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कोरोना का नया वैरिएंट किस तरह का है यह जानने के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग कराई जाती है। प्रयागराज में ओमिक्रॉन का खतरा है या नहीं यह किसी को पता नहीं है, क्योंकि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए लिए जो सैंपल लखनऊ के KGMU (किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) के लैब में भेजे गए थे उनकी रिपोर्ट नहीं हो सकी। KGMU की ओर से प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज को स्पष्ट मना कर दिया गया है कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए यहां लैब न भेजें। लोड अधिक होने की वजह से सैंपलों की जांच यहां नहीं हो पाएगी। यही कारण है कि जनपद में ओमिक्रान का खतरा किस हद तक है यह जानकारी ही नहीं हो पा रही है। बताया यह भी जा रहा है कि फंड न होने की वजह से पांच लैब को बंद कर दिया गया है।
प्रयागराज से जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए कुल 29 सैंपल KGMU की लैब में एक माह पहले ही भेजे गए थे लेकिन लैब की ओर से कोई जांच नहीं की गई। एक या दो सैंपलों के रिपोर्ट में सिर्फ नॉट प्रोसेसिंग लिखकर भेज दिया गया। KGMU की ओर से माइक्रोबायोलाजी लैब को यह पत्र भेजकर स्पष्ट कर दिया गया कि वह जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए सैंपल यहां न भेजें। इसी पत्र को संज्ञान लेत हुए प्रयागराज से एक भी सैंपल अब जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए नहीं भेजे जा रहे हैं।
जीनोम जीक्वेसिंग एक तरह का टेस्ट ही होता है। यह किसी कोरोना संक्रमित के सैंपल के जरिए माइक्राेबायोलाॅजी लैब में यह पता लगाने का प्रयास किया जाता है कि कोरोना का वैरिएंट किस तरह का है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए 29 सैंपल तो भेजे गए लेकिन उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसे में संशय बना हुआ है कि प्रयागराज में ओमिक्रान ने दस्तक दे दी है या नहीं।
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लखनऊ : पहले से दाम कुछ कम थे क्या जो और तेल और शराब के दामों में वृद्धि करके और कितना सरकार कोरोना का मार झेल रही जनता पर बोज डालेगा। आज उत्तर प्रदेश कैबिनेट मंत्री, सुरेश खन्ना ने बढे हुए दाम के कारण राजस्व में कितनी वृद्धि होगी इसका पूरा विवरण दिया।
मंत्री ने कहा 470 करोड़ लीटर पेट्रोल , 1130 करोड़ लीटर डीज़ल की खपत उत्तर प्रदेश में रही है । वृद्धि होने से 2070 करोड़ रुपये का राजस्व अधिक प्राप्त होगा। शराब का सेवन करने वालो के लिए जानकारी : विदेशी रेगुलर में 50 रुपये प्रति बोतल बढ़ाया गया। 500 ml से अधिक पर विदेशी इंपोर्टेड बोतल पर 400 रुपये बढे।शराब पर बड़े दाम से 2350करोड़ का राजस्व उत्तर प्रदेश सरकार को मिलेगा मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दी।
किसानों की आय की वृद्धि के लिए सरकार का एहम फैसला। मंडी अधिनियम में संशोधन का प्रस्ताव हुआ पास। बढ़ोतरी से 2070 करोड़ का अतिरिक्त रेवेन्यू यूपी सरकार को प्राप्त होगा मंत्री सुरेश खन्ना ने जानकारी दिया। सुरेश खन्ना का कहना है की, यूपी सरकार ने अपने संसाधनों को बढ़ाने के लिए पैसे बढ़ाएं है। आज रात 12:00 बजे से बढ़ी हुई कीमतें लागू हो जाएंगे।
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भारत की जोड़ी पहुंची फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के प्री क्वार्टर फाइनल में!
फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के प्री क्वार्टर फाइनल में भारत के दो टेनिस खिलाड़ी पूरव राजा और दिविज शरण की जोड़ी प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई है, इन्होने ऑस्ट्रिया के ओलिवर मराच और क्रोएशिया के मेट पाविच को 6-4, 3-6, 6-4 से हराया है. वही भारत के सीनियर टेनिस खिलाडी लिएंडर पेस पुरुष युगल से बाहर हो गये है.
भारत की इस जोड़ी ने ऑस्ट्रिया के ओलिवर मराच और क्रोएशिया के मेट पाविच को महज 11 मिनट में ही हरा दिया था. वही भारत के सीनियर खिलाडी पेस और उनकी अमेरिकी जोड़ी स्काट लिप्स्की को स्पेन के टामी रोबरेडो और डेविड मारेरो की जोड़ी से 6-7 2-6 से हार गए.
बता दे आपको अब राजा और शरण का मुकाबला पोलैंड के लुकास कुबोट और ब्राजील के मार्सेलो मेलो से होना है.
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पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड का दसवीं का नतीजा 24 मई को घोषित किया जाएगा। बोर्ड ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। इससे पहले बोर्ड ने बारहवीं का रिजल्ट भी निर्धारित समय में घोषित किया था। बोर्ड के वाइस चेयरपर्सन सुरेश टंडन ने इसकी पुष्टि की है। बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में इस बार करीब तीन लाख स्टूडेंट्स अपियर हुए थे। बोर्ड दो कैटेगरी में रिजल्ट घोषित करेगा। अकादमिक के अलावा स्पोर्ट्स कैटेगरी का रिजल्ट भी घोषित किया जाएगा। 24 को रिजल्ट की घोषणा की जाएगी।
25 मई को स्टूडेंट्स वेबसाइट पर रिजल्ट देख सकेंगे। वहीं करीब दस दिन बाद बोर्ड स्कूलों को रिजल्ट भेजेगा। बोर्ड ने विद्यार्थियों को रिजल्ट की जानकारी ई-मेल और एसएमएस से देना का भी इंतजाम किया है। जिसकेलिए विद्यार्थियों को बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा।
होम पेज पर रिजल्ट का कॉलम होगा। वहां अपना सारा ब्यौरा भरने के बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इसके लिए कोई फीस वसूल नहीं की जाएगी। बोर्ड ने इस बार रिजल्ट जल्द घोषित करने केलिए पूरा जोर लगाया था। जिन सेंटरों की परीक्षा नकल के कारण रद्द हुई थी, वहां परीक्षा जल्द कराई गई। उसके बाद टेबल मार्किंग का काम भी जल्द निपटाया गया था।
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कॉग्रेस और योरप का दूसरा महायुद्ध
छिडी नही और चेम्बरलेन ने चेकोस्लोवाकिया को हिटलर का शिकार छोडकर सुलह कर लिया । अब काँग्रेस को कुछ निश्चय करना होगा। उधर जवाहरलालजी इस समय चीन गये हुए थे । गाधीजी की वाइसराय से मुलाकात हुई। वर्किंग कमिटी की बैठक वर्षा में की गयी। मै बीमार तो था, पर किसी तरह से वर्धा पहुँच गया । महात्माजी ने श्री महादेव देसाई को भेजा कि चाहे जिस तरह हो सके, मुझे वह जरूर वर्षा ले आवे । वकिंग कमिटी की बैठक कई दिनो तक चली। इसी बीच मे श्री जवाहरलाल नेहरू भी चीन से वापस आ गये। मामला बहुत गहन था । यह सोचा गया कि यद्यपि श्री सुभाष चन्द्र बोस कॉग्रेस से अलग है तो भी इस मौके पर उन्हे भी बुलाना चाहिए और उनकी राय भी लेनी चाहिए। कॉग्रेस के दूसरे प्रमुख व्यक्ति भी, जो वर्किंग कमिटी के साथ नही थे, बुला लिये गये ।
गाधीजी ने वाइसराय से मुलाकात के बाद एक वक्तव्य प्रकाशित किया था जिसमे उन्होंने इंगलैंड के प्रति सहानुभूति दिखलाई थी और यह भी कहा था कि हमको इंगलैंड की मदद बिना शर्त करनी चाहिए। इससे कुछ लोगो को गलतफहमी हुई। पीछे जब कॉग्रेस कमिटी की ओर से इस बात की माँग पेश की गयी कि ब्रिटिश सरकार युद्ध-विषयक और युद्धोत्तर शान्ति सम्बन्धी अपने विचार तथा उद्देश्य साफ बतला दे तभी हिन्दुस्थान दिल खोलकर मदद कर सकेगा, तो अँगरेजो को यह कहने का मौका मिला कि गाधीजी अपने प्रकाशित वक्तव्य से हट गये । काँग्रेसियो मे बहुतो को यह बात पसन्द नही आयी कि इस तरह बिना शर्त मदद इस साम्राज्यवादी लडाई मे देना उन्होंने स्वीकार कर लिया था । बात यह थी कि दोनो पक्षो का विचार आशिक था । गाधीजी ने यह कभी नहीं सोचा था कि हिन्दुस्थान से रुपये और आदमी की मदद दी जायगी । वह समझते थे कि इस युद्ध मे हिन्दुस्थान-ऐसे पराधीन देश की सहानुभूति अँगरेजो के लिए एक ऐसी कीमती चीज होगी जो सारे ससार की सहानुभूति उनके साथ ला सकेगी। उन्होने इसी सहानुभूति की बात सोच थी, पर इसमे शक नहीं कि उस समय इस तरह के बयान से लोगो मे कुछ खलबली पैदा हुई थी।
वर्किंग कमिटी के सामने प्रश्न था कि वह इस युद्ध के सम्बन्ध मे क्या रुख रखेगी, काँग्रेस युद्ध में मदद करेगी कि नही, यदि करेगी तो बिना शर्त के अथवा के किसी शर्त के पूरा होने पर ? मदद का रूप क्या होगा? काँग्रेस ने अपने ध्येय मे अहिंसा को ही साधन माना है। इस हिसात्मक युद्ध मे एक अहिंसात्मक सस्था कैसे और कौन-सी मदद कर सकती है ? इत्यादि-इत्यादि । कमिटी कई दिनो के विचार । के बाद एक निश्चय पर पहुँची और एक ठहराव स्वीकार किया। उसमे नात्सीवाद और फासिस्टवाद के प्रति अपना विरोध प्रकट करते हुए कमिटी ने साम्राज्यवाद के प्रति भी अपना विरोध जताया और ब्रिटिश राज्य से आग्रह किया कि भारतवर्ष की जनता को इस युद्ध में दिल से मददगार बनाने के लिए वह युद्ध सम्बन्धी अपने उद्देश्यो को साफ-साफ बतला दे।
इस ठहराव की भाषा बहुत ही सुन्दर और भाव भी अत्यन्त परिष्कृत तथा उपयुक्त थे। इसका श्रेय विशेषकर प० जवाहरलाल को ही था जिन्होने मसविदा तैयार किया था। उसी अधिवेशन में यह स्पष्ट हो गया कि काँग्रेस अपनी अहिंसा की नीति के कारण इस युद्ध मे ब्रिटिश सरकार की मदद करने से इनकार नही कर सकती और यदि मौका मिला तो वह हथियार की मदद करने से भी नहीं हिचकेगी। यह कह देना इसलिए आवश्यक है कि इसके बाद जब-जब मौका आया, काँग्रेस के अँगरेज विरोधी - विशेषकर भारतमत्री मि० एमरी और भारत सरकार के उच्च कर्मचारी जिनमे लार्ड लिनलिथगो भी शामिल थे -- यह कहने से न हिचके कि गाधीजी की अहिंसा के कारण ही काँग्रेस मदद नही देती । यह ठीक है कि उस बैठक में यह बात इतनी स्पष्ट नही हुई थी, पर उस ठहराव से यह स्पष्ट था कि ब्रिटिश सरकार यदि सन्तोषजनक तरीके से अपने उद्देश्यो को प्रकट कर देगी तो कॉंग्रेस को मदद देनी ही पडेगी और उस मदद का रूप हिंसात्मक हुए बिना नही रहेगा । उस समय सारे देश मे - विशेषकर कॉग्रेसी लोगो मे से बहुतेरो मे - ब्रिटेन के प्रति सहानुभूति थी और यदि ब्रिटिश साम्राज्यवादी इसका थोडा भी परिचय दे देते कि वे सचमुच यह लडाई प्रजातत्र के लिए कर रहे थे, जैसा कि उस समय इंगलैंड के कुछ प्रमुख राजनीतिज्ञ और समाचारपत्र गला फाड-फाडकर चिल्ला रहे थे, तो भारत के प्राय सभी लोग उनके साथ दिल खोल करके हो जाते । परन्तु दुनिया की सहानुभूति पाने के लिए तो यह लडाई प्रजातत्र स्थापित करने के लिए की जा रही थी, और वास्तविक रूप मे वह ब्रिटिश साम्राज्य की रक्षा तथा पुष्टि के लिए ही की जा रही थी, जैसा पीछे स्पष्ट होता गया !
इस प्रस्ताव के बाद मुझे प्रेसिडेण्ट की हैसियत से दो बार लार्ड लिनलिथगो से मिलने का मौका मिला - एक बार प० जवाहरलालजी के साथ और दूसरी बार महात्मा गावी तथा मि० जिन्ना के साथ । उस समय लार्ड लिनलिथगो भारत के सभी दलो और सभी तरह के विचारवाले लोगो से मिलकर लडाई मे हिन्दुस्थान की मदद की बात करते थे और चाहते थे कि हिन्दुस्थान के लोग राजीखुशी से मदद करे और किसी प्रकार की गडबडी न होने दे । लडाई शुरू होते ही बिना किसी से पूछे और परामर्श किये ही उन्होने ब्रिटिश सरकार की ओर से घोषणा कर दी थी कि हिन्दुस्थान भी लडाई में शरीक है ! हिन्दुस्थान की धारा-सभा ( लेजिसलेटिव असम्बली) कायम थी। सभी सूबो मे १९३५ के विधान के अनुसार मंत्रिमण्डल काम कर रहे थे, जिनमे ११ मे से ८ सूबों मे काँग्रेसी मत्रिमण्डल स्थापित थे। किसी से न पूछा गया और न राय ली गयी, मानो हिन्दुस्थान की किसी सस्था अथवा किसी व्यक्ति को इस लडाई से कोई सम्बन्ध ही न था । बिना पूछताछ के ही हिन्दुस्थान को भी लडाको मे दाखिल कर दिया गया ! काँग्रेस कमिटी भी बहुत क्षुब्ध थी । हिन्दुस्थान के दूसरे लोग भी इसे पसन्द नही करते थे। ऐसी अवस्था मे जब तक उनका मतलब स्पष्ट न हो जाय, कुछ भी किसी के लिए करना न सभव था और न उचित ।
लार्ड लिनलिथगो पीछे इसीलिए लोगो से राय-बात करने लगे। उन्होने देश की राजनीतिक संस्थाओं को सतुष्ट करने के लिए यह योजना भी रखी कि उनकी (वाइसराय की) कार्यकारिणी (एग्जिक्युटिव) कौन्सिल की सदस्य संख्या बढा दी जायगी और उसमे अधिक हिन्दुस्थानी ले लिये जायेंगे, पर साथ ही वह इस बात पर दृढ रहे कि उनके नये या पुराने सदस्यों के अधिकार में कोई परिवर्तन नही होगा, उनके विचार से ये सदस्य अपने-अपने विभाग के सरदारमात्र है, इनको कोई स्वतंत्र अधिकार प्राप्त नही है और कौन्सिल की बैठक तो केवल सभी सदस्यो को एक-दूसरे विभाग की कार्रवाइयो से परिचित कराने के लिए ही होती है, वहाँ कुछ बातो पर वे सिर्फ विचार कर सकते है, पर सभी महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के निपटारे का भार अन्त मे वाइसराय पर ही है और उनको ही अधिकार भी प्राप्त है - लडाई के जमाने मे वह कोई वैधानिक परिवर्तन करने की संभावना नही देखते थे और इसलिए जो कुछ हो सकता था वह १९३५ के विधान के अन्दर ही हो सकता था ।
कॉंग्रेस की माँगे दो थी। ब्रिटिश सरकार के लडाई के उद्देश्यो के स्पष्टीकरण के साथ-साथ भारत की स्वतंत्रता के सम्बन्ध मे काँग्रेस चाहती थी कि भविष्य की योजना के लक्ष्य को स्पष्ट तरीके से स्वतंत्रता का रूप दे दिया जाय और साथ ही साथ अभी तत्काल भारत के प्रतिनिधियों को ऐसे शासन सम्बन्धी अधिकार मिल जायँ जिनके द्वारा वे सचमुच भारत की इच्छा के अनुसार यहाँ प्रबन्ध कर सके और सच्ची मदद लडाई मे भी कर सके। भविष्य की घोषणा के महत्व को कुछ कम भी कर दिया जाय तो भी जब तक तत्काल अधिकार न मिल जायेंगे, लडाई मे जनता की दिलचस्पी न होगी और वह दिल से मदद नही कर सकेगी। उस समय से आज तक काँग्रेस की नीति लडाई में बाधा पहुँचाने की कभी नही रही है। कॉग्रेस ब्रिटिश साम्राज्यवाद को भी ससार के लिए कोई श्रेयस्कर वस्तु नही मानती है - उसने कम से कम पिछले २०-२५ बरसो मे कभी नही माना है - वह साम्राज्यवाद के बदले मे सच्चे प्रजातत्रवाद की हिमायती रही है और है - वह चाहती है कि ब्रिटिश साम्राज्यवाद परिवर्तित होकर सच्चे प्रजातत्रबाद का रूप उन देशो और उपनिवेशो के लिए धारण कर ले जो आज इस साम्राज्यवाद की ऍडियो के नीचे कुचले जा रहे हैं, जिनमे भारत मुख्य है और स्वाभाविक रीति से यहाँ की राष्ट्रीय संस्थाएँ इसी उद्देश्य को प्राप्त करना अपना कर्त्तव्य मानती है । अँगरेज भी इस उद्देश्य की निन्दा नहीं करते, वे भी इनकी स्वतंत्रतो अपना उद्देश्य मानते है । वे केवल यह कहते है कि अभी भारत तथा दूसरे देश जो उनके कब्जे में है इस योग्य नही हुए है कि उनको स्वतंत्रता दी जा सके और इसलिए अँगरेज अपना कर्त्तव्य समझते है कि उनको जब तक यह योग्यता प्राप्त न हो जाय तब तक उनके शासन का भार अपने ऊपर वे रखे। हम भारतवासी इस बात को मानने के लिए तैयार नही है और यही हमारे मतभेद तथा सघर्ष का कारण है। लडाई के आरंभ में प्रजातंत्र की लम्बीचौडी बाते की गयी, काँग्रेस ने एक प्रश्न करके इस प्रचार का भडाफोड कर दिया ।
प्रश्न केवल इतना ही था कि क्या यह प्रजातंत्र भारत के लिए भी होगा -एशिया और अफ्रिका की पददलित जातियों के लिए भी होगा -- अथवा केवल अँगरेजो और योरपनिवासियो के लिए ही होगा - यदि एशिया और अफ्रिका के लोगो के लिए भी होगा तो खुलकर स्पष्ट शब्दो मे कह दिया जाय, और इसका आश्वासन अभी यथासाध्य अधिकार सौपकर अमली तरीके से सभी लोगो को दे दिया जाय ।
१९३९ के नवम्बर से १९४२ तक इसी प्रश्न का सन्तोषजनक उत्तर काँग्रेस और हिन्दुस्थान को नही मिला। शब्दो के आडम्बर मे पहले असली मकसद को छुपा रखने का प्रयत्न किया गया । वह मकसद था ब्रिटिश साम्राज्य को अक्षुण्ण बनाये रखने का । जैसे-जैसे समय बीतता गया, यह बात साफ होती गयी। उस समय लार्ड लिनलिथगो ने हजार कोशिश की, पर कोई भी राजनीतिक दल उनके प्रस्ताव से सन्तुष्ट नहीं हुआ। हॉ, मुस्लिम लीग को खुश करने के लिए उन्होंने कुछ दिन के बाद एक घोषणा कर दी कि १९३५ के विधान पर लडाई के बाद सरेनव से विचार किया जायगा । उस विधान का काँग्रेस ने भी जबरदस्त विरोध किया था और शायद कुछ नरमदलवालो के सिवा किसी राजनीतिक दल ने उसके अनुसार काम करने की रजामन्दी जाहिर नही की थी। इसलिए, लडाई के बाद उसको एक प्रकार से आमूल सशोधित और परिवर्तित करने का वादा करके उन्होने केवल मुस्लिम लीग को ही नही, शायद दूसरो को भी सन्तुष्ट करने का प्रयत्न किया हो । पर ऐसा मालूम नही होता, क्योकि उनकी उस समय की और पीछे की कार्रवाइयों से एक ही नतीजा निकलता है । वह चाहते थे कि कांग्रेस के मुकाबले मे वह एक दूसरी सस्था खडी कर दे और इघर हिन्दुस्थान से कहे कि जब तक ये दोनो मिलकर एक मॉग पेश नही करती, हम कुछ भी करने से मजबूर है तथा उधर दूसरी ओर दुनिया को भी बता सके कि अँगरेज तो अधिकार देने के लिए तैयार है मगर हिन्दुस्थान के लोग इतने नालायक है कि वे आपस मे मेल ही नहीं कर सकते, इसलिए वहीं ब्रिटिश सरकार का अधिकार अक्षुण्ण रखना आवश्यक एव अनिवार्य है। इसमे लार्ड लिनलिथगो अपने समय मे बहुत हद तक सफल भी हुए है । उस समय इन मुलाकातो का नतीजा यही निकला कि कोई सन्तोषजनक उत्तर हमको ब्रिटिश सरकार की ओर से नही मिला । जो घोषणा उन्होने गवर्नमेण्ट की तरफ से निकाली थी उसके सम्बन्ध मे हमको साफ-साफ कह देना पड़ा कि उससे हम सन्तुष्ट नही है ।
वाइसराय से मिलने के बाद हमको यह भी निश्चय करना पड़ा कि काँग्रेसी लोग मत्रिमण्डल मे नही रह सकते और शासन का भार सूबो मे भी अपने ऊपर नही रख सकते। इस निश्चय पर बहुत सोच-विचार के बाद ही वर्किंग कमिटी और अखिल भारतीय कमिटी पहुँची थी। कुछ लोग काँग्रेस के अन्दर ऐसे थे जो इस नीति को पसन्द नही करते थे। उनका विचार था कि जो थोडे - बहुत अधिकार हमारे हाथ मे आये है उनको छोडना नही चाहिए। वे यह भी सोचते थे कि अपने हाथो में इन अधिकारी को रखकर हम देश की अधिक सेवा कर सकेगे और लडाई से जो नुककाँग्रेस और योरप का दूसरा महायुद्ध
सान हमे पहुँच सकता है उससे बचने मे अथवा लडाई से जो लाभ हम उठा सकते है उसे प्राप्त करने मे - दोनो ही मे, अधिकार रखकर ही, हम अधिक कारगर हो सकते है । पर ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम थी। अधिक लोगो का विचार था कि जैसे-जैसे लडाई गरुआती जायगी, सूबो के अधिकार केन्द्रीय सरकार अपने हाथो मे लेती जायगी, मत्रिमण्डल अपने सूबो मे कुछ काम बनाने का अधिकार तो रख नही सकेगे, पर जो कुछ बिगडेगा उसकी जवाबदेही उनके सिर पर आती जायगी केन्द्रीय सरकार में हिन्दुस्थानियों को कोई अधिकार मिलता नही दीखता, इसलिए वहाँ से जो कोई भी हिन्दुस्थानी सदस्य वाइसराय के साथ काम करेगा उसे युद्धमत्री और वाइसराय के हाँ मे हाँ मिलाने के सिवा और कुछ करने का मौका नही मिलेगा, वह चाहे भी तो प्रान्तीय मत्रिमण्डलों की कोई विशेष मदद न कर सकेगा, लडाई के लिए जनता से पूरी मदद की आशा की जायगी, जनता खुशी से मदद देगी नही, क्योकि उसके सामने न तो भविष्य की कोई उज्ज्वल आशा है और न वर्तमान मे उसके प्रतिनिधियो को कोई अधिकार है, इसलिए जब वह ब्रिटिश सरकार के आज्ञानुकूल मदद नहीं दे सकेगी तो मत्रिमण्डलों को जनता के साथ कुछ जोर-जबरदस्ती भी करनी पडेगी, यह कोई भी सच्ची लोकसेवा का व्रत लेनेवाली सस्था ऐसी अवस्था मे नही करेगी, इसलिए काँग्रेसी मत्रिमण्डल भी ऐसा करने में असमर्थ होगे - ब्रिटिश गवर्नमेण्ट को भी लड़ाई लड़ना ही है और उसे मदद चाहे वह खुशी से दी जाय अथवा जबरदस्ती ली जाय - मिलनी ही चाहिए, वह मत्रिमण्डलो से इस मदद की आशा रखेगी ही और यदि उसकी आशा पूरी न होगी तो स्वभावत क्षोभ होगाअत अच्छा यही होगा कि हम इस सूखी जवाबदेही को अपने ऊपर न ले, नही तो हमको जनता और ब्रिटिश गवर्नमेण्ट दोनो के लात-जूते सहने पडेगे और अगर वह न सहना पड़ा तो कम से कम दोनो की फटकार अवश्य खानी पडेगी- विशेषकर ऐसी दशा मे जब हम काँग्रेसी लोग उस परिस्थिति को, जो आज कायम है और जो लडाई के कारण और भी जटिल हो जानेवाली है, संभालने की शक्ति से वंचित रखे जा रहे है, और यदि किसी का यह विचार हो कि ब्रिटिश गवर्नमेण्ट सचमुच भारतवर्ष के साथ न्याय करना तथा उसे स्वतंत्र बना देना चाहती है, तो इसका सबूत उसकी कार्रवाइयों से मिल जायगा और यदि वह नहीं चाहती है तो काँग्रेस का हट जाना ही ठीक होगा ।
वर्किग कमिटी और अखिल भारतीय कमिटी ने निश्चय कर लिया कि कांग्रेस के प्रश्नो का यदि सन्तोषजनक उत्तर नही मिला तो उसे काँग्रेसी मत्रिमण्डलो को इस्तीफा देकर हट जाने के लिए मशविरा देना पडेगा। वर्धा मे अखिल भारतीय कमिटी की बैठक हुई। उसने वर्किंग कमिटी को अधिकार दे दिया कि इस बात का वह निर्णय करे और आवश्यकता पड़ने पर मंत्रिमण्डलो को इस्तीफा देने का आदेश दे। जब बाइसराय से बातचीत और गवर्नमेण्ट की घोषणा के बाद से वर्किंग कमिटी को सन्तोष नही हुआ तो उसने काँग्रेसी मत्रिमण्डलों को सूचना दे दी कि अपने-अपने प्रान्त की
धारा-सभाओ मे वे देश की माँग का समर्थन करावे और उसके बाद इस्तीफा दे दे। उन्होने ऐसा ही किया। १९३९ के नवम्बर मे सभी सूबों के काँग्रेसी मत्रिमण्डल टूट गये । काँग्रेस का बहुमत इतना था कि कोई दूसरा मंत्रिमण्डल बन नही सकता था; क्योंकि बनते ही उस पर अविश्वास प्रकट किया जा सकता था । साथ ही, शायद गवर्नर लोग और वाइसराय यही पसन्द करते थे कि इस प्रकार के मंत्रिमण्डल के बनिस्बत, जो कभी चूँचे ही कर सकते थे, किसी भी मत्रिमण्डल का न रहना ही उनके लिए अच्छा होगा- उनको अपनी मनमानी करने का पूरा मौका रहेगा। इसलिए उन्होने उन सभी सूबों मे विधान की ९३वी धारा के अनुसार अनुशासन अपने हाथो मे ले लिया । अब केवल काम-काज चलाने का ही नहीं, नये कानून बनाने और पुराने को बदलने या रद करने का भी पूरा अधिकार गवर्नरी के हाथ मे आ गया । लडाई आरभ होते ही ब्रिटिश गवर्नमेण्ट ने १९३५ के विधान में एक दिन मे सशोधन कर लिया था जिसका नतीजा यह होता था कि जब कभी वाइसराय चाहे, प्रान्तीय सरकारों के अधिकार अपने हाथो में कर सकते है अथवा उनसे अपनी आज्ञाओ का पालन करा सकते है। यह युद्ध की नाजुक परिस्थिति के नाम पर किया गया था, पर मतलब साफ था और जब मत्रिमण्डलों ने इस्तीफा दे दिया तो उनका रास्ता और भी साफ हो गया ।
कुछ लोग आज भी जोर देकर कहते है कि यदि मत्रिमण्डल इस्तीफा न दिये होते और अपने स्थानो पर डटे रहते तो जो घाँधली और ज्यादतियाँ लडाई के नाम पर सूबो मे हुई है और की गयी है वे नही होने पाती । जो लोग इस तरह की बाते करते हैं वे विधान के इस सशोधन को भूल जाते है और यह भी भूल जाते है कि जहाँ मत्रिमण्डल कायम रहे है वहाँ भी केन्द्रीय सरकार की घॉवली चली है - बगाल का मंत्रिमण्डल इसका जीता-जागता सबूत है । वहाँ मत्रिमण्डल बनाने और तोडने मे गवर्नर ने पूरा हाथ बँटाया है। वहाँ की जनता लाखो की संख्या मे दानादाना बगैर मरी है - मंत्रिमण्डल न उन कारणो को ही दूर कर सका जिनसे वहाँ का भयकर दुर्भिक्ष पैदा हुआ और न अकाल पड जाने पर तब तक जनता की बुछ सहायता ही कर सका जब तक केन्द्रीय सरकार ने इसमे हाथ नहीं लगाया - सब तथाकथित अधिकारो के रहते हुए भी न श्री फजलुल हक का और न सर नाजिमुद्दीन का मंत्रिमण्डल बगाल को इस विपत्ति से बचा सका। इसी सिलसिले में पंजाब और सिन्ध के मत्रिमण्डलो की बेकसी भी साफ साबित हो गयी । उनको केन्द्रीय गवर्नमेण्ट ने दवाकर उनसे महँगी और गल्ले के निर्यात के सम्बन्ध में कार्रवाई करायी । जब हम सुवा- सरकार के अधिकार के विषय में विचार करते है तो हमे इससे मतलब नहीं है कि वह सरकार सही काम कर रही थी या गलत । अगर अधिकार है तो सही करने का है और गलत करने का भी । गलत करने पर ही, अधिकार है या नही, ठीक पता चलता है। हो सकता है, जिन मामलो में केन्द्रीय सरकार ने उनको दबाया, उसने ठीक ही दबाया और वह गलत काम कर रही थी। पर इससे यह बात साबित
हुए बिना नही रह सकती कि प्रान्तीय सरकारो के अधिकार सीमित है और लडाई के आडिनेन्सों के जमाने में केन्द्रीय सरकार उनसे जो चाहे वह करा सकती है। याद रहे, ये मत्रिमण्डल ब्रिटिश सरकार की मदद करने का दावा बराबर करते रहे है और मदद करते भी रहे है । तो भी केन्द्रीय सरकार ने उनको दबाने में हिचक नही दिखलायी। काँग्रेसी मत्रिमण्डल अगर अपनी जगह पर रह गये होते और काँग्रेस का ब्रिटिश सरकार के साथ समझौता सन्तोषप्रद नही हुआ होता - जैसा नहीं हो सका - तो इसमे जरा भी सन्देह की गुंजाइश नहीं है कि उनको बहुतेरे ऐसे कामो के करने पर मजबूर किया जाता, जिनको न तो कॉग्रेस और न वे स्वय पसन्द करते। उनको मजबूर होकर कुछ दिनो मे ही इस्तीफा देना पडता और नही तो गवर्नर के हाँ मे हाँ मिलाकर अपने विचार और सिद्धान्तो के विरुद्ध उनकी फरमाँ-बरदारी करनी ही पडती ।
पाँच बरसो के बाद, जब ये पक्तियाँ लिखी जा रही है, उन घटनाओ का और ब्रिटिश नीति का सिहावलोकन करके हम एक ही नतीजे पर पहुँच सकते है और वह यह है कि साम्राज्यवाद की लडाई इंगलैंड लड रहा है, चाहे दूसरे जो समझते हो । उसका उद्देश्य है - श्री चर्चिल के शब्दो मे, 'जो उसका है उसे अपने कब्जे मे रखना' । इतना ही नही, ब्रिटिश साम्राज्य यदि जर्मनी को हराकर निष्कटक, एकछत्र और अधिक जबरदस्त न बनाया जा सके, तो कम से कम इसको अपना स्थान योरप, एशिया और अफ्रिका में ज्यों का त्यो कायम रखना चाहिए । ऐसी अवस्था में भारत के लिए कौन-सी आशा हो सकती है ? कांग्रेस के दिल में जो सन्देह १९३९ मे था उसका समर्थन उसके बाद की सभी घटनाओ ने और ब्रिटिश राजनीतिज्ञो के शब्दजालो ने - विशेषकर श्री चर्चिल और श्री एमरी के कलाबाजीभरे उद्गारों ने स्पष्ट रूप से गला फाड-फाडकर किया है। इसलिए, मैने उस समय भी समझा था, और आज तो यह धारणा और भी दृढ हो गई है, कि हम मन्त्रिमण्डल मे रहकर देश का हित करने में बिलकुल असमर्थ थे --- हम अपने को वेश के लिए केवल अनर्थ का साधन ही बना सकते थे ।
इन धारणाओ के बावजूद मे यह नहीं कह सकता कि मैं उन दिनो इंगलैंड की हार को पसन्द करता । चाहे जिन कारणो से हो, जर्मनी की जीत मजूर नही थी। उसने चेकोस्लोवाकिया के साथ ज्यादती की थी, और ज्यादती की थी इसलिए कि वह उसके मुकाबले कमजोर देश था । जब जर्मनी ने उस देश के साथ ज्यादती की तब दूसरे लोग भी कुछ न कुछ लाभ उठाने के लोभ का सवरण न कर सके । उनमे हगरी और पोलैंड मुख्य थे। इसलिए, जब जर्मनी ने उलटे पोलैंड पर भी ज्यादती शुरू कर दी तब मन मे कुछ ऐसा भी भाव उठता था कि ठीक ही कियापोलेड को, 'जैसे को तैसा' मिला। फिर जब उसने हालेड, बेलजियम, डेनमार्क और नार्वे पर भी चढाई कर दी तो मेरे दिल पर इसका बहुत असर पडा । मुझे मालूम होने लगा कि किसी भी कमजोर देश को जर्मनी स्वतंत्र नहीं रहने देगा। अँगरेजो
के प्रति जो थोडा-सा गुस्सा था वह कम हो गया और मुझे ऐसा भान होने लगा कि हमको ब्रिटिश की मदद करनी चाहिए जिससे वह जर्मनी को हरा सके और इस अन्यायी शक्ति का दमन कर सके। यह भाव इतना प्रबल हो गया कि मैने एक छोटे बयान में अपने उद्गार को प्रकाशित भी कर दिया। मेरा खयाल है कि बहुतेरे दूसरे काँग्रेसी लोगो के विचार भी इसी प्रकार के थे । हम ब्रिटिश गवर्नमेण्ट की त्रुटियो और हिन्दुस्थान के प्रति उसके अन्यायो को याद रखते हुए भी जर्मनी की धाँधली से इतने स्तभित हो गये कि ब्रिटिश साम्राज्य की करतूतो को प्राय भूल-सा गये । इसलिए यह कहना - जैसा आज बहुतेरे अँगरेज और उनके पिट्ठू कह दिया करते है - कि कॉग्रेस के लोग इँगलैंड की कमजोरी को महसूस करके अपने पुराने वैर का बदला लेना और उसकी विपत्ति से लाभ उठाना चाहते थे, बिलकुल असत्य है । बावजूद हजार शिकायतो के, लडाई के आरभ के समय से १९४० की जुलाई तकजब बम्बई मे अखिल भारतीय कमिटी की बैठक मे काँग्रेस की ओर से यह कहा गया कि अगर ब्रिटिश गवर्नमेण्ट हिन्दुस्थान की भावी स्वतंत्रता की घोषणा कर दे और उसे शासन में तत्काल अधिकार दे दे तो भारत एकमत होकर लडाई मे मदद करेगा - प्राय किसी काँग्रेसी के दिल में ब्रिटिश सरकार के प्रति कटुता नही थी और उस समय तक सभी कॉग्रेसी लोग ब्रिटेन की मदद करना अपना कर्त्तव्य ही मानते थे। हाँ, उस कर्त्तव्य की पूर्ति के लिए अधिकार चाहते थे जिसके बिना जनता को उत्साहित करना सभव नहीं था ।
जब बम्बई की उस बैठक के बाद, जिसके कारण गाधीजी को काँग्रेस से अपने को अलग कर लेना पड़ा था और उनको अलग करके भी वाकिंग कमिटी तथा अखिल भारतीय कमिटी ने लडाई मे सक्रिय मदद की प्रतिज्ञा की थी, ब्रिटिश गवर्नमेण्ट ने उस प्रस्ताव को इतनी जल्दी मे ठुकरा दिया, तब बहुतेरो के दिल मे क्षोभ पैदा हुआ, और वह क्षोभ श्री एमरी तथा चर्चिल की बातो से दिन-दिन बढता ही गया है। इसमे भी सन्देह नही कि जितने कम दाम पर इंगलैंड उस वक्त सौदा कर सकता था उतने पर शायद फिर कभी न कर सकेगा। हॉ, यह दूसरी बात है कि अपने पशुबल से वह भारतवर्ष को कुछ दिनों तक दबाये रखे । यदि उस समय समझौता हो गया होता तो शायद जापान को भी इस लड़ाई मे कूदने के पहले कुछ और विचार कर लेना पडता । यदि जापान को यह विश्वास हो जाता कि हिन्दुस्थान ब्रिटिश सरकार के साथ हर तरह से, तन-मन-धन से, है तो उसकी हिम्मत पूर्व एशिया पर एकबारगी धावा बोलने की उस तरह नहीं होती जिस तरह हुई । यदि वह ऐसी हिम्मत करता भी तो कौन कह सकता है कि उसे उतनी सफलता मिलती जितनी मिली । हिन्दुस्थान की आजादी के साथ-साथ बरमा की स्वतन्त्रता का मसला भी तय हो गया होता । यदि बरमा की बात हो गयी होती तो मलाया और सिंगापुर की वह दशा न होती जो हुई । इसलिए, मैं मानता हूँ कि जितनी अदूरदर्शिता ब्रिटेन ने उस समय की उतनी शायद उसने अपने इतिहास में एक अवसर को छोड़कर और कभी नहीं की। वह अवसर था
रामगढ - कॉग्रेस का बरसाती अधिवेशन
जब उसने अमेरिका के उपनिवेशो की माँग अठारहवी शताब्दी मे ठुकराई थी। उसका नतीजा उसके लिए अच्छा नही हुआ, यद्यपि वह ससार के लिए शायद अच्छा ही हुआ । और, इसका नतीजा, कौन कह सकता है, क्या होगा ? हो सकता है, इंगलैंड के लिए यह उससे भी बुरा हो जो अमेरिका में हुआ और ससार के लिए भी उससे अधिक लाभकर । अस्तु, यह तो भविष्य की बात है, सस्मरण की नहीं, और इसके लिए यह स्थान भी नही है । यहाँ तो इतना ही कह देना काफी है कि प्रचार के लिए चाहे काँग्रेस पर जो भी दोष लगाया जाय, सत्य का तकाजा यही रहेगा कि कांग्रेस ने हर कदम पर इस बात की कोशिश की है कि भारत प्रतिष्ठापूर्वक और सफलतापूर्वक अधिकार के साथ ब्रिटिश गवर्नमेण्ट और प्रजातनवादी देशो को सहायता देने के योग्य बना दिया जाय, लेकिन हर कदम पर उसको केवल नकारात्मक उत्तर ही नही मिला, हमेगा उसका तिरस्कार भी किया गया । अन्त मे, ऊबकर उसे १९४२ के अगस्त का निश्चय करना पडा जिसका जिक्र आगे आवेगा ।
लडाई आरम्भ हो जाने के बाद कुछ समय तक यह अनिश्चित सा हो गया कि कांग्रेस का अधिवेशन होगा कि नही और होगा तो कब होगा । काँग्रेस का नियम फिर बदल गया था और निश्चय हो गया था कि दिसम्बर मे ही सालाना बैठक हो । यह साफ हो गया कि अब दिसम्बर मे बैठक नही होगी। पर थोडे ही दिनों में यह भी साफ हो गया कि बैठक अवश्य करनी ही चाहिए। इसलिए, अब निश्चय हुआ कि मार्च मे सालाना इजलास किया जाय । रामगढ में अब फिर जोरो से तैयारी होने लगी। मै वहाँ बहुत समय नहीं दे सकता था, क्योंकि मुझ पर अखिल भारतीय कमिटी के काम का बोझ भी था । पर अब वहाँ केवल श्री अम्बिकाकान्त ही नही रह गये, मंत्रिमण्डल के इस्तीफा के बाद दूसरे लोग भी वहाँ जाने के लिए फुर्सत पा गये - विशेषकर अनुग्रह बाबू, श्री कृष्णवल्लभसहाय और श्री रामनारायणसिंह की सेवा भी उपलब्ध हो गयी। इसलिए मै बहुत हद तक निश्चिन्त भी हो गया ।
१३६ --रामगढ़- काँग्रेस का बरसाती अधिवेशन
रामगढ मे लकडी-बॉस की कमी नही थी । मजदूर भी काफी मिलते थे । इसलिए जगल साफ करके झोपडी बनवाने का काम जोरो से जारी हो गया। पर श्री रामदास गुलारी अस्वस्थ हो गये। अब उनका वहाँ रहना कठिन हो गया। सौभाग्य से ठीक उसी समय विलायत से इजीनियरी की उच्च परीक्षा पास करके श्री रामजीप्रसाद वर्मा वापस आ गये। यह लडकपन से ही कॉग्रेस के साथ थे । १९३० मे जेल गये थे । वहाँ बेत भी खाया था । पढने मे तेज थे, इसलिए कालेज के प्रिंसिपल ने उनको फिर इजीनियरिंग कालेज मे, जहाँ वह पहले पढ रहे थे, भरती कर लिया । वहाँ से अच्छी तरह से अन्तिम परीक्षा में उत्तीर्ण होकर इजीनियर हो गये। कुछ दिनो तक, इधरउधर कुछ पैसे कमाकर, अधिक शिक्षा के लिए इंगलैंड जाने का इनका विचार हुआ। वहाँ जाकर खूब अच्छी तरह से बडी बडी परीक्षाएँ पास कर ली। ठीक वहाँ से इनके फा० ६९
चलने के समय ही लडाई शुरू हो गयी । पर किसी तरह हिन्दुस्थान पहुँच गये । पहुँचते ही रामगढ के मुख्य इजीनियर का काम इन्होने सँभाल लिया । इसलिए जो चिन्ता और दिक्कत श्री गुलारीजी के चले जाने पर होती वह बहुत अशों तक न होने पायी । रहने के लिए झोपडे, खुले अधिवेशन के लिए पडाल और विषय - निर्वाचिनी के लिए भी पडाल बनवाने के अलावा प्रदर्शनी के लिए भी झोपडे बनवाने थे । पानी का प्रबन्ध करना था। रोशनी के लिए इतजाम करना था । प्रत्येक का भार किसी न किसी पर दिया गया । पर निर्माण का सारा काम इञ्जीनियरिंग विभाग पर ही रहा । वह ठीक तरह से समय के अन्दर पूरा भी हो गया ।
हमने जिस जगह को काँग्रेस के लिए चुना था वहाँ एक-दो छोटे-मोटे कुएँ तो थे, पर इस योग्य नही थे कि जितने आदमी आवेगे उतने मे से शताश के लिए भी पूरा पानी दे सकेंगे। दामोदर नदी के किनारे पर स्थान था, पर दामोदर उन दिनो प्रायः सूखा-सा रहता है वही दामोदर जो बाढ आने पर भयंकर रूप धारण कर लेता है और बिहार से निकलकर बगाल में, विशेषकर बर्दवान जिले में, भारी विपत्ति और सकट का कारण बन जाता है। रामगढ मे, जाड़े और गर्मियों में, एक पतली धारा द्वारा ही - जिसे आदमी बिना धोती भिंगाये आसानी से पार कर सकता है वह अपना अस्तित्व जताता रहता है । पर यद्यपि ऊपर की धारा पतली और छिछली रहती है तथापि बालू के नीचे जल की मात्रा काफी रहती है। यदि पानी निकालने और रोकने का प्रबन्ध किया जा सके तो वह स्रोत मटूट होता है । इसलिए यह निश्चय किया गया कि नदी से ही पानी निकालने का प्रबन्ध किया जाय । कुएँ द्वारा भी शायद हो सकता था, पर पथरीली पहाड़ी जमीन होने के कारण यह निश्चय करना कठिन था कि वह कुँआ कहाँ खोदा जाय और खोदने पर भी उसमे काफी पानी मिलेगा । नदी मे कुँआ खोदना आसान था और बहुत नजदीक पानी मिल जाता था । इसलिए नदी मे कुँआ खोदकर पम्प लगाया गया । पानी साफ करने के लिए बड़ी-बड़ी टकियाँ पक्की बनायी गयी जिनमे एक समय एक लाख आदमियो के लिए दो या तीन दिनो तक के खर्च-भर काफी पानी रह सके। सारे 'नगर' मे पाइप लगाकर पानी पहुँचाने का प्रबन्ध किया गया। इस प्रबन्ध के लिए गया म्युनिसिपैलिटी और भागलपुर म्युनिसि पैलिटी के पानी-कल के विशेषज्ञ इजीनियरो ने बहुत परिश्रम से काम किया । पानी का प्रबन्ध ठीक हुआ। उसमे केवल एक त्रुटि रह गयी । वह यह थी कि कुँएँ नदी मे थे और नदी मे अचानक पानी आ जाने पर कुँएँ और पम्प दोनो बेकार हो जा सकते थे। पर यह कौन जानता था कि मार्च मे इतनी वर्षा होगी कि दामोदर मे
बाढ आ जायगी !
पानी के खयाल से, और शोभा बढाने के लिए भी, हमने एक और प्रबन्ध किया। जहाँ काँग्रेस-नगर बसा था उसके पास होकर एक छोटी नदी 'हुरहुरी' वही दामोदर मे मिलती थी । इस नदी को हम लोगों ने पक्के बाँध से बाँध दिया। नतीजा यह हुआ कि एक ओर खूब तैरने लायक गहरा पानी जमा हो गया और दूसरी ओर |
शादी की रस्म के दौरान जीजा-साले के बीच जूता छिपाने की नोकझोंक यहां एक बरात में भारी पड़ गई। विवाद इतना बढ़ गया कि वधू पक्ष कोतवाली पहुंच गया।
किच्छा (ऊधमसिंहनगर) जेएनएन : शादी की रस्म के दौरान जीजा-साले के बीच जूता छिपाने की नोकझोंक यहां एक बरात में भारी पड़ गई। विवाद इतना बढ़ गया कि वधू पक्ष कोतवाली पहुंच गया। हल्ला मचा तो पुलिस भी मौके पर पहुंच गई, लेकिन वधू वहां से जा चुकी थी और दूल्हा वहां अकेला खड़ा रह गया।
मंगलवार को रुद्रपुर से नगर में बरात आई थी। पूरा दिन रस्म अदायगी से लेकर खाना और गाना चलता रहा है। रात को फेरों के दौरान वधू पक्ष की तरफ से दुल्हन के भाई ने दूल्हा के जूते छिपा लिए। नोकझोंक के बीच दोनों पक्षों में विवाद इतना बढ़ गया कि दुल्हन पक्ष के लोग कोतवाली पहुंच गए। पीछे से दुल्हन भी कोतवाली पहुंच गई। वहां उन्होंने वर पक्ष पर दहेज मांगने का आरोप लगा दिया। दहेज के नाम पर दुल्हन के शादी से उठकर आ जाने पर पुलिस भी हरकत में आ गई। पुलिस जब विवाह स्थल पर पहुंची तो वहां दूल्हा बिना जूते नंगे पांव खड़ा था। पुलिस ने उससे दहेज को लेकर पूछा तो उसने अपनी हालत दिखाते हुए पूरी कहानी बताई। तब तक दुल्हन भी अपने जीजा के साथ बाइक पर बैठकर वहां से अपने घर चली गई। हालात ये हो गए कि दुल्हन पक्ष अपने घर चला गया और वर पक्ष वहां विवाह स्थल पर खड़ा रह गया। रात में दोनों पक्षों के समझदार लोगों ने मामला सुलझाया तो बुधवार सुबह दुल्हन की विदाई हो पाई। पूरा मामला नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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Mukesh Ambani Anil Ambani Anshul Ambani: मुकेश अंबानी दुनिया के टॉप 5 अमीर शख्सियतों में शुमार हैं। वहीं उनके अपने इकलौते भाई अनिल अंबानी पिछले कुछ बिजनेस में बुरा दौर देख रहे हैं। हालांकि 'दिवालिया' अनिल अंबानी के बेटे काफी रॉयल लाइफ जीते हैं। अनिल अंबानी और टीना मुनीम के दो बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम है जय अनमोल औऱ छोटे बेटे का जय अंशुल। जय अंशुल अंबानी के पास अच्छा खासा एयरक्राफ्ट कलेक्शन और लग्जरी कार कलेक्शन है।
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प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी TATA मोटर्स इस महीने मई 2023 में अपनी टियागो, टिगोर, अल्ट्रोज, हैरियर और सफारी जैसी चुनिंदा कारों की खरीद पर कस्टमर को भारी छूट प्रदान कर रही है. जिसके साथ साथ इन कारों पर कुछ अन्य स्कीम्स भी प्रदान कर रही है. चलिए जानते हैं किस कार पर कितना डिस्काउंट भी प्रदान किया जा रहा है.
टाटा अल्ट्रोजः बता दें कि टाटा मोटर्स अपनी प्रीमियम हैचबैक अल्ट्रोज के DCA वेरिएंट पर 25,000 रुपये और अन्य वेरिएंट्स पर 20,000 रुपये तक की छूट भी प्रदान कर रही है. जबकि इसके सभी डीजल वेरिएंट्स पर 25,000 रुपये की छूट भी दी जा रही है.
टाटा हैरियरः बता दें कि TATA मोटर्स अपनी हैरियर एसयूवी के सभी वेरिएंट्स 25,000 रुपये तक की छूट भी प्रदान कर रही है. यह ऑफर ग्राहक को एक्सचेंज डिस्काउंट के रूप में मिलने वाली है.
टाटा सफारीः टाटा मोटर्स इस महीने अपनी सफारी SUV के भी सभी वेरिएंट्स पर 25,000 रुपये तक का एक्सचेंज बोनस भी प्रदान कर रही है. कंपनी की वेबसाइट परसरकारी स्कूल के शिक्षकों को 5000 रुपये का एक्सट्रा डिस्काउंट देने की भी सोचा दी जा चुकी है.
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Raipur Lok Sabha Election Result 2019 Live छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर संसदीय क्षेत्र से सुनील कुमार सोनी ने 837902 वोट प्राप्त कर विजय हासिल की है।
नई दिल्ली, जेएनएन। Raipur Lok Sabha Election Result 2019 Live: छत्तीसगढ़ राज्य के रायपुर संसदीय क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार सोनी ने 837902 वोट प्राप्त कर विजय हासिल की है।
वर्ष 2014 में छत्तीसगढ़ राज्य में रायपुर लोकसभा क्षेत्र से रमेश बैस का निर्वाचन हुआ। उन्हें 654922 वोट मिले। उनकी पार्टी बीजेपी है। उन्होंने सत्य नारायण शर्मा को 171646 वोटों से हराया। निकटतम प्रतिद्वंद्वी की पार्टी कांग्रेस थी। 2014 में कुल 65. 68 प्रतिशत वोट पड़े।
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में रायपुर राज्य मुख्यालय की सीट होने के कारण वीआईपी मानी जाती रही है। बीते छह लोकसभा चुनावों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा के रमेश बैस यहां से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। एक बार कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. विद्याचरण शुक्ल ने बैस को हराया था। रायपुर राज्य की राजधानी है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय में रायपुर में विकास के काफी काम हुए, जिसका फायदा बैस को मिलता रहा और वे जीतते रहे हैं।
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रीवा. कुछ लोग महामारी के दौरान भी लोगों को ठगने से नहीं चूक रहें. रीवा में बैठे एक साइबर एक्सपर्ट (Cyber Expert) युवक ने हरियाणा के युवक से 21 हजार रूपए की ठगी की है. हरियाणा के युवक से उसने रेमेडेसिविर इंजेक्शन (Remdesivir Injection) उपलब्ध कराने का सौदा किया और पैसे ऐठ लिए. मामले की शिकायत पीड़ित द्वारा रीवा एसपी से की गई थी. पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है.
कोरोना महामारी के दौरान इलाज में इस्तेमाल होने वाले रेमेडेसिविर इंजेक्शन की कमी चल रही है. जिसके चलते हरियाणा के फरीदाबाद निवासी सुमित गोस्वामी पिता प्रभूनाथ ने सोशल मीडिया पर इंजेक्शन की उपलब्धता के लिए पोस्ट डाला था, इस पोस्ट पर रीवा के अभिषेक गौतम नामक युवक ने रेमेडेसिविर उपलब्ध कराने की बात कही. सौदा 21 हजार में तय हुआ. अभिषेक ने सुमित से ऑनलाइन खाते में पैसे मंगवा लिए और इंजेक्शन देने की बात कही गई.
पीड़ित ने मामले की ऑनलाइन शिकायत करते हुए रीवा एसपी को अवगत कराया कि अभिषेक द्वारा पैसे ले लिए गए परन्तु इंजेक्शन के लिए काफी समय तक इधर उधर घुमाता रहा. बाद में उसके द्वारा मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया गया. इसके बाद पीड़ित ने ऑनलाइन शिकायत की है.
सुमित ने शनिवार को रीवा पुलिस से शिकायत की थी. एसपी के निर्देश पर डभौरा एसडीओपी के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी डभौरा ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की है. आरोपी के खिलाफ आइपीसी की धारा 417, 42 एवं आईटी एक्ट की धारा 66 डी के तहत केस दर्ज किया गया है.
डभौरा निवासी अभिषेक गौतम साइबर का एक्सपर्ट माना जाता है. पुलिस का मानना है कि आईटी एक्ट के तहत इसके खिलाफ पूर्व में भी मामला दर्ज हुआ था. आरोपी अभिषेक गौतम की गिरफ्तारी भी हुई थी.
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विकिलीक्स के संस्थापक का कहना है कि अमरीका और सऊदी अरब की ख़ुफ़िया एजेन्सियों ने दाइश को अस्तित्व में लाने की भूमिका प्रशस्त की है।
आतंकवादी गुट दाइश ने अफ़ग़ानिस्तान में अपने कुछ मदरसे खोले हैं जिनमें सैन्य प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है।
अमरीकी रक्षामंत्रालय पेन्टागन की जांच समिति ने सीरिया के दैरिज़्ज़ूर में सीरियाई सैनिकों के ठिकानों पर अमरीकी युद्धक विमानों के हमले को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है।
संयुक्त राष्ट्रसंध ने घोषणा की है कि म्यंमार के राख़ीन प्रांत में मुसलमानों के मानवाधिकारों की स्थिति दिन-प्रतिदिन बहुत तेज़ी से बिगड़ती जा रही है।
अमरीकी गुप्तचर सेवा सीआईए के प्रमुख ने इस देश के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति को सचेत करते हुए कहा है कि जेसीपीओए का निरस्त किया जाना बहुत बड़ी मूर्खता होगी।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख का कहना है कि नियंत्रण रेखा पर हालात सामान्य हो जाएंगे।
जर्मनी की ख़ुफ़िया एजेंसी बीएफ़वी के एक कर्मी को आतंकी संगठन दाइश से संबंध के आरोप में गिरफ़तार कर लिया गया है।
दक्षिणी कोरिया की राष्ट्रपति ने सत्ता से हटने पर तत्परता व्यक्त की है।
आधिकारिक रूप से डोनल्ड ट्रंप के सत्ता की बागडोर संभालने से पहले इस्लामी केन्द्रों और मुसलमानों पर हमले ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के कुछ परिणाम हैं जो अभी से स्पष्ट हो गये हैं।
आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक संकट और उनके समाधान के मार्गों की समीक्षा बैठक की कार्यसूची में शामिल रहा है।
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नई दिल्ली/टीम डिजिटल। चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने अब इतना विकराल रूप ले लिया है कि पूरी दुनिया इस महामारी की चपेट में आ चुकी है। वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। यहां अब तक 96 हजार से अधिक पॉजिटिव केस मिले हैं। जानिए भारत में कोरोना से जुड़ी सभी अपडेट हमारे इस न्यूज बुलेटिन में।
भारत में नीलगिरी की पहाड़ियों के बीच बनाई जा रही है एक खुफिया सुरंग, जानिए क्यों?
कोरोना के मरीजों में दिखा नया लक्षण, सुनाई देती हैं अजीब आवाजें और होता है मतिभ्रम!
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नई दिल्ली, 17 अक्टूबर। साउथ अफ्रीका के साथ जारी पांच मैचों की वनडे सीरीज के अंतिम दो मैचों, चार मैचों की टेस्ट सीरीज के शुरुआत के दो मैचों और बोर्ड अध्यक्ष एकादश टीम के चयन हेतु भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की चयन समिति की बैठक सोमवार को यहां होगी। पिछली बैठक में पांच मैचों की वनडे सीरीज के तीन मैचों के लिए टीम का चयन किया गया था।
टीमों के चयन के बाद बोर्ड सचिव अनुराग ठाकुर और चयन प्रमुख संदीप पाटिल संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करेंगे। पांच मैचों की वनडे सीरीज का तीसरा मैच रविवार को राजकोट में होना है। इस समय दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं।
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Punjab News: पंजाब के सरकारी स्कूलों के लिए बड़ी खुशखबरी है। यहां के 241 स्कूलों को केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'पी. एम. श्री' (PM Shri Yojana) के अधीन चुना गया है। अब चुने गए स्कूलों के प्रिंसीपल और शिक्षा विभाग के अधिकारी मिलकर एक खाका तैयार कर रहे हैं कि कैसे इस योजना के तहत मिलने वाले फंड्स का इस्तेमाल किया जा सके। इस योजना का मुख्य फोकस एजुकेशन इम्प्रूवमैंट पर होता है। लेकिन पंजाब की कोशिश है कि इनोवेटिव आइडियाज के लिए फंड्स लेने के साथ-साथ उसे स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की अनुमति भी मिल जाए।
राज्य में शिक्षा के क्षेत्र को बेहतर करने के लिए इससे पहले भी कई योजनाएं चल रही हैं। लेकिन, उन सभी योजनाओं पर राज्य सरकार की फंडिंग रहती है। जबकि, पीएम श्री योजना के तहत राज्य सरकार को सीधे केंद्र सरकार के फंड से स्कूलों को अपग्रेड करने का मौका मिलता है। ऐसे में पंजाब सरकार इसका भरपूर फायदा उठाने की तैयारी में है। राज्य के सभी जिलों में सिलैक्ट किए गए 241 स्कूलों के प्रिंसिपलों व जिला शिक्षा अधिकारियों के साथ कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं और उन्हें अपने-अपने स्कूलों में कराए जाने वाले शिक्षण, ढांचागत व इनोवेटिव कार्यों का खाका तैयार करके रखने को कहा गया है।
सूत्रों के मुताबिक आगामी पखवाड़े के दौरान केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारियों के साथ सिलैक्ट किए गए 241 स्कूलों के प्रिंसिपल व पंजाब शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक होने वाली है, जिसके बाद स्कूल वाइज प्लानिंग पर चर्चा के बाद अपग्रेडेशन की अप्रूवल दी जाएगी। बता दें कि 2022 में टीचर्स डे पर घोषित की गई इस योजना के माध्यम से देश के लगभग 14,500 पुराने स्कूलों का अपग्रेडेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। स्कूलों को अपग्रेड करते समय आधुनिक सुंदर ढांचे, स्मार्ट कक्षाओं, खेल गतिविधियों के उपकरण सहित अन्य आधुनिक बुनियादी सुविधाओं पर विशेष जोर दिया जाना है।
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जिस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में लगी थी, पाकिस्तान सीमा पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने में लगा था. एक अप्रैल 2020 को इसी साजिश के तहत कुपवाड़ा के केरन में आतंकियों को दाखिल कराया गया. सूबेदार संजीव कुमार सेना की पैराशूट रेजीमेंट की चौथी बटालियन के साथ तैनात थे.
भारत एक वीरों की धरती है और आज तक इस बात पर किसी कोई शक नहीं है. गणतंत्र दिवस के मौके पर जिन रणबाकुरों की वीरता को राष्ट्रपति की तरफ से सम्मानित किया गया है, उनमें से ही एक नाम शहीद सूबेदार संजीव कुमार का भी है. सूबेदार संजीव ने एनकाउंटर में जिस साहस का परिचय दिया, उसकी कहानी सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. उनकी इसी वीरता को सर्वोच्च सैन्य सम्मान कीर्ति चक्र से नवाजा गया है. कीर्ति चक्र शांति काल में दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है और साल 2020 के लिए सिर्फ सूबेदार संजीव कुमार का चयन हुआ.
जिस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में लगी थी, पाकिस्तान सीमा पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने में लगा था. एक अप्रैल 2020 को इसी साजिश के तहत कुपवाड़ा के केरन में आतंकियों को दाखिल कराया गया. सूबेदार संजीव कुमार सेना की पैराशूट रेजीमेंट की चौथी बटालियन के साथ तैनात थे. इस रेजीमेंट का युद्धघोष है 'बलिदान परम धर्म,' और सूबेदार संजीव समेत बाकी जवानों ने इसे अंत तक कायम रखा.
सूबेदार संजीव कुमार स्पेशल फोर्सेज की उस टीम को लीड कर रहे थे जिसे केरन में आतंकियों के ग्रुप का पता लगाने के लिए हेलीड्रॉप किया गया था. हेलीड्रॉप के बाद सूबेदार संजीव और उनकी टीम ने आतंकियों के पैरों के निशान का पीछा करते हुए आतंकियों का पता पता लगाना शुरू किया.
सूबेदार संजीव कुमार कमर तक बर्फ में चलते जा रहे थे. पांच घंटे तक जब उन्होंने रास्ते को पार किया तो उनकी टीम को आतंकियों की लोकेशन का पता लग सका. सूबेदार संजीव कुमार ने करीबी से आतंकियों का सामना किया और इसी दौरान उन्हें गोली लग गई. बाद में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया. नॉर्थ कश्मीर कार कुपवाड़ा वह इलाका है जहां पर मार्च और अप्रैल में बर्फ की मोटी चादर जमा रहती है और विजिबिलिटी भी एक बड़ी समस्या होती है. अप्रैल माह की शुरुआत में एनकाउंटर उस समय शुरू हुआ जब भारी हथियारों से लैस आतंकी पीओके से सीमा पार करने की कोशिशें कर रहे थे.
सर्च टीमें आतंकियों की तलाश में गईं और करीब 13 राउंड फायरिंग हुई. इसी समय सेना को महसूस हुआ कि आतंकी हमले का इंतजार कर रहे हैं. इसके बाद अतिरिक्त जवानों को तुरंत तैनात कर दिया गया. अगले दिन यानी दो अप्रैल को सर्च पूरी हुई और शाम करीब 4 बजकर 30 मिनट पर आतंकियों से कॉन्टैक्ट हुआ मगर वे भागने में कामयाब रहे.
इसी तरह तीन और चार अप्रैल को आतंकियों ने फिर घुसपैठ की कोशिश की. बिल्कुल चूहे-बिल्ली की खेल की तरह आतंकी लगातार जवानों को चकमा देते रहे. इसके बाद सेना ने ड्रोन का प्रयोग करके घुसपैठियों की लोकेशन का पता लगाया. पांच अप्रैल को तड़के स्पेशल फोर्सेज के जवानों को एयरड्रॉप किया गया और छिपे हुए आतंकियों को ढेर करने के लिए ऑपरेशन लॉन्च हुआ.
यूएवी से मिले विजुअल्स के आधार पर स्पेशल फोर्सेज करीब स्थित बटालियन हेडक्वार्टर की तरफ बढ़ती रहीं. उन्हें हवाई रास्ते से पहुंचाया गया क्योंकि बर्फबारी की वजह से रास्ता बंद है. स्पेशल फोर्सेज के जवानों को बर्फ से ढंकी पहाड़ी पर ड्रॉप करना था मगर यहां पर बर्फ के नीचे एक नाला था. सूबेदार संजीव कुमार और उनकी टीम अब एक नाले में मौजूद थी और यहीं पर आतंकियों का सामना करने में लगी थी. जवानों और आतंकियों के बीच एनकाउंटर शुरू हुआ और यह काफी देर तक चला. चूक के बाद भी पांचों आतंकी ढेर हो गए थे.
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नई दिल्ली/टीम डिजिटल। CBSEPaperLeak का मामला अब कुछ ज्यादा ही तूल पकड़ता जा रहा है। भले ही सीबीएसई ने लीक पेपर्स के नई परीक्षा तारीखों को लेकर स्थिति साफ कर दी हो, लेकिन छात्रों का दर्द कम नहीं हो रहा है।
खास बात यह है कि छात्रों की शिकायत को प्रधानमंत्री कार्यालय में भी सुना नहीं जा रहा है। ऐसी ही पीड़ा पंजाब के लुधियाना की रहने वाली 12वीं छात्रा जाह्नवी बहल की जाहिर की है।
दरअसल, जाह्नवी ने 17 मार्च को पेपर लीक मसले पर पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिखा था, लेकिन इसका उसे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला। इस वजह से छात्रा ने अपनी पीड़ा मीडिया में जाहिर की है।
जाह्नवी बहल ने बताया, 'मैंने 17 मार्च को पेपर लीक मामले में पीएम को खत लिखा था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिन लोगों ने परीक्षा पेपर को लीक किया था, उन्हें पकड़ा जाना चाहिए था। '
छात्रा ने आगे कहा, 'मैंने व दूसरे छात्रों और एक टीचर ने पेपर लीक में कुछ उजागर किया था। हम लोग व्हाट्स ऐप पर पेपर लीक करने वालों के संपर्क में भी थे। हमने इस बारे में पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। '
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लाल किताब भविष्यफल 2022 कहता है कि यह साल आपके लिए अच्छी प्रगति लेकर आएगा। आप अपने करियर को लेकर बहुत अच्छी स्थिति में रहेंगे। अगर आप नौकरी करते हैं तो साल की शुरुआत से अप्रैल के बीच का समय आपको नौकरी में पदोन्नति दे सकता है और आपकी पदोन्नति से आपके कद में वृद्धि होगी और आप अच्छी स्थिति में होंगे। अगर आप व्यापार करते हैं तो साल की शुरुआत आपको लंबी लंबी यात्राएं करवाएगी और यहीं से आपकी तरक्की शुरू होगी। अच्छे बिजनेस को आगे ले जाने के लिए आपके बिजनेस पार्टनर के साथ आपके संबंध और करीब आएंगे। इसका असर आपके व्यापार पर देखने को मिलेगा और आप में उत्तरोत्तर वृद्धि होगी।
दांपत्य जीवन में यह साल मध्यम रहने वाला है। काम में व्यस्तता के कारण जीवनसाथी के लिए समय बहुत कम मिलेगा इसलिए आप दोनों के बीच कोई गलतफहमी पैदा हो सकती है। हालांकि वहीं दूसरी ओर आप उनके बारे में काफी सोचेंगे और कुछ न कुछ ऐसा करते रहेंगे जिससे वे खुश रहेंगे। इससे आपका दांपत्य जीवन अच्छी तरह से आगे बढ़ेगा। प्रेम से जुड़े मामलों में इस साल आपको निराशा का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप पहले से किसी के संपर्क में हैं तो सावधान हो जाएं।
लाल किताब राशिफल 2022 के अनुसार इस साल आपको स्वास्थ्य की दृष्टि से सुखद परिणाम मिलेंगे। मई से जुलाई के बीच पेट के रोग आपको परेशान कर सकते हैं। इसके अलावा अधिक चर्बी का सेवन शरीर में मोटापा भी बढ़ा सकता है या आपको मधुमेह जैसी समस्याओं से भी परेशान कर सकता है। इस समय को छोड़कर बाकी समय आप अपने स्वास्थ्य का आनंद ले सकते हैं और धीरे-धीरे चिकित्सा सहायता से और व्यायाम और व्यायाम करने से आपके स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है।
आर्थिक रूप से यह साल अनुकूल रहेगा। आप अपने हाथ में अधिक से अधिक धन प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे और इसके लिए वर्ष की शुरुआत से ही आपके प्रयास काफी होंगे, जिसका परिणाम भी आपको मिलेगा। मई से सितंबर के बीच का समय अच्छी आर्थिक मजबूती लेकर आएगा। इस समय आपके पास अच्छी रकम भी होगी और आप अपना पुराना कर्ज चुकाने में सक्षम होंगे।
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नई दिल्ली॥ निर्भया केस में मंगलवार का दिन महत्वपूर्ण है। चारों अपराधियों की भिन्न-भिन्न फांसी को लेकर गृह मंत्रालय की याचिका पर अदालत में सुनवाई होनी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अदालत में एक याचिका दायर कर मांग की है कि निर्भया मामले के अपराधियों को भिन्न-भिन्न फांसी दिए जाने का निर्देश दिया जाए।
इस पर अदालत के 3 जजों की बेंच मंगलवार को सुनवाई करेगी। इस बेंच की अध्यक्षता जज आर. भानुमति करेंगी। जज भानुमति के अलावा जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नवीन सिन्हा इस बेंच के सदस्य हैं।
आपको बता दें कि निर्भया के चारों अपराधियों को भिन्न-भिन्न फांसी वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका खारिज हो चुकी है। इसके बाद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। निर्भया के चारों अपराधियों को 3 मार्च को फांसी होना है। अदालत ने तीसरी बार डेथ वारंट जारी कर तीन मार्च की तारीख मुकर्रर की है । ऐसे में हर किसी की नजर अदालत के फैसले पर टिकी है।
उधर निर्भया की मां अदालत से मिल रही निरंतर तारीखों से बहुत परेशान हो चुकी हैं। हालांकि अदालत के हालिया आदेश पर संतोष जाहिर करते हुए निर्भया की मां ने कहा, मैं संतुष्ट और खुश हूं। मुझे उम्मीद है कि अपराधियों को आखिरकार तीन मार्च को फांसी दी जाएगी।
आपको बता दें कि चारों अपराधियों में पवन गुप्ता के पास अभी कानूनी ऑप्शन बाकी हैं। जबकि मुकेश, अक्षय और विनय के पास सभी कानूनी विकल्प समाप्त हो चुके हैं। हालांकि अपराधी तिहाड़ जेल से ही फांसी से बचने के लिए अन्य विकल्पों का प्रयोग कर रहे हैं। खास तौर पर विनय निरंतर ये साबित करने में लगा है कि उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। इसके लिए वो दीवार से सिर पटकना और भूख हड़ताल जैसे हथकन्डे भी अपना चुका है। दिसम्बर 2012 में राष्ट्रीय राजधानी में एक 23 साल की युवती के गैंगरेप और हत्या से जुड़े मामले पर हो रही है सुनवाई।
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मुख्य समाचार1 सिक्खों के 10वें गुरू गुरू गोविंद सिंह जी का आज प्रकाशोत्सव मनाया जा रहा है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर स्मारक सिक्का जारी किया
उत्तराखंड समेत कई राज्यों के राजस्व में आ रही कमी से निपटने के लिए गठित मंत्रिसमूह समिति का अध्यक्ष सुशील कुमार मोदी को बनाया गया
पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से चंपावत पुलिस ने वाहनों की टेक्निकल चेकिंग अभियान की शुरुआत की
बागेश्वर में कल से उत्तरायणी मेला शुरू हो रहा है
मेले का उदघाटन केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा करेंगे
दो तीन चार गुरु गोविंद सिंह जयंती | दसवें सिख गुरु गुरू गोविंद सिंह जी की 352वीं जयंती आज देशभर में मनाई जा रही है
गुरू गोविन्द सिंह जी का जन्म वर्ष सौलह सौ छियासठ में पटना साहिब में हुआ था और वे दस सिख गुरूओं में आखिरी थे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस अवसर पर नई दिल्ली में साढ़े तीन सौ रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया
सिक्का जारी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरू गोविंद सिंह जी कमजोर वर्गों के लिए हमेशा संघर्ष करते रहे
प्रधानमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार के प्रयासों के कारण करतारपुर गलियारे का निर्माण किया जा रहा है
जिससे श्रद्धालु अब करतारपुर जाकर अरदास कर सकेंगे
श्री मोदी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने गुरु गोबिंद सिंह जी का साढ़े तीन सौवां प्रकाशोत्सकव देश भर में मनाया था
इसी तरह अब गुरु नानकदेव की साढ़े पांच सौवीं जयंती की तैयारियां की जा रही हैं
जीएसटी समिति अप्रैल से नवम्बर के दौरान उत्तराखंड समेत बिहार पंजाब हिमाचल प्रदेश जम्मूकश्मीर ओडिशा और गुजरात सहित कई राज्यों के राजस्व में कमी आई है
जबकि मिजोरम अरुणाचल प्रदेश मणिपुर सिक्किम और नगालैंड के राजस्व में वृद्धि हुई है
वस्तु और सेवा करजीएसटी लागू होने से राज्यों के राजस्व में आ रही कमी से निपटने के लिए गठित सात सदस्यों वाले मंत्रिसमूह के अध्यक्ष बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार होंगे
वित्तमंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद ने हाल की अपनी बैठक में मंत्रिसमूह के गठन का निर्णय लिया था
परिषद की अधिसूचना के अनुसार यह समिति डेटा विश्लेषण कर राजस्व बढ़ाने और सुधारात्ममक उपायों के सुझाव देगी
टेक्निकल चेकिंग पर्वतीय क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से उत्तराखंड पुलिस ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की टेक्निकल चेकिंग अभियान की शुरुआत की है
गाड़ियों में किसी भी किस्म की कमी पाये जाने पर वाहन स्वामी और ड्राइवर को चेतावनी दी जा रही है
पहाड़ों में गाड़ियों में खराबी के चलते भी दुर्घटनाएं होती हैं
इस कड़ी में चम्पावत पुलिस सूखीढाँग बनलेख लोहाघाट समेत कई जगहों पर टेक्निकल चेकिंग अभियान चला रही है
टेक्निकल चेकिंग के बारे में पुलिस अधीक्षक धीरेन्द्र गुंज्याल ने बताया कि पहाड़ो में अधिकतर दुर्घटनाए वाहनों में टेक्निकल कमियों के कारण होती हैं
इसे देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों को रोककर हर वाहन की चेकिंग की जा रही है
कोई कमी होने पर वाहन स्वामी और चालक को निर्देशित किया जा रहा है
उन्होंने बताया कि ज्यादातर गाड़ियों में गियरबॉक्स में कमी कमानी और टायरों की समस्याएं है
किसाऊ नई दिल्ली में किसाऊ बहुद्देशीय परियोजना पर छः राज्यों के बीच शनिवार को होने वाला एमओयू किन्ही कारणों से नहीं हो पाया है
जिस पर संबंधित राज्यों के बीच जल्द ही हस्ताक्षर किये जायेंगे
किसाऊ परियोजना देहरादून जिले में टोंस नदी पर स्थित बहुद्देशीय परियोजना है
जो वर्ष दो हज़ार आठ में राष्ट्रीय परियोजना घोषित की गई थी
इसमें भारत सरकार द्वारा जल घटक का नब्बे प्रतिशत की सीमा तक अनुदान सहायता के रूप में दिया जाएगा
परियोजना से छह सौ साठ मेगावाट जलविद्युत का उत्पादन किया जाएगा
इसके अतिरिक्त सत्तानवे हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिंचाई और घरेलू और औद्योगिक उपयोग के लिए छह सौ सत्रह एमसीएम पानी उपलब्ध होगा
परियोजना से होने वाले सिंचाई और जल संबंधी लाभों का बंटवारा हिमाचल प्रदेश उत्तराखण्ड उत्तर प्रदेश दिल्ली राजस्थान व हरियाणा के बीच किया जाना है
परियोजना की कुल लागत ग्यारह हजार पांच सौ पचास करोड़ रूपए है
आरक्षण स्वीकृति राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को नौकरी और शिक्षा में दस प्रतिशत आरक्षण के विधेयक को स्वीकृति दे दी है
इस सप्ताह संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित होने के बाद 124वां संविधान संशोधन विधेयक दो हज़ार उन्नीस राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था
यह अधिनियम सरकार द्वारा बाद में घोषित तिथि से लागू होगा
यह संविधान की धारा पंद्रह और सोलह में संशोधन करके राज्यों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विकास के लिए विशेष प्रावधान की अनुमति देता है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए शिक्षा और सरकारी नौकरियों में दस प्रतिशत आरक्षण दिए जाने से नए भारत के प्रति विश्वास बढ़ेगा
साथ ही राष्ट्रपति बधाई राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने श्री गुरू गोबिन्द सिंह जी की जयंती पर उन्हें मन किया
श्री कोविन्द ने एक ट्वीट संदेश में कहा है कि गुरू गोबिन्द सिंह जी ने अपना जीवन लोगों की सेवा तथा सत्य न्याय और करूणा के आदर्शो के लिए समर्पित कर दिया
उनकी शिक्षाएं हमेशा लोगों को प्रेरित करती रहेंगी
इसके राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने लोहड़ी की बधाई दी है
उन्होंने मकर संक्रांति पोंगल बिहू उत्तरायण और पौष पर्यों की भी बधाई दी है
श्री कोविन्द ने एक संदेश में कहा कि देशभर विविध ढंग से लेकिन समान उद्देश्य से मनाये जाने वाले ये त्यौहार किसानों के कठिन परिश्रम और धैर्य का सम्मान है
उन्होंने इस अवसर पर लोगों के जीवन में खुशहाली और भाईचारे की कामना की है
राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने संदेश में कहा कि नई फसल के उपलक्ष में मनाये जाने वाला लोहड़ी पर्व किसानों के लिए भी उल्लास का अवसर होता है और यह पर्व हम सभी में नई ऊर्जा का संचार करता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पर्व पर हमें अपने संस्कृतिक मूल्यों और सामाजिक रीतिरिवाजों के महत्व को बचाए रखने पर ध्यान देना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपसी भाईचारे और सद्भाव का यह पर्व सभी के जीवन में सुख समृद्धि और खुशहाली लाए
कुंभ उत्तर प्रदेश के प्रयाग राज में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक समागम के आयोजन की उल्टी गिनती शुरू हो गई है
इसके शुरू होने में अब केवल दो दिन शेष हैं
इस महीने की पन्द्रह तारीख को मकर सक्रांति के दिन से शाही स्नान शुरू होगा
मेला प्रशासन ने आज रात से यातायात संचालन का मार्ग बदलने का फैसला किया है
ड्यूटी पर वाहनों को छोड़कर कुंभ क्षेत्र में किसी भी वाहन को अनुमति नहीं दी जाएगी
यह प्रतिबंध दो पहिया वाहनों पर भी लागू होगा
अन्य जनपदों से आने वाले वाहनों के लिये प्रयागराज की परिधि पर सात प्रवेश बिंदू बनाये गये हैं
इन वाहनों को पचानवे पार्किंग स्थलों पर पार्क किया जाएगा और तीर्थ यात्रियों को शटल बसों और ईरिक्शा द्वारा कुंभ क्षेत्र में भेजा जाएगा
मौसम मौसम विभाग की भविष्यवाणी सच साबित हुई है
प्रदेश में मौसम ने करवट बदली है
चारधाम समेत राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्रों ने एक बार फिर बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है
शनिवार को ज्यादातर इलाकों में दिनभर गुनगुनी धूप खिली रही
वहीं आज भी केदारनाथ में भारी बर्फबारी हुई है
इस कारण धाम के आसपास के इलाकों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है
उधर बागेश्वर जिले के तहसील कपकोट के ऊपरी क्षेत्रों बदियाकोट कुंवारी सुराग वाछम खाती आदि इलाकों में भी हल्की बर्फबारी हुई
वहीं पिंडर घाटी समेत जिले के कुछ अन्य स्थानों में आज बारिश हुई है
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना अब निजी पैथोलॉजी और रेडियोलॉजी केंद्रों में भी अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के तहत कैशलेस जांच होगी
इसके अलावा सूचीबद्ध अस्पतालों में ओपीडी और सूचीबद्ध दुकानों से दवाओं की कैशलेस सुविधा मिलेगी
वहीं योजना का दूसरा चरण छब्बीस जनवरी को लॉन्च किया जाएगा
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने छब्बीस जनवरी को योजना का दूसरा चरण शुरू करने की घोषणा की थी
इसके तहत सरकारी कर्मचारियों पेंशनरों और उनके परिजनों को भी इलाज का लाभ मिलेगा
उत्तरायणी मेला बागेश्वर में सोमवार से शुरू हो रहे उत्तरायणी मेले के लिए सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है
यातायात व्यवस्था के लिहाज से मेला क्षेत्र को जीरो जोन बनाया गया है
ड्रोन कैमरे से इसकी निगरानी की जाएगी
पुलिस अधीक्षक ने उत्तरायणी मेले को लेकर पुलिस जवानो के साथ बैठक की
बैठक में उन्होंने जवानों को जरूरी दिशा निर्देश दिये
सुरक्षा की दृष्टि से मेला क्षेत्र के साथ शहर में भी गश्त किया जाएगा
शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त पुलिस टीम बनायी गई है
भीड़भाड़ वाली जगहों पर चार अस्थाई पुलिस चौकियां स्थापित की गई हैं
इसके साथ ही पुलिस सादे वस्त्रों में भी अराजक तत्वों पर नजर रखेगी
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा मेले का उद्घाटन करेंगे |
नेताजी मुलायम सिंह यादव की समाधि स्थल पहुंचकर अखिलेश ने चाचा शिवपाल पर बड़ा बयान दिया है। इसके अलावा उन्होंने चुनाव परिणाम पर जनता और कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया।
गुरुवार को मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल की जीत के बाद अखिलेश यादव ने सैफई पहुंच मुलायम की समाधि स्थल को नमन किया। इस मौके पर अखिलेश ने पार्टी में वापस आए चाचा शिवपाल की वापसी पर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि पार्टी में शिवपाल की बड़ी जिम्मेदारी होगी। उनके साथ आने के बाद समाजवादी आंदोलन अधिक मजबूत होगा।
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पढ़ो और पढ़कर फेल हो जाओ. फीस भरा, परीक्षा भी दी लेकिन कॉलेज में किसी का दाखिला नहीं होगा. ऐसे स्कूल और कॉलेज के बारे में शायद आपने कभी देखा और सुना नहीं होगा जहां कोई भी बच्चा पास नहीं होता, जहां परीक्षा के लिए बड़ी फीस भरते तो हैं पर कॉलेज किसी भी बच्चे को दाखिला नहीं देता. आप कहेंगे कि ऐसे कॉलेज का फायदा ही क्या? अच्छा है न ही हो. लेकिन कॉलेज तो कॉलेज है जनाब! कोई ऐसा-वैसा नहीं, ऐसा कॉलेज जहां पढ़ने के लिए मारा-मारी होती है. मुश्किल यह है कि दाखिला ही न मिले तो आप पढेंगे कैसे? सबसे बड़ा सवाल तो कि बिना विद्यार्थी के यह कॉलेज इतना प्रतिष्ठित कैसे बन गया? क्या विद्यार्थियों को फेल कर ही यह कॉलेज प्रसिद्ध हो गया?
हैरानी की बात तो है लेकिन यह कॉलेज खुद भी हैरान है. दरअसल किसी भी विद्यार्थी को पास न करना और दाखिला न देना कॉलेज की मजबूरी बन गई. यह वाकया है अफ्रीका का. अफ्रीका के प्रतिष्ठित लाइबीरिया विश्वविद्यालय ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि ऐसा भी दिन आएगा जब उसके पास एडमिशन के लिए बच्चे नहीं होंगे. विश्वविद्यालय को यह दिन इसलिए देखना पड़ रहा है क्योंकि इसमें प्रवेश के लिए ली गई परीक्षा में सभी 25000 परीक्षार्थी फेल हो गए हैं. 1862 में स्थापित हुआ यह विश्वविद्यालय आज अफ्रीका का सबसे प्रतिष्ठित और पुराना विश्वविद्यालय माना जता है. कॉलेज का कहना है कि सभी विद्यार्थी अंग्रेजी भाषा की समझ न होने के कारण पास नहीं हो सके. गौरतलब है कि 1990 में अफ्रीका में गृहयुद्ध की स्थिति थी और आज भी यहां लोग उसके प्रभाव से बाहर नहीं आ पाए हैं. इसका असर शिक्षा पर बहुत ज्यादा पड़ा. सरकारी स्तर पर भी शिक्षा स्तर के सतही होने और इसमें सुधार की बार कही गई थी लेकिन टेस्ट में सभी 25 हजार परीक्षार्थियों के फेल हो जाने से सभी स्तब्ध हैं. राष्ट्रपति ने विश्वविद्यालय प्रशासन से 1800 विद्यार्थियों को ड्रा के आधार पर दाखिला देने की अनुशंसा की है.
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आनी - आनी से पांच किलोमीटर दूर निगान में आनी खंड की मुहान पंचायत के मनिनवी से ठारवी प्रस्तावित सड़क के जल्द निर्माण की मांग को लेकर करीब 200 ग्रामीणों ने इकट्ठे होकर निगान-शवाड़ मार्ग पर करीब एक घंटे तक चक्का जाम कर डाला। जिसके कारण एनएच-305 पर भी ट्रैफिक जाम हो गया। ग्रामीणों के प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद आनी से विधायक किशोरी लाल सागर, एपीएमसी कुल्लू एवं लाहुल-स्पीति के अध्यक्ष एवं मंडलाध्यक्ष अमर ठाकुर, एसडीएम चेत सिंह, पीडब्ल्यूडी के एक्सइएन राहुल सूद, एसडीओ केएल सुमन सहित पुलिस बल और कई अन्य अधिकारी और भाजपा कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। जहां विधायक किशोरी लाल सागर और पीडब्ल्यूडी के एसडीओ केएल सुमन ने लोगों को सड़क को लेकर वर्तमान परिस्थितियों से अवगत करवाया और विधायक के आश्वासन के बाद ही लोग सड़क पर से उठे और सड़क बहाल हो पाई। गौर रहे कि मुहान पंचायत के ठारवी, चजुट, बशावल, परकेड, दोगरी, देउरी, कुटल आदि प्रभावित गांवों की महिलाएं, युवाओं और अन्य ग्रामीणों का कहना है कि पिछले करीब दस सालों से ज्यादा समय से उनके गांवों को लाभान्वित कर सकने वाली मनिनवी से ठारवी सड़क प्रस्तावित है। जिसका नेतृत्व कमेटी के चेयरमैन रविंदर थाकिर और अध्यक्ष खेम चंद ने किया। जबकि कमेटी में धर्म सिंह, लहर सिंह, पुरण चंद, विक्की, कुंभ ठाकुर सहित राकेश चौहान आदि दर्जनों लोग शामिल रहे।
स्थिति को बिगड़ता देख आनी आए हुए विधायक किशोरी लाल सागर अपनी टीम और एसडीएम, पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को लेकर मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास शुरू किया। लेकिन लोग जल्द निर्माण कार्य शुरू करने की मांग पर अड़े रहे। लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग के एसडीओ केएल सुमन ने लोगों को बताया कि इस सड़ककी फोरेस्ट क्लीयरेंस की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गयी है, सरकार को इसकी एनपीवी का 35 लालच के करीब पैसा जमा करवाने को लेकर लिखा है।
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पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने पहले वनडे में 24 गेंद में नौ चौकों से 43 रन की पारी खेली. उन्होंने कप्तान शिखर धवन के साथ मिलकर भारत को 58 रन की तूफानी शुरुआत दी थी.
भारत (Indian Cricket Team) के युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) ने श्रीलंका (Sri Lanka) के खिलाफ पहले वनडे में ताबड़तोड़ बैटिंग की. लेकिन इस दौरान उनके हेलमेट पर गेंद लगी और इसके बाद वे जल्दी ही आउट हो गए. मैच के बाद पृथ्वी शॉ ने खुलासा किया कि गेंद लगने से वे कुछ देर के लिए सुन्न हो गए थे. उन्हें साफ दिख भी नहीं रहा था. उन्हें मैदान छोड़ देना चाहिए था. शॉ ने पहले वनडे में 24 गेंद में नौ चौकों से 43 रन की पारी खेली. उन्होंने कप्तान शिखर धवन के साथ मिलकर भारत को 58 रन की तूफानी शुरुआत दी थी. पहले पांच ओवर के दौरान उन्होंने जिस अंदाज में बैटिंग की उससे भारत की जीत और जीत का तरीका दोनों तय हो गए थे. टीम इंडिया ने पहला वनडे 80 गेंद बाकी रहते सात विकेट से जीता. श्रीलंका ने पहले बैटिंग करते हुए नौ विकेट पर 262 रन बनाए थे. इसके जवाब में भारत ने तीन विकेट पर 263 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया.
पृथ्वी शॉ को उनकी बैटिंग के लिए मैन ऑफ दी मैच चुना गया. उन्होंने पोस्ट मैच प्रजेंटेशन में हेलमेट पर गेंद लगने के सवाल पर कहा, 'अब ठीक हूं. थोड़ा बहुत दर्द है लेकिन ठीक है. गेंद लगने के बाद थोड़ा सुन्न था और साफ दिख नहीं रहा था. सिर पर गेंद लगने के बाद फोकस हट गया था. मुझे क्रीज छोड़ देनी चाहिए थी. आगे से मैं ध्यान रखूंगा.' हेलमेट पर गेंद लगने के बाद आजकल कन्कशन टेस्ट जरूरी होता है. इसके तहत फिजियो खिलाड़ी की जांच करता है और अगर उसे कुछ भी दिक्कत होती है तो वह मैच से हट सकता है.
आईसीसी के नियम कन्कशन रिप्लेसमेंट की अनुमति भी देते हैं. लेकिन श्रीलंका के खिलाफ मैच के दौरान शॉ ने फिजियो की जांच के दौरान खुद को सही बताया था और बैटिंग जारी रखने का फैसला किया था. उन्हें पांचवें ओवर में दुश्मंता चमीरा की गेंद से चोट लगी थी.
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
ओम पुरी हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। इनका जन्म 18 अक्टूबर 1950 में अम्बाला, पंजाब (अब हरियाणा) में हुआ। इन्होने ब्रिटिश तथा अमेरिकी सिनेमा में भी योगदान किया है। ये पद्मश्री पुरस्कार विजेता भी हैं, जोकि भारत के नागरिक पुरस्कारों के पदानुक्रम में चौथा पुरस्कार है। दिल का दौरा पड़ने के कारण 6 जनवरी 2017 को 66 साल की उम्र में इनका निधन हो गया। - नवभारत टाइम्स - 6 जनवरी 2016 . टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह (टीआईएफ़एफ़) (Toronto International Film Festival (TIFF)) एक सार्वजनिक फ़िल्म समारोह है जो हर सितंबर टोरंटो, ओंटारियो, कनाडा में रखा जाता है। २०१० में यहाँ ३२ पर्दों पर ५९ देशों की ३३९ फिल्मों दिखाई गई थी। पिछले कुछ वर्षों में टीएफ़एफ़ में लोगो की संख्या २,६०,००० से अधिक हो गई है जिसमे २००९ में २,८७,००० सार्वजनिक और उद्योग जगत के दाखिले और लगभग २,३९,००० मुक्त प्रोग्रामिंग से थे जो योंज-डुंडास स्क्वायर में आयोजित की गई थी। .
ओम पुरी और टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
ओम पुरी 133 संबंध है और टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह 3 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (133 + 3)।
यह लेख ओम पुरी और टोरंटो अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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यमुनानगर, 11 जनवरी (हप्र)
यमुनानगर में प्रदेशव्यापी डॉक्टरों की हड़ताल का असर देखने को मिल रहा है। यमुनानगर में जहां पहले से ही सरकारी डॉक्टरों के 109 पद खाली हैं जबकि 77 डॉक्टर अपनी सेवायें दे रहे थे, उनमें से अधिकांश आज हड़ताल पर चले गए, जिसके चलते सरकारी सेवायें प्रभावित हुईं। हालांकि सिविल सर्जन डॉ. विजय दहिया का दावा है कि सभी तरह की ओपीडी व जरूरी सेवायें चल रही हैं। वहीं, डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डाक्टर गोंदवाल का दावा है कि इमरजेंसी सर्विस इसलिए दी जा रही है ताकि मरीजों को कोई दिक्कत न हो।
कुरुक्षेत्र (हप्र) : हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के आह्वान पर आज मंगलवार को सरकारी डॉक्टरों ने ओपीडी बंद करके विरोध जताया। डाक्टरों ने सिविल अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के गेट के समीप धरना देकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। डॉक्टर्स की हड़ताल के चलते ओपीडी सेवायें बाधित रहीं परिणामस्वरूप सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को मुश्किल का सामना करना पड़ा और उन्हें इलाज के लिए निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ा। इस हड़ताल में सिविल अस्पताल के कई चिकित्सक शामिल नहीं हुए। उन्होंने मरीजों की जांच की। हालांकि इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाएं जारी रही। दरअसल एसएमओ की सीधी भर्ती के विरोध और विशेषज्ञ कैडर बनाने सहित अन्य लंबित मांगों के समर्थन में सरकारी डाक्टरों ने एक दिवसीय हड़ताल की है। हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विस एसोसिएशन के जिला कार्यकारिणी के प्रधान डॉ. ललित कल्सन और डॉ. जगमिंद्र मलिक ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती तो आगामी 14 जनवरी से इमरजेंसी और पोस्टमार्टम सेवाएं सहित सभी स्वास्थ्य सेवाएं बंद कर दी जाएंगी।
घरौंडा (निस) : अपनी मांगों को लेकर सरकारी अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर रहे। मरीजों को थोड़ी राहत देने के लिए ओपीडी कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसरों (सीएचओ) के हवाले रही। ग्रामीण क्षेत्रों की सीएचओ ने मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की। इसके साथ ही इमरजेंसी सेवाओं के लिए भी डॉक्टरों की नियुक्ति रही। सरकार को जगाने के लिए डॉक्टरों ने सांकेतिक हड़ताल की है। डॉक्टरों ने सरकार को 13 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया है। यदि सरकार ने मांगें नहीं मानी तो 14 जनवरी को ओपीडी, इमरजेंसी व तमाम तरह की सेवाएं बंद कर दी जाएगी। सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल होने के बावजूद सैकड़ों की संख्या में मरीज अस्पताल पहुंचे। ग्रामीण क्षेत्र में काम करने वाली सीएचओ ने मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की।
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Pranam Gwalior: प्रियंक शर्मा, ग्वालियर नईदुनिया। पिछले दो दिन से शहर का पारा लोगों को ज्यादा परेशान नहीं कर रहा है, लेकिन आज से गर्मी फिर परवान चढ़ना शुरू होगी। मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने पूर्वानुमान जारी किया है कि मई के दूसरे सप्ताह यानी आज से गर्मी बढ़ना शुरू होगी और पारा 44 डिग्री के पार जा सकता है। ऐसे में दोपहर के समय घर से बाहर निकलने वाले लोगों को गर्मी से बचाव के पूरे उपाय करना जरूरी है। इसके अलावा आज का पूरा दिन माताओं के नाम रहेगा, क्योंकि आज मातृत्व दिवस है। शहर में इस अवसर पर अलग-अलग संस्थाएं कई कार्यक्रमों का आयोजन कर मातृ शक्तियों को नमन करेंगी। इसके अलावा बच्चों को भी मां की ममता व महत्व के बारे में जानकारी देने के लिए चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
भागवत कथाः सनातन धर्म मंदिर में आज से श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पीयूष महाराज कथा वाचन करेंगे। भागवत शुरू होने से पहले सुबह कलश यात्रा निकाली जाएगी। इसके बाद दोपहर तीन बजे से भागवत कथा का आयोजन किया जाएगा।
टीकाकरणः कोरोना महामारी से बचाव के लिए शहर के 10 केंद्रों पर सुबह नौ बजे से टीकाकरण किया जाएगा। यह टीकाकरण अब इसलिए भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि शहर में लगातार पाजिटिव मरीज मिलना शुरू हो गए हैं।
प्रतियोगिताः एसोसिएशन आफ ग्वालियर यूथ सोसायटी एवं संरचना समिति द्वारा सुबह साढ़े नौ बजे से डीडी माल में चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
चल समारोहः घासमंडी मुरार स्थित परशुराम मंदिर से चल समारोह निकाला जाएगा। यह चल समारोह मुरार के विभिन्न मार्गों से होकर वापस मंदिर पहुंचेगा। रास्ते में चल समारोह का जगह-जगह स्वागत भी किया जाएगा।
महाआरतीः कायस्थ महापंचायत ग्रेटर ग्वालियर द्वारा भगवान चित्रगुप्त के कटीघाटी स्थित प्राचीन मंदिर में शाम पांच बजे से महाआरती की जाएगी।
सम्मानः मदर्स डे के अवसर पर स्वामी विवेकानंद सेवा समिति द्वारा शहर में महिला सफाई कर्मचारियों का सम्मान किया जाएगा।
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३०१] भावार्थ :- जिस प्रकार मेंढक, मछली वाली तलैया पर पानी पीने के लिए जाती हुई भैंस का दृष्टान्त देते हैं उसी प्रकार गाय का भी दृष्टान्त देते है। जैसे कि एक खड़ो मे थोड़ासा पानी है । एक गाय उस पानी को पीने के लिए आई । वहाँ एक दयावान् पुरुष खड़ा है, वह किसकी अनुकम्पा करे ? यदि वह गाय की अनुकम्पा करता है और उसे पानी पीने से नहीं रोकता है तो पानी पी जाने पर उस खड्ड मे रहे हुए मछली, मेढक आदि बहुत से जीव मर जाते हैं । यदि वह दयावान् पुरुष उन मछली, मेढक आदि जीवो की अनुकम्पा कर उस गाय को वहाँ पानी पीने से रोकता है तो वह गाय प्यास से मरती है। ऐसी अवस्था मे दयावान् पुरुष किसकी रक्षा करे ?
इसका समाधान इस प्रकार है कि ऐसे समय मे उस दयावान् पुरुष ने धोवरण ( चित्त जल ) उस गाय को पिता दिया जिससे गाय की प्यास भी बुझ गई और खड्ड मे रहे हुए मछली, मेढक आदि बहुत से जीव भी बच गये । इस प्रकार दोनो तरफ के जीवो की प्राणरक्षा हो गई ।
अब उन लोगो से पूछना चाहिए कि 'तुम अपनी श्रद्धा के अनुसार बतलाओ कि इस कार्य मे धर्म हुआ या पाप ? यदि इस कार्य मे भी तुम पाप मानते हो तो यह स्पष्ट हो जाता है कि तुम्हारी श्रद्धा मिथ्या है । तुम्हे अनुकम्पा से पूर्ण द्वेष है । इसीलिए किसी भी निर्वद्य ढङ्ग से की गई अनुकम्पा को भी तुम लोग पाप ही बतलाते हो । यह तुम्हारी मान्यता मिथ्या है ।।१५-१६।। चूहा ने बिल्ली तणा,
माती माा चित्राम हो भवि न ।
अनुकम्पा - विचार 1
दया काढण गुरु किया,
पोटाँ जाँरा परिणाम हो भविकजन ॥ क० १७ ॥
भावार्थ : - जिनके हृदय से परिणाम बहुत कनुपित है ऐसे कुगुरुओ ने अनुकम्पा को उठाने के लिए चूहा और बिल्ली तथा मक्खियाँ आदि के कई चित्र (फोटो) बना रक्खे है जिन्हें दिखा कर भोले जीवो को भ्रम मे डालते है और उनके हृदय से अनुकम्पा निकालने की चेष्टा करते है ।।१७।।
चूहा मारण बिल्ली चली,
दयावन्त दया लाय हो भविकजन ।
रक्षा री चूहा तणी,
पय मिनकी ने दीनो पाय हो भविकजन ॥ ०१८ ॥
प्राण बच्या चूहा तणा,
मिन्नी रो मिटायो पाप हो भविकजन ।
थारी श्रद्धा से कहो,
धरम हुवो के पाप हो भविकजन ।। क० १६ ॥
भावार्थ : - वे लोग दृष्टान्त देते हैं कि एक बिल्ली किसी चूहे को मारने के लिए दौड़ी । वहाँ एक दयावान् पुरुप खड़ा है। ऐसे समय मे वह क्या करे ? चूहे की रक्षा करने के लिए यदि वह बिल्ली को रोकता है तो बिल्ली को अन्तराय लगती है और वह भूख से मरती है। ऐसे समय मे दयावान् किसकी रक्षा करे ? |
डॉक्टरों और स्टाफ की कमी और बढ़ती मरीजों की संख्या के कारण लोग बिना डिग्री डिप्लोमा के क्लीनिक संचालित कर रहे हैं। लोग भी मजबूर होकर इन झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवा रहे हैं।
सुकमा जिले में एक सिरफिरे शख्स ने दो बच्चियों की बेरहमी से डंडे से पीट-पीटकर मार डाला। जानकारी के मुताबिक, आरोपी मानसिक रूप से विक्षिप्त भी बताया जाता है।
एक महिला पटवारी को 7 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। पटवारी ने जमीन का खसरा देने के नाम पर 10 हजार की घूस की मांग की। लेकिन जमीन मालिक ने पैसे देने से इनकार कर दिया और इसकी शिकायत रायपुर के एसीबी ऑफिस में कर दी।
प्रेमी झूठ बोलकर अपने साथ प्रेमिका को जंगल ले गया। फिर उसको वहां मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने बताया युवती आरोपी से शादी करने की जिद कर रही थी। जबकि युवक पहले से शादीशुदा थाा, इसलिए आरोपी ने उसकी हत्या कर दी।
बेशक पुलिस के मारे गुंडे-बदमाश भाग खड़े होते हों, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस की भूतों के भय से घिग्गी बंधी हुई है। वहम के चलते पुलिस तंत्र-मंत्र का सहारा भी ले रही है। ऐसे दो मामले सामने आए हैं।
दो दरिंदों ने अपनी गंदी मानसिकता से पहले एक 19 साल की लड़की का घर से अपहरण किया फिर रेप करने के बाद उसको निर्वस्त्र कर एक पेड़ से फांसी के फंदे पर लटकाकर चल दिए।
गायों के संरक्षण और उन्हें राज्य की अर्थव्यवस्था से सीधे तौर पर जोड़ने के लिए अगले एक साल में राज्य की 70 फीसदी पंचायतों में 'गौठान' बनाने और विभिन्न गौ उत्पाद बेचने का लक्ष्य रखा है।
आतंकी अजहरुद्दीन उर्फ अजहर साल 2013 में हिरासत में लिया था, लेकिन वह किसी तरह भाग गया था। जानकारी के मुताबिक, इसी साल बोधगया और पटना धमकों के पीछे सिमी संगठन और अजहर का ही हाथ था। उस ब्लास्ट में करीब 17 लोगों को हिरासत में लिया था।
यह तस्वीर दिखाने का मकसद पशु क्रूरता के खिलाफ आवाज उठाना है। पिंकी पोनी नाम की इस घोड़ी के चारों पैर काट लिए गए थे। वो 20 दिन तक तड़पती रही। आंखों से आंसू टपकते रहे। अंत में उसने दम तोड़ दिया।
छत्तीसगढ़ पुलिस का एक जवान बड़ी बेफिक्री से सरेराह कानून के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है। आरक्षक अपनी पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी के साथ ही स्टंट कर रहा है। सिपाही को अपनी जान की भी कोई परवाह नहीं है, वह बिना हेलमेट पहने अपनी स्कूली टाटा सूमो के साथ दौड़ा रहा है।
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नई दिल्ली : वेस्टइंडीज की डिएंड्रा डोटिन ने महिला प्रीमियर लीग से बाहर रहने पर निराशा जताते हुए कहा कि इसके लिये गुजरात जाइंट्स ने जो कारण बताया, वह हैरान करने वाला है। वेस्टइंडीज की 31 वर्ष की हरफनमौला डोटिन को अडानी समूह की टीम ने 60 लाख रूपए में खरीदा था लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से पहले उन्हें चिकित्सा कारणों से बाहर कर दिया गया।
जाइंट्स ने कहा डोटिन निर्धारित समय सीमा तक चिकित्सा मंजूरी नहीं ले सकी जिसकी वजह से उनकी जगह ऑस्ट्रेलिया की किम गार्थ को शामिल किया गया। डोटिन ने हालांकि ट्विटर पर कहा, 'मैं पहली महिला प्रीमियर लीग से मेरे बाहर होने को लेकर लग रही अटकलों पर संक्षिप्त बयान देना चाहती हूं। मैं इस सबसे बहुत निराश हूं। मेरे बाहर होने का जो कारण बताया, वह हैरान करने वाला है। '
उन्होंने कहा, 'अडानी समूह की गुजरात जाइंट्स टीम ने लीग की नीलामी में मुझे खरीदा था। टूर्नामेंट शुरू होने से पहले फ्रेंचाइजी ने दावा किया कि मुझे चिकित्सा कारणों से बाहर रखा गया है। इसके बाद कहा गया कि मैं चिकित्सा मंजूरी नहीं ले सकी जबकि 20 फरवरी को ही मुझे वह मिल गई थी। '
वेस्टइंडीज के लिए 143 वनडे और 127 टी20 खेल चुकी डोटिन ने कहा कि वह टीम प्रबंधन के फैसले से हैरान है। उन्होंने कहा, 'मैं स्पष्ट करना चाहती हूं कि मेरे पेट में हलका दर्द था और सूजन हो गई थी। मैने दिसंबर 2022 में इलाज कराया। इसके बाद विशेषज्ञों को दिसंबर और जनवरी में दिखाया। मुझे 13 फरवरी तक आराम के लिए कहा गया था और 14 फरवरी से मुझे फिटनेस गतिविधियों और खेलने की अनुमति मिल गई। '
डोटिन ने कहा, 'मैने अभ्यास शुरू कर दिया। गुजरात जाइंट्स के फिजियो के साथ मैने पूरी ईमानदारी से सारी जानकारी साझा की लेकिन उसे तोड़ मरोड़कर पेश करके टीम प्रबंधन को बताया गया कि अभ्यास सत्र के बाद मुझे पेट में दर्द उठा है जबकि ऐसा नहीं था। बाद में टीम ने मुझे कनाडा में जांच कराने को कहा। मैने अपने डॉक्टर इयान लुईस से 20 फरवरी को मिली मंजूरी भी टीम को दी थी। '
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अपने चेहरे की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए लडकियां और महिलाएं कई तरह के महंगे ब्यूटी प्रोडक्टों का इस्तेमाल करती हैं. पर अगर आप इन महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने की जगह घर में रखी चीजों का इस्तेमाल करती हैं तो इससे आपकी स्किन में निखार भी आएगा और आपकी स्किन को कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होगा.
1- पुराने ज़माने से ही मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल महिलाएं अपने स्किन और बालों की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए करती आ रही हैं. मुल्तानी मिटटी स्किन पर नजर आने वाले काले दागों को साफ़ करती है और आपकी स्किन टोन को बेहतर बनाए रखती है, मुल्तानी मिटटी का इस्तेमाल करने के लिए एक बाउल में मुल्तानी मिटटी के पाउडर को ले लें, अब इसमें थोड़ा सा गुलाबजल डालकर अच्छे से मिलाकर पेस्ट बना लें, अब इसे अपने चेहरे पर लगाएं और सूख जाने पर धो लें, ऐसा करने से आपकी रंगत में निखार आ जायेगा, इसके अलावा अगर आप क्लीयर स्किन पाना चाहती हैं तो इसके लिए मुल्तानी मिटटी में थोड़ा सा टमाटर का रस मिलाकर अपने चेहरे पर लगाएं, अगर आपकी स्किन रेडिएंट है तो आप मुल्तानी मिटटी के साथ शहद और सॉफ्ट स्किन पाने के लिए मुल्तानी मिटटी में चंदन पाउडर और दूध मिलाकर अपने चेहरे पर लगाएं.
नीम भी स्किन के लिए बहुत फायदेमंद होती है, नीम के इस्तेमाल से भी आप खूबसूरत और क्लीयर स्किन पा सकती है, इसके इस्तेमाल से पिंपल्स और ऑयली स्किन की परेशानी खत्म हो जाती है, इसके लिए सबसे पहले एक कटोरे में नीम का पेस्ट ले लें, अब इसमें थोड़ी सी हल्दी और गुलाबजल डालकर अच्छे से मिलाएं, अब इसे अपने चेहरे पर लगाएं और सूख जाने पर धो दें, अगर आप हफ्ते में दो बार इसका इस्तेमाल करती हैं तो आपकी स्किन क्लियर और खूबसूरत हो जाएगी.
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भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच दक्षिण अफ्रीका में 6 मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही है। इस वनडे सीरीज में अबतक दो वनडे मैच हो चुके हैं जिसमें मेजबान दक्षिण अफ्रीका की टीम पूरी तरह से संघर्ष करती नजर आ रही है। दक्षिण अफ्रीकी टीम को पहले वनडे मैच के साथ ही दूसरे वनडे मैच में भी करारी हार का सामना करना पड़ा और अब उनकी टीम की सीरीज में वापसी करने की संभावना बहुत कम नजर आ रही है।
दक्षिण अफ्रीका का इस सीरीज में संघर्ष के पीछे सबसे बड़ी वजह उनके प्रमुख खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी है। दक्षिण अफ्रीका के सबसे खतरनाक बल्लेबाजों में से एक एबी डीविलियर्स तो पहले से ही इस सीरीज के पहले तीन वनडे मैचों से अपनी अंगुली की चोट के कारण बाहर बैठे हुए हैं तो वहीं पहले वनडे मैच के दौरान कप्तान फाफ डू प्लेसीस भी अंगुली में ही चोट लगने के कारण से पूरी सीरीज के लिए ही बाहर हो गए।
लेकिन इस बीच दक्षिण अफ्रीका के लिए चौथे वनडे मैच के लिए खुशखबरी मिल सकती है जब एबी डीविलियर्स अंगुली की चोट से उबर कर वापसी कर सकते हैं। एबी डीविलियर्स की वापसी से दक्षिण अफ्रीकी टीम के खेमे को बड़ी राहत मिल सकती है। क्योंकि एबी डीविलियर्स गोल्फ खेलने के लिए अपने आपको तैयार कर चुके हैं। वैसे खुद एबी डीविलियर्स की तरफ से सो वापसी को लेकर कोई बयान नहीं आया है लेकिन दक्षिण अफ्रीका टीम के टीम डॉक्टर शुएब मांजरा को पूरा विश्वास है कि इस सीरीज के चौथे वनडे मैच में एबी डीविलियर्स वापसी कर सकते हैं।
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मैं इस कदर उन 7 दिनों दर्द से कराहती थी।
अपवित्र हो तुम !
उन 7 दिनों मानसिक प्रताड़ना ।
छुपाती उन 7 दिनों कि कहानी ।
क्योंकि पुरुष जन्म स्त्री के कोख से ही तो पाएगा !
इसके बिना पुरुष पिता का सुख न पाए।
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बॉलीवुड एक्ट्रेस सोहा अली खान (Soha Ali Khan Instagram) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें शेयर की हैं. इन तस्वीरों में वह अपने पिता मंसूर अली खान की कब्र पर दुआ पढ़ते हुए नजर आ रही हैं.
सोहा अली खान ने जो फोटो इंस्टाग्राम पर शेयर की हैं उनमें उनके साथ उनकी बेटी इनाया नौमी खेमू और मां शर्मीला टैगोर भी नजर आई हैं.
आपको बता दें कि मंसूर अली खान पटौदी (Mansoor Ali Khan Pataudi Death Anniversary) का आज से 10 साल पहले निधन हो गया था. ऐसे मेंसोहा अली खान पिता को श्रद्धांजलि देने के लिए मां शर्मिला टैगोर के साथ पटौदी गांव पहुंची थीं.
सोहा अली खान ने अपनी बेटी इनाया के साथ पिता की कब्र पर दुआ पढ़ी है. इस दौरान एक्ट्रेस सफेद रंग के सूट सलवार में दिखाई दी हैं.
आपको बता दें कि ये फोटोज शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने लिखा है किआप कभी भी नहीं मर सकते जबतक आपको याद करना नहीं भूल जाते.
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टिफिन में खाना गर्म रखने के लिए लोग एल्यूमिनियम फॉइल में खाना रखते हैं। लेकिन क्या आपको पता है एल्यूमिनियम फॉइल का इस्तेमाल शरीर को नुकसान भी देता है। माइक्रोवेव ओवन में एल्यूमिनियम फॉइल का प्रयोग भी खतरनाक होता है।
वैज्ञानिकों ने आकलन निकाला है कि जब गर्म भोजन फॉइल में पैक किया जाता है तो फॉइल के तत्व भोजन में समाहित होने लगते हैं। ज्यादा गर्म खाने में तेजी से ये तत्व मिलते हैं जो शरीर जाकर सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सुरक्षित सेवन के लिए एल्यूमिनियम इस्तेमाल करने का मानक 40 एमजी (मिलीग्राम) प्रति किलोग्राम शरीर के वजन के हिसाब से तय किया है। अगर कोई व्यक्ति 60 किलो का है तो उसके लिए सुरक्षित सेवन 2400 एमजी होगा। एल्यूमिनियम फॉयल के रिएक्शन के कारण ये ज्यादा हो जाता है।
एल्यूमिनियम फाइल के इस्तेमाल से पाचन की समस्या उत्पन्न होने लगती है। जब एल्यूमिनियम अधिक मात्रा में शरीर में जाता है तो यह हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित करता है।
फाइल जब ज्यादा इस्तेमाल में आता है तो उसके असर से शरीर में एलर्जी, मितली अाना, चक्कर या कमजोरी महसूस होती है।
पाचन की समस्या के अलावा इससे लीवर, किडनी और हड्डियों से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं। इसके कारण पेट दर्द और हमेशा थकान महसूस होने की परेशानी भी हो सकती है।
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बात जनवरी की शुरुआत की है, जब चीन के शहर वुहान में एक नए करोना वायरस की ख़बर को छिपाने की कोशिश हो रही थी.
इसी बीच वुहान में एक डॉक्टर अपने साथी डॉक्टरों को इस नए वायरस के बारे में चेतावनी देने की कोशिश कर रहे थे.
लेकिन ऐसा करने पर पुलिस उनसे पास आई और उनसे कहा कि 'वे अपना मुँह बंद रखें. '
मगर इसके कुछ हफ़्ते बाद जब डॉक्टर ली वेनलियान्ग ने अस्पताल से अपनी कहानी एक वीडियो के ज़रिए पोस्ट की तो उन्हें एक हीरो के तौर पर देखा जाने लगा.
वीडियो से पता चलता है कि जब इस वायरस के बारे में शुरुआती जानकारी मिली थी, उस वक़्त स्थानीय प्रशासन ने इस मामले में असामान्य प्रतिक्रिया दी थी.
वीडियो में डॉक्टर ली कहते हैं, "मैं वुहान सेंट्रल अस्पताल में आँखों के डॉक्टर के तौर पर काम करता हूँ. "
डॉक्टर ली वेनलियान्ग ने सात ऐसे मामले देखे थे जिनमें सार्स जैसे किसी वायरस के संक्रमण के लक्षण थे. साल 2003 में सार्स वायरस के कारण वैश्विक ख़तरा पैदा हो गया था.
माना जा रहा है कि ये वायरस वुहान के हुनान सीफ़ूड मार्केट से फैलना शुरू हुआ और संक्रमित लोगों को सबसे पहले इसी अस्पताल में रखा गया था.
बीते साल 30 दिसंबर को एक चैट ग्रुप में उन्होंने अपने साथी डॉक्टरों को संदेश भेजा और इस वायरस के संभावित ख़तरे के बारे में बताया और उन्हें चेतावनी दी कि 'इससे बचने के लिए वो ख़ास तरह के हिफ़ाज़ती कपड़े पहनें. '
उस वक़्त डॉक्टर ली को नहीं पता था कि ये दूसरी तरह का कोरोना वायरस है जिसके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं है.
इस ग्रुप चैट के चार दिन बाद चीन के 'पब्लिक सिक्योरिटी ब्यूरो' के अधिकारी उनके पास आए और उन्हें एक पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा.
इस पत्र में लिखा था कि 'उन पर ग़लत जानकारी देने का आरोप है जिसकी वजह से समाज में डर फैला. '
साथ ही ये भी लिखा था, "हम आपको चेतावनी देते हैं कि अगर आप अपने ग़लत बयानों पर बने रहते हैं और ग़ैर-क़ानूनी काम करना जारी रखते हैं तो आपके ख़िलाफ़ उचित कार्रवाई की जाएगी. क्या आप ये बात समझते हैं? "
इस पत्र पर डॉक्टर ली ने लिखा था, "हाँ, मैं यह बात समझता हूँ. "
डॉक्टर ली उन आठ लोगों में से एक थे जिनके ख़िलाफ़ पुलिस 'अफ़वाह फैलाने' के आरोप में जाँच कर रही थी.
जनवरी 2020 के अंतिम हफ़्ते में डॉक्टर ली ने इस पत्र की तस्वीर चीनी सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म वीबो पर पोस्ट कर दी और उसके बारे में विस्तार से लिखा जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने उनसे माफ़ी मांगी.
जनवरी के दूसरे सप्ताह तक वुहान में अधिकारियों का कहना था कि जो लोग ऐसे किसी जानवर के संपर्क में आए हैं जिनके शरीर में कोरोना वायरस रहता है, केवल वही इससे संक्रमित हैं.
मरीज़ो का इलाज कर रहे डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए किसी तरह की कोई चेतावनी जारी नहीं की गई थी.
लेकिन एक सप्ताह बाद ही पुलिस ने फिर डॉक्टर ली से संपर्क किया.
इस बार वे ग्लूकोमा के लिए एक महिला का इलाज कर रहे थे. उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी कि वे नए कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं.
वीबो पर लिखे अपने पोस्ट में डॉक्टर ली ने विस्तार से बताया है कि 10 जनवरी से उन्हें खाँसी शुरू हुई और उसके बाद उन्हें बुखार आया.
दो दिन में ही उनकी सेहत इतनी बिगड़ गई कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. उनके माता-पिता भी बीमार पड़ गए और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती होना पड़ा.
20 जनवरी को, यानी 10 दिन बाद चीन में कोरोना वायरस के कारण आपात स्थिति की घोषणा कर दी गई.
डॉक्टर ली का कहना है कि कई बार कोरोना वायरस के लिए उनकी जाँच हुई लेकिन हर बार नतीजा निगेटिव ही आया.
30 जनवरी को एक बार फिर उन्होंने वीबो पर पोस्ट किया, "आज न्यूक्लिआई टेस्ट का नतीजा आ गया है और ये सकारात्मक है. अब इस पर संदेह ख़त्म हुआ, अब जाँच पूरी हो गई है. "
इस पोस्ट पर उन्हें कई लोगों का समर्थन मिला है जबकि कई लोगों ने उन्हें सांत्वना भी दी है.
एक सोशल मीडिया यूज़र ने लिखा, "डॉक्टर ली वेनलियान्ग एक हीरो हैं. "
डॉक्टर ली के साथ जो कुछ हुआ उसके बारे में जानने के बाद कुछ लोगों ने लिखा है, "भविष्य में डॉक्टरों को यदि किसी ख़तरनाक बीमारी के लक्षण मिलें तो वे इनके बारे में बताने से डरेंगे. "
उन्होंने लिखा, "एक स्वस्थ वातावरण तैयार हो सके इसके लिए हमें लाखों ली वेनलियान्ग की ज़रूरत होगी. "
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. )
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यदि आप जिम में लगातार प्रशिक्षण के लिए हैंविपत्तिपूर्ण रूप से पर्याप्त समय नहीं है, निराशा न करें - एक सुंदर "पम्प अप" मछलियां घर पर प्राप्त की जा सकती हैं, एक सप्ताह में तीन से चार बार एक घंटे से भी कम समय का प्रशिक्षण दे सकता है। ऐसा करने के लिए, यह थोड़ा सा लगेगा - टाइपिंग डंबल्स, कई अभ्यासों के लिए समय, जो नियमित रूप से करने के लिए वांछनीय है, और थोड़ा प्रयास करें जल्दी से मछलियां बढ़ने से नीचे वर्णित कई सरल अभ्यासों के एक सेट को मदद मिलेगी।
मछलियां बढ़ने वाले मूल अभ्याससमय की थोड़ी अवधि के लिए - ये डंबल के विभिन्न प्रेस हैं इनमें बैठने की स्थिति, इच्छुक लिफ्टों, विकर्ण "हथौड़ा" से उन्नयन शामिल हैं, तौलिया पर सीधे पकड़ और लिफ्टों के साथ लिफ्टों में शामिल हैं। यदि आप इन सरल अभ्यासों के कार्यान्वयन को समझते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि घर में मछलियां कैसे स्विंग करना चाहिए और नतीजे दो हफ्तों में ले जाएंगे।
चढ़ते हुए चढ़ते हैं इस अभ्यास को करने के लिए, आपको नीचे बैठना होगाएक कुर्सी पर और हाथों में ले लो, जो पांच किलो से कम नहीं है। अब हम अपने हाथों को अपने हथेलियों में बांटने के लिए ले जाते हैं, उन्हें कोहनी में झुकाते हैं और उन्हें अपने कंधों पर खींचते हैं फिलहाल जब कोहनी एक सही कोण बनाती है, तो हाथ के साथ काम करना शुरू करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि अंत में बिस्सप संभवतः जितना तनावपूर्ण हो सके। जबकि एक हाथ कंधे पर चढ़ जाता है, दूसरा को अपनी मूल स्थिति में वापस करना चाहिए। तीन तरीकों में इस तरह के उन्नयन, दस गुना प्रत्येक करें। समय के साथ, आप प्रत्येक डंबेल का वजन बढ़ा सकते हैं।
इच्छुक लिफ्टों हर एथलीट और कोच जो जानता है कि कैसे रॉक करना हैमछलियां, हमेशा इस अभ्यास शुरू करने के लिए सलाह देते हैं। यह तथ्य यह है कि इस तरह के ऊपर वर्णित एक झुका बोर्ड पर प्रदर्शन कर रहे हैं उन लोगों के रूप लिफ्टों, (यह एक बड़ा inflatable गेंद सीट या बाक़ी द्वारा प्रतिस्थापित किया जा सकता है) में निहित है। हाथ तय हो गई है, इसलिए है कि कोहनी कोण पैंतालीस डिग्री के शरीर, और डम्बल वजन के साथ गठन की मांसपेशियों को लोड करने के लिए संभव हो जाना चाहिए (ताकि ताकि आदमी डम्बल नहीं उठा सकता है और अधिक से अधिक पंद्रह बार आप इसे लेने के लिए की जरूरत है)। दस बार के तीन सेट में प्रत्येक अभ्यास निष्पादित करें।
विकर्ण "हथौड़ा" हमारे हाथों में डंबेल के साथ खड़े होने पर, हम वैकल्पिक रूप से शुरू होते हैंउन्हें उठाओ, विपरीत कंधे को छूना। यह अभ्यास दिखाता है कि कैसे दांतों को फुलाया जाए, और कलाई के विस्तारक, ब्राचियल मांसपेशियों और ब्राचियल मांसपेशियों पर भी भार प्रदान करता है। यह पिछले अभ्यास के समान समय है।
उदय एक सीधी पकड़ है। खड़े (कंधे की चौड़ाई पर पैर रखकर) हम शुरू करते हैंवैकल्पिक रूप से हथेलियों को "सीधे से" हथेलियों के साथ सीधे पकड़ के साथ बढ़ाएं। हाथ धीरे-धीरे जितना संभव हो सके और पकड़ को बदलने के बिना झुकना चाहिए। चढ़ाई के शीर्ष पर, आपको रोकने के लिए एक पल लेना चाहिए, और फिर अभ्यास जारी रखें। हम तीन दृष्टिकोणों में दस बार इस तरह के चढ़ाई करते हैं।
एक तौलिया पर उगता है। हम दस से पंद्रह वजन वाले डंबेल को ठीक करते हैं (साथसमय वजन बढ़ाया जा सकता है) एक लंबे तौलिया पर किलोग्राम और कोहनी को जितना संभव हो सके रखें, लिफ्टों को पूरा करना शुरू करें। चढ़ाई के दौरान, "लाइन में" पकड़ में तटस्थ पकड़ को बदलने, ब्रश को थोड़ा सा चालू करना आवश्यक है। शीर्ष बिंदु पर एक छोटा विराम बनाने के लिए मत भूलना, ताकि इस पल में मांसपेशियों को कम किया जा सके।
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मिथुन राशि वालों को आज बौद्धिक कार्यों में जुड़ना पड़ेगा, लेकिन वाद-विवाद में न उलझें। आज आप संवेदनशील रहेंगे।
आप का दिन आर्थिक एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण से लाभदायी रहेगा। धनलाभ के साथ आप लंबी अवधि के लिए धन का आयोजन भी कर पाएँगे। अगर आप व्यापार के साथ जुडे़ हुए हों तो उसके विस्तार की योजना बना पाएँगे।
आप अपनी वाणी से किसी को मंत्रमुग्ध कर लाभ ले पाएँगे। आपकी वैचारिक समृद्धि में बढ़ोतरी होगी, तथा आप का मन प्रफुल्लित रहेगा। आप किसी शुभ कार्य करने के लिए प्रेरित होंगे।
आज बौद्धिक कार्यों में जुड़ना पडेगा, लेकिन वाद-विवाद में न उलझें। आज आप संवेदनशील रहेंगे। विशेषकर माता एवं स्त्री सम्बंधित विषयों में अधिक भावुक रहेंगे।
नए कार्य प्रारंभ करने के लिए दिन शुभ है। मित्र एवं स्वजनों से भेंट होगी। प्रियजनों से सुख एवं आनंदप्राप्ति होगी। पर्यटन के लिए मित्र तथा परिवारजनों के साथ योजना बन सकती है। मन में प्रसन्नता छाई रहेगी।
आज का आपका दिन मध्यम फलदायी कहा जा सकता है, परंतु आर्थिक रूप से लाभदायी रहेगा। व्यय अधिक होगा। दूर सदूर के लोगों से संदेश-व्यवहार से लाभ होगा। आज परिवारवालों का अच्छा सहकार मिलेगा।
विचारों की समृद्धि बढेगी। लाभकारी तथा मेलजोल भरे संबंध आप वाणी की सहायता से बना सकेंगे। व्यावसायिक रुप से दिन लाभदायी रहेगा। आप का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। मन प्रसन्न रहेगा। आर्थिक लाभ ले सकेंगे।
असंयमित या अविचारी वर्तन आपको परेशानी में डाल सकता है। अतः ऐसे व्यवहार से बचें। दुर्घटना से सावधान रहें। खर्च अधिक रहेगा। व्यावसायिक व्यक्तियों के साथ उग्र विवाद होने की संभावना है, इसलिए वाणी पर संयम रखें।
नौकरी-व्यवसाय में लाभ प्राप्त होगा। मित्रों के साथ भेंट हो सकती है तथा प्राकृतिक स्थल पर घूमने की योजना भी बन सकती है। विवाह योग्य युवक-युवतियों को योग्यपात्र मिल सकते हैं।
आप में परोपकार की भावना रहने से अन्य लोगों को सहायता करने के लिए आप उत्सुक रहेंगे। व्यापार में भी आपका आयोजन व्यवस्थित होगा। व्यापार के कारण बाहर कहीं प्रवास हो सकता है।
बौद्घिक तथा लेखनकार्य से जुडी़ हुई प्रवृत्ति में आप सक्रिय रहेंगे। साहित्य में नवीन सृजन करने का योजना भी कर सकेंगे। परंतु फिर भी मानसिक उद्वेग से आप परेशान रह सकते हैं।
अत्यधिक विचार और क्रोध आपकी मानसिक स्वस्थता में खलल पहुँचाएँगे। स्वास्थ्य खराब होगा। परिवार में खटराग होने की संभावना रहेगी। खर्च की मात्रा बढ़ने से आर्थिक तंगी का अनुभव होगा।
व्यवसाय में भागीदारी करने के लिए भी शुभ समय है। साहित्य सृजक, कलाकार और कारीगर अपनी सृजनात्मकता निखार सकेंगे और आदर पाएँगे। पार्टी, पिकनिक के माहौल में मनोरंजन प्राप्त कर सकेंगे।
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नई दिल्ली, (भाषा)। केंद्र सरकार ने कुश्ती को ओलंपिक खेलों से निकाले जाने के मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया है और इस संबंध में 70 देशों के खेल मंत्रियों को पत्र लिखकर कार्रवाई की अपील की गयी है। खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आज लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कुश्ती को ओलंपिक खेलों से बाहर किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और साथ ही स्पष्ट किया कि अभी आईओसी के इस कदम पर अन्तिम रूप से मुहर नहीं लगी है अभी यह केवल प्रस्ताव है। इस खेल को फिलहाल ओलंपिक खेलों की सूची से बाहर नहीं किया गया है। खेल मंत्री ने बताया कि उन्होंने खुद 70 देशों के खेल मंत्रियों को इस संबंध में पत्र लिखा है और साथ ही इन देशों में स्थापित भारतीय दूतावासों और मिशनों से भी मुद्दे को संबंधित देशों के साथ उ"ाने को कहा गया है। उन्होंने बताया कि ओलंपिक खेल आयोजन समिति से कहा गया है कि कुश्ती खेल 1896 में सबसे पहले आयोजित ओलंपिक खेलों का हिस्सा थी। यह प्राचीन खेल है और इसे आगे भी ओलम्पिक खेलों में बरकरार रखा जाना चाहिये। हरियाणा के रोहतक जिले में भारतीय खेल प्राधिकरण ः साई ः का नया केंद्र स्थापित किया जा रहा है और केंद्र सरकार प्रदेश के अन्य क्षेत्रीय खेल केंद्रों का भी उन्नयन करेगी। खेल मंत्री जितेन्द्र सिंह ने लोकसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सदस्य दीपेन्द्र हुड्डा के सवाल के जवाब में सदस्य की इस बात से सहमति जतायी कि हरियाणा में काफी खेल प्रतिभाएं हैं और राष्ट्रमंडल तथा लंदन ओलंपिक खेलों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों में हरियाणा के खिलाड़ियों की बड़ी हिस्सेदारी रही है। उन्होंने बताया कि इन्हीं चीजों को ध्यान में रखते हुए रोहतक में साई प्रतिष्"ान खोला जा रहा है और साथ ही अन्य क्षेत्रीय खेल केंद्रों का उन्नयन किया जाएगा। सिंह ने बताया कि सरकार प्रदेश के सोनीपत को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने की योजना बना रही है जहां खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसी के साथ हिसार और भिवानी केंद्रों को भी समुन्नत बनाया जाएगा। खेल मंत्री ने एक अन्य सवाल के जवाब में बताया कि उत्तर प्रदेश में लखनउढ को भी खेलों के लिहाज से सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने की योजना है। साथ ही इटावा और बरेली में खेल सुविधाओं का उन्नयन किया जाएगा।
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मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में दो-दिवसीय फाग उत्सव का शुभारंभ। पहले दिन सागर, पटना और उज्जैन के कलाकारों ने दी मनभावन प्रस्तुतियां। madhya pradeshSat, 11 Mar 2023 09:33 AM (IST)
पुराने शहर के चौक बाजार स्थित श्रीजी मंदिर में चल रहा फागोत्सव। प्रभु के गोवर्धन नाथ जी के स्वरूप की हुई पूजा-अर्चना। madhya pradeshTue, 28 Feb 2023 07:25 AM (IST)
धार। नार्मदीय ब्राह्मण समाज नार्मदीय ट्रस्ट मांगलिक भवन नालछा दरवाजा में फाग उत्सव का कार्यक्रम हुआ। महिला मंडल ने फाग गीत गाए। पं राजेंद्र शर्मा ने भजनों की प्रस्तुति दी। पंडित महेश शर्मा, अलोक शर्मा, कैलाश शर्मा, राजे. . . madhya pradeshFri, 09 Mar 2018 03:59 AM (IST)
आजाद नगर। नईदुनिया न्यूज 'आज बिरज में होली है रे रसिया. . . मोहे छेड़ो ना आज नंदलाल. . . ' जैसे भजनों के साथ ढोलक की थाप पर झूमती नगर की महिलाओं ने रंगों के त्योहार को अनूठे ठंग से मनाया। नगर की बेटियों का राधा-कृष्ण की वेशभूषा. . . madhya pradeshWed, 15 Mar 2017 07:37 AM (IST)
न कोई बैंड और न ही बारात। बटाला के फाग उत्सव में लड़की जिसे अपना वर चुनती है वही उसके जीवन का हमसफर बनता है। nationalSun, 12 Feb 2017 07:32 AM (IST)
हरदा (निप्र)। आज मनेगा फाग उत्सव हरदा(निप्र)। वैश्य महा सम्मेलन मप्र की जिला इकाई हरदा द्वारा गुरुवार को फाग उत्सव कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय चांडक चौराहे पर किया गया। इसमें बृज मंडल के कलाकारों ने फाग गीतों की समधुर प्रस. . . madhya pradeshFri, 21 Mar 2014 12:14 AM (IST)
हरदा (निप्र)। वैश्य महा सम्मेलन मप्र की जिला इकाई हरदा द्वारा गुरुवार को फाग उत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इसमें बृज मंडल के सरस संगीत की समधुर प्रस्तुति होगी। संगीताचार्य रमण बिहारी बृज में गाया जाने वाला फाग सुनाए. . . madhya pradeshWed, 19 Mar 2014 11:54 PM (IST)
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UP Election 2022: समाजवादी पार्टी के नेता Akhilesh Yadav ने ऐलान किया है कि उत्तर प्रदेश में अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो वो तीन महीने के अंदर जातिगत जनगणना के वादे को पूरा करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना के आधार पर जिसकी जितनी संख्या होगी उसकी उतनी भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
Akhilesh Yadav ने कहा कि सपा व सहयोगियों पर FIR, प्रत्याशी की गिरफ़्तारी व नेताओं को धमकी जैसे कायराना कृत्य दिखा रहे हैं कि भाजपा 100% हताश है। उप्र के एक भी ग्रामीण या उप-शहरी क्षेत्र में भाजपा नहीं जीत रही है और केवल एक शहर की सीट को सुरक्षित समझ रही है पर अबकी 99% शहरी वोटर भी भाजपा के ख़िलाफ़ है।
पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को होगा और इसके तहत शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत,हापुड़, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और अलीगढ में मतदान होगा।
दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को होगा इसके तहत सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, संभल, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, बदायूं और शाहजहांपुर में वोट डाले जाएंगे।
तीसरा चरण का मतदान 20 फरवरी को है। इस दिन कासगंज, हाथरस, फिरोजाबाद, एटा, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, कानपुर नगर, जालौन, हमीरपुर, महोबा, झाँसी और ललितपुर में मतदान होगा।
चौथे चरण का मतदान 23 फरवरी को है। चौथे चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर, बांदा में वोट डाले जाएंगे।
पांचवें चरण का मतदान 27 फरवरी को है और इस दिन श्रावस्ती, बहराइच, बाराबंकी, गोंडा, अयोध्या, अमेठी, सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, चित्रकूट और प्रयागराज में वोटिंग होगी।
सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को है। इस दिन आजमगढ़, मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, संत रविदास नगर, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, चंदौली और सोनभद्र में वोटिंग होगी।
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लाइव हिंदी खबर :-इन दिनों आप बहुत सक्रिय और व्यस्त रह सकते है। व्यापर के मामले मे आप अपने किसी की सलाह जरूर ले। हो सके तो किसी अनुभवी व्यक्ति से सलह जरूर ले। जिससे आपको अपने व्यापार मे कोई भी हानि न उठाना पड़े। यह समय आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगा। यदि आपने कोई गलती की हैं। तो क्षमा मांग ले। क्षमा मांगने से आप छोटे नहीं होंगे बल्कि क्षमा मांग आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इन दिनों आप किसी अनजान व्यक्ति से मुलाकात कर सकते हैं।
जिससे आपको कुछ नया सीखने को मिल सकता हैं। जो आपके लिए बाद मे बहुत काम आने वाला हैं। इन दिनों आपको अपने भाइयों से भी मदद मिल सकती हैं। जिससे आपको लाभ हो सकता हैं। इन दिनों आपको प्रत्येक लोगों से मदद मिल सकती है। इन दिनों आप ज्यादा मेहनत कर सकते है। व्यापार या दफ्तर मे इन दिनों जो भी काम आपके हाथ लगेगा उसमे आपको सफलता मिल सकती हैं। इस हफ्ते मे आप अपने सभी कामों को सफलता की नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
जिससे आपको धन लाभ हो सकता है। व्यापार करने वालों के लिए यह समय बहुत ही शुभ होगा। इन दिनों साझेदारी से आपको बहुत से लाभ मिल सकते हैं। आप जल्द ही अपने जीवनसाथी के साथ कही बाहर घूमने जा सकते हैं। कही यात्रा करने के योग बन रहे है। आपकी सेहत इन दिनों नरम रह सकती हैं। इसलिए आपको अपनी सेहत का खास खयाल रखने की जरूरत हैं। इन दिनों आपकी महत्वपूर्ण लोगों से मुलाकात हो सकती हैं।
व्यापार या नौकरी के मामले मे आप कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। जो आपके लिए बहुत ही लाभदायक साबित हो सकता हैं। पैसों की स्थिति मे सुधार होने के योग बन रहे हैं। इन दिनों आप आमदनी बढ़ाने और अपने खर्च मे कटौती कर सकते हैं। जरूरी लोगों से आपकी मुलाकात हो सकती हैं। किसी को बिना बात की कोई भी सलाह न दे। यही आपके लिए अच्छा होगा।
भाग्यशाली राशियाँ हैः- मेष राशि , कर्क राशि और मिथुन राशि।
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Dr. Vidya Durgesh Khade नासिक के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। वह रेडियोलोजी के विशेषज्ञ हैं। कई अस्पतालों व क्लीनिक में काम कर चुके Dr. Vidya Durgesh Khade का अनुभव 4 साल से भी ज्यादा है। वर्तमान में Dr. Vidya Durgesh Khade कई हॉस्पिटल से जुड़े हुए हैं और साथ ही वह अनेक मेडिकल संस्थानों के साथ भी मिलकर काम कर रहे हैं। Dr. Vasantrao Pawar Medical College, Hospital & Research Centre से Dr. Vidya Durgesh Khade ने Diploma in Medical Radio-Diagnosis डिग्री की है।
Q: Dr. Vidya Durgesh Khade को कितने वर्षों का अनुभव है?
A: रेडियोलोजी में Dr. Vidya Durgesh Khade को कुल 4 सालों का एक्सपीरियंस है।
Q: Dr. Vidya Durgesh Khade से परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट कैसे ले सकते हैं?
A: आप ऑनलाइन परामर्श या क्लिनिक में मिलने के लिए myUpchar के माध्यम से Dr. Vidya Durgesh Khade के साथ अपॉइंटमेंट ले सकते हैं - ऊपर दिए गए बटन "अपॉइंटमेंट बुक करें" पर क्लिक करें और आसानी से अपॉइंटमेंट बुक करें!
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रवि रायकवार, दतिया। मध्यप्रदेश के दतिया जिले के कलेक्टर संजय कुमार मंच पर मर्यादा भूल बैठे। दरअसल, बरौन कला गांव मुख्यमंत्री जनसेवा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था। इस दौरान प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा समेत बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष बैठे थे। कलेक्टर ग्रामीणों को बता रहे थे कि अब सब कुछ ऑनलाइन हो गया है। इसके लिए पटवारी के घर का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। यह समझाते-समझाते कलेक्टर की जबान फिसल गई, और उन्होंने कह दिया कि 'पटवारी को तेल लगाने की जरुरत नहीं है'।
वहीं कलेक्टर संजय कुमार के इस बयान से वहां बैठे लोग असहज दिखाई दिए। लोगों का कहना है कि कलेक्टर को मंच की मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए था।
बता दें कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा रविवार को दतिया पहुंचे थे। यहां उन्होंने राजघाट कॉलोनी स्थित निवास पर कार्यकर्ताओं और नागरिकों की समस्याएं सुनी। इसके बाद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा मुख्यमंत्री जन सेवा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए बरौन कला गांव पहुंचे।
मुख्यमंत्री जन सेवा कार्यक्रम में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह शिविर गांव में इसलिए लगाया जा रहा है, ताकि पटवारी और तहसीलदार के चक्कर न लगाना पड़े। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आम जनता के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। इन शिविरों के माध्यम से जानकारी दी जा रही है। डॉ मिश्रा ने कहा कि सड़क, बिजली को जो समस्याएं थी वह अब खत्म हो गई है।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कार्यक्रम के बाद फसल उद्यानिकी योजना के 6 लोगों को 1 लाख 35 हजार रुपये के चेक वितरित किए। जबकि तालाब योजना के अंतर्गत 3 लाख 42 हजार रुपये की राशि का वितरण किया। इसके साथ ही सर्पदंश से मरने वाले 3 परिजनों को 4-4 लाख रुपये का चेक प्रदान किया।
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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को 'आयुष्मान भारत सीएपीएफ' स्वास्थ्य देखभाल योजना की शुरुआत की। यह योजना सभी राज्यों में सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के अधिकारियों के लिए है। यह योजना चरणबद्ध तरीके से दिसंबर 2021 के अंत तक 35 लाख सीएपीएफ अधिकारियों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
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राहुल गांधी ने कहा था, "कल रात मां मेरे कमरे में आईं, वो मेरे पास बैठी और रोने लगी. वो इसलिए रोई क्योंकि जो ताकत बहुत लोग पाना चाहते हैं वो असल में जहर है. "
राहुल गांधी के राजनीति में आए आठ साल हो गए थे. जयपुर में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के अधिवेशन में उन्हें कांग्रेस उपाध्यक्ष का पद सौंपा गया. 20 जनवरी 2013 को कांग्रेस उपाध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने पहला भाषण दिया, "बीती रात मां सोनिया गांधी मेरे पास आईं और कहा कि सत्ता जहर के समान है, जो ताकत के साथ खतरे भी लाती है.
राहुल गांधी की ये बात दूसरे मायनों में 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणामों के बाद जोर पकड़ रही है. राहुल अपनी अमेठी सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्मृति ईरानी से हार गए. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी का 17 राज्यों में खाता नहीं खुला. इस करारी हार की समीक्षा के लिए कांग्रेस कार्यकारी समिति (CWC) की बैठक चल रही है. इसमें राहुल गांधी की ओर से अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश चर्चाएं गर्म रहीं. बताया जा रहा है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और मां सोनिया गांधी ने उन्हें इस्तीफा देने से रोका.
राहुल गांधी से जुड़ी कुछ उन बातों पर डालते हैं नजर, जो आमतौर पर कम मीडिया में आती है.
1. राहुल गांधी, गांधी परिवार के सबसे पढ़े-लिखे शख्स हैं. उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के ट्रिनिटी कॉलेज से डेवलपमेंट इकॉनॉमिक्स में एम. फिल किया है. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ सालों तक एक प्रबंधन कंपनी में काम भी किया. फिर वो भारत लौट आए.
2. जनवरी 2004 में पहली बार राहुल गांधी अमेठी गए. यह उनके पिता का लोकसभा क्षेत्र था. पूर्व पीएम राजीव गांधी अमेठी से चुनाव लड़ते थे. तब उस सीट पर मां सोनिया गांधी सांसद थीं. जब उन्होंने अमेठी का दौरा किया तब साफ हो गया कि वो राजनीति में उतर रहे हैं. मार्च 2004 में राहुल ने लोकसभा चुनाव 2004 लड़ने की घोषणा की. हालांकि जनवरी में उन्होंने कहा था, "मेरा राजनीति में आना अभी तय नहीं है. "
3. अपने जीवन के पहले चुनाव में राहुल ने अमेठी से करीब तीन लाख वोटों से बड़ी जीत हासिल की. राहुल गांधी को पहले चुनाव में 3,90,179 वोट मिले. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीएसपी के चंद्र प्रकाश मिश्रा को 9,326 वोट और बीजेपी के राम विलास वेदांती को 55,438 वोट मिले.
4. साल 2004 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की सरकार बनी. राहुल गांधी युवा नेता के तौर पर स्थापित हुए. जनवरी 2006 हैदराबाद में कांग्रेस का एक सम्मेलन चल रहा था. इसमें हजारों युवा कांग्रेसी कार्यकर्ता व नेता चाहते थे कि वो पार्टी में बड़ी भूमिका लें. राहुल ने तब बड़ा पद लेने से मना दिया.
5. साल 2007 में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के दौरान राहुल गांधी ने कुछ जगहों पर चुनाव प्रचार किया. उन्होंने कहा कि अगर बाबरी मस्जिद विध्वंस के वक्त अगर गांधी परिवार का कोई शख्स राजनीति में प्रमुख रूप से सक्रिय होता तो ऐसा नहीं होता. राहुल के इस बयान को तब विपक्षी पार्टी बीजेपी ने प्रमुख मुद्दा बनाया. एम वेंकयानायडू लगातार उनपर प्रहार करते रहे. कई मौकों पर उन्होंने राहुल के इस बयान को पीवी नरसिम्हा राव के साथ हिंदू विरोधी बताया.
6. साल 2008 में यूपी की मुख्यमंत्री मायावती ने राहुल को चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय में छात्रों के सामने संबोधन की अनुमति नहीं दी. तब वो राष्ट्रीय मीडिया में बड़ी खबर बने. इसी घटना के कुछ दिनों बाद प्रदेश के राज्यपाल टीवी राजेश्वर ने विवि के कुलपति वीके सूरी को हटा दिया. इसे राहुल की ताकत से जोड़कर देखा गया.
7. साल 2009 आम चुनावों में राहुल दोबारा अमेठी से चुनाव में मैदान में कूदे. उन्होंने प्रतिद्वंदी को तीन लाख से ज्यादा वोटों से हराया. उनके निकटतम प्रतिद्वंदी बीएसपी के आशीष शुक्ला को 93,997 वोट मिले थे. जबकि 71. 78 फीसदी वोटों के साथ राहुल गांधी को 4,64,195 वोट मिले.
8. लोकसभा चुनाव 2009 में यूपीए 2 की सरकार बनी. राहुल गांधी पार्टी में युवा नेता के तौर पर प्रमुख चेहरे बन चुके थे. तब राहुल के पीएम पद पर ताजपोशी पर पार्टी में ही सहमति नहीं बन पाई. ऐसा जिक्र कई किताबों में बाद में किया गया. हालांकि कांग्रेस ने हमेशा ऐसी बातों को कोरी कल्पना ही बताया.
9. जनवरी 2013 में राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. तब उन्होंने कहा, "कल रात मां मेरे कमरे में आईं, वो मेरे पास बैठी और रोने लगी. वो इसलिए रोई क्योंकि जो ताकत बहुत लोग पाना चाहते हैं वो असल में जहर है. राहुल ने कहा कि सत्ता की ताकत का अच्छा और बुरा दोनों असर पड़ता है। हमें अच्छे को साथ रखना है. "
10. साल 2014 के आम चुनाव में यूपीए की करारी हार हुई. कांग्रेस पार्टी 44 सीटों पर सिमट गई. तब विरोधियों ने उन्हें सबसे ज्यादा निशाने पर रखा. हालांकि राहुल अमेठी की सीट बचाने में कामयाब रहे. लेकिन बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने कड़ी टक्कर दी. राहुल के 4,01,651 वोटों की तुलना में स्मृति को 3,00,748 वोट मिले. यहीं से लगने लगा कि अमेठी का किला राहुल के लिए खिसकने लगा है साथ ही कांग्रेस पार्टी का भी पतन इसी चुनावों के साथ शुरू हो चुका था.
देश में कांग्रेस पार्टी के लिए चल रहे कठिन दिनों में दिसंबर 2017 में राहुल गांधी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई. लोकसभा चुनाव 2019 में वो कांग्रेस को उबार नहीं पाए बल्कि कांग्रेस को फिर बुरी पराजय का सामना करना पड़ा है. खुद राहुल अमेठी से अपनी सीट नहीं बचा पाए. हालांकि वायनाड से सात लाख वोटों से कहीं ज्यादा अंतर से जीत के साथ वो लोकसभा में जरूर पहुंचने में कामयाब रहे हैं. अब ये कांग्रेस में अध्यक्ष पद से उनके इस्तीफे की चर्चाएं जोरों पर हैं.
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बांदा। आयुक्त चित्रकूटधाम मंडल दिनेश कुमार सिंह ने कृषि विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत खेतों में बने तालाबों का स्थलीय निरीक्षण व मूल्यांकन कर किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
आयुक्त ने ब्लॉक बड़ोखर के मटौंध ग्रामीण स्थित ग्राम मुंडेरी में खेत तालाब योजना अंतर्गत बने तालाबों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने लाभार्थी किसान महेंद्र से उनके खेत में बने तालाब से हुए लाभ की जानकारी प्राप्त की और पूछा कि आपको इससे क्या लाभ प्राप्त हुआ है। किसान महेंद्र द्वारा बताया गया कि उन्होंने इस तालाब के माध्यम से 10 बीघे खेत में सिंचाई किया है और अभी तालाब में पानी भी बचा हुआ है। लाभार्थी किसान महेंद्र ने बताया कि उनको पहली किस्त के रूप में रू0 57000 तथा दूसरी किस्त के रूप में रू0 28500 मिले हैं तथा तीसरी किस्त अभी नहीं मिली है तो आयुक्त श्री सिंह ने कहा कि शीघ्र तीसरी किस्त भी मिल जाएगी।
आयुक्त ने वहां उपस्थित खेत तालाब योजना के लाभार्थी किसान वीरेंद्र सिंह से पूछां कि आपको खेत तालाब योजना से क्या लाभ प्राप्त हुआ है तो उन्होंने बताया कि मैंने तालाब के माध्यम से 18 बीघे खेत में सिंचाई किया है इससे मेरे कृषि उत्पादन में काफी लाभ प्राप्त हुआ है एवं तीसरे किसान अवधेश तिवारी द्वारा बताया गया कि मैंने बड़ा तालाब खुदवाया है इसके माध्यम से मैंने 27 बीघे जमीन की सिंचाई कराई है। मझे आशा है कि इससे हमारी फसलों का उत्पादन बढेगा तथा हमारी आमदनी भी बढेगी। किसान रणधीर पाल ने बताया कि मैंने 02 वर्ष पहले तालाब खुदावाया था इस तालाब के माध्यम से मैं अपनी इस तालाब के बगल से लगी हुई 39 बीघे खेती में सिंचाई कर लेता हॅू जिससे अच्छी उपज प्राप्त हो रही है। आयुक्त श्री सिंह ने कहा कि खेत तालाब योजना बुंदेलखंड के लिए वरदान साबित हो रही है। श्री सिंह ने खेत तालाब योजना के लाभार्थी किसान र्क्रमशः किसान महेंद्र, वीरेंद्र सिंह, अवधेश तिवारी, आनंद तिवारी, धर्मेंद्र तिवारी, उदय सिंह, शिवराम, रमेश, जय प्रकाश, बालेंद्र, सूरज प्रसाद, सियाराम, विमल तिवारी, रणधीर पाल, सोबरन, इत्यादि सभी किसानों का माल्यार्पण कर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
आयुक्त श्री सिंह ने किसानों को बताया कि खेत तालाब योजना के अंतर्गत बने तालाबों से सिंचाई कार्य तो संपन्न होगा ही साथ ही साथ इससे जमीन के अंदर वाटर लेवल में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि आप लोग स्प्रिंकलर सेट का अधिक से अधिक उपयोग करें इस स्प्रिंकलर सेट में सरकार द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है इसलिए सभी किसान बंधु इस योजना का लाभ अवश्य प्राप्त करें इसके माध्यम से सिंचाई करने में कम पानी खर्च होगा और अधिक लाभ प्राप्त होगा तथा तालाबों में पानी भी शेष बचेगा। उन्होंने किसानों को बताया कि अर्जुन सहायक परियोजना एक बहुत बड़ी परियोजना है जिससे 64000 हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी तथा इससे 145 गांव को लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही कबरई बांध के पानी भरने की क्षमता को भी 10 गुना बढ़ा दिया गया है। कार्यक्रम के दौरान भूमि संरक्षण विभाग के डिप्टी डायरेक्टर श्री नरेंद्र कुमार एवं भूमि संरक्षण अधिकारी सौरभ कुमार तथा बडी संख्या में किसान बंधु उपस्थित रहे।
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साल 1985 की बात है जब कई रिपोर्ट्स सामने आई थीं जिनमें बताया गया था कि इमरान खान अभिनेत्री रेखा से शादी करना चाहते हैं।
इसके अलावा पाकिस्तान के एक्स पीएम इमरान खान एक्ट्रेस मून मून सेन के भी काफी करीब थे। ऐसे में दोनों के अफेयर की चर्चा भी थी।
इमरान खान का नाम शबाना आजमी के साथ भी जुड़ा था। कहा जाता है दोनों एक समय दोनों साथ थे।
साल 1979 में इमरान खान के 27वें बर्थडे पर जीनत अमान उनके साथ थीं। ऐसे में दोनों के अफेयर की चर्चा ने सभी को हैरान कर दिया था।
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राज्य विद्युत परिषद कर्मचारी यूनियन सुंदरनगर इकाई ने नई पेंशन स्कीम के विरोध में मुख्य अभियंता विद्युत उत्पादन सुंदरनगर के प्रांगण में भोजन अवकाश के समय गेट मीटिंग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समस्त कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। इस अवसर पर दौलत राम राणा उप प्रधान राज्य समिति, मुनी लाल प्रधान राज्य समिति , कनव राणा प्रधान संघ नगर इकाई , रमेश शर्मा सचिव ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए नई पेंशन स्कीम का जमकर विरोध किया और पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने की लिए सरकार को पूर्ण रूप से मांग की है । सुंदरनगर इकाई के सचिव रमेश शर्मा जानकारी देते बताएं कि अगर सरकार पुरानी स्कीम को बहाल नहीं करती है तो यूनियन का यह गेट मीटिंग के दौरान धरना प्रदर्शन और विरोध का कार्यक्रम नियमित रूप से जारी रहेगा।
खामियाजा सरकार को आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा। उन्होंने कहा कि सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली को लेकर अभी भी दिलचस्पी लेती नजर नहीं आई है। अगर सरकार में रहते कर्मचारियों के हित में कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो मजबूर होकर इस आंदोलन को और भी उग्र कर दिया जाएगा । कर्मचारी वर्ग प्रदेश सरकार के हर सुख दुख में कंधे से कंधा मिला कर खड़ा है। ओल्ड पेंशन स्कीम को सरकार जल्द से जल्द बहाल करें ताकि कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके और अन्य कर्मियों की तर्ज पर सेवानिवृत्ति के अवसर पर भी अन्य कर्मचारियों की तरह पेंशन का प्रावधान हो सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में बिजली बोर्ड में भ्रष्टाचार शीर्ष तक डूबा हुआ है। खरीद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार उजागर हुए हैं। निगम प्रबंधन के ढुलमुल रवैए और राजनैतिक संरक्षण के चलते ही गोरखधंधा बिजली बोर्ड में फल-फूल रहा है। इसका यूनियन कड़े शब्दों में विरोध करती है और हर वक्त बिजली बोर्ड की कारगुजारी को उजागर यूनियन करती रहेगी । मुनी लाल, कनव राणा व रमेश ने कहा कि कार्यालय में जाकर घेराव करने से भी यूनियन पीछे नहीं हटेगी। ऐसे में जल्द से जल्द पुरानी पेंशन को लागू कर जन हित में फैसला ले।
मंडी। ट्राइअम्फ यूथ क्लब मंडी जरूरतमंद लोगों और बच्चों के लिए तीन सितंबर को ऐतिहासिक सेरी मंच मंडी पर दो बजे से सांय सात बजे तक कपड़े, किताबें और खिलौने दान करने के लिए एक कैंप का आयोजन किया जाएगा। स्माईल हिमाचल एनजीओ व जिला साक्षरता समिति, हेल्पिंग हैंड व अन्य संगठनों के साथ मिलकर कर रहा है । यह जानकारी ट्राईअंफ यूथ क्लब मंडी के अध्यक्ष सुशांत शर्मा ने बताया कि जिसमें इच्छुक लोग अपने पुराने कपड़े, किताबें और खिलौने दान दे सकते है । क्लब ने अपील की है कि इच्छुक लोग आए बढ-चढकर भाग लें। अपने कपड़े, किताबें और खिलौने दान करें। दान किसी जरूरतमंद के जीवन मे मुस्कुराहट और खुशी के पल दे सकता है ।
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प्रीलिम्स के लियेः
मेन्स के लियेः
चर्चा में क्यों?
हाल ही में राजस्थान के राज्यपाल ने राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा का सत्र बुलाने के लिये की गई सिफारिश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
प्रमुख बिंदुः
- राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के कारण राज्यपाल की शक्तियाँ और राज्य विधानमंडल के मामलों में उसकी भूमिका चर्चित मुद्दा बनी हुई हैं।
- राज्यपाल केवल उन मामलों को छोड़कर जिनमें वह अपने विवेक का इस्तेमाल कर सकता है (मंत्रियों की सलाह के बगैर) अपनी शक्ति/कार्य को मुख्यमंत्री के नेतृत्त्व वाले मंत्रिपरिषद की सलाह पर ही कर सकता है।
- राज्यपाल के संवैधानिक विवेकाधिकार निम्नलिखित मामलों में हैं।
- राष्ट्रपति के विचारार्थ किसी विधेयक को आरक्षित करना।
- राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करना।
- पड़ोसी केंद्रशासित राज्यों के प्रशासक (अतिरिक्त प्रभार की स्थिति में) के रूप में कार्य करते समय।
- असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के राज्यपाल द्वारा खनिज उत्खनन की रोयल्टी के रूप में जनजातीय ज़िला परिषद् को देय राशि का निर्धारण।
- राज्य के विधान परिषद एवं प्रशासनिक मामलों में मुख्यमंत्री से जानकारी प्राप्त करना।
- इसके अलावा राज्यपाल राष्ट्रपति की तरह परिस्थितिजन्य निर्णय ले सकता है।
- विधानसभा चुनाव में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत न मिलने की स्थिति में या कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री की मृत्यु हो जाने एवं उसका निश्चित उत्तराधिकारी न होने पर मुख्यमंत्री की नियुक्ति के मामले में।
- राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल न होने की स्थिति में मंत्रिपरिषद की बर्खास्तगी के मामले में।
- मंत्रिपरिषद के अल्पमत में आने पर राज्य विधानसभा को विघटित करने के मामले में।
- राज्यपाल के संवैधानिक विवेकाधिकार निम्नलिखित मामलों में हैं।
- विधानसभा सत्र बुलाने के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 163 तथा 174 राज्यपाल की शक्तियों के संबंध में महत्त्वपूर्ण हैं।
- अनुच्छेद 163- अपने विवेकाधीन कार्यों के अलावा अन्य कार्यों को करने के लिये राज्यपाल को मुख्यमंत्री के नेतृत्त्व वाली मंत्रिपरिषद से सलाह लेनी होगी।
- अनुच्छेद 174- राज्यपाल, समय-समय पर, राज्य विधान मंडल या विधान परिषद के सदनों के अधिवेशन को आहूत करेगा परंतु एक सत्र की अंतिम बैठक और आगामी सत्र की प्रथम बैठक के मध्य छह माह से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिये।
राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियों से संबंधित उच्चतम न्यायालय के महत्त्वपूर्ण निर्णयः
- सर्वोच्च न्यायालय के कई ऐसे निर्णय हैं, जिनका समाज और राजनीति पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ा है। इन्हीं में से एक है 11 मार्च, 1994 को दिया गया ऐतिहासिक निर्णय जो राज्यों में सरकारें भंग करने की केंद्र सरकार की शक्ति को कम करता है।
- गौरतलब है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एस.आर. बोम्मई के फोन टैपिंग मामले से संबंधित होने के बाद तत्कालीन राज्यपाल ने उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया था, जिसके बाद यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में पहुँचा था।
- सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्णय ने केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद-356 के व्यापक दुरुपयोग पर विराम लगा दिया।
- इस निर्णय में न्यायालय ने कहा था कि "किसी भी राज्य सरकार के बहुमत का निर्णय राजभवन की जगह विधानमंडल में होना चाहिये। राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले राज्य सरकार को शक्ति परीक्षण का मौका देना होगा।"
- वर्ष 2006 में दिये गए इस निर्णय में पाँच सदस्यों वाली न्यायपीठ ने स्पष्ट किया था कि यदि विधानसभा चुनावों में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता और कुछ दल मिलकर सरकार बनाने का दावा करते हैं तो इसमें कोई समस्या नहीं है, चाहे चुनाव पूर्व उन दलों में गठबंधन हो या न हो।
- वर्ष 2016 में उच्चतम न्यायालय ने निर्णय दिया था कि राज्यपाल के विवेक के प्रयोग से संबंधित अनुच्छेद 163 सीमित है और उसके द्वारा की जाने वाली कार्रवाई मनमानी या काल्पनिक नहीं होनी चाहिये। अपनी कार्रवाई के लिये राज्यपाल के पास तर्क होना चाहिये और यह सद्भावना के साथ की जानी चाहिये।
राज्यपाल से संबंधित विभिन्न समितियाँ और उनकी सिफारिशेंः
- वर्ष 1966 में केंद्र सरकार द्वारा मोरारजी देसाई की अध्यक्षता में प्रथम प्रशासनिक सुधार आयोग (ARC) का गठन किया गया था, आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सिफारिश की थी कि राज्यपाल के पद पर किसी ऐसे व्यक्ति को नियुक्त किया जाना चाहिये जो किसी दल विशेष से न जुड़ा हो।
- वर्ष 1970 में तमिलनाडु सरकार द्वारा केंद्र व राज्य संबंधों पर विचार करने के लिये राजमन्नार समिति का गठन किया गया था।
- गौरतलब है कि इस समिति ने भारतीय संविधान से अनुच्छेद 356 और 357 के विलोपन (Deletion) की सिफारिश की थी।
- संविधान के अनुच्छेद 356 के अनुसार, यदि राज्य सरकार संवैधानिक प्रावधानों के तहत कार्य करने में असमर्थ है तो केंद्र राज्य पर प्रत्यक्ष रूप से नियंत्रण स्थापित कर सकता है।
- संविधान के अनुसार, इसकी घोषणा राज्यपाल द्वारा राष्ट्रपति से सहमति प्राप्त करने के बाद की जाती है। साथ ही समिति ने यह भी सिफारिश की थी कि राज्यपाल की नियुक्ति प्रक्रिया में राज्यों को भी शामिल किया जाना चाहिये।
- वर्ष 1983 में गठित सरकारिया आयोग की केंद्र-राज्य संबंधों के बारे में जो अनुशंसाएँ हैं, उसके भाग-1 और अध्याय-4 में यह स्पष्ट किया गया है कि राज्यपाल का पद एक स्वतंत्र संवैधानिक पद है, राज्यपाल न तो केंद्र सरकार के अधीनस्थ है और न उसका कार्यालय केंद्र सरकार का कार्यालय है।
- राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण विगत कुछ समय में राज्यपाल के पद को लेकर प्रश्न उठे हैं। राज्यपाल के पद संबंधी इन विवादों और चुनौतियों पर ध्यान दिया जाना चाहिये तथा सभी हितधारकों से बात कर इसमें सुधार का प्रयास किया जाना चाहिये। चूँकि राज्यपाल के पास विधानसभा सत्र को आहूत करने से संबंधित विवेकाधीन शक्तियाँ नहीं है इसलिये वह मुख्यमंत्री तथा मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के अनुसार कार्य करने के लिये बाध्य है। इसके अलावा मंत्रिपरिषद द्वारा सदन का विश्वास खोने संबंधी मामलों में, वह मुख्यमंत्री को सदन में बहुमत साबित करने के लिये कह सकता है।
चर्चा में क्यों?
हाल ही में नई दिल्ली में भारत और इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रियों के बीच संवाद का आयोजन किया गया, जिसमें भारत और इंडोनेशिया ने रक्षा उद्योगों एवं रक्षा प्रौद्योगिकी के साझाकरण समेत कई क्षेत्रों में सुरक्षा सहयोग के विस्तार की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- भारत और इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रियों के बीच संवाद के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्त्व रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया, जबकि इंडोनेशियाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्त्व देश के रक्षा मंत्री जनरल प्रबोवो सुबिआंतो (General Prabowo Subianto) ने किया, जो दोनों समुद्री पड़ोसी देशों के पारस्परिक संबंधों को मज़बूत करने के उद्देश्य से वर्तमान में भारत की यात्रा पर हैं।
- इस वार्ता के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत, थल सेनाध्यक्ष जनरल एम. एम. नरवाने, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया और रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार तथा अन्य वरिष्ठ असैन्य एवं सैन्य अधिकारियों ने भी इस द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया।
- रक्षा मंत्रियों के बीच इस संवाद के दौरान दोनों ही देशों द्वारा रक्षा उद्योगों एवं रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग के संभावित क्षेत्रों की भी पहचान की गई।
- दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने इन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को और भी अधिक मज़बूत करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- इस अवसर पर राजनाथ सिंह ने सैन्य स्तर की पारस्परिक वार्ताओं पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच हाल के वर्षों में रक्षा सहयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो दोनों पक्षों के बीच 'व्यापक सामरिक साझेदारी' के अनुरूप है।
- रक्षा मंत्रियों के बीच इस संवाद के दौरान दोनों ही देशों द्वारा रक्षा उद्योगों एवं रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में पारस्परिक सहयोग के संभावित क्षेत्रों की भी पहचान की गई।
- भारत एवं इंडोनेशिया का रक्षा तथा सुरक्षा के क्षेत्र में काफी मज़बूत सहयोग है, मई 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के रक्षा संबंधों को मज़बूत करना और संबंधों में हो रही बढ़ोतरी को प्रतिबिंबित करने हेतु एक रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- गौरतलब है कि नवंबर 2018 में आयोजित इंडोनेशियाई रक्षा एक्सपो (Indonesian Defence Expo) में भारतीय रक्षा उद्योग ने भी भाग लिया था।
- वर्तमान में दोनों देशों के बीच कई क्षेत्रों में गहरा और मज़बूत सहयोग है। दोनों देशों की तीन सेवाओं के बीच परिचालन स्तर पर नियमित रूप से वार्ता की जाती हैं और क्षेत्रीय सुरक्षा से संबंधित पारस्परिक हित के मामलों पर चर्चा की जाती है।
- इसके अलावा भारत और इंडोनेशिया के बीच 'गरुड़ शक्ति' नाम से एक संयुक्त सैन्य अभ्यास का आयोजन भी किया जाता है।
- इंडोनेशिया दक्षिण पूर्व एशिया में स्थित एक अनूठा देश है, जो कि मुख्य तौर पर अपने द्वीपों और सुंदर परिदृश्य के लिये विश्व भर में काफी प्रसिद्ध है।
- हिंद महासागर और प्रशांत महासागर के बीच स्थित एक द्वीपसमूह (Archipelago) के रूप में इंडोनेशिया, दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है।
- इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता है और यहाँ का सबसे बड़ा धर्म इस्लाम है, इस देश की लगभग 80 प्रतिशत आबादी इस्लाम धर्म को मानती है। इसके अलावा यहाँ ईसाई, हिंदू और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग भी मिलते हैं।
- गौरतलब है कि इंडोनेशिया में एक बड़ी मुस्लिम आबादी तो रहती है, किंतु इसे भारत की तरह ही एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में देखा जाता है।
- 1,919,443 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले इस देश में वर्ष 2014 की गणना के अनुसार, कुल 253,609,643 लोग निवास करते हैं।
- उल्लेखनीय है कि भारत और इंडोनेशिया घनिष्ठ सांस्कृतिक एवं वाणिज्यिक संबंधों का दो सदियों से भी लंबा इतिहास साझा करते हैं। इतिहासकार मानते हैं कि अतीत में हिंदू, बौद्ध और मुस्लिम धर्म के तमाम लोगों ने भारत के तटों से इंडोनेशिया की यात्रा की।
- इंडोनेशिया की भाषा पर संस्कृत का प्रभाव स्पष्ट नज़र आता है। रामायण और महाभारत जैसे महान भारतीय महाकाव्यों की कहानियाँ इंडोनेशियाई लोक कला और नाटकों का स्रोत हैं।
- इंडोनेशिया के उत्सवों और झाँकियों आदि में रामायण और महाभारत के पात्र कठपुतलियों के रूप में नज़र आते हैं।
- साझा संस्कृति, औपनिवेशिक इतिहास और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद राजनीतिक संप्रभुता, आर्थिक आत्मनिर्भरता एवं स्वतंत्र विदेश नीति के साझा लक्ष्यों ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों पर काफी गहरा प्रभाव डाला है।
- आसियान (ASEAN) क्षेत्र में इंडोनेशिया भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश बनकर उभरा है। दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार वित्तीय वर्ष 2005-06 में 4.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2018-19 में 21 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, हालाँकि बीते एक वर्ष में इस द्विपक्षीय व्यापार में कुछ कमी देखने को मिली है। ध्यातव्य है कि भारत, इंडोनेशिया के कोयले और कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है।
- ऐतिहासिक रूप से ही दोनों देशों के बीच एक सक्रिय सांस्कृतिक आदान-प्रदान होता रहा है। इंडोनेशिया में भारत के दूतावास द्वारा जवाहरलाल नेहरू भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (JNICC) का संचालन किया जाता है, जो नियमित तौर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत, भारतीय शास्त्रीय नृत्य (कथक और भरतनाट्यम), योग और हिंदी एवं तमिल भाषा से संबंधित कक्षाओं का आयोजन करता है।
- वर्ष 1989 में अपनी स्थापना के बाद से ही जवाहरलाल नेहरू भारतीय सांस्कृतिक केंद्र (JNICC) इंडोनेशिया में भारतीय कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
- अनुमान के अनुसार, इंडोनेशिया में भारतीय मूल के लगभग 100,000 इंडोनेशियाई नागरिक रहते हैं, वहीं इंडोनेशिया में 8500 से अधिक भारतीय नागरिक रहते हैं, जिनमें इंजीनियर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, बैंकर और अन्य पेशेवर शामिल हैं।
चर्चा में क्यों?
वैश्विक स्तर पर महत्त्वाकांक्षी अंतरिक्ष परियोजनाओं की बढ़ती संख्या के साथ, खगोल जीव वैज्ञानिकों (Astrobiologists) ने संभावित 'अंतर-ग्रहीय संदूषण' (Interplanetary Contamination) को लेकर चिंता ज़ाहिर की है।
- गौरतलब है कि बीते दिनों मंगल ग्रह से संबंधी दो मिशन लॉन्च किये गए, जिसमें पहला चीन का तियानवेन-1 (Tianwen-1) जो कि मंगल ग्रह की सतह पर उतरेगा, वहीं दूसरा संयुक्त अरब अमीरात का 'होप मिशन' है, जो कि मंगल ग्रह पर लैंडिंग नहीं करेगा, बल्कि यह मंगल ग्रह के ऑर्बिट में रहकर उसके वातावरण का अध्ययन करेगा।
- आगामी दिनों में अमेरिका भी मंगल ग्रह के लिये एक मिशन लॉन्च करेगा, ऐसे में यदि सब कुछ सही रहता है तो वर्ष 1975 से अब तक मंगल ग्रह पर यह राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (NASA) की 10वीं सफल लैंडिंग होगी।
- खगोल जीव वैज्ञानिकों के अनुसार, इस प्रकार का संदूषण मुख्य तौर पर दो प्रकार हो सकता है, इसमें पहला फॉरवर्ड कंटैमिनेशन (Forward Contamination) और दूसरा बैक कंटैमिनेशन (Back Contamination) शामिल है।
फॉरवर्ड कंटैमिनेशन (Forward Contamination)
- यहाँ फॉरवर्ड कंटैमिनेशन (Forward Contamination) का अर्थ पृथ्वी पर पाए जाने वाले जीवाणुओं (Microbes) का किसी अन्य खगोल-काय (Celestial Bodies) पर पहुँचने से है।
- इतिहास में कई अंतरिक्ष मिशनों ने धूमकेतु (Comets) और क्षुद्रग्रह (Asteroid) जैसे खगोल-कायों के साथ शारीरिक संपर्क स्थापित किया है।
- चूँकि इन खगोल-कायों के संबंध में यह सिद्ध है कि यहाँ जीवन संभव नहीं है, इसलिये यहाँ पर फॉरवर्ड कंटैमिनेशन एक चिंतनीय विषय नहीं है।
- हालाँकि मंगल ग्रह के मामले में स्थितियाँ अलग हैं और मंगल से संबंधी कई अंतरिक्ष मिशनों ने ग्रह पर पहले से ही तरल रूप में जल के भंडार खोज लिये हैं और वहाँ सक्रिय रूप से जीवन की खोज की जा रही है।
- खगोल जीव वैज्ञानिक (Astrobiologists) मानते हैं कि यदि मंगल पर जीवन की कोई भी संभावना है तो चाहे वह अपने सबसे आदिम रूप में ही क्यों न हो, मानवता पर एक नैतिक दायित्त्व है कि वे यह सुनिश्चित करें कि पृथ्वी पर मौजूद जीवाणु मंगल ग्रह के जैवमंडल (Biosphere) तक न पहुँच सकें ताकि वहाँ जीवन प्राकृतिक रूप से विकसित हो सके।
- खतराः इसके अलावा वैज्ञानिक मानते हैं कि पृथ्वी पर मौजूद जीवाणु यदि मंगल ग्रह पर पहुँच जाते हैं, तो ये मंगल ग्रह के जीवाणुओं की प्रमाणिकता (Integrity) को नष्ट कर देंगे अथवा सरल शब्दों में कहें तो पृथ्वी पर मौजूदा जीवाणु मंगल ग्रह के जीवाणुओं में मिलावट कर सकते हैं।
- यह उन वैज्ञानिकों के लिये काफी चिंताजनक होगा, जो मंगल ग्रह पर जीवन की तलाश करने हेतु मंगल ग्रह का अध्ययन कर रहे हैं।
बैक कंटैमिनेशन (Back Contamination)
- बैक कंटैमिनेशन (Back Contamination) का अर्थ अंतरिक्ष में विभिन्न खगोल-कायों पर मौजूद ऐसे जीवाणुओं के पृथ्वी पर आने से है, जो अभी तक पृथ्वी के जैवमंडल (Biosphere) में मौजूद नहीं थे।
- नासा (NASA) मंगल ग्रह के नमूनों जैसे वहाँ की मिट्टी और चट्टान आदि को पृथ्वी पर वापस लाने से संबंधी एक मिशन की योजना बना रहा है। अनुमान के अनुसार, इस मिशन के तहत संभवतः वर्ष 2031 तक मंगल ग्रह के नमूनों को पृथ्वी पर लाया जाएगा।
- संयुक्त राष्ट्र की बाहरी अंतरिक्ष संधि-1967, अंतरिक्ष के सैन्यीकरण (Militarisation) के विरुद्ध एक बाधक के रूप में कार्य करने के साथ-साथ, इसमें शामिल सभी राष्ट्रों को अंतरिक्ष के संदूषण जोखिमों के बारे में चिंता करना और विचार करना अनिवार्य बनाती है।
- अंतरिक्ष में हथियारों की तैनाती को लेकर बाहरी अंतरिक्ष संधि, 1967 में हुई थी, जिसमें भारत शुरू से ही शामिल रहा है। यह संधि अंतरिक्ष में ऐसे हथियार तैनात करने पर पाबंदी लगाती है, जो जनसंहारक हों।
- इस संधि का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिये अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (Committee on Space Research) ने एक 'ग्रह सुरक्षा नीति' (Planetary Protection Policy) का निर्माण किया है जिसका उद्देश्य अन्य ग्रहों पर भेजे गए जीवाणुओं की संख्या को सीमित करना है।
- नासा के अनुसार, 'ग्रह सुरक्षा नीति' में दिये गए दिशा-निर्देशों का मानव अंतरिक्ष यान के डिज़ाइन, उसकी परिचालन प्रक्रियाओं और समग्र मिशन संरचना पर काफी दूरगामी प्रभाव पड़ा है।
- पृथ्वी की सीमा से परे और उसमें मौजूद विभिन्न तत्वों को जानने के लिये विभिन्न देशों द्वारा अब लगातार नए-नए अंतरिक्ष मिशन चलाए जा रहे हैं, किंतु यह मानवता का नैतिक दायित्त्व है कि हम यह सुनिश्चित करें कि इस दौरान हम बाह्य अंतरिक्ष में उपस्थित किसी खतरनाक पदार्थ को पृथ्वी पर न ले आएँ, साथ ही हमें यह भी सुनिश्चित करना है कि हम पृथ्वी के किसी जीवाणु को बाह्य अंतरिक्ष में न जाने दें।
- इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिये अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (COSPAR) ने एक ग्रह सुरक्षा नीति तैयार की है।
- फॉरवर्ड कंटैमिनेशन से बचाव के लिये अंतरिक्ष संबंधी सभी मिशनों में यह ध्यान रखा जाता है कि अंतरिक्ष यान पूरी तरह से जीवाणुरहित (Sterilised) हो।
- नासा के अनुसार, मंगल ग्रह से संबंधी बीते लगभग सभी मिशनों में अंतरिक्ष यान को पूरी तरह से जीवाणुरहित करने के बाद ही अंतरिक्ष में भेजा गया था।
- गौरतलब है कि बीते सप्ताह नासा के ही एक मिशन को संभावित संदूषण की समस्या को हल करने के लिये दूसरी बार स्थगित किया गया था।
- हालाँकि बैक कंटैमिनेशन के मामले में अंतरिक्ष यान को कीटाणुरहित करना एक विकल्प के रूप में नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि इससे मंगल ग्रह अथवा किसी अन्य खगोल-काय से प्राप्त नमूने की मूल प्रकृति नष्ट हो जाएगी।
- इस प्रकार पृथ्वी पर अंतरिक्ष के किसी अन्य खगोल निकाय के जीवाणुओं को आने से रोकने के लिये अथवा बैक कंटैमिनेशन को रोकने के लिये आवश्यक एहतियात बरतना ही एकमात्र विकल्प हो सकता है।
प्रीलिम्स के लियेः
मेन्स के लियेः
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उच्चतम न्यायालय (Supreme Court-SC) महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण के विरुद्ध दायर विशेष अनुमति याचिकाओं (Special Leave Petitions-SLPs: अनुच्छेद 136) पर दैनिक आधार पर वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अंतिम सुनवाई शुरू करने के लिये तैयार हो गया है।
प्रमुख बिंदुः
- शीर्ष न्यायालय राज्य में इस कोटा के तहत स्नातकोत्तर चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश को चुनौती देने वाली याचिका पर भी सुनवाई करेगा।
- SLPs द्वारा बॉम्बे उच्च न्यायालय (High Court-HC) के उस निर्णय को चुनौती दी गई है, जिसमें राज्य के सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2018 (Socially and Educationally Backward Classes-SEBC) के तहत मराठा कोटा की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा गया है।
- SEBC अधिनियम के तहत राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिये तथा राज्य के तहत सार्वजनिक सेवाओं और पदों पर नियुक्तियों के लिये आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
- महाराष्ट्र देश के उन कुछ राज्यों में से एक है, जिनमें आरक्षण की सीमा 50% से अधिक है।
- महाराष्ट्र में आरक्षण की उच्चतम सीमा तमिलनाडु, हरियाणा और तेलंगाना से भी अधिक है।
- इंदिरा साहनी मामले, 1992 के निर्णय के अनुसार, पिछड़े वर्गों के लिये आरक्षण की कुल सीमा 50% से अधिक नहीं हो सकती है।
- मेडिकल की तैयारी करने वाले छात्रों के एक समूह द्वारा SEBC, Act 2018 में संशोधन की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई, जो वर्ष 2019-2020 में एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में मराठा आरक्षण की अनुमति प्रदान करता है।
- जुलाई 2019 में, बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा इस याचिका को खारिज कर दिया गया तथा उच्चतम न्यायालय द्वारा भी बॉम्बे उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखते हुए कोटे पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया गया।
- हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा मेडिकल छात्रों द्वारा दायर याचिका पर अंतरिम रोक न लगाते हुए दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा गया कि शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिये स्नातकोत्तर चिकित्सा तथा दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिये 12% कोटा व्यवस्था को लागू नहीं किया जाएगा।
- यह महाराष्ट्र का एक राजनीतिक रूप से सशक्त समुदाय है जिसमें मुख्य रूप से किसान और भू स्वामी शामिल हैं। इस समुदाय का राज्य की कुल आबादी में लगभग एक तिहाई हिस्सा है।
- वर्ष 1960 में राज्य गठन के बाद से ही राज्य के अधिकांश मुख्यमंत्री मराठा समुदाय से ही हैं।
- अधिकांश मराठा लोग मराठी भाषी हैं लेकिन सभी मराठी भाषी लोग मराठा समुदाय से नहीं हैं।
- ऐतिहासिक दृष्टि से, इस समुदाय को बड़े भू-स्वामी होने के साथ- साथ एक 'योद्धा' जाति के रूप में भी पहचाना जाता है।
- हालाँकि पिछले कुछ वर्षों में भूमि के विभाजन तथा कृषि समस्याओं के कारण मध्य वर्ग और निम्न-मध्यम वर्ग मराठा समुदायों की समृद्धि में गिरावट आई है फिर भी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मराठा समुदाय एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
बॉम्बे उच्च न्यायालय का निर्णयः
- जुलाई 2019 में, बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय दिया गया कि राज्य द्वारा प्रदान किया गया 16% कोटा 'न्यायसंगत' नहीं था जिसे 11-सदस्यीय महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग (Maharashtra State Backward Class Commission-MSBCC) की अनुसंशा पर शिक्षा में 12% और सरकारी नौकरियों में 13% तक घटा दिया गया था।
- आरक्षण की सीमा 50% से अधिक नहीं होनी चाहिये, लेकिन असाधारण परिस्थितियों में, इस सीमा को समकालीन डेटा की उपलब्धता के आधार पर, जो पिछड़ेपन के प्रतिनिधित्व की अपर्याप्तता को दर्शाती है, प्रशासन में दक्षता को प्रभावित किये बिना बढ़ाया जा सकता है।
- जबकि समुदाय के पिछड़ेपन की तुलना अनुसूचित जाति (Scheduled Castes- SCs) और अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribes-STs) के साथ नहीं की गई थी बल्कि इसकी तुलना मंडल आयोग की अन्य पिछड़ा वर्ग ( Other Backward Classes- OBC) की सूची में शामिल कई अन्य पिछड़े वर्गों के साथ की गई।
महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग का सर्वेक्षणः
- महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा दो गाँवों के लगभग 45,000 परिवारों का सर्वेक्षण किया गया जिनमें प्रत्येक गाँव के 355 तालुकों में 50% से अधिक मराठा आबादी थी।
- 76.86% मराठा परिवार अपनी आजीविका के लिये कृषि एवं श्रम में लगे हुए हैं।
- लगभग 70% मराठा परिवार कच्चे आवासों में निवास करते हैं।
- केवल 35-39% मराठा घरों में व्यक्तिगत नल के पानी का कनेक्शन है।
- वर्ष 2013-2018 के दौरान कुल 13,368 किसानों ने आत्महत्या की जिनमें 23.56% मराठा किसान शामिल थे।
- घर के कामकाज़ के अलावा 88.81% मराठा महिलाएँ आजीविका के लिये शारीरिक श्रम में शामिल हैं।
- 13.42% मराठा निरक्षर हैं, 35.31% प्राथमिक शिक्षित, 43.79% माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक शिक्षित, 6.71% स्नातक तथा स्नातकोत्तर एवं 0.77% तकनीकी और पेशेवर रूप से योग्य हैं।
- आर्थिक पिछड़ापनः
- 93% मराठा परिवारों की वार्षिक आय 1 लाख रुपए है जो मध्यम वर्गीय परिवारों की औसत आय से कम है।
- 37.38% मराठा परिवार गरीबी रेखा से नीचे ( Below Poverty Line- BPL) हैं जो राज्य के औसत (24%) से अधिक है।
- 71% मराठा किसानों के पास 2.5 एकड़ से कम ज़मीन है जबकि केवल 2.7% बड़े किसानों के पास ही 10 एकड़ जमीन उपलब्ध है।
- आयोग ने 15 नवंबर 2018 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें यह बताया गया कि मराठा समुदाय सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछडा हुआ है और साथ ही राज्य में सार्वजनिक रोज़गार में मराठा समुदाय के प्रतिनिधित्व का अभाव है।
महाराष्ट्र में मौजूद कुल आरक्षणः
- वर्ष 2001 के राज्य आरक्षण अधिनियम के बाद महाराष्ट्र में कुल आरक्षण 52% था।
- इसमें SC (13%), STs (7%), OBC (19%), विशेष पिछड़ा वर्ग (2%), विमुक्त जाति (3%), घुमंतू जनजाति (2.5%), घुमंतू जनजाति धनगर के लिये (3.5%)और घुमंतू जनजाति वंजारी (2%) के कोटा शामिल थे।
- घुमंतू जनजातियों और विशेष पिछड़े वर्गों के लिये कोटा कुल ओबीसी कोटा से बाहर किया गया है।
- 12-13% मराठा कोटा के साथ राज्य में कुल आरक्षण 64-65% है।
- 10% आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (Economically Weaker Sections- EWS) के लिये भी राज्य में कोटा प्रभावी है।
प्रीलिम्स के लियेः
मेन्स के लियेः
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त 'कमेटी ऑन कंटेंट रेगुलेशन इन गवर्नमेंट एडवरटाइज़िंग' (Committee on Content Regulation in Government Advertising-CCRGA) द्वारा दिल्ली सरकार को एक नोटिस जारी किया, जिसमें प्रमुख समाचार पत्रों के मुंबई संस्करणों में दिल्ली सरकार द्वारा हाल ही में दिये गए विज्ञापन पर स्पष्टीकरण माँगा गया है।
प्रमुख बिंदुः
- दिल्ली सरकार के अनुसार, दिल्ली सरकार CCRGA के अधिकार क्षेत्र में नहीं है। दिल्ली सरकार की विज्ञापन सामग्री राज्य स्तरीय समिति द्वारा नियंत्रित की जाती है।
- कमेटी ऑन कंटेंट रेगुलेशन इन गवर्नमेंट एडवरटाइज़िंगः
- वर्ष 2015 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, भारत सरकार ने सभी मीडिया प्लेटफार्मों में सरकारी वित्त पोषित विज्ञापन सामग्री के विनियमन को देखने के लिये वर्ष 2016 में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था।
- इस समिति के पास सामान्य जनता की शिकायतों को दूर करने का अधिकार है।
- यह सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन के खिलाफ आत्म-संज्ञान ले सकती है तथा इसके विरुद्ध सुधारात्मक कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है।
सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशः
- सरकारी विज्ञापनों की सामग्री नागरिकों एवं उनके अधिकारों के साथ-साथ सरकार के संवैधानिक और कानूनी दायित्वों के लिये भी प्रासंगिक होनी चाहिये।
- विज्ञापन सामग्री को अभियान के उद्देश्यों को पूरा करने तथा लागत प्रभावी तरीके से अधिकतम पहुँच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया जाना चाहिये।
- विज्ञापन सामग्री सही होनी चाहिये तथा इसके द्वारा पहले से मौजूद नीतियों और उत्पादों को नए ढंग से प्रस्तुत नहीं किया जाना चाहिये।
- विज्ञापन सामग्री द्वारा सत्ता पक्ष के राजनीतिक हितों को बढ़ावा नहीं दिया जाना चाहिये।
प्रीलिम्स के लियेः
मेन्स के लियेः
चर्चा में क्यों?
प्रमुख बिंदुः
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 में ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा मूल देश के नाम को प्रदर्शित करने का प्रावधान है।
- यह हलफनामा एक जनहित याचिका के जवाब में आया जिसमें केंद्र से यह सुनिश्चित करने के लिये निर्देश मांगे गए थे कि विनिर्माण देश/मूल देश का नाम ई-कॉमर्स साइट पर बेचे जा रहे उत्पादों पर प्रदर्शित हो।
- याचिकाकर्ता ने लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम, 2009 और लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेड उत्पाद) नियम, 2011 को लागू करने की मांग की है।
- ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बेचे जा रहे उत्पाद पर 'मूल देश' के नाम को को प्रदर्शित करने हेतु बाध्य करता है।
- उक्त नियमों और अधिनियम के प्रावधानों को लागू करना राज्य तथा केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों पर निर्भर करता है।
- याचिकाकर्त्ता का तर्क है कि उक्त नियमों/ अधिनियमों का प्रवर्तन भारत सरकार की हालिया पहलों जैसे- 'वोकल फॉर लोकल' (Vocal for Local) तथा आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप ही है।
- इससे पहले भी केंद्र सरकार ने सभी विक्रेताओं को ई-मार्केटप्लेस (Government e-Marketplace- GeM) पर नए उत्पादों को पंजीकृत करते समय 'मूल देश' को सूचीबद्ध करने के लिये अनिवार्य किया है।
- GeM सार्वजनिक खरीदारी हेतु एक मंच है।
- इससे पहले भी केंद्र सरकार ने सभी विक्रेताओं को ई-मार्केटप्लेस (Government e-Marketplace- GeM) पर नए उत्पादों को पंजीकृत करते समय 'मूल देश' को सूचीबद्ध करने के लिये अनिवार्य किया है।
- अधिकांश ई-कॉमर्स साइट, मार्केटप्लेस आधारित ई-कॉमर्स मॉडल के रूप में कार्य करती हैं, जिसमें वह केवल एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करती हैं।
- अर्थात् यह अपने संभावित उपभोक्ताओं के साथ तीसरे पक्ष के विक्रेताओं को जोड़ने के लिये केवल अपना सूचना प्रौद्योगिकी मंच प्रदान करते हैं।
- ई-कॉमर्स मॉडल का दूसरा रूप 'इन्वेंटरी आधारित' है जहाँ इकाइयाँ अपनी स्वयं की इन्वेंटरी से बिक्री के लिये वस्तुएँ एवं सेवाएँ प्रदान करती हैं।
- ई-कॉमर्स संस्थाओं का कहना है कि उत्पादों के मूल देश से संबंधित आँकड़े उनकी प्रणाली/व्यवस्था/साइट पर उपलब्ध हैं जिसे एक विक्रेता द्वारा नए उत्पाद सूची बनाते समय भरा जा सकता है।
- हालाँकि ई-कॉमर्स संस्थाओं ने इसे अनिवार्य नहीं किया है क्योंकि कानून भारत निर्मित उत्पादों के संदर्भ में ' मूल देश' को प्रदर्शित करने का आदेश नहीं देता है।
- कई मामलों में उत्पादों के भारत में शिपमेंट से पहले उन्हें अन्य किसी देश में एकत्रित करके पैक किया जाता है।
- इसलिये निर्यात के अंतिम देश को 'मूल देश' घोषित करने को परिकल्पित नहीं कर सकते जब तक कि कानून में संशोधन या स्पष्ट रूप से राज्य को स्पष्ट नहीं किया जा सकता।
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देशभर में लोग आज 71वें गणतंत्र दिवस को धूमधाम से मना रहे हैं। दिल्ली स्थित राजपथ पर गणतंत्र दिवस समारोह में पूरा विश्व यहां भारत की सैन्य ताकत और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखेगा। वहीं, इस शुभ अवसर पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने हाड कंपा देने वाले तापमान में तिरंगा फहराया। साथ ही भारत माता के जय के नारे भी लगाए।
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सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को दी चेतावनी, कहा- 'इस महीने के अंत तक हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो. . . '
सचिन पायलट ने अपनी यात्रा के आखिरी दिन कहा कि हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं है। ये भ्रष्टाचार के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं का जीवन अंधकार में चला जा रहा है।
जयपुरः सोमवार (15 मई) को कांग्रेस नेता सचिन पायलट की राजस्थान में निकाली गई जन संघर्ष यात्रा का आखिरी दिन था। जयपुर में अपनी 'जन संघर्ष यात्रा' के समापन से पहले राजस्थानकांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने कहा कि अगर इस महीने के अंत तक हमारी मांगें नहीं मानी गईं तो मैं पूरे प्रदेश में जनता के साथ 'आंदोलन' करूंगा। हम जनता के मुद्दों को उठाते रहेंगे।
पायलट ने यात्रा भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर निकाली थी। इस पूरी यात्रा को पायलट और गहलोत के बीच जारी सियासी टकराव के अगले चरण के रूप में देखा गया।
सचिन पायलट ने अपनी यात्रा के आखिरी दिन कहा, "हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं है। ये भ्रष्टाचार के खिलाफ है। राजस्थान में हमारी सरकार हटी थी तब कांग्रेस की बहुत कम सीट थी। तब मुझे कहा गया कि आपको कांग्रेस का अध्यक्ष बनना है। हमने पांच साल एकजुट होकर काम किया। वसुंधरा राजे के शासन में जो भ्रष्टाचार हुआ उस पर हमने आरोप लगाया। जब हमारी सरकर बनी तो जो हमने कहा था वो हमने किया लेकिन जो आरोप हमने लगाया था उसको आज साढ़े चार साल हो गए लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। "
पायलट ने कहा, "मैं एक वादा करना चाहता हूं कि मैं लंबे समय से राजनीति कर रहा हूं। यात्रा में बहुत साथी साथ चले और मैं कहना चाहता हूं कि आखिरी सांस तक प्रदेश की जनता की सेवा करता रहूंगा। राजनीति सिर्फ पद के लिए नहीं होती, जो भी कुर्बानी देनी पड़े तो दूंगा। हमारी मांग है कि जो पेपर लीक पीड़ित हैं उन्हें मुआवजा मिले। आरपीएस को भंग किया जाये। नये सिरे से चयन प्रक्रिया तय हो। वसुंधरा सरकार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच हो। "
उन्होंने कहा कि हमारे युवाओं का जीवन अंधकार में चला जा रहा है। 20 से 25 लाख बच्चे हर साल गांव से शहर आते हैं, कोचिंग करते हैं। उनके मां बाप पेट काटकर फीस देते हैं। उनके पेपर कैंसिल हो जाते हैं, पेपर लीक हो जाते हैं, उम्र निकल जाती है। युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं तो देश भी सुरक्षित नहीं। राजस्थान की जनता समझदार है वो सब सही गलत समझती है।
बता दें कि राजस्थान में इसी साल चुनाव होने हैं और मुख्यमंत्री पद को लेकर अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खींचतान जारी है।
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समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य निकाय के अनुसार, धूम्रपान करने से प्रति वर्ष 80 लाख लोगों की मौत हो जाती है। सबूतों से पता चलता है कि धूम्रपान करने वाले लोगों में धूम्रपान न करने वालों की तुलना में कोविड-19 संक्रमित होने पर मामले के गंभीर होने आशंका अधिक है।
डब्ल्यूएचओ ने गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) पर संयुक्त राष्ट्र की इंट्राएजेंसी टास्क फोर्स के साथ मिलकर यह पहल की है।
इस पहल में टेक इंडस्ट्री, फार्मास्युटिकल, और पाथ जैसे एनजीओ पार्टनर्स शामिल हैं।
डब्ल्यूएचओ पहले जॉर्डन में पहल शुरू करेगा और फिर आने वाले महीनों में इसे विश्व स्तर पर लॉन्च करेगा। (आईएएनएस)
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विडियोः सबसे बड़ा LCH हेलीकॉप्टर बना कर भारत ने बनाया विश्व रेकर्ड, जापान खरीदना चाहती है इसे,
हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) आने वाले समय में 179 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर बनाएगा। ज्सिमें 65 लड़ाकू हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को और बाकि 114 हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को दिए जायेंगे।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (टीडी-4) करीब 126 करोड़ की लागत से बनाया जायेगा। इससे पहले भी हिंदुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड ने लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर बनाये है। लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (टीडी-4) तपती गर्मी में भी और लेह के सर्द मौसम में भी अच्छे से काम करेगा। इन हेलीकॉप्टर के इंजन के सफल परिक्षण किये जा चुके है।
लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर खूबियों से भरपूर लड़ाकू हेलीकॉप्टर है। यह हेलीकॉप्टर 330 किलोमीटर / घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है। इस लड़ाकू हेलीकॉप्टर में एक ट्विन और दो शक्ति इंजन लगे हुये है। जो इसको पावरफुल बनाता है। और इसमें अत्याधुनिक मिलिट्री तकनीक से विकसित किया गया है। जो दुश्मनों के छक्के छुड़ा सकता है। पायलटों की बेहतरीन सुरक्षा के लिए आर्म्ड प्रोटेक्शन सिस्टम लगा हुआ है। और इस एलसीएच लड़ाकू हेलीकॉप्टर में इंटिग्रेटेड डायनेमिक सिस्टम और 20 एमएम की गन व राकेट और मिसाइल भी लगे हुये है।
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बांदा में खनन माफियाओं द्वारा खोदे गए अवैध गड्ढों में डूब कर 2 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है. वहीं, एक बच्चे को ग्रमीणों ने बचा लिया है. घटना की जानकारी के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बांदा (Banda) जिले में खनन माफियाओं द्वारा खोदे गए अवैध गड्ढों में डूब कर 2 बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई है. वहीं,एक बच्चे को ग्रमीणों ने बचा लिया है. साथ ही 3 बच्चे जानवर चराने और नहलाने के लिए घर से निकले थे. ऐसे में घटना की जानकारी के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों मृतकों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. फिलहाल पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गई है. घटनाक्रम का संज्ञान लेते हुए यूपी सरकार के राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने मृतकों के परिवारजनों को 4-4 लाख रुपए देने की बात कही है.
दरअसल, ये मामला बांदा जिले के कोतवाली देहात के स्थित रामगुलाम के पुरवा से सामने आया है. यहां पर आज एक ही गांव के रहने वाले 3 बच्चे जानवर चराने के लिए जंगल की ओर गए थे. जानवर चराने के बाद जानवरों को नहलाने के लिए एक उन्हें गड्ढे में ले गए गड्ढे 2 लड़कों की दर्दनाक मौत हो गई है की गहराई अधिक होने की वजह से बच्चे अचानक गहरे पानी में समाने लगे, जिससे 2 लड़कों की दर्दनाक मौत हो गई है. वहीं, एक लड़के की चीख-पुकार सुनकर आसपास मौजूद लोगों ने बच्चे को सकुशल बाहर निकाल लिया है.
वहीं, इस घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा हुआ है. जहां पर पुलिस ने मृतकों के शव को कब्जे में लेकर के पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. बता दें बांदा जिले में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे बन रहा है. उसमें मिट्टी की पुराई के लिए जिले में कई जगह पर अवैध तरीके से लगभग 40 से 60 फिट के गहरे गड्ढे खोदे गए हैं, जिनमें बारिश का पानी अभी भी भरा हुआ है. यह गड्ढे मौत को दावत दे रहे हैं.
जानिए क्या है मामला?
बताते चलें कि थाना देहात कोतवाली के बिरंचि का पुरवा मैं मुन्नू उर्फ अमर सिंह (14) धीरू (12) नीरज (14) के साथ रविवार को दोपहर मवेशी चराने गए थे. इस दौरान 3 लोग अजीत सिंह के खेत में खोदे गए अवैध तालाब में मवेशी को पानी पिलाने गए थे. ऐसे में पानी पिलाने के बाद तीनों किशोर तालाब में नहाने लगे जिसमें अमर गहरे पानी में डूबने लगे. वहीं, अमर को बचाने के लिए नीरज और धीरू दौड़ पड़े, लेकिन दोनों पानी में डूबने लगे. हालांकि, स्थानीय लोगों ने नीरज को तो किसी तरह से बाहर निकाल लिया. लेकिन मुन्नू और धीरू गहरे पानी में समा गए सूचना पाते ही गांव के तमाम लोग पहुंचकर लगभग 20 लोगों ने तालाब में जाल डाला गोताखोरों ने कूदकर खोजना शुरू किया. इस दौरान पुलिस ने दोनों को बाहर निकालकर जिला अस्पताल ले गए. जहां पर डाक्टरों ने धीरू और मुन्नू को देखने के बाद मृत घोषित कर दिया है.
गौरतलब है कि पूरे घटनाक्रम में मुआवजे की बात करते हुए पीड़ित परिवार से मिलने अस्पताल पहुंचे यूपी सरकार के राज्यमंत्री राम केस निषाद ने परिजनों से पूछताछ की पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाया. उन्होंने मृतक परिवारों को 4-4 लाख रुपए दिलाए जाने की घोषणा की. राज मंत्री ने खोदी गई मिट्टी से जांच की बात पर कहा कि तालाब का एक नियम और मानक होता है अगर मिट्टी इस तरह खोदी गई तो कहां गई. वहीं, मामले की जानकारी देते हुए DSP का कहना है कि रामगुलाम के पुरवा में 2 बच्चे जानवर चराने गए थे उसी दौरान वहां एक गड्ढे में जानवरों को 2 लड़के नहलाने लगे. जिसके बाद 2 लड़कों की मौत हो गई है. हालांकि, शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है.
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इंडिया न्यूज़, खगड़ियाः
Bihar Homegaurd Jawan Lost his Cool बिहार में आज सुबह एक जज पर एक होमगार्ड के जवान ने बंदूक तान दी। यही नहीं जवान ने जस्टिस के साथ बदतमीजी करते हुए कहा कि मैं तुम्हारे बाप का नौकर नहीं हूं जो तुम्हारे आदेशों की पालना करूं। यही नहीं इस दौरान जवान ने जज को जान से मार देने की धमकी भी दे डाली। इस घटना के बाद जज ने पुलिस को सूचित कर दिया। कुछ ही देर बाद पुलिस आई और गृह रक्षी जवान को अपने साथ ले गई।
इस घटना के बाद होमगार्ड का जवान बेहोश हो गया। हालांकि वह बेहोश कब हुआ इस बात की जानकारी पुलिस भी देने से कतरा रही है। लेकिन पुलिस का कहना है कि अभी उसे उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करवा दिया गया है। होश में आने के बाद बयान लिया जाएगा। जो भी दोषी होगा उस पर कानून कार्रवाई की जाएगी। वहीं जज ने इस मामले की शिकायत देते हुए जवान के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया है।
दरअसल फैमली कोर्ट का जज सुबह सैर करके जब कोठी पर वापस लौटा तो गेट से संतरी नदारद था। इस बारे में जब जज ने होमगार्ड के जवान बीरेंद्र सिंह से कहा कि संतरी कहां है और कोठी की सुरक्षा पर ध्यान देने के लिए कहा तो होमगार्ड के जवान बीरेंद्र ने जस्टिस से अर्मयादित भाषा का इस्तेमाल करते हुए बंदूक तान दी।
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गेंदे का फूल अक्सर घरों की सजावट के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये बालों के लिए भी बेहद फायदेमंद साबित होता है।
गेंदे के फूल की मदद से आप अपने बालों को काला घना और लंबा भी बना सकती हैं।
गेंदे के फूल में कई ऐसे औषधीय गुण पाए जाते हैं जो बालों को कई तरह के फायदे पहुंचाते हैं।
गेंदे के फूल में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन ए और विटामिन बी पाए जाते हैं जो बालों के फॉलिकल्स को मजबूत बनाने का काम करता है।
गेंदे के फूल का हेयर मास्क बनाने के लिए गेंदे और गुड़हल के फूलों की सारी पंखुडियों को निकालकर धो लें। अब इसे पीसकर एक पेस्ट तैयार करें।
इसके बाद अब आंवले के टुकड़ों को भी पीस लें और गेंदे के फूल के पेस्ट में मिलाकर बालों पर अप्लाई करें। 45 मिनट तक इस पेस्ट को बालों पर लगा रहने दें और फिर उसके बाद इसे पानी से धो लें।
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यूनियन की एक सदस्य व महिला कर्मचारी ने पवन वर्मा के खिलाफ थाना न्यू बारादरी में शिकायत दी थी। इसके आधार पर पवन वर्मा पर मामला दर्ज किया गया है। यूनियन ने मामला रद करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की है।
जागरण संवाददाता, जालंधर। डीसी आफिस में मंगलवार को कामकाज के लिए जाने की तैयारी कर रहे लोग सावधान हो जाएं। कर्मचारी यूनियन एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली गई है। यूनियन के अध्यक्ष पवन कुमार वर्मा पर मामला दर्ज किए जाने के विरोध में सदस्यों ने सोमवार बाद आफिस में कामकाज ठप कर दिया। इससे पूर्व कर्मचारियों के बीच दिनभर बैठकों का दौर जारी रहा, जिसमें उपायुक्त जसप्रीत सिंह सहित अधिकारियों के साथ भी बैठकें की गईं।
हालांकि मामले में ठोस समाधान न निकले पाने के कारण बाद दोपहर कर्मचारी यूनियन हड़ताल पर चली गई। यह हड़ताल आगे भी जारी रहेगी या नहीं इसे लेकर स्टेट लेवल पर सोमवार शाम को बैठक होगी।
दरअसल, यूनियन की एक सदस्य व महिला कर्मचारी ने पवन वर्मा के खिलाफ थाना न्यू बारादरी में शिकायत दी थी। इसके आधार पर पवन वर्मा पर मामला दर्ज किया गया है। उधर, पवन वर्मा का आरोप है कि बिना किसी जांच के उन पर मामला दर्ज किया गया है, जो नियमों के विपरीत है। ऐसे में कर्मचारी यूनियन ने यह मामला रद करने की मांग रखी। यूनियन के चेयरमैन जगदीश चंद्र सलूजा ने कहा कि पवन वर्मा द्वारा दी गई शिकायत को नजरअंदाज करने के साथ-साथ बिना जांच के मामला दर्ज किया गया है, जिसे लेकर कर्मचारियों में भारी रोष है।
हाल में डीसी आफिस कर्मचारी पहले भी दो बार हड़ताल पर जा चुके हैं। पिछले दिनों ही उन्होंने कलमछोड़ हड़ताल की थी। उस समय वे भत्तों और पदोन्नति सहित अन्य मांगों को उठा रहे थे। इस हड़ताल के दौरान उन्हें करीब 42 सरकारी विभागों के कर्मचारियों का समर्थन मिला था। नतीजतन, लगभग एक सप्ताह तक सरकारी आफिसों में आम लोगों के कामकाज नहीं हो सके थे।
उससे पहले, आप विधायक शीतल अंगुराल के डीसी आफिस में कथित भ्रष्टाचार के बयान के विरोध में डीसी आफिस के कर्मचारी हड़ताल पर गए थे। हालांकि बाद में विधायक अंगुराल के परोक्ष रूप से माफी मांगने के बाद मामला शांत हो गया था।
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भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव की आहट आ रही है। बहुत जल्द ही टीम इंडिया बदलने वाली है। बड़ी खबर जा सामने आ रही है वो ये है कि टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री की छुट्टी हो सकती है। दरअसल, टीम इंडिया के हेड कोच रवि शास्त्री जल्द ही टीम इंडिया का साथ छोड़ सकते हैं। इस साल अक्टूबर और नवंबर में होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद शास्त्री, बॉलिंग कोच भरत अरुण, फील्डिंग कोच आर श्रीधर और बैटिंग कोच विक्रम राठौर टीम इंडिया से अलग हो सकते हैं।
खबर की माने तो इस बारे में शास्त्री ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को भी सूचित कर दिया है। नवंबर में शास्त्री के साथ पूरी कोचिंग स्टाफ का बदल जाएगा। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक हेड कोच रवि शास्त्री, बैटिंग कोच विक्रम राठौर, बॉलिंग कोच भरत अरूण और फील्डिंग कोच आर। श्रीधर इस साल अक्टूबर-नवंबर में UAE में होने वाले T20 वर्ल्ड कप के बाद टीम इंडिया से अलग होना चाहते हैं। इन सभी का करार भी T20 वर्ल्ड कप तक का ही है।
बता दें कि रवि शास्त्री पहली बार साल 2014 में बतौर डायरेक्टर टीम इंडिया से जुड़े थे। उनका ये कॉन्ट्रैक्ट 2016 तक का था। उनका ये करार साल 2016 तक का था। इसके बाद अनिल कुंबले एक साल के लिए कोच बनाए गए। 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी में मिली हार के बाद रवि शास्त्री टीम इंडिया के फुल टाइम कोच बने। उस समय शास्त्री का कार्यकाल 2019 के वनडे वर्ल्ड कप तक का था। 2019 में अच्छे प्रदर्शन के बाद शास्त्री का कॉन्ट्रेक्ट 2020 टी-20 वर्ल्ड कप तक के लिए बढ़ा दिया गया था।
राहुल द्रविड़ बनेंगे अगला कोच?
रवि शास्त्री बतौर कोच काफी सफल रहे हैं, लेकिन ICC का कोई भी खिताब दिलाने में नाकाम साबित हुए हैं। 2019 वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में टीम इंडिया को सेमीफाइनल में हार मिली थी। वहीं इसके बाद भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट का वर्ल्ड कप यानी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशनशिप का फाइनल भी हार गई। वहीं कहा जा रहा है कि पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ को भारतीय टीम का नया हेड कोच बनाया जा सकता है। द्रविड़ ने अपनी कोचिंग में इंडिया-A और भारत की अंडर-19 क्रिकेट टीम को काफी सफलता दिलाई। हाल ही में श्रीलंका के खिलाफ भी राहुल द्रविड़ टीम के साथ मुख्य कोच की भूमिका में नजर आए थे। श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज टीम इंडिया ने जीती।
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इन बिंदुओं का उपयोग वाहक द्वारा आपके द्वारा भुगतान की जाने वाली दर निर्धारित करने के लिए किया जाता है। शिपिंग वस्तुओं की कीमत पर एक और बड़ा प्रभाव वह वस्तु है जो आप शिपिंग कर रहे हैं। कंपनी के शिपिंग आवश्यकताओं के लिए सर्वोत्तम दर प्राप्त करते समय ये चर परिवहन प्रबंधक के लिए निर्णय ले सकते हैं।
प्रत्येक आइटम जिसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है वह एक वस्तु है। हजारों वस्तुएं हैं, और वाहक के लिए जहाज के प्रत्येक सामान के लिए मूल्य निर्धारण करना असंभव होगा। एक वर्गीकरण प्रणाली शुरू की गई थी जो एक समान प्रकृति की वस्तुओं को एक साथ समूहित करने के आधार पर वाहकों के लिए मूल्य निर्धारण को सरल बनाती है, क्योंकि यह उनके परिवहन से संबंधित है। चार प्राथमिक वर्गीकरण हैं; वस्तु की घनत्व, भारशीलता और हैंडलिंग विशेषताओं, वस्तु का मूल्य, और क्षति की संवेदनशीलता। चार वर्गीकरणों का उपयोग करके, वस्तुओं को वर्गीकरण के आधार पर अठारह संभव वर्गों में से एक को सौंपा जाता है।
कक्षाओं को 50 की निम्न श्रेणी से 500 के उच्चतम वर्ग से पहचाना जाता है। अंगूठे का एक नियम यह है कि कक्षा जितनी अधिक होगी, उतना ही महंगा होगा। अमेरिकी ट्रकिंग एसोसिएशन (एटीए) और नेशनल मोटर फ्रेट ट्रैफिक एसोसिएशन (एनएमएफटीए) द्वारा राष्ट्रीय मोटर फ्रेट वर्गीकरण (एनएमएफसी) के रूप में कक्षाएं सालाना प्रकाशित की जाती हैं।
माल ढुलाई के निचले वर्ग , यानि, कक्षा 50, सामान्य रूप से, उच्च वर्गों की तुलना में जहाज के लिए सस्ता है क्योंकि यह संभवतः संभालना आसान है, अपेक्षाकृत घना, और क्षति के लिए असंभव है। एक वर्ग 50 वस्तु का एक उदाहरण, जिसे कभी-कभी "स्वच्छ माल" के रूप में जाना जाता है, लोहा, स्टील, बोल्ट, शिकंजा इत्यादि होगा, जिसे एक मानक आकार के फूस पर निहित किया जा सकता है, जो किसी भी माल ढुलाई के साथ संकीर्ण नहीं होता है , और प्रति फूस 1500 पौंड या उससे अधिक क्षेत्र में वजन।
जब एक शिपर बिंदु ए से बी तक एक वस्तु को स्थानांतरित करना चाहता है, तो विस्तृत विवरण का उपयोग करके उन्हें शिपर को कमोडिटी की पहचान करने की आवश्यकता होगी। शिपर वाहक को यह नहीं बताएगा कि कक्षा क्या है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कक्षा न केवल वस्तु पर निर्भर करती है बल्कि अन्य कारकों जैसे कि यह एक पूर्ण ट्रकलोड (टीएल) है, ट्रकलोड (एलटीएल) से कम है और न्यूनतम वजन से अधिक भेज दिया जा रहा है या नहीं।
कक्षा को प्रभावित करने वाला एक अन्य कारक वजन तोड़ना है। आकार या मात्रा बढ़ने के साथ, विभिन्न दरें लागू होती हैं। ज्यादातर मामलों में, न्यूनतम शुल्क लागू होता है और दरें 1,000, 2,000, 5,000, और 10,000 पाउंड पर प्रदान की जाती हैं। इसका मतलब यह है कि यदि कुछ वस्तुएं स्थानांतरित करने की कीमत 2,000 पाउंड शिपमेंट पर आधारित है और अगले वजन ब्रेक 5,000 पाउंड पर है, तो किसी भी समय शिपमेंट को रेट करना सस्ता होगा जैसे कि यह 2,000 की बजाय 5,000 पाउंड था ।
वह बिंदु जहां शिपमेंट अगले दर स्तर पर परिवहन के लिए सस्ता हो जाता है उसे ब्रेकपॉइंट कहा जाता है। जब यह बिंदु होता है, तो अगला वजन तोड़ दिया जाता है और उस ब्रेक के लिए न्यूनतम वजन लागू होता है।
कुछ वाहक अपवाद रेटिंग प्रदान करेंगे जब किसी वस्तु की विशेषताओं को एक अलग क्षेत्र में समान वस्तु की विशेषताओं से अलग किया जाता है। यह वाहक शिपर्स को छूट प्रदान करने की अनुमति देता है जो शिपमेंट की बड़ी मात्रा संचालित करते हैं, या यदि प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हुई है।
वाहक न्यूनतम वजन के साथ दो विशिष्ट बिंदुओं के बीच शिपमेंट के लिए सभी-वस्तु दरों को पेश कर सकते हैं। वाहक वस्तु के वर्ग के बावजूद इस विशिष्ट मार्ग के लिए एक ऑल-कमोडिटी दर प्रदान करेगा। उदाहरण के लिए, यदि एक वाहक ने न्यूयॉर्क और बाल्टीमोर के बीच न्यूनतम 5000 पौंड वजन की आवश्यकता के साथ एक ऑल-कमोडिटी दर की पेशकश की है, तो वस्तु का वर्ग वाहक से कोई फर्क नहीं पड़ता।
उच्च मूल्य वाले शिपर्स के लिए, और इसलिए उच्च श्रेणी की वस्तुओं, वाहक मूल्य दर प्रदान कर सकते हैं। चूंकि वाहक जो वस्तुएं लेते हैं, उनके मूल्य के लिए उत्तरदायी होते हैं, इसलिए दरें अधिक होती हैं, लेकिन यदि किसी वाहक की निश्चित देयता होती है जो कि कमोडिटी के मुकाबले कम होती है, तो वाहक शिपर को मूल्य दर प्रदान कर सकता है, जो होगा सामान्य कमोडिटी दर का एक कम प्रतिशत।
यह एक और दर है जो शिपर्स को वस्तुओं को परिवहन की लागत को कम करने में मदद करती है। स्थगित दर कमोडिटी की कक्षा के लिए सामान्य दर से सस्ता है क्योंकि शिपर वाहक को खरीदार को वस्तु की डिलीवरी को स्थगित करने की अनुमति देता है। डिलीवरी लंबे समय तक डिलीवरी खराब हो सकती है।
वाहक एक प्रोत्साहन या अतिरिक्त दरों की पेशकश करके शिपर्स को प्रोत्साहित कर सकते हैं। वाहक की प्रोत्साहन दर आम तौर पर एक वाहक एक जहाज के भार के आधार पर उनके साथ अधिक सामान परिवहन करने के लिए प्रोत्साहित करता है। वाहक न्यूनतम वजन सीमा तक की दर और उस न्यूनतम वस्तु से अधिक किसी भी वस्तु के लिए छूट दर प्रदान करेगा।
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औरैया जिले के बेला थाना अंतर्गत राम गंगा कमांड पश्चिमी नहर शाखा के ग्राम कुर्सी स्थित नहर पुल के पास तीन किशोरियां नहाते समय दो डूबने लगीं। इस पर तीसरी ने एक को बचा लिया। एक का पता नहीं चल सका।
ग्रामीण जाल डालकर ढूंढने का प्रयास कर रहे। गोताखोरों के न आने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्राम कुर्सी निवासी जगपाल के पिता बालकराम पाल का आज नौबार संस्कार था। गांव के बाहर नहर पुल के पास जगपाल के परिजन बाल बनवाने के बाद घर चले गए थे।
परिवार की महिलाएं घाट पर मृत आत्मा को जल देने के लिए आई थी। उसी दौरान गांव निवासी रतनेश पाल की पुत्री ज्योति(17), राखी(15) व जगपाल की पुत्री शिवानी (14) नहर के किनारे नहाने लगी।
बहाव अधिक होने के कारण राखी व शिवानी डूबने लगीं। ज्योति ने हिम्मत दिखाकर शिवानी को किनारे खींच लिया। महिलाओं की चीख पुकार सुनकर ग्रामीण पहुंचे और ज्योति व शिवानी को बाहर निकाला, लेकिन तेज बहाव के चलते राखी का पता नहीं चल सका।
ग्रामीणों ने नहर में कूदकर लगभग तीन घंटे तक किशोरी की तलाश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। सूचना पर पूर्वा सुजान चौकी इंचार्ज नीरज त्रिपाठी व एक फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। लेकिन, पुलिसकर्मी तमाशबीन ही बने रहे। ग्रामीण जाल डालकर किशोरी की तलाश में लगे हैं। चार घंटे तक लापता किशोरी की जानकारी न होने पर ग्रामीणों ने घटना की जानकारी जिलाधिकारी व अपर पुलिस अधीक्षक को दी है।
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उत्तर प्रदेश में तीन तलाक का एक और मामला सामने आया है। बलिया जिले की एक महिला को उसके शौहर ने मोबाइल के जरिए तलाक दे दिया। शौहर भारतीय वायुसेना का कर्मी है। महिला का आरोप है कि एक साल पहले मोबाइल पर तलाक दिया गया। यह मामला शुक्रवार को इस तरह से सबके सामने आया। आगे की स्लाइड्स में देखें. .
बलिया निवासी भारतीय वायु सेना के कर्मचारी ने पिछले साल एक अगस्त को फोन पर पत्नी शगुफ्ता को तलाक दे दिया। विवाहिता के पिता सांसद भरत सिंह के यहां शुक्रवार को न्याय की गुहार लगाने पहुंचे तब मामला सामने आया। सांसद ने इस संबंध में वायु सेना के जवान के परिवार वालों से बात करने का आश्वासन दिया है।
बैरिया थाना क्षेत्र के बैरिया फाटक मुहल्ला निवासी मुहम्मद मुश्ताक ने शुक्रवार को सांसद भरत सिंह के बौरिया स्थित घर पहुंच कर बताया कि उन्होंने बेटी शगुफ्ता की शादी 12 अप्रैल 2016 को मुस्लिम रीति रिवाज से दुबहड़ थाना क्षेत्र के घोड़हरा निवासी जावेद इकबाल से की थी।
जावेद पश्चिम बंगाल के बागडोगरा में 488 एमओएफ में इलेक्ट्रॉनिक ट्रेड में कार्यरत है। बताया कि जावेद ने गांव घोड़हरा आकर शादी की पहली वर्षगांठ भी मनाई थी। लेकिन छुट्टी बिता कर जब वह नौकरी पर गया तो ससुराल वाले शगुफ्ता का उत्पीड़न करने लगे। उस पर एक स्विफ्ट डिजायर कार और दस लाख रुपये मायके से लाने का दबाव बनाने लगे।
शगुफ्ता ने एक अगस्त 2017 को फोन पर जावेद से बात की तो उसने परिवार की मर्जी से निशा नामक लड़की से शादी कर लेने की बात कही। उसके बाद तीन बार तलाक बोल कर फोन काट दिया। मुश्ताक ने बताया कि वह बेटी के साथ दुबहड़ थाने पर गए तो वहां भी बात नहीं सुनी गई। हमें कोर्ट में जाने को कहा गया।
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बारहवां हफ्ता गर्भवती महिला के लिए एक महत्वपूर्ण सप्ताह होता है। इस हफ्ते पहली तिमाही के साथ ही आपके बच्चे की वृद्धि तथा विकास के महत्वपूर्ण चरण का भी अंत हो जाता है। तीन महीने (12 हफ़्तों) की प्रेगनेंसी पूरी होने के बाद अधिकतर गर्भवती महिलाएं ये खबर सबको सुनाने में अधिक सुरक्षित महसूस करती हैं। अगर माँ सही खाना खाती हैं, स्वस्थ रहती हैं, व्यायाम करती हैं और सभी चिकित्सकों के आदेशों का पालन करती हैं तो इस चरण में आने के बाद मिसकैरेज की संभावना भी कम हो जाती है।
(और पढ़ें - गर्भावस्था में योग और प्राणायाम)
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प्रत्यक्ष घुमा प्रेस बुनियादी अभ्यास की मांसपेशियों को विकसित कर रहे हैं पेट की मांसपेशियों की। वे आपको इस क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत करने और एक अच्छा राहत बाहर काम करने के लिए अनुमति देते हैं। अच्छा पेट की मांसपेशियों को प्रतियोगिताओं के लिए प्रशिक्षित एथलीटों, देरी शुरुआत मांसपेशियों मैं दर्द आंकड़े के बारे में बात अलग बनाने और काठ का प्रशिक्षण के लिए चोट की संभावना से बचने। इसके अलावा, वे रक्षा के लिए और विभिन्न प्रभावों से आंतरिक अंगों का समर्थन है, विकासशील समन्वय।
प्रेस घुमा फर्श पर पड़ा प्रदर्शन किया अपने पैरों को उठाया और पहाड़ी पर shins उतारा साथ। इस स्थिति में, कंधे क्षेत्र संतुष्ट उठाने, कमर बंद मंजिल नहीं आती है। यह आयाम पर नजर रखने के लिए आवश्यक है। इस अभ्यास में, यह कम से कम होना चाहिए, के बाद से काम में कम से उच्च उन्नयन मिलती कूल्हे, और पेट की मांसपेशियों को एक न्यूनतम लोड मिलता है। एक दृष्टिकोण बिना किसी रूकावट और टूट जाता है किया जाता है। यह पेट की मांसपेशियों पर नजर रखने के लिए आवश्यक है - वे हमेशा भरी हुई किया जाना चाहिए। व्यायाम में आसानी के मामले में, आप भार का उपयोग करना चाहिएः एक डम्बल या छड़ी से एक पैनकेक हाथों में आयोजित की और उसकी छाती के खिलाफ दबाया जाता है, और अपने घुटनों भारित गेंद दबाया। एक चक्र तीन repetitions होंगे। लोड की पुनरावृत्ति में 20-25 बार किया जाता है।
वहाँ प्रेस को बताया कि मांसपेशी तनाव के साथ एक धीमी गति से प्रदर्शन कर रहे हैं घुमा के कई वेरिएंट हैंः
- रोमन कुर्सी में व्यायाम - लोड ऊपरी क्षेत्र प्रेस करने गिर जाता है। व्यायाम राहत के ऊपरी भाग का निर्माण करती है और शक्ति विकसित करता है। क्षैतिज से 60 डिग्री - क्रॉसबार और फिक्सिंग पैर रोलर्स के बीच बढ़ाया पर बैठे ऊपरी आवरण 30 उठाया है।
- रिवर्स क्रंच - प्रेस पेट के निचले हिस्से मजबूत। व्यायाम प्रेस के निचले हिस्से के एक उठाने के लिए निर्देशित किया गया है। अपनी पीठ पर झूठ बोलना, कूल्हों पैर फर्श करने के लिए खड़ा एक स्तर तक तुला के साथ उठाया जाना चाहिए, अपने घुटनों उसकी छाती को तैयार।
- घुमा तिरछा - कमर क्षेत्र में परोक्ष मांसपेशियों खींच लिया। इस तरह के अभ्यास काठ का क्षेत्र को मजबूत बनाने की आवश्यकता है। तुम्हारी तरफ झूठ बोल प्रदर्शन किया। घुटनों पर तुला हुआ पैर, एक हाथ शरीर, अन्य के साथ आराम कर रहा - सिर के लिए। कंधे क्षेत्र उठाकर प्रदर्शन किया। एक ही आंदोलन दूसरे पक्ष पर किया जाता है।
- एक ढाल के साथ बेंच पर प्रेस के लिए व्यायाम - ऊपरी उदर क्षेत्र मांसपेशियों में उपयोग किया और प्रत्यक्ष कर रहे हैं जांघ की मांसपेशियों। व्यायाम शक्ति विकसित करता है और को परिष्कृत प्रेस की राहत। 30 डिग्री के कोण पर बेंच पर बैठे धड़ और जांघों के बीच सही कोण के स्तर तक बढ़ जाता है आवास प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रेस घुमा सिमुलेटर की मदद से किया जा सकता है। विशेष रूप से, ब्लॉक की व्यवस्था का उपयोग कर, आप एक शानदार और मनोरंजक पासा पेट के ऊपरी हिस्से बना सकते हैं। इस अभ्यास आगे शामिल परोक्ष पेट की मांसपेशियों। सिम्युलेटर से एक मीटर की दूरी पर घुटने टेकने के ऊपरी ब्लॉक के हैंडल पकड़े, यह शरीर फर्श करने के लिए एक स्तर समानांतर के लिए आगे झुक जाता है बनाने के लिए आवश्यक है। एक ही समय में हाथ जब तक जब तक आप कोहनी पर सही कोण मिल कड़ी कर दी गई। इस समय, प्रेस काल, कोहनी घुटनों को खींच लिया, और वापस गोल है।
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यह किसी अच्छे और प्रजातांत्रिक देश के लक्षण नहीं है, जहाँ देश के भीतर नागरिक समाज और सरकार के बीच सम्बन्ध बिगड़ते जा रहे हो, दुर्भाग्य अव यह बात विदेश तक पहुँच गई है। इंदौर में प्रवासी भारतीयों के साथ जिस तरह का सलूक हुआ, वो यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि देश में कुछ ऐसी ताकतें हैं जो भारत की छबि को कलंकित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं। पहले भारत देश के भीतर की बात-हाल के दिनों में सरकार और नागरिकों के बीच टकराव के मुद्दे का विषय 6,677 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को विदेशी फंडिंग पाने से संबंधित लाइसेंस गंवाना था। फिर प्रवासी सम्मेलन-इंदौर में हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन में हुई अव्यवस्था ने मध्यप्रदेश सरकार, भारत सरकार और देश के सूत्र वाक्य अतिथि देवों भव की कीर्ति को धूमिल कर दिया। पहले मामले में सरकार ने कुछ संस्थाओं को आदेश दिया है कि वे विदेशी फंड जुटाने की अपनी गतिविधियां रोक दें और इंदौर में घर आये मेहमानों के साथ जैसा सुलूक हुआ और उसकी जिम्मेदारी अब तक तय न होना प्रमाणित करता है की देश के गृह मंत्रालय में कुछ गडबडी है, उसका सूचना तंत्र विफल है। पहला मामला भी इसी तंत्र की नाकामी की और इशारा करता है। केंद्र ने राज्यों को भी यह निर्देश दिया है कि वे उन क्षेत्रों में एनजीओ की गतिविधियों को सीमित करें जहां की प्राथमिक जिम्मेदारी केंद्र सरकार के पास है। यह बात अहम है कि इन एनजीओ ने न तो कोई नियम तोड़ा है और न ही उन्हें दंडित किया गया है। बस सरकार उनकी गतिविधियों से चिढ़ी हुई है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्यों को एक पत्र लिखा है जो एनजीओ द्वारा फैलाए जा रहे झूठ को लेकर शिकायत करता है और स्थानीय प्रशासन से कहता है कि वे सरकार की पोषण योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाएं। सेव द चिल्ड्रन के मामले में एक विज्ञापन को वापस लेने का आदेश दिया गया है जिसमें एक अत्यधिक कुपोषित आदिवासी बच्चे को दिखाया गया है। सरकार का मानना है कि यह उसके गरीबी उन्मूलन उपायों पर अभियोग के समान है। साइटरसेवर्स के मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने उससे अनुरोध किया है कि वह भारत देश में अंधत्व नियंत्रण के लिए आम जनता से फंड जुटाने की कोशिशें बंद करे, क्योंकि उसकी यह कोशिश सरकार के नैशनल कंट्रोल फॉर ब्लाइंडनेस ऐंड विजुअल इंपेयरमेंट के खिलाफ है जहां सरकार निःशुल्क सेवाएं देती है। उदाहरण के लिए सरकार के राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण समेत एक के बाद एक अनेक आंतरिक सर्वेक्षणों ने यह बताया है कि बच्चों में कुपोषण एक गंभीर मसला है। इस बात को देखते हुए निश्चित तौर पर यह सरकार के हित में है कि वह प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर बच्चों का पोषण सुधारने की दिशा में काम करे। बांग्लादेश का अनुभव बताता है कि एनजीओ के सहयोग से उसने अपने मानव विकास सूचकांकों में महत्त्वपूर्ण सुधार किया है। इससे सबक लेने की आवश्यकता है। यह विडंबना ही है कि सेव द चिल्ड्रन अतीत में कई योजनाओं में सरकार के साथ मिलकर काम कर चुका है। इसी प्रकार नेत्रहीनता या एक हद तक दृष्टि बाधा भी एक समस्या है, खासकर गरीब लोगों में। ऐसे में नेत्र संबंधी स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले किसी भी कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इन दोनों घटनाओं से कुछ संकेत उभरते हैं। पहली बात सरकार एनजीओ जगत को जो भी संदेश देने की कोशिश कर रही है चिंता की बात है। चूंकि ये सन्गठन अपनी प्रकृति के अनुरूप ही स्वास्थ्य, शिक्षा आादि सामाजिक सेवाएं देती है तो ऐसे में इन क्षेत्रों में उपयोगी काम कर रहे एनजीओ के पास क्या कोई विकल्प शेष रह जायेगा? क्या इनसंस्थाओं को अपना काम इस प्रकार समेट लेना चाहिए सरकार की भावना का उल्लंघन न हो? दूसरी बात-घर न्यौता देकर विदेश से बुलाये मेहमानों के साथ जो हुआ उसके लिए जिम्मेदार कौन है? भारत की कीर्ति की रक्षा आज के दौर में सर्वोच्च है। इसमें विध्न डालने वाले देश के हितैषी नहीं हो सकते।
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इंटरनेशनल डेस्कः हांगकांग की राष्ट्रीय सुरक्षा पुलिस ने लोकतंत्र समर्थक एक प्रतिष्ठित कार्यकर्ता की पत्नी को बृहस्पतिवार को गिरफ्तार कर लिया। महिला के पति उन नेताओं में शामिल हैं जो 1989 में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं के खिलाफ चीन द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर वार्षिक मोमबत्ती जुलूस का आयोजन करते हैं। यह जानकारी महिला के करीबी दो लोगों ने दी है। अधिकारियों ने ली चेयुक-यान की पत्नी एलिज़ाबेथ तांग को स्टेनले कारागार के बाहर से गिरफ्तार किया है। उनके करीबी लोगों के मुताबिक, यह साफ नहीं है कि उन्हें किस आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
यह कदम 2019 में व्यापक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद शहर के लोकतंत्र समर्थकों पर कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। कई कार्यकर्ताओं को बीजिंग की ओर से थोपे गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में डाल दिया गया है या उन्हें चुप करा दिया गया है। तांग श्रमिक अधिकार कार्यकर्ता हैं और वह 'हांगकांग कॉन्फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स' से जुड़ी रही हैं। इस संगठन को अब निष्क्रिय कर दिया गया है। उनके पति ली 'हांगकांग अलायंस इन सपोर्ट ऑफ पैट्रिओटिक डेमोक्रेटिक मूवमेंट्स ऑफ चाइना' के पूर्व नेता हैं। इस संगठन को सुरक्षा कानून लागू करने के बाद 2021 में भंग कर दिया गया था।
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निरंकारी मिशन में ब्रह्मज्ञान प्रदान कर जीने की कला सिखाई जा रही है । इस ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति से इन्सान यह जान सकता है कि मैं कौन हूं कहां से आया हूं मेरा इस दुनियां में आने का उद्देश्य क्या है, ये उद्गार आज यहां Los Angeles (America) से आए Mr. Bill Wazniak ने यहां सैक्टर 30-ऐ में स्थित निरंकारी सत्संग भवन में सैकड़ों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए । निरंकारी मिशन के सिद्धान्तों की चर्चा करते हुए Mr. Bill ने कहा कि निरंकारी मिशन के सिद्धान्तों को जीवन में अपना कर हम मानुष जन्म के उद्देश्य की पूर्ति कर सकते हैं और अपनी जीवन-यात्रा भी खुशी-खुशी तय कर सकते हैं । Mr. Bill ने आगे कहा कि ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति के बाद इन्सान यदि सत्संग-सेवा-सिमरन करता है तो उसे यह परमपिता परमात्मा जो हर समय हमारे साथ है का हर समय एहसास रहता है जिससे हमारा मन पवित्र रहता है तथा इससे इन्सान इन्सानियत के मार्ग पर चलता है । जो भी वस्तु हमारे लिए सुखदाई है वह इस परमात्मा द्वारा प्रदान की जाती है ।
Mr. Bill ने कहा कि उन्हें स्वर्गीय केशो राम नन्दवानी जो कि बाल संगत के इन्चार्ज हुआ करते थे वे जब अमरीका में आए तो उनके सम्पर्क में आने पर निरंकारी मिशन व निरंकारी बाबा जी के बारे में जानकारी हासिल हुई तथा उनके सुपुत्र श्री मोहिन्द्र नन्दवानी के माध्यम से मुझे निरंकारी बाबा से इस निरंकार परमात्मा की जानकारी हुई । अन्त में Mr. Bill ने सभी के लिए यही प्रार्थना की कि हम सभी निरंकारी बाबा जी की शिक्षाओं को जीवन में अपनाते हुए अपनी जीवन-यात्रा तय करें । इससे पूर्व यहां के ज़ोनल इन्चार्ज डा बी एस चीमा जी और श्री मोहिन्द्र सिंह जी संयोजक चंडीगढ़ ने Mr. Bill के गले में दुपट्टा व फूलों की माला डाल कर उनका स्वागत किया । इस अवसर पर अन्य कई गणमान्य भी उपस्थित थे ।
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इससे पहले मई में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जब तक सरकार इसकी समीक्षा नहीं करती और जेल में बंद लोग जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं, तब तक विवादास्पद देशद्रोह कानून पर रोक रहेगी।
केंद्र ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सरकार संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में भारतीय दंड संहिता की धारा 124 (ए) के तहत देशद्रोह कानून में बदलाव ला सकती है। शीर्ष अदालत देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। शीर्ष अदालत ने देशद्रोह कानून को चुनौती देने वाली कुछ याचिकाओं पर केंद्र को नोटिस भी जारी किया। भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित के नेतृत्व वाली शीर्ष अदालत ने जनवरी के दूसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए देशद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाले मामलों को सुनवाई की तारीख आगे बढ़ा दी।
मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने कहा कि केंद्र को कुछ और समय दिया जाए क्योंकि संसद के शीतकालीन सत्र में कुछ हो सकता है। वेंकटरमणि ने कहा कि यह मुद्दा संबंधित अधिकारियों के विचाराधीन है और इसके अलावा 11 मई के अंतरिम आदेश के मद्देनजर चिंता का कोई कारण नहीं है, जिसने प्रावधान के उपयोग को रोक दिया था।
अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणि ने कहा कि इस अदालत द्वारा 11 मई, 2022 के आदेश में जारी निर्देशों के संदर्भ में मामला अभी भी संबंधित अधिकारियों के ध्यानार्थ है। उन्होंने अनुरोध किया कि कुछ अतिरिक्त समय दिया जाए ताकि सरकार उचित कदम उठा सके।
भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए देशद्रोह को अपराध बनाती है। इससे पहले मई में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि जब तक सरकार इसकी समीक्षा नहीं करती और जेल में बंद लोग जमानत के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं, तब तक विवादास्पद देशद्रोह कानून पर रोक रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए, जो देशद्रोह के अपराध को अपराध बनाती है, उसे तब तक स्थगित रखा जाए जब तक कि सरकार द्वारा कानून की समीक्षा करने की कवायद पूरी नहीं हो जाती।
भारत के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और हेमा कोहली की पीठ ने केंद्र सरकार और राज्यों से धारा 124 ए के तहत कोई भी मामला दर्ज नहीं करने को कहा था। पीठ ने कहा कि अगर भविष्य में ऐसे मामले दर्ज किए जाते हैं, तो पक्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं और अदालत को इसका तेजी से निपटान करना होगा। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि जिन लोगों पर पहले से ही आईपीसी की धारा 124ए के तहत मामला दर्ज है और वे जेल में हैं, वे जमानत के लिए संबंधित अदालतों का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
पीठ ने आदेश दिया था कि प्रावधान को स्थगित करना उचित होगा। केंद्र सरकार को धारा 124ए के प्रावधानों की फिर से जांच करने और पुनर्विचार करने की अनुमति देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा था कि जब तक आगे की जांच पूरी नहीं हो जाती तब तक कानून के प्रावधान का इस्तेमाल नहीं करना उचित होगा।
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मार्च 2023 में अमृतसर जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा. (File Photo)
एस. सिंह/चंडीगढ़ः अमृतसर में मार्च-2023 में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन को सफल बनाने के मकसद से तैयारियों की निगरानी के लिए राज्य सरकार की तरफ से गठित की गई सब कमेटी की पहली मीटिंग आज 7 नवंबर को चंडीगढ़ में होगी. जी-20 सम्मेलन में विश्व भर के प्रमुख देशों के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री शामिल होंगे. इसमें शिक्षा, श्रम और अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा होगी, जिसका राज्य के लोगों को लाभ पहुंचेगा. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर अमृतसर का सौंदर्यीकरण करने के लिए विकास के काम किये जाएंगे, जो प्रथम दर्जे के होंगे.
राज्य सरकार की तरफ से जी-20 सम्मेलन की महत्ता को देखते सब कमेटी का गठन किया गया है, जिससे इस मौके पर पंजाब राज्य को दुनिया भर के नक्शे में पर्यटन केंद्र के तौर पर पेश किया जा सके. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इसी मकसद से स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. इन्दरबीर सिंह निज्जर की अध्यक्षता में एक सब कैबिनेट कमेटी का गठन किया गया है. जिसमें कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस और कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह शामिल हैं.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहाकि इस सम्मेलन से पंजाब अंतरराष्ट्रीय मंच पर व्यापार के लिए पसंदीदा स्थान के तौर पर उभारेगा. उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हमें अपनी प्राप्तियों और दी जा रही सहूलतों के बारे में बताने का मौका मुहैया करेगा. इसे सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के लिए यह सुनहरा मौका है. राज्य में निवेश लाकर हम नौजवानों के लिए रोजगार के नए मौके सृजित कर सकेंगे.
उन्होंने कहा कि इस समारोह की मेजबानी करने का मौका मिलने पर राज्य अपने आप को भाग्यशाली समझता है, जिसमें दुनिया भर के प्रमुख देश शिक्षा और काम संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वैश्विक समारोह की सफलता के लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम किए जाएंगे.
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न शाहरुख- सलमान, न रजनीकांत और अक्षय कुमार तोड़ पाए इस 63 साल के साउथ स्टार का ये रिकॉर्ड, 400 फिल्मों. .
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कल्पवृक्ष सामाजिक संस्थान (गौरी ओल्ड एज होम) अम्बीवाला प्रेमनगर की ओर से लगातार 14वें दिन भी जरूरतमंदों को भोजन खिलाया गया। संस्था अध्यक्ष प्रतिभा बहुगुणा जोशी के नेतृत्व में टीम ने कई बस्तियों में मदद पहुंचाई। इस दौरान तनुज जोशी, राजेश जोशी, देवेंद्र बुटोला, संजीव जोशी, सुधांशु जोशी, पंकज उनियाल, दीपक जोशी भी मुहिम का हिस्सा रहे। उत्तराखंड हज कमेटी के अध्यक्ष शमीम आलम व मोमिन अनसर सभा की जिलाध्यक्ष हीना खान की ओर से जरूरतमंदों को राशन बांटा गया। मां चंद्रबनी कल्याण समिति, गढ़ हितैषी संस्था व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से टी स्टेट बंजारावाला में जरूरतमंदों को 200 भोजन के पैकेट वितरित किए गए। इस दौरान कमल नौटियाल,कमलेश्वर नौटियाल, भगवती नौटियाल व अन्य मौजूद रहे। युवाओं ने किया रक्तदान :: महाकाल के दीवाने संस्था की ओर से रक्तदान शिविर लगाया गया। युवाओं ने स्वेच्छा से रक्तदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान संस्था अध्यक्ष रोशन राणा, मोतीलाल दीवान, हेमराज, राकेश आनंद मौजूद रहे।
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Get Rid Of Dal Bugs: बारिश के मौसम में अक्सर रसोई में रखी खाद्य सामग्रियों में कीड़े या घुन लग जाते हैं। सामान घुला रहता है या फिर कई दिनों तक इस्तेमाल नहीं होता, तो दाल, चावल और आटे में कीड़े पड़ जाते हैं। मानसून में घरों में सीलन आने के कारण ऐसा होता है। सीलन के कारण रसोई में रखा सामान जैसे दाल आदि भी सील जाती हैं। इसके अलावा सब्जी मसाले, हल्दी, जीरा आदि में भी रेंगने वाले घुन-कीड़े दिखाई देने लगते हैं। आटे और सूजी में भी बहुत जल्दी कीड़े लग जाते हैं। ऐसे में लोग अनाज या मसालों में कीड़े दिखने पर उसे खराब समझकर फेंक देते हैं। कई लोग कीड़े लगे अनाज को धोकर इस्तेमाल भी कर लेते हैं। हालांकि अगर आटे या मसालों में कीड़े लग जाए तो उसे इस्तेमाल करना मुश्किल हो जाता है। अगर आपकी रसोई में भी दाल, चावल, आटा या फिर मसालों में कीड़े पड़ जाएं तो उसे फेंके नहीं, आसान तरीके से अनाज या मसालों के कीड़े निकालकर इस्तेमाल कर सकते हैं।
साबुत अनाज जैसे दाल, चावल और गेहूं में कीड़े लग जाएं तो उसे साफ करने के लिए आसान तरीके अपनाएं।
दाल या चावल में कीड़े लगने पर उसे साफ करने के लिए साबुत हल्दी की चार-पांच गांठ रख दें। हल्दी की गंध बहुत तेज होती है, जिसकी मदद से काले और सफेद झिल्ली वाले कीड़े अनाज से बाहर निकल जाते हैं।
अनाज में कीड़े लगने की वजह सीलन होती है। सरसों का तेल अनाज में कीड़े तो निकालता ही है, साथ ही सीलन होने या कीड़े लगने से बचाता भी है। एक चम्मच सरसों का तेल मिलाकर अनाज को धूप में सुखा लें।
दाल या चावल में कीड़े और घुन लगने पर उसमें साबुत लहसुन मिलाकर रख दें। लहसुन की सूखी कलियां अनाज से कीड़ों को बाहर कर देंगी।
आटे में या सब्जी मसालों में कीड़े लग जाएं तो साफ करने और कीड़े निकालने के लिए इन्हें धूप में रख दें। कीड़े आटे से बाहर आ जाएंगे।
आटा, सूजी या पाउडर मसालों को एयरटाइट डिब्बों में रखें। हालांकि अगर फिर भी इस में कीड़े लग जाए तो उसमें नीम की पत्तियां रख दें। ध्यान रखें कि नीम की पत्तियों में पानी न हो।
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दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर कितना गंभीर असर हुआ है, इसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। जीडीपी वृद्धि दर मार्च तिमाही में 3. 1 फीसदी तक गिर गई। सांख्यिकी विभाग की ओर से जारी डेटा के मुताबिक वित्त वर्ष 20 में जीडीपी वृद्धि दर महज 4. 2 पर्सेंट रही, जबकि पिछले साल यह दर 6. 1 पर्सेंट रही थी। मौजूदा सीरीज में यह पिछले 8 साल में सबसे खराब प्रदर्शन है।
सरकार ने पिछले वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों के डेटा में सुधार करते हुए कहा है कि पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था 5. 2 पर्सेंट, दूसरी तिमाही में 4. 4 पर्सेंट और तीसरी तिमाही में 4. 1 फीसदी से बढ़ी। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में और बड़ी गिरावट तय है। मार्च तिमाही का जो डेटा आया है उसमें लॉकडाउन का एक ही सप्ताह शामिल है।
कोरोना वायरस महामारी और 'लॉकडाउन के कारण आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन अप्रैल महीने में एक साल पहले की तुलना में 38. 1 प्रतिशत घट गया। यह गिरावट का एक नया रिकार्ड है।
आर्थिक जानकारों का कहना है कि वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही (जनवरी-मार्च) की जो रिपोर्ट जारी की गई है, उससे केवल यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि अर्थव्यवस्था पर शुरुआती असर क्या हुए हैं। असल में यह कितना खतरनाक और गंभीर है, इसका पता तो वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) की रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा।
पूरे देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू किया गया था। भारत में कोरोना पहला मामला 30 जनवरी को आया था। ऐसे में 2019-20 की आखिरी तिमाही में लॉकडाउन केवल एक सप्ताह के लिए था। दूसरी तिमाही के दो महीने तो कंप्लीट लॉकडाउन में निकल गए हैं। असली समस्या की शुरुआत तो अब हुई है।
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इस्लामाबाद, 08 जुलाई (वार्ता) पाकिस्तान सरकार ने भारत में अक्टूबर-नवंबर में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप 2023 में पाकिस्तान की भागीदारी पर विचार करने के लिये विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो की अगुवाई में एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है। आगे देखे. .
सेंट जॉन्स, 08 जुलाई (वार्ता) वामहस्त बल्लेबाज़ कर्क मैकेंज़ी को भारत के खिलाफ 12 जुलाई से होने वाले पहले टेस्ट मैच के लिये वेस्ट इंडीज की 13-सदस्यीय स्क्वाड में शामिल किया गया है। आगे देखे. .
बेंगलुरू 07 जुलाई (वार्ता) प्रभसिमरन सिंह (63) की अर्धशतकीय पारी और हर्षित राना (36) के तेज गति से बनाये गये उपयोगी रनों की मदद से उत्तर क्षेत्र ने दलीप ट्राफी मुकाबले के तीसरे दिन शुक्रवार को दक्षिण क्षेत्र के खिलाफ अपनी दूसरी पारी में 211 रन बना लिये। आगे देखे. .
चेन्नई, 07 जुलाई (वार्ता) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने शुक्रवार को भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान/विकेटकीपर एवं चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। आगे देखे. .
ढाका 07 जुलाई (वार्ता) क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास की घोषणा के महज 24 घंटे के भीतर बांग्लादेश के बल्लेबाज तमीम इकबाल ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के अनुरोध पर शुक्रवार को सन्यास वापस लेने का फैसला किया। आगे देखे. .
अलूर (कर्नाटक) 07 जुलाई (वार्ता) चेतेश्वर पुजारा (133) के बेहतरीन शतकीय प्रहार की बदौलत पश्चिम क्षेत्र ने दलीप ट्राफी टूर्नामेंट के चार दिवसीय मुकाबले के तीसरे दिन शुक्रवार को मध्य क्षेत्र के खिलाफ अपनी दूसरी पारी में नौ विकेट पर 292 रन बना कर 384 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल कर ली है। आगे देखे. .
बुलावायो, 06 जुलाई (वार्ता) नीदरलैंड ने बास डी लीड (पांच विकेट, 123 रन) के उच्चस्तरीय हरफनमौला प्रदर्शन की बदौलत विश्व कप क्वालीफायर के सुपर-6 चरण में गुरुवार को स्कॉटलैंड को चार विकेट से मात देकर मुख्य टूर्नामेंट में जगह बना ली। आगे देखे. .
कोलकाता, 06 जुलाई (वार्ता) भारतीय महिला क्रिकेट की दिग्गज खिलाड़ी झूलन गोस्वामी ने गुरुवार को आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप ट्रॉफी का कोलकाता में स्वागत किया। आगे देखे. .
बेंगलुरु, 06 जुलाई (वार्ता) उत्तर क्षेत्र ने गेंदबाजों के संयुक्त प्रयास की बदौलत दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल की पहली पारी में गुरुवार को दक्षिण क्षेत्र पर तीन रन की बढ़त बना ली। आगे देखे. .
अलुर, 06 जुलाई (वार्ता) अर्ज़न नागवासवाला (74/5) की अगुवाई में गेंदबाज़ों के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद सूर्यकुमार यादव (52) और चेतेश्वर पुजारा (50 नाबाद) के अर्द्धशतकों से पश्चिम क्षेत्र ने मध्य क्षेत्र के खिलाफ दलीप ट्रॉफी सेमीफाइनल के दूसरे दिन गुरुवार को 241 रन की बढ़त बना ली। आगे देखे. .
चटगांव, 06 जुलाई (वार्ता) बंगलादेश के कप्तान तमीम इक़बाल ने एकदिवसीय विश्व कप 2023 से सिर्फ तीन महीने पहले गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की। आगे देखे. .
लाहौर, 06 जुलाई (वार्ता) ज़का अशरफ़ ने गुरुवार को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की 10-सदस्यीय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया। आगे देखे. .
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अमरावती/प्रतिनिधि दि. 5 - राजापेठ रेल्वे भुयारी मार्ग का दस्तुर नगर की ओर जाने वाले मार्ग का लोकार्पण किये जाने के बाद अब शंकर नगर की ओर जाने वाले मार्ग का लोकार्पण 15 अगस्त स्वतंत्रता दिन को कर इस परिसर के नागरिकों को यह मार्ग यातायात के लिए खुला करने का विधायक रवि राणा ने निर्धार किया है. इस मार्ग में दिक्कतें निर्माण करने वाले नाले के रपटे के कारण व मजीप्रा, बीएसएनएल, रिलायन्स व वोडाफोन की जोड़ वाहिनियों को हटाना जरुरी होने की बात ध्यान में आते ही विधायक रवि राणा ने तुरंत जांच कर एक दिन में काम करवा लिया व अब इस मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर किये जाने से आगामी 15 अगस्त को इस भुयारी मार्ग नागरिकों के लिये खुला किये जाने की घोषणा विधायक रवि राणा ने की.
इस दौरे के समय जिलाध्यक्ष जितू दधाने, शहराध्यक्ष संजय हिंगासपुरे, अनुप अग्रवाल, रवि अडोकार, अश्विन उके, सद्दाम हुसेन, गौतम हिरे, सचिन बोडे, भूषण पाटणे, अवि काले, निलेश भेंडे, शालिनी देवरे, अविनाश तापडिया, ठकर साहब, शर्मिला मिश्रा, अजय बोबडे, विलास सोनकुसरे, अजय मोरय्या, शुभम उंबरकर, राहुल काले, लकी पिवाल, संजय माहुलकर, चंदन जाधव, अंकुश आडे, हर्षल रेवणे, दीपक ताथोड आदि उपस्थित थे.
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गोवा और उत्तराखंड में कल यानि सोमवार से मतदान होना है. वहीं कल से ही यूपी में दूसरे चरण के वोटिंग की जाएगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल चुनाव से पहले अलग-अलग राज्यों में प्रचार कर रहे हैं. इस बीच उन्होंने आजतक से खास बातचीत की और बताया कि आम आदमी पार्टी की क्या तैयारियां हैं. उन्होंने कहा कि कल गोवा और उत्तराखंड का चुनाव है और मैं दोनों राज्यों के लोगों से वोट अपील करुंगा. बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए केजरीवाल ने कहा कि उत्तराखंड में लोगों ने दल साल बीजेपी को और 10 साल कांग्रेस को दिए और दोनों ही पार्टियों ने मिलकर उत्तराखंड को लूटा है. अब आम आदमी पार्टी को एक मौका देना जरूरी है. इस वीडियो में देखें और क्या बोले अरविंद केजरीवाल.
Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal is campaigning in different states ahead of the Uttarakhand and Goa elections. While having an exclusive conversation with Aajtak, Arvind Kejriwal appealed to the people of Uttarakhand to vote for Aam Aadmi Party in elections. During this, he also attacked BJP and Congress stating that both the parties have looted Uttarakhand for ten years. Watch this video to know more.
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Sofia Ansari Latest sexy Video: सोशल मीडिया ससेंशन के नाम से मशहूर सोफिया अंसारी आए दिन इंटरनेट पर अपनी बोल्डनेस से लोगों के होश उड़ाती रहती हैं। सोफिया की अदाओं पर लाखों लोग फिदा है। तभी तो सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें और वीडियोज आते ही वायरल हो जाती है।
इस सोफिया का एक और वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है, लेकिन यह वीडियो सोफिया के बाकी वीडियो से काफी अलग है।
Sofia Ansari hot photo : दरअसल, सोफिया ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में सोफिया काफी हाट लगाती दिख रही हैं। जी हां, अभी तक आपने सोफिया को केवल बोल्ड लुक में अपनी बॉडी को फ्लॉन्ट करते हुए देखा होगा, लेकिन इस वीडियो में वह अपनी बॉडी को फिर से फ्लॉन्ट करती दिख रही हैं।
इससे पहले, सोफिया ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें वह काफी खूबसूरत नजर आ रही थीं। सोफिया बेहद खूबसूरत लग रही थीं। वहीं, अपने आप को बोल्ड लुक देने के लिए उन्होंने एक गाने गाते करती दिख रही थीं। सोफिया का ये वीडियो उनके फैंस को खूब पसंद आया था।
Sofia Ansari bold photoshoot : मजह 25 की उम्र में सोफिया अंसारी ने अपने सेक्सी लुक्स से इंटरनेट पर सनसनी मचाई हुई है। अपने छोटे-छोटे वीडियोज के लिए सोफिया अंसारी काफी ज्यादा फेमस हैं। वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं और अक्सर अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर करते रहते हैं। सोफिया का अकाउंट एक से बढ़कर एक बोल्ड तस्वीरों और वीडियोज से भरा हुआ है।
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Reporter Video: अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर बाबा ने यह कैसे किया होगा. वीडियो देखने के बाद आपको समझ आ जाएगा कि आखिर बाबा ने ऐसा क्यों और कैसे किया. वायरल होने वाले वीडियो में एक रिपोर्टर द्वारा पूछे जाने वाले सवाल का बाबा ने अच्छे तरीके से जवाब दिया.
Gamla Baba Video: पौधों को लोग अक्सर गमले या फिर जमीन में उगाते हैं. कुछ पेड़-पौधे अपने-आप ही खेत-खलियानों में उग जाते हैं, लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सुना है कि किसी शख्स ने अपने सिर को ही गमला बना डाला. अजीबोगरीब मामले में एक बाबा ने अपने सिर को ही उपजाऊ बना डाला और इसका एक इंस्टाग्राम रील वीडियो खूब वायरल हो रहा है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर बाबा ने यह कैसे किया होगा. वीडियो देखने के बाद आपको समझ आ जाएगा कि आखिर बाबा ने ऐसा क्यों और कैसे किया. वायरल होने वाले वीडियो में एक रिपोर्टर द्वारा पूछे जाने वाले सवाल का बाबा ने अच्छे तरीके से जवाब दिया.
रिपोर्टर जैसे ही बाबा के पास पहुंचा तो उसने देखा कि बाबा ने अपने सिर को ही गमला बना डाला. बाबा के सिर पर हरे रंग के ढेर सारे घास उगे हुए हैं. इंस्टाग्राम पर चाचा बिशना ने वीडियो अपलोड किया. रिपोर्टर ने सवाल किया कि बाबा आप अपने सिर पर बीज लगाते हैं या फिर पौधा लगाते हैं. इस पर बाबा ने जवाब दिया, "हम अपने सिर पर ऐसे बीज छोड़ देते हैं और फिर पानी देते रहते हैं और पौधा उग आता है. मैं अपने सिर पर 4 साल से पौधे उगा रहे हैं. पानी डालकर सिंचाई करते रहते हैं." फिर रिपोर्टर ने पूछा कि क्या मिट्टी का काम सिर कर लेता है तो बाबा ने कहा, "मिट्टी का काम बाल करता है. नमी का काम मेरे सिर का चमड़ा करता है. चमड़ा भी कभी-कभी फट जाता है."
इसके बाद बाबा ने यह भी कहा कि जब मैं सिर पर पौधों को उगाता हूं तो मेरे सिर की चमड़ी फट जाती है. इन पौधों के जड़ अंदर चले जाते हैं और जब भी इन पौधों को बाहर निकालने की कोशिश करते हैं तो उसमें से खून भी निकलने लगता है. फिर रिपोर्टर ने पूछा कि आप सोते कैसे हैं तो बाबा ने जवाब दिया कि मैं तो सिर्फ बैठे-बैठे सो जाता हूं. सोशल मीडिया पर वीडियो जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. पोस्ट पर अब तक 3 लाख 40 हजार से ज्यादा लाइक्स आ चुके हैं. एक यूजर ने लिखा, "ये है मेरे देश के अंधभक्तों के भगवान." एक अन्य ने कहा, "मिट्टी बी लाइक- मैं क्या करूं फिर जॉब छोड़ दूं."
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घोर दुर्भिक्ष
के इतिहास में इतना भयंकर काल इस प्रदेश में पहले कभी नहीं हुआ। अंत में इलैंड में विद्यमान कंपनी के डाइरेक्टरों और अन्य राजनीतिज्ञों का ध्यान भी देश की इस दुर्दशा की तरफ मकृष्ट हुआ, और उन्होंने स्थिति को सभालने के लिये आव यक कार्यवाही करने की आवश्यकता अनुभव की ।
( ४ ) ब्रिटिश शासन का सांगठन
इसी कारण ईस्ट इंडिया कंपनी के कार्यों को नियंत्रित करने के लिये सन १७०३ ई० में ब्रिटिश पार्लियामेंट ने एक रेगुलेटिंग एक्ट पास किया। इस कानून द्वारा बिहार बंगाल के दोहरे शासन का अंत किया गया । कलकत्ता के गवर्नर को गवर्नर जनरल का पद दे उसकी शासन में सहायता करने के लिये एक कौंसिल की व्यवस्था की गई, जिसके कुल पाँच सदस्य होते थे। मद्रास और बंबई के गवर्नरों को भी कलकक्षा के गवर्नर जनरल के अधीन किया गया। कलकत्ता की कौंसिल को यह आदेश दिया गया कि वह बिहार बंगाल के दीवानी और फोजी शासन को अपने अधिकार में कर ले। यह व्यवस्था की गई, कि इन प्रदेशों को मालगुजारी व अन्य करों को वसूल करने के लिये अपने पृथक् राजकर्मचारी नियत किये जायें। इसीलिये बिहार और बंगाल के दीवानों को पदच्युत किया गया। उनके स्थान पर राजकीय करों की वसूली और व्यवस्था के लिये फलकता में एक 'बोर्ड आफ रेवेन्यू' की स्थापना की गई। इस बोर्ड की तरफ से राजकीय कर की वसूली के लिये विविध इलाकों में 'कलक्टरों' की नियुक्ति की गई। पर कुछ वर्षों तक मालगुजारी की वसूली पहले की तरह नीलामी द्वारा ही होती रही। अंतर केवल यह पड़ा कि नीलामी की अवधि बढ़ाकर एक साल की जगह पाँच साल कर दी गई। १७७७ ई० में |
।ग्राम क्रमांक :
।ग्राम का नाम :
।तहसील :
।जनपद :
।फसली वर्ष :
।भाग :
।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.)
।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद )
।1क(क) - रिक्त ( नदारद )
।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद )
।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। ( नदारद )
।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद )
।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद )
।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद )
।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद )
।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद)
।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद )
।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद )
।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद )
।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद )
।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद )
।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि।
।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद )
।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद )
।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद )
।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि ।
।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
रास्ता / / .
।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो। ( नदारद )
।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो ।
।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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किसी जमाने में वीरेंद्र सहवाग के साथ मिलकर ओपनिंग का जिम्मा संभालने वाले दिल्ली के गौतम गंभीर का आज जन्मदिन है। गिरकर दोबारा खड़े होने वाले इस खिलाड़ी ने विश्व क्रिकेट को जुझारूपन की नई परिभाषा दी थी। 14 अक्टूबर 1981 को दिल्ली में जन्में गौतम आज अपना 38वां जन्मदिन मना रहे हैं।
आईसीसी का सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजः गंभीर को दो विश्व कप फाइनल में यादगार पारियां खेलने का गौरव है। वह उस भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा रहे जो टेस्ट रैंकिंग में नंबर वन थी। सबसे ज्यादा गर्व उन्हें 2009 में सर्वश्रेष्ठ आईसीसी टेस्ट बल्लेबाज बनने पर हुआ। यह ट्रॉफी देखकर वह खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
आईपीएल में खराब प्रदर्शन के बाद फैसलाः वह कहते हैं कि 2016 में राजकोट टेस्ट (पहली पारी 29 रन, दूसरी शून्य) के बाद टीम से हटाए जाने के बाद उन्होंने वापसी के लिए खुद को समझाने की कोशिश की।
उस वक्त भी उनके दिमाग में आया था कि क्या क्रिकेट छोड़ने का समय आ गया है। 2017 में अच्छे घरेलू सत्र के बाद दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए आईपीएल में खराब प्रदर्शन ने उन्हें सबसे ज्यादा सोचने के लिए मजबूर किया।
उम्मीद विराट की टीम पीछे छोड़ेगी ऑस्ट्रेलिया में उनकी सफलताएंः गंभीर ने उम्मीद जताई है कि विराट कोहली की टीम ऑस्ट्रेलिया में उनकी टीम की अर्जित की गई सफलताओं को पीछे छोड़ेगी। गंभीर याद करते हैं कि उनकी टीम ने न्यूजीलैंड में ऐतिहासिक सीरीज जीती और ऑस्ट्रेलिया में सीबी सीरीज जीती।
रिचर्ड्स की बराबरीः गौतम ने 2008 से 2010 में लगातार 11 टेस्ट मैचों में एक अर्द्धशतकीय पारी जरूरी खेली। उन्होंने इस मामले में विंडीज के दिग्गज विवियन रिचर्ड्स की बराबरी की जिन्होंने 1976-77 में यह उपलब्धि हासिल की थी।
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अजमेर में रोजाना 8 नए मामले सामने आ रहे है तो वहीं 5 रोजाना ठीक भी हो रहे हैं.
भागलपुर. बिहार के भागलपुर (Bhagalpur) में कोरोना सैम्पल की जांच बन्द हो गई है. भागलपुर जेएलएनएमसीएच में कोरोना जांच (Corona Testing) के लिए सूबे का सातवां लेबोरेटरी बनाया गया था लेकिन जांच के लिए आवश्यक कार्टेज की अनुपलब्धता के कारण कोरोना की जांच को रोक दिया गया है, फलस्वरूप भागलपुर समेत बांका समेत अन्य दूसरे जिलों के कोरोना के सैम्पल (Corona Sample) को जांच के लिए पटना आरएमआरआइ भेजा जा रहा है.
जेएलएनएमसीएच के कल्चर एंड डीएसटी लैब में ट्युबरक्लोसिस जांच वाले सीबी नेट मशीन के माध्यम से तीन मई से ही जांच की प्रक्रिया शुरू की गई थी. सीबी नेट मशीन में एक प्रक्रिया के तहत कार्टेज के माध्यम से इनकी जांच शुरू की गयी थी और इसके लिए बकायदा स्वास्थ्य विभाग की ओर से 307 कार्टेज कॉलेज को उपलब्ध कराया गया था जो सोमवार को समाप्त हो गया.
जबकि भागलपुर में बांका, कटिहार, पूर्णिया आदि जिलों से सैम्पल को जांच करने के लिए भेजा जा रहा था. अब जांच बन्द हो जाने से पूरी तरह से तत्काल निर्भरता पटना पर हो गयी है जहां से जांच रिपोर्ट आने में दो से तीन दिन लगेंगे. कॉलेज के प्राचार्य डा. (प्रो. ) हेमन्त कुमार सिन्हा ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार समेत अन्य अधिकारियों को कार्टेज की समाप्ति की जानकारी देते हुए कार्टेज उपलब्ध कराये जाने की मांग की है. प्राचार्य ने जल्द ही कार्टेज उपलब्धता का आश्वासन मिलने की बात कही और तीन से चार दिनों में कार्टेज की उपलब्धता के बाद फिर से जांच शुरू होने का दावा किया.
चूंकि सीबी नेट मशीन में लगने वाले कार्टेज का सप्लाई भारत मे अमेरिका से होता है इसलिए उपलब्धता में समय भी लग सकता है. गौरतलब हो कि भागलपुर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को छोड़कर बाकी के छह केंद्रों पर कोरोना सैम्पल की जांच आरटीपीसीआर मशीन से होती है जबकि भागलपुर में सीबी नेट मशीन से और बिहार में प्रायः सभी जिलों के अस्पतालों में सीबी नेट मशीन मौजूद है जिससे टीबी की जांच होती थी. यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग ने इस मशीन के माध्यम से बिहार के अन्य जिलों के भी कोरोना सैम्पल के जांच शुरू कराये जाने की बात कही थी. बहरहाल भागलपुर में कोरोना सैम्पल की जांच रुकने से पटना पर निर्भरता बढ़ जायेगी, वहीं रिजल्ट में भी विलम्ब होगा.
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सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए निवेश करने वाले निवेशकों के नए खातों की संख्या जून में घट गई क्योंकि दो साल में पहली बार 12 महीने का रिटर्न नकारात्मक हो गया। यहां तक कि बंद होने वाले एसआईपी खाते की संख्या भी बढ़ी। नए पंजीकृत एसआईपी खातों की संख्या 17. 9 लाख रही, जो मई में करीब 20 लाख रही थी। यह जानकारी उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से मिली। जून 2021 से नए एसआईपी खातों का पंजीकरण हर महीने 20 लाख से ज्यादा रहा है। एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी एन एस वेंकटेश ने कहा, एसआईपी खाताधारक सतर्क हो गए हैं। पिछले तीन महीने में बाजार में काफी उतारचढ़ाव देखने को मिला है और इसमें गिरावट का रुख है। ऐसे में एसआईपी निवेशकों की सतर्कता स्वाभाविक है। हम एसआईपी निवेशकों को सुझाव देना चाहेंगे कि वे बाजार का अनुमान न लगाएं और लक्ष्य आधारित अपने निवेश पर ध्यान बनाए रखें। बंद किए गए एसआईपी खाते या जिनकी अवधि पूरी हो गई है, वैसे खातों की संख्या भी बढ़कर 11. 4 लाख हो गई, जो जनवरी के बाद का सर्वोच्च स्तर है। पिछले कुछ महीनों में भारतीय इक्विटी में काफी उतारचढ़ाव रहा है, जिसकी वजह बढ़ती महंगाई, कच्चे तेल की ऊंची कीमतेों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार हो रही बिकवाली को लेकर चिंता थी। पिछले महीने एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स करीब 4. 6 फीसदी लुढ़क गया, वहीं एसऐंडपी बीएसई मिडकैप इंडेक्स और एसऐंडपी बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमशः 6. 18 फीसदी व 6. 01 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई। तीनों सूचकांक माह के दौरान तीन महीने के अपने-अपने निचले स्तर पर आ गए, जिसकी वजह से एक साल का रोलिंग रिटर्न नकारात्मक हो गया। विशेषज्ञों ने कहा कि हालिया रिटर्न की वजह से ही बाजार में होने वाले निवेश पर असर पड़ा है। नए एसआईपी खाते खुलने की रफ्तार में नरमी के बावजूद इसके जरिये होने वाला निवेश मजबूत बना हुआ है। एसआईपी के जरिए जून में 12,276 करोड़ रुपये का निवेश हुआ, जो मई के 12,286 करोड़ रुपये के मुकाबले थोड़ा कम है। एसआईपी खातों की संख्या जून में अब तक के नए उच्चस्तर 5. 54 करोड़ हो गई, जो पहले 5. 48 करोड़ थी। एसआईपी के तहत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) जून 2022 के आखिर में 5. 51 लाख करोड़ रुपये रही। एसआईपी के जरिए लगातार हो रहे सकारात्मक निवेश से कुल इक्विटी निवेश को सहारा मिला है, जिससे एफपीआई की तरफ से हो बिकवाली की भरपाई करने में मदद मिली है। जून में इक्विटी फंडों में 15,498 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में इक्विटी फंडों में शुद्ध निवेश करीब 50,000 करोड़ रुपये रहा। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि अगर बाजार अगले कुछ महीने तक अस्थिर रहता है तो इक्विटी फंडों पर इसका असर दिखेगा और इसमें निवेश की रफ्तार धीमी पड़ सकती है।
Apple जल्द Samsung को पछाड़ बन जाएगी भारत की सबसे बड़ी स्मार्टफोन निर्यातक !
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रोज़मर्रा के जीवन के अधिकारों को भरा हुआ, जल्दबाजी, घमंडहमारे गतिशील समय में, आराम से भावनात्मक पृष्ठभूमि को संरक्षित करने के लिए आराम के लिए विराम के साथ वैकल्पिक होना आवश्यक है। आखिरकार, किसी व्यक्ति की ज़िंदगी न केवल देखभाल और दायित्वों के होते हैं, बल्कि उसमें आनन्द और मनोरंजन के लिए जगह भी होनी चाहिए।
मॉस्को में मनोरंजन पार्क सर्वश्रेष्ठ हैंऐसे उद्देश्यों के लिए उपयुक्त हैं और परिवार के साथ दोस्तों के साथ आराम करने के लिए तैयार किए गए हैं। सभी बच्चों के आकर्षण के विभिन्न प्रकार के आकर्षण को जानते हैं। शायद ही कभी, एक छोटे से झुर्रियों में से एक कताई वाले हिंडोला या झूलते स्विंग की दृष्टि से उदासीन रहता है।
जैसे आकर्षण का एक बहुत मनोरंजन पार्कविभिन्न आयु के लोगों के मनोरंजन के लिए बेहतर अनुकूल नहीं हो सकता आकर्षण, उम्र, जो एक पास कार्ड है, का उपयोग करने के नियमों में कड़ाई से निर्धारित है। बेशक, एक बच्चा जो एक निश्चित सीमा तक नहीं पहुंचा, पर्यवेक्षकों द्वारा नहीं छोड़ा जाएगा, उदाहरण के लिए, आकर्षण पर "आश्चर्य"। यह विशेष रूप से एक निश्चित आयु वर्ग के लिए डिज़ाइन किया गया है।
शिशुओं के लिए आकर्षण हैंछोटे और सुरक्षित इकाइयां इस तरह के सुंदर मनोरंजन के लिए हम सभी को प्रसिद्ध इंजनों, कारों, कारों और अन्य प्रकारों के लिए जाना जाता है। बड़े बच्चे सर्किट, फेरिस व्हील आदि पर स्वतंत्र रूप से सवारी करने में सक्षम होंगे।
पार्क में आने वाले कई लोग सपने देखते हैंआकर्षण "आश्चर्य" और "रोलर कोस्टर" पर, जहां भार का अधिकतम अनुभव होता है। अत्यधिक मनोरंजन को अधिकांश वयस्कों द्वारा पसंद किया जाता है, लेकिन उन बच्चों तक पहुंचने में आसान नहीं होगा, जो सही उम्र तक नहीं पहुंच पाए हैं। बेशक, ऐसी आवश्यकताएं तर्कसंगत और सही लगती हैं पास के लिए सख्त मापदंड मज़ेदार नहीं हैं बच्चा और युवा पीढ़ी की मानसिकता को बहुत ही परेशान किया जा सकता है, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं, इसलिए पर्यवेक्षकों ने सुरक्षा के लिए आवश्यक नियमों की उपेक्षा कभी नहीं की।
मॉस्को में, कई मनोरंजन पार्क जहां आप कर सकते हैंकिसी भी समय अपने जीवन की छुट्टियों की व्यवस्था करें और मज़े करें। न केवल राजधानी में सबसे बड़ा, बल्कि पूरे रूस में भी इनडोर पार्क हैप्पीलॉन है। यहां से एक बुरे मूड के साथ छोड़ना असंभव है! आगंतुकों का ध्यान 100 से अधिक स्लॉट मशीनों, कुछ दस आकर्षण और अन्य मनोरंजन प्रस्तुत किया जाता है।
मनोरंजन की विविधता में, इसमें कोई संदेह नहीं है,1 9 74 में विकसित एक लंबा खड़ा आकर्षण "आश्चर्य" है। इसे इस मनोरंजक उपकरण पर विशाल अधिभार के साथ सवारी करने के लिए याद किया जाता है। शायद, यह उनकी विशिष्ट क्षमता है। उड़ान भरने की तैयारी करते समय, एक अपकेंद्रित्र में प्रशिक्षण करते समय, उन अधिभारों को अपने आप को अधिक भार लगाना संभव है।
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Hazaribagh : झारखंड में श्रावण के महीने में धन रोपनी अपने चरम पर होती है. उस समय गीत गाकर धान रोपती महिलाएं काफी आकर्षित करती है. समूह में गाये जाने वाले गीत को सुनकर मन खुश हो जाता है. लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि धान रोपनी केवल महिलाओं ही करती है. आपको कभी भी पुरुष धान रोपते नहीं दिखेंगे. वहीं खेतों में हल चलाते आपको केवल पुरुष ही नजर आयेंगे.
सदियों से चले आ रहे इस परंपरा के पीछे कई तर्क दिये जाते हैं. पुराने साक्ष्यों के अनुसार, महिलाओं ने खेती की शुरुआत की थी. साथ ही अनाज को सुरक्षित रखने का कार्य भी शुरू किया था. तब विश्व के अधिकांश क्षेत्र मातृ सत्तात्मक थे और उस वक्त खेती का कार्य महिलाओं द्वारा ही किये जाते थे. जब विश्व में पितृ सत्तात्मक आया, तब से ही शायद ऐसा हुआ कि स्त्री जननी है और सृजन का कार्य महिलाओं का होता है इसलिए रूपा धान रोपने का कार्य महिलाएं करेंगी. तब से आज तक यह व्यवस्था कायम है और यह आज भी देखने को मिलता है.
दूसरी तरफ पुरुष जानवरों को साध सकते हैं और देर तक शारीरिक कर्म कर सकते हैं. इसलिए हल जोतने से लेकर मेड़बंदी तथा धान के बिचड़ों को ढोकर खेत तक ले जाने का काम पुरुष के जिम्में आया. यह पुरानी व्यवस्था आज भी देखने को मिलती है.
धान रोपने का कार्य सामूहिक रूप से होता है और देर तक चलता है. ऐसे में थकान मिटाने और नीरसता को हटाने के लिए लोकगीत गाने की प्रथा शुरू हुई थी. यह प्रथा आज भी कायम है. इसलिए अक्सर आप देखते होंगे धानरोपनी के समय में महिलाएं गीत गाती हैं. अक्सर इन गीतों के जरिये ग्राम देवता को याद किया जाता है. उनसे फरियाद की जाती है कि इस गांव की और फसल की रक्षा करें. इतनी बारिश करें कि धान की फसल बेहतर हो.
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शाहरुख खान उर्फ किंग खान भारतीय फिल्म उद्योग के सबसे महंगे, सबसे अधिक भुगतान पाने वाले और सबसे अमीर सितारों में से एक हैं। उनकी विशाल कुल संपत्ति लगभग 700 मिलियन अमरीकी डालर (लगभग 5300 करोड़ रुपये) है।
वह प्रति प्रोजेक्ट 78-80 करोड़ से ज्यादा चार्ज करते हैं। अपनी आगामी परियोजना पठान के लिए, शाहरुख कथित तौर पर 120 करोड़ रुपये घर ले रहे हैं। हर ब्रांड एंडोर्समेंट के लिए उनकी फीस करीब 4 करोड़ रुपये है।
फिल्मों के अलावा, ब्रांड एंडोर्समेंट और शादियों और औपचारिक कार्यक्रमों में उपस्थिति भी शाहरुख की कुल आय में एक बड़ा योगदान देती है। अपने पहले के लेख में, हमने आपको सूचित किया है कि अभिनेता रु। एक शादी में परफॉर्म करने के लिए 3-4 करोड़। इस राइट-अप में, आइए आपको स्मृति लेन की एक यात्रा पर ले चलते हैं जब सुपरस्टार ने केवल 30 मिनट के लिए प्रदर्शन करने के लिए लगभग 8 करोड़ रुपये का शुल्क लिया था!
GQ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में दुबई के मदिनत जुमेराह होटल में एक हाई प्रोफाइल शादी में 30 मिनट के प्रदर्शन के लिए सिर्फ 8 करोड़ रुपये का भुगतान करने के बाद खान ने सुर्खियां बटोरीं। खैर, दुनिया भर में किंग खान की लोकप्रियता और उनके प्रशंसकों के बीच दीवानगी को देखते हुए यह वास्तव में आश्चर्यजनक नहीं है।
पेशेवर मोर्चे पर, शाहरुख तीन साल के अंतराल के बाद तीन बड़ी फिल्मों - पठान, डंकी और जवान के साथ बड़े पर्दे पर वापसी करने के लिए तैयार हैं।
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केंद्र सरकार जल्द ही उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को कौशल प्रशिक्षण देगी. इस बाबत उत्तरी दिल्ली की महापौर प्रीति अग्रवाल ने बताया कि केंद्रीय सामाजिक एवं न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने यह आश्वासन दिया है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के द्वारा सफाई कर्मचारियों के लिए चलाए जाने वाले कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूरा सहयोग दिया जाएगा.
कुछ दिन पहले उत्तरी एमसीडी ने मंत्रालय से इस संबंध में सहयोग के लिए लिखित अनुरोध किया था, ताकि मंत्रालय के सहयोग से उत्तरी दिल्ली नगर निगम उन संगठनों से समझौता ज्ञापन कर सके जो संस्थान इस कार्य के लिए मंत्रालय द्वारा नियुक्त हैं.
महापौर ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से सफाई कर्मचारियों और कूड़ा बीनने वालों को मुख्यधारा में जोड़ने में मदद मिलेगी. इस संबंध में प्रीति अग्रवाल ने निगम के पर्यावरण एवं प्रबंधन सेवा विभाग को निर्देश दिया कि वे नगर निगम के उन भवनों में सफाई कर्मचारियों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करें जो उपयोग में नहीं है.
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिए एक बड़ा कदम होगा क्योंकि सफाई कर्मचारियों और कूड़ा बीनने वाले लोगों में अधिकांश महिलाएं हैं.
प्रीति अग्रवाल ने पर्यावरण एवं प्रबंधन सेवा विभाग को यह भी निर्देश दिया कि वह कूड़ा बीनने वाले लोगों के बीच जागरूकता अभियान चलाएं जिसमें वे उन्हें स्वयं की स्वच्छता पर ध्यान देने और ग्लब्स और मास्क के प्रयोग को बढ़ाने संबंधी जानकारी दें. उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएं उन्हें लैंडफिल साइट के नजदीक उपलब्ध कराई जानी चाहिएं.
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Dr. Abhishek VermaDr. Abhishek Verma लखनऊ के एक प्रसिद्ध डॉक्टर हैं और वह होमियोपैथ के विशेषज्ञ हैं। Dr. Abhishek Verma को विभिन्न अस्पतालों और क्लीनिक में काम करने का 3 साल से ज्यादा का अनुभव है। Dr. Abhishek Verma के प्रोफाइल पेज में विशेषज्ञता की पूरी सूची है। Pahal Homoeopathic Clinic - Shop no 4 Parmeswar market infront of petrol pump Chaandan Road.
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टाई डाई करना गर्मी के दिनों में, खूबसूरत, कलरफुल रिजल्ट्स के साथ में किए जाने वाला एक पॉपुलर क्राफ्ट वर्क होता है। भले ही ऐसा करना सभी उम्र के लोगों के लिए मजेदार होता है, लेकिन कुछ पैरेंट्स अपने यंग बच्चों के आसपास कपड़ों के डाई का इस्तेमाल करने को लेकर चिंता व्यक्त करते हैं। अच्छी बात ये है कि फूड कलरिंग के जरिए फेब्रिक को टाई डाई किया जाना मुमकिन है। भले इससे मिलने वाला कलर, कपड़े की डाई के जितना ब्राइट और वाइब्रेण्ट नहीं होगा, लेकिन ये प्रोसेस फिर भी काफी मजेदार और टाई डाई करना सीखने के लिए ठीक रहेगी।
अपने कपड़े को चुनना और सोखना (Choosing and Soaking Your Fabric)
- फूड कलरिंग एक एसिड-बेस्ड डाई है। ये कॉटन, लिनेन और बाकी के दूसरे के प्लांट-बेस्ड फेब्रिक्स के ऊपर अच्छी तरह से काम नहीं करती है।
2व्हाइट विनेगर और पानी की एक-समान मात्रा मिलाएँः एक बाल्टी या कटोरे में पानी और व्हाइट विनेगर की एक-समान मात्रा मिलाएँ। विनेगर से शायद अजीब महक आ सकती है, लेकिन ये असल में फेब्रिक पर डाई को चिपकने में मदद करता है। अगर इसकी महक से आपको परेशानी हो रही है, तो बाहर निकल जाएँ।
अपने फेब्रिक को टाई करना या बांधना (Tying Your Fabric)
1डिसाइड करें, आप कैसा पैटर्न तैयार करना चाहते हैंः आप जिन एरिया को बांधेंगे, वो आखिर में व्हाइट ही रहेगा। वो एरिया, जो बंधा नहीं रहेगा, उस पर कलर हो जाएगा। अगर आपके फेब्रिक पर काफी सारे फोल्ड्स हैं, तो ध्यान रखें कि वो एरिया डाई नहीं होगा। ये कुछ पैटर्न हैं, जिन्हें आप ट्राई कर सकते हैंः
- क्रम्पल्ड (Crumpled)
- ये तरीका टी शर्ट के ऊपर सही काम करता है।
- एक बड़ी टी शर्ट पर आप कई छोटे-छोटे स्वर्ल्स तैयार कर सकते हैं।
- ये तरीका टी शर्ट के ऊपर सबसे अच्छी तरह से काम करता है।
5अगर आप रैनडम पैटर्न चाहते हैं, तो फेब्रिक को सिकोड़ें और उसे बाँधेंः फेब्रिक को सिकोड़कर एक बॉल बना लें। एक क्रॉस बनाने के लिए उस पर 2 रबर बैंड लपेटें। अगर उसे एक-साथ बांधे रखने के लिए जरूरत पड़े, तो थोड़े और रबर बैंड एड करें। रबर बैंड को इतना टाइट रहना चाहिए कि उससे फेब्रिक एक-साथ बंधे रहकर एक टाइट बॉल में बनी रहे।
अपने फेब्रिक को डाई करना (Dyeing Your Fabric)
1ऐसे 1 से 3 कलर्स चुनें, जो एक-साथ अच्छे दिखेंः बात जब टाई डाई करने की आए, तब कम ही काफी होता है। अगर आप बहुत सारे कलर्स यूज करते हैं, तो ये एक-साथ ब्लेन्ड हो जाएंगे और एक मडी कलर बना देगा। बल्कि, ऐसे 1 से 3 कलर्स चुनें, जो आपको अच्छा लगते हैं। सुनिश्चित करें कि कलर्स मिक्स होने पर अच्छे दिखते हैं। रेड और ग्रीन कलर की तरह अपोजिट कलर्स न चुनें।
- एक ब्राइट कोंबिनेशन के लिए, रेड/पिंक, यलो और ऑरेंज कलर यूज करें।
- एक कूल कोंबिनेशन के लिए, ब्लू, पर्पल और पिंक कलर ट्राई करें।
- आप चाहें तो इसकी जगह पर प्लास्टिक स्क़्वीज बॉटल यूज कर सकते हैं। आप इन्हें क्राफ्ट स्टोर के टाई डाई सेक्शन में या फिर बेकिंग सेक्शन में पा सकते हैं।
- फूड कलरिंग से आपके हाथ पर दाग लग सकते हैं। आप चाहें तो इस स्टेप के लिए प्लास्टिक ग्लव्स भी पहन सकते हैं।
4दूसरे बंधे हुए सेक्शन के लिए प्रोसेस को रिपीट करेंः आपके द्वारा बांधे हुए हर एक सेक्शन के लिए 1 कलर का इस्तेमाल करें। आप चाहें तो रैनडम पैटर्न यूज कर सकते हैं या फिर आप एक स्पेसिफिक पैटर्न, जैसे ब्लू-पिंक-ब्लू भी तैयार कर सकते हैं।
- अगर आप पूरे पीस के लिए 1 ही कलर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो फिर हर सेक्शन के लिए उसी कलर का इस्तेमाल करें।
5अगर जरूरत पड़े, तो फेब्रिक के पीछे के हिस्से को टाई डाई करेंः जैसे ही आप आपके फेब्रिक को टाई डाई कर लेते हैं, फिर उस बंडल को पलटें और पीछे के हिस्से को चेक करें। अगर पीछे कहीं भी सफेद हिस्से हैं, तो उनमें और कलर भर लें। आप चाहें तो ठीक उसी पैटर्न का यूज कर सकते हैं, जिसे आपने सामने के लिए किया था, या फिर आप एक दूसरे का भी यूज कर सकते हैं।
अपने पीस को पूरा करना (Finishing Your Piece)
3फेब्रिक को बैग से बाहर निकालें और रबर बैंड हटा देंः अगर आपको उन्हें निकालने में मुश्किल हो रही है, तो कैंची से उन्हें काटकर अलग कर दें। एक बार फिर, फूड कलरिंग आपके हाथों को कलर कर सकते हैं, इसलिए आपको प्लास्टिक ग्लव्स के साथ में ऐसा करना चाहिए। अगर आपको फेब्रिक को किसी और चीज पर सेट करने की जरूरत है, तो सर्फ़ेस को प्लास्टिक रैप, वेक्स पेपर या एल्यूमिनियम फॉइल से पहले कवर कर दें, ताकि आपको उसके दाग न लगें।
- इस बात का ध्यान रखें कि शर्ट के सूखने के बाद उसका कलर फेड हो जाएगा। फूड कलरिंग को डाई की तरह इस्तेमाल किए जाने पर ऐसा ही होता है।
- अगर आपने सिल्क, ऊन या नायलॉन का यूज किया है, तो आप ड्रायर यूज न करें।
- फूड कलरिंग से दाग लग सकते हैं, इसलिए अच्छा होगा अगर आप बाहर कहीं पर काम करें या फिर सर्फ़ेस को प्लास्टिक/न्यूज़पेपर से कवर कर दें। पुराने कपड़े या स्मॉक पहनें।
- फूड कलरिंग (1 से 3 कलर)
- पानी के बॉटल (हर कलर के लिए 1)
- प्लास्टिक ग्लव्स (ऑप्शनल, लेकिन रिकमेंडेड)
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वेली लपटी तमाल सेत पीत कुसुम लाल उड़वत रंग स्याम भाम भँवर रहे फूली रजनी सब भई स्वच्छ, सरिता सब विमल पच्छ उड्डुगन- पति प्रति प्रकास, बरसत रस भूली । जति सति सिद्ध साध, जित तित तजि भाजे समाध विमल जसी तपसी भये, मुनि मन गति भूली । जुवति जूथ करति केलि स्याम सुख सिन्धु झेलि, लाज लीक दई पेलि परसि पगति कूली । वर्णं - मैत्री और वर-संगीत का एक उदाहरण और लीजियेमधुप टोल मधुलोल सग संग डोल पिकनि बोल निरमोल सुरनि चारु गाइ रचित रास सों विलास जमुना पुलिन में संग वृन्दा विपिन रही फूल आई अंग कनक बरनीस करिनी विराज गिरिधरन जुवराज गजराज राई जुवति अंसगामी मिल छीत स्वामी कुनित बैनु पददेतु बड़ भाग पाई
प्राकृतिक पृष्ठभूमि से युक्त इस प्रकार के गतिहीन चित्रो के अतिरिक्त छीतस्वामी की वर्ण योजना चित्रो को गति प्रदान करने मे भी बडी समर्थ बन पड़ी है। कुछ उदाहरण लीजिये - होली का चित्र है -
निपुन नागरी गुननि आगरी पीताम्बर गहि लीनो । भरि श्रंकवारी कहु न विचारी भरकि वारनौ दीनौ ॥ 3 अधिक धीर की चोबा की मची कीच । फैली रैल फुलैल की चदन वंदन बीच ।
प्रथम उद्धरण मे दो क्रिया-कलापो का चित्ररण है । गुरण मागरी, निपुण नागरी राधा का कृष्ण का पीताम्बर पकडना और कृष्ण का उन्हें बरबस ही अपने अंक मे भर लेना - प्रथम पंक्ति मे वर्ण-योजना मन्थर गति से राधा के सहज मुग्ध रूप का चित्ररण करने में समर्थ होती है । द्वितीय पंक्ति मे कृष्ण की चपलता के साथ ही उसकी गति मे भी पुरुषोचित परुषता आ गई है ।
इसी प्रकार द्वितीय उद्धरण मे अवीर की आँाँधी, चौबा की कीच, फुलेल की रेल मे
१. छीतरखामो, पृ० २०, पद ५४ - वि० वि० का० २. छीत स्वामी, पृ० २६, पद ५६
केवल वर्ण - साम्य का बाह्य रूप कवि का अभीष्ट नही रहा है । होली का रंगीन और कोलाहलपूर्ण वातावरण अपनी पूरी सजीवता के साथ वर्ण विन्यास के प्रति कवि की जागरूकता के कारण ही भ्रा सका है ।
कही-कही वर्णनात्मक स्थलों की परिगणनात्मकता मे वर्ण योजना के सौन्दर्य के कारण ही एकरसता का निवारण हो गया है -
भूषन देति जसोमती पहुँची पाँच पंचेल टीका टीक टिकावली हीरा हार हमेल'
पुनरुक्ति प्रकाश तथा वीप्सा के द्वारा भी उन्होने उक्ति को प्रभावपूर्ण बनाने का प्रयास किया है -
आधी-अँखियन चितवति प्यारी जू धौ-धौ मन भयो जात गिरधर को आधे मुख घूंघट अर्ध चन्द्रमा प्राधे - प्राधे वचन कहति रंग रस भोने
प्रस्तुत पद में 'आ' शब्द की प्रवृत्ति केवल अलंकरण प्रवृत्ति के फलस्वरूप नहीं की गई है प्रत्येक प्रसंग में उसका गम्भीर भाव-व्यंजक अर्थ है । 'आधी-आधी अँखियन चितवत प्यारी जू' में राधा जी के मदभरे अर्ध-निमीलित नेत्रों को देखकर गिरधर का मन आतुरता के कारण आधा हुआ जाता है, प्रथम पंक्ति मे वही शब्द जहाँ रूप चित्र प्रस्तुत करता है द्वितीय मे उसके द्वारा मुहाविरे का वैदग्ध्य व्यक्त होता है । तृतीय पंक्ति में घूंघट से चमकते हुये मुख का साम्य इन्ही शब्दों के द्वारा अर्ध-चन्द्र के साथ प्रस्तुत किया है । चतुर्थ मे वह फिर आतुरता और मन की अस्तव्यस्तता का व्यंजक बन गया है ।
कुछ स्थलो पर उसका पूर्ण अभिधात्मक रूप भी मिलता है । उक्ति की प्रभावात्मक पुष्टि के लिये भी शब्द विशेष की आवृत्ति की गई है -
आगें गाई पाछे गाई इत गाई उत गाई गोविन्द को गाइन में बसिबोई भावै गाइन के संग धावं, गाइनि में सचु पावै गाइनि की खुर-रज अंग लपटावै गाइन सौ ब्रज छायौ, बैकुन्ठ बिसरायौ गाइन के हित गिरि कर लै उठावै
कही-कहीं यह आवृत्ति परम्परा पालन के आग्रहमात्र से हुई है। उदाहरण के लिये फूल-मडनी के प्रसंग मे अनेक कवियों ने 'फूल' का अर्थ विभिन्न शब्द-शक्तियों के द्वारा ग्रहरण कर उक्ति तथा प्रसंग को चमत्कारपूर्ण और भावव्यंजक बना दिया है। छीतस्वामी के इस प्रसंग के पदों मे भाव-सौरम्य और अर्थ- गाम्भीर्य नही आने पाया है । फूल को केवल एक अर्थ
१. छीतस्वामी, पृष्ठ २५, पद ५७ - वि० वि० का० २. छीतरवामी, पृ० ५४, पद १२३ - वि० वि० का०
मे ग्रहरण करके उन्होने इसकी प्रवृत्ति द्वारा प्रस्तुत को जड तथा निर्जीव बना दिया हैनंद नंदन वृषभानु, नदिनी बैठे फूल मंडनी राजे फूलनि के खम्भ फूलनि की तिवारी फूलनि के परदा प्रति छबि छाजे फूलनि के चौक फूलनि की अटारी फूलनि के बंगला सुख साजै
ता पर कलसा फूलनि के फूलनि के फोंदना बिराजै फूल सिंगार प्यारी तन सोहत मदनगोपाल रीभिबै काजै ।।
छीतस्वामी की वर्ण-योजना मे कला के प्रति जागरूकता के चिह्न तो दिखाई पड़ते है परन्तु उनकी सिद्धि साधारण है । उसमे न तो नन्ददास की भाति आतरिक संगीत के निर्माण की क्षमता है, न सूरदास और परमानन्द दास की सहज स्वाभाविकता । न्य शब्दालकारो का प्रयोग भी अत्यन्त साधारण कोटि का बन पड़ा है ।
गोविन्द स्वामी की रचनाओं में भी वर-मैत्री, वर्ण-सगति तथा वर्ण-संगीत के अनेक उदाहरण प्राप्त होते है । यह योजनाये उपर्कथित तीनो ही उद्देश्यो को लेकर की गई है । चमत्कार का स्थान जिसमे सबसे गौरण है, भाव- व्यंजना और नाद - सौदर्य ही उनका प्रमुख उद्देश्य रहा है । अनुप्रास के प्रयोग प्रायः सभी रूपो मे मिलते है । वर्ण विशेष की युग्म योजना, आद्यानुप्रास, अन्त्यानुप्रास, स्वर - मैत्री, यति और गति की योजना ये सभी तत्व गोविन्द स्वामी की वर्ण-योजना के प्रमुख अग हैं ।
प्रकृति के यौवन से फूटता हुआ वसन्त का उल्लास कुशल और सुसम्बद्ध वर्ण- सगीत के द्वारा ही एक संगीतपूर्ण वातावरण प्रस्तुत कर रहा है -
विहरत बन सरस वसंत स्याम । संग जुबती जूथ गावें ललाम मुकुलित नूतन सघन तमाल । जाही जुही चम्पक गुलाल पारिजात मंदार माल । लपटावत मधुकरनि जाल । प्रति कोमल नूतन प्रवाल, कोकिल कलकूजत प्रति रसाल ललित लवग लता सुवास, केतकी तरुनी माना करत हास । '
अनुप्रासिक तथा कोमल वर्गों की प्रवृत्ति द्वारा इसी प्रकार का वातावरण एक अन्य पद मे भी बडी कुशलता के साथ चित्रित किया गया हैराधा गिरिधर बिहरत कुजन, श्राई हो वसत पंचमी । घर घर द्रुम प्रति कोकिला कूजत बोलत बचन श्रमी ।
१. छीतस्वामी, पृ० २७, पद ६१
२. गोविन्द स्वामी, पृ० ५१, पद १०६ - वि० वि० का० |
लैटिन शब्द sfacciatezza हमारी भाषा में अशिष्टता के रूप में आया था। यह विशेषण शर्म, विनय, शालीनता या शालीनता की कमी को दर्शाता है। जो अशुद्धता के साथ काम करता है, इसलिए बिना शील के प्रकट होता है।कहा गया है कि किसी व्यक्ति को ब्रेज़ेन के रूप में वर्णित किया जा सकता है, लेकिन, जैसा कि पिछले पैराग्राफ में इंगित किया गया है, द्वेष के साथ नहीं, बल्कि उसके अलग और बेशर्म रवैये के लिए, जो उसे दुनिया के माध्यम से स्वतंत्र रूप से आगे बढ़ने की अनुमति देता है, जो कि हमेशा मौजूद दबावों की अनदेखी करता है हमें ब्लॉक करने के लिए और एक अटूट संरचना में हमें समायोजित करने का प्रयास करें।
ऐसे मामले हैं जिनमें किसी विशिष्ट व्यक्ति को या किसी ऐसे व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है जो अपने मूल अधिकारों से वंचित हैं, लेकिन एक निश्चित नियम का उल्लंघन है जो उन लोगों को वंचित करता है जो एक निश्चित लाभ तक पहुंचने का अनुपालन करते हैं। उदाहरण के लिए, जब कोई किसी प्रतियोगिता में धोखा देता है और पुरस्कार जीतने का प्रबंधन करता है, भले ही कोई अन्य प्रतिभागी न हो तो यह अन्याय का कार्य है और क्यों नहीं, अभद्रता है।
किसी भी मामले में, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक, यह उस रवैये के प्रति अशिष्टता से समझा जाता है जो दूसरों की प्रतिक्रिया पर ध्यान देने की कमी की विशेषता है, इसका प्रभाव पर्यावरण पर पड़ेगा । इस शब्द के कुछ सबसे सामान्य पर्यायवाची शब्द हैंः पागलपन, निंदक, अकर्मण्यता, ताजगी, साहस और साहस । उनके विलोम के संबंध में, हम विवेक और अलंकार का उल्लेख कर सकते हैं।
हम सोच सकते हैं कि जब अशुद्धता किसी को चोट नहीं पहुंचाती है, तो यह "ताजगी" या "सहजता" और यहां तक कि " साहसी " या "साहसी" से ज्यादा कुछ नहीं है, खासकर अगर यह ऐसा काम है जो बहुत साहस का प्रदर्शन करता है। शेष पर्यायवाची ऐसे मामलों की सेवा करते हैं जिनमें समाज में सह-अस्तित्व के लिए एक मौलिक नियम का उल्लंघन होता है।
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UPSC Topper Rochika Garg Success Story: मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली रोचिका गर्ग (UPSC Topper Rochika Garg) ने भी कमाल किया है और अपने तीसरे प्रयास में 174वीं रैंक हासिल किया है.
UPSC Civil Services Result 2022: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सिविल सर्विस एग्जाम 2022 का फाइनल रिजल्ट (CSE 2022 Result) घोषित कर दिया है और दिल्ली की रहने वाली इशिता किशोर ने पहला स्थान हासिल किया है. इस बीच मध्य प्रदेश के उज्जैन की रहने वाली रोचिका गर्ग (UPSC Topper Rochika Garg) ने भी कमाल किया है और अपने तीसरे प्रयास में 174वीं रैंक हासिल किया है. इसके बाद रोचिका को रेवेन्यू सर्विस मिल सकती है और वो इनकम टैक्स कमिश्नर या जीएसटी कमिश्नर बन सकती हैं. रोचिका की सफलता पर उनके माता-पिता काफी खुश है और उनका कहना है कि यह सपना पूरे होने जैसा है.
उज्जैन के अरिहंत नगर की रहने वाली रोचिका गर्ग (Rochika Garg) ने देवास रोड स्थित सेंट मेरी स्कूल से पीसीएम (PCM) सब्जेक्ट के साथ 12वीं की पढ़ाई पूरी की और फिर बीटेक में एडमिशन लिया. बीटेक करने के बाद रोचिका ने भोपाल एलएनटी में जॉब किया और साथ ही सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC CSE) की तैयारी भी करती रहीं.
रोचिका गर्ग (Rochika Garg) ने बताया सिविल सर्विस एग्जाम (UPSC CSE) कि नौकरी के साथ ही वह रोजाना करीब 10 घंटे की पढ़ाई करती थीं. हालांकि, उनका कहना है कि तैयारी के लिए पढ़ाई के घंटे से ज्यादा लग्न जरूरी है और यूपीएससी एग्जाम (UPSC Exam)की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है.
रोचिका गर्ग (Rochika Garg) ने तीसरे प्रयास में यूपीएससी एग्जाम पास किया है और जनरल कैटेगरी में 174वीं रैंक हासिल की है. हालांकि, अब भी वह अपने रिजल्ट से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने एक और अटेम्प्ट देने का फैसला किया है ताकि वह रैंक में सुधार कर सकें. रोचिका के पिता का कहना है कि बिटिया ने यूपीएससी एग्जाम क्लियर किया है और यह आनंद का पल है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिन बच्चों का एग्जाम क्लियर नहीं हुआ है, वो हिम्मत ना हारें और आगे तैयारी करते रहें.
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इंदौर। एसजीएसआईटीएस एलुमनाई एसोसिएशन ने आज शहर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित संस्थान गोविन्दराम सेकसरिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस को एक वॉली - बॉल टर्फ कोर्ट बनाकर सौंपा। एक सादे और गरिमामय कार्यक्रम में कॉलेज के भूतपूर्व छात्र अशोक सोजतिया के हाथों डायरेक्टर राकेश सक्सेना को यह खेल का मैदान हस्तांतरित किया गया।
वॉली - बॉल टर्फ कोर्ट के बारे में अध्यक्ष संदीप कंसल एवं सचिव गिरीश गुप्ता ने बताया कि लम्बे समय से छात्रो में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु एक वॉली - बॉल टर्फ कोर्ट की जरूरत महसूस की जा रही थी, जिसे आज हम खेलने के लिए तैयार कर संस्थान को सौंप रहे हैं। उन्होंने बताया कि 50 से भी कम दिनों में तैयार किया गया यह टर्फ कोर्ट सभी मानकों को ध्यान में रखकर 5 से 8 वर्षों के मेंटेनेंस की गारंटी के साथ बनवाया गया है। इतना आधुनिक और सभी मानकों को ध्यान में रखकर बनाया गया ऐसा वॉलीबॉल टर्फ कोर्ट संभवतः मध्य भारत के किसी भी इंजीनियरिंग संस्थान में नहीं है।
एसजीएसआईटीएस एलुमनाई एसोसिएशन के भारत के मुख्य शहरों के अलावा अमेरिका, सिंगापुर, कनाडा, इंग्लॅण्ड और मिडल ईस्ट में भी अपने चैप्टर्स हैं जिसके 20,000 से भूतपूर्व छात्र सदस्य हैं और अधिकतर सक्रिय हैं. कॉलेज से निकलकर यहाँ के छात्र देश - विदेश में कई उच्च पदों पर आसीन है और समय-समय पर संस्थान की विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यों में अपना योगदान देते रहे हैं ताकि उनका यह कॉलेज आगे भी कई पीढ़ियों को तैयार करता रहे।
संदीप कंसल एवं सचिव गिरीश गुप्ता ने बताया कि इस वर्ष कॉलेज के छात्रो हेतु एलुमनाई एसोसिएशन द्वारा और भी कार्य किये गए जिसमे इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग की लैब्स को अपग्रेड करना, ज़रूरतमंद छात्राओं के लिए गर्ल्स हॉस्टल में कंप्यूटर सेंटर की स्थापना, वाटर प्युरीफ़ायर्स लगाना इत्यादि मुख्य हैं। इसके अलावा हमने संगीत में रुचि वाले छात्रों हेतु वाद्य यंत्र उपलब्ध करायेl पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी हमने मेधावी छात्रों को ग़ोल्ड मेडल देने का निर्णय लिया है।
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तथा वीसलदेव का रूठकर उडीसा जाना कल्पित ही है । परम्परागत लोक कथाओ में नायिका के ताना मारने पर नायक का रूठकर परदेश जाना तथा वहाँ से रूपवती राजकुमारी का विवाह कर लाना एक प्रसिद्ध कथा-ततु है । वीसलदेव रास के रचयिता नाल्ह ने इस प्रचलित लोक-कथा-ततु का अपनी रचना मे समावेश कर दिया है तथा राजा भोज की प्रसिद्धि से उसकी पुत्री के साथ वीसलदेव के विवाह की बात जोड दी है । १० रामचन्द्र शुक्ल का भी यही मत है कि वीसलदेव रास है का नायक विग्रहराज चतुर्थ ही था और राजमती का भोज की पुत्री होना तथा उसका वीसलदेव के साथ विवाह की बात बाद मे गढली गई है ।
५. प्रचलदास खींची री वारता
अचलदास खीची री वारता के मुख्य पात्र हैं - गागरोगगढ के अधिपति अचलदास खीची, झीमी- चारणी, अचलदास खीची की प्रथम रानी मेवाड के मोकल की पुत्री लाला तथा उनकी दूसरी रानी जागलू के खीवसी की पुत्री उमा साकडी । ये सब ऐतिहासिक - पात्र है। अचलदास खीची कोटा राज्य के अन्तर्गत गागरोण के नरेश थे । ये मेवाड के रागा मोकल के जामाता थे। इनका विवाह जागलू के खीवसी की पुत्री से हुआ था । कहानी के अन्त मे अचलदास पर मुसलमान बादशाह का आक्रमण भी ऐताहासिक है । माडव के बादशाह अलपखा का गागरोण पर आक्रमण का समय संवत् १४५० की आश्विन शुक्ला ८ से कार्तिक कृ. ८ तक के बीच का है । मुसलमानी तवारीखो के अनुसार भी सवत् १४५० की शरद् ऋतु के के आस-पास ही ठहरता है । इस युद्ध मे अचलदास खीची मारे गये थे और उनकी मेवाडी राणी तथा उमादे भी उनके साथ सती हो गई थी । अचलदास खीची री वारता का ऐतिहासिक विवरण गाडरण सिवदास कृत अचलदास खीची री वचनिका मे सुरक्षित है । सिवदास अचलदास खीची का समकालीन था और वह युद्ध साथ था । मुहता नैणसी री ख्यात मे भी इस घटना का विवरण है। वारता मे उमादे के साथ पूर्वाराग की कथा, कामधेनु से अलौकिक हार की प्राप्ति की घटनाये कथाकार की कल्पना का परिणाम है जो कथा को रसात्मकता प्रदान करती है । |
लखनऊ - यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को सूर्य नमस्कार को नमाज का मिलता जुलता स्वरूप बताते हुए कहा कि कुछ लोगों के समाज को तोड़ने वाली क्रिया के कारण इसका प्रचार नहीं किया जाता है। यूपी के सीएम ने कहा कि सूर्य नमस्कार में जितने आसन और मुद्राएं आती हैं वह मुस्लिम बंधुओं के नमाज पढ़ने की क्रिया से मिलती-जुलती हैं। योगी ने राजधानी में आयोजित तीन दिवसीय योग महोत्सव में बुधवार को विपक्षी पार्टियों पर तंज कसते हुए कहा कि लेकिन इस बात का किसी ने प्रचार नहीं किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को योग में नहीं भोग में विश्वास है। ये वही लोग हैं, जिन्होंने समाज को तोड़ा है और जाति धर्म के आधार पर बांटा है। उन्होंने कहा कि योग कई बीमारियों में लाभप्रद है। योग करने वाला व्यक्ति शुरू से अंत तक पूरी तरह स्वस्थ रहता है। यूपी सरकार योग को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगी। सीएम ने कहा कि जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से बढ़कर है। योगी आदित्यानाथ ने साथ ही एक बड़ा बयान भी दिया। उन्होंने कहा कि लोग साधु-संतों को भीख तक नहीं देते, लेकिन देश के पीएम मोदी ने मुझे सीएम बना दिया।
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विहिप सुप्रीमो अशोक सिंहल अपने जीवन काल में मंदिर प्रबंधन को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त रखने के हिमायती थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश के तिरुपति बालाजी ट्रस्ट समेत देश के दूसरे भागों के सरकारी ट्रस्टों के खिलाफ मुहिम भी छेड़ी। उनकी अनुपस्थिति में संगठन का वर्तमान नेतृत्व भी उन्हीं के विचारों का अनुगामी है। यही कारण राम मंदिर के लिए गठित होने वाले ट्रस्ट को भी वह सरकारी नियन्त्रण से बाहर ही रखने का पक्षधर है। संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी कहते हैं कि यदि सरकार उनसे सुझाव मांगेगी तो वह निश्चित ही अपना मत रखेंगे लेकिन इस बार मामला थोड़ा पेंचीदा है। इसके चलते संगठन का नेतृत्व सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहने से बच रहा है।
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1977 के बाद चुनाव मैदान में सबसे बुरे हाल में पहुंची यूपी कांग्रेस कारण तलाशने में जुट गई है। इसके लिये विधानसभा प्रत्याशियों जिला अध्यक्षों प्रभारी महासचिव सचिवों को रिपोर्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं इस रिपोर्ट में उन सारे कारणों को शामिल करना होगा जिसकी वजह से कांग्रेश की प्रदेश में अब तक की सबसे बड़ी दुर्दशा हुई है। इन विधानसभा चुनाव में प्रदेश भर में दो प्रत्याशी बमुश्किल जीत हासिल कर पाए। इस चुनाव में प्रदेश अध्यक्ष सहित बाकी सभी प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है। कानपुर में कांग्रेस अपनी एक मात्र सीट भी नही बचा पाए है। जबकि कानपुर शहर कांग्रेस के बुरे वक़्त का साथी रहा है। यह रिपोर्ट 13 मार्च तक हर हाल में सौंपनी होगी। इसकके मेल करने को और 14 मार्च को खुद उपस्थित रहने को कहा गया है।
किसको तैयार करनी है रिपोर्ट,
चुनाव में हार के कारणों को बताने के लिये पार्टी द्वारा कई चरणों में रिपोर्ट तैयार होनी है उसके बाद इस रिपोर्ट को राष्ट्रीय सचिव कंपाइल करके प्रियंका गांधी को सौंपेंगे। प्रदेश के सभी विधानसभा प्रत्याशी और प्रभारी महासचिव, सचिव और जिला अध्यक्ष द्वारा लिखित तौर पर रिपोर्ट बनाने को कहा गया है। इस रिपोर्ट में सभी को हार के कारणों को बिंदुबार बताना होगा।
विधानसभा प्रत्याशी को भी बताने होंगे कारण,
चुनाव के हार के लिए तैयार हो रही रिपोर्ट में सबसे अहम बिंदु प्रत्याशी द्वारा बताए जाएंगे। जिसमें उसे बताना होगा कि संगठन के सभी जिम्मेदारों ने उसे चुनाव लड़ने में योगदान किया कि नहीं। यदि किसी ने भितरघात की तो वह भी विस्तार से बताना होगा। जिम्मेदारों का सहयोग किन-किन बिंदुओं पर नहीं मिला यह कारण भी प्रत्याशी को स्पष्ट करने होंगे। इसी के साथ प्रत्याशी द्वारा चुनाव में अच्छे प्रदर्शन न कर पाने कारण भी स्पष्ट करने होंगे।
प्रियंका गांधी को सौंपी रिपोर्ट में शामिल होंगे सभी बिंदु,
कांग्रेसी प्रत्याशियों से लेकर संगठन स्तर पर तैयार की गई, रिपोर्ट में उन सभी बंधुओं को शामिल किया गया है। जो हार का प्रमुख कारण बने हैं। इसके लिए लोकल कांग्रेस संगठन से लेकर सभी जिम्मेदारों को लिया गया है। प्रदेश कांग्रेस संगठन द्वारा पर्याप्त सहयोग से लकेर अनियमितता का पाया जाना तक शामिल किया गया है। कांग्रेस संगठन के प्रदेश संगठन प्रभारी महासचिव, सचिव और जिला अध्यक्ष/शहर अध्यक्ष अपने जिले के प्रत्येक प्रत्याशियों के चुनाव का फीडबैक देंगे।
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नरेला, दिल्ली स्थित चंद्र प्रभु जैन कालेज ऑफ हायर स्टडीज एंड स्कूल आफ लॉ में दिपावली उत्सव 'उल्लास-2017' मनाया गया। उत्सव का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में भी सुनील चौहान, चेयरमैन एमसीडी, नरेला जोन, कालेज के जनरल सेक्रेटरी श्री अfिभषेक जैन, डायरेक्टर श्री युगांक चर्तुवेदी, अतियी सम्भात, श्री मदन गुप्ता, सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती वंदना से किया।
इस शुभ अवसर पर कई सामाजिक कार्यकर्ता एवं मीडिया के लोग उपस्थित रहे।
इस शुभ अवसर पर चंद्र प्रभु जैन कालेज की कबड्डी टीम को गुरुगोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कबड्डी कप 2017 के विजेता होने पर टेलेंट आफ इंडिया पत्रिका के प्रबंधक श्री योगी रोहताश सिंह कछवाहा एवं डा. राजेंद्र (सामाजिक कार्यकर्ता) ने प्रतिभा सम्मान 2017 से सम्मानित किया।
इस शुभ अवसर पर छात्र एवं छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया। जिससे नाटक, संगीत, नृत्य, ड्रम, रंगोली, मास्टर शेफ प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। विजेता छात्र एवं छात्राआंs को इस शुभ अवसर पर संस्थान के उच्च पदाधिकारियों द्वारा सम्मान दिया गया।
अंत में कालेज के डायरेक्टर श्री युगांक चर्तुवेदी ने सभी छात्र एवं छात्राआंs को दीवाली की शुभकामनाएं दी।
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महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का दिन हर साल ये त्योहार हिन्दू जन बड़ी श्रद्धा से मनाते है. महाशिवरात्रि को हिन्दुओं का सबसे पवित्र और शुभ त्योहार माना जाता है. महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर हम भगवान शिव की पूजा कर फल और फूल अर्पित करते हैं. महाशिवरात्रि को 'शिव की महान रात' के रूप में मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, यह पर्व फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है.
इस साल महाशिवरात्रि 13 फरवरी 2018 को मनाई जाएगी. गुजरात का सोमनाथ और उज्जैन का महाकलेश्वर मंदिर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर हैं, जहां हर साल शिवरात्रि के शुभ मौके पर लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं. इसके अलावा कई भक्त गंगा स्नान के लिए वाराणसी जाते हैं. महाशिवरात्रि 2018: महाशिवरात्रि का महत्व महाशिवरात्रि के पर्व का उत्सव एक दिन पहले ही शुरू हो जाता है.
महाशिवरात्रि की पूरी रात पूजा और कीर्तन किया जाता है. इतना ही नहीं कई पुराण के अंदर शिवरात्रि का उल्लेख मिलेगा, विशेषकर स्कंद पुराण, लिंग पुराण और पद्म पुराणों में महाशिवरात्रि का उल्लेख किया गया है. शैव धर्म परंपरा की एक पौराणिक कथा अनुसार, यह वह रात है जब भगवान शिव ने संरक्षण और विनाश के स्वर्गीय नृत्य का सृजन किया था. हालांकि कुछ ग्रंथों में यह दावा किया गया है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था.
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भारत और इंग्लैंड (India vs England) के बीच बर्मिंघम के एजबेस्टन मैदान टेस्ट मैच खेला जा रहा है. भारतीय बल्लेबाजी की टॉप ऑर्डर धराशाही होने के बाद ऋषभ पंत (Rishabh Pant )और रविंद्र जडेजा ने मोर्चा संभाला है. वहीं, ऋषभ पंत संकटमोचन वाली पारी खेली है. ऋषभ पंत ने अपनी धुआंधार पारी से टीम इंडिया को मजबूत स्थिती में पहुंचा दिया है. बता दें, टेस्ट सीरीज के चार मैच खेले जा चुके हैं ये आखिरी टेस्ट मैच है. जो पहले टाल दिया गया था. टीम इंडिया 2-1 से सीरीज में बढ़त बनाए हुए है. अगर ये मैच टीम इंडिया जीतती है तो वह सीरीज का हकदार होगी. ऋषभ पंत ने इस शतक के साथ कई रिकॉर्ड्स भी अपने नाम कर लिये हैं.
ऋषभ पंद ने एजबेस्टन के मैदान में जबरदस्त पारी दिखाई है. उन्होंने महज 89 गेंदों में शतक जड़ दिया है. इसमें उन्होंने 15 चौके और 1 छक्के जड़े हैं. उनके इस शतक से इंग्लैंड के गेंदबाजों का हौसला जरूर कम हुआ होगा. जैसा उन्होंने टॉप ऑर्डर को आउट कर मैच में दवाब बना दिया था.
आपको बता दें, ऋषभ पंत ने इस टेस्ट शतक के जरिए कई रिकॉर्ड्स भी अपने नाम कर लिये हैं.
ऋषभ पंत चौथे ऐसे विकेटकीपर है जिसने एशिया से बाहर टेस्ट में शतक जड़ा है. इससे पहले विजय मांजरेकर, अजय रतरा और रिद्धिमान शाहा ने ये कारनामा किया था. अब ऋषभ पंत चौथे विकेटकीपर है. टीम इंडिया के दिग्गज विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी के नाम ये रिकॉर्ड कभी नहीं रहा है.
बुद्धि कुंदेरन (1964)
एमएस धोनी (2009)
ऋद्धिमान साहा (2017)
ऋषभ पंत (2022)
इनमें से पंत इकलौते हैं जिन्होंने ये कारनामा देश से बाहर किया है. ऋषभ पंत ने इसी साल साउथ अफ्रीका के खिलाफ केप टाउन में 11 जनवरी 2022 को. नाबाद 100 रन बनाए थे.
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एक बडा भारी दोप माना जाता है परंतु टिक्ट सग्रह के शौकीन ऐसे टिक्ट के मुहमागे दाम देन को तैयार हो जाते हैं।
छानो के जेव खच के सदुपयोग की भी एक समस्या है । प्राय छात्र ऊटपटाग खर्चे कर अपनी प्रादतें और पैसा विगाडते हैं । टिकट सग्रही द्वारा अपने सग्रह पर किया गया ग्वच ठोम बचत व लाभदायक विनियोग ( इनवेस्टमेट ) है जो बाद में ब्याज सहित उसको प्राथिक लाभ पहुँचा सक्ता है । सन् 1948 में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को स्मृति में प्रचलित 10 रुपये के टिक्ट की कीमत आज 150 रुपये हो गई है । इसी प्रकार सन् 1957 मे चले विश्वविद्यालय शृंखला के दस-दस पैसे के टिकट आज एक-एक रुपये में बिक रहे हैं । इस प्रकार कुछ चप व्यतीत हो जाने पर कुछ टिवटो की कीमत इतनी बढ़ जाती है कि व्याज तो क्या पूरे मग्रह पर किया गया वच एक टिकट
ही दिला सकता है ।
विश्व का सबसे अधिक दुभ डाव-टिवट ब्रिटिश गायना द्वारा सन् 1856 में जारी किया गया। सेंट का टिक्ट है। विश्व मे ऐसा सिफ एक हो डाक टिक्ट उपलब्ध है जो वि 21 लाख म्पयो में बिका। भारत का सबमे कीमती दुलभ त्रुटिपूर्ण टिकट 1854 मे जारी हुआ, नार प्राने वाला महारानी विक्टोरिया का टिकट है, जिसमें महारानी का सिर उल्टा छप गया था। इस टिकट की कीमत लगभग 25 हजार रुपया है ।
इस शौक से सम्बंधित बडे बडे महापुरुषों में स्वर्गीय जाज पचम, जार्ज पष्ठ, द्वितीय महारानी एलिजाबेथ, अमेरिका के स्वर्गीय प्रेसीडेन्ट रूजवेल्ट, जनरल करिअप्पा प्रमुख हैं। इस शौक के बारे में के यह कहावत प्रसिद्ध है "King of all hobbies and hobby of the kings" शोरो का सम्राट और सम्राटो का शोक ।
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रजत जयन्ती के कुछ स्मृति चित्र
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उद्घाटनकर्ता तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ० सर्वपल्ली राधाकृष्णन् का विद्यालय के बालचरों द्वारा गार्ड ऑॉफ नर
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शिक्षा समिति के अध्यक्ष स्व० श्री विनयचन्द्र दुर्लभजी स्वागत भाषण करते हुए
पंच पर राज्य के तत्कालीन मुख्य मंत्री श्री टीकाराम पालीवाल, शिक्षा मंत्री श्री नरोत्तमलाल जोशी एवम् उपकुलपति डॉ० जी० एस० महाजनी विराजमान है । |
लखनऊ में राजभवन के पास एक महिला की डिलीवरी का मामला काफी तूल पकड़ रहा है. परिजनों ने अस्पताल पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वहीं इस मामले में योगी सरकार भी विपक्ष के निशाने पर आ गई है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में राजभवन के पास एक महिला ने बीच सड़क पर एक बच्चे को जन्म दिया. महिला की तबीयत बिगड़ने के बाद आसपास मौजूद लोगों ने एंबुलेंस को बुलाया जो सही समय पर नहीं पहुंची. इस वजह से सड़क पर ही महिला की डिलीवरी कराई गई. इसके बाद नवजात की मौत हो गई. इस घटना का वीडियो भी सामने आया है. इस पूरे मामले में महिला के परिजनों ने अस्पताल को दोषी ठहराया है. उनका कहना है कि पीड़िता को रिक्शे से दो बार अस्पताल ले कर गए लेकिन उन्होंने महिला को हॉस्पिटल में एडमिट नहीं किया.
अस्पताल में महिला को केवल इंजेक्शन लगाकर वापस लौटा दिया. परिजनों का आरोप है कि उन्होंने डॉक्टरों ने महिला को भर्ती करने का अनुरोध किया, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया है. उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन की तरफ से उन्हें कोई मदद नहीं दी गई. समय पर एंबुलेंस के न आने की वजह से सड़क पर महिला की डिलीवरी करानी पड़ी. जब तक एंबुलेंस आई, तब तक महिला की डिलीवरी हो चुकी थी. हालांकि परिजनों ने कहा कि पुलिस की तरफ से उन्हें जरूर मदद मिली.
इस घटना की सूबे के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने पुष्टि की है. वह अपनी पत्नी नम्रता पाठक के साथ झलकारी बाई अस्पताल पहुंचे. उन्होंने वहां पीड़ित महिला के साथ मुलाकात करी और इस दौरान उनकी पत्नी भी उनके साथ रहीं. इस मामले की जांच प्रमुख सचिव करेंगे. ब्रजेश पाठकक अपनी कार में मृत बच्चे का शव और महिला के पति को बैकुंठ धाम ले गये. बैकुंठ धाम पहुंचकर उन्होंने खुद खड़े होकर बच्चे का अंतिम संस्कार करवाया.
ब्रजेश पाठक ने कहा कि एबुलेंस जो लेट हुई है उसकी जांच करवाएंगे. कहीं अगर जरा भी लापरवाही हुई है, तो हम बख्शेंग नहीं. प्रदेश में सभी बहनो को अच्छा इलाज मिले ये मेरी जिम्मेदारी है. महिला अब सुरक्षित हैं उनका इलाज चल रहा है.
एक तो उप्र की राजधानी लखनऊ, उस पर राजभवन के सामने फिर भी एंबुलेंस के न पहुँचने की वजह से एक गर्भवती महिला को सड़क पर शिशु को जन्म देना पड़ा।
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने भी इसे लेकर योगी सरकार का घेरा. कांग्रेस के प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि मजबूरन सड़क पर निकल रहे लोगों ने महिला का बीच सड़क पर प्रसव करवाया, इससे शर्मनाक क्या होगा. लेकिन सरकार के लोग AC में बैठकर झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं कि सब ठीक है. पूरा विभाग भ्रष्टाचार में डूबा है. आम आदमी की सुध लेने का समय नहीं. बाकी प्रदेश का क्या हाल होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं?
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