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हमीरपुर-बिजली बोर्ड के ट्रांसफार्मर पर आसमानी बिजली गिरने की अफवाह ने हमीरपुर में हड़कंप मचा दिया। हालांकि वीडियो में जो खौफनाक मंजर दिख रहा है उसको देखकर किसी के भी रौंगटे खड़े हो जाएं। वायरल वीडियो में जगह की लोकेशन अणु चौक दर्शाई जा रही है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बिजली के ट्रांसफार्मर के नीचे से बिजली की जोरदार स्पार्किंग हो रही है। यही नहीं बिजली लाइन से भी स्पार्किंग के बाद आग की चिंगारियां गिर रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। बताया जा रहा है कि यह वीडियो रविवार सुबह का का है। रविवार सुबह जिला भर में बारिश हुई है। बादलों की जोरदार गर्जना के बीच कड़कड़ाती बिजली के कारण लोग सहम गए थे। बताया जा रहा है कि इसी दौरान आसमानी बिजली बिजली उपकरणों पर गिरी है। हालांकि इस बात को बिजली बोर्ड ने सिरे से खारिज कर दिया है। बोर्ड का कहना है कि उनके किसी भी ट्रांसफार्मर या पोल पर आसमानी बिजली नहीं गिरी है। यह पूरी तरह अफवाह है। बता दें कि रविवार को ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें दिखाया गया है कि अणु चौक के पास बिजली बोर्ड के ट्रांसफार्मर पर आसमानी बिजली गिर रही है। बिजली बोर्ड के अधिशाषी अभियंता केके भारद्वाज का कहना है कि ऐसा कोई वाकया पेश नहीं आया है। लोगों को इस तरह की अफवाहों से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि वीडियो वायरल करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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हम आक्रामक हुआ करते थे और लड़ाई करते थे। उन्होंने कहा, हमारे कप्तान की तुलना भारतीय कप्तान से कीजिए। अजहर अली (कप्तान) और मिस्बाह उल हक (कोच) को कुछ ऐसे रास्ते निकालने होंगे जो पाकिस्तान टीम को बेहतर बनाएं। रोडमैप होना चाहिए कि हमें कैसे विराट कोहली की टीम से बेहतर होना है।
अख्तर ने बताया कि कैसे पाकिस्तान के कप्तान इमरान खान ने टीम को सुधारने के लिए मेहनत की थी। उन्होंने कोहली की फिटनेस को लेकर भी तारीफ की। उन्होंने कहा, कोहली फिटनेस के दीवाने हैं और उनकी टीम पूरी तरह से उनको देखती है। अगर कप्तान ऐसा हो और इस तरह के मापदंड तय करे तो, टीम भी उसे ही फॉलो करेगी।
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गुरुवार, 14 जुलाई से शुरू हो चुका है। पंचांग के अनुसार, सावन महीने का पहला 'प्रदोष व्रत' (Sawan First Pradosh Vrat 2022) 25 जुलाई को है। इस दिन शिव भक्त व्रत रखते हुए शिवजी की विधि-विधान से पूजा करते है। मान्यता है कि उनकी पूजा करने से भगवान भगवान भोलेनाथ षीघ्र प्रसन्न होते हैं तथा अपने भक्तों की सारी मनोकामना अवश्य पूरी करते है। 25 जुलाई को पड़ने वाला सावन का पहला प्रदोष व्रत कई मायनों में बहुत ख़ास है। आइए जानें सावन का पहला प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त और इसकी महिमा।
सावन का पहला प्रदोष व्रत 25 जुलाई, सोमवार को किया जाएगा । इस दिन का पूजा मुहूर्त शाम 07:17 से रात 09:21 तक रहेगा।
हिंदू धर्म में सावन का माह भगवान भोलेनाथ को समर्पित होता है। इसके अलावा सावन का सोमवार भी भगवान शिव की पूजा करके उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है। इसी प्रकार प्रदोष व्रत भी भगवान भोलेनाथ की पूजा और उनकी कृपा पाने के लिए उन्हें समर्पित होता है।
पंचांग के अनुसार, सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 25 जुलाई को है। इस दिन सोमवार का दिन है। ऐसे में सावन माह, सोमवार दिन और प्रदोष व्रत तीनों एक साथ हों तो पूजा का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। इसके साथ ऐसे बेहद अद्भुत संयोग में पूजा का पुण्य कई गुना अधिक शुभ फलदायी होता है।
- प्रदोष वाले दिन प्रातः जल्दी उठाकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
- शिव मूर्ति या शिवलिंग को स्नान कराएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
- यदि आप व्रत रखें तो दिनभर फलाहार का पालन करें।
- भगवान भोलेनाथ का गंगा जल और पंचामृत से अभिषेक करें।
- भगवान भोलेनाथ को पुष्प अर्पित करें और माता पार्वती समेत पूजन करें।
- प्रदोष काल में शिव जी पूजा करें। प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें और प्रदोष काल में आरती करके प्रसाद चढ़ाएं। इसी प्रसाद को स्वयं भी ग्रहण करके व्रत का पारण करें।
- सावन मास का पहला प्रदोष व्रत 25 जुलाई को हैं। 25 जुलाई को सोमवार पड़ रहा हैं। ऐसे में सावन, सोमवार और प्रदोष व्रत तीनों का खास संयोग बन रहा हैं। ऐसे में पूजा का महत्व कई गुना अधिक बढ़ गया हैं। इस शुभ संयोग में पूजा कई गुना अधिक शुभ फलदायी साबित होगी।
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कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान. (Photo Credit: फाइल फोटो)
Patna:
10 जुलाई से बिहार विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा. शोक प्रकाश के साथ पहले दिन की कार्यवाही स्थगित होगी. सत्र में अगले दो दिनों तक राजकीय विधेयक पर चर्चा होगी. वहीं, तीसरे दिन 2023-2024 के अनुपूरक व्यय विवरणी पर चर्चा होगी. मानसून सत्र के अंतिम दिन गैर सरकारी सदस्यों के कार्य होंगे और 14 जुलाई को बिहार विधानसभा के मानसून सत्र का समापन होगा. शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच जिस प्रकार से विवाद हुआ है, यह मामला भी सदन में उठ सकता है.
वहीं, 10 जुलाई से शुरू हाने वाले मानसून सत्र में बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. बीजेपी के प्लान पर कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी दोहरा चरित्र अपना रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र और बीजेपी दोनों राज्य सरकार को परेशान कर रही है. इसके साथ ही शकिल अहमद खान ने कहा कि बीजेपी विपक्ष की एकता से परेशान है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी को यह देखना चाहिए कि सरकार तो बदल सकती है, किसी की भी सरकार हो सकती है, मनमोहन सिंह की भी सरकार थी, उस समय भी देख लें क्या स्थिति थी बजट कैसे मिलता था.
वहीं, आगामी 13 जुलाई को BJP के द्वारा विधानसभा मार्च किया जाएगा. इसको लेकर शकील अहमद खान का कहना है कि डोमिसाइल नीति हटाई गई है. इससे लोगों को फायदा है. डोमिसाइल नीति कई राज्यों में लागू थी. उसे हटाया गया और इससे बिहार के युवा कही और भी जाकर रोजगार ले सकते हैं तो BJP उन्हें भ्रमित न करें. वहीं, BJP के द्वारा बैठकों का दौर चल रहा है. उसको लेकर शकील अहमद खान ने कहा कि BJP बौखलाई हुई है परेशान हैं. उनके पेट में दर्द हो रहा है, जिस तरीके से विपक्ष एकजुट हो रहा है तो उन्हें डर लग रहा है कि 9 साल में जो उन्होंने गलत किया है उसका हिसाब देना होगा इस वजह से वह बैठके कर रहे हैं.
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सनती है । पशु की हालत गिरती जाती है । वह चारा खाना छोड़ देता है तथा पानी पीने का प्रयास करने पर ग्रासनली में ऍउन होकर दर्दयुक्त प्रतिक्षेपण होता है।
गो-पशुओं में ग्रासनली की गुमचाट तथा कटे-फटे छिछल घाव अनेक लक्षण उत्पन्न करत है जो कई सप्ताह तक रहते है। कठ-नलिका अथवा इसके बदले में प्रयोग करने बाली वस्तु को लापरवाही से गले में घुसेड़ने के परिणामस्वरूप यह अवस्था और भी अधिक जटिल हो जाती है। किन्तु ऐसा गले में किसी बडे तथा टेढे मढ़े अथवा तज पदार्थ के अटक जाने पर होता है। पशु की खाने-पीने में अरुचि हो जाती है यद्यपि कि थाडी बहुत कठिनाई के साथ पानी निगला जा सकता I रोगी पशु घांसता तथा उल्टी करने का प्रयास करता है । वाडे-वाडे अवकाश पर दर्दयुक्त दबी हुई खाँसी आती है । रागी मुस्त हो जाता तथा उसकी नाडी गति तेज हो जाती है । जुगुलर गर्त के नीचे आई हुई सूजन ग्रासनली में छेद हो जाना प्रकट करती है जो प्राय रोगी की मृत्यु का सूचक है। फेरिक्स तथा स्वरयत्र में चाटें लगने पर ग्रासनली वा क्टा-फटा क्षेत्र और भी विस्तृत हो जाता है। कितनी चाटा को सहन करके गाय जीवित रह सकती है, यह वात महत्वपूर्ण है ।
एक गाय के गले में अटके हुए सेव को हटाने के लिए उसके मालिक ने ग्रासनली के प्रीवा वाले भाग में झाडू का हत्या घुसेड़ा। दूसरे दिना हाय की सहायता से सब का निकाल दिया गया। तीसरे दिन पशु ने कुछ भी नहीं खाया तथा पानी पीने पर वह मुँह और नथुनो से वापस आ गया । गदन के नीचे दो तिहाई भाग में विस्तृत सूजन थी जिसके पीछे आमाशय नलिका को भी नहीं घुसेडा जा सकता था। ऐसे रोगी का वध किया जा सक्ता है ।
चिकित्सा - यदि गले में कोई रुकावट आदि न हो तो रोगी का आशाजनक इलाज करना चाहिए । पशु को चारा-पानी देना बंद कर दीजिए । दो या तीन दिन बाद पानी निगला जा सकता है। जैसे ही पशु निगलने के योग्य हो जाये उसे जई का पानी अथवा दूध तथा अण्डा मिलाकर पिलाइए । गले में अटके हुए तेज पदार्थों का निकाल लेने के बाद उत्पन तीव्र सूजन को गले पर ठडी पट्टी रखकर तथा नाप का वफारा देवर ठीक किया जा ग्रासनली की श्लेप्मल झिल्ली पर परोक्षरूप से ओपथिया का प्रयाग अधिक लाभदायक नहीं है यद्यपि 15000 के अनुपात में पानी में बने सिल्वर नाइट्रेट घोल तया द्रव पैरेफिन का प्रयोग किया जाता है।
दोघकालिक ग्रासनली शोय --यह कभी-कभी घाडा के बक्षीय क्षेत्र में हुआ करती है जहाँ यह वठ-नलिका से लगी हुई चाट अथवा वठरोवन या उग्र सुजन उत्पन करके श्लेष्मल झिल्ली का आशिक रूप से पाट दने वाल तीखे पदार्थों के कारण होती है । कणीभवन ( granulation) अथवा दाग पहने के परिणामस्वरूप धीरे धीरे सिकुडन उत्पन हा सक्ती हैं। इससे चार के निगलने में तब तक कठिनाई पड़ती है जब तक सिकुडे हुए क्षेत्र के ठीक ऊपर वाला भाग स्थायी रूप से फैल नहीं जाता -- ग्रासनलीय विस्फारण (esophagea! dilatation ) । इसका अतिम प्रभाव यह है कि पशु का 'दीर्घकालिक कठराघक' (chronic choker) हो जाता है। अत में ग्रासनली में ठँत कर चारा भर जाता उसका पूर्ण पक्षाघात होता तथा निमानिया होकर एक सप्ताह से दस दिन में रागी की मृत्यु हो जाती है । |
बिलासपुर (निप्र)। तखतपुर ब्लॉक की ग्राम पंचायत गनियारी में हुए निर्माण का मूल्यांकन करने के एवज में सरपंच से आठ हजार रुपए रिश्वत लेते आरईएस के सब इंजीनियर को एसीबी टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी को विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण के आदेश पर जेल भेज दिया गया है।
ग्राम पंचायत गनियारी में स्कूल में शौचालय व श्मशान घाट में शेड निर्माण कराया गया है। नियम के अनुसार उक्त निर्माण का जनपद पंचायत में पदस्थ सब इंजीनियर को मूल्यांकन करना था। इस काम को लेकर सरंपच सावित्री बाई वर्मा ने अपने पति रामाधारा वर्मा के साथ जनपद पंचायत में सब इंजीनियर रंगनाथ लहरे से संपर्क किया। सब इंजीनियर ने इस कार्य के लिए 10 हजार रुपए की मांग की। पहले तो उसे कुछ रकम दी गई। इसके बाद भी उसने काम नहीं किया। शेष रकम दिए जाने पर ही काम करने की बात कही। कई बार चक्कर लगाने के बाद बावजूद काम नहीं करने से परेशान होकर सरपंच पति रामाधार ने एंटी करप्शन ब्यूरो से शिकायत की। शिकायत पर टीम ने योजना बनाकर उसे सब इंजीनियर के पास भेजा। इस दौरान दोनों के बीच 8 हजार रुपए में सौदा तय हुआ। टीम के पास साक्ष्य आने के बाद शिकायतकर्ता को केमिकल लगे रुपए देकर भेजा गया। शिकायतकर्ता ने गुरुवार को जैसे ही सब इंजीनियर को रुपए दिए, एसीबी की टीम ने उसे धरदबोचा। टीम ने मौके पर पंचनामा की कार्रवाई कर आरोपी रंगनाथ लहरे पिता जगन्नाथ लहरे (46) को धारा 7,13,1, 1-3, 3-2 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया। आवश्यक कार्रवाई कर आरोपी को गुरुवार शाम विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अनिता यादव की अदालत में पेश किया। न्यायालय ने जमानत आवेदन खारिज कर आरोपी को जेल दाखिल करने का आदेश दिया। एसीबी की टीम में डीएसपी एसपी करोसिया, इंस्पेक्टर रमाकांत शर्मा, रोशनी वासनिक, आरक्षक वेदराम सिंहा, राजपत्रित अधिकारी आरके बांगे, एचआर नेताम शामिल थे।
"रिश्वत लेते हुए सब इंजीनियर रंगनाथ लहरे को ट्रेस कर पकड़ा गया है। उसके खिलाफ कार्रवाई कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे भेजने का आदेश हुआ है"
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आप ऑफिस से निकले हों, दिमाग थक सा गया हो। घर पहुंचने के लिए आप मेट्रो में सीट पर बैठने ही वाले हों तभी वहां आपके लिए रखी एक किताब मिल जाए। और जब वो किताब आपकी पसंदीदा हो तो जाहिर सी बात है की आपकी सारी थकान मिट जाएगी। लेकिन दिल्ली सहित कई बड़े शहरों में सार्वजनिक जगहों पर कुछ युवा ऐसे ही कर रहे हैं।
किसी स्टेशन या पब्लिक जगहों पर किसी का इंतजार कर रहे हों और आपके पास एक किताब रखी मिल जाए। पहले तो आपको लगेगा कि ये किताब किसी और की है और यहां छूट गई होगी। लेकिन जैसे ही आप किताब को गौर से देखेंगे तो उस पर एक खास मैसेज लिखा हुआ मिलेगा, जिससे आपको यह पता चल जाएगा कि यह बुक गलती से छूटी हुई नहीं है, बल्कि जानबूझकर वो किताब आपके लिए छुपाई गई है।
ऐसा इसलिए हुआ है ताकि उस किताब को आप पढ़ सकें और पढ़कर आप भी अपनी मर्जी से उसे कहीं छिपा सकें। ऐसे ही फ्री बुक पढऩे का यह सिलसिला चलता रहे। दिल्ली, मुंबई, कोच्चि समेत देश के कई मेट्रो सिटीज में इन दिनों ऐसा ही हो रहा है। लोगों को लोकल पब्लिक प्लेसेज, कैफेज, पब्लिक ट्रांसपोर्ट एरियाज में ये बुक्स मिल रही हैं।
बड़े शहरों के युवाओं के इस आइडिया को काफी पसंद किया जा रहा है। दिल्ली में ऐसे ही कुछ ग्रप्स एक्टिव हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के पीजी स्टूडेंट केशव छाबड़ा 'द बुक फेयरीज ऑफ इंडिया' मुहिम चला रहे हैं। हालांकि ऐसा करने पर इन्हें रिटर्न में कुछ नहीं मिलता। इस बारे में केशव ने गाँव कनेक्शन को बताया "ऐसा करने पर मुझे एक प्रकार की संतुष्टि मिलती है।
ये भी पढ़ें- बदलाव की मिसाल हैं थारू समाज की ये महिलाएं, कहानी पढ़कर आप भी कहेंगे वाह !
मुझे दूसरों को किताबें देना अच्छा लगता है। मैं चाहता हूं कि जो मैं पढ़ रहा हूं, वो और लोग भी पढ़ें।" बुक फेयरीज ऑफ इंडिया शहर में कोने-कोने में बुक छिपाकर जाता है। दिल्ली मेट्रो और स्टेशंस पर बुक्स को छोड़कर जाते हैं। केशव कहते हैं "यह उम्मीद करना एक बेहतरीन अनुभव है कि आपकी छोड़ी हुई बुक कोई दूसरा पढ़े और वह भी पढ़कर उसे दूसरे के लिए छोड़ जाए।"
एक घटना का जिक्र करते हुए केशव बताते हैं "एक बार मैंने अपने कॉलेज में एक उपन्यास छिपाकर रख दिया था। कॉलेज की कुछ लड़कियां वहां से जब गुजर रही थीं तो उनकी नजर उस किताब पढ़ी। पहले तो उन्हें लगा गलती से किसी की किताब यहां छूट गई होगी। लेकिन जब उन्होंने उस पर लिखा मैसेज लिखा तो वो खुशी उछलने लगीं। वो उनकी पसंदीदा किताब थी।" फ्री में किताब देने वाले ऐसे ग्रुप्स सोशल मीडिया पर भी एक्टिव हैं।
तेजी से बढ़ रह या कम्युनिटी ग्रुप्स ग्लोबल मूवमेंट्स से जुड़ा है। जिसमें 'द बुक फेयरीज' लंदन बेस्ड ग्रुप है। इसमें ब्रिटिश एक्टर एमा वाटसन जुड़ी हैं, वहीं न्यूयॉर्क का 'बुक्स ऑन द मूव ग्लोबल' भी यही काम करता है। केशव बताते हैं "एक अनुमान के मुताबिक, इंडिया में करीब 50 एक्टिव बुक फेयरीज हैं। यह कम्युनिटी तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली, मुंबई व बेंगलूरु जैसी मेट्रो सिटीज के बाद ये ग्रुप स्मॉल सिटीज की ओर भी बढ़ रहे हैं। कोच्चि व वडोदरा में भी बुक्स ड्रॉप करना शुरू किया है।"
सबसे पहले तो यही सवाल उठता है कि ऐसे ग्रुप्स को फ्री में देने के लिए किताबें मिलती कैसे हैं। इस बारे में केशव बताते हैं "हम सोशल साइट्स पर काफी सक्रिय रहते हैं। किताबों के लेखक और प्रकाशक हमसे संपर्क करते हैं। वो फ्री में प्रचार चाहते हैं और हम किताबें।
हम उनकी किताबों को सार्वजनिक जगहों जैसे, मेट्रो या रेलवे स्टेशन, म्यूजिय और पार्कों में रख देते हैं। और उस पर मैसेज लिख देते हैं कि इसे पढ़ने के बाद दूसरों को दे दें। इस तरह से हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक फ्री में किताबें पहुंचा देते हैं, इनमें हिंदी और अंग्रेजी साहित्य की किताबें शामिल रहती हैं"।
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कोल्हापुरः राज्य सरकार ने राज्य में गन्ना श्रमिकों को पहचान पत्र जारी करने की जिम्मेदारी ग्राम सेवकों को सौंपी है। हालांकि, कोल्हापुर जिले के ग्राम सेवक संगठनों ने यह काम करने से इनकार कर दिया है। इस पर महाराष्ट्र राज्य गन्ना कटाई एवं परिवहन श्रमिक संघ के प्रदेश महासचिव प्रो. सुभाष जाधव ने प्रेस नोट के माध्यम से पहचान पत्र नहीं देने पर आने वाले पेराई सत्र में मिलें नहीं चलने देने की चेतावनी दी है। जाधव ने कहा, गन्ना मजदूर पंजीकरण समेत अन्य मांगों पर ध्यान दिलाने के लिए संगठन की ओर से नौ अगस्त को मोर्चा निकाला जायेगा।
उन्होंने कहा, सरकार ने गांवों में ग्राम सेवकों के माध्यम से श्रमिकों का पंजीकरण करने और पहचान पत्र जारी करने के लिए एक परिपत्र जारी किया था।इतना ही नही यह भी कहा गया था कि 2022 के शरद ऋतु से पहले इन श्रमिकों को निगम द्वारा पहचान पत्र दिया जाएगा और सुविधाएं भी लागू की जाएंगी। जाधव ने चेतावनी दी कि, अगर इस साल के गन्ना सीजन की शुरुआत से पहले कोल्हापुर जिले में गन्ना काटने और परिवहन श्रमिकों को जन नेता गोपीनाथ मुंडे गन्ना श्रमिक कल्याण निगम के पहचान पत्र नहीं दिए, तो मिलों को पेराई सत्र शुरू नहीं करने देंगे।
जाधव ने कहा, ग्राम सेवकों ने यह बहाना बनाकर इस कार्य से इनकार कर दिया है कि, मजदूरों की जांच कैसे की जायेगी। लेकिन उससे पहले कलेक्टर की अध्यक्षता वाली कमेटी ने मिलों से पिछले तीन साल के श्रमिकों के नाम एकत्रित कर उसकी सूची जिला परिषद को उपलब्ध करा दी है। इसके बाद कलेक्टर रेखावार ने 15 अगस्त तक श्रमिकों को पहचान पत्र देने के आदेश दिए थे।
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नई दिल्ली, 27 मार्चः कुछ लोग फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' का विरोध कर रहे हैं। उनका तर्क है कि इससे साम्प्रदायिक विभाजन को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन सवाल ये है कि क्या दिन में आंख मूंद लेने से रात आ जाएगी ? सच पर पर्दा डाल देने से क्या कश्मीर फिर धरती का स्वर्ग बन जाएगा ? सच छिपाने की वजह से ही तो जख्म नासूर बन गया। हुक्मरान सच पर पर्दा डालते रहे और दिल के फफोले घाव बनते गये। श्रीनगर और दिल्ली में बैठे शासक यह दिखाते रहे कि जम्मू कश्मीर में सब कुछ ठीक है जब कि अंदर ही अंदर नफरत के शोले भड़कते रहे। समस्या को छिपाने की नहीं बल्कि उसे बताने और उसके समाधान की जरूरत है।
जहर को छिपाने से क्या अमृत हो जाएगा ?
1983 में तो यहां आतंकवाद नहीं था। फिर क्यों विश्व विजेता भारतीय क्रिकेट टीम के साथ दुश्मनों की तरह सुलूक किया गया ? पाकिस्तान समर्थक स्थानीय नेता और दहशतगर्द कश्मीर की जनता को भारत के खिलाफ भड़काने में लगे हुए थे। 13 अक्टूबर 1983 को श्रीनगर के शेरे कश्मीर स्टेडियम में पहली बार कोई अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैच आयोजित हुआ था। भारत और वेस्टइंडीज के बीच मुकाबला था। चार महीना पहले ही भारत ने वेस्टइंजीज को हरा कर क्रिकेट का विश्व कप खिताब जीता था। पूरा देश जहां भारतीय क्रिकेट टीम पर गर्व कर रहा ता वहीं कश्मीर के कुछ लोग उसके खिलाफ जहर उगल रहे थे। भारत के राष्ट्रीय नायकों के साथ कश्मीर के लोगों की यह बदसलूकी आश्चर्यचकित करने वाली थी। तब टेलीविजन और सोशल मीडिया का जमाना नहीं था। अखबारों में भी इस घटना की छिटपुट खबरें ही छपीं। जब कि यह एक गंभीर मामला था। अगर उस समय ही आने वाले खतरे को भांप लिया गया होता, और उसका सटीक इलाज किया गया होता, तो चिंगारी आग न बनती। उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थीं। जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूख अबदुल्ला थे। लेकिन दोनों में से किसी ने तत्परता नहीं दिखायी। सरकारें सच को छिपाये बैठी रहीं और 1987 में आतंकवाद ने कश्मीर को निगल लिया। 1983 के क्रिकेट मैच को कैसे दहशतगर्दों ने निशान बनाया, इसका जिक्र जरूरी है। जिक्र इसलिए, ताकि 'द कश्मीर फाइल्स' का विरोध करने वाले हकीकत को जान सकें।
सुनील गावस्कर ने अपनी किताब रन्स एंड रुईंस में लिखा है- अगर कोई टीम हार जाए या खराब खेले तो हूटिंग समझ में आती है। लेकिन मैच से पहले भारतीय टीम के खिलाफ नारे लगने लगे तो हम दुविधा में पड़ गये। दर्शकों की जमात में से कुछ लोग पाकिस्तान समर्थक नारे लगा रहे थे। यह बहुत हैरान करने वाला था। हम वेस्टइंडीज के खिलाफ खेल रहे थे न कि पाकिस्तान के खिलाफ। फिर पाकिस्तान के समर्थन में क्यों नारा लग रहे था, हम समझ नहीं पाये। खेल पत्रकार अभिषेक मुखर्जी ने भी इस मैच की परिस्थितियों के बारे में लिखा है। भारत के कप्तान कपिल देव और वेस्टइंडीज के कप्तान क्लाइव लॉयड टॉस के लिए मैदान में गये। लॉयड ने टॉस जीता और भारत को बैटिंग के लिए आमंत्रित किया। भारत की पारी शुरू करने सुनील गावस्कर और श्रीकांत मैदान पर उतरे। वेस्टइंजीज के पास उस वक्त खौफनाक तेज गेंदबाजों की चौकड़ी थी। एंडी रॉबर्ट्स, मैल्कम मार्शल, माइकल होल्डिंग, एल्डिन बैपटिस्ट की आग उगलती गेंदों को खेलना आसान न था।
पहला ही ओवर शुरू हुआ कि दर्शक दीर्घा से भारत के खिलाफ हूटिंग शुरू हो गयी। एंडी रॉबर्ट्स पहला ओवर लेकर आये। तब रॉबर्ट्स की रफ्तार से अच्छे अच्छों का पसीना छूट जाता था। माहौल भारत के खिलाफ था। पहले ही ओवर में गावस्कर का एक मुश्किल कैच स्लीप में गया लेकिन लॉयड लपक नहीं पाये। गावस्कर ज्यादा टिक नहीं पाये और मार्शल ने उन्हें 11 रनों पर आउट कर दिया। श्रीकांत ने 40 और वेंगसरकार ने 28 रना बना कर कुछ संघर्ष किया लेकिन भारतीय पारी 176 रनों पर ढेर हो गयी। स्पिनर रोजर हार्पर ने सबसे अधिक तीन विकेट लिये।
भारत की पारी खत्म हुई तो लंच ब्रेक हुआ। मैदान खाली था। तभी कुछ उपद्रवी मैदान में घुस गये और उन्होंने पिच को क्षतिग्रस्त कर दिया। हालांकि इसका नुकसान वेस्टइंडीज को होने वाला था। लेकिन उत्पात करने वाले लोगों को इससे कोई मतलब नहीं था। वे मैच को बाधित कर अपनी ताकत दिखाना चाहते थे। लेकिन सुरक्षा बलों ने उपद्रवियों को तत्काल खदेड़ दिया। पिच की मरम्मत कर खेलने लायक बनाया गया। वेस्टइंडीज की पारी शुरू करने के लिए डेसमंड हेंस और गौर्डन ग्रीनिज मैदान पर आये। कप्तान कपिल देव ने बॉलिंग शुरू की। भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ एक बार फिर बदसलूकी शुरू हुई। बाउंड्री लाइन पर फील्डिंग कर रहे भारतीय खिलाडियों पर खाली बोतलें और कंकड़-पत्थर फेंके जाने लगे। दिलीप बेंगसरकर को तो एक सिरफिरे ने सेब फेंक कर ही मार दिया। श्रीनगर के दर्शकों का यह रवैया देख भारतीय खिलाड़ी परेशान हो गये। हूटिंग तो वे पहले से झेल रहे थे लेकिन सुरक्षा की स्थिति ने उन्हें चिंता में डाल दिया। ऐसा लग रहा था कि मैच भारत में हो ही नहीं रहा हो।
वेस्टइंडीज ने 22. 4 ओवर में बिना किसी नुकसान के 108 रन बनाये थे कि मौसम खराब हो गया। तेज धूलभरी आंधी से अंधेरा हो गया। बूंदाबांदी भी होने लगी। मैच रोक दिया गया। लेकिन मैच का फैसला एक अनोखे गणित से हुआ। भारत ने 22 ओवर में 80 रन बनाये थे। जब कि वेस्टइंडीज ने 22. 4 ओवर में 108 रन बनाये थे। यानी वेस्टइंडीज 28 रन से आगे था। वेस्टइंडीज को 28 रनों से विजेता घोषित कर दिया गया। स्टेडियम का नजारा हतप्रभ कर देने वाला था। गावस्कर जब बैटिंग कर रहे थे तब एक नौजवान इमरान खान का पोस्टर हवा में लहरा रहा था। वह थम्स अप के जरिये जीत की निशानी भी दिखा रहा था। ऐसा क्यों हो रहा था ? वह भारत को हारता हुआ क्यों देखना चाहता था ? इस मामले में वह पाकिस्तान का पक्ष क्यों ले रहा था? जब कि उसका इस मैच कुछ लेना देना ही नहीं था। मैच के बाद रात को जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने खिलाड़ियों के लिए भोज आयोजित की थी। जब फारूख अब्दुल्ला की भारतीय खिलाड़ियों से मुलाकात हुई तो उन्होंने मैच के दौरान हुई घटनाओं के लिए माफी मांगी। हालांकि सभी दर्शकों ने नहीं बल्कि एक उसके एक छोटे हिस्से ने ही भारतीय टीम के साथ बदसलूकी की थी, लेकिन ये थी तो एक गंभीर घटना। पिच खोदने के आरोप में कश्मीर पुलिस ने 12 लोगों को गिरफ्तार किया था। लेकिन उन्हें बेल पर छोड़ दिया गया था। बाद में वे सुबूत के अभाव में बरी भी हो गये थे। अगर उस समय ही सख्ती दिखायी गयी होती तो आज 'द कश्मीर फाइल्स' जैसी फिल्म बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।
Video:'कश्मीर फाइल्स को बैन करो वरना अंजाम भुगतना ', मौलवी ने दी धमकी, कहा- '800 सालों तक हमने. . . '
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सनकेन जहाजों - उनमें से कितने समुद्र और महासागरों के तल पर हैं? वे उनके साथ क्या रहस्य लेते थे?
समुद्र और महासागरों के नीचे हमेशा वैज्ञानिकों को आकर्षित किया है,इतिहासकार और सिर्फ साहसी। अध्ययन अधिक जोखिम से जुड़े होते हैं, लेकिन जो लोग काफी समझने योग्य कारणों से कम नहीं बनते हैं। सागर तल पूरी तरह से समझ में नहीं आता है, इसमें कई रहस्य हैं। वैज्ञानिक ऐतिहासिक अनुसंधान की संभावना से आकर्षित होते हैं, क्योंकि समुद्र तट सहस्राब्दी के लिए बदल गया है। लेकिन ज्यादातर लोग मलबे से आकर्षित होते हैं। समुद्री जहाजों ने समुद्र के पहले व्यक्ति के बाहर निकलने के बाद से डूबने जा रहे हैं, और अब संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार, उनमें से तीन मिलियन से अधिक हैं।
धूप के रहस्यों में प्रवेश करने के सभी प्रयासजहाज विभिन्न उद्देश्यों से जुड़े हुए हैं। वैज्ञानिकों और इतिहासकार पुरातात्विक विरासत और आपदा के कारण की जांच से आकर्षित होते हैं, क्योंकि जहाज विभिन्न कारणों से डूब गए थे। समुद्री तट पर जहाजों को खोजने के कई प्रयास उन मूल्यों के लिए एक निष्क्रिय खोज से जुड़े हुए हैं जो उन्हें पहुंचाए गए थे। ऐसे खोजकर्ताओं में विशेष रूप से दिलचस्पी समुद्री डाकू हमलों और विभिन्न सैन्य कार्यों के समय हैं। तब यह था कि सोने, चांदी, मिट्टी के बरतन और अन्य क़ीमती सामान समुद्र और समुद्र तल पर गिर गए।
मानव प्रकृति की संपत्ति ऐसे सपनों की तरह हैबहुत समय ले लो कोई भी उन्हें लागू करने की कोशिश करता है। और बहुत से लोग पैसा कमाने नहीं चाहते हैं, लेकिन खजाना ट्रोव खोजने के लिए। यह कला और संस्कृति में परिलक्षित नहीं हो सका। सनकेन जहाज साहसिक उपन्यासों और उपन्यासों, लोकप्रिय विज्ञान लेखों और इंटरनेट ब्लॉगों, संज्ञानात्मक टेलीविजन कार्यक्रमों और यहां तक कि कंप्यूटर या अन्य डिजिटल उपकरणों के लिए गेम में दिखाई देते हैं।
अगर हम अमेरिकी तट के बारे में बात करते हैं, तोसनकी जहाजों की कहानी 14 9 2 में शुरू होगी। यह कोलंबस की पहली यात्रा थी, जिसमें प्रमुख "सांता मारिया" डूब गई थी। जहाज कभी नहीं मिला था, हालांकि इसके मलबे का अनुमानित स्थान ज्ञात है। कुछ साल बाद, उसी नेविगेटर ने कैरीबियाई में अपने दो जहाजों को खो दिया।
अमेरिका की खोज के बाद, पुरानी दुनिया में सोने के निर्यात का युग शुरू हुआ, और सनकी जहाजों ने समुद्र तल को अधिक से अधिक बार कवर करना शुरू कर दिया।
बाल्टिक सागर के नीचे कभी-कभी कब्रिस्तान कहा जाता हैजहाजों - निर्माण के विभिन्न युग के कई जहाजों को डूब गया। उनमें से लगभग बीस साधारण गोताखोरों को खोजने में सक्षम थे - इतनी उथली हुई दफनें। कम तापमान और पानी की कम लवणता के कारण वैज्ञानिकों के मुताबिक उनमें से कई अच्छी तरह से संरक्षित हैं। सबसे प्राचीन मलबे मध्य युग में बनाया गया था।
यह पता चला कि जहाजों के अवशेषों में रुचि बनी हुई हैनीचे, इतना अच्छा है कि जेएससी "समुद्री टेक्नोलॉजीज" को एक प्रकार के एटलस और धूप वाले जहाजों की एक सूची संकलित करना शुरू कर दिया गया था। विमानों, हेलीकॉप्टरों आदि जैसे इस तरह के उपकरण इन सूचियों में शामिल हुए हैं। हालांकि बाल्टिक सागर में अनुसंधान आयोजित किया जा रहा है, रूसी संघ के क्षेत्र से संबंधित पानी पर सबसे बड़ा ध्यान दिया जाता है।
परियोजना "धूप वाले जहाजों के रहस्य"
परियोजना 2002 में लॉन्च की गई थी।यह एक और बड़े पैमाने पर विचार - "रूस की समुद्री विरासत" का हिस्सा है। "सनकी जहाजों के रहस्य" के कार्यकारी निर्माता इल्या कोचोरोव थे, और वैज्ञानिक सलाहकार आंद्रेई लुकोशकोव थे। अनुसंधान की मुख्य वस्तुएं बाल्टिक सागर, फिनलैंड की खाड़ी, लाडोगा, चुडस्को और वनगा झील हैं।
प्रतिभागियों को विभिन्न उद्देश्यों के जहाजों को मिलते हैं -यह वाणिज्यिक और सैन्य दोनों जहाजों दोनों है। पाए गए कंकाल, उनकी राष्ट्रीयता, ऐतिहासिक और पुरातात्विक मूल्य की पहचान करने के साथ-साथ दुर्घटना के दौरान लोगों की पहचान को पहचानने वाले लोगों की पहचान को स्पष्ट करने का एक प्रश्न है।
परियोजना द्वारा आयोजित अभियान, फिनलैंड युद्ध, लैंडिंग शिल्प, छोटे बख़्तरबंद शिकार जहाजों के समय के नौसेना बख्तरबंद जहाजों के रूप में ऐसे जहाजों पाए गए थे।
स्वाभाविक रूप से, गहराई और आचरण का अध्ययन करने के लिएसैन्य संचालन या पुनर्जागरण संचालन, न केवल सतह जहाजों का उपयोग किया जाता था - विभिन्न उद्देश्यों की पनडुब्बियां बनाई गई थीं। लेकिन समुद्र और महासागर दृढ़ता से अपने रहस्यों की रक्षा करते हैं, इसलिए पनडुब्बी के मलबे हैं। केवल 1 9 55 से 2014 की अवधि के लिए वर्ष आठ डूबे हुए परमाणु पनडुब्बियों के बारे में जाना जाता है, जिनमें से दो रूस से संबंधित थे। डीजल की संख्या एक सौ आ रही है।
सबसे प्रसिद्ध जहाज (और, शायद, सबसे अधिकबड़ा) टाइटैनिक है। और हालांकि आधिकारिक संस्करण इस तथ्य को उबालता है कि जहाज एक बर्फबारी से डूब गया और डूब गया, हर कोई इसे मानता नहीं है। सबसे पहले, क्योंकि जहाज की जांच के बाद बहुत सी अस्पष्टताएं बाकी हैं। उपन्यास "टाइटन" के लेखक द्वारा उनकी मृत्यु की एक अनोखी भविष्यवाणी ने अपनी भूमिका निभाई।
अगर हम सबसे ज्यादा धूप के बारे में बात करते हैंखजाने, आप जहाज को नुएस्टर्रा सेनोरा डी एटोचा कह सकते हैं, जो 17 वीं शताब्दी में डूब गया था। जहाज ने नई दुनिया में प्राप्त धन को पहुंचाया। जहाज़ के समय, पकड़ में बहुत सारे पन्ना, सोने और चांदी थे। स्पेनिश खजाने के लिए ये खजाने जरूरी नहीं थे, न केवल खजाने को भरने के लिए, बल्कि शादी करने के लिए भी (उनके चुने हुए व्यक्ति ने हालत बनाई - सबसे खूबसूरत खजाने को इकट्ठा करने के लिए जो दुनिया में मौजूद हैं)। और हालांकि दुर्घटना स्थल को जाना जाता था - फ्लोरिडा के तट के पास चट्टानों, यह केवल 20 वीं शताब्दी में पाया जा सकता था।
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कांग्रेस का सपना चुनाव में चकनाचूर हो गया। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 7 सीटें जीती थीं। इस बार ये संख्या घटकर 2 पर आ गई। कांग्रेस की कितनी दुर्गति हुई, इसे इस तरह समझा जा सकता है कि उसके प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तक अपनी सीट नहीं बचा सके।
लखनऊ/नई दिल्ली। यूपी में कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के चेहरे को आगे रखकर 'लड़की हूं, लड़ सकती हूं' का नारा दिया था। कांग्रेस को उम्मीद थी कि प्रियंका के चेहरे को आगे रखकर और उनके इंदिरा गांधी स्टाइल के जरिए वो यूपी में अच्छा प्रदर्शन कर लेगी। कांग्रेस का ये सपना चुनाव में चकनाचूर हो गया। पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 7 सीटें जीती थीं। इस बार ये संख्या घटकर 2 पर आ गई। कांग्रेस की कितनी दुर्गति हुई, इसे इस तरह समझा जा सकता है कि उसके प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तक अपनी सीट नहीं बचा सके। इससे पार्टी के नेताओं में हड़कंप है। बैठकों का दौर चल रहा है और माना जा रहा है कि आने वाले समय में कई नेताओं की गर्दन नप सकती है।
कांग्रेस का यूपी में अब तक का ये सबसे खराब प्रदर्शन रहा है। दो विधायक उसके जीते हैं। जबकि, 4 प्रत्याशी नंबर 2 पर पहुंचे। 387 उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई। बता दें कि कांग्रेस ने नया प्रयोग करते हुए 40 फीसदी टिकट महिलाओं को दिए थे। इनमें से सिर्फ एक आराधना मिश्रा मोना ही चुनाव जीती हैं। इन सारे आंकड़ों की वजह से परेशान कांग्रेस के नेता बैठक पर बैठक कर रहे हैं। सोमवार को यूपी कांग्रेस के माल एवेन्यू स्थित दफ्तर में बड़े नेता जुटे। इनमें प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, राष्ट्रीय सचिव तौकीर आलम, प्रदीप नरवाल, राजेश तिवारी, बाजीराव खाड़े और सत्यनारायण पटेल थे। इन सभी ने प्रत्याशियों और पदाधिकारियों से हार की वजह जाननी चाही।
सूत्रों के मुताबिक प्रत्याशियों में से ज्यादातर ने कहा कि संगठन का साथ नहीं मिला और जिस सीट से वो लड़े, वहां के स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने भी मदद नहीं की। इसके अलावा सपा और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर होने से भी अपनी हार की बात कई उम्मीदवारों ने कही। अब आज भी दिल्ली में यूपी के मसले पर अहम बैठक होने जा रही है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रियंका गांधी करेंगी। बैठक में राष्ट्रीय सचिवों, प्रदेश अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को बुलाया गया है। ये बैठक कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद हो रही है और बैठक के नतीजों को पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के सामने रखा जाएगा।
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श्रीमती निर्मला सीतारमन 07 सितम्बर, 2017 को साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में रक्षामंत्री के रूप में कार्यभार संभालेंगी। वे श्री अरूण जेटली से पदभार ग्रहण करेंगी, जिनके पास 14 मार्च, 2017 से रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार है।
श्रीमती निर्मला सीतारमन का जन्म 18 अगस्त 1959 में तमिलनाडु के मदुरई में हुआ था। उन्होंने तिरूचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया। उन्होंने नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की। उनकी पीएचडी थीसिस का मसौदा भारत-यूरोपीय कपड़ा व्यापार पर केन्द्रित था।
श्रीमती निर्मला सीतारमन ने ब्रिटेन के लंदन में कृषि इंजीनियर्स एसोसिएशन में सहायक अर्थशास्त्री के तौर पर कार्य किया। इसके बाद उन्होंने प्राइस वाटर हाउस, लंदन में वरिष्ठ प्रबंधक (अनुसंधान और विश्लेषण) के पद पर कार्य किया। इसी दौरान उन्होंने कुछ समय के लिए बीबीसी वर्ल्ड सर्विस के लिए भी कार्य किया था।
स्वदेश लौटने पर उन्होंने हैदराबाद के जन नीति अध्ययन केन्द्र में उप निदेशक के पद पर कार्य किया। शिक्षा के प्रति उनके लगाव के चलते उन्होंने हैदराबाद में प्रतिष्ठित स्कूल "पर्नावा" की आधारशिला रखी। वे 2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं और उन्होंने महिला सशक्तिकरण के विभिन्न मुद्दों पर आवाज उठाई।
श्रीमती निर्मला सीतारमन 2008 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी का सदस्य बनाया गया। मार्च 2010 में उन्हें पार्टी के प्रवक्ता के तौर पर नामित किया गया और तब से वे पार्टी की पूर्ण कालिक कार्यकर्ता बन गईं। श्रीमती निर्मला सीतारमन को 26 मई 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया।
उनका विवाह जवाहर नेहरू विश्वविद्याल और लंदन स्कूल ऑफ इक्नोमिक्स के छात्र रहे डॉ. पराकल प्रभाकर के साथ हुआ और उनकी एक पुत्री है। वे पढ़ने की शौकीन है और उनका एक अपना ट्विटर हैंडल @nsitharaman है और वे [email protected] पर भी उपलब्ध हैं।
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बिहार के बगहा में रेप के मामले में स्थानीय पंचायत ने जो फैसला सुनाया वो जानकर आप हैरान रह जाएंगे. पीड़ित के सम्मान की कीमत 2 लाख रुपये लगाकर मामले को खत्म करने की कोशिश की गई. मामला भैरोगंज थाना इलाके के एक गांव का है जहां रेप के मामले को लेकर बैठी पंचायत ने पीड़िता को 2 लाख रुपये देकर सब कुछ रफा-दफा कराने की कोशिश की गई.
हालांकि रेप आरोपी तय समय पर पीड़ित को दो लाख रुपये देने से मुकर गया जिसके बाद पीड़ित थाने पहुंच गई लेकिन वहां भी पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया. वहीं पीड़िता के साथ रेप की बात का पता परिजनों को तब लगा जब वह गर्भवती हो गई.
आरोप है कि 60 वर्षीय पड़ोसी नाबालिग के साथ दुष्कर्म करता रहा और जब वह गर्भवती हो गई तो गर्भपात के लिए दवाई दे दी जिससे उसे पेट में दर्द होने लगा. इसके बाद नाबालिग ने अपनी मां को पूरी घटना बताई.
इसके बाद गांव के लोगों ने पंचायत बुलाकर कर आरोपी को पीड़ित की शादी के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना देने का आदेश देते हुए मामले को निपटा दिया.
तय समय पर आरोपी ने पीड़ित को दो लाख हर्जाना देने का वादा किया लेकिन बाद में मुकर गया. इसके बाद नाबालिग महिला थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंची लेकिन वहां भी किसी ने उसकी एक न सुनी.
पूरी घटना की जानकारी मिलने के बाद एसपी ने एसडीपीओ कैलाश प्रसाद को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया. जांच रिपोर्ट में महिला थानाध्यक्ष की लापरवाही सामने आने पर एसपी ने उसे निलंबित कर दिया.
बगहा एसपी किरण कुमार ने बताया कि एसडीपीओ की जांच में महिला थानाध्यक्ष के काम में लापरवाही देखी गई जिसके लिए उन्हें निलंबित कर दिया गया है. वहीं इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.
(इनपुट - गिरिन्द्र पांडे)
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वाशिंगटन, चार जून (भाषा) अमेरिका में विवेकानंद योग विश्वविद्यालय 12 जून को अपना पहला दीक्षांत समारोह आयोजित करेगा जहां 23 छात्रों को स्नातक प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में कई प्रतिष्ठित योग गुरुओं, योगाचार्यों आदि के शामिल होने की संभावना है। यह कार्यक्रम लॉस एंजिलिस में विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किया जाएगा।
जून 2020 में न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन और विदेश मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष पीपी चौधरी ने संयुक्त रूप से विवेकानंद योग विश्वविद्यालय का उद्घाटन किया था। इसे 'कैलिफोर्निया ब्यूरो ऑफ प्राइवेट एंड पोस्टसेकंडरी एजुकेशन' (बीपीपीई) द्वारा लाइसेंस प्रदान किया गया है।
विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रोफेसर श्री एन श्रीनाथ ने कहा कि 'वायु' अपने अद्वितीय ऑनलाइन-आधारित पाठ्यक्रम के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली स्नातक शिक्षा और अनुसंधान की सुविधा प्रदान करता है।
विश्वविद्यालय के अनुसार मास्टर ऑफ साइंस (योग) कार्यक्रम में 23 छात्रों का पहला बैच स्नातक कर रहा है।
डॉ श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि वायु पाठ्यक्रम तीन बातें सीखने पर केंद्रित हैः योग कैसे और क्यों काम करता है का विज्ञान, योग का गहराई से अभ्यास करने और साक्ष्य आधारित दृष्टिकोण के साथ योग का उपयोग करके आम बीमारियों का इलाज करने की कला।
एसवीवाईएएसए के प्रो वाइस चांसलर और डायरेक्टर रिसर्च डॉ मंजूनाथ एनके भी अन्य गणमान्य व्यक्तियों के साथ दीक्षांत समारोह में शामिल होंगे।
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इंडिया न्यूज, मुंबईः
Big Twist in Imlie: टीवी सीरियल इमली (Imlie) की कहानी इन दिनों दिलचस्प मोड़ पर आ चुकी है। Malini इमली और आदित्य के रिश्ते को तोड़ने में जुटी हुई है। मालिनी ठान चुकी है कि वो हर हालत में Aditya को वापस पाकर रहेगी। जन्माष्टमी के मौके पर मालिनी ने अब तक का सबसे बड़ा दांव खेला था जिसके बाद इमली और आदित्य की शादी टूटने की कागार पर पहुंच गई। सीरियल इमली के लेटेस्ट एपिसोड में अब तक आपने देखा, इमली मालिनी के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज करवा देती है।
इस काम में कुणाल चौहान, इमली की मदद करता है। कोर्ट की सुनवाई रोकने के लिए मालिनी और उसकी मां आदित्य के परिवार को रोकने की कोशिश करती है। हालांकि इमली की नानी मालिनी के प्लान को फेल कर देती है। कोर्ट में आदित्य के परिवार के लोग बताते हैं कि जन्माष्टमी के रात हुई कोई भी घटना किसी को याद नहीं है। दूसरी तरफ कुणाल चौहान कोर्ट में मालिनी की पोल खोल देता है। कुणाल चौहान बताता है कि मालिनी ने अपने तलाक का केस रोक दिया है। वो आदित्य को तलाक नहीं देना चाहती। ये बात सुनकर आदित्य के पैरों तले जमीन खिसक जाती है।
आदित्य समझ चुका है कि Malini के मन में कोई तो बड़ी प्लानिंग चल रही है। ऐसे में आदित्य इमली के साथ मिलकर मालिनी का भंडा फोड़ने वाला है। टीवी सीरियल इमली में आप देखेंगे, मालिनी का सच बाहर लाने के लिए इमली उसकी मां अनु को अपने जाल में फंसाएगी। इमली, अनु को बहाने से बेहोशी की दवा दे देगी। बेहोशी की दवा की वजह से अनु अपने होश खो बैठेगी।
ऐसे में इमली, मालिनी का गेटअप लेकर अनु से बात करेगी। इस दौरान अनु बताएगी कि जन्माष्टमी की रात उसने सबके शर्बत में ड्रग्स मिलाए थे। उसने और मालिनी ने मिलकर सारे सबूत मिटा दिए हैं ताकि किसी को ये राज न पता सच सके। आदित्य समेत पूरा त्रिपाठी परिवार ये बात सुनेगा। इसी बीच मालिनी वहां पहुंच जाएगी। ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि मालिनी किस तरह से खुद को बचाएगी।
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राजगढ़-काश मेरी जिंदगी में सरहद की कोई शाम आए, काश मेरी यह जिंदगी मेरे वतन के काम आए। न खौफ है मौत का, न आरजू है जन्नत की। लेकिन जब कभी हो शहीदों का जिक्र, काश मेरा भी नाम आए, काश मेरा भी नाम आए। यह शब्द किसी और ने नहीं बल्कि एलएसी पर शहीद हुए अंचित शर्मा ने लिखे थे और इन शब्दों को सच में साकार भी कर गए। संचित की शहादत से जहां पूरा राजगढ़ क्षेत्र गमगीन है तो परिजनों की तड़प को सहज ही समझा जा सकता है। माता-पिता, इकलौती बहन व दादा-दादी को विश्वास नहीं हो रहा था कि उनका लाड़ला जो हाल ही में छुट्टी काटकर गया था तिरंगे में लिपटा आएगा। बेटे के शव के घर पहुंचते ही परिजन बिलख-बिलख कर रो रहे थे। 70 वर्षीय दादा कृष्ण दत्त शर्मा और 68 वर्षीय दादी शारदा देवी पौते की मौत से सदमे में हैं तो माता सुनीता शर्मा व पिता राजेश शर्मा के लिए बेटे की शहादत पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है। 20 वर्षीय छोटी बहन नीतिका जिसका भाई कभी भी राखी बंधवाने नहीं आएगा का रो-रो कर बुरा हाल है।
रिश्तेदारों ने बताया कि अंचित शर्मा को बचपन से ही सैनिक बनने का शौक था और मात्र एक साल पहले ही वह 21 डोगरा रेजिमेंट में भर्ती हुआ था। अंचित शर्मा अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था जो गत 24 अक्तूबर को ही छुट्टी काटकर वापस ड्यूटी पर गया था। वह जाते समय घर पर अपने दादा-दादी, माता-पिता व बहन से जल्द घर आने का वादा करके गया था, लेकिन समय को कुछ ओर ही मंजूर था। बूढ़े दादा-दादी व माता-पिता अपने लाल की शादी के सपने संजो रहे थे जो अधूरे ही रह गए। सभी दुखी हैं लेकिन इस बात पर गौरवान्वित भी हैं कि उनके बेटे ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।
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Bholaa Movie Review: IPS अधिकारी डायना (तब्बू) एक ड्रग लॉर्ड अश्वत्थामा (दीपक डोबरियाल) का 1000 करोड़ रुपये के कोकीन से लदे एक ट्रक को जब्त करती है। फिर पुलिस और गैंगस्टर के बीच इस लड़ाई के बीच एक कैदी, भोला (अजय देवगन) की एंट्री होती है। अपनी बेटी की अच्छी परवरिश के बदले भोला पुलिस को ड्रग लॉर्ड से बचाने की जिम्मेदारी लेता है। क्या वह ऐसा करने में सफल होता है? जब आप भोला देखेंगे तो सारा एक्शन, ड्रामा और रोमांच सामने आ जाएगा।
फिल्म में खास क्या है?
अजय देवगन स्टारर यह फिल्म शानदार कोरियोग्राफ किए गए एक्शन से भरी हुई है। फिल्म देखते वक्त एक्शन आपके रोंगटे खड़े कर देगी। फिल्म के दौरान उनके किरदार को जो कुछ ऊंचाइयां मिली हैं, वे फिल्म की कहानी से अलग हैं। त्रिशूल युद्ध और प्री-इंटरवल ब्लॉक और संजय मिश्रा और दीपक डोबरियाल के बीच शानदार फाइट सीन आपको सबसे अच्छा लगेगा।
6 मिनट का लंबा बाइक चेज़ सीक्वेंस, अजय देवगन की डायरेक्शन क्षमता के बारे में बहुत कुछ बताता है। वहीं तब्बू की एंट्री सीक्वेंस भी अच्छे से डिजाइन की गई है। फ़र्स्ट हाफ़ में फ़िल्म की गति अच्छी रही है, लेकिन सेकेंड हाफ़ में कुछ पल स्लोग की तरह महसूस होते हैं। ये कहा जा सकता है कि निर्देशक के मोर्चे पर अजय निराश नहीं करते हैं और एक निर्देशक के रूप में ज्यादातर विषय वस्तु पर नियंत्रण रखते हैं।
फिल्म में क्या कमी है?
दूसरे हाफ में फिल्म स्लो हो जाती है। एक और चीज कि कमजोर कहानी कुछ अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए एक्शन सीन को दिखा कर बचाई गई है। फिल्म में फ्लैशबैक के एपिसोड जल्दबाजी में चलाए जाते हैं। फिल्म में भोला के चरित्र को सही तरीके से नहीं दिखाए गए हैं, वो इसलिए भी कि आज कल हर फिल्म के लिए एक ट्रेंड चलने लगा है कि उसका दूसरा पार्ट भी आए। वहीं फिल्म में अजय देवगन यानी भोला की बेटी का इमोशन भी सही नोट नहीं मार पाता है।
फिल्म में अजय देवगण के डायलोग में वह पंच नहीं है जो भोला जैसी फिल्म में होना चाहिए। हालांकि, दीपक और संजय मिश्रा और करछी के कैरेक्टर ने जबरदस्त डायलॉग डिलीवरी की है। या यूं कहें कि करछी फिल्म की जान हैं। उसका एक डायलोग- पुलिस वाले पिए तो देशभक्ति, करछी पिए तो बेवड़ा...क्लाइमेक्स एक्शन भी और बेहतर हो सकता था।
अजय देवगन ने भोला के अपने किरदार को बखूबी निभाया है। उनके पास शानदार बॉडी लैंग्वेज है। खलनायकों के साथ उनके टकराव के सीन प्रमुख आकर्षणों में से हैं । वह बॉस की तरह एक्शन सीक्वेंस में महारत हासिल करते हैं। तब्बू एक आईपीएस अधिकारी की भूमिका बहुत ही ईमानदारी से निभाती हैं। वह अपनी अभिनय सीमा का अच्छा उपयोग करती है और एक जबरदस्त प्रदर्शन करती है। दीपक डोबरियाल ने नॉकआउट प्रदर्शन दिया। वह अश्वत्थामा के रूप में असाधारण हैं। उनका प्रदर्शन दिलचस्प है। गजराज राव और अन्य सभी सहायक अभिनेता अच्छा समर्थन देते हैं, हालांकि, यह संजय मिश्रा हैं जो कलाकारों की टुकड़ी से अलग हैं। देखने के लिए एक विशेष सरप्राइज कैमियो भी है। भोला मुख्य रूप से अजय देवगन और उनकी टीम द्वारा चतुराई से निर्देशित अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए एक्शन सीन पर सवारी करता है।
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लगभग सभी मुख्य बोर्ड रिजल्ट्स की घोषणा की जा चुकी है, ऐसे में अब सभी आयोगों, बैंक व अन्य संस्थानों की ओर से फिर से प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित कराने पर फोकस बढ़ गया है। सरकारी नौकरी के लिए नए नोटिफिकेशन आने लगे हैं। लगभग हर क्षेत्र से आवेदन मंगाए जा रहे हैं, इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, डिफेंस, खेल, बैंकिंग, रेलवे आदि शामिल है। शिक्षा जगत में सीटेट व यूपीटेट परीक्षा का नोटिफिकेशन आने वाला है, जबकि यूजीसी नेट व राजस्थान पीटीईटी एडमिट कार्ड जारी हो चुका है। स्वास्थ्य क्षेत्र में नौकरी आई है, पुलिस भर्ती की बात करें तो एमपी, राजस्थान व अन्य राज्यों में भर्ती चल रही है, इसके अलावा अग्निवीर योजना के जरिये भारतीय सेना में जाने के मौके खुल रहे हैं।
दूसरी तरफ, हर दिन बैंकिग जॉब्स आ रही है, यही नहीं रेलवे भर्ती भी लगातार आगे बढ़ रही है। बता दें, अभी 2 दिन के अंदर रेलवे ने एनटीपीसी सीबीटी 2 परीक्षा के लिए आंसर की जारी की थी।
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शुगर नियंत्रित करने के लिए और मधुमेह को ठीक करने के लिए मेथी के दानो का प्रयोग बहुत लाभकारी होता है। प्रयोग के लिए रातभर दो चम्मच मेथी दानों को पानी में भिगो दें। अगली सुबह खाली पेट बीजों को चबा चबा कर खाएं और पानी पियें। कुछ ही दिनों में लाभ दिखने लगेगा।
दालचीनी को आयुर्वेद में बहुत लाभकारी माना जाता है। इसकी मदद से कई बिमारियों और समस्याओं को ठीक किया जा सकता है। मधुमेह में भी इसका प्रयोग करना बहुत लाभकारी होता है। प्रयोग के लिए एक कप हलके गर्म पानी में एक चम्मच दालचीनी पाउडर को डालकर रोजाना सेवन करें। इसके अलावा एक कप पानी में दालचीनी की 2 से 4 लटें डालकर उबाल लें। ठंडा हो जाने के बाद इसका सेवन करें।
जी हां, स्वाद में खट्टा जामुन भी ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने में मदद करता है। इसकी मदद से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है। जामुन के पत्ते से लेकर उसका बीज और उसके बेर सभी शुगर के इलाज के लिए बहुत लाभकारी होते है। प्रभावी इलाज के लिए जामुन के सूखे बीजों को पीस कर पानी के साथ दिन में 2 बार सेवन करें। फायदा होगा।
जहां एक तरफ आम आपकी समस्या को बढ़ा सकता है वहीं दूसरी तरफ इसके पत्ते आपकी समस्या को दूर करने में मदद करते है। जी हां, शुगर कम करने के लिए ये एक आयुर्वेदिक इलाज है। इसके प्रयोग के लिए 10 से 12 आम के पत्तों को रातभर 1 ग्लास पाने में भिगो कर रख दें, अब रोजाना सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करें। इसके अलावा आम के पत्तो को छाया में सुखाकर पीस लें और रोजाना आधा चम्मच पाउडर दिन में 2 बार लें। लाभ मिलेगा।
शुगर कंट्रोल करने के लिए एलोवेरा भी काफी लाभकारी माना जाता है। इसका सेवन करने से कुछ ही समय में शुगर नियंत्रित होने लगता है। इसके लिए रात भर 1 ग्लास पाने में एलोवेरा के पत्तों को भीगने के लिए रख दें। अगली सुबह खाली पेट इस पानी का सेवन करें। आप चाहे तो एलोवेरा के पत्तों को छीलकर उसके रस का सेवन भी कर सकते है।
शायद आप नहीं जानते लेकिन स्वाद में कड़वा करेला भी मधुमेह की समस्या को ठीक करने में आपकी मदद कर सकता है। जी हां, करेला ब्लड में शुगर के प्रभाव को नियंत्रित करके उसे कंट्रोल करने में मदद करता है। चाहे आप इसका सेवन करें या उसके जूस का दोनों ही तरह से ये आपके स्वास्थ्य को लाभ देता है। इसके लिए रोजाना सुबह 2 से 3 करेलों के बीज निकलकर उसका जूस निकल लें। अब उस जूस का सेवन करें। साथ ही अपने खान पान में भी करेले को सम्मिलित करें।
आंवला भी डायबिटीज की समस्या के लिए रामबाण के रूप में कार्य करता है। प्रयोग के लिए 2 से 43 आंवलों के बीज निकलकर उन्हें पीसकर पेस्ट बना लें। अब किसी सफ़ेद कपडे इस पेस्ट को डालकर इसका रस निचोड़ लें। एक कप पानी मिलाकर रोजाना खली पेट इसका सेवन करें। आप चाहे तो करेले के रस में 1 से 2 चम्मच आंवले के रस को भी मिलाकर पी सकते है।
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कार को सुरक्षित रफ्तार में चलाने से हादसों की संभावनाओं में काफी कमी आ सकती है. (सांकेतिक फोटो)
नई दिल्लीः पेट्रोल और डीजल की कीमत (Petrol-Diesel Price) में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इस समस्या का कोई हल नहीं है. यही वजह है कि जब आप गाड़ी खरीदते हैं तो सबसे पहले उसके माइलेज के बारे में बात करते हैं. आप यही पूछते हैं कि यह गाड़ी माइलेज कितना देगी. वहीं अगर आपकी गाड़ी अचानक से कम माइलेज दे रही है तो यह आपके लिए एक बड़ी परेशानी होती है.
आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आज हम आपको 10 ट्रिक्स बता रहे हैं, जिसकी मदद से आप अपनी गाड़ी का माइलेज बढ़ा सकते हैं.
अगर कार का एयर फिल्टर गंदा है तो इसका सीधा असर इंजन पर पड़ता है. ऐसे में ईंधन तेजी से खपत होती है और गाड़ी का माइलेज कम हो जाता है. इंजन एयर फिल्टर में गंदगी, धूल या मिट्टी चले जाने से यह जाम हो जाता है. इसलिए हमेशा कार के एयर फिल्टर को चेक करते रहें और साफ रखें.
टायर में कम हवा भी माइलेज को कम करती है. ऐसे में आपकी गाड़ी अधिक पेट्रोल या डीजल की खपत करती है. टायर की हवा की जांच हमेशा करते रहें.
अगर आप गाड़ी में ज्यादा माइलेज चाहते हैं तो टायरों में नाइट्रोजन एयर भर दें. टायरों को बैलेंस एयर से भरकर माइलेज को करीब 3 फीसदी तक कंट्रोल किया जा सकता है. इस ट्रिक से गाड़ी का माइलेज बढ़ सकता है.
गाड़ी में बार-बार ब्रेक लगाना और तेज गति से अधिक ईंधन खपत होती है. इससे माइलेज कम हो जाता है.
ट्रैफिक में एक्सीलेटर का इस्तेमाल ज्यादा करने से बचें ताकि गाड़ी का माइलेज बढ़ सकें. गाड़ी चलाते वक्त बार बार गियर शिफ्ट करने से बचें.
अगर आप ज्यादा माइलेज चाहते हैं तो अपनी गाड़ी को कम स्पीड से चलाएं. कम स्पीड से गाड़ी बढ़िया रेंज देता है. कार को बहुत तेज और बहुत धीमी गति से चलाने से माइलेज कम हो जाता है.
गाड़ी सर्विस का माइलेज पर अच्छा असर पड़ता है. गाड़ी की सर्विसिंग के बाद इंजन अच्छे से काम करता है. इस ट्रिक से आप गाड़ी की माइलेज को बढ़ा सकते हैं.
माइलेज आपके ड्राइव करने की स्पीड से प्रभावित होता है. इसलिए ज्यादा तेज गाड़ी न चलाएं.
लाल बत्ती होने पर इंजन को बंद कर दें ऐसे में गाड़ी के माइलेज को बढ़ा सकते हैं.
सिटी में ड्राइव करते वक्त इको मोड का प्रयोग करें इससे आपकी गाड़ी का माइलेज बेहतर रहेगा.
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एक अभिनेता के तौर पर मैं हर किरदार के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करता हूं। मैं विभिन्न पात्रों को चित्रित करने का प्रयास करता हूं, जो मुझे चुनौती देते हैं। अभिनेता मारियानो पलासियोस ने गोवा में आयोजित भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव- इफ्फी के 52वें संस्करण के मौके पर आज अपनी स्पेनिश फिल्म 'द गेस्ट' पर मीडिया से बातचीत के दौरान यह बात कही।
वर्ल्ड पैनोरमा सेक्शन में दिखाई गई 'द गेस्ट' का इस वर्ष गोवा में 52वें इफ्फी में वर्ल्ड प्रीमियर भी हुआ और दर्शकों ने इसे खूब सराहा।
फिल्म में अंतरंग दृश्यों के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में पलासियोस ने कहा, मुझे लगता है कि अपनी रूह को उजागर करने में सक्षम होना चरित्र की आत्मा को बांधने की दिशा में पहला कदम है और फिर अंतरंग दृश्य मुश्किल नहीं लगते।
पलासियोस ने कहा कि हमने बहुत ही अपरंपरागत तरीके से फिल्म के लिए शूटिंग की थी। हमने प्रारंभिक तौर पर छोटी रफ स्क्रिप्ट के साथ शुरुआत की और उस पर फिल्म का निर्माण किया। उन्होंने बताया कि फिल्म का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा एक ही लोकेशन पर शूट किया गया है।
फिल्म उद्योग में ओटीटी के आगमन के बाद इसके अवसरों में बदलाव के बारे में बताते हुए पलासियोस ने कहा कि मेक्सिको में फिल्म उद्योग बहुत ही विशाल है। ऐसे में बहुत कम प्रतिशत फिल्मों को ही थिएटर मिल पाते हैं और अन्य लोगों को अपनी फिल्म को रिलीज करने के लिए दूसरे उपाय तलाशने पड़ते हैं। आखिरकार यह व्यावसायिक पहलू ही सामने आता है जो ओटीटी के लिए मायने रखता है और इसलिए छोटे बजट की फिल्मों तथा समानांतर सिनेमा को ओटीटी प्लेटफॉर्म के आगमन से ज्यादा फायदा नहीं हुआ है।
पलासियोस संगीत को अन्य सभी कलाओं में प्राथमिक मानते हैं और उन्हें इस बात की खुशी थी कि फिल्म में इस्तेमाल किया गया संगीत दर्शकों के बीच उत्सुकता तथा उम्मीदें पैदा करता है कि आगे क्या होने वाला है।
फिल्म में एलिसिया और एनरिक का एक युवा विवाहित जोड़ा है, जो एक दूसरे से कुछ दूर हैं। उनके रिश्ते को खतरा तब होता है जब एलिसिया की दोस्त कार्लोटा उनसे मिलने आती है और कुछ समय के लिए उनके साथ रहती है। एनरिक को कार्लोटा के स्पष्ट प्रलोभन वाले खेल के परिणामस्वरूप उसके प्रति उत्पन्न होने वाली यौन इच्छा का सामना करना पड़ता है। लेकिन ऐसा कुछ है जो एनरिक नहीं जानता है और वह तब जाहिर होता है जब एलिसिया तथा कार्लोटा अपने अतीत से एक रहस्य को साझा करते हैं, वह कुछ ऐसा है जो परिस्थितियों को काफी हद तक बदल देगा।
निर्देशक और लेखिका एना मन्सेरा का जन्म मेक्सिको सिटी में हुआ था, एना मन्सेरा ने यूनिवर्सिडैड इबेरोअमेरिकाना में संचार का अध्ययन किया, जहां उन्होंने फिल्म निर्माण में विशेषज्ञता हासिल की। उन्होंने इटाका फिल्म्स और वीडियोसिने जैसे प्रोडक्शन हाउस में कई परियोजनाओं पर काम किया है। एना ने रूट्स, रेवोलुसियन मेक्सिको और वाबी के लिए कई विज्ञापन कार्यक्रमों का भी निर्देशन किया है।
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(ब्यूरो कार्यालय)
भोपाल (साई)। मप्र पुलिस ने केएफ रुस्तमजी पुरस्कार 2018-19 की घोषणा कर दी है। इसमें पांच पुलिस अफसर को अतिविशिष्ट श्रेणी में एक बारह बोर गन और प्रमाण पत्र दिए जाएगे। साथ 30 पुलिस कर्मियों को विशिष्ट श्रेणी में पचास हजार और प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
गोपाल सिंह चौहान सीएसपी हनुमानगंज,कुंवर सिंह मुकाती टीआई रायसेन, प्रवीण कुमार कुमरे निरीक्षक होशंगाबाद , एजाज अहमद निरीक्षक ग्वालियर, एसपी सिंह बिसेन सब इंस्पेक्टर रीवा को बारह बोर गन और प्रमाण पत्र दिए जाएगा। खास बात यह है कि परम विशिष्ट श्रेणी अवार्ड इस साल किसी को भी नहीं दिया गया है।
सुदीप गोयनका एआईजी विशा, श्रीमती बिट्टू शर्मा सीएसपी कोतवाली , भूपेंद्र सिंह सीएसपी हबीबगंज , अरविंद सिंह तोमर इंस्पेक्टर गुना , सतीश सिंह निरीक्षक सागर, संजीव चौकसे निरीक्षक भोपाल , लोकेंद्र सिंह ठाकुर निरीक्षक भोपाल , चेतन सिंह बैस निरीक्षक ग्वालियर , रजनी सिंह चौहान उपनिरीक्षक भोपाल , विनोद सिंह छावई उपनिरीक्षक ग्वालियर , मनोज परमार उपनिरीक्षक एसएएफ, अजय मिश्रा उपनिरीक्षक एसटीएफ, गिरीश त्रिपाठी उपनिरीक्षक भोपाल, ओमप्रकाश तिवारी सहायक उपनिरीक्षक इंदौर, विजय सिंह चौहान एएसआई एसटीएफ इंदौर, सत्यवीर सिंह एएसआई क्राइम ब्रांच ग्वालियर, कालीचरण टंडन एएसआई जीआरपी उज्जैन , संतोष यादव सायबर सेल भोपाल, मनीष यादव आरक्षक उज्जैन, श्याम सिंह आरक्षक उज्जैन, सौरभ रैकवार सायबर सेल जिला सागर , सलोनी तिवारी आरक्षक सायबर सेल भोपाल, भगवती सोलंकी आरक्षक क्राइम ब्रांच ग्वालियर, विश्ववीर सिंह जाट आरक्षक क्राइम ब्रांच ग्वालियर, अनिल सिंह कुशवाह आरक्षक क्राइम ब्रांच ग्वालियर, करण यादव आरक्षक रीवा, मनीष पांडेय आरक्षक रीवा, अभिषेक पांडे रीवा, भूपेंद्र सिंह गुर्जर आरक्षक एसटीएफ ग्वालियर, अनिल शर्मा आरक्षक एसटीएफ समेत सभी 50 हजार और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। है।
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अमेरिका के फर्गुसन में नस्ली दंगे भड़कने के बाद पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला चल निकला है। हजारों की संख्या में लोग सड़कों और फ्री-वे पर उतर आए। इससे न्यूयॉर्क शहर के पुलों और सुरंगों मेंं यातायात बाधित हो गया। इस वजह से कई लोगों को गिरफ्तार भी करना पड़ा। शांतिपूर्ण भीड़ ने वाशिंगटन में वाइट हाउस के सामने सड़क पर प्रदर्शन किया। ऐसे ही गुस्से से भरे लेकिन शांतिपूर्ण जुलूस पूरे देश में निकाले गए। देश के पश्चिमी हिस्से में ओकलैंड से लेकर स्टील और पूर्व में फिलाडेल्फिया से लेकर बाल्टिमोर तक लोग सड़कों पर उतरे। पुलिस अस्थिरता के शिकार शहरों में हालात काबू करने का प्रयास करती रही।
अगस्त में निहत्थे अश्वेत किशोर की गोली मारकर हत्या करने के मामले में श्वेत पुलिस अधिकारी पर अभियोजन नहीं चलाने के संंबंध में सोमवार को आए 'ग्रैंड ज्यूरी' के फैसले के बाद मिसौरी के सेंट लुई में भड़की हिंसा दूसरी रात भी जारी रही। सेंट लुई काउंटी पुलिस ने बताया कि सिटी हॉल की खिड़कियां तोड़ दी गईं और पुलिस की एक कार क्षतिग्रस्त हुई। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर, बोतलें और एक पेट्रोल बम फेंका। काउंटी पुलिस के प्रमुख जोन बेल्मर ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर कुछ बोतलें फेंकीं। उनमें शायद पेशाब भरा हुआ था। उन्होंने बताया कि 44 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। क्षेत्र में स्थिति सोमवार के मुकाबले बेहतर रही। सोमवार की रात शहर में जमकर लूटपाट हुई। प्रदर्शनकारियों ने गोलियां चलाईं और करीब 12 इमारतों को आग के हवाले कर दिया। उन्होंने बताया कि इस बार पुुलिस ने सिर्फ आंसू गैस के गोले दागे हैं। मुझे लगता है कि सामान्य तौर पर यह काफी बेहतर रात थी।
मिसौरी के गवर्नर जे निक्सन ने कहा कि फर्गुसन इलाके में नेशनल गार्ड्स की संख्या तीन गुना बढ़ाकर 2,000 कर दी गई है ताकि स्थानीय पुलिस बल की मदद की जा सके। इससे पहले रात में फर्गुसन पुलिस थाने की दंगा पुलिस ने करीब सौ प्रदर्शनकारियों को भगाया। वे सभी नारेबाजी कर रहे थे। उनके हाथों में तख्तियां थीं, जिनमें से एक पर लिखा था- हमें चुप नहीं कराया जा सकेगा। सोमवार के मुकाबले भीड़ कम थी, लेकिन नकाबपोश प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हुई। बाद में हिंसा ने उग्र रूप ले लिया। लॉस एंजिलिस टाइम्स की खबर के मुताबिक दंगा निरोधी पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया।
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घटना पानीपत के औद्योगिक हुडा सेक्टर 29 इंडस्ट्रियल एरिया के विश्वकर्मा चौक की है। महिला करीब आधा घंटा तक घटनास्थल पर पड़ी रही।
पानीपत। महिला ने जिस पति के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था, उसी पति ने चाकू मारकर पत्नी की हत्या कर दी। घटना पानीपत के औद्योगिक हुडा सेक्टर 29 इंडस्ट्रियल एरिया के विश्वकर्मा चौक की है। महिला करीब आधा घंटा तक घटनास्थल पर पड़ी रही। साथी कर्मचारियों ने महिला को पानीपत के सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया, जहां उपचार के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। वहीं पुलिस प्रारंभिक जांच में हत्यारोपी महिला का पति ही है। इधर, बबैल रोड निवासी सुल्तान ने बताया कि वह सेक्टर 29 पार्ट 2 की सिंटेक्स फैक्ट्री नंबर 196 में काम करता है। फैक्ट्री में 31 वर्षीय पूजा मूल निवासी बिहार हाल निवासी गांव गढी में किरायेदार भी काम करती है।
वीरवार दोपहर को पूजा हाफ डे लेकर फैक्ट्री से घर की ओर जा रही थी। फैक्ट्री से करीब 800 मीटर दूर विश्वकर्मा चौक पर दूसरी ओर से पूजा का पति आया और उसने वहां आते ही उस पर ताबड़तोड़ चाकू से हमला कर दिया। हमला करने के तुरंत बाद आरोपी मौके से फरार हो गया। वारदात की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके से वारदात में प्रयुक्त चाकू बरामद कर लिया है। वहीं आरोपी की तलाश और वारदात के कारण जानने में पुलिस जुट गई है। पानीपत पुलिस प्रवक्ता अनिल कुमार ने बताया कि पूजा नाम महिला की चाकू से प्रहार कर हत्या की गई है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद ही इस मामले में आगे की जानकारी दी जाएगी।
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स्टीव स्मिथः कहते है हर इंसान को अंधविश्वास से दूर रहना चाहिए लेकिन क्रिकेट की कड़ी मे हर किसी खिलाड़ी का एक अंधविश्वास से नाता जुड़ा हुआ है। कोई खिलाड़ी अपने साथ लाल रुमाल रखता है तो कोई खिलाड़ी बायां पैड पहले पहनता है। इस कड़ी मे कंगारू टीम के खिलाड़ी का भी नाम जुड़ता हुआ नजर आ रहा है। ऑस्ट्रेलियन बल्लेबाज स्टीव स्मिथ भी इन अंधविश्वास से जुड़े हुए है और इसकी शुरुआत आईपीएल के दौरान हुई थी। जब वो बल्लेबाजी के लिए मैदान पर आते थे।
दरअसल, स्मिथ के इस टोटके की शुरुआत आईपीएल के दौरान हुई थी और जब उन्होंने पहली बार ऐसा कर शतक जड़ा था। बस तभी से ये उनकी आदत में शुमार हो गया और अब तो अंधविश्वास में बदल चुका है।
ऐसा नहीं है कि इस अंधविश्वास पर सिर्फ स्मिथ ही बात करते है, स्मिथ के इस टोटके को लेकर समय-समय पर उनके साथी खिलाड़ी भी बात करते हुए नजर आते रहते है। वहीं एक वीडियो में स्टीव स्मिथ ने इसके पीछे का कारण भी बताया।
भारतीय टीम इस समय इंग्लैंड मे WTC का फाइनल खेल रही है, जिसमे ऑस्ट्रेलिया ने पहले गेंदबाजी करते हुए टीम इंडिया के लिए पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। इसमे सबसे बड़ा योगदान कंगारू टीम के बल्लेबाज ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ का रहा है। इस मैच मे स्मिथ मे 268 गेंदों मे 121 रनों की शानदार पारी खेली और इसमे उन्होंने 19 छक्के लगाए।
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India News(इंडिया न्यूज़), देहरादून "Dehradun News" : केन्द्र सरकार की 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' योजना से सीमावर्ती गांव की आजीविका सुधरने के साथ ही संस्कृति संरक्षण,पर्यटन, रोजगार को बढ़ावा देकर गांवों को खुशहाल बनाने पर सरकार कार्य करने जा रही है।
जल्द अंतरराष्ट्रीय सीमा चीन और नेपाल से सटे उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव में जल्द ही रौनक लौटने वाली है। केन्द्र सरकार की 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' योजना से इन गांवों की आजीविका सुधरने के साथ ही संस्कृति संरक्षण,पर्यटन, रोजगार को बढ़ावा देकर गांवों को खुशहाल बनाया जाएगा। इसके साथ ही इससे पलायन रोकने में मदद मिलेगी, साथ ही गांवों के खाली नहीं होने से सीमाएं भी सुरक्षित रहेंगी।
गौरतलब है कि उत्तराखंड की चीन और नेपाल से लगभग 675 किलोमीटर सीमा सटी है। अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे गांवों में बढ़ते पलायन को लेकर केन्द्र सरकार सुरक्षा की ओर से 'वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम' देश भर लागू करने जा रही है।
वहीं, प्रधानमंत्री के निर्देश पर प्रदेश में अभी तक केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया मार्च माह में मलारी गांव चमोली में उत्तरकाशी, केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री, जी. किशन रेड्डी अप्रैल में भटवाड़ी ब्लाक उत्तरकाशी के सीमांत गांवों का कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड के तीन जनपदों में कुल 51 गांव चिन्हित किए गए हैं। जिसमे की जिले गढ़वाल से चमोली और उत्तरकाशी, कुमाऊं के पिथौरागढ़ के गांवों को चिन्हित किया गया है।
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PATNA : महागठबंधन की सरकार द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने के बाद एक बार फिर बिहार की सियासत गरमा गई है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने साफ कर दिया है कि उनके खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था वह नियमों के विरूद्ध था। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के इस फैसले के बाद अब बिहार में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इधर, सत्ताधारी दल आरजेडी ने स्पीकर के इस कदम को असंवैधानिक करार दिया है। आरजेडी ने कहा है कि स्पीकर जबतक विश्वास मत हासिल नहीं कर लेते उन्हें आसन पर जाने का कोई अधिकार नहीं है।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने पर आरजेडी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि संविधान से ऊपर कोई नहीं होता है। सदन का हर सदस्य चाहे वह मंत्री हो, मुख्यमंत्री हो या स्पीकर सभी नियमों से बंधे होते हैं। नियम से बाहर जाकर कोई भी आचरण संवैधानिक नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि 50 से अधिक विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ जो अविश्वास प्रस्ताव लाया है वह नियमानुकूल है। विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा चाहे जो दलील दे लें लेकिन सदन की गरिमा बरकरार रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विधानसभा नियमावली के मुताबिक अगर अध्यक्ष पर सदस्यों ने अविश्वास जताया है तो जब तक वे विश्वास मत हासिल नहीं कर लेते आसन पर नहीं जा सकते।
बता दें कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के तुरंत बाद ही विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा को हटाने की कवायद शुरू हो गई थी। स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ विधानसभा सचिव को महागठबंधन की ओर से अविश्वास प्रस्वाव दे दिया गया था। सत्ताधारी दल के 50 से अधिक विधायकों का हस्ताक्षर किया हुआ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा सचिवालय को दिया गया था। इस अविश्वास प्रस्ताव पर कल विधानसभा में चर्चा होना था लेकिन इससे पहले ही स्पीकर ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। स्पीकर के इस फैसले से अब बिहार में संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
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Desk: बिहार सरकार ने आनंद मोहन को छोड़ने का आदेश किया जारी। आनंद मोहन के साथ 27 लोगों को छोड़ने का आदेश जारी। कारा निदेशक ने इस बात की पुष्टि की है।
बिहार सरकार ने परिहार कानून में संसोधन किया है. आनंद मोहन को इसका लाभ मिलेगा. 10 अप्रैल को नीतीश सरकार ने बिहार राज्य कारा हस्तक 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन किया है. कारा हस्तक 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन के बाद सरकारी सेवक की हत्या के दोषी के रिहाई के मामले में अब इसे एक साधारण हत्या मानी जाएगी. सरकारी सेवक की हत्या मामले में दोषियों की जेल से रिहाई के लिए बिहार सरकार के आदेश की जरूरत नहीं होगी. जेल में सजा की अवधि पूरी होने के बाद खुद ही सामान्य रिहाई के प्रावधानों के तहत रिहाई हो जाएगी.
बता दें 1994 को गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की गोली मारकर हत्या हुई थी. इस मामले में आनंद मोहन को सजा हुई थी. आनंद मोहन को साल 2007 में डीएम जी कृष्णैया हत्या मामले में पटना हाईकोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया था और फांसी की सजा सुनाई थी. 2008 में पटना हाईकोर्ट की ओर से ही इस सजा को उम्र कैद में तब्दील कर दिया गया. 14 साल की सजा आनंद मोहन काट चुके हैं. पिछले चार महीने में वह तीन बार पैरोल पर बाहर आ चुके हैं. अभी बेटे आरजेडी विधायक चेतन आनंद की सगाई है. आनंद मोहन अभी पैरोल पर जेल से बाहर आए हुए हैं. बता दें कि आरजेडी विधायक चेतन आंनद का उपनयन 16 अप्रैल को है और सगाई 24 अप्रैल को है. शादी तीन मई को देहरादून में होने वाली है.
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Pope Francis: ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस (Pope Francis) अगले साल भारत आने (India Visit) की योजना बना रहे हैं। वेटिकन न्यूज (Vatican News) के अनुसार साल 2023 में उनके मंगोलिया (Mongolia ) की यात्रा करने की भी उम्मीद है। पोप फ्रांसिस ने कहा है कि वह अगले साल भारत आ सकते हैं। पोप फ्रांसिस ने रविवार को दक्षिण सूडान से रोम वापसी की अपनी उड़ान के दौरान आगामी यात्रा कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है।
पोप फ्रांसिस द्वारा स्थापित वेटिकन न्यूज एक कैथोलिक समाचार वेबसाइट है। यह दुनिया भर के कैथोलिक चर्च और डायोसीज के संचालन से संबंधित मल्टीमीडिया सहयोग प्रदान करती है। वेटिकन न्यूज के मुताबिक पोप फ्रांसिस ने कहा कि उदासीनता के वैश्वीकरण में न पड़ने का प्रयास करें। वहीं, CNN की रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध से तबाह देश का दौरा करने की लंबे समय से अपनी अधूरी इच्छा पूरी करते हुए पोप फ्रांसिस शुक्रवार को दक्षिण सूडान पहुंचे थे। दक्षिण सूडान मौजूदा दौर में एक प्रमुख मानवीय आपातकाल का सामना कर रहा है।
क्या पोप फ्रांसिस अपनी वैश्विक यात्रा के दायरे का विस्तार कर रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए रोमन कैथोलिक चर्च के सर्वोच्च पोंटिफ ने कहा, "मैंने यूरोप के सबसे छोटे देशों का दौरा करना चुना। लोग कहेंगे, 'लेकिन वह फ्रांस गए,' नहीं, छिपे हुए यूरोप के बारे में थोड़ा जानने के लिए मैं स्ट्रासबर्ग गया था, मैं मार्सिले जाऊंगा, फ्रांस नहीं। यूरोप का वह हिस्सा इतनी संस्कृति के साथ है, लेकिन ज्ञात नहीं है। उदाहरण के लिए, अल्बानिया वह देश है जिसने इतिहास में सबसे क्रूरतम, सबसे क्रूर तानाशाही का सामना किया। मेरी पसंद यह है।
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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आय में अधिक संपति में पीसीएस अधिकारी भगवत सागर ओझा के खिलाफ विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। यह कार्रवाई ईडी की देहरादून टीम ने की है। प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों की मानें तो भगवत सागर ने नोएडा स्थित भारतीय गैस प्राधिकरण (गेल) में तैनाती के दौरान बतौर विशेष कार्याधिकारी अकूत संपत्ति अर्जित की थी।
ईडी ने ओझा और उनके बेटे के बैंक लॉकर से 17. 83 किलो सोना जब्त किया था। ईडी ने यह कार्रवाई सीबीआई की कार्रवाई के बाद की थी। सीबाआई ने ओझा के नोएडा स्थित आवास पर छापा मारकर नकदी और काफी संख्या में अन्य सामान बरामद किया गया था।
ओझा के नोएडा स्थित आवास पर छापा मारकर नकदी और काफी संख्या में अन्य सामान बरामद किया गया था ओझा के खिलाफ देहरादून की विशेष सीबीआई कोर्ट में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और आईपीसी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। बाद में ईडी ने भी जांच शुरू कर दी।
इस दौरान जानकारी मिलने पर ईडी ने बीएस ओझा और उनके बेटे धीरज ओझा के इलाहाबाद में पंजाब नेशनल बैंक के लॉकर से 17. 83 किलो सोना जब्त किया था। इसके बाद ईडी ने प्रीवेन्शन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट-2002 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की थी।
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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली।
YouTube Channels Blocked: केंद्र की मोदी सरकार ने देश में फर्जी समाचार प्रसारित करने वाले यूट्यूब चैलनों पर कड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने यूट्यूबआधारित 22 न्यूज चैनलों को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। इनमें 18 चैनल भारत आधारित और 4 पाकिस्तान आधारित हैं। सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने आईटी रूल्स, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए यह कदम उठाया है। इस संदर्भ में सरकार ने 4 अप्रैल को एक आदेश जारी किया।
इस कार्रवाई पर पर केंद्र सरकार का कहना है कि इनके खिलाफ यह कार्रवाई गलत खबरें प्रसारित करने और राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेशी संबंधों और पब्लिक ऑर्डर के लिहाज से संवेदनशील विषयों पर गलत जानकारियां प्रसारित करने की वजह से की गई है।
सूचना व प्रसारण मंत्रालय ने, आज 22 यूट्यूब चैनल्स को बंद कर दिया है। जिन चैनलों पर कार्रवाई हुई है,उनकी कुल व्यूअरशिप 260 करोड़ से अधिक थी। पिछले साल फरवरी में आईटी रूल्स, 2021 के आने के बाद से यह पहली बार है जब भारतीय यूट्यूब न्यूज चैनलों पर कार्रवाई की गई है। अब देश में सूचना प्रसारण मंत्रालय 78 यूट्यूब आधारित न्यूज चैनलों और दूसरे कई सोशल मीडिया एकाउंट्स को ब्लॉक कर चुकी है।
सरकार के मुताबिक, भारतीय सेनाओं, जम्मू-कश्मीर इत्यादि को लेकर कई यूट्यूब चैनल फर्जी खबरें चला रहे थे। इसके अलावा वह पाकिस्तान से संचालित कई सोशल मीडिया खाते से भी भारत विरोधी सामग्रियां प्रसारित की जा रही थी. जबकि भारतीय यूट्यूब चैनल रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई को लेकर फर्जी खबरें चला रहे थे।
ब्लॉक किए गए सोशल मीडिया अकाउंट और वेबसाइट का विवरण (YouTube Channels Blocked)
।1. ।।एआरपी न्यूज।।सब्सक्राइबरः
।3. ।।एलडीसी न्यूजः
ट्विटर अकाउंट (सभी पाकिस्तान स्थित)
(स्रोतः पीआईबी)
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चंडीगढ़ में मंगलवार दोपहर को पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) गेट के सामने सेक्टर 24/25 की तरफ से आ रही हरियाणा नंबर की कार अनियंत्रण होकर कार सीधा स्ट्रीट लाइट पोल से टकरा गई। इस हादसे में कार चालक गंभीर रूप से घायल हो गया। टक्कर इतनी भीषण थी कि पोल के नीचे लगा सीमेंट की बीम पूरी तरह से चकनाचूर हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने मामले की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम में दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को पीजीआई अस्पताल में दाखिल कराया। पुलिस मामले में आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
हादसे के बाद पीयू गेट के बाहर लंबा जाम लग गया। पुलिस टीम ने क्षतिग्रस्त कार को बीच रास्ते से हटाया और तब जाकर यातायात सुचारू हो सका। प्रत्यक्षदर्शी सुनील कुमार ने बताया कि वह अपने किसी दोस्त से मिलने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी में गया था। वह गेट के बाहर फोन पर बात कर रहे थे कि इसी बीच अचानक हरियाणा नंबर की कार में सवार युवक से कार अनियंत्रित हो गई। गाड़ी तेज रफ्तार में बिजली के पोल से जा टकराई।
हादसे के दौरान गाड़ी की रफ्तार का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टक्कर के बाद बिजली का पोल उखड़ गया। हादसे के बाद सड़क पर जाम भी लग गया। हालांकि कुछ बाद ही ट्रैफिक पुलिस कर्मियों ने क्षतिग्रस्त वाहन को सड़क से हटा दिया।
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लंदनः 20 वर्ष की उम्र में एंजेलिना जोली की ली गयी ये ब्लैक एंड व्हाइट दुर्लभ तस्वीर लंदन के ज़ेब्रा वन गैलेरी में 1800 यूरो में बिकने को तैयार है। ब्रैड से शादी के पूर्व एंजेलिना ने अपनी ये निर्वस्त्र तस्वीर शूट कराई थी जिसमें काली लिपस्टिक उनके बोल्ड अंदाज़ को और निखार रही है।
यह तस्वीर 1995 में फॉटोग्राफर केट गार्नर द्वारा ली गयी थी, जिसमें जोली के पैर उनके सीने से लगे हुए हैं और एक काली सिल्की रिबन उनके पैरों को आपस में बाँधे रखी है।
स्लाइड शो में आप देख सकते हैं, इस बोल्ड हसीना की बोल्ड तस्वीरें।
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Drishyam 2 Box Office Report : अजय देवगन की फिल्म 'दृश्यम 2' ने अपनी रिलीज के 29वें दिन ठीक-ठाक कमाई कर ली है। हालांकि, उनकी फिल्म की कमाई पर 'अवतारः द वे ऑफ वॉटर' असर पड़ा है।
Drishyam 2 Box Office Collection Day 29: हॉलीवुड फिल्म 'अवतारः द वे ऑफ वॉटर' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इसको खूब पसंद किया जा रहा है और फिल्म ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 41 करोड़ रुपये की कमाई की है। इस फिल्म ने रिलीज होते ही अजय देवगन (Ajay Devgn) की फिल्म 'दृश्यम 2' (Drishyam 2) की कमाई पर असर डाल दिया है। फिल्म 'अवतारः द वे ऑफ वॉटर' के आगे फिल्म 'दृश्यम 2' की कमाई कम हुई है। आइए जानते हैं कि अजय देवगन की फिल्म ने बीते शुक्रवार को कितनी कमाई की है।
'दृश्यम 2' के सामने 'अवतारः द वे ऑफ वॉटर'
अजय देवगन की फिल्म 'दृश्यम 2' को सिनेमाघरों में रिलीज हुए 29 दिन हो चुके हैं। फिल्म ने 29वें दिन 1.07 करोड़ रुपये की कमाई की है। ये अब तक की फिल्म की सबसे कम कमाई है। फिल्म ने अब तक कुल 216.77 करोड़ रुपये की कमाई कर ली है। अब देखने वाली बात होगी फिल्म वीकेंड के बचे दो दिन शनिवार और रविवार कितनी कमाई कर पाती है। हाालंकि, अजय देवगन की फिल्म 'दृश्यम 2' और हॉलीवुड फिल्म 'अवतारः द वे ऑफ वॉटर' की तुलना की जाए तो कुछ खास फर्क नहीं पड़ा है। फिल्म ने अपनी रिलीज के 29वें दिन भी 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है। जबकि हॉलीवुड फिल्म 'अवतारः द वे ऑफ वॉटर' का अभी पहला दिन है।
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>Ranchi : रांची पुलिस ने बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद रंजीत सिंह कोहली की मां कौशल रानी को गुरुवार को सीजेएम नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत से इजाजत मिलने के बाद दो दिनों के रिमांड पर ले लिया है। 80 वर्षीय कौशल रानी से महिला थाना पुलिस की देखरेख में पूछताछ की जाएगी। इधर, तीन दिनों से रांची पुलिस के रिमांड में रखने के बाद रंजीत सिंह कोहली की डोरंडा अस्पताल में जांच कराई गई और उसके बाद उसे कोर्ट में प्रस्तुत किया गया। कोर्ट से उसे क्ब् दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। गौरतलब है कि बुधवार को ही कौशल रानी ने अदालत में जमानत पर रिहाई की अर्जी दी थी। जमानत अर्जी रंजीत सिंह कोहली के एडवोकेट अविनाश कुमार पांडेय की ओर से दाखिल की गई थी, जिसकी सुनवाई क्7 सितंबर को हाेनी है।
तारा शाहदेव राज्य की खेल मंत्री गीताश्री उरांव से मिलने के लिए गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन गई थी, लेकिन मंत्री गीताश्री उरांव तारा से नहीं मिल पाईं। गौरतलब है कि पिछले दिनों मंत्री गीताश्री उरांव ने तारा शाहदेव की खेल विभाग में सीधी नियुक्ति की घोषणा की थी। घोषणा के बाद उसे कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन तारा की उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।
तारा शाहदेव-रंजीत सिंह कोहली प्रकरण में फंसे झारखंड के दो मंत्रियों हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान से पूछताछ की अनुमति विधानसभा स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता द्वारा नहीं दिए जाने पर अब रांची पुलिस सीएम से अनुमति मांगेगी। यदि वहां से भी अनुमति नहीं मिली, तो गवर्नर को पत्र भेजकर उनसे अनुमति मांगी जाएगी। इस प्रक्रिया में दो से तीन दिनों का समय लगेगा, क्योंकि गवर्नर डॉ सैयद अहमद बुधवार को ही मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं। ऐसे में पुलिस को थोड़ा इंतजार करना होगा। वैसे पुलिस के आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि अगर पुलिस को कहीं से भी अनुमति नहीं मिलती है, तो पीडि़ता द्वारा लगाए गए आरोपों के मद्देनजर और पुलिस के पास मौजूद साक्ष्यों के आधार पर पुलिस इन आरोपी मंत्रियों से पूछताछ करेगी।
इस प्रकरण में रंजीत सिंह कोहली के बचपन के दोस्त और गढ़वा डीएसपी सुरजीत कुमार का नाम सामने आने के कारण पूरे पुलिस डिपार्टमेंट को फजीहत झेलनी पड़ रही है। इस मामले में पुलिस मुख्यालय द्वारा डीएसपी सुरजीत कुमार को सस्पेंड करने की सिफारिश की जा सकती है और उन पर विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। एक अधिकारी ने बताया कि जितने भी डीएसपी से पूछताछ हुई है, उनलोगों ने इसका माध्यम डीएसपी सुरजीत को ही बताया है।
तारा प्रकरण में खेल मंत्री गीताश्री उरांव ने नगर विकास मंत्री सुरेश पासवान को कहा कि वह इस मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट करें। बाकायदा वह मीडिया के सामने आकर व खुलकर अपना पक्ष रखें। ऐसा नहीं करने से आम जनता में कांग्रेस, राजद व झामुमो गठबंधन के प्रति गलत संदेश जा रहा है।
नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण की एनआईए से जांच कराने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका की सुनवाई हाईकोर्ट में 9 सितंबर को होगी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति पीपी भट्ट की खंडपीठ में गुरुवार को अधिवक्ता राजीव कुमार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जल्द सुनवाई का आग्रह किया था। अदालत ने आग्रह मंजूर करते हुए 9 सितंबर को सुनवाई की तारीख तय की।
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भुवनेश्वर - मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सोमवार को दिल्ली से लौटने के बाद तूफान बुलबुल प्रभावित इलाकों का हबई नीरिक्षण किया । वह हवाई मार्ग से तूफान प्रभावित जिलों का दौरा करने के बाद लोकसेवा भवन में प्रभावित इलाकों में किये जा रहे कार्यों की समीक्षा की । इस अवसर राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे । इस अवसर पर उन्होंने प्रभावित इलाकों में किये जा रहे मरम्मत व पुनर्वास कार्यों के बारे में जानकारी ली । उन्होंने अधिकारिय़ों से इस कार्य मे शीघ्रता लाने के लिए निर्देश दिया ।
तूफान बुलबुल प्रभावित इलाकों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेने के लिए केन्द्र सरकार की टीम आगामी 14 नवंबर को ओडिशा का दौरा करेगी । यह टीम दो दिनों तक प्रभावित इलाकों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेगी । 16 को टीम दिल्ली लौट जाएगी । राज्य के विशेष राहत आयुक्त प्रदीप जेना ने यह जानकारी दी । उल्लेखनीय है कि बुलबुल के कारण राज्य के छह जिलों में भारी नुकसान हुआ है । इस तूफान के कारण विभिन्न क्षेत्रों में नुकसान हुआ है लेकिन सबसे अधिक क्षति फसलों को हुई है ।
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बॉलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने जब से बताया है कि वो मां बनने वाली हैं। तब से एक्ट्रेस काफी चर्चा में बनी हुई हैं। इसी बीच स्वरा भास्कर की नई तस्वीरें सामने आई हैं। इन तस्वीरों में स्वरा भास्कर ब्लैक ड्रेस पहने हुए दिखाई दीं। स्वरा भास्कर के साथ इन फोटोज में उनके पति फहद अहमद भी दिखाई दे रहे हैं। एक्ट्रेस अपने पति फहद अहमद को इन फोटोज में किस करती हुई दिखाई दीं। फहद अहमद और स्वरा भास्कर की ये तस्वीरों आते ही सोशल मीडिया पर छा गईं। तो चलिए देखते है ये फोटोज।
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एक आश्चर्यजनक रीति चल पड़ी है। बुजुर्ग बीमार हुए, एम्बुलेंस बुलाओ, जेब के अनुसार 3 स्टार या 5 स्टार अस्पताल ले जाओ, ICU में भर्ती करो और फिर जैसा जैसा डाक्टर कहता जाए, मानते जाओ।
और अस्पताल के हर डाक्टर, कर्मचारी के सामने आप कहते हैं कि *पैसे की चिंता मत करिए, बस इनको ठीक कर दीजिए। *फिर आपके भावनात्मक रुख को देखते हुए खेल आरम्भ होता है*।
कई तरह की जांचें होने लगती हैं। फिर रोज नई नई दवाइयां दी जाती है, रोग के नए-नए नाम बताये जाते हैं और आप सोचते हैं कि बहुत अच्छा इलाज हो रहा है।
80 साल के बुजुर्ग के हाथों में सुईयां घुसी रहती हैं। बेचारे करवट तक नहीं ले पाते। ICU में मरीज के पास कोई रुक नहीं सकता या बार बार मिल नहीं सकते।
नई-नई दवाइयों के परीक्षण की प्रयोगशाला बन जाता है 80 वर्षिय शरीर!
आप ये सब क्या कर रहे हैं एक शरीर के साथ ?
शरीर, आत्मा, मृत्युलोक, परलोक की अवधारणा बताने वाले धर्म की मान्यता है कि *मृत्यु सदा सुखद परिस्थिति में होने,लाने का प्रयत्न करना चाहिए*।
बुजुर्ग को अपनों के बीच रहने दीजिए। बुजुर्ग की कुछ इच्छा है खाने की तो तुरन्त उनको दीजिए, भले ही वो एक कौर से अधिक नहीं खा पाएं। लेकिन मन की इच्छा पूरी होना आवश्यक है, आत्मा के शरीर छोड़ने से पहले। मन की अंतिम अवस्था शांत, तृप्त होगी तो कथित एवं तथाकथित परलोक में शांति रहेगी, बेचैनी नहीं।
अस्पताल के अयसीयू में क्या ये संभव होता है? अस्पताल में कष्टदायक, सुइयां घुसे शरीर से क्या आत्मा प्रसन्न होकर निकलेगी? क्या अस्पताल के आयसीयू में बुजुर्ग की हर इच्छा पूरी होती है?
रोज नई-नई दवाइयों का प्रयोग, कष्टदायक यांत्रिक उपचार, मनहूस जैसे दिनभर दिखते अपरिचित चेहरों के बीच बुजुर्ग के शरीर को बचाइए!
आप कोई भी हों , तो बुजुर्ग को देवलोक गमन का शरीर मानकर सेवा करिये! जाना सबको है। एक भरी पूरी जिंदगी देखे बुजुर्ग की राह में रोड़ा मत बनिये।
बुजुर्ग को सफेद कोट वालों के हाथों में चुभती सुईयों के बीच मत छोड़िए। अगर सेवा नहीं होती तो, अच्छी नर्स को घर में रखिये, घर में सभी सुविधाएं देने का प्रयत्न कीजिये।
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Disclaimer : NBT के पत्रकारों ने इस आर्टिकल को नहीं लिखा है। आर्टिकल लिखे जाने तक ये प्रोडक्ट्स Amazon पर उपलब्ध हैं।
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माविरी खण्ड 'विराट- वदण' मे भक्ति भर अध्यात्म रो रचनावा है । 'प्रोत' बविता सू शुरू हुई मा पोथी घरम से मगळ जोत जळं' ताई लौकिक प्रेम सू मौखिक प्रेम ताई री पावन यात्रा है। सावरिये से दिव्य दृष्टि री पडना ही प्राणद री झड वूठी भर भक्ति री भागीरथी मे जगत रा जाळजजाळ भर माळ पपाळ सगळा ई बहग्या । कवि रोक्थन है, के राम-विहूणा धन धाम किण काम राग्रतसरी मा इज मरदास है, के भगवान कमळनयण रै चरणा री श्रीन, उणरी ऐंठयोडी नवनीत घर उणरी वसी रो सगीत मिळ जावं, पर्छ वाकी चीजा भलाई विपरीत मिळ जावं ।मात्मा परमात्मा दोना प्रोत नदी से इण खण्ड मे भरपूर प्रवाह है घर महाकवि 'तरुण' री
मा इज चोदी- मनोखी चाह है ---
प्रोत री सरस निभाया रीत, खेल जीवण रो खेल भळे घरम से मगळ जोत जळं ।
समग्र रूप में भी इज कंवणी है, के राजस्थान रा रतन महाकवि 'तरुण' रं काव्य मे एक नवी निराळी छवि है । वे आपरं ढग रा एक अनूठा भर अनुभवी कवि है। वारं काव्य मे तरुणाई री मरुणाई है, ताजगी भर तेज है, धरती से गुमेज है, हियै रौ हेज है, जमी सू जुड़ाव पर भक्ति से भाव है । मानवता रौ संदेश भर भारतीयता रो परिवेश है। दूजे मबदा मे कवेसर डॉ 'तरुण' री कविता मे वारी मात्मा से उजाम दरस, जको रसज्ञ पाठका रँ अतस नै परसं। भापरी प्रतरदीठ सू सबद र मरम घर काव्य री आत्मा नै तलासण वाळं इण कवि रतन री रचनावा मे वारै बहुआयामी व्यक्तित्व री विराटता लसावं । इणी कारण वारं सब्दों में जीवण से ग्ररक निजरा प्रावै । कविता वारो जोवण है, सजीवण है। खुद वारं सवदा मे 'जो भो है सो
प्राभाचूक, दरदरियाँ ज्ञात, प्रज्ञात
बस, भ्रा इज है म्हारी कविता, म्हारो गायन रुदन ।
म्हारी इण जनम री बात (डॉ 'तरुण')
'तरुण' - कविता कामणी राजस्थानी वेश मे घणी रूपाळी लागै, इण री सरूप शोभा पसरे मार्ग सू भार्ग, इणी भावना सू रूपान्तर कियो है भर मूळ रचनाकार अनुमति रँ साथै ई सपळता से प्राशीर्वाद दियो है । भौ अनुवाद करती वेळा म्हने वा ईज भाव-भूमि लखाई, जिणमे डॉ 'तरुण' ऐ भातमातीली सरस कवितावा बणाई । म्हारो तो काव्य-सिरजण से प्रो पत्रको मनुभव है---
धरती घणी रुपाळी
मुख दुम रं अवं गिसर, घण जीवण रस घोन्द्र । प्रतस में जद उमडसी, कविता तणी पिलोळ ।। (डॉ वविया)
प्रन्त मे, म्हे राजस्थानी साहित्य रा विश्यात व वि-मनीषी श्रद्धेय डॉ मनोहर शर्मा रे प्रति हार्दिक आभार प्रगट करणो म्हारो पुनीत वर्त्तव्य समझू हूँ, जिवा इण पुस्तक 'धरती घणी रूपाळी' से घणो रूपाळी प्रस्तावना तिम्रो । देश रा चावा घर ठावा विद्वान् डॉ मानन्दप्रकाश दीक्षित, डॉ नागरमल सहल तथा श्री कैलाशदानजी उज्ज्वल IAS (Retd) रो म्हें मन्तम सू ग्रामारी हूँ, जिका श्रा पोथी पढ नं मापरी मणमोल सम्मतिया सू म्हारी उत्साह वधायी महावि डा तम्णजी मार तो प्रामारी गूं ई कोई भारी सवद व्हे जद सोपे । ऐडा महान् साहित्यवार सारू तो ईश्वर सू प्रा इज प्ररदास है- 'जीवेम शरद शतम्' ।
राजस्थानी साहित्य रा विद्याथिया घर वाव्य-प्रेमी पाडवा ने भा पोयी दाय मासी । इणी विश्वास रे माथेजठ सुद 11 ( स 2048) कविया निवास
पोलो II, जोधपुर (राज)
12 / धरती घणी रुपाळो
शक्तिदान कविया |
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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Indian Railways: रेलवे ने यात्रियों को बड़ी खुशखबरी दी है। पश्चिम रेलवे (Western Railway) मुंबई सेंट्रल और दिल्ली के बीच राजधानी एक्सप्रेस (Rajdhani Express) ट्रेनों में रेडी-टू-ईट के साथ पके हुए भोजन के साथ खानपान सेवाएं फिर से शुरू करेगी। मालूम हो कि कोरोना वायरस महामारी के चलते रेलवे ने खान-पान सेवा बंद की थी। लेकिन अब पश्चिम रेलवे यह सुविधा फिर से शुरू कर रहा है।
प्रीमियम ट्रेनों में ऑनबोर्ड कैटरिंग सेवाएं को पश्चिम रेलवे की दो और ट्रेनों में फिर से शुरू किया जा रहा है। इनमें भोजन की प्री-बुकिंग का विकल्प होता है। ट्रेन नंबर 12951/52 मुंबई सेंट्रल- नई दिल्ली- मुंबई सेंट्रल राजधानी एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 12953/54 मुंबई सेंट्रल- हजरत निजामुद्दीन- मुंबई सेंट्रल अगस्त क्रांति एक्सप्रेस में इसकी शुरुआत होगी।
कब से शुरू होगी केटरिंग सर्विस?
ट्रेन नंबर 12951/12953 के लिए 6 जनवरी 2022 से और ट्रेन नंबर 12952/54 के लिए 7 जनवरी 2022 से खानपान सेवाएं (Railway Catering Services) फिर से शुरू की जाएंगी।
जिन यात्रियों ने अपने टिकट की बुकिंग (Railway Ticket Booking) के समय अपना भोजन बुक नहीं किया है, वे IRCTC की वेबसाइट (Indian Railways Catering Services- Order Food) के जरिए बुक कर सकते हैं। यह ट्रेनों के चार्टिंग से पहले (ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से चार घंटे पहले) किया जाना चाहिए। इसी तरह, अगर यात्री अपने भोजन को रद्द करना चाहते हैं, तो वे ट्रेन के चार्टिंग से पहले ऐसा कर सकते हैं।
पीआरएस काउंटर (PRS counter) टिकट वाले यात्री भी लिंक का उपयोग करके अपना भोजन बुक कर सकते हैं। इसके लिए यात्रियों को पोर्टल में पीएनआर डालना होगा। उन्हें वेज और नॉन-वेज दोनों विकल्प मिलेंगे। इसके लिए उन्हें ऑनलाइन भुगतान करना होगा। अगर यात्री ने ऑनलाइन भोजन बुक नहीं किया है और ऑनबोर्ड में वह इसकी सेवा लेना चाहता है, तो उसे उपलब्धता के आधार पर भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही उसे 50 रुपये का अतिरिक्त भुगतान भी करना होगा।
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पाटलिपुत्रा बस टर्मिनल ISBT से बसोंं ने फरार्टा भरना शुरू कर दिया है। मंगलवार को कुल 97 बसों का आवागमन हुआ है। 57 बसें आईं और टर्मिनल से कुल 40 बसें अपने गंतव्य को रवाना हुईं। इस दौरान कई ऐसी बसें भी पकड़ में आई हैं जो आदेश को ठेंगा दिखा रही थी। प्रशासन ने कुल 13 बसों पर कार्रवाई की है। इन सभी बस चालकों से 34500 रुपया जुर्माना वसूला गया है।
मनमानी करने वाले बस चालकों पर कार्रवाई करने के बाद अब तैयारी है कि बसों को ही जब्त कर लिया जाए। कोई भी बस चालक अगर आदेश का पालन करता नहीं दिखाई पड़ा तो बस को प्रशासन जब्त कर लेगा। DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह का कहना है कि जुलाई 2021 तक मीठापुर बस स्टैंड को ISBT में शिफ्ट किया जाना है। इसलिए चरणबद्ध तरीके से शिफ्टिंग का काम तेजी से किया जा रहा है। बुधवार से अगर कोई आदेश नहीं मानेगा, मनमानी करेगा तो बसों की जब्ती के साथ ही कठोर कार्रवाई की जाएगी।
15 जून से नालंदा, नवादा, शेखपुरा एवं जमुई की बसों का परिचालन पाटलिपुत्रा बस टर्मिनल ISBT बैरिया से हो रहा है। द्वितीय चरण में यह सेवा चालू की गई है। द्वितीय चरण के तहत 4 जिलों के लिए बस सेवा शुरू की गई है। इसके लिए ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधियों के साथ ISBT में बैठक पहले ही कर ली गई थी। पार्किंग व्यवस्था, काउंटर व्यवस्था, सर्विस स्टेशन, फेरी सेवा, ट्रैफिक व्यवस्था, शौचालय, पेयजल सहित यात्री सुविधाओं को तेजी से बढ़ाया जा रहा है।
15 जून से प्राइवेट बसों के साथ उस जिले की सरकारी बसें भी ISBT से संचालित हुई हैं। सिटी बसों का परिचालन बांकीपुर बस स्टैंड से किया जा रहा है। मीठापुर बस स्टैंड से बेहतर एवं आधुनिक सुविधा ISBT में प्रदान की गई है जो यात्रियों एवं बस मालिकों के लिए हितकारी साबित हो रही है।
मीठापुर बस स्टैंड 8 एकड़ में है जबकि ISBT 25 एकड़ में फैला है जिसमें 10 एकड़ में भवन का निर्माण कर आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। करीब 11 एकड़ में बसों के पार्किंग की व्यवस्था है।
प्रशासन की योजना है कि जुलाई 2021 तक मीठापुर बस स्टैंड को पूरी तरह से पाटलिपुत्रा बस स्टैंड में शिफ्ट कर दिया जाए। इस लक्ष्य पर काम करते हुए जिला प्रशासन की पूरी लगी है। इससे पहले जिलाधिकारी ने यात्री सुविधाओं का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया है।
DM का कहना है कि मीठापुर से ISBT के लिए फेरी सेवा शुरू की कई है ताकि यात्रियों को कोई असुविधा ना हो। इसके लिए बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की दो बसें चालू करने की योजना है जो मीठापुर से बैरिया के बीच गमनागमन करेंगी। इसके अतिरिक्त यात्रियों के आवागमन के लिए सिटी बस, ऑटो सेवा की भी व्यवस्था है। टर्मिनल पर बसों की पार्किंग के लिए जिलावार स्थल निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए जिला परिवहन पदाधिकारी को ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित कर जिलावार पार्किंग चिन्हित करने को कहा गया है।
ट्रांसपोर्ट प्रतिनिधियों की मांग के अनुरूप जिलाधिकारी ने टिकट काउंटर की व्यवस्था बेस में करने तथा बसों की साफ-सफाई एवं धुलाई के लिए सर्विस स्टेशन बनाने का निर्देश दिया है। इसके अतिरिक्त टर्मिनल पर बसों से एक महीना तक 24 घंटे के लिए एक बार ही चुंगी लेने का निर्देश दिया गया है। टर्मिनल पर व्यवस्था के लिए एक कमिटी का गठन किया गया है जिसमें अपर समाहर्ता राजस्व, जिला परिवहन पदाधिकारी ,बुडको के पदाधिकारी ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रतिनिधि ऑटो यूनियन के प्रतिनिधि शामिल हैं। पार्किंग, काउंटर, फेरी सेवा, सर्विस स्टेशन, ट्रैफिक व्यवस्था, शौचालय ,पेयजल सहित कई अन्य बिंदुओं पर मंथन हो चुका है अब जुलाई 2021 तक मीठापुर बस टर्मिनल को पूरी तरह से ISBT में शिफ्ट करने के लक्ष्य पर काम हो रहा है।
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साकी नाका पुलिस थाने ने मुंबई में फंसे उत्तर प्रदेश के 1,916 मजदूरों को श्रमिक विशेष ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति प्रदान की है।
मुंबईः कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिये जारी लॉकडाउन के कारण मुंबई में फंसे उत्तर प्रदेश के 1,916 मजदूरों को साकी नाका पुलिस थाने ने श्रमिक विशेष ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति प्रदान की है। यह ट्रेन मुंबई से लखनऊ के लिये रवाना हो चुकी है। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
जोन एक्स के पुलिस उपायुक्त अंकित गोयल ने कहा कि इन लोगों को बसों में महानगर के कुर्ला इलाके में सेंट्रल रेलवे के लोकमान्य तिलक टर्मिनल तक लाया गया। उन्होंने कहा, 'यात्रा करने वाले लोगों का विवरण लेकर उनके दस्तावेजों की जांच की गई। बसों को संक्रमणमुक्त कर दिया गया था। ' मालूम हो, भारतीय रेलवे ने मंगलवार (5 मई) में बताया कि वह एक मई से अबतक 76 श्रमिक विशेष ट्रेनें चला चुका है, जिनमें करीब 70 हजार श्रमिक यात्रा कर चुके हैं।
रेलवे के अनुसार चार मई तक 55 ट्रेनें चलाई जा चुकी थीं। रेलवे ने अभी आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया है कि इन सेवाओं पर कितनी रकम खर्च हो रही है। सरकार का कहना है कि इसका 85 प्रतिशत खर्च केन्द्र सरकार जबकि 15 प्रतिशत खर्च राज्य सरकारें उठाएंगी। अधिकारियों ने हालांकि संकेत दिये हैं कि मंगलवार सुबह तक चलाई गयीं 67 ट्रेनों पर करीब 50 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि रेलवे, प्रति श्रमिक विशेष ट्रेन सेवा पर लगभग 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है।
क्या है देश का हाल?
बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों की वजह से देश में लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ाया गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक कुल 62,939 कोरोना वायरस से संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें से 2,109 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इसमें से 19,358 लोग ठीक/ डिस्चार्ज भी हुए हैं।
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काफी लंबे समय के बाद Whatsapp ने अपने एंड्रॉयड और आईओएस यूजर्स के लिए डार्क मोड जारी कर दिया है। डार्क मोड की खासियत यह है कि इस मोड के एक्टिवेट होते ही यूजर्स की आंखों पर जोर नहीं पड़ेगा और साथ ही फोन की बैटरी की खपत भी कम होगी।
Whatsapp का कहना है कि हमने अपने इस लेटेस्ट मोड में डार्क ग्रे बैकग्राउंड और ऑफ-व्हाइट कलर के टेक्स्ट दिए हैं, जिससे यूजर्स की आंखे जल्दी नहीं थकेंगी और बैटरी की खपत भी कम हो जाएगी। इतना ही नहीं डार्क मोड से यूजर्स का चैटिंग करने का अनुभव पहले से काफी बेहतर हो जाएगा।
डार्क मोड को एक्टिवेट करने के लिए एंड्रॉयड 10 और आईओएस 13 यूजर्स व्हाट्सएप के डार्क मोड को सीधा सिस्टम सेटिंग में जाकर एक्टिवेट कर सकते हैं। वहीं, एंड्रॉयड 9 और पुराने औईओएस यूजर्स को एप की सेटिंग से जाकर थीम के विकल्प पर क्लिक करना होगा। यहां डार्क फ्रॉम लाइट, डार्क या सिस्टम वाइड ऑप्शन को चुनें और इसके बाद डार्क मोड एक्टिवेट हो जाएगा।
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484 तुलनात्मक राजनीति एवं राजनीतिक सस्थाए
नीतिक समानता, सामाजिक व आर्थिक न्याय तथा जन-कल्याण केवल कुछ वर्गों के कुछ लोगो के लिए, समस्त लोगों के हितो की कीमत पर सायंक रह गया था । ऐसी अवस्था मे लोकतन्त्रको पटरी पर नही पटरी से उतरा' हुआ हो कहा जा सकता है। अत लोकतन्त्र को समाजवादी दृष्टिकोण समस्त जनता के लिए स्वतन्त्रता को व्यवस्था करने के लक्ष्य से प्रेरित आर्थिक सामाजिक व राजनीतिक समानता को ऐसी व्यवस्था है जिसमे सम्पूर्ण जनता के साथ न्याय हो और सबकी हित साधना हो सके ।
लोकतन्त्र का समाजवादी दृष्टिकोण, उदारवादी लोकतन्त्र व साम्यवादी लोकतन्त्र के वीच का मार्ग नहीं है। यह अपने आप में एक विशिष्ट विचार है। जिसमे लोकतन्त्र को सैद्धान्तिक व्यवस्था को व्यावहारिक रूप में प्राप्त करने का प्रयास निहित है। समाजवादी लोकतन्त्र में राजनीतिक समानता व स्वतन्त्रता पर भी बल दिया गया है तो साथ ही इसके सामाजिक व आर्थिक पक्षों के महत्व को भी आधारभूत भाना गया है। यह इन दोनो का मध्यम मार्ग इसलिए नहीं है क्योंकि इसमें दोनों प्रकार के लोकतन्त्रों के समन्वय के स्थान पर दोनो से अलग मूल्य, सिद्धान्त व साधन अपनाए गए है। उदारवादी व साम्यवादी लोकतन्त्र बेमेल है। इनका सम्मिश्रण सम्भव ही नहीं है। अत लोकतन्त्र समाजवादी दृष्टिकोण को इन दोनों की खिचडी' कहना गलत होगा। समाजवादी लोकतन्त्र में स्वतन्त्रता व समानता के विशेष अर्थ किए गए हैं तथा यह अर्थ लोवतन्त्र को भावना के अधिक अनुरूप है, क्योंकि इन्ही अर्थों मे स्वतन्त्रता व समानता तथा न्याय व्यक्ति को व्यक्तिगत गरिमा का अन्तिम उद्देश्य प्राप्त करा सकता है। यही राजनोति मे जन सहभागिता को अर्थपूर्ण और प्रतियोगी राजनीति की परिस्थितिया उत्पन्न करता है । अन्यथा 150 रुपये मासिक आमदनी वान व्यक्ति की, डेढ़ लाख रुपये की मासिक आमदनी वाले व्यक्ति से सभी स्वतन्त्रताओ तथा उनके भोग को छूट के बावजूद क्या प्रतियोगिता हो सकती है ? समाजवादी लोकतन्त्र इन दोनों में प्रतियोगिता को यथार्थवादी बनाने के लिए बराबर करने के स्थान पर दोनों के बीच की आदिव विषमता को कम से कम करने का लक्ष्य रखता है। अत समाजवादी लोकतन्त्र का सही अर्थ में समझने के लिए यह आवश्यक है कि समाजो की वास्तविक्ताओं की अनदेखी नही की जाए ।
लोकतन्त्र के इस दृष्टिकोण के विवेचन से यह स्पष्ट है कि दुनिया के अधिकाश राज्य लोकतन्त्र के समाजवादी ढांचे में सम्मिलित नहीं किए जा सकते हैं। वास्तव मे सोक्ताव का यह प्रतिमान अत्यन्त जटिल है । सामान्य सरचनात्मक हेर-फेर से राजनीतिक व्यवस्थाए इस विचार की मौलिक मान्यताओ से हट जाती है। इसलिए डाक्टर इकबाल नारायण का यह निष्पर्य कि जो राज्य उदारवादी या साम्यवादी लोकतन्त्रों के अन्तर्गत नही आने वे समाजवादी लोम्तन्त्र के नाम से जाने जाते हैं, ":" मान्य नही हो सकता है। वास्तव में दुनिया के अधिकाश राज्य या तो उदारवादी लोकतन्त्र या साम्यSHIgbal Narain Rajneetl Shastra Ke Mool Siddhant (Hindi) Agra, Ratan Prakashan Mandir, 1974, p 323
लोकतन्त्र और अधिनायकसन्त्र : 485
वादी लोकतन्त्र की श्रेणी में रखे जा सकते हैं तथा शायद भारत जैसे कुछ राज्य हो समाजबादी लोकतन्त्र के मानदण्ड के कुछ अनुरूप कहे जा सकते है। बाकी अनेक विकासशील राज्य न सैद्धान्तिक दृष्टि से तथा न व्यवहार में समाजवादी लोकतन्त्र को भावना के अनुसार प्रशासित होते है ।
लोकतन्द्र के विभिन्न दृष्टिकोणो के विवेचन से यह स्पष्ट है कि लोकतन्त्र की अवधारणा परिवर्तित होती गई है। अभी तक इसके तीन प्रतिमान ही प्रमुख हैं। इनमें से कौन-सा सही अर्थों मे लोकतन्त्रका श्रेष्ठ प्रतिमान कहा जाए यह प्रयत्न निरयंक रहेगा, क्योंकि अभी भी मानव भौतिम स्तर पर हो जीवित रहने की कोशिश में पूर्णतया सफल नहीं हो पाया है। जब सम्पूर्ण मानवता एक निश्चित जीवन स्तर प्राप्त कर लेगी तन शायद लोकतन्त्र के मूल्यों का पुन निर्धारण होने लगेगा।
लोकतन्त्र की सफलता के लिए आवश्यक दशाएं (Conditions for Success
of Democracy)
लोकतन्त्र अत्यधिक कठिन शासन प्रणाली है। इसकी सफलता के लिए एक विशेष प्रकार की राजनीतिक संस्कृति हो उचित वातावरण प्रस्तुत कर सकती है। यही कारण है कि विकासशील राजनीतिक समाजो मे लोकतन्त्र के मूल्यों को सुरक्षित रखने और उन्हे व्यवहार मे हर नागरिक के लिए अर्थपूर्ण बनाने में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। एशिया व अफ़ौका के अनेक राज्यों ने कठिनाइयों का सामना करने को असमर्थता की अवस्था मे लोकतन्त्र के ढांचे को ही तोड दिया है। यहा प्रश्न यह उठता है कि लोकतन्त्र के सामान्य आदर्शों की प्राप्ति के लिए सरकार क्या करे लोकतन्त्र के यह आदर्श एकदम सुनिश्चित और स्पष्ट होते हुए भी बहुत कुछ अस्पष्टता का तथ्य रखते हैं । लोकतन्त्र व्यवस्था समाज मे उठने वाले परस्पर विरोधी दावो मे सामजस्य स्थापित करने के लिए कोई सुनिश्चित नियम भी प्रस्तावित नहीं करती है । इस स्थिति में यह समस्या उत्पन्न होती है कि व्यक्तिगत क्षमताओं की अधिकाधिक प्राप्ति को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार क्या मार्ग अपनाए ? वह कौन-सी स्थिति हो सकती है जहां व्यक्तिगत स्वतन्त्रता अव्यवस्था की सूचक मानी जाए और इस प्रकार भी व्यवस्था बनाए रखने के लिए उसे सीमित किया जाना आवश्यक माना जाए? यह प्रश्न उठता है कि सरकार प्रेरणाओं और आगे बढ़ने को आकाक्षाओं को बिना आघात पहचाये गम्भीर सामाजिक असमानताओं को कम करने का कहा तक प्रयास कर सकती है ? स्पष्ट है कि इस प्रकार को, और ऐसी अनेक दूसरी समस्याओं के समाधान के लिए कोई एक सुनिश्चित नियम स्थापित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि लगभग प्रत्येक बात उस समय विशेष और स्थान विशेष को सामाजिक तथा आर्थिक परिस्थितियों पर आश्रित है जहा इस प्रकार के प्रश्न उत्पन्न होते है।
कोरी तथा अब्राहम का मत है कि लोकतान्त्रिक समाज मे बहती हुई जटिलताओ के कारण ऐसे प्रश्नो के गणितीय उत्तर नही दिए जा सकते । परन्तु लोकतान्त्रिक समानों में कुछ ऐसी स्वीकृत विधिया अनिवार्यत होनी चाहिए जो असहमतियो मे |
पिछले दस वर्षों से, नासा का क्यूरियोसिटी रोवर मंगल की सतह के चारों ओर चक्कर लगा रहा है, लाल ग्रह के इतिहास और भूविज्ञान को समझने की अपनी खोज में तस्वीरें ले रहा है और शायद जीवन के संकेत भी ढूंढ रहा है।
पिछले हफ्ते इसने एक तस्वीर ली जो चट्टान में उकेरे गए एक द्वार को दिखाती है। यह उस तरह की चीज है जो पृथ्वी पर एक भूमिगत बंकर का संकेत दे सकती है, जैसे कि हवाई हमले से बचने के लिए बनाए जाने वाले आश्रयस्थल।
पहली नजर में यह तस्वीर पूरी तरह से यकीन के काबिल लगती है। दूसरी नजर में, शायद नहीं। ऐसा लगता है कि यह रास्ता कुछ ही दूर जाता है, और फिर झुकती हुई छत फर्श से मिल जाती है।
और फिर नासा हमें बताता है कि इसकी ऊंचाई केवल 45 सेंटीमीटर हैं। अगर ऐसा हो भी, यह किसने कहा कि मंगल ग्रह पर रहने वालो की ऊंचाई हमारे जैसी होनी चाहिए? लेकिन फिर भूवैज्ञानिक बताते हैं कि यह जगह वैसी नहीं है, जैसी पहली नजर में सोची गई थी और जिसे "द्वार" कहा गया है, यह वह जगह है जहां किसी चीज के दो हिस्से जुड़ते हैं।
सच्चाई जानकर दुख हुआ, लेकिन सोचिए, यह कितना रोमांचक होता अगर यह एक वास्तविक द्वार होता। इसके बजाय यह मंगल ग्रह पर चेहरे, मंगल ग्रह पर चम्मच, चंद्रमा पर क्यूब, और अंतरिक्ष से तस्वीरों में दिखाई देने वाली अन्य सभी चीजों की तरह ही उतना रोमांचक नहीं था, जैसा हमने सोचा था।
इससे भी बुरी बात यह है कि यह "द्वार" भी उस लंबी सूची में शामिल हो गया, जिन्हें पहले देखने का दावा किया गया था, जैसे ऑस्ट्रेलिया की तरह दिखने वाले कॉर्नफ्लेक, बिल्लियाँ जो हिटलर की तरह दिखती हैं, और इसी तरह की और चीजें। और बादलों में चेहरा किसने नहीं देखा?
दुखद तथ्य यह है कि जब एक अस्पष्ट या अपरिचित छवि प्रस्तुत की जाती है, तो मनुष्य इसे एक परिचित दिखने वाली वस्तु में बदलने की कोशिश करता है। वैज्ञानिक ऐसा करने की हमारी प्रवृत्ति को "पेरिडोलिया" कहते हैं।
ऐसा क्यों होता है यह समझना आसान है। हमने इस प्रवृत्ति को विकसित किया है क्योंकि कम रौशनी में भी अस्पष्ट रूप से दिखने वाले हमलावरों या चेहरों को देखने से हमें फायदा होता है। इससे एक और झूठी सकारात्मकता प्राप्त होती है - एक हमलावर को देखना जहाँ कोई नहीं है - एक हमलावर को न देखने से बेहतर है जो फिर आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
वाजिब तर्क देने के बावजूद साजिशी सिद्धांतवादी यह कहने से बाज नहीं आएंगे कि यह खोजा गया द्वार दरअसल मंगल ग्रह पर जीवन का सबूत है, और यह सुनिश्चित करता है कि वैज्ञानिक किसी चीज को छिपाने में लगे हुए हैं।
अगर मैं छिपाने की कोशिश कर रहा होता, तो मैं तस्वीरें जारी नहीं करता! इसलिए किसी साजिश की संभावना नहीं दिखती। लेकिन एलियन जीवन के गंभीर खोजकर्ताओं के लिए यहां एक सबक भी है। जैसा कि खगोलशास्त्री कार्ल सागन ने कहा था, असाधारण दावों के लिए असाधारण साक्ष्य की आवश्यकता होती है।
इस कहावत का अनुसरण करते हुए, अलौकिक जीवन के प्रमाण की तलाश करने वाले वैज्ञानिक, भूगर्भीय तलाश करने वाले किसी व्यक्ति की तुलना में अधिक मजबूत सबूत की मांग करते हैं। और दशकों तक मंगल ग्रह पर जीवन के प्रमाण खोजने के बावजूद हमें कुछ नहीं मिला।
यह अभी भी संभव है कि मंगल पर कभी जीवन रहा हो। हमें अभी भी प्राचीन कोशिकीय जीवन के कुछ जीवाश्म अवशेष मिल सकते हैं। लेकिन अचानक एक द्वार, या एक चम्मच जैसी कोई कलाकृति मिलना असंभव लगता है।
समस्या यह है कि अगर कोई मुझे एक उड़न तश्तरी दिखाने के लिए एक फोटो दिखाता है, तो मुझे पता है कि संभावनाएं इसके नकली होने के पक्ष में अधिक हैं, और इसलिए इसे ध्यान से जांचने में अपना समय बर्बाद करने के बजाय इसे खारिज करने की संभावना अधिक है। लेकिन मान लीजिए मैं गलत हूं? इसी तरह, जब हम मंगल ग्रह पर एक द्वार, या एक चेहरा, या एक चम्मच देखते हैं, तो इसे सिरे से खारिज करना बहुत आसान है। लेकिन हमें इस संभावना के प्रति सतर्क रहना चाहिए कि एक दिन हमें मंगल पर जीवन के साक्ष्य मिल सकते हैं।
बेशक, यह बहुत ही असंभव लगता है। पर नामुमकिन 'नहीं। यह एक भयानक नुकसान होगा यदि, डेटा के माध्यम से हमारी सभी सावधानीपूर्वक खोज के बीच, हम उस चीज़ से चूक गए जिसे हम खोज रहे थे।
रे नॉरिस, पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय,
द कन्वरसेशन।
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Upcoming Redmi Note 12 Series: रेडमी अपनी Redmi Note 12 सीरीज इसी महीने में लॉन्च करेगी। बताया जा रहा है कि सीरीज को कंपनी चीन में पेश करेगी। वहीं Weibo के मुताबिक आने वाली लाइनअप में रेडमी तीन मॉडल लॉन्च कर सकती है। इसमें वेनिला रेडमी नोट 12, रेडमी नोट 12 प्रो, और रेडमी नोट 12 प्रो प्लस शामिल है। आने वाले फोन मीडियाटेक डाइमेंशन 1080 SoC चिपसेट द्वारा संचालित हो सकते हैं। Redmi Note 12 सीरीज, Redmi Note 11 मॉडल की जगह लेगी, जिसका अनावरण 2021 में किया गया था।
आपको बता दें कि चीनी स्मार्टफोन ब्रांड ने Weibo पर एक पोस्ट के ज़रिए Redmi Note 12 सीरीज़ के चीन में आने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि फ्लैगशिप सीरीज का अनावरण अक्टूबर में किया जाएगा। फिलहाल, पोस्ट में फोन की सटीक लॉन्च डेट और समय की जानकारी नहीं दी गई है। पिछले लीक के मुताबिक Redmi Note 12, Redmi Note 12 Pro, और Redmi Note 12 Pro+ इस महीने ही अपना डेब्यू करेंगे।
पिछले लीक में इस बात का खुलासा किया गया था कि Redmi Note 12 सीरीज 6nm ऑक्टा-कोर MediaTek डाइमेंशन 1080 SoC द्वारा संचालित होगी। इसमें 200 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा सेंसर मिल सकता है। सीरीज में दो ARM Cortex-A78 CPU कोर हैं, जो 2. 6GHz की पीक स्पीड पर काम करते हैं। तीनों मॉडल 5G-एनेबल हैंडसेट बताए जा रहे हैं।
हाल ही में 3C लिस्टिंग ने Redmi Note 12 Pro+ में टॉप ऑफ द लाइन 210W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट और Redmi Note 12 Pro में 120W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट का सुझाव दिया था। वहीं, स्टैंर्डड Redmi Note 12 फोन 67W फास्ट चार्जिंग की पेशकश कर सकता है। वेनिला मॉडल में 50-मेगापिक्सल ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप की सुविधा के लिए भी इत्तला दी गई है।
Redmi Note 12 Pro+ और Redmi Note 12 Pro को पहले TENAA डेटाबेस पर देखा गया था। लिस्टिंग में हैंडसेट पर 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ 6. 6 इंच का फुल-एचडी+ एमोलेड डिस्प्ले होने दावा किया गया था। Redmi Note 12 Pro में 4,980mAh की बैटरी होने की बात कही गई है, जबकि Note 12 Pro+ में 4,300mAh की बैटरी मिल सकती है।
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AGHAHAYANA 14, 1894 (SAKA) Labour Welfare etc. 302 Bill
श्री दामोदर पांडे (हजारीबाग) : सभापति महोदय, श्रम मंत्री ने जो बिल उपस्थिन किया है, वह एक सराहनीय कदम है-हालाकि वह एक मजबूत कदम नही, बल्कि प्रघुरा कदम है, और इस लिए मैं इस बिल का स्वागत करता हू ।
आज से दस साल पहले से कोलमाइन्स वेलफेयर आर्गनाइजेशन की एडवाइजरो कमेटी ने लगातार यह प्रस्ताव पास किया है कि म को आठ आने से बड़ा कर एक या कर दिया जाये। करीब दस साल से इस फड मे घाटा चल रहा है यहा पर जो भी श्रम मंत्री रहे है, जो अक्सर वहा जावर क्मेटी का सभापतित्व करते थे, या उन की गैर-हजारी में जो जायट सेक्रेटरी और अन्य अधिकमेटी का सभापतित्व करते थे, उन सब ने यह मन्जूर किया और एकमद से यह प्रस्ताव पास किया गया । लेकिन मुझे है कि सैस को एक रुपए तक बढाने का जो प्रस्ताव श्री जगजीवन राम, श्री नन्दा, स्वगीय श्री सजीवंबा और सभी अफसरान ने माना था, उस के विपरीत सैस को केबल 75 पैसे तक बढ़ाया गया है। कोलमाइन्ज वेलफेयर आर्गनाईजेशन पर कितनी जिम्मेदारी है ? मंत्री महोदय से जो पिक्चर रखी है, वह बिल्कुल प्रधूरी है। प्राप को सुन कर ताज्जुब होगा कि 1947 में, जब कि यह कानून पास हुआ था, सरकार ने मह जिम्मेदारी ली थी कि हम कोयला खदानों के मजदूरों के लिए घर देंगे, उन के वहा दारू की व्यवस्था करेंगे, उन के लिए ममताल बनायेंगे और वहां बीमारी की म
करेगे । लेकिन आज क्या हालत है उस के बारे मे एक छोटा सा उदाहरण मे आप को देना चाहता हूं । अभी हाल मे अखबारो मे निकला था, एक न्यूज एजेंसी की खबर थी कोयना खदानो मे एक मेडिकल सर्वे हुआ था जिस मे यह पाया गया कि मैक्डे पीछे दस प्रतिशत कोयला खदान मे काम करने वाले मजदुर तपेदिक के बीमार है। 4 लाख में से 40 हजार मजदूर टी बी से पोडिन है और 20 साल 25 साल के कानून मे दिए हुए वचन का यह हश्र है । सिर्फ यही नहीं, इस के अलावा भी जो कुछ दवा दारू की सुविधा इन को मिलनी चाहिए, जो पर्याप्त सुविधा की व्यवस्था समझो गई कोल माइन्स वेलफेयर आर्गेनाइजेशन मे जिस के लिए प्लान किया गया, जिस के लिए सब कुछ किया गया वह भाज मुहैया नहीं कर पाए हैं। बहुत मात्र पहले से इन का कमिटमेट है । ऐडवाइजरी कमेटी मे इन के अफसगन पास कर के आए है । सरकार ने भी उस से इकार नहीं किया कि कुछ हास्पिटल को सेंट्रल हास्पिटल बना दिया जाय, इसलिए कि इन के जो भी अस्पताल हैं उन मे दवा दारू का उचित इनजाम नही हो पाता । नई सराय हास्पिटल को सेंट्रल हास्पिटल बनाने की बात थी । आज तक वह मामला खटाई में पडा हुआ है । 11 अस्पताल इन को खोलने थे जिस के लिए सब कुछ तैयार हो कर रखा हुआ है । पैसे के प्रभाव में भूरकंडा, पाथरडीह, कबूरिया, गिरिमिट, चौनाकुरी, पाडेश्वर, पवेलिया, परमिया, बिरसिंगपुर नौराजाबाद, चंदा तथा तालचर में प्राज तर्क अस्पताल नहीं बन सके। टी० बी के मरीजों के लिए
DECEMBER 5, 1972
Labour Welfare etc. Bill 304
ओर दिल्ली में 200 रपए टन मोर पंजाब और हरवाने में तरप कर रह जाते हैं। कोयला मिनत होना है। कारले क प्रॉडक्शन कम हुई इसलिए कि वहा भरमेट नही है । कायले का ढनाई नहीं हो पाता है । नहो तो भीख टन फोनना पड़ा हुआ है और वह कही कही जन रहा है, बरबाद हो रहा है और दूसरो जा० कामना मिन नहा रहा है । तो उस का दाम म काई ता नक नही है । दाम लो आठ आने और चार ने अगर वढा दे तो उस आठ अपो चार आत के लिए काई कन्ज्यमर परेशान हान वाला नहीं है । उम से कोई मतना नहीं है । यह ना मेहरबानो रेलवे को है जा पूरे हिन्दु - स्नान में कोयला एक प्रजोब किम्म मे बिक रहा है । तो मै चहाना हू कि इनको एक पया कर दिया जाय ।
[श्री दामोदर पाडे]
जो सुविधा इन का देवो चाहिर लाख कोशिश करने के बावजूद भी चूकि इस फड मे रैमा नहीं है, उनका इलाज ये नहीं कर पाने । पिऊनी बार 1967 मे जब कोल माइन्म वेज बोर्ड प्राया तो उस ने एक रेकमेडेशन दो थो। वह यूनानिमस रेकमेडेशन थो कि छ महोने तक तपेदिक के बीगार जितने भो मजदूर होगे उन को तनख्वाह कोल माइन्स बेलफेपर आर्गेनाइजेशन से दो जायगो । आाज तो यह बात करते है कि मालिक वेज बोर्ड को लागू नही करते हैं यहां तो स्पष्ट उदाहरण है कि खर सरकार तेज बोर्ड का मानने के लिए तैयार नहीं है जिसका को युनानिमस सिफारिश है । इसलिए आज जा यह अधूरा कदम ये उठा रहे हैं इसे अनुरा नही बिल्क पूरा उठाने और मैने एक नगावन पेश किया है। मैं चाहता हू कि बार मना नही बल्कि उसको बढा कर एक रुपना किया जाए । अमो हन्दर सहाबने गैर जानकारी के आधार पर कह दिया कि कही ऐमा न हो कि कोयले का दाम बढार जाए । यह कुछ बचपने बानो बात मालूम पड़ती है। कायले के दाम मार्केट मे जा है और जो कास्ट ग्राफ प्रोडक्शा है दोना मे काई मेल नही है। दिल्ली में 200 टन कोयला खरीदने है जबकि 35 टन झरिया में मिलता है। वही कोयला यहा भी कर 200 रुपए टन हो जाता है । इसमे पाने ज्यादा हा जाएगा तो 200 रुपये ने 200 रुप भाठ आना हो जायेगा, ऐसी बात होने वालो नहीं है । यह तो मेहरबानी हमारे मंत्री महोदय की है कि बम्बई मे 700 रुपए टन कोयला मिलता है हार्ड कोक
दूसरा मेरा सुझाव है । मंत्री महोदय ने कहा कि हाउसिंग बोड मे इस का दो करोड रुपया जाएगा और 22 साल मे कल्पना करते है कि 75 प्रतिशन मजदूरो को मकान दे पायेगे । आाज की क्या पिक्चर है इस के बारे मे भो थाडी जानकरी इन को होनो चाहिए थी। 1947 से जा मकान बनाने इन्हाने शुरू किए है तो 42234 मकान बना पा है जो प्रादमी के रहने लायक है ओर 16 हजार सब-स्टैडर्ड मकान बनाए है । तो यह कोन सा ऐसा करिश्मा करने वाले है जिस से जी 20 साल में नही कर पाए उस को अगले 22 माल मे कर पायेंगे । और अगले 22 साल मे क्या तजारा रहेगा यह बान हमारी समझ में नहीं आती हैं। तो मैं कहना चाहता हूँ कि अगर हाउसिंग बोर्ड को लोन दे कर घर बनाने की बात हो तो घर बनाएइ लेकिन जल्दी से जल्दी कोयला
मजदूरो को रहने की उचित सुविधा दे सके ऐसा होना चाहिए। क्यो मैं कह रहा हू ऐसा क्यो कि कोई भी कोयला खदान शहर मे नही निकलती । काई कोयला खदान कलकत्ते, घम्बई या दिल्ली मे नही निकलती । अक्सर कायला निकालने के लिए हमे जगल मे जाना पड़ता है, पहाडो मे जाना पडता है और वैसी जगह जाना पडता है जहा कोई व्यवस्था नहीं है जहा वे अपने रहने की व्यवस्था कर सके। आप अगर वहा पर सभी मजदूरी को मकान नहीं दे सकते तो जो मिनिमम स्टैंडर्ड है 75 प्रतिशत लोगो को मकान देने का वह अगले 20 साल के अंदर नही, बल्कि अगली पाच साला योजना मे बनने चाहिए जिस से पाच साल के अंदर 75 प्रतिशत लोगो को मकान प्राप दे सक ।
दूसरी बात हाल्दर साहब ने कह दी, कुछ जानकारी शायद उन को नही होगी, मैं पूरी जानकारी रखता है क्योकि 20 साल मे मेरा सम्पर्क उन से है, 8 करोड़ रुपया इस मे बैलेंस मे है, लेकिन वह एक दिखावटी बैनेस है । श्राज मैं कहना चाहता है कि 8 करोड रुपये की जो लायबिलिटी है सिर्फ हाउसिंग बोर्ड की, जो खदान मालिकों ने मकान बनाए है, उन की, जो एन सी डी सी की लायबिलिटी है, जा सिगरेनी कोलियरी की लायबिलिटी है, अगर सब लायबिलिटी देनी पडे तो 8 करोड रुपया भी कम पड़ेगा। आप ने फाइनेन्शियल स्टेटमेट में कहा है कि एग्जिस्टिम बैलेंस जो होगा 50 लाख पये का वह तो एग्जिस्टिग लास
14, 1894 ( SAKA) Labour Welfare etc 306
मे ही चला जायगा तो 70 लाख गये मे कौन सा वैलफयर आाप करने वाले है ? जो वैलफेयर होने वाला है उस मे जो एग्जिस्टिग है उस मे कुछ भी फर्क नहीं पड़ने वाला है । ग्राप सब ज्यो काबरार रखेगे । उस मे एक काडी का भी फायदा नही होगा । इन्हो ने यह कहा है कि 61 प्रतिशत जो हमारा जनरल वेलफेयर का पैसा है उसे हम दवादारू मे खर्च कर रहे है । बड़ा अच्छा कर रह है । मैं पूछना चाहता हू 100 बेडेड हाम्पिटल की धनबाद मे जो नीव डाली हुई है कितने दिनो मे वह नीव डाली हुई है और कितने दिनो मे वह कम्पलीट होगा, कुछ बता सकेंगे ? 50 बैंडेड एक्सटशन की नीव डाली हुई है मे आसनसोल मे, क्या बता सकगे कि कितने दिन मे वह तैयार हो जायगा ? और जो 40 हजार मजदूर तपेदिक से पीडिन है क्या उन को आप यह आश्वासन दे सकेंगे कि उन को मरने नही देगे, बचा लगे जो कि जिम्मेदारी आप ने 1947 मे ली है ?
तो एक तो काम आप एक रुपये की बात मान लीजिए और दूसरे जो आप ने प्रोपोर्शन रखा है जनरन वैलफेयर मे और हार्यसंग एकाउन्ट मे दोनो मे जो प्रापोर्शन अभी दिया है उसे घटा कर नहीं बल्कि बढ़ा कर के रखिए और उधार पैसा हाउमिंग बोर्ड को काफी दीजिए, और काफो पैसा जनरल वैनफेयर एकाउन्ट मे रखिए जिस से कम से कम मकान बनाने की दिशा मे कुछ कदम उठाए जा सकें और कोयला खदान मजदूरो को कुछ राहत मिल सके। यही मेरी कामना है, मत्री महोदय मेरे सुझाव को मान लें ।
DECEMBER 5, 1972 Labour Welfare etc. Bill 308
17 hrs
श्री रामावतार शस्त्रो (पटना) : समापति जी, कोनला खान श्रम कल्याण विधेयक, 1972 पर हम ग्रभी विचार कर रहे है । मैं इस विधेयक का मोटा मोटा समर्थन करता हू प्रोर समर्थन करते हुए कुछ बाते आप के मामन रखना चाहता हू । यह बात ठीक है कि मजदूरी के लिये कोयला, खानो मे काम करने वाले श्रमिकों के लिये कल्याण के काम किये जाये और तेजी के साथ किये जाये क्योकि अभी तक ओ काम हो रहा है, वह बहुत मन्तोत्रजनक रहा है, जिस की तरफ कई माननीय सदस्यों ने आप का ध्यान खीचा है । लेकिन कन्माण के साथ साथ यह भी बहुत जरूरी है कि कही ऐसा न हो कि हम केवल कल्याण की बात मे ही रह जाये और कोयला खदान के मालिक रफ्ता रफ्ता तमाम मजदूरा की छटनी कर के हटाते जाये । हमे उन की रोजी की रक्षा भी करनी है, साथ साथ उन के प्रवास की व्यवस्था करती है, दवा का भी इन्तजाम करना है पीने के पानी का भी इन्तजाम करना है, शिक्षा और मनोविनोद का भी इन्तजाम करता है । इसी बात को ध्यान में रख कर आपने इस विधेयक को सभा के सामने प्रस्तुत किया है ।
इस विधेयक के द्वारा आप अभी तक जो इस नाम पर टैक्स वसूल करते हैं, उस को बढ़ा रहे हैं। मैं श्री पाण्डे जी के प्रस्ताव से बिल्कुल सहमत हू कि अधिक से अधिक जो 75 पैसा धापने रखा है, उस को बढा कर कम से कम 1 रुपया कर दिया जाए। ऐसा क्यो ? पहले आप ने 4 माना और 8 माँता रखा था, अब उस की आप 75 वैसे पर ले जाना चाहते हैं। याद कीजिये - 1961 मे
श्रापने इप कानून को लागू किया था, उसी समय से श्राप वर्तमान रेट से सेस वसूल कर रहे हैं, जबकि उस के मुकाबले में प्रवास बनाने के सामान की कीमत कितनी बढ़ गई है, दवा की कीमत कितनी बढ़ गई है, पढ़ने-लिखने की सामग्री की कीमत कितनी बढ़ गई है, मनोविनोद के साधनों की कीमत कितनी बढ गई है प्राप इन बडी हुई कीमतों के अनुपात मे इस को नही बढा रहे है । जब तक महगाई के अनुपात से इस को नहीं बढ़ायेंगे तब तक इस का अधिक लाभ नहीं मिल सकेगा। इस लिये इस को कम से कम एक रुपया कीजिये ।
[SHRI K N TIWARY in the Chair ]
आवास की समस्या तो पूरे देश मे बड़ी गम्भीर है, तमाम लोगो के सामने गम्भीर स्थिति है, मजदूरो के सामने तो बहुत ज्यादा विकट है, खास तौर से खानो मे काम करने वाले मजदूर तो बिल्कुल कुत्ते दिल्ली और सूअरो की तरह रहते है । उन के लिय इस समय प्रावास की कोई सन्तोषजनक व्यवस्था नहीं है। आप इस को 25 सालो मे करना चाहते हैंशायद आप यह समझते हैं कि मजदूरी की तादाद 4 लाख से ज्यादा नही होगी, यानी वेश विकास की तरफ नहीं जायेगा । मैं ग्राप से निवेदन करना चाहता हूँ कि मजदूरों को सख्या इस से कई ना ज्यादा बड़ेगी। फिर भी आप 25 लॉल इस काम को करना चाहते हैं। पता नहीं 25 सालो तक की सरकार भी रहेगा या नहीं। 25 सालो की
के 4-5 साल की कीजिये, ताकि एन की समस्या की इस हो सके। अभी
AGRAHAYANA 14, 1894 ( SAKA) Labour Welfare etc.
तो उन की स्थिति बड़ी दयनीय है। प्रावास पर श्राप इस समय 1 करोड 10 लाख रुपया खर्च करते है, इस सेस को बढा कर सब आप 2 करोड रुपये से ज्यादा खर्च करना चाहते है । पाडे जी ने ठोक कहा है कि आप इस को प्राधा-प्राधा कीजिये । जो भी रुपया हम मेम के रूप मे वसूल करे, उसका आधा आवास पर और श्राधा जनरल चीजो पर, जैसे दवापानी, शिक्षा, मनोविनोद पर खर्च करे, तब सही मायनो म उन के आवास की समस्या का समाधान निकल सकेगा, नही तो वे बेचारे बेमौत मर जाएगे, जरा वहा चल कर देखिये, कितनी दयनीय स्थिति मे वे रहते है । वे हमारे लिये धन पैदा करते है, अगर कोयला नहीं निकाला जाय तो फिर हमारे देश का काम कमे चलेगा इसलिये उन के प्रावास को तरफ विशेष ध्यान देना चाहिये ।
जहा तक पालिको का सम्बन्ध है, आप इस धनराशि को मालिको को देना चाहते है, जिस मे मालिक भी खच करेंगे और सरकार भी खच करेगो में पूछना चाहता हूँ क्या आपने पता लगाया है कि मालिको ने अब तक कितनी राशि खर्च को है ? ने तो ग्राम की राशि भी खा जाते है । जो सेस का रुपया इकडा कर के आप उन को देंगे, वे उस को भी खा जायेगे। राज्य सरकारे इस तरफ ध्यान नही देमी व समझनी है कि सेस का रुपया खच होता है, केन्द्रीय सरकार खुद कर लेगो । मेरा अनुरोध है कि भावास के मामले की ग्राम बास तौर से देखिये-ग्राम के मालिक पैसा दे रहे हैं या नहीं दे रहे है, ग्राप के पैसे की जा
तो नही रहे है ? मेरा ख्याल है कि प्राप के पैसे को खा जाते हैं- इस राशि को बचाइये ।
जहा तक क्वर का सम्बन्ध है-क्या सरकार को पता है कि कितने लोग टी० बी० से पीड़ित है ? 40 हजार लोग इस समय टी० बी० से पीडित हैं, उन की सख्या मे कमी नहीं हो रही है, बढ़ोतरी हो रही है। बढोतरी इसलिये हो रही है कि आप ने उन के लिये समुचित दवा का इन्तजाम नही किया है । जिस दवा की उन को आवश्यकता है, वह उन्हें नहीं मिलती है। इतना ही नहीं, सिर्फ दवा से काम नहीं चलेगा, उन को पौष्टिक भोजन भी चाहिये । केवल दवा के भरोसे आप टी० बी० का मुकाबला नही कर सकते । उस की रोक थाम के लिये आप को बढिया से बढिया दवा भौर पथ्य की व्यवस्था करनी पड़ेगी- इस तरफ भी ग्राप का ध्यान जाना चाहिये कि पौष्टिक भोजन और दवा उन को श्राप दे ।
पीने के स्वच्छ पानी की समस्या को लेकर हाहाकार रहता है, खास कर गर्मियो मे लेकिन उस पर भी खान के मालिक ध्यान नही देते। अगर आप भी ध्यान नहीं दगे तो काम कैसे चलेगा ।
शिक्षा की कीमत बढ़ती जा रही है उस की तरफ आाप का ध्यान जाना चाहिये ताकि शिक्षको को ठोक सहूलियत मिले और वे बच्चो को पढ़ा सक । बच्चो को पढ़ने लिखने का सामान ठीक से मिल सके अगर इस तरफ ध्यान नहीं देगे तो हमारे देश में
हम जिन निरक्षरों को सिन करना
DECEMBER 5, 1972 Labour Welfare etc. Bill 312
[श्री रामावतार शास्त्री] चाहने हैं, इस काम में आगे नही बढ सके और कोयला खदान के इलाके मे गिता को हमारी पर बहुत कम रह जायगो, उस मे बडोनरी नहीं हो पायेगी ।
इसी तरह से मनोविनोद की समस्या है । कहने के लिये तो हम मनाविनोद की बान कहने है, खेनने के सामान देते है, नेकन उनका क्या व्यवस्था होती है । वह गाग पैमा मानिका को जैत्र ने रह जाता है उनका सहयोग नहीं करते है, दुहायोग जबर है। तमाम बाना की तरफ ध्यान जाना चाहिये नभी श्राव सुधार ला सकते है श्री कल्याण का काम कर सकते है ।
अब एT० सी० डी० सी० को लाजियेवह प्राकी है । एन० सी० डो० सी० के मानहन जितनी खदानें है, उन में काम करने वने मजदूरों के बीच मे भी आपके कल्याण के कामों में बहुत कमी है। उनके सामने भी आवास को समस्या है । एक तरफ श्राप निजी खान मालिको को जो
कहना हो, कहिये, उन को मजबूर कीजिये, लेकिन साथ ही साथ अपना उदाहरण भी पेश कीजिये कि आप क्या कर रहे हैं । यदि प्राप कुछ नही करेगे तो इस बिल का कोई मतलब नहीं है । अभी पाडे जी ने कहा कि यह बहुत आदर्श बिल नही है इस में तो आप थोडा आगे बढ़ें है, मैं चाहता हूँ कि इसको आदर्श बनाने की कोशिश कीजिये, तभी काम होगा ।
पाडे जी ने कहा कि कोयला का दाम .3 आना या 4 माना बढ़ जाय, तो कोई हर्ज
नहीं है। मैं पूछता हू कि कोयला कौन ईस्नेमाल करता है --गरीब से गरीब आदमी भी कोयला इनेमाल करता है, क्योंकि उसके पाम श्री कोई साधन नहीं है। इसलिये हमारी कोशिग होनी चाहिये कि यदि मन पर चार माना या आठ आना भी दाम बढे तो उसको बढने नहीं देना चाहिये । श्राप बढायेगे टन पर एक रुपया लेकिन कोयना बेवने वाले गन पर चार आना या माठ माना बढा देगे -- तरफ भी सरकार का ध्यान जाना चाहिये कि कोयने का दाम न बड़े । मजदूरों को सहनियत हो नौर मनिक बेज फायदा न उठाये ।
इन शब्दो के ाथ में इस विधेयक का समर्थन करता हू और इस पर जो अमेण्डमेण्ट पाई जी की है, मैं उग को सही समझता हू और उसका समर्थन करता हूँ । अमेण्डमेन्ट दी थी, लेकिन थोडी देर में दो थी इपलिये अगर आप इजाजत देग तो मै उसका भी पेश करूंगा ।
MR. CHAIRMAN: Now, Shri Chhaplendu Bhattacharyyia. Let him not repeat the points that other Members have made but let him make fresh points,
SHRI CHAPLENDU BHATTACHARYYIA (Giridih): How many minutes have I been permitted to take ?*
MR. CHAIRMAN: Only five minutes. SHRI CHAPLENDU BHATTACHARYYIA: All right. 1 shall just read out my points one by one.
I was associated with the Coal 'Mines Welfare Advisory Committee from its very
AGRAHAYANA 14, 1894 (SAKA) Labour Welfare etc. Bill
inception. So, I know against what odds we had to fight for such elementary decisions as housing. The colliery owners said that if we had a settled labour force, there would be unrest. I say that without a settled labour force, in the face of the present mechanisation, we cannot make headway and support and increase effici¹ency. Se, my first point is that housing is a must.
Previously, the wo kloading was four families to a room of not more than 1200 sq. ft. That dismal phase is past. But even then, from the figures given to us by the hon. Minister, it is clear that overcrowding remains. So in the matter of housing, there should be wider coverage and the expenditure should match receipts coal-field-wise. Every coal field is getting some income on despatches of coal and the expenditure in that coal field should be on a pro rata basis in the inte rest of equity.
The third point is that the own-yourown-house scheme should be put into effect so that coal miners can be owner, of their own houses. So far it has made an exceptionally high figure of 9 houses' After so many years of sweating and brutish existence in the coal mine operations, at least 20, 30 or a sizeable per-centage of the miners should have been enabled to own their own houses. So, I suggest that the own-your-own-house scheme should be modified and the coal mine workers should be at least put on a par with the colliery owners in the matter of subsidy and eid.
The welfare organisations in Jharia coal fields should run their own bus services. The Regional Transport service and the State Transport service are not adequate. If this is done, the coal miners and their families will not have to trek four miles to a cinema show with their children on their backs. This strikes one as one of the most unfortunate -sights in the grim coal fields of Jharia and Bokaro.
There should be a large coverage of stipends and scholarships for coal miners' sons. It gladdens my heart to see that one coal miner's son is now reading in the Darbhanga Medical College scholarship given by the Coal Mines Welfare Fund. This coverage has to be increased.
Another must is the supply of pure drinking water. The incidence of TB. VD, intestinal and microbaial diseases is very high. As for intestinal diseases, I will not be far wrong in saying that 80 per cent of the workers, of the mining population, in Jharia suffer from them because of the non-supply of pure drinkSo where the Jharia code of ng water. health has failed, the Coal Mines Welfare organisation with its vast resources nust step-in and fill up the gap.
A coal miner's son need not become a minor. If he has to be, he must be a minor of the new age. There he will have to face the problem of mechanisation. We are already facing the problem of environmental pollution. It will assume a vaster dimension once the restructuring of the coal mines in the Jharia coal fields takes place. So when they go in for large scale strip mining operations, many of these townships will cease to be. Therefore, we have to draw up a master plan including this in the plans for restructuring of the mines, giving effect to a more comprehensive plan of housing and welfare.
Lastly, the eligibility for medical aid was limited to Rs. 500. In these days of inflation, I think there is a case for revising this limit upward, and it should be thrown open to all colliery workers irrespective of their wages, and for the nonentitled persons, since the State Govern ment's efforts cannot be matched because of the difference in financial resources, The non-entitled persons should be permitted to avail themselves of the medical services in the coal field area on rates which should be substantially fess than what they have to pay at the present rhoment.
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और चौथा तीसरे दिन माता के दूध के साथ पिला दें। सवा रुपये का चूरमा या मीठा चावल बनाकर पहले थोड़े से किसी साधु को देकर बंटवा दें, खुद भी खा लें।
राम राम राम राम
राम राम राम
इस चौंतीसा यन्त्र को भोजपत्र पर लाल चन्दन से तथा अनार की कलम से लिखकर धूप देकर एक छोटे कपड़े में बांधकर बच्चे के गले में लटका दें और पक्षियों को दाना डलवा दें। बच्चों के सूखा रोग निवारण के लिए पीपल के पत्ते या भोजपत्र पर लाल चन्दन से अनार की कलम से चार यन्त्र लिखे। फिर धूप देकर एक यन्त्र जल से धोकर ८ ८८ वह जल बच्चे की माता को पिला ३३४ ३३४ ३३४ दें; दूसरा बच्चे को पहले दिन, ३३४ ३३४ ३३४ तीसरा दूसरे दिन और चौथा ३३४ ३३४ ३३४ तीसरे दिन माता के दूध के साथ |
अयोध्या। अयोध्या के लिए बुधवार का दिन काफी ख़ुशी भरा रहा। करीब 107 करोड़ रुपए की लागत से मॉडल रेलवे स्टेशन निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ तो नई दिल्ली से अयोध्या के लिए श्रीरामायण एक्सप्रेस ट्रेन भी आज से शुरू हो गयी। स्थानीय सांसद लल्लू सिंह ने विकास कार्य का भूमिपूजन किया।
उधर श्रीरामायण एक्सप्रेस ट्रेन गुरुवार सुबह 4 बजे अयोध्या पहुंच रही है। यहां उसके भव्य स्वागत किए जाने की तैयारी है।
विकास प्रक्रिया के प्रथम चरण में स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण, स्टेशन के सामने मौजूद क्षेत्र का सुधार होगा। मेला में यात्री प्रसाधन के लिए अतिरिक्त क्षेत्र की व्यवस्था और सहायक सुविधाएं मुख्य रूप से उपलब्ध कराई जाएंगी। वर्तमान प्लेटफार्म के फर्श का नवीनीकरण, सभी प्लेटफार्म के ऊपर आच्छादित एकल छत्ता निर्माण, वाहनों के लिए पार्किंग स्थल और सहायक स्थल का विस्तारीकरण होगा।
विकास प्रक्रिया के द्वितीय चरण में पश्चिम दिशा से नवीन प्रवेश मार्ग का निर्माण होगा। आधुनिक सुविधा युक्त दो यात्री सेतु का निर्माण,स्टेशन बिल्डिंग तथा दूसरे प्रवेशद्वार का निर्माण होगा। सभी प्लेटफार्म के ऊपर छत का निर्माण होना है।
भगवान राम से जुड़े स्थलों के लिए सरकार श्रीरामायण एक्सप्रेस ट्रेन चला रही। यह ट्रेन आज दिल्ली से दोपहर 2 बजे के बाद रवाना हो रही है। चार बजे यह अयोध्या पहुंचेगी। शाम 5 बजे यह ट्रेन अयोध्या से रवाना होगी। प्रभु राम जिन जिन स्थानों पर गए थे उन स्थलों पर श्री रामायण ट्रेन भी जाएगी। सफदरजंग रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली ट्रेन अयोध्या नंदीग्राम वाराणसी श्रृंगवेरपुर चित्रकूट नासिक व रामेश्वरम से होकर गुजरेगी। ट्रेन में 800 यात्रियों के सफर करने की सुविधा है।
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जम्मू - जम्मू-कश्मीर में पुंछ जिला के मेंढर तहसील में आग लगने के बाद नियंत्रण रेखा के पास बारूदी सुरंगों में कई विस्फोट हुए। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आग की शुरुआत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से हुई। यह आग तेजी से नियंत्रण रेखा को पार कर मेढ़र तहसील तक पहुंच गई। उन्होंने बताया कि आग ने नियत्रंण रेखा पर मेढ़र सेक्टर के एक बड़े हिस्से को अपनी गिरफ्त में ले लिया। इससे सेना की अग्रिम चौकी पर तैनात जवान चौकन्ने हो गए। सूत्रों ने कहा कि जंगल में लगी आग के कारण कई बारूदी सुरंगों में विस्फोट हुए। जोरदार धमाकों से सीमा के पास रहने वाले लोग भयभीत हो गए। उन्होंने कहा कि आग और विस्फोट से हालांकि जानमाल की कोई हानि नहीं हुई है।
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पाल उमरा ब्रिज के पास तापी नदी में बुधवार को डूबी 7 साल 8 महीने की बच्ची का शव 51 घंटे बाद शुक्रवार को मिल गया। शव गल जाने से क्षतविक्षत हो चुका है, लेकिन प्राइवेट पार्ट में दिख रहे अंदरुनी निशान पूरे घटनाक्रम और पुलिस की थ्योरी पर सवाल खड़े कर रहा है।
मेडिकल करने वाली टीम के सदस्य भी दुष्कर्म से इनकार नहीं कर रहे। बड़ा सवाल यह है कि यदि दुष्कर्म या दुष्कर्म के प्रयास को लेकर इस बच्ची की हत्या हुई होगी तो उसके साथ डूबे दो और बच्चे (जो भाई-बहन) थे, उनकी मौत भी सामान्य हादसा नहीं हो सकती।
यदि ऐसा है तो डूबकर मरने की पुलिस की शुरुआती थ्योरी तीन-तीन बच्चों की हत्या का मामला भी हो सकती है। हालांकि पुलिस अभी साफ तौर पर कह रही है कि यह न दुष्कर्म है न हत्या का मामला।
यह था मामला : बुधवार की दोपहर पार्ले पॉइंट के पुष्पांजलि बिल्डिंग तथा सुंदरम अपार्टमेंट में दोनों वॉचमैन के चार बच्चे नदी नहाने गए थे। दो घंटे बाद राहुल ही वापस लौटा था।
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक मेडिकल करने वाली टीम को प्राइवेट पार्ट में असामान्य अंतर दिखा है। फिलहाल सैंपल लेकर एफएसएल भेज दिया है और मौत का कारण पेंडिंग रखा गया है। फॉरेंसिक पैनल के साथ नार्मल पीएम करने वाली टीम का कहना है कि पानी में डूबकर फूलने या अन्य किसी कारण से प्राइवेट पार्ट में अंदरुनी बदलाव नहीं हो सकता। यह बदलाव किसी पत्थर या लकड़ी का नहीं लग रहा। इस मामले में दुष्कर्म या सेक्सुअल असाॅल्ट भी हो सकता है।
जोन 3 की डीसीपी विधि चौधरी का कहना है कि बच्ची से दुष्कर्म नहीं हुआ। प्राइवेट पार्ट में बदलाव वाला तर्क लॉजिकल नहीं है। अगर बच्चों को कोई ले जाता तो उतने पानी में फेंककर नहीं जाता। एक्सीडेंटल डेथ का केस है। हम 100 प्रतिशत कन्फर्म हैं कि ये दुष्कर्म नहीं है।
शव डूबा रहने से मौत का समय तथा बदलाव के समय का अंदाजा नहीं लग रहा। न ही किसी और चोट के निशान दिख रहे हैं। क्योंकि चमड़ी गलकर निकल गई है।
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Quick links:
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने आईसीसी टी 20 वर्ल्ड कप 2021 के लिए टीम का ऐलान कर दिया है। बाएं हाथ के फास्ट बॉलर टायमल मिल्स को 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया है। क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में वो इंग्लैंड के लिए चार साल बाद वापसी कर रहे हैं। मिल्स ने फरवरी 2017 में आखिरी अंतरराष्ट्रीय टी 20 मैच खेला था। इंग्लैंड की T20 टी 20 ब्लास्ट लीग में उन्होंने ससेक्स की तरफ से खेलते हुए दमदार प्रदर्शन किया था।
मिल्स को इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने का भी अनुभव है और वो विराट कोहली की टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा रह चुके हैं। मिल्स ने अपनी पीठ की चोट के कारण केवल टी 20 क्रिकेट खेलने पर ध्यान केंद्रित किया है और इस प्रारूप में 153 विकेट लिए हैं।
इस बीच, बेन स्टोक्स जिन्होंने अपनी मानसिक तनाव के कारण क्रिकेट से ब्रेक लेने का फैसला किया था उन्हें इस टीम में जगह नहीं मिली है। इयोन मॉर्गन की अगुआई वाली टीम में जोस बटलर, डेविड मलान, जेसन रॉय जैसे आक्रामक बल्लेबाज मौजूद हैं। 2019 वर्ल्ड कप विजेता टीम को यूएई और ओमान में होने वाले टी 20 वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतने का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने भी टी 20 वर्ल्ड कप टीम की घोषणा कर दी है और अनुभवी बैट्समैन डु प्लेसिस और लेग स्पिनर इमरान ताहिर को टीम में जगह नहीं मिली है। टेम्बा बावुमा टीम के कप्तान नियुक्त किये गए हैं।
T20 विश्व कप के लिए दक्षिण अफ्रीका की टीमः टेम्बा बावुमा (कप्तान), केशव महाराज, क्विंटन डी कॉक (विकेटकीपर), ब्योर्न फोर्टुइन, रीजा हेंड्रिक्स, हेनरिक क्लासेन, एडेन मार्कराम, डेविड मिलर, वियान मुल्डर, लुंगी एनगिडी, एनरिक नॉर्टजे, ड्वेन प्रिटोरियस , कगिसो रबाडा, तबरेज़ शम्सी, रस्सी वैन डेर डूसन।
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त्योहारों के मौसम में परिवार और दोस्तों से जुड़ने का सबसे अच्छा तरीका वाट्सऐप है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर में लाखों यूजर्स करते हैं. इस बीच WhatsApp ने खास तौर पर दिवाली के लिए एनिमेटेड स्टिकर्स पेश किए हैं.
मेटा के स्वामित्व वाले इंस्टेंट मैसेजिंग प्लेटफॉर्म वाट्सऐप ने नया स्पेशल दिवाली एनिमेटेड स्टिकर पैक पेश किया है. इन नए दिवाली एनिमेटेड स्टिकर्स का उपयोग करते हुए, वाट्सऐप COVID-19 महामारी के समय में सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखते हुए यूजर्स को त्योहारों का एक्सपीरियंस कराना चाहता है.
COVID-19 महामारी ने हमारे पहले त्योहारों को मनाने के तरीके को बदल दिया है. इस कठिन समय में, यह सबसे अच्छा है और करीबियों के साथ वर्चुअली जुड़ने का सुझाव दिया गया है. त्योहारों के मौसम में परिवार और दोस्तों से जुड़ने का सबसे अच्छा तरीका वाट्सऐप है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर में लाखों यूजर्स करते हैं. इन बातों को ध्यान में रखते हुए WhatsApp ने खास तौर पर दिवाली के लिए एनिमेटेड स्टिकर्स पेश किए हैं.
3: स्टिकर आइकन पर क्लिक करें. IOS यूजर्स के लिए, ऑप्शन टेक्स्ट बार के दाईं ओर मौजूद है. जबकि एंड्रॉइड यूजर्स के लिए स्टिकर्स आइकन GIF ऑप्शन के बगल में है.
4: इसके बाद आप 'प्लस' आइकन पर टैप कर सकते हैं और फिर बस हैप्पी दिवाली स्टिकर पैक को सलेक्ट करें और डाउनलोड करें.
5: एक बार हो जाने के बाद, चैट पर वापस आएं, स्टिकर सलेक्ट करें और सेंड बटन पर क्लिक करें.
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चारबुधवार की रात, १५ दिसम्बर
रियल ने टेलीफोन करके ट्रेन में भेट होनेवाले युवक पीटर को होटल मे बुलाया था, इसका जिन पहले परिच्छेद मे किया जा चुका है। सिल्वर से छुट्टी पाकर वह पीटर के पास आई जो बडो देर से बैठा उसका इन्तजार कर रहा था । उदास और थके हुए मुख से बैठते हुए उसने कहा-~~माफ कीजिए, मैंने व्यर्थ ही आपको इस मामले में परीशान किया । पर अभी तक पुलिस किसी पर सन्देह नहीं कर सकी है । हत्यारा मेरी हत्या करना चाहता था। बताती हूँ ।
रियल ने सब बातें पीटर से कह सुनाई। पीटर ने एक और देखते हुए पूछा- क्या वे पुलिस अफसर हैं ?
'हॉ । वे लम्ने तगड़े सजन स्कॉटलैण्ड यार्ड के जासूस इसपेक्टर सिल्वर हैं। उन्ही के जिम्मे यह मामला है ।'
पीटर ने लम्बी सॉस लेकर कहा - यह प्रैकोर्ट होटल आपके लिए सुरक्षित जगह नहीं है। यहाँ आप रात कैसे चितावेगी ? खैर, श, विपत्ति दूर हो गई है ।
ऑॉरियल ने कहा - ट्रेन में आपके सहानुभूतिमय व्यवहार से मुझे साहस बँधा था । मैं उसी समय बातचीत करना चाहती थी, किन्तु मिस्टर क्रैन्सटन के कारण चुप रह गई । जब मैंने उन्हें यहाँ |
नें सुंपणा मांड्या । तरै चावड़ी थेली दोनू ही उरी लोधी रथ बैठाय ने रथ खड़ियौ। तिसे खोजाने वडारण साथै कहाडियो आइमो , अंटे एक ऊभो राखो, जगदेव आवे जरे साथ लेने बेगो आयें । यो करि ने घरे आई। घर मांय पोलीदार छे जड़े मांय आघो रथ छोड्यो ने उतरी, चावड़ी उतरी । तिसे महिलू सागरद थी तिका बडो पोसास की सामो आई । वर्घा मुजरो कोधो, के पगे लागो, केई सहेलो खवास हुई खर्मा-खम करतो आगे घालो । मांई गई सरे भौ' मालियो निपट वैशाह छात धंधो है । भावनां खली- ऊपरी सोनेरी चित्राम आलो काच जड़िया है, जाणे सागे छोरा अड़िया दोसै तिसीहोज बिछायत ऊपरी गाव-तकिया बगल - तकिया,गींदवा थाला" पास्वा"" मसंद ऊपरे पड़िया है। तिह मालिये लेने घेसाणी । तरै भेटी दोय मंगाय ने राखी गरम पाणी दिराया नै तसे एकै छोकरीनै कक्षो, जा श्री महाराजा सूँ मालूम करि, म्हारो सागी भतीज जगदेष भठे पधारियो है, महाराजा धगी गोर करावभ्यो जी। आवे है तरे पगे लागसी जो । सजोड़े है। बावड़ी म्हारे महिल है। छोकरी मुनरो करि घड़ो दोयने आय षह्यो, महाराजा घणा सुस्याल हुवा नै फुरमायो है, आवत-समो भूवा हूँ १ कहलवाया । २ दरवान द्वारपाल । ३ कयौ मे मौकरानो का । ४ रूप बनाकर भाई । ५ 'लमा समा' ये शब्दप्रथा द्वारा राजा केसभिवादन में मारवाड़ में बोले आते हैं। ऊँचा महल अर्थ संदिग्ध हूँ।८ दोवार
पर की हुई कई । । १० गाल रखने के तकिये। ११२२-१३ ६ समुच माना प्रकार के तकिये ओ सोन्यपूर्ण घरों में मिलते हैं। १४ गद्दा । |
डेल्टा बेरिऑन और फ्लेवर (कण भौतिकी)
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
डेल्टा बेरिऑन vs. फ्लेवर (कण भौतिकी)
डेल्टा बेरिऑन (जिन्हें डेल्टा अनुनाद भी कहा जाता है) अपरमाणविक हैड्रॉन कणों का एक परिवार है जिसके प्रतीक चिह्न,, और तथा विद्युत आवेश क्रमशः +2, +1, 0 और −1 मूल आवेश होता है। न्यूक्लिऑनों की तरह ये भी अप (u) और डाउन (d) क्वार्कों से बने और आपेक्षित रूप से हल्के बेरिऑन होते हैं लेकिन न्यूक्लिऑनों से भिन्न इनका प्रचक्रण एवं समभारिक प्रचक्रण दोनों होते हैं। . कण भौतिकी में, फ्लेवर या आस्वाद मानक मॉडल में परिभाषित मूलभूत कणों (या तो क्वार्क या लेप्टॉन) के विभिन्न प्रकारों को निर्दिष्ट करता है। "फ्लेवर" शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग 1968 में हैड्रॉनों के क्वार्क मॉडल में किया गया था। .
डेल्टा बेरिऑन और फ्लेवर (कण भौतिकी) आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
डेल्टा बेरिऑन 14 संबंध है और फ्लेवर (कण भौतिकी) 4 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (14 + 4)।
यह लेख डेल्टा बेरिऑन और फ्लेवर (कण भौतिकी) के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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मलाबो (Malabo)। दुनिया अभी वैश्विक महामारी कोरोना (Global Pandemic Corona) से उभर नहीं पाई कि आए दिन नए-नए वायरस (New Viruses) लोगों की और चिंता बढ़ा रहे हैं है। अब ऐसा ही एक वायरस अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में फैल गया है, जहां हजारों की संख्या में लोग बीमार हो गए हैं। यह मारबर्ग वायरस (marburg virus) बहुत ही संक्रामक है और इबोला (marburg virus) की तरह ही घातक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस संक्रमण को देखते हुए अपनी निगरानी को तेज कर दिया है।
बता दें कि कोरोना संक्रमण के बाद एक और खतरनाक वायरस ने दुनिया की टेंशन बढ़ा दी है। मारबर्ग वायरस से अफ्रीक के देश इक्वेटोरियल गिनी में अब तक कम से कम 9 लोगों की जान जा चुकी। ये वायरस इबोला से काफी मिलते-जुलते है और इस भी ज्यादा माना जा रहा है. फिलहाल इसकी कोई वैक्सीन मौजूद नहीं है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी मारबर्ग वायरस को लेकर चिंता जाहिर की है। वहीं भारत के हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस नए वायरस आउटब्रेक में ज्यादा मॉरटैलिटी रेट है. इंसानों में ये गंभीर संक्रमण पैदा कर सकता है. फिलहाल इस वायरस के संक्रमण को रोक लिया गया है. इस वजह से भारत में इतनी चिंता की बात नहीं है!
अफ्रीकी देश इक्वेटोरियल गिनी में कुछ लोग एक अंतिम संस्कार में शामिल हुए और इसके कुछ दिन बाद इनमें से 9 लोगों में एक जैसी बीमारी के लक्षण दिखाई दिए और फिर इन लोगों की मौत हो गई... मारबर्ग वायरस के संक्रमण की शुरुआत कुछ इसी तरह से हुई है, हालांकि, इक्वेटोरियल गिनी के स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जिन दो गांवों के लोगों में ये संक्रमण पाया गया, फिलहाल वहां किसी के भी जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। ताजा जानकारी के अनुसार, वो लोग भी क्वारंटाइन का पालन कर रहे हैं, जो संक्रमित लोगों से सीधे जुड़ाव में रहे हैं।
वायरस के संक्रमण का डर क्या होता है, ये कोरोना ने पूरी दुनिया को बता दिया. साल 2019 के अंतिम महीनों में शुरू होकर देखते ही देखते पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने वाले इस वायरस का डर और आफ्टर इफेक्ट्स अभी पूरी तरह खत्म भी नहीं हुए कि अफ्रीकी देशों में मारबर्ग वायरस ने कोहराम मचा दिया है. यूं तो ये वायरस कोई नया नहीं है और इसके संक्रमण की खबरें पहले भी आती रही हैं लेकिन इस बार जिस स्केल पर इसका संक्रमण फैल रहा है, उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नींद उड़ा दी है।
मारबर्ग वायरस के बारे में सबसे अधिक डराने वाली बात ये है कि इससे संक्रमित होने वाले लोगों में मृत्युदर 88 प्रतिशत तक है. यानी 100 लोगों में से 88 लोगों की जान बच पाना लगभग असंभव होता है. मारबर्ग वायरस के संक्रमण और इसके लक्षणों के बारे में बात करते हुए काउंसिल ऑफ सायंटिफिक ऐंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) के इंस्टिट्यूट ऑफ जीनोमिक्स ऐंड इंटिग्रेटिव बायॉलजी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर जितेंद्र नारायण कहते हैं कि मारबर्ग उसी फिलोवीरिदा फैमिली का वायरस है, जिससे इबोला वायरस आता है और ये मुख्य रूप से चमगादड़ के जरिए फैलता है!
क्या हैं मारबर्ग वायरस के लक्षण?
ताजा वायरस के संक्रमण पर बात करते हुए डॉक्टर जितेंद्र नारायण कहते हैं कि इक्वेटोरियल गिनी में जो मारबर्ग वायरस का संक्रमण फैल रहा है, साल 2004-05 के बाद ये अब तक का इस वायरस का सबसे तेज प्रसार है। पिछले 10 साल में इस वायरस के संक्रमण के गिने-चुने मामले ही सामने आते थे. हालांकि वर्ष 2004-05 में अंगोला में इस वायरस से संक्रमित होने वाले 252 लोगों की सूचना मिली थी, जिनमें से 227 की मृत्यु हो गई थी. इस वायरस को इबोला की तरह खतरनाक माना जा रहा है और ये बहुत तेजी से संक्रमण फैला रहा है। चिंता की बात ये है कि इसके लिए अभी तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है।
मारबर्ग वायरस का इलाज क्या है?
मारबर्ग वायरस की जांच और इलाज पर डॉक्टर नारायण कहते हैं कि कई मामलों में मलेरिया, टाइफाइड बुखार, शिगेलोसिस, मेनिन्जाइटिस, और अन्य संक्रामक बुखार जिनमें शरीर से ब्लीडिंग शुरू हो जाती है, उनसे इस वायरस के लक्षणों को अलग करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए इस वायरस की जांच के लिए एंटीजन डिटेक्शन टेस्ट, सीरम न्यूट्रलाइजेशन टेस्ट, आरटी-पीसीआर और सेल कल्चर मेथड का यूज किया जाता है. कंफर्मेशन के बाद लक्षणों के आधार पर दवाएं उपयोग की जाती है और लिक्विड डायट, ग्लूकोज आदि पेशेंट को देते हुए डिहाइड्रेशन से बचाने का प्रयास किया जाता है।
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Eye flu: देश के अलग-अलग हिस्सों में आई फ्लू तेजी से फैल रहा है। हर दिन अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.
अगर आप भी रोजाना पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करके ऑफिस आते-जाते हैं तो आपके लिए अपना ख्याल रखना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ टिप्स जिनकी मदद से आप सफर के दौरान आई फ्लू से खुद को बचा सकते हैं।
मेट्रो या बस से यात्रा करते समय आंखों की सुरक्षा के लिए धूप का चश्मा पहनें। इसके अलावा आप सेफ्टी आईवियर भी पहन सकते हैं। इसकी मदद से धूल के कीटाणु आपकी आंखों में प्रवेश नहीं कर पाएंगे जो आई फ्लू वायरस का कारण बन सकते हैं। ध्यान रखें कि आंखों की सुरक्षा के लिए केवल रैप-अराउंड धूप का चश्मा ही इस्तेमाल करना चाहिए। यह आंखों को हर तरफ से सुरक्षा प्रदान कर फ्लू से बचाता है।
जब भी आप यात्रा करें तो साफ-सफाई का ध्यान रखें। गंदे हाथों से आंखों को छूने से बचें। अपने साथ हैंड सैनिटाइजर की एक बोतल रखें। इसे बार-बार प्रयोग करें. बस या मेट्रो में स्टैंड या सीटों को छूने से फ्लू का खतरा बढ़ जाता है। यात्रा के दौरान इन सतहों को छूने से बचें।
आई फ्लू से बचने के लिए सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करें. अगर आप मेट्रो स्टेशन या बस स्टैंड पर हैं तो भीड़-भाड़ वाली जगहों पर लोगों से दूरी बनाए रखें, इससे संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है।
अपने मोबाइल फोन, बैग जैसी सभी चीजों को नियमित रूप से साफ करें। ये वायरस इन सतहों पर भी पाए जा सकते हैं और जब आप इन्हें छूते हैं तो ये आसानी से आपकी आंखों तक पहुंच सकते हैं।
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● सात इनक़लाबी इतवार ।
शराब कभी छूता तक नहीं है तो भी आज उन्मत्त-सा देख पड़ता था; जुश्रॉन सेगोविया, १६ वर्ष का मज़बूत, सुर्ख जवान जिसकी ३५ वर्ष की आयु मालूम होती थी; सेनट्यागो जो एक बड़ा कुशल संगठनकर्त्ता है; और बुएनावेन्टुरा, नाटे क़द का एक विवर्ण व्यक्ति, जो गिरजाघरों के सामने धर्म विरुद्ध पुस्तकें बेचा करता है और जिसके -कभी दो तीन दिन ऐसे नहीं जाते कि जब वह किसी न किसी धनी युवक से उलझ न पड़ता हो ! किप्रियानो और सामर सामान की फिर परीक्षा करते हैं। लड़का एक पहाड़ी पर खड़ा हुआ चारों ओर सावधानी से देख रहा है । यह हमारा सौभाग्य था जो हमने मिलने के लिए यह . · स्थान चुना, क्योंकि धोबी-घाटों पर रेशम के थान सूख रहे हैं। दूर से देखनेवाले के लिए हमें उनसे पृथक करना बहुत कठिन होगा। किप्रियानो तार की दो और गुच्छियाँ और रबड़ के सूट माँगता है। किन्तु हमारे पास रबड़ का सूट एक ही है, हाँ रबड़ के दस्तानों के दो जोड़ हैं। सामर कहता कि एक लाख बीस हज़ार वोल्टों की विद्युत् शक्ति वाहन करनेवाले • तारों को बिना दो जोड़ रबड़ के दस्ताने पहने छूना दुस्साहस मात्र है । हम अन्य सब को इस बात पर पछतावा या रहा है कि हम ज्यादा सामान क्यों न लेते आये । आखिरकार यह निश्चित होता है कि किप्रियानो रबड़ का सूट और दोनो जोड़ी दस्ताने पहने, अकेला ही तारों को इधर-उधर करे और सामर केवल उसके सहायक के रूप में उसके पास रहे। किप्रियानों ने सूट और दस्ताने पहन कर तार की तीनों गुच्छयाँ अपने चारों ओर लपेट ली हैं । उसने तारों के सिरों पर दुहरा फंदा बनाया है। वह रिवालवर सामर को दे देता है। परिवर्तन यंत्र, धातु के खंभों के स्थानों तथा अपने चारो ओर का पुनः निरीक्षण करने के बाद वे हम से दूर चले जाते हैं। जब वे लगभग दो सौ गज आगे पहुँच जाते हैं तो हम हाथों में रिवालवर लिये हुए उनके पीछे जाते हैं । संस्कार प्रेमी किप्रियानो ने हमसे चलते समय कहा |
सीआईएस देशों में अधिकांश रूसी हमवतन यूरेशियन एकीकरण की शुरुआत को बड़े उत्साह के साथ स्वीकार करते थे। उन राजनेताओं के विपरीत, जो यह दोहराते रहते हैं कि यूरेशियन संघ का गठन विशेष रूप से आर्थिक लक्ष्यों का अनुसरण करता है और किसी एक देश का पुनर्निर्माण नहीं करता है, हमारे अधिकांश देशवासियों को परेशान समय के अंत और एकीकरण प्रक्रिया में रूस की सभा की शुरुआत के संकेत मिलते हैं। एक करीबी ऐतिहासिक मोड़ की भावना सचमुच हवा में लटकी हुई है। बहुत से लोग ईमानदारी से मानते थे कि बहुत जल्द वे फिर से एक महान देश के नागरिकों की तरह महसूस कर पाएंगे। हालांकि, यह मोड़ अभी तक पूरा नहीं हुआ है, यह अभी भी बहुत दूर है, और वे निश्चित रूप से बोलबाला और गुमराह करने की कोशिश करेंगे, एकीकरण के वैचारिक आधार की पूर्ण अनुपस्थिति का लाभ उठाते हुए और रूस के आसपास भविष्य के गठबंधन के सदस्यों के राजनीतिक एकीकरण की संभावनाओं से जुड़े सभी अस्पष्टता।
रूस के विरोधी ग्रेट रूस के पुनरुद्धार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने की कोशिश करेंगे, जो विभिन्न राष्ट्रीयताओं और धर्मों के लोगों को एकजुट करता है और दो महान मूल्योंः रूसी भाषा और रूढ़िवादी विश्वास पर इसके अस्तित्व को आधार बनाता है। यह ये मूल्य हैं जो हमले का मुख्य उद्देश्य बन गए हैं; लंबे समय से उनके खिलाफ एक वास्तविक युद्ध छिड़ा हुआ है। और अब, जब रूसी अंतरिक्ष में इसे इकट्ठा करने की प्रवृत्ति हो सकती है, तो यह युद्ध बलों के दोहरे तनाव के साथ लड़ा जाएगा। यह कोई रहस्य नहीं है कि रूसी, जो सोवियत सत्ता के वर्षों के दौरान पहले से ही लगभग रूढ़िवादी थे, वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति की उपलब्धियों के आधार पर लोगों की एकता के चालाक संदेशों की सत्यता को परिभाषित और रेखांकित करने का प्रयास जारी रखते हैं, "सहिष्णुता, पश्चिमी लोकतंत्र, और लोकप्रिय भी "परिवर्तन के लिए प्रयास" के अंतिम दिनों में, स्पष्ट रूप से क्या करने के लिए अग्रणी नहीं है। कुछ "बुद्धिजीवी" चर्च पर आरोप लगाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, दोनों रूसी संघ और सीआईएस मेंः भ्रष्टाचार, अधिग्रहण, और चरमपंथ का प्रचार। इस बीच, रूसी रूढ़िवादी चर्च एकमात्र संस्था है जो वास्तव में रूसी और रूसी अंतरिक्ष को एकजुट करती है।
यूरेशियन एकीकरण को गहरा करने के संबंध में, प्रासंगिक इंटरनेट परियोजनाओं और विदेशी प्रौद्योगिकीविदों द्वारा बनाए गए अन्य प्रचार के रूप में प्रचार कचरा का एक वास्तविक बैराज, जिसे नियंत्रित करना असंभव होगा, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान में रूसी देशभक्तों के सिर पर गिर सकता है। और यह प्रक्रिया पहले से ही चल रही है। वैचारिक बकवास, जो रूसी मानसिकता की गहरी नींव पर सवाल उठाती है, सचमुच सतह पर चढ़ जाती है। यह न केवल यूरेशियन एकीकरण परियोजनाओं में भाग लेने वाले देशों के क्षेत्र में होता है, बल्कि रूसी संघ की सीमाओं की पूरी परिधि के साथ भी होता है। सीआईएस में रूसियों को "मरते हुए" रूस के बारे में भूलने के लिए आंतरिक रूप से आमंत्रित किया जाता है, जो "लंबे समय तक नहीं है", इसे यहां और अब के लिए उपभोक्ता स्वर्ग के लिए आदान-प्रदान करते हैं, "स्वतंत्र रूप से", "वे पूरी दुनिया में कैसे रहते हैं", गहनता से अंग्रेजी सीखने में, जाहिरा तौर पर सीखने के लिए। "सहिष्णु" विषयों पर बोलें।
सीआईएस देशों में रहने वाले रूसियों को लंबे समय से आत्मसात करने की आवश्यकता के विचार पर लगाया गया है, जो कि अमेरिकी एक की छवि और समानता में कुछ "एकजुट देशों" के निर्माण में एक सक्रिय भाग लेने के लिए है। मुख्य वैचारिक हथियार हमारे दुश्मनों को रूसी संघ में रहने वाले रूसियों के साथ रहने का विरोध करने का विचार है, उदाहरण के लिए, कजाकिस्तान में। इस तरह की तुलना और विरोध पहले से ही घरेलू स्तर पर काफी सामान्य हैं और विध्वंसक प्रचार के स्तर पर जाने में सक्षम हैं, जो इस दावे पर आधारित होगा कि रूसी संघ के रूसी और विदेशों के पास के रूसियों के बीच खुद के बीच कुछ भी नहीं है, कि उनके गुण के आधार पर अलग अस्तित्व का अब कोई सामान्य भविष्य नहीं है और हमेशा के लिए अलग हो जाते हैं। इसके अलावा, इस तरह के एक विभाजन में वे एक ऐसे नाटक की तलाश करेंगे और एक सकारात्मक खोज करेंगे, जो पूरी तरह से सभी ड्रामा को नजरअंदाज कर दे, जिसमें रूसी लोगों के एक मजबूर रूप से विभाजित राज्य में अस्तित्व है।
इस तथ्य के आधार पर कि यूरेशियन एकीकरण की शुरुआत के संबंध में होने वाले परिवर्तन, निश्चित रूप से एक शक्तिशाली शक्ति के पुनर्निर्माण का आधार बन सकते हैं, जिनमें से कोर एक बार फिर से रूसी लोग बनना चाहिए, एकीकरण का सबसे कमजोर और सबसे अधिक रुचि वाला लिंक विदेशी प्रचारकों और उनके minions का मुख्य लक्ष्य हो सकता है। इसकी मुख्य मानवीय क्षमता कजाकिस्तान और मध्य एशिया के देशों की रूसी आबादी है, जो एकीकरण प्रक्रिया में शामिल होने का दावा करती है।
उन देशों में रूसी हमवतन पर प्रभाव जो एक महत्वपूर्ण रूसी उपस्थिति को बनाए रखते हैं और समर्थक रूसी एकीकरण परियोजनाओं में भाग लेते हैं, उनके वैचारिक भटकाव के उद्देश्य से निम्नलिखित क्षेत्रों में किया जा सकता है।
सबसे पहले, स्थिति को अस्थिर करने में रुचि रखने वाली ताकतें निश्चित रूप से कजाकिस्तान और किर्गिस्तान की रूसी और टाइटैनिक आबादी के बीच कच्चे राष्ट्रवादी और विरोधी भावनाओं को भड़काने के प्रयासों को नहीं छोड़ेंगी। यह अवसर तब तक प्रासंगिक रहेगा जब तक एजेंडा इन देशों के सांस्कृतिक, शैक्षिक और राजनीतिक स्थान के डी-राइज़िफिकेशन का मुद्दा रहेगा - इन राज्यों के सत्ता अभिजात वर्ग के व्यक्तिगत सदस्यों द्वारा लागू की गई विचारधारा। भाषा प्रश्न मुख्य और व्यावहारिक रूप से एकमात्र कारक है, जो कुछ शर्तों के तहत सक्षम है, रूसी और इन गणराज्यों के दशकीय आबादी के बीच तनाव में एक गंभीर वृद्धि का कारण बनता है, जो नेताओं के एकीकरण की आकांक्षाओं को काफी कम कर सकता है और संभावित आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रभाव को शून्य कर सकता है।
इन देशों के मुख्य दस्तावेजों में उचित परिवर्तन करके समस्या का हल किया जा सकता है, जिसके अनुसार रूसी को दूसरी राज्य भाषा का दर्जा प्राप्त होगा। ऐसा कदम मौलिक रूप से अंतर-जातीय तनाव बढ़ने की किसी भी संभावना को दबाने में सक्षम है और इससे यहां रहने वाले रूसियों की भलाई में काफी सुधार होगा। इसके अलावा, कजाकिस्तान के बाद से और किर्गिस्तान के बाद, गहरी एकीकरण प्रक्रियाओं में भाग लेते हैं और विश्व स्तर पर इसके लिए मौजूदा कानून को बदलते हैं, संघ का एकीकरण यूरेशियाई संघ के सभी देशों के क्षेत्र में रूसी भाषा का अनुमोदन होना चाहिए। एकल राज्य की भाषा की शुरुआत के बाद, शिक्षा प्रणाली के एकीकरण का पालन करना चाहिए, समान शैक्षिक मानकों का निर्माण, मुख्य रूप से मानवीय क्षेत्र में, जो न केवल एसोसिएशन की आर्थिक दक्षता में सुधार करने में योगदान देगा, बल्कि इसके अस्तित्व की सामान्य वैचारिक और सांस्कृतिक नींव विकसित करने में भी योगदान देगा, जो कि सामान्य सफलता और अंत में कजाकिस्तान और किर्गिस्तान में अंतर-जातीय शांति के लिए सभी प्रयासों को विफल कर दिया।
दूसरे, ब्रेज़्ज़िंस्की के अनुयायी और उनके जैसे लोग रूस के हमवतन रूस की नकारात्मक छवि, रूसी जीवन शैली, रूसी उपलब्धियों का अवमूल्यन, रूस की भूमिका पर सवाल उठाते रहेंगे। इतिहास विश्व और सीआईएस देश। विदेश में निकट के नागरिकों के बीच रूस की नकारात्मक छवि बनाने का लक्ष्य एक उचित विश्वास प्रणाली का निर्माण करना है, जिसमें यह संकेत दिया जाए कि रूस का कोई भविष्य नहीं है, जिसका अर्थ है कि आपको इसके साथ कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है, इसे भूल जाओ और केवल अपने स्वयं के बारे में सोचो। मौजूदा परिस्थितियों में दैनिक अस्तित्व। रूस को एक महान हमवतन के साथ एक महान अतीत से जोड़ने से रोकने के लिए बहुत कुछ किया जा रहा है, और इससे भी महान भविष्य के साथः रूस नियमित रूप से शराबियों, स्नूपिंग चोरों और मूर्खों के देश के रूप में प्रकट होता है, टीवी पर बात कर रहा है और काम नहीं करना चाहता है, गंदे ग्रे शहर में रह रहा है जिसमें न केवल प्रकाश और अच्छे के लिए, बल्कि किसी भी सभ्य जीवन के लिए भी कोई जगह नहीं है।
रूसी राज्य उन उपदेशात्मक प्रचारकों को कैसे जवाब देंगे, जिन्होंने अपने नागरिकों के बीच अपने मेहनती कलाकार पाए हैं? देखें कि कैसे कजाकिस्तान अपनी राजधानी का विज्ञापन करता है। अस्ताना सचमुच पृथ्वी पर स्वर्ग है! मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्गः वास्तव में महान शहरों के बारे में रूसी राज्य का प्रचार कहां है? इसके बजाय, हम अपने आप पर हंसते रहते हैं, अपनी इच्छाओं को उजागर करते हैं और उन्हें अपनी सांस्कृतिक विशेषताओं और जीवन के रोजमर्रा के रूसी तरीके के रूप में प्रस्तुत करते हैं!
- लेखकः
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लाडनूं थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति ने ट्रेन से कटकर अपनी जान दे दी। घटना खानपुर रेलवे फाटक के पास आज मंगलवार को हुई। यहां दिल्ली से जोधपुर जा रही एक्सप्रेस ट्रेन के सामने पटरी पर कूदकर व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली। घटनास्थल से मृतक के शव को लाडनूं रेलवे स्टेशन लाया गया।
रेलवे कार्मिकों से सूचना मिलने के बाद लाडनूं पुलिस थाने के हैड कांस्टेबल बंशीलाल जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे। घटना के बाद मृतक का शव क्षत विक्षत हो जाने से फिलहाल शव की पहचान हो पाई। मृतक की उम्र करीब 45 से 50 के बीच की बताई जा रही है। मृतक के पास से कोई पहचान से जुड़ी चीज नहीं मिली है।
पुलिस ने बताया कि मृतक के शव को लाडनूं के सरकारी हॉस्पिटल में रखवाया जा रहा है। घटना के बाद ट्रेन करीब 10 से 15 मिनट तक लाडनूं रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही।
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Agra. मंगलवार को एडीए उपाध्यक्ष राजेन्द्र पेंसिया ने शास्त्रीपुरम स्थित शास्त्रीपुरम-हाइट्स आवासीय परियोजना का निरीक्षण किया। इस दौरान एडीए उपाध्यक्ष राजेंद्र पेंसिया को इस आवासीय योजना में कई खामियां मिली जिसे देखकर उन्होंने अपना रोष व्यक्त किया। आवासीय योजना के सेम्पल फ्लैट भी तैयार नहीं थे और आवासीय योजना के बाहर नाले भी खुले पड़े हुए थे। राजेन्द्र पेंसिया ने इन अव्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए और कहा कि अगर यह व्यस्थायें दुरुस्त नहीं हुईं तो कोई खरीददार नहीं आएगा।
एडीए उपाध्यक्ष राजेन्द्र पेंसिया ने अधिशासी अभियंताओं को अतिरिक्त स्थल पर जो सैंपल फ्लैट तैयार हुए हैं, उनमें वास्तु के दर्ष्टिकोण से रंग रोगन कराने को कहा जिससें उसकी खूबसूरती बनी रहे। आवासीय हाइटस में जन सामान्य के अवलोकन हेतु प्रथम, द्वितीय व तृतीय तल वाले सैंपल फ्लैट को भी तैयार करने के निर्देश दिए। राजेन्द्र पेंसिया ने आवासीय योजना के पार्क को भी खूबसूरत बनाने, पार्क में एक्यूप्रेशर पाथ-वे, ओपन थिएटर के बोर्ड तथा पत्थर वाली बैंच स्थापित कराने को कहा।
राजेंद्र पेंसिया ने इस आवासीय योजना के मेन गेट पर दोनों साइड जो नाला खुला हुआ है उसको स्लैप को ढकने के निर्देश दिये। प्रथम तल के एक फ्लैट में जो कार्य कराया गया है उसकी साफ-सफाई को कहा और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। निरीक्षण के समय मुख्य अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता, सुपरवाइजर एवं कार्यकारी फर्म के प्रतिनिधि स्थल पर उपस्थित रहे ।
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घंटे से एक घंटा आसान नहीं हैः ब्रिटिश विषयों को असंतुलित मनोविज्ञान वाली एक महिला द्वारा युवा राजकुमार जॉर्ज का अपहरण करने के प्रयास से ही पुनर्प्राप्त किया गया, क्योंकि नेटवर्क को एक नए खतरे के बारे में जानकारी मिली। आतंकवादी संगठन आईजीआईएल ने राजकुमार विलियम और कैम्ब्रिज के डचेस के बेटे को अपहरण करने के अपने इरादे की घोषणा की!
अपराधियों ने संकेत दिया कि वे स्कूल के पास इंतजार में झूठ बोलने का इरादा रखते हैं। छोटे अभिजात वर्ग के माता-पिता एक बार फिर थोड़ा घबरा गया। निश्चित रूप से, विलियम और केट ने बार-बार खेद व्यक्त किया है कि उन्होंने हमें बताया कि उनके उत्तराधिकारी किस स्कूल से निपट रहे हैं।
सच है, ब्रिटिश खुफिया सेवाओं ने पहले ही इस घटना की जांच की है, लेकिन युवा माता-पिता को शांत कौन करेगा?
टेलीग्राम के एक चैनल पर, हमलावरों ने अपने छोटे बेटे के साथ कैम्ब्रिज के डचेस की एक तस्वीर रखी। तस्वीर के तहत भाषण हस्ताक्षर पढ़ते हैंः
"हम शाही परिवार के लिए भी शिकार करेंगे। "
भयानक, है ना? हालांकि, यह सब नहीं है! इसके अलावा, मध्य पूर्वी आतंकवादियों ने स्कूल की एक तस्वीर फांसी दी जहां ब्रिटिश ताज के संभावित उत्तराधिकारी का अध्ययन किया जा रहा है, फोटो के तहत शिलालेख पढ़ता हैः
"स्कूल बहुत जल्दी खुलते हैं। "
इसे प्रत्यक्ष खतरे के रूप में माना जा सकता है, और एक संकेत के रूप में कि बच्चे माता-पिता की अनुपस्थिति में अपमान कर सकता है। एल्बियन की खुफिया सेवाओं को भरोसा है कि 4 वर्षीय राजकुमार वास्तव में खतरे में है। क्यों? क्योंकि संस्थान के प्रतिभागियों ने इससे पहले ऐसा कुछ नहीं किया था।
- प्रिंस हैरी और मेगन मार्कले की शादी से सबसे मजाकिया और हास्यास्पद क्षण और इंटरनेट मेम!
- प्रिंस हैरी और मेगन मार्ले की शादी के सबसे दिलचस्प विवरण और तस्वीरें!
फिलहाल, केंसिंग्टन पैलेस की प्रेस सेवा से इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं मिली है।
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तुरंत 16 दमकल गाड़ियां और पानी के 10 टैंकर के जरिए आग पर काबू पा लिया गया और हजारों लोगों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया. एक घंटा तक मनोरंजन कार्यक्रम चलने के बाद लगी आग के वास्तविक कारण का पता नहीं चल पाया है. बहरहाल, भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता अतुल शाह ने बताया कि आग स्पष्ट तौर पर मंच के नीचे से शुरू हुई थी. अतुल शाह मंच के बिल्कुल आगे की पंक्ति में बैठे थे.
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भक्त ललI AC
काम-काज पूरा हो चुका था। कचहरी घर से लालाबाबू अपने महल की ओर लौट चले थे । तामदान के पीछे-पीछे सिपाही कर्मचारी ओर सेवक चल रहे थे। लाला ब बू का मन प्रसन्नता से भरा था । मन में सोचते, सायंकृत्य के लिए तो अभी पूरा समय है, थोड़ी देर तक गंगा किनारे घूम लिया जाय तो कैसा हो ? फिर तो संकेत मिलते ही पालकी ढोनेवाले उसी ओर मुड़ चले।
पुणयसलिला भागीरथी कलकल नाद करती बह रही है । अस्तोन्मुख सूर्य की गैरिक किरणें लोल लहरियों पर नृत्य कर रही हैं । निरन्तर गतिशील नदी का शान्त गंभीर प्रवाह एक अद्भुत मायालोक की सृष्टि कर रहा है । लालाबाबू इस नयनाभिराम दृश्य की ओर एकटक निहार रहे हैं । फिर भी 'नयन न तिरपित भेल' की बात चरितार्थ हो रही है ।
संकेत पाकर नदी किनारे पेड़ की छाया में पालकी रखी गई । हुक्का भरनेवाला नौकर साथ ही था, तम्बाकू भरकर गुड़गुड़ी प्रस्तुत कर दी गई।
तामदान पर लगी रेशमी चादर हवा में हिलडुल रही थी । बीच-बीच में गंगा की मृदु-मधुर कलकल ध्वनि सुनाई दे रही थी। किम्खाब के तकिये के सहारे पौढ़े-पौढ़े लालाबाबू गुड़गुड़ी से तम्बाकु का कस ले रहे थे । आलस१२० ]
मंथर शीतकालीन संध्या का समय उन्हें बहुत सुखद प्रतीत हो रहा था । मुँह से निकलते हुए अम्बरी तम्बाकू का छल्लेदार धूआँ ऊपर उठकर वातावरण में छा रहा था । उसके साथ ही लालाबाबू का मन भी भावाकाश में छितरा था ।
हठात् बालिका के कंठ स्वर में उनके कानों में यह आवाज सुन पड़ी'बाबा, बेला बीत रही है, अब तो उठो । दिन तो अब शेष होने को हैं यह आकुल आह्वान वंकिम गति से हृदय मर्म को वेधित कर गया । बिजली करेंट जैसे छू गई हो ! लालाबावू चौंक पड़े ! हाथ से गुडगुड़ी की तली गिर पड़ी !
हृदय में एक पर एक प्रश्न उठते गये। सारी सत्ता आलोडित होती गई । लालाबाबू जैसे दिशा भूलकर दिग्भ्रान्त हो गये हों ।
'वेला बीत रही है दिन शेष होने को हैं' - इस यथार्थ को अस्वीकार कैसे किया जा सकता है ? उनके मानसचक्षु के आगे यह परम सत्य रूप में उद्भासित हो उठा है । गंगा के उसपार क्षितिज छोर में धूसर सन्ध्या सघन हो आई है। उसी तरह उनके जीवन मंच पर चिर विरति की यवनिका धीरेधीरे गिरती जा रही है ।
यों तो लालाबाबू पर जीवन देवता की असीम कृपा थी, श्री- सम्पदा की कोई कमी नहीं । पुरुषार्थ के सारे द्वार खुले हैं - अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष के सभी साधन उन्हें उपलब्ध हैं ! किन्तु उन सब सुयोगों का सद्व्यय वह नहीं कर पा रहें हैं। आज जब कि वह जीवन के किनारे आ लगे हैं तो किंकर्तव्यता के प्रश्न का उत्तर वह कैसे दे पाएँगे ?
दीवान गंगागोविन्द सिंह के लालाबाबू पौत ठहरे। भारत के पूर्वाञ्चल में वैभव और मर्गादा की दृष्टि से उनकी बराबरी का कोई दूसरा व्यक्ति नजर नहीं आता। अंग्रेजों की बसाई तत्कालीन कलकत्ता नगरी में कांचन वैभव और खानदानी रोबदाब में, जोर-जलवा और अमीरी विलास में वह |
Samsung कस्टमर को चुनिंदा प्रोडक्ट्स खरीदने पर गैलेक्सी जेड फोल्ड4, गैलेक्सी ए23 या सैमसंग लाइफस्टाइल साउंडबार दे रही है, वो भी बिल्कुल मुफ्त। सैमसंग की ऑफिशियल ऑनलाइन स्टोर, सैमसंग शॉप और रिटेल स्टोर्स पर इस डील का लाभ उठा सकते हैं।
टेक न्यूज : स्मार्ट टीवी (Smart TV) खरीदने की सोच रहे हैं तो सैमसंग (Samsung) धमाकेदार ऑफर दे रहा है। भारत में Neo QLED 8K, Neo QLED TV, द फ्रेम और क्रिस्टल 4के यूएचडी टीवी पर कंपनी ने जबरदस्त डील ऑफर की है। 31 जनवरी 2023 तक यह ऑफर्स उपलब्ध रहेंगे। कंपनी कस्टमर को चुनिंदा प्रोडक्ट्स खरीदने पर गैलेक्सी जेड फोल्ड4 (Galaxy Z Fold Phone), गैलेक्सी ए23 या सैमसंग लाइफस्टाइल साउंडबार दे रही है, वो भी बिल्कुल मुफ्त। सैमसंग की ऑफिशियल ऑनलाइन स्टोर सैमसंग शॉप और सभी प्रमुख रिटेल स्टोर्स पर इस डील का लाभ उठा सकेंगे।
इतना ही नहीं सैमसंग एक्सिस बैंक क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने पर कस्टमर को 10% के कैशबैक के साथ 20 परसेंट तक अतिरिक्त कैशबैक दे रही है। ऐसे में नई स्मार्ट टीवी खरीदने जा रहे हैं तो इससे बढ़िया मौका और कहां मिलेगा।
सैमसंग की तरफ से 98-इंच Neo QLED TV के साथ 85-इंच और 75-इंच नियो QLED 8K मॉडल खरीदने पर कस्टमर को 2 साल की वारंटी और 1,54,999 रुपए का फ्लैगशिप गैलेक्सी Z फोल्ड4 मुफ् दे रही है। वहीं, 85-इंच और 75-इंच का नियो QLED टीवी मॉडल, 75-इंच द फ्रेम टीवी या 85-इंच और 75-इंच अल्ट्रा HD 4K QLED मॉडल लेने पर 40,999 रुपए का HW-S801B सैमसंग साउंडबार बिल्कुल फ्री मिल रहा है। सैमसंग 75-इंच और 85-इंच का क्रिस्टल 4K UHD टीवी खरीदने पर 18,499 रुपए वाला गैलेक्सी A23 फोन कंपनी फ्री में दे रही है।
Neo QLED TVs के फीचर्स की बात करें तो क्वांटम मिनी एलईडी से संचालित क्वांटम मैट्रिक्स टेक्नोलॉजी, क्यू-सिम्फनी के साथ डॉल्बी एटमॉस और ओटीएस प्रो, बिल्ट-इन आईओटी हब और वीडियो कॉल के लिए स्लिमफिट कैमरा से लैस है। कंपनी ने दावा किया है कि द फ्रेम और क्रिस्टल 4के यूएचडी टीवी आकर्षक डिजाइन और हाई क्वालिटी इमेज के साथ शानदार एक्सपीरियंस देता है। वहीं, नियो QLED 8K टीवी में क्वांटम मिनी एलईडी के साथ न्यूरल क्वांटम प्रोसेसर 8K जैसा फीचर है। क्वांटम मैट्रिक्स टेक्नोलॉजी प्रो के साथ यह बेहतरीन कंट्रास्ट ऑफर करता है।
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प्याज का इस्तेमाल सभी घरो में सब्जी बनाने के लिए किया जाता है, ये हमारे खाने के स्वाद को बढ़ाने का काम करता है, कई लोग इसे सलाद के रूप में कच्चा खाना पसंद करते हैं. प्याज हमारी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है, इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन्स, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडैंट मौजूद होते हैं जो इसे सेहत के लिए फायदेमंद बनाने का काम करते है, पर क्या आपको पता है प्याज हमारी सेहत के लिए तभी तक फायदेमंद होता है जब तक इसका सेवन सिमित मात्रा में किया जाये, अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से सेहत को बहुत सारे नुकसान पहुँच सकते है, आज हम आपको प्याज के अधिक सेवन से होने वाले नुक़्सानो के बारे में बताने जा रहे है,
1- प्याज में भरपूर मात्रा में ग्लूकोस और फ्रक्टोज की मात्रा मौजूद होती है, इसलिए अगर आप इसका सेवन अधिक मात्रा में करते है तो इससे आपको शुगर की समस्या हो सकती है,
2- ज़्यादा मात्रा में प्याज खाने से सीने में जलन की समस्या हो जाती है. इसमें भरपूर मात्रा में पोटैशियम मौजूद होता है जो हमारे शरीर के अंदर जाकर कार्डियोलिवर सिस्टम को बहुत नुकसान पहुंचता है जिससे सीने में जलन होने लगती है.
3- अगर आप कच्चे प्याज का अधिक सेवन करते हैं तो आपके मुंह से बदबू आने लगती है. जिसके कारण कभी कभी दुसरो के सामने शर्मिंदा भी होना पड़ता है,
4- प्याज में भरपूर मात्रा में फाइबर मौजूद होता है, अगर आप इसका सेवन बहुत ज़्यादा करते है तो इससे आपको पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्या होती है.
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एशिया कप 2022 में भारत और बांग्लादेश के बीच अगर भिड़ंत हुई तो सबकी निगाहें टीम इंडिया के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और बांग्लादेश के विकेटकीपर मुशफिकुर रहीम पर होंगी। दोनों देशों के बीच टी-20 क्रिकेट में 10 नवंबर 2019 के बाद से भिड़ंत नहीं हुई है, लेकिन हार्दिक और मुशफिकुर का आमना-सामना 25 मार्च 2016 को टी-20 वर्ल्ड कप मुकाबले से नहीं हुई है। यानी 2345 दिनों से दोनों एक दूसरे के खिलाफ खेलते नहीं दिखे हैं।
2016 टी-20 विश्व कप में हुए इस मुकाबले को कौन भूल सकता है। मैच बेंगलुरु में हो रहा था और भारत अपने पड़ोसी मुल्क से हार टूर्नामेंट से बाहर होने के कगार पर था। आखिरी ओवर में बांग्लादेश को जीत के लिए 11 रनों की जरूरत थी। जसप्रीत बुमराह और आशीष नेहरा समेत प्रमुख गेंदबाजों का ओवर खत्म हो गया था। बल्लेबाज के तौर पर क्रीज पर मुशफिकुर और महमूदुल्लाह थे। महेंद्र सिंह धोनी ने हार्दिक पांड्या को गेंद थमाई।
मुशफिकुर ने पहली दो गेंदों पर चौका लगाया और हवा में छलांग लगाते हुए जश्न मनाने लगे। टीम को जीत के लिए 2 गेंदों पर 3 रनों की जरूरत थी, लेकिन समय से पहले जश्न मनाना भारी पड़ गया। हार्दिक की अगली गेंद पर रहीम ने छक्का लगाने की कोशिश की, लेकिन गेंद शिखर धवन के हाथों में चली गई। 2 गेंदों पर 2 रन चाहिए थे और महमूदुल्लाह ने भी बड़ा शॉट खेलने की कोशिश की। रविंद्र जडेजा शानदार डाइविंग कैच ने उन्हें वापस पवेलियन भेज दिया।
दो गेंदों में दो विकेट गिरने के बाद बांग्लादेश की टीम नर्वस दिखाई देने लगी। आखिरी गेंद पर जीत के लिए 2 रनों की जरूरत थी। सभी भारतीय फील्डर्स सिंगल रोकने के लिए सर्कल में आ गए। पांड्या शॉर्ट और वाइड गेंद किया और शुवागता होम शॉट नहीं लगा पाए। बांग्लादेश के बल्लेबाजों ने मैच को सुपर ओवर में ले जाने के लिए सिंगल चुराने की कोशिश की, लेकिन धोनी ने दौड़ लगाई और गिल्लियां बिखेर गीं रीप्ले में दिखा मुस्तफिजुर रहमान क्रीज से बाहर थे और भारत ने एक रन से मैच जीत लिया।
बता दें कि भारत और बांग्लादेश के बीच अबतक 11 बार टी-20 क्रिकेट में आमना-सामना हुआ है। टीम इंडिया ने 10 बार जीत हासिल की है और बांग्लादेश को 1 बार जीत मिली है। बांग्लादेश ने 3 नवंबर 2019 को दिल्ली में 7 विकेट से जीत दर्ज की थी। एशिया कप में दोनों टीमें अलग-अलग ग्रुप में हैं, ऐसे में यह तय नहीं है कि दोनों टीमों के बीच मुकाबला कब होगा।
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Meerut। एक दिन पहले तक जनसुनवाई कर रहे एसपी क्राइम परिवार सहित कोरोना पॉॅजिटिव मिले हैं। सीएमओ डॉ। राजकुमार ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को 50 नए मरीजों में कोरोना संक्रमण पाया गया है। इसमें कलक्ट्रेट स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का स्टाफ भी पॉजिटिव मिला हैं। जिसके बाद एसएसपी ऑफिस व कंट्रोल रूम दोनों को 48 घंटे के लिए बंद कर दिया गया हैं। यहां सेनेटाइजेशन का काम करवाया जाएगा। इसके अलावा चार आशा वर्कर और एक मिलिट्री मैन में भी इसकी पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते एक मरीज की मौत भी हो गई। अब जिले में कुल मरीजों का आंकड़ा 2930 हो गया है। जबकि 105 लोगों ने अब तक इसकी वजह दम तोड दिया है।
कंट्रोल रूम में मिले पॉजिटिव स्टाफ के बाद प्रशासन में भी खलबली मच गई है। 14 अगस्त को कमिशनर ने इसका दौरा किया था। जबकि 17 अगस्त को यहां एक स्टाफ पॉॅजिटिव पाया गया था। इस दौरान प्रशासन से जुड़े कई बड़े अधिकारी यहां का निरीक्षण करते रहे हैं। अलग-अलग विभाग का 25 से 30 लोगों का स्टाफ यहां काम कर रहा था। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि कोरोना की नई चेन बन सकती है। वही एसपी क्राइम भी जनसुनवाई में शामिल हुए थे। सीएमओ ने बताया कि दोनों विभागों को बंद कर सेनेटाइज करवाया जा रहा है। वहीं संपर्क में आए लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है।
कोरोना अपडेट रिपोर्ट में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक कोरोना मरीज का एड्रेस गलत पाया गया। रिपोर्ट में मकान नंबर एल-113 गंगानगर की जगह 213 लिखा हुआ था। देर शाम जारी रिपोर्ट वायरल होने के बाद उक्त पते पर रहने वाले लोगों में खलबली मच गई। आसपास के लोग और जानकारों के फोन आने शुरू हो गए। इसके बाद वहां लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। उक्त पते पर कोई मरीज न होने को लेकर लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को संपर्क किया। फजीहत के बाद विभागाधिकारियों ने रिपोर्ट में पते को सही करवाया।
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पिनोट पावर! शराब पीना आपके जोड़ों को दर्दनाक, अपमानजनक बीमारी से बचाने में मदद कर सकता है, यूके से नए शोध का सुझाव देता है।
अध्ययन में, जो लोग शराब से दूर रहने वालों की तुलना में घुटने ऑस्टियोआर्थराइटिस विकसित करने की संभावना 45 प्रतिशत कम विनो के 4 से 6 चश्मे भेजते थे, वे 45 प्रतिशत कम थे।
लेकिन प्रतिभागियों ने 8 और 1 9, 8-औंस चश्मे के बीच एक हफ्ते में खटखटाया, वास्तव में बीमारी के अपने जोखिम में 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
(क्या आपके घुटनों को क्रैकिंग कर रहे हैं? स्पॉट पहला संकेत जो संधिशोथ को इंगित कर सकता है).
ऐसा शराब नहीं लगता है जो आपके जोड़ों की रक्षा करता है या लूटता है। वास्तव में, अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि समग्र रूप से शराब की खपत गठिया विकसित करने की बाधाओं को प्रभावित नहीं करती है।
इसके बजाय, यह कुछ प्रकार के शराब के भीतर पाए जाने वाले विशिष्ट तत्व हैं जो आपके जोड़ों को बाद में जीवन में दर्द से रोक सकते हैं।
शराब, उदाहरण के लिए, अंगूर और उनकी त्वचा में पाए जाने वाले टैनिन, ट्रांस-रेवरवरैट्रोल, और क्वार्सेटिन-एंटीऑक्सिडेंट होते हैं। ब्रिगेम और विमेन हॉस्पिटल में एक रूमेटोलॉजिस्ट केरेन कॉस्टेनबेडर कहते हैं, ये रसायनों विशेष रूप से सूजन को कम करने और रक्त के थक्कों को रोकने के लिए शराब बना सकते हैं। और यही कारण है कि शराब गठिया के लक्षणों की शुरुआत की शुरुआत में मदद कर सकता है।
दुर्भाग्यवश बीयर पीने वालों के लिए, पिछले अध्ययनों से संकेत मिलता है कि आपके चुटकी में प्यूरिन नामक यौगिकों की उपस्थिति जोड़ों के चारों ओर यूरिक एसिड का निर्माण कर सकती है, जिससे गठिया विकसित करने के लिए आपके जोखिम को बढ़ाया जा सकता है।
और भी, शोधकर्ताओं का मानना है कि शराब connoisseurs की तुलना में बियर प्रेमी में उच्च मोटापा दर रूमेटोइड गठिया, ऑस्टियोआर्थराइटिस, और गठिया के बढ़ते जोखिम में एक भूमिका निभा सकते हैं।
तो यदि आप बियर के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं, तो कम से कम सुनिश्चित करें कि आपका पेट एक छः पैक से अधिक की ओर ले जाता है। (ये 10 व्यायाम जो चलने से अधिक कैलोरी जलाते हैं निश्चित रूप से मदद करेगा।)
और यदि आप बीयर के बजाय शराब पीना तय करते हैं, तो दिन में सेवा करने के लिए अपना सामान्य सेवन रखें।
डॉ। कोस्टेनबेडर कहते हैं, "संयम में पीने (लगभग 1 दिन या उससे कम पीना) को प्रणालीगत सूजन के बायोमाकर्स को कम करने के लिए दिखाया गया है।"
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अमेरिका दूतावास ने कि चमोली पुलिस की सराहना. .
विदेशी महिला रॉबिन की बालिका को बुखार आने पर चमोली पुलिस ने कराया था उपचार, दूतावास ने पुलिस अधीक्षक श्रीमती श्वेता चौबे को देव बधाई की सराहना. .
चमोलीः सीमांत जनपद चमोली की कमान संभालने वाली श्रीमती श्वेता चौबे ने जनपद की जनता का ही नहीं वरन सात समुंदर पार विदेश में भी चमोली पुलिस के नाम का डंका बजवा दिया है अमेरिकी दूतावास से चमोली पुलिस और पुलिस कप्तान श्रीमती श्वेता चौबे के एक कार्य की सराहना करते हुए उनको धन्यवाद पत्र भेजा है। दरअसल 24 अगस्त को यूएसए की महिला नागरिक राबिन के 5 वर्षीय बेटी बैकमिन की तबीयत अचानक खराब हो गई उसे तेज बुखार हो गया जिसके चलते उसे हायर सेंटर रेफर किया जाना था भारतीय दूतावास ने इस पर पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चौबे से संपर्क साधा जिस पर पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बालिका को गोविंदघाट से हेलीकॉप्टर के माध्यम से हायर सेंटर भेजा पुलिस के द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई पर अमेरिकी दूतावास ने उनकी सराहना करते हुए बधाई पत्र भेजा है।
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उड़िया म्यूजिक वीडियो से अपने करियर की शुरुआत करने वाली मोनालिसा भोजपुरी इंडस्ट्री के रास्ते अब हिंदी टीवी की दुनिया पर राज कर रही हैं। वह सीरियल नजर में डायन का किरदार निभा रही हैं, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। इसके साथ-साथ वह हाल ही में पति विक्रांत सिंह राजपूत के साथ नच बलिए 9 (Nach Baliye 9) में बतौर गेस्ट हिस्सा ले चुकी हैं। उन्होंने मां स्टंट बेस्ड रियलिटी शो खतरा खतरा खतरा में भी हिस्सा लिया था। इस शो में स्टंट के दौरान वह घायल भी हो गई थीं।
इन दिनों ने वह टीवी के नए शो मूवी मस्ती विद मनीष पॉल (Movie Masti with Maniesh Paul) में भी काम कर रही हैं। इस शो में काम करने के दौरान उन्होंने अक्षय कुमार के साथ एक टिप-टिप बरसा पानी को रिक्रिएट किया। वह इस शो में रवीना टंडन के लुक में भी दिखाई दीं, जिसमें वह काफी हॉट नजर आ आईं। इतना ही नहीं शो के सेट से उन्होंने कई तस्वीरें भी शेयर की जिसमें वह काफी हॉट और बोल्ड नजर आईं। अब उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर की है।
इस तस्वीर में उन्होंने ब्लू डेनिम शर्ट और व्हाइट डेनिम शॉर्ट पहना हुआ है। इसमें वह बेहद प्यारी लग रही हैं और एक हॉट पोज देती हुईं नजर आ रही हैं। इस तस्वीर को शेयर करते हुए मोनालिसा (Monalisa Photos) ने कहा कि जब वह किसी को उन्हें देखते हुए देखती हैं, तो उन्हें अच्छा लगता है। उन्होंने इस तस्वीर के कैप्शन में लिखा, 'जब में तुम्हें मुझे देखते हुए पकड़ती हूं, तो मुझे यह बहुत ही अच्छा लगता है। ' ये रोमांटिक लाइन मोनालिसा ने अपने विक्रांत सिंह राजपूत के लिए लिखी हैं। दोनों बहुत ही अच्छे कपल हैं।
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गोंड़ लोगों का राज्य
नामक स्थान में हुआ। संग्रामपुर सिंगोरगढ़ से दो कोस की दूरी पर है। युद्ध बहुत देर तक होता रहा । अंत में रानी की फौज को हटना पड़ा और वह गढ़े की ओर चली । रानी ने अपनी फौज गढ़ा से १२ मील की दूरी पर मंडला की तरफ की एक पहाड़ी के पास एकत्र की । यहाँ पर आसफ खाँ की फौज को हार खानी पड़ी। परंतु इसी समय आसफ खाँ की सहायता के लिये उसकी और भी फौज पहुँची और दूसरे दिन फिर युद्ध हुआ। इस समय भी रानी दुर्गावती वीरता से लड़ती रही । दुर्भाग्यवश एक तीर उसकी आँख में ऐसा लगा, जिसे वह निकाल न सकी और निकालते ही तीर टूटकर आँख में रह गया । उसकी यह हालत देखकर उसकी फौज ने हिम्मत छोड़ दी और रानी दुर्गावती को मंडला की ओर भागना पड़ा। इसी समय रानी दुर्गावती के गले पर दूसरा तीर लगा जिससे उसके जोने की आशा करना कठिन हो गया। अपने जीने की आशा छोड़ और अपने शरीर को भुसलमानों के हाथ से बचाने के उद्देश्य से रानी दुर्गावती अपने हाथ से पेट में कटार मारकर मर गई । जहाँ पर वह मरी वहाँ पर अभी तक उसका स्मारक बना हुआ है।
७ - जब रानी दुर्गावती को विवश होकर भागना पड़ा तब सैनिक लोग उसके पुत्र वीरनारायण को रणभूमि से अलग ले गए और उसे चौरागढ़ में रखा । यहाँ पर उस समय राज्य का खजाना रहता था। आसफ खाँ को यह बात मालूम थी और वह रानी दुर्गावती को हराने के पश्चात् चौरागढ़ गया और उस को उसने घेर लिया । . गढ़ में सेना बहुत न घो । सैनिक लोग लड़ें और उन्होंने युद्ध में प्राण दिए । । वीरनारायण भी इसी युद्ध में मारा गया । गढ़ की रानियाँ, अपने शरीरों को यवनों के हाथ से बचाने के लिये, आग में जल गई ।
८ - इस किले से आसफ खाँ को इतना धन मिला कि वह उसके दसवें भाग का भी हिसाब न लगा सका कि वह कितना था । उसे बहुमूल्य रत्न, सोने और चाँदी के गहने, मूर्तियाँ और घड़े मिले थे । इस किले में उसे बहुत से पुराने सिक्के भी मिले । एक हजार हाथी भी फखाँ के अधिकार में। इस धन-दौलत में से प्रासफ खाँ ने केवल तीन सौ हाथी बादशाह को दिए और बाकी सब अपने पास रख लिया ।
८ - इस युद्ध के विषय में कुछ दंतकथाएँ भी प्रचलित हैं। कहते हैं कि अकबर ने रानी दुर्गावती को सोने का रँहटा इस अर्थ से नजर किया था कि स्त्रियों का काम रँहटा कातने का है, राज्य करने का नहीं। इसके उत्तर में रानी ने एक सोने का पोंजन बनवाकर भेजा, मानो यह कहला भेजा कि यदि मेरा काम रँहटा कातने का है तो तुम्हारा काम पींजन से रुई धुनकने का है। इस पर बादशाह अकबर बहुत नाराज हुआ। कुछ लोग कहते हैं कि रानी दुर्गावती के पास एक श्वेत हाथी था । अकबर बादशाह ने उसे अपने लिये माँगा । रानी ने इनकार किया । इस बात पर नाराज हो गया और उसने आसफ खाँ को चढ़ाई का हुक्म दिया, परंतु ये कथाएँ बनावटी जान पड़ती हैं और चढ़ाई का मूल कारण तो गोंड़वाने के खजाने का लूट लेना ही था ।
- गढ़ा-मंडला के शिलालेख में रानी दुर्गावती की बड़ी प्रशंसा की गई है जो सब उचित जान पड़ती है। रानी दुर्गावती के उत्तम राज्य के कारण सारी भूमि हीरों और जवाहिरों से भर गई थी और उसमें बहुत सुंदर और मस्त हाथी थे । वह गज, भूमि और धन का दान सदा ही किया करती थी और उसके राज्य में किसी को कुछ कमी न थो । अपनी प्रजा की रक्षा के लिये वह स्वयं अपने हाथी पर सवार होकर तलवार हाथ में |
नोएडा (एजेंसी)। दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर-१०८ में एक नौकर ने मालकिन की अश्लील फोटो खींचने के बाद शारीरिक संबंध बनाने के लिए ब्लैकमेल किया। महिला की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी नौकर को गिरफ्तार कर लिया। महिला का आरोप है कि अब आरोपी नौकर का भाई उसके देवर को अश्लील फोटो भेज रहा है।
महिला ने सेक्टर-३९ पुलिस से आरोपी नौकर के भाई की भी शिकायत की। पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक सेक्टर-१०८ निवासी महिला का पति पिछले ८ महीने से कोमा में है। पति की देखरेख के लिए उसने मिलक, जिला रामपुर निवासी विक्की पाल को अपने यहां काम करने के लिए रखा था। वहीं महिला का आरोप है कि विक्की ने चोरी-छिपे उसकी अश्लील फोटो खींच ली। उसके मोबाइल में पड़ी कुछ फोटो को भी उसने अपने मोबाइल में ले लिया।
सुबह विक्की ने महिला पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डाला। महिला के इनकार करने पर आरोपी ने उससे हाथापाई की। इस दौरान घर में काम कर रही नौकरानी के बीच बचाव करने पर आरोपी भाग निकला। महिला ने १०० नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचना दी। इसके बाद पुलिस ने आरोपी नौकर को ढूंढकर गिरफ्तार कर लिया। महिला का आरोप है कि सुबह वह घर पर थी, तभी देवर ने उसकी कुछ अश्लील फोटो आरोपी के भाई द्वारा भेजे जाने की बात बताई। बाद में पता चला कि नौकर ने महिला की अश्लील फोटो को वायरल कर दिया है।
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Kaimur Tourist Spot: अक्सर लोग प्राकृतिक वादियों का आनंद लेने के लिए शिमला, कश्मीर या फिर मनाली जाते रहते हैं, लेकिन कैमूर जिले के अधौरा पहाड़ी पर स्थित तेलहर कुंड वाटरफॉल लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है.
कैमूरः Kaimur Tourist Spot: अक्सर लोग प्राकृतिक वादियों का आनंद लेने के लिए शिमला, कश्मीर या फिर मनाली जाते रहते हैं, लेकिन कैमूर जिले के अधौरा पहाड़ी पर स्थित तेलहर कुंड वाटरफॉल लोगों को काफी आकर्षित कर रहा है. पहाड़ के ऊपर से नीचे गिरता हुआ पानी और पहाड़ी वादियां सबका मन मोह ले रही है. कोई पिकनिक स्पॉट के रूप में तेलहर कुंड का उपयोग कर रहा है तो कई लोग तेलहर कुंड पर नहाते हुए सेल्फी लेते मौज मस्ती करते दिख रहे है.
वन विभाग भी लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पहाड़ के किनारे-किनारे बैरिकेडिंग करा रहे है. वन विभाग कुंड को देखने के लिए जाने वाले मार्ग की सड़कों को दुरुस्त करा रहे है. तो बाहर से आ रहे पर्यटकों के लिए बैठने का इंतजाम किया जा रहा है. जिससे कि लोगों को कोई परेशानी ना हो. कुंड का विशेषकर बारिश के मौसम में देखने लायक मनमोहक दृश्य होता है. उस वक्त चारों तरफ धुआं सा नजर आता है जो काफी ही मनमोहक रहता है. अक्सर यहां पर पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है.
वहां आए सैलानी अमित कुमार बताते हैं कि प्राकृतिक नेचर को देखने के लिए हम लोग पटना से अपने दोस्तों के साथ आए हुए हैं. लोग तो कहते हैं कि बिहार में कुछ नहीं है, लेकिन बिहार में काफी प्राकृतिक छटा है जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करती है. कैमूर जिले में रहने वाले मेरे दोस्त द्वारा इसकी काफी चर्चा की गई थी जिसके बाद यह देखने के लिए आया हूं. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग बिहार छोड़कर बाहर घूमने के लिए जाते हैं. वो एक बार बिहार के नेचर को देखें जो कश्मीर से कम नहीं है.
झारखंड से आए रघुवीर प्रजापति बताते हैं कि कैमूर जिले के तेलहर कुंड के बारे में मित्रों से काफी सुना था. जिसके बाद आज मैं देखने के लिए आया हूं. यहां आया तो देखा कि पर्यटन विभाग द्वारा इसे विकसित किया जा रहा है जो जबलपुर के पास नर्मदा नदी में धुआंधार जलप्रपात है ठीक उसी तरह का नजारा यहां भी देखने को मिल रहा है. प्रशासन जो यहां पर बैरिकेडिंग पहाड़ी पर करा रहे वह सराहनीय है.
कैमूर डीएफओ चंचल प्रकाश बताते हैं कि भभुआ अधौरा पथ पर तिलहर कुंड सीजनल जलप्रपात है. यहां बारिश के समय में पानी गिरता है और उसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग आते हैं. कुंड के आसपास हम लोगों ने बैरिकेडिंग कराई हुई है क्योंकि कुंड बहुत गहरा है. जब बैरिकेडिंग नहीं थी तो लोगों के गिरने की संभावना बनी रहती थी. इसकी खूबसूरती बढ़ी है और सुरक्षित हो गया है. यहां पर्यटकों के बैठने के लिए बेंच और डेस्क की व्यवस्था करा दी गई है. यहां पर पश्चिम बंगाल, बिहार, यूपी, झारखंड सहित कई राज्यों से लोग आते हैं. क्योंकि इसकी गिनती गहरे कुंडों में होती है.
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बॉलीवुड की जानी-मानी सिंगर नीति मोहन (Neeti Mohan) और निहार पांड्या (Nihar Pandya) इसी महीने के शुरुआत में एक बेटे के मम्मी-पापा बने हैं। जून के पहले हफ्ते में उन्होंने अपने पहले बच्चे का स्वागत किया। दोनों ने सोशल मीडिया पर यह जानकारी फैंस के साथ शेयर की थी। अब दोनों ने पहली बार अपने बेटे की झलक दिखाई हैं और साथ ही में बेटे के नाम का भी खुलासा किया है।
नीति मोहन ने शेयर की तस्वीरेंः
सिंगर नीति मोहन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर 4 तस्वीरें शेयर की हैं। पहली तस्वीर में दोनों ने अपने बच्चे का हाथ पकड़ रखा है। वहीं बाकी की तस्वीरों में नीति ने बेटे को गोद में लेकर उस पर अपना प्यार लुटाती नजर आ रही हैं। सामने आई तस्वीरें में निहार भी बेटे पर अपना प्यार लुटाते नजर आ रहे हैं। उन्होंने अपने नन्हे राजकुमार का नाम 'आर्यवीर' रखा है।
नीति मोहन ने लिखा ये कैप्शनः
इन तस्वीरों को शेयर करते हुए नीति मोहन ने कैप्शन में लिखा है, "हमने महसूस किया कि, उसके नन्हे हाथों को पकड़ना दुनिया में सबसे ज्यादा कीमती स्पर्श है। आर्यवीर ने हमें अपने माता-पिता के रूप में चुना है। इससे ज्यादा धन्य नहीं महसूस हो सकते थे। उसने हमारी जिंदगी में कई गुना खुशियां बढ़ा दी हैं। बहुत ज्यादा खुश और हमेशा के लिए आभारी। "
इन सेलेब्स ने किया कमेंटः
नीति मोहन और निहार पांड्या की इन तस्वीरों को सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है। ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। वहीं फैंस सहित सेलेब्स इस पर कमेंट कर बच्चे को ढेर सारा प्यार दे रहे हैं। वहीं इन तस्वीरों पर अनुष्का शर्मा कहती हैं, "दो खूबसूरत लोगों को बधाई। "
वहीं नीति की बहन और डांसर मुक्ति मोहन ने लिखा, "आप दोनों हमारे आर्यवीर के सबसे प्यारे माता-पिता हैं। उसके साथ कई तरह के एडवेंचर्स कामों का इंतजार। गोलू मासी लव यू। मेरा चिप्पी। " गायिका श्रेया घोषाल लिखती हैं कि, "बहुत-बहुत बधाई। दुनिया में स्वागत है बेबी आर्यवीर। सबसे अद्भुत माता-पिता के यहां जन्म। "
फरवरी में दी थी प्रेग्नेंसी की खबरः
आपको बता दें कि, नीति और निहार 15 फरवरी 2019 को शादी के बंधन में बंधे थे। दोनों की जोड़ी शानदार है, सोशल मीडिया पर भी दोनों काफी एक्टिव हैं। उन्होंने अपनी दूसरी वेडिंग ऐनिवर्सरी के मौके पर अपनी प्रेग्नेंसी की गुड न्यूज फैंस के साथ शेयर की थी। नीति ने दो जून 2021 को बेटे को जन्म दिया।
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एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने अल-कायदा मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है और चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जो बांग्लादेश से हैं, लेकिन अहमदाबाद में अवैध रूप से रह रहे हैं।
प्रारंभिक जांच से पता चला है कि चौकड़ी को भारत भेजे जाने से पहले प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के चार सदस्यों को बांग्लादेश में स्थित उनके आकाओं द्वारा प्रशिक्षित किया गया था। गुजरात एटीएस के उप महानिरीक्षक दीपन भद्रन ने कहा कि उन्हें अल-कायदा की अवैध गतिविधियों के लिए धन जुटाने, स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए राजी करने का काम सौंपा गया था।
भद्रन ने एटीएस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 38, 39 और 40 के तहत अहमदाबाद के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया।
अल-कायदा के चार कथित सदस्यों की पहचान मोहम्मद सोजिब, मुन्ना खालिद अंसारी, अजहरुल इस्लाम अंसारी और मोमिनुल अंसारी के रूप में हुई है।
"एक विशेष गुप्त सूचना के आधार पर, हमने सबसे पहले सोजिब को पूछताछ के लिए उठाया, जो अहमदाबाद के राखियाल इलाके में रहता था। सोजिब ने हमें बताया कि वह और तीन अन्य अल-कायदा के नेटवर्क का हिस्सा हैं और उनके निर्देश ले रहे थे। बांग्लादेश स्थित हैंडलर शरीफुल इस्लाम। इस्लाम के माध्यम से, इन युवकों ने बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले में अल-कायदा के संचालन के प्रमुख शायबा से मुलाकात की, "भद्रन ने कहा।
एटीएस ने बाद में शहर के नारोल इलाके से मुन्ना, अजहरुल और मोमिनुल को गिरफ्तार किया, जहां वे भारतीय नागरिक बनकर कारखानों में काम कर रहे थे। भद्रन ने कहा कि एटीएस को आधार और पैन कार्ड और आतंकी संगठन की मीडिया शाखा अस-साहब मीडिया द्वारा प्रकाशित कुछ साहित्य तीनों के किराए के कमरों से मिले हैं।
"अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने से पहले, इन युवाओं को उनके संचालकों द्वारा एन्क्रिप्टेड चैट एप्लिकेशन और वीपीएन का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया गया था। जाली दस्तावेजों का उपयोग करते हुए, इन आरोपियों ने अपने आधार और पैन कार्ड बनाए। गुजरात के अलावा, उन्होंने अन्य राज्यों के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने के लिए संपर्क किया था। हम पता चला है कि वे कुछ युवाओं, कम से कम दो लोगों को कट्टरपंथी बनाने में सफल रहे हैं," वरिष्ठ एटीएस अधिकारी ने कहा।
उन्होंने कहा कि एटीएस चौकड़ी को भारत-बांग्लादेश सीमा पार करने में किसने मदद की, धन एकत्र करने के उनके तरीके, स्थानीय संपर्क और उनके द्वारा कट्टरपंथी बनाए गए व्यक्तियों की संख्या जैसे पहलुओं पर गहन जांच करेगी।
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भिवंडी मनपा आयुक्त ने किया है निजी विशेषज्ञ डॉक्टरों के कृति दल का गठन।
भिवंडी में चप्पल की दुकान में लगी भीषण आग ।
गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मजदूरों को लेकर जाने वाली बस को दिखाया हरा झंडा ।
हमें अपने बिजली सेवा प्रदाता के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करना चाहिए ।
भिवंडी तालुका में 3 तथा शहर में 1 नये कोरोना मरीज मिले ,तालुका में कोरोना संक्रमित की संख्या हुई 42 ।
भिवंडी से मजदूरों का जाना थमने का नाम नहीं ले रहा है ।
कोरोना से लड़ने के लिए 6 वर्षीय बच्ची ने अपने चॉकलेट खाने के पैसे दिये नायब तहसीलदार को ।
कृति समिति द्वारा दिया गया 40 सफाई कर्मचारियों को फेस मास्क सुरक्षा किट ।
मजदूरों को प्रवास के लिये ट्रेन चलाई जाये किराया का भुगतान हम करेंगे __ तारिक़ फारूकी।
भिवंडी मनपा को पालकमंत्री ने उपलब्ध कराया जंतुनाशक औषधि।
भिवंडी में उप विभागीय अधिकारी और मनपा के बीच पिस रहे हैं मजदूर ।
भिवंडी में शिवसेना द्वारा गावं जाने वाले परप्रांतीय मजदूरों को दिया गया अन्नदान ।
वी.एल. राका ट्रस्ट द्वारा दिया गया है 650 प्रोटेक्टिव फेस शील्ड।
भिवंडी के कांग्रेस ओबीसी सेल द्वारा मजदूरों को भोजन की सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है।
क्या बिजली कर्मचारी COVID योद्धा नहीं है?
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इस बार आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी चुनिंदा महिलाओं को सोशल मीडिया अकाउंट संभालने का मौका देंगे। अब तक के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब किसी देश के मुखिया ने महिलाओं को ऐसा मौका और सम्मान दिया हो, जो महिलाएं प्रधानमंत्री के ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम अकांउंट्स को संभालेंगी, वे ही महिला दिवस के दिन पूरा संचालन भी करेंगीं।
आप भी पीएम नरेंद्र मोदी के इस कैंपेन से जुड़ सकती हैं। इससे उन्हें करोड़ों के दिलों में प्रेरणा जगाने में मदद मिलेगी। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने सोमवार को ट्वीट किया था कि वह ट्विटर, फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया एकाउंट्स छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल @नरेंद्रमोदी से ट्वीट किया, 'इस रविवार को फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर सोशल मीडिया अकाउंट छोड़ने की सोच रहा हूं। इस बारे में आपको जानकारी दूंगा। पीएम मोदी के इस ट्वीट के कुछ ही मिनट के भीतर सोशल मीडिया पर 'नो सर' हैशटैग ट्रेंड करने लगे और लोग उनसे सोशल मीडिया नहीं छोड़ने की अपील करते नजर आए।
प्रधानमंत्री मोदी सोशल मीडिया खास तौर पर ट्विटर पर सक्रिय रहते हैं। ट्विटर पर मोदी के पांच करोड़ 33 लाख, फेसबुक पर चार करोड़ 40 लाख और इंस्टाग्राम पर तीन करोड़ 52 लाख फॉलोअर्स हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल पर तीन करोड़ 20 लाख फॉलोअर्स हैं, मोदी ट्विटर पर पांच करोड़ फॉलोअर्स को पार करने वाले पहले भारतीय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले एलान किया था कि वे सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म छोड़ने जा रहे हैं, इस खबर से ही देश से नहीं पूरे विश्व भर में हलचल मच गई थी।
प्रधानमंत्री मोदी लोगों में उत्सुकता पैदा करने वाले काम लगातार करते रहते हैं, जिससे लोगों का उनकी तरफ ध्यान बना रहता है। सोमवार को उन्होंने सोशल मीडिया के एकाउंट छोड़ने का इरादा जाहिर किया, तगड़ी खबर बनी, जो लगातार चलती रही। लाखों लोगों ने मोदी से सोशल मीडिया से नाता नहीं तोड़ने की अपील की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीने की स्टाइल के करोड़ों लोग ऐसे ही नहीं मुरीद हैं। पीएम मोदी हर दिन काे एक नए दिन की तरह ही जीते हैं। तभी देश ही नहीं दुनिया भर में उनके सोशल मीडिया में करोड़ों फॉलोअर्स हैं। इस बार प्रधानमंत्री मोदी ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को खास बनाने के लिए महिलाओं को एक प्रकार से अनूठा गिफ्ट दिया है। इससे ये महिलाएं लाखों लोगों का हौसला बढ़ाने में मदद कर सकेंगी।
अगर आप भी ऐसी महिला हैं या दूसरों के लिए प्रेरणा बनने वाली महिलाओं के बारे में जानती हैं तो उनकी कहानी पर साझा करें। मोदी ने जो पोस्टर शेयर किया, उसमें लिखा- आपके पास नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को एक दिन के लिए हासिल करने का मौका है। चुनिंदा महिलाओं को मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को टेकओवर करने और दुनिया के साथ अपने विचार साझा करने का मौका मिलेगा।
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Vastu Tips For Water Fountain: घर को सजाने और आकर्षक दिखने के लिए हम कई तरह की चीजों का इस्तेमाल करते हैं। वास्तु में भी घर की सजावट से जुड़ी कई चीजों के बारे में बताया गया है, जिससे घर पर सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और सुख-समृद्धि बनी रहती है। वास्तु शास्त्र में बहते हुए पानी को शुभ माना जाता है क्योंकि इससे निरंतर बढ़ते हुए जीवन की तुलना की जाती है। वास्तु के अनुसार घर पर जलतत्व का होना जरूरी होता है। इसलिए घर पर वॉटरफॉल या फाउंटेन रखने की सलाह दी जाती है। घर पर फाटरफॉल या फाउंटेन रखने से तरक्की के नए मार्ग खुलते हैं और पैसों की कमी नहीं होती। लेकिन इसका लाभ तभी मिल पाता है जब आप इसे वास्तु के अनुसार उचित दिशा व स्थान पर रखते हैं।
वास्तु में जलतत्व अथवा जल से जुड़ी चीजों का विशेष महत्व होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि पानी रुका हुआ न हो बल्कि बहता हुआ हो। क्योंकि बहता हुआ पानी गतिशीलता का प्रतीक होता है। इससे पॉजिटिव एनर्जी का संचार होता है। इसलिए घर पर फाटरफॉल या फाउंटेन लगाना चाहिए।
घर पर पानी का फव्वारा या वाटरफॉल लगाने से कई तरह के लाभ मिलते हैं। वास्तु के अनुसार इससे धन प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं। बहते हुए पानी को देख व्यक्ति मन आनंदित होता है और तनाव भी दूर होता है। बाजार में कई तरह के पानी के फव्वारे जैसे अलग-अलग धातुओं के फव्वारे, चीनी मिट्टी या पत्थर के फव्वारे, टेबलटॉप फव्वारा, लटकता हुआ फव्वारा जैसे कई तरह के फव्वारे में मिलते हैं। इन सभी से अलग-अलग प्रभाव और लाभ जुड़े होते हैं।
वाटर फाउंटेन या फव्वारा लगाने के लिए दिशा और स्थान जानना सबसे जरूरी होता है, तभी इसका लाभ मिलता है। वास्तु के अनुसार घर के उत्तर पूर्व, उत्तर और दक्षिण पूर्व दिशा में फव्वारा लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि फाउंटेन को कभी भी रसोईघर में ना रखें। क्योंकि किचन अग्नितत्व से जुड़ा होता है और फाउंटेन को जलतत्व का प्रतीक माना जाता है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है। )
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देश में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा है। इस बीच गुजरात के वडोदरा में H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस से पहली मौत का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि 58 वर्षीय महिला हाइपरटेंशन की मरीज थी, उसे सांस लेने में दिक्कत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसकी मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि महिला हाइपरटेंशन की मरीज थी और कई दिनों से वेंटिलेटर पर थी। वडोदरा के सयाजी अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, मरीज को दो दिन पहले ही इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था।
बता दें कि H3N2 इन्फ्लूएंजा वायरस से गुजरात में यह पहली और देश में तीसरी मौत है। इससे पहले सरकार ने बताया था कि H3N2 वायरस से दो लोगों की मौत हो गई थी। इनमें एक व्यक्ति की मौत हरियाणा और दूसरे की कर्नाटक में हुई थी। फिलहाल गुजरात के वडोदरा में एच3एन2 वायरस से हुई मरीज की मौत की जांच के लिए सैंपल अहमदाबाद भेज दिए गए हैं।
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वोर्सस्टर यूनिवर्सिटी, यू.के.
वाई. एस. अविनाश रेड्डी (अंग्रेज़ीः Y. S. Avinash Reddy, जन्म- 27 अगस्त, 1984) भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो आंध्र प्रदेश राज्य से हैं। वह सत्रहवीं लोकसभा के सदस्य हैं। उन्होंने वाई. एस. आर. कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार के रूप में कडप्पा लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र, आंध्र प्रदेश से जीत हासिल की थी।
- वाई. एस. अविनाश रेड्डी संसद सदस्य हैं। वह भारतीय आम चुनाव जीता, 2014 में भी युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार थे और विजय प्राप्त की थी।
- साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वाई. एस. अविनाश रेड्डी ने कडप्पा संसदीय क्षेत्र से पार्टी लॉन्च करने के कुछ महीनों के अंदर ही, उप-चुनाव में देश में तीसरे सबसे ज्यादा बहुमत वाले 5,45,672 वोटों की भारी जीत के साथ एक रिकॉर्ड स्थापित किया था।
- इन्होंने कई अवसरों पर अनाथ आश्रमों और वृद्ध आश्रमों की सहायता के लिए कई कार्यकलाप और सेवाएं आयोजित की हैं। साथ ही जरूरतमंद, गरीब और दलित लोगों की सहायता करते रहते हैं।
- वाई. एस. अविनाश रेड्डी सिचांई परियोजनाओं से संबंधित समाचार पत्रों और पुस्तकों का अध्ययन करते हैं; किसानों से जुड़े हुए हैं और सिचांई से संबंधित पुस्तकों को पढ़ने में रूचि रखते हैं।
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श्रीवत्स - चिह्न मिट है। इन्हीं युगप्रवर्तकों के गम्भीर अन्तस्तल से ईश्वरीय अनुराग के - अनन्त उद्गार उमड़ कर, देश के आकाश में धनाकर छा गये । ब्राह्मणों के शुष्क दर्शन-तत्वों की ऊष्मा से नीरस, निष्क्रिय वायु मण्डल भक्ति के विशाल श्यामधन से सरस तथा सजल हो गया; राम कृष्ण के प्रेम की अखण्ड रसधाराओं ने, सौ-सौ बौछारों में बरस, भारत का हृदय सावित तथा उर्भर कर दिया । एक ओर सूर-सागर भर गया, दूसरी ओोर तुलसी-मानस !
सीही के उस अन्तर्नयन सूर का सूर-सागर ? वह अतल, अकूल, अनन्त प्रेमाम्बुधि ? - उसमें अमूल्य रत्न हैं । उसकी प्रत्येक तरङ्ग श्याम की वंशी की भुवन-मोहिनी तान पर नाचती, थिरकती, भक्तों के मूरि-हृत्स्पन्दन से ताल मिलाती, मँझधार में पड़ी सौ-सौ पुरानी-नावों को पार लगाती, असीम की ओर चली गई है ! वह भगवद्भक्ति के ग्रानन्दाधिक्य का जल प्रलय है, जिसमें समस्त संसार निमग्न हो जाता है । वह ईश्वरीय प्रेम की पवित्र भूलभुलैया है, जिसमें एक बार पैठ कर बाहर निकलना कठिन हो जाता है। कुएँ में गिरे हुए को अदुपति भले ही बाँह पकड़ कर निकाल सकें, पर जो एक बार "सागर" में डूब जाता है उसे सूर के श्याम भी बाहर नहीं खींच सकते ! सूर-सूर की वाणी । भारत के "हिरदै सो जब जाइहौ मरद बदौंगो तोहि !"
और रामचरित मानस ? उस "जायो कुल महन" का "रत्नावली" से ज्योतित मानस ? उस"जन्म सिन्धु, पुनि बन्धु विष, दिन मलीन, सकलङ्क,
उन सन समता पाय किमि चन्द्र वापुरी रह" "तुलसी राशो को उज्ज्वल ज्योत्स्ना से परिपूर्ण मानस ? वह हमारी सनातन धर्म प्राण जातीयता का अविनश्वर सूक्ष्म शरीर है। भारतीय सभ्यता का विशाल-श्रादर्श है, जिसमें उसका सूर्योज्ज्वल मुख स्पष्ट दिखलाई पड़ता है । वह तुलसीदासजी के निर्मलमानस में का प्रति िहै। उसकी सौ-सौ तारक चुम्बित सरलतरल-वीचियों के ऊपर जो भक्ति का अमर सहखदल विकसित है, वह मर्यादा |
फिल्म 'बाहुबाली' के अभिनेता प्रभास की बहुचर्चित फिल्म 'साहो' का दर्शकों को इंतजार है. इस फिल्म के गाने 'Enni Soni' के 30 सेकेंड के टीजर लॉन्च किए जाने के बाद, मेकर्स ने 2 अगस्त पूरे सॉन्ग को रिलीज कर दिया है. इस गाने में अभिनेत्री श्रद्धा कपूर और प्रभास नजर आ रहे हैं. इस म्यूजिक वीडियो सॉन्ग को ऑस्ट्रेलिया में फिल्माया गया है. सॉन्ग को तुलसी कुमार और गुरु रनधावा ने आवाज़ दी है.
इस गाने का टाइटल है 'इन्नी सोनी'. जिसमें प्रभास और श्रद्धा कपूर का रोमांस करते नज़र आ रहे हैं. ये दोनों सितारे एक खूबसूरत लोकेशन पर नज़र आ रहे हैं. रेड ड्रेस में श्रद्धा जहां बहुत ही ग्लैमरस अवतार में हैं तो वहीं प्रभास भी अपने रोमांटिक अवतार में खूब जंच रहे हैं. इस गाने को गुरु रंधावा और तुलसी कुमार ने आवाज दी है.
इससे पहले फिल्म का पहला गाना 'साइको सैयां' कुछ दिनों पहले रिलीज हुआ था जिसे पसंद किया गया. 'साइको सैयां' को सचित टंडन, ध्वनि भानुशाली और तनिष्क बागची ने गाया है. इसके लिरिक्स और कंपोज़िशन का काम तनिष्क बागची ने ही संभाला है.
इस फिल्म में प्रभास और श्रद्धा के अलावा नील नितिन मुकेश, जैकी श्रॉफ, मंदिरा बेदी, महेश मांजरेकर, चंकी पांडे, अरुण विजय, मुरली शर्मा और इवलिन शर्मा मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे. 'साहो' का बजट 150 करोड़ का है, जो कि हिंदी, तेलुगू, मलयालम और तमिल में रिलीज होगी. बताया रहा है कि इस फिल्म के एक्शन सीन शूट करने के लिए मेकर्स ने 90 करोड़ रुपए तक खर्च किए हैं. ये फिल्म 30 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. पहले ये फिल्म 15 अगस्त को रिलीज होने वाली थी लेकिन बाद में मेकर्स ने रिलीज डेट आगे बढ़ा दी.
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दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए शनिवार से 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग शुरू होगी। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर तैयार की गई केंद्र सरकार की स्क्रैपिंग नीति के क्रियान्वयन के तहत उठाए गए हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम की दिशा में एक बड़े कदम के तौर पर शनिवार से 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहनों की स्क्रैपिंग शुरू होगी। इनमें सभी परिवहन निगमों की बसों और निकायों के वाहन शामिल हैं। केवल रक्षा, आंतरिक सुरक्षा और कानून एवं व्यवस्था में उपयोग किए जा रहे वाहनों को इससे छूट दी गई है।
माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर तैयार की गई केंद्र सरकार की स्क्रैपिंग नीति के क्रियान्वयन के तहत उठाए गए इस कदम के माध्यम से करीब नौ लाख खटारा और अनुपयुक्त वाहनों से मुक्ति मिलेगी। इनके स्थान पर साफ-स्वच्छ ऊर्जा से संचालित वाहनों को सरकारी बेड़े में शामिल किया जाएगा। वैसे देश में रजिस्टर्ड वाहन स्क्रैपिंग सुविधा केंद्रों (आरवीएसएफ) की कमी इस मुहिम के लिए एक चुनौती बन सकती है। गत वर्ष गडकरी ने 15 साल पुराने सभी सरकारी वाहनों को कबाड़ में तब्दील करने का एलान किया था। इसके लिए राज्यों से इस तरह के वाहनों का ब्योरा तलब किया गया था।
राज्य अपने परिवहन निगम की बसों को हटाने से इसलिए आनाकानी करते रहे हैं, क्योंकि उन्हें नई बसों के लिए फंड की समस्या महसूस हो रही थी। केंद्र सरकार इलेक्ट्रिक बसों को प्रोत्साहन देने के साथ राज्यों को स्क्रैपिंग नीति पर अमल के लिए अगले वित्तीय वर्ष में तीन हजार करोड़ रुपये की मदद देने जा रही है।
सड़क परिवहन मंत्रालय ने भारी माल और यात्री वाहनों की रजिस्टर्ड आटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशनों (एटीएस) में अनिवार्य फिटनेस जांच को 18 महीने यानी एक अक्टूबर 2024 तक टाल दिया है। इसके पहले मंत्रालय ने घोषणा की थी कि एक अप्रैल 2023 से सभी भारी माल तथा सवारी वाहनों की एटीएस के जरिये फिटनेस टेस्टिंग अनिवार्य होगी। हालांकि, मध्यम श्रेणी के माल तथा यात्री वाहनों और कारों की एटीएस के जरिये अनिवार्य फिटनेस टेस्टिंग एक जून 2024 से अनिवार्य होगी। मंत्रालय ने कहा है कि देश में एटीएस की तैयारी के मौजूदा स्तर को देखते हुए भारी माल तथा यात्री वाहनों की अनिवार्य फिटनेस टेस्टिंग को फिलहाल टालने का फैसला किया गया है।
ई-वेस्ट को लेकर अब किसी भी तरह का ढुलमुल रवैया नहीं चलेगा। बल्कि अब जो भी ई-वेस्ट पैदा करेगा, उसी को उसे नष्ट करने की जिम्मेदारी उठानी होगी। ई-वेस्ट के एक अप्रैल से प्रभावी होने वाले नए नियमों के तहत इस जिम्मेदारी को नहीं उठाने वालों से सख्ती से निपटा भी जाएगा। इसमें उन्हें जुर्माना और जेल दोनों ही भुगतना पड़ सकता है।
ई-वेस्ट के दायरे को भी बढ़ा दिया गया है और 21 वस्तुओं की जगह अब 106 वस्तुओं को इसमें शामिल किया गया है। वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने ई-वेस्ट को लेकर नए नियम पिछले महीने ही जारी कर दिए थे। इन नियमों के तहत ई-वेस्ट को नष्ट करने की जवाबदेही ब्रांड उत्पादकों की होगी। नए नियमों में उन्हें इसके संग्रहण और री-साइक्लिंग जैसी जिम्मेदारी से मुक्ति दे दी है, लेकिन इसके बदले उन्हें री-साइक्लरों ( ई-कचरे को नष्ट करने वाले उद्योगों) से निर्धारित मात्रा में ई-वेस्ट नष्ट करने का सर्टीफिकेट लेना होगा। जिसके बदले उन्हें इन री-साइक्लरों को पैसा भी देना होगा। किस ई-वेस्ट उत्पादक को कितनी मात्रा का सर्टिफिकेट लेना होगा, इसका निर्धारण उसकी ओर से उत्पादित वस्तु की औसत आयु से तय होगी।
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के मुताबिक ई-वेस्ट के नए नियमों के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एक आनलाइन पोर्टल तैयार कर लिया है, जिसमें ई-वेस्ट के तहत अधिसूचित सभी 106 वस्तुओं को तैयार करने वाले उत्पादकों को इस पोर्टल पर खुद को पंजीकृत कराना होगा। साथ ही सभी री-साइक्लरो को भी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके आधार पर ही उन्हें अब नए उत्पादन की अनुमति मिलेगी।
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प्रदेश के 45 बड़े शहरों में गरीबों के लिए रसोई केंद्र खोलने का भी प्रस्ताव है। इनमें से 25 रसोई केंद्र चलित होंगे। यहां गरीबों सस्ती दरों पर खाना मिलेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में दो दर्जन प्रस्तावों को चर्चा के बाद मंजूरी मिल सकती है। बैठक में ग्वालियर के गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधीन बनने वाली एक हजार बिस्तर की अस्पताल के लिए 972 नए पद सृजित करने, इंदौर देवी अहिल्या स्मारक व नए कॉलेज तथा 45 शहरों में रसोई केंद्र शुरू करने के प्रस्तावों को मंजूरी मिल सकती है। मंत्रिमंडल में सतना में चिकित्सा महाविद्यालय के निर्माण की 338 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय मंजूरी और इंदौर में देवी अहिल्या माता प्रतिमा व स्मारक बनाने के लिए लालबाग क्षेत्र में एक हेक्टेयर से अधिक जमीन देने का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जा रहा है।
विद्युत वितरण कंपनियों में आउटसोर्स के माध्यम से कार्यरत आईटीआई पास लाइनमैनों को जोखिम भत्ता स्वीकृत करने, पंद्रहवें केन्द्रीय वित्त आयोग की अवॉर्ड अवधि एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक करने, लोकायुक्त संगठन में कुल 475 अस्थाई पदों को निरंतर रखने और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ इकाई ग्वालियर एवं रीवा हेतु फर्राश एवं चौकीदार के स्वीकृत अस्थाई पदों को निरंतर रखे जाने के प्रस्ताव भी कैबिनेट में शामिल किए गए हैं। इसके साथ ही निवाड़ी के लिए जिला शिक्षा केंद्र कार्यालय के लिए पदों की मंजूरी और प्रदेश के राजस्व न्यायालयों की कंप्यूटरीकरण परियोजना (आरसीएमएस 4. 0) लागू किए जाने पर भी कैबिनेट में चर्चा की जाएगी। राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड छह क्रमांक चार के अंतर्गत दी जाने वाली राहत राशि तथा उनके निर्धारित मानदंडों में संशोधन करने भी विचार किया जाएगा।
कैबिनेट में एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत कृषि विभाग प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। इसके लिए 10 जिलों में किसानों के लिए प्रशिक्षण केंद्र बनाए जाएंगे। इस पर भी कैबिनेट में चर्चा होगी। इसके साथ ही रिटायर्ड अंकेक्षण अधिकारी डीके गुप्ता की पेंशन 50 प्रतिशत स्थाई रूप से रोकने का भी प्रस्ताव आएगा।
इसी तरह कैबिनेट में इंदौर के नंदा नगर में नया कॉलेज खोलने, प्रदेश के 45 बड़े शहरों में गरीबों के लिए रसोई केंद्र खोलने का भी प्रस्ताव है। इनमें से 25 रसोई केंद्र चलित होंगे। यहां गरीबों सस्ती दरों पर खाना मिलेगा।
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अलीगढ़ के सासनीगेट थाना क्षेत्र के महेंद्र नगर इलाके में लाखों की चोरी का मामला सामने आया है। घटना के समय पूरा परिवार घर के बाहर गया था और घर पर कोई नहीं था। ऐसे में देर रात घर का ताला तोड़कर घुसे चोरों ने घर का एक-एक कोना खंगाला।
पीड़ित ने बताया कि चोर लगभग 10-12 लाख रुपए के जेवर और नकदी चोरी करके ले गए। गुरुवार सुबह जब वह अपने घर पहुंचे तो उनके घर का ताला टूटा हुआ था और अंदर जाने पर सारा सामान बिखरा मिला। जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। घटना की जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
महेंद्र नगर के गली नंबर 2 निवासी चेतन कुमार वार्ष्णेय ने बताया कि वह अपनी पत्नी के साथ इस मकान में रहते हैं। बुधवार को उनकी पत्नी अपने मायके गई हुई थी। पत्नी के मायके जाने के बाद वह रात में 9 बजे अपने घर पर आए थे।
जिसके बाद वह अपने घर से कुछ सामान लेकर ताला लगाकर अपने पुराने घर पर चले गए थे। रात में वह अपने पुराने घर पर ही सोए थे और उनके नए मकान पर कोई नहीं था। सुबह जब वह अपने घर पर आए तो उनके मेन गेट का ताला टूटा हुआ था। अंदर जाकर उन्होंने देखा तो तिजोरी टूटी हुई थी और सारा कीमती सामान और नकदी गायब मिली।
घटना के बाद पुलिस ने आसपास के CCTV कैमरे खंगालने शुरू किए। पास के मकान में लगे सीसीटीवी मे आरोपी साफ नजर आ रहे हैं। जिसमें दो आरोपी पीड़ित के मकान का ताला तोड़कर अंदर जाते हुए दिख रहे हैं और इसके कुछ देर बाद वह घर का सारा सामान लेकर बाहर निकल रहे हैं। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
सीओ प्रथम अभय कुमार पांडेय ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। सीसीटीवी के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है और टीमें गठित कर दी गई हैं। जल्दी ही आरोपी पुलिस की हिरासत में होंगे। जिसके बाद सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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मुंबई। भारतीय नौसेना के जवानों ने शनिवार को श्वानों के साथ हेलीकॉप्टर से उतरने का पहली बार अभ्यास किया। ये श्वान सूंघकर विस्फोटक का पता लगाने के लिए प्रशिक्षित होते हैं।
नौसेना ने ट्वीट किया कि पश्चिमी नौसैना कमान के जवानों ने दो खोजी कुत्तों मिन्की और मुक्ति के साथ नौसेना के हेलीकाप्टर से नीचे उतरने का अभ्यास किया। यह बम के खतरे से निपटने के लिए किया गया अभ्यास था।
पश्चिमी नौसेना कमान के एक अधिकारी ने कहा कि इस प्रकार का अभ्यास पहले भी किया जाता रहा है लेकिन यह पहली बार है जब यह श्वानों के साथ किया गया। (भाषा)
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मुंबई : मशहूर (Famous) कोरियोग्राफर (Choreographer) बॉस्को लेस्ली मार्टिस (Bosco Leslie Martis) ने अपने फैंस को एक बड़ी खुशखबरी दी है। उन्होंने अपने निर्देशन में बनी पहली फिल्म 'रॉकेट गैंग' के रिलीज डेट का खुलासा कर दिया है। ये फिल्म 11 नवंबर 2022 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। ये फिल्म हॉरर, कॉमेडी और ड्रामा से भरपूर है। इस फिल्म में एक्ट्रेस निकिता दत्ता, आदित्य सील, जेसन थम, सहज सिंह चहल और मोक्षदा अपने अहम किरदार में नजर आएंगे।
इनके अलावा इस फिल्म में पांच यंग किड्स तेजस वर्मा, सिद्धांत शर्मा, जयश्री गोगोई, दीपाली बोरकर और आद्विक मोंगिया भी अपने मुख्य किरदार में दिखाई देंगे। इस फिल्म का निर्माण जी स्टूडियो ने किया है। एक्ट्रेस निकिता दत्ता अपने इंस्टाग्राम पर इस फिल्म के टीजर को भी शेयर की है। जिसमें रात के अंधेरे में एक बंगला नजर आ रहा है।
उनके इस फिल्म के टीजर को अब तक 12 हजार से अधिक लोग देख चुके है। ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने भी अपने कू पर इस फिल्म के रिलीज डेट की जानकारी दी है।
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दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया शराब घोटाले मुद्दे में फरवरी से कारागार में बंद हैं. आज 103 दिन बाद मनीष सिसोदिया ने अपनी पत्नी सीमा से मुलाकात की. मुलाकात से बात मनीष सिसोदिया की पत्नी को एक ट्वीट बहुत ही तेजी से वायरल हो रहा है. पत्नी सीमा ने अपने ट्वीट में एक पत्र के जरिए गवर्नमेंट पर निशाना साधा है. उन्होने बोला कि 103 दिन बाद मनीष से मिलने का मौका मिला. ना जाने और कितने दिन मुझे,मेरे पति और परिवार को ऐसी साजिशे झेलनी पड़ेंगी. ठीक कहते थे सब, राजनीति गंदी है, पर चाहे ये जो भी कर ले, ये अरविंद जी और मनीष के शिक्षा के सपने को सलाखों के पीछे कैद नहीं कर पाएँगे. शिक्षा की राजनीति जरूर जीतेगी.
मनीष सिसोदिया की पत्नी द्वारा ट्वीट किए गए पत्र में बोला गया कि जब ये लोग पार्टी बना रहे थे तो उस वक़्त बहुत से शुभचिंतकों से सुनने को मिला था की पत्रकारिता और आंदोलन तक तो ठीक है पर राजनीति के चक्कर में मत पड़ो. यहाँ पहले से बैठे लोग काम करने नहीं देंगे और फ़ैमिली को परेशान करेंगे वो अलग. लेकिन मनीष की ज़िद थी. अरविंद और अन्य लोगों के साथ पार्टी बनाई और काम करके भी दिखाया. इन लोगों की राजनीति ने बड़े बड़े लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी की बात करने पर विवश किया.
उन्होने बोला कि आज वही ज़िद फिर से मनीष के चेहरे पर और बातों में दिखाई दी. जो आदमी पिछले 103 दिन से एक दरी बिछाकर फ़र्श पर सो रहा है, मच्छर, चींटे, कीड़े, गर्मी ...... इस सब की परवाह किए बग़ैर आज भी उसकी आखों में एक ही सपना है - शिक्षा के ज़रिए देख को खड़ा करना है, अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर निष्ठावान राजनीति करके दिखानी है. भले ही कितनी मुसीबतें आएँ, कितनी साज़िशें हो .
उन्होने बोला कि पिछले तीन महीने में दुनिया का शिक्षा का इतिहास पढ़ डाला है. किस राष्ट्र के किस नेता ने शिक्षा पर ज़िद करके काम किया और फिर वो राष्ट्र आज कहाँ से कहाँ पहुँच गए है. जापान, चीन, सिंगापुर, इज़राइल, अमेरिका ...। । हिंदुस्तान की शिक्षा में क्या अच्छा हुआ क्या कमी रह गई. आज की हमारी मुलाक़ात में मेरी तबियत के साथ साथ ये भी बातें की.
उन्होने बोला कि मुझे फ़क्र है कि मेरा पति आज भी अपनी उसी ज़िद और तेवर में है. अरविंद और मनीष के ख़िलाफ़ साज़िशें करके वे लोग खुश होंगे कि अरविंद के सिपाही को कारागार में डाल दिया है. पर मैं देख रही हूँ कि तिहाड़ कारागार की एक कोठरी में 2047 के शिक्षित और समृद्ध हिंदुस्तान का सपना मज़बूती से बुना जा रहा है. असत्य और साज़िशों के सामने ईमानदारी और शिक्षा की राजनीति का सपना जीतेगा अवश्य .
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भारतीय टीम में लगातार चौथे नंबर को लेकर बहस जारी है। लेकिन अब इस पर विराम लगता दिखाई दे रहा है। बता दे, पिछले एक साल से श्रेयस लगातार टीम के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहें है।
भारत ने अब तक चौथे नंबर पर अंबाती रायुडू, विजय शंकर, ऋषभ पंत और महेंद्र सिंह धोनी को आजमा लिया है। विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ हार के बाद मुंबई के युवा बल्लेबाज अय्यर को वेस्टइंडीज दौरे पर वापसी का मौका दिया।
अय्यर ने वेस्टइंडीज में प्रभावित किया लेकिन इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड दौरे पर उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में भारत की 0-3 की हार के दौरान एक शतक और दो अर्धशतक के साथ शीर्ष स्कोरर रहे।
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1 9 30 के दशक में XIX के इतिहास में एक कठिन समय बन गयासदी। Decembrists के नरसंहार एक कठोर प्रतिक्रिया के लिए रास्ता दे दिया है, जो प्रगतिशील मन की आध्यात्मिक गिरावट के लिए प्रेरित किया। यह इस अवधि के दौरान था कि युवा कवि, एम। यू। एलर्मोन्टोव की आवाज़ें, जो अलेक्जेंडर पुश्किन के योग्य उत्तराधिकारी कहलाती थीं मिखाइल युरीवीच की कवितायें इतिहास और वास्तविकता को पुनर्विचार करने का प्रयास है, देश में स्थापित तानाशाही के खिलाफ विरोध, उन देशभक्तों के लिए गुस्से में उल्टी निंदा जो चुपचाप अराजकता और शक्ति का उत्पीड़न सहन करते हैं।
हमें एलर्मोन्टोव की सबसे प्रसिद्ध कविताओं को याद करें, हमेशा के लिए रूसी शास्त्रीय साहित्य के इतिहास में अपना नाम लिखा है।
जब यही कारण है कि पहली जगह में मन में आता हैगीतात्मक काम, सेंट पीटर्सबर्ग में 1832 में लिखा। यह एक अठारह वर्षीय लड़के के लिए आसान समय नहीं था - उन्होंने मॉस्को विश्वविद्यालय छोड़ दिया और एक नए जीवन की तैयारी कर रहे थे, हालांकि, थोड़ी सुखद इंतजार कर रहे थे। भ्रम और कवि आत्मा की वजह से अनिश्चितता की भावनाः "अकेला सफेद पाल सफेद हो जाती है ..." ... उस व्यक्ति को खोजना मुश्किल है जो एलर्मोन्टोव की इन प्रसिद्ध कविताओं को नहीं जानती। आम तौर पर उनके भविष्य के जीवन पर लेखक के प्रतिबिंब के रूप में माना जाता है तीनों में से प्रत्येक में, एक प्रथम स्प्च में प्रथम दो छंदें हैं, जिन्हें गीत नायक के मनोवैज्ञानिक अवस्था का विवरण दिया जाता है। और अब समुद्र मानव जीवन से पहले ही जुड़ा हुआ है, और इसकी सतह पर पाल - एक विद्रोही आत्मा के साथ। कविता का प्रमुख उद्देश्य गीतात्मक नायक की अकेलापन है, जिस से वह संघर्ष में खोजने की कोशिश करता है, जैसे पाल की तरह, तत्वों से लड़ते हुए। लेकिन यह प्रयास असफल है - इस राज्य का कारण व्यक्ति के अंदर ही है।
साल गुज़रेंगे, लेकिन कवि की आत्मा को कभी भी शांति नहीं मिलेगी, हमेशा अपनी विद्रोही और अकेली बची रहती है, जैसे कि उसकी जवानी में।
"एक कवि की मौत"
महिमा और निर्वासन वे 1 9 37 में लाए गए हैंयुवा कवि को अपनी सबसे प्रसिद्ध कविताओं मिखाइल लरमोंटोव कुछ दिनों एक आदमी है जो मौजूदा बिजली चुनौती देने का साहस के रूप में रूस के सभी उन्नत हिस्सा सीखा है। और अदालत हलकों में, वह तुरंत "बेशर्म असहमति" के लेखक के लिए और जब तक अपने जीवन के अंत (वह पुरस्कार के लिए "बागी" पुरस्कार विजेता लड़ाइयों में सम्मानित की अनुमति कभी नहीं किया गया था) पास जांच और सम्राट की सेंसरशिप के तहत किया गया बदल गया।
कविता की शुरुआत पहले से ही लिखा गया थापुश्किन के द्वंद्व के बाद दिन और एक और दिन - कवि की मृत्यु के तत्काल बाद - यह पिर्ट्रसबर्ग में सूचियों में टूट गया डांटेस की सुनवाई के बाद, एक निरंतरता प्रकट हुई कि प्रसिद्ध कविताओं - "कविता का मौत" के लिए लार्मोन्थोव को काकेशस को निर्वासित किया गया - "और आप, अभिमानी वंश ..."।
इस के ऐतिहासिक और सामाजिक महत्वकाम मुख्य रूप से इस तथ्य से निर्धारित किया गया था कि इसमें लेखक ने पुश्किन के दुखद भाग्य को सामान्य रूप में एक कवि के रूप में समझने का प्रयास किया। उन्होंने समाज पर प्रतिभा की मौत के लिए दोषी ठहराया, सीधे डेंटेस "हत्यारे" को बुलाया, और "नया" अभिवादन - "अभिमानी" और "मतलब"। अदालत में, वे एलर्मोन्टोव की सबसे प्रसिद्ध कविताओं को बर्दाश्त नहीं कर सकाः "और आप कवि के अपने सारे खून को धर्मी खून से धो नहीं लेंगे!" मिखाइल यूरीवीच को पहली बार गिरफ्तार कर लिया गया था और फिर काकेशस को सक्रिय सेना में भेज दिया गया था।
यह कविता देर से अवधि के अंतर्गत आता हैकवि के काम में, अपनी पृष्ठभूमि है 1840 में, काकेशस के लिए अगले रवाना होने से पहले, Lermontov में सेंट पीटर्सबर्ग के घर Karamzins में खिड़की पर खड़ा हुआ और बादलों के साथ आकाश पर पृथ्वी के उभार देखा था। तस्वीर की दृष्टि ने कवि को अपनी नियति के बारे में सोचा। बहुत जल्द उन्होंने पीटर्सबर्ग, अपने प्रिय लोगों को छोड़ देना चाहिए तुलना की जाती थी - "Tuchkov स्वर्गीय, अनन्त वांडरर्स ...": यही कारण है कि प्रसिद्ध कविता Lermontov सहित उत्पाद, में मुख्य विधि है। अपना भाग्य कवि ही बेचैन और इन खगोलीय पिंडों के रूप में अकेला देखा। इसलिए निर्वासन की भावना और सदैव मातृभूमि के साथ हमेशा की तरह टूटने की भावना। इस तरह के एक राज्य, वैसे, अपने समकालीनों Lermontov, जो मुश्किल 30 और 40 में पले के कई की खासियत थी।
लेकिन गीतात्मक नायक पूरी तरह से नहीं कर सकता हैअपने आप को ठंड और उदासीन बादलों से पहचानें उनके विपरीत, वह घर के लिए तड़पने की भावना रखते हैं, जिसे शांत नहीं किया जा सकता है। यह दार्शनिक अर्थों से पता चलता हैः प्रकृति स्वतंत्र है, और बदनाम कवि का भाग्य अधिकारियों के निर्णय पर पूरी तरह निर्भर करता है।
"कश्मीर ***" ("मैं इससे पहले आपको अपमानित नहीं करेगा ...")
एलर्मोन्टोव में प्रेम के बारे में दिल की पंक्तियां भी हैं इनमें से कई एनएफ इनोवा को समर्पित हैं, जिनकी मिखाइल यूरीविच को अपनी जवानी में ले जाया गया। हालांकि, इस लड़की ने जवान आदमी की गंभीर भावनाओं की सराहना नहीं की, और यह हमेशा उसके लिए महिलाओं में विश्वास को कमजोर बना। एकतरफा प्यार का नतीजा 1832 में लिखा गया "कश्मीर ***" कविता था। इसके लेखक कपटी और ढोंग के शुद्ध ईमानदारी का विरोध करता है, और खुशी की आशा एक गहरी निराशा है। ये प्यार के बारे में एलर्मोन्थोव की कविताएं हैं प्रसिद्ध लाइनोंः "कौन जानता है, शायद उन क्षणों है कि अपने पैरों पर गुजरे था, मुझे प्रेरणा का लूट लिया गया!" मोटे तौर पर कवि के रुख निर्धारित किया है, खुद को लेखन के लिए समर्पित करने के लिए।
"एलर्मोन्टोव का ध्यान उसकी कविता है"
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एक लम्बी लड़ाई लड़ने के बाद अरुणाचल प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस के लिए फिर से संकट पैदा हो गया हैं. कांग्रेस के 45 में से 44 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया हैं.
मुख्यमंत्री पेमा खांडू सहित 43 विधायक पार्टी छोड़कर पीपुल्स पार्टी ऑफ़ अरुणाचल प्रदेश (पीपीए) में शामिल हो जाने की खबर हैं. मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने पीपीए में कांग्रेस का विलय करने की सूचना विधानसभा अध्यक्ष को दे दी है.
60 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के 42, बीजेपी के 11 विधायक और 2 निर्दलीय विधायक हैं. इस बार बागियों में सीएम पेमा खांडू खुद शामिल हैं. कांग्रेस के साथ अब केवल एक विधायक नबाम तुकी बचे हैं.
अब राज्य में बीजेपी गठबंधन वाली सरकार होगी. दो महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने दिवंगत मुख्यमंत्री कालिखो पुल की सरकार को बर्खास्त कर राज्य में फिर से कांग्रेस की सरकार को बहाल किया था. कालिखो पुल ने सरकार बर्खास्त होने के कुछ दिन बाद अगस्त में आत्महत्या कर ली थी.
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वायरल वीडियो (Viral video) में एक बुजुर्ग महिला ने ट्रैफिक से बचने के लिए फुटपाथ पर आएं बाइकर्स (Bikers) को ऐसा सबक सिखाया कि हर कोई तारीफ किए बिना नहीं रुक पाया.
21 फरवरी को पूरे देश में एक वीडियो (Viral video) ने खूब सुर्खियां बटोरीं, जहां पुणे में एक महिला बाइकर्स (Bikers)पर भारी पड़ती हुई दिखीं. ये वो बाइकर है जो ट्रैफिक से निजात पाने के चक्कर में फुटपाथ पर सवार हुए. जबकि वरिष्ठ लोगों ने ये सुनिश्चित किया कि फुटपाथ से बाइकर्स (Bikers) न गुजरें, साथ ही बताया गया कि ट्रैफिक पुलिस अपना काम कैसे नहीं कर रही है.
इस वीडियो (Viral video)को महिंद्रा एंड महिंद्रा के कार्यकारी अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने ट्टीटर पर शेयर किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा , "बस ये देखा और मैं अब सभी 'आंटीज़' का फैन बन गया हूं.
फिलहाल ये वीडियो (Viral video) सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. इस वीडियो को लोग खूब पसंद और रीट्टीट कर रहे है.
वायरल वीडियो (Viral video) में आप देख सकते हैं कि गोखले नाम की बुजुर्ग महिला फुटपाथ पर खड़ी हैं और भारी ट्रैफिक उनके बगल से गुजर रहा है लेकिन कुछ बाइकर्स (Bikers) ट्रैफिक से बचने के चक्कर में फुटपाथ पर आ जाते है जिन्हें महिला रोकती हैं. साथ ही कुछ और बुजुर्ग लोग उनके साथ इस मुहिम में जुट जाते हैं और ये सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी बाइकर (Bikers) फुटपाथ से न गुजरें.
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
अंग्रेजी साहित्य के प्राचीन एवं अर्वाचीन काल कई आयामों में विभक्त किए जा सकते हैं। यह विभाजन केवल अध्ययन की सुविधा के लिए किया जाता है; इससे अंग्रेजी साहित्य प्रवाह को अक्षुण्णता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए। प्राचीन युग के अंग्रेजी साहित्य के तीन स्पष्ट आयाम हैः ऐंग्लो-सैक्सन; नार्मन विजय से चॉसर तक; चॉसर से अंग्रेजी पुनर्जागरण काल तक। . सर आइज़ैक न्यूटन इंग्लैंड के एक वैज्ञानिक थे। जिन्होंने गुरुत्वाकर्षण का नियम और गति के सिद्धांत की खोज की। वे एक महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक थे। इनका शोध प्रपत्र "प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांतों "" सन् १६८७ में प्रकाशित हुआ, जिसमें सार्वत्रिक गुर्त्वाकर्षण एवं गति के नियमों की व्याख्या की गई थी और इस प्रकार चिरसम्मत भौतिकी (क्लासिकल भौतिकी) की नींव रखी। उनकी फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका, 1687 में प्रकाशित हुई, यह विज्ञान के इतिहास में अपने आप में सबसे प्रभावशाली पुस्तक है, जो अधिकांश साहित्यिक यांत्रिकी के लिए आधारभूत कार्य की भूमिका निभाती है। इस कार्य में, न्यूटन ने सार्वत्रिक गुरुत्व और गति के तीन नियमों का वर्णन किया जिसने अगली तीन शताब्दियों के लिए भौतिक ब्रह्मांड के वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया। न्यूटन ने दर्शाया कि पृथ्वी पर वस्तुओं की गति और आकाशीय पिंडों की गति का नियंत्रण प्राकृतिक नियमों के समान समुच्चय के द्वारा होता है, इसे दर्शाने के लिए उन्होंने ग्रहीय गति के केपलर के नियमों तथा अपने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के बीच निरंतरता स्थापित की, इस प्रकार से सूर्य केन्द्रीयता और वैज्ञानिक क्रांति के आधुनिकीकरण के बारे में पिछले संदेह को दूर किया। यांत्रिकी में, न्यूटन ने संवेग तथा कोणीय संवेग दोनों के संरक्षण के सिद्धांतों को स्थापित किया। प्रकाशिकी में, उन्होंने पहला व्यवहारिक परावर्ती दूरदर्शी बनाया और इस आधार पर रंग का सिद्धांत विकसित किया कि एक प्रिज्म श्वेत प्रकाश को कई रंगों में अपघटित कर देता है जो दृश्य स्पेक्ट्रम बनाते हैं। उन्होंने शीतलन का नियम दिया और ध्वनि की गति का अध्ययन किया। गणित में, अवकलन और समाकलन कलन के विकास का श्रेय गोटफ्राइड लीबनीज के साथ न्यूटन को जाता है। उन्होंने सामान्यीकृत द्विपद प्रमेय का भी प्रदर्शन किया और एक फलन के शून्यों के सन्निकटन के लिए तथाकथित "न्यूटन की विधि" का विकास किया और घात श्रृंखला के अध्ययन में योगदान दिया। वैज्ञानिकों के बीच न्यूटन की स्थिति बहुत शीर्ष पद पर है, ऐसा ब्रिटेन की रोयल सोसाइटी में 2005 में हुए वैज्ञानिकों के एक सर्वेक्षण के द्वारा प्रदर्शित होता है, जिसमें पूछा गया कि विज्ञान के इतिहास पर किसका प्रभाव अधिक गहरा है, न्यूटन का या एल्बर्ट आइंस्टीन का। इस सर्वेक्षण में न्यूटन को अधिक प्रभावी पाया गया।.
अंग्रेजी साहित्य और आइज़क न्यूटन आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): बाइबिल, इंग्लैण्ड।
बाइबिल (अथवा बाइबल, Bible, अर्थात "किताब") ईसाई धर्म(मसीही धर्म) की आधारशिला है और ईसाइयों (मसीहियों) का पवित्रतम धर्मग्रन्थ है। इसके दो भाग हैंः पूर्वविधान (ओल्ड टेस्टामैंट) और नवविधान (न्यू टेस्टामेंट)। बाइबिल का पूर्वार्ध अर्थात् पूर्वविधान यहूदियों का भी धर्मग्रंथ है। बाइबिल ईश्वरप्रेरित (इंस्पायर्ड) है किंतु उसे अपौरुषेय नहीं कहा जा सकता। ईश्वर ने बाइबिल के विभिन्न लेखकों को इस प्रकार प्रेरित किया है कि वे ईश्वरकृत होते हुए भी उनकी अपनी रचनाएँ भी कही जा सकती हैं। ईश्वर ने बोलकर उनसे बाइबिल नहीं लिखवाई। वे अवश्य ही ईश्वर की प्रेरणा से लिखने में प्रवृत्त हुए किंतु उन्होंने अपनी संस्कृति, शैली तथा विचारधारा की विशेषताओं के अनुसार ही उसे लिखा है। अतः बाइबिल ईश्वरीय प्रेरणा तथा मानवीय परिश्रम दोनों का सम्मिलित परिणाम है। मानव जाति तथा यहूदियों के लिए ईश्वर ने जो कुछ किया और इसके प्रति मनुष्य की जो प्रतिक्रिया हुई उसका इतिहास और विवरण ही बाइबिल का वण्र्य विषय है। बाइबिल गूढ़ दार्शनिक सत्यों का संकलन नहीं है बल्कि इसमें दिखलाया गया है कि ईश्वर ने मानव जाति की मुक्ति का क्या प्रबंध किया है। वास्तव में बाइबिल ईश्वरीय मुक्तिविधान के कार्यान्वयन का इतिहास है जो ओल्ड टेस्टामेंट में प्रारंभ होकर ईसा के द्वारा न्यू टेस्टामेंट में संपादित हुआ है। अतः बाइबिल के दोनों भागों में घनिष्ठ संबंध है। ओल्ड टेस्टामेंट की घटनाओं द्वारा ईसा के जीवन की घटनाओं की पृष्ठभूमि तैयार की गई है। न्यू टेस्टामेंट में दिखलाया गया है कि मुक्तिविधान किस प्रकार ईसा के व्यक्तित्व, चमत्कारों, शिक्षा, मरण तथा पुनरुत्थान द्वारा संपन्न हुआ है; किस प्रकार ईसा ने चर्च की स्थापना की और इस चर्च ने अपने प्रारंभिक विकास में ईसा के जीवन की घटनाओं को किस दृष्टि से देखा है कि उनमें से क्या निष्कर्ष निकाला है। बाइबिल में प्रसंगवश लौकिक ज्ञान विज्ञान संबंधी बातें भी आ गई हैं; उनपर तात्कालिक धारणाओं की पूरी छाप है क्योंकि बाइबिल उनके विषय में शायद ही कोई निर्देश देना चाहती है। मानव जाति के इतिहास की ईश्वरीय व्याख्या प्रस्तुत करना और धर्म एवं मुक्ति को समझना, यही बाइबिल का प्रधान उद्देश्य है, बाइबिल की तत्संबंधी शिक्षा में कोई भ्रांति नहीं हो सकती। उसमें अनेक स्थलों पर मनुष्यों के पापाचरण का भी वर्णन मिलता है। ऐसा आचरण अनुकरणीय आदर्श के रूप में नहीं प्रस्तुत हुआ है किंतु उसके द्वारा स्पष्ट हो जाता है कि मनुष्य कितने कलुषित हैं और उनको ईश्वर की मुक्ति की कितनी आवश्यकता है। .
इंग्लैण्ड (अंग्रेज़ीः England), ग्रेट ब्रिटेन नामक टापू के दक्षिणी भाग में स्थित एक देश है। इसका क्षेत्रफल 50,331 वर्ग मील है। यह यूनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा निर्वाचक देश है। इंग्लैंड के अलावा स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तर आयरलैंड भी यूनाइटेड किंगडम में शामिल हैं। यह यूरोप के उत्तर पश्चिम में अवस्थित है जो मुख्य भूमि से इंग्लिश चैनल द्वारा पृथकीकृत द्वीप का अंग है। इसकी राजभाषा अंग्रेज़ी है और यह विश्व के सबसे संपन्न तथा शक्तिशाली देशों में से एक है। इंग्लैंड के इतिहास में सबसे स्वर्णिम काल उसका औपनिवेशिक युग है। अठारहवीं सदी से लेकर बीसवीं सदी के मध्य तक ब्रिटिश साम्राज्य विश्व का सबसे बड़ा और शकितशाली साम्राज्य हुआ करता था जो कई महाद्वीपों में फैला हुआ था और कहा जाता था कि ब्रिटिश साम्राज्य में सूर्य कभी अस्त नहीं होता। उसी समय पूरे विश्व में अंग्रेज़ी भाषा ने अपनी छाप छोड़ी जिसकी वज़ह से यह आज भी विश्व के सबसे अधिक लोगों द्वारा बोले व समझे जाने वाली भाषा है। .
अंग्रेजी साहित्य 46 संबंध है और आइज़क न्यूटन 84 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 1.54% है = 2 / (46 + 84)।
यह लेख अंग्रेजी साहित्य और आइज़क न्यूटन के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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पटना। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास आमतौर पर दीपावली जैसे त्यौहार अपने शहर जमशेदपुर में मनाते हैं. इस बहाने उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों और दोस्तों से मुलाकात का मौका मिल जाता है. दीपावली की रात भी झारखंड के सीएम अपने दोस्तों के साथ घूमने के लिए निकल गए.
हालांकि इस दौरान उनसे एक चूक जरूर हुई, जल्दबाजी में वे हेलमेट लगाना भूल गए. दीपावली की रात , झारखंड के अधिकांश शहरों के लोग बारिश के कारण परेशान थे. जमशेदपुर शहर में जैसे बारिश रुकी, रघुबर दास अपने दोस्तों के साथ लोगों से मिलने के लिए दोस्तों के साथ निकल गए.
रघुबर दास यहां की एग्रिको कॉलोनी में रहते हैं. वे सरकारी गाड़ी में नहीं, बल्कि दोस्तों के ही स्कूटर पर घूमने के लिए निकले थे. इस दौरान स्कूटर वे खुद ही चला भी रहे थे.
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Ravindra Jadeja बने कप्तान, 3 मैच में 17 विकेट लेने वाला गेंदबाज नहीं खेलेगा!
रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र की कप्तानी करते नजर आएंगे रवींद्र जडेजा, मंगलवार को तमिलनाडु से मुकाबला होगा.
टीम इंडिया के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा अब पूरी तरह फिट हो चुके हैं. एशिया कप के दौरान ये खिलाड़ी घुटने में चोट खा बैठा था. नतीजा वो टी20 वर्ल्ड कप भी नहीं खेल पाए. लेकिन अब ये खिलाड़ी पूरी तरह फिट हो चुका है. जडेजा वापसी के लिए तैयार हैं और अब ये चैंपियन प्लेयर मंगलवार से अपना जलवा दिखाना शुरू करेगा. रवींद्र जडेजा सौराष्ट्र के लिए रणजी ट्रॉफी मैच में खेलने उतरेंगे. मुकाबला तमिलनाडु से होगा और बड़ी बात ये है कि जडेजा को इस मैच के लिए सौराष्ट्र का कप्तान बनाया गया है.
सौराष्ट्र की फुल टाइम कैप्टेंसी जयदेव उनादकट करते हैं लेकिन चेन्नई में होने वाले मैच में जडेजा कप्तानी करेंगे. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? आखिर क्यों जयदेव से कप्तानी लेकर जडेजा को दे दी गई? इस सवाल का जवाब है बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी.
दरअसल सौराष्ट्र के कप्तान जयदेव उनादकट को इस मैच से आराम दिया गया है. ये खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में खेलेगा और इससे पहले जयदेव को आराम देने का फैसला किया गया है क्योंकि वो बांग्लादेश दौरे के बाद लगातार तीन रणजी ट्रॉफी मैच खेल चुके हैं. वहीं दूसरी ओर जडेजा चोट की वजह से इतने समय तक क्रिकेट नहीं खेल पाए और वो तमिलनाडु के खिलाफ रणजी मैच से गेम प्रैक्टिस हासिल करेंगे.
रवींद्र जडेजा के लिए जयदेव उनादकट की कमी पूरी करना इतना आसान नहीं रहने वाला. दरअसल जयदेव ने इस टीम को फ्रंट से लीड किया है. ये खिलाड़ी 3 मैचों में 17 विकेट हासिल कर चुका है. जिसके दम पर सौराष्ट्र ने ग्रुप बी में टॉप स्थान हासिल किया हुआ है. अब चूंकि जयदेव आराम कर रहे हैं तो ऐसे में जडेजा को खुद को साबित करना होगा ताकि वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज से पहले लय हासिल कर पाएं. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की सीरीज का आगाज 9 फरवरी से हो रहा है.
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