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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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चंडीगढ़, 18 नवंबर । दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक नई योजना पंजाब दिव्यांगजन शक्तिकरण योजना (पीडीएसवाई) को राज्य भर में चरणबद्ध तरीके से लागू करने की मंजूरी दे दी।
इस योजना के पहले चरण में मौजूदा कार्यक्रमों को मजबूत करना शामिल है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनका लाभ दिव्यांग व्यक्तियों तक अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचे, जबकि दूसरे चरण में ऐसे व्यक्तियों के सशक्तीकरण के लिए 13 नई चीजें प्रस्तावित की गई हैं।
यहां मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई एक वर्चुअल कैबिनेट बैठक में इस संबंध में निर्णय लिया गया।
सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा परिकल्पित इस योजना का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को चरणबद्ध तरीके से एक बाधा रहित वातावरण प्रदान करना है, जो सरकार और सार्वजनिक-केंद्रित इमारतों, सार्वजनिक परिवहन और वेबसाइटों को उनके लिए सुलभ बना सके।
अन्य मुद्दों के अलावा, पीडीएसवाई का उद्देश्य सरकारी नौकरियों में दिव्यांग व्यक्तियों के पदों को भरना है, जिन्हें राज्य रोजगार योजना को मंजूरी देते समय पहले ही मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है।
रोजगार सृजन विभाग अगले छह महीनों के दौरान दिव्यांग व्यक्तियों के रिक्त पदों को भरने पर अधिक जोर देगा।
योजना के लिए समग्र मार्गदर्शन और नीतिगत समर्थन के लिए, सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता में एक सलाहकार समूह का गठन सभी कैबिनेट मंत्रियों के साथ संबंधित सदस्यों के रूप में किया जाना प्रस्तावित है।
समूह न केवल योजना के तहत प्रदर्शन की समीक्षा करेगा, बल्कि अगर आवश्यक हो तो सुधार के उपाय भी सुझाएगा।
Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.
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कॉलेज ड्रॉपआउट - बोला जाता है कि कॉलेज की पढ़ाई हर किसी के लिए बहुत अहम होती है।
यह लोगों को संवेदनशील, क्रिएटिव और जुझारू बनाती है। क्योंकि कॉलेज जाने की उम्र वह उम्र होती है जब यूथ आसपास के लोगों के साथ खुद को कम्पीटिशन में रखते हैं और आगे बढ़ने के लिए इंस्पायर होते हैं। इसलिए तो जिन लोगों को बचपन में नहीं मालूम होता है कि वे क्या बनने वाले हैं उनकी आंखें कॉलेज जाने के बाद खुल जाती है।
लेकिन उन लोगों का क्या जो कॉलेज नहीं गए या कॉलेज की पढ़ाई आधी ही छोड़ दी।
जी हाँ, आज हम बात कर रहे हैं उन लोगों की जिन्होंने कॉलेज ड्रॉपआउट किया - कॉलेज बीच में ही छोड़ दिया और अरबपति बन गए।
डैल कंप्यूटर के संस्थापक आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। माइकल डैल ने मात्रा 19 वर्ष की उम्र में ही अपना कॉलेज छोड़ दिया था और इसके बाद इन्होने "डैल कंप्यूटर" कंपनी की स्थापना की। 1992 मे, माइकल डैल को दुनिया का सबसे youngest CEO घोषित किया गया। आज डैल को दुनिया की टॉप कंप्यूटर बनाने वाली कंपनी के नाम से जाना जाता है।
भले ही सूचनाओं को लीक करने को लेकर मार्क जुकरबर्ग आज सवालों के घेरे में खड़े हों लेकिन आज भी लोग उन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं। फेसबुक के संस्थापक मार्क जकरबर्ग ने "फेसबुक" बनाने के लिए 2004 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अपनी पढाई अधूरी छोड़ दी थी। आज फेसबुक, करोड़ों नहीं बल्कि अरबों लोगों की पसंदीदा वेबसाइट है। इन्होने सोशल मीडिया को एक नया बूम दिया। आज मार्क जुकरबर्ग दुनिया के टॉप अमीरों में गिने जाते हैं।
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार बिल गेट्स माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी के सह संस्थापक है। इन्होने "माइक्रोसॉफ्ट" बनाने के लिए हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की पढाई बीच में छोड़ दी थी। बिल गेट्स को बचपन से ही कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग का शौक था और सिर्फ 13 वर्ष की आयु में उन्होंने बड़े-बड़े सॉफ्टवेयर बनाने शुरू कर दिए थे। 1975 में बिल गेट्स ने अपनी पढाई बीच में छोड़ कर, अपने मित्र पॉल एलन के साथ माइक्रोसॉफ्ट को आगे बढ़ाने में जुट गए और कुछ ही वर्षों बाद उनका नाम अरबपतियों की फ़ोर्ब्स की सूचि में आ गया और कई साल तक वह, इस लिस्ट में नम्बर वन पर भी बने रहे । आज बिल गेट्स दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शुमार हैं।
आज शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो स्टीव जॉब्स के नाम से परिचित न हो। इन्होंने भी अपनी कॉलेज की पढाई बीच में ही छोड़ दी थी और 1975 में "एप्पल" कम्पनी की स्थापना की। स्टीव जॉब्स ने रीड कॉलेज की मात्र, एक सेमेस्टर की ही पढ़ाई की थी। लेकिन अपनी मेहनत और आगे बढ़ने के जुनून के साथ, उन्होंने पूरी दुनियाँ में अपना नाम रोशन किया।
कॉलेज छोड़कर अरबपति बनने वालों में भारतीय नाम भी शामिल है। विप्रो जैसी बड़ी कंपनी खड़ी करने वाले अजीम प्रेमजी को अपनी कंपनी चलने के लिए मात्रा 21 वर्ष की उम्र में ही पढ़ाई छोड़नी पड़ी। आज यह विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनी के अध्यक्ष है।
देश के न्मबर एक अरबपति मुकेश अंबानी लगभग 43 अरब डॉलर की निजी सम्पत्ती के साथ, दुनिया के पांचवें सबसे अमीर आदमी हैं। मुकेश अंबानी, रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष (chairman), प्रबंध निदेशक (managing director) और कंपनी के सबसे बडे शेयर धारक (shareholder) हैं। मुकेश अंबानी, एमबीए (MBA) करने स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय (Stanford University) गए थे, किन्तु पहले वर्ष के बाद ही उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी।
तो यह वे लोग हैं जिन्होंने कॉलेज ड्रॉपआउट होने के तमगे को सकरात्मक तरीके से लिया और अपनी जिंदगी को नया मोड़ दिया। इनसे इंस्पायर होकर आप भी अपनी जिंदगी को नया मोड़ दे सकते हैं।
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Ujjain Crime News: उज्जैन में इन दिनों अपराधों का ग्राफ लगातार बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। चोरी, मारपीट, दुष्कर्म, धोखाधड़ी जैसे केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच अब बदमाशों द्वारा लूटपाट करने की वारदातों में भी तेजी आ रही है। ऐसा ही मामला माधव क्लब रोड पर स्कूटी से जा रही एक महिला के साथ देखा गया। बाइक सवार दो बदमाश यहां पहुंचे और महिला से बैग छीनकर रफूचक्कर हो गए।
माधव क्लब रोड पर महिला स्कूटी से सवार होकर जा रही थी। माधव क्लब से कुछ ही दूर निकलने पर चलती गाड़ी पर दो बदमाशों ने बैग झपटा और माधवनगर चौराहा से गायब हो गए। लूट की घटना के तुरंत बाद महिला ने शोर मचाते हुए लोगों की मदद से बदमाशों का पीछा भी किया लेकिन वह तेज गति से बाइक दौड़ाते हुए निकल गए।
घटना के बाद महिला ने मामले की सूचना नीलगंगा थाना पुलिस को दी। महिला ने बताया कि उसके बैग में मोबाइल के साथ 1500 रुपए और कुछ कागजात रखे थे जो बदमाश लेकर रफूचक्कर हो गए। पुलिस ने महिला की शिकायत पर प्रकरण दर्ज करते हुए सीसीटीवी कैमरा खंगालना शुरू कर दिए हैं।
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"ईस्प्रल" क्या है? इस दवा के इस्तेमाल पर निर्देश का कहना है कि यह एक उच्च विरोधी ब्रोंकोकोनिक्ट्रिक्टिव और विरोधी भड़काऊ तीव्रता के साथ एक दवा है। इसका मतलब है कि सक्रिय पदार्थ तैयारी - fenspiride हाइड्रोक्लोराइड - पदार्थों है कि पैदा करते हैं और bronchospasms के विकास के समर्थन के एक नंबर के शरीर में उत्पादन कम कर देता है। इसके अलावा, उत्सर्जन में कई अन्य कारकों के विकास को रोकता है जो बीमारी का कारण बनता है।
इस जानकारी के आधार पर, देना संभव हैएक सवाल है जो चिकित्सक अक्सर सुना है के लिए एक संपूर्ण जवाबः "Erespal" एक एंटीबायोटिक है? स्वाभाविक रूप से, नहीं यह विरोधी भड़काऊ और एंटी-ब्रोनकोकोस्ट्रिक्टिव दवाओं के समूह से संबंधित है, जो एंटीबायोटिक दवाओं के साथ आम में कुछ नहीं है।
विशेषज्ञों ने दवा का अध्ययन किया और आयोजित कियानशीली दवाओं की समीक्षाओं का प्रसंस्करण, निष्कर्ष पर आया थाः "ईस्पटल" में कई दुष्प्रभाव और मतभेद हैं इसलिए, जैसा एजेंट प्रत्येक व्यक्तिगत मामले में कार्य करेगा, केवल चिकित्सक निर्धारित कर सकते हैं।
उसी लोगों की समीक्षाओं से, जिन्होंने इसका इस्तेमाल कियाउपचार, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि दवा का कारण सांस, सिरदर्द और चक्कर आना, टाचीकार्डिया की कमी है। इनमें से बहुत से लोगों ने वनस्पति-नाड़ी डाइस्टोनिया, मिजाज और यहां तक कि अवसादग्रस्तता की स्थितियों की घटना का उल्लेख किया एक निश्चित संख्या में मरीजों ने कहा कि उपचार के दौरान आत्महत्या के विचारों से वे प्रेतवाधित थे।
तो क्या दवा इतनी हानिकारक है? "ईपीएसल," उपयोग के लिए निर्देश यह छिपाए नहीं है, वास्तव में, सभी ईडी की तरह, साइड इफेक्ट्स का कारण हो सकता है हालांकि, यदि आप इसे सही तरीके से लागू करते हैं और केवल डॉक्टर के पर्चे पर ही, इन नकारात्मक अभिव्यक्तियों को कम किया जा सकता है।
तो दवा किसका और कब "दवा" पीने की सिफारिश की गई है? उपयोग के निर्देश निदान की सूचीः
- लारेंजिटिस, राइनोफरींजिटिस;
- ब्रोंकाइटिस, ट्रेकिबोराँकाइटिस, अन्य श्वसन रोग;
- ब्रोन्कियल अस्थमा;
- ओटिटिस, साइनसिसिस;
- खाँसी, गले की जलन से जटिल और संक्रामक बीमारियां;
यह समझने के लिए कि दवा कौन हैउलटी, इसकी संरचना का अध्ययन करने के लिए आवश्यक है दवा बाजार में सिरप और गोलियों के रूप में है। fenspiride हाइड्रोक्लोराइड को छोड़कर सिरप नद्यपान जड़ निकालने, स्वादिष्ट बनाने का मसाला एजेंट, ग्लिसरॉल, रंग एजेंटों, saccharin, सुक्रोज, पोटेशियम सोर्बेट शामिल थे। स्वाभाविक रूप से, उन सभी रोगियों, जिनके सिरप के कम से कम एक घटक के प्रति संवेदनशीलता है, "ईस्पाल" सिरप नहीं ले सकते।
गोलियां और सिरप के लिए आम मतभेद"Erespal" निर्देश, नहीं छुपाती गर्भावस्था, ग्लूकोज malabsorption सिंड्रोम, बचपन कर रहे हैं। इसके अलावा, निर्देश निर्दिष्ट करता है कि उपचार के दौरान कौन से नकारात्मक प्रतिक्रिया की जा सकती हैः
- क्षिप्रहृदयता;
- पाचन तंत्र के कार्यों की विकार;
- उनींदापन या अतिवृद्धि, नींद की अशांति;
अवांछित को रोकने के लिएप्रतिक्रियाओं, डॉक्टर लगातार रोगी की स्थिति की निगरानी करनी चाहिए, आवश्यक परीक्षण करें मरीज, बदले में, चिकित्सक को इलाज के लिए प्रदान किए गए किसी भी लक्षण की उपस्थिति के बारे में सूचित करने के लिए बाध्य हैं।
18 साल की उम्र तक सिराज लेने की सलाह दीजिए। और दो साल की आयु तक के बच्चों को एक पेय या भोजन की एक बोतल (1 मिलीग्राम प्रति वजन 4 मिलीग्राम) में जोड़ा जा सकता है।
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पंचकूला, 1 मार्च (निसं)
राजेश दुग्गल आईपीएस पुलिस अधीक्षक पलवल ने प्रेस वार्ता में बतलाया कि जिला पुलिस की सीआईए एवं एंटी नार्कोटिक्स सेल होडल प्रभारी निरीक्षक जंग शेर की टीम में तैनात उप निरीक्षक राजेश कुमार पहली मार्च को अपनी टीम के साथ बा सवारी गाड़ी सरकारी के बराये गश्त पडताल जुराईम हसनपुर चौक होडल मौजूद था कि इसी दौरान विश्वनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त हुई की एक ट्रक मे दो नशे के सौदागर जिनके नाम मोहम्मद पुत्र अब्दुला जाति मेव निवासी खेडली नानु राजस्थान वा आसिफ पुत्र बसीर जाति मेव निवासी बाबुपुर तहसील हथीन जिला पलवल वा एक वरना कार में चार नशा तस्कर शोयब पुत्र गोरेखान, आस मौहम्मद पुत्र असगर निवासीयान सुल्तानपुर जिला नुँह मेवात वा लखपत पुत्र ईदरिश निवासी दोहा, तौफिक पुत्र नसरू निवासी भुडकी नंगली जिला नुंह मेवात मिलकर नशा का व्यापार करते हैं और मादक पदार्थो की तस्करी हेतु ट्रक मे गांजा पत्ती ओडि़सा से ट्रक में भरकर पलवल होते हुए फिरोजपुर झिरका के लिए जायेंगे।
सुचना पर नाका करमन बार्डर होडल पर नाकाबंदी करके ट्रक उपरोक्त को पायलेट कर रही उपरोक्त गाडी बरना एवम ट्रक को साथी कर्मचारी की मदद से काबु किया गया। आरोपियो में से आरोपी शोयब की तलाशी में एक पिस्टल बरामद हुई तथा पूछताछ मे ंआरोपी दिल्ली पुलिस में सहायक उप. निरीक्षक के पद पर तैनात है। बरामद ट्रक में नशीला पदार्थ होने की पक्की खबर होने पर राजपत्रित अधिकारी संजीव नागर तहसीलदार साहब होडल की मौजूदगी मे तलाशी ली तो ट्रक से गांजा के 44 पैकेट बरामद हुए। जिनका कुल वजन 1369. 75 किलोग्राम बरामद हुआ। पुलिस कप्तान ने बताया कि आरोपियान के खिलाफ इस संबंध में अभियोग अंकित किया गया। मादक पदार्थो की इस बडी तस्करी के स्त्रोत एवंम नेटवर्क;जालद्ध का पता लगाने के लिये आरोपियों का रिमांड पर हासिल किया जाएगा।
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मुंबईः भारत और पाकिस्तान के बीच एक दिवसीय विश्व कप का बहुचर्चित मुकाबला 15 अक्टूबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेला जायेगा जबकि दुनिया के सबसे बड़े इस स्टेडियम पर ही 19 नवंबर को फाइनल खेला जायेगा । आईसीसी ने मंगलवार को यह घोषणा की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, टूर्नामेंट का आगाज अहमदाबाद में ही पांच अक्टूबर को पिछले विजेता इंग्लैंड और उपविजेता न्यूजीलैंड के बीच मैच से होगा । दर्शकों की संख्या के आधार पर नरेंद्र मोदी स्टेडियम दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है जिसमें 132000 दर्शक बैठ सकते हैं जो मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) से 32000 अधिक है।
विश्व कप 2023 का पहला सेमीफाइनल 15 नवंबर को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में और दूसरा अगले दिन कोलकाता में ईडन गार्डंस पर खेला जायेगा । दोनों सेमीफाइनल में एक रिजर्व दिन होगा। फाइनल मैच अहमदाबाद में 19 नवंबर को होगा जबकि 20 नवंबर रिजर्व दिन रहेगा । सभी तीन नॉकआउट मैच दिन रात के होंगे।
आईसीसी ने वनडे विश्व कप से सौ दिन पहले कार्यक्रम का ऐलान करते हुए कहा कि मेजबान भारत अपने अभियान का आगाज आठ अक्टूबर को पांच बार की विश्व कप विजेता आस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में करेगा।
गुवाहाटी 12 वेन्यू में से एक है जहां अभ्यास मैच समेत टूर्नामेंट के मैच खेले जायेंगे । पहली बार विश्व कप का पदार्पण पूर्वोत्तर भारत में होगा। विश्व कप के मैच हैदराबाद, अहमदाबाद, धर्मशाला, दिल्ली, चेन्नई, लखनऊ, पुणे, बेंगलुरू,मुंबई और कोलकाता में होंगे ।
गुवाहाटी और तिरूवनंतपुरम के अलावा हैदराबाद में 29 सितंबर से तीन अक्टूबर तक अभ्यास मैच खेले जायेंगे।
बारह मेजबान संघों को सोमवार को मुंबई बुलाया गया था जहां मंगलवार की आधिकारिक घोषणा से पहले उनसे विस्तार से जानकारी ली गई।
वानखेड़े स्टेडियम पर 2011 विश्व कप का फाइनल खेला गया था जहां महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने 28 साल बाद खिताब जीता था। वहीं ईडन गार्डंस पर 1987 विश्व कप का फाइनल खेला गया था जिसमें आस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को हराया था ।
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ मैच चेन्नई, बेंगलुरू या कोलकाता में कराने की मांग की थी जिसे बीसीसीआई और आईसीसी ने ठुकरा दिया।
इस विश्व कप में दस टीमें भाग लेंगी जिनमें से आठ आईसीसी क्रिकेट विश्व कप सुपर लीग के जरिये क्वालीफाई कर चुकी हैं और शेष दो जिम्बाब्वे में चल रहे क्वालीफायर टूर्नामेंट के जरिये पहुंचेंगी । क्वालीफायर में पूर्व चैम्पियन श्रीलंका, वेस्टइंडीज के अलावा नीदरलैंड, ओमान, स्कॉटलैंड, यूएई , अमेरिका और मेजबान जिम्बाब्वे भाग ले रहे हैं । विश्व कप में सभी टीमें एक दूसरे से राउंड रॉबिन आधार पर खेलेंगी जिसके बाद सेमीफाइनल और फाइनल होंगे ।
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Tips To Get Rid Of Sweat Smell: गर्मी (Summer) में शरीर में पसीना आना बेहद आम बात है. लेकिन बहुत लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पसीना (Sweat) बहुत ज्यादा आता है, साथ ही उसमें दुर्गन्ध (Smell) भी बहुत होती है. इससे निजात पाने के लिए वो तरह-तरह के महंगे परफ्यूम और डिओडरेंट की मदद लेते हैं. लेकिन इनका असर कुछ ही देर में ख़त्म होने लगता है. ऐसे में अगर आप चाहें तो इन 5 घरेलू चीजों की मदद भी ले सकते हैं. ये चीजें पसीने को कम करने के साथ ही पसीने की दुर्गन्ध से निजात दिलाने में भी आपकी मदद करेंगी. साथ ही इन पर कोई एक्स्ट्रा पैसा खर्च करने की जरूरत भी नहीं होगी. आइये जानते हैं इन 5 चीजों के बारे में.
बेकिंग सोडाः पसीने की बदबू से राहत देने में बेकिंग सोडा काम आ सकता है. इसके लिए आप एक चम्मच बेकिंग सोडा लेकर इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिक्स कर लें. फिर इस पेस्ट को अंडरआर्म्स पर लगाकर दस मिनट छोड़ दें उसके बाद शावर ले लें.
गुलाब जलः पसीने की दुर्गंध से निजात पाने के लिए आप गुलाब जल को बॉडी की उन जगहों पर स्प्रे कर लें जहां पसीना ज्यादा आता हो. अगर आप चाहें तो पानी में गुलाब जल मिला कर नहा भी सकते हैं.
नींबूः नींबू की मदद भी पसीने की बदबू को दूर करने के लिए ली जा सकती है. इसके लिए आप नींबू को दो हिस्सों में काट लें फिर अंडरआर्म्स पर कुछ देर हल्के-हल्के रब कर लें. इसके साथ ही आप पानी में नींबू की कुछ बूंदे मिलाकर नहा लें.
एलोवेराः एलोवेरा का इस्तेमाल भी पसीने की दुर्गन्ध से निजात देने में आपकी मदद कर सकता है. इसके लिए आप रात को सोने से पहले थोड़ा सा एलोवेरा जेल लेकर अपने अंडरआर्म्स पर और शरीर के बाकी पसीना आने वाले हिस्सों पर रब करें.
फिटकरी पसीने की बदबू को दूर करने के लिए आप फिटकरी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप नहाने से पहले फिटकरी को तीन-चार मिनट तक अंडरआर्म्स पर रब करें फिर धो लें. इससे दुर्गन्ध तो दूर होगी ही साथ ही पसीना आना भी कम होगा. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें. )
बेकिंग सोडाः पसीने की बदबू से राहत देने में बेकिंग सोडा काम आ सकता है. इसके लिए आप एक चम्मच बेकिंग सोडा लेकर इसमें एक चम्मच नींबू का रस मिक्स कर लें. फिर इस पेस्ट को अंडरआर्म्स पर लगाकर दस मिनट छोड़ दें उसके बाद शावर ले लें.
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मेरठ, ब्यूरो। वेंक्टेश्वरा संस्थान के सीवी रमन केंद्रीय सभागार में आयोजित सामान्य चिकित्सक एवं आशा बहन सम्मान समारोह-2021 का शुभारम्भ वेंक्टेश्वरा समूह के चेयरमैन डॉ0 सुधीर गिरि, प्रतिकुलाधिपति डॉ0 राजीव त्यागी, कुलपति प्रो0 पी0के0 भारती, कुलसचिव डॉ पीयूष पांडे, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 एन0के0 कालिया, सीओओ डा। अरशद इकबाल आदि ने सरस्वती मां की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्जवलित करके किया।
समूह चेयरमैन डॉ। सुधीर गिरि ने कहा कि बात चाहे सामान्य बीमारियों/दुर्घनाओं की हो, या कोविड जैसी वैश्विक महामारी की, भारत के ग्रामीण क्षेत्रों, दुर्गम एवं पिछड़े क्षेत्रो में स्वास्थ्य सेवाओं की कमान इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय सहायता प्रदान करने वालों के पास थी। दुनिया ने देखा कि किस तरह कोविड जैसी वैश्विक महामारी में दिन रात संक्रमितों की मदद की। आप लोग स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ हैं।
आशा बहनों ने जनजागरूकता अभियान चलाकर लोगों की जान बचाई है।
विम्स मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सीईओ एवं विश्वविद्यालय के प्रतिकुलाधिपति डॉ। राजीव त्यागी ने बताया कि आप लोगों को सम्मानित करते हुए संस्थान प्रबन्धन गौरान्वित महसूस कर रहा है। विम्स मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल उपलब्ध सुविधाओं के साथ-2 जनवरी माह से कैथलैब, डायलिसिस यूनिट, कैन्सर सर्जरी, न्यूरोसर्जरी जैसी सुपरस्पेशियलिटी सुविधाएं भी शुरू करने जा रहा है।
सम्मान समारोह कार्यक्रम को कुलपति प्रो। पीके भारती, डॉ। एनके कालिया , कुलसचिव डॉ। पीयूषपांडे, सीओओ डॉ। अरशद इकबाल एवं वरिष्ठ सर्जन डॉ0 इकराम अन्सारी ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर वरिष्ठ चिकित्सक डॉ0 संजीव भट्, वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ0 ए0एस0 ठाकुर, डॉ0 राजीव रंजन, , डॉ0 गोपाल यादव, , मेरठ परिसर निदेशक डॉ0 प्रभात श्रीवास्तव, निदेशक एडमिशन अलका सिंह, मोहित, कुलदीप सिंह, शैलेन्द्र सिंह, अरूण गोस्वामी, रंजीत, योगेश कुमार, मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ0 स्मृति गुप्ता ने किया।
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ट्विटर पर बताया कि दिल का दौरा पड़ने से उनकी मां का निधन हुआ। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, पूजनीय माताजी की इच्छानुसार, उनके निधन के तुरंत बाद, उनका नेत्रदान एम्स, दिल्ली में संपन्न हुआ।
आज मैं उनकी पार्थिव देह को मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन को सौंपूंगा। उन्होंने कहा, उनका देहदान हम सभी को सदैव समाज के लिए जीने की प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, आपको बड़े ही दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा कि धरती पर मेरे सबसे प्रिय व्यक्ति, मेरी मां का निधन हो गया है।
उन्होंने कहा, वे 89 वर्ष की थीं और उन्हें आज सुबह दिल का दौरा पड़ा था। मेरी पथ प्रदर्शक के गुजर जाने से मेरे जीवन में एक ऐसा शून्य पैदा हो गया है, जिसे कोई नहीं भर सकता है। उनकी आत्मा को शांति मिले। (भाषा)
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रहाम का नीति-याच
पिछले दोहा की सडता म लागतत्व में दगन सहज ही किए जा सवत हैं। जहाँ वही मुहावरा और लोकोतिया या प्रयोग है, वही लाग भाषा में भी मिठास और मादव है -
पात पात को सींचिबो, बरोबरी को सौन।
रहिमन ऐसो बुद्धि को, कहो यरगो कौन ।। ११७ - १० १२ लोक्तत्व सम्बधी निष्कप
इस विवरण से स्पष्ट है वि रहीम लोक जीवन के कवि थ । उहाने अपन प्रणयन भलाव सामग्री और लोक भाषा का प्रयोग किया है। लोग मानस के भावा, लोक जीवन को मान्यतामो, लोकवाणी वे स्वरा तथा लोक विश्रुतिया व प्रयोगो को दसत हुए रहीम व नीति-काव्य वा लावतात्विक अध्ययन निश्चित ही सुखद एवं शिक्षाप्रद है।
रहीम के नीति-काव्य का दूसरा प्रधान स्रोत - भक्ति
भारत की धम भावना विश्वविन्यात है। धम में जितना प्रमुख स्थान भक्ति का है, उतना न तो योग का है और न साधना का। इसलिए जन साधारण ने धम और भक्ति को प्राय एक ही समझ लिया है। गांवा म किसी व्यक्ति को तनिक अधिक धार्मिक भाव सम्पत्र सच्चरिन अथवा सत्सगप्रिय देखकर भगत जी की उपाधि से विभूषित कर दिया जाता है । तात्पय यह है कि निरक्षर अथवा अवसाक्षर समाज में भी भक्ति तत्व का समझा जा चुका है। दूसरी ओर ऊँचे-ऊंचे सन्त महात्मा दागनिक एवं विपश्चित भक्ति तव के निरूपण का प्रयत्न निरन्तर करत चल मा रह हैं । वेदा के नान-कम-उपासना से लेकर उज्ज्वल नीनमणि के भक्ति रस की व्याख्याम्रो तक भक्ति को न जान कितने प्रकार से विश्लेषित एवं वर्णित किया गया है। दक्षिण वे रामानुज मध्व एव निम्बाक आदि जगत प्रसिद्ध दार्शनिक प्राचार्यो एवं बल्लभगणमाय धम घुरघरा से लवर सूर तुलसी, हरिप्रोध एवं मथिलीशरण गुप्त आदि कवियान भक्ति पर विभिन्न दष्टिकोणा से विचार किया है । साहित्यगास्त्र म यद्यपि भक्ति का एक भाव मान कर देव विषयक रोति वे साथ सम्बद्ध किया गया है, किन्तु परवर्ती ग्राचार्य रूप गोस्वामी ने भक्ति रसामृत सिधु एक उज्वन नीलमणि नामक ग्राय द्वय में भक्ति का पूर्ण रस की गरिमा से अभिषिक्त कर दिया है। उनके अनुसार साक्षात भगवान कृष्ण की भक्ति स्वतन रस है - रसराज है । कृष्ण उसके झालम्बन भवता का समागम नहीन्तीय एवान्ताति उद्दीपन अथ-पात लीला-गान नत्य क्ण्ठावरोध, आदि अनुभाव तथा मति ईर्ष्या वितर्कादि व्यभिचारा है। आज भी समस्त गाडीय समाज म भक्ति का रसराज माना जाता है ।
भक्ति और उसके रूप
भक्ति को व्यापकता को दखत हुए, उसकी किसी परिभाषा की आवश्यक्ता नहीं है। किन्तु परिभाषा करनी ही पड़ता भक्ति की सबसे बडी परिभाषा होगी - |
पाकिस्तान में इमरान खान इस समय सुर्खियों में हैं। शनिवार, 18 मार्च को पुलिस लाहौर में इमरान खान के आवास पर पहुंची। पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक पंजाब पुलिस ने पार्टी के 20 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
नई दिल्लीः तोशखाना मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी की कोशिशों में जुटी पाकिस्तान सरकार अब तक उन्हें हिरासत में लेने में कामयाब नहीं हो पाई है। इमरान खान के साथ लागातार उनके समर्थकों की भारी भीड़ होने के चलते कई बार पुलिस को पीछे हटना पड़ा है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इमरान को फासीवादी और उग्रवादी कहते हुए आरएसएस का जिक्र किया है।
शहबाज शरीफ ने इमरान पर निशाना साधते हुए एक ट्वीट में कहा, "अगर किसी को शक था तो पिछले कुछ दिनों की इमरान नियाजी की हरकतों ने उनकी फासीवादी और उग्रवादी प्रवृत्तियों को उजागर कर दिया है। लोगों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने से लेकर पुलिस पर पेट्रोल बम फेंकने, न्यायपालिका को डराने के लिए जत्थों का नेतृत्व करने तक, उन्होंने आरएसएस की किताब से बहुत सीख ली है। "
बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान इस समय सुर्खियों में हैं। शनिवार, 18 मार्च को पुलिस लाहौर में इमरान खान के आवास पर पहुंची। पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक पंजाब पुलिस ने पार्टी के 20 से ज्यादा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया।
दूसरी तरफ शाहबाज शरीफ के ट्वीट के बाद इमरान खान ने भी पलटवार किया। इमरान ने कहा, "मुझे रोकने की कोशिश की जा रही है। वे मुझे गिरफ्तार करना चाहते हैं। ये लंदन प्लान का हिस्सा है। नवाज शरीफ की डिमांड है कि इमरान को जेल में डाला जाए। वे नहीं चाहते कि मैं किसी भी चुनाव में हिस्सा लूं। मैं कानून पर विश्वास रखता हूं इसलिए कोर्ट में पेश होने जा रहा हूं। "
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नई दिल्ली/टीम डिजिटल। उत्तर प्रदेश में सहायक भर्ती के लिए जरूरी अपटेड सामने आ रहा है। यूपी में पंचायती राज के अंतगर्त अलग-अलग जिलों में पंचायत सहायक और एकाउंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर के 3500 से अधिक पदों पर आवेदन प्रक्रिया जारी है। इस भर्ती के लिए आवेदन करने की आज यानी 2 फरवरी को अंतिम तारीख है। इसके बाद उम्मीदवार अपना आवेदन फॉर्म सब्मिट नहीं कर पाएंगे। इन पदों के लिए 9 तारीख को विज्ञापन जारी होने के बाद 17 जनवरी से आवेदन चल रहे हैं।
पंचायत सहायक और एकाउटेंट के इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार आयोग की आधिकारिक वेबसाइट panchayatiraj. up. nic. in पर जा सकते हैं। इस लिंक के जरिए आप सीधे आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा आवेदनकर्ता अपनी ग्राम पंचायत कार्यालय से भी एप्लीकेशन फॉर्म लेकर भर सकते हैं।
बता दें कि इस भर्ती के लिए अभ्यर्थियों की छंटनी मेरिट के आधार पर की जाएगी। जिसके बाद फाइनल की गई लिस्ट को 9 फरवरी से 16 फरवरी के बीच जारी किया जाएगा। इसके बाद संबंधित ग्राम पंचायतों के जरिए चयनित उम्मीदवारों को 25 से 27 फरवरी 2023 के बीच नियुक्ति पत्र आबंटित किए जाएंगे।
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नई दिल्लीः IPL-9 में गेंदबाजों के लिए खौफ का दूसरा नाम बने रॉयल चैलेंजर बैंगलूर (RCB) के कप्तान विराट कोहली मैदान के बाहर भी शानदार फॉर्म में हैं.
भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली और वैस्टइंडीज के धमाकेदार बल्लेबाज क्रिस गेल क्रिकेट मैदान पर जितना धमाल कटे हैं उतना ही उम्दा डांस भी करते हैं, हाल ही में उनको एक वीडियो में भांगड़ा करते हुए देखा गया.
सोशल मीडिया में पुराने सेशन का वीडियो वायरल हो रहा है जो कि IPL में किंग्स एलेवन पंजाब के खिलाफ एक मैच के बाद मंदीप ने दोनों प्लेयर को एक वीडियो के जरिए बधाई दी है. जिसमें गेल, कोहली और मंदीप आरसीबी के लॉकर रूम में जमकर भांगड़ा करते हुए दिखाई दे रहे हैं.
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Rakul Preet On Criticisms Of Cuttputlli: बॉ़लीवुड एक्टर अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और रकुलप्रीत सिंह (Rakul Preet Singh) की फिल्म कठपुतली (Cuttputtli) हाल ही में ओटीटी पर रिलीज कर दी गई. फिल्म 'कठपुतली' रिलीज के बाद से ही ओटीटी पर काफी अच्छा परफॉर्म कर रही है. हालांकि थ्रिलर और सस्पेंस पर आधारित कठपुतली में कुछ लोगों को अक्षय और रकुल का रोमांटिक एंगल पसंद नहीं आ रहा है. कई क्रिटिक्स ने भी फिल्म में उनके रोमांस सीन पर सवाल उठाए हैं. वहीं अब इसे लेकर एक्ट्रेस रकुल प्रीत सिंह का बयान सामने आया है.
अक्षय कुमार और रकुल प्रीत सिंह की ये फिल्म कठपुतली साल 2018 में रिलीज हुई हिट तमिल फिल्म Ratsasan की हिंदी रीमेक है. जहां कई लोगों ने फिल्म में मर्डर मिस्ट्री की प्रशंसा की है, वहीं कुछ लोगों ने यह का कहना है अक्षय और रकुल के बीच के रोमांटिक एंगल का कहानी से कोई लेना देना नहीं है. फिल्म में दिखाया गया दोनों के बीच के रोमांटिक कैमिस्ट्री को हटाया भी जा सकता था.
वहीं इस तरह के बयानों पर अब रकुल प्रीत सिंह ने अपने विचार रखे हैं. लोगों का यह मानना के है कि अक्षय और रकुल की रोमांटिक कैंमिस्ट्री ने फिल्म के मिस्ट्री थ्रिलर के रोमांच को खत्म खर दिया है. इस पर रकुल ने इंडियन एक्सप्रेस को बयान किया. उन्होंने बताया कि दर्शकों के बीच एक ऐसा वर्ग भी है जो रोमांस, सॉन्ग, डांस भी पसंद करता है. ये सब फिल्म को मसालेदार बनाती है और कठपुतली हर तरह के दर्शकों को ध्यानमे रखकर बनाई गई है.
एक्ट्रेस आगे कहती हैं कि आज आप कहते हैं कि तेलुगु सिनेमा अच्छा कर रहा है तो वो दर्शकों के सामने पूरा मसाला पेश कर रहा है. आज के वक्त पर लोगों को एंटरटेनमेंट चाहिए. लोगों का जीवन फिछले कुछ सालों से काफी मुश्किल भरा रहा है. इंडियन सिनेमा का एक बड़ा वर्ग कहानी में हर तरह के कंटेंट का पूरा मजा लेता है.
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Don't Miss!
इधर वरूण धवन की 'जुड़वा 2' हिट हुई.. उधर एक धमाकेदार फिल्म से उनका नाम जुड़ गया। जी हां, हम बात कर रहे हैं सलमान खान स्टारर फिल्म किक से सीक्वल 'किक 2' की। जिसका निर्देशन साजिद नाडियावाला करने वाले हैं।
अफवाहों की मानें तो, जुड़वा 2 की सफलता को देखते हुए निर्माता साजिद नाडियावाला ने वरूण धवन और सलमान खान को एक साथ कास्ट करने का मन बना लिया है। हालांकि फिल्म में लीड किरदार सलमान ही निभाएंगे।
अब इस खबर में कितनी सच्चाई होगी.. यह तो फिलहाल पता नहीं। लेकिन कोई शक नहीं कि यदि सलमान खान और वरूण धवन एक साथ एक फिल्म में आते हैं.. तो फिल्म का धमाका करना फाइनल है। क्योंकि दोनों ही स्टार की गजब की फैन फॉलोइंग है।
According to rumours, Salman Khan and Varun Dhawan to Come Together For 'Kick 2'.
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७८ । राव गुलाबसिंह और उनका साहित्य
७ भोयुतराव मुकुदसिंह जो बूंदी का निजी संग्रहालय
राव गुलाबसिंह जा के विद्यमान वाज, उनके पौत्र राव मुकुन्द सिंह, बूंदी व निजी संग्रह म वृहत व्यग्य चद्रिका काव्य सिंधु पूर्वाद का अंग आदित्य हृदय प्रथा को एक एक प्रति मुरक्षित है। कवि द्वारा रचित जगदबा स्तुति' ग्रंथ व चार छ राव मुकुदसिंह जा से लेखक को प्राप्त हुए हैं। जगदम्बा स्तुति ग्रंथ का निर्देश प्रथसूची में नहीं है । जगदवा स्तुति के छ मे भगवती दुर्गा की महिमा एव प्रवस्ति ही प्राप्त होती है। इस तर्क को प्रश्रय मिलता है कि ये ४ छद मूलत 'दुगास्तुति' प्रथ वे ही रह थ जा बाद में जगदवा स्तुति के नाम से प्रचारित हो गए। इसके अतिरिक्त राव गुलाबसिंह के प्रकाशित ग्रंथों में गे नोतिचद्र भाग २, नीति मजरी, नाम सिंधु कोण भाग ४, वनिता भूषण एवं व्यग्पार्थ चद्रिका की एक सहित प्रति प्राप्त हुई है। राव गुलावसिंह मे प्राणित प्रथो की सूची छायाचित्र, हस्ताभर का नमूना आदि अत्यत मौलिक सामग्री भी राव मुकुसिंह जी से प्राप्त हुई है।
राव गुलाबसिंह व प्रशानित प्रथ-- राव मुन दसिंह जी के संग्रह से प्रमाणित ग्रंथों की एक सूची नर्ताको प्राप्त हुई है। यह सूची दो भागो में विभक्त है । प्रथम भाग में प्रकाशित प्रथो के नाम हैं। यथा--१ भूषण चदिवा २ व्यग्यार्थ घद्रिवा ३ प्रमपच्चीसी ४ पास पच्चीसी ५ रुद्रप्टम ६ रामाष्टक ७ गारदा ष्टष, ८ गंगाष्टक, ९ बालाष्टव १० नीति मजरी ११ नाम सिधु कोन ४ भाग द्वितीय भाग में प्रथश्यि गय है जो होने वाले थे। म ग्रंथ है--१ नोतिषद्र २ ललित ३ माव्य नियम
शोघ्र प्रमाणित होने वाल प्रयों की सूमो में से नीतिचद्र एवं ललित प्रय प्रसानिव रूप में उप हैं। इसके अतिरिक्त बृहत् व्यध्याय पद्रिया तथा बनिता भूषण प्रप भी प्रभानित रूप में उपल्प है दिनु सूची में उनका निर्देश नहीं है। अरवि के प्रकातियों या १६ हो जाती है। इनमें से निम्न लिक्षित प्रथही अतीय प्रयास से अध्ययनाप प्राप्त हो स हैं ।
१ बहुत व्यग्या पहिया २ ललित ३ बरिता भूषण, ४ नाम ४ भाग, ५ मी भाग ६ नीति मजरो ७ व्यग्या इंद्रिका
अनुपमा प्रय
राव गुलाबसिंह जी ३६ अगो-बीन करने पर मिलत
१ प्राति सूची का फोटो १०८ परिनिष्ट में |
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) बिलासपुर से होकर चलने वाली ज्यादातर गाड़ियां तीन से पांच घंटे देरी से चल रही हैं। स्थिति यह है कि हावड़ा-मुंबई रूट के साथ ही दूसरी दिशाओं की गाड़ियां भी इससे प्रभावित हो रही हैं। इसकी वजह से यात्रियों को परेशानी हो रही है। इधर, रेलवे का कहना है कि बारिश में रेलवे ट्रैक में मेंटनेंस के चलते इस तरह की दिक्कतें हो रही है। रेलवे ने पहले कोयला परिवहन के नाम पर मार्च से लेकर जून तक 50 से अधिक ट्रेनों को कैंसिल कर दिया, जिसके चलते छत्तीसगढ़ से दूसरे राज्यों के साथ ही स्थानीय यात्रियों को दिक्कतें हुई। लगातार विरोध और यात्रियों की मांग पर रेलवे ने ट्रेनों को बहाल तो कर दिया है। लेकिन, अब ट्रेनों की लेटलतीफी की नई समस्या खड़ी हो गई है। यात्रियों का कहना है कि रेलवे ने एक्सप्रेस और लोकल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया है, जिससे सुविधाएं मिल रही है। लेकिन, ज्यादातर गाड़ियां समय से एक से पांच घंटे तक लेट चल रही है। यह स्थिति एक दिन के लिए नहीं है। बल्कि, रोज-रोज इस तरह की समस्या उत्पन्न हो रही है।
बिलासपुर से भाटापारा, रायपुर के साथ ही दुर्ग-भिलाई तक रोजाना सफर करने वाले यात्री हैं। इसी तरह बिलासपुर से अकलतरा, जांजगीर-चांपा, रायगढ़ और कोरबा तक अधिकारी-कर्मचारी रोज अप-डाउन करते हैं, जो जनशताब्दी के साथ ही मुंबई-हावड़ा मेल, आजाद हिंद जैसे ट्रेनों में सफर करते हैं। जनशताब्दी को छोड़कर सभी गाड़ियां देरी से चलने के कारण उन्हें दिक्कतें हो रही है।
हावड़ा से चलने वाली ज्यादातर ट्रेनें करीब एक माह से लगातार देरी से चल रही है। सुबह सात बजे पहुंचने वाली ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस दोपहर 11. 30 बजे, 7. 30 में आने वाली हावड़ा- मुंबई मेल दोपहर 12 बजे, सुबह 9 बजे की आजाद हिंद एक्सप्रेस 12. 30 बिलासपुर पहुंची। इसी तरह हावड़ा- अहमदाबाद एक्सप्रेस तीन घंटे देरी से चल रही है। यह गाड़ी सुबह 11:40 बजे पहुंच रही है।
इसी तरह कटनी रूट में चलने वाली गाड़ियां भी समय पर नहीं चल रही है। बिलासपुर और दुर्ग से शुरू होने वाली एक्सप्रेस गाड़ियों को भी 10 से 20 मिनट देरी से छोड़ी जा रही है। इसके साथ ही कटनी रुट से आने वाली गाड़ियां भी रोज आधा घंटे से लेकर दो घंटे तक देरी से चल रही है।
यात्रियों ने बताया कि ऑननलाइन ट्रेन का समय पता करने पर ज्यादातर ट्रेनें रायगढ़ से पहले तक समय पर दिखती हैं। इसके बाद अचानक से ट्रेनें लेट हो जाती हैं। ऐसे में ट्रेनों की लेटलतीफी स्थानीय स्तर पर ही चल रही है।
इधर, रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि बारिश की वजह से रेलवे ट्रैक का मेंटनेंस चल रहा है। अलग-अलग जगहों पर ट्रैक में तकनीकी समस्या आने के कारण ट्रेनों को रोक कर नियंत्रित करना पड़ रहा है, जिसके चलते कुछ गाड़ियां देरी से चल रही है। बारिश में इस तरह की समस्या होती ही है।
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हम तेजी से परिवर्तन के समय में रहते हैं। स्मार्ट फोन के आविष्कार से स्क्रीन अल्ट्रा परिभाषा पिछले कुछ वर्षों के साथ उपकरणों के लिए। आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समय की एक छोटी अवधि के भीतर अप्रचलित हो जाने किस्मत में हैं। इस संबंध में बयान है कि कंपनी सोनी Betamax प्रारूप कैसेट, जो पिछली सदी के देर से 70-ies में लोकप्रियता में प्राप्त की है की रिहाई के बंद हो जाता है, कई दशकों के लिए अतिदेय लग रहा है।
जो अभी भी पुरानी तकनीक का उपयोग करता? हर कोई जानता है कि 80 साल में बेटामैक्स प्रारूप घरेलू अधिक आधुनिक समकक्ष से निष्कासित कर दिया गया था - वीएचएस। आप हैरान होंगे, लेकिन यह न केवल हिपस्टर्स हो सकता है। जापानी के लिए सबसे अधिक हिस्सा अभी भी वफादारी आधा इंच वीडियोटेप और पुरानी मशीनरी आदर है। यह सब इस समय जापानी दुकानों में उपलब्ध है। लेकिन है कि अभी भी नए विकल्प के उत्पादन के बावजूद इस दिन के लिए सच है।
कई लोग अपने मन में डिस्केट कि जब तक यह आविष्कार किया गया है सीडी, यूएसबी-ड्राइव और, ज़ाहिर है, इंटरनेट कंप्यूटर से कंप्यूटर डेटा स्थानांतरित करने के सबसे लोकप्रिय तरीका थे की सुखद यादें रखने के लिए। लेकिन नॉर्वे के निवासियों के बीच काफी सम्मान अभी भी डिस्केट। कुछ ही समय पहले, एक सॉफ्टवेयर डेवलपर फिन गुंडेरसन अपने ब्लॉग में कहा कि नार्वे डॉक्टरों फ्लॉपी डिस्क की सरकार के उपयोग में हर महीने मिलता है। प्रत्येक फ्लॉपी डिस्क एक अद्यतन सूची "patsient- डॉक्टर" विशेष राज्य प्रणाली है जिसमें हर पंजीकृत नागरिक एक विशिष्ट डॉक्टर का चयन कर सकते हैं। चिकित्सकों तक पहुंचने के लिए एक समय पर ढंग - क्योंकि रोगियों को किसी भी समय अपनी पसंद बदल सकते हैं, सूची लगातार अद्यतन किया जाना है, और जानकारी नहीं है।
फ्लॉपी डिस्क, सस्ते दूर यूएसबी ड्राइव की तुलना में कम कर रहे हैं। इसके अलावा, वे मानक सीडी के विपरीत स्मृति की एक छोटी राशि है,। यह देखते हुए कि कुछ नियमों में फ्लॉपी डिस्क मेल द्वारा दिया जा सकता है, और डेटा की मात्रा से अधिक 1. 44 KB नहीं है, वे तार्किक पसंद कर रहे हैं।
दस्तावेज़ों को स्कैन करने के लिए और फिर कई संगठनों में फ़ैक्स करना एक ई-मेल भेजने की क्षमता उनके अंत की शुरुआत प्रतिनिधित्व करते हैं। लेकिन प्रौद्योगिकी है, जो 1942 में वापस जापान में आविष्कार किया गया था, अभी भी आम। चित्रलिपि लेखन के महत्व के कारण, फैक्स मशीन एक सुविधाजनक तरीका कई जापानी द्वारा व्यक्तिगत नोट्स भेजने के रूप में देखा जाता है। वे फैक्स और अधिकारियों, और व्यक्तियों द्वारा संवाद। जापानी भूल जाते हैं और कानूनी दस्तावेजों और प्रमाण पत्र भेजने के बारे में है। फैक्स सुरक्षा की प्रामाणिकता की गारंटी के रूप में कार्य करता है।
कई सालों के लिए, एंड्रॉयड आधारित स्मार्टफोन की वैश्विक बिक्री को पार कर सुविधा फोन की बिक्री, कॉल और SMS संचरण के लिए विशेष रूप से आरक्षित किया गया है। हालांकि, उप सहारा अफ्रीका में अफ्रीकी देशों में, अच्छे पुराने सेल फोन अभी भी राजा है। ऐसा नहीं है बहुत पहले, सामाजिक सर्वेक्षण का आयोजन, शोधकर्ताओं ने पाया कि स्मार्टफोन काले महाद्वीप के सात देशों में लोकप्रियता नहीं प्राप्त की है। यह आंशिक रूप से केन्या और तंजानिया में आधुनिक उपकरणों की लागत, साथ ही लोकप्रिय बैंकिंग सेवाओं के कारण है। इन देशों के निवासियों को सक्रिय रूप से एक दूसरे के पैसे का अनुवाद कर रहे हैं, और यह उचित एसएमएस कोड दर्ज करने के लिए केवल आवश्यक है पुष्टि करने के लिए। अफ्रीका में बहुत से लोग अभी भी इंटरनेट से दूर हैं, तो उन दोनों के बीच वास्तविक जीवन संचार में साधारण पाठ संदेश भेजने के लिए कम है।
जिसके द्वारा दस्तावेजों तेजी से कंटेनर में स्थानांतरित कर हवा का प्रवाह एयर मेल, 19 वीं सदी के आविष्कार किया गया था। फिर भी, इन उपकरणों अभी भी प्रयोग में कई अस्पतालों में दुनिया में, उदाहरण के लिए यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में अस्पताल में हैं। कारण की लोकप्रियता सरल हैः वायवीय ट्यूब तुरन्त दूसरे करने के लिए इमारत के एक भाग से स्थानांतरित कर सकते हैं न केवल कागज, लेकिन यह भी दवाओं की पैकेजिंग है।
लोकप्रिय ऑपरेटिंग सिस्टम के युग पहले से आधिकारिक तौर पर 8 अप्रैल, 2014 पूरा हो चुका है। हालांकि, कई लोगों के लिए Windows XP के लिए वफादार बने हुए हैं। इस वियतनामी, साथ ही चीन, भारत, अल्जीरिया के कुछ निवासियों और कुछ अन्य देशों के बारे में 40% है। Windows XP के अलावा संस्थानों अभी भी अमेरिकी नौसेना के प्रयोग कर रहे हैं, और यह सही के लिए रॉयल्टी में अरबों डॉलर माइक्रोसॉफ्ट के के बावजूद सॉफ्टवेयर की सुरक्षा अपडेट प्राप्त करने के लिए जारी रखने के लिए।
टाइपराइटर एक सदी के लिए लोकप्रिय हो गया है, लेकिन अब वे कंप्यूटर कीबोर्ड द्वारा प्रतिस्थापित किया गया। हालांकि, वहाँ स्थानों पर जहां टाइपराइटरों अभी भी किया जाता है। उदाहरण के लिए, कुछ अमेरिकी राज्यों में अंतिम संस्कार घरों मृत्यु प्रमाण-पत्र पर मुद्रित कर रहे हैं। न्यूयॉर्क के एक पुलिस विभाग जल्द ही टाइपराइटरों पर प्रतिबंध लगाने का एक विधेयक पेश करेंगे। जाहिर है, इन उपकरणों के कई हिस्सों में अभी भी पुलिस की रिपोर्ट बनाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
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दुष्यंत मिश्रा, इंदौैर। शहर के के विजय नगर थाना क्षेत्र के मालवीय नगर में एक ढाई साल के बच्चे के अपहरण की खबर से हड़कंप मच गया। रहवासियों ने पूरे इलाके में सीसीटीवी फुटेज खंगाले और सीसीटीवी फुटेज की मदद बच्चा से एक चुराने वाली महिला को पकड़कर भीड़ ने उसकी पिटाई कर दी और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने महिला पर अपहरण और भीड़ पर मारपीट का केस दर्ज किया। बाद में जब महिला की काउंसलिंग कराई गई तो पता चला की महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इस पर पुलिस ने उसे नोटिस देकर छोड़ दिया। तीन बेटियों को जन्म देने के कारण महिला को उसके पति ने उसे घर से निकाल दिया था।
दरअसल विजय नगर थाना क्षेत्र के मालवीय नगर में रहने वाले मोहम्मद उमर सिद्दीकी की शिकायत पर उषा भार्गव निवासी खरगोन के खिलाफ अपहरण का केस दर्ज किया है। उमर ने पुलिस को बताया कि छोटा बेटा लुकमान कॉलोनी में खेल रहा था तभी एक महिला लुकमान को अगवा कर ले जा रही थी।
इसी दौरान अचानक बड़ा बेटा नोमान आ गया और लुकमान को अंजान महिला के साथ जाते देख शोर मचाया। महिला बेटे को छोड़ कर भाग गई। बाद में जब लोगों ने कॉलोनी में लगे सीसीटीवी फुटेज निकाले और कृष्णबाग कालोनी, मालवीय नगर, भमौरी, खजराना, रामकृष्ण नगर आदी कॉलोनियों में फुटेज वायरल किया। मंगलवार को महिला दोबारा कॉलोनी में दिखी और उमर और उसके परिजनों ने उस महिला को पकड़ कर पिटाई कर दी। उसे थाने ले गए और अपहरण की रिपोर्ट कर दी।
थोड़ी देर बाद मालवीय नगर निवासी महिला थाने पहुंची और बताया उषा उसकी बहन है। तीन बेटियां होने के कारण उषा को पति महेंद्र ने छोड़ दिया था। उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह बच्चे का अपहरण नहीं कर सकती। पुलिस ने उषा का मेडिकल करवाया और पिटाई करने वाले मोहम्द उमर, जेबुनीशा और अन्य के खिलाफ भी केस दर्ज कर लिया। वहीं महिला को नोटिस देकर छोड़ दिया।
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कुछ दिनों के बाद जब गांधीजी के ऑपरेशन के लिए उन्हें छोड़ा गया तब १९३४ में मैं उन्हें पूना के ससून हॉस्पिटल में देखने गया। वहाँ भी मैंने वही शांति और धीरज के साथ आशामयी मधुर मुस्कान देखी । उसके बाद महात्माजी जुहू आये और सेठ शांतिकुमार के बंगले में ठहरे । मैं सप्ताह में दो तीन बार सुबह उनसे मिलने जाया करता था क्यों कि मेरा विचार था कि म 'गांधी - अर्थशास्त्र' नाम की एक पुस्तक लिखूँ । पहले गांधीजी के साथ इस विषय में संपूर्ण चर्चा करने के बाद मैं पुस्तक के प्रकरण लिखता था । मेरे दुर्भाग्य के कारण यकायक गांधीजी वहां से चले गये और अर्थशास्त्र अधूरा रह गया । फिर भी उन डेढ़-दो महिनों में गांधीजी के साथ जो सम्पर्क स्थापित रहा उसके लिए मुझे संतोष है।
सन् १९२५-२६ में देश में राजनीतिक आन्दोलन की पूर्व भूमिका तैयार हो रही थी और इस विषय में केन्द्रीय असेम्बली में सरकारी और राष्ट्रीय पक्षों में तीव्र मतभेद और संघर्ष होता रहता था । राष्ट्रीय पक्षवालों ने स्वाभाविक ही गांधीजी और स्व. पं. मोतीलाल नेहरू से सहायता की मांग की। इस विषय में गांधीजी ने बताया कि उन्हें देशी व्यापारियों को दृष्टिबिंदु समझाने के लिए मैं खुद उनसे मुलाकात करूं; उस मुजब मैं जाकर चार पांच दिन उनके पास रहा । सुबह शाम जब वे घूमने जाते तो मैं भी उनके साथ ही जाता था । वे तरह तरह के सवाल पूछते और मुझे उनका जवाब देना होता था । कुछ भी निर्णय करने के पहले गांधीजी पहले अपने मन से ही पूछ लेते थे कि इस तरह के विचारों का समर्थन करने वाले स्वयं प्रामाणिक और देशहित का विचार करने वाले है या नहीं । मुझसे बातचीत करने के बाद इस विषय में उन्होंने कलकत्ता के स्व० बी० एफ० मदन के साथ भी चर्चा की थी ।
सन् १९२७ में गुजरात में भयंकर बाढ़ आई और बंबई में सर पुरुषोत्तमदास के अध्यक्षत्वमें बनाई हुई समिति के मंत्री के रूप में मैंनें तीन
वर्ष तक गुजरात की मदद के लिए मेहनत की । इस कार्य को मैंने गांधीजी का ही काम समझा था । उसके बाद स्वराज्य के लिए दूसरा आन्दोलन शुरू हुआ । जब सन् १९३२ में गांधीजी यरवदा जेल में थे तो वहीं उन्होंने हरिजनों के प्रश्न पर अनशन करना शुरू किया । म सेठ मथुरादास बसनजी के साथ गांधीजी से मिलने के लिए जेल में दो तीन बार गया । उस वक्त वह जेल न होकर कोई परिषद - भवन मालूम होता था जहां के उस चौड़े आँगन में बड़े पेड़ के नीचे अखंड वादविवाद जारी रहता था । किंतु दूसरी ओर भयंकर चिंता यह थी कि हरिजनों के लिए जो समझौता हुआ था उस पर अगर सही होने में देर हुई तो ईश्वर क्या ऐसी हालत में उनकी जिंदगी के दिन और बढ़ाएगा ? पर अंत में समझौता हुआ और करार पर सहियाँ हुई । उसके बाद 'हरिजन-सेवक संघ की स्थापना हुई । उसकी बंबई - प्रांतीय शाखा के अध्यक्ष पद पर सेठ मथुरादास की नियुक्ति हुई और मैं मंत्री बनाया गया। कुछ वर्षों के बाद सेठ मथुरादास ने अध्यक्षपद से इस्तीफा दिया और मुझे अध्यक्ष बनना पड़ा । गत साल ही मैंने अध्यक्षपद छोड़ा है । ' तिलकस्वराज्य फंड' की तरह 'हरिजन-आंदोलन' के लिए भी बंबई के उपनगरों से चंदा उगाहने के लिए खूब मेहनत की । सन् १९३३ की फरवरी में मुझे सख्त बीमारी का शिकार होना पड़ा था; तब गांधीजी ने लिखा था - 'आपका पत्र पढ़कर हम सब बहुत खुश हुए । बराबर आराम लेने के बाद शरीर बिलकुल ठीक करके ही फिर से काम शुरू करना, कुछ जल्दी नहीं है। तबियत के सुधार की खबर लिखना या किसी से लिखा देना; ईश्वर आपको दीर्घायु करे । '
● डॉ. हरिप्रसाद ब्रजलाल देसाई
( १ ) जब सन् १९१५ में दी.ब. अंबालाल साकरलाल का अवसान हुआ तो अहमदाबाद का नेतृत्व करने वाला कोई न था । उसके पहले हमारे यहाँ के मित्रमंडल ने स्वदेश के गीतों के साथ मुहल्ले मुहल्ले में आम सभाएँ कीं, जहाँ स्वदेश के लिए व्रत और भारतमाता की पूजा की योजना करके स्वदेशी स्टोअरों और रात्रिशालाओं के द्वारा तथा गांव गांव में पुस्तकालय, अंग्रेजी स्कूल और 'उद्बोधन' मासिक निकालकर शहर में और आसपास राष्ट्रीयता फैलाने के खूब प्रयत्न किये । नया क्रांतिकारी साहित्य प्रकाशित करने के लिए ' दादाभाई लायब्रेरी ' की भी स्थापना की गई । लाला लाजपतराय और मिसेज़ एनी बेसेंट को भी विशेष निमंत्रण देकर अहमदाबाद बुलाया गया था ।
उन्हीं दिनों खबर मिली कि मोहनदास गांधी स्वदेश आ रहे हैं, व अहमदाबाद स्टेशन होकर राजकोट जा रहे थे, इस लिए मैं उनके लिए स्वागत की तैयारी करने लगा, पर उसके पहले ही गांधीजी ने समाचारपत्रों में वक्तव्य दिया कि 'मुझे अपने बड़े भाई की मृत्यु का शोक है इसलिए कोई भी भाई स्टेशन पर न पधारे । '
हमारे उस वक्त के नेतागण यों भी ठंडे तो थे ही, और हो सकता वहां तक खतरनाक राजनीति से दूर रहते थे। उनके लिए तो 'रुच रहा था और वैद्य ने कह दिया' वैसी ही बात हुई । किंतु मैं गुजरात सभा का सदस्य नहीं था और व्यक्तिगत रूप से मुझे स्टेशन पर जाने के लिये कोई रुकावट नहीं थी । तीन चार दिन पहले से ही मैं गाड़ी का ध्यान रखने लगा और ठीक उसी दिन, जिस दिन गांधीजी सहकुटुम्ब जानेवाले थे, पहले से खबर पाकर मैं स्टेशन पहुंचा। |
इस्लामाबाद । पाकिस्तानी सेना ने दावा किया है कि नियंत्रण रेखा पर विभिन्न सेक्टरों में भारत की ओर से की गई गोलीबारी में चार पाकिस्तानी नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 10 अन्य घायल हुए हैं।
आईएसपीआर ने देर सोमवार एक बयान में कहा, "पाकिस्तानी सेना द्वारा प्रभावी जवाबी गोलीबारी में भारतीय जवानों की भारी क्षति होने की सूचना है। " पाकिस्तानी सेना ने बयान में कहा है कि उसकी ओर से 'जवाबी कार्रवाई' में छह भारतीय जवानों की जान गई है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत से 2003 के संघर्ष विराम करार का सम्मान करने और संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं की जांच करने और गांवों तथा नागरिकों को निशाना बनाना बंद करने के साथ नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने का आग्रह किया गया है।
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वाराणसी में 21 मार्च से तीन दिन तक विश्व कठपुतली दिवस पर पुतुल उत्सव मनाया जाएगा। वाराणसी में अस्सी घाट स्थित सुबह-ए-बनारस मंच पर 21 को और 22-23 मार्च को शाम 7:00 बजे से दीनदयाल हस्तकला संकुल में कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह कार्यक्रम संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली द्वारा आयोजित किया जाएगा।
इस उत्सव में बनारस की कठपुतली को विश्व स्तर पर अहमियत मिलेगी। वाराणसी में बनने वाली लकड़ी या काठ के खिलौने के बारे में लोगों को जानने का मौका मिलेगा। वाराणसी के साथ ही देश के पांच शहरों में आयोजित होंगे। पुतुल उत्सव की थीम आजादी के रंग, पुतल के संग रखी गई है।
बताया जाता है कि भारतीय नाट्यकला का जन्म कठपुतली के खेल से ही हुआ है। इस प्राचीन कला को इस उत्सव में लोकप्रिय बनाया जाएगा। कठपुतली नृत्य लोकनाट्य की शैली कही जाती है।
इसमें लकड़ी, धागे, प्लास्टिक या प्लास्टर ऑफ पेरिस की गुड़ियों के माध्यम से जीवन के प्रसंगों की अभिव्यक्ति का मंचन किया जाता है। वाराणसी के अलावा, हैदराबाद (तेलंगाना), अंगुल (ओडिशा), अगरतला (त्रिपुरा) और नई दिल्ली में पुतल उत्सव होगा।
कठपुतली के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि ईसा पूर्व चौथी शताब्दी में महाकवि पाणिनी के अष्टाध्यायी ग्रंथ में पुतला नाटक का उल्लेख मिलता है। साथ ही "सिंहासन बत्तीसी' नामक कथा में भी 32 पुतलियों की चर्चा है। पुतली कला की प्राचीनता के संबंध में तमिल ग्रंथ 'शिल्पादिकारम्' से भी जानकारी मिलती है।
पुतली कला कई कलाओं जैसे लेखन, नाट्य कला, चित्रकला, वेशभूषा, मूर्तिकला, काष्ठकला, वस्त्र-निर्माण कला, रूप-सज्जा, संगीत, नृत्य आदि का मिश्रण है। अब कठपुतली का उपयोग मात्र मनोरंजन के लिए नहीं, बल्कि शिक्षा कार्यक्रमों, रिसर्च कार्यक्रमों, विज्ञापनों आदि अनेक क्षेत्रों में किया जा रहा है। भारत में सभी प्रकार की पुतलियां पाई जाती हैं, जैसे धागा पुतली, छाया पुतली, छड़ पुतली, दस्ताना पुतली आदि।
संगीत नाटक अकादमी की सचिव टेमसुनारो जमीर ने बताया कि आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर पूरा देश अमृत महोत्सव मना रहा है। इस बार पुतुल उत्सव भी आजादी के अमृत महोत्सव के रंग में रंगा होगा। देश में पुतुल कला को बढ़ावा देने के लिए उत्सव के दौरान कुछ शहरों में वर्कशॉप भी आयोजित की जा रही है।
इसके अलावा कार्यक्रमों में पुतुल के माध्यम से आजादी के संघर्ष को दर्शाया जाएगा। इस उत्सव में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, आजाद, प्रकृति की महिमा, सत्याग्रह, रानी लक्ष्मी बाई और महालक्ष्मी कथा जैसे कई विषयों पर पुत्ली नृत्य दिखाया जाएगा। यह उत्सव भारत और विश्व के सांस्क़ृतिक और प्राचीन कला को संरक्षित करने की ओर एक सफल कदम साबित होगा।
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क्रॉस कंट्री रनर रूपेश मकवाना ने शनिवार को इंडिया गेट पर अपनी 6 हजार किलोमीटर दौड़ पूरी की। इस उपलब्धि के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के खेल गतिविधि तथा पेफी (फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया) के तत्वाधान में रूपेश ने 21 फरवरी 2023 को इंडिया गेट से 6000 किलोमीटर लंबी दौड़ को शुरू करते हुए इसे 99 दिनों पूरा करने का लक्ष्य रखा था।
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पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस माहौल के बीच सोशल मीडिया पर कई ऐसे पोस्ट वायरल हुए जिनमें भारत के अन्य हिस्सों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों को परेशान करने के दावे किए गए। इन दावों के बीच देहरादून पहुंचे पीडीपी विधायक एजाज अहमद मीर। देखिए ये रिपोर्ट।
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शाहरुख खान और काजोल आइसलैंड में दिलवाले के लिए एक रोमांटिक गाने की शूटिंग कर रहे हैं। और शाहरूख खान की मानें तो काजोल हर गाने में एक जादू-सा भर देती है जिससे यह बिलकुल पिछले गाने की तरह लगने लगता है। शाहरुख और काजोल जिस गाने की शूटिंग कर रहे हैं, इसे फराह खान ने कोरियोग्राफ किया है।
करण अर्जुन के इस गाने में दोनों कमाल लगे थे।
यूं तो पूरी दिलवाले में ही बस रोमांस ही था।
उफ्फ ये हमारा तो फेवरिट है।
बाज़ीगर का टाईटल ट्रैक में दोनों शानदार लगे थे।
माई नेम इज़ खान में सजदा का क्यूट रोमांस।
अनु मलिक की आवाज़ छोड़कर गाने में सब अच्छा था।
केवल 40 सेकंड में अगर कोई जादू चला सकता है तो वाकई ये जादू ही है।
अब दिलवाले के इस रोमांटिक गाने के लिए कम से कम 18 दिसंबर तक तो रूकना ही पड़ेगा।
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मेडिकल रिकवरी एजेंट ही लुटेरों के निशाने पर क्यों?
रायपुर । राजधानी के मेडिकल रिकवरी एजेंट लुटेरों के निशाने पर हैं। लुटेरे शनिवार को ही एजेंट्स को शिकार बना रहे हैं। पिछले दो माह में राजधानी में लूट की चार घटनाएं हो चुकी हैं। हालांकि एक घटना में लुटेरे पैसा लूटने में कामयाब नहीं हो पाए। इस शनिवार को फिर लुटेरों ने एक मेडिकल रिकवरी एजेंट को डेंटल कॉलेज के पास शिकार बनाया। सप्ताह भर का पैसा कलेक्ट कर दुकान लौट रहे एजेंट का बैग काटकर सवा लाख रुपए पार कर दिए। पांचवीं बार हुई लूट से व्यापारी दहशत में हैं। व्यापारी कर्मचारी को रिकवरी पर भेजने से डर रहे हैं। किसी भी मामले में पुलिस लुटेरों तक नहीं पहुंच पाई है।
मौदहापारा थाना प्रभारी गोराचंद पति ने बताया कि रजबंधा मैदान न्यू मेडिकल काम्प्लेक्स में जगदीश पटेल का आदर्श मेडिकल स्टोर है। वहां नारद साहू (30) रिकवरी का काम करता है। वह शाम को साइकिल से रिकवरी करने निकला था। फाफाडीह, नर्मदापारा और गंज इलाके के मेडिकल स्टोर्स से पैसा इकट्ठा कर वह मरहीमाता मार्ग होते हुए दुकान जा रहा था। शाम 6. 15 बजे मरहीमाता की ओर से एक बाइक में दो युवक आए। इनमें से पीछे बैठा युवक बाइक से उतरकर दौड़ते हुए नारद के पास गया फिर धारदार हथियार से बैग को काटा और बैग लेकर मौदहापारा की ओर भाग गया। पुलिस ने बताया कि नारद आरोपियों को ठीक से देख भी नहीं पाया और न ही गाड़ी का नंबर नोट कर पाया।
पुलिस ने बताया कि लुटेरों ने अब तक सप्ताह के आखिरी दिन यानी शनिवार को वारदात की है। लुटेरों को पता है कि पांच दिन के कारोबार के बाद दवा कारोबारी छठवें दिन शनिवार को रिकवरी कराते हैं। ज्यादातर दवा कारोबारी के रिकवरी एजेंट साइकिल पर ही रिकवरी करने जाते हैं और पैसा बैग में लेकर आते हैं। पुलिस को आशंका है कि लुटेरे पहले रेकी करते हैं, उसके बाद वारदात। लूटेरों को पता होता है कि कौन व्यक्ति किस मेडिकल स्टोर का रिकवरी एजेंट है। वह कितने की रिकवरी करता है। मेडिकल कॉम्प्लेक्स से लेकर जिन दुकानों में रिकवरी की जाती है, वहां तक रेकी की जाती है। जब रिकवरी एजेंट लौटते हैं, तभी वारदात करते हैं।
इससे पहले लुटरे चार वारदात कर चुके हैं। पहली घटना खमतराई में हुई थी। आशीष मेडिकल स्टोर के एजेंट से 40 हजार रुपए की लूट हुई थी। दूसरी घटना न्यू शांति नगर एकता अस्पताल के पास हुई। श्याम मेडिकल के रिकवरी एजेंट से 65 हजार रुपए लूटा गया था। तीसरी घटना रामकृष्ण अस्पताल के पास नीलकंठ मेडिकल स्टोर के एजेंट के साथ हुई थी। उसका बैग काटकर 60 हजार रुपए लुटेरे ले गए थे। चौथी घटना कुशालपुर चौक के पास दौलत मेडिकल के एजेंट के साथ हुई थी,लेकिन लुटेरे बैग नहीं छीन पाए थे।
पुलिस को आशंका है कि लुटेरे कटर से बैग को काटते हैं। तकनीक से बैग काटा जाता है, तभी बैग एक बार में कट जाता है। 2008 में क्राइम ब्रांच ने मंगलोर के एक गिरोह को पकड़ा था, जो ऐसे ही तकनीक का इस्तेमाल करता था। गिरोह से आधा दर्जन लूट की घटना खुली थी।
क्राइम ब्रांच की टीम लूट की जांच कर रही है। सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच की जा रही है। रेकी के बाद घटना को अंजाम दिया जा रहा है। इसमें बाहरी गिरोह का हाथ हो सकता है।
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शिवपुरी। आम आदमी का बजट बिगाड़कर जीवन यापन की रोजमर्रा की घरेलू उपयोग की बस्तुओं के दाम बेतहाशा बढ़ा कर लोगों को दाल-रोटी तक को तरसाने बाली मंहगाई के विरोध में कांग्रेस पार्टी लगातार आन्दोलन कर रही है।
इसी क्रम में जिला कांग्रेस कमैटी के प्रवक्ता विजय चौकसे ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि शिवपुरी जिले में पार्टी के बरिष्ठ नेता केपी सिंह कक्काजू के मार्गदर्शन में जिलाध्यक्ष पं. श्रीप्रकाश शर्मा के नेतृत्व में कोलारस,करैरा,पिछोर,पौहरी सहित कई स्थानों पर युबक कांग्रेस के बैनर तले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैलगाड़ी एबं ठेले पर गैस सिलेन्डर और दुपहिया वाहन रखकर रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा।
इसके साथ ही हस्ताक्षर अभियान चलाकर बढ़ती मंहगाई का बिरोध प्रदर्शन किया और कोरोना मृतको के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की तथा आज करैरा में युबक कांग्रेस बिधानसभा अध्यक्ष रूपेन्द्र यादव ने प्रदर्शन के दौरान विरोध स्वरूप अपने एक दर्जन साथियों के साथ मुण्डन भी कराया जिला प्रवक्ता विजय चौकसे ने आगे बताया कि भाजपा सरकार जब तक मंहगाई कम नहीं करेगी तब तक कांग्रेस आम जनता के हित की लड़ाई लड़ते हुये मोर्चे पर डटी रहेगी।
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India News (इंडिया न्यूज़), Crime News: राजस्थान के झुंझुनू के गोठड़ा गांव में एक चचेरे भाई ने अपने ही भाई पर चाकू से हमला कर दिया। युवक की हमले में मौत हो गयी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
युवक के परिजनो का कहना है कि वेद प्रकाश शर्मा अपने घर पर सो रहा था। उसी समय रजनीकांत चाकू लेकर आया और सोते समय वेद प्रकाश शर्मा पर चाकू से हमला कर दिया। वही परिजनों ने आनन फानन में हॉस्पिटल ले जाने लगे जहां पर वेद ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंच गयी। वेद पर बचाव करने आए युवक पर भी रजनीकांत ने हमले की कोशिश की और जान से मारने की धमकी भी देने लगा।
आरोपी रजनीकांत को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। खेतड़ी राजकीय अजीत अस्पताल की मोर्चरी में मृतक के शव को रखवा दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
परिजनों को आशंका है कि पुरानी दुश्मनी के कारण रजनीकांत ने देव पर हमला किया है। फिलहाल पुलिस ने आरोपी रजनीकांत को गिरफ्तार कर लिया है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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जब बॉडीवेट प्रशिक्षण की बात आती है, तो पेशेवरों की एक अंतहीन सूची होती हैः आप इसे कहीं भी कर सकते हैं, यह आपके जोड़ों पर आसान है, यह विविधता से भरा है, और यह आपके रीढ़ की हड्डी को लोड किए बिना आपके कोर को मजबूत करता है, बस कुछ नामों के लिए।
लेकिन एक बड़ा गिरावट हैः पुलअप बार या वजन के बिना अपनी पीठ पर काम करना मुश्किल है।
पुरुषों का स्वास्थ्य अगला शीर्ष ट्रेनर एंडी स्पीयर को एक समाधान मिला, हालांकि। अगली बार जब आप एक साथी के साथ सैन्स उपकरण का काम करते हैं- आपके दोस्त, भाई, पत्नी-स्वादपूर्ण पंक्ति का प्रयास करें।
जब आप अपने साथी को पंक्तिबद्ध करते हैं तो यह आपकी लेट्स को काम करता है, और जब आपका पार्टनर आपको पंक्ति देता है तो यह आपके कोर को काम करता है। देखो स्पीकर और उसके मंगेतर क्रिस्टीना जेन्सेन उपरोक्त वीडियो में अभ्यास करते हैं।
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पूनम पांडे को हुआ इश्क वाला लव..
किंगफिशर की विवादित बिकनी बेब पूनम पांडे को इश्क हो गया है...वो ही सही वाला... हैरान हो गये ना लेकिन दोस्तों यह सौ प्रतिशत सही बात है। सच में नशा की नशीली हिरोईन पूनम पांडे को प्यार हो गया है जिसका खुलासा उन्होंने खुद किया है। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर वो है कौन जिससे पूनम पांडे को प्यार हो गया है तो हम आपको बता दें कि पूनम को प्यार हुआ है अपनी हाई हिल वाली सैंडिल से।
मैडम ने ट्विट किया है कि I am in love with my new #Heels got from #aldo. #yeaaay #pretty #feet #haha #cute #me.
आप पूनम के ट्विट से उनके बिंदास पन का अंदाजा लगा चुके होंगे। पूनम पांडे वैसे गंभीर मुद्दों पर भी ट्विट करने से बाज नहीं आती हैं।
सेक्स को लेकर अश्लील ट्विट करने वाली पूनम ने अपने जन्मदिन को भी नहीं बक्शा। 11 मार्च को अपने जन्मदिन वाले दिन पूनम ने ट्विट किया था आज साल 69वां दिन है। और आज मेरा जन्मदिन है।
आप लोग समझ गये होंगे कि आखिर मैं इतनी सेक्सी क्यों हूं। पूनम का मतलब सेक्स पोजिशन 69 से था। फिलहाल पूनम इन दिनों नशा नाम की एडल्ट फिल्म में व्यस्त हैं। उन्हें लगता है कि यह फिल्म एक बड़ी हिट होगी।
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इस डिसऑर्डर में मिर्गी आना या लकवा मार जाने जैसी समस्याएं शामिल है। रिसर्च में यह बात सामने आई कि अगर मिर्गी के मरीज कुछ खास तरह के प्राणायाम करें, तो उन्हें काफी हद तक फायदा मिलेगा। इसको लेकर इस रिसर्च की गई। साथ ही दवा देने में काफी कमी की गई। 6 महीने तक मेडिटेशन करने के बाद जब मिर्गी के पेशंट्स को जांचा गया तो फायदा पहुंचने वाली दिमागी अल्फा वेव्स में काफी बढ़त देखी गई।
स्ट्रोक की वजह से लकवा मार जाने की समस्या में एक खास प्रोटोकॉल के जरिए योग के कई आसनों को आजमाया गया। इससे यह साबित हुआ कि इस आसनों की वजह से न सिर्फ उनके बैलेंस में इजाफा हुआ बल्कि उनकी स्पीच और शरीर पर कंट्रोल भी बढ़ा।
पेंट सबंधी समस्या से जूझ रहे मरीजों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। रिसर्च से पता चला कि इसका कारण पेट से जुड़ा न होकर दिमाग से जुड़ा है। इसके निवारण के लिए डॉ. के. के. दीपक की टीम ने पेट पर जोर डालने वाले कुछ खास आसनों के साथ अनुलोम-विलोम में थोड़ा-सा बदलाव करके एक प्रोटोकॉल तैयार किया। उन्होंने पाया कि दाहिने नथुने से सांस लेने पर मेटाबॉलिज्म में तेजी आती है और परेशानी में राहत मिलती है।
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लखनऊ, एक फरवरी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि केंद्रीय आम बजट समाज के सभी वर्गो को समृद्ध और सशक्त करने वाला है।
भाजपा मुख्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने गांव, गरीब, किसान व्यापारी, युवाओं और महिलाओं सहित समाज के सभी वर्गों की अपेक्षाओं को पूरा करने वाले शानदार बजट को पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।
उन्होंने कहा कि हम सभी को अब एक साथ नई संकल्प शक्ति के साथ आगे बढ़ना है और कोविड-19 के वैश्विक संकट से जूझ रहे देश के लिए यह बजट आशा व उत्साह का संचार करने वाला है।
सिंह ने कहा कि यह बजट आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने वाला विकासोन्मुखी और सर्वसमावेशी बजट है, यह बजट भारत को प्रगति व उन्नति के पथ पर आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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मैं आपकी पुस्तक देख गया । उसके कई अध्याय पढ़े । औपचारिक बात नहीं कहता, इस सुन्दर रचना के लिए आप वस्तुतः बधाई की पात्र हैं ।
विनोबाजी के विषय में कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं, लिखी जायंगी । इनमें उनके जीवन-चरित्र का विशद वर्णन होगा, उनके विचारों पर ऊहापोह होगा, आलोचन-प्रत्यालोचना होगी । पुस्तकें अपने ढंग की अच्छी होंगी । आपने पुस्तक नहीं लिखी है, विनोबाजी के जीवन के कई चलचित्र लिये हैं । विनोबा जैसे हैं वह उनकी ही जुबान, उनके गंभीर विचारों से, हँसी-मजाक से, कामों से, - पढ़नेवाले के सामने रख दिया है। उनकी साधुता, उनका दार्शनिक दृष्टिकोण, उनकी वर्म के प्रति श्रद्धा और उनका 'मनुष्यपन' सब सामने है । इन स्फुट चित्रों को मिलाकर पाठक उनकी 'कृत्सना' का चित्र बना सकता है । विशेष अवसरों पर की दूसरी बात है, परन्तु दिन-प्रतिदिन, हर काम में, हर समय, कृत्रिमता नहीं बरती जा सकती । हमारे सामने उनका सहज स्वरूप आ गया है। उनके विचारों से किसीको सहमति हो या नहीं, यह दूसरी बात है।
मैं आपको एक बार फिर बधाई देना चाहता हूं । भक्त अपने श्रद्धापात्र के स्वरूप को अजानन्नपि सुन्दर रंगने की चेष्टा करता है और इस प्रकार दूषितरंजन का अपराधी बन जाता है । जहांतक मैं देख पाया हूं, आपकी पुस्तक में यह दोष नहीं है । यह बहुत बड़ी बात है।
-पुस्तक को मैं जितना देख सका, उससे मन पर अच्छा प्रभाव पड़ा । शैली स्वाभाविक किन्तु हृदयग्राही है और पुस्तक में पूज्य विनोबाजी के जीवन व विचारों के संबंध में नई बातें जानने को मिलीं । मेरा विश्वास है कि इस पुस्तक का हिन्दी - जगत् में अच्छा स्वागत होगा और बहुत से रचनात्मक कार्यकर्ता तथा अन्य व्यक्ति जो पूज्य विनोबाजी के विचारों में दिलचस्पी रखते हैं, इसे ध्यान से पढ़ेंगे । |
कलौंजी (Nigella sativa) एक ऐसा मसाला है, जो अक्सर किचन के किसी कोने में रखा रहता है। क्योंकि इसका इस्तेमाल रोजाना के खानपान में नहीं हो पता है। या तो यह आचारों में डलती है या फिर बालों में तेल चंपी करने में इस्तेमाल की जाती है। भोजन में एक अलग स्वाद जोड़ने से लेकर बाल, त्वचा और अन्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान करने तक, यह छोटा सा मसाला यह सब कर सकता है।
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मेरठ। थाना सिविल लाइन निवासी एक युवती सारथी संस्था की अध्यक्षा के साथ बुधवार को पुलिस ऑफिस पहुंची। पीड़िता ने बलात्कार व गर्भपात का संगीन आरोप लगाते हुए एक जिम ट्रेनर पर कार्यवाही करने की मांग की।
युवती ने एसपी अपराध को प्रार्थना-पत्र देते हुए बताया कि वह प्रभात नगर स्थित बोर्ड टैम्पल जिम में व्यायाम करने के लिए जाती थी। उसी दौरान जिम ट्रेनर से उसकी मुलाकात हो गई।
युवती का कहना है कि जिम ट्रेनर ने शादी का झांसा देकर उसके साथ 10 फरवरी को दुष्कर्म किया। जिससे वह गर्भवती हो गई। आरोप है कि जिम ट्रेनर कपिल चौहान ने जबरन उसका गर्भपात कराते हुए जान से मारने की धमकी दी।
बुधवार को सारथी संस्था की अध्यक्षा कल्पना पांडे के नेतृत्व में पीड़िता एसपी क्राइम से मिलीं और आरोपी के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने की मांग की। एसपी क्राइम ने जांच-पड़ताल के बाद कार्यवाही का भरोसा दिया है।
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पांवटा-शिलाई नेशनल हाई-वे पर काम कर रही कंपनी ने सतौन में गांव के बीचोंबीच खेतों के साथ खुदाई का मलबा फेंकने पर स्थानीय ग्रामीण भड़क गए हैं। जानकारी के अनुसार पांवटा साहिब-शिलाई नेशनल हाई-वे-707 का इन दिनों निर्माण कार्य चल रहा है।
पांवटा साहिब से सतौन तक का कार्य एक कंपनी को मिला है। कंपनी ने सतौन के आसपास सड़क को चौड़ा करने का कार्य चलाया हुआ है, लेकिन निर्माणाधीन कंपनी सड़क से खुदाई में निकलने वाला मलबा डंपिंग साइट में डालने की बजाय सतौन गांव के बीचोंबीच लोगों के खेतों के पास डाल रहे हैं, जिससे स्थानीय ग्रामीणों ने मौके पर पहुंचकर मलबे से भरे ट्रकों को रोक दिया। इसके साथ ही कंपनी की जेसीबी मशीन को भी बंद करवा दिया। ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ ऐतराज जताया तथा प्रशासन से कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। ग्रामीण राजेश कुमार, जगत सिंह, तरसेम, योगेश, दीप चंद आदि ने बताया कि उनके घर के नजदीक बरसात में पूरे क्षेत्र का पानी इक_ा होता है तथा घर के नजदीक कंपनी अपनी गाडिय़ों से सड़क का मलबा फेंक रहे हैं। यदि यहां पर मलबा डाला गया तो उनके घर को पानी से कटावा होने का खतरा पैदा हो जाएगा। उधर, पांवटा साहिब के एसडीएम विवेक महाजन ने बताया कि कंपनी डंपिंग साइट के अलावा कहीं भी मलबा नहीं डाल सकती है। यदि कंपनी ने ऐसा किया होगा तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। (एचडीएम)
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एक्ट्रेस और मॉडल वलेरी फॉक्स ने शनिवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर एक फोटो पोस्ट किया और कैप्शन में लिखा, 'अपने ऊपर गर्व कीजिए? महिला के साथ मारपीट?
इसके बाद वॉर्न ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मामले की सफाई पेश करते हुए एक बयान का फोटो अपलोड किया।
फॉक्स ने ट्विटर पर फोटो शेयर करते हुए लिखा है, 'मैं झूठ नहीं बोल रही हूं। आप मशहूर हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी महिला के साथ मारपीट कर वहां से भाग सकते हैं। ' फॉक्स शुक्रवार रात को लंदन में एक नाइट क्लब के फ्लोर पर गिरी हुई मिली थीं।
0 साल की पॉर्न स्टार फॉक्स ने इस ट्वीट के बाद अपनी आंख पर लगी चोट वाली तस्वीर भी शेयर की है। इस तस्वीर के साथ उन्होंने ट्वीट कर लिखा, 'एक महिला पर हाथ उठाया है, अपने पर गर्व करो। ' हालांकि उन्होंने इस ट्वीट में वॉर्न का नाम तो नहीं लिखा। इसके अलावा पुलिस कार्ड भी दिखाया है। पुलिस नोट में नजर आ रहा है कि उनकी शिकायत को वेस्टमिंस्टर को पास कर दिया गया है। वॉर्न भी उस नाइट क्लब में नजर आए थे।
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किं तु ब्रवीमि
बलिनां पुरतः प्रसा
कन्दर्पदर्पदलने विरला मनुष्याः ॥ ५८ ॥
इस पृथ्वी पर, मतवाले हाथीका मस्तक विदारनेवाले शूर अनेक हैं, प्रचण्ड मृगराज - सिंहके मारनेवाले भी कितने ही मिल सकते हैं, परन्तु बलवानोंके सामने हम हठ करके कहते हैं, कि कामदेवके मदको मर्दन करनेवाले पुरुष कोई बिरले ही होगे ॥५८॥
खुलासा- हाथियों और सिंहांको पराजित करनेवाले शूरचीर इस पृथ्वीपर अनेक मिल सकते हैं; पर कामदेवको वशमें करनेवाला अथवा कामिनीके कटाक्ष-वाणोंसे पराजित न होने वाला, कोई एक भी कठिनसे मिलता है। बडे-बड़े युद्धक्षेत्रो में विजयी होनेवाले शूरवीरोंकी भी शूरवीरता इन कामिनियोंके आगे न जाने कहाँ चली जाती है ? बड़े-बड़े बहादुरोंकी ज़बानसे यही निकलता है-मर गये हम इक इशारेमें निगाहे नाजके ।
पर वक़ौल स्वामि शंकराचार्य्यजीके सच्चा शूरवीर वही है, जो मनोज-कामदेवके वाणोंसे व्यथित न हो अर्थात् कामिनीके दाममें न फॅसे। कहा है-शूरान्महाश्रतमोऽस्ति को वा ? । मनोजवाणैर्व्यथितो न यस्तु ॥
प्राज्ञोथ धीरश्च शमस्तुको वा ? । प्राप्तो न मोहं ललनाकटाक्षः ॥
संसारमें सबसे बड़ा शूरवीर कौन है ? सबसे बड़ा शूरवीर वही है, जो कामदेवके वाणोंसे पीड़ित न हो। बुद्धिमान, धीर और समदर्शी कौन हैं ? जो स्त्रीके कटाक्षसे मोहित न हो ।
हमें एक "सर्व्वजीत" नामक राजाकी कथा याद आ गई है। उसे हम अपने पाठकोंके मनोरञ्जनार्थ नीचे लिखते ह । पाठक उसे कोरे मनोरञ्जनका ही मसाला न समझें, बल्कि सच्चे सर्व्वनीत बननेकी चेष्टा करें :सर्व्वजीत राजा ।
एक राजाने सारी पृथ्वीको जीतकर अपना नाम "सर्व्वजीत" रक्खा । सब देशोंकी रैयत और उसके मातहत राजा-महाराजा उसे "सर्व्वजीत" कहने लगे; लेकिन स्वयं राजमाता राजाकी जननी - उसे "सर्व्वजीत" न कह कर, उसे उसके पुराने नामसे ही पुकारती ।
एक दिन राजाने अपनी माँ से कहा- "माता जी ! सारा संसार मुझे 'सर्व्वजीत' कहता है, पर आप मुझे मेरे पुराने नाम से ही क्यों पुकारती हो ?" राजमाताने कहा - "बेटा ! बाहरके देशोंके जीतनेसे कोई "सर्व्वजीत" नहीं हो सकता। तूने सारा संसार जीत लिया, पर अपना शरीर, मन और इन्द्रियाँ तो जीती
ही नहीं। तेरा शरीर दिन-दिन क्षय हो रहा है और तेरी इन्द्रियाँ तुझे विषय-भोगों और कुकर्मोकी तरफ ले जा रही हैं। पहले त्तू भीतरी शत्रु काम, क्रोध, मोह, लोभ प्रभृति और अपने मन तथा इन्द्रियों को वशमें कर, तब मैं तुझे "सर्वजीत" खुशीसे कहूगी। देख, व्यास भगवान्ने कहा है :न रणे विजयाच्छूरोऽध्ययनान्न पण्डितः । न वक्ता वाक्पटुत्वेन न दाता चार्थदानतः ॥१॥ इन्द्रियाणां जयेशूरो धर्मं चरति पण्डितः । हितप्रायोक्तिभिर्वक्ता दाता सम्मानदानतः ॥ २॥ रण-क्षेत्रमें विजयी होनेसे कोई शूर नहीं हो सकता ६ शास्त्र पढ़नेसे कोई पण्डित नहीं हो सकता, धड़ाधड़ व्याख्यान देनेसे कोई वक्ता नहीं हो सकता और धन दान करनेसे कोई दाता नहीं हो सकता ।
जों इन्द्रियों पर जय प्राप्त करता है, वह शूरवीर कहलाता है; जो धर्मपर चलता है, वह पण्डित कहलाता है ; जो हितकारी बातें कहता है, वह वक्ता कहलाता है और जो दूसरोंका आदर-सम्मान करता है, वह दाता कहलाता है
हाथी मारनहार, होत ऐसेहू शूरे । मृगपति बघ कर सकें, बकें नहिं नेकहु पूरे ॥
बड़े-बड़े बलवन्त बीर, सब तिनके आगे। महावली ये काम, जाहि देखत सब भागे ॥ अभिमान भरे या मदनको, मान मार मेटे अवधि । नर घरम-धुरन्धर वीर वै, विरले या संसार अघि ॥५८॥
सार-शुरवीर इस जगत्में बहुत हैं; पर कामिनियोंके कटाक्ष- चाणोंसे घायल न होनेवाला सच्चा शूरवीर शायद ही कोई एक हो ।
58. There are many a hero on this earth who can tear the head of a mad elephant and there are also many powerful enough to kill a fearful lion but I can challenge all the strong men aud say that there are few who can fully control the excitements of passions.
सन्मार्गे तावदास्ते प्रभवति स नरस्तावदेवेन्द्रियाणां लज्जां तावद्विधत्ते विनयमपि समालम्बते तावदेव ।। श्रूचापाकृष्टमुक्ताः श्रवणपथगता नीलपद्माण एते यावल्लीलावतीनां हृदि न धृतिमुषो दृष्टिवाणाः पतन्ति ॥५६॥ पुरुष सत्मार्गमें तभीतक रह सकता है, इन्द्रियोंको तभीतक वशमें रख सकता है, लज्जाको उसी समय तक धारण कर सकता है, नत्रताका अवलम्बन उसी समय तक कर सकता है, जबतक कि लीलावती स्त्रियोंके भौंह रूपी धनुषसे कानतक खींचे गये, श्याम |
प्रतिवर्ष देश में 15 जनवरी को सेना दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. देश में हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस लेफ्टिनेंट जनरल के. एम. करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पदभार ग्रहण करने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. बता दें कि आज ही के दिन साल 1949 में उन्होंने आजाद भारत में ब्रिटिश राज के समय के भारतीय सेना के अंतिम अंग्रेज शीर्ष कमांडर जनरल रॉय फ्रांसिस बुचर से यह पदभार लिया था.
सेना दिवस को देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है. आज माँ भारती के शहीदों और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जवानों को प्रमुख सम्मान मिलता है. देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों की विधवाओं को सेना मैडल और अन्य पुरस्कारों के साथ सम्मानित करते हैं. बताया यह भी जाता है कि आज के दिन शाम के समय तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और सरकार के मंत्रिमंडल से मुलाक़ात करते हैं.
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उत्तराखंड में सभी सरकारी जमीनों का अलग विशेष क्रमांक (यूनिक नंबर) होगा। इस कवायद के तहत सभी विभाग अपनी संपत्तियों का एक रजिस्टर बनाकर उसका डिजिटल रिकार्ड तैयार करेंगे। धामी सरकार ने निर्देश दिए हैं।
उत्तराखंड में सभी सरकारी जमीनों का अलग विशेष क्रमांक (यूनिक नंबर) होगा। इस कवायद के तहत सभी विभाग अपनी संपत्तियों का एक रजिस्टर बनाकर उसका डिजिटल रिकार्ड तैयार करेंगे। इससे भविष्य में सरकारी भूमि पर होने वाले अतिक्रमण की पहचान आसानी से की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर आयोजित बैठक में अफसरों को यह निर्देश दिए। सीएम ने कहा कि सरकारी भूमि की समय- समय पर सेटेलाइट फोटो ली जाएं। भूमि से अतिक्रमण हटाने को जिले से लेकर राज्यस्तर तक गठित कमेटियां नियमित रूप से इस पर निगरानी रखें।
सीएम ने सभी जिलाधिकारियों को शत्रु संपत्तियों का स्थलीय निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा, जिन शत्रु संपत्तियों को जिला प्रशासन ने अब तक अपने अधीन नहीं लिया है, उन्हें शीघ्र लिया जाए। जिन्हें अधीन लिया जा चुका है, उनमें क्या पब्लिक प्रोजेक्ट बन सकते हैं, इस संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा जाए।
उन्होंने अवशेष शत्रु संपत्तियों के जल्द चिह्निकरण को भी कहा। बैठक में वन अधिकारियों ने बताया कि अब तक 455 हेक्टेयर क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंदबर्द्धन,सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. पंकज पाण्डेय, गढ़वाल व कुमाऊं के कमिश्नर के साथ ही डीएम व पुलिस कप्तान वर्चुअली बैठक से जुड़े।
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गूगल में ग्लोबल अफेयर्स के प्रेसिडेंट केंट वॉकर ने कहा, "यह काम देश के मौजूदा एयर रेड अलर्ट सिस्टम का पूरक है और यूक्रेन की सरकार द्वारा पहले से दिए जा रहे अलर्ट पर आधारित है। "
एंड्रॉइड सूचनाएं यूक्रेनी सरकार द्वारा पहले से भेजे जा रहे अलर्ट पर आधारित होंगी।
वॉकर ने गुरुवार देर रात एक बयान में कहा, "दुख की बात है कि यूक्रेन में लाखों लोग अब सुरक्षा पाने के लिए हवाई हमले के अलर्ट पर भरोसा करते हैं। "
गूगल ने कहा कि इस क्षेत्र में शरणार्थियों की बढ़ती संख्या में मदद करने के लिए, यह व्यवसायों को ध्वजांकित करने के तरीके विकसित कर रहा है यदि वे शरणार्थियों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
कंपनी ने कहा, "आज से, यूक्रेन के पड़ोसी देशों में होटल मालिक अपने बिजनेस प्रोफाइल पर संकेत कर सकते हैं कि क्या वे शरणार्थियों के लिए मुफ्त या रियायती आवास की पेशकश कर रहे हैं। "
यूक्रेन के शरणार्थियों को विभिन्न सेवाएं और सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय व्यवसाय खोज और मानचित्र पर अपनी व्यावसायिक प्रोफाइल पर पोस्ट कर सकते हैं।
गूगल ने कहा, "आने वाले हफ्तों में हम इस जानकारी को संकलित करते हैं, हम लोगों के लिए इन स्थानों को जल्दी से खोज और मानचित्र पर ढूंढना संभव बना देंगे। "
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PATNA CITY: मो। विक्की के मर्डर में मो। राशिद के पिता व भाई का हाथ है। इन दोनों के अलावा म् और लोग शामिल हैं। राशिद के पिता व भाई समेत 8 लोगों पर मर्डर किए जाने का आरोप मो। विक्की के पिता मो। हफीज ने लगाया है। अपने बेटे के मर्डर का उन्होंने खाजेकलां थाना में नेम्ड एफआईआर दर्ज कराया है। जिसमें राशिद के पिता मन्नू मियां, भाई वाहिद खां व सन्नी समेत 8 अपराधी शामिल हैं। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन पुलिस अधिकारियों की मानें तो छानबीन के बाद नेम्ड अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
क्यों आया राशिद के पिता व भाई का नाम?
मो। विक्की मर्डर केस में मो। राशिद के पिता व भाई के नाम आने की एक खास वजह है। साल ख्0क्क् में खाजेकलां के मीर गुलाबी बाग में अपराधियों ने मो। राशिद की हत्या कर दी थी। इस मर्डर केस में पुलिस ने मो। विक्की और तनवीर को अरेस्ट किया था। तीन-चार महीने पहले ही मो। विक्की को बेल मिली और वह जेल से बाहर आया था। जबकि तनवीर अब भी सलाखों के पीछे सजा काट रहा है। बेल पर रिहा होने के तीन-चार महीने बाद ही अपराधियों ने मो। विक्की का मर्डर कर दिया। इस वजह से फैमिली वालों ने मो। राशिद के पिता व भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है।
अपराधियों ने मो। विक्की की हत्या ख्म् दिसंबर को खाजेकलां के सदरगली में गढै़या पर की थी। पहले से घात लगाए अपराधियों ने उसके साथ पहले हाथापाई की और फिर जबड़े में गोली मार दी। जिसके बाद हॉस्पीटल ले जाने के क्रम में उसकी डेथ हो गई।
मो। विक्की के पिता मो। हाफिज ने मो। राशिद के पिता व भाई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है। मामले की छानबीन की जा रही है। जांच पूरी होते ही पुलिस अपराधियों को अरेस्ट करेगी।
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मेजर अमित द्विवेदी की पत्नी शैलजा और मेजर हांडा (File Photo)
शैलजा हत्याकांड में रिमांड पर चल रहे आरोपी मेजर निखिल हांडा को दिल्ली पुलिस गुरुवार को मेरठ के पश्चिम यूपी सब एरिया के बराबर में मेस में लेकर पहुंची. इस दौरान दिल्ली पुलिस ने सबूत जुटाने के लिए उस कमरे को भी खंगाला, जिसमें आरोपी मेजर आकर रुका था. पुलिस ने मेस के चप्पे-चप्पे को खंगाला. आरोप है कि मेजर ने यहीं कहीं सबूत मिटाने के लिए तौलिया और शर्ट को जलाया था. इसके अलावा दिल्ली पुलिस आरोपी मेजर को लेकर सिवाय टोल प्लाजा और दौराला भी लेकर पहुंची. दिल्ली पुलिस शैलजा हत्याकांड में कोई भी सबूत नही छोड़ना चाहती, यही कारण था कि पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर बारीकी से छानबीन की.
इससे पहले सोमवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने शैलजा द्विवेदी हत्याकांड के आरोपी मेजर निखिल हांडा की रिमांड दिल्ली पुलिस को देने वाली याचिका पर मुहर लगा दी. मेजर निखिल हांडा 4 दिनों तक दिल्ली पुलिस की रिमांड में रहेंगे. आरोपी मेजर को पुलिस ने मेरठ से गिरफ्तार किया था. बता दें कि दिल्ली के कैंट इलाके में बरार स्क्वायर के पास शनिवार को एक महिला का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी.
बताया जा रहा है कि यह महिला शनिवार सुबह 10 बजे फिजियोथिरेपी सेशन के लिए आर्मी हॉस्पिटल गई थी. कुछ समय बाद जब ड्राइवर महिला को वापस ले जाने के लिए अस्पताल आया तो उसे पता चला कि वो वहां फिजियोथिरपी के लिए आई ही नहीं थी. शाम 4 बजे तक जब महिला के घर नहीं लौटने पर उसके लेफ्टिनेंट कर्नल पति ने पुलिस में अपनी पत्नी के गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई.
पुलिस ने बताया कि शनिवार को उन्हें सूचना मिली थी कि एक महिला की सड़क हादसे में मौत हो गई है. वहां पहुंचकर जब उन्होंने शव का निरीक्षण किया तो पता चला कि उनकी गला काट कर हत्या की गई है. उसके कपड़े बुरी तरह से फटे हुए थे. पुलिस की जांच में पता चला कि हत्या के बाद शव पर गाड़ी भी चढ़ाई गई थी.
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जांच में मेजर की पत्नी के दूसरे मेजर से प्रेम प्रसंग होने की बात सामने आ रही थी. मृतका के मोबाइल फोन की जांच की गई तो अखिरी कॉल डिटेल निखिल हांडा की मिली. ऐसे में पुलिस का शक गहराया और उन्होंने मेरठ से हांडा को गिरफ्तार कर लिया.
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आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई से सुनवाई करने की बात कही थी। रजिस्ट्री ने केस को लिस्ट भी कर लिया था। लेकिन इस पर अगस्त में ही सुनवाई होगी, वो भी लगातार। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल से ये बात कही। आर्टिकल 370 को केंद्र सरकार ने 2019 में खत्म किया था। इसके जरिये जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा दिया गया था।
दरअसल तीस्ता सेतलवाड़ की बेल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में मौजूद कपिल सिब्बल ने जस्टिस गवई से कहा कि इस मामले की सुनवाई अगस्त माह में की जा सकती है। जस्टिस गवई बोले कि नहीं अगस्त में तो आर्टिकल 370 का केस लगेगा। सिब्बल ने कहा कि उस केस की सुनवाई तो 11 जुलाई से होनी है। जस्टिस गवई का कहना था कि हमने एक तारीख तय कर दी है, क्योंकि किसी भी केस की सुनवाई से पहले तमाम दस्तावेज जुटाने होते हैं। एक नोडल वकील नियुक्त किया जाता है जिसका काम होता कि दोनों पक्षों से संपर्क साधकर केस से जुड़ी सारी तैयारी पूरी करा ले।
जस्टिस गवई का कहना था कि 11 जुलाई की तारीख केवल दिशा निर्देशों के लिए दी गई थी, जिससे केस से जुड़ी सारी तैयारी पूरी हो जाए। वैसे हम इस केस को अगस्त माह में सुनवाई के लिए लेंगे। आर्टिकल 370 को चुनौती देने वाली याचिकाएं कई सारी हैं, इस वजह से ऐसा किया गया।
ध्यान रहे कि तकरीबन चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 370 को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई करने पर सहमत हुआ है। आखिरी बार इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च 2020 को विचार किया था। तब एक संवैधानिक बेंच ने फैसला दिया था कि इस मसले को 7 जजों की बेंच के पास भेजने की जरूरत उनको नहीं लगती। फिलहाल जो बेंच सुनवाई करने जा रही है उसकी अगुवाई सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ करेंगे। बेंच के बाकी जजों में जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
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जैसी सुनी बिलोकी नैन । तैसी कछू कहौं मुख बैन ।। कहौं अतीत दोष-गुणवाद । बरतमानताई मरजाद ॥ ५ भावी दसा होइगी जथा। ग्यानी जानै तिसकी कथा ॥ तातै भई-बात मन आनि । धूलरूप कछु कहीं बखानि ॥ ६ मध्यदेसकी बोली बोलि । गर्भित बात कहौं हिअ खोलि ॥ भाखौं पूरब-दसा चरित्र । सुनहु कान धरि मेरे मित्र ॥ ७
याही भरत सुखेतमैं, मध्यदेस सुभ ठांउ । बसै नगर रोहतगपुर, निकट बिहोली- गांउ ॥ ८ गांउ बिहोलीमें बस, राजबंस रजपूत । ते गुरु-मुख जैनी भए, त्यागि करम अंघभूत ॥ ९ पहिरी माला मंत्रकी, पायौ कुल श्रीमाल । थाप्यौ गोत बिहोलिआ, बीहोली-रखपाल ॥ १० भई बहुत बंसावली, कहीं कहां लौं सोइ । प्रगटे पुर रोहतगमैं, गंगा गोसल दोइ ॥ ११ तिनके कुल बस्ता भयौ, जाकौ जस परगास । बस्तपालके जेठमल, जेठ्के जिनदास ॥ १२ मूलदास जिनदासके, भयौ पुत्र परधान । पढ़यौ हिंदुगी पारसी, भागवान बलवान ॥ १३ मूलदास बीहोलिआ, वनिक वृत्तिके भेस । मोदी है करि मुगलकौ, आयौ मालवदेस ॥ १४ चौपई
मालवदेस परम सुखधाम । नरवर नाम नगर अभिराम । तहां मोगल पाई जागीर । साहि हिमाऊकौ बरबीर ॥ १५ मूलदाससौं बहुत कृपाल । करै उचापति सौंपै माल । संबत सोलहसै जब जान । आठ बरस अधिके परबान ॥ १६
१ अ अधभूत, ब स अदभूत । २ ब स गोसल गांगौ । ३ अ प्रतिके हासियेपर इस शब्दका अर्थ 'उमराव' दिया है।
सावन सित पंच॑मि रविवार । मूलदास-घर सुत अवतार । भयौ हरख खरचे बहु दाम । खरगसेन दीनौ यहु नाम ॥ १७ सुखसौं बरस दोइ चलि गए। घनमल नाम और सुत भए । बरस तीन जब बीते और । घनमल काल कियौ तिस ठौर ॥ १८
घनमल घन-दल उड़ि गए, काल-पवन-संजोग । मात- तात- तरुवर तए, लहि आतप सुत-सोग ॥ १९ चौपई
लघु सुत सोक कियौ असराल । मूलदास भी कीन्हौ काल ॥ तेरहोत्तरे संवत बीच । पिता-पुत्रकों आई मीच ॥ २० खरगसेन सुत माता साथ । सोक-विआकुल भए अनाथ ।। मुगल गयौ थो काहू गांउ । यह सब बात सुनी तिस ठांउ ॥ २१
आयौ मुगल उतावलौ, सुनि मूलाको काल । मुहर-छाप घर खालसै, कीनौ लीनौ माल ॥ २२ माता पुत्र भए दुखी, कीनौ बहुत कलेस । ज्यौं त्यौं करि दुख देखते, आए पूरब देस ॥ २३ चौपई
पूरबदेस जौनपुर गांउ । बसै गोमती-तीर सुठांउ । तहां गोमती इहि बिधि बहै । ज्यौं देखी त्यौं कविजन कहै ॥ २४
प्रथम हि दैक्खनमुख बही, पूरब मुख परबाह । बहुरों उत्तरमुख बही, गोवै नदी अथाह ॥ २५
१ व पाचैं । २ वस हो । ३ अ दक्षिन । ४ व फिरकर । |
भारतीय समाज में हिजाब का केवल एक ही स्थान है. कट्टरवादी, नास्तिक मुसलमानों के घर- जो इस्लाम के कुछ विकृत संस्करण के आधार पर अपनी महिलाओं को पुरुषों की नजर से बचाना चाहते हैं. इस तरह की मानसिक, शारीरिक और धार्मिक अधीनता झेल रहीं महिलाओं को इस विकृति के खिलाफ विद्रोह करने की जरूरत है.
कॉलेजों में हिजाब (Hijab) के इस्तेमाल को लेकर चल रही बहस अलग-अलग तरह के तर्क-वितर्क में डूब गई है. इसके पक्ष में तर्क देने वालों ने मुख्य रूप से धार्मिक पहचान व्यक्त करने की स्वतंत्रता (Freedom to Express Religious Identity) के साथ इसकी तुलना की है, वहीं कुछ अन्य ने कहा है कि हिजाब पहनने वालों को संस्थान में प्रवेश से वंचित करना उनके शिक्षा पाने के अधिकार (Right to Education) का उल्लंघन है, वहीं एक मत ये भी आ रहा है कि किसी को यह अधिकार नहीं है कि वह किसी महिला को यह बताएं कि उसे क्या पहनना चाहिए. हिजाब के आलोचकों ने इस पर प्रतिबंध लगाने के दो कारण बताए हैं - एक तो यह कि ये पुरुषवाद का प्रतीक है, और दूसरा यह कि ये मुसलमानों को एकतरफा रियायत देता है. लेकिन, ये सभी तर्क मूल मुद्दे से चूक जाते हैं जो ये है कि - क्या किसी संस्था के नियमों की सीमा को लांघ कर धार्मिक अधिकारों को लागू किया जा सकता है?
भारतीय संविधान में धर्म का पालन करने का अधिकार हर नागरिक को दिया गया है. लेकिन, यह अधिकार कई प्रतिबंधों और सार्वजनिक नैतिकता के अधीन आते हैं. उनमें से एक यह है कि व्यक्तिगत अधिकार किसी संस्थान के नियमों और विनियमों की रेखा को लांघ नहीं सकते, खासकर अगर यह कॉलेज जैसा कोई सार्वजनिक स्थान हो तो. यदि संस्थान हिजाब या भगवा शॉल जैसे धार्मिक पहचान के प्रतीकों को प्रतिबंधित करता है, तो इन नियमों का पालन करना ही होगा. कॉलेज में हिजाब पहनने पर जोर देने वालों के लिए एक आसान रास्ता फिर यही बचता है कि यदि आपको संस्थान का ड्रेस कोड पसंद नहीं है, तो पढ़ाई के लिए कोई दूसरी जगह देख लें.
सार्वजनिक स्थान धर्मनिरपेक्ष होने के लिए हैं, ऐसे में धर्म को उनसे दूर रखना ही होगा. सार्वजनिक संस्थानों में अपनी धार्मिक पहचान पहनने के अधिकार की मांग करने वाले न केवल उस स्थान के मौजूदा नियमों का, बल्कि इसे बनाए रखने के नाम पर धर्मनिरपेक्षता की भावना का भी उल्लंघन करते हैं. शिक्षण संस्थान में ड्रेस कोड या यूनिफॉर्म लगाने के पीछे की भावना कक्षा में एकरूपता सुनिश्चित करने और वर्ग या जाति के विभाजन को मिटाने की होती है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि संस्थान में सभी छात्र समान दिखाई दें, भले ही बाहर उनका स्तर एक जैसा न हो.
हम एक ऐसे समाज में जबरन एकरूपता के विचार की निरर्थकता पर बहस कर सकते हैं जो न तो समान है और न ही समरूप है. कई अन्य देशों की तरह, इस तरह एक नियम के तौर पर लगाए गए कोड को खत्म करने पर समाज की वास्तविकता और विविधता सामने आती है. लेकिन अगर संस्थान में कोई संहिता लगाई जाती है तो धर्म के आधार पर रियायतें मांगे बिना अक्षरशः इसका पालन करना होगा. यह न केवल हिजाब या भगवा शॉल पर बल्कि हर उस आइटम पर लागू होता है जो संहिता का उल्लंघन करती है.
विवादास्पद चित्रकार एमएफ हुसैन एक बार मुंबई (तब बॉम्बे) के एक क्लब में नंगे पांव प्रवेश करना चाहते थे. उनका तर्क था कि उन्हें अपनी पसंद से पहनने ओढ़ने की स्वतंत्रता है. लेकिन क्लब के उन नियमों का हवाला देते हुए उन्हें प्रवेश से वंचित कर दिया गया था, जो आंगतुक को उचित जूते के बिना प्रवेश की अनुमति नहीं देते थे. हालांकि, वहीं हुसैन न्यूयॉर्क या लंदन में कभी भी स्मार्ट बूट के बिना घूमते हुए नहीं दिखे होंगे. लेकिन, भारत में उन्होंने अपने अधिकारों का हनन होने का दावा करके हंगामा खड़ा कर दिया.
हिजाब पहनने के अधिकार पर विवाद का स्वर भी कुछ ऐसा ही है. यह किसी संस्थान के कानूनों को किसी व्यक्ति के अधिकारों के अधीन बनाने की अपमानजनक मांग है, जो कभी-कभी तर्कहीन और अनुचित होते हैं. यह बिल्कुल वैसा ही है जैसे वकील काले कोट की जगह शॉर्ट्स में अदालत में पेश होने का अधिकार मांगें या पायलट तब तक उड़ान भरने से इनकार करते रहें जब तक उन्हें अपनी इच्छानुसार कपड़े पहनने की आजादी नहीं दी जाती.
जो लोग कॉलेजों और स्कूलों में हिजाब पहनने के अधिकार पर जोर देते हैं, वे एक बुनियादी सवाल को नजरअंदाज कर देते हैंः क्या इस्लाम के अभ्यास के लिए हिजाब जरूरी है. लेकिन, ऐसा नहीं है. जैसा कि हमारे सहयोगी एम हसन का तर्क है कि इस्लाम केवल एक पर्दे का उल्लेख करता है, न कि हिजाब का. कर्नाटक में कॉलेजों के लिए पहना जाने वाला हिजाब दरअसल इस्लाम की विकृति है. यह वहाबी संस्कृति का एक अवशेष है जो तालिबान जैसे अत्याचारी शासन के प्रभाव में आकर इस्लाम में व्याप्त है.
जो लोग हिजाब के पक्ष में हैं, वे सिखों द्वारा पहनी जाने वाली पगड़ी का तर्क देते हैं. लेकिन, जैसा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आरएस सोढ़ी तर्क देते हैं कि ये अवधारणा भी सही नहीं है. उनका तर्क है कि सिख धर्म का पालन करने के लिए पगड़ी भी आवश्यक नहीं है. गुरु गोबिंद सिंह ने सिखों के लिए जो पांच 'क' निर्धारित किए थे, उसमें पगड़ी का उल्लेख नहीं है. और, यदि सिखों के लिए पगड़ी आवश्यक भी होती, तो उसे पहनने का पूर्ण अधिकार देने की बजाय इसे किसी संस्था के कानूनों और नियमों के दायरे के अधीन ही रखा जाता.
भारतीय संविधान सभी को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देता है. यह उनके मौलिक अधिकारों का हिस्सा है. लेकिन, यह स्वतंत्रता एक व्यक्ति और उनके अराध्य के बीच एक अनुबंध के रूप में धर्म की अवधारणा पर आधारित है. यह दावा करके इसे बदला नहीं जा सकता कि यह स्वतंत्रता किसी व्यक्ति और संस्था के बीच के अनुबंध के रूप में लागू होनी चाहिए या किसी गैर-धार्मिक स्थान के चरित्र को बदलकर उसे विचारधाराओं की प्रतिस्पर्धा की जगह बना देना चाहिए. संविधान कहता है कि एक व्यक्ति धार्मिक हो सकता है, लेकिन देश और उसके संस्थान ऐसा नहीं कर सकते.
कई राज्य सरकारों ने सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस जैसे सांस्कृतिक संगठन से इसी तर्क के आधार पर ही बाहर रखा हुआ है. संक्षेप में, हिजाब पहनने की जिद उस हर चीज का उल्लंघन करती है जिसमें संस्था के कानून, एक ड्रेस कोड का विचार, धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा और यहां तक कि इस्लाम में बताई पर्दा प्रथा भी शामिल हैं.
भारतीय समाज में हिजाब का केवल एक ही स्थान है. कट्टरवादी, नास्तिक मुसलमानों के घर - जो इस्लाम के कुछ विकृत संस्करण के आधार पर अपनी महिलाओं को पुरुषों की नजर से बचाना चाहते हैं. इस तरह की मानसिक, शारीरिक और धार्मिक अधीनता झेल रहीं महिलाओं को इस विकृति के खिलाफ विद्रोह करने की जरूरत है. लेकिन, जब तक वे ऐसा नहीं कर पातीं, तब तक हिजाब को भारतीयों की नजरों से दूर रखा जाना चाहिए, कम से कम उन स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों, में जहां एक निर्धारित ड्रेस कोड लागू किया गया है.
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं, आर्टिकल में व्यक्त विचार लेखक के निजी हैं.)
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दास हो यह बात समझ ही योग्य है, उसे कहना व्यर्थ हैं। राम का दास होकर ऐसे की ऐसा हुआ अर्थात् इनका बड़ा नाम हो गया; क्या ऐसा कभी बंदरों के रक्षक ( राम ) को बिना भजे हो सकता है ?
मातु पिता जग जाय तज्यो, विधिहू न लिखी कछु भाल भलाई । नीच, निरादर-भाजन, कादर, कूकर टूकन लागि ललाई ॥ राम सुभाउ सुन्यो तुलसी, प्रभु सां कह्यो बारक पेट खलाई ।. स्वारथ को परमारथ को रघुनाथ सो साहब खोरि न लाई ।
अर्थ - - माता पिता ने संसार में उत्पन्न करके त्याग दिया और ब्रह्मा ने भी भाग्य में कुछ भलाई नहीं लिखी । नीच और अनादर का पात्र, कायर, कुत्ते की तरह टूक पर लालच करनेवाला तुलसी था। उसने राम का सुभाव सुना और प्रभु से एक बार पेट खलाकर ( देखाकर ) कहा सो स्वारथ और परमारथ के देने में रघुनाथ ने कुछ कसर न रक्खी ।
पाप हरे, परिताप हरे, तन पूजि भो हीतल सीतलताई । हंस कियो बक ते बलि जाउँ, कहाँ लौं कहाँ करुना अधिकाई ।। काल बिलोकि कहै तुलसी मन में प्रभु की परतीति घाई । जन्म जहाँ तहँ रावरे सों निबहै भरि देह सनेह सगाई ।।
अर्थ-पाप हरे गये और दुख मिट गया, मेरी देह की पूजा हुई और हृदय ठण्डा हो गया। मैं कहाँ तक दया की अधिकता को कहूँ कि आपने बगुले से मुझे हंस किया, अपना समय देखकर अथवा अन्त काल समझकर तुलसी मन में प्रभु पर पूर्ण विश्वास रखकर कहता है कि जहाँ कहीं भी जन्म हो वहाँ प्राप ही से सदा सनेह निबाहनेवाली देह मिलै ।
लोग कहें श्ररु हौं हूँ कहा, 'जन खोटो खरो रघुनायक ही को' । रावरी राम बड़ी लघुता, जस मेरो भयो सुखदायक ही को ।।
* पाठान्तर - लोक |
मुंबई, रत्नाकर कुमार प्रस्तुत वर्ल्ड वाइड प्रोडक्शन की फ़िल्म 'लव विवाह. कॉम' का फर्स्ट लुक रिलीज हो गया है। इसमें प्रदीप पांडेय चिंटू और आम्रपाली दुबे एक साथ नज़र आ रही हैं। पहली बार चिंटू और आम्रपाली एक साथ एक बड़ी फिल्म में रोमांस करते नज़र आएंगे।
भोजपुरी सिनेमा के चॉकलेटी हीरो प्रदीप पांडेय चिंटू और अभिनेत्री आम्रपाली दुबे की आने वाली फ़िल्म 'लव विवाह. कॉम' का फर्स्ट लुक रिलीज हो गया है।
फ़िल्म 'लव विवाह. कॉम' का निर्देशन पटना से पाकिस्तान एवं मेहंदी लगा के रखना जैसी सफल फिल्में देने वाले अनंजय रघुराज कर रहे हैं। अनंजय ने ही इस फ़िल्म की कहानी लिखी है।
गौरतलब है कि फिल्म 'लव विवाह. कॉम' के निर्माता प्रदीप सिंह, प्रतीक सिंह और कोमल जी हैं। सह निर्माता पदम् सिंह हैं। संगीत रजनीश मिश्रा का है और गीत श्याम देहाती, राजेश मिश्रा और आज़ाद सिंह का है। डीओपी बासु, एक्शन दिलीप यादव और कोरियोग्राफर कानू मुखर्जी हैं।
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"जोखिम में समूचा देश"
Coronavirus Second Wave in India: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने सरकार की टेंशन बढ़ा दी है। केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर से हालात बद से बदतर हो रहे हैं। केंद्र ने कहा कि पूरा देश जोखिम में है और किसी को भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। सरकार ने कहा कि कोविड-19 से सर्वाधिक प्रभावित 10 जिलों में से आठ महाराष्ट्र (Maharashtra) से हैं और दिल्ली (Delhi) भी एक जिले के रूप में इस सूची में शामिल है। केंद्र ने ऐसे में सभी राज्यों को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने और वैक्सीनेशन कवरेज (Covid Vaccination Drive) 100 फीसदी तक करने को कहा है।
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चैंपियंस ट्रॉफीः कार्तिक ने बल्ले के साथ-साथ विकट के पीछे रहते हुए दिखा दिया ऐसा कमाल. .
BCCI ने सहवाग से कहा- टीम इंडिया के अब एक नया कोच की है जरुरत. .
ICC वनडे रैंकिंगः टॉप-10 में टीम इंडिया को मिले, टॉप-20 में तीन गेंदबाज!
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प्रश्न किया ।
राकेश को इस प्रश्न की आशा नहीं थी वह जल्दी से बोल उठा, "क्या मुझे उस लड़की से प्रेम करना होगा जो मुझे चाहती हो ।" . राकेश स्वयं ही जाल में फँस गया था इसलिए नम्रता को उत्तर देने में कोई मुश्किल सामने नहीं आई। उसने हल्का-ता मुस्कराकर बैग कन्धे पर लटकाया और वोली, "मिस्टर राकेश ! क्या उस लड़की को तुम से प्रेम करना होगा जिसको आप चाहते हैं ?" - प्रोर विना उत्तर सुने वह कमरे से बाहर निकल आई। कालिज लग खाली हो चुका था केवल चपरासी कमरों में बिजली और पंखो स्विच ऑॉफ़ कर रहे थे ।
राकेश ने भी अपना बैग उठाया और नम्रता के पीछे-पीछे पड़ा । नम्रता सीढ़ियों के पास आकर सुधा की प्रतीक्षा करने लग सुधा कुछ पुस्तकें लेने के लिए लाइब्रेरी में गई हुई थी ।
" किसकी प्रतीक्षा कर रही हैं ?" राकेश जिसने घनिष्टता दीवार को फाँदा था उसके लिए वह दीवार फिर बन गई थी । "सुधा की -! " नम्रता ने संक्षिप्त-सा उत्तर दिया और सी के पास लगे नोटिस-बोर्ड पर से नोटिस पढ़ने लगी ।
"अच्छा तो मैं चलूं - ?" राकेश ने पूछा और फिर जब उसे उत्तर नहीं मिला तो चुपचाप सीढ़ियाँ उतर कर नीचे चला गया
नम्रता ने मुड़कर देखा तो राकेश जा चुका था - उसने खिड़ में से झाँका - राकेश कालिज के कम्पाउण्ड से बाहर जा रहा था अचानक उसने पलटकर ऊपर देखा नम्रता से दृष्टि मिली राकेश के होंठों पर मुस्कराहट फैल गई। नम्रता भट खिड़की से इ हो गई -- लेकिन उससे मूर्खता हो चुकी थी - वह मन में सोचने ल राकेश किसलिए मुस्कराया था ? केवल इसलिए कि मैं उसे देख थी... किन्तु क्यों...? नम्रता काफ़ी देर मन में इस 'क्यों' का उ ढूंढती रही लेकिन उसे उत्तर नहीं मिला. हाँ इतना जरूर हु सुधा ने पीछे से धीरे-से कहा, "क्षमा करता मुझे बहुत |
कमल प्रधान ने कहा कि पिछले दो महीने से कपास की खराब फसल के मुआवजे के लिए जिला प्रशासन के पास 137 करोड़ बीमा राशि पहुंच गई थी। लेकिन अब तक कुल राशि का केवल 20 फीसदी वितरण ही हो पाया है।
भिवानी(अशोक): जिले के किसानों के लिए कपास की फसल के नुकसान की 137 करोड़ रूपये की बीमा राशि अधिकारियों के पास पहुंचने के बाद भी अटकी पड़ी है। इस मुआवजा राशि को किसानों के बीच बांटने के लिए शुक्रवार को अखिल भारतीय किसान सभा ने भिवानी उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करते हुए किसानों को बीमा राशि देने व पिछले तीन साल से पैंडिंग ट्यूब्वैल कनेक्शन जारी करने की मांग की।
किसान नेता शेर सिंह व कमल प्रधान ने कहा कि पिछले दो महीने से कपास की खराब फसल के मुआवजे के लिए जिला प्रशासन के पास 137 करोड़ बीमा राशि पहुंच गई थी। लेकिन अब तक कुल राशि का केवल 20 फीसदी वितरण ही हो पाया है। जबकि अधिकतर किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। किसानों ने कहा कि जल्द से जल्द किसानों के खराबे की बीमा राशि उन्हे उपलब्ध करवाए तथा गांव-गांव में हुए नुकसान की भरपाई करें। इसके अलावा किसान सभा ने यह भी बताया है कि जिले के करीब 42 गांव के किसानों की कपास की फसल 39 से 50 फीसदी तक खराब हुई है। लेकिन इन किसानों ने बीमा भी नहीं करवा रखा है। इसलिए सरकार को ऐसे किसानों के लिए भी आर्थिक सहायता उपलब्ध करवानी चाहिए।
किसान नेताओं ने ट्यूव्बैल कनेक्शन को लेकर कहा कि नए कनेक्शन लेने के लिए किसानों के 5 से 6 लाख रूपये पिछले तीन साल से बिजली निगम के पास जमा है, लेकिन उन्हे अभी तक ट्यूव्बैल कनेक्शन जारी नहीं किया गया है। जबकि बिजली विभाग बिल देरी से भरने पर पैनल्टी लगाता है। ऐसे में उनकी मांग है कि किसानों को तुरंत कनेक्शन जारी करने के साथ ही इस समय अवधि का ब्याज भी किसानों को लौटाया जाए, ताकि वें खेत में फसल सिंचित कर सकें। वहीं खेतों से कृषि उपकरणों चोरी होने के मामलों को लेकर भी किसानों ने पुलिस जांच की मांग की है, ताकि ऐसे मामलों पर अंकुश लग सके।
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Briol - छोटा हुआ मांस के साथ एक साधारण आमलेट से ज्यादा कुछ नहीं। ब्रियोलिस बनाने के कई तरीके हैं। क्लासिक संस्करण के लिए, ताजे हुए मांस के घने परत को ताजा डाले हुए अंडे पर रखा जाता है और इसके ऊपर डाला जाता है। सरल व्यंजनों में एक तरफ एक पूर्व-तला हुआ आमलेट पर तैयार सूखे मांस को बिछाना शामिल है। उसमें, या अन्यथा, पकवान बहुत स्वादिष्ट और संतोषजनक हो जाएगा।
यह नुस्खा केचप और ककड़ी जैसे additives के कारण प्रामाणिक नहीं है, इसलिए यदि आप वांछित हैं, तो आप सुरक्षित रूप से उनके बिना कर सकते हैं।
सामग्रीः
- अंडे - 6 पीसी।
- गोमांस - 450 ग्राम;
- वनस्पति तेल - फ्राइंग के लिए;
- नमक, काली मिर्च - स्वाद के लिए;
- मेयोनेज़, सरसों, केचप;
- मसालेदार ककड़ी - 1 पीसी।
मांस को एक ग्राइंडर या मिट्टी के मांस में एक ब्लेंडर के साथ जमीन में मोड़ दिया जाता है। परिणामी सूखे मांस को 6 भागों में बांटा गया है, जिनमें से प्रत्येक को खाद्य फिल्म की दो परतों के बीच एक पतली पैनकेक में घुमाया जाता है। अंडे को नमक और काली मिर्च से पीटा जाता है, एक फ्लैट पकवान में डाला जाता है, और ध्यान से सूखे मांस की एक परत डाल दिया जाता है।
एक फ्राइंग पैन में, हम वनस्पति तेल को गर्म करते हैं और प्लेट को फ्राइंग पैन के करीब रखते हैं, इसकी सामग्री को बदल देते हैं। 3-5 मिनट के लिए दोनों तरफ ब्रियोल फ्राइये।
जमीन के गोमांस से बिस्ल को पहले से ही मेज पर परोसा जा सकता है, केवल आधे में तब्दील हो जाता है और जड़ी बूटी के साथ छिड़क दिया जाता है, या आप भरने के साथ आमलेट को पूरक कर सकते हैं। हवा की सतह, जो अंडे से ढकी नहीं होती है, मेयोनेज़, सरसों और केचप के मिश्रण से बने सॉस के साथ चिकनाई होती है, हम शीर्ष पर मसालेदार ककड़ी की पुआल डालते हैं और आधे को आधे में डालते हैं।
कैसे सूखे मांस के आलसी शराब बनाने के लिए?
सामग्रीः
- सूक्ष्म सूअर का मांस - 3 बड़ा चम्मच। चम्मच;
- अंडे - 2 टुकड़े;
- नमक, काली मिर्च - स्वाद के लिए;
- सोया सॉस - 1 बड़ा चम्मच। चम्मच;
एक कटोरे में, नमक, काली मिर्च और सोया सॉस के साथ अंडे हराया। सूखे मांस को अंडे में जोड़ें और सब कुछ एकरूपता में मिलाएं। यदि मिश्रण घना होता है - थोड़ा पानी डालें, लेकिन इसे अधिक न करें, अन्यथा फ्राइंग फ्राइंग के दौरान घुल जाएगा।
एक फ्राइंग पैन में, तेल की एक छोटी मात्रा को गर्म करें और दोनों तरफ ब्रायन को सुनहरा भूरा (3-4 मिनट) तक फ्राइये।
सामग्रीः
- अंडे - 6 पीसी।
- पानी या दूध - 3 बड़ा चम्मच। चम्मच;
- नमक, काली मिर्च - स्वाद के लिए;
- सूखे जड़ी बूटी - 1 चम्मच;
- चिकन मिनेस - 500 ग्राम;
- हार्ड पनीर - 100 ग्राम;
- मेयोनेज़।
अंडे दूध या पानी, साथ ही नमक, काली मिर्च और सूखे जड़ी बूटी के साथ हराया। परिणामी मिश्रण से, वनस्पति तेल में दोनों तरफ से वैकल्पिक रूप से फ्राइंग 6 पेनकेक्स तैयार करें।
चिकन फोर्समीट के लिए, इसे थोड़ी अधिक तरल बनाने के लिए पानी के कुछ चम्मच जोड़ें। पैनकेक की सतह पर मिनेस को धुंधला करें, ऊपर मेयोनेज़ फैलाएं और कटे हुए पनीर को छिड़क दें। मोल्ड पेनकेक्स रोल, बेकिंग शीट पर रखकर 5-7 मिनट के लिए 180 डिग्री पर सेंकना।
चिकन ग्राउंड गोमांस कैसे बनाएं?
सामग्रीः
- चिकन मिनेस - 200 ग्राम;
- प्याज - 1 पीसी।
- अंडे - 4 टुकड़े;
- लहसुन - 2 लौंग;
- सोया सॉस - 1 बड़ा चम्मच। चम्मच;
- ऑयस्टर सॉस - 1/2 बड़ा चम्मच। चम्मच;
- तिल का तेल - कुछ बूंदें;
- वनस्पति तेल;
एक फ्राइंग पैन में वनस्पति तेल को गर्म करें और बारीक कटा हुआ प्याज और लहसुन पर तलना। एक बार प्याज साफ़ हो जाने के बाद, चिकन mincemeat पैन में जोड़ें और इसे पकड़ने तक प्रतीक्षा करें। अब चिकन को सॉस और तिल के तेल के मिश्रण के साथ पानी दें।
एक और फ्राइंग पैन में, वनस्पति तेल को भी गर्म करें और सतह पर नमक और काली मिर्च के साथ पीटा अंडे डालें। जबकि आमलेट की सतह में पकड़ने का समय नहीं था, भरने को स्लाइड करें और आमलेट को एक लिफाफे से रोल करें। एक बार आमलेट ने एक सुनहरा टिंग प्राप्त कर लिया है - आप इसे एक फ्राइंग पैन से हटा सकते हैं और इसे हरी प्याज के साथ छिड़के हुए टेबल पर पेश कर सकते हैं।
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केंद्र सरकार के वर्ष 2024 तक देशभर के ग्रामीण घरों में पेयजल मुहैया कराने के लिए चलाई जा रहे जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में जहां कई राज्य तेजी से काम कर रहे हैं, वहीं पूर्वोत्तर के मेघालय व नागालैंड में इस योजना के कार्यान्वयन जिस प्रकार से कछुआ चाल से हो रहा है।
केंद्र सरकार के वर्ष 2024 तक देशभर के ग्रामीण घरों में पेयजल मुहैया कराने के लिए चलाई जा रहे जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन में जहां कई राज्य तेजी से काम कर रहे हैं, वहीं पूर्वोत्तर के मेघालय व नागालैंड में इस योजना के कार्यान्वयन जिस प्रकार से कछुआ चाल से हो रहा है, उसे देख्ते हुए इन राज्यों में योजना के लक्ष्य को हासिल करना एक डेढ़ी घीर होगा। इस धीमी गति को लेकर केंद्र सरकार ने गहरी चिंता जाहिर की है।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अनुसार केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मेघालय और नागालैंड के मुख्यमंत्रियों को लिखे अपने पत्र में इन राज्य में जल जीवन मिशन (जेजेएम) की धीमी प्रगति पर चिंता जाहिर की है। मेघालय में इस योजना के तहत दिसंबर 2022 तक सभी ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान करने का लक्ष्य है। मंत्रालय के अनुसार मेघालय के मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए शेखावत ने कहा कि वे राज्य के उन 3,891 गांवों में 'अभियान मोड' में तुरंत काम में तेजी लाएं जहां मौजूदा जल आपूर्ति योजनाएं चल रही हैं।
उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिलों,अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति बहुल गांवों, बस्तियों और सांसद आदर्श ग्राम योजना के तहत आने वाले गांवों में नल कनेक्शन देने के काम को प्राथमिकता दी जानी है। मंत्रालय ने बताया कि मेघालय को 2019-20 में 86. 02 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे, लेकिन कार्यों की धीमी प्रगति के कारण केवल 43. 01 करोड़ जारी किए,जिसमें से राज्य केवल 26. 35 करोड़ रुपये ही खर्च कर सका।
इससे राज्य के पास 17. 46करोड़ की राशि शेष रह गई है। जबकि जेजेएम के तहत मेघालय के लिए वर्ष 2020-21 में आवंटन 174. 92 करोड़ तक बढ़ा दिया गया है। इसके साथ ही 17. 46 करोड़ रुपये की शेष राशि और इस वर्ष के 174. 92 करोड़ के आवंटन के साथ मेघालय के पास 192. 38 करोड़ रुपये के केंद्रीय फंड की उपलब्धता है।
इसमें खर्च किए जाने वाले राज्य के हिस्से को मिला दिया जाए तो मेघालय के पास वर्ष 2020-21 के दौरान जल जीवन मिशन (जेजेएम) के कार्यान्वयन के लिए कुल 216 करोड़ रुपये हैं। शेखावत ने जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक ग्रामीण परिवार को पीने योग्य पानी उपलब्ध कराना राष्ट्रीय प्राथमिकता है और राज्य को समयबद्ध तरीके से इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रयास करना चाहिए।
उधर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने नगालैंड के मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में भी जल जीवन मिशन की धीमी प्रगति पर अपनी चिंता व्यक्त की गई। मंत्रालय के अनुसार नागालैंड में वर्ष 2019-20 में 75 हजार घरों में नल कनेक्शन देने का लक्ष्य निर्धारित था, लेकिन अब तक केवल 2,000 घरों में नल कनेक्शन दिए गए हैं। जबकि इसके लिए नगालैंड को वर्ष 2019-20 में 56. 49 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे।
राज्य केवल 23. 54 करोड़ रुपये खर्च कर सका है। जबकि वर्ष 2020-21 में नगालैंड के लिए आवंटन 56. 49 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 114. 09 करोड़ रुपये किया जा चुका है। इसके अलावा 32. 95 करोड़ रुपये की शुरुआती बैलेंस के साथनगालैंड के पास जल जीवन मिशन के लिए केंद्रीय फंड से 147. 04 करोड़ रुपये की निश्चित उपलब्धता है।
इसमें राज्य के हिस्से को जोड़ दिया जाए, उसके पास जल जीवन मिशन के कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2020-21 के दौरान 163 करोड़ रुपये होंगे। मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2020-21 में नगालैंड को पीआरआई के लिए 15वें वित्त आयोग अनुदान के रूप में 125 करोड़ आवंटित किए गए हैं और इस राशि का 50 फीसदी अनिवार्य रूप से जल आपूर्ति और स्वच्छता के लिए उपयोग किया जाना है।
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कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए एक ही चरण में 10 मई को मतदान होगा और 13 मई 2023 को नतीजे घोषित किए जाएँगे।
भाजपा युवामोर्चा कार्यकर्ता प्रवीण नेट्टारू के परिवार के लिए बीजेपी ने घर बनवाया है। इस घर को बनवाने का खर्च करीब 60 लाख रुपए बताया जा रहा है।
BJP विधायक नितेश राणे ने कहा कि जब उद्धव ठाकरे सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती थे, तब आदित्य मुख्यमंत्री की कुर्सी हड़पने का प्लान कर रहे थे।
पीएम ने कहा, कॉन्ग्रेस को "गालियों के शब्दकोष में टाइम खराब करने की बजाए इतनी मेहनत कॉन्ग्रेस ने गुड गवर्नेंस में की होती तो इनकी इतनी दयनीय स्थिति नहीं होती। "
भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा कि वे इस्तीफा नहीं देंगे। इस्तीफा देना आरोप को स्वीकार करना है। उन्होंने कहा कि उन्हें सांसद जनता ने चुना है।
दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद और WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की है। इनमें से एक POCSO ऐक्ट में है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर बृजभूषण शरण सिंह ने खुशी जताई है और उन्होंने कहा कि वे दिल्ली पुलिस को पूरा सहयोग करेंगे।
WFI के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहीं महिला पहलवानों को एथलीट नीरज चोपड़ा और क्रिकेटर कपिलदेव का साथ मिला है।
कॉन्ग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने PM मोदी को जहरीला साँप कहा है। हालाँकि, बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने BJP की विचारधारा को ऐसा कहा था।
कर्नाटक में मुस्लिमों के रद्द किए गए चार प्रतिशत आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई तक रोक लगा दी है। वहीं, राज्य सरकार ने इसका समर्थन किया है।
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तमिलनाडु में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सियासी पारा चढ़ने लगा है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने बृहस्पतिवार को कहा कि चुनाव से कुछ माह पहले पार्टी की राज्य इकाई के लिए भारी-भरकम समितियां गठित करने से कांग्रेस पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कदम पार्टी के विभिन्न गुटों को साथ लाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि चुनाव में कांग्रेस-डीएमके गठबंधन को जीत हासिल होगी।
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2001 में, टोयोटा कोरोला लाइनअपनया हैचबैक जोड़ा गया। विशेष रूप से यूरोपीय बाजार के लिए बनाई गई कारें। यह टोयोटा अल्लेक्स है। कार के आगे एक सेडान की तरह दिखता है। हालांकि, ट्रंक के पीछे वापस दिया गया है और "कट ऑफ" दिखता है। उसी समय, कार का आकार छोटा नहीं लगता है। इसके विपरीत, रचनाकारों ने बड़े पैमाने पर पीछे की हेडलाइट्स के साथ इस "दोष" के लिए कुशलता से मुआवजा दिया। नतीजा एक प्राकृतिक संतुलन था।
टोयोटा अल्लेक्स, कोरोला रनक्स - क्या अंतर है?
निर्माताओं के लिए एक "अजीब" नियम हैकारें - विभिन्न देशों के बाजारों के लिए अपनी रचनाओं के लिए अन्य नाम देने के लिए। टोयोटा कोरोला एलेक्स में एक जुड़वां - रनक्स भी है। यह संशोधन गैर-यूरोपीय देशों की दुकानों और सैलूनों के लिए जारी किया गया था। यह वहां था कि इस कार को बेचने की योजना बनाई गई थी। अक्सर, इन जुड़वां मूल से केवल मामूली अंतर होते हैं। इस मामले में, यह हैः
- प्रतीक;
- बॉडी सजावट और दरवाजे हैंडल रॉक्स के रंगों में समान हैं, जो अल्लेक्स के लिए चांदी-लेपित हैं।
उपस्थिति में थोड़ा अलग कारें। जाहिर है, ऐसा लगता है कि टोयोटा एलेक्स एक रूढ़िवादी रेट्रो शैली में बनाया गया है।
टोयोटा अल्लेक्स 2001 पहली पीढ़ी है।कोरोला चेसिस पर बनाया गया हैचबैक। 21 वीं शताब्दी की शुरुआत में, इस कार ने मॉडल धावक को बदल दिया, जिसे जापानी निर्माता ने 80 के दशक से शुरू किया।
इस अद्वितीय विपणन योजना में इसका हैनिश्चित अर्थ इस प्रकार, ऑटो चिंता अपनी कारों की बिक्री बढ़ाती है। ग्राहकों को विश्वास दिलाता है कि पुराने ब्रांड को बदलने के लिए एक ब्रांड नई कार बाहर आई, लेकिन एक समान चेसिस और इसी तरह के इंजन के साथ।
यह ध्यान देने योग्य है कि जापान में टोयोटा अल्लेक्स को यूरोपीय हैचबैक के रूप में बेचा जाता है, जो प्रीमियम क्लास से संबंधित है। इसलिए, 2000 के दशक में, मॉडल यूरोपियों और जापानी लोगों के बीच एक सफलता थी।
अब, टोयोटा और "एलेक्स" ने अगले मॉडल को बदल दिया। नई कार ब्लेड ने 200 9 में बाजार में प्रवेश किया।
आम तौर पर स्वीकृत डेटा के अनुसार, चालक की ऊंचाईजमीन से सीट 55 सेमी होना चाहिए। इससे बाहर निकलना और कार में जाना आसान हो जाता है। ऐसे पैरामीटर टोयोटा अल्लेक्स है। इसके कारण, औसत ऊंचाई का चालक शांत रूप से झुकने के बिना, कार में आ सकता है।
मॉडल में छत काफी अधिक है। जापानी हैचबैक यूरोपीय संशोधन से कम नहीं है। पिछली सीटें भी एक बड़ी जगह से सुसज्जित हैं ताकि यहां तक कि एक लंबा यात्री भी आरामदायक महसूस कर सके। ट्रंक की चौड़ाई आपको काफी भारी माल ले जाने की अनुमति देती है।
टोयोटा अल्लेक्स / रनक्स दो इंजन विकल्पों के साथ उपलब्ध हैः
- 1.8 लीटर। यह प्रकृति में एक स्पोर्ट्स कार है। इसमें एक स्वचालित संचरण है। पहले से ही स्थिति में कार में लैंडिंग, स्टीयरिंग व्हील और सीट की परिधि, आप एक खेल की सवारी की उम्मीद कर सकते हैं। टायर कार सड़क पर कसकर फिट बैठती हैं। इस मॉडल के शरीर में उच्च कठोरता है। तदनुसार, इसमें मोड़ने की क्षमता नहीं है। पीठ पर एक स्टेबलाइज़र स्थापित किया जाता है, जो आपको गंभीर मोड़ के दौरान भी सड़क पर आत्मविश्वास से रहने की अनुमति देता है। केबिन में प्रवेश करने वाली आवाज़ें और कंपन कम से कम हैं।
- 1.5 लीटर यह एक महान परिवार हैचबैक है, जो मापा यात्राओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। मॉडल पावर स्टीयरिंग से लैस है। इसलिए, कोई भी आंदोलन आसान, यहां तक कि पार्किंग या गैराज में कार डालने लगते हैं। वाहन का व्यावहारिक रूप से उपयोग करने के लिए मोटर पावर पर्याप्त है। अप्रिय झटके के बिना चिकनी त्वरण और स्विचिंग गति - कार का एक महत्वपूर्ण लाभ। यह गुणवत्ता टोयोटा अल्लेक्स को हाई-एंड कारों के बराबर करती है।
टोयोटा "एलेक्स" की उपस्थिति पूरी तरह से याद दिलाती हैयूरोपीय मॉडल इस कार की स्पोर्ट्स फीचर अद्वितीय तत्वों पर जोर देती है। केबिन में विशेष रूप से हड़ताली जगह के अंदर। लेकिन बाहरी रूप से, इंटीरियर पूरी तरह से कोरोला रेंज से अलग नहीं है।
टोयोटा अल्लेक्स बिल्कुल संतुलित है।कार इसमें उत्कृष्ट तकनीकी विशेषताएं हैं। 2001 से, कई कार मालिकों ने पहले से ही इस "लौह घोड़े" की विश्वसनीयता की जांच की है। इसलिए, इंटरनेट पर आप मॉडल के बारे में कई अलग-अलग समीक्षा पा सकते हैं।
हजारों कार मालिक अच्छे कहते हैंकार टोयोटा "एलेक्स" के परिचालन डेटा। बड़े पैमाने पर स्वतंत्र मैकफेरसन स्ट्रैट्स के साथ-साथ पीछे विशेष टोरसन अर्द्ध-निर्भर डिजाइन के कारण।
एक और "प्लस" एक आरामदायक लाउंज है। यह काफी आरामदायक और विशाल है। बेशक, यह एक प्रतिनिधि वर्ग परिवहन नहीं है, लेकिन अंदर सबकुछ बहुत आरामदायक है। यहां तक कि दस्ताने के डिब्बे और बटन "दाएं" स्थानों पर स्थित हैं।
अलग-अलग, कार मालिकों का एक अच्छा जलवायु नियंत्रण का जिक्र है। जब आप स्टोव गर्मी चालू करते हैं तो उसे लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। सैलून जल्दी गर्म हो जाता है, यह अंदर आरामदायक हो जाता है।
टोयोटा अल्लेक्स - एक पांच दरवाजाहैचबैक, जो बहुत व्यावहारिक है। विशेष रूप से यदि ड्राइवर अक्सर लंबी दूरी की यात्रा करता है। आप रात भर ठहरने के लिए भी नहीं देख सकते हैं, बस पिछली सीट को फोल्ड करें। परिणाम एक आरामदायक और पूर्ण बिस्तर होगा। कुछ कार मालिकों ने सुविधा के लिए रसोईघर टाइल्स, लॉकर भी लगाया।
समीक्षा में मॉडल की कमियों में से एक को बुलाया जाता हैदाहिने पहिया की उपस्थिति। आप इसे जल्दी और आसानी से उपयोग कर सकते हैं। हालांकि, पहले इसे अनुकूलित करना मुश्किल हो सकता है। किसी ने 100 किमी / घंटा की गति से केबिन में शोर को नोट किया है।
ऐसी समीक्षाएं हैं जिनमें उच्च खपत होती हैईंधन और तेल। शायद यह ईंधन प्रणाली में एक खराबी इंगित करता है। आखिरकार, कुछ कार मालिक, इसके विपरीत, कहते हैं कि मॉडल अविश्वसनीय रूप से आर्थिक है। यह ऑटो मरम्मत पर भी लागू होता है। विवरण हमेशा स्टॉक में रहते हैं, और रखरखाव सस्ती है।
आज, इस्तेमाल की गई कार टोयोटा अल्लेक्स कर सकते हैं2 9 0-350 हजार rubles के लिए खरीदते हैं। अंतिम मूल्य कार के निर्माण और संशोधन के वर्ष, शर्त पर निर्भर करता है। इन सभी संकेतकों को बेहतर, अधिक महंगे कारें होंगी।
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संधि के लिए एक दूत भेजा था जो हर्ष को रास्ते में मिला जब वह थानेश्वर से शत्रुदमन करने के लिए प्रयारण कर रहा था ।
हर्ष ने शशाङ्क को दण्ड देने के लिए बहुत बड़ी तैयारियाँ की जिसका वर्णन बारग ने हर्षचरित में किया है । किन्तु बाग ने यह नहीं लिखा कि इस तैयारी का परिणाम क्या हुआ ? उसने भूमि पर एक स्वर्ण मुद्रा के गिरने की घटना का उल्लेख है। जिसको राजसभासदों ने अपशकुन माना । हो सकता है कि प्रत्यक्षरूप से बारण ने हर्ष की असफलता का संकेत किया हो । वारण ने सिन्ध के राजा पर और हिमालय प्रदेश के राजा पर हर्ष की विजय का उल्लेख किया है, किन्तु शशाङ्क के युद्ध के संबंध में वह मौन है । ह्व नसांग ने भी इसके संबंध में कुछ नहीं लिखा, यद्यपि उसने पुलकेशी के विरुद्ध हर्ष की असफलता, मगध में पूर्णवर्मन् का उदय, हिरण्य पर्वत, लक्षमन आदि के राजनीतिक दशा के परिवर्तन का उल्लेख किया है। शशाङ्क के गंजाम ताम्रपट्टों (६१९-२० ई०) से प्रतीत होता है कि उस तिथि तक शशाङ्क अपने पूर्ण वैभव में था और उसकी कोई गहरी पराजय न हुई होगी। हृनसांग ६३७ ई० में मगध गया था। उसने मगध में शशाङ्क द्वारा किए गए कलाकृतियों के विनाश की चर्चा की है । सि-यु- कि में यह नहीं लिखा है कि हर्ष ने शशाङ्क से बदला लिया किन्तु ह्वेनसांग की जीवनी में लिखा है कि हर्ष ने अपने भाई की मृत्यु की शीघ्र ही बदला लिया । स्पष्ट है कि सि यु कि और जीवनी में अन्तर है। हर्ष की तैयारियों से केवल इतना हुआ कि शशाङ्क को संपूर्ण उत्तर भारत पर अधिकार करने की उच्चाकांक्षा का त्याग करना पड़ा। वह कन्नौज और मौखरि राज्य से चला गया। संभव है हर्ष के प्रशंसकों ने इस अधूरी सफलता को बढ़ा-चढ़ा कर लिखा हो ।
शशाङ्क के अन्तिम वर्ष - एल्लन ने लिखा है कि शशाङ्क निश्चय ही बौद्ध धर्म का उत्पीड़क था। हो सकता है कि चीनी यात्री ने मगध में किए गए उसके अत्याचारों को बढ़ा कर लिखा हो । यह भी हो सकता है कि बौद्ध ग्रहवर्मन और बौद्ध राजवर्धन की हत्या के कारण और शशाङ्क द्वारा मगध से बौद्ध धर्मावलम्बी मौखरियों के निष्कासन से मगध के बौद्ध शशाङ्क के विरुद्ध हो गए हों। हो सकता है कि शशाङ्क को मगध के बौद्धों की राजनिष्ठा के प्रति संदेह हो गया हो। ह्व नसांग ने एक भी ऐसा उदाहरण नहीं दिया है जिससे प्रतीत हो कि शशाङ्क ने करसुवर्ण में कोई बौद्ध धर्मविरोधी कार्य किया हो। प्रतीत होता है कि उसने गौड़ में धर्म के संबंध में परम्परागत भारतीय सहिष्णुता की नीति अपनाई। प्रतीत होता है मगध में बौद्धों पर अत्याचार करने का कारण राजनीतिक था, धार्मिक नहीं लिखा है कि शशाङ्क की मृत्यु के तुरंत बाद पूरर्णवर्मन् मगध के सिंहासन पर बैठा । हो सकता है कि वह संतुष्ट बौद्धों का नेता रहा हो । |
क्या आपने दसवीं की परीक्षा पास कर ली है? क्या आपण सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे हैं? क्या आपका सपना सेना में सर्विस करने का है? अगर हां तो आज यह आर्टिकल आपके लिए बेहद ही खास होने वाला है। क्योंकि आज हम आपको इस लेख में हाईस्कूल पास करने के बाद किस सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया जा सकता है जिसकी लिए इन दिनों आवेदन भी हो रहे हैं। ऐसी जरूरी जानकारी बताएंगे लेकिन उससे पहले अगर आप एक प्रतियोगी परीक्षार्थी हैं और अपनी प्रतियोगी परीक्षा की घर बैठे फ्री में तैयारी करना चाहते हैं तो उसके लिए अभी सफलता द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे फ्री-कोर्स को ज्वॉइन कर सकते हैं जहां सभी कॉम्पटेटिव एग्जाम की पक्की तैयारी कराई जा रही है।
अगर आप दसवीं पास कर चुके हैं तो इन दिनों भारतीय नौसेना में म्यूजिशियन के पदों पर 6 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं। इस भर्ती में आवेदन करने के लिए किसी भी वर्ग के उम्मीदवारों को कोई शुल्क भुगतान नहीं करना होगा।
आपको बता दें कि इस भर्ती में सफल होने वाले उम्मीदवारों को प्रारंभिक प्रशिक्षण अवधि के दौरान 14,600/- प्रतिमाह देय होगा. इसके बाद उन्हें रक्षा वेतन मैट्रिक्स लेवल-3 के तहत रुपये 21,700 - 69,100 रुपये दिया जाएगा.
अगर आप अपनी किसी भी प्रतियोगी परीक्षा की घर बैठे पक्की तैयारी करना चाहते हैं तो आपको भी हजारों प्रतियोगी स्टूडेंट्स की तरह आज ही Safalta द्वारा चलाई जा रही फ्री Class को ज्वॉइन कर लेना चाहिए और अपने एग्जाम का कंप्लीट रिवीजन व प्रैक्टिस शुरू कर देनी चाहिए जहां पीईटी के अतिरिक्त अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे UPSI, UP-ASI, PET. CTET, UPTET, पॉलिटेक्निक, NDA/NA, CDS, AFCAT समेत लगभग एग्जाम की दिल्ली की बेस्ट फैकल्टी द्वारा लाइव क्लासेस के साथ तैयारी भी कराई जा रही है।
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मांड्या, 30 मई (एजेंसी)
अभिनेत्री कंगना रनौत के अंगरक्षक को एक महिला को धोखा देने के मामले में कर्नाटक के मांड्या से गिरफ्तार किया गया है। उस पर आरोप है कि उसने मुंबई की एक महिला से शादी का वादा किया और बाद में धोखा दे दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "मुंबई पुलिस की एक टीम शनिवार को यहां पहुंची और कुमार हेगड़े को मांड्या के हेग्गाडाहल्ली से गिरफ्तार कर लिया।" उन्होंने बताया कि हेगड़े एक महिला से शादी का वादा कर कथित तौर पर उसके साथ रहने लगा। अधिकारी ने बताया कि इसके बाद वह मुंबई से फरार हो गया और अपने पैतृक गांव हेग्गाडाहल्ली में रहने लगा।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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इंग्लैंड (England) दौरा समाप्त होने के बाद भारतीय टीम (Indian Team) अब वेस्टइंडीज (West Indies) दौरे पर गई है। वहां तीन मैचों की सीरीज का पहला वनडे मुकाबला शुक्रवार को खेला जाएगा। इग्लैंड में टीम इंडिया ने सीरीज में 2-1 से जीत दर्ज की थी और वे इसी लय को बरकरार रखते हुए आगे जाना चाहेंगे। हालांकि रोहित शर्मा की जगह यहाँ कप्तान शिखर धवन होंगे। वेस्टइंडीज की टीम वनडे प्रारूप में बीच के ओवरों में नियंत्रण बनाने में सफल नहीं रही है। हिटिंग और स्ट्राइक रोटेट करने में अंतर को समझने में टीम नाकाम रही है।
भारत ने वेस्टइंडीज को पिछले 5 एकदिवसीय मुकाबलों में हराया है, इस प्रकार 50 ओवर के प्रारूप में भारतीय टीम अविजित रही है। द्विपक्षीय श्रृंखला के संदर्भ में बात की जाए तो भारत मई 2006 के बाद से विंडीज के खिलाफ नहीं हारा है। भारतीय बल्लेबाजों ने एक अच्छी लय पाई है। देखना होगा कि इस मुकाबले में दोनों ही टीमों की तरफ से क्या रणनीति देखने को मिलती है। भारतीय टीम का पलड़ा यहाँ भारी कहा जा सकता है।
शाई होप, शामराह ब्रूक्स, ब्रेंडन किंग, काइल मेयर्स, निकोलस पूरन (कप्तान और विकेटकीपर), रोवमैन पॉवेल, जेसन होल्डर, गुडाकेश मोती, अल्जारी जोसेफ, अकील होसेन, कीमो पॉल।
शिखर धवन (कप्तान), ईशान किशन, श्रेयस अय्यर, सूर्यकुमार यादव, संजू सैमसन, दीपक हूडा, रविन्द्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, युजवेंद्र चहल।
क्वींस पार्क की पिच से गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों को बराबर मदद मिलती है। तेज गेंदबाजों के अलावा मैच की प्रोग्रेस पर स्पिनर भी अपनी छाप छोड़ सकते हैं। अच्छी शुरुआत होने पर बड़ा स्कोर बनने की संभावना है।
इस मैच का सीधा प्रसारण डीडी स्पोर्ट्स पर किया जाएगा। फैन कोड (Fan Code) एप्लीकेशन पर भी इस मैच का सीधा प्रसारण देखा जा सकेगा। हालाँकि इसके लिए सब्सक्रिप्शन लेना होगा।
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हमारे यहां अदालतों में लंबित मामलों की संख्या अधिक बढ़ गई है। इससे निपटने के लिए न्यायपालिका में रिक्तियों को भरने और न्यायिक बुनियादी ढांचे में सुधार करने की बात प्रधान न्यायाधीश ने कही है। लोग न्यायपालिका पर विश्वास करते हुए इंतजार करते हैं कि उनके अधिकारों की रक्षा अदालतों द्वारा की जाएगी और उन्हें न्याय मिलेगा।
इसलिए प्रधानमंत्री ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया आसान और समझ में आने वाली होनी चाहिए। देश की अदालतों में स्थानीय भाषाओं का प्रयोग होना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि जल्दी ही इसका निदान हो जाएगा। देश के आम लोग चाहते हैं कि न्यायालय के फैसले उनकी भाषा में हों, जिन्हें वे समझ सकें। प्रायः फैसले अंग्रेजी में होते हैं, जिन्हें वे नहीं समझ पाते। प्रधान न्यायाधीश रमण की यह बात प्रशंसनीय है कि वे अपने कार्यकाल में उन मुद्दों को उजागर कर रहे हैं, जो कानूनी प्रणाली को प्रभावित करते हैं।
हमें अपना जीवन जीने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र में उपस्थित प्रत्येक जीव और प्रत्येक तत्व की आवश्यकता होती है। मगर हम लगातार देख रहे हैं कि इस भूमंडल का सबसे महत्त्वपूर्ण तत्व मृदा का स्वास्थ्य निरंतर बिगड़ता जा रहा है, जो हमारे और हमारी पीढ़ियों के लिए बेहद भयावह होगा। लगभग प्रत्येक जीव का जीवन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से मृदा के बेहतर स्वास्थ्य से ही जुड़ा है।
अगर मृदा जिंदा है तो हम सब जिंदा हैं। हमारे शरीर के लिए जरूरी सभी तत्व इसी से प्राप्त होते हैं, जैसे फास्फोरस, नाइट्रोजन, आयरन आदि। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में मृदा का बेहतर स्वास्थ और उसकी बेहतर गुणवत्ता होना बहुत जरूरी है, क्योंकि भारत में बारहों महीने खेती की जाती है और देश की बड़ी आबादी इस क्षेत्र में कार्यरत है। इसके अलावा इसका देश की अर्थव्यवस्था में भी अतुलनीय योगदान है।
मृदा की इस दुर्दशा के लिए मानवीय गतिविधियां ही ज्यादा जिम्मेदार हैं। मसलन, हमारे जीवन में प्लास्टिक का लगातार बढ़ता उपयोग, कृषि जगत में तात्कालिक आर्थिक लाभ कमाने की भावना ने भयंकर रूप से कीटनाशकों प्रयोग बढ़ाया है। साथ ही परंपरागत पद्धति से खेती करना, बड़े-बड़े उद्योगों द्वारा अपशिष्ट एवं हानिकारक पदार्थों का गलत निष्कासन, जल और वायु प्रदूषण का बढ़ना प्रमुख कारण है। इसलिए जरूरी है कि अब हम समय के साथ और अति गंभीर होकर और इन समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करें।
हम मृदा संरक्षण के लिए कुछ नए उपाय कर सकते हैं। हमें यह ज्ञात होना चाहिए कि मृदा की सुरक्षा करना किसी देश, सरकार संस्थान, व्यक्ति या किसी धर्म विशेष की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह एक पीढ़ी के जिम्मेदारी है कि हम इसकी सुरक्षा के लिए सामूहिक रूप से एकजुट हों। हमें किसानों को प्रशिक्षित करके उन्हें संसाधन उपलब्ध करा कर।
प्रभावशाली वर्ग को इस अभियान में आगे आए प्रभावशाली वर्ग से ऐसे वर्ग से है, जिनको एक बड़ा जनसमूह सुनता-समझता हो। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले बड़े आयोजनों में मृदा संरक्षण को लेकर जनमानस को जागरूक किया जाए। मृदा संरक्षण के अभियान को सकारात्मक प्रतिस्पर्धात्मक बनाया जाए।
कल्याणकारी योजनाओं को और प्रभावशाली तरीके से लागू किया जाए। बेहतर मृदा स्वास्थ्य का विषय शिक्षा के हर स्तर पर अनिवार्य रूप से जोड़ा जाए। अभी हम कुछ इन मूलभूत हो मुद्दों पर नियंत्रण कर लेते हैं, तो निश्चित तौर पर हम इस क्षेत्र में क्रांति ला सकते हैं, अन्यथा केवल कागजी आंकड़े हमारे लिए बेहतर नहीं होंगे।
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मुरैना। प्रदेश के मुरैना जिले में एक अंतरराज्यीय शराब तस्कर तथा लुटेरी गैंग को पुलिस ने पकड़ा है। प्राप्त जानकारी अनुसार शराब तस्कर एंबुलेंस के माध्यम से शराब की तस्करी और लूट की वारदात को अंजमा देते थे। पुलिस द्वारा दो आरोपी सहित 110 पेटी अवैध शराब जब्त की गई है। आरोपीयों द्वारा लूटी हुई गाडी को एंबुलेंस बनाया गया।
आपको बता दें की सुचना अनुसार आरोपी उत्तरप्रदेश तथा दिल्ली के निवासी बताये जा रहे है। यह आरोपी मध्यप्रदेश, बिहार, उत्तरप्रदेश, दिल्ली से तस्करी करते थे। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अवैध शराब ढोती हुई एंबुलेंस को पकड़ा वहीं आरोपियों से लूटी गई आर्टिगा भी मिली है। आरोपी मुरैना की आर्टिगा के चालक को बेहोश कर ले गए थे। एंबुलेंस ग्वालियर से चोरी की गई थी, जिसमे शराब ढो रहे थे।
एंबुलेंस में 110 पेटी रॉयल व्हिस्की मिली है, मुरैना कोतवाली पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए अरोपियों से 5 लाख की अवैध शराब सहित 27 लाख रुपए कीमत के दोनों वाहनों को भी बरामद किया है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और बाकि के आरोपियों की तलाश की जा रही है।
मंदिर में भगवान के सामने माथा टेकने झुका शख्स, फिर उठा ही नहीं. . ,साइलेंट हार्ट अटैक से 'मौत'
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विमान के कई प्रकार थे, जो मुख्य रूप से इंजन लगाने में भिन्न थेः
- पंख के नीचे दो टर्बोजेट इंजन, और दो - नाक में धड़ के किनारों पर;
- विंग के तहत दो टर्बोजेट इंजन;
- दो बंडल में दो इंजनों के पंख के नीचे चार टर्बोजेट इंजन;
- दो बंडलों में तीन इंजनों के पंखों के नीचे छह टर्बोजेट इंजन।
अन्य इंजन प्लेसमेंट विकल्पों पर भी विचार किया गया था। विमान की उड़ान विशेषताओं को बढ़ाने के लिए शक्ति में वृद्धि की गई। उदाहरण के लिए, छह Ju-287V3 टर्बोजेट इंजन से लैस, यह 850 किमी / घंटा की गति तक पहुंचने वाला था, और 3 के एक बम लोड के साथ 6,65 हजार किलोग्राम की रेंज है। Ju-287V1 के अपवाद के साथ विमान के सभी वेरिएंट में एक वापस लेने योग्य लैंडिंग गियर था।
1945 के वसंत में विमान का छह-इंजन संस्करण, लाल सेना के कब्जे में आया। उसके अलावा, रूसियों को कई अन्य परियोजनाएं और जूनर्स हवाई जहाज मिले। जर्मन डिजाइनरों ने विमान को लाने और इसे उड़ान परीक्षणों में पास करने की पेशकश की। लेकिन बाद में, समापन को अनावश्यक के रूप में मान्यता दी गई थी, और एक्सएनयूएमएक्स में काम रोक दिया गया था, क्योंकि उस समय तक नई, उच्च सामरिक और तकनीकी आवश्यकताएं बन गई थीं। OKB-1948 के इस विमान में पदनाम EF-1 ("131") था।
OKB-1 का अगला विकास उच्च-ऊंचाई वाला बॉम्बर EF-140 ("140") था, जिसमें एक ही योजना थी, लेकिन ट्रांसोनिक गति के लिए डिज़ाइन किया गया था। अधिकतम उड़ान गति सुपरसोनिक हो सकती है, एक्सएनयूएमएक्स एम के अनुरूप। विमान को पूरी तरह से बढ़ती ताकत के साथ संशोधित किया गया था और ए ए मिकुलिन द्वारा डिज़ाइन किए गए दो एएम-एक्सएनयूएमएक्स इंजनों के साथ जर्मन टर्बोजेट इंजनों के एक्सएनयूएमएक्स की जगह "एक्सएनयूएमएक्स" डिजाइन के अनुसार, इसका उपयोग न केवल मुख्य उद्देश्य के लिए किया जा सकता है। लेकिन यह भी एक दूर के सभी मौसम टोही विमान के रूप में, जिसके लिए बम बे में फोटोग्राफिक उपकरणों का निलंबन प्रदान किया गया था। दो फायरिंग पॉइंट पेश किए गए थे - घूर्णन टावरों की परियों में 1,1-mm ट्विन गन। टावरों में रिमोट हाइड्रोलिक कंट्रोल था। केबिन में एक महत्वपूर्ण ग्लेज़िंग थी, जो एक अच्छा पक्ष और सामने का दृश्य प्रदान करती थी; शीर्ष पर, ग्लेज़िंग के अंत में, रियर दृश्यता प्रदान करने वाले दो दर्पण पेरिस्कोप लगाए गए थे। विमान की धुरी से लटकते तख्ते तक 6 प्रतिशत आधे-अधूरे पर इंजन तय किए गए थे। फ्रंट विंग स्पार के नीचे नोजल आउटलेट था। कंधे को हटाना c। t। टर्बोजेट इंजन की गणना स्पंदन की स्थितियों से की गई थी। विमान में नाक के पहिये के साथ एक वापस लेने योग्य तिपहिया लैंडिंग गियर था। Aileron वायुगतिकीय मुआवजे के साथ slotted। प्रत्येक 01 m140 का क्षेत्र। क्षेत्र वापस लेने योग्य फ्लैप 23 m40। हमले के उच्च कोणों पर रूट स्टाल को कमजोर करने के लिए, धड़ में पंख के अग्रणी किनारे में छोटे स्लैट थे।
विमान के पंखों में + 5 'अनुप्रस्थ V, 2,57 का कसना और 6,45 का विस्तार था। अनुमानित अधिभार कारक 6,25 24 तू है। Kg की उड़ान भार के साथ, अधिकतम अधिभार 4,16 था। स्टीयरिंग व्हील क्षेत्र 2,8 m2 है, keel 3,5 m2 है, एलिवेटर 3,9 m2 है, और स्टेबलाइजर 8 m2 है।
विमान के लिए प्रदान किए गए AM-01 AA मिकुलिन इंजन को समय सीमा द्वारा वितरित नहीं किया गया था, उन्हें दो "नेने" (RD-45 के लिए सोवियत पदनाम) द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। उसी समय, विमान का आकार कुछ बदल गया था और, अधिकांश की राय में, इसके भविष्य के गुण बिगड़ गए, क्योंकि प्रत्येक टर्बोजेट इंजन का जोर 2270 से 3500 तक कम हो गया।
EF-140V1 की पहली उड़ान पॉडबेरेज़े के हवाई क्षेत्र में मास्को के पास 15. 03. 1949 में हुई। जी. एन. उड़ान परीक्षण और निर्माण के लिए प्रमुख इंजीनियर था। नज़ारोव। प्रमुख परीक्षण पायलट वोल्फगैंग ज़ीसे हैं, जो युद्ध के दौरान हरमन गॉरिंग के मुख्य पायलट थे। एक उड़ान के दौरान 900 किमी / घंटा की गति तक पहुंचने में कामयाब रहे। EF-140 ("140"), पिछले विमान के विपरीत, शून्य चक्र से सोवियत संघ में विकसित किया गया था। बॉम्बर का मुख्य डिजाइनर ब्रूनॉल्फ बाडे है, मुख्य डिजाइनर के चित्रकार ओब्रुबोव और फ्रीटैग हैं। वोके - नई परियोजनाओं के ब्यूरो के प्रमुख। दूसरा प्रोटोटाइप, जिसमें कुछ अंतर थे, का निर्माण नहीं किया गया था।
प्रयोगात्मक 140 उच्च ऊंचाई वाले बॉम्बर का उड़ान प्रदर्शनः
विंगस्पैन - एक्सएनयूएमएक्स एम;
लंबाई - एक्सएनयूएमएक्स एम;
ऊंचाई - 5,7 मीटर;
विंग क्षेत्र - 58,4 m2;
खाली वजन - 12500 किलो;
सामान्य टेक-ऑफ वजन - 24500 किलो;
अधिकतम ले-ऑफ वजन - 27000 किलो;
इंजन प्रकार - 2 टर्बो-कंप्रेसर जेट इंजन AM-01 A. A. मिकुलिन;
जोर - 2 x 3500 kgf;
अधिकतम गति - 1230 किमी / घंटा;
उड़ान रेंज - 6500 किमी;
व्यावहारिक छत - एक्सएनयूएमएक्स एम;
क्रू - 4 व्यक्ति;
आयुध - 4 गन कैलिबर 23 मिमी;
बम लोड - 4500 किलो।
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नवरात्रो में साधारण खाना तो सभी खा लेते हैं। पर आज हम आपको कुछ हटके बनाने की रेसिपी बताने जा रहे हैं। यह बनाने में बड़ी ही सरल है। हम आज टेस्टी आलू के दही वड़े बनाने की सरल विधि आपको बता रहे हैं। तो आइये शुरू करते हैं।
आलू 4 बड़े (उबले हुए)
जीरा 1/2 छोटा चम्मच (पिसा हुआ)
सबसे पहले एक बाउल लें। अब इसमें आलूओं को मैश कर लें। इसमें हरी मिर्च, जीरा, नमक और काली मिर्च डालकर इसको अच्छे से मिला लें। अब इसमें थोड़ा थोड़ा सा कुटु का आटा मिलाते हुए एक सार कर लें। एक बात का ध्यान रखें की आटा सिर्फ बांधने के लिए ही मिलाएं।
अब गैस पर एक कढ़ाई रख कर तेल गर्म कर लें। अब गर्म तेल में आटे की छोटी सी गोली डालकर चेक करें की आटा बिखर तो नहीं रहा है। यदि आटा बिखरता है तो अपने मिश्रण में थोड़ा सा कुटु का आटा और मिला लें।
अब हाथों पर तेल से ग्रीसिंग करें और मिश्रण की छोटी छोटी गोलियां बना कर उसे सुनहरा डीप फ्राई कर लें। अब इन गोलियों को दही में डालकर सर्व करें। अगर आप बिना दही के खाना चाहें तो इन्हे कटलेट की तरह हरी चुटनी और चाय के साथ भी खा सकते हैं।
यदि आपको ये रेसिपी अच्छी लगी हो या आप ऐसी ही और किसी रेसिपी के बारें में जानना चाहते हों तो आप कृपया मेरे चैनल (#chefshipra) को सब्सक्राइब / फॉलो करें ताकि आपको इसी प्रकार की रेसिपी तथा जानकारी मिलती रहे।
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(योषिता सिंह) संयुक्त राष्ट्र, 29 जनवरी (भाषा) संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए कई देशों को टीके मुहैया कराने के भारत के कदम की सराहना करते हुए कहा कि भारत की टीका निर्माण क्षमता आज दुनिया की सर्वश्रेष्ठ पूंजियों में से एक है। गुतारेस ने उम्मीद जताई कि भारत के पास वे सभी आवश्यक साधन उपलब्ध होंगे, जो वैश्विक टीकाकरण मुहिम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, "मैं बताना चाहता हूं कि हम भारत पर कितना भरोसा करते हैं। भारत सबसे उन्नत दवा उद्योगों में शामिल है। भारत ने जेनेरिक (सामान्य)
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राहुल चाहर ने 11 विकेट लिये हैं जबकि अंकित लांबा ने 198 रन बनाये हैं।
अहमदाबाद. शानदार फॉर्म में चल रहे शाहरूख खान (Shahrukh Khan) और अनुभवी चाहर बंधुओं की टक्कर पर सभी की नजरें होंगी जब तमिलनाडु (Tamil Nadu) का सामना सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) के सेमीफाइनल में राजस्थान से होगा। आईपीएल (IPL) के लिये नीलामी 18 फरवरी को होनी है जिससे पहले दोनों टीमों के खिलाड़ी अपने प्रदर्शन से टीमों का ध्यान खींचना चाहेंगे।
राजस्थान (Rajasthan) के पास महिपाल लोमरोर (170 रन) जैसा युवा टी20 विशेषज्ञ बल्लेबाज है जबकि दीपक और राहुल चाहर के साथ गेंदबाजी में रवि बिश्पोई , खलील अहमद और अनिकेत चौधरी हैं। राहुल चाहर ने 11 विकेट लिये हैं जबकि अंकित लांबा ने 198 रन बनाये हैं। वहीं तमिलनाडु के लिये एन जगदीशन 322 रन बना चुके हैं। कप्तान दिनेश कार्तिक अभी तक अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर सके हैं और तमिलनाडु को बड़े मैच में उनसे काफी उम्मीदें होंगी।
सी हरि निशांत, बाबा अपराजित और केबी अरूण कार्तिक भी अच्छी पारियां खेलना चाहेंगे। गेंदबाजी में लेग स्पिनर मुरूगन अश्विन और बायें हाथ के स्पिनर आर साइ किशोर से काफी उम्मीदें थी जबकि बाबा अपराजित ने भी प्रभावित किया। पंजाब और बड़ौदा के मुकाबले में सिद्धार्थ कौल और संदीप शर्मा की चुनौती विष्णु सोलंकी के लिये आसान नहीं होगी।
सोलंकी ने हरियाणा के खिलाफ रोमांचक क्वार्टर फाइनल में आखिरी गेंद पर शानदार हेलिकॉप्टर शॉट लगाकर सभी का दिल जीता था। बड़ौदा को गेंदबाजी में लुकमान मेरिवाला, अतीत शेठ , भार्गव भट और निनाद राठवा से उम्मीदें हैं। वहीं बल्लेबाजी में केदार देवधर और सोलंकी पर दारोमदार होगा। (एजेंसी)
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चर्चा में क्यों?
अपने एक महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णय में सेना मुख्यालय ने गोरखा राइफल्स (Gorkha Rifles-GR) में उत्तराखंड के गैर-गोरखाओं की भर्ती को मंज़ूरी दे दी है।
- वर्तमान में भारतीय सेना के पास लगभग 40 गोरखा राइफल्स (GR) बटालियन हैं, जिसमें केवल नेपाल-अधिवासित गोरखाओं (NDG) और भारतीय-अधिवासित गोरखाओं (IDG) को ही क्रमशः 60 और 40 के अनुपात में भर्ती किया जाता है।
- हालाँकि कुछ वर्ष पूर्व एक पूर्णतः भारतीय-अधिवासित गोरखाओं (IDG) की बटालियन भी बनाई गई थी। अब गोरखा राइफल्स (GR) की सात में 3 रेजिमेंटों में उत्तराखंड के गैर-गोरखाओं की भर्ती को भी मंज़ूरी दे दी गई है।
- कारणः
- यद्यपि एक ओर अलग-अलग गोरखा राइफल्स (GR) बटालियन में नेपाल से होने वाली भर्तियों में कोई कमी नहीं है, किंतु कुछ इकाइयों में भारतीय गोरखाओं की कमी देखी जा रही थी, जिसे पूरा करने के लिये यह कदम उठाया गया है।
- वर्तमान में गोरखा राइफल्स (GR) बटालियन में गैर-गोरखाओं की भर्ती करने का निर्णय केवल दो वर्ष के लिये लिया गया है।
- ध्यातव्य है कि भारतीय सेना के इस महत्त्वपूर्ण निर्णय से उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊँ के युवा गोरखा राइफल्स (GR) में भर्ती होने के लिये योग्य माने जाएंगे, जिससे इस क्षेत्र के युवाओं के लिये रोज़गार के अवसरों में बढ़ोतरी होगी।
- हालाँकि गोरखा राइफल्स (GR) के कई पूर्व सैनिकों ने इस कदम को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए कहा है कि गोरखा राइफल्स (GR) में केवल गोरखा लोगों की ही भर्ती की जानी चाहिये।
- नेपाल, भारत और ब्रिटेन के बीच वर्ष 1947 में हुए एक त्रिपक्षीय समझौते के मुताबिक, भारत और ब्रिटेन को अपनी सेनाओं में नेपाल के गोरखा सैनिकों की भर्ती करने की अनुमति दी गई है।
- इस समझौते के तहत तत्कालीन दस गोरखा राइफल्स (GR) रेजिमेंटों में से छह भारत के तथा चार ब्रिटेन के हिस्से में आई थीं। समझौते के तहत भारतीय सेना के हिस्से में नंबर 1, 3, 4, 5, 8 और 9 गोरखा राइफल्स रेजिमेंट आईं और ब्रिटिश सेना के हिस्से में नंबर 2, 6, 7 और 10 गोरखा राइफल्स रेजिमेंट आईं।
- बाद में भारत ने 11 नंबर गोरखा राइफल्स रेजिमेंट भी बनाई और इस तरह भारत के पास कुल 7 रेजिमेंट हैं।
- 'आंग्ल-नेपाल युद्ध' (वर्ष 1814-16) जिसे 'गोरखा युद्ध' भी कहा जाता है, के दौरान जब अंग्रेज़ सेना को अधिक क्षति हुई थी तब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने पहली बार अपनी सेना में गोरखाओं को भर्ती किया था। यह युद्ध वर्ष 1816 की सुगौली की संधि पर हस्ताक्षर के साथ समाप्त हुआ था।
- 'आंग्ल-नेपाल युद्ध' के समय ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लाॅर्ड हेस्टिंग्स थे।
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गोरखपुर (ब्यूरो)। फिलहाल, जिले में 11 लाख से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हैं। इन्हें 1. 31 लाख से अधिक वाहन कबाड़ की श्रेणी में आ गए हैं। इसमें 1,06,251 बाइक और स्कूटर, 4229 मोपेड और 20,646 कार शामिल हैं। इन वाहनों की निर्धारित आयु 15 वर्ष पूरी हो चुकी है। इसमें से अधिकतर के रजिस्ट्रेशन का रिन्युअल नहीं हुआ है। कुछ सड़क पर प्रदूषण फैलाने के साथ दुर्घटनाओं को दावत दे रहे हैं तो कुछ दरवाजे या दुकानों पर खड़े हैं। उम्र पूरी करने के बाद भी मालिकों ने इन वाहनों का दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
दरअसल,अधिकतर वाहन मालिक एक बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद वाहनों के रिन्युअल और फिटनेस को भूल जाते हैं। गाड़ी जबतक चलती है ठीक, नहीं तो दरवाजे पर खड़ी कर देते हैं। दो पहिया, कार और स्कूल बस की आयु सीमा 15 वर्ष होती है। कामर्शियल ट्रक और बसों की आयु 20 वर्ष होती है। उम्र पूरी होने के बाद वाहनों को दोबारा रजिस्ट्रेशन अनिवार्य हैं।
सरकारी वाहनों के लिए स्क्रैप पॉलिसी लागू होने के बाद एक फरवरी तक गोरखपुर आरटीओ में केवल चार लोगों ने स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए इंट्रेस्ट दिखाई है। नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत पहले चरण में सरकारी और अर्धसरकारी वाहन कबाड़ घोषित किए जाएंगे।
-दो पहिया वाहन को स्क्रैप करने के बाद 2 लाख तक का टू व्हीलर खरीदने पर 7 परसेंट की दर से रोड टैक्स 14 हजार रुपए पड़ेगा। इस 14 हजार पर विभाग 25 परसेंट की छूट देगा। ऐसे में 3500 रुपए की छूट मिलेगी।
-चार पहिया स्क्रैप करने पर 30 लाख की कार खरीदी पर 10 परसेंट की दर से 30 लाख की कार का रोड टैक्स 3 लाख बनेगा। रोड टैक्स में 25 परसेंट के आधार पर 75 हजार की छूट मिलेगी।
-मालवाहक गाड़ी को स्क्रैप कर मालवाहक वाहन खरीदना होगा। मिली ट्रक 12 पहिए वाले ट्रक को स्क्रैप कर खरीदने पर लाइफ टाइम टैक्स पांच लाख रुपए पर 15 परसेंट की दर से रोड टैक्स में 75 हजार की छूट मिलेगी।
-प्राइवेट वाहनों के लिए रोड टैक्स में 15 परसेंट और कामर्शियल वाहनों के लिए आठ वर्ष पर कुल टैक्स में 10 परसेंट की छूट मिलेगी।
स्क्रैप पॉलिसी लागू होने के बाद 15 वर्ष से पुराने वाहन स्क्रैप किए जाएंगे। स्क्रैप सेंटर खोलने के लिए पात्र व्यक्ति ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उनके पास एक एकड़ जमीन होना जरूरी है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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धनबादः कोरोना संक्रमित जेएमएम विधायक मथुरा प्रसाद महतो को सांस लेने में दिक्कत के बाद जमशेदपुर के टीमएच रेफर कर दिया गया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार, धनबाद के कोविड वार्ड में भर्त्ती मथुरा प्रसाद महतो का बुखार नहीं उतर पा रहा था, वही ंमंगलवार को सिटी स्कैन में उनकी रिपोर्ट असामान्य पायी गयी. जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें तत्काल कोविड-19 अस्पताल से जमशेदपुर के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल,टीएमएच रेफर कर दिया.
मंगलवार रात को ही विशेष एंबुलेंस से उन्हें जमशेदपुर भेजा गया. इस दौरान झरिया के निकट एंबुलेंस दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. हालांकि इस हादसे में विधायक बाल-बाल बच गये.
बाद में दूसरे एंबुलेंस से विधायक को जमशेदपुर के लिए रवाना किया गया. बताया गया है कि मथुरा प्रसाद महतो लगातार खांस रहे है, इसके बाद धनबाद सेंट्रल अस्पताल में उनका एक्सरे कराया गया, लेकिन वहां सटीक जानकारी नहीं मिली.
विशेषज्ञों का कहना था कि ठीक से एक्सरे नहीं हुआ. इसके बाद विधायक को पीएमसीएच ले जाया गया,जहां उनका स्टि स्कैन हुआ, जिसमें रिपोर्ट असामान्य दिखी, तो उन्हें तत्काल टीएमएच भेजने का फैसला लिया.
गौरतलब है कि एक सप्ताह पहले कोरोना संक्रमित होने के बाद विधायक को कोविड अस्पताल में भर्त्ती कराया गया था.
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चिड़ावा और आसपास के क्षेत्र में आज धूप निकली हुई है। इससे लोगों को सर्दी से थोड़ी राहत मिली है लेकिन क्षेत्र में लगातार चल रही शीत हवाओं के कारण ठिठुरन भी बनी हुई है।
लोग धूप निकलने के साथ ही धूप में खड़े होकर सर्दी से राहत पा रहे हैं। शहर में अधिकतम तापमान 19 डिग्री और न्यूनतम 7 डिग्री रहने का अनुमान है।
मौसम साफ रहेगा। लेकिन सर्दी का असर बढ़ने का अनुमान है। हालांकि, कोहरे से भी निजात रहेगी। ऐसे में वाहन चालकों को भी कोई परेशानी नहीं होगी।
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भारत में अपराध दर हमेशा एक समस्या रही है और देश में लोग कभी-कभी ऐसी हरकतें देखते हैं जो बेहद भयावह होती हैं। हाल ही की दिल दहला देने वाली घटना में, एक व्यक्ति को अपनी Skoda Rapid को Hyundai Verna से टकराते हुए देखा गया और फिर Hyundai Verna से निकले व्यक्ति पर खुली गोलियां चलाते देखा गया जिससे वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मामला नासिक के सतपुर नगर इलाके का है और यह पूरी घटना दिनदहाड़े हुई।
Ashish Jadhav नाम के व्यक्ति को इस मामले में मुख्य संदिग्ध के रूप में पहचाना गया है और Twitter पर वायरल हुए CCTV फुटेज में उसे Skoda Rapid को ह्युंडई वेरना में टक्कर मारते हुए दिखाया गया है, जिसे Tapan Jadhav नाम का एक व्यक्ति चला रहा है। माना जा रहा है कि ये दोनों आपस में रिश्तेदार हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि हादसे के बाद Ashish गाड़ी से उतरा और Tapan पर फायरिंग शुरू कर दी. फुटेज में देखा जा सकता है कि Tapan की Hyundai Verna टक्कर से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। मीडिया सूत्रों के मुताबिक, गोली मारने की वजह निजी दुश्मनी हो सकती है। हालांकि अभी पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
यह दुर्भाग्यपूर्ण हो सकता है कि इस तरह की घटनाएं भारत में असामान्य नहीं हैं। आए दिन इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं जहां लोग एक दूसरे को गोली मार देते हैं या एक व्यक्ति दूसरे को पल भर में गोली मार देता है। 2017 में वापस शूटिंग की एक और घटना वायरल हुई जहां एक राजनेता के बेटे ने सड़क पर अपनी Land Rover SUV को ओवरटेक करने के लिए एक व्यक्ति की हत्या कर दी।
घटना गया बिहार में 2017 में हुई थी जब एक छात्र Aditya Sachdeva मारुति स्विफ्ट चला रहा था। जब वह गाड़ी चला रहा था, तो उसकी मुलाकात आरोपी Rocky Yadav से हुई, जो अपने Land Rover Discovery Sport में था। ड्राइव करते समय Aditya ने Land Rover को किसी समय ओवरटेक किया जिससे रॉकी को गुस्सा आ गया। इसके बाद 30 साल के रॉकी ने स्विफ्ट का पीछा किया और उसे ओवरटेक कर गाड़ी रोक दी। इसके बाद उसने बंदूक निकाली और Aditya के सिर में प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसे मारने से पहले, उसने यह भी कहा कि "क्या तुम नहीं जानते कि मैं कौन हूँ?"।
रॉकी की पहचान जद (यू) MLC Manorama Devi के बेटे के रूप में हुई थी। उनके पिता, Bindi Yadav, कथित तौर पर एक अपराधी-राजनीतिज्ञ थे। रॉकी तब फरार हो गया, जबकि MLC के पुलिस गार्ड, जो घटना के समय रॉकी के Land Rover में थे, को गिरफ्तार कर लिया गया। आगे की जांच के बाद यह बताया गया कि रॉकी के माता-पिता ने कहा कि उन्होंने यह नहीं बताया कि उनका बेटा कहाँ गया था, लेकिन खोज के बाद पता चला कि वह अपने परिवार के स्वामित्व वाली एक फैक्ट्री में छिपा हुआ था। तब उन्हें हत्या का दोषी ठहराया गया था।
उनकी गिरफ्तारी के बाद यह भी बताया गया कि शुरू में उन्हें जमानत दे दी गई थी, हालांकि पटना सरकार ने Supreme Court में यह कहते हुए इसका विरोध किया कि अगर वह बाहर होंगे तो वे गवाहों को प्रभावित करेंगे। ऐसे में उन्हें वापस जेल लौटना पड़ा। 16 माह बाद मामले में जान गंवाने वाले युवक की मां ने अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई है। सालों तक केस चलने के बाद आखिरकार आरोपी रॉकी को कोर्ट ने उसकी हरकतों के लिए उम्रकैद की सजा सुनाई।
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सभी प्रकार की मानसिक दुर्बलता के लिए नियंत्रण ( Control ), सावधानी ( Care, सरक्षण (Supervisicn ) तथा मार्गोपदेशन अपेक्षित है। इनके अभाव में न तो कोई मानसिक दुर्बल व्यक्ति अपनी रक्षा कर सकता है और न समाज की ही । हम पहले ही यह देख चुके हैं कि उनका सरक्षण या नियंत्रण क्यों और कितनावश्यक है; लेकिन मानसिक व्याधि के लिए सभी स्थलों पर सावधानी संरक्षण आदि की नहीं पड़ती। जब कोई परिस्थिति बहुत ही गंभीर और भयावह हो जाती है तभी सरक्षण और निगरानी की जरूरत मानसिक व्याधियों में पड़ती है ।
विभिन्न अध्ययन इसके भी साक्षी है कि मानसिक दुर्बल व्यक्ति अधिक अपराध के कामों में अपना झुकाव रखते हैं; क्योकि उनमें उनके बुरे परिणामों को सोचने की शक्ति नहीं रहती। उनमें ससूचनशीलता अधिक रहती है, इसलिए बहकावे मे आकर भी वे अपराध के कामों को कर देते हैं; लेकिन मानसिक व्याधियों में बहुत ही कम स्थलों पर अपराध करते हुए लोग पाये जाते हैं। इसलिए हम कह सकते हैं कि अपराध-वृत्ति की प्रबलता मानसिक दुर्बलता में ही होती है, मानसिक व्याधि में नहीं ।
मानसिक दुर्बलता की हालत में मनुष्य में कलना और रचनात्मक योग्यताव रहता है ; किन्तु मानसिक व्याधि के सम्बन्ध मे हम ऐसा नहीं कह सकते । हम पहले ही देख चुके हैं कि उनमें किस प्रकार दिवास्वप्न प्रभृति मानसिक व्यापारों का बाहुल्य रहता है ।
विभ्रम ( Hallucinations ), व्यामोह ( Delusions ) आदि व्यापार मानसिक दुर्बलता में नहीं देखने में आते हैं, लेकिन मानसिक व्याधियो में इनकी प्रबलता रहती है। हम पहले ही देख चुके हैं कि मानसिक रोगी किन-किन प्रकार के विभ्रमों और व्यामोहों के शिकार होते हैं । इसलिए उसकी पुनरावृत्ति की आवश्यकता नहीं है ।
इसी प्रकार मानसिक दुर्बलता में निम्न कोटि के साधारण सवेग पाये जाते हैं; किन्तु बहुत-सी मानसिक व्याधियों में सवेग बहुत ही समृद्ध होते हैं ।
सामाजिक महत्त्व ( Social Significance)
मानसिक दुर्बल व्यक्तियों की समस्या समाज के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण है, क्योकि वर्त्तमान युग में ये समाज के कई पहलुओं (Aspects) को प्रभावित करते हैं । यदि हम शिक्षा के दृष्टिकोण से इनके महत्व को देखे तो हमें मालूम होगा कि ऐसे व्यक्तियों को सामान्य पाठशालाओं में पढ़ने-लिखने की शिक्षा नहीं
दी जा सकती । वर्त्तमान शिक्षा पद्धति से वे ही बच्चे लाभान्वित होते हैं जो सभी तरह से सामान्य है; किंतु इन बच्चों को इस प्रकार की शिक्षा प्रणाली से कोई लाभ नहीं । इसीलिए विदेशों में ऐसे बच्चों के लिए विशेष प्रकार के शिक्षाकेन्द्र बने हुए हैं, जहाँ इनकी योग्यता के अनुसार शिक्षा दी जाती है । जिनमें यह दोष कम श में पाया जाता है उन्हें पढ़ने-लिखने की भी शिक्षा दी जाती है और जो इसके योग्य होते हैं, उन्हें दस्तकारी की शिक्षा दी जाती है। ऐसे शिक्षा केन्द्रों की संख्या केवल न्यूयार्क में २५० के लगभग है, इसी प्रकार अन्य नगरों मे भी शिक्षा केन्द्रों का आयोजन किया गया है। यद्यपि भारतवर्ष में भी सरकार ने गूगे, बहरे और अन्धे व्यक्तियों की शिक्षा के लिए यत्र-तत्र शिक्षा केन्द्रों का प्रबन्ध किया है ; किंतु अभी ऐसी पाठशाला का नितांत भाव है, जहाँ मानसिक दुर्बल व्यक्तियों को उनकी योग्यतानुरूप समुचित शिक्षा दी जा सके। अतएव भारतवर्ष के लिए भी ऐसे व्यक्तियों की शिक्षा की समस्या बहुत महत्त्वपूर्ण है ।
वैधानिक पहलू ( Legel Aspect ) से भी यह समस्या कम शोचनीय नहीं है। ऐसे व्यक्तियों में बुद्ध य-भाव के कारण अपराध के कामों में अधिक झुकाव रहता है ; क्योंकि इनमें उसके परिणाम को सोचने और समझने की शक्ति नहीं होती । सामान्य व्यक्तियों की तरह इनके चारित्रिक विकास का प्रस्फुटन समुचित रूप से नहीं होता जिसके फलस्वरूप ये प्रायः सामाजिक काम मे सलग्न रहते हैं। ये समाज के लिए बहुत ही घातक सिद्ध होते हैं और सरकार को इनसे बचने के लिए तरह-तरह के नियमों और कार्यालयों का निर्माण करना पड़ता है । मानसिक दुर्बल व्यक्ति अपराधी क्यों होते हैं, इस सम्बन्ध में मनोवैज्ञानिकों में मतभेद है । कुछ लोगों का कहना है कि इनमें अपराध ( Crime ) की जन्मजात प्रवृत्ति होती है; किंतु उनका दृष्टिकोण समुचित प्रतीत नहीं होता। दूसरे पक्ष के विद्वानों का कहना है कि ऐसे कामों के दुष्परिणाम को समझने और सोचने की शक्ति उनमें नहीं रहती, इसलिए ये स्वयं या दूसरे के बहकावे मे आकर ऐसे कामो को कर बैठते हैं । इनके होने का यही दृष्टिकोण युक्तिसगत प्रतीत 'होता है, अतः मान्य भी है ।
उपर्युक्त दो पहलुओं पर प्रकाश डालने से यह स्पष्ट है कि मानसिक दुर्बलता की समस्या आर्थिक दृष्टिकोण से भी कम महत्व की नहीं है । इन्हें समाज के योग्य बनाने के लिए विशेष प्रकार की शिक्षा की जरूरत पड़ती है, जिसके आयोजन में सरकार को अधिक धन खर्च करना पड़ता है। इसके अतिरिक्त, इनके संरक्षण और नियंत्रण के लिए सरकार को विभिन्न |
तक इसका फैसला नहीं हो पाया। वहाँके रहनेवाले भारत लिये सहयोग समितियाँ और बैंक चलानेकी जो व्यवस्था क थी, उसके विरुद्ध मोरीशसके गोरोंका दल नियमित रूपसे अ लन कर रहा है । सन् १९०९ ई० में जो कमीशन बैठा था अपनी रिपोर्टमें लिखा है ---" मोरीशसके छोटे छोटे हिन्दुर प्लाण्टरों पर ही मोरीशसका भविष्य विशेष रूपसे निर्भर है, •लिये उनकी आर्थिक दशा सुधारने के लिये कोऑपरेटिव बैंक खोले जाने चाहिए ।" भारत सरकारने कमीशनके इस प्रस्त को मान कर जाँच करने के लिये एक अँगरेज अफसरको मोरी भेजा था । उसने जाँच करने के बाद जो रिपोर्ट भेजी उसीके अनु सन् १९९३ ई० में इस द्वीपमें इन बैंकोंके स्थापित करनेका आरंभ किया गया । इस बात को देखते ही मोरीशसके धनाढ्य बहुत जलने लगे और उन्होंने एक दल बना कर अपने कारखाने पासके खेतों में उगनेवाली वेंतकी फसल पर अधिकार जमाने चेष्टा की। जुलाई सन् १९९४ ई० में इस द्वीपकी एक कोआपरे क्रेडिट सोसायटी ( सहयोग समिति ) ने इस दलसे अलग कि दूसरे कारखाने से बेंतकी फसलका ठेका कर लिया, जिससे इस द वालोंके उद्देशकी सिद्धि न हो सकी । ऐसा होते ही सभी कारण नोंके गोरे मोरीससके सहयोग समिति सम्बन्धी प्रस्तावोंके अं उसकी प्रतिष्ठाके विरुद्ध प्रयत्न करने लगे । इसका परिणाम य हुआ कि सहयोग समितिके मेम्बरोंको अत्यंत हानि उठानी पड़ो
यद्यपि मोरीशसकी उन्नति वहाँके, भारतवासियों पर निर्भर है तथापि मोरीशसके राजकार्य में उन्हें कुछ भी अधिकार नहीं दिय |
हमीरपुर - हिम अकादमी विकासनगर में 'काइंडनेस चैलेंज' माह के अंतर्गत भव्य समारोह आयोजित किया गया। उल्लेखनीय है कि विद्यालय में पूरा माह काइडनेंस चैलेंज के अंतर्गत समस्त छात्रों को हर दिन एक नया 'टास्क ऑफ दि डे' दिया जाता रहा, जिसमें छात्रों ने बढ़-चढ़कर सकारात्मक भागीदारी दिखाई। समारोह का आरंभ प्रधानाचार्या अकादमिक डा. हिमांशु शर्मा के संबोधित शब्दों के साथ हुआ। गत दिन काइडनेंस चैलेंज में अद्भुत विनम्र स्वभाव अपनाने व काइंडनेस चैलेंज वर्क की पुस्तिका बनाने पर विद्यालय की कक्षा प्रथम से आठवीं के कुल 90 छात्रों को 'काइंडनेस पेंसिल व समाइली बैज' देकर सम्मानित किया गया। कक्षा नौवीं की छात्राओं ने दयालुता को दर्शाती हुई बेहतरीन कोरियोग्राफ ी प्रस्तुत की, जिसने वाक्य ही समा बांध दिया। कक्षा पांचवीं की छात्राओं ने दिल छू लेने वाला समूह गान 'देश प्रेमियो आपस में प्रेम करो' प्रस्तुत किया। छात्रों से उनके काइडनेंस चैलेंज के अनुभव पूछे गए। छात्रों को काइंडनेस से संबंधित आकर्षित वीडियो भी दिखाई गई। इस क्रम में को-आर्डिनेटर शशि बाला, कंचन लखनपाल, बैंड हैड सुषमा, शैली, रीना ठाकुर, इवेंटमैनेजर पूजा ठाकुर, रजनी, कविता व उमा का विशेष योगदान रहा। चेयरमैन प्रो. आरसी लखनपाल, वाइस चेयरमैन सीपी लखनपाल, निदेशक पंकज लखनपाल, अकादमिक प्रधानाचार्या डा. हिमांशु शर्मा व विद्यालय की प्रधानाचार्या नैना लखनपाल ने समस्त क्रम में अकादमिक प्रधानाचार्या ने सभी विजेता छात्रों को बधाई दी तथा विनम्रता को ऐसे ही अपने जीवन में बनाए रखने की शिक्षा दी।
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मऊ में सरयू 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर घटी है लेकिन तबाही ज्यों की त्यों बरकरार है। सरयू नदी का दबाव वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर पड़ने लगा है। तेज लहरों के चलते धनौली में तीन मीटर बोल्डर नदी में धंस गया है। नवली और लोहड़ा देवारा में निरंतर कटान जारी है।
मऊ, जागरण संवाददाता। सरयू नदी 24 घंटे में पांच सेंटीमीटर घटी है लेकिन तबाही ज्यों की त्यों बरकरार है। सरयू नदी का दबाव वाराणसी-गोरखपुर फोरलेन पर पड़ने लगा है। तेज लहरों के चलते धनौली में तीन मीटर बोल्डर नदी में धंस गया है। नवली और लोहड़ा देवारा में निरंतर कटान जारी है। अभी तक लगभग 500 एकड़ जमीन काट चुकी है। बाढ़ के चपेट में आकर दो हजार एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। मऊ में नदी का बढ़ता और घटता हुआ जलस्तर दोनों ही हालात में चुनौती देता है।
जलस्तर घटने से रास्तों पर चढ़ा पानी धीरे-धीरे घट रहा है। फिर भी नदी उफान पर है। इसके चलते धनौली के समीप देई स्थान के निकट तीन मीटर सुरक्षा में लगाया गया बोल्डर धंस गया है। इससे कटान की संभावना तेज होती नजर आ रही है। नदी की तेज धारा भारत माता मंदिर से टकरा रही है। सुरक्षा में लगाया गया पत्थर लांचिंग कर रहा है। इसको सिंचाई विभाग समय रहते भरने का प्रयास कर रहा है। जानकी घाट पर अवशेष को नदी काटने पर उतारू है। गौरीशंकर घाट पर सरजू नदी का जलस्तर मंगलवार को पांच सेंटीमीटर घटकर 70. 05 मीटर पर रहा। वहीं अवराडांड में तीन सेंटीमीटर घटकर 70. 80 मीटर पर बना रहा।
निकटवर्ती क्षेत्रों में संक्रामक रोग पांव पसार रहे हैं। नगर क्षेत्र के नालों में बाढ़ का पानी एवं नगर क्षेत्र का गंदा पानी भरा है। नगर में कीटनाशक दवाओं का छिड़काव नहीं हो रहा है। रामनगर रिंग बांध के बीच के किसानों का फसल डूब गई है और भारी नुकसान हुआ है। बंधा में नवली के समीप बना रेगुलेटर खुला नहीं है। इससे फसलें डूब गई है। नदवा ताल का पानी नदी में नहीं जा रहा है। बीबीपुर के समीप भी रेगुलेटर नहीं खुला है, इससे पाऊस, कोरौली ताल का पानी नदी में नहीं निकल पा रहा है।
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नौ माह बाद अपने संसदीय क्षेत्र बनारस आए पीएम मोदी का शुक्रवार की सुबह कैंटोनमेंट स्थित मल्टीपरपज ग्राउंड पर करीब चार हजार से अधिक लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। इनमें पार्टी के नेता या सरकारी अधिकारी नहीं बल्कि वे गरीब थे, जिन्होंने अपना कीमती वोट तो उन्हें दिया था मगर उनसे मिलने के बारे में कभी सोचा नहीं था। पूर्वाह्न 11. 18 बजे जैसे ही प्रधानमंत्री ग्राउंड में दाखिल हुए लोगों ने हर हर महादेव के उद्घोष के साथ उनका स्वागत किया। नरेन्द्र मोदी ने रिक्शा संघ की ओर से आयोजित रिक्शा, ई-रिक्शा, सोलर लाइट, रुपए कार्ड वितरण कार्यक्रम में जरूरतमंदों को ट्राली, ठेला, रिक्शा, ई-रिक्शा, टूरिस्ट रिक्शा और सोलर लैंप वितरित किया।
कैंटोनमेंट के मल्टीपरपज ग्राउंड पर अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन और भारतीय माइक्रो क्रेडिट की हेल्प से रिक्शा संघ ने कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुलाब के गुलदस्ते भेंट कर किया गया. पीएम ने पांच रिक्शा चालकों के परिवार से भेंट की और उनका हालचाल पूछा। साथ ही अपने हाथों से नूरजहां, सोनी, राधा, सीमा, रियाजुलहक और शहनवाज को रुपए कार्ड, चाबी और कौशल विकास सर्टिफिकेट दिया। जरूरतमंदों को 250 ट्राली, 200 ठेला, 51 रिक्शा, 1001 सोलर लैंप और 101 ई-रिक्शा के साथ एक टूरिस्ट रिक्शा का वितरण किया। झंडी दिखाकर उन्हें रवाना किया। मोदी कार्यक्रम में करीब 42 मिनट रुके। इस मौके पर राज्यपाल राम नाईक, प्रदेश सरकार के कारागार मंत्री बलराम यादव, अमेरिकन इंडिया फाउंडेशन के कंपनी डायरेक्टर निशांत पांडेय, सिडपी और मुद्रा बैंक के चेयरमैन छत्रपति शिवाजी, बीएमसी के विजय पांडेय, आईडीबीआई बैंक के किशोर खरात, यूको बैंक के चरनजीत सिंह, एसएम स्वाति आदि मौजूद रहे।
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मामला 14 जून का है. आरोप है कि बुरारी (Burari) इलाके में कांस्टेबल प्रवीण ने दो अन्य आरोपियों के साथ मिलकर पीड़ित राजेश की पहले बेदर्दी से पिटाई की और फिर उसे छत से नीचे फेंक दिया.
दिल्ली (Delhi) की तीस हजारी कोर्ट ने दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के कांस्टेबल समेत 3 आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है.
क्या है मामला?
तीनों आरोपी कांस्टेबल प्रवीन और प्रतीक और छोटू पर आरोप हैं कि उन्होंने राजेश नाम के एक व्यक्ति की पहले बेहरहमी से पिटाई की और फिर उसे छत से नीचे फेक दिया.
मामला 14 जून का है. आरोप है कि बुरारी (Burari) इलाके में कांस्टेबल प्रवीण ने दो अन्य आरोपियों के साथ मिलकर पीड़ित राजेश की पहले बेदर्दी से पिटाई की और फिर उसे छत से नीचे फेंक दिया, राजेश की हालत गंभीर बताई जा रही है और फिलहाल उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट में सुनवाई के दौरान बुराड़ी थाने के SHO ने मामले पर स्टेटस रिपोर्ट (Status Report) दायर की. कोर्ट ने सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. साथ ही इलाके के DCP को भी इस मामले में हो रही जांच पर नजर रखने की हिदायत दी.
स्टेटस रिपोर्ट में क्या बताया गया?
दायर स्टेटस रिपोर्ट में बताया गया था कि पुलिस कांस्टेबल प्रवीण मौका-ए-वारदात पर आरोपी प्रतीक द्वारा चोरी की शिकायत की कॉल करने पर पहुंचा था लेकिन, सुनवाई के दौरान कोर्ट को जानकारी मिली कि प्रतीक ने कोई PCR कॉल की ही नहीं थी. ग़लत जानकारी देने पर कोर्ट ने आरोपी दिल्ली पुलिस कांस्टेबल प्रवीण, प्रतीक और छोटू के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया.
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VARANASI वाराणसीः उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में बीते तीन अप्रैल को लावारिश स्थिति में एक युवक की लाश मिली. जिसका गला रेतकर हत्या कर दिया गया था. हत्या इतनी बेरहमी से की गई थी की बॉडी के शिनाख्त होने में दो दिन बीत गए. जैसे ही शव का शिनाख्त हुआ तो पता चला कि युवक वाराणसी के ही भरथरा गांव का है. जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और हत्यारों के पकड़ने में लग गई. शिनाख्त होने के चौथे दिन ही हत्यारे पुलिस के शिकंजे में आ गए, लेकिन इस खुलासे में खून का रिश्ता शर्मशार हो गया, क्योंकि मामले में दो सगे भाइयों ने ही अपने भाई को मौत के घाट उतार दिया.
पुलिस के शिकंजे में खड़े यह दो युवक मृत युवक के भाई थे. जिसका खून इन्होंने 3 अप्रैल को कर दिया था. मृतक का नाम सुनील था जो कि भरथरा गांव में पॉवरलूम के जरिए साड़ी बीनने का काम करता था. जिसमें मृतक के भाई अनिल मौर्या और मुनील मौर्या भी सहयोगी के रूप में काम करते थे. दोनों ने मिलकर दो अप्रैल की रात चाकू से गला रेत कर अपने ही भाई की हत्या कर दी.
डीसीपी वरुणा जोन आरती सिंह ने बताया कि मृत सुनील तीन भाइयों में मझला था, जो कि पॉवरलूम के काम में बड़ा ही कुशल था. बीते दिनों घर में मौजूद पॉवरलूम के हिस्सेदारी को लेकर तीनों में विवाद हुआ. विवाद के बाद मृत सुनील के भाइयों ने सुनील को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. जिसके अंतर्गत 2 अप्रैल की रात यह किसी काम के बहाने सुनील को अपने साथ ले गए और थाना रोहनिया के खुलासपुर स्थित नहर पुलिस पर सन्नाटा देख के सुनील की चाकू से गला रेत दिया.
शव के शिनाख्त होने के बाद जब पुलिस हत्यारों के तलाश में लगी तो उन्होंने सुनील के भाइयों पर शक करने के बजाय दोस्ती में किसी रंजिश को लेकर तफ्तीश की. जिसको लेकर उन्होंने ने रास्ते में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू किया. जिसमें मृत सुनील अपने भाइयों के साथ जाता हुआ दिखा. जिसके बाद पुलिस भाइयों को शिकंजे में लेकर कड़ाई से पूछताछ की तो दोनों भाइयों ने पूरा राज खोल दिया. इस घटना से पूरे गांव में भाई भाई के रिश्ते पर खूनी खेल से चर्चा का माहौल बना हुआ है.
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इसरो के मुताबिक आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से गुरुवार सुबह 09.58 पर पीएसएलवी-सी43 का प्रक्षेपण किया गया। हाईपर स्पेक्ट्रल इमेजिंगसेटेलाइट (हिसआइएस)का प्राथमिक लक्ष्य पृथ्वी की सतह का अध्ययन करना है। 380 वजनी इस सेटेलाइट को इसरो ने विकसित किया है। यह पीएसएलवी-सी43 अभियान का प्राथमिक उपग्रह है। यह उपग्रह सूर्य की कक्षा में 97.957 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित किया जाएगा। इसकी आयु करीब 5 साल होगी। इसरो के अंतरिक्षयान पीएसएलवी-सी43 के साथ आठ देशों के 30 उपग्रह (एक माइक्रो और 29 नैनो) भी प्रक्षेपित किए गए हैं।
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- 6 hrs ago राम चरण की सुपरहिट फिल्म 'आरआरआर' का जल्द आएगा सीक्वल, परंतु राजामौली नहीं होगे डायरेक्टर!
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अमिताभ बच्चन के साथ ऐसा कई दफा हुआ है, जब उन्हें सोशल मीडिया पर ट्रोल होना पड़ा है। बॅालीवुड के दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन सोशल मीडिया पर सबसे अधिक एक्टिव हैं। वह अपने हर दिन से जुड़ी कई जानकारी फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर शेयर करते रहते हैं। इस बार भी अमिताभ बच्चन को अपने डेली रूटीन को सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती हैं।
अमिताभ को इस पोस्ट के कारण यह सुनने को मिला कि वह बुढ़ऊ हो गए हैं। अपने लिए इस तरह का कमेंट सुनने के बाद अमिताभ बच्चन ने ट्रोलर्स को इसके लिए करारा जवाब भी दिया है। यह मामला रविवार का है। जब अमिताभ बच्चन ने अपने फेसबुक अकाउंट पर सुबह 11. 30 बजे के करीब गुड मॉर्निंग लिखा।
ट्रोलर ने लिखा है कि शुभ प्रभात बोलने के लिए दोपहर में देरी हो गई है। इस पर अमिताभ बच्चन ने यूजर के सवाल का जवाब देते हुए लिखा है कि तंज के लिए आभारी। मैं देर रात तक काम कर रहा था। सुबह शूटिंग पूरी हुई है। मुझे सुबह जागने में देरी हो गई है। इसलिए मैंने देरी से विश किया।
इससे अगर आपको दुख हुआ तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। लेकिन बाद यहां पर खत्म नहीं हुई। एक अन्य ट्रोलर ने बुरी तरह से ट्वीट करते हुए लिखा है कि अरे बुढ़ऊ दोपहर हो गई है। अमिताभ ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि आपकी उम्र लंबी हो लेकिन कोई आपको बुड्ढा बोलकर अपमान न करे। ट्रोलर यहां पर नहीं थमे।
एक अन्य ट्रोलर ने लिखा था कि यह कौन सी सुबह है महा नालायकजी। इस पर करारा जवाब देते हुए बच्चन ने लिखा कि राज भर काम कर रहे थे, तो देर से उठे लायक जी। वहीं एक यूजर ने सारी सीमा पार करते हुए लिखा कि आज बहुत देरी में उतरी। लगता है देसी पीकर आ गए हैं। आजकल 11. 30 बजे सुबह। इस पर भी अमिताभ ने लिखा कि स्वयं नहीं पीते। औरों को पिला देते हैं, मधुशाला।
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श्री 'विनोद' जी की प्रस्तुत पुस्तिका में मगध का प्राचीन इतिहास सांस्कृतिक दृष्टिकोण से लिखा गया है। वाचक देखेंगे कि प्राचीन काल में मगघदेश श्रमण धर्मों के विकास का केन्द्र रहा है। यह भी देखेंगे कि वहाँ श्रमरण और बाणों का संघर्ष और समन्वय किस प्रकार हुआ है। लेखक ने प्राचीन मगध की संस्कृति का जो संक्षिप्त चित्र खींचा है वह किसी खास धर्म के पक्षपात से नहीं किन्तु एक ऐतिहासिक की तटस्थ दृष्टि से । मैं श्री 'विनोद' जी का आभारी हूँ कि उन्होंने अपनी पुस्तिका प्रकाशनार्थ मंडल को दी।
दलसुख मालवणिया मंत्री
जैन संस्कृति संशोधन मंडल |
जिला कलेक्टर डॉ प्रतिभा सिंह ने नगर परिषद द्वारा जैसलमेर शहर में निर्माणाधीन परियोजनाओं सिटी पार्क और टाउन हॉल का अचानक निरीक्षण कर जायजा लिया। कलेक्टर ने नगर परिषद के अधिकारियों को इन दोनों परियोजनाओं में आ रही दिक्कतों को जल्दी से दूर करके जल्दी से काम शुरू करवाने के निर्देश दिए। इस दौरान उनके साथ नगर परिषद आयुक्त शशिकांत शर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान कलेक्टर डॉ प्रतिभा सिंह ने स्थानीय निकाय विभाग के सचिव डॉ जोगाराम से भी मोबाइल पर बात कर परियोजना में आ रही दिक्कतों और उनके समाधान के लिए बात की।
जिला कलेक्टर डॉ प्रतिभा सिंह ने शहर में अधूरे टाउन हॉल परियोजना का निरीक्षण करते हुए यहां जल्दी काम शुरू करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने नगर परिषद आयुक्त को निर्देश दिए कि वे सभी को बुलाकर उनको समझाएं ताकि यहां जल्द काम शुरू करवाया जाए। उन्होंने टाउन हॉल परियोजना के निर्माण के कामों में आ रही दिक्कतों को लेकर स्थानीय निकाय विभाग के सचिव डॉ जोगाराम से भी बात की। कलेक्टर ने बताया कि टाउन हॉल के निर्माण का काम साल 2016 में शुरू हुआ था, लेकिन 2019 से बन्द पड़ा हुआ है। कलेक्टर ने नगरपरिषद आयुक्त को एक हफ्ते में इस टाउन हॉल के निर्माण के काम के सम्बन्ध में रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि हाई लेवल पर बात करके टाउन हॉल के बन्द काम को जल्दी से शुरू करवाया जाएगा। उन्होंने नगर परिषद आयुक्त से इस टाउन हॉल के आर्किटेक्चर, इंटीरियर और ले-आउट के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान जिला कलेक्टर ने शहर स्थित सिटी पार्क का भी निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आने वाले मानसून सीजन में यहां जन सहयोग से वृक्षारोपण करवाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने यहां साफ-सफाई के निर्देश दिए। उन्होंने नगर परिषद आयुक्त को सिटी पार्क के गेट के सामने साफ-सफाई करवाकर इस एरिया को चौपाटी के रूप में डेवलप करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिटी पार्क के बनने से जैसलमेर के निवासियों को जहां एक बड़ा हरा इलाका मिलेगा। वहीं ये पार्क पर्यटन की नजर से भी आकर्षण का केन्द्र होगा।
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वैसे वो एक मामूली आदमी था , बल्कि मामूली कहना भी बढ़ा चढ़ा कर कहना होगा । वो वास्तव में मामूली से भी मामूली इंसान था । उसे सब हीरा ठाकुर का छोटा भाई कहते थे । अब ना तो उसका हीरों से कोई लेना देना था और ठाकुर तो वो हरगिज नहीं था । फिर भी कहलाता हीरा ठाकुर का छोटा भाई था । हीरा ठाकुर वही अपने सेट मैक्स वाले हीरा ठाकुर । नहीं समझे तो याद करो सूर्यवंशम वाले हीरा ठाकुर को । नहीं याद आया तो जब खाली हो सेट मैक्स देख लेना सूर्यवंशम आ रही होगी या आने वाली होगी ।
वो खुद तो एक चपरासी था , मामूली चपरासी । परंतु उसकी बीवी हालांकि वो भी लगभग उसी के जैसी थी बहुत ही मामूली । अगर वो नौकरी करना चाहती तो शायद चपरासन बन जाती या शायद उससे भी नीचे की कोई जॉब करती । लेकिन वो खुद काफी मेहनती था और वो अपनी बीवी को पढ़ना चाहता था बहुत पढ़ना चाहता था कलेक्टर बनाना चाहता था । ठीक सूर्यवंशम वाले हीरा ठाकुर की तरह , बस इसीलिए सब उसे हीरा ठाकुर का छोटा भाई कहने लगे थे ।
उसने मेहनत की अपनी सब कमाई बीवी को पढ़ाने में लगा दी और फिर एक दिन वो बड़ी अधिकारी बन गई , वो पीसीएस बन गई ।
मैंने उसे बहुत समझाया था की उसने शादी की है कोई बीवी गोद नहीं ली जो उसे पढ़ा रहा है । मैंने उसे समझाया भी था ठीक ठाक कमा रहा है ऐश करे परंतु वो नहीं माना वो मुझे मूर्ख कहता रहा और दोस्ती के नाते मैं उसे बार बार समझाता रहा ।
कई दिनों बाद पता चला की उसकी बीवी ने पीसीएस बनाने के बाद एक अधिकारी के साथ लव यू लव यू का खेल शुरू कर दिया और उसे तलाक दे कर रवाना होने की तैयारी कर ली ।
अब भला तलाक ऐसे कैसे हो ?
भारत में आज तक सब तलाक इसीलिए होते है क्योंकि पति दहेज मांगता है, मारता पीटता है, शराब पीता है मतलब की तलाक की सिर्फ और सिर्फ एक ही वजह मान्य है और अधिकारी महोदया की वजह अलग कैसे हो सकती थी ?
तो हमने चपरासी मित्र भी आजकल दहेज लोभी दरिंदे है और वो सबको समझा समझा का थक गए की वो वो तो हीरा ठाकुर के छोटे भाई है पर कोई सुनता ही नहीं ।
मेरे पास भी आए आज सुबह ही , मैंने भी उनकी नहीं सुनी बल्कि दो थप्पड़ लगा कर फिर दोहरा दिया की तुमने बीवी गोद नहीं ली थी बल्कि शादी की थी फिर काहे अपना पैसा उसे पढ़ाने पर लगाया ।
उसे नहीं मानना था नहीं माना और वो हीरा ठाकुर हीरा ठाकुर चिल्ला चिल्ला कर गला फाड़ते हुए बाहर निकल गया । मैं भी बस मन ही मन कह कर अंदर आ गया की हीरा ठाकुर खुद मजदूर बना रहा होता तो उसकी बीवी भी भाग गई होती ।
बेशक इस वक्त उसे भगा दिया था परंतु दोस्त है तो दोस्ती निभानी भी पड़ेगी मतलब की पीसीएस साहिबा की आधी तनख्वाह मरते दम तक चपरासी को दिलवानी पड़ेगी ।
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Patna news : भाकपा माले ने बिहार सरकार से कहा है कि 14 वर्ष से अधिक की सजा काट चुके बंदियों की रिहाई के मामले में सरकार का रवैया भेदभावपूर्ण है। टाडा के तहत गलत तरीके से फंसाए गए भदासी, अरवल कांड के शेष बचे बंदियों को अविलंब रिहा किया जाए।
पिछले दिनों 10 अप्रैल को बिहार सरकार की कैबिनेट बैठक में जेल नियमावली 2012 के नियम 481 में संशोधन किया गया, जिसके तहत एक निश्चित समय तक सजा काट चुके और कैद में अच्छे चाल-चलन वाले कैदियों को रिहा करने का फैसला लिया गया है। इस आशय का निर्देश बिहार के सभी जेलों को भेज दिया गया है।
इस दायरे के अंदर आने वाले कैदियों में हत्या, बलात्कार और कई तरह की गंभीर वारदातों में उम्रकैद की सजा पाए कैदियों की रिहाई का भी रास्ता खुल गया है, जिनमें प्रमुखता से बिहार के बाहुबली माफिया आनंद मोहन सिंह का नाम लिया जा रहा है। पूरे बिहार की जेलों से लगभग 27 कैदियों के रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है। बिहार भाजपा के नेता नीतीश सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि आनंद मोहन को छोड़ने के लिए ही यह कवायद की गई है।
वहीं बिहार सरकार को बाहर से समर्थन दे रही भाकपा माले ने रिहा हो रहे कैदियों की लिस्ट पर एतराज जताते हुए कहा है कि सरकार का रवैया पक्षपातपूर्ण है, क्योंकि बहुत से गरीब और दलित कैदियों को जो टाडा में बंद हैं, बूढ़े और बीमार हैं उन्हें इस रिहाई की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।
भाकपा माले ने कहा है कि शेष बचे 6 टाडा, बंदी दलित-अति पिछड़े और पिछड़े समुदाय के हैं और सभी गंभीर रूप से हैं बीमार हैं। इन मांगों के संबंध में 28 अप्रैल को पटना में मुख्यमंत्री के समक्ष माले एक दिन का सांकेतिक धरना देगा।
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने सरकार द्वारा 14 वर्ष से अधिक की सजा काट चुके 27 बंदियों की रिहाई में बहुचर्चित भदासी (अरवल) कांड के शेष बचे 6 TADA बंदियों को रिहा नहीं किए जाने पर गहरा क्षोभ प्रकट किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार आखिरटाडा बंदियों की रिहाई पर चुप क्यों है, जबकि शेष बचे सभी 6 टाडा बंदी दलित-अति पिछड़े व पिछड़े समुदाय के हैं और जिन्होंने कुल मिलाकर 22 साल की सजा काट ली है। यदि परिहार के साल भी जोड़ लिए जाएं तो यह अवधि 30 साल से अधिक हो जाती है। सबके सब बूढ़े हो चुके हैं और गंभीर रूप से बीमार हैं।
उन्होंने कहा कि भाकपा माले विधायक दल ने विधानसभा सत्र के दौरान और कुछ दिन पहले ही टाडा बंदियों की रिहाई की मांग पर मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और इससे संबंधित एक ज्ञापन भी सौंपा था। उम्मीद की जा रही थी कि सरकार उन्हें रिहा करेगी, लेकिन उसने उपेक्षा का रूख अपनाया। सरकार के इस भेदभावपूर्ण फैसले से न्याय की उम्मीद में बैठे उनके परिजनों और हम सबको गहरी निराशा हुई है।
1988 में घटित दुर्भाग्यपूर्ण भदासी अरवल कांड में अधिकांशतः दलित और अति पिछड़े समुदाय से आने वाले 14 निर्दोष लोगों को फंसा दिया गया था। उनके ऊपर जनविरोधी टाडा कानून उस वक्त लाद दिया गया था, जब पूरे देश में वह निरस्त हो चुका था।
4 अगस्त 2003 को सबको आजीवन कारावास की सजा सुना दी गई थी। 14 में अब महज 6 लोग ही बचे हुए हैं, बाकि लोगों की उचित इलाज के अभाव में मौत हो चुकी है। इसमें अरवल के लोकप्रिय नेता शाह चांद, मदन सिंह, सोहराई चौधरी, बालेश्वर चौधरी, महंगू चौधरी और माधव चौधरी के नाम शामिल हैं। माधव चौधरी की मौत अभी हाल ही में विगत 8 अप्रैल 2023 को इलाज के दौरान पीएमसीएच में हो गई। उनकी उम्र करीब 62 साल थी।
भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि इसी मामले में एक टाडा बंदी त्रिभुवन शर्मा की रिहाई पटना उच्च न्यायालय के आदेश से 2020 में हुई। इसका मतलब है कि सरकार के पास कोई कानूनी अड़चन भी नहीं है। हमने मुख्यमंत्री से साफ कहा था कि जिस आधार पर त्रिभुवन शर्मा की रिहाई हुई है उसी आधार पर शेष टाडा बंदियों को भी रिहा किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
शेष बचे 6 लोगों में डॉ. जगदीश यादव, चुरामन भगत, अरविंद चौधरी, अजित साव, श्याम चौधरी और लक्ष्मण साव के नाम शामिल हैं। इस बात की पूरी आशंका है कि कुछ और लोगों की मौत जेल में ही हो जाए। फिलहाल डॉ. जगदीश यादव, चुरामन भगत व लक्ष्मण साव गंभीर रूप से बीमार हैं और लगातार हॉस्पिटल में भर्ती हैं।
सरकार की इस भेदभावपूर्ण कार्रवाई के खिलाफ आगामी 28 अप्रैल को भाकपा माले के सभी विधायक पटना में एक दिन का सांकेतिक धरना देंगे और धरना के माध्यम से शेष बचे 6 टाडा बंदियों की रिहाई की मांग उठायेंगे। साथ ही भाकपा माले 14 साल की सजा काट चुके सभी दलित-गरीबों और शराबबंदी कानून के तहत जेलों में बंद तमाम ऐसे ही कैदियों की रिहाई की मांग भी सरकार से करती है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
तटस्थ का अर्थ हैं निस्पक्ष। . सलोम् सम्पादन Şalom (इब्रानी भाषाः "שלום", हिन्दीः "शांति") का यहूदी तुर्की साप्ताहिक समाचार पत्र में प्रकाशित है। उसका नाम हिब्रू शब्द के तुर्की वर्तनी एसएचएलओएम है। इसे २९ अक्टूबर १९४७ को तुर्की यहूदी पत्रकार आव्रम ळेयोन् द्वारा स्थापित किया गया था। यह इस्तांबुल में छपा है। के अलावा एक यहूदी स्पेनी पृष्ठ से, यह तुर्की में प्रकाशित है। ञकुप बरोकस् उसके संपादक है। इसका प्रचलन के बारे में ५,००० है। .
तटस्थ और सलोम् आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
तटस्थ 0 संबंध है और सलोम् 11 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (0 + 11)।
यह लेख तटस्थ और सलोम् के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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डेविड वार्नर के डबल बाउंस गेंद पर छक्के की लैंगर द्वारा प्रशंसा करने के बाद पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार यूनिस ने उनकी आलोचना की है। उनका कहना है कि लैंगर का इस तरह का इतिहास रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में मोहम्मद हफीज की डबल बाउंस गेंद पर वार्नर ने छक्का लगाया था।
पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार यूनिस ने ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच टी-20 विश्व कप 2021 के दूसरे सेमीफाइनल में डेविड वार्नर के डबल बाउंसर छक्के के लिए ऑस्ट्रेलिया के हेड कोच जस्टिन लैंगर की प्रशंसा की आलोचना की है। ऑस्ट्रेलिया की पारी के दौरान आठवां ओवर फेंकते हुए मोहम्मद हफीज के हाथ से गेंद फिसल गई थी जो दो टप्पे में वार्नर के पास पहुंची जिस कंगारू टीम के सलामी बल्लेबाज ने छक्का लगाया था।
डेविड वार्नर के द्वारा हफीज की दो टिप्पा खाई गेंद पर लगाए गए छक्के के बाद खेल भावना को लेकर क्रिकेट जगत से मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आईं। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार यूनिस का मानना है कि वार्नर उस गेंद को कहीं भी खेलने के लिए स्वतंत्र थे, लेकिन उन्होंने का कि इसे बढ़ावा नहीं देना चाहिए, क्योंकि यह मैच देख रहे युवाओं के लिए एक खराब उदाहरण है।
उन्होंने ए स्पोर्ट्स से बात करते हुए कहा, यह अच्छा है, यह लीगल था, वार्नर के पास अधिकार था कि वह गेंद को कहीं भी खेल सकते हैं, यह सब ठीक है, लेकिन इसे बढ़ावा देना गलत है। उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह लैंगर ने जिस तरह से दिमाग की शानदार उपस्थिति कहा मैंने क्रिकेट पिच पर ऐसा कुछ कभी नहीं देखा, जैसी बातें कहकर वार्नर की प्रशंसा की यह हास्यास्पद है, यह सही नहीं है। यूनिस ने आगे कहा, छोटे बच्चों को क्या पढ़ा रहे हो? ठीक है, यह आपकी मानसिकता है, आप जिस तरह से खेलना चाहते हैं, लेकिन युवाओं को नहीं सिखाते हैं।
वकार यूनिस ने कहा कि मुझे जस्टिन लैंगर के इस व्यवहार पर आश्चर्य नहीं है, उन्होंने 1999 में होबार्ट में खेले गए टेस्ट मैच का खुलासा करते हुए कहा, किस तरह लैंगर बैट का किनारा गेंद पर लगने के बाद क्रीज पर रुके रहे, उसके कुछ दिन बाद उन्होंने स्वीकार किया था कि गेंद बल्ले का किनारा लेकर गई थी। पाकिस्तान पूर्व कप्तान के मुताबिक, लैंगर का यह इतिहास रहा है, हम 1990 के दशक में होबार्ट में टेस्ट मैच खेल रहे थे, हम टेस्ट मैच जीतने के करीब थे, लेकिन जब गेंद ने बल्ले का किनारा लिया तो लैंगर ने क्रीज नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि उसके दो-तीन दिन बाद उन्होंने स्वीकार किया था कि गेंद बैट का सिरा लेकर गई थी। वकार ने कहा कि हमने एक फंक्शन के दौरान लैंगर से इस पर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि हां ऐसा था।
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फिल्म 'आशिकी-2' के जरिये अपने नाम का आगाज करने वाली खूबसूरत एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म 'साहो' को लेकर चर्चा में बनी रहती है. बता दे कि, श्रद्धा अपनी आगामी फिल्म में सुपरस्टार प्रभास के साथ नजर आने वाली है. जिसके चलते श्रद्धा का कहना है कि, प्रभास बहुत ही प्यारे हैं.
दरअसल श्रद्धा बुधवार को ट्विटर पर अपने प्रशंसकों के सवालों का जवाब दे रही थीं कि तभी एक प्रशंसक ने उनसे प्रभास के बारे में पूछा. तो श्रद्धा ने कहा कि, "वह बहुत ही प्यारे हैं और वह उन सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों में से एक हैं जिनसे मैं अभी तक मिली हूं. " इसके अलावा श्रद्धा ने ट्वीट कर कहा कि, "चुनाव करना कठिन है, मुझे अभिनय, गाना और नृत्य करना पसंद है. मैं हर दिन अपने सपने के साथ जीती हूं इसलिए मुझे हर एक चीज बहुत पसंद है. "
ख़ास बात यह है कि, चैट के दौरान श्रद्धा ने शाहरुख खान, सलमान खान और रणबीर कपूर के साथ काम करने की भी इच्छा जताई. बता दे कि, पिछले दिनों श्रद्धा कपूर फिल्म 'हसीना पारकर' में नजर आई थीं. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कुछ कमाल नहीं दिखा पाई. श्रद्धा जल्दी ही प्रभास के साथ फिल्म 'साहो', सुशांत सिंह राजपूत के साथ फिल्म 'चंदा मामा दूर के' और सानिया नेहवाल की बायोपिक में नजर आएंगी.
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वलमुह्सनातु 5 JOYEDVEDNADYSHIM 152
في أنفسهم قولا بليغات وما أرسلنا من رسول الاليطاع بإذن الله ولوائهم إذ ظلموا أنفسهم جاءوك فاستغفروا الله واستغفر لهم الرسول رجا مما قضيت ويسلموا تسليمات ربينهم ثم لا يجدوا أنف توجدواالله تواباتجيات فلا وربك لا يؤمنون حتى يحكموك فيما شجر بينهم وتواناكتبتاعليهم ان اقتلوا أنفسكم أواخرجوامن دياركم ما فعلوه إلا قليل منهم ولوائهم فعلوا ما يوعظون به لكان خيرا لهم واشت تثبيتان واذالاتيهم من لدئا اجراعظيان ولهدينهم صراطا مستقيمان ومن يطع الله والرسول فاوليك مع الذين أنعم الله عليه تين النيين والصديقين والشهداء والصلحين وحسن اولهت رفيقان ذلك الفضل من الله وكفى بالله عليمان يأيها الذين امنواخذوا
फी अन्फु - सिहिम् कौलम् बलीगा (63)व मा अर्सना मिर्रसूलिन् इल्ला लियुता - अ बि-इजिल्लाहि व । लौ अन्नहुम् इज्- ज़-लमू अन्फु - सहुम् जाऊ - क फस्तफ़ल्ला - ह वस्तफ र लहु - मुर्रसूलु ल-व-जदुल्ला - ह तव्वाब-रहीमा ( 64 ) फ़ला व रब्बि क ला युमिनून ह्त्ता युहक्किमू-क फीमा श-जर बै- नहुम् सुम्- म ला यजिदू की अन्फुसिहिम् ह र जम् मिम्मा क़ज़ै-त व युसल्लिमू तस्लीमा ( 65 ) व लौ अन्ना क-तब्ना अलैहिम् अनिक्तुलू अन्फु सकुम् अविरुजू मिन् दियारिकुम् मा फ अलूहु इल्ला क्लीलुम् मिन्हुम् व लौ अन्नहुम् फ-अलू मा यू अजू-न बिही लका- न खैरल्लहुम् व अशद्द तस्बीतंव् (66) व इज़ल्-ल-आतैनाहुम् मिल्लदुन्ना अज्न् अज़ीमा (67) व ल - हदैनाहुम् सिरातम् मुस्तकीमा (68) व मंय्युतिभिल्ला- ह वसू-ल फ़उलाइ - क म अल्लज़ी- न अन्-अमल्लाहु अलैहिम् मिनन्नबिय्यीन वस्सिद्दीकी न वश्शु - हदा - इ वस्सालिही- न व हसु-न उलाइ - क रफीका (69) ज़ालिकल्- फज्लु मिनल्लाहि व कफ़ा बिल्लाहि अलीमा ( 70 ) या अय्युहल्लज़ी- न आ- मनू खुजू
मुआमले में उनसे रसा (असर करने वाली ) बात कहो । ( 63 ) ( फ़ा174) और हमने कोई रसूल न भेजा मगर इस लिए कि अल्लाह के हुकम से उसकी इताअत की जाये (फा175) और अगर जब वह अपनी जानों पर जुल्म करें ( फ़ा176) तो ऐ महबूब तुम्हारे हुज र हाज़िर हों और फिर अल्लाह से माफ़ी चाहें और रसूल उनकी शफाअत फरमायें तो ज़रूर अल्लाह को बहुत तौबा कबूल करने वाला मेहरबान पायें।( 64 ) (फा177) तो ऐ महबूब तुम्हारे रब की क़सम वह मुसलमान न होंगे जब तक अपने आपस के झगड़े में तुम्हें हाकिम न बनायें फिर जो कुछ तुम हुक्म फरमा दो अपने दिलों में उससे रुकावट न पायें और जी से मान लें । ( 65 ) ( फ़ा 178) और अगर हम उन पर फ़र्ज़ करते कि अपने आपको कत्ल कर दो या अपने घर बार को छोड़ कर निकल जाओ ( फ़ा179) तो उनमें थोड़े ही ऐसा करते और अगर वह करते जिस बात की उन्हें नसीहत दी जाती है (फा 180) तो उसमें उनका भला था और ईमान पर खूब जमना ( ( 66 ) और ऐसा होता तो ज़रूर हम उन्हें अपने पास से बड़ा सवाब देते । (67) और ज़रूर उन को सीधी राह की हिदायत करते । ( 68 ) और जो अल्लाह और उसके रसूल का हुक्म माने तो उसे उनका साथ मिलेगा जिन पर अल्लाह ने फ़ज़्ल किया यानी अम्बिया (फा 181) और सिद्दीक (फा 182 ) और शहीद ( फ़ा183) और नेक लोग ( फ़ा184) यह क्या ही अच्छे साथी हैं। (69) यह अल्लाह का फ़ज़्ल है और अल्लाह काफी है जानने वाला । ( 70 ) ( रुकूअ 6) ऐ ईमान वालो होशियारी से काम लो (फा 185 ) (फ1174) जो उनके दिल में असर कर जाये (फ1175) जब कि रसूल का भेजना ही इस लिए है कि वह मुताअ बनाये जायें और उनकी इताअत फ़र्ज़ हो तो जो उनके हुक्म से राज़ी न हो उसने रिसालत को तस्लीम न किया वह काफिर वाजिबुल कल है (फा176) मअसियत व नाफरमानी करके । (फा177) इससे मालूम हुआ कि बारगाहे इलाही में रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का वसीला और आपकी शफाअत कार बर - आरी का ज़रीआ है सय्यदे आलम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की वफात शरीफ के बाद एक आराबी रौज़ए अकदस पर हाज़िर हुआ और रौज़ा शरीफा की ख़ाक अपने सर पर डाली और अर्ज़ करने लगा या रसूलल्लाह! जो आपने फरमाया हम ने सुना और जो आप पर नाज़िल हुआ उस में यह आयत भी है व लौ अन्नहुम् इजू-ज़-लमू मैंने बेशक अपनी जान पर जुल्म किया और मैं आपके हुजूर में अल्लाह से अपने गुनाह की बख़्शिश चाहने हाज़िर हुआ तो मेरे रब से मेरे गुनाह की बख़्शिश कराईये इस पर क़ब्र शरीफ से निदा आई कि तेरी बख़्शिश की गई इससे चन्द मसायल मालूम हुए मसलाः अल्लाह तआला की बारगाह में अर्ज़े हाजत के लिए उसके मक़बूलों को वसीला बनाना ज़रीअए कामयाबी है मसलाः कब्र पर हाजत के लिए जाना भी जाउ -क में दाख़िल और खैरुल कुरून का (बकिया सफ़हा 171 पर )
حذركم فانفروا ثبات اوانفر واجبيعات وان منكم لمن ليبين، فإن أصابتكم قصيبة قال قذانعم الله على إذ لم اكن معهم شهيدان ولين أصابكم فضل من الله ليقولن كان لم تكن بينكم وبينه موتة يليتني كنت معهم فأفوز فون اعظيمات فليقاتل في سبيل الله الذين يشرون الحيوة الدنيا بالأخرة ومن يقاتل في سبيل الله فيقتل أو يغلب فسوف نؤتيه أجراعظيان ومالكم لا تقاتلون في سبيل الله والمستضعفين من الرجال والنساء والولدان الذين يقولون ربنا أخرجنا من هذه القرية الظالم أهلهاء واجعل لنا من لدنك وليا واجعل لنا من لدنك نصيران الذين امنوا يقاتلون في سبيل الله والذين كفروا يقاتلون في سبيل الطاغوت فقاتلوا
हिज़रकुम् फन्फिरू सुबातिनु अविन्फ़ि जमीआ (71) व इन्-न मिन्कुम् ल - मल् - लयुब - तिअन्-न फ्-इन् असाबत्कुम् मुसी- बतुन का - ल कद्द अन्अ - मल्लाहु अलय् - य इज् लम् अकुम्-म-अहुम् शहीदा (72) व लइन् असा - बकुम् फ़ज़्लुम् - मिनल्लाहि ल - यक लन् - न क-अंल्लम् तकुम् बै-नकुम्
व बै- नहू मवदतुय्यालै - तनी कुन्तु म अहुम् फ-अफ-ज़ फौजन अज़ीमा (73) फ्ल्युक़ातिल फ़ी सबीलिल्ला-हिल्- लज़ी- न यश्नल् - हयातद्- दुन्या बिल्आख़ि - रति व मंय्युका - तिल् फी सबीलिल्लाहि फयुक्तल् औ यगुग्लिब् फ्सौ-फ् नुअतीहि अजन् अज़ीमा (74) व मा लकुम् ला तुक़ातिलू-न फ़ी सबीलिल्लाहि वलमुस्तज्अफ़फ़ी-न मिनर्रिजालि वन्निसाइ वल्विल्दानिल्लज़ी-न यकूलू - न रब्बना अज्निा मिन् हाज़िहिल्-कर्यतिज़्ज़ालिमि अह्लुहा वज्अल्लना मिल्लदुन् -क वलिय्यंव् वज्अल्-लना मिल्लदुन्- क नसीरा (75) अल्लज़ी- न आ - मनू युका - तिलू-न फ़ी सबीलिल्लाहि वल्लज़ी- न क-फरू युक़ातिलू - न की सबीलित्ताग ति फ़क़ातिलू
फिर दुश्मन की तरफ थोड़े थोड़े होकर निकलो या इकट्ठे चलो । (71) और तुम में कोई वह है कि ज़रूर देर लगाएगा (फ़ा186) फिर अगर तुम पर कोई उफ़्ताद पड़े तो कहे खुदा का मुझ पर एहसान था कि मैं उनके साथ हाज़िर न था। (72) और अगर तुम्हें अल्लाह का फ़ज़्ल मिले (फा 187 ) तो ज़रूर कहे (फा 188) गोया तुममें उसमें कोई दोस्ती न थी ऐ काश मैं उनके साथ होता तो बड़ी मुराद पाता । ( 73 ) तो उन्हें अल्लाह की राह में लड़ना चाहिए जो दुनिया की ज़िन्दगी बेच कर आख़िरत लेते हैं और जो अल्लाह की राह में लड़े फिर मारा जाये या ग़ालिब आये तो अन्करीब हम उसे बड़ा सवाब देंगे । (74) और तुम्हें क्या हुआ कि न लड़ो अल्लाह की राह में (फा 189) और कमज़ोर मर्दों और औरतों और बच्चों के वास्ते जो यह दुआ कर रहे हैं कि ऐ हमारे रब हमें इस बस्ती से निकाल जिसके लोग ज़ालिम हैं और हमें अपने पास से कोई हिमायती दे दे और हमें अपने पास से कोई मददगार देदे ।(75) ईमान वाले अल्लाह की राह में लड़ते हैं (फा 190) और कुफ़्फ़ार शैतान की राह में लड़ते हैं तो शैतान के (फा186) यानी मुनाफिक़ीन (फा187) तुम्हारी फतह हो और ग़नीमत हाथ आये (फा188) वही जिसके म.कूला से यह साबित होता है कि (फा189) यानी जिहाद फर्ज़ है और उसके तर्क का तुम्हारे पास कोई उज़र नहीं (फा 190) इस आयत में मुसलमानों को जिहाद की तरग़ीब दी गई ताकि वह उन कमज़ोर मुसलमानों को कुफ़्फ़ार के पन्जए जुल्म से छुड़ायें जिन्हें मक्का मुकर्रमा में मुशरिकीन ने कैद कर लिया था और तरह तरह की ईज़ायें दे रहे थे और उनकी औरतों और बच्चों तक पर बे रहमाना । मज़ालिम करते थे और वह लोग उनके हाथों में मजबूर थे इस हालत में वह अल्लाह तआला से अपनी ख़लासी और मददे इलाही दुआ करते थे यह दुआ कबूल हुई और अल्लाह तआला ने अपने हबीब सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को उनका वली व नासिर किया और उन्हें मुशरिकीन के हाथों से छुड़ाया और मक्का मुकर्रमा फतह करके उनकी ज़बरदस्त मदद फरमाई ।
(बकिया सफ़हा 147 का) इलाही उन्हें मक़सूद नहीं होती जैसे मुशरिकीन व मुनाफिकीन यह भी उन्हीं के हुक्म में हैं जिनका हुक्म ऊपर गुज़र गया (फT121) दुनिया व आख़िरत में दुनिया में तो इस तरह कि वह शैतानी काम करके उसको खुश करता रहा और आख़िरत में इस तरह कि हर काफ़िर एक शैतान के साथ आतिशी ज़न्जीर में जकड़ा हुआ होगा (ख़ाज़िन) (फा 122) इस में सरासर उनका नफा ही था (फा123) उस नबी को और वह अपनी उम्मत के ईमान व कुफ़ व निफाक और तमाम अफआल पर गवाही दें क्योंकि अम्बिया अपनी उम्मतों के अफ़आल से बा-ख़बर होते हैं ( फ़ा124) कि तुम नबीयुल अम्बिया हो और सारा आलम तुम्हारी उम्मत
أولياء الشيطين إن كيد الشيطن كان ضعيفان المتر إلى الذين قيل لهم كفوا ايديكم واقيموا الصلوة واتوا الزكوة فلما كتب عليهم القتال إذافريق منهم يخشون الناس خشية الله اواشتخشية وقالواربنالم كتبت علينا القتال لولا أخرتنا إلى أجل قريب قل متاع الدنيا قليل والأخرة خير لمن اتقى ولا تظلمون فتيلان اين ما تكونوا يدرككم الموت ولوكنتم في بروج مشيدة - وإن تصب وإن تصبهم سيئة يقولوا هذه من عندك قل كل من عند الله قبال هؤلاء القوم لا يكادون يفقهون حديثات ة يقولوا هذه من عند الله وإن تص ما أصابك من حسنة فين الله وما أصابك من سيئة فمن نفسك وأرسلناك للناس رسولا، وكفى بالله شهيدان
औलि-याअश् - शैतानि इन्-न कैदश्शैतानि का - न जओफा (76) अलम् त र इलल्लज़ी- न की ल लहुम् कुफ़्फ़ ऐदि-यकुम् व अकी- मुस्सला-त व आतुज्जका - त फ -लम्मा कुति- ब अलैहिमुल कितालु इज़ा फ़ीकुम् मिन्हुम् खुशौ- नन्ना- स क ख़श्यतिल्लाहि औ· अशद- द खश्य - तनु व कालू रब्बना लि-म क- तब-त अलैनल्- किता- ल लौला अख्ख़र्-तना इला अ-जलिन करीबिन् कुल् मताअ - ददुन्या कलीलुन् वल्आख़िरतु खैरुल लि-मत्तिका व ला तुज्लमू-न फतीला (77) ऐन मा तकूनू युरिक्कुमुल्-मौतु व लौ कुन्तुम् फी बुरूजिम्- मुशय्य - दतिन् व इन् तुसि हुम् ह-स-न- तुय्- यक लू हाज़िही मिन् अिन्दिल्लाहि व इन् तुसिष्टुम् सय्य-अतुय्- यक लू हाजिही मिन् अिन्दि - क कुं कुल्लुम् मिन् अिन्दिल्लाहि फ़मालि हाउला-इल-कौमि ला यकादू-न यफ़्क़ -न हदीसा (78) मा असा- ब क मिन ह-स-नतिन् फमिनल्लाहि व मा असा- ब- क. मिन सय्यिअतिन् फमिन् नपिस - क व अर्सना - क लिन्नासि रसूलनु व कफ़ा बिल्लाहि शहीदा (79)
दोस्तों से (फा191) लड़ो बेशक शैतान का दाव कमज़ोर है। (76) (फा192 ) ( रुकूअ. 7) क्या तुमने उन्हें न देखा जिनसे कहा गया अपने हाथ रोक लो (फा 193) और नमाज़ कायम रखो और ज़कात दो फिर जब उन पर जिहाद फ़र्ज़ किया गया (फा194) तो उनमें बअ ज़े लोगों से ऐसा डरने लगे जैसे, अल्लाह से डरें या उससे भी जायद (फा195) और बोले ऐ रब हमारे तूने हम पर जिहाद क्यों फर्ज कर दिया (फा 196) थोड़ी मुद्दत तक हमें और जीने दिया होता तुम फरमा दो कि दुनिया का बरतना थोड़ा है (फा 197) और डर वालों के लिए आखिरत अच्छी और तुम पर तागे बराबर ज़ुल्मं न होगा । ( 77 ) (फा 198) तुम जहां कहीं हो मौत तुम्हें आ लेगी (फा 199) अगरचे मज़बूत किलों में हो और उन्हें कोई भलाई पहुंचे (फा200) तो कहें यह अल्लाह की तरफ से है और उन्हें कोई बुराई पहुंचे (फा201)तो कहें यह हुजर की तरफ से आई (फा202 ) तुम फरमा दो सब अल्लाह की तरफ से है (फा203) तो उन लोगों को क्या हुआ कोई बात समझते मालूम ही नहीं होते। (78) ऐ सुनने वाले तुझे जो भलाई पहुंचे वह अल्लाह की तरफ से है (फा204) और जो बुराई पहुंचे वह तेरी अपनी तरफ से है (फा205) और ऐ महबूब हमने तुम्हें सब लोगों के लिए रसूल भेजा ( फा206) और अल्लाह काफ़ी है गवाह । (79) (फा207) (फा191) इअलाए दीन और रजाए इलाही के लिए (फा192) यानी काफिरों का और वह अल्लाह की मदद के मुकाबले में क्या चीज़ है (फा193) किंताल से । शाने नुज लः मुशरिकीन मक्का मुकर्रमा में मुसलमानों को बहुत ईजायें देते थे हिजरत से कब्ल असहाबे रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की एक जमाअत ने हुजर की ख़िदमत में अर्ज़ किया कि आप हमें काफिरों से लड़ने की इजाज़त . दीजिये उन्होंने हमें बहुत सताया है और बहुत ईजायें देते हैं। हुजर ने फरमाया कि उनके साथ जंग करने से हाथ रोको । नमाज़ और ज़कात जो तुम पर फर्ज़ है वह अदा करते रहो। फायदाः इस से साबित हुआ कि नमाज़ व जकात जिहाद से पहले फर्ज़ हुईं (फा194) मदीना तय्यबा में और बदर की हाज़िरी का हुक्म दिया गया (फा195) यह ख़ौफ तबई था कि इंसान की जबिल्ल है कि मौत व हलाकत से घबराता और डरता है (फा196) उसकी हिकमत क्या है यह सवाल वजहे हिकमत दरियाफ्त करने के लिए था न बतरीके एतेराज़ इसी लिए उनको इस सवाल पर तौबीख़ व ज़जर न फरमाया गया बल्कि जवाब तस्कीन बख़्श अता फरमा दिया गया ( फा197) ज़ायल व फानी है (फा198) और तुम्हारे अजूर कम न किये जायेंगे तो जिहाद में अन्देशा व तअम्मुल न करो । (फ1199) और उससे रिहाई पाने की कोई सूरत नहीं और जब मौत नागुज़ीर है तो बिस्तर पर मर जाने से राहे खुदा में जान देना बेहतर है कि यह सआदते आख़िरत का सबब है (फां200) अरज़ानी और कंसरते पैदावार वगैरह की (फा201 ) गिरानी कहत साली वग़ैरह (फा202) यह हाल मुनाफिकीन का है कि जब उनहें कोई सख़्ती (बकिया सफुहा 172 पर ) |
ऐसी जानकारी सामने आई है कि एक नया वॉट्सऐप स्कैम सर्कुलेशन में है जो लोगों की निजी जानकारियां चुरा रहा है। WABetaInfo के मुताबिक, इस स्कैम के जरिए साइबर अपराधी आपकी निजी और बैंक संबंधी जानकारियों को चुरा सकते हैं। अपराधी बैंक और कार्ड डिटेल्स को चुराने के लिए फेक सपोर्ट अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं।
फिलहाल ये साफ नहीं है कि इस स्कैम को सबसे पहली बार कब रिपोर्ट किया गया था। हालांकि, shimon128 नाम के एक Discord यूजर ने बताया कि इन्हीं फेक अकाउंट्स में से एक ने उनसे संपर्क किया था।
WhatsApp पर फेक सपोर्ट अकाउंट ऐसे करता है कामः
सबसे पहले अपराधी ओरिजनल की तरह एक फेक वॉट्सऐप सपोर्ट अकाउंट क्रिएट करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक ये अकाउंट्स वेरिफाइड बैज वाले एक प्रोफाइल इमेज के जरिए ऑथेंटिक दिखने की कोशिश करते हैं। मिली जानकारी के मुताबिक ये फेक अकाउंट्स आपके अकाउंट को बंद किए जाने की वॉर्निंग देकर आपसे निजी जानकारी मांगने की कोशिश करते हैं।
उदाहरण के तौर पर ये आपसे आपका अकाउंट बंद होने से बचाने के लिए आपके बैंक कार्ड की डिटेल्स मांगते हैं। साथ ही ये अकाउंट्स आपके वॉट्सऐप अकाउंट को एक्सेस करने के लिए आपसे 6-डिजिट पिन भी मांगते हैं।
इन स्कैम्स से ऐसे बचेंः
सबसे पहली बात आपको बता दें कि वॉट्सऐप कभी भी यूजर्स से उनके अकाउंट को बंद करने से बचाने के बदले उनकी बैंक डिटेल 6 डिजिट पिन या किसी भी तरह की निजी जानकारियां नहीं मांगता। ऐसे में अगर आपसे कोई आपकी निजी जानकारियां मांग रहा है यानी ये फेक अकाउंट है। साथ ही आपको ये भी पता होना चाहिए कि ओरिजनल वॉट्सऐप सपोर्ट अकाउंट में वेरिफाइड बैज प्रोफाइल पिक्चर में नहीं नाम के बगल में होता है। ऐसे अकाउंट्स से मैसेज मिलने पर आपको इन्हें तुरंत रिपोर्ट करना चाहिए।
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यह भावनाओं के लिए धन्यवाद कि एक व्यक्ति पूरी तरह से जीवन को समझ सकता है। भावनात्मक राज्य हमारे साथ हर जगह के साथ। कुछ मामलों में, वे हमारी भावनाओं को चमक और ताकत देते हैं , दूसरों में वे उन्हें दबा देते हैं। किसी भी दिशा में एक बड़ी पूर्वाग्रह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है, इसलिए भावनाओं को सीखने की आवश्यकता होती है कि कैसे प्रबंधन किया जाए।
- भावनाएं हमारी भावनाएं मौजूदा या प्रतिनिधित्व स्थितियों के मूल्यांकन को प्रतिबिंबित करती हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि वे किसी के लिए नहीं उठते हैं, लेकिन पूरी स्थिति के संबंध में प्रकट होते हैं। भावनाएं आनंददायक या दुखी हो सकती हैं और हर मिनट सचमुच बदल सकती हैं।
- भावनाएं वर्तमान या काल्पनिक वस्तुओं के अनुमानित दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करें। कभी-कभी उन्हें सनसनी कहा जाता है। किसी के या कुछ के संबंध में भावनाएं उत्पन्न होती हैं। वे भावनाओं की तरह, सकारात्मक, नकारात्मक या तटस्थ हो सकते हैं।
- प्रभावित नकारात्मक भावनात्मक स्थिति, जो एक मजबूत सदमे के कारण अप्रत्याशित रूप से आता है। इसके साथ-साथ समय, अंतरिक्ष और उनके कार्यों पर नियंत्रण की कमी भी होती है। इसे मूर्ख या अराजक मोटर प्रतिक्रियाओं के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। प्रभाव के दौरान, व्यक्ति स्विचिबिलिटी को बहुत कम करता है, एकाग्रता टूट जाती है और स्मृति खो जाती है (भाग में या पूर्ण अम्लिया के रूप में)।
- जुनून यह एक लंबा अनुभव है जो अन्य मानवीय भावनाओं पर हावी है और जुनून के विषय पर एकाग्रता की ओर जाता है। इस भावनात्मक स्थिति के कारण बहुत अलग हो सकते हैं, उदाहरण के लिए, शारीरिक ड्राइव या जागरूक मान्यताओं। जुनून को किसी व्यक्ति द्वारा स्वीकार किया जा सकता है, लेकिन कुछ घुसपैठ और अवांछनीय के रूप में अनुभव किया जा सकता है।
- मनोदशा यह एक लंबी भावनात्मक स्थिति है और यह सकारात्मक या उदास हो सकती है, जो सामाजिक और मनोवैज्ञानिक वातावरण, घटनाओं, तंत्रिका तंत्र और स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करती है। मनोदशा अन्य भावनाओं, कार्यों और विचारों के लिए भावनात्मक स्वर और रंग देता है।
एक व्यक्ति अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में सक्षम होना चाहिए, ताकि उन पर निर्भर न हो। यदि आपको लगता है कि अत्यधिक भावनात्मक स्थिति आपको सोचने, ध्यान केंद्रित करने और दक्षता को बुरी तरह प्रभावित करने से रोकती है, तो आप विशेष तकनीकों को लागू कर सकते हैं।
चेहरे की मांसपेशियों को आराम करने का एक बहुत अच्छा तरीका है। आपको शांत संगीत शामिल करना चाहिए और सोफे पर झूठ बोलना चाहिए। बदले में चेहरे की मांसपेशियों के समूहों को आराम करने के लिए शुरू करेंः पहले माथे, फिर आंखों, नाक, गाल, आदि अभ्यास के अंत में, आपको चेहरे की मांसपेशियों को ठीक करने के लिए खुद को मानसिक आदेश देना होगा। इस तकनीक को करने के बाद, आप शांत हो सकते हैं और अपनी कल्याण में सुधार कर सकते हैं।
एक और प्रभावी तकनीक है जो भावनात्मक तनाव की स्थिति में अच्छी तरह से काम करती है - एक श्वास अभ्यास। एक आरामदायक स्थिति में बैठ जाओ या झूठ बोलो। धीमी सांस लें (4 मायने रखती है), फिर रोकें (2 मायने रखती हैं) और निकालें (4 खाते)। धीरे-धीरे सांस लें और प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करें। आप छवि को भी जोड़ सकते हैं, यह दर्शाता है कि कैसे फेफड़े हवा और पीठ से भरते हैं।
नियंत्रण और समायोजन करने का एक अच्छा तरीका विज़ुअलाइज़ेशन है। इसके साथ आप किसी भी भावनात्मक स्थिति में प्रवेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपको शांत होने की आवश्यकता है, तो आपको केवल एक विस्तृत और खुली जगह (आकाश, समुद्री क्षितिज, बड़ा क्षेत्र, रंगमंच हॉल इत्यादि) की कल्पना करने की आवश्यकता है। बस एक निश्चित तस्वीर में उपयोग करें और इसे अपने दिमाग में ठीक करें। इस प्रकार, बाकी की स्थिति को समायोजित करना या इसके विपरीत, आंदोलन को समायोजित करना संभव होगा।
अब आप मुख्य भावनात्मक प्रक्रियाओं और राज्यों को समझते हैं। उपरोक्त तकनीकें आपको सीखने में मदद करेंगी कि उन्हें कैसे प्रबंधित किया जाए। सबसे पहले, कठिनाइयों का सामना हो सकता है, लेकिन अभ्यास की पुनरावृत्ति नकारात्मक भावनात्मक अवस्थाओं को खत्म करने और उन्हें क्रम में रखने में मदद करेगी।
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प्रयागराज (ब्यूरो)। पुलिस लाइंस में मीडिया से रूबरू हुए एडीजी प्रेम प्रकाश ने बताया कि मंगलवार रात करीब ढाई बजे पुलिस को सूचना मिली कि कुछ बदमाश किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए थरवई के बढऩपुर बाग में मौजूद हैं। इस पर थरवई कांड के खुलासे के लिए लगायी गयी सभी सात टीमें मौके पर पहुंच गयीं। उन्होंने बाग को घेर लिया और बदमाशों को सरेंडर कर देने को कहा। एडीजी ने बताया कि सरेंडर करने के स्थान पर दूसरी तरफ से फायरिंग शुरू कर दी गयी। इस पर पुलिस ने भी फायर शुरू कर दिया। मुठभेड़ में पुलिस की गोली से घायल होने के बाद तीन बदमाश नवल खरवार उर्फ नवला पुत्र जीतलाल निवासी बारून औरंगाबाद बिहार और रोहित खरवार व पीपी खरवार पुत्रगण हरिनाथ खरवार निवासी चिलबिली थाना कुदरा जिला कैमूर बिहार पकड़े गये। पकड़े जाने के बाद पता चला कि नवला व रोहित खरवार पर 25-25 हजार रुपये का इनाम पहले से घोषित है। इन सभी को इलाज के लिए अस्पताल में रात में ही भर्ती कराया गया। इलाज बाद तीनों की हालत सुधरी तो पूछताछ की गयी। इसमें उन्होंने मोनू कुमार पुत्र भीम कुमार गौतम निवासी पुराना फाफामऊ, आकाश खरवार पुत्र राजकुमार उर्फ चहवा निवासी चिलबिली थाना कुदरा कैमूर बिहार, भीम कुमार गौतम पुत्र महंगू निवासी पुराना फाफामऊ एवं संगीता पत्नी भीम कुमार गौतम निवासी पुराना फाफामऊ का नाम लिया। इसके बाद पुलिस को एक्टिव करके छापेमारी की गयी। संयोग से ये चारों भी पुलिस के हत्थे चढ़ गये। इन सातों को एडीजी ने मीडिया के सामने पेश किया। इस दौरान आईजी रेंज डॉ राकेश कुमार और एसएसपी अजय कुमार भी मौजूद रहे।
इन सातों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने बताया कि इस गैंग में करीब एक दर्जन नाम शामिल हैं। इसमें महिलाएं भी हैं। उनके जिम्मे घरों की रेकी करना था। इन लोगों ने ही फाफामऊ के गोहरी और थरवई के खेवराजपुर में क्रमशः चार और पांच लोगों को एक साथ मौत के घाट उतारा था। गिरफ्तार किए गए इन गुर्गों के पास से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त रॉड व अन्य औजार भी बरामद किया है। अंधेरे का फायदा उठाते हुए 25 हजार के इनामी बदमाश मुर्गी पांख पुत्र विशुन धारी निवासी बारून थाना बारून औरंगाबाद बिहार, डेभी खरवार पुत्र राजू खरवार निवासी नई बस्ती फुलवरिया कोतवाली चुनार जनपद मीरजापुर, बुंदेला उर्फ सारंगी पुत्र लंगड़ा खरवार निवासी चौर अस्था बिहियां धरहरा जिला भोजपुर बिहार, डेढग़ांव उर्फ बभना निवासी चिलबिली थाना कुदरा जिला कैमूर बिहार, चिंटू खरवार और नेहा खरवार उर्फ महिमा खरवार पत्नी रोहित खरवार निवासी चिलबिली थाना कुदरा कैमूर बिहार भाग निकले। इनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें बना दी गयी हैं। एडीजी ने बताया कि घटनाओं को अंजाम देने के लिए गैंग के सदस्य बिहार से ट्रेन से आते थे और फिर वहीं लौट जाते थे।
दो बड़े कांड में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने में शामिल रहे पुलिसवालों को एडीजी ने एक लाख रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। बताया कि एक लाख रुपये इस टीम को शासन की तरफ से भी दिये जाएंगे। इसके अलावा 50 हजार रुपये का इनाम आईजी रेंज ने देेने की घोषणा की है।
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Jamshedpur : जमशेदपुर में ठेका मजदूरों को समय पर वेतन, पेमेंट स्लिप, सुरक्षा साधन उपलब्ध नहीं होने पर जमशेदपुर मजदूर यूनियन ने बैनर तले सकची स्थित यूनियन कार्यालय में एक प्रेस वार्ता कर मजदूरों की आवाज को बुलंद की गई. मैसर्स टाटा ब्लूस्कोप स्टील लिमिटेड के ठेका प्रतिष्ठान मैसर्स सिग्नौद इंडिया लिमिटेड, एम कुमार एंड कंपनी,भाउच सिस्टम, एमएस संभावी इंटरप्राइजेज, मैसर्स आनंद इंटरप्राइजेज, मैसर्स एम एस इंटरप्राइजेज समेत कई ऐसे बड़े कंपनी के अधीन लगभग 662 ठेका मजदूर है. इन मजदूरों को ना ही समय पर वेतन मिल रहा है और ना ही पेमेंट स्लिप, हाजरी कार्ड भी नहीं दिया जा रहा है. मजदूरों को सुरक्षा साधन भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. मजदूर बंधुआ मजदूर की तरह कार्य कर रहे हैं. इतनी बड़ी कंपनी होने के बावजूद कैंटीन की सुविधा ना होना, रात में मजदूरों को अलग से रुकने पर ओटी का भुगतान नहीं होना आवाज तेज करने पर ठेकेदार द्वारा घमकाना डराना इन सभी समस्याओं को लेकर जमशेदपुर के साकची कार्यालय में मज़दूर नेता अंबुज कुमार ने एक प्रेस वार्ता का आयोजन कर उद्योग से संबंधित अधिकारियों का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया. मामला नहीं सुलझने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
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जयपुर। पीएम-किसान योजना के लाभार्थी किसानों को 10 फरवरी तक अपने बैंक खाते का ई-केवाईसी सत्यापन करवाना होगा। एक अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।
योजना के राज्य नोडल अधिकारी मेघराज सिंह रतनू ने बताया कि पीएम- किसान योजना के लाभार्थियों को आगामी किस्त के अंतरण के लिए ई-केवाईसी, बैंक खाते को आधार से लिंक कराना एवं बैंक खाते को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के लिए 10 फरवरी, 2023 से पूर्व सक्रिय करना अनिवार्य किया गया है। इस संबंध में भारत सरकार द्वारा निर्देश दिए गए हैं।
रतनू ने बयान में कहा कि राज्य में इस योजना के लाभार्थियों ने जनवरी, 2023 तक 67 प्रतिशत ई-केवाईसी एवं 88 प्रतिशत बैंक खातों को आधार से लिंक कराया है। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी लगभग 24.45 लाख लाभार्थियों द्वारा ई-केवाईसी कराया जाना एवं 1.94 लाख लाभार्थियों द्वारा बैंक खाते को आधार से लिंक कराया जाना बाकी है। उन्होंने बताया कि जिन लाभार्थियों ने अभी तक ई-केवाईसी नहीं करवाया है एवं बैंक खाते को आधार से लिंक नहीं कराया है, वे 10 फरवरी से पहले यह अवश्य करवा लें । उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा ई-केवाईसी एवं आधार लिंक बैंक खाते खोलने को इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक को अनुमति दी गयी है।
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सीमा पर लगातार आतंकियों का सफाया कर रहें सुरक्षाबलों ने शनिवार (18 जुलाई, 2020) को एक पाकिस्तानी घुसपैठिए को गिरफ्तार किया है। सेना के अधिकारी ने बताया कि घुसपैठिए को कल रात सीमा पार करते हुए देखा गया था। वहीं अब सेना के अफ़सर घुसपैठिए से कड़ी पूछताछ कर जानकरियाँ उगलवाने की कोशिश कर रहे है। खबरों के अनुसार, ये एलओसी के आसपास तैनात जवानों की रेकी करने के लिए आया हुआ था।
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, कल रात राजौरी जिले के नौशेरा के पास लाम सेक्टर में उन्होंने एक अनजाने व्यक्ति को देखा। जो देर रात सीमा के आसपास घूम रहा था। उस व्यक्ति को देख कर सेना चौकन्नी हो गई। इसके बाद जब उस व्यक्ति ने एक प्रायोजित तरीके से सीमा को पार कर भारत में घुसने की कोशिश की तो सेना से सतर्कता दिखाते हुए उसे फौरन गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल सेना के कैम्प में उससे जाँच पड़ताल की जा रही है।
बता दें पाकिस्तान की तरफ से आतंकियों द्वारा घुसपैठ का प्रयास किए जाने की लगातार मिल रही सूचनाओं के आधार पर एलओसी के अग्रिम हिस्सों में चौकसी को बढ़ाते हुए सभी नाका पार्टियों को सचेत किया गया था। पकड़े गए घुसपैठिए से भी सेना के अधिकारी लगातार जानकारी हासिल कर रहें है। इस गिरफ्तारी की जानकारी एसएसपी राजौरी चंदन कोहली ने दी है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान से आए इस घुसपैठिए का कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। जिसके बाद इससे जम्मू कश्मीर पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले 15 जुलाई को जम्मू-कश्मीर में पुंछि जिले के मेंढर में भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा से सटे बालाकोट क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने पीओके के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है। वह नियंत्रण रेखा के उस पार से घुसपैठ कर अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में घूम रहा था। सुरक्षाबल के जवान उसे बालाकोट पुलिस चौकी लेकर आए और पूछताछ की। उसकी पहचान अब्दुल रहमान (28) पुत्र मोहम्मद रशीद रूप में हुई थी, जो कि निख्याल पीओके में रहने वाला है।
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वेब पत्रकारिता ने शायद मान लिया है कि उसे कोई गंभीरता से लेने वाला नहीं है और वह एक अधपढ़े और संस्कृतिविहीन वर्ग की कुंठाओं को शांत करने का सामान भर है.
वेब पत्रकारिता ने शायद मान लिया है कि उसे कोई गंभीरता से लेने वाला नहीं है और वह एक अधपढ़े और संस्कृतिविहीन वर्ग की कुंठाओं को शांत करने का सामान भर है. कई सम्मान प्राप्त कर चुकी युवा पत्रकार प्रियंका दुबे इस शनिवार को एक हिंदी अख़बार की वेबसाइट पर अपनी तस्वीर देखकर हैरान रह गईं. वेबसाइट पर एक चटपटी सी ख़बर छपी थी कि पति की पिटाई देखकर पत्नी ने कुछ ऐसा किया कि सब शर्मिंदा हो उठे. जाहिर है, पत्नी की इस तथाकथित 'शर्मिंदा' कर देने वाली हरकत की कोई तस्वीर नहीं थी और इसलिए संपादकों ने इंटरनेट की मदद ली और एक ऐसी लड़की का फोटो उठा लिया जिसका इस वाकये से दूरदराज का भी वास्ता नहीं था.
दिलचस्प यह है कि इस वेबसाइट की ख़बर एक टीवी चैनल की वेबसाइट ने ज्यों की त्यों उठा ली और वहां भी यही तस्वीर चिपका दी. चूंकि संपादकों की फिक्र बस एक मसालेदार ख़बर पेश करने की थी इसलिए उन्हें इस बात की कतई परवाह नहीं थी कि ख़बर के साथ फोटो किसका जा रहा है और कहां से लिया गया है.
टीवी के फॉर्मेट की एक सीमा है कि वहां किसी 'खबर' के साथ सिर्फ न्यूज चैनल ही खेल कर सकता है. लेकिन वेब पर मौजूद किसी भी सामग्री को एक साथ कई मोर्चों पर सक्रिय होने की सुविधा है.
प्रियंका दुबे ने दोनों वेबसाइट्स को फोन मिलाया और वहां लंबी बहस - और कानूनी कार्रवाई की चेतावनी - के बाद वे अपनी तस्वीर हटवाने में कामयाब रहीं. लेकिन उन्होंने बताया कि दोनों जगहों पर किसी को अपनी गलती का एहसास ही नहीं था. उनसे कहा गया कि उनका चेहरा नहीं, सिर्फ पीठ दिख रही है, इसलिए कोई फ़र्क नहीं पड़ता. अगर उन दोनों टीमों को यह एहसास नहीं हुआ होता कि अनजाने में उन्होंने अपनी ही बिरादरी की एक सदस्य की - यानी एक पत्रकार की - तस्वीर लगा डाली है तो शायद दूसरी किसी लड़की की वे परवाह भी नहीं करते.
यह बस एक मिसाल है कि इन दिनों हम कैसी हड़बड़ाई हुई पत्रकारिता कर रहे हैं. यह हड़बड़ी क्या सिर्फ डेडलाइन पूरी करने के दबाव का नतीजा है या कुछ और भी है? इस सवाल पर विचार करें तो हमारे सामने इस छोटी सी, मामूली सी लगने वाली ख़बर के कहीं ज़्यादा संजीदा पहलू खुलने लगते हैं. कहा जा रहा है कि ऑनलाइन पत्रकारिता आने वाले कल की पत्रकारिता है जिसमें कंप्यूटर से मोबाइल तक, छोटे-छोटे न्यूज़ कैप्सूल और वीडियो क्लिप सबसे महत्त्वपूर्ण होने वाले हैं. इसे ध्यान में रखते हुए सारे अख़बारों और टीवी चैनलों ने अब तक उपेक्षित रहे अपने ऑनलाइन माध्यमों में अचानक ही पैसा लगाना शुरू कर किया है. दुर्भाग्य से हिंदी भाषी वेब पत्रकारिता के बड़ा होने के इस दौर में सफल वेब पत्रकारिता की इकलौती कसौटी 'हिट्स' जुटाना बन गया है.
यह खेल टीवी चैनलों की टीआरपी रेस से ज़्यादा ख़तरनाक है, क्योंकि टीवी के फॉर्मेट की एक सीमा है कि वहां किसी 'खबर' के साथ सिर्फ न्यूज चैनल ही खेल कर सकता है. लेकिन वेब पर मौजूद किसी भी सामग्री को एक साथ कई मोर्चों पर सक्रिय होने की सुविधा है. इस बहुलता का सम्मान कर, इसे सही तरीके से इस्तेमाल करने की जगह हिंदी वेब पत्रकारिता क्या कर रही है? ज़्यादातर वेबसाइट्स का एक कोना बहुत ही घिनौने ढंग से सेक्स की कुत्सित चर्चा में लीन मिलता है और उनके मुख्य पन्नों पर भी जहां-तहां ऐसी ही छौंक दिखाई पड़ती है.
ख़बरों को चटपटा बनाने का खेल धीरे-धीरे संपादकीय नीति का हिस्सा हो बन गया है जिसके पीछे यह नज़रिया काम कर रहा है कि अगर आप किसी विषय को गंभीरता से लेंगे तो पाठक भाग जाएगा.
अनजाने में ही हम पाते हैं कि यह पूरी पत्रकारिता अपने पूरे चरित्र में भयानक स्त्री विरोधी और संस्कृति विरोधी हो उठी है. हिट्स जुटाने के लिए ख़बरों को चटपटा बनाने का खेल धीरे-धीरे संपादकीय नीति का हिस्सा हो बन गया है जिसके पीछे यह नज़रिया काम कर रहा है कि अगर आप किसी विषय को गंभीरता से लेंगे तो पाठक भाग जाएगा. यानी वहां गंभीर विषयों का भी तमाशा ही बनाया जा सकता है.
बेशक, यह बीमारी अख़बारों और टीवी चैनलों में भी दिखने लगी है, लेकिन वेब तो इस पर कुरबान है. उसने जैसे मान लिया है कि उसे कोई गंभीरता से देखने-पढ़ने वाला नहीं है, कि वह एक अधपढ़े, खा-पीकर अघाए और संस्कृतिविहीन वर्ग की कुंठाओं को शांत करने का सामान है जो अपने मोबाइल पर चटपटी लड़ाइयां और वे तस्वीरें देखता रहता है जो सेक्स शिक्षा के नाम पर उसे परोसी जा रही हैं. इस क्रम में किसी अनजान लड़की की पीठ दिख कहीं दिख भी गई तो क्या हुआ?
इस तरफ ध्यान खींचना इसलिए ज़रूरी है कि आने वाला दौर इसी पत्रकारिता का होना है. अगर इसकी कमान गैरपेशेवर, मूलतः प्रतिगामी और स्त्री विरोधी लोगों के हाथों में रही तो अभी अपने चुटकुलों में मगन तथाकथित वेब पाठक अपने लिए नया शगल मांगेगा और इसके जवाब में जब यह मीडिया कोई नया नशा मुहैया कराना चाहेगा तो उसके कहीं ज़्यादा विकृत और तकलीफदेह रूप सामने आने लगेंगे.
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