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हरियाणा के अंबाला जिले में शराब ठेके के कारिंदे ने संदिग्ध परिस्थितियों में फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है। सेक्टर-9 थाना पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को फंदे से नीचे उतारा और कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस में रख दिया। पुलिस को मृतक के परिजनों का इंतजार है।
पुलिस के मुताबिक, मूलरूप से बिहार निवासी 22 वर्षीय अभिषेक 10 दिन पहले ही अंबाला आया था। वह अपने जीजा के साथ शराब के एक ठेके पर सेल्समैन की नौकरी करता था।
बताया गया कि अभिषेक गांव जंडली के नजदीक किराए के कमरे में अपने जीजा लक्ष्मण के साथ रूका था। संदिग्ध परिस्थितियों में अभिषेक ने फंदा लगा आत्महत्या कर ली। पुलिस शराब ठेकेदार व अभिषेक के जीजा से पूछताछ कर रही है।
सेक्टर-9 थाना प्रभारी रामपाल ने बताया कि पुलिस ने शव को सिविल अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में रख दिया है। पुलिस ने युवक के परिजनों को सूचित कर दिया है। अभिषेक का बड़ा भाई दिल्ली से अंबाला आ रहा है। उसके आने के बाद ही मौत के कुछ कारणों का पता चल सकता है।
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Faridabad/Alive News : अवैध नशा तस्करी मामले में कार्यवाही करते हुए क्राइम ब्रांच की टाम ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। पुलिस प्रवक्ता ने संबंधित मामले की जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपी लक्ष्मण उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के अर्जुन पूरा का रहने वाला है। क्राइम ब्रांच टीम ने आरोपी को गुप्त सूत्रों से प्राप्त सूचना के आधार पर थाना मुजेसर के एरिया रेलवे लाइन के पास से काबू किया है।
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी सब्जी बेचने का काम करता है। आरोपी ने अधिक पैसे कमाने के लालच में आकर सब्जी बेचने के साथ-साथ गांजा सप्लाई करने का काम भी शुरू कर दिया था। आरोपी को पूछताछ के बाद अदालत में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
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कानपुर (ब्यूरो) पनकी गंगागंज लंका चौराहा के पास ललित कुमार का सुप्रिया मंडप के नाम से गेस्ट हाउस है। ललित का आरोप है कि इलाके के गुंडे आए दिन शराब पीने के लिए रुपए मांगते हैं। धमकी देते हैं कि रुपए नहीं दिए तो गेस्ट हाउस नहीं चलने देंगे। 24 नवंबर को गेस्ट हाउस में शादी समारोह चल रहा था। इसी दौरान दबंग मनोज परिहार, अजय तिवारी, रतनपुर निवासी संतोष मिश्रा अपने चार-पांच गुंडों के साथ गेस्ट हाउस में घुस गए।
वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि शादी समारोह के डीजे पर नाचते हुए दबंग रिवॉल्वर से हॉल के अंदर ही ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे हैैं। पनकी थाने में तहरीर देने और सीएम पोर्टल पर शिकायत के बाद भी पुलिस ने मामला दबा दिया। मंडे को वीडियो वायरल होने पर पुलिस कमिश्नर ने इसे संज्ञान में लिया और पनकी इंस्पेक्टर को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए।
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इमोशनल इंटिमेसी (भावनात्मक अंतरंगता) के लिए जानिए कि आप साथी से क्या उम्मीद कर रहे हैं और ध्यान दें कि क्या वे यहां बताई गईं 4 श्रेणियों में से एक में आते हैं।
आजकल कई शेड्यूल्स और कभी न खत्म होने वाले कामों की वजह से पार्टनर्स के बीच अक्सर ठीक तरीके से बात नहीं हो पाती है। इसके साथ वो एकसाथ क्वालिटी टाइम नहीं बिता पाते हैं। इसके कारण रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं और कपल्स के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं। इसी क्रम में इमोशनल इंटिमेसी (भावनात्मक अंतरंगता) के लिए जानिए कि आप साथी से क्या उम्मीद कर रहे हैं और ध्यान दें कि क्या वे इन 4 श्रेणियों में से एक में आते हैंः
दूसरे व्यक्ति के इरादों के बारे में नकारात्मक धारणा बनाना आपको रक्षात्मक बनाता है। यह तब हो सकता है जब आप दोष-उन्मुख वातावरण में पले-बढ़े हों। यह रिश्ते में भावनात्मक रूप से असुरक्षित माहौल बनाता है। इसके बजाय, अपने आप से पूछेंः क्या कोई अन्य कारण/संदर्भ हो सकता है कि उन्होंने ऐसा क्यों किया/कहा?
यह मांग करना कि आपका साथी / मित्र एक निश्चित आदर्श को पूरा करता है और उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए दंडित करना उनके आत्मसम्मान के लिए हानिकारक है और वे कितना सुरक्षित महसूस करते हैं। यह एक महत्वपूर्ण वातावरण बनाता है। यह आपको दूसरे व्यक्ति को देखने से रोकता है कि वे कौन हैं, क्योंकि आप इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि आप उन्हें कौन चाहते हैं। इसके बजाय उनकी ताकत पर ध्यान दें और वे आपके जीवन में क्या अच्छा लाते हैं।
उनसे संवाद किए बिना आपकी आवश्यकताओं को जानने की अपेक्षा करना उन पर आपकी आवश्यकताओं/इच्छाओं (भावनात्मक निगरानी) का अनुमान लगाने का दबाव बनाता है, और संबंधपरक चिंता पैदा कर सकता है। ऐसा तब हो सकता है जब आप ऐसे माहौल में पले-बढ़े हों, जिसमें जरूरतों को रखने और/या उन्हें संप्रेषित करने में शर्म आती हो। इसके बजाय, शर्म के बजाय सशक्तिकरण के स्थान से अपनी आवश्यकताओं/इच्छाओं को साझा करने का अभ्यास करें।
स्वस्थ रिश्ते वे नहीं होते जिनमें संघर्ष नहीं होता, बल्कि वे होते हैं जो उन्हें सुलझाना जानते हैं। विवाद से बचने से प्रामाणिकता की कमी पैदा होती है और आक्रोश बढ़ सकता है। इसके बजाय, स्वस्थ संघर्ष समाधान कौशल विकसित करें।
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खोला जाता तो खाने की ओर दौड़ती और खाने की वस्तुओं में मुंह मारने लगती । राजा कहता-तुम तो कहते थे कि इसका पेट भर गया, परन्तु यह तो भी भूखी है । ऐसे ही कितने हो लोग आते, बकरी को ले जाते । महीनों घर में रखते, नाना प्रकार को वस्तुएं खिलाते-पिलाते जब वह समझते कि इस का पेट भर गया है, राजा के पास लाते राजा जब कमरे में ले जाता बकरी के गले की रस्सी खोली जाती, तो वह अपने स्वभाव के अनुसार रस्सी छूटते ही दौड़ती, खाने की वस्तुए चबाने लगती इस प्रकार राजा कहता तुम तो कहते थे कि इसका पेट भर गया है परन्तु यह तो अभी भूखी है । इस तरह से कई मास गुजर गये पर राजा की शर्त कोई पूरी न कर सका और न ही इनाम पा सका एक किसान को बात सूझ गई और वह राजा के पास आकर कहने लगा महाराज में आपकी बकरी को तृप्त करके लाऊंगा, लोग कहने लगे मूर्ख है जब और बड़े लोग यह काम नहीं कर सके तो यह कैसे कर लेगा परन्तु वह किसान बोला तुम्हें इससे क्या, में बकरी को रजा के लाऊंगा, अन्ततः वह बकरी को घर ले गया और बकरी को अपने अपने वश में करने का एक उपाय किया । उसने भी अपने कमरे में वह सारा सामान घास, पत्ते, दाना, पानी जैसा कि राजा के कमरे में देखा था रख दिया और बकरी को बाहर ले
जाकर खूब खिलाता पिलाता और जब समझता कि पेट भर गया है तो गले में रस्सी बांध उसी कमरे में लाना, लड़के से कहता इसकी रस्सी खोलदो, और स्वयं डण्डा लेकर खाने के सामान के पास बैठ जाता जब बकरी की रस्सी खुलती वह सामने खाने की चीजें देखती तो उनकी ओर भागती जब खाने की वस्तुओं में मुंह डालने लगती किसान मुंह पर डण्डा मारता । दस पन्द्रह दिन में बकरी सीधी हो गई । उसने समझ लिया कि यहाँ तो डण्डे पड़ते हैं आखिर ऐसा हुआ जब बकरी कमरे में लायी जाती रस्सी खोली जाती बकरी खाने की ओर बढ़ती परन्तु किसान के डण्डे को देख खड़ी हो जाती और देखती रहती मुँह तक न मारती, जब किसान को विश्वास हो गया कि अब यह ठीक हो गई है तो एक दिन किसान उसे राजा के पास ले गया और ले जाकर कहने लगा महाराज अब इस का पेट भर गया है। राजा ने कहा कि परीक्षा कर लते हैंजब उसे कमरे में ले गये तो किसान डण्डा लेकर सामने बैठ गया राजा ने नौकर से कहा रस्सी खोलो जब उसने रस्सी खोली बकरी वस्तुओं की ओर लपकी परन्तु जब सामने डण्डे वाले उसी किसान को देखा तो खड़ी हो गई हिली तक नहीं, राजा हैरान रहगया कि यह क्या बात है ? राजा किसान से बोला यह खातो क्यों नहीं, वह बोला पेट भरके लाया हूँ महाराज इसलिए नहीं खाती और क्या बात |
हैदराबादः आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी ने उन नौ मंदिरों के पुनर्निर्माण के लिए शुक्रवार को आधारशिला रखी जिन्हें 2016 में सड़कों के चौड़ीकरण के दौरान पिछली तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार ने ध्वस्त करा दिया था.
इस कदम को हिंदुओं की बीच पैठ बनाने की जगन की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है और ऐसे समय पर उठाया गया है जब वाईएसआरसीपी सरकार राज्य में मंदिरों पर एक के बाद एक हमलों को लेकर विपक्ष के निशाने पर है.
हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि करीब 70 लाख रुपये खर्च करके नौ मंदिरों का पुनर्निर्माण कराने का जगन मोहन का फैसला टीडीपी और अन्य विपक्षी दलों को जवाब देने के लिए है जो इस बात को लेकर मुख्यमंत्री पर निशाना साध रहे हैं कि वह 'हिंदुओं की भावनाओं की रक्षा करने में विफल' रहे हैं.
पिछले साल दिसंबर में विजयनगरम जिले के रामतीर्थम गांव में 400 साल पुराने मंदिर में भगवान राम की मूर्ति तोड़े जाने के बाद आंध्र प्रदेश में मंदिर की राजनीति एक बार फिर सतह पर आ गई थी. इसके बाद ही टीडीपी और भाजपा ने राज्य सरकार पर ऐसे हमलों को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाना शुरू कर दिया था.
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गांव में पहाड़ी के ऊपर स्थित इस मंदिर में तोड़फोड़ के बाद कई विरोध-प्रदर्शन हो चुके हैं और कई बार राजनीतिक नेता यहां का दौरा कर चुके हैं. भाजपा इस माह के अंत में राज्य भर में एक 'रथ यात्रा' का आयोजन करने की योजना भी बना रही है.
राज्य जनवरी के पहले सप्ताह में दो और ऐसी घटनाओं - राजामहेंद्रवरम और विशाखापत्तनम - का गवाह बन चुका है. राजामहेंद्रवरम स्थित मंदिर में तोड़फोड़ की घटना ऐसे समय पर हुई थी जब कुछ घंटे पहले ही मुख्यमंत्री ने रामतीर्थम मंदिर की घटना में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया था.
जनवरी के पहले सप्ताह में यतिगिरमपेटा गांव में एक मंदिर में विनायक की मूर्ति टूटी पाई गई थी. हालांकि, पुलिस ने कहा कि मूर्ति 'काफी समय' से टूटी पड़ी थी और हाल में यहां तोड़फोड़ किए जाने की खबरें पूरी तरह भ्रामक हैं.
सरकार के इस मामले में कार्रवाई करने में नाकाम रहने का आरोप लगाते हुए नायडू ने कहा कि मुख्यमंत्री, राज्य के गृह मंत्री और पुलिस महानिदेशक सभी 'ईसाई' हैं और इसलिए इस मामले को अनदेखा कर रहे हैं.
सितंबर में भी टीडीपी और भाजपा दोनों ने मंदिरों पर हमलों को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधा था. भाजपा और टीडीपी जगन के सत्ता आने के बाद से पिछले 19 महीनों के दौरान मंदिरों पर हुए कथित हमलों की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.
एक तरफ जहां राजनीतिक विरोधी मंदिरों के पुनर्निर्माण संबंधी जगन सरकार के फैसले के समय पर सवाल उठा रहे हैं, विश्लेषकों का कहना है कि सत्तारूढ़ पार्टी अपने 'हिंदू वोट बैंक' को बचाने की कोशिश कर रही है.
रवि ने कहा कि लेकिन यह पार्टी के लिए कोई बहुत 'अच्छी रणनीति' नहीं है बल्कि अपने हथियार डाल देने जैसा है. साथ ही जोड़ा कि सरकार को सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन हमलों के पीछे जो भी अपराधी हैं, वे सलाखों के पीछे हों.
चंद्रबाबू नायडू की पार्टी जगन सरकार पर हमला करने में भाजपा की तुलना में अधिक आक्रामक रही है. जबसे जगन रेड्डी सत्ता में आए हैं, भाजपा ईसाई धर्म के प्रति उनकी आस्था को उन्हें और उनकी सरकार को निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. नायडू की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर ये हमले तेज हो जाते हैं और अगर भाजपा सही तरह से जगन रेड्डी सरकार पर निशाना साधने में सफल रहती है तो धीरे-धीरे मजबूत विपक्षी दल के तौर पर सुर्खियों में आ जाएगी.
अब जबकि आंध्र प्रदेश खुद को तिरुपति में उपचुनाव के लिए तैयार कर रहा है जिसमें प्रसिद्ध वेंकटेश्वर मंदिर की मेजबानी होती है - वाईएसआरसीपी और टीडीपी दोनों राज्य में भाजपा की रणनीति पर नजरें टिकाए हैं.
इस बीच, मुख्यमंत्री ने यह कहते हुए विपक्षी दलों की आलोचना की है कि वे कल्याणकारी योजनाओं पर सफलतापूर्वक अमल के जरिये बनाई गई सरकार की छवि को खराब करने के लिए सांप्रदायिक राजनीति का सहारा ले रहे हैं.
सरकार ने इस तरह के हमलों को नाकाम करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर 'सांप्रदायिक सद्भाव समिति' का गठन किया है. समिति में राज्य के पुलिस महानिदेशक, राज्य पुलिस, जिला कलेक्टर और धार्मिक नेता शामिल हैं.
सितंबर से लेकर अब तक मंदिर से जुड़ी घटनाओं की जांच के लिए एसीबी के अतिरिक्त निदेशक जी. वी. जी. अशोक कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक 16 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया गया है.
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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ताकि जहाज को यात्रा करनी न पड़े। समुद्रयात्रा का कुछ उत्साह दीख पडा कच्छो लोगा में, कृयाकुमारी की ओर पूर्वसमुद्र के किनारे पर और थोडा कुछ पूर्व बगाल में। वाक़ी सब भारतीय समुद्रयात्रा निषेध युग के हो लोग हैं ।
चरैवेति चरैवेति
समुद्र यात्रा करके हमारे लाग सीलोन बसे हुए है । सोलोन की असली प्रजा भी ज्यादातर प्राचीन काल में भारत से ही जा कर वहाँ बसी हुई है।
हमारे लोगा ने बर्मा, जावा, चम्पा, स्याम आदि प्रदेशा में जा कर धम प्रचार किया और व्यापार भी बढ़ाया। आज हमारे भारतवासी सुदुर फिजी टापू में जा कर बसे है और वहीं के बाशि से बने है । दक्षिण-पश्चिम में मौरिशस टापू में भारतीयों की संख्या काफी है। हमारे पश्चिम की ओर पूर्व अफ्रीका में लाखों भारतीय जा कर बसे हुए है। दक्षिण अफ्रीका में भी उनकी संख्या काफी ह । गोरी प्रजा हमारे लागा को वहीं आराम से रहने नहीं देती ।
दक्षिण अमेरिका की उत्तर को ओर भी ट्रिनिदाद, सुरिनाम और ब्रिटिश गियाना में हमारे लोग काफी संख्या में ह ।
जब युरंप को प्रजा दुनिया के सब खण्डों में और टापुओ में जा कर बसी तब हम घोर निद्रा में पड़े हुए थे । अब तो हिदुस्तान के बाहर जा कर कहीं भी बसना मासान नहीं रहा । जहा जाने की कोशिश करें दरवाजा बन्द मालूम पड़ता है । लेकिन हम विद्या-अर्जन के लिए, तिजारत के लिए या नये-नये मुल्क देखने के उद्देश्य से ज़रूर दुनिया घूम सकते हैं ।
लेकिन हमें न अपने देश के बारे में पूरी जानकारी हु, न पडोस के या दूर के देशों के बारे में । जब से काश्मोर का मामला दुनिया के सामने पडा हुआ है, विदेश के लड़के-लड़कियाँ काश्मोर जा कर वहाँ की हालत अपनी नज़रों देख रहे ह । अभो मेरे पास स्विट्जरलड के उन्नीस-उनोस वरस के दो लडके आये थे । घर वे कोई अमीर नहीं है । सारी दुनिया का भ्रमण करने का सकल्प है। हर तरह की कठिनाइयाँ झेलते हुए घूम रहे हैं। मेरे पूछने पर हँसते हँसते उहाने कहा कि एक दफ़े तुकिस्तान में हमें दस दिन फ़ावा करना पडा। जेत्र में कुछ था ही नही । फिर अखबार के लिए कुछ लिखा पैसे कमाये और आगे चले । चरैवेति चरैवेति ५२
हमारे देश मे मययुवकों को दुनिया देगो मे लिए और अपने गा की वृद्धि करने के लिए घुमारद बना पाहिए। हमारपून बारह बरग की पढ़ाई में याद तीन साल तम भारत भ्रमण करते थे। उग में बात कर के नहीं
भी स्थिर होते थे । दानी रामेश्वर को माडामो, द्वारिया, माकुमारी, जगन्नाथपुरी और यहोरायण को यात्रा को ये मानवहोंने दुनिया
देय ली। उन मे जमाने में लिए यह टीम था। मुग़ल मे जमाने में भारत और ईरान मे यो लोगो का आवागमन सूय होता था और संस्कृति का आन प्रदान भी। अब तो हमें दुनिया में राय देशों में जाता है। सेम से कम भारत से पड़ोस में देना था और टापुमा माशाह तो हमें सेना ही चाहिए ।
आजकल भारत के अन्दर गान यात्रा और सेमीनार का योजवाला बहुत ह । जो नवयुवक घार सेमीनार में उपस्थित रहा उसे पुरसरका प्रमाणपत्र मिलता है । यह अच्छा है। लेकिन साथ-साय हमें एम राष्ट्रीय प्रहरिस्त रगनी होगो, जिस में अपने ही उत्साह से जो नत्रयुवन विश्न हो याये ह उन की योग्यता दज बो हो । ऐसे लोगों को उनके लायड नाम दूँइ भर मे देरा राष्ट्रीय सरकार का बतव्य है। ऐसी प्रेहरिस्त पाँचदम साल तक हो रगनी होगो । उस
बाद विदेश हो घर आये हुए नवयुवकों की सरका बी फेहरिस्त मानो मदुम-शुमारी बन जायेगी। लेकिन भारतभ्रमण और विश्वभ्रमण को खास प्रोत्साहन देने की जरूरत है ।
भारत के जातिभेद , ऊँच नीच वे और ऐसे हो दूसरे सामाजिक सवाल हल करने का यह अच्छा तरीका होगा ।
किसी भी जाति के धार्मिक, सामाजिक रीति रिवाज उस के आध्यात्मिक आदनों मे अनुसार ही होने चाहिए। आदर्गों में अगर सुधार या परिवतन हुआ तो सस्कार और रस्म रिवाजों में भी परिवतन होना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता । रस्म रिवाज एक दफे बन गये तो बन गये, फिर तो उन में परिवर्तन करने की पक्ति व्यक्ति के हाथ में नहीं रहती। सारा समाज तयार होगा अथवा २ कोई बडा जवरदस्त आन्दोलन आ खडा होगा तभी परिवतन हो सकते ह ।
हमारे यहाँ वैदिक काल के आदश अलग थे। वैदिक संस्कृति का काफ़ी विकास होने पर वेदातिक सस्कृति का उदय हुआ। वेदान्त के साथ मो आया । स्वर्ग और यज्ञ गोण हो गये। मोक्ष के आदेश के कारण वैदिक कमकाण्ड की जगह कमयोग की स्थापना हुई। लकिन वेदात के उत्साह ने एक तरफ ज्ञानयोग और दूसरी तरफ भक्तियोग को प्रधान बनाया । ज्ञान का और भक्ति का पूरा पूरा प्रचार और अनुभव होने के बाद कमयोग को प्रधानता अपने-हो- आप आगे आयो ।
पानयोग हो या कमयोग परब्रह्म की उपासना उस के साथ थी ही और ब्रह्म रहा निर्दाप और सम ( निर्दोष ही समम् ब्रह्म ) । इस लिए मनुष्य की साधना में जीवन शुद्धि और समाज में समता का आना ज़रूरी था ।
लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यज्ञमार्गों लोग हिंसा को छोड़ने को तैयार नहीं थे और अहिंसा के बिना जीवन शुद्धि हो नही सक्ती । कमकाण्डो लोगो ने दलीलें चलायी - यागोया पशुहिंसा हिंसा न भवति । - यज्ञ के लिए पशु को मारना हिंसा नही है। ऐसा कहने तक उन्होंने हिम्मत की । पशु तो रोते रोते मरते थे और मार कर खाने वाले लोग रहते थे, 'इस में हिंसा नहीं है । क्मकाण्डी लोगों ने अपनी धमबुद्धि को सन्तोष देने के लिए दलीलें चलायो कि यज्ञ में जो पशु मारे जाते हैं उन को स्वग मिलता है । अतएव उन का क्ल्याण ही होता ह। इन की हँसी उडाते चार्वाक कहने लगे, "अगर ऐसा ही है तो यज्ञ में अपने पिता की बलि क्यों नहीं देते ? वे तो स्वग की कामना भी करते हैं, बेचारे पशु स्वग की बात भी नही जानते और इच्छा भी नही करते ।"
यज्ञ के लिए लकडा चाहिए और पशु चाहिए। दोनों का नाश करने से स्वग मिलता है, यह दलील जिन की समझ में नही आयो वे पूछने लगे- अगर पेड़ को काट कर पशुओं को मार कर और लहू को कीचड बना कर स्वग जाया जाता है तो नरक जाने का उपाय कौन-सा है ? धीरे धीरे या सस्था अप्रतिष्ठित हो गयी और वेदादियों ने यन का बड़ा व्यापक अथ किया और पशुवध बन्द हो गया । न जाने इतना सुधार करते कितने जमाने बीत गये ।
ब्रह्म के दो लक्षण है~-निर्दोष और सम 1 अगर मनुष्य अपने जीवन द्वारा परब्रह्म की उपासना करना चाहे तो सत्य ( ईमानदारी ) अहिंसा और सथम के द्वारा ही मनुष्य निर्दोष हो सकते ह । परब्रह्म का दूसरा लक्षण है समम् । मनुष्य हृदय में और समाज में समानता किये बिना ब्रह्म की उपासना वसे हो सक्ती ?
सुगन्दुस के बारे में समम् बनने को साघना वेदान्तियो ने अच्छोको । लाभ-हानि, जय-पराजय के बारे में समानता धारण करने का उपदेश भी काफ़ी समानता की साधना |
मुजफ्फरनगर। ग्राम बुडीना कलां में उत्तराखंड के पारंपरिक लोक पर हरेला जोकि प्रकृति का संतुलन बनाए रखने और पर्यावरण के अंतरसंबंधों का अनूठा पर्व है वृक्षारोपण कर बड़ी धूमधाम से मनाया गया।
जोकि पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाला पर्व है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत के प्रांत प्रचारक पर्यावरण प्रेमी डॉक्टर हरीश रौतेला जी की मुहिम के कारण आज हरेला उत्तराखंड समेत पूरे भारतवर्ष के साथ-साथ विश्व के अनेक देशों जैसे अमेरिका, इंग्लैंड,ऑस्ट्रिया, जर्मनी, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया,न्यूजीलैंड, दुबई जैसे देशों में भी प्रवासी भारतीय द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिकीकरण नगरीकरण व बढ़ती जनसंख्या के कारण जिस प्रकार पृथ्वी के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है और परिणामस्वरुप ग्लेशियर बहुत तेजी से पिघल रहे हैं यह चिंता का विषय है।
जो कि मुख्य अतिथि कैसे हैं और वैश्विक तापन और जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार हैं। वघ्क्ष वायुमंडल से विभिन्न प्रकार के प्रदूषक जैसे धूल मिट्टी के कण, जहरीली गैसे आदि का भी अवशोषण करते हैं।
फलदार वृक्ष ग्रामीण इलाकों में आए का अच्छा स्रोत हैं और अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने लोगो को बताया कि हरेला जैसे त्यौहार न केवल पर्यावरण संरक्षण के लिए जरूरी है बल्कि आर्थिक व समृद्धि का भी आधार बनते हैं, हरेले पर ज्यादा से ज्यादा फलदार वृक्ष लगाकर हम अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर सकते हैं और जीव-जंतुओं को जीने का अधिकार दे सकते हैं। हमे पर्यावरण के सभी घटकों सूक्ष्मजीवों से लेकर बड़े जीव जन्तुओ पेड़ पौधों सभी को संरक्षित करना होगा और सतत विकास की परिकल्पना को चरितार्थ कर प्रत्यके जीवजंतु के साथ सामंजस्य बैठाकर विकास के पथ पर आगे बढ़ना होगा।
ये पृथ्वी हमारी माता है और इसपर निवास करने वाले सभी जीव जन्तुओ का भी इस पर उतना ही अधिकार है जितना कि मनुष्यो का ऐसे विचार हमेशा दिमाग में रखकर यथासंभव पर्यावरण संरक्षण की दिशा में सार्थक प्रयास करते रहना चाहिए।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान अजय मलिक ने लोगों से आह्वान किया कि गाँव को साफ स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए सब अपना सहयोग दे व अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक साफ, स्वच्छ, सुंदर व प्रदूषणमुक्त वातावरण में जीने का अधिकार दे।
सभ्यता फाउंडेशन के अध्यक्ष पुष्पेंदर आर्य ने उपस्थित लोगों से आग्रह किया कि शुभ अवसरों पर एक दूसरे को पेड़ उपहार में दे व पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में अपना योगदान दे।
मुख्य रूप से पंडित अशोक शर्मा पंडित सुभाष शर्मा सोमपाल मलिक पंडित राम रामकिशन शर्मा शिवम शर्मा नितिन पंडित गौरव शर्मा हार्दिक शर्मा सत्यपाल शर्मा कपिल चौधरी पुष्पेंदर आर्य संजीव शर्मा बंटी पंडित जी आदि लोग मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
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MS Dhoni: इस साल आईपीएल मेगा ऑक्शन (Mega Auction) होना है, जो कि 12 और 13 फरवरी को बैंगलोर में होगा। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के लिए इस बार भी महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होने वाले हैं, लेकिन ऑक्शन से पहले ये खिलाड़ी क्रिकेट नहीं बल्कि दूसरे गेम्स में भी अपने हाथ अज़माते नज़र आ रहे हैं।
दरअसल महेंद्र सिंह धोनी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो शूटिंग करते नज़र आ रहे हैं। सुमित कुमार नाम के एक इंस्टाग्राम यूजर ने धोनी का ये वीडियो अपने अकाउंट से पोस्ट किया है। जिसके कमेंट सेक्शन में धोनी के फैंस लगातार ही अपने प्यार भरे कमेंट कर रहे हैं। बता दें कि हाल ही में महेंद्र सिंह धोनी का एक वीडियो देखा गया था जिसमें वो आईपीएल से पहले बल्ला थामे प्रैक्टिस करते नज़र आ रहे थे।
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काव्य पद्धति में हावों का अवस्थान केवल नायिका में ही माना जाता है पर बिहारी जी ने तो एक स्थल पर नायक-नायिका दोनों ही के हाव दिखला दिए हैं ।
"कहत, नटत, रीझत, खित, मिलत, खिलत, लजियात । भरे मौन में करत हैं, नैनन ही सों बात ॥"
यह किलकिंचित हाव का श्रेष्ठ उदाहरण है। विशेषता यह है कि दोनों पक्षों में लगने के कारण सौंदर्य बहुत बढ़ गया है ।
बिहारीलाल जी ने लक्षरण ग्रंथ नहीं लिखा है जिसमें प्रत्येक हाव या अनुभाव आदि पर उदाहरण लिखे हों । सच तो यह है कि काल और परिस्थिति के प्रभाव से कवि की प्रवृत्ति ही शृंगार और नायिकाओं की ओर विशेष थी अतः इनमें ही उसने अपना सफल कवित्व प्रदर्शन किया है । नायिका की ओर से नायक का आकर्षण करने वाले हावों पर बिहारी की दृष्टि थी इसीलिए विलास हाव के ही अधिक और सुन्दर उदाहरण सतसई में मिलते हैं ।
इसमें कोई सन्देह नहीं कि देव, मतिराम और पद्माकर ने अवश्य ही हावों और अनुभावों के सुन्दर उदाहरण प्रस्तुत किये हैं पर कहीं भी बिहारी के सदृश अनुभवों और हावों के द्वारा पूर्ण रस - व्यंजना नहीं की है। एक तो देव आदि ने प्रायः एक ही अनुभाव पर हात्र के द्वारा भाव- व्यंजना की है और दूसरे उनके अनुभव आदि के उदाहरण स्वाभाविक नहीं हैं । इसी लिये उनमें पाठक को पूर्ण रसानन्द नहीं मिलता । बिहारीलाल जी के हावभावादि से चित्र ही सम्मुख उपस्थित हो जाता है। उनमें नायक-नायिकाओं का मनोवैज्ञानिक अध्ययन हैं। सबसे निराली बात तो यह है कि दोहे के छोटे से आकार में ही इतने अधिक हाव-भावों का युक्तिपूर्ण उल्लेख करके सम्पूर्ण रसावयवों की मार्मिक व्यंजना कर दी है । ऐसा कमाल कोई भी शृङ्गारिक कवि न कर सका । इस कला में बिहारीलाल जी बेजोड़ हैं ।
प्रश्न ४ - "कहीं कहीं इनकी (बिहारी की) वस्तु व्यंजना औचित्य की सीमा का उल्लंघन करके खेलवाड़ के रूप में हो गई है।" उदाहरण देकर इस कथन का स्पष्टीकरण कीजिये । ( सं० २००३ ) |
फैलाइए, और अँग्रेज़ प्रजा को जिस झूठे इतिहास पर पाला गया है उसका स्थान सच्चे ज्ञान को दिलाइए ।" विलायत के पत्र जान-बूझकर सच्ची को दयाकरी बातें फैलाते है। इस सम्बन्ध में उन्होंने चटगाँव और हिजली के अत्याचार और विलियर्स और डूनों पर हुए आक्रमणका सवल उदाहरण दिया। चटगाँव और हिजली के अत्याचार, जिनके कारण वयोवुद्ध और बीमारी के बिछौने पर पड़े हुए कविवर का पुण्य प्रकोप भड़क उठा और उन्होंने अपने एकान्त-वास का त्याग किया, उनका तो केवल नाम ही विलायत के पत्रों में आया है। परन्तु यह बताना न चूके कि ये फ़ैदी दुष्ट हैं और वे गोली से मार देने लायक है । गांधीजी ने कहा, "ये दोनों खूनी हमले दुःखदायक और लज्जाजनक है और मेरी परेशानी के बायस है। परन्तु यदि चाप इन्हें इतना बड़ा रूप देते हैं, तो चटर्गांव और हिजली को क्यों नहीं देते ? कार्य-कारण का नियम तो चटल है। केवल सन्देह पर ही बिना मुक्कदमा चलाये अनिश्चित मुद्दत के लिए इन नौजवानों को फ़ैद में रखा जाता है, उन्हें दबाकर कुचल डाला जाता है। उनके कुछ मित्र गुमराह होते हैं और बैर लेने का प्रयत्न करते है । इन कृत्यों की मुझसे अधिक कोई निन्दा करे, यह संभव नहीं है, क्योंकि मुझे दोनों तरफ़ की हिंसा के प्रति तिरस्कार है, और मुझे मेरे पक्ष की हिंसा अधिक कष्टप्रद मालूम होती है। मेरी स्वार्थबुद्धि यह है कि यह हिंसा मेरे काम में बाधा डालती है। यह बात ठीक है कि वे लोग महासभावादी नहीं है, परन्तु यह ज्याच मेरे लिए नहीं हो सकता । क्योंकि वे हैं तो हिन्दुस्तानी ही; और इससे यह ज़ाहिर होता है कि महासभा उनकी प्रवृत्ति पर अंकुश रखने और उनका पागलपन
रोकने में असमर्थ है । परन्तु यह न भूलना चाहिए कि इसका दूसरा पहलू भी है - भारत जैसे विशाल देश में इतने कम हिंसक त्याचार होते हैं, यही आश्चर्य की बात है, क्योंकि चटगांव और हिजली जैसे जङ्गली अत्याचारों के विरुद्ध दूसरे किसी भी देश में चारों ओर खुला बलवा हो गया होता । मैं चाहता हूँ कि अखबार सारा सत्य प्रकट करें। उसके बदले यहां मौन और झूठे और पूर्ण विवरण प्रकट करने के षड्यन्त्र हो रहे हैं । "
उपस्थित जनों पर इसका असर हुआ और देवरेण्ड बेल्डन ने एक प्रस्ताव उपस्थित किया, जिसमें ब्रिटिश पत्रों से प्रार्थना की गई कि वे पूरी और सच्ची बातें प्रकाशित करने की आवश्यकता नम, साथ ही इसमें यह चेतावनी भी दी गई कि मन्त्री बातों का दवाना हिन्दुस्तान और इंग्लैंड दोनों के प्रति बड़ा अन्याय है। प्रस्ताव को पेश करते हुए रेवरेण्ड वेल्डन ने एक जोरदार बता दी और गांधीजी को आश्वासन दिया कि हिन्दुस्तान में यदि सत्याग्रह जारी करना पड़े तो फिर उसके साथ-साथ इंग्लैंड में भी सत्याग्रह ग्रान्दोलन होगा। प्रगति विरोधी पत्रों के प्रतिनिधि इन सब बातों को बरदाश्त नहीं कर सके, इसलिए उन्होंने इसका विरोध किया और कहा कि यह प्रस्ताव तो इङ्गलैंड के अखबारों के लिए अपमानपूर्णां है । उसमें से एक ने तो बहानक कह डाला कि गांधीजी हमें समाचार ही नहीं देने, हालांकि हमारी कम्पनी ने इसके बदले में उनकी चलती चोलती तन्वीर लेने का भी आग्रह किया था । इस मित्र ने, अपने साथ, दूसरों को भी गांधीजी के आगे ला घसीटा; और उन सबको पराजित करते हुए गांधीजी ने कहा - "अच्छा, नुनिए,
[ लन्दन
जो मित्र में मोते उनके लिए हो अन्य किसी बात की अपेक्षा भ्यारारिक यात हो सस्प है । पर दूसरों के सामने मैं एक महत्वपूर्ण बात रखता है। और मिली में जो कुछ हुआ में उन्हें उसका सच्चा सच्चा शुल बतलाना चाहता हूं । क्या वे उसे प्रकाशित करेंगे ? दूसरी महत्व की बात और सुनिए । जबतक मैं यहां पर हूँ, मुझे उनके लिए, दिना किती मुयाविज़े की ग्राशा के, रोज-ब-रोज, भारत के समाचार मिलते रहते हैं। क्या वे उन समाचारों को प्रकाशित करेंगे ?" इसपर सन्नाटा छा गया, विरोध और प्रतिवाद की आवाजें बन्द हो गई, और सिर्फ उन दो-तीन की तटस्थता के साथ प्रस्ताव स्वीकृत हो गया । |
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डीबीटी- राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र (डीबीटी-एनबीआरसी) ने अभी हाल ही में परियोजना स्वदेश विकसित की है, जो एक विशिष्ट मस्तिष्क पहल है। यह उन प्रमाणित न्यूरोइमेजिंग, न्यूरोकेमिकल, न्यूरोसाइकोलॉजिकल डेटा और एनालिटिक्स पर केंद्रित है, जो मस्तिष्क विकारों के प्रबंधन के लिए शोधकर्ताओं के लिए सुलभ कराए गए हैं। स्वदेश पहला बड़े पैमाने वाला मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग डेटाबेस है जिसे विशेष रूप से एक मंच के तहत विभिन्न रोग श्रेणियों (चित्र 1) के लिए बड़े डेटा आर्किटेक्चर और एनालिटिक्स के साथ भारतीय आबादी के लिए डिज़ाइन किया गया है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने 19 नवंबर 2021 को स्वदेश का उद्घाटन किया था।
अल्जाइमर रोग (एडी) के अनुसंधान को मजबूत बनाने और आशाजनक उपचार के साथ वैज्ञानिक समुदाय को आगे आने में मदद करने के लिए स्वदेश एक बड़े डेटा आर्किटेक्चर है, 6 मॉड्यूल का प्रबंधन और विश्लेषण करने का प्रस्ताव करता है। इन मॉड्यूल के नाम हैं- न्यूरोडिजेनेरेटिव [एडी, हल्की संज्ञानात्मक हानि (एमसीआई), पार्किंसंस रोग (पीडी)], न्यूरोसाइकिएट्रिक (सिज़ोफ्रेनिया और बाइपोलर विकार), न्यूरोडेवलपमेंटल (ऑटिज़्म और मिर्गी), कोविड -19 से संबंधित बीमारियां अन्य विकार और स्वस्थ विषय।
स्वदेश जावा- आधारित वर्कफ़्लो वातावरण और पायथन से युक्त है। इसमें समर्पित भंडारण लगा है जो इसे गुणवत्ता नियंत्रण, डेटा विश्लेषण रिपोर्ट और डेटा बैकअप उपलब्ध कराता है। इसके विकास से पूरी दुनिया में मल्टी-साइट डेटा और सहयोगी अनुसंधान के एकीकरण में मदद मिलेगी। वर्तमान में, स्वदेश में 500 एडी और एमसीआई रोगियों और 70 पीडी रोगियों का डेटा है। 600 स्वस्थ वृद्ध व्यक्तियों और 800 स्वस्थ युवा व्यक्तियों के डेटा भी नियंत्रण इसके समूह में शामिल हैं।
डीबीटी-एनबीआरसी ने स्वदेश के माध्यम से कई नैदानिक अनुसंधान उपकरण भी विकसित किए हैं। गौरी प्रणाली अनुकूल पैटर्न पहचान और शिक्षण योजनाओं का उपयोग करती है, जिसे एमआरआई तौर-तरीकों और न्यूरोसाइकोलॉजिकल बैटरी के साथ एकल या विभेदक निदान के लिए डिज़ाइन किया गया है। एनआईएनएस-एसटीएटी एक उच्च कार्य प्रदर्शन वाला अति आधुनिक स्वचालित सांख्यिकीय परीक्षण चयन है जो सॉफ्टवेयर पैकेज के निष्पादन के लिए नैदानिक अनुसंधान में उच्च उपयुक्तता से युक्त है। कल्पना एमआरएस डेटा के विज़ुअलाइज़ेशन, प्रीप्रोसेसिंग और परिमाणीकरण के लिए एक एकीकृत पैकेज है। प्रतीक मल्टीमॉडल न्यूरोइमेजिंग डेटा का विश्लेषण करता है और डेटा के प्रसंस्करण और विश्लेषण के लिए विभिन्न न्यूरोइमेजिंग टूल को संभालने में भी विशेषज्ञता की जरूरत को कम करता है। स्टिमुलस टाइमिंग इंटीग्रेटेड मॉड्यूल (एसटीआईएम) में एक बहुमुखी प्रतिमान डिजाइन प्रणाली, प्रस्तुति प्रणाली और कार्यात्मक एमआरआई-संबंधित उद्देश्यों के लिए वास्तविक समय प्रतिभागी प्रतिक्रिया-संग्रह प्रणाली लगी है, जिसमें सामान्य स्वस्थ स्थिति में गैर-आक्रामक रूप से मस्तिष्क की गतिविधियों की मेपिंग तथा मस्तिष्क की विभिन्न बीमारियों का नैदानिक मूल्यांकन शामिल हैं। डीबीटी-एनबीआरसी ने भारत लॉन्च किया है जो एडी के शुरुआती डायग्नोस्टिक बायो मारकर के लिए एक बड़ा डेटा विश्लेषणात्मक मॉडल है। इसके डिजायन में हडूप-आधारित बड़ा डेटा ढांचा शामिल था। टीम इंटिग्रेटिंग एमआरआई, एमआरएस और न्यूरो साइकोलॉजिकल टेस्ट आंकड़े शामिल हैं। उनकी टीम स्वस्थ और रोगग्रस्त मामलों के लिए समृद्ध मल्टीमॉडल डेटा सेट्स शामिल करने के लिए इस परियोजना के विस्तार के बारे में काम कर रही है।
इस पहल पर एनबीआरसी को बधाई देते हुए, विभाग के सचिव डॉ. राजेश गोखले ने कहा, "मस्तिष्क एक जटिल अंग है और स्वास्थ्य और रोगों में इसकी विस्तृत कार्यक्षमता की पूरी पहचान करना अभी बाकी है। स्वदेश जैसे डेटा बेस अल्जाइमर रोग और कई तंत्रिका संबंधी विकारों को समझने के लिए मल्टीमॉडल मस्तिष्क अध्ययन करने में उपयोगी होने चाहिए।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी), कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, पशु विज्ञान, पर्यावरण और उद्योग में अपने विकास और कार्यान्वयन के माध्यम से देश में जैव प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देता है और सुधार करता है।
राष्ट्रीय मस्तिष्क अनुसंधान केंद्र भारत का ऐसा एकमात्र संस्थान है, जो न्यूरो साइंस, अनुसंधान और शिक्षा के लिए समर्पित है। एनबीआरसी के वैज्ञानिक और छात्र जैविक, कम्प्यूटेशनल, गणितीय, भौतिक, इंजीनियरिंग और चिकित्सा विज्ञान सहित विविध शैक्षणिक पृष्ठभूमि से आते हैं और मस्तिष्क के रहस्यों को जानने के लिए बहु-विषयी दृष्टिकोण का उपयोग करते हैं।
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नई दिल्ली : दिल्ली में दो समुदायों के बीच विवाद के बाद हिंसा भड़क उठी। इस दौरान दोनों ओर से पत्थरबाजी होने लगी इस दौरान जब पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस ने स्थिति को काबू में करने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने रबर की गोलियां भी चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े। क्षेत्र में एहतियातन बल की तैनाती की गई है। मिली जानकारी के अनुसार घटना वाल्मीकी समुदाय के एक लड़के और सांसी समुदाय के कुछ लोगों के बीच हुए विवाद के बाद उपजी। इस दौरान इस लड़के का सांसी समुदाय के लोगों से विवाद हो गया।
दरअसल यह युवक सांसी समुदाय की काॅलोनी में खरीदी करने गया था। इस दौरान इन लोगों ने युवक की पिटाई कर दी। मिली जानकारी के अनुसार मामले में कहा गया है कि वाल्मीकि समुदाय के 20 लोग सड़क पर आकर सांसी समुदाय के लोगों के घर और दुकान पर पथराव करने लगे। इस दौरान कहा गया कि वाल्मीकि काॅलोनी पर पत्थरबाजी करने लगे। जनरल स्टोर की दुकान चलाने वाले मनीष ने कहा कि कुछ लोगों ने उनकी दुकान में तोड़फोड़ कर दी। मामले में कहा गया है कि विवाद बढ़ने के बाद 200 पुलिसकर्मियों को कमान संभालने के निर्देश दिए गए। हालात सामान्य होने तक लोग आपस में मारपीट करते रहे। इस दौरान कई लोग घायल हो गए।
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Karnataka Election 2023: इस दौरान रैली में मौजूद लोगों को भी राहुल गांधी इशारा करते हुए चुप रहने के लिए भी कहते है। करीब 2 से 3 मिनट तक वो चुप रहते है। अब सोशल मीडिया पर राहुल गांधी का ये वीडियो वायरल हो रहा है। इसके साथ ही यूजर्स इस वीडियो पर अलग-अलग प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
Karnataka Election 2023: प्रियांक खड़गे ने प्रधानमंत्री की तरफ इशारा करते हुए कहा, आप कलबुर्गी कब आए? आप फ्रिक मत कीजिए। बंजारा समाज का एक बेटा उधर दिल्ली में बैठा है। आप कैसे बेटे निकले जो अपने घर को संभाल नहीं सके। जो बेटा घर को संभाल नहीं सकता है वो क्या करेगा। अगर में अपने घर को संभाल नहीं सकता तो मैं भी नालायक हुआ ना।
Umesh Pal Case: ज्ञात हो कि इससे पहले उमेश पाल हत्याकांड में अतीक का बेटा असद बाकयदा बरेली की जेल में अशरफ से मिलने जाता है। असद के साथ शूटर गुड्डू मुस्लिम भी पहुंचता है। जेल में बैठकर ही उमेश पाल की हत्या की साजिश रची जाती है कैसे उमेश पाल की हत्या को अंजाम देना है। इसीलिए नैनी जेल प्रशासन सख्त कदम उठाया है।
बीजेपी ने संकल्प पत्र में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को तीन मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। हर वार्ड में अटल आहार केंद्र स्थापित करने का भी वादा किया गया है। सामाजिक न्याय निधि के तहत एससी और एसटी वर्ग की महिलाओं को 5 साल के लिए 10-10 हजार रुपए की एफडी कराकर देने की बात भी कही है।
बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई के बाद अब बिहार सरकार से दो और बड़े नाम वाले कैदियों को रिहा करने की मांग उठने लगी है। ये दोनों ही अगड़ी जाति के हैं। जिन अगड़ी जाति के नेताओं की रिहाई की मांग उठ रही है, उनमें से एक का नाम प्रभुनाथ सिंह और दूसरे का अनंत सिंह है। एक को उम्रकैद और दूसरे को 10 साल की कैद हुई थी।
गुड्डू मुस्लिम के बारे में यूपीएसटीएफ के चीफ अमिताभ यश ने मीडिया को बताया था कि वो बहुत खतरनाक है। वो बाइक पर बैठे-बैठे ही 5 मिनट में बम बना लेता है। गुड्डू मुस्लिम अपने साथ एक छोटा बैग रखता है। इसी बैग में बम बनाने का बारूद और अन्य सामान रखता है। ऐसे ही बैग से बम निकालकर वो फेंकता दिखा था।
भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तान के खिलाफ बड़े पैमाने पर सोशल मीडिया एक्शन लिया था। यहां तक कि पाकिस्तान टीवी और पाकिस्तान सरकार के ट्विटर अकाउंट्स भी बैन किए गए थे। पाकिस्तान ने इस पर काफी हायतौबा मचाई थी। उसने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बताया था।
पुलिस को सूचना मिली थी कि मन्ने राजाराम और पेरिमिली चौकी के बीच केदमारा जंगल में नक्सली छिपे हैं। ये नक्सली पेरिमिली दलम और अहेरी दलम गुट के थे। सूचना मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षाबलों के जवानों ने इलाके को चारों तरफ से घेर लिया। प्रानहिता से सी-60 जवानों के दो दल भी वहां पहुंचाए गए।
मानहानि के मामले में आज तेजस्वी के खिलाफ कोर्ट केस की पहली सुनवाई है। इस सुनवाई में कोर्ट ये देखेगा कि तेजस्वी के खिलाफ जो सबूत दिए गए हैं, वो सही हैं या नहीं। अगर कोर्ट ने तथ्यों को सही पाया, तो तेजस्वी को पेश होने के लिए समन जारी किया जा सकता है। अगर समन जारी होता है, तो तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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Rishabh Pant Health: ऋषभ पंत का मुंबई के कोकिलाबेन हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। उनके साथ उनकी मां और परिवार के सदस्य हैं। एक्सीडेंट के बाद से उनकी गर्लफ्रेंड ईशा नेगी ना तो पब्लिक्ली नजर आई हैं, और ना ही कोई पोस्ट आदि उन्होंने शेयर किया है लेकिन उर्वशी रौतेला (Urvashi Rautela) ने इंस्टाग्राम पर कई पोस्ट शेयर कर दिए हैं। अब उर्वशी उस हॉस्पिटल (Kokilaben Hospital Mumbai) तक भी पहुंच गई, जहां पंत भर्ती है।
ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट 30 दिसंबर की सुबह हुआ था, हादसा बड़ा था जिसने सभी को चिंतित कर दिया था। क्रिकेट जगत से लेकर सभी सोशल मीडिया पर पंत की सलामती की दुआ कर रहे थे, तब उर्वशी ने भी सोशल मीडिया पर अपनी एक फोटो शेयर करते हुए लिखा था "Praying" यानी प्रार्थना कर रही हूं। उन्होंने पंत का नाम नहीं लिखा, ये पंत के लिए ही था ये बात साफ़ थी। अब उर्वशी उसी हॉस्पिटल तक पहुंच गई है, जहां पंत का इलाज चल रहा है।
उर्वशी रौतेला ने लेटेस्ट फोटो कोकिलाबेन हॉस्पिटल की शेयर की, इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर की गई इस फोटो में हॉस्पिटल का बोर्ड नजर आ रहा है। ये फोटो सड़क से ली गई है। ऋषभ पंत को देहरादून से मुंबई के इसी हॉस्पिटल में भर्ती किया गया है। ऋषभ पंत के लिगामेंट का इलाज होना है, लेकिन अभी उनके सूजन है जिस कारण एमआरआई में देरी हो रही है। उनकी सर्जरी भी होनी है। इनसाइडस्पोर्ट को मिली जानकारी के अनुसार ऋषभ पंत को ठीक होने में 8 से 9 महीने का समय लग सकता है। इस रिपोर्ट की पूरी जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
बॉलीवुड एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला क्रिकेटर ऋषभ पंत को लेकर पहले से कुछ ना कुछ पोस्ट करती रहती है। एक बार तो पंत ने भी जवाब में इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर करते हुए लिखा था कि मेरा पीछे छोड़ दो दीदी। बावजूद इसके उर्वशी अब भी कुछ ना कुछ ऐसा शेयर करती हैं, जो मीडिया की सुर्खियां बन जाता है।
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छात्रों ने जहानाबाद में NH-83 और NH-110 जाम कर आगजनी की। रेलवे ट्रैक जाम होने से एक पैसेंजर ट्रेन दो घंटे से ट्रैक पर खड़ी है।
पीलीभीत के जहानाबाद क्षेत्र के बारातभोज गांव में एक परिवार के 3, 4 और 5 साल के तीन बच्चों की 72 घंटे के भीतर 'रहस्यमय बुखार' से मौत हो गई।
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार गरीब मरीजों को निःशुल्क बेहतर इलाज उपलब्ध कराने को प्रतिबद्ध है।
मुंगेर की जिलाधिकारी (डीएम) वर्ष 2010 बैच की आईएएस रचना पाटिल का ट्रांसफर कर सामान्य प्रशासन विभाग का अपर सचिव बनाया गया है।
बिहार के जहानाबाद जिले में कोरोना संक्रमण इतना फैला हुआ है कि लोग इस संक्रमण से त्राहिमाम कर रहे हैं और अपने घरों में डूबके हुए हैं। ऐसे में जब से डबल इंजन की सरकार आई है और उसके सांसद चन्देश्वर चन्द्रवंशी बने हैं, तब से वे यहां हालचाल नहीं लेते और लोगों से मिलते तक नहीं हैं।
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पुरानी टोंक थाना क्षेत्र में सोमवार को एक बीड़ी पत्ता व्यापारी ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। व्यापारी का शव घर के पास टीन शेड के घर में एंगल से लटका मिला। व्यापारी ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमें उसने अपने बिजनेस पार्टनर पर व्यापार में लगाए 10 लाख रुपए वापस नहीं देने का आरोप लगाया है। व्यापारी ने सुसाइड नोट में लिखा कि मैंने अपनी जमा पूंजी व्यापार में लगा दी, जिसके कारण मेरी आर्थिक हालत खराब हो गई है और परिवार के लालन-पालन में परेशानी हो रही है। मैं मजबूरी में सुसाइड कर रहा हूं। मुझे दफनाने से पहले आरोपी को गिरफ्तार किया जाए।
व्यापारी के सुसाइड की सूचना पर पुरानी टोंक थाना पुलिस मोके पर पहुंची और शव को नीचे उतारा। पुलिस को जमीन पर सुसाइड नोट मिला, जिसे जब्त कर लिया। इसके बाद पुलिस व्यापारी के शव को लेकर हॉस्पिटल पहुंची। मृतक के परिजनों ने व्यापारी के पार्टनर के खिलाफ रिपोर्ट देकर शव का पोस्टमार्टम करवाने से पहले गिरफ्तार करने की मांग पर अड़ गए। एसआई उदयवीर सिंह ने परिजनों को जल्द ही आरोपी को गिरफ्तार कर नियमानुसार कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। करीब 3 घंटे तक समझाइश के बाद परिजन पोस्टमार्टम करवाने के लिए तैयार हुए। इसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया।
मृतक के छोटे भाई मोहम्मद अमान ने बताया कि मेरे बड़े भाई हमीद मोहम्मद ने पिछले साल अपने दोस्त बूंदी निवासी हबीब के साथ मिलकर बीड़ी पत्ते का बिजनेस किया था। इसके लिए हमीद मोहम्मद ने हबीब को 10 लाख रुपए दिए थे। कुछ समय बाद जब मेरे भाई ने उससे उधार दिए रुपए मांगे तो उसने नहीं दिए। कई बार उसको रुपए लौटाने के लिए कहा, लेकिन हबीब ने एक भी रुपया नहीं लौटाया। काफी समय से उसका बड़ा भाई आर्थिक तंगी से परेशान था। हमीद मोहम्मद अपने घर के पास ही टीनशेड के घर में सिलाई का काम भी करता था। सोमवार सुबह करीब 7 बजे वह उसमें गया और फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। करीब 1 घंटे बाद परिजन वहां पहुंचे तो वह एंगल पर फंदे से लटका मिला। वहां जमीन पर सुसाइड नोट भी बरामद हुआ, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है।
मृतक के छोटे भाई मोहम्मद अमान ने बताया कि मेरे बड़े भाई के सुसाइड करने के जिम्मेदार बूंदी के बीड़ी पत्ते व्यापारी हबीब को जल्द गिरफ्तार किया जाए और उससे 10 लाख रुपए दिलवाए जाएं, ताकि मृतक के आश्रित का जीवनयापन हो सके। मृतक के पहली पत्नी से एक लड़की थी, उसकी शादी हो चुकी है। पहली पत्नी से उसका तलाक हो गया है। करीब 8-10 साल पहले उसने दूसरा निकाह किया था। दूसरी पत्नी से उसके 2 बच्चे हैं।
डीएसपी सालेह मोहम्मद ने बताया कि आरोपी के खिलाफ सुसाइड के लिए मजबूर करने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब आगे की कार्रवाई की जा रही है। रुपयों के लेनदेन का मामला है। आरोपी मृतक के रुपए नहीं लौटा रहा था। इससे परेशान होकर सुसाइड करना सामने आया है।
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महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSC) बैंक ने चीनी मिलों को 14 प्रतिशत ब्याज पर ऋण के साथ निर्यात के लिए अनुमति दे दी, लेकिन वाणिज्यिक बैंकों ने इसका का पालन नहीं किया। इससे निर्यात का तय लक्ष्य हासिल होने में मिलों को कठिनाई आ रही है। चीनी निर्यात का मतलब है कि, मिलों को तरलता उत्पन्न करने और घरेलू बाजार में अधिशेष को कम करने में मदद करना है, लेकिन इस बारे में उद्योग से बहुत अधिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। आज तक केवल 12 लाख टन चीनी निर्यात हुई है, सितंबर के अंत तक निर्यात का अंतिम आंकड़ा 25 से 30 लाख टन के आसपास हो सकता है। पिछले साल, बम्पर फसल के मद्देनजर, केंद्र सरकार ने अधिशेह को कम करने और मिलों को किसानों का बकाया चुकाने में मदद के लिए 50 लाख टन निर्यात का लक्ष्य दिया था।
मिलें सितंबर-अक्टूबर में पेराई सत्र की शुरुआत से निर्यात को लेकर आशंकित थी। शुरुआत के लिए, अधिकांश मिलों ने उत्पादन की लागत और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बीच 10 से 11 रुपये प्रति किलोग्राम का अंतर बताया। मिलर्स ने कहा कि, यह निर्यात के लिए गैर-अनुकूल था। जबकि परिवहन सब्सिडी इसे कवर करने के लिए थी, फिर भी ज्यादातर मिलें निर्यात करने में असमर्थ थीं क्योंकि निर्यात के लिए चीनी जारी करने से पहले बैंकों ने अंतर राशि के पूर्व भुगतान पर जोर दिया था।
महाराष्ट्र राज्य सहकारी चीनी मिल महासंघ के प्रबंध निदेशक संजय खताल ने कहा कि, देश में कच्ची चीनी के लिए चीनी बाजार खुलने पर अधिक अनुबंधों को क्रियान्वित किया जाएगा। देश से निकलने वाली 12 लाख टन चीनी में से महाराष्ट्र ने लगभग 2.24 लाख टन चीनी पहले ही निर्यात के लिए किनारे पर छोड़ चुकी है।
हालांकि, जैसे-जैसे पेराई सत्र अपने अंतिम चरण में प्रवेश करेगा, कच्ची चीनी का उत्पादन लगभग बंद हो जाएगा। गुरुवार को 193 में से पांच मिलों ने अपने परिचालन को समाप्त कर दिया है। मराठवाड़ा में अधिक मिलों को फरवरी के अंत तक बंद होने की उम्मीद है, जबकि पुणे, अहमदनगर, सोलापुर और नासिक में मार्च के अंत तक बंद होने की उम्मीद है। सांगली और कोल्हापुर के दक्षिणी महाराष्ट्र जिलों में मिलें देर से शुरू हुईं, इसलिए उम्मीद की जा रही है कि अप्रैल मध्य तक इनका संचालन समाप्त हो जाएगा। मिलों के बंद होने के बाद ज्यादातर निर्यात सफेद चीनी में होगा।
पिछले नवंबर में, दूरी आधारित परिवहन सब्सिडी को अपने चीनी स्टॉक के निर्यात के लिए मिलों को आगे बढ़ाने की घोषणा की गई थी। 100 कि.मी. के भीतर स्थित मिलों को सब्सिडी के रूप में 1,000 रुपये प्रति टन चीनी मिलनी थी; यह तटीय राज्यों के लिए 100 किलोमीटर की दूरी के निशान से परे स्थित मिलों के लिए 2,500 रुपये प्रति टन होना था। उत्तर प्रदेश, बिहार और पंजाब जैसे गैर-तटीय राज्यों में स्थित मिलों के लिए सब्सिडी बढ़ाकर 3,000 रुपये प्रति टन चीनी दी गई।
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मेरे भिक्षुओं में ऐसा विवाद होना असम्भव है; क्यों कि क्रोध, म्रक्ष, ईर्ष्या, शठता, पापेच्छा एवं मिथ्याष्टि--ये छह हेतु ही विवादकारक होते हैं। मैंने इन छह विवादकारक हेतुओं के विनाश के लिये सात विवादशामक उपाय भिक्षुओं को पहले से ही बता रखे हैं। इनका सहारा लेने से सङ्घ में किसी भी प्रकार का विवाद असम्भव है।" भगवान् ने यहाँ प्रसङ्गवश छह स्मरणीय मैत्रीयुक्त कार्यक्रम, आदि धर्मों का भी उपदेश किया है।
५. सुनक्खत्तसुत्त : एक बार बैशाली की महावनस्थ कूटागारशाला में लिच्छविपुत्र सुनक्षत्र ने कुछ भिक्षुओं द्वारा जनता में अपनी अहंत्त्वप्राप्ति का झूठा बखान करने का भगवान् से उपालम्भ दिया। इस प्रसङ्ग में भगवान् ने उन भिक्षुओं को वैसा करने का निषेध किया और नाना युक्तियों के सहारे पाँच कामगुणों का सर्वथा परित्याग करने का उपदेश किया ॥
६. आनेञ्जसप्पायसुत्तः इस सूत्र का उपदेश भगवान् ने भिक्षुओं को कम्मासदम्म नामक कुरु-निगम में किया था। इसमें भगवान् ने सांसारिक कामभोगों की तुच्छता, असत्यता, अनित्यता और मायामयता बतायी है। इसके बदले में, भगवान् ने भिक्षुओं को आनेञ्ज्य सप्पाय, आकिञ्चन्यायतन एवं नैवसंज्ञानासंज्ञायतन की प्राप्ति के उपाय बताये । और यह भी बताया कि कौन भिक्षु वस्तुतः परिनिर्वृत होता है, तथा आर्यविमोक्ष क्या है ? ।।
७. गणकमोग्गल्लानसुत्त - इसमें भगवान् ने गणकमौद्गल्यायन ब्राह्मण को बताया है कि जैसे किसी भवन के निर्माण में क्रमिक शिक्षा एवं क्रमिक क्रिया होती है, उसी तरह हमारे इस धर्मानुशासन में भी जानुपूर्वी शिक्षा आवश्यक है। जैसे कोई अश्वारोही किसी घोड़े को क्रमशः शिक्षा देता है, उसी तरह शास्ता सभी भिक्षुओं को निर्वाण के साक्षात्कारहेतु पहले क्रमशः शील, इन्द्रियसंयम, भोजन में मात्रा का ज्ञान, जागरण, स्मृतिसम्प्रजन्य एवं पाँचों नीवरणों के परित्याग की शिक्षा देता है तब वह अन्त में उसे प्रथम ध्यान आदि का अभ्यास कराता है। इतने पर भी कुछ भिक्षु निर्वाण तक पहुँच पाते हैं, कुछ नहीं भी पहुँचते। परन्तु, ब्राह्मण, इसमें तथागत का क्या दोष ! वे तो केवल मार्गोपदेष्टा हैं, उस मार्ग पर चलने का अभ्यास कर निर्वाण तक पहुँचना तो भिक्षु का ही कर्तव्य है । भिक्षु अपने किसी प्रमाद से वहाँ तक न पहुँच पाये तो इसमें तथागत क्या कर सकते हैं ! ॥
८. गोपकमोग्गल्लान० : इस सूत्र में आयुष्मान् आनन्द द्वारा राजगृह के वेणुवनस्थित कलन्दकनिवाप के समीप रहने वाले गोपक मोग्गलान के सम्मुख भगवान् बुद्ध की अपूर्व मार्गोपदेष्टा के रूप में प्रशंसा की गयी है। और बताया गया है कि तथागत के बाद उनके द्वारा उपदिष्ट धर्म ही अब भिक्षुजन का एकमात्र आश्रयविषयवस्तु
स्थल है। भिक्षु भगवदुपदिष्ट धर्म को ही उनका उत्तराधिकारी मानते हैं। प्रसङ्गवश आनन्द ने भगवदुपदिष्ट शील आदि दश श्रद्धोत्पादक धर्मों तथा चार ध्यानों का भी वर्णन किया है ।।
९. महापुण्णिम० : यह सूत्र श्रावस्तीस्थित पूर्वाराम के मृगारमातृप्रासाद में भगवान् द्वारा भिक्षुओं को उपदिष्ट है। इसमें पाँच उपादानस्कन्ध, सत्कायदृष्टि, रूपादि विषयों में आदीनवदर्शन, अहङ्कार और ममत्व का प्रहाण, आत्मा का कर्म स्पर्शनिषेध आदि का व्याख्यान है ।।
१०. चुल्लपुण्णिम० : इस सूत्र में राजगृह के पूर्वाराम में ही भगवान् द्वारा भिक्षुओं के सम्मुख असत्पुरुष के दुर्गुण एवं सत्पुरुष के गुणों का प्रतिपादन हुआ है ।
२. अनुपदवर्ग
११. अनुपद० : इस सूत्र में श्रावस्ती के जेतवनराम में भगवान् द्वारा भिक्षुओं के सम्मुख आर्य शारिपुत्र के अद्भुत गुणों की चर्चा की गयी है। भगवान् मानते हैं कि शारिपुत्र आर्यविनयानुमोदित सभी साधनाओं को पूर्ण कर चुके हैं। वह आर्यशील एवं आर्यसमाधि में अधिकारप्राप्त, पारङ्गत भिक्षु है ।
ने १२. छब्बिसोधन० : इस सूत्र के द्वारा जेतवनाराम में विराजे भगवान् भिक्षुओं को बताया है कि कैसे किसी भिक्षु के विषय में जाना जाय कि वह अर्हत् ( ज्ञानी ) हुआ कि नहीं ? भगवान् ने बताया कि ( १ ) जो भिक्षु चार व्यवहारों से, ( ४ ) या आध्यात्मिक ( २ ) पाँच उपादानस्कन्धों से, ( ३ ) छह धातुओं से, एवं बाह्य आयतनों से मुक्त हो गया हो, (५ ) और जिसका सभी निमित्तों के प्रति ममत्व का नाश हो चुका हो; उसे ही अर्हत् समझना चाहिये ।
१३. सप्पुरिस० : इस सूत्र में, श्रावस्ती के जेतवनाराम में विराजे भगवान् ने भिक्षुओं को असत्पुरुष एवं सत्पुरुष के लक्षण बताये हैं। उनके मत मैं असपुरुष वह है- ( १ ) जो अपने उच्चकुल में जन्म लेने का अभिमान करता हो, ( २ ) जो अपने जनप्रसिद्ध होने का दम्भ करता हो, ( ३ ) जो अपनी अधिक चीवर - पिण्डपातप्राप्ति का, ( ४ ) जो अपने बहुश्रुत होने का, (५) अपने विनयधर होने का, ( ६ ) धर्मकथिक होने का, (७) धुताङ्गधर होने का, (८) या ध्यानलाभी होने का अभिमान करता है वह भिक्षु होते हुए भी 'असत्पुरुष' है । तथा जो इन उपर्युक्त अभिमानों से रहित हो उसे सत्पुरुष समझना चाहिये । वस्तुतः वही 'क्षीणास्रव भिक्ष है ।
१४. सेवितब्बा से वितब्ब० : एक समय भगवान् जब जेतवनाराम (श्रावस्ती) में विराजमान थे, तब उन्होंने भिक्षुओं को आचरणीय कायकर्म, वाक्कर्म तथा मनः१०
कर्म के विषय में कुछ संक्षेप से उपदेश किया। अतः भिक्षु भगवान का आशय भलीभाँति नहीं समझ पाये। तब शारिपुत्र द्वारा भगवत्कृत उस संक्षिप्त उपदेश का विस्तृत वर्णन किया गया । अन्त में भगवान् ने भी शारिपुत्र के इस फे विस्तृत व्याख्यान का अनुमोदन किया ।।
१५. बहुधातुक : श्रावस्ती के जेतवनाराम में विराजते हुए भगवान् ने आनन्दप्रमुख भिक्षुओं को इस सूत्र का उपदेश किया था। इसमें उन्होंने बताया कि ( १ ) बुद्धिमान् भिक्षु को विचारक ( वीमंसक ) होना चाहिए, ( २ ) अष्टादशधातुकुशल होना चाहिये, ( ३ ) आयतनकुशल होना चाहिए, (४) प्रतीत्यसमुत्पादकुशल होना चाहिए, और ( ५ ) स्थानास्थानकुशल भी होना चाहिए ।।
१६. इसिगिलि० : इस सूत्र में भगवान् ने भिक्ष ओं को राजगृह के समीपवर्ती पर्वतों के विषय में उनका पूर्व इतिहास कहा । जैसे - १. वैभारपर्वत, २. पाण्डवपर्वत, ३. वैपुल्यपर्वत, ४. गृध्रकूटपर्वत एवं ५. ऋषिगिलिपर्वत । प्रसङ्गवश ऋषिगिलि पर्वत का यह नाम क्यों पड़ा ? - यह भी बताया। और उस पर्वत में प्राचीन समय में जितने प्रत्येक बुद्धों ने तपस्या की थी - उनके नाम भी बताये ।।
१७. महाचत्तारिंस० : इस में भगवान् ने श्रावस्ती के जेतवनाराम में विरा जते हुए भिक्ष ओं को आर्य सम्यक्सम्बोधि अष्टाङ्गिकमार्ग की देशना की थी। इसी देशना को बीस-बीस के दो ( कुशलपक्षीय एवं अकुशलपक्षीय ) भागों में बाँटकर अपना आशय विस्तार से समझाया है ।
१८. आनापानस्सतिसुत्त : इस सूत्र के माध्यम से राजगृह के पूर्वाराम में भगवान् द्वारा भिक्षुओं को धर्मदेशना की गयी है। इसमें भगवान् ने बताया है कि आनापानस्मृति द्वारा स्मृतिप्रस्थानों में कैसे पूर्णता प्राप्त की जा सकती हैं ! स्मृति प्रस्थानों की पूर्णता से सातों सम्बोध्यङ्गों में भी पूर्णता प्राप्त की जा सकती है ।।
१६. कायगतास्मृतिसुत्तः इस सूत्र के द्वारा भगवान् ने भिक्षुओं को कायगता स्मृति एवं ध्यानभावना का उपदेश किया था। कायगता स्मृति की साधना के उपायों में १. आनापानस्मृति, २. ईर्यापथस्मृति, ३. शरीरगत बत्तीस अशुचियों का प्रत्यवेक्षण, ४ घातुमनस्कार, एवं ५. शरीरविषयक अशुभानुस्मृति को महत्त्वपूर्ण बताया । ध्यानभावना ( चारों ध्यानों के अभ्यास की पद्धति ) बतायी और आश्वासन दिया कि मार द्विविध साधनाओं के अभ्यासी को कुछ भी हानि नहीं पहुँचा सकता । अपितु उस साधक को अभिज्ञा का साक्षात्कार हो जाता है। अन्त में कायगता स्मृति के दश माहात्म्य भी बताये हैं ॥
२०. सङ्घारुप्पत्तिसुत्त : भगवान् द्वारा श्रावस्ती के को उपदिष्ट इस सूत्र में पुण्यसंस्कारों के विपाकभत मार्ग का
जेतवनाराम में भिक्षुओं वर्णन किया गया है ।
३. शून्यतावर्ग
२१. चुल्लञ्ञतः यह सूत्र भगवान् ने आयुष्मान् आनन्द को उद्देश्य करके श्रावस्ती के पूर्वाराम में कहा था । इसमें बताया गया है कि परिशुद्ध शून्यता की साधना से साधक परिनिर्वाण तक पहुँचा सकता है। भगवान् ने इस शून्यता, साधना के आठ उपाय बताये हैं ।।
२२. महासुञत० : इस सूत्र में भगवान् ने कपिलवस्तु के न्यग्रोधाराम में कालक्षेमक शाक्य के घर में ठहरे भिक्षुओं को बताया कि समूह में अधिक समय तक रहना साधक के लिये दोषप्रद एवं एकान्तसेवन हितकर है। वहाँ एकान्त में रद्द कर वास्तविक ज्ञानप्राप्ति की पद्धति भी बतायी । प्रसङ्गवश भगवान् ने आचार्य एवं सब्रह्मचारियों में अधिक साथ रहने के कारण उत्पदयमान दोषों का भी वर्णन किया है। और यह भी बताया है कि श्रावक को शास्ता के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये ।।
२३. अच्छरियअब्भुतसुत्त : इरु सूत्र के माध्यम से श्रावस्ती के जेतवनाराम में रहते आयुष्मान् आनन्द ने भिक्षुओं को भगवान् बुद्ध में विद्यमान आश्चर्यमय एवं अद्भुत घर्मों का नातिविस्तृत वर्णन किया है
२४. बाकुलसुत्त : इस सूत्र में राजगृह वेणुवनवासी आयुष्मान् बाकुल एवं उनके पुराने गृहस्थधर्म के साथी अचेलकाश्यप ( नग्न परिव्राजक ) की संवाद हैं । इसमें प्रश्नोत्तररूप में अचेलकाश्यप द्वारा की गयी कठोर तितिक्षामय अद्भुत धर्मसाधना का वर्णन है ।
२५. दन्तभूमि सुत्तः इस सूत्र में भगवान् के राजगृह स्थित वेणुवनाराम में साधना करते समय, जयसेन राजकुमार एवं अचिरवत श्रामणेर का संवाद वर्णित है । जब जयसेन राजकुमार ने अचिरवत द्वारा व्याख्यात धर्म से अपनी असहमति जतायी तो अचिरवत ने यह बात भगवान् को आकर सुनायी । भगवान् मे राजकुमार अशिक्षित से एवं पर्वत के नीचे खड़े पुरुष अपनी राजा के पशु, योग्य हाथी को क्षिक्षित करने वाले महावत से तुलना की और अशिक्षित एवं शिक्षित के देहपात का अन्तर बताया ॥
२६. भूमिजसुत्त इस सूत्र में भी राजगृह में ही हुए जयसेन राजकुमार एवं भूमिज भिक्षु का धार्मिक सवाद वर्णित है। बाद में भूमिज भिक्षु के धर्मोपदेश का तथागत ने भी तैलार्थी, क्षीरार्थी, नवनीतार्थी एवं अग्न्यर्थी की अनुकूल प्रतिकूल उपमाओं से अनुमोदन किया ।। |
एक बच्चे की उपस्थिति एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है,जिस समय एक महिला डॉक्टरों की सख्त निगरानी में होनी चाहिए। हालांकि, जन्म देने वाली मां के बाद भी अकेले नहीं छोड़ा जाना चाहिए। आखिरकार, इसके बाद पहली बार, ऐसी कई जटिलताओं हो सकती हैं जो बाद में उनसे निपटने से रोकें। प्रसव के बाद तापमान क्या कारण है और यह क्या इंगित करता है? यह वही है जो मैं अभी इस बारे में बात करना चाहता हूं।
प्रारंभ में, यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि भले हीजन्म की प्रक्रिया अच्छी थी और जटिलताओं के बिना, यह आराम करने का कारण नहीं है। आखिरकार, बच्चे के जन्म के पहले 24 घंटे बाद भी सबसे महत्वपूर्ण हैं। इस समय, कई अलग-अलग समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। और उनमें से एक प्रसव के बाद तापमान है। तो, पहले कुछ दिनों में, डॉक्टर न केवल बच्चे के स्वास्थ्य की निगरानी करते हैं, बल्कि माता भी। समय-समय पर, डॉक्टर गर्भाशय के गर्भनिरोधक की डिग्री, स्तन की स्थिति, निर्वहन की प्रकृति की जांच और स्पष्टीकरण की जांच करते हैं। यदि सीम थे, तो वे समय-समय पर संसाधित होते हैं। और, ज़ाहिर है, शरीर का तापमान दिन में कम से कम तीन बार मापा जाता है। आखिरकार, यह सबसे महत्वपूर्ण संकेतक है जो समय में एक समस्या का संकेत दे सकता है। तापमान वृद्धि की गति और प्रकृति पर भी, प्रारंभिक निदान करना पहले से ही संभव है।
बच्चे के जन्म के बाद सामान्य तापमान क्या है? स्वस्थ व्यक्ति के समान, 36.6-37 डिग्री सेल्सियस हालांकि, प्रत्येक व्यक्तिगत जीव की विशेषताओं को ध्यान में रखना भी आवश्यक है। आखिरकार, ऐसे लोग हैं जिनके पास स्थिर सामान्य तापमान है - 37 डिग्री सेल्सियस, और किसी के लिए यह समस्या का एक गंभीर संकेतक है।
हालांकि, परिस्थितियों में जब शरीर का तापमान बढ़ सकता है, हमेशा जटिलताओं की उपस्थिति को इंगित न करेंः
अन्य मामलों में, प्रसव के बाद तापमान हो सकता हैविभिन्न जटिलताओं का संकेत है। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि पोस्टपर्टम अवधि में वसूली लगभग 5-8 सप्ताह तक चलती है। इसके अलावा इस समय के दौरान युवा मां को स्वास्थ्य और शरीर के तापमान में बदलावों की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता होती है।
ऐसा होता है कि एक महिला के पास कुछ समय होता हैप्रसव के तापमान 37 डिग्री सेल्सियस के बाद रहता है अगर महिला बिल्कुल पीड़ित नहीं होती है, और इस स्थिति में कोई असुविधा नहीं आती है, तो चिंता न करें। आखिरकार, संकेतकों में इतनी मामूली वृद्धि निम्नलिखित प्राकृतिक कारणों से हो सकती हैः
अगर महिला बुखार हैप्रसव के बाद एक निश्चित समय, यह मास्टिटिस जैसी बीमारी का संकेत दे सकता है। वैसे, युवा माताओं के बीच, यह बहुत आम है। तो, यह ध्यान देने योग्य है कि मास्टिटिस स्तन ऊतक का रोगविज्ञान है। यह विभिन्न सूक्ष्मजीवों और बैक्टीरिया के साथ-साथ अन्य रोगजनकों के कारण होता है जो निप्पल में दरारों के माध्यम से छाती में प्रवेश करते हैं और रक्त प्रवाह के साथ ले जाते हैं। इस मामले में मुख्य लक्षण लक्षणः
यह भी याद रखना चाहिए कि इस मामले में स्तनथोड़ा सूजन हो जाएगा, त्वचा लाल हो सकती है। दूध का सामान्य प्रवाह भी परेशान होता है। समस्या के साथ सामना करना एंटीबायोटिक्स के साथ हो सकता है, लेकिन कुछ में, सबसे गंभीर मामलों में, आपको सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
महिलाओं में प्रसव के बाद भी जटिलताएं हो सकती हैंगर्भाशय म्यूकोसा की सूजन का कारण है। यह शरीर तुरंत ब्यानेवाला में भीड़ के अवरुद्ध कर अवक्षेप खून का थक्का ग्रीवा मामले में होता है नाल कणों विलंब, कट्टर रोग के लक्षण के साथ। इस मामले में, तापमान होता है जन्म के बाद लगभग 2-4 दिन, के बारे में 39 ° सूचकांक सी में रखा इस मामले में, औरत भी ठंड लगना महसूस करता है, वहाँ भूख न लगना है, नींद गड़बड़ी मनाया जाता है। पेट के निचले हिस्से में दर्द की टटोलने का कार्य पर महसूस किया है। चरित्र चयनः वे बादल बन जाते हैं, बुरा गंध, उनकी संख्या काफी बढ़ या घट सकता है। समस्या एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से दूर किया जा सकता। कभी-कभी आप गर्भाशय धोने के लिए की जरूरत है।
अगर प्रसव के बाद महिला को बुखार था,यह लैक्टोस्टेसिस (महिलाओं की स्तन ग्रंथियों को प्रभावित करता है) जैसे पैथोलॉजी का सबूत हो सकता है। उसकी बीमारी के दौरान, छाती में दूध ठहराव होता है। समस्या के कारणों के बजाय बदनाम हैंः एक या दो खिलाड़ियों को छोड़ना। लेकिन साथ ही, लैक्टोस्टेसिस दूध नलिकाओं, असमान तनाव, साथ ही अति ताप या स्तन के सुपरकोलिंग के अवरोध के साथ भी हो सकता है। तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं है। स्तन खाली होने के तुरंत बाद लक्षण गायब हो जाते हैं। यदि आप इस समस्या से संघर्ष नहीं करते हैं, तो यह मास्टिटिस में विकसित हो सकता है।
यदि 38 डिग्री सेल्सियस के जन्म देने के बाद एक महिला को बुखार होता है, तो यह निम्नलिखित बीमारियों में से एक को इंगित कर सकता हैः
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Vada pav Recipe : मुंबई अपने चटपटे स्ट्रीट फूड के लिए मशहूर है. इसमें वड़ा पाव भी शामिल है. आप मुंबई स्टाइल में वड़ा पाव घर पर भी बना सकते हैं. आइए जानें इसे बनाने की रेसिपी.
मुंबई अपने चटपटे स्ट्रीट फूड के लिए मशहूर है. भेलपुरी और पाव भाजी से लेकर गोला चुस्की और मिसल पाव तक काफी सारी चीजें मशहूर है. लेकिन एक स्ट्रीट फूड बहुत ही आम है और वो है वड़ा पाव है. जो आपको अधिकतर स्ट्रीट वेंडर्स के पास मिलेगा. इसके अंदर वड़ा होता है. इस व्यंजन को हरी मिर्च और थोड़ी चटनी के साथ परोसा जाता है. आप इसे कॉफी या चाय के साथ भी खा सकते हैं. आप शाम के नाश्ते के रूप में इसका आनंद ले सकते हैं. आप इस मुंबई स्टाइल में वड़ा पाव घर पर भी बना सकते हैं. आइए जानें इसे बनाने की रेसिपी.
एक बड़ा बाउल लें और उसमें कद्दूकस किए हुए आलू डालें. अब इसमें राई, करी पत्ता, अदरक का पेस्ट, लहसुन का पेस्ट, हरी मिर्च, 1/2 छोटा चम्मच हल्दी, हरा धनिया, नींबू का रस और स्वादानुसार नमक डालें. एक चम्मच का इस्तेमाल करें और सभी चीजों को अच्छी तरह मिला लें. मिश्रण को अलग रख दें.
अब एक अलग बाउल लें और उसमें बेसन डालें. अब इसमें 1/2 छोटा चम्मच हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, चावल का आटा, हींग और स्वादानुसार नमक डालें. इसमें थोड़ा -थोड़ा पानी डालें और बेसन का घोल बनाने के लिए अच्छी तरह मिलाएं.
एक कढ़ाई में तलने के लिए तेल डालें और मध्यम आंच पर गरम होने दें.
अब आलू के मिश्रण से 6 बॉल्स बना लें. इन्हें बेसन के घोल में डुबोकर अच्छी तरह कोट कर लें. गरम तेल में सभी तरफ से सुनहरा-भूरा होने तक डीप फ्राई करें.
अब पाव में एक चीरा बना लें, लेकिन सुनिश्चित करें कि वे एक तरफ से जुड़े हुए हैं. अब एक नॉन स्टिक तवा लें, उसमें मक्खन डालें और पाव को दोनों तरफ से सेक लें.
हर पाव में एक आलू की टिक्की भर दें. ऊपर से थोडी सी हरी चटनी या इमली की चटनी डालें और थोड़ा सा दबा दें.
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Garmi Me Lu Se Bachne Ke Aasan Upay: गर्मी का मौसम आते ही लोगों को लू लगने की समस्या होने लगती है। आप इस सभी प्रकार की समस्या से बचना चाहते है तो हम आपको गर्मी में लू से बचने के आसान घरेलू उपाय के बारे में बताएंगे।
अधिक समय तक धूप में रहने से और शरीर में अधिक गर्मी बढ़ाने से सिरदर्द, थकान, चक्कर आना और बुखार आना आदि लक्षण होने लगते है जो कि हीट स्ट्रोक (Heat stroke) के कारण होते है। जब किसी व्यक्ति को लू लगती है तो पसीने आना, दिल की धड़कन का बढ़ना, सांस फूलना, थकान होना और उल्टी जैसी परेशानी होती है।
गर्मियों के मौसम में लू लगना बहुत ही आम है और आप इससे बचने के लिए घरेलू उपायों को भी कर सकते है। आज के इस आर्टिकल में दिए गए हीट स्ट्रोक घरेलू उपचार (Home Remedies for Heat Stroke in Hindi) बहुत ही प्रभावी होते है। आइये इसे विस्तार से जानते है।
हीट स्ट्रोक से बचने के लिए आप निम्न घरेलू उपायों को करें।
(और पढ़ें - लू से बचने के घरेलू उपाय)
धूप में न जाना सबसे आसान तरीका है लू से बचने का। यदि आपको कोई जरूरी काम हो तभी धूप में जाएँ। गर्मियों में धूप में जाने से पहले अपने सिर को कपड़े से ढक लें या फिर छाते का इस्तेमाल करे।
गर्मियों के मौसम में पानी पीना बहुत जरूरी होता है, यह न केवल आपकी प्यास को बुझाता है बल्कि आपके शरीर के तापमान को भी नियंत्रण में रखता है। डिहाइड्रेशन की वजह से वजह लू लगने की समस्या अधिक होती है। इसलिए आप हीट स्ट्रोक से बचने के लिए खूब पानी पियें।
गर्मियों के मौसम में लू से बचने के लिए आपको एलोवेरा जूस पीना चाहिए। यह आपके आपके शरीर को शांत रखता है और उसे ऊर्जा भी देता है। एलोवेरा हीट स्ट्रोक के लिए सबसे आसान प्राकृतिक घरेलू उपचारों में से एक है। घर से बाहर धूप में जाने से पहले आप एक गिलास एलोवेरा जूस का सेवन जरूर करें।
प्याज का सेवन हमारे शरीर को अंदर और बाहर दोनों ओर से ठंडा रखने में मदद करता है। इसलिए गर्मियों के मौसम में आप कच्ची प्याज को सलाद के रूप में जरूर खाएं। अगर आपको धूप में भी घर के बाहर जाना पड़े तो लू से बचने के लिए प्याज का रस निकालें और रस को अपनी छाती और कान के पीछे लगाएं। यह हीट स्ट्रोक या लू के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किए गए घरेलू नुस्खों में से एक है।
गर्मी के मौसम में आम मिलना शुरू हो जाता है। आप लू से बचने के लिए आम का पन्ना भी खा सकते है। कच्चे आम से बना यह पन्ना खाने में भी बहुत ही स्वादिष्ट होता है। इसे बनाने के लिए आप कुछ कच्चे आम को लेकर उबाल लें और फिर ठंडे पानी में भिगो दें। इन आमों का गूदा लें और इसे एक ब्लेंडर में डालकर धनिया, जीरा, गुड़, नमक और काली मिर्च मिलाएं। इसमें थोड़ा सा पानी मिलाएं। हीट स्ट्रोक या लू को रोकने के लिए दिन में तीन से चार बार इस घरेलू दवा का 1 कप पीएं।
पुदीना और तुलसी भी गर्मी से बचने में आपकी मदद कर सकते है। इन दोनों को मिलाकर खाने से यह शरीर पर सुखदायक प्रभाव डालता है और पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। लू से बचने के आसान घरेलू उपाय में आप पुदीना और तुलसी के पाउडर को लेकर इसे एक गिलास ठंडे पानी में घोल लें और इसमें एक चम्मच शक्कर भी मिला लें। अब इस मिश्रण को पियें।
छाछ की तासीर ठंडी होती है जो आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है। इसलिए गर्मी में लू से बचने के लिए आप मट्ठा का सेवन करें। यह आपके शरीर को तरोताजा रखने और पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद करता है।
नारियल का पानी हाइड्रेशन (Hydration) का अच्छा स्रोत माना जाता है और यह पीने में स्वादिष्ट भी होता है। गर्मियों में पानी की कमी की वजह से भी लू लग जाती है। नारियल पानी का सेवन आपके शरीर को ठंडा रखने में मदद करता है, इसलिए इसके सेवन से शरीर की गर्मी को दूर किया जा सकता है।
सौंफ के बीज में शरीर को अंदर से ठंडा रखने के गुण होते है जो आपको गर्मी में लगाने वाली लू से बचाने में मदद करता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी को लेकर इसमें एक चम्मच सौफ के बीज को डाल कर रात भर के लिए रख दें। सुबह इस पानी को छानकर पियें।
ताजे फलों का सेवन करना तो हमेशा से ही लाभदायक होता है लेकिन यदि आप गर्मी में लू से बचना चाहते है तो मौसमी फल खाएं। गर्मियों में में मिलने वाले लगभग सभी फल आपको ठंडा रखकर हीट स्ट्रोक से बचाने में मदद करते है।
अधिक तैलीय भोजन पचने में आसान नहीं होता है, इसलिए आप उन खाद्य पदार्थों का सेवन करें जो पचने में आसान होते है। जब पाचन क्रिया स्वस्थ रहती है तो आप तरोताजा और शांत महसूस करते है। गर्मी के मौसम में तरबूज, खरबूज और ककड़ी आदि का सेवन बहुत ही अच्छा माना जाता है। आप इसके लिए दही का सेवन भी करे, यह आपको ठंडा रखने में मदद करता है।
(और पढ़ें - लू से बचने के लिए क्या खाएं?)
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राजकुमार राव और श्रुति हासन की आने वाली फिल्म 'बहन होगी तेरी' के डायरेक्टर अजय कुमार पन्नालाल और प्रोड्यूसर टोनी डिसूजा को जमानत मिल गई है। जालंधर के एक कोर्ट में सुनवाई के बाद दोनों को जमानत दी गई। दोनों को लोगों की भावनाएं आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अजय कुमार पन्नालाल और टोनी डीसूजा को जालंधर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जालंधर में एक एक शख्स ने दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उस शख्स ने दोनों पर आरोप लगाए थे कि इन्होंने हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया है। आपको बता दें कि ये एफआईआर फिल्म के एक पोस्टर को लेकर दर्ज कराई गई थी जिसमें राजकुमार भगवान शिव के रूप में मोटरसाइकिल पर बैठे नजर आ रहे हैं। पोस्टर अप्रैल में रिलीज किया गया था।
फिल्म के दूसरे प्रोड्यूसर अमूल विकास मोहन ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'भारत एक लोकतांत्रिक देश है और ऐसे में हमें भी अपनी बात कहने का पूरा हक है। हम किसी की धार्मिक भावनाएं नहीं आहत करना चाहते हैं लेकिन इस पूरे मामले ने हमें काफी दुख पहुंचाया है। ' उन्होंने आगे कहा कि इस देश में फिल्मों को बलि का बकरा बनाया जाता है। हमारी फिल्म को सेंसर बोर्ड ने भी पास कर दिया लेकिन फिर भी कुछ लोगों को इसमें आपत्ति थी।
'बहन होगी तेरी' 9 जून को रिलीज होनी है। इस दिन राजकुमार राव की एक और फिल्म 'राब्ता' रिलीज होगी जिसमें उनका रोल काफी महत्तवपूर्ण है।
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हिमाचल चुनाव 2022:
शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर कांग्रेस पार्टी ने अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। कांग्रेस ने हिमाचल की जनता से बड़े-बड़े चुनावी वादें किए हैं, जिसमें हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली, पहली कैबिनेट बैठक में 1 लाख रोजगार देने जैसे वादें शामिल हैं।
1- हर विधानसभा 4 अंग्रेजी मीडियम के स्कूल खोले जाएंगे।
2-पहली कैबिनेट बैठक 1 लाख रोजगार दिए जाएंगे।
3- हर महीने महिलाओं को 15 रूपये देने का वादा।
4- केंद्र सरकार बनने पर सेना में 4 साल की भर्ती वाली योजना वापस ली जाएगी।
5- बीजेपी सरकार में राजनीतिक आधार पर प्रताड़ित किए गए कर्मचारियों का स्थानांतरण रद्द किया जाएगा।
6- हर पशुपालक से हर दिन दस लीटर दूध सरकार की ओर से खरीदा जाएगा। इसके साथ ही पशुपालकों से दो रूपये प्रति किलो के हिसाब से गोबर भी खरीदा जाएगा।
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२. श्री सुन्दरलालजी सिंघवी, गंगापुर - सरल स्वभावी, धर्मप्रेमी, समाजसेवी कार्यकर्ता । ३ श्री सागरमलजी चपलोत, निम्बाहेडा-वस्त्र व्यवसायी, धर्मप्रेमी श्रद्धालु कार्यकर्ता । ४ श्री मनोहरलालजी जैन, पीपल्यामण्डी - उत्साही, धर्मनिष्ठ, सक्रिय कार्यकर्ता ।
१ श्री देवीलालजी बोहरा, रुण्डेडा - स्वाध्यायी, धर्मप्रेमी, सघनिष्ठ, श्रद्धालु कार्यकर्ता । २. श्री गौतमजी पारख, राजनादगाव - उत्साही, सजग, धर्मनिष्ठ समाजसेवी कार्यकर्ता । ३. श्री जीवराजजो कोचर मूथा, बेलगाव - धर्मप्रेमी, सेवाभावी सरल स्वभावी श्रावक । ४ श्री सम्पतलालजी सिपानी, सिलचर - उत्साही, प्रबुद्ध धर्मनिष्ठ कार्यकर्त्ता ।
• श्री उत्तमचन्दजी लोढा, ब्यावर - उत्साही, धर्मप्रेमी, सक्रिय कार्यकर्त्ता । श्री तोलारामजी मिन्नी, मद्रास - धर्मनिष्ठ, मिलनसार, मृदुस्वभावी कार्यकर्त्ता । श्री सौभाग्यमलजी कोटडिया, मुगोली- शासनसेवी, धर्मप्रेमी, श्रद्धालु सुश्रावक । श्री मोहनलालजी चोरड़िया, मैलापुर मद्रास - उत्साही, धर्मप्रेमी कार्यकर्ता । |
विराट कोहली की सेना के लिए इंग्लिश सरजमीं पर खेले जा रहे आईसीसी क्रिकेट विश्व कप 2019 में सबसे प्रबल दावेदार के रूप में उतरी। भारतीय टीम ने अपनी दावेदारी को अभी तक तो पूरी तरह से कायम रखा है और शानदार प्रदर्शन किया है लेकिन इस दौरान भारत को एक के बाद एक नुकसान झेलना पड़ा।
भारतीय टीम को पहले तो अपने दिग्गज सलामी बल्लेबाज शिखर धवन को अंगूठे के फ्रेक्चर के कारण पूरे टूर्नामेंट से गंवाना पड़ा तो वहीं अब युवा ऑलराउंडर विजय शंकर भी पैर के अंगुली में फ्रेक्चर के चलते बाहर हो गए।
शिखर धवन के बाहर होने के बाज युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को मौका मिलना तय भी था और उन्हें ही शिखर धवन का स्थान दिया गया। ऋषभ पंत को कुछ ही मैचों के इंतजार के बाद आखिरकार मौका मिल ही गया।
जब विजय शंकर इंग्लैंड के खिलाफ चोट के कारण नहीं खेल सके। ऋषभ पंत ने तो विश्व कप डेब्यू कर लिया है। तो वहीं विजय शंकर के टूर्नामेंट से ही बाहर होने के बाद कर्नाटक के युवा मयंक अग्रवाल को उनके रिप्लेसमेंट के रूप में चुना है।
मयंक अग्रवाल को कहीं ना कहीं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके टेस्ट डेब्यू के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में मौका दिया है क्योंकि किसी खिलाड़ी के बाहर होने की स्थिति में तो अंबाती रायडू कतार में थे।
सबसे बड़ा सवाल क्यों मिला रायडू से पहले मयंक अग्रवाल को मौका?
अंबाती रायडू को कवर्स के तौर पर विश्व कप के लिए चुना गया था लेकिन अचानक से मयंक अग्रवाल के टीम में आने का कारण हर कोई जानना चाहता होगा। तो आपको बताते हैं आखिर क्यों मयंक अग्रवाल को अंबाती रायडू पर तरजीह दी गई।
पिछले ही दिनों मयंक अग्रवाल भारत ए के लिए खेले थे और उन्होंने वहां पर जबरदस्त प्रदर्शन किया। अंबाती रायडू ने वहां खेले चार मैचों में 71. 75 की औसत से बनाए 287 रनों ने चयनकर्ताओं को काफी प्रभावित किया। इसी से चयनकर्ता ने अंबाती रायडू से आगे मयंक अग्रवाल में रूचि दिखायी।
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विश्व क्रिकेट में यार्कर किंग के नाम से मशहूर लंकाई तेज गेंदबाज लसिथ मलिंगा एक बार फिर लम्बे ब्रेक के बाद इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करने जा रहे हैं. ऐसा सिर्फ हम नहीं कह रहे बल्कि लंकाई टीम के हेड कोच चंडिका हाथुरुसिंघा ने इस बात के संकेत दिए हैं. इसका मतलब अब टीम इंडिया के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और मलिंगा के बीच एक बार फिर यार्कर की होड़ देखने को मिलेगी.
बता दें टीम इंडिया के गेंदबाज बुमराह को भी हाल के दिनों में यार्कर किंग कहा जाने लगा था, लेकिन देखना अब दिलचस्प होगा कि दोनों में सटीक यार्कर किसकी पड़ती है.
कोच का मानना है कि टीम को अभी भी अगले साल इंग्लैंड में होने वाले विश्व कप और 2020 में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए सही टीम संयोजन तलाशने की जरूरत है.
मलिंगा ने इसी साल श्रीलंका के घरेलू टूनार्मेंट में खेलने के ऊपर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में मुंबई इंडियंस का गेंदबाजी सलाहकार बनने को तरजीह दी थी और इसलिए उन्हें चयन के नहीं गिना जाता था.
लंकाई कोच का कहना है कि,
बता दें कि पिछले एक साल में तकरीबन 48 मैच खेले हैं, जिनमें उन्हें 30 मैचों में हार का सामना करना पड़ा है. हाल ही में दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका के खिलाफ पांच मैचों की वन-डे सीरीज पहले ही अपने नाम कर चुकी है. हालांकि, अभी दो मैच और खेलने हैं.
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गुड लाइफ हेल्थ केयर सेंटर, डीएलएफ-3, जोकि एसआरएल डायग्नोस्टिक का कलेक्शन सेंटर है, पर एक छदम (डेकोय) ग्राहक भेजकर लैब के मैनेजर अनुज शर्मा व कर्मचारी संजीव को 2000 रुपये में कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट् देने पर मौके से गिरफ्तार किया व दोनों के विरुद्ध थाना डीएलएफ फेज-3 में एफआईआर दर्ज करवा दी गई है।
हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग व सीएम फ्लाइंग की संयुक्त टीम ने गुरुग्राम में फर्जी कोविड आरटीपीसीआर पॉजिटिव रिपोर्ट्स देने वालों के गिरोह के दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। टीम ने मौके से लैपटॉप व अन्य फर्जी दस्तावेजों को भी जब्त किया है।
इस संबंध में जानकारी देते हुए खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को फर्जी कोविड रिपोर्ट्स बनाने वाले रैकेट के बारे में निरंतर मिल रही सूचनाओं पर कार्यवाही करने के आदेश की अनुपालना में गत दिवस को खाद्य एवम औषधी प्रशासन, मुख्यमंत्री उड़नदस्ता व स्वास्थ्य विभाग की एक टीम ने गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-3 में गुड लाइफ हेल्थ केयर सेंटर पर छापा मारा और इस टीम में जिला औषधी नियंत्रण अधिकारी श्री मनदीप मान, डॉ नमन, डॉ रामप्रकाश राय, उप-निरीक्षक सतेंदर व उप-निरीक्षक रणधीर शामिल थे।
उन्होंने बताया कि टीम ने गुड लाइफ हेल्थ केयर सेंटर, डीएलएफ-3, जोकि एसआरएल डायग्नोस्टिक का कलेक्शन सेंटर है, पर एक छदम (डेकोय) ग्राहक भेजकर लैब के मैनेजर अनुज शर्मा व कर्मचारी संजीव को 2000 रुपये में कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट् देने पर मौके से गिरफ्तार किया व दोनों के विरुद्ध थाना डीएलएफ फेज-3 में एफआईआर दर्ज करवा दी गयी है।
प्रवक्ता ने बताया कि मौके से कई फर्जी कोविड आरटीपीसीआर रिपोर्ट्स व सरकार द्वारा निर्धारित टेस्ट रेट से ज्यादा रेट चार्ज करने की रसीदे व लैपटॉप सहित अन्य रिकॉर्ड बरामद हुआ है, जिसको टीम ने अपने कब्जे में ले लिया।
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रांची (ब्यूरो) । श्री श्याम मित्र मंडल द्वारा हरमू रोड के श्री श्याम मंदिर में शनिवार को 62 वां श्री श्याम भंडारा का भव्य आयोजन किया गया। दिलीप पोद्दार संग श्यामा पोद्दार एवं अनूप अग्रवाल संग उषा अग्रवाल ने परिवार के साथ श्री श्याम भंडारे की सेवा निवेदित की। भंडारे में केसरिया खीर, पूड़ी, सत्तू का बनारसी कचौड़ी, आलू रसदार सब्जी व पंचमेला की सब्जी प्रसाद मंदिर में मंडल के अध्यक्ष सुरेश सरावगी की देखरेख में निर्मित किया गया। गोधूलि बेला पूर्व मंदिर के पट खुलते ही यजमान पोद्दार एवं अग्रवाल परिवार ने मंदिर में विराजमान खाटू नरेश शालिग्राम, लड्डू गोपाल, शिव परिवार बजरंगबली व गुरुजनों को भंडारे का प्रसाद अर्पित कर बाबा के दरबार में मत्था टेक कर आशीर्वाद प्राप्त किया।
मंडल के महामंत्री विश्वनाथ नारसरिया उपमंत्री अनिल नारनोली की अगुवाई में भक्त जनों ने भोग भजन का गायन कर खाटू नरेश की मनुहार की। भोग लगे प्रसाद को विशाल भंडारे में मिश्रित कर महाप्रसाद बनाकर यजमानाी परिवारों ने सर्वप्रथम मंदिर के आचार्यों को प्रसाद खिलाकर उनका चंदन वंदन करके आशीर्वाद प्राप्त किया। हरमू रोड में भक्तजनों द्वारा खाटू नरेश की जय जयकार की जा रही थी। मंदिर भक्तों से अटा हुआ था तो दूसरी और हरमू रोड में भंडारे का प्रसाद प्राप्त करने के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी थी। श्री गणेश वंदना के साथ यजमान परिवार के दिलीप श्यामा पोद्दार एवं अनूप उषा अग्रवाल ने अपने परिजनों के साथ भंडारे का प्रसाद वितरण प्रारंभ किया। लगभग 3500 से ज्यादा भक्तों ने प्रसाद प्राप्त किया। टॉफी का भी सभी को वितरण किया गया।
इस अवसर पर अध्यक्ष सुरेश सरावगी महामंत्री विश्वनाथ नारसरिया श्रवण ढानढनिया श्याम सुंदर शर्मा गौरव अग्रवाल मोनू रोनक पोद्दार पूर्व सांसद अजय मारू पंकज गाड़ोदिया अनिल नारनोली राजीव रंजन मित्तल अनुज मोदी आशीष डालमिया श्याम सुंदर जोशी अभिषेक सरावगी राहुल मारू कविता मित्तल रमा सरावगी मदन बगरिया कमलेश सावा रतन शर्मा वेद भूषण जैन अन्नपूर्णा सरावगी राजेश चौधरी किशन शर्मा मनोज खेतावत झूलन मुंडा उपेंद्र पांडे मनीष वर्मा कुमार दिनेश अग्रवाल रोशन खेमका अंकित सिंह विशाल पोद्दार संतोष पोद्दार सिद्धार्थ पोद्दार संजय सराफ सरिता अग्रवाल सहित 70 से ज्यादा स्वयंसेवकों ने भंडारे में सहयोग किया।
श्री श्याम मित्र मंडल द्वारा हरमू रोड के श्री श्याम मंदिर में अचला एकादशी के अवसर पर रात्रि 9. 30 से कीर्तन का आयोजन होगा। खाटू नरेश का विशेष श्रृंगार होगा। हटिया निवासी वीरेंद्र अग्रवाल विशेष श्रृंगार सेवा निवेदित करेंगे। अध्यक्ष सुरेश सरावगी व मंत्री गौरव अग्रवाल मोनू ने भक्तों को आमंत्रित किया है।
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उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के थाना मंवाना क्षेत्र में 16 वर्षीय किशोरी के साथ दो युवकों द्वारा सिनेमा हॉल की बालकनी में सामूहिक बलात्कार किये जाने की घटना सामने आई है। पुलिस ने दोनो आरोपी युवकों को गिरफ्तार कर आज जेल भेज दिया।
जनपद के दो अलग अलग थाना क्षेत्रों में दो किशोरियों के साथ कथित बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस रिपोर्ट दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है।
दिल्ली के 16 दिसम्बर सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले में फांसी की सजा पाए चार दोषियों में से दो को तिहाड़ जेल में एक अलग सेल में स्थानांतरित कर दिया गया है।
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अमेरिका जहां गन कल्चर के कारण शूटिंग के मामलों से त्रस्त है वहीं दूसरी ओर चीन में गन खरीद और गन रखने के बेहद सख्त नियम-कायदे हैं। 2010 में चीन सरकार ने नियम बनाया कि ऐसी कोई भी गन जिससे चलने वाली गोली कागज को भेदा जा सके उसके अवैध और खतरनाक माना जाएगा।
इसे रखना गैरकानूनी होगा। इस कानून से अनजान 47 साल के गेम डिजाइनर सैन चैंग ने ऑनलाइन पोर्टल अलीबाबा से ऐसी टाय गन खरीदी। चैंग इसका इस्तेमाल कंपनियों के वीडियो बनाने के लिए करने वाले थे। इस बीच रात को ही पुलिस ने उनके अपार्टमेंट पर छापा मार कर बंदूकों को जब्त किया।
चैंग को तीन साल की जेल हुई। चीन हेबेई प्रांत के वैंग जिनजोंग का बेटा भी ऐसी टॉय गन रखने के आरोप में जेल की सजा काट रहा है। वैंग का कहना है कि हॉन्गकॉन्ग में ऐसी बंदूकों की धड़ल्ले से ऑफलाइन भी बिक्री होती है लेकिन चीन में सख्त कानून बनाए हुए हैं। 2019 के एक शोध में सामने आया कि जांच एजेंसियों ने 229 टॉय गन की जांच की तो इन सभी को अवैध पाया गया।
अलीबाबा जैसे ऑनलाइन पोर्टल पर इस प्रकार की गन की बिक्री पर रोक नहीं लगाई गई है। जबकि पूर्व में अलीबाबा पर नकली शराब और सिगरेट की ऑनलाइन बिक्री के कई मामले सामने आ चुके हैं। चीन के एक वकील जोऊ हुजयोंग का कहना है कि चीन के कानून के अनुसार बंदूक की परिभाषा इतनी जटिल है कि टॉय गन रखने के आरोपी को भी दोषी करार दिया जाता है।
टॉय गन रखने के आरोप में तीन साल की जेल काटने के बाद अब चैंग अमेरिका में बस बए हैं। उनका कहना है कि चीन में ऑनलाइन टॉय गन की ब्रिकी के कानून नहीं बदले गए हैं। ये बड़ा विरोधाभास है कि टॉय गन की आसानी से डिलीवरी हो जाती है लेकिन इन्हें रखना गैर कानूनी माना जाता है। कड़ी सजा मिलती है।
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शरीर का कोई भी अंग खराब होता है तो जान जाने की संभावना हो जाती है. लिवर शरीर का सबसे महत्वपूर्ण और बड़ा अंग होता है. यदि इसमें किसी भी प्रकार का इंफेक्शन या खराबी आ जाती है तो, शरीर में कई प्रकार के लक्षण दिखाई देने शुरू हो जाते हैं. ये बहुत ही कम लोग जानते हैं कि लिवर जब 80% तक डैमेज हो चुका होता है तब जा कर इसके लक्षण दिखाई देने शुरू होते हैं.
* आंखों में पीलापन आना : लिवर खराब होने के लक्षण में सबसे पहले आंखों, त्वचा और नाखूनों का रंग पीला पड़ने लगता है. इसके साथ पेशाब का रंग भी पीला हो जाता है. यह बाइल जूस के अत्यधिक प्रोडक्शन की वजह से होता है.
* मितली आना : अगर लिवर को तकलीफ होती है तो इंसान को बार बार मितली आने जैसा लगता है. कई बार खून की उलटी भी होती है.
* पेट के निचले हिस्से में सूजन आना : अगर पेट के निचले हिस्से में सूजन आती हुई दिखाई दे रही है तो यह लिवर में खराबी होने का संकेत हो सकता है. इसे नज़र अंदाज़ ना करें.
* नींद ना आना : लिवर अगर खराब होने लगता है तो रोगी को नींद कम आती है जिससे वो दिनभर थका हुआ दिखाई देता है और सुस्त नजर आता है.
* बुखार आना : लिवर की खराबी की वजह से रोगी को बुखार आता है और उसके मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है. यही नहीं उसके मुंह से बदबू भी आने लगती है.
* भूख न लगना : इस दौरान रोगी को भूख नहीं लगती और उसके पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या बनने लगती है. यही नहीं इससे उसके सीने में जलन और भारीपन की भी शिकायत बढ़ जाती है.
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किसी ने भी साल 2021 में द मिज (The Miz) के WWE चैंपियन बनने की कल्पना नहीं की थी। आपको बता दें, जब मिज ने ओटिस से मनी इन द बैंक ब्रीफकेस जीता भी था तो कई लोगों का मानना था कि मिज बिना चैंपियनशिप जीते ही अपना मनी इन द बैंक कॉन्ट्रैक्ट गंवा देंगे। हालांकि, द मिज सभी को गलत साबित करते हुए Elimination Chamber में WWE चैंपियन बनने में कामयाब रहे लेकिन उन्हें चैंपियन बनाने में बॉबी लैश्ले का बड़ा हाथ रहा है।
आपको बता दें, द मिज के WWE चैंपियन बनने के बाद से ही फैंस के मन में यह सवाल खड़े होने लगे हैं कि मिज कब तक चैंपियन बने रहेंगे और क्या वह WrestleMania 37 में WWE चैंपियन के रूप में एंट्री कर पाएंगे। इस आर्टिकल में हम 3 ऐसे कारणों का जिक्र करने वाले हैं कि क्यों मिज को शोज ऑफ शोज तक चैंपियन बने रहना चाहिए और 2 कारण क्यों चैंपियन नहीं रहना चाहिए।
द मिज एक परफेक्ट हील सुपरस्टार हैं और हील सुपरस्टार के रूप में फैंस का उनसे नफरत करना यह दर्शाता है कि वह अपना रोल कितने बखूबी से निभा रहे हैं। आपको बता दें, द मिज, विंस मैकमैहन के सबसे वफादर सुपरस्टार्स में से एक हैं और यही कारण है कि वह आज WWE चैंपियन हैं।
वह काफी समय से मिड कार्ड में कड़ी मेहनत कर रहे हैं और कुछ वक्त के लिए वह मेन इवेंट सीन का हिस्सा बनना डिजर्व करते हैं। यही कारण है कि वह WrestleMania 37 तक चैंपियन बने रहना डिजर्व करते हैं तो इस दौरान वह शानदार चैंपियन साबित हो सकते हैं।
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बॉबी लैश्ले को पिछले कुछ समय में WWE में काफी बड़ा पुश दिया गया और वह अगले हफ्ते Raw में द मिज के खिलाफ WWE चैंपियनशिप मैच का हिस्सा हैं। अगर लैश्ले इस मैच में द मिज से किसी तरह हार जाते हैं तो इससे उनका मोमेंटम समाप्त हो जाएगा।
यह कहना गलत नहीं होगा कि कंपनी के पास इस वक्त लैश्ले को ब्रॉक लैसनर की तरह बुक करने का मौका है और वह कंपनी के अगले मॉन्स्टर बन सकते हैं। यही कारण है कि अगले हफ्ते Raw में मिज के खिलाफ WWE चैंपियनशिप मैच में लैश्ले को हराने की गलती नहीं करनी चाहिए।
हालांकि, ड्रू मैकइंटायर पिछले साल WrestleMania में नए WWE चैंपियन बने थे लेकिन उस वक्त एरीना में लाइव ऑडियंस मौजूद नहीं थे। यह कहना गलत नहीं होगा कि मैकइंटायर शोज ऑफ शोज में हजारों दर्शकों के सामने WWE चैंपियन बनना डिजर्व करते हैं।
यही कारण है कि अगर द मिज इस साल WrestleMania तक चैंपियन बने रहते हैं तो इससे मैकइंटायर को ही फायदा होगा। अगर मिज इस साल शोज ऑफ शोज तक चैंपियन रहते हैं तो न सिर्फ ड्रू मैकइंटायर उन्हें हराकर उनसे अपना बदला ले सकते हैं बल्कि इससे मैकइंटायर को हजारों फैंस के आगे चैंपियन बनाने का सपना भी पूरा हो जाएगा।
रैपर बैड बनी 24/7 चैंपियन के रूप में काफी सफल हुए हैं और वह एक मेनस्ट्रीम स्टार हैं। अफवाहों की माने तो WWE WrestleMania 37 में द मिज और बैड बनी के बीच मैच कराना चाहती है। यही कारण है कि द मिज को शोज ऑफ़ शोज से पहले अपना टाइटल हार जाना चाहिए।
ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर मिज WrestleMania 37 तक चैंपियन बने रहते हैं तो विंस मैकमैहन शोज ऑफ शोज में बैड बनी द्वारा मिज को हराकर नया चैंपियन बनाते हुए मेनस्ट्रीम दर्शकों को आकर्षित करने की कोशिश कर सकते हैं और यह काफी खराब फैसला होगा।
अगले हफ्ते Raw में बॉबी लैश्ले के खिलाफ मैच में द मिज अपनी WWE चैंपियनशिप हार सकते हैं। हालांकि, क्या मिज का चैंपियन बनने के एक हफ्ते बाद ही टाइटल हारना सही रहेगा, शायद नहीं। इतनी जल्दी टाइटल हारने से WWE चैंपियनशिप के वैल्यू को क्षति पहुंच सकती है।
यही कारण है कि द मिज को WrestleMania 37 तक चैंपियन बने रहना चाहिए। इस दौरान WWE द मिज को हील चैंपियन के रूप में बुक कर सकती है।
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आदेश में एक रिश्तेदार सफल करने के लिए फिर से पंजीकरण करने के लिए कार के अलावा, यह एक विशिष्ट एल्गोरिथ्म का पालन करने के दस्तावेजों के साथ काम करने के लिए है, जो सभी रूसी क्षेत्रों में एक ही है की सिफारिश की है।
वहाँ मालिक बदलने के लिए तीन तरीके हैं।
प्रक्रिया पहले। बिक्री के एक अनुबंध ड्राइंग द्वारा एक रिश्तेदार की कार पुनः पंजीयन। पुनः बनाया मशीन इस प्रकार ध्यान में रखा जाना बारीकियों हैं।
यह वही क्षेत्र में रहने वाले रिश्तेदारों के लिए फायदेमंद है। पंजीकरण की (2011/04/03 से) रजिस्टर बंद कार स्वचालित रूप से पल जब नए मालिक वाहन खरीदा पंजीकृत करता है पर नए नियमों के तहत। स्वाभाविक रूप से, नियम केवल एक ही क्षेत्र के भीतर लागू होता है। ऐसा लगता है कि दो मालिकों (पुराने और नए) का एक बार की उपस्थिति केवल एक बार आवश्यक हैः पंजीकरण और हस्ताक्षर करने के अनुबंध पर।
कार की संख्या राज्य की आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, वे नए मालिक के लिए जा सकते हैं। वे रंगा रहे हैं, तो विकृत, क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, या बस नए मालिक पसंद नहीं है, वे नए लोगों को प्राप्त करने के लिए लिया जा सकता है।
एक अनुबंध को अपने दम पर किया जा सकता है निष्पादित, लेकिन आप एक बिचौलिया रख सकता है। आमतौर पर, हर शहर में, वहाँ कंपनियों है कि ग्राहकों के घरों में उनके विशेषज्ञों भेज रहे हैं। बेशक, पैसे के लिए।
वाहन एक समय था जब कार एक रिश्तेदार के नवीकरण में उत्पादन किया जाता है पर कम से कम तीन साल के उपयोग में है, तो, कर भुगतान नहीं किया है। इस मामले में जब पहली कार चालू वर्ष में बेचा जाता है। अन्यथा रिश्तेदारों अनुबंध उन्हें सूट किसी भी राशि (125,000 तक) निर्दिष्ट कर सकते हैं।
अनुबंध के पंजीकरण आमतौर पर एक नहीं बल्कि सरस पल के बाद आता है के बाद (कुछ कार मालिकों इसके साथ शुरू करने के लिए)। पुनः पंजीयन कारों की एक निश्चित लागत की आवश्यकता है ताकि पुराने और नए मालिक है जो वास्तव में लागत का भुगतान करेगा तय करना होगा। यह निर्दिष्ट और कीमत पेश करने के लिए सिफारिश की हैः यह बहुत नैतिक नहीं है, लेकिन बाद में कई मतभेद से छुटकारा पा सकते।
इस तरह के एक अनुबंध के लिए कोई नोटरी प्रमाणीकरण पंजीकरण के रूप में की आवश्यकता नहीं है, साथ ही। हालांकि, अगर आप नोटरी लेनदेन रजिस्टर अगर वांछित पूछ सकते हैं।
इसके नए मालिक के निवास स्थान पर पंजीकरण करने के लिए उपहार विषय।
तीसरा रास्ता। वकील की एक सामान्य शक्ति जारी करके अन्य व्यक्तियों को वाहनों का पंजीकरण।
वकील की इस तरह की शक्ति केवल एक नोटरी जारी कर सकता है। इसकी सेवाओं की लागत क्षेत्र में जो मुख्तारनामा जारी किया जाता है पर निर्भर करता है। एक नोटरी के लिए कोई दस्तावेज़ के निष्पादन के लिए केवल पुरानी कार मालिक आने के लिए। 3 साल - ऐसा नहीं है कि इसकी वैधता की अधिकतम अवधि याद किया जाना चाहिए। इसके अलावा, जबकि नए मालिक कार अपने आप पंजीकृत नहीं है, सभी चालान पुराने स्वामी को भेज दिया जाएगा। एक दुर्घटना के मामले में मालिक साबित होता है कि मशीन और वकील की छुट्टी दे दी बिजली अन्य चला रहा था होगा।
जो कोई भी वकील की सामान्य शक्ति पर कार मिल गया, यह भी के जोखिम को चलाता हैः किसी भी समय वापस लेने पर मुख्तारनामा, और सही के नए मालिक की मौत के मामले में वर्ष के लिए कार ले जाते हैं, या उसके वारिस को करने के लिए।
सबसे अच्छा तरीका है फिर से पंजीकरण कारों की करने के लिए - आज, कई कार मालिकों को विश्वास है कि बिक्री कर रहे हैं।
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केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले फील्ड मार्शल थे जिन्हें 15 जनवरी 1949 को सेना का प्रमुख बनाया गया था। कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा ने अपनी नौकरी की शुरुआत भारतीय-ब्रिटिश फौज की राजपूत रेजीमेंट में सेकेंड लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति के साथ की थी। फोटो- जागरण।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले फील्ड मार्शल थे, जिन्हें 15 जनवरी 1949 को सेना का प्रमुख बनाया गया था। पहले सेना प्रमुख होने के साथ-साथ वह भारतीय सेना के पहले फाइव स्टार रैंक के अधिकारी थे। भारतीय सेना में तीस साल रहकर उन्होंने देश की सेवा की और साल 1953 में रिटायर हो गए। हालांकि, रिटायर होने के बाद भी फील्ड मार्शल करियप्पा भारतीय सेना में किसी न किसी रूप में अपना योगदान देते रहे। 94 साल की उम्र में 15 मई 1993 को बेंगलुरू में करियप्पा का निधन हो गया।
कोडंडेरा मडप्पा करिअप्पा ने अपनी नौकरी की शुरुआत भारतीय-ब्रिटिश फौज की राजपूत रेजीमेंट में सेकेंड लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्ति के साथ की थी। केएम करियप्पा का जन्म 28 जनवरी 1899 को कर्नाटक में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा माडिकेरी सेंट्रल हाई स्कूल से हुई थी। हालांकि, उन्होंने अपनी पढ़ाई मद्रास प्रेसीडेंसी कॉलेज से पूरी की थी। पढ़ाई पूरी करने के बाद वह इंदौर स्थित आर्मी ट्रेनिंग स्कूल के लिए सेलेक्ट हो गए। आर्मी ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग पूरा होने के बाद साल 1919 में उन्हें सेना में कमीशन मिला और भारतीय सेना में सेकेंड लेफ्टिनेंट के तौर पर उनकी तैनाती कर दी गई।
फील्ड मार्शल करियप्पा को 15 जनवरी 1949 को भारत का सेना प्रमुख नियुक्त किया गया। इसी दिन भारतीय अधिकारी को कमांडर इन चीफ का पद मिला था। इससे पहले इस पद पर अंग्रेजों की नियुक्ति होती थी। 15 जनवरी 1949 को ब्रिटिश शासन ने पहली बार भारतीय सेना को कमान सौंपी थी और इस दौरान करियप्पा सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। उन्होंने जनरल सर फ्रांसिस बुचर का स्थान लिया और भारतीय सेना के कमांडर-इन-चीफ के रूप में पदभार ग्रहण किया। इसी दिन भारत में हर साल जवानों और भारतीय सेना की याद में सेना दिवस (Army Day) मनाया जाता है।
केएम करियप्पा साल 1953 में सेना से रिटायर हो गए, जिसके बाद उन्हें ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में राजदूत बनाया गया। करियप्पा ने अपने अनुभव के कारण कई देशों की सेनाओं के पुनर्गठन में भी मदद की। भारत सरकार ने सन 1986 में उन्हें "फील्ड मार्शल" का पद दिया। सेवानिवृत्ति के बाद केएम करियप्पा कर्नाटक के कोडागू जिले के मदिकेरी में बस गए थे। करिअप्पा को ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर, मेन्शंड इन डिस्पैचेस और लीजियन ऑफ मेरिट जैसे अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा गया था।
फील्ड मार्शल केएम करिअप्पा बंटवारे से पहले पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख और राष्ट्रपति जनरल अयूब खान के भी बॉस रह चुके थे। अयूब खान सेना में रहते हुए जनरल करियप्पा के साथ काम किया था। साल 1965 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान जनरल करियप्पा सेना से रिटायर हो चुके थे। हालांकि, उनके बेटे केसी नंदा करियप्पा इसी दौरान एयरफोर्स में सेवा देते हुए पाकिस्तानी सेना पर कहर बरपा रहे थे। पाकिस्तानी सेना पर गोले बरसाते हुए वह गलती से दुश्मन देश की सीमा में प्रवेश कर गए और उनका विमान पाकिस्तानी सेना की गोलियों का शिकार हो गया।
दुश्मन की सीमा में किसी भी तरह सुरक्षित नीचे उतरने के बाद पाकिस्तानी सेना ने उन्हें अपने कब्जे में ले लिया। हालांकि, पाकिस्तानी सेना को जब पता चला कि केसी नंदा रिटायर्ड जनरल केएम करियप्पा के बेटे हैं तो पाक सेना में खलबली मच गई। इसकी जानकारी जब उस समय के पाक राष्ट्रपति अयूब खान को दी गई तो उन्होंने पाक उच्चायुक्त को पूर्व सेना प्रमुख करियप्पा से बात करने के लिए कहा। पाक उच्चायुक्त ने पूर्व सेना प्रमुख करियप्पा से बात की और उनके बेटे को छोड़ने की पेशकश की, जिसमें करियप्पा ने कहा कि पाकिस्तान में बंद सभी भारतीय जवान मेरे बेटे हैं और छोड़ना है तो सबको छोड़ो। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
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नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पिटाई का दावा किया गया है। शेयर किए जा रहे वीडियो में दावा किया गया कि अरविंद केजरीवाल की पिटाई तो सिर्फ भारत में होती थी, लेकिन राजीव गांधी की पिटाई विदेश में होती थी।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा दावा गलत साबित होता है।
क्या है वायरल पोस्ट में?
फेसबुक पर शेयर किए वीडियो के साथ दावा किया गया है, 'केजरीवाल तो सिर्फ इंडिया में ही पिटा लेकिन राजीव गांधी तो विदेश में पिटता था।' फेसबुक पर यह वीडियो 'समाजवादी पार्टी हिंदू विरोधी है' नामक पेज से शेयर किया गया है। पड़ताल किए जाने तक इस वीडियो को 205 बार शेयर किया जा चुका है।
जांच की शुरुआत हमने वीडियो की सत्यता को परखने के साथ की। जांच के मुताबिक, यह वीडियो 30 जुलाई 1987 का है, जब देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी श्रीलंका दौरे पर थे। इस यात्रा के दौरान उन्होंने भारत एवं श्रीलंका के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इसी समझौते को लेकर वह कोलंबो की यात्रा पर थे। जब उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया जा रहा था, तभी एक नौसैनिक ने रायफल की बट से पूर्व प्रधानमंत्री पर हमला किया।
विदेशी धरती पर किसी भारतीय प्रधानमंत्री पर यह हुआ यह पहला हमला था। हमले से जुड़े इस वीडियो को यहां देखा जा सकता है।
इंडिया टुडे के अगस्त 1987 के अंक में इस हमले की खबर को पढ़ा जा सकता है।
खबर के मुताबिक, सुरक्षाबलों की कार्रवाई के मुकाबले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी फुर्ती से नीचे झुक गए, जिसकी वजह से हमले में उन्हें कोई नुकसान नहीं हुआ।
हमले के बाद प्रधानमंत्री की हत्या करने की कोशिश के आरोप में नौसैनिक विजितामुनी रोहाना डिसिल्वा को गिरफ्तार कर लिया गया और उसने ढाई साल जेल में गुजारे। इसके बाद वह ज्योतिषी बन गया।
श्रीलंका के मौजूदा राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना की हत्या की साजिश के मामले में डिसिल्वा एक बार फिर से पुलिस जांच के दायरे में है।
निष्कर्षः विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल हो रहा दावा गुमराह करने वाला साबित होता है। श्रीलंका में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के ऊपर जानलेवा हमला हुआ था, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे और यह कोई घरेलू राजनीति से जुड़ी या चुनावी घटना नहीं थी।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें [email protected] पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर - 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।
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नई दिल्लीः सरकार ने एचएलएल लाइफकेयर की रणनीतिक बिक्री को संभावित खरीदारों के लिए रुचि पत्र (ईओआई) जमा करने की समयसीमा दूसरी बार बढ़ाकर 14 मार्च कर दी है।
निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) ने स्वास्थ्य क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रम में 100 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए पहले 14 दिसंबर, 2021 को शुरुआती बोलियां आमंत्रित की थीं।
ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख 31 जनवरी, 2022 थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 28 फरवरी किया गया था।
विभाग का कहना है कि इच्छुक बोलीदाताओं ने समयसीमा बढ़ाने का आग्रह किया था, जिसके बाद यह कदम उठाया गया है। अब ईओआई जमा करने की अंतिम तारीख 14 मार्च होगी।
दीपम द्वारा पात्र इच्छुक बोलीदाताओं (क्यूआईबी) को सूचित करने की तारीख भी एक पखवाड़ा बढ़ाकर 28 मार्च कर दी गई है।
एचएलएल स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आने वाला सार्वजनिक उपक्रम है। यह कंपनी कई प्रकार के गर्भ निरोधक उत्पाद, महिलाओं के स्वास्थ्य संबंधी उत्पाद, अस्पतालों के लिए आपूर्ति तथा अन्य फार्मा उत्पादों का विनिर्माण और विपणन करती है।
एचएलएल स्वास्थ्य सेवा और नैदानिक सेवाएं भी प्रदान करती है। साथ ही यह स्वास्थ्य क्षेत्र में चिकित्सा उपकरणों की खरीद के लिए सलाहकार सेवाएं भी देती है।
इसके साथ ही कंपनी स्वास्थ्य सेवा से जुड़ी ढांचागत परियोजनाओं के लिए अनुबंध पर सेवाएं भी प्रदान करती है। एचएलएल घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों की जरूरतों को पूरा करती है।
31 मार्च, 2021 तक एचएलएल की अधिकृत पूंजी 300 करोड़ रुपये और चुकता शेयर पूंजी 15. 53 करोड़ रुपये थी। बोलियां की समयसीमा बढ़ाने से एचएलएन की रणनीतिक बिक्री अब अगले वित्त वर्ष में पूरी हो सकेगी।
सरकार ने 2022-23 के लिए 65,000 करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य निर्धारित किया है, जो 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के 78,000 करोड़ रुपये के अनुमान से कम है।
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नारनौल, 6 जुलाई (हप्र)
गत वर्ष खराब हुई कपास की फसल के मुवावजे को लेकर पटवारी द्वारा की गई गिरदावरी को गलत बताते हुए भेदभावपूर्ण मुआवजा राशि बांटने को लेकर सिहमा व अटाली के किसानों ने आक्रोश व्यक्त किया व जांच की मांग की। अटाली व सिहमा के किसान रामौतार, राजेन्द्र, सुभाष, अशोक, दीपचंद व बलवंत ने बताया कि गत वर्ष उन्होंने अपने खेत में कपास की फसल की बिजाई की थी लेकिन वह खराब हो गई। लेकिन पटवारी ने अपने चहेते व बिना कपास की फसल बोये किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए खराब कपास फसल की गिरदावरी के नाम पर मुआवजा राशि में उनका नाम दर्ज कर लिया, जबकि उनकी जो कपास की फसल खराब हुई थी उसकी गलत गिरदावरी करके उन्हें मुआवज राशी से वंचित कर दिया।
आरोप निराधार : इस संबंध में तत्कालीन पटवारी पिंकी देवी ने किसानों के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि उन्होंने मौके पर जाकर गिरदावरी की है। इसमें किसी प्रकार की कोई अनियमितता नहीं बरती गई।
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करनाल। मैढ़ क्षत्रिय सुनार सभा करनाल द्वारा हरियाणा पुलिस के उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा को राष्ट्रपति पुलिस पदक मिलने और उनकी सुपुत्री प्रियंका वर्मा के मध्य प्रदेश में न्यायाधीश नियुक्त होने पर विशेष रूप से सम्मानित किया गया. यह कार्यक्रम चाहत डिजिटल स्टूडियो करनाल में आयोजित किया गया. मैढ़ क्षत्रिय सुनार सभा के प्रधान राम भजन की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. सभा के प्रधान राम भजन वर्मा ने कहा कि यह प्रदेश और करनाल के लिए गौरव का विषय है कि पुलिस में सेवारत डॉ. अशोक कुमार वर्मा को एक और राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया तो दूसरी और उनकी सुपुत्री प्रियंका वर्मा न्यायाधीश के पद पर सुशोभित हुई है. पूर्व प्रधान देवेंद्र वर्मा ने कहा कि यह बात सर्वविदित है कि भारतीय सेना में रह चुके स्वर्गीय कली राम के पुत्र भी उनके पद चिन्हों पर चलकर समाज और देश के लिए तन मन धन से सेवा कर रहे हैं. मास्टर विनोद वर्मा ने कहा कि डॉ. अशोक कुमार वर्मा अपने कर्तव्यपरायणता, सत्यनिष्ठा और ईमानदारी के बल पर ही इतना बड़ा सम्मान प्राप्त कर सके हैं. वे पुलिस कर्तव्यों के निर्वहन को जन सेवा के रूप में करते हैं तभी तो पुलिस सेवा के साथ साथ अन्य सामाजिक कार्यों को भली भांति पूर्ण कर रहे हैं. बता दें कि डॉ. अशोक कुमार वर्मा आजकल हरियाणा राज्य स्वापक नियंत्रण ब्यूरो में नियुक्त हैं और जागरूकता कार्यक्रम एवं पुनर्वास के प्रभारी के रूप में नियुक्त हैं. वे पुलिस सेवाओं के साथ साथ रक्तदान, पर्यावरण संरक्षण, नशा मुक्ति, नारी सशक्तिकरण, रोटी बैंक, साइकिल यात्रा, और अनेक सामाजिक कार्यों में गहन रूचि रखते हैं. वे 148 बार रक्तदान कर चुके हैं जिसमे 68 बार प्लेटलेट्स दे चुके हैं. उन्होंने 400 स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किए हैं. उप निरीक्षक डॉ. अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि आज रविवार को भी वे कल्पना चावला राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय करनाल के रक्तकोष में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित कर रहे हैं जिसमे कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर पुण्य कमा सकता है. इस अवसर पर पूर्व प्रधान देवेंद्र वर्मा, पूर्व प्रधान विनोद वर्मा मास्टर, महासचिव कुलदीप कुमार वर्मा, कोषाध्यक्ष विनोद कुमार वर्मा चाहत स्टूडियो, सलाहकार सोहन लाल वर्मा, सलाहकार श्याम लाल वर्मा, उप प्रधान रूपचंद्र वर्मा, उप प्रधान कंवर भान वर्मा चैंपियन टेलर, सलाहकार अनिल वर्मा, पवन वर्मा, सह सचिव प्रवेश वर्मा, हरजीत वर्मा, सह कोषाध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा, सलाहकार ईश्वर दयाल वर्मा, पाला राम वर्मा, नरेश वर्मा, प्रवीण वर्मा, रामकुमार वर्मा, सुमेर चंद्र मोहन, और समाज के गणमान्य लोगों ने मिठाई खिलाकर डॉ, अशोक कुमार वर्मा को बधाई दी और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
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लंदन में रहने वाले शख्स के घर जब 100 साल पुराना पत्र पहुंचा, तो वह भी हैरान रह गया। साल 1916 में इस पत्र को लिखा गया था, जो अब अपने सही पते पर पहुंच पाया। इस पत्र को इंग्लैंड के बाथ शहर से लिखा गया था।
100 Year Old Letter: कुछ साल पहले तक लोग संदेश को एक दूसरे तक पहुंचाने के लिए पत्र का इस्तेमाल करते थे। वर्तमान समय में लोग अपने संदेश को एक दूसरे तक पहुंचाने के लिए स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। चिट्ठी पर कई गाने और शायरियां भी लिखी गई हैं। बीते समय में लोगों को अपने पत्र का बेसब्री से इंतजार रहता था। कभी-कभी पत्र पहुंचने में समय लग जाता था, तो लोग परेशान हो जाते थे और डाकिया का इंतजार करते रहते थे।
अब इन दिनों एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने लोगों को पुराने जमाने के पत्र की याद दिला दी है। दरअसल लंदन में एक शख्स के घर एक चिट्ठी पहुंची, लेकिन उसे इस पत्र को देखकर खुशी नहीं हुई, बल्कि हैरान हुई है। सबसे हैरानी वाली बात यह है कि पत्र 100 साल पुराना है और एक सदी के बाद सही पते पर पहुंचा।
अब आप सोचिए व्हाट्सएप और एसएमएस के जमाने में आपके घर 100 साल पुराना लेटर पहुंचेगा, तो आप क्या सोचेंगे? लंदन में रहने वाले शख्स के घर जब 100 साल पुराना पत्र पहुंचा, तो वह भी हैरान रह गया। साल 1916 में इस पत्र को लिखा गया था, जो अब अपने सही पते पर पहुंच पाया। इस पत्र को इंग्लैंड के बाथ शहर से लिखा गया था और उस पते पर रहने वाले लोग हैरान रह गए।
इस पत्र पर पेनी जॉर्ज वी का स्टैंप लगा हुआ है जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह पत्र पहले विश्व युद्ध के दौरान लिखा गया था। थियेटर डायरेक्टर फिन्ले ग्लेन (Finlay Glen) ने एक मीडिया से बातचीत में बताया कि उन्होंने सोचा कि इस पत्र को साल 2016 में लिखा गया होगा, क्योंकि उस पर सिर्फ साल 16 लिखा है, लेकिन जब गौर से देखा तो क्वीन की जगह किंग का स्टैंप लगा था। इससे वह समझ गए कि यह साल 1916 का पत्र है।
यह पत्र कुछ साल पहले अपने पते पर पहुंचा था, लेकिन इसके इतिहास को जानने में फिन्ले ग्लेन को समय लग गया। इसके बाद अब उन्होंने लोकल हिस्ट्री ऑर्गेनाइजेशन को यह पत्र सौंप दिया है जिससे इससे आगे की जानकारी का पता लगाया जा सके।
ग्लेन ने लोकल हिस्ट्री मैग्जीन, द नॉरवुड रिव्यू के संपादक स्टीफन ऑक्सफोर्ड को यह चिट्ठी दिखाई। उन्होंने बताया कि यह पत्र किसी केटी मार्श नाम की महिला को लिखी गई थी। महिला की शादी अपने जमाने के प्रसिद्ध स्टांप डीलर ऑस्वल्ड मार्श के साथ हुई थी। मार्श की दोस्त क्रिस्टाबेल मेनेल ने यह पत्र उनको लिखा था। इस पत्र में उन्होंने शर्मिंदा होने की बात कही है। इसके साथ ही उन्होंने भयानक ठंड की बात भी बताई है जहां वह रहती थीं। मेनल एक अमीर चाय के व्यापारी की बेटी थीं।
ऑक्सफोर्ड के मुताबिक, उस समय यह पत्र किसी पोस्ट ऑफिस में खो गया होगा और अब यह नवीनीकरण के दौरान मिला और उन्होंने इसे सही पते पर भेज दिया।
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देश में लगातार ऑटोमेटिक कारों मांग बढ़ती जा रही है जिसकी वजह से लोगों की इस मांग को दूसरी कार कंपनियों ने पूरा कर दिया। आज हालात ऐसे हो गए है कि नैनो जैसी एंट्री लेवल कारों में भी ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन का आप्शन दिया जा रहा है। देश की उन ऑटोमेटिक कारों के आज आपको बतायेगें जो अपने ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन से साथ लोगों का मन मोह रही हैं।
मारुति ऑल्टो के10 का ऑटो गियर शिफ्ट मॉडल की काफी डिमांड में है। यह फ्यूल एफीसिएंट है और साथ ही बंपर टू बंपर में ड्राइवर को थकाता भी नहीं है। इस कार कीमत 4 लाख 10 हजार रुपये एक्सशोरूम में उपलब्ध यह कार अपने 1 लीटर डीजल इंजिन से 68 पीएस की ऊर्जा देती है।
टाटा मोटर्स की नैनो में एक ईजी शिफ्ट के नाम से ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन ऑफ्सन दिया हैं। मैनुअल ट्रांसमिशन के स्पोर्ट मोड में सेलेक्ट की सुविधा उपलब्ध है। 38 पीएस की शक्ति 5500 आरपीएम पर व 51 एनएम का टॉर्क यह 4000 आरपीएम देती है। यह सबसे छोटी व सस्ती कार है। दिल्ली में इसकी कीमत 3. 03 लाख रुपये एक्सशोरूम में उपलब्ध है।
मारुति सुजुकी सेलारियो मारुति का एक और ऑटोमेटिक 998 सीसी का इंजिन 50 केडब्ल्यू की शक्ति व 90 एनएम का टॉर्क भी देता है। यह कार शोरुम में 5 लाख 12 उपलब्ध हैं। एक हैचबैक के लिए आप पांच लाख से अधिक खर्च करने के लिए तैयार हैं तो यह कार आपकी उम्मीदों पर खरा उतर सकती है।
यह पहली बार है जब इस तरह की कीमत पर किसी कंपनी ने डैश माउंटेड एएमटी डायल को उपलब्ध करवाया है। 1 लीटर रेनो क्विड में कंपनी ने ईजी आर टेक्नोलॉजी के नाम पर 5 स्पीड ऑटोमेटिक वेरिएंट लांच किया है। इसके डायल के जरिए आप ड्राइव सेलेक्ट कीजिए और ड्राइव शुरू कीजिए। इसकी कीमत 4 लाख 31 हजार 576 रुपये है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
एरिक पैट्रिक क्लैप्टन CBE (जन्म 30 मार्च 1945) एक इंग्लिश ब्लूज़-रॉक गिटारवादक, गायक, गीतकार और संगीतकार हैं। केवल क्लैप्टन ही एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें तीन बार रॉक एंड रोल हॉल ऑफ फ़ेम में एक एकल कलाकार के रूप में और साथ ही द यार्डबर्ड्स और क्रीम रॉक बैंडों के सदस्य के रूप में शामिल किया गया। आलोचकों और प्रशंसकों द्वारा अक्सर ही समान रूप से सर्वकालिक सर्वाधिक महत्वपूर्ण और प्रभावशाली गिटारवादक के रूप में देखे जाने वाले, क्लैप्टन को रॉलिंग स्टोन पत्रिका की "100 ग्रेटेस्ट गिटारिस्ट ऑफ़ ऑल टाइम" सूचि में चौथा स्थान प्राप्त हुआ और उनकी "इम्मोरटलः 100 ग्रेटेस्ट आर्टिस्ट्स ऑफ़ आल टाइम" सूची पर #53. वेम्बली स्टेडियम जिसे कई बार केवल वेम्बली भी कहा जाता है वेम्बली, लंदन में स्थित फुटबॉल स्टेडियम है। इसकी क्षमता ९०,००० है। यह 2007 में खोला गया था और पिछले पुराना वेम्बली स्टेडियम की साइट पर बनाया गया था। स्टेडियम में आम तौर पर प्रमुख फुटबॉल मैचों जैसे एफए कप फाइनल, लीग कप फाइनल और इंग्लैंड राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम के घरेलू मैचों की मेजबानी होती है। यह यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा स्टेडियम है, केवल बार्सिलोना के कैम्प नोऊ के पीछे। 2012 के लंदन ओलिंपिक खेलों में, स्टेडियम ने फुटबॉल मैचों की मेजबानी की। हालाँकि, यह एक फुटबॉल स्टेडियम है लेकिन यहाँ बहुत सारे अन्य खेल भी आयोजित होते हैं। यहाँ रग्बी लीग मैचों का आयोजन भी हुआ है और 2007 के बाद से प्रतिवर्ष इसने छल्लेञे कप के फाइनल मैचों की मेजबानी की है। स्टेडियम ने यहाँ तक कि रग्बी यूनियन के मैचों की मेजबानी की है। 2007 के बाद से, प्रतिवर्ष स्टेडियम एनएफएल के 1 नियमित सत्र मैचों की मेजबानी की है। .
एरिक क्लैप्टन और वेम्बली स्टेडियम आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
एरिक क्लैप्टन 31 संबंध है और वेम्बली स्टेडियम 12 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (31 + 12)।
यह लेख एरिक क्लैप्टन और वेम्बली स्टेडियम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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इन दो मंत्रों के अर्थ पर पाठकों का ध्यान आकर्षित किया जाता है ।
१ - ( इमां ) ईश्वर मनुष्यों को आज्ञा देता है कि हे इन्द्र ! पते । ऐश्वर्ययुक्त ! तू इस स्त्री को वीर्यदान दे के सुपुत्र और सौभाग्य युक्त कर । हे वीर्यप्रद ! ( दशास्यां पुत्रानाघेहि ) पुरुष के प्रति वेद की आज्ञा है कि इस विवाहित या नियोजित स्त्री में दश संतान पर्यंत उत्पन्न कर, अधिक नहीं । ( पतिमेकादशं कृषि ) तथा हे स्त्री ! तू नियोग में ग्यारह पति तक कर । अर्थात् एक तो उनमें प्रथम विवाहित और दश पर्यन्त नियोग के पति कर, अधिक नहीं ।
इसकी यह व्यवस्था है कि विवाहित पति के मरने वा रोगी होने से दूसरे पुरुष के साथ संतानों के अभाव में नियोग करे, तथा दूसरे के भी मरण वा रोगी होने के अनन्तर तीसरे के साथ कर ले, इसी प्रकार दशवें तक करने की आज्ञा है ।
* हे ( मिव - इन्द्र ) वीर्य सेचने में समर्थ ऐश्वर्ययुक्त पुरुष, तू इस विवाहित स्त्री वा विधवा स्त्रियों को श्रेष्ठ पुत्र और सौभाग्य युक्त कर । विवाहित स्त्री में दश पुत्र उत्पन्न कर और ग्यारवीं स्त्री को मान । हे स्त्री ! तू भी विवाहित पुरुष वा नियुक्त पुरुषों से दश सन्तान उत्पन्न कर, ग्यारवें पति को समझ ।
२ - जब पति सन्तानोत्पत्ति में असमर्थ होवे, तब अपनी स्त्री को आज्ञा देवे कि हे सुभगे ! सौभाग्य की इच्छा करनेहारी स्त्री तू ( मत् ) मुझ से ( अन्यम् ) दूसरे पति की ( ईच्छस्व ) इच्छा कर । क्योंकि अब मुझ से सन्तानोत्पत्ति न हो सकेगी।
इन दोनों मंत्रों का स्वामीजीने जो अर्थ किया है, तथा उसी अर्थ के आधार पर ऊपर दी हुई जो स्वतंत्र व्याख्या की है, उससे संसार भर का शायद ही कोई तटस्थ विद्वान् सहमत हो सके । अस्तु, अब हम स्वयं इन मन्त्रों के वास्त विक- यथार्थ अर्थ के विषय में कुछ भी न कहते हुए आर्य समाज के ही एक प्रतिष्ठित विद्वान् के द्वारा किये गये उक्त दोनों मन्त्रों का अर्थ यहां पर उद्धृत कर देते हैं, जिस से कि पाठकों को सत्यासत्य के निर्णय करने में अधिक सुविधा हो ।
(१) [ इन्द्रमिवः ] हे परमैश्वर्य सम्पन्न परमैश्वर्यदाता परमात्मन् ! हे अनन्त सम्पत्तियों को प्रजाओ में सींचनेचाले परमपिता जगदीश ! [ त्वं इमां सुपुत्रां सुभगां कृणु ] तू इस वधू को सुपुत्रवती और सौभाग्यवती बना [ अस्यां दशान आधेहि ] इसके गर्भ में दश पुत्र स्थापित कर, पतिमेकादशं कृषि ] पति को ग्यारवें कर अर्थात् इस स्त्री के दश उत्कृष्ट सन्तान और ग्यारवां पति जैसे होय, वैसा उपाय कर । [वैदिक इतिहासार्थनिर्णय पृ० ४१२] |
इंदौर (मध्य प्रदेश), छह मार्च सोशल मीडिया के नियमन पर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को लेकर जारी बहस के बीच भाजपा सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने शनिवार को दावा किया कि भारत विरोधी ताकतें देश को बदनाम और अस्थिर करने के लिए किसी धारदार हथियार की तरह इस माध्यम का दुरुपयोग कर रही हैं।
खजुराहो से लोकसभा सदस्य शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, "कई प्रकार की भारतविरोधी ताकतें देश को बदनाम और अस्थिर करने के लिए सोशल मीडिया का धारदार हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही हैं। वे इस माध्यम के दुरुपयोग से खासकर नौजवानों को भ्रमित और गुमराह करने की कोशिश भी कर रही हैं। "
शर्मा, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा, "हम इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं कि हमारे नौजवान ऐसी देशविरोधी ताकतों को सोशल मीडिया पर कैसे उचित जवाब दे सकते हैं? "
पेट्रोल-डीजल की कमरतोड़ महंगाई पर शर्मा ने कहा कि इनके दाम अंतरराष्ट्रीय कारकों से बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा आम आदमी को इस महंगाई से राहत दिलाने के लिए उचित समाधान निकालने का प्रयास कर रही है।
केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह की अगुवाई में सूबे में किसान महापंचायतों के आयोजन पर शर्मा ने कहा, "प्रदेश की राजनीति में दिग्विजय सिंह पूरी तरह अप्रासंगिक हो चुके हैं और उनकी विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। अब वह अपने पुत्र (प्रदेश के पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह) के सियासी वजूद के लिए लड़ रहे हैं। "
राज्य में संभावित नगर निकाय चुनावों की हलचल तेज होने के बीच शर्मा ने इंदौर में भाजपा की मतदान केंद्र इकाइयों के अध्यक्षों के सम्मेलन में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा, "हम एक राजनीतिक दल के तौर पर नगर निकाय चुनावों के लिए एकदम तैयार हैं। हम इन चुनावों के लिए जनता और प्रबुद्ध लोगों की राय लेकर घोषणापत्र तैयार करेंगे। "
यह पूछे जाने पर कि नगर निकाय चुनावों में उम्मीदवारों के चयन के लिए क्या भाजपा ने उम्र सीमा और अन्य मापदंड तय किए हैं, शर्मा ने कहा कि पार्टी संगठन इस सिलसिले में कोई "नियम-कानून" नहीं बनाता है।
उन्होंने कहा, "हम हर चुनाव में उस समय की जरूरतों के मुताबिक फैसला करते हैं और जीत की संभावना वाले नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाते हैं। हम राज्य के नगर निकाय चुनावों में भी ऐसा ही करेंगे।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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खबर के अनुसार दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर सोमवार को बढ़कर 7. 72 प्रतिशत हो गई हैं। शहर में संक्रमण के 501 नए मामले सामने आए हैं। वहीं रविवार को दिल्ली में कोरोना के 517 संक्रमित मरीज मिले थें। इसतरह से यहां कोरोना का फैलाव हो रहा हैं।
वहीं 24 घंटे के अंदर गाजियाबाद में कोरोना के 15 मामले सामने आये हैं। अगर कुल एक्टिव मरीजों की बात की जाए तो गाजियाबाद में कोरोना के 135 एक्टिव मरीज हैं। जबकि गौतम बुद्ध नगर में 411 एक्टिव मरीज हैं। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यहां 107 नए मामले सामने आए हैं।
अगर बात गुरुग्राम और फरीदाबाद की करें तो यहां भी प्रतिदिन कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही हैं। सोमवार को गुरुग्राम में 198, फरीदाबाद में 21 नए मामले सामने आये हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया हैं।
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यूपी सरकार किसानों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना चलती है। जिसके तहत खेती के दौरान किसान किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उसे 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
यूपी की राज्य सरकार किसानों को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना चलती है। जिसके तहत खेती के दौरान अगर किसान किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उसे पांच लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। अलग-अलग दुर्घटना में अलग-अलग आर्थिक सहायता दी जाती है। जैसे खेती के दौरान किसान का हाथ-पैर कट जाए या मौत हो जाए तो ऐसी स्थित में पांच लाख रुपये मिलेंगे। इसके अलावा इलाज के लिए अलग से ढाई लाख रुपये दिए जाते हैं। वहीं अगर किसान दुर्घटना की वजह से विकलांग हो जाता है और उसकी विकलांगता प्रतिशत 35 और 50 प्रतिशत के भीतर है तो ऐसे में से 1 से 2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगा।
किसान यूपी का स्थायी निवासी हो।
दुर्घटना में मौत की स्थिति में इस योजना के लिए परिजन भी आवेदन कर सकते हैं।
दुर्घटना के 45 दिनों के भीतर जिला कलेक्ट्रेट दफ्तर में इसकी जानकारी देना आवश्यक है।
सबसे पहले मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना https://esathi. up. gov. in/citizenservices/login/login. aspx पर जाएं।
यहां नवीन उपयोगकर्ता वाले विकल्प में जाकर रजिस्टेशन कर लें। ऐसे में आपको एक आईडी और पासवर्ड मिलेगा। इसकी सहायता से लॉगिन कर लें।
यहां मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में जाकर मांगी गई जानकारी भरकर सबमिट कर दें।
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थायरॉइड रोग का कारण थायरॉइड हार्मोन में आई गड़बड़ी होता है। जिसे जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव करके नियंत्रित किया जा सकता है। ऐसा ही एक बदलाव है अपनी डाइट में नारियल को शामिल करना।
जी हां नारियल में मौजूद कई पोष्क तत्व थायरॉइड की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं। वैज्ञानिकों ने अध्ययन के पश्चात यह पाया है कि नारियल का सेवन करने वाले लोगों में थायरॉइड फंक्शन ठीक तरीके से काम करता है।
इस बात को ध्यान में रखते हुए आप भी नारियल का सेवन कर सकते हैं। आइए जानते हैं आखिर क्या है थायरॉइड के लक्षण और उसे नियंत्रित रखने के लिए कैसे कर सकते हैं खाने में नारियल का इस्तेमाल।
अगर बिना काम किए ही आप थकान महसूस करने लगते हैं, बैठे-बैठे आपको नींद आने लगती है या फिर अचानक आपका वजन कम या ज्यादा हो गया है तो आपको अपना थाइरॉइड चेक करवाने की जरूरत है।
दरअसल, थायरॉइड तितली के आकार की एक ग्रंथि है जो गर्दन के अंदर और कॉलरबोन के ठीक ऊपर मौजूद होती है। यह एक प्रकार की एंडोक्राइन ग्रंथि है जो शरीर में थायरॉइड हार्मोन का निर्माण करती है। साथ ही यह ग्रंथि आपके शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को भी नियंत्रित करने में मदद करती है।
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१९८५ जून २६ बुधवार
अम्मा और ब्रह्मचारीगण ध्यान कक्ष में गृहस्थाश्रमी भक्त पद्मनाभन दिवाकरन आदि भी उनके पास है। पद्मनाभन का गाँव कालीकट है। बैंक में अधिकारी हैं।
पद्मनाभन "गत दिन एक होमिओ डॉक्टर और पत्नी आए थे न?"
'अम्मा को याद है। वे अपने को बडा अद्वैती मानते है। पत्नी भक्त है। शायद पत्नी के कहने से ही वे दर्शनार्थ आश्रम आए। बड़ी टीमटाम् से भीतर आए। उन्होंने कहा कि श्रीराम, श्रीकृष्ण कुछ नहीं है। अम्मा ने कहा कि सब लोग एक ही जगह पहुँचते है। किन्तु साधना के लिए उपाधि आवश्यक है। कैसे कह । सकते है कि श्रीराम नहीं, श्रीकृष्ण नहीं। "
"हिन्दुस्थान का नक्शा देखने पर उसमें ओच्चिरा (मध्य केरल का एक छोटा गाँव) नहीं दिखाई पड़ता। इससे क्या कह सकते हैं कि ओचिरा नहीं है? हमारा अद्वैत केवल शब्दों तक सीमित है। उसे व्यवहार में लाने केलिए भक्ति अनिवार्य है। उसके बाद वे कुछ नहीं बोले । |
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक प्राइवेट हॉस्पिटल सोमवार (2 अप्रैल) को अचानक आग की चपेट में आ गया। बहरहाल, हॉस्पिटल पदाधिकारियों की मदद से तुरंत मरीजों को सीढ़ियों और खिड़िकयों से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। किसी भी तरह की जान-माल की हानि नहीं हुई है, हालांकि कुछ मरीजों को धुएं की वजह से सांस लेने में परेशानी हुई।
कांजलकर ने आगे बताया कि हॉस्पिटल का स्टाफ भी सुरक्षित है। गौरतलब है कि बेसमेंट में आग लगने के तुरंत बाद धुआं पहली मंजिल पर आ पहुंचा। आपातकालीन स्थिति का अंदाजा होते ही 20 एम्बुलेंस के जरिए मरीजों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया गया। इस दौरान हॉस्पिटल के बाहर काफी भीड़ भी इकट्ठा हो गई। इनमें मरीजों के परिजन भी शामिल थे।
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UN in Sudan: अफ्रीकी देश सूडान में हिंसा के चलते हालात बेहद खराब हैं. यहां यूएन के गोदामों पर हमले कर वहां लूटपाट की गई है. जिसके बाद डब्ल्यूएफपी ने अपना अभियान बंद कर दिया है.
Sudan Unrest Latest News: विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने अपने गोदामों पर हाल के हमलों के बाद सूडान के उत्तरी प्रांत दारफूर में अपना अभियान अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. जिससे करीब 20 लाख लोगों पर असर पड़ने की आशंका है. संयुक्त राष्ट्र की खाद्य एजेंसी की ओर से बयान में कहा गया है कि क्षेत्र में उसके तीन गोदामों पर हमला और लूटपाट हुई, साथ ही 5000 मीट्रिक टन खाद्यान्न की चोरी हो गई. इस घटना के बाद यहां कर्फ्यू लगाए जाने की जानकारी सामने आई है.
इस हफ्ते की शुरुआत में डब्ल्यूएफपी ने कहा था कि उत्तरी दारफूर प्रांत की राजधानी अल फाशर में हथियारबंद समूह ने उसके एक गोदाम पर हमला किया, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने पूरे प्रांत में कर्फ्यू लगा दिया. डब्ल्यूएफपी के अनुसार उसके बाद भी हमले गुरुवार तड़के तक जारी रहे, सैंकड़ों लुटेरों ने उसके गोदामों में तोड़फोड़ की. संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) ने अपने बयान में सूडान सरकार से व्यवस्था बहाल करने का आह्वान किया है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूर्व UNAMID की संपत्ति का नागरिकों के लिए सख्ती से उपयोग किया जाता है (United Nations Food Looted). संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने सूडान के अधिकारियों से सुरक्षित कामकाजी माहौल देने और क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र के शेष अभियानों के लिए मार्ग सुनिश्चित करने की सुविधा के लिए भी कहा है. इसके साथ ही उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के कर्मियों को धन्यवाद दिया और कहा कि वह 'चुनौतीपूर्ण' परिस्थितियों में जमीनी स्तर पर काम करते हैं.
कार्यक्रम के निदेशक डेविड बीजली ने कहा, 'इस चोरी से करीब 20 लाख लोगों के मुंह का निवाला छिन गया, जिसकी उन्हें दरकार थी (Sudan in Crisis). यह ना केवल पूरे देश में हमारे अभियान के लिए झटका है बल्कि इसने हमारे कर्मियों की जान भी खतरे में डाल दी है एवं सबसे गरीब परिवारों की जरूरतों को पूरा करने की हमारी क्षमता भी जोखिम से घिर गई है.' डब्ल्यूएफपी का फैसला अक्टूबर के सैन्य तख्तापलट के बाद उत्पन्न राजनीतिक उथल-पुथल के बीच आया है.
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रांचीः असामाजिक तत्व (Anti-Social Elements) समाज में हमेशा अशांति फैलाने की चेष्टा करते हैं, लेकिन समझदार लोग समाज पर इसके पड़ने वाले दुष्प्रभाव को बचाने में सफल होते हैं।
रांची जिले के नगड़ी थाना (Nagdi Police Station) क्षेत्र के साहेर गांव में शनिवार को कुछ ऐसा ही हुआ।
बताया जाता है कि यहां त्रिमूर्ति मंदिर (Trimurti Temple) में कुछ असामाजिक तत्वों ने मांस का एक टुकड़ा फेंक दिया। इसके बाद स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए।
मंदिर में किए गए इस तरह के कृत्य से लोगों में गुस्सा उबलने लगा। इसी बीच किसी ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस तुरंत एक्शन में आ गई और मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल में जुट गई।
नगड़ी के थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंच कर लोगों से बात की। ग्रामीणों (Villagers) ने बताया कि मंदिर के बगल में गैरमजरूआ जमीन है, जिस पर कुछ लोगों ने अवैध रूप (Invalid Form) से कब्जा कर लिया है और होटल संचालित कर रहे हैं।
लोगों का कहना है कि उस होटल में ना सिर्फ शराब और मांस का सेवन होता है, बल्कि यहां असामाजिक लोगों की अड्डेबाजी (Hanging Out) भी होती है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इसी अवैध होटल से किसी ने मांस का टुकड़ा मंदिर परिसर (Temple Complex) में फेंक दिया है।
मंदिर में किए गए इस तरह के कृत्य के बाद ग्रामीणों की मांग को देखते हुए नगड़ी CO संतोष कुमार शुक्ला और DSP प्रवीण कुमार की उपस्थिति में मंदिर के पास बने अवैध होटल को जेसीबी से तत्काकल हटाया दिया गया है।
प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद लोगों को गुस्सा शांत हुआ है। इसके बाद स्थानीय लोगों और पुजारी ने मंदिर की सफाई की और फिर शुद्धिकरण किया।
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वीडियो : कपूर फैमिली के साथ कैटरीना के डिनर करने से ऋषि कपूर नाराज!
Publish Date: Mon, 13 Apr 2015 19:23:05 (IST)
खबर है कि कपूर फैमिली की ओर से शनिवार शाम एक डिनर पार्टी आयोजित की गई थी. यहां कपूर फैमिली का हर एक सदस्य मौजूद था. सिर्फ जो एक सदस्य नहीं था वह थे फैमिली हेड ऋषि कपूर. कपूर फैमिली के इस स्पेशल डिनर पर परिवार के सभी सदस्यों के साथ कटरीना कैफ भी मौजूद थीं. फैमिली डिनर के इस खास मौके पर रणबीर की मां नीतू कपूर, बहन रिद्दिमा, दादी कृष्णा कपूर, चाचा रणधीर कपूर आदि कई लोग शामिल थे. हालांकि इस डिनर पार्टी में फेमिली हेड के मौजूद न होने का कारण कैटरीना कैफ को माना जा रहा है.
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चेन्नई, 1 जुलाई (आईएएनएस)। राजनीतिक दलों के नेताओं ने ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) से तमिलनाडु के तंजावुर जिले में अपना संचालन बंद करने को कहा है। तंजावुर में तेल पाइपलाइन के फटने से तेल फैल गया था, जिसके विरोध में लोगों के प्रदर्शन पर पुलिस की बर्बर कार्रवाई हुई थी।
पीएमके नेता अंबुमणि रामदास ने शनिवार को बयान जारी कर ओएनजीसी से काडिरमंगलम गांव में संचालन बंद करने और पुलिस की तैनाती हटाने की मांग की।
रामदास ने कहा कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई तो वह गांव में कैंप और प्रदर्शन करेंगे।
चेन्नई से लगभग 350 किलोमीटर दूर तंजावुर को 'तमिलनाडु का चावल का कटोरा' भी कहा जाता है।
रामदास के मुताबिक, अन्य देशों में बिना आबादी वाले क्षेत्रों में पाइपलाइनें बिछाई जाती हैं, लेकिन ओएनजीसी ने घनी आबादी वाले क्षेत्र में पाइपलाइन बिछाई है, जो असुरक्षित है।
रामदास ने कहा, ऐसा लगता है मानो लोग ज्वालामुखी पर बैठे हैं।
रामदास ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की भी निंदा की।
एमडीएमके के महासचिव वाइको ने तमिलनाडु सरकार से मांग की कि वह घोषणा करें कि राज्य में शेल गैस, मिथेन और अन्य हाइड्रो कार्बन गैस की खोज को मंजूरी नहीं दी जाएगी।
ओएनजीसी ने 2002 में तंजावुर में संचालन शुरू किया था।
नई दिल्ली। राष्ट्रपित द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद अब यह कानून में बदल गया है। केंद्र सरकार ने इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी की।
बता दें कि महिला आरक्षण बिल संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ था। इसे संसद के विशेष सत्र के दौरान पारित कराया गया था। इससे लोकसभा और राज्यों के विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण मिलेगा।
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इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सूचना प्रौद्योगिकी सचिवों की बैठक बुलाई, जिसकी अध्यक्षता मंत्रालय के सचिव श्री अल्केश कुमार शर्मा ने की। बैठक का विषय 'डिजिटल इंडिया इनीशियेटिव्स फॉर ईज ऑफ लिविंग एंड ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' (जीवन सुगमता और व्यापार सुगमता के लिये डिजिटल इंडिया पहलें) था। बैठक में 28 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा उसके संगठनों एनआईसी, एनआईसीएसआई, डीआईसी, सीडीएसी, एनआईईएलआईटी, यूआईडीएआई, बाई-सैग (एन) और एसटीपीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ सत्रों और संवाद का संचालन इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अपर सचिव श्री भुवनेश कुमार और एनईजीडी के पी-एंड-सीईओ श्री अभिषेक सिंह ने किया।
इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की नवीनतम पहलों में 2023-24 के लिए की गई बजट घोषणाएं, सेमीकंडक्टर विनिर्माण सहित इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, ई-गवर्नेंस - आधार आधारित एड्रेस अपडेट, एंटिटी डिजीलॉकर, डिजिटल गवर्नमेंट पॉलिसी, इमर्जिंग टेक्नोलॉजी, चिप्स टू स्टार्टअप, नेशनल ब्लॉकचेन फ्रेमवर्क और सिक्योर्ड क्लाउड सॉल्यूशंस शामिल हैं। सभी प्रतिभागी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी नवीनतम नागरिक केंद्रित ई-गवर्नेंस पहल, विशेष रूप से स्वास्थ्य, कृषि, संपत्ति पंजीकरण और खनन क्षेत्रों आदि में शासन के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचेन, ड्रोन, आईओटी आदि जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और डिजिटल बुनियादी ढांचे की प्रगति और सुधार के आगामी और नियोजित क्षेत्रों की जानकारी को साझा किया।
मंत्रालय के सचिव श्री अल्केश कुमार शर्मा ने उद्घाटन और समापन भाषण दिया। अपने संबोधन में, उन्होंने पिछली ऐसी बैठक के बाद से डिजिटल इंडिया की प्रगति और वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कार्य योजना साझा की। उन्होंने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की उनके उत्कृष्ट व्यवहारों और नवीनतम डिजिटल इंडिया पहलों को साझा करने के लिए सराहना की। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों के आगामी सम्मेलन को सार्थक बनाने के लिए राज्यों से सुझाव मांगे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि समय और प्रयासों की बचत तथा डिजिटल शासन में तेजी लाने के लिए नवीनतम डिजिटल विकास और इनके स्वरूप को पारस्परिक रूप से साझा करना महत्त्वपूर्ण है।
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कमलेश तिवारी की हत्या से पहले हत्यारों ने उनके पैर छुए थे। माफी भी मांगी थी। चाय पी। दही बड़ा खाया। फिर हत्या करके चले गए। कमलेश तिवारी के घर पर ठहरे कुशीनगर के सौराष्ट्रजीत सिंह बताते हैं कि दोपहर करीब साढ़े बारह बजे दो व्यक्ति भइया (कमलेश तिवारी) से मिलने ऑफिस आए थे।
दोनों ने आते ही भइया के पैर छुए और माफी मांगी। भइया ने उनके लिए चाय मंगाई। हमने खुद दोनों को चाय और दही-बड़े परोसे। इसके बाद भइया ने सिगरेट-गुटखा लाने को कहा। मैं बाहर चला गया। करीब आठ-10 मिनट बाद लौटा तो भइया को खून से लथपथ जमीन पर पड़ा देख होश उड़ गए।
सौराष्ट्रजीत सिंह ने बताया कि 'जिन्हें मेहमान समझकर चाय पिलाई। दही-बड़े खिलाए। क्या पता था वही भइया को मारकर भाग जाएंगे। ' सौराष्ट्रजीत सिंह ने बताया कि वह तीन साल से कमलेश तिवारी से जुड़ा था। पांच दिन पहले ही वह कार्यक्रम के सिलसिले में उनके घर आया था।
एक कार्यक्रम 15 को हुआ था जबकि 20 अक्तूबर को एक बैठक होनी थी। उसकी ही तैयारी चल रही थी। इसके बाद 22 अक्तूबर को कमलेश तिवारी को पश्चिम बंगाल में कार्यक्रम करने जाना था। सौराष्ट्रजीत ने बताया कि कमलेश तिवारी ने उसे सोशल मीडिया की जिम्मेदारी सौंपी थी।
कमलेश की सुरक्षा में तैनात दीवान मुसाफिर प्रसाद को उनकी हत्या के बारे में कोई खबर ही नहीं थी। उसने न ही गोली की आवाज सुनी और न ही किसी को भागते हुए देखा। सिर्फ कमलेश तिवारी के मकान के ऊपरी हिस्से में रहने वाली किरायेदार नीतू सिंह ने गोली की आवाज सुनी। उसने पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी भी दी।
उधर, आला अधिकारियों ने दीवान से पूछताछ की तो वह कोई जवाब नहीं दे पाया। उसने कहा कि गोली की आवाज सुनी न ही किसी को भागते हुए देखा। दीवान की बातें सुनकर अधिकारियों का पारा चढ़ गया। उन्होंने उसे जमकर फटकार लगाई। उधर, परिवारीजनों ने भी गोली की आवाज नहीं सुनी। कमलेश के ऑफिस में गोली चली। इसके बाद चाकू से उन पर ताबड़तोड़ वार किए गए। लेकिन इस बारे में पुलिस और परिवारीजनों में से किसी को भनक तक नहीं लगी।
खुर्शेदबाग में कमलेश तिवारी का मकान जिस जगह पर है, वह काफी घना बसा हुआ है। उनके घर तक चार पहिया वाहन से पहुंचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ती है। पुलिस को अब तक तीन स्थानों की सीसीटीवी फुटेज मिली हैं जिसमें हत्यारे पैदल जाते हुए नजर आ रहे हैं। हालांकि, कमलेश के कर्मचारी सौराष्ट्रजीत सिंह का कहना है कि हत्यारे बाइक से आए थे। कमलेश के घर तक पहुंचने के दो सर्वाधिक प्रचलित रास्ते हैं। एक उनके घर से सटी हुई गली है जबकि दूसरी गणेशगंज वाली सड़क पर स्थित पुराना गेट है। हत्यारे कहां से आए?
इस बारे में जानकारी नहीं है लेकिन वह कहां से भागे? इसकी जानकारी पुलिस को मिल गई है। पुलिस के हाथ लगी पहली फुटेज गणेशगंज के पुराने गेट पर लगे सीसीटीवी कैमरे की है। यह जगह कमलेश के घर से करीब 500 मीटर दूर है। वहां जाने के लिए दो मोड़ आते हैं। हत्यारे यहां तक पैदल ही आते दिखे हैं। इससे साफ है कि हत्या करने आए बदमाशों को इलाके की गलियों और रास्तों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी थी।
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राजस्थान के गृह राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव के घर से 46 घंटे बाद आयकर टीम लौटी। अधिकारियों ने करीब 46 घंटे तक किसी को भी मंत्री के घर से बाहर नहीं निकलने दिया था जबकि जांच के दौरान फ्लोर मिल में काम जारी रहा।
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ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में बुधवार को गुल्लक से 18,50,315 रुपये निकले। इस रकम को पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स और सेंट्रल बैंक के खातों में जमा करवाया गया।
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Hunza People Facts: पाकिस्तान के हुंजा घाटी के लोग खुश रहने की वजह से जाने जाते हैं और यहां लोग खुश रहते हैं और इस वजह से ना सिर्फ जवान रहते हैं और लंबे वक्त तक जिंदा रहते हैं.
ये तो आपने अक्सर सुना होगा कि अच्छा खाओ, खुश रहो तो उम्र लंबी होती है तो लोग लंबे समय तक जवान रहते हैं. आपके भले ही ये बातें फालतू लगती हो, लेकिन इस फॉर्मूले के दम पर पाकिस्तान (Pakistan) में कुछ लोगों ने ऐसा कर दिखाया है. नतीजा ये है कि अब दुनियाभर में इस खास जगह के लोगों को अपनी हेल्दी लाइफ, लाइफस्टाइल (Healthy Lifestyle) की वजह से जाना जाता है. कहा जाता है कि यहां के लोग 60 साल की उम्र (Long Life People) में भी 30-40 उम्र के लगते हैं और काफी लेट बुढ़्ढे लगते हैं. यहां तक कि कहा जाता है कि यहां के लोग 120 साल तक भी जीते हैं और ये सिर्फ उनकी आदतों की वजह से है.
कहां है ये जगह?
यह जगह हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में ही है. पाकिस्तान में हिमालय की गोद में एक जगह है, जिसका नाम हुंजा वैली. हुंजा वैली के लिए कहा जाता है कि यहां सबसे स्वस्थ लोग रहते हैं. यह इलाका पाकिस्तान के बालिटस्तान में पड़ता है और जिनके हेल्थ की चर्चा पूरी दुनिया में होती है, वो बुरुशो लोग हैं. इस पूरे क्षेत्र में सिर्फ पहाड़ हैं और इस पहाड़ी इलाके के लोगों ने अपनी पहचान से अपनी खास पहचान बनाई है. लोगों की हेल्थ के अलावा ये जगह यहां की प्राकृतिक सुंदरता, इतिहास, साक्षरता, फल आदि की वजह से भी मशहूर है.
क्यों फेमस है यहां के लोग?
सोशल मीडिया से लेकर कई न्यूज रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यहां के लोग 120 साल से ज्यादा तक जीवित रहते हैं और काफी हेल्दी रहते हैं. यहां की बुजर्ग महिलाएं भी 60 से अधिक की उम्र में अन्य शहरों की 40 साल की महिलाओं जितनी जवान लगती है और उतनी ही एक्टिव रहती हैं. यहां तक कि कहा जाता है कि यहां काफी सालों बाद आदमी बूढ़ा होता है. दावे किए जाते हैं कि इस क्षेत्र के लोगों तक अभी तक कैंसर नहीं पहुंचा है और यहां कि महिलाएं 65 साल की उम्र तक भी बच्चे पैदा कर सकती हैं. इसके अलावा यहां के लोगों की हेल्थ जुड़े कई और दावे भी हैं.
क्यों जवान रहते हैं यहां के लोग?
अब सवाल है कि आखिर इस जगह में कोई चमत्कार है या फिर किसी और कारण से ऐसा होता है. वैसे कोई चमत्कार नहीं, बल्कि यहां की लाइफस्टाइल इसकी अहम वजह है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इनके डाइट चार्ट में सिर्फ पौष्टिक आहार शामिल होता है. रिसर्चर्स ने अपनी रिपोर्ट में ये कहा है कि हुंजा लोग खाने में ज्यादा से ज्यादा धूप में सुखाए अखरोट व एक विशेष प्रकार के मेवे का इस्तेमाल करते हैं. इसे एप्रीकोट (खुबानी) कहा जाता है. इसके अलावा ये लोग कच्ची सब्जियां, फल , अनाज, मेवे के अलावा दूध, अंडा और चीज भी अपने रोज़ के खाने में शामिल करते हैं. गार्डन में पेस्टिसाइड स्प्रे करना इस कम्युनिटी में बैन है. साथ मेंटल प्रेशर कम होने की वजह से यहां के लोग खुश रहते हैं और लंबा जीवन जीते हैं.
ये भी पढ़ें- पाकिस्तान में कब होता है गणतंत्र दिवस और वहां इस दिन क्या-क्या होता है?
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बरेली। यूपी में बरेली के फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में एक किशोरी का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है।
पुलिस के अनुसार इस्लाम नगर माधोपुर गांव निवासी एक किशोरी गुरुवार रात अपने पड़ोस में भाभी के घर जाने के लिए निकली थी। इसी दौरान गांव के दो युवक उसे अकेला पाकर जबरन पास के खंडहर में ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया।
रात को तीन बजे वह किसी तरह आरोपियों के चंगुल से छूटकर घर पहुंची। इस मामले को दबाने के लिए पंचायत भी हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला।
पीडि़ता के पिता ने गांव के ही शमशुददीन तथा महबूब के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। दोनों आरोपी फरार है। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिये दो टीमे गठित की है।
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इंदौर। ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया पहले भी कई बार सिंगापुर और बैंकॉक के लिए इंदौर से सीधी उड़ान की मांग कर चुकी है लेकिन इस मांग पर कोई सुनवाई नहीं की गई थी। वहीं, फिर इस मांग को उठाया गया है जिसके चलते पहले इंदौर से बैंकॉक के लिए सीधी उड़ान और फिर इंदौर से सिंगापूर की उड़ान का तोहफा मिल सकता है।
इन उड़ानों को शुरू करने के लिए इंडिगो, एयर इंडिया और कई एयर लाइंस के सामने प्रपोजल पेश किया गया है। अनुमान है की इन उड़ानों को इंडिगो द्वारा शुरू किया जा सकता है। इंदौर से दुबई और शारजाह के लिए जो सीधी उड़ान है वह एयर इंडिया के द्वारा संचालित की जा रही है, साथ ही इन उड़ानों को यात्रियों का बेहद अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।
सीधी उड़ान शुरू करने के प्रस्ताव को लेकर बीते दिनों हुई मीटिंग में यह मुद्दा भी रखा गया कि इससे यात्रियों को तो सुविधा हो जाएगी, साथी ही एयर लाइंस को भी फायदा होगा। इस पर बात को लेकर इंडिगो एयर लाइंस ने पॉजिटिव रिस्पॉन्स दिया है, जिसके चलते इस साल के आखिर तक इंदौर को यह तोहफा मिल सकता है।
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बेलारूस रूस के साथ S-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा प्रणालियों की आपूर्ति पर बातचीत कर रहा है, मिन्स्क इन विमान-रोधी प्रणालियों को खरीदने में रुचि रखता है। यह बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने पत्रकारों के साथ "बिग कन्वर्सेशन" के दौरान कहा था।
बेलारूस को S-400 एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम प्राप्त होंगे, रूस के साथ बातचीत चल रही है, कॉम्प्लेक्स को बेलारूसी परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए आवंटित रूसी ऋण के ढांचे के भीतर खरीदा जाएगा। लुकाशेंको के अनुसार, मिन्स्क निर्माण के दौरान बहुत बचत करने में कामयाब रहा, और शेष धनराशि, "पुतिन के साथ समझौते" के अनुसार, एस -400 की खरीद सहित अन्य जरूरतों पर खर्च की जाएगी।
- बेलारूसी राष्ट्रपति ने कहा।
वर्तमान में, बेलारूस की वायु रक्षा का आधार S-300 और Tor-M2 एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम हैं। वर्ष की शुरुआत में, गणतंत्र के रक्षा मंत्रालय ने S-400 वायु रक्षा प्रणाली और पैंटिर-एस वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने की योजना की घोषणा की। खरीद के लिए नियोजित उपकरणों की संख्या की सूचना नहीं दी गई थी। इसके अलावा, बेलारूसी सेना का इरादा Tor-M2 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की तीन और बैटरी खरीदने का है।
ध्यान दें कि बेलारूस ने न केवल रूसी विमान-रोधी प्रणालियों का ओवरहाल स्थापित किया है, बल्कि उनका आधुनिकीकरण भी किया है।
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Ranchi : नये हाइकोर्ट भवन निर्माण मामले में सुनवाई शुक्रवार को हुई. सुनवाई जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की बेंच ने की. मामले में कोर्ट ने 26 मार्च को अगली सुनवाई की तारीख दी. कोर्ट में सरकार की ओर से टेंडर प्रक्रिया की जानकारी दी जानी थी. जिसके लिए सरकार की ओर से समय मांगा गया. इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख दी. मामले में हाइकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन की ओर से याचिका दायर की गयी थी. जिसमें हाइकोर्ट के नये भवन के बाकी बचे निर्माण कार्य को लेकर याचिका दायर की गयी.
पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से नये भवन निर्माण की जानकारी दी गयी थी. मामले में कोर्ट ने बताया था कि निर्माण के लिए पर्यावरण स्वीकृति मिल गयी है. वहीं बाकी बचे निर्माण के लिए डीपीआर भी तैयार हो गया है. इसके लिए टेंडर भी जल्द किया जायेगा. वहीं पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जल्द से जल्द टेंडर निकालने का निर्देश दिया था. इस दौरान सरकार ने टेंडर प्रक्रिया की जानकारी मांगी थी. वहीं, एक अन्य याचिका मामले में अधिवक्ता राजीव कुमार ने जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें हाइकोर्ट के नये भवन के निर्माण में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया गया था.
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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पटाखों का गैरकानूनी रूप से निर्माण और बिक्री पर कड़े प्रतिबंध के साथ ही चीन द्वारा निर्मित पटाखों पर पाबंदी के बाद भी इस दिवाली पर स्वदेशी पटाखा निर्माण उद्योग में रौनक दिखाई नही दे रही है। इस बात का दावा उद्योग मंडल एसोचेम के ताजा सर्वेक्षण द्वारा किया गया है।
एसोचेम की ओर से भारत में पटाखा उद्योग हब के नाम से जानेमाने शिवकाशी सहित 10 बड़े शहरों में तक़रीबन 250 पटाखा निर्माताओं और थोक व खुदरा विक्रेताओं को दायरे में लेकर कराए गए रिसर्च के अनुसार गैरकानूनी रूप से पटाखे बनाने और उन्हें बेचने वालों पर नकेल कसने के लिए धरपकड़ व चीन से आयात किए जाने वालो पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के बाद भी घरेलू पटाखा निर्माण उद्योग को उम्मीद के मुताबिक सफल नतीजे नहीं मिल सके हैं।
सर्वे के अनुसार मार्केट में अभी भी चीनी पटाखों का बड़ा स्टाक लगा हुआ है जिससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है की जमाखोरों की मदद से अवैध रूप से बेचा जा रहा है। अभी तक देखने को मिला है की पटाखों की मांग में 35 से 40 फीसद तक की भारी गिरावट आई है। साथ ही अवैध रूप से चीनी पटाखों के आयात के कारण भारतीय पटाखा उद्योग को करीब एक हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
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हेल्थ डेस्कः आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुसार अंकुरित मूंग इंसान के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं। इसमें कई तरह के विटामिन और मिनरल्स के साथ साथ फीटो न्यूट्रिएंट्स की मात्रा सबसे अधिक होती हैं। जिससे शरीर की कई बीमारी दूर रहती हैं और इंसान के शरीर में एनर्जी बनी रहती हैं। तो आइये इसके बारे में जानते हैं विस्तार से की अंकुरित मूंग खानें से दूर रहती है ये 5 खतरनाक बीमारियां।
कुपोषण :
अंकुरित अनाज कुपोषण को दूर करने में सहायक होता हैं। इसके सेवन से शरीर की मसल्स मजबूत होती हैं तथा कुपोषण की समस्या दूर हो जाती हैं। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को कुपोषण की समस्या हैं तो उसे रोजाना सुबह की डाइट में अंकुरित मूंग का सेवन करना चाहिए।
डायबिटीजः
अंकुरित मुंग शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करके रखता हैं। इससे डायबिटीज की समस्या धीरे धीरे कम होने लगती हैं और डायबिटीज के मरीजों को थकान की समस्या से छुटकारा मिल जाता हैं। इससे उनकी सेहत अच्छी रहती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर :
हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए अंकुरित मूंग रामबाण साबित होता हैं। इसके सेवन से शरीर में हाई ब्लड परेशान की समस्या धीरे धीरे सामान्य होने लगती हैं और इंसान का शरीर स्वस्थ और फ़ीट रहता हैं। इससे शरीर का ब्लड सर्कुलेशन भी सही तरीकों से होता हैं।
कब्जः
अगर आपके पेट में कब्ज की समस्या होती हैं तथा आपका पेट ठीक तरीकों से साफ़ नहीं होता हैं तो आप प्रतिदिन सुबह की डाइट में अंकुरित मूंग को शामिल करें। इससे आपकी ये समस्या समाप्त हो जाएगी तथा आपका शरीर स्वस्थ और फ़ीट रहेगा।
बवासीर :
अगर किसी व्यक्ति को बवासीर की समस्या हैं तो उनके लिए अंकुरित मूंग का सेवन लाभकारी साबित होता हैं। इसके सेवन से बवासीर की समस्या दूर हो जाती हैं और इंसान खुद को सेहतमंद महसूस करता हैं। साथ ही साथ शौच के दौरान होने वाले दर्द से भी छुटकारा मिल जाता हैं।
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पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव का जवाब आर्थिक मोर्चे पर दे रही मोदी सरकार अब चीन को एक और झटका देने की तैयारी में है। 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद चीनी कंपनी हुवावे को 5जी की दौड़ से बाहर किया जाएगा।
59 चीनी एप पर प्रतिबंध के बाद केंद्र सरकार ने इंटरनेट सेवा मुहैया कराने वाली सभी कंपनियों को इन्हें तत्काल ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं। दूर संचार मंत्रालय की ओर से मंगलवार को जारी आदेश में 35 और 24 एप की लिस्ट इंटरनेट सेवा प्रदाताओं को सौंपी गई है। इससे पहले, टिकटॉक एप को मंगलवार को गूगल प्ले और एपल एप स्टोर से हटा लिया गया है। सूत्रों का कहना है, टिकटॉक ने खुद इन स्टोर से एप को हटाया है।
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रोबोट बनाने वाली कंपनी के अध्यक्ष जेम्स यिन की बात पर भरोसा करें तो तीन से पांच वर्ष में बच्चों के हाथों से पारंपरिक खिलौने की जगह रोबोट के खिलौने होंगे। जेम्स की यह बात आपको थोड़ी अटपटी लग सकती है, लेकिन जिस तरह से रोबोट के प्रति बच्चों का क्रेज बढ़ रहा है, उससे उनकी बात पर यकीन किया जा सकता है। दरअसल, इस दावे के पीछे जेम्स का तर्क है कि पारंपरिक खिलौने बच्चों को जल्द बोर कर देते हैं और उनका क्रेज उस खिलौने के प्रति घट जाता है। जेम्स का दावा है कि अब इन पारंपरिक खिलौने की जगह डिजिटल खिलौने ले लेंगे। अगर ऐसा हुआ तो आपके घर में रोबोट का प्रवेश आसानी से हो जाएगा। आपके बच्चे के हाथों में रोबोट या कोई डिजिटल खिलौना होगा।
दरअसल, तकनीक युग में हमारी लाइफ स्टाइल में भारी बदलाव देखने को मिल रहा है। इससे हमारी जरूरतों का दायरा बढ़ रहा है। दुनिया के कई विकसित मुल्कों में रोबोट का घरों में प्रवेश हो गया है। इसने मानव की कई जिम्मेदारियां संभाल ली है। अब इनका रुख विकासशील देशों की ओर है। कई देशों में माता-पिता की व्यस्तताओं के कारण बच्चे रिमोट के सहारे रहते हैं। यानी परिजनों की अनुपस्थति में बच्चों की देखरेख का काम इन रोबोटों के जिम्मे ही है। रोबोट पर निर्भरता के कारण ही उन्हें भविष्य का अभिभावक तक कहा जा रहा है।
चीन में तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले सेवन कॉन्ग का पूरा संसार ही रोबोट में बसता है। यह उसका सबसे जिगरी दोस्त है। इस रोबोट का नाम बीनक्यू है। ये बीनक्यू हरे रंग के पोषाक में रहता है। वह नियमित रूप से सेवन का हालचाल पूंछता है। वह सेवन को भाेजन के वक्त पर खाना खाने की भी याद दिलाता है। उसके खेल के वक्त पर उसकी पंसद का खेल भी पूछता है। इतना ही नहीं बीनक्यू सेवन के हर सवाल का बड़े प्यार से जवाब भी देता है। इस तरह से वह सेवन के जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। इस बीनक्यू की कीमत करीब 300 अमेरिकी डॉलर है यानी करीब 21,000 रुपये। चीन में इसे बहुत पंसद किया जाता है। कम लागत में सुलभ इस बीनक्यू चीन के घर-घर में सुलभ है। अब यह दूसरे मुल्कों में भी सेवा देने का तैयार है। कम कीमत के कारण बीनक्यू की पहुंच मध्यम वर्ग के परिवारों में भी हाे रही है।
ड्रैगन के शहर यानी चीन में तो हद ही पार हो गई है। चीन में इंसानों की जगह मशीन का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। चीन में रोबोट बच्चों के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। यहां रोबोट घर की देखरेख के साथ बच्चों की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। रोबोट एक आदर्श अभिभावक की भूमिका में हैं। ये बच्चों के मनोरंजन के साथ उनका पालन-पोषण भी कर रहे हैं। चीन में नौकरी पेशा वाले दंपती के बीच तो इन रोबोटों का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। चीन में रोबोट की बढ़ती लोकप्रियता के कारण यहां कई कंपनियां रोबोट तैयार कर रही हैं। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि अमेज़न की तरह चीन में लोकप्रिय ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट 'टीमॉल' पर इस तरह के रोबोट से जुड़े उत्पादों के 65 से ज्यादा पेज सुलभ हैं।
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AEW Rampage में इस हफ्ते शुरू से लेकर अंत तक धमाकेदार एक्शन देखने को मिला। शो में डार्बी एलिन (Darby Allin), जेमी हेटर (Jamie Hayter) और स्वर्व स्ट्रिकलैंड (Swerve Strickland) की बड़ी जीत के अलावा जैफ हार्डी (Jeff Hardy), द हाउस ऑफ ब्लैक और स्कॉर्पियो स्काई (Scorpio Sky) के दिलचस्प प्रोमो और सैगमेंट्स भी देखने को मिले। यहां जानिए AEW Rampage में इस हफ्ते क्या-क्या हुआ।
-Rampage में इस हफ्ते की शुरुआत डार्बी एलिन और मार्क क्वेन के मैच से हुई, जहां क्रमशः उनके साथ रिंगसाइड पर स्टिंग और ईशा कैसिडी मौजूद रहे। रिंग में दोनों के बीच धमाकेदार एक्शन देखने को मिला और मैच का अंत तब हुआ जब एलिन ने आर्मबार लगाकर क्वेन को टैप आउट करने पर मजबूर किया।
-मैच के बाद AHFO का पूरा ग्रुप बाहर आया, लेकिन इससे पहले वो एलिन और स्टिंग पर अटैक कर पाते तभी हार्डी बॉयज़ ने एंट्री ली। हील टीम वहां से चली गई, वहीं जैफ हार्डी और मैट हार्डी ने स्टिंग और एलिन को एंट्रेंस रैम्प पर खड़े होकर घूरा।
-मेन ऑफ द ईयर और डैन लैम्बर्ट का बैकस्टेज प्रोमो देखने को मिला, जहां स्कॉर्पियो स्काई ने अगले हफ्ते वार्डलॉ को हराकर अपने TNT टाइटल को रिटेन करने और अपने अपराजित रिकॉर्ड को कायम रखने का दावा किया।
-द हाउस ऑफ ब्लैक ने डरावने अंदाज में प्रोमो कट किया, जिसे देखकर कह पाना मुश्किल है कि उन्होंने पैक, पेंटा या किसी और पर तंज कसा है।
-जेमी हेटर और मर्सेडीज़ मार्टिनेज़ के बीच धमाकेदार मुकाबला लड़ा गया। इस बीच रेबल ने रेफरी का ध्यान भटकाया, जिससे ब्रिट बेकर को मर्सेडीज़ पर अटैक करने का मौका मिला और इसी के चलते हेटर जीत दर्ज करने में सफल रहीं। मैच के बाद बेकर ने अपनी साथियों के साथ मिलकर चैंपियनशिप बेल्ट पर मार्टिनेज़ को स्टॉम्प देने की कोशिश की, लेकिन तभी थंडर रोज़ा ने चेयर के साथ एंट्री लेकर मार्टिनेज़ को बचाया।
-हिकारू शिडा ने प्रोमो कट करते हुए सेरेना डीब से अपना बदला पूरा करने की बात कही।
-कीथ ली ने क्यूटी मार्शल पर जबरदस्त अंदाज में जीत प्राप्त की। मैच के बाद निक कोमोराटो और आरोन सोलो ने कीथ ली पर अटैक करने की कोशिश की, लेकिन ये दांव उन्हीं पर उल्टा पड़ गया। इस बीच रिकी स्टार्क्स और पावरहाउस हॉब्स ने ली पर बुरी तरह अटैक कर दिया।
-AEW Rampage के मेन इवेंट में स्वर्व स्ट्रिकलैंड और टोनी नीस के बीच जबरदस्त मुकाबला लड़ा गया। क्राउड स्ट्रिकलैंड को चीयर कर रहा था और इस बीच रिंग में कई खतरनाक मूव्स लगते देखे गए। इस मैच को स्ट्रिकलैंड ने नीस पर टॉप रोप के ऊपर से स्टॉम्प लगाने के बाद पिन के जरिए जीता।
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स्नेहा दुबे ने पाक पीएम इमरान खान को आईना दिखाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे. इसमें वे क्षेत्र शामिल हैं जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में हैं. हम पाकिस्तान से उसके अवैध कब्जे वाले सभी क्षेत्रों को खाली करने का आह्वान करते हैं. UNGA में स्नेहा के इस जवाब के बाद सोशल मीडिया पर #SnehaDubey ट्रेंड करने लगा.
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हिंदू धर्म में किए जाने वाले विभिन्न धार्मिक कार्यों में कमल के फूल का विशेष महत्व है। इसका प्रमुख कारण है कि कमल को अत्यंत्र पवित्र, पूजनीय एवं सुंदरता, सद्भावना, शांति-समृद्धि व बुराइयों से मुक्ति का प्रतीक माना गया है।
- धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु की नाभि से कमल पुष्प का उत्पन्न होना तथा उस पर विराजमान ब्रह्माजी द्वारा सृष्टि की रचना करना कमल की महत्ता को स्वयं सिद्ध करता है।
- कमल पुष्प को ब्रह्मा, लक्ष्मी तथा सरस्वती ने आसन बनाया है। अनेक प्रकार के यज्ञों व अनुष्ठानों में कमल के पुष्पों को निश्चित संख्या में चढ़ाने का विधान शास्त्रों में भी वर्णित है।
- कमल का पुष्प कीचड़ और जल में उत्पन्न होता है, लेकिन उससे निर्लिप्त रहकर पवित्र जीवन जीने की प्रेरणा देता है।
- यह इस बात की प्रतीक है कि बुराइयों के बीच रहकर भी व्यक्ति अपनी मौलिकता तथा श्रेष्ठता बचाए रख सकता है।
- बौद्ध धर्म के ललित विस्तार ग्रंथ में कमल को अष्टमंगल माना गया है। यही वजह है कि पूजन आदि में कमल पुष्प का विशेष महत्व है।
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शिमला. हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के शिमला (Shimla) में बहुचर्चित कोटखाई दुष्कर्म और मर्डर केस (Kotkhai rape and murder case) (गुड़िया केस) में गुड़िया के माता-पिता और बहन ने गुरुवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jairma Thakur) से मुलाकात की. गुड़िया के परिजन सीबीआई (CBI) जांच से संतुष्ट नहीं हैं और अब मुख्यमंत्री से मिलने के बाद उनसे न्यायिक जांच की मांग (Demand for Judicial Inquiry) की है. गुड़िया के परिजन और कुछ समाजसेविओं ने राज्य सचिवालय में मुख्यंत्री से मुलाकात की. परिजनों ने मामले पर सभी शंकाओं को रखा और ज्ञापन भी सौंपा.
गुड़िया के पिता ने आरोप लगाया कि सीबीआई असल गुनहगारों पर हाथ नहीं डाल पाई और वो अब भी खुले में घूम रहे हैं. एक आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर भी सीबीआई से कई सवाल पूछे. इस बीच गुड़िया के पिता ने एक बार फिर से पूर्व सरकार और उस वक्त हुई पुलिस जांच पर कई सवाल खड़े किए. परिजनों ने न्याय नहीं मिलने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी.
गुड़िया की मां ने कहा कि इस मामले में किसी गरीब और निर्दोष पर कार्रवाई न हो. असली दरिंदे पकड़े जाएं. गुड़िया की बहन ने भी सीबीआई जांच पर सवाल उठाए. गुड़िया के परिजनों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया.
गौरतलब है कि 4 जुलाई 2017 को कोटखाई की एक छात्रा स्कूल से लौटते वक्त लापता हो गई थी. इसके बाद 6 जुलाई को कोटखाई के जंगल में बिना कपड़ों की उसकी लाश मिली थी. छात्रा की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी गई थी. मामले में छह आरोपी पकड़े गए थे. इनमें राजेंद्र सिंह उर्फ राजू, हलाइला गांव, सुभाष बिस्ट (42) गढ़वाल, सूरज सिंह (29) और लोकजन उर्फ छोटू (19) नेपाल और दीपक (38) पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार शामिल थे. इनमें से सूरज की कोटखाई थाने में 18 जुलाई 2017 की रात को हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि राजू की सूरज से बहस हुई और उसके बाद राजू ने उसकी हत्या कर दी. सीबीआई ने इन दोनों मामलों में केस दर्ज किया है.
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गोरखपुर विधायक ने उठाए योगी सरकार पर सवाल तो सांसद रवि किशन बोले,' समस्या थी तो नेतृत्व के पास जाना चाहिए था'
गोरखपुर सदर सीट से बीजेपी के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने नोटिस भेजा है। राधा मोहन दास के एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है।
गोरखपुरः भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गोरखपुर सदर सीट से बीजेपी के विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बीजेपी कार्यालय द्वारा गुरुवार (27 अगस्त) को जारी बयान के मुताबिक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के निर्देश पर प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर ने डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने पिछले दिनों फेसबुक पर पोस्ट करके योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। इस पूरे मामले पर अब गोरखपुर के सांसद रवि किशन का बयान सामने आया है।
रवि किशन ने कहा, 'राधा मोहन सरकार और यहां तक कि गोरखपुर में मेरे काम को लेकर तंज कर रहे थे। अगर उन्हें कोई दिक्कत है तो उन्हें पार्टी लाइन से अलग जाकर फेसबुक पर पोस्ट करने के बजाय नेतृत्व के पास जाना चाहिए। '
राधा मोहन दास के एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा गया है। डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने पिछले दिनों फेसबुक पर पोस्ट करके योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा था कि उन्हें खुद के विधायक होने पर शर्म आ रही है।
सफाई में विधायक राधा मोहन दास अग्रवाल ने क्या कहा?
गोरखपुर की सदर सीट से विधायक दास अग्रवाल ने 21 अगस्त को बताया था कि गोरखपुर के एक पार्टी कार्यकर्ता के रिश्तेदार के हत्यारोपी को पकड़ने में लखीमपुर खीरी पुलिस नाकाम साबित हुई है तब उन्होंने ट्विटर का सहारा लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसकी जानकारी दी थी।
विधायक ने कहा था कि उन्होंने इस संबंध में कई बार अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया लेकिन जब उन्हें कोई उचित समाधान नहीं मिला तब उन्होंने को मुख्यमंत्री को ट्वीट किये और जब उनकी समस्या का समाधान हो गया तब उन्होंने देर रात ट्वीट हटा दिया।
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साल 2019 खत्म होने को है। हर किसी को साल 2020 का बेसब्री से इंतजार है। नया साल अपने साथ बहुत सारी नई उम्मीदें और रोमांच लेकर आने वाला है। साल 2020 में बिगेलो एयरोस्पेस पूरी मानव जाति के लिए एक जबरदस्त रोमांच लेकर आने वाला है, पर इस रोमांच के बारे में जानने से पहले बताइए क्या आपको अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के बारे में जानकारी है? क्या आपने कभी अंतरिक्ष में जाने के बारे में सोचा है? वैसे तो हर कोई अपने परिवार के साथ हफ्ते, दो हफ्ते में होटल चला ही जाता है, पर क्या आपने कभी सोचा है कि वो होटल अंतरिक्ष में हो? जी हां, आप सही समझ रहे हैं। बिगेलो एयरोस्पेस नाम एक कंपनी साल 2020 तक एक ऐसा अंतरिक्ष यान लांच करने जा रही है, जिसमें होटल होगा। यह अपनी तरह का पहला ऑटोनोमस स्पेस स्टेशन होगा। आइए आपको इसके बारे में बताते हैं।
क्या होता है स्पेस स्टेशन?
होटल के बारे में जानने से पहले आपको पता होना जरूरी है कि स्पेस स्टेशन क्या होता है? अंतराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन क्या है? जहां यह होटल होगा। स्पेस स्टेशन को ऑर्बिटल स्टेशन भी कहा जाता है। इसे अंतरिक्ष में जाने वाले यात्रियों के लिए बनाया जाता है। अंतरिक्ष स्टेशन पर इतनी व्यवस्था मौजूद होती है कि अंतरिक्ष यान भी उतारा जा सकता है। बता दें कि स्पेस स्टेशन को पृथ्वी की लो-ऑर्बिट कक्षा में स्थापित किया जाता है। यह एक मंच होता है, जहां से पृथ्वी का सर्वेक्षण किया जाता है। स्पेस स्टेशन इसलिए बनाया जाता है ताकि वैज्ञानिक लंबे समय तक अंतरिक्ष में काम कर सकें।
अंतरिक्ष में कितने स्पेस स्टेशन है?
अबतक अंतरिक्ष में दो स्पेस स्टेशन हैं जो पृथ्वी कक्षा में हैंः
- अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (परिचालन और स्थायी रूप से निवास)
- चीन का तीयांगोंग 2 (परिचालन लेकिन स्थायी रूप से निवास नहीं)
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को छोटे-छोटे टुकड़ों में ले जाकर एक ऑर्बिट में स्थापित किया गया था। साल 1998 में इसका सबसे पहला मॉड्यूल रूस के जरिए प्रक्षेपित किया गया था। 2 नवम्बर, 2000 से लगातार अंतरिक्ष यात्री इस स्टेशन में काम कर रहे हैं। इसका वजन लगभग 3,91,000 किलोग्राम है। इसमें कई सोलर पैनल लगे हुए हैं। इसमें छह अंतरिक्ष यात्री छह महीने के समय तक काम कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पृथ्वी से लगभग 248 मील यानी करीब 400 किलोमीटर की उंचाई पर उड़ता है। यह 90 मिनट में लगभग 17,500 मिल प्रति घंटे की स्पीड से पृथ्वी का चक्कर लगता है। अगर आपको इस स्पेस स्टेशन की स्थिति के बारे में पता हो तो इसको पृथ्वी से भी देख सकते हैं। अबतक करीब 18 देशों के 230 अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन का दौरा किया है।
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आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में एक केमिकल फैक्ट्री में जहरीली गैस के रिसाव से करीब 11 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों बीमार हुए हैं। इस बीच अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक रसायन फैक्टरी से लीक हुए 'स्टाइरीन' गैस के स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव की संभावना कम है। इसके अलावा, इस गैस से होने वाली बीमारी भी हर मामले में घातक नहीं है।
गुरुवार को एम्स निदेशक गुलेरिया ने कहा कि जहां तक उपचार की बात है, इस यौगिक (स्टाइरीन गैस) के प्रभाव को खत्म करने के लिये कोई 'एंटीडॉट' (काट) या निश्चित दवाई नहीं है। हालांकि, इलाज से फायदा होता रहा है। डॉ गुलेरिया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि काफी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनमें से ज्यादातर लोगों की हालत स्थिर है और उम्मीद है कि उनके स्वास्थ्य में अच्छा सुधार होगा। बता दें कि विशाखापट्टनम में एक रसायन फैक्टरी से स्टाइरीन गैस का रिसाव होने से 11 लोगों की मौत हो गई और 1,000 अन्य इससे प्रभावित हो गये। यह गैस तेजी से पांच किमी के दायरे में मौजूद गांवों में भी फैल गई।
यह पूछे जाने पर कि क्या भोपाल गैस त्रासदी की तरह ही इस गैस का प्रभाव लंबे समय तक रह सकता है, डॉ. गुलेरिया ने कहा, 'यह गैस बहुत लंबे समय तक नहीं रहती है। (लोगों के स्वास्थ्य पर) इसके दीर्घकालिक प्रभाव की संभावना कम है क्योंकि इस यौगिक को शरीर शीघ्रता से बाहर निकाल देता है। '
उन्होंने कहा, 'यह 'क्रोनिक' (पुराने) एक्सपोजर की जगह 'एक्यूट' (तीव्र) एक्सपोजर है। लेकिन हमें इस पर नजर रखनी होगी। फिलहाल, डेटा किसी दीर्घकालिक प्रभाव की ओर संकेत नहीं कर रहे हैं। ' एम्स निदेशक ने कहा कि जो लोग गैस रिसाव मुख्य केंद्र के करीब थे, उन पर इसके गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना अधिक है। उन्होंने कहा कि आस-पास के इलाकों में घर-घर जाकर यह पता लगाने की कोशिश शुरू की गई है कि कहीं किसी व्यक्ति को गैस रिसाव के चलते स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी तो नहीं है।
गुलेरिया ने कहा कि स्टाइरीन के सांस के जरिये शरीर के अंदर प्रवेश करने और इसके अंतरग्रहण से त्वचा और आंखों पर प्रभाव पड़ता है। इस यौगिक के शरीर में प्रवेश करने से सिर दर्द, उल्टी और थकान महसूस होती है। लोगों को चलने-फिरने में दिक्कत होने लगती है और कभी-कभी वे गिर भी सकते हैं। इससे अधिक प्रभावित होने पर व्यक्ति कोमा तक में जा सकता है और उसकी हृदय गति बढ़ सकती है।
एम्स निदेशक ने कहा कि इसका त्वचा पर खुजली होने और कुछ हद तक चकत्ते पड़ने जैसे हल्के प्रभाव भी देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि पहली चीज तो यह करनी होगी कि प्रभावित इलाकों से लोगों को हटाया जाए, जैसा कि तत्परता से किया गया। डॉ गुलेरिया ने कहा कि आंखों को पानी से धोना जरूरी है। त्वचा को पोंछने के लिये टिशू या तौलिये का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने कहा, 'सांस लेने में परेशानी का सामना करने वाले लोगों की निगरानी करनी होगी क्योंकि यह यौगिक फेफड़ा और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है। '
उन्होंने कहा, 'उपचार की मुख्य रणनीति यह होनी चाहिए कि सांस लेने में परेशानी महसूस करने वाले लोगों की निगरानी की जाए। इनमें से कुछ रोगियों को वेंटिलेटर पर रखने की जरूरत पड़ेगी। कई लोगों को ऑक्सीजन की जरूरत होगी और उनकी ऑक्सीजन जरूरत, श्वसन दर, सीएनएस डिप्रेशन (चक्कर आदि बेहोशी की हालत, जिसमें तंत्रिका तंत्र काम करना बंद कर देता है और हालत बिगड़ने पर मरीज कोमा में जा सकता है) आदि के संदर्भ में निगरानी की जा सकती है। '
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यूएई के अधिकारियों ने शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में दर्शकों के बीच झड़प के बाद अनुशासनात्मक नियमों का उल्लंघन करने वाले प्रशंसकों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है, जो चल रहे एशिया कप 2022 में पाकिस्तान और अफगानिस्तान का मैच देखने गए थे.
अधिकारियों ने कहा कि वे दर्शकों की बारीकी से निगरानी करेंगे और स्टैंड को हुए किसी भी नुकसान या अन्य दर्शकों को लगी चोटों से सख्ती से निपटा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रशंसकों को नियमों का पालन करना चाहिए और दर्शकों सहित सभी से खेल भावना की मांग करते हैं.
अंतिम ओवर की पहली दो गेंदों पर नसीम शाह के दो छक्कों ने पाकिस्तान को हार के जबड़े से जीत छीनने में मदद की. एक विकेट की जीत से पाकिस्तान अब एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका से भिड़ेगा.
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आरक्षण का यह प्रावधान संविधान में किया गया। राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में भी यह कहा गया है कि राज्य "सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों" को भी आरक्षण का लाभ देगा । पिछड़े वर्गों की पहचान करने के लिए पहले 1955 में काका कर्लेकर आयोग और फिर 1977 में मंडल आयोग बनाए गए । कर्लेकर आयोग इस दिशा में कोई निश्चित राय नहीं दे सका लेकिन मंडल आयोग ने पिछड़े वर्गों के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की जिनकी पहचान आयोग ने उनकी जातियों से की। आयोग ने इन जातियों की सूची भी दी। यहां ध्यान देने की बात यह है कि भारत के कई राज्य पिछड़े वर्गों को केन्द्र सरकार की इस आरक्षण नीति के लागू होने से पहले ही आरक्षण दे रहे थे। इन राज्यों ने भी पिछड़ेपन की पहचान जाति / समूहों से की जिन्हें सामाजिक और शैक्षिक अवसरों से वंचित रखा गया था ।
रोजगार, शिक्षा और राजनीतिक पदों में जातियों के लिए आरक्षण की नीति भारत में सामाजिक परिवर्तन की गतिशीलता को दर्शाती है जो खुद राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक विकास की उपज है। इस नीति की उत्पत्ति में सहायक कारक हैंः लोकतांत्रिक रोजगार, कृषि उत्पादकता में वृद्धिं जिसका श्रेय कृषक जातियों को जाता है (जिनमें से अधिकतर जातियों को केन्द्र और राज्यों में पिछड़े वर्ग की श्रेणियों में रखा गया है), और इन जातियों में शिक्षा और सरकारी सेवाओं के क्षेत्र में अपनी सामाजिक गतिशीलता को बढ़ाने की आकांक्षा । पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की नीति को राज्य से केन्द्र की ओर गति विभिन्न चरणों में पिछड़े वर्गों के आंदोलनों के फलस्वरूप मिली । पिछड़े वर्गों के आंदोलनों को इन वर्गों की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में आए सुधार से बल मिला, जो लोकतांत्रिक नीति के तहत राष्ट्र के 50 वर्ष तक आर्थिक और सामाजिक विकास में निवेश का परिणाम था ।
1.5.3 क्रम- परंपरा के सिद्धांत
जाति भी सामाजिक स्तरीकरण में क्रम- परंपरा के सिद्धांत को प्रतिबिंबित करती है । फ्रांस के सामाजिक नृविज्ञानी लुई ड्यूमोंट भारतीय सामाजिक संरचना को इसकी अनूठी वर्ण संस्था के मद्देनजर पाश्चात्य सामाजिक संरचना से एकदम विपरीत रखकर देखते हैं । इसका एक कारण यह है कि जाति की यह अनूठी संस्था संरचनात्मक और सभ्यता दोनों दृष्टि से क्रम-परंपरा के सिद्धांत को प्रतिबिंबित करती है जो कि पश्चिमी समाज के समानता के सिद्धांत के एकदम विपरीत है। ड्यूमोंट क्रम-परंपरा को एक सामाजिक व्यवस्था की विशेषता के रूप में परिभाषित करते हैं, जिसमें मानकीय सिद्धांत समाज के मामलों में नैमित्तिक (साधनपरक) या उपयोगितावादी सिद्धांतों को संचालित या निर्धारित करते हैं । वह इसे परिवेष्टित और परिवेष्टनकारी कहते हैं। यानी उनके अनुसार यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा परंपरागत रूप से मान्य मूल्य और विश्वास तर्कसंगत उपयोगितावादी सिद्धांतों को परिवेष्टित करते हैं या उन्हें लेकर चलते हैं । दूसरे शब्दों में क्रम-परंपरा की व्यवस्था में समाज के आदर्श मानकों को आर्थिक, राजनीतिक और अन्य कारक तय नहीं करते। बल्कि इन्हें तय करने वाले कारक इनसे बिल्कुल भिन्न होते हैं । इसलिए ड्यूमोंट के अनुसार वर्ण व्यवस्था में प्रचलित अशुद्धि-शुद्धि की धारणाओं को हम पाश्चात्य जगत् के धर्मनिरपेक्ष मानकों की कसौटी पर नहीं कस सकते क्योंकि ये मानक ऐसी सभ्यता से जुड़े हैं, जिनका ताना-बाना बिल्कुल ही भिन्न है।
ड्यूमोंट की क्रम-परंपरा के रूप में जाति की व्याख्या पर भारत में ही नहीं बल्कि समूचे विश्व में एक बहस छिड़ी। जातियों के स्तरीकरण और उसके स्थायीकरण में आर्थिक और राजनीतिक कारकों की भूमिका की अनदेखी करने के लिए उनकी आलोचना हुई । लेकिन जैसाकि देखने में आ रहा है कि आज जिस प्रकार जाति सफलतापूर्वक राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक आधुनिकीकरण की मांगों के अनुसार ढल रही हैं, और जिस प्रकार बड़े आर्थिक और राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए इसको ज्यादा से ज्यादा संगठित किया जा रहा है उससे यही प्रतीत होता है कि क्रम-परंपरा के सिद्धांत में इसने अपने अधिकांश पारंपरिक विशेषताओं को खो दिया है ।
सामाजिक स्तरीकरण : अभिप्राय और नजरिया
सामाजिक स्तरीकरण का परिचय
1.6 भारतीय समाज का ढांचा
भारत के सामाजिक ढांचे में उसकी वर्गीय संरचना और उसकी प्रक्रियाओं का काफी विस्तृत और गहन अध्ययन हुआ है। इस प्रकार के अध्ययन में अर्थशास्त्रियों, समाजशास्त्रियों और नृविज्ञानियों ने योगदान किया है। ऐसे कई अध्ययनों में भारतीय समाज में जाति और वर्ग के बीच घनिष्ठ संबंध को स्थापित करने के प्रयास भी खूब हुए हैं। इस तरह के ज्यादातर अध्ययन अनुभवजन्य प्रेक्षणों पर आधारित हैं और उनका चरित्र क्षेत्रीय है। इसके बावजूद इन अध्ययनों से हमें भारत में वर्गीय संरचना और जाति स्तरीकरण से उसके घनिष्ठ संबंध का पता चलता है ।
1.6.1 स्थिति का सार
पारंपरिक रूप से यह देखा गया है कि जाति में एक विशेष लक्षण होता है जिसे 'स्थिति का सार' सिद्धांत कहा गया। आनुष्ठानिक (शुद्धि-अशुद्धि) क्रम-परंपरा में जाति की स्थिति अगर निम्न हो तो आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक स्थिति तक उस जाति की पहुंच भी उतनी ही निम्न रहती है। ऐसी स्थिति में जाति में एक तरह से वर्ग की विशेषता भी शामिल रहती है मगर उसमें सारी विशेषताएं नहीं होतीं। परिभाषा के अनुसार जाति एक संवृत समूह है, इसकी सदस्यता जन्म से मिलती है, इसलिए जाति-स्थिति प्रदत्त होती है। इसे हम आर्थिक या सामाजिक गतिशीलता के द्वारा अर्जित नहीं कर सकते । दूसरी ओर वर्ग एक खुला या विवृत समूह है जिसकी सदस्यता का आधार अर्जन या उपलब्धि की कसौटी है, जो आर्थिक, सामाजिक या राजनीतिक हो सकती है। जाति एक समुदाय भी है, जिसकी गतिशीलता समूह पर आधारित या सामूहिक होती है। इसीलिए अतीत में संस्कृतिकरण के द्वारा अपनी स्थिति को ऊंचा उठाने के प्रयासों में समूचा जाति-२ -समूह शामिल रहता था। जाति के विपरीत वर्ग में ऐसी कोई सामुदायिकतावादी विशेषता नहीं होती हालांकि यह साझे हितों के आधार पर सामूहिक - सहचारिता विकसित कर सकता है । इस अर्थ में वर्ग एक हितस- समूह है जबकि जाति एक समुदाय है। नए सामाजिक और आर्थिक विकास और जातिगत सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों के सक्रिय होने (जिसमें आरक्षण नीति भी शामिल है) से जाति समूह हित-समूहों में परिवर्तित हो गए हैं । इस हद तक वर्ग के कुछ विशेष लक्षण भी ऐसे जातिगत संगठनों में शामिल हो गए हैं। खासकर यह बात हम उन अनेक जातिगत संगठनों के बारे में कह सकते हैं जो अंग्रेजी शासन के समय से ही भारत में विद्यमान हैं और स्वतंत्रता के बाद जिनकी संख्या में खूब बढ़ोतरी ही हुई है।
अभ्यास 2
अपने अध्ययन केन्द्र के सहपाठियों के साथ 'स्थिति का सार' सिद्धांत पर चर्चा कीजिए। इस चर्चा में आपको जो जो मुख्य बातें पता चलें उन्हें अपनी नोटबुक में लिख लें ।
भारतीय समाज में वर्गीय ढांचा ग्रामीण और शहरी समाजों में एक दूसरे से भिन्न पाया जाता है । समाजशास्त्रियों और सामाजिक नृविज्ञानियों ने ग्रामीण समाज के बारे में जो-जो अध्ययन किए हैं, उनमें ग्रामीण वर्गीय संरचना में मुख्यतः तीन वर्ग पाए गए हैं- जमींदार, किसान और मजदूर वर्ग। गांवों में दस्तकार और अहलकार या वृत्तिमूलक जातियां भी छोटी संख्या में एक अलग आर्थिक हित-समूह के रूप में विद्यमान रहती हैं जिसमें वर्ग के कुछ लक्षण पाए जाते हैं । मार्क्सवादी श्रेणियों के अनुसार अध्ययन करने वाली कैथलीन गॉग और कुछ अन्य समाज - विज्ञानियों ने ग्रामीण वर्गीय ढांचे को इन वर्गों में बांटा हैः बुर्जुवा वर्ग (बड़े जमींदार), छोटा बुर्जुवा वर्ग (मझोले और छोटे जमींदार तथा व्यापारी और दस्तकार) और ग्रामीण सर्वहारा या श्रमिक वर्ग (जिनके पास कोई जमीन नहीं होती और जो दिहाड़ी मजदूरों के रूप में जीवन-यापन करते हैं ) ।
1.6.2 मार्क्सवादी विधि और धारणाएं
अर्थशास्त्रियों में भारत के वर्गीय ढांचे के अध्ययन विश्लेषण के लिए मार्क्सवादी विधि और धारणाओं के प्रयोग का चलन अधिक रहा है। कालांतर में समाजशास्त्रियों ने भी इन्हीं का प्रयोग आरंभ कर दिया । चूंकि सामाजिक विश्लेषण की मार्क्सवादी विधि वर्गीय ढांचे को उत्पादन विधियों, जैसे आदिम, सामंती और
पूंजीवादी, के अनुसार बांटती है इसलिए भारत में वर्गीय ढांचे पर जो बहस हुई वह अधिकतर ग्रामीण और औद्योगिक अर्थव्यवस्था में प्रचलित उत्पादन विधियों के बारे में हुई बहसों पर आधारित रही है। ग्रामीण संदर्भ में इस पर काफी बहस हुई है कि क्या ग्रामीण व्यवस्था और उसकी सामाजिक संरचना में सामंती, अर्धसामंतवादी पूर्व-पूंजीवाद या पूंजीवादी लक्षण हैं। ये भेद इस बात पर आधारित हैं कि अध्ययनकर्ता सामंतवादी अर्थव्यवस्था को अपने विश्लेषण का प्रस्थान बिंदु मानकर चलता है या नहीं, जिसमें वह कृषि अर्थव्यवस्था में उसके पूंजीवादी लक्षणों का अध्ययन करता है। मोटे तौर पर इन अध्ययनों से पता चलता है कि गांवों का वर्गीय ढांचा, जहां कृषि अर्थव्यवस्था अभी तक चल रही है, वह तेजी से पूंजीवाद की ओर बढ़ रहा है। इसका अर्थ यह है कि वस्तुओं या कृषि उत्पादों के रूप में दी और ली जाने मजदूरी की जगह अब नकद मजदूरी ने ली है, कृषि का काम गुजारे की जगह लाभोन्मुखी हो गया है, उत्पादन में निवेश के. लिए बैंक ऋण और सहकारिताओं की भूमिका बढ़ गई है, बाजार से बढ़ते संपर्क के साथ ही अनांज उत्पादन के बजाए अब नकदी फसलों के उत्पादन को अधिक महत्व मिल रहा है। इस प्रकार ग्रामीण कृषि-व्यवस्था में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के ऐसे कई गुण आ गए हैं ।
खेती-बाड़ी में आए परिवर्तनों के फलस्वरूप पूंजीपति किसानों का एक वर्ग उत्पन्न हुआ है। मगर जहां-कहीं परिवर्तन की हवाएं पूरी तरह से नहीं पहुंच पाई हैं वहां भी पूर्व- पूंजीवादी वर्गीय लक्षण पूंजीवादी क्षमता की ओर बढ़ रहे हैं। मगर भारत में ग्रामीण अर्थव्यवस्था में परिवर्तन का स्तर इतना असमान और विविध है कि जो राज्य पिछड़े हैं उनमें हमें कृषि अर्थव्यवस्था में सामंती और अर्ध-सामंती (या पूर्व-पूंजीवादी) लक्षण दिखाई देते हैं । इसीलिए भारतीय गांवों में वर्गीय ढांचा आज भी जटिल बना हुआ है जिसकी अनेक विशेषताएं हैं
शहरी क्षेत्रों में वर्गीय ढांचा प्रायः उद्योगपतियों, बनियों और व्यापारियों, व्यवसायियों या नौकरी पेशा लोगों, अर्ध-कुशल कामगारों और दिहाड़ीं मजदूरों के वर्गों में बंटा रहता है। स्वतंत्रता के बाद से व्यवसायी वर्गों की संख्या में वृद्धि हुई है और आज देश की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र का अंश सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 51 प्रतिशत है। सकल घरैलू उत्पाद में कृषि का योगदान अब करीब 28 प्रतिशत है। जाहिर है,
व्यक्तिगत पहनावे में झलकता जातिगत सार
साभार : बी. किरणमई
सामाजिक स्तरीकरण : अभिप्राय और नज़रिया
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Jupiter Transit 2023: गुरु भाग्य को सफलता का रास्ता दिखाते हैं. इसी साल 22 अप्रैल 2023 को गुरु ने मेष राशि में प्रवेश किया है. गुरु के इस गोचर के कारण 3 राशियों को अभूतपूर्व सफलता मिलने जा रही है. इन राशियों के लिए अगले 11 महीने का वक्त बेहद शुभ है.
Guru Ka Gochar 2023: जिस तरह जीवन में गुरु का महत्व है, उसी तरह ग्रहों की दुनिया में भी बृहस्पति यानी गुरु ग्रह का खासा प्रभाव है. ज्योतिष में उनको ज्ञान का ग्रह कहा जाता है. जब भी गुरु एक से दूसरी राशि में परिवर्तन करते हैं तो न सिर्फ धरती बल्कि 12 राशियों के जातकों के जीवन पर भी असर पड़ता है.
गुरु भाग्य को सफलता का रास्ता दिखाते हैं. इसी साल 22 अप्रैल 2023 को गुरु ने मेष राशि में प्रवेश किया है. अब अगले साल 1 मई 2024 तक गुरु मेष में रहेंगे. गुरु के इस गोचर के कारण 3 राशियों को अभूतपूर्व सफलता मिलने जा रही है. इन राशियों के लिए 11 महीने का वक्त बेहद शुभ है. इसमें उनको धन, वैभव, समृद्धि, प्रसिद्धि और अध्यात्म के अलावा और भी काफी कुछ हासिल हो सकता है. अब जानिए गुरु के राशि परिवर्तन से किन राशियों को फायदा मिल रहा है.
गुरु गोचर मेष राशि के जातकों के लिए भाग्योदय लेकर आया है. गुरु ने इसी राशि में गोचर किया है. गुरु नवम और द्वादश भाव के स्वामी हैं इसलिए कारोबार में सफलता और जिंदगी में भाग्योदय होगा. पैसों की समस्याएं भी दूर हो जाएंगी.इस अवधि में आप अध्यात्म का रुख कर सकते हैं.
गुरु इस राशि के पांचवें भाव में बैठे हैं. इसलिए धनु राशि के जातकों के लिए यह बहुत शुभ समय है. संतान पक्ष की ओर से आपको गुड न्यूज मिल सकती है. इस अवधि में आपका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा. इसके अलावा अध्यात्म की तरफ भी रुझान रहेगा.
कर्क राशि के 10वें भाव में गुरु विराजमान हैं. लिहाजा यह अवधि आपके लिए बेहद लकी साबित होगी. अध्यात्म की ओर सही कदम बढ़ाएं , क्योंकि यह इसके लिए सही वक्त है. अगर कारोबार या नौकरी बदलने के बारे में सोच रहे हैं तो यह शुभ वक्त है. स्टूडेंट्स को सफलता मिलने के भी योग बन रहे हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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मुंबई, 3 जनवरी (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेत्री कीर्ति खरबंदा ने अपनी अगली फिल्म 14 फेरे की शूटिंग शुरू कर दी है।
अभिनेत्री ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरीज पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वह हेयर और मेकअप करवाते हुए नजर आ रही हैं।
श्ेयर स्टोरीज को उन्होंने कैप्शन देते हुए लिखा, पहला वर्किं ग डे। हैशटैग 2021। हैशटैग 14 फेरे।
स्टोरीज के बाद अभिनेत्री ने एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वह जैकेट पहने दिखाई दे रही हैं।
उन्होंने कैप्शन में लिखा, ठंडी सुबह। हैशटैग लखनऊ। हैशटैग 14 फेरे।
देवांशु सिंह द्वारा निर्देशित फिल्म 14 फेरे एक समकालीन सामाजिक कॉमेडी फिल्म है, जिसमें कृति विक्रांत मैसी के साथ रोमांस करती नजर आएंगी।
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बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान की फिल्म पठान 24 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर तूफान ला दिया. यशराज फिल्म्स द्वारा निर्मित, पठान अब तक की सबसे सफल हिंदी फिल्म बन गई. फिल्म के हिंदी संस्करण ने बाहुबली 2 हिंदी के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया. पठान में दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम भी हैं. अब सलमान खान ने पठान की सफलता का श्रेय लेने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा कि ये हक सिर्फ मेरे दोस्त शाहरुख खान का है. बता दें कि पठान में सलमान एक विशेष कैमियो में दिखाई दिए थे.
रजत शर्मा की आप की अदालत में सलमान खान नजर आने वाले है. इसी दौरान जब उन्हें पठान की फिल्म की सफलता का श्रेय दिया गया, तो एक्टर ने मेजबान को विनम्रतापूर्वक टोका और कहा, "बिल्कुल नहीं, बिल्कुल नहीं सर. . . ये क्रेडिट शाहरुख खान से कोई चीन नहीं सकता, आदित्य चोपड़ा से कोई चीन नहीं सकता. शाहरुख ने बहुत अच्छा काम किया है. ये सब फैन्स, शाहरुख की फिल्म देखने के लिए तरस रहे द और एक राइट टाइम, राइट मौके पे ये फिल्म आई. मुझे लगता है कि यह हिंदी फिल्म उद्योग की सबसे बड़ी हिट है. . . कोई भी शाहरुख खान और आदित्य चोपड़ा से श्रेय नहीं ले सकता. शाहरुख ने वास्तव में अच्छा काम किया है.
सलमान और शाहरुख को एक साथ कास्ट करने की बात करते हुए, पठान के निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया था कि जब सलमान ने अपना कैमियो सीन सुना, तो उनकी क्या प्रतिक्रिया थी. जिसपर सिद्धार्थ ने कहा, "मैंने सलमान को 'भाग पठान भाग' चिल्लाने के लिए कहा और उनसे कहा कि इसे 'भाग अर्जुन भाग' (करण अर्जुन से) की तरह करें. यह स्क्रिप्ट में नहीं था, यह फनी था और मुझे सलमान को इसके लिए राजी करना पड़ा. " जहां सलमान हाल ही में ईद पर रिलीज किसी का भाई किसी की जान में नजर आए थे, वहीं शाहरुख शुक्रवार को कश्मीर में डंकी की शूटिंग पूरी कर मुंबई लौट आए. वह इस साल के अंत में भी जवान में नजर आएंगे.
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Viral Video: कुछ लोग फूड डिलिवरी बॉय को गाड़ी चलाते समय फोन करते रहते हैं या उन्हें देर से आने के लिए डांटते हैं। लेकिन इस आदमी ने एक अलग तरीका अपनाया है।
Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में आज एक और अहम फैसले का दिन है। पूरे ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे कराने और कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग पर वाराणसी जिला जज फैसला सुना सकते हैं।
Nobel Peace Prize 2022: फैक्ट चेकर्स प्रतीक सिन्हा और ऑल्टन्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर कथित तौर पर 2022 के नोबेल शांति पुरस्कार जीतने के दावेदारों में शामिल हैं।
Mimi chakraborty on Ranveer singh: रणवीर सिंह ने हाल ही में एक न्यूड फोटोशूट कराया है जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
Ranveer Singh Nude Photoshoot: वैसे तो रणवीर सिंह अक्सर चर्चा में रहते हैं।
Ashoka Pillars: 11 जुलाई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अनावरण किया।
Viral Video: आजकल तेज ड्राइविंग करना युवाओं के बीच काफी ट्रैंड सा बन गया है।
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मध्य प्रदेश में बारिश का सिलसिला थम-सा गया है। तापमान में उछाल बना हुआ है, खासतौर पश्चिमी मप्र में तापमान लगातार बढ़ रहा है। पारा 34 डिग्री के पास पहुंच गया है। इधर बीते दिनों की बारिश के बाद नदियां अब भी उफान पर हैं। बांधों के गेट खुले हैं। प्रशासन अलर्ट पर है। अगले 24 घंटों में रीवा संभाग, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना बन रही है।
मौसम केंद्र की रिपोर्ट बता रही है कि बीते 24 घंटों में शहडोल एवं रीवा संभाग के जिलों में अधिकांश स्थानों पर, उज्जैन संभाग के जिलों में अनेक स्थानों पर, जबलपुर, भोपाल, ग्वालियर संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर तथा इंदौर, सागर, नर्मदापुरम एवं चंबल संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा दर्ज की गई है। चुरहट में 11, माडा में 8, सरई में 7, चंदिया में 6 सेमी तक बारिश दर्ज की गई।
अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग का पूर्वानुमान कहता है कि शहडोल-रीवा संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, जबलपुर, सागर, नर्मदापुरम, भोपाल संभागों के जिलों में कुछ स्थानों पर, इंदौर, उज्जैन, चंबल, ग्वालियर संभागों के जिलों में कहीं-कहीं वर्षा या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
मौसम विभाग ने यलो अलर्ट भी जारी किया है। इसके मुताबिक रीवा संभाग, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश के साथ वज्रपात हो सकता है। वहीं शहडोल, नर्मदापुरम, भोपाल संभागों व बालाघाट, जबलपुर, कटनी, सागर जिले में कहीं-कहीं बिजली गिरन की आशंका जताई गई है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल प्रदेश के मौसम पर प्रभाव डालने वाला कोई सिस्टम एक्टिव नहीं है। इससे वर्षा का सिलसिला थमा है। अगले तीन दिनों तक बारिश की गतिविधियों के सक्रिय होने की संभावना भी कम है। हालांकि बंगाल की खाड़ी में बने एक चक्रवात का कुछ असर दिख सकता है। पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में बारिश होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) दिवालिया हो चुकी गुजरात की एक कंपनी को खरीदने के करीब पहुंच गई है। रिलायंस ने ACRE के साथ मिलकर इसके लिए सबसे ऊंची बोली लगाई है।
नई दिल्ली भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) दिवालिया हो चुकी गुजरात की टेक्सटाइल कंपनी सिंटेक्स इंडस्ट्रीज (Sintex Industries Ltd) को खरीदने के करीब पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक रिलायंस और वेलस्पन (Welspun) इस कंपनी को खरीदने की होड़ में सबसे आगे चल रही हैं। रिलायंस ने एसेट्स केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइज लिमिटेड (Assets Care & Reconstruction Enterprise Ltd) यानी ACRE के साथ मिलकर 2863 करोड़ रुपये के रिजॉल्यूशन प्लान पेश किया है जिसमें लेंडर्स के लिए 10 फीसदी इक्विटी शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक रिलायंस-ACRE और वेलस्पन ग्रुप की यूनिट Easygo Textile Pvt Ltd ने सिंटेक्स को खरीदने के लिए सबसे बड़ी बोली लगाई है। टेक्सटाइल-कम-यार्न बनाने वाली इस कंपनी के लिए कुल चार कंपनियों ने बोली लगाई है। एक सूत्र ने कहा कि रिलायंस और वेलस्पन ग्रुप के प्रस्तावों में मामूली अंतर है। दोनों ने सबसे बड़ी बोली लगाई है लेकिन उसमें कुछ शर्तें हैं। यह कहना मुश्किल है कि दोनों में से किसका प्रस्ताव बेहतर है।
रिलायंस का ऑफर सूत्रों के मुताबिक रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल पिनाकिन शाह ने रिलायंस और वेलस्पन ग्रुप को अनकंडीशनल रिजॉल्यूशन प्लान सौंपने को कहा है। रिलायंस के ऑफर में फाइनेंशियल क्रेडिटर्स को 2280 करोड़ रुपये का भुगतान, वर्किंग कैपिटल के लिए 500 करोड़ रुपये का निवेश और कर्मचारियों तथा ट्रेड क्रेडिटर्स को 83 करोड़ रुपये का भुगतान शामिल है। साथ ही मौजूदा इक्विटी को पूरी तरह बट्टे खाते में भी डालने की बात है।
अधिग्रहण के बाद कंपनी में रिलायंस की 79 फीसदी, ACRE की 11 फीसदी और लेंडर्स की 10 फीसदी हिस्सेदारी होगी। वेलस्पन ग्रुप के ऑफर की जानकारी उपलब्ध नहीं है। सिंटेक्स इंडस्ट्रीज के लेंडर्स को पिछले महीने चार रिजॉल्यूशन प्लान मिले थे। इनमें रिलायंस और वेलस्पन के अलावा GHCL Ltd और Himatsinka Ventures Pvt Ltd शामिल हैं। RIL, ACRE, Welspun Group और रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने उन्हें भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने 27 फाइनेंशियल क्रेडिटर्स के 7,534. 6 करोड़ रुपये के दावों को मंजूर किया है।
3 बैंकों ने अकाउंट को घोषित किया फ्रॉड सिंटेक्स इंडस्ट्रीज के खिलाफ पिछले साल अप्रैल में एनसीएलटी की अहमदाबाद ब्रांच में इनसॉल्वेंसी प्रोसेस शुरू हुई थी। कंपनी सितंबर 2019 में Invesco Asset Management (India) Pvt Ltd का 15. 4 करोड़ रुपये का पेमेंट करने में नाकाम रही थी। HDFC Bank, Axis Bank, RBL, Aditya Birla Finance, IndusInd Bank, Life Insurance Corporation और State Bank of India का कंपनी पर कर्ज है।
सिंटेक्स इंडस्ट्रीज की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी Armani, Hugo Boss, Diesel और Burberry जैसे ग्लोबल फैशन ब्रांड्स को फैब्रिक सप्लाई करती है। कम से कम तीन बैंकों Punjab National Bank, Punjab & Sind Bank और Karnataka Bank ने कंपनी के अकाउंट को फ्रॉड घोषित किया है। 2017 में अमित पटेल प्रमोटेड Sintex Plastics Technology Ltd को Sintex Industries से अलग किया गया था। Sintex Plastics Technology Ltd स्टोरेज टैंक बनाती है।
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मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा था कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के प्रभाव से उत्तर भारत में बारिश होगी. हालांकि, यह बारिश तेज नहीं होगी, लेकिन बौछारों के साथ ओले पड़ने का अनुमान है.
उत्तर भारत के कई राज्यों से ठंड भले ही चली गई हो, लेकिन अब मौसम (Weather Update) ने फिर करवट ली है. कल दिल्ली एनसीआर (Delhi NCR) में तेज रफ्तार से हवा चलने के साथ बारिश और ओले गिरा. देर रात तक बादल गरजने के साथ हल्की बारिश होती रही. इस कारण दिल्ली-एनसीआर में दिन की शुरुआत सर्द सुबह के साथ हुई है. कई राज्यों में आज (शनिवार) मौसम विभाग ने (IMD) बारिश होने का अनुमान जताया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार दूसरे दिन आज भी बारिश होगी, जबकि उत्तर प्रदेश, राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में भी बारिश बरसात की संभावना जताई गई. आईएमडी के अनुसार, अगले दो घंटों के दौरान गाजियाबाद, नोएडा और हरियाणा के कई हिस्सों सहित एनसीआर के आसपास के इलाकों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है. वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, रविवार से मौसम साफ हो जाएगा.
मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा था कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के प्रभाव से उत्तर भारत में बारिश होगी. हालांकि, यह बारिश तेज नहीं होगी, लेकिन बौछारों के साथ ओले पड़ने का अनुमान है.मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में आज का न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस रह सकता है, जबकि अधिकतम तापमान 24 डिग्री सेल्सियस रहेगा. आज भी बारिश होगी.मध्य प्रदेश में अगले कई दिनों तक तेज धूप खिली रहेगी. राजधानी भोपाल में आज का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहेगा, जबकि अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस तक जाएगा. जम्मू कश्मीर में नेशनल हाइवे पर लैंडस्लाइड के कारण श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों की आवाजाही को बंद कर दिया गया है.
बिहार की बात करें तो यहां भी मौसम साफ रहेगा. राजधानी पटना का न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस रहेगा तो अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक जाएगा. इसके अलावा, श्रीनगर में आज बारिश हो सकती है. आज का न्यूनतम तापमान एक डिग्री तो अधिकतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस रहेगा.
रोजाना की तरह आज भी कई राज्यों में बारिश का अनुमान जताया गया है. आज पश्चिमी हिमालय में बारिश के साथ बर्फबारी हो सकती है. पंजाब, असम, मेघालय में भी बारिश के आसार हैं. IMD के अनुसार, उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के कुछ हिस्सों, केरल आदि में आज हल्की बारिश हो सकती है. वहीं, बीते दिन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड में हल्की बर्फबारी के साथ बारिश भी हुई. वहीं, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में भी बारिश व बर्फबारी हुई. हरियाणा, एनसीआर के कुछ हिस्सों में आंधी के साथ बारिश की संभावना जताई गई है. वहीं हरिद्वार, नैनीताल में बादल जरूर रहेंगे लेकिन वर्षा की संभावना काफी काम है.
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वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने तीनों कालेजों की संबद्धता समाप्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार केंद्र सरकार व गढ़वाल केंद्रीय विवि से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। आदेश में यह भी कहा गया है कि कालेजों की संबद्धता समाप्त करते हुए उनकी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से नाम हटाने के आदेश भी दे दिए हैं।
जागरण संवाददाता, नैनीतालः हाई कोर्ट ने हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय से डीबीएस कालेज देहरादून कॉलेज देहरादून, दयानंद वूमैन ट्रेनिंग कालेज देहरादून, महिला विद्यालय डिग्री कालेज हरिद्वार सहित नौ कालेजों की संबंद्धता समाप्त करने के विरुद्ध डीबीएस कालेज सहित वूमैन ट्रेनिंग कालेज दून व महिला विद्यालय डिग्री कालेज की याचिकाओं पर सुनवाई की।
वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने तीनों कालेजों की संबद्धता समाप्त करने के आदेश पर रोक लगाते हुए राज्य सरकार, केंद्र सरकार व गढ़वाल केंद्रीय विवि से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी। पूर्व में डीएवी कालेज की संबद्धता समाप्त करने के आदेश पर भी कोर्ट रोक लगा चुकी है।
डीबीएस व दो अन्य कोलजों ने याचिका दायर कर कहा है कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर की कार्यपरिषद ने डीएवी कॉलेज सहित नौ अन्य कालेजों की संबद्धता समाप्त कर दी। जिसमें देहरादून के कई बड़े कालेज भी शामिल है।
आदेश में यह भी कहा गया है कि कालेजों की संबद्धता समाप्त करते हुए उनकी विश्वविद्यालय की वेबसाइट से नाम हटाने के आदेश भी दे दिए हैं। जिसकी वजह से हजारों छात्रों के भविष्य पर खतरा पैदा हो गया है। याचिका में यह भी कहा गया कि विश्वविद्यालय ने बिना किसी कालेज का पक्ष सुने, ना ही नियमावली का अवलोकन किए संबद्धता समाप्त कर दी ,इसलिए इस आदेश पर रोक लगाई जाय।
नैनीताल हाई कोर्ट ने देहरादून की सुस्वा नदी में हो रहे अवैध खनन के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने अवैध खनन से पुलों के क्षतिग्रस्त होने से संबंधित खबरों का स्वतः संज्ञान लिया। इनमें कोटद्वार के मालन नदी पर बने पुल का मामला भी शामिल है।
सोमवार को खंडपीठ के समक्ष जिला खनन अधिकारी देहरादून वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये से पेश हुए और उन्होंने कोर्ट को बताया कि जिस क्षेत्र में अवैध खनन हो रहा था, वहां पर दो बार निरीक्षण टीम भेजी गई लेकिन पानी का बहाव अधिक होने के कारण निरीक्षण नही हो पाया। कोर्ट जिला माइनिंग कमेटी की रिपोर्ट पर संतुष्ट नहीं हुई। जिला खनन अधिकारी के वक्तव्य पर कोर्ट ने मामले की जांच के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया।
कोर्ट कमिश्नर को अवैध खनन व पुलों के निरीक्षण की रिपोर्ट अगली सुनवाई तिथि 26 सितंबर को पेश करने को कहा गया। कोटद्वार निवासी शिव सिंह ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि देहरादून में सुस्वा नदी में धड़ल्ले से अवैध खनन किया जा रहा है, जिससे नदी तट पर बसे लोगों को खतरा हो सकता है।
लगातार खनन से कुड़कावाला-बुल्लावाला में सुस्वा नदी पर बने पुल को भी खतरा बढ़ गया है। जिम्मेदार अधिकारी इसे लेकर चिंता जाहिर कर चुके हैं, इसके बाद भी खनन गतिविधियों पर रोक नहीं लगी है, यदि लगातार खनन जारी रहा तो यह पुल कभी भी गिर सकता है।
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1 अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इराक और अफगानिस्तान से कुछ और अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का ऐलान कर सकते हैं। इन दोनों देशों में कुल मिलाकर करीब 14 हजार अमेरकी सैनिक तैनात हैं। ट्रम्प के इस कदम को सियासी लिहाज और नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, कुछ दिनों पहले 'अटलांटिक मैगजीन' ने दावा किया था कि ट्रम्प ने दो साल पहले फ्रांस में प्रथम विश्व युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के स्मारक पर जाने से इनकार कर दिया था। आर्टिकल के मुताबिक- शहीद सैनिकों को ट्रम्प ने हारे हुए सैनिक कहा था। 2 अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में बुधवार को उपराष्ट्रपति अमारूल्ला सालेह के काफिले पर बम से हमला हुआ। हमले में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि उनके बॉडीगार्ड समेत 12 से ज्यादा लोग घायल हो गए। गृह मंत्रालय ने बताया कि शुरू में दो लोगों की जान गई थी, जो बढ़कर 10 हो गई। हमले में पहले उपराष्ट्रपति अमरतुल्लाह सालेह को हल्की चोट आई है। बम धमाका तब हुआ, जब उपराष्ट्रपति का काफिला गैस सिलेंडर की एक दुकान के पास से गुजर रहा था। धमाके से आसपास की कई दुकानों में आग लग गई। 3 अमेरिकी संसद में एक बिल पेश किया गया है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका में सरकारी तौर पर शी जिनपिंग को चीन का राष्ट्रपति यानी प्रेसिडेंट नहीं कहा जाना चाहिए। बिल के मुताबिक, चीन में लोकतंत्र नहीं है और न ही, जिनपिंग लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए हैं। लिहाजा, अमेरिका उन्हें राष्ट्रपति कहना बंद करे। तकनीकी तौर पर बिल में कही गई हर बात सही है। दरअसल, 1980 के पहले किसी चीनी शासन प्रमुख को प्रेसिडेंट यानी राष्ट्रपति नहीं कहा जाता था। इतना ही नहीं, चीन के संविधान में भी 'राष्ट्रपति या प्रेसिडेंट' शब्द नहीं है। 4 चुनावी फंड के मामले में डोनाल्ड ट्रम्प कुछ वक्त पहले तक जो बाइडेन से आगे थे। यह उनके लिए फायदेमंद था। ठीक वैसे ही जैसे 2012 में बराक ओबामा और 2004 में जॉर्ज बुश के कैम्पेन में हुआ था। 2016 में प्रचार के दौरान ट्रम्प ने काफी खर्च किया था। इस चुनाव की शुरुआत में भी वे मजबूत दिखाई दे रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जब ये माना जा रहा था कि जो बाइडेन डेमोक्रेट कैंडिडेंट होंगे, तब रिपब्लिकन पार्टी के पास 20 करोड़ डॉलर का कैश एडवांटेज था। अब उनकी बढ़त खत्म हो चुकी है। 2019 में कैम्पेन की शुरुआत से जुलाई तक ट्रम्प की कैम्पेन टीम के पास 1. 1 अरब डॉलर (करीब 8115 करोड़ रुपए) थे। 5 ब्रिटेन सरकार ने इंग्लैंड में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने पर नियम सख्त किए हैं। अब यहां पर एक साथ छह लोग नहीं जुट सकेंगे। पीएम बोरिस जॉनसन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। इंग्लैंड में पिछले तीन दिनों में संक्रमण के 8500 मामले आए हैं। इससे यहां कोरोना की दूसरी लहर का खतरा बढ़ रहा है। पूरे ब्रिटेन की बात करें तो यहां अब तक 3. 52 लाख से ज्यादा मामले आए हैं और 41 हजार से ज्यादा की जान चुकी है। 6 पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोप में ईसाई व्यक्ति को सजा-ए-मौत का ऐलान किया गया। मामला लाहौर का है। यहां की अदालत ने 37 साल के आसिफ परवेज को फांसी की सजा सुनाई है। आसिफ 2013 से जेल में बंद है। अलजजीरा वेबसाइट के मुताबिक आसिफ एक फैक्ट्री में काम करता था। वहां के सुपरवाइजर मुहम्मद सईद खोखर ने उसके खिलाफ ईशनिंदा की शिकायत की थी। आरोप था कि आसिफ ने उसे इस्लाम विरोधी मैसेज किए। 7 श्रीलंका में मर्डर के मामले में मौत की सजा पाने वाला नेता ने मंगलवार को सांसद के तौर पर शपथ ली। 45 साल के प्रेमालाल जयशेखरा श्रीलंका की सत्तारूढ़ श्री लंका पोडुजन पार्टी (एसएलपीपी) के नेता है। उन्हें 2015 में एक चुनावी रैली के दौरान विरोधी पार्टी के एक्टिविस्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी साल जुलाई में जयशेखरा को मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, कोर्ट का यह फैसला उनके पर्चा दाखिल करने के बाद आया, जिससे उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी गई। जयशेखरा ने जेल में रहते हुए ही चुनाव लड़ा और जीत गए। 8 लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारतीय सेना के एक्शन से बौखलाए चीन के सरकारी अखबार ने भारत को धमकी दी। ग्लोबल टाइम्स ने लिखा- भारत ओवर कॉन्फिडेंस में है। चीन की सेना और लोगों को उकसा रहा है। भारतीय सैनिकों ने गैरकानूनी तरीके से एलएसी क्रॉस की। उसके सैनिक दोनों देशों के समझौते तोड़कर वॉर्निंग फायर कर रहे हैं। ऐसा 45 साल बाद पहली बार हुआ है। वे दिखाना चाहते हैं कि वे बंदूक के इस्तेमाल को लेकर हुए पुराने समझौते को नहीं मानते। अगर ऐसा है, तो दोनों देशों को बॉर्डर पर खूनी युग के एक नए दौर के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
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कोरोना में गरीबों के लिए भगवान बनकर उतरे सोनू सूद हाल ही में किसान आंदोलन का समर्थन करते नजर आए हैं। वह अभिनय की दुनिया में अपना लोहा मनवाने के साथ-साथ एक अच्छे रहम दिल इंसान के तौर पर भी सामने आए हैं। उन्होंने लॉकडाउन में लोगों की काफी मदद की है। जिसके बाद से ही उन्हें भगवान का दर्जा मिलने लगा है। ऐसे में अभी तक भी लोग उनसे मदद की गुहार लगते रहते हैं। अभी तक भी ये सिलसिला जारी है। अभी हाल ही में उन्होंने एक बड़ा कदम उठाया है।
बताया जा रहा है कि लोगों की जिंदगी संवारने वाले सोनू अब चमोली त्रासदी में भी एक सक्रिय भूमिका निभाने जा रहे हैं। दरअसल, चमोली हादसे में टिहरी जिले के आलम सिंह पुंडीर की मौत हो गई। उनके निधन से पूरा परिवार बेबस और बिना सहारे के रह गया है। उनकी चार बेटियां है। जो इस हादसे के बाद पूरी तरह से टूट गई है। ऐसे में अब सोनू सूद ने इन बेटियों को नया भविष्य देने की तैयारी है। बता दे सोनू इन चारो बेटियों को गोद ले लिया है।
साथ ही वे उनकी पढ़ाई से लेकर शादी तक, हर खर्चा उठाने को तैयार हैं। इस को लेकर उन्होंने एक न्यूज पोर्टल से बात भी की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि ये हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वो इस मुश्किल समय में आगे आकर मदद का हाथ बढ़ाए। जिन भी लोगों को इस त्रासदी की वजह से बर्बादी झेलनी पड़ी है, उन सभी की हर संभव मदद की जाए। एक्टर की तरफ से उठाए जा रहे इस नए कदम की काफी तारीफ की जा रही है। सभी को उम्मीद है कि सोनू का ये कदम पीड़ित परिवार के दुख कुछ कम करने वाला साबित होगा।
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यूरोपीय संघ / ईईए या स्विट्जरलैंड के बाहर के छात्रों के लिए जो एक छात्र विनिमय में भाग लेना चाहते हैं, तीन महीने से अधिक समय तक स्पेन में एक अवैतनिक इंटर्न या स्वयंसेवक के रूप में अनुसंधान या प्रशिक्षण या काम करते हैं।
छात्र वीजा (टाइप डी)
स्पेन के लिए एक छात्र वीज़ा की कीमत लगभग 160 यूरो है। वीज़ा आवेदन शुल्क किसी भी समय परिवर्तन के अधीन है।
यूरोपीय संघ/ईईए या स्विट्ज़रलैंड के नागरिकों को स्पेन में रहने की अवधि की परवाह किए बिना छात्र वीजा की आवश्यकता नहीं है। यूरोपीय संघ/ईईए/स्विस के छात्रों को स्पेन में रहने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उन्हें स्थानीय अधिकारियों के साथ पंजीकरण कराना होगा और निवास प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।
अन्य सभी देशों के नागरिकों को छात्र वीजा की आवश्यकता होती है यदि वे स्पेन में 90 दिनों से अधिक समय तक रहने और अध्ययन करने की योजना बनाते हैं। यह वीजा उन छात्रों को दिया जाता है, जिन्हें स्पेन में किसी मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्थान द्वारा प्रवेश के लिए पहले ही स्वीकार कर लिया गया है।
आप अपने देश में स्पेनिश वाणिज्य दूतावास या दूतावास में अध्ययन वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
अध्ययन वीजा के लिए आवेदन करने से पहले आपको स्पेन में आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त संस्थान के साथ एक पाठ्यक्रम या कार्यक्रम खोजना होगा। इसके बाद आपको संगठन से आधिकारिक पुष्टि प्राप्त करने की आवश्यकता होगी कि आपको पाठ्यक्रम या कार्यक्रम में एक प्रमाण पत्र या स्वीकृति पत्र के रूप में स्वीकार किया गया है। एक बार आपके पास यह हो जाने के बाद, आप अपने देश में स्पेनिश दूतावास या वाणिज्य दूतावास से संपर्क कर सकते हैं और छात्र वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
वास्तव में जो आवश्यक है वह वाणिज्य दूतावास से वाणिज्य दूतावास में भिन्न हो सकता है लेकिन सामान्य तौर पर, आपको अपना पासपोर्ट दिखाने की आवश्यकता होगी, साथ ही निम्नलिखितः
यदि आप अध्ययन करने के लिए छह महीने से अधिक समय तक स्पेन में रह रहे हैं, तो आपको स्पेन में प्रवेश करने के 30 दिनों के भीतर छात्र निवास परमिट के लिए आवेदन करना होगा। आप इसके लिए अपने स्थानीय विदेशियों के कार्यालय (ऑफिसिना डी एक्सट्रानजेरोस) या एक पुलिस स्टेशन में आवेदन करते हैं। कार्ड एक वर्ष के लिए वैध होता है और जब तक आप अपनी पढ़ाई जारी रखते हैं, तब तक आप इसे हर साल पांच साल के लिए नवीनीकृत कर सकते हैं।
अपने आवेदन को संसाधित करने के लिए समय की अनुमति देने के लिए स्पेन की यात्रा करने का इरादा रखने से पहले आपको दो से तीन महीने के बीच अपने वीज़ा के लिए आवेदन करना होगा।
आम तौर पर, स्पेन में एक छात्र वीजा अध्ययन की पूरी अवधि के लिए दिया जाता है। आप अपनी पढ़ाई को आगे बढ़ाने के लिए या स्पेन में अध्ययन का एक नया पाठ्यक्रम लेने के लिए अपने छात्र वीज़ा का नवीनीकरण कर सकते हैं। अपने छात्र वीजा आवेदन को चार महीने से अधिक समय पहले या प्रस्थान की तारीख से 7 सप्ताह पहले जमा करने का प्रयास न करें, अन्यथा आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यदि स्पेन में आपकी पढ़ाई छह महीने से अधिक समय के लिए है, तो आपको एक वर्ष तक चलने वाले छात्र निवास परमिट के लिए आवेदन करना होगा। छात्र निवास परमिट को हर साल नवीनीकृत करना पड़ता है।
स्पेनिश निवास परमिट आपको अंशकालिक या अस्थायी स्थिति में काम करने का अधिकार देता है, जब तक कि आप स्पेन में रहने के दौरान अर्जित धन का उपयोग अपने आप को समर्थन देने के लिए नहीं कर रहे हैं। जब तक आप अध्ययन कर रहे हैं, तब तक आपको सप्ताह में 20 घंटे तक काम करने की अनुमति है, जब तक कि यह आपकी पढ़ाई में बाधा न डाले। जो कंपनी आपको नियुक्त करती है, उसे विदेशियों के कार्यालय से आपके लिए वर्क परमिट प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। आपका रोजगार अनुबंध अध्ययन वीजा की अवधि से अधिक नहीं हो सकता।
यदि आप अपने पाठ्यक्रम के भाग के रूप में इंटर्नशिप कर रहे हैं जिसके लिए आपका निवास परमिट प्रदान किया गया था, तो आपको वर्क परमिट की आवश्यकता नहीं है।
यहाँ कुछ कारण बताए गए हैं कि क्यों स्पेन के छात्र वीज़ा को अस्वीकार किया जा सकता हैः
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'नैरोबी मक्खियों' के संपर्क में आने के बाद सिक्किम के एक इंजीनियरिंग कॉलेज के सौ से अधिक छात्रों को हाल ही में गंभीर त्वचा संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि कीट से संक्रमित एक छात्र को अपने हाथ की सर्जरी करानी पड़ी, जबकि अन्य संक्रमित छात्रों को दवा दी गई और अब वे ठीक हो रहे हैं।
खबरों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि नैरोबी मक्खियाँ, पूर्वी अफ्रीका के मूल निवासी, मझीतर में सिक्किम मणिपाल प्रौद्योगिकी संस्थान (SMIT) के परिसर में तेजी से बढ़ रही हैं। नैरोबी मक्खियों को केन्याई मक्खियों के रूप में भी जाना जाता है।
ये छोटे, भृंग जैसे कीड़े होते हैं, और इनका शरीर बहुत लंबा होता है। वे नारंगी और काले रंग के होते हैं और ज्यादातर उच्च वर्षा वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं। वे हल्के और नम क्षेत्रों से आकर्षित होते हैं।
ये मक्खियाँ आमतौर पर फसलों को नष्ट कर देती हैं और कीटों को खा जाती हैं। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक ये मक्खियां न काटती हैं और न ही डंक मारती हैं। हालांकि, अगर किसी की त्वचा पर बैठते समय अम्लीय पदार्थ छोड़ते हैं जो जलन का कारण बनता है।
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राहुल गांधी ने आज बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज से बात की.
राहुल गांधी ने मजदूरों से कैमरे के सामने बात की और आज इस पूरी बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर जारी किया है।
राहुल और प्रियंका ने डबल इंजन सरकार को घेर लिया?
लगता है कांग्रेस ने छोड़ रखा है कि भाजपा ने अपनी पोल खुद खोली और खुल भी रही है।
भाजपा ने कहा कि कांग्रेस नेता बताएं कि उनकी पार्टी ने कितने लोगों की चिंता की और भोजन, राशन अभियान चलाया.
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शादी में बंदूक गरजाने की इच्छा कुलांचें भर रही है, या दारू पीकर हंगामा करने की तमन्ना है, तो इस शादी में आपके लिए नो एंट्री है। इनविटेशन कार्ड पर छपा है- शादी में हर्ष फायरिंग और शराब का सेवन पूर्णतः प्रतिबंधित है, ऐसे लोगों से निवेदन है, जो हर्ष फायरिंग और शराब के इच्छुक हैं, कृपया वो शादी में शामिल ना हों।
बागपतः अब तक आपने शादी के निमंत्रणपत्रों पर मेहमानों से पधारने का विनम्र निवेदन ही छपा देखा होगा। लेकिन अब एक अनोखा निमंत्रणपत्र छपा है। इस कार्ड पर विवाह कार्यक्रमों के साथ ही चेतावनी भी छपी है। आना है तो आओ, वरना न आओ। पर शादी में हर्ष फायरिंग और शराब पीने की इजाजत नहीं है। शादियों में हर्ष फायरिंग से होने वाली मौतों और पियक्कड़ों के हुड़दंग के खिलाफ यह गंभीर पहल की है सेना के एक जवान ने। जवान ने चेतावनी वाले ये निमंत्रणपत्र संबंधियों और मित्रों को भेज दिए हैं।
-दूल्हे सुभाष कश्यप ने निमंत्रणपत्र में विवाह कार्यक्रम के साथ ही यह भी छपवाया है कि शादी में आना है तो हर्ष फायरिंग और शराब से दूर रहना होगा।
-यानी, अगर शादी में बंदूक गरजाने की इच्छा कुलांचें भर रही है, या दारू पीकर हंगामा करने की तमन्ना है, तो इस शादी में आपके लिए नो एंट्री है।
-इनविटेशन कार्ड पर छपा है- शादी में हर्ष फायरिंग और शराब का सेवन पूर्णतः प्रतिबंधित है, ऐसे लोगों से निवेदन है, जो हर्ष फायरिंग और शराब के इच्छुक हैं, कृपया वो शादी में शामिल ना हों।
-सुभाष ने यह फैसला उन घटनाओं के बाद किया जिनमें शादियों के दौरान हर्ष फायरिंग में अक्सर मौत की खबरें आती हैं।
-इसी तरह शराब पीकर हंगामा करने वालों को भी कार्ड में नसीहत दी गई है कि, पीकर आना है तो न आएं।
-सुभाष ने बताया कि कुछ दिन पहले उनके गांव में ही शादी की हर्ष फायरिंग में सीआरपीएफ के एक जवान की मौत हो गई थी।
-इस मौत के बाद ही सुभाष ने हर्ष फायरिंग और शराब पीकर शादी में शामिल होने के खिलाफ मुहिम छेड़ने का फैसला किया।
-हालांकि, कार्ड पर सीधे चेतावनी लिखने से कई दोस्त और रिश्तेदार सुभाष से नाराज हुए, लेकिन वह अपने फैसले पर अटल हैं और परिजन उनके साथ हैं।
-इन दिनों भी एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें ऐसे ही एक मौके पर हुई फायरिंग में गोली लगने से स्टेज पर ही डांसर की मौत हो गई।
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। अगर हम किसी के प्रेम (love) में होते हैं तो ज़ाहिर तौर पर हमारी इच्छा होती है कि सारी दुनिया के सामने इसका इज़हार करे, इसे स्वीकार करें। अगर दोनों पार्टनर एक दूसरे से कमिटेड रिलेशनशिप (committed relationship) में हैं तो वो ऐसा करते भी हैं। लेकिन कई बार दोनों या फिर उनमें से कोई एक इस बात को सीक्रेट रखना चाहता है। अगर आप भी ऐसी सीक्रेट रिलेशनशिप में है तो उसके लिए एक टर्म यूज़ की जाती है जिसे पॉकेटिंग रिलेशनशिप (Pocketing Relationship) कहा जाता है। इसका मतलब होता है कि जिस तरह हम कपड़ों की पॉकेट में चीजें छिपाकर रखते हैं, वैसे ही अपने रिश्ते को भी छिपा रहे हैं। पॉकेटिंग रिलेशनशिप के पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन देखा जाए तो कुल मिलाकर इसके फायदे गिने चुने और नुकसान अधिक हैं।
पॉकेटिंग रिलेशनशिप में दोनों पार्टनर्स जब पब्लिकली मिलते हैं तो अपना रिश्ता छिपाते हैं। वो ऑफिस, दोस्तों या फिर किसी से भी सामने ये नहीं दिखाते कि उनके बीच किसी भी तरह की रिलेशनशिप है। लेकिन अकेले में मिलते हैं तो वो डेट करते हैं या अपनी तरह से रिश्ते को जीते हैं। यहां हमें सबसे पहले ये देखना होगा कि आखिर कोई पॉकेटिंग रिलेशनशिप चाहता क्यों है। इसका साफ अर्थ है दोनों या कोई एक पार्टनर इस रिश्ते को लेकर श्योर नहीं है। अगर दोनों ही इसपर राज़ी है तो फिर कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि ये दोतरफा फैसला है। लेकिन अगर रिश्ते में एक पार्टनर सीरियस है और दूसरा इसे सीक्रेट रखना चाहता है तो ये मुश्किल वाली बात है।
इसका अर्थ ये हो सकता है कि दूसरा पार्टनर अपने रिश्ते को लेकर गंभीर नहीं है और वो कभी भी इससे बाहर जा सकता है। इसमें आप दुनिया के सामने सिंगल होते हैं और इस कारण आपका पार्टनर किसी और को अप्रोच कर सकता है या कोई तीसरा भी उसके लिए सोच सकता है। इसमें जो पार्टनर गंभीर है उसे इनसिक्योरिटी हो सकती है। साथ ही आप केवल एकांत में ही मिल सकते हैं. . पब्लिक प्लेस पर एक दूसरे को इग्नोर करना भी एक तरह का इमोशनल टॉर्चर है। यहां कोई जिम्मेदारी की भावना नहीं है और न ही एक दूसरे को सपोर्ट करने का अहसास। चूंकि दुनिया के सामने आप कपल नहीं इसलिए आप दोनों को अनजानों की तरह या फिर सामान्य परिचितो की तरह व्यवहार करना होगा, और ये नाटकीयता रिश्ते के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।
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'उनकी गणना भारत के प्रतिष्ठित और सम्मानित शासकों में होती थी'
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने आज सहभागिता और सहकारिता की भारतीय सांस्कृतिक परम्परा को जीवित रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश, विश्व और मानवता का कल्याण भारत के इसी शेयर एंड केयर के दर्शन में निहित है।
मैसूर राज्य के 25 वें शासक श्री जय चामराजा वाडियार की जन्म शताब्दी के समापन समारोह को आभासी माध्यम से संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने श्री जय चामराजा वाडियार जैसे शासकों की विद्वत्ता, देश निष्ठा और दूरदृष्टि का अभिनन्दन करने का आह्वाहन किया जिन्होंने देश के इतिहास को गढ़ा है।
श्री जय चामराजा वाडियार को कुशल प्रशासक बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने स्वाधीनता पूर्व भारत में एक सशक्त, स्वावलंबी और प्रगतिशील मैसूर राज्य का निर्माण किया।
श्री नायडू ने कहा कि महाराजा सच्चे अर्थों में लोकतांत्रिक जन नायक थे जो जो सदैव जनता के संपर्क मैं रहे और जिन्हें सदा जनता के हित और खुशहाली से सरोकार रहा।
श्री वाडियार ने मैसूर में उत्तरदाई सरकार की स्थापना के लिए संविधान सभा का गठन किया था तथा मुख्यमंत्री के रूप में श्री के सी रेड्डी के नेतृत्व में एक अंतरिम लोकतांत्रिक सरकार का भी गठन किया था।
भारत एकता, अखंडता तथा लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना में श्री वाडियार के योगदान का उल्लेख करते हुए श्री नायडू ने उन्हें प्राचीन सनातन परंपरा तथा आधुनिकता का अद्भुत संगम बताया।
उपराष्ट्रपति ने बताया कि आज़ादी के बाद विलय के करार पर हस्ताक्षर करने वाला मैसूर पहला प्रमुख राज्य था। उन्होंने कहा कि श्री जय चमाराजा वाडियार मन और मस्तिष्क दोनों के धनी थे। उनकी गणना उनके समय के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित शासकों में होती थी। अपनी विहंगम दृष्टि, उद्दयमिता को प्रोत्साहन और उदारता के लिए उनका आदर और सम्मान था।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि चाणक्य ने अर्थशास्त्र में जिस आदर्श शासक की परिकल्पना की है, अनेक अर्थों में वे उसी आदर्श की प्रतिमूर्ति थे।
मैसूर के 25वें महाराजा को राज्य में आधुनिक भारत की अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं और संस्थानों की स्थापना का श्रेय जाता है जिनमे बंगलौर स्थित हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड जो बाद में हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स के रूप में विकसित हुई, मैसूर स्थित सेंट्रल फूड टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट, बंगलौर का नेशनल ट्यूबरक्लोसिस इंस्टीट्यूट, आदि प्रमुख हैं।
महाराजा ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंसेज को मदद करने और छात्रवृत्ति करने की पारिवारिक परंपरा को जारी रखा तथा उसके विस्तार में हर संभव योगदान भी दिया।
उपराष्ट्रपति ने श्री जय चामराजा वाडियार को बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया जो आजीवन जिज्ञासु रहे और ज्ञानार्जन करते रहे। वे एक विचारक, संगीत मर्मज्ञ, राजनीति विचारक और मानवसेवी रहे।
कला, संगीत, साहित्य और संस्कृति को संरक्षण और प्रश्रय देने के कारण, 'दक्षिण भोज' के रूप में आपकी ख्याति थी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि महाराजा संस्कृत के विद्वान और प्रखर वक्ता थे, उनके द्वारा रचित 'जय चामराजा ग्रंथ रत्नमाला' ने कन्नड़ भाषा और साहित्य को समृद्ध किया है।
उपराष्ट्रपति ने आह्वाहन किया कि ऐसे अवसरों को भारत के सनातन सांस्कृतिक मूल्यों, समृद्ध परम्पराओं तथा जन केंद्रित लोकतांत्रिक व्यवस्था के उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए।
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India US Semiconductor Deal: भारत-अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर चिप बनाने की डील पक्की, इससे क्या फायदा होगा?
Indo-US Semiconductor Chip Deal: पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर चिप की मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई को बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका साथ मिलकर काम करेंगे। 10 मार्च को India-USA के कमर्शियल डायलॉग के दौरान दोनों देशों के बीच MoU साइन किया गया है. उद्योग मंत्री पियूष गोयल के बुलावे पर अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी जीना रायमोंडो भारत-अमेरिका CEO फोरम में भाग लेने के लिए दिल्ली पहुंची थीं. दोनों देशों के बीच सेमी कंडक्टर सप्लाई चेन और इनोवेशन के सेक्टर में पार्टनरशिप को लेकर आपस में करार हुआ है.
पूरे विश्व में सेमीकंडक्टर को लेकर बवाल मचा हुआ है. चीन के बनाए सेमीकंडक्टर की पहुंच इस लिए कमजोर हो गई है क्योंकि अमेरिका ने चीन पर कई प्रतिबंध लगाए हुए हैं. ऐसे में अमेरिकी कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर पार्ट की सप्लाई चैन में भारतीय कंपनियों के साथ काम करना चाहती हैं.
भारत सरकार ने चिप और डिस्प्ले उत्पादन के लिए 1000 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन योजना शुरू की है. ऐसे में भारत-अमेरिका के बीच हुई इस डील से दोनों देशों को फायदा होगा।
सेमीकंडकर के मामले में भारत दूसरे देशों पर निर्भर रहा है. लेकिन इस डील के बाद भारत सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग का हब बन सकता है. और कई बड़े-बड़े देशों को इस मामले में पीछे छोड़ सकता है. फ़िलहाल पूरी दुनिया में सेमीकंडक्टर का 66% उत्पादन ताईवान में होता है. इसके बाद 17% दक्षिण कोरिया और 8% चीन करता है. बाकी 9% में अन्य देश आते हैं.
सेमीकंडक्टर के मामले में पूरी दुनिया सिर्फ ताइवान, चीन और पर निर्भर है. भारत हर साल 1.76 लाख करोड़ के सेमीकंडक्टर इम्पोर्ट करता है. जो 2025 तक 7.5 लाख करोड़ तक जा सकता है.
भारत और अमेरिका के बीच सेमीकंडक्टर को लेकर हुई डील से सबसे ज़्यादा फायदा भारत को होगा, यहां लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। बता दें कि भारत में सेमीकंडक्टर डिजाइन करने वाले 85 हजार इंजीनियर की जरूरत पड़ेगी इसके अलावा अन्य छोटे-बड़े कामों के लिए भी हज़ारों रोजगार बनेगे।
सेमीकंडक्टर के बिना इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बन ही नहीं सकते। कंप्यूटर, लैपटॉप, कार, वॉशिंग मशीन, ATM, अस्पतालों की मशीन से लेकर हाथ में मौजूद स्मार्टफोन तक सेमीकंडक्टर चिप पर ही काम करते हैं। यहां तक की बच्चों के खेलने वाले वीडियो गेम में भी सेमीकंडक्टर होता है.
भारत का पहला सेमीकंडक्टर प्लांट गुजरात के धोलेरा में बनाया जाएगा, इसे वेदांत और ताईवान की Foxconn मिलकर बना रही हैं. 'गुजरात सेमीकंडक्टर नीति 2022-27' के तहत इस प्रोजेक्ट को सब्सिडी और प्रोत्साहन देगी।
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कैसे एक देहाती शैली में एक ब्लाउज सीवे?
अगर हम सावधानीपूर्वक विचार करते हैंपुराने कपड़े और संगठन, तो आप देख सकते हैं कि उत्पादों के लिए कोई विशेष कटौती नहीं होने से पहले। हमारे पूर्वजों ने इस बारे में नहीं सोचा था कि एक पैटर्न कहां और कैसे एक ब्लाउज सीना है। अपनी तरह से, पैटर्न एक दूसरे से जुड़े विभिन्न लंबाई के आयताकार थे। इसके अलावा, सिलाई मशीन का आविष्कार बहुत पहले नहीं हुआ था। और शैली आसान है जब आपके हाथों पर सिलाई सुविधाजनक है।
आज देहाती शैली में ब्लाउज फिर सेलोकप्रियता की चोटी पर हैं। विभिन्न draperies के साथ सूती कपड़े से मॉडल लगातार फैशन डिजाइनरों के संग्रह में दिखाई देते हैं। साथ ही, इस आधुनिक शैली के हाथों से एक ब्लाउज सीना आसान है। इसके अलावा, इसके कार्यान्वयन के लिए, जटिल पैटर्न या तकनीकी रूप से कठिन भागों की आवश्यकता नहीं है।
उत्पाद को सूती कपड़े का एक कटौती की आवश्यकता हैलंबाई 160 सेमी और चौड़ाई 1.1 मीटर से ढाई, विस्तृत लोचदार बैंड 110 सेमी लंबा, ब्लाउज की सजावट के लिए काले और सफेद रंगों की चोटी। ब्रेड की अस्तर इस बात पर निर्भर करती है कि आप उत्पाद को कैसे ढेर करना चाहते हैं। औसतन, इस तरह के एक ब्लाउज 6-8 मीटर की चोटी लेता है। आप किसी भी रंग की सादा रंग सामग्री चुन सकते हैं या पैटर्न के साथ कपड़े चुन सकते हैं। मुख्य बात यह है कि ड्राइंग को छोटा बनाना है। यह मटर या एक छोटे फूल में अच्छा कपड़ा लगेगा। तो एक शाम के लिए एक पैटर्न के बिना एक ब्लाउज सीना कैसे?
पैटर्न सीधे कपड़े पर बनाया जाएगा। आयत सौ पक्षों 80 और 110 सेमी, जहां पार्टी 80 सेमी लंबाई ब्लाउज हो जाएगा के ताने-बाने 2 पर इस ड्रॉ के लिए। हम ब्लाउज की लंबाई के साथ आयत, दो सीवन सिलाई गठबंधन। सीम के किनारों को ओवरलैक पर संसाधित किया जाता है।
अब 110 सेमी की तरफ की लंबाई पर, हम 25 के लिए स्थगित कर दियाप्रत्येक किनारे से सेमी और लंबवत खींचें। हम निशान डालते हैं और 45 सेंटीमीटर की लंबाई के साथ दो लाइनों को खींचते हैं। हम प्राप्त लाइनों से कटौती करते हैं। तो, नीचे एक आयताकार काटने, हम दोनों हाथों और अलमारियों को एक बार में मिला।
प्राप्त किए गए दो सीम एक टाइपराइटर पर एक सर्कल में सिलाई जाती हैं। किनारों को भी संसाधित किया जाता है। दो बार ब्लाउज के नीचे मोड़ो और अलग करें।
लेकिन एक सुंदर कॉलर के साथ एक ब्लाउज सीना कैसे? ऐसा करने के लिए, गर्दन को भरें - आयत के शीर्ष को 10 सेमी और सिलाई में टकराया जाता है। हम ऊपर एक विस्तृत लोचदार बैंड डालते हैं और धीरे-धीरे कपड़े चुनते हैं, हम ब्लाउज के चेहरे पर गर्दन की गर्दन के चारों ओर घूमते हैं। लोचदार गर्दन के किनारे से 3 से 5 सेमी की दूरी पर रखा जाना चाहिए।
प्रत्येक आस्तीन सिलाई के अंदर से अगलाarmhole से 10 सेमी की दूरी पर अग्रसर में बराबर चौड़ाई हाथ की लंबाई। हम आस्तीन पर ब्रेड के लिए loops बनाते हैं। ऐसा करने के लिए, एक स्ट्रिप 7 सेमी लंबा और 2 सेमी चौड़ा कट करें, इसे अंदर से लपेटें और सिलाई करें। परिणामस्वरूप पाश, झुकाव, गम पर साइड सीम के लिए सिलाई। हम आस्तीन के नीचे प्रक्रिया करते हैं। हम दूसरी आस्तीन पर एक ही लूप बनाते हैं।
ब्लाउज पर आज़माएं। हमारे पास कमर और आस्तीन पर ब्राइड हैं, हम घुंघराले धनुष बांधते हैं। ब्लाउज तैयार है।
इस तरह का एक सुंदर अनन्य मॉडल आपके आस-पास के सभी लोगों से अपील करेगा। उनमें से कई सीखना चाहते हैं कि एक देहाती शैली में एक ब्लाउज कैसे सीना है। शायद कुछ इस बात पर भी विश्वास नहीं करेंगे कि आपने यह संगठन स्वयं बनाया है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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नशे की गिरफ्त में आए नौजवान यहां दाखिल तो नशा छुड़वाने के लिए किए गए हैं, लेकिन नशा मुक्ति केंद्रों के जो हालात हैं उन्हें देखकर यही लग रहा है कि इनका संचालन करने वाले इन्हें इनसान नहीं बल्कि पशु ही समझते हैं। न साफ-सफाई की पूर्ण व्यवस्था तो न ही ठहरने का उचित प्रबंध। हालात यह हैं कि जिन नशा मुक्ति केंद्रों में तीस लोगों को रखने की व्यवस्था है वहां सौ-सौ के करीब युवक ठूंसे गए हैं। मंगलवार को एसडीएम विनय मोदी की अगवाई में नशा मुक्ति केंद्रों की जांच के लिए गठित उपमंडल स्तरीय जांच कमेटी ने जब उपमंडल गगरेट के अंतर्गत स्थापित नशा मुक्ति केंद्रों की जांच की तो वहां के मंजर को देखकर कमेटी सदस्य भी हैरान रह गए।
बहरहाल कमेटी अब अपनी जांच रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर रही है। पंजाब की सीमा के साथ सटे उपमंडल गगरेट में भी कुछ नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं। इनमें ज्यादातर पंजाब के ही नशे के आदी युवक उपचार के नाम पर रखे गए हैं। हालांकि नशा मुक्ति केंद्र तय गाइडलाइन के अनुरूप ही चलाए जा सकते हैं, लेकिन इन नशा मुक्ति केंद्रों में तय गाइडलाइन को भी दरकिनार किया जा रहा है। मंगलवार को एसडीएम विनय मोदी की अगवाई में डीएसपी सृष्टि पांडेय व खंड चिकित्सा अधिकारी डा. एसके वर्मा पर आधारित टीम ने उपमंडल के भंजाल, गगरेट व टटेहड़ा में स्थित नसा मुक्ति केंद्रों का औचक निरीक्षण किया तो वहां की व्यवस्था देखकर ये टीम भी दंग रह गई। इन नशा मुक्ति केंद्रों में नशा छुड़ाने आए युवकों को ऐसी बदतर स्थिति में रखा जा रहा है कि पशुशाला भी इससे बेहतर हो। न तो साफ-सफाई का ध्यान और न ही सोने की पुख्ता व्यवस्था। जिन नशा मुक्ति केंद्रों में तीस लोग ही रखने की व्यवस्था है वहां पर भी ठूंस-ठूंस कर युवा भरे गए हैं। ऐसी व्यवस्था देखकर यही आभास हो रहा है कि कहीं यहां जिंदगी की तलाश में आए युवक किसी अनहोनी का शिकार होकर न रह जाएं। हैरत की बात यह कि किसी भी नशा मुक्ति केंद्र में मौका पर मनोचिकित्सक तक मौजूद नहीं पाया गया। उधर, एसडीएम विनय मोदी ने माना कि नशा मुक्ति केंद्रों में तय गाइडलाइन को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्च अधिकारियों को भेज रहे हैं। उच्च अधिकारी ही इस पर कोई निर्णय लेंगे।
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गोंडा। गोंडा जिले में सरकारी दफ्तरों की सफाई के दौरान बोरे में भरे गए तिरंगों को कथित रूप से आग के हवाले करने का वीडियो वायरल होने के मामले में जिला प्रशासन ने 2 सदस्यीय टीम गठित करके जांच रिपोर्ट तलब की है। रविवार को बोरे में रखे तिरंगों को आग के हवाले किए जाने की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई।
मुख्य विकास अधिकारी गौरव कुमार ने सोमवार को बताया कि जिला मुख्यालय पर स्थित विकास भवन के सरकारी दफ्तरों की साफ-सफाई के दौरान कर्मचारियों द्वारा रविवार को बोरे में रखे तिरंगों को आग के हवाले किए जाने की जानकारी सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त हुई थी। उन्होंने इस घटना का संज्ञान लेते हुए अपर जिलाधिकारी सुरेश कुमार सोनी की अध्यक्षता में 2 सदस्यीय टीम गठित करके जांच आख्या तलब की है।
उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने पर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में जिला विकास अधिकारी दिनकर विद्यार्थी ने बताया कि गत अगस्त माह में 'हर घर तिरंगा' अभियान' में वितरण के लिए ये झंडे मंगाए गए थे।
उन्होंने कहा कि कुछ झंडे मानक के अनुरूप नहीं थे इसलिए उन्हें वितरित नहीं किया गया था और विकास भवन के ही एक कक्ष में रखवा दिया गया था। रविवार को छुट्टी का दिन होने के कारण दफ्तरों की साफ-सफाई की जा रही थी। विद्यार्थी ने बताया कि इसी दौरान सफाई कर्मचारियों ने अन्य रद्दी फाइलों व कागजों के साथ उस बोरी को भी जला दिया जिनमें तिरंगे रखे थे। गौरतलब है कि सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में विकास भवन के पीछे कुछ बोरों में जलते हुए राष्ट्रध्वज का वीडियो वायरल हुआ था। (भाषा)
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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी( एनसीपी) के मुखिया शरद पवार(Sharad Pawar) ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का बचाव किया है और सीबीआई के एक्शन को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार में जिस व्यक्ति ने शिक्षा के क्षेत्र में अच्छा काम किया और जिसकी बहुतों ने प्रशंसा की, उसे गिरफ्तार किया जा रहा है। यह सही नहीं है। केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करना बंद करे। उन्होंने आगे 9 विपक्षी नेताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह जो चिट्ठी लिखी गई है उसमें पहला हस्ताक्षर मेरा है। हम चाहते हैं कि पीएम हमारी चिंताओं को गंभीरता से लें।
दलः
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मेरा प्रयास यह सुनिश्चित करना होगा कि एमवीए के घटक एक साथ रहें, संयुक्त निर्णय लें और राज्य विधानसभा व लोकसभा चुनावों का एक साथ सामना करें। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र के लोग बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा, मैं राज्य में हर जगह घूम रहा हूं और लोग मुझसे कह रहे है कि वे बदलाव चाहते हैं। वे चाहते हैं कि हम (विपक्ष) एक साथ आ जाएं। ये लोगों की भावनाएं हैं।
बता दें कि सिसोदिया की जमानत याचिका पर होली के बाद शुक्रवार को सुनवाई होनी है। सिसोदिया की गिरफ्तारी के ने विपक्ष के विरोध को और तेज कर दिया है। विपक्ष केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की है।
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पर चलना पसन्द करते हैं । लेकिन हां, मिसेज़ बेसेण्ट के लिए मेरे दिल में बहुत आदर रहा है ।
जिस दूसरी मार्के की घटना ने मेरे जीवन पर उस समय असर डाला, वह थी रूस - जापान की लड़ाई । जापानियों की विजय से मेरा दिल उत्साह से उछलने लगता और रोज़ मैं अखबारों में ताज़ी खबरें पढ़ने को उतावला रहता । मैंने जापान सम्बन्धी कई किताबें मंगाईं और उनमें से थोड़ी-बहुत पढ़ीं भी । जापान के इतिहास में तो मानो मैं अपनेको गंवा बैठा था । पुराने जापान के सरदारों की कहानियां चाव से पढ़ता और लाफ्केडियो हर्न १ का गद्य मुझे रुचि -
कर लगता था ।
मेरा दिल राष्ट्रीय भावों से भरा रहता था । मैं यूरोप के पंजे से एशिया और हिन्दुस्तान को आज़ाद करने के भावों में डूबा रहता । मैं बहादुरी के बड़ेबड़े मनसूबे बांधा करता था, कि कैसे हाथ में तलवार लेकर मैं हिन्दुस्तान को आज़ाद करने के लिए लडूंगा ।
मैं चौदह साल का था । हमारे घर में रद्दोबदल हो रहे थे । मेरे बड़े चचेरे भाई अपने-अपने काम-धन्धों में लग गये थे और अलहदा रहने लगे थे । मेरे मन में नये-नये विचार और गोलमोल कल्पनाएं मंडराया करती थीं और स्त्री जाति में मेरी कुछ दिलचस्पी बढ़ने लगी थी, लेकिन अब भी मैं लड़कियों की बनिस्बत लड़कों के साथ मिलना ज़्यादा पसन्द करता था, और लड़कियों के साथ मिलनाजुलना अपनी शान के खिलाफ़ समझता था । लेकिन कभी-कभी कश्मीरी दावतों में - जहां सुन्दर लड़कियों का अभाव नहीं रहता था - या दूसरी जगह उनपर कहीं निगाह पड़ गई या बदन छू गया तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते थे ।
मई १९०५ में, जब मैं पन्द्रह साल का था, हम इंग्लैण्ड रवाना हुए । पिताजी, मां, मेरी छोटी बहन और मैं, चारों साथ गये थे ।
१ जापानी लेखक, जिसने जापान - जीवन के अनुपम चित्र खींचे हैं। - अनु०
मई के अखीर में हम लोग लन्दन पहुंचे । डोवर से ट्रेन में जाते हुए, रास्ते में, सुशीमा में जापानी जल-सेना की भारी विजय का समाचार मिला । मेरी खुशी का ठिकाना न रहा । दूसरे ही दिन डर्बी की घुड़दौड़ थी । हम लोग उसे देखने गये । मुझे याद है कि लन्दन में आने के कुछ दिनों बाद ही डाक्टर अन्सारी से मेरी भेंट हुई । उन दिनों वह एक चुस्त और होशियार नौजवान थे । उन्होंने वहां के विद्यालयों में भारी सफलता प्राप्त की थी। उन दिनों वह लन्दन के अस्पताल में हाउस-सर्जन थे ।
हॅरो में दाखिल होने की दृष्टि से मेरी उम्र कुछ बड़ी थी, क्योंकि मैं उन दिनों पन्द्रह बरस का था । इसलिए यह मेरी खुशक़िस्मती ही थी कि मुझे वहां जगह मिल गई । मेरे परिवार के लोग पहले तो यूरोप के दूसरे देशों की यात्रा को चले गये और फिर वहां से कुछ महीनों बाद हिन्दुस्तान लौट गये ।
इससे पहले मैं अजनबी आदमियों में बिल्कुल अकेला कभी नहीं रहा था । इसलिए मुझे बड़ा ही सूना-सूना-सा मालूम पड़ता और घर की याद सताती थी । लेकिन यह हालत ज्यादा दिनों तक नहीं रही। कुछ हद तक मैं स्कूल की ज़िन्दगी में हिल-मिल गया और काम तथा खेलकूद में लगा रहने लगा, लेकिन मेरा पूरा मेल कभी नहीं बैठा । हमेशा मेरे दिल में यह खयाल बना रहता कि मैं इन लोगों में से नहीं हूं और दूसरे लोग भी मेरी बाबत यही खयाल करते होंगे । कुछ हद तक मैं सबसे अलग अकेला ही रहा । लेकिन कुल मिलाकर मैं खेलों में पूरा-पूरा हिस्सा लेता रहा । खेलों में मैं चमका चमकाया तो कभी नहीं, लेकिन मेरा विश्वास है कि, लोग यह मानते थे, कि मैं खेल से पीछे हटनेवाला भी न था ।
शुरू में तो मुझे नीचे के दर्जे में भर्ती किया गया, क्योंकि मुझे लैटिन कम आती थी, लेकिन फ़ौरन ही मुझे तरक्क़ी मिल गई । सम्भवतः कई बातों में, और खासकर आम बातों की जानकारी में, मैं अपनी उम्र के लोगों से आगे था ।
इसमें शक नहीं कि मेरी दिलचस्पी के विषय बहुतेरे थे और मैं अपने ज्यादातर सहपाठियों से ज़्यादा किताबें और अखबार पढ़ता था । मुझे याद है कि मैने पिताजी को लिखा था कि अंग्रेज लड़के बड़े मट्ठर होते हैं; क्योंकि वे खेलों के सिवा और किसी विषय पर बात ही नहीं कर सकते । लेकिन मुझे इसमें अपवाद भी मिले थे, खास तौर पर ऊपर के दर्जी में ।
इंग्लैण्ड के आम चुनाव में मुझे बहुत दिलचस्पी थी । जहांतक मुझे याद है, यह चुनाव १९०५ के अखीर मे हुआ और उसमें लिबरलों की बड़ी भारी जीत हुई थी । १९०६ के शुरू में हमारे दर्जे के मास्टर ने हमसे सरकार की बाबत कई सवाल पूछे, और मुझे यह देखकर बड़ा अचरज हुआ कि उस दर्जे में मैं ही एक ऐसा लड़का था, जो उस विषय पर बहुत सी बातें बता सका -यहांतक कि कैम्पबेलबैनरमैन के मंत्रि-मण्डल के सदस्यों की क़रीब क़रीब पूरी फ़ेहरिस्त मैंने बता दी ।
राजनीति के अलावा जिस दूसरे विषय में मुझे बहुत दिलचस्पी थी वह था हवाई जहाज़ों की शुरुआत । वह ज़माना राइट ब्रदर्स और सेन्तोस दुमो का था ( इनके बाद ही फ़ौरन फ़ारमन लैथम और ब्लीरियो आये ) । जोश में आकर मैने हॅरो से पिताजी को लिखा था कि मैं हर हफ्ते के अखीर में हवाई जहाज़ों द्वारा उड़कर आपसे हिन्दुस्तान में मिल सकूगा ।
इन दिनों हॅरो में चार या पांच हिन्दुस्तानी लड़के थे । दूसरी जगह रहनेवालों से मिलने का तो मुझे बहुत कम ही मौका मिलता था, लेकिन हमारे अपने ही घर में - हेडमास्टर के यहां - महाराजा बड़ौदा के एक पुत्र हमारे साथ थे । वह मुझसे बहुत आगे थे और क्रिकेट के अच्छे खिलाड़ी होने की वजह से लोकप्रिय थे । मेरे जाने के बाद फ़ौरन ही वह वहां से चले गये। बाद में महाराजा कपूरथला के बड़े लड़के परमजीतसिंह आये, जो आजकल टीकासाहब हैं । वहां उनका मेल बिल्कुल नहीं मिला । वह दुखी रहते थे और दूसरे लड़कों से मिलते-जुलते नहीं थे । लड़के अक्सर उनका तथा उनके तौर-तरीकों का मज़ाक उड़ाते थे । इससे वह बहुत चिढ़ते थे, और कभी-कभी उनको धमकी देते कि जब कभी तुम कपूरथला आओगे, तब तुम्हें देख लूंगा । यह कहना बेकार है कि इस घुड़की का कोई अच्छा असर नहीं होता था । इससे पहले वह कुछ समय तक फ्रांस में रह चुके थे और फ्रांसीसी भाषा में धारा प्रवाह बोल सकते थे। लेकिन ताज्जुब की बात तो यह थी कि अंग्रेजी स्कूलों में विदेशी भाषाओं के सिखाने के तरीक़े
कुछ ऐसे थे कि फ्रांसीसी भाषा के दर्जे में उनका यह ज्ञान उनके कुछ काम नहीं
एक दिन एक अजीब घटना हुई । आधी रात को हाउस-मास्टरसाहब एकाएक हमारे कमरों में घुस घुसकर तलाशी लेने लगे । बाद में हमें मालूम हुआ कि परमजीतसिंह की सोने की मूठ की खूबसूरत स्टिक खो गई है । तलाशी में वह नहीं मिली । इसके दो या तीन दिन बाद लार्ड्स-मैदान में ईटन और हॅरो का मैच हुआ और उसके बाद फौरन ही वह स्टिक उनके मकान में रखी मिली । जाहिर है, कि किसी साहब ने मैच में उससे काम लिया और उसके बाद उसे लौटा दिया ।
हमारे छात्रावास और दूसरे छात्रावासों में थोड़े-से यहूदी भी थे । यों वे मज़े में काफ़ी मिल-जुलकर रहते थे, लेकिन तह में उनके खिलाफ़ यह खयाल ज़रूर काम करता था कि ये लोग 'बदमाश यहूदी' हैं; और कुछ दिन बाद ही, लगभग अनजान में, मैं भी यही सोचने लगा कि इनसे नफ़रत करना ठीक ही है । लेकिन दरअसल मेरे दिल में यहूदियों के खिलाफ़ कभी कोई भाव न था, और अपने जीवन में आगे जाकर तो यहूदियों में मुझे कई अच्छे दोस्त मिले ।
धीरे-धीरे मै हॅरो का आदी हो गया और मुझे वहां अच्छा लगने लगा । लेकिन न जाने कैसे मै यह महसूस करने लगा कि अब यहां मेरा काम नहीं चल सकता । विश्वविद्यालय मुझे अपनी तरफ़ खींच रहा था । १९०६ और १९०७ भर हिन्दुस्तान से जो खबरें आती थीं, उनसे मैं बहुत बेचैन रहता था । अंग्रेज़ी अखबारों में बहुत ही कम खबरें मिलती थीं, लेकिन जितनी मिलती थीं उनसे ही यह मालूम हो जाता था कि देश में, बंगाल, पंजाब और महाराष्ट्र में, बड़ी-बड़ी बातें हो रही हैं । लाला लाजपतराय और सरदार अजीतसिंह को देश निकाला दिया गया था । बंगाल में हाहाकार-सा मचा हुआ मालूम पड़ता था । पूना से तिलक का नाम बिजली की तरह चमकता था और स्वदेशी तथा बहिष्कार की आवाज गूंज रही थी । इन बातों का मुझपर भारी असर पड़ा । लेकिन हॅरो में एक भी शख्स ऐसा न था जिससे मैं इस विषय की बातें कर सकता । छुट्टियों में मैं अपने कुछ चचेरे भाइयों तथा दूसरे हिन्दुस्तानी दोस्तों से मिला और मुझे अपने जी को हल्का करने का मौका मिला ।
स्कूल में अच्छा काम करने के लिए मुझे जी० एम० ट्रैवेलियन की गैरीबाल्डीमेरी कहानी
सम्बन्धी एक पुस्तक इनाम में मिली थी । इस पुस्तक में मेरा मन ऐसा लगा कि मैंने फ़ौरन ही इस माला की बाक़ी दो किताबें भी खरीद लीं और उनमें गैरीबाल्डी की पूरी कहानी बड़े ध्यान के साथ पढ़ी । हिन्दुस्तान में भी इसी तरह की घटनाओं की कल्पना मेरे मन में उठने लगी। मै आज़ादी की बहादुराना लड़ाई के सपने देखने लगा और मेरे मन में इटली और हिन्दुस्तान अजीब तरह से मिलजुल गये । इन खयालों के लिए हॅरो कुछ छोटी और तंग जगह मालूम होने लगी, और मैं विश्वविद्यालय के ज्यादा बड़े क्षेत्र में जाने की इच्छा करने लगा । इसीलिए मैने पिताजी को इस बात के लिए राजी कर लिया और मैं हॅरो में सिर्फ़ दो बरस रहकर वहां से चला गया । यह दो बरस का समय वहां के निश्चित साधारण समय से बहुत कम था ।
यद्यपि मैं हॅरो से खुद अपनी मरज़ी से जाना चाहता था, फिर भी मुझे यह अच्छी तरह याद है कि जब विदा होने का समय आया, तब मुझे बड़ा दुःख हुआ, और मेरी आंखों में आंसू आ गये । मुझे वह जगह अच्छी लगने लगी थी। वहां से सदा के लिए अलग होने से मेरे जीवन का एक अध्याय समाप्त हो गया । परन्तु फिर भी मुझे कभी-कभी यह खयाल आ जाता है कि हॅरो छोड़ने पर मेरे मन में असली दुःख कितना था ? क्या कुछ हदतक यह बात न थी कि मैं इसलिए दुःखी था कि हॅरो की परम्परा और उसके गीत की ध्वनि के अनुसार मुझे दुःखी होना चाहिए था ? मैं भी इन परम्पराओं के प्रभाव से अपनेको बचा नहीं सकता था, क्योंकि वहां के वातावरण में घुल-मिल जाने के खयाल से मैने उस प्रथा का विरोध कभी नहीं किया था ।
१९०७ के अक्तूबर के शुरू में मै केम्ब्रिज के ट्रिनिटी कालेज में पहुंच गया । उस वक्त मेरी उम्र सत्रह या अठारह बरस के लगभग थी । मुझे इस बात से बेहद खुशी हुई कि अब मैं अण्डर ग्रेजुएट हूं, स्कूल के मुक़ावले यहां मुझे, जो चाहूं सो करने की, काफ़ी आज़ादी मिलेगी। मै लड़कपन के बन्धन से मुक्त हो गया था और यह महसूस करने लगा था कि आखिर मैं भी अब बड़ा होने का दावा कर सकता हूं । मैं ऐंठ के साथ केम्ब्रिज के विशाल भवनों और उसकी तंग गलियों में चक्कर काटा करता और यदि कोई जान-पहचानवाला मिल जाता तो बहुत खुश होता ।
केम्ब्रिज में मैं तीन साल रहा । ये तीनों साल शान्तिपूर्वक बीते, इनमें किसी |
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