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सूरदास भी अपने देश काल वातावरण से प्रभावित उन मूल्यों को स्थापित करते हैं, जो लोक जीवन के तंतुओं को मानव समुदाय से जोड़ता है। इस दृष्टि से सूर में " मध्यकालीन ब्रजमण्डल का लोकजीवन कई तरह से झांकता है। उस जनपद को जिस प्रकार की किसानी चारागाही संस्कृति से जोड़कर देखा जाता है, उसके तमाम चित्र यहाँ उरेहे गये हैं । गोकुल वृंदावन, यमुना, ग्वाल बाल, गोधन, दाधि माखन सब उस दृश्य को प्रमाणिकता देते हैं, उसमें रग भरते है । लगता है ब्रजमण्डल यहाँ अपने ढेरों संस्कारों के साथ उपस्थित है । उसकी मोहक प्रकृति पृष्ठभूमि का कार्य करती है और ब्रज के लोक विश्वास, तीज-त्यौहार, टोना-टोटका सब वहाँ प्रवेश कर जाते हैं 11
अतः सूर काव्य विलासी जीवन को लगभग नकारता हुआ प्रकृतिमार्गी भाव भूमि पर खड़ा दिखाई पड़ता है, जिसमें अपने समस्त भावनाओं के साथ सामान्य जन संलग्नता के साथ दिखाई देता है। सूर ने कृष्ण के व्यक्तित्व को नया आयाम दिया और कृष्ण भक्ति धारा को नई अर्थवत्ता से जोड़ा, जिसमें जनसाधारण वर्ग प्रेम और संवेदना के साथ अपनी जीवन लीला को जीता प्रतीत होता है जहाँ किसी प्रकार का सामंती परिवेश उन पर लागू नहीं होता । वे उन समस्त मूल्यों को तोड़ते नजर आते हैं, जो समाज को पीछे ढकेलता है। साथ ही साथ एक ऐसे 'ब्रजमण्डल' रूपी समाज की कल्पना करते हैं, जिसमें बाह्याचार, धर्मांडम्बर, जातिपाँति का भेदभाव समाप्त होकर स्वतंत्र प्रेम की भावभूमि पर समाज खड़ा होता प्रतीत होता है । जनसाधारण के लिए इससे बढ़कर सूर का प्रदेय क्या हो सकता है कि अपनी समस्त लोक संस्कार के साथ पूरा जन समुदाय एक साथ एकत्रित हो सके बिना किसी भेद भाव के । डॉ० प्रेम शंकर सूर पर टिप्पणी करते हुए लिखते हैं कि सूर ने कृषक चरवाहा संस्कृति को कृष्ण लीला के माध्यम से व्यक्त करते हुए सामान्य जन के संवेदनाओं को
भक्तिकाव्य का समाजशास्त्र डॉ० प्रेम शंकर पृ० 951 |
फीफा वर्ल्डकप 2022 (FIFA World Cup 2022) के अन्य सभी विवादों को पीछे छोड़ दें तो अब फुटबॉल फैंस पर कैमल फ्लू (Camel Flu) का खतरा भी मंडरा रहा है। आखिर क्या होती है यह बीमारी और कैसे तेजी से फैलती है। आइए कैमल फ्लू के बारे में सब कुछ जानते हैं।
FIFA World Cup Camel Flu. फीफा वर्ल्डकप 2022 में विवादों के अलावा और भी परेशानियां हैं जो फुटबॉल फैंस के लिए खतरा बन गई हैं। इन्हीं में से एक है कैमल फ्लू जिसका डर हर दर्शक को सताने लगा है। अगर यह बीमारी अपना दायरा बढ़ाती है तो वर्ल्डकप का मजा फीका पड़ जाएगा। इससे कतर को भी बड़ा नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं क्या है कैमल फ्लू और कितना खतरनाक है यह रोग, जो दर्शकों को शिकार बना सकता है।
न्यू माइक्रोब्स एंड न्यू इंफेक्शन नाम की मैगजीन में एक स्टडी पब्लिश की गई है जिसके अनुसार वेक्टर जनित रोग जैसे कि त्वचीय लीशमैनियासिस, मलेरिया, डेंगू, रेबीज, हेपेटाइटिस ए और बी के फैलने का खतरा कतर में बढ़ गया है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक ऐसे वायरस यानि कैमल फ्लू की भी पहचान की है जो आने वाले समय में महामारी का रूप ले सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉक्टर्स ने यह चेतावनी दी है कि फीफा वर्ल्डकप के दौरान कतर में कैमल फ्लू बड़ा खतरा बन सकता है। यह बीमारी कोरोना वायरस और मंकी पॉक्स जैसी गंभीर बीमारियों की तरह ही खतरनाक है। फीफा वर्ल्डकप में दुनियाभर के फुटबॉल प्रेमी पहुंच रहे हैं जिससे यह खतरा और भी बड़ा बन सकता है।
संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि फीफा वर्ल्डकप का लुत्फ लेने के लिए जो भी दर्शक कतर पहुंच रहे हैं वे उंटों को बिल्कुल भी टच न करें। उंटों से ही यह घातक बीमारी इंसानों में फैलती है। यूके की एक वेबसाइट ने दावा किया है कि पहली बार यह एमईआरएस 2012 में सउदी अरब में मिला था। यह कतर की सीमा में है और अब तक दुनिया भर के अलग-अलग देशों में 935 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक करीब 2600 मामले सामने आ चुके हैं।
ऊंट रेगिस्तान में पाया जाने वाला जानवर है और फीफा वर्ल्डकप कतर जैसे देश में हो रहा है, जहां ऊंटों का पाला भी जाता है। ऊंटों को कई तरह से इस्तेमाल किया जाता है जिसमें आवागमन के अलावा ऊंटों का दूध, मांस और मूत्र भी बेचा जाता है। माना जा रहा है कि ऊंटों से होने वाली कैमल फ्लू बीमारी के कोई भी लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह ली जानी चाहिए। सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्गों, किडनी-कैंसर के मरीजों, शुगर के मरीजों को ज्यादा खतरा होता है।
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भोपालः भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उनको भूमाफिया बताने वाले कांग्रेस के आरोपों पर पहली बार एक बड़ा बयान दिया है. सिंधिया ने कहा है कि 'ये संपत्ति मेरी 300 साल पुरानी है और सवाल तो मैं उन लोगों से करना चाहता हूं, जो नए-नए महराजा बने हुए हैं.
ग्वालियर में सिंधिया ट्रस्ट के द्वारा जमीन अपने नाम कराए जाने को लेकर लगातार कांग्रेस के आरोपों का सिंधिया ने आज पहली बार जवाब दिया. इन आरोपों पर भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी चुप्पी तोड़ी है और कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि मैं एक परिवार विशेष में पैदा हुआ हूं यदि इसमे गलत क्या है.
दरअसल ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जब से कांग्रेस छोड़ी हैं तब से ही कांग्रेस के नेता सिंधिया के ऊपर आरोप सरकारी और सार्वजनिक जमीन हड़पने के आरोप लगाते जा रहे हैं, जिसका आज सिंधिया ने आज उत्तर दिया है. पिछले दिनों ही कांग्रेस के ग्वालियर चंबल क्षेत्र के मीडिया प्रभारी के. के. मिश्रा ने कुछ दस्तावेज जारी करते हुए कहा था कि सिंधिया ने अरबों रुपए की जमीन फर्जी कागजातों के सहारे हड़प ली है.
इसके साथ ही मिश्रा ने एक अन्य बयान में कहा था कि इंदौर के होलकर राजवंश के खासगी ट्रस्ट की जमीनों और संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया है. उसी तरह सिंधिया परिवार के द्वारा कब्जा की गई संपत्तियों को सरकार को अपने हाथ में लेना चाहिए.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के मध्यप्रदेश में सत्ता में आने पर, केन्द्र के कृषि विधेयकों को लागू न करने के दावे पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के पास न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी. पता नहीं क्यों कांग्रेस कृषि बिल पर भ्रम फैला रही है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि तीनों कृषि बिल किसान के हित में हंै. इससे किसानों की आय दोगुनी करने के लिए केन्द्र सरकार के द्वारा किए जा रहे प्रयास सफल होंगे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य राहुल गांधी पर तंज कसते हुए चौहान ने कहा कि खेती से अंजान राहुल गांधी ट्रैक्टर पर सोफा लगाकर घूम रहे हैं. उन्हें यह भी नहीं पता कि प्याज जमीन के नीचे होता है या ऊपर होता है.
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स्क्रीन पर हीरो-हीरोइन के बीच दिखने वाली हॉट केमिस्ट्री फिल्मों की जान होती है। तभी फिल्मों के चुंबन दृश्यों को दर्शक पैसा वसूल मानने लगे हैं। नजर डालिए इस साल के पर्दे के दस हॉट चुंबन सीन पर।
फिल्म हंसी तो फंसी में सिद्धार्थ और परणीति चोपड़ा के बीच धीमी और कामुक चुंबन दृश्य ने हंगामा खड़ा कर दिया था। पहली बार पर्दे पर आई इन दोनों स्टार्स के चुंबन सीन को बेहद पसंद किया गया।
टू स्टेट्स में आलिया भट्ट और अर्जून कपूर के बीच की केमिस्ट्री को दर्शकों ने काफी पसंद किया। दोनों के बीच हॉस्टल में फिल्माए गए लिव-इन रिलेशन के सीन साल के सबसे हॉट सीन में से एक थीं। फिल्म में दोनों के कई चुंबन दृश्य हैं।
फिल्म हेट स्टोरी 2 में सुरवीन चावला और जय भानुशाली के बीच के चुंबन दृश्य इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर हैं। फिल्म में दोनों के बीच कई हॉट सीन फिल्माए गए हैं।
फिल्म एक विलयन में सिद्धार्थ मलहोत्रा और श्रद्धा कपूर के बीच फिल्माया गया चुंबन दृश्य काफी हॉट था। फिल्म ने चर्चाओं के साथ बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन भी किया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (शनिवार) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से झांसी में रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का लोकार्पण किया। पीएम मोदी ने दिल्ली से ही बटन दबाकर कॉलेज और प्रशासन भवनों का उद्घाटन किया। इस दौरान आयोजित वर्चुअल सभा में पीएम मोदी के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर शामिल हुए।
कृषि विश्वविद्यालय के कॉलेज और प्रशासन भवनों का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से छात्रों से बातचीत भी की।
इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि सूखा प्रभावित बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सरकार कई परियोजनाएं लागू कर रही है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत ने ड्रोन सहित आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिए टिड्डियों के हमले को नियंत्रित किया।
रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का यह लोकार्पण काफी लंबे समय से बार-बार रुक जा रहा था। इससे पहले कई बार तिथि घोषित होते-होते रह गई थी। इससे पहले पीएम मोदी ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी कि वह कृषि विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने ट्वीट में कहा था, "इससे शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा और कृषि के साथ-साथ आगे के किसान कल्याण में अत्याधुनिक अनुसंधान में योगदान मिलेगा। "
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डॉव में अभिभावकीय बैठकों के कार्य क्या हैं?
परिदृश्यः 1 ग्रेड का अंत (बच्चों के लिए एक दावत)
कैसे अंडे पेंट करने के लिए? हम कल्पना को जोड़ते हैं!
एक वर्ष के बाद बच्चों का विकास (तीन साल तक)
प्रिंट करने के लिए ज्यामिति और प्रोट्रैक्टर का अध्ययन कैसे करें?
गर्भावस्था की शुरुआत कैसे हुई है?
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और फस्यों के लिए । ग्रामीण समितियों में सदस्यों की संख्या का ८०% भाग किसानों से पूरा होना चाहिए था; शहरी समि तियों के लिए ८०% सदस्य गैर किसानों के होने थे। ग्रामीण समितियों का संगठन अपरिमित दायित्व के सिद्धान्त पर होना निश्चित था और शहरी समिति संगठन परिमित दायित्व के आधार पर ।
साख समितियों की स्थापना इन्हीं आधारों पर हुई । कुछ समय के बाद १६०४ ई० के कानून को बदलने की आवश्यकता प्रतीत होने लगो । इस कानून के अनुसार केवल सहकारी साख ( co-operative credit ) का ही प्रसार सम्भव था । अन्य प्रकार की सहकारिता का प्रसार सम्भव नहीं था। कुछ समय के बाद दूसरे प्रकार की सहकारो समितियाँ भी खुलने लगीं । इन समितियों के द्वारा लोग • सिलकर फसल को वेचने, कृषि के लिए आवश्यक सामानों को खरीदने इत्यादि का काम करने लगे । इन समितियों का निर्माण, १९०४ ई० के कानून के अनुसार नहीं हुआ था । इन समितियों की सहायता के लिये सेन्ट्रल बैंक की भी जरूरत हुई।
अतः १६१२ ई० में सहकारिता सम्बन्धी दूसरा कानून पास हुआ । इस नए कानून ने प्रामीण और शहरी समितियों का भेद दूर कर दिया। इसके अनुसार सहकारी साख-समितियों के अतिरिक्त अन्य प्रकार की सहकारी समितियों की स्थापना हो सकती थी । सरकार ने मुनाफे के चटवारे का नियंत्रण और निरीक्षण अपने हाथ में ले लिया । बचत कोष ( Keserve fund ) में काफी रुपया जमा हो जाते पर मुनाफे का कुछ हिस्सा सभासदों को, डिविडेंड के तौर पर, चाँटे |
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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भारी बारिश के चलते बीते 3 दिनों से गुजरात के कई शहरों में चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। जिसके चलते बाढ़ का खतरा हर घंटे बढ़ता ही जा रहा है।
गुजरातः भारी बारिश के चलते बीते 3 दिनों से गुजरात के कई शहरों में चारों तरफ पानी ही पानी दिखाई दे रहा है। जिसके चलते बाढ़ का खतरा हर घंटे बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ सूरत में जहां बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, वहीं दूसरी तरफ वडोदरा में भी पानी-पानी हो गया है। ज्यादातर इलाको में लोगों की कमर के ऊपर तक पानी भर गया है। साथ ही शहर के बीचों-बीच निकलने वाली विश्वामित्र नदी का जलस्तर भी 16 फीट के ऊपर चला गया है। वहीं आजवा बांध के पानी का स्तर 200 फीट को पार कर गया है।
ऐसे में गुजरात के हालातों को देखते हुए मौसम विभाग ने आने वाले 3 दिनों में वडोदरा में भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। साथ ही मौसम विभाग के इस अलर्ट के बाद वडोदरा में बाढ़ का संकट और ज्यादा बढ़ गया है।
बीते 3 दिनों से गुजरात की डायमंड सिटी सूरत में लगातार बारिश हो रही है। लगातार तेज बारिश की वजह से शहर में बाढ़ के हालात बन गए हैं। शहर के निचले इलाकों जैसे लिंबायत, बमरोली, सरथाणा और परवत पाटिया से तो लोगों को बाहर निकाल लिया गया है।
बारिश के चलते 5 से 7 फीट तक पानी भरा हुआ है। सूरत के ज्यादातर इलाकों की बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पूरी तरह से डूब चुके हैं। शहर का सबसे बड़ा उकाई डैम पानी से पूरी तरह से भर चुका है।
अब ऐसे में अगर डैम का पानी छोड़ा गया तो शहर में अधिकतर इलाकों में पानी भरने का खतरा और भी ज्यादा बढ़ जाएगा। सूरत शहर तापी नदी के किनारे पर है। अगर डैम का पानी छोड़ा गया तो तापी नदी का जलस्तर बढ़ जाएगा और शहर में पानी में डूब जाएगा।
मौसम विभाग के अनुसार, गुजरात और उसके नजदीक के इलाकों में अभी और ज्यादा बारिश होगी। मौसम विभाग ने बताया है कि अगले चार दिनों तक इसी तरह से भारी बारिश होती रहेगी।
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आज इमरान खान ने पाकिस्तान की सियासत में भूचाल ला दिया है, इमरान खान के इस भूचाल से ना सिर्फ पाकिस्तान की संसद हिल गई, बल्कि विपक्ष के सारे सपने धाराशायी हो गए. अब सोशल मीडिया पर इमरान खान के मीम्स की बाढ़ आयी है. पाकिस्तान में खलबली मचाने के बाद इमरान खान हाज़िर हुए, तो अपने सुपरहिट डायलॉग के साथ, 'आपने घबराना नहीं है'. वैसे इमरान के इस तकिया कलाम पर सैकड़ों मीम्स बन चुके हैं. लेकिन घबराना नहीं है वाले तकिया कलाम से आगे बढ़कर इमरान खान ने आज जो सियासत का नया पासा फेंका है, उसपर विपक्ष भी सन्नाटे में आ गया है. लोग कह रहे हैं इमरान खान फ्लावर नहीं फायर हैं. देखें इमरान पर आई मीम्स की बाढ़.
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जिला अम्बेडकरनगर, ब्लाक कटेहरी, गांव शमशुद्दीनपुर। हिंआ कै एक मनई 2 जून का पारिवारिक कलह से ऊबके ट्रेन के आगे कूदके आत्महत्या कै लिहिस।
गांव वालेन कै कहब बाय कि मृतक रामयज्ञ निषाद के घरे 5 जून का कउनौ बात का लइके झगरा हुवत रहा। यही कलह से रामयज्ञ घरसे निकर पड़िन। अउर अटवाई गांव के लगे रेलवे लाइन पै ट्रेन आवत देखिके ट्रेन के आगे कूदिके आत्महत्या कै लिहिन। क्षत-विक्षत शव देखिके गांव मा सूचना गै। गांव वाले अउर परिवार वाले मउके पै पहुंचिन शव का कब्जा मा लइके पोस्टमार्टम खातिर भेज दिहिन।
अहिरौली थाना कै एस.ओ. ज्ञानेन्द्र सिंह कै कहब बाय कि जांच किया जात बाय।
जिला अम्बेडकरनगर, ब्लाक कटेहरी, गांव शमशुद्दीनपुर। हिंआ कै एक मनई 2 जून का पारिवारिक कलह से ऊबके ट्रेन के आगे कूदके आत्महत्या कै लिहिस।
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यूपी में एसपी और बीएसपी के बीच महागठबंधन का साइडइफेक्ट साफ-साफ दिखने लगा है. कांग्रेस ने सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान कर दिया है. वहीं, अजीत सिंह और ओमप्रकाश राजभर किधर जाएंगे- इसे लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है? उधर तेजस्वी कल से आजतक अखिलेश और मायावती से मिल रहे हैं आर्शीवाद ले रहे हैं. लेकिन लोग जानते है कि चुनावी माहौल में नेता क्यों मिलते है.
The SP-BSP alliance in Uttar Pradesh has become a topic of discussion in the political spectrum these days. But the seat sharing formoula between SP and BSP has left RJD and Congress red-faced. While the Congress has announced fielding candidates on all the 80 Lok Sabha seats in Uttar Pradesh, suspense on RJD seats is still intact. Watch this video to know more.
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पुलिस (Delhi Police) ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि सुबह ऑफिस जाने से पहले पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई थी. महिला किसी धार्मिक समारोह में हिस्सा लेने के लिए बिहार के मधुबनी में स्थित अपने गांव जाना चाहती थी.
उत्तर-पश्चिम दिल्ली के शकरपुर इलाके (Shakarpur, Delhi) में गुरुवार रात एक महिला ने कथित तौर पर अपने दो बच्चों की हत्या करने के बाद आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. इस घटना को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और महिला के परिवारवालों और पड़ोसियों से पूछताछ चल रही है. फिलहाल अभी यह पता नहीं चल सका है कि महिला ने ऐसा क्यों किया. पुलिस ने आपसी कलह होने पर भी शक जताया है.
पुलिस ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि महिला ने पहले अपने दोनों बच्चों को जहर दिया और उनकी मौत के बाद खुद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जब महिला का पति नौकरी से घर वापस लौटा तो उसने दरवाजे को अंदर से बंद पाया. पुलिस ने बताया कि जानकारी के मुताबिक, व्यक्ति पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़कर अंदर जा सका. उसने तीनों सदस्यों को घर के अंदर मृत पाया तो उसने तुरंत पुलिस को इस बात की सूचना दी. पुलिस घटना के कारणों का पता लगाने में जुट गई है.
डिप्टी कमिश्नर (उत्तर-पश्चिम) उषा रंगनानी ने बताया कि 4 मार्च की रात करीब साढ़े 10 बजे सुभाष पुलिस स्टेशन में एक PCR कॉल के जरिए बताया गया कि दिल्ली के शकरपुर इलाके की रहने वाली एक 22 वर्षीय महिला ने फांसी लगाकर खुदखुशी कर ली है. उसके साथ उसके दो बच्चे- चार साल के बेटे और बेटी भी घर के अंदर मृत पाए गए हैं. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने बताया कि जिस समय ये घटना घटी, तब उसका पति नौकरी पर गया हुआ था.
पुलिस का यह भी कहना है अब तक जो जांच हुई है उसके तहत यह भी पता चला है कि गुरुवार की सुबह ऑफिस जाने से पहले पति-पत्नी के बीच किसी बात को लेकर बहस हुई थी. बताया जा रहा है कि महिला किसी धार्मिक समारोह में हिस्सा लेने के लिए बिहार के मधुबनी में स्थित अपने गांव जाना चाहती थी और इसी बात को लेकर दोनों के बीच झगड़ा हुआ था.
पुलिस का मानना है कि इस घटना के पीछे की वजह ये बहस भी हो सकती है, साथ ही उसने ये भी कहा कि सही वजह पूरी जांच के बाद ही सामने आएगी. दंपति की पांच साल पहले ही शादी हुई थी, इसलिए इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराई जाएगी. पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया है और मामले के हर एंगल से जांच की जा रही है.
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हिमा दास और दुती चंद ने एशियाई खेलों में दमदार प्रदर्शन करते हुए उम्मीद जगाई थी लेकिन अभी टोक्यो का टिकट नहीं कटा पाई हैं.
भारतीय की दिग्गज महिला धाविकाओं में शुमार दुती चंद (Dutee Chand) और हिमा दास (Hima Das) से उम्मीद थी कि वह पटियाला में खेली जा रही इंडियन ग्रां प्री-4 (Indian Grand Prix-4) में बेहतरीन प्रदर्शन कर क्वालीफाइंग मार्क हासिल करेंगी लेकिन यह दोनों दिग्गज इस काम में असफल रही हैं. इन दोनों धाविकाओं ने अपने-अपने इवेंट में अच्छा तो किया लेकिन क्वालीफाइंग मार्क हासिल करने से चूक गईं. हिमा दास ने 200 मीटर की रेस में 22.88 सेकेंड का समय निकालते हुए रेस तो जीत ली लेकिन वह 22.80 का क्वालीफाइंग मार्क हासिल नहीं कर पाईं. धनलक्ष्मी दूसरे स्थान पर रहीं.
वहीं फर्राटा धाविका दुती ने महिलाओं के 100 मीटर स्पर्धा में 11.17 सेकेंड के साथ अपने राष्ट्रीय रिकार्ड में सुधार किया और रेस जीती वह हालांकि ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकीं जिसके लिए मार्क 11.15 सेकेंड था. दुती का पिछला राष्ट्रीय रिकार्ड 11.21 सेकेंड का था.
महिला रिले टीम नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाने के बाद भी ओलिंपिक क्वालीफिकेशन मार्क को हासिल नहीं कर सकीं. हिमा दास, दुती चंद, एस धनलक्ष्मी और अर्चना सुसींद्रन ने 43.37 सेकेंड के साथ भारत 'बी' (48.02 सेकेंड) टीम को पछाड़ते हुए दौड़ अपने नाम की. मालदीव (50.74 सेकेंड) की टीम तीसरे स्थान पर रही. इससे पहले यह रिकार्ड मर्लिन के जोसेफ, एच एम ज्योति, सरबनी नंदा और दुती की चौकड़ी के नाम था जिन्होंने 2016 में अल्माटी में 43.42 सेकेंड का समय लिया था. टोक्यो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए भारतीय टीम को 43.05 सेकेंड से कम समय में रेस पूरी करनी थी.
पंजाब की हरमिलान कौर महिलाओं की 1500 मीटर में काफी करीब से ओलिंपिक कोटा हासिल करने से चूक गईं. कौर ने 4:08.27 समय के साथ जीत हासिल की लेकिन वो क्वालीफाइंग मार्क 4:04.20 हासिल नहीं कर पाईं. अन्नू रानी ने महिलाओं की भाला फेंक स्पर्धा में 60.58 मीटर की थ्रो फेंक जीत हासिल की. उन्होंने 6.44, 58.77, 58.63 की सफल थ्रों फेंकी और 60.19, 60.58 पर फाउल कर गईं. दूसरे स्थान पर राजस्थान की संजना चौधरी रहीं. उन्होंने 53.54 मीटर की थ्रो फेंकी. हरियाणा की शिल्पा रानी 48.74 मीटर की थ्रो के साथ तीसरे स्थान पर रहीं.
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महाराष्ट्र के जलगांव जिले के किंगांव में आधी रात के बाद एक मंदिर के पास पपीते से लदा एक ट्रक पलट गया। सरकार ने मुआवजे की घोषणा की है। जलगांव के धुले से यावल तहसील जा रहा था।
जलगांवः महाराष्ट्र के जलगांव में बड़ा हादसा हो गया। ट्रक के पलट कर सड़क किनारे गड्ढे में गिरने से 16 मजदूरों की मौत हो गई।
इस हादसे में तीन और पांच वर्ष के दो बच्चे और 15 वर्षीय एक किशोरी भी शामिल हैं। मृतकों में 6 महिलाएं शामिल हैं। सभी मृतकों को यावल के अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया है। जलगांव पुलिस के मुताबिक धुले से जलगांव के रावेर की दिशा में जा रहा ट्रक यावल रोड पर किनगांव के नजदीक पलट गया।
हादसा करीब रात एक बजे हुआ। वहीं इस मामले को लेकर महाराष्ट्र के यावल में केस दर्ज हो गया है, पुलिस ने ट्रक ड्राइवर को हिसारत में ले लिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में "दिल दहला देने" वाले एक ट्रक हादसे में हुई मौतों पर दुख जताया।
अधिकारी ने बताया कि मृतक जिले के अभोदा, विवरा, केर्हाला गांव और रावेर तहसील के निवासी थे। उन्होंने बताया कि घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और जेसीबी मशीन की मदद से ट्रक को गड्ढे से बाहर निकाला गया। अधिकारी ने बताया कि हादसे में 15 लोगों की मौत हो गई और ट्रक चालक सहित पांच अन्य लोग घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि घायलों को जलगांव के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में दो की हालत गंभीर है। जलगांव के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत गवली ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि वाहन में शायद कोई तकनीकी खराबी होने के कारण हादसा हुआ।
उन्होंने कहा, "हमने क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) से रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। भादंवि की धारा 304-(दो) के तहत ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। " एक अन्य अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान, हुसैन मुस्लिम मनियार (30), सरफराज ताडवी (32), दिगंबर सपकले (55), नरेन्द्र वाघ (25), दिलदार ताडवी (20), अशोक वाघ (40), दुर्गाबाई अदकमोल (20), गणेश मोरे (5), सागर वाघ (3), शारदा रमेश मोरे (15), संगीता अशोक वाघ (35), यमुनाबाई इंगल (45), कमलाबाई मोरे (45), सबनूर ताडवी (53) और संदीप भालेराव (25) के तौर पर हुई है।
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मुंबई, 16 जनवरी (आईएएनएस)। रिलायंस निप्पन लाइफ एस्सेट मैनेजमेंट लि. ने मंगलवार को बताया कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में कंपनी को 130 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है और कंपनी ने शेयरधारकों को पांच रुपये प्रति शेयर लाभांश जारी करने घोषणा की है।
यहां जारी बयान में रिलांयस म्यूचुअल फंड की संपत्ति का प्रबंधन करने वाली कंपनी ने कहा है कि 31 दिसंबर, 2017 को समाप्त तिमाही में कंपनी ने 130 करोड़ रुपये का मुनाफा दर्ज किया है, जो सालाना आधार पर 25 फीसदी की बढ़ोतरी है।
समीक्षाधीन अवधि में कंपनी का राजस्व 470 करोड़ रुपये रहा, जोकि साल-दर-साल आधार पर 31 फीसदी की बढ़ोतरी है।
कंपनी के निदेशक मंडल ने पांच रुपये प्रति शेयर लाभांश जारी करने की घोषणा की है।
कंपनी के कार्यकारी निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप सिक्का के हवाले से बयान में कहा गया है, हम लाभप्रद विकास की तरफ ध्यान जारी रखेंगे और भारत आ रहे खुदरा निवेशकों और विदेशी निवेशकों से पूंजी बाजार में सबसे अधिक हिस्सा प्राप्त करेंगे।
2017 के 31 दिसंबर तक कंपनी के प्रबंधन में 3,87,871 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां थीं।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया गया है। वहीं,डीजल पर निर्यात शुल्क को घटाकर 5 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, जो कि पहले 5.50 रुपये प्रति लीटर था। इसके अलावा जेट फ्यूल पर निर्यात शुल्क को घटाकर 2.5 रुपये प्रति लीटर कर दिया है, जो कि पहले 3.5 रुपये प्रति लीटर था। पेट्रोल पर निर्यात शुल्क शून्य बना हुआ है।
सरकार द्वारा घोषित की गई विंडफॉल टैक्स की नई दरें 30 सितंबर से लागू हो गई हैं। विंडफॉल टैक्स की समीक्षा सरकार की ओर से हर 15 दिनों में की जाती है। बाजार में चल रही कीमतों के आधार पर ही विंडफॉल टैक्स को किया जाता है।
इससे पहले 15 सितंबर को विंडफॉल टैक्स की नई दरें घोषित की गई थी। उस समय घरेलू उत्पादित कच्चे तेल पर टैक्स को 6700 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति टन कर दिया था। डीजल पर निर्यात शुल्क 6 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 5.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था। इसके अलावा एटीएफ पर निर्यात शुल्क को 6 रुपये से घटाकर 5.50 रुपये प्रति टन कर दिया था।
सरकार द्वारा पहली बार पिछले साल एक जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया गया था। उस समय निर्यात किए जाने पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर का निर्यात शुल्क लगाया गया था।
कच्चा तेल की कीमत 94 डॉलर प्रति बैरल के आसपास बनी हुई है। ओपेक देशों की ओर से कच्चे तेल के उत्पादन में लगातार कटौती करने के कारण कीमतों में उछाल देखा जा रहा है।
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टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज 2-1 से जीत ली है. हालांकि भारत के लिए तीसरे वनडे में 259 रन के लक्ष्य का पीछा करना आसान नहीं था. भारत ने 72 रन के स्कोर पर 4 विकेट गंवाए। इतना ही नहीं तीसरे वनडे में भी दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाज विराट कोहली का बुरा दौर जारी रहा। इस मैच में विराट कोहली 17 रन की पारी ही खेल सके।
विराट कोहली इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट, टी20 और वनडे की 6 पारियों में एक भी अर्धशतक नहीं बना सके. विराट कोहली इंग्लैंड दौरे पर खेली गई 6 पारियों में केवल 76 रन ही बना सके। उम्मीद की जा रही थी कि विराट कोहली का बल्ला वनडे फॉर्मेट में जरूर काम करेगा। लेकिन विराट कोहली ने दूसरे और तीसरे वनडे में बुरी तरह निराश किया।
विराट कोहली की खराब फॉर्म पिछले करीब दो साल से चल रही है. विराट कोहली ने अपना आखिरी शतक नवंबर 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बनाया था। इसके साथ ही विराट कोहली का औसत तीनों प्रारूपों में लगातार घट रहा है। विराट कोहली अब टेस्ट और टी20 क्रिकेट में टॉप 10 बल्लेबाजों की लिस्ट में शामिल नहीं हैं।
विराट कोहली की खराब फॉर्म के चलते टीम में उनकी मौजूदगी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. बीसीसीआई ने विराट कोहली को वेस्टइंडीज के खिलाफ पांच मैचों की टी20 सीरीज से आराम दिया है। माना जा रहा है कि विराट कोहली की एशिया कप में टीम में वापसी हो गई है। टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा पहले ही साफ कर चुके हैं कि विराट कोहली इस साल होने वाले टी20 वर्ल्ड कप में टीम की योजना का हिस्सा हैं।
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BHAGALPUR: इस वक्त की बड़ी खबर भागलपुर से आ रही है जहां बालू उठाव को लेकर दो गुटों में जमकर गोलीबारी हुई। इस दौरान एक व्यक्ति गोली लगने से घायल हो गया। गंभीर हालत में उसे मायागंज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना मधुसूदनपुर थाना क्षेत्र के गोलाहू गांव की है। इस घटना से इलाके में दहशत का माहौल है।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि नदी से बालू उठाव को लेकर रुदल यादव और विभिषण यादव के बीच गोलीबारी हुई। वर्चस्व को लेकर हुई गोलीबारी में दर्जनों राउंड गोलियां दागी गयी। गोलीबारी की इस घटना में सोनी यादव घायल हो गया। जिसे गंभीर हालत में मायागंज अस्पताल में एडमिट कराया गया। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच में जुट गयी है।
स्थानीय लोगों की माने तो इलाके में कई महीनों से बालू का अवैध खनन जारी है। जिसे लेकर अक्सरहां वर्चस्व की लड़ाई देखी जा रही है। इसे लेकर बालू घाटों पर कई बार गोलीबारी की घटना हो चुकी है। लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जिसके कारण अपराधियों का मनोबल सातवें आसमान पर हैं। इस धंधे में जुड़े लोग अपना वर्चस्व कायम रखना चाहते हैं। जिसे लेकर आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आती है। इससे सरकार को भी लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है।
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ललित ठाकुर, राजनादगांव. पिता-पुत्र का अपहरण करने वाले 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. चिचोला चौकी पुलिस ने अपहरण की सूचना पर तत्काल पताशाजी कर पिता-पुत्र को आरोपियों के चंगुल से छुड़ाया. अपहरण में प्रयुक्त 2 कार को भी जब्त किया गया. इस कार्रवाई में चचोला, बागनदी, बोरतलाब, डीआरजी टीम, सायबर सेल राजनांदगांव का योगदान रहा.
दरअसल पुलिस को रविवार शाम करीब 7 बजे खालसा ढाबा जनकपुर से सूचना मिली कि एक कार में कुछ व्यक्तियों द्वारा एक बच्चा को जबरदस्ती कार में बैठाकर नागपुर की ओर ले जाया जा रहा है. बच्चा बचाओ-बचाओ मुझे मां के पास जाना है कहकर चिल्ला-चिल्ला कर रो रहा था. सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक, अति. पुलिस अधीक्षक डोंगरगढ़ एवं एसडीओपी डोंगरगढ़ के निर्देश पर थाना प्रभारी राम अवतार ध्रुव के मार्गदर्शन में चिचोला चौकी प्रभारी चेतन सिंह चन्द्राकर अपनी टीम के साथ थाना बागनदी, थाना बोरतलाब, डीआरजी टीम राजनांदगांव से मदद लेकर रातभर पतासाजी करने जुटे रहे.
आरोपी ग्राम मड़ियान होते हुए तुमड़ीबोड़ के पास कच्ची रास्ता होते हुए जीई रोड में निकलकर दुर्ग की ओर भाग रहे थे, जिसे सोमनी पुलिस की मदद से ठाकुरटोला के पास पकड़ा गया. पीड़ित रूपसिंग धु्रव शारदापारा पावर हाउस भिलाई ने बताया कि अपने दोस्त जंघेल के साथ उमर फारूक और जीतू उर्फ गणेश जैन से परिचय हुआ था. 21 अगस्त को शाम 5 बजे जितु अपने ऑफिस के पास बुलाया और साथ में मेरे मंझले बेटे को साथ बुलाया. जितू के ऑफिस में फारूक के साथ जितू खड़ा था और मुझे चल घुम के आते हैं बोलकर अपनी कार से ले गया. शाम 7 बजे के आसपास राजनांदगांव के बाहर खालसा ढाबा में रूके और वहां एक स्लेटी रंग का कार आया, उसमें एक आदमी जितू और फारूक से बात करने लगा, फिर चलो चलते हैं बोला.
पीड़ित रूपसिंग ने बताया मुझे अपने बेटे के साथ फारूक और जितू जबरदस्ती स्लेटी रंग के कार में बैठाकर वहां से ले गए. ले जाते समय मैं व मेरा बच्चा कहां ले जा रहे हो कहकर चिल्लाए थे, जिसे ढाबा वाले देखे थे. उसके बाद हम लोग को अनजान जंगल में ले गए. मुझे और बेटे को कार के अंदर बंद कर दिए. कुछ समय बाद बाइक में तीन लोग आए. मैं और मेरा बेटा चिल्ला रहे थे तो इन लोग सभी मिलकर चुप रहो नहीं तो जान से मार कर फेंक देंगे बोलकर धमकी दिए. इतने में ही वे लोग पुलिस को पता चल गया है कहकर वहां से जाने लगे. बहुत देर बाद हाईवे रोड में निकले, जिसे पुलिस ठाकुरटोला टोल प्लाजा के पास पकड़े हैं.
पुलिस ने इस मामले में आरोपी गणेशराम जैन सिविल लाईन, उमर फारूख कुरूद रोड कोहका, मनीष कुमार श्रीवास्व पिता लालू महराजपुर पुलिस चौकी चिचोला राजनांदगांव, अनिल साहू पिता बरातु साहू महराजपुर चिचोला, भुवन कुमार पिता पुनाराम टेम्भुलकर चिचोला,. तामेश्वर साहू चिचोला के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर सभी को गिरफ्तार कर विवेचना में लिया है. यदि पुलिस द्वारा त्वरित कार्यवाही नहीं की जाती तो अवश्य ही कोई अप्रिय घटना घट सकती थी.
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हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अगस्त को अपनी पहली तेलंगाना यात्रा के दौरान राज्य के मुख्य अभियान भागीरथ कार्यक्रम का शुभारंभ करेंगे, जिसके तहत हरेक घर तक पीने का पानी पाइपों से पहुंचाया जाना है। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री इसके अलावा मेडक जिले के गजवेल में आयोजित कई अन्य कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। यह मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव का विधानसभा क्षेत्र है।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक मोदी हैदराबाद के बेगमपेट हवाईअड्डे पर दोपहर 2. 20 बजे उतरेंगे। वहां से वे गजवेल के लिए अपरान्ह 3 बजे हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे। गजवेल में अपनी डेढ़ घंटे की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री राज्य के विभिन्न हिस्सों की कई योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन या शिलान्यास करेंगे।
वह नेशनल थर्मल पॉवर कारपोरेशन (एनटीपीसी) की दो अतिरिक्त 1,600 मेगावॉट की परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे, जो करीमनगर जिले के रामागुंडम में है। इसके अलावा रामागुंडम में खाद कारखाने की आधारशिला भी रखेंगे।
मोदी मनोहराबाद-कुट्टापल्ली रेलवे लाइन की आधारशिला भी रखेंगे। प्रधानमंत्री लौटने से पहले गजवेल में शाम 4. 30 बजे एक सभा को संबोधित करेंगे। वे शाम 6. 40 बजे दिल्ली रवाना हो जाएंगे। प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद पिछले दो सालों में यह मोदी की पहली तेलंगाना यात्रा होगी। चंद्रशेखर राव ने पिछले हफ्ते नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से अपनी बैठक में उन्हें राज्य के दौरे पर आने के लिए आमंत्रित किया था।
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नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज नाथन कूल्टर नाइल अपने कुछ साथी खिलाड़ियों के इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2021) को बीच में छोड़कर जाने के फैसले को समझते हैं लेकिन उन्हें लगता है वह मुंबई इंडियंस के बायो-बबल में ज्यादा सुरक्षित हैं क्योंकि भारत कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहा है।
राजस्थान रॉयल्स के तेज गेंदबाज एंड्रयू टाये कोविड-19 मामलों के बढ़ने के कारण अपने देश में प्रवेश निषेध होने की आशंका से पर्थ रवाना हो गये। इसके बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर के केन रिचर्डसन और एडम जाम्पा ने भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए हटने का फैसला किया।
शीर्ष आस्ट्रेलियाई स्टार डेविड वार्नर, ग्लेन मैक्सवेल, पैट कमिंस और स्टीव स्मिथ आईपीएल का हिस्सा हैं। भारत से निकलना दिन प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है जिसमें से कुछ देशों जैसे ब्रिटेन और न्यूजीलैंड ने भारत से आने वालों पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है और आस्ट्रेलिया भी इस पर विचार कर रहा है।
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सादि सान्त है अथवा अनादि सान्त है तथा सादि अनंत है वा अनादि अनंत है ? श्री भगवान् उत्तर देते हैं कि हे गौतम ! कतिपय जीवों के साथ कर्मों का उपचय सादि सांत भी है और कतिपय जीवोंके साथ अनादि सान्त भी है और कतिपय जीवोंके साथ कमका उपचय अनादि अनंत भी है किन्तु जीवोंके साथ कर्मोंका उपचय सादि अनंत नही होता है । तब गौतमजी पूर्वपक्ष करते हैं कि हे भगवन् ! यह वार्ता किस मकारसे सिद्ध है ? श्री भगवान् उदाहरण देकर उक्त कथनको स्पष्टता सिद्ध करते है कि हे गौतम ! इर्यावही क्रियाका वध. सादि सान्त है उपशम माइमें वा क्षीण मोहनी कर्ममें हो इसका बंध है ।
और भव्य जीव अपेक्षा कर्मोंका उपचय अनादि सान्व है अपितु अभव्य जीव अपेक्षा कर्मोंका उपचय अनादि अनंत
* श्री पणवन्नाजी सूत्रमें अष्ट कमकी प्रकृतियें ११८ लिखी हैं जैसेकि-ज्ञानावर्णीकी ५ दर्शनावर्णांकी ९ वेदनीकी २ मोहनीकी २८ आयुकर्मकी ४ नामकर्मकी ९३ गोत्रकी २ अंतराय कर्मको ५ ॥ और इनका बंध उदय उदीरणा सत्ता इत्यादिका
उक्त सूत्रमें वा श्री भगवती इत्यादि सूत्रोंसे ही देख लेना ।।
है, इस कारणसे हे गौतम ! कतिपय जीवों के साथ कमका सवन्ध सादि सान्तादि कहा जाता है । श्री गौतमजी पुनः पू छते हैं कि दे भगवन् ! जो वस्त्र है क्या वे सादि सान्त है वा अनादि सान्त है तथा सादि अनंत है वा अनादि अनंत है ? भी भगवान् उत्तर देते हैं कि हे गौतम ! वस्त्र सादि सान्त ही किन्तु अन्य भंग वस्त्रमें नही हूँ ।।
श्री गौतमजी - यदि वस्त्र सादि सान्त पदवाळा है और भंगोंसे वर्जित है तो हे भगवन् ! जीव क्या सादि सान्त हैं वा अनादि सान्त हैं तथा सादि अनंत हैं वा अनादि अनंत हैं ?
श्री भगवान् कतिपय जीव सादि सान्त पदवाळे हैं, और कतिपय अनादि सान्त पदवाळे हैं, अपितु कतिपय सादि अनंत पदवाके भी हैं और कतिपय अनादि अनंत पदवाले भी हैं ।।
श्री गौतमजी - यह कथन किस प्रकारसे सिद्ध है' अर्थात् इसमें उदाहरण क्या क्या है ?
श्री भगवान् - हे गौतम ! नारकी तिर्यक् मनुष्य देव इन योनियोंमें जो जीव परिभ्रमण करते हैं उस अपेक्षा ( गतागतिकी) जीव सादि सान्त पदवाले हैं क्योंकि जैसे मनुष्य योनिमें कोई जीव आया तो उसकी सादि है, अपितु जिस |
बॉलीवुड की बेहद बोल्ड एक्ट्रेस और आइटम गर्ल नोरा फतेही अपने शानदार डांस के साथ-साथ हॉट फोटोज के कारण हमेशा सुर्खियों में बनी ही रहती हैं. आपको बता दें नोरा जल्द ही फिल्म बाटला हाउस और भारत में काम करती नजर आएंगी. इसी बीच नोरा ने हाल ही में अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक तस्वीर शेयर की जिसमें वह काफी ग्लैमरस अंदाज में नजर आ रही हैं. आपको बता दें नोहा की ये तस्वीर आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
सूत्रों की माने तो इस तस्वीर को महज 3 घंटे के भीतर 2 लाख 40 हजार से ज्यादा लोगों ने लाइक किया है. जी हाँ. . . हर कोई उनके इस फोटो को खूब पसंद कर रहा हैं. नोरा की इस हॉट तस्वीर पर जहां ढेरों यूजर्स ने तारीफों के पुल बांधे हैं वहीं कुछ यूजर्स ने कुछ आपत्तिजनक कमेंट भी किए हैं. जी हैं. . तस्वीर में आप देख सकते हैं नोरा ने गोल्डन कलर की ड्रेस पहनी हैं और उन्होंने इसी के मैचिंग का मेकअप किया हुआ है.
वाकई में इस फोटो में नोरा का कातिलाना अंदाज़ नजर आ रहा है. आपको बता दें नोरा फतेही का गाना दिलबर इस साल गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किया जाने वाला सॉन्ग बन गया है. इस सांग में नोरा के शानदार डांस ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था.
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हनुमानगढ। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में खुईयां थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक युवक को अपने ही घर में रात को 11 वर्षीय लड़की से रेप करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। इस युवक की पत्नी इस लड़की को पीहर गांव से लेकर आई थी।
खुईयां थाना प्रभारी विजेंद्र शर्मा ने बताया कि गांव थिराणा के नजदीक एक खेत में ढाणी बनाकर रहने वाले विनोद सिहाग (35) को गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित 11 वर्षीय बालिका अस्पताल में उपचाराधीन है। हरियाणा से उसके परिवारजन उसकी देखभाल के लिए हॉस्पिटल पहुंच गए हैं। घटना गुरुवार-शुक्रवार की रात की है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जल्दी ही अनुसंधान पूरा कर आरोपी के खिलाफ सक्षम न्यायालय में चालान पेश कर दिया जाएगा। इस मामले को पुलिस की ऑफिसर केस स्कीम में लिए जाने की संभावना है, ताकि आरोपी को जल्द से जल्द अदालत से सजा दिलवाई जा सके।
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हमारे संवाददाता नई दिल्ली। दिल्ली पदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधायकों के वेतन में 400 पतिशत की वृद्धि करने का बिल कल दिल्ली विधान सभा में पास कर दिया जिससे दिल्ली के कर देने वाले लोंगो पर अतिरिक्त भार पडेगा। श्री माकन कहा कि आम आदमी पार्टी को अपना नाम आम आदमी पार्टी से बदल कर वी. वी. आई. पी. पार्टी रख लेना चाहिए क्योकि वेतन में 400 पतिशत की बढ़ोतरी के बाद अब आम आदमी पार्टी के विधायक वी. वी. आई. पी हो जायेंगे क्योंकि वी. वी. आई. पी को भी इतना वेतन नहीं मिलता जितना दिल्ली के विधायकों को मिलेगा। दिल्ली पदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय माकन एक पतिनिधि मण्डल के साथ दिल्ली विधायकों के वेतन में 400 पतिशत की बढ़ोतरी को लेकर पास किए गए बिल के विरोध में आज राज निवास पर दिल्ली के उप-राज्यपाल डा. नजीब जंग से मिले। श्री अजय माकन के अलावा पतिनिधि मण्डल में श्री चतर सिंह और पूर्व मेयर श्री सतबीर सिंह आदि भी थे। उप-राज्यपाल से मिलने के बाद संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए श्री अजय माकन ने कहा कि हमने उप-राज्यपाल से मिलकर उनसे यह पूछा कि क्या विधायकों के वेतन वाले बिल को दिल्ली विधान सभा में रखने से पहले राश्ट्रपति से अनुमति ली थीघ् श्री माकन कहा कि उप-राज्यपाल महोदय ने हमे बताया कि दिल्ली सरकार ने बिल पर अपरूवल मांगी थी परन्तु इस बिल को दिल्ली विधान सभा में पेश करने के लिए अपरूवल नहीं मांगी थी। जबकि इस बिल में वित्त निहितार्थ है क्योंकि विधायकों के वेतन में 400 पतिशत की बढ़ोतरी कन्सोलीडेटीड फण्ड से ली जायेगी। अजय माकन ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने अपने विधायकों को फायदा पहुचाने के लिए इस बिल को बिना राश्ट्रपति की मंजूरी के पास करके गैर कानूनी कार्य किया है। अजय माकन ने कहा कि पत्येक विधायक का वेतन 2. 60 लाख पति माह हो जायेगा जोकि बेहताशा वृद्धि है । उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधायकों के वेतन में पतिवर्श 10 पतिशत की बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है अर्थात पॉचवें साल के अन्त में पत्येक विधायक को 4. 20 लाख पतिमाह मिलेगा या 50 लाख पतिवर्श मिलेगा। अजय माकन ने कहा कि विधायकों के वेतन में बेहताशा वृद्धि यह सिद्ध करती है कि आम आदमी पार्टी को आम आदमी के हितो की रक्षा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। परन्तु वें सिर्फ सत्ता को भोगने में व्यस्त है। आम आदमी को छोड़कर वे खास आदमी बन गए है। दिल्ली के विधायकों के वेतन व भत्तों में 400 पतिशत की बढ़ोतरी को देकर श्रीमति शर्मिश्"ा मुखर्जी की पेस वार्ता दिल्ली पदेश कांग्रेस कमेटी की मुख्य पवक्ता श्रीमति शर्मिश्"ा मुखर्जी ने पदेश कार्यालय में आज दिल्ली के विधायकों के वेतन व भत्तों में बढ़ोतरी को लेकर एक संवाददाता सम्मेलन किया। संवाददाताओं को सम्बोधित करते हुए श्रीमति शर्मिष्"ा मुखर्जी ने कहा कि 2013 में अरविन्द केजरीवाल व आम आदमी पार्टी के अन्य विधायकों ने यह शपथ-पत्र दिया था कि वें लाल बत्ती वाली गाडी नहीं लेंगे, बड़े बंगलें नहें लेंगे इत्यादि अर्थात वें चुने जाने के बाद भी आम आदमी की तरह ही रहेंगे। अब केजरीवाल और उनके विधायकों ने क्यों अपनी बात से यू टर्न ले लिया है। श्रीमति शर्मिष्"ा मुखर्जी ने कहा कि बड़े आश्चर्य की बात है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधायकों के वेतन में 400 पतिशत की वृद्धि कर डाली और आज स्थिति यह आ गई है कि सांसदो का वेतन तथा भत्तें दिल्ली के विधायकों से कम हो गए है जबकि सांसदो का क्षेत्र विधायकों के क्षेत्र से बड़ा होता है और यदि हम दिल्ली का उदाहरण ले तो एक सांसद के क्षेत्र में 10 विधायक आते है। विधायकों के यात्रा भत्ते मे भी बेहताशा बढ़ोतरी कर दी गइ है जिसमे विदेश यात्रा जीवन साथी के साथ भी शामिल है। श्रीमति मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली के विधायकों के यात्रा भत्तें मे इस बेहताषा वृद्धि के पिछे क्या तर्क है? जबकि दिल्ली में विधायकों का क्षेत्र बहुत छोटा होता है।
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भारत में इस साल ओडीआई क्रिकेट वर्ल्ड कप (CWC 2023) खेला जाना है। वर्ल्ड कप अक्टूबर से नवंबर के बीच खेला जाएगा, जिसका पूरा शेड्यूल कुछ दिन में जारी हो जाएगा। वर्ल्ड कप कुल 10 टीमों के बीच खेला जाएगा, जिसके लिए 8 टीमें कन्फर्म हो गई हैं जबकि 2 टीमें क्वालीफ़ायर (ODI World Cup 2023 Qualifier) में मिलेगी। 10 टीमों के बीच क्वालीफ़ायर मुकाबले 18 जून से शुरू होंगे, इसके लिए यूएई क्रिकेट टीम ने अपने स्क्वॉड (UAE Cricket Team Squad) का ऐलान कर दिया है।
ओडीआई वर्ल्डकप का आयोजन भारत में होगा। इसमें होस्ट देश भारत समेत कुल 8 टीमें क्वालीफाई कर गई है। 2 टीमें 9 जुलाई तक पता चलेंगी। आपको बता दें कि ज़िम्बाब्वे में वर्ल्डकप के क्वालीफ़ायर मैच होंगे, जिसमे 10 टीमें हिस्सा लेंगी। इनमे से 2 टीमों को वर्ल्डकप में जगह मिलेगी जबकि 8 टीमें बाहर हो जाएंगी। वर्ल्डकप क्वालीफ़ायर 18 जून से 9 जुलाई के बीच ज़िम्बाब्वे में आयोजित हैं।
यूएई क्रिकेट टीम ने रविवार रात को अपने स्क्वॉड का ऐलान कर दिया है। ये स्क्वॉड ज़िम्बाब्वे के लिए रवाना भी हो गया है। वर्ल्डकप खेलने का सपना हर देश का होता है, और इसी सपने को सच करने के लिए यूएई क्रिकेट टीम ज़िम्बाब्वे में पूरी जी जान लगा देगी। मोहम्मद वसीम की कप्तानी में यूएई क्रिकेट टीम ने अपने 15 खिलाड़ियों की टीम का ऐलान किया।
मोहम्मद वसीम (कप्तान), वृत्य अरविंद, जवादुल्लाह, रमीज शहजाद, एथन डिसूजा, अली नसीर, रोहन मुस्तफा, आसिफ खान, अयान खान, आर्यांश शर्मा, कार्तिक मयप्पन, बासिल हमीद, जहूर खान, जुनैद सिद्दीकी, संचित शर्मा।
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प्रदेश में विकास परियोजना की राह से वाइल्ड लाइफ का अड़ंगा दूर करने के लिए सरकार शिवालिक सहित प्रदेश में 14 एलिफेंट रिजर्व खत्म करने जा रही है। आज (मंगलवार) होने वाली स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में यह प्रस्ताव लाया जाएगा।
बोर्ड बैठक के लिए तैयार प्रस्ताव के अनुसार प्रदेश में दून से लेकर शारदा नदी तक करीब 5200 वर्ग किलोमीटर का एरिया एलिफेंट रिजर्व के नाम पर नोटिफाई है।
कॉरीडोर के आसपास का क्षेत्र घोषित किया है रिजर्व : प्रदेश में 14 जगह एलिफेंट कोरिडोर हैं। इनके आसपास के क्षेत्रों को एलिफेंट रिजर्व के नाम से राज्य सरकार ने नोटिफाई किया है। शिवालिक रिजर्व के कारण जौलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तार में दिक्कत आ रही है। इस कारण सरकार शिवालिक समेत अन्य एलिफेंट रिजर्व को डिनोटिफाई करने जा रही है।
वन अधिनियम के प्रावधानों के तहत सरकार को पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करना चाहिए। बोर्ड को एलिफेंट रिजर्व या अन्य संरक्षित क्षेत्रों के डिनोटिफिकेशन का प्रस्ताव पास नहीं करना चाहिए।
सरकार को एयरपोर्ट के विस्तार के लिए कहीं और जमीन देखनी चाहिए। एलिफेंट रिजर्व खत्म करने से राज्य में हाथी और इंसानों के बीच और संघर्ष बढ़ेगा। इसके अलावा जंगल भी खत्म होंगे।
केंद्र की ओर से एलिफेंट रिजर्व का कोई प्रावधान नहीं है। हमने ही हाथी कोरिडोरों को सुरक्षित रखने के लिए आसपास के एरिया को एलिफेंट रिजर्व के रूप में नोटिफाई किया है। इसका कोई फायदा नहीं। अब हम इन्हें डिनोटिफाई कर खत्म कर रहे हैं। स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड में इसका प्रस्ताव रखा जा रहा है।
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भारत और चीन से हाई स्किल्ड लेबर के नाम पर यूएस वीजा एच 1 बी को लेकर सवालिया निशान खड़ा हो गया है। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति निर्वाचित होने के साथ ही अमरीकी युवाओं में भारत और चीन, दोनों देशों के खिलाफ एक नफरत का माहौल बन गया है।
अमरीकी युवाओं में बेरोजगारी को लेकर राष्ट्रपति चुनाव में एच 1 बी वीजा एक चुनावी मुद्दा था। तब डोनाल्ड ट्रंप ने एच 1 बी वीजा को खत्म किए जाने की जोरदार वकालत तो की थी, लेकिन भारत से ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी कर अमरीका में 2 साल तक आगे पढ़ाई करने वाले उन सभी युवाओं को एच 1 वीजा के लिए रोजगार उपलब्ध कराए जाने पर सहमति दे दी थी।
अभी 20 हजार युवाओं को प्रतिवर्ष सरकारी-गैर सरकारी अमरीकी कंपनियों में रोजगार दिए जा रहे हैं। लेकिन अब सत्ता परिवर्तन के साथ एच 1 बी वीजा के रूप में रोजगार लेने अमरीकी कंपनियों और देने वाली भारतीय कंसल्टेंसी कंपनियों की नींद उड़ गई है।
ध्यान रहे, 2016-2017 के सत्र के लिए 7 अप्रेल, 2016 तक एच 1 बी और एच 1 वीजा में निर्धारित 85 हजार स्थानों के लिए रिकार्ड दो लाख 36 हजार से अधिक आवेदन स्वीकार किए गए थे, जिनमें आधे से ज्यादा आवेदन भारत और चीन से हासिल हुए थे, जबकि यूरोप, जापान और दक्षिण कोरिया और लेटिन अमरीका से अपेक्षाकृत कम आवेदन मिले थे।
अमरीकी कंपनियों के लिए एच 1 बी वीजा पर निर्धारित 65 हजार रोजगारों के लिए चौथे साल आवेदकों का चयन हाई स्किल के आधार पर नहीं, कंप्यूटरीकृत लाटरी के आधार पर किया गया था, जिन्हें अब रोजगार के मौके दिए जा रहे हैं।
एच 1 वीजा के लिए अमरीका में रहते हुए न्यूनतम एक साल तक एमबीए अथवा किसी अन्य विधा में मास्टर डिग्री हासिल करना और अमरीकी कंपनी में तीन से छह महीनों के लिए इंटर्नशिप कर स्पांसरशिप लेटर लेना अनिवार्य है।
अमरीका में अस्थाई तौर पर छह सालों के लिए रोजगारोन्मुख एच 1 बी इमीग्रेशन वीजा देखने-सुनने में लुभावनी लगती है। न्यूयार्क टाइम्स की मानें तो इमीग्रेशन एक्ट की मौजूदा खामियों का लाभ उठाते हुए भारत और चीन की कुछेक बड़ी कंसलटेंसी कंपनियों और ला फर्मों ने अमरीकी कंपनियों के साथ मिल कर एच 1 बी प्रक्रिया को ही हाईजैक कर लिया है।
ये कंसल्टेंसी कंपनियां बड़ी तादाद में ट्रेनी के रूप में हर साल भर्तियां करती हैं। फिर अमरीकी कंपनियों की जाब प्रोफाइल के अनुरूप उनकी रिबूटिंग करती हैं। इस प्रक्रिया में आई टी, वित्त प्रबंध, फार्मेसी में स्नातक और स्नातकोत्तर तक की शिक्षा हासिल कर चुके युवक-युवतियों को अमरीकी समय सारिणी के अनुसार देर रात गुडग़ांव, नोएडा, बेंगलूर, चेन्नई और हैदराबाद आदि स्थानों पर ट्रेंड किया जाता है।
एक बार स्पांसरशिप लेटर मिलने के बाद कंसल्टेंसी कंपनियां अपनी ला फर्मों से पासपोर्ट, वर्क प्रोफाइल और संबंधित दस्तावेज/पेपर वर्क तैयार करवाती हैं। फिर एक से सात अप्रेल के बीच हजारों आवेदनों को अमरीकी यूएससीआईएस सर्विस सेंटर में जमा करवाती हैं।
इस प्रक्रिया में एच 1 वीजा मिलने तक युवक मामूली वेतन पर इंटर्नशिप करते हैं। ये ही युवक एच 1 बी लाटरी में नंबर निकल पाने की इंतजार करते हैं। एच 1 बी नियमानुसार एंटरी लेवल पर एक नए रिक्रूट को न्यूनतम 60 हजार डालर सालाना वेतन मिलता है, जबकि एक अमरीकी नागरिक को उसी जाब प्रोफाइल के लिए कम से कम करीब 84 हजार 500 डालर सालाना वेतन और सोशल सिक्युरिटी के तहत हेल्थ इंश्योरेंस देना अनिवार्य है।
एक अमरीकी कंपनी को शुरूआत में 50 प्रतिशत आरक्षण स्थानीय अमरीकी नागरिकों को देना अनिवार्य है, लेकिन पिछले दिनों अमरीकी युवाओं की बड़े स्तर पर छंटनी कर एच 1 बी वीजा पर आए भारतीयों को वरीयता दी गई है।
इसका कारण यह बताया जाता है कि कंपनियों को ऐसे में न केवल कम वेतन देना पड़ता है, बल्कि ग्रीन कार्ड के मोह में भारतीय भी देर रात तक काम करते हैं और ग्रीन कार्ड मिलने तक छंटनी की तलवार से बचे रहते हैं।
अमरीकी शिक्षित युवाओं पर स्टूडेंट लोन ( डेढ़ खरब डालर ) के बढ़ते दबाव को सता के गलियारे में महसूस किया जा रहा है। इसकी ताप से भारत में चीप लेबर की रिबूटिंग में लगी चार नामी साफ्टवेयर कंसलटेंसी कंपनियों के अमरीकी एजेंटों की नींद उडऩे लगी है।
न्यूयार्क टाइम्स सहित अमरीका के अन्य बड़े अखबारों की मानें तो पिछले तीन चार सालों से स्किल्ड लेबर के नाम पर एच 1 बी कोटे में चीप लेबर का जो यह गोरखधंधा चल रहा है, उससे अमरीकी युवाओं में घोर निराशा है।
पिछले तीन- सालों की कंप्यूटरीकृत गणना पर नजर दौड़ाएं, तो पता चलेगा कि करीब आधे एच 1 बी जाब भारत की चार बड़ी कंपनियों टीसीएस, इन्फोसिस, विप्रो और एचपी सहित 20 ग्लोबल कंपनियों की झोली में गए हैं, जबकि शेष अन्य दस हजार कंपनियों और वैयक्तिक रूप से आवेदकों को एच 1 बी आफर मिल सके हैं।
इसके विपरीत बड़ी कंपनियां जैसे माइक्रोसाफ्ट, आईबीएम, याहू, गूगल, ओरेकल और फेसबुक आदि एच 1 बी वीजा पर आवेदकों को एंट्री लेवल पर डेढ़ गुणा वेतन, सोशल सिक्युरिटी सहित बेहतरीन मेडिकल इंश्योरेंस देने के साथ एक निर्धारित अवधि में ग्रीन कार्ड के लिए तैयार करती हैं। लेकिन इन कंपनियों से स्पांसरशिप लेटर लेना सहज नहीं है।
अमरीकी कांग्रेस ने आर्थिक विकास के मद्देनजर सन 1998 में इमीग्रेशन एक्ट के तहत छह सालों के लिए रोजगारोन्मुख एच 1 बी वीजा दिए जाने का प्रावधान किया था। उस समय अमरीकी कंपनियों के सामने दो शर्तें रखी गईं थीं।
एक, सभी छोटी- बड़ी कंपनियों को विदेशी नागरिक को स्पांसरशिप लेटर देते समय एंटरी लेवल पर न्यूनतम 60 हजार डालर प्रति वर्ष वेतन देना होगा। दूसरे, अमरीकी रोजगार हितों के मद्देनजर 50 प्रतिशत स्टाफ का आरक्षण करना अनिवार्य होगा।
ग्लोबल कंपनियों ने मौजूदा नियमों में खामियों का लाभ उठाया। आर्थिक मंदी (2008 से 2011 ) में बेरोजगारी बढ़ी तो, बड़े स्तर पर छंटनी हुई। अब स्थितियां सुधरी हैं तो रोजगार की मांग और वेतन में बढ़ोतरी को लेकर युवाओं में असंतोष भड़कने लगा है।
इस पर कांग्रेस में एच 1 बी वीजा पर अंकुश लगाने के लिए कांग्रेस के दोनों सदनों में एच 1 बी वीजा में लचीलेपन की निंदा की गई और 18 दिसंबर, 2015 को अगले दस सालों के लिए वीजा फीस 2 हजार से बढ़ा कर चार हजार डालर कर दी गई जबकि एच 1 वीजा फीस 4500 डालर कर दी गई है।
इस पर भारतीय कंसल्टेंसी कंपनियों ने मोदी सरकार से बीच-बचाव करने और फीस घटाए जाने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन हुआ कुछ नहीं।
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तमिलनाडु के विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिले में पिछले दो दिन के दौरान जहरीली शराब पीने से कुल 14 लोगों की मौत हो गई है।
आबकारी विभाग ने जिला भर में जहरीली शराब के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए लोगों को आगाह करना शुरू कर दिया है।
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मगध का उत्कर्म और धर्म क्रान्ति
बज्जि और मल्ल संघ प्रमुख थे और राजतन्त्रों में कोसल, वत्स, अवन्ति और मगध । ये राजतन्त्र एक ओर परस्पर संघर्षरत थे तो दूसरी ओर गणातन्त्रों को आत्मसात करने की चेष्टा कर रहे थे। इनमें सफलता अन्ततोगत्वा मगध को प्राप्त हुई ।
मगध साम्राज्य का विस्तार - मगध के उत्कर्ष का प्रारम्भ हर्यक कुल के नरेश श्रेणिक बिम्बिसार (५४३ ४९० ई० पू० ! ) से होता है । वह गौतम बुद्ध और महावीर का समकालीन था। उसने अपनी राजधानी गिरव्रज के स्थान पर राजगृह में स्थापित की, कोसल, लिच्छवि, विदेह तथा मुद्द्र राज्यों से विवाह सम्बन्ध करके अपनी स्थिति को हुद किया और अंग पर विजय प्राप्त करके मगध राज्य के विस्तार को द्विगुणित किया। उसके बाद उसके महत्त्वाकांक्षी पुत्र कुणिक अजातशत्रु ने कोसल से सफल संघर्ष किया और वज्जि तथा मल्ल गणराज्यों को पराजित कर आत्मसात किया। उसके बाद पाटलिपुत्र के संस्थापक उदायिन और उसके उत्तराधिकारियों ने और तदनन्तर शिशुनागवंशीय राजाओं ने राज्य किया। इस बीच में मगध ने एक-एक करके वत्स, अवन्ति और कोसल आदि को अधिकृत कर लिया था । मगध के साम्राज्य का और विस्तार नन्दवंश के संस्थापक महापद्मनन्द के शासन काल में हुआ। पुराणों के अनुसार वह बहुत लोभी परन्तु बलवान और परशुराम के समान क्षत्रियों का संहार करनेवाला था। उसने इक्ष्वाकु, पंचाल, कौरव, हय, एकलिंग, शूरसेन, मिथिला तथा अन्यान्य राज्यों को जीतकर हिमालय और विन्ध्य के बीच एकच्छत्र राज्य किया । उसके अन्तिम उत्तराधिकारी धननन्द के समय पश्चिमोत्तर भारत पर एलेक्जेण्डर का आक्रमण हुआ (१० ४७१-७२) जिससे उत्पन्न अव्यवस्था और असन्तोष का लाभ उठाकर चन्द्रगुप्त मौर्य नामक एक साहसी राजकुमार ने अपने गुरु चाणक्य की सहायता से अपनी शक्ति बढ़ा ली और ३२१ ई० पू० में मगध को अधिकृत कर लिया ।
वैष्णव और शैव सम्प्रदाय -- उत्तर वैदिक काल में यज्ञ धर्म के दुरुह और व्ययशील हो जाने और निवृत्तिमार्गी आयेंतर विचार धाराओं के प्रभाव के कारण उपनिषदीय दर्शन का उदय हुआ था (१०५७०-७१) । परन्तु उपनिषदों का अमूर्त ब्रह्म और शुष्क उपासना-विधि सामान्य जनों के लिए रुचिकर नहीं थे। इसलिए उपनिषदीय दर्शन के साथ कुछ ऐसे सम्प्रदाय भी उदित हुए जो जनमानस के अनुकूल थे । थे । ये सम्प्रदाय दो प्रकार थे। एक वे जिन्होंने वैदिक धर्म
का खुला प्रतिरोध न कर किसी पुराने देवता अथवा देवी को केन्द्र बनाकर नये सिद्धान्तों को प्रतिपादित किया और दूसरे वे जो वैदिक धर्म का खुला प्रतिरोध करने लगे। पहले वर्ग के सम्प्रदायों में वैष्णव और शैव सम्प्रदाय उल्लेखनीय
। शैव सम्प्रदाय का उदय उत्तर वैदिक काल में ऋग्वेदिक रुद्र द्वारा सैन्धव 'शिव' के तत्त्व आत्मसात कर लेने पर हुआ । श्वेताश्वतर उपनिषद् की रचना होने तक शिव 'महादेव' माने जाने लगे थे । वैष्णव सम्प्रदाय के सर्वोच्च देवता विष्णु की महत्ता के चिह्न खुद ऋग्वेद में मिलते हैं। उत्तर वैदिक काल में कुछ लोग उन्हें सर्वोच्च देवता मानते थे। उस समय उनका सम्बन्ध भक्ति के स्थान पर यज्ञधर्म से अधिक था। लेकिन वेदोत्तर काल में उनको नारायण और वासुदेव-कृष्ण से अभिन्न माना जाने लगा, जिससे यह सम्प्रदाय भक्तिमार्गी होने लगा । इस सम्प्रदाय के प्रमुख ग्रन्थ गीता की रचना सम्भवतः छठी-पाँचवीं शताब्दी ई० पू० में हुई थी । इसमें भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए निष्काम कर्मयोग का उपदेश वर्णित है ।
जैन धर्म : पार्श्वनाथ --- वेद विरोधी धर्मों में सर्वप्रथम जैन धर्म का उल्लेख होना चाहिए । जैनियों के अनुसार उनके चौबीस तीर्थकर हुए हैं जिनमें तेईसवें तीर्थकर पाश्र्वनाथ की ऐतिहासिकता प्रायः मानी जाती है। वह सम्भवतः नवीं शती ई० पू० में आविर्भूत हुए थे। उन्होंने वेदों की अपौरुषेयता का ग्ण्डन तथा हिंसात्मक यज्ञों और जाति व्यवस्था का विरोध किया और अहिंसा, सत्य, अस्तेय (जोरी व करना) तथा अपरिग्रह (सम्पत्ति त्याग्र) पर बल दिया। छटीं शताब्दी ई० पू० में भगवान् महावीर ने उनके द्वारा प्रवर्तित मत को संशोधित कर के जैन धर्म का रूप दिया ।
महावीर : जीवन और उपदेश - महावीर का जन्म ५९९ ई पू० में वैशाली के समीप स्थित कुण्डग्राम के एक क्षत्रिय परिवार में हुआ था। लिच्छवि गणाध्यक्ष चेटक की बहिन त्रिशला उनकी माता थीं। तोस वर्ष की आयु में उन्होंने गृहत्याग किया और तदुपरान्त तेरह वर्ष तक तपस्या करके जम्भियग्राम के निकट शालवृक्ष के नीचे 'कैवल्यज्ञान' प्राप्त किया। अपनी आयु के शेष वर्ष (मृत्यु ५२७ ई० पू०) उन्होंने कोसल, अंग, वज्जि, मगध और अन्य राज्यों में धर्म प्रचार और जैन संघ को सुसंगठित करने में लगाए । उनका कहना था कि सभी सांसारिक सुख नश्वर और दुःखमूलक हैं। इस दुःख का मूल है तृष्णा और तृष्णा का मूल है कर्म का बन्धन । इस बन्धन से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने त्रिरत्न का उपदेश दिया। पहला रत्न है सम्यक आचरण । इसके अन्तर्गत उन्होंने पार्श्वनाथ द्वारा प्रतिपादित अहिंसा, सत्य, अस्तेय और अपरिग्रह
के साथ ब्रह्मचर्य को जोड़ दिया। दूसरा रत्न है सम्यक् श्रद्धा, जिसके द्वारा जीव अर्थात् आत्मा, जो संख्या में अनेक हैं, अजीव अथवा भौतिक पदार्थ के बन्धन से मुक्ति पाते हैं। तीसरा रत्न है सम्यक् ज्ञान । महावीर के अनुसार ज्ञान की अनेक कोटियाँ होती हैं, इसलिए कोई भी दृष्टिकोण न पूर्णतः ठीक होता है न पूर्णतः गलत । इस सिद्धान्त को स्यावाद या अनेकान्तवाद कहते हैं । बौद्ध धर्म
बुद्ध - महावीर के कनीयस् समकालीन धर्म सुधारक गौतम बुद्ध का जन्म ५६३ ई० पू० में आधुनिक में आधुनिक गोरखपुर के समीप स्थित लुम्बिनी नामक वन में हुआ था। उनके पिता शुद्धोधन शाक्य गण के 'राजा' थे। अनुश्रुतियों के अनुसार गौतम को रामपुत्रोचित शिक्षा मिली और विवाह यशोधरा अथवा गोपा नामक राजकुमारी से हुआ। लेकिन गौतम की आसक्ति सांसारिक सुखों में न थी । २९ वर्ष की आयु में उन्होंने गृह त्याग कर दिया और आलारकालाम तथा उद्दक रामपुत्त आदि धर्माचार्यों के पास रहकर साधना की और तदनन्तर उरुवेला के वन में छः वर्ष कठोर तप किया। लेकिन इनसे भी उनके मन को शान्ति नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने तपश्चर्या का परित्याग कर दिया और एक नवीन परन्तु सरलतर साधना प्रारम्भ की। इस बार वह सफल हुए और उन्हें गया के समीप एक वृक्ष के नीचे 'सम्बोधि' प्राप्त हुई । तब से वह 'बुद्ध' कहलाए । अपने जीवन के शेष ४५ वर्ष उन्होंने भी धर्म प्रचार में व्यतीत किए। सबसे पहला उपदेश उन्होंने सारनाथ में दिया था। इस घटना को 'धर्मचक्र प्रवर्त्तन' कहा जाता है। उनके शिष्यों और श्रद्धालु भक्तों में बिम्बिसार, अजातशत्रु, प्रसेनजित, उपालि सारिपुत्त, मौद्गल्यायन तथा आनन्द आदि प्रसिद्ध हैं ।८० वर्ष की आयु में कुशीनगर के समीप उनका 'परिनिर्वाण' हुआ ।
धम्म - भगवान् बुद्ध आत्मा, परमात्मा आदि प्रश्नों पर विचार करना अनावश्यक मानते थे। इनकी वह 'दस अकथनीय' विषयों में गणना करते थे । उनके अनुसार मुख्य समस्या दुःख की समस्या है जिस पर विचार कर के उन्होंने चार आर्य सत्यों का प्रतिपादन किया । ये हैं दुःख, दुःख-समुदय, दुःख-निरोध तथा दुःख निरोध का मार्ग ।
(१) दुःख : भगवान बुद्ध के अनुसार विश्व दुःखों से परिपूर्ण है। जन्म, जरा, व्याधि और मृत्यु सभी दुःख हैं। जो बातें हमें सुखमय लगती हैं वे भी क्षणिक होने के कारण दुःख का कारण होती हैं।
(२) दुःख-समुदय : बुद्ध ने दुःख की समस्या पर प्रतीत्य- समुद सिद्धान्त के आलोक में विचार किया। इस सिद्धान्त के अनुसार हर कार्य का
कोई न कोई कारण होता है। इस नियम की विश्वजनीनता में श्रद्धा के कारण ही बुद्ध की उपनिषदों द्वारा प्रतिपादित अजर-अमर आत्मा की सत्ता में आस्था नहीं थी। इस सिद्धान्त को दुःख की समस्या पर लागू करके उन्होंने घोषित किया कि दुःख का मूल कारण है अविद्या जिसके परिणामस्वरूप मनुष्य अपने को शरीर या मन से अभिन्न मानकर रूप, रस, गन्ध, शब्द, स्पर्श तथा भावनाओं में आसक्त हो जाता है। इससे तृष्णा का उदय होता है जिसके फल उसे अपने बन्धन में जकड़ लेते हैं ।
(३) दुःख-निरोध - प्रतीत्यसमुत्पाद सिद्धान्त के अनुसार यदि कारण को दूर कर दिया जाय तो फल अपने आप दूर हो जाता है वैसे ही जैसे रोग के कारण का निरोध कर देने पर रोग चला जाता है। इसलिए दुःख को दूर करने के लिए यह आवश्यक है कि दुःख के कारण अविद्या, तृष्णा और कर्म के बन्धन - को दूर किया जाय ।
(४) दुःख-निरोध का मार्ग - बुद्ध के अनुसार अविद्या, तृष्णा और कर्म के बन्धनों को शील, समाधि और प्रज्ञा स्कन्धों द्वारा दूर किया जा सकता है। शील अर्थात् करुणा, अहिंसा तथा मैत्री आदि से कर्म नियन्त्रित होते हैं तथा समाधि से मन में एकाग्रता आती है जिससे तृष्णा का अन्त होता है । मन की एकाग्रता से प्रज्ञा का उदय भी होता है जिससे अविद्या तिरोहित हो जाती है। डॉ० गोविन्दचन्द्र पाण्डेय के अनुसार भगवान् बुद्ध ने दुःख-निरोध के मार्गरूप में केवल प्रज्ञा, शील और समाधि का ही उपदेश दिया था। कालान्तर में इनका 'अष्टांगिक मार्ग के रूप में विकास किया गया। प्रज्ञा के तीन अंग हैंः सम्यक दृष्टि (चार आर्य सत्य का दर्शन ), सम्यक् संकल्प (हिंसा और कामना से रहित संकल्प) तथा सम्यक् वाक् (सत्य और प्रिय वचन ) । शील के अन्तर्गत सम्यक् कर्मान्त (सत्कर्म) तथा सम्यक् आजीव (जीवन यापन की उचित प्रणाली) परिगणित किए गए हैं। समाधि स्कन्ध में सम्यक व्यायाम (आत्मोन्नति के लिए प्रयत्न ), सम्यक् स्मृति (अपनी दुर्बलताओं का स्मरण ) तथा सम्यक् समाधि (चित्त की एकाग्रता) को गिना गया है। इस मार्ग के अवलम्बन से अविद्या का नाश और तृष्णा का अन्त हो जाता है और कर्म नियन्त्रित हो जाते हैं। इससे मनुष्य सांसारिक बन्धनों से मुक्त हो जाता है। इसी स्थिति को बुद्ध ने निर्वाण है। 'निर्वाण' का शाब्दिक अर्थ है दीपक की तरह 'बुझ जाना' । यह स्थिति मनुष्य जीवितावस्था में ही प्राप्त कर सकता है। खुद भगवान् बुद्ध
'निर्वाण' प्राप्ति के उपरान्त पैंतालीस वर्ष तक जीवित रहे थे ।
संघ, संगीतियाँ और साहित्य - भगवान् बुद्ध के उपदेश मुख्यतः
नैतिक थे। उनके उपदेशों को मध्यम मार्ग भी कहा जाता है। उनके शिष्य दो प्रकार के थे-भिक्षु-भिक्षुणियाँ और सामान्य उपासक । भिक्षु-भिक्षुणियाँ वर्षाकाल छोड़कर पूरे वर्ष 'धम्म' के प्रचार के लिए घूमते रहते थे । भगवान् के १) परिनिर्वाण के उपरान्त राजगृह में एक संगीति (काउंसिल) आयोजित की गई थी। इसमें 'धम्म' और 'विनय' (अनुशासन) पर बुद्ध वचनों को दोहराया गया । यह बौद्धों के धर्म ग्रन्थों 'त्रिपिटक' का प्रारम्भ था। त्रिपिटक का अर्थ है तीन पिटारे । इनमें बौद्धों के विनय, धम्म और दर्शन सम्बन्धी ग्रन्थों का संकलन है। इन्हें क्रमशः विनय पिटक, मुत्तपिटक और अभिधम्म पिटक कहा जाता है । इनमें अभिषम्म पिटक अपेक्षया बाद का है जब कि पहले दो पिटकों के काफी ग्रन्थ अशोक (३री शती ई० पू० ) के शासन काल तक अस्तित्व में आ चुके थे। बौद्धों की दूसरी संगीत पहली संगीत के सौ वर्ष उपरान्त वैशाली में बुलाई गई जिसमें बौद्ध संघ दो भागों में बँट गया - थेरवादी और महासांघिक । महासाधिक सम्प्रदाय से ही कालान्तर में महायान बौद्ध धर्म विकसित हुआ । अन्य सम्प्रदाय - वेदोत्तर काल में उपर्युक्त सम्प्रदायों के अतिरिक्त अन्य अनेक सम्प्रदायों का आविर्भाव हुआ। इनमें चार्वाक और आजीवक विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं । चार्वाक वेदों की अपौरुषेयता और कर्मकाण्ड के विरोधी तथा घोर भौतिकवादी थे। आजीवक सम्प्रदाय के संस्थापक मक्खलि पुत्र गोशाल थे । अभाग्यवश उनके उपदेशों का क्य निष्पक्ष वर्णन करनेवाला कोई ग्रन्थ उपलब्ध नहीं हैं, परन्तु उनके सम्प्रदाय की लोकप्रियता निर्विवाद है। इनके अतिरिक्त जैन और बौद्ध साहित्य में अजित केशकम्बलिन, पकुद्ध कञ्चायन तथा सञ्जय वेलद्वपुक्त अन्य अनेक धर्माचारियों का उल्लेख मिलता है । ये सब गौतम बुद्ध और महावीर के समकालीन थे।
समाज और संस्कृति
साहित्य - साहित्य की दृष्टि से वेदोत्तर काल प्रारम्भिक वेदाङ्ग और सूत्र साहित्य की रचना एवं बौद्ध त्रिपिटक और जैन आगम के आविर्भाव का है। बौद्ध त्रिपिटक की चर्चा ऊपर की जा चुकी है और प्राचीनतम आगम आजकल अनुपलब्ध है। जो जैन ग्रन्थ आजकल मिलते हैं वे परवर्ती युग की रचनाएँ हैं। वेदाङ्ग साहित्य वैदिक साहित्य से पृथक् परन्तु घनिष्ठ रूप से सम्बद्ध है। इनको रचना वैदिक साहित्य की व्यवस्था और रक्षा करना और उसे व्यवहारिक विनियोग के योग्य बनाना था। इनके विषय शिक्षा, छन्द, व्याकरण, निरुक्त, ज्योतिष और कल्प थे। नारद की 'शिक्षा' पिंगल का 'छन्द सूत्र' यास्क का |
पेरिस। फ्रांस के उप शहरी क्षेत्र सैंट क्लाउड में भारतीय वायु सेना की राफेल परियोजना प्रबंधन टीम के कार्यालय में तोड़-फोड़ की रिपोर्टें मिली हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना रविवार रात को हुई और इसका मकसद भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा योजना से जुड़े महत्वपूर्ण आंकड़ों को चुराना रहा होगा।
इस समय फ्रांस में वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन रैंक के अधिकारी पूरी टीम के साथ है जो 36 लडाकू राफेल विमानों के उत्पादन की पूरी प्रकिया पर नजर रखे हुए हैं। यहां भारतीय वायु सेना के पायलटों को इन विमानाें को उड़ाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन विमानों का निर्माण दसाँ एविएशन कंपनी कर रही है।
माना जा रहा है कि भारतीय वायु सेना ने दिल्ली में भारतीय रक्षा मंत्रालय को इस घटना की जानकारी से अवगत करा दिया होगा। यह घटना ऐसे समय हुई है जब इन लडाकू विमानों को लेकर भारत में राजनीतिक स्तर पर काफी विवाद हो रहा है।
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इंडिया न्यूज, भोपाल नीमच :
Pulwama Attack Revenge For Babri Masjid Demolition : पुलिस ने पुलवामा हमले की तीसरी बरसी पर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए कश्मीरी मूल के एक नाबालिग छात्र के खिलाफ मामला दर्ज किया है। नीमच पुलिस ने बताया कि नाबालिग छात्र ने वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम पर पुलवामा हमले को बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला बताया था।
नीमच के पुलिस कप्तान सूरज कुमार वर्मा ने बताया कि 17 वर्षीय छात्र एक सरकारी कॉलेज में बीकॉम का छात्र है। उसने कश्मीरी छात्रों के लिए केंद्र सरकार की स्कॉलरशिप के तहत यहां पर एडमिशन लिया है। एसपी ने बताया कि छात्र ने इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप ग्रुन पर पुलवामा हमले का फोटा लगाया था। उसने यह दावा किया था कि पुलवामा हमला बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला था। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने इस बात की सूचना पुलिस को दी।
प्रिंसिपल को छात्रों ने दी मामले की जानकारी (Pulwama Attack Revenge For Babri Masjid Demolition )
इस मामले की सूचना मिलने पर उक्त छात्र को हिरासत में लिया गया। उसका मोबाइल फोन और लैपटॉप सीज करके मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने छात्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। एसपी ने बताया कि हम मामले की पूछताछ आरोपी से कर रहे है। उससे यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि उसके पास वीडियो और फोटो कहां से आया।
इस मामले में स्कूल के प्रिंसिपल वीके जैन ने बताया कि कुछ छात्रों ने उन्हें इसकी जानकारी उन्हें दी थी। हमने जब मामले का पता किया तो मामला सही निकला और इसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई। यह छात्र कॉलेज के हॉस्टल में रह कर अपनी पढ़ाई करता है।
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बाबर ने तुरन्त उस पर हमला करने का निश्चय कर लिया और नवम्बर १५२५ में वह काबुल से चलकर सिन्धु के पार चा गया। पंजाब को पार करता हुआ बाबर पानीपत तक बिना रोक-टोक चला आया और वहाँ आकर उसने १२ अप्रैल, १५२६ को पड़ाव डाल दिया। पानीपत की भूमि पर अति प्राचीनकाल से कई बार भारत के भाग्य का निर्णय हुआ था । श्रागे भी इसी भूमि पर कई बार उसका भाग्य निर्णय होना था। बाबर भी इसी प्रसिद्ध रणस्थली पर आकर डट गया और युद्ध की तैयारी करने लगा । बाबर की सेना इस प्रकार पड़ी हुई थी कि उसके दाहिने ओर तो पानीपत नगर था, बाई और उसने एक गहरी खाई खुदवाई और सामने बहुत से पेड़ों को गिराकर एक प्रकार का बाँध बना दिया। इस प्रकार तीनों ओर से सेना सुरक्षित हो गई। इसके अतिरिक्त उसने कोई ७०० बैलगाड़ियों को चमड़े के रस्सों से जकड़कर एक प्रकार के छोटे-छोटे पुश्ते बना दिए थे जिनसे उसकी सेना शत्रु के आक्रमण से सुरक्षित रहकर अपने तीर इस दीवार के पीछे से सेना पर चला सके । मुसलमान लेखकों का कहना है कि बाबर की सेना में केवल १२,००० सिपाही थे, पर वे सब युद्ध-कुशल तथा अनुभवी सैनिक थे; परन्तु तत्सम्बन्धी घटनाओं पर विचार करने से विदित होगा कि उसकी सेना में इससे बहुत अधिक सिपाही रहे होंगे । पानीपत में कुछ सैनिक तो अवश्य काम आए ही होंगे। गरमी का मौसम होने के कारण काबुल से सैनिकों का प्राना बन्द-सा था। फिर भी हम देखते हैं कि खानवा के स्थान पर बाबर की सेना में पानीपत से बहुत ज्यादा सिपाही थे । शायद हुमायूँ की सेना के मिल जाने से ऐसा हुआ हो। इसके विरुद्ध सुलतान इब्राहीम की सेना में एक लाख आदमियों का जमघट था। इनमें बहुत थोड़े अनुभवी सैनिक थे । अधिकतर नए और अधकचरे भरती कर लिए गए थे । वे युद्ध के संगठन तथा व्यवस्था को कुछ न समझते थे। सात दिन तक दोनों दल आमने-सामने पड़े रहे । अन्त को इब्राहीम की फौज ने धावा बोला और वह बाबर की सेना के अगले भाग तक जा पहुँची, परन्तु वहाँ सब लोग अनियमित और अस्त-व्यस्त हो गए । इस बुरी अवस्था को देखकर बाबर ने अपने घुड़सवारों को धावा बोलने की प्राज्ञा दी और तोपें चलानी शुरू कीं। फिर उसने एक दस्ते को बाईं तरफ से हटाकर इब्राहीम की फौज के पीछे भेजा जिससे वह चारों ओर से घिर गई और फिर इस जोर से तीरों की बौछार की कि स्वयं सुलतान इब्राहीम और उसकी सेना के २० हजार सिपाही खेत रहे । बाबर की विजय हुई। बाबर की इस सफलता का एक बड़ा कारण यह भी था कि युद्ध कौशल में इब्राहीम की उससे कोई बराबरी नहीं थी, दूसरे उसकी-सी घुड़सवार सेना तथा तोपखाना इब्राहीम के पास न था। सबसे बड़ा कारण यह था कि बाबर ने ठीक अवसर देखकर उस युद्ध हथकण्डे का प्रयोग किया जिसे उसने उजबकों से सीखा था; अर्थात् अपनी प्रश्वारोही सेना की एक टुकड़ी को मानन-फानन शत्रु की सेना के पीछे ले जाना और फिर दोनों तरफ बड़ी तेजी से तीरों की बौछार करना। इसके साथ-साथ बाबर ने तोपखाने का भी पूरी |
लखनऊ। बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्रीय सरकार ने खेती की ज़मीन को लीज़ पर देने और लेने वाले लोगों का जीवन आसान करने के लिए एक नया अध्यादेश तैयार किया है। इसके लागू होने के बाद देश में खेती की ज़मीन बटाईदारी पर या लीज़ पर देना कानूनन अपराध नहीं बचेगा। दावा है कि नए नियमों से ग्रामीण भारत में गरीबी मिटाने, उत्पादकता बढ़ाने व विकास दर को तेज़ करने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार की थिंक टैंक संस्था नीति आयोग ने कुछ समय पहले एक कमेटी गठित की थी, जिसका उद्देश्य खेतिहर भूमि को लीज़ पर देने से जुड़ी समस्याओं को समझने और सुलझाने के सुझाव देना था। कमेटी ने विभिन्न राज्यों की स्थितियों को ध्यान में रखते हुए 'खेतिहर भूमि लीसिंग एक्ट 2016' तैयार कर हाल ही में सरकार को सौंपा है। राज्यों द्वारा इस एक्ट को अपनाए जाते ही पुराने सारे नियम समाप्त हो जाएंगे।
"देखिए नया एक्ट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि इससे गांव का एक खेती जानने वाला किसान ज़मीन के आभाव में मजदूरी नहीं करेगा। अब बिना डर के जब भूस्वामि उसे खेत लीज़ पर देगा तो वो खेती करेगा और गौरव के साथ जिंदगी काटेगा," डॉ टी. हक ने गाँव कनेक्शन को बताया। कृषि अर्थशास्त्री टी. हक़ की अध्यक्षा वाली कमेटी ने ही नीति आयोग के तहत नया एक्ट तैयार किया है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार देश में 14 करोड़ किसान हैं। पुराने नियमों के हिसाब से बटाईदारों की गिनती किसानों में नहीं होती थी जिसके कारण उन्हें सरकारी योजनाओं से लेकर खेती की सामग्रियों पर मिलने वाली आर्थिक मदद भी नहीं मिल पाती थी।
डॉ हक ने बताया कि ज़मीन बटाई पर देने वाला और बटाईदार के बीच कोई लिखित समझौता नहीं होता था। ऐसे में बटाईदार फसल बीमा नहीं करवा पाते थे, न ही किसी आपदा में फसल गंवाने पर सरकारी राहत के हकदार होते थे। अब नए एक्ट के लागू होते ही बटाईदार किसान भी इन सभी योजनाओं व सहायताओं में अपना हक पा सकेंगे, भूस्वामि उनका हक नहीं छीन पाएगा।
नए नियम के बाद अब कोई भू-मालिक भी दोतरफा कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर करके एक नियत समय के लिए बिना किसी डर अपनी ज़मीन बटाईदार या खेती के लिए लीज़ पर दे सकेगा। देश में बहुत सी खेती की ज़मीन का सही इस्तेमाल केवल इसलिए नहीं हो पाता है क्योंकि ज़मीन मालिक गाँव में नहीं रहता या खेती छोड़ चुका है। लेकिन वह किसी अन्य किसान को अपनी खेती बटाई या ठेके पर भी सिर्फ इस डर से नहीं देता था कि कहीं उसकी ज़मीन न चली जाए।
नियमतः यदि कोई बटाईदार एक नियत समय से ज्यादा किसी खेत पर बटाई पर खेती करता रहा है तो वह उस खेत को अपने नाम कराने का हकदार है।
डॉ हक के अनुसार, "भूस्वामियों को बढ़ावा मिलेगा कि वो अपनी ज़मीन गंवाने का डर पाले बिना उसे लीज़ पर देकर मिलने वाले धन को खेती के बाहर किसी इकाई में लगाएं। इससे देश में व्यावसायिक विविधता आएगी, जो ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है।"
कमेटी ने यह पाया था कि देश में खेतिहर भूमि का पूरा प्रयोग इसलिए भी नहीं हो पा रहा क्योंकि अलग-अलग राज्यों में खेती की ज़मीन को लीज़ पर देने को लेकर अलग-अलग निमय हैं। ज्यादातर खेतिहर भूमि की लीज़ को बढ़ावा नहीं देते जो कि देश की खाद्य उत्पादकता और कृषि विकास के लिए एक समस्या है।
देश के उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, कर्नाटक, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में खेत लीज़ पर देना प्रतिबंधित है, केवल विधवा, अवयस्क, शारीरिक अक्षमता वाले व सैनिक किसानों को छूट दी गई है। केरला में भी बटाईदारी प्रतिबंधित है, लेकिन हाल ही में सरकार ने स्वयं सहायता समूहों का कुछ छूट दी है।
इसी तरह पंजाब, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र और असम जैसे राज्यों में ज़मीन लीज़ पर देना तो गैरकानूनी नहीं है लेकिन बटाईदारों को यह अधिकार है कि निर्धारित समय तक बटाई पर खेती करने के बाद वे भूस्वामि से ज़मीन खरीदने के हकदार हो जाते हैं।
केवल आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, राजस्थान, और पश्चिम बंगाल में ही बटाईदारी के सरल कानून हैं।
नए अध्यादेश का प्रारूप तैयार करने वाले नीति आयोग के वाइस चेयरमेन अरविंद पनगढ़िया ने एक्ट का ज़िक्र करते हुए अपने आधिकारिक ब्लॉग पर लिखा, "मेरा मानना है कि इस एक्ट में खेती की ज़मीन को खेती के उपयोगों में ही लीज़ पर दिए जाने के नियम को और विस्तार दिया जाना चाहिए, ताकि खेती की ज़मीन को उद्योगों या गैर-कृषि कार्यों के लिए भी लीज़ पर देना आसान हो सके"।
नया एक्ट ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ज़रूरी है क्योंकि इससे गांव का एक खेती जानने वाला किसान ज़मीन के आभाव में मजदूरी नहीं करेगा। अब बिना डर के जब भूस्वामि उसे खेत लीज़ पर देगा तो वो खेती करेगा और गौरव के साथ जिंदगी काटेगा।
यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। बटाईदार किसानों की हालत बुरी है देश में, इससे सुधार में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं अनाज उत्पादन भी सुधरेगा क्योंकि जो छोटा किसान खेती बढ़ाना चाहता है वो अब असानी से लीज़ पर खेत लेगा।
यह सही दिशा में उठाया गया कदम ज़रूर है लेकिन आगे चलकर यह कॉर्पोरेट सेक्टर के खेती में उतरने का रास्ता बन सकता है। नए एक्ट में अभी तो छोटे किसान द्वारा बड़े किसान को ज़मीन लीज़ पर देने का प्रावधान नहीं है पर आगे एक्ट में यह परिवर्तन होते ही, कॉर्पोरेट सेक्टर छोटे किसानों की ज़मीन लीज़ पर ले लेंगे। इससे इकोनोमी में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
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अपने पहले मुकाबले में श्रीलंका को मात देने के बाद अफगानिस्तान की नजरें बांग्लादेश को पटखनी देकर एशिया कप 2022 सुपर 4 में जगह बनाने पर होगी, वहीं बांग्लादेश अपने अभियान का आगाज जीत के साथ करना चाहेगा।
एशिया कप 2022 के तीसरे मुकाबले में आज यानी के मंगलवार को अफगानिस्तान का सामना बांग्लादेश से होना है। दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला शारजाह क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा। अपना पहला मुकाबला जीत चुकी अफगानिस्तान की नजरें बांग्लादेश को पटखनी देकर सुपर 4 में जगह बनाने पर होगी, वहीं बांग्लादेश अपने अभियान का आगाज जीत के साथ करना चाहेगा। इस भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) ने इस मुकाबले काे लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी की है। चोपड़ा ने दावा करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान की टीम इस बार सुपर 4 में पहुंचने वाली पहली टीम बनेगी।
पूर्व भारतीय ओपनर ने अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में कहा कि शारजाह में होने वाले इस मुकाबले में अफगानिस्तान की टीम बांग्लादेश को हरा देगी। उन्होंने कहा, "मैं अफगानिस्तान को जीतने के लिए कह रहा हूं। इस जीत के साथ, अफगानिस्तान सुपर 4 के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली टीम बन जाएगी और बांग्लादेश बनाम श्रीलंका मैच नॉकआउट हो जाएगा। श्रीलंका को कोई आपत्ति नहीं होगी क्योंकि उनकी संभावनाएं केवल वहां हैं। अगर बांग्लादेश यहां हारता है, तो श्रीलंका का नेट रन इतना खराब है कि वह बांग्लादेश को हराकर भी क्वालीफाई नहीं कर पाएगा। "
पूर्व भारतीय बल्लेबाज ने आगे कहा कि राशिद, मुजीब और नबी मुकाबले में कम से कम पांच विकेट लेंगे। चोपड़ा ने कहा, "अफगानिस्तान के स्पिनर - जिसमें राशिद खान, मुजीब उर रहमान और मोहम्मद नबी शामिल हैं - पांच या उससे अधिक विकेट लेंगे। उन्होंने पिछले मैच में भी चार विकेट लिए थे, हालांकि राशिद ने विकेट नहीं लिया था। "
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एशिया कप के चौथे मैच में भारतीय टीम और हॉन्गकॉन्ग की टीम के बीच 2 अंकों के लिए लड़ाई जारी है। हॉन्गकॉन्ग के निमंत्रण पर भारतीय टीम मैदान में बल्लेबाजी करने आयी और 20 ओवर में 192 रन बना डाले। भारत की ओर सबसे ज्यादा रन सूर्यकुमार यादव ने बनाए।
उन्होंने केवल 26 गेंदें खेलते हुए 6 चौकों और 6 छक्कों की मदद से कुल 68 रन बनाए। उनकी इस पारी से उनके साथी बल्लेबाज विराट कोहली इतने ज्यादा प्रभावित हुए कि ओवर ख़त्म होने के बाद वह सूर्यकुमार यादव का सिर झुका कर अभिवादन करते हुए नजर आए।
इससे जुड़ा वीडियो सोशल मीडिया पर कई फैन्स देख कर अलग-अलग तरह की प्रतिक्रिया देते हुए नजर आ रहे हैं। आपको बता दें कि आज के मैच में विराट कोहली ने भी काफी लंबे समय के बाद अर्धशतक जड़ा है। कोहली ने आज 44 गेंदों में 59 रन बनाए।
उनकी इस पारी में 1 चौका और 3 छक्का शामिल था। पिछले टी20 मैच में 35 रन और अब इस मैच में एक जरुरी अर्धशतक लगा कर विराट कोहली ने अपने फॉर्म की ओर जाने के संकेत दे दिए हैं। देखना होगा कि भारत द्वारा दिए गए इतने बड़े लक्ष्य का पीछा हॉन्गकॉन्ग की टीम किस प्रकार से कर पाती है।
अगर भारतीय टीम यह मैच जीत जाती है तो अफगानिस्तान के बाद सुपर 4 में एंट्री लेने वाली यह दूसरी टीम बन जाएगी। अफगानिस्तान पहले ही श्रीलंका और बांग्लादेश जैसी टीमों को मात दे कर यह कारनामा कर चुकी है।
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गोपालगंज. ऑनलाइन टीम : बिहार में एक नहीं, हाल में घटित कई मामले साबित कर रहे हैं कि वहां कानून का डर खत्म हो गया है। चोरी, लूटपाट, हत्या, अपहरण सब शुरू हो गया है। सुशासन बाबी खिसियानी बिल्ली खंभा नोंचे की तर्ज पर सिर्फ हवाई बातें कर रहे हैं। ताजा मामला गोपालगंज जिले का है। कक्षा 10 के एक छात्र का सोमवार को कुछ अज्ञात लोगों ने अपहरण कर लिया और सकुशल छोड़ने के बदले परिवार से 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी। छात्र के दादा होम्योपैथिक डॉक्टर और पिता मनोज कुमार व्यवसायी हैं।
मीरगंज थाना के अंतर्गत मानिकपुर गांव की यह घटना है। छात्र करीब 6. 30 बजे कोचिंग सेंटर जा रहा था। उसी समय अपहरणकर्ता ने उसे पकड़ लिया। कुछ देर बाद छात्र के पिता को फोन आया। उसके पिता से फिरौती के रूप में 10 लाख रुपये की मांग की गई। जांच के दौरान, मानिकपुर गांव के पास एनएच 531 पर छात्र की स्कूटी मिली है। पिता ने पुलिस को दी गई शिकायत में कहा, "उस फोन कॉल के बाद, अपहरणकर्ताओं ने पीड़ित परिवार से दोबारा संपर्क नहीं किया। पुलिस विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर रही है।
बिहार में लालू यादव का कार्यकाल, यानी 15 वर्ष। तकनीकी रूप से तो इसमें से 8 साल तक उनकी पत्नी राबड़ी देवी मुख्यमंत्री रहीं लेकिन इस दौरान सत्ता लालू ही चलाते रहे। ये वो दौर था, जब बिहार में हत्या और अपहरण एक 'उद्योग' बन चुका था, एक कारोबार था, पैसे कमाने का एक जरिया था। राजनेताओं, अधिकारियों और माफियाओं का ऐसा गठजोड़ इसके पहले कहीं देखा ही नहीं गया। अगर सिर्फ लालू राज के अंतिम वर्ष 2005 की ही बात करें तो उस साल 3471 हत्याएं हुईं। साथ ही 251 अपहरण की वारदातें हुईं और बलात्कार की 1147 घटनाएं हुईं। इसके एक साल और पीछे जाएं तो 2004 में बिहार में हत्या के 3948 मामले आए थे। इसी तरह रंगदारी के लिए अपहरण 411 घटनाएं और बलात्कार की 1390 घटनाएं दर्ज की गई थीं। लोगों को सुशासन बाबू से काफी उम्मीदें हैं। मगर उम्मीदें टूट भी रही हैं। अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। ताजा मामला इसका उदाहरण है।
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Sara Tendulkar Reach Ahmedabad: शुभमन गिल (Shubman Gill) रूमर्ड गर्लफ्रेंड सारा तेंदुलकर (Sara Tendulkar) ऑस्ट्रेलिया और इंडिया के बीच वन डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 फाइनल मैच को देखने के लिए अहमदाबाद पहुंच गई हैं।
Shubman Gill Rumored Girlfriend Sara Tendulkar Reach Ahmedabad: आज यानी 19 नवंबर को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वन डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल मैच खेला जाना है। इसको लेकर सभी तैयारियां हो चुकी हैं। इस मैच को देखने के लिए बॉलीवुड के कई बड़े स्टार्स पहुंच रहे हैं। अभी हाल ही में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की फोटोज सामने आई हैं। रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण मैच देखने के लिए अहमदाबाद निकल गए हैं। इसी बीच शुभमन गिल (shubman gill) रूमर्ड गर्लफ्रेंड और सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर (Sara Tendulkar) भी मैच देखने के लिए पहुंच चुकी हैं। इस से जुड़े सारा तेंदुलकर के कई वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं।
19 नवंबर को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया और इंडिया के बीच वन डे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 का फाइनल होने जा रहा है। इस मैच देखने के लिए आम लोगों के साथ-साथ स्टार्स भी बेताब दिखाई दे रहे हैं। अभी हाल ही में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण का टीम इंडिया जैसी टी-शर्ट पहने वीडियो सामने आया था। इसके बाद अब टीम इंडिया के क्रिकेटर शुभमन गिल रूमर्ड गर्लफ्रेंड सारा तेंदुलकर का अहमदाबाद पहुंचे के बाद वीडियो सामने आया है। सारा तेंदुलकर इस वीडियो में कूल लुक में दिखाई दीं। सारा तेंदुलकर का ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। सारा तेंदुलकर के इस वीडियो पर फैंस शुभमन गिल को लेकर कमेंट्स करते हुए नजर आए।
सारा तेंदुलकर के अलावा और भी कई सेलेब्स मैच देखने के लिए अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहुंच रहे हैं। इस लिस्ट में रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण के साथ-साथ एनिमल एक्टर अनिल कपूर का नाम भी शामिल है। सचिन तेंदुलकर और कपिल देव भी मैच देखने के लिए अहमदाबाद पहुंच रहे हैं। सारा तेंदुलकर के इस वायरल वीडियो को लेकर आपकी क्या राय है, कमेंट कर के हमें जरूर बताएं।
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।अनमोल (Anmol)
।अमूल्य अमूल्य, कीमती (सेलिब्रिटी का नामः अनु मलिक)
मंगल ग्रह मेष राशि का स्वामी माना जाता है। मेष राशि का आराध्य देव भगवान श्री गणेश को माना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अनमोल नाम के लड़के मार्च या अप्रैल के महीने में पैदा होते हैं। इस जाति के अनमोल नाम के लड़के भविष्य में ज्वर, खून की अशुद्धि के रोगों, पायरिया, सिरदर्द, अनिद्रा और गुस्सैल स्वाभाव के कारण परेशान हो सकते हैं। इस राशि के अनमोल नाम के लड़कों में पिट्युटरी ग्लैंड की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी, जबड़े और दिमाग से जुड़ी समस्याओं जैसे याददाश्त में कमी या भूलने की बीमारी होने की सम्भावना अधिक होती है। इस राशि के अनमोल नाम के लड़कों का पाचन तंत्र भली प्रकार से काम नहीं कर पाता। मेष राशि के अनमोल नाम के लड़के नयी पहल करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और काम के इतने शौक़ीन होते हैं कि लंबे समय तक काम करके भी थकते नहीं हैं।
अधिकतर माता-पिता अपने बच्चे को अनमोल नाम देना चाहते हैं लेकिन इससे पहले वो इसका मतलब जानने का प्रयास नहीं करते हैं। अनमोल नाम का मतलब अमूल्य अमूल्य, कीमती (सेलिब्रिटी का नामः अनु मलिक) होता है। अमूल्य अमूल्य, कीमती (सेलिब्रिटी का नामः अनु मलिक) मतलब होने के कारण अनमोल नाम बहुत सुंदर बन जाता है। अगर आप अपने बच्चे को अनमोल नाम देते हैं तो जीवनभर के लिए उसका संबंध इस नाम के मतलब यानी अमूल्य अमूल्य, कीमती (सेलिब्रिटी का नामः अनु मलिक) से हो जाएगा। जैसा कि हमने बताया कि अनमोल का अर्थ अमूल्य अमूल्य, कीमती (सेलिब्रिटी का नामः अनु मलिक) होता है और इस अर्थ का प्रभाव आप अनमोल नाम के व्यक्ति के व्यव्हार में भी देख सकते हैं। यह माना जाता है कि यदि आपका नाम अनमोल है और इसका अर्थ अमूल्य अमूल्य, कीमती (सेलिब्रिटी का नामः अनु मलिक) है, तो इसका गहरा प्रभाव व्यक्ति के स्वभाव पर भी पड़ता है। आगे पढ़ें अनमोल नाम की राशि, इसका लकी नंबर क्या है, अनमोल नाम के अमूल्य अमूल्य, कीमती (सेलिब्रिटी का नामः अनु मलिक) मतलब के बारे में विस्तार से जानें।
जिनका नाम अनमोल होता है, उनका ग्रह स्वामी मंगल और लकी नंबर 9 होता है। 9 अंक वाले व्यक्ति मानसिक रूप से काफी मजबूत होते हैं और इनमें हर मुश्किल से लड़ने का एक अनोखा जज़्बा होता है। किसी भी काम की शुरुआत के पहले भले ही कई अड़चनें आएंं लेकिन अनमोल नाम के लोग अपने जुनून से सफलता हासिल जरूर करते हैं। 9 अंक वाले लोग डरते नहीं है, जिस कारण कभी-कभी उन्हें मुसीबतों का सामना करना पड़ जाता है। अनमोल नाम के व्यक्ति भविष्य में अच्छे नेता बन सकते हैं, क्योंकि उनमें नेतृत्व के गुण होते हैं। अनमोल नाम के लोग दोस्ती और दुश्मनी निभाने में पीछे नहीं हटते।
अनमोल नाम के लोगों की राशि मेष होती है, इनमें अद्भुत साहस व महत्वाकांक्षा होती है। ये काफी जिज्ञासु होते हैं और खुद में विश्वास रखते हैं। साहसी होने के कारण ये जोखिम लेने से कतराते नहीं हैं। ये लोग नए काम के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। इन्हें चुनौतियां पसंद होती हैं। ये लोग हमेशा ऊर्जा से भरे रहते हैं। मेष राशि के लोग हठी और घमंडी किस्म के होते हैं। करियर और पैसों के मामले में अनमोल नाम के व्यक्ति को किसी भी तरह का समझौता करना पसंद नहीं होता।
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के. के. पा"क छाता। छाता बार एसोशियेसन के सभी अधिवक्ताओं ने एसडीएम व तहसीलदार छाता के खिलाफ अपना बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी रखा। अधिवक्ताओं ने तहसील के उक्त अधिकारियों के खिलाफ नारे बाजी करते हुऐ तहसील परिसर कोर्ट में जलूस निकालकर एवं सभाकर अपना आकोश व्यक्त किया। सभा में बार के अध्यक्ष जगदीश गर्ग एवं सचिव गोकलेश कटारा ने अपने संयुक्त संबोधन में कहा कि छाता तहसीलदार एवं उपजिलाधिकारी व अन्य राजस्व अधिकारियें का छाता बार के पति द्वेष भावना के साथ कार्य किया जा रहा है। आये दिन अधिकारी र्दुव्यवहार करते हुये अपनी अनेतिक मनमानियां करने से बाज नही आ रहे है। तहसील के सभी कार्यालयों में भ्रष्टाचार का बोलवाला है। पूर्व सचिव रामकिशन न शर्मा न अपने वक्तव्य मे कहा कि अधिवक्ताओं के मान एवं सम्मान की खातिर आर पार लडाई लडी जायेगी। दूसरे दिन भी जारी बहिष्कार के कारण तहसील के राजस्व न्यायालयों मे सन्नाटा पसरा रहा। बहिष्कार को सफल बनाने के लिये अध्यक्ष एवं सचिव एसडीएम कोर्ट के सामने अडे रहे और किसी भी अधिवक्ता को केर्ट मे नही घुसने दिया। इस मौके पर बार के चौ. शिव सिंह पूर्व, अध्यक्ष अजय सिंह, गिर्राज गौतम, हिम्मत सिंह, चौ. अर्जुन सिंह, कु चन्दपाल सिंह, चौ. संग्राम सिंह, चौ. किशन सिंह, "ा. पकाश सिंह, श्री भगवान शर्मा, चन्दपालसिंह, रमाशंकर भारद्वाज, सुनील, सुरेन्द सिंह, लेखराज गौड, सावित्री सिंह, हीरेन्द सारस्वत, कृष्ण मुरारी गुप्ता, "ा. मुलायम सिंह, करतार सिंह चौधरी, रेवती पाण्डेय, "ा. श्यामसिंह, इंन्दर सिंह,, आदि मौजूद थे।
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इस रंग बदलती दुनिया में धर्म के बजाय धन का महत्व सभी सीमाएं पार कर रहा है। जैसे बहुत-से गुंडे नेताओं को हटा कर देश सेवा की कुर्सी फर बैठ गये हैं, उसी तरह एक दिऩ धन भी धर्म को हटा कर उसकी गद्दी फर बैठ जाएगा। धन की फूजा तो अब भी होती है, फिर तो बाकायदा फ्रार्थना शुरू हो जाएगी। मैंने भी उसकी एक स्तुति लिखी है। आफको जम जाए तो याद करके रख लीजिए, किसी दिन काम आएगी।
अर्फेो देश में ईमानदारी का कोई महत्व नहीं है। मुफ्त में मिलती है न। हालांकि दुनिया में कोई भी चीज़ मुफ़्त में नहीं मिलती, लेकिन ईमानदारी मिलती है। ईमानदारी मुफ़्त में मिल तो जाती है, लेकिन उसे अर्फेााने की कीमत काफ़ी बडी होती है।
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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब Twitter की टक्कर में उतरने जा रहे हैं। इसके लिए वो अपना खुद का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शुरू करने जा रहे हैं। इसका नाम TRUTH Social होगा।
ट्रंप के TRUTH Social प्लेटफॉर्म का मालिकाना हक ट्रंप मीडिया एंड टेक्नोलॉजी ग्रुप (TMTG) के पास रहेगा। इसके अलावा ये ग्रुप वीडियो ऑन डिमांड सर्विस भी शुरू करने जा रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में TRUTH Social लॉन्च करने के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि आमंत्रित किए गए यूजर्स के लिए इसका बीटा संस्करण नवंबर में उपलब्ध होगा।
ट्रंप ने यह भी कहा कि हम एक ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां तालिबान की ट्विटर पर बड़ी मौजूदगी है। वहीं, आपके पसंदीदा अमेरिकी राष्ट्रपति को चुप करा दिया गया है। यह अस्वीकार्य है।
गौरतलब है कि अमेरिका में चुनाव के बाद बड़े स्तर पर हिंसा फैली थी। इस चुनाव में ट्रंप हार गए थे। उन्होंने अपने समर्थकों से व्हाइट हाउस पर इकट्ठा होने की अपील की थी। इसके बाद ट्विटर और फेसबुक ने ट्रंप का अकाउंट हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया था।
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Ranchi: रांची के सहजानंद चौक पर बुधवार को पुलिस के ही दो अलग-अलग जवान भिड़ गये. दोनों के बीच खूब मारपीट व धक्का-मुक्की हुई. एक दूसरे पर लात और घूंसे भी चले. इस दौरान सहजानंद चौक पर अफरा-तफरी का माहौल हो गया. लोगों की भीड़ जुट गयी. दो पुलिसवालों की लड़ाई में आम आदमी को बीच-बचाव करना पड़ा और दोनों पुलिसकर्मियों को अलग-अलग कर झगड़ा बंद कराया. लंबे समय तक पुलिसकर्मियों का झगड़ा तमाशा बना रहा. लोग दोनों पुलिसकर्मियों को कोसते हुए निकलते गये.
दरअसल, बाइक में पीलियन राइडर (पीछे बैठने वाले) के हेलमेट नहीं पहनने को लेकर विवाद शुरू हुआ. बाइक पर पीछे बिना हेलमेट बैठा देख पुलिसकर्मी को जब ट्रैफिक पुलिस के जवान ने रोका तो पीछे बिना हेलमेट वाला पुलिसकर्मी बाइक से उतरा और ट्रैफिक सिपाही से उलझ गया. इस तरह से नहीं रोकना चाहिए कह कर ट्रैफिक सिपाही से धक्का-मुक्की शुरू कर दी. इस पर ट्रैफिक सिपाही ने भी बिना हेलमेट वाले पुलिसकर्मी की पिटाई की. लंबे समय तक चली धक्का-मुक्की और मारपीट के बीच तमाशा बना रहा.
घटना की जानकारी मिलने के बाद ट्रैफिक थाना प्रभारी और डीएसपी मौके पर पहुंचे और मामले की छानबीन की. इस मामले में ट्रैफिक सिपाही की ओर से अरगोड़ा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराने की तैयारी चल रही है.
दो पुलिसकर्मियों की मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. दोनों को मारपीट करते वीडियो में देखा जा सकता है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद ट्रैफिक एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग ने भी संज्ञान लिया है. पूरे मामले में जांच कर कार्रवाई का आदेश डीएसपी को दिया है. फिलहाल डीएसपी इस पूरे मामले की छानबीन कर रहे हैं.
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इन दिनों सलमान खान अपनी अपकमिंग फिल्म राधेःयोर मोस्ट वॉन्टेड भाई फिल्म की तैयारियों में जी तोड़ मेहनत करने में लगे हुए हैं।
कोरोना महामारी की वजह से देशभर में बेकाबू हालात की वजह से फिलहाल फिल्मों की शूटिंग पर पाबंदी जारी है।
कोरोना वायरस कहर में देशभर में लॉकडाउन किया हुआ है। अब ऐसे हालात देखतें हुए सभी लोग अपने घरों के अंदर हैं।
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वित्तीय संकट की स्थिति से गुजर रहे श्रीलंका के हालात हर दिन खराब होते जा रहे है। देश के पास इस समय विदेशी कर्ज का भुगतान करने के लिए भी पर्याप्त फंड नहीं है। ऐसी स्थिति में विश्व बैंक देश की आर्थिक मदद के लिए आगे आया है। विश्व बैंक श्रीलंका को आपातकालीन सहायता देने और देश में अभूतपूर्व आर्थिक संकट के बीच कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करने को तैयार है। रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को विश्व बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से यह जानकारी दी गई है। श्रीलंका इस समय दिवालिया होने की कगार पर है और 1948 के बाद से सबसे भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। कोलंबो गजट ने बुधवार को बताया कि विश्व बैंक के उपाध्यक्ष हार्टविग शेफर ने वाशिंगटन में श्रीलंका के वित्त मंत्री अली साबरी के साथ बातचीत की है। साबरी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठकों के लिए अमरीका में हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि साबरी और शेफर ने आर्थिक संकट को दूर करने के उपायों, स्थिरीकरण के लिए मदद और कमजोर वर्गों की रक्षा करने पर चर्चा की है।
श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट के बीच इस्तीफा देने के दबाव से जूझ रहे राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार को बुधवार को एक और झटके का सामना करना पड़ा। तीन और सांसदों ने राजपक्षे की सरकार के पक्ष में समर्थन वापस ले लिया है। इससे पहले महीने की शुरुआत में 156 सांसदों में से 39 ने राजपक्षे सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। अलग होने वाले समूह ने ऐलान किया था कि वह 225 सदस्यीय संसद में विपक्ष समेत किसी भी गठबंधन का साथ नहीं देगा।
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मुंबईः 12 दिन में ब्रिटिश पाउंड दो रुपये बढ़ा और रुपया रिकार्ड गिरावट पर पहुंच गया है। बुधवार को पाउंड 102. 45 तक पहुंच गया। पाउंड के दाम लगातार बढ़ने से इंग्लैंड में पढ़ने वाले छात्रों पर बुरा असर पड़ने की संभावना है। इसके अलावा विदेशों से आने वाले सामान के महंगे होने की संभावना बढ़ गई है। एक दिसंबर को पांउड का रेट 100. 24 रुपये थे। उस वक्त कहा गया था कि अगर पाउंड की कीमत इसी तरह बढ़ती रही तो रुपया काफी नीचे गिर जाएगा और बाजार पर इसका बुरा असर पड़ेगा। 12 दिन बाद पाउंड में दो रुपये से अधिक की उछाल आई। विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय बाजारों से लगातार बिकवाली करना भी इसके गिरने की बड़ी वजह है।
जबकि, रूस और यूक्रेन के बीच लंबा खिंचता युद्ध और उससे उपजे भू-राजनीतिक हालातों ने भी रुपये पर दबाव बढ़ाया है। भारत तेल से लेकर जरूरी इलेक्ट्रिक सामान और मशीनरी के साथ मोबाइल-लैपटॉप समेत अन्य गैजेट्स के लिए दूसरे देशों से आयात पर निर्भर है। अधिकतर कारोबार डॉलर और पाउंड में होता है। अगर रुपये में इसी तरह गिरावट जारी रही तो देश में आयात महंगा हो जाएगा।
विदेशों से आयात होने के कारण इनकी कीमतों में इजाफा तय है, मतलब मोबाइल और अन्य गैजेट्स पर महंगाई बढ़ेगी और आपको ज्यादा खर्च करना होगा। पाउंड के महंगा होने से रुपया ज्यादा खर्च करना होगा। इससे वहां से आने वाले माल की ढुलाई महंगी होगी, जिसके चलते हर जरूरत की चीज पर महंगाई की और मार पड़ेगी। यानी रुपये के टूटने से कई क्षेत्रों में बड़ा असर देखने को मिल सकता है। इसमें रोजमर्रा के सामनों की कीमतों में इजाफा दिखाई देगा।
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यूपी के शाहजहांपुर में बस और ट्रक की भिड़ंत में 24 यात्री घायल हो गए हैं। वहीं 5 की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायल यात्रियों ने बताया कि घने कोहरे में ट्रक एक वाहन को ओवरटेक करने के दौरान बस के सामने आ गया था।
शाहजहांपुरः शाहजहांपुर जिले में शनिवार की सुबह भीषण सड़क हादसा हो गया। रोडवेज बस व ट्रक में भिड़ंत से बस में सवार 24 य़ात्री घायल हो गए हैं। जिसके बाद आसपास मौजूद लोगों ने आनन-फानन में इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। बता दें कि प्राथमिक इलाज के बाद 5 लोगों की हालत गंभीर होने पर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। यह हादसा खुटार के गुटईया गांव में हुआ है। बताया जा रहा है कि घने कोहरे के कारण यह हादसा हुआ है। एक रोडवेज बस मथुरा से लखीमपुर के गौरीफंटा जा रही बस में कुल 32 यात्री सवार थे।
शनिवार की सुबह साढ़े 8 बजे के आसपास रोडवेज बस खुटार थाना क्षेत्र के गुटईया गांव पहुंची थी। जहां पर बस की ट्रक से भिड़ंत हो गई। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। वहीं मौके पर लोगों की भीड़ एकत्र हो गई। जिसके बाद राहगीरों ने पुलिस प्रशासन को हादसे की सूचना दी। वहीं फौरन मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया। इसके बाद घायलों को स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया गया। अस्पताल में 27 लोगों को एडमिट कराया गया। ट्रक चालक व क्लीनर भी गंभीर रूप घायल हो गए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बस में अधिकतर लखीमपुर और नेपाल के यात्री सवार थे। हादसे के बाद स्टेट हाईवे पर लंबा जाम लग गया। पुलिस प्रशासन ने कड़ी मशक्कत के बाद 2 घंटे बाद जाम खुलवाया। बरेली के कोतवाली क्षेत्र के नवादा मुहल्ला निवासी संजीव शर्मा बस चालक हैं। बता दें कि इस हादसे में पीलीभीत के सेहरामऊ उत्तरी निवासी मो. उमर, लखीमपुर के मैलानी थाना क्षेत्र के नकहा घाट निवासी नितिन गुप्ता, बंशीलाल और जमील हसन आदि गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने बताया कि ट्रक द्वारा एक वाहन को ओवरटेक करने के दौरान हादसा हुआ है।
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जनता से रिस्ता वेबडेस्क :- सरकारी अधिकारियों के देरी से अपील करने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी. पीठ ने कहा कि उन्होंने ऐसे मामलों को प्रमाणपत्र केसों के रूप में वर्गीकृत किया है जो खारिज होने का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए ही शीर्ष अदालत में लाए जाते हैं ताकि दोषी अधिकारियों को बचाया जा सके।
समयसीमा की परवाह किए बिना सरकारी अधिकारियों द्वारा देर से अदालत आने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। शीर्ष अदालत ने कहा, अगर सरकार को लगता है कि यह समयसीमा बेहद अपर्याप्त है तो वह अपील दायर करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए विधायिका से संपर्क कर सकती है।
दरअसल, केंद्र सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जुलाई, 2017 के आदेश के खिलाफ 1,356 दिनों की देरी से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हृषिकेश राय की पीठ ने याचिका को समयबद्ध बताते हुए खारिज कर दिया और 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
पीठ ने कहा कि उन्होंने ऐसे मामलों को प्रमाणपत्र केसों के रूप में वर्गीकृत किया है जो खारिज होने का प्रमाणपत्र हासिल करने के लिए ही शीर्ष अदालत में लाए जाते हैं ताकि दोषी अधिकारियों को बचाया जा सके।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि ट्रिब्यूनलों के आदेशों पर वाटरमार्क उन्हें अपठनीय बना देते हैं। एनजीटी के एक आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत की ई-कमेटी ट्रिब्यूनलों से संपर्क करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आदेशों पर ऐसे लोगो का इस्तेमाल न किया जाए।
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Ranchi: वर्षों से जाम की समस्या से जूझ रहे रातू रोड लोगों के लिए राहत देनेवाली खबर है. रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर अब आकार लेने लगा है. छह महीने में 25 फीसदी काम पूरे हो चुके हैं. काम तेज गति से चल रहा है. शेष बचे 19 महीने में रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का काम पूरा पूर्ण करना है. इस सड़क का निर्माण अब न केवल दिन, बल्कि रात में भी चल रहा है. अगर इसी गति से काम हुआ, तो निश्चित तौर पर तय समय में यह योजना पूर्ण हो जाने की संभावना है और रातू रोड इलाके के लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी.
-एलिवेटेड रोड बनने से रातू रोड, इंद्रपुरी, पहाड़ी टोला, आर्यपुरी, लाहकोठी, महुआटोली सहित अन्य मुहल्लों में रहने वालों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि, आकाशवाणी के सामने रोड के दोनों ओर रैंप बनेगा.
-रैंप बनने से जाकिर हुसैन पार्क के पास एलिवेटेड रोड पर चढ़ने वाले वाहन पिस्का मोड़ गए बिना आकाशवाणी के पास उतर जाएंगे. वहीं, इन क्षेत्रों के लोग रैंप से होकर सीधे जाकर हुसैन पार्क के पास जा सकेंगे.
-पिस्का मोड़ से आगे पंडरा रोड में सर्ड तक फोर लेन रैंप बनाया जाएगा. इटकी रोड में टू लेन रैंप बनेगा, क्योंकि यहां जगह कम है. ऐसे में इटकी रोड से आने वाले वाहन पिस्का मोड़ तक नहीं आएंगे. सभी वाहनों को सर्ड के बाद पंडरा रोड में आना होगा. वहां से एलिवेटेड रोड पर वाहन चढ़ेंगे.
-जाकिर हुसैन पार्क के पास एलिवेटेड रोड पर चढ़ने वाले वाहन सीधे इटकी रोड जाएंगे. इससे लोगों को जाम से मुक्ति मिलेगी. सर्ड के बाद पंडरा रोड जाने वाले वाहन सीधे रातू की तरफ भी निकल सकेंगे.
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जिनके दिल रोमांस और अलगाव के लिए उत्सुक हैं, उनके लिए बेंटोटा की तुलना में श्रीलंका के पूरे द्वीप पर कोई बेहतर जगह नहीं है। प्रकृति ने खुद को एक खूबसूरत ओएसिस प्राप्त करने के लिए जरूरी सब कुछ करने की कोशिश की और इकट्ठा कियाः एक नदी, एक महासागर, एक साफ, विशाल समुद्र तट और हथेली के पेड़ों की छाया। यह स्वर्ग द्वीप के दक्षिण-पश्चिम तट पर कोलंबो शहर से 62 किमी दूर स्थित है, जहां बेंटोटा गंगा नदी के पानी हिंद महासागर के पानी के साथ मिलते हैं। आप या तो टैक्सी या रेल द्वारा यहां जा सकते हैं। दूसरा विकल्प चुनते समय, यह ध्यान में रखना चाहिए कि एक्सप्रेस ट्रेन बिना किसी स्टॉप के स्टेशन से बाहर जाती हैं, इसलिए आपको अलुतगामा स्टॉप पर जाना होगा, और वहां से, फिर से टैक्सी लें।
बेंटोटा के क्षेत्र में एक अच्छी तरह से विकसित पर्यटक आधारभूत संरचना हैः प्रत्येक छुट्टियों को यहां आवास के वांछित स्तर मिल सकते हैं - बजट बंगलों से लक्जरी पांच सितारा होटल तक। 40 साल पहले, यह यहां था कि नेशनल रिज़ॉर्ट कॉम्प्लेक्स बनाया गया था, जिसमें लक्जरी फैशनेबल होटल, एक बैंक, एक शॉपिंग आर्केड, मेल और कई अन्य चीजें शामिल हैं जो आरामदायक रहने के लिए जरूरी हैं। बेंटोटा में सम्मानित लोकप्रियता होटल सेर्फ़ का आनंद लेती है। यह शहर से 10 मिनट की ड्राइव पर स्थित है, और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सड़क पर लगभग तीन घंटे लगते हैं। होटल "सभी समावेशी" प्रणाली पर काम करता है, और, छुट्टियों की कई सकारात्मक समीक्षाओं के आधार पर, ब्रोशर में बताई गई विशेषताओं का पूरी तरह से पालन करता है।
एक आरामदायक समुद्र तट छुट्टी के लिए सभी स्थितियों के अलावा, बेंटोटा कई रोचक स्थानों का दावा कर सकता है। बेंटोटा में देखने लायक क्या है?
- लोकप्रियता के सभी रिकॉर्ड "बेंटोटा नदी पर नदी सफारी" हराया। इस भ्रमण के दौरान आप प्रकृति में मगरमच्छ का जीवन देख सकते हैं। सबसे बड़ा हाथ अपने हाथों में छोटे टूथी मगरमच्छ रखकर अपने तंत्रिकाओं को गुदगुदी कर सकता है।
- बेंटोटा से, आप कोर्गोडा - कछुए खेत के भ्रमण पर जा सकते हैं, जो कि कछुओं को संरक्षित करने के लिए परियोजना के हिस्से के रूप में बनाया गया है। इस खेत के प्रत्येक आगंतुक को दुर्लभ समुद्री कछुए देखने और यहां तक कि उन्हें समुद्र में जाने का एक अनूठा अवसर मिलता है। रोमांस के प्रेमियों के लिए, हर शाम यहां मोमबत्ती की रोशनी का आयोजन किया जाता है।
- वन्यजीवन के साथ संपर्क का आनंद लेते हुए, आप प्रतिभाशाली डिजाइनर बेविस बावा के निर्माण - लैकोनिक गार्डन में जा सकते हैं। सुंदर पार्क और ओपन-एयर संग्रहालय के सिम्बियोसिस किसी को उदासीन नहीं छोड़ सकते हैं।
- प्राचीन वास्तुकला के प्रशंसकों को कैंडी, अनुराधापुर, पोलोनारुवा के प्राचीन शहरों के भ्रमण पर जाना चाहिए, जहां आप प्राचीन बौद्ध मंदिरों और महलों को देख सकते हैं। इन भ्रमणों के दौरान आप रॉयल बोटेनिक गार्डन, एक हाथी नर्सरी भी देख सकते हैं, और भित्तिचित्रों से सजाए गए पत्थर के ब्लॉक को देख सकते हैं।
बेंटोटा का समुद्र तट अपनी शुद्ध रेत, एक आरामदायक फ्लैट समुद्र तट और हरे हथेली के पेड़ों के लिए प्रसिद्ध है। यहां समुद्र तट क्षेत्र अधिकतर सुसज्जित है, लेकिन साथ ही, ऐसे व्यक्ति भी हैं जो एक ऐसे व्यक्ति द्वारा पूरी तरह से छेड़छाड़ किए जाते हैं जहां आप अपनी खुशी के लिए अकेले भटक सकते हैं। सहमत हैं कि शोर और धूलदार मेगासिटी के बाद, प्रकृति के एक सुंदर कोने में एकांत अनिवार्य नहीं होगा। समुद्र तट का उत्तरी भाग, जिसे स्वर्ग कहा जाता है, संकुचित है। दक्षिणी भाग व्यापक है और यह यहां है कि सबसे शानदार होटल केंद्रित हैं। श्रीलंका के अधिकांश हिस्सों में बेंटोटा में मौसम नवंबर से अप्रैल की अवधि के दौरान यात्रियों को प्रसन्न करता है। कुछ भी नहीं, बेंटोटा में श्रीलंका में छुट्टियों को दुनिया भर के नवविवाहितों द्वारा हनीमून के लिए चुना जाता है।
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चंडीगढ़, 25 दिसम्बर पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण से शुक्रवार को नौ और लोगों की मौत हो गई जबकि इस महामारी के 320 नये मामले सामने आये। एक चिकित्सा बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है।
बुलेटिन के अनुसार राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर अब 1,64,821 पहुंच गई है जबकि मृतकों की संख्या 5,269 हो गई है।
इसके अनुसार, मोहाली में 48 नये मामले सामने आये। इसके बाद लुधियाना में 43 और पटियाला में 40 नये मामले सामने आये।
बुलेटिन के अनुसार, राज्य में अभी 4,707 मरीजों का इलाज चल रहा है। राज्य में अब तक जांच के लिए 37,86,885 नमूने एकत्र किये गये हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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मुंबई। अनुभवी फिल्मकार और अभिनेता मनोज कुमार वापसी की योजना बना रहे हैं।
मनोज कुमार को इस साल 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के दौरान 47वें दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
वर्ष 1995 की फिल्म 'मैदान-ए-जंग' में नजर आ चुके अभिनेता भारत के आगामी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित है।
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गोवा में 47वें इफ्फी में 20 नवंबर से आयोजित होने वाले कार्यक्रम में मनोज कुमार की 'शहीद', 'शोर', 'क्रांति', 'पूरब-पश्चिम' और 'गुमनाम' जैसी फिल्में दिखाई जाएंगी।
मनोरंजन-जगत में उतार-चढ़ाव देख चुके अभिनेता ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में समय के साथ बहुत कुछ बदला है।
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करण जौहर की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा,"अगर फिल्म तैयार है और आप कहते हैं कि फिल्म रिलीज नहीं कर सकते। तो यह गलत है। "(आईएएनएस)
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लहरा दूँ तिरंगा मैं इन हवाओं में....... .
सदियों तक सारी फिजाओं में.......... .
अँधेरा गहरा, शोर मंद,
साँसें चंद, हौंसला बुलंद,
रगों में तूफान, ज़ज्बों में उफान,
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रांचीःIndia vs South Africa Test Series: भारतीय टीम के खिलाफ एकतरफा अंतर से टेस्ट सीरीज (India vs South Africa Test Series) गंवाने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम के कप्तान फाफ डुप्लेसिस (Faf du Plessis)ने स्वीकार किया है कि यह दौरा उनके खिलाड़ियों को मानसिक रूप से कमजोर कर गया है. पूरी सीरीज में दक्षिण अफ्रीकी टीम कभी भी टीम इंडिया को मुकाबला देती नजर नहीं आई और तीनों मैच उसने बड़े अंतर से गंवाए. मेहमान टीम के कप्तान डुप्लेसिस ने तीसरे टेस्ट में पारी के अंतर से हार के बाद कहा, 'इस तरह के दौरे (South Africa Team India Tour)से पता चलता है कि आप मानसिक तौर पर बेहद कमजोर बन सकते हैं और इससे बाहर निकलना आसान नहीं होता. 'बतौर बल्लेबाज भी यह दौरा डुप्लेसिस के लिए निराशा से भरा रहा. वे सीरीज के तीन टेस्ट की छह पारियों में दो अर्धशतक की मदद से केवल 142 रन बना सके और उनका औसत 23. 66 का रहा. टीम के सबसे अनुभवी बल्लेबाज होने के नाते दक्षिण अफ्रीकी टीम को अपने कप्तान से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद थी.
दक्षिण अफ्रीका टीम के कप्तान ने कहा, 'हम संभवतः दोषी हैं जो हमारे पास इन खिलाड़ियों के संन्यास लेने के बाद की स्थिति के लिये कोई योजना नहीं थी. आप एक खिलाड़ी की जगह भर सकते हो चार या पांच सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों की नहीं. हमें अपनी योजनाओं और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के संन्यास लेने के मामले में बेहतर होना चाहिए था. ' दक्षिण अफ्रीकी टीम विशाखापट्टनम में पहले टेस्ट मैच में ही अच्छा प्रदर्शन कर पाई. इसके बाद लगातार उसके प्रदर्शन में गिरावट आई. डुप्लेसिस (Faf du Plessis) ने कहा, 'हमने अपना सर्वश्रेष्ठ मैच पहले टेस्ट में खेला और लगातार दबाव के कारण हम हर टेस्ट मैच में कमजोर पड़ते गए. इसलिए मेरा कहना है कि हम टीम के रूप में मानसिक तौर पर पर्याप्त मजबूत नहीं थे और इस विभाग में कुछ काम करने की जरूरत है.
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मृतकों की शिनाख्त पंजाब के जिला संगरूर के गांव गुजराना निवासी 21 वर्षीय कुलदीप सिंह व 18 वर्षीय नवदीप कौर के रूप में हुई। दोनों 26 मार्च को संदिग्ध हालात में अपने घरों से लापता हो गए थे।
पानीपत। पानीपत के विकास नगर के रेलवे फाटक के पास प्रेमी जोड़े ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली है। वहीं ट्रेन के चालक की सूचना पर जीआरपी मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। मृतकों की शिनाख्त पंजाब के जिला संगरूर के गांव गुजराना निवासी 21 वर्षीय कुलदीप सिंह व 18 वर्षीय नवदीप कौर के रूप में हुई। दोनों 26 मार्च को संदिग्ध हालात में अपने घरों से लापता हो गए थे।
परिजनों ने दोनों की गुमशुदगी की शिकायत अपने थाने की पुलिस को दे रखी थी और दोनों की तलाश कर रहे थे। जीआरपी ने दोनों के शवों का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए पानीपत के सिविल अस्पताल भिजवा दिया। जबकि जीआरपी की सूचना पर मृतकों के परिजन पानीपत सिविल अस्पताल पहुंचे। इधर, जीआरपी ने मृतकों की शिनाख्त उनके पास से मिले मोबाइल फोन सैटों व कागजातों से की।
परिजनों ने बताया कि कुलदीप को अगले सप्ताह पढाई के लिए रूस जाना था। वहीं जीआरपी ने मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज किए और पोस्टमार्टम के बाद कुलदीप व नवदीप के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया। जीआरपी ने बताया कि कुलदीप व नवदीप की मौत के मामले में आईपीसी की धारा 174 के तहत कार्यवाही कर दोनों की मौत के मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि जिस ट्रेन के आगे दोनों कूदे थे उसके चालक ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि दोनों, ट्रेन के आगे कूदे थे।
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Mumbai Landslide: मुंबई में मूसलाधार बारिश की वजह से कई इलाकों में पानी भर गया है. अंधेरी सब वे एक बार फिर पानी से लबालब है. मुंबई में तीन दिन भारी बारिश का अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है. आज समंदर में भी सुबह 11 बजकर 44 मिनट पर हाई टाइड की चेतावनी दी गई है. मुंबई के आसपास के इलाकों में भारी से भारी बारिश हो सकती है. वहीं, मुंबई के वसई में लैंडस्लाइड हो गया है जिसकी वजह से कई लोग मलबे में दब गए. NDRF की टीम ने राहत कार्य शुरू कर दिया जिसके बाद मलबे में दबे 2 लोगों को बाहर निकाल लिया गया है और 3 लोग अभी भी दबे हुए है जिनके लिए राहत कार्य जारी है. देखें ये वीडियो.
Due to the torrential rains in Mumbai, many areas have been badly flooded. The roads are flooded with rainwater. The Meteorological Department has issued an alert of heavy rain for three days in Mumbai. Today, a high tide warning has been given in the sea at 11:44 am. Meanwhile, there has been a landslide in Mumbai's Vasai, due to which many people got stranded in the debris. NDRF team started relief work after which 2 people trapped under the debris have been pulled out and 3 people are still trapped for whom relief work is going on. Watch this video.
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बॉलीवुड एक्ट्रेस करीना कपूर खान अपने फैशन स्टेटमेंट को लेकर अक्सर चर्चा में रहती है। करीना दूसरी बार मां बनने जा रही हैं और इन दिनों वह अपने प्रेग्नेंसी पीरियड को खूब एन्जाॅय कर रही हैं। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में भी करीना जमकर काम कर रही हैं। हाल ही में एक्ट्रेस देर रात मुंबई में अपनी बेस्ट फ्रेंड और एक्ट्रेस मलाइका अरोड़ा के साथ स्पॉट की गई।
दरअसल, करीना और मलाइका साथ में आउटिंग पर गई थी। इस दौरान करीना ग्रे कलर के सूट में बेबी बंप फ्लाॅनट करते नजर आई। सूट के साथ करीना ने फ्लैट फुटवीयर्स पहने हुए थे। प्रेग्नेंसी का ग्लो करीना के चेहरे पर साफ दिखाई दिया।
वहीं मलाइका अरोड़ा सैटिन नाइट सूट में नजर आईं। इस दौरान मलाइका ने कोरोना महामारी से सेफ्टी के लिए मास्क भी लगाया हुआ था।
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता एवं झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन के विरुद्ध फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट करनेवाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। डीएसपी मुख्यालय-वन बिनोद रवानी की अगुवाई में मुफस्सिल पुलिस ने सोमवार सुबह पुरनानगर के संजू मरीक को छापामारी कर धर दबोचा। इसके बाद उसे एससी-एसटी थाना के हवाले कर दिया गया। बाद में मेडिकल व कोरोना जांच के बाद संजू को अदालत में प्रस्तुत किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा गिरिडीह भेज दिया गया।
रविवार देर रात एससी-एसटी थाना में शिबू सोरेन के विरूद्ध आपत्तिजनक पोस्ट किए जाने को लेकर झामुमो कार्यकर्ता गौरव कुमार की लिखित शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। मामला हाई प्रोफाइल व मुख्यमंत्री के पिता से संबंधित होने के कारण प्राथमिकी दर्ज होने के साथ ही पुलिस रेस हो गयी। मामला एससी-एसटी से संबंधित होने के कारण डीएसपी बिनोद को इस मामले का अनुसंधानकर्ता बनाया गया। सुबह में एक अभियुक्त संजू मरीक को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं पुलिस अब दूसरे नामजद अभियुक्त देवघर के भानू पेंटर की तलाश में जुट गयी है। बताते चलें कि झामुमो कार्यकर्ता ने फेसबुक पर शिबू सोरेन पर जातिसूचक शब्दों से जुड़ा बेहद अमर्यादित टिप्पणी भरा पोस्ट करने का आरोप देवघर के भानू पेंटर व पूरनानगर के संजू मरीक पर लगाया है। दोनों ने अलग-अलग पोस्ट किया था।
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कोलकाता, 31 मार्च : निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने मंगलवार को कोलकाता के बल्लीगंज विधानसभा क्षेत्र (Assembly Area) के रिटर्निंग अधिकारी सहित तीन अधिकारियों को हटा दिया. एक आदेश में यह जानकारी दी गयी है . इसमें कहा गया है कि दो अन्य अधिकारियों में हल्दिया के उप-मंडल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) और पूरबा मेदिनीपुर जिले में महिषादल के सर्कल इंस्पेक्टर (सीआई) शामिल हैं.
आयोग ने साथ ही हल्दिया के एसडीपीओ बरुण बैद्य को भी हटा दिया और उनकी जगह उत्तम मित्र को नियुक्त किया.
आयोग ने महिषादल के सर्कल इंस्पेक्टर बिचित्रा बिकास रॉय को भी हटा दिया और उनकी जगह सिरसेंदु दास को नियुक्त किया. दास वर्तमान में जलपाईगुड़ी में सर्किट बेंच में निरीक्षक के पद पर तैनात हैं.
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आज के भारत में, या ये कह लें कि मोदी सरकार के कार्यकाल में, बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता नसीरुद्दीन शाह को अपने बच्चों के लिए डर लग रहा है। उन्हें नरसंहार और गृहयुद्ध का डर सता रहा है, क्योंकि उनके शब्दों में कहें तो देश में मुस्लिमों को भयभीत करने के प्रयास हो रहे हैं। उनकी नजर में चर्च-मस्जिद तोड़े जा रहे हैं, गाय की मौत मुद्दा बन रही है और 'हिन्दू खतरे में है' का झूठा नैरेटिव फैलाया जा रहा है। वो एहसान भी जता रहे हैं कि उनके पिता ने पाकिस्तान की जगह भारत को चुना और 20 करोड़ मुस्लिम आज भारत की, अपने परिवार की रक्षा कर रहे हैं।
इन सबके अलावा नसीरुद्दीन शाह मुगलों का महिमांडन रुक जाने से भी दुःखी हूँ। औरंगजेब की आलोचना क्यों हो रही है, इसका उन्हें गहरा दुःख है। उनकी नजर में कला, संगीत और साहित्य से लेकर कलाकृतियों वाले स्मारक तक मुग़ल ही भारत में लेकर आएँ। इतना ही नहीं, उनकी नजर में मुग़ल तो भारत निर्माता हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें खासी चिढ़ है, क्योंकि अयोध्या और काशी का विकास उनकी नजर में 'अपने व्यक्तिगत धर्म का खुला प्रदर्शन' है।
नसीरुद्दीन शाह ने यहाँ तक आरोप लगा दिया कि गुजरात में हुए दंगों के लिए नरेंद्र मोदी (जो 2002 में वहाँ के मुख्यमंत्री थे) ने कभी माफ़ी नहीं माँगी, इसके उलट इस घटना से वो ख़ुशी महसूस करते हैं। मुग़ल उनकी नजर में आक्रांता नहीं, बल्कि 'शरणार्थी' हैं। प्रोपेगंडा पोर्टल 'The Wire' पर करण थापर के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कह डाला कि मुस्लिमों का नरसंहार हो रहा है। उन्हें इससे भी दिक्कत है कि पीएम मोदी क्यों मीडिया में आते हैं। साथ ही सवाल पूछते हैं कि अगर मंदिर तोड़े जाएँगे तो क्या होगा?
इतना ही नहीं, भारत में 80 के दशक में 'समानांतर सिनेमा' के स्तंभों में से एक माने जाने वाले नसीरुद्दीन शाह की उससे एक साल पहले भी 7 फ़िल्में आई थीं और इसके एक साल बाद भी उनकी 5 फ़िल्में रिलीज हुईं। इस तरह इन तीन वर्षों में उन्होंने 16 फ़िल्में की। उन्हें मस्त काम मिल रहा था, वो डिमांड में थे और पैसे भी आ रहे थे - इसीलिए सिखों का नरसंहार भी उनकी नजर में ठीक ही रहा होगा। अब स्थिति उलट है। 4 वर्षों (2018,19, 20 और 21) में उनकी 6 फ़िल्में ही आई हैं, वो भी सहायक किरदारों में, इसीलिए उन्हें कुछ भी ठीक नहीं लग रहा।
नसीरुद्दीन शाह की पिछली हिट फिल्म 'द डर्टी पिक्चर (2011)' थी, जिसमें विद्या बालन और इमरान हाशमी जैसी फ़िल्मी हस्तियाँ थीं और ये सुपरहिट रही थी। इस तरह से पिछले एक दशक से नसीरुद्दीन शाह किसी हिट फिल्म का हिस्सा नहीं रहे हैं। हो सकता है कि इसकी खुन्नस भी वो मोदी सरकार और हिन्दुओं पर निकाल रहे हों। आजकल उन्हें अवॉर्ड्स भी नहीं मिल रहे, उनके मन में ये गम भी रहा होगा। ये सब कुछ उनके बयानों में स्पष्ट परिलक्षित हो रहा है।
नसीरुद्दीन शाह कहते हैं कि मुगलों ने भारत को बनाया। अगर ऐसा है तो मौर्य वंश (जिसमें चन्द्रगुप्त और अशोक जैसे पराक्रमी शासक हुआ), गुप्त वंश (जिसमें चन्द्रगुप्त और समुद्रगुप्त नाम के कुशल प्रशासक हुए), राजा हर्षवर्धन, चोल साम्राज्य (जिसमें राजेंद्र चोल और राजराज चोल जैसे योद्धा हुए), पंड्या वंश (महावर्मन राजसिम्हा और श्रीमारा श्रीवल्लभा) जैसे शासक हुए, विजयनगर साम्राज्य (कृष्णदेवराया और रामराया), मराठा साम्राज्य (छत्रपति शिवाजी और बाजीराव), मेवाड़ (महाराजा प्रताप और राणा सांगा) जैसे अनगिनत हिन्दू राजाओं और राजवंशों ने क्या किया?
भारतीय राजाओं, भारतीय सनातन धर्म और भारतीय इतिहास को लेकर नसीरुद्दीन शाह हिन्दुओं में ऐसी हीन भावना भरना चाहते हैं कि यहाँ के सभी लोग निकम्मे-नकारा थे और अरब से आए इस्लामी आक्रांताओं ने ही यहाँ के लोगों को रहना, खाना-पीना और जीना सिखाया। जिस औरंगजेब ने अनगिनत मंदिरें तोड़ीं और हिन्दुओं का कत्लेआम किया, उसकी आलोचना से उन्हें दुःख क्यों? आज चर्च-मस्जिद टूटने की झूठी बातें कर रहे नसीरुद्दीन शाह बताएँ कि जिन हिन्दुओं के 30,000 मस्जिदें ध्वस्त कर दी गईं उन्हें कैसा लगा होगा? ये तो सच्ची बात है और इतिहास में दर्ज है। खुद इस्लामी आक्रांताओं को इस पर गर्व था।
2002 के दंगे बड़े याद आ रहे हैं नसीरुद्दीन शाह को। वो तो हिन्दू-मुस्लिमों का संघर्ष था, जिसमें मस्जिदों से हिन्दुओं के कत्लेआम का ऐलान हुआ। न्यायपालिका, जनता की 'अदालत', सरकारी जाँच एजेंसियाँ और पुलिस - हर जगह से पीएम मोदी को क्लीन चिट मिला। लेकिन, गोधरा में 59 हिन्दुओं (जिनमें महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग शामिल थे) को ज़िंदा जला देने वाली घटना क्यों याद नहीं है उन्हें? इसके बाद जो हुआ, उसमें नमक-मिर्च-मसाला लगा कर तो उन्हें याद ही है।
नसीरुद्दीन शाह किस आधार पर कह रहे हैं कि मुस्लिमों का नरसंहार हो रहा है? कहाँ हो रहा है? अफगानिस्तान में तालिबान महिलाओं की आवाज़ कुचल रहा और विरोधियों की हत्याएँ कर रहा। जम्मू कश्मीर में इस्लामी आतंकी संगठन धर्म पूछ कर मार रहे। पाकिस्तान आतंकियों को पाल-पोष कर भारत भेज रहा। PFI भारत में दंगे की साजिश रच रहा। वामपंथी उग्रवाद सुरक्षा बलों और पुलिसकर्मियों की जानें ले रहा। फिर मुस्लिमों का नरसंहार कहाँ हो रहा? हर जगह तो हिन्दू ही पीड़ित हैं? कश्मीरी पंडित 30 वर्षों से अपने ही देश में शरणार्थी बने हुए हैं।
नसीरुद्दीन शाह को गोहत्या से कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि हिन्दुओं की भावनाओं और संवेदनाओं का इस देश में कोई सम्मान नहीं होना चाहिए उनकी नजर में। जबकि 20 करोड़ मुस्लिम (जितनी पाकिस्तान, बांग्लादेश और नाइजीरिया की जनसंख्या है और ये आँकड़े जापान और रूस की जनसंख्या से डेढ़ गुना ज्यादा हैं) भारत में अल्पसंख्यक हैं और उन्हें दिन में 5 वक़्त भोंपू बजा कर हिन्दुओं के कान पकाने का अधिकार है। नसीरुद्दीन शाह CAA-NRC के खिलाफ आंदोलन स्थलों पर जम कर घूमे और आए दिन पीएम मोदी की आलोचना करते हैं, लेकिन साथ ही ये भी कह रहे कि इस देश में बोलने का अधिकार अब नहीं बचा। कैसे?
तभी तो कॉन्ग्रेस शासन में हुए नरसंहार उन्हें याद ही नहीं हैं और मोदी सरकार के कार्यकाल में जब सब ठीक है तो उन्हें मुस्लिमों के लिए समस्या नजर आ रही और अपने बच्चों के लिए डर लग रहा। अगर ऐसा ही है तो वो भारत में हैं ही क्यों? उनके पास पर्याप्त धन है, जिससे वो दुनिया के किसी भी देश में बस सकते हैं। पीएम मोदी की लोकप्रियता से उन्हें घबराहट है तो इमरान खान की ही जय-जयकार कर लें। हिन्दू अगर बयान भी दे दें तो उन्हें दिक्कत है और इस्लामी आतंकवादी कत्लेआम भी मचाएँ तो उनकी आलोचना से एक कौम भयभीत हो रही है। ऐसा ही है न?
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गर्मियां में लोग ऐसी जगहों पर जाना पसंद करते हैं, जहां पर बस उन्हें गर्मियों से मुक्ति मिल सके। ऐसे में हम आपको छत्तीसगढ़ के शहर मैनपाट की सैर करवाते हैं, जिसे मिनी शिमला भी कहा जाता है। मैनपाट का टाइगर प्वाइंट एक खूबसूरत झरना है। यहां झरना इतनी तेजी से गिरता है कि शेर के गरजने जैसी आवाज आती है।
वहीं यहां के मेहता प्वाइंट में घाटी का खूबसूरत नजारा देखने को मिलता है। मछली प्वाइंट भी यहां की खूबसूरत जगहों में से एक है। मैनपाट के पास जलजली वो जगह है, जहां दो से तीन एकड़ धरती काफी नर्म है और यहां कूदने से धरती गद्दे की तरह हिलती है। जलजली के आसपास रहने वालों के मुताबिक कभी यहां जलस्रोत रहा होगा जो समय के साथ ऊपर से सूख गया और अंदर जमीन दलदली रह गई। यह एक टेक्निकल टर्म लिक्विफैक्शन का एक उदाहरण है।
बता दें कि मैनपाट पहुंचने के लिए अंबिकापुर-रायगढ़ राजमार्ग से होते हुए काराबेल नामक स्थान से घूमकर जाने पर 85 किमी तथा अंबिकापुर से दरिमा हवाई अड्डा मार्ग से जाने पर 50 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। राजधानी रायपुर से इसकी दूरी करीब 390 किमी है। अंबिकापुर जिला मुख्यालय आकर टैक्सी या बस से यहां पहुंचा जा सकता है।
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की नीति को अपनाया। प्रारम्भ म गान्धीजी ने नागरिक स्वतन्त्रता अर्थात् अपने विचारो को स्वतंत्र रूप से प्रकट करने के हक की मांग की और इस प्रकार दुनिया के सामने युद्ध के असली रूप को रखने का प्रयत्न किया । व्यक्तिगत सत्याग्रह के रास्ते को अपनाया और उसके द्वारा देश मे चेतना, के प्रति अपनी वास्तविक स्थिति जानने की उत्सुकता और हर नागरिक में अपने हक का प्राप्त करने की इच्छा पैदा की। कांग्रेस हाई कमांड का प्रारम्भ से ही यह विश्वास रहा कि युद्ध लम्बा चलने वाला है। प्रतः उसके लिए आवश्यक था कि वह इस लम्बे काल में एक-सी नीति चरते जिससे एक ओर देश की शक्ति भी क्षीण न हो तथा दूसरी ओर देश में नई स्फूर्ति, जीवन व उत्साह पैदा हो । व्यक्तिगत सत्याग्रह का प्रारम्भ में कितने ही लोगो ने मखौल उड़ाई, पर किसी भी बडे व शक्तिशाली भान्दोलन के लिए यह आधार शिला थी ।
जापान की बढती हुई विजय तथा अग्रेजी शस्त्रो को हार और आये दिन बढती हुई कठिनाइयों के कारण हिन्दुस्तानी कुछ करने के लिए व्याकुल हो उठे । भौर समय आया जब कांग्रेस नेतृत्व के सामने दो ही रास्ते थे । एक तो यह कि निष्क्रिय होकर देश को युद्ध की लपटो मे झुलसते हुए देखना और अग्रेज विरोधी भावना के कारण भारतीयों को जापानियों के सामने अप्रत्यक्ष रूप से प्रात्म-समर्पण करने देना और इस तरह फासिस्ट ताकतो की विजय कराना । दूसरा रास्ता यह था कि देश के अन्दर फैली हुई बेचनी, परेशानी व नफरत की शक्ति को क्रियात्मक व रचनात्मक ढंग से संगठित कर साम्राज्यशाही और फासिस्टशाही दोनों के विरुद्ध जुटा देना और इस प्रकार दुनिया के करोड़ो लोगो की तरह अपने देश के लोगो मे भी अपनी आजादी के लिए मर-मिटने, बलिदान करने की व्यापक शक्ति पैदा करना और अपने देश को युद्ध की तबाही से बचाने के लिए ऐसी नीति बरतना, जिसके कारण एक ओर जापानी देश पर हमला न कर सकें और दूसरी ओर इस हमले का मुकाबला करने के लिए हिन्दुस्तानियों में वास्तविक शक्ति पैदा हो जाय । इस प्रकार कांग्रेस ने दूसरे मार्ग को अपनाकर अग्रेजो से भारतीयो को वास्तविक शक्ति सौपने अर्थात् केंद्र में राष्ट्रीय सरकार कायम करने की माग की और उन्हें बताया कि बिना वास्तविक सत्ता के उनके प्रति भारतीयो के क्रोध, नफरत व उत्तेजना को हमदर्दी, मुहब्बत भौर सहानुभूति में नहीं बदला जा सकता । लड़ाई में मदद करने के लिए जनता में गहरा मेल और सगठन होना चाहिए और उसे पता होना चाहिए कि वह किस चीज के लिए लड़ रही है,
कठिनाइयां भुगत रही है। ब्रिटिश नौकरशाही को, -जिसे अपनी सैनिक शक्ति पर पूर्ण विश्वास था और जो वास्तव मे साम्राज्यJ
शाही आदर्शों के मुताबिक जापानियों के अधिक नजदीक थी, यह कभी भी स्वीकार न था कि वह स्वयं अपने हाथो भारतीय आकांक्षाओं की पूर्ति करे । इसके विपरीत उसे यह मजूर था कि भले ही दूसरी शक्ति उससे सत्ता छीन ले । अतः उसने कांग्रेस की माग व बातो को गलत समझा और अपनी निश्चित योजनानुसार सैनिक बल द्वारा किसी भी आन्दोलन को दबाने की नीति को अपनाया । ऐसी स्थिति में सघर्ष अवश्यम्भावी था और वह हुआ भी
मुस्लिम लीग - भारतीय राजनीति मे आाज मिस्टर जिन्ना और उनकी मुस्लिम लीग एक पहेली और न सुलझने वाले प्रश्न बन गए है। उनकी नीति व व्यूह रचना के विरुद्ध अनेक प्रकार की तीक्ष्ण समालोचनाए होती है। शिक्षित मुसलमानो का एक बहुत बड़ा समुदाय मिस्टर जिन्ना की राजनीतिक सफलता पर, जो उन्होने इस युद्ध काल मे प्राप्त की है, बड़ा गर्व करता और उन्हें एक बडा दूरदर्शी कुशलराजनीतिज्ञ और मुस्लिम हितकारी नेता मानता है। मुसलमानो का विश्वास है कि मुस्लिम लीग ने जो शक्ति व सम्मान पाया है और भारतीय राजनीति मे उसे जो महत्वपूर्ण स्थिति मिली है उस सबका श्रेय मिस्टर जिन्ना की नीति-निपुणता को ही है। उनके विचार से मि० जिन्ना एक घुरन्धर राजनीतिज्ञ है जिन्होंने मुस्लिम जाति को बिना किसी कुर्बानी व त्याग के एक शक्तिशाली जमात के रूप मे संगठित कर दिया है और उन्हें एक नया नारा देकर उच्च ध्येय की ओर जुटा दिया है। इन लोगो के विश्वास के मुताबिक मि० जिन्ना ने कांग्रेस और ब्रिटिश राजनीतिज्ञो दोनो ही को काफी मात दी है। ठीक इसके विरुद्ध ऐसे लोग भी है जो मिस्टर जिन्ना को देशद्रोही तक कहने से नहीं हिचकते। उनका विश्वास है कि मि० जिन्ना की नीति के कारण भारतीय आजादी का प्रश्न खटाई में पड़ा है। मि० जिन्ना की नीति एवं कार्यों से मुस्लिम जाति की अपेक्षा ब्रिटिश साम्राज्यशाही को कही अधिक लाभ पहुंचा है, अत. यह लोग राष में भाकर उन्हे ब्रिटिश एजेन्ट तक कह बैठते है । इस प्रकार की दो विरोधी प्रालोचनाओ के बीच हम वास्तविकता को तभी समझ सकते है जब मि० जिन्ना की नीति, व्यूह-रचना तथा विचारधारा को जानने का प्रयत्न करें। तभी हमारे लिए यह आसान हो जायगा कि भारतीय राजनीति में आमतौर पर और युद्ध काल में खास तौर पर मि० जिन्ना ने किस प्रकार की नाति को बरता है, उनका क्या ध्येय है और उसे प्राप्त करने के उनके कौन-से साधन है । इसमे कोई दो
राय नही है कि मिस्टर जिन्ना शक्ति सतुलन की कला के प्रकाड पंडित और दूरदर्शी राजनीतिक नेता है, जिनका नेतृत्व बड़ी तेजी से फला-फूला है । मिस्टर जिन्ना मेरे निकट कोई विशेष व्यक्ति नहीं है, बल्कि विशेष स्थितियों के परिणाम है । जिस प्रकार यूरोप में हिटलर और मुसोलिनी पैदा हुए उसी प्रकार भारतीय रगमच पर मि० जिन्ना पैदा हुए है । यूरोप में ब्रिटिश, फ्रासासी व रूसी सघर्ष के कारण हिटलर ने शक्ति पाई । उसने इस संघर्ष का फायदा उठाया और एक नई युद्ध कला का आविष्कार किया । जर्मन जनता ने हिटलर को देवता के समान समझा और उसका स्वागत किया । हिटलर ने बिना युद्ध और बलिदान के एक विशाल जर्मन साम्राज्य बनाने की बात जर्मनो को बताई, उन्हे जाति-द्वेष का नारा दिया और अपने विरोधियो के प्रति नई नीति बरती । उसका कहना था कि अपने विरोधियो को यह कभी मत बताओ कि तुम क्या चाहते हो । उनके मस्तिष्क पर प्रचार व शक्तिप्रदर्शन द्वारा बराबर वार करते रहो । उनके आपसी झगड़ो से पूरा फायदा उठाओ और जब कभी वह तुम्हारे पास समझौते के लिए आयं तो उनको दोषी ठहराते हुए उनसे कहो कि तुम यह भी नहीं जानते कि हम क्या चाहते है । जब वह तुम्हारी थोड़ी-सी बात मानने को तैयार हो तो तिरस्कार से उनकी सुलह-कारी नीति को ठुकराते हुए अपनी माग बढ़ाते जाओ । एक ओर सुलह का दरवाजा खोले रखो, पर जब वह दरवाजे के नज़दीक आयं तो दरवाजा बन्द कर उनकी मानसिक शक्ति को क्षीण करते रहो और जनता में अपनी शक्ति बढ़ाते रहो। इस प्रकार हर छोटी-मोटी जीत को एक विशाल रूप देकर अपने अनुयायियो पर अपने नेतृत्व का सिक्का जमाते रहो। इसी नीति को बड़ी सफलता के साथ भारतीय राजनीति में मिस्टर जिन्ना ने बरता और उनके नेतृत्व का जन्म और विकास उसी प्रकार हुआ है जिस प्रकार कि यूरोपीय रंगमच पर हिटलर का हुआ। एक दूरदर्शी नेता की तरह मि० जिन्ना ने समझ लिया कि ब्रिटिश साम्राज्यशाही कभी भी राजी-खुशी भारतीयो को शक्ति न देगी । उमड़ता हुआ राष्ट्रीयवाद, जो कांग्रेस के नेतृत्व में सगठित है, आजादी पाने के लिए बेकरार हो रहा है । अत . इन दोनो के संघर्ष से फायदा उठाकर अपनी शक्ति का विकास किया जा सकेगा। उन्होंने सोचा किं - एक शक्ति को दूसरी शक्ति को कमजोर करने के लिए नई शक्ति पर निर्भर रहना होगा । इस विश्वास व विचार-धारा से प्रेरित होकर मि० जिन्ना ने भारतीय मुसलमानो के प्रश्न को आन्दोलन का रूप दिया और जाति-द्वेष का इजेक्शन
लगाकर मुस्लिम जनता को नफरत, घृणा व द्वेष के आधार पर हिन्दुनो के
विरुद्ध सगठित किया । उन्होने मुस्लिम जनता को एक नया ध्येय व नारा दिया और समझाया कि इस ध्येय की प्राप्ति के रास्ते में हिन्दू बाधक है और यही हिन्दू काग्रेस में शामिल है। अतः काग्रेस हिन्दुओ की जमात है और ऐसी जमात मुस्लिम प्राकांक्षाओं की दुश्मन है ।
इस प्रकार ब्रिटिश साम्राज्यशाही और हिन्दू काग्रेस हमे दोनो ही से लड़ना है । यह तो उन्होने कहा मुस्लिम जनता से; पर वास्तव में उनका स्थिति- विश्लेषण यह था कि कांग्रेस और नौकरशाही के बीच होने वाले सघर्ष के कारण वह अपना ध्येय बिना किसी बलिदान, त्याग तथा सघर्ष के ही प्राप्त कर सकेगे । अग्रेजो से उन्होने कहा कि 'काग्रेस केवल इसलिए सफल नही हो सकती कि मुसलमान उसमें शामिल नहीं है, और यदि मुस्लिम भाकाक्षात्रो की पूर्ति न की गई और उनकी पाकिस्तान की माग को न माना गया तो वह भी विरोध में शामिल हो सकते है । इसलिए अग्रेजो के फायदे मै यही है कि वह पाकिस्तान की माग को मान ले ।' कांग्रेस से उन्होने कहा कि 'भारत को भाजादी तभी मिल सकती है जब काग्रेस और लीग मिल जाय और मिलकर ग्रेजो पर जोर डालें और लीग काग्रेस से तभी मिल सकती है जब कि कांग्रेस उनके पाकिस्तान के ध्येय को मान ले ।' इस प्रकार दोनो ही के सामने उन्होने अपनी पाकिस्तान की माग को रखा। ब्रिटिश नौकरशाही ने काग्रेस की माग और शक्ति का प्रतिकार करने के लिए उनकी चापलूसी करने और उनकी शक्ति को बढाने की नीति बरती। कांग्रेस ने अपने को सच्ची राष्ट्रवादी सस्था साबित करने तथा ब्रिटिश साम्राज्यशाही की पुरानी 'आपस में लड़ाने और हुकूमत करने की नीति का प्रतिकार करने के लिए मुस्लिम लीग के प्रति दोस्ती और मेल-मिलाप की नीति अपनाई । दुर्भाग्य से मि० जिन्ना ने इन नीतियों को, जिनका ब्रिटिश साम्राज्यशाही और कांग्रेस हाई कमाड ने अपने-अपने हित में अनुसरण किया था, दोनो की कमजोरी समझा और अपने को शक्तिशाली समझा । किन्तु यह उनकी बड़ी भारी भूल थी I
किसी भी जाति के संगठन एव शक्ति का पता इस बात से चलता है कि उसके नेता ने अपने अनुयायियों के अन्दर कितनी त्याग और बलिदान की शक्ति पैदा की है और अपने सगठन को प्रक्रिमण और बचाव दोनो ही प्रकार की लड़ाई के लिए सुदृढ बना लिया है। युद्ध काल में मुस्लिम लीग को जो कूटनौतिक सफलताएं हुईं उसके कारण मुस्लिम जनता चौंधिया गई और उसने इसे अपने नेता की व्यूह रचना तथा नीति-निपुणता का परिणाम समझा। इस प्रकार नेता का भावी तारतम्य बिगड़ गया। यह निश्चित है कि मुस्लिम लीग
को भविष्य में काफी कडुवे अनुभव होगे और असफलताओं का सामना करना पड़ेगा । युद्ध काल में मिस्टर जिन्ना ने दोहरी नीति बरती । मुस्लिम जनता के ब्रिटिश-विरोधी भोर युद्ध-विरोधी भावो को ध्यान में रखते हुए उन्होने एक घोर कांग्रेस के पीछे चलने की नीति को अपनाया और दूसरी ओर ब्रिटिश साम्राज्यशाही से छोटे-मोटे लाभ पाने का प्रयत्न किया। एक ओर उन्होने कांग्रेस की भाति तय किया कि मुस्लिम लोग युद्ध प्रयास में मदद न देगी । दूसरी ओर आसाम, सीमाप्रान्त, बंगाल, आदि मुस्लिम प्रान्तों में ब्रिटिश नौकरशाही की सहायता से अपने मंत्रिमंडल कायम कराये और इस प्रकार ब्रिटिशसाम्राज्यशाही को युद्ध मे मदद दी। साथ ही उन्होने इस काल में कांग्रेस की शक्ति को क्षीण करने तथा मुसलमानों में हिन्दुओ के प्रति विरुद्ध भाव जाग्रत करने की नीति अपनाई । कांग्रेस ने सन् १९४२ मे जब खुले विद्रोह की चर्चा की तो ब्रिटिश नौकरशाही पर अपना प्रभाव डालने के लिए मि० जिन्ना ने गृहयुद्ध के खतरे को धमकी देकर अपनी जमात और जाति के लिए अंग्रेज अधि कारियो से सुविधाजनक स्थिति प्राप्त करने की चेष्टा की। उन्होंने यह संकेत भी किया कि केवल उनकी नीति के कारण ही कांग्रेस खुले विद्रोह मे सफल नही हो सकेगी, इसलिए अंग्रेजों को चाहिए कि वह उनके साथ समझौता कर लें मौर भारतीय राज्य सत्ता उनके हाथ में सौंप दें। युद्ध काल में मिस्टर जिन्ना की नीति यही रही कि वे कांग्रेस और ब्रिटिश साम्राज्यशाही के बढ़ते हुए संघर्ष से अधिक से अधिक लाभ उठाएं । इस नीति में वह सफल भी हुए, पर युद्ध के पश्चात् समय पलटा, दुनिया की राजनीति बदली और पुराने विचार व तरीके निकम्मे दीख पड़े। ब्रिटिश नौकरशाही स्वयं अपने परस्पर विरोधी कारणो से टूटने लगी और उसका आर्थिक और सामाजिक ढाचा अस्त-व्यस्त होने लगा । ब्रिटेन की जनता में स्वय साम्राज्यवाद विरोधी विचार जोर पकड़ने लगे और एक नई नीति व नए समाज की कल्पना की जाने लगी । लेबर गवर्नमेन्ट शक्ति मे भाई और मिस्टर जिन्ना के अंग्रेज मित्र मिस्टर एमरी और मिस्टर चर्चिल पस्त हुए। पर मिस्टर जिन्ना ने इन सब घटनाओ से कुछ न सोखा । उन्हें अपने पुराने साथियो और विश्वासो पर गर्व था और बदलती हुई हालत में भी वह अपने उन्ही पुराने पासो से खेलना चाहते थे । समय आया कि ब्रिटिश सरकार ने अपने आर्थिक व राजनीतिक हित में भारतीय आकांक्षाओं के साथ सुलह और समझौते की नीति बरतना प्रारम्भ किया और कांग्रेस नेतृत्व से समझौता करने के लिए हाथ बढ़ाया। मिस्टर जिन्ना के लिए यह सब असहनीय था। उन्हें कभी भी ऐसी आशा न थी कि ऐसा भी हो |
Rajiv Gandhi Birth Anniversary कांग्रेस पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती पर 20 अगस्त को पार्टी जिला ब्लाक व गांव स्तर पर झांकी कवि सम्मेलन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राजीव गांधी के योगदान को जन-जन तक पहुंचाएगी।
UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस पार्टी (Congress) पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती (Rajiv Gandhi Birth Anniversary) पर 20 अगस्त को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों, ब्लाक व गांवों में लोगों के बीच उनके योगदान, उपलब्धियों और बलिदान को बताएगी। इसके जरिये पार्टी युवाओं को साधने की कोशिश करेगी। अपने पुराने वोट बैंक रहे अनुसूचित जाति/जनजाति पर भी डोरे डालने का प्रयास करेगी।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने गुरुवार को बताया कि 20 अगस्त को पार्टी जिला, ब्लाक व गांव स्तर पर झांकी, कवि सम्मेलन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से राजीव गांधी के योगदान को जन-जन तक पहुंचाएगी।
पार्टी कार्यकर्ता लोगों को बताएंगे कि ग्रामीण क्षेत्र के होनहार विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने के लिए राजीव गांधी ने देश भर में 600 जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की। लोकतंत्र में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व देने के लिए उनकी पहल पर मतदान की आयु 21 से घटाकर 18 वर्ष की गई।
संचार क्रांति के माध्यम से मोबाइल फोन और कंप्यूटर को घर पहुंचाने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। पंचायती राज अधिनियम को लागू करा कर उन्होंने पंचायतों को अधिकार संपन्न बनाया। राजनीतिक भ्रष्टाचार को रोकने और सरकार बनाने के लिए सांसदों विधायकों की खरीद-फरोख्त की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने के लिए दलबदल कानून भी उन्हीं की पहल पर अस्तित्व में आया।
समाज के कमजोर तबके को कानूनी सुरक्षा देने के लिए उनकी पहल पर ही अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम लागू किया गया। देश के विभिन्न प्रांतों में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए उन्होंने असम, पंजाब और मिजोरम समझौते कराए।
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BAREILLY:
व्यापारियों को नए एक्ट जीएसटी से जोड़ने के लिए शहर के सिनेमा हॉल में जीएसटी की स्लाइड चलाई जाएगी। ताकि, फिल्म देखने वाले दर्शक जीएसटी के बारे में समझ सके और जो व्यापारी वर्ग है, वह नए एक्ट के तहत अपना रजिस्ट्रेशन करा सके। सिनेमा हॉल में स्लाइड चलवाने के अलावा कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट बैनर, पोस्टर और एफएम का भी सहारा लेगा।
टिन की जगह एक जुलाई से जीएसटी पूरे देश में एक साथ लागू की जा रही है। एक देश एक टैक्स के कॉन्सेप्ट वाले इस कानून के प्रति व्यापारियों और पब्लिक को अवेयर करने का काम जोरशोर से चल रहा है। इसी क्रम में कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट ने जीएसटी को लेकर एक शॉर्ट फिल्म भी बनाया गया है, जिसकी स्लाइड सिनेमा हॉल में चलाई जाएगी। फिलहाल एसआरएस सिनेमा हॉल में जीएसटी की स्लाइड चलाई जा रही है।
कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के ऑफिसर का कहना है कि फ्राइडे को बाहुबली फिल्म रिलीज हो रही है, जिसकी एडवांस बुकिंग भी हो रही है। सिनेमा हॉल में दर्शक अधिक आएंगे इस लिहाज से जीएसटी की स्लाइड फ्राइडे को दिखाए जाने का प्लान हैं। पब्लिक नए एक्ट के जानेगी, तो इससे जुड़ने का प्रयास करेगी। खासकर व्यापारियों के लिए यह स्लाइड बहुत ही इम्पॉर्टेट हैं।
फिलहाल बरेली जोन में 34,525 व्यापारियों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराया हैं। इनमें से बरेली जिले में रजिस्टर्ड व्यापारियों की संख्या 15,796 हैं। अधिकारियों ने बताया कि जोन में अभी बहुत ऐसे व्यापारी है, जिनका जीएसटी में रजिस्ट्रेशन होना बाकी है।
जीएसटी के प्रति पब्लिक को अवेयर करने क लिए सिनेमा हॉल में जीएसटी की स्लाइड दिखायी जाएगी। एक जुलाई से नया एक्ट लागू होना है।
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अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बाद अब पेंशनर्स ने भी संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक बुलाने की मांग की है। इस संबंध में पेंशनर वेल्फेयर एसोसिएशन की नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने शिमला में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत की।
शिमला, राज्य ब्यूरो। अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बाद अब पेंशनर्स ने संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक बुलाने की मांग की है। इस संबंध में पेंशनर वेल्फेयर एसोसिएशन की नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने शिमला में सोमवार को पत्रकारों से बातचीत की। इनमें एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष आत्माराम शर्मा ने कहा कि संगठन के चुनाव बैलेट पेपर के माध्यम से पूरी पारदर्शिता, लोकतांत्रिक तरीके से करवाए गए। अब एसोसिएशन ने मांग पत्र तैयार कर लिया है। इसे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को सौंपा जाएगा। इसमें जेसीसी बैठक करवाने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक के कार्यकाल में जेसीसी की एक भी बैठक नहीं की, इससे पेंशनर्स में रोष पनप गया है। सरकार के साथ उचित मंच पर संवाद न होने के कारण कई प्रमुख मांगे लंबित पड़ी है। संगठन जल्द ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात करेगा और उन्हें मांग पत्र सौंपेगा।
- जल्द से जल्द संयुक्त सलाहकार समिति गठित करना, इसकी बैठक बुलाना।
- छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करवाने को लेकर पेंशनर के लिए 2. 57 के बदले 2. 59 का फेक्टर लगाना।
- वर्ष 2016 ये पूर्व सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के लिए अभी 2. 57 का फार्मूला लगाया है इसे 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मियों की तर्ज पर किया जाए।
- 2016 के बाद सेवानिवृत्त हुए पेंशनर्स के देय वित्तीय लाभ जैसे ग्रेच्युटी, लीव इन कैशमेंट आदि जारी किए जाए।
- जो भी कर्मचारी 2016 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं, उन्हें बढ़ी हुई पेंशन का एकमुश्त एरियर दिया जाए।
- फिक्स मेडिकल एलाउंस 400 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये किया जाए।
- मोतिया ङ्क्षबद आपरेशन के लिए लैंस रिइम्बर्समेंट की राशि 1994 में साढ़े छह हजार थी, इसे कम से कम पंद्रह हजार किया जाए।
- मेडिकल बिलों का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए।
आत्माराम शर्मा ने कहा कि बिलासपुर के चुनाव में किसी प्रकार की कोई धांधली नहीं हुई, पूर्व महासचिव हरिचंद गुप्ता गलत आरोप लगा रहे हैं। अगर उन्होंने ऐसे बयान बंद नहीं किए तो उन्हें कानूनी नोटिस भेजा जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि गुप्ता कुर्सी का मोह अब तक त्याग नहीं पा रहे हैं।
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Jaipur : जयपुर में SMS मेडिकल कॉलेज में रेजिडेंट्स डॉक्टरों ने आज फिर कार्य बहिष्कार कर दिया। उन्होंने आज SMS मेडिकल कॉलेज से त्रिमूर्ति सर्किल तक विशाल रैली निकाली। जयपुर एसोशिएशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स यानी जॉर्ड के आद्वान पर यह आंदोलन हो रहा है। कुछ दिन पहले भी इन रेजिडेंट्स डॉक्टर्स ने संकेतात्मक धरना प्रदर्शन किया था। साथ ही इन्होंने सुबह 2 घंटे कर कार्य बहिष्कार किया था। लेकिन इसके बाद भी डॉक्टर्स का कहना है कि उनकी मांगे नहीं मानी गई न ही मुख्यमंत्री से कोई बात हुई। इसलिए इन्होंने आज रूटीन कार्य बहिष्कार का ऐलान किया है।
दरअसल रेजिडेंट डॉक्टर्स प्रदेश की बॉन्ड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह पॉलिसी डॉक्टर्स और मरीजों दोनों के हित में नहीं है। यह सरकार का जल्दबाजी मे लिया गया फैसला है। इसमें कई तरह के सुधार की जरूरत है। डॉक्टर्स का कहना है कि सरकार के बॉन्ड विज्ञप्ति निकाले जाने के बाद भी प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में बिना किसी पारदर्शी प्रक्रिया के यहां के अभ्यर्थि एसआर के पदों पर नियुक्त हो जाते हैं। डॉक्टर्स की मांग है कि इस बॉन्ड नीति में सर्विस रेजिटेंड डॉक्टर्स को भी समान रूप से अवसर देने के लिए मांग की है। साथ ही बॉन्ड पॉलिसी में तमाम खामियों को दूर करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाई जाए।
दरअसल इस नीति के तहत राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों के पोस्ट ग्रेजुएट, सुपरस्पेशिलिटी कोर्स बाद डॉक्टर्स सिर्फ दो साल की ही सरकारी सेवा कर सकते हैं। पहले यह सेवा 5 साल की थी। इसमें प्रावधान यह भी था कि या तो वे, सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवाएं देंगे या फिर वे 25 लाख रुपए का बॉन्ड भरेंगे।
इस बहिष्कार से डॉक्टर्स ने आइसीयू और इमरजेंसी सेवाओं को बाहर रखा हैं। रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि कोशिश कर रहे है कि गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों को परेशानी नहीं हो। लेकिन सरकार हमारी नहीं सुन रही हैं,वह भी ऐसे में जब जार्ड का प्रतिनिधि मंडल खुद सरकार के दरवाजे अपनी बात कहने के लिए खटखटा रहे हैं। लेकिन हमारी बात तक नहीं सुनी जा रही हैं। इसलिए मजबूरी में सांकेतिक विरोध किया हैं। जार्ड के अध्यक्ष डॉ. नीरज डामोर ने बताया कि हमारी बात नहीं सुनी गई तो आगे के आंदोलन की रणनीति तय की हैं। रेजिडेंट अब आंदोलन को लेकर ओर भी सख्त कदम उठाएंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज व इससे जुड़े अस्पतालों में वार्ड में भर्ती मरीजों व ओपीडी में चेकअप करवाने आने वाले मरीजों को देखने की व्यवस्थाएं रेजिडेंट डॉक्टर्स के हाथ में हैं। ऐसे में रेजिडेंट के हड़ताल पर जाने पर एसएमएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल प्रशासन ने वरिष्ठ डॉक्टरों को काम संभालने के निर्देश दिए है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ राजीव बगरहट्टा ने बताया कि अस्पतालों में ओपीडी और आईपीडी के लिए आचार्य , सह आचार्य, सहायक आचार्य और मेडिकल ऑफिसर को लगाया गया है। ताकि मरीजों को परेशानी नहीं हो। लेकिन इनकी संख्या पर्याप्त नहीं होने पर मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
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करण जौहर के बारे में तो आप सभी जानते ही हैं। फिल्म निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने अपनी आत्मकथा 'एन अनसूटेबल बॉय' के रिलीज होने के बाद इशारों-इशारों में इस बात को स्वीकार किया है कि वह समलैंगिक हैं। उन्होंने अपनी किताब में अपनी निजी जिंदगी से जुड़े कई सवालों के जवाब दिए हैं।
तमाम बी-टाउन स्टार्स के कपड़ों को डिजाइन करने वाले जाने-माने फैशन डिजाइनर सब्यसाची मुखर्जी भी यह स्वीकार चुके हैं कि वह समलैंगिक हैं।
रोहित बहल बॉलीवुड के सबसे फेमस फैशन डिजाइनर हैं। उन्होंने इस बात को खुले रूप से स्वीकार किया है कि वह एक गे हैं।
बॉबी डार्लिंग नाम से मशहूर एक्टर पंकज शर्मा ने अपना सेक्स चेंज कराया था। बॉर्बी खुलकर अपने समलैंगिक होने की बात स्वीकार चुके हैं। वह फिल्मों में भी खुद को इसी रूप में पेश कर चुके हैं।
बिग बॉस सीजन सीजन 8 के कंटेस्टेंट सुशांत दिव्गिकर भी गे हैं। उन्होंने सन 2014 में Mr. Gay World प्रतियोगिता में भाग लिया था और आखिरी 10 बचे प्रतियोगियों में से एक बने और उन्होंने इस दौरान अवॉर्ड भी जीते।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर फैशन की दुनिया में भारत को एक नई पहचान देने में मनीष अरोड़ा का बहुत बड़ा योगदान है। मनीष अरोड़ा भी समलैंगिक की श्रेणी में आते हैं।
मशहूर नोवल लेखक और कवि विक्रम सेठ ने भी समलैंगिक होने की बात कबूल कर ली है।
21वी सदी के सबसे महान निर्देशकों में से एक रितुपर्नो घोष भी एक समलैंगिक थे। उन्हें कई लोगों के ताने भी सुनने पड़े लेकिन उन्होंने बड़ी दिलेरी से समाज से लड़ाई की और एक महान निर्देशक बन सके। सन 2013 रितुपर्नो घोष की कैंसर की वजह से मृत्यु हो गई।
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छपरा। शहर से सटे मुफस्सिल थाना क्षेत्र के एक गांव में एक 15 साल की किशोरी के साथ उसी गांव के कुछ लोगों ने सामूहिक गैंगरेप किया। यह घटना गुरुवार की देर रात की बताई जाती है। पीड़ित बच्ची घर से शौच के लिए निकली थी, तभी गांव के ही चार लड़कों ने उसे अकेले पाकर घर के बगल में एक के सुनसान घर में ले जाकर गलत काम किया। वहीं जब घर पहुंची तो इसकी सूचना परिवार वाले को दी औ तब उसके बाद परिवार वालों ने शुक्रवार को घटना की जानकारी स्थानीय थाने को दी। घटना की सूचना मिलते ही थाने के सब इंस्पेक्टर रामचंद्र तिवारी दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और इस मामले की तफ्तीश में जुट गये। मुफस्सिल थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर दयानंद सिंह ने महिला सिपाही के साथ पीड़ित किशोरी को मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। महिला डॉक्टर ने नाबालिग किशोरी की मेडिकल जांच की। सीता के पिता ने खाने में प्राथमिकी दर्ज कराकर चार लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया है। महिला सिपाही व पदाधिकारी की देखरेख में शनिवार को कोर्ट में 164 का बयान दर्ज कराया जायेगा। कांड के अनुसंधानकर्ता रामचंद्र तिवारी इस मामले की तफ्तीश में जुट गए हैं। उधर नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस टीम छापेमारी कर रही है। मालूम हो कि कुछ दिन पहले ही खैरा थाना क्षेत्र में भी एक किशोरी के साथ कुछ लोगों ने रेप कर वीडियो वायरल किया था उसके बाद से पुलिस कार्रवाई करते हुए उस मामले में अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
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धर्म, डेस्क रिपोर्ट। हमारे घर में रखीं कई ऐसी चीजें होती हैं जो निगेटिविटी को दूर करने के साथ साथ घर में पॉजीटिव एनर्जी को लाती हैं. ये घर में रखी कुछ ऐसी चीजें होती हैं जो समस्याओं को तो दूर करती ही हैं जीवन में समृद्धि भी लेकर आती हैं. घर में रखा गुड़ भी ऐसी ही चीजों में से एक है. जो तकरीबन हर भारतीय किचन में मिल जाएगा. गुड़ में औषधीय गुण भी भरपूर होते हैं.
वास्तु शास्त्र (Vastu Tips) और ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के मुताबिक गुड़ के कुछ टोटकों से घर की कई समस्याओं का समाधान पाया जा सकता है. साथ ही घर धनधान्य से भरपूर रह सकता है.
यदि आप लंबे वक्त से पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं तो गुड़ को लाल कपड़े में बांध दें. इस लाल कपड़े में बंधे गुड़ के टुकड़े को एक सिक्के के साथ मां लक्ष्मी के पास रख दें. माना जाता है कि पांच दिन तक पोटली ऐसे ही रखी रहने से धन की समस्या दूर होती है.
आप कर्ज नहीं चुका पा रहे तो हल्दी की गांठ और गुड़ आपकी समस्या दूर करेंगे. आप बस इतना कीजिए कि गुरूवार को पीले कपड़े में हल्दी की सात गांठ और गुड़ का टुकड़ा बांधकर तिजोरी में रख दें. 21 दिन बात इस पानी में सिरा दें. आपको कर्ज से जल्दी छुटकारा मिलेगा.
हर गुरूवार को बिना भूले गाय को गुड़ और रोटी खिलाएं. किसी नए काम की शुरूआत या ज़ॉब इंटरव्यू के लिए निकल रहे हों तब भी गाय को गुड़ रोटी खिलाना न भूलें. ऐसा करने से मां संतोषी प्रसन्न होती हैं. और नौकरी की राह आसान होती है.
विवाह में बाधा आ रही हो तो गुड़ को आटे की लोई में रखें. साथ में चुटकी भर हल्दी भी डालें. इसकी लोई बांधकर घी लगाएं और गाय को खिला दें. आपके विवाह के योग बनने लगेंगे.
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Gadar 2 Teaser: बीते दिन यानि की 9 जून को फिल्म 'गदर' सिनेमाघरों में फिर से रिलीज की गई है। खास बात है कि 22 सालों के बाद फिल्म को लेकर लोगों के जबरदस्त क्रेज देखा जा रहा है। काफी लिमिटेड स्क्रीन पर रिलीज होने के बावजूद फिल्म ने पहले दिन 30 लाख के लगभग की कमाई कर ली है।
गदर देखने के लिए गए दर्शकों को एक खास सरप्राइज भी मिला। दरअसल, मेकर्स ने फिल्म के सीक्वल 'गदर 2' का टीजर फिल्म के साथ जोड़ दिया है। जी हां, गदर के खत्म होते ही, एंड क्रेडिट्स से पहले गदर 2 का टीजर दिखाया गया, जो कि काफी धमाकेदार रहा। टीजर में एक डायलॉग और कुछ एक्शन सीन्स दिखाए गए हैं।
टीजर की शुरुआत एक महिला की आवाज में डायलॉग से होती है, जो कहती है, "दामाद है ये पाकिस्तान का, इसको नारियल दो, टीका लगाओ, वरना लाहौर ले जाएगा। " इसके अलावा आप इमोशनल और एक्शन से भरपूर भी कुछ सीन्स देखेंगे।
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सिनेमाहॉल में गदर 2 का टीजर आते ही सभी दर्शक तालियां और सीटियां बजाने लगे। लोग इसे खूब एन्जॉय कर रहे हैं। खास बात है कि टीजर में दिखाया गया डायलॉग डायरेक्टर अनिल शर्मा के दिमाग में तब भी था जब वह 2001 में रिलीज़ हुई 'गदर' बना रहे थे, लेकिन किसी तरह उन्होंने इसका इस्तेमाल न तो फिल्म में किया और न ही इसके प्रचार में।
अभी तक ये टीजर ऑनलाइन रिलीज नहीं किया गया है लेकिन थिएटर में इस टीजर को काफी शानदार रिस्पॉस मिला है। बता दें, सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर गदर का सीक्वल 11 अगस्त को रिलीज होने वाली है। लिहाजा, गदर 2 की रिलीज से पहले मेकर्स ने पहली फिल्म को फिर से सिनेमाघरों में रिलीज किया गया, जिससे सीक्वल का माहौल बन जाए। अच्छी बात है कि मेकर्स की प्लानिंग सफल होती दिख रही है।
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भारत के निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने सोमवार को ओलिंपिक में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुये भारत की लाज बचाने का कार्य किया। बिंद्रा ने न केवल फाइनल में प्रवेश कर लिया वहीं अब भारतीय खिलाड़ियों के दल को उनसे पदक जीतने की भी उम्मीद बंधी है।
हालांकि एक अन्य भारतीय निशानेबाज गगन नारंग से जरूर निराशा हुई क्योकि वे प्रतियोगिता से बाहर हो गये है। रियो ओलिंपिक में सोमवार की शाम भारत के लिये खुशखबरी वाली रही, जब निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने दस मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुये फाइनल मुकाबले में प्रवेश कर लिया।
उनके साथ गगन नारंग ने भी किला लड़ाया था, लेकिन वे अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सके। प्रतियोगिता में 6 राउंड हुये और निशानेबाजों को दस-दस शाॅट लगाने अनिवार्य थे। प्रारंभिक दौर में अभिनव पिछडे हुये जरूर दिखाई दिये परंतु उन्होंने अपने प्रदर्शन को संभाल लिया।
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गुलाबी रंग की दीवानी मोना,
गुलाबी उस का बिस्तर,
मम्मी ने पलंग पर लिटाया,
लोरी गाकर उसे सुलाया।
मोना ने जो पलकें मूंदी,
ऑ॑खों से देखा कुछ अलग ही न्यारा,
पावर पैक्ड, हीरो सुपरमैन।
बोली झूमकर,
सुपरमैन मैं हूॅ॑,
आपकी बड़ी फैन!
सुपरमैन ने सिर झुकाया,
हाथ मिलाया।
नीले लिबास में,
लाल कपड़ा लहराया।
अपनी सहेलियों को।
फोन लगाया,
घंटी बजते बोली,
मैं मोना,
हैलो रोली!
मम्मी ने झिंझोड़ उठाया,
बोली देख रही तुम सपना।
रोली तो घर पर अपने,
तुम तो सो रही थीं बेटी।
मोना को समझ में आया,
देखा पल भर का छलावा था।
खुश थी कि मिली सुपरमैन से,
भले ही वो एक सपना था।
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आज सुबह फैन्स तब चौंक गए जब नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी पर उनकी पत्नी का जासूसी करने का आरोप लगाया गया। अब उनकी पत्नी इस मामले में सामने आई हैं और उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट किया है।
आलिया ने नवाज़ुद्दीन का पक्ष लेते हुए लिखा कि कल से मीडिया में जो भी न्यूज़ चल रही हैं, उसे देखकर नवाज़ के साथ मैं खुद हैरान हूं। पिछले कई समय से मेरे और नवाज़ के बारे में कई तरह की बातें मीडिया में आती रही हैं जिनमें डाईवोर्स से लेकर हमारे साथ ना रहने जैसी कई बातें कही गईं।
पिछले दिनों उनकी बायोग्राफी को लेकर भी उनकी काफी आलोचना हुई थी। नवाज़ का दोष सिर्फ इतना था कि वो सच को सच बोलते हैं। उनके अंदर कहीं कोई झूठ नहीं है। लेकिन बजाय उनको समझने के उन्हें गलत ठहरा दिया गया। मेरा और नवाज़ का रिश्ता 15 साल पुराना है। जब नवाज़ कुछ भी नहीं थे।
नवाज़ दुनिया के लिए आज एक सेलिब्रिटी है लेकिन मेरे लिए वो आज भी वही नवाज़ हैं जो 15 साल पहले थे। मुझे नवाज़ की हमेशा से जो अच्छी बात लगी वो है उनका खुले विचारों का होना।
उन्हें जितना अपना स्पेस पसंद है, दूसरों को भी वो उतना ही स्पेस देते हैं और इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं हम दोनों का धर्म। मैं हिंदू ब्राह्णण हूं, वहीं नवाज़ एक मुस्लिम। लेकिन नवाज़ ने कभी मेरे अलग धर्म से होने का मुझे एहसास नहीं होने दिया।
ना ही अपने धर्म को मुझपर थोपने की कभी कोशिश की। वो जितना अपने धर्म को मानते हैं वही रिस्पेक्ट वो मेरे धर्म को भी देते हैं। यही हमारे बीच एक मज़बूत रिश्ते की बुनियाद रही है। इसी बात ने अच्छे पति और अच्छे पिता के साथ साथ उन्हें एक बेहतरीन इंसान बनाया है।
रही बात सीडीआर से जुड़ी इस नई कंट्रोवर्सी की तो सच्चाई जल्द सबके सामने आ जाएगी। बस मैं यहां इतना ही कहूंगी कि नवाज़ पर लगाए गए इल्ज़ाम पूरी तरह से झूठे और बेबुनियाद हैं। सेलिब्रिटी होने के कारण, उन्हें सॉफ्ट टार्गेट बनाया गया है।
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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों का जिम्मा सरकार उठाएगी। शासन के आदेश पर जिले में ऐसे बच्चों पर अफसर चिन्हित करेंगे। फिलहाल जिले में अभी तक ऐसा कोई प्रकरण सामने नहीं आया है कि जिसमें माता पिता के कोरोना से मरने के बाद बच्चे अनाथ हो गए है।
प्रदेश में कोरोना से माता पिता की मृत्यु होने के बाद अनाथ हुए बच्चों का भरण पोषण राज्य सरकार करेगी। इसकी घोषणा हो गई है। इतना ही नहीं जिलों से ब्यौरा तलब किया गया है। शासन के आदेश पर जिले में भी ऐसे प्रकरण देखे जाएंगे जहां कोरोना से माता पिता की मृत्यु के बाद बच्चे अनाथ हो गए है। जिले के प्रशासनिक अधिकारी ऐसे मामलों पर नजर बनाकर रखे हुए हैं। डीएम रमाकांत पांडेय ने कहा कि जिले में अभी तक माता पिता के कोरोना से मृत्यु होने के बाद अनाथ हुए बच्चों का प्रकरण सामने नहीं आया है। इस तरह के मामले पर नजर रखी जाएगी। जिले में अगर ऐसे केस मिलेंगे तो सरकार से मदद दिलाई जाएगी।
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Ponniyin Selvan 2 Review: टॉलीवुड की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'पोन्नियिन सेलवन 2' को 28 अप्रैल 2023 को तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी में भाषा में देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज कर दिया गया है। बॉक्स ऑफिस पर दस्तक देने के साथ ही डायरेक्टर मणिरत्नम की इस फिल्म ने धूम मचा दी है। सोशल मीडिया पर लोग पोन्नियिन सेलवन को 'भारतीय सिनेमा का पूर्ण गौरव' बता रहे हैं।
पोन्नियिन सेलवन के पहले पार्ट ने बॉक्स ऑफिस पर खूब धूम मचाई थी जिसके बाद से ही वह इसके दूसरे पार्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, मेकर्स ने फिल्म के सीक्वल की अनाउंसमेंट करके उनकी उत्सुकता और भी बढ़ा दी थी। हालांकि, पोन्नियिन सेलवन 2 ने अब सिनेमाघरों में दस्तक दे दी है और दर्शकों ने फिल्म का फर्स्ट डे फर्स्ट शो भी देख लिया है। जिसके बाद से हर तरफ इसके चर्चे हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर पोन्नियिन सेलवन 2 के काफी अच्छे रिव्यू सामने आ रहे हैं ये फिल्म दर्शकों को बेहद पसंद आ रही है। किसी ने PS 2 को 'भारतीय सिनेमा का एक गौरव' कहा तो वहीं, कुछ का मानना है कि यह एसएस राजामौली की बाहुबली 2 से भी बेहतर है। बता दें कि इस मूवी में ऐश्वर्या राय की जमकर तारीफ हो रही है। एक यूजर ने लिखा, 'पूरा ट्रेलर महाकाव्य है और इसमें ऐश्वर्या राय उनके संवाद, उनके भाव जबरदस्त हैं। इसके लिए एक्ट्रेस को अवॉर्ड जरुर मिलेगा। ऐसे ही तमाम रिव्यू सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहे हैं।
फिल्म में दर्शकों को चियान विक्रम और ऐश्वर्या राय बच्चन की एक्टिंग, लुक, केमिस्ट्री और खूबसूरती खूब भा रही है। फैंस दोनों की जमकर तारीफ कर रहे हैं। फिल्म में आदित्य करिकालन और नंदिनी के रूप में दोनों सितारों ने दर्शकों को काफी इंप्रेस किया है। वहीं, जयम रवि, कार्थी, त्रिशा और अन्य सितारे भी अपनी भूमिकाओं में दमदार दिखे हैं। एआर रहमान का संगीत और बैकग्राउंड स्कोर कई दृश्यों में रोंगटे खड़े कर देता है।
Ponniyin Selvan 2 की जहां फैंस तारीफ करते नहीं थक रहे हैं वहीं कुछ लोगों को फिल्म बिल्कुल भी पसंद नहीं आई। एक यूजर ने लिखा, 'पोन्नियिन सेलवन 2 में शानदर दृश्य, अच्छी शुरुआत, बीजी स्कोर लेकिन बावजूद इसके PS1 की तरह नहीं है ये काफी सुस्त है।' दूसरे ने कहा, 'पीएस 1 पीएस 2 से बेहतर था।' ऐसे ही कई लोगों के निगेटिव रिव्यूज भी देखने को मिल रहे हैं।
पोन्नियिन सेलवन 2 एक पीरियड ड्रामा फिल्म है जो कल्कि कृष्णमूर्ति के लोकप्रिय ऐतिहासिक उपन्यास पोन्नियिन सेलवन (द सन ऑफ पोन्नी) पर आधारित है। पोन्नियिन सेलवन 2 में साउथ सुपरस्टार विक्रम, त्रिशा, कार्थी, जयम रवि सहित कई बड़े सितारे शामिल हैं। इसमें शोभिता धूलिपाला और ऐश्वर्या लक्ष्मी भी हैं।
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हिमांशु अग्निहोत्री (बरेली)। शहर के पार्को की शोभा बढ़ाने के लिए बरेली स्मार्ट सिटी लिमिटेडकी ओर से पांच पार्को में 4. 99 करोड़ की लागत से बोलार्ड लाइट्स लगाई गई थी। इनमें से गांधी उद्यान में वॉकिंग ट्रैक के किनारे लगाई गई लाइट्स के रोजाना चोरी होने की घटना सामने आ रही है। हैरत की बात यह है कि लाइट्स चोरी होने की जानकारी स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को लंबे समय से है। उसके बाद भी कोई कार्रवाई न होने के कारण चोरों के हौसले बुलंद हो रहे हैैं। सैैटरडे रात में गांधी उद्यान से तीन लाइट्स को चोरी करके ले जा रहे खुराफाती को दैनिक जागरण की टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। जिसे बाद में पुलिस के हवाले कर दिया गया। पकड़ी गई बोलार्ड लाइट्स को भी पुलिस वालों को दे दिया गया। संडे सुबह पार्क को देखा गया तो वहां सात लाइट्स गायब मिली। लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदारों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिस कारण खुराफातियों के हौसले लगातार बुलंद हो रहे हैैं।
इस पार्क में चौबीस घंटे दो शिफ्ट में तीन-तीन सिक्योरिटी गार्ड तैनात रहते हैै। जिनमें से दो गार्ड मेन गेट पर व एक गार्ड पार्क में राउंड लगाकर जायजा लेता रहता है। सिक्योरिटी गाड्र्स के लगातार राउंड लगाने के बावजूद भी यहां से लाइट्स की चोरी लगातार जारी है। गांधी उद्यान में तैनात एक कर्मचारी के अनुसार रात में आने वाले गाडर््स कई बार सोते हुए मिलते हैैं। जिस कारण यहां चोरी होती रहती है।
दैैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने पहले भी पार्क से लाइट्स चोरी होने की खबर प्रमुखता से पब्लिश की थी। सैटरडे रात में आईनेक्स्ट की टीम को एक खुराफाती तीन लाइट्स को ले जाता दिखा। जिसके बाद उसे रोककर इसकी जानकारी ली गई। खुराफाती ने बताया कि उसे यह लाइट्स रोड किनारे पड़ी मिली हैैं। जिन्हें वह दो सौ रुपए तक में बेचने जा रहा था। इसके बाद टीम ने पैट्रोलिंग कर पुलिस टीम को सुचित किया। जिस पर पुलिस टीम लाइट्स व खुराफाती को अपने साथ ले गई।
खुराफाती ने बताया कि उद्यान के वॉकिंग ट्रैक के पीछे की दीवार से रात में वह पार्क में प्रवेश करता हैैं, उसके बाद लाइट्स तोडक़र दीवार के बाहर सीता रसोई की साइड में फेंक दिया जाता है। जिसके बाद इन लाइट्ट को बोरे में छिपाकर कबाड़ी को 200 से 300 रुपए तक में बेच देता है।
पार्क से लाइट्स चोरी होने की जानकारी पहले भी बरेली स्मार्ट सिटी लिमेटिड के जिम्मेदारों को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के माध्यम से दी जा चुकी है। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की मानें तो आठ लाइट्स चोरी होने की जानकारी उनके पास है। इसको लेकर कार्रवाई की जा रही है।
गांधी उद्यान में वॉकिंग ट्रैक को रौशन करने के लिए स्मार्ट सिटी की ओर से 46 लाइट्स को इंस्टॉल किया गया था। उद्यान में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि बोलार्ड लाइट काफी कम हाइट पर लगी हुई हैैं साथ ही उसके ज्वाइंट्स काफी कमजोर हैैं। इसलिए जरा सा भी प्रेशर दिया जाए तो उन्हें आसानी से तोड़ा जा सकता हैै।
उद्यान के वॉकिंग ट्रैक पर 46 लाइट्स लगाई गई थी। जिनमें से सात प्वॉइंट्स पर लाइटों को टूटी हुई हैै। साथ ही कई प्वॉइंट्स पर बेस से ही लाइट्स नहीं लगी हुई हैैं। उद्यान स्थित तालाब में निर्माण कार्य कर रही लेबर का कहना है कि सैटरडे शाम तक यहां पोल पर तीन लाइट्स लगी हुई थी। लेकिन जब संडे सुबह उद्यान में आए तो यहां लाइट्स पोल से गायब थी।
बरेली स्मार्ट सिटी द्वारा शहर के पांच पार्को में बोलार्ड लाइट्स को इंस्टॉल किया गया था।
गांधी उद्यान में लगी बोलार्ड लाइट्स के डैमेज होने की जानकारी मिली थी। अगर वहां से लाइट्स चोरी होकर बाहर ले जाई जा रही है, तो इसको लेकर कार्रवाई की जाएगी।
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फरहान अख्तर और प्रियंका चोपड़ा की काफी समय से चर्चा में चल रही फिल्म स्काई इज पिंक का पहला पोस्टर आ रिलीज कर दिया गया है। इस पोस्टर के साथ साथ फिल्म के ट्रेलर रिलीज डेट का भी ऐलान हो गया है। बता दें कि फिल्म का धमाकेदार ट्रेलर कल यानि 10 सितंबर को रिलीज कर दिया जाएगा। इस पोस्टर की बात करें तो इसमें प्रियंका और फरहान के अलावा जायरा वसीम और रोहित सराफ नजर आ रहे हैं।
इस पोस्टर में आपके दिखेगा कि प्रियंका चोपड़ा को फरहान अख्तर ने अपने कंधे पर उठा रखा है और वो दौड़ते हुए नजर आ रहे हैं। बाकी दोनो कलाकार भी उनके साथ नजर आ रहे हैं।
बता दें कि इस फिल्म को लेकर लोगों में काफी ज्यादा उत्साह है क्योंकि प्रियंका चोपड़ा काफी समय के बाद वापसी कर रहीं हैं। इस फिल्म को निर्देशक सोनाली बोस ने निर्देशित किया है।
तरण आदर्स ने इस पोस्टर को ट्वीट करते हुए जानकारी दी है कि.. फिल्म 11 अक्टूबर को रिलीज कर दी जाएगी। गौरतलब है कि प्रियंका चोपड़ा और फरहान अख्तर ने शूटिंग सेट से कई बार अपनी और प्रियंका की तस्वीरें शेयक की हैं। इस फिल्म से दोनो को काफी ज्यादा उम्मीदें हैं क्योंकि प्रियंका चोपड़ा के लिए ये किसी कमबैक से कम नहीं हैं।
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पुलिस की गलती और प्रशासन की हड़बड़ाहट में दस बेगुनाहों को फर्जी असलहा लाइसेंस प्रकरण 14 महीने पहले जेल जाना पड़ा। उनके लाइसेंसी असलहे जब्त कर लिए गए। सप्ताहभर में जेल से छूटने के बाद पीड़ितों ने अपनी लड़ाई लड़ कर खुद को बेगुनाह साबित किया। डीएम ने रिपोर्ट देकर बताया कि इनके असलहा और लाइसेंस दोनों सही है। प्रशासन की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने सभी के असलहों को भी वापस कराया।
अब जब बेगुनाहों को फर्जी तरीके से जेल भेजने वालों पर कार्रवाई की नौबत आई तो पुलिस बगले झांकने लगी। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की जगह एक दूसरे की गलती बताया जाने लगा। यही नहीं बेगुनाहों को मुकदमें की फाइल पर कुंडली मारकर विवेचक भी बैठ गए हैं। अभी तक उसमें फाइनल रिपोर्ट नहीं लगाई गई। पीड़ितों ने एक बार फिर इस मामले में पुलिस के अधिकारियों से शिकायत करते हुए मुकदमें में फाइनल रिपोर्ट लगाने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं विवेचक द्वारा केस दबाकर रखने की मंशा पर भी सवाल उठाया है।
खोराबार थाना क्षेत्र के नौवा अव्वल गांव निवासी रामनयन ने शुक्रवार को एसएसपी की जन सुनवाई पोर्टल पर आवेदन किया। बताया कि उनके सहित दस लोगों को खोराबार पुलिस ने छह अक्टूबर 2019 को फर्जी तरीके से धारा 3/25 आयुध अधिनियम का उन्हें अभियुक्त बनाकर गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। न्यायालय के आदेश से एक सप्ताह बाद मुक्त किया गया। उन्होंने बताया कि उनका लाइसेंस और असलहा सही था पर पुलिस ने जानबूझकर धन उगाही करने की नीयत से एसबीबीएल गन लाइसेंस को फर्जी बता दिया था। राम नयन ने कहा कि उनके साथ ही विजय कुमार सिंह, रामचन्द्र , विनोद कुमार, मुहम्मद बिन कासिम,जगदीश शुक्ला,रामनिवास यादव, महताब अहमद ,रामअषीश निषाद, रामहित यादव आदि लाइसेंस धारकों को भी इसी तरह के आरोप में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। जबकि इनका भी लाइसेंस वैध था। बताया कि जेल से रिहा होने के बाद सभी लोगों ने शस्त्र कार्यालय से रजिस्टर एवं लाइसेंस स्वीकृति आदेश की सत्य प्रतिलिपि प्राप्त करके विवेचक गण को उपलब्ध करा दिया था। विवेचकगण ने भी धारा 91 के तहत जिलाधिकारी के शस्त्र कार्यालय से आख्या प्राप्त कर लिया है जिससे स्पष्ट हो गया कि सभी 10 लोगों का लाइसेंस वैध है।
जिलाधिकारी द्धारा स्पष्ट आख्या प्रस्तुत की गई कि सभी लोगों के शस्त्र लाइसेंस जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय से ही निर्गत किये गए हैं। सभी वैध हैं तथा शस्त्र अवमुक्त एवं मुकदमा समाप्त करने में कोई विधिक बाधा नहीं है। जिलाधिकारी द्धारा सभी विवेचक गण को उक्त पत्र भेज दिया गया था। इसके बाद भी विवेचकगण द्धारा मुकदमों में अंतिम आख्या प्रस्तुत नहीं की गई। इससे शस्त्र लाइसेंस के नविनीकरण में बाधा उत्पन्न हो रही है। फर्जी मामले में आरोपित बनाए गए दस लोगों में तीन लोग राज्य कर्मचारी हैं। फाइनल रिपोर्ट न लगने से उनका प्रमोशन एवं इंक्रिमेंट आदि बाधित है। आरोप है कि मुकदमों में फाइनल रिपोर्ट न लगाने से प्रतीत होता है कि विवेचकगण की मंशा धन उगाही की हैं। सीओ कैंट सुमित शुक्ल ने बताया कि दस लोगों के मामले में फाइनल रिपोर्ट लगनी थी, अभी तक क्यों नहीं लगी है इस बारे में वे विवेचक से बात करेंगे।
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खेत में बने फॉर्म पौंड में पैर फिसलने से 14 वर्षीय लड़का गिर गया। शोर-शराबे की आवाज सुनकर युवक ने पौंड में छलांग लगा दी। लेकिन पौंड की गहराई ज्यादा होने से दोनों की डूबने से मौत हो गई। मामला जोधपुर जिले के फलोदी क्षेत्र के मोटाई गांव का है।
पुलिस ने बताया कि महिपाल (14) पुत्र बुधराम विश्नोई और विनोद (22) पुत्र सहीराम बिश्नोई की पौंड में डूबने से मौत गई। पैर फिसलने से महिपाल पौंड में गिर गया था, जिसे बचाने के लिए विनोद ने छलांग लगा दी। गहराई ज्यादा होने के बाद बाहर नहीं निकल पाए। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं।
जानकारी के अनुसार महिपाल (14) पुत्र बुधराम विश्नोई घरवालों के साथ खेत में आया था। इस दौरान सुबह करीब 9 बजे पैर फिसलने से फॉर्म पौंड में गिर गया। पास के खेत में युवक विनोद (22) पुत्र सहीराम बिश्नोई काम कर रहा था।
चिल्लाने की आवाज सुनकर विनोद ने बिना सोचे-समझे पौंड में छलांग लगा दी। गहराई ज्यादा होने के कारण दोनों डूबने लगे।
इसी दौरान शोर-शराबे की आवाज सुनकर परिजन दौड़कर मौके पर पहुंचे। दोनों की मशक्कत कर बाहर निकाला और फलोदी जिला अस्पताल में भर्ती कराया। जहां दोनों को मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद मोटाई गांव में शोक की लहर है। वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
जोधपुर शहर में कल एक झालरे में 16 साल के किशोर की डूबने से मौत हो गई थी। इसके बाद लूणी इलाके में तालाब से पानी लेने गई तीन बच्चियों की डूबने से मौत हो गई। अब फलोदी इलाके में पौंड में एक किशोर और एक युवक के डूबने की घटना हो गई। जोधपुर में दो दिन में ही डूबने से 6 लोगों की मौत हो चुकी है।
पानी भरने तालाब पर गईं तीन लड़कियां एक के बाद एक डूब गईं। तीनों की मौत हो गई। तीनों अलग-अलग परिवारों से थीं। अक्सर पानी लेने वे तालाब पर जाती थीं। कभी बातों में भी लग जाती थीं। देर हो जाती थी, लेकिन कल 1 घंटे से ज्यादा वक्त लगा तो परिवारों को आशंका हुई। जाकर देखा तो तीनों के शव तालाब में पड़े थे। (पढ़ें पूरी खबर)
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टी20 वर्ल्ड कप 2021 में शानदार खेल दिखा रही नामीबिया ने आज स्कॉटलैंड के खिलाफ भी सुपर 12 राउंड में शानदार शुरुआत की है. इस राउंड के अपने पहले मुकाबले में उसने स्कॉटलैंड को 4 विकेट मात दी है. नामीबिया ने यहां टॉस जीतकर पहले फील्डिंग का फैसला किया था और मैच के पहले ही ओवर में उसके बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों रुबेन ट्रंपलमैन ने 3 विकेट झटककर स्कॉटलैंड की कमर तोड़ दी. इसके बाद दूसरे छोर से जैन फ्राइलिंक ने भी 2 विकेट अपने नाम कर स्कॉटलैंड को बड़े स्कोर पर जाने के इरादों पर ब्रेक लगा दिया.
इन दोनों गेंदबाजों ने मिलकर 5 विकेट अपने नाम किए और इसके बाद बाकी गेंदबाजों ने भी धारदार गेंदबाजी की, जिसके चलते स्कॉटलैंड की टीम 8 विकेट पर 109 रन ही बना सकी. अपने करियर का छठा मैच खेल रहे ट्रंपलमैन के करियर का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है.
स्कॉटलैंड की ओर से माइकल लीस्क 44 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे. उनके अलावा क्रिस ग्रीव्स (25) और सलामी बल्लेबाज मैथ्यू क्रॉस (19) ही दोहरे अंक में पहुंच पाए. नामीबिया ने इसके जवाब में जेजे स्मिट (23 गेंद में नाबाद 32, दो छक्के और दो चौके) और सलामी बल्लेबाज क्रेग विलियम्स (23) की पारियों की बदौलत पांच गेंद शेष रहते छह विकेट पर 115 रन बनाकर जीत दर्ज की.
नामीबिया को माइकल वान लिंगेन (18) और विलियम्स ने पहले विकेट के लिए 28 रन जोड़कर अच्छी शुरुआत दिलाई. वान लिंगेन ने जोश डेवी पर लगातार दो चौके जड़े लेकिन साफयान शरीफ ने उन्हें रिची बेरिंगटन के हाथों कैच करा दिया. नामीबिया ने पावर प्ले में एक विकेट पर 29 रन बनाए.
विलियम्स और जेम्स ग्रीन (9) ने इसके बाद पारी को आगे बढ़ाया. ग्रीन ने क्रिस ग्रीव्स पर चौका जड़ा, जबकि विलियम्स ने मार्क वाट पर पारी का पहला छक्का मारकर नौवें ओवर में टीम के रनों का अर्धशतक पूरा किया.
ग्रीव्स ने ग्रीन को मुन्से के हाथों कैच कराके नामीबिया को दूसरा झटका दिया. लीस्क (12 रन पर 2 विकेट) ने इसके बाद कप्तान गेरहार्ड इरासमस (04) को बोल्ड किया जबकि वाट ने विलियम्स को स्टंप कराके नामीबिया का स्कोर चार विकेट पर 67 रन किया.
स्मिट और डेविड वाइसी (16) ने इसके बाद मोर्चा संभाला. नामीबिया को अंतिम छह ओवर में जीत के लिए 35 रन की जरूरत थी. स्मिट ने शरीफ पर चौका जड़ने के बाद ग्रीव्स की गेंद को दर्शकों के बीच पहुंचाया. वाइसी ने भी लीस्ट पर छक्का जड़ा लेकिन इसी गेंदबाज का शिकार बन गए.
नामीबिया को अंतिम दो ओवर में सात रन की दरकार थी. स्मिट ने ब्रेडली व्हील पर चौका और फिर एक रन के साथ स्कोर बराबर किया लेकिन अगली गेंद पर फ्राइलिंक (2) पवेलियन लौट गए. स्मिट ने अंतिम ओवर की पहली गेंद पर शरीफ पर छक्का जड़कर टीम को जीत दिलाई.
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कानपुर के कल्याणपुर थाने में तैनात कांस्टेबल विजेंद्र सिंह यादव का बाइक चोरों से कनेक्शन सामने आया है। कांस्टेबल ने शातिर अपराधी के जरिए चौकी के सामने से ही बाइक चोरी करवा दी थी। फंसने पर उसने बाइक बरामद भी करवा दी। लेकिन मामला अफसरों तक पहुंचने पर कांस्टेबल की कलई खुल गई। डीसीपी ने कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। इसके साथ ही उसकी विभागीय जांच भी शुरू कर दी है।
रावतपुर थाना क्षेत्र के मसवानपुर में रहने वाले युवक शिवम कुशवाहा ने बताया कि वह पेशे से हलवाई है। 23 जून को वह नेपाली मंदिर कल्याणपुर में एक आयोजन के चलते खाना बनाने जा रहा था। शिवम ने बताया कि मसवानपुर चौराहे पर एक युवक ने उससे लिफ्ट मांगी। वह कल्याणपुर थाने की पनकी चौकी तक गया। शिवम के लाख मना करने के बाद भी बोला कि भाई इतनी दूर तक छोड़ा है अब मैं तुम्हारा परिचय पुलिस वालों से करवा देता हूं।
लिफ्ट लेने वाला युवक ने कल्याणपुर थाने में तैनात व चौकी में मौजूद कांस्टेबल विजेंद्र सिंह यादव से मिलवाया। बातचीत के दौरान शिवम चौकी में ही बैठा रहा और लिफ्ट लेने वाला युवक बाइक लेकर फरार हो गया। शिवम चौकी से बाहर निकला तो बाइक गायब थी।
उसने कांस्टेबल से शिकायत की तो उसने कहा कि मैं उसे नहीं जानता हूं। इसके बाद शिवम ने कल्याणपुर थाने में बाइक चोरी की एफआईआर दर्ज कराई। इसके साथ ही कांस्टेबल पर भी संदेह जताया कि उनका जानने वाला चोर है।
कल्याणपुर थाने की पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो सिपाही की गर्दन फंसने लगी तो उसने फौरन बाइक बरामद करवा दी। लेकिन उसकी सच्चाई सामने आ गई। इसके चलते डीसीपी ने तत्काल प्रभाव से कल्याणपुर थाने में तैनात कांस्टेबल विजेंद्र सिंह यादव को स्पेंड कर दिया। इसके साथ ही विभागीय जांच भी बैठा दी है।
एडीसीपी वेस्ट लाखन यादव ने बताया कि सिपाही पर बाइक चोरी का आरोप लगा तो मामले की जांच एसीपी कल्याणपुर विकास पांडेय को दी गई थी। विकास पांडेय ने बताया कि मामले की जांच शुरू की गई तो सामने आया कि बाइक चोरी करने वाला युवक पनकी रोड चौकी में कांस्टेबल विजेंद्र से मिलने आया था।
बाइक चोरी होने के बाद विजेंद्र ने चोरी करने वाले शातिर को पहचानने से इनकार कर दिया। जबकि वह विजेंद्र से ही मिलने चौकी में पहुंचा था। सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई तो सब कुछ शीशे की तरह साफ हो गया। कांस्टेबल की संलिप्तता से बाइक चोरी हुई थी। कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया।
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मुंबई। पिछले दिनों ही सुश्नात सिंह राजपूत और रिया के मामले में जब ड्रग्स का एंगल सामने आया है तब कंगना ने इस मुद्दे से भी अपने तार जोड़ लिए है। उन्होंने एक ट्वीट में बताया कि इंडस्ट्री में ड्रग्स का कैसे इस्तेमाल किया जाता है। इस खुलासे के साथ ही कंगना ने बॉलीवुड के एक खास ग्रुप पर भी निशाना साधा है। कंगना ने एक अन्य ट्वीट में यह भी कहा है कि अगर बॉलीवुड में नॉरकोटिक्स टेस्ट हो जाए तो कई सितारे जेल में होंगे।
Most popular drug in the film industry is cocaine, it is used in almost all house parties it's very expensive but in the beginning when you go to the houses of high and mighty it's given free, MDMA crystals are mixed in water and at times passed on to you without your knowledge.
I was still a minor my mentor turned tormentor used to spike my drinks and sedate me to prevent me from going to cops, when I became successful and got entry in to the most famous film parties I was exposed to the most shocking and sinister world and drugs,debauchery and mafia.
If narcotics Control Bureau enters Bullywood, many A listers will be behind bars, if blood tests are conducted many shocking revelations will happen. Hope @PMOIndia under swatchh Bharat mission cleanses the gutter called Bullywood.
इस ट्वीट में कंगना ने पीएमओ (PMO) को भी टैग किया है। एक ट्वीट में उन्होंने ये भी लिखा है कि 'मैं नॉरकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की मदद करने को तैयार हूं, लेकिन मुझे केंद्र सरकार से सुरक्षा की आवश्यकता है। मैंने न केवल अपने करियर को, बल्कि अपने जीवन को भी खतरे में डाल दिया है। यह साफ है कि सुशांत कुछ रहस्यों को जानता था जिसके कारण उसे मार दिया गया। "Share:
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नई दिल्ली. आज विश्व के महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग (Stephen Hawking) कि पांचवी पुण्यतिथि है। जी हां आज ही के दिन यानी 14 मार्च 2018 को 76 साल की उम्र में हॉकिंग ने दुनिया को अलविदा कहा था।
जानकारी दें कि, स्टीफन हॉकिंग का जन्म 8 जनवरी 1942 कौ इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड में हुआ था। देखा जाए तो बचपन से ही उनकी चाहत ब्रह्मांड के बारे में जानने की थी। फिर 21 साल की उम्र में स्टीफन हॉकिंग को न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी हुई थी। जिसके चलते वे व्हीलचेयर पर आ गए। लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कभी अपनी हिम्मत नहीं हारी।
इसी खतरनाक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी के चलते बाद में उनकी आवाज चली गई थी, लेकिन स्टीफन हॉकिंग कहां हार मानने वालों में से थे,। वे अब स्पीच-जनरेटिंग डिवाइस के जरिए लोगों से बात करते थे। अपने विलक्षण बौद्धिक क्षमता और प्रतिभा से उन्होंने दुनिया को कई सिद्धांतों के बारे में बताया और समझाया। स्टीफन हॉकिंग ने अपने अथक मेहनत और रिसर्च के माध्यम से ब्रह्माण्ड के कई रहस्यों से पर्दा उठाया है जिनमें 'बिग बैंग' और ब्लैक होल समेत कई बड़ी और ख़ास थ्योरी शामिल हैं।
इसके पहले ब्लैक होल के बारे में दुनिया के पास ऐसे कोई ख़ास बड़ी जानकारी नहीं थी, लेकिन स्टीफन हॉकिंग ने इस रहस्यमयी पिंड के रहस्य से पर्दा उठाया। पहले ब्लैक होल की खोज साल 1971 में की गई थी।
इसके बाद स्टीफन हॉकिंग ने साल 1974 में दुनिया को 'ब्लैक होल' थ्योरी के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बात से भी दुनिया को अवगत कराया कि, क्वॉन्टम प्रभावों के चलते ब्लैक होल गर्मी और उष्णता भी फैलाते हैं। इसके बाद उनको कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में गणित का प्रोफसर नियुक्त किया गया।
फिर साल 1998 में स्टीफन हॉकिंग की किताब 'अ ब्रीफ हिस्ट्ररी ऑफ टाइम' प्रकाशित हुई। इस किताब में उन्होंने बिग बैंग थ्योरी और ब्लैक होल को बड़े ही आसान तरीके से बताया है। इसको अब एक आम पाठक भी आसानी से समझ सकता था। अपनी इस किताब के लिए स्टीफन हॉकिंग को अनेकों लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा था। उन्होंने इस किताब में कहा था कि, ईश्वर नहीं हैं।
इतना ही नहीं स्टीफन हॉकिंग ने इस बात कि भी पुरजोर चेतवानी देते हुए कहा था कि, पृथ्वी पर बहुत तेजी से आबादी बढ़ रही है और ऊर्जा की खपत हो रही है। वहीं अगर ऐसा ही रहा तो अगले 600 सालों में धरती एक आग का गोला बन जाएगी।
साथ ही वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने दूसरे ग्रह पर जीवन की पुरजोर वकालत की थी। उनका साफ़ मत था कि, दूसरे ग्रह पर जीवन को बसाना होगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो जलवायु परिवर्तन और मनुष्यों के विनाशकारी कार्यों के चलते इंसानी सभ्यता का अंत होना लगभग तय है।
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महाराष्ट्र के अमरावती जिले में भयंकर हादसा हुआ। यहां वर्धा नदी में 20 लोगों से भरी नाव गहरे पानी में पलट गई। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। वहीं 8 अभी लोग लापता है जिनका कोई सुराग नहीं है।
पुलिस ने तीन शव बरामद कर लिए हैं। मृतकों मे एक बच्ची शामिल है। फिलहाल पुलिस-प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बताया जा रहा है कि हादसे में मरे 11 लोग एक ही परिवार के सदस्य थे।
यह हादसा मंगलवार सुबह करीब 10. 30 बजे हतराना गांव के पास हुआ। नाव से लोग नदी किनारे धार्मिक अनुष्ठान करने के बाद लौट रहे थे। तभी नाव नदी के बीचोंबीच जाकर डूब गई। स्थानीय ग्रामीणों मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया।
स्थानीय ग्रामीणों ने मौके से कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। साथ ही पुलिस को घटना की जानकारी दी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन के तमाम बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए हैं।
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केन्द्र सरकार को युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पीवाईकेकेए) तथा शहरी खेल बुनियादी सुविधा योजना (यूएसआईएस) के साथ संसद सदस्य स्थानीय विकास योजना (एमपीलैंड्स) को सम्मिलित करने के संबंध में आवेदन प्राप्त हुए हैं। इस विषय पर विचार किया गया है और केन्द्रीय सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीकांत कुमार जेना की स्वीकृति से निम्नलिखित एमपीलैंड्स दिशा-निर्देशों के अनुसार इसे सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया है।
अधिक टिकाऊ बुनियादी ढांचा विकसित करने के उद्देश्य से संसद सदस्य स्थानीय विकास योजना (एमपीलैंड्स) निधि को पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पीवाईकेकेए) में शामिल किया जा सकता है। सांसद एमपीलैंड्स के तहत पीवाईकेकेए के लिए स्थायी बुनियादी ढांचा विकसित करने के लिए क्रीड़ा स्थलों के विकास जैसे कार्यों के लिए अपनी अनुशंसा करते हैं, जिसमें पहाड़ी क्षेत्रों में क्रीड़ा स्थलों को समतल करना, ग्रामीण क्षेत्रों तथा प्रखंडों में चार दीवारी का निर्माण जैसे कार्य पीवाईकेकेए योजना से अलग शामिल हैं और यदि ये एमपीलैंड्स योजना के तहत पात्र पाए जाते हैं। इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों में भी एमपीलैंड्स योजना को शहरी खेल बुनियादी सुविधा योजना (यूएसआईएस) के साथ शामिल किया जा सकता है और इसके तहत एमपीलैंड्स के प्रावधानों के अनुसार बहूद्देशीय खेल हॉल, एथलेटिक ट्रक, फुटबॉल तथा हॉकी के मैदान जैसे टिकाऊ ढांचा विकसित करने की भी अनुमति होगी। यह शहरी खेल बुनियादी सुविधा विकास के लिए यूएसआईएस के निर्धारित प्रावधानों के अनुरूप होगा, जो समय-समय पर संशोधित किया जाता है।
खर्च की गई राशि का हिसाब निश्चित रूप से एमपीलैंड्स, पीवाईकेकेए, यूएसआईएस द्वारा अलग-अलग रखा जाएगा। एक संयुक्त तख्ता (पत्थर/धातु) लगाना अनिवार्य होगा, जिस पर पूरी लागत की राशि, एमपीलैंड्स/पीवाईकेकेए/यूएसआईएस का योगदान प्रारंभ की तिथि, निर्माण का समय और एमपीलैंड्स योजना/पीवाईकेकेए/यूएसआईएस के तहत सांसदों द्वारा प्रायोजित कार्यों का विवरण स्थायी तौर पर लिखा होगा।
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छत्तीसगढ़ में "संस्कृति और संगीत का अभेदगढ़" किसे माना जाता है?
'भारत सरकार' द्वारा घोषित अत्यंत पिछड़ी जनजातियों में कितनी जनजातियाँ छत्तीसगढ़ में पाई जाती हैं?
छत्तीसगढ़ की बहुचर्चित 'इंदिरा गंगा योजना' का सम्बंध निम्न में से किससे है?
निम्नलिखित में से कौन 'छत्तीसगढ़ मित्र' के सम्पादक थे?
प्रथम छत्तीसगढ़ी फ़िल्म किस सन में बनी थी?
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यह बिहार है। यहां शराबबंदी है। राज्य के मुख्यमंत्री इसी को लेकर अपनी खूब पीठ थपथपाते हैं। शराबबंदी वाले इसी राज्य के एक जिले में कई लोगों की जहरीली शराब से मौत हो गयी है। पश्चिम चंपारण के देवराज के देउरवा गांव में एक साथ 8 लोगों की मौत की खबर से कोहराम मचा हुआ है। जहरीली शराब पीने से लौरिया प्रखंड की देवराज पंचायत के 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनभर का निजी क्लिनिक में इलाज चल रहा है।
जानकारी के अनुसार, मंगलवार शाम को लोगों ने शराब पी थी। रात तक स्थिति गंभीर होने पर इलाज के लिए दौड़े। बुधवार को 8 व गुरुवार को एक व्यक्ति की मौत हुई है। लोग मामले को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। मरने वालों के परिजन भी वजह बताने से कतरा रहे हैं। बड़ी संख्या में लोगों की मौत से देउरवा में चर्चाओं का बाजार गर्म है। एक साथ इतनी संख्या में मौत की सूचना पर लोग अचंभित हैं। जहरीली शराब से मौत की अभी कोई प्रशासनिक पुष्टि नहीं हुई है। बस चारों तरफ मौतों को लेकर चर्चा जारी है।
मृतकों में देउरवा पंचायत के वार्ड 7 निवासी जुम्मन मियां के पुत्र बिकाउ मियां, देउरवा पंचायत के वार्ड 6 निवासी लतीफ शाह, देउरवा पंचायत के ही रामवृक्ष चौधरी तथा देउरवा पंचायत के पंडा पट्टी निवासी भगवान पंडा, जोगीया देवराज निवासी नईम हजाम, सुरेश साह, और बगही देवराज निवासी राबुल मियां के नाम शामिल हैं। वहीं तेलपुर एवं डुमरा निवासी इजहार एवं मुमताज अभी जिले में किसी निजी अस्पताल में इलाजरत हैं।
बेतिया के लौरिया थाना क्षेत्र में शराब माफियाओं के खिलाफ बगहा एसपी किरण कुमार जादव के नेतृत्व में लगता और शराब माफियाओं के खिलाफ छापामारी जारी है। दो लोगों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
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कैराना। पचास साल पूर्व तीन लोगों की हत्या के मामले में फांसी की सजा पाए मुल्की की मौत का रहस्य जानने खुफिया विभाग की टीम कैराना पहुंची और जांच की। 1968 में मुल्की चलती ट्रेन से कूद कर फरार हो गया था, जिसके बाद सरकार ने उसके पाकिस्तान चले जाने की बात पर जमीन को श़त्रु संपत्ति घोषित कर दिया था, जबकि परिजन मुल्की की मौत हिंदुस्तान में ही होने का दावा कर रहे हैं।
सन् 1963 में ग्राम तीतरवाड़ा में तीन लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। जिसमें तीतरवाडा निवासी मुल्की को पुलिस ने जेल भेजा था। हत्या के आरोप में पहले मुजफ्फरनगर व बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुल्की को फांसी की सजा सुना दी थी। इसके बाद सन 1968 में हत्यारा मुल्की इलाहाबाद जाते समय पुलिस को चकमा देकर चलती ट्रेन से कूद कर फरार हो गया था।
जिसके बाद से पुलिस हत्यारे मुल्की का कोई पता नहीं लगा पायी थी। बाद में प्रशासन ने घोषणा कर दी थी कि मुल्की भाग कर पाकिस्तान चला गया तथा पाकिस्तान में ही उसकी मौत हो गई। प्रशासन ने मुल्की की तीतरवाड़ा में स्थित 9 बीघा जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। वर्तमान में उक्त जमीन को मुल्की का भतीजा जमशेद बो रहा है।
जमशेद ने एसडीएम कोर्ट में दावा कर रखा है कि मुल्की की मौत पाकिस्तान में नहीं हुई है, बल्कि पानीपत में अपनी रिश्तेदारी में मौत हिंदुस्तान में हुई थी, इस कारण उसकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित नहीं किया जाए। सोमवार को उक्त मामले में खुफिया विभाग की टीम कैराना पहुंची। खुफिया विभाग की टीम ने तीतरवाडा व आसपास के क्षेत्र में जाकर जानकारी जुटाना शुरू कर दी कि मुल्की की मौत 50 साल पहले हिन्दुस्तान में हुई थी या पाकिस्तान मेें जाकर हुई।
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वेदों में
प्रथम तीर्थंकर ऋमदेव जोर चक्रवर्ती भरत जैन परम्परा में श्लाव्यपुरुष व मानवीय संस्कृति के आदि नृतधार के रूप में तो माने ही गये हैं, वैदिक परम्परा में भी स्वयं ब्रह्मा ने ग्रुपमदेव के रूप में आठवां अवतार ग्रहण किया था। ऋषमत्र भरत वहां भी अपने सौ भाइयों में ज्येष्ठ, द्यासन-सूत्र के संचालन में परम निपुण तथा निवृत्तिप रायण माने गये हैं। दोनों ही परम्पराओं में दोनों हो श्लाघ्यपुरुषों के जोवन की अधिकांश सद्लता गयेषकों के लिए बहुत कुछ नवीन तथ्यों की उद्भावक है। प्रस्तुत प्रकरण में वेद व पुराणों के आधार पर उनका जीवन तथा उस परम्परा में उनके प्रति अभिव्यक्त अनिर्वचनीयता का नंक्षिप्त समुल्लेस किया जा रहा है ।
वेदों में बहुन्' तथा वर्हन्त' शब्द का प्रयोग चाहुल्य उस परम्परा को जैन धर्म के प्रति विशेष भावना तो व्यक्त करता ही है; साय हो
१. अहंन विनपि तायकानि धन्वा बहन्निदं वयसे
विश्वरूपम् ।
स्वदस्ति ।।
पू० ३३ वर्ग १० |
पाप में रात-दिवस जाता, धर्म- मारग में नहीं आता।
बोलता मुख से मीठी बातां,
माल पराया ठग खाता ।।
सुमँति की सेज गया तज के
लाभ नही लिया ईश भज के ।
कुछ लोग माला जनते है और उसमें भावना करते हैं- 'हे भगवान् ! सारे गाँव के ग्राहक मेरी ही दुकान पर आ जाए, भगवान् ग्राहको को घेर कर तेरे घर लाएगे ! तूंने भगवान् को अपना नौकर समझ रक्खा है ! अरे लोभी ! सब ग्राहक तेरी दुकान पर आ जाएंगे तो बता, दूसरो के वाल- बच्चे क्या खाएंगे ? कुछ लोग हनुमानजी के पास जाकर प्रार्थना करते है.
मनाऊ- हनुमान बाला,
मार दे दुश्मन को भाला' ।
अरे दुष्ट ! तेरे और उसके बीच दुश्मनों है । हनुमानजी क्यों उसके दुश्मन बनेंगे ? तेरे कहने से उसे भाला मारेंगे तो उसके कहने से क्या तुझे भाला नही मार देंगे ? हनुमान क्या तेरे ही है और उसके नही है ? वे किस-किस के कहने से - किसे- किसे मारते फिरेंगे ? और क्यो मारेगे ? अगर इतनी सीधी-सादी बात तुम्हारी समझ मे श्राती हो तो फिर क्यों अपनी भावना को वृथा कलुषित करते हो ? क्यों भगवान् से पाप कराने की भावना करते हो ? |
था किन्तु उन्हें अपने इस विशेषाधिकार के उपलदा में राज्य संस्था को नियमित रूप में कुछ कर अवश्य चुकाना पड़ता था। पेशवा सरकार सिक्कों में धातु की शुद्धता को ओर विशेष ध्यान देती थी । ममी प्रकार की सिक्कों का मूल्य उनमे मिलाई गई। धातुओ के आधार पर ही नियत होता था। मराठा टक्सालो में मोहर होन तथा रुपयोका निर्माण किया जाता था १ होन का भार प्राय साढ़े तीन मागे के बरा घर होता था और यह उस समय मे सबसे अधिक लोकप्रिय स्वर्ण मुद्रा मानी जातो थी । महाराष्ट्र की टक्सालो से बनाया गया रुपया सरकार के रुपये के ही वरावर मूल्य पर चलता था। इसी प्रकार मराठो को माहर भी शाही माहर के बराबर समझी जाती थी 1 मराठा वो मुद्रा का सबसे छोटी इकाई यो ताँबे का पैसा जो भार मे १० माने के बराबर होता था। इसके अतिरिक्त २२ मागे व भार के बरा धर एक अप सित्रकों का प्रयजेत भो महाराष्ट्र में पाया जाता था। उसे 'ढवू' बहते थे।
Q Write a' note on Chauth and Sardeshmukhi showing how the Marathas justified it and why its victims denounced it
Discuss the bistorical signmficance of chauth and sar deshmukhi on the revenues of the free subas of the Deccan Were these clárms" morally justifiable ?
Critically examine the origin and character of 'Chauth. How did it influence the later history of the Marathas
(RU1962) भुवन-चौय एव सरदेशमुलो पर अपने विचार प्रकट करते हुए यह स्पष्ट कोजिये कि किस रूप में यह (कर) मरादों के लिये यायोचित एव कर दातामों को दृष्टि में निन्दनीय ये ?
। अर्था
दक्षिण के पा सूत्रों की मालगुजारी परराचौय एवं सरदेशमुवी के ऐति हासिक महत्व को व्यवस्था योजिये। क्या ये माँगनैतिक दृष्टि से उचित यो ?
५ अयवा
चो एव सरदेशमुखी के उदगम एव वास्तविक स्वस्म का अनुवीक्षण कीजिये । इसने मराठों के पश्चात कालीन इतिहास को किस रूप में प्रभावित किया ?
उत्तर - मराठों के चीय नाम कर का उद्गम एवं वास्तविक स्वरूप'चौध नामक द मराठो के प्रसग में अनेको बार प्रयुक्त हो चुका है और इससे शब्द |
टेलीविजन के मशहूर सीरियल 'पवित्र रिश्ता' फेम एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे अब मिसेज जैन बन चुकी हैं। अंकिता (Ankita) और विक्की (Vicky Jain) ने गत 14 दिसम्बर को परिवार और दोस्तों की मौजूदगी में सात फेरे लिए। बीती रात ही इस कपल ने इंडस्ट्री के दोस्तों के लिए रिसेप्शन पार्टी का आयोजन किया था। इस दौरान की तमाम तस्वीरें और वीडियोज सोशल मीडिया पर धमाल मचा रहे हैं। शादी के बाद अंकिता लोखंडे अपने ससुराल पहुंच चुकी हैं और वहां पर अपनी पहली रस्म भी पूरी कर ली है।
ससुराल पहुंचते ही एक्ट्रेस अंकिता लोखंडे (Ankita) ने अपने पति विक्की जैन (Vicky Jain) के साथ पहली रस्म निभा ली है जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है किए विक्की जैन चावल की थाली में एक नाम लिख रहे हैं। इस नाम को पहचानते ही अंकिता शरमा जाती हैं प्यार से विक्की जैन के गालों को छू लेती हैं।
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बता दें कि शादी के बाद अंकिता लोखंडे (Ankita) का नई-नवेली दुल्हन वाला लुक फैंस को खूब पसंद आ रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में देखा जा सकता है कि अंकिता लोखंडे और विक्की जैन (Vicky Jain) साथ पोज दे रही हैं। इस तस्वीर में अंकिता लोखंडे ने लाल और गोल्डन रंग की साड़ी कैरी की है। उनके इस पूरे लुक में हरे रंग की चूड़ियां चार चांद लगा रही है जबकि वहीं विक्की जैन काले रंग का कुरता पहन रखा है।
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मिर्जापुर। पीएम किसान सम्मान निधि की 13वीं किस्त जारी कर दी है। लेकिन हजारों की संख्या में पात्र किसान जिन्हें कई वजहों से इसका फायदा नहीं मिल पाई है। यदि आप भी इस योजना का फायदा पाने से वंचित रह गए हैं तो किस्त रुकने की कई वजह हो सकती हैं। यदि आपको भी पैसे नहीं मिले हैं तो टेंशन न लें। यदि आप योग्य हैं तो एक भी पैसे का हानि नहीं होगा। आप हेल्पलाइन और टोल फ्री नंबरों की सहायता दे सकते हैं। इन नंबरों पर संपर्क करने पर आपके परेशानी का कृषि विभाग द्वारा निवारण कर दिया जाएगा। इसके बाद सम्मान निधि की राशि आपके खाते में भेजी जा सकती है।
पैसा नहीं आने पर पोर्टल के अतिरिक्त आप पीएम किसान हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करके भी सहायता ले सकते हैं। पीएम किसान हेल्पलाइन नंबर 155261 पर संपर्क आप निवारण पा सकते हैं। इसती तरह पीएम किसान टोल फ्री नंबर- 18001155266 पर भी कॉल करके यह पता लगा सकते हैं कि आपको पैसा क्यों नहीं मिला है।
उप कृषि निदेशक अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि योजनान्तर्गत जिन किसान भाइयों द्वारा खाते से एनपीसीआई में आधार सीडिंग नहीं कराया गया है। ऐसे किसान भाइयों को अगली किस्त नहीं भेजी जायेगी। जिलाधिकारी महोदया द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा की गयी जिसमें यह पाया गया कि एनपीसीआई से आधार सीडिंग कराने हेतु 66359 कृषक अवशेष है। जिसमें विकास खण्ड सीटी में 6663, छानबे में 8062, कोन में 2611, पहाड़ी में 4389, मझवां में 4250, लालगंज में 4327, हलिया में 6894, राजगढ़ में 6907, मड़िहान में 6215, जमालपुर में 6545, सीखड़ में 3028 तथा नरायनपुर में 7568 अवशेष है।
कृषि उपनिदेशक अशोक कुमार उपाध्याय ने बोला कि ऐसे किसान जिन्होंने अभी तक अपना ईकेवाईसी नहीं कराया है। वह अपने नजदीकी जन सेवा केन्द्र (सीएससी) पर जाकर अपने आधार और मोबाइल नम्बर के माध्यम से ईकेवाईसी करा सकते है। आधार लिंक बैंक खाते में सफल भुगतान हेतु लाभ पाने वाले को अपने बैंक में निम्न प्रक्रिया पूर्ण कराना आवश्यक है।
1- लाभ पाने वाले को अपने बैंक खाते से आधार को लिंक कराना होगा।
2- नेशनल पेमेन्ट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) से बैंक खाता को लिंक कराना होगा।
3- लाभ पाने वाले को बैंक खाते की (KYC) केवाईसी कराना होगा।
उपनिदेशक कृषि अशोक कुमार उपाध्याय ने बताया कि किसान भाई PMKISAN. GOV. IN की वेबसाइट पर जाकर फार्मर कार्नर में दिये गये लिंक बेनिफिसरी स्टेटस पर क्लिक करके पीएम किसान आईडी से स्टेटस खोलें। जिसके बाद यदि पीएफएमएस बैंक स्टेटस की स्थिति में रिजेक्टेड प्रदर्शित होता है, तो किसान भाई को अपने सम्बन्धित बैंक में जाकर बैंक खातें से एनपीसीआई में आधार सीडिंग अवश्य करा लें।
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चंडीगढ़ में धोखाधड़ी के मामले कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। ताजा मामले में पुलिस के पास 58 लाख की धोखाधड़ी होने की शिकायत आई है। बजाज फिंसर्व लिमिटेड के कर्मचारियों ने लोन सेंक्शन लेटर देकर 58 लाख रुपए प्रोसेसिंग फीस बताकर हड़प लिए। पुलिस ने मैनेजर और डायरेक्टर पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
शिकायतकर्ता सेक्टर 8 निवासी कृष्ण चंद ने बताया कि वर्ष 2020 में उसने बजाज फिंसर्व लिमिटेड से 3. 50 करोड़ रुपए का लोन अप्लाई किया था। वहीं, बजाज फिंसर्व लिमिटेड के कर्मचारियों ने उसे बताया कि उनका लोन सेंक्शन हो गया है। साथ ही कंपनी के कर्मचारियों ने सेंक्शन लेटर भी दे दिया।
लेकिन, इस लेटर की एवज में कंपनी के कर्मचारियों ने 58 लाख रुपए ये कहकर ले लिए की जो लोन पास हुआ है उसकी प्रोसेसिंग फीस है। वहीं, वर्ष 2020 से लेकर 2022 तक कई तरह की फीस भी उससे ले ली गईं, लेकिन लोन उनके बैंक खाते में ट्रांसफर नहीं किया गया। जिसको लेकर कृष्ण चंद ने पुलिस को शिकायत दी है।
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक इस ठगी में बजाज फिंसर्व लिमिटेड के मैनेजर राजीव शर्मा और डायरेक्टर संजय मक्कर शामिल हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर इन्वेस्टिगेशन शुरू कर दी है।
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BS-VI Fuel from Aprila 1, prices to go up says IOC : ईंधन के दाम में कितनी वृद्धि होगी यह बताए बगैर सिंह ने कहा कि एक अप्रैल से ईंधन के खुदरा दाम में निश्चित वृद्धि होगी।
भारत ने वाहन उत्सर्जन कम करने के लिए भारत चरण-4 से सीधे भारत चरण-6 मानक पर अमल करने का निर्णय लिया था और महज तीन साल में इसे सफलता से अमल में लाने के करीब है।
अंतरराष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकॉन्टिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर अप्रैल डिलीवरी बेंट क्रूड के सौदे में पिछले सत्र के मुकाबले 1. 18 फीसदी की गिरावट के साथ 56. 99 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था।
दिल्ली, कोलकता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम पूर्ववत क्रमशः 75. 14 रुपए, 77. 79 रुपए, 80. 79 रुपए और 78. 12 रुपए प्रति लीटर पर यथावत बने रहे।
पेट्रोल और डीजल के दाम में दो दिनों की स्थिरता के बाद आज मंगलावार (29 अक्टूबर) को फिर गिरावट दर्ज की गई।
पेट्रोल और डीजल के दाम में शनिवार को बड़ी राहत मिली। देश के विभिन्न शहरों में पेट्रोल का भाव 28-31 पैसे लीटर सस्ता हो गया और डीजल के दाम में भी 20-22 पैसे प्रति लीटर की कटौती की गई।
बीते दो दिन की राहत के बाद आज सोमवार को फिर तेल विपणन कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा किया है। आज सोमवार को राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 8 पैसे व डीजल के दाम में 9 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई है। कोलकाता में 7 पैसे जबकि मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल के दाम 8 पैसे प्रति लीटर महंगा हुआ है जबकि चेन्नई में डीजल के दाम 10 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए गए हैं।
प्रधान ने कहा कि जब कच्चे तेल की कीमतें उछलती हैं तो चिंता होती है।
अपने वाहन में तेल भरवाना अब और भी महंगा हो गया है। तेल विपणन कंपनियों द्वारा मंगलवार को तय कीमतों के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 14 पैसे बढ़ गई हैं।
विशेषज्ञों ने कहा कि सऊदी अरब में हमले के बाद अगले 15 दिनों के भीतर कच्चे तेल के दाम रॉकेट की तरह ऊपर जाएंगे।
पिछले महीने वहां पेट्रोल की कीमत 117. 83 रुपए (पाकिस्तानी रुपया) प्रति लीटर तक पहुंच गई थी और डीजल की कीमत 132. 47 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थी।
तेल विपणन कंपनियों ने गुरुवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में चार दिनों से तेजी का सिलसिला जारी है और अगर यह तेजी आगे भी जारी रही तो पेट्रोल और डीजल के भाव आने वाले दिनों में बढ़ सकते हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने अब मंगलवार को वैट की घटी दर को वापस बढ़ा दिया, जिसके परिणामस्वरूप एक बार फिर दिल्ली में दोनों ईंधनों के दाम उत्तर प्रदेश के मुकाबले कम हो गए हैं।
अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस समय दुनिया भर में नरमी के हालात हैं। भारत में सुस्ती बाहरी प्रभाव से है या आंतरिक इसको समझना होगा। सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए तमाम प्रयास कर रही है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस महीने कच्चे तेल में आई नरमी से भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में गिरावट आई है।
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने आज यहां बताया कि राजस्व का ध्यान रखते हुए डीजल और पेट्रोल पर वैट की दर पर दी गई रियायत को हटाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में फिर गिरावट आई है जिससे पेट्रोल और डीजल के दाम में और राहत मिलने की संभावना बनी हुई है।
आज (9 जुलाई) को पेट्रोल जहां 6 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ है वहीं डीजल 10 पैसे सस्ता हुआ है।
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हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) ने विभिन्न श्रेणी के पदों पर बंपर भर्तियां निकाली हैं। कुल 4322 पदों पर नियुक्तियों के लिए आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। इसके तहत डेंटल हाईजीनिस्ट, लैबोरेटरी टेक्निशियन, लैबोरेटरी अटेंडेंट, फार्मासिस्ट, रेडियोग्राफर समेत अन्य कई पदों को अलग-अलग विभागों में भरा जाएगा।
इन पदों को भरने के लिए आयोग ने ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार अपनी योग्यता के अनुसार 09 अक्टूबर 2019 तक आवेदनकर सकते हैं। इन पदों पर आरक्षण से जुड़े सभी प्रकार के लाभ केवल हरियाणा के मूल निवासियों को प्राप्त होंगे।
अन्य राज्यों के उम्मीदवार अनारक्षित श्रेणी में आएंगे और इसी श्रेणी में आवेदन करने के योग्य होंगे। रिक्त पदों, योग्यता और आवेदन से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए आगे पढ़ें :
डेंटल हाईजीनिस्ट, पद : 29 (अनारक्षित : 14)
योग्यता : मान्यता प्राप्त स्कूली शिक्षा बोर्ड से साइंस विषय के साथ दसवीं की परीक्षा पास हो।
- साथ ही डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त किसी संस्थान से डेंटल हाईजीनिस्ट कोर्स किया हो।
- मैट्रिक स्तर पर हिन्दी/संस्कृत पढ़ी होनी चाहिए।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
लैबोरेटरी टेक्निशियन, पद : 307 (अनारक्षित-133)
योग्यता : मान्यता प्राप्त स्कूली शिक्षा बोर्ड से दसवीं/बारहवीं पास होना चाहिए।
- इसके साथ के साथ ही मान्यता प्राप्त संस्थान से लैबोरेटरी टेक्निशियन डिप्लोमा प्राप्त किया हो और मैट्रिक स्तर पर हिन्दी/संस्कृत पढ़ी हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
लैबोरेटरी अटेंडेंट, पद : 28 (अनारक्षित-12)
योग्यता : फिजिक्स और केमेस्ट्री विषय के साथ मैट्रिक पास हो और हिन्दी/संस्कृत पढ़ी हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
एमपीएचडब्ल्यू (फीमेल), पद : 565 (अनारक्षित-244)
योग्यता : मान्यता प्राप्त स्कूली शिक्षा बोर्ड से आर्ट्स/मैथ/फिजिक्स/केमेस्ट्री/बायोलॉजी/बायोकेमेस्ट्री/इकोनोमिक्स/पॉलिटिकल साइंस/हिस्ट्री/जियोग्राफी/बिजनेस स्टडीज/अकाउंटेंसी/होम साइंस/सोशियोलॉजी/साइकोलॉजी/फिलोसफी और इंग्लिश कोर/इंग्लिश इलेक्टिव/साइंस/हेल्थ केयर साइंस-वोकेशनल स्ट्रीम के साथ बारहवीं की परीक्षा पास की हो।
- इसके साथ ही सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से एएनएम ट्रेनिंग कोर्स किया हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
फार्मासिस्ट, पद : 92 (अनारक्षित-42)
योग्यता : मान्यता प्राप्त स्कूल से फिजिक्स और केमेस्ट्री विषय के साथ बारहवीं पास हो।
- इसके साथ ही फार्मासिस्ट डिप्लोमा प्राप्त होने के साथ ही इंजेक्शन, ड्रेसिंग और वार्ड वर्क समेत अन्य संबंधित क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्राप्त किया हो।
- इसके अलावा फार्मासिस्ट के तौर पर हरियाणा फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।
- उम्मीदवार ने मैट्रिक स्तर तक हिन्दी और संस्कृत पढ़ी होनी चाहिए।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
रेडियोग्राफर/अल्ट्रासाउंड टेक्निशियन, पद : 197 (अनारक्षित-83)
योग्यता : फिजिक्स और केमेस्ट्री विषय के साथ साइंस में दसवीं पास हो।
- इसके साथ ही मान्यता प्राप्त संस्थान से रेडियोग्राफर डिप्लोमा प्राप्त हो और मैट्रिक स्तर पर हिन्दी और संस्कृत पढ़ी हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
हेल्थ विजिटर, पद : 08 (अनारक्षित-02)
योग्यता : फिजिक्स और केमेस्ट्री विषय के साथ दसवीं पास होने के साथ ही दक्ष ट्यूबरक्लोसिस हेल्थ विजिटर हो।
- उम्मीदवार ने मैट्रिक स्तर तक हिन्दी और संस्कृत विषय पढ़ा हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
ऑप्थाल्मिक असिस्टेंट, पद : 66 (अनारक्षित-21)
योग्यता : न्यूनतम 40 प्रतिशत अंकों के साथ प्रि-मेडिकल अथवा समकक्ष योग्यता होनी चाहिए।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट, पद : 100 (अनारक्षित-43)
योग्यता : मान्यता प्राप्त स्कूली शिक्षा बोर्ड से फिजिक्स और केमेस्ट्री विषय के साथ साइंस में दसवीं पास हो।
- इसके साथ ही पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ अथवा अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान से ऑपरेशन थिएटर असिस्टेंट का डिप्लोमा कोर्स किया हो।
- उम्मीदवार ने मैट्रिक अथवा उच्च स्तर पर हिन्दी/संस्कृत पढ़ी हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
स्टाफ नर्स, पद : 1584 (अनारक्षित-696)
- जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा प्राप्त होने के साथ ही मिडवाइफ ट्रेनिंग प्राप्त की हो।
- इसके अलावा हरियाणा नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल में ए डिविजन नर्स के तौर पर रजिस्टर्ड होना चाहिए।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
वेटरिनरी लाइवस्टोक डेवलपमेंट असिस्टेंट (वीएलडीए), पद : 546 (अनारक्षित-140)
योग्यता : दसवीं पास होने के साथ मान्यता प्राप्त संस्थान से वेटरिनरी लाइवस्टोक डेवलपमेंट असिस्टेंट डिप्लोमा प्राप्त किया हो।
- इसके साथ मैट्रिक स्तर तक हिन्दी/संस्कृत विषय पढ़ा हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
सुपरवाइजर फीमेल (मैट्रिकुलेट), पद : 19 (अनारक्षित-08)
योग्यता : दसवीं पास होने के साथ ही बाल सेविका के तौर पर ग्यारह माह की ट्रेनिंग प्राप्त की हो।
- आंगनबाड़ी केंद्र में बाल सेविका के तौर पर कार्य करने का अनुभव प्राप्त होना चाहिए।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 45 वर्ष।
सुपरवाइजर फीमेल (ग्रेजुएट), पद : 57 (अनारक्षित-23)
योग्यता : मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी अथवा संस्थान से होम साइंस/चाइल्ड डेवलपमेंट/न्यूट्रीशन में ग्रेजुएट डिग्री प्राप्त होनी चाहिए। साथ ही मैट्रिक स्तर पर हिन्दी और संस्कृत विषय पढ़ा हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम लिमिटेड (यूएचबीवीएनएल)
जूनियर सिस्टम इंजीनियर, पद : 126 (अनारक्षित-56)
- आईटी/कम्प्यूटर साइंस/अप्लीकेशंस/इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशंस में एमएससी डिग्री अथवा एमसीए डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।
- उम्मीदवार ने मैट्रिक स्तर तक हिन्दी/संस्कृत विषय की पढ़ाई की हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 18 और अधिकतम 42 वर्ष।
डिविजनल/रेवेन्यू अकाउंटेंट ऑफ दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन)
डिविजनल/रेवेन्यू अकाउंटेंट, पद : 42 (अनारक्षित-18)
योग्यता : मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी/संस्थान से कॉमर्स विषय में न्यूनतम 60 फीसदी अंकों के साथ मास्टर डिग्री प्राप्त की हो।
- इसके साथ ही दसवीं/बारहवीं के स्तर पर हिन्दी/संस्कृत विषय पढ़ा हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 18 और अधिकतम 42 वर्ष।
सब इंस्पेक्टर जनरल, पद : 409 (अनारक्षित-177)
योग्यता : मान्यता प्राप्त स्कूली शिक्षा बोर्ड से बारहवीं की परीक्षा पास होना चाहिए।
- उम्मीदवार ने दसवीं और बारहवीं के स्तर तक हिन्दी और संस्कृत विषय पढ़ा हो।
- को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट में डिप्लोमा प्राप्त कर चुके उम्मीदवारों को चयन प्रक्रिया में वरीयता दी जाएगी।
आयु सीमा : न्यूनतम 18 और अधिकतम 42 वर्ष।
स्टाफ नर्स, पद : 24 (अनारक्षित-06)
- जनरल नर्सिंग में डिप्लोमा होने के साथ मिडवाइफ ट्रेनिंग प्राप्त की हो।
- इसके साथ ही हरियाणा नर्सेज रजिस्ट्रेशन काउंसिल में ए डिविजन नर्स के तौर पर रजिस्ट्रेशन होने के अलावा दसवीं और बारहवीं के स्तर पर हिन्दी/संस्कृत पढ़ी हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 18 और अधिकतम 42 वर्ष।
एमपीएचडब्ल्यू (फीमेल), पद : 23 (अनारक्षित-09)
- इंग्लिश कोर/इंग्लिश इलेक्टिव/साइंस/हेल्थ केयर साइंस-वोकेशनल में बारहवीं पास किया हो।
- इसके साथ ही मान्यता प्राप्त संस्थान से एएनएम ट्रेनिंग कोर्स किया हो।
आयु सीमा : न्यूनतम 17 और अधिकतम 42 वर्ष।
चयन प्रक्रिया :
- लिखित परीक्षा और शैक्षणिक योग्यता, अनुभव समेत अलग-अलग पैमानों पर दिए अंकों के आधार पर योग्य उम्मीदवार चुने जाएंगे।
आवेदन शुल्क (कैटेगरी के अनुसार)
- कैटेगरी 1,2,4,5,6,8,10,14,17 और 19 के लिए :
- सामान्य और अन्य राज्यों के आवेदकों को 150 रुपये चुकाने होंगे। हरियाणा की सामान्य वर्ग की महिला आवेदकों के लिए 75 रुपये देय है।
- हरियाणा के आरक्षित वर्ग के पुरुष उम्मीदवारों को 35 और महिलाओं के लिए 18/13 रुपये देने होंगे।
- कैटेगरी 3,7,9,18 और 20 के लिए :
- सामान्य और अन्य राज्यों के आवेदकों को 100 रुपये चुकाने होंगे। हरियाणा की सामान्य वर्ग की महिला आवेदकों के लिए 50 रुपये देय है।
- हरियाणा के आरक्षित वर्ग के पुरुष उम्मीदवारों को 25 और महिलाओं के लिए 13 रुपये देने होंगे।
- शुल्क का भुगतान ई-चालन के माध्यम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, पंजाब नेशनल बैंक या आईडीबीआई बैंक की किसी शाखा में करना होगा। इसके अलावा नेट बैंकिंग के जरिए भी भुगतान संभव होगा।
- ऑनलाइन आवेदन के लिए यूआरएल लिंक ( www. recruitmentportal. in/adv152019. html) पर जाएं। अब नए पेज पर Click here to view Advt. No 15/2019 लिंक दिखाई देगा।
- इस लिंक पर क्लिक करें। ऐसा करते ही रिक्तियों से संबंधित जारी किया गया विस्तृत विज्ञापन आपकी कम्प्यूटर स्क्रीन पर खुल जाएगा।
- इस विज्ञापन को अच्छी तरह से पढ़ें और पदों के अनुसार अपनी योग्यता की जांच कर लें।
- इसके बाद विज्ञापन में दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को पूरा करें।
- ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि :
09 अक्टूबर 2019 (रात 11:59 बजे तक)
- शुल्क भुगतान की अंतिम तिथि :
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बोर्ड के अध्यक्ष कैप्टन पी.वी.के. मोहन हैं। बोर्ड के अन्य सदस्यों में अपर सचिव- पोत परिवहन मंत्रालय, संयुक्त सचिव - पोत-परिवहन मंत्रालय, महानिदेशक-पोत परिवहन, संयुक्त सचिव-वाणिज्य मंत्रालय, उप प्रमुख-नवल स्टाफ, महानिदेशक- तटरक्षक बल, अध्यक्ष- भारतीय पोत परिवनह निगम, अध्यक्ष - कोचीन शिपयार्ड, अध्यक्ष- चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट, वाइस चांसलर- भारतीय समुद्री विश्वविद्यालय, जलयान मालिक, ट्रेड यूनियन और अन्य निकायों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
एनएसबी ने हाल ही में अनेक मुद्दे उठाये हैं और सरकार को पोत परिवहन क्षेत्र से संबंधित विशेष सिफारिशें भी की हैं। हाल में बोर्ड से संबंधित मुख्य मुद्दे हैं- पाइरेसी और समुद्री सुरक्षा, तटीय पोत परिवहन नीति, राज्य समुद्री बोर्डों का गठन, लौह अयस्क जलयानों के डूबने संबंधी नीतियों में परिवर्तन, डायमंड हार्बर में कन्टेनर टर्मिनल, सागर द्वीप में बल्क पोर्ट और लक्ष्यद्वीप समूह में पूर्वी जेटीज और पऊलोटिंग ब्रेक वाटर्स आदि ।
(Release ID :5322)
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सोर घाटी में जूनून की हद तक खेलों की दीवानगी रही है. छोटे बड़े मैदानों में सुबह शाम जमा होते खिलंदड़े, अपने बदन की ताकत को एक फन में बदलते, मांसपेशियों का जोर दिखाते, भुजाओं में उभर आ रही मछलियों में ताकत को एकाग्र करतेखूब पसीना बहाते. उनकी देखादेखी कम उमर के लौंडे भी खेल के मैदान में उतरने को अपना सपना बना लेते. लड़कियां भी कम नहीं जिन्होंने हंसा मनराल की तर्ज पर कई एथेलेटिक्स में भाग लिया और जीत हासिल की.
(Surendra Singh Waldiya Pithauragarh)
गाँव देहात की आबो हवा. घर का दूध दन्याली, हर काम के लिए हाड़ तोड़ परिश्रम, चाहे वह स्कूल जाना हो, धर में उग रही साग सब्जी बाजार ले जानी हो और फिर जहां से सौदा बस्ता भी बोक के लाना हो. चढाई उतार . कांटे कुरमुले किस्म किस्म के जानवर. खड़ंजे पडंजे तो बहुत बाद में विकास की गति के साथ पड़े. पहले तो पगडंडियां थीं. आगे बढ़ने में गाड़ गधेरों का अवरोध था. नदियाँ थीं, छोटी-बड़ी जिनको पार करना हुनर मांगता था. हर जगह पुल की सुविधा नहीं देता था. पुल भी थे कई ऐसे, कि दो से तीन आदमीं चलें तो वो डगमगाए. कहीं तार झूल रहा कहीं, लकड़ी के पट्टे ऐसे चरमरा रहे कि लगे अब टूटा और नदी में जा समाया. अब जहां ऐसे पुल नहीं तो वेगवती नदी को पार करने के लिए तैर के जाना है और वह भी धारा के विरुद्ध. जिसने ये साहस कर लिया वह सपड़ गया. फिर कइयों को अपने साथ ले चला.
पिथौरागढ़ में खेल जगत की ऐसी ही एक विलक्षण प्रतिभा के रूप में उभरे सुरेंद्र सिंह वल्दिया. जिनके जूनून ने उन्हें सोर घाटी से राष्ट्रीय स्तर और फिर वैश्विक स्तर पर भी विख्यात कर दिया. उनकी चाहत उनका शौक उनकी ऊर्जा परंपरागत खेलों से हट ऐसे इवेंट में डूब उतर रही थी जिसमें वेग था, उतार चढ़ाव था, थपेड़े थे, भंवर थे और ये खेल था नौकायन जो इस इलाके में बिलकुल अनजाना था और यह डल झील या नैनीताल भीमताल में आमोद -प्रमोद के लिए की जाने वाली बोटिंग तो बिलकुल ही ना थी. बस वेगवती नदी के हर थपेड़े को सह, हर लहर को संतुलन के साथ साधते हुए बढ़ना था और वह भी अगेंस्ट द स्ट्रीम .
और खेलों को देखने- खेलने- समझने के लिए सोर घाटी में देव सिंह मैदान था.इंटर कॉलेज -डिग्री कॉलेज के, बजेटी के जैसे छिटपुट क्रीड़ांगन थे. भोर की बेला से सूरज के छुप जाने तक हर मौसम में यहाँ कुछ ना कुछ खेल चलता रहता. पिथौरागढ़ का फेमस फुट बॉल भी, जो घनघोर बारिश के आ जाने और मिट्टी कीचड़ से लथपथ होने पर भी रुकता नहीं अनवरत चलता था पूरे टाइम तक. रपट रहे हैं, फिसल रहे हैं पर खेले जा रहे हैं. और दर्शक भी देखे जा रहे हैं. भले ही भीग भाग मिट्टी से सनी ढाई किलो की फुटबॉल दन्न से आ उन्हें सुन्न ही क्योँ ना कर दे. ऐसे गुलज़ार रहते खेल के मैदानों में अक्सर तिल धरने की जगह ना होती. पर प्रेमी हैं ऐसे कि प्ले ग्राउंड की झलक दिखा देने वाले पेड़ों और दुमंजिले चौमंजिले मकानों पे चढ़ कर भी इस नज़ारे के रोमांच को रोमांस में बदल देते. आस पास की कई दुकानों में टिक्की -समोसा, बन मक्खन, चाय -कॉफी, दूध -दही की बिक्री बढ़ती रहती. देव सिंह मैदान में स्टेट बैंक बिल्डिंग का अहाता और स्टेडियम की सीढ़ियां खचाखच भरी होतीं. मैच के छूटने के साथ तमाम चर्चाओं का बखान करती बातें जो ज्यादातर खेल और खिलाडियों पर टिकी होतीं. दर्शकों में भी खेल के मैदान में जमे रहने, चीयर अप करने की अद्भुत दीवानगी थी.
(Surendra Singh Waldiya Pithauragarh)
पर सुरेंद्र को वाहवाही देने वाले इस मैदान में न होते क्योंकि उसका अभ्यास तो पानी की लहरों के साथ बंधा था. उसने अपने रिश्ते इन लहरों को तेजी से चीर होने वाले इवेंट नौकायन से जो जोड़ लिया था. सब यही कहते कि फुट बॉल खेलो, वहां कोच ही कोच हैं, टक्कर देने वाले खिलाडी हैं. धीरेन्द्र चौहान हैं, मऊ भाई साब हैं. क्रिकेट है जिसको टी वी में चिपक ही कैसे कैसे गुगलीबाज पैदा हो रहे. फिर मुक्केबाजी है. थापा जी जैसे कोच हैं जिसमें. अब ये नौकायन? काली धौली में नाव चलाएगा क्या? क्योँ रे सुरिंदर पोथिया !
पिथौरागढ़ शहर से सटा गाँव है पौण. हरियाली से भरा, समृद्ध, साग सब्जी उत्पादन में अव्वल. इसी शांत सजीले गाँव में 29 दिसंबर 1962 को श्री राम सिंह वल्दिया के घर जन्म लिया सुरेंद्र ने. और पेंतीस वर्षों की अनवरत साधना के बाद अगस्त 1997 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त कर पूरे देश में कीर्तिमान रच दिया. वर्ष 1996 के घोषित अर्जुन पुरस्कारों में नौकायन पर अर्जुन पुरस्कार उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति के. आर. नारायणन द्वारा प्रदान किया गया. पुरस्कार एवं पदकों को राष्ट्रीय -अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हासिल करने वाले जुझारू खिलाडियों की पिथौरागढ़ में कमी नहीं. पर यह उपलब्धि एक ऐसे दौर में सामने आई जब नौकायन कम से कम पहाड़ के लिए एक नई विधा थी. उन्होंने एक नया खेल और उसमें पारंगत बनने कर हुनर सामने रखा.
राष्ट्रपति के करकमलों से अर्जुन पुरस्कार ले, पहली सितम्बर 1997 को जब सुरेंद्र अपने गाँव आए तो पूरी सोर घाटी अपने ऐसे खिलाड़ी का स्वागत करने को बेताब थी जिसने एक नया रास्ता दिखाया और उन सारी मुश्किलों को पार कर आखिरकार वह लक्ष्य पा ही लिया जिसके अभ्यास के लिए सुरेंद्र ने बहुत परिश्रम किया. गुरू और कोच भी सब बाहर ही मिले. अपने शहर से उसे मिली खेल की वह अभिरुचि जो क्रीड़ा मैदान की तमाम हलचलों से घनीभूत हो कर उनके लिए एक ठोस इरादा बन उभर रही थी. जवानी आते आते पूरी तरह तैयार हो चुकी थी.
(Surendra Singh Waldiya Pithauragarh)
पिथौरागढ़ के देव सिंह कॉलेज के खेल परिसर में उनका सार्वजनिक अभिनन्दन किया गया जिसमें खेलप्रेमी व जनता उमड़ पड़ी. वैसे भी पिथौरागढ़ की जनता बड़े खुले दिल वाली और सम्मान देने में हमेशा आतुर रही. अब तो उनका मान देश विदेश तक फहरा देने वाला उनके बीच था. उनका अपना, उनके बीच पढ़ा -खेला -कूदा. युवा बस यही सोच उत्साहित थे कि अब नये खेल नये इवेंट में कुछ कर गुजरने के मौके उन्हें मिलेंगे. इतने सवाल, इतनी उत्कंठा, खेल के लिए इस हद की जागरूकता कि अपने सम्मान समारोह में सुरेंद्र भावुक हो पड़े. बोले कि राजधानी दिल्ली के अशोका हॉल में माननीय राष्ट्रपति जी के कर कमलों से अर्जुन पुरस्कार ग्रहण करने से जो ख़ुशी मुझे मिली उससे ज्यादा मुझे वह संतुष्टि मेरे जनपद के निवासियों के चेहरों में दिखाई दे रही है. जो मेरे खेल के साथ आज मेरे साथ खड़े हो गए हैं, मुझे शाबाशी दे रहे हैं. मुझे आशीर्वाद दे रहे हैं . नौकायन में अभी और कई कई मंजिलें छूनीं हैं. देश का द्रोणाचार्य पुरस्कार है तो अन्तर्राष्ट्रीय कई पदक जैसे बाट जोह रहे हैं. मेरा ही नहीं उस हर नौजवान का जो खेल में समर्पण को अपने दिल अपने दिमाग में बसा ले. बस जरुरी है कि एक लहर तो उपजे. पहाड़ के पानी और यहाँ की जवानी ने अपने मजबूत जिस्म, कदकाठी और अभावों के बीच रह कर वह ट्रेनिंग पा ली है जिसे कोई भी संस्थान तराश सकता है.
पर रास्ते इतने आसान भी नहीं होते. सबसे मुश्किल होता है जज़्बे को बनाये रखना. आज जब पहाड़ में पहले से ज्यादा नौजवान शिक्षा की सुविधा पा रहे हैं. प्रशिक्षण के रास्ते खुल रहे. वहीं दिशा हीन दिमाग भी बढ़ते जा रहे हैं जो जरा सी असफलता से नशे की ओर खिंचते जा रहे हैं. बीड़ी सिगरेट से शुरू हो कर इनमें घुल गांजे -चरस का धुवां नौजवानों में भर रहा है जो लोकल में तो होती ही है नेपाल से भी खूब आती रही है. कई अच्छे खिलाडी भी इसकी चपेट में आ अपने केरियर को चौपट कर चुके हैं. यह फेफड़ा खा जाती है तो फिर स्टैमिना कहाँ? खेल के लिए तो यही जरुरी है. संयम भी, धैर्य भी. शरीर की ताकत भी और निरन्तर अभ्यास भी. पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी ऐसे ही बर्बाद न हो उनकी ऐसी कामना है जो उनको मिले पुरस्कार से झूमते चेहरों में साफ झलक रही है. एक प्रशिक्षक की परंपरा का पालन करना अब उनके लिए द्रोणाचार्य पुरस्कार से कम न होगा.
सत्रहवाँ साल लगा सुरेंद्र को तो 1979 में एक सिपाही के रूप में बंगाल इंजीनियर ग्रुप में प्रवेश ले लिया. उनके पिता श्री राम सिंह वल्दिया भी बंगाल इंजीनियर ग्रुप में सेवारत रहे और सूबेदार मेजर, ओनरेरी कैप्टेन के पद से सेवानिवृत हुए. बंगाल अभियंता समूह में जुड़ सुरेन्द्र ने अपनी कड़ी मेहनत, आदेशों के अनुपालन और सौम्य शिष्ट व्यवहार से अपनी अलग सी पहचान बनाई जिसमें एक ठेठ पहाड़ी पन था. एक तरफ यह सरल बच्चों सा भोला भी था तो दूसरी ओर अपनी जिद और इरादे को पूरा करने में चट्टानों सा दृढ़ भी. उनकी नौकायन की अभिरूचि को उच्च प्रतिमानों तक पहुँचाने में उनके सीनियर्स कैप्टेन बी. एस. धारीवाल, कमांडर जर्नल सचदेवा, मेजर ग्रेवाल और श्री पी. के. ओबेराय का मार्गदर्शन रहा. जिनसे वो सभी बारीकियां सीखने में सुरेंद्र के पहले चार साल लगे और जिसके बाद उन्हें लगातार नई नई लहरों को छू जाने उन्हें पार कर जाने का अवसर मिला.
(Surendra Singh Waldiya Pithauragarh)
1983 में पूना में आयोजित नेशनल चैंपियन शिप में वह चौथे स्थान पर रहे तो अगले ही बरस कोलकाता के आयोजन में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता. यह उनका टेक ऑफ था. 1985 में मद्रास, 1986 में हैदराबाद, 1987 में पूना में हुए राष्ट्रीय आयोजन में उन्होंने लगातार स्वर्ण पदक जीता. 1988 व 1989 में उन्हें कांस्य पदक मिले थे.
1985 के राष्ट्रीय खेलों की प्रतिस्पर्धा में नई दिल्ली में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता. इसी के बाद अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनकी हिस्सेदारी बढ़ी. 1986 में सियोल कोरिया में आयोजित दसवें एशियाई खेलों में उन्होंने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया तो पहली एशियन नौकायन प्रतियोगिता में, जो हांगकांग में संपन्न हुई में उन्होंने कांस्य पदक जीत लिया. फिर तीसरी एशियन नौकायन प्रतिस्पर्धा, चंडीगढ़ में पुनः कांस्य पदक जीता. 1989 में स्विट्ज़रलैंड में संपन्न सारनेन इंटरनेशनल में उनको रजत पदक मिला. 1990 के एशियाई खेल जो बीजिंग में संपन्न हुए वह कांस्य पदक जीत लाये. तो इसी बरस मॉस्को इंटरनेशनल में उन्होंने चौथा स्थान प्राप्त किया. इससे पहले 1984 -1985 में कोलकत्ता व स्विट्ज़रलैंड में आयोजित एमे च्योर रोइंग ऎसीयन ऑफ द ईस्ट में वह दोनों बार स्वर्ण पदक प्राप्त कर चुके थे.
(Surendra Singh Waldiya Pithauragarh)
1990 के दशक में वह एक प्रशिक्षक के रूप में उभरे. उनके मार्गदर्शन में नौकायन की बारीकियां समझने और तकनीक के स्तर पर इस क्रीड़ा को अधिक लोकप्रिय बनाने पर उनका सारा ध्यान केंद्रित रहा.1991, 1992, 1996व 1997 में आयोजित राष्ट्रीय नौकायन चैंपियनशिप में उन्हें स्वर्ण व रजत पदक मिले. बैंगलोर में आयोजित 1997 के राष्ट्रीय खेलों में उन्हें चार स्वर्ण पदक मिले. वहीं 1993 से 1996 के बीच सियोल, यूक्रेन, चीन व जापान की अन्तर्राष्ट्रीय समागम गतिविधियों में हिस्सेदारी कर अपना विशेष स्थान बनाये रखा.
नौकायन में उनकी अभिरुचि अपनी इच्छित पराकाष्ठा तक पहुंची. उनके धैर्य और आत्मविश्वास का प्रदर्शन हुआ और इसके प्रतिफल में उन्हें अर्जुन पुरस्कार मिला. नौकायन के क्षेत्र में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले वह पांचवे विजेता रहे. 1983 में पहला अर्जुन पुरस्कार नौकायन में श्री पी के ओबेराय को मिला जिन्होंने सुरेंद्र सिंह वल्दिया को प्रशिक्षित किया और शिष्य ने गुरू का मान बढ़ा स्वयं भी यह सम्मान प्राप्त किया. सुरेंद्र ने अपने खेल का प्रदर्शन और सहभागिता अठारह देशों में किया और अपने पथ के हज़ारों अनुयायी बनाये. पहाड़ के पानी और जवानी की सफलता गाथाओं में उनका नाम है और बना रहेगा.
(Surendra Singh Waldiya Pithauragarh)
जीवन भर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुल महाविद्यालयों में अर्थशास्त्र की प्राध्यापकी करते रहे प्रोफेसर मृगेश पाण्डे फिलहाल सेवानिवृत्ति के उपरान्त हल्द्वानी में रहते हैं. अर्थशास्त्र के अतिरिक्त फोटोग्राफी, साहसिक पर्यटन, भाषा-साहित्य, रंगमंच, सिनेमा, इतिहास और लोक पर विषदअधिकार रखने वाले मृगेश पाण्डे काफल ट्री के लिए नियमित लेखन करेंगे.
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ब्यूनस। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एफआईएच प्रो लीग के दूसरे मुकाबले में ओलंपिक चैंपियन अर्जेटीना को 3-0 से हरा दिया। इस मुकाबले में भारत की ओर से हरमनप्रीत सिंह, ललित उपाध्याय और मनदीप सिंह ने एक-एक गोल किए।
इस मुकाबले में भारतीय टीम ने आक्रामक शुरुआत की और मैच के 11वें मिनट में हरमनप्रीत ने गोल कर टीम को बढ़त दिलाई। हरमनप्रीत को दो दिनों में यह तीसरा गोल था। दूसरे क्वार्टर में अर्जेटीना ने बराबरी की कोशिश की और भारतीय टीम पर दबाव बढ़ाया। हालांकि मैच के 25वें मिनट में ललित उपाध्याय ने एक और गोल कर भारत की बढ़त 2-0 कर दी। मध्यांतर तक भारतीय टीम 2-0 की अपनी बढ़त बरकरार रखने में सफल रही। मध्यांतर के बाद भारतीय टीम ने अर्जेटीना को रोके रखा। मैच के 58वें मिनट में मनदीप ने गोल कर टीम को 3-0 से आगे कर दिया और यही स्कोर निर्णायक साबित हुआ।
इससे पहले भारतीय टीम ने रविवार को अर्जेटीना को पेनल्टी शूटआउट में 3-2 से हराया था। भारतीय टीम अब अर्जेटीना के खिलाफ 13 और 14 अप्रैल को दो मैत्री मैच खेलेगी। इसके बाद भारतीय टीम लंदन में आठ और नौ मई को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ प्रो लीग के मुकाबले खेलेगी।
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नई दिल्ली में चलती बस में गैंग रेप के मुख्य आरोपी राम सिंह समेत तीन आरोपियों को रविवार को 14 दिनों की हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया गया। खबर है कि तिहाड़ में बंद कैदियों को जैसे ही राम सिंह के आने का पता लगा, उन्होंने उसकी जमकर पिटाई कर डाली।
तिहाड़ जेल के एक ऑफिसर ने बताया कि राम सिंह को दूसरे कैदियों के साथ न रखकर हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। उन्होंने बताया कि राम सिंह के जेल में आते ही कैदियों के बीच यह खबर आग की तरह फैल गई। कई कैदियों ने उसे गालियां दी और कुछ ने उसे घेरकर पीट डाला। जेल के सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह उसे बचाया।
गौरतलब है कि रविवार को गैंगरेप के तीन आरोपियों को साकेत कोर्ट में ने 14 दिनों की हिरासत में जेल भेज दिया। राम सिंह के तिहाड़ में जेल नंबर 3 में रखा गया है। रेप के अन्य आरोपियां अक्षय ठाकुर को जेल नंबर-4 और विनय शर्मा एवं पवन गुप्ता को जेल नंबर-7 में रखा गया । गौरतलब है कि जेल नंबर-7 में 18 से 21 साल तक के विचाराधीन कैदियों को बंद किया जाता है।
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