sentences
stringlengths
13
616k
यहां पर सभी स्मार्ट टीवी 32 इंच की स्क्रीन साइज में मौजूद है। वही आपको इसमें दमदार साउंड क्वालिटी भी मिलेगी। इन स्मार्ट टीवी में आप वीडियो गेम भी खेल सकते हैं। कम बजट में यह शानदार टीवी आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकता है। eAirtec 81 cm (32 Inches) HD Ready Smart LED TV : Kodak 80 cm (32 inches) HD Smart LED TV : Kevin 80 cm (32 inches) HD Ready LED Smart TV : OnePlus 80 cm (32 inches) HD Ready Smart Android LED TV : Adsun 80 cm (32 inches) HD Ready IPS LED TV : यह भी पढ़ें : हाई-फाई अदा बिखेरने के लिए पहनें ये खूबसूरत प्रिंटेड नेट साड़ी, पड़ोसन पूछेगी कहां से खरीदी! नोट : Electronics Storeसे अन्य सामानों की शॉपिंग करने के लिए यहां क्लिककरें। Disclaimer : NBT के पत्रकारों ने इस आर्टिकल को नहीं लिखा है। आर्टिकल लिखे जाने तक ये प्रोडक्ट्स Amazon पर उपलब्ध है।
GORAKHPUR: बाराबंकी में घाघरा के उत्पात मचाने और पिछली बाढ़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने अभी से अलर्ट जारी कर दिया है। डीएम के निर्देश पर जिला आपदा प्रबंधन ऑफिस को कंट्रोल रूम बनाया गया है। जहां कंट्रोल रूम का नंबर 0551-8801796 है। जिलाधिकारी रंजन कुमार के निर्देश पर कंट्रोल रूम में 24 घंटे ड्यूटी रहेगी। 8-8 घंटे की शिफ्ट में एक अधिकारी की अगुवाई में एक क्लर्क और एक फोर्थ क्लास इंप्लाई रहेगा। कंट्रोल रूम पर पूरे जिले से कोई भी जानकारी दे सकता है। डीएम ने कहा कि कंट्रोल रूम में 24 घंटे फोन रिसीव होना चाहिए। बीच में वे भी कॉल करके औचक निरीक्षण कर सकते हैं। एडीएम एफआर डॉ। चंद्रभूषण ने बताया कि बाढ़ से बचाव को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। तटीय इलाकों तक कंट्रोल रूम की जानकारी दे दी गई है। जिससे किसी भी प्रकार की प्रॉब्लम आने पर जिला प्रशासन को जानकारी हो सके और मौके पर तुरंत सुविधा मुहैया कराया जा सके।
सज्ञातेति- संज्ञाततत्त्वोऽपि संज्ञातं सम्यगदबुद्धं तत्त्वं वस्तुस्वरूपं येन तथाभूतोऽपि गृही यदि अधनी धनरहितोऽस्ति तर्हि सः । अत्र लोके धनिकानुगामी धनिकान् अनुगच्छतीत्येवंशीलो दृष्टो विलोकितः । स्वामिनं बीक्ष्य दृष्ट्वा सुखाय सुखप्राप्तयै संचालितलूमकः संचालितपिच्छ श्वा यथा कुक्कुर इव आशु शीघ्रं दीनो वराकोऽस्तु भवतु । ज्ञाततत्त्वोऽपि निर्धनो गृही धनिकानुगामी दृश्यतेऽयं खेदस्य विषयोऽस्तीति भावः ।।२५।। अर्थ वस्तुतत्त्व का ज्ञाता होकर भी निर्धन गृहस्थ सुख प्राप्ति के लिये उस प्रकार धनिकों का अनुगमन उनकी हौं में हाँ मिलाता हुआ देखा गया है जिस प्रकार कि मालिक को देखकर सुख पाने की इच्छा से पूँछ हिलाता हुआ कुत्ता शीघ्र दीन हो जाता है ।।२५।। निश्रयसोऽस्मै मुनये पथीह, सङ्गोऽप्यणुः संचरतेऽस्ति विघ्नः । वाताहतः पुच्छकमण्डलोऽपि, शिखण्डिने स्वस्य यथास्त्यरण्ये ।। निश्रेयम इति इह लोके निश्रेयसो मोक्षस्य पथि मार्गे संचरते संचरणं कुर्वते, अस्मै मुनये, अणुरप्यल्पपरिमाणोऽपि सङ्गः परिग्रहो विघ्नो वाधकोऽस्ति । तदेवोदाहरति वाताहतो वा तेन वायुना हतः पीडितः यथा स्वस्य निजस्य पिच्छकमण्डलोरपि कलापसमूहोऽपि, अरण्ये विपिने सचरते बिहरते शिखण्डिने मयूराय विघ्नो बाधकोऽस्ति ।।२६।। अर्थ - यहा मोक्षमार्ग मे सचार करने वाले इस मुनि के लिये अल्प भी परिग्रह उस तरह विघ्न करने वाला है, जिस तरह कि वन मे विचरने वाले मयूर के लिये वायु से ताडित उसके निजी पिच्छो का समूह ।।२६।। सङ्गस्तु सङ्गोऽस्तु समाधिकाले, संघस्य भारो यमिनेऽस्तु सङ्गः । वृद्धाय वा भूषणकानि कानि, लघूनि वस्त्राणि गुरूणि सन्तु ।।
- 6 min ago बॉलीवुड को लेकर एक्ट्रेस ने दिया विवादित बयान, बोलीं- अगर बॉलीवुड में लांच हुई होती तो कपड़े उतरवा देते...' - 38 min ago जब बिग बी के साथ रानी मुखर्जी ने दे दिया था लिप लॉक सीन, बोलीं- 'अमिताभ अंकल के साथ किसिंग सीन देना बहुत...' Don't Miss! - News PM मोदी ने किया पुनर्विकसित अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन का उद्घाटन, जानें क्या-क्या है खासियत? कोरोना वायरस के कहर के बीच लोग एक दूसरे की मदद के लिए फिर से आगे आ रहे हैं। बॅालीवुड स्टार्स भी हमेशा की तरह अपना सपोर्ट उन लोगों के लिए पहुंचा रहे हैं जिन्हें इस मुश्किल घड़ी में सबसे अधिक जरूरत है। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच इस वक्त सबसे बड़ा सवाल ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी को लेकर सामने आ रहा है। सोशल मीडिया पर कई लोग इसे लेकर मदद मांग रहे हैं ताकि कोई किसी भी तरह से सहायता कर दें। इस बीच सुष्मिता सेन ने भी ऑक्सीजन सिलेंडर को भेजने की पेशकश की है। लेकिन सिर्फ दिल्ली के लिए भेजने पर उन्हें बुरी तरह ट्रोल किया गया है। जिसका जवाब भी सुष्मिता ने बेबाक तरीके से दिया है जो कि चर्चा में है। आपको बता दें कि सुष्मिता सेन ने दिल्ली के एक अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी होने की वजह से वहां के लिए कुछ सिलेंडर्स का इंतजाम करवाया है। यहां पढ़ें खबर विस्तार से।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कथित रूप से मानहानिपूर्ण और भड़काऊ बयान देने के लिए दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में केस डायरी पेश करे। कोलकाताः कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ कथित रूप से मानहानिपूर्ण और भड़काऊ बयान देने के लिए दर्ज एक प्राथमिकी के सिलसिले में केस डायरी पेश करे। शाह ने अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने दावा किया है कि उनके खिलाफ आरोप महत्वहीन और मनगढंत हैं। प्राथमिकी अतनु गिरि नाम के एक व्यक्ति ने दर्ज करायी थी और दावा किया था कि शाह ने पूर्वी मिदनापुर जिले के कोंतई में 29 जनवरी को एक जनसभा में मानहानिपूर्ण और भड़काऊ बयान दिये। शिकायतकर्ता ने कहा कि शाह के भाषण ने भाजपा कार्यकर्ताओं को भड़काया जिन्होंने यहां से करीब 170 किलोमीटर दूर स्थित कोंतई नगर में तृणमूल कांग्रेस पार्टी के एक कार्यालय में तोड़फोड़ की और कई मोटरसाइकिलों को आग लगा दी। शाह के वकीलों वाई जे दस्तूर और फिरोज इदुलजी ने प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्राथमिकी से कोई मामला नहीं बनता और आरोप महत्वहीन और मनगढंत हैं। अनुरोध सुनने के बाद न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने पुलिस को प्राथमिकी से संबंधित केस डायरी बृहस्पतिवार को पेश करने का निर्देश दिया जब मामले पर फिर से सुनवायी होगी। (भाषा)
EPF खाते में UAN नंबर का यूज तो बार-बार करते हैं लेकिन ये है क्या और इसकी फुल फॉर्म क्या है? 'लोगों के रिटायरमेंट का पैसा अडानी की कंपनियों में किसलिए? ', राहुल ने PM से पूछा- न जांच, न जवाब. . . इतना डर क्यों?
दिल्ली शराब कांड में सोमवार को सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है. जांच एजेंसी ने ईडी के सहायक निदेशक पवन खत्री, एयर इंडिया के कर्मचारी दीपक सांगवान, कोलरिज होटल्स एंड रिसॉर्ट्स के सीईओ विक्रमादित्य और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एफआईआर आपराधिक साजिश, एक लोक सेवक को रिश्वत देने, भ्रष्ट तरीकों से या व्यक्तिगत प्रभाव का उपयोग करके अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए एक लोक सेवक को प्रभावित करने से संबंधित अपराधों के तहत दर्ज की गई है। शराब कारोबारी अमनदीप ढल द्वारा 5 करोड़ रुपये के कथित भुगतान के मामले में सीबीआई ने ईडी के सहायक निदेशक पवन खत्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले शुक्रवार को इस मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने मनीष सिसौदिया को नया बैंक खाता खोलकर अपना वेतन निकालने की इजाजत दे दी. सिसौदिया पर शराब घोटाले में सीबीआई और ईडी दोनों जांच एजेंसियों ने आरोप लगाए हैं। जांच एजेंसियों ने सिसौदिया के सभी खाते सीज कर दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी. सिसौदिया ने हाल ही में चिकित्सा और अन्य खर्चों के लिए बैंक खाते से कुछ पैसे निकालने की अनुमति मांगी थी।
सुपार्श्वभूदिति सुपार्श्वः' :"- प्रथवा भगवान के गर्भ में स्थित हुये माता के दोनों पासे बहुत सुन्दर होगये इस कारण से सुपार्श्व । "चन्द्रस्येव प्रभा ज्योत्स्ना सौम्यलेश्याविशेषोऽस्यचन्द्रप्रभः" - चन्द्रमा की तरें है प्रभा - कान्ति- सौम्य लेश्याविशेष इसकी सो चन्द्रप्रभ । तथा "गर्भस्थे देव्याश्चन्द्रपानदोहदोऽभूदिति चन्द्रप्रभः" - गर्भ में जब भगवान थे तब माता को चन्द्रमा पीने का दोहद उत्पन्न हुआ था. इस कारण से चन्द्रप्रभ । ९ - "शोभनो विधिविधानमस्य - सुविधिः" - भली है विधि इसकी सो सुविधि । "यद्व गर्भस्थे भगवति जनन्यप्येत्रमिति सुविधिः" अथवा गर्भ में भगवान् के रहने से माता भी शोभनीक विधिवाली होती भई, इस कारण से सुविधि । १०- "सब.लसत्व सन्तापहरणाच्छीतलः"- सर्व जीवों का संताप हरने से शीतल । तथा "गर्भस्थे भगवति पितुः पूर्वो त्पन्नाचिकित्स्यपित्तदाहो जननीकरस्पर्शादुपशान्त इति शीतलः भगवन्त के गर्भ में भाने से, भगवन्त के पिता के शरीर में पित्तदाह रोग था, वैद्यों से जिसकी शान्ति न हुई परन्तु भगवन्त की माता के हाथ का स्पर्श होते ही राजा का शरीर शीतल होगया, इस कारण से शीतल । ११ - "श्रेयान् समस्तभुवनस्यैव हितकरः, प्राकृत शैल्या
लखनऊ। जंतर मंतर में धरने पर बैठे पहलवानों से छेड़छाड़ मामले में कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस रेस्लर्स के बयान के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। जानकारी के मुताबिक इस दौरान शिकायतकर्ताओं ने अलग-अलग इंसिडेंट के बारे में बताया, लेकिन छेड़छाड़ की तारीख किसी भी पहलवान को याद नहीं है। पुलिस का कहना है कि अब जल्द ही WFI के चीफ बृजभूषण शरण सिंह के बयान दर्ज किए जाएंगे. इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने दिल्ली के जंतर-मंतर में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ धरना दे रहे पहलवानों को आश्वासन दिया है कि जल्द जल्द जांच होने दे जांच के बाद ही सचाई सामने आएगी।
रायपुर। भगवान राम की ननिहाल चंदखुरी में दिवाली उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों की पहल से चंदखुरी धाम में 31 हजार दीपक जलाए गए हैं. माता कौशल्या का धाम दीयों से रोशन हो उठा. वहीं दिवाली के मौके पर आतिशबाजी से चंदखुरी का आसमान जगमगा गया. राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों के साथ कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव मौजूद रहे. माता कौशल्या मंदिर में दीप दान के मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण भी उपस्थित रहे. पिछले साल हमर राम समिति ने दिवाली पर यहां 36 हजार दीप जलाये थे. इसको छत्तीसगढ़ के 36 गढ़ों की ओर से 100-100 दीपों की प्रतीकात्मक माला बताया गया था. इस बार इस उत्सव को एक दिन पहले ही शुरू किया जा रहा है. रायपुर से करीब 20 किमी दूर स्थित चंदखुरी को प्राचीन कौशल की राजधानी माना जाता है. यहां भगवान राम की माता कौशल्या का एक प्राचीन मंदिर है. इसमें भगवान राम माता कौशल्या की गोद में बैठे दिखाए गए हैं. यह पूरी दुनिया में भगवान राम की माता को समर्पित एकमात्र मंदिर माना जाता है. राज्य सरकार ने राम वनगमन पथ पर्यटन सर्किट के तहत माता कौशल्या मंदिर का जीर्णोद्धार पूरा किया है. इसपर 15 करोड़ रुपए की लागत आई है. पिछले साल 8 अक्टूबर को इसका लोकार्पण हुआ. इस दौरान तीन दिनों का भव्य उत्सव हुआ था. - छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें, - खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें .
Congress: इस सब के बीच खबर यह आ रही है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) इस किसान आंदोलन के बीच इटली (Italy) की यात्रा पर निकल गए हैं। ऐसे में किसानों के आंदोलन को लेकर राहुल गांधी की संजीदगी का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। बिहार चुनाव के बाद भी राहुल गांधी बिजनौर के लिए निकल गए थे तब भी उनकी जमकर किरकिरी हुई थी और उनके बिहार में गठबंधन दल राजद के नेता ने उनपर जमकर टिप्पणी की थी। नई दिल्ली। एक तरफ देशभर में किसान आंदोलन चरम पर है। लगातार किसान इस बात की मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद्द करने के बाद ही वह सरकार से इस मामले पर बातचीत करेंगे। वहीं किसानों के सबसे बड़े हितैषी बनने का दिखावा करनेवाले राहुल गांधी भी दोबार कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग लेकर राष्ट्रपति भवन तक पहुंच चुके हैं। इस बीच आज सुबह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी की एक वीडियो भी पोस्ट की और लिखा कि आखिर ये क्या जादू है राहुल जी? , इस वीडियो में राहुल गांधी संसद के अंदर किसानों की हालत पर चिंता व्यक्त करते हुए सीधे किसान और कॉर्पोरेट के बीच का रास्ता बनाने की बात कर रहे हैं। अब इस सब के बीच खबर यह आ रही है कि राहुल गांधी इस किसान आंदोलन के बीच इटली की यात्रा पर निकल गए हैं। ऐसे में किसानों के आंदोलन को लेकर राहुल गांधी की संजीदगी का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं। बिहार चुनाव के बाद भी राहुल गांधी बिजनौर के लिए निकल गए थे तब भी उनकी जमकर किरकिरी हुई थी और उनके बिहार में गठबंधन दल राजद के नेता ने उनपर जमकर टिप्पणी की थी। News coming in that Cong leader Rahul Gandhi has left for Milan via a Qatar Airlines flight this morning. अब जब ये खबर आ रही है कि आज सुबहर कतर एयरलाइंस की फ्लाइट से राहुल इटली के निकल गए हैं तो चारों तरफ से उनपर जमकर हमला किया जा रहा है। किसान नेता तो यहां तक कह रहे हैं कि देश में विपक्ष कमजोर है। राहुल गांधी तो कभी सिंघु बॉर्डर तक भी नहीं आए ऐसे में उनके बारे में क्या कहें। वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भा राहुल पर सोशल मीडिया के जरिए हमला करते हुए गूगल मैप के बारे में बताया है। लिखा है कि सिंघु बॉर्डर मात्र 30 किलोमीटर की दूरी पर है जहां हजारों किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। आप चाहें तो हम आपको वहां का गूगल लोकेशन भेज सकते हैं। Singhu border was just 30 kms away where thousands of farmers are protesting. ऐसे में राहुल गांधी का जमकर सोशल मीडिया पर मजाक बनाया जा रहा है। वहीं इटली जाने से पहले भी किसानों को लेकर राहुल गांधी ने एक ट्वीट किया था जो जमकर वायरल हो रहा है। कृषि कानूनों को लेकर किसानों को प्रदर्शन को तमाम विरोधी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं। कांग्रेस भी इसमें सबसे आगे हैं। बता दें केंद्र सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेसी नेताओं के बयान अक्सर सामने आ रहे हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने रविवार को एक वीडियो ट्वीट कर राहुल गांधी से सवाल पूछा है कि आखिर ये क्या जादू है राहुल जी? बता दें कि यह वीडियो लोकसभा में चर्चा के दौरान का है। और इसमें राहुल गांधी किसानों की समस्याओं को सदन के सामने रख रहे हैं। बता दें कि वीडियो में राहुल गांधी कह रहे हैं कि, "कुछ साल पहले यूपी में मेरा दौरा था और एक किसान ने मुझसे सवाल पूछा। मेरा पास आया औऱ उसने पूछा- राहुल जी आप एक बात हमें समझाइए, हम आलू बेचते हैं 2 रुपये किलो, मगर जब हमारे बच्चे चिप्स खरीदते हैं तो 10 रुपये का पैकट होता है उसमें 1 आलू होता है और किसान ने मुझसे पूछा- ये बताइये ये क्या जादू हो रहा है। ये क्या जादू हो रहा है राहुल जी? पहले आप जिस चीज़ की वकालत कर रहे थे, अब उसका ही विरोध कर रहे है।
विमान दुर्घटनाएँ पंजाब के मुख्यमंत्री थे, इस दुर्घटना में मर गए थे। विमान चालक ने इस क्षेत्र को हवाई पट्टी समझ लिया था और जब वह नीचे आ रहा था तो विमान ऊँचे तारों में फँस गया और पेड़ों और खम्भों से टकरा गया और अन्त में उसमें आग लग गई थी। इस दुर्घटना में मृत व्यक्तियों के शव बिल्कुल जल गए थे और उनके कंकाल रह गए थे। जिससे उनको पहचान करने में बहुत कठिनाई हो रही थी। फिर भी, एक विमान चालक जलने की चोटों से बच गया था। जिसे अस्पताल में टूटी हुई हड्डियों और गहरे कटाव की चोटों के साथ भर्ती किया गया था । 17 जुलाई, 2000 को हुई दुर्घटना जो नागरिकों की तरफ हुई थी, वह एलांयस एयर फ्लाइट CD 7412 विमान की थी जो आवासीय बस्ती में हवाई पट्टी के बाहर पटना हवाई अड्डे पर उतरने के कुछ मिनट पहले दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दुर्भाग्यवश यह विमान हवाई पट्टी पर उतरने के बदले नीचे उतर गया और आवासीय बस्ती से टकरा गया जिससे उसमें आग लग गई। इससे विमान के 51 व्यक्ति जिसमें 5 चालक दल के सदस्य थे, बस्ती के पाँच सदस्यों के साथ मर गए थे जो विमान के आघात के चोट के कारण नहीं बच सके थे। यात्रियों के रिश्तेदारों ने विवाद किया कि विमान 20 वर्ष से अधिक पुराना था और 12 बोइंग विमानों में से सबसे पुराना था जो एलायन्स एयर द्वारा चलाया जा रहा था तथा वह उड़ने के लिए सक्षम नहीं था क्योंकि वह अपने आप अपनी ऊँचाई को कायम नहीं रख पाया और दो मंजिली इमारत से टकरा कर दूसरी इमारत से (हवाई अड्डे से एक कि.मी.) टकराने के बाद आग की लपटों से घिर गया । आकाश में, विमान टकराने की घटनाएँ बहुत कम होती हैं। जब ये होती हैं तो इसमें न तो यात्री और न ही चालक दल बचता है । इसके अतिरिक्त 90 प्रतिशत मामलों में आग लग जाती हैं और दोनों ही विमान नष्ट हो जाते हैं। नवम्बर 12, 1996 को चरखी दादरी (हरियाणा) के पास आकाश में दो विमानों में टक्कर हो गई थी, जिसमें से एक तो सउदी एयरलाइन्स और दूसरा कजक विमान था। जिसमें 351 लोग, महिलाएँ, बच्चे और शिशुओं सहित पूरा चालक दल नष्ट हो गए थे । यह एक बहुत ही त्रासदी वाली घटना थी, जहाँ विमान चालक की छोटी सी गलती के कारण यह दुर्घटना जो भारत की विमान दुर्घटनाओं में सबसे बुरी थी, घट गई थी। इस इकाई में हमने विमान दुर्घटनाओं के संबंध में आपदा प्रबंधन रीतियों और उनके कारणों और प्रभावों पर चर्चा की है। इस संदर्भ में हमने पिछली विमान दुर्घटनाओं का विवरण दिया है, जो हमें भारत में आपदा प्रबंधन के लिए पाठ सीखने में मदद करेगा। अन्त में आपदा न्यूनीकरण के लिए सुझाव दिए गए हैं। विमान में हार्डवेयर की विफलता के लिए खराब रख-रखाव भी एक कारण बताया गया है, जो आपदा का कारण होता है। वर्ष 2004 की रेडक्रॉस और रेड क्रीसेंट सोसाइटी की विश्व आपदा रिपोर्ट ने विमान आपदा की बढ़ती हुई घटनाओं पर प्रकाश डाला है। वर्तमान संदर्भ में, यह बताना उपयोगी होगा कि अग्नि शमन सेवाएँ और अन्य बचाव सेवाएँ तैयारी की अवस्था में रहनी चाहिए ताकि विमान आपदाओं के मामले में जो अधिकांशतः विमान उतरने के दौरान होती हैं तुरन्त सेवा प्रदान कर सकें । 15.6 मुख्य अवधारणाएँ बैली लैंडिंग (Belly Landing) : विकीपीडिया के अनुसार, बैली लैडिंग एक आपातकालीन लैंडिग कार्यविधि है जिसमें विमान अपने लैंडिंग गियर को बिना लाए उतर जाता है, और नीचे के तल के आधार अथवा उतरने में बैली का उपयोग प्राथमिक युक्ति की
कमलनाथ को हाथों में होगी मध्य प्रदेश की कमान. मध्य प्रदेश 18वें मुख्यमंत्री बनने वाले कमलनाथ 17 दिसंबर को लेंगे शपथ. नई दिल्ली/जयपुर/भोपालः राजस्थान में मुख्यमंत्री के चयन को लेकर हुए लंबे मंथन के बाद आख़िरकार शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गतिरोध ख़त्म करते हुए अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री नामित किया. राहुल गांधी के आवास पर दो दिनों तक कई दौर की बैठकों के बाद मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर सहमति बनी जिसे पार्टी ने 'अनुभवी और ऊर्जावान नेतृत्व' का मेल क़रार दिया है. पायलट ने भरोसा जताया कि कांग्रेस का अच्छा चुनावी प्रदर्शन जारी रहेगा और पार्टी को 2019 चुनावों में बड़ा जनादेश मिलेगा और वह सरकार बनाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष के आवास पर बृहस्पतिवार को कई दौर की बैठकों के बाद सहमति नहीं बन पाई थी. उन्होंने शुक्रवार को फिर से बैठक की जिसमें मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर सहमित बनी. इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रसन्नचित नज़र आ रहे दोनों नेताओं की अपने साथ तस्वीर ट्विटर पर साझा करते हुए लिखा, 'द यूनाइटेड कलर्स ऑफ राजस्थान'. पार्टी के प्रमुख नेताओं के बीच राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के नाम तय करने को लेकर लंबी चर्चा हुई जिसमें सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हुईं. शुक्रवार को हुई बैठक के दौरान वरिष्ठ पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, अविनाश पांडे और जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे. राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद बीते 11 दिसंबर को हुई मतगणना में 199 सीटों में से कांग्रेस ने 101, भाजपा को 73 और 25 सीटों पर अन्य दलों ने जीत हासिल की. कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को आख़िरकार जादूगर पिता के पुत्र अशोक गहलोत को राजस्थान का नया मुख्यमंत्री बनाने का फैसला कर लिया. राजस्थान की राजनीति के जातीय मिथकों को तोड़कर शीर्ष तक पहुंचे गहलोत को राज्य के शीर्ष नेताओं में से एक माना जाता है. वह तीसरी बार मुख्यमंत्री बन रहे हैं और अब तक की उनकी छवि 'छत्तीस कौमों' यानी समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने वाले नेता की रही है. स्कूली दिनों में जादूगरी करने वाले गहलोत को 'राजनीति का जादूगर' भी कहा जाता है जो कांग्रेस को विकट से विकट हालात से निकाल लाते रहे हैं. अपनी इसी खासियत व निष्ठा के चलते वह गांधी परिवार के बहुत क़रीबी माने जाते हैं और ज़रूरत पड़ने पर पार्टी ने उन्हें कई महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां सौंपी हैं. दरअसल साल 2013 के विधानसभा और फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बावजूद गहलोत ने राज्य में कांग्रेस की प्रासंगिकता न केवल बनाए रखी बल्कि उसे नए सिरे से खड़ा होने में बड़ी भूमिका निभाई. इस बार राज्य के विधानसभा चुनाव में अगर कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े के पास पहुंची तो उसमें गहलोत की राजनीतिक सूझबूझ व कौशल का बड़ा योगदान माना गया है. पिछले कुछ समय से कांग्रेस के महासचिव (संगठन) का पदभार संभाल रहे गहलोत को जमीनी नेता और अच्छा संगठनकर्ता माना जाता है. मूल रूप से जोधपुर के रहने वाले गहलोत (67) 1998 से 2003 और 2008 से 2013 तक राजस्थान के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. गहलोत पहली बार 1998 में राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. उस समय कांग्रेस को 150 से ज्यादा सीटें मिली थीं और गहलोत पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष थे. तब परसराम मदेरणा नेता प्रतिपक्ष थे. उस समय भी पार्टी आलाकमान ने गहलोत पर भरोसा जताया था. दूसरी बार दिसंबर 2008 में कांग्रेस फिर सत्ता में लौटी. उस समय भी कई नेता मुख्यमंत्री पद की होड़ में थे. अंततः जीत गहलोत की ही हुई थी और वह मुख्यमंत्री बने. तीन मई 1951 को जन्मे गहलोत ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1974 में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में की थी. वह 1979 तक इस पद पर रहे. गहलोत कांग्रेस पार्टी के जोधपुर ज़िला अध्यक्ष रहे और 1982 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने. उसी दौरान 1980 में गहलोत सांसद बने. इसके बाद वे लगातार पांच बार जोधपुर से सांसद रहे. गहलोत ने 1999 में जोधुपर की ही सरदारपुरा सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ा और लगातार पांचवीं बार वहां से जीते हैं. वह केंद्र में भी मंत्री रह चुके हैं तथा पार्टी के संगठन में प्रमुख पदों पर काम कर चुके हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ 17 दिसंबर को दोपहर बाद डेढ़ बजे भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में मध्य प्रदेश के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे. वह प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री होंगे. कमलनाथ शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे राजभवन में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मिलने पहुंचे और उन्होंने प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश कर शपथ की तारीख़ और समय पर करीब 50 मिनट उनसे चर्चा की. इसके बाद वह सभी का अभिवादन करते हुए वहां से रवाना हो गए. इस दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दीपक वाबरिया, अजय सिंह, विवेक तनखा, अरूण यादव एवं सुरेश पचौरी उनके साथ मौजूद थे. एक नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश का गठन होने के बाद से कमलनाथ प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री होंगे. 11 दिसंबर को आए चुनाव परिणाम में मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस को 114 सीटें मिली हैं. वह बसपा के दो, सपा के एक और चार अन्य निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बना रही है. पार्टी का दावा है कि उसके पास फिलहाल 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. राज्यपाल ने कमलनाथ को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नियुक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं और कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा के कांग्रेस विधायक दल के निर्वाचित सदस्यों ने सर्व सम्मति से आपको कांग्रेस पार्टी का नेता निर्वाचित किया है. आपको बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों तथा नवनिर्वाचित निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जनसमर्थन देने के लिए लोगों का धन्यवाद करते हुए राज्य के निर्वाचित मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को कहा कि कृषि क्षेत्र को मज़बूती प्रदान करना, महिलाओं को सुरक्षित माहौल देना तथा युवाओं के लिए रोज़गार की व्यवस्था करना उनकी सरकार की प्राथमिकता में है. (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
पहले हमारे देश के ही समान कदाचित् विलायत मे भी 'कवियों की लड़ाई' हुआ करती थी । अँगरेजी साहित्य की करने पर आज भी इस बात का कुछ न कुछ प्रमाण मिलता है। जैसे कैम्बेल का Pleasure of Hope, राजर्स का Pleasure of memory, एकेनसाइड का Pleasure of Imagination, वार्टन का Pleasure of Melancholy ये चार रंग की सुख की चार कहानियाँ हैं । (१) आदिकवि ( Chaucer ) चौसर का काव्य हमारे ॠग्वेद के समान 'चासा' अर्थात कृषको का गीत है। इसीलिए इसकी आलोचना करते हुए एडिसन ( Addison ) ने unpublished strain कहकर अवज्ञा प्रकट की है । (२) स्पेसर एक साथ ही दार्शनिक और कवि दोनो थे । बड़े-बड़े समालोचको का कथन है कि उनका Fairy Queen तथा Data of Ethics दोनों ही का मूल्य समान है। (३) शेक्सपियर अँगरेजों में बहुत ही श्रेष्ठ कवि थे । Shakespear नाम से यह प्रमाणित होता है कि इनके कुल मे क्षत्रियो के आचार का प्रतिपालन किया जाता था। यही कारण है कि उन्होने मध्ययुग के नाइटो (knights) की प्रथा के अनुसार वास्तविक नाम छिपाकर इस प्रकार की अाग्रहण की थी । होमर के ही समान इनके भी जीवन की
एशेज सीरीज के ताज़ा टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच ऑस्ट्रेलिया के एडिलेड के मैदान में दूसरा मैच जारी है। इस मैच में इंग्लैंड के कप्तान और धुआंधार बल्लेबाज में जो रूट (Joe Root) ने इतिहास रच दिया। अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट का इतिहास बताता है कि अब तक एक कैलेंडर ईयर (highest score in a calendar year in Test Match) में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज माइकल क्लार्क (Michael Clarke) का नाम चौथे पायदान पर आता था। मास्टर ब्लास्टर वहीं सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) पांचवें और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) का नाम छठे नंबर पर था। लेकिन, इस ताज़ा टेस्ट में धुआंधार बल्लेबाजी कर इंग्लैंड के कप्तान जो रूट (Joe Root) ने इन इतिहास के महारथियों के सामने अपनी बड़ी रेखा खींच दी है। रिकॉर्ड्स बताते हैं कि अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में अब इंग्लैंड के कप्तान जो रूट (Joe Root) एक कैलेंडर ईयर में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में चौथे नंबर पर पहुंच गए हैं। जो रूट के चौथे नंबर पर आते ही माइकल क्लार्क, सचिन तेंडुलकर और सुनील गावस्कर अपने पायदान से एक-एक अंक खिसकते हुए क्रमश पांचवें, छठवें और सातवें पायदान पर आ गए हैं। रिकॉर्ड्स गवाही दे रहे हैं कि माइकल क्लार्क (Michael Clarke) ने आज से 9 साल पहले 2012 में 11 टेस्ट मैचों में खेले 18 पारियों में 106. 33 की औसत से 1595 रन बनाए थे। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर (Sachin Tendulkar) ने 2010 में 14 टेस्ट मैचों की 23 पारियों में 78. 10 की औसत से 1562 और 'लिटल मास्टर' सुनील गावस्कर (Little Master Sunil Gavaskar) ने 1979 में 18 टेस्ट मैचों की 27 पारियों में 59. 80 की औसत से 1555 रन बनाए थे। वहीं एशेज सीरीज के इस ताज़ा टूर्नामेंट के दूसरे मैच में (Ashes Series AUS vs ENG, 2021) जो रूट (Joe Root) के बल्ले से 62 रन निकले और उनका इस साल टेस्ट मैच में रनोंका आंकड़ा 1600 पार करते हुए 1606 हो गया। गौरतलब है कि इस मामले में टॉप पर हैं पाकिस्तान के पूर्व बल्लेबाज़ मोहम्मद यूसुफ (Mohammad Yousuf), जिन्होंने 2006 के साल में 1,788 रन बनाए थे। युसुफ ने 11 मैैैचों की 19 पारियों में 99. 33 की औसत से रन बनाए थे। इस स्कोर में 9 शतक और 3 अर्धशतक भी शामिल थे। दूसरे पायदान पर हैं वेस्ट इंडीज़ के महान बल्लेबाज विवियन रिचर्ड्स (Vivian Richards)। विव रिचर्ड्स ने 1976 के कैलेंडर ईयर में खेले टेस्ट मैचों में 1,710 रन अपने खाते में जोड़े थे। रिचर्ड्स ने साल 1976 में 11 मैचों की 19 पारियों में 90. 00 की औसत से रन बनाए थे। और, उनके बाद तीसरे पायदान पर आते हैं साउथ अफ्रीका के पूर्व धाकड़ कप्तान ग्रीम स्मिथ (Graeme Smith) जिनके बल्ले से साल 2008 में खेले टेस्ट मैचों में 1,656 रन निकले थे। स्मिथ ने 15 मैैैचों की 25 पारियों में 72. 00 की औसत से रन बनाए थे। गौरतलब है कि इस करेंट ईयर में अब्बतक खेले 14 मैचों की 26 पारियों में जो रूट के बल्ले से 64. 24 की औसत से 1606 रन निकल चुके हैं, जिसमें 6 सेंचुरी और 3 हाफ सेंचुरी शामिल हैं। अभी रूट के लिए टॉप पर विराजमान होने का सुनहरा मौका है। क्योंकि, इस जारी दूसरे मैच की दूसरी पारी के साथ इस सीरीज का एक टेस्ट मैच और बाकी है, जो मेलबर्न के मैदान में खेला जाना है।
ग्वालियर। नगर निगम परिषद की अभयाचित बैठक का आयोजन 15 मई को दोपहर 3 बजे सभापति मनोज तोमर की अध्यक्षता में निगम परिषद कार्यालय में किया जाएगा। बैठक में पार्षदों द्वारा दिए एजेंडे के दूसरे बिंदु में निगम में स्थाई, विनियमित, आउटसोर्स कर्मचारियों की संपूर्ण जानकारी, प्रति नियुक्ति पर आए अधिकारी-कर्मचारी का स्थानातरण रोटेशन प्रणाली के अंतर्गत, विभागीय व अन्य के द्वारा जांच सहित अन्य 09 मुद्दों के संबंध में चर्चा कर निर्णय लिए जाएंगें। परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरिपाल द्वारा निगमायुक्त के मौजूदगी के बाद गायब अधिकारियों को लेकर आपत्ति की गई थी, जिसके बाद निगमायुक्त ने सभी अपर आयुक्त, उपायुक्त, अधीक्षण यंत्री सहायक यंत्री व विभागीय अधिकारी, नोडल अधिकारी को उपस्थित रहने के निर्देश दिए है।
एशिया कप में आज श्रीलंका का सामना अफगानिस्तान से हुआ. इस मैच में जहाँ अफगानिस्तान के कप्तान ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया. वहीं श्रीलंका ने आज टीम में दो बड़े बदलाव किये. अफगानिस्तान ने पहले बैटिंग करते हुए अच्छी शुरुआत की. उसके ओपनर मोहम्मद शहजाद और इंसानुल्लाह ने 57 रन की साझेदारी की. इस स्कोर पर शहजाद एलबीडब्ल्यू हो गए. उन्होंने 34 रन बनाए. इंसानुल्लाह और रहमत शाह ने दूसरे विकेट के लिए 50 रन की साझेदारी की. दोनों ने अपनी टीम का स्कोर 57 से बढ़ाकर 107 रन तक पहुंचाया. तीसरे क्रम पर बैटिंग करने आए रहमत शाह ने 72 रन की शानदार पारी खेली. उनकी इस पारी की दम पर अफगानिस्तान ने 249 रन बनाए. 5 बार की एशिया कप चैंपियन श्रीलंका को अफगानिस्तान ने 250 रनों का लक्ष्य दिया था जिसके जवाब में वो 158 रनों पर ऑल आउट हो गई. श्रीलंका की ओर से कोई बल्लेबाज क्रीज पर नहीं टिक पाया. उपुल थरंगा ने 36, तिसारा परेरा ने 28 रन बनाए. धनंयजा डी सिल्वा 23 और कप्तान एंजेलो मैथ्यूज 22 रन बनाकर पैवेलियन लौटे. कोई बल्लेबाज अच्छी शुरुआत मिलने के बावजूद बड़ी पारी नहीं खेल पाया और श्रीलंकाई टीम ने अफगानिस्तान के आगे घुटने टेक दिए. अफगानिस्तान की ओर से गुलबादिन नईब, राशिद खान, मोहम्मद नबी और मुजीब उर रहमान ने 2-2 विकेट लिए. श्रीलंका के दो बल्लेबाज रन आउट हुए.
कानपुर। बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व सांसद राकेश पांडे्य के बेटे आशीष पांडे्य द्वारा दिल्ली में एक फाइव स्टार होटल हयात रिजेंसी के बाहर पिस्टल लहराकर गुंडागर्दी करने की बात सामने आई है। दरअसल, सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो बहुत तेजी वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा रहा है कि अकबरपुर से पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडे का बेटा आशीष पांडेय दिल्ली में एक फाइव स्टार होटल हयात रिजेंसी के बाहर पिस्टल लहराकर गुंडागर्दी करते हुए होटल के कर्मचारी समेत अन्य लोगों को धमकी और गाली दे रहा है। खबरों के मुताबिक, यह वारदात 14 अक्टूबर की है और यह होटल सीसीटवी कैमरे में कैद हुई है। वीडियो में देखा जा रहा है कि आरोपी पिस्टल निकाल कर एक लड़की के पास जाता है और उसे धमकी देता है। वहीं उसके साथ जो युवक है, उसे गालियां देने के साथ धमकी भी दे रहा है। इस दौरान एक दो लोग उसका बीच बचाव करते हैं। मौके पर उसके साथ एक लड़की भी होती है। जो किसी तरह उसे मनाकर गाड़ी में ले आती है। मामला यहां भी शांत नहं होता है, युवक गाड़ी में बैठने के बाद दुबारा बाहर निकलने की कोशिश करता है। आशीष के साथ कार में बैठीं तीन युवतियां भी खूब गालियां देती हैं। वीडियो में कार में बैठा एक युवक उसे बार-बार समझाने की कोशिश करते हुए नजर आ रहा है। इस मामले को फिलहाल आरके पुरम थाने में दर्ज किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नशे में धुत पूर्व सांसद का बेटा आशीष पांडे होटल के लेडीज टॉयलेट में घुस गया था। वहां मौजूद एक लड़की ने इसका विरोध किया। इस पर पूर्व सांसद का बेटा गुस्से में होटल से बाहर निकलकर पिस्टल तानते हुए उस लड़की को धमकी देने लगा। आरके पुरम थाने ने आर्म्स एक्ट के तहत यह मामला दर्ज किया है। बताया गया कि थाने में मामला दर्ज होने के बाद युवक लखनऊ फरार हो गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस के स्पेशल ज्वाइंट सीपी का कहना है कि उन्होंने होटल प्रबंधन से जवाब मांगा है कि उन्होंने उसी वक्त पुलिस में रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि होटल कर्मचारियों से भी इस मामले में लगातार पूछताछ की जा रही है। उन्होंने कहा कि वीडियो में देखा जा रहा है कि होटल स्टाफ भी आरोपी युवक का बीच-बचाव करते नजर आ रहे हैं। खबरों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस के अनुरोध के बाद लखनऊ पुलिस आरोपी आशीष पांडे्य को गिरफ्तार करने के लिए उसके आवास पर पहुँच गई हैं। हालांकि, अभी तक उसकी गिरफ्तारी हुई है या नहीं यह पता नहीं चल पाया है।
द्वितीया, कृष्ण पक्ष, """""""""""""""""""""""""""""""""""""""""(समाप्ति काल) देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके। नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्। । विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे। जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत । । आज के दिन यदि आपका कोई कानूनी मामला चल रहा है,तो उसमें आपको सफलता मिलती दिख रही है। वाहन, मशीनरी व अग्नि आदि के प्रयोग से हानि की आशंका है, सावधानी रखें। दूसरों के झगड़ों में हस्तक्षेप न करें। आवश्यक वस्तु समय पर नहीं मिलने से क्षोभ होगा। फालतू की बातों पर ध्यान न दें। व्यापार ठीक चलेगा। जोखिम व जमानत के कार्य बिलकुल न करें। पारिवारिक बिजनेस में मंदी के कारण आप परेशान रहेंगे,लेकिन अनुभवी व्यक्ति से सलाह मशवरे की आवश्यकता है। आप अपनी दौलत व शोहरत के लिए कुछ वस्तुओं की खरीदारी पर भी करेंगे,लेकिन आपको किसी से बहसबाजी में पड़ने से बचना होगा। संतान को किसी बड़ी अच्छी नौकरी की प्राप्ति हो सकती है। जो आपके परिवार की खुशी का कारण बनेगी। प्रेम जीवनजी रहे लोग आज अपने साथी के साथ सैर सपाटे पर जा सकते हैं। ? ? ? पद, चरण ? ? ? ? ? ? ग्रह गोचर ? ? ? ? ? ? मुहूर्त प्रकरण ? ? ? ? ? उदयलग्न प्रवेशकाल ? ? (लगभग-वास्तविक समय के समीप) नोट- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है। चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार । रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार । अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें । उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें । शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें । लाभ में व्यापार करें । रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें । काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है । अमृत में सभी शुभ कार्य करें । इस मंत्र का उच्चारण करें-: ? अग्नि वास ज्ञान -: यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु, चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु । दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ, नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् । । ? ? ग्रह मुख आहुति ज्ञान ? ? ? शिव वास एवं फल -: ? भद्रा वास एवं फल -: स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागमः। मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी। । ? ? विशेष जानकारी ? ? ? ? ? शुभ विचार ? ? ? तादृशी जायते बुध्दिर्व्यवसायोऽपि तादृशः । सहायास्तादृशा एव यादृशी भवितव्यता । । । । चा o नी o। । सर्व शक्तिमान के इच्छा से ही बुद्धि काम करती है, वही कर्मो को नियंत्रीत करता है. उसी की इच्छा से आस पास में मदद करने वाले आ जाते है. ? ? ? सुभाषितानि ? ? ? असक्तबुद्धिः सर्वत्र जितात्मा विगतस्पृहः। , नैष्कर्म्यसिद्धिं परमां सन्न्यासेनाधिगच्छति॥ , सर्वत्र आसक्तिरहित बुद्धिवाला, स्पृहारहित और जीते हुए अंतःकरण वाला पुरुष सांख्ययोग के द्वारा उस परम नैष्कर्म्यसिद्धि को प्राप्त होता है॥ ,49॥ , आचार्य नीरज पाराशर (वृन्दावन) (व्याकरण,ज्योतिष,एवं पुराणाचार्य)
मुंबई. बॉलीवुड में 'दिलबर गर्ल' के नाम से जाने जाने वाली एक्ट्रेस नोरा फतेही की दुनिया भर में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। सोशल मीडिया पर उनका कोई भी डांस वीडियो और फोटोज आते हैं तो चंद मिनटों में ही वायरल हो जाते हैं। ऐसे में नोरा ने एक इंस्टाग्राम स्टोरी शेयर की है। इसमें उन्हें एक प्रपोजल मिला है कि वो खुद को इस पर रिएक्ट करने से नहीं रोक पाई हैं। दरअसल, उनके एक फैन ने वीडियो शेयर किया है, इसमें बच्चे ने उनसे शादी करने की इच्चा जताई है। नोरा ने बच्चे का वीडियो अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर शेयर किया और लिखा, 'दोस्तों, मुझे मेरा पति मिल गया है। हम शादी करने वाले हैं। ' बता दें, हाल ही में नोरा के इंस्टाग्राम अकाउंट पर 14 मिलियन फॉलोअर्स हुए हैं। इस खुशी में नोरा ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह बेली डांस करते हुए दिखाई दी थीं। नोरा ने इस डांस की तैयारी करने के पीछे की कहानी भी बताई थी। उन्होंने कैप्शन में लिखा, 'मेरी जिंदगी को बदलकर रख देने वाले इस वीडियो के साथ 14 मिलियन होने का जश्न मना रही हूं। बेंगलूरू में साल 2018 में मैंने मिस इंडिया अवॉर्ड्स के दौरान सोलो परफॉर्म किया था। इस वीडियो ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया और मुझे दिलबर सॉन्ग मिला। ' नोरा फतेही का दिलबर सॉन्ग हिट रहा था, फैंस से इस गाने को जबरदस्त रिएक्शन मिला था। इसमें उनके बेली डांस का जादू देखने के लिए मिला था, जिसने फैंस का दिल जीत लिया था। गौरतलब है कि नोरा फतेही एक बेली डांसर हैं। वो कनाडा के मोरक्को से ताल्लुक रखती हैं। बहरहाल, नोरा फतेही के वर्कफ्रंट की बात की जाए तो वो जल्द ही फिल्म 'भुज द प्राइड ऑफ इंडिया' में नजर आने वाली हैं। आखिरी बार उन्हें वरुण धवन के साथ फिल्म 'स्ट्रीट डांसर 3 डी' में नजर आई थीं।
पश्चिम बंगाल यानी घोटालों का राज्य। एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं, लेकिन ममता सरकार अपने को ईमानदार और पाक - साफ दिखाने का ड्रामा रचने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। शिक्षक भर्ती घोटाले में एक बार फिर से प्रर्वतन निदेशालय ने ममता सरकार के पूर्व मंत्री परेश अधिकारी को तलब किया है। परेश अधिकारी और उनकी बेटी अंकिता अधिकारी ईडी कार्यालय में हाजिर हुए हैं। इससे पहले परेश को सात नवंबर को तलब किया गया था। पूछताछ उस दिन साढ़े चार घंटे तक चली थी। इसके चार दिन बाद यानी आज फिर से पूछताछ के लिए ईडी ने तलब किया। परेश अधिकारी पर शिक्षक भर्ती घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है। सीबीआई हाई कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच कर रही है। उसी के सम्मन पर परेश अधिकारी से जांच अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की थी। उल्लेखनीय है कि परेश अधिकारी पर अपनी बेटी को प्राथमिक शिक्षक की नौकरी देने का आरोप लगा था। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अंकिता अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया और उन्हें 41 महीने का वेतन दो किस्तों में लौटाना पड़ा। इसके मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें मंत्री पद से हटाया था। इन घोटाले की सीबीआई के साथ-साथ ईडी जांच कर रही है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं सांसद दिलीप घोष ने परेश अधिकारी की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि पार्थ चटर्जी की तरह उन्हें जेल में होना चाहिए। उन्होंने भी यही अपराध किया। तो बाहर क्यों हैं? बता दें कि अब तक सीबीआई - ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले की जांच के दौरान कई दिग्गजों को गिरफ्तार किया है। इनमें पार्थ चट्टोपाध्याय, अशोक साहा, शांतिप्रसाद सिन्हा, सुबीरेश भट्टाचार्य, कल्याणमय गंगोपाध्याय, माणिक भट्टाचार्य शामिल हैं।
डीएसएसएसबी जूनियर क्लर्क और पीए परीक्षा के लिए पंजीकृत और इसमें उपस्थित होने वाले उम्मीदवार अपने संबंधित हॉल टिकट बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट dsssb. delhi. gov. in से डाउनलोड कर सकते हैं। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) की ओर से जूनियर क्लर्क और पर्सनल असिस्टेंट (पोस्ट कोडः 17/21 और 13/20) के पदों को भरने के लिए दूसरे चरण यानी टियर-2 पीईटी/ स्किल टेस्ट के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिया गया है। MAHATRANSCO भर्ती के लिए सामान्य श्रेणी के आवेदकों के लिए शुल्क 800 रुपये लागू होगा। वहीं, आरक्षित श्रेणी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों के लिए आवेदन शुल्क 400 रुपये रखा गया है। महाट्रांस्को भर्ती के लिए आवेदन ऑफलाइन ही जमा करने होंगे, इच्छुक उम्मीदवार पात्रता अनुसार दिए गए पते पर 19 अप्रैल, 2022 तक आवेदन जमा कर सकते हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इंजीनियर भर्ती के तहत चीफ इंजीनियर और असिस्टेंट इंजीनियर समेत अन्य पदों पर की योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। महाट्रांस्को यानी महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी ट्रांसमिशन कंपनी लिमिटेड (MAHATRANSCO) की ओर से निकाली गई इंजीनियर भर्ती के लिए आवेदन की समय-सीमा 19 अप्रैल, 2022 को समाप्त हो रही है। कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा शुरू की गई भर्ती में स्पेशलिस्ट ग्रेड-2 के 55 पदों पर भर्ती की जा रही है। इस भर्ती के लिए उम्मीदवार की आयु 20 अप्रैल, 2022 के दिन तक अधिकतम 45 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। ईएसआईसी यानी कर्मचारी राज्य बीमा निगम की ओर से स्पेशलिस्ट ग्रेड-2 सीनियर और जूनियर स्केल के पदों पर भर्तियां शुरू की गई है। आरबीआई ने स्नातक और स्नातकोत्तर योग्यता धारकों से ग्रेड-बी और सहायक अधिकारियों के रिक्त 294 पदों को भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे। इन पदाें के लिए परीक्षा मई और जून में आयोजित की जाएगी। बैंकिंग सेवा क्षेत्र में नौकरी तलाश रहे युवाओं के लिए बेहतरीन अवसर आया है। आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अधिकारी संवर्ग के पदों पर भर्ती शुरू की जारी है।
नई दिल्ली. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के बीच दोनों देशों के बीच खेली जाने वनडे सीरीज पर सहमति बन गई है. ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे के बाद पांच वनडे मैचों की सीरीज पाकिस्तान के साथ खेलेगी. पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच एकदिवसीय सीरीज का आयोजन संयुक्त अरब अमीरात में किया जाएगा. पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जाने वाली वनडे सीरीज के दो मैच शारजाह में खेले जाएंगे जबकि एक मैच अबू धाबी में खेला जाएगा वहीं अंतिम दो मैचों का आयोजन दुबई में होगा. आइए हम आपको बताते हैं कि दोनों देशों के बीच वनडे सीरीज के मैच कब और कहां खेले जाएंगे. जहां तक पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया बीच वनडे मैचों की बात है तो अब इन दोनों देशों के बीच अब तक 98 एकदिवसीय मैच खेले गए हैं. इन मैच में कंगारू टीम का पाकिस्तान पर पलड़ा भारी रहा है. इन 98 मैचों में ऑस्ट्रेलिया ने 62 वनडे मैच जीते हैं. वहीं पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया से 32 मैच जीत सका है. पाकिस्तान ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अंतिम बार वनडे मैच 15 जनवरी 2017 को मेलबर्न में जीता था. उसके बाद से पाकिस्तान को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैचों में शिकस्त का सामना करना पड़ा है. पाकिस्तान बनाम ऑस्ट्रेलिया वनडे मैचों का शेड्यूलः
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। क्लोज सर्किट टेलिविज़न कैमरा एक प्रकार का कैमरा होता है जिसे सीसीटीवी (अंग्रेजीः Closed-circuit television camera) अर्थात् (CCTV) कहा जाता है। इस कैमरा से एक ही स्थल पर बैठकर उस स्थल के आस-पास हो रही घटनाओं पर नज़र रखी जा सकती और लोगों की गतिविधियों को वीडियोज़ के रूप में सुरक्षित रखा जा सकता है। . सूडान के एक ग्रामीण विद्यालय का दृष्य विद्यालय वह स्थल है जहाँ शिक्षा प्रदान की जाती है। ""विद्यालय एक ऐसी संस्था है जहाँ बच्चों के शारीरिक,मानसिक,बौधिक एवं नैतिक गुणों का विकास होता है। ' विद्यालय' शब्द के लिए आंग्ल भाषा में 'स्कूल' शब्द का प्रयोग होता है, जिसकी उत्पत्ति ग्रीक शब्द 'Skohla'या 'Skhole' से हुई है, जिस से तात्पर्य है- 'अवकाश'. क्लोज सर्किट टेलिविज़न कैमरा और विद्यालय आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)। क्लोज सर्किट टेलिविज़न कैमरा 6 संबंध है और विद्यालय 0 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (6 + 0)। यह लेख क्लोज सर्किट टेलिविज़न कैमरा और विद्यालय के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
2022 में, भारत ने 365 दिनों में से 314 दिनों में देश को प्रभावित करने वाली चरम मौसमी घटनाओं का अनुभव किया। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन में तेजी आ रही है, जलवायु जोखिमों से निपटने की तात्कालिकता सर्वोपरि हो जाती है, खासकर प्रमुख भारतीय बैंकों के लिए। बेंगलुरु स्थित थिंक टैंक क्लाइमेट रिस्क होराइजन्स द्वारा "Still Unprepared" शीर्षक से किया गया हालिया विश्लेषण जलवायु जोखिमों का सामना करने में भारत के बैंकिंग क्षेत्र की तैयारियों पर प्रकाश डालता है। क्लाइमेट रिस्क होराइजन्स की रिपोर्ट भारत के 34 सबसे बड़े बैंकों के आकलन पर आधारित है, जिनका कुल मिलाकर बाजार पूंजीकरण 29.5 ट्रिलियन रुपये है। इस अध्ययन में चरम मौसम की घटनाओं के बढ़ते प्रभाव के बीच जलवायु जोखिमों को मापने, प्रबंधित करने और कम करने की बैंकों की क्षमता का मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन किए गए भारतीय बैंकों में से तीन जलवायु-जोखिम तैयारियों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले बैंकों के रूप में उभरे हैं। यस बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक ने जलवायु संबंधी चिंताओं को दूर करने और अपनी लचीलापन बढ़ाने के लिए उल्लेखनीय प्रयासों का प्रदर्शन किया। यह विश्लेषण नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के वित्तपोषण के संबंध में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के बीच एक चिंताजनक प्रवृत्ति पर प्रकाश डालता है। नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के कुल वित्तपोषण में इन बैंकों की हिस्सेदारी आठ प्रतिशत से भी कम थी। अपनी जलवायु नीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के बावजूद, सार्वजनिक बैंकिंग क्षेत्र ने देश के ऊर्जा परिवर्तन को पर्याप्त रूप से समर्थन नहीं दिया है।
क्या आप भी डांस करने के शौकीन हैं? अगर हां, तो यकीन मानिए आपकी यह एक आदत न सिर्फ आपके मनोरंजन के लिए बेहतर है, साथ ही सेहत को इससे कई तरह के लाभ हो सकते हैं। नृत्य, प्राचीनतम कलाओं में से एक है, जिसपर विधवत शोध और पठन-पाठन किया जाता रहा है। यह कला आपके सेहत को भी गजब का बूस्ट दे सकती है। डांस के दौरान रक्त का संचार बढ़ता है, अंग सक्रिय रहते हैं, साथ ही आप प्रसन्नता का अनुभव करते है, यह संयोजन आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक हो सकता है। शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि रोजाना डांस करने वाले लोगों को शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित कई तरह के फायदे हो सकते हैं। नृत्य के प्रति लोगों की रुचि और जागरूकता को बढ़ाने के लिए हर साल 29 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय नृत्य दिवस मनाया जाता है। नृ्त्य से सेहत को होने वाले फायदों को जानने के लिए किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि नृत्य आपके लिए फिट रहने का एक सबसे आसान और सहज तरीका हो सकता है। नृत्य करने से आपके मांसपेशियों की टोन, ताकत, सहनशक्ति और फिटनेस में सुधार होता है। शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मन को स्वस्थ रखने में भी इसके लाभ पाए गए हैं। नृत्य के दौरान आप प्रसन्नता महसूस करते हैं, साथ ही शारीरिक गतिविधियों से मूड बूस्टिंग हार्मोन्स का स्तर बढ़ता है जिससे तनाव-चिंता, अवसाद जैसी समस्याओं का जोखिम कम हो जाता है। आइए डांसिंग की आदत से होने वाले स्वास्थ्य लाभ के बारे में जानते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं चाहे आप 8 वर्ष के हों या 80 वर्ष के, शारीरिक गतिविधियां सभी उम्र के लोगों के लिए बहुत आवश्यक हैं। ऐसे में नृत्य करना सबसे बेहतर विकल्प हो सकता है। शरीर को संगीत की ध्वनि की ओर ले जाने से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकता है। शारीरिक समन्वय को बेहतर बनाने के साथ लचीलापन को बढ़ाने और शरीर के अंगों में रक्त के संचार को बनाए रखने में डांसिंग की आदत आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है। शोध बताते हैं कि जो लोग नियमित रूप से डांसिंग जैसी, शारीरिक गतिविधियां करते रहते हैं, उनमें हृदय रोगों का जोखिम कम होता है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिए वयस्कों को प्रति सप्ताह कम से कम 150 मिनट से 300 मिनट तक मध्यम तीव्रता वाले व्यायाम करने की सलाह दी जाती है। डांसिंग की आदत मध्यम अभ्यास की श्रेणी में आता है। शोध से पता चलता है कि डांस करने से रक्तचाप और हृदय गति नियंत्रित बनी रहती है जिससे हृदय रोगों का जोखिम कम हो जाता है। हृदय रोगों के जोखिम को कम करने के साथ डांसिंग की आदत आपके मूड को ठीक रखने में भी काफी सहायक है। अध्ययनों से पता चलता है कि यह आदत तनाव को कम करके, चिंता और अवसाद के लक्षणों से बचाने में आपकी मदद कर सकती है। इससे आपके आत्म-सम्मान को बढ़ावा मिलता है जो मानसिक और भावनात्मक रूप से आपको स्वस्थ रखने में मदद करती है। रोजाना कुछ मिनट डांस करने की आदत भी आपको कई तरह के लाभ दे सकती है। इसे दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। - नृत्य करते रहने से मांसपेशियों के स्वास्थ्य पर लाभकारी प्रभाव होता है, यह मांसपेशियों को टोन और मजबूत करने में मदद करती है। - शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने में सहायक। - यह हड्डियों की ताकत को बढ़ावा देने के साथ गठिया जैसे रोगों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। - नृत्य से शरीर का संतुलन और समन्वय ठीक बना रहता है। नोटः यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है। अस्वीकरणः अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
श्रीनगर, एक जुलाई केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में विकास कार्यों की समीक्षा और लोगों तथा प्रशासन की प्रतिक्रिया लेने के लिए चार केंद्रीय मंत्रियों का दल जल्द ही हर सप्ताह केंद्रशासित क्षेत्र का दौरा करेगा। उन्होंने कहा कि दल में जम्मू और कश्मीर क्षेत्र के लिए दो-दो मंत्री शामिल होंगे। सिंह यहां एसकेआईसीसी में सुशासन पर आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने प्रस्ताव दिया था कि 35 मंत्रियों को एक साथ भेजने के बजाय दो मंत्रियों को हर सप्ताह केंद्रशासित प्रदेश का दौरा करना चाहिए। मंत्री ने कहा कि भर्तियों के लिए जल्द ही एक साझा पात्रता परीक्षा (सीईटी) का आयोजन किया जाएगा और यह बेहद महत्वपूर्ण पहल इसी साल से शुरू की जाएगी। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
हरण प्रस्तुत कर सकें ।" इस संदर्भ में योजना में इस बात पर बल दिया गया था कि 'योजनाम्रो के निष्पादन में श्रमित्र सघ और नियोजन संगठन साथ और महत्वपूर्ण भूमिना या निर्वाह कर सकते हैं। भारत में योजना के सफल किया वयन के लिये नियोजको और श्रमिक संघो का सहयोग निता न आवश्यक है योजना के निष्पादन के विभिन चरणा में उनका निकटवर्ती सहयोग प्राप्त करना चाहिये । इसलिये ऐसी नीति 1 का सुझाव दिया गया जिसमे बिना किसी सोच के पारस्परिक सबंधो के मूलभूत आधार के रूप मे श्रमिकों के सघ बनाने सपठिन होने तथा सामूहिक सौदावारी करने के अधिकार को स्वीकार कर लिया जाय। श्रमिक संघो के प्रति अभिवृत्ति मात्र सहिष्णुता की नहीं होनी चाहिये । औद्योगिक पद्धति के प्रति के रूप मे उनका स्वागत करना चाहिये तथा उह काय करने में सहायता देनी चाहिये । २ सार्वजनिक क्षेत्र मे भी श्रमिकों के संगठनों को श्रावश्यकता का अनुभव किया गया । स्वस्थ श्रमिक संघवाद के प्रोत्साहन तथा श्रमिकों के संगठन के अधिकार पर अनावश्यक नियंत्रण न लगार की प्रस्तावना की गई थी। 'कमचारियों के हितो पर उचित रूप से विचार करने के लिये सगठित प्रतिनिधित्व आवश्यक है। मचारियो की आवश्यकता के बढ़ाव और सरक्षण के लिये एक श्रमिक ग्रोन सार्वजनिक प्रतिष्ठाना के लिये उतना ही आवश्यक है जितना कि निजो प्रतिष्ठानों के लिये । औद्योगिक या वाणिज्यिक सरकारी प्रतिष्ठानों के कमचारियों पर अय क्मचारिया की तरह अपने श्रमिक सघ अधिकारों के प्रयोग में किसी तरह का नियंत्रण नही लगाना चाहिये ।' 3 १ प्रथम योजना, पू० ५७५ २ प्रथम योजना, पृ० ५७३ ३ प्रथम योजना, ५०५८१ । ४ प्रथम योजना, १० ५७७ एक शक्तिशाली और संयुक्त श्रमिक संघ प्रदोलन आवश्यक समझा गया । "सामूहिक सौदाकारी की सफलता के लिये यह आवश्यक है कि जहां तक संभव हो उद्योग के विस्तीण क्षेत्र के लिये एक ही सौदावारी अभिवर्ता होना चाहिये ।"४ प्रतिनिधि स्वरूप प्राप्त करने के लिये जहा किसी सघ ने आवश्यक शक्ति नहीं जुटा पाई है तो वहा सवस बडे सघ को सभी संस्थानों के संबंध में जिनके बहुसरयक श्रमिक उसके सदस्य हो काय करने का अधिकार दिया जाना चाहिये । स्थानीय क्षेत्र के एक हो उद्योग में औद्योगिक संस्थानों के लिये पृथक सधा या निर्माण सशक्त और स्वस्थ श्रमिक संघों के विकास में अपकारी है तथा उनका अस्तित्व बहुत अप चादी परिस्थितियों में ही उचित हो सकता है जब कि एक उद्योग के सभी
टीवी की दुनिया में डायरेक्टर और प्रोड्यूसर के तौर पर कदम रखने वाली एकता कपूर (Ekta Kapoor) ने बॉलीवुड से लेकर ओटीटी प्लेटफॉर्म तक अपना कब्जा जमाया हुआ है. ये कब्जा एकता कपूर ने अपनी मेहनत से कमाया है और यहां तक आने के लिए एकता कपूर ने भी बहुत मेहनत की है. एकता ने बहुत कम उम्र में कई सीरियल बनाए और वे टीवी की सबसे सफल निर्देशिका बनीं और आज वे शॉपिंग हो या ओटीटी, फिल्में हों या टीवी सीरियल...हर जगह छाई हुई हैं. एकता कपूर की संपत्ति कितनी है इसके बारे में हम आपको बताते हैं. कितने करोड़ की मालकिन है एकता कपूर? एकता कपूर कामयाब फिल्म और वेब सीरीज निर्माता-निर्देशक हैं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2021 में एकता कपूर की नेटवर्थ 95 करोड़ रुपये बताई गई थी और वे एक महीने में 1 करोड़ रुपये कमाती हैं. इस हिसाब से एकता कपूर में काफी ग्रोथ हो गई है. मुंबई में एकता कपूर का एक आलीशान घर है जिसकी कीमत 7 करोड़ है. खबरें ये भी है कि एकता कपूर की प्रॉपर्टी दूसरे देशों में भी है. रॉय लाइफस्टाइल जीने वाली एकता कपूर को एक से बढ़कर एक महंगी गाड़ियों का शौक है. एकता कपूर के पास कारों का कलेक्शन है जिसमें फोर्ड, मर्सिडीज बेंज, बीएमडब्ल्यू, ऑडी जैसी लग्जरी कारें हैं. वे प्रोडक्शन कंपनी की मालिक हैं और उनका ओटीटी प्लेटफॉर्म भी सफलतापूर्वक चल रहा है. बॉलीवुड में प्रोड्यूसर के तौर पर एकता कपूर ने लव सेक्स और धोखा, रागिनी एमएमएस, वन्स अपॉन अ टाइम इन मुंबई, ड्रीम गर्ल, द डर्टी पिक्चर, क्या कूल हैं हम, वीरे दी वेडिंग, मैं तेरा हीरो, एक थी डायन, शूटआउट एट वडाला, हार्फ गर्लफ्रेंड जैसी तमाम फिल्में हैं. एकता कपूर ने बाद में AltBalaji नाम का ओटीटी ऐप बनाया जिसमें अपने ही प्रोडक्शन में बने वेब सीरीज स्ट्रीम करने लगे. एकता कपूर ने हाल ही में एक फैशन स्टोर खोला है जहां तमाम बड़े फैशन डिजाइनर्स के कपड़े, ज्वैरली और तमाम चीजें ऑनलाइन मिलती हैं.
50 प्रतिशत एमएसपी वृद्धि के नाम पर धोका! अमरावती/दि. 11 - कैबिनेट कमिटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स (सीसीईए) ने बुधवार को 2022-23 खरीप के लिए 14 फसलों की एमएसपी निर्धारित की है. एमएसपी की दरें वर्ष 2018-19 की तुलना में 50 प्रतिशत से अधिक रहने का दावा किया जा रहा है, लेकिन प्रत्यक्ष में यह वृद्धि 4. 44 से 8. 86 प्रतिशत ही रहने से 50 प्रतिशत एमएसपी वृद्धि के नाम पर धोका मिलने की प्रक्रियाएं नाराज किसानों ने व्यक्त की. एमएसपी की घोषणा करते वक्त खाद व बीज के बढे हुए दाम, मजदूरी आदि लागत खर्च पर विचार नहीं किया गया. ऐसा किसानों का कहना है. विदर्भ में सोयाबीन, कपास व तुअर यह खरीफ की मुख्य फसल है. इस वर्ष 34. 46 लाख हेक्टेअर में से 32. 39 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में खरीफ की बुआई होगी. इनमें से 15. 3 लाख हेक्टेअर क्षेत्र पर सोयाबीन व 9. 94 लाख हेक्टेेअर क्षेत्र पर कपास की बुआई प्रस्तावित है. 4. 34 लाख हेक्टेअर क्षेत्र पर तुअर फसल ली जाएंगी. इस वर्ष घोषित एमएसपी में कपास पर 354 रुपए, सोयाबीन पर 350 रुपए व तुअर के दामों में 300 रुपए की वृद्धि घोषित हुई है. यह वृद्धि अपेक्षा अनुरुप नहीं रहने की प्रतिक्रिया किसान व्यक्त कर रहे है. बाजार में बढती महंगाई की मार बीज, खाद व कृषि साहित्यों पर भी हुई है. उस तुलना में एमएसपी में अधिक वृद्धि की अपेक्षा थी, लेकिन घोषित एमएसपी ने किसानों को नाराज किया है. किसानों की आय दुगनी करने के दावे तो बहुत होते है, लेकिन प्रत्यक्ष में उन पर अमल नहीं होता, यह पीडा किसानों की है.
नरमपंथी हुर्रियत कांफ्रेंस के प्रमुख मीरवाइज उमर फारूक ने बुधवार को भारत और पाकिस्तान से युद्धोन्माद से बचने की अपील करते हुए कहा कि युद्ध समूचे क्षेत्र के लिए एक त्रासदी होगी। अपने आवास में संवाददाता सम्मेलन करने से अधिकारियों द्वारा रोक दिए गए मीरवाइज ने कहा कि सिर्फ वार्ता ही आगे की राह है। हुर्रियत नेता ने कहा कि नेतृत्व और कश्मीर के अवाम ने भारत और पाकिस्तान से स्थिति को नहीं भड़काने और युद्धोन्माद से दूर रहने का अनुरोध किया है क्योंकि यह समूचे क्षेत्र के लिए एक त्रासदी होगा। हम दोनों सरकारों से अनुरोध करते हैं अतीत में भी युद्ध ने उनके बीच मुद्दों का हल नहीं किया है और सिर्फ एक दूसरे से बातचीत करना ही आगे का रास्ता है। अलगाववादियों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की छापेमारी का जिक्र करते हुए हुर्रियत नेता ने कहा कि कश्मीर के उस पार निरंकुश शासन ने गंभीर माहौल बनाया है। अधिकारियों के मुताबिक एनआईए ने मीरवाइज जैसे अलगाववादी नेताओं के परिसरों पर छापा मारा था। जम्मू-कश्मीर में आतंकी और अलगावादी संगठनों को धन मुहैया किए जाने से जुड़े एक मामले में यह कार्रवाई की गई। जांच एजेंसी ने बताया कि उसने मीरवाइज के आवास से हाईटेक इंटरनेट संचार सेटअप बरामद किया गया है। अलगाववादी नेता ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें जब्त की गई चीजों की रसीद नहीं सौंपी गई, जैसा कि छापों के बाद कानून के तहत जरूरी है। वहीं, हाईटेक इंटरनेट संचार उपकरण के बारे में हुर्रियत नेता ने कहा, "यह असल में एक निजी कंपनी की सामान्य इंटरनेट लीज लाइन है, जिसका इस्तेमाल अच्छी और निर्बाध इंटरनेट सेवा के लिए कार्यालयों और घरों में किया जाता है। बता दें कि इस छापेमारी में जांच एजेंसी की टीम ने प्रॉपर्टी से जुड़े कुछ कागज, बैंक डिटेल्स भी बरामद किया था। इससे पहले केंद्र सरकार ने घाटी के कई अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा अन्य सुविधाएं भी वापस ले ली थी।
शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक प्रमाण पत्रों के आधार पर नियुक्ति के मामले में 42 टीचरों को बर्खास्त कर 12 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। प्रकरण की जांच कर रही एसआईटी को 300 शिकायतें मिली हैं। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के मुताबिक बर्खास्त अन्य टीचरों के खिलाफ भी मुकदमें की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि मामले में 28 हजार टीचर जांच के दायरे में है। शिक्षा विभाग में हुई नियुक्तियों में जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है। फर्जीवाड़े के बेसिक और अशासकीय विद्यालयों में हुई नियुक्तियों के सबसे अधिक मामले सामने आएं हैं। जिसे देखते हुए सरकार की ओर से अशासकीय स्कूलों में होने वाली नियुक्तियों पर जहां रोक लगा दी गई। वही मामले में एसआईटी गठित कर उसे जांच सौंपी गई। एसआईटी प्रभारी श्वेता चौबे के मुताबिक एसआईटी को अब तक 300 शिकायतें मिली हैं। जिसमें डेढ़ सौ शिकायतों का निस्तारण कर लिया गया है। जबकि अन्य की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि जांच में 32 टीचरों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही मुकदमे की संस्तुति की गई है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के मुताबिक अब तक 42 टीचरों को बर्खास्त किया जा चुका है। इसमें 12 टीचरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जबकि अन्य टीचरों के खिलाफ भी मुकदमें की कार्रवाई की जा रही हैं।
अमरावती दि. 27- राज्य में चल रहे गिले अकाल की स्थिति और किसानों पर आये आसमानी संकट को देखते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष दीपावली के पर्व पर सर्वसामान्य राशनकार्ड धारकों को महज 100 रूपये में एक-एक किलो रवा, शक्कर, तेल व चना दाल का समावेश रहनेवाली राशन कीट उपलब्ध कराने की घोषणा की थी, लेकिन हकीकत यह है कि, यह घोषणा पूरी तरह से हवा-हवाई साबित हुई है. क्योंकि जिले के आधे से अधिक राशनकार्ड धारकों को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है, क्योंकि जिला आपूर्ति विभाग के पास अब तक चार में से केवल दो वस्तुएं ही उपलब्ध हो पायी है. वही शेष दो वस्तुओं को उपलब्ध होने में और भी चार दिनों का समय लग सकता है. ऐसे में लक्ष्मीपूजन के साथ ही भाईदूज का पर्व बीत जाने के बावजूद भी सर्वसामान्य राशनकार्ड धारकों को दीपावली के पर्व पर राज्य सरकार द्वारा घोषित किराणा कीट का लाभ नहीं मिल पाया है. बता दें कि, किसान, अंत्योदय व प्राधान्य गुटवाले राशनकार्ड धारकों को 100 रूपये में चार पदार्थों का समावेश रहनेवाली किराणा कीट देने की घोषणा राज्य सरकार ने विगत 12 अक्तूबर को की थी. उस समय दीपावली के पर्व में 12 दिनों का समय शेष था. इन चार वस्तुओं को खुले बाजार से खरीदने पर करीब 300 रूपये का खर्च करना पड सकता था. ऐसे में चारोें पदार्थ केवल 100 रूपये में दिये जाने की घोषणा होने पर सर्वसामान्य राशनकार्ड धारकों द्वारा यह राशन कीट मिलने की प्रतीक्षा की जा रही थी. लेकिन दीपावली का पर्व बीत जाने के बावजूद भी आम राशनकार्ड धारकों को यह राशन कीट उपलब्ध नहीं हो पायी. ऐसे में उन्हें पहले की तरह खुले बाजार और किराणा दुकान से दीपावली के पर्व पर ये चारों वस्तुएं खरीदनी पडी, ताकि वे दीपावली का पर्व मना सके. जानकारी के मुताबिक इतनी कम कालावधि के दौरान इन वस्तुओं की खरीदी करते हुए उसे जिलानिहाय कोटे के अनुसार अलग-अलग जिलों में पहुंचाना आपूर्तिकर्ता के लिए संभव नहीं था. जिसके परिणाम स्वरूप कुछ राशन दुकानों में शक्कर और रवा पहुंच गया है. वहीं कहीं पर तेल और चना दाल की खेप पहुंच गई है. ऐसे में सभी स्थानों पर बचे हुए दो पदार्थों का स्टॉक मिलने की प्रतीक्षा की जा रही है. ज्ञात रहे कि, अमरावती जिले में 1 हजार 916 सरकारी राशन दुकाने है. जिनसे 5 लाख 95 हजार 672 राशनकार्ड धारक संलग्नित है. इसमें से 1 लाख 7 हजार 569 किसान व प्राधान्य गुट तथा 1 लाख 22 हजार 665 अंत्योदय ऐसे कुल 2 लाख 30 हजार 234 राशनकार्ड धारक इस राशन कीट के लिए पात्र साबित हुए है. इन राशनकार्ड धारकों में अमरावती मनपा क्षेत्र के 71 हजार लाभार्थियों का भी समावेश है, जो सरकार द्वारा दी जानेवाली राशन कीट मिलने की प्रतीक्षा कर रहे है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों सभी सरकारी राशन दुकानों में पॉस मशीन उपलब्ध कराई गई है. जिस पर अंगूठे का निशान दर्ज करने के बाद ही लाभार्थियों को उन्हें प्रतिमाह दिया जानेवाला राशन उपलब्ध कराया जाता है. यह प्रक्रिया दीपावली के पर्व पर दी जानेवाली राशन कीट के लिए भी अमल में लायी जायेगी. चूंकि इस समय राशन कीट की दो ही वस्तुएं उपलब्ध हुई है और दो वस्तुओं का स्टॉक मिलना बाकी है. ऐसे में पॉस मशीन पर अंगूठा लगाकर केवल दो वस्तुएं देने को लेकर राशन दुकानदारों में संभ्रम देखा जा रहा है. वहीं संबंधित लाभार्थी भी दो बार अंगूठा लगाने की झंझट से बचना चाह रहे है. साथ ही उन्हें यह भी डर है कि, अगर उन्होंने पहली बार अंगूठा लगाकर केवल दो वस्तुएं ले ली, तो शायद उन्हें शेष दो वस्तुओं का लाभ नहीं मिलेगा. क्योंकि तब उनके अंगूठे के निशान की वजह से उनके नाम पर दीपावली राशन कीट का लाभ नहीं मिलेगा. शहर में सरकारी दर पर राशन बिक्री करनेवाली 162 दुकानें है. जिसमें से 43 दुकानों में पूरी कीट पहुंच गई है और कुछ राशन दुकानों से इस राशन कीट का वितरण होना भी शुरू हो गया है. वही शेष राशन दुकानों में आगामी दो-तीन दिनों के दौरान चारों वस्तुओं की आपूर्ति हो जायेगी. जिसके बाद उन राशन दुकानों से भी 100 रूपये में एक-एक किलो शक्कर, तेल, रवा व चनादाल का वितरण करना शुरू किया जायेगा. अन्न आपूर्ति अधिकारी, अमरावती. - सरकार ने दीपावली पर सरकारी राशन कीट देने की घोषणा 12 अक्तूबर को की. उस समय दीपावली के पर्व में केवल 12 दिन का समय शेष बचा हुआ था. इतने कम दिन के दौरान सभी इंतजामों की व्यवस्था करना संभव नहीं था.
टेढ़े पैर के साथ पैदा हुई 11 साल की एक बच्ची के लिए अब दर्द सहना इतना मुश्किल हो गया है कि वो चाहती है उसके पैर को काट दिया जाए. ब्रिटेन के वेल्स की रहने वाली इस बच्ची के माता पिता उस वक्त हैरान रह गए जब उनकी बेटी सेरेनिटी हारवुड ने असहनीय बेचैनी और चलने में असमर्थ रहने के बाद अपने माता-पिता को चौंकाने वाली इच्छा बताई. (तस्वीर - Serenity harwood) बच्ची ने अपने माता पिता से कहा, वह रसोई के चाकू से अपना पैर काटना चाहती थी क्योंकि उसकी हालत ने उसे इतना दर्द दिया था कि वो बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी. (तस्वीर - Serenity harwood) वेल्स ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक सेरेनिटी की इस समस्या को खत्म करने के लिए छह ऑपरेशन किए थे लेकिन जब उसका बायां पैर अंततः मुड़ गया तो उसने मां डॉन से कहा कि वह चाहती है कि उसका पैर काट कर हटा दिया जाए. (तस्वीर - Getty) उसकी मां ने कहा, "वह कहने लगी कि वह अपना पैर काटने के लिए रसोई से चाकू लेना चाहती है, क्योंकि उसे बहुत दर्द हो रहा था" डॉन और उनके पति विलियम को तब झटका लगा जब उन्हें बताया गया कि जीवन जीने के लिए सेरेनिटी को अपने पैर का हिस्सा हमेशा के लिए निकालना होगा. (तस्वीर - Getty) Oswestry और Wrexham में आर्थोपेडिक डॉक्टरों के साथ बैठक के बाद, यह निर्णय लिया गया कि सेरेनिटी के बाएं पैर को अगले तीन महीनों के भीतर ऑपरेशन कर उसके शरीर से अलग कर दिया जाएगा. दर्द से निपटने में मदद के लिए पहले सेरेनिटी को विशेष जूते दिए गए थे लेकिन जुलाई में यह तय किया गया कि उसके भविष्य को बचाने के लिए आगे की कार्रवाई करने का समय आ गया है. (तस्वीर - Serenity harwood) बच्ची की मां ने कहा, सेरेनिटी ने जब यह कहना शुरू किया कि वह अपना पैर काटना चाहती है, तो हमें डॉक्टरों को यह बात बतानी पड़ी जिसके बाद वो भी ऑपरेशन के जरिए पैर को अलग करने के लिए तैयार हो गए. (तस्वीर - Serenity harwood)
सभी को पता है कि अटल बिहारी वाजपेयी कितने बड़े नेता थे, लेकिन लखनऊ के छोटे-छोटे सरोकारों पर भी जिस तरह सक्रिय रहते थे वह अपने आप में अनोखा था। पढ़ें एक रोचक वाक्याः लखनऊ का झंडेवाला पार्क सिर्फ लोगों के घूमने-फिरने का नहीं बल्कि स्वतंत्रता संग्राम का भी नजदीकी गवाह रहा है। पर, एक समय ऐसा भी आया जब नगर निगम के मुखिया ने इस पार्क को एक बिल्डर के हाथों बेच दिया। इसके विरोध में भाजपा के एक कार्यकर्ता अमित पुरी ने लड़ाई शुरू कर दी। मामला सर्वोच्च न्यायालय तक गया। अटल बिहारी वाजपेयी लखनऊ से सांसद थे। संयोग से नगर निगम के चुनाव घोषित हो गए। अटल जी शायद इसी मौके के इंतजार में थे। इनकी लखनऊ में सभा हुई। पुरी बताते हैं, 'अटल जी आए और बोले, एक जनाब ने लखनऊ की जमीनें बेचने का बीड़ा उठा रखा है। दूसरी तरफ यह नौजवान इन जमीनों को बचाने की लड़ाई लड़ रहा है। जिस झंडे वाले पार्क को बेचा जा रहा है वह आम पार्क नहीं बल्कि स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास है। यह मेरे साथ अन्याय होगा कि हमारे ही संसदीय क्षेत्र में यह ऐतिहासिक पार्क बेच दिया जाए। अटल जी ने सिर्फ भाषण नहीं दिया बल्कि अखबारों में लेख भी लिखे। यहां तक कि सर्वोच्च न्यायालय के तत्कालीन न्यायाधीश को भी सवालों के घेरे में खड़ा किया। अटल जी की सक्रियता का परिणाम था कि न्यायालय का फैसला भी पक्ष में आया और ऐतिहासिक पार्क बिकने से बच गया।
मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी को बड़ी राहत (फाइल फोटो) ( Image Source : PTI ) Rahul Gandhi Defamation Case: मोदी सरनेम मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दी है. दरअसल, निचली अदालत के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट ने पलट दिया है. अब राहुल गांधी को खुद कोर्ट में हाजिर नहीं होना पड़ेगा. इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए गिरफ्तारी की कार्रवाई पर भी रोक लगाई है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 अगस्त को होनी है. दरअसल, साल 2019 में कर्नाटक में एक लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए विवादित बयान दे दिया था. इस बात को लेकर गुजरात के एक विधायक ने प्रदीप मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था. मानहानि केस दर्ज होने के बाद राहुल गांधी 23 मार्च को इस मामले में दोषी करार दिए गए थे और उनको दो साल कैद की सजा सुनाई गई थी. हालांकि कोर्ट ने उनको तुरंत जमानत भी दे दी. सजा सुनाए जाने के दूसरे दिन ही राहुल गांधी की संसद सदस्यता को लोकप्रतिनिधित्व कानून के तहत रद्द कर दिया गया था. राहुल गांधी की सदस्यता को रद्द होने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने देश भर में आंदोलन किया. इतना ही नहीं सदस्यता खत्म होने के बाद राहुल गांधी को साल 2004 में सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया. राहुल गांधी ने इसके बाद अपना घर खाली भी कर दिया और वह अपनी मां सोनिया गांधी के आवास में रहने के लिए चले गए. वहीं कांग्रेस ने कहा, राहुल को यह सजा अडानी मामले पर सरकार को घेरने के लिए दी है.
सोलन-सोलन जिला से मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के लिए 275 व्यक्तियों के रक्त नमूने केंद्रीय अनुसंधान संस्थान कसौली भेजे गए। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. एनके गुप्ता ने कहा कि इन 275 रक्त नमूनों में से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नालागढ़ से 37, नागरिक अस्पताल बद्दी से 61, ईएसआई काठा से 52, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन से 22, एमएमयू कुम्हारहट्टी से 25, ईएसआई परवाणू से छह, नागरिक अस्पताल अर्की से 43, ईएसआई बरोटीवाला से पांच तथा ईएसआई झाड़माजरी से 24 सैम्पल कोरोना वायरस संक्रमण जांच के लिए भेजे गए हैं। डा. गुप्ता ने कहा कि सोमवार को सोलन जिला से कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि के लिए भेजे गए 20 रक्त नमूनों में से 19 की रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई है। एक सैंपल को पुनः जांच के लिए भेजा गया है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि जिला में वर्तमान में कोविड-19 के 29 सक्रिय रोगियों का उपचार किया जा रहा है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी ने बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने वाले लोगों से आग्रह किया कि वे क्वारंटाइन संबंधी दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करें। उन्होंने कहा कि इन नियमों की अनुपालना न केवल बाहर से आने वाले व्यक्तियों के परिवारों अपितु समाज को किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने में सहायक सिद्ध होगी।
मेरे पिता जी को तेज बुखार हो रहा है। हमें उन्हें अस्पताल में भता करने की जरूरत है। मैं एलएनजेपी अस्पताल दिल्ली के बाहर खड़ी हूं और वे उन्हें अंदर नहीं ले जा रहे हैं। उन्हें कोरोना, तेज बुखार और सांस लेने में समस्या हो रही है। वह मदद के बिना जीवित नहीं रहेंगे। बेटी यह गुहार लगाती रही पर बाहरी व्यवस्था ने नहीं सुना। अंततः पिता ने दम तोड़ दिया। हालांकि दिल्ली सरकार आए दिन ये दावे करती नहीं थकती कि हमारे पास पर्यांप्त साधन हैं। कोरोना के चलते दिल्ली की एक मजबूर बेटी अमरप्रीत सुबह से कईं बार ट्वीट कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सतेन्द्र जैन से मदद की गुहार लगाती रही लेकिन न किसी हेल्पलाइन से मदद मिली और न ही किसी नेता के कान में जूं रेंगी। आरोप है कि उसके कोरोना से संक्रमित पिता को दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में जगह नहीं मिली और गुरुवार उनकी मौत हो गईं। अमरप्रीत के ट्वीट सुबह से वायरल हो रहे थे। जबकि पूरी तरह से कोविड इलाज में लगे एलएनजेपी अस्पताल के अधिकारियों ने इस आरोप से इंकार किया और कहा कि मरीज जब यहां लाया गया था, तब उसकी मौत हो चुकी थी। उन्हें मृत लाया गया था। एलएनजेपी ने अपनी तरफ से बहुत लंबी सफाईं दी है पर कटु सत्य यह है कि कोरोना मरीज को किसी सरकारी अस्पताल में आसानी से न तो बैड मिलता है और न ही ट्रीटमेंट। दिल्ली के मुख्यमंत्री आए दिन दावा करते नहीं थकते कि हमारी तैयारी पूरी है और हमारे पास आज की तारीख में वुल 6731 कोविड बेड हैं, जिसमें करीब 2600 से वुछ ज्यादा बैड भरे हुए हैं और 4100 बैड अभी भी खाली हैं। अगर अमरप्रीत की बात सही है तो यही निष्कर्ष निकलता है कि दिल्ली सरकार के मुखिया व मंत्री सही तस्वीर पेश नहीं करते और किसी साधारण नागरिक को कोरोना हो जाए तो उसे उपर वाला ही बचा सकता है, दिल्ली सरकार के अस्पतालों से ज्यादा उम्मीद न रखी जाए।
बॉलीवुड डेस्क,मुंबई. मोनासिला यानि अंतरा बिस्वास अपने सेक्सी फोटो वीडियो को लेकर हमेशा ही चर्चा में बनी रहती है. सोशल मीडिया पर उनके फोटो वीडियो जमकर वायरल होते रहते हैं. फैंस भी उन्हें इस सेक्सी अंदाज में काफी पसंद करते हैं. लेटेस्ट फोटो में देखिए मोनालिसा का दमदार अवतार जो आपको मदहोश कर देगा. छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक अपने हुस्न का जलवा बिखेरने वाली मोनालिसा सोशल मीडिया पर भी बिजलियां गिराती रहती है. हाल ही में उन्होंने इंस्टाग्राम पर अपनी एक सेक्सी फोटो शेयर की है,जिसमें वह बिकनी पहने नजर आ रही है. चमचमाती धूप में मोनासिसा को ब्लैक बिकनी में देख फैंस के पसीने छूट रहे हैं. आप भी उन्हें इस अवतार में देख लेंगे तो उनके हॉटनेस के कायल हो जाएंगे. मोनालिसा इतनी हॉट है कि हर कोई पल भर में उनके हॉटनेस का दीवाना हो जाता है. अपनी इसी हॉटनेस के जलवे से मोनालिसा ने कई फिल्में हिट कराई हैं. भोजपुरी इंडस्ट्री में मोनालिसा ने सवा सौ से अधिक फिल्मों में काम किया है और पर्दे पर कई एक्टर्स के साथ रोमांस कर चुकी है. यही कारण है उन्हें भोजपुरी एक्ट्रेस के साथ ही भोजपुरी क्वीन कहा जाता है. मोनालिसा ना सिर्फ भोजपुरी बल्कि हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, ओड़िया और कन्नड़ फिल्मों में भी एक्टिंग कर चुकी है. हालांकि काफी दिनों से मोनालिसा ने कोई फिल्म नहीं की और फिलहाल वह स्टार प्लस के शो डायन में मोहना के किरदार में नजर आ रही है. लेकिन सोशल मीडिया पर मोनालिसा हमेशा छाई रहती है. इंस्टाग्राम पर मोनालिसा अक्सर अपने सेक्सी फोटो वीडियो शेयर करती रहती है. वह साड़ी से लेकर बिकनी आउटफिट में हमेशा कहर बरपाती रहती है. इंस्टाग्राम के साथ ही यूट्यूब पर भी मोनालिसा के सेक्सी हॉट वीडियो छाए रहते हैं. Also Read:
जलवायु प्रदूषण के दुष्प्रभावों पर चिंता जताते हुए राज्यसभा में बृहस्पतिवार को भाजपा के एक सदस्य ने मांग की कि स्वच्छता अभियान की तरह ही प्रदूषण मुक्ति के लिए भी चरणबद्ध तरीके से अभियान चलाया जाना चाहिए । शून्यकाल के दौरान भाजपा सदस्य सत्यनारायण जटिया ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा "प्रकति का संतुलन बिगड़ रहा है और जलवायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं। वर्षा समय पर न होने से कृषि पर असर पड़ता है और अर्थव्यवस्था भी इससे प्रभावित होती है। इससे बचने के लिए नदियों को चरणबद्ध तरीके से जोड़ा जाना चाहिए। " उन्होंने कहा कि अस्थमा तथा अन्य बीमारियों का कारण बढ़ता वायु प्रदूषण है। भूजल नीचे जा रहा है और शहर का अपशिष्ट नदियों के पानी को प्रदूषित कर रहा है। " जटिया ने कहा कि स्वच्छता अभियान की तरह ही प्रदूषण मुक्ति के लिए भी चरणबद्ध तरीके से अभियान चलाया जाना चाहिए ताकि इसके दुष्प्रभावों से बचा जा सके। विभिन्न दलों के सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। भाजपा के ही सी एम रमेश ने कम वर्षा होने की वजह से दक्षिण भारत में सूखे का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा "वर्षा की कमी 28 फीसदी दर्ज की गई है और पिछले साल भी मानसून कमजोर रहने की वजह से पर्याप्त बारिश नहीं हुई थी। 44 फीसदी हिस्सा सूखाग्रस्त है। इसमें से 17 फीसदी हिस्से में भीषण सूखा पड़ रहा है। " रमेश ने मांग की कि गोदावरी नदी को कावेरी नदी से जोड़ा जाना चाहिए क्योंकि गोदावरी में पर्याप्त पानी उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इस नदी को कावेरी नदी से जोड़ने पर वह 3000 टीएमसी पानी दक्षिणी राज्यों को उपलब्ध हो जाएगा जो बह कर समुद्र में चला जाता है। द्रमुक और अन्नाद्रमुक सदस्यों ने उनके इस मुद्दे से स्वयं को संबद्ध किया। तृणमूल कांग्रेस की शांता क्षेत्री दार्जिलिंग में स्थित लेबॉन्ग सैन्य अस्पताल को असम स्थानांतरित किए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इस अस्पताल के स्थानांतरण से सेवानिवृत्त हो चुके गोरखा सैन्य कर्मी को खासी दिक्कत होगी। उन्हें इलाज के लिए बहुत दूर जाना पड़ेगा। शांता ने कहा कि अस्पताल में लंबे समय से विशेषज्ञ डॉक्टर की नियुक्ति नहीं की गई है। उन्होंने मांग की कि सरकार को अपने फैसले पर पुर्निवचार करना चाहिए। माकपा की झरना दास वैद्य ने अनुबंध पर काम कर रहे शिक्षकों का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि कई कई साल से शिक्षक अनुबंध पर काम कर रहे हैं और उन्हें नियमित नहीं किया जा रहा है। बिहार में नियमित किए जाने की मांग को लेकर 18 जुलाई को शिक्षकों ने आंदोलन किया। झरना ने कहा कि त्रिपुरा में 10323 शिक्षक अनुबंध पर काम कर रहे हैं। इसी तरह की स्थिति पश्चिम बंगाल, बिहार, दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों में भी है।
Budget 2019 Petro-Diesel Price, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा में बजट पेश कर दिया है। PM Narendra Modi (मोदी सरकार) की Modi 2. 0 सरकार ने अपने पहले पूर्ण बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर 1-1 फीसद एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ जाएंगी। इससे पहले सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर बड़ी घोषणी की है। PM Narendra Modi की Modi 2. 0 सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST की दरें घटा दी हैं। यानी अब ग्राहकों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 12 फीसद की जगह केवल 5 फीसद टैक्स देना होगा। इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने के लिए अगर कर्ज लिया गया है तो उसका ब्याज चुकाने पर आयकर में 1. 5 लाख रुपए की अतिरिक्त छूट मिलेगी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहन को लेकर सरकार की मंशा साफ कर दी है। निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) को प्रोत्साहन देगी। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल हो। इसके लिए सरकार सस्ते ई-वाहन मुहैया कराएगी। दरअसल बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नीति आयोग ने हाल ही में निर्माता कंपनियों को इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए अपना रोड प्लान साझा करने को कहा था।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (NIOS) के 10वीं और 12वीं के एग्जाम अगले सप्ताह से शुरू होने वाले हैं। 10वीं की परीक्षाएं 6 अक्टूबर से और 12वीं की परीक्षाएं 8 अक्टूबर से शुरू होंगी। एनआईओएस ने इसके एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। NIOS की आधिकारिक वेबसाइट nios. ac. in से एडमिट कार्ड डाउनलोड किए जा सकते हैं। नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग (NIOS) यानि राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय देश भर में विश्यर्थियों को मुक्त शिक्षा प्रदान करता है। यह संसथान मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है। एक बार अप्रैल में और दूसरी बार अक्टूबर में परीक्षा आयोजित की जाती हैं। स्टूडेंट्स अपने एडमिट कार्ड एनरोलमेंट नंबर का इस्तेमाल कर डाउनलोड कर सकते हैं।
झुंझुनूं। जिले के सबसे बड़े बीडीके अस्पताल के चिकित्सकों की दादागिरी व हठधर्मिता से चिकित्सा प्रशासन के साथ जिला प्रशासन भी तंग आ चुका है। पिछले पांच दिनों में जिले के दो प्रमुख अस्पताल में प्रसूताओं के साथ नाइंसाफी की घटनाओं के बावजूद चिकित्सक गंभीर नहीं है। आज फिर से चिकित्सकों की दादागिरी व लापरवाही सामाने आई। जिला कलेक्टर जब बीडीके अस्पताल पहुंचे तो 19 डाक्टर अनुपस्थित पाए गए। जिला कलेक्टर ने गंभीरता से लेते हुए सभी को नोटिस जारी कर दिए हैं। एक दिन पहले जनाना विंग में भी एक चिकित्सक हाजिरी लगाकर घर चली गई थी और मरीज दोपहर तक उसका इंतजार करते रहे। जब सीएमएचओ ने आकर देखा तो वे भी दंग रह गए। इसके बाद रात को ही कलेक्टर ने सभी चिकित्सकों की बैठक लेकर उन्हें नसीहत दी थी, लेकिन सुबह वह नजारा सामने आया। अस्पताल के 19 डाक्टर अस्पताल में नहीं मिले। इसके बाद एडीएम ने भी निरीक्षण किया तो अस्पताल में काफी कमियां पाई गई। अब नियमित रूप से निरीक्षण किया जाएगा। जो लोग अनुपस्थित थे उन्हें नोटिस जारी किए गए हैं।
शहर में लगभग 50 हजार घरों से डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शनिवार से बंद हो गया। शहर के बाजार और पॉश कालोनी के घरों से कूड़ा लेने वाले नहीं आए तो ठेकेदार को फोन करके पूछा तो ठेकेदार ने नगर निगम से भुगतान नहीं मिलने की बात कहते हुए काम बंद करने की बात कही है। शहर में सिविल लाइंस, चौपुला, इस्लामियां, रामपुर गार्डन, कुतुबखाना, बरेली काॅलेज रोड, बड़ा बाजार, साहूकारा, कटरा मानराय, कोहाड़ापीर, बानखाना, राजेन्द्र नगर, माॅडल टाउन, स्टेडियम रोड, डीडीपुरम, एकता नगर, जनकपुरी, संजय नग, आदि मोहल्लों में आनंद नारायण कॉन्ट्रेक्टर को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की जिम्मेदारी नगर निगम ने दी है। यह निगम के जोन-2 और जोन-4 में डोर टू डोर जाकर कूड़ा कलेक्शन करते हैं। इनके अलावा एक और कंपनी पाथया भी है। जो जोन-1 और 3 में यह काम करती है। दोनों एजेंसियों का ठेका अप्रैल तक था, चुनावी प्रक्रिया के दौरान नया ठेका करना संभव नहीं था। ऐसे में नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने नगर आयुक्त की अनुमति के बाद दोनों एजेंसियों को दो माह एवं निविदा होने तक कार्य करने का विस्तार दे दिया गया। यह अवधि 30 जून को समाप्त हो गई तो 1 जुलाई को जोन-2 एवं जोन-4 में काम करने वाले आनंद नारायण कॉन्ट्रेक्टर कूड़ा कलेक्शन का काम बंद कर दिया जबकि पाथया एजेंसी ने अपना काम जारी रखा। कंपनी के आनंद साहू ने बताया कि निगम उनका पुराना बकाया नहीं दे रहा है। बिना भुगतान के काम कैसे किया जाए। निविदा समाप्त हो गई, अब कैसे काम किया जाए। पाथया एजेंसी के मैनेजर का कहना है कि निविदा प्रक्रिया पूरी होने तक काम के विस्तार का आदेश है। इसलिए कर रहे हैं। निगम सूत्रों ने बताया कि आनंद नारायण कांट्रेक्टर जनता से यूजर चार्ज तो ले रहे हैं लेकिन उसे निगम कोष में जमा नहीं कर रहे हैं। नियमतः उन्हें हर रोज यूजर चार्ज जमा करना चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो प्रतिदिन के हिसाब से उन पर जमा करने वाली राशि पर 2. 5 फीसदी पेनाल्टी भी देनी होगी। टेंडर शर्ताें में यह भी लिखा है कि जब तक वे निगम में यूजर चार्ज जमा नहीं करेंगे तब तक अपना बिल नहीं लगा सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी संचालक निगम में यूजर चार्ज जमा नहीं करना चाहते हैं उसे अपने बिल में समायोजित कराना चाहते हैं। यही काम नहीं हो रहा है। पिछले साल सितंबर में भी उनकी एजेंसी ने यूजर चार्ज जमा नहीं किया था तब जांच भी बैठी थी लेकिन नेताओं की शह पर एजेंसी पर कार्रवाई हुए बिना मामला रफा-दफा कर दिया गया अब फिर उसी तरह का मामला सामने आ गया है। जोन- 2 और 4 में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन एजेंसी ने काम बंद कर दिया है। एजेंसी ने यूजर चार्ज जमा नहीं किया है। नगर निगम अपने स्तर से शहर में सफाई करवाएगा। राजस्व से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा -निधि गुप्ता वत्स, नगर आयुक्त।
अभी तक हमारी आकाशगंगा में धरती पर ही जीवन है और ग्रहों पर जीवन की खोज की जा रही है। अभी तक चांद और लाल ग्रह मतलब मंगल पर खोज की जा रही है। धरती पर इंसान बहुत ही आधुनिक हैं। इसी तरह से वैज्ञानिक खोज रहे हैं कि क्या दूसरे ग्रहों पर भी इंसान रहते हैं या नहीं। इन इंसानों को वैज्ञानिक ऐलियन के नाम से पुकारते हैं। माना जा रहा है कि ऐलियन इस ब्रह्माण्ड में है। वैज्ञानिक उनसे कन्केशन करने की कोशिश कर रहे है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ऐलियन धरती पर आते हैं लेकिन कन्केशन में नहीं आते हैं। सबका मानना है कि ऐलियन अंतरिक्ष से ही आते हैं लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ऐलियन समुंद्र से भी आते हैं। बता दें कि अमेरिका के खुफिया सरकारी अधिकारियों द्वारा यूएफओ और एलियंस को लेकर की गई समीक्षा रिपोर्ट लीक कर दी गई है। रिपोर्ट में पिछले 20 सालों में अमेरिकी नौसेना द्वारा आसमान में देखी गई अज्ञात वस्तुओं की 120 से अधिक घटनाओं का जिक्र है। एलियन के विमान आते हैं, तो गायब कहां हो जाते हैं। क्या ये हाइपरसोनिक विमान हैं। इस पर कई तरह के शोध किए जा रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच इंटरनेशनल कोएलिशन फॉर एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल रिसर्च (ICER) के उपाध्यक्ष गैरी हेसेल्टाइन ने दावा किया है कि एलियन अंतरिक्ष से नहीं, समंदर से आ रहे हैं। पूर्व पुलिस अधिकारी गैरी हेसेल्टाइन ने कहा कि यूएफओ को अक्सर पानी के अंदर और बाहर आते देखा जाता है। हो सकता है कि गहरे महासागरों और खाइयों में एलियन बेस हो सकते हैं।
पुणेः महाराष्ट्र से एक दुखद घटना सामने आई है यहाँ पुणे में 19 वर्षीय कॉलेज विद्यार्थी ने "आपत्तिजनक" तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी तथा प्रताड़ना के चलते खुदखुशी कर ली। बीते कुछ दिन में इस प्रकार की यह दूसरी घटना सामने आयी है। पुलिस के एक अफसर ने बृहस्पतिवार को यह खबर दी। उन्होंने बताया कि स्नातक की पढ़ाई कर रहे लड़के ने 28 सितंबर को खुदखुशी की तथा उसके भाई ने पुलिस को बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति उसे (मृत छात्र को) सोशल मीडिया पर धमका रहा था। अफसर ने कहा, 'मृत छात्र के भाई ने हमें बताया है कि अपराधी ने आपत्तिजनक फोटोज लीक करने की धमकी देकर तीन अलग-अलग मौकों पर मृतक से 4,500 रुपये वसूले। दत्तावाड़ी में युवक ने एक इमारत से छलांग लगा दी। ' दत्तावाड़ी थाने के अफसर ने कहा कि भारतीय दंड संहिता एवं सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है तथा अपराधी को पकड़ने की कोशिश जारी हैं। उल्लेखनीय है कि हाल में दत्तावाड़ी क्षेत्र के 23 वर्षीय लड़के ने खुदखुशी कर ली थी, जिसका "नग्न वीडियो" बनाकर उसे धमकाया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक, लड़का औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) पासआउट था, जो व्हाट्सएप पर एक अजनबी महिला से परिचित हो गया। 30 सितंबर को एक कॉल के चलते महिला ने कपड़े उतारे तथा लड़के से भी ऐसा ही करने को बोला। बाद में ऑनलाइन अपराधी ने लड़के से पैसे की मांग की तथा उसकी न्यूड फोटोज सोशल मीडिया पर लीक करने की धमकी दी।
मध्य प्रदेश के सागर जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां हवस के नशे में चूर दो आरोपियों ने क्लाश 8th की छात्रा से गैंगरेप करने के बाद उसे फूंकने की कोशिश की है। घटना सागर जिले के देवल गांव की है। इस केस ने एक बार फिर से मध्य प्रदेश सरकार के हालिया कानून की याद दिला दी है जिममें नाबालिगों के साथ बलात्कार करने के लिए दोषी ठहराए गए लोगों के लिए सजा-ए-मौत का प्रस्ताव है। मौत की सजा देने के खिलाफ लोगों का दावा है कि अगर सरकार ऐसा कानून लागू करती है तो बलत्कार का अभियुक्त पीड़िता को जान से मारने का प्रयास करेगा। हालांकि राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस तर्क को खारिज करते हुए कहा है कि बलात्कारियों को जीने के हकदार नहीं हैं। साथ ही यह भी कहा कि मौत की सजा का प्रावधान बलात्कारियों के लिए प्रतिरोध का काम करेगा। उन्होंने कहा कि दो या दो से अधिक पहलू होते हैं, लेकिन जहां तक बलात्कारी के लिए मौत की सजा का संबंध है तो मध्य प्रदेश में इस कानून के पक्ष में आम सहमति है क्योंकि हमारा मानना है कि ऐसे लोगों को कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए।
रामपुर : दलित चिंतक व लेखक कंवल भारती ने कहा है कि अगर किसी मुद्दे को लेकर अपने विचार व्यक्त करना अपराध है, तो यह अपराध वो आगे भी करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि फेसबुक पर आईएएस दुर्गा शक्ति नागपाल मामले में उनकी टिप्पणी किसी जाति या धर्म को लेकर नहीं है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों में आ रही गिरावट को लेकर मैंने अपनी बात कही थी। अदालत से जमानत मिलने के बाद अपने निवास स्थान पर पत्रकारों से बात करते हुए भारती ने कहा कि वो राजा हैं, हम रंक हैं। रंक को लिखने की आजादी नहीं है, बोलने की आजादी नहीं है। मंगलवार की सुबह पुलिस मुझे घर से उठाकर ले गई। मुझे कपड़े तक नहीं पहनने दिए गए। बनियान व पाजामा में मुझे छह घंटे तक थाने में बैठाए रखा गया। दोपहर के वक्त पुलिस मेरे घर पर फिर आई और मेरा कंप्यूटर उठा ले गई, जो अभी तक उनके पास ही है। मुझ पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज करा दिया गया। क्या सरकार के कामकाज पर टिप्पणी करने से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ जाता है? इसी रामपुर में रमजान के महीने के दौरान दो-दो मदरसे तोड़ दिए गए तब सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ा? गेट तोड़ दिए, दुकानें तोड़ दी गईं, लोगों के घर तोड़ दिए गए, सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ा? उल्लेखनीय है कि कंवल भारती को फेसबुक पर यूपी सरकार के खिलाफ टिप्पणी करने के आरोप में मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया था। बाद में उन्हें जमानत पर छोड़ दिया गया। भारती के खिलाफ एक व्यक्ति ने कोतवाली में फेसबुक पर की गई टिप्पणी में धार्मिक उन्माद और वैमनस्यता फैलाने का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराई थी। लेकिन मेरी टिप्पणी से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ गया। फेसबुक सोशल मीडिया है। इस पर तमाम तरह की टिप्पणी लोग दर्ज कराते हैं। कंवल भारती ने इस तरह की आशंका व्यक्त की है कि भविष्य में उनको किसी दूसरे मुकदमे में फंसाया जा सकता है, उनके घर को नजायज कब्जा बताकर गिराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मैं लेखक हूं भविष्य में भी अपनी बात कहता रहूंगा।
शेयर बाजार में एक और आईपीओ ने निराशाजनक प्रदर्शन किया है। डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण-पत्र देने वाली कंपनी ई-मुद्रा लिमिटेड के आईपीओ से मोटे मुनाफे की उम्मीद लगाए बैठे निवेशकों को मात्र 6 प्रतिशत का लिस्टिंग गेन मिला। कंपनी का शेयर बुधवार को शेयर बाजार में लिस्ट हुआ। बीएसई में ई-मुद्रा का शेयर 271 रुपये के भाव पर सूचीबद्ध हुआ जो कि उसके निर्गम मूल्य से 5. 85 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है। बाद में यह 8. 98 प्रतिशत तक की उछाल लेने में सफल रहा। एनएसई में भी कंपनी का शेयर 5. 46 प्रतिशत की बढ़त के साथ 270 रुपये के भाव पर सूचीबद्ध हुआ। ई-मुद्रा के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को 2. 72 गुना अभिदान मिला था। निर्गम के लिए 243 रुपये से लेकर 256 रुपये का मूल्य दायरा रखा गया था। कॉजेंट ई-सर्विसेज लिमिटेड को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये पूंजी जुटाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की मंजूरी मिल गई है। दस्तावेजों के अनुसार, आईपीओ के तहत कंपनी 150 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी। । इसके साथ ही कंपनी के प्रवर्तकों द्वारा 94. 68 लाख इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) लाई जाएगी। कॉजेंट ई-सर्विसेज ने सेबी के पास आईपीओ के लिए फरवरी में दस्तावेज दाखिल किए थे। कंपनी को आईपीओ के लिए सेबी का 'निष्कर्ष' 23 मई को मिला है। हॉस्पिटेलिटी सेक्टर की टेक स्टार्टअप कंपनी ओयो सितंबर के बाद अपना प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) लाने की योजना बना रही है। कंपनी ने इस संबंध में बाजार नियामक सेबी को पत्र लिखकर अपने आवेदन को अपडेट करने का अनुरोध किया है। कंपनी ने आईपीओ के जरिए 8,430 करोड़ रुपये जुटाने के लिए पिछले साल अक्टूबर में सेबी के पास आवेदन किया था। इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि कंपनी अब 11 अरब अमेरिकी डॉलर के मुकाबले लगभग 7-8 अरब अमेरिकी डॉलर के कम मूल्यांकन पर तैयार है।
अवस्था में भी भोजन के अनन्तर वा अधिक शारी क परिश्रम (दौघृण) करने से अल्प कालके लिए शरीरका उत्ताप कुछ बढ़ जाता है, पर वह ज्वर नहीं समझा जाता । तापोत्पादनका असली कारण ओषजनीकरण वा धातुओंके अन्दर रासायनिक परिवर्तन है। पेशियोका हिलना, यकृत श्रादि पाचक ग्रन्थियोंकी क्रिया, तथा मस्तिष्क द्वारा मानसिक क्रिया से भी ताप उत्पन्न होता रहता है। पर त्वचापर हवा लगने वा पसीनेके सूखनेसे तथा फुप्फुसोंके द्वारा प्रश्वास वायुके निरन्तर निकलते रहनेसे शरीर ठंडा होता रहता है। स्वस्थ अवस्थाक और तापहासक अवयवोपर नाड़ी मण्डलका ऐसा प्रभाव है कि शारीरिक उत्ताप निर्दिष्ट सीमाओंके अन्दर घटता बढ़ता रहता है, चाहे मौसमी गरमी वा सर्दी कुछ ही हो । पर ज्वरकी दशामें उपरोक की क्रिया सामञ्जस्य स्थिर नहीं रहता और शारीरिक तापक्रम अधिक बढ़ जाता है, या कभी इतना घट जाता है कि रोगी शीतकी दशा में श्रा जाता है । युक्ति पूर्ण चिकित्साका उद्देश्य इस सामञ्जस्यको पुनः स्थापन करना है । ज्वर कोई विशेष रोग नहीं है। यह केवल एक जटिल लक्षण है जो भिन्न भिन्न दशाओं में पैदा हो जाता है। ज्यादा चोटके लगने पर धातु के अन्दर किसी प्रकारकी विकृति पैदा होने से, वा किसी अवयव के अन्दर प्रदाह ( वरम ) हो जानेसे अथवा शरीर के अन्दर किसी प्रकारके विषैले पदार्थों के उत्पन्न हो जानेसे ( जैसा कि रोग जीवाणुश्रों के प्रवेश करनेसे होता है) वा ऐसीही अन्य घटना श्रों से शारीरिक धातुओंको रासायनिक क्रिया तीव हो जाने के कारण अधिक ताप पैदा हो जाता है, जिसको हम ज्वर कहते हैं । उत्तापके बढ़ने के साथ ही कुछ परस्पर सम्बद्ध लक्षग ऐसे होते हैं जो कि हर एक ज्वरमें थोड़े बहुत प्रकट हो जाते हैं । इनको ज्वरके साधारण लक्षण वह सकते हैं । ज्वर जना पूर्व रूप चढ़नेसे पहिले शरीर में कान मालूम होती है। आराम से बैठने या लेटनेको जी चाहता है। सारा शरीर दुखता प्रतीत होता है । मुंह (लाला ग्रन्थियोंके) सूख जाने से गस्सा निगलने में कष्ट होता है। और भोजनमें स्वाद नहीं आता। इसी तरह अन्य पात्रक ग्रन्थियाँके निर्यास कम हो जानेसे भूख बन्द हो जाती है और अक्सर क भी हो जाता है। सरमें भारीपन वा कुछ दर्द भी मालूम होता है । आँखें पनियाली हो जाती है. और छोटे बालक बिना विशेष कारण के ही रोगा करते हैं । उअर रूप - इसके अनन्तर पूर्व रूपके लक्षा और भी बढ़ जाते हैं। सर्दी मालूम होती है, और किसी किसी ज्वरमें सर्दीके कारण बड़े जोरसे कंपकपी लगती है। त्वचा ठंडी मालूम होने पर भी इस समय मुंह वा गुदामै ज्वर मान लगा कर देखनेसे कई तापांश का उअर पाया जाता है बच्चों में कपकपी लगने के बदले प्रायः ब (अंगकी ऐंठन) श्राने लगते हैं, जिसको लोग 'माता का कोड़ा समझ कर बहुत डरते हैं । ज्वरारम्भ में बच्चोंके बांटे आना एक साधारण लक्षण है, पर किसो रोगके अन्त में बांटोंका होना अरिष्ट लक्षण के समझा जाता है । सर्दी वा कपकपी के अनन्तर गरमी मालूम होती है। इस समय ज्यादा उढ़ाये हुए कपड़ोको उतार देना चाहिये, पर पसीना आते समय शरीर को हवासे बचाना चाहिये । इस समय सिरका दर्द बढ़ जाता है। कभी कभी रोगी बर्राया करता है और कचित् काल्पनिक पदार्थोंको देखकर प्रलाप भी करता है वा निद्रा की अवस्था में चुपचाप पड़ा रहता है। इसमें उसको बार बार जगाना नहीं चाहिये, केवल शिरः पीड़ादि के दूर करने के लिए शिर पर बर्फ की डली वा ठंडे जलकी पट्टी रखनी चाहिये । इस समय रोगीको बहुत प्यास भी लगता है, जिसका रोकना बहुत ही अनिष्ट
सरहुण्डी की, जिसका सम्बन्ध एट्रस्कन देवता 'तरकोन' से हो सकता है, उपासना होती थी। वह नव-हित्ती राज्यों का भी प्रमुख देवता था । वित्तियों ने चित्र ५५ : हित्ती 'पशुपनि' कुछ बैथिलोनियन और सुमेरियन देवताओं, जैसे अनु, एनलिल, निनलिल तथा इया को भी अपना लिया था। इनके अतिरिक्त उनके अन्य असंख्य देवीदेवता थे जिनके केवल नामों का ही उल्लेख करना कठिन है। हित्ती राजधर्म का विकास - हित्ती सम्राटों का इन प्रादेशिक सम्प्रदायों के प्रति दृष्टिकोण बहुत ही उदार था। जिस प्रकार उन्होंने अनातोलिया के लघु राज्यों को मिलाकर एकता की स्थापना की, परन्तु प्रादेशिक स्वतन्त्रता को एकदम नष्ट नहीं किया उसी प्रकार साम्राज्य के सर्वोच्च धर्माधिकारी का पद धारण करने के बावजूद उन्होंने प्रादेशिक धर्म सम्प्रदायों को दबाने की चेष्टा नहीं की। उल्टे प्रादेशिक धर्म केन्द्रों में प्रतिवर्ष व्यक्तिगत रूप से उत्सवों में उपस्थित रहकर, अपने पदाधिकारियों को वहाँ के मन्दिरों को सहायता देने का आदेश देकर और राजघोषणाओं में प्रादेशिक देवताओं को बराबर स्थान देकर उन्होंने इन सम्प्रदायों को फलने-फूलने का अवसर दिया । इस पर भी धीरे-धीरे विभिन्न सम्प्रदायों में समन्वय होकर एक राष्ट्रीय-धर्म का विकास होता गया। इसका एक कारण राजघोषणाओं के लेखक थे जो सुविधा के लिए समान लगनेवाले देवताओं को वर्गीकृत कर देते थे। इससे देवसमूह में व्यवस्था आने लगी । दूसरे, हित्ती शासकों ने साम्राज्य की सुरक्षा के लिए यह आवश्यक समझा कि वे खुद जिन देवताओं की उपासना करते हैं उनके प्रति प्रज्ञा
वलरामः- हां और सफलता मी हुई । कृष्णाः - भगवान की दया से ऐसी ही सफलता होगी। व की वार इस यज्ञ में कंस का बलिदान होगा। बलरामः - कैसा अत्याचार है कृष्ण ! कृष्णः- कैसी ज्योति है बलराम । बलरामः- कहां ? कृष्णः- परमात्मा की अनुपम सृष्टि में विकट प्रात नाद की इस भूमि में, हत्या के इस लीला क्षेत्र में, इस नन्दी ग्राम मं, इस नक्षत्र परिपूर्ण रजनि में ! ग्रहा। ये कैसी ज्योति है, ये कैसी मूर्ति है वलराम ! यह दृश्य, यह दुखद सौन्दर्य, यह विस्मय भगवान ! बड़ा ही अपूर्व है । वडा ही मनोहर है ! दयानिधे ! श्रद्दा ! ( हाथ जोड़ कर भाग को देखते हैं ) अहा ! (के हुए कण्ठ मे) भा । पिता । तुम्हें इतना कष्ट ! माई बलराम । क्या सोच रहे हो ? वलरामः- कुछ नहीं कृष्ण ! ( आमु पाँन्द्रत हैं ) कृष्णः- माई ! बलराम ! ( हाथ पकड़ लेन है ) बलरामः-- कृष्ण ! कृष्ण ! भइया ! कृष्णः- शखचूड ! श्राश्रो युद्ध करो ! श्राज तुम्हारे पिशाच कर्म का अन्तिम अभिनय हा चुका । युद्ध करो कुलांगार । श्राश्री नरक लोक में तुम्हारे लिये स्थान स्वाली है। 'जाओ, अपने स्थान पर अधिकार करो । शंखचूड़ ढीट चालक ! श्राज तेरे रक्त को लेकर ही दरबार में सन्मान का भाजन बनूँगा ।
रश्मि देसाई अपने ग्लैमरस अवतार को लेकर सुर्खियों में छाई रहती हैं। रश्मि देसाई ने अपनी अदाओं से इंटरनेट का पारा बढ़ा दिया है। हालिया पोस्ट में रश्मि ट्रांसपेरेंट गाउन में बेहद हॉट लग रही हैं। परफेक्ट मेकअप और खुले बालों के साथ उन्होंने इस लुक को पूरा किया है। रश्मि देसाई अपने स्टाइलिश फैशन सेंस के लिए जानी जाती हैं। रश्मि सोशल मीडिया फ्रेंडली हैं और अक्सर फैंस के साथ कनेक्टेड रहती हैं।
रियल एस्टेट ग्राहकों को रेरा (RERA) कानून से जिस चमत्कार की उम्मीद थी, उसे पूरा करने में ये नाकाम साबित हुआ है. एक सर्वे के मुताबिक शिकायत समाधान की प्रक्रिया से ग्राहक सबसे ज्यादा असंतुष्ट हैं. 5 साल बाद भी रेरा की ये सबसे बड़ी खामी दूर नहीं की जा सकी है. (Photo: File) करीब 5 साल पहले रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी यानी रेरा का गठन करके सरकार ने होम बायर्स को डेवलपर्स की धोखाधड़ी से बचाने का रास्ता तैयार किया था. रेरा ने घर खरीदारों में भरोसा तो पैदा किया है. लेकिन ये उनकी उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतरा है. (Photo: File) ओमिडयार नेटवर्क इंडिया और बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप के एक सर्वे में रेरा पर लोगों से उनकी राय मांगी गई. सर्वे के मुताबिक करीब 70 फीसदी ग्राहकों को RERA के बारे में जानकारी है. 6 में से 5 घर खरीदार RERA के जरिए शिकायतों का समाधान चाहते हैं. (Photo: File) शिकायत समाधान प्रक्रिया से केवल 22 फीसदी ग्राहक संतुष्ट हैं. जानकारों का मानना है कि धीरे-धीरे रेरा की खामियां दूर करके उसे मजबूत कानून बनाया जा रहा है. ये रिपोर्ट कई राज्यों के 1,300 से ज्यादा ग्राहकों, डेवलपर्स, नियामक प्राधिकरणों, CAs, इंजीनियर्स और आर्किटेक्ट्स के साथ बातचीत के बाद तैयार की गई है. (Photo: File) सर्वे में शामिल 70 फीसदी ग्राहकों को रेरा के केवल मुख्य फायदों की जानकारी है. RERA जानने वाले 71 फीसदी ग्राहक कानून से संतुष्ट हैं. 76 फीसदी ग्राहक रेरा-रजिस्टर्ड संपत्ति खरीदने की ही योजना बनाते हैं. (Photo: File) जाहिर है कि नए प्रोजेक्ट्स के लिए तो रेरा एक भरोसेमंद कानून के तौर पर उभरकर सामने आया है. लेकिन पुराने प्रोजेक्ट्स के मामले में ये ग्राहकों को ज्यादा राहत नहीं दिला सका है. हालांकि इस सर्वे के मुताबिक 64 फीसदी डेवलपर्स रेरा प्राधिकरण से काफी संतुष्ट हैं. सर्वे में शामिल 55 फीसदी डेवलपर्स रेरा की वजह से ज्यादा आसानी से कर्ज को सुरक्षित कर पाने में सफल रहे हैं. (Photo: File) (रिपोर्टः आदित्य के राणा)
दिल्ली चुनाव से ठीक पहले राजधानी में अलग-अलग दलों के नेता पार्टी लाइन को दरकिनार कर एक साथ लंच करते, ठहाके लगाते और बात करते दिखे। सियासी विरोध यहां नदारद दिखा। यह केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल और पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल की ओर से आयोजित वार्षिक लंच का अवसर था। दोनों नेता हर साल यह आयोजन करते हैं। हालांकि इस बार अक्सर दिखने वाले कई नेता नहीं दिखे। इस पंजाबी तड़के के आयोजन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद, एस जयशंकर, सुब्रमण्यम स्वामी, शिवसेना के संजय राउत, कांग्रेस के शशि थरूर, राजीव शुक्ला, हंसराज हंस के अलावा राज्यवर्धन राठौर, सुप्रिया सूले, किरण खेर, हेमा मालिनी, कनिमोझी, अनुप्रिया पटेल समेत कई बड़े नेता शामिल रहे। पिछले साल इसमें किरण रिजिजू भी थे, लेकिन इस साल वे नहीं आए। नेताओं की आपसी बातचीत और गर्मजोशी भरा मेलमिलाप देखने लायक था। संसद और संसद के बाहर अक्सर राजनीतिक बयानबाजी करने और एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप लगाने वाले नेता यहां पर एक-दूसरे से ठहाके लगाकर बात कर रहे थे और साथ-साथ खाना खा रहे थे। कुछ नेता ट्रैक्टर पर बैठकर घूमे तो कुछ ढोल बजाते दिखे। यहां राजनीति को छोड़कर सभी तरह की बातचीत हो रही थी। इसको देखकर कोई नहीं कह सकता था कि ये वही नेता हैं, जो संसद और पार्टी की सभाओं में एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते हैं। बीजेपी नेता किरण खेर ने कहा, "यह पंजाब का त्योहार मनाने जैसा है और मैं चंडीगढ़ गर्ल हूं। वास्तव में मेरा भाई सुखबीर सिंह बादल के साथ कालेज जाता था। मैं यहां वर्षों से आती रही हूं, इसलिए यह जगह मेरे लिए घर जैसा है। " इस दौरान सभी दलों के नेताओं ने एक-दूसरे के साथ अलग-अलग पोजों में तस्वीरें खिंचवाईं और कमेंट किए। भोज कार्यक्रम में राजनीति से दूर सभी ने बच्चों की तरह मनोरंजन किया।
भुवनेश्वर, 11 अगस्त ओडिशा एफसी ने इंडियन सुपर लीग फुटबॉल टूर्नामेंट के आठवें सत्र से पहले स्पेन के 'सेंट्रल डिफेंडर' हेक्टर रोडास से अनुबंध किया है। वेलेंसिया के इस 33 वर्षीय फुटबॉलर ने लेवांटे के साथ अपने युवा करियर की शुरुआत की थी। वह 2009 में पहली बार इस क्लब की सीनियर टीम से खेले थे। रोडास ने स्पेन के कई क्लबों जैसे एल्ची, बेटिस, कोरडोबा, कल्चरल लियोनेसा, एल्कोरकोन की तरफ से भी फुटबॉल खेली है। वह पहली बार 2017 में किसी विदेशी क्लब (बेल्जियम के सर्कल ब्रग) से जुड़े थे। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
रमेसर लड़ाई झगड़े और मोहमाया से मुक्त हो चुके थे...! रमेसर लड़ाई झगड़े और मोहमाया से मुक्त हो चुके थे...! मां की नहीं आंखें तो उसकी धुंधली थीं जो कभी मां के मन के भाव को देख नहीं पाईं। मां की नहीं आंखें तो उसकी धुंधली थीं जो कभी मां के मन के भाव को देख नहीं पाईं। पहले माता-पिता को सेवा और प्यार का अर्पण या बस अपने पापों को धोने के लिए ये तर्पण ? जब आप अपनी सासु माँ को ऐसा बोल सकती हैं तो मैं भी ये कर सकती हूँ अपनी सासु माँ के साथ । "
नई दिल्ली (भाषा)। निर्माता, निर्देशक, पटकथा लेखक एवं अभिनेता करन जौहर को आज जन्मदिन है। करन जौहर आज 44 साल के हो गए हैं। इस अवसर बॉलीवुड की तमाम हस्तियों ने उन्हें सोशल मीडिया पर शुभकामनाएं दी। करन जौहर का जन्म 25 मई 1972 में मुंबई में फिल्म निर्माता यश जौहर और हीरु जौहर के घर हुआ था। करन ने अपने पिता यश के बाद 'धर्मा प्रोडक्शन' की बागडोर संभाली और उसे एक नई उचाईयों तक पहुंचाया। करन ने बॉलीवुड में अपने करियर की शुरुआत एक अभिनेता के तौर पर की थी, वर्ष 1989 में उन्होंने दूरदर्शन के धारावाहिक 'इंद्रधनुष' में श्रीकांत का किरदार निभाया था। इसके बाद 'दिल वाले दल्हनिया ले जाएंगे' में भी वह एक छोटी भूमिका में नजर आए थे। इस फिल्म में वह सहायक-निर्देशक भी थे। अभिनता के तौर पर उनको कोई खास प्रसिद्धि नहीं मिली। वर्ष 1998 में आई फिल्म 'कुछ कुछ होता है' के जरिए उन्होंने बतौर निर्देशक बॉलीवुड में अपना पहला कदम रखा और इसके साथ ही उन्होंने सफलता की सीढ़ियां चढ़ना शुरू की। इस फिल्म को आठ फिल्मफयेर पुरस्कार से नवाजा गया। फिल्म की कहानी भी करन ने ही लिखी थी। इसके बाद 2001 और 2006 में आई क्रमशः 'कभी खुशी कभी गम' और 'कभी अलविदा न कहना' भी उनके करियर की बडी हिट साबित हुई। वर्ष 2010 में आई आतंक विरोधी ड्रामा फिल्म 'माय नेम इज खान' के लिए एक बार फिर उन्हें सर्वश्रेष्ठ निर्देशन की श्रेणी में फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। 'कल हो ना हो', 'दोस्ताना', 'रब ने बना दी जोडी', 'वेक अप सिड', 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर', 'ये जवानी है दीवानी', 'बद्रीनाथ की दुल्हनिया' उनके करियर की बेहतरीन फिल्मों में से हैं। करन अभी तक अविवाहित हैं, वह हाल ही में दो जुड़वां बच्चों यश और रुही के (सेरोगसी के जरिए) पिता बने।
कराची। पिछले काफी समय से पाकिस्तान क्रिकेट टीम के कप्तान बाबर आजम अपनी फॉर्म से ऑउट चल रहे थे। एशिया कप के दौरान भारत और पाकिस्तान के पहले ही मैच में बाबर 8 रन बना कर आउट हो गये थे। इस के बार उनका खराब प्रदर्शन पूरे कप के दौरान जारी रहा। पाकिस्तान एशिया कप के फाइनल तक तो पहुंची लेकिन आखिरी दो मैच में टीम काफी खराब खेली। एशिया कप श्रीलंका ने जीता। बाबर के फॉर्म से ऑउट होने के बाद देश में टीम को लेकर काफी सवाल खडे़ हुए लेकिन अह एक बार फिर से बाबर आजाम ने शानदार वापसी की हैं। साल 2021 में होने वाले टी20 के विश्व कप में बाबर और रिजमान की जोड़ी ने भारत को 10 विकेट से हराया था। ठीक वैसा ही प्रदर्शन एक बार फिर से पाकिस्तान की टीन ने इंग्लैंड के खिलाफ करके दिखाया है। बाबर और रिजवान ने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया और इंग्लैंड के गेंदबाजों को कोई मौका नहीं दिया। बाबर ने पिछले सात टी20 मैचों में केवल 98 रन बनाए थे लेकिन इस मैच में उन्होंने अपने करियर का दूसरा शतक जड़करलय हासिल की। बाबर ने अपनी पारी में 11 चौके और पांच छक्के लगाए जबकि रिजवान की 51 गेंद की पारी में पांच चौके और चार छक्के शामिल हैं। इन दोनों ने पाकिस्तान की तरफ से पहले विकेट की साझेदारी का नया रिकॉर्ड बनाया। इससे पहले भी इन दोनों के नाम पर ही 197 रन का रिकॉर्ड दर्ज था, जो उन्होंने 2021 में सेंचुरियन में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बनाया था। इससे पहले इंग्लैंड की तरफ से मोईन अली के अलावा बेन डकेट ने 22 गेंदों पर 43, हैरी ब्रूक्स ने 31, फिल सॉल्ट ने 30 और एलेक्स हेल्स ने 26 रन का योगदान दिया। पाकिस्तान की तरफ से हारिस रऊफ और शाहनवाज दहानी ने दो -दो विकेट लिए। हम सभी जानते हैं कि टी20 विश्व कप ने 2021 से पहले भारत पाकिस्तान से पहले कभी नहीं हरा था लेकिन दुबई के मैदान में इतिहास की कमाई को टीम इंडिया ने गवां दिया था। बाबर और रिजवान की जोड़ी ने भारत को 10 विकेट से हराया था। बाहर और -रिजवान पाकिस्तान की टीम के ऑपनर बल्लेबाज है दोनों की साझेदारी से कई रिकॉर्ड बनाएं हैं। एशिया कप के मैचों में बाबर के फॉर्म में न होने के कारण भारत पाकिस्तान से पहला मैच जीत गया था लेकिल बाबर ने एक बार फिर से वापसी कर ली हैं। वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो भारत काफी मुश्किल में हैं। भारत अपनी कमजोर गेंदबाजी की समस्या से लगातार जूझ रहा हैं। टॉप गेंदबाज भी कोई कमाल नहीं दिखा पा रहे हैं। माना जा रहा है कि टीम इंडिया की ऑलमोस्ट यहीं टीम विश्व कप भी खेलने जाएगी। भारत और पाकिस्तान के बीच अगला मुकाबला 23 अक्टूबर 2022 को होने वाला है।
मेरा जीवन और कुरान : सैयद शाहिद अली । Mera Jivan Aur Quran : Saiyad Shahid Ali के बारे में अधिक जानकारी : कुरआन एक ऐसी किताब है जो खुदा की ओर से मनुष्य के मार्गदर्शन के लिए भेजी गई है। पवित्र कुरआन मनुष्य को सत्य-असत्य का अन्तर बताता है। यह मनुष्य को बुराइयों से पाक होने का तरीक़ा बताता है। यह मनुष्य को दुनिया और आख़िरत में अमन से रहने का मार्ग बताता है, इत्यादि। रमज़ान का महीना जिसमें कुरआन (पहले-पहल) उतारा गया लोगों के मार्गदर्शन के लिए, और मार्गदर्शन और सत्य-असत्य के अन्तर के स्पष्ट प्रमाणों के साथ। " (कुरआन, 2:185) *"ऐ लोगो! तुम्हारे पास तुम्हारे रब की ओर से उपदेश और जो कुछ सीनों में (रोग) है, उसके लिए रोगमुक्ति और मोमिनों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता आ चुकी है। " (कुरआन, 10:57) कुरआन किसी एक विशेष वर्ग के लिए नहीं है, बल्कि पूरी मानवजाति के लिए हैः "यह (कुरआन) तो सारे संसार के लिए बस एक अनुस्मरण है। " (कुरआन, 12:104) कुरआन सभी इनसानों के लिए है, किन्तु इससे केवल उन लोगों को मार्गदर्शन मिल सकता है, जो इसमें विश्वास रखते हैं और यह मानते हैं कि । यह उनके रब की ओर से है। ये लोग ख़ुदा से डरनेवाले भी होते हैं : "यह (कुरआन) लोगों के लिए सूझ के प्रकाशों का पुंज है और मार्गदर्शन और दयालुता है उन लोगों के लिए जो विश्वास करें। " (कुरआन, 45:20)
हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष को बहुत ही पवित्र माना जाता है पौराणिक कथा के अनुसार कहा जाता है की रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के आंसुओ के प्रथ्वी पर गिरने से हुई है रुद्राक्ष को शंकर भगवान का प्रतीक भी माना जाता है रुद्राक्ष कई प्रकार के होते है रुद्राक्ष को कोई भी व्यक्ति धारण कर सकता है किन्तु इसे धारण करने वाले व्यक्ति को बहुत से नियमो का पालन करना होता है अगर इन नियमो के पालन में कोई त्रुटी या चूक हो जाती है तो इसका गलत प्रभाव भी धारण करने वाले व्यक्ति पर पड़ सकता है. रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के जीवन सुख सम्रद्धि का उद्भव होता है तथा उसके जीवन के सारी दुःख बाधाये दूर हो जाती है रुद्राक्ष को धारण करने के कुछ नियम है जिनके अनुसार रुद्राक्ष धारण करना उचित होता है और रुद्राक्ष धारण के पश्चात् भी बहुत से नियमो का पालन करना होता है और यदि आप इन नियमो का पालन नहीं करते है तो आइये आपको बताते है इन नियमो के विषय में की ये कोन से नियम है जिनका पालन करना जरुरी है. 1 रुद्राक्ष को धारण करने से पहले पीतल के बर्तन में 108 बील पत्र पर ॐ नमः शिवाय लिखकर उस बर्तन को रात भर के लिए रख दें और सुबह उठकर स्वच्छ होने के पश्चात् रुद्राक्ष को धारण करे. 2 आपको रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् तामसिक भोजन जेसे अंडा,मांस,मदिरा,प्याज,लहसुन आदि सभी चीजो का त्याग करना होता है. 3 रुद्राक्ष को धारण करने से पूर्व उसे शिव स्पर्श करना आवयश्क है. 4 रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात व्यक्ति को हमेशा सत्य बोलना चाहिए और किसीको अपशब्द नहीं कहना चाहिए.
जानिए आज छह सितंबर सोमवार को आपका दिन कैसा रहेगा। आज का दिन किस राशि वालों के लिए अनुकूल है। किस राशि वालों को सचेत रहने की जरूरत है। हमें राशिफल से मिलने वाले संकेतों को गम्भीरता से समझना है। तभी हम शुभ संभावनाओं का लाभ और अशुभ घटनाक्रमों से होने वाली हानि टाल सकते हैं। तो आयें जानते हैं, आज का दिन आपके लिए कैसा रहेगा। बता रहे हैं आचार्य पंकज पैन्यूली। आज आप बच्चों के लिए कुछ खरीददारी कर सकते हैं। पुराने घर के पुर्ननिर्माण के बारे में भी आज आप विचार बना सकते हैं। आज आप नया घर खरीदने के बारे में विचार बना सकते हैं। यदि आप व्यापारी वर्ग से हैं। आप किसी फर्म से एजेंसी लेने के लिए प्रयासरत हैं तो आज आपको किसी बड़ी फर्म की एजेंसी मिल सकती है। आज आप ऊर्जावान बने रहेंगे। आप किसी व्यावसायिक यात्रा पर भी जा सकते हैं। यदि आप तकनीकि शिक्षा से जुड़े हुए व्यक्ति हैं, तो आज आपको कुछ नए अवसर प्राप्त होंगे। आज का दिन आपके लिए काफी अच्छा है। आज आपको आर्थिक लाभ भी होगा। नौकरी व्यवसाय में भी अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। आज आपके पिछले रुके कार्य पूर्ण होंगे। किसी व्यक्ति या संस्था से भी आपको सहयोग मिल सकता है। आज आपको किसी भी नये कार्य को करने से बचना चाहिए। आपका आज अनावश्यक अपव्यय भी हो सकता है। आज आपके प्रस्तावित कार्य तो पूर्ण होंगे, लेकिन कुछ अधिक संघर्ष भी करना पड़ेगा। आज का दिन आपके लिए बहुत शुभ है। यदि आप नौकरी में हैं तो पदोन्नति की संभावना बनेगी। व्यापारी हैं, तो व्यापार में धन लाभ की अच्छी संभावनाएं बनेंगी। आज आप किसी लंबी यात्रा पर निकल सकते हैं। किसी बड़े अधिकारी या सत्तासीन नेता का भी आपको सहयोग मिल सकता है। आज आपको क्रोध पर नियंत्रण रखना होगा ,अन्यथा आप क्रोध के कारण स्वयं को हानि पहुंचा सकते हैं। आज आप जीवन साथी के उग्र व्यवहार के कारण व्यथित रह सकते हैं। नौकरी व्यापार वालों के लिए दिन अच्छा है। आज आपको अनावश्यक संघर्ष से जूझना पड़ सकता है। किसी समकक्ष व्यक्ति के साथ वाद-विवाद की संभावना भी बन सकती है। यदि आप पहिले से किसी विवाद से गुजर रहे हैं, तो आज उसमें आपको राहत मिल सकती है। ज्योतिष एवं आध्यात्मिक गुरु, संस्थापक भारतीय प्राच्य विद्या पुनुरुत्थान संस्थान ढालवाला। कार्यालय-लालजी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मुनीरका, नई दिल्ली। शाखा कार्यालय-बहुगुणा मार्ग पैन्यूली भवन ढालवाला ऋषिकेश, जिला देहरादुन, उत्तराखंड। लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं। भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
तेलंगानाः उद्योग मंत्री के टी रामाराव ने सोमवार को कहा कि इस योजना का उद्देश्य हथकरघा और बिजली करघा बुनकरों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। हैदराबादः तेलंगाना सरकार सात अगस्त को हथकरघा और बिजली करघा बुनकरों के लिए एक जीवन बीमा योजना शुरू करेगी। इसी दिन राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जायेगा। इस योजना का लाभ लगभग 80,000 लाभार्थियों को मिलने की उम्मीद है। राज्य के उद्योग मंत्री के टी रामाराव ने सोमवार को कहा कि इस योजना का उद्देश्य हथकरघा और बिजली करघा बुनकरों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। उन्होंने एक बयान में कहा कि बीमित अवधि के दौरान लाभार्थी हथकरघा या पावरलूम बुनकर की मृत्यु की स्थिति में नामांकित व्यक्ति को पांच लाख रुपये मिलेंगे। राज्य सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के साथ एक समझौता किया है। सरकार एलआईसी को प्रीमियम राशि का भुगतान करेगी और लाभार्थियों को किसी भी राशि का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। सरकार ने प्रीमियम के भुगतान के लिए 50 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें से 25 करोड़ रुपये पहले ही जारी किए जा चुके हैं। साठ वर्ष से कम आयु के सभी हथकरघा और बिजली करघा बुनकर योजना के तहत नामांकन के पात्र हैं। बयान में कहा गया है कि राज्य में लगभग 80,000 हथकरघा और बिजली करघा बुनकरों को इस योजना के तहत बीमा मिलेगा।
मिसेस टेलरके साथ उसका केवल मित्रताका नाता था । परन्तु अब वह नाता पहले की अपेक्षा और भी घनिष्ठ होगया । इसके पहले उन दोनोंने कभी स्वप्नमें भी न सोचा था कि हमारा परस्परका सम्बन्ध इतना प्रगाढ़ हो जायगा । यद्यपि मिलके लिए इस प्रकारका संयोग बहुत ही लाभकारी हुआ और यह उसे अभीष्ट भी था, परन्तु जिस काकतालीय न्यायसे यह अचिन्तनीय योग आया वह यदि न आता तो उसे प्रसन्नता होती। इसके न आनेसे उसकी चाहे जितनी हानि होती वह उसे आन न्दसे स्वीकार करनेके लिए तैयार था, क्योंकि वह मिस्टर टेलरको अन्तःकरण पूर्वक चाहता था उसपर उसका अतिशय स्नेह था और उसीकी आकस्मिक तथा आकालिक मृत्युसे यह योग आया था । मिसेस टेलरके विषयमें तो कहना ही क्या है ? उसकी तो अपने पतिके विषय में यथेष्ट आस्था और प्रीति थी ही । अस्तु । मिस्टर टेलरकी मृत्यु जुलाई, सन् १८४९ में, हुई और उसके लगभग दो वर्ष पीछे, सन् १८५१ में, यह विवाहसम्बन्ध हो गया । इस अभिनव सम्बन्धसे मिलको जो लाभ हुआ उसका वर्णन नहीं हो सकता । पत्नी-वियोग । मिलके भाग्य में यह सुख केवल साढ़े सात ही वर्षके लिए लिखा था; अधिक नहीं । सन् १८५९ में उसका यह अमूल्य रत्न खो गया । इससे उसे जो हानि हुई वह असह्य थी । पर क्या करे, विवश होकर उसे सहना ही पड़ा । स्त्रीका वियोग होनेपर मिलका विचार हुआ कि मैं सर्वसङ्गका परित्याग कर दुनियाके सब झगड़ोंसे जुदा हो जाऊं; परन्तु फिर उसने यह सोचकर अपना विचार बदल दिया कि उसकी पत्नी जिस सार्वजनिक सुधारसे प्रेम रखती थी मुझे उसीके विषयमें अपने एक पहियेवाले रथसे ही, जितना बन सके उतना, प्रयत्न करते रहना चाहिए । और यदि वह जीती होती तो मेरे इसी कार्यको पसन्द करती इस तरह निश्चय करके वह सार्वजनिक सुधारके काममें मन लगाने लगा । संयुक्त ग्रन्थरचना । जब दो मनुष्योंके विचार और कल्पनाओं की तरह मिलकर एक हो जाती हैं, जब वे प्रतिदिन प्रत्येक विषयका खूब ऊहापोह करके अनुसन्धान किया करते हैं और जब वे एक ही महत्तत्त्वके आधारसे एक ही प्रकारका सिद्धान्त निवित करते हैं, तब इस बातका निश्चय नहीं हो सकता कि अमुक विषयकी कल्पना सबसे पहले किसको सूझी। जिसने उसे अपनी लेखनीसे लिखा होयदि वह उसीकी कल्पना समझ ली जाय तो भी ठीक नहीं । क्योंकि अकसर ऐसा होता है और यह ठीक भी मालूम होता है कि उन कल्पनाओंको लेखनरूपी शृंखलासे बाँधनेके कार्यमें उन दोनोर्मेसे जिसका प्रयत्न बहुत ही कम होता है उसीका प्रयत्न कल्पनाओंको जन्म देनेके कार्यमें अधिक होता है । ऐसी अवस्था में किसी संयुक्तरचनामें निश्चयपूर्वक ऐसा विभाग नहीं किया जा सकता कि अमुक भाग एकका और अमुक दूसरेका है । अतएव मिलके उन ग्रन्थोंके विषय में जो कि मिसेस टेलरसे मित्रताका और विवाहका सम्बन्ध होनेपर रचे गये हैं यही कहा जा सकता है कि वे दोनोंहीके बनाये हुए हैं - अर्थात् उनमें जो कुछ लिखा गया है वह दोनों के मस्तकोंकी लगभग बराबर बराबर कृति है। इससे अधिक निश्चित और स्पष्ट विभाग उनका नहीं किया जा सकता ।हां, कई बातें ऐसी भी हैं जिनके विषय में इससे कुछ और भी अधिक स्पष्ट कहा जा सकता है । इन दोनोंकी संयुक्त रचनामें जो जो कल्पनायें या जो जो अंश अतिशय महत्त्वके हैं, जिनका परिणाम अतिशय फलप्रद हुआ है, जिनके योगसे उस रचनाकी प्रसिद्धि अधिक हुई है, वे सब कल्पनायें या अंश है, और मिसेस टेलरके मस्तकसे उत्पन्न हुए हैं । अब यदि यह पूछा जाय कि उन कल्पनाओं और अंशोंमें मिलकी कृति कितनी थी ? तो उसका उत्तर यह है कि उसने जिस प्रकार अपने पूर्वक ग्रन्थकारोंके विचार पढ़कर और मननकर उनका अपनी विचारपरम्परासे तादात्म्य कर लिया था, उसी प्रकार उन कल्पनाओं या अंशोंका भी कर डाला था । अर्थात् मिसेस टेलरकी कल्पनाओं या विचारोंको अच्छी तरह समझकर उन्हें सुगम रीतिसे लेखबद्ध करनेका कार्य उसने किया था और इस विषयमें उसकी यहीं कृति थी । बालपन से ही उसको इस बातका अनुभव था कि मैं अपने मस्तकसे नवीन विचार उत्पन्न करनेकी अपेक्षा दूसरोंके विचारोंको सर्वसाधारणके समझने योग्य सुगम कर देनेका कार्य बहुत सफलताके साथ कर सकता हूं। उसे खुद ही इस बातका विश्वास न था कि मेरा मस्तक न्यायशास्त्र, आत्मशास्त्र और अर्थशास्त्र आदि तात्त्विक ग्रन्थोंको छोड़कर दूसरे विषयके ग्रन्थोंमें कुछ अधिक काम कर सकता है । परन्तु इस बातको वह ज़ोरके साथ कहता था कि दूसरोंसे किसी विषयके सौखनेकी शक्ति और उत्साह औरोंकी अपेक्षा मुझमें अधिक है । इसी कारण वह समझता था कि कॉलरिज, कारलाईल आदिके गहन भाषामें गये हुए बहुमूल्य विचारोंको बालक भी समझ सकें, ऐसी सरलसे सरल और सुगमसे सुगम रीतिसे प्रकाशित करना मेरा कर्तव्य है । हां, उनमें जितना अंश भ्रमपूर्ण या ग़लत हो, उतना निकाल डालना चाहिए । उसे इस प्रकारकी शिक्षा बालपनसे ही मिली थी । इसलिए उक्त विलक्षण - बुद्धि-शालिनी स्त्रीसे जब इसका विचारसमागम बहुत ही घनिष्ठ हुआ तब उसने अपने लिए केवल यही कार्य शेष छोड़ा कि उसके विशाल मस्तकसे निकले हुए तत्त्वोंको समझकर उन्हें अपनी विचार- परम्परासे मिला देना और अपने तथा उसके विचारोंमें जो अन्तर हो उसको पूरा कर देना । ' न्यायशास्त्रपद्धति ' नामका ग्रन्थ मिलकी स्वतन्त्र रचना है। उसके रचनेमें उसे मिसेस टेलरसे कुछ भी सहायता नहीं मिली । परन्तु ' अर्थशास्त्र के मूलतत्त्व ' नामक ग्रन्थकी रचनामें मिसेस टेलरने बहुत सहायता की थी । उसके जिस भागका सर्वसाधारणपर बहुत प्रभाव पड़ा उसे मिलने उसीके सुझानेपर लिखा था । इस भागमें मज़दूरोंकी भावी स्थितिका विचार किया गया है। अर्थशास्त्रका जो पहला मसविदा तयार किया गया था उसमें यह विषय न लिखा गया था। उसके कहनेसे ही मिलके ध्यानमें यह बात आई थी कि इस विषयके विना अर्थशास्त्र अधूरा रह जायगा और प्रायः उसीके मुंहसे निकले हुए शब्दों में उसने इस भागको लिखा था। इसके सिवा मिलको इस विषयको अच्छी तरहसे समझनेकी स्फूर्ति भी उसीके सुझानेसे हुई थी कि यद्यपि अर्थोत्पादनके नियम सृष्टिके नियमोंपर अवलम्बित है, तथापि अर्थविभागके नियम ऐसे हैं कि वे मनुष्योंकी इच्छापर अवलम्बित रहते हैं । इन दो प्रकारके नियमोंमें जो महत्त्वका भेद है उसे पहलेके अर्थशास्त्र - प्रणेताओंने जितना स्पष्ट करना चाहिए था उतना नहीं किया था । हो सकता है कि उनकी समझमें ही यह अच्छी तरह न आया हो । क्योंकि उन्होंने इन दोनों नियमोंको एक दूसरेसे मिला कर गड़बड़ मचा दी है और अर्थशास्त्रविषयक नियम' नामक सामान्य नाम देकर छुट्टी पा ली है । इन सब बातोंका सारांश यह है कि उक्त ग्रन्थका जितना तात्त्विक भाग है वह तो मिलका है और उन तत्त्वोंकी जो व्यावहारिक योजना दिखलाई गई है वह मिसेस टेलरके मस्तकका प्रसाद है । 'स्वाधीनता' मिलकी और उसकी स्त्रीकी संयुक्त सन्तान है । वह दोनोंही
काम लिया जाता है। राज्य की भूमि चार भागों में विभक्त है। पहले भाग से राज्यसम्बधी काम और धार्मिक उत्सव ( वनादिक) होते है, दूसरे से राज्य मना तथा अय क्मचारियों की धन-सम्बधी माव यकतायें पूरा होती है ठीसर से गुरणी आदमियों को पारितापित्र दिया जाता है, मोर चौथे से धार्मिक पुरुषो को दान दिया जाता है जिससे कि ज्ञान की खेती होती है । इन कामों के लिए लागों से घर मी थोडा लिया जाता है प्रोर उनमे नारीरिक सेवा भी, यदि आवश्यक हो तो, कम ही ली जाती है । प्रत्येक व्यक्ति को गहस्थी सब प्रकार में सुरक्षित रहती है, और सब लोग भूमि खो कर अपना भरण रोषरण करते ह । राज्य के कृपक अपनी पैगवार का छठा भाग सहायता स्वरूप देते ह । व्यापारी जो दश विदेश घूम फिर कर व्यवसाय करते हैं उनके लिए नया के घाट और सडकें थाडे महसूल पर खुला हुई है । जब काइ सवसाधारण के उपयोग का काम होता है और उसके लिए आवश्यकता होती है तब मजदूर बुलाय जात ह और मजदूरी दी जाती है। काम के मुताबिक मजदूरी बहुत वाजिवी दी जाती है । सना सोमा की रक्षा करती है तथा विद्रोही को द देने के लिए भेजी जाती । सना के लोग रात्रि मे किले की भी निगरानी करते ह । काय की आवश्यक्ताजुमार सनिक मरती किये जाते है । उनका बैतन नियत हो जाता है और गुप्तरीति म नहीं बल्कि रूप से नाम लिखा जाता है। शासक, मत्री, दडनायक तथा दूसरे कमचारी अपन भरण पापण के लिए थाडी थोडी भूमि पाये हुए ह । पौधे श्रौर वृक्ष, खेती, खाना-पीना और रसोई जलवायु और भूमि का गुरण स्थान के अनुसार जुन-जुन है और पैगवार मो उसी के अनुसार जुजु है। फूल और पौधे, फल, और वम, और अनव वे तया विविध नाम वाले ह-जम प्रमल, प्राम्ल, मधूक, भद्र, कपित्य, भामला, तिदुक, उदुम्बर, मोच, नारित्रेल, पनस इत्यादि सब प्रकार के फ्लो की गणना करना कठिन है, हमन थाड से उन फला का नाम लिख दिया जा लागा को अधिक प्रिय है । छुहारा, अखरा काट और परमम्मन (Pe simmo ) नहीं होने । नासपाती वेर, । शफतालू, खुवानी, अगर इयान इस द में वदमीर से लाये गये है और प्रत्येक स्थान पर उत्पन हात ह। प्रनार और नारगी भो सब जगह होती है । खेती करने वाले लोग भूमि जावत और ऋतु के अनुकून वृक्षारोपण करते हैं, मोर अपनी महनत के बाद बुछ देर विश्राम करते है। भूमि नम्ब वी उपज मे चावन और प्राय अन बहुतायत से होते ह । खाने योग्य जडी मोर पौधों में मारय, गरसों या राई खरबूजा या
चीन ने अरुणाचल प्रदेश से गायब हुए भारतीय युवक को भारतीय सेना को सौंप दिया है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू नें आज ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी दी। युवक पिछले हफ्ते गायब हो गया था और रविवार को चीनी सेना ने उसके मिलने की पुष्टि की थी। भारतीय सेना के हॉटलाइन पर संपर्क करने के बाद युवक को लौटाया गया है। अभी मेडिकल जांच जैसी तमाम तय प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश से भाजपा सांसद तापिर गाओ ने चीन पर 17 वर्षीय मिराम तरोन का अपहरण करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि ये घटना मंगलवार को ऊपरी सियांग जिले में उस जगह पर हुई जहां सांग्पो नदी तिब्बत से अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। इस नदी को अरुणाचल प्रदेश में सियांग नदी के नाम से जाना जाता है। चीनी सेना ने सियुंगला क्षेत्र के लुंगता जोर इलाके से तरोन का अपहरण किया। तरोन के दोस्त जॉनी येयिंग ने प्रशासन को उसके अपहरण की जानकारी दी थी। गाओ के अनुसार, वह भी तरोन के साथ था, लेकिन चीनी सेना से बचकर भागने में कामयाब रहा। दोनों युवक जिडो गांव के स्थानीय शिकारी हैं। गाओ ने भारत सरकार की सभी एजेंसियों से युवक की जल्द से जल्द रिहाई सुनिश्चित करने का अनुरोध किया था। उन्होंने गृह राज्य मंत्री निशीथ प्रमाणिक को भी घटना की सूचना दी थी। घटना की सूचना मिलते ही भारतीय सेना ने हॉटलाइन के जरिए चीनी सेना को एक युवक के गायब होने की सूचना दी। उसने युवक को ढूढ़ने में चीनी सेना की मदद मांगी और उसे तय प्रक्रिया के तहत लौटाने को कहा। पिछले रविवार को चीनी सेना ने तरोन के मिलने की पुष्टि की और एक हफ्ते के अंदर उसे लौटाने का वादा किया था। अब उसने तरोन को लौटा दिया है।
ठाणे : पिछले एक महीने से कोरोना मरीजों (Corona Patients) की संख्या नियंत्रण में थी। प्रतिदिन मरीजों के मिलने का आंकड़ा 40 से 70 के बीच था। लेकिन राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर त्योहारों को मनाने और पाबंदियों में दी गई छूट का असर अब नजर आ रहा है। शुक्रवार को अचानक इसमें वृद्धि देखी गई है और जिले में एक दिन में मिले नए कोरोना मरीजों की संख्या शुक्रवार को सौ के पार पहुंच गई है। पिछले 24 घंटे में 111 नए कोरोना के मरीज सामने आए है। इसमें मरीजों में सबसे ज्यादा 62 मरीज नवी मुंबई में मिले हैं। इससे एक्टिव मरीजों की संख्या में भी इजाफा देखा जा रहा है। हालांकि, इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई है, जो राहत की बात है। शुक्रवार को दर्ज 111 नए कोरोना मरीजों की संख्या के साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या 447 हो गई है। जिले में अब तक सात लाख 45 हजार 822 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। ठाणे महानगरपालिका क्षेत्र में शुक्रवार को 33 नये मरीज दर्ज किये गये, जिससे सक्रिय मरीजों की संख्या 164 हो गयी। नवी मुंबई महानगरपालिका क्षेत्र में 62 नए मरीज दर्ज होने के साथ ही यहां सक्रिय मरीजों की संख्या 171 पहुंच गई है। ठाणे जिला अस्पताल के प्रशासन ने बताया कि केडीएमसी में 6, उल्हासनगर, भिवंडी, मीरा-भायंदर में 2-2, कुलगांव बदलापुर में 1 और ठाणे ग्रामीण में तीन मरीज मिले हैं।
देहरादून से मैनेजमेंट कोर्स कर रही एक छात्रा का मेरिज सर्टिफिकेट बनाकर कुछ लोग उसके परिवार से बीस लाख रुपए की मांग कर रहे हैं। आरोप है कि परिवार को बदनाम करने की धमकी दी गई है। छात्रा की मां ने चार लोगों पर मुकदमा दर्ज कराया है। राजधानी के एक संस्थान की छात्रा की मां ने बताया कि कुछ दिन पूर्व रामगढ़ झारखंड निवासी पंकज पाठक ने उनके घर पर फोन किया। उसने कहा कि वह छात्रा का पति है। उसने छात्रा को उसके हवाले करने या बीस लाख रुपए देने की धमकी दी। घरवालों ने छात्रा से पूछा तो उसने शादी की बात से इनकार किया। बताया कि पंकज उसका सहपाठी है। कुछ दिन बाद पंकज ने डाक से छात्रा का मेरिज सर्टिफिकेट भेज दिया। इसमें छात्रा के हस्ताक्षर थे। छात्रा ने परिजनों को बताया कि कुछ महीने पहले पंकज और उसके दोस्तों ने उसे मूल निवास प्रमाणपत्र बनाने के नाम पर कचहरी बुलाया। पढ़ें, यौन शोषणः 'डीजीपी और ममता बोहरा ने रची कहानी' उसके मुताबिक वहां एक होटल में उसे कोल्डड्रिंक में नशीली दवा मिलाकर दी गई, जिसके बाद उसे होश नहीं रहा। इस बीच पंकज ने कुछ कागजों पर हस्ताक्षर करवा लिए। छात्रा की मां का आरोप है कि उनकी बेटी का फर्जी मेरिज सर्टिफिकेट बनवाया गया है। उधर, पुलिस के अनुसार करनपुर स्थित जिस मंदिर के पंडित से शादी कराने की बात कही गई है उस नाम का कोई पुजारी वहां नहीं है। कोतवाली पुलिस ने पंकज पाठक, उसके पिता चंद्रशेखर, इंदिरानगर निवासी कश्मीर सिंह और सौरभ सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आयुर्वेद मेडिकल ऑफिसर के 168 पदों को भरने के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि 9 दिसम्बर तक बढ़ा दी है। उम्मीदवार 9 दिसम्बर को रात 12 बजे तक आयोग की वैबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में खाली पड़ी बीएड (नॉन मेडिकल) की एक सीट को भरने के लिए काऊंसलिंग 29 नवम्बर को होगी। काऊंसलिंग विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग में सुबह 11 बजे से शुरू होगी। स्नातकोतर स्तर के कोर्सिज के लंबित परीक्षा परिणाम अब अगले माह ही घोषित हो पाएंगे। ऐसे में विद्याॢथयों को अभी परीक्षा परिणाम को लेकर और इंतजार करना पड़ेगा। नीट व जेईई की निःशुल्क ऑनलाइन कोचिंग की अंतिम तिथि को 25 नवम्बर तक बढ़ा दिया गया है। करियर प्वाइंट ग्रुप कोटा राजस्थान मैनेजमैंट ने लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए अंतिम तिथि को बढ़ाया है। विश्वविद्यालयों में अगले शैक्षणिक सत्र यानी कि 2023-24 सत्र से 4 वर्षीय स्नातक डिग्री कोर्स शुरू होंगे। इसको लेकर कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने गाइडलाइंस को अंतिम रूप दे दिया है। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा रविवार को पीएचडी प्रवेश परीक्षा करवाई गई। प्रवेश परीक्षा सुबह 10 बजे से 12 बजे तक शाहपुर सैंटर व रीजनल सैंटर मोहली में आयोजित हुई। 447 अभ्यर्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी है जबकि 170 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की कार्यकारी परिषद (ईसी) ने पीएचडी में प्रवेश परीक्षा के माध्यम से दाखिला प्रदान करने की अनिवार्यता पर मोहर लगा दी है। शनिवार को ईसी की बैठक में पीएचडी में बिना प्रवेश परीक्षा दाखिला न देने की अकादमिक काऊंसिल की स्टैंडिंग कमेटी की सिफारिशें पेश की गईं और इसको स्वीकृति प्रदान की गई। भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) सिरमौर के छठे वार्षिक दीक्षांत समारोह का आयोजन शनिवार को पांवटा साहिब में संस्थान के परिसर में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नैस्ले इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुरेश नारायणन मुख्यातिथि रहे। प्रदेश के 700 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल के 8 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने शनिवार को जेईई और नीट की फ्री कोचिंग के लिए ऑनलाइन सिलैक्शन टैस्ट दिया। इन स्कूलों के 11वीं कक्षा के साइंस स्ट्रीम के विद्यार्थियों के लिए एचपी-एसवीएवाई कोचिंग प्रोग्राम के तहत यह सिलैक्शन टैस्ट करवाया गया। हिमाचल प्रदेश नैशनल लॉ यूनिवर्सिटी का पहला दीक्षांत समारोह 2022 का आयोजन शनिवार को एडवैंचर रिसॉर्ट्स, न्यू कुफरी शिमला में किया गया। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश, विश्वविद्यालय के कार्यकारी व अकादमिक परिषद के सदस्य और हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश इस अवसर पर उपस्थित रहे। राजकीय शिक्षा महाविद्यालय धर्मशाला में बीएड सत्र 2022-24 में श्रेणीवार कुछ सीटें रिक्त रह गई हैं। इन सीटों पर अभ्यर्थी 21 से 26 नवम्बर तक आवेदन कर सकते हैं। ये सीटें बीएड 2022 के एंट्रैंस टैस्ट की मेरिट के आधार पर भरी जाएंगी। हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के पीएचडी अध्ययन कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा 20 नवम्बर को आयोजित होगी। प्रवेश परीक्षा 2 परीक्षा केंद्रों में होगी, जिसमें शाहपुर व रीजनल सैंटर मोहली शामिल है। हिमाचल प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय एसओएस के अंतर्गत मार्च 2023 में आयोजित करवाई जाने वाली 8वीं, 10वीं व 12वीं कक्षा की वार्षिक परीक्षाओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण हेतु तिथियों का निर्धारण हो गया है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू ) ने 22 नवम्बर से शुरू हो रही बीएससी नर्सिंग, पोस्ट बेसिक नर्सिंग व एमएससी नर्सिंग की परीक्षाओं के लिए एक परीक्षा केंद्र में बदलाव किया है। सरदार पटेल विश्वविद्यालय मंडी परीक्षा पोर्टल पर 124 संस्थान पंजीकृत हुए हैं। इन संस्थानों के 28 हजार से ज्यादा छात्रों ने पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिसमें से 23454 छात्रों का आवेदन शुल्क प्राप्त हो चुका है। दसवीं व जमा दो कक्षा की टर्म-1 परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 4233 अध्यापकों की ड्यूटी इस कार्य में लगाई है। 10वीं की उत्तरपुस्तिकाओं के लिए 2387 व 12वीं की उत्तरपुस्तिकाओं के लिए 1846 अध्यापक कार्य में लगे हैं। मेष राशि वालों आज आपको कार्यक्षेत्र में उच्च पद की प्राप्ति हो सकती है। धर्म-कर्म के कामों में आपका मन लगेगा। मिथुन राशि वाले जो पारिवारिक बिजनेस से जुड़े हैं उन्हें सफलता मिलने की पूरी संभावना है। सिंह राशि वालों व्यापारी वर्ग के लोगों के लिए दिन मुनाफा कमाने वाला रहेगा। आपकी आर्थिक स्थिति पहले से मजबूत होगी। कन्या राशि वालों ऑफिस में आपके प्रोजेक्ट के सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। कार्यक्षेत्र में व्यस्तता अधिक रहेगी। तुला राशि वालों आपके दिन की शुरुआत बेहद सुखद रहेगी। काफी समय से रुका हुआ काम आज संपन्न हो सकता है। वृश्चिक राशि वालों आज घर की सुख सुविधा संबंधी चीजों पर खर्च हो सकता है। आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है। मकर राशि वालों आय के स्त्रोत बढ़ने से रुके हुए कार्यों में गति आएगी। युवा वर्ग भविष्य को लेकर ज्यादा फोकस रहेंगे। कुंभ राशि वालों आज का दिन शानदार रहेगा। बिजनेस संबंधित निवेश करना आपके लिए उत्तम रहेगा। Be on the top of everything happening around the world. Try Punjab Kesari E-Paper Premium Service.
विश्व समुद्री उद्योग का दूसरा सबसे बड़ा नाव और नौका मेला, सीएनआर यूरेशिया बोट शो घरेलू और विदेशी आगंतुकों के रिकॉर्ड के साथ खुला। मेले में, समुद्र के प्रति उत्साही लोगों को 15 हजार लीरा से लेकर 50 मिलियन लीरा तक की कीमत में प्रत्येक बजट के लिए उपयुक्त नाव, नौका और सेलबोट प्रस्तुत किए गए। सीएनआर यूरेशिया बोट शो में, जो समुद्र प्रेमियों से बहुत रुचि के साथ मिला था, विश्व ब्रांडों के तुर्की लॉन्च भी हो रहे हैं। समुद्र प्रेमियों और सेक्टर के कंपास के लिए आयोजित यूरेशिया बोट शो ने इस साल अपने दरवाजे और शानदार ढंग से खोले। मेला, जहाँ मूल्यवान और विशेष रूप से डिज़ाइन की गई नावों का प्रदर्शन किया जाता है, सभी वर्गों के खरीदारों से अपील करता है। मेले में, लाखों पाउंड मूल्य के मेगा याच, जो समुद्री उद्योग में विश्व ब्रांड हैं, एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नाव और नौका मेला, 16वां अंतर्राष्ट्रीय समुद्री उपकरण और सहायक उपकरण मेला - सीएनआर यूरेशिया बोट शो 24 दिसंबर तक अपने आगंतुकों की मेजबानी करना जारी रखेगा। इस्तांबुल एक्सपो सेंटर में आयोजित सीएनआर यूरेशिया बोट शो को तुर्की समुद्री उद्योग का सबसे प्रतिष्ठित और रंगीन संगठन होने का गौरव भी प्राप्त है। सीएनआर यूरेशिया बोट शो के 85 वर्ग मीटर के मेला मैदान में 300 से अधिक विश्व प्रसिद्ध मेगा याच, मोटर याट और सेलबोट ब्रांड प्रदर्शित हैं। मेले में नवीनतम मॉडल नौकाओं और कई ब्रांडों की नौकाओं का तुर्की लॉन्च भी हो रहा है, जहां 3 से अधिक समुद्री वाहन मौजूद हैं। मेले में समुद्री क्षेत्र के संबंध में ए से जेड तक हर उत्पाद तक पहुंचना संभव है। उत्पादों और सेवाओं जैसे नाव सहायक उपकरण और नाव निर्माण सामग्री, गति और भ्रमण उपकरण, मोटर नौका और बिजली उपकरण, समुद्री कपड़े, मरीना और उपकरण, जल खेल उपकरण, समुद्री पर्यटन और चार्टर कंपनियां आगंतुकों के साथ मिलेंगी। प्रिंसेस, प्रेस्टीज, न्यूमरीन, यामाहा, लोकस्टन, फैंटम याच, वीआरजी एनएक्स बोट, यामाहा, होंडा, रेनक्राफ्ट यॉट, कावासाकी जैसे विश्व समुद्री उद्योग के कई प्रमुख ब्रांड अपने नवीनतम उत्पादों के साथ जगह लेंगे। सीएनआर यूरेशिया बोट शो में, समुद्र प्रेमियों के स्वाद के लिए 15 हजार लीरा से 50 मिलियन लीरा तक की कीमत सीमा में सभी बजट के लिए उपयुक्त नावें, नौका और सेलबोट प्रस्तुत किए जाते हैं।
मंडी शहर के भ्यूली में मकान में काम कर रहे मजूदरों के साथ हादसा हो गया। इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई जबकि दूसरा घायल हो गया, जिसे मेडिकल काॅलेज नेरचौक में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। मंडी (रजनीश): मंडी शहर के भ्यूली में मकान में काम कर रहे मजूदरों के साथ हादसा हो गया। इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई जबकि दूसरा घायल हो गया, जिसे मेडिकल काॅलेज नेरचौक में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार मंडी शहर के भ्यूली में शुक्रवार शाम को एक मकान में बिहार राज्य के मजदूर पलस्तर का काम कर रहे थे। इसी बीच तीसरी मंजिल में काम करने के लिए लगाई गई पैड़ टूट गई और 2 मजदूर नीचे गिर गए। हादसे के बाद दोनों घायलों को क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाॅक्टर ने एक मजदूर को मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान नागेश्वर पासवान (58) पुत्र शनिचर पासवान निवासी गांव छोटी रानी शक्करपुरा जिला खगड़िया बिहार के रूप में हुई है जबकि घायल की पहचान चंदन पंडित (45) निवासी राखो जिला खगड़िया बिहार के रूप में की गई है। पुलिस ने नागेश्वर पासवान के शव काे पोस्टमार्टम करवाने के बाद रिश्तेदारों का सौंपा दिया है। एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
- #Climate Changeधधकने लगा हमारा प्लानेट, सबक सीखने को नहीं है दुनिया तैयार. . . क्या ग्लोबल साउथ बनेगा पृथ्वी का पहरेदार? COP 27: जलवायु परिवर्तन रोकने में असफल क्यों साबित हो रहे हैं पर्यावरण सम्मेलन? COP 27: जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में कॉप-27 नाम से होने वाला शिखर सम्मेलन अभी हाल में मिस्र के शहर शर्म अल शेख में संपन्न हुआ। इसमें 100 से ज्यादा देशों ने तथा 35000 से ज्यादा अन्य संस्थाओं तथा प्रतिभागियो ने हिस्सा लिया। करीब 15 दिन चले इस सम्मेलन में निश्चित तौर पर जलवायु परिवर्तन संबंधी चर्चा हुई और उसके परिणाम को टालने हेतु कुछ ठोस करने की जरूरत भी महसूस की गई। 'लॉस एंड डैमेज फंड' की स्थापना इस सम्मेलन की ऐतिहासिक उपलब्धि मानी जा रही है। जलवायु परिवर्तन से होने वाले नुकसान को कुछ हद तक कम करने में यह फंड सहायक होने की उम्मीद है। क्या है यह कॉप ? संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्यों ने यूनाइटेड नेशन्स फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज (UNFCCC) के अंतर्गत जलवायु परिवर्तन का सामना करने हेतु 1992 में एक करार किया जो 1994 में अमल में आया। अब इसके 198 सदस्य है। आपसी सहयोग का यह एक जरिया था जिससे जलवायु परिवर्तन की समस्या का हल निकल सके और ऐसी नीतियां निर्धारित की जा सके जिससे पर्यावरण को बचाते हुए चिरस्थायी आर्थिक विकास हो सके। यूएनएफ़सीसीसी की नीति तय करने वाली सर्वोच्च संस्था को ही कॉप (Conference of Parties) अथवा सदस्यों का सम्मेलन कहा जाता है। इसके तहत 1995 से सम्मेलन होते रहे है। इस साल मिस्र में 27 वीं बार यह सम्मेलन हुआ है। सभी देश पर्यावरण में हो रहे बदलाव को गंभीरता से लेंगे और जिम्मेवारी से इस ओर प्रयत्न करेंगे ऐसा मानकर यह सम्मेलन होता है। यह स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन का मूल कारण गत 300-400 वर्षों से विकास के नाम पर जो मानवीय गतिविधियाँ बढ़ी हैं, उससे वायुमंडलीय संतुलन बिगड़ा है, परिणामस्वरूप पृथ्वी का वातावरण गरम हो रहा है। यह माना जा रहा है कि अगर धरती की गरमाहट 1. 5 डिग्री सेल्सियस तक नहीं रोकी गई तो उसके भयंकर परिणाम हो सकते है। बस यही बात सभी को मानकर इस बढ़ते तापमान को रोकने की कोशिश करनी थी, लेकिन बात इतनी आसान नहीं थी। मानव ने जो विकास किया है, उसकी दिशा पूरी तरह बदलना संभव नहीं है। जो देश इस विकास में आगे रहे हैं उनके सहयोग के बिना तापमान का बढ़ना रोका नहीं जा सकता। कॉप जैसे सम्मेलन के बाद भी विकसित देश दूषित वायु का उत्सर्जन कम करने में असफल साबित हो रहे हैं। जिन देशों को जलवायु परिवर्तन से नुकसान हो रहा है, उनको मुआवजा देने में असहयोग भी बना हुआ है। यही चिंता का कारण है। संयुक्त राष्ट्र संघ के यूएनएफ़सीसीसी के शुरुआती दौर में ही यह जरूरत महसूस की गई कि वातावरण दूषित करने वाली गैसों का उत्सर्जन कम हो। जो अमीर देश इन गैसों का ज्यादा उत्सर्जन कर रहे हैं, वो उन देशों को मुआवजा दें जिनका कोई दोष न होते हुए भी जो जलवायु परिवर्तन के परिणाम भुगत रहे है। इस सम्मेलन में गैसों का उत्सर्जन कम करने हेतु चर्चाएँ काफी हुई, लेकिन बात आगे नहीं बढ़ सकी। मुआवजे की बात भी गत सम्मेलन तक टाली जाती रही, लेकिन अब मिस्र के कॉप-27 में 'लॉस एंड डैमेज फ़ंड' की स्थापना एक बड़ी उपलब्धि कही जा सकती है। लेकिन अभी इस पर बहुत काम होना बाकी है। सिर्फ यह तय हुआ है कि यह फंड वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ़ के जरिये अमल में लाया जाएगा। अभी किसने कितना फंड देना है और किसको कितना मुआवजा देना है, इस पर निर्णय होना बाकी है। आने वाले दो तीन साल में यह बात सुलझने की उम्मीद कर सकते है। जहां तक गैसों के उत्सर्जन को रोकने की बात है, विकसित सदस्य देश जिसमें अमरीका, जापान और यूरोपियन देश शामिल है, साल 2000 तक अपने ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन 1990 के स्तर पर लाने की बात थी। लेकिन कॉप-1(1995) में ही यह सामने आया कि इतना पर्याप्त नहीं है। इस संदर्भ में आज तक हुए 27 सम्मेलनों में कॉप-3 (1997) और कॉप-22 (2015) महत्वपूर्ण कहे जा सकते हैं। कॉप-3 सम्मेलन जापान में हुआ जो 'क्योटो प्रोटोकॉल' नाम से प्रसिद्ध है। उसके बाद कॉप-22 फ्रांस में हुआ जो 'पेरिस समझौता' कहलाया। 'क्योटो प्रोटोकॉल' ने सात ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन की कमी के बारे में निर्णय तय किया। यह सात गैसें हैं कार्बन डाई ऑक्साइड (सीओ2), मिथेन (सीएच4), नाइट्रस ऑक्साइड (एन2ओ), हायड्रोफ्लोरोकार्बन (एचएफसी), परफ्लूरोकार्बन (पीएफ़सी), सल्फर हेक्साफ्लोराइड (एसएफ़6) और नाइट्रोजन ट्राई फ्लोराइड (एनएफ़3)। कॉप-22 सम्मेलन पेरिस में यह माना गया कि ग्लोबल वार्मिंग कम करने के लिए तापमान को 2 या 1. 5 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म होने से रोकना है। इसलिए दूषित वायु उत्सर्जन के लक्ष्य के बदले तापमान कम करने पर ज़ोर दिया गया। बाद में बहुत सी चर्चाएं होती रहीं और कुछ देश, जिसमें यूरोपीय देश शामिल थे, ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के कड़े लक्ष्य की बात करते रहे। अमरीका, जापान, कनाडा, औस्ट्रेलिया जैसे कुछ देश लचीले लक्ष्य की बात दुहराते रहे। लेकिन अमरीका ने इस 'क्योटो प्रोटोकॉल' को नहीं माना। चर्चाएँ होती रही और दूषित गैसों का उत्सर्जन तथा तापमान भी बढ़ता रहा। इससे यह कहा जा सकता है कि जलवायु परिवर्तन के परिणाम को रोकने की बात ज्यादातर भाषणों तक सीमित रहा। विकसित देश जितना बोलते हैं उतना करते नहीं। जलवायु परिवर्तन एक गंभीर मुद्दा है और समाज के हर घटक का पर्यावरण अनुकूल व्यवस्था बनाने में सहयोग आवश्यक है, तभी जलवायु परिवर्तन का सामना हो सकेगा। यह सही है कि जलवायु परिवर्तन में तापमान का बढ़ना मुख्य है और बढ़ते तापमान को रोकना अहम मुद्दा। वैसे यह भी कहा जा रहा है कि तापमान बढ़ना रुका तो भी बढ़ी हुई गर्मी से होने वाले नुकसान को रोकना मुश्किल होगा। फिर भी दुनिया में संशोधन हो रहा है और ऐसी स्थिति से बचने के उपाय ढूंढे जा रहे हैं। पेट्रोलियम, कोयला और प्राकृतिक गैस का उपयोग कम कर सौर ऊर्जा जैसे स्त्रोतों पर ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन अभी इसमें गति नहीं आयी है। यह तय है कि सभी को पर्यावरण अनुकूल नई जीवन शैली अपनानी होगी तथा उसके अनुरूप अर्थव्यवस्था चलानी होगी। इसमें सरकार, व्यक्ति और समाज सभी को एक दूसरे के साथ चलना होगा। सरकारों को भी इस जलवायु परिवर्तन को गंभीरता से लेना होगा और राजनीति से परे हट कर इस पर काम करना होगा। सिर्फ भाषण से या मुआवजे की बात कर जलवायु परिवर्तन के परिणाम टाले नहीं जा सकते। यह भी पढ़ेंः CoP27: जलवायु परिवर्तन रोकने में नाकाम क्यों हो रहे हैं दुनियाभर के देश? (इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं। लेख में प्रस्तुत किसी भी विचार एवं जानकारी के प्रति Oneindia उत्तरदायी नहीं है। )
दादू सब जग नीधना, धनवंता नहीं कोई। सो धनवंता जाणिय, जाकै राम पदारथ होई।। मिर्ज़ा फ़रहतुल्लाह बेग का कथन है कि 'नज़ीर' आठ भाषाएँ जानते थे - अरबी, फ़ारसी, उर्दू, पंजाबी, ब्रजभाषा, मारवाड़ी, पूरबी और हिन्दी। नज़ीर ने अपनी शायरी सीधी-सादी उर्दू में आम जनता के लिए की। उस ज़माने में इल्मो-अदब शाही दरबारों में पलती-पनपती थी, पर नज़ीर ही एक ऐसे शायर हैं जिन्होंने अपने आप को दरबारों से दूर रखा। नवाब सादत अली खां ने उन्हें लखनऊ बुलवाया और भरतपुर के नवाब ने उन्हें न्यौता भेजा, पर न उन्हें अकबराबाद छोड़ना था न उन्होंने आगरा छोड़ा। नज़ीर एक धर्मनिरपेक्ष शायर थे। अब्दुल कलाम के जीवन में इनकी माता का बहुत महत्त्वपूर्ण स्थान रहा है। इनकी माता ने 92 वर्ष की उम्र पाई। वह प्रेम, दया और स्नेह की प्रतिमूर्ति थीं। उनका स्वभाव बेहद शालीन था। इनकी माता पाँचों समय की नमाज़ अदा करती थीं। जब इन्हें नमाज़ करते हुए अब्दुल कलाम देखते थे तो इन्हें रूहानी सुकून और प्रेरणा प्राप्त होती थी। कोणार्क शब्द, 'कोण' और 'अर्क' शब्दों के मेल से बना है। अर्क का अर्थ होता है सूर्य जबकि कोण से अभिप्राय कोने या किनारे से रहा होगा। कोणार्क का सूर्य मंदिर पुरी के उत्तर पूर्वी किनारे पर समुद्र तट के क़रीब निर्मित है। इस मंदिर को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि अपने सात घोड़े वाले रथ पर विराजमान सूर्य देव अभी-अभी कहीं प्रस्थान करने वाले हैं। यह मूर्ति सूर्य मन्दिर की सबसे भव्य मूतियों में से एक है। सम्भवतया निर्माण सामग्री नदी मार्ग से यहाँ पर लाई गई। इसे मन्दिर के निकट ही तराशा गया। पत्थरों को स्थिरता प्रदान करने के लिए जंगरहित लोहे के क़ब्ज़ों का प्रयोग किया गया। इसमें पत्थरों को इस प्रकार से तराशा गया कि वे इस प्रकार से बैठें कि जोड़ों का पता न चले। श्राद्ध पूर्वजों के प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक हैं। पितरों के निमित्त विधिपूर्वक जो कर्म श्रद्धा से किया जाता है उसी को श्राद्ध कहते हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार, प्रत्येक शुभ कार्य के प्रारम्भ में माता-पिता, पूर्वजों को नमस्कार या प्रणाम करना हमारा कर्तव्य है, हमारे पूर्वजों की वंश परम्परा के कारण ही हम आज यह जीवन देख रहे हैं, इस जीवन का आनंद प्राप्त कर रहे हैं। इस धर्म में, ऋषियों ने वर्ष में एक पक्ष को पितृपक्ष का नाम दिया, जिस पक्ष में हम अपने पितरेश्वरों का श्राद्ध, तर्पण, मुक्ति हेतु विशेष क्रिया संपन्न कर उन्हें अर्घ्य समर्पित करते हैं। यदि किसी कारण से उनकी आत्मा को मुक्ति प्रदान नहीं हुई है तो हम उनकी शांति के लिए विशिष्ट कर्म करते है जिसे 'श्राद्ध' कहते हैं। देवर्षि! जैसे अग्नि को प्रकट करने की इच्छा वाला पुरुष अरणीकाष्ठ का मन्थन करता है, उसी प्रकार इन कुटुम्बी-जनों का कटुवचन मेरे हृदय को सदा मथता और जलाता रहता है। नारद जी! बड़े भाई बलराम में सदा ही असीम बल है; वे उसी में मस्त रहते हैं। छोटे भाई गद में अत्यन्त सुकुमारता है (अतः वह परिश्रम से दूर भागता है); रह गया बेटा प्रद्युम्न, सो वह अपने रूप-सौन्दर्य के अभिमान से ही मतवाला बना रहता है। इस प्रकार इन सहायकों के होते हुए भी मैं असहाय हूँ। हिंदी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय- आर्य भाषा है। सन् 1991 ई. की जनगणना के अनुसार, 23.342 करोड़ भारतीय हिंदी का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 33.727 करोड़ लोग इसकी लगभग 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। इसकी कुछ बोलियाँ, मैथिली और राजस्थानी अलग भाषा होने का दावा करती हैं। हिंदी की प्रमुख बोलियों में अवधी, भोजपुरी, ब्रजभाषा, छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, कुमांऊनी, मागधी और मारवाड़ी भाषा शामिल हैं। किसी विदेशी भाषा से कोई राष्ट्र महान् नहीं हो सकता। कोई भी विदेशी भाषा आम लोगों की भाषा नहीं हो सकती। भारत के हित में, भारत को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने के हित में, ऐसा राष्ट्र बनाने के हित में जो अपनी आत्मा को पहचाने, जिसे आत्मविश्वास हो, जो संसार के साथ सहयोग कर सके, हमें हिन्दी को अपनाना चाहिए। गजानन माधव मुक्तिबोध असमय ही मेंनन्जाइटिस की बीमारी के कारण अपनी काव्य की महानतम रचनाओं की बहुमूल्य सामग्री हमें देकर चल बसे। अंतिम समय में लालबहादुर शास्त्री जी की आर्थिक मदद भी काम नहीं आयी। जो स्थान गद्य में फ़्रॅंज़ काफ़्का और श्ज़्याँ पॉल सात्र का है, चित्रकारी में पाब्लो पिकासो और वॅन गॉफ़ का है, संगीत में वुल्फ़ गैंग अमादियुस मोज़ार्ट और लुड्विग बिथोवन का है, विज्ञान में एल्बर्ट आंइस्टाइन और आइज़ॅक न्यूटन का है, जो कहानी कहने में मोपाँसा, मण्टो और ओ'हेनरी का है, जो नाट्य में ब्रर्तोल्त ब्रेख़्त और सेमुअल बैकेट का है, फ़िल्म निर्माण में अकीरा कुरोसावा, फेदिरिको फेलिनी और चार्ली चैपलिन का है, राजनीति में चेग्वेरा, हो चिन मिन्ह और भगत सिंह का है, वही स्थान हिंदी कविता में मुक्तिबोध का है। मुक्तिबोध के लिए जैसे कविता की विधा उनके व्यक्तित्त्व के सामने अपनी सीमित क्षमताओं की वजह से संकुचित हो जाती है और फिर मुक्तिबोध जैसे उसे अपनी भावों और अभिव्यक्ति से नवीन आकार देते हैं और एक ऐसा मार्ग और क्षेत्र भी प्रदान करते हैं जहाँ हिंदी कविता अपने स्वच्छंद रूप को निखारते हुए विचरण करती है। मुक्तिबोध को पढ़ना ऐसा ही है जैसे पृथ्वी से इतर किसी ग्रह से मिली किसी ऐसी रचना को पढ़ा जाए जो उस हिंदी भाषी ग्रह के सैंकड़ों वर्ष अग्रिम होने का आभास देती हो। मेरी इस महाकवि को हृदय के प्रत्येक स्पंदन से श्रृद्धांजलि। को उठाया तो बहुत हल्के लगे। असल में खुदीराम बोस ने आमों को चूस कर दोबारा हवा से फुला कर वापस रख दिया था। इस बात पर वे और वार्डन ख़ूब हँसे। जिसे फाँसी होने वाली हो उसका इस तरह हँसी मज़ाक करना क्या मायने रखता है इसको वही समझ सकता है जिसने मृत्यु को बहुत क़रीब से जाना हो। आप कृष्ण को भगवान मानते हैं, मिथक मानते हैं, कथा चरित्र मानते हैं या ऐतिहासिक व्यक्ति मानते हैं इससे कृष्ण की सार्वकालिक प्रासंगिकता पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता। डॉ. राममनोहर लोहिया लिखते हैं कि "एक कृष्ण ही है जिसने दर्शन को गीत बनाया।"... कृष्ण को कोई अछूता नहीं छोड़ता। सभी कृष्ण पर लिखते हैं चाहे धार्मिक हो या मार्क्सवादी, समाजवादी हो या पूँजीवादी या फिर किसी भी नए पुराने संम्प्रदाय के व्याख्याकार। यह तो मैं नहीं जानता कि भगवत् गीता, श्री कृष्ण के श्रीमुख से आई अथवा व्यासों ने लिखी लेकिन गीता एक विलक्षण 'उपनिषद' है। 'कृष्ण' संपूर्ण भारत का सबसे व्यापक तत्व है इससे किसी को मतभेद नहीं होना चाहिए। गुरु रवींद्र नाथ टैगोर (ठाकुर) को शिक्षा पद्धति में प्रयोग करते रहने की आदत थी। शांतिनिकेतन ऐसे अनेक प्रयोगों और विद्यार्थियों का साक्षी है। जब उन्होंने शांतिनिकेतन की स्थापना की तो उनकी पहचान वालों ने शांतिनिकेतन में अपने बच्चे डरते-डरते भेजे कि पता नहीं किस तरह की पढ़ाई होगी। गुरु रवींद्र के विश्वास दिलाने पर कि सब कुछ ठीक रहेगा, वे थोड़े आश्वस्त हुए। एक दिन इन जोखिम उठाने वाले अभिभावकों ने अपने बच्चों की पढ़ाई की प्रगति की जांच करने की गरज़ से शांतिनिकेतन में जाने का निश्चय किया। वहाँ पहुँचे तो देखते हैं कि गुरु रवींद्र एक पेड़ के नीचे बैठ कर तीन बच्चों को पढ़ा रहे हैं और 7-8 बच्चे उस पेड़ पर चढ़कर आम खा रहे हैं। पूछने पर गुरु रवींद्र ने कहा "मैं तो इन तीन बच्चों में उस कमी को दूर करने की कोशिश कर रहा हूँ जो इनको रसीले खट्टे-मीठे आम खाने से रोक रही है... न जाने क्यों इनका ध्यान आमों पर नहीं है... ये तो पढ़ना चाहते हैं... शायद आप लोगों के ग़लत लालन-पालन से ऐसा हुआ है।" ... ऐसे थे गुरु रवींद्र नाथ टैगोर जिनके खाते में पर दो-दो देशों के राष्ट्र गान आते हैं। एक तो अपना देश भारत और दूसरा बांग्ला देश। उत्तिरमेरूर, उत्तरमेरूर अथवा उत्तरमेरुर (अंग्रेज़ीः Uthiramerur) भारत में प्रजातांत्रिक शासन के कई प्राचीन उदाहरण हैं जिनमें से एक उत्तिरमेरूर का भी है। इसे पढ़कर कोई भी आश्चर्यचकित रह जाएगा जबकि यूरोपीय विद्वानों का दावा रहता है कि प्रजातांत्रिक ढांचा उनकी ईजाद है। असल में भारत के इतिहास को जिन तथ्यों के आधार पर क्रमबद्ध किया गया वे पर्याप्त नहीं थे और आज भी अपर्याप्त हैं। इसका दोष किसी दूसरे के सर मढ़ने से अच्छा है कि इसका दोष हम ख़ुद स्वीकारें और पश्चाताप करने के बजाय प्रायश्चित करें। जिसका प्रयास में भारतकोश के माध्यम से कर रहा हूँ। सरदार ऊधम सिंह जी ने जो किया वह स्वतंत्रता आंदोलन और शहादत के इतिहास में सबसे बड़ा प्रतिशोध माना जाता है। किसी लक्ष्य को 21 वर्ष तक अपने ज़ेहन में समेटे रखना और उसे कर दिखाना वास्तव में अद्भुत होने से भी परे है। प्रेमचंद जी की प्रतिभा को समझने का एक आसान तरीक़ा है। उनकी कहानी को एक बार पढिए और दोबारा उसे अपने-आप लिखने की कोशिश कीजिए। हो सके तो अपने मन से उसे और बेहतरीन बनाने की कोशिश कीजिए। इसके बाद ख़ुद पढ़िए और किसी को पढ़ने को दीजिए। सब कुछ अपने-आप सामने आ जाएगा। प्रेमचंद का साहित्य किसी की एकान्तिक अन्तर्व्यथा नहीं बल्कि अपने भीतर जीते जागते भारत की संस्कृति और समाज को सहज समाहित करने का सफलतम प्रयास है। भारतीय उद्योग के पितामह जमशेदजी टाटा के भतीजे जे.आर.डी. साहब एक ऐसे व्यक्तित्व थे जिनके लिए भारत का सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' भी छोटा पड़ जाता है। टाटा परिवार देशभक्ति और ईमानदार विकासवादी सोच के लिए पहचाना जाता है। टाटा परिवार ने कभी भी व्यापार को उद्योग से अधिक महत्त्व नहीं दिया। यह भारत का दुर्भाग्य ही है कि जमशेदजी टाटा के परिवार का वंशज, अब रतन टाटा साहब के बाद कोई नहीं है। ईरान (फ़ारस या पर्सिया) से जब पारसी भारत आए तो उन्होंने भारतीय कुलनाम अपनाए, जो अधिकतर व्यवसायों से सम्बंधित थे। जैसे - बाटलीवाला, टायरवाला, दारूवाला आदि, लेकिन टाटा कुलनाम का स्त्रोत बिल्कुल अलग है। इसे संस्कृतनिष्ट गुजराती में संस्कृत भाषा के शब्द 'तात' से अपनाया गया। छत्रपति साहू महाराज ने दलित जातियों के लिए अनुकरणीय कार्य किए। वे शिक्षा में प्रत्येक जाति की भागीदारी चाहते थे। किसानों के लिए सिंचाई के साधन उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने सन 1907 में बाँध बनवाने का कार्य किया। उस समय भारत में यह सब सोच पाना भी किसी के वश की बात नहीं थी। वे किसानों, ग़रीबों और दलितों के लिए वास्तव में सच्चे 'राजा' थे। लोकमान्य तिलक जी पर चला मुक़दमा एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है। इसे पढ़ने से अंग्रेज़ी शासन कारगुज़ारी पता चलती हैं। अदालत में दिए उनके लम्बे भाषण भी बहुत प्रसिद्ध हुए उन्होंने कहा "मैं हज़ारों ऐसे लोगों से मिला हूँ, जो ज़ंजीरों और परेशानियों में थे। लेकिन मुझे उनमें एक भी आदमी ऐसा नहीं मिला जो स्वतंत्रता से प्यार न करता हो। जो क़ानून और व्यवस्था के विरुद्ध हो, जो सुसंचालित सरकार न चाहता हो।..." उन्होंने प्रसिद्ध नारा भी दिया "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे प्राप्त करके रहूँगा। जीवन भर उन्होंने लिखा, बोले और अंग्रेज़ों से लड़े। गीता का भाष्य उनकी उत्कृष्ट रचना है। अमर क्रांतिकारी चंद्रशेखर आज़ाद कई भगतसिंह तैयार कर सकते थे लेकिन कोई आज़ाद जैसी शख़्सियत 'तैयार' कर दे यह मुमकिन नहीं। चंद्रशेखर आज़ाद पैदा हुआ करते हैं बनाए नहीं जाते। आज़ाद जी ने बिना संसाधनों के एक सुनियोजित क्रांतिकारी आंदोलन चलाया। नौजवानों को देशभक्ति की, हथियारों की और गुरिल्ला युद्ध की शिक्षा देने का कार्य करना एक अद्भुत कार्य था। वे जानते थे कि कब, किसको, कितना और किस कार्य का दायित्व सौंपा जा सकता है। स्वयं उनके द्वारा चलाई गई आख़री गोली उनकी कनपटी पर तो चली लेकिन उसकी गूँज ने अंग्रेज़ों के मन्सूबों को दहला दिया। हर वर्ष जब लालक़िले पर झंडा फहराया जाता है तो मुझे लगता है तिरंगे के स्तम्भ को स्वयं आज़ाद अपने हाथ से थामे हुए मुस्कुरा रहे हैं। मीरा बेन (मीरा बहन) गाँधी वादी हो गई थीं। अंग्रेज़ होने के बावजूद वे भारत के पक्ष में रहीं। उस समय अंग्रेज़ों का शासन था और वे अंग्रेज़ अधिकारी की बेटी थीं। उनके इस जज़्बे के लिए भारत की ओर से बहुत कुछ होना चाहिए था लेकिन हुआ नहीं। वे प्रकृति, जीव-जन्तु और संगीत की विशेष प्रेमी थीं। आज़ादी के बाद सच्चे गाँधी वादियों का अप्रासंगिक हो जाना सामान्य सी बात थी। यही मीरा बेन के साथ भी घटा। किसान आश्रम, बापू ग्राम जैसे आश्रम उन्होंने खोले। मीरा बेन ने पशुओं की सुरक्षा और उन्होंने हिमालय और तराई के जंगलों को बचाने के लिए प्रयास किए। सरकार ने उनके सुझावों को अनदेखा कर दिया। 60 के दशक के अंत में वो इंग्लॅन्ड और बाद में वियना चली गईं। वियना तो हमेशा की तरह मोज़ार्ट और बीथोवन की संगीत से गूँज रहा था। बीथोवन उनके पसंदीदा संगीतकार थे। मीरा बेन ने बीथोवन की जीवनी भी लिखी लेकिन किसी कारण छपी नहीं। नसीरुद्दीन शाह ने भारतीय फ़िल्म अभिनय को अंतरराष्ट्रीय पहचान दी। उन्हें राबर्ट डी नीरो और अल पचीनो के समकक्ष माना जाता है। अभिनय एक प्रतिभा के रूप में जितना नसीर साहब को मिला उतना अभी तक किसी अभिनेता को नहीं। किसी भी फ़िल्म में नहीं लगता कि नसीर अभिनय 'कर' रहे हैं बल्कि इतनी सहजता से वे पात्र को जीते हैं कि आश्चर्य होता है। फ़िल्मों के बारे में उनका कहना है कि फ़िल्म सिर्फ़ अच्छी या बुरी होती है। फ़िल्मों की तमान श्रेणियाँ बनाना बेकार है। फ़िल्म अभिनेताओं में दिलीप कुमार, अमिताभ बच्चन और नसीरुद्दीन शाह ही ऐसे माने जाते हैं जिनका हिंदी भाषा और अंग्रेज़ी भाषा पर समान और अच्छा अधिकार है। अफ़साना निगार याने कहानीकार और उपन्यासकार इतिहास को अपने मन मुताबिक़़ घुमा-फिरा देते हैं। इसके बाद फ़िल्मकार तो और भी ज़्यादा मसाले का तड़का लगा देते हैं। मुग़ल इतिहास में अकबर की पत्नी, जो सलीम (जहाँगीर) की माँ भी थी, का नाम जोधाबाई, कहीं भी नहीं है। अकबरनामा, जहाँगीरनामा कहीं भी देख लीजिए आपको जोधाबाई नाम जहाँगीर की पत्नी के रूप में मिलेगा, अकबर की पत्नी का नहीं। ये हिंदू रानी जो अकबर की पत्नी बनी आमेर (जयपुर) के राजा बिहारी मल (भारमल) की पुत्री थी। इसका नाम हरका, रुक्मा या हीरा था। शादी के बाद नाम हो गया था मरियम-उज़-ज़मानी। कर्नल टॉड के लोक-कथाओं पर आधारित इतिहास और मुग़ल-ए-आज़म फ़िल्म के कारण जोधाबाई नाम, अकबर की रानी के रूप में प्रसिद्ध हो गया। फ़तेहपुर सीकरी आगरा से 22 मील दक्षिण में, मुग़ल सम्राट अकबर का बसाया हुआ भव्य नगर जिसके खंडहर आज भी अपने प्राचीन वैभव की झाँकी प्रस्तुत करते हैं। अकबर से पूर्व यहाँ फ़तेहपुर और सीकरी नाम के दो गाँव बसे हुए थे जो अब भी हैं। इन्हें अंग्रेज़ी शासक ओल्ड विलेजेस के नाम से पुकारते थे। सन् 1527 ई. में चित्तौड़-नरेश राणा संग्रामसिंह और बाबर ने यहाँ से लगभग दस मील दूर कनवाहा नामक स्थान पर भारी युद्ध हुआ था जिसकी स्मृति में बाबर ने इस गाँव का नाम फ़तेहपुर कर दिया था। तभी से यह स्थान फ़तेहपुर सीकरी कहलाता है। कहा जाता है कि इस ग्राम के निवासी शेख सलीम चिश्ती के आशीर्वाद से अकबर के घर सलीम (जहाँगीर) का जन्म हुआ था। जहाँगीर की माता मरियम-उज़्-ज़मानी (आमेर नरेश बिहारीमल की पुत्री) और अकबर, शेख सलीम के कहने से यहाँ 6 मास तक ठहरे थे जिसके प्रसादस्वरूप उन्हें पुत्र का मुख देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। सन् 1584 में एक अंग्रेज़ व्यापारी अकबर की राजधानी आया, उसने लिखा है− 'आगरा और फ़तेहपुर दोनों बड़े शहर हैं। उनमें से हर एक लंदन से बड़ा और अधिक जनसंकुल है। सारे भारत और ईरान के व्यापारी यहाँ रेशमी तथा दूसरे कपड़े, बहुमूल्य रत्न, लाल, हीरा और मोती बेचने के लिए लाते हैं।' सन् 1600 के बाद शहर वीरान होता चला गया हालांकि कुछ नए निर्माण भी यहाँ हुए थे। 6 जुलाई बाबू जगजीवन राम की पुण्यतिथि है। बाबू जगजीवन राम पं. जवाहरलाल नेहरू के पसंदीदा कांग्रेसी राजनीतिज्ञों में से थे। दलितों का प्रतिनिधित्व करने के बावजूद भी इन पर कभी किसी भी जाति विशेष का पक्ष लेने का आरोप नहीं लगा। रक्षा मंत्री जैसे अति संवेदनशील मंत्रालय को संभालने वाले बाबू जगजीवन राम सरल, मृदु और व्यवाहरिक स्वाभाविक गुणों के लिए पहचाने जाते थे। 1971 के भारत पाक युद्ध में जब भारत की जीत हुई, तब रक्षा मंत्री बाबू जगजीवन राम ही थे। भारत में हरित क्रांति से अन्न का उत्पादन कई गुणा बढ़ा। हरित क्रांति के समय 1974 में बाबू जगजीवन राम ही कृषि मंत्री थे। बाबू जी ने आधुनिक भारत निर्माण में जितना सक्रिय योगदान बिना मुखर हुए नेपथ्य की सी भूमिका में किया उतना योगदान वर्तमान बड़बोले राजनीतिज्ञों के लिए प्रत्यक्ष में भी कर पाना सम्भव नहीं है। 'शबबरात' याने मुक्ति की रात्रि, एक त्योहार है। मुस्लिम, इस रात रतजगा करते हैं, प्रार्थना की जाती है और नमाज़ पढ़ी जाती है। सुन्नी और शिया दोनों ही इस त्योहार को अपने-अपने ढंग से मनाते हैं। पूर्वजों शांति के लिए प्रार्थना होती है और अल्लाह से अपने गुनाहों की माफ़ी मांगी जाती है। विश्व के जिन तीन देशों में मुस्लिम आबादी अधिक है, उनमें से भारत भी एक है। भारत में सबसे पहली मस्जिद केरल में बनी जो ब्राह्मण राजा 'चेरामन पेरूमल' ने बनवाई और स्वयं भी स्वेच्छा से मुस्लिम हो गया। इस मस्जिद को चेरामन जुमा मस्जिद कहते हैं। यह मस्जिद एक बौद्ध मंदिर था और इसकी बनावट पूर्ण हिंदू शैली की है। यह, सन 629 की बात है जब इस्लाम अरब में भी नहीं फैला था। भारत में सूफ़ी संप्रदाय इस्लाम का भारतीय रूप है जिसमें मुस्लिम के अलावा अन्य धर्म के लोग भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। संगीत को शामिल करने से प्रायः सभी लोग सूफ़ी संप्रदाय को पसंद करते हैं। निज़ामुद्दीन औलिया, सलीम चिश्ती, मोइनुद्दीन चिश्ती आदि मशहूर नाम है, जिनकी मजारों पर भक्त जन श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं। सूफ़ी संप्रदाय की सबसे बड़ी देन हैं अमीर ख़ुसरो.. वराह पुराण में आया है- विष्णु कहते हैं कि इस पृथिवी या अन्तरिक्ष या पाताल लोक में कोई ऐसा स्थान नहीं है जो मथुरा के समान मुझे प्यारा हो- मथुरा मेरा प्रसिद्ध क्षेत्र है और मुक्तिदायक है, इससे बढ़कर मुझे कोई अन्य स्थल नहीं लगता। पद्म पुराण में आया है- 'माथुरक नाम विष्णु को अत्यन्त प्रिय है' हरिवंश पुराण ने मथुरा का सुन्दर वर्णन किया है, एक श्लोक यों है- 'मथुरा मध्य-देश का 'ककुद' है, यह लक्ष्मी का निवास-स्थल है, या पृथिवी का श्रृंग है। इसके समान कोई अन्य नहीं है और यह प्रभूत धन-धान्य से पूर्ण है। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से ही श्रावण (सावन) मास प्रारम्भ होता है। मथुरा नगरी की पुनर्स्थापना श्रावण मास में हुई थी। जो अयोध्यापति राम के भाई शत्रुघ्न द्वारा की गई थी। जिसका अति सुंदर वर्णन महाभारत के खिल-भाग हरिवंश पुराण में है। गुरु पूर्णिमा के अगले दिन से ही श्रावण (सावन) मास प्रारम्भ होता है। मथुरा नगरी की पुनर्स्थापना श्रावण मास में हुई थी। जो अयोध्यापति राम के भाई शत्रुघ्न द्वारा की गई थी। जिसका अति सुंदर वर्णन महाभारत के खिल-भाग हरिवंश पुराण में है। कुछ लोग भूल-वश 'गुरु' के स्थान पर 'गुरू' लिख देते हैं, जिससे कि शब्द का अर्थ ही बदल जाता है। गुरू (ऊ की मात्रा) का अर्थ है चालाक और चलता-पुर्ज़ा। प्रत्येक धर्म में गुरु का महत्व है। महान स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई (रानी झांसी) के संबंध में भारतकोश के कुछ सुधी और जागरूक पाठक गणों ने अपने प्रश्न और शंकाएँ जताई हैं। राजा झांसी गंगाधर राव के मनु (बाद में लक्ष्मीबाई) से विवाह का वर्ष लगभग सभी उल्लेखों में 1842 मिलता है। महान् स्वतंत्रता सेनानी रानी लक्ष्मीबाई के जन्म का वर्ष अधिकतर 1835 ही मिलता है। इस हिसाब से विवाह की उम्र रही मात्र 7 वर्ष...? लेकिन कई स्थानों पर यह 13-14 वर्ष भी है। गंगाधर राव का कोई जीवन चरित नहीं मिलता और न ही जन्म की तारीख़... लेकिन फिर भी ये सोच कर कि वह राजा था... तो कम से कम विवाह की और मरने की तारीख़ तो सही होगी... विवाह 1842 में और गंगाधर की मृत्यु हुई 1853 में...। महारानी लक्ष्मीबाई की वीरगति प्राप्त करने की तारीख़ भी दो हैं 17 जून और 18 जून। एक बात जो मुझे महसूस हुई वह यह है कि माने हुए बड़े इतिहासकारों ने रानी लक्ष्मीबाई का जीवन-वृत्त क्यों नहीं लिखा ? इसका कारण यह हो सकता है कि ये इतिहासकार 1857 के स्वतंत्रता समर को महज़ एक आर्थिक विद्रोह की संज्ञा देते हैं और रानी लक्ष्मीबाई के संघर्ष को यह लिख कर हलका बना देते हैं कि लक्ष्मीबाई के दत्तक पुत्र को अंग्रेज़ों ने उत्तराधिकारी मानने से इंकार कर दिया और झांसी को शासक विहीन मान लिया गया और अंग्रेज़ों ने झांसी को पूर्णतः अपने अधिकार में लेना चाहा जो कि लक्ष्मीबाई को नागवार गुज़रा...। अब बताइए मैं क्या करूँ ? मेरे प्रपितामह याने मेरे पिताजी के दादाजी 'बाबा देवकरण सिंह' को भी अंग्रेज़ों ने फाँसी दी थी इसी 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम में... उनका नाम इतिहास में तो दर्ज है लेकिन फाँसी की सही-सही तारीख़ नहीं मिलती। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में मान्यता है कि रुद्रवीणा स्वयं भगवान शिव का प्रिय वाद्य है। 33 देवों में रुद्र ग्यारह हैं और शिव अंश भी हैं। रुद्रवीणा बजाना कठिन कार्य है। इसके बजाने वाले बहुत कम ही रहे जैसे उस्ताद असद अली ख़ाँ साहिब। जिनकी 14 जून को पुण्य-तिथि है। 'विचित्र वीणा' बजाने वाले भी अब नहीं मिलते... यह वीणा सचमुच विचित्र ही होती है। बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी । ले गया लूट के कौन आज तिरा सब्र-उ-क़रार । 'कला' शब्द का अर्थ वात्स्यायन (तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व) के बाद बदल गया। वात्स्यायन ने पहली बार 'कला' शब्द को इस अर्थ में प्रयोग किया जिसे कि अंग्रेज़ी में 'आर्ट' कहते हैं। जयमंगल ने भी 64 कलाओं के बारे में बताया। इससे पहले इसका अर्थ था 'अंश' (हिस्सा)। इसी लिए चन्द्रमा या सूर्य की पृथ्वी के सापेक्ष स्थितियों को बाँटा गया तो उन्हें कला कहा गया। चन्द्रमा को सोलह अंश में और सूर्य को बारह में। इसीलिए चन्द्रमा की सोलह कला हैं और सूर्य की बारह कला। अवतारों की कला का भी यही रहस्य है। लोग अक्सर पूछते हैं कि कृष्ण की सोलह कलाएँ कौन-कौन सी थी ? असल में कृष्ण के काल में कला का अर्थ अंश था न कि आज की तरह 'आर्ट'। अस्सी के दशक में बना दूर दर्शन का धारावाहिक 'कबीर', अनिल चौधरी साहब की एक बेजोड़ रचना है। अब देखने के लिए शायद यह उपलब्ध नहीं है, लेकिन हज़ारी प्रसाद जी की किताब 'कबीर' उपलब्ध है। नर्गिस दत्त, जिस पृष्ठ भूमि से आयीं थीं, कोई सोच भी नहीं सकता था कि वे एक संवेदनशील समाजसेविका भी बनेंगी। ये भी उल्लेखनीय है कि वे समाजसेवा का ढोंग नहीं करती थीं (जैसा कि आजकल फ़ॅशन है)। जब वे कॅन्सर से हार कर अपनी अंतिम सांसे ले रही थीं, उस समय, पति सुनील दत्त उनके पास थे। उनके अंतिम समय की बातें सुनकर मैं इतना भावुक हो गया कि आँसू नहीं रोक पाया। आप चाहें तो भारतकोश पर उनके लेख के सबसे नीचे की ओर, बाहरी कड़ियों में उनके जीवन पर बनी छोटी सी डॉक्यूमेन्ट्री को लिंक क्लिक करके देख सकते हैं। इसमें उनकी आवाज़ की अंतिम रिकॉर्डिंग भी है। पृथ्वीराज कपूर की फ़िल्म सिकंदर जब रिलीज़ हुई तो कोर्स की किताबों में सिकंदर के चित्र के स्थान पर पृथ्वीराज का फ़ोटो लगाया गया। मुग़ल-ए-आज़म के अकबर का रोल तो और भी ग़ज़ब ढा गया। प्राणायाम के साथ संवाद अदायगी उनकी विशेषता थी। उनके अभिनय में पूरी तरह पारसी थियेटर का प्रभाव होता था। 29 मई उनकी पुण्यतिथि है। वीर सावरकर जब अण्डमान में बंदी थे तो उन्हें कई वर्षों तक यह भी पता नहीं चल पाया था कि उनके भाई भी उसी जेल में हैं। सावरकर पर गाँधी जी हत्या के षड़यंत्र का संदेह उनकी लोकप्रियता के लिए सबसे घातक सिद्ध हुआ। यदि स्वतंत्रता सेनानी के रूप में ही देखा जाय तो वे निर्विवाद रूप से सच्चे राष्ट्र्भक्त थे। सिन्धु सभ्यता (2600-1800 ई.पू.) के संक्षिप्त लेख, जिनकी संख्या लगभग चार हज़ार है, सेलखड़ी की मुहरों, ताम्रपट्टियों, लघुप्रस्तरों, काँसे के औज़ारों, हाथीदाँत व हड्डियों के दंडों, मिट्टी के बर्तनों तथा उनके ठीकरों पर अंकित देखने को मिलते हैं। यह ज्ञात नहीं है कि अपने दैनिक व्यवहार में सिन्धुजन किस लेखन-सामग्री का इस्तेमाल करते थे। उनके समकालीन मेसोपोटामियावासी एक छोटी कील से गीली मिट्टी के फलकों पर अक्षर उकेरते थे। वे कीलाक्षर लेख पढ़े जा चुके हैं, परन्तु सिन्धु लिपि अभी भी अज्ञेय बनी हुई है। चित्तौड़ के विध्वंस और उसकी दीन दशा को देखकर भट्ट कवियों ने उसको 'आभूषण रहित विधवा स्त्री- की उपमा दी है। प्रताप ने अपनी जन्मभूमि की इस दशा को देखकर सब प्रकार के भोग - विलास को त्याग दिया, भोजन - पान के समय काम में लिये जाने वाले सोने-चाँदी के बर्तनों को त्यागकर वृक्षों के पत्तों को काम में लिया जाने लगा, कोमल शय्या को छोड़ तृण शय्या का उपयोग किया जाने लगा। उसने अकेले ही इस कठिन मार्ग को नहीं अपनाया अपितु अपने वंश वालों के लिये भी इस कठोर नियम का पालन करने के लिये आज्ञा दी थी कि जब तक चित्तौड़ का उद्धार न हो तब तक सिसोदिया राजपूतों को सभी सुख त्याग देने चाहिएँ।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार भारत सरकार का एक मंत्रालय है। श्रेणीःभारत सरकार के मंत्रालय. 5 संबंधोंः पंद्रहवीं लोकसभा का मंत्रिमंडल, भारत का विदेश व्यापार, मनमोहन सिंह, औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग, आनंद शर्मा। २२ और २८ मई २००९ को शपथ ग्रहण की। भारत की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रियों ने २२ और २८ मई २००९ को शपथ ग्रहण की। इस प्रकार प्रधान मंत्री के मंत्रीमंडल में कुल ५९ मंत्रियों को शामिल किया गया है। इनकी सूची इस प्रकार से हैः- . भारत के विदेश व्यापार के अन्तर्गत भारत से होने वाले सभी निर्यात एवं विदेशों से भारत में आयातित सभी सामानों से है। विदेश व्यापार, भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की देखरेख में होता है। . मनमोहन सिंह (ਮਨਮੋਹਨ ਸਿੰਘ; जन्मः २६ सितंबर १९३२) भारत गणराज्य के १३वें प्रधानमन्त्री थे। साथ ही साथ वे एक अर्थशास्त्री भी हैं। लोकसभा चुनाव २००९ में मिली जीत के बाद वे जवाहरलाल नेहरू के बाद भारत के पहले ऐसे प्रधानमन्त्री बन गये हैं, जिनको पाँच वर्षों का कार्यकाल सफलता पूर्वक पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिला है। इन्हें २१ जून १९९१ से १६ मई १९९६ तक पी वी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में वित्त मन्त्री के रूप में किए गए आर्थिक सुधारों के लिए भी श्रेय दिया जाता है। . औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन कार्यरत एक विभाग है। इसकी स्थापना १९९५ में हुई थी और २००० में इसकी पुनर्स्थापना की गई। तब इसे औद्योगिक विकास विभाग के संग विलय कर दिया गया था। . श्री आनंद शर्मा को भारत सरकार की पंद्रहवीं लोकसभा के मंत्रीमंडल में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में मंत्री बनाया गया है। .
कवि और काव्य - परिचय रातार्जुनीय संस्कृत के सुप्रसिद्ध महाकाव्यों में से अन्यतम है। इसे 'की 'बृहत्त्रयी' में प्रथम स्थान प्राप्त है । महाकवि कालिदास की के अनन्तर सस्कृत-साहित्य में भारवि के किरातार्जुनीय का ही स्थान पि कालिदास कृत रघुवंश महाकाव्य सर्ग आदि की दृष्टि से किरातार्जुलघुकाय ग्रंथ नहीं है, तथापि उसे बृहत्त्रयी में स्थान नहीं दिया गया चित् इसका कारण यही है कि काव्य-कला के शिल्प-विधान की दृष्टि र्जुनीय रघुवश महाकाव्य से उत्कृष्ट एव श्रोजपूर्ण है। एक प्रकार है कहा जा सकता है कि समस्त संस्कृत साहित्य में किरातार्जुनीय के रल, कोमल कान्त ज्ञेय, पदावली विमडित, -काव्य के सम्पूर्ण शास्त्रीय से समन्वित श्रोजस्वी महाकाव्य दूसरा नहीं है । वृहत्त्रयी के दूसरे शिशुपाल वध की भाँति इसमें न तो जटिल एव कर्णकटु शब्दों की और न नैषध की भाँति किष्ट कल्पनाओं का विकट घटाटोप है । समस्त पदों की सुललित कर्णप्रिय ध्वनि से गूंजते हुए मनोहर व से विभूषित किरातार्जुनीय के सैकड़ों श्लोक अथवा श्लोका मी समाज के आज भी कठहार बने हुए हैं। सभवतः लोकप्रियता रातार्जुनीय का स्थान मेघदूत एव कुमारसम्भव के बाद ही याता रसास्वादन करने वाले सहृदय जनों के लिए तो यह एक मनोहर है । ोन काव्य-प्रेमी पंडितों की मान्यता के अनुसार कालिदास, भारवि, दण्डी के सम्बन्ध में सुप्रसिद्ध तुलनात्मक सम्मति इस प्रकार है. उपमा कालिदासस्य भारवेरर्थगौरवम् दंडिनः पदलालित्य माघे सन्ति प्रयोगुणाः ॥
प्रयागराज, 10 सितंबर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कल्याण सिंह की अस्थियां शुक्रवार को उनके बेटे सांसद राजवीर सिंह और पोते संदीप सिंह ने यहां संगम में विसर्जित की। उनके साथ प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी मौजूद थे। स्वर्गीय कल्याण सिंह के अस्थि विसर्जन से पूर्व उनका अस्थि कलश संगम तट पर बने एक पंडाल में रखा गया जहां प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने कलश पर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। अस्थि विसर्जन के बाद स्वर्गीय कल्याण सिंह के पुत्र राजवीर सिंह ने बताया कि बाबू जी (स्वर्गीय कल्याण सिंह) का अस्थि कलश पांच स्थानों में से चार जगह जा चुका है। बाबू जी की कर्मस्थली रही बुलंदशहर और एटा में उनकी अस्थियों का विसर्जन हुआ। अयोध्या में भी सरयू नदी में उनकी अस्थियां विसर्जित की गईं और आज यहां संगम में अस्थि विसर्जन हुआ। उन्होंने बताया कि बाबू जी का सपना (राम मंदिर का) पूरा हो गया। उनके दो सपने थे- पहला उनकी अर्थी भाजपा के झंडे में उठे और दूसरा राम मंदिर का दर्शन करने के बाद ही वे दुनिया से जाएं। ये दोनों सपने पूरे हुए। बाबू जी शरीर से भले नहीं हैं, लेकिन वह करोड़ों लोगों की दिलों में हैं और हमेशा अमर रहेंगे। प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, "बाबू जी की तेरहवीं पर भी वर्षा हो रही थी और आज अस्थि विसर्जन के समय भी वर्षा हो रही थी. . वह देवपुरुष थे और धरती पर अपनी लीला करने आए थे। उन्होंने एक जन्म में एक हजार जन्म का काम करके हमें आदर्श मार्ग प्रदान किया। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में निम्न प्रस्तावों को मंजूरी दी गईः 1.रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले रक्षा प्रतिष्ठानों और गृह मंत्रालय के तहत आने वाले अर्द्ध सैनिक बल द्वारा 300 मेगावाट से अधिक के ग्रिड-कनेक्टेड और ऑफ ग्रिड सोलर पीवी सोलर प्रोजेक्ट स्थापित किए जाने को मंजूरी दे दी गई है। यह मंजूरी पांच सालों के लिए 2014 से 2019 तक जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सौर मिशन के वीजीएफ फंड के तहत दी गई है। 2.इस योजना के तहत स्थापित किए जाने वाले सभी सौर संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले पीवी सेल्स और मॉड्यूल्स भारत में निर्मित होंगे। 3.आईएमजी की सिफारिश के मद्देनजर लक्ष्य को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय अक्षय ऊर्जा कोष (एनसीईएफ) से नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के लिए 750 करोड़ रुपये का प्रावधान। 4.सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना और पैदा हुई अतिरिक्त विद्युत को वितरण कंपनियों को बेचने के उद्देश्य से डेवलपर्स को रक्षा प्रतिष्ठानों द्वारा चयनित रक्षा भूमि के इस्तेमाल की अनुमति।
लंदनः भारत और इंग्लैंड के बीच गुरुवार को खेले गए सीरीज के दूसरे वनडे मैच में टीम इंडिया को 100 रन के बड़े अंतर से हार का सामना करना पड़ा। ओवल में खेले गए पहले मैच में धमाकेदार अर्धशतकीय पारी खेलने वाले कप्तान रोहित शर्मा का बल्ला लॉर्ड्स में खामोश रहा। रोहित ने 10 गेंद का सामना किया और खाता खोले बगैर वापस पवेलियन लौट गए। मैच में 6 विकेट झटकने वाले रीस टॉप्ले ने उनका शिकार किया। रोहित की बल्लेबाजी आने से पहले टीम इंडिया की फील्डिंग के दौरान एक रोचक वाकया देखने को मिला। फील्डिंग करते हुए रोहित शर्मा का बांया कंधा उखड़ गया या कहें डिस्लोकेट हो गया। ऐसे में रोहित के चेहरे पर दर्द दिख रहा है जिसे फैन्स भी महसूस कर रहे थे। लेकिन इसके बाद अचानक रोहित शर्मा अपने ही डॉक्टर बन गए। पलक झपकते ही रोहित ने अपने डिस्लोकेट कंधे को वापस सही कर दिया। रोहित को दर्द से कराहता देख फीजियो उनकी मदद के लिए आ रहे थे लेकिन रोहित ने उन्हें वापस भेज दिया और उनके चेहरे पर फिर से जानी पहचानी मुस्कान नजर आने लगी। कप्तान रोहित कुछ देर के लिए मैदान से बाहर रहे लेकिन उनकी बॉडी लैंग्वेज और खेल पर इस चोट का असर कतई नहीं दिखाई दिया। 49 ओवर फील्डिंग करने के बाद वो बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे लेकिन एक भी रन नहीं बना सके। हालांकि चोट का असर बाहरी तौर पर उनके खेल पर नजर नहीं आ रहा था।
यरुशलमः इज़राइल के सैकड़ों लेखकों, कलाकारों और बुद्धिजीवियों ने जर्मनी और ब्रिटेन से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उनके देश की आगामी यात्राओं को रद्द करने का आह्वान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि इज़राइल की न्यायिक प्रणाली में बदलाव की नेतन्याहू की योजना ने देश को विनाशकारी रास्ते पर ला खड़ा किया है। दरअसल, इज़राइल में नेतन्याहू के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसके तहत उच्चतम न्यायालय की शक्तियों में कटौती करते हुए सरकार को न्यायधीशों की नियुक्ति का अधिकार देने का प्रावधान है। सरकार का तर्क है कि काफी समय से लंबित इस प्रावधान का मकसद अनिर्वाचित न्यायाधीशों के व्यापक प्रभाव में कमी लाना है। हालांकि, नेतन्याहू के आलोचकों का कहना है कि यह प्रावधान सत्ता पर नेतन्याहू और उनकी सरकार का एकाधिकार कायम करने में मददगार साबित होगा। आलोचकों का यह भी आरोप है कि भ्रष्टाचार का सामना कर रहे नेतन्याहू ने कानून के शिकंजे से बचने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया है। न्यायिक प्रणाली में बदलाव के नेतन्याहू सरकार के प्रयासों के खिलाफ इज़राइल में पिछले दो महीने से बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। पिछले हफ्ते नेतन्याहू के खिलाफ इतने उग्र प्रदर्शन हुए थे कि उन्हें इटली के अपने आधिकारिक दौरे पर रवाना होने के लिए हेलीकॉप्टर के जरिये हवाई अड्डे पहुंचना पड़ा था। इज़राइल में जर्मन और ब्रिटिश राजदूतों को मंगलवार को लिखे एक पत्र में नेतन्याहू के लगभग 1,000 आलोचकों ने कहा कि इज़राइल अपने इतिहास के सबसे बड़े संकट का सामना कर रहा है और नेतन्याहू देश को "तानाशाही लोकतंत्र" में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।
एक बार फिर पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की है। पाकिस्तान के दो लड़ाकू विमान देखे गए। पुंछ सेक्टर में इन विमानों की आवाज भी सुनी गई। पाकिस्तान का इन दोनों लड़ाकू विमानों को भारतीय रडार सिस्टम ने भी पकड़ा। वायुसेना ने पाकिस्तानी विमानों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया। पाकिस्तान की इस हरकत के बाद वायुसेना हाई अलर्ट पर है। विमान बहुत तेज गति से उड़ रहे थे और यहां तक कि क्षेत्र में साउंड बैरियर को भी भी तोड़ दिए जिससे दहशत फैल गई। बुधवार को भी पाकिस्तान ने पुंछ इलाके में सीज़फायर का उल्लंघन किया। इस दौरान पाकिस्तान ने LoC पर मौजूद ट्रेड सेंटर पर शेल्स दागे। चक्का दा बाग में मौजूद इस सेंटर में पाकिस्तान की ओर से दो शेल दागे गए। पाकिस्तान की गोलीबारी में स्थानीय नागरिकों का काफी नुकसान हुआ है। पाकिस्तानी सेना की इस कायराना हरकत का भारतीय सुरक्षा बलों ने करारा जवाब दिया।
ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म के तौर पर लिंक्डइन लर्निंग उभर रहा है। खासकर यह शॉर्ट टर्म ऑनलाइन कोर्सेस के लिए एक बेहतर प्लेटफॉर्म है। यहां पर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से जुड़े 600 से अधिक कोर्सेस, डिजाइन से 700, बिजनेस से जुड़े 1200, वेब डेवलपमेंट से 700 और फोटोग्राफी से जुड़े 700 से अधिक कोर्सेस उपलब्ध हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब से ऑनलाइन कोर्स का चयन कर सकते हैं। ऑनलाइन लर्नर के लिए अपनी स्किल को इंप्रूव करने के लिए भी इस प्लेटफॉर्म का फायदा उठा सकते हैं। यह आपकी नॉलेज में इजाफा ही करेगा। अच्छी बात यह है कि अभी एक महीने का फ्री ट्राइल ले सकते हैं। कोर्स शुरू करने के लिए पहले आपको www. lynda. com पर साइन अप करना होगा। यह स्टूडेंट्स के लिए उपयोगी प्लेटफॉर्म है, जिसे मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एमएचआरडी) द्वारा शुरू किया गया है। यह ऑनलाइन कोर्सेस के लिए है। यहां पर कक्षा 9 से पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ाई जाने वाली कोर्सेस को एक्सेस किया जा सकता है। कोर्सेस इंटरैक्टिव हैं, जिसे बेस्ट टीचर्स द्वारा तैयार किया गया है। स्टूडेंट्स के लिए यहां पर वीडियो लेक्चर, रीडिंग मैटीरियल, सेल्फ असेस्टमेंट और ऑनलाइन डिसक्शन फोरम भी हैं। डिसक्शन फोरम पर स्टूडेंट्स कोर्स से संबंधित परेशानियों को सॉल्व कर सकते हैं। यहां पर क्वालिटी कंटेंट नेशनल कोऑर्डिनेटर यानी एआइसीटीई, एनपीटीईएल, यूजीसी, सीईसी, एनसीईआरटी, एनआईओएस, इग्नू, आईआईएमबी, एनआईटीटीटीआर द्वारा प्रोवाइड कराए जाते हैं। ऑनलाइन कोर्सेस फ्री हैं। परीक्षा देकर क्रेडिट प्वाइंट या सर्टिफिकेट ले सकते हैं। कोर्स अलग-अलग भाषाओं में भी उपलब्ध हैं। इसके लिए www. swayam. gov. in प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर या फिर साइन इन करना होगा। अगर आप प्रोफेशनल हैं और अपनी स्किल को इंप्रूव करने के लिए कोई कोर्स करना चाहते हैं, तो https://coursmos. com उपयोगी हो सकता है। यहां पर सेल्स, मार्केटिंग, मैनेजमेंट, ऑफिस प्रोडक्टिविटी, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, फाइनेंस एंड एकाउंटिंग आदि से संबंधित 5000 हजार से अधिक ऑनलाइन माइक्रो कोर्स उपलब्ध हैं। बिजनेस फील्ड के जिस एरिया में कार्य करते हैं, उससे संबंधित माइक्रो कोर्स आपकी स्किल्स को और ज्यादा निखारेगा। कोर्सेस 13 भाषाओं में उपलब्ध हैं। अगर आप दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज से जुड़े कोर्सेस को करना चाहते हैं, तो www. coursera. org प्लेटफॉर्म पर विजिट कर सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म पर 3900 से अधिक कोर्सेस उपलब्ध हैं। वैसे, इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ज्यादातर सर्टिफिकेट कोर्सेस ही उपलब्ध हैं। कोर्स करने के लिए आपको कोर्स डेडलाइंस को फॉलो करना पड़ेगा। कोर्स में आपको क्विज, होमवर्क और टेक्स्ट बुक्स की मदद लेनी पड़ेगी। कोर्स मैटेरियल के रूप में वीडियो का विकल्प भी मौजूद है। इसमें वेब पर मौजूद स्टूडेंट्स को लेक्चर देने के लिए टीचर्स भी मौजूद रहते हैं। ऑनलाइन कोर्स करने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स के लिए https://oli. cmu. edu एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म हो सकता है। यह यूनिवर्सिटी अपने ओपन लर्निंग इनिशिएटिव (ओएलआई) प्रोग्राम के तहत कई फ्री ऑनलाइन कोर्स और मैटीरियल उपलब्ध कराती है। ओएलआई कोर्स को इस तरह से तैयार किया गया है कि कोई भी स्टूडेंट्स विषयों को आसानी से समझ सकते हैं। यहां से स्टूडेंट्स आर्ट एंड ह्यूमिनिटीज, बिजनेस, कंप्यूटर साइंस एंड प्रोग्रामिंग, डाटा साइंस, लैंग्वेज एंड स्पीच, लाइफ साइंस, मैथमेटिक्स एंड लॉजिक, फिजिकल साइंस एंड इंजीनियरिंग, सोशल साइंसेज, टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन से जुड़े कोर्सेस कर सकते हैं। यूसी बर्कले की गिनती दुनिया के टॉप यूनिवर्सिटीज में होती है। https://extension. berkeley. edu/online/ प्लेटफॉर्म से भी स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लासेस का फायदा उठा सकते हैं। यहां पर स्टूडेंट्स आर्ट एंड डिजाइन, बिहेवियरल हेल्थ साइंस, बिजनेस, राइटिंग-एडिटिंग एंड टेक्निकल कम्युनिकेशन, बायोटेक्नोलॉजी, टेक्नोलॉजी एंड इंफॉर्मेशन मैनेजमेंट, एस्ट्रोनॉमी, बायोलॉजी, केमिस्ट्री, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, इंजीनियरिंग, साइकोलॉजी, लीगल स्टडीज, फिलॉसफी जैसे अन्य विषयों की स्टडी कर सकते हैं। यूसी बर्कले की क्लासेस, जिसमें करेंट और आर्काइव्ड दोनों ही शामिल हैं, अब पॉडकास्ट और वेबकास्ट पर उपलब्ध हैं।
यह बताया गया है कि सोमालिया में दो सैन्य ठिकानों पर शनिवार को हुए इस्लामी हमलों में कम से कम 23 लोग मारे गए थे। डीपीए की खबर के अनुसार, दो आत्मघाती कार हमलावरों ने वाडेहोर लोअर शबेले प्रांत के अव्ढेले और बारीयर गांव में सेना की दो चौकियों को निशाना बनाया। एक सरकारी प्रवक्ता इस्माईल मुख्तार ने कहा, "अल-शबाब के हमलावरों ने आज सुबह लोअर शबेले प्रांत में दो सैन्य ठिकानों पर एक जटिल हमला किया," बम विस्फोटों के तुरंत बाद, भारी हथियारों से लैस विद्रोहियों ने सेना के ठिकानों पर धावा बोलने की कोशिश की। सुबह तक गनफायर का आदान-प्रदान किया गया जब सोमाली सशस्त्र बलों ने कहा कि उन्होंने दोनों हमलों में 19 आतंकवादियों को मार दिया है। सेना के कमांडर अब्दुल्लाही रेज ने डीपीए को बताया, "हमने उन आतंकवादियों को फिर से खदेड़ दिया है जो हमारी सेना पर कहर बरपाना चाहते थे। हमने 4 सैनिकों को खो दिया है और अन्य लोगों के घायल हो गए हैं। " उन्होंने कहा कि सैनिक हमलावरों का पीछा कर रहे थे और बाद में हताहत लोगों की संख्या के बारे में जानकारी दी जाएगी। निवासियों ने यह भी कहा कि आवारा गोलियों से नागरिक घायल हुए हैं। इस्लामवादी समूह अल-शबाब ने अपने अंडालस रेडियो स्टेशन के माध्यम से हमले का दावा करते हुए कहा कि कई सैनिक मारे गए थे। आतंकवादी समूह दक्षिण और केंद्र के बड़े हिस्से को नियंत्रित करता है और बार-बार नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमले करता है।
चंडीगढ़, 20 दिसंबर । पंजाब के बठिंडा जिले के अपने गांव में 22 साल के एक किसान ने जहरीला पदार्थ खा कर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। किसान दिल्ली सीमा पर चल रहे विरोध प्रदर्शन से वापस अपने गांव लौटा था। दयालपुरा मिर्जा गांव के रहने वाले गुरलाभ सिंह नाम का किसान शनिवार देर रात दिल्ली सीमा से अपने गांव लौट कर आया था। उसे पास के अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने कहा कि आत्महत्या के पीछे का कारण अभी तक पता नहीं चला है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 26 नवंबर से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पारित तीन कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। इनका डर है कि नए कानूनों से उनकी आजीविका प्रभावित होगी। Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.
दुबईः दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के अनुभवी बल्लेबाज स्टीव स्मिथ (Steve Smith) का मानना है कि अगर उनकी टीम को इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के फाइनल में जगह पक्की करनी है तो उसे इस टी20 टूर्नामेंट के दूसरे भाग में अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना होगा। इस साल अप्रैल-मई में भारत में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच आईपीएल बायो-बबल (जैव सुरक्षित माहौल) में कई खिलाड़ियों एवं सहयोगी सदस्यों के संक्रमित होने के बाद टूर्नामेंट को स्थगित कर दिया गया था। स्थगन के समय टीम अपने शुरूआती आठ मैचों में से छह में जीत से 12 अंकों के साथ तालिका में शीर्ष पर है। स्मिथ का मानना है कि ऋषभ पंत की अगुवाई वाली टीम में 19 सितंबर से 15 अक्टूबर तक यूएई में खेले जाने वाले आईपीएल के दूसरे चरण में और भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता है। स्मिथ ने कहा, 'हमें अपना अभियान वहीं से शुरू करना होगा, जहां हमने पहले चरण को खत्म किया था। हम वास्तव में अच्छा क्रिकेट खेल रहे थे और हमें इसके अच्छे नतीजे मिले थे। मुझे लगता है कि हम और भी बेहतर कर सकते हैं इसलिए हमें टूर्नामेंट के दूसरे चरण में अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेलना चाहिए। ' दिल्ली कैपिटल्स से जारी विज्ञप्ति में ऑस्ट्रेलिया के इस 32 साल के खिलाड़ी ने कहा, 'फाइनल में पहुंचने के लिए आपको काफी अच्छा खेलना होगा, लेकिन उम्मीद है कि हम फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेल सकेंगे। ' उन्होंने कहा कि टीम को निश्चित रूप से आईपीएल के लिए खुद को फिर से तैयार करना होगा। उन्होंने कहा, 'हमें एक साथ खेलते हुए कुछ महीने हो गए हैं इसलिए हमें फिर से तैयारी करनी होगी। हमारे पास एक शानदार टीम है और हमारे पास श्रेयस अय्यर भी है, जो टीम को और भी मजबूत बनाते हैं। वह बेहतरीन खिलाड़ी है और उसे वापसी करते देखना अच्छा है। ' दिल्ली कैपिटल्स की टीम आईपीएल के दूसरे चरण में 22 सितंबर से सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी। Times Now Navbharat पर पढ़ें IPL 2022 News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
टोक्यो। लाख एहतियात के बावजूद टोक्यो ओलंपिक में कोरोना संक्रमण को रोका नहीं जा सका है। ओलंपिक में दो एथलीट्स के कोविड-19 पॉजिटिव होने की रिपोर्ट सामने आई है। एएफपी न्यूज एजेंसी के अनुसार ओलंपिक खेलगांव में कोरोना का पहला केस सामने आया है। दो एथलीट्स की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। कोरोना संक्रमण का केस मिलने से खेल गांव को हाई अलर्ट जोन में रखा गया है।
अटल टनल रोहतांग से होते हुए ज्यातर पर्यटक हिमाचल से पहुंच रहे हैं। रविवार को लाहुल घाटी में काफी संख्या में पर्यटक पहुंचे थे, जिससे जाम की समस्या भी बन रही है। धार्मिक स्थलों में भी लोगों की भीड़ खूब दिनभर जमी रही। अटल टनल रोहतांग को आवाजाही के लिए खोला गया है तभी से लोग जनजातीय क्षेत्र लाहुल पहुंच रहे हैं। टनल के बन जाने से वे लोग जिन्होंने आज तक लाहुल-स्पीति का नाम ही सुना था, अब यहां सैर को आ रहे हैं।
अफलातूं ] फिर नागरिक अधिकारी होनेकी कई परीक्षायें उन्हें लगातार कई सालों तक देनी होंगी। अन्तमें तीन तरहकी अन्तिम परोक्षायें होंगी । पहिली परीक्षा तर्क-संबंधी - उन्हें युक्तियोंसे सिद्ध करना होगा कि समाजकी सेवा व्यक्ति - खासकर संरक्षक के लिये सर्वश्रेष्ठ कर्त्तव्य है । दूसरी परीक्षा निर्भयता के संबंध में देनी होगी। यह इसलिये ज़रूरी है कि बिना पक्षपात के अपने सिद्धान्तों को मजबूती से पकड़े जो अपने कर्त्तव्यको पालन करते हैं, उन्हें शक्तिशाली धनिक उच्च वर्ग के हितों और अभिलाषा सख्त मुकाबिला करना पड़ता है । तीसरी परीक्षा शारीरिक सुखको लेकर होगी - शारीरिक सुखोंको पर्वाह न कर कहाँ तक वह अपने कर्त्तव्य पथपर डँटे रहेंगे । संरक्षक के पदपर पहुँच जानेके बाद भी "प्रभुता पाइ काह मद नाहीं " के अनुसार प्रलोभनका शिकार हो सकता है । इसके तूने विधान किया कि कुछ मामूली चीज़ोंके अतिरिक्त संरक्षकों के पास कोई वैयक्तिक सम्पत्ति नहीं होनी चाहिये । उनके पास वैयक्तिक घर नहीं होने चाहिये । सभी संरक्षकों को एक जगह रहना और खाना खाना होगा । उनको वेतनमें एक निश्चित रकम मिलेगी, जो उससे ज्यादा नहीं, जितनी कि उन्हें अपने आवश्यक व्यय के लिये ज़रूरी है। उन्हें न सोना-चाँदी छूना होगा न सोने-चांदी के आभूषण पहनने होंगे। वह स्वयं दिव्य सोनेचाँदीके बने हैं, इसलिये उन्हें इन तुच्छ संसारी चाँदी-सोनेके ठीकरों की ज़रूरत नहीं । अफलातू ने संरक्षकों के लिये कांचनको ही वर्जित नहीं संरक्षक आर्थिक साम्यवादकी बहुत सी बातें बुद्ध के भिक्षुनियमोंसे मिलती हैं । बुद्धने भिक्षुको 'सोना-चाँदी छूनेका निषेध' किया था, और हर तरह के व्यापार और रुपये पैसेके व्यवहारको वर्जित ठहराया था ( देखो मेरा " विनयपिटक" पृष्ठ १६, ५० )
4 मार्च, बेंगलुरु (CRICKETNMORE)। बेंगलुरु में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के पहले दिन कंगारूओं ने शानदार खेल दिखाकर अपना परचम लहरा दिया है। पहले दिन जहां भारत की टीम केवल 189 रन पर आउट हो गई तो वहीं ऑस्ट्रेलिया की टीम ने पहली पारी में अबतक 40 रन बिना विकेट खोए बना लिया है। इस समय वॉर्नर और 23 और मैथ्यू रेंशाव 23 रन बनाकर खेल रहे हैं। VIDEO: रहाणे ने छोड़ा कैच तो कोहली ने किया माफ वहीं रहाणे की वाइफ की निकली हंसी.. बेंगलुरु टेस्ट मैच में भारत की टीम जैसे ही मैदान पर उतरी एक खास रिकॉर्ड अपने नाम कोहली ने कर लिया। कोहली की कप्तानी में भारत की टीम 25वां टेस्ट मैच खेल रही है। अपने कप्तान के तौर पर खेले सभी मैचों में कोहली ने 2 टेस्ट मैचों के दौरान कभी भी लगातार एक ही प्लेइंग इलेवन टीम के साथ मैदान पर नहीं उतरी है। सभी 25 टेस्ट मैचों में कोहली ने भारतीय टीम में बदलाव किया है। बेंगलुरु टेस्ट मैच में भी विजय के चोटिल होने से अभिनव मुकुंद को टेस्ट खेलने का मौका मिला। जिससे लगातार 25 टेस्ट मैचों में भारत की टीम में कम से कम एक बदलाव जरूर हुआ है।
नई दिल्ली। आज देश में जहां एक ओर करवा चौथ का पर्व पूरी आस्था और विश्वास के साथ महिलाओं द्वारा मनाया जा रहा है वहीं दो ऐसे मामले भी हैं जिनसे आप एक पल को कुछ सोचने को मजबूर हो जायेंगे। क्योंकि जहां आज ही के दिन जनपद अली गढ़ में साल भर पहले अपनी पत्नी को कत्ल करने वाले पति को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। वहीं उससे भी दर्दनाक और खौफनाक कि जनपद झाांसी में आज ऐन करवा चौथ के ही दिन एक निर्दयी पति ने अपनी पत्नी को कुल्हाड़ी से काट डाला जिससे उसकी मौत हो गई। गौरतलब है कि एडीजे-फास्ट ट्रैक प्रथम अच्छे लाल सरोज के न्यायालय से करवा चौथ के दिन पति की हत्या के आरोपी पति को उम्रकैद की सजा से दंडित किया गया है। पिछले वर्ष यह घटना सासनी गेट के अवतार नगर में हुई थी, जिसमें दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज कराया गया था। मगर अदालत ने इसे हत्या का मुकदमा करार देकर आरोपी को सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता एडीजीसी केएम जौहरी के अनुसार भोजपुर दलावली बरला के होरीलाल ने 22 जनवरी 2017 को सासनी गेट में यह मुकदमा दर्ज कराया था कि उसने अपनी बेटी की शादी चार साल पहले महेश निवासी अवतार नगर संग की थी। शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए परेशान किया जाने लगा और घटना के दिन उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई। इस मुकदमे में महेश, उसके पिता लख्मी व मां माहेश्वरी देवी को भी नमाजद किया गया। अदालत ने साक्ष्यों व गवाही के आधार पर महेश को सीधे-सीधे हत्या का दोषी करार दिया, जबकि बाकी आरोपियों को बरी कर दिया। महेश को उम्रकैद व 25 हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। जबकि वहीं झांसी के कोतवाली थाना क्षेत्र में करवा चौथ का व्रत एक विवाहिता के लिए काल साबित हुआ। पति ने ही कुल्हाड़ी मारकर पत्नी की हत्या कर दी। मारपीट का शोर सुनकर युवती की बहन मौके पर पहुंची लेकिन आरोपी पति ने अपनी साली को वहां से भगा दिया। बड़ी मुश्किल से उस कमरे का गेट खोला गया जिसमें युवती गंभीर हालत में पड़ी हुई थी। युवती को सरकारी अस्पताल ले जाएगा जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने आरोपी पति को हिरासत में ले लिया है। शनिवार को रूबी कुशवाहा ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना करते हुए करवा चौथ का व्रत रखा। रूबी को क्या मालूम था कि त्योहार के दिन ही उसका पति सुरेश कुशवाहा उसकी हत्या कर देगा। हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। मामले की पड़ताल की जा रही है। बताते हैं कि पत्नी पार्लर से सजधज कर घर आकर पूजा की सामग्री तैयार कर रही थी। तभी दोनों के बीच शनिवार की दोपहर झगड़ा हुआ और आरोपी पति सुरेश कुशवाहा ने पत्नी के सिर में कुल्हाड़ी मारकर घायल कर दिया। शोर सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और रूबी को सरकारी अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। घटना के बाद से ही क्षेत्र में डर का माहौल बना हुआ है। पुलिस ने आरोपी सुरेश कुशवाहा से पूछताछ शुरू कर दी है।
Samsung Galaxy M13 के 4G और 5G वेरिएंट जल्द ही भारत में लॉन्च होने वाले हैं। कंपनी ने इनकी लॉन्चिंग डेट की घोषणा कर दी है। Samsung Galaxy M Series के दोनों नए फोन्स को देश में इस महीने यानी जुलाई में ही लॉन्च किया जाएगा। Samsung Galaxy M13 और Samsung Galaxy M13 5G को 14 जुलाई को, दोपहर 12 बजे लॉन्च किया जा रहा है। इस स्मार्टफोन का प्री-लॉन्च पेज अमेजन पर लाइव हो गया है और वहां आप 'नोटफाइ मी' पर क्लिक कर सकते हैं ताकि जब फोन लॉन्च हो तो आपको खबर हो जाए। स्मार्टफोन्स ई-कॉमर्स वेबसाइट Amazon पर लिस्ट हैं। लॉन्चिंग से पहले ही लिस्टिंग में Samsung Galaxy M13 और Galaxy M13 5G के खास स्पेसिफिकेशन का खुलासा हो गया है। इस स्मार्टफोन को 5G वेरिएंट में लॉन्च किया जाने वाला है। लॉन्च से पहले कंपनी ने इस स्मार्टफोन के कुछ फीचर्स और स्पेसिफिकेशन का खुलासा किया है। बजट सेगमेंट होने के बावजूद इसमें आपको 12GB तक रैम का सपोर्ट मिल सकता है। - इस फोन में ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप दिया जाएगा जिसमें 50MP का मेन कैमरा कैमरा है। - फोन में दूसरा कैमरा 5MP का अल्ट्रावाइड और तीसरा कैमरा 2MP का डेप्थ सेंसर है। फोन के कैमरे में ऑटोफोकस का फीचर भी है। फोन में 8MP का सेल्फी कैमरा है। - फोन 3 कलर ऑप्शंस में लॉन्च किया गया है जिसमें ग्रीन , ब्लैक और ब्राउन का ऑप्शन है। फोन में 12GB RAM है। - फोन में 6. 6 इंच की स्क्रीन है जिसका डिस्प्ले HD+IPS पैनल है. फोन में मीडियाटेक डाइमेंसिटी 700 प्रोसेसर है। - फोन में फिंगरप्रिंट सेंसर है एंबियेंट लाइट सेंसर है। Samsung Galaxy M13 एक बजट सेगमेंट की स्मार्टफोन होने वाली है। इस स्मार्टफोन की कीमत 18,000 से 20,000 रुपये के बीच हो सकती है। आप इसे Amazon से या फिर Samsung के आधिकारिक वेबसाइट से खरीद सकेंगे।
क्षेत्रज्ञं चापि मां विद्धि सर्वक्षेत्रेषु भारत । क्षेत्रक्षेत्रज्ञयोर्ज्ञानं यत्तज्ज्ञानं मतं मम ॥ २ ॥ ऽऽ तत्क्षत्रं यच्च यादृक् च यद्विकारि यतश्च यत् । सच यो यत्प्रभावश्च तत्समासेन मे शृणु ॥ ३ ॥ इसे ( शरीरको ) जो जानता है, उसे तद्विद अर्थात् इस शास्त्रके जाननेवाले क्षेत्रज्ञ कहते है । (२) हे भारत ! सब क्षेत्रोंमें क्षेत्रज्ञभी मुझेही समझ । क्षेत्र और क्षेत्रज्ञका जो ज्ञान है, वही मेरा ( परमेश्वरका ) ज्ञान माना गया है । [ पहले श्लोक में 'क्षेत्र' और 'क्षेत्रज्ञ' इन दो शब्दोंका अर्थ दिया है; और । दूसरे श्लोकमें क्षेत्रज्ञका यह स्वरूप बतलाया है, कि क्षेत्रज्ञ मैं परमेश्वर हूँ, अथवा । जो पिडमें है, वही ब्रह्मांड में है। दूसरे श्लोकके चापि = भी शब्दोंका अर्थ यह । है - न केवल क्षेत्रज्ञही, प्रत्युत क्षेत्रभी मैही हूँ। क्योंकि, जिन सातवें तथा आठवें । अध्याय में बतला चुके हैं, कि पंचमहाभूतोसे क्षेत्र या शरीर बनता है, वे प्रकृतिसे । बने है; और यह प्रकृति परमेश्वरकी ही कनिष्ठ विभूति है ( गीता ७. ४; ८. ४; ९. ८ ) । इस रीतिसे क्षेत्र या शरीरके पंच महाभूतोंसे बने रहनेके कारण क्षेत्रका समावेश उस वर्ग में होता है, जिसे क्षर-अक्षर-विचारमें 'क्षर' कहते और क्षेत्रज्ञही परमेश्वर है । इस प्रकार क्षराक्षर-विचारके समान क्षेत्रज्ञका विचारभी परमेश्वरके ज्ञानका एक भाग बन जाता है ( गीतार. प्र. ६, पृ. १४३, । १४९ ) ; और इसी अभिप्रायको मनमें लाकर दूसरे श्लोकके अंतमें यह वाक्य । आया है, कि " क्षेत्र और क्षेत्रज्ञका जो ज्ञान है, वही मेरा अर्थात् परमेश्वरका ज्ञान है " जो लोग अद्वैत वेदान्तको नहीं मानते, उन्हें 'क्षेत्रज्ञभी मैंही हूँ ' इस वाक्यकी खीचातानी करनी पड़ती है और प्रतिपादन करना पडता है, कि इस वाक्यसे 'क्षेत्रज्ञ' तथा ' मै परमेश्वर का अभेदभाव नहीं दिखलाया जाता; और । दूसरे कई लोग 'मेरी' ( मम ) पदका अन्वय 'ज्ञान' शब्दके साथ न लगा 'मतं' । अर्थात् ' माना गया है ' शब्दके साथ लगाकर यों अर्थ करते हैं, कि "इनके ज्ञानको । मैं ज्ञान समझता हूं । " पर ये अर्थ सहज नहीं हैं। आठवें अध्यायके आरंभ मेंही वर्णन । है, कि देहमे निवास करनेवाला आत्मा ( अधिदेव ) मँही हूँ, अथवा "जो पिंडमें । है, वही ब्रह्माडमे है "; और सातवेमेभी भगवानने 'जीव को अपनीही परा प्रकृति कहा है ( ७. ५ ) इसी अध्यायके २२ वे और ३१ वें श्लोकभी ऐसाही वर्णन है । अव है, कि क्षेत्र क्षेत्रका विचार कहाँ पर और किसने किया है :- ] ( ३ ) क्षेत्र क्या है, वह किस प्रकारका है, उसके और कौन कौन विकार हैं, ( उसमें भी ) क्रिसमे क्या होता है; ऐसे ही वह अर्थात् क्षेत्रज्ञ कोन है और उसका प्रभाव क्या है ? - इसे मैं सपने बतलाना हू, सुन । ऋषिभिर्बहुधा गीतं छन्दोभिर्विर्विधैः पृथक् । ब्रह्मसूत्रपदैश्चैव हेतुमद्भिर्विनिश्चितैः ॥४॥ ६६ महाभूतान्यहंकारो बुद्धिरव्यक्तमेव च । इंद्रियाणि दशैकं च पंच चेन्द्रियगोचराः ॥ ५ ॥ इच्छा द्वेषः सुखं दुःखं संघातश्चेतना धृतिः । एतत्क्षेत्रं समासेन सविकारमुदाहृतम् ॥ ६ ॥ (४) ब्रह्मसूत्रके पदोंसेभी, यह विषय गाया गया है, कि जिन्हें बहुत प्रकारसे, विविध छंदोंमें, पृथक् पृथक् ( अनेक ) ऋषियोंने ( कार्यकारणरूप ) हेतु दिखला कर पूर्ण निश्चित किया है । [ गीतारहस्यके परिशिष्ट प्रकरणमें ( गीतार. पृ. ५३३- ५३८ ) हमने । विस्तारपूर्वक दिखलाया है, कि इस श्लोकमें ब्रह्मसूत शब्दसे वर्तमानवेदान्त । सूत्र उद्दिष्ट हैं । उपनिषद् किसी एकही ऋषिका कोई एक ग्रंथ नहीं है, । अनेक ऋषियोंको भिन्न भिन्न काल या स्थान में जिन अध्यात्म-विचारोंका स्फुरण । हो आया, वे विचार बिना किसी पारस्परिक संबंध के भिन्न भिन्न उपनिषदों में वर्णित हैं, इसलिये उपनिषद् संकीर्ण हो गये हैं, और कई स्थानोंपर वे परस्पर। विरुद्धसे जान पड़ते हैं। ऊपरके श्लोकके पहले चरणमें जो 'विविध' और 'पृथक् ' शब्द हैं, वे उपनिषदोंके इस संकीर्ण स्वरूपकाही बोध कराते हैं । इस प्रकार इन उपनिषदोंके संकीर्ण और परस्परविरुद्ध होनेके कारण, आचार्य बादरायणने । उनके सिद्धान्तोंकी एकवाक्यता करनेके लिये ब्रह्मसूत्रों या वेदान्त-सूत्रोंकी रच। नाकी है, और उस सूत्रोंमें उपनिषदोंके सब विषयोंको लेकर प्रमाणसहित अर्थात् । कार्यकारण आदि हेतु दिखलाकरके, पूर्ण रीतिसे सिद्ध किया है, कि प्रत्येक विषयके संबंध में सब उपनिषदोंसे एकही सिद्धान्त कैसे निकाला जाता है; फलतः । अर्थात् उपनिषदोंका रहस्य समझने के लिये वेदान्त-सूत्रोंकी सदैव जरूरत पडती । है, अतः इस श्लोकमें दोनोंका भी उल्लेख किया गया है। ब्रह्मसूतके दूसरे । अध्यायके तीसरे पादके पहले १६ सूत्रोंमें क्षेत्रका विचार और फिर उस पादके अंततक क्षेत्रज्ञका विचार किया गया है। ब्रह्मसूत्रोंमें यह विचार है, इसलिये । उन्हें 'शारीरक सूत्र' अर्थात् शरीर या क्षेत्रका विचार करनेवाले सूतभी कहते । हैं । यह बतला चुके, कि क्षेत्र क्षेत्रज्ञका विचार किसने और कहाँ किया है; । अब बतलाते हैं, कि क्षेत्र क्या है :- ] ( ५ ) ( पृथिवी आदि पाँच स्थूल ) महाभूत, अहंकार, बुद्धि ( महान् ), अव्यक्त ( प्रकृति ), दश ( सूक्ष्म ) इंद्रियाँ और एक ( मन ) ; तथा ( पाँच ) इंद्रियोंके पाँच ( शब्द, स्पर्श, रूप, रस और गंध - ये सूक्ष्म ) विषय, ( ६ ) इच्छा, ९९ अमानित्वमदम्भित्वमहिंसा क्षान्तिरार्जवम् । आचार्योपासनं शौचं स्थैर्यमात्मविनिग्रहः ॥ ७ ॥ इन्द्रियार्थेषु वैराग्यमनहंकार एव च । जन्ममृत्युजराव्याधिदुःखदोषानुदर्शम् ॥ ८ ॥ द्वष, सुख, दुःख, संघात, चेतना अर्थात् प्राण आदिका व्यक्त व्यापार और धृति याने धर्य, इस ( ३१ तत्त्वोंके ) समुदायको सविकार क्षेत्र कहते हैं । यह क्षेत्र और उसके विकारोंका लक्षण है । पाँचवे श्लोकमें मांख्य-मतवालोंके पच्चीस तन्वोंमेंसे पुरुषको छोड़ शेष चौवीस तत्त्व आ गये हैं। इन्ही चौबीस तत्त्वोंमें मनका समावेश होनेके कारण इच्छा, द्वेष आदि मनोधर्मोको अलग वतलानेकी जरूरत न थी । परंतु कणाद-मतानुयायियोंके मतसे ये धर्म । आत्माके हैं और इस मतको मान लेनेमे शंका होती है, कि, इन गुणोंका क्षेत्रमेंही समावेश होता है या नहीं ? अतः क्षेत्र शब्दको व्याख्याको निःसंदिग्ध करनेके लिये यहाँ स्पष्ट रीतिसे क्षेत्रमेंही इच्छा-द्वेष आदि का समावेश कर लिया है, और उसीमें भय - अभय आदि अन्य द्वंद्वोंकाभी लक्षणासे समावेश हो जाता है । यह दिखलानेके लिये, कि सबका संघात अर्थात् समूह क्षेत्रसे स्वतंत्र कर्ता । नहीं है, उसकी गणना क्षेत्रमेही की गई है। कई बार 'चेतना' शब्दकाही 'चैतन्य' अर्थ होता है। परंतु यहाँ चेतनासे "जड़ देहमें प्राण आदिके दीख पड़नेवाले व्यापार, अथवा जीवितावस्थाकी चेप्टाएँ इतनाही अर्थ विवक्षित है; और ऊपर दूसरे श्लोकमें कहा है, कि जड़ वस्तुमें यह चेतना जिससे उत्पन्न होती है, वह चिच्छक्ति अथवा चैतन्य, क्षेत्रज्ञ-रूपसे, क्षेत्रसे अलग रहता है । 'धृति' शब्दकी व्याख्या आगे गीतामेही ( १८.३३ ) की है, उसे देखो । छठे श्लोकके 'समामेन' पदका अर्थ " इन सवका समुदाय " है । अधिक विवरण गीतारहस्यके आठवें प्रकरणके अंतमें (पृ. १४४, १४५ ) मिलेगा। पहले 'क्षेत्रज्ञ' के माने 'परमेश्वर' बतलाकर फिर स्पष्ट किया है, कि 'क्षेत्र' क्या है ? अब मनुष्यके स्वभावपर । ज्ञानके जो परिणाम होते हैं. उनका वर्णन करके यह बतलाते हैं, कि ज्ञान किसको । कहते है; और आगे ज्ञेयका स्वरूप बतलाया है। ये दोनी विषय दीखनेमें भिन्न दीख पडते हैं अवश्य; पर वास्तविक रीतिमे वे क्षेत्र क्षेत्रज्ञ - विचारकेही दो भाग हैं। क्योंकि, प्रारंभ मेंही बतला चुके हैं, कि क्षेत्रज्ञका अर्थ परमेश्वर है । अतएव क्षेत्रज्ञका ज्ञानही परमेश्वरका ज्ञान है, और उसीका स्वरूप अगले श्लोकोंमें । वर्णित है - बीचमंही कोई मनमाना विषय नहीं धर घुसेडा है । ] ( ७ ) मानहीनता, दंभहीनता, अहसा, क्षमा, सरलता, गुरुसेवा, पवित्रता, स्थिरता, मनोनिग्रह, (८ ) इंद्रियोके विपयोमे विराग, अहंकारहीनता, और असक्तिरनभिष्वंगः पुत्रदारगृहादिषु । नित्यं च समचित्तत्व मिष्टानिष्टोपपत्तिषु ॥ ९ ॥ मयि चानन्ययोगेन भक्तिरव्यभिचारिणी । विविक्तदेशसेवित्वमरतिर्जनसंसदि ॥ १० ॥ अध्यात्मज्ञाननित्यत्वं तत्त्वज्ञानार्थदर्शनम् । एतज्ज्ञानमिति प्रोक्तमज्ञानं यदतोऽन्यथा ॥ ११ ॥ जन्म, मृत्यु, बुढापा, व्याधि एवं दुःखोंको ( अपने पीछे लगे हुए ) दोष समझना ; ( ९ ) कर्ममें अनासक्ति, बाल-बच्चों और घर-गृहस्ती आदिमें लंपट न होना, इष्ट या अनिष्टकी प्राप्ति हो, चित्तकी सर्वदा एकहीसी वृत्ति रखना, ( १० ) और मुझमें अनन्य भावसे अटल भक्ति, 'विविक्त' अर्थात् चुने हुए अथवा एकान् स्थानमें रहना, साधारण लोगोंके जमावको पसंद न करना, ( ११ ) अध्यात्मज्ञानको नित्य समझना, और तत्त्वज्ञानके सिद्धान्तोंका परिशीलन - इनको ज्ञान कहते हैं; इसके व्यतिरिक्त जो कुछ है, वह सब अज्ञान है । [ सांख्योंके मतमें क्षेत्रक्षेत्रका ज्ञानही प्रकृति-पुरुषके विवेकका ज्ञान है, और उसे इसी अध्यायमें आगे बतलाया है ( गीता १३.१९-२३ ; १४.१९ ) । । इसी प्रकार अठारहवें अध्याय में ( गीता १८.२०) ज्ञानके स्वरूपका यह । व्यापक लक्षण बतलाया है - " अविभक्त विभक्तेषु " । परंतु मोक्षशास्त्रम क्षेत्र क्षेत्र के ज्ञानका अर्थ केवल बुद्धिसे यही जान लेना विवक्षित नहीं होता, । कि अमुक अमुक बातें अमुक प्रकारकी हैं। अध्यात्म शास्त्रका सिद्धान्त यह है, । कि उस ज्ञानकाका देहके स्वभावपर साम्य बुद्धिरूप परिणाम होना चाहिये, अन्यथा वह ज्ञान अपूर्ण या कच्चा है । अतएव यह बतलाकर, कि बुद्धिसे । अमुक अमुक जान लेनाही ज्ञान है, ऊपरके पाँच श्लोकोंमें ज्ञानकी व्याख्या इस । प्रकार की गई है, कि जब उक्त श्लोकोंमें बतलाये हुए मान और दंभका छूट जाना, अहिंसा, अनासक्ति, समबुद्धि इत्यादि बीस गुण मनुष्यके स्वभावमें दीख { पड़ने लगें, तब उसे ज्ञान कहना चाहिये, ( गीतार. प्र. ९, पृ. २४९, २५० ) । दसवें इलोकमें "विविक्त स्थान में रहना और जमावको नापसंद करना " भी ज्ञानका एक लक्षण कहा है, उससे कुछ लोगोंने यह दिखानेका प्रयत्न किया है, । कि गीताको संन्यास-मार्गही अभीष्ट है। किंतु हम पहलेही बतला चुके हैं ( गीता १२. १९ की टिप्पणी; गीतार. प्र. १०, पृ. २८५ ), कि यह मत ठीक । नहीं है, और ऐसा अर्थ करना उचितभी नहीं है। यहाँ इतनाही विचार किया है, कि ज्ञान क्या है; और इस विषय में कोई वादभी नहीं है, वह ज्ञान बाल। बच्चोंमें, घरगृहस्ती में अथवा लोगोंके जमावमें अनासक्ति है । अव अगला प्रश्न SS ज्ञेयं यत्तत्प्रवक्ष्यामि यज्ज्ञात्वाऽमृतमश्नुते । अनादिमत्परं ब्रह्म न सत्तन्नासदुच्यते ॥ १२ ॥ सर्वतः पाणिपादं तत्सर्वतोऽक्षिशिरोमुखम् । सर्वतः श्रुतिमल्लोके सर्वमावृत्य तिष्ठति ॥ १३ ॥ सर्वेन्द्रियगुणाभासं सर्वेन्द्रियविवर्जितम् । असक्तं सर्वभृच्चैव निर्गुणं गुणभोक्तृ च ॥ १४ ॥ बहिरन्तश्च भूतानामचरं चरमेव च । सूक्ष्मत्वात्तदविज्ञेयं दूरस्थं चान्तिके च तत् ॥ १५ ॥ अविभक्तं च भूतेषु विभक्तमिव च स्थितम् । भूतभर्तृ च तज्ज्ञेयं ग्रसिष्णु प्रभविष्णु च ॥ १६ ॥ । यह है कि इस ज्ञानके हो जानेपर इसी अनासक्त बुद्धिसे बालबच्चों में अथवा । गृहस्तीमें रहकर प्राणिमात्रके हितार्थ जगतके व्यवहार किये जायँ अथवा न । किये जायँ; और केवल ज्ञानकी व्याख्यासेही इसका निर्णय करना उचित नहीं है। क्योंकि भगवानने गीतामें अनेक स्थलोंपर कहा है, कि ज्ञानी पुरुष कर्मों में लिप्त न होकर, उन्हें अनासक्त बुद्धिसे लोकसंग्रह के निमित्त करता रहे और इसकी सिद्धिके लिये जनकके बर्तावका और अपने व्यवहारका उदाहरणभी । दिया है ( गीता ३. १९-२५; ४.१४ ) । समर्थ श्री रामदास स्वामीके चरित्रसे । यह बात प्रकट होती है, कि शहरमें रहनेकी लालसा न रहनेपरभी जगत्के । व्यवहार केवल कर्तव्य समझकर कैसे किये जा सकते हैं ? ( दासबोध । १९.६.२९; १९ ९ ११ ) । यह ज्ञानका लक्षण हुआ; अब ज्ञेयका स्वरूप । बतलाते हैं :- ] ( १२ ) ( अब तुझे ) वह बतलाता हूँ, ( कि ), जिसे जान लेनेसे 'अमृत' अर्थात् मोक्ष मिलता है । ( वह ) अनादि ( सबसे ) परेका ब्रह्म ( है ) । न उसे 'सत्' कहते हैं, और न 'असभी । ( १३ ) उसके, सब ओर हाथ-पैर हैं, सब ओर आँखें, सिर और मुँह हैं, सब ओर कान हैं; और वही इस लोकमें सबको व्याप रहा है । ( १४ ) ( उसमें ) सब इंद्रियोंके गुणोंका आभास है, पर उसके कोईभी इंद्रिय नहीं है; वह ( सबसे ) असक्त अर्थात् अलग होकरभी सबका पालन करता है; और निर्गुण होनेपरभी गुणोंका उपभोग करता है । ( १५ ) ( वह ) सब भूतोंके भीतर और बाहरभी है; अचर है और चरभी है; सूक्ष्म होनेके कारण वह अविज्ञेय है; और दूर होकरभी समीप है । ( १६ ) वह ( तत्त्वतः ) 'अविभक्त' अर्थात् अखंडित ( होकरभी ) सब भूतोंमें मानो ( नानात्वसे ) विभक्त हो रहा है;
जॉन अब्राहम बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु से प्यार तो कर रहे थे लेकिन उनका दिल कहीं और ही था। दोनों के बीच इतनी नजदीकियां होने के बावजूद वो लगातार एक और रिश्ते को निभा रहे थे जिसके बारे में उन्होंने ट्वीट में जिक्र कर दिया था। जॉन ने लिखा, 'आपको और आपके प्यारों को साल 2014 की शुभकामनाएं। इस साल आपके जीवन में प्यार, बेहतर भविष्य और खुशियां आएं। लव, जॉन और प्रिया अब्राहम'। इस ट्वीट में जॉन ने अपनी दूसरी प्रेमिका प्रिया रूंचाल का नाम ले लिया था। शायद उनसे शादी भी कर ली थी और इसकी किसी को कानोकान खबर नहीं हुई थी। यहां तक की बिपाशा को भी नहीं। जॉन का ये ट्वीट देखकर बिपाशा के होश उड़ गए थे। बिपाशा को यकीन नहीं हुआ था कि जो शख्स कुछ दिनों पहले तक उनसे शादी की बातें कर रहा था वो शादी कर चुका था। यह जानकर बिपाशा का दिल टूट गया। फिर एक के बाद एक बिपाशा का नाम कई लड़कों से जोड़ा गया। फिलहाल बिपाशा अभिनेता करन सिंह ग्रोवर के साथ शादी कर एक अच्छा जीवन व्यतीत कर रही हैं।
अब तक हम सोच रहे थे कि क्या नरेंद्र मोदी खुद टैगोर का इस्तेमाल कर रहे हैं या बंगाली भाषा का। कोंताई में बुधवार को, उन्होंने एक बंगाली तरीके से "समय-सम्मानित भारतीय परंपरा" का उपयोग करके अपने अभियान में एक और आयाम जोड़ा। इस तरह से उन्होंने रैली में कई बार दीदी का नाम दोहराया। "दीदी, ओ दीदी," लेकिन वह ममता बनर्जी को संबोधित नहीं कर रहे थे। वह एक बड़ा बयान दे रहे थे, जैसे "बंगलेई डोरकर, बीजेपी सरकार (बंगाल को बीजेपी सरकार की ज़रूरत है)", फिर अपनी आवाज़ निकालते हुए, और आवाज़ लगाई, मानो एक रैली में दीदी से पूछ रहे हों,मज़ाकिया लहजा। यह एक तरह से याद दिलाता है कि एक आदमी अक्सर किसी महिला पर भद्दे कमेंट करता है। "भाइपो (भतीजे)" के खिलाफ आरोप लगाते हुए, मोदी ने अपनी आवाज़ कम की और उसे फिर से छेड़ा। "दीदी, ओ दीदी," उन्होंने उनका नाम पुकारते हुए कहा, मज़े को लंबे समय तक बनाए रखने के लिए हर शब्द का विस्तार किया। मोदी शायद यह जानकर खुश होंगे कि बंगाली में इस प्रथा को "कमेंट मारा" या "ताना काटा" कहा जाता था। मोदी और दीदी एक दूसरे के साथ व्यापारिक अपमान करने में अच्छे हैं। लेकिन एक महिला अक्सर किसी पुरुष के साथ ऐसा नहीं कर सकती है। इसलिए बिग बॉय मोदी, प्रधान मंत्री मोदी, आज मिदनापुर आए और एक महिला पर "टिप्पणी" कि। बंगाल में क्षेत्र चिह्नित करने के लिए।
मिला कि दूर पंजाब के नगर लाहौर में विद्रोह पनप रहा है। विद्रोह का दमत करने के लिए उसने एक वाहिनी देकर अहमद अय्याज़ खाँ को लाहौर भेज दिया। जब सुलतान मुहम्मद की खूनी मुस्लिम सेना का प्लेग तेलंगाना (आन्ध्र) की फलती-फूलती ज़मीन पर उतरा तो संक्रामक हैजे ने इस प्लेग का दिल खोलकर स्वागत किया। सुलतान का मुस्लिम गिरोह मच्छरमक्खियों की तरह मरने लगा। सुलतान खुद के दस्त का शिकार हो गया । आन्ध्र में हिन्दुओं पर परम्परागत मुस्लिम जुल्म ढाने के लिए मलिक काबुल को वहाँ छोड़ सुलतान हड़बड़ाकर वारंगल से भाग निकला। बीमार होक वह देवगिरी पहुँचा । दक्षिण के जिन क्षेत्रों को मुस्लिम गुण्डे चूस सकते थे वहाँ सुलतान ने अपने गुर्गों को नियुक्त कर दिया ताकि सुसंगठित रूप से लूट-पाटकर लगातार धन निचोड़- निचोड़कर वे लोग सुलतान के चिल्लर गिरोह के लिए धन भेज सकें। उसने साहब सुलतानी को नुसरत खाँ की उपाधि दी और बिदार में नियुक्त कर दिया। बिदार गौरवशाली हिन्दू नाम भद्रकेत्तु का अपभ्रंश है । मराठा देश की नियमित लूट एवं हिन्दू-हत्या का भार कटलघ खाँ को सौंप दिया गया। फिर अपने स्वास्थ्य की ओर से निराश होकर सुलतान दिल्ली की ओर चल पड़ा। मार्ग में साथ देने के लिए उसने दिल्ली से आई हुई जनता को भी बटोर लिया । इन लोगों को उसने पहले दिल्ली से देवगिरी हाँक दिया था। अब अपने नए घरों को छोड़कर उन्हें वापिस दिल्ली की यात्रा करनी पड़ी। मार्ग में सुलतान ने प्राचीन राजा भोज की विख्यात राजधानी धार नगरी में पड़ाव डाला । मुहम्मद एक श्रापित व्यक्ति था ही। इधर वह धार पहुँचा, उधर वहाँ "दुर्भिक्ष फैल गया । मार्ग की सारी चौकियाँ नष्ट हो गईं और सारे नगरों एवं क्षेत्रों में संकट तथा अराजकता व्याप्त हो गई ।" जब सुलतान दिल्ली पहुँचा तो आबादी का हज़ारवाँ हिस्सा भी जिन्दा नहीं बचा था। इस शैतान - सनकी मुलतान का दिल्ली पहुँचना था कि "उसने देखा, देश उजड़ा पड़ा है। दुभिक्ष लहरा रहा है और सारा कृषि कार्य बन्द है ।" अकाल की कठोरता का वर्णन करते हुए इब्न बतूता ने लिखा है कि "एक मन अनाज का दाम ६० दिहराम से भी अधिक हो गया था। संकट चारों ओर फैला हुआ था। परिस्थिति गम्भीर थी। शहर में मैंने एक दिन तीन OCR web optimiza evaluation copy औरतों को देखा जो एक ऐसे घोड़े की चमड़ी काट-कटकर खा रही थीं, जिसको मरे हुए कई महीने व्यतीत हो गए थे । चमड़ा पकाकर बाज़ारों में बेचा जाता था । जब बैलों को काटा जाता था तब लोगों की भीड़ चल्लू में खून लेने के लिए दौड़ पड़ती थी और जिन्दा रहने के लिए खून को पी जाती थी । " ( ५ ) अकाल के बीच में पाँचवें विद्रोह का समाचार भी आ पहुँचा । सुलतान के मुलतानी गुर्गे बिह्जद को मारकर इस बार शाहू अफ़ग़ान खड़ा हो गया था । आतंकित होकर मलिक नावा दिल्ली भाग आया । क्योंकि सुलतान मुलतान कूच करने के लिए निकला ही था कि उसकी माँ मुखदुमाए-जहाँ मर गई । सुलतान ने इसकी कतई चिन्ता नहीं की। उसने कूच कर दिया। अपने अफ़ग़ानों के साथ बाग़ी शाहू अफ़ग़ानिस्तान भाग गया । सुलतान दिल्ली वापिस लौट आया; उस दिल्ली में "जहाँ अकाल बहुत ही भयंकर था और आदमी आदमी को खा रहा था ।" इधर सुलतान ने पीठ फेरी, उधर सिन्ध में बगावत ने फिर अपनी ख़तरनाक तलवार उठा ली। अपने-अपने सरदारों के अधीन हिन्दू जातियाँ एकत्रित होकर मुसलमानों की विनाश- सत्ता को ललकारने लगीं । सुलतान ने सन्नम और समाना की ओर कूच कर दिया। ये दोनों स्थान उपद्रव के केन्द्र थे । "बागियों ने मण्डल बनाया, लगान रोका, अशान्ति पैदा की और राहगीरों को लूटने लगे । सुलतान ने उनके मण्डल को नष्ट कर दिया, अनुचरों को बिखेर दिया और सरदारों को बन्दी बनाकर दिल्ली ले आया ।" बहुतों को मुसलमान बना दिया गया। उनकी पत्नियाँ मुस्लिम हरमों में बाँट दी गईं। बच्चों को मुसलमान और फिर गुलाम बनाकर बेच दिया गया । कितने शोक की बात है कि आज के मुसलमान यह नहीं समझ पा रहे हैं कि उनके बाप-दादा और माँ-बहनों को उनके पावन हिन्दू घरों से निकालकर और न जाने कितनी पीड़ाएँ देकर मुसलमान बनाया गया (६) सुलतान के खून से चिपचिपे हाथ अभी सूखे भी नहीं थे कि छठे विद्रोह का समाचार भी आ पहुँचा । वारंगल के वीर हिन्दुओं ने विदेशी मुस्लिम भेड़ियों को दबोच दिया था। एक वीर हिन्दू देश-भक्त कान्य नायक ने मुस्लिम बघेरों को हिन्दू तलवार का स्वाद चखाने का निश्चय कर लिया। सुलतान का मुस्लिम गुर्गा मलिक काबुल इतना भयभीत हो गया था कि बिना पीछे देखे वह सीधा दिल्ली भार्ग आया । कान्य नायक का प्रत्याक्रमण इतना सफल रहा कि एक ही वार में आन्ध्र का मुस्लिम फन्दा कटकर नीचे गिर पड़ा । आन्ध्र मुस्लिम लूट-पाट से पूर्णतः मुक्त हो गया । हमें आशा है कि वारंगल के इस महान् हिन्दू देशभक्त की याद वहाँ के निवासियों के दिल में अब भी ताज़ा होगी। (७) कान्य नायक के एक रिश्तेदार को कोड़ों से मार-मारकर मुसलमान बनाया गया था। उसके बाद अन्य हिन्दुओं की पीठ पर कोड़े बरसाने के लिए उसे गंगा क्षेत्र के काम्पिल नगर भेज दिया गया था। कान्य नायक की सफलता से उत्साहित होकर उसने नये धर्म का फन्दा निकाल फेंका और बड़े गौरव से अपने आपको हिन्दू घोषित कर दिया। घृणित सुलतान के विरुद्ध यह सातवाँ विद्रोह था । कान्य नायक के इस वीर हिन्दू रिश्तेदार ने अपनी स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी। गंगा का पावन क्षेत्र वापिस हिन्दुत्व की गोद में आकर चैन की साँस लेने लगा । सनकी सुलतान का शैतानी राज्य उसके सामने ही चूर-चूर होने लगा। "सिर्फ़ देवगिरी और गुजरात ही ( सुलतान के पास ) बचे । दंगे चारों ओर भड़क उठे थे । ज्यों-ज्यों यह तीव्र होता गया त्यों-त्यों सुलतान उत्तेजित होकर अपनी प्रजा से कठोर-से-कठोर व्यवहार करने लगे। मगर उनकी नृशंसता से लोगों में घृणा और असन्तोष बढ़ता ही गया । वे कुछ दिनों तक वे दिल्ली में टिके दाम बढ़ते गए, बढ़ते गए । मनुष्य और पशु भूख से मरने लगे । अकाल के बीच सरकार का कोई भी काम नहीं हो सकता था । दिन-ब-दिन दिल्ली के निवासियों की हालत पतली और दयनीय होती गई । इसलिए सुलतान ने उन लोगों को दिल्ली द्वार से बाहर निकलकर अपने परिवार के साथ पड़ोसी क्षेत्र में बसने की अनुमति दे दी ।" (वही, पृष्ठ २४६ ) । भूख से मरने से बचने के लिए खुद मुहम्मद ने भी दिल्ली त्याग दी। यह दिल्ली से दूसरा सामूहिक पलायन था। पहला पलायन था सुलतान की आज्ञा पर देवगिरी प्रस्थान । भूख से बेहाल होकर सुलतान (भूखे भेड़िये की भाँति ) हिन्दुस्तान के लोगों का बचा हुआ माल भी नोच-नोचकर निगलने लगा । खुले आम, दिन PDF comprese
BAREILLY: पेपर सेटिंग को लेकर आरयू के ऊपर हमेशा से ही सवाल उठते आए हैं। बावजूद इसके पेपर में गलतियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं। वह भी तब जब कई स्तर पर इन क्वेश्चंस पेपर को सेट और क्रॉस चेक किया जाता है। कैंपस में कंडक्ट हो रहे इंजीनियरिंग के सेमेस्टर एग्जाम्स में थर्सडे को स्टूडेंट्स ने हंगामा कर दिया। स्टूडेंट्स ने सिलेबस से बाहर के क्वेश्चंस पूछे जाने का आरोप लगाया। टीचर्स ने शांत कराने की कोशिश की लेकिन स्टूडेंट्स एग्जाम्स देने को ही तैयार नहीं थे। स्टूडेंट्स ने काफी देर तक हंगामा किया तो डिपार्टमेंट को क्वेश्चन पेपर ही चेंज करना पड़ा। थर्सडे को बीटेक ईसी का फोर्थ ईयर का सेमेस्टर एग्जाम था। डिजिटल इमेज का क्वेश्चन पेपर स्टूडेंट्स को दिया गया। एग्जाम शुरू होने के कुछ देर बाद स्टूडेंट्स कुछ क्वेश्चंस को लेकर आपत्ति दर्ज कराने लगे। स्टूडेंट्स का आरोप था कि जिस टॉपिक के क्वेश्चंस पूछे गए हैं वे पढ़ाए ही नहीं गए। एग्जाम में ड्यूटी कर रहे टीचर्स ने पहले स्टूडेंट्स को शांत करने की कोशिश की। जिसके बाद स्टूडेंट्स ने हंगामा शुरू कर दिया। वे एग्जाम को बहिष्कार करने की धमकी देने लगे। मामला बढ़ा तो एबीवीपी के कुछ मेंबर्स भी डिपार्टमेंट पहंच गए। विवि संयोजक सुमित गुर्जर ने बताया कि सभी ने डीन प्रो। एके गुप्ता से वार्ता की। डीन ने सभी के आग्रह पर क्वेश्चन पेपर वापस लेकर नया पेपर सेट बंटवा दिया। इसके बाद ही स्टूडेंट्स का हंगामा शांत हुआ और उन्होंने एग्जाम दिया।
हाकान सरबेस (जन्मः 25 नवम्बर 1974, हानोफर, जर्मनी) तुर्की मूल के एक जर्मन पोर्नोग्राफ़िक अभिनेता हैं। सरबेस ने फ़िल्म मिशन टू यूरेनस में निभाई गई भूमिका के लिए वर्ष 2011 में बेस्ट ग्रुप सेक्स सीन (सर्वश्रेष्ठ समूह सेक्स दृश्य) श्रेणी में एवीएन अवार्ड जीता था। सरबेस ने पोर्न व्यवसाय में 1992 में कदम रखा था। . 5 संबंधोंः तुर्की, यूरोप, रोम, जर्मनी, इटली। तुर्की (तुर्क भाषाः Türkiye उच्चारणः तुर्किया) यूरेशिया में स्थित एक देश है। इसकी राजधानी अंकारा है। इसकी मुख्य- और राजभाषा तुर्की भाषा है। ये दुनिया का अकेला मुस्लिम बहुमत वाला देश है जो कि धर्मनिर्पेक्ष है। ये एक लोकतान्त्रिक गणराज्य है। इसके एशियाई हिस्से को अनातोलिया और यूरोपीय हिस्से को थ्रेस कहते हैं। स्थितिः 39 डिग्री उत्तरी अक्षांश तथा 36 डिग्री पूर्वी देशान्तर। इसका कुछ भाग यूरोप में तथा अधिकांश भाग एशिया में पड़ता है अतः इसे यूरोप एवं एशिया के बीच का 'पुल' कहा जाता है। इजीयन सागर (Aegean sea) के पतले जलखंड के बीच में आ जाने से इस पुल के दो भाग हो जाते हैं, जिन्हें साधारणतया यूरोपीय टर्की तथा एशियाई टर्की कहते हैं। टर्की के ये दोनों भाग बॉसपोरस के जलडमरूमध्य, मारमारा सागर तथा डारडनेल्ज द्वारा एक दूसरे से अलग होते हैं। टर्की गणतंत्र का कुल क्षेत्रफल 2,96,185 वर्ग मील है जिसमें यूरोपीय टर्की (पूर्वी थ्रैस) का क्षेत्रफल 9,068 वर्ग मील तथा एशियाई टर्की (ऐनाटोलिआ) का क्षेत्रफल 2,87,117 वर्ग मील है। इसके अंतर्गत 451 दलदली स्थल तथा 3,256 खारे पानी की झीलें हैं। पूर्व में रूस और ईरान, दक्षिण की ओर इराक, सीरिया तथा भूमध्यसागर, पश्चिम में ग्रीस और बुल्गारिया और उत्तर में कालासागर इसकी राजनीतिक सीमा निर्धारित करते हैं। यूरोपीय टर्की - त्रिभुजाकर प्रायद्वीपी प्रदेश है जिसका शीर्षक पूर्व में बॉसपोरस के मुहाने पर है। उसके उत्तर तथा दक्षिण दोनों ओर पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। मध्य में निचला मैदान मिलता है जिसमें होकर मारीत्सा और इरजिन नदियाँ बहती हैं। इसी भाग से होकर इस्तैस्म्यूल का संबंध पश्चिमी देशों से है। एशियाई टर्की - इसको हम तीन प्राकृतिक भागों में विभाजित कर सकते हैंः 1. यूरोप पृथ्वी पर स्थित सात महाद्वीपों में से एक महाद्वीप है। यूरोप, एशिया से पूरी तरह जुड़ा हुआ है। यूरोप और एशिया वस्तुतः यूरेशिया के खण्ड हैं और यूरोप यूरेशिया का सबसे पश्चिमी प्रायद्वीपीय खंड है। एशिया से यूरोप का विभाजन इसके पूर्व में स्थित यूराल पर्वत के जल विभाजक जैसे यूराल नदी, कैस्पियन सागर, कॉकस पर्वत शृंखला और दक्षिण पश्चिम में स्थित काले सागर के द्वारा होता है। यूरोप के उत्तर में आर्कटिक महासागर और अन्य जल निकाय, पश्चिम में अटलांटिक महासागर, दक्षिण में भूमध्य सागर और दक्षिण पश्चिम में काला सागर और इससे जुड़े जलमार्ग स्थित हैं। इस सबके बावजूद यूरोप की सीमायें बहुत हद तक काल्पनिक हैं और इसे एक महाद्वीप की संज्ञा देना भौगोलिक आधार पर कम, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक आधार पर अधिक है। ब्रिटेन, आयरलैंड और आइसलैंड जैसे देश एक द्वीप होते हुए भी यूरोप का हिस्सा हैं, पर ग्रीनलैंड उत्तरी अमरीका का हिस्सा है। रूस सांस्कृतिक दृष्टिकोण से यूरोप में ही माना जाता है, हालाँकि इसका सारा साइबेरियाई इलाका एशिया का हिस्सा है। आज ज़्यादातर यूरोपीय देशों के लोग दुनिया के सबसे ऊँचे जीवनस्तर का आनन्द लेते हैं। यूरोप पृष्ठ क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का दूसरा सबसे छोटा महाद्वीप है, इसका क्षेत्रफल के १०,१८०,००० वर्ग किलोमीटर (३,९३०,००० वर्ग मील) है जो पृथ्वी की सतह का २% और इसके भूमि क्षेत्र का लगभग ६.८% है। यूरोप के ५० देशों में, रूस क्षेत्रफल और आबादी दोनों में ही सबसे बड़ा है, जबकि वैटिकन नगर सबसे छोटा देश है। जनसंख्या के हिसाब से यूरोप एशिया और अफ्रीका के बाद तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला महाद्वीप है, ७३.१ करोड़ की जनसंख्या के साथ यह विश्व की जनसंख्या में लगभग ११% का योगदान करता है, तथापि, संयुक्त राष्ट्र के अनुसार (मध्यम अनुमान), २०५० तक विश्व जनसंख्या में यूरोप का योगदान घटकर ७% पर आ सकता है। १९०० में, विश्व की जनसंख्या में यूरोप का हिस्सा लगभग 25% था। पुरातन काल में यूरोप, विशेष रूप से यूनान पश्चिमी संस्कृति का जन्मस्थान है। मध्य काल में इसी ने ईसाईयत का पोषण किया है। यूरोप ने १६ वीं सदी के बाद से वैश्विक मामलों में एक प्रमुख भूमिका अदा की है, विशेष रूप से उपनिवेशवाद की शुरुआत के बाद. यह लेख इटली की राजधानी एवं प्राचीन नगर 'रोम' के बारे में है। इसी नाम के अन्य नगर संयुक्त राज्य अमरीका में भी है। स्तनधारियों की त्वचा पर पाए जाने वाले कोमल बाल (en:hair) के लिये बाल देखें। इसका पर्यायवाची शब्द रोयाँ या रोआँ (बहुवचन - रोएँ) है। ---- "'रोम"' नगर की स्थिति रोम (Rome) इटली देश की राजधानी है। . कोई विवरण नहीं। इटली यूरोप महाद्वीप के दक्षिण में स्थित एक देश है जिसकी मुख्यभूमि एक प्रायद्वीप है। इटली के उत्तर में आल्प्स पर्वतमाला है जिसमें फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, ऑस्ट्रिया तथा स्लोवेनिया की सीमाएँ आकर लगती हैं। सिसली तथा सार्डिनिया, जो भूमध्य सागर के दो सबसे बड़े द्वीप हैं, इटली के ही अंग हैं। वेटिकन सिटी तथा सैन मरीनो इटली के अंतर्गत समाहित दो स्वतंत्र देश हैं। इटली, यूनान के बाद यूरोप का दूसरा का दूसरा प्राचीनतम राष्ट्र है। रोम की सभ्यता तथा इटली का इतिहास देश के प्राचीन वैभव तथा विकास का प्रतीक है। आधुनिक इटली 1861 ई. में राज्य के रूप में गठित हुआ था। देश की धीमी प्रगति, सामाजिक संगठन तथा राजनितिक उथल-पुथल इटली के 2,500 वर्ष के इतिहास से संबद्ध है। देश में पूर्वकाल में राजतंत्र था जिसका अंतिम राजघराना सेवाय था। जून, सन् 1946 से देश एक जनतांत्रिक राज्य में परिवर्तित हो गया। इटली की राजधानी रोम प्राचीन काल के एक शक्ति और प्रभाव से संपन्न रोमन साम्राज्य की राजधानी रहा है। ईसा के आसपास और उसके बाद रोमन साम्राज्य ने भूमध्य सागर के क्षेत्र में अपनी प्रभुता स्थापित की थी जिसके कारण यह संस्कृति और अन्य क्षेत्रों में आधुनिक यूरोप की आधारशिला के तौर पर माना जाता है। तथा मध्यपूर्व (जिसे भारतीय परिप्रेक्ष्य में मध्य-पश्च भी कह सकते हैं) के इतिहास में भी रोमन साम्राज्य ने अपना प्रभाव डाला था और उनसे प्रभावित भी हुआ था। आज के इटली की संस्कृति पर यवनों (ग्रीक) का भी प्रभाव पड़ा है। इटली की जनसंख्या २००८ में ५ करोड़ ९० लाख थी। देश का क्षेत्रफल ३लाख वर्ग किलोमीटर के आसपास है। १९९१ में यहाँ की सरकार के शीर्ष पदस्थ अधिकारियों में व्याप्त भ्रष्टाचार का पर्दाफाश हुआ जिसके बाद यहाँ की राजनैतिक सत्ता और प्रशासन में कई बदलाव आए हैं। रोम यहाँ की राजधानी है और अन्य प्रमुख नगरों में वेनिस, मिलान इत्यादि का नाम लिया जा सकता है। .
Mumbai University Admission 2021: मुंबई यूनिवर्सिटी ने एक नोटिस जारी कर बताया कि ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए पहली मेरिट लिस्ट 17 अगस्त को जारी की जाएगी. Mumbai University UG Admissions 2021: मुंबई यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए पहली मेरिट लिस्ट 17 अगस्त को सुबह 11 बजे जारी करेगी. यूनिवर्सिटी ने आधिकारिक वेबसाइट mu.ac.in पर एक नोटिस के माध्यम से इसकी जानकारी दी. इच्छुक उम्मीदवार मुंबई यूनिवर्सिटी (Mumbai University) में एडमिशन के लिए 14 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं. जिन छात्रों ने आगामी शैक्षणिक वर्ष के लिए विभिन्न ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए आवेदन किया है, वे आधिकारिक वेबसाइट mu.ac.in पर मेरिट लिस्ट चेक कर सकेंगे. फीस के ऑनलाइन भुगतान के साथ ही ऑनलाइन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया 18 अगस्त से 25 अगस्त तक दोपहर 3 बजे तक की जाएगी. मुंबई यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नोटिस में दूसरी और तीसरी मेरिट लिस्ट की तारीखें भी घोषित कर दी गई हैं. दूसरी मेरिट लिस्ट 25 अगस्त को जारी की जाएगी और तीसरी मेरिट लिस्ट 30 अगस्त को जारी होगी. छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे आधिकारिक वेबसाइट की जांच करते रहें और अपडेट रहें क्योंकि अभूतपूर्व स्थिति के मामले में इन तारीखों को बदला जा सकता है. इस साल, एंट्रेंस परीक्षा के लिए छात्रों की शारीरिक उपस्थिति से बचने के लिए, परीक्षा ऑनलाइन मोड में आयोजित की जाएगी. हालांकि, राजगढ़, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग और पालघर के उप-परिसर ऑनलाइन परीक्षा प्रणाली को लागू करने में कठिनाई के कारण ऑफलाइन परीक्षा आयोजित कर सकते हैं. जारी नोटिस में, मुंबई यूनिवर्सिटी ने इन परिसरों को COVID-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है. मुंबई यूनिवर्सिटी ने संबद्ध कॉलेजों को छात्रों के अंतिम दस्तावेजों जैसे मार्कशीट और अन्य प्रमाणपत्रों के सबमिट होने तक उन्हें प्रोविजनल एडमिशन देने का निर्देश दिया है. यदि किसी छात्र को एडमिशन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की तकनीकी समस्या या किसी अन्य समस्या का सामना करना पड़ता है तो वह इसे ठीक करने के लिए निकटतम मुंबई यूनिवर्सिटी कॉलेज में जा सकता है. छात्र वेबसाइट- mum.digitaluniversity.ac पर दिए गए हेल्पलाइन नंबरों का भी संपर्क कर सकते हैं.
टिल्लू ताजपुरिया मर्डर ( IMAGE SOURCE- ABP) Tillu Tajpuriya Murder: गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को वार्ड नंबर 5 के ग्राउंड फ्लोर की सेल में बंद किया गया था. सूत्रों की मानें तो गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया को 20 दिन पहले ही जेल नंबर 8 के हाई सिक्योरिटी वार्ड में शिफ्ट किया गया था. सूत्रों ने ये भी बताया कि उसी वार्ड की पहली मंजिल पर गैंगस्टर जितेंद्र गोगी और लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के गुर्गे की सेल थी. जितेंद्र गोगी का गैंग पिछले काफी समय से टिल्लू ताजपुरिया को मौत के घाट उतारने की फिराक में था. जैसे ही गोगी गैंग के लोगों को ये पता चला कि टिल्लू की सेल शिफ्ट हो गई है वो सभी टिल्लू को खत्म करने का प्लान बनाने में जुट गए. जानकारी के मुताबिक सभी गैंगस्टर हाई सिक्योरिटी वार्ड में बंद थे. पहले फ्लोर से नीचे वाले फ्लोर पर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. दोनों फ्लोर के बीच में एक लोहे का जाल लगा है. जांच में सामने आया कि टिल्लू को मारने के लिए कातिलों ने लोहे के जाल को काट दिया और चादर के सहारे नीचे लटक गए और ग्राउंड पर आ गए. ये सब प्लान का हिस्सा था. गोगी के गुर्गों को पता था कि जेल वार्डन सुबह 6 बजे सभी कैदियों के जेल के ताले खोल देता है. ये एक रूटीन है. सूत्रों की मानें तो टिल्लू को मारने की साजिश काफी समय से चल रही थी. लोहे के जाल को धीरे धीरे काटा जा रहा था और उसे काफी कमजोर कर दिया गया था. जब गोगी के गुर्गों को इस बात का यकीन हो गया कि हल्का दबाव डालने पर जाल टूट जाएगा तो वो उस समय का इंतजार करने लगे जब उन्हें टिल्लू ताजपुरिया को मारने का दिन तय किया था. सूत्रों ने बताया कि टिल्लू ताजपुरिया भी एक बड़ा गैंगस्टर था उसे मारने के लिए हथियार की जरूरत थी लिहाजा हथियारों का भी इंतजाम जेल में ही किया गया. सूत्रों की मानें तो गोगी के गुर्गों ने अपनी मंजिल के बैरक में लगे एग्जास्ट फैन में लगी लोहे की जाली के हिस्सों को निकाला और उन्हें घिस-घिस कर नुकीला बनाया और चाकू की शेप दे डाली. अब हथियार भी थे जिसने मारने का प्लान किया था वो भी था बस इंतजार था तो कत्ल के तय किए गए दिन और समय का. टिल्लू ताजपुरिया को मारने की साजिश का दिन चुना गया 1 मई. लेकिन 1 मई को टिल्लू की किस्मत अच्छी थी जब गोगी के गुर्गे 1 तारीख को टिल्लू पर हमला करने वाले थे तभी सुरक्षा कर्मी राउंड पर आ गए और कातिलों ने अपना इरादा बदल दिया अब तारीख तय हुई 2 मई. सूत्रों ने बताया कि गोगी के गुर्गों ने 1 मई की पूरी रात पहली मंजिल पर जागकर बिताई रात भर जागते रहे सुबह यानी 2 मई को जैसे ही सुरक्षाकर्मियों ने सभी कैदियों के सेल का दरवाजा खोला तब गोगी गैंग के गुर्गे जाली तोड़कर चादर के सहारे नीचे कूदे और टिल्लू की सेल की तरफ गए. सीसीटीवी अभी साफ तौर पर नजर आ रहा है कि टिल्लू ने खुद को बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन वह नहीं बचा पाया और गोगी गैंग के गुर्गे लगातार गैंगस्टर टिल्लू ताजपुरिया पर एक के बाद एक वार करते रहे. और आखिरकार अपने मकसद में कामयाब हुए. सूत्र ने यह भी बताया कि गोगी गैंग के गुर्गों ने टिल्लू ताजपुरिया को मारने से पहले पेन किलर टेबलेट भी खा रखी थी, ताकि हमले के बाद अगर उनकी पिटाई हो तो उन्हें दर्द ना हो.
तावजितेन्द्रियो न स्वाद्विजितान्येन्द्रियः पुमान् । न जयेद्रसनं यावजितं सर्व जिते रसे ॥२१॥ विवेकी पुरुष निराहारके द्वारा रसनाके अतिरिक्त अन्य इन्द्रियोंको तो शीघ्र ही अपने वशमें कर लेते हैं, परन्तु अन्नत्यागसे रसना और भी प्रचल हो जाती है; ( अतः इसका जीतना अति कठिन है। परन्तु अन्य इन्द्रियोंको जीत लेनेपर भी जवतक मनुष्य रसनेन्द्रियको अपने वशमें न करे तबतक वह जितेन्द्रिय नहीं कहा जा सकता; क्योंकि रसके जीतनेपर ही (इन्द्रियोंके) सव विषय जीते जा सकते हैं। पिङ्गला नाम वेझ्याऽऽसीद्विदेहनगरे पुरा । तस्या मे शिक्षितं किंचिन्निवोध नृपनन्दन ॥२२॥ हे राजकुमार ! पूर्वकालमें विदेहनगरीमें एक पिंगला नामकी वेश्या थी। उससे भी मैंने कुछ सीखा है वह सुनो। सा खैरिण्येकदा कान्तं संकेत उपनेप्यती । अभूत्काले वहिर्द्वारि विभ्रती रूपमुत्तमम् ।।२३।। एक दिन किसी प्रेमीको अपने घरमें लानेकी इच्छासे वह खूब बन उनकर बहुत देरतक अपने घरके द्वारपर खड़ी रही। मार्ग आगच्छतो वीक्ष्य पुरुषान्पुरुषर्षभ । ताञ्छुल्कदान्वित्तवतः कान्तान्मेने ऽर्थकामुका ॥२४॥
कातर है । जान लेनेपर कि कवि गेटे है, वह उसे वाइमार चलनेको आमन्त्रित करता है। गेटे निमन्त्रण स्वीकार कर लेना है । वही वह वीगाड और शिलरमे मिलता है, वही उसके प्राय पचास वर्ष व्यतीत होते है, कवि शामक, राजनीतिज्ञके रूपमे । वही वह फासीसी राज्यक्रातिका शोर सुनता है । बास्तिलकी गिरती दीवारोकी धमक, लुई ओर मारी अन्त्वानेतके गिरते मिरोकी करुण आवाज़ और उम रोव्सपियरके मिरके गिरनेको, जिसने गिलोतिनकी ओर जाते-जाते भी अपने वालोमे पाउडर लगाया था। और गेटेने व्यगपूर्वक मुमकरा दिया था । नेपोलियन सम्राट् होकर जेनामे जर्मनी, आस्ट्रिया और वाइमारकी शक्ति तोड चुका है, जहाँ गेटेका प्रभु स्वय वाइमारका ड्यूक हारकर सब कुछ खो चुका है । उसी वाइमारको फ्रेंच मेनाके सिपाही लूट रहे है । अत्र के गेटेके घर पहुँचते है -- [ गलियो सडकोपर रह-रह कर सेना भारी पैरोकी श्रावाज, लुटते घरोसे सिपाहियोके मारे बच्चो-बूढोको श्रावाज, जन-तब चलती गोलियोकी श्रावाज, मरते हुोकी आवाज व लुटती श्रीरतोकी श्रावाज ] क्रिस्टिना - अब क्या होगा, जोहान ? सुन रहे हो यह गटे - सुन रहा हूँ । पर होगा क्या ? वही जो होता आया है। जो हो रहा है। आस्ट्रिया गया, प्रशा गया, वाइमार गया, रह जायेगी बम यही यतीमोकी पुकार, आसमानको छेदती दिशाओमे घुमती । क्रिस्टिना - काश आज एम्परर मेरे सामने होता । गेटें - हँ-हँ, क्रिस्टिना, एम्परर मानवीय आधारोके परे है । जो वह उन्हीको देख पाता तो ये हरे-भरे सेन आज महमा लाल लहगे क्यो भर जाते ? आस्टरलित्स क्यों होता ? जेना क्यों होता? वादमारमे