sentences
stringlengths 13
616k
|
---|
भारतीय नौसेना में मैट्रिक रिक्रूट (एमआर) की तैयारी में लगे उम्मीदवारों के लिए बड़ी खबर। भारतीय नौसेना ने अक्टूबर 2021 में शुरू होने वाले मैट्रिक रिक्रूट की भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। इंडियन नेवी एमआर रिक्रूटमेंट 2021 अधिसूचना के अनुसार सेलर एमआर के कुल 350 रिक्तियों (लगभग) के लिए चयन हेतु प्रक्रिया में सम्मिलित होने के लिए योग्य उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किये जाने हैं। इन रिक्तियों में राज्यों के अनुसार संख्या निर्धारित हैं। कुल 350 रिक्तियों के लिए आवेदन के विवरणों के आधार पर 1750 उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा (पीएफटी) के लिए आमंत्रित किया जाना है। राज्यों के अनुसार कट-ऑफ अलग-अलग हो सकती है।
सेलर मैट्रिक रिक्रूट पदों पर भर्ती के लिए जारी इंडियन नेवी एमआर नोटिफिकेशन 2021 के अनुसार भारत सरकार शिक्षा मंत्रालय से मान्यता प्राप्त किसी विद्यालयी शिक्षा बोर्ड से मैट्रिक यानि कक्षा 10 की परीक्षा उत्तीर्ण उम्मीदवार आवेदन के पात्र हैं। साथ ही, उम्मीदवारों का जन्म 1 अप्रैल 2001 के पहले और 30 सितंबर 2004 के बाद नहीं हुआ होना चाहिए।
इंडियन नेवी में सेलर मैट्रिक रिक्रूट पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा और शारीरिक दक्षता परीक्षा के आधार पर किया जाना है। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर कुल 350 के लिए सिर्फ 1750 उम्मीदवारो को परीक्षा और पीएफटी के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इन उम्मीदवारों की शार्टलिस्टिंग क्वालीफाईंग परीक्षा (10वीं) के अंकों के आधार पर की जानी है।
इंडियन नेवी में सेलर मैट्रिक रिक्रूट के लिए आवेदन के इच्छुक उम्मीदवार एए-150 और एसएसआर-02/2021 के ऑनलाइन आवेदन नेवी भर्ती पोर्टल, joinindiannavy.gov.in पर एक्टिव किये जाने वाले ऑनलाइन अप्लीकेशन फॉर्म के माध्यम से आवेदन कर पाएंगे। अप्लीकेशन विंडो 19 से 23 जुलाई 2021 तक ओपेन रहेगी।
|
- दीपिका पादुकोण आज अपना बर्थडे मना रही हैं।
- दीपिका पादुकोण ने बॉलीवुड में आने से पहले कई मॉडलिंग असाइनमेंट में हिस्सा लिया था।
- साल 2006 में दीपिका विजय माल्या के पॉपुलर किंगफिशर कैलेंडर में फोटोशूट करवा चुकी हैं।
मुंबई. दीपिका पादुकोण आज (5 जनवरी) को अपना बर्थडे मना रही हैं। दीपिका पादुकोण ने साल 2007 में फिल्म ओम शांति ओम से डेब्यू किया है। इससे पहले दीपिका कन्नड़ फिल्म ऐश्वर्या में काम कर चुकी हैं।
दीपिका पादुकोण ने बॉलीवुड में आने से पहले कई मॉडलिंग असाइनमेंट में हिस्सा लिया था। साल 2006 में दीपिका विजय माल्या के पॉपुलर किंगफिशर कैलेंडर में फोटोशूट करवा चुकी हैं।
दीपिका पादुकोण सिंगर और म्युजिक डायरेक्टर हिमेश रेशमिया के फेमस म्यूजिक वीडियो 'नाम है तेरा' में नजर आ चुकी हैं। इसमें दीपिका का लुक देखने लायक था।
दीपिका पादुकोण इंडियन बैडमिंटन प्लेयर प्रकाश पादुकोण की बेटी हैं। पिता की ही तरह दीपिका पादुकोण एक बेहतरीन बेडमिंटन प्लेयर हैं। बैडमिंटन में वह स्टेट लेवल तक खेल चुकी हैं।
वर्कफ्रंट की बात करें तो दीपिका जल्द कबीर खान की फिल्म '83 'में दिखाई देंगी। जो भारत की पहली क्रिकेट विश्व कप जीत पर आधारित है। रणवीर सिंह फिल्म में कपिल देव की भूमिका निभा रहे हैं, जबकि दीपिका उनकी पत्नी रोमी भाटिया देव की भूमिका निभाएंगी।
दीपिका के पास शकुन बत्रा की अनटाइटल फिल्म भी लाइन में है। जिसकी शूटिंग उन्होंने कुछ टाइम पहले अनन्या पांडे और सिद्धार्थ चतुर्वेदी के साथ गोवा में की थी। वहीं, दीपिका प्रभास के साथ नाग अश्विन की फिल्म में भी काम करेंगी।
|
बलूच विद्रोही समूहों ने पहले भी इस क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजनाओं और सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं।
पाकिस्तान के अशांत दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत के सिबी जिले में मंगलवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के एक सालाना सांस्कृतिक उत्सव में शामिल होने के दौरे के दौरान हुए विस्फोट में कम से कम पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए और 28 अन्य घायल हो गए। धमाका एक खुले इलाके के पास हुआ जहां उत्सव हो रहा था। अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट में पांच सुरक्षाकर्मी मारे गए। हमले की अभी किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगा बलूचिस्तान लंबे समय से चल रहे हिंसक विद्रोह का गढ़ है। बलूच विद्रोही समूहों ने पहले भी इस क्षेत्र में चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजनाओं और सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाकर कई हमले किए हैं। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, राष्ट्रपति अल्वी के वार्षिक उत्सव में शामिल होने के बाद वहां से चले जाने के बाद विस्फोट हुआ।
डॉन अखबार ने आतंकवाद निरोधी विभाग के अधिकारी हफीज रिंद के हवाले से कहा कि राष्ट्रपति अल्वी के सिबी में समारोह में शामिल होने के 30 मिनट बाद विस्फोट हुआ। रिंद ने कहा कि यह एक आत्मघाती विस्फोट लगता है। हालांकि जांच चल रही है। बलूचिस्तान स्वास्थ्य विभाग के समन्वयक डॉ. वसीम बेग ने कहा कि कम से कम 28 घायलों को सिविल अस्पताल लाया गया, जबकि उनमें से पांच की हालत गंभीर है।
चिकित्सा अधीक्षक सिविल अस्पताल डॉ. सरवर हाशमी ने बताया कि घायलों में ज्यादातर सुरक्षाकर्मी थे। हाशमी ने कहा कि गंभीर रूप से घायल पांच लोगों को प्रांतीय राजधानी क्वेटा ले जाया गया है। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री मीर अब्दुल कुद्दुस बिजेंजो ने हमले की कड़ी निंदा की और अधिकारियों को विस्फोट में घायल लोगों को हर संभव चिकित्सा उपचार प्रदान करने का निर्देश दिया।
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।
Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
|
चुवाड़ी - आशीष थापा मेमोरियल वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घटासनी में गुरुवार को कारगिल युद्ध में शहीद आशीष थापा के 18वें शहीदी दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर शहीद आशीष थापा की भाभी करुणा थापा ने बतौर मुख्यातिथि उपस्थिति दर्ज करवाई। पाठशाला के प्रिंसीपल जगजीत सिंह और स्टाफ ने मुख्यातिथि को स्मृति चिंह भेंटकर सम्मानित किया। बताते चलें कि आशीष थापा 1996 में गोरखा राइफल में भर्ती हुए थे। देश के लिए लड़ते हुए कारगिल में आशीष ने अपने प्राण न्यौछावार किए। स्वर्गीय हवलदार ईश्वर सिंह थापा और माता स्वर्गीय कांता थापा के इस होनहार पुत्र पर आज पूरे राष्ट्र को नाज है और आज के ही दिन कारगिल के मेढ़ सेक्टर में दुश्मन सैनिकों से लौहा लेते आशीष थापा से शहादत पाई थी। कायक्रम में प्रिंसीपल जगजीत आजाद ने छात्रों से शहीद आशीष थापा के जीवनी से प्ररेणा लेने को कहा। उन्होंने कहा कि भटियात वीरों की भूमि है। भटियात के कई सूरमाओं ने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावार किए हैं। कार्यक्त्रम के दौरान पाठशाला के छात्रों ने देशभक्ति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए। इस मौके पर पाठशाला स्टाफ के अलावा काफी तादाद में छात्र मौजूद रहे।
|
न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 मैचों की वनडे सीरीज के पहले दो मुकाबलों में फेल होने के बाद आखिरकार तीसरे मुकाबले में रोहित शर्मा का बल्ला चल ही गया। रोहित शर्मा ने कानपुर में तीसरे वनडे में धमाकेदार शतक लगा दिया। रोहित शर्मा ने 106 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया। ये रोहित शर्मा के वनडे करियर का 15वां वनडे शतक है और उन्होंने भारतीय टीम के पूर्व ओपनर वीरेंद्र सहवाग के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली।
रोहित शर्मा ने कानपुर में शतक लगाने के साथ-साथ वनडे क्रिकेट में अपने 150 छक्के भी पूरे कर लिए। रोहित सबसे तेज 150 वनडे छक्के लगाने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं। रोहित शर्मा ने महज 165 पारियों में अपने 150 छक्के पूरे किए। भारत की ओर से सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, एम एस धोनी और युवराज सिंह भी वनडे में 150 से ज्यादा छक्के लगा चुके हैं। वैसे वनडे क्रिकेट में सबसे तेज 150 छक्के मारने का रिकॉर्ड शाहिद अफरीदी के नाम है जिन्होंने 160 पारियों में इस कारनामे को अंजाम दिया था। आपको बता दें साल 2017 में रोहित शर्मा सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले बल्लेबाज हैं, वो इस साल खबर कुल 33 छक्के लगा चुके हैं।
रोहित शर्मा के साल 2017 में 1000 वनडे रन भी पूरे हो गए। इस साल एक हजार वनडे रन बनाने वाले रोहित शर्मा दूसरे बल्लेबाज हैं। टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली पहले बल्लेबाज थे जिन्होंने 2017 में 1000 वनडे रन के आंकड़े को पार किया था, जो रन बनाने के मामले सबसे आगे भी चल रहे हैं। रोहित शर्मा ने साल 2017 में 5 शतक और 6 अर्धशतक लगा चुके हैं। उनका औसत 65 से भी ज्यादा है।
This website uses cookies so that we can provide you with the best user experience possible. Cookie information is stored in your browser and performs functions such as recognising you when you return to our website and helping our team to understand which sections of the website you find most interesting and useful.
Strictly Necessary Cookie should be enabled at all times so that we can save your preferences for cookie settings.
If you disable this cookie, we will not be able to save your preferences. This means that every time you visit this website you will need to enable or disable cookies again.
|
फरवरी में अफगानिस्तान, ईरान और पाकिस्तान के नेताओं ने इस्लामाबाद में महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक का मुख्य उद्देश्य अफगानिस्तान में समझौता वार्ता के लिए तालिबान पर पाकिस्तान का दबाव डलवाना था। पाकिस्तानी नेताओं ने इस मिशन में मदद का वायदा किया है, जिसके चलते प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने तालिबान के एक धड़े हिज्ब-ए-इस्लामी से सुलह-समझौता प्रक्रिया में शामिल होने की अपील की है। अभी इस अपील की असलियत के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि इसमें पिछले साल 20 सितंबर को पूर्व अफगान राष्ट्रपति बुरहानुद्दीन रब्बानी की कथित रूप से आइएसआइ द्वारा समर्थित आतंकवादियों द्वारा की गई हत्या के बारे में कोई खुलासा नहीं किया गया है। करजई ने अफगान तालिबान के साथ बातचीत करने के लिए खुद ही रब्बानी को चुना था। गौरतलब बात यह है कि इन वर्षो में अफगान समझौता प्रक्रिया में पाकिस्तानी नेतृत्व से मदद का लगातार अनुरोध करने के बावजूद रब्बानी की हत्या हुई। इसलिए रब्बानी की हत्या की जांच के लिए एक जांच दल काबुल भेजने के पाकिस्तानी राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के वायदे से इस हत्या में आइएसआइ का हाथ होने का काबुल का संदेह दूर न हो सका। यह शिखर सम्मेलन आयोजित करने की इस्लामाबाद की उत्सुकता समझ में आती है।
पाकिस्तान की असली शासक- सेना को आतंक के खिलाफ लड़ने में कोई दिलचस्पी नहीं है, क्योंकि जब तक वहां उग्रवाद जारी है, वह लोगों के रक्षक की अपनी छवि बनाए रख सकती है। उसके लिए अफगान सुलह-सफाई का मतलब यह होगा कि हक्कानी जैसे आइएसआइ-समर्थित तालिबान गुटों की काबुल में सत्ता में भागीदारी हो। उसका मकसद इन आइएसआइ एजेंटों की मदद से भारत को अफगानिस्तान से दूर रखने का है। किसी भी हालत में वह नहीं चाहेगी कि सुलह-सफाई की यह प्रक्रिया करजई के हिसाब से आगे बढ़े। इसलिए अगर एक ओर तालिबान धड़ों को शांति प्रक्रिया में शामिल होने की अपील करके और दूसरी ओर गुप्त रूप से पाकिस्तान-समर्थक आतंकी संगठनों को मदद करके अफगानिस्तान में तबाही मचाने के लिए पाकिस्तान दुमुंही नीति अपनाता है, तो इसमें हैरानी की क्या बात है। हालांकि इस शिखर सम्मेलन के समापन पर एक संयुक्त बयान में तीनों देशों ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए काम करने का इरादा जाहिर किया है, लेकिन इससे कुछ अधिक उम्मीद नहीं की जा सकती।
अमेरिका तो पाकिस्तान पर आतंक के खिलाफ लड़ाई के प्रति गंभीर न होने का आरोप लगा ही चुका है। तेहरान का शिखर सम्मेलन में भाग लेने का एक कारण यह हो सकता है कि वह पाकिस्तान को ईरान में कई बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठन जुनदुल्लाह के लड़ाकों को ट्रेनिंग देना बंद करने को कहे। लेकिन घरेलू दबावों के चलते पाकिस्तान ईरान के इस अनुरोध को नहीं मान सकता। जहां तक भारत का सवाल है, उसने सुरक्षा और राजनयिक कारणों के चलते पिछले अक्टूबर में करजई की भारत यात्रा के दौरान अफगानिस्तान के साथ एक सामरिक समझौता किया था, लेकिन इसका एक व्यावहारिक कारण खास तौर से अफगानिस्तान में प्राकृतिक संसाधनों को हासिल करने की दौड़ में चीन के शामिल होने की वजह से अधिक प्रतिस्पर्द्धी होने की भारत की बढ़ती इच्छा भी है। बामियान प्रांत में विशाल हाजीगाक लौह अयस्क खदान के लिए एक भारतीय कंसार्टियम बोली पर अफगान सरकार गौर कर रही है। लेकिन महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या भारत, राजनीतिक रूप से अस्थिर अफगानिस्तान के साथ संबंध बनाने में निहित जोखिम उठा सकता है। लेकिन, करजई के शांति प्रयासों में भारत के अपने हित भी मौजूद हैं, इसलिए पाक-अफगान क्षेत्र में 2014 के बाद के संभावित परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, उसे अपनी अफगान नीति पर पुनर्विचार करना ही होगा।
|
पहाडियों को सुरंग बनाकर पार किया जाता है। आल्पस, एंडीज और राकी पर्वतों को इन्ही दरों द्वारा पार किया गया है। नदियों पर पुल बनाकर मार्ग निकाला जाता है ।
रेलें या सड़कें मंदानो तथा तटों पर ही अधिक पाई जाती हैं। उदाहरणार्थ भारत में गंगा-सतलज के मैदान, चीन के हागो और याग्टसी के मैदान में तथा संयुक्त राज्य में मिसीसिपी नदी के मैदान मे रेलों व मडको की संख्या अधिक है। सड़कों पर तो भौतिक परिस्थितियो का इतना अधिक प्रभाव पड़ता है कि इसमे विभिन्न ढांचे बन जाते हैं, जैसे( i ) दिकेन्द्रीय ढाचा (Centrifugal Pattern), (ii) रेखात्मक ढाँचा ( Linear Pattean ), और
( 1is ) धंधात्मक ढाँचा ( Cause-way Pattern )
पहला प्रकार वहाँ मिलता है जहाँ केन्द्रीय स्थान होते है जैसे पेरिस या दिल्ली आदि । दूसरा प्रकार नदियों के किनारे और तीसरा जहाँ दलदल आदि हों जिसमे आवागमन के लिये बॉध बना कर रेल मार्ग बनाये जाते हैं। ये इवर-उधर से नगरो को संयुक्त करने के लिए बनाये जाते है। भारत में डेल्टाई भागो में इस प्रकार का स्वरूप देखने को मिलता है। मैदानों में भी बाळग्रस्त क्षेत्रो मे इसी प्रकार के रेलमार्ग व सड़कें बनाना आवश्यक है ।
जलवायु का भी व्यापारिक मार्गों पर बडा प्रभाव पड़ता है। जिन देशो मे वर्षा अधिक होती है वहाँ नदियों में बाढ़ आते रहने के कारण स्थल मार्ग बनाने और उसकी रक्षा करने में बहुत व्यय होता है क्योकि प्राय प्रत्येक वर्षा में मार्ग नष्ट हो जाते है । पुलो के निर्माण में भी अधिक व्यय होता है। इसी प्रकार के प्रदेशो मे जहाँ शीतकाल में बर्फ जम जाती है, स्थल मार्गों का बनाना और उनको कार्यशील रखना कठिन और व्यय-साध्य होता है। जिन दिनो किसी देश में कुहरा अधिक पडता है उन दिनों स्थल मार्गों को कार्यशीलता नष्ट हो जाती है क्योंकि मार्ग स्पष्ट दिखाई नही पड़ता है ।
जिन क्षेत्रों मे अधिक यानी तथा सामान मिलता है उन्ही मे होकर स्थल मार्ग बनाये जाते है जिससे अधिक से अधिक आय हो सके। अस्तु सघन जनसंख्या वाले और औद्योगिक क्षेत्रो मे स्थल मार्ग का जाल-सा विछ जाता है। चीन के जैच्वान प्रान्त और भारत मे उत्तर प्रदेश मे जनसंख्या की अधिकता के कारण हो स्थल मार्गो का जाल बिछा है ।
स्थल मार्गों पर निम्न साधन माल ले जाने में काम मे लाये जाते है । (१) मनुष्य भारवाहक के रूप में (Human Porter )
विश्व की जनसंख्या अपने स्थानीय यातायात के लिये मुख्य साधन के रूप में . मानव का उपयोग करती है । पदार्थों को एक जगह से दूसरे जगह पहुँचाने का काम मनुष्य स्वय करते हैं। इसके राजनीतिक, सामाजिक, औद्योगिक प्रगति, आर्थिक दशा, जनसंख्या का घनत्व, भूमि को प्राकृतिक बनावट कारण, जलवायु आदि कई कारण हैं । स्त्री जाति सर्वप्रथम भारवाहिनी के रूप में पृथ्वी पर अवतरित हुई उसका प्रगाढ वात्सल्य उसे शिशु को सदैव अपने अक में रखने के हेतु प्रेरित करता है। आधुनिक
|
प्रदेश में सट्टा खिलाने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले में लगभग एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जबलपुर के कुख्यात सटोरिये मोनू सोनकर को पुलिस ने अन्य 11 सट्टोरियों के साथ गिरफ्तार किया है।
सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने एक हिन्दु लड़की द्वारा प्रेमजाल में फंसकर उसकी मनमर्जी से मुस्लिम लड़के से शादी करने के बाद बुर्का पहने और धर्मांतरण के मामले को देखते हुए लड़की को बहुत समझााने की कोशिश की मगर लड़की अपने फैसले पर ही अडिग रही।
ब्राह्मण महाकुंभ (हुंकार) रैली का आयोजन भोपाल के जंबूरी मैदान में किया जा रहा है जिसमें लाखों की संख्या में समाज के लोगों के एकत्रित होने की संभावना बनी है। हरदा जिले के 14 वर्षीय बालक द्वारा इस महाकुंभ की शुरूआत करीब 20 मिनट तक लगातार शंखानाद करते हुए की जायेगी।
शिक्षक भर्ती में अभ्यार्थियों के लिए राज्य शासन ने से जरूरी दस्तावेजों को संबंधित विभाग की बेबसाइट पर अपलोड करने के लिए आखिरी मौका दिया है। विभाग की आरे से अभ्यार्थियों के 6 जून तक मौका दिया गया है।
अवैध रूप से शराब परोसने वाले अमूल्या गार्डन भोपाल जिला प्रशासन की संयुक्त टीमों ने कार्यवाही करते हुए ध्वस्त कर दिया है। ढ़ाबे को गिराते समय प्रशासन के अधिकारियों के साथ पुलिस बल भी उपस्थित रहा।
पूर्व मंत्री और विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कांग्रेस पार्टी में चल रहे विद्रोह की खबरों का खड़न किया है। उन्होंने कहा कि विद्रोह कुछ नहीं होता है। उन्होंने कहा कि पार्टी के बडे नेताओं के निर्देश हैं कि प्रदेश में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर किसी भी तरह की बात नहीं की जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष डाॅ. गोविन्द सिंह ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा है कि कमलनाथ जी हमारे नेता है और उन्हीं के नेतृत्व में विधानसभा 2023 का चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि कुछ लोग साजिश पूर्वक मेरे बयान को मेरी मंशा के विपरीत प्रस्तुत कर भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर रहे है, जब कि मैंने कहा है कि प्रदेश के प्रमुख नेताओं की बैठक में हम सबने कमलनाथ को अपना नेता मान कर उन्हीं के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की सहमति व्यक्त की है।
वट पूर्णिमा का चांद पूर्व दिशा में स्ट्राबेरी मून नाम के साथ 4 जून रविवार को चमकेगा। इस दौरान पश्चिम दिशा में शुक्र अपनी चमक बढ़ाये हुये सूर्य के साथ सबसे अधिक कोणीय दूरी पर रहेगा । चमकते खगोलीय पिंडों की शाम की जानकारी देते हुये नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने बताया कि पश्चिमी देशों में रविवारको पूर्णिमा के इस चंद्रमा को स्ट्राबेरी के पकने के आरंभ होने के समय को देखते हुये स्ट्राबेरी मून नाम दिया गया है।
जया आरोग्य अस्पताल में आक्सीजन नहीं देने के आरोप के चलते मरीज की मौत से गुस्साये परिजनों ने जमकर हंगामा खड़ा कर दिया। मृतक के परिजनों ने अस्पताल में मौजूद डाक्टरों के साथ मारपीट करते हुए कई मशीनरियॉं तोड दी। दुःखी परिजनों का आरोप है कि मरीज को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कांग्रेसी विधायक जीतू पटवारी ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस की सरकार को लूटने का काम भाजपा ने किया है। पटवारी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी, जिसे 2023 तक कार्यकाल पूरा करना था, लेकिन हमारी सरकार लूट ली गई।
भाजपा प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव ने पार्टी में कुछ पुराने और अन्य दलों से आये नेताओं के बीच चल रही अटकलों के मुद्दे पर कहा है कि भाजपा छिट-पुट व असंतोष को संभालने में सक्षम है। उन्होंने कहा है कि पार्टी में निष्ठावान कार्यकर्ताओं द्वारा अपने-अपने क्षेत्रों में लोगों के बीच सक्रियता बनी रहती है।
केंद्रीय विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने खुद को कांग्रेस पार्टी से अलग करने के मुद्दे पर खुलासा करते हुए कहा है कि मैंने कांग्रेस को पद और प्रतिष्ठा के लिए नहीं बल्कि अपने आत्म सम्मान के लिए छोडा था। सिंधिया ने एक निजी टीवी चैनल को साक्षात्कार देते हुए बताया कि जब तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मेरा अपमान किया तो मैंने यह ठोस कदम उठाया।
|
।धारणा (Dharna)
धनु राशि का स्वामी ग्रह बृहस्पति को माना जाता है। धनु राशि के आराध्य देव दत्तोत्रय होते हैं। इस राशि के धारणा नाम की लड़कियाँ जांघों और हृदय सम्बन्धी समस्याओं से परेशान रह सकते हैं। इन धारणा नाम की लड़कियों का मांसल शरीर होता है। धारणा नाम की लड़कियाँ रीढ़ की हड्डी, त्वचा, दृष्टि दोष और लिवर सम्बन्धी समस्याओं से पीड़ित रहते हैं। इन धारणा नाम की लड़कियों को घूमना फिरना बहुत पसंद होता है और एडवेंचर्स में भी रूचि रखते हैं। इस राशि के धारणा नाम की लड़कियों को आध्यात्मिक जगहों की यात्रा करने और भिक्षुओं के साथ वक़्त बिताने में मज़ा आता है।
अगर आप अपने बच्चे का नाम धारणा रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि धारणा का मतलब पृथ्वी, कीपिंग, की रक्षा होता है। धारणा नाम का खास महत्व है क्योंकि इसका मतलब पृथ्वी, कीपिंग, की रक्षा है जिसे काफी अच्छा माना जाता है। धारणा नाम रखने से पहले इसका अर्थ जानना जरूरी होता है। जैसे कि धारणा नाम का मतलब पृथ्वी, कीपिंग, की रक्षा होता है और इस अर्थ का प्रभाव धारणा नाम के व्यक्ति के स्वभाव में भी दिखने लगता है। जैसा कि हमने बताया कि धारणा का अर्थ पृथ्वी, कीपिंग, की रक्षा होता है और इस अर्थ का प्रभाव आप धारणा नाम के व्यक्ति के व्यव्हार में भी देख सकते हैं। धारणा नाम वाले व्यक्ति बिलकुल अपने नाम के मतलब की तरह यानी पृथ्वी, कीपिंग, की रक्षा होते हैं। धारणा नाम की राशि, धारणा नाम का लकी नंबर व धारणा नाम के लोगों के व्यक्तित्व अथवा इस नाम के मतलब जो कि पृथ्वी, कीपिंग, की रक्षा है, आदि के बारे में आगे बताया गया है।
धारणा नाम का स्वामी बृहस्पति है और शुभ अंक 3 है। बृहस्पति के प्रभाव की वजह से धारणा नाम की महिलाएं अपनी बातों से दूसरों का ध्यान केंद्रित करने में निपुण होती हैं। अगर आपका नाम धारणा है तो आप अपने परिवार के काफी करीब होती हैं। साथ ही 3 अंक वाली लड़कियां बहुत महत्वाकांक्षी होती हैं, इसलिए ये अनुशासन में रहना पसंद करती हैं। इस शुभांक वाली धारणा नाम की महिलाओं की किस्मत बहुत तेज होती है, क्योंकि मुश्किल की घड़ी में उनको कोई ना कोई मदद करने वाला मिल ही जाता है। धारणा नाम की लड़कियां मजबूत शरीर वाली और सेहतमंद होती हैं। धारणा नाम की लड़कियां बहुत जल्दी पैसे का महत्व समझ जाती हैं, इसलिए इनको कभी भी पैसे से संबंधित परेशानी नहीं होती।
यदि आपका नाम धारणा है, तो आपकी राशि धनु है। धारणा नाम की लड़कियों को दूसरों के साथ बात करना बहुत अच्छी तरह से आता है, ये रूढ़िवादि विचार रखने वालों को बिलकुल पसंद नहीं करते। कुछ लोग धारणा नाम की महिलाओं को गलत समझने लग जाते हैं, क्योंकि इनमें अभिमान होता है। धारणा नाम वाली लड़कियां धार्मिक होती हैं, लेकिन ये अंधविश्वास नहीं करतीं। धारणा नाम की लड़कियों को अपनी ज़िंदगी में हर चीज अपनी इच्छा के अनुसार चाहिए होती है। धारणा नाम की महिलाओं को हर रिश्ते में अपना एकांत समय बहुत प्रिय होता है। इन्हें अपने माता-पिता से बहुत प्रेम होता है।
|
रूसी आर्थोडोक्स चर्च के विदेश मामलों के प्रमुख मेट्रोपोलिटन हिलेरियन ने वेटिकन में बुधवार सुबह फ्रांसिस के साथ करीब एक घंटे तक बैठक की।
उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि बैठक 2022 में होगी।
फ्रांसिस ने इस माह की शुरूआत में संवाददाता सम्मेलन के दौरान पैट्रिआर्क किरिल के साथ दूसरी मुलाकात होने की संभावना का संकेत दिया था।
उल्लेखनीय है कि कैथोलिक चर्च और रूसी ऑर्थोडोक्स चर्चा के बीच 11 वीं सदी के दौरान अलगाव हो गया था और उनके बीच, पोप की सर्वोच्चता तथा पूर्व सोवियत क्षेत्रों में कैथोलिक संप्रदाय के प्रसार संबंधी रूसी आर्थोडोक्स के आरोपों सहित कई मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं।
कैथोलिक और रूसी आर्थोडोक्स चर्च प्रमुखों के बीच 12 फरवरी 2016 की मुलाकात अब तक की पहली मुलाकात थी।
फ्रांसिस जब मेक्सिको जा रहे थे तभी हवाना हवाईअड्डे पर वीआईपी कक्ष में उन दोनों की मुलाकात हुई थी।
|
व्हाइट हाउस ने एक ईमेल के जरिए बयान में हस्ताक्षर किए जाने की घोषणा की। इसमें बाइडेन ने कांग्रेस के नेताओं को उनकी सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
देनदारियों में चूक से बचाने की ऋण सीमा बढ़ाने संबंधी विधेयक पर अवधि समाप्त होने से दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शनिवार को हस्ताक्षर कर दिए। इसके बाद संघीय सरकार पर अभूतपूर्व डिफॉल्टर होने का खतरा टाल गया। व्हाइट हाउस ने एक ईमेल के जरिए बयान में हस्ताक्षर किए जाने की घोषणा की। इसमें बाइडेन ने कांग्रेस के नेताओं को उनकी सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
अमेरिकी राजस्व विभाग ने चेतावनी दी थी कि अगर यह विधेयक समय रहते पारित नहीं हुआ तो देश के सामने अपने बिलों का भुगतान करने के लिए नकदी के संकट खड़ा हो जाएगा। इससे अमेरिकी और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
खर्च में कटौती करने के मुद्दे पर रिपब्लिकन पार्टी ने बिल पर गतिरोध पैदा कर दिया था। इससे डेमोक्रेटिक पार्टी के सामने संकट की स्थिति पैदा हो गई थी। विधेयक को अमेरिकी सीनेट ने 36 के मुकाबले 63 मतों से पारित किया था।
जो बाइडन ने कहा कि हम खर्च में कटौती कर रहे हैं और एक ही समय में घाटे को कम कर रहे हैं। हम बुनियादी ढांचे और स्वच्छ ऊर्जा में हमारे परिवर्तनकारी निवेशों के लिए सामाजिक सुरक्षा से लेकर मेडिकेयर से लेकर मेडिकेड तक दिग्गजों तक महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं की रक्षा कर रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सौदे में "समझौता और सहमति" पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी को भी वह सब कुछ नहीं मिला जो वे चाहते थे, लेकिन अमेरिकी लोगों को वह मिला जिसकी उन्हें जरूरत थी। हमने एक आर्थिक संकट और एक आर्थिक पतन को टाल दिया है।
सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने कहा कि विधेयक के पारित होने का मतलब है कि अमेरिका राहत की सांस ले सकता है। इसके पहले बाइडन ने शुक्रवार शाम ओवल हाउस में कहा था कि इस बजट समझौते को पारित करना महत्वपूर्ण था। देश के ऋण चूक से ज्यादा विनाशकारी कुछ नहीं होता है।
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।
Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
|
ऑनलाइन आवेदन की तिथि : आपको बता दें की ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 7 जून 2021 से शुरू हो जाएगी जो 21 जून 2021 तक चलेगी। इच्छुक उम्मीदवार इस अवधि के बीच ऑनलाइन के द्वारा आवेदन की प्रक्रिया को पूरा कर लें।
किन पदों पर होगी भर्ती : जारी नोटिफिकेशन के अनुसार यहां सहायक कार्मिक अधिकारी, कनिष्ठ कानूनी अधिकारी, कनिष्ठ लेखाकार, आशुलिपिक और कनिष्ठ सहायक / वाणिज्यिक सहायक- II सहित कुल 2370 पदों पर भर्ती की जाएगी।
उम्मीदवारों की योग्यता : इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की योग्यता पदों के अनुसार अलग-अलग निर्धारित किया गया हैं। पूरी डिटेल्स आप नोटिश दे प्राप्त करें।
ऐसे करें आवेदन : भर्ती नोटिफिकेशन के अनुसार इच्छुक उम्मीदवार वेबसाइट https://energy. rajasthan. gov. in/ पर जा कर आवेदन की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लें। आपको बता दें की इन पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो चुकी हैं।
नौकरी का स्थान : राजस्थान।
|
बिलासपुरः जमीन पर बलपूर्वक कब्जे की नियत से किसानों को धमकाने वाले बिलासपुर शहर के युवा कांग्रेस अध्यक्ष शेरू असलम खान ने पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। (Bilaspur IYC Leader Sheru Aslam resigned) आज ही सरकंडा पुलिस ने उस पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार किया था। दबंग नेता असलम खान को सिटी मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया गया था।
दरअसल पूरा प्रकरण बिलासपुर का था जहां कुछ किसानों ने आरोप लगाया था की शेरू असलम नाम का दबंग नेता जो की बिलासपुर शहर का युवक कांग्रेस संगठन का प्रमुख भी है उनकी जमीन कब्जाने की नियत से उन्हें धमकी दे रहा था। इससे जुड़ा एक वीडियों भी सामने आया था।
पूरे मामले के बाद जहाँ कांग्रेस बैकफुट पर थी वही भाजपा ने मुखर होकर इसका विरोध किया था। (Bilaspur IYC Leader Sheru Aslam resigned) बिलासपुर सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कह दिया था कि उनकी सरकार आई तो बुलडोजर चलेगा। वही चौतरफा दबाव पड़ने के बाद आरोपी शेरू असलम के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली गई थी, वही आज उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया।
|
Africa Oldest Dinosaur Found In Zimbabwe: जिंब्बावे में अफ्रीका महाद्वीप का सबसे पुराना डायनासोर जीवाश्म मिला है। यह जीवाश्म 23 करोड़ साल पुराना बताया जा रहा है। यह डायनासोर करीब 6 फुट लंबा होता था और उसकी गर्दन भी लंबी होती थी। इसकी एक पूंछ भी होती थी। इस खोज से वैज्ञानिक बहुत उत्साहित हैं।
|
कम प्रीमियम पर बड़ी बीमा राशि की सुरक्षा मिलती है. भविष्य में होने वाली किसी भी दुखद घटना के लिए परिवार को वित्तीय रूप से तैयार कर सकते हैं. 10 गंभीर बीमारियों और दुर्घटना से होने वाली विकलांगता से खुद को कवर कर सकते हैं.
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) मेटलाइफ अलग-अलग तरह के टर्म इंश्योरेंस योजनाएं देती है जो असीमित लाभ, परिवार के लिए वित्ती सुरक्षा, हेल्थ अवॉर्ड जैसी सुविधाओं के साथ आती है. पीएनबी मेटलाइफ टर्म प्लान में 10 करोड़ रुपये तक का कवरेज मिलता है. यह टर्म प्लान 10 रुपये प्रतिदिन से शुरू होता है और इस पर यू/एस 80सी के तहत टैक्स लाभ मिलता है.
जिस किसी व्यक्ति को अपने भविष्य की अनिश्चितताओं को लेकर चिंता है और जो अपने परिवार का ध्यान रखना और उनकी जरूरतों को पूरा करना चाहता है, उसे पीएनबी मेटलाइफ टर्म इंश्योरेंस खरीदने की सलाह दी जाती है. अगर कोई व्यक्ति अपनी हेल्थ की स्थिति के बारे में अस्पष्ट है, वह व्यक्ति जो आयकर अधिनियम के तहत वार्षिक टैक्स बचाना चाहता है, उसे पीएनबी टर्म मेटलाइफ टर्म इंश्योरेंस खरीदने की सलाह दी जाती है. इससे वह व्यक्ति इंश्योरेंस के साथ-साथ हेल्थ कवरेज भी प्राप्त कर सकता है.
पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस ने इसी के तहत 'मेरा मेडिक्लेम प्लान' भी शुरू किया है जिसमें पीएनबी मेटलाइफ इंश्योरेंस और केयर हेल्थ इंश्योरेंस की मिलीजुली भागीदारी है. इस प्लान में टर्मिनल इलनेस राइडर के साथ लाइफ कवर की सुविधा भी मिलती है. हेल्थ बेनिफिट के तहत पूरी फैमिली को कवर मिलता है. प्रीमियम पर 7.5 परसेंट तक छूट है.
Now, guarantee your future goals and enjoy 0% TDS* with PNB MetLife Guaranteed Future Plan. Avail this benefit across limited premium paying plans, single premium paying plans and death benefit.
मेरा मेडिक्लेम प्लान की बड़ी खासियत यह है कि इसमें एक सिंगल प्लान के तहत हेल्थ और लाइव कवर की सुविधा मिलती है. इस मेडिक्लेम को लेने पर जो खर्च आता है उसे इनकम टैक्स की धारा 80(सी), 80(डी) और 10(10डी) के तहत छूट प्राप्त है. तबीयत खराब होने पर हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा और 540 दिन के इलाज का हेल्थ कवर मिलता है. लगातार पांच साल के लिए 'नो क्लेम बोनस' पर बीमा की राशि में 150 परसेंट तक बढ़ोतरी हो जाती है. इसके तहत जिन सभी लोगों का इंश्योरेंस हुआ है, सालाना हेल्थ चेक अप की सुविधा मिलती है. इसमें बच्चे भी शामिल हैं. इसके तहत अस्पतालों की 7500 चेन हैं जिसमें कैशलेस हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा मिलती है.
इस प्लान में लाइफ बेनिफिट्स के तहत मृत्यु और टर्मिनल इलनेस के प्रति पूरी सुरक्षा मिलती है. महिलाओं के लिए इस प्लान में स्पेशल रेट हैं. पॉलिसी टर्म के दौरान अगर इंश्योरेंस लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है या टर्मिनल इलनेस हो जाती है तो टर्म प्लान की सारी सुविधाएं मिलेंगी. ये बेनिफिट देने के बाद पॉलिसी सीज हो जाएगी. इस प्लान के तहत बीमाधारक की मृत्यु होने जाने पर भी उसके परिवार को वित्तीय आजादी दी जाती है. बिना किसी अतिरिक्त बोझ के बच्चे अपने करियर के सपने को पूरा कर सकते हैं. इसके तहत 99 साल तक कवरेज मिलती है.
|
BCCI TITLE SPONSOR: ग्लोबल पेमेंट, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड बनाने वाली कंपनी मास्टरकार्ड को भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई ने भारत में होने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों और घरेलू टूर्नामेंट में टाइटल स्पॉन्सर बनाया है। इससे पहले भारत में होने वाले सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों और घरेलू टूर्नामेंटो को मोबाइल यूपीआई ऐप कंपनी पेटीएम टाइटल स्पॉन्सर करती थी मगर अब इसकी जगह मास्टर कार्ड ने ले ली है। पेटीएम ने स्पोन्सरिंग राइट्स के ट्रांसफर को लेकर बीसीसीआई के अधिकारियों के साथ चर्चा की थी। इस चर्चा के बाद लगभग यह माना जा रहा था की टाइटल स्पॉन्सर में जल्दी ही बदलाव देखने को मिल सकता है।
मास्टरकार्ड दुनिया भर में सभी प्रकार के खेलों को स्पॉन्सर कर चुका है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब मास्टरकार्ड भारत में होने वाले किसी भी क्रिकेट मैच को इंटरनेशनल लेवल पर स्पॉन्सर करेगा। भारत किसी भी तरह के बिजनेस के लिए एक बड़ा मार्केट है। भारत में लगभग सभी घरों में क्रिकेट देखना पसंद किया जाता है। ऐसे में बीसीसीआई को स्पॉन्सर करके मास्टरकार्ड ने एक अच्छा फैसला किया है। इस स्पॉन्सरशीप के बाद मास्टरकार्ड को अच्छा मुनाफा पहुंचेगा। बीसीसीआई की ओर से कहा गया कि मास्टरकार्ड घरेलू मैदान पर आयोजित होने वाले महिला और पुरुष दोनों के सभी अंतरराष्ट्रीय मैचों को स्पॉन्सर करेगा। बीसीसीआई द्वारा आयोजित ईरानी ट्रॉफी, दलीप ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी जैसे घरेलू क्रिकेट मैचों के साथ-साथ भारत में होने वाले सभी जूनियर क्रिकेट (अंडर 19 और अंडर 23) मुकाबलों का टाइटल स्पॉन्सर अब मास्टरकार्ड ही होगा।
|
करण जौहर ने कंगना रनौत की तरफ बढ़ाया था दोस्ती का हाथKangana ranaut और Karan Johar....दोनों बॉलीवुड सेलिब्रेटी के बीच कोल्ड वॉर किसी से छिपी नहीं है। दोनों कई बार अप्रत्यक्ष रूप से आमने-सामने हो चुके हैं। वहीं अब जब करण जौहर(KaranJohar) ने कंगना रनौत(KanganaRanaut) की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाना चाहा तो कंगना रनौत की बहन रंगोली ने करण को चेतावनी दे डाली है। जी हां...सहीं सुना आपने...चेतावनी ! रंगाली चंदेल जो कंगना की बहन भी हैं और कंगना का ऑफिशियल काम भी संभालती हैं, उन्होने करण को कंगना से दूर रहने की सलाह देते हुए कहा है कि इसी में सभी की भलाई है। आप सोच रहे होंगे...भई ये क्या मामला है। तो चलिए पहले आपको पूरा मामला समझा देते हैं।
'आखिरी बार जब कंगना ने करण जौहर की फ़िल्म 'ए दिल है मुश्किल' देखी, तो वह गुस्से में थी। उन्होंने मुझसे कहा- कैंसर पीड़ित की कीमोथैरेपी चल रही है, फिर भी क्रीप लड़का जबरदस्ती करता है। लड़का कहता है, अब तो मेरी हो जा, अब तो तुझे कैंसर है। कंगना इसे देखने के बाद काफी देर तक शॉक में रही थी। करण जौहर जी अगर ऐसी स्क्रिप्ट लेकर आओगे, तो आपको भगवान भी नहीं बचा सकता। प्लीज़ कंगना से दूर रहो, सबकी भलाई इसी में है।'
सिर्फ यहीं नहीं बल्कि रंगोली ने इससे पहले एक और ट्वीट कर करण जौहर पर तंज कसा। उन्होने लिखा -'करन जौहर कह तो ऐसे रहे हैं कि जैसे फोन करने पे कंगना आ जाती हैं। भाईसाहब आपके और मेरे चाहने से क्या होता है? कंगना को तो स्क्रिप्ट चाहिए होती है। कभी होगी आपके पास उसके लायक स्क्रिप्ट।'
बस फिर क्या था..देखते ही देखते मामला सोशल मीडिया पर छा गया। और Kangana Ranaut की तरफ से ये भी साफ कर दिया गया कि उन्हे करण जौहर की फिल्मों में कोई खास दिलचस्पी नहीं है।
|
उमर अब्दुल्ला (फाइल फोटो) ( Image Source : PTI )
Jammu Kashmir Election: जम्मू कश्मीर चुनाव को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार (6 जून) को कहा कि ये लोगों का अधिकार है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एनसी नेता उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर मेंं कहा, "मैंने बार-बार कहा कि हम भूखे नंगे नहीं हैं कि हम इनके (केंद्र सरकार और चुनाव आयोग) सामने भीख मांगें कि इलेक्शन कराओ. चुनाव हमारा हक है. इनको (केंद्र सरकार) जम्मू कश्मीर के लोगों का हक छीनकर तसल्ली मिलती है तो करें. "
अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव आयोग को लोगों को बताना चाहिए है कि वो इलेक्शन क्यों नहीं करा पा रहा? क्या चुनाव आयोग पर दवाब है? अब्दुल्ला ने आगे कहा कि इलेक्शन कमीशन से सवाल किया जाना चाहिए है कि वो चुनाव कब करा रही है?
जम्मू कश्मीर की स्थिति को लेकर क्या कहा?
अब्दुल्ला ने आर्मी कमांडर के बयान का हवाला देते हुए बताया कि उन्होंने कहा था कि ये सही समय नहीं है कि जम्मू कश्मीर से सेना हटाई जाए. मैं इससे सहमत हूं कि ये सही समय नहीं है. हम तो ये बात पहले से कह रहे हैं कि स्थिति सामान्य नहीं है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने वाइस प्रेसिडेंट अब्दुल्ला ने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर में जी-20 बैठक यहां के हालात को छिपाने के लिए की जा रही है, लेकिन स्थानीय लोग सच जानते हैं. उन्होंने दावा किया कि हमें जहां जाने के लिए पहले पांच मिनट लगते तो अब वहां जाने के लिए 40 मिनट लग रहे हैं. इस कारण छात्र, कर्मचारी और मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी रविवार (4 मई) को कहा था कि हमें इलेक्शन की जरूरत है क्योंकि कुछ अफसर और एलजी यहां के पूरा प्रशासन नहीं देख सकते. लोकतंत्र चुनी हुई सरकार में ही संभव है.
कांग्रेस का क्या कहना है?
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने सोमवार (5 जून) को विकार रसूल ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चुनाव नहीं कराकर उसने अघोषित आपातकाल लगाया हुआ है. हम मानते हैं कि पंचायत, डीडीसी और बीडीसी से लेकर हर स्तर पर चुनाव होने चाहिए. बता दें कि जम्मू कश्मीर में 5 अगस्त 2019 में 370 हटाई गई थी. इसके बाद से यहां इलेक्शन नहीं हो सका है.
ये भी पढ़ें- Srinagar: क्या चुनाव में गुपकार के साथ उतरेगी कांग्रेस? JKPCC चीफ बोले- 'जो स्वभाव से धर्मनिरपेक्ष. . . '
|
गतसंगस्य मुक्तस्य ज्ञानावस्थित चेतसः । यज्ञायाचरतः कर्म समग्र प्रविळीयते ।।२३।।
व्यतीतो ऽवर्जनीयशीतोष्णादिद्वन्द्वसहनशीलः । विमत्सरो मत्कर्मनिमित्तकमेव मदनिष्टमितिनिश्चयेन परस्मिन् मात्सर्यशून्यः सिद्धावसिद्धौ च समः समभावापन्नः । निर्वि कार इत्यर्थः । कृत्वाsपि कर्मानुष्ठायापि / निबध्यते संसार न प्राप्नोति ।।२२।।
किंच गतसस्य क्रियमाणकर्मणि तत्फले चासतिरहितस्य मुक्तस्य देहगेहादावासक्तिरहितस्य ज्ञानावस्थितचेतसः परमात्मार्पितमानसस्य परमपुरुषप्रीतये कर्माण्याचरतः पुरुषस्य समग्र कृत्स्नमनादिकालसंचित कर्म अविलीयते समुत्पन्नभगवत्साक्षास्काराधिनश्यतीत्यर्थः ॥२३॥
समभाव को प्राप्त हुआ अर्थात् निर्विकार सभी प्रकार के विकार से रहित जो पुरुष अर्थात् स्वकीय प्रारम्भ कर्म का जो कार्य है लामTETH S er के भव को नहीं प्राप्त करने वाला पुरुष कर्म कोनही करके भी सर्वदा कर्म को करता हुआ साधनान्तर से निह पुरुष उन अनेक प्रकार के कर्म करने पर भी निवद्ध नहीं होता है संसार गति को प्राप्त नहीं करता है प्रत्युत एतादृश पुरुष से क्रियमाण जो कर्म यह मुक्ति रूप को ही उत्पादित करने वाला होता है न तु संसार गति का प्रापक होता है ॥२२॥
और भी देखिए जो गतसंग है अर्थात् क्रियमाण ओ शास्त्र विहित कर्म है अग्निहोत्र भगवद्धजनादिक उस कर्म में तथा साहश कर्म से जायमान जो स्वर्गादिक शुभाशुभ फल लाश कर्म तथा तत्फल में आसक्ति रहित है। तथा जो मुक्त है अर्थात् गृहपुत्र कलवादिक बाह्य वस्तु में शरीरेन्द्रिय अन्तर पदार्थ में आसक्ति रहित है । तथा ज्ञानावस्थितचित्त है परमात्मा श्रीरामचन्द्रजी में समर्पित है मन जिनका अर्थात् भगवान् की जो उपासना उस उपासता से प्राप्त जो स्मरण विशेष उस स्मरण का विषutभूत परमात्मा महापुरुष में अत्रस्थित है मन जिनका ऐसा जो साधक विशेष ऐसे साधक से परम पुरुष के प्रीतिप्रयोजक किया हुआ जो कर्म वैसा कर्माचरण करनेवाले पुरुष का समग्र कृत्स्न अनादिकाल से संचित जो कि दुःखजनक था वह सभी कर्म भगवान् के साक्षाकार होने से नाश हो जाता है । जैसे मर्जित बीज अंकुरामकपल देने में समर्थ नहीं होता है । अपितु वनाग्निदग्धवेत्र बीज क्षेत्रांकुर कांजनक न होकर rate का जनक होता है । उसी प्रकार प्रकृत में गीय माणकर्म संसारफल दुःखरूप अंकुर को विनष्ट करके ज्ञान से उत्पादन होने के योग्य मोक्षं रूप नित्यफ को देता है ।॥२३॥
|
पखांजूर/बिप्लब् कुण्डू : प्रतापपुर से कोयलीबेड़ा मार्ग पर करकाघाट और कामतेड़ा में दो बीएसएफ कैंप खोले जाने का विरोध ग्रामीण कर रहे हैं. कोयलीबेड़ा क्षेत्र 7 परगना के 103 गांव के हजारों ग्रामीण पखांजूर बस स्टैंड के पास अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. ग्रामीणों के धरने का आज दूसरा दिन है. इस बारे में एडिशनल एसपी गोरखनाथ बघेल का कहना है कि ग्रामीण नक्सलियों के दबाव में प्रदर्शन कर रहे हैं. कलेक्टर का कहना है कि विकास विरोधियों को जवाब दिया जाएगा.
इस बारे में जब मीडिया ने एडिशनल एसपी गोरखनाथ बघेल से बात की तो उन्होंने कहा कि ग्रामीण नक्सलियों के दबाव में प्रदर्शन कर रहे हैं. कैंप ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए है. कैंप के आने से नक्सली बैकफुट पर जाएंगे इसीलिए ग्रामीणों को भड़का रहे हैं.
कांकेर कलेक्टर चंदन कुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारी ग्रामीणों से बातचीत जारी है. 2 दिन में इसका समाधान निकाल लिया जाएगा. कलेक्टर ने कहा कि कुछ विध्वंशकारी ताकतों के द्वारा इसका विरोध कराया जा रहा है. सड़क-पुल बनने और विकास का विरोध कौन करता है सब जानते हैं. ये आंतरिक मामले हैं. विकास विरोधियों को जवाब दिया जाएगा.
शासन जिले के कुछ इलाकों में नक्सल विरोधी अभियान के तहत कैंप खोल रहा है. इसके तहत 29 नवंबर को कुछ जगहों पर नए बीएसएफ कैंप खोले गए हैं. जिसमें कड़काघाट और तुमिरघाट भी शामिल है. विकास कार्यों के लिए अंदरूनी इलाकों में कैंप खोले जा रहे हैं, जिससे सड़क और पुल-पुलिया का निर्माण हो सके.
इससे पहले भी तुमिरघाट में करीब 18 पंचायत के ग्रामीण और कड़काघाट में 85 ग्राम पंचायत सहित करीब 15 सौ की संख्या में ग्रामीण अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे थे. इसमें अबूझमाड़ के ग्रामीण भी शामिल थे. ग्रामीणों ने राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन देकर 2 दिनों में 23 तारीख तक देव स्थान से कैंप हटाने का बात रखी थी.
|
तेल की उपयोगी गुण काल से मानव जाति के लिए जाना जाता है। यह ईंधन और सिंथेटिक फाइबर और प्लास्टिक के उत्पादन के लिए कच्चे माल के लिए प्रयोग किया जाता है। एक ही समय में मानव जाति हमेशा लाभ जीवाश्म ईंधन के प्रसंस्करण से प्राप्त अधिकतम करने के लिए मांग की है। एक प्रक्रिया है कि उच्च गुणवत्ता वाले पेट्रोल और सुगंधित हाइड्रोकार्बन को जन्म दिया है - ऐसा ही एक विधि उत्प्रेरक सुधार था। तेल प्रसंस्करण का यह तरीका 1911 में वापस आविष्कार किया गया था, और 1939 के बाद से, प्रौद्योगिकी एक औद्योगिक पैमाने पर प्रयोग किया जाता है। जीवाश्म ईंधन के बाद से आसवन विधि लगातार सुधार हुआ है। आज यह सबसे अधिक परिष्कृत और प्रभावी तरीके से उच्च ओकटाइन संख्या के साथ पेट्रोल का उत्पादन करने से एक है।
उत्प्रेरक सुधार - निर्जलीकरण (कार्बनिक अणु यौगिकों से हाइड्रोजन अमूर्त) की प्रक्रिया निकल की उपस्थिति में छह अंग naphthenes और कुछ अन्य है प्लैटिनम समूह की धातुओं एक उच्च तापमान पर है, जो खुशबूदार यौगिकों का निर्माण होता है। दूसरे शब्दों में, एक प्रक्रिया है कि उच्च ओकटाइन उत्पाद का उत्पादन - reformate - कम गुणवत्ता वाले कच्चे माल से - सीधे रन पेट्रोल।
मुख्य कारण है जिसकी वजह से इतने व्यापक रूप से सुधार फैल - पर्यावरण के लिए एक चिंता का विषय है। उसके पहले, उच्च के साथ पेट्रोल प्राप्त करने के लिए ओकटाइन संख्या का इस्तेमाल किया नेतृत्व आधारित antiknock। जब सुधार उत्सर्जन लगभग अनुपस्थित हैं।
बेंजीन, टोल्यूनि, - इस तकनीक को लागू करके यह सबसे अधिक मूल्यवान पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक के उत्पादन के लिए संभव है सुरभित हाइड्रोकार्बन। आज, उत्प्रेरक सुधार - प्रक्रिया है जिसके द्वारा प्रति वर्ष दुनिया भर में पेट्रो उत्पादों की 480 मिलियन टन तक उठना है।
93-102 के ऑक्टेन रेटिंग के साथ पेट्रोल - उत्पादन चक्र के मुख्य अंत उत्पाद reformate है। Paraffinic हाइड्रोकार्बन, और हाइड्रोजन गैस है, जो सबसे शुद्ध अन्य विधियों के द्वारा प्राप्त की तुलना में है के 90% - इसके साथ ही, वहाँ उप-उत्पादों रहे हैं।
उत्प्रेरक सुधार के साथ एक अन्य उत्पाद के, कोक है। यह उत्प्रेरक की सतह पर जमा किया जाता है, काफी अपनी गतिविधि को कम करने। इसकी संख्या को कम करने की कोशिश कर रहा।
कम ओकटाइन संख्या के साथ ईंधन - उत्प्रेरक नेफ्था कृत्यों के सुधार के लिए फीडस्टॉक के रूप में। पूरी प्रक्रिया में 3-4 रिएक्टरों जो उत्प्रेरक का एक निश्चित बिस्तर है में किया जाता है। रिएक्टरों जटिल बहु-कक्ष प्रणाली और गर्म संक्रमणकालीन उत्पाद के साथ परस्पर पाइप कर रहे हैं।
उत्प्रेरक उत्प्रेरक एल्यूमिना (A1203) प्लैटिनम क्रिस्टल के साथ बीच-बीच में - सुधार वाहक हैं। 480-520 डिग्री सेल्सियस के तापमान और 1. 2 से 4 एमपीए फीडस्टॉक के दबाव में रिएक्टरों में उच्च ऑक्टेन एरोमेटिक्स और isoparaffin में बदल जाती है। क्लोरीन और फ्लोरीन - अक्सर अधिक महंगा धातु (रेनीयाम, जर्मेनियम, इरिडियम), और हैलोजन को लागू करने में प्रक्रिया प्रौद्योगिकी की स्थिरता में सुधार होगा।
आज उत्प्रेरक सुधार प्रतिक्रियाओं से उच्च ऑक्टेन पेट्रोल और एरोमेटिक्स के उत्पादन के लिए कई तरीके का आविष्कार किया। हर विदेशी कंपनी अपने उत्पादन विधि गुप्त रखता है। हालांकि, वे तीन मुख्य तरीकों के आधार पर कर रहे हैंः
- सुधार तेल लगातार तीन या चार रिएक्टरों में एक साथ आयोजित की। इसका सार तथ्य यह है कि उत्प्रेरक की प्रक्रिया पहला पूरी तरह से है इसकी क्षमता है, जिसके बाद रिएक्टर जब तक रोक दिया गया त्वरक के रूप में उनके गुणों को बहाल नहीं किया जाएगा विकसित करता है में निहित है।
- सतत प्रतिक्रिया इकाइयों 2-3 - अभिकर्मक समय-समय पर इसके उत्पादन के रूप में प्रत्येक प्रणाली में बहाल। जब इस प्रक्रिया को रोका नहीं जाता है, और उत्थान रिएक्टर एक "अस्थायी", वैकल्पिक साथ बदल दिया है।
उच्चतम प्रदर्शन पुनः पौधों और रिएक्टरों का उपयोग एक सतत प्रवाह प्रतिक्रिया में प्राप्त किया जा सकता। उत्प्रेरक, उसके गुण की गिरावट के रूप में, पुनर्योजी कक्ष में रखा गया है, और उसके स्थान पर है "नव बरामद अभिकारक" परिसंचरण aljumoplatinovyh यौगिकों होता है।
मुख्य समस्या यह है कि एक सुधारक के साथ जुडा हुआ - कोक को कम करने की क्षमता उत्प्रेरक aljumoplatinovyh सामग्री की एक बड़ी राशि के गठन है। इस समस्या के समाधान के 300-500 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर एक ऑक्सीजन निष्क्रिय मिश्रण के माध्यम से प्रतिक्रियाशील तत्वों की सतह पर कोक जल में होते हैं। वैज्ञानिक समुदाय में इस प्रक्रिया को उत्थान कहा जाता है। पूरी तरह से बहाल उत्प्रेरक तत्व संभव नहीं है। आपरेशन के रूप में वह पूरी तरह पुराने हो रही है, और फिर एक विशेष संयंत्र है, जहां यह प्लैटिनम और अन्य महंगे धातुओं से निकाला जाता है के लिए भेजा।
जीवाश्म ईंधन के प्रसंस्करण का यह तरीका पौधों के विभिन्न प्रकार के द्वारा किया जाता है। उनमें से कुछ नाम करने के लिएः
- Selectoforming। इधर, सुधारक प्रक्रिया चयनात्मक हाइड्रोक्रैकिंग साथ उत्प्रेरक dehydrogenation को जोड़ती है।
- Platforming। यह रिएक्टर 3 को शामिल किया गया है, और उत्प्रेरक के समय 6 से 12 महीनों से है।
- Ultraforming। एक "अस्थायी" रिएक्टर कि अभिकर्मक के वसूली प्रक्रिया का आयोजन करता है के साथ पहली प्रतिष्ठानों में से एक।
- Isoplus। उत्पाद के लिए संयुक्त प्रक्रियाओं और थर्मल खुर में सुधार कर रहे हैं।
सबसे व्यापक रूप से सुधार तेल उत्तरी अमेरिका में मिला - प्रतिवर्ष हैं प्राकृतिक ईंधन के 180 लाख टन करने के लिए संसाधित करता है। दूसरे स्थान पर यूरोपीय देशों हैं - वे के बारे में 93 लाख टन के लिए खाते। रूस के तेल के बारे में 50 मिलियन टन की वार्षिक उत्पादन के साथ शीर्ष तीन बंद कर देता है।
|
क्रिकेटर विराट कोहली फिलहाल जिस बल्ले से खेलते हैं, उस पर वही स्टिकर है जो सचिन तेंदुलकर के बैट पर (MRF का) हुआ करता था।
भले ही आज उस बल्ले से दमदार शॉट्स खेलते हों, मगर कभी वह बैट के बजाय सोटे थामकर बैटिंग किया करते थे।
जी हां, यह किस्सा उनके बचपन के दिनों का है। दरअसल, चीकू को छुटपन से ही क्रिकेट का खासा शौक था।
इस खेल के प्रति उनका जुनून इतना अधिक था कि वह कपड़े धुलने वाले लकड़ी को ही अपना बल्ला समझ खेलते थे।
उन्होंने इस बारे में कुछ समय पहले कॉमेडियन कपिल शर्मा के शो 'दि कपिल शर्मा शो' में भी बताया था।
बकौल कोहली, "मुझे तब सोटा पसंद आ गया और मैं उसी से क्रिकेट खेला करता था। "
विराट ने आगे बताया था- मुझे इसके बाद छोटा बल्ला लाकर दे दिया गया था और मैं फिर उससे क्रिकेट खेलने लगा था।
पूर्व भारतीय कप्तान के अनुसार, "मैंने आगे पिता से कहा था कि मुझे इंट्रेस्ट है, जिसके बाद मुझे क्रिकेट अकैडमी ज्वॉइन करा दी गई थी। "
कोहली आज भी क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर (क्रिकेट के भगवान के नाम से मशहूर) को अपना आइडल यानी आदर्श मानते हैं।
Thanks For Reading!
|
दुर्गाप्रसाद मिश्र (31 अक्टूबर 1860 -1910) हिन्दी के पत्रकार थे। 19वीं सदी की हिंदी पत्रकारिता में दुर्गाप्रसाद मिश्र का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। वे हिंदी के ऐसे पत्रकार रहे हैं जिन्हें हिंदी पत्रकारिता के जन्मदाताओं एवं प्रचारकों में शुमार किया जाता है। हिंदी पत्रकारिता को क्रांति एवं राष्ट्रहित के मार्ग पर ले जाने के लिए अनेकों पत्रकारों ने अहोरात्र संघर्ष किया। पं॰ दुर्गाप्रसाद मिश्र ऐसे ही पत्रकार थे। .
15 संबंधोंः नाटक, पत्रकार, पत्रकारिता, बाङ्ला भाषा, बिहार, भारतेन्दु हरिश्चंद्र, संस्कृत भाषा, स्वामी दयानन्द सरस्वती, हिन्दी, हिन्दी पत्रकारिता, काशी, क्रान्ति, कोलकाता, अंग्रेज़ी भाषा, उचित वक्ता।
नाटक, काव्य का एक रूप है। जो रचना श्रवण द्वारा ही नहीं अपितु दृष्टि द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूति कराती है उसे नाटक या दृश्य-काव्य कहते हैं। नाटक में श्रव्य काव्य से अधिक रमणीयता होती है। श्रव्य काव्य होने के कारण यह लोक चेतना से अपेक्षाकृत अधिक घनिष्ठ रूप से संबद्ध है। नाट्यशास्त्र में लोक चेतना को नाटक के लेखन और मंचन की मूल प्रेरणा माना गया है। .
पत्रकार उस व्यक्ति को कहते हैं जो समसामयिक घटनाओं, लोगों, एवं मुद्दों आदि पर सूचना एकत्र करता है एवं जनता में उसे विभिन्न माध्यमों की मदद से फैलाता है। इस व्यवसाय या कार्य को पत्रकारिता कहते हैं। संवाददाता एक प्रकार के पत्रकार हैं। स्तम्भकार (कॉलमिस्ट) भी पत्रकार हैं। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के सम्पादक, फोटोग्राफर एवं पृष्ठ डिजाइनर आदि भी पत्रकार ही हैं। .
पत्रकारिता (अंग्रेजीः journalism) आधुनिक सभ्यता का एक प्रमुख व्यवसाय है जिसमें समाचारों का एकत्रीकरण, लिखना, जानकारी एकत्रित करके पहुँचाना, सम्पादित करना और सम्यक प्रस्तुतीकरण आदि सम्मिलित हैं। आज के युग में पत्रकारिता के भी अनेक माध्यम हो गये हैं; जैसे - अखबार, पत्रिकायें, रेडियो, दूरदर्शन, वेब-पत्रकारिता आदि। बदलते वक्त के साथ के अंतर्संबंधों ने पत्रकारिता की विषय-वस्तु तथा प्रस्तुति शैली में व्यापक परिवर्तन किए। .
बाङ्ला भाषा अथवा बंगाली भाषा (बाङ्ला लिपि मेंः বাংলা ভাষা / बाङ्ला), बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है। इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं। बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग २३ करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है। इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फ़ैले हैं। .
बिहार भारत का एक राज्य है। बिहार की राजधानी पटना है। बिहार के उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखण्ड स्थित है। बिहार नाम का प्रादुर्भाव बौद्ध सन्यासियों के ठहरने के स्थान विहार शब्द से हुआ, जिसे विहार के स्थान पर इसके अपभ्रंश रूप बिहार से संबोधित किया जाता है। यह क्षेत्र गंगा नदी तथा उसकी सहायक नदियों के उपजाऊ मैदानों में बसा है। प्राचीन काल के विशाल साम्राज्यों का गढ़ रहा यह प्रदेश, वर्तमान में देश की अर्थव्यवस्था के सबसे पिछड़े योगदाताओं में से एक बनकर रह गया है। .
भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (९ सितंबर १८५०-७ जनवरी १८८५) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी। उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है। उन्होंने रीतिकाल की विकृत सामन्ती संस्कृति की पोषक वृत्तियों को छोड़कर स्वस्थ्य परम्परा की भूमि अपनाई और नवीनता के बीज बोए। हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है। भारतीय नवजागरण के अग्रदूत के रूप में प्रसिद्ध भारतेन्दु जी ने देश की गरीबी, पराधीनता, शासकों के अमानवीय शोषण का चित्रण को ही अपने साहित्य का लक्ष्य बनाया। हिन्दी को राष्ट्र-भाषा के रूप में प्रतिष्ठित करने की दिशा में उन्होंने अपनी प्रतिभा का उपयोग किया। भारतेन्दु बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। हिंदी पत्रकारिता, नाटक और काव्य के क्षेत्र में उनका बहुमूल्य योगदान रहा। हिंदी में नाटकों का प्रारंभ भारतेन्दु हरिश्चंद्र से माना जाता है। भारतेन्दु के नाटक लिखने की शुरुआत बंगला के विद्यासुंदर (१८६७) नाटक के अनुवाद से होती है। यद्यपि नाटक उनके पहले भी लिखे जाते रहे किंतु नियमित रूप से खड़ीबोली में अनेक नाटक लिखकर भारतेन्दु ने ही हिंदी नाटक की नींव को सुदृढ़ बनाया। उन्होंने 'हरिश्चंद्र पत्रिका', 'कविवचन सुधा' और 'बाल विबोधिनी' पत्रिकाओं का संपादन भी किया। वे एक उत्कृष्ट कवि, सशक्त व्यंग्यकार, सफल नाटककार, जागरूक पत्रकार तथा ओजस्वी गद्यकार थे। इसके अलावा वे लेखक, कवि, संपादक, निबंधकार, एवं कुशल वक्ता भी थे।। वेबदुनिया। स्मृति जोशी भारतेन्दु जी ने मात्र ३४ वर्ष की अल्पायु में ही विशाल साहित्य की रचना की। पैंतीस वर्ष की आयु (सन् १८८५) में उन्होंने मात्रा और गुणवत्ता की दृष्टि से इतना लिखा, इतनी दिशाओं में काम किया कि उनका समूचा रचनाकर्म पथदर्शक बन गया। .
संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक शास्त्रीय भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है। संस्कृत एक हिंद-आर्य भाषा हैं जो हिंद-यूरोपीय भाषा परिवार का एक शाखा हैं। आधुनिक भारतीय भाषाएँ जैसे, हिंदी, मराठी, सिन्धी, पंजाबी, नेपाली, आदि इसी से उत्पन्न हुई हैं। इन सभी भाषाओं में यूरोपीय बंजारों की रोमानी भाषा भी शामिल है। संस्कृत में वैदिक धर्म से संबंधित लगभग सभी धर्मग्रंथ लिखे गये हैं। बौद्ध धर्म (विशेषकर महायान) तथा जैन मत के भी कई महत्त्वपूर्ण ग्रंथ संस्कृत में लिखे गये हैं। आज भी हिंदू धर्म के अधिकतर यज्ञ और पूजा संस्कृत में ही होती हैं। .
स्वामी दयानन्द सरस्वती महर्षि स्वामी दयानन्द सरस्वती (१८२४-१८८३) आधुनिक भारत के महान चिन्तक, समाज-सुधारक व देशभक्त थे। उनका बचपन का नाम 'मूलशंकर' था। उन्होंने ने 1874 में एक महान आर्य सुधारक संगठन - आर्य समाज की स्थापना की। वे एक संन्यासी तथा एक महान चिंतक थे। उन्होंने वेदों की सत्ता को सदा सर्वोपरि माना। स्वामीजी ने कर्म सिद्धान्त, पुनर्जन्म, ब्रह्मचर्य तथा सन्यास को अपने दर्शन के चार स्तम्भ बनाया। उन्होने ही सबसे पहले १८७६ में 'स्वराज्य' का नारा दिया जिसे बाद में लोकमान्य तिलक ने आगे बढ़ाया। स्वामी दयानन्द के विचारों से प्रभावित महापुरुषों की संख्या असंख्य है, इनमें प्रमुख नाम हैं- मादाम भिकाजी कामा, पण्डित लेखराम आर्य, स्वामी श्रद्धानन्द, पण्डित गुरुदत्त विद्यार्थी, श्यामजी कृष्ण वर्मा, विनायक दामोदर सावरकर, लाला हरदयाल, मदनलाल ढींगरा, राम प्रसाद 'बिस्मिल', महादेव गोविंद रानडे, महात्मा हंसराज, लाला लाजपत राय इत्यादि। स्वामी दयानन्द के प्रमुख अनुयायियों में लाला हंसराज ने १८८६ में लाहौर में 'दयानन्द एंग्लो वैदिक कॉलेज' की स्थापना की तथा स्वामी श्रद्धानन्द ने १९०१ में हरिद्वार के निकट कांगड़ी में गुरुकुल की स्थापना की। .
हिन्दी या भारतीय विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की राजभाषा है। केंद्रीय स्तर पर दूसरी आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्द का प्रयोग अधिक हैं और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं। हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की प्रथम राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है। हालांकि, हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है क्योंकि भारत का संविधान में कोई भी भाषा को ऐसा दर्जा नहीं दिया गया था। चीनी के बाद यह विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार यह विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिन्दी और इसकी बोलियाँ सम्पूर्ण भारत के विविध राज्यों में बोली जाती हैं। भारत और अन्य देशों में भी लोग हिन्दी बोलते, पढ़ते और लिखते हैं। फ़िजी, मॉरिशस, गयाना, सूरीनाम की और नेपाल की जनता भी हिन्दी बोलती है।http://www.ethnologue.com/language/hin 2001 की भारतीय जनगणना में भारत में ४२ करोड़ २० लाख लोगों ने हिन्दी को अपनी मूल भाषा बताया। भारत के बाहर, हिन्दी बोलने वाले संयुक्त राज्य अमेरिका में 648,983; मॉरीशस में ६,८५,१७०; दक्षिण अफ्रीका में ८,९०,२९२; यमन में २,३२,७६०; युगांडा में १,४७,०००; सिंगापुर में ५,०००; नेपाल में ८ लाख; जर्मनी में ३०,००० हैं। न्यूजीलैंड में हिन्दी चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है। इसके अलावा भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों में १४ करोड़ १० लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली उर्दू, मौखिक रूप से हिन्दी के काफी सामान है। लोगों का एक विशाल बहुमत हिन्दी और उर्दू दोनों को ही समझता है। भारत में हिन्दी, विभिन्न भारतीय राज्यों की १४ आधिकारिक भाषाओं और क्षेत्र की बोलियों का उपयोग करने वाले लगभग १ अरब लोगों में से अधिकांश की दूसरी भाषा है। हिंदी हिंदी बेल्ट का लिंगुआ फ़्रैंका है, और कुछ हद तक पूरे भारत (आमतौर पर एक सरल या पिज्जाइज्ड किस्म जैसे बाजार हिंदुस्तान या हाफ्लोंग हिंदी में)। भाषा विकास क्षेत्र से जुड़े वैज्ञानिकों की भविष्यवाणी हिन्दी प्रेमियों के लिए बड़ी सन्तोषजनक है कि आने वाले समय में विश्वस्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय महत्त्व की जो चन्द भाषाएँ होंगी उनमें हिन्दी भी प्रमुख होगी। 'देशी', 'भाखा' (भाषा), 'देशना वचन' (विद्यापति), 'हिन्दवी', 'दक्खिनी', 'रेखता', 'आर्यभाषा' (स्वामी दयानन्द सरस्वती), 'हिन्दुस्तानी', 'खड़ी बोली', 'भारती' आदि हिन्दी के अन्य नाम हैं जो विभिन्न ऐतिहासिक कालखण्डों में एवं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त हुए हैं। .
हिन्दी पत्रकारिता की कहानी भारतीय राष्ट्रीयता की कहानी है। हिन्दी पत्रकारिता के आदि उन्नायक जातीय चेतना, युगबोध और अपने महत् दायित्व के प्रति पूर्ण सचेत थे। कदाचित् इसलिए विदेशी सरकार की दमन-नीति का उन्हें शिकार होना पड़ा था, उसके नृशंस व्यवहार की यातना झेलनी पड़ी थी। उन्नीसवीं शताब्दी में हिन्दी गद्य-निर्माण की चेष्टा और हिन्दी-प्रचार आन्दोलन अत्यन्त प्रतिकूल परिस्थितियों में भयंकर कठिनाइयों का सामना करते हुए भी कितना तेज और पुष्ट था इसका साक्ष्य 'भारतमित्र' (सन् 1878 ई, में) 'सार सुधानिधि' (सन् 1879 ई.) और 'उचित वक्ता' (सन् 1880 ई.) के जीर्ण पृष्ठों पर मुखर है। वर्तमान में हिन्दी पत्रकारिता में अंग्रेजी पत्रकारिता के दबदबे को खत्म कर दिया है। पहले देश-विदेश में अंग्रेजी पत्रकारिता का दबदबा था लेकिन आज हिन्दी भाषा का झण्डा चंहुदिश लहरा रहा है। ३० मई को 'हिन्दी पत्रकारिता दिवस' के रूप में मनाया जाता है। .
काशी जैनों का मुख्य तीर्थ है यहाँ श्री पार्श्वनाथ भगवान का जन्म हुआ एवम श्री समन्तभद्र स्वामी ने अतिशय दिखाया जैसे ही लोगों ने नमस्कार करने को कहा पिंडी फट गई और उसमे से श्री चंद्रप्रभु की प्रतिमा जी निकली जो पिन्डि आज भी फटे शंकर के नाम से प्रसिद्ध है काशी विश्वनाथ मंदिर (१९१५) काशी नगरी वर्तमान वाराणसी शहर में स्थित पौराणिक नगरी है। इसे संसार के सबसे पुरानी नगरों में माना जाता है। भारत की यह जगत्प्रसिद्ध प्राचीन नगरी गंगा के वाम (उत्तर) तट पर उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्वी कोने में वरुणा और असी नदियों के गंगासंगमों के बीच बसी हुई है। इस स्थान पर गंगा ने प्रायः चार मील का दक्षिण से उत्तर की ओर घुमाव लिया है और इसी घुमाव के ऊपर इस नगरी की स्थिति है। इस नगर का प्राचीन 'वाराणसी' नाम लोकोच्चारण से 'बनारस' हो गया था जिसे उत्तर प्रदेश सरकार ने शासकीय रूप से पूर्ववत् 'वाराणसी' कर दिया है। विश्व के सर्वाधिक प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में काशी का उल्लेख मिलता है - 'काशिरित्ते..
क्रान्ति (Revolution) अधिकारों या संगठनात्मक संरचना में होने वाला एक मूलभूत परिवर्तन है जो अपेक्षाकृत कम समय में ही घटित होता है। अरस्तू ने दो प्रकार की राजनीतिक क्रान्तियों का वर्णन किया है.
बंगाल की खाड़ी के शीर्ष तट से १८० किलोमीटर दूर हुगली नदी के बायें किनारे पर स्थित कोलकाता (बंगालीः কলকাতা, पूर्व नामः कलकत्ता) पश्चिम बंगाल की राजधानी है। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा महानगर तथा पाँचवा सबसे बड़ा बन्दरगाह है। यहाँ की जनसंख्या २ करोड २९ लाख है। इस शहर का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। इसके आधुनिक स्वरूप का विकास अंग्रेजो एवं फ्रांस के उपनिवेशवाद के इतिहास से जुड़ा है। आज का कोलकाता आधुनिक भारत के इतिहास की कई गाथाएँ अपने आप में समेटे हुए है। शहर को जहाँ भारत के शैक्षिक एवं सांस्कृतिक परिवर्तनों के प्रारम्भिक केन्द्र बिन्दु के रूप में पहचान मिली है वहीं दूसरी ओर इसे भारत में साम्यवाद आंदोलन के गढ़ के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। महलों के इस शहर को 'सिटी ऑफ़ जॉय' के नाम से भी जाना जाता है। अपनी उत्तम अवस्थिति के कारण कोलकाता को 'पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार' भी कहा जाता है। यह रेलमार्गों, वायुमार्गों तथा सड़क मार्गों द्वारा देश के विभिन्न भागों से जुड़ा हुआ है। यह प्रमुख यातायात का केन्द्र, विस्तृत बाजार वितरण केन्द्र, शिक्षा केन्द्र, औद्योगिक केन्द्र तथा व्यापार का केन्द्र है। अजायबघर, चिड़ियाखाना, बिरला तारमंडल, हावड़ा पुल, कालीघाट, फोर्ट विलियम, विक्टोरिया मेमोरियल, विज्ञान नगरी आदि मुख्य दर्शनीय स्थान हैं। कोलकाता के निकट हुगली नदी के दोनों किनारों पर भारतवर्ष के प्रायः अधिकांश जूट के कारखाने अवस्थित हैं। इसके अलावा मोटरगाड़ी तैयार करने का कारखाना, सूती-वस्त्र उद्योग, कागज-उद्योग, विभिन्न प्रकार के इंजीनियरिंग उद्योग, जूता तैयार करने का कारखाना, होजरी उद्योग एवं चाय विक्रय केन्द्र आदि अवस्थित हैं। पूर्वांचल एवं सम्पूर्ण भारतवर्ष का प्रमुख वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में कोलकाता का महत्त्व अधिक है। .
अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ीः English हिन्दी उच्चारणः इंग्लिश) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिंदी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है। ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अन्तरराष्ट्रीय भाषा माना जाता है। ये दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कम्प्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है। यह एक पश्चिम जर्मेनिक भाषा है जिसकी उत्पत्ति एंग्लो-सेक्सन इंग्लैंड में हुई थी। संयुक्त राज्य अमेरिका के 19 वीं शताब्दी के पूर्वार्ध और ब्रिटिश साम्राज्य के 18 वीं, 19 वीं और 20 वीं शताब्दी के सैन्य, वैज्ञानिक, राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव के परिणाम स्वरूप यह दुनिया के कई भागों में सामान्य (बोलचाल की) भाषा बन गई है। कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रमंडल देशों में बड़े पैमाने पर इसका इस्तेमाल एक द्वितीय भाषा और अधिकारिक भाषा के रूप में होता है। ऐतिहासिक दृष्टि से, अंग्रेजी भाषा की उत्पत्ति ५वीं शताब्दी की शुरुआत से इंग्लैंड में बसने वाले एंग्लो-सेक्सन लोगों द्वारा लायी गयी अनेक बोलियों, जिन्हें अब पुरानी अंग्रेजी कहा जाता है, से हुई है। वाइकिंग हमलावरों की प्राचीन नोर्स भाषा का अंग्रेजी भाषा पर गहरा प्रभाव पड़ा है। नॉर्मन विजय के बाद पुरानी अंग्रेजी का विकास मध्य अंग्रेजी के रूप में हुआ, इसके लिए नॉर्मन शब्दावली और वर्तनी के नियमों का भारी मात्र में उपयोग हुआ। वहां से आधुनिक अंग्रेजी का विकास हुआ और अभी भी इसमें अनेक भाषाओँ से विदेशी शब्दों को अपनाने और साथ ही साथ नए शब्दों को गढ़ने की प्रक्रिया निरंतर जारी है। एक बड़ी मात्र में अंग्रेजी के शब्दों, खासकर तकनीकी शब्दों, का गठन प्राचीन ग्रीक और लैटिन की जड़ों पर आधारित है। .
उचित वक्ता मैथिली भाषा के विख्यात साहित्यकार गंगेश गुंजन द्वारा रचित एक कहानी-संग्रह है जिसके लिये उन्हें सन् 1994 में मैथिली भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। .
|
सूत्रों ने बताया कि पकड़े गए आरोपी का नाम मोहम्मद नाजिम है। इसके पास जो टेंपरेरी एयरपोर्ट एंट्री परमिट मिला। वह किसी मोहम्मद आलम के नाम पर है। आरोपी को शनिवार शाम 5:15 बजे बजे पकड़ा गया। टर्मिनल के अंदर घुसने की कोशिश करने के पीछे इसका क्या मकसद था। फिलहाल इसकी जांच की जा रही है।
|
इसमें वह दिलकश अंदाज में पोज देते हुए दिखाई दे रहीं हैं. वहीं अलग अलग अंदाज में स्टाइलिश पोज देते हिना काफी आकर्षक लुक में दिखाई दे रही हैं और उनका हर लुक दिल को छू लेने वाला दिखाई दे रहा है. बीते दिनों हिना अजमेर शरीफ दरगाह पर अपने बॉयफ्रेंड के साथ मत्था टेकने गई थीं और वहां की फोटोज को उन्होंने अपनी स्टोरी में शेयर किया था. फिलहाल हिना की सभी लेटेस्ट तस्वीरें इंटरनेट पर बड़ी तेजी से वायरल हो रही हैं और लोगों को खूब पंसद भी आ रहीं हैं.
वैसे हिना जल्द ही विक्रम भट्ट की फिल्म 'हैक्ड' मूवी में नजर आने वाली हैं और इसके अलावा जल्द ही फिल्म 'लाइन्स' से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रही हैं. आप सभी को यह तो पता ही होगा कि हिना खान सलमान खान के टीवी रियलिटी शो बिग बॉस का हिसा भी रह चुकी हैं और वह आखिरी बार शो कसौटी ज़िंदगी की 2 में कोमोलिका के किरदार में नजर आईं थीं.
एरिका से ब्रेकअप की खबरों पर पार्थ समथान का आया रिएक्शन, कहा- 'हम दोनों. . . '
|
बॉलीवुड अदाकारा शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा को हाल ही में मुंबई पुलिस ने पोर्न फिल्में बनाने औऱ उन्हें ऐप पर अपलोड करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया है, जिसके चलते शिल्पा शेट्टी को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में बताया जा रहा है कि पति राज कुंद्रा के विवादों में फंसने के बाद एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी ने सुपर डांसर चैप्टर 4 शो को अलविदा कह दिया है। वहीं अब शिल्पा शेट्टी को रिप्लेस कर 90 के दशक की खूबसूरत एक्ट्रेस करिश्मा कपूर ने अब जज की कुर्सी संभाल ली है।
एक्ट्रेस करिश्मा कपूर डांस रिएलिटी शो सुपर डांसर 4 के अगले एपिसोड में बड़ा धमाका करने वाली हैं। बता दे कि शिल्पा शेट्टी के बाद एक्ट्रेस करिश्मा कपूर इस शो में पहुंचने वाली हैं। और अब शो के मेकर्स ने इस शो का नया प्रोमो रिलीज किया है, जिसमें करिश्मा कपूर कंटेस्टेंट्स की परफॉर्मेंस को खूब एन्जॉय करती हुई दिख रही हैं। वही इस प्रोमो में एक्ट्रेस करिश्मा कपूर खुद को रोक नहीं पाती है और स्टेज पर आकर खुद ब्रेक डांस कर रही हैं। करिश्मा कपूर का यह अंदाज देखने के लिए दर्शकों को इस शो के अपकमिंग एपिसोड का बेसब्री से इंतजार है।
A post shared by Sony Entertainment Television (@sonytvofficial)
आपको बता दे कि रिपोर्ट्स के अनुसार जैसे ही पुलिस ने राज कुंद्रा को गिरफ्तार किया उसके बाद एक बड़ा फैसला लेते हुए शिल्पा ने 'सुपर डांसर चैप्टर 4' की शूटिंग बीच में ही कैंसिल कर दी। वहीं इस शो के मेकर्स ने भी यह जानकारी दी है कि शिल्पा पर्सनल रीजन की वजह से अब शो में दिखाई नहीं देंगी।
A post shared by Sony Entertainment Television (@sonytvofficial)
वैसे आप सुपर डांसर 4 में करिश्मा कपूर को देखन के लिए कितने उत्सुक हैं? कमेंट बॉक्स में बताएं।
|
संजू सिलोड़ी ने फोटो वायरल करने को लेकर युवती को किया ब्लैकमेल, वीडियो वायरल।
बिमला हे भग्यानी वीडियो में कलाकारों ने जमाया रंग,दर्शकों ने की सराहना।
उत्तराखंड प्रवासियों के दर्द को बंया करता गीत याद औणी तेरी रिलीज,आप भी देखिए।
हे ऋतु वीडियो में एक बार फिर दिखा ओम तरोणी का जलवा,आप भी देखें।
झंगरा घोड़ू गीत बन रहा है लाखों दर्शकों की पसंद,गीत,संगीत ने बांधा समा।
|
केन्द्रीय विद्यालय संख्या दो में प्रथम पाली में बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया। द्वितीय पाली में दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए आशीर्वाद समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभा मौर्य के निर्देशन में बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत सुमधुर सरस्वती वंदना आधारित नृत्य से हुआ। ग्यारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों ने अपने सीनियर्स के लिए विभिन्न रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। बारहवीं के विद्यार्थियों को आशीर्वाद प्रदान करने के लिए आयुध वस्त्र निर्माणी के महाप्रबंधक एवं विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष अनूप कुमार शुक्ल ने विद्यार्थियों को उनकी परीक्षाओं के लिए शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम में सौरभ, सेजल, भावना तथा प्रभात ने विद्यालय में बीते समय की यादें सबके साथ साझा कीं तथा हमेशा एक आदर्श नागरिक बने रहने का वादा किया। विद्यालय के प्राचार्य योगेन्द्र कुमार शाक्य एवं उप-प्राचार्य असद अली खान तथा विजय प्रकाश ने विद्यार्थियों को उनकी परीक्षा के लिए शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम का संचालन सीसीए प्रभारी, मैराज अहमद एवं विपिन कुमार मौर्य ने किया। कार्यक्रम में बारहवीं, ग्यारहवीं तथा दसवीं कक्षा के कक्षाध्यापकों सहित सभी अध्यापकों का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर कक्षा ग्यारहवीं के छात्र - छात्राओं ने संगीत शिक्षिका पूजा मेहरोत्रा एवं नृत्य प्रशिक्षक प्रभा मौर्य के निर्देशन में मनमोहक संगीत प्रस्तुतियां भी दी।
|
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने ऊर्जा और विद्युत क्षेत्र की ओर कृषि के विविधीकरण के लिए वैकल्पिक जैव ईंधन के महत्व पर जोर दिया है। उन्होंने आज नागपुर में देश के पहले एलएनजी सुविधा संयंत्र का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि हम लोग अपनी अर्थव्यवस्था में पेट्रोल-डीजल और पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर 8 लाख करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं, जो एक बड़ी चुनौती है। मंत्री ने कहा कि हमने एक नीति तैयार की है जो आयात के विकल्प को लागत प्रभावी प्रदूषण मुक्त व स्वदेशी इथेनॉल, जैव सीएनजी, एलएनजी और हाइड्रोजन ईंधन के विकास को प्रोत्साहित करती है। मंत्री ने कहा कि मंत्रालय विभिन्न वैकल्पिक ईंधनों पर लगातार काम कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हमें चावल, मक्का और चीनी को बर्बाद होने से बचाने के लिए अधिशेष का उपयोग करना होगा।
फ्लेक्स इंजन के बारे में श्री गडकरी ने कहा कि ऑटोमोबाइल विनिर्माताओं विशेषकर चौपहिया और दुपहिया वाहनों के लिए फ्लेक्स इंजन बनाना अनिवार्य करने के संबंध में तीन महीने में निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अमेरिका, कनाडा और ब्राजील जैसे कई देशों के पास फ्लेक्स इंजन पहले से ही हैं। उन्होंने कहा कि वाहन की कीमत एकसमान रहती है, चाहे वह पेट्रोल हो या फ्लेक्स इंजन।
|
परीक्षण पर आधारित होकर प्राप्त किये है जादू उन संवेगपूर्ण परिय तियों के विशिष्ट अनुभव पर आश्रित है जिसमें मनुष्य प्रकृति को नहीं अपितु अपने आपको देखता है। जिसमें सत्य का प्रकटीकरणतर्क के आधार पर नहीं. अपितु सवेग द्वारा होता है। ज्ञान के सिद्धान्त तक द्वारा प्राप्त होते हैं परन्तु जादू के सिद्धान्त प्रमिलाया के प्रभाव के अन्तर्गत विचारों के संपर्क से माता पाते हैं।
अलौकिक शक्ति में विश्वास ( Supernaturalism ) --
पादिकालीन प्राणी के विचार में यह मानवीय शरीर रोग, राजू, भूल, यातना आदि से परिपूर्ण है। जड़ी बूटियो, सोभाओं का धमटकार, जादू यादि उपाय शारीरिक दुखो का निराकरण नहीं कर सकते फिर भी मनुष्य संसार में सुख से जीवित रहना चाहता है। वह सभी कष्टों का सामना करता है। दु.स sotar है - केवलमात्र जीने के लिए उसको जीवित रहने को तृष्णा किसी भी रूप में कम नही होती और न ही वह भरने आापको भाग्य के हवाले कर देना चाहता । इन विषम परिस्थितियों में वह किसी शक्ति की दारण ले लेता है।
मि० प्रार० एच० कोड्रिगटन (R. H. Codrington) ने सबसे प्रथम इस बात का पता लगाया था कि दक्षिण समुद्र की तटवर्ती विभिन्न जातियों में date fer का विचार धार्मिक विचार के रूप में स्पष्ट और विशिष्ट स्थान रखता है। यह उस दशक्ति का निर्देश करता है जो दैवीय और मकतू क (Impersonal) है। यह भवतु के दैवीय शक्ति (Impersonal Supernaturalism ) न तो कोई भूत, प्रेत, मानव भयवा पशु है अपितु यह एक जादूमय शक्ति है जो स्वतः मकतूं क है परन्तु भूत, प्रेत भौर मनुष्यों द्वारा अपने प्रभाव को उत्पन्न कर सकती है । इस भक्तूंक देयीय दाक्ति का एक प्रभाव तो हमें मारaaree द्वीप समूह के लोगों में स्पष्टतया दृष्टिगोचर होता था जबकि एक विद्वान् featutset में अपनी योग्यता को सिद्ध करने के लिए ललकारता और जीतने पर सम्मान पाता तथा हारने पर कभी-कभी उसी उद्वेग में मृत्यु का शिकार हो जाता था। इसी जाति का एक सरदार जब लड़ाई लडने जाता तो पराजित व्यक्ति के मांसको खाता था, केवल मात्र इसलिए कि उसका प्रकोप विजेता को न लगे। विजेता उसकी हड्डी भोर पड़ी को भी अपने शरीर पर धारण करता था। जोन्स ने तो यहाँ तक लिखा है कि कमी-कभी विजेता पराजयो के हृदय को भी खाता था ताकि पुराजयी की भक्तूक दैवीय शक्ति उससे समूल नष्ट हो जाये ।
पुरातनजातियों में सर्वनियन्ता की भावना विद्यमान रहती थी । उदाहर णायं केन्द्रीय मास्ट्रेलिया के महन्ता (Arunta) लोग मलजीरा नामक महान् नैतिक प्राणी में विश्वास रखते थे। उनके विचार में वह एक महान्, सुदृढ़, रक्तิ वर्ण व्यक्ति था जिसके हल्के बाल सदैव बन्धे पर पड़े रहते थे। वह प्राभूषणो से सुसज्जित होता था। उसकी सुन्दर और रक्तवर्ण स्त्रिया कुत्ते के सदृश टांगों वाली होती थी। उसके बहुत से लड़के और लड़किया होती थी। लड़कों को टांगें चिड़िया की भांति मोर लड़कियों की टार्गे कुत्ते की टाग की भांति होती थीं। उसके पड़ोस में सुन्दर युवक और युवतियों का वास था । मलजीरा क्भो भरता नहीं था और वह सदैव स्वर्ग में रहता था उसके राज्य में भाति-भाति के पशुओं प्राणियो तथा वनस्पतियों की अत्यधिक्ता थी । वे उसे मनुष्य का उत्पादक न मानते थे । उनमें इतना हर अवश्य था और वे समझते थे कि एक दिन भाएगा जब कि यह स्वर्ग गिर जायगा और उसके गिरने से हम सब मर जायेंगे ।
नारिम्पेरी जाति के लोगों का विश्वास था कि एक महान् मात्मा ने संसार की सभी चीजों को निमित किया हुआ है और उसी ने मनुष्य को नियम पालन करना तथा शत्रुओं से लड़ना सिखलाया है । कुरनई जाति में भी इस प्रकार को भावना निहित थी। इससे स्पष्ट है कि वे सब विचार किसो प्राणि विशेष में निहित समझे जाते थे । कुरनई जाति का विश्वास था कि इसी दैवीय पुरुष ने कुरनई लोगों को उपकरण, नाव, शस्त्र मादि बनाना सिखाया। गुप्त शास्त्रोक्त विधि-विधान भी उस महान् पुरुष की कृति है। जब कोई व्यक्ति इन गुप्त शास्त्रोक्त विधि-विधानो को स्त्रियों तक पहुँचाता तो यह दैवीय व्यक्ति के वशीभूत हो जाता और बदला लेने के लिए अपनी भाग को नोचे भेज देता, जो भाकास और पृथ्वी के मध्य फैल जाती । पुरुष भय से पागल हो जाते । भाई भाई को, पिता पुत्रों को, तथा पति पत्नियों को मारना प्रारम्भ कर देते और समुद्र पृथ्वी पर फैसकर सम्पूर्ण मानव जाति को अपने में निमज्जित कर लेता । जो बच जाते वे कुरनई जाति के पूर्वज रूप में समझे जाते भोर भवशिष्ट पशुपक्षियों का रूप धारण बर विचरते । यून जाति के लोग 'द्वारा मुलुन' नामक महान् धात्मा में विश्वास रखते थे। उनका विश्वास था कि एक बार यह 'दारा मुलुन' पृथ्वी पर अपनी मां के साथ रहता था। पहले पृथ्वी भी प्रकार की भांति नग्न रूप में थी। उस समय पशुमों, पक्षियों और वोड़ों के अतिरिक्त नोई और विद्यमान न था। 'द्वारा मुलून' ने सबसे प्रथम पेड़ बनाये। इसके बाद उसने जल-प्रसव करदी। बुध व्यक्ति सरफ्ते-सरते ड्रोमेडरी पर्वत पर पहुँच गये। तब न 'दारा मुलुन' भाकाश में पड़ गया जहां वह सब भी विद्यमान है।
दक्षिणी अमेरिका के कोलम्बिया प्रदेश स्थित कगावा जाति का उदोहरण पेश करते हुए रेडिन ने लिखा है कि वे लोग एक महान् मातु-शनि में विश्वास रखते थे। दक्षिणी मक्रीका के लोग 'भन्सुत्कुलू' में विश्वास रखते थे। उनका कथन है कि पृथ्वी पर जो कुछ भी है वह इसी पन्कुलुभ्कूल द्वारा दिया गया है। प्रारम्भिक जातियो का किसी दैवीय पुरष में विश्वास रखना एक महत्वपूर्ण चीज थी ।
जादू ( Magic ) -
मनुष्य के जीवन में अनेक घटनायें ऐसी भी होती है जिनकी नकल मात्र (Imitation) से से मनुष्य अपनी मानसिक अभिलाषा पूरी कर लेता हूँ। इस प्रकार मनुष्य को उसकी तथ्यता पर विश्वास होने लगता है। पास्ट्रेलियावासी युवक जब वर्षा की कामना करता था तो वह अपने मुँह में पानी भर कर उसे विभिन्न दिशामो में उडेल देता था। मावरी जाति का युवक अपने शत्रु को प्रतिमा बनाकर उसे मारता था - उस प्रतिमा में भी वह वास्तविक शत्रु की भावना कर रहा होता था। श्री जाति के सरदार ने तो एक बार अपने शत्रु की प्रतिमा बनाकर उसे जमीन पर पटक डाला-उसका दिल निकाल लिया - केवल प्रपनी मानसिक शान्ति के लिए। इस प्रकार उसने उस काल्प निक शत्रु में भी सत्यता की कल्पना की और अपने मानसिक प्रवेश को शांत किया।
इन भावनाओं को अभिव्यक्ति का तथा काल्पनिक वस्तु को तथ्य समझने का एक पर भी साधन है जिसे हम दूसरे रूप को जादूगरी समझते हैं और तन्त्रमन्त्र आादि के उच्चारण से जिसकी सिद्धि करते हैं। उत्तरी पूर्वी साइबेरिया की कोर्याक तथा पुकची जातियों में रोग के ठीक करने लिए, प्रांधी-तूफान मादि को शान्त करने के लिए नानाविध तन्त्र-मन्त्र व सिद्धिया हुआ करती थी जिन्हे वे भापत्तिकाल में व्यवहृत करते थे। ये तन्त्र-मन्त्र उनकी सर्वाधिकार सुरक्षित सम्पत्ति होती थी जिसे वे अनमोल समझते थे और बड़े लम्बे दामों पर यह सम्पत्ति दूसरो को सौंपा करते थे। न्यूजीलैण्ड में तो इन तन्त्र-मन्त्रों को जीवन के प्रत्येक कार्य के प्रारम्भ में प्रार्थना का स्थान दिया जाता था। यदि इन मन्त्री के उच्चारण में कोई अशुद्धि हो जाती तो उसे अपशकुन समझा जाता था । इन तन्त्र-मन्त्री का सम्बन्ध देवी-देवताम्रो तथा महात्माओं से जोड़ा जाता था अतएव यह कहा जा सकता हूँ कि मादि-कालीन लोग इन तन्त्र-मन्त्रादि को भी
धर्म में परिगणित करते थे ।
|
नारनौल (महेंद्रगढ़). गत 14 अक्टूबर कनीना-रेवाड़ी रोड़ पर करीरा टी- प्वाईंट के पास बाइक व ट्रैक्टर की टक्कर में दो युवकों की मौके पर हुई मौत के मामले में सही तरीके से जांच नहीं करने और दुर्घटना के जिम्मेदार को नहीं पकड़ने के मामले में महेंद्रगढ़ के एसपी विनोद कुमार ने एक एसएचओ समेत चार पुलिस कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीरा टी-प्वाईंट के पास हुए सड़क हादसे में भड़फ निवासी सोनू व कुहारड़ निवासी तरूण की मौके पर मौत हो गई थी। कनीना पुलिस ने मृतक तरूण के परिजन हनुमान के दिए बयान पर एक ट्रैक्टर चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू की थी।
जानकारी के अनुसार ट्रैक्टर मालिक दुर्घटना करने वाले ट्रैक्टर का इंश्योरेंस न होने के कारण मामले की जांच कर रहे आईओ से ट्रैक्टर व चालक बदलवाने को लेकर संपर्क किया, लेकिन आईओ ने मना कर दिया। इसके बाद ट्रैक्टर मालिक से आपसी मिलीभगत करके मामले की फाइल को रीडर सतबीर ने केस की फाइल डीएसपी कार्यालय मंगवा कर मामला हवलदार सतीश को सौंप दिया।
हवलदार सतीश ने ट्रैक्टर मालिक से मोटी रकम ऐंठ कर ट्रैक्टर व चालक दोनों ही बदल दिए। इसके बाद मामले की भनक जिला पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार तक पहुंच गई जिस पर संज्ञान लेते हुए उन्होंने मामला डीएसपी महेंद्रगढ़ सतेंद्र कुमार को सौंप कर जांच करने को कहा।
डीएसपी ने मामले की सभी पहलुओं से जांच की तो इसमें सब इंस्पेक्टर अशोक सैनी, डीएसपी रीडर सतबीर सिंह, हवलदार सतीश कुमार व एएसआई लाल सिंह संलिप्त पाए गए। डीएसपी द्वारा जांच रिपोर्ट सौंपने के बाद एसपी ने सोमवार को चारों पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया।
This website follows the DNPA Code of Ethics.
|
दिन का खेल खत्म होने तक बांग्लादेश की टीम ने कुल 6 विकेट गंवा दिए हैं। अभी मेहमान टीम को पारी की हार टालने के लिए 89 रन की और दरकार है, जबकि उसके पास सिर्फ 4 विकेट शेष हैं। उसकी आखिरी उम्मीद मुश्फिकुर रहीम (59*) पर होगी। साथ ही बांग्लादेश उम्मीद करेगा की महमुदुल्लाह मैच के तीसरे दिन तक अपनी चोट से उबर जाएं और एक बार फिर बैटिंग के लिए उपलब्ध हो सकें।
|
अलीपुरद्आर (Alipurduar) जिले के पुलिस अधीक्षक (SP) डॉ भोलानाथ पांडेय ने बताया कि शिकायत मिलने के 24 घंटे के अंदर 9 आरोपियों को पुलिस ने अरेस्ट (Arrest) कर लिया है.
पश्चिम बंगाल के अलीपुरदुआर ( Alipurduar) में विवाहेतर संबंध ( Extra marital affair) से नाराज स्थानीय लोगों ने पंचायत की बैठक (panchayat meeting) में महिला को नग्न कर पीटने और फिर उसका वीडियो (Video) सोशल मीडिया ( social media) पर पोस्ट कर वायरल करने पर राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women) ने संज्ञान में लेते हुए डीजीपी (DGP) को कार्रवाई का निर्देश दिया है. इस बीच, पुलिस ने सभी नौ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
बता दें कि गांव की सालिसी सभा (पंचायत की बैठक में) विवाहेतर संबंध के आरोप में आदिवासी महिला को निर्वस्त्र कर पीटा गया था और फिर बरसात की रात में गांव के चारों ओर घुमाया गया और फिर उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई थी.
दूसरी ओर, राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए डीजीपी पश्चिम बंगाल को लिखा है. दूसरी ओर, अलीपुरद्वार के पश्चिमी चांगमारी इलाके में शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर कुमारग्राम पुलिस ने सोमवार को सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
अलीपुरद्आर जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ भोलानाथ पांडेय ने मंगलवार को बताया कि गत गुरुवार की शाम पश्चिम चांगमारी गांव के ग्रामीणों ने न्याय के नाम पर क्षेत्र की एक महिला को निर्वस्त्र कर निर्वस्त्र कर दिया गया था. कुमारग्राम पुलिस ने महिला के आरोपों के आधार पर रविवार रात तीन आरोपियों भाबेश कुजूर, बिपोन टोप्पो और सुजीत लाकड़ा को गिरफ्तार किया है. कुमारग्राम पुलिस ने उनके खिलाफ आईपीसी-450, 363, 326, 307, 354 (ए), 354 (बी), 509 और 34 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. उन्होंने बताया कि 24 घंटे के भीतर बाकी 9 आरोपियों को सोमवार रात तक गिरफ्तार कर लिया गया. कुमारग्राम पुलिस ने आज दोपहर करीब नौ आरोपियों को जिला अदालत में पेश किया. अदालत के समक्ष पेश किए जाने पर न्यायाधीश ने पुलिस जांच के लिए नौ आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
|
(शरद खरे)
सिवनी में सब कुछ सामान्य नज़र नहीं आ रहा है। कहीं न कहीं प्रशासनिक कसावट की कमी खलती दिख रही है। जिले में कमोबेश हर विभाग में ही अराजकता की स्थिति निर्मित है और जिला प्रशासन के द्वारा विभाग प्रमुखों की मश्कें कसने में कोताही बरते जाने के कारण प्रदेश सरकार की छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता दिख रहा है।
अगर शिक्षा विभाग का ही उदाहरण लिया जाये तो जिले भर में किन-किन निज़ि शालाओं के पास मान्यता है, किनके पास मान्यता नहीं है! कौन से स्कूल बिना मान्यता के ही विद्यार्थियों को प्रवेश देकर धड़ल्ले से मोटी फीस वसूलकर उनके साथ अन्याय कर रहे हैं यह देखने सुनने की फुर्सत शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को नहीं है।
जिले में निज़ि स्कूलों के पास मान्यता है अथवा नहीं। वे मान्यता की अर्हताएं पूरी कर भी रहे हैं अथवा नहीं, यह बात देखने सुनने की फुर्सत जिला शिक्षा अधिकारी को नहीं है। जिला मुख्यालय में ही छोटे मिशन का उदाहरण अपने आप में नायाब माना जा सकता है।
जैन मंदिर रोड पर संचालित मिशन शाला के परिसर के अंदर तीन-तीन शिक्षण संस्थाएं संचालित हो रही हैं। इन तीनों शैक्षणिक संस्थाओं के पास न तो पार्किंग की जगह है न खेल का मैदान। एक समय था जब यहाँ मिशन प्राथमिक कन्या शाला संचालित होती थी। उस दौर में इस शाला के पास खेल का मैदान हुआ करता था। विडंबना ही कही जायेगी कि अब इस शाला के पास सिवाय कांक्रीट स्ट्रक्चर के कुछ और शेष नहीं रह गया है।
इस तरह की अनेक शालाएं जिले भर में संचालित हो रही होंगी जिनके पास मान्यता के नियमों के अनुरूप न तो खेल का मैदान होगा, न ही प्रयोगशाला। इन शालाओं के द्वारा हर साल विद्यार्थियों को महंगी दरों पर पाठ्य पुस्तकें व गणवेश वह भी दुकान विशेष से खरीदने पर परोक्ष रूप से बाध्य किये जाने की अनेक शिकायतें होने के बाद भी अब तक इस मामले में किसी तरह की कार्यवाही न होना अपने आप में आश्चर्य जनक ही माना जा सकता है।
जिला शिक्षा अधिकारी के पास शिक्षा के स्तर को सुधारने, शिक्षा की व्यवस्थाएं बनाने या शिक्षा से संबंधित काम के अलावा और कौन सा दीगर काम है, जिसमें उनका पूरा अमला उलझा हुआ है? जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ अधिकारी और कर्मचारियों को कहीं उपचार कराने नहीं जाना है जो वे अपने मूल काम में पूरा ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं।
इस तरह से अगर विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है और जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ कर्मचारी व अधिकारी कार्यालयों में बैठकर कथित तौर पर कुर्सियां तोड़ी जायें और उच्चाधिकारियों को खुश करने उनकी हाँ में हाँ मिलाकर वे अपने कर्त्तव्यों को पूरा कर रहे हों तो इसे क्या माना जाये।
संवेदनशील जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह से जनापेक्षा है कि वे स्वसंज्ञान से इस मामले में पहल कर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस बावत निर्देश अवश्य जारी करें कि शालाओं के निरीक्षण के दौरान खेल के मैदान, प्रयोगशाला आदि की फोटो के साथ अपना प्रतिवेदन दें ताकि शालाओं का भौतिक सत्यापन हो सके।
|
शिमला -राजधानी शिमला में एक दफा फिर से चिट्टा पकड़ा गया है। इस बार पुलिस ने तीन लोगों को चिट्टे व चरस के साथ पकड़ा है। एक मामले में पिकअप गाड़ी से चिट्टा पकड़ा गया। नशे की गिरफ्त में यहां के युवा लगातार फंस रहे हैं। समाज में जागरूकता के बावजूद चिट्टे के मामलों में कमी नहीं आ रही है और युवाओं की संलिप्तता बढ़ती जा रही है, जिसने समाज की चिंता बढ़ा दी है। मंगलवार को राजधानी के तारादेवी और लालपानी क्षेत्र में पुलिस ने गश्त के दौरान दो युवकांे को चिट्टा और चरस के साथ गिरफ्तार किया है। बालूगंज थाना क्षेत्र के तहत तारादेवी इलाके में शिमला पुलिस ने मादक पदार्थ 0. 37 ग्राम चिट्टा के साथ युवक को पकड़ा। पुलिस के मुताबिक आरोपी कालका-शिमला नेशनल हाइवे किनारे वर्षा शालिका में बैठा था। संदिग्ध लगने पर गश्त कर रहे पुलिस दल ने आरोपी की तलाशी ली, तो उसके पास चिट्टा मिला। आरोपी की पहचान पंकज कुमार 27 के रूप में हुई है। इसी तरह दूसरे मामले में पुलिस ने सदर थाना के तहत लालपानी में गश्त के दौरान ठियोग निवासी प्रकाश चंद से 44 ग्राम चरस पकड़ी। डीएसपी हैडक्वार्टर प्रमोद शुक्ला ने बताया कि दोनों आरोपियांे के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट में केस दर्ज कर कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
उधर, एसआईयू टीम के हत्थे भी चिट्टा का कारोबारी आया है। पुलिस की एसआईयू ने नशे के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए पिकअप सवार दो लोगों से 38 ग्राम चिट्टा बरामद किया है। उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। सोमवार की रात एसआईयू टीम ने उपनगर शोघी में नाकाबंदी कर रखी थी और इस दौरान एक पिकअप एचपी 63-9348 को संदेह के आधार पर रोका। तलाशी लेने पर पिकअप से 38 ग्राम चिट्टा पकड़ा गया। आरोपियांे की शिनाख्त पिकअप चालक रामपुर निवासी चंद्र नेगी और निरमंड निवासी राजकुमार के रूप में हुई है। डीएसपी हैडक्वार्टर प्रमोद शुक्ला ने बताया कि दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट में मामला दर्ज करके आगे की जांच शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि आरोपी चंद्र नेगी को रामपुर पुलिस पहले भी 6 ग्राम चिट्टा के साथ गिरफ्तार कर चुकी है।
|
1 रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी होने पर, प्रतिदिन आंवले के रस का सेवन करना काफी लाभप्रद होता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है, और खून की कमी नहीं होने देता।
3 पथरी की समस्या में भी आंवला कारगर उपाय साबित होता है। पथरी होने पर 40 दिन तक आंवले को सुखाकर उसका पाउडर बना लें, और उस पाउडर को प्रतिदिन मूली के रस में मिलाकर खाएं। इस प्रयोग से कुछ ही दिनों में दिनों में पथरी गल जाएगी।
|
दो फौजी प्रतिद्वंद्वियों के बीच इतनी समानताएं होना बड़ा अजीब इत्तेफ़ाक है. दोनों पंजाबी मूल के लेकिन मजहब अलग अलग. दोनों ने जीवन के शुरूआती दिनों में ही संघर्ष किया. दोनों सेना में भर्ती हुये लेकिन अलग अलग देशों में. दोनों ही सेना में जाने के बाद एथलीट बने. दोनों लोकप्रिय हुये और वो भी एक दूसरे की वजह से. दोनों को ही एक दूसरे के देश शीर्ष व्यक्तियों से प्रसिद्धि देने वाले नाम मिले. यहाँ बात हो रही है भारतीय धावक मिल्खा सिंह और पाकिस्तानी धावक अब्दुल खालिक की.
ये तो सब लोग जानते हैं कि पाकिस्तानी राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने मिल्खा सिंह को फ्लाइंग सिख (उड़न सिख) का नाम दिया था जब लाहौर की 1960 की प्रसिद्ध एथलेटिक मीट के दौरान 200 मीटर की दौड़ में मिल्खा सिंह ने पाकिस्तानी धावक अब्दुल खालिक को हराया था लेकिन ये बात कम ही लोग जानते हैं कि उस समय तक एशिया के सबसे तेज़ धावक रहे अब्दुल खालिक को फ्लाइंग बर्ड ऑफ़ एशिया (एशिया की उड़न चिड़िया) का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने दिया था. ये बात 1954 के मनीला में हुए एशियाई खेलों की है जहां पंडित नेहरू मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे.
मिल्खा सिंह के निधन के बाद, लाहौर में अब्दुल खालिक के बेटे से बातचीत के आधार पर इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक़ मोहम्मद एजाज़ ने इस घटना की पुष्टि की है. मिल्खा सिंह के निधन पर बेहद अफ़सोस ज़ाहिर करते हुए मोहम्मद एजाज़ ने अपने पिता अब्दुल खालिक और मिल्खा सिंह से सम्बन्धित कुछ और दिलचस्प बातें साझा. मोहम्मद एजाज़ कहते हैं कि मुझे मेरे पिता और उनके स्पोर्ट्स के दिनों के बारे में काफी बातें उनके टीम के साथी करामत हुसैन और अंकल ओलंपियन अब्दुल मलिक ने बताई क्यूंकि 200 मीटर वाली उस दौड़ को हारने के बाद पिताजी ने बात करना बंद कर दिया था. तब से अब्दुल खालिक के करियर का ग्राफ़ गिरना शुरू हो गया था.
पाकिस्तानी फ़ौजी के तौर पर अब्दुल खालिक ने भारत के खिलाफ 1965 के अलावा 1971 वाली वो जंग भी लड़ी जब पाकिस्तान के दो हिस्से हुए और बांग्लादेश गठन हुआ. उस समय पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया था और इनमें से बड़ी संख्या में युद्धबंदी मेरठ जेल में रखे गए थे. मोहम्मद एजाज़ का कहना है कि उनके पिता अब्दुल खालिक भी उन्हीं युद्धबंदियों में से एक थे. इस बात का पता जब मिल्खा सिंह को चला तो वह अब्दुल खालिक से मिलने जेल में आये और इतना ही नहीं जेल के प्रभारी अधिकारी से अनुरोध किया कि अब्दुल खालिक का विशेष ख्याल रखा जाये. भावुक एजाज़ कहते हैं कि इसके लिए हमारा परिवार हमेशा के लिए एहसानमंद रहेगा.
मोहम्मद एजाज़ के मुताबिक़ 'भाग मिल्खा भाग' फिल्म के बनने से पहले उनके पास मिल्खा सिंह के सेक्रेटरी का फोन आया था जो उनके फिल्म में उनके पिता की भूमिका निभाये जाने के अधिकार लेने से सम्बन्धित था. मोहम्मद एजाज़ बताते हैं कि फिर मिल्खा सिंह ने अपने सेक्रेटरी से फोन ले लिया और मुझसे बात की. मैने जब कहा कि वह बहुत महान एथलीट थे तो मिल्खा सिंह बोले, ' पुत्त, तेरा बापू बहोत वड्डा एथलीट था. मैं उसको हारने के बाद ही फ्लाइंग सिख बना हूँ. मेरी शोहरत उसी की वजह से है. ' सच में ऐसी बात कोई बड़े दिल वाला ही कह सकता है.
एजाज़ बताते हैं कि भाग मिल्खा भाग फिल्म रिलीज़ होने के बाद लोगों ने उनको पिता अब्दुल खालिक की भूमिका और उनकी उपलब्धियों के बारे बात करनी शुरू की वरना लोग तो उन्हें भुला ही चुके थे.
मोहम्मद एजाज़ याद करते हैं कि मिल्खा सिंह ने उनसे मां का ख्याल रखने की ताकीद करते हुए कहा था, ' माँ भगवान् का रूप होती हैं, हमें उनकी ज्यादा से ज्यादा देखभाल करनी चाहिए. ' इसके साथ ही मिल्खा सिंह उनकी माँ वलायत बेगम से बात करना भी नहीं भूले. मोहम्मद एजाज़ कहते हैं कि मिल्खा सिंह का जाना उनके लिए भी निजी क्षति है. उनका कहना है कि मिल्खा सिंह ने उन्हें भारत आने का न्यौता भी दिया था लेकिन अफ़सोस कि उनसे मिलने की इच्छा अधूरी ही रह गई. मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी निर्मल कौर के निधन पर बेगम वलायत ने गहरा अफ़सोस ज़ाहिर किया है. कहा कि दुःख की इस घड़ी में उनका परिवार साथ है.
एजाज़ कहते हैं कि इसी महीने के शुरू में पाकिस्तान ने 1960 के ओलम्पियन और उन्होंने अपने अंकल अब्दुल मलिक को खोया था और अब मिल्खा जी का जाना ऐसा लगता है जैसे उनके परिवार और देश के एक और क्षति हुई हो.
|
नास्का (कभी-कभी पुरातात्विक ग्रंथों के बाहर नाज़का की वर्तनी) प्रारंभिक इंटरमीडिएट अवधि [ईआईपी] सभ्यता नाका क्षेत्र में स्थित थी जैसा कि पेरू के दक्षिणी तट पर एडीए 1-750 के बीच आईसीए और ग्रांडे नदी जल निकासी द्वारा परिभाषित किया गया था।
निम्नलिखित तिथियां Unkel et al से हैं। (2012)। सभी तिथियां कैलिब्रेटेड रेडियोकर्बन तिथियां हैं।
विद्वान नासा को किसी अन्य स्थान से लोगों के प्रवासन के बजाय पैराकास संस्कृति से बाहर निकलने के रूप में समझते हैं। शुरुआती नास्का संस्कृति मकई कृषि पर आधारित आत्मनिर्भर निर्वाह के साथ ग्रामीण गांवों के ढीले-संबद्ध समूह के रूप में उभरी। गांवों में एक विशिष्ट कला शैली, विशिष्ट अनुष्ठान, और दफन रीति-रिवाज थे। क्वैचची, एक महत्वपूर्ण नास्का औपचारिक केंद्र, बनाया गया था और त्यौहार और औपचारिक गतिविधियों का केंद्र बन गया।
मध्य नास्का काल में कई बदलाव हुए, शायद एक लंबे सूखे से लाया। निपटान पैटर्न और निर्वाह और सिंचाई प्रथाओं में बदलाव आया, और कahuची कम महत्वपूर्ण हो गया। इस समय तक, नास्का मुख्यधारा के ढीले संघ थे - न कि केंद्रीकृत सरकार के साथ, बल्कि स्वायत्त बस्तियों जो नियमित रूप से अनुष्ठानों के लिए बुलाए जाते थे।
देर नास्का काल तक, सामाजिक जटिलता और युद्ध में वृद्धि ने ग्रामीण खेतों से और कुछ बड़ी साइटों में लोगों के आंदोलन को जन्म दिया।
नास्का युद्ध के साथ जुड़े एक विस्तृत मृत्युघर अनुष्ठान और ट्रॉफी प्रमुखों को लेने सहित उनके विस्तृत कपड़ा और सिरेमिक कला के लिए जाने जाते हैं। नाज़का साइटों में 150 से अधिक ट्रॉफी प्रमुखों की पहचान की गई है, और सिरहीन निकायों के दफन के उदाहरण हैं, और मानव अवशेषों के बिना गंभीर वस्तुओं के दफन हैं।
नास्का के शुरुआती दिनों में सोने की धातु विज्ञान पैराकास संस्कृति से तुलनीय हैः कम तकनीक वाली ठंड-हथौड़ा कला वस्तुओं से मिलकर। तांबा गलाने और अन्य सबूत से कुछ स्लैग साइटें बताती हैं कि देर से चरण (देर इंटरमीडिएट अवधि) नास्का ने अपने तकनीकी ज्ञान में वृद्धि की।
नास्का क्षेत्र एक शुष्क व्यक्ति है, और नाज़का ने एक परिष्कृत सिंचाई प्रणाली विकसित की है जो सदियों से उनके अस्तित्व में सहायता प्राप्त कर सकती है।
नास्का शायद इस सभ्यता के सदस्यों द्वारा नाज़का लाइन्स, ज्यामितीय रेखाओं और जानवरों के आकार के लिए जनता के लिए सबसे अच्छी तरह से जाना जाता है।
नाज़का लाइनों का सबसे पहले जर्मन गणितज्ञ मारिया रेची द्वारा अध्ययन किया गया था और विदेशी लैंडिंग स्थानों से संबंधित कई मूर्ख सिद्धांतों का ध्यान केंद्रित किया गया है। नास्का की हालिया जांच में परियोजना नास्का / पाल्पा, ड्यूशन आर्कैओलॉस्चिन इंस्टीट्यूट्स और इंस्टिट्यूटो एंडिनो डी एस्टुडियो इकोक्लोगोइकोस से एक फोटोग्रामेट्रिक अध्ययन शामिल है, जो आधुनिक जीआईएस विधियों का उपयोग करके डिजिटल रूप से भूगर्भों को रिकॉर्ड करने के लिए उपयोग करता है।
पुरातत्वीय साइटेंः कahuची, कौचिला, ला मुना, सरमारका, मोलेक ग्रांडे, प्रिमावेरा, मोंटेगांडे, मार्काया,
Conlee, क्रिस्टीना ए।
2007 डिकैपिटेशन एंड रीबर्थः नासा, पेरू से एक हेडलेस बरीयल। वर्तमान मानव विज्ञान 48 (3): 438-453।
एरिकेंस, जेल्मर डब्ल्यू, एट अल। पेरू के दक्षिण तट पर 2008 ऑब्जिडियन हाइड्रेशन डेटिंग। पुरातत्व विज्ञान जर्नल 35 (8): 2231-2239।
केलनर, कोरिना एम। और मार्गरेट जे। शॉनेनर 2008 स्थानीय नास्का आहार पर वारी का शाही प्रभावः स्थिर आइसोटोप सबूत। मानव विज्ञान के पुरातत्व पुरातत्व 27 (2): 226-243।
नडसन, केली जे। , एट अल। प्रेस में नस्का ट्रॉफी के भौगोलिक उत्पत्ति स्ट्रोंटियम, ऑक्सीजन, और कार्बन आइसोटोप डेटा का उपयोग करते हैं। प्रेस में मानव विज्ञान पुरातत्व जर्नल ।
Lambers, Karsten, et al। 2007 पिंचो अल्टो, पाल्पा, पेरू की देर इंटरमीडिएट अवधि साइट की रिकॉर्डिंग और मॉडलिंग के लिए फोटोग्रामेट्री और लेजर स्कैनिंग का मिश्रण। पुरातात्विक विज्ञान जर्नल 34: 1702-1712।
रिंक, डब्ल्यूजे और जे। Bartoll 2005 पेरू के रेगिस्तान में ज्यामितीय नास्का लाइनों डेटिंग। पुरातनता 79 (304): 390-401।
सिल्वरमैन, हेलेन और डेविड ब्राउन 1 99 1 नाज़का लाइनों की तारीख के लिए नए सबूत। पुरातनता 65: 208-220।
वान गिजसेम, हैंड्रिक और केविन जे। वॉन 2008 क्षेत्रीय एकीकरण और मध्यम श्रेणी के समाजों में निर्मित पर्यावरणः पैराकास और शुरुआती नास्का घर और समुदायों। मानव विज्ञान के पुरातत्व पुरातत्व 27 (1): 111-130।
वॉन, केविन जे। 2004 परिवार, शिल्प, और प्राचीन अंडे में पर्वः प्रारंभिक नास्का क्राफ्ट खपत का गांव संदर्भ। लैटिन अमेरिकी पुरातनता 15 (1): 61-88।
वॉन, केविन जे। , क्रिस्टीना ए। कॉली, हेक्टर नेफ, और कैथरीना श्राइबर 2006 प्राचीन नास्का में सिरेमिक उत्पादनः प्रारंभिक नास्का और टीजा संस्कृतियों से मिट्टी के बर्तनों का उद्भव विश्लेषण आईएनएए के माध्यम से। पुरातात्विक विज्ञान जर्नल 33: 681-68 9।
वॉन, केविन जे। और हैंड्रिक वान गिजसेम 2007 कहुआची में "नास्का पंथ" की उत्पत्ति पर एक रचनात्मक परिप्रेक्ष्य। पुरातत्व विज्ञान जर्नल 34 (5): 814-822।
|
ये रिश्ता क्या कहलाता है के बाद मोहसिन खान टीवी के मोस्ट पॉपुलर शो अनुपमा से कमबैक कर सकते हैं। फैंस मोहसिन खान को टीवी पर देखने के लिए काफी एक्साइटेड है। आइए जानते हैं इस खबर के बारे में।
mohsin khan (credit pic: instagram)
टीवी एक्टर मोहसिन खान ( Mohsin Khan ) सुर्खियों में छाए हुए हैं। एक्टर लंबे समय बाद टीवी पर वापसी कर रहे हैं। एक्टर को ये रिश्ता क्या कहलाता है से घर-घर में पहचान मिली थी। शो में मोहसिन और शिवांगी जोशी की ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब पसंद किया था। मोहसिन इस शो के बाद किसी टीवी शो में नजर नहीं आए है। एक्टर अभी बाकी प्लेटफॉर्म को एक्सप्लोर कर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, मोहसिन खान अनुपमा में नजर आ सकते हैं। एक्टर के फैंस इस बात से बेहद खुश है।
मोहसिन शो में पारितोष की पत्नी किंजल के साथ रोमांस करते हुए नजर आएंगे। मोहसिन निधि शाह के साथ नजर आएंगे। दोनों की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। फोटो में मोहसिन और निधि एक- दूसरे में खोए हुए नजर आ रहे हैं। फैंस फोटो पर रिएक्ट कर रहे हैं।
कई यूजर्स का कहना है कि दोनों किसी म्यूजिक वीडियो में साथ नजर आएंगे। हालांकि अभी तक मोहसिन ने इस मामले में कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं दिया है। अगर मोहसिन टीवी के सबसे पॉपुलर डेली सोप को ज्वाइंन करते हैं तो फैंस की खुशी का ठिकाना नहीं है।
अनुपमा में पारितोष पैरालाइज हो गया है। पूरा परिवार मिलकर उसका ध्यान रख रहा है। अनुपमा शाह और कपाड़िया परिवार की जिम्मेदारियों में उलझ गई है। वहीं, माया अनुज और अनु की जिंदगी में अनुपमा की जगह लेने के लिए पूरी कोशिश कर रही हैं। माया छोटी अनु की असली मां हैं। वो अपनी बेटी के साथ- साथ अनुज को भी पाना चाहती है। इधर वनराज को भी एहसास होता है कि अनुपमा ने उसके परिवार के लिए कितना कुछ किया है। उसे लगता है अनुपमा ही उसका सच्चा प्यार है। वो अनुपमा से अपनी दिल की बात कहता है। अनुपमा कहती हैं कि वो अपने परिवार में बहुत खुश है।
ट्रेंडिंगः
|
टीवी जगत की लोकप्रिय अभिनेत्री श्वेता तिवारी अपनी खूबसूरती और तस्वीरों को लेकर अक्सर सुर्खियों में बनी रहती हैं। श्वेता को एकता कपूर के सीरियल कसौटी जिंदगी की' में प्रेरणा के किरदार से लोकप्रियता हासिल हुई थी। श्वेता टीवी इंडस्ट्री के पॉपुलर शो 'बिग बॉस' का भी हिस्सा रह चुकी हैं और उन्होंने इस शो को जीत भी चुकी हैं। इन दिनों श्वेता अपराजिता' सीरियल में अपराजिता के किरदार में दिखाई दे रही हैं। अब सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उन्हें दोबारा शादी ना करने की हिदायत दी है।
श्वेता कपूर सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। आए दिन उनकी तस्वीरें फैंस के बीच वायरल होती रहती है। श्वेता रिएलिटी शो 'नच बलिए', 'झलक दिखला जा' और 'खतरों के खिलाड़ी' का भी हिस्सा रह चुकी हैं। इन शोज में उनके गेम को ऑडियंस ने काफी पसंद किया गया था। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि श्वेता अपनी प्रोफेशनल लाइफ में काफी कामयाब है, लेकिन पर्सनल लाइफ में उतनी ही उदास।
गौरतलब है कि श्वेता ने 1998 में राजा चौधरी से शादी की थी, लेकिन 2007 में दोनों का तलाक हो गया था। इसके बाद श्वेता ने 2013 में अभिनव कोहली का हाथ थामा था, लेकिन यह शादी भी ज्यादा समय तक नहीं चली और 2016 में दोनों का तलाक हो गया था। अभिनव से श्वेता को एक बेटा रेयांश भी है। वहीं, राजा चौधरी से श्वेता की एक बेटी पलक भी है।
हाल ही में, श्वेता तिवारी को उनकी असफल शादी को लेकर सोशल मीडिया पर काफी ताने सुनने को मिल रहे हैं। यूजर्स का कहना है कि उन्होंने दो शादियां की हैं तो उनकी बेटी पांच शादियां करेगी। श्वेता ने एक इंटरव्यू में कहा, सोशल मीडिया पर लोग कहते हैं कि मैंने दो बार शादी की है तो मेरी बेटी पांच बार शादी करेगी, लेकिन मेरा मानना है कि शायद वह शादी ही नहीं करेगी। उसने जो कुछ भी मेरे साथ होते देखा है, उसके बाद वह शादी के बारे में सोचेंगी ही नहीं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्वेता की पहली शादी राजा चौधरी के शराब की लत के वजह से टूटी थी। श्वेता ने यह भी दावा किया था कि इस शादी में रहकर वह हर रोज घरेलू हिंसा का भी शिकार होती थीं। दूसरे पति पर श्वेता ने उन्हें और उनकी बेटी पलक को परेशान करने का आरोप लगाया था। खबरों के मुताबिक श्वेता की शिकायत के बाद पुलिस ने अभिनव को तुरंत गिरफ्तार कर लिया था।
|
अगर आपकी बाघ या भालू जैसे जानवरों को गोद लेने की ख्वाहिश है तो आप छत्तीसगढ़ सरकार के वन विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
दरअसल, जंगली जानवरों को पालने का खर्चा वन विभाग पर इतना भारी पड़ रहा है कि वह जंगली जानवरों को गोद लेने वालों की तलाश कर रही है।
विभाग राज्य के विभिन्न चिड़ियाघरों में कैद जानवरों के लिए रखवालों की तलाश में है। पर फिलहाल विभाग इस योजना का प्रचार नहीं कर रहा है क्योंकि वह चाहता है कि लोग इस योजना के बारे में खुद आगे बढ़कर अपनी राय दें।
विभाग ने इस योजना के लिए एक मसौदा प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है जिसमें जानवरों को गोद लेने के इच्छुक लोगों को इसके फायदे बताए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि जानवरों को गोद लेने की यह नीति बहुत हद तक पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की तरह ही है जहां राज्य सरकार चिड़ियाघरों के जानवरों को गोद लेने की सुविधा देती है।
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जो लोग जानवरों को गोद लेंगे, उन्हें न केवल कर में छूट दी जाएगी बल्कि, वे राज्य के अभयारण्यों में विभाग के खर्च पर घूम सकेंगे। वन विभाग रायपुर और बिलासपुर जिलों में दो बड़े चिड़ियाघरों का प्रबंधन करता है। इन दोनों ही चिड़ियाघरों का सालाना बजट 50 से 60 लाख रुपये का है।
कई बार चिड़ियाघरों में देखभाल कर्मियों की लापरवाही के चलते जानवरों का ध्यान नहीं रखा जा पाता है। पर गोद लेने की योजना अगर रंग लाती है तो इससे यह समस्या भी दूर हो जाएगी। इस योजना के तहत कोई व्यक्ति या कोई एजेंसी जानवरों को एक महीने, एक साल या फिर जीवन भर के लिए गोद ले सकती है।
|
बाली, 18 नवंबर (एजेंसी)
भारत की दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू ने गुरुवार को यहां पहला गेम गंवाने के बाद जोरदार वापसी करते हुए स्पेन की क्लारा आजुरमेंडी को हराकर इंडोनेशिया मास्टर्स सुपर 750 बैडमिंटन टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। दुनिया की 47वें नंबर की खिलाड़ी क्लारा के खिलाफ पहली बार खेल रही तीसरी वरीय सिंधू ने महिला एकल के दूसरे दौर के मुकाबले में 17-21 21-7 21-12 से जीत दर्ज की। दो बार की ओलंपिक पदक विजेता सिंधू क्वार्टर फाइनल में दुनिया की 20वें नंबर की खिलाड़ी तुर्की की नेस्लिहान यिगित से भिड़ेंगी। सिंधू ने तुर्की की खिलाड़ी के खिलाफ अब तक अपने तीनों मुकाबले जीते हैं। हालांकि युवा लक्ष्य सेन को पुरुष एकल जबकि ध्रुव कपिला और एन सिक्की रेड्डी की जोड़ी को मिश्रित युगल में शिकस्त झेलनी पड़ी।
हाल में हाइलो ओपन सुपर 500 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल और डच ओपन के फाइनल में जगह बनाने वाले लक्ष्य को शीर्ष वरीय और दो बार के विश्व चैंपियन जापान के केंतो मोमोता के खिलाफ 46 मिनट में 13-21 19-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी। कपिला और सिक्की को मिश्रित युगल के दूसरे दौर के कड़े मुकाबले में सुपाक जोमकोह और सुपिसारा पेवसाम्प्रान की थाईलैंड की जोड़ी के खिलाफ तीन गेम में 15-21 23-21 18-21 से हार का सामना करना पड़ा।
|
Posted On:
जीएसटी परिषद के निर्णय के मुताबिक वस्तुओं की समस्त अंतर-राज्य ढुलाई के लिए 01 अप्रैल, 2018 से ई-वे बिल प्रणाली अनिवार्य हो गई है। जीएसटी व्यवस्था के तहत राष्ट्रव्यापी ई-वे बिल व्यवस्था का क्रियान्वयन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी) के सहयोग से जीएसटीएन द्वारा किया जा रहा है और इसका संचालन पोर्टल यथा https://ewaybillgst.gov.in पर हो रहा है।
पहले दिन ई-वे बिल पोर्टल पर कुल मिलाकर 2.59 लाख ई-वे बिलों का सृजन हुआ। आज अपराह्न दो बजे 2,04,563 ई-वे बिल सृजित हुए हैं। अब तक कुल मिलाकर 11,18,292 करदाताओं का पंजीकर ई-वे बिल पोर्टल पर हुआ है। इसके अलावा 20,057 ट्रांसपोर्टरों ने ई-वे बिल पोर्टल पर स्वयं को नामांकित किया है।
करदाताओं और ट्रांसपोर्टरों की सहायता करने के साथ-साथ उनके प्रश्नों का उत्तर देने के लिए जीएसटी की केन्द्रीय हेल्पडेस्क ने उन 100 एजेंटों के साथ मिलकर विशेष व्यवस्था की है, जो विशेष कर ई-वे बिलों से जुड़े प्रश्नों का उत्तर देते हैं। इसके अलावा राज्यों के कर प्राधिकरणों ने स्थानीय भाषा में हेल्पडेस्क का शुभारंभ किया है, जिसका विवरण जीएसटी के पोर्टल पर उपलब्ध है। केन्द्र के साथ-साथ राज्यों के कर प्राधिकरणों ने भी ई-वे बिलों के लिए प्रमुख अधिकारियों की नियुक्ति की है। प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) को उपयोगकर्ताओं (यूजर) के मार्गदर्शन के लिए पोर्टल पर उपलब्ध कराया गया है।
विभिन्न विधियों (मोड) जैसे कि वेब (ऑनलाइन), एंड्रायड एप, एसएमएस, बल्क अपलोड टूल और एपीआई आधारित साइट-से-साइट के एकीकरण इत्यादि के जरिए ई-वे बिल का सृजन हो सकता है। विभिन्न तरह की खेपों को ढोने वाले वाहनों के लिए समेकित ई-वे बिल को ट्रांसपोर्टरों द्वारा सृजित किया जा सकता है।
ट्रांसपोर्टर अनेक उप-उपयोगकर्ताओं (सब-यूजर) को सृजित कर सकते हैं और उन्हें उनकी भूमिका बता सकते हैं। इस तरह बड़े ट्रांसपोर्टर अपने विभिन्न कार्यालयों को सब-यूजर के रूप में घोषित कर सकते हैं। ई-वे बिल को उस व्यक्ति द्वारा 24 घंटे के अंदर निरस्त किए जाने का प्रावधान किया गया है, जिसने ई-वे बिल सृजित किया है। प्राप्तकर्ता भी ई-वे बिल की वैधता अवधि के भीतर अथवा माल प्रेषक द्वारा ई-वे बिल के सृजन के 72 घंटे के भीतर, इसमें से जो भी पहले हो, ई-वे बिल को खारिज कर सकता है।
|
बॉलीवुड के इस साल के सबसे हिट एक्टर कहे जाने वाले कार्तिक आर्यन की झोली में अब एक और प्रोजेक्ट आ गयी हैं। दरअसल 'भूल भुलैया 2' के ब्लॉकबस्टर हिट होने के बाद कार्तिक के सितारे बुलंदियों पर हैं। उनके पास एक से बढ़कर एक फिल्मों के ऑफर आ रहे हैं। बड़े से बड़े निर्देशक उनके साथ काम करना चाहते है। यही नहीं, बल्कि उनके पास विज्ञापन की झड़ी भी लगी है। वही हाल ही में कार्तिक आर्यन की साउथ की एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना के साथ फोटो शेयर की है। जिसके बाद फैंस इन दोनों की जोड़ी देखकर कई तरह के कयास और बातें भी बना रहे हैं।
दरअसल इन दोनों की जोड़ी फिल्म के लिए नहीं बल्कि विज्ञापन के लिए बनाई गयी हैं। कार्तिक और रश्मिका सौंदर्य विज्ञापन में नजर आएंगे। इसी से संबंधित कार्तिक ने रश्मिका के साथ फोटो शेयर की है। वही इस तस्वीर को शेयर कर कार्तिक ने रश्मिका को अपना वाओ पार्टनर बताया है। लेकिन इस तस्वीर को देखने के बाद लोग अब ये भी कयास लगा रहे की इन दोनों की जोड़ी फिल्म 'आशिकी 3' में भी नजर आ सकती हैं। दरअसल हाल ही में अनुराग बसु की निर्देशन में बन रही फिल्म 'आशिकी 3' की अनाउंसमेंट की गयी थी। जिसमे लीड एक्टर के तौर पर कार्तिक आर्यन का नाम तो फाइनल कर लिया गया हैं। लेकिन अभी तक कार्तिक के अपोजिट और लीड एक्ट्रेस की नाम का मुहर नहीं लग पाया हैं। हालांकि नाम कई सामने आए हैं हैं जिनमे कृति सेनन, श्रद्धा कपूर, जेनिफर विंगेट का नाम सामने आ चुका है। लेकिन अब तक किसी के नाम पर मुहर नहीं लग पाई हैं।
वही अब इन सबके नाम में रश्मिका मंदाना का नाम भी जोड़ा जा रहा हैं। दरअसल 'आशिकी 3','आशिकी' और 'आशिकी 2' की सीक्वल मूवी हैं। फिल्म के दोनों ही पार्ट बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थी।
ऐसे में अब तीसरे पार्ट को लेकर ऑडियंस के बीच खासा एक्ससाइटमेंट देखने को मिल रही हैं। वेल अब कौन होती हैं कार्तिक की लीड एक्ट्रेस ये तो आने वाला वक़्त ही बताएगा। फिलहाल मेकर्स ने इसपर अभी तक चुप्पी साध रखी हैं।
|
चंडीगढ़, पांच जनवरी पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने रिलायंस जियो इन्फोकॉम लि. की एक याचिका पर सुनवाई करते हुये मंगलवार को पंजाब सरकार एवं केंद्र को नोटिस जारी किया ।
रिलायंस ने अपनी याचिका में उन 'शरारती लोगों' के खिलाफ कार्रवाई किये जाने का अनुरोध किया है जिन्होंने कंपनी के दूरसंचार बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया और प्रदेश में जबरन इसके स्टोर बंद करवा दिये।
केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी प्रदर्शन के दौरान पंजाब में 1500 से अधिक मोबाइल टावरों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया ।
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस जियो ने सोमवार को दायर याचिका में कहा कि 'निहित स्वार्थ' के कारण कंपनी के खिलाफ अफवाहें फैलायी जा रही हैं ।
इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता अथवा उसकी मूल कंपनी अथवा सहायक कंपनियों की कारपोरेट अथवा ठेके की खेती में उतरने की कोई योजना नहीं है ।
रिलायंस जियो के अधिवक्ता आशीष मित्तल के अनुसार न्यायमूर्ति सुधीर मित्तल ने नोटिस जारी किया और मामले की अगली सुनवाई के लिये आठ फरवरी की तारीख तय की है।
कंपनी ने मामले में मुख्य सचिव के माध्यम से पंजाब, केंद्रीय गृह मंत्रालय, दूरसंचार विभाग एवं पंजाब के पुलिस महानिदेशक को प्रतिवादी बनाया है ।
सिविल रिट याचिका में रिलायंस जियो ने प्रतिवादियों को कंपनी के खिलाफ निहित स्वार्थों के कारण चलाए जा रहे 'दुष्प्रचार अभियान' की जांच कराने के लिये उचित निर्देश दिए जाने का आग्रह किया है।
याचिका में कंपनी ने कहा है कि पिछले कुछ हफ्तों में असामाजिक तत्वों ने इसके 1500 से ज्यादा टावरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है जिससे पंजाब में मोबाइल नेटवर्क में समस्या आ गयी है ।
कंपनी ने कहा है कि "अवैध बल प्रयोग करते हुये और धमकी देते हुये" असामाजिक तत्वों ने इसके केंद्रों एवं स्टोरों को जबरदस्ती बंद करा दिया है ।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि इसके उपभोक्ताओं को अपने नंबर अन्य नेटवर्क में पोर्ट कराने के लिये मजबूर किया जा रहा है वहीं कंपनी के कर्मचारियों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
याचिकाकर्ता के अनुसार निहित स्वार्थों के कारण याचिकाकर्ता, इसकी मूल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज एवं सहायक कंपनियों के खिलाफ अफवाहें फैलायी जा रही हैं कि याचिकाकर्ता एवं इसकी सहायक कंपनियां सरकार द्वारा बनाये गये तीन कृषि कानूनों से लाभान्वित होंगी ।
रिलायंस ने एक बयान में कहा है कि तीन कृषि कानूनों से कंपनी का कोई लेना देना नहीं है और उनसे कंपनी को किसी प्रकार का लाभ नहीं हो रहा है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
|
ब्यूनस आयर्स, इंग्लैंड ने अंडर-20 फुटबॉल विश्व कप में सोमवार को यहां ट्यूनीशिया को 1-0 से शिकस्त दी जबकि फ्रांस को दक्षिण कोरिया के खिलाफ 1-2 से हार का सामना करना पड़ा। ग्रुप ई मैच में इंग्लैंड ने डेन स्कार्लेट के पहले हाफ में हेडर से दागे गोल की बदौलत जीत दर्ज की। ट्यूनीशिया को बराबरी हासिल करने के मौके मिले लेकिन टीम इनका फायदा नहीं उठा सकी। दूसरी तरफ फ्रांस के खिलाफ ग्रुप एफ मैच में दक्षिण कोरिया ने 22वें मिनट में ली सेयुंग वोन के गोल से बढ़त बनाई जिसे दूसरे हाफ में टीम ने ली यंग जुन के हेडर पर दागे गोल से दोगुना कर दिया।
फ्रांस ने एलेन विरगीनियस के पेनल्टी पर दागे गोल से हार के अंतर को कम किया। ग्रुप ई के ही एक अन्य मैच में इराक को 4-0 से हराकर उरुग्वे ग्रुप ई में शीर्ष पर पहुंच गया। टीम बेहतर गोल अंतर के कारण इंग्लैंड से आगे है। ग्रुप ई के अगले दौर के मुकाबलों में गुरुवार को उरुग्वे की भिड़ंत इंग्लैंड से होगी जबकि ट्यूनीशिया को इराक के खिलाफ खेलना है। ग्रुप एफ में गाम्बिया ने होंडुरास को 2-1 से हराया और कोरिया के साथ शीर्ष पर चल रहा है। ग्रुप एफ के अगले दौर के मुकाबलों में गुरुवार को फ्रांस और गाम्बिया तथा दक्षिण कोरिया और होंडुरास आमने सामने होंगे।
|
की नरी पर से सूत फिसल आने की सम्भावना अधिक होती है । गीला सूत जल्दी नहीं फिसल आता । गीले बाने का कपड़ा अधिक सफाओदार और अिस्तरी किये हुओ या लोहा किये हुओ कपड़े जैसा कडा होता है। यह कडाओ बढाने के लिये तथा कपड़े का वजन जानबूझ कर बढाने के लिये बाने का सूत पतली माँडी में भिगो कर गीली नरियाँ बुनी जाती हैं, लेकिन यह तरीका अच्छा नहीं है। ताने में घर्षण होता है। अससे बचने के लिये ताने को माँडी की जरूरत है, वैसी बाने के लिये नहीं होती। अिसलिये मामूली पानी में सूत भिगो कर नरियाँ भरना चाहिये । घोटे में नरी घूमती हुआ रखने की पद्धति में सूखे सूत की ही नरियाँ प्रायः भरी जाती हैं। क्यों कि सूत गीला करने से नरी का वजन बढ़ जाता है। घूमने वाली नरी जितनी हल्की होगी अतना सूत पर तान कम पडता है । झटके करघे में नरी स्थिर रहती है और सूत अस पर से सामने से निकल आता है। अिस पर सूखा सूत भरा जाय तो कपड़े की किनारी ठीक प्रमाण में खींची नहीं जाती और किनारी पर बाने का तार ढीला पडता है । जैसी हालत में धोटे के दो छेदों में से बाने के तार को लेना पड़ता है। अस तरकीब से वह कस कर आता है। फिर भी बाने का सूत गीला कर के नरियाँ भरना ही अच्छा है।
ताने का सूत जिस तरह अधिक समय तक भिगोया जाता है, वैसा यह सूत भिगोने की जरूरत नहीं होती । ताने के सूत पर माँडी चढानी होती
अिसलिये असपर से तेल का अंश पूरा निकालना पडता है । ताने का सूत मामूली हाथ पर पीट कर भिगो सकते हैं। भिगोअी हुआ गुण्डी पानी में डूब जाय अितना काफी है ।
सूत खोलनासून यदि अच्छा हो तो भिगोअी हुआ गुण्डी ढोले पर चढ़ा कर अस पर से सीधे नरी भरना शुरू कर सकते हैं। लेकिन सूत कमजोर, गूँथा हुआ या ठीक बांधा हुआ न हो तो पहले डब्बा भर लेना अच्छा है, जिससे नरी भरते समय जादा समय नहीं जाता और नरी भरने में दोष नहीं रह जाता। नरी भरते समय सूत टूटने के कारण यदि बार-बार रुकना पडे तो नरी अच्छी नहीं
|
नए साल यानी 2022 का आगाज हो चुका है. ऐसे में सभी बॉलीवुड कपल अलग-अलग अंदाज से इस दिन को सेलिब्रेट कर रहे हैं. एक तरफ जहां करीना कपूर ने पूरी फैमिली के साथ पार्टी करके नया साल मनाया, वहीं निक जोनस और प्रियंका चौपड़ा ने भी बड़े ही रोमांटिक अंदाज में साल 2022 का वेलकम किया.
निक जोनस ने अपने इंस्टाग्राम पर एक बेहद प्यारी और रोमीटिंक फोटो प्रियंका के साथ शेयर की है. इन फोटोज में देसी गर्ल पति निक को गाल पर प्यार से किस करती दिखाई दे रही है. दोनों इस दौरान काफी क्यूट लग रहे हैं. निक ने कैप्शन में लिखा, "माई फॉरएवर न्यू ईयर किस. "
तसवीर में दोनों की आउटफिट की बात करे तो प्रियंका एक सफेद स्ट्रैपी ड्रेस में अपने बालों को पूरी तरह से स्टाइल करती हुई दिखाई दे रही है. वहीं निक एक कूल अंदाज व्हाइट शर्ट में देखने को मिल रहा है. फोटो में ये कपल एक दूसरे पर जमकर प्यार बरसाते नजर आ रहे हैं. दोनों की ये फोटोज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है,
निक की फोटो पर फैंस जमकर कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, आप दोनों की जोड़ी कमाल की है. . . निक कितना ज्यादा पीसी का ध्यान रखते हैं और प्यार करते हैं. एक दूसरे यूजर ने लिखा, बहुत सुंदर आप दोनों किंग और क्वीन को नए साल की शुभकामनाएं. एक अन्य यूजर ने लिखा, वल्ड की बेस्ट जोड़ी. . . दोनों सिंजलिंग और हॉट लग रहे हो. . . मैं विश करता हुं कि दोनों की जोड़ी ऐसी ही रहे. . . दोनों एक साथ काफी खूबसूरत लगते हो. . . आई लव यू एंड हैपी न्यू ईयर.
आपको बता दें कि बीते दिनों जब प्रियंका चोपड़ा ने अपने नाम से जोनस टाइटल हटा दिया था. तब उनके और निक की तलाक की खबरें खुर्खियों में रही थी. हालांकि बाद में प्रियंका ने सभी बातों को अफवाह बताते हुए. निक के साथ रोमांटिक फोटो शेयर की थी. वर्कफ्रंट की बात करे तो प्रियंका को हाल ही में कीनू रीव्स के साथ द मैट्रिक्स रिसरेक्शन्स में देखा गया था. स्टार पूरे दिसंबर में उसी के प्रचार में व्यस्त थी. अब, वह कैटरीना कैफ और आलिया भट्ट के साथ जी ले जरा में दिखाई देंगी. फिल्म का निर्देशन फरहान अख्तर करेंगे.
|
कोलकाता (पीटीआइ)। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग विधानसभा क्षेत्र के लिए 19 मई को उपचुनाव होगा और इसके वोटों की गिनती लोकसभा सीट के साथ होगी। चुनाव आयोग ने इसकी जानकारी दी है। दार्जिलिंग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा विधायक अमर सिंह राय के इस्तीफे के बाद से यह विधानसभा सीट खाली हो गई है।
दार्जिलिंग संसदीय क्षेत्र के लिए 18 अप्रैल को दूसरे चरण में मतदान हुआ था। चुनाव आयोग ने शुक्रवार रात कहा कि उपचुनाव के लिए अधिसूचना 22 अप्रैल को जारी की जाएगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 29 अप्रैल और उम्मीदवारी वापस लेने की अंतिम तारीख 2 मई होगी।
उत्तर बंगाल में 19 मई को विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होगा, इसके साथ ही राज्य के दक्षिणी भाग में लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान होगा।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, 'त्योहार, मतदाता सूची जैसे विभिन्न कारणों को ध्यान में रखने के बाद आयोग ने इस खाली सीट को भरने के लिए उपचुनाव कराने का फैसला किया है। ' उपचुनाव में ईवीएम और वीवीपीएटी का इस्तेमाल किया जाएगा।
|
Rajasthan BJP: राजस्थान बीजेपी अध्यक्ष सीपी जोशी ने अपनी कार्यकारिणी घोषित कर दी है. जोशी ने नई कार्यकारिणी में 11 प्रदेश उपाध्यक्ष, पांच महामंत्री और 11 प्रदेश मंत्रियों समेत एक कोषाध्यक्ष तथा एक सह-कोषाध्यक्ष की नियुक्ति की है. इसके साथ ही अब राजस्थान बीजेपी की इस कार्यकारिणी में अध्यक्ष जोशी समेत कुल 30 पदाधिकारी हो गए हैं.
Manipur में तनाव जारी, मैतई समुदाय के लोगों को किया जा सकता है एयरलिफ्ट!
Manipur Violence को लेकर Swati Maliwal का बड़ा दावा, 'मुझे सरकार ने मणिपुर जाने से रोका लेकिन. . '
Two Chinese nationals arrested : रक्सौल में दो चीनी नागरिक गिरफ्तार, बिना पासपोर्ट-वीजा घुस रहे थे ।
|
भोपाल। मध्य प्रदेश के पृथ्वीपुर जिले में सीएम ने चुनावी सभा को संबोधित किया। जब मुख्यमंत्री संबोधित कर रहे थे, तब नीचे खड़ी एक महिला से सीएम शिवराज से गुहार लगाना शुरू कर दिया। महिला चिल्लाती रही। हम तुम्हें वोट दे रहे, हमारी सुन लो साहब, हमें आदमी जान से मार रहे हैं, हमारी कोई मदद नहीं है। हमारा घर नहीं है, हम यहीं जान दे देंगे शिवराज साहब। जिसके बाद महिला पुलिसकर्मी उस महिला को ले गई।
वहीं ये भी जानकारी मिली है कि सभा में शामिल होने आए लोगों को जब पता चला कि खाना बटना शुरू हो गया है तो वहां भीड़ लग गई। इस दौरान किसी ने 5 से किसी ने 10 पैकेट लूट लिए तो कोई को खाली हाथ जाना पड़ा।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने पृथ्वीपुर में चुनावी आमसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र का इतिहास बदलना है। जनता के कल्याण के लिए काम करना है। मामा इसकी गारंटी देने आया है। आपके 25, 26, 27, 28, 29 और 30 इन छह दिन के बदले मामा आपकी पूरे 2 साल सेवा करेगा, यह प्यार का सौदा है, 27 को फिर टाइम दूंगा।
|
श्रद्धाञ्जलि प्रेरणा
यह पुस्तक तुम्हें भेंट है। हमारे शान्तिनिकेतनके एक विद्यार्थी ' मूलू की स्मृतिमें यह प्रकाशित की गई थी। 'मूलू' मेरे मित्र श्री रामानन्द बाबूका सबसे छोटा पुत्र था और मेरा एक अत्यन्त प्रिय शिष्य । "
इन शब्दोंके साथ सन् १९२१ में दीनबन्धु सी. ऐफ. ऐण्डूज़ने एक छोटी-सी पुस्तक मुझे दी थी, जिसमें उक्त छात्रके विषय में संस्मरणोंका संग्रह किया गया था । पुस्तक बिक्रीके लिये नहीं थी । वह केवल कुटुम्बियों तथा मित्रोंको भेटमें दी गई थी । मूलू सम्भवतः बारह वर्षकी उम्र में इस संसारको छोड़ गया था। उसकी उस स्मृति पुस्तककी याद मुझे बराबर बनी रही और पच्चीस वर्ष बाद उसीने मुझे प्रेरित किया कि स्वर्गीय हेमचन्द्रकी स्मृतिमें भी उसी प्रकारकी छोटी-सी पुस्तक निकाली जाय। मैंने अपना यह विचार बन्धुवर यशपालजीसे कहा और उन्होंने इसका हार्दिक समर्थन ही नहीं किया, चरन् संस्मरणोंके संग्रह तथा सम्पादनका कार्य भी अपनेपर ले लिया । वस्तुतः ये श्रद्धाञ्जलियाँ उन्हींके परिश्रमका फल हैं ।
घरेलू जीवन चरित
मेरा विचार हेमचन्द्र के संस्मरण केवल घरेलू जीवनचरितके रूपमें निकालनेका था और इस पुस्तकका प्रथम संस्करण इसी भावनासे छपाया जा रहा है। 'घरेलू जीवन-चरित ' का विचार मुझे ऐडवर्ड कार्पेण्टरके एक लेख ( ' चीनका सामाजिक और राजनैतिक जीवन' ) से मिला । चीनमें यह प्रथा थी कि प्रत्येक घरमें एक कमरा - और गरीबोंके घरमें कमरेका एक कोना ही - अपने पूर्वजोंकी स्मृतिके लिये था । वहाँ किसी उच्चस्थानपर पूर्वजों तथा स्वर्गीय स्मारक स्वरूप कुछ चिह्न रक्खे जाते थे और उसके सामने एक वेदीपर कुछ पुष्प । विशेष-विशेष अवसरोंपर वहाँ सुगन्धियुक्त धूप या बत्ती भी जलाई जाती थी । कुटुम्बके आदमियोंके ध्यानके लिये भी यही स्थान नियत था और यहींपर समस्त कुटुम्बियोंकी पाक्षिक या मासिक मीटिङ्ग भी हुआ
|
"प्रवन्धविषयगुण" माना है अलङ्कार नहीं। काव्यलिङ्ग का उल्लेख केवल उद्भट ने किया है, तथा "हेतु" को भी इसी के अन्तर्गत रखने का प्रयास किया है। आ. मम्मट ने भी काव्यलिङ्ग को स्पष्ट व्याख्या तथा भद करते हुए "हेतु" को काव्यलिङ्ग मे हो अन्तर्भूत किया है ।" तथा "भट्टोद्भट वा" "हेतुमता सह हेतोरभिधानमभदतो हेतु ।" इस हेतुलक्षण का अनादर किया है । "समुच्चय" अलङ्कार पूर्व मे केवल रूद्रट ने माना है । उसका अनुकरण आचार्य मम्मट ने किया है । किन्तु उसके किये द्वितीय भेद के लक्षण में (का, ल. रु. ७-२७ में) "व्यधिकरणे" तथा "एकस्मिन् देशे" इन पदो का समावेश नहीं करना चाहिये यह भी उन्होंने स्पष्ट किया है । आचार्य रुट ने पर्यायअलङ्कार के दो प्रकार के लक्षण बतलाये हैं। प्रथम प्रकार का आशय बुछ फ्लिप्ट है, तथा उसका स्वीकार भो आचार्थ मम्मट मे नही किया है। द्वितीया स्वीकार सम्मट ने किया है तथा उसके दो प्रकार उन्होंने किये हैं। अनुमान अलकार का भी केवल रुद्रट ने उल्लेख किया है । आचार्य मम्मट ने इसके लक्षण तथा उदाहरण देकर रुद्रट के 'पोपर्य-विकल्प" का वैचित्र्याभाव के कारण निरसन किया है। आचार्य रुट ने परिवार का लक्षण तथा द्रव्यादि वस्तु के कारण उसके चार भेद किये हैं। किन्तु आचार्य मम्मट ना अभिप्राय इसे एक विशेषण होने पर पुष्टार्यता मानने का है। यदि एक से अधिक विशेषण हो तो ही यह अलङ्कार होता है तथा उसका भेद भी एक ही है । व्याजोक्ति का लक्षण केवल वामन ने किया था जिसे अन्य "भावोक्ति" बहते थे ।' आचार्य मम्मट ने इसका लक्षण तथा उदाहरण स्पष्ट रूप से दिये हैं। परिमस्या का भी रुद्रट तथा मम्मट ने विवरण किया है। वारणमाला, अन्योन्य, उत्तर इनका निरुपण रुद्रट तथा मम्मट ने प्रायः समान रूप से किया है। गक्ष्म का स्वरूप भी दण्डी से लेकर मम्मद तक प्रायः एक समान किया है । भामह ने इसे अलङ्कार नही माना है ।सार, असङ्गति का वर्णन रुद्रट तथा मम्मट ने समान रूप से किया है । समाधि का तथा सम का अलङ्कार रूप में केवल मम्मट ने वर्णन १. दे. हि. सं. पो. वा. पृ. १४२ २. दे. का. प्र. झ. पृ. ७०७ १ ३. दे. घा. प्र. झ. पृ. ७०६
दं. हि. स. पो. मा. पू. १४१ ॥
किया है। दट ने विषम के ६ भेद माने है किन्तु मम्मट ने वेवळ ४ भेद माने है। आचार्य रुद्रट ने अधिष ये दो प्रकार किये हैं। किन्तु आचार्य मम्मट वेवन आश्रयाविभावाला प्रकार हो मानते हैं तथा उसके दो भेद उन्होंने किये हैं। प्रत्यनीय अलार या निर्देश आचार्य रुट ने किया है किन्तु उनकी वा उतनी म्पष्ट नहीं है। आचार्य मम्मट की परपना स्पष्ट तथा चमसालिनी है। भोलित, एवावली, स्मरण, भ्रान्तिमान, ये अलहार रुद्रट-मम्मट साधारण है । प्रतीष अलङ्कार रुद्रट ने भी दिया है तथापि आचार्य मम्मद में उसमें कुछ और विशेषताओं का समावेश किया है। सामान्य अलवार वेवस मम्मट ने ही दिया है। विशेष वे मम्मटोक्त तोनो प्रकार स्ट्रट के समान ही हैं। तद्गुण के दो रूप आ. रूद्रट ने दिये हैं जिनमे प्रथम कुछ अस्पष्ट-सा है। दूसरा रूप मम्मटसाधारण है । अतद्गुण की कल्पना वेवल मम्मट ने षी है। व्याधान अलङ्कार दोनो मे उपलब्ध है, किन्तु दोनो ने उसके स्वरूप अलग-अलग दिये हैं । आ रूट का "अन्य प्रतिहतमपि कारणमुत्पादनं न वायँस्य" यह लक्षण विशेषोक्ति जैसा प्रतीत होता है । आचार्य मम्मट की व्यापात की स्वतन्त्र कल्पना है । संसृष्टि अलङ्कार प्राय समस्त पूर्ववर्ती आचार्यों ने माना है। आचार्य दण्डी इमे संकीर्ण कहकर इसमे संकर और संसृष्टि का समावेश करते हैं । सकरका लक्षण इसके चारों विभागों के साथ सर्वप्रथम उद्भट ने किया है । आ. रूद्रट ने संकर के ही तिलतण्डुलवत् और दुग्धजलवत् ऐमे दो भेद माने हैं। " किन्तु आ. मम्मट ने इन दोनों का स्वरूप भिन्न रूप से स्पष्ट करते हुए संकर एवं ससृष्टि की व्यवस्था लगा दी है ।" अन्त मे अलहूकारदोषो का वर्णन याता है। सप्तम उल्लाम मे उक्त दोपों मे मे ही कुछ दोष अलङ्कारो मे आते हैं । इनका निर्णय "औचित्य" की आधारशिला पर ही किया गया है। यह विषय
५. दं. भङ्गाङ्गिभावावस्थानं सर्वेषां समकक्षता ।
इत्यलष्कार संसूप्टेर्तक्षणीया द्वयी गतिः । का. द. २-३६० । ६. दे. हि. ए.. पे.. का... १४९१
७. दे. योगवशादतेषां तिलतण्डुलवच्च दुग्धजलवच्च ।
व्यक्ताव्यानाशत्वात्सवर उत्पद्यते द्वेधा । वा. लं. रू. १०-२५ ।
भामहू आदि के द्वारा भी निरूपित किया गया है। आ. रुद्रट ने भी ११ वें अध्याय में इनका निरूपण किया है ।
इस प्रकार यह देखने में आता है कि आचार्य मम्मट ने अलङ्कारो का जो विवेचन किया है उसका आधार भामह, दण्डी आदि की अपेक्षा आ. स्ट्रट ही अधिक मात्रा में है । नये अलङ्कार भी आ. मम्मट ने खोज निकाले हैं । बुछ पुराने अकारो को अमान्य भी कर दिया जिनमें कुछ रूट के द्वारा भी स्वीकृत है (जैसे भाव ७-३८ आदि ) । अलङ्कारों की संख्या नियत नही हो सक्ती । मम्मट के ६१ के मुकाबले में कुवलयानन्दकार ने ११५ अलङ्कार सिद्ध किये है। अलहूकारप्रतिपादन में आचार्य मम्मट की विशेषता उन अलङ्कारो के विवेचन के समय बतला दी गई है ।
(झ) दोपतत्व :
काव्य के प्रान्त में इस तत्व का भी बड़ा महत्व है । भामह कहते हैं "सर्वथा पदमप्येकं न निगाद्यमदद्यवत् ।" का. लं. १-११ ।
आ. दण्डी कहते हैं :- "तदत्पमपि नोपेक्ष्यं काव्ये दुष्टं वयं चन ।
स्याद्वपुः सुन्दरमपि दिवत्रण केन दुभंगम् ।" का. द. १-७ भरत ने नाट्यशास्त्र अ. १७ पद्य ८८ में अर्थहीन, एकार्थ, गूडायं, अर्थान्तर, विसन्धि, शब्दच्युत, विषम, भिन्नार्य, अभितायें और न्यायादीत ये दन दोष हे हैं। भामह और दण्डी ने भी इनसे मिलेजुले क्रम से ११ और १० दोष कहे है, किन्तु इनके पदगतत्व, अर्थगनत्व आदि तर्कसंगत विभाग इन्होंने नहीं किये है। वामन ने इस ओर ध्यान दिया है। दोषों का पद-वाक्य- अर्थगतत्व का विभाग आगे वे प्रायः समस्त साहित्यिको ने मान्य किया है। आ. मम्मट भी इनमें से एक है। ध्वनिवार द्वारा रस को काव्य में मुख्य स्थान दने पर अनेक प्रकार के औचित्य की ओर ध्यान दिये जाने पर, तया रसप्रतीति में विरोध निर्माण करने वाली कुछ बातो को ओर भी ध्यान जाने पर, रसदोष की कल्पना निर्माण हुई है। अलङ्कारदोषो का निर्देश पूर्व में किया गया है । दोष यद्यपि "सर्वथा" त्याग नहीं किये जा सकते तयापि उनका प्रमाण तो कम हो सकता है। आचार्य मम्मट ने एक बार बड़े ही महत्व की कही है और वह है दोष की सामान्य१. दे. पा. प्र. झ. सावर्ग उल्नास, रसदोष प्रकरण ।
व्यास्या । "मुख्यार्थह तिर्दोषः। रसमय मुख्यस्तदाश्रयाद्वाच्यः । उभयोपयोगिनः स्युःशब्दाद्यास्तेन तेष्वपि सः । अर्थात् जो साक्षात् या परम्परा से रस को हानि पहुंचाते हैं वे दोप हैं। इस प्रकार रस को मुख्य मानकर दोषो या दूषयताबीज स्पष्ट करने वाले आ. मम्मट हो सर्वप्रथम आलधारिक है। अन्यों के मन में ये सारे "काव्य फे" दोप है। रस के द्वारा इन दोषो को दूषक मानने पर जहाँ पर ये दोप "रस" को हानि नहीं पहुंचाते हैं वहाँ पर ये दोष भी नही बहलाते । इस प्रकार दोषों को नित्यानित्यश्वव्यवस्था भी सुसंगत होती है ।
अध्याय - ६
भारतीय साहित्यशास्त्र और आचार्य मम्मट या. मम्मट पर पूर्वकालिक साहित्यशास्त्रियों का प्रभाव :
आचार्य मम्मट के काव्यप्रकाश ग्रन्थ का सूक्ष्म अध्ययन करने से यह प्रतीत होता है कि आचार्य मम्मट ने पूर्वकालिक साहित्यशास्त्रीय प्रत्यो कान केवल अध्ययन किया था किन्तु उनको समीक्षा भी की थी । आ. मम्मट ने जिन-जिन साहित्यशास्त्रियों के साहित्य का अध्ययन किया था उनमे प्रमुख हैंआ. भरतमुनि, आ. भामह, आ. महिमभद्र, आ. रुद्रट, आ. वामन, आ. उद्भट, आ. आनन्दवर्धन, आ. अभिनवगुप्त, आ. शकुक, या. भट्टनायक तया आ. भट्ट लोल्लट आदि । इन समस्त आचार्यों के विवेचन का प्रभाव आचार्य मम्मट पर अवश्यमेव पड़ा है । जहाँ वहीं उनका वचन आ. मम्मट को अनुमत नहीं या वहाँ पर उन्होंने अपनी विमति अथवा पक्षप्रदर्शन अवश्यमेव वर दिया है। इनमें से आ. भट्टलोल्लट (का. प्र. झ. पू. ८७), आ. शत्र, (१.९०), आ. भट्टनायक (पू. ९० ) तथा आ. अभिनवगुप्त (पू. ९५ ) इन आचार्यों के प्रतीतिविषयक सिद्धाना की जानकारी आचार्य मम्मट की दृष्टि में इतनी महत्व की थी कि उनका प्रदर्शन अपने ग्रन्थ में उन्होंने कर दिया है। इनमें से केवल अभिनवगुप्त वे मत का प्रभाव उन पर पड़ा यह बात भी उन्होंने "इति श्रीमदाचार्याभिनवगुप्तपादा.।" वह वर स्पष्ट कर दी है। वस्तुतः रस को व्यस्य अर्थात् ध्वनि मानने का सिद्धान्त मा. आनन्दवर्धन का है। आ. अभिनवगुप्त ने उसका विद रुप से स्पष्टीकरण किया है। अतः इस विषय में आा. मम्मट पर दोनो बाचार्यो का प्रभाव पड़ा है। ऐसा कहना ही ठीक होगा।
आचार्य भरतमुनि के प्रभाव के विषय में तो यह कहा जा सकता है कि "काव्यप्रकाश" के जो दो अंश "वारिका" तथा "वृत्ति" है, उनमें सेवारिसा ग्रन्थ भरतमुनिप्रणीत होकर उसी का स्वीकार या. मम्मट ने वा. प्र. की वारिकाओं के रूप में कर लिया है।" ऐसा प्रवाद बुद्ध वङ्गवानिया में था। किन्तु यह पना ठीक नहीं है । हाँ, यह सत्य है कि, भम्मट ने कुछ पारिवाएँ भरत के नाट्यशास्त्र मे पुछ अविल रूप से तथा कुछ स्वल्प परिवर्तन के साथ स्वीकृत की है। किन्तु समस्त वारिवाएं भरत होकर आ. मम्मद की हो हैं ।
१. दे. बा. प्र. झ. भू. पू. ११ ।
आचार्य मम्मव
भरत को कारिकाओं का स्वीकार आ. मम्मट पर विद्यमान भरत के प्रभाव को सिद्ध करता है। वे कारिकाएँ हैं :(१) शृङ्गारहास्य करुणरौद्रवीरमयानकाः ।
बीभत्साद्भुतसंज्ञो चेत्यष्टौ नाट्ये रसाः स्मृताः 18?
यह कारिका नाट्यशास्त्र के ६ ठे अध्याय में आती है। आचार्य मम्मट ने भरनोक्त आठो रसो का स्वीकार यथास्थित रूप में कर लिया है किन्तु जब उन्हें लगा कि "शान्त" भी एक रस हो सकता है तब उन्होंने यह भी कह डाला कि"निर्वेदस्थायिभावोऽस्ति शान्तोऽपि नवमो रमः । (पू. ११७)
एक अन्य कारिका हैरतिसच शोकच क्रोप्रोत्साही भय तथा । जुगुप्सा विस्मयकेति स्थायिभावाः प्रकीर्तिताः ॥
यह भी कारिका भरत के नाट्यशास्त्र के अध्याय छ में उपलब्ध होती के है । इसमें रसो के स्थायिभावो की सूची दी गयी है जिसे आचार्य मम्मट ने अविकल रूप से स्वीकृत कर लिया है ।
(३) इसी प्रकार पृ. ११२ पर दो हुई व्यभिचारिभावो की सूची वाली कारिकाएँ भी भरत के नाट्यशास्त्र से ही ली है । इनका उल्लेख आचार्य भानुदेव ने अपनी रसतरङ्गिणो में "भरतसूत्र" के रूप में किया है । भरत का पाठ ( अन्तिम पङ्क्ति) था "प्रयान्ति रसरूपताम् ।" आचाय मम्भट ने उसका उल्लेख "समाख्यातास्तु नामतः" रूप में किया। और सम्पूर्ण रूप से इस सूची को स्वीकार कर लिया ।
(४) पृ. ८७ पर भरतोक्त रससूत्र का उद्धरण तथा विभिन्न मतोल्लेखपूर्वक उसका विवरण देते समय आ. मम्मट ने स्पष्ट ही कहा है, "उक्त हि भरतेन" इ. 1 इस प्रकार आचार्य भरत का भम्मट पर प्रभाव परिलक्षित होता है ।
आचार्य भामह के मत का प्रभाव आचार्य मम्मट पर कुछ हद तक
पड़ा है।
(१) चित्रालवार शब्दालङ्कार तथा अर्थालङ्कार भी चमत्कृतिजनक होते हैं। इस बात की पुष्टि के लिये आचार्य मम्मट नेः-१. दे. वा. प्र. झ. पृ. ९८ ।
तयाचौत्तम् :- दिनातन्याहूघोदितः । न वानपि निभूपं विभाति वनिताननम् ॥
आदि तीन वारिकाज में नामह के अन्य का उल्लेख किया है। यह भामह के मम्मट पर पड़े प्रभाव का ही उदाहरण है।
(२) अवारों में अतिक्त(ति) वाम्यान महत्व का होता है यह बात परिपुष्ट करने के लिए जाने सम्मट (वा. प्र. झ. पृ. ७४३-४४ ) पर दिखते हैं :-जन एवोक्तम्,
नेपा नवोक्तिनयाय विभाव्यते । नोऽन्य कविताका दिना
(३) आनायें भामह "हेतु" को अरद्वार नहीं मानते हैं। आचार्य दन्हों ने वह माना है। किन्तु भामह के अनुसार
हेतु सूनो शोऽय नाकारतया मतः । समुदायाभिधानम्य वत्रीचयनिवानतः ।।
तथा लेश में वक्रोक्ति न होने से वे अलङ्कार नहीं हो सकते। आचार्य मम्मट ने भी "हेतु" के अलङ्कार का सदन करते समय कहा हैइति हेत्वलङ्कारो न नक्षितः ।
आदिद्वेष नषदाचिदर्हति चिन्यानावात् ।
यह विवेचन भी आचार्य नाम के प्रवाही सूचक है ।
पर प्रभाव पड़ा है। याचार हैं। उन्होंने वंदन, गोडी, पाञ्चाली आदि रीतियों का प्रतिपादन किया है । आचार्य मम्मट अनुमान के प्रकरण में उपनागरिका, strat, rear आदि दॄनियों का परिचय देवर लागे कहते हैं - "पांत्रिदेवा वंदनमुखानों मनाः"" तथा "कंपचित्र"
४. दे. हेतुश्च सूक्ष्म च दाचामुन बा. द. २-२३५ ।
५. दे. वा. प्र. स. पू. ७०६ ।
भाचार्य मम्मद
का अर्थ देते हैं "घामनादीनाम्" । अर्थात् इस अंश में वामम या सिद्धान्त आचार्य मम्मट को मान्य है । विन्तु इस प्रकार धामन ये प्रभाव में आकर मम्मट आचार्य वामन की सभी बातें मानते नहीं हैं। धामन का मुख्य सिद्धान्त "रीविरात्मा माव्यस्य" यही उनको संम्मत नहीं है । उसका उन्होंने जोरदार सण्डन किया है।' वामनोक्त शब्द तथा अर्थ के दस-दस गुण भी उन्होने नहीं माने हैं । वेषल पाल्द के, और वे भी माधुर्य, ओजस् और प्रसाद तीन गुण ही, उन्होंने माने हैं । इसी प्रकार वामनधृत गुणालङ्कार-भेद-व्यवस्था भी आचार्य मम्मट ने नहीं मानी है। अर्थात् आचार्य मम्मट अपने पर किसी वा असंगत प्रभाव नहीं पन्ने देते।
आचार्य मम्मट पर ध्वनिकार आनन्दवर्धनाचार्य तथा उनके टीकाकार आचार्य अभिनवगुप्त का प्रभाव अधिक रूप में पडा हैं। ध्वनिकार के ध्वनिविषयक प्रायः समस्त सिद्धान्त आ. मम्मट ने शिरोधार्य कर लिये हैं तथा उनकी अच्छी तरह से व्यवस्था दी है। अपने ग्रन्थ में स्थान-स्थान पर ध्वनिकार का उल्लेख भी किया है । ध्वनिवारदर्शित व्यञ्जनावृत्ति को सम्पूर्ण व्यवस्था आचार्य मम्मट ने प्रदर्शित की है। इस व्यवस्था मे आचार्य अभिनवगुप्त के "लोचन" की सहायता भी उन्हें प्राप्त हुई है ।
(१) गुणीभूतव्य गयो के भेद बतलाते समय वारिका ४६ के "यथायोगम्" इस पद की व्याख्या करते समय आ. मम्मट लिखते हैं
"यथायोगमिति । व्यज्यन्तैवस्तुमात्रेण यदालङ्कृतस्तदा । ध्रुवं ध्वन्य गवा तासा काव्यवृत्तेस्तदाश्रयात् ॥ *
इति ध्वनिकारोक्न दिशा वस्तुमात्रेण मत्रालङ्कारो व्यज्यते न तत्र गुणीभूतध्य ङ्गयत्वम् ।" इस प्रकार ध्वनिवार के द्वारा किया दिशाप्रदर्शन आ. मम्मट ने मान्य किया है ।
(२) इसी प्रकार "रसे दोपा स्युरोशा.' (वारिया ६२ ) के "ईदृशा": पद की व्यास्या वरते समय वाचार्य मम्मट ने लिखा है ईदृशाः इति । नायित्रापादनहारादिना नायककोपादिवर्णनम् । रक्त हि ध्वनिवृता :१. दे. षा. प्र. झ. पृ ४७१-७२ । २. दे. पा. प्र. डा. पृ. ४७३ । ३. दे. धा. प्र. घ. पू. ४७१ । ४. ध्व. सो.. उ. २ पा. २९ । ५. ६. वा. प्र. झ. पू. २१३ ।
|
परमेश्वर में विश्वास करने का अर्थ वास्तव में क्या है?
परमेश्वर के प्रासंगिक वचनः
यद्यपि बहुत सारे लोग परमेश्वर में विश्वास करते हैं, लेकिन कुछ ही लोग समझते हैं कि परमेश्वर में विश्वास करने का क्या अर्थ है, और परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप बनने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यद्यपि लोग "परमेश्वर" शब्द और "परमेश्वर का कार्य" जैसे वाक्यांशों से परिचित हैं, लेकिन वे परमेश्वर को नहीं जानते और उससे भी कम वे उसके कार्य को जानते हैं। तो कोई आश्चर्य नहीं कि वे सभी, जो परमेश्वर को नहीं जानते, उसमें अपने विश्वास को लेकर भ्रमित रहते हैं। लोग परमेश्वर में विश्वास करनेको गंभीरता से नहीं लेते और यह सर्वथा इसलिए है क्योंकि परमेश्वर में विश्वास करना उनके लिए बहुत अनजाना, बहुत अजीब है। इस प्रकार वे परमेश्वर की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते। दूसरे शब्दों में, यदि लोग परमेश्वर और उसके कार्य को नहीं जानते, तो वे उसके इस्तेमाल के योग्य नहीं हैं, और उसकी इच्छा पूरी करने के योग्य तो बिलकुल भी नहीं। "परमेश्वर में विश्वास" का अर्थ यह मानना है कि परमेश्वर है; यह परमेश्वर में विश्वास की सरलतम अवधारणा है। इससे भी बढ़कर, यह मानना कि परमेश्वर है, परमेश्वर में सचमुच विश्वास करने जैसा नहीं है; बल्कि यह मजबूत धार्मिक संकेतार्थों के साथ एक प्रकार का सरल विश्वास है। परमेश्वर में सच्चे विश्वास का अर्थ यह हैः इस विश्वास के आधार पर कि सभी वस्तुओं पर परमेश्वर की संप्रभुता है, व्यक्ति परमेश्वर के वचनों और कार्यों का अनुभव करता है, अपने भ्रष्ट स्वभाव को शुद्ध करता है, परमेश्वर की इच्छा पूरी करता है और परमेश्वर को जान पाता है। केवल इस प्रकार की यात्रा को ही "परमेश्वर में विश्वास" कहा जा सकता है। फिर भी लोग परमेश्वर में विश्वास को अकसर बहुत सरल और हल्के रूप में लेते हैं। परमेश्वर में इस तरह विश्वास करने वाले लोग, परमेश्वर में विश्वास करने का अर्थ गँवा चुके हैं और भले ही वे बिलकुल अंत तक विश्वास करते रहें, वे कभी परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त नहीं करेंगे, क्योंकि वे गलत मार्ग पर चलते हैं। आज भी ऐसे लोग हैं, जो परमेश्वर में शब्दशः और खोखले सिद्धांत के अनुसार विश्वास करते हैं। वे नहीं जानते कि परमेश्वर में उनके विश्वास में कोई सार नहीं है और वे परमेश्वर का अनुमोदन प्राप्त नहीं कर सकते। फिर भी वे परमेश्वर से सुरक्षा के आशीषों और पर्याप्त अनुग्रह के लिए प्रार्थना करते हैं। आओ रुकें, अपने हृदय शांत करें और खुद से पूछेंः क्या परमेश्वर में विश्वास करना वास्तव में पृथ्वी पर सबसे आसान बात हो सकती है? क्या परमेश्वर में विश्वास करने का अर्थ परमेश्वर से अधिक अनुग्रह पाने से बढ़कर कुछ नहीं हो सकता है? क्या परमेश्वर को जाने बिना उसमें विश्वास करने वाले या उसमें विश्वास करने के बावजूद उसका विरोध करने वाले लोग सचमुच उसकी इच्छा पूरी करने में सक्षम हैं?
परमेश्वर में सच्चा विश्वास करने का अर्थ सिर्फ़ बचाए जाने के लिए उस पर भरोसा करना नहीं है और इसका अर्थ एक अच्छा व्यक्ति होना तो उससे भी कम है। इसका अर्थ मनुष्य के समान आचरण रखने के लिए परमेश्वर में विश्वास करना भी नहीं है। दरअसल, लोगों को अपने विश्वास करने को सिर्फ इस विश्वास के रूप में नहीं देखना चाहिए कि एक परमेश्वर है, और उसके बाद कुछ और नहीं; ऐसा नहीं है कि तुम को केवल यह विश्वास करना चाहिए कि परमेश्वरसत्य, मार्ग और जीवन है, और इसके अलावा कुछ भी नहीं। न ही ऐसा है कि तुम परमेश्वर को केवल स्वीकार करो, और बस यह विश्वास कर लो कि परमेश्वर सभी चीजों पर शासन करता है, कि परमेश्वर सर्वशक्तिमान है, कि परमेश्वर ने दुनिया में सभी चीजें बनाई हैं, कि परमेश्वर अद्वितीय है और परमेश्वर ही सर्वोच्च है। यह केवल इतना नहीं है कि तुम इन तथ्यों पर विश्वास करो; परमेश्वर की इच्छा यह है कि तुम्हें - तुम्हारे सम्पूर्ण अस्तित्व और तुम्हारे पूरे दिल के साथ - परमेश्वर का अनुसरण करना चाहिए, और परमेश्वर के प्रति समर्पित होना चाहिए, अर्थात तुम्हें परमेश्वर का अनुसरण करना चाहिए ताकि परमेश्वर तुम्हें अपनी सेवा में इस्तेमाल कर सके, और यह कि तुम्हें उसके लिए सेवा करने में खुशी होनी चाहिए और तुम्हें परमेश्वर की खातिर कुछ भी करना चाहिए। ऐसा नहीं है कि केवल परमेश्वर द्वारा पूर्वनिर्धारित और चुने गए लोगों को ही उस में विश्वास करना चाहिए। असल में, सभी मानव जाति को परमेश्वर की उपासना करनी चाहिए, उसकी ओर ध्यान देना चाहिए और उसका अनुसरण करना चाहिए, क्योंकि मानव जाति परमेश्वर द्वारा ही बनायी गई थी। यह अब सार के मुद्दे को छूता है। यदि तुम हमेशा कहते हो, "क्या हम अनन्त जीवन प्राप्त करने के लिए परमेश्वर में विश्वास नहीं करते हैं? क्या हम बचाए जाने की खातिर परमेश्वर में विश्वास नहीं करते?" जैसे कि मानो परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास करना किसी सतही मामले की तरह हो, केवल कुछ हासिल करने के लिए हो, तो परमेश्वर में विश्वास करने का तुम्हारा दृष्टिकोण यह नहीं होना चाहिए।
आज परमेश्वर में वास्तविक विश्वास क्या है? यह परमेश्वर के वचन को अपने जीवन की वास्तविकता के रूप में स्वीकार करना, और परमेश्वर का सच्चा प्यार प्राप्त करने के लिए परमेश्वर के वचन से परमेश्वर को जानना है। स्पष्ट कहूँ तो : परमेश्वर में विश्वास इसलिए है, ताकि तुम परमेश्वर की आज्ञा का पालन कर सको, उससे प्रेम कर सको, और वह कर्तव्य निभा सको, जिसे परमेश्वर के एक प्राणी द्वारा निभाया जाना चाहिए। यही परमेश्वर पर विश्वास करने का लक्ष्य है। तुम्हें परमेश्वर की मनोहरता का और इस बात का ज्ञान प्राप्त करना चाहिए कि परमेश्वर कितने आदर के योग्य है, कैसे अपने द्वारा सृजित प्राणियों में परमेश्वर उद्धार का कार्य करता है और उन्हें पूर्ण बनाता है - ये परमेश्वर पर तुम्हारे विश्वास की एकदम अनिवार्य चीज़ें हैं। परमेश्वर पर विश्वास मुख्यतः देह-उन्मुख जीवन से परमेश्वर से प्रेम करने वाले जीवन में बदलना है; भ्रष्टता के भीतर जीने से परमेश्वर के वचनों के जीवन के भीतर जीना है; यह शैतान के अधिकार-क्षेत्र से बाहर आना और परमेश्वर की देखभाल और सुरक्षा में जीना है; यह देह की आज्ञाकारिता को नहीं, बल्कि परमेश्वर की आज्ञाकारिता को प्राप्त करने में समर्थ होना है; यह परमेश्वर को तुम्हारा संपूर्ण हृदय प्राप्त करने और तुम्हें पूर्ण बनाने देना है, और तुम्हें भ्रष्ट शैतानी स्वभाव से मुक्त करने देना है। परमेश्वर में विश्वास मुख्यतः इसलिए है, ताकि परमेश्वर का सामर्थ्य और महिमा तुममें प्रकट हो सके, ताकि तुम परमेश्वर की इच्छा पर चल सको, और परमेश्वर की योजना संपन्न कर सको, और शैतान के सामने परमेश्वर की गवाही दे सको। परमेश्वर पर विश्वास संकेत और चमत्कार देखने की इच्छा के इर्द-गिर्द नहीं घूमना चाहिए, न ही यह तुम्हारी व्यक्तिगत देह के वास्ते होना चाहिए। यह परमेश्वर को जानने की कोशिश के लिए, और परमेश्वर की आज्ञा का पालन करने, और पतरस के समान मृत्यु तक परमेश्वर का आज्ञापालन करने में सक्षम होने के लिए, होना चाहिए। यही परमेश्वर में विश्वास करने के मुख्य उद्देश्य हैं। व्यक्ति परमेश्वर के वचन को परमेश्वर को जानने और उसे संतुष्ट करने के उद्देश्य से खाता और पीता है। परमेश्वर के वचन को खाना और पीना तुम्हें परमेश्वर का और अधिक ज्ञान देता है, जिसके बाद ही तुम उसका आज्ञा-पालन कर सकते हो। केवल परमेश्वर के ज्ञान के साथ ही तुम उससे प्रेम कर सकते हो, और यह वह लक्ष्य है, जिसे मनुष्य को परमेश्वर के प्रति अपने विश्वास में रखना चाहिए। यदि परमेश्वर पर अपने विश्वास में तुम सदैव संकेत और चमत्कार देखने का प्रयास कर रहे हो, तो परमेश्वर पर तुम्हारे विश्वास का यह दृष्टिकोण गलत है। परमेश्वर पर विश्वास मुख्य रूप से परमेश्वर के वचन को जीवन की वास्तविकता के रूप में स्वीकार करना है। परमेश्वर का उद्देश्य उसके मुख से निकले वचनों को अभ्यास में लाने और उन्हें अपने भीतर पूरा करने से हासिल किया जाता है। परमेश्वर पर विश्वास करने में मनुष्य को परमेश्वर द्वारा पूर्ण किए जाने, परमेश्वर के प्रति समर्पण करने में समर्थ होने, और परमेश्वर के प्रति पूर्ण आज्ञाकारिता के लिए प्रयास करना चाहिए। यदि तुम बिना शिकायत किए परमेश्वर का आज्ञापालन कर सकते हो, परमेश्वर की इच्छाओं के प्रति विचारशील हो सकते हो, पतरस का आध्यात्मिक कद प्राप्त कर सकते हो, और परमेश्वर द्वारा कही गई पतरस की शैली ग्रहण कर सकते हो, तो यह तब होगा जब तुम परमेश्वर पर विश्वास में सफलता प्राप्त कर चुके होगे, और यह इस बात का द्योतक होगा कि तुम परमेश्वर द्वारा प्राप्त कर लिए गए हो।
क्योंकि यदि तुम परमेश्वर पर विश्वास करते हो, तो तुम्हें उसके वचन को खाना-पीना चाहिए, उसका अनुभव करना चाहिए और उसे जीना चाहिए। केवल यही परमेश्वर पर विश्वास करना है! यदि तुम कहते हो कि तुम परमेश्वर पर विश्वास करते हो, परंतु उसके किसी वचन पर अमल नहीं कर सकते या वास्तविकता उत्पन्न नहीं कर सकते तो यह नहीं माना जा सकता कि तुम परमेश्वर में विश्वास करते हो। ऐसा करना "भूख शांत करने के लिए रोटी की खोज" करने जैसा है। बिना किसी वास्तविकता के केवल छोटी-छोटी बातों की गवाही, अनुपयोगी और सतही मामलों पर बातें करना, परमेश्वर पर विश्वास करना नहीं है, और तुमने बस परमेश्वर पर विश्वास करने के सही तरीके को नहीं समझा है। तुम्हें परमेश्वर के वचनों को क्यों अधिक से अधिक खाना-पीना चाहिए? यदि तुम परमेश्वर के वचनों को खाते-पीते नहीं और केवल स्वर्ग की ऊँचाई चढ़ना चाहते हो तो क्या यह विश्वास माना जाएगा? परमेश्वर में विश्वास रखने वाले का पहला कदम क्या होता है? परमेश्वर किस मार्ग से मनुष्य को पूर्ण बनाता है? क्या परमेश्वर के वचन को बिना खाए-पिए तुम पूर्ण बनाए जा सकते हो? क्या परमेश्वर के वचन को बिना अपनी वास्तविकता बनाए, तुम परमेश्वर के राज्य के व्यक्ति माने जा सकते हो? परमेश्वर में विश्वास रखना वास्तव में क्या है? परमेश्वर में विश्वास रखने वालों का कम-से-कम बाहरी तौर पर आचरण अच्छा होना चाहिए; और सबसे महत्वपूर्ण बात है परमेश्वर के वचन के अधीन रहना। किसी भी परिस्थिति में तुम उसके वचन से विमुख नहीं होगे। परमेश्वर को जानना और उसकी इच्छा को पूरा करना, सब उसके वचन के द्वारा हासिल किया जाता है। सभी देश, संप्रदाय, धर्म और प्रदेश भी भविष्य में वचन के द्वारा जीते जाएँगे। परमेश्वर सीधे बात करेगा, सभी लोग अपने हाथों में परमेश्वर का वचन थामकर रखेंगे; इसके द्वारा लोग पूर्ण बनाए जाएँगे। परमेश्वर का वचन सब तरफ फैलता जाएगा : इंसान परमेश्वर के वचन बोलेगा, परमेश्वर के वचन के अनुसार आचरण करेगा, और अपने हृदय में परमेश्वर का वचन रखेगा, भीतर और बाहर पूरी तरह परमेश्वर के वचन में डूबा रहेगा। इस प्रकार मानवजाति को पूर्ण बनाया जाएगा। परमेश्वर की इच्छा को पूरा करने वाले और उसकी गवाही देने में सक्षम लोग वे हैं जिन्होंने परमेश्वर के वचन को वास्तविकता के रूप में अपनाया है।
जो कोई परमेश्वर की सेवा करता है, उसे न केवल यह पता होना चाहिए कि परमेश्वर के वास्ते कैसे कष्ट सहना है, बल्कि उससे भी ज्यादा, उसे यह समझना चाहिए कि परमेश्वर पर विश्वास करने का प्रयोजन परमेश्वर को प्यार करने का प्रयास करना है। परमेश्वर द्वारा तुम्हारा उपयोग, सिर्फ तुम्हें शुद्ध करने या तुम्हें पीड़ित करने के लिए नहीं है, बल्कि वह तुम्हारा उपयोग इसलिए करता है ताकि तुम उसके कार्यों को जानो, मानव जीवन के सच्चे महत्व को जानो, और विशेष रूप से तुम यह जानो कि परमेश्वर की सेवा करना कोई आसान काम नहीं है। परमेश्वर के कार्य का अनुभव करना, अनुग्रह का आनन्द लेने के बारे में नहीं है बल्कि उसके प्रति तुम्हारे प्रेम के कारण कष्ट सहने के बारे में है। चूँकि तुम परमेश्वर के अनुग्रह का आनन्द लेते हो, इसलिए तुम्हें परमेश्वर की ताड़ना का भी आनन्द अवश्य लेना चाहिए; तुम्हें इन सभी चीज़ों का अनुभव अवश्य करना चाहिए। तुम परमेश्वर द्वारा प्रबुद्धता को अपने अंदर अनुभव कर सकते हो, और तुम यह अनुभव भी कर सकते हो कि कैसे परमेश्वर तुम्हारे साथ व्यवहार करता तथा न्याय करता है। इस प्रकार, तुम्हारा अनुभव व्यापक होता है। परमेश्वर ने तुम पर न्याय और ताड़ना का काम किया है। परमेश्वर के वचन ने तुम्हारे साथ व्यवहार किया है, लेकिन इतना ही नहीं; इसने तुम्हें प्रबुद्ध और रोशन भी किया है। जब तुम नकारात्मक और कमज़ोर होते हो, तो परमेश्वर तुम्हारे लिए चिंता करता है। यह सब तुम्हें यह ज्ञात कराने के लिए है कि मनुष्य के बारे में सब कुछ परमेश्वर के आयोजन के अंतर्गत है। तुम सोच सकते हो कि परमेश्वर पर विश्वास करना कष्ट सहने के बारे में है, या उसके लिए कई चीजें करना है; शायद तुम सोचो कि परमेश्वर में विश्वास का प्रयोजन तुम्हारी देह की शान्ति के लिए है, या इसलिए है कि तुम्हारी ज़िन्दगी में सब कुछ ठीक रहे, या इसलिए कि तुम आराम से रहो, सब कुछ में सहज रहो। परन्तु इनमें से कोई भी ऐसा उद्देश्य नहीं है जिसे लोगों को परमेश्वर पर अपने विश्वास के साथ जोड़ना चाहिए। यदि तुम इन प्रयोजनों के लिए विश्वास करते हो, तो तुम्हारा दृष्टिकोण गलत है और तुम्हें पूर्ण बनाया ही नहीं जा सकता है। परमेश्वर के कार्य, परमेश्वर का धार्मिक स्वभाव, उसकी बुद्धि, उसके वचन, और उसकी अद्भुतता और अगाधता, इन सभी बातों को मनुष्यों को अवश्य समझना चाहिए। इस समझ को पा लेने के बाद तुम्हें इसका उपयोग अपने हृदय के व्यक्तिगत अनुरोधों, आशाओँ और धारणाओं से छुटकारा पाने के लिए करना चाहिए। केवल इन्हें दूर करके ही तुम परमेश्वर के द्वारा माँग की गई शर्तों को पूरा कर सकते हो। केवल ऐसा करने के माध्यम से ही तुम जीवन प्राप्त कर सकते हो और परमेश्वर को संतुष्ट कर सकते हो। परमेश्वर पर विश्वास करना उसे संतुष्ट करने के वास्ते और उस स्वभाव को जीने के लिए है जो वह अपेक्षा करता है, ताकि इन अयोग्य लोगों के समूह के माध्यम से परमेश्वर के कार्यकलाप और उसकी महिमा प्रदर्शित हो सके। परमेश्वर पर विश्वास करने के लिए यही सही दृष्टिकोण है और यह वो लक्ष्य भी है जिसे तुम्हें खोजना चाहिए। परमेश्वर पर विश्वास करने के बारे में तुम्हारा सही दृष्टिकोण होना चाहिए और तुम्हें परमेश्वर के वचनों को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए। तुम्हें परमेश्वर के वचनों को खाने और पीने की आवश्यकता है, और तुम्हें सत्य को जीने, और विशेष रूप से उसके व्यवहारिक कर्मों को देखने, सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड में उसके अद्भुत कर्मों को देखने, और साथ ही देह में उसके द्वारा किए जाने वाले व्यवहारिक कार्य को देखने में सक्षम होना चाहिए। अपने वास्तविक अनुभवों के द्वारा, लोग इस बात की सराहना कर सकते हैं कि कैसे परमेश्वर उन पर अपना कार्य करता है, उनके प्रति उसकी क्या इच्छा है। यह सब लोगों के भ्रष्ट शैतानी स्वभाव को दूर करने के लिए है। अपने भीतर की सारी अशुद्धता और अधार्मिकता बाहर निकाल देने, अपने गलत इरादों को निकाल फेंकने, और परमेश्वर में सच्चा विश्वास उत्पन्न करने के बाद - केवल सच्चे विश्वास के साथ ही तुम परमेश्वर को सच्चा प्रेम कर सकते हो। तुम केवल अपने विश्वास की बुनियाद पर ही परमेश्वर से सच्चा प्रेम कर सकते हो। क्या तुम परमेश्वर पर विश्वास किए बिना उसके प्रति प्रेम को प्राप्त कर सकते हो? चूँकि तुम परमेश्वर पर विश्वास करते हो, इसलिए तुम इसके बारे में नासमझ नहीं हो सकते हो। कुछ लोगों में जोश भर जाता है जैसे ही वे देखते हैं कि परमेश्वर पर विश्वास करना उनके लिए आशीषें लाएगा, परन्तु सम्पूर्ण ऊर्जा को खो देते हैं जैसे ही वे देखते हैं कि उन्हें शुद्धिकरणों को सहना पड़ेगा। क्या यह परमेश्वर पर विश्वास करना है? अंततः, अपने विश्वास में परमेश्वर के सामने तुम्हें पूर्ण और अतिशय आज्ञाकारिता हासिल करनी होगी। तुम परमेश्वर पर विश्वास करते हो परन्तु फिर भी उससे माँगें करते हो, तुम्हारी कई धार्मिक अवधारणाएँ हैं जिन्हें तुम छोड़ नहीं सकते हो, तुम्हारे व्यक्तिगत हित हैं जिन्हें तुम त्याग नहीं सकते हो, और तब भी देह की आशीषों को खोजते हो और चाहते हो कि परमेश्वर तुम्हारी देह को बचाए, तुम्हारी आत्मा की रक्षा करे - ये सब गलत दृष्टिकोण वाले लोगों के व्यवहार हैं। यद्यपि धार्मिक विश्वास वाले लोगों का परमेश्वर पर विश्वास होता है, तब भी वे अपने स्वभाव को बदलने का प्रयास नहीं करते हैं, परमेश्वर के बारे में ज्ञान की खोज नहीं करते हैं, और केवल अपने देह के हितों की ही तलाश करते हैं। तुम में से कई लोगों के विश्वास ऐसे हैं जो धार्मिक आस्थाओं की श्रेणी से सम्बन्धित हैं। यह परमेश्वर पर सच्चा विश्वास नहीं है। परमेश्वर पर विश्वास करने के लिए लोगों के पास उसके लिए पीड़ा सहने वाला हृदय और स्वयं को त्याग देने की इच्छा होनी चाहिए। जब तक वे इन दो शर्तों को पूरा नहीं करते हैं तब तक परमेश्वर पर उनका विश्वास मान्य नहीं है, और वे स्वभाव में परिवर्तनों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं होंगे। केवल वे लोग जो वास्तव में सत्य का अनुसरण करते हैं, परमेश्वर के बारे में ज्ञान की तलाश करते हैं, और जीवन की खोज करते हैं ऐसे लोग हैं जो वास्तव में परमेश्वर पर विश्वास करते हैं।
परमेश्वर के बिना जीवन कठिन है। यदि आप सहमत हैं, तो क्या आप परमेश्वर पर भरोसा करने और उसकी सहायता प्राप्त करने के लिए उनके समक्ष आना चाहते हैं?
|
वेस्टमिंस्टर पैलेस - मुख्य में से एकलंदन की जगहें अपने राजसी और सख्त मुखौटे के साथ, यह थाम्स के बाएं किनारे को सजाने के लिए, जिससे शहर का नामित जिला शुरू होता है। इस समय वेस्टमिंस्टर पैलेस न केवल इतिहास और वास्तुकला का एक प्रसिद्ध स्मारक है। महल में देश की संसद है। दोनों कक्षों (लॉर्ड्स और समुदायों) की कई बैठकें राजसी महल के अंदरूनी हिस्से में आयोजित की जाती हैं।
वेस्टमिंस्टर पैलेस, जिसमें से फोटो मिल सकती हैप्रत्येक गाइडबुक में, फिर भी अनिवार्य रूप से पहले परिचित रहने पर एक छाप बनाता है। 300 मीटर की लंबाई वाली शानदार इमारत 3.2 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल को कवर करती है। इस विशाल क्षेत्र में 1200 से अधिक विभिन्न कमरे हैं। महल के चारों ओर घूमने के लिए जाकर, यह विचार करने योग्य है कि गलियारे की कुल लंबाई लगभग पांच किलोमीटर है, और जिस तरह से आपको 100 सीढ़ियों पर काबू पालना होगा।
मूल रूप से इमारत के लिए एक महल के रूप में बनाया गया थाराजाओं का जीवन, लेकिन 1834 की आग के बाद, कई कमरे और इमारतों को अनुपयोगी प्रदान किया गया। फिर वेस्मिन्स्टर पैलेस को एक नई परियोजना पर पुनर्निर्मित किया गया था, जिसे गोथिक शैली में निष्पादित किया गया था। महल के प्राचीन मध्ययुगीन वास्तुकला को रिसेप्शन के लिए सबसे खूबसूरत हॉल में संरक्षित किया गया है, जिसे वेस्टमिंस्टर हॉल कहा जाता है। इसके अलावा, खजाने का अद्वितीय टॉवर बच गया है। आर्किटेक्ट्स ने यह सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया और बनाया कि एडवर्ड III का खजाना विश्वसनीय सुरक्षा में था।
वेस्टमिंस्टर पैलेस, जो मौजूद हैआज, एक बहुत ही असाधारण और दिलचस्प डिजाइन है। इंटीरियर का असामान्य लेआउट आग से जुड़ा हुआ है जो कुछ इमारतों को क्षतिग्रस्त करता है। अधिकांश क्षतिग्रस्त, लेकिन नष्ट नहीं किए गए ढांचे को पुनर्स्थापित किया गया था और एक नए महल के निर्माण में शामिल किया गया था।
वेस्टमिंस्टर पैलेस अपने दो टावरों के लिए जाना जाता है,जो उत्तर और दक्षिण से अपने मुखौटे को फ्रेम करता है। घड़ी टावर, जिसे बिग बेन के रूप में जाना जाता है, ग्रेट ब्रिटेन की राजधानी का मुख्य प्रतीक है। यह देश की मुख्य घड़ी है। महल के दूसरी तरफ विक्टोरिया टॉवर शाही परिवार के लिए इमारत के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है। संसद के सत्रों के दौरान राज्य ध्वज जुटाने के लिए परंपरागत है।
महल के बारे में एक उल्लेखनीय तथ्यः यह एक साधारण संग्रहालय नहीं है। इसमें संसद के सत्र हैं, जिनकी वार्षिक खोज अंग्रेजी की पसंदीदा परंपराओं में से एक बन गई है। गंभीर समारोह में रानी ने स्वयं भाग लिया।
वर्तमान में, महल भवन के लिए उपलब्ध हैपर्यटकों का दौरा 2004 तक, यह कानूनी रूप से निषिद्ध था। अब जब संसद छोड़ रही है, तो दुनिया भर के हजारों पर्यटकों को राजसी महल के हॉल और गलियारों से घूमने का अवसर मिला है और उन कमरों को देख सकते हैं जिनमें महान शक्ति का इतिहास अभी भी बनाया जा रहा है।
|
आशियाना के मानवेंद्र सिंह ने सेना में अफसर बनकर लखनऊ शहर का नाम रोशन किया है।
आईएमए से पास आउट होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग सिक्किम में सेना के ऑर्डिनेंस विभाग में हुई। मानवेंद्र ने पिता हवलदार मान कुमार सिंह के आदर्शों को अपनाया और उन्हीं के बताए मार्ग पर चलते हुए सेना जॉइन की।
मानवेंद्र के पिता सेना में हवलदार थे और साल 2004 में असम में एक नक्सली हमले में शहीद हो गए थे। मानवेंद्र के छोटे भाई सूरज ने बताया कि घर में मां मीना सिंह व एक बहन है। इसके अलावा उनके चाचा व तीन मामा सेना में रहे हैं, जिससे मानवेंद्र लगातार सेना के लिए प्रोत्साहित होते रहे।
मानवेंद्र ने दसवीं मेरठ के आर्मी पब्लिक स्कूल और बारहवीं बाराबंकी से की। इसके बाद उन्होंने आर्मी जॉइन कर ली। सेना में क्लर्क के पद पर काम करते हुए इंडियन मिलिट्री एकेडमी के आर्मी कैडेट कॉलेज में आवेदन किया और परीक्षा पास कर चयनित हुए।
आईएमए में चार साल तक कठिन संघर्ष करने के बाद बीती शनिवार को वह पासिंग आउट परेड में शामिल हुए। सेना में लेफ्टिनेंट बनकर उन्होंने परिवारीजनों सहित शहर का नाम रोशन किया है। मानवेंद्र को सिक्किम में पोस्टिंग मिली है। वह सेना के आयुध कोर में नियुक्त किए गए हैं।
|
आज (पहली सितम्बर) रात में रोज की अपेक्षा जरा देर से नहाराज कार पर टहलने निकले । रात्रि में कहने लगे- रामनरेश जी ! आप अब ऐसी कविता लिखिए, जो देश के युवकों में प्राण फूँक दे, जैसे गुरु गोविन्द सिंह ने अपने शिष्यों में आग उत्पन्न कर दी थी। छोटे-छोटे पद्य लिखिए, जो गॉव-गॉव और कण्ठकण्ठ में पहुँच जायँ, जिन्हें पढकर और सुनकर लोग वीर बनें, साहसी और भारतवर्ष के सच्चे पुत्र कहलायें । 'बाजी रणभेरी वीर बाजी रणभेरी' वाला गीत बनाओ ।
कविता लिखना तो मैं करीब-करीब छोड ही चुका हूँ । इससे दबी ज़बान से मैने 'हॉ' कर लिया । पर इस प्रसंग को मै यहाँ इस अभिप्राय से खास तौर पर लिख रहा हूँ कि जो कवि महानुभाव कविता रचने में उन्निद्र है, वे अपने इस बृद्ध हिन्दूनेता की आन्तरिक कामना पर भी दृष्टि रक्खें ।
कीरति भनिति भूति भलि सोई । सुरसरि सम संब कर हित होई ।।
वीसवाँ दिन
७ सितम्बर ।
आज रविवार है। गीता प्रवचन का दिन है । पर महाराज नौ बजे तक कमरे से बाहर नहीं आये। मैने उनके कमरे मे जाकर पूछा-गीता-प्रवचन मे कब चलेंगे ?
महाराज आज बहुत सुस्त दिखाई पड़ते थे । अर्द्ध-निद्रित की-सी अवस्था मे बिछौने पर पड़े थे । मेरा प्रश्न सुनकर उठ बैठे, घड़ी देखी; गीता प्रवचन का समय बहुत थोडा रह गया था, फिर भी जल्दी-जल्दी तैयार होकर, सिर्फ कुरता पहने हुए. टोपी और दुपड्डा लेकर चल खडे हुए। वे गीता-प्रवचन का उठान होते-होते पहुॅचे। वहाँ कुछ भजन सुने और बडा मुख अनुभव किया ।
मैंने देखा, धार्मिक कृत्यों के पूरा करने मे महाराज अपने शरीर की परवा नहीं करते।
वहाँ से घूमने निकले । बनती हुई इमारती को देखते हुए वे मन्दिर की भूमि मे पहुॅचे। उनका विचार विश्वविद्यालय मे शिवजी का एक विशाल मन्दिर बनवाने का है । मन्दिर की नींव पड चुकी है। नींव के ऊपर लोहे की छड़ें उसके फर्श की ऊँचाई तक खड़ी हैं। नींव बहुत गहरी दी गयी जान पड़ती है और मन्दिर भी ऐसा मज़बूत बनाया जायगा, जो शताब्दियों तक कायम रहेगा। मन्दिर के आस-पास बहुत काफी जमीन फुल१८२
वाड़ी के लिए छोड दी गयी है । अब किसी भक्तमहा भाग की तलाश है जो इस मन्दिर का निर्माण कराके इस पवित्र भूमि में अपनी भी कीर्त्ति-पताका गाडे ।
मन्दिर एक वृत्ताकार नहर के मध्य भाग मे बनेगा । वहाँ से चलकर हम नहर के फाटक पर आये । विश्व - विद्यालय मे यह नहर एक दर्शनीय वस्तु है । नहर काफी चौड़ी और वृत्ताकार बनी हुई है। उसकी फर्श और दीवारें सब पक्की हैं । उसकी गहराई एक पुरसा से अधिक होगी। नहर की गोलाई में दो फाटक आमने-सामने बने है, एक स्त्रियों के लिए, दूसरा पुरुषों के लिए । फाटक के दोनों ओर ऊपर जाने की सीढियाँ चनी हैं। नहर के किनारे-किनारे वृक्ष लगाये गये हैं । नहर में पानी कुँओं से पप-द्वारा उठाकर लाया जाता है। नहर इतनी ऊँचाई पर बनायी गयी है कि जब उसे साफ करने की आवश्यकता होती है, उसका पानी उसके पेंढे में बनी हुई नालियों से बाहर निकाल दिया जाता है। नहर के पानी को नालियों और बरहों द्वारा दूर-दूर तक लानी और पड़-पौधों तक पहुॅचाने की व्यवस्था है । इस नहर के बनवाने में एक लाख रुपये के लगभग लगे हैं । बरसात में यह खाली रक्खी जाती है, और जाडे और गर्मी ने भर दी जाती है। विश्वविद्यालय के लड़के-लड़कियाँ इसका उपयोग करके निश्चय ही सुख अनुभव करते होंगे ।
नहर पर ठहरे नहीं । मोटर आगे चली । रास्ते में एक कन्या, शायद किसी दूध देनेवाले अहीर की होगी, सिर पर डुडी (दूध की हॅडिया) लिये सामने से आ रही थी । महाराज
|
गुरुग्राम. हरियाणा (Haryana) के गुरुग्राम (Gurugram) में एक महिला की पीट-पीटकर हत्या (Murder) का मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार की रात लगभग आठ से नौ बजे के बीच लाठी और डंडों से लैस अज्ञात अपराधियों ने घर में घुसकर परिवार पर हमला कर दिया. बदमाशों ने छोटे बच्चों से लेकर महिला और उसके भाई के साथ जमकर मारपीट की. यह घटना गुरुग्राम के शिवाजी नगर पुलिस थाना क्षेत्र के अमर कॉलोनी की है.
अपराधियों के हमले में 35 वर्षीय रुक्मणि नाम की महिला बुरी तरह घायल हो गई. उन्हें फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. घटना की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और उसने एक शख्स को हिरासत में ले लिया. पुलिस के मुताबिक प्रथम दृष्टया परिवार पर हमला करने की वजह अभी तक साफ नहीं हो पाई है.
साइबर सिटी गुरुग्राम में हाल-फिलहाल में हत्या की कई वारदातें सामने आई है. दो दिन पहले यहा के उद्योग विहार थाना क्षेत्र में 31 साल की एक महिला की उसके घर में गला रेतकर हत्या (Murder) कर दी गई थी. मृतक महिला का नाम शबाना है. वो इसी साल तीन जनवरी को बिहार से गुरुग्राम के डूंडाहेड़ा इलाके के आदर्श कॉलोनी में अपने पति के पास रहने आई थी. पुलिस के मुताबिक गुरुवार की शाम लगभग साढ़े पांच बजे महिला के पति को पड़ोसियों ने उसकी हत्या की सूचना दी. गुरुग्राम पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि महिला के किसी जानने वाले ने ही वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस फिलहाल महिला के पति के बयान पर मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है.
.
|
• मौजूद रहेंगे गिलानीः पाकिस्तानी प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी 30 मार्च को मोहाली में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला क्रिकेट वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल देखेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का न्योता स्वीकार कर लिया है आगे पढ़ें. .
• भारतीय उपमहाद्वीप का जलवाः भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका। विश्व कप में यह पहला अवसर है जबकि एशिया की तीन टीमें सेमीफाइनल में पहुंची हैं। अंतिम चार में पहुंची चौथी टीम न्यूजीलैंड तो छठी बार इस मुकाम पर पहुंची है लेकिन आज तक कभी इससे आगे नहीं बढ़ पाई है। आगे पढ़ें. .
• मेरी मुट्ठी में क्याः अमृता राव मानती हैं कि शादी करना जीवन का बड़ा निर्णय है, जो सोच-समझकर किया जाना चाहिए। वे कहती हैं, अगले पांच सालों में मेरे जीवन में क्या होगा, यह मुझे पता नहीं है। इतना पता है कि शादी अगले पांच सालों में मेरी लाइफ का आगे पढ़ें. .
|
Indoor Plants अपने घर को खुशनुमा अहसास देना चाहते हैं तो यहां बताये गए plants for home को खरीद सकते हैं। इनकी देखभाल करना आसान है और यह आपको प्रकृति के करीब रखेंगे। इन इनडोर प्लांट्स की कीमत 20 September 2022 को अपडेट की गई है।
Indoor Plants: आप शहर में रहते हैं और हरियाली के लिए तरस गए हैं। जहां देखो वहीं आपको इमारतें ही इमारतें दिखाई देती है। इसके लिए आप अपने घर में पौधे लगा सकते हैं। ये पौधे ज्यादा जगह भी नहीं लेंगे, तो आज हम आपको कुछ ऐसे ही इनडोर प्लांट के बारे में बता रहे हैं।
घर की डेकोरेशन को खूबसूरत बनाने वाले Carpets को खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।
ये Plants for home आपके घर की शोभा बढ़ा देंगे और इसकी सजावट को दोगुना कर देंगे। इन प्लांट्स के होने से आपके घर में चारों तरह हरियाली ही हरियाली होगी। साथ ही ये पौधे हवा को भी शुद्ध करते हैं। हरियाली से आपका मन भी शांत रहेगा और इनकी देखभाल बहुत ही आसान है। ये पौधे जगह बहुत ही कम लेते हैं और इन प्लांट को आप लिविंग रूम, बालकनी, ऑफिस या हॉल में रख सकते हैं। Amazon पर बहुत से online plants के ऑप्शन मौजूद है। आपको कोई परेशानी नहीं हो, इसलिए आज हम आपको 5 best Indoor Plants के बारे में बता रहे हैं। ये online plants बहुत ही खूबसूरत और सुंदर हैं। रोज सुबह इन प्लांटस के दीदार करने से आपका चेहरा खिल जायेगा। इन पौधों को आप अपनी पसंद और जरूरत के हिसाब से ले सकते हैं। चलिए जानते हैं इन प्लांट्स के बारे में।
ये Indoor Plants आपके घर को डेकोरेटिव लुक देने के साथ ही आखों को एक खुशनुमा अहसास देते हैं. ये दिखने में बहुत ही खबूसूरत और प्यारे हैं। चलिए जानते हैं इन indoor plant price के बारे में।
यह जेड का पौधा घर के लिए बहुत ही बढ़िया पौधा है। इसकी देखभाल करना बहुत ही आसान है। इस plants for home को ज्यादा धुप की आवश्यकता नहीं होती है। इस indoor plants for home को करीब 9 हजार से ज्यादा यूजर्स ने खरीदा है और 4 स्टार की रेटिंग दी है। यह पॉट सेल्फ वाटरिंग है, मतलब पानी नीचे पॉट में स्टोर हो जाता है और फिर जरूरत पड़ने पर वहां से पौधे की जड़े पानी ले लेती हैं। Ugaoo indoor plant price: Rs 284.
खरीदने का कारणः
यह फिकस इनडोर प्लांट बोन्साई के रूप में मिलता है। इसकी उम्र 4 साल की है। इस indoor plants for home को आप अपने घर, ऑफिस में रख सकते हैं। इसे यूजर्स ने 4. 5 स्टार की रेटिंग दी है। यह इनडोर प्लांट पॉट के साथ आता है और हवा को शुद्ध करता है। Abana Homes indoor plant price: Rs 1150.
खरीदने का कारणः
घर में Money Plant लगाना बहुत ही शुभ होता है। इस indoor plants for home को आप अपने दरवाजे के साथ लगा सकती है। यह पौधा सेल्फ वाटरिंग पॉट के साथ आता है। यह पौधा किसी भी मौसम में आसानी से बढ़ जाता है। इसको 1100 से ज्यादा यूजर्स ने खरीदा है और इसे 4. 5 स्टार की रेटिंग दी है। Ugaoo Homes indoor plant price: Rs 299.
खरीदने का कारणः
घर की डेकोरेशन को खूबसूरत बनाने वाले Carpets को खरीदने के लिए यहां क्लिक करें।
यह बैम्बू का पौधा मैरून रंग के पॉट में आता है जो बहुत ही खूबसूरत है। इसको आप अपने लिविंग रूम, बैडरूम या ऑफिस में रख सकते हैं। यह आपके घर को बहुत ही सुंदर लुक देगा। बैम्बू के पौधे को घर में लगाना शुभ होता है। इस पौधे को आप जन्मदिन, सालगिरह पर गिफ्ट भी दे सकते हैं। Vibrant indoor plant price: Rs 399.
क्यों खरीदें ?
CAPPL का यह पौधा बहुत ही बढ़िया और अच्छा है। यह पौधा दिखने में बहुत ही खूबसूरत है, जो आपके घर, लिविंग रूम की सुंदरता को डबल कर देगा। इस indoor plants for home को देखभाल की जरूरत बहुत कम होती है। यह बहुत ही रेयर है, इसलिए यह काफी कम जगह पर आपको देखने को मिलेगा। गिफ्ट करने के लिए यह best indoor plants हैं। इसकी पत्तियों का डिज़ाइन बहुत ही प्यारा और न्यारा है। CAPPL indoor plant price: Rs 549.
क्यों खरीदें ?
Indoor Plants के स्टोर पर विजिट करने के लिए यहां क्लिक करें।
डिस्क्लेमर : जागरण के पत्रकार इस लेख के निर्माण में शामिल नहीं है। यहां उल्लिखित कीमतें अमेज़न के संबंध में परिवर्तन के अधीन हैं।
|
नई दिल्लीः इस बार बिहार के महापर्व छठ के मौके पर सांप्रदायिक सौहार्द का रंग छठ के गीतो में साफ नजर आ रहा है. छठ के लिए तैयार किए गए कल्पना पटवारी ने अपने गीत में ऐसी ही कोशिश की थी. अब बारी सिंगर आकांक्षा वर्मा की है. छठ के मौके पर 36 घंटे का निर्जला व्रत काफी महत्व रखता है. महापर्व छठ को दर्शकों तक पहुंचाने के लिए प्रवीण सिन्हा 'निहोरा छठी माई के' लेकर आए हैं. इस एल्बम में दिखाया गया है कि मां अपने घर की परंपरा को खत्म होते देख रही है क्योंकि एकमात्र बेटा, मुस्लिम बहू ले आया है, तो उन्हें यह चिंता सताती है कि उनके बाद उनकी परंपरा को निभाने वाला कोई नहीं होगा.
ये भी पढ़ेः क्या आरबीआइ के पास नहीं था 2000 और 200 रुपये के नोट जारी करने का अधिकार?
इस वीडियो में दिखाया गया है कि बहू ने धर्म की अपेक्षा अपने कर्तव्यों को ज्यादा तवज्जो दी. उसने यह महसूस किया की भगवान और अल्लाह में फर्क नहीं है! फर्क सिर्फ हमारी सोच तक सीमित है और इस तरह घर की बहू होने के नाते वह छठ की परंपरा को बरकरार रखना चाहती है. और उसके इस समर्पण को देखकर पूरा परिवार छठ मनाने में उसकी मदद करता है. यह वीडियो यूट्यूब पर खूब पसंद किया जा रहा है. यह पहली कोशिश है कि कोई म्यूजिक वीडियो सच्ची घटना पर आधारित है.
|
Avimet 500 Mg Tablet SR डॉक्टर के लिखे गए पर्चे पर मिलने वाली दवा है। यह दवाई टैबलेट में मिलती है। इसे मुख्यतः शुगर के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
आयु, लिंग और रोगी की पिछली स्वास्थ्य जानकारी के अनुसार Avimet 500 Mg Tablet SR की खुराक दी जाती है। इसकी सही मात्रा इस पर भी निर्भर करती है, कि मरीज की मुख्य समस्या क्या है और उसे किस तरीके से दवा दी जा रही है। नीचे दिए गए खुराक के खंड में इस बारे में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है।
Avimet 500 Mg Tablet SR के सबसे सामान्य दुष्प्रभाव पेट खराब , पेशाब करने में कठिनाई हैं। इनके अलावा Avimet 500 Mg Tablet SR के कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। Avimet 500 Mg Tablet SR के इस तरह के साइड इफेक्ट सामान्यतः लंबे समय तक नहीं रहते और एक बार इलाज पूरा होने जाने के बाद अपने आप खत्म हो जाते हैं। हालांकि अगर ये समस्याएं लंबे समय तक बनी रहती हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
गर्भवती महिलाओं पर Avimet 500 Mg Tablet SR का प्रभाव हल्का होता है और स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर इस दवा का प्रभाव मध्यम है। यहां पर ये जानना जरूरी है कि Avimet 500 Mg Tablet SR का किडनी, लिवर या हार्ट पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं। इस तरह के दुष्प्रभाव अगर कोई हैं तो इससे जुड़ी जानकारी Avimet 500 Mg Tablet SR से जुड़ी चेतावनी सेक्शन में दी गई है।
अगर आपको पहले से कंजेस्टिव हार्ट फेलियर, एनीमिया, शॉक जैसी कोई समस्या है, तो Avimet 500 Mg Tablet SR देने की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि इसके दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। ऐसी कुछ अन्य समस्याएं भी हैं, जीने बारे में नीचे बताया गया है। अगर आपको इनमें से कोई भी समस्या है, तो Avimet 500 Mg Tablet SR न लें।
इन उपरोक्त परिस्थितियों के अलावा Avimet 500 Mg Tablet SR कुछ अन्य दवाओं के साथ लिए जाने पर गंभीर प्रतिक्रिया कर सकती है। ऐसी दवाओं की पूरी सूची आगे इस लेख में दी गयी है।
ऊपर बताई गई सावधानियों के अलावा यह भी ध्यान में रखें कि वाहन चलाते वक्त Avimet 500 Mg Tablet SR लेना सुरक्षित है, साथ ही इसकी लत पड़ सकती है।
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Avimet 500 Mg Tablet SR की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Avimet 500 Mg Tablet SR की खुराक अलग हो सकती है।
क्या Avimet 500 Mg Tablet SR का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
कुछ मामलों को छोड़कर Avimet 500 Mg Tablet SR का गर्भवती महिलाओं पर बेहद कम दुष्प्रभाव देखा जाता है।
क्या Avimet 500 Mg Tablet SR का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाएं Avimet 500 Mg Tablet SR के दुष्प्रभाव को महसूस कर सकती हैं, आप भी यदि इस दवा से कोई दुष्प्रभाव अनुभव करें तो इसको लेना बंद कर दें और चिकित्सक जब बोले तब ही दोबारा शुरू करें।
Avimet 500 Mg Tablet SR का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है?
Avimet 500 Mg Tablet SR किडनी के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है।
Avimet 500 Mg Tablet SR का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है?
Avimet 500 Mg Tablet SR का सेवन आप बिना डॉक्टर कि सलाह के भी कर सकते हैं और ये दवा आपके लीवर की सेहत को हानि नहीं पहुंचाएगी।
क्या ह्रदय पर Avimet 500 Mg Tablet SR का प्रभाव पड़ता है?
हृदय पर Avimet 500 Mg Tablet SR का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है।
क्या Avimet 500 Mg Tablet SR आदत या लत बन सकती है?
नहीं, Avimet 500 Mg Tablet SR को लेने के बाद आपको इसकी आदत नहीं पड़ती है।
क्या Avimet 500 Mg Tablet SR को लेते समय गाड़ी चलाना या कैसी भी बड़ी मशीन संचालित करना सुरक्षित है?
हां, नींद आने की शिकायत Avimet 500 Mg Tablet SR से नहीं होती है। अतः आप गाड़ी चलाने व भारी भरकम मशीनों पर भी आराम से काम कर सकते हैं।
क्या Avimet 500 Mg Tablet SR को लेना सुरखित है?
हां, परंतु इसको लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
क्या मनोवैज्ञानिक विकार या मानसिक समस्याओं के इलाज में Avimet 500 Mg Tablet SR इस्तेमाल की जा सकती है?
मस्तिष्क विकारों के लिए Avimet 500 Mg Tablet SR को लेने से कोई फायदा नहीं हो पाता।
क्या Avimet 500 Mg Tablet SR को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है?
खाने को Avimet 500 Mg Tablet SR के साथ लेने से जो भी दुष्प्रभाव शरीर पर होते हैं, उस पर कोई शोध न हो पाने के चलते पूरी जानकारी उपलब्ध नहीं है।
जब Avimet 500 Mg Tablet SR ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या?
शराब दवा के असर को कम करती है और Avimet 500 Mg Tablet SR के साथ यह कई तरह के विपरीत प्रभाव भी दिखाती है। इसलिए डॉक्टर के निर्देशों पर ही इसका सेवन करें।
Avimet 500 Mg Tablet SR से इलाज में लैक्टिक एसिड का संबंध कम ही देखा गया है लेकिन अगर Avimet 500 Mg Tablet SR की वजह से लैक्टिक एसिड बढ़ने लगे (इस स्थिति को लैक्टिक एसिडोसिस कहा जाता है) तो यह घातक हो सकता है। लैक्टिक एसिडोसिस के लक्षण अन्य कई बीमारियों से मिलते-जुलते होते हैं जिनमें एनोरेक्सिआ, जी मिचलाना, उल्टी, बेचैनी, पेट में दर्द और प्यास लगने जैसे लक्षण शामिल हैं।
पेट और आंतों को हानिकारक प्रभावों से बचाने के लिए Avimet 500 Mg Tablet SR खाने के साथ लेनी चाहिए। Avimet 500 Mg Tablet SR लेने के शुरुआती कुछ हफ्तों तक दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। रोज़ व्यायाम करें और खून और मूत्र में शुगर की निर्देशानुसार जांच करवाते रहें।
शराब के साथ Avimet 500 Mg Tablet SR लेने के घातक दुष्परिणाम हो सकते हैं जिनमें हाइपोग्लाइसेमिया भी शामिल है। इसलिए Avimet 500 Mg Tablet SR के साथ शराब नहीं पीनी चाहिए। हाइपोग्लाइसेमिया में ब्लड शुगर का स्तर बहुत घट जाता है। हाइपोग्लाइसेमिया के कुछ लक्षणों में चक्कर आना, उलझन और आलस महसूस होना शामिल है।
डायबिटीज़ के इलाज में मरीज़ को संतुलित आहार और व्यायाम के साथ Avimet 500 Mg Tablet SR दी जाती है। हाई ब्लड शुगर को घटाने के लिए Avimet 500 Mg Tablet SR अन्य दवाओं के साथ इस्तेमाल की जाती है। Avimet 500 Mg Tablet SR का इस्तेमाल टाइप 2 डायबिटीज़ के मरीजों में किया जाता है। इसके अलावा पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) और कैंसर के इलाज में भी Avimet 500 Mg Tablet SR का प्रयोग किया जाता है।
Avimet 500 Mg Tablet SR, बिगुआमाइड के समूह से संबंधित ओरल एंटी-डायबिटीक दवा है जिसमें मेटफोर्मिन होता है। टाइप-2 डायबिटीज़ के इलाज में सबसे पहले Avimet 500 Mg Tablet SR दी जाती है और टाइप-2 डायबिटीज़ के मोटापे से ग्रस्त मरीज़ों को खासतौर पर Avimet 500 Mg Tablet SR दी जाती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के उपचार में भी Avimet 500 Mg Tablet SR का इस्तेमाल किया जाता है। डायबिटीज़ में हृदय से जुड़ी समस्याओं के होने के खतरे को Avimet 500 Mg Tablet SR से कम किया जा सकता है।
US Food and Drug Administration (FDA) [Internet]. Maryland. USA; Package leaflet information for the user; Glucophage® (metformin hydrochloride)
|
राज्य है जो बहुत कम होता है तो भी प्रशासन बुरा ही रहता है, क्योंकि राजक अपनी विशाल संचितनाओं का अनुसरण करता हुआ प्रजा के हितों को भुला देता है और जितना कोई अवर शासक अपनी योग्यता की कमी के कारण प्रजा को अप्रसन्न करता है, इसलिए ऐसा कहना चाहिये कि राजक की क्षमता के अनुसार राज्य प्रत्येक शासन में घटता बढ़ता रहना आवश्यकीय है, परन्तु सभासदों की योग्यता निश्चित सीमाओं के अन्तर्गत कार्यशील होने के कारण गणतंत्रात्मक राज्य स्थायी सीमाएँ प्राप्त कर सकता है और प्रशासन समान रूप में संतोषप्रद हो सकता है ।
एक मात्र व्यक्ति के शासन की सबसे स्पष्ट असुविधा यह है कि जैसे दूसरे दो शासन के प्रकारों में सतत अनुक्रम हो जाता है इसमें अनुक्रम विघ्नरहित नहीं होता । एक राजा के मर चुकने पर अन्य आवश्यक होता है, यदि निर्वाचन से दूसरा निर्धारित करना हो तो भयावह समयान्तर उत्पन्न हो जाता है जो तूफानी होता है और यदि नागरिक अपक्षपाती और सच्चे न हों, जिसकी संभावना इस शासन में बहुत नहीं है तो निर्वाचन में षड्यंत्र और भ्रष्टाचार सम्मिलित हो जाते हैं । जिस मनुष्य को इस प्रकार राज्य विक्रय हुआ हो यह कठिन है कि वह स्वयं भी इसका विक्रय न कर डाले, और जो धन अन्य शक्तिशाली लोगों ने उससे बलात् आदान किया था वह असहाय प्रजा से क्षतिपूरित न कर ले । ऐसे प्रशासन के अन्तर्गत कभी न कभी सब वस्तुयें धनभेद्य हो जाती हैं और राजा के अधीन शान्ति का उपभोग उस अवस्था में अराजकत्वकाल की अव्यवस्था से भी बुरा होता है ।
इन दोषों को दूर करने के लिए क्या किया गया है ? मुकुट कतिपय कुटुम्बों में पित्रगत् बना दिया जाता है और उत्तराधिकार का एक क्रम निर्धारित कर दिया जाता है जिससे राजा की मृत्यु पर कोई झगड़ा न हो । अर्थात् निर्वाचन की असुविधा के स्थान पर प्रतिराजमंडलों की असुविधा प्रतिस्थापित कर दी जाती है, बुद्धियुक्त प्रशासन की अपेक्षा शान्ति की दिखावट को और अच्छे राजाओं के निर्वाचन में युक्त विवाद का संकट उठाने की अपेक्षा बच्चों, राक्षसों और दुर्बलों को शासक बनाने का जोखिम उठाना पसन्द किया जाता है । लोग इस ओर काफी ध्यान नहीं देते कि उपरोक्त विकल्प के संकट उठाने में उन्होंने अपने आप को अत्यन्त कठिनाई में डाल लिया है । पुत्र डाइनोसिस ने अपने पिता को जिसके द्वारा वह यह कहकर तिरस्कृत किया गया था कि क्या मैंने तुम्हारे समक्ष इस प्रकार का कोई उदाहरण दिया है, बहुत बुद्धिमत्तापूर्ण उत्तर दिया है कि "पितृवर, आपका पिता राजा नहीं था।"
|
दल्लीराजहरा, 29 सितंबर। दल्लीराजहरा के वार्ड क्र 18 पुराना बाजार में निवास करने वाले महेश रामटेके (38) ने आज सुबह लगभग 7. 30 बजे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। आत्महत्या का कारण अज्ञात बताया जा रहा है। मृतक पुराना बाजार में चाय ठेला लगाता था। मृतक विवाहित था और उसका एक पुत्र है। घटना की जानकारी मिलने के पश्चात् पुलिस मौके पर पहुंच शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
|
साईं एकेश्वरवाद के समर्थक थे और यही कारण था कि वह हमेशा यह कहा करते थे कि सबका मालिक एक है। हर धर्म, जाति और संप्रदाय को साईं यही समझाते थे कि सबका मालिक एक है। इसलिए धर्म, जाति आदि से ऊपर उठकर कार्य करें। साईं लोगों को कर्मकांड और ज्योतिष आदि से दूर रह कर एक-दूसरे का दुख-दर्द दूर करने और समाज में भाईचारा कायम करने का संदेश देते थे। सांई बाबा के बारे में अधिकांश जानकारी श्रीगोविंदराव रघुनाथ दाभोलकर द्वारा लिखित 'श्री सांई सच्चरित्र' से मिलती है। सांई सच्चरित्र सांई बाबा के जिंदा रहते ही 1910 से लिखना शुरू हो चुका था और 1918 तक उनके समाधिस्थ होने तक लिखा गया था।
महाराष्ट्र के पाथरी (पातरी) गांव में सांईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1835 को हुआ था और उनके बचपन का नाम हरिबाबू था। पहली बार साईं 1854 में शिरडी में देखे गए थे तब वह किशोरावस्था में थे और अनुमानतः उम्र 16 साल थी। इसके बाद साई शिरडी छोड़ कर कुछ साल के लिए फकीरों की मंडली के साथ कहीं और चले गए थे और दोबारा जब वह शिरडी लौटे तो उनकी उम्र करीब 25 साल थी। साईं सेल्यु में बाबा के गुरु वैकुंशा के साथ रहते थे। यह हिस्सा हैदराबाद निजामशाही का एक भाग था। भाषा के आधार पर प्रांत रचना के चलते यह हिस्सा महाराष्ट्र में आ गया तो अब इसे महाराष्ट्र का हिस्सा बन गया।
सांई बाबा की पढ़ाई की शुरुआत घर से ही हुई थी और उनके पिता वेदपाठी ब्राह्मण थे। उनके सान्निध्य में साईं ने बहु ही कम उम्र में तेजी से वेद-पुराण का ज्ञान पा लिया था और वह कम उम्र में ही वेद पढ़ने-लिखने लगे थे। 7 से 8 वर्ष की उम्र में सांई को पाथरी के गुरुकुल में उनके पिता ने भर्ती किया ताकि वह कर्मकांड सीख कर अपना गुजर-बसर कर सकें। यहां ब्राह्मणों को वेद- पुराण आदि पाठ पढ़ाया जाता था। जब सांई 7-8 वर्ष के थे तो अपने गुरुकुल के गुरु से शास्त्रार्थ करते थे।
गुरुकुल में सांई को वेदों की बातें पसंद आईं, लेकिन वे पुराणों से वह कभी सहमत नहीं रहे और पुराणों के कई प्रकरण को लेकर वह अपने गुरु से बहस करते थे। वे पुराणों की कथाओं से संभ्रमित थे और उनके खिलाफ थे। तर्क-वितर्क के साथ वह अपने गुरु के साथ इन विषयों पर चर्चा करते थे और कई बार ऐसा भी होता था कि साईं के तर्क के आगे गुरु भी पेरशान हो जाते थे। वे वेदों के अंतिम और सार्वभौमिक सर्वश्रेष्ठ संदेश 'ईश्वर निराकार है' इस मत को ही मानते थे। अंत में हारकर गुरु ने कहा- एक दिन तुम गुरुओं के भी गुरु बनोगे। सांई ने वह गुरुकुल छोड़ दिया।
गुरुकुल छोड़कर वे हनुमान मंदिर में ही अपना समय व्यतीत करने लगे, जहां वे हनुमान पूजा-अर्चना करते और सत्संगियों के साथ रहते। उन्होंने 8 वर्ष की उम्र में ही संस्कृत बोलना और पढ़ना भी शुरू कर दिया था। उन्हें चारों वेद और 18 पुराणों का ज्ञान हो चुका था।
8 वर्ष की उम्र में उनके पिता की मृत्यु के बाद बाबा को सूफी वली फकीर ने पाला और वे अपने साथ उन्हें ख्वाजा शमशुद्दीन गाजी की दरगाह पर इस्लामाबाद ले गए। यहां वे कुछ दिन रहने के बाद उनके जीवन में सूफी फकीर रोशनशाह फकीर का आगमन हुआ और साईं इनके साथ अजमेर आ गए। फकीरों की मंडली के साथ वह देशभर में घूमते रहे और अंत में वह शिरडी में आकर स्थाई रूप से निवास करने लगे। वे जिस खंडहर में रहते थे उसका नाम उन्होंने द्वारका माई रखा था।
|
नई दिल्ली/टीम डिजीटल। भारत के पहले आरआरटीएस का पहला ट्रेनसेट सोमवार को दुहाई डिपो पहुंच गया। इस ट्रेनसेट को गुजरात के सावली में स्थित मेन्यूफैक्चरिंग प्लांट से ट्रेलर पर लाद कर सडक़ मार्ग द्वारा लाया गया। सावली, गुजरात से दुहाई डिपो पहुँची इस ट्रेन ने अपनी यात्रा में तीन राज्यों, राजस्थान, हरियाणा और अंत में उत्तर प्रदेश का सफर तय किया है। इस ट्रेनसेट के सभी 6 डिब्बे अलग-अलग ट्रेलर पर लाद कर लाए गए। दुहाई डिपो पहुंचने पर इन्हें क्रेन की सहायता से उतारा गया और अब आने वाले दिनों में डिपो में ही इस पूरी ट्रेन को असेम्बल किया जाएगा। दुहाई डिपो में इनके लिए ट्रैक बनकर तैयार हो चुके हैं और ट्रेन की टेस्टिंग के लिए भी पूरी तैयारी है। आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए दुहाई डिपो में ही प्रशासनिक भवन बनाया गया है।
बता दें कि आरआरटीएस की इस प्रथम ट्रेन को 7 मई, 2022 को सावली में स्थित मेसर्स एलस्टोम के फ़ैक्टरी में आयोजित एक कार्यक्रम में एनसीआरटीसी को सौंपा गया था। उम्मीद की जा रही है कि इस वर्ष के अंत तक ट्रायल शुरू कर दिए जाएंगे। मार्च 2023 तक साहिबाबाद से दुहाई के बीच संचालन शुरू करने का प्रस्ताव है।
एनसीआरटीसी के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी पुनीत वत्स ने बताया कि गाजिय़ाबाद का दुहाई डिपो आरआरटीएस की प्रथम ट्रेन के आगमन के लिए तैयार है। इस डिपो में रेल लाइन बिछा दी गई हैं, वर्कशॉप के लिए शेड तैयार किए गए हैं और डिपो में ट्रेन की टेस्टिंग की तैयारी की जा रही है। आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए डिपो में प्रशासनिक भवन भी बनाया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि आरआरटीएस ट्रेनों के परीक्षण और रखरखाव के लिए दुहाई डिपो में 11 स्टेबलिंग लाइन, 2 वर्कशॉप लाइन, 3 इंटरनल-बे लाइन (आईबीएल) और एक हेवी इंटरनल क्लीनिंग (एचईसी) लाइन का निर्माण किया जा रहा है। जिनमें एक वर्कशॉप और एक आईबीएल लाइन का निर्माण अंतिम चरण में हैं। जबकि बाकी लाइनों का निर्माण पूरा हो चुका है।
|
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां एक भिखारी की जेब से 3 लाख 64 हजार रुपए निकले हैं. भिखारी के पास इतना कैश देखकर लोग हैरान रह गए. भिखारी से इतने पैसे मिलने पर लोग अंचभित हैं. जो अब सुर्खियों में है.
दरअसल, भिखारी को बाइक सवार ने टक्कर मार दी थी. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उसे घायल हालत में अस्पताल में भर्ती कराया. आईडी मांगने के दौरान भिखारी की जेब से इतना कैश निकला. कैश फिलहाल पुलिस थाने में जमा है. हालांकि पुलिस बाइक सवार युवकों को हिरासत में ले लिया है.
बताया जा रहा है कि शरीफ रोजाना भटहट बाजार में टैक्सी स्टैंड पर सवारियों को बसों और टैक्सियों में बैठाता था. इसके ऐवज में उसे कुछ पैसे मिल जाते थे. इसके साथ ही वह लोगों से भीख भी मांगता था.
भिखारी की पहचान 50 वर्षीय शरीफ बाउंक के रूप में हुई है, जो गोरखपुर के ही पिपराइच का रहने वाला है. वह सुन नहीं सकता है. पुलिस ने बताया कि वह बहरा है. शरीफ के परिवार में अन्य कोई नहीं है, वह अपने भतीजे इनायत अली के साथ रहता है.
|
काठमांडू, १३ जून ।
व्यवस्थापिका संसद की विकास समिति ने हर एक स्थानीय तह में 'क' श्रेणी के वाणिज्य बैंक की शाखा खोलने का अर्थ मंत्रालय और नेपाल राष्ट्र बैंक को निर्देश दिया है ।
सभी स्थानीय तहों में बैंक न होने से खाता नहीं खोले जा सकने की शिकायत आने के बाद समिति की सिंहदरबार में हुई बैठक ने ये निर्देश दिया । संघीय मामला तथा स्थानीय विकास मंत्रालय के मुताबिक स्थानीय तहों की संख्या ७४४ हैं, जिनमें से महज ३९२ स्थानीय तहों में ही बैंक हैं ।
|
संयुक्त राज्य अमेरिका के मानचित्र पर कान्सास राज्य में पाया जा सकता हैराज्य का केंद्र है, और इसलिए यह है कि यह अक्सर अमेरिका के पूरे के दिल कहा जाता है आश्चर्य की बात नहीं है। दोनों बड़े और छोटे शहरों में यह अलग आकर्षण की एक बड़ी संख्या है, हर साल दुनिया भर से पर्यटकों के हजारों आकर्षित करती है। क्षेत्र अब अपने गेहूं और बच्चों की लोकप्रिय परियों की कहानी के लिए दुनिया भर में जाना।
कान्सास राज्य, जो राज्य का हिस्सा बन गयाबिल पर 34-मीटर। अपने क्षेत्र में पहले यूरोपीय बसने वालों की उपस्थिति से पहले, आदिवासी लोगों की कई जनजातियां थीं जो शिकार और खेती में लगी थीं। इसका पहला वृत्तचित्र उल्लेख 1541 तक है। तब यह था कि एफ। डी कोरोनाडो नामक स्पेनिश द्वारा संचालित पहला अभियान मेक्सिको से आया था। सत्रहवीं शताब्दी में यह उन लोगों द्वारा निवास किया गया था, जिन्हें पुएब्लो और कन्ज़ा कहा जाता है। राज्य के नाम की उत्पत्ति आखिरी के नाम से जुड़ी है। इस समय, इस क्षेत्र को औपचारिक रूप से लुइसियाना के फ्रांसीसी उपनिवेश की संपत्ति माना जाता था, और 1763 में स्पेन के नियंत्रण में पारित किया गया था। अठारहवीं शताब्दी के अंत में, फ्रांस फ्रांस लौट आए, जिनकी सरकार ने उन्हें 1803 में संयुक्त राज्य अमेरिका में बेच दिया।
जैसा ऊपर बताया गया है, राज्य में स्थित हैदेश का केंद्रीय हिस्सा इसका क्षेत्र 213 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक है। राज्य में इस सूचक के अनुसार, वह 15 वां स्थान लेता है। जनसंख्या लगभग 2.9 मिलियन लोग हैं। इस प्रकार, इसकी औसत घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर के 13 निवासियों से अधिक है। लगभग पूरा क्षेत्र महान मैदानों पर स्थित है, और इसलिए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि इस क्षेत्र की राहत अधिकतर फ्लैट है। कान्सास एक राज्य है जिसकी लंबाई पश्चिम से पूर्व में 645 किलोमीटर है, और उत्तर से दक्षिण में 340 किलोमीटर है। इसका उच्चतम बिंदु समुद्र तल से 1232 मीटर ऊपर है। सबसे बड़ा स्थानीय जलमार्ग मिसौरी और अरकंसास जैसी नदियां हैं। कान्सास के पड़ोसियों के लिए, यह ओकलाहोमा, मिसौरी, नेब्रास्का और कोलोराडो पर सीमा है।
राज्य के महाद्वीपीय क्षेत्र परशांत सर्दियों और गर्म गर्मी के साथ जलवायु। इस तथ्य के कारण कि मैदान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मैदानों पर पड़ता है, यह कनाडा से हवा ठंडी हवा से खराब है, साथ ही मैक्सिको की खाड़ी से गर्म प्रवाह भी है। इस वजह से, काफी बार स्थानीय घटना गंभीर तापमान परिवर्तन बन गई। यह एक बवंडर के गठन के साथ जुड़ा हुआ है। अमेरिका में उनके वार्षिक नंबर के अनुसार, यह क्षेत्र टेक्सास के लिए दूसरा स्थान है। जुलाई में हवा का तापमान शून्य से 27 डिग्री अधिक है, जबकि इसकी औसत वार्षिक दर लगभग 13 डिग्री सेल्सियस है। वर्षा के लिए, इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा अप्रैल से सितंबर की अवधि में आता है। आम तौर पर, दक्षिण-पूर्व में 1000 मिलीमीटर से पश्चिमी क्षेत्रों में उनकी संख्या घटकर 400 मिलीमीटर हो जाती है।
कान्सास एक ऐसा राज्य है जो लंबे समय से एक नेता रहा हैगेहूं की कटाई के लिए अमेरिका में। आम तौर पर, इसकी अर्थव्यवस्था उद्योग, कृषि और खनन जैसे क्षेत्रों पर आधारित होती है। सबसे विकसित उद्योग विमानन निर्माण है। काफी बड़ी संख्या में स्थानीय निवासियों को इंजीनियरिंग, साथ ही प्रकाश, खाद्य और रासायनिक उद्योगों में नियोजित किया जाता है। कृषि के लिए आवंटित क्षेत्र के अनुसार, यह राज्य देश में तीसरा स्थान है। खेतों में, मुख्य रूप से गेहूं, जौ, मकई, जई और सूरजमुखी उगाए जाते हैं। एक उच्च स्तर पर और पशुधन है। खनिजों में, तेल उत्पादन (संयुक्त राज्य अमेरिका में 8 वें स्थान), बजरी, चट्टान नमक, प्राकृतिक गैस, जिप्सम, चूना पत्थर, सीसा और जस्ता अच्छी तरह से स्थापित हैं। विशेष रूप से पर्यटन, वित्त और व्यापार में सेवा क्षेत्र हाल के वर्षों में काफी अच्छी तरह से विकसित हुआ है।
कान्सास, जिनकी राजधानी टोपेका कहलाती है, नहीं हैअपने क्षेत्र में बड़े शहरों और मेगासिटी पर है। राज्य का प्रशासनिक केंद्र एक ही नाम की नदी के किनारे स्थित है। इसकी जनसंख्या लगभग 128 हजार निवासियों है। सबसे बड़ा स्थानीय शहर विचिता है। यहां लगभग 362 हजार लोग रहते हैं। वह एक अच्छी तरह से विकसित विमानन उद्योग के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध हो गया। विशेष रूप से, यहां काफी बड़ी मात्रा में, विमान का निर्माण किया जाता है। यहां क्षेत्र का मुख्य हवाई अड्डा है। कान्सास के अन्य प्रमुख शहर डॉज सिटी, एम्पोरिया, डर्बी और कान्सास सिटी हैं।
- स्थानीय आबादी का केवल 1% स्वदेशी है।
- सबसे प्रतिष्ठित स्थानीय वास्तुकला इमारत कैनसस सिटी लाइब्रेरी है, जो राज्य और शहर के लोगों के निर्माण में सक्रिय रूप से शामिल थी।
- इस क्षेत्र में बहुत लोकप्रिय है, विशेष रूप से खाना पकाने बारबेक्यू में, अपनी रसोई है।
- कंसस के सबसे आम अनौपचारिक नाम "सूरजमुखी कर्मचारी" और "अमेरिका की ब्रेडबस्केट" हैं। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए अपनी कृषि के महत्व के कारण है।
- अमेलिया ईयरहार्ट नाम का एक स्थानीय मूल अटलांटिक से उबरने वाली पहली महिला पायलट बन गया।
- राज्य में नंगे हाथों से मत्स्य पालन एक आपराधिक अपराध है।
|
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान व विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया। उनके रिटायरमेंट की लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही थीं। आज उन्होंने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी है। धोनी ने टेस्ट की कप्तानी भी पूरी दुनिया को चौंकाते हुए अचानक से छोड़ दी थी और एक बार फिर से उन्होंने अपने चाहने वालों को चौंकाते हुए एक बड़ा फैसला लिया। धोनी हमेशा आत्मविश्वास से लबरेज होकर क्रिकेट मैदान में उतरते थे जो उनके पूरे करियर में उनकी पहचान बनी रही। धोनी ने अपने इंस्टाग्राम संदेश के माध्यम से इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी और सबका शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि 15 अगस्त शाम सात बजकर 29 मिनट से मुझे रिटायर समझें। कप्तान के तौर पर तो धोनी हिट थे ही एक खिलाड़ी यानी बल्लेबाज व विकेटकीपर के तौर पर भी उन्होंने पहचान बनाई। धोनी ने एक भावुक पोस्ट कर अलविदा कहा है। उन्होंने लिखा-अब तक आपके प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद।
भारत के लिए आखिरी मैच 2019 वल्र्ड कप में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था जो सेमीफाइनल मुकाबला था। इस मैच में भारत को हार मिली थी और इसके बाद से ही उनके क्रिकेट करियर को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। अब माही ने अचानक से क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। हालांकि अभी धोनी आईपीएल खेलेंगे। अब इंटरनेशनल क्रिकेट में माही का अंदाज तो हमें देखने को नहीं मिलेगा। धोनी का नाम आते ही उनका कूल अंदाज नजर के सामने आता है जो किसी भी परिस्थिति में अपना आपा नहीं खोता था। चैंपियन क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी की कामयाबी मैदान पर अनायास नहीं है। अपनी कप्तानी में भारत की झोली में वल्र्ड टी20, 50 ओवर वल्र्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी जैसे खिताब भरने वाले धोनी को क्रिकेट पंडितों ने कैप्टन कूल का नाम दिया। इसके लिए उनकी सोच-समझकर रणनीति बनाने और इंटरनेशनल क्रिकेट में जबर्दस्त प्रेशर के बीच भी विचलित ना होने का उनका अप्रोच जिम्मेदार था।
यही कारण था युवा बल्लेबाज को जब 2007 में एकाएक कप्तानी थमाई गई तो उसने तुरंत चमत्कार कर दिखाया। यही नहीं, बल्लेबाजी में भी यही जज्बा था जो कि उन्हें सबसे शानदार फिनिशर का दर्जा दिला गया। देखा जाए तो धोनी का इंटरनेशनल वनडे करियर रन आउट से शुरू हुआ और रन आउट पर जाकर खत्म हुआ। धोनी अपने पहले इंटरनेशनल मैच में शून्य पर रन आउट हो गए थे। उन्होंने इंटरनेशनल पारी की शुरुआत बांग्लादेश के खिलाफ की थी। महेंद्र सिंह धोनी ने वल्र्ड टी20 2007 कप में भारत को चैंपियन बनाया। धोनी की जितनी तारीफ की जाए कम है। उन्होंने इंडियन क्रिकेट को जो कुछ दिया है, उसे हमेशा याद रखा जाएगा। आने वाले लंबे समय तक क्रिकेट कैप्टन की तुलना धोनी से होती रहेगी।
ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस यूट्यूब चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। यूट्यूब पर @RajExpressHindi के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।
|
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज वित्त अधिनियम 2007 के सेक्सन 136 बी के तहत लिए जाने वाले स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त होने वाली राशि से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक 'सिंगल नॉन लैप्सेबल रिजर्व फंड' के रूप में 'प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा निधि' (पीएमएसएसएन) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।
- स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर से प्राप्त राशि में से स्वास्थ्य का अंश पीएमएसएसएन में भेजा जाएगा।
- आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई)
- आयुष्मान भारत-स्वास्थ्य एवं देखभाल केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी)
- प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई)
- पीएमएसएसएन को लागू करने और उसकी रखरखाव की जिम्मेदारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की होगी।
- किसी भी वित्तीय वर्ष में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की उक्त योजनाओं का व्यय प्रारंभिक तौर पर पीएमएसएसएन से लिया जाएगा और बाद में सकल बजट सहायता (ग्रॉस बजटरी स्पोर्ट) से लिया जाएगा।
इसके मुख्य लाभ यह होंगे कि तय संसाधनों की उपलब्धता के जरिए सार्वभौमिक और वहनीय स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच मुहैया कराई जा सकेगी और इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जा सकेगा कि किसी भी वित्तीय वर्ष के अंत में इसके लिए तय राशि समाप्त (लैप्स) नहीं होगी।
संशोधित विकास निष्कर्षों को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण है। आर्थिक दृष्टि से देखें तो स्वास्थ्य उत्पादकता में सुधार करता है और असामयिक मौत, लम्बे समय तक चलने वाली अपंगता और जल्द अवकाश लेने से होने वाले नुकसान को कम करता है। स्वास्थ्य और पोषण सीधे तौर पर पठन-पाठन की उपलब्धियों पर असर डालता है और इसका उत्पादकता और आय पर भी प्रभाव पड़ता है। स्वास्थ्य निष्कर्ष पूरी तरह स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जाने वाले सार्वजनिक व्यय पर निर्भर करते हैं। आबादी की जीवन आकांक्षा के एक अतिरिक्त वर्ष बढ़ने से सकल घरेलू उत्पाद में प्रति व्यक्ति 4 प्रतिशत की वृद्धि होती है। स्वास्थ्य में निवेश से लाखो नौकरियां सृजित होती हैं, खासतौर से महिलाओं के लिए, क्योंकि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की जरूरत बढ़ने से उनके लिए नौकरियां बढ़ती हैं।
2018 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने आयुष्मान भारत योजना की घोषणा करते हुए मौजूदा 3 प्रतिशत शिक्षा उपकर के स्थान पर 4 प्रतिशत स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर लगाने की घोषणा की थी।
|
1734 शहीदों के आंगन की मिट्टी और राज्य की पवित्र नदियों का जल यहां रखा जाएगा.
देहरादून. उत्तराखंड का शहीदों के घर की माटी और प्रदेश की पवित्र नदियों के जल से पांचवां धाम सैन्य धाम तैयार किया जाएगा. इसी सैन्य धाम में सोमवार को अमर ज्योति स्थापित की जाएगी. सोमवार को सैन्य धाम स्थल पर सीडीएस अनिल चौहान पहुंच गए हैं और सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने उनका स्वागत किया है. आज सैन्य धाम में अमर जवान ज्योति स्तंभ की आधारशिला रखी जाएगी. 1734 शहीदों के आंगन की मिट्टी और राज्य की पवित्र नदियों का जल यहां रखा जाएगा.
2019 के लोक सभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड में सैन्य धाम बनाने की घोषणा की थी. अब 2024 के लोकसभा चुनाव आने वाले हैं. कोशिश ये है कि सैन्य धाम को जल्द से जल्द तैयार किया जाए. करीब 92 करोड़ की लागत से बन रहे इस सैन्य धाम में सोमवार को अमर ज्योति स्थापित की जाएगी. ज्योति स्तंभ में प्रदेश के 1734 शहीदों के आंगन से जुटाई गई माटी और 16 पवित्र नदियों के पानी से तैयार होगा.
सैन्य धाम बनने की दिशा में अमर ज्योति की स्थापना एक महत्वपूर्ण कड़ी है. गुनियाल गांव स्थित निर्माणाधीन सैन्य धाम में सोमवार को समारोहपूर्वक इसकी स्थापना की जाएगी. इस मौके पर देश के सीडीएस अनिल चौहान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ ही तमाम विधायक और सांसद और शहीदों के परिजन भी मौजूद हैं.
सैनिक बाहुल्य उत्तराखंड में सैन्य धाम का निर्माण लोगों की भावनाओ से भी जुड़ा हुआ है. सरकार चाहती है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले पहले सैन्यधाम बनकर तैयार हो जाए. माना जा रहा है कि ऐसा करके लोकसभा चुनाव में बीजेपी इसका सियासी क्षेर्य भी लेना चाहेगी.
.
|
सलमान खान ने आलिया भट्ट को लेकर कह दी दिल की बात !
ऑफिस में ज्यादा समय तक रुकने से हो सकती है ये जानलेवा बीमारी !
यहां स्कूली लड़कियों के हिजाब पहनने पर सरकार ने लगाई रोक !
यहां रमजान में लोगों को जगाने के लिए गश्त लगाता है फाइटर प्लेन !
पीली साड़ी, हाथ में EVM मशीन लिए महिला अफसर की फोटो हो रही वायरल !
|
गुजरात के एक व्यक्ति ने अमूल दूध में यूरिया मिले होने का दावा किया है.
अहमदाबादः देश के प्रमुख दुग्ध सहकारी समिति अमूल को लेकर गुजरात राज्य में विवाद शुरू हो गया है. गुजरात के गांधीनगर शहर में फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट के जरिए अमूल के दूध में यूरिया होने का कथित दावा करने वाले व्यक्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. पुलिस अधिकारी के मुताबिक यह प्राथमिकी मंगलवार को अडालज पुलिस थाने में दर्ज की गई थी, लेकिन इस संबंध में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (जीसीएमएमएफ) की उत्पादन इकाई अमूलफेड के वरिष्ठ बिक्री प्रबंधक अंकित पारिख ने इस सिलसिले में शिकायत दर्ज कराई है.
जीसीएमएमएफ के पास ही अमूल का स्वामित्व है. अंकित पारिख ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि गांधीनगर निवासी लक्ष्मीकांत परमार ने फेसबुक पर एक वीडियो में अमूल ब्रांड की बदनामी करते हुए दावा किया कि उसके पैकेज्ड दूध में यूरिया होता है. शिकायत में कहा गया है कि वीडियो में यह भी दावा किया गया है कि एक सरकारी प्रयोगशाला ने इसकी पुष्टि की है.
शिकायत में कहा गया है कि वीडियो का उद्देश्य अमूल ब्रांड की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और अफवाहें फैलाना था. पुलिस निरीक्षक एस. आर. मुच्छल ने कहा कि लक्ष्मीकांत परमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) और 505 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. गौरतलब है कि गुजरात में 18 दुग्ध सहकारी समितियों के शीर्ष संगठन जीसीएमएमएफ ने 2022-23 में 55,055 करोड़ रुपये का कारोबार किया.
.
Team India Opening Pair: टेस्ट में फिर नया ओपनर, 18 महीने में सातवीं सलामी जोड़ी, क्या इस बार पलटेगी किस्मत?
|
जनज्वार। ठेकेदारो की प्रताड़ना हमेशा से ही कर्मचारियों के लिये सिर का दर्द बनी रही है। ठेकेदार कर्मचारी से काम तो समय से करवाता है लेकिन उनका पारिश्रमिक देने में हमेशा से आनाकानी करता है। आज अखिल भारतीय सफाई मज़दूर संघ के बैनर तले कानपुर छावनी बोर्ड के सफाई कर्मचारियों ने कैंट में अपने खून से प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री के नाम से संबोधित बैनर पर हस्ताक्षर किए और कैंट विभाग समेत ठेकेदारों की प्रताड़ना के विरुद्ध न्याय मांगा।
खून से हस्ताक्षर अभियान का नेतृत्व कर रहे समाजवादी पार्टी के नेता अभिमन्यु गुप्ता ने सबसे पहले अपना खून निकाला जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मचारियों ने भी खून निकाला और फिर हस्ताक्षर किये। साथ ही घोषणा की कि ये बैनर कल प्रधानमंत्री व रक्षा मंत्री को भेजा जाएगा और छावनी बोर्ड में चल रही ठेकेदारों की घोटाले की पोल खोली जाएगी।
इससे पहले आज प्रशासन से कई बार वार्ता भी हुईं जिसका कोई नतीजा नहीं निकला। संघ के अध्यक्ष पप्पू ताराचंद ने बताया की समय से वेतन न मिलने और तमाम कर्मचारियों को नौकरी से हटाए जाने के विरोध में छावनी परिषद कानपुर के 180 से ज़्यादा संविदा सफाई कमर्चारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
छावनी शाखा अध्यक्ष धर्मेंद्र सेठ ने बताया कि छावनी परिषद के अधिकारी व ठेकेदार मिलकर सफाई कर्मचारियों का उत्पीड़न कर रहे हैं। उन्हें 1 महीने का वेतन भी नहीं मिला, साथ ही दो पालियों में काम करने का दबाव दिया जा रहा है। धर्मेंद्र सेठ ने आगे बताया कि जब सफाई कर्मचारियों ने नियमानुसार वेतन की मांग की तबसे ही अधिकारी व ठेकेदार उत्पीड़न करने लगे। जबतक अफसरों व ठेकेदार पर कार्यवाही नहीं होती तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
धर्मेंद्र सेठ ने बताया कि वह लगातार कानपुर में कूड़ा, आवारा जानवरों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। धरना प्रदर्शन को शहर की अन्य कई विपक्षी पार्टियों ने भी समर्थन किया जिसमें प्रदेश अध्यक्ष पप्पू ताराचंद, छावनी शाखा अध्यक्ष धर्मेंद्र सेठ, सपा नेता अभिमन्यु गुप्ता, कांग्रेस नेता राजाराम पाल, मनोज चौरसिया प्रमोद, मुकेश, दुलीचंद, सुधीर, विक्की मास्टर, सोनू मंत्री, सन्नो देवी, मधु, माया, रेखा, रत्ना आदि थे।
|
सलमान खान की बहन अर्पिता खान शर्मा ने गुरुवार को अपने घर गणपति की स्थापना की। गणेश चतुर्थी में हिस्सा लेने के लिए सलमान के पूरे परिवार से साथ बॉलीवुड के भी कई सिलेब्रिटीज पहुंचे थे।
'इश्क में मरजावां' की आरोही और 'दिल ही तो है' की पलक ने बप्पा को अपने हाथों से सजाया। देखें आपके फेवरेट टीवी स्टार्स की गणेश चतुर्थी।
गणेश चतुर्थी का शुभारंभ हो गया है और लोग पूरी तरह से भक्ति-भावना में लीन हो गए हैं। कई बॉलीवुड सेलेब्स ने अपने घर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की है।
कांची का कहना है कि अभी मैं फ्री थी इसलिए पूरे 10 दिन मैंने गणपति की पूजा की। विसर्जन के बाद मैं गणपति को काफी मिस करूंगी।
मुंबई और महाराष्ट्र के अनेक इलाकों में आज भगवान गणेश की प्रतिमाओं के विसर्जन के बीच औरंगाबाद में तीन लोगों की डूबने से मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि औरंगाबाद जिले में बिदकिन के निकट शिवनाई लेक में विसर्जन के दौरान 3 लोग डूब गए।
Telly actor Prince Narula, who is fondly known as Lucky from the serial Badho Bahu, recently visited Ganpati Bappa's darbar at Borivali, Mumbai.
पूरे शहर के चप्पे-चप्पे पर निगाह रखने के लिए 5 हज़ार से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरे लगाये गए हैं और हरेक चौपाटी पर पुलिस के लिए ख़ास कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। साथ ही भीड़ पर नज़र रखने के लिए 134 टावर भी बनाए गए हैं। साथ ही ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी।
|
बिहार में निगरानी विभाग ने पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक इंजीनियर सुरेश प्रसाद और कैशियर शशिभूषण कुमार को 14 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। यह रकम पटना के पास बिहटा से बिक्रम के बीच बन रहे सड़क के करार के लिए मांगी गई थी। छापेमारी में खुलासा हुआ कि इंजीनियर नोटों की सेज पर सोता था। उसके घर से अब तक 2. 40 करोड़ रुपये की नकदी बरामद हुई है। निगरानी विभाग के डीएसपी गोपाल पासवान ने बताया कि साज इंफ्राकॉम प्रोजेक्ट लिमिटेड के ठेकेदार अखिलेश कुमार जायसवाल बिहटा से बिक्रम तक सड़क बनवा रहे हैं। इसके ठेके लिए इंजीनियर सुरेश और कैशियर शशि ने 28 लाख रुपये की मांग थी। पहली किस्त के तहत 14 लाख देने के लिए सुरेश ने ठेकेदार को अपने पटेल नगर स्थित घर पर बुलाया था। निगरानी विभाग की टीम ने रिश्वत लेते दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद घर की तलाशी ली गई। इसमें उसके बिस्तर के अंदर से नोटों की गड्डियां मिलीं। साथ ही पलंग के नीचे भी करोड़ों रुपये मिले। अब तक की छापेमारी में उसके घर से 2. 40 करोड़ की नकदी बरामद हो चुकी है। इसके अलावा कई जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं। इनका मिलान किया जा रहा है। राज्य में अभी तक किसी सरकारी अधिकारी के घर से एक साथ इतनी बड़ी नकदी बरामद नहीं हुई।
|
राजकीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी फार्मेसिस्ट एसोसिएशन ने वार्षिक वेतन वृद्धि अनियमितता संशोधित करने की मांग की है। एसोसिएशन ने जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी को ज्ञापन देकर जल्द समस्या के हल की मांग उठाई है। फार्मासिस्टों ने जुलाई महीने से वार्षिक वेतन वृद्धि संशोधित करने की मांग की है। समस्या का हल नहीं होने पर एसोसिएशन ने उग्र आंदोलन की भी चेतावनी दी है। वहीं, एसोसिएशन की नई कार्यकारिणी का गठन करते हुए आशा चौधरी को अध्यक्ष, राजकुमार धींगरा को सलाहकार, राजेश सिंह को संयुक्त मंत्री, प्रिया गुंसाई को उपाध्यक्ष, महेंद्र सिंह व नरेश रमोला को सदस्य नियुक्त किया गया।
|
मेरठ. कहते हैं संघर्ष से ही सफलता मिलती है. संघर्ष आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है. यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट रिजल्ट में कई ऐसी प्रेरक बच्चे हैं जिन्होंने अभाव में पढ़ाई की और आज कामयाबी उनके कदम चूम रही है. मेरठ के रहने वाले टीकम सिंह (एक दिहाडी़ मजदूर) के बेटे की कहानी ममस्पर्शी है. रोजाना चंद रुपए कमाने वाला दिहाड़ी मजदूर का बेटा, कामयाबी की कहानी अपनी मेहनत और लगन से लिख रहा है. उन्होंने कहा कि बड़ा बेटा विकास कुमार भी 2018 में स्कूल के टॉपर्स की लिस्ट में था. निखिल ने बताया कि पापा का नाम रोशन करना है.
कंकरखेड़ा स्थित टीकाराम कॉलोनी निवासी टीकम सिंह मजदूरी करते हैं. उनके दोनों बेटों ने समाज में उनका नाम रोशन कर दिया है. छोटा बेटा निखिल कुमार एसडी सदर में पढ़ता है. निखिल ने इंटर में 88 फीसदी अंक हासिल किए, तो पिता का सीना गर्व से चौड़ा हो गया. निखिल कहते हैं कि नीट परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. अच्छा डॉक्टर बनने का सपना है. वहीं उनके भाई विकास का सपना सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करना है.
PHOTOS: इन 3 पवित्र 'शिलाओं से बन रही रामलला की अचल मूर्ति, जानें कब कर सकेंगे दर्शन?
कई अन्य प्रेरक कहानियां हैं. सनातन धर्म इंटर कॉलेज सदर के हाईस्कूल के छात्र तनिश पाल ने 91 प्रतिशत अंक हासिल कर विद्यालय में अव्वल स्थान प्राप्त किया है. माता का नाम गीता पाल है. पिता संजय पाल आबूलेन स्थित हार्डवेयर की दुकान में हेल्पर का काम करते हैं. मोदीपुरम के रहने वाले तनिश ने बताया कि भविष्य में इंजीनियर बनना है, जिसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. मेरठ जिले में छठी रैंक हासिल करने वाली आरजी इंटर कॉलेज की हाईस्कूल की छात्रा छवि ने कमाल कर दिखाया है. मवाना रोड स्थित अमहेड़ा निवासी छवि ने परीक्षा में 94. 3 अंक हासिल कर परिवार का मान बढ़ाया है. पिता प्रवीण कुमार ड्राइवर हैं, जबकि माता दीपा कुमारी सिलाई कर घर की आर्थिक स्थिति में मदद करती हैं. परिजन कहते हैं कि बेटी ने हमारा नाम रोशन किया है.
सनातन धर्म इंटर कॉलेज सदर का छात्र रोनित कुमार ने इंटर में जिले में सातवी रैंक हासिल की है. परीक्षा में 93. 8 प्रतिशत आने पर वे बेहद खुश है. मलियाना निवासी रोनित बताते हैं कि पिता मुकेश कुमार का मसालों का व्यापार है. वाकई में ऐसे बच्चे ही देश का भविष्य हैं. ऐसे होनहारों पर सभी को नाज है.
.
|
सम्बन्धी मशीनें लवाशायर एवं ऊनी वस्त्रोद्योग सम्बन्धी योर्कशायर मे तैयार की जाती है । लोसैस्टरशायर, नौटिघम, डडी तथा उत्तरी द्वायरलैंड भी इस दृष्टि से उल्लेखनीय है । लवाशायर मे वस्त्रोद्योग की कई मशीनें ईजाद भी की गई हैं इनमे से फ्लाइंग घटिल' 1733, 'हारग्रीवंज स्पिनिंग जैनो' 1765, 'मार्क राइटस वाटर फ्रेम 1769 तथा 'श्रोम्पटन म्यूल' 1775 विशेष उल्लेखनीय है । लवाशायर प्रदेश मे मशीन निर्माण मे बोल्टन, ओल्डहम तथा नेक बन ग्रादि कस्बे लगे हैं । इनको कोयला ५० लकाशायर, इस्पात उत्तरी वेल्स, मिडलैंड तथा जल पूर्ति पीनाइन प्रदेश से हो जाती है। लिवरपूल बदरगाह होने में तैयार माल को भेजने व कच्चे माल मगाने की सुविधा है।
जलयान निर्माण उद्योग :
यद्यपि भाज ब्रिटेन जलयान निर्माण में जापान और पश्चमी जर्मनी के बाद तीसरे स्थान पर है और 1965 में तो उसका उत्पादन टन भार स्वीडन धौर नीदरलैंड से भी बम था परन्तु कुछ दशव पूर्व तक जलयानो के निर्माण में वह विश्व में प्रथम था। जनवरी 1970 में सम्पूर्ण विश्व 4 यार्डो में लगभग 175 मिलियन टन भार के जलयान निर्माणाधीन थे जिसका 103 प्रतिशत नाग ब्रिटेन में था। ब्रिटेन के यार्डो मे 1969 मे लगभग 1 मिलियन दन भार के जलयान जलावतरित किए गए । यह विश्व का 53% था । इस प्रकार ब्रिटन का स्थान जापान ( 482%), पश्चिमी जर्मनी (84% ) तथा स्वीडन (64% ) के बाद चौया था। यह व्यवसाय यहा प्रारम्भ से हो विकसित रहा है s पिछले 200 वर्षों में इस दृष्टि से ब्रिटेन को स्थिति विश्व में महत्वपूर्ण रही है। वस्तुत बुछ ऐसी परिस्थितियां है जिन्होंने यहाँ के इस व्यवसाय को प्रोत्साहित किया है। इनमे कुछ प्राकृतियों व कुछ मानवीय तत्व हैं ।
( 1 ) ब्रिटन जैसे देश को जिसका मालिक ढाचा ही उद्योग और व्यापार पर निर्भर है एक शक्तिशाली जहाजी बेड़े को मावश्यक्ता सदा से रही है ।
(2) विस्तृत साम्राज्य एव अनेक उपनिवेशा को समुचित नियंत्रण में रखने के लिए एक शक्तिशाली नौ सेना को मावश्यक्ता रही है । इस प्रकार सैनिक एवं व्यापारिक जलयान बनाना ब्रिटेन के लिए आवश्यक था।
( 3 ) द्वीपीय स्थिति एवं क्ट फ्ट तटो ने न केवल प्राकृतिक बदरगाह प्रदान किए हैं वरन् नाविको का भी वुशल बनाया है ।
( 4 ) प्रावश्यक सामान जैसे इस्पात, कोयला, यार्ड बनाने के लिए पहरी नदी एस्चुरोज देश मे पर्याप्त मात्रा मे है ।
इन सब परिस्थितियों ने यहाँ जलयान निर्माण उद्योग को प्रोत्साहित किया परन्तु
45 abid p 111
माधुनिक जलपोत निर्माण उद्योग का वास्तविक विकास भाप के इंजन के भाविष्कार के चाद हो हुमा । कोयता देश में पर्याप्त था हो। इस्पात उद्योग विकसित हो हो रहा था इघर पूजीपतियों के पास अमेरिकन वपास से कमायी हुई पूँजो थी । इन सबका सहयोग लेवर क्लाइड तथा टाइन नदी को घाटियो, वैरो तथा बैलपास्ट में यह उद्योग स्थापित किया गया । सायंम्पटन, पथ मॉक फोयं, पथं मॉफ टे, बक्न हैड तथा हल प्रादि बदरगाह भी इस दिशा में प्रगतिशील है। छोटे जलयान तो कई जगह बनाए जाते हैं। माधुनिक जलवान जग न लगने वाली इस्पात की प्लेटस से बनाए जाते हैं। ये प्लेटस बैल्स तथा बैरो के टिन-प्लेट उद्योग से प्रर्याप्त मात्रा में मिल जाती हैं ।
प्रथम विश्व युद्ध से पूर्व क्लाइड की घाटी विदन में कुल निर्मित जलवानी के 25% भाग के लिए उत्तरदायी थी । माज यह प्रतिशत 3 से भी कम है। इसका कारण यहाँ के उद्योग का पतन नहीं वरन् भ्रम देशो का इस क्षेत्र में विकास है। क्लाइड नदी पर लगभग 30 शिपयार्डस है । ये याई टिनो वार्ड एक बनाइड के संगम पर वहाँ स्थित है जहाँ क्लाइड की चौड़ाई कुछ ज्यादा है। ग्लासगो तो सबसे बडा केंद्र है ही इसके अतिरिक्त डम्बरटन, ग्रोनौर तथा वनाइड बैंक भी उल्लेखनीय हैं। यहाँ विविध प्रकार के जलयान जैसे बर्फ तोड़कर चलने वाले उलयान, टेक इंजमं, फेरीबोट, व्यापारिक जलयान, यौद्धिक जरो जैसे रिपेट, एमराफ्ट कैरियर्म, यात्री जलयान तथा मत्स्य व्यवसाय मे उपयोग में माने वाते ट्राउजर्स, डिफ्टनं फ्लोटिंग ऍक्ट्रीज मादि तैयार किए जाते हैं। ग्लासगो एवं निकटवर्ती मय जल्यान निर्माण केंद्रों में देश के 40% जलयान बनते हैं। श्रीसतन प्रति वर्ष 9 सामग्रीन टन भार के जलमान जलावतरित कर दिए जाते हैं । इन यादों को कोयला नार्कशायर तथा इम्पान-स्टम स्थानीय इस्पात के कारमानो या वंशे से प्राप्त हो जाती है। क्लाइड यहां काफी गहरी है मत पाई दनाने की सुविधा है। विश्व प्रसिद्ध जलयान विक्टोरिया, किंगजाज तथा एलिजावेथ मादि यहीं के याहों मे वनवर तैयार हुए हैं।
उत्तर-पूर्व में स्थित टाइन, टोज तथा वोयर नदियों को एस्चुरीज़ में ब्रिटेन का दूसरा महत्वपूर्ण जलयान निर्माण प्रदेश विद्यमान है। लगभग 33 कम्पनियाँ इम व्यवसाय में रत हैं। यहाँ के यहाँको ला नोयम्बरलैंड तथा डरहन तथा इस्पातप्लेटस स्थानीय इस्पात कारखानों से प्राप्त हो जाती है। मिडिल्मवर्ग, न्यूकैसल, सडरलैंड, बालसेड तथा स्टॉक्टन मादि प्रधान केन्द्र है। से अपने पृष्ठ प्रदेश के बदरगाह भी हैं। ब्रिटेन के कुल उत्पादन का लगभग 35% भाग इस प्रदेश से सम्बन्धित है । यहाँ अधिकाशत छोटे जलयान, सैनिक जलयान एवं स्टीमर्स बनाए जाते है ।
उपरोक्त दो प्रदेशों के अतिरिक्त विसरे रूप में यह उद्योग कई वदरगाहो में प्रचलित है। एबरडीन तथा डडी मे मत्स्य व्यवसाय सम्बन्धी जलधान तैयार किए जाते हैं ।
|
देहरादून। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र टिहरी के अन्तर्गत आराकोट वाल्काखाल गुनोगी मोटर द्यमार्ग के स्थान खड़ीखाल से केमर गांव होकर श्रीकोट तानगला तक रिंग रोड का निर्माण कार्य हेतु 10. 50 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र खटीमा के अन्तर्गत ग्रामसभा दमगढ़ा खटीमा में बिल्लू जी के खेत से हेमा धामी के खेत तक मार्ग का निर्माण हेतु 74. 08 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र अल्मोड़ा के अन्तर्गत विभिन्न (1) फलसीमा टाटिक मार्ग में टाटिक ग्राम को जोड़ने हेतु लिंक मार्ग का निर्माण एवं (2) फलसीमा टाटिक मोटर मार्ग के कि. मी. 04 से आगे अवशेष मार्ग में डामरीकरण कार्य हेतु 64. 91 लाख रूपये, विधानसभा क्षेत्र रामनगर के अन्तर्गत गंगोत्री विहार कॉलोनी की गली नं0-01. 02 तथा 03 में सुधारीकरण कार्य हेतु 18. 24 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही जनपद टिहरी गढ़वाल के खाड़ी क्षेत्रान्तर्गत नवीन राजकीय महाविद्यालय के संचालन हेतु शैक्षिक / शिक्षणेत्तर के कुल 10 पदों के सृजन हेतु भी स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री ने जनपद पिथौरागढ़ के विकासखण्ड मूनाकोट की मडमांडलेय-बटुकेश्वर ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना फेज 2 हेतु 22 करोड़ 28 लाख रूपये की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान की है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्राथमिक विद्यालय देवरी, खटीमा जनपद ऊधमसिंह नगर का नाम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री गम्भीर सिंह कन्याल, रा. प्रा. विद्यालय, देवरी, खटीमा किये जाने को स्वीकृति प्रदान की है।
|
बीते दो दिनों से उत्तर भारत और मध्य भारत के कई शहरों में तेज बारिश देखने को मिली है। इसके साथ ही ठंड की भी वापसी हो गई। यह बेमौसम बारिश मुसीबत बढ़ाने वाली बारिश है। इससे बचकर ही रहना ठीक होगा। लेकिन अभी भी मौसम खराब ही रहने वाला है। अब मौसम के जानकारों का अनुमान है कि 28 मार्च, शनिवार से 30 मार्च, सोमवार तक कई शहरों में भारी बारिश होने की संभावना है। अगर आप इनमें से किसी शहर में रहते हैं तो सतर्क हो जाइये। देखें प्रभावित होने वाले शहरों के नाम।
- मध्यप्रदेश का मौसम अभी खराब चल रहा है। शुक्रवार की सुबह हुई तेज बारिश से कई शहरों में पानी ही पानी हो गया। आगे यह अनुमान है कि 29 मार्च की रात से 30 मार्च तक मध्य प्रदेश के दक्षिणी जिलों में फिर से बारिश के संकेत मिल रहे हैं। मध्य प्रदेश में इस सप्ताह 27 मार्च से 2 अप्रैल के बीच कुछ दिन बेमौसम बरसात वाले हो सकते हैं। प्रदेश में कई जगहों पर बारिश होने की संभावना है।
- मध्यप्रदेश के इंदौर, खरगौन, खंडवा, होशंगाबाद, बैतूल, छिंदवाड़ा, जबलपुर, बालाघाट, मंडला जैसे दक्षिणी हिस्सों में बारिश हो सकती है। इसके अलावा कुछ जिलों में तेज बारिश हो सकती है। इनमें नीमच, आगर मालवा, रतलाम, श्योपुर, गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, भोपाल, रायसेन, टीकमगढ़, सागर, सतना, पन्ना, छतरपुर, रीवा और सीधी के नाम शामिल हैं। इसके अलावा राज्य के छिंदवाड़ा, हरदा, बालाघाट और जबलपुर जैसे दक्षिणी जिलों में आंशिक बादल रहेंगे।
- अगले 24 घंटों के दौरान पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तरी-पश्चिमी मध्य प्रदेश, उत्तरी महाराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर और असम में मौसम बदल सकता है। इन राज्यों में बारिश की संभावना है।
- मौसम का अनुमान है कि अगले 12 घंटों तक राजस्थान और गुजरात में अभी बारिश का मौसम बना रहेगा। राजस्थान के कुछ हिस्सों में मध्यम तो गुजरात में हल्की बारिश देखने को मिल सकती है।
- अगले दो दिनों में अनुमान है कि राजस्थान और गुज़रात में मौसम साफ़ हो जाएगा। इसके बाद अधिकतम तापमान जो सामान्य से 4 से 5 डिग्री कम है, एक बार फिर से बढ़ने लगेगा।
- उत्तर प्रदेश में मेरठ, सहारनपुर, बरेली, शाहजहाँपुर, सीतापुर, लखनऊ, कानपुर, गोंडा, बस्ती, बहराइच, गोरखपुर, जौनपुर, आजमगढ़, देवरिया, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्ज़ापुर में बारिश संभव है।
|
फतेहाबाद के हंस मार्केट में एक कपड़े की दुकान में चोरों ने सेंधमारी कर गोलक में रखे पौने दो लाख रुपए लेकर फरार हो गए।
फतेहाबाद(रमेश): फतेहाबाद के हंस मार्केट में एक कपड़े की दुकान में चोरों ने सेंधमारी कर गोलक में रखे पौने दो लाख रुपए लेकर फरार हो गए। दुकानदार ने मामले की शिकायत पुलिस को दी। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंच कर आस-पास के सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है। जिसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बता दें कि सर्दी के मौसम में चोरी के मामले थमने के नाम नहीं ले रहे है। वहीं हंस मार्केट में कपड़े की दुकान में चोरी का मामला सामने आया है। पुलिस को दी शिकायत में दुकानदार साहिल ने बताया कि वह रात को दुकान बंद करके गए थे और सुबह आकर देखा तो गले से 35 हजार की नकदी चोरी हो चुकी थी और दुकान में पड़ी गोलक को भी चोर अपने साथ चुरा कर ले गए। जिसमें करीब डेढ़ लाख रुपए की नकदी थी। पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। देखने वाली बात होगी आरोपियों की गिरफ्तारी कब तक होती है।
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें। )
|
की दृष्टि में श्रृंगार काव्य है। यह दूसरी बात है कि माधुर्यत के उपासक भक्त लोग उसे भक्तिरस कहते हैं और भक्तिरस पंचक (दास्य, प्रीत, प्रयान, शांत और मधुर ) में सकीष्ठमा नकर उसे उज्ज्वलरस या रसराज के आसन पर प्रतिष्ठि करते हैं ।
श्रृंगार की मुख्यता या गौणता के आधार पर श्रृंगार-भक्तिमिश्रित काव्य के हम स्पष्टरूप से क्रमशः दो मैद कर सकते हैं। एक तो मक्ति मिश्रित श्रृंगारकाव्य और दूसरा श्रृंगारमिश्रित भक्तिकाव्य । भक्तिमिश्रित श्रृंगार की प्रधानता रहता है। निबद्ध स्थायी भाव (रति ) के मूल में यौन ( कामविषयक) शरीरसंबंध का चाह होती है। इस प्रकार के लेखक और पाठक को यह विस्मृत होजाता है कि इसका आलम्बन कोर भजनीय है । रेसी कृति में उपस्थापित विभाव, अनुभाव और संचारी भावों का व्यंजना से भाव का जो स्थायी माव ररात्व को प्राप्त होता है वह कामरति ही है । भक्तिभाव गौण होता है और वह भी केवल उस पाठक के मन में उठता है जो भौतिक जीवन से विरक्त है और जिसके मन में नायक के दैवत्व को विशेष (जली किक) प्रतिष्ठा है। री-तिकालीन कृष्ण कवियों की अधिकांश रचनाएं श्रृंगार या मस्तिमिश्रित श्रृंगार के इसी वर्ग की है। उनका प्रतिश्रृंगार है जिसपर भक्ति काफीना आवरण पड़ा हुआ है। भक्ति कल्पना तो उनके लिए सन्तोष की अन्तिम सांस है
आगे के कबि
हें तो कबिताई
न तौ राधिका कन्हाई सुंमरन को बहाती है ।
श्रृंगार मिश्रित भक्तिरस में मक्ति की प्रधानता होती है। श्रृंगार विरुणमक्तिरस में सहायक बनकर जाता है। आराध्य का श्रृंगारपण करते समय भी कवि इस बात को कभी नहीं भूलता कि उसके निरूपित श्रृंगार का
१- काव्यनिर्णय-पृष्ठ- ३
विषयालंबन भजनीय है। उस कविता के द्वारा भाव की भावद्रति ही विकसित होकर उसे रसानुभूति कराती है। सूर, तुलसी आदि की रचनाओं में इस प्रकार की कविताओं के प्रचर उदाहरण विद्यमान है ।
तुलसी काव्य में मधुररस की अभिव्यंजना नहीं है। इससे यह कलता है कि उनको दृष्टि में यह अतिशयोक्त रस भक्ति मिश्रित श्रृंगार से अधिक और कुछ नहीं है । शिव और पार्वती तथा राम और साता श्रृंगारिक प्रसंग में उन्होंने जाराव्य के प्रति प्रकार के माधुर्य भाव का मुख प्रत्यदा या परोक्ष रूप से तिरस्कार किया है । उनके काव्य को पढ़कर हमेंस रस की अनुभूति नहीं होता। फिर मा उनके काव्य में श्रृंगार है जोर उसकी अभिव्यक्ति के तीन रूप हैंः१- शुद्ध श्रृंगार रसःइसके आश्रय तथा आलंबन राम-सीता, गौपी-कृष्ण आदि हैं। इसकी व्यन्जना तुलसी ने आपके स्थलों पर की है, किन्तु का व्यधर्म के पालनवशा यह उनका भीष्ट प्रतिपाप नहीं है ।
२- भक्तिसंण श्रृंगारःजहां मक्ति और श्रृंगार का मिश्रण है किन्तु श्रृंगार कि
प्रभावशाली है।
१- रा०-१/१०३/२- जगत मातु पितु संभु वाती । तेहि सिंगारु न कहीं बखानी ।। रा०-१।२४७११-सियसीमा नहिं जाइ बखाती। जगदंबिका रूप गुन खानी ।। रा०-१।२४८।१- सोह नवल तनु सुंदर सारी जगतजननि अतुलित छवि भारी ।। २- (क) संयोग- रा०-१।२३०११-४क्रवि ०९/१७, ब०रा०- १८ (ख) वियोग- रा०-३१३०१४-७, कवि० ७।१३३
३- श्रृंगारसंतीण मतिःजिन सन्दर्भ में श्रृंगार और भक्ति का मिश्रण है परन्तु मक्त
र प्रधान है ।।
हिन्दी काव्य में श्रृंगार मिश्रित भक्तिरस ओक शैलियों में व्यात हुआ है। कहीं आत्मा की पत्नी) के रूप में और परमात्मा (पति) के रूप में कल्पना की गया है । कहाँ काव्य की पर आत्मा का और नायक पर परमात्मा का आरोप किया गया है । काव्यकी नायिका पर परमात्मा का और पर आत्मा का आरोप हुआ है। कहीं दृष्ट भक्त के दूद्वारा भावान की प्रेमलाला का तन्मुखभाव से वर्णन है । भगवान और उनकी प्रिया के शृंगार का मया दावादी दृष्टिकोण से निरपण किया गया है। अन्तिम शैली हो
अपने परिष्कृत रूप में तुलसी को ग्राहय है। उनकी कविता में इसी पद्धति पर मर्यादित श्रृंगार की अभिव्यंजना हुई । ७
२- कबीर ग्रंथावली, पृ० ८७, पद-१-२
४- दे०- पदमावत का प्राक्कथन (डा०वासुदेवशरण आवाल), पृ० ५१ " जायसी-ग्रंथावली की भूमिका ( रामचन्द्र शुक्ल), पृ० ५४
५- ३०- विद्यापति की पदाव ली, विदग्धविलास, रामभक्ति में सिक
सम्प्रदाय, पृष्ठ- ३०५-६
कतिपय शोधकर्ताओं ने तुलसी दास में भी मधुररस को धारा का अस्तित्व स्वीकार किया है। रामकाव्य के विशेषज्ञ अध्येता डा० भगवती प्रसाद सिंह की मान्यता है कि तुलसी साहित्य में भी किसाधन की लक दृष्टिगोचर होती है। उनका मत है कि तुलसी का सखाप गोतावली में पूर्ण रूप से प्रकाश में आया है। उनके इस निष्कर्ष के दो आधार हैं १- गीतावली के कुछ पद और ३- ब्रजनिधि को साक्षी गीतावली के आकार पर तुलसी के विषय में डा० सिंह का कथन है -- उनके कुछ वर्णरों से ऐसा लक्षित होता है कि वे भी अंशतः की साधना के अपने जीवन कभी भक्त थे । गोतावली का एक पद है
जैसे ललित लखन लाल लोने
तैलिये ललित उरमिला परसपर लक्त सुलोचन कौने ।
सुखमा सागर सिंगरसार करि कनक रचे हैं तिहि सोने । उपप्रेम- परमिति न परत कहि बिक रहा मति मौने । सौभासील सनेह सोहावने समउ केलि गृह गौने । देखि तियन के नयन सफल भए, तुलसी दास हू के होने
*गृहकीका से
कानयन सफल करना तथा
तुलसी का उस दृश्य के प्रति औत्सुक्य प्रकट करना उनकी मधुरसाधना की और संकेत करता जान पढ़ता है । उनके इस मत से सहमत होने में कठिनाई है । उपरिवर्णित केलिगृह मैं जिस केलि का उल्लेख कियागया है वह केलि उर्मिला और लक्ष्मण की है, सीता-राम की नहीं । तुलसी दास के आराध्य सीता-राम हैं।
१- गी० (तुलसी- ग्रंथावली), १।१०५
२- उन्नीसवीं शती का रामभक्ति- साहित्य (अप्रकाशित), पृ० ६५-६६, राममंक्ति में रसिक सम्प्रदाय, पृ० १०५-६
मर्यादावादी तुलसीदास ने उर्मिला और लक्ष्मण की कलि का भी यहां कोई वर्णन नहीं किया, क्योंकि बाराव्य राम के भक्त को मो मधुररस से संबद्ध करना उन्हें अनुचित जंथा। इसी पद के ऊपर के पदों में राम-जानकी की जारी का रूप चित्रण भी अनुपेदाणीय है । यदि तुलसी में ररिसंप्रदायी कवियों का सामाधुर्यभाव होता तो राम-सीता के केलिगृहमन और वहां पर उनकी कामकीड़ा का वर्णन वे अवश्य करते ।
●ीवी के कुछ पदों के आधार पर डा० सिंह ने तुला में तसुखी भाव भी बतलाया है। गीतावली में यात्रा के प्रसंग में ठीक उसी कसर पर जहा मानस में एक तापस आता है कहीं से आकर सहसा उमस्थित एक स्त्री की प्रेम-विह्वलता का वर्णन किया है
सखिहि सुखिख दई, प्रेम मगन भरे
सुरति बिसरि गई आपनी हो ।
तुलसा रही है ठाढ़ी पाहन गढ़ी सी काढ़ी. न जाने कहां ते आई कौन को को ही ।
स्वामिनी सीता की कृपादृष्टि से देखने और हृदय से लगाने का भी उल्लेख है
स सनेह सिथिल सुनि बचन सकल सिं चितई अधिक हित सहित ओहो । तुलसी मनहुँ प्रभु कृपा की पूरति फिरि हेरि के हरणि हिये लिया है पोहो ।।
१- तुलसी- ग्रंथावली, दूसरा खण्ड, पृ० ३३३ २- तुलसी-ग्रंधावली, दूसरा खण्ड, पृ० ३३४
|
पदों का विवरण : दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) ने 547 टीचर, मैनेजर, स्टोर कीपर, असिस्टेंट आदि पदों के लिए ऑनलाइन के द्वारा आवेदन मांगे हैं।
योग्यता : इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की योग्यता पदों के अनुसार 10वीं, बीएड, स्नातक, पीजी, डिप्लोमा आदि निर्धारित किया गया हैं।
आयु सीमा ; इन पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों की अधिकतम आयु सीमा पदों के अनुसार 30, 36 वर्ष निर्धारित किया गया हैं।
आवेदन शुल्क : All Candidates के लिए आवेदन शुल्क 100/- रुपया। जबकि Female, SC/ST/ PwBD Aspirant के लिए कोई आवेदन शुल्क नहीं हैं।
आवेदन की तिथि : इन पदों पर ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 27 अगस्त 2022 तक निर्धारित किया गया हैं।
आवेदन प्रक्रिया : आप दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (DSSSB) की आधिकारिक वेबसाइट पर जा कर आवेदन को पूरा करें।
वेतनमान : 20200-34800 प्रतिमाह।
नौकरी करने का स्थान : दिल्ली।
|
Dhanbad: धनबाद रेलवे स्टेशन पर आने वाली 3 ट्रेनों के यात्रियों की कोरोना जांच की जाएगी. जांच के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार ने पूर्व मध्य रेल के सहयोग से सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली है. इस संबंध में अपर समाहर्ता श्याम नारायण राम की अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार में प्रेस वार्ता का आयोजन कर तैयारियों के संबंध में मीडिया को जानकारियां दी गई.
अपर समाहर्ता ने मीडिया को बताया कि अन्य राज्यों में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए 4 मार्च 2021 से धनबाद रेलवे स्टेशन पर ट्रेन संख्या 03352 धनबाद-एलेप्पी-धनबाद, ट्रेन संख्या 02322 हावड़ा-छत्रपति शिवाजी टर्मिनस-हावड़ा तथा ट्रेन संख्या 01045 दिक्षाभूमि एक्सप्रेस से उतरने वाले हर यात्री की ट्रू-नाट (ट्रू - न्यूक्लिक एसिड एमप्लीफिकेशन टेस्ट) से जांच करने का निर्णय उपायुक्त सह अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार, धनबाद श्री उमा शंकर सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिया गया है.
उन्होंने बताया कि धनबाद एलेप्पी एक्सप्रेस से प्रतिदिन 500 से 600, हावड़ा सीएसटी से 150 से 200 तथा प्रत्येक रविवार को दीक्षाभूमि एक्सप्रेस से लगभग 100 यात्रियों के धनबाद आने की संभावना है.
इन ट्रेनों से आने वाले धनबाद के यात्रियों की कोरोना जांच रेलवे स्टेशन के उत्तर द्वार में ट्रू-नाट से की जाएगी. अन्य जिलों के यात्रियों की दक्षिण द्वार में थर्मल गन से स्क्रीनिंग की जाएगी. बाहर से आने वाले सभी यात्रियों को कोरेंटिन स्टैपिंग के बाद ही रेलवे स्टेशन से बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी. साथ ही 7 दिनों तक कोरेंटिन का पालन करना होगा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के बैठने और उनके जलपान की व्यवस्था की जाएगी.
50 वर्ष से अधिक उम्र के यात्रियों की जांच स्टेशन पर तथा शेष यात्रियों की जांच सदर अस्पताल में कराई जाएगी. यात्रियों की जांच रिपोर्ट उसी दिन उनको प्रेषित की जाएगी. जांच के क्रम में यदि कोई यात्री कोरोना पॉजिटिव मिलेगा तो उसका उपचार एसएनएमएमसीएच अस्पताल के कैथ लैब में किया जाएगा.
पत्रकार वार्ता में अपर समाहर्ता श्री श्याम नारायण राम, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के श्री संजय कुमार झा, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ईशा खंडेलवाल उपस्थित थे.
|
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
धारी. धारी गाँव भारत देश में गुजरात प्रान्त में सौराष्ट्र एवम काठियावाड़ विस्तार में स्थित अमरेली जिले में धारी तहसील का वहीवटी मुख्यालय है। धारी की जनसंख्या ३५००० है। यह गाँव गीर का जंगल एवम एशियाटीक सिंहो के आवास के लीए गुजरात में प्रख्यात है। धारी गीर पूर्व वन विभाग का मुख्य कार्यालय धारी में है। यहाँ पे हिंसक वन्य प्रानीओ का भी निवास है। मुख्य व्यवसाय प्रवासन, खेती एवम पशुपालन है। .
धारी और धारी, धारी तहसील आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
धारी 14 संबंध है और धारी, धारी तहसील 5 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (14 + 5)।
यह लेख धारी और धारी, धारी तहसील के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
|
नई दिल्लीः Edtech unicorn BYJU का मंगलवार को तिरुवनंतपुरम में अपने कर्मचारियों के साथ विवाद और बढ़ गया। दावा किया गया कि लगभग 170 लोगों को कंपनी से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। आईटी प्रोफेशनल्स कम्युनिटी पोर्टल टेक्नोपार्क टुडे द्वारा सोशल मीडिया पर उठाए गए इस मामले को आईटी कल्याण संगठन 'पृथ्वीवाणी' ने केरल के श्रम मंत्री सी. शिवनकुट्टी तक पहुंचाया।
एक नवंबर को अपने अक्टूबर 2022 के वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने के साथ-साथ कर्मचारी तीन महीने के वेतन का एकमुश्त निपटान, अर्जित अवकाश नकदीकरण और परिवर्तनीय वेतन के पूर्ण निपटान की मांग कर रहे हैं।
बता दें कि वित्त वर्ष21 में रिपोर्ट किए गए 4,500 करोड़ रुपये के नुकसान के साथ, BYJU हाल के दिनों में कठिन समय का सामना कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में लागत में कटौती के उपायों की घोषणा की थी, जिसमें मानव शक्ति को कम करना शामिल था।
|
बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सीबीआई दफ्तर पहुंच चुके हैं। नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में नई दिल्ली स्थित सीबीआई दफ्तर में उन्हें सवालों का सामना करना पड़ रहा है।
लैंड फॉर स्कैम घोटाला मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सीबीआई दफ्तर में हैं। नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में नई दिल्ली स्थित सीबीआई दफ्तर में उन्हें सवालों का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच उनकी बहन मीसा भारती को ईडी ने तलब किया है। वह भी ईडी दफ्तर पहुंच चुकी हैं। उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
LIVE Updates:
-तेजस्वी यादव ने नौकरी के बदले जमीन मामले को विच-हंट करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब नौकरियों के लिए जमीन के कथित अपराध की बात की जा रही है, तब उनकी उम्र बहुत कम थी।
-सीबीआई का आरोप है कि जांच के दौरान यह पाया गया कि आरोपियों ने सेंट्रल रेलवे के तत्कालीन महाप्रबंधक और सीपीओ के साथ साजिश रचकर जमीन के बदले में लोगों को उनके नाम पर या करीबी के नाम पर नियुक्त किया। मामले में लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी, उनकी दो बेटियों और 15 अन्य लोगों के खिलाफ अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों सहित मामला दर्ज किया गया था।
-इससे पहले तेजस्वी चार, 11 और 14 मार्च को तीन समन में शामिल नहीं हुए थे। पिछली बार वह पत्नी की तबीयत का हवाला देकर जांच में शामिल नहीं हुए थे।
- सूत्रों से जानकारी मिली है कि सीबीआई दफ्तर में तेजस्वी यादव से तीखी पूछताछ चल रही है।
- नौकरी घोटाला मामले में ईडी दफ्तर में मीसा भारती से पूछताछ शुरू हो गई है। वह अधिकारियों के सवालों का जवाब दे रही हैं।
-नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में तेजस्वी यादव से पूछताछ शुरू हो गई है। वह सीबीआई अधिकारियों के सवालों का जवाब दे रहे हैं।
-तेजस्वी यादव की बहन मीसा भारती ईडी दफ्तर पहुंच चुकी हैं। नौकरी घोटाला मामले में ईडी उनसे पूछताछ करेगी।
-सीबीआई दफ्तर निकलने से पहले तेजस्वी यादव ने एएनआई से बात की। उन्होंने कहा, "हमने हमेशा एजेंसियों का सहयोग किया है और करेंगे। लेकिन देश में माहौल आप लोग देख ही रहे हैं। ऐसी स्थिति है कि या तो झुकना बहुत आसान है। हमने लड़ने का फैसला लिया है, क्योंकि यह बहुत मुश्किल है। लेकिन हम जीतेंगे। "
-आज का दिन लालू फैमिली के लिए काफी लंबा और मुश्किल भरा रहने वाला है। नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में तेजस्वी यादव पूछताछ के लिए सीबीआई दफ्तर पहुंच चुके हैं। वहीं, उनकी बहन मीसा भारती से ईडी पूछताछ करेगी। तेजस्वी सीबीआई दफ्तर पहुंच चुके हैं और कुछ ही देर में सवालों का सिलसिला शुरू होगा।
|
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
|
Biharsharif/Avinash pandey : अवैध बालू खनन पर अंकुश लगाने को लेकर रविवार को राजगीर एसडीपीओ प्रदीप कुमार के नेतृत्व में सघन छापेमारी अभियान चलाया गया। इस छापेमारी में राजगीर थाना अध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद के अलावे राजगीर थाने के कई पुलिस पदाधिकारी शामिल थे। राजगीर थानाध्यक्ष मोहम्मद मुश्ताक अहमद ने बताया कि छापेमारी के दौरान थाना क्षेत्र के वानगंगा मंदिर के पास से अवैध बालू लदे 13 ट्रैक्टर जप्त कर लिए गए हैं। इसके साथ ही 10 चालक एवं एक लाइनर को पकड़ा गया है।
ट्रैक्टर मालिक एवं चालक व लाइनर के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। दरअसल बालू माफिया राजगीर थाना क्षेत्र के वानगंगा के समीप सक्रिय थे। जिसकी गुप्त जानकारी राजगीर थानाध्यक्ष को मिली। जानकारी के तत्काल बाद थानाध्यक्ष द्वारा उक्त क्षेत्र में छापेमारी की गई। जहां से पुलिस को यह सफलता हाथ लगी। थानाध्यक्ष ने बताया कि अवैध बालू लगे ट्रैक्टर को पास कराने को लेकर लाइनर की भूमिका निभाने वाले एक व्यक्ति को पकड़ा गया है। जबकि कुछ अन्य लोगों की पहचान कर ली गई है।
जिनकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है। यह लाइनर पुलिस का प्राइम लोकेशन की जानकारी ट्रैक्टर चालकों को मोबाइल फोन के माध्यम से उपलब्ध कराते हैं। थानाध्यक्ष ने बताया कि निकट भविष्य में इससे जुड़ी कई और गिरफ्तारियां की जाएगी। जिसको लेकर सघन छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है । पुलिस के इस कार्रवाई के बाद बालू माफियाओं में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
|
Tenkasi District Tamil Nadu पात्र उम्मीदवारों को Block Mission Manager, Block Coordinator के पद के लिए 18 रिक्तियों को भरने के लिए Tirunelveli पर आमंत्रित कर रहा है। इच्छुक उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचना की जांच कर सकते हैं और पात्रता मानदंड, आवश्यक दस्तावेज, अंतिम तिथि और चयन प्रक्रिया के बारे में विवरण प्राप्त कर सकते हैं। Tenkasi District Tamil Nadu Block Mission Manager, Block Coordinator भर्ती 2023 से संबंधित आवेदन लिंक नीचे दिया गया है।
Tenkasi District Tamil Nadu Block Mission Manager, Block Coordinator भर्ती 2023 के लिए योग्यता विवरण अधिकारियों द्वारा पोस्ट किया जाता है और आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार उम्मीदवारों के पास Any Graduate की डिग्री होनी चाहिए। योग्यता का विस्तृत विवरण प्राप्त करने के लिए, नीचे दी गई आधिकारिक अधिसूचना देखें।
योग्य उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचना की जांच कर सकते हैं और 15/02/2023 से पहले ऑनलाइन / ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। Tenkasi District Tamil Nadu भर्ती 2023 रिक्ति कुल 18 है। Tenkasi District Tamil Nadu भर्ती 2023 के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दी गई आधिकारिक अधिसूचना देखें।
उम्मीदवारों का चयन लिखित परीक्षा / व्यक्तिगत साक्षात्कार / चिकित्सा परीक्षण / वॉकिन साक्षात्कार के आधार पर किया जाएगा। एक बार एक उम्मीदवार का चयन हो जाने के बाद उन्हें Tenkasi District Tamil Nadu में Block Mission Manager, Block Coordinator के रूप में रखा जाएगा।
Tenkasi District Tamil Nadu भर्ती 2023 वेतन Not Disclosed है। एक बार चुने जाने के बाद, उम्मीदवारों को Block Mission Manager, Block Coordinator की स्थिति के लिए Tenkasi District Tamil Nadu में वेतन सीमा के बारे में सूचित किया जाएगा।
Tenkasi District Tamil Nadu 18 Block Mission Manager, Block Coordinator रिक्तियों को Tirunelveli पर भरने के लिए उम्मीदवारों को काम पर रख रहा है। उम्मीदवार आधिकारिक अधिसूचना की जांच कर सकते हैं और अंतिम तिथि से पहले Tenkasi District Tamil Nadu भर्ती 2023 के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Block Mission Manager, Block Coordinator रिक्ति के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 15/02/2023 है। उम्मीदवार ऑनलाइन/ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑफलाइन आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को वॉकिंग प्रक्रिया से गुजरना होगा।
How to apply for Tenkasi District Tamil Nadu Recruitment 2023?
उम्मीदवार Block Mission Manager, Block Coordinator के लिए 15/02/2023 से पहले आधिकारिक वेबसाइट tenkasi. nic. in के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन/ऑफ़लाइन आवेदन करने के लिए नीचे दिए गए चरणों का पालन करें।
|
बिग बॉस' के घर में सभी घरवालों ने अपने-अपने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। सभी घरवाले एक-दूसरे को अपनी-अपनी कहानियां बताकर जुड़ने की कोशिश कर रहे हैं। भजन गायक अनूप जलोटा भी इस राह में पीछे नहीं है। अनूप जलोटा ने सौरभ को बताया कि वह हर काम निष्पक्ष होकर करते हैं। उन्होंने राजकुमार वाले टॉस्क में भी समझदारी के साथ अपना निर्णय दिया था।
जलोटा ने बताया कि वह सात साल की उम्र से ही गाने गा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आज वह 58 साल के हो गए हैं। उनके पिता के साथ वह सुबह उठकर भजन गाया करते थे। गाते-गाते उनका मन इसी काम में लग गया और वह एक भजन गायक बन गए। उन्होंने सौरभ से कहा कि उन्होंने सबसे पहले मइया मोरी गाना गाया था। जलोटा जी कहते हैं कि मैंने गुलशन जी के साथ भी काम किया। वह मेरी जिंदगी के वो दिन थे जिन्होंने मुझे एक पहचान दी।
मेरा सबसे पहला गाना जो बहुत हिट हुआ था, वह था ऐसी लागी लगन। इस गाने के बाद लोग मुझे जानने लगे। गौरतलब है कि 'वीकेंड का वार' के पहले दिन सभी घरवालों ने गजल सम्राट अनूप जलोटा को 'टॉर्चर रूम' भेजा था। घरवालों को ऐसा लगा था कि अनूप जलोटा ने राजकुमार वाले टास्क में सही फैसला नहीं लिया था। ' वीकेंड का वार' के पहले दिन तो सलमान ने घरवालों को कुछ ज्यादा नहीं कहा लेकिन दूसरे दिन उन्होंने सबके सामने अनूप जलोटा से ऐसी बात कह दी जिसे सुनकर सभी घरवाले हैरान रह गए थे।
अनूप जलोटा ने अभी तक बिग बॉस के घर में रहकर खुद की सकारात्मक छवि को बरकरार रखा हुआ है। घर में मौजूद सभी सदस्यों के एक बार कहने पर वह टॉर्चर रूम में चले गए। इससे दर्शक सहित सलमान खान पर भी एक सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यही वजह है जो टॉर्चर रूम में भेजने पर सलमान ने अनूप जलोटा से माफी भी मांगी। बिग बॉस का इतिहास रहा है कि जिसकी जितनी अच्छी छवि रही है उसका खेल उतना ही लंबा होता गया है। ऐसी में अनूप और जसलीन की जोड़ी से लंबा खेल खेलने की उम्मीद की जा सकती है।
चूंकि बिग बॉस के सीजन 12 का थीम विचित्र जोड़ियां है। ऐसे में शो के दर्शकों को अनूप और जसलीन मथारू की जोड़ी पहली नजर में विचित्र लग सकती है। लेकिन टास्क और घर के माहौल को देखकर कहा जा सकता है कि यह जोड़ी किसी भी मामले में बिग बॉस के घर में मौजूद अन्य जोड़ी और कंटेस्टेंट से कम नहीं है। क्योंकि बिग के दूसरे हफ्ते में जहां कृति और रोशमी की जोड़ी में कुछ हल्कापन दिख रहा है वहीं अनूप और जसलीन कई मामले में एक-दूसरे का साथ देते नजर आ रहे हैं।
|
रेल मंत्रालय को मेक इन इंडिया सार्वजनिक खरीद नीति से वाकी-टाकी (walkie talkie Railway) खरीदने के लिए छूट मिल गई है। बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय आपूर्तिकर्ताओं से मिल रहा वाकी-टाकी रेलवे के परिचालन के लिए सही नहीं है, जिसे देखते हुए रेलवे को यह छूट दी गई है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अनिल कुमार लाहोटी की अध्यक्षता में अप्रैल में हुई सुरक्षा की समीक्षा बैठक में पाया गया कि दिल्ली की सर्विलांस टेक्नोलॉजी और टेलीकॉम उपकरण आपूर्ति करने वाली कंपनी संचाल कम्युनिकेशंस सिस्टम्स द्वारा बनाई गई वाकी-टाकी की गुणवत्ता खराब है। बैठक में इसमें तत्काल सुधार की जरूरत बताई गई थी।
रेल परिचालन से जुड़े एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इन वाकी-टाकी की खराब गुणवत्ता सुरक्षा के लिए जोखिम है, क्योंकि लोकोमोटिव केबिन से आखिर में लगे गार्ड के डिब्बे के बीच बाधारहित बातचीत की सुविधा जरूरी है। खासकर आपातकालीन स्थिति जैसे किसी डिब्बे में आग लगने या किसी डिब्बे के अलग होने की स्थिति में इसकी अहम जरूरत होती है।
इस सिलसिले में संचार कम्युनिकेशन सिस्टम्स और रेल मंत्रालय ने मांगी गई जानकारी के बारे में कुछ भी प्रतिक्रिया नहीं भेजी।
सरकार ने 9 मई को रेलवे को मेक इन इंडिया सार्वजनिक खरीद नियम से छूट दे दी, जिसमें यथासंभव स्थानीय खरीद को तरजीह देने का प्रावधान है। रेलवे को 23,254 वाकी-टाकी खरीदने के लिए यह छूट दी गई है। यह छूट एक साल मिलेगी, जब तक कि स्वदेशी वेंडर रिसर्च डिजाइन ऐंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन द्वारा तय बेहतरीन गुणवत्ता के 5 वॉट वीएचएफ (बहुत उच्च फ्रीक्वेंसी) के वाकी-टाकी बनाने नहीं लगते।
रेलवे बोर्ड द्वारा मई में जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इसके मुताबिक दक्षिण पूर्वी रेलवे 5 वाट वीएचएफ के सेट खरीदने के लिए आवश्यक कदम उठा सकता है। इस बीच स्वदेशी स्रोत विकसित करने की कवायद की जानी चाहिए, जिस पर बोर्ड नजर रखेगा। उपरोक्त उल्लिखित पहले अधिकारी कहा कि दक्षिण पूर्वी रेलवे ने 30 जून को नई निविदा जारी की है, जिसमें वैश्विक के साथ स्थानीय कारोबारी हिस्सा ले सकते हैं।
|
जानें- डॉ पचुआउ लालमाल्सावमा ने बताया कि इन 75 मरीजों में 73 मामले डेल्टा वैरिएंट के हैं!
यदि सपने में कोई वाहन या आभूषण चोरी हो जाए तो क्या होगा? जानिए, शुभ और अशुभ संकेत!
Somwati Amavasya 2023: सोमवती अमावस्या पर करें ये पूजा, मिलेगा मां पार्वती का भी आशीर्वाद!
|
India और England की Test series भले ही खत्म हो गयी हो लेकिन, रद्द हुए पांचवे टेस्ट मैच से जुड़ा विवाद, ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा। ये विवाद अब ICC तक पहुंच गया है क्यूंकि ECB ने ये मांग की है की अब ICC इस बात का फैसला करे की इस सीरीज का फाइनल result अब क्या होगा? अगर BCCI इस मैच को forfeit करने से मन करती है तो ECB को 400 करोड़ का भारी नुकसान होगा जिसे मैच insurance में भी कवर नहीं किया जा सकता। इस मामले में निर्णय अब ICC की grievance redressel committee देगी. लेकिन इस विवाद का सीधा असर अब नज़र आएगा, एक हफ्ते में शुरू होने वाली IPL के second leg में. England के 6 खिलाडियों ने पहले ही अपना नाम UAE लेग से वापिस ले लिया है और अब ECB ने वहां वार किया है, जहाँ BCCI को सबसे ज़्यादा दर्द होगा.
आखिर क्यों ढह रहा है बॉलीवुड, बड़े-बड़े स्टारों की चमक हो चुकी है फीकी?
Bigg Boss OTT 2 Written Update 12 July 2023: 'मिसेस सचदेव' सुनकर भड़क गईं फलक नाज, जिया ने जद हदीद को दिया धोखा?
|
जम्मू, 23 दिसंबर जम्मू-कश्मीर में भाजपा के पूर्व मंत्री श्याम लाल चौधरी को जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में जम्मू की सुचेतगढ़ सीट से 11 मतों के मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बुधवार को मतगणना के दौरान फारुक अब्दुल्ला नीत सात दलों का गुपकर गठबंधन 280 में से 112 सीटों पर या तो जीत दर्ज कर चुका है या आगे चल रहा है। भाजपा 74 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उसे पहली बार कश्मीर घाटी में तीन सीटों पर जीत मिली है।
जम्मू में भाजपा को 11 सीटों पर जीत मिली। निर्दलीय उम्मीदवारों को दो सीट पर जबकि एक सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस को जीत हासिल हुई।
राज्य के निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार जम्मू जिले की सुचेतगढ़ सीट पर श्याम लाल चौधरी को 12,958 वोट मिले जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी निर्दलीय उम्मीदवार तरनजीत सिंह 12,969 मतों के साथ विजयी रहे।
चौधरी पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठबंधन सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
|
लखनऊ के गोसाईगंज में सर्विस सेंटर से एक युवक का अपहरण हो गया। बदमाशों ने युवक को छोड़ने के लिए 10 लाख रुपए की मांग की। परिजनों ने पुलिस को सूचना दिए बिना ढाई लाख रुपए अपहरणकर्ताओं को दे दिए। इसके बाद आरोपियों ने बाकी रुपए मिलने पर युवक को छोड़ने की बात कही।
गंगागंज के रहने वाला शाआलम ड्राइवर है। वह गंगागंज के ही रहने वाले सुहेल की गाड़ी चलाता है। रविवार की दोपहर को शाआलम क्रेटा कार की धुलाई कराने के लिए एक सर्विस सेंटर पर गया था। वहीं पर चार पहिया गाड़ी से आए अज्ञात बदमाशों ने शाआलम को जबरन गाड़ी में बैठा लिया और बंधक बनाकर साथ ले गए।
आरोपियों ने युवक के ही फोन से उसकी पत्नी को फोन करके 10 लाख रुपए की मांग की। फोन आने के बाद परिजन सहम गए और युवक को बचाने के लिए जेवरात बेचकर ढाई लाख रुपए इकट्ठा किए। आरोपियों के कहने के मुताबिक शाआलम की पत्नी गुलपशा रुपए लेकर बताई गई जगह पर गई।
गुलपशा ने बताया कि वहां पर एक गाड़ी में पति बैठे थे और दूसरी गाड़ी पर चार अज्ञात लोग बैठे थे। आरोपियों ने गुलपशा को भी एक गाड़ी में बैठाया और कुछ दूरी पर जाकर ढाई लाख रुपए ले लिए। महिला ने जब पति को छोड़ने की बात कही तो आरोपियों ने बचे हुए रुपए देने पर छोड़ने की बात कही और उसे गाड़ी से नीचे उतार कर फरार हो गए।
सोमवार की सुबह पत्नी और परिजनों ने थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी। पीड़िता ने पुलिस को दी गई तहरीर में बताया कि उसके पति के पास दो मोबाइल फोन और 35,000 रुपए थे। आरोपियों ने युवक के फोन से ही परिजनों को फोन किया था। सहायक पुलिस आयुक्त सुशांत गोल्फ सिटी स्वाति चौधरी ने बताया कि मामला संज्ञान में है। मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। इससे आगे उन्होंने कोई जानकारी देने से इंकार कर दिया।
This website follows the DNPA Code of Ethics.
|
हरैंया सतघरवा (बलरामपुर)। प्राथमिक विद्यालय धन्नीडीह ग्राम पंचायत विशुनपुर बढ़ईपुरवा में पांच महीने से बच्चों को माध्यान्तर भोजन नहीं मिला है जिसके कारण बच्चों की संख्या कम होती जा रही है। प्राथमिक विद्यालय में उपस्थित अध्यापक प्रशान्त शुक्ल, छोटे लाल भारती (सहायक अध्यापक), पंकज कुमार सिंह (शिक्षा मित्र) और प्रधानाचार्य सुरेन्द्र प्रताप यादव ने बताया, "कनवर्जन कास्ट और ग्राम प्रधान से खाद्य सामग्री न मिलने के कारण भोजन नहीं बन पा रहा है। हम लोगों ने अधिकारियों को इस बारे में अवगत भी कराया, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। विद्यालय में मिड-डे मील बने हुए लगभग पांच महीने हो गए हैं, बच्चों की संख्या में भी गिरावट आ रही है।"
वहां उपस्थित अभिभावक बद्री प्रसाद तिवारी एवं दुर्गा प्रसाद ने बताया,"विद्यालय परिसर में लगा इंडिया मार्का हैंडपंप से पीला पानी निकलता है, जिसको बच्चे पीते हैं और आए दिन बीमार बने रहते हैं।" विद्यालय मे उपस्थित बच्चे अंकित कुमार यादव एवं हरीशचन्द्र ने नल चलाकर भी दिखाया। नल चलाये जाने पर नल से पीला बदबूदार पानी निकल रहा है। इसी पानी को पीकर आये दिन बच्चे बीमार हो रहे है।
|
नई दिल्ली। एक ऐतिहासिक कदम के तहत केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में किन्नर (ट्रांसजेंडर) समुदाय के लिए अलग पहचान और इस समुदाय के साथ लगे सभी धब्बों को दूर करने के लिए एक विधेयक पेश किया। केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री थावरचंद गहलोत ने यह विधेयक पेश किया। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी(आरएसपी) के सदस्य एन. के. प्रेमचंद्रन के इस विधेयक को पेश करने के विरोध को खारिज कर दिया।
ट्रांसजेंडर र्पसस (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल, 2016 किन्नरों को शोषण से रक्षा करने के लिए तंत्र स्थापित करने और इस समुदाय के साथ भेदभाव दूर करने और इन्हें खुद अपनी लैंगिक पहचान का अधिकार देने की कोशिश है।
पिछले वर्ष अप्रैल में इस बारे में राज्यसभा ने ट्रांसजेंडर र्पसस (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स) बिल को पारित किया था जिसे आकस्मात द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सदस्य तिरुचि शिवा ने एक निजी सदस्य विधेयक के रूप में उच्च सदन में पेश किया था।
इस विधेयक को अब सरकार ने लोकसभा में पेश किया है।
इस विधेयक का मकसद किन्नर समुदाय को सशक्त बनाना और भारत में किन्नर के खिलाफ अपराध करने वाले को कड़ी सजा देने का प्रावधान है। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक देश में छह लाख किन्नर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस विधेयक को 20 जुलाई को ही स्वीकृति दी जा चुकी है।
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि नए कानून से इस समुदाय को समाज की मुख्य धारा में लाने में मदद मिलेगी।
|
Subsets and Splits
No community queries yet
The top public SQL queries from the community will appear here once available.