पूर्व विधायक एवं विवादित कश्मीरी सियासतदान शेख अब्दुल रशीद बारामूला सीट से पीडीपी के अब्दुल कयूम वानी और पीपल्स कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार राजा एजाज़ अली तथा नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता मोहम्मद अकबर लोन से आगे चल रहे हैं। लद्दाख में, भाजपा के जामयांग त्सेरिंग नामग्याल निर्दलीय उम्मीदवार सज्जाद हुसैन से 464 वोटों से पीछे चल रहे हैं।
झारखंड की पलामू (अनुसूचित जाति, सुरक्षित) लोकसभा सीट पर भाजपा के निवर्तमान सांसद वीडी राम तीसरे चरण की मतगणना के बाद राजद के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी घूरन राम से 9450 मतों से आगे चल रहे हैं। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एल खियांग्ते ने बताया कि पलामू लोकसभा सीट से तीसरे दौर की मतगणना के बाद भाजपा के उम्मीदवार वीडी राम राष्ट्रीय जनता दल के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी घूरन राम से 9450 मतों से आगे चल रहे हैं।
पंजाब में आनंदपुर साहिब सीट से शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के उम्मीदवार और मौजूदा सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस प्रत्याशी मनीष तिवारी से आगे चल रहे हैं। निर्वाचन आयोग से मिले रुझान के मुताबिक, चंदूमाजरा अपने प्रतिद्वंद्वी तिवारी से 593 मतों से आगे चल रहे हैं। होशियारपुर (आरक्षित) सीट पर भाजपा प्रत्याशी सोम प्रकाश अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी और कांग्रेस उम्मीदवार राज कुमार छब्बेवाल से 675 मतों से आगे चल रहे हैं। फरीदकोट सीट से कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद सादिक अपने करीबी प्रतिद्वंद्वी और शिअद उम्मीदवार गुलजार सिंह रानिके से 588 मतों से आगे चल रहे हैं। लुधियाना में लोक इंसाफ पार्टी के उम्मीदवार सिमरजीत सिंह बैंस कांग्रेस उम्मीदवार और मौजूदा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू से 304 मतों से आगे चल रहे हैं पटियाला सीट से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी प्रनीत कौर शिअद प्रत्याशी सुरजीत सिंह रखरा के खिलाफ 2359 मतों से आगे चल रही हैं।
राजस्थान में लोकसभा की पच्चीस सीटों की मतगणना के शुरुआती दौर में भारतीय जनता पाटीर् (भाजपा) के बीस एवं कांग्रेस के चार तथा एक अन्य प्रत्याशी आगे चल रहे है। सुबह नौ बजे तक डाक मत पत्रों की हुई गिनती में केन्द्रीय मंत्री अजुर्न राम मेघवाल बीकानेर, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ जयपुर ग्रामीण एवं पी पी चौधरी पाली से आगे चल रहे हैं जबकि केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत पीछे चल रहे हैं, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह सहित भाजपा के सत्रह उम्मीदवार अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से आगे चल रहे है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत जोधपुर तथा भरतपुर से अभिजीत जाटव, झुंझुनूं से श्रवण कुमार तथा करौली-धौलपुर से सविता मीणा आगे चल रही है। नागौर से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल भी कांग्रेस उम्मीदवार ज्योति मिधार् से आगे चल रहे हैं। भाजपा ने गठबंधन में यह सीट श्री बेनीवाल के लिए छोड़ दी थी।
बिहार के दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार गोपालजी ठाकुर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रीय जनता दल के अब्दुलबारी सिद्दीकी से नौ हजार मतों से आगे चल रहे हैं।
पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड की एकमात्र लोकसभा सीट पर बृहस्पतिवार को सुबह आठ बजे मतगणना आरंभ हो गई शुरुआती रूझानों में एनडीपीपी के उम्मीदवार तोखेहो येप्थोमी, कांग्रेस के के. एल चीशी से आगे चल रहे हैं। चुनाव आयोग के मुताबि,क येप्थोमी को 3667 मत मिले हैं जबकि चीशी को 224 वोट मिले हैं।
हिमाचल प्रदेश की हमीरपुर सीट से भाजपा उम्मीदवार और मौजूदा सांसद अनुराग ठाकुर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के राम लाल ठाकुर से 3,103 मतों से आगे चल रहे हैं : अधिकारी ।
शुरुआती रुझानों में बीजेपी 21 सीटों पर आगे.
शुरुआती रुझान में उत्तर प्रदेश में बीजेपी 21 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं कांग्रेस 2 और महागठबंधन एक पर आगे.
इलाहाबाद से शुरुआती रुझान में रीता बहुगुणा आगे चल रही हैं.
इलाहाबाद से शुरुआती रुझान में रीता बहुगुणा आगे चल रही हैं.
लोकतांत्रिक भारत के 67 साल के इतिहास में पहली बार लोकसभा चुनाव में सबसे अधिक मतदान हुआ है। 17वीं लोकसभा के लिए 67. 11 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया जो पिछले रिकॉर्ड (2014) के 65. 95 फीसदी से अधिक है।
पश्चिम बंगाल,यूपी,बिहार की सीटों पर देरी से नतीजे आने की उम्मीद क्योंकि इन सीटों पर मतदाता और उनमें शामिल विधानसभा सीटों की संख्या अधिक। वहीं तेलंगाना के मल्काजगिरी में सबसे अधिक मतदाता 31 लाख हैं।
लक्षद्वीप में मात्र 54,266 मतदाता हैं। वहीं कोई विधानसभा भी नहीं है। इसी प्रकार अंडमान-निकोबार, लद्दाख, दमन-दीव, चंडीगढ़ सीट पर जल्द गणना पूरी होने की उम्मीद है।
मतदान के बाद अधिकतर एग्जिट पोल में एनडीए को बहुमत का अनुमान लगाया गया है लेकिन नतीजों के साथ साथ तय हो जाएगा कि एनडीए सरकार की वापसी होगी या फिर देश की कमान किसी अन्य गठबंधन के हाथ जाएगी।
मतगणना की पुरानी व्यवस्था ही लागू रहेगी, इससे गिनती शुरू होने के आधे घंटे के अंदर ही रुझान मिलने लगेंगे। माना जा रहा है कि दोपहर तक रुझानों से स्थिति साफ हो जाएगी। हालांकि, वीवीपैट पर्चियों के मिलान करने की वजह से अंतिम नतीजों के आने में समय लग सकता है। हो सकता है कि अंतिम परिणाम देर रात तक आएं।
गिनती की शुरुआत 'पोस्टल बैलेट' से होगी। अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर तैनात सेना, सशस्त्र बलों, पुलिस जवान और विदेश में भारतीय दूतावास में तैनात अधिकारी पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करते हैं। देश भर में 18 लाख मतदाता पोस्टल बैलेट के लिए पंजीकृत हैं।
यूपी-बंगाल के नतीजों पर रहेंगी नजरेंः 542 सीटों के लिए मतगणना के दौरान निगाहें इस बात पर होंगी कि यूपी में भाजपा और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस 2014 के चुनाव के जीत के रिकार्ड को बरकरार रख पाती हैं या नहीं। मतदान के दौरान दोनों राज्यों में कड़ा मुकाबला देखने को मिला है।
मतगणना से ठीक पहले गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के मुख्य सचिव और डीजीपी को अलर्ट जारी किया है। उनसे सतर्क रहने को कहा गया है। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिली है कि कुछ संगठन और लोगों ने, विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और त्रिपुरा में कुछ बयान दिए हैं जिसर्से ंहसा उत्पन्न होने की आशंका है और इससे मतगणना प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसलिए यह अलर्ट जारी किया गया है।
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२. हिन्दी की वैष्णव भक्ति, तुलसीदाम की भक्ति को छोड़ कर, अधिव प्रेम भावना प्रधान है जहाँ तेलुगु भाषा मे प्रतिपादित वैष्णव भक्ति ज्ञान गम्भीर और मर्यादापूर्ण है ।
३. तेलुगु के कृष्णभक्ति साहित्य मे उनका लोक-रक्षक और राजनीतिक रूप गृहीत हुआ है तो हिन्दी मे उनका लोकरजक बाल और युवक रूप चित्रित है।
४ दोनो भाषाओ मे कृष्ण भक्ति साहित्य को अन्तिम परिणति अतिशय शृगारी काव्यो के रूप मे हुई है किन्तु शैलीगत अन्तर के साथ ।
५ तेलुगु मे अधिकतर प्रबंध काव्यो मे वैष्णव भक्ति प्रतिपादित है तो हिन्दी मे मुक्तक काव्यो मे ।
६ दोनो भाषाओ मे प्रतिपादित भक्ति के रूप एक-दूसरे के पूरक माने जा सकते हैं ।
हिन्दी और तेलुगु की आधुनिक कविता
था वंशगो
हिन्दी और तेलुगु वी आधुनिक कविता में पर्याप्त साम्य पाया जाता है । इन दोनो भाषाओं की कविता में ऐमो क्षीण एवं स्पष्ट रेखाएँ वर्तमान है, जिन के आधार पर यह कहा जा सकता है कि दोनों भाषाओ की काव्यधाराओं की गतिविधि एक ही प्रकार की है। अध्ययन की सुविधा के लिए हम हिन्दी और तेलगु की आधुनिक कविता को तीन प्रधान भागो मे विभक्त करेंगे।
१ भारतेन्दु युग तथा वीरेशलिगम्-युग से ले कर द्विवेदी-युग तथा तिरुपति वेंक्टक्वलु-युग तक को आधुनिक वविता - (मन् १८७० - १९१४ तत्र ) २ हिन्दी की छायावादी कविना तया तेलुगु का भावकवित्वमु लगभग ( मन् १९१५ - १९३५)
३ हिन्दी कविता में प्रगतिवाद और प्रयोगवाद तथा तेरुगु का अभ्युदय कवित्वमु (सन् १९३६ - १९५० )
१. भारतेन्दु युग तथा वीरेशलिंगम्-युग से ले कर द्विवेदी-युग तथा तिरुति वॅक्ट कबुलु-युग तक का आधुनिक कविताहिन्दी और तलुगु कविता के लिए यह काल सत्रान्ति वाल कहा जा सकता है। इसका कारण यह है कि इस काल तक रीतिकाल तथा प्रवन्धकाल का ह्रास हो चुका था । कविता का आश्रय देने के लिए न तो कोई राजदरवार थे, न विलासी वातावरण । इस समय तक कविता एक प्रकार से मर चुकी थी । केवल समस्यापूर्ति के रूप मे हो इस का अस्तित्व दिखाई पड़ता था। कविता के ऐस निष्प्राण एवं नीरस वातावरण में पुन जीवन-स्पन्दन लाने का कार्य हिन्दी तथा तेलुगु म त्रमश भारतेन्दु और वीरेशलिंगम् पतुलु ने किया । इन दिनो बहुमुखी प्रतिमा रखने वाले साहित्यिको ने पाश्चात्य विचारधारा के
संपर्क मे आ कर अपनी भाषाओं की कविता को नवीन चेतना एवं प्रेरणा प्रदान की। परन्तु इन दोनों साहित्यिको के काल में वास्तव में गद्य का विकास अत्यधिक हो गया, कविता या पद्य का विकास अत्यन्त कम हुआ । इन दोनो साहित्यिकों के प्रभाव में जितने अन्य कवि आये, उनकी कविता में भी प्राचीन कविता की झंकृति मात्र सुनाई पड़ती थी । लगभग अठाहरवीं शताब्दी के अत तक हिन्दी और तेलुगु की कविता में प्राण भरने वाले कुछ ऐसे कवियों का प्रादुर्भाव हुआ जिन्होंने भाषा एव भावना को एक नवीन वातावरण, एक नवीन चित्रपट पर अक्ति कर दिया। ऐसे कवियों में श्रोधर पाठक, अयोध्यासिंह 'हरिऔध', मैथिलीशरण गुप्त तथा तिरुपति वेंकट कबुलु प्रमुख हैं। इस समय एक ओर जहाँ श्रीधर पाठक अपने खण्डकाव्यों के द्वारा मृत कविता मे प्राण फूक रहे थे, हरिओोध', मैथिलीशरण पुराणो एव इतिहास से कथावस्तु लेकर भारतीय संस्कृति की प्राण प्रतिष्ठा कर रहे थे, तो दूसरी ओर तेलुगु कविता के क्षेत्र मे तिरुपति वेंकट कबुलु ने कविता को एक आन्दोलन के रूप में परिवर्तित किया। उन्होंने अपने खण्डकाव्य तथा सुक्तको के द्वारा सम्पूर्ण तेलुगु भाषी प्रान्त में कविता को अत्यन्त लोकप्रिय बनाया । इस प्रकार हम देखते है कि इस समय तक हिन्दी और तेलुगु की कविता राजदरवारो के अधवार को चीरकर जनता के सम्मुख आ गयी। जनता ने इनकी कविता को परान्द किया । और इन कवियों का प्रचार तथा प्रसार सामाजिक स्तर पर अधिक रहा । इस काल की कविता मे इतिवृत्तात्मकता, आदर्शवादिता एव चमत्कार प्रदर्शन का आधिक्य था। तेलुगु की अपेक्षा इस काल की हिन्दी कविता में राष्ट्रीय भावना अत्यधिक नाम कर रही थी ।
२. हिन्दी की छायावादी कविता तथा तेलुगु का भावकवित्यमु ( लगभग सन् १९१५ - १९३५)
उनीसवी शती के आरम्भ से ही हिन्दी और तेलुगु की कविता मे एक नवीन परिवर्तन स्पष्ट दिखाई देने लगा। हिन्दी की द्विवेदी-युगीन कविता तथा तेलुगु के तिरुपति पेपट कल -युग की कविता की निस्सारता, उपदेशप्रवणता तथा इतिवृत्तात्मकता के प्रति काव्य-क्षेत्र मे एक आन्दोलन बना जिस को हम स्वच्छन्दतावादी आन्दोलन कह सकते हैं। दोनो काव्य-साहित्य में इस आन्दोलन के लिए आवश्यक वातावरण प्रस्तुत था। सामयिक परिस्थितियो ने (पाश्चात्य विचारधारा का प्रभाव, अग्रेजी शिक्षा के माध्यम वा प्रभाव ) इस बाव्य-धारा को अपनाने के लिए आवश्यक पृष्ठभूमि तैयार की । अप्रेजी
माहित्य एव भाषा के द्वारा हिन्दी और तेगु वे नवयुवक पवियों में एक स्कृति व उत्साह वा संचार हुआ। अंग्रेजी स्वच्छन्दतावादी वर्ड मवयं वालिरिज, शेडा, वायरन तथा कीट्स आदि प्रमुख ववियों के काव्य-पठन से हिन्दा और के स्वच्छन्द प्रवृत्ति के तरण कवियो को उनो प्रकार की नवीन वविता लिखने की अदम्य प्रेरणा मित्री । महाकवि रवीन्द्रनाथ ने ऐसी स्वच्छन्दतावादी कविता को पहले ही अपना कर इन कवियों का पथ प्रदर्शन किया। रवीन्द्र भारत के प्रथम स्वच्छन्दतावादी कवि थे ।
ववींद्र रवींद्र वा जैसा प्रभाव हिन्दी के प्रमुख छायावादी कवियो पर दिग्वायी देता है, वैसा हो प्रभाव तेगु के भाव कवियो पर भो । हिन्दी के छायावादी कवियों में प्रसाद, पत्त, निराला और महादेवी वर्मा का नाम लिया जा मक्ता है। वैसे तेलुगु मे श्री विश्वनाथ सत्यनारायण देवल्पल्लि कृष्ण शास्त्री, रायप्रालु सुव्याराव नायनि सुब्बाराव, रामकृष्णाराव वगैरह का नाम लिया जा सकता है ।
प्रसादजी की तरह श्री विश्वनाथ सत्यनारण की प्रतिभा भी बहुमुखी है, लेकिन दोनों में एक अन्तर है । जहाँ प्रसादजी काव्य के संप्रदाय को छाप के साथ-साथ नूतनता का पुट ज्यादा लिए हुए है, वहीं विश्वनायजी नूतन परिवर्तनवादी आंदोलन के साथ-साथ थोडी दूर तक चल कर परम्परा की ओर मुड गये । प्रतिभा दोनो की अत्युच्च कोटि की रही है, इसमे कोई सदेह नही ।
श्रीकृष्ण शास्त्री मे गीतिकाव्य की मधुरता ज्यादा है। शब्द-चयन और पद-गुफन मे वे अपना सानी नहीं रखते। वे तेलुगु के मधुर कवि हैं । मात्रा मे अल्प होने पर भी उन्होंने जो कुछ भी लिखा है वह अद्वितीय है।
श्री रायप्रोलुजी की कविता मे परम्परा और मौलिकता का बहुत सुन्दर सतुलन दिखायी देता है।
नायनि सुब्बाराव मे भावो की गंभीरता और हृदय का आवेग एक प्रलयकर आप्लावन का रूप धारण कर लेते हैं। उनकी कविता सोघे हृदय का छूती है ।
मैंने युग के प्रतिनिधि स्वरूप इन कवियो का नाम लिया है। इनके अतिरिक्त और भी कवि हुए हैं।
नदूर सुब्बाराव का 'एकचाटलु' गीतिकाव्य का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण माना जा सकता है। यह एक अपूर्व सृष्टि है। बेदुल सत्यनारायण, इदुकट और मलवरपु भी इसी धारा के अन्तर्गत आते हैं।
उमर सय्याम की वाइयों का जितना सुन्दर अनुवाद बच्चनजी ने किया है उतना हो सुन्दर श्री दुव्चूरि रामिरेड्डी ने भी । यह अनुवाद पानशाला के नाम से विख्यात है। इस अनुवाद मे मूल की गध आती है ।
इसी युग मे कुछ ऐसे कवि हुए जो परम्परा का पल्ला पकडे रहे। उनमे श्री त्रिपुरने रामस्वामी की व्यग-प्रधान रचना उल्लेख योग्य है । उन्होने अपने काव्यो के द्वारा नास्तिकता का प्रचार किया और पुराणमथियो की खिल्ली उडायी। इस तरह का कवि हिन्दी मे कोई नही हुआ ।
छायावाद और भाव- कविता के अत के साथ साथ हिन्दी और तेलुगु का प्रगति-युग शुरू हुआ, जिसे हम नयी कविता का युग कह सकते हैं । इरा युग के तेलुगु के एक प्रमुख कवि श्री श्री हैं जिन को रचनाओ मे युग-सधि के स्पष्ट दर्शन होते हैं, जैसे दो नदियों के सगम स्थान पर दो तरह का पानी मिलता है किन्तु उनका स्पष्ट पृथक् व्यक्तित्व भी दिखायी देता है। श्री श्री का व्यक्तित्व जितना ऊँचा है, उतनी ऊंची कोटि का कोई कवि हिन्दी के प्रगतिशील कवियों मे नही हुआ । दुर्भाग्य ही कहिए, रोग और मृत्यु ने निरालाजी के जीवन के अन्तिम दशक को ग्रसित कर लिया अन्यथा हमे हिन्दी में भी एक श्री श्री मिल जाता । दिनकरजी महान् कातिदर्शी कवि हैं लेकिन शैली और वस्तुचयन मे वे परम्परा की छान लिए हुए है। निराला और दिनकर का व्यक्तित्व कविता की दृष्टि से श्री श्री से कुछ कम महत्व नहीं रखता, लेकिन धारा का भेद है। वैसे तो यह परिवतन पतजी मे भी स्पष्ट रूप से दिखायी देता है । अपने परिवर्तित रूप में उन्हों ने लिखा भी काफो है, लेकिन वे सच्चे अर्थ में नयी कविता की धारा में मग्न नहीं हो सके ।
हिन्दी के प्रगतिशील कवियो मे शिवम गलसिंह 'सुमन', गजानन मुक्तिबोर, राणेय राघव, नरेश मेहता, नागार्जुन, नीरज, शम्भूनाथसंह, केदारनाथ अग्रवाल, प्रभात राकेश, शमशेर बहादुरसिंह वर्गरह के नाम उल्लेख योग्य है ।
तेलुगु के कवियों में नारायण बाबू, शिष्ट्ला उमामहेश्वर, लाग्द्र, वैरागी, पठाभि अनिसेट्टी, बुद्रुति, नारायणरेड्डी, दाशरथी, कालोजी, रमणारेड्डी, सोमसुन्दर, तिलक, केशवराव के नाम उल्लेखनीय हैं ।
अज्ञेय द्वारा मवादित तारमन वे प्रकाशन के साथ-साथ हिन्दी में प्रयोगवाद नाम की एक पारा चल पड़ी। इन कवियो मे गर्न श्री अज्ञेय, गिरिजाउमार माथुर, भारतभूषण अग्रवाल, धर्मवीर भारती, भवानी प्रसाद मिश्र प्रमुख हैं।
प्रयोग तो साहित्य का धर्म है, लेकिन अज्ञेय से प्रेरणा प्राप्त युवको ने उसे विशेष महत्त्व दिया । वहा जा सकता है कि प्रगतिवाद और प्रयोगवाद एक तरह से सम्मिलिन धाराएँ है। प्रगतिवादी भी प्रयोग करते रहे है और प्रयोगवादी भी प्रगतिशील कविता लिखते रहे है ।
हिन्दी के दो प्रमुख कवि जो किमी धारा में सम्मिलित नही हुए और अन्त तक अपनी अलग मत्ता बनाये रहे, दिनकर और वच्चन । इन दोनो वियोवा ऐमा उच्च व्यक्तित्व रहा है कि कोई भी धारा उनको आत्मसात् करने में असमर्थ रहो ।
इसी तरह तेलुगु में भी कुछ कवि ऐसे है जो किसी धारा में सम्मिलित न हो पर स्वतंत्र व्यक्तित्व रखते है। उनमे श्रीजापुआ, पिंगलो वाटूरी, तुम्मल नीतागममूति, दुक्कूरो रामिरेड्डी, कट्टमची रामलिंगारेड्डी वर्गरह के नाम उल्लेख योग्य है ।
तेलुगु की नयी कविता म नारायण बाबू का एक खास व्यक्तित्व रहा । वे अधिवास्तविकवाद के जन्मदाता वहे जा सकते है ।
शायद उनको छोड़ कर किसी न पूर्णरूप से अधिक वास्तविक कविता लिखी भी नही । आरुद्र और वैरागीन अपने ढंग के कुछ प्रयोग किये । आरुद्र का 'त्यमेचाहम् और वैरागो का नूनिलानि गोतुवलु' उल्लेखनीय हैं ।
नारायणरेड्डी और दाशरथी बहुत लोकप्रिय कवि हैं जिन्होंने परम्पराबद्ध कविता लिखी है और नयी कविता भी । नारायणरेड्डो मे गीति-काव्य की मधुरता पाई जाती है । अनिसेट्टि बुदुत्ति रमणारेड्डी, सोमसुन्दर और तिलक ने समाज के अत्याचारों के प्रति विद्रोह की आवाज उठाकर प्रगतिशील कविता लिखी है । इन ववियो में सामाजिक चतना विशेष रूप से पायी जाती है । केशवराव एक होनहार कवि हैं जिन्होंने अत्यंत आनुनिक शैली में लिया है। इनमें से ज्यादातर वदि आज भी लिख रहे हैं और हम उनसे बहुत आशा रखते हैं ।
नई कविता हिंदी और तेलुगु मे प्राय मुक्तछद में हो लिसी जाती है । फिर भी दोनो भाषाओं में कुछ लोग परम्परागत छदो में लिखते रहे है । आलोचकों के भ्रूभग के बावजूद यह स्पष्ट है कि मुक्तछद का स्थान सुरक्षित हो चुका है।
स्थानाभाव के कारण में दोनों भाषाओ के कई कवियो वा उत्ख नही कर पाया हूँ । प्रमादवश भी कुछ लोगो के नाम छूट गये होंगे। मैं उनके प्रति क्षमा प्रार्थी हूँ । इस लेख म में हिंदी और तेलुगु की आधुनिक कविता पर एक सरसरी नजर भर डाल पाया हूँ । इसम ज्यादा कुछ करना सभव भी नही था ।
तदनुरूप ही एक विशिष्ट आदर्श की प्रतिष्ठा मे मनुष्य का सगठन किया गया। ऐसे मनुष्यो मे राम, युधिष्ठिर, कृष्ण आदि पुराण पुरुष मुख्य है। काव्य की दृष्टि से यह, महा काव्य-काल की प्रारंभिक स्थिति है । वाल्मीकि से प्रारंभित किया गया यह काव्य रूप कालिदास के काल में आ कर पूर्णत्व को प्राप्त हुआ। इस समय कवि, केवल कयक के रूप में नहीं रह सका --बहू कल्पना की ओर भी ताक्ने लगा । सापारण घटना चक्र से ऊपर उठकर वह वाह्य घटनाओ को वर्णन के रूप में और अतवृत्ति को शोल चित्रण के रूप मे प्रस्तुत करने लगा। इसलिए ही वाल्मिीकि, कालिदास आदि कवियो के काव्य मे वर्णन और शील चित्रण सामानान्तर दृष्टिगत होते हैं। मानव विकास के साथ कान्यो का विकास क्रमबद्ध है, कोई आकस्मिक घटना नही । गहाकाव्य काल तक आने पर जीवन के साथ काव्यत्व का अच्छा मेल बैठ गया। इसलिए उस समय के काव्य विश्व इतिहास में अत्युत्तम रहे। बाद मे अति वाव्यत्य जय प्रबन्ध गैलो के रूप में विकसित हुआ तो वह पवि का चेवल हस्त कौशल मात्र रह गया, वास्तविक जीवन से बहुत दूर जा पडा । अति भावुकता, कल्पना की अतिरजना, विद्वत्ता के शाब्दिव चमत्कार, सुदीर्घ वर्णन, जटिल समाम बन्धन आदि ने काव्य के अन्य पक्ष पीछे छोड दिये, केवल क्ला पक्ष हो वारीकी के साथ तराना गया । काव्य के ऐसे कोमल प्राणो को वाद के आधुनिक काल मे सामाजिक आँच लगने लगी, फिर जीवन के साथ काव्य वे मूल्य भी बदल गये । प्राचीन काल मे अब तक काव्य के इतिहास को उन उन विषयो और अधिकारियो की दृष्टि से परखने पर बडी ही रोचन तालिवा प्रात होगी ।
कब से कवि वन कर प्रबन्धकाल में वविता करने वाला रम प्रधान या कल्पना प्रधान हो गया तो उस समय का पाठव श्रोता न रह कर सहृदय बना । छायावादी वाल मवविदलीवार था, वह ज्यादातर गायक जैसा था और उसका पाठक भावुक । प्रगतिकाल में कवि विज्ञान और यथार्थ के निकट आ वर जीवन का व्याख्याता बन गया, और उसका पाठक विज्ञ। इस तरह काव्य के निरन्तर विवास वे चक्र मे कथि, विषय, और पाठक भिन्न-भिन्न रूप धारण करते रहे । कविता के इस कमिन विकास में प्रबन्धो का शुद्ध काव्य गत विकास तेलुगु प्रवन्धो म ही देख सकते हैं । हिन्दी के प्रबन्ध इस दृष्टि से इतिवृत्तत सूफी पवियों वे प्रेम काव्यों के रूप में और दशैलो को दृष्टि से रीतिकालीन काव्यो षे रूप मे द्विघा विभक्त हैं। सूफो कवियो वे प्रेम वाज्यों में भले ही इतिवृत्त
हिन्दी और तेलुगु में प्राचीन प्रवन्ध काव्य यो दुर्गानन्द
प्रवन्ध का अर्थ है भावुक मन की वाचिक रति । रति रनि हो थी, पर वाचिका परिष्कृत थी । गुफाओं को, गोष्ठियो को लांघ कर महफिलो मे जो आ बैठा, उस मनुष्य का, चिर जागृत वासना का पर अत्यत परिमार्जन का वह कौशल जो आनंद और मौदर्य के अध्यवसाय मे क्लेश ग्रस्त था, वह शब्द म योजनावद्ध था, वह प्रबन्ध था । किसी समय शब्द के साथ केवल अयं धा पर कालानर मे वह ध्वनियुक्त भी हुआ । जव वाक्य केवल शब्दार्थ युक्त रहा तव मनुष्य, मात्र घटनाओं के पुज के अतिरिक्त कुछ न रहा, वह खाता, पीता, सोता, उठता, बैठता । ये तो घटनाएँ नहीं, चेप्टाएँ हैं। पर उन चेष्टाओं में से ऐसी ही कुछ चेप्टाओ ने, जिनमे भाव का अधिक उलीडन रहा, घटनाओं का रूप धारण किया। जब मनुष्य का जीवन, भाव और विचार की दृष्टि से निविशेष था और वह केवल डायरी का जीवन व्यतीन वरता था, उस समय की ऐसी ही कुछ बातें, जो दिल को पकड़ लेती थी, क्रम बद्ध बनायो जा कर कहानियों के रूप में बखेर दी गयी । हमारे सारे पुराण ऐसी ही कहानियाँ थी । हम उनको कहानी-काव्य कह सकते हैं। उनमें कवि वेदल क्थक-सा रह जाता और पाठक थोता-सा, जब मनुष्य घटना प्रधान रहा तव कवि को क्यक बनने की अपेक्षा और कुछ बनने को क्या रहा । इसीलिए हमारे पुराणों मे कहने सुनन की रीति कुछ उस समय की काव्य प्रनिया जैसी ही हमारे सामने आयी। सूत कहानियों को कहता चला जाता था, और शौनक आदि मुनि सुनते जाते थे। इसके पश्चात धीरे धीरे मानव के मन मस्तिष्क के विकास के साथ काव्यत्व का भी विकास हुआ। एक तीव्र भावना न उत्पीडित हो कर बाल्मिीकि ने रामायण की रचना की थी। रामायण काल तक् आते-आते घटना प्रधान मनुष्य भावना प्रधान हो गया । नीति नियमो के रूप म सामाजिक संवेदना का भी अनुभव होने लगा । व्यक्ति वेदना एक विशाल समष्टि रूप धारण करने के कारण तत्कालीन गुण-गरिमा से प्रेरित हो कर
तदनुरूप ही एक विशिष्ट आदर्श को प्रतिष्ठा मे मनुष्य का सगठन विया गया । ऐसे मनुष्यों मे राम, युधिष्ठिर, कृष्ण आदि पुराण पुरुष मुख्य है । काव्य की दृष्टि से यह, महा काव्य-काल की प्रारंभिक स्थिति है। वाल्मीकि से प्रारंभित किया गया यह काव्य रूप कालिदास के पाल मे आकर पूर्णत्व को प्राप्त हुआ। इस समय कवि, केवल कयक के रूप में नही रह सका वह कल्पना की ओर भी ताक्ने लगा । मानारण घटना चक्र से ऊपर उठकर वह चाह्य घटनाओ को वर्णन के रूप मे और अतवृत्ति को शील चित्रण के रूप में प्रस्तुत करने लगा । इसलिए ही वाल्मिीकि, कालिदास आदि कवियों के वाव्य मे वर्णन और शील-चित्रण सामानान्तर दृष्टिगत होते है। मानव विकास के साथ काव्यो का विकास कमबद्ध है, कोई आकस्मिक घटना नही । महाकाव्य काल तक आने पर जीवन के साथ वाव्यत्व का अच्छा मेल बैठ गया । इसलिए उस समय के काव्य विश्व इतिहास में अत्युत्तम रहे। बाद मे अति वाव्यत्व जब प्रबन्ध शैली के रूप में विकसित हुआ तो वह कवि का केवल हस्त कौशल मात्र रह गया, वास्तविक जीवन से बहुत दूर जा पडा । अति भावुक्ता, कल्पना की अतिरजना विद्वत्ता ये शाब्दिक चमत्कार, सुदीघं वर्णन, जटिल समास बन्चन आदि न वाव्य के अन्य पक्ष पीछे छोड़ दिये, केवल कला पक्ष हो बारीकी के साथ तराया गया । काव्य के ऐसे कोगल प्राणो को वाद के आधुनिक काल में सामाजिक आँच लगने लगी, फिर जीवन के साथ काव्य वे मूल्य भी बदल गये । प्राचीन काल से अब तक काव्य के इतिहास को उन उन विषयों और अधिकारियो की दृष्टि से परखने पर बडी ही रोचक तालिका प्राप्त होगी ।
कथन से कवि बन कर प्रबन्धवाल म कविता करने वाला रस प्रधान या कल्पना प्रान हो गया तो उस समय का पाठव धोता न रह कर सहृदय बना। छायावादी काल मे वृधि शैलीकार था, वह ज्यादातर गायक जैसा था और उसका पाठरु भावुक प्रगतिकाल मे कवि विज्ञान और यथार्थ के निकट आ वर जीवन का व्याख्याता बन गया, और उसका पाठक विज्ञ इस तरह काव्य के निरन्तर विकास के चक्र मे कवि, विषय, और पाठक भिन्न-भिन्न रूप धारण करते रहे । कविता के इस श्रमिक विकास मे प्रबन्धो का शुद्ध काव्य गत सि तेलुगु प्रबन्धो मे ही देख सकते हैं। हिन्दी के प्रवन्ध इस दृष्टि से इतिवृत्तत सूफी कवियो वे प्रेम वाव्य के रूप मे और शैली की दृष्टि से रोतिशालीन वाव्यों वे रूप मे द्विधा विभक्त हैं। सूफी कवियों के प्रेम काव्यो मे भले ही इतिवृत्त
में प्रयोन्धोचित कल्पना आयी हो, पर काव्य कौशल को दृष्टि से वे बहुत अधूरे हैं। इस दृष्टि से देखा जाए तो रीतिकालीन वविता हो प्रवन्धोचित कौशल का निखार है। हिन्दी के इन दोनो मप्रदायों वा, एक साथ सम्मिलन यदि हम देखना चाहें तो केवल तेलुगु प्रवन्धो मे ही देव सकते हैं। किमी सूफी प्रेम-काव्य पर रीतिकालोन शिल्प का आरोप कर दिया जाय तो सभव है तेलुगु प्रबन्धो का सा रस मिल सके ।
कवि के लिए क्या प्रधान नहीं, क्थन हो प्रधान है। वघन माने अभिव्यक्ति या भाव उद्गार । बहानियों को बनाना कवि कर्म नही । कहानिय जनता बनाती है। वहानियो मे तथाकथित पान घटनाएँ और वर्णन अनिवार्य हैं। वे घटनाओं के चक्र हैं। उम चक्र मे घुस वर कवि उनकी वलात्मक व्यारया करता है। वर्णन, अलकार, रस, भाव आदि एक प्रकार से कलात्मक व्याख्याएं है । यह सामग्री प्रबन्ध काव्यों के लिए प्राण हैं, कवि को कहानी से बढकर उसके पीछे बहुत कुछ कहने को रहता है । यह बात कालिदास ने मेघदूत के द्वारा और आधुनिक काल मे रविवाबू ने गीताञ्जलि के द्वारा साबित कर दी है। मेघदूत मे पात्र तो हैं पर वे नाम मात्र के, गीताञ्जलि मे वे भी नहीं । वहीं वेवल वक्ता ही दिखाई देता है। प्रवन्ध काव्यो मे भी हम वक्ता अर्थात् कवि को ही देख पाते हैं । रामायण, महाभारत आदि मे भले हो हमे राम, युविष्ठिर आदि दिखाई दें, पर मेघदूत में यक्ष से बढ़ कर कालिदास ही अधिक दृष्टिगत होता है । प्रबन्ध काव्यो की भी यही स्थिति है । परवर्ती छायावादी कविता मे जो आत्मनायक प्रवृत्ति जागृत हुई, उसका प्रारभ, मेरे विचार मे प्रबन्ध के अतगत कवि को स्वच्छन्द प्रवृत्ति से ही हुआ ।
हिन्दी साहित्य मे कबीर का ज्ञान मार्ग, सूफो कवियों के प्रेम काव्य, और मीराबाई की कृष्ण भक्ति डिगल की वीर रसात्मक कविताएँ अन्य भाषाभापियो के लिए भी रोचक सामग्री हैं। उत्तर भारत के इतिहास में जो समकालीन सामाजिक व राजनीतिक उथल-पुथल देखी, उस सबका सास्कृतिक या साहि त्यिक स्वर भग इन्हीं प्रचेता मनस्वियो को सावना मे प्रम्फुटित हुआ । हिन्दू और मुसलमानों के निरन्तर घर्षण से जब समाज के स्तभ हिलने लगे तो उसके अनुरूप ही वीरगाथा काल का आरंभ हुआ और उस काल के समाप्त होते ही दोनो जातियों के लिए एक समन्वय का आधार आवश्यक हुआ । वह आधार जो कि दोनो जातियो से उत्पन्न हो कर और दोनों के बाहरी वैपस्यो को भुला कर दोनो की पारस्परिक सात्वना मे विलीन करता, यह नितात आवश्यक
था। पहले पहल पवीर ने हो ज्ञान मार्ग के द्वारा उस खाई को पाटने का प्रयत्न किया और उनके अनुसरण मे नानक, रहीम, दादूदयाल आदि सतो ने शान्ति आन्दोलन की तरह उस महान् समन्वय आन्दोलन को अविचल रूप से निभाया। यह सब ज्ञान साधी आन्दोलन है, धार्मिक है, पर वविता के परिधान मे ।
दूसरे प्रकार का समन्वय सूफो कवियों की प्रेममार्गी शाखा से सपन्न हुआ। जायसी, कुतुवन, मजन आदि सूफो कवियों ने अपने सूफी वेदात को उन क्याओ में सन्निविष्ट कर प्रचार किया, जो भारतीय जनता में चिर प्रचलित हैं। शिल्प की दृष्टि से इनके लिखे काव्य प्रबन्ध काव्यो के अलगत आते हैं । वेवल काव्य या सांस्कृतिक दृष्टि से यह समन्वय शुरू हुआ। १५००ई से प्रारंभ किया गया, यह काव्य-विवान उसो समय प्रचलित उस तेलुगु प्रवन्ध काव्य युग से साम्य पाता है जो कृष्णदेव राय के शासनकाल में पल्लवित तथा पुष्पित हो कर स्वर्ण-युग कहलाया। हिन्दी म स्वर्ण युग भक्ति युग था । तुल्सी, सूर आदि कवियो तक आते-आते हिन्दी साहित्य ने वस्तु और अभिव्यक्ति मे परिमार्जन और संतुलन पाया । इस समय का साहित्य वस्तु मे, शिल्प में और आदर्श में पूरे का पूरा भारतीय रहा। इसलिए हो इन कवियोवे काव्यों को भारतीयो ने विशेष ममता के साथ वे अदर स्थान दिया । पर सूफी काव्य वस्तुरीत्या भारतीय होते हुए भी वला की दृष्टि से अपरिपक्व थे। विजातीय कवियोस इससे अधिक आशा नहीं की जा सकती थी। फिर भी उन्होंने भारतीय जनता के अन्तरग में जा आध्यात्मिक सत्ता की अतसरिता बहाई, प्रेम का जो आलोक दिया, वह न केवल हिन्दी साहित्य के लिए हो, अपितु समस्त भारतीयों के लिए अनुकरणीय है। उनकी विरह विह्वलता और अनत सृष्टि व्यापिनी करुणा की पुकार ने भारतीय साहित्य के लिए नूतन परिवश दिया। सूफो पवियो के द्वारा प्रसारित आध्यात्मिक प्रेम की सांकेतिक प्रणाठी प्रक्ट-अप्रकट रूप में हिंदी माध्यम द्वारा पूरे देश में व्याप्त हुई। सूफी संप्रदाय की विरह विह्वलता हो एक प्रकार से मीरा को वीणा की छू कर कृष्ण भक्ति मेत हुई। वही रवीन्द्र को गीताजलि म भोनी सुनिलिये हुए है। शायद प्रसाद के आँसू और मायनी के औपनिपदव परिवेश में भी वही स्वर गूंज उठा हो । लेकिन यह प्रभाव इतना सूक्ष्म है कि वाह्यत उसे पहचाता नहीं जाना।
सूपी कवियों ने जो बयारक लिये वे अयं ऐतिहासिक और अघं माल्पनिक है । तेलुगु कवियों ने प्रस्न्य खाना के लिए वैसी ही काल्पनि
थीं। इसलिए उनमें पुराण-जीवन गत प्राचीन किमी पुराण से अत्यंत अल्प मात्रा मे बहानी ली जाती थी, और मुदीर्घ वगंगों और रम भाषा के परिपोषण के साथ काव्य वैदग्थ्यको चरम सीमा तक पहुंचाया जाता था। इनके निर्वाह मे बेवल पला दृष्टि ही थी, लेकिन हिन्दी की पद्मावन, मधुमालती, मृगावती जैसे सूफी वाव्य अधिकतर घटना प्रधान है, यद्यपि बीच-बीच मे आध्यात्मिकता की सुन्दर अभिव्यक्तियाँ हैं फिर भी इन क्यानको को हम जनपदीय लोक्क्या ही कहेंगे । इन निर्वाह में तेलुगु कवियो कोन्मो न आकारिक शैली है, न वैगा मिष्टजन मान्यता का आग्रह । लोकप्रिय कहानियों में स्वच्छन्द प्रेम निर्भर आत्म वेदना का प्रसार सूफ़ो कवियो का लक्ष्य रहा। इसलिए ये काव्य वस्तु में और भाव-उद्गार मे जन-जीवन के निकट रहे। सूफी मप्रदाय नामक एक विशिष्ट तात्विक सप्रदाय न भी इस प्रदक्षिणा मे आकर निरम और निन्द्र प्रेम की एक ऐसी निसर्ग ज्योति जलायी जिससे हिन्दी साहित्य को नव्य आलोक मिला। इतना सब कुछ होने पर भी इनके चारे मे एक वान वहनी ही पड़ती है। अभिव्यक्ति और आत्मवेदना मे शक्तिशाली होते हुए भी ये काव्य साधारण दतकथाओं पर अवलचित होने के कारण शिष्ट भारतीय साहित्य के लिए जो गाभीयं चाहिए, उससे वचित रह गये । सूफी कवियों को वहानियाँ जैसी कहानियाँ तेलुगु मे 'काशी मजली' जैसी कहानियों के नाम से विख्यात हैं। वे गद्य मे लिखी जाती और माधारण जनता द्वारा पढ़ो भी जाती पर तेलुगु साहित्य में ऐसा कोई शिष्ट कवि नही जिसने इनके आधार पर प्रवन्ध रचना का महल खड़ा कर दिया हो, हाँ, पिंगलि मूरना की बात अलग है। अनुपम प्रतिभावान इस प्रबन्ध कवि ने ऐसी ही एक कहानी पर इतना उत्तम प्रबन्ध लिखा कि उस समय के सारे प्रवन्धो मे वह अत्यन्त विलक्षण रहा। उसका नाम है 'क्लपूर्णोदय' । काव्य शैली की दृष्टि से इसमें और सूफी काव्यो मे बहुत अन्तर है। जहां सूफो काव्य, जनतत्व, आध्यात्मिकता और विजातीय काव्यत्व का सम्मिश्रण है, वहां कलापूर्णोदय लाक्षणिकता, कलातत्व और संस्कृत परिपादी का अभग आत्मैक्य । क्लापूर्णोदय म क्थोपकथाओ का अद्भुत ताना-बाना है, औचित्य का पालन है, और चरित्र विकास में मानसिक दांव-पेच हैं। बौद्धिक और हार्दिक व्याकुलताओ के कितने अच्छे समाधान उसमे भरे पड़े हैं J कुछ समालोचको का कहना है कि मानसिक द्वद्वो मे पिगलि सुरना ने शेक्स्पियर की मी कुशलता दिखाई है। तब तो इस दृष्टि से सूफी काव्य इसके समक्क्ष मुश्किल
से ठहरते । सुफी काग्यो में असाहित्यिक अतिरजनाएं अस्वाभाविकताएँ और अनौचित्य वही ज्यादा है। असल मे इन वाव्यो को जाँचने मापदंड हो अलग होना चाहिए। दोनो प्रवन्न दो अलग-अलग विलक्षणताएँ रखते हैं। तेलुगु प्रबन्ध भारतीय वाला कौशल का अतिम निसार है तो सूफी काव्य अनत जीव-वेदना को अनवरुद्ध पुवार है। सचमुच मूफी साहित्य ने निश्चल, प्रशात तना गहन गभीर भारतीय साहित्य के लिए वह भाव विह्वलता दो, जो उसके शरीर और प्राण मे मथुर वपन जैसो एक सुमधुर गूंज छेड कर समय-समय पर उसे झवृत करती रही ।
मुसलमान या अन्य विजानीय कवियों के द्वारा दिये गये ऐसे आलोक पुज तेगुगु साहित्य के लिए अप्राप्य थे। इस तरह वे प्रेम वाव्य भी तेलुगु साहित्य मे नही मिलते, तेलुगु मे जो कुछ है, वे शृंगारकाव्य हैं। वास्तव मे भारतीय परपरा मे प्रेमकाव्यो की सो कोई चीज नहीं है । शृगार-काव्य, प्रेम वाव्य नही हो सकते । प्रेम काव्य केवल अरबी-फारसी और अंग्रेजो की उपक हैं। वास्तविक जीवन प्रसूत प्रेमी युगल अपनी इच्छाओ की अतृप्ति मे तिलमिला करो भयानक प्रहार से जीवन का अत कर लेते है। इस दुर्दम अवसान में जो घोर वास्तविक्ता छिनी है, वही प्रेम को काव्य स्वाभाविकता है। यह स्वाभाविक्ता भारतीयों के लिए अशुभ सूचक है, कभी ग्राह्य नहीं हुई। भारतीय प्रेम-ग्रहण में अस्वाभाविकता है, किन्तु उसमे उत्तम आदर्श को प्रतिष्ठा है। कण्वाश्रम म शकुन्तला को देख कर दुष्यत ने मन मे इस तरह कहा - "इस स्त्री को देख कर मुझ क्षत्रिय म अकारण ही रागोदय क्यो हो रहा है? शायद यह भी क्षत्राणो हो । मुनिकन्या हो नहीं सकती ।"
यहाँ क्षत्रियत्व की सजातीयता प्रेमोदय का कारण है। इससे स्पष्ट है कि भारतीयो का प्रेम व्यापार पूर्व सवद्धता के विना स्वीकृत नहीं किया जाता । और इसी तरह उस सकारण प्रेम को जब तक विवाह जैसे बन्धनो से सुसंगठित नहीं किया जाता, तब तक सुखात भी नहीं होता। इसकी स्वाभाविकता चाहे कैसी भी हो पर ऐसे प्रेम व्यापार मे जो काव्य के स्तर तक लाया जाता है, पवित्र आदश देखना भारतीय काव्यो के लिए चिर मान्य परिपाटी रही । राजा-महाराजा परकीय नायिकाओ के साथ जो सम्बन्ध स्थापित करते थे वे भी एक प्रकार से विधिविहित थे। ऐसे ही भारतीय आदर्शों को सामने रख कर तेलुगु कवियों ने प्रबन्धो की सृष्टि की। ये पूणत भारतीय है, वस्तु मे, शिल्प मे आदर्श मे और अन्य सभी बातो म ।
हिन्दी के सूफी काव्य, रूप में भारतीय है, रम मे विजातीय हैं और गध मेन भारतीय हैं न विजातीय। फिर भी वे भारत के ऐतिहासिक आदोन वे कम के विकास के परिणाम हैं, जहाँ तेलुगु वे प्रवन्ध काव्य एव सुदीर्घ माहि य-इतिहास के ग्रम विकास के चिह्न हैं।
आन्ध्र भोज उपाधिधारी अजेय पराक्रमी विजयनगर के सम्राट् श्री वृष्णदेवराय ने खड्ग और लेखनी एक साथ चला कर आन्ध्र वा मुख उज्ज्वल किया- इनके शासन काल में प्रबन्ध काव्यों के प्रमुख आठ कवि "अष्ट दिग्गज" नाम से विख्यात थे । उनका काल १५ वी सदी से प्रारंभ होता है । अल्सानि पेना, नदि तिम्मना, रामराज भूपण, तेनालि रामकृष्ण, पिगलि सूरना, अय्यल राजू, रामभद्र, घूजंटी आदि अष्टदिग्गजों मे थे । इन कवियो वायुग स्वर्ण युग इसलिये माना जाता है कि इस काल से तेजुगु साहित्य संस्कृत का अनुसरण छोड वर मोलिक उद्भावनाओं की ओर उन्मुख हुआ। कवियो वे क्ठो मे नये स्वर, नये कानु, ध्वनि, चमत्कार फूटने लगे। उन सव उद्भावो को प्रसन्न के रूप में ढालने की शक्ति भी प्राप्त हुई ।
हिन्दी के वीर रस का औसत्य और भक्ति का उत्कर्ष एक उदाहरण मे एक उक्ति म हम बता सकते हैं, पर तेलुगु के इन प्रबन्ध काव्यो को मनोनता एक उदाहरण में देना संभव नही । क्योकि इन प्रबन्धो को उनकी वस्तुओ स अलग नहीं किया जा सकता, उन वस्तुओं को उन भावो से अलग नहीं किया जा सकता और उन भावो को भाषाशैली से। यह सब एक कुशल कारीगर के हस्त को बनी रसभीनो मखमल की चादर है, जिसका कोई भी रेशा अलग नही देखा जा सकता। हम अजन्ता की चित्रशाला में जाकर किसी एक चित्र के पास खड़े हो कर उसकी विशेषता गिन सकते हैं, लेकिन ताजमहल के किमी भाग के पास खड़े होकर तमाम ताजमहल से उस खड को अलग कर तारीफ नही कर सकते, क्योंकि उसकी सुदरता की स्वच्छता उसकी बुनियाद, उम वे परिसर, उसके शरीर, प्राण पूरे भवन में व्याप्त है। यही स्थिति तेरुगू प्रबन्धो की है ।
हिन्दी ने विजातीयो को विविध काव्य रोतियों से कितना हो वैविध्य क्यो न पाया हो फिर भी उन सब से पृथक् करके हम हिन्दी साहित्य मे तुरसीदास की रामायण और प्रसाद की कामयानी को हो सर्वश्रेष्ठ मानते हैं । इस सब श्रेष्ठता का रहस्य हमे मालूम हो सके तो तेलुगु के प्रवथ काव्यो वी विशेषता भी प्रक्ट हो जाएगी। क्योकि इन दोनो की मान्यता का रहस्य
एक ही है । 'रामचरित मानस' और 'कामायनी' ने विजातीय प्रभावों से दूर रह कर वहिरतर दोनो तरह भारतीयता मे और स्वजातीयता मे अपने वो इतना अधिक निमज्जिन पर दिया कि प्रत्येक देशीय व्यक्ति उनको अपनी हो चीज मानता है और अपने ही रग मे ग्गी-मो देस हर्ष पाता है। भारतीय साहित्य को भित्ति पर सड़े हो कर भारतीयता के मूल्य पर तुल पर भार तोयता प्रतिष्ठित करने में वे सर्वथा मफल हुए। हमारी आत्मा उनमे गूंजती । यही बात तेलुगु प्रबन्धो के विषय मे भी घटती है ।
इतना होने पर भी तेलुगु का इतिहास हिन्दी से वही ज्यादा विस्तृत और दीर्घ है। इस भाषा को सपन्नता हिन्दी से अधिवा है । १३ वी शताब्दी मे अर्थात् तिक्कना के समय में ही इसकी प्रकाशन शक्ति काफी मज गई । दौली और सज्जा की दृष्टि से यह सुगठिन है। ऐसी शक्ति हिन्दी को सोलहवी शताब्दी तक भी प्रा त नहीं हुई। जब तेलुगु भाषा पूर्ण नवयौवना हो कर अपने भ्रूविक्षेप औ ममग्र लास्यो से कविवृन्द वा मन ललचाने लगी, तर हिन्दी भाषा मेले में सोई उम बच्ची को तरह थी जिसके मां-बाप का पता न चलने के कारण अडोसी पडोसी लोगो ने उसे कुछ समय तक पाला-पोसा । उन लोगो ने भ्रमवश उसे अपना समझ लिया था। फिर जब पयायं मालूम हुआ तो छोड दी गई, आमिर इस खोचातानी में जब उसने होश सभाला तब हिन्दी कहलाने लगो। फिर भी वह शीघ्र ही व ख ग घ सीख कर मवंशास्त्र विदुषी बन गई। उसके सामने तेलुगु प्रबन्ध की नायिका सचमुच अब भी नव लावयवती और लाजवती है । इस लाजवतो प्रबन्ध नायिका की कुछ अनुषम छटाएँ आगे हम देखेंगे ।
प्रवन्ध युग में वयसा तथा कृतिना वृद्ध अल्लसानि पेदना को ही हम पहले स्मरण करेंगे । इनको पाएकी को विजयनगर के राय ने कथा लगाया । पेद्दना रचित मनुचरित्र सब प्रबन्धो मे अग्रस्थानीय है। मनुचरित्र के प्रथम तीन आश्वास रस की गगरियाँ है। एक विप्र सनातन धर्मी, यज्ञ-याग की दीक्षा सेदीक्षित, पुण्यव्रती, सदाचारी, सुन्दर युवक किसी सिद्ध पुरुष के दिये पादलेपन के प्रभाव से अकस्मात् उड कर अभ्रभेदी सुदूर हिमालय की गोद मे जा गिरा। उस गिरिवर के नयनाभिराम दृश्यो को देखने में आत्मविस्मृत उस भोले वित्र ने यह भी नहीं समझा कि उसके पादलेपन का क्या हाल रहा । पिघलते हिम उपलो मे वह न जाने कब का पिघल चुका था। विन ने घर जाने के लिए आंखें मूंद ली, पर आसन न उठा जाने का रास्ता न पा कर वह
घाटियों में, गिरि-दराओ मे घूम फिर वर थक जाता, आनंद परता, पश्चाताप घरता - निकट के लासा तीयों वा छोड़ मैंने इतनी दूर वा स्वप्न क्यो देखा वाश, बोई जोव रास्ता बताने वाला मिल जाता तो कितना अच्छा होता ? इस तरह पयभष्ट, श्रमित, निरुपाय, दिशाहीन ब्राह्मण को कुछ समय के बाद गिरिवदराआ की निस्तब्यता की चीर पर आती हुई वीणा की सुमपुर म्वनि सुनाई दो। ध्वनि की लहरों पा पक्ड वर वह मार्ग मे अग्रसर हुआ। विप्र वहाँ जा पर क्या देखता है ? एक अति प्रशान बहुत ही मनोज्ञ विजन प्रान्त है, आम्र तक मूल मे एक चन्द्रवान्न वेदिका थी, हाथ मे वीणा लिये अपनी धुन मे लीन, सौंदर्य विह्वला एक अप्सरा, विध युवक को देख कर अपने संगीत के साथ सहसा मोन हो गयी । वह उम मानव सौंदर्य पर मुग्ध हो गई । एक अप्सरा स्त्री मुझ पर मुग्ध है, विप्रवर को इसका पता नही चला । स्वदेश जाने की व्यग्रता में वरण याचना करना है - 'देवि, मुझे घर जाने वह का रास्ता बता दो ।' किन्तु देवी वामिनो बन कर पंचशर जाल पसारे खडी थी । तरह-तरह के इगितो को अपने हाव भाव से प्रकट करते हुए चारा ओर से घेर रही थी । पर युवक अपन घर वा रोना रो रहा था। यह विषम द्वन्द्व कब तक चलता ? आखिर चामिनी न उम मानव पर अपने कामल बाहुओ का ऐसा आक्रमण किया कि भोला विप्र सिहर उठा, एक धक्के से उस आलिंगन का तोड कर बाहर निकल आया और घर की ओर भाग पडा ।
इस सुन्दर, पर वियम स्तरो वाले सन्निवेश को पेछना ने इतना सरस बनाया कि पाठक का मन आनंद, कौतूहल जिज्ञासा आदि कई सवल भावो मे चक्कर खा खा कर थक जाता है। मानव और दव, स्त्री और पुरुरुष, राग और विराग में सघप को दिखा कर देव पर मानव की स्त्री पर पुरुष की, और राग पर विराग की विजय एक साथ प्रस्तुत को । कवि ने इस सघप को इतने कौशल के साथ निभाया कि प्रवर और वरूथिनी के चित्र हमारी आँखो से कभी ओझल नहीं होते। हिमालय की गाद में एक मणि मंदिर का प्रागण, एक आम्र वृक्ष मूल मे चन्द्रकात शिला की वेदिका उस पर मधुर वीणा की तान छेडती हुई एकान्त वासिनी अप्सरा वरूथिनी वरूथिनी का चित्र खडा करने के लिए पेना ने जो पाश्व-सज्जा तैयार की वह अत्यन्त मनोज है । उस पाश्व सज्जा और वातावरण का विशुद्ध चमक के कारण वहथिनी की प्रतिमा हमारे मन मे भुलाये नही भूलती। पेद्दना का यह काव्य, तेलुगु साहित्य भडार मे मणि जैसा उज्ज्वल है।
मनुचरित्र के बाद उल्लेम्पनीय याव्य वसुचरित्र है जिसे रामराज वे दरवार में रहने वाले भट्टमूर्ति ने लिम कर प्रबन्ध शैली को चरम सीमा दिखाई। अल्प मात्रा मे क्यानव महाभारत से लिया गया है। शुक्तिमती नामव नदी पर वोलाहल नामा पर्यंत गिर जाता है, जिससे प्रवाह रुक जाता है । वसुराजा ने इससे क्रुद्ध होकर उस पर्यंत पो पदाघात से दूर फेंस दिया और शुक्निमती को उस गिरि के आक्रमण से बचाया । कुछ समय के बाद शुक्तिभती और कोलाहल से गिरिका नामक एक पुनी पैदा हुई। उससे वसुराजा
प्रणय हो गया और दोनो वा पाणिग्रहण देवताओं के सम्मुस यंभव के साथ सम्पन्न हुआ । इस छोटो-रो प्रतीकात्मक कहानी को रामराज भूषण ने जो शिल्प दिया, जो अठकार दिये, जो भाव-व्यजना की रोतियाँ दी, वे आश्चर्यजनक है । भट्टमूर्ति उस समय के बड़े ही विद्वान् बवि थे । वैसे तो कृष्णदेवराय भी प्रकाड विद्वान् थे, फिर भी राय की विद्वत्ता पाठको को दराती है, पर भट्टमूर्ति की विद्वत्ता बिलकुल नही डराती प्रत्युत कवि ने उस विद्वमा के सहारे अपनी वृति को बहुत गभीर, अर्थवती, सरस और मगीतमरा बनाया है। साधारण व्यक्ति, भट्टमूर्ति का पद्य पढकर कहता है "ओह, कितना अच्छा पद्य", विद्वान् आदमी पढ कर कहता है "ओह कितना कठिन", यही उनको विद्वत्ता का रहस्य है । उनको कविता तरग विहीन उस क्षीरसागर की तरह है जिसके मयने पर हमे पग-पग पर अमृत को गगरियाँ, मणियाँ, परियाँ और चांदनियाँ मिलेंगी।
रामराज भूषण ने विक मं से माना होड लगाई, उस होड मे कविता के साथ इतनी दौड लगायो कि आखिर कविता ने ही हार मान कर आत्म समर्पण कर दिया। भाव का शब्द के साथ, शब्द को संगीत के साथ संगीत को हृदय के साथ मिला कर उन्होंने जो रस तैयार किया उसके आस्वादव एक वर्ग के या एक रुचि के नही बल्कि भिन स्तरो के, भिन्न रोतियो के भिन्न रसास्वादन करने वाले विभिन्न श्रेणियों के हैं। विद्वान् श्रोता, गायक, पाठव, भावुक ये सब उनको कविता का समान रूप से आस्वादन कर सकते हैं। एक एक पद्य काव्य को प्रतिमा है, जिसके सामने खडा प्रेक्षक अग-प्रत्यग निहारता हुआ अपने को भूल घटी लगा देता है। अब तक शब्दार्थ बताने वाले कोश तैयार हुए हैं, पर रामराज भूषण के 'वसुचरित्र' को पढेंगे तो यह बात मालूम होगी कि शब्द से अर्थ और नानार्थ ही नहीं, स्वारस्य के, ध्वनि वे, दलेप ने उति चिन्य के, विराने ही निनदु बनाये जा सकते हैं। कवि
प्रत्येक पद्य मे पाठको को छेड़ता है। आनंद की उमग जागृत करता है, फिर उस छेडछाड और उमग के समाधान में ऐसा पद्य गढ़ देता है कि पाठर का विह्वल हृदय उसे पा पर वैसे ही शान्त हो जाता है जैसे पानी पड़ने पर भभक्ती आग शान्त हो जाती है। हर पथ मे ऐसा लगता है मानो ववि बहुत जागरूव हो कर हमे पच सुना रहा है। यह जागरूकता हो कवि का प्राण है। इस दशक्ति से प्रदीप्त कवि सर्वदा जागृत है। इससे पाठक को हर समय स्फूर्ति, चेतना, सजीवता मिलती है। वसु चरित्र को ऐसी प्रगल्भता हम उस समय के किसी काव्य मे नही देख सकते । उसको उत्कृष्टता का प्रमाण इससे अधिक क्या हो सकता है कि उस काल मे ही इस अमूल्य ग्रथ वा संस्कृत में अनुवाद किया गया। इतना ही नहीं वसुचरित्र की देखादेखो परवर्ती आठ प्रसिद्ध कवियों ने आठ प्रबंध काव्य लिखे जो मजाव मे "शिशु वसुचरित्र" कहलाये । इतने उज्ज्वल गुणो से सपन वसुचरित्र की झांकी एकान उदाहरणो के द्वारा अन्य भाषियो को कैसे दी जा सकती है ? भले ही जायमी की पद्मावत जैस कथानक पर तुलमी के शोलचित्रण और औचित्य पालन का सम्मिश्रण कर मनुचरित्र की झांकी दिखाई जा सकती है किन्तु वसुचरित्र का दिग्दर्शन किसी भी तरह सभव नहीं । सूफी कवियो को कोई मनोज्ञ बहानी लीजिये, उस पर केशवदास की अलकार शैली चा समावेश कीजिये, उस पर बिहारी के रस भावो का मथुर सिंचन कीजिये, फिर उसमे आवश्यक्ता हो तो नददास के रासनचाध्यायी को संगीत लहरियाँ भी घोलिये । देखिए अब हिन्दी मे वसुचरित्र का स्वाद आया कि नहीं, मेरी बात हास्य मी लगे, पर यह हास्य नहीं यथार्थ है। सममुच रामराज भूपण ने वसुचरिन लिख कर तेलुगु कविता के क्षेत्र मे एक प्रयोगशाला ही स्थापित की। ऐसे अन्य तेलुगु प्रवन्ध काव्य भी अपने ढंग मे अद्वितीय और अगाव
विजय नगर के सार्वभम श्री कृष्णदेवराय को भामुक्तमाल्यदा जन जीवन के वर्णनो से और अगाव पांडित्य से विजयनगरम् के दुर्ग की तरह अभेद्य हो कर भी भोज चपू की तरह अपनी विलक्षणता लिये हुए है। नदी तिम्मना रचित पारिजातापहरण म सत्यभामा का प्रयन दशनीय है । तेनालि रामकृष्ण कवि द्वारा लिखित पाडुरंग माहात्म्य के अन्तर्गत निगम शर्मा का आस्यान तेलुगु साहित्य के शील चित्रण का अच्छा नमूना है । इनमे सर्वत्र काव्यल्पना का प्रज्ञा विकास देखने को मिलता है। पौराणिक धार्मिक काव्या के निर्वाह मे भी तेलुगु कवि ने अपने कवित्व का त्याग नहीं किया ।
हिन्दी की तरह इन बाव्यो में आध्यात्मिक सवेत या परतत्य की प्रतिच्छाया बिलकुल नही । तेलुगु पनि अन्त तर कवि ही रहे । एक शब्द मे रहना हो तो तेलुगु कवि पुराण-काव्यो मे निसर्ग पवि हैं और प्रवन्ध काव्यो मे कवि से बढ कर कवि है । हिन्दी वृवि जोवन ये रवि हैं। वे भक्ति मे तन्मय हैं, युद्ध मे उम्र हैं, नीति में भारतीय हैं, रोति मे विजातीय हैं, जीवन में फिर महात्मा
। वे कवि होते हुए भी सत हैं। इन दोनो साहित्यो की विलक्षणता इन दोनो अवध-याव्यों की विशेषताओं के रूप मे हमे देखने को मिलती है ।
थो विनायक कृष्ण गोशक : वनड भाषा के कवि तथा अग्रगण्य आलोचक, अग्रेजी भाषा और साहित्य के मर्मज्ञ, इस समय हैदराबाद नगर में ब्रिटिश कौसिल द्वारा संचालित अग्रेजी प्रतिष्ठिान में मचा
श्री गंगाशरण सिन्हा : बिहार मे यशस्वी जन-मेवी, राज्यसभा के सदस्य, असिल भारतीय हिन्दी-सस्या सघ के अध्यक्ष ।
डाक्टर विश्वनायप्रसाद भाषा विज्ञान के मान्य विद्वान्, केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय के हिन्दी निदेशालय के निदेशव, पहले आगरा विश्वविद्यालय की हिन्दी विद्यापीठ के सवाल और पटना विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष ।
यो बेंजवाड गोपाल रेड्डी तेरुगु और वगाली साहित्य के मनज्ञ, रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने कृतियों तेलगु अनुवादक केन्द्रीय शामन के भूतपूर्व सूचना मत्री, आन्ध्र के भूतपूर्व मुख्य मंत्री, आन्ध्र प्रदेश साहित्य अकादमी के अध्यक्ष
श्री बालकृष्णराव केन्द्रीय शासन के भूतपूर्व सचिव, हिन्दी के कवि और आलोचन, 'माध्यम मामिव के सम्पादन, हिन्दुस्तानी अवेडेमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ।
श्रो पो वो नरपिहराव आन्ध्र प्रदेश के विधि मंत्री, तेलुगु हिन्दी, मराठी और उर्दू साहित्य के ज्ञाता, विचारक, लेखक ।
श्री लक्ष्मीनारायण गुप्त आन्ध्र प्रदेश शासन के योजना विभाग के विशेष सचिव, आन्ध्र प्रदेश के प्रमुख हिन्दी-सेवी ।
डाक्टर रामनिरजन पाण्डय उस्मानिया विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष, हिन्दी मे रामभक्ति साहित्य के विशेषज्ञ ।
श्री मोटूरि स यनारायण दक्षिण भारत के प्रमुख हिन्दी-सेवी, राज्यसभा के सदस्य, तेजुगु भाषा समिति ने उल्लेखनीय कार्यकर्ता ।
श्री देवलपल्ली रामानुजराव आलोचक तथा पत्रकार । आन्ध्र सारस्वत परिषद के प्रतिष्ठिाताओं में से एक, आन्ध्र प्रदेश साहित्य अकादमी के मंत्री : आ प्र हिन्दी लेखर सम्मेलन के आयोजक ।
डाक्टर बी. रामराजू : तेलुगु लोक-साहित्य के मर्मज्ञ, उस्मानिया विश्वविद्यालय में तेलुगु विभाग के रोडर, आन्ध्र प्रदेश साहित्य अकादमी के सहायक मत्री, आ प्र हिन्दी लेखक सम्मेलन की तीसरी बैठक वे सयोजक ।
डाक्टर श्रीराम शर्मा हिन्दी के लेखक, उस्मानिया विश्वविद्यालय मे हिन्दी के प्राध्यापक, आ प्र हिन्दी लेखक सम्मेलन की दूसरी और पांचवी बैठक के सयोजक । • निबन्ध लेखक
श्री अयाचित हनुमत् शास्त्रो एम् ए (हिन्दी और तेलुगु), साहित्यरत्न, मुस्लिम विश्वविद्यालय अलीगढ मे हिन्दी के प्राध्यापक, प्रकाशित रचनाएँ - तेलुगु और उसका साहित्य, हिन्दी साहित्यमु प्रथम खड आदि ।
प्रकाशनीय - तेलुगु और हिन्दी का तुलनात्मक अध्ययन, तेलुगु भाषा और माहित्य पर फारसी, हिन्दी और अरबी का प्रभाव ।
श्री वाग्णासि राममूर्ति 'रेणु' एम् ए, हिन्दी कोविंद, आकाशवाणी के हैदराबाद वेन्द्र वे हिन्दी प्रोड्यूसर । प्रकाशित पुस्तके - आन्ध्र के कबीर-वेमना, एक कविता संग्रह, पोतना को तेनुगु भागवत के कुछ अशो का वाव्यानुवाद ।
श्री के राज शेषगिरि राव एम् ए (हिंदी तथा सस्कृत), आन्ध्र लोयला कालेज विजयवाडा में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रकाशित पुस्तक आन्ध्र की लोक कथाएँ । प्रकाशनीय आन्ध्र के लोक-गीत ( आगरा विश्वविद्यालय की पी-एच डी उपाधि के लिए प्रस्तुत प्रवन्ध ) । के
डाक्टर सो नारायणमूर्ति एम् ए पीएच् डी ए एम्, जैन कालेज मद्रास मे हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रकाशित पुस्तकें समझौता, महानाश को और और सत्यमेव जयते (नाटक) सती ऊमिला और मानस लहरी (काव्य) 1 प्रभादशनीय-तेलुगु तथा हिन्दी के मध्यकालीन रामायण-साहित्य वा तुलनात्मव अध्ययन । मौलिक और तेलुगु से अनुवादित कविताओं का संग्रह ।
श्री ए रमेश चौधरो हिन्दी के प्रमुख उपन्यासकार तथा बहानीलेखव, तीस से अधिव पुस्तकें प्रकाशित पत्रकार, विचारव ।
श्री दुर्गानंद साहित्य रत्न वी ए हिंदी अध्यापक - रामचन्द्र विद्यालय, कोत्तागुडम, तेलगु के प्रसिद्ध कवि जापुवा वे फिरदौसी' नामक पाव्यमा भवितानुवाद (१९५४ ई ), तेलुगु म लिखित मौलिक वाव्य, अत्तर्गळालु (१९५७ ई ), मनूलिया (१९५८), जूना प्रणय गाया (१९६२), |
जलोढ़ पंख बालू, बजरी तथा अन्य निक्षेपों की पंखे की आकृति की एक संहति[1], जिसका शीर्ष ऊर्ध्व प्रवाही और ढाल उत्तल होता है। इसका निर्माण उस समय होता है जब कोई बहने वाली नदी किसी खुले मैदान या घाटी में प्रवेश करती है और अपने साथ लाये गये अवसादों को जमा कर देती है।
- शुष्क प्रदेशों में इस प्रकार की रचना सामान्य मानी जाती है, क्योंकि वहाँ पर्वतीय स्रोत सूख जाते हैं, और बाढ़ पुनः आ जाया करती है।
- कभी-कभी जलोढ़ पंखा कई मील लम्बा हो जाता है, तथा अन्य पड़ौसी नदियों द्वारा बनाये गये अनेक पंखों के साथ मिलकर एक बड़े मैदान का निर्माण करता है जिसको पीडमांट मैदान की संज्ञा दी जाती है।
- बड़े-बड़े शैलखंडों तथा बजरी का निक्षेप ढाल के समीप होता है और बारीक कणों वाले मलवे का जमाव बाहर की ओर परिधीय भाग में होता है।
- जलोढ़ पंख का ढाल जलोढ़ शंकु की तुलना में कम होता है, किन्तु विस्तार अधिक होता है।
- पर्वतीय ढाल के निचले भाग (गिरिपद) पर कई सरिताएँ पृथक-पृथक् जलोढ़ पंखों का निर्माण करती हैं। इन जलोढ़ पंखों के बाह्य विस्तार के परिणामस्वरूप कई जलोढ़ पंख परस्पर मिल जाते हैं, जिससे विस्तृत जलोढ़ पंख का निर्माण होता है, जिसे 'संयुक्त जलोढ़ पंख'[3] कहते हैं।
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आम से खास लोगों के दिलों में राजा वीरभद्र सिंह ने राज किया। वहीं, देवताओं तक के दिल में उनके लिए असीम प्यार था। जब भी वह देवताओं से आशीर्वाद लेते थे, तो देवता उन्हें इस कद्र गले लगा देते थे मानो एक बिछड़ा हुआ भाई अपने दूसरे भाई से वर्षों बाद मिल रहा हो। यह ही कारण था कि राजा वीरभद्र सिंह पर देवताओं का पूरा आशीर्वाद रहा। वहीं उन्होंने भी देवताओं के स्थलों को बेहतरीन करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उनके पास कोई भी देवता के कारदार आते तो वह खाली हाथ नहीं लौटते।
रामपुर उपमंडल में दर्जनों मंदिरों का कायाकल्प उन्हीं के द्वारा किया गया। जानकारी के मुताबिक भीमाकाली मदिंर सराहन, बसाहरू देवता मंदिर, गृहदेवी करांगला देवी का मंदिर, मंगलाकाली मदिंर डंसा, सकीरनी नाग देव जंगोरी, नो नाग झील, जाग देवता फांचा, लाहरू वीर गानवी, देवता साहिब लक्ष्मी नारायण देवता दरकाली सहित दर्जनों मंदिर हैं, जो अब बेहतरीन हालत में हैं, जिसका पूरा श्रेय राजा वीरभद्र सिंह को जाता है।
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लुधियाना/दाखा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया है कि वह पाकिस्तान नहीं जाएंगे। लुधियाना के दाखा में एक रोड शो के दौरान मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने यह बात कही। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक पाकिस्तान हमारे जवानों पर गोलीबारी बंद नहीं करेगा और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना बंद नहीं करेगा, वह पाकिस्तान नहीं जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने यह भी साफ किया कि यदि वह पहले जत्थे के साथ श्री करतारपुर साहिब जाते हैं तो उससे यह न समझा जाए कि वह पाकिस्तान गए हैं, क्योंकि वह हिस्सा श्री करतारपुर साहिब कॉरिडोर बन चुका है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि श्री करतारपुर साहिब के खुले दर्शन होने चाहिए। उन्होंने खुलासा किया कि 1927 में उनके दादा जी ने गुरुद्वारा साहिब की सेवा करवाई थी। वहीं पर सुलतानपुर लोधी में स्टेज लगाने के मामले और उसमें प्रधानमंत्री की आमद को लेकर कैप्टन ने स्पष्ट किया कि पीएम को अकाली दल की स्टेज पर जाना है या नहीं इसका फैसला अभी तक पीएमओ से लिखित रूप से नहीं मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि अकाली दल इस मामले में सियासत खेल रहा है। अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल मामले में बेकार की बातें कर रहे हैं। जबकि वह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि गुरुद्वारा साहिब के अंदरूनी काम एसजीपीसी करें और बाहर के काम सरकार के जिम्मे हैं। जबकि श्री गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर समारोह का आयोजन श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के अनुसार ही होगा। वह श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों के तहत ही काम कर रहे हैं। इस अवसर पर कैप्टन संदीप संधू, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू सहित पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद रहे।
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तमिलनाडु में हुए हेलिकॉप्टर क्रैश मामले की जांच के शुरूआती निष्कर्ष सामने आए हैं. (File pic)
नई दिल्ली. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) का हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर (Tamil Nadu Helicopter Crash) में खराब मौसम की ही वजह से दुर्घटनाग्रस्त (Helicopter Crash) होने की आंशका जताई गई है. विशेष सूत्रों का कहना है कि हादसा होने से पहले पायलट की ओर से कोई संकट कॉल नहीं की गई थी. सूत्रों के मुताबिक पायलट ने सुलूर एटीसी को रेडियो संदेश दिया था और बताया था कि उन्होंने वेलिंगटन हेलीपैड पर उतरने के लिए उतरना शुरू कर दिया है. यह लैंडिंग से पहले 7-8 मिनट का था.
तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और 11 अन्य कर्मियों का निधन हो गया था. गुरुवार को सभी के पार्थिव शरीर दिल्ली लाए गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शीर्ष सैन्य अफसरों ने पालम हवाई अड्डे पर पहुंचकर सभी को श्रद्धांजलि दी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एयर चीफ मार्शल एवीआर चौधरी, रक्षा सचिव अजय कुमार उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने यहां दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की.
पीएम मोदी ने इसके बाद ट्वीट किया था, 'जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और सशस्त्र बलों के अन्य कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की. भारत उनके बहुमूल्य योगदान को कभी नहीं भूलेगा. ' इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दिवंगतों के परिजनों के पास गए और उनसे कुछ मिनट तक बात की थी. पार्थिव शरीरों को भारतीय वायुसेना के सी-130 जे विमान से सुलूर एयरबेस से दिल्ली लाया गया था. यह विमान शाम करीब 7:35 बजे पालम तकनीकी हवाई अड्डे पर उतरा था.
जनरल रावत और उनकी पत्नी के पार्थिव शरीरों को शुक्रवार पूर्वाह्न 11 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक आम लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनके 3 कामराज मार्ग स्थित आवास पर रखा जाएगा. दोपहर 12:30 बजे से दोपहर 1:30 बजे के बीच का समय सैन्य कर्मियों के लिए बिपिन रावत और उनकी पत्नी को श्रद्धांजलि देने के लिए होगा. जनरल रावत की अंतिम यात्रा उनके आवास से बरार स्क्वायर श्मशान घाट तक दोपहर करीब 2 बजे शुरू होगी. अंतिम संस्कार शाम 4 बजे निर्धारित है.
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जमनालालजी को जब ज्ञात हुआ कि मुनीमजी ने उस वकील से ऐसी बात कही है तब वे मुनीमजी पर बहुत नाराज हुए । उन्होंने कहा कि "तुमने ऐसा कहकर ठीक नहीं किया है। एक तो किसी पर उपकार करो नहीं, और करो तो उसका बखान न करो । हम तो अहिंसा धर्मी हैं न ! करो और भूल जाओ !"
सेठजी की मनोवृत्ति और व्यक्तित्व को समझने के लिए यह छोटी-सी घटना भी बहुत महत्त्व रखती है। वृत्ति में जो बात होती है वह छोटी-से-छोटी घटना में भी प्रतिबिंबित हो ही जाती है ।
इस मुकदमे को हम अग्निपरीक्षा कह सकते हैं । इस घटना से तुम जान सकते हो कि महान् बनने के लिए व्यक्ति को छोटी-से-छोटी बातों में भी कितना सतर्क और शुद्ध रहना पड़ता है ।
जमनालालजी इस अग्नि-परीक्षा में उत्तीर्ण हुए और पहले से भी अधिक चमक उनके आगे के जीवन में निखर उठी ।
: ९ः अतिथि सत्कार
अवतक के पत्रों में मैने प्रायः व्यापार और संबंध रखनेवाली वातों की ही चर्चा की है। इसम ऐसे विषय की चर्चा कर रहा हूं जिसका सम्बन्ध जीवन के निर स्तर और सेवा भावना से है। उसका नाम है अनिधि
मनुष्य सामाजिक प्राणी है। अकेला चढ़ वह नहीं रास्ता । एक दूसरे की सहायता, सहानुभूति, सौजन्य और मे पर ही मानव प्राणी का जीवन निर्भर रहता है। प पारम्परिक में मधुरता और स्नेह रहे बिना मनुष्य जीवित नही म अतिथि सत्कार एक ऐसी सेवा-वृत्ति है जहाग मनुष्य के म चढ़ते और पुष्ट होते हैं ।
संसार के प्रायः सभी धर्मों में अतिषि-मकार के पी स्वीकार किया गया है। महाभारत में रत की उसके यहां प्रतिदिन हजारों अतिथियों के लिए भोजन तैयार या। जैन और चौद्ध क्याएँ भी अनिदि-मेश की गाय ने पड़ी हैं। ईसाई और इस्लाम में भी अधिकार और म दिया गया है ।
भोजन या आहार मनुष्य का जीवन है। उसके बिना वह जीवित रह नहीं सकता । वह एक ही स्थान पर बैठनेवाला मिट्टी का लोंधा भी नहीं है । वह सक्रिय प्राणी है और सृष्टि के चारों तरफ दौड़ने भागनेवाला प्राणी भी है। संघर्गों और संकटों में वह बार बार पड़ता रहता है और सफलता, असफलता का श्रेय वटता भी फिरता है। परदेश में, संकट में, विपत्ति में यदि उसे कोई सहारा मिल जाता है तो वह उस सहारे का अत्यंत उपकार मानता है । वह गद्गद हो उठता है । वह अपना सब कुछ समर्पित करने को तैय्यार हो जाता है ।
मनुष्य की परिस्थितियों, विवशताओं, और मनोवृत्तियों का विचार कर प्राचीन ऋषि-मुनियों ने मानव-मानव को निकट लाने के लिए जिन-जिन नैतिक-भावनाओं का प्रचार किया, उनका महत्त्व प्रत्येक अनुभवी जानता है । मनुष्य की मनुष्यता इसी में है कि वह दूसरों को अपने समान समझकर अपने संपर्क में आनेवाले लोगों की सुख-सुविधाओं का ध्यान रखे। वह जो कुछ खाए पीए उसमें दूसरों का भी हिस्सा माने । जैन कथाओं में तो मिलता है कि एक सद्गृहस्थ अतिथिको या किसी साधु-संत को भोजन कराए बिना भोजन नहीं करता । इसमें उन लोगों को एक प्रकार का आनंदानुभव होता था । वे समझते थे कि जिस दिन किसी असहाय, निराधार या संकटग्रस्त को या किसी मेहमान को भोजन करा दिया जाता है वह दिन उनका पुण्यदिन होता था । |
लखनऊ। प्रदेश में लोगों के पास लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी असलहों का होना यानि कानून व्यवस्था के लिए चुनौती का सामने आना। जिसकी बानगी अक्सर सामने आई है इसी क्रम में आज जनपद वाराणसी में एक मॉल में सेल के दौरान मामूली सी बात पर विवाद इतना बढ़ गया कि बेखौफ युवक ने न सिर्फ फायरिंग कर दी बल्कि इस दौरान दो लेगों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गए।
मिली जानकारी के मुताबिक जनपद वाराणसी के कैंट इलाक़े में स्थित जेएचवी माल में एक युवक द्वारा शोरूम में गोली चलाने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। बताया जाता है कि बिल को लेकर मामूली सी बात पर विवाद के दौरान उक्त युवक ने कपड़े के शोरूम में लोगों पर गोलियां चला दीं और फरार हो गया। वारदात के बाद पहुंची पुलिस ने घायलों के इलाज के साथ ही जांच पड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि मौके पर पहुंचकर पुलिस मामले की छानबीन कर रही है साथ ही उक्त युवक की गिरफ्तारी के लिए जुट गई है।
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E Shram Card Online Apply: सरकार ने असंगठित क्षेत्र में लगे लोगों के लिए ई-श्रम कार्ड की योजना लॉन्च है जिसके माध्यम से सरकार श्रमिक वर्ग के लोगों को अनेक योजनाओं और कई तरह के लाभ समय-समय पर देती रहेगी।
- अपना मोबाइल नं0 रजिस्टर करें (आधार से लिंक मो0 नं0)
- इस तरह आप अपना ई-श्रमिक कार्ड घर बैठे ऑनलाइन बना सकते है।
- मोबाइल नंबर (जो आधार से लिंक हो)
PM Modi के USA दौरे को लेकर राजदूत ने क्या कहा ?
Exclusive Interview में Ashwini Vaishnaw ने कहा, 'पिछले 9 सालों में PM Modi ने रेलवे को ट्रांसफॉर्म किया'
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Opinion India Ka : 'गॉडमदर' कहां फरार. . एक्सपोज हुए सारे मददगार !
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आदिपुरुष, पठान ( Image Source : Instagram/Prabhas,blindfanofsrk )
Adipurush Day 1 worldwide collection: 'आदिपुरुष' 16 जून को सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई. क्रिटिक्स और ऑडियंस का मिला-जुला रिव्यू मिलने के बावजूद फिल्म ने पहले दिन बंपर ओपनिंग की है. फिल्म ने वर्ल्डवाइड शानदार ओपनिंग कर के इस साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. फिल्म ने ओपनिंग डे के कलेक्शन के मामले में शाहरुख खान की सुपरहिटट फिल्म पठान को भी पीछे छोड़ दिया है.
Boxofficeindia. com की रिपोर्ट के मुताबिक, "फिल्म के वर्ल्डवाइड कलेक्शन की फाइनल रिपोर्ट आना अभी बाकी है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि फिल्म ने पहले दिन 140 करोड़ रुपए की कमाई की है. यह आंकड़ां बढ़कर 150 करोड़ रुपए तक भी जा सकता है. " ऐसा कर के आदिपुरुष ने शाहरुख की पठान को भी पीछे छोड़ दिया है. पठान ने पहले दिन वर्ल्डवाइड 106 करोड़ रुपए की कमाई की थी, जो इस साल की सबसे बड़ी वर्ल्डवाइड ओपनिंग फिल्म थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पठान ने 1000 करोड़ रुपए का कुल कलेक्शन किया है.
अनुमान के मुताबिक, फिल्म के हिंदी वर्जन ने भारत में 36-38 करोड़ रुपए और सारी भाषाओं ने 90 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया है. यह कोविड महामारी के बाद KGF 2 और पठान के बाद तीसरी सबसे बड़ी ओपनिंग वाली हिंदी फिल्म है.
आदिपुरुष के हिंदी वर्जन ने इस साल के सबसे बड़े हिट पठान से कम ओपनिंग की है. पठान के पहले दिन की कमाई भारत में 57 करोड़ रुपए थी तो वहीं यश के KGF 2 (हिंदी वर्जन) ने भारत में 54 करोड़ रुपए की ओपनिंग की थी. हालांकि आदिपुरुष ने इस मामले में ब्रह्मास्त्र को पीछे छोड़ दिया है. ब्रह्मास्त्र की भारत में पहले दिन की कमाई 36 करोड़ रुपए थी.
फिल्म में प्रभास राघव, कृति सेनन जानकी और सैफ अली खान लंकेश के रोल में हैं. इसे ओम राउत ने डायरेक्ट किया है, जिनकी लास्ट फिल्म तान्हा जी : द अनसंग वॉरियर थी.
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यूपी की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने चारबाग कमिश्नरेट के तहत सरकारी नौकरियों के लिए फर्जी तरीके से पैसा इकट्ठा करने वाले एक गिरोह को गिरफ्तार किया है। इनसे 49 जाली नियुक्ति पत्र और 6 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ लखनऊ में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मामले की जांच चल रही है।
दूसरी तरफ, जम्मू-कश्मीर में प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने आतंकी फंडिग के सिलसिले में शुक्रवार को श्रीनगर में छह जगह तलाशी ली। इस दौरान एसआइए ने आतंकी फंडिग से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और कुछ अन्य डिजिटल उपकरण भी जब्त किए हैं।
जानकारी के अनुसार, कश्मीर में आतंकी व अलगाववादी गतिविधियों के लिए विभिन्न माध्यमों से पैसे जुटाने वाले तत्वों के खिलाफ जारी जांच के तहत एसआइए ने सुबह श्रीनगर में पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों के साथ करीब छह जगहों पर तलाशी ली। एसआइए ने बताया कि सभी आवश्यक सुबूत जमा करने के बाद ही आज की कार्रवाई की गई है। बताया जा रहा है जिन लोग के घरों पर छापे मारे गए हैं वे विभिन्न स्त्रोतों से पैसा जुटाकर कश्मीर में सक्रिय लश्कर, हिजबुल, जैश और टीआरएफ के अलावा विभिन्न अलगाववादी संगठनों से जुड़े लोगों में बांटते थे। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों के घरों में तलाशी ली गई है, इनमें से कुछ सरहद पार बैठे कश्मीरी आतंकियों के रिश्तेदार बताए जाते हैं और प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी से भी प्रत्यक्ष या परोक्ष तरीके से संबंधित रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश के नोएडा के स्थानीय पार्क में नमाज अदा करने पर शुरू हुआ विवाद अब राजनीतिक गलियारों में तूल पकड़ने लगा है। प्रशासन द्वारा पार्क में शुक्रवार की नमाज अदा करने पर रोक लगा दी गई है, लेकिन बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है। एक ओर जहां विश्व हिंदू परिषद ने कहा कि पार्क में नमाज अदा करना मस्जिद के लिए जमीन कब्जाने की साजिश है। वहीं, सपा ने प्रशासन की कार्रवाई को अनुचित बताया है। बता दें कि नोएडा के एक पुलिस थाने ने 23 निजी कंपनियों को नोटिस भेजकर अपने कर्मचारियों को स्थानीय पार्क में शुक्रवार की नमाज अदा करने से रोकने को कहा है। इसके साथ ही प्रशासन ने मंगलवार (25 दिसंबर) को कहा था कि सार्वजनिक स्थानों पर "अनाधिकृत" धार्मिक जमावड़े की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वहीं, दूसरी ओर समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सदस्य सुरेन्द्र सिंह नागर ने प्रशासन की ओर से लगाई गई रोक की निंदा करते हुए इसे अनुचित कदम बताया है। नागर ने आरोप लगाया कि पुलिस और जिला प्रशासन सरकार के इशारे पर काम कर रहा है। भाजपा सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए ऐसे धार्मिक मुद्दे को तूल दे रही है, जिससे लोगों का ध्यान विकास कार्यों से भटकाया जा सके। सपा नेता ने आरोप लगाया कि नोएडा में पिछले डेढ-दो वर्षों में सरकार ने विकास का एक भी कार्य नहीं हुआ है। कानून व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। ऐसे में पुलिस प्रशासन की यह कार्यवाही उचित नहीं है। प्रशासन को इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के बाद ही कोई फरमान जारी करना चाहिए। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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व्याख्या :
वर्ष 1947 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (First Prime Minister Of India) जवाहर लाल नेहरू बने थे। ध्यान रहे की जवाहर लाल नेहरू इस पद पर सबसे अधिक समय तक रहे थे। इसके अलावा प्रधानमंत्री पद पर सबसे कम अवधि तक रहने वाले प्रधानमंत्री श्री गुलजारी लाल नंदा हैं। नंदा जी भारत के पहले कार्यवाहक प्रधानमन्त्री भी थे और 13 दिनों तक पद पर रहे थे।
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कप्तान मयंक ने नाबाद शतक जड़कर अपनी टीम कर्नाटक को सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में वापसी कराई। पहले दिन का खेल खत्म होने के समय मयंक 110 रन बनाकर खेल रहे थे।
भारतीय टीम से बाहर चल रहे मयंक अग्रवाल ने रणजी ट्रॉफी में शतक जड़ दिया है। टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में कर्नाटक के कप्तान मयंक ने सौराष्ट्र के खिलाफ शानदार पारी खेली और अपनी टीम को मुश्किलों से निकाला। मयंक को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के भारतीय स्क्वॉड में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में उन्होंने शतक लगाकर चयनकर्ताओं को जवाब दिया।
कप्तान मयंक ने नाबाद शतक जड़कर अपनी टीम कर्नाटक को सौराष्ट्र के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के दूसरे सेमीफाइनल में वापसी कराई। पहले दिन का खेल खत्म होने के समय मयंक 110 रन बनाकर खेल रहे थे, जबकि उनका साथ श्रीनिवास शरत (नाबाद 58) दे रहे थे। कर्नाटक ने पांच विकेट पर 229 रन बनाए। सौराष्ट्र के लिए कुशांग पटेल ने सर्वाधिक दो विकेट लिए।
इस शतक के साथ मयंक ने भारतीय टीम में वापसी का दावा भी ठोक दिया है। मयंक ने अब तक 246 गेंदों में 11 चौके और एक छक्का लगाया है। इससे पहले आर समर्थ तीन रन, देवदत्त पडिक्कल नौ रन, निकिन जोस 18 रन, मनीष पांडे सात रन और श्रेयस गोपाल 15 रन बनाकर आउट हुए थे। सौराष्ट्र की ओर से कुशांग पटेल ने दो विकेट लिए। वहीं, चेतन सकारिया और प्रेरक मांकड़ को एक-एक विकेट मिला।
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। घाटी में पिछले 24 घंटो के अंदर हुई 4 गैर-कश्मीरियों की हत्या के बाद, अब वहा से प्रवाशियों ने पलायन करना शुरू कर दिया है।
गुरुवार को कुलगांव में बैंक मैनेजर विजय कुमार और बुधवार को एक सरकारी शिक्षक की आतंकियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। बैंक मैनेजर विजय कुमार की हत्या की जिम्मेदारी कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स नाम के संगठन ने ली है। संगठन के प्रवक्ता वसीम मीर ने एक बयान जारी करते हुए धमकी दी है कि कश्मीर की आबादी में फेरबदल की कोशिश करने का यही हश्र होगा!
बता दे बीते 26 दिन में 10 लोगों को आतंकी मौत के घाट उतार चुके है।
प्रवासियों के मुताबिक, फिलहाल घाटी के 1990 से भी बुरे हाल है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि, 30-40 परिवारों ने शहर छोड़ भी दिया है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शुक्रवार को कश्मीर के बिगड़े हालातों पर उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान उनके साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी होंगे।
इससे पहले मात्र 10 दिन के अंदर अचानक से बिगड़े घाटी के हालातों पर इमरजेंसी बैठक बुलाई थी, जहां एनएसए अजीत डोभाल, रॉ के प्रमुख सामंत गोयल, इंटेलिजेंस ब्यूरो के प्रमुख अरविंद कुमार और गृह मंत्रालय के अन्य शीर्ष अधिकारियों ने इस मुद्दे पर सुरक्षा के लिहाज से समीक्षा की थी।
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'ब्रह्मदण्ड' किस ऋषि का अस्त्र था?
श्रीराम द्वारा सीता को वनवास दिए जाने पर वह कहाँ रही थीं?
काजल और मेघ के समान काले वानर किस पर्वत पर पाये जाते थे?
रावण बन्धुओं में सबसे छोटा कौन था?
गंगा पार करने पर सीताजी केवट को उतराई के रूप में कौन-सी वस्तु दे रही थीं, जिसे केवट ने लेने से इन्कार कर दिया था?
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इस समय पूरे क्रिकेट जगत में सिर्फ एक ही बात को लेकर चर्चा चल रही और वह ऑस्ट्रेलिया टीम के 3 खिलाड़ियों की तरफ से बॉल टेम्परिंग की घटना को अंजाम दिया गया जिसमे टीम के कप्तान स्टीव स्मिथ, उप कप्तान डेविड वार्नर और ओपनिंग बल्लेबाज कैमरून बेनक्रॉफ्ट शामिल थे और इस घटना के बाद इन सभी को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बैन करने का फैसला किया.
स्टीव स्मिथ जिन्हें इस मामले में सबसे बड़ा दोषी माना जा रहा है और उनके कहने पर इस तरह से क्रिकेट के खेल को शर्मसार करने की घटना को अंजाम दिया गया उन्हें 1 साल तक बैन करने के साथ 2 साल तक कप्तान नहीं बनाया जायेगा इसके बाद डेविड वार्नर को भी 1 साल तक बैन करने के साथ कभी भी टीम का कप्तान नही बनाया जाएगा. इसके अलावा कैमरून बेनक्रॉफ्ट पर 9 महीने का बैन सजा के रूप में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने लगाया है.
स्टीव स्मिथ जो दक्षिण अफ्रीका से वापस ऑस्ट्रेलिया पहुंच गयें है उन्होंने आते ही मीडिया के सामने इस पूरे मामले को लेकर बात की जिसमे उन्होंने कहा कि "मैं टीम का कप्तान होने के नाते इस पूरे मामले की जिम्मेदारी खुद ही लेता हूँ मुझे पता है कि मेरी वजह से क्रिकेट के खेल की गरिमा को काफी चोट पहुंची है और मैं इसके लिए सभी से माफ़ी मांगना चाहता हूँ. " स्मिथ ये सारी बातें करते हुए बेहद ही भावुक हो गएँ थे और रोने लगे थे. इस दौरान स्मिथ के साथ उनके पिता भी मौजूद थे.
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रायपुर। पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद फैंस बेहद दुःखी है। पुलिस घटना के बाद से आरोपी को पड़ने में जुटी हुई है। मौत के तीसरे दिन आज मूसेवाला का पोस्टमॉर्टम पूरा हो गया है. सोमवार रात पांच डॉक्टरों के पैनल ने मूसेवाला के मृत शरीर का पीएम किया. रिपोर्ट को अब तक पुलिस के साथ शेयर नहीं किया गया है. लेकिन सूत्रों ने बताया कि अत्याधुनिक बंदूकों से निकली 24 गोलियां मूसेवाला के शरीर के आर-पार हो गई थीं, जबकि एक सिर की हड्डी में जा फंसी थी. हमलावरों ने करीब 30 राउंड फायर किए थे। इसके बाद भी मूसेवाला जीवित थे. अस्पताल में भी वे मौत से लड़ रहे है। सामान्य तौर पर इतनी गोली लगने के बाद व्यक्ति की तत्काल मौत हो जाती है, लेकिन मूसेवाला लड़ते रहे।
मनासा जिला अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि पोस्टमार्टम के दौरान मूसेवाला के शरीर पर दो दर्जन गोलियों के घाव मिले. रिपोर्ट के मुातबिक अत्यधिक खून बहने से उनकी मौत हुई थी. वहीं, आंतरिक अंगों में चोटों की भी पुष्टि हुई है. बताया गया कि पोस्टमार्टम के बाद विसरा के नमूने सुरक्षित रख लिए गए हैं और आगे की जांच के लिए भेजे जा रहे हैं. हालांकि, अस्पताल ने पोस्टमार्टम के नतीजों को पुलिस के साथ शेयर नहीं किया है. मृतक सिद्धू मूसेवाला का परिवार पोस्टमार्टम न कराने की जिद पर अड़ा हुआ था. परिवार मांग कर रहा था कि हत्याकांड की जांच हाईकोर्ट के जज की अगुवाई में कराई जाए और इसके लिए एनआईए-सीबीआई की मदद ली जाए.
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PlayStation कंसोल की आश्चर्यजनक सफलता के बाद3, जिसने 2007 में विश्व प्रसिद्ध जापानी कंपनी सोनी को वापस कर दिया था, हर कोई निरंतरता की प्रतीक्षा कर रहा था। और अब, छह लंबे वर्षों के इंतजार के बाद, जापानी ने एक नवीनता प्रदान की - PlayStation 4 की चौथी पीढ़ी का कंसोल। इस मॉडल की विशेषताएं सभी अपेक्षाओं को पार कर गईं, और रिलीज के समय, कंसोल में कोई एनालॉग या प्रतिस्पर्धी नहीं था। इसने कंसोल की बिक्री को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंचाने की अनुमति दी, जिससे निर्माता को गंभीर लाभ हुआ।
उपसर्ग के करीब विचार करेंः प्लेस्टेशन 4 क्या है? नए कंसोल के लक्षण सभी आधुनिक वास्तविकताओं के अनुरूप हैं और यहां तक कि उनसे थोड़ा अधिक है। यहाँ मूल डेटा हैंः
- X86-64 एएमडी जगुआर प्रोसेसर नए कंसोल पर है, जो सबसे अच्छा कंप्यूटर एनालॉग्स जितना शक्तिशाली है और इसमें 8 कोर हैं।
- रैम 8 गीगाबाइट है, पीढ़ी GDDR5।
- 500 जीबी की कुल मेमोरी क्षमता, यदि वांछित है, तो हार्ड ड्राइव को बदला जा सकता है।
- I / O उपकरणों से, आप एक पूर्ण-ब्लू-रे ड्राइव 6xCAV का चयन कर सकते हैं, साथ ही आउटपुट USB 3.0 और AUX की उपस्थिति भी।
- कंसोल ईथरनेट के माध्यम से नेटवर्क से कनेक्ट हो सकता है, जो IEEE 802.11 b / g / n और ब्लूटूथ 2.1 का समर्थन करने वाले 10BASE-T, 100BASE-TX, 1000BASE-T, वायरलेस सिस्टम का समर्थन करता है।
- सेट-टॉप बॉक्स में एचडीएमआई, डिजिटल और एनालॉग आउटपुट हैं।
संक्षेप में, नए कंसोल में वह सब कुछ है जो यहां तक कि सबसे परिष्कृत और सटीक खिलाड़ी की आवश्यकता है।
PlayStation 4 के साथ शामिल 186 x 27 x 27 मिमी के बाहरी आयामों के साथ एक अद्यतन PlayStation 4 नेत्र कैमरा है। इसकी विशेषताएं भी सम्मान के योग्य हैंः
- वह 1200 x 800 के रिज़ॉल्यूशन के साथ वीडियो शूट कर सकती हैवीडियो प्रारूप जैसे कि रॉ और वाईयूवी में पिक्सल और 60 फ्रेम प्रति सेकंड। इसमें 640 x 400 के रिज़ॉल्यूशन के साथ शूटिंग मोड और 120 फ़्रेम प्रति सेकंड, 320 x 190 की आवृत्ति और 240 फ्रेम प्रति सेकंड की आवृत्ति भी होती है, जो आपको इष्टतम गुणवत्ता चुनने की अनुमति देती है जो आपके लिए सुविधाजनक है।
- कैमरा एक निश्चित फ़ोकस के साथ डबल लेंस और 30 सेमी की ग्रिप रेंज से लैस है।
- अपडेट किए गए वीडियो कैमरे की समीक्षा 85 डिग्री है, जिसे आप बहुत सहमत होंगे।
- कैमरे में एक चार-चैनल माइक्रोफोन है जो सबसे शांत ध्वनियों को भी उठाता है।
- कैमरा AUX के माध्यम से कंसोल से जुड़ा है। केबल की लंबाई दो मीटर है, ताकि कैमरे को आपके लिए सुविधाजनक स्थान पर रखा जा सके।
और यह सभी नवाचार नहीं हैं, वे अविश्वसनीय रूप से कई हैं। यदि आप उन सभी को सूचीबद्ध करते हैं, तो यह लेख पर्याप्त नहीं है। आप कार्यक्रम की दूसरी छमाही से कार्यक्रम की योजना के अतिरिक्त नवाचारों के बारे में जान सकते हैं।
जापानी कंसोल का मुख्य प्रतियोगी अभी भी हैMicrosoft का दिमाग है - Xbox। द्वारा और बड़े, कंसोल काफी समान हैं और यह कहना मुश्किल है कि कौन सा बेहतर है। इस प्रश्न को गेमर्स की अदालत में छोड़ना सबसे अच्छा है, क्योंकि प्रत्येक कंसोल के अपने फायदे और नुकसान हैं, और तदनुसार, उनमें से प्रत्येक के पास प्रशंसकों की अपनी सेना है जो एक प्रतियोगी के उत्पाद को ध्यान देने योग्य कुछ मानते हैं।
नए PlayStation 4 में और क्या हो सकता है? विशेषताओं पर पहले से ही विचार किया गया है, डिजाइन, भी, यह प्रोग्राम प्रकार की नई विशेषताओं को देखने के लिए बना हुआ है। और यहाँ भी, वहाँ है जहाँ घूमने के लिएः
- उपसर्ग ने सबसे सुविधाजनक बनायानए गेम के डेवलपर्स, उन्हें बनाने के लिए आवश्यक समय को कम करने के साथ-साथ उनके बजट को भी। यह छोटी गेम डेवलपमेंट कंपनियों को गेमर्स के बीच न्यूनतम प्रयास के साथ अपनी रचनाओं को बढ़ावा देने की अनुमति देगा। नतीजतन, खेल उद्योग को विकास के लिए एक गंभीर प्रेरणा मिलेगी।
- कंसोल बंद होने पर भी आप सॉफ़्टवेयर को अपडेट कर सकते हैं।
- अब एक नई विधा है "बौद्धिकरोक सकते हैं। " यह आपको उस बिंदु से खेलना जारी रखने की अनुमति देता है जिस पर आपने कंसोल को चालू करने के तुरंत बाद खेल को समाप्त कर दिया था। इसका मतलब यह है कि समय की कमी भी खेल में आपकी प्रगति में बाधा नहीं बनेगी - आप रोक सकते हैं, कंसोल को बंद कर सकते हैं और फिर इसे चालू कर सकते हैं और उसी स्थान से खेलना जारी रख सकते हैं।
- अब एक नई प्रणाली Gaikai है, जो आपको खरीदने से पहले स्टोर में गेम खेलने की कोशिश करेगी। आखिरकार, कोई भी एक बैग में एक बिल्ली खरीदना नहीं चाहता है, है ना?
- आप वास्तविक समय में देख सकते हैं कि आपके मित्र अब क्या खेल रहे हैं।
- स्टोर में, अब आप तुरंत अपनी सिफारिशों की एक सूची देख सकते हैं। यह PlayStation स्टोर पर आपकी खरीदारी के आधार पर बनाया गया है, जिसे आप देखते हैं, बहुत सुविधाजनक है।
- अब एक नई सेवा Ustream है, जोआप वास्तविक समय में खेल को स्ट्रीम करने की अनुमति देता है। और यदि आप कठिनाइयों का सामना करते हैं, तो आप आसानी से उन दोस्तों से मदद मांग सकते हैं जो आपको बताएंगे कि खेल के इस या उस क्षण के माध्यम से कैसे जाना चाहिए।
- कंसोल मेनू अब मल्टी-टास्किंग हैः आप खेल के दौरान अन्य अनुप्रयोगों का उपयोग कर सकते हैं, उदाहरण के लिए, इंटरनेट सर्फ करें।
- PlayStation ऐप के विशेष अनुप्रयोगों के साथ, आप PlayStation Vita और PS Vita TV का उपयोग करके कंसोल से जुड़ सकते हैं। इसके अलावा, आप कंसोल और फोन का उपयोग करके कनेक्ट कर सकते हैं।
- कंसोल के साथ शामिल एक मानक हेडसेट और 500 जीबी की एक हार्ड डिस्क है, जिसे यदि वांछित है, तो किसी अन्य द्वारा बदला जा सकता है।
- कंसोल ने अंततः क्षेत्रीय प्रतिबंधों को रद्द कर दिया, इसलिए अब आपको PAL और NTSC जैसे पत्रों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इसके अलावा, नए जॉयस्टिक अलग हैं। एक महत्वपूर्ण अपडेट शेयर बटन की उपस्थिति थी, जो आपके खेल के सबसे अच्छे क्षणों को दोस्तों और परिचितों के साथ साझा करना या वास्तविक समय में गेम को स्ट्रीम करना संभव बनाता है।
आज, कई हैंसोनी प्लेस्टेशन 4 के विभिन्न संशोधनों, जिनमें से कुछ हद तक अलग हैं। आज तक, सबसे बड़ी आबादी नियो, स्लिम और प्रो जैसे संशोधनों का उपयोग करती है। उनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषताएं हैं।
- पूर्ण 4K समर्थन। अब खेलों का ग्राफिक्स प्रभावशाली होगा।
- हार्ड ड्राइव को टेराबाइट तक बढ़ाया जाता है।
- गेम्स की ग्राफिक्स क्षमताओं का विस्तार करने के लिए ग्राफिक्स कोर को 2 गुना से अधिक बेहतर बनाया गया है।
- पूर्ण 1080p संकल्प।
जैसा कि आप देख सकते हैं, परिवर्तन पर्याप्त हैं। यदि आप मानक कंसोल और PlayStation 4 Pro की तुलना करते हैं, तो बाद की विशेषताओं में मूल, विशेष रूप से दृश्य घटक से काफी अधिक है। इसके अलावा, प्रो संस्करण रियर पैनल पर एक अतिरिक्त यूएसबी पोर्ट समेटे हुए है। नए कंसोल की रिलीज़ नवंबर 2016 के लिए निर्धारित है।
इस संशोधन का प्रोसेसर अधिक शक्तिशाली होगा और2.1 गीगाहर्ट्ज़ की एक घड़ी आवृत्ति बनाए रखें, जो कंसोल के काम को एक तिहाई तक गति देगा। ग्राफिक्स कोर की शक्ति दो बार से अधिक बढ़ गई थी, और इसकी घड़ी की आवृत्ति सौ मेगाहर्ट्ज़ से अधिक बढ़ गई थी। इसके अलावा, रैम की बैंडविड्थ में एक चौथाई की वृद्धि हुई थी, जो महत्वपूर्ण भी है। साथ ही, खेल को अतिरिक्त 512 मेगाबाइट मेमोरी आवंटित की गई है। यह सब छवि संकल्प को पूर्ण 2160r तक बढ़ाने की अनुमति देता है। अद्यतन कंसोल की रिलीज़ अक्टूबर 2016 के लिए निर्धारित है।
चूंकि कंसोल लगभग बाजार में मौजूद हैतीन साल, समीक्षा काफी जमा हुई है। और हम कह सकते हैं कि अधिकांश समीक्षाओं की सकारात्मक रेटिंग है। सोनी प्लेस्टेशन 4 कंसोल, तकनीकी विशेषताओं और गेमप्ले के डिजाइन ही मुख्य बिंदु हैं जो खिलाड़ी सबसे अधिक सराहना करते हैं।
हमेशा की तरह, नए कंसोल का उत्पादन और रिलीज दिलचस्प और उत्सुक मामलों के बिना नहीं हुआ।
- इसलिए, 2012 में वेब पर नए सेट-टॉप बॉक्स के डिज़ाइन की तस्वीरें दिखाई दीं, जिन्हें तुरंत हटा दिया गया।
- फरवरी 2013 में, कंसोल दिखाने वाले वीडियो ने अन्य विज्ञापनों के बीच विचारों की संख्या में पहला स्थान जीता।
- किसी को नहीं पता था कि कंसोल वास्तव में अपनी पहली प्रस्तुति तक कैसा दिखता था।
- कंसोल के निर्माण के इतिहास के बारे में एक किताब लिखी गई है।
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६ ७. पठम तस्स सुतं सुत्त ( २८.७ ) नाग-योनि में उत्पन्न होने का कारण
...एक ओर बैठ, वह भिक्षु भगवान् से बोला, "भन्ते ! क्या हेतु = प्रत्यय है कि कुछ लोग मरने के बाद अण्डन नाग-योनि में उत्पन्न होते हैं ?
भिक्षु ! कुछ लोग शरीर, वचन और मनसे पुण्य पाप करने वाले होते हैं। ये सुनते हैं - अण्डज नाग दीर्घायु, सुन्दर और सुखी होते हैं । अतः, उनके मनमें होता है, "अरे ! हम मरने के बाद अण्डज नागों में उत्पन्न होवें ।"
चे मरने के बाद अण्डज नागों में उत्पन्न होते हैं । भिक्षु ! यही हेतु = प्रत्यय है।
६८-१०. दुतिय ततिय चतुत्थ तस्स सुतं सुत्त ( २८. ८-१० ) नाग-योनि में उत्पन्न होने का कारण
... भन्ते ! क्या हेतु=प्रत्यय है कि कुछ लोग मरने के बाद पिण्डज... संस्वेदन औपपातिक नाग-योनि में उत्पन्न होते हैं ? ...
९ ११. पठम दानुषकार सुत्त (२८. ११ )
नाग-योनि में उत्पन्न होने का कारण
...उसके मन में ऐसा होता है, "अरे ! हम भी मरने के बाद अगढज नाग-योनि में उत्पन्न हों।" वह अन्न, पान, बख, सवारी, माला, गन्ध, विलेपन, शय्या, घर, प्रदीप का दान करता है। वह मरने के बाढ़ अण्डज नाग-योनि में उत्पन्न होता है।
भिक्षु ! यहीं हेतु प्राय है
..'बह मरने के बाद पिण्डज नाग-योनि में..., संस्वेदज नाग-योनि में,, योनि में उत्पन्न होता है ।...
नाग संयुक्त समात
९१२ - १४. दुतिय ततिय-चतुत्थ दानुपकार सुत्त (२८. १२-१४ ) नाग-योनि में उत्पन्न होने का कारण
औपपातिक नाग |
Black Tomatoes Health Benefits: टमाटर का नाम सुनते ही जहां पर हर किसी के मन में महंगाई के बादल गहराने लगते है वहीं पर क्या आपको पता है काले रंग के टमाटर भी बाजार में मौजूद होते है जिसके सेवन करने से कई बड़ी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है।
आपको बताते चलें, काले टमाटर की खेती जहां पर अब भारत में की जाने लगी है वहीं पर सबसे पहले काले टमाटर की उत्पत्ति ब्रिटेन में हुई है यहां पर लाल रंग वाले टमाटर के मुकाबले काले टमाटर का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। यह बनावट में लाल टमाटर की तरह ही होता है लेकिन पकने पर यह काले रंग में बदल जाता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, प्रोटीन, मिनरल्स और कई तरह के एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने से लेकर डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर कम करने में इसका सेवन फायदेमंद माना जाता है।
बता दें इस टमाटर को दरअसल जेनेटिक म्यूटेशन से बनाया गया है। लाल टमाटर की तरह ही यह पौधे पर लगता है और धीरे-धीरे इसका रंग नीला और फिर काला होने लगता है। अंग्रेजी में काले टमाटर को रोज टोमेटो भी कहा जाता है। इसकी कीमत लाल रंग वाले टमाटर से ज्यादा होती है।
लाल टमाटर की तरह ही काले टमाटर का सेवन करने से आंखों को फायदा मिलता है जहां पर रोशनी बढ़ाने के साथ आंखों को इन्फेक्शन आदि से बचाने में भी मददगार है। आपको बताते चलें काले टमाटर में विटामिन ए पाया जाता है और इसका सेवन आंखों की रोशनी बढ़ाने में फायदेमंद है।
काले टमाटर का सेवन बेहद ही फायेदमंद होता है जहां पर डायबिटीज के मरीजों को खाने की सलाह दी जाती है। काले टमाटर के गुणों की बात की जाए तो, इसमें मौजूद गुण और पोषक तत्व ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद करते हैं। डायबिटीज में इसका सेवन नियमित रूप से करना चाहिए।
काले टमाटर का सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने में भी मददगार है इसमें फ्री रेडिकल्स से लड़ने की क्षमता लाल रंग वाले टमाटर से ज्यादा होती है। इसका सेवन करने से शरीर में कैंसर कोशिकाओं का विकास कम होता है। कैंसर के मरीजों को काले रंग वाले टमाटर का सेवन करना चाहिए।
काले टमाटर का सेवन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए फायदेमंद होता है। काले टमाटर में प्रोटीन, एंटी-ऑक्सीडेंट और विटामिन सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने में मदद करते हैं।
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नई दिल्ली। चीन अपनी चालाकी से बाज नहीं आ रहा है, और भारत मुंहतोड़ जबाव देने से पीछे नहीं हट रहा है। कुछ दिन पहले भारत सरकार को पता चला कि चीन के रिजर्व बैंक ने एचडीएफसी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 1 फीसदी से ज्यादा कर ली है। इसके बाद भारत सरकार ने कुछ ही देर में अपने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को ही बदल डाला। अब बदले हुए नियम के अनुसार जिन देशों की सीमा भारत से लगती है, उन देशों को निवेश से पहले सरकार की इजाजत लेनी होगी। लेकिन इसके बाद भी चीन के कुछ दरवाजे खुले रह गए थे, जिनकी भनक लगते ही उनको भी बंद करने का काम शुरू कर दिया गया है। आशा है कि चीन पहले की ही तरह फिर से भारत को आंखे दिखाने की कोशिश करेगा, लेकिन इससे उसका काम शायद ही बन पाए। क्योंकि इन दिनों भारत सरकार करोना की लड़ाई में व्यस्त जरूर है, लेकिन इतना भी नहीं कि कोई इस मौके का गलत फायदा उठा ले।
आइये जानते हैं कि भारत सरकार ने इस बार कौन सा कठोर कदम चीन के खिलाफ उठाया है।
चीन से भारत में होने वाले पोर्टफोलियो निवेश पर भी अब भारत सरकार ने पहरा बैठा दिया है। भारत सरकार को आशंका है कि चीन मौजूदा प्रणाली की कमियों का फायदा उठाकर देश की सूचीबद्ध कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी खरीद सकता है। इसी के चलते वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों का विभाग चीन से आने वाले पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) पर भी 'स्वीकृति नियम' को लागू करने की तैयारी में है। सरकार इस विषय में बाजार नियामक सेबी से बात कर रही है। माना जाता है कि एफपीआई आमतौर पर एक साथ बड़ी हिस्सेदारी नहीं खरीदते हैं और शेयरों की खरीद-फोरोख्त पर उनका जोर होता है। वहीं एफडीआई स्थिर और दीर्घावधि का निवेश होता है। सरकार ने हाल ही में ऑटोमेटिक रूट के जरिए चीन के निवेशकों के इस तरह निवेश करने पर रोक लगा दी है।
भारत सरकार को आशंका है कि चीन से एफपीआई का गलत तरीके से इस्तेमाल हो सकता है। इसी को देखते हुए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सरकार को यह पक्का करना है कि जो विदेशी निवेशक एफडीआई के जरिए भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी नहीं खरीद सकते, वे एफपीआई के जरिए भी भारतीय कंपनियों को न खरीद सकें। उद्योग और आंतरिक कारोबार विकास विभाग (डीपीआईआईटी) भी कंपनी अधिनियम के तहत 'बेनिफिशियल ओनरशिप' की परिभाषा तय करने की सोच रहा है। सरकार चाहती है कि 10 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी रखने वाली चीन की कंपनियां बिना सरकार की मंजूरी के भारत की कंपनियों का नियंत्रण न ले सकें। फिलहाल मौजूदा भारतीय कानून के अनुसार, मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में दी गई 'बेनिफिशियल ओनरशिप' की परिभाषा में कई प्रकार के छूट है।
भारत सरकार एफडीआई और इसके बाद अब एफपीआई के नियमों में सख्ती इसलिए करने का प्रयास कर रही है, ताकि चीन घरेलू कंपनियों का मनमाना अधिग्रहण न कर सके। कोरोना महामारी के चलते देश और दुनियाभर में लॉकडाउन लगाया गया है। इसके चलते कंपनियों के शेयर के रेट काफी कम हो गए। सरकार को ऐसी भनक लगी थी कि चीन और चीन की कंपनियां इस मौके का फायदा गलत तरीके से उठाना चाहती हैं। भारत के अलावा इटली, जर्मनी, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने भी इसी तरह की आशंका के चलते चीन के निवेशकों पर सख्ती करने के लिए अपने नियम बदल दिए हैं। भारत ने इस मामले में अब अपना रुख काफी सख्त कर लिया है।
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चौसा के किसानों की जायज मांग है कि मौजूदा बाजार दर पर मुआवजा दिया जाए जबकि राज्य सरकार 2012-13 की दर से मुआवजा दे रही है। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया 2023 में हो रही है तो किसान 2012-13 की दर से मुआवजा क्यों लेंगे? किसानों को नई दर से मुआवजा दिया जाए।
यह केवल बिहार का नहीं बल्कि पूरे देश का मुद्दा है। विभिन्न राज्य सरकारों और केंद्र की मंशा स्पष्ट नहीं है। हमें अपने आंदोलन को तेज करना होगा। वे किसानों की जमीनों को हड़पना चाहते हैं। बक्सर में जो कुछ भी हुआ अपराध था।
रविवार को जमुई के सांसद और एलजेपीआर अध्यक्ष चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और उनसे चौसा किसानों के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया।
चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव की 250 एकड़ जमीन राज्य और केंद्र सरकार ने 11980 मेगावॉट थर्मल पावर, पानी की पाइपलाइन और रेलवे कॉरिडोर परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की थी।
अधिग्रहण के कारण, गांव में 300 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं।
कुछ दलित परिवारों के घर भी गिर गए हैं और वे अस्थायी झोपड़ियों में रह रहे हैं।
(आईएएनएस)
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Sobhita Dhulipala statement: साउथ फिल्मों से लेकर बॉलीवुड फिल्मों और वेब शो तक अपनी पहचान बनाने वाली एक्ट्रेस शोभिता धुलिपाला हमेशा ही अपने काम और एक्टिंग को लेकर चर्चा में रहती हैं। 'पोन्नियन सेल्वन 2' में नजर आईं एक्ट्रेस शोभिता धुलिपाला हाल ही में नोपोटिज्म और मॉडलिंग छोड़ने को लेकर बात की है।
कैमरे के सामने आते ही एकता कपूर ने की ऐसी गंदी हरकत, फैंस ने ट्रोल करते हुए सिखाई तमीज!
हाल ही में जब एक्ट्रेस एक मीडिया कॉन्क्लेव का हिस्सा बनीं। इस कॉन्क्लेव में एक्ट्रेस ने मॉडलिंग से लेकर एक्टिंग करियर तक के बारे में बात की और कई बड़े खुलासे किए। इतना ही नहीं शोभिता ने नेपोटिज्म पर भी चुप्पी तोड़ी और अपने विशेषाधिकारों के बारे में बताया।
शोभिता धुलिपाला ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग के साथ की थी। इसी पर एक्ट्रेस से पूछा गया कि उन्होंने एक्टिंग के लिए मॉडलिंग क्यों छोड़ी तो शोभिता ने कहा, 'मिस इंडिया मेरे कॉलेज के अंत में हुआ था। मैंने तुरंत ग्रेजुएशन कम्पलीट की थी और मास्टर्स में दाखिला लिया था।
मैं बस शांत रहना चाहती थी, और मैं सफल हो गई। मुझे नहीं पता था कि उसके बाद कोई क्या करता है। मैंने हमेशा सोचा कि फैशन बहुत अच्छा है, मैंने इसे हमेशा पत्रिकाओं में या टेलीविजन पर देखा। मैं मॉडलों को देखती थी और बस चकित हो जाती थी।'
शोभिता ने आगे कहा, 'मैं इससे जुड़ना चाहती थी। हालांकि, जब मैंने मॉडलिंग शुरू की, तो मुझे कोई तृप्ति नहीं मिली जो मुझे मिल सकती थी। मैं एक स्पष्टता पर पहुंची कि मैं खुद को अभिव्यक्त करने में सक्षम होना चाहती हूं। रचनात्मक रूप से और मैंने विज्ञापनों के लिए ऑडिशन देना शुरू किया और उसके माध्यम से मैंने फिल्मों के लिए ऑडिशन दिया, फिर मेरा चुनाव हुआ और मैं आज यहां हूं।'
शोभिता ने विशेषाधिकारों और नेपोटिज्म के बारे में बात करते हुए कहा, 'मैं वास्तव में विशेषाधिकार से नहीं आती, जितना मैं पहचानती हूं। मेरे माता-पिता स्वस्थ हैं, मैं शिक्षित हूं, मैं कुछ भाषाएं बोलती हूं और मैं अपनी देखभाल करने में सक्षम हूं। यह अपने आप में एक बड़ा विशेषाधिकार है। इसे स्वीकार करने में सक्षम होना अच्छा है। जब मेरे करियर की बात आती है तो मैं कोई विशेष विशेषाधिकार नहीं लाती।'
शोभिता ने अपनी बात में आगे जोड़ा, 'यह एक रोलर-कोस्टर की सवारी रही है। मैं अपने दम पर चीजों का पता लगा रही हूं। इसलिए उन चीजों की सराहना करना महत्वपूर्ण है जो सही हुई हैं। अक्सर, हम पीछे मुड़कर देखते हैं और महसूस करते हैं कि ऐसा होना चाहिए था, या मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ।'
तो इस तरह से शोभिता ने अपनी बात खुलकर रखी और उन सब चीजों के बारें में बताया जो कि उनके साथ हुआ। गौरतलब है कि, शोभिता धुलिपाला ने 'फेमिना मिस इंडिया 2013' पेजेंट में फेमिना मिस इंडिया अर्थ 2013 का खिताब जीता और मिस अर्थ 2013 में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
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लाइव हिंदी खबर :- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव पिनॉय विश्वम ने राष्ट्रपति भवन में मुगल गार्डन का नाम बदलकर "अमृत उद्यान" करने की निंदा की है। उन्होंने यह भी कहा कि मुगल काल की स्मृतियों को नष्ट करने का प्रयास करने का यह निर्णय मनमाना और दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस संबंध में कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता बिनय विश्वम ने राष्ट्रपति को पत्र भी लिखा है. उस पत्र में उन्होंने कहा, "स्थानों के ऐसे नाम हमारे इतिहास के कुछ कालखंडों के इतिहास को दर्शाते हैं। मुगल युग भारतीय इतिहास में एक अमिट युग है। एक महान साम्राज्य के रूप में, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मुगल राजाओं के पास अच्छे और अच्छे दोनों थे। " बुरे पक्ष। यह तथ्य हिंदू राजाओं पर भी लागू होता है।
इतिहास से "मुगल" शब्द को मिटाने को भारतीय इतिहास को फिर से लिखने और राष्ट्रवाद को फिर से परिभाषित करने के रूप में देखा जा सकता है। इस नाम परिवर्तन के साथ हमने दिल्ली के इतिहास का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा खो दिया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप जैसे उच्च पदों पर बैठे लोग ऐसी साम्प्रदायिक गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
इसलिए नाम बदलने के फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। इस मुद्दे के बारे में इतिहास के शिक्षकों और शोधकर्ताओं से परामर्श किया जाना चाहिए," उन्होंने कहा। पिछले शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति के सरकारी आवास स्थित मुगल गार्डन सहित 6 उद्यानों का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया था. यह भारत की आजादी के 75वें वर्ष को चिह्नित करने के लिए अमृत काला समारोह के हिस्से के रूप में किया जा रहा है।
राष्ट्रपति भवन के प्रतीक 'मुगल गार्डन' का नाम बदलकर अमृत उद्यान कर दिया गया है, जो 15 एकड़ में फैला हुआ है। गौरतलब है कि इससे पहले केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के नाम पर राष्ट्रीय राजधानी में राजा पथ को ड्यूटी पथ, रेस कोर्स रोड को लोक कल्याण मार्ग और औरंगजेब रोड को इंडिया गेट हेक्सागोनल त्रिकोण में नामित किया था।
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LagatarDesk : टेस्ला दुनिया की सबसे मूल्यउवान कंपनियों में से एक है. सोमवार को टेस्लाय के शेयरों में 4 फीसदी से अधिक तेजी आयी. इसके कारण अमेरिकी शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गये. टेस्ला के शेयरों में बढ़त का फायदा एलन को भी हुआ. मस्के की संपत्ति में एक ही दिन में करीब भारी इजाफा हुआ है. अमेरिकी शेयर बाजार में टेस्ला के शेयरों में 4. 38 फीसदी का इजाफा हुआ है. इसकी वजह से मस्क की संपत्ति में 7 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है.
ब्लूमबर्ग बिलिनियर्स इंडेक्स के अनुसार, सोमवार को एलन मस्क की संपत्ति एक दिन में 6. 97 अरब डॉलर यानी करीब 51,928 करोड़ बढ़ गयी. इस बढ़ोतरी के बाद मस्क की संपत्ति में 187 अरब डॉलर हो गयी. इसी के साथ दुनिया के अमीरों की लिस्ट में मस्क दूसरे स्थान पहुंच गये हैं. इस साल उनकी नेटवर्थ 17. 4 अरब डॉलर बढ़ी है.
ब्लूमबर्ग बिलिनियर्स इंडेक्स में ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन के फाउंडर जेफ बेजोस पहले स्थान पर काबिज हैं. बेजोस की नेटवर्थ 213 अरब डॉलर हो गयी है. वहीं तीसरे स्थान पर 172 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ बर्नार्ड आरनॉल्ट तीसरे स्थान पर हैं.
दुनिया के रईसों की लिस्ट में माइक्रासॉफ्ट के को-फाउंडर बिल गेट्स 148 अरब डॉलर के साथ चौथे नंबर पर आ गये हैं. वहीं पांचवें स्थान पर फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग है. इनकी संपत्ति 131 अरब डॉलर है. वहीं 116 अरब डॉलर के साथ छठे स्थान पर लैरी पेज हैं. गूगल के को-फाउंडर सर्गेई ब्रिन 112 अरब डॉलर के साथ सातवें, वॉरेन बफे 102 अरब डॉलर की नेटवर्थ से साथ आठवें, लैरी एलिसन 100 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ नौवें और अमेरिकी बिजनेस मैन स्टीव बॉल्मर 99. 6 अरब डॉलर के दसवें स्थान पर हैं.
एशिया के सबसे रईस शख्स हैं मुकेश अंबानी.
ब्लूमबर्ग बिलिनियर्स इंडेक्स में, एशिया के सबसे अमीर शख्सा मुकेश अंबानी 12 वें पायदान पर हैं. उनकी संपत्ति 78. 9 अरब डॉलर है. सोमवार को मुकेश अंबानी की संपत्ति में 53 करोड़ डॉलर का इजाफा हुआ है. इस साल उनकी नेटवर्थ 2. 17 अरब डॉलर बढ़ी है. अंबानी पिछले साल इस लिस्ट में चौथे पायदान पर पहुंच गये थे.
भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स गौतम अडानी की संपत्ति में भारी गिरावट देखने को मिली है. पिछले एक महीने में अडानी की संपत्ति में 22 अरब डॉलर की गिरावट आयी है. इसके कारण उनकी संपत्ति में 77 बिलियन डॉलर से घटकर 55 बिलियन डॉलर हो गयी है. सोमवार को अडानी की नेटवर्थ में 53. 6 करोड़ डॉलर की गिरावट आयी है. इसी के साथ वे 24वें पायदान पर फिसल गये हैं.
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उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भीड़ ने एक युवक को भैंस चुराने के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला। घटना भोलापुर डिंडोलिया गांव की है, जहां मंगलवार रात करीब 2. 30 बजे चोरी की भैंस के साथ पकड़ा गया युवक ग्रामीणों के हत्थे चढ़ गया। बुधवार सुबह उसकी जिला अस्पताल में मौत हो गई। युवक दुबई में दर्जी का काम करता था। कैंट थाने में युवक के दो दोस्त सहित अज्ञात गांव वालों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट लिखी गई है।
ठिरिया निजावत खां के नत्थू खां का बेटा शाहरुख खां दुबई में दर्जी का काम करता था। करीब 22 दिन पहले वह घर लौटा था। उसके भाई फिरोज के मुताबिक मंगलवार शाम मोहल्ले के माजिद अली, पप्पू सहित एक अज्ञात शाहरुख को अपने साथ ले गए। देर रात तक घर नहीं आया तो वह माजिद के घर पहुंचे तो उसने सुबह आने की बात कही।
बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे उनके पास जिला अस्पताल से फोन आया कि शाहरुख भर्ती है। जिला अस्पताल पहुंचे तो शाहरुख ने बताया कि माजिद और पप्पू घुमाने के बहाने उसे भोलापुर हिंडोलिया ले गए थे। जहां दोनों ने भैंस चुराने की योजना बना ली। उसे कुछ नशे की गोलियां दे दी। रात करीब ढाई बजे दोनों एक घर से भैंस चोरी कर भाग रहे थे, लेकिन मकान मालिक जाग गया। शोर मचाने पर ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया। मजिद और पप्पू भाग गए, लेकिन नशे में होने के कारण वह नहीं भाग सका। ग्रामीणों ने उसे लाठी-डंडों से पीटा। पुलिस ने उसे बचाया और जिला अस्पताल में भर्ती कराया।
भोलापुर हिंडोलिया निवासी गजेंद्रपाल ने शाहरुख, माजिद और पप्पू के खिलाफ भैंस चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई है। कैंट थाने के इंस्पेक्टर धर्मेंद्र गुप्ता ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शाहरुख की लीवर और किडनी फटने से मौत होना आया है। अब ग्रामीणों की पहचान की जा रही है।
पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद भाई फिरोज ने बताया कि उनका भाई दुबई, सूरत और दिल्ली में ही रहता था। वह आर्थिक रूप से कमजोर नहीं है। फिर उनका भाई भैंस चोरी क्यों करेगा। उनके मुताबिक माजिद और पप्पू आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। उन्होंने उनके भाई को फंसवाकर मरवा दिया।
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एक मुट्ठी पुदीने के पत्तियों को ग्राइडर में डालकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इसके बाद इसमें थोड़ा गुलाब जल डालकर अच्छी तरह मिलाकर रात को चेहरे में लगा लें। और रात भर लगा रहने के बाद दूसरे दिन साफ पानी से धो लें। इसके रोजाना इस्तेमाल से आपको फायदा मिल जाएगा।
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आंवला। दबगों ने खेत से चारा लेकर लौट रहे एक व्यक्ति की पिटाई कर दी, जिसमें बचाने आई महिला को भी पीटकर घायल कर दिया। मामले की तीन लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई है। गांव नगरिया सततन के मुरारी लाल ने बताया कि बच्चों को लेकर उनकी पत्नी का देवरानी से विवाद हो गया था। इसी को लेकर वह रंजिश मानने लगे। आरोप है जब वह चारा लेकर घर आ रहे थे तभी रास्ते में आरो पियों ने उसे उसे घेरकर पीटा। शोर सुनकर उनकी पत्नी दौड़कर आई तो दबंगों ने उन्हें लाठी-डंडों से पीट कर घायल कर दिया। जिससे उसके सिर चोट आई है। दूसरी घटना पट्टी कुर्की की है। यहां के अशफाक ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि वह खेत पर गया था तभी वहां नंदगांव के तीन लोगों ने उसे घेरकर गाली गलौज करते हुए पीटा, जिसमें वह घायल हो गया।
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इस मिशन का उद्देश्य महात्मा गांधी को उनकी 150 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि स्वरूप देश में सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज को हासिल करने के प्रयासों में तेजी लाना है।
दो अक्टूबर, 2019 तक खुले में शौच को खत्म करने के लिए अब तक 9 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं और वर्तमान में ग्रामीण स्वच्छता कवरेज भारत के 98 प्रतिशत गांवों तक पहुंच गया है, जो चार साल पहले तक महज 38 प्रतिशत ही था।
फाउंडेशन 24 सितंबर को चौथे वार्षिक 'गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवार्ड्स' का आयोजन करेगा।
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण एशियाई मूल के अमेरिकियों के एक प्रमुख समूह ने मानवाधिकार के कथित हनन का हवाला देते हुये फाउंडेशन को एक खुला पत्र लिखकर इस पुरस्कार की आलोचना की और फाउंडेशन से इसे वापस लेने का आग्रह किया था।
सीएनएन को दिए एक बयान में, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा, "स्वच्छ भारत मिशन से पहले, भारत में 50 करोड़ से अधिक लोगों को स्वच्छता तक पहुंच नहीं थी और अब, उनमें से अधिकांश स्वच्छता के दायरे में आ गए हैं।
अभी भी लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन भारत में स्वच्छता अभियान के प्रभाव पहले से ही दिख रहे हैं।
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कुमकुम भाग्य के प्रशंसकों को पिछले कुछ एपिसोड में प्राची और रणबीर के बीच की केमिस्ट्री के बारें में देखने को मिला। यह शो प्राची और रणबीर उर्फ प्राणबीर के बीच बढ़ती नजदीकियों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जबकि रिया ने अभि के सामने रणबीर के साथ अपने प्यार को कबूल कर लिया है। यह देखा जाएगा कि अभि रिया से वादा करेगा कि वह अपने पिता से बात करके रणबीर के साथ अपनी शादी तय करेगी। दूसरी ओर, प्राणबुरी अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे के लिए अपने प्यार के बारे में बात करेंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्राची एक शो में जल्द ही रणबीर के साथ गड़बड़ करती हुई मिलेंगी। जिस उससे भारी नुकसान पहुंचेगा। हमें आश्चर्य है कि अगर अभि इस बार प्राची को बचाने के लिए कदम बढ़ाएगा और अगर अभि आखिर अपनी बेटियों के बारे में सच्चाई जान लेगा। इस बीच, मगदा चापेकर और कृष्णा कौल अपनी ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री के लिए बहुत प्यार बटोर रहे हैं।
मगदा की बात करें तो, अभिनेत्री ने हाल ही में इस शो में दुल्हन के अवतार ने नज़र आई जिसमे वह बहुत ही खुश लग रही थी। उन्होंने कहा, "दुल्हन बनना हर लड़की का सपना होता है और कुमकुम भाग्य के लिए इतने खूबसूरत ब्राइडल अवतार में सक्षम होना आश्चर्यजनक लगता है। चाहे वह जीवन हो या वास्तविक जीवन, दुल्हन के रूप में सजना हमेशा एक अद्भुत अनुभव होता है जैसा कि आप ऐसा करती हैं। सेट पर सभी को लुक बहुत पसंद आया और मैं वास्तव में इस नए रूप में होने का आनंद ले रही हूं।
जैकी भगनानी ने ब्रिटेन में 'बेल बॉटम' की शूटिंग के बीच गुरुद्वारा में लिया आशीर्वाद!
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फतेहाबाद। शहर के सिरसा रोड पर पाइप फैक्टरी के पास कार चालक ने सड़क पार कर रहे युवक को टक्कर मार दी। जिससे युवक की मौत हो गई। युवक रतिया चुंगी पर मिठाई की दुकान चला रहा था। मामले में शहर पुलिस ने मृतक बीकानेर हाल रतिया चुंगी निवासी राकेश देहडू के रिश्तेदार संदीप पूनिया निवासी रतिया चुंगी के बयान पर कार चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
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नई दिल्ली। Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission ने Forest Guard (वन रक्षक) के पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. सभी उम्मीदवारों से निवेदन है कि इस सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने से पहले रोजगार संबंधी सभी आवश्यक जानकारियां अधिकारिक नोटिफिकेशन में पढ़ लें.
Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission (UKSSSC)
Forest Guard (वन रक्षक)
किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से कृषि या विज्ञान में 12वीं कक्षा पास की हो.
उम्मीदवार की उम्र 18 से 24 साल के बीच हो.
लिखित परीक्षा के आधार पर चयन होगा.
आवेदन करने के लिए उम्मीदवार नीचे दी गयी ऑफिशियल वेबसाइट www. ukpsc. gov. in पर जाकर कर सकते हैं.
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स्नान-दान का पर्व मकर संक्रांति यानी तिल सकरात गुरुवार को मनाया जाएगा। जैसे-जैसे दिन करीब आ रहा है, बाजारों में गुड़, तिल और तिलकुट की सोंधी खुशबू बढ़ती जा रही है। हर तरफ सड़क किनारे तिलकुट, लाई, चूड़ा और तिल की दुकानें सज गई हैं। मकर संक्रांति पर तिल खाने और दान करने की परंपरा है। इस परंपरा को लेकर लोगों ने तिल और तिल की बनी वस्तुओं की खरीदारी शुरू कर दी है। सबसे ज्यादा खरीदारी तिलकुट की हो रही है। मकर संक्रांति के दिन लोग दही, चूड़ा और गुड़ के साथ तिलकुट खाते हैं।
बाजार में कई वेरायटी का चूड़ा मिल रहा है। गोविंद भोग और भागलपुर का कतरनी चूड़ा की मांग अधिक है। इसके अलावा मोटा चूड़ा और पत्ती चूड़ा भी बिक्री हो रही है। सस्ता होने के कारण मोटा चूड़ा और पत्ती चूड़ा निम्न मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों की पहली पसंद है। दुकानदारों के अनुसार मध्यम वर्ग के लोग ज्यादातर गोविंद भोग चूड़ा खरीद रहे हैं। भागलपुर की कतरनी चूड़ा सबसे महंगा है। अभी यह 120 रुपए प्रति किलो बिक रहा है।
बाजार में तिलकुट की भी कई वैरायटी है। आमतौर पर लोग गुड़ वाला तिलकुट और चीनी वाला खस्ता तिलकुट पसंद कर रहे हैं। इसके अलावा खोआ तिलकुट भी बाजार में मिल रहा है। यह गुजिया और कचौड़ी के आकार में है। दुकानदारों की मानें तो एक-दो दिनों बाद धनबाद में बुरादा और केसर तिलकुट भी मिलने लगेगा।
तिलकुट और चूड़ा के अलावा कई तरह के लाई और तिल के लड्डू से पूरा बाजार पट गया है। मकर संक्रांति पर मूढ़ी, चूड़ा और बाजरा का लाई मिल रहा है। इसकी कीमत 80 से 100 रुपए प्रतिकिलो है।
(रुपए प्रति किलो में)
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- Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण?
रिलेशनशिप में फैंटेसी कई लेवल तक जा सकती है। कई बार कपल्स इसके लिए हदें भी पार करने के लिए तैयार हो जाते हैं। इन्ही में से एक है कार सेक्स। कपल्स इसकी प्लानिंग तो करते हैं मगर इससे जुड़ी परेशानियों के बारे में नहीं सोचते, जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है। वो बाद में अनुभव करते हैं कि कार सेक्स केवल फैंटेसी और फिल्मों में ही अच्छी है। आज कुछ ऐसे ही कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जानकर आप कार सेक्स का प्लान कैंसिल कर देंगे।
सुनसान रोड, खाली पार्किंग, बेसमेंट, हाईवे, आप चाहे जो भी जगह चुन लें, आपके पकड़े जाने का डर हर जगह बना रहेगा। भारत में आज भी इंटिमेट रिलेशन को लेकर काफी संकीर्ण सोच देखने को मिलती है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि आपके पकड़े जाने के बाद आपको कितनी शर्मिंदगी झेलनी पड़ेगी।
अगर सही पोजिशन न हो तो आपको कार के अंदर मौजूद चीजों से ही चोट लग सकती है। अगर आप ध्यान न दें तो आपकी कोहनी या सिर चोटिल हो सकता है।
कार के अंदर जगह की कमी रहती है और इस वजह से आप अपने रोमांटिक अनुभव का पूरा मजा नहीं ले पाएंगे। इसमें आपको हिलने-डुलने की गुंजाइश न के बराबर मिलती है।
गाड़ी के अंदर जगह की वजह से आपके पैरों में मरोड़ भी आ सकते हैं। अगर आप अपने इस फैंटेसी के लिए बड़ी कार का इस्तेमाल कर रहे हैं तो शायद पैरों की ऐंठन से बच जाएं।
इंटिमेट रिलेशन के दौरान बॉडी का टेम्परेचर बढ़ जाता है। ऐसे में बंद कार के अंदर आपको घुटन महसूस हो सकती है। अगर ऐसे में आप एसी चलाते हैं तो गाड़ी में चल रही सिचुएशन के बारे में लोग आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं।
नोटः यह सूचना इंटरनेट पर उपलब्ध मान्यताओं और सूचनाओं पर आधारित है। बोल्डस्काई लेख से संबंधित किसी भी इनपुट या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी और धारणा को अमल में लाने या लागू करने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
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देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के शेयर रॉकेट की रफ्तार से भाग रहे हैं. सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को एलआईसी के स्टॉक (LIC Share) तीन फीसदी की तेजी लेते हुए छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गए थे. इससे पिछले कारोबारी सत्र में भी कंपनी के शेयरों में बढ़त देखने को मिली थी.
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयरों में तेजी जारी है और इसके चलते इस स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों के चेहरे भी खिल गए हैं. बीते एक महीने में ही एलआईसी के शेयर 20 फीसदी तक मजबूत हुआ है. वहीं बीते दो दिनों में आई तेजी को देखें तो ये 10 फीसदी की बढ़त में है. कंपनी के शेयरों में ये तेजी ऐसी समय में देखने को मिल रही है, जबकि बीते महीनेभर में बीएसई का सेंसेक्स इंडेक्स (Sensex Index) एक फीसदी तक टूट चुका है.
मंगलवार को भारतीय Share Market में कारोबार के दौरान एलआईसी के शेयरों (LIC Stocks) ने दिनभर बढ़त में कारोबार किया. सुबह 9. 15 बजे 737 रुपये के स्तर पर खुलने के कुछ ही देर बाद इसने 9. 45 बजे 754 रुपये का स्तर छू लिया. ये इसका बीते छह महीने का हाई है. हालांकि, दिन का कारोबार जैसे-जैसे आगे बढ़ा ये बढ़त कम होती गई. लेकिन इसके बावजूद कारोबार के अंत में LIC के स्टॉक्स 0. 52 फीसदी या 3. 80 रुपये की बढ़त लेते हुए 738. 40 रुपये के स्तर पर बंद हुए.
LIC के शेयरों में आई इस तेजी के चलते कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन (MCap) बढ़कर 4. 72 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. बाजार के उतार-चढ़ावों पर पैनी नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स की मानें स्टॉक्स में आई इस तेजी की कई वजह हैं. इनमें सरकार के कम्पोजिट इंश्योरेंस लाइसेंस जारी करने का प्रपोजल, सरकार की एलआईसी हेड के रूप में प्राइवेट सेक्टर से नियुक्ति जैसी तमाम खबरों का असर शामिल है.
इसके साथ ही एलआईसी कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी का विस्तार भी कर रही हैं. इसमें इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन में कंपनी ने अपनी हिस्सेदारी 5 फीसदी से बढ़ाकर 7. 3 फीसदी कर दी है. वहीं कंपनी ने एचडीएफसी एएमसी (HDFC AMC) में भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है.
मंगलवार को बिकवाली के चलते शेयर बाजार (Share Market) में गिरावट देखने को मिली और मार्केट के दोनों इंडेक्स सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान पर बंद हुए. बीएसई का Sensex 103. 90 अंकों की गिरावट के साथ 61,702. 29 अंकों पर बंद हुआ. इस दौरान सेंसेक्स के 30 शेयरों में 11 हरे निशान पर बंद हुए, जबकि 19 शेयर लाल निशान पर कारोबार करते हुए बंद हुए. वहीं दूसरी ओर एनएसई के Nifty ने 35. 15 अंकों की गिरावट के साथ 18,385. 30 अंकों के स्तर पर कारोबार क्लोज किया.
(नोट- शेयर बाजार में निवेश से पहले अपने मार्केट एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. )
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अगर आप एक बजट स्मार्टफोन खरीदने का विचार बना रहे है, तो Honor 8C आपके लिए बेस्ट फोन साबित हो सकता है. यह ऑल-राउंडर स्मार्टफोन है जिसे हर वर्ग के लोग पसंद कर रहे हैं. बता दें कि Honor एक ऐसी कंपनी है जो फोन के हर मोर्चे पर काम करती है. कैमरा, प्रोसेसर और बैटरी के मामले में इसके स्मार्टफोन्स हमेशा ही दमदार और लाजवाब रहे हैं. Honor 8C उन्हीं में से एक है.
कंपनी ने ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए Honor 8C में 13MP का प्राइमरी रियर कैमरा दिया है. इसमें 2MP का डेप्थ कैमरा भी दिया गया है. इसके फ्रंट पैनल पर 8MP का सेल्फी कैमरा है. यह फोन सिंगल LED फ्लैश के साथ आता है। Honor 8C का प्रोसेसर काफी दमदार है. यह दुनिया का पहला फोन है जो स्नैrपड्रैगन 632 8x 1. 8GHz क्वापलकॉम क्रयो 250 सीपीयू से लैस है.
इस प्रोसेसर के इस्तेमाल से स्मार्टफोन के परफॉर्मेंस में 40 फीसदी का इजाफा हो जाता है. प्रोसेसर के साथ ग्राफिक के लिए इसमें एड्रेनो 506 जीपीयू भी दिया गया. इससे स्पीड और मल्टीटास्किंग में दिक्कत नहीं आती और गेम खेलने का अनुभव शानदार रहता है. इसके अलावा कंपनी ने Honor 8C को गेमर्स की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसमें 'Do Not Disturb' मोड भी दिया गया है. इसकी मदद से आप बिना किसी बाधा के गेम का मजा ले सकते हैं. Honor 8C एंड्रॉइड 8. 1 ओरियो पर आधारित EMUI 8. 2 कस्टम रॉम पर चलता है.
EMUI में कई पावर सेविंग फीचर हैं. इनमें से एक फीचर बैटरी कम होने पर स्क्रीन रिजॉल्यूशन और कम कर देता है. कनेक्टिविटी के लिए इसमें Wi-Fi, ब्लूटूथ 4. 2, GPS, ग्लोनास, माइक्रो-यूएसबी पोर्ट और 3. 5mm का हेडफोन जैक दिया गया है. इसमें दो नैनो सिम और माइक्रोएसडी कार्ड के लिए ट्रिपल कार्ड स्लॉट दिया गया है. फोन को पावर देने के लिए Honor 8C में 4000mAh की बैटरी दी गई है, जो 5V/2A चार्जिंग सपोर्ट के साथ आती है.
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वार्ता विरमपुरः पश्य सरले ! वयस्यस्ते सोऽय स्मितमधुरिमोन्मृष्टवदनः । भुजस्तम्भोल्लासादभिमतपरीरम्भरमसः स्मरक्रीडासिन्धुः क्षिपति मयि बन्धूककुसुमम् ।।११२।।
टीका प्रतिभावनावशात् पश्यन्तीराह व्यतीतेति । हे सरले हे उदारे इय कथ्यमाना अतीता पूर्वभूता वार्ता विरमतु विष्ठतु, पुरोऽयं पश्य सोऽयं य एवं कथितः सोऽयमितमधुरिमोन्मृष्टबदनः सन् स्मितस्य मधुरिमाधुर्ये तन्मृष्ट बढ़नं यस्य, मयि बन्धककुसुमं चिपति । बन्धूककुसुमसदृशोऽधरोऽत्र वाच्यः । कीदृशः भुजम्तम्भोल्लासात् भुजावेबस्तम्भौ तयोरुल्लसत् हर्षात अभिमतोऽभष्टः अनुमितोऽभीष्टः अनुमितो वा अर्थान्मया मनोऽनुकुलो यः परिरम्भः आलिङ्गनं तन्त्र रभसो यस्य सः । कोहक स्मरेति कामक्रीडासमुद्रः अपरिमितक्रीडाशलिस्वाद । "ईषद्विकाशि बढ़नं किमतं स्यात् स्पन्दिताधरः" । "सर्व्वावस्थाविशेषे तु माधुर्य रमणीयता इति" ।११२॥
अनुः - - हे सरले ! तुम इन श्रीकृष्ण की कपटपूर्ण बातें नहीं जानती हो, अन्तु जो वीत चुकी उन्हें रहने दो, अव वर्तमान काल में ही देखलों, वह काम केलि सागर प्रसिद्ध तुम्हारे सखा, जिनका मुख मन्दहास्य की माधुरी से मण्डित है, वे अभिमत आलिङ्गन की अभिलाषा से आनन्दित हो, जिनके स्तम्भ सदृश बाहु युगल हर्ष से उल्लसित हैं, अपनी अभिलाषा सुझ पर प्रगट करने के बहाने से बन्धूक पुष्पों को मेरी ओर फेंक रहे हैं अर्थात् मेरे मन को बन्धन में डाल रहे हैं। पूर्वराग दशा में रति उद्बोधन कारण-रूप स्वाभियोग-भड़ी इस पद्य से प्रगट होता है ।। ११२।।
मिलनव्यानपथ, मानि चित्त सुविकास । राखति राधा प्राण निज, किये दरस को आस ।।११२।। मूल की भाषा पद्य - कृपय हे ललिते ! वीती बातें हरि की आगे लखि तब वयस समान मधुरता खरी ।। ऐसी मन्द हसनि सो सोहत मुख प्रति अनुत । मुजस्तम्भ रस रास रसिक दृढ़ आलिंगन युन ।। कन्दर्प केलि सागर अगम तरन कुशल उत्साह् बरि । बन्धूकं कुसुम मम और को फेंकत रति की चाह करि॥ १११ ।। सारांश सोरठा
ध्यानहि माहि सुजान करि समक्ष हरि आप को । राखे राधा मान प्रकट दरस की चाह सो ॥११॥
तदुत्तिष्ठ ब्रीडावति निविड़मुक्तालतिक्रया बधाने धू सखि ! मधुपुरीं याति न यथा । इति प्रेमोन्मोलद्भवदनुभवारूढजड़िमा सखीनामान्कन्दं न किल कतिशः कन्दलयति ।। ११३ । का- "इस वध्वात्र स्थापये" त्युपदिशति- है वोडावति लज्जायुक्त यमेव मो हुनु हुः पञ्चयति तत्तस्मात् इमं धूर्त निबिडमुक्तालतिदृढ़तरमुक्ताळतथा तथा वधान "दे सखि ! उत्तिष्ठ । यथा मधुपुरों याति" "अन्योऽपि पर पुनने मवति" नवा स्थापय तिध्वनि । इति अनेन क्रमेण मेमोन्नोलदनुभवारूदजडिमेयं किल तयां सखीनामाकन्दं शब्दकन्दनं कविशः कतिवारान् न कन्दजयति |
आपको बता दें कि पूजा भट्ट ने अपने ट्वीट में लिखा था- मैं पिंक जैसी फिल्म की याद दिलाने में मदद नहीं कर सकती। क्या सिल्वर स्क्रीन पर दिखने वाली इमेज को रियलिटी में नहीं लाया जा सकता। हालांकि, बिग बी तरफ से तो इस कमेंट पर कोई रिएक्शन नहीं आया। लेकिन उनके फैंस ने पूजा को जरूर ट्रोल कर दिया।
हरिद्वार में बारिश का कहर, जलमग्न हुआ 'हरि का द्वार'
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धर्म को भावना भारतीय सभ्यता एव सस्कृति को अब तक जीवित रखने का एक प्रधान कारण रही है।
(५) धार्मिक सहिष्णुता एवं वसुधैव कुटुम्बकं को भावना - धार्मिक सहिष्णुता हिन्दू संस्कृति की अपूर्व विशेषता है। भारतीय दर्शनशास्त्रों के अनुसार मनुष्य के लिए एक ही मार्ग नहीं है। व्यक्तिगत विकास, भपनो समझ और मनोदशा के विभिन्न अनुसार मार्ग अपनाये जा सकते हैं। हमारे यहाँ ईश्वर को प्राप्त करने के लिए ज्ञानमार्ग भी है, भक्तिमार्ग भी है, वर्म मार्ग भी है और योगमार्ग भी है। जिसकी जैसो क्षमता हो, जैसी रचि हो, जैसी योग्यता हो वह उसी के अनुसार चाहे जिस मार्ग को अपना सकता है। हमारे यहां निराकार ईश्वर को उपासना का भी विधान है तो साकार रूप में परमेश्वर की भक्ति करने की बात भी कही गई है। वेदान्त का अईतवाद, बोद्ध धर्म का अनीश्वरवाद तथा चार्वाक वा भौतिक नास्तिकवाद सबका हमारे धर्म मे समन्वय हो गया है । धार्मिक क्षेत्र मे जितनी सहिष्णुता तथा भाचरण को स्वतन्त्रता हमारे देश में रही उतनी कभी भी कहीं नहीं रही होगी । भारतवामी सदा से धार्मिक मामलों में बड़े उदार रहे हैं । उन्होने के पीरपैगम्बरो का भी आदर किया है और ईसा तथा मूमा । दोनो हो उनको दृष्टि मे पूज्य रहे हैं ।
भारतीय संस्कृति धार्मिक सहिष्णुता, शातिप्रियता एवं मानसिक उदारता
! के लिए ग्राज भी विश्व विश्रुत है। भारतीय सभ्यता ने "जीमो और जीने दो" को
भावना को ग्रहण किया है, विश्व के हर भाग के वासो को अपना बन्धु कहकर पुकारा है, उससे बानियन किया है । माघरणतया विश्व के दूसरे देशो और सम्प्रदायों में स्वम को उत्कृष्ट तथा दूसरो को होन समझने की सकीर्ण वृत्ति रही है। सेकिन भारतीय सभ्यता दूसरों का पतन देखकर नहीं, वरन् प्रगति देखकर प्रसन्न होती रही है, दूतरों का सम्मान करने मे सदैव भागे रही है। भाज भी भारत के नैतिक |
पिता पूर्व सीआरपीएफ और पति मेघालय पुलिस का अधिकारी होने के बावजूद राष्ट्रीय नागरिक पंजी(एनआरसी) की अंतिम सूची में एक महिला का नाम शामिल नहीं हैं। पूरा परिवार चिंतित है कि यह कैसे हो सकता है। महिला अपने खुद सवाल कर रही है आखिर कब तक उसे भारतीय होने के सबूत देने होंगे। महिला का नाम आशा पुरकायस्थ है। उसके पति विश्वजीत पुरकायस्थ मेघालय पुलिस में हैं, जबकि पिता विद्याभूषण विश्वास अर्द्धसैनिक बल सीआरपीएफ में अपनी सेवा दे चुके हैं।
परिवार असम के बराकघाटी के सिलचर से है। आशा ने सिलचर से अपना दावा पेश किया था। परिवार के सभी लोगों के नाम शामिल हैं किंतु उसका नहीं है। आशा ने संवाददाताओं को बताया कि उनके पति और दोनों बेटियों के नाम एनआरसी में शामिल हैं। मायके में उनके पिता, तीन भाई और भाभियों के नाम भी अंतिम सूची में है। उसने एनआरसी की प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसका ही कैसे नाम छूट गया।
आशा का कहना है कि वह अपने पति के साथ शिलांग में रहती है। बार-बार सिलचर जाना संभव नहीं। एनआरसी के लिए और कितनी उसे भागदौड़ करनी होगी, यह सोचकर वह परेशान है।
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PATNA : आज पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (पहल) के द्वारा पटना में "डा० के० के० शरण स्मृति चिकित्सक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बिहार के जाने माने चिकित्सक शामिल हुए।
वहीँ समारोह में नेत्र विभाग, पटना मेडिकल कॉलेज के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो० डा० अखोरी, एस. बी. सहाय, पूर्व शिशु रोग विभागाध्यक्ष, नालंदा मेडिकल कॉलेज के प्रो० डा० अजीत कुमार पाण्डेय एवं कनाडा के वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डा० अन्नदा कुमार पाण्डेय को "डा० के० के० शरण स्मृति चिकित्सक सम्मान" वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डा. आर. के. पी. सिन्हा एवं पूर्व सिविल सर्जन तथा रोटरी क्लब के पूर्व अध्यक्ष डा० शंकरनाथ तथा वरिष्ठ हड्डी रोग विशेषज्ञ डा० आर० आर० प्रसाद के द्वारा स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्रम् प्रदान कर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पब्लिक अवेयरनेस फॉर हेल्थफुल एपरोच फॉर लिविंग (पहल) के चिकित्सा निदेशक एवं वरिष्ठ फिजिशियन डा. दिवाकर तेजस्वी ने बताया कि "पहल" द्वारा विगत 20 वर्षो से समय-समय पर स्वास्थ्य जागरूता कार्यक्रम एवं निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर लगाये जाते रहे हैं। साथ ही ग्राम-वीर, पटना में अक्षर ज्ञान कार्यक्रम, कम्प्यूटर सिलाई प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहें है।
धन्यवाद ज्ञापन शिशु रोग विशेषज्ञा डा० किरण शरण ने किया। इस अवसर पर स्मृति अभिजित, नंदनी शरण, डा० दीपिका तेजस्वी, डा० अश्वनी कुमार सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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देवदेवाधिदेवस्य माहात्म्येन हि मोदितैः । पुष्पैः फलदलैर्देव वनराजी विराजिता ॥ ३७ क्षीरजललवन्ता हि नन्दिनीनन्दिता जनाः । सरित्सरोवरा ह्रदायास्तोयैश्च परिपूरिताः ॥३८ श्रुत्वा देवागमं राज्ञां जयशब्दसमुत्थिताः । पदानि सप्त गत्वा हि जिननाथो नमस्कृतः ॥३९ कृतमानन्दभेरीणां शब्दं यात्रोत्सवेन च । भव्यानामानन्दजननं रिपूणां भयकारणम् ॥४० राजभी रथसङ्घातर्भूत्यैश्च परिवारितः । वारणस्कन्धमारूढो निर्गतोऽयं महीश्वरः ॥४१ जलगन्धाक्षतैः पुष्पैदपैधू पफलान्वितैः । जिनयात्रोत्सवैः सर्वेर्जनैर्नागरिकैः सह ॥४२ व्रजन्ती वाहिनी तत्र यत्र बोरजिनेश्वरः । क्वापि क्वापि जिनेन्द्रस्य कथयन्ति पुरा कथाः ॥४३ गर्भावतरणं क्वापि क्वापि कम्पनम् । क्वापि निःक्रमणं चैव कापि केवलदर्शनाम् ॥४४ अद्रि समुत्थितं दृष्टं यक्षराजविनिर्मितम् । प्राकार खातिकावल्लो वनराजविराजितम् ।।४५ मानस्तम्भैर्महाचंन्द्रेर्गोपुरेस्तोरणान्वित । सङ्गीतवानृत्यैश्च नाटचस्यानैः सुशोभितैः ॥४६ चैत्यवापीवरैवृक्षः पुष्पेत्तैश्च विराजितम् । स्थानैदशभिर्युक्तं पोठत्रितयशोभितम् ॥४७ गणवाकल्पवासीनां युवतिप्रमुखाङ्गनाः । ज्योतिषका व्यन्तरॉ नारी भावन्लारी तु पेष्ठमे ॥१८ ज्योतिष्का व्यन्तरा देवा भावना कल्पवासिनः । मनुजास्तियंगा प्रोक्ताः कोण्ठद्व । दशभिः क्रमात् ॥४९ प्रविश्य राजा प्रविलोक्य देवं जयादिशब्दैः स्तुतिनुच्चचार । ननाम राजेश्वरवृन्दवन्धं सिंहासनस्योपरि संस्थितं च ॥ ५०
वनपालने सर्वऋतुके फल-पुष्प भेंट करके राजाको नमस्कार किया ।।३४-३६।। और निवेदन किया ~~ हे देव, देवाधिदेव जिनेन्द्रदेव के माहात्म्यसे प्रमोदको प्राप्त पत्रों, पुष्पों और फलोंसे वनराजि शोभायमान हो रहा है, आनन्दको प्राप्त गायें दूधको जलके समान बहा रही हैं, सर्वजन प्रसन्न हो रहे हैं, तथा नदियाँ, सरोवर और हृद जलसे भरपूर हो गये हैं ॥३७-३८।। तीर्थंकरदेवका आगमन सुनकर राजा श्रेणिकने जय-जयकार शब्द किया और सात पग आगे जाकर जिननाथको नमस्कार किया ।।३९।। राजाने यात्रोत्सवकी सूचना देनेवाली आनन्दभेरी बजवाई, जिसका शब्द भव्यजीवोंको आनन्द-जनक और शत्रुओंको भय-कारक था ।॥४०॥ शोभायमान रथोंक समूहोंसे और सेवकजनोंसे घिरा हुआ महावीर श्रेणिक हाथोके कन्धे पर बैठकर प्रभुकी वन्दना के लिए निकला ।॥४१॥ जल, गन्ध, अक्षत, पुष्प, दीप, धूप और फलोंसे युक्त सभी नागरिकजनोंके साथ जिनयात्राके उत्सव में जाती हुई सेना वहाँ पहुँची जहाँपर कि वीर जिनेश्वर विराजमान थे। वहीं कहीं पर लोग जिनेन्द्रदेवको पूर्वभवको कथाओंको कह रहे थे, कड़ों पर गर्भावतरणको, कहीं पर मेरुके कॅपानेकी, कहीं पर निष्क्रमण-कल्याणकी और कहीं पर केवलज्ञानके पानेको लोग कथा कह रहे थे ॥४२-४४॥ वहाँ पर यक्षराज कुबेरके द्वारा निर्मित उन्नत पर्वत दिखाई दिया, जो कि प्राकार, खातिका, चल्ली और वनराजिसे सुशोभित हो रहा था ।।४५।। महान् चन्द्रोंसे युक्त मानस्तम्भोंसे, तोरणोंसे युक्त गोपुरोंसे, संगीत, वाद्य, नृत्य, और सुशोभित नाट्यस्थानोंसे, तथा चैत्य, वापी, श्रेष्ठ वृक्षोंसे, नानाप्रकारके पुष्पोंसे वारह सभाओंसे और तीन पीठ से सुशोभित समवशरणको देखा ॥४६-४७॥ उन बारह सभा-प्रकोष्ठोंमें क्रमसे गणधर आदि मुनिजन, आर्यिका प्रमुख स्त्रियाँ, कल्पवासिनी देवियाँ, ज्योतिष्क देवियाँ, व्यन्तर देवियाँ भवनवासिनी देवियाँ, ज्योतिष्क देव, व्यन्तरदेव, भवनवासी देव, कल्पवासी देव, मनुष्य और तिर्यंच बैठे हुए थे ॥४८-४९॥ उस समवशरणमें राजा श्रेणिकने प्रवेश करके और श्री जिनदेवको देखकर जय-जय आदि शब्दों से स्तुतिका उच्चारण किया और सिंहासनके ऊपर विराजमान राजेश्वर-समूहसे वन्दनीय प्रभुको नमस्कार किया ॥५०॥ अशोक वृक्ष, दिव्यध्वनि, सुगन्धित पुष्पवृष्टि, दुन्दुभिनाद, तीन छत्र, |
लेनोवो के स्वामित्व वाली कंपनी मोटोरोला आज भारत में एक और दमदार फोन Moto G5S Plus लॉन्च करने जा रही है। मोटो जी5एस प्लस एक्सक्लूसिव तौर पर अमेजॉन से होगी। फोन की लॉन्चिंग अमेजॉन पर दोहपर 12 बजे से लाइव देखी जा सकती है। खबर यह भी है कि मोटो जी5एस की बिक्री ऑफलाइन भी होगी। Moto G5S Plus एक डुअल कैमरा सेटअप फोन है।
फोन में डुअल सिम सपोर्ट, एक अपडेट के बाद एंड्रॉयड नूगट 7. 1. 1, 5. 5 इंच की फुल एचडी डिस्प्ले, ऑक्टाकोर क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 625 प्रोसेसर है। फोन दो वेरियंट 3GB रैम/32GB स्टोरेज और 4GB रैम/64GB स्टोरेज में मिलेगा।
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फोन में डुअल रियर कैमरा सेटअप होगा जिनमें दोनों कैमरे 13 मेगापिक्सल के होंगे। वहीं फोन में 8 मेगापिक्सल का फ्रंट कैमरा है। इसके अलावा फोन में 4G VoLTE, Wi-Fi 802. 11 a/b/g/n, Bluetooth 4. 1, GPS, Micro-USB, 3. 5mm ऑडियो जैक और 3000mAh की बैटरी है। फोन के होम बटन पर फिंगरप्रिंट सेंसर होगा। फोन की कीमत 22,700 रुपये हो सकती है।
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पिछले साल नवंबर में एक वेबसाइट से बात करते हुए गौरी लंकेश ने कहा था कि जब उन्हें किसी दोस्त ने फोन पर बताया कि वे ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं तो उन्हें इस बात पर आश्चर्य हुआ था। उन्होंने कहा था कि वह इंटरनेट से बहुत ज्यादा जुड़ाव नहीं रखतीं, इसलिए उन्हें ताज्जुब हुआ। लेकिन जब उन्होंने वह सारे ट्रेंड देखे तो वह अवाक रह गयी थीं। और इस विचार से ही उन्हें हंसी आ गयी थी कि मानहानि के एक मुकदमे से वे ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं। यह तब की बात है जब उन्हें मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराया गया था।
लेकिन करीब नौ महीने बाद मंगलवार शाम उनका नाम फिर से ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है. . . #gaurilankesh. . . यह वह हैशटैग है जिसमें गुस्सा है, शोक है, आक्रोश है, लोकतंत्र की हत्या की खबर है, असहमति की आवाजें हैं, लोकतांत्रिक मूल्यों के खत्म हो जाने की आहट है, असहिष्णुता के दानव की विकरालता है, पत्रकारीय मानदंडों और मानवाधिकारों की आवाज उठाने का साहस है।
यह हैशटैग इस बात का प्रमाण है कि मानवाधिकार की बात करना और फर्जी एंकाउंटर के खिलाफ बोलना किसी को कैसे माओवादी करार दे देता है। ये हैशटैग इस बात का भी प्रतीक है कि हिंदुत्व और जातिवाद की आलोचना कितना बड़ा अपराध है। और साथ ही द्योतक है कि किस तरह आप हिंदुओं से नफरत करने वाले करार दे दिए जाते हैं जब आप जातीय आधार पर लोगों को बांटने और ध्रुवीकरण का विरोध करते हैं।
यह हैशटैग हमें याद दिलाता है कि हम उस दौर में जी रहे हैं जहां 'भक्त' एम एम कलबुर्गी की हत्या का स्वागत करते हैं और डॉ यू आर अनंतमूर्ति की मौत का जश्न मनाते हैं। ये उस वक्त की याद दिलाता है जहां 'भक्त' अपने सुप्रीम नेता और उनकी विचारधारा का विरोध करने वालों को निशाना बनाते हैं और उनकी आवाजें खामोश करते हैं।
इसी हैशटैग में ये संदेश भी है कि उदारवादी, वाम विचारधारा के पत्रकार और पत्रकारिता निरंतर 'भक्तों' के निशाने पर है। ये इस बात का भी संदेश है कि लोकतंत्र का चौथा खंभा यानी पत्रकारिता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कितना बड़ा खतरा आन खड़ा हुआ है।
गौरी लंकेश ने 2005 में अपना साप्ताहिक पत्र गौरी लंकेश पत्रिके के नाम से शुरु किया। इसी साप्ताहिक में 2008 में प्रकाशित एक खबर ने उन्हें अदालत के कटघरे में खड़ा कर दिया और उन्हें जेल की सजा तक सुनायी गयी। फैसले के बाद उन्हें जमानत और ऊंची अदालत में अपील के लिए वक्त मिल गया। जिस खबर के लिए उन्हें सजा सुनायी गयी उसमें लंकेश ने लिखा था कि बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं ने एक सुनार को एक लाख रुपए की चपत लगायी थी। लंकेश के मुताबिक ये खबर कर्नाटक के दूसरे अखबारों में भी छपी थी, लेकिन मुकदमा सिर्फ उनपर किया गया।
गौरी लंकेश ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा था कि ये खबर बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से लिखी गयी थी। लंकेश के मुताबिक दरअसल ये मुकदमा उनकी खबर को लेकर कम बल्कि उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को लेकर ज्यादा था। यहां बताना जरूरी है कि गौरी लंकेश पत्रिके सरकार विरोधी रुख के लिए जाना जाता है और सामाजिक कार्यकर्ता के नाते गौरी लंकेश की चिंताओँ को दर्शाता है। इस साप्ताहिक में विज्ञापन नहीं छपते हैं और इसका खर्च गौरी लंकेश के दूसरे प्रकाशनों से आता है। दूसरे प्रकाशन साहित्यिक और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पुस्तकें छापते हैं।
इस मुकदमे में सबसे दिलचस्प बात यह रही कि जिस सुनार के बारे में खबर थी उसने अदालत के बाहर बीजेपी नेताओं से समझौता कर लिया। लेकिन अदालत ने इस तथ्य पर ध्यान ही नहीं दिया। वेबसाइट से बातचीत में गौरी लंकेश ने कहा था कि आज के दौर में जब भी कोई मानवाधिकारों की बात करता है तो उसे माओवादी बता दिया जाता है। उन्होंन कहा था कि लेकिन पत्रकार और एक स्वतंत्र नागरिक होने के नाते उनका कर्तव्य है कि वह हर गलत काम के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने बताया था कि इस मुकदमे में दोषी करार दिए जाने के बाद वह किस तरह ट्विटर पर ट्रेंड कर रही थीं और उन्हें उस पर हंसी आयी थी। उन्होंने कहा था कि वक्त आ गया है जब आपराधिक मानहानि के कानून को खत्म कर देना चाहिए।
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Sharda suman (चर्चा । योगदान)
अनिल जनविजय (चर्चा । योगदान)
।(इसी सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
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।पाँच उपन्यास - 'माई`, 'हमारा शहर उस बरस`, 'तिरोहित`,'ख़ाली जगह' और 'रेत-समाधि'। पाँच कहानी संग्रह - 'अनुगूँज`,'वैराग्य`,'मार्च, माँ और साकूरा', 'यहाँ हाथी रहते थे' और 'प्रतिनिधि कहानियाँ'।
।दिल्ली की हिन्दी अकादमी ने गीतांजलि श्री को सन 2000-2001 के साहित्यकार सम्मान से अलंकृत किया। 1994 में उन्हें अपने कहानी संग्रह 'अनुगूँज' के लिए यू०के० इन्दु शर्मा कथा सम्मान से सम्मानित किया गया। इसके अलावा इनको द्विजदेव सम्मान और जापान फाउण्डेशन, चार्ल्स वॉलेस ट्रस्ट, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय और नॉन्त स्थित उच्च अध्ययन संस्थान की फ़ेलोशिप मिली है। ये स्कॉटलैण्ड, स्विट्ज़रलैण्ड और फ्रांस में 'राईटर इन रेज़िडेंसी' भी रही हैं। सन 2022 में इन्हें अन्तरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। लेखिका गीतांजलि श्री अन्तरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार पाने वाली हिन्दी की पहली लेखक हैं।
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Read Latest Bollywood News: बॉलीवुड के 'भाईजान' सलमान खान (Salman Khan) फिल्म 'कभी ईद कभी दीवाली' (Kabhi Eid Kabhi Diwali) को लेकर काफी उत्साहित है। इसी बीच इस फिल्म से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही हैं।
Salman Khan's next film 'Kabhi Eid Kabhi Diwali': बॉलीवुड के 'भाईजान' सलमान खान (Salman Khan) 'राधेः योर मोस्ट वॉंटेड भाई' को लेकर चर्चा में बने हुए है। ये फिल्म इस साल ईद पर रिलीज होने वाली है। इस फिल्म में सलमान खान बॉलीवुड की यंग एक्ट्रेस दिशा पाटनी के अपोजिट दिखाई देंगे। सलमान खान 'राधेः योर मोस्ट वॉंटेड भाई' अलावा 'कभी ईद कभी दीवाली' (Kabhi Eid Kabhi Diwali) को लेकर भी सुर्खियों में बने हुए है। ये फिल्म अगले साल यानी ईद 2021 पर रिलीज होने वाली है। इस फिल्म को लेकर सल्लू मियां काफी उत्साहित है। हाल ही में मेकर्स ने 'कभी ईद कभी दीवाली' को लेकर बड़ा खुलासा किया था।
खैर, पूजा हेगड़े (Pooja Hegde) ने मोहेनजोदारो से अपना बॉलीवुड डेब्यू किया था। इस फिल्म में वो ॠतिक रोशन के अपोजिट दिखाई दी थी। इसके बाद वो सुपरहिट फ़्रैंचाइजी हाउसफ़ुल की चौथी किश्त में अहम किरदार में नजर आई। इस फिल्म में ॠतिक रोशन के साथ पूजा हेगड़े की जोड़ी अच्छी लगी थी। दर्शकों ने दोनों की केमेस्ट्री को बहुत पसंद किया था।
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बिलासपुर - थानों में हथियार जमा नहीं करवाने वालों के खिलाफ पुलिस विभाग अब चुनाव आयोग के नियमानुसार कार्रवाई करेगा। इस कार्रवाई से बचने के लिए पुलिस ने सभी को आखिरी मौका दिया है कि जल्द ही लोगों ने हथियार संबंधित थानों में जमा न करवाएं, तो उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जाएगी। जानकारी के अनुसार जिलाभर में कुल 6134 लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं। बार-बार सूचित करने के उपरांत भी अभी तक जिला में 4800 लोगों ने अपने लाइसेंस शुदा हथियार थानों में जमा करवाए हैं, जबकि 1334 लोगों ने हथियार अभी तक घरों में ही रखे हैं। ऐसे में मियाद खत्म होने के बाद आने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस एक्शन लेने की तैयारी में जुट गई है। विभाग ने लिस्टिंग करना शुरू कर दिया है। एसएसपी अशोक कुमार ने थाना प्रभारियों को भी जल्द हथियार एकत्रित करने के निर्देश दिए है।
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शनिवार रात कर्नाटक के ओल्ड हुबली में पुलिस स्टेशन में देर रात हुए पथराव पर एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को कहा कि, कर्नाटक के हुबली में ओल्ड हुबली पुलिस स्टेशन में हुए पथराव के सिलसिले में छह मामले दर्ज किए गए, जिसमें चार पुलिसकर्मी घायल हो गए। हिंसक कृत्य में शामिल 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच जारी है।
एएनआई से बात करते हुए, हुबली-धारवाड़ के पुलिस आयुक्त लाभू राम ने कहा, कल रात ओल्ड हुबली पीएस में एक मामला दर्ज किया गया था, जहां एक व्यक्ति के खिलाफ सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड करने के लिए शिकायत दर्ज की गई थी, आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने कहा, पुलिस थाने के बाहर जमा भीड़ ने पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। भीड़ ने पुलिस अधिकारियों पर पथराव भी किया।
छह मामले दर्ज किए गए और इस हिंसक गतिविधि में शामिल 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया। मामले की जांच जारी है। ऐसी खबरें हैं कि भीड़ ने आपत्तिजनक व्हाट्सएप स्टेटस रखने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शनकारियों द्वारा पास के हनुमान मंदिर और एक अस्पताल से पथराव करने की भी खबरें हैं। पथराव की घटना के बाद शहर में धारा 144 लागू कर दी गई।
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।ग्राम क्रमांक :
।ग्राम का नाम :
।तहसील :
।जनपद :
।फसली वर्ष :
।भाग :
।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.)
।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद )
।1क(क) - रिक्त ( नदारद )
।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद )
।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। ( नदारद )
।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद )
।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद )
।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद )
।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद )
।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद)
।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद )
।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद )
।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद )
।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद )
।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ ।
।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। ( नदारद )
।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद )
।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद )
।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद )
।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि ।
।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो।
।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो । ( नदारद )
।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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मध्यप्रदेश में गुरुवार को दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। यह हादसा मध्य प्रदेश के रीवा जिले में हुआ है।
भोपालः मध्यप्रदेश में गुरुवार को दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। इस हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई है जबकि 30 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। यह हादसा मध्य प्रदेश के रीवा जिले में हुआ है। दरअसल रीवा में यात्रियों से भरी एक बस और ट्रक के बीच भीषण टक्कर हुई। इस भीषण हादसे बस में सवार 15 लोगों की मौत हो गई है तो वहीं 30 से अधिक लोग घायल हैं। बताया जा रहा है कि बस के अंदर अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं। ये दर्दनाक हादसा गुरुवार सुबह हुआ है।
यह भी पढ़ें. . . खुशखबरी! समाज के इस तबके को मोदी सरकार देने वाली है राहत, जानिए क्या?
हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पहुंची है और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, तो वहीं बस फंसे लोगों को निकालकर इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि बस में करीब 50 से ज्यादा यात्री सवार थे। जानकारी के मुताबिक ट्रक और बस के बीच जबरदस्त टक्कर हुई जिसकी वजह से बस पलट गई। घायल यात्रियों ने बताया कि डा्रवर बस को तेज रफ्तार से चला रहा था। इस दौरान वह अपना नियंत्रण खो दिया और बस सड़क किनारे खड़े ट्रक में जाकर भिड़ गई। जबरदस्त हादसे में बस परखच्चे उड़ गए जिससे ड्राइवर और आगे बैठे यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई।
रीवा में बुधवार को हुए एक अन्य सड़क हादसे में तीन लोगों ने अपनी जान गंवा दी। बुधवार दर्दनाक सड़क हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई थी। एक मिनी ट्रक ने बाइक को टक्कर मार दी जिस कारण बाइक सवार तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
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(एसआरपीएफ) 1 हजार 201 पद इस तरह कुल 18 हजार 331 पदों की मेगा पुलिस भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई है. यह अब तक की महाराष्ट्र की सबसे बडी भर्ती में मुंबई में सबसे अधिक 7 हजार 76 पुलिस कांस्टेबल पद की भर्ती प्रक्रिया होगी. नए से निर्माण हुए मीरा भाईंदर पुलिस आयुक्तालय में पहली बार पुलिस भर्ती की प्रक्रिया हो रही है. महाराष्ट्र में पुलिस भर्ती प्रक्रिया 3 नवंबर से शुरु होने वाली थी लेकिन आयु वृध्दि के मुद्दे से भर्ती प्रक्रिया कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दी गई. इसके बाद उम्मीदवारों को 2 वर्ष की आयु वृध्दि देकर यह प्रक्रिया 9 से शुरू की गई. पुलिस कांस्टेबल पद के लिए ऑनलाइन फार्म करने की अवधि 9 से 30 नवंबर तक 21 दिनों की है.
पुलिस कांस्टेबल पद के लिए प्रथम 50 अंकों की शारीरिक टेस्ट परीक्षा, 100 अंकों की लिखित परीक्षा ली जाएगी. यह लिखित परीक्षा मुंबई छोड़कर अन्य सभी जिलों में पुलिस घटकों की एक ही दिन आयोजित की जाएगी. इस शारीरिक टेस्ट में लगभग 50 प्रश. अंक हासिल करने वाले उम्मीदवार 110, प्रमाण में 100 अंक लिखित परीक्षा के लिए पात्र होंगे. लेखित परीक्षा में भी लगभग 40 प्रश. अंक हासिल करना अनिवार्य किया गया है. इस तरह उम्मीदवारों का अंतिम चयन शारीरिक टेस्ट व लेखित परीक्षा में भी लगभग 40 प्रश. अंक हासिल करना अनिवार्य किया गया है. इस तरह उम्मीदवारों का अंतिम चयन शारीरिक टेस्ट व लिखित परीक्षा में कुल 150 अंकों में से किया जाएगा.
हर वर्ष भर्ती प्रक्रिया में पुलिस प्रशासन द्वारा खामी संबंधी जानकारी दी जाती है. इस वर्ष की भर्ती प्रक्रिया में भी कागजपत्रों संबंधी एक सूचना दी गई है. जिसमें नॉन क्रिमिलेअर प्रमाणपत्र 1 अप्रेल 2021 से 31 मार्च 2022 इस आर्थिक वर्ष का हो, अन्यथा चयन रद्द किया जाएगा. ऐसी सूचना देने से महाराष्ट्र के उम्मीदवारों में भ्रम निर्माण हो गया है. जिससे अब नवंबर 2022 में गत वर्ष के कागजपत्र कैसे निकाले ? शासन ने तत्काल नॉन क्रिमिलेअर की अवधि में परिवर्तन कर शुध्दीपत्रक जारी करें. ऐसी मांग की जा रही है.
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