sentences
stringlengths
13
616k
जम्मू, 10 अक्तूबर (एजेंसी) जम्मू में रविवार को नेशनल कॉनफ्रेंस को बड़ा झटका लगा। उसके दो प्रमुख नेताओं देवेंद्र राणा और सुरजीत सिंह सलाथिया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके सोमवार को दिल्ली में भाजपा में शामिल होने की संभावना है। नेशनल कॉनफ्रेंस के प्रवक्ता ने दोनों के इस्तीफे की ट्वीट कर पुष्टि की। जम्मू क्षेत्र के नेशनल कॉनफ्रेंस अध्यक्ष राणा ने पार्टी छोड़ने की घोषणा अपने घर के बाहर मीडिया से संक्षिप्त वार्ता में की। इसके साथ ही गत सप्ताह से उनके पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के लग रहे कयासों का भी पटाक्षेप हो गया है। राणा पूर्व विधायक और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के छोटे भाई हैं। वह तत्कालीन मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के राजनीतिक सलाहकार का पद छोड़ने के बाद 2011 से ही नेशनल कॉनफ्रेंस के सूबाई अध्यक्ष के पद पर काबिज थे।
।इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" वरदासुंदरी जब-तब अपनी ब्रह्म सहेलियों को निमंत्रण देने लगीं। बीच-बीच में उनकी सभा छत पर ही जुटती। हरिमोहिनी अपनी स्वाभाविक देहाती सरलता से स्त्रियों की आव-भगत करतीं, लेकिन यह भी उनसे छिपा न रहता कि वे सब उनकी अवज्ञा करती हैं। यहाँ तक कि उनके सामने ही वरदासुंदरी हिंदुओं के सामाजिक आचार-व्यवहार के बारे में तीखी आलोचना शुरू कर देतीं और उनकी सहेलियाँ भी विशेषरूप से हरिमोहिनी को निशाना बनाकर उसमें योग देतीं। मौसी के पास रहकर सुचरिता चुपचाप से यह आक्रमण सह लेती। बल्कि हठ करके वह यही दिखाने की कोशिश करती कि वह भी अपनी मौसी के पक्ष में है। जिस दिन कुछ खाने-पीने का आयोजन होता उस दिन बुलाए जाने पर सुचरिता कहती, "नहीं, मैं नहीं खाती!" "यह क्या बात है? हम लोगों के साथ बैठकर नहीं खाओगी तुम?" वरदासुंदरी कहतीं, "सुचरिता आजकल महा हिंदू हो गई है, यह शायद तुम्हें मालूम नहीं? वह तो हमारा छुआ हुआ नहीं खाती।" घबराकर हरिमोहिनी कहतीं, "राधारानी, बेटी आओ! तुम जाओ, खाओ बेटी!" गुट के लोगों में उन्हीं के कारण सुचरिता की ऐसी बदनामी होती है, इससे उन्हें बहुत दुःख होता था। लेकिन सुचरिता अटल रहती। एक दिन किसी ब्रह्म लड़की ने कौतूहलवश जूता पहने हुए हरिमोहिनी के कमरे में प्रवेश करेन की कोशिश की। पर सुचरिता ने रास्ता रोकरकर खड़े होते हुए कहा, "इस कमरे में मत जाओ!" "उस कमरे में ठाकुर हैं।" "ठाकुर हैं! तो तुम रोज़ ठाकुर-पूजा करती हो?" हरिमोहिनी ने कहा, "हाँ बेटी, पूजा तो करती ही हूँ।" "ठाकुर पर विश्वास है?" "मुझ हतभागिनी में विश्वास कहाँ! विश्वास होता तो तर न जाती।" ललिता भी उस दिन उपस्थिति थी। तैश में आकर प्रश्न करने वाली लड़की से पूछा उठी, "तुम जिसकी उपासना करती हो क्या उस पर विश्वास करती हो?" "वाह! विश्वास नहीं करती तो क्या!" "ज़ोर से सिर हिलाकर ललिता ने कहा, "विश्वास तो करतीं ही नहीं, यह भी नहीं जानतीं कि विश्वास नहीं करती।" आचार-व्यवहार के मामले में सुचरिता अपने समाज के लोगों से अलग न हो, हरिमोहिनी इसका बड़ा ध्यान रखतीं, लेकिन सफलता उन्हें किसी तरह न मिली। अब तक भीतर-ही-भीतर हरानबाबू और वरदासुंदरी में एक विरोध का भाव रहता आया था। लेकिन इन घटनाओं से दोनों का अच्छा मेल हो गया। वरदासुंदरी ने कहा, "कोई कुछ भी न कहे, किंतु ब्रह्म-समाज के आदर्श को शुध्द रखने की ओर अगर किसी की नज़र है तो पानू बाबू की।" हरानबाबू ने भी सबके सामने अपना यह विचार प्रकट किया कि ब्रह्म-परिवार को सब तरह निष्कलंक रखने के लिए वरदासुंदरी की एकल दर्द-भरी सजगता ब्रह्म गृहिणी-मात्र के लिए एक उत्तम उदाहरण है। उनकी इस प्रशंसा में परेशबाबू पर एक कटाक्ष भी था। एक दिन हरानबाबू ने परेशबाबू के सामने ही सुचरिता से कहा, "मैंने सुना है कि आजकल तुमने ठाकुरजी का प्रसाद खाना शुरू कर दिया है?" सुचरिता का चेहरा लाल हो आया, लेकिन वह ऐसे शुरू कर दिया है?" सुचरिता का चेहरा सजाकर रखने आया, लेकिन वह ऐसे ढंग से मेज़ पर रखे हुए कलमदान में कलम सजाकर रखने लगी जैसे उसने यह बात सुनी ही न हो। एक करुणा-भरी नज़र से परेशबाबू ने उसकी ओर देखकर हरानबाबू से कहा, "पानू बाबू, जो कुछ हम लोग खाते हैं सभी ठाकुर का प्रसाद है।" हरानबाबू बोले, "लेकिन सुचरिता तो हमारे ठाकुर का परित्याग करने की कोशिश कर रही हैं।" परेशबाबू ने कहा, "ऐसा भी यदि संभव हो तब उसके बारे में विवाद खड़ा करने से क्या प्रतिकार होगा?" हरानबाबू ने कहा, "जो बाढ़ में बहा जा रहा हो क्या उसे किनारे पर लगाने की कोशिश नहीं की जाय?" परेशबाबू ने कहा, "सब मिलकर उसके सिर पर ढेले फेंकने लगें, इसे किनारे लगाने की कोशिश नहीं कहा जा सकता। पानू बाबू, आप निश्चिंत रहिए, सुचरिता को मैं उसे बचपन से देखता आ रहा हूँ- वह अगर पानी में ही गिरी होती तो आप सब लोगों से पहले ही जान जाता, और उदासीन भी न रहता।" हरानबाबू, "सुचरिता तो यहीं मौजूद हैं- उनसे ही आप पूछ लीजिए न। सुनता हूँ हर किसी का छुआ वह नहीं खातीं- यह बात क्या झूठ है?" कलमदान पर अनावश्यक मनोयोग छोड़कर सुचरिता ने कहा, "बाबा तो जानते हैं, मैं हर किसी का छुआ नहीं खाती। मेरे इस आचरण को वह बर्दाश्त कर लेते हैं तो इतना ही बहुत है। आप लोगों को अच्छा न लगे तो आप सब मेरी चाहे जितनी निंदा कर लीजिए, बाबा को क्यों तंग करते हैं? वह आप लोगों का कितना कुछ क्षमा कर देते हैं, यह क्या आप जानते हैं? यह क्या उसी का प्रतिफल है?" हरानबाबू अचंभे में आ गए। सोचने लगे, सुचरिता भी आजकल जवाब देना सीख गई है! स्वभाव से परेशबाबू शांतिप्रिय थे। अपने या दूसरों के संबंध में अधिक चर्चा उन्हें पसंद नहीं थी। अभी तक उन्होंने ब्रह्म-समाज में किसी तरह का कोई प्रधान पद स्वीकार नहीं किया, अपने को किसी तरह सामने न लाकर एकांत में ही जीवन-यापन करते रहे। हरानबाबू परेशबाबू की इस प्रवृत्ति को उत्साहहिनता और उदासीनता समझते रहे हैं और इसके लिए परेशबाबू की निंदा भी करते रहे हैं। जवाब में परेशबाबू ने इतना ही कहा है कि "ईश्वर ने सचल और अचल दो प्रकार के पदार्थ रचे हैं, मैं बिल्कुल अचल हूँ। मुझ-जैसे आदमी से जो काम लिया जा सकता है, वह ईश्वर पूरा करा लेंगे। और जो संभव नहीं है, उसकी चिंता से क्या फ़ायदा? मेरी उम्र अब काफ़ी हो गई है, मुझमें किस काम की सामर्थ्य है और किसकी नहीं, इसका फैसला हो चुका है। अब ठेल-ठालकर मुझे कहीं ले जाने की कोशिश बेकार है।" हरानबाबू की धारणा थी कि शिथिल हृदय में भी उत्साह का संचार कर दे सकते हैं, जड़मति को भी रास्ते लगा देने और पथभ्रष्ट जीवन को अनुताप से विगलित कर देने की उनमें सहज क्षमता है। उनका विश्वास था कि उनकी शुभ-इच्छा इतनी एकाग्र और बलवान है कि कोई उसके विरुध्द अधिक नहीं टिक सकता। उन्हें यकीन था कि उनके समाज के लोगों के व्यक्तिगत चरित्र में जो सब अच्छा परिवर्तन हुए हैं, किसी-न-किसी तरह वह स्वयं उसके मुख्य कारण रहे हैं। उन्हें इसमें कोई संदेह न था कि भीतर-ही-भीतर उनका अलक्षित प्रभाव भी असर करता रहता है। अभी तक उनके सामने जब भी किसी ने सुचरिता की विशेष प्रशंसा की है, उन्होंने उसे कुछ ऐसे भाव से ग्रहण किया है जैसे वह उन्हीं की प्रशंसा हो। उनकी इच्छा रही है कि उपदेश, दृष्टांत और संगति के प्रभाव से सुचरिता के चरित्र को वह ऐसा गठित कर देंगे कि इसी सुचरिता के जीवन के द्वारा लोक-समाज में उनका आश्चर्यमय प्रभाव प्रमाणित हो जाएगा। उसी सुचरिता के इस शोचनीय पतन से स्वयं अपनी क्षमता के बारे में उनका गर्व ज़रा भी कम नहीं हुआ, बल्कि इसका सारा दोस उन्होंने परेशबाबू के सिर मढ़ दिया। परेशबाबू की प्रशंसा लोग बराबर करते आए हैं, लेकिन हरानबाबू ने कभी उसमें योग नहीं दिया। इसमें भी उन्होंने कैसी दूरदर्शिता का परिचय दिया है, यह अब सब पर खुलासा हो जाएगा, इसकी भी उन्हें आशा थी। हरानबाबू जैसे लोग और सब-कुछ सह सकते हैं, लेकिन जिन्हें वह विशेष रूप से हित के मार्ग पर चलाना चाहते हों वे ही अपनी बुध्दि के अनुसार स्वतंत्र मार्ग का अवलंबन करें, इस अपराध को वे किसी तरह क्षमा नहीं कर सकते। सहज ही उन्हें छोड़ देना भी उनके लिए असंभव होता है; जितना ही वह देते हैं कि उपदेश का कुछ फल नहीं हो रहा है उतना ही उनकी हठ बढ़ती जाती है और वह लगातार आक्रमण करते जाते हैं। जैसे जब तक चाभी न खत्म हो जाय तब तक मशीन नहीं रुकती, वैसे ही वे भी किसी तरह अपने को नहीं सँभाल सकते। जो कान उनसे विमुख हैं उनमें एक ही बात को हज़ार बार दुहराकर भी वह हार मानना नहीं चाहते। इससे सुचरिता को बड़ा कष्ट होता- अपने लिए नहीं, परेशबाबू के लिए। सारे ब्रह्म-समाज में परेशबाबू टीका-टिप्पणी के विषय हो गए हैं, इस अशांति को कैसे दूर किया जा सकता है? दूसरी ओर सुचरिता की मौसी भी प्रतिदिन समझती जा रही थीं कि वह जितना ही झुककर अपने को बचा रखने की कोशिश करती हैं, उतना ही इस परिवार के लिए और भी समस्या बनती जाती हैं। इसको लेकर मौसी की लज्जा और संकोच सुचरिता को बेचैन किए रहते। इस संकट से कैसे छुटकारा हो, यह सुचरिता किसी तरह सोच नहीं पाती। इधर शीघ्र ही सुचरिता का विवाह कर डालने के लिए वरदासंदरी परेशबाबू पर बहुत दबाव डालने लगीं। उन्होंने कहा, "सुचरिता की ज़िम्मेदारी अब हम लोग और नहीं उठा सकते, क्योंकि वह अपने मनमाने ढंग से चलने लगी है। उसके विवाह में यदि अभी देर हो तो बाकी लड़कियों को लेकर मैं और कहीं चली जाऊँगी- सुचरिता का अद्भुत उदाहरण लड़कियों के लिए बहुत ही कुप्रभावी सिध्द होगा। तुम देखना, इसके लिए आगे चलकर तुम्हें पछताना पड़ेगा। ललिता पहले ऐसी नहीं थी, अब तो जो उसके मन में आता है कर बैठती है, किसी की नहीं सुनती, सोचो, उसकी जड़ में क्या है? उस दिन जो करनी वह कर बैठी उसके लिए मैं शर्म से मरी जा रही हूँ। तुम्हारा क्या ख्याल है कि उसमें सुचरिता का कोई हाथ नहीं था? तुम हमेशा सुचरिता को ही अधिक चाहते रहे हो, तब भी मैंने कभी कुछ नहीं कहा, लेकिन अब और ऐसा नहीं चलेगा यह मैं स्पष्ट कहे देती हूँ।" सुचरिता के लिए तो नहीं किंतु पारिवारिक अशांति के कारण परेशबाबू चिंतित हो उठे। वरदासुंदरी जिस बात को पकड़ लेंगी उसे पूरा करने की कोई कोशिश बाकी न रखेंगी और जितना ही देखेंगी कि आंदोलन से कोई नतीजा नहीं निकलता है उतना ही और हठ पकड़ती जाएँगी, इसमें उन्हें कोई संदेह नहीं था। सुचरिता का विवाह किसी तरह जल्दी हो सके तो वर्तमान अवस्था में सुचरिता के लिए भी वह शांति-दायक हो सकता है, इसमें भी संदेह नहीं। उन्होंने वरदासुंदरी से कहा, "अगर पानू बाबू सुचरिता को राज़ी कर सकें तो विवाह के बारे में मैं कोई आपत्ति नहीं करूँगा।" वरदासुंदरी ने कहा, "और कितनी बार उसे राज़ी करना होगा? तुम तो हद करते हो! और इतनी खुशामद भी किसलिए? मैं पूछती हूँ, पानू बाबू जैसा पात्र तुम्हें और मिलेगा कहाँ? चाहे तुम गुस्सा ही करो, लेकिन सच बात यही है कि सुचरिता पानू बाबू के योग्य नहीं है!" परेशबाबू बोले, "सुचरिता के मन का भाव पानू बाबू के प्रति कैसा है, यह मैं ठीक-ठीक नहीं समझ सका। इसीलिए जब तक वे लोग आपस में ही बात साफ़ न कर लें, तब तक मैं इसमें कोई दख़ल नहीं दे सकता।" वरदासुंदरी ने कहा, "नहीं समझ सके! इतने दिन बाद आख़िर स्वीकार करना ही पड़ा। उस लड़की को समझना आसान नहीं है- वह बाहर से कुछ और है, भीतर से कुछ और!" वरदासुंदरी ने हरानबाबू को बुला भेजा। अख़बार में उस दिन ब्रह्म-समाज की वर्तमान दुर्गति की आलोचना छपी थी। उसी में परेशबाबू के परिवार की ओर से ऐसे इशारा किया गया था कि कोई नाम न रहने पर भी यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया था कि आक्रमण किस पर किया गया है। और लिखने के ढंग से यह अनुमान करना भी मुश्किल न था कि उसका लेखक कौन है। एक बार उसे सरसरी नज़र से देखकर सुचरिता उस अख़बार के टुकड़े-टुकड़े कर रही थी। उसे इतना क्रोध आ रहा था मानो फाड़ते-फाड़ते अख़बार की चिंदियों को जब तक कणों में परिणत न कर लेगी तब तक रुकेगी नहीं। उसी समय हरानबाबू आकर एक कुर्सी खींचकर सुचरिता के पास बैठ गए। एक बार चेहरा उठाकर भी सुचरिता ने नहीं देखा, जैसे अखबार फाड़ रही थी वैसे ही फाड़ती रही। हरानबाबू बोले, "सुचरिता, आज एक गंभीर बात करनी है। मेरी बात ज़रा ध्यान से सुननी होगी।" सुचरिता काग़ज़ फाड़ती रही। हाथों से जब और टुकड़े करना असंभव हो गइया, तब कैंची निकालकर उससे और टुकड़े करने लगी। ठीक इसी समय ललिता ने कमरे में प्रवेश किया। हरानबाबू ने कहा, "ललिता, मुझे सुचरिता से कुछ बात करनी है।" ललिता कमरे से जाने लगी, तो सुचरिता ने उसका ऑंचल पकड़ लिया। ललिता ने कहा, "पानू बाबू को तुमसे कुछ बात जो करनी है।" कोई जवाब दिए बिना सुचरिता ललिता का ऑंचल पकड़े रही। इस पर ललिता सुचरिता के आसन के कोने पर बैठ गई। हरानबाबू किसी भी बाधा से दबने वाले शख़्स नहीं हैं। उन्होंने और भूमिका बाँधे बिना सीधे ही बात छेड़ दी। बोले, "विवाह में और देर करना मैं उचित नहीं समझता। परेशबाबू से मैंने कहा था, उन्होंने कहा है कि तुम्हारी सम्मति मिलते ही और कोई बाधा न रहेगी। मैंने तय किया है कि इस रविवार से अगले रविवार को ही.... " उन्हें बात पूरी न करने देकर सुचरिता ने कहा, "नहीं।" सुचरिता के मुँह से यह अत्यंत संक्षिप्त लेकिन स्पष्ट और उध्दत 'नहीं' सुनकर हरानबाबू चौंक गए। वह सुचरिता को अत्यंत आज्ञाकारिणी ही जानते आए थे। वह अपनी एकमात्र 'नहीं' के बाण से उनके प्रस्ताव को आधे रास्ते में ही बेधकर ध्वस्त कर देगी, इसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी। उन्होंने रुखाई से पूछा, "नहीं! नहीं माने क्या? तुम और देर करना चाहती हो?" सुचरिता ने कहा, 'नहीं।" विस्मित होकर हरानबाबू ने कहा, "तो फिर?" सिर झुकाकर सचरिता ने कहा, "विवाह में मेरी सम्मति नहीं सके माने?" व्यंग्यपूर्वक ललिता ने कहा, "पानू उसे बाबू, आज आप बंगला भाषा भूल गए हैं क्या?" एक कठोर दृष्टि से हरानबाबू ने ललिता को चुप करना चाहते हुए कहा, "मातृभाषा भूल गया हूँ यह बात स्वीकार करना उतना कठिन नहीं है जितना यह स्वीकार करना कि जिस व्यक्ति की बात पर हमेशा विश्वास करता आया हूँ उसे मैंने ग़लत समझा।" ललिता ने कहा, "व्यक्ति को समझने में समय लग़ता है, शायद यह बात आपके बारे में भी कही जा सकती है।" हरानबाबू बोले, "मेरी बात या राय या व्यवहार में शुरू से ही कभी कोई भेद नहीं रहा है- कभी मैंने किसी को ग़लत समझने का कोई अवसर नहीं दिया, यह बात मैं ज़ोर देकर कह सकता हूँ। सुचरिता ही कहे कि मैं सही कह रहा हूँ या नहीं।" ललिता फिर कुछ जवाब देने जा रही थी कि उसे रोकते हुए सुचरिता ने कहा, "आप ठीक कहते हैं। आपको मैं कोई दोष नहीं देती।" हरानबाबू ने कहा, "अगर दोष नहीं देतीं तो फिर मेरे साथ ऐसी ज्यादती क्यों करती है?" दृढ़ स्वर में सुचरिता ने कहा, "अगर आप इसे ज्यादती कहते हैं तो मेरी ज्यादती ही है.... लेकिन...." तभी बाहर से पुकार आई, "दीदी, आप कमरे में हैं?" सुचरिता ने चहककर जल्दी से उठते हुए कहा, "आइए, विनय बाबू, आइए।" "आप भूल रही हैं, दीदी! विनय बाबू नहीं आए हैं, निरा विनय आया है, मुझे मान देकर शर्मिंदा न करें", कहते हुए विनय ने कमरे में प्रवेश करते ही हरानबाबू को देखा। हरानबाबू के चेहरे पर अप्रसन्नता देखकर बोला, "मैं इतने दिन आया नहीं, शायद इसलिए नाराज़ हो रहे हैं?" हँसी में योग देने की कोशिश करते हुए हरानबाबू ने कहा, "नाराज़गी की बात तो है ही। लेकिन आज ज़रा असमय में आए हैं- सुचरिता के साथ मेरी कुछ ख़ास बात हो रही थी।" हड़बड़ाकर विनय उठ खड़ा हुआ। बोला, "यही देखिए न, मेरे कब आने से असमय आना नहीं होगा मैं यह आज तक समझ ही नहीं सका। इसीलिए कभी आने का ही साहस नहीं होता", कहकर विनय बाहर जाने को मुड़ा। सुचरिता ने कहा, "विनय बाबू, जाइए नहीं, हमारी जो बात थी खत्म हो गई है। आप बैठिए!" विनय समझ गया कि उसके आने से सुचरिता को एक विशेष संकट से छुटकारा मिल गया है। वह खुश होकर एक कुर्सी पर बैठ गया और बोला, "मुझे प्रश्रय देने से मैं किसी तरह विमुख नहीं रह सकता- मुझे बैठने को कहने पर मैं ज़रूर बैठूगा, मेरा ऐसा ही स्वभाव है। इसीलिए दीदी से यही मेरा निवेदन है कि ऐसी बात मुझे सोच-समझकर ही कहें, नहीं तो मुश्किल में पड़ जाएंगे।" कुछ कहे बिना हरानबाबू ऑंधी से पहले के सन्नाटे-जैसे स्तब्ध बैठे रहे। उनका मन मानो कह रहा था- अच्छी बात है, मैं बैठकर इंतज़ार करता हूँ। मुझे जो कहना है पूरा कहकर ही उठूँगा। द्वार के बाहर से ही विनय का कंठ-स्वर सुनकर ललिता के हृदय में जैसे खलबली मच गई थी। वह अपना सहज स्वाभाविक भाव बनाए रखने की बड़ी कोशिश कर रही थी किंतु सफल नहीं हो रही थी। विनय जब कमरे में आ गया तब ललिता परिचित बंधु की तरह सहज भाव से कोई बात उससे न कह सकी। वह किधर देखे, अपने हाथों को क्या करे, यही मानो एक समस्या हो गई थी। एक बार उसने उठकर चलने की कोशिश की, किंतु सुचरिता ने किसी तरह उसका पल्ला न छोड़ा। विनय ने भी जो कुछ बातचीत की, सुचरिता से ही- ललिता से कोई बात चलाना आज उस जैसे वाक् पटु व्यक्ति के लिए भी मुश्किल हो उठा। मानो इसी कारण वह दुगुने ज़ोर से सुचरिता के साथ बातचीत करने लगा- बातों का क्रम उसने कहीं टूटने न दिया। लेकिन ललिता और विनय का यह नया संकोच हरानबाबू से छिपा न रहा। जो ललिता आजकल उनके प्रति इतनी प्रगल्भ हो उठी है वही आज विनय के सामने इतनी सकुचा रही है, यह देखकर मन-ही-मन वह जल उठे। ब्रह्म-समाज के बाहर के लोगों से लड़कियों को मिलने की खुली छूट देकर अपने परिवार को परेशबाबू कैसे ग़लत रास्ते पर ले जा रहे हैं- यह सोचकर उनकी घृणा परेशबाबू के प्रति और भड़क उठी और अभिशाप-सी यह कामना मन में जाग उठी कि एक दिन परेशबाबू को इसके लिए विशेष पश्चात्ताप करना पड़े। ऐसे ही बहुत देर तक रहने पर यह बात स्पष्ट हो गई कि हरानबाबू टलने वाले नहीं हैं। तब सुचरिता ने विनय से कहा, "मौसी की बात मुझे याद नहीं है, ऐसा झूठा इलज़ाम मुझ पर न लगाइए!" जब सुचरिता विनय को अपनी मौसी के पास ले गई तब ललिता ने कहा, "पानू बाबू, मैं समझती हूँ, मुझसे तो आपको कोई ख़ास काम होगा नहीं।" हरानबाबू ने कहा, "नहीं। लेकिन जान पड़ता है और कहीं तुम्हें कुछ ख़ास काम है- तुम जा सकती हो।" ललिता यह इशारा समझ गई। तत्काल ही उध्दत भाव से सिर उठाकर इशारे को बिल्कुल स्पष्ट करते हुए कहा, "आज विनय बाबू बहुत दिन बाद आए हैं, उनसे बातें करने जा रही हूँ। तब तक यदि आप अपना ही लिखा हुआ पढ़ना चाहते हों तो- लेकिन नहीं, वह अख़बार तो देखती हूँ कि दीदी ने काट-कूटकर फेंक दिया है। दूसरे का कुछ लिखा हुआ आप सह सकते हों तो ये चीज़ें देख सकते हैं।" कहकर कोने की मेज़ पर से सँभालकर रखी हुई गोरा की रचनाएँ हरानबाबू के सामने रखती हुई वह तेज़ी से बाहर निकल गई। हरिमोहिनी विनय को देखकर अत्यंत प्रसन्न हुईं। वह केवल इसलिए नहीं कि इस प्रियदर्शन युवक के प्रति उन्हें स्नेह था, इसलिए भी कि इस घर के जो भी लोग हरिमोहिनी के पास आए हैं, सभी उन्हें मानो किसी दूसरी ही श्रेणी के प्राणी की तरह देखते रहे है। वे सभी कलकत्ता के लोग रहे हैं अंग्रेजी और बंगला की लिखाई-पढ़ाई में प्रायः सभी उनसे श्रेष्ठ। उनकी दूरी और अवज्ञा के आघात से वह सदा संकुचित होती रही हैं। विनय में मानो उन्हें इससे आश्रय मिल गया हो। विनय भी कलकत्ता का ही है, और हरिमोहिनी ने सुन रखा है कि पढ़ने में वह किसी से कम नहीं है- फिर भी उनके प्रति विनय अश्रध्दा नहीं रखता, बल्कि अपनापा रखता है, इससे उनके आत्म-सम्मान को एक सहारा मिला। इसीलिए विनय थोड़े से परिचय से ही उनके लिए आत्मीय-सा हो गया। उन्हें ऐसा लगने लगा कि विनय उनका कवच बनकर दूसरों की उध्दतता से उनकी रक्षा करेगा। वह इस घर में मानो सभी की ऑंखों से बहुत अधिक खटकती रही थीं- और विनय उन्हें ओट देकर बचाए रखेगा। हरिमोहिनी के पास विनय के जाने के तुरंत बाद ललिता वहाँ कभी न जाती- लेकिन आज वह हरानबाबू के विद्रूप की चोट से सारा संकोच छोड़कर मानो हठपूर्वक ऊपर के कमरे में गई। केवल गई ही नहीं, जाते ही उसने विनय के साथ बातचीत की झड़ी लगा दी। नकी महफिल खूब जम गई, यहाँ तक कि उनकी हँसी का स्वर बीच-बीच में निचले कमरे में अकेले बैठे हुए हरानबाबू के कानों से होता हुआ उनके मर्मस्थल को बेधने लगा। अधिक देर तक वह अकेले न बैठ सके। वरदासुंदरी से बातचीत करके अपना गुस्सा प्रकट करने की चेष्टा करने लगे। वरदासुंदरी ने जब सुना कि सुचरिता ने हरानबाबू के साथ विवाह के बारे में अपनी असहमति प्रकट की है तो यह सुनकर उनके लिए धैर्य रख पाना असंभव हो गया। बोलीं "पानू बाबू, भलमनसाहत दिखाने से यहाँ नहीं चलेगा। जब वह बार-बार सम्मति दे चुकी है और पूरा ब्रह्म-सूमाज जब इस विवाह की प्रतीक्षा कर रहा है, तब आज उसके सिर हिला देने से ही यह सब बदल जाय, ऐसा होने देने से नहीं चलेगा। आप किसी तरह अपना अधिकार न छोड़ें, मैं कहे देती हूँ। देखूँ वह क्या कर लेगी।" हरानबाबू को इस मामले में बढ़ावा देने की कोई ज़रूरत भी नहीं थी। क्योंकि वह पहले ही काठ की तरह अकड़कर बैठे हुए सिर उठाए मन-ही-मन कह रहे थे- सिध्दांततः अपना दावा छोड़ने से नहीं चलेगा-सुचरिता का त्याग मेरे लिए कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन ब्रह्म-समाज का सिर नीचा नहीं होने दूँगा। हरिमोहिनी के साथ आत्मीयता पक्की करने के लिए विनय कुछ खाने की हठ लगाए बैठा था। हरिमोहिनी ने हड़बड़ाकर एक छोटी थाली में थोड़े-से भिगोए हुए चने, छैना, मक्खन, थोड़ी-सी चीनी और एक केला, और काँसे के कटोरे में थोड़ा दूध लाकर विनय के सामने रख दिया। विनय ने हँस कर कहा, "मैंने तो सोचा था बेवक्त भूख की बात कहकर मौसी को मुश्किल में डालूँगा, लेकिन मैं ही पकड़ा गया।' यह कहकर विनय ने बड़े आडंबर के साथ खाना शुरू किया ही था कि उसी समय वरदासुंदरी आ पहुँचीं। अपनी थाली पर भरसक झुककर विनय ने नमस्कार करते हुए कहा, "मैं तो बहुत देर से नीचे था, आपसे भेंट नहीं हुई।" उसे कोई जवाब न देकर वरदासुंदरी ने सुचरिता की ओर लक्ष्य करके कहा, "यह तो यहाँ बैठी है। मैं पहले ही समझ गई थी कि यहाँ मजलिस जमी है- मजे हो रहे हैं। उधर बेचारे हरानबाबू सबेरे से इनका रास्ता देखते बैठे हैं, जैसे वह इनके बगीचे के माली हों। बचपन से सबको पाल-पोसकर बड़ा किया- उनमें से तो किसी को ऐसा व्यवहार करते कभी देखा नहीं। आजकल न जाने यह सब कहाँ से सीख रही हैं। हमारे परिवार में जो कभी न हो सकता, आज-कल वही सब शुरू हो गया है- समाज में मुँह दिखाने लायक़ न रहे। इतने दिनों से इतनी मेहनत से जो कुछ सिखाया था दो दिन में सब चौपट कर दिया! कैसा अंधेरा है!" हड़बड़ाकर हरिमोहिनी ने उठते हुए सुचरिता से कहा, "नीचे कोई बैठे हैं, मुझे तो मालूम नहीं था। यह तो बड़ी भूल हो गई। बेटी, तुम जाओ, जल्दी जाओ-मुझसे बड़ा अपराध हो गया।" हरिमोहिनी का बिल्कुल अपराध नहीं है, ललिता यह कहने के लिए उसी क्षण तैयार हो गई, लेकिन सुचरिता ने छिपे-छिपे उसका हाथ पकड़ कर ज़ोर से दबाकर उसे चुप करा दिया और कोई जवाब दिए बिना नीचे चली गई। यह पहले ही बताया जा चुका है कि वरदासुंदरी का स्नेह विनय ने अपनी ओर कर लिया था। उनके परिवार के प्रभाव में आकर आगे चलकर विनय ब्रह्म-समाज में प्रवेश करेगा, इसमें वरदासुंदरी को शक नहीं था। वह विनय को मानो अपने हाथों से गढ़कर बना रही हैं, इसका गर्व भी उन्हें था, वह गर्व उन्होंने अपने किसी-किसी बंधु के सामने प्रकट भी किया था। आज उसी विनय को दुश्मन के शिविर में प्रतिष्ठित देखकर उनके मन में जलन हुई, और अपनी ही लड़की ललिता को विनय के फिर से पतन में सहायता करते देखकर उनके भीतर की ज्वाला और भी भड़क उठी। उन्होंने रूखे स्वर में कहा, "ललिता, यहाँ क्या तुम्हारा कोई काम है?" ललिता ने कहा, "हाँ, विनय बाबू आए हैं इसलिए.... " वरदासुंदरी ने कहा, "जिनके पास विनय बाबू आए हैं वही उनकी खातिर करेंगी। तुम नीचे चलो, काम है।" मन-ही-मन ललिता ने तय किया कि हरानबाबू ने ज़रूर विनय का और उसका नाम लेकर माँ से कुछ ऐसी बात कही है जिसे कहने का उन्हें कोई अधिकार नहीं हैं इस अनुमान से उनका मन अत्यंत सख्त पड़ गया और उसने अनावश्यक ढिठाई से कहा, "विनय बाबू बहुत दिनों के बाद आए हैं, उनसे दो-चार बाते कर लूँ, फिर आती हूँ।" वरदासुंदरी ललिता के बात कहने के ढंग से यह समझ गईं कि ज़बरदस्ती नहीं चलेगी। कहीं हरिमोहिनी के सामने ही उनकी हार न हो जाए, इस भय से कुछ और कहे बिना और विनय से कोई बात किए बिना वह चली गईं। विनय के साथ बातें करने का उत्साह माँ के सामने तो ललिता ने प्रकट किया किंतु वरदासुंदरी के जाते ही उस उत्साह का कोई चिन्ह न दीखा। तीनों जने कुछ कुंठित से हो रहे। ललिता थोड़ी देर बाद ही उठकर चली गई, अपने कमरे में जाकर उसने दरवाज़ा बंद कर लिया। हरिमोहिनी की अवस्था इस घर में कैसी हो गई है यह विनय अच्छी तरह समझ गया। बातों-ही-बातों में हरिमोहिनी का पिछला सारा इतिहास भी उसने जान लिया। सारी बात सुनकर हरिमोहिनी ने कहा, "बेटा, मुझ जैसी अनाथिनी के लिए दुनिया में रहना ही ठीक नहीं है। किसी तीर्थ में जाकर देव-सेवा में मन लगा सकती तो वही मेरे लिए अच्छा होता। मेरी जो थोड़ी-बहुत पूँजी बची है उससे कुछ दिन चल जाता, उसके बाद भी बची रहती तो किसी घर का चौका-बासन करके भी किसी तरह दिन कट जाते। काशी में देख आई हूँ, इसी तरह बहुतों का जीवन कट जाता है। लेकिन मैं पापिनी हूँ इसीलिए वैसा नहीं कर सकी। जब अकेली होती हूँ तो मेरे सारे दुःख मुझे घेर लेते हैं-देवता-ठाकुर को भी मेरे पास नहीं आने देते। डरती हूँ कि कहीं पागल न हो जाऊँ। डूबते हुए को तिनके का जैसा सहारा होता है, मेरे लिए राधारानी और सतीश भी वैसे हो गए हैं-उन्हें छोड़ने की बात सोचते ही प्राण मुँह को आ जाते हैं। इसीलिए दिन-रात मुझे डर रहता है कि उन्हें छोड़ना ही होगा, नहीं तो सब खोकर फिर कुछ-एक दिनों में इतनी ममता उनसे क्यों हो जाती! बेटा, तुमसे कहने में मुझे कोई संकोच नहीं है, जब से इन दोनों को पाया है तब से ठाकुर की पूजा पूरे मन से कर सकी हूँ- ये चले गए तो मेरे ठाकुर भी निरे पत्थर हो जाएँगे।" कहते-कहते हरिमोहिनी ने ऑंचल से ऑंखें पोंछ लीं। निचले कमरे में आकर सुचरिता हरानबाबू के सामने खड़ी हो गई। बोली, "आप को क्या कहना है, कहिए।" हरानबाबू बोले, बैठो!" सुचरिता बैठी नहीं, वैसे ही खड़ी रही। हरानबाबू ने कहा, "सुचरिता, तुमने मेरे साथ अन्याय किया है।" सुचरिता ने कहा, "आपने भी मेरे साथ अन्याय कियाहै।" हरानबाबू ने कहा, "क्यों, मैंने तुम्हें वचन दिया था और अब भी.... " बात काटते हुए सुचरिता ने कहा, "न्याय-अन्याय क्या केवल वचन से ही होता है? उसी वचन पर ज़ोर देकर तो आप मुझ पर अत्याचार करना चाहते हैं? एक सत्य क्या हज़ार झूठ से बड़ा नहीं है? अगर सौ बार भी मैंने भूल की हो तो तब भी क्या आप ज़बरदस्ती उस भूल को ही आगे रखेंगे? आज जब मैंने अपनी वह भूल जान ली है तब मैं अपनी पहले की कोई बात नहीं मानूँगी- उसे मानना ही अन्याय होगा।" ऐसा परिवर्तन सुचरिता में कैसे हो सकता है, किसी तरह हरानबाबू यह नहीं समझ सके। सुचरिता की स्वाभाविक नम्रता ओर मौन के इस तरह भंग हो जाने का कारण वह स्वयं हैं, यह समझने की उनमें न शक्ति थी, न श्रध्दा। मन-ही-मन सुचरिता के नए साथियों को दोष देते हुए उन्होंने पूछा, "तुमने क्या भूल की थी?" सुचरिता ने कहा, "यह मुझसे क्यों पूछते हो? पहले मेरी सम्मति थी और अब नहीं है, इतना ही क्या काफ़ी नहीं है?" हरानबाबू ने कहा, "ब्रह्म-समाज के सामने भी तो हम जवाबदेह हैं। समाज के लोगों के सामने तुम क्या कहोगी, मैं भी क्या कहूँगा?" सुचरिता ने कहा, 'मैं तो कुछ भी नहीं कहूँगी। आप कहना चाहें तो कह दीजिएगा-सुचरिता की उम्र कम है, उसे अक्ल नहीं है, उसकी मति चंचल है। जो चाहें सो कह दीजिएगा। लेकिन इस बारे में हमारी बातचीत यहीं खत्म हो गई समझे।" हरानबाबू बोले, "बात खत्म कैसे हो सकती है? अगर परेशबाबू...." उनके यह कहते समय ही परेशबाबू आ गए। बोले, "क्या है पानू ने कहा, "सुचरिता, जाओ मत, परेशबाबू के सामने ही बात हो जाय।" सुचरिता लौटकर खड़ी हो गई। हरानबाबू ने कहा, "परेशबाबू, इतने दिन बाद आज सुचरिता कह रही हैं कि विवाह में उनकी सम्मति नहीं है। इतनी बड़ी, इतनी गंभीर बात को लेकर इतने दिन तक खिलवाड़ करना क्या उचित हुआ है? और आप भी क्या इस लज्जाजनक बात के लिए उत्तरदाई नहीं हैं?" सुचरिता के सिर पर हाथ फेरते हुए परेशबाबू ने स्निग्ध स्वर में कहा, "बेटी, तुम्हारे यहाँ रहने की ज़रूरत नहीं है, तुम जाओ।" क्षण-भर में इस छोटी-सी बात से सुचरिता की ऑंखों में ऑंसू भर आए और वह जल्दी से चली गई। परेशबाबू ने कहा, "सुचरिता ने अच्छी तरह अपने मन को समझे बिना ही विवाह की सम्मति दी थी, यह संदेह बहुत दिन से मेरे मन में था। इसीलिए समाज के लोगों के सामने आपका संबंध पक्का करने के बारे में आपका अनुरोध मैं अभी तक नहीं मान सका था।" हरानबाबू ने कहा "तब सुचरिता ने अपना मन ठीक समझकर ही राय दी थी और अब बिना समझे 'ना' कह रही है, ऐसा संदेह आपको नहीं होता?" परेशबाबू बोले, "दोनों ही बातें हो सकती हैं, लेकिन संदेह की हालत में तो विवाह नहीं हो सकता।" हरानबाबू बोले, "सुचरिता को आप कोई नेक सलाह न देंगे?" परेशबाबू ने कहा, "आप निश्चित ही जानते हैं कि सुचरिता को मैं भरसक ग़लत सलाह नहीं दूँगा।" हरानबाबू ने कहा, "अगर यही बात होती तो सुचरिता की यह हालत कभी न होती। आपके परिवार में जैसी-जैसी बातें आजकल होने लगी हैं सब आपकी लापरवाही का ही नतीजा है, यह बात मैं आपके मुँह पर कहता हूँ।" मुस्कराकर परेशबाबू बोले, "आपकी यह बात तो ठीक ही है। अपने परिवार की अच्छाई-बुराई की सारी ज़िम्मेदारी मैं न लूँगा तो कौन लेगा?" हरानबाबू बोले, "इसके लिए आपको पछताना पड़ेगा- यह मैं कहे देता हूँ।" परेशबाबू ने कहा, "पछतावा तो ईश्वर की दया है, पानू बाबू! मैं अपराध से ही डरता हूँ, पश्चाताप से नहीं।" कमरे में आकर सुचरिता ने परेशबाबू का हाथ पकड़कर कहा, "बाबा उपासना का वक्त हो गया है।" परेशबाबू ने पूछा, "पानू बाबू, आप ज़रा बैठेंगे?" हरानबाबू बोले, "नहीं!" और शीघ्रता से चले गए। अपने अंतस् के साथ और बाहरी परिस्थिति के साथ, एक साथ ही सुचरिता का जो संघर्ष आरंभ हो गया था उससे वह भयभीत हो गई थी। गोरा के प्रति उसके मन का जो भाव इतने दिनों से उसके अजाने गहरा होता जाता था, और गोरा के जेल जाने के बाद से जो उसके सामने बिल्कुल स्पष्ट और दुर्निवार हो उठा था, उसे वह कैसे सँभाले, उसका क्या परिणाम होगा, यही वह सोच नहीं पा रही थी। न इसकी बात वह किसी से कह सकती थी, भीतर-ही-भीतर कुंठित होकर रह जाती थी। अपनी इस गहरी वेदना को लेकर वह अकेली बैठकर अपने साथ किसी तरह का समझौता कर सके, इसका भी अवकाश उसे नहीं मिला था, क्योंकि हरानबाबू सारे समाज को भड़काकर उसके द्वार पर जुटाने का प्रयास कर रहे थे। यहाँ तक कि समाचार-पत्रों में डोंडी पिटवाने के भी लक्षण दीख रहे थे। इन सबके ऊपर सुचरिता की मौसी की समस्या ने भी कुछ ऐसा रूप ले लिया था कि उसका बहुत जल्दी कोई हल निकाले बिना काम नहीं चल सकता था। सुचरिता ने समझ लिया था कि अब उसका जीवन एक संधि-स्थल पर आ पहुँचा है जहाँ से आगे चिर-परिचित मार्ग पर अपने अभ्यस्त निश्चिंत भाव से और नहीं चला जा सकेगा। इस संकट के समय एकमात्र परेशबाबू ही उसके अवलंबन थे। उसने उनसे कोई सलाह या उपदेश नहीं माँगा। बहुत-सी बातें ऐसी थीं जिन्हें वह परेशबाबू के साने नहीं रख सकती थी, और कुछ बातें ऐसी थीं जो अपनी लज्जाजनक हीनता के कारण ही इस लायक़ नहीं थीं। परेशबाबू का संग ही चुपचाप उसे जैसे पिता की गोद में या माता के वक्ष की ओर खींच लेता था। इस संकट के समय एकमात्र परेशबाबू ही उसके अवलंबन थे उसने उनसे कोई सलाह या उपदेश नहीं माँगा। बहुत-सी बातें ऐसी थीं जिनहें वह परेशबाबू के सामने नहीं रख सकती थी, और कुछ बातें ऐसी थीं जो अपनी लज्जाजनक हीनता के कारण ही इस लायक़ नहीं थी। परेशबाबू का संग ही चुपचाप उसे जैसे पिता की गोद में या माता के वक्ष की ओर खींच लेता था। परेशबाबू जाड़े के दिन होने के कारण अब साँझ को बगीचे में नहीं जाते थे। घर के पश्चिम की ओर के छोटे कमरे में खुले दरवाज़े क़े सामने आसन बिछाकर वह उपासना के लिए बैठते थे, पके बालों से मंडित उनके शांत चेहरे पर सूर्यास्त की आभा पड़ती रहती थी। सुचरिता उस समय दबे-पैरों से आकर चुपचाप उनके पास बैठ जाती थी। अपने अशांत व्यथित चित्त को वह परेशबाबू की उपासना की गहराई में डुबा देती थी। आजकल उपासना के बाद परेशबाबू अक्सर ही देखते कि उनकी यह कन्या, यह छात्र चुपचाप उनके पास बैठी है। उस समय इस बालिका को वह एक अनिर्वचनीय आध्यात्मिक मधुरता से घिरी हुई देखकर पूरे अंतःकरण से उसे नीरव आशीर्वाद देने लगते थे। ईश्वर से मिलन ही एकमात्र परेशबाबू के जीवन का लक्ष्य था, इसलिए उनका चित्त हमेशा उसी की ओर उन्मुख रहता था जो कि सत्यतम और श्रेयतम हो। इसीलिए उनके लिए संसार कभी असह्य नहीं होता था। इस प्रकार उन्होंने अपने भीतर ही एक स्वाधीनता प्राप्त कर ली थी। इसी कारण मत अथवा आचरण के मामले में किसी दूसरे के प्रति वह किसी तरह की ज़बरदस्ती नहीं कर सकते थे। मंगलमय के प्रति निर्भरता और समाज के प्रति धैर्य उनके लिए अत्यंत स्वाभाविक था। यह धैर्य उनमें इतना प्रबल था कि साम्प्रदायिक प्रवृत्ति के लोग उनकी बुराई करते थे। लेकिन वह बुराई को भी ऐसे ग्रहण कर सकते थे कि वह उन्हें चोट भले ही पहुँचाए, किंतु विचलित नहीं कर सकती थी। वह रह-रहकर एक ही बात की आवृत्ति मन-ही-मन किया करते थे, "मैं और किसी के हाथ से कुछ नहीं लूँगा, सब कुछ उसी ईश्वर के कर-कमलों से लूँगा।" परेशबाबू के जीवन की इस गंभीर निस्तब्ध शांति का स्पर्श पाने के लिए जब-तब कोई-न-कोई कारण निकालकर सुचरिता उनके पास आ जाती। इस अनभिज्ञ कच्ची उम्र में क ओर अपने विद्रोही मन और दूसरी ओर विपरीत परिस्थितियों से बिल्कुल उद्भ्रांत होकर बार-बार वह मन-ही-मन कह उठती- थोड़ी देर बाबा के पैरों में सिर रखकर धरती पर पड़ी रह सकूँ तो मेरा मन शांति से भर उठे। सुचरिता सोचती थी कि मन ही सारी शक्ति को जगाकर अविचलित धैर्य से वह सब आघातों को सह लेगी, और अंत में सभी विरोधी परिस्थितियाँ अपने आप परास्त हो जाएगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उसे अपरिचित पथ पर ही चलना पड़ा। वरदासुंदरी ने जब देखा कि गुस्से या डाँट-फटकार से सुचरिता को डिगाना संभव नहीं है, और परेशबाबू से भी मदद मिलने की कोई आशा नहीं है, तब हरिमोहिनी के प्रति उनका क्रोध बहुत ही भड़क उठा। उनके घर में हरिमोहिनी की उपस्थित उन्हें उठते-बैठते हर समय अखरने लगी। उस दिन उन्होंने पिता की बरसी की उपासना के लिए विनय को भी बुलाया था। उपासना संध्या समय होगी, उसके लिए वह पहले से ही सभागृह सजा रही थी, सुचरिता और अन्य लड़कियाँ भी उनकी सहायता कर रही थी। इसी समय उन्होंने देखा कि विनय पास की सीढ़ी से ऊपर हरिमोहिनी की ओर जा रहा है मन जब बोझिल होता है तब छोटी-सी घटना भी बहुत तूल पकड़ लेती है। विनय का सीधे ऊपर के कमरे की ओर जाना पलभर में ही उनके लिए ऐसा असह्य हो उठा कि घर सजाना छोड़कर तुरंत वह हरिमोहिनी के पास जा खड़ी हुईं। उन्होंने देखा, चटाई पर बैठा विनय आत्मीयों की भाँति घुल-मिलकर हरिमोहिनी से बातें कर रहा है। वरदासुंदरी कह उठीं, "देखो, हमारे यहाँ तक जितने दिन रहना चाहो रहो, मैं तुम्हें अच्छी तरह ही रखूँगी। लेकिन यह मैं कहे देती हूँ कि तुम्हारे उस ठाकुर को यहाँ नहीं रखा जा सकता।" हरिमोहिनी सदा गाँव-देहात में ही रही थी। उनकी ब्रह्म लोगों के बारे में यही धारणा थी कि वे ख्रिस्तानों की ही कोई शाखा है। इसलिए उनके संपर्क में आने के बारे में हरिमोहिनी को सोच-संकोच होना तो स्वाभाविक ही था। लेकिन हरिमोहिनी से मिलने-जुलने में उन लोगों को भी संकोच हो सकता है, यह बात धीरे-धीरे कुछ दिनों से ही उनकी समझ में आ रही थी। उन्हें क्या करना चाहिए, वह इसी की चिंता से व्याकुल हो रही थीं। ऐसे समय में आज एकाएक वरदासुंदरी के मुँह से यह बात सुनकर उन्होंने अच्छी तरह समझ लिया कि अब और चिंता करने का समय नहीं है, कुछ-न-कुछ निश्चय उन्हें कर लेना चाहिए। पहले उन्होंने सोचा, कलकत्ता में ही कहीं मकान लेकर रहेगी, जिससे बीच-बीच में सुचरिता और सतीश को देखती रह सकें। लेकिन थोड़ी-सी पूँजी में कलकत्ता का खर्च कैसे चलेगा? यों अकस्मात् वरदासुंदरी ऑंधी की तरह आकर चली गईं पर विनय सिर झुकाकर चुपचाप बैठा रहा। थोड़ी देर चुप रकर हरिमोहिनी बोल उठीं, "मैं तीर्थ जाऊँगी- तुममें से कोई मुझे पहुँचा आ सकेगा, बेटा?" विनय ने कहा, "ज़रूर पहुँचा सकूँगा। लेकिन उसकी तैयारी में तो दो-चार दिन लग जाएँगे- तब तक मौसी, तुम चलकर मेरी माँ के पास रहो।" हरिमोहिनी ने कहा, "बेटा, मेरा बोझ बहुत भारी बोझ है। विधाता ने मेरे सिर पर न जाने क्या गठरी लाद दी है कि मुझे कोई सँभाल नहीं सकता। जब मेरी ससुराल भी मेरा भार नहीं उठा सकी तभी मुझे समझ लेना चाहिए था। लेकिन बेटा, मन बड़ा ही ढीठ है- इस सूनी छाती को भरने के लिए मैं इधर-उधर भटक रही हूँ और मेरा यह खोटा भाग्य भी हर समय मेरे साथ है। अब रहने दो बेटा, और किसी के घर जाने की ज़रूरत नहीं है- जो सारी दुनिया का बोझ ढोते हैं उन्हीं के चरणों में अब मैं भी शरण लूँगी- और कुछ मुझसे अब नहीं होता।" कहती हुई हरिमोहिनी बार-बार ऑंखें पोंछने लगीं। विनय ने कहा, "ऐसा कहने से नहीं चलेगा, मौसी! मेरी माँ से और किसी की तुलना नहीं की जा सकती। अपने जीवन का सारा भार जो भगवान को सौंप दे सकते हैं दूसरों का भार लेते उन्हें कोई क्लेश नहीं होता- जैसे कि मेरी माँ है, या जैसे यहाँ आपने परेशबाबू को देखा है। मैं कुछ नहीं सुनूँगा- एक बार तुम्हें अपने तीर्थ की सैर करा लूँगा, फिर मै तुम्हारा तीर्थ देखने चलूँगा।" हरिमोहिनी ने कहा, "तब पहले एक बार उन्हें ख़बर तो देनी...." विनय ने कहा, "हम लोगों के पहुँचते ही माँ को खबर हो जाएगी-वही तो पक्की खबर होगी।" हरिमोहिनी ने कहा, "तो कल सबेरे...." विनय ने कहा, "क्या ज़रूरत है? आज रात को ही चला जाए।" संध्या हो रही थी; सुचरिता ने आकर कहा, "विनय बाबू, माँ ने आपको बुला भेजा है। उपासना का समय हो गया है।" विनय ने कहा, "मुझे मौसी से बात करनी है, आज तो नहीं जा सकूँगा।" असल में वरदासुंदरी की उपासना का निमंत्रण आज विनय किसी तरह स्वीकार नहीं कर पा रहा था। उसे ऐसा लग रहा था कि यह सब एक विडंबना है। घबराकर हरिमोहिनी ने कहा, "बेटा विनय, तुम जाओ। मेरे साथ बातचीत फिर हो जाएगी। पहले तुम्हारा काम हो जाए, फिर आ जाना।" विनय ने समझ लिया कि उसका सभा में न जाना, इस परिवार में जिस विप्लव का सूत्रपात हो चुका है उसे कुछ और बढ़ावा देना ही होगा। इसलिए वह उपासना में चला गया, किंतु उसमें पूरा मन नहीं लगा सका। उपासना के बाद भोज भी था। विनय ने कहा, "आज मुझे भूख नहीं है।" वरदासुंदरी बोलीं, "भूख का क्या दोष है? आप तो ऊपर ही खा-पी आए हैं।" हँसकर विनय ने कहा, "हाँ, लालची लोगों का यही हश्र होता है। जो सामने है उसके लालच में भविष्य खो बैठते हैं।" कहकर वह जाने लगा। वरदासुंदरी ने पूछा, "शायद ऊपर जा रहे हैं?" संक्षेप में विनय 'हाँ' कहकर बाहर हो गया। दरवाज़े के पास ही सुचरिता थी, मृदु स्वर में उससे बोला, "दीदी, एक बार मौसी के पास आइएगा, कुछ ख़ास बात करनी है।" ललिता आतिथ्य में व्यस्त थी। एक बार हरानबाबू के निकट उसके आते ही वह अकारण कह उठे, "विनय बाबू तो यहाँ पर नहीं हैं, वह तो ऊपर गए हैं।" ललिता यह सुनकर वहीं खड़ी हो गई और उनके चेहरे की ओर ऑंखें उठाती हुई बिना संकोच बोली, "मुझे मालूम है। मुझसे मिले बिना वह नहीं जाएँगे। यहाँ का काम ख़त्म कर मैं अभी ऊपर जाऊँगी।" ललिता को वह ज़रा भी कुंठित न कर सके, इससे हरान के भीतर घुटती हुई जलन और भी बढ़ गई। विनय सहसा सुचरिता को क्या कह गया जिसके थोड़ी देर बाद ही सुचरिता भी उसके पीछे चली गई, यह भी हरानबाबू ने देख लिया। आज वह सुचरिता से बात करने का मौक़ा पाने में कई बार विफल हो चुके थे- दो-एक बार तो सुचरिता उनका स्पष्ट आह्नान ऐसे टाल गई थी कि हरानबाबू ने सभा में जुटे हुए लोगों के सामने अपने को अपमानित अनुभव किया था। इससे उनका मन और भी बेचैन था। ऊपर जाकर सुचरिता ने देखा, हरिमोहिनी अपना सब सामान समेटकर इस तरह बैठी थीं मानो इसी समय कहीं जाने वाली हों। सुचरिता ने पूछा, "मौसी यह क्या?" हरिमोहिनी उसे कोई उत्तर न दे सकीं, रोती हुई बोलीं, "सतीश कहाँ है- एक बार उसे बुला दो, बेटी!" सुचरिता ने विनय के चेहरे की ओर देखा। विनय ने कहा, "इस घर में सभी को मौसी के रहने से असुविधा होती है, मैं इसीलिए उन्हें माँ के पास ले जा रहा हूँ।" हरिमोहिनी ने कहा, "वहाँ से मैं तीर्थ जाने की सोच रही हूँ। मुझ जैसी का यों किसी के घर में रहना ठीक नहीं है। हमेशा के लए कोई मुझे ऐसे रखने भी क्यों लगा?" स्वयं सुचरिता यह बात कुछ दिनों से सोच रही थी। इस घर में रहना उसकी मौसी के लिए अपमानजनक है, यह उसने जान लिया था। इसलिए वह कोई जवाब न दे सकी, चुपचाप उनके पास जाकर बैठ गई। रात हो गई थी, कमरे में दिया नहीं जलाया गया था। कलकत्ता के हेमंत के मटमैले आकाश में तारे धुँधले हो रहे थे। किस-किस की ऑंखों से ऑंसू बहते रहे, यह अंधकार में देखा न जा सका। सीढ़ियों पर से सतीश की तीखी पुकार सुनाई पड़ी, "मौसी!" "क्या बेटा, आओ बेटा", कहती हुई हरिमोहिनी हड़बड़ाकर उठ खड़ी हुईं। सुचरिता ने कहा, "मौसी, आज रात तो कहीं जाना नहीं हो सकता। कल सबेरे सब तय होगा। ठीक से बाबा से कहे बिना तुम कैसे जा सकती हो भला? यह तो बड़ी ज्यादती होगी।" वरदासुंदरी के हाथों हरिमोहिनी के अपमान से उत्तेजित विनय ने यह बात नहीं सोची थी। उसने निश्चित किया था कि इस घर में मौसी का अब एक रात भी रहना ठीक नहीं है। हरिमोहिनी कहीं आसरा न होने के कारण ही सब कुछ सहती हुई इस घर में रहती हैं, वरदासुंदरी की यह धारणा दूर करने के लिए हरिमोहिनी को विनय यहाँ से ले जाने में ज़रा भी देर करना नहीं चाहता था। विनय को सहसा सुचरिता की बात सुनकर ध्यान आया, इस घर में हरिमोहिनी का संबंध एकमात्र अथवा मुख्य रूप से वरदासुंदरी के हाथ नहीं है। जिसने अपमान किया है उसी को बड़ा मान लेना, और जिसने उदारता से आत्मीय मानकर सहारा दिया है उसे भूल जाना- यह तो ठीक न होगा। विनय कह उठा, "यह बात तो ठीक है। परेशबाबू को बताए बिना किसी तरह नहीं जाया जा सकता।" आते ही सतीश ने कहा, "जानती हो, मौसी? रूसी लोग भारतवर्ष पर हमला करने आ रहे हैं। बड़ा मज़ा रहेगा।" विनय ने पूछा, "तुम किसकी ओर हो?" सतीश बोला, "मैं-रूसियों की ओर।" विनय ने कहा, "तब तो रूसियों को कोई चिंता नहीं है।" इस तरह सतीश के बातचीत फिर जमा देने पर सुचरिता धीरे-धीरे वहाँ से उठकर नीचे चली गई। सुचरिता जानती थी, बिस्तर पर जाने से पहले परेशबाबू अपनी कोई प्रिय पुस्तक लेकर थोड़ी देर पढ़ते थे। ऐसे समय कई बार सुचरिता उनके पास जाकर बैठती रही है ओर सुचरिता के अनुरोध पर परेशबाबू उसे पढ़कर सुनाते रहे हैं। नियमानुसार आज भी परेशबाबू अपने कमरे में अकेली बत्ती जलाकर एमर्सन का ग्रंथ पढ़ रहे थे। धीरे-से कुर्सी खींचकर सुचरिता उनके पास बैठ गई। परेशबाबू ने पुस्तक रखकर एक बार उसके चेहरे की ओर देखा। सुचरिता का संकल्प टूट गया- वह घर की कोई बात न कर सकी। बोली, "बाबा, मुझे भी पढ़कर सुनाओ।" परेशबाबू पढ़कर उसे समझाने लगे। दस बज जाने पर पढ़ाई समाप्त हुई। तब सुचरिता यह सोचकर कि सोने से पहले परेशबाबू के मन में किसी प्रकार का क्लेश उत्पन्न न हो, कोई बात कहे बिना धीरे-धीरे जाने लगी। स्नेह-भरे स्वर में परेशबाबू ने उसे पुकारा, "राधो!" वह लौट आई। परेशबाबू ने कहा, "तुम अपनी मौसी की बात कहने आई थी न?" उसके मन की बात परेशबाबू जान गए हैं, इससे विस्मित होते हुए सुचरिता ने कहा, "हाँ बाबा, लेकिन अब रहने दो, कल सबेरे बात होगी।" परेशबाबू ने कहा, "बैठो।" सुचरिता के बैठ जाने पर वह बोले, "यहाँ तुम्हारी मौसी को कष्ट होता है, यह बात मैं सोचता रहा हूँ। उनका धर्म-विश्वास ओर आचरण लावण्य की माँ के संस्कारों को इतनी अधिक चोट पहुँचाएगा, पहले यह मैं ठीक नहीं जान सका। जब साफ़ देख रहा हूँ कि इससे उन्हें दुःख होता है तब इस घर में तुम्हारी मौसी को रखने से वह घुटती ही रहेंगी।" सुचरिता ने कहा, "मौसी यहाँ से जाने के लिए तैयार बैठी हैं।" परेशबाबू ने कहा, "मैं जानता था कि वह जाएँगी। तुम दोनों ही उनके एकमात्र अपने हो- उन्हें ऐसे अनाथ होकर तुम लोग नहीं जाने दे सकोगे, यह भी मैं जानता हूँ। इसीलिए कुछ दिनों से मैं इस बारे में सोच रहा था।" उसकी मौसी किस संकट में पड़ी हैं, यह परेशबाबू समझते हैं और इस बारे में सोचते भी रहे हैं, यह बात सुचरिता ने बिल्कुल नहीं सोची थी। कहीं वह जानकर दुःख न पाएँ इस डर से वह इतने दिनों से बड़ी सावधान रहती आई थी। उसे परेशबाबू की बात सुनकर बड़ा अचरज हुआ और उसकी ऑंखें डबडबा आईं। परेशबाबू ने कहा, "तुम्हारी मौसी के लिए मैंने मकान ठीक कर रखा है।" सुचरिता ने कहा, "लेकिन वह तो.... " "किराया नहीं दे सकेंगी- यही न, लेकिन किराया वह क्यों देंगी- किराया तुम दोगी।" अवाक् होकर सुचरिता परेशबाबू के चेहरे की ओर ताकती रही। परेशबाबू ने हँसकर कहा, "उन्हें अपने ही घर में रहने देना, किराया नहीं देना होगा।" सुचरिता और भी विस्मत हो गई। परेशबाबू ने कहा, "कलकत्ता में तुम्हारे दो मकान हैं, क्या नहीं जानतीं? एक तुम्हारा, एक सतीश का। मरते समय तुम्हारे पिता मुझे कुछ रुपया सौंप गए थे। उसी पर सूद जोड़कर मैंने कलकत्ता में दो मकान ख़रीदे हैं। अब तक उनका जो किराया आता रहा है, वह भी जमा होता रहा है। तुम्हारे मकान के किराएदार अभी कुछ दिन पहले चले गए हैं- वहाँ रहने में तुम्हारी मौसी को कोई परेशानी न होगी।" सुचरिता ने कहा, "वहाँ वह क्या अकेली रह सकेंगी?" परेशबाबू ने कहा, "उनके अपने तुम लोगों के रहते हुए वह अकेली क्यों रहेंगी?" सुचरिता ने कहा, "मैं यही बात कहने आज आई थी। मौसी चले जाने के लिए बिल्कुल तैयार हैं, सोच रही थी कि मैं उन्हें अकेली कैसे जानू दूँगी। इसीलिए तुम्हारा उपदेश लेने आई थी। जो तुम कहोगे वही करूँगी।" परेशबाबू ने कहा, "हमारे घर से लगी हुई यह जो गली है, इसी गली में दो-तीन मकान छोड़कर तुम्हारा मकान है- इस बरामदे में खड़े होने से वह मकान दीख जाता है। तुम लोग वहाँ रहोगे तो ऐसे अरक्षित नहीं रहोगे- बराबर देखता-सुनता रहूँगा।" एक बहुत बड़ा बोझ सुचरिता की छाती पर से उतर गया। बाबा को छोड़कर कैसे जाऊँगी? यह चिंता उसका पीछा नहीं छोड़ रही ी, लेकिन जाना ही होगा, यह भी उसे बिल्कुल निश्चित दीख पड़ता है। आवेगपूर्ण हृदय लिए सुचरिता चुपचाप परेशबाबू के पास बैठी रही। परेशबाबू भी जैसे अपने को अंतःकरण की गहराई में डुबोए हुए स्तब्ध बैठे रहे। सुचरिता उनकी शिष्या थी, उनकी कन्या थी, उनकी सुहृदय थी-वह उनके जीवन से और यहाँ तक कि उनकी ईश्वरोपासना से भी गुँथी हुई थी। जिस दिन वह चुपचाप आकर उनकी उपासना में योग देती उस दिन जैसे उनकी उपासना एक विशेष पूर्णता पा लेती। प्रतिदिन अपने मंगलपूर्ण स्नेह से सुचरिता के जीवन को गढ़ते-गढ़ते उन्होंने अपने जीवन को भी एक विशेष आकृति दे दी थी। जैसी भक्ति और एकांत नम्रता के साथ सुचरिता उनके निकट आ खड़ी हुई थी वैसे कोई और उनके पास नहीं आया था। फूल जैसे आकाश की ओर ताकता है उसी तरह उसने अपनी संपूर्ण प्रकृति उनकी ओर उन्मुख और उद्धाटित कर दी थी। ऐसे एकाग्र भाव से किसी के पास आने से मनुष्य की दान करने की शक्ति अपने आप बढ़ जाती है- अंतःकरण जल-भार से झुके हुए बादल की भाँति अपनी परिपूर्णता के कारण ही झुक जाता है। अपना जो कुछ सत्य है, श्रेष्ठ है उसे किसी अनुकूल चित्त को प्रतिदिन दान करते रहने के सुयोग के बराबर कोई दूसरा शुभ योग मनुष्य के लिए नहीं हो सकता, सुचरिता ने वही दुर्लभ सुयोग परेशबाबू को दिया था। इसीलिए उनका संबंध सुचरिता के साथ अत्यंत गंभीर हो गया था। उसी सुचरिता के साथ आज उनके बाह्य संपर्क के टूटने का अवसर आ गया है- अपने जीवन-रस से पूरी तरह फल को पकाकर पेड़ से उसे मुक्त कर ही देना होगा। इसके लिए मन-ही-मन वह जिस गहरी टीस का अनुभव कर रहे थे उसे वह अंतर्यामी के सामने निवेदित करते जा रहे थे। सुचरिता का पाथेय जुट गया है, अपनी शत् से प्रशस्त मार्ग पर सुख-दुःख, आघात-प्रतिघात और नए अनुभव की प्राप्ति का जो आह्नान उसे मिलेगा उसकी तैयारी परेशबाबू कुछ दिन पहले से ही देख रहे थे। मन-ही-मन वह कह रहे थे- जाओ वत्से, यात्रा करो। तुम्हारे चिर जीवन को मैं मात्र अपनी बुध्दि और अपने आश्रय से छाए रखूँ, यह कभी नहीं हो सकता- ईश्वर तुम्हें मुझसे मुक्त करके विचित्र के भीतर से तुम्हें चरम परिणाम की ओर खींच ले जावें, उन्हीं में तुम्हारा जीवन सार्थक हो। यह कहकर शैशव से ही स्नेह में पली हुई सुचरिता को मन-ही-मन वह अपनी ओर से ईश्वर को अर्पित की गई पवित्र उत्सर्ग सामग्री की भाँति सौंप रहे थे। वरदासुंदरी पर परेशबाबू ने क्रोध नहीं किया, न अपनी गृहस्थी के प्रति मन में किसी विरोधाभाव को कोई आश्रय दिया। वह जानते थे कि नई वर्षा की जल-राशि तंग किनारों के बीच सहसा आ जाने से बड़ी हलचल मचती है- उसका एक मात्र उपाय यही है कि उसे खुले क्षेत्र की ओर बह जाने दिया जाए। वह जानते थे कि कुछ दिनों से सुचरिता के आसपास इस छोटे-से परिवार में जो अप्रत्याशित घटनाएँ घटित होती रही हैं, उन्होंने उसके जमे हुए संस्कारों को हिला दिया है। उसे यहाँ रोके रखने की चेष्टा न करके उसे मुक्ति देने से ही उसके स्वभाव के साथ सामंजस्य स्थापित होगा और शांति हो सकेगी। यह समझकर चुपचाप वह ऐसा आयोजन हर रहे थे कि जिससे सहज ही यह शांति और सामंजस्य स्थापित हो सके। थोड़ी देर दोनों चुपचाप बैठे रहे कि घड़ी में ग्यारह बज गए। तब परेशबाबू उठ खड़े हुए और सुचरिता का हाथ पकड़कर उसे दुमंज़िले के बरामदे में ले गए। साँझ के आकाश की धुंध तब तक छँट गई थी और निर्मल अंधकार में तारे जगमगा रहे थे। परेशबाबू सुचरिता को पास खड़ी कर निस्तब्ध रात में प्रार्थना करते रहे- संसार का सारा असत्य नष्ट कर हमारे जीवन में परिपूर्ण सत्य की निर्मल मूर्ति उद्भासित हो उठे।
मेकअप प्रोडक्ट्स की शेल्फ - लाइफ होती है। एक्सपायर होने के बाद इनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लेकिन एक्सपायर होने के बाद इनका अलग तरह से प्रयोग किया जा सकता है। यहां जानिए कैसे। 1. लिपस्टिकः एक्सपायर्ड लिपस्टिक से टिंटेड लिप बाम बनाया जा सकता है। लिपस्टिक को कटोरी में निकालें और गर्म पानी में कुछ देर रखें। इससे लिपस्टिक पिघल जाएगी और सारे बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे। अब इसे अपनी वैसलीन या पेट्रोलियम जेली के साथ मिक्स करें। छोटी डिबिया में डालकर फ्रिज में रखें। लिप बाम तैयार है। 2. लिप बामः पुराने हो चुके लिप बाम का उपयोग अपने नाखून के आसपास की ड्राई स्किन को पोषण देने के लिए कर सकते हैं। इसके अलावा एड़ियों को सॉफ्ट बनाने में भी ये इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने पुराने लिप बाम से जूतों को चमकाने का काम भी लिया जा सकता है। पैंट की ज़िप खराब हो जाए तो उस पर लिप बाम लगाकर ज़िप ठीक की जा सकती है। 3. आईशैडोः आईशैडो की उम्र एक से डेढ़ साल होती है। एक्सपायर्ड आईशैडो को नेल पॉलिश में डालकर नया शेड बनाया जा सकता है। इसे बनाने के लिए क्लियर नेल पॉलिश लें और इसमें आईशैडो पिग्मेंट डालकर मिक्स करें। अब इस्तेमाल कर सकते हैं। 4. मस्काराः मस्कारा को 6 से 8 महीने के अंदर इस्तेमाल कर लेना चाहिए क्योंकि ये जल्दी एक्सपायर होता है, लेकिन एक्सपायर होने के बाद इसे फेंके नहीं। आईब्रो अगर ग्रे हो रहे हों तो उन्हें कलर करने में मस्कारे का उपयोग करें। इससे लिप्स को एक्सफोलिएट भी कर सकते हैं। इसके लिए इसमें नेचुरल ऑयल मिक्स करें और लिप्स को स्क्रब करें। लिप्स स्मूथ हो जाएंगे। 5. फेस ऑयलः फेस ऑयल काफी महंगे आते हैं। अगर आपका फेस ऑयल एक्सपायर हो चुका है, तो इसे बॉडी के लिए उपयोग कर सकते हैं। इसमें शक्कर मिलाकर बॉडी स्क्रब की तरह भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज नसीम शाह कंधे में लगी चोट के कारण इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में नहीं खेल पाएंगे। नसीम रावलपिंडी में खेले गए पहले टेस्ट मैच के दौरान चोटिल हो गए थे और इस कारण मुल्तान में दूसरे टेस्ट मैच में भी नहीं खेल पाए थे। पहले दोनों टेस्ट में पाकिस्तान टीम को हार का सामना करना पड़ा था और मेजबान टीम टेस्ट सीरीज में 2-0 से पीछे है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा, "कंधे की चोट के कारण नसीम शाह तीसरे और अंतिम टेस्ट मैच में भी नहीं खेल पाएंगे। " PCB ने नसीम के विकल्प की घोषणा नहीं की है। इससे मेजबान टीम के तेज गेंदबाजी आक्रमण पर दबाव जरुर बढ़ेगा। इसका कारण है कि शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रउफ भी चोट के बाद सीरीज से बाहर हो चुके हैं। हारिस पहला टेस्ट खेलने के बाद चोटिल हो गए थे। नसीम के बाहर होने से क्या होगा असर? नसीम का चोटिल होकर बाहर होना पाकिस्तान क्रिकेट टीम के लिए वाकई बड़ा झटका है। टीम पहले से ही शाहीन और रउफ की अनुपलब्धता से जूझ रही है। नसीम इस समय विश्व क्रिकेट में सबसे तेज गेंदबाजों में से एक है। उन्होंने पहले टेस्ट में बल्लेबाजों के लिए मदद कर रही पिच पर भी 5 विकेट झटके थे। नसीम ने पहली पारी में 3 और दूसरी पारी में 2 विकेट लिया था। पाकिस्तान क्रिकेट टीम से खेलते हुए नसीम ने 14 टेस्ट मैचों में 38 विकेट झटके हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन (5/31) है। इस दौरान उन्होंने 1 बार 5 विकेट और 2 बार 4 विकेट झटके हैं। वहीं, वनडे में उन्होंने 3 मैच खेलकर 10 और टी-20 में 16 मुकाबले में 14 विकेट लिए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी नसीम का प्रदर्शन कमाल का रहा है। उन्होंने 28 मैचों में 89 विकेट झटके हैं।
अहमदाबादः गुजरात की एक विशेष अदालत ने अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले पर अपने फैसले में कहा है कि इस मामले के 38 दोषी मौत की सजा के लायक हैं, क्योंकि ऐसे लोगों को समाज में रहने की अनुमति देना निर्दोष लोगों को खाने वाले 'आदमखोर तेंदुए' को खुला छोड़ने के समान है. अदालत के इस फैसले की प्रति शनिवार को वेबसाइट पर उपलब्ध हुई. अदालत ने कहा कि उसकी राय में इन दोषियों को मृत्युदंड दिया जाना उचित होगा, क्योंकि यह मामला 'अत्यंत दुर्लभ' की श्रेणी में आता है. उल्लेखनीय है कि अहमदाबाद में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में विशेष अदालत ने आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के 38 सदस्यों को शुक्रवार को मौत की सजा सुनाई. इसी मामले में अदालत ने 11 अन्य को मौत होने तक उम्रकैद की सुजा सुनाई. इन धमाकों में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक अन्य घायल हो गए थे। यह पहली बार है, जब किसी अदालत ने इतने दोषियों को मौत की सजा एक साथ सुनाई है. हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. उन्होंने कहा कि सरकार को खासकर उन दोषियों को जेल में रखने की कोई आवश्यकता नहीं है, जिन्होंने कहा है कि वे अपने ईश्वर के अलावा किसी पर विश्वास नहीं करते. उन्होंने कहा कि देश की कोई भी जेल, उन्हें हमेशा के लिए जेल में नहीं रख सकती. अभियोजन ने विस्फोट का षड्यंत्र रचने वालों और बम लगाने वालों समेत मामले के सभी 49 दोषियों को मौत की सजा सुनाए जाने का अनुरोध किया था. अदालत ने 11 अन्य दोषियों को मौत होने तक कारावास की सजा देते हुए कहा कि उनका अपराध मुख्य षड्यंत्रकारियों की तुलना में कम गंभीर था. कुछ दोषियों ने दलील दी थी कि उन्हें मुसलमान होने के कारण निशाना बनाया जा रहा है. इसके जवाब में अदालत ने कहा कि वह इस बात को स्वीकार नहीं कर सकती, क्योंकि भारत में करोड़ों मुसलमान कानून का पालन करने वाले नागरिकों के तौर पर रह रहे हैं. लोक अभियोजक अमित पटेल ने पत्रकारों को बताया था कि अदालत ने 38 दोषियों को फांसी, जबकि 11 अन्य को मौत होने तक उम्रकैद की सजा सुनायी है. अदालत ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) कानून (यूएपीए) के प्रावधानों और भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत 38 को मौत की सजा सुनायी, जबकि 11 अन्य को आपराधिक साजिश और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत मौत होने तक उम्रकैद की सजा सुनायी. अदालत ने 48 दोषियों में से प्रत्येक पर 2. 85 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और एक अन्य पर 2. 88 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. अदालत ने धमाकों में मारे गए लोगों के परिजन को एक-एक लाख रुपये तथा गंभीर रूप से घायलों में से प्रत्येक को 50-50 हजार रुपये तथा मामूली रूप से घायलों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया. यह खबर 'भाषा' न्यूज़ एजेंसी से 'ऑटो-फीड' द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
You Searched For "Russia Ukraine Conflict" Russia Ukraine War : यूक्रेन को जंग में मात देने के लिए खतरनाक योजना पर काम कर रहे हैं Vladimir Putin ! Ukraine-Russia War: 'ऑपरेशन गंगा' के बावजूद यूक्रेन में फंसे छात्रों और 'मोदी मीडिया' की बतकही में फर्क क्यों? Russia Ukraine Conflict : यूक्रेन में तबाही मचाने के लिए रूस कर सकता है सबसे घातक बम का इस्तेमाल, जानें ऐसा हुआ तो क्या होगा? Russia-Ukraine war भारत को कितना करेगा प्रभावित, क्या मोदी की विदेश नीति भारत को निकाल पाएगी संकट से बाहर!
रायपुर। Mahashivratri 2023: राजधानी में पहली बार महाशिवरात्रि पर 25 से अधिक जगहों से भोलेनाथ की बरात धूमधाम से निकाली गई। छत्तीसगढ़िया संस्कृति से ओतप्रोत लोक नृत्य के साथ निकाली गई बरात में भूत, प्रेत, नंदी, विष्णु, इंद्र, और नारद का रूप धारण किए श्रद्धालु आकर्षण का केंद्र रहे। ऐतिहासिक महादेवघाट में जलाभिषेक और दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। गली-मोहल्लों के छोटे-छोटे शिव मंदिरों में भी सुबह से रात तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मठपारा, भाठागांव, टिकरापारा, सिद्धार्थ चौक, कालीबाड़ी, कुशालपुर, पुरानी बस्ती, अश्विनी नगर, रायपुरा, सत्ती बाजार, फूल चौक, ब्राह्मणपारा, बढ़ईपारा, रामसागरपारा, गुढ़ियारी, रामनगर, पचपेड़ी नाका, पंडरी, मोतीबाग समेत अनेक इलाकों के शिव मंदिरों से बरात निकाली गई। महादेवघाट के हटकेश्वर महादेव मंदिर, बूढ़ापारा के बूढ़ेश्वर मंदिर, सरोना गांव के कछुआ वाले शिव मंदिर, मठपारा के नीलकंठेश्वर मंदिर समेत विविध मोहल्लों के शिव मंदिरों में ब्रह्म मुहूर्त से ही जलाभिषेक करने श्रद्धालु पहुंचे। आचार्यो ने विधिवत रुद्राभिषेक संपन्न कराया। बूढ़ेश्वर मंदिर में सुबह रामेश्वरम से लाई गई भस्म से शिवलिंग का अभिषेक किया गया। दोपहर बाद बारात में भूत, प्रेत, देवगणों का रूप धारण किए श्रद्धालु आकर्षण का केंद्र रहे। शाम को शिवलिंग का भांग, धतूरा, बेलपत्र, सुगंधित फूलों से मनमोहक श्रृंगार किया गया। खारुन नदी के उस पार स्थित 20 फीट ऊंची खारुणेश्वर महादेव की प्रतिमा का दर्शन करने के लिए कतार लगी रही। दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं ने नदी में नौकायन का भी आनंद उठाया। लक्ष्मण झूला होकर श्रद्धालु परिवार समेत गार्डन पहुंचे। इस दौरान बच्चों ने गार्डन में मनोरंजन किया। साथ ही युवक-युवतियों ने झूले से नदी के सौंदर्य को निहारा और सेल्फी खिंचाने होड़ लगी रही। शनि, सूर्य के अद्भुत संयोग में शिव मंदिरों में शिवलिंग का विशेष पूजन किया गया। नहरपारा स्थित नीलकंठेश्वर मंदिर में शिवलिंग का 108 औषधि एवं अष्टगंध से अभिषेक किया गया। इसके साथ ही शाम को 108 दीपों से महाआरती की गई। विविध मोहल्लों से निकाली भोलेनाथ की बरात में बरातियों का स्वागत ठंडाई और साबूदाने की खिचड़ी, फल वितरित कर किया गया। श्री राधा कृष्ण मंदिर समता कालोनी स्थित शिव मंदिर को फूलों से सजाया गया। पूजा में मंदिर समिति के अध्यक्ष घनश्याम पोद्दार सचिव रमाशंकर पांडे, सहसचिव प्रचार प्रसार प्रभारी सत्येंद्र अग्रवाल, कोषाध्यक्ष प्रकाश अग्रवाल के नेतृत्व में 51 लीटर दूध से शिवजी का अभिषेक किया गया। साथ ही श्रृंगार आरती एवं ठंडाई प्रसाद का वितरण किया। अखंड ब्राह्मण समाज सेवा समिति ने टिकरापारा धनगर मोहल्ला शिवशक्ति चौक स्थित शिव मंदिर में रुद्राभिषेक किया। प्रदेश अध्यक्ष योगेश तिवारी के नेतृत्व में रुद्राभिषेक शिवार्चन हवन के बाद भोग प्रसादी एवं श्रीरामचरित मानस का वितरण किया गया। पूजन में डा एस के शर्मा , सविता वीरेंद्र शर्मा, अवधेश धर दीवान , सुनीता तिवारी, उमा तिवारी, साधना शुक्ला, विनोद शर्मा आदि उपस्थित रहे। चौबे कालोनी स्थित महाराष्ट्र मंडल में रुद्राभिषेक में 50 जोड़ों ने अभिषेक किया। इसमें महिला मंडल ने मंत्रोच्चार संपन्ना करवाया। आयोजन में अध्यक्ष अजय काले, चेतन दंडवते, विशाखा तोपखानेवाले समेत अनेक सदस्य शामिल रहे।
जांच इन आरोपों की पृष्ठभूमि में की जाएगी कि सुरक्षा बलों ने खाने में जहरीली चीज मिला कर " बेकसूर ग्रामीणों " को मार डाला। नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं ने मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए कहा है कि दोनों ही मुठभेड़ों में एक भी जवान घायल नहीं हुआ। सीपीआई ( एमएल ) लिबरेशन ने मुठभेड़ों की न्यायिक जांच की मांग की है। प्रख्यात तेलुगू लेखक और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता वरवरा राव ने मुठभेड़ों की उच्चतम न्यायालय के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराने की मांग की है।
शायद, पहले आपको शब्दकोश में देखना चाहिए महान ज्ञानकोश इस शब्द को एक रूपक रूप में निष्पादित विवरण के रूप में व्याख्या करता है। अक्सर इसका काव्यात्मक आधार होता है लोक कला की यह शैली हमेशा उन लोगों की चतुराई का परीक्षण करने का उद्देश्य है जो इसे उजागर करती है। जो भी रहस्यः मशरूम, झाड़ियों या पेड़ों के बारे में, जानवरों, पक्षियों या फूलों, लोगों या उनके व्यवसायों के बारे में, यह हमेशा केवल वर्णन करता है कि क्या कल्पना की गई थी। यह एक प्रश्न में कभी नहीं लगता है। यदि पहेलियाँ बच्चों के लिए लिखी जाती हैं, तो वे वस्तु या घटना की अनूठी विशेषताओं पर जोर देते हैं। ऐसी परिस्थितियों में जहां यह संभव नहीं है, यह अन्य चीजों के साथ तुलना की जाती है। लंबे समय से लोगों ने लोगों के लिए पहेलियों का इस्तेमाल किया हैरचनात्मकता। परी-कथा के पात्रों को हमेशा एक स्थिति में स्वयं मिल जाता है जब उन्हें सरलता दिखाने की जरूरत होती है। जटिल कार्य का हल होने के बाद ही, वे लॉक किए गए दरवाजों में से गुजारें या क़ीमती चीज़ों को प्राप्त करने में कामयाब रहे। उनकी प्रभावशीलता दुनिया के सभी प्रमुख अध्यापकों द्वारा देखा जाता है पहेलियाँ इस्तेमाल करने के फायदों में नीचे सूचीबद्ध हैं। ठीक है, अगर उनका विषय एक ही हैकब्जे, जो अब टुकड़ों का ध्यान लेता है जब वह सड़क पर है, कारों, बसों और अन्य परिवहन के बारे में पहेली आ जाएगी जंगल के माध्यम से चलने के दौरान, मशरूम और जामुन के बारे में एक रहस्य होगा। नदी पर - मछली के बारे में, चिड़ियाघर में - विदेशी जंगली जानवरों के बारे में। ऐसा हुआ है कि पूर्वस्कूली बच्चों को अक्सर हल होता हैपहेली, और उनके साथ नहीं आया। और कोई भी जवाब देने के लिए कैसे खोदने के बारे में ठोस सुझाव देता है विशेषज्ञों के अनुभव से यह स्पष्ट हो गया कि सबसे बुद्धिमान बच्चे पहेलियों को हल करते हैं जैसे कि स्वयं द्वारा। कभी-कभी संभव उत्तर के माध्यम से खोज कर होता है यदि ऐसा गेम बच्चों के समूह में होता है, तो उनमें से ज्यादातर केवल बाह्य पर्यवेक्षकों को ही जवाब याद करते हैं। पहेली को सुलझाने से अधिकतम लाभ को पहेली के व्यक्तिगत समाधान में देखा जाएगा। ऐसी स्थिति में, बच्चा सक्रिय रूप से सभी मानसिक कार्यों में शामिल होगा। और क्या होगा यदि हम खुद को लिखने के लिए बच्चे को आमंत्रित करते हैंएक पहेली इसे पहले एक कविता न दें मुख्य बात यह है कि छिपे हुए ऑब्जेक्ट की एक महत्वपूर्ण विशेषता का एक प्रश्न और संकेत होना चाहिए। टुकड़ा उदासीन नहीं रहता है और ध्यान से श्रोता की प्रश्न-पहेलियों से भरा है। और समय के साथ, उनका कार्य अधिक सही हो जाएगा और जो लोग झुकाव चाहते हैं, कृपया गाया जाता है। 1. जंगल में एक बच्चा छुपा रहा है। वे उसके लिए खोज रहे हैं, लेकिन वह जवाब नहीं देता। 2. वन ऑडबॉल में केवल एक पैर है। वह एक टोपी पहना था, लेकिन नहीं करना चाहता था। उस पर एक लाल बालों वाली टोपी, और उनके पास जंगली चुड़ैलों की तरह एक नाम है। 5. वह छोटा है, पृथ्वी को नजरअंदाज कर दिया गया है।
खबर के अनुसार बिहार पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया है की जून से चरणवार तरीके से 68 हजार 360 पदों पर सीधी नियुक्ति होगी। जबकि सात हजार पद प्रमोशन के द्वारा भरे जाएंगे। आपको बता दें की इस भर्ती प्रक्रिया के तहत बिहार में 23 हजार 653 दारोगा की बहाली की जाएगी। जबकि 35 हजार 774 सिपाही के पद भरे जाएंगे। वहीं आठ हजार 927 ड्राइवर सिपाही के पदों पर भी बहाली की जाएगी। इसकी तैयारी चल रही हैं। मिली जानकारी के अनुसार बिहार पुलिस में इन पदों पर भर्ती को लेकर चयन पर्षद व आयोग को बहुत जल्द अधियाचना भेज दी जाएगी। इसके बाद चयन पर्षद के द्वारा विज्ञापन निकालकर भर्ती की प्रक्रिया को जून से शुरू कर दिया जायेगा।
NASA ने खोज निकाली एक और पृथ्वी, पानी और ऑक्सीजन भी है मौजूद! NASA discovered Earth like Planet: अरबपति एलोन मस्क चाहते हैं कि मानवता 2050 तक पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों में बसे, मंगल वर्तमान में उनके रडार पर है. दूसरी ओर, पर्यावरणविद् ग्लोबल वार्मिंग के बारे में लगातार चेतावनी दे रहे हैं और स्वच्छ ऊर्जा की वकालत कर रहे हैं और कार्बन उत्सर्जन में कमी कर रहे हैं, जबकि मनुष्यों से पृथ्वी के शोषण को सीमित करने के लिए भी कह रहे हैं. NASA discovered Earth like Planet: अरबपति एलोन मस्क चाहते हैं कि मानवता 2050 तक पृथ्वी जैसे अन्य ग्रहों में बसे, मंगल वर्तमान में उनके रडार पर है. दूसरी ओर, पर्यावरणविद् ग्लोबल वार्मिंग के बारे में लगातार चेतावनी दे रहे हैं और स्वच्छ ऊर्जा की वकालत कर रहे हैं और कार्बन उत्सर्जन में कमी कर रहे हैं, जबकि मनुष्यों से पृथ्वी के शोषण को सीमित करने के लिए भी कह रहे हैं. बढ़ता वैश्विक तापमान, पिघलती बर्फ, बढ़ता जल स्तर और जंगल की आग, एलोन के अलावा कई लोगों को आश्चर्यचकित कर रही है - "क्या 50 वर्षों में पृथ्वी पर जीवन कायम रहेगा?" हाल ही में एक 'रहने योग्य' क्षेत्र में एक ग्रह की खोज ने लोगों को वास्तव में चकित कर दिया है. आइए एक नज़र डालते हैं कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) अपनी खोज के बारे में क्या कह रहा है. नासा के वैज्ञानिकों ने हाल ही में घोषणा की है कि उन्हें एक ऐसा ग्रह मिला है जो पृथ्वी के आकार के लगभग समान (लगभग 95%) है और जिसकी सतह चट्टानी है. TOI 700e नाम का यह नया ग्रह अपने तारे के रहने योग्य क्षेत्र के भीतर परिक्रमा करता है, जो इसकी सतह पर पानी की उपस्थिति का भी संकेत देता है. नासा की एक रिपोर्ट के अनुसार इसकी सतह पर पानी मौजूद हो सकता है. रहने योग्य क्षेत्रों को गोल्डीलॉक्स ज़ोन के रूप में भी जाना जाता है, जहां जीवन के लिए परिस्थितियां ठीक हो सकती हैं - न तो बहुत गर्म और न ही बहुत ठंडी. इस बड़ी खोज से पहले नासा ने अन्य ग्रहों जैसे टीओआई 700 बी, टीओआई 700 सी और टीओआई 700 डी की खोज की थी. TOI 700e की तरह ही TOI 700d भी अपने स्टार के हैबिटेबल जोन के भीतर परिक्रमा करता है. टीईएसएस अवलोकनों के एक वर्ष के बाद यह पता चला कि ग्रह ई भी खोजा गया था, जो कि ग्रह डी से लगभग 10% छोटा है. अनुसंधान का नेतृत्व करते हुए, नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में पोस्टडॉक्टोरल फेलो एमिली गिल्बर्ट ने कहाः "यह उन कुछ प्रणालियों में से एक है जिनके बारे में हम जानते हैं कि कई, छोटे, रहने योग्य-क्षेत्र वाले ग्रह हैं." नासा के अनुसार, TOI 700 पृथ्वी से लगभग 100 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित एक छोटा ग्रह है. जैसा कि ग्रह को रहने योग्य बताया गया है और इसपर पानी की उपस्थिति हो सकती है, यह मानवता के लिए संभावित रूप से रहने योग्य ग्रह बन सकता है. नासा जल्द ही इस दुर्लभ ग्रह और इसके सौर मंडल के बारे में अतिरिक्त जानकारी उजागर कर सकता है. (एजेंसी इनपुट के साथ)
New Zealand: न्यूजीलैंड की टीम एक दशक बाद बांग्लादेश का दौरा करेगी। जहां दोनों टीमों के बीच 3 वनडे और 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी। New Zealand Tour of Bangladesh 2023: न्यूजीलैंड की टीम एक दशक बाद बांग्लादेश का दौरा करेगी। जहां दोनों टीमों के बीच 3 वनडे और 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेली जाएगी। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने गुरुवार को न्यूजीलैंड के लंबे समय से प्रतीक्षित दौरे का ऐलान किया, जिसमें वर्ल्ड कप 2023 से पहले तीन वनडे मैच शामिल हैं। इस दौरे के दूसरे चक्र में वनडे सीरीज के अलावा दो मैचों की टेस्ट श्रृंखला भी शामिल है, टेस्ट 2023-25 आईसीसी विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का हिस्सा हैं और नए चक्र में बांग्लादेश के लिए पहली डब्ल्यूटीसी श्रृंखला होगी। ये सीरीज नवंबर-दिसंबर में वर्ल्ड कप के बाद खेली जाएगी। ब्लैक कैप्स का दौरा 21 सितंबर को शुरू होने वाला है, जिसमें सभी तीन वनडे मैच मीरपुर में शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में खेले जाएंगे। जबकि, वर्ल्ड कप के बाद टेस्ट श्रृंखला नवंबर के अंत में शुरू होगी। दोनों टेस्ट के आयोजन स्थल की घोषणा बाद में की जाएगी। न्यूजीलैंड 14 सितंबर को बांग्लादेश पहुंचेगा और 21 सितंबर को पहला डे/नाइट वनडे खेलेगा, इसके बाद अगले दो मैच 23 और 26 सितंबर को होंगे। पहला टेस्ट 26 नवंबर से 2 दिसंबर तक खेला जाएगा, जबकि दूसरा 6-10 दिसंबर तक खेला जाएगा। 2019 विश्व कप फाइनलिस्ट न्यूजीलैंड अपने विश्व कप 2023 अभियान की शुरुआत 5 अक्टूबर को अहमदाबाद में मौजूदा चैंपियन इंग्लैंड के खिलाफ टूर्नामेंट के शुरुआती मैच में करेगा। बांग्लादेश वर्ल्ड कप यात्रा की शुरुआत 7 अक्टूबर को धर्मशाला में अफगानिस्तान के खिलाफ करेगा। न्यूजीलैंड इस समय संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के खिलाफ टी20 सीरीज के लिए दुबई में है।
भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री और पीडीपी के प्रमुख नेता मुज़फ्फर हुसैन बेग ने घोषणा की है कि वे शनिवार को मंत्रिपद से इस्तीफ़ा दे देंगे. एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद दिल्ली से श्रीनगर लौटते हैं, तो वे उन्हें अपना इस्तीफ़ा सौंप देंगे. बीबीसी संवाददाता के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री मुफ़्ती मोहम्मद सईद उनसे नाराज़ थे क्योंकि उन्होंने सरकार के आठ नए ज़िले बनाने के फ़ैसले का समर्थन किया था क्योंकि ये दोनो पार्टियों के साझा न्यूनतम कार्यक्रम का भाग था. लेकिन उन्होंने विस्तार से नहीं बताया कि सईद को इस पर क्या आपत्ति थी. बेग का कहना था कि वे गठबंधन सरकार को अस्थिर नहीं करना चाहते और पीपुल्स डेमौक्रैटिक पार्टी (पीडीपी) और कांग्रेस के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर जनता पर मध्यावधि चुनाव थोपना नहीं चाहते. पर्यवेक्षकों का मानना है कि भारत प्रशासित जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस-पीडीपी गठबंधन की सरकार के बीच हाल में जो तनाव पैदा हुए थे वे इस घोषणा के बाद घट जाएँगे. तनाव तब पैदा हुआ था जब पीडीपी ने सरकार में उपमुख्यमंत्री और अपनी पार्टी के विधायक दल के नेता मुज़फ्फर हुसैन बेग को विधायक दल के नेतृत्व से हटा दिया. पर्यवेक्षकों के अनुसार राजनीतिक हलकों में ये चर्चा है कि बेग का कांग्रेस के मुख्यमंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद की ओर झुकाव पीडीपी के नेतृत्व को रास नहीं आया. शुक्रवार को बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में बेग ने कहा था कि पीडीपी में कई कट्टरपंथी लोग हैं जो चाहते हैं कि गठबंधन सरकार में भी शामिल रहें और कांग्रेस के मुख्यमंत्री पर हमले भी करते रहें लेकिन वे इस नीति के हक़ में नहीं हैं. उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया था कि वे अकेले नहीं हैं और 19 विधायकों के संपर्क में हैं. 'कश्मीर पर कड़ा रुख़ छोड़ सकते हैं' 'शांति प्रक्रिया में प्रगति संतोषजनक' बीबीसी बाहरी वेबसाइट की विषय सामग्री के लिए ज़िम्मेदार नहीं है.
बिहार में तेजस्वी यादव ने बुधवार को कई जगह चुनावी सभा की. उन्होंने गोपालगंज के भोरे, हथुआ, जादोपुर, कुचायकोट और बरौली में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने जनता से अपने प्रत्याशियों के पक्ष में वोट की अपील की और विपक्ष पर जमकर हमला बोला. तेजस्वी यादव ने कहा कि अगली 10 तारीख को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विदाई तय है. पहला चरण का मतदान हो रहा है. हर जगह से जो हमें सूचना मिल रही है, वहां एकतरफा वोटिंग हो रही है. इस बार लोग बेरोजगारी, कारखाने, पलायन गरीबी आदि मुद्दे पर वोट डाल रहे हैं. तेजस्वी यादव ने अपने मामा साधु यादव का नाम लिए बिना कहा कि गोपालगंज विधानसभा क्षेत्र में बहुत सारी पार्टियां बना-बना कर गठबंधन बनाकर केवल वोटों का रुबादत करना चाहते हैं. हम किसी के बारे में नहीं कहेंगे और न नाम लेंगे. आप लोग होशियार हैं और स्वयं जानते हैं. किसके बारे में हम कह रहे हैं. हम इतना कहेंगे कि बंटना मत, एक रहना है. उसके बाद उन्होनें भोजपुरी में कहा कि हम अपना लोग से कहत बानी कि दातून के बदले पेड़ नहीं उखाड़ देना. कोई कितना भी हवा पानी दे उसके चक्कर में नहीं पड़ना है. इसके बाद जमकर लोगों ने ताली बजाई. उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो केवल चुनाव के मौसम में जागरूक नजर आते हैं. क्षेत्र का पता नहीं रहता है कि 15 दिन पहले कहां से चुनाव लड़ना है. बस केवल चुनाव लड़ना है, जो सच्चाई है वही आप लोगों के सामने रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम दूरबीन लगाए हुए हैं. हम तो सरकार बनाने जा रहे हैं. लेकिन ऐसे लोगों पर हमारी नजर है. हम लोग सब चीज पर ध्यान रखते हैं. हम लोग तो एक ही जिले के हैं. हमारा घर हथुआ विधानसभा में फुलवरिया और ननिहल सलारकला में है. उन्होंने भोरे में भाकपा माले, हथुआ में आरजेडी तथा कुचायकोट और गोपालगंज में कांग्रेस तथा बरौली में आरजेडी प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी सभा की. साथ ही लोगों से तीन तारीख को मतदान केन्द्र पर जाकर वोट देने की अपील की.
गुफा में खोज करती रेस्क्यू टीम (तस्वीर- एपी) उत्तरी थाईलैंड में गोताखोर उस बाढ़ग्रस्त गुफा के भीतर बढ़ रहे हैं, जहां 12 फुटबॉल खिलाड़ी और उनके कोच एक हफ्ते से फंसे हुए हैं. थाईलैंड की नौसेना सील ने एक फेसबुक पोस्ट में बताया कि पिछली रात को गोताखोर एक मोड़ पर पहुंच गए, जहां से एक किलोमीटर लंबा मार्ग दो दिशाओं में विभाजित होता है. 11 से 16 वर्ष की आयु के लड़के और उनके 25 वर्षीय कोच 23 जून को चिआंग राय प्रांत की थाम लुआंग नांग नोन गुफा में घुसे थे. ऐसा माना जा रहा है कि भारी बारिश से गुफा के मुख्य मार्ग में बाढ़ आ गई और फुटबॉल खिलाड़ी उसमें फंस गए. गोताखोरों को रस्सी व अतिरिक्त ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराए गए हैं और वे गुफा में एक जमीनी हिस्से की ओर बढ़ रहे है जहां ये 13 लोग बचे हो सकते हैं. .
UP B.Ed. Admission 2020: बीएड में कॉलेज 24 दिसंबर से कर सकेंगे सीधे दाखिले, पूल काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी। पूल काउंसलिंग में 9,341 अभ्यर्थियों को बीएड में सीटें आवंटित। राजधानी समेत प्रदेश के बीएड कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित पूल काउंसलिंग की प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई। इस 5 दिन चली प्रक्रिया में 9341 अभ्यर्थियों को कॉलेज आवंटित किए गए हैं। इसके बाद भी करीब 1,40,000 सीटें अभी खाली हैं। इन खाली सीटों पर अब कॉलेज के स्तर पर सीधे दाखिले के लिए जाएंगे। संयुक्त प्रवेश-परीक्षा बीएड-2020-22 की राज्य समन्वयक प्रो. अमिता बाजपेई ने बताया कि सीधे दाखिले की प्रक्रिया अब 24 दिसंबर से शुरू होगी। काउंसलिंग का यह अंतिम चक्र है। महाविद्यालय स्तर पर प्रवेश केवल बीएड काउंसलिंग पोर्टल के द्वारा ही किया जायेगा। काउंसलिंग के इस चक्र में केवल वैध स्टेट-रैंक धारक अभ्यर्थी ही सम्मिलित हो सकते हैं। इस काउंसलिंग में केवल वही अभ्यर्थी प्रतिभाग कर सकते हैं जिन्होंने मुख्य काउन्सलिंग में प्रतिभाग नहीं किया है अथवा मुख्य काउंसलिंग अथवा पूल काउंसलिंग में प्रतिभाग किया था, किन्तु उन्हें कोई सीट आवंटित नहीं हो सकी है। अभ्यर्थी को रुपये 750 मात्र का नॉन रिफंडेबल केवल ऑनलाइन मोड (नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड अथवा क्रेडिट कार्ड के माध्यम से) का काउंसलिंग शुल्क जमा करना होगा। महाविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट से अभ्यर्थी के विवरण को सत्यापित करेगा और नियमों के अनुसार अभ्यर्थी को सीधे प्रवेश देगा। शुल्क महाविद्यालय स्तर पर जमा किया जाएगा। लखनऊः संयुक्त प्रवेश-परीक्षा बीएड की पूल काउंसलिंग के सीट आवंटन का परिणाम घोषित कर दिया गया। पूल काउंसिलिंग के लिए कुल 9,960 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया था। जबकि 9,880 अभ्यर्थियों ने अपने विकल्प प्रस्तुत किये। इनमें से 9,341 अभ्यर्थियों को महाविद्यालयों में सीटें आवंटित की गईं। इनमें सामान्य श्रेणी की 9312 व आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग के 29 अभ्यर्थी हैं। लविवि की प्रो. अमिता बाजपेयी बताया कि 24 दिसंबर से महाविद्यालय स्तर से सीधे प्रवेश की प्रक्रिया शुरू होगी। इस अंतिम चरण में महाविद्यालय स्तर पर केवल पोर्टल के जरिये ही काउंसिलिंग की जा रही है। इसमें केवल वैध स्टेट-रैंक धारक अभ्यर्थी ही शामिल हो सकते हैं। इस काउंसलिंग में केवल वही अभ्यर्थी प्रतिभाग कर सकते हैं, जिन्होंने मुख्य काउंसिलिंग में प्रतिभाग नहीं किया है अथवा मुख्य काउंसिलिंग या पूल काउंसिलिंग में प्रतिभाग किया था, किन्तु उन्हें कोई सीट आवंटित नहीं हो सकी। अभ्यर्थी को 750 रुपये का नॉन रिफंडेबल केवल ऑनलाइन मोड (नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड अथवा क्रेडिट कार्ड के माध्यम से) का काउंसिलिंग शुल्क जमा करना होगा। महाविद्यालय लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाइट से अभ्यर्थी के विवरण को सत्यापित करेगा और नियमों के अनुसार अभ्यर्थी को सीधे प्रवेश देगा। शुल्क महाविद्यालय स्तर पर जमा किया जाएगा। UP B.Ed. Admission 2020: बीएड में कॉलेज 24 दिसंबर से कर सकेंगे सीधे दाखिले, पूल काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी, 9,341 अभ्यर्थियों को सीटें आवंटित Reviewed by प्राइमरी का मास्टर 2 on 7:11 AM Rating:
सोल। उत्तर कोरिया के ताजा मिसाइल परीक्षण के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़े तनाव के बाद अमेरिका के बमवर्षक विमानों ने कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर उड़ान भरी। अमेरिकी वायुसेना ने रविवार को कहा कि वायुसेना के 2 बी-1बी बमवर्षक विमानों ने कोरियाई प्रायद्वीप के ऊपर उड़ान भरी। ये उड़ानें उतर कोरिया के ताजा मिसाइल परीक्षण और 3 जुलाई को किए गए मिसाइल परीक्षण के जवाब में थीं। इससे पहले उत्तर कोरिया ने इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) का सफल परीक्षण का दावा करते हुए कहा था कि अब पूरा अमेरिका मिसाइल की जद में है। उत्तर कोरिया की सरकारी संवाद सामिति केसीएनए के मुताबिक इस मिसाइल का परीक्षण उत्तर कोरिया ने नेता किम जोंग उन की देखरेख में शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात में हुआ। परीक्षण के बाद अमेरिका को कड़ी चेतावनी देते हुए किम ने कहा कि अगर अमेरिका हम पर हमला करता है तो वह भी बर्बादी से नहीं बच सकता है। (वार्ता)
रोमन फोरम (फोरम रोमनम) एक बाजार के रूप में शुरू हुआ लेकिन सभी रोम का आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक केंद्र बन गया। माना जाता है कि एक जानबूझकर लैंडफिल परियोजना के परिणामस्वरूप बनाया गया है। मंच रोम के केंद्र में पैलेटिन और कैपिटलिन हिल्स के बीच खड़ा था। इस सिंहावलोकन के साथ, इमारतों के बारे में और जानें जो इस जगह में पाए जा सकते हैं। > "ऑर्बिन्स ऑफ़ द फोरम रोमनम," अल्बर्ट जे। अम्मरैन अमेरिकन जर्नल ऑफ़ आर्किओलॉजी (अक्टूबर, 1 99 0) द्वारा। किंवदंती का कहना है कि रोमुलस ने सबिन के खिलाफ रोमनों की लड़ाई के दौरान बृहस्पति को मंदिर बनाने की कसम खाई थी, लेकिन उन्होंने कभी शपथ नहीं पूरी की। 2 9 4 ईसा पूर्व में, एक ही दावेदार के बीच बाद की लड़ाई में, एम। एटिलियस रेगुलस ने भी इसी तरह की शपथ ली, लेकिन उसने इसे बाहर निकाला। बृहस्पति (स्टेटर) के मंदिर का स्थान निश्चित रूप से ज्ञात नहीं है। > संदर्भः लैकस कर्टियसः प्लेटनर की "एडीज जोविस स्टेटोरिस। " बेसिलिका जूलिया 56 ईसा पूर्व से शुरू होने वाले सीज़र के लिए एमिलियस पालुस द्वारा बनाया गया था, इसका समर्पण 10 साल बाद हुआ था, लेकिन यह अभी भी समाप्त नहीं हुआ था। अगस्तस ने इमारत समाप्त की; तो यह जला दिया। अगस्तस ने इसे पुनर्निर्मित किया और इसे 12 मई को समर्पित किया, इस बार गायस और लूसियस सीज़र को। फिर, समर्पण से पहले पूरा हो सकता है। लकड़ी की छत के साथ संगमरमर संरचना की आग और पुनर्निर्माण का एक अनुक्रम दोहराया गया था। बेसिलिका जूलिया की सभी तरफ सड़कों पर थी। इसका आयाम 101 मीटर लंबा 49 मीटर चौड़ा था। > संदर्भः लैकस कर्टियसः प्लेटनर की बेसिलिका जूलिया। हेर्थ देवी, वेस्ता, रोमन मंच में एक मंदिर था जिसमें उसकी पवित्र आग को वेस्टल विर्जिन द्वारा संरक्षित किया गया था, जो अगले दरवाजे पर रहते थे। आज के खंडहर मंदिर के कई पुनर्निर्माणों में से एक हैं, यह 1 9 1 9 में जूलिया डोम्ना द्वारा आया था। दौर, ठोस मंदिर व्यास में 46 इंच के गोलाकार पदार्थ पर खड़ा था और एक संकीर्ण पोर्टिको से घिरा हुआ था। स्तंभ एक साथ बंद थे, लेकिन उनके बीच की जगह एक स्क्रीन थी, जो वेस्ता मंदिर के प्राचीन चित्रों में दिखाया गया है। कहा जाता है कि जिस इमारत में राजा नुमा पोम्पीलीस रहते थे। यह गणतंत्र के दौरान पोंटिफेक्स मैक्सिमस का मुख्यालय था, और वेस्टा मंदिर के सीधे उत्तर-पश्चिम में स्थित था। गैलिक युद्धों के परिणामस्वरूप 148 ईसा पूर्व और 36 ईसा पूर्व में इसे जला दिया गया था और सफेद संगमरमर की इमारत का आकार ट्रैपेज़ॉयडल था। तीन कमरे थे। किंवदंती का कहना है कि इस मंदिर को 49 9 ईसा पूर्व में लेक रेजिलस की लड़ाई में तानाशाह औलुस पोस्टुमियस अल्बिनस द्वारा कथित तौर पर कथित किया गया था जब कास्टर और पोलक्स (दीओस्कुरी) दिखाई दिए थे। यह 484 में समर्पित था। 117 ईसा पूर्व में, इसे डालमेटियंस पर उनकी जीत के बाद एल। सेसिलियस मेटेलस डाल्मैटिकस द्वारा पुनर्निर्मित किया गया था। 73 ईसा पूर्व में, इसे गायस वेर्रेस द्वारा बहाल किया गया था। 14 ईसा पूर्व में एक निकाला गया जो इसे सोडियम को छोड़कर नष्ट कर दिया गया था, जिसका फ्रंट स्पीकर के प्लेटफॉर्म के रूप में इस्तेमाल किया गया था, इसलिए जल्द ही सम्राट तिबेरियस ने इसका पुनर्निर्माण किया। कास्टर और पोलक्स का मंदिर आधिकारिक तौर पर एड्स कास्टोरिस था। गणराज्य के दौरान, सीनेट वहां मिले। साम्राज्य के दौरान, यह एक खजाना के रूप में कार्य किया। > संदर्भः Tabularium राज्य अभिलेखागार भंडारण के लिए एक trapezoidal इमारत थी। Palazzo Senatorio इस तस्वीर में सुल्ला के Tabularium की साइट पर पृष्ठभूमि में है। यह मंदिर अपने फ्लावियन सम्राट वेस्पासियन को अपने बेटों तीतुस और डोमिनियन द्वारा सम्मानित करने के लिए बनाया गया था। इसे 33 मीटर की लंबाई और 22 की चौड़ाई के साथ "प्रोस्टाइल हेक्सास्टाइल" के रूप में वर्णित किया गया है। आधार पर तीन जीवित सफेद संगमरमर कॉलम, 15. 20 मीटर ऊंचे और 1. 57 व्यास हैं। इसे एक बार बृहस्पति टोनन का मंदिर कहा जाता था। सम्राट फोकस के सम्मान में 1 अगस्त, एडी 608 का निर्माण, फोकस का स्तंभ 44 फीट 7 इंच ऊंचा और 4 फीट 5 इंच व्यास है। यह कोरिंथियन राजधानी के साथ सफेद संगमरमर से बना था। प्लैटनर लिखते हैंः "इक्उस डोमिटियानीः जर्मनी [और दासिया] में अपने अभियान के सम्मान में 91 ईस्वी में फोरम में बने [सम्राट] डोमिनियन की कांस्य घुड़सवार प्रतिमा। " डोमिनियन की मृत्यु के बाद, डोमिनियन के सीनेट के "डमेटेटियो मेमोरी" के परिणामस्वरूप, घोड़े के सभी निशान गायब हो गए; फिर जिआकोमो बोनी ने पाया कि उन्होंने 1 9 02 में नींव के बारे में क्या सोचा था। इस क्षेत्र के स्तर पर बाद के कार्य ने मंच के विकास में अंतर्दृष्टि दी है। > संदर्भः - > "(रे) डोमिनियन के घोड़े की महिमा का पता लगानाः 'इक्वेस डोमिटियानी' और फ्लैवियन शहरी डिजाइन," माइकल एल थॉमस द्वारा; रोम में अमेरिकन एकेडमी के ज्ञापन (2004) फोरम में एक स्पीकर प्लेटफॉर्म, इसे रोस्ट्रा कहा जाता है क्योंकि इसे 338 ईसा पूर्व में एंटीमियम में उठाए गए जहाजों के प्रोव (रोस्ट्रा) से सजाया गया था। सेप्टिमियस सेवरस का विजयी कमान पार्थियनों पर सम्राट सेप्टिमियस सेवरस (और उनके बेटों) की जीत मनाने के लिए 203 में ट्रैवार्टिन, ईंट और संगमरमर से बना था। तीन मेहराब हैं। मध्य प्रवेश 12x7 मीटर है; साइड आर्कावे 7. 8x3 मीटर हैं। तरफ से (और दोनों तरफ) युद्ध से दृश्यों का वर्णन करने वाले बड़े राहत पैनल हैं। कुल मिलाकर, आर्क 23 मीटर ऊंचा, 25 मीटर चौड़ा, और 11. 85 मीटर गहरा है। > संदर्भः एक बेसिलिका एक इमारत थी जहां लोग कानून या व्यापार के मामलों के लिए मिले थे। एंटोनिनस पायस ने इस मंदिर को बेसिलिका एमिलिया के पूर्व में फोरम में बनाया, अपनी पत्नी को सम्मानित करने के लिए 141 में मृत्यु हो गई। जब 20 साल बाद एंटोनिनस पायस की मृत्यु हो गई, तो मंदिर उन दोनों को फिर से समर्पित कर दिया गया। यह मंदिर मिरांडा में एस लोरेंजो के चर्च में बदल गया था।
Dharmendra Unknown Facts: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र ने साल 1960 में आई फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से बॉलीवुड में कदम रखा था और महज 6 साल के अंदर वह बॉक्स ऑफिस के बादशाह बन गए थे. आज हम आपको धर्मेंद्र से जुड़ी एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं, जिसे जान आप भी हैरान रह जाएंगे. नई दिल्ली. धर्मेंद्र (Dharmendra) का नाम आज भी मशहूर अभिनेताओं की लिस्ट में शुमार है. वह पिछले 60 सालों से फिल्मों में काम करते आ रहे हैं और लगातार अपनी दमदार अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन करते आ रहे हैं. वह आखिरी बार साल 2018 में आई फिल्म 'यमला पगला दीवानः फिर से' में नजर आए थे. बता दें, धर्मेंद्र ने अपने बॉलीवुड डेब्यू के महज 6 साल के अंदर बॉक्स ऑफिस के बादशाह बन गए थे और साल 1966 में उन्होंने राजेंद्र कुमार, सुनील दत्त, शम्मी कपूर और मनोज कुमार जैसे दिग्गज अभिनेताओं को पीछे छोड़ दिया था. धर्मेंद्र ने 1966 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर दी थी. तो चलिए, आपको 1966 की टॉप-5 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों के बारे में बताते हैं. 1. फूल और पत्थर (Phool Aur Patthar): धर्मेंद्र की 'फूल और पत्थर' 1966 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी थी, जिसका निर्देशन और निर्माण ओपी रल्हन ने किया था और रल्हन ने अख्तर उल ईमान और अहसान रिजवी के साथ इसे लिखा था. इसमें धर्मेंद्र के साथ मीना कुमारी नजर आई थीं. धर्मेंद्र ने एक अपराधी की भूमिका निभाई थी. इस फिल्म ने धर्मेंद्र को हिंदी सिनेमा का स्टार बना दिया. फिल्म में शशिकला, ललिता पवार, मदन पुरी और इफ्तिखार भी अहम भूमिकाओं में थे. 2. सूरज (Suraj): फिल्म 'सूरज' 1966 की दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी, जो एस. कृष्णमूर्ति और टी गोविंदराजन द्वारा निर्मित और टी प्रकाश राव द्वारा निर्देशित थी. फिल्म में राजेंद्र कुमार और वैजयंतीमाला के साथ अजीत, मुमताज, जॉनी वॉकर, ललिता पवार, नीतू सिंह, गजानन जागीरदार, डेविड अब्राहम चेउलकर, आगा, मुकरी, मल्लिका और निरंजन शर्मा सहायक भूमिकाओं में थे. फिल्म का संगीत शंकर जयकिशन ने तैयार किया था, गीत शैलेन्द्र और हसरत जयपुरी ने लिखे थे. 3. मेरा साया (Mera Saaya): 'मेरा साया' राज खोसला द्वारा निर्देशित 1966 की तीसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी. संगीत मदन मोहन का था और गीत राजा मेहंदी अली खान का था. फिल्म में सुनील दत्त और साधना की जोड़ी को काफी पसंद किया गया था. 'एक मुसाफिर एक हसीना (1962)' और 'वो कौन थी (1964)' के बाद साधना के साथ निर्देशक राज खोसला की यह तीसरी फिल्म थी. यह मराठी फिल्म 'पथलाग' (द चेज) की रीमेक थी. 4. तीसरी मंजिल (Teesri Manzil): 'तीसरी मंजिल' 1966 की चौथी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी, जो विजय आनंद द्वारा निर्देशित और नासिर हुसैन द्वारा निर्मित थी. इसमें शम्मी कपूर और आशा पारेख के साथ-साथ लक्ष्मी छाया, प्रेमनाथ, प्रेम चोपड़ा, इफ्तिखार, हेलेन, केएन सिंह और सलीम खान ने अभिनय किया था. फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट रही थी. रिकॉर्ड बनाने वाले संगीत और गीतों के साथ, यह आरडी बर्मन के करियर की पहली सफलताओं में से एक थी. 5. लव इन टोक्यो (Love in Tokyo): जॉय मुखर्जी और आशा पारेख की 'लव इन टोक्यो' साल 1966 की पांचवीं सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म थी. यह एक रोमांटिक कॉमेडी फिल्म थी, जिसका निर्देशन और निर्माण प्रमोद चक्रवर्ती ने किया थी और रिलीज के साथ ही यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट साबित हुई थी. नई दिल्ली. धर्मेंद्र (Dharmendra) का नाम आज भी मशहूर अभिनेताओं की लिस्ट में शुमार है. वह पिछले 60 सालों से फिल्मों में काम करते आ रहे हैं और लगातार अपनी दमदार अभिनय से दर्शकों का मनोरंजन करते आ रहे हैं. वह आखिरी बार साल 2018 में आई फिल्म 'यमला पगला दीवानः फिर से' में नजर आए थे. बता दें, धर्मेंद्र ने अपने बॉलीवुड डेब्यू के महज 6 साल के अंदर बॉक्स ऑफिस के बादशाह बन गए थे और साल 1966 में उन्होंने राजेंद्र कुमार, सुनील दत्त, शम्मी कपूर और मनोज कुमार जैसे दिग्गज अभिनेताओं को पीछे छोड़ दिया था. धर्मेंद्र ने 1966 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बॉक्स ऑफिस पर दी थी. तो चलिए, आपको 1966 की टॉप-5 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों के बारे में बताते हैं.
Jasprit Bumrah (Photo Credit: Social Media) नई दिल्लीः Jasprit Bumrah Successful Surgery: देश होली के जश्न में डूबा हुआ है. इसी बीच टीम इंडिया के लिए भी एक खुशखबरी आई है. दरअसल, टीम इंडिया (Team India) के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की बैक सर्जरी सफल हो गई है. उनका यह सर्जरी न्यूजीलैंड में हुई है. अब बुमराह का इस सर्जरी के बाद मैदान पर वापसी करने में कम से कम 6 महीने का वक्त लग सकता है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि बुमराह इसी साल भारत में अक्टूबर-नवंबर में होने वाली वनडे वर्ल्ड कप (ODI World Cup 2023) में टीम इंडिया में वापसी कर सकते हैं. टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की सर्जरी जो कि न्यूजीलैंड में हुई है और वह सफल रही है. ऐसे में उनके वर्ल्ड कप 2023 में खेलने की संभावना बढ़ गई है. हालांकि बुमराह को मैदान पर वापस करने में अभी भी 6 महीने से ज्यादा का वक्त लग सकता है. बता दें कि बुमराह आईपीएल 2023 और जून में होने वाली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप से बाहर हो गए हैं. बुमराह को इंजरी से उबरने में लंबा वक्त लग सकता है. अभी यह कहा नहीं जा सकता कि बुमराह कितने समय में मैदान में वापसी कर सकते हैं, क्योंकि सर्जरी से रिकवरी की प्रक्रिया लंबी होती है . रिकवरी के बाद तेज गेंदबाज का रिहैबिलिटेशन शुरू होगा जिसमें तीन से 5 महीने का वक्त लग सकता है. ऐसे में बुमराह का वर्ल्ड कप तक पूरी तरह से फिट होना उनके लिए कठिन चुनौती होगी. आपको बता दें कि न्यूजीलैंड के उसी डॉक्टर ने जसप्रीत बुमराह की सर्जरी की है जिन्होंने इंग्लैंड के स्टार तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर का भी ट्रीटमेंट किया था. आर्चर से पहले वह कीवी दिग्गज शेन बॉन्ड के इंजरी में भी उनकी मदद कर चुके हैं.
दीमापुर पुलिस ने बताया है कि उपनगरीय पुलिस थाने की एक टीम ने पिमला ग्राम परिषद के सहयोग से एक मई को चार लोगों को वाहन चोरी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. एक प्रेस विज्ञप्ति में, दीमापुर पुलिस पीआरओ ने पकड़े गए बदमाशों की पहचान लाटोवी अवोमी के बेटे वीटो अवोमी (37), एनएससीएन (आई-एम) के "एसएस राजुपियो", विहोखे अवोमी के टोकाटो अवोमी (29) बेटे, किटोका अवोमी (35) के बेटे के रूप में की है। पिमला गांव के रहने वाले खाहेक्सू स्वू के पुत्र काशवी अवोमी और कुघाशे स्वू (30) हैं। पीआरओ ने कहा कि टीम ने उनके कब्जे से चोरी की तीन बाइक - सुपर स्प्लेंडर, एक्सपल्स 200 (एनएल07ईए 7555) और एक्सपल्स (एनएल07ईबी 5953) बरामद की है। टीम ने एक चार पहिया वाहन ऑल्टो 800 (एएस12पी 1424) भी बरामद किया, जिसका इस्तेमाल अपराध करने में किया गया था। आगे पीआरओ ने बताया कि जब्त वाहनों सहित सभी पकड़े गए आरोपियों को पुलिस स्टेशन लाया गया और सभी कानूनी औपचारिकताओं के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया. पीआरओ ने कहा कि कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है और जांच चल रही है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को देहरादून कलेक्ट्रेट स्थित रजिस्ट्रार ऑफिस का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने रजिस्ट्रार ऑफिस में संचालित जमीनों की रजिस्ट्री की प्रक्रियाओं एवं रिकॉर्ड रूम का अवलोकन कर जिलाधिकारी देहरादून को निर्देश दिये कि जमीन के दस्तावेजों में भविष्य में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो इसकी कारगर व्यवस्था बनाई जाए। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि भूमि के दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा करने वालों के विरूद्ध सख्त कारवाई की जाए, ताकि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति न हो। इसके लिए व्यवस्थाओं में जो भी सुधारात्मक कदम उठाये जाने हैं, वो उठाये जाएं। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी देहरादून को जिले में जमीनों के रिकॉर्ड की सुरक्षा के दृष्टिगत रजिस्ट्रार ऑफिस की सभी व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के निर्देश दिये और कार्यालय रिकार्ड के मेंटेन के लिए समुचित व्यवस्था बनाई जाए। उन्होंने कहा कि जमीनों के फर्जीवाड़ा की गहनता से जाँच की जाए और दोषियों पर इतनी सख्त कारवाई की जाए, कि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़ा करने की कोई सोच भी न सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कहीं भी जमीनों से संबंधित कोई भी फर्जीवाड़े की शिकायते आयेंगी तो उनकी जाँच कर दाषियों के विरूद्ध कारवाई की जायेगी। इस अवसर पर जिलाधिकारी देहरादून श्रीमती सोनिका एवं अपर सचिव मुख्यमंत्री श्री जगदीश चंद्र काण्डपाल भी उपस्थित थे।
नई दिल्ली - पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर 'रेन कोट पहन कर नहाने' की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी को लेकर कांग्रेसी सदस्यों ने गुरुवार को लोकसभा से वाकआउट किया। प्रधानमंत्री ने बुधवार को राज्यसभा में कहा था कि रेनकोट पहनकर बाथरूम में नहाने की कला श्री मनमोहन से सीखनी चाहिए। शून्य काल के दौरान कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे ने यह मामला उठाना चाहा, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने यह कहते हुए इसकी इजाजत नहीं दी कि राज्यसभा का मामला लोकसभा में नहीं उठाया जा सकता। यह सुनते ही कांग्रेसी सदस्य अपनी सीटों से खड़े हो गए और सदन के आसन के समीप पहुंच कर प्रधानमंत्री से अपना बयान वापस लेने की मांग करते हुए 'प्रधानमंत्री सदन में आओ', 'लोकतंत्र का अपमान नहीं सहेंग', 'तानाशाही बंद करो' जैसे नारे लगाने लगे। कांग्रेसी सदस्यों ने प्रधानमंत्री की इस टिप्पणी के खिलाफ गहरी आपत्ति जताते हुए जमकर नारेबाजी की। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों को शांत करने की अपील की और कहा कि जो कुछ कहा जा रहा है वह रिकार्ड में नहीं जाएगा, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेसी सदस्य शांत नहीं हुए और थोड़ी देर बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत सभी सदस्य सदन से वाकआउट कर गए। नई दिल्ली - संसद के बजट सत्र का पहला चरण गुरुवार को पूरा हो गया और इसके साथ ही दोनों सदनों की कार्यवाही नौ मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई। बजट सत्र का दूसरा चरण नौ मार्च से शुरू होगा और 12 अप्रैल तक चलेगा। यह सत्र 31 जनवरी को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ था। इस सत्र में लोकसभा की सात बैठकें तथा राज्यसभा की आठ बैठकें हुईं। सांसद ई अहमद के निधन के कारण लोकसभा की कार्यवाही दो फरवरी को स्थगित रखी गई थी। यह बजट सत्र इस दृष्टि से अलग है कि इसे परंपरा से हटकर पहले आयोजित किया गया और रेल बजट को आम बजट में समाहित किया गया। सत्र के दौरान बजट पर दो दिन चर्चा हुई और गुरुवार को आखिरी दिन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसका जवाब दिया। इसके बाद अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही नौ मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित करने के साथ ही श्रमिकों को वेतन का भुगतान चेक या खाते में हस्तांतरण करने से संबंधित विधेयक पारित किया गया।
Jammu Kashmir Budget 2021-22 नैफेड के तहत बागवानी उत्पादों की खरीदारी के लिए निवेश पर भी ध्यान दिया गया है। नैफेड के सहयोग से अगले पांच वर्षों में सेब अखरोट चेरी विदेशी सब्जी और अन्य बागवानी उत्पादों की पैदावार बढ़ाने के लिए 1700 करोड़ का निवेश किया जाएगा। जम्मू, राज्य ब्यूरोः जम्मू-कश्मीर को कृषि और बागवानी क्षेत्र में केंद्र सरकार ने दोनों हाथों से धन दिया है ताकि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी की जा सके। इसके लिए केंद्र ने 2008 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया है। गत वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार 695 करोड़ रुपये अधिक मिले थे। जम्मू-कश्मीर के बजट में बड़ी बात यह है कि नैफेड के तहत बागवानी उत्पादों की खरीदारी के लिए निवेश पर भी ध्यान दिया गया है। नैफेड के सहयोग से अगले पांच वर्षों में सेब, अखरोट, चेरी, विदेशी सब्जी और अन्य बागवानी उत्पादों की पैदावार बढ़ाने के लिए 1700 करोड़ का निवेश किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में तीन कोल्ड स्टोर बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये रखे गए हैं। ये कोल्ड स्टोर जम्मू संभाग के कठुआ समेत उत्तरी और दक्षिणी कश्मीर में बनाए जाएंगे। इससे किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। इसके लिए योजनाएं बनाई गई हैं। बजट में 5500 हेक्टेयर भूमि पर उच्च घनत्व पर फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे किसानों की आमदनी तीन से चार गुना बढ़ाने में मदद मिलेगी। अगले वित्तीय वर्ष में ही 120 हेक्टेयर भूमि पर उच्च घनत्व पौधारोपण का विस्तार किया जाएगा। - बागवानी और फसल प्रबंधन के लिए ग्रामीण युवाओं को कौशल विकास किया जाएगा। रोजगार के अवसर मुहैया कराए जाएंगे। - भंडारण की क्षमता चार लाख टन करने के लिए अतिरिक्त सब्सिडी के लिए 74. 55 करोड़ रुपये रखे गए हैं। - साढ़े सात लाख किसानों को 15. 50 करोड़ रुपये से एक लाख क्विंटल बीज वितरित किया जाएगा। - सिंचाई सुविधा के लिए 91. 27 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इससे ढाई हजार पंप सेट, 720 कुएं और नहरों का निर्माण किया जाएगा। इससे 25 हजार किसान लाभान्वित होंगे और 87750 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। - 30,000 हजार किसानों को 65. 81 करोड़ रुपये से कृषि उपकरण दिए जाएंगे। - एक करोड़ की लागत से दो मंडियां बनेंगी। इसका फायदा 25 हजार किसानों को मिलेगा। - 26 करोड़ खर्च कर 35 हजार किसान प्रशिक्षित किए जाएंगे। - कृषि विश्वविद्यालयों में जर्मप्लाज्म उत्पादन के लिए ढाई करोड़ मिले हैं। - पौने एक करोड़ से सात सौ हेक्टेयर भूमि पर शहतूत की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा। - अगले वित्तीय वर्ष में . 30 लाख टन सूखे फल और 22 लाख टन ताजे फलों को निर्यात करने का लक्ष्य रखा गया है। जम्मू-कश्मीर में पशु, भेड़ एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने इसके बजट में काफी बढ़ोतरी की है। इस बार इस क्षेत्र में 338 करोड़ रुपये मिले हैं। पिछले साल से यह रकम 36 करोड़ अधिक है। भारी भरकम बजट बढ़ाने के पीछे सरकार की मंशा इस क्षेत्र में अगले साल दो हजार लोगों को सीधे रोजगार देना है। ये रोजगार इस क्षेत्र के अन्य रोजगारों से अलग होंगे। इसके लिए दो हजार इकाइयों की स्थापना की जाएगी। इनमें 27500 भेड़-बकरियों को लाया जाएगा। इससे पांच लाख किलोग्राम मांस का अतिरिक्त उत्पादन हो सकेगा। प्रति पशु चमड़े का उत्पादन भी 18 किलोग्राम से बढ़ाकर 21 किलोग्राम किया जाएगा। ऊन का उत्पादन भी दो से बढ़कर ढाई किलोग्राम प्रति पशु हो सकेगा। बजट में दुग्ध उत्पादन पर भी जोर दिया गया है। दूध उत्पादन के लिए 20 हजार मवेशियों को शामिल किया जाएगा। समेकित डेयरी विकास योजना को जम्मू कश्मीर में पूरी क्षमता के साथ क्रियान्वित किया जाएगा। इससे रोजगार की नई संभावना निकलेगी।
श्रीभगवानुवाच। प्रजहाति यदा कामान्सर्वान्पार्थ मनोगतान्। श्रीभगवान्-उवाच-परमात्मा श्रीकृष्ण ने कहा; प्रजहाति-परित्याग करता है; यदा-जब; कामान्-स्वार्थयुक्त; सर्वान् सभी; पार्थ-पृथापुत्र, अर्जुन; मनः-गतान्-मन की; आत्मनि-आत्मा की; एव-केवल; आत्मना-शुद्ध मन से; तुष्टः-सन्तुष्ट, स्थितप्रज्ञः-स्थिर बुद्धि युक्त; तदा-उस समय, तब; उच्यत-कहा जाता है। BG 2.55: परम प्रभु श्रीकृष्ण कहते हैंः हे पार्थ! जब कोई मनुष्य स्वार्थयुक्त कामनाओं और मन को दूषित करने वाली इन्द्रिय तृप्ति से संबंधित कामनाओं का परित्याग कर देता है और आत्मज्ञान को अनुभव कर संतुष्ट हो जाता है तब ऐसे मानव को दिव्य चेतना में स्थित कहा जा सकता है। इस श्लोक से श्रीकृष्ण अर्जुन के प्रश्नों का उत्तर देना आरम्भ करते हैं और अध्याय के अंत तक निरन्तर उत्तर देते रहते हैं। सभी अंश स्वाभाविक रूप से अपने अंशी की ओर आकर्षित होते हैं। पत्थर गुरुत्वाकर्षण की शक्ति के कारण पृथ्वी पर गिरता है। हमारी आत्मा भगवान का अंश है जो परमानन्द स्वरूप हैं। चूंकि आत्मा अनन्त सुखों के सागर भगवान का अंश है इसलिए वह स्वाभाविक रूप से आनन्द प्राप्त करना चाहती है। जब यह भगवान से आत्मानंद का रस लेने का प्रयास करती है तब इसे 'दिव्य प्रेम' कहते हैं। किन्तु जब अपनी आध्यात्मिक प्रकृति की अज्ञानता के कारण वह स्वंय को शरीर मान लेती है और संसार से प्राप्त होने वाले शरीर के सुखों का भोग करना चाहती है, तब उसे तृष्णा कहते हैं। धार्मिक ग्रंथों में संसार को मृगतृष्णा कहा गया है जिसका अर्थ हिरण द्वारा देखा जाने वाला 'मृग जल' है। रेगिस्तान की गर्म रेत पर जब सूर्य की किरणों का प्रतिबिम्ब दिखाई देता है और उससे हिरण को जल का भ्रम हो जाता है। वह समझता है कि रेत के ऊपर जल है और अपनी प्यास बुझाने के लिए उस ओर दौड़ता है। किन्तु वह जितना अधिक जल की ओर भागता है, वह मृगजल वहाँ से विलुप्त होकर उसे और आगे दिखाई देता है। हिरण अपनी मंदबुद्धि के कारण यह नहीं जान पाता कि वह भ्रम के पीछे भाग रहा है। अभागा हिरण मृगजल का पीछा करते हुए भागता रहता है और रेगिस्तान की तपती रेत पर थककर मर जाता है। इसी प्रकार प्राकृत शक्ति माया भी सुख का भ्रम उत्पन्न करती है और हम अपनी इन्द्रियों की तृप्ति की आशा में झूठे सुखों के पीछे भागते रहते हैं। हम चाहे कितना भी प्रयत्न क्यों न करें सुख हमारे हाथ नहीं आता और हमसे दूर हो जाता है। गरुड़ पुराण में निम्न प्रकार से उल्लेख किया गया हैः चक्रधरोऽपि सुरत्वं सुरत्वलाभे सकलसुरपतित्वम्। भवितुं सुरपतिरूवंगतित्वं तथापि न निवर्तते तृष्णा।। "एक राजा अखिल विश्व का सम्राट बनना चाहता है। सम्राट स्वर्ग का देवता बनना चाहता है और स्वर्ग का देवता स्वर्ग के राजा इन्द्र का पद पाना चाहता है तथा इन्द्र सृष्टि के दूसरे सृजनकर्ता ब्रह्म का पद चाहता है" फिर भी भौतिक सुखों की भूख समाप्त नहीं होती। लेकिन जब कोई अपने मन को भौतिक लालसाओं और विषय भोगों से हटाना सीख लेता है तब ऐसा मनुष्य आत्मा के आंतरिक सुख की अनुभूति करता है और लोकातीत होकर सिद्धावस्था प्राप्त करता है। कठोपनिषद् में इस विषय पर और अधिक बढ़-चढ़कर यह वर्णन किया गया है-अपनी "कामनाओं का परित्याग करने वाला मनुष्य भगवान के समान हो जाता है" यदा सर्वे प्रमुच्यन्ते कामा येऽस्य हृदि श्रिताः। अथ मोऽमृतो भवत्यत्र ब्रह्म समश्नुते ।। "जब कोई अपने मन से समस्त स्वार्थयुक्त कामनाओं का उन्मूलन करता है, तब सांसारिक बंधनों से जकड़ी जीवात्मा जन्म और मृत्यु के बंधन से मुक्त हो जाती है और भगवान के समान सदगुणी हो जाती है।" श्रीकृष्ण उपर्युक्त श्लोक में कहते हैं कि लोकातीत अवस्था में स्थित मनुष्य वह है जिसने अपनी कामनाओं और इन्द्रिय तृप्ति का त्याग कर दिया है और जो आत्म संतुष्ट रहता है।
Kia Seltos भारत में लॉन्च हो गई है। भारत में यह Kia Motors की पहली SUV है। इसमें बेहतर राइडिंग अनुभव के लिए Normal, Eco और Sports जैसे तीन ड्राइविंग मोड्स दिए गए हैं। भारतीय बाजार में Kia Seltos का Hyundai Creta से कड़ा मुकाबला है। आज हम आपको इन दोनों ही SUVs के स्पेसिफिकेशन्स और कीमत के बारे में बताने जा रहे हैं। इसके अलावा उन फीचर्स के बारे में भी जानेंगे जो इन SUV को सबसे खास और अलग बनाते हैं। डालते हैं एक नजर, - Kia Seltos भारत में तीन इंजन के साथ लॉन्च की गई है। इनमें, 1. 5-लीटर का पेट्रोल इंजन 115 PS पावर और 144 Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। वहीं, 1. 5-लीटर का VGT डीजल इंजन 115 PS पावर और 250 Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। जबकि, 1. 4-लीटर का Turbo GDI पेट्रोल इंजन 140 PS पावर और 242 Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। - Hyundai Creta में 1. 6-लीटर का डीजल इंजन दिया गया है, जो 4000 आरपीएम पर 128PS की मैक्सिमम पावर और 1500 से 3000 आरपीएम पर 260Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। इस कार में 1. 6-लीटर पेट्रोल इंजन और 1. 4-लीटर का डीजल इंजन भी विकल्प में मिलता है। - Kia Seltos में 6-स्पीड मैनुअल ट्रांसमिशन तीनों ही इंजन में स्टैंडर्ड दिया गया है। वहीं, अगर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन की बात करें तो 1. 5-लीटर पेट्रोल में IVT, 1. 5-लीटर VGT डीजल में 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन और 1. 4-लीटर Turbo GDI पेट्रोल में 7-स्पीड DCT दिया गया है। - Hyundai Creta में 6-स्पीड ऑटोमैटिक और 6-स्पीड मैन्युअल ट्रांसमिशन का विकल्प मिलता है। - Kia Seltos की लंबाई 4315 मिलीमीटर, चौड़ाई 1620 मिलीमीटर और ऊंचाई 1800 मिलीमीटर है। इसका व्हीलबेस 2610 मिलीमीटर है। - Hyundai Creta की लंबाई 4270 मिलीमीटर, चौड़ाई 1780 मिलीमीटर और ऊंचाई 1665 मिलीमीटर है। इसका व्हीलबेस 2590 मिलीमीटर है। जबकि, ग्राउंड क्लियरेंस 190 मिलीमीटर है। - Kia Seltos के फ्रंट में डिस्क ब्रेक दिया है। वहीं, इसके रियर में ड्रम और ब्रेक दोनों का विकल्प मिलता है। - Hyundai Creta के फ्रंट में डिस्क और रियर में ड्रम ब्रेक दिया गया है। - Kia Seltos के फ्रंट में क्वाइल स्प्रिंग के साथ McPherson Strut और रियर में क्वाइल स्प्रिंग के साथ कपल्ड Torsion Beam Axle दिया है। - Hyundai Creta के फ्रंट में क्वाइल स्प्रिंग के साथ Macpherson Strut सस्पेंशन और रियर में क्वाइल स्प्रिंग के साथ Couple Torsion Beam Axle दिया गया है। - Kia Seltos की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 9. 69 लाख रुपये है, जो 15. 99 लाख रुपये तक जाती है। - Hyundai Creta की शुरुआती दिल्ली-एक्स शोरूम कीमत 10 लाख रुपये से लेकर 15. 65 लाख रुपये तक जाती है।
विरुपक्षप्पा के अफसर बेटे प्रशांत को घूस लेते पकड़े जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था और उसे ऐंटी करप्शन कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। फिलहाल विधायक की भूमिका की जांच हो रही है। बेटे के 40 लाख रुपये की घूस लेते हुए पकड़े जाने पर कर्नाटक के भाजपा विधायक एम. विरुपक्षप्पा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लोकायुक्त की ऐंटी करप्शन विंग के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में भाजपा विधायक को पहला आरोपी बनाया गया है। विरुपक्षप्पा के अफसर बेटे प्रशांत को घूस लेते पकड़े जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था और उसे ऐंटी करप्शन कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। घूसकांड के बाद उसके घर पर भी रेड मारी गई थी, जिसमें 6 करोड़ रुपये कैश मिला है। इसके अलावा दफ्तर से भी 1. 7 करोड़ रुपये की रकम बरामद की गई थी। चुनावी साल में भाजपा के लिए भी यह केस मुश्किल बढ़ाने वाला है। दावणगेरे जिले की चन्नागिरी विधानसभा सीट से विधायक एम. विरुपक्षप्पा राज्य की सरकारी कंपनी कर्नाटक सोप्स ऐंड डिटर्जेंट्स लिमिटेड के चेयरमैन भी हैं। इसी कंपनी के दफ्तर में उनके बेटे को घूस लेते हुए अरेस्ट किया गया था। इस घूसकांड के चर्चा में आने के बाद ही विरुपक्षप्पा ने शुक्रवार सुबह ही केएसडीएल के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका बेटा बेंगलुरु जल बोर्ज में चीफ अकाउंटेंट के तौर पर काम करता है। विरुपक्षप्पा ने चेयरमैन पद से इस्तीफा तो दे दिया है, लेकिन उन्होंने अपने परिवार के खिलाफ साजिश होने की बात भी कही है। सीएम बोम्मई को लिखे खत में विरुपक्षप्पा ने कहा, 'मेरे परिवार के खिलाफ कोई साजिश हुई है। मैं नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे रहा हूं क्योंकि मेरे ऊपर यह आरोप लगे हैं। ' गुरुवार को कर्नाटक लोकायुक्त के अधिकारियों ने विरुपक्षप्पा के बेटे को केएसडीएल के दफ्तर में 40 लाख रुपये की घूस एक कॉन्ट्रैक्टर से लेते हुए अरेस्ट किया था। लोकायुक्त के अधिकारियों ने कहा कि प्रशांत के ऑफिस से तीन बैग भी पाए गए, जिसमें 1. 70 करोड़ रुपये की रकम बरामद की गई है। लोकायुक्त का कहना है कि सोप और डिटर्जेंट मैन्युफैक्चरिंग के लिए जरूरी कच्चे माल की सप्लाई करने वाले कॉन्ट्रैक्टर से 81 लाख रुपये घूस की डील हुई थी। उसी के तहत 40 लाख रुपये की पेमेंट की जा रही थी, जिस दौरान प्रशांत को अरेस्ट कर लिया गया। इस मामले में 4 और लोगों को पकड़ा गया है और उन्हें भी 14 दिन की हिरासत पर भेज दिया गया है। लोकायुक्त बीएस पाटिल ने कहा कि इस मामले में सरकार की ओर से कोई दबाव नहीं है। स्वतंत्र रूप से कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि केस दर्ज कर लिया गया है। भाजपा विधायक की भूमिका की भी जांच हो रही है।
मेरठ (यूपी)। एसटीएफ ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूरी कर रहे एजेंट मो. एजाज उर्फ मो. कलाम को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उसे मेरठ कैंट स्टेशन के बाहर से गिरफ्तार किया गया। उसे ट्रेनिंग देने के बाद आईएसआई ने बांग्लादेश के रास्ते भारत में एंट्री दिलाई थी। आरोपी के पास से इंडियन आर्मी के कुछ खुफिया दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, आरोपी यह जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजता था। एजाज उर्फ मोहम्मद कलाम दिसंबर 2014 से बरेली के शाहबाद इलाके में आधार कार्ड बनवाकर किराए के मकान में रह रहा था। उसके पास से देश के कई अहम सैन्य ठिकानों व सैन्य अभ्यासों से जुड़ी सूचनाएं, नक्शे, पाकिस्तान की आईडी व अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। इसने अपना आधार कार्ड भी बनवा लिया था। वह दिखावे के तौर पर बरेली में वीडियोग्राफी और वीडियो मिक्सिंग का काम करता है। वह पाकिस्तान के इस्लामाबाद के इरफानाबाद का रहने वाला है। आईजी सुजीत पांडेय ने बताया कि इस एजेंट ने मिराज विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग और अत्याधुनिक विमान सुखोई के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां आईएसआई को दी हैं। वह सेना से संबंधित जानकारियां इकट्ठी करने मेरठ गया था। नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में चोरी की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां के जंगपुरा इलाके में स्थित शोरूम को चोरों ने निशाना बनाया। दीवार काटकर चोर शोरूम में दाखिल हुए। यहां से सोना, हीरा और जेवरात चोरी करके फरार हो गए। सीसीटीवी की मदद से चोरों की तलाश की जा रही है। जंगपुरा के ज्वेलरी शोरूम में चोरों ने सेंध लगाकर वारदात को अंजाम दे दिया। चोरों ने छत काटकर करीब 25 करोड़ रुपये के जेवरात चोरी कर लिए। जानकारी के अनुसार, दिल्ली के जंगपुरा भोगल इलाके में स्थित शोरूम को चोरों ने निशाना बनाया। दीवार काटकर चोर शोरूम में दाखिल हुए। यहां से 20-25 करोड़ रुपए के सोना, हीरा और जेवरात चोरी करके फरार हो गए। सीसीटीवी की मदद से चोरों की तलाश की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी मुख्यालय में आज (मई 17, 2019) एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान अमित शाह ने दावा किया कि देश में एक बार फिर से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि बीजेपी 300 से ज्यादा सीटें जीतेगी और केंद्र में एनडीए की सरकार बनेगी। इसके साथ ही अमित शाह ने दावा किया कि 2014 में जिन 120 सीटों पर उनकी पार्टी नहीं जीती थी, उनमें से 80 सीटों पर इस बार जीत होगी। उन्होंने कहा कि इस बार पार्टी इन 80 सीटों पर पूरी मजबूती से लड़ी है। अमित शाह ने कहा कि लोगों के जीवन स्तर को उठाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने सराहनीय प्रयास किए और इसमें बड़ी सफलता पाई है। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रयोग को दुनिया ने भी स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि मोदी सरकार ने 133 नई योजनाएँ लागू की और उसे जमीनी स्तर तक पहुँचाने का प्रयास किया। किसानों, दलितों , आदिवासियों और महिलाओं के लिए नई योजनाएँ लाई गईं और इन वर्गों के भीतर आत्मविश्वास जगा है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जनता ने नई सरकार बनना तय कर लिया है। पाँच साल बाद एक बार फिर से पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनकर आएगी। पीएम ने कहा कि काफी लंबे अरसे बाद ऐसा होगा, जब देश में लगातार दूसरी बार कोई पूर्ण बहुमत वाली सरकार आएगी। उन्होंने कहा कि देशवासियों ने पाँच साल में जो उन्हें आशीर्वाद दिया है, वो उसके लिए धन्यवाद देने के लिए आए हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2014 में आईपीएल बाहर कराना पड़ा था। मगर इस बार ऐसा नहीं है। जब सरकार सक्षम होता है, तो देश में रमजान भी होता है, आईपील भी चलता है और बच्चों का एग्जाम भी होता है। वहीं, राजनीति के स्तर को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि भाजपा की ओर से कभी भी राजनीति को गंदा करने का काम नहीं किया गया। उन्होंने पूछा कि ममता बनर्जी के राज बंगाल में ही क्यों हिंसा होती है? मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए अमित शाह ने कहा कि उन्हें ममता से ज़्यादा दुःख मीडिया की चुप्पी पर है जो भाजपा के 80 कार्यकर्ताओं की हत्या पर भी ममता से सवाल नहीं पूछते। कहीं और हिंसा क्यों नहीं हो रही है? पिछले चुनाव में हमारे पर 9 करोड़ कार्यकर्ता थे, अब 11 करोड़ हैं। राफेल के सवाल पर अमित शाह ने कहा कि अगर राहुल गाँधी के पास पुख्ता सबूत थे, तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं दिए? राहुल को सभी तथ्यों को सुप्रीम कोर्ट के सामने पेश करना चाहिए था। इस पर पीएम ही जवाब दें, ये जरूरी नहीं है। कॉन्ग्रेस पर भी कई आरोप लगे हैं, तो क्या उन्होंने जवाब दिया? इसके साथ ही उन्होंने साध्वी प्रज्ञा को उम्मीदवार बनाने जाने पर कहा कि यह भगवा आतंकवाद की मुहिम चलाने वालों के खिलाफ एक सत्याग्रह है।
Bahragora : बहरागोड़ा बाजार में बुधवार को विधायक समीर महंती ने दिवंगत गुरुचरण मुर्मू स्मृति भवन निर्माण का शिलान्यास नारियल फोड़कर किया. गुरुचरण मुर्मू झारखंड आंदोलनकारी और बहरागोड़ा प्रखंड में झामुमो के प्रथम प्रखंड अध्यक्ष थे. विधायक ने पुरनापानी पंचायत के रंगामाटिया गांव में पंडित रघुनाथ मुर्मू की मूर्ति पर छतरी व ग्रिल निर्माण का शिलान्यास भी नारियल फोड़कर किया. इस अवसर पर झामुमो प्रखंड अध्यक्ष असित मिश्रा, आदित्य प्रधान, ललित मांडी, गुरुचरण मांडी, नव कुंवर, रासबिहारी साव, आशीष गिरी, लाल मोहन मुर्मू, सुमित माईति, माझी बाबा टेम्पा चरण टुडू, बाघराय किस्कू, कुंवर लाल मांडी, विधान बेसरा, कालीचरण बेसरा, शरत चन्द्र मुर्मू समेत झामुमो के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे.
आगरा में परचून दुकानदार सहित उसकी पत्नी और इकलौते बेटे की हत्या कर दी गई। सोमवार की सुबह तीनों के शव जली अवस्था में घर के अंदर मिले। घटना थाना एत्माद्दौला के नगला किशनलाल की है। मृतकों में रामवीर, उनकी पत्नी मीरा और 22 वर्षीय इकलौता बेटा बबलू हैं।
मां 'काली' (Kaali) के विवादित पोस्टर पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (MEA Spokesperson Arindam Bagchi) ने कनाडा को दो टूक जवाब दिया और सरकार ने फिल्म दिखाने पर सख्त रूख अपनाया है। मां 'काली' (Kaali) के विवादित पोस्टर पर गुरुवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (MEA Spokesperson Arindam Bagchi) ने कनाडा को दो टूक जवाब दिया और सरकार ने फिल्म दिखाने पर सख्त रूख अपनाया है। बागची ने कहा कि कनाडा के ओटावा में हमारे उच्चायोग ने इस पर बयान दिया है। उनके बयान के बाद कार्यक्रम के आयोजकों ने भी बयान जारी कर अपनी ओर से माफी मांग ली है। समचारा एजेंसी एएनआई के मुताबिक, अरिंदम बागची ने कहा कि मुझे लगता है कि इसे अब वहां प्रदर्शित नहीं किया जा रहा है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज होने पर उन्होंने कहा कि यह घरेलू मामला है। इसका विदेश नीति से कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय उच्चायोग ने मामला सामने आने के बाद एक बयान जारी कर कहा था कि हम कनाडा के अधिकारियों और कार्यक्रम के आयोजकों से इस तरह की भड़काऊ सामग्री को वापस लेने का आग्रह करते हैं। उन्होंने कहा था कि हमें कनाडा में हिंदू समुदाय के नेताओं से लघु फिल्म के पोस्टर में हिंदू देवी के अपमान की एक शिकायत मिली है। जिसे टोरंटो के आगा खान म्यूजियम में दिकाया गया था। बता दें कि टोरंटो की रहने वाली भारतीय फिल्म निर्माता लीना मणिमेकलाई (Leena Manimekalai) की एक डॉक्यूमेंट्री के पोस्टर को शेयर किया और जिसमें हिंदू देवी मां काली धूम्रपान करते हुए और एलजीबीटीक्यू समुदाय का झंडा अपने हाथ में लिए हुए दिखाई दे रही हैं। इस पोस्टर के सामने आने के बाद मणिमेकलाई पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा था। गौ महासभा ने कहा कि उन्होंने मणिमेकलाई के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं टीएमसी सांसद ने भी मां काली के इस पोस्टर को लेकर विवादित बयान दिया, जिसके बाद उनकी भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
यहां आपको ऐसे ही 5 टॉप रेटेड रेडमी स्मार्टफोन की लिस्ट दी जा रही है। इन्हें आप 20 हजार से भी कम कीमत में ले सकते हैं। Redmi 10 Prime : Redmi 9 Activ : Redmi Note 10S : Redmi Note 11T 5G : Redmi 9A : नोट : Mobile Store पर विजिट करने के लिए यहां क्लिक करें। Disclaimer : NBT के पत्रकारों ने इस आर्टिकल को नहीं लिखा है। आर्टिकल लिखे जाने तक ये प्रोडक्ट्स Amazon पर उपलब्ध हैं।
भोपालः मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने सड़क पर दुर्घटनाओं की वजह बन रहे एक डंपर के कई दिनों के पश्चात् भी न हटाए जाने पर अपनी नाराजगी खुले तौर पर व्यक्त की। इतना ही नहीं थाने में भी जा धमके तथा पूरे स्टॉफ को निलंबित, बर्खास्त करने के साथ उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का फरमान भी सुना गए। दरअसल, घटना इंदौर से हरदा के सड़क मार्ग पर पड़ने वाले सतवास थाना इलाके की है। पटेल हरदा लौट रहे थे, तभी ग्रामीणों ने उन्हें रोककर पिछले कई दिनों से एक डंपर के सड़क पर खड़े होने की शिकायत की। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने बताया कि इस डंपर के चलते कई दुर्घटनाएं भी हो चुकी हैं। मंत्री पटेल को जब ग्रामीणों ने घेरा तो वे अपने वाहन से उतर तथा वास्तविकता जानी। फिर क्या था मंत्री पटेल ने पहले सड़क पर खड़े डंपर का अपने फ़ोन से वीडियो बनाया तथा सीधे थाने जा पहुंचे। उन्होंने यहा थाना प्रभारी से लेकर तमाम कर्मचारियों को जमकर खरीखोटी सुनाई तथा कहा कि आप लोग सरकार की छवि को धूमिल करने में लगे हैं। मंत्री पटेल इतने गुस्से में थे कि उन्होंने थाना प्रभारी समेत पूरे थाने के स्टॉफ को निलंबित, बर्खास्त करने के साथ FIR तक दर्ज कराने का फरमान सुना दिया। राहुल गांधी को सजा सुनाने वाले जज समेत 68 न्यायमूर्तियों के प्रमोशन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, जानिए क्यों ?
जबलपुर,संदीप कुमार। जबलपुर (jabalpur) के अधारताल में रहने वाली मुमताज बेगम की 8 साल की बच्ची का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है। बच्ची का आधार कार्ड बनवाने के लिए मुमताज बीते 4 माह से यहां वहां भटक रही है। बावजूद उसके परेशानी का हल नहीं हुआ। थक हार कर आज मुमताज जबलपुर कलेक्टर के पास अपनी समस्या लेकर पहुंची। उन्होंने बताया कि उसकी बच्ची का क्लास टू में एडमिशन होना है लेकिन स्कूल संचालक आधार कार्ड मांग रहे हैं। कलेक्टर को मुमताज ने बताया कि कई मर्तबा वह आधार कार्ड बनवाने गई लेकिन बायोमेट्रिक मशीन में बच्ची के हाथ की रेखाएं नहीं आ रही हैं जिसके चलते आधार कार्ड नहीं बन रहा है। मुमताज ने बताया कि स्कूल में एडमिशन होने में भी परेशानी आ रही है। बच्ची की मां की शिकायत सुनने के बाद कलेक्टर ने स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि तुरंत ही बच्ची का एडमिशन किया जाए। इसके अलावा ई गवर्नेंस विभाग को भी कलेक्टर ने कहा है कि बच्ची का आधार कार्ड बनवाने में उनकी मदद करें। गौरतलब है कि मुमताज अधारताल की रहने वाली है और जबलपुर को-एजुकेशन स्कूल में बच्चे का एडमिशन सिर्फ इसलिए नहीं हो रहा है कि बच्ची का आधार कार्ड नहीं बन पा रहा है।
मुनक्का के फायदे : मुनक्का को अंग्रेजी में Raisin के नाम से जाना जाता हैं. अंगूर को सुखाकर मुनक्का बनाया जाता है. इसका स्वाद मीठा होता हैं. मुनक्का का सेवन स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं. आपको बता दें कि इसकी तासीर ठंडी होती हैं और इसको खाने से बिमारियों से निजात मिलती हैं. इसका रंग दो तरह का होता हैं - एक लाल रंग की मुनका और दूसरा काला रंग. मुनक्का (Munakka) को खाने से खून में बढ़ौतरी होती हैं. मुनक्का के फायदे (munakka ke fayde) सेहत, त्वचा और बालों के साथ जुड़े हुए हैं. इसमें बहुत से पौष्टिक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं. इसमें कैल्शियम की मात्रा बहुत होती हैं जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करने में मददगार हैं. मुनक्का खाने के फायदे बहुत से बिमारियों को दूर करने में लाभकारी होते हैं. मुनका (Munakka) का दूध के साथ सेवन करना बहुत ही फायदेमंद होता हैं. जो लोग दूध नहीं पीते हैं वह सुबह उठ कर रोजाना 4 -5 मुनक्के का सेवन किया करें. हम आपको मुनक्का के औषधीय गुण के बारे में बताएंगे आइये जानते हैं मुनक्का खाने के फायदे : मुनक्का के फायदे हड्डियों के लिए गुणकारी होते हैं. कैल्शियम से हड्डियां स्वस्थ बनी रहती हैं. मुनक्का में अधिक मात्रा में कैल्शियम पाया जाता हैं. इसलिए जिन लोगों के शरीर में कैल्शियम की कमी होती हैं वह रोजाना 5 से 7 मुनक्का खाया करें. इसमें कैल्शियम के साथ साथ बोरोन तत्व पाया जाता हैं जो हड्डियों को मजबूती प्रदान करता हैं. मुनक्का (Munakka) सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है. मुनका हमारी यादाश्त बढ़ाने में भी बहुत मददगार होता है. यदि किसी व्यक्ति को भुलने की बीमारी होने लगे या चीजे याद न रहने लगे तो मुनक्का का सेवन करने से फायदा मिलता है. यदि नियमित रूप से मुनक्का का सेवन किया जाए तो यादास्त तेज़ होती है. मुनक्का खाने के फायदे (munakka ke fayde) एसिडिटी की समस्या को दूर करने में फायदेमंद होते हैं. आजकल के समय में पेट में गैस होना एक आम समस्या बन गयी हैं. ऐसे में मुनक्के का सेवन करना सही माना जाता हैं. अगर पेट ठीक नहीं रहता हैं तो हमें त्वचा, बालों और दिल से संबंधित रोग घेर लेते हैं. इसमें पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होता हैं जो पेट के गैस की समस्या से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं. आप रोजाना भीगे हुए मुनक्के का सेवन किया करें. आज के युवा में सिर दर्द की समस्या बहुत आम हो गयी हैं. सिर दर्द को दूर करने के लिए मुनक्का खाने के फायदे बहुत ही असरदार होते हैं. इस दर्द को दूर करने के लिए आप 10 मुनक्का (Munakka) लें उसके बाद 10 ग्राम मिश्री और 10 ग्राम मुलेठी लें और पीस लें. उसके बाद आप इसको अच्छे से मिक्स कर लें. अब जब भी आपको सिर में दर्द हो तो आप इस चूर्ण का सेवन किया करें. बालों को स्वस्थ बनाने के लिए मुनक्के का सेवन करना बेहद ज़रूरी होता हैं. आयरन की कमी होने पर बाल बेजान और रूखे हो जाते हैं. मुनका में आयरन बहुत मात्रा में होता हैं इसलिए आप मुनक्का (Munakka) का सेवन अवश्य किया करें. आयरन के साथ साथ इसने विटामिन सी भी होता हैं जो बालों को चमकदार बनाने में गुणकारी साबित होता हैं. मुनक्के का नियमित रूप से सेवन करने से बालों से रुसी खत्म हो जाती हैं और बाल मुलायम बन जाते हैं. (यह भी पढ़ें : बालों को मजबूत बनाए) मुनक्का के फायदे किडनी और लिवर के लिए बहुत अधिक होते है. यदि आप कुछ मुनक्का के दाने पानी में भिगो कर सुबह खली पेट इसका सेवन करे तो आपकी किडनी और लिवर लम्बे समय तक सुरक्षित रहता है, और लिवर सारी गंदगी साफ़ हो जाती है. मुनक्का के फायदे (munakka ke fayde) दिल को स्वस्थ रखने में फायदेमंद होते हैं. मुनक्के में पोटैशियम बहुत मात्रा में होता हैं जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में ज़रूरी होता हैं. इसके सेवन से ह्रदय रोगो से आराम भी मिलता हैं. दिल को स्वस्थ रखने के लिए आप एक गिलास दूध में कुछ दाने मुनक्के के डाल लें और एक चम्मच घी का डाल दें अब उस दूध का सेवन किया करें. ऐसा करने से ह्रदय रोग दूर होता हैं. मुनक्का खाने के फायदे वज़न बढ़ाने में मददगार होते हैं. मुनक्का में फ्रुक्टोज़ और ग्लूकोस होता हैं जो शरीर को एनर्जी देने में महत्वपूर्ण होता हैं. इसका सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल को बिना बढ़ाए वजन में बढ़ोतरी कर सकते हैं. वज़न बढ़ाने के लिए आप कुछ मुनक्के को दूध में उबाल लें और इस दूध का सेवन सुबह शाम किया करें. कुछ समय में आपका वजन बढ़ने लग जाएगा. मुनक्का के औषधीय गुण बच्चो के लिए बहुत अधिक होते है. मुनका बच्चो में विटमिन से होने वाली कमियों को दूर करता है. और बच्चो में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ता है, और बीमारियों को दूर करने में सहायक साबित होता है. बच्चो को रोज भिगो कर मुनक्का खिलाने से बच्चा सेहतमंद और तदरूस्त होता है. जिन लोगो को नींद न आने की समस्या होती है, उनके लिए मुनक्का (Munakka) रामबाण साबित होता है. मुनक्का में पोषक तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाए जाता है. रोज सुबह और शाम 5 मुनक्का भिगो कर खाने से आपको नींद न आने की समस्या दूर हो जाती है. मुनक्का में पोषक तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है. (यह भी पढ़ें : अच्छी नींद पाने के घेरलू उपाय) मुनक्का के फायदे एनीमिया की समस्या को दूर करने में गुणकारी होते हैं. मुनका (Munakka) में आयरन और विटामिन बी भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं. आयरन एनीमिया की बीमारी से लड़ने में काम आता हैं और विटामिन बी शरीर में खून बनाने में आवश्यक होता हैं. रात को सोते समय आप 10 - 12 मुनक्के को पानी में भिगोकर रख लें और सुबह उठ कर आप मुनक्के के बीजों को निकल कर इसका सेवन करें. ऐसा करने से शरीर में खून बढ़ता हैं. मुनक्का के पौष्टिक तत्व (Munakka Nutritional value in Hindi) मुनक्का के पौष्टिक तत्व बहुत अधिक मात्रा में पाए जाते है. इसके पौष्टिक तत्वों के कारण ही मुनक्का का बहुत अधिक सेवन किया जाता है. लोग अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए मुनक्का का सेवन करते है. मुनका में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की सूचि निम्न लखित हैः इस लेख में हमने आपको मुनका (munakka ke fayde) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों से अवगत करवाया हैं. हम आशा करते हैं कि आप अपने जीवन में इसका प्रयोग जरूर करेंगे. और इससे मिलने वाले लाभों से आप अपने शरीर को फायदा पहुचेगे.
पहले से ही अनुबंध हैं, रूसी संघ के रक्षा मंत्रालय से आदेश, रूसी संघ के एफएसबी, रूसी गार्ड और आंतरिक मामलों के मंत्रालय। अगले साल से, बड़े पैमाने पर उत्पादन पहले से ही आयोजित किया जाएगा। यह ध्यान दिया जाता है कि एक ही 2018 में, सैनिकों को एडीएफ की आपूर्ति का आयोजन किया जाएगा। एलेक्सी सोरोकिनः एडीएफ आपको भूमि पर और पानी के नीचे आग लगाने की अनुमति देता है। एक अलग वातावरण में शूट करने के लिए, आपको कम से कम जोड़तोड़ की आवश्यकता होती है। यह ज्ञात है कि ए -91 एम को एडीएस के लिए आधार के रूप में लिया गया था। इस मामले में, एडीएस एपीएस (स्वचालित पानी के नीचे विशेष) के प्रतिस्थापन के रूप में बनाया गया है। ADS का लेआउट बुलपप प्रारूप में प्रस्तुत किया गया है। शूटिंग मोड ("पानी" और "वायु") को बदलते समय, तीर को गोला-बारूद को बदलने की आवश्यकता नहीं होती है, यह बस एक शूटिंग मोड से दूसरे में स्विच करने के लिए पर्याप्त है। यह इस सरल हेरफेर के बारे में था जिसे एलेक्सी सोरोकिन ने घोषित किया था। भूमि पर शूटिंग के लिए, एक ग्रेनेड लांचर के साथ एक पूरा सेट प्रदान किया जाता है। 2011 वर्ष से वीडियोः
यूजर्स के लिए बड़ी खबर है। कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं को दी जाने वाली एक फ्री सर्विस को बंद कर दिया है। अब इस सर्विस के लिए भुगतान करना पड़ेगा। दिल्लीः एयरटेल यूजर्स के लिए बड़ी खबर है। कंपनी ने अपने उपभोक्ताओं को दी जाने वाली एक फ्री सर्विस को बंद कर दिया है। कंपनी द्वारा किये गये इस बदलाव से एयरटेल यूजर्स को अब फ्री में मिल रही इस सर्विस के लिए भुगतान करना पड़ेगा। बता दें कि एयरटेल ब्रॉडबैंड के साथ कंपनी यूजर्स को 3 महीने तक के लिए Netflix का फ्री सब्क्रिप्शन देती है, जिसका उपभोक्ता अब फ्री में लाभ नहीं ले सकेंगे। दरअसल, एयरटेल के Xstream Fibre यानी एयरटेल ब्रॉडबैंड के साथ कंपनी यूजर्स को 3 महीने तक के लिए Netflix का फ्री सब्क्रिप्शन देती है, लेकिन अब Airtel Xstream प्लान में बदलाव किया गया है। इस बदलाव के तहत अब उपभोक्ताओं को Netflix की फ्री सब्क्रिप्शन नहीं मिलेगी, हालांकि अभी भी एयरटेल ब्रॉडबैंड प्लान के साथ यूजर Amazon Prime की फ्री सब्सक्रिप्शन हासिल कर सकेंगे। बता दें कि Amazon Prime की सब्सक्रिप्शन एक साल तक के लिए है। इसके लिए Amazon Prime के यूजर्स को सालाना सब्सक्रिप्शन के लिए 999 रुपये देने होते हैं। जानकारी के मुताबिक, एयरटेल ने Netflix के ऑफर को कुछ हफ्ते पहले खत्म कर दिया है। गौरतलब है कि लगभग एक साल से Airtel और Netflix के बीच पार्टनरशिप रही है और इसके तहत उपभोक्ताओं को तीन महीने तक के लिए Netflix की सब्सक्रिप्शन दी जाती रही है। अब ये करार खत्म हुआ है, जिसके चलते एयरटेल ब्रॉडबैंड कस्टमर्स को ये सुविधा नहीं मिल सकेगी। ऐसे में अगर आपके पास भी एयरटेल का ब्रॉडबैंड प्लान है तो तीन महीने तक आपको Netflix की सब्सक्रिप्शन मिलती रहेगी, लेकिन नए रिचार्ज के साथ आपको ये बेनिफिट नहीं मिलेगा। इसके अलावा ACT Fibernet ब्रॉडबैंड की बात करें तो ये कंपनी अब भी अपने चुनिंदा प्लान्स के साथ Netflix की सब्सक्रिप्शन देती है। हालांकि ये पूरी तरह से नहीं है, कंपनी बिल के साथ Netflix की सब्सक्रिप्शन के लिए आपको कैशबैक देती है।
शतावरी (Shatavari), जिसे "Asparagus racemosus" के रूप में भी जाना जाता है, एक जड़ी-बूटी है जिसका उपयोग आमतौर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा में प्रजनन प्रणाली का समर्थन करने के लिए किया जाता है, विशेष रूप से महिलाओं में। ऐसा माना जाता है कि इसके कई प्रकार के स्वास्थ्य लाभ हैं। 1. मेनोपॉज़ में सहायक (Menopausal support) शतावरी को गर्म चमक और अन्य रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने में मदद करने के लिए माना जाता है, जिससे यह जीवन के इस चरण से गुजर रही महिलाओं के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन जाता है। 2. प्रजनन स्वास्थ्य (Reproductive health) शतावरी का उपयोग अक्सर प्रजनन क्षमता का समर्थन करने और महिलाओं में प्रजनन स्वास्थ्य में सुधार के लिए किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने, पीएमएस के लक्षणों को कम करने और गर्भावस्था के परिणामों में सुधार करने में मदद करता है। 3. तनाव से राहत दिलाए (Stress relief) माना जाता है कि शतावरी का मन और शरीर पर शांत प्रभाव पड़ता है, जिससे यह तनाव और चिंता के प्रबंधन के लिए एक उपयोगी जड़ी बूटी बन जाती है। 4. हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा (Heart health) कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके और रक्तचाप में सुधार करके शतावरी का हृदय स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। 5. पाचन में सहायता करे (Digestive Support) माना जाता है कि शतावरी का पाचन तंत्र पर सुखदायक प्रभाव पड़ता है, जिससे अपच और एसिड रिफ्लक्स के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। यह भी माना जाता है कि भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार होता है। 6. इम्यून सिस्टम में सहायक (Immune system support) माना जाता है कि शतावरी में प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जो इसे समग्र स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती में मदद करने के लिए एक उपयोगी जड़ी-बूटी बनाती है। 7. एंटीऑक्सीडेंट गुण (Antioxidant properties) शतावरी एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध स्रोत है, जो ऐसे पदार्थ हैं जो शरीर को मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। मुक्त कण अस्थिर अणु होते हैं जो कैंसर और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों के विकास में योगदान कर सकते हैं। 8. त्वचा का स्वास्थ्य (Skin health) माना जाता है कि शतावरी में एंटी-एजिंग गुण होते हैं और यह त्वचा की बनावट में सुधार करने में मदद कर सकती है। यह भी माना जाता है कि घावों और जलने पर उपचार प्रभाव पड़ता है। जबकि शतावरी को आम तौर पर सुरक्षित माना जाता है, कोई भी नया पूरक शुरू करने से पहले स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से बात करना हमेशा एक अच्छा विचार होता है, खासकर यदि आप गर्भवती हैं या पहले से कोई चिकित्सीय स्थिति है। किसी भी पूरक के साथ, अनुशंसित खुराक के निर्देशों का पालन करना और अनुशंसित दैनिक सेवन से अधिक नहीं होना महत्वपूर्ण है। कुल मिलाकर शतावरी संभावित स्वास्थ्य लाभों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ एक शक्तिशाली जड़ी बूटी है। जबकि इसके प्रभावों को पूरी तरह से समझने के लिए अधिक शोध की आवश्यकता है, इसका आयुर्वेदिक चिकित्सा में उपयोग का एक लंबा इतिहास है और माना जाता है कि यह प्रजनन स्वास्थ्य का समर्थन करता है, तनाव कम करता है, हृदय स्वास्थ्य में सुधार करता है, और अन्य संभावित लाभों के बीच प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करता है। अस्वीकरणः सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
आने वाले दिनों में एटीएम (ATM) धारकों को बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। जानकारी के मुताबिक एटीएम से पांच हजार रुपये से ज्यादा की पैसे निकालने पर आपको एडिशनल चार्जस देने पड़ सकते है। ये चार्जस आपके पांच ट्रांजैक्शन में शामिल नहीं होगे। आपको बता दें, एटीएम (ATM) से एक बार में पांच हजार से ज्यादा की राशि निकालने पर एटीएम धारकों को 24 रुपये तक का एडिसनल चार्ज देना पड़ सकता हैं। एक महीनें में एटीएम से पांच मुफ्त ट्रांजैक्शन किए जा सकते है, जिसके बाद अगर उसी महीने में छठा ट्रांजैक्शन किया गया तो उसके लिए एटीएम 20 रूपये का चार्ज काटे गा। बताया जा रहा है कि, भारतीय रिजर्व बैंक की एटीएम शुल्क की समीक्षा के लिए गठित की गई समिति ने यह निर्णय लिया है। इसके आधार पर बैंक आठ साल बाद एटीएम शुल्क में बड़े बदलाव करते हुए कहा है कि दस लाख से कम आबादी वाले शहरों में एटीएम से लेन-देन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश के नोएडा के थाना सेक्टर-39 क्षेत्र के सेक्टर 44 के जी ब्लॉक में स्थित एक मकान में काम करते समय एक प्लंबर सीढ़ियों से नीचे गिर गया जिससे उसकी मौत हो गयी । पुलिस ने इसकी जानकारी दी । पुलिस ने बताया कि उसकी पहचान हसीकेश नायक (57) के रूप में की गयी है। उन्होंने बताया कि नायक को घायल अवस्था में उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
RANCHI: मेयर ने कहा कि अगर ख्ब् घंटे में सफाई व्यवस्था दुरुस्त नहीं की जाती है, तो सुपरवाइजर का पेमेंट रोक दिया जाए। उन्होंने एमएसडब्ल्यू के सीनियर मैनेजर ओम किशोर को ख्ब् घंटे के अंदर सिटी में सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने को कहा। ऐसा नहीं करने पर एजेंसी पर कार्रवाई करने का निर्देश उन्होंने नगर आयुक्त को दिया है। कचहरी चौक से लेकर कांटाटोली, खादगढ़ा, बहू बाजार से समाहरणालय तक इंस्पेक्शन किया। इस दौरान उनके साथ नगर आयुक्त डॉ। शांतनु कुमार अग्रहरि, एएमसी दिव्यांशु झा, असिस्टेंट हेल्थ आफिसर डॉ। किरण के अलावा पार्षद कुलभूषण डुंगडुंग, नाजिमा रजा, स्टोर इंचार्ज ओमकार पांडेय, सिटी मैनेजर अंबुज सिंह समेत इंफोर्समेंट टीम मौजूद थी। इंस्पेक्शन के दौरान होटल लैंडमार्क के सामने पड़े बिल्िडग मैटेरियल देख उन्होंने तत्काल हटवाने का निर्देश दिया। और ऐसा नहीं करने पर फाइन काटने को कहा गया। वहीं, पैन्टालून के सामने कचड़ा देख सुपरवाइजर को सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया। रोड किनारे ठेला-खोमचा, फूल दुकान वालों को अपनी दुकान के पास डस्टबिन रखने का नगर आयुक्त ने निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई रोड पर कचरा फेंकते पाया जाता है तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा अगर बिल्डिंग मैटेरियल पाई जाती है तो उनसे जुर्माना वसूला जाएगा। मेयर ने असिस्टेंट हेल्थ आफिसर को सफाई की हर दिन मानिटरिंग करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि दिवाली और छठ को देखते हुआ राजधानी के लोग भी सफाई में सहयोग करें। वहीं नगर आयुक्त ने सफाई की मानिटरिंग के लिए अलग टास्क फोर्स गठित करने की बात कही।
पटनाः बिहार में तंबाकू बंद किये जाने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि प्रदेश में खैनी पर प्रतिबंध लगाए जाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. बिहार सरकार, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर खैनी को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (एफएसएसए), 2006 के अंतर्गत लाने के लिए कहने की योजना की खबर वसे बिहार में बवाल मच गया था. तंबाकू के शुद्ध रूप, खैनी की खपत पर प्रतिबंध लगाने के लिए उठाया जाने वाला ये कदम हर किसी को नागवार गुजरा था और किसानो में इसे लेकर खासा आक्रोश है. मंत्री पांडेय ने कहा, 'खैनी को एफएसएसए के अंतर्गत लाने की बिहार सरकार की कोई योजना नहीं है और इसके लिए केंद्र सरकार को किसी तरह का पत्र भी नहीं लिखा गया है. प्रदेश के लोग धीरे-धीरे तंबाकू उत्पादों और खैनी के घातक असर को लेकर जागरुक हो रहे हैं. मुझे विश्वास है कि आने वाले वर्षों में इसके उपयोग में कमी आएगी. ' उन्होंने कहा, 'मुंह के कैंसर से बचने के लिए खैनी और अन्य तंबाकू के उत्पादों का उपयोग नहीं करना चाहिए. कैंसर के 40 फीसदी मामले तंबाकू और खैनी से जुड़े हुए हैं. लेकिन पिछले 6 सालों में खैनी सहित अन्य तंबाकू उत्पादों में 54 फीसदी की कमी आई है. ' इससे पहले स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार ने कहा, 'कानून कहता है कि तम्बाकू या निकोटीन से जुड़े किन्हीं खाद्य पदार्थों के उत्पादन की अनुमति नहीं दी जा सकती. खैनी शुद्ध तम्बाकू है. अगर केंद्र सिफारिश स्वीकार करता है, तो खैनी को एफएसएसए के तहत विनियमित किया जाएगा. ' जिसके बाद 21 मई को, स्वास्थ्य विभाग ने एक वर्ष के लिए गुटखा और पान मसाला (तंबाकू और निकोटीन के साथ) के निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया था.
Bihar Politics: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव पर अमल करते हुए उन्होंने पटना में 12 जून को विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई है। Bihar Politics: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए इन दिनों विपक्षी एकजुटता की मुहिम जोरों पर चल रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों के बीच एकजुटता के लिए खासी सक्रियता दिखा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सुझाव पर अमल करते हुए उन्होंने पटना में 12 जून को विपक्षी नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई है। इस बैठक में पूर्व कांग्रेस की ओर से स्पष्ट किया गया है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी दोनों इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। हालांकि इस बैठक में कांग्रेस की ओर से किसी दूसरे प्रतिनिधि को भेजा जा सकता है। कांग्रेस का यह कदम नीतीश कुमार के लिए बड़े झटके की तरह माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में मिली शानदार जीत के बाद पार्टी के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। पार्टी प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी की दावेदारी को एक बार फिर मजबूती से पेश करने की तैयारी में है। इसी कारण कांग्रेस विपक्ष की एकजुटता के लिए जल्दबाजी न दिखाने की नीति पर चलने लगी है। नीतीश कुमार ने पिछले दिनों विपक्ष के कई बड़े नेताओं के साथ भाजपा के खिलाफ एकजुटता पर चर्चा की थी। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे,पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से मुलाकात करके भाजपा के खिलाफ एकजुटता पर जोर दिया था। नीतीश कुमार का मानना है कि यदि विपक्षी दल एकजुट हो जाएं तो 2024 के चुनाव में भाजपा को सत्ता में आने से रोका जा सकता है। नीतीश कुमार का कहना है कि इसके लिए विपक्ष की ओर से एक सीट पर एक साझा उम्मीदवार उतारने की जरूरत है। नीतीश से मुलाकात के दौरान ममता बनर्जी ने विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए बिहार में बड़ी बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया था। ममता का कहना था कि बिहार लोकनायक जयप्रकाश नारायण की धरती रही है और ऐसे में बदलाव की बयार बिहार से बहनी चाहिए। ममता के इस सुझाव के बाद अब नीतीश ने 12 जून को पटना में विपक्षी दलों के नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई है मगर इस बैठक को लेकर पहले ही सवालिया निशान लगने शुरू हो गए हैं। दरअसल कांग्रेस नेताओं से नीतीश कुमार की मुलाकात के समय कर्नाटक चुनाव के नतीजे नहीं घोषित हुए थे। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस बार बड़ी जीत हासिल करते हुए भाजपा को बैकफुट पर धकेल दिया है। कर्नाटक की चुनावी जीत के बाद कांग्रेस में नया उत्साह दिख रहा है और पार्टी के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस की ओर से स्पष्ट किया गया है कि पटना में होने वाली विपक्षी नेताओं की बैठक में पार्टी के अध्यक्ष खड़गे और राहुल गांधी हिस्सा नहीं लेंगे। पार्टी की ओर से किसी दूसरे नेता को इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए भेजा जा सकता है। कर्नाटक की चुनावी जीत के बाद कांग्रेस विपक्ष की एकजुटता के लिए जल्दबाजी दिखाने के पक्ष में नहीं दिख रही है। इसके साथ ही पार्टी में राहुल गांधी की पीएम पद पर दावेदारी की आवाज भी उठने लगी है। कांग्रेस नेताओं का मानना है कि हाल के महीनों में राहुल गांधी की लोकप्रियता बढ़ी है और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी को पीएम उम्मीदवार के रूप में पेश किया जाना चाहिए। पीएम पद की दावेदारी का मामला विपक्षी दलों के बीच लंबे समय से उलझा हुआ है। हालांकि नीतीश कुमार खुद को पीएम उम्मीदवार बताने से इनकार करते रहे हैं मगर उनकी पार्टी के अन्य नेता नीतीश कुमार को खुलकर पीएम पद का दावेदार बताते रहे हैं। माना जा रहा है कि 12 जून को होने वाली बैठक के दौरान इस मुद्दे पर भी चर्चा की जा सकती है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे को लेकर विपक्षी दलों के बीच विवाद पैदा होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे माहौल में कांग्रेस फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ाने के पक्ष में है। राहुल गांधी और खड़गे की नामौजूदगी में होने वाली इस बैठक को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं। कांग्रेस का यह रुख नीतीश कुमार के लिए बड़े झटके के रूप में भी देखा जा रहा है। अब यह देखने वाली बात होगी कि भाजपा के खिलाफ एकजुटता के मुद्दे पर विपक्ष की इस महत्वपूर्ण बैठक में आखिर क्या फैसला लिया जाता है।
भारत और वेस्ट इंडीज के बीच हो रहा यह टी-20 मैच सिर्फ लुइस के पहले शतक और उनके लगातार 5 छक्कों के चलते ऐतिहासिक नहीं है। इस मैच में और भी कई शानदार रिकॉर्ड बने हैं। आपको बता दें कि भारत के द्वारा अमेरिका की सरजमी पर खेला जाने वाला यह पहला प्रतिद्वंदी मैच है। अगले दो दिनों तक खेली जाने वाली इस श्रंखला में लगातार 5 छक्के लगाने वाले लुइस टी20 सीरीज में एक ओवर में सर्वाधिक रन बनाने वाले चौथे बल्लेबाज बन गए हैं। अब उनसे ऊपर सिर्फ जेसी बटलर जो कि दो बार एक ओवर में 32 रन जड़ चुके हैं, और भारतीय बल्लेबाज युवराज सिंह है। गौरतलब है कि युवराज ने 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ एससीजे ब्रॉड की गेंदों पर 6 गेंदों में 6 छक्के जड़ कर सीमित रनों की इस सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड बनाया था। इसके अलावा सिर्फ 48 गेंदों में शतक जड़ने वाले लुइस टी20 में सबसे तेज शतक जड़ने वाले पांचवे बल्लेबाज बन गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि उनसे ठीक ऊपर 47 रनों में यही करिश्मा दिखाने वाले गेल का नाम है जो कि उन्हीं की टीम के एक धुरंधर खिलाड़ी हैं। जहां तक टी20 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली टीम की बात है तो इस मामले में भी वेस्ट इंडीज ने रिकॉर्ड बना दिया है, और वह 6 विकेट के नुकसान पर 246 रन बटोर कर सबसे ज्यादा रन बनाने वाली तीसरी टीम बन गई है। बता दें कि पहले नंबर पर श्रीलंका की टीम है जिसने केन्या के खिलाफ 2007 में 6 विकेट के नुकसान पर 260 रन बनाए थे। आज का मैच शुरू होने से पहले हालांकि खेल में गेल की कमी खलने की बात कही जा रही थी लेकिन जब वेस्ट इंडीज के खिलाड़ियों ने छक्के चौके लगाना शुरू किया तो देखते ही देकते उन्होंने टी20सीरीज में सर्वाधिक छक्के लगाने का रिकॉर्ड भी बना डाला। बता दें कि टीम ने आज (27 अगस्त) को 13 चौके और 21 छक्के जड़े।
घटना से गुस्साए मृतक के परिजनों ने पटना गया NH-83 को जाम कर दिया है जिससे घण्टों से यातायात बाधित है। परिजन मुआवजे की माँग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहींघटना की जानकारी पा कर मसौढ़ी पुलिस घटना स्थल पर पहुँच चुकी है। वहीं पुलिस की कोशिशों के बावजूद भी लोग समझने के लिए तैयार नहीं हैं। लोगों का कहना है कि जब तब उन्हें उचित मुआबजा नहीं मिल जाता तब तक सड़क इसी तरह जाम रहेगा।
(www. arya-tv. com) उत्तर प्रदेश के अमेठी में कोरोना के बढ़ते रफ्तार में स्वास्थ्य महकमा बेहद लापरवाह हो गया है। यहां डॉक्टरों ने स्वास्थ्य विभाग में अटैच एक बोलेरो ड्राइवर की ड्यूटी कोरोना जांच में लगा दी। ड्राइवर ने जब इसका विरोध किया तो CHC प्रभारी ने उसकी बोलेरो को विभाग से निकलवा दिया। पीड़ित चालक ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की है। जानकारी के अनुसार, अमेठी CHC में अटैच एक बोलेरो के चालक जितेंद्र जायसवाल को डॉक्टरों ने जबरन कोरोना जांच के लिए ड्यूटी लगा दी। ड्यूटी लगने के बाद ड्राइवर ने रेलवे स्टेशन समेत गांवों में जाकर कोरोना संक्रमित मरीजों की जांच करना शुरू कर दिया। कई दिनों बाद जब ड्राइवर ने जांच करने से मना किया तो CHC अधीक्षक ने उसकी बोलेरो को विभाग से निकलवा दिया। विभाग द्वारा गाड़ी निकलवाने से आहत ड्राइवर ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर की। पीड़ित ने कहा कि उसकी गाड़ी अमेठी CHC में लगी है। CHC अधीक्षक मुझ पर दबाव बनाकर कोरोना के सैंपल कलेक्ट करवाते रहे। ड्राइवर ने अपनी शिकायत में कहा है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना की जांच में भी बड़ा खेल किया जा रहा है। बिना जांच के कई लोगों को जबरन कोविड पॉजिटिव निकाल दिया गया। जब लोगों ने विरोध किया तो उनके नाम को काटकर दूसरे लोगों का नाम दर्ज कर दिया गया। इस मामले पर अमेठी सीएमओ आशुतोष दुबे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला काफी गंभीर हैं। जैसे ही मामला मेरे संज्ञान में आया मैंने तत्काल इसमें दो सीनियर डॉक्टरों की एक टीम गठित की और पूरे मामले की जांच सौंपी है। जैसे दोनों डॉक्टर पूरे मामले की जांच रिपोर्ट हमें सौपेंगे और जांच में जो भी दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
९३१ : संस्कृत भाषा भारतीय संस्कृति के संबर्द्धन तथा संपोषण का जो महान् कार्य संस्कृत भाषा ने किया, वह किसी से छिपा नहीं है। उसमें अनेकानेक तत्त्व रत्न भरे पड़े हैं जिनसे जीवन को सत्य मार्ग पाने की एक प्रेरणा मिलती है। मैं चाहूंगा कि संस्कृत वाङ्मय के अथाह भण्डार मे ज्ञान-विज्ञान एवं चिन्तनमूलक जीवन-शोधक तत्त्वों का अनुशीलन कर लोग आत्म-जागृति की स्फुरणा प्राप्त करें । उज्जैन, २५ अगस्त १५५ १३२ : नारी के सहज गुण पुरुष और नारी समाज के दो महत्त्वपूर्ण अंग हैं। दोनों सही माने में विकसित हों, उन्नत बनें, तभी मानव समाज वास्तविक विकास और उन्नति का अवलम्बन कर सकता है। विकास-मार्ग की ओर जाने से रोकना, उस पथ में बाधा डालना हमारे यहाँ कभी श्रेयस्कर नहीं माना गया । जैन-दर्शन में जीवन का चरम लक्ष्य मोल है जिसे उत्कृष्ट आत्म-साधना पूर्वक प्राप्त करने का जितना अधिकार पुरुषों को है, उतना ही नारी को भी है। कई बातों में तो पुरुषो की अपेक्षा नारी मे कुछ ऐसी विशेषताएं हैं, जो पुरुषों के लिये भी अनुकरण करने जैसी है । सत्-श्रद्धा, धर्म-निष्ठा, प्रकृति सुकुमारता और सौम्य भाव नारी के सहज गुण हैं जिन्हें आज उन्हें विकसित करना है । वस्त्र, आभूषण और शृंगार जीवन के सच्चे अलंकार नहीं । ये तो बाह्य उपकरण हैं। इनमें उलभ आन्तरिक मुषमा को बिसारना मानव की सबसे बड़ी भूल है। मैं बाहनों से कहना चाहूँगा कि बाहरी दिखाबे, चमक दमक और फैशनपरस्ती मे जीवन की बहुमूल्य घड़ियों को न गर्यो, उन्हें आत्म-जागरण, जीवन परिमार्जन और अन्तःशोधन मे लगाएं । उनका अपना उत्थान तो होगा हा, कौटुम्बिक जीवन पर भी उनकी एक अमिट छाप पड़ेगी। खास तौर से बालकों पर जो प्रभाव माताओं और बाहनों का पड़ सकता है, वह वह दूसरों का नहीं । अतः नारी विकास और जागरण की एक बहुत बड़ी विशेषता है। नारी हान भाव छोड़, आत्म-ओज का सहारा लेकर, पुरुष ने उसे विकास पथ पर आगे बढ़ने नहीं दिया - उसकी प्रगति में
क्या सरकार प्रदर्शनकारियों से नुक़सान की भरपाई करवा सकती है? तारीख़- 28 दिसंबर 2019, जगह- जसिया, ज़िला- रोहतक, हरियाणा. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की बैठक में अध्यक्ष यशपाल मलिक ने वर्ष 2016 के फ़रवरी में हरियाणा में हुए जाट आंदोलन के दौरान मारे गए जाट युवाओं के परिजनों को सरकारी नौकरी की मांग दोहराई. उन्होंने आंदोलन के दौरान जाटों पर दर्ज़ किए गए सभी मामलों को वापस लेने की मांग करते हुए एक बार फिर से आंदोलन तेज़ करने की धमकी दी. हरियाणा सरकार के अनुसार इस आंदोलन के दौरान कुल 30 प्रदर्शनकारी मारे गए थे जबकि हिंसा की वजह से राज्य को एक हज़ार करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का नुक़सान झेलना पड़ा था. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि इस हिंसा में जिनकी संपत्ति का नुक़सान हुआ था उन्हें सरकार को 60 करोड़ रुपये से भी ज़्यादा का मुआवज़ा देना पड़ा था. हालांकि आंदोलनकारियों के ख़िलाफ़ मामले अदालत में अब भी लंबित हैं, सरकार का कहना है कि इस दौरान हुई संपत्ति के नुक़सान को लेकर किसी भी प्रदर्शनकारी से कोई जुर्माना वसूल नहीं किया गया. बात सिर्फ़ हरियाणा की नहीं है. पिछले कुछ सालों में हरियाणा सहित देश के कई राज्यों में भी काफ़ी हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए जिनमें जान और माल- दोनों का बहुत नुक़सान हुआ. इसमें मध्य प्रदेश के मंदसौर में हुआ किसानों का आंदोलन भी शामिल है. ये बात वर्ष 2017 की है और इस दौरान पुलिस को गोली भी चलानी पड़ी थी जिसमे 6 किसान मारे गए थे. जमकर हुई हिंसा में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों के दौरान बीस से ज़्यादा वाहनों को जलाया गया और रेल की पटरियां भी उखाड़ी गई थीं. मध्य प्रदेश सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस प्रदर्शन के बाद किसी भी आंदोलनकारी के ख़िलाफ़ नुक़सान की भरपाई की कोई कार्रवाई नहीं की गई. उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी. उसी तरह हरियाणा के पंचकूला में अगस्त 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख बाबा राम रहीम को एक अदालत ने बलात्कार के आरोपों का दोषी पाते हुए उनकी गिरफ़्तारी के आदेश दिए लेकिन, जब पुलिस उन्हें गिरफ़्तार करने डेरा पहुंची तो उनके समर्थकों ने जमकर हंगामा मचाया. पुलिस-प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में तब 40 लोग मारे गए थे. पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बड़े पैमाने पर हुए संपत्ति के नुक़सान का संज्ञान लेते हुए सरकार को आदेश दिया कि हिंसा में हुई क्षति की भरपाई प्रदर्शनकारियों से की जाए. नुकसान के पैसे उन्हीं से वसूले जाएँ. हरियाणा सरकार ने नुक़सान की भरपाई के लिए डेरा की संपत्ति की कुर्की ज़ब्ती कर इस रक़म को वसूला. मतलब ये कि प्रदर्शन में शामिल किसी भी आरोपी से कोई रक़म न वसूली गई और ना ही कोई नोटिस भेजा गया. जयपुर में मौजूद वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ कहते हैं, "पिछले 13 साल में आरक्षण को लेकर गुर्जर समुदाय के लोग कई बार सड़कों पर आए, रास्ते जाम किए गए. इसमें सबसे ज़्यादा क्षति रेलवे को वहन करनी पड़ी, उसे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ. " राजस्थान पुलिस के अनुसार, किसी मामले में नुकसान की प्रदर्शनकारियों से वसूली की कोई जानकारी नहीं है. उस वक्त आंदोलन के दौरान हालात संभालने में लगे रहे एक पुलिस अधिकारी ने बीबीसी से कहा, "आन्दोलन से कैसे निबटा जाए, यह उस वक्त की सरकार पर निर्भर करता है. गुर्जर आंदोलन के शुरुआती दौर में लंबे समय तक उनके प्रवक्ता रहे डॉ रूप सिंह कहते है, "शुरुआत में हुकूमत इसे क़ानून-व्यवस्था की समस्या समझ कर हालात से निबटती रही. पर यह दरअसल ग़रीबी, बेरोज़गारी और असमानता से पैदा हुई समस्या थी. " राज्य में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआइडी) बीएल सोनी कहते हैं कि आंदोलन के सम्बन्ध में कुल 781 मुक़दमे दर्ज किए गए थे जिनमें से तीन सौ के क़रीब वापस भी ले लिए गए थे. लेकिन गंभीर प्रकृति के मामलों को वापस नहीं लिया गया. वे कहते हैं कि नुक़सान की वसूली का कोई मामला सामने नहीं आया. इन सब प्रदर्शनों के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं. नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में संपत्ति के नुक़सान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से करने के सरकार के फ़ैसले की अलग-अलग तरीक़े से व्याख्या की जा रही है. वैसे तो प्रदर्शनकारियों से भरपाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट और देश के विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों ने अलग अलग निर्देश दिए हैं, अदालतों ने केंद्र सरकार को इस सम्बन्ध में क़ानून बनाने का सुझाव भी दिया है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने वर्ष 2007 में सेवानिवृत जज के टी थामस और वरिष्ठ अधिवक्ता फली नरीमन की अलग-अलग समिति बनाई थीं जिसने हिंसक प्रदर्शनों के दौरान होने वाले नुक़सान की भरपाई को लेकर कई सुझाव भी दिए थे. क़ानून के कुछ जानकार मानते हैं कि सरकार अगर इस तरह की कार्रवाई करती है तो उसे अदालत की देख रेख में होना चाहिए यानी कोई सेवानिवृत जज की निगरानी में जिसे सरकार 'क्लेम कमिश्नर' के तौर पर नियुक्त करे. वरिष्ठ अधिवक्ता विराग गुप्ता कहते हैं कि ये ज़रूरी नहीं है. उनका कहना है कि सरकारें अदालतों के निर्देशों की व्याख्या अपने अपने तरीक़े से करती हैं. लेकिन इसका कहीं से ये मतलब नहीं है कि जो संपत्ति ज़ब्त कर हर्ज़ाना वसूलने की कार्रवाई की जा रही है वो ग़लत है. उनका कहना है कि अगर दूसरे राज्यों में हुए प्रदर्शन के बाद वहां की राज्य सरकारों ने प्रदर्शनकारियों से हर्ज़ाना नहीं वसूला, इसका मतलब ये नहीं है कि उत्तर प्रदेश में भी ऐसा ही हो. उनका कहना है कि प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को इसमें कार्रवाई के लिए क़ानून ने अलग-अलग अधिकार दिए हैं. पुलिस से नुक़सान की भरपाई कौन करेगा? उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक रह चुके प्रकाश सिंह का कहना है कि यूपी में नुक़सान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से जुर्माना वसूलने का जो आदेश दिया है वो सबके लिए सबक़ लेने वाली बात है. प्रकाश सिंह को जाट आंदोलन के बाद जांच का ज़िम्मा दिया गया था औरअपनी रिपोर्ट में उन्होंने प्रदर्शनकारियों से हर्ज़ाना वसूल करने की बात कही थी जिसे सरकार ने नहीं माना. वे कहते हैं कि सरकार ने जब इस सम्बन्ध में कोई ठोस क़ानून नहीं बनाया तो राज्य सरकारों के लिए समय समय पर उच्च न्यायालयों या सुप्रीम कोर्ट के निर्देश काफ़ी हैं. वहीं भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी और मानव अधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर कहते हैं कि ये कार्रवाई एकतरफा है जबकि क़ानून के सामने सभी को अपना पक्ष रखने और ख़ुद को निर्दोष साबित करने का मौक़ा मिलना चाहिए. इसके अलावा उनको लगता है कि "उत्तर प्रदेश में जो कुछ सरकार ने किया वो नागरिकों की समानता के हिसाब से नहीं है. मंदर कहते हैं कि सरकार का व्यवहार पारदर्शी और बराबरी वाला होना चाहिए. " वे कहते हैं, "कश्मीर में अगर विरोध प्रदर्शन होता है तो उसको अलग तरीके से देखा जाए और दूसरे प्रांतों में समाज के अलग अलग तबक़ों के प्रदर्शनों को अलग तरीके से देखा जाना और उनसे निपटना भी ग़लत है. " मंदर कहते हैं, "उत्तर प्रदेश सरकार इस मुद्दे पर खामोश है कि जिन लोगों की संपत्ति का नुक़सान सरकारी अमले या पुलिस ने किया है उसकी भरपाई कैसे होगी? " ये भी पढ़ेंः (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. )
नई दिल्ली, रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने जम्मू एवं कश्मीर में 22 वर्षीय सैन्य अधिकारी की हत्या को कायरतापूर्ण करार दिया है। आतंकवादियों ने सैन्य अधिकारी को एक पारिवारिक विवाह समारोह से अगवा कर उनकी हत्या कर दी। जेटली ने बुधवार को कहा कि युवा अधिकारी की शहादत आतंकवाद खत्म करने को लेकर एक बार फिर देश की प्रतिबद्धता को दोहराती है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, शोपियां में आतंकवादियों द्वारा लेफ्टिनेंट उमर फयाज का अपहरण और हत्या कायरतापूर्ण कृत्य है। जम्मू एवं कश्मीर का यह युवा अधिकारी एक रोल मॉडल था।
पंजाब के जालंधर जिले में मंगलवार देर रात एक लुटेरे ने खिलौना पिस्तौल दिखाकर कोयला व्यापारी को लूटने की कोशिश की। यह घटना शहर के सबसे व्यस्त रहने वाले नकोदर चौक, जिसे संविधान चौक के नाम से भी जाना जाता है, के बिल्कुल सामने सब-वे के बाहर हुई। हालांकि लोगों ने वारदात करके भागे लुटेरे को आदर्श नगर चौपाटी के पास धर दबोचा और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने पीड़ित के बयान दर्ज करके आरोपी लुटेरे के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। मिलाप चौक निवासी अंकित चोपड़ा का कूल रोड पर कोयले का कारोबार है। वह शाम को अपना काम समेट कर पत्नी के साथ कुछ खाने पीने का सामान लेने के लिए नकोदर चौक से लाल रतन सिनेमा की तरफ जाती रोड पर स्थित सब-वे की तरफ कार नंबर PB-08BT-6095 में निकले। वह और उनकी पत्नी सब-वे से कुछ खाने-पाने का सामान पैक करवाकर बाहर निकले और अपनी गाड़ी में बैठे ही थे कि पिछली खिड़की खोल कर पिस्तौल हाथ में लिए एक लुटेरा भी आकर बैठ गया। उसने पत्नी की कनपटी पर पिस्तौल तान दी और सारे गहने व कैश देने के लिए कहा। लुटेरे ने गाड़ी की चाबी देने के लिए भी कहा, लेकिन अंकित ने हौसला नहीं छोड़ा। अंकित ने पहले अपनी पत्नी को गाड़ी से नीचे उतरने के लिए कहा। जैसे ही उनकी पत्नी गाड़ी से उतरी तो अंकित ने कैश बैग भी गाड़ी से बाहर फेंक दिया। इसके बाद अंकित ने पिस्तौल पकड़ ली। लुटेरे ने अंकित के मुंह पर मुक्के भी मारे, लेकिन अंकित ने पिस्तौल नहीं छोड़ी। लुटेरे ने कार की चाबी निकालने की कोशिश की, लेकिन इसमें भी वह कामयाब नहीं हो पाया। दोनों पति-पत्नी ने शोर भी मचाया, परंतु उनकी मदद करने कोई नहीं आया। इसके बाद लुटेरा टहलता हुआ बड़े आराम से वहां से निकल गया। अंकित ने पुलिस को फोन किया। पुलिस भी घटना की सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंच गई। घटना की सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर तो पहुंच गई, लेकिन लुटेरे को पकड़ने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया। अब भी पुलिस अंग्रेजों के बनाए प्रोसिजर में फंस है। पहले शिकायत नोट करेगी, मौका देखेगी और उसके बाद कार्रवाई करेगी, लेकिन पुलिस की इतनी लंबी उलझाऊ कार्रवाई से परेशान होकर जनता अब खुद सारे काम करने लगी है। मौके से जब लुटेरा भागा तो एक सिख युवक प्रिंस ने उसका पीछा किया। लुटेरा वारदात के बाद आदर्श नगर में लगने वाली चौपाटी के पास ही पहुंचा था कि प्रिंस और उसके साथी ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने पुलिस को सूचित किया। पुलिस आरोपी को पकड़ कर थान में ले गई। This website follows the DNPA Code of Ethics.
Jamshedpur (Ashok kumar) : शहर में वर्चस्व को लेकर आपराधिक घटनायें घटती है. शहर के कुछ हिस्से में जमीन विवाद को लेकर भी हत्यायें हो चुकी है. कोई भी गैंग नहीं चाहता है कि उसके इलाके में कोई दूसरा अपना हाथ-पैर पसारे और उसका वर्चस्व समाप्त हो जाये. शहर में एक के बाद एक नया गिरोह पनप रहा है और अपना वर्चस्व कायम करने के लिये आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहा है. शहर के बड़े अपराधियों की बात करें तो इसमें से मानगो का अमरनाथ अभी तड़ीपार है. गैंगस्टर अखिलेश गैंग का सुधीर दुबे अभी जेल में बंद है जबकि हरीश फरारी काट रहा है. शहर की पुलिस के लिये अभी कोई भी गैंग सक्रिय नहीं है, लेकिन समय-समय पर वे अपनी उपस्थिति को दर्ज कराने से भी नहीं चुकते हैं. सिदगोड़ा शिवसिंह बगान के रहने वाले मनप्रीत पाल सिंह की हत्या 8 जून को वर्चस्व को लेकर ही हुई थी. अक्षय सिंह और राहुल सिंह को लगता था कि कहीं मनप्रीत का वर्चस्व बढ़ तो नहीं रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुये उसने मनप्रीत के घर में घुसकर अपने साथियों के साथ गोली मारकर हत्या कर दी थी. घटना के चार दिनों के बाद आरोपियों को गिरफ्तार करके पुलिस ने जेल भेजा था. मामले में अभी पुरण चौधरी फरार है जिसकी गिरफ्तारी के लिये पुलिस टीम शहर के बाहर भी छापेमारी कर रही है. मनप्रीत पाल सिंह की हत्या करने के बाद अक्षय सिंह और राहुल सिंह अखिलेश सिंह की तरह शहर में उभर रहा है. हालाकि दोनों भाई अभी जेल में बंद है. अखिलेश के पिता चंद्रगुप्त सिंह पुलिस विभाग में थे और अक्षय-राहुल के पिता कालिका सिंह भी पहले पुलिस विभाग में ही नौकरी करते थे. दोनों रिटायर हो चुके हैं. जिस तरह से घर में घुसकर गोली मारकर मनप्रीत की हत्या की गयी थी उससे पूरा जमशेदपुर दहल गया था. इस तरह की घटनायें इसके पहले तक जमशेदपुर शहर में देखने को नहीं मिली थी. घटना के एक माह बीत गये हैं, लेकिन लोगों के जेहन में आज भी तस्वीर साफ है. हालाकि मामले में चरण चौधरी को छोड़ बाकी के सभी आरोपियों को पुलिस जेल भेज चुकी है. 16 अक्तूबर 2020 को उत्तम साहू की हत्या जमीन कारोबारी उनंदलाल गुप्ता ने की थी. एक अक्तूबर को उलीडीह खड़िया बस्ती में भाजपा नेता राजेश सिंह की हत्या की थी. आरोपी सैंकी यादव जेल में है. 24 अगस्त 2020 को मानगो केपी इनक्लेव में जमीन कारोबारी अंकित शर्मा के घर पर फायरिंग की गयी थी. मानगो पोस्ट ऑफिस रोड निवासी अमर ठाकुर के घर पर मुन्ना सिंह ने फायरिंग की थी. 30 अपैल 2020 को उलीडीह में पुजारी सौरव सुमन झा की सोनु मिश्रा ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह घटना रुपये के लेनदेन को लेकर घटी थी. जमीन का खेल सिर्फ पूर्वी सिंहभूम जिले में ही नहीं चल रहा है बल्कि यह खेल अन्य जिले में चल रहा है. अगर इस खेल में बाहर से आकर कोई दखल देता है तब वहां पर वर्चस्व की लड़ाई शुरू होती है. इसका अंजाम भयानक होता है. मानगो, परसुडीह, गोविंदपुर, कदमा, जुगसलाई, टेल्को, बर्मामाइंस, बागबेड़ा, सोनारी, सुंदरनगर, गोलमुरी, जेम्को आदि इलाके में जमीन का खेल बदस्तुर जारी है. यहां पर सरकारी और गैर सरकारी जमीन की अवैध रूप से खरीद-बिक्री जारी है. रेलवे की जमीन और आदिवासी जमीन को भी जमीन कारोबारी रैयती जमीन बताकर बेच रहे हैं. छह से 15 लाख रुपये कट्ठा के हिसाब से ये जमीन बेचे जा रहे हैं.
यूक्रेनी विशेषज्ञ के अनुसार, चूंकि संधि संधि के प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया है, यूक्रेन को छोटी दूरी की मिसाइलें बनाने की आवश्यकता है जो एक्सएनयूएमएक्स से एक्सएनयूएमएक्स किलोमीटर तक की दूरी पर हमले करने में सक्षम हैं। स्टारिकोव आश्वस्त हैं कि इस तरह के "प्रतिशोध के हथियार" के निर्माण से कीव को "मॉस्को के लिए पर्याप्त रूप से जवाब देने" में मदद मिलेगी। यह निरोध और हमले का हथियार होगा। पूर्व कर्नल घोषित। उन्होंने बताया कि हालांकि इस तरह के हथियार यूक्रेन में मौजूद नहीं हैं, लेकिन कम दूरी की मिसाइल का निर्माण करना काफी संभव है। "प्रतिशोध के हथियारों" के विकास और उत्पादन में युज़्मश द्वारा महारत हासिल की जा सकती है, जिसमें सभी आवश्यक क्षमताएं, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षमता और संसाधन हैं। स्टारिकोव को विश्वास है कि मिसाइलों को बनाने के लिए कुछ भी नहीं करना है - यह "एक सैन्य-राजनीतिक निर्णय लेने के लिए हैः जो मिसाइल का निर्माण किया जाएगा - एक बार, और क्या सीमा - दो। " यूक्रेन में विभिन्न "विशेषज्ञों" द्वारा इस तरह के बयान पहली बार नहीं हैं। यह पहले से ही "मास्को तक पहुंचने के लिए" डेढ़ हजार किलोमीटर की सीमा के साथ एक मिसाइल बनाने का प्रस्ताव दिया गया है। यह "रूस में गहरी मार करने में सक्षम हथियार बनाने" का भी प्रस्ताव था।
मेघनगर-श्री बाफना पब्लिक स्कूल मेघनगर में रंगारंग वार्षिकोत्सव सम्पन्न हुआ। जिसमें छात्रों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। शहर की प्रतिष्ठित श्री बाफना पब्लिक स्कूल में शनिवार को वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। इसका शुभारम्भ क्षेत्रीय सांसद गुमानसिंह डामोर,संघ के वरिष्ठ प्रचारक वैभव सुरंगे,खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सुरेश आर्य,भाजपा जिलाध्यक्ष ओम शर्मा ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्जवलित करके किया। संस्था प्रमुख यशवन्त बाफना एवं विनीत बाफना की देखरेख में कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमें बच्चो ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियो से मनमोह लिया। वही बच्चो की एक से एक डांस प्रस्तुतियो ने खूब तालिया बटोरी। देश भक्ति के गीतों पर दी गयी प्रस्तुति ने राष्ट्र प्रेम का संदेश दिया। श्री बाफना स्कूल के इस अभिनव आयोजन को पालको और गणमान्य नागरिकों ने भी खूब सराहा। श्री बाफना पब्लिक स्कूल की और से अतिथियो का सम्मान भी किया गया।
भारत-बांग्लादेश की सीमा पर बीएसएफ (BSF) ने अपनी निगरानी बढ़ी दी है. अवैध रूप से घुसपैठ करने वालों पर बीएसएफ के जवान कड़ी नजर रख रहे हैं और लगातार इस बाबत गिरफ्तारियां भी हो रही हैं. अवैध रूप से भारत-बांग्लादेश की सीमा (Indo-Bangladesh Border) पार करने के आरोप में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने दो अलग-अलग मामलों में कुल 9 बांग्लादेशी घुसपैठियों (Bangladeshi Infiltrators) को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपियों के साथ 250 फेंसिडिल सिरप की बोतल भी जब्त की गई हैं. गिरफ्तार आरोपियों में दो की तबीयत खराब होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि अन्य को पुलिस को सौंप दिया गया है. सीमांत मुख्यालय दक्षिण बंगाल के अंतर्गत, 107वीं वाहिनीं की सीमा चौकी बाजिदपुर में खुफिया विभाग की टीम द्वारा दी गई सूचना आधार पर शनिवार को शाम के लगभग 1700 बजे बीएसएफ जवानों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में तलाश शुरू कर दी. परिणामस्वरूप बॉर्डर क्रास करते समय 03 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिनमें एक महिला भी शामिल है. पकड़े गये बांग्लादेशी नागरिकों ने अपनी पहचान हनन शेख, रहीम मंडल और रेखा मंडल के रूप में हुई है. सभी बांग्लादेश के रहने वाले हैं. प्रारंभिक पूछताछ के दौरान उन्होंने बताया कि वे सभी लोग 3 से 4 साल पहले अवैध तरीके से भारत में प्रवेश कर मजदूरी का कार्य करने के लिए मुंबई में बस गए थे. परंतु पर्याप्त रूप से कमाई ना होने के कारण वह वापस बांग्लादेश जा रहे थे और बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार कर लिये गये. पकड़े गए बांग्लादेशियों के अनुसार एक स्थानीय दलाल जिसका नाम बबलू है और जो ग्राम पंचबेरिया का रहने वाला है उनकी मदद कर रहा था. बीएसएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए सभी बांग्लादेशी नागरिकों को बागदा पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया गया है. बशीरहाट अनुमंडल बशीरहाट थाना भारत-बांग्लादेश घोजाडांगा सीमा पर रविवार को भारत में घुसते ही 153वें के बीएसएफ के जवानों ने छह बांग्लादेशी युवकों को हिरासत में ले लिया. सीमा प्रहरियों ने जब पूछताछ की तो वे कोई वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके. तलाशी ली गई और उनके पास से करीब 50,000 रुपये के बाजार मूल्य के फेंसिडिल की 250 बोतलें बरामद की गईं. बांग्लादेश के दो युवकों की तबीयत खराब होने पर उन्हें बशीरहाट जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. गिरफ्तार किए गए चारों बांग्लादेशियों को रविवार को बशीरहाट अनुमंडल अदालत ले जाया गया. बाकी दो बांग्लादेशियों का इलाज करने के बाद उन्हें कोर्ट में ले जाने का फैसला किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जौनपुर (Jaunpur) जिले में बड़ा रेल हादसा हो गया। यहां गुरुवार सुबह श्रीकृष्ण नगर रेलवे स्टेशन (sri krishna nagar railway station) के पास मालगाड़ी की 21 बोगी पलट गईं। जिसके चलते जौनपुर-वाराणसी रेल मार्ग जाम हो गया है। इस रूट की ट्रेनों को जगह-जगह पर खड़ा किया गया है। ये घटना उदपुर घाटमपुर के पास हुई। मालगाड़ी सुल्तानपुर से मुगलसराय की ओर जा रही थी। जौनपुर। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के जौनपुर (Jaunpur) जिले में गुरुवार सुबह श्रीकृष्ण नगर रेलवे स्टेशन के पास बड़ा हादसा हो गया। यहां मालगाड़ी की 21 बोगी पलट गईं। जिसके चलते जौनपुर-वाराणसी रेल मार्ग जाम हो गया है। रूट की ट्रेनों को जगह-जगह पर खड़ा किया गया है। ये घटना उदपुर घाटमपुर के पास हुई। मालगाड़ी सुल्तानपुर से मुगलसराय की ओर जा रही थी। ट्रेन की गति ज्यादा होने के कारण आगे से 16 और पीछे से 21 बोगी को छोड़कर बची बोगी पलट गईं। हालांकि चालक एके चौहान और गार्ड संजय यादव पूरी तरह से सुरक्षित हैं। इस घटना के बाद लखनऊ (Lucknow) रेलवे रूट बाधित हो गया है। अप और डाउन दोनों लाइनें क्षतिग्रस्त बताई जा रही हैं। हादसे की वजह से महामना समेत कई ट्रेने फंस गई हैं। जानकारी के अनुसार, मुगलसराय से कोयला लाने के लिए सुल्तानपुर से सुबह 6:58 बजे मालगाड़ी रवाना हुई। मालगाड़ी में 59 बोगी लगी थीं। मालगाड़ी श्रीकृष्ण नगर रेलवे क्रॉसिंग (sri krishna nagar railway station) को पार करने के बाद सुबह 7:58 बजे उदपुर घाटमपुर के पास पहुंची थी। तभी अचानक कुछ बोगी बीच से ट्रैक से उतर गईं। ट्रेन की गति ज्यादा होने के कारण आगे से 16 और पीछे से 21 बोगी को छोड़कर बची बोगी पलट गईं। हालांकि चालक एके चौहान और गार्ड संजय यादव पूरी तरह से सुरक्षित हैं। घटना के कारण वाराणसी-सुल्तानपुर रेल मार्ग जाम हो गया है। महामना एक्सप्रेस, सुल्तानपुर-जौनपुर वाराणसी पैसेंजर बीच में ही खड़ी है। इसके चलते यात्री परेशान हैं। पीडब्ल्यूआई जौनपुर बृजेश यादव ने बताया कि बाक्सन मालगाड़ी के किसी डिब्बे का पहिया जाम होने के कारण यह घटना हुई है। मालगाड़ी श्रीकृष्ण नगर स्टेशन के आगे आउटर पर जैसे ही रेल लाइन परिवर्तन के लिए बढ़ी, तभी अचानक उसका डिब्बा पलट गया। घटना के कारण वाराणसी, लखनऊ बाया जफराबाद रेललाइन पर ट्रेनों का परिचालन ठप हो गया है। घटना की सूचना उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल के उच्चाधिकारियों को दे दी गई है। स्थानीय रेलवे के अधिकारी घटनास्थल की ओर रवाना हो गए है।
उदय प्रताप सिंह इलाके में मौजूद एक मस्जिदनुमा पुराने दरवाजे को हटवाने की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से धरने पर बैठे थे। प्रतापगढ़ के कुंडा सीट से विधायक व जनसत्ता लोकतांत्रिक दल के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया यूपी चुनाव की तैयारी करने में लगे हुए हैं। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने 11 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। खुद राजा भैया परंपरागत सीट और अपने गढ़ कुंडा से एक बार फिर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
रिपोर्टर- कपिल शर्मा (सिरमौर) सिरमौर के सभी डिग्री काॅलेजों मेंhiस्वीप गतिविधियां होंगी-मनेश यादव सिरमौर जिला में "स्वीप" गतिविधियों के "आईकाॅन" लोक गायक दिलीप सिरमौरी ने आज शुक्रवार को सिरमौर जिला प्रशासन द्वारा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, नाहन में आयोजित स्वीप कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर दिलीप सिरमौर ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया और युवाओं और युवतियों से मतदान प्रक्रिया में सक्रियता से भाग लेने का आहवान भी किया। स्वीप गतिविधियों के तहत आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का काॅलेज के विद्यार्थियों ने लुत्फ उठाया और मतदान सम्बन्धी आवश्यक एवं महत्वपूर्ण जानकारियां भी हासिल कीं। अतिरिक्त उपायुक्त सिरमौर मनेश यादव ने इस अवसर पर युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत सिरमौर के प्रसिद्ध गायक दलीप सिरमौरी को जिला सिरमौर का आईकोन बनाया गया है। उन्होंने कहा दिलीप सिरमौरी युवाओं में अत्यंत लोकप्रिय हैं और स्वीप गतिविधियों में उनका बहुत ही शानदार सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि स्वीप गतिविधियों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदर्शित करने का उददेश्य 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले सभी युवाओं को मतदान के प्रति जागरूक करना और सिरमौर जिला में मतदान प्रतिशतता को बढ़ाना भी है। उन्होंने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को ईवीएम, कंट्रोल पैनल तथा वीवीपैट की मंच पर ही व्यवहारिक जानकारी भी प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि सभी सब-डिविजनों के डिग्री काॅलेजों में स्वीप गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि 1 अक्तूबर 2022 तक 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले सभी युवा, मतदाता सूची में पंजीकरण के पात्र हैं। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि जो युवा अभी तक मतदाता सूची में शामिल नहीं हैं वे सभी युवा शीघ्र अपना नाम मतदाता सूची में ऑनलाइन अथवा आफ लाईन दोनों प्रक्रियाओं के माध्यम से दर्ज करवा लें। इस अवसर पर एस. डी. एम नाहन रजनेश कुमार, निर्वाचन विभाग के अधिकारी, काॅलेज की प्रधानाचार्य वीना राठौर, काॅलेज के अध्यापकगण तथा भारी संख्या में छात्र और छात्राएं उपस्थित रहे।
आज के समय में दुनियाभर में दिल के मरीजों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि हर तीसरे व्यक्ति को दिल से जुडी बीमारी हैं। कई लोग तो हृदय रोगों के कारण अपनी जान गँवा चुके हैं। यहाँ तक की अब तो यह बीमारी बच्चों में भी व्यापक रूप से देखी जा रही हैं। इसके पीछे का मुख्य कारण गलत खानपान और जीवनशैली होती हैं। इससे बचने के लिए बच्चों को उनके बचपन से ही कुछ आदतों को शामिल करने की जरूरत होती हैं, जिससे रोगों की आशंका कम हो जाती हैं। इसलिए अज हम आपको कुछ आदतें बताने जा रहे हैं जिन्हें अपने बच्चों की जीवनशैली में जरूर शामिल करें। आजकल माता-पिता बच्चों को हर समय पढ़ने की नसीहत देते हैं। मनोवैज्ञानिक आधार पर देखें तो बच्चे एक दिन में 8-10 घंटे से ज्यादा पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। इसमें स्कूल में पढ़ाई का समय भी शामिल है। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों की फिजिकल फिटनेस भी जरूरी है। इसलिए बचपन से ही बच्चों को आउटडोर गेम्स के लिए प्रेरित करें और रोज कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज करवाएं। बच्चों को एक्सरसाइज करवाने के लिए आप भी एक्सरसाइज करें। इससे आप भी फिट रहेंगे। रोजाना आधा घंटा एक्सरसाइज करके आप दिल की बीमारियों की आशंका को 60 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। दिल को स्वस्थ रखने का सबसे आसान तरीका है स्वस्थ और पौष्टिक आहार खाना। इसके लिए बच्चों को बचपन से ही कम शुगर और कम नमक खाने की आदत डालवाएं। इसके अलावा अनहेल्दी फैट युक्त आहार, हाई कैलोरी फास्ट फूड्स और जंक फू्ड्स बहुत कम खाने दें। किसी स्पेशल मौके पर कुछ फास्ट फूड्स खाए जा सकते हैं मगर उन्हें भी आप स्मार्टली हेल्दी तरीके से बना सकती हैं। फल और सब्जियां खूब खिलाएं। रोजाना सुबह चार बादाम और एक ग्लास दूध आपके लाडले को दिन भर एनर्जी और पोषण भी देंगे और इससे बच्चों की मेमोरी पावर भी अच्छी हो जाएगी। दिल के लिए सबसे घातक होता है कोलेस्ट्रॉल, नमक और चीनी इसलिए खाने में इन तीनों का संतुलन जरूरी है। बच्चों में आजकल मोटापे की समस्या बहुत ज्यादा हो रही है। मोटापे की वजह से कई तरह के गंभीर रोगों की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए बचपन से ही बच्चों को मोटापे से दूर रखें। अगर बच्चे रेगुलर एक्सरसाइज करेंगे और हेल्दी डाइट लेंगे, तो उनका वजन कंट्रोल रहेगा और बॉडी फिट रहेगी। इससे उनका विकास यानि शरीर की लंबाई, चौड़ाई और मजबूती भी अच्छी रहेगी। वजन कंट्रोल करने में नियम का पालन बहुत जरूरी है। पूरे परिवार के खाने का समय और सोने का समय तय कर दीजिए। अनियमित जीवन के कारण कई बार हेल्दी चीजें खाने के बावजूद आप बीमार पड़ सकते हैं। बहुत सारे बच्चों में ब्लड में सीमा से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की समस्या पाई जाती है मगर इसके कोई खास लक्षण न दिखने के कारण इसका पता नहीं चल पाता है। कोलेस्ट्रॉल नसों में ब्लड के फ्लो को प्रभावित करते हैं इसलिए स्वस्थ शरीर के लिए कोलेस्ट्रॉल का कम होना जरूरी है। अगर आपके परिवार में पहले से कोई दिल, कोलेस्ट्रॉल या डायबिटीज का मरीज रहा है, तो बच्चों की रेगुलर जांच करवाएं।
Delhi Police Crypto Hacking Case: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के ही पश्चिम विहार इलाके में एक बिजनेसमैन के प्राइवेट वॉलेट से चोरी हुए करीब 4. 5 करोड़ रुपए की बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टो करेंसी के मामले के तार फिलिस्तीन के संगठन हमास से जुड़े होने का दावा किया है. हमास, फिलिस्तीन की मिल्ट्री विंग है जिसे इजरायल ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. वॉलेट से चोरी किये गए बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टो करेंसी हमास की इसी मिल्ट्री विंग अल कासम ब्रिगेट्स के वॉलेट में ट्रांसफर हुए थे. हमास की यह शाखा फिलिस्तीन में अपने अभियानों को जारी रखने के लिए चोरी और डोनेट की गई क्रिप्टो-करंसी का इस्तेमाल करने के लिए विश्व भर में बदनाम है. इसी वजह से हमास की इस मिल्ट्री विंग के वॉलेट को इजरायल की नेशनल ब्यूरो फ़ॉर काउंटर टेरर फाइनैंसिंग (National Bureau for Counter Terror Financing) नाम की विंग ने टेरर फंडिंग करने के आरोप में सीज कर दिया था. ये वॉलेट मोहम्मद नसीर इब्राहिम अब्दुल्लाह के नाम पर था. दिल्ली पुलिस के मुताबिक जांच में ये बात सामने आई है कि बाद में मोहम्मद नसीर इब्राहिम अब्दुल्लाह के वॉलेट से क्रिप्टो इजिप्ट के अहमद मरज़ूक़ और फिलिस्तीन के अहमद क्यू एच साफरी के वॉलेट में ट्रांसफर किये गए थे. मामला साल 2019 का है जब दिल्ली के पश्चिमी विहार इलाके के रहने वाले एक बिजनेसमैन के क्रिप्टो वॉलेट से 6. 2 बिटकॉइन, 9. 79 एथेरियम, 2. 44 बिटकॉइन कैश चोरी हो गए थे. उस समय इस क्रिप्टो करेंसी की कीमत करीब 30 लाख 85 हजार 845 रुपये थी. जिसकी कीमत अब करीब 4. 5 करोड़ रुपये है. गौरतलब है कि हमास को फिलस्तान के लोग जहां चरमपंथी संगठन की संज्ञा देते हैं वहीं इजरायल ने इसे एक आतंकी संगठन घोषित कर रखा है. गाजा पट्टी में अक्सर इजरायल और हमास के बीच संघर्ष की खबरें आती रहती हैं.
अमेरिका की शीर्ष ड्रोन निर्माता कंपनी जनरल एटॉमिक्स ने भारत में मानवरहित विमानों के लैंडिंग उपकरणों और कलपुर्जों के निर्माण के लिए भारत फोर्ज लिमिटेड के साथ करार की घोषणा की है। इस कदम से भारत में अत्याधुनिक ड्रोन के निर्माण के लिए एक विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने में मदद मिलेगी। जनरल एटॉमिक्स की एक सब्सिडियरी इकाई सैन डिएगो स्थित जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम (जीए-एएसआई) ने कहा है कि भारत फोर्ज लिमिटेड के साथ उसकी साझेदारी दोनों कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण क्षमता निर्माण में सहायक होगी। इससे भारत में मानवरहित विमान उद्योग को गति मिलेगी। कंपनी ने कहा है कि उच्च-प्रदर्शन वाले महत्वपूर्ण सुरक्षा उपकरणों की एक विस्तृत शृंखला के निर्माण में पांच दशकों से अधिक के अनुभव के साथ भारत फोर्ज उत्पादों की अवधारणा, डिजाइनिंग, इंजीनियरिंग, निर्माण, परीक्षण और सत्यापन की क्षमता रखता है। भारत फोर्ज लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक बाबा कल्याणी ने कहा कि एयरोस्पेस एक 'गहन प्रौद्योगिकी' क्षेत्र है, जो उत्पाद की शुद्धता, विश्वसनीयता और उसके दोषरहित होने पर निर्भर करता है। ' उन्होंने कहा, अपनी एयरोस्पेस विकास रणनीति के तहत हमने जीए-एएसआई के साथ साझेदारी की है। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
तहसील सदर क्षेत्र के ग्राम बरखेरवा के ग्रामीण पानी की मांग को लेकर गांव में अनशन पर बैठ गए हैं। गांव वालों का कहना है कि पेयजल की किल्लत के साथ ही नहर के माइनर में भी पानी नहीं आ रहा है। इससे खेतों में खड़ी फसलें सूख रही हैं। किसानों ने इस अनशन को लेकर पहले ही डीएम को प्रार्थनापत्र दिया था। उधर शनिवार को डीएम ने सभी प्रदर्शनकारियों को अपने दफ्तर बुलवाया। अनशन पर बैठे बरखेरवा के लोगों ने बताया कि रामपुरगोकुल से बरखेरवा तक नहर से माइनर होने के बावजूद नहर से पानी माइनर में नहीं छोड़ा जा रहा है। इससे उन लोगों की फसलें सूख रही हैं। सिंचाई विभाग से कई बार मांग की गई पर विभाग के अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। गांव वालों की मांग है कि रामपुर गोकुल बरखेरवा लिंक के पास ठोकर बनाई जाए जिससे पानी माइनर में पहुंचेगा। ग्रामीणों ने बताया है कि ग्राम बरखेरवा में भूजल स्तर नीचे जाने के कारण गांव में लगे हैंडपंप पानी नहीं दे रहे हैं। इससे पेयजल की किल्लत हो गई है। गांव में पानी की टंकी की जरूरत है। ग्रामीणों ने पानी की किल्लत को जल्द समाप्त कराने की मांग की है। गांव के नरेशचंद्र गौतम, नरेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार, मूलचंद और आदित्य कुमार सहित अन्य लोगों ने गांव में ही अनशन शुरूकर दिया है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 7 NITI Aayog Meeting में 2023 में भारत के G20 प्रेसीडेंसी के बारे में बात की। पीएम बोले की इस बैठक के दौरान हमें दुनिया को यह दिखाने का एक अनूठा अवसर है कि भारत केवल दिल्ली ही नहीं है। बल्कि भारत देश का हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश है। पीएम मोदी ने कहा कि हमें G20 के लिए एक जन आंदोलन खड़ा करना चाहिए। इससे हमें देश में उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं की पहचान करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस पहल से अधिकतम संभव लाभ प्राप्त करने के लिए राज्यों में G20 के लिए एक समर्पित टीम होनी चाहिए। पीएम ने आगे कहा कि COVID-19 की चुनौती से राज्य सरकारों के सहकारी संघवाद की भावना व सामूहिक प्रयासों ने ही भारत को इस महामारी से उभरने में मदद की। पीएम ने कहा, "हर राज्य ने अपनी ताकत के अनुसार महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और COVID के खिलाफ भारत की लड़ाई में योगदान दिया। इससे भारत विकासशील देशों के लिए एक वैश्विक नेता के रूप मेंउभर कर सामने आया। G20 प्रेसीडेंसी के बारे में बोलते हुए केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा G20 प्रेसीडेंसी एक महान अवसर और एक बड़ी जिम्मेदारी प्रस्तुत करता है। G20 के इतिहास में पहली बार भारत न केवल दिल्ली में लेकिन हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में G20 बैठकों की मेजबानी करेगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बैठक में सीखने के परिणामों, शिक्षकों के क्षमता निर्माण और कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई कई पहलों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्यों को धन्यवाद दिया और आगे समर्थन का अनुरोध किया।
मौसम विभाग के अनुसार सूबे के उत्तरकाशी चमोली रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भारी बर्फबारी की आशंका है। इस बीच पिछले दिनों हुई बारिश और बर्फबारी का असर बरकरार है। देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी का सिलसिला भले ही थमा हुआ हो, लेकिन सोमवार से मौसम फिर परीक्षा ले सकता है। मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में भारी बर्फबारी की आशंका है। इस बीच प्रदेश में पिछले दिनों हुई बारिश और बर्फबारी का असर बरकरार है। अब भी 150 गांवों में बिजली गुल है तो दो सौ से ज्यादा गांव जिला मुख्यालयों से कटे हुए हैं। हालांकि कई जगह सड़कों से बर्फ हटाकर यातायात बहाल कर लिया गया है, लेकिन अब भी बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे समेत 24 से सड़कें बाधित हैं। शनिवार को सुबह से ही आसमान में बादलों का डेरा रहा। मौसम की करवट से समूचा प्रदेश शीतलहर की चपेट में है। उत्तरकाशी जिले के मोरी क्षेत्र में फंसे दस पर्यटकों को अब भी नहीं निकाला जा सका। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि क्षेत्र में सड़कों से बर्फ हटाने का कार्य जारी है और उम्मीद है कि रविवार को पर्यटकों को निकाल लिया जाएगा। ये पर्यटक मोरी के होटल में ठहरे हैं। टिहरी जिले में नई टिहरी समेत कई गांवों में पाइप लाइनों में पानी जम गया है। इससे लोग बर्फ पिघलाकर पानी की जरूरत पूरी कर रहे हैं। उत्तराखंड इन दिनों शीतलहर की चपेट में है। बर्फीली हवा हाड़ कंपा रही है। प्रदेश में जोशीमठ सबसे सर्द रहा, न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे रिकार्ड किया गया। इसके अलावा मसूरी और कुमाऊं के मुक्तेश्वर में भी न्यूनतम शून्य के करीब रहा। - शहर-------------अधि. -------------न्यून. - जोशीमठ----------05. 8-------------(-0. 8) मसूरी और आसपास की पहाड़ियों पर हुई बर्फबारी के कारण बनी दुश्वारियां जारी हैं। मसूरी-धनोल्टी और मसूरी-चकराता मार्ग पर अभी भी आवाजाही सुचारू नहीं हो पाई है। जेसीबी के नाकाम होने पर अब सड़क पर जमी बर्फ हटाने को मजदूर लगा दिए गए हैं। इधर, देहरादून में मौसम ने कुछ राहत दी है। धूप खिलने से अधिकतम पारा भी सामान्य के करीब पहुंच गया है। बीते आठ जनवरी को हुए भारी हिमपात के बाद से मसूरी और आसपास के क्षेत्रों में व्यवस्थाएं पटरी पर नहीं लौट पा रही हैं। हिमपात होने के चार दिनों बाद भी शहरवासियों को पानी की आपूर्ति नहीं मिल सकी है। खतरनाक हुई सड़कों पर वाहन तो दूर पैदल चलना भी दूभर हो गया है। बर्फ के ऊपर पाला पड़ने से फिसलन बनी हुई है और जेसीबी भी बर्फ को नहीं तोड़ पा रही है। पिक्चर पैलेस-लंढौर मार्ग और लाइब्रेरी-हैप्पीवैली मार्ग पर बर्फ के ऊपर चूना व ब्लीचिंग पाउडर डालने के बाद भी बर्फ नहीं गल पाई है। नगर पालिका व प्रशासन द्वारा पर्यावरण मित्रों व मजदूरों की मदद ली जा रही है, जो गैंती-सब्बल बर्फ को तोड़ रहे हैं। शहर के लाइब्रेरी-हैप्पीवैली-कंपनी गार्डन, जीरो प्वाइंट-कैम्पटी रोड, वैवरली कान्वेंट चौक-धुम्मनगंज-हाथी पांव-जॉर्ज एवरेस्ट-क्लाउड एंड, अंबेडकर चौक-कैमल्स बैक रोड, पिक्चर पैलेस-घंटाघर, गुरुद्वारा चौक-मलिंगार-चार दुकान, मलिंगार-जबरखेत-बाटाघाट क्षेत्र में सबसे अधिक परेशानी हो रही है। वीकेंड के चलते शनिवार को बड़ी संख्या में पर्यटक मसूरी पहंचे। कैमल्स बैक रोड, वैवरली, हैप्पीवैली रोड व कंपनी बाग में हिमपात का आनंद उठाया जा रहा है। उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी का कहना है कि होटलों में 20 से 30 प्रतिशत तक ही ऑक्युपेंसी है, शेष पर्यटक सुबह मसूरी आकर शाम को वापस लौट रहे हैं।
एएनबी न्यूज में दिनेश शर्मा कभी Output Head के तौर पर काम करते थे लेकिन उन्होंने चैनल छोड़ दिया है. . इनके अलावा और कोई यहां दूसरा दिनेश यहाँ नहीं है.... कहा जा रहा है कि दिनेश नाम का इस्तेमाल खुद चैनल का मालिक कर रहा है. आवाज़ भी चैनल के मालिक से मिलती जुलती है. ज्ञात हो कि एएनबी न्यूज को पिछले दिनों काफ़ी लोग टाटा बाय बाय कर गए. पंजाब में काफ़ी सालों से काम कर रहे युवा पत्रकार सुनील कुमार हिमाचली ने भी यहाँ के काम के तरीक़े और चैनल में चल रही गलत चीज़ों को लेकर चैनल छोड़ दिया था. उसने मुश्किल से यहाँ तीन महीने काम किया और परेशान होकर जॉब चेंज कर ली. न तो उसकी सेलरी दी और न ही उसके साथ सही हुआ. सुनील के छोड़ने के बाद यहाँ से मैनेजिंग एडिटर और एडिटर इन चीफ, जिन्होंने महीना भर पहले ही ज्वाइन किया, वे अपनी टीम के साथ छोड़ गए. चैनल में काम करने वालों को धमकाया जाता है. इल्ज़ाम और केस करने की धमकियाँ दी जाती हैं.
ग्राम का जन्मा हुआ था। वह ब्रह्मचारी होकर गुजरात, काठियावाद, कम्बभुज आादि देशों में फिरता था। उसने देखा कि यह देश मूर्ख भोला भाला है। चाहें जैसे इनको अपने मत में कालें वैसे ही ये लोग मुक सकते हैं। वहां उसने दो चार शिष्य बनाये। उन ने आपस में सम्मति कर प्रसिद्ध किया कि सहजानन्द नारायण का अवतार और बड़ा सिद्ध है और भक्तों को चतुर्भुज मूर्ति धारण कर साक्षात् दर्शन भी देता है। एक वार काठियावाड़ में किसी काठी अर्थात् जिसका नाम 'दादाखायर' गढड़े का भूमिया (ज़िमीदार) था । उसको शिष्यों ने कहा कि तुम चतुर्भुज नारायण का दर्शन करना चाहो तो हम सहजानन्दजी से प्रार्थना करें ? उस ने कहा बहुत अच्छी बात है। वह भोला आदमी था। एक कोठरी में सहजानन्द ने शिर पर मुकुट धारण कर और शंख चक अपने हाथ में ऊपर को धारण किया और एक दूसरा आदमी उसके पीछे खड़ा रह कर गदा पद्म अपने हाथ में लेकर सहजानन्द की बगल में से भागे को हाथ निकाल चतुर्भुज के तुल्य बन ठन गये। दादाखाचर से उनके चेलों ने कहा कि एक वार अखि उठा कर देख के फिर आंख मींच लेना और भट इधर को चले माना। जो बहुत देखोगे तो नारायण कोप करेंगे. अर्थात् चेलों के मन में तो यह था कि हमारे कपट की परीक्षा न कर लेबे । उसको ले गये । वह सहजानन्द कलाबत्तू और चलकते हुए रेशमी कपड़े धारण किये था। अंधेरी कोठरी में खड़ा था। उसके चेलों ने एक दम लालटेन से कोठरी की ओर उजाला किया । दादाखावर ने देखा तो चतुर्भुज मूर्ति दीखी, फिर कट दीपक को भाड़ में कर दिया। वे सब नीचे गिर, नमस्कार कर दूसरी ओर चले आये और उसी समय बीच में बातें कीं कि तुम्हारा धन्य भाग्य है। अब तुम महाराज के चेले हो जाओ। उसने कहा बहुत अच्छी बात । जब लो फिर के दूसरे स्थान में गये तब लों दूसरे वस्त्र धारण करके सहजानन्द गद्दी पर बैठा मिला । तब चेलों ने कहा कि देखो अब दूसरा स्वरूप धारण करके यहां विराजमान हैं। वह
अजीबोगरीब लक्षण देखेने को मिलेः लोगों में गले में दर्द के साथ जुकाम, भयंकर खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बुखार और बदन दर्द जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा. कुछ मरीजों में साथ अजीबोगरीब लक्षण देखने को मिले. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कुछ ऐसे ही लक्षण नए वेरिएंट से पीड़ित चाइना के लोगों में मिल रहे हैं. आज हम उन्हीं में से 5 लक्षणों और बचाव के बारे में बात करेंगे. क्या है 5 लक्षण? हेयरी टंग, नसों में झनझनाहट, रैशेज या लाल चकत्ते, हेयर लॉस, पैरों इंफेक्शन. आइए जानते हैं कोरोना के लक्षण टिपिकल लक्षण दिखने पर क्या करें? हेयरी टंगः जीभ में जलन और खुरदुरेपर के साथ कालापन दिखे तो ओरल हाईजीन का ध्यान रखें. टंग क्लीनर या टूथ ब्रश से जीभ साफ करें. स्मोकिंग और तम्बाकू से दूर रहें. ये एंटीबॉडी और दवाओं के असर के कारण होता है. नसों में झनझनाहटः नसों में झनझनाहट या सुन्न की समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाएं. विटामिन B-12 की जांच कराएं और डाइट सुधारें. आप चाहें तो मालिश भी कर सकत हैं. ऐसी समस्या कोरोना के कारण आई कमजोरी से होती है. रैशेज, स्किन के लाल चकत्तेः इस तरह की समस्या होने पर सामान्य खुजली से बचने के उपाय करें. घबराएं नहीं, अगर समस्या लंबे समय से है तो डॉक्टर की सलाह ले. ये दवाओं का साइड इफेक्ट भी हो सकता है. हेयर लॉस बालों का झड़नाः ऐसा कमजोरी और दवाओं के कारण होता है. इससे घबराने की जरूरत नहीं हैं. ये समस्या खुद व खुद ठीक हो जाएगी. बात बढ़े तो डॉक्टर से सलाह लें. खान पान का ध्यान रखें अच्छी डाइट लें. पैरों इंफेक्शनः अंगुलियों में रैशेज और छाले या सूजन होने पर हाईड्रोकोर्टीसोन क्रीम का इस्तेमाल कर सकते हैं. हल्की मसाज और देसी नुस्खे भी अपनाएं. Disclaimer:- कोरोना के नए वेरिएंट (Coronavirus bf7 Variant) के बारे में ये स्टोरी पिछली लहरों की सामान्य जानकारी और मीडियो रिपोर्ट के आधार पर लिखी गई है. इसका सत्यता जांचने के हर संभव प्रयास किए गए हैं. लेकिन, किसी भी तरह के उपाय का आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें. Zee News इन सुझावों और इलाजों की नैतिक जिम्मेदारी नहीं लेता है.
नई दिल्लीः कार्तिक आर्यन (Kartik Aaryan) और सारा अली खान (Sara Ali Khan) की जोड़ी एक बार फिर चर्चा में आ गई है. कार्तिक आर्यन और सारा अक्सर एक साथ स्पॉट किए जाते हैं. दोनों को कई बार चुपके-चुपके मिलते देखा गया है. एक बार फिर दोनों इसी अंदाज में नजर आए. बॉलीवुड एक्टर कार्तिक आर्यन ने ईद के मौके पर अपने इंस्टाग्राम एकाउंट से एक तस्वीर शेयर की है. फोटो में एक्टर कार्तिक आर्यन और सारा अली खान अपने चेहरे ढककर मस्जिद के बाहर ईद मना रहे हैं. ये फोटो खूब वायरल हो रही है. बता दें कि सारा ने करण जौहर के शो कॉफी विद करण में कहा था कि वो कार्तिक को डेट करना चाहती हैं. जिसके बाद से बॉलीवुड गलियारों में कार्तिक और सारा के अफेयर की खबरें फैली हुई थी. फिलहाल फैंस को इनकी फिल्म का इंतजार बड़ी ही बेसब्री से है. बता दें कि बीते दिनों ही सारा ने दिल्ली में फिल्म 'लव आजकल 2' के पहले शेड्यूल की शूटिंग खत्म की है. वहीं, अगर फिल्मों की बात करें तो सारा 1995 में आई फिल्म 'कुली नं. 1' की रीमेक में भी नजर आएंगी.
नारायणपुरः नारायणपुर थाना क्षेत्र के देवलबाड़ी गांव में एक विवाहित महिला ने आग लगाकर जान दे दी घटना बुधवार के रात करीब 10:00 बजे की बताई जा रही है। महिला पनिमा देवी उर्फ कल्पना और उनके पति बादल मंडल से किसी बात को लेकर कहासुनी हुई उतने में महिला उतावला हो गई और ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा लिया। जब तक परिजन महिला पर लगे आग पर काबू पाते तब तक महिला के शरीर के 80% भाग जल चुके थे। आनन-फानन में परिजनों द्वारा धनबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया जहां गुरुवार के सुबह महिला की मौत हो गई। मृतका पनिमा देवी उर्फ कल्पना की शादी धनबाद जिले के गोबिन्दपुर थाना क्षेत्र तुम्बादाहा से 12 वर्ष पूर्व देवलबाड़ी के बादल मंडल से शादी हिन्दू रीति रिवाज से हुई थी। वही शादी के बाद तीन बच्ची हुई कुछ दिनों से पति का व्यवहार महिला को भा नही रहा था। जिसके बात पर कई बार झगड़ा होते रहता था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बादल मंडल को किसी दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध थे। जिस बात पर घर मे हमेशा झगड़ा होते रहता था।
नई दिल्ली। कृषि मजदूरों और ग्रामीण मज़दूरों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के सिंतंबर, 2013 के आंकड़ों में क्रमशः 5 और 6 अंक की वृद्धि हुई है और यह अब दोनों के लिए 759 हो गये हैं (आधार 1986-87=100)। सूचकांक में बढ़ोत्तरी और गिरावट राज्यवार अलग-अलग है। कृषि मज़दूरों के मामलें में इसमें 19 राज्यों के लिए एक से 19 अंकों के बीच बढ़ोत्तरी हुई, जबकि एक राज्य के लिए 6 अंक की गिरावट आई। सूचकांक तालिका में 836 अंकों के साथ हरियाणा शीर्ष पर और 608 अंकों के साथ हिमाचल प्रदेश सबसे नीचे है। कृषि मज़दूरों के मामलें में 18 राज्यों के लिए 2 से 19 अंकों के बीच बढ़ोत्तरी हुई, जबकि एक राज्य में सूचकांक में कोई परिवर्तन नहीं आया। सूचकांक तालिका में 830 अंकों के साथ हरियाणा शीर्ष पर और 640 अंकों के साथ हिमाचल प्रदेश सबसे नीचे है। हरियाणा राज्य में कृषि मजदूरों और ग्रामीण मजदूरों के लिए प्रत्येक में सबसे अधिक 19 अंक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई, जिसका मुख्य कारण गेंहू का आटा, बाजरे का आटा, वनस्पति, बकरे के मांस, दूध, घी, प्याज, सब्जियों और फल, जलावन लकड़ी और सूती मिल के कपड़े के मूल्य में वृद्धि है, दूसरी तरफ कर्नाटक में कृषि मजदूरों के लिए सूचकांक में 6 अंक और ग्रामीण मजदूरों के लिए 7 अंक की कमी आई, जिसका मुख्य कारण चावल, ज्वार, सरसों के तेल, मुर्गी और अंडों, हरी मिर्च, सब्जियों और फल तथा मिट्टी के बर्तनों की कीमतों में आई गिरावट है। कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और ग्रामीण मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित, मुद्रा स्फीति की दर में अंक से अंक अगस्त, 2013 में क्रमशः 13 दशमलव 21 प्रतिशत और 12 दशमलव 89 प्रतिशत से सिंतंबर, 2013 में 12 दशमलव 78 प्रतिशत और 12 दशमलव 44 प्रतिशत गिरावट आई। कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और ग्रामीण मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रा स्फीति सिंतंबर, 2013 में क्रमशः 13 दशमलव 27 प्रतिशत और 13 दशमलव 8 प्रतिशत रही।
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने आज गुजरात विधान सभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। यहां दो चरणों में मतदान की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पहले चरण का मतदान एक दिसंबर जबकि दूसरे चरण की वोटिंग पांच दिसंबर को होगी। परिणाम आठ दिसंबर को आएगा। इसी दिन हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजों का भी ऐलान होना है, जहां 12 नवंबर को एक चरण में वोटिंग होगी। गौरतलब है कि गुजरात चुनाव में 2007 से ही दिसंबर में चुनाव होता रहा है और दो चरणों में वोटिंग की परंपरा रही है। चुनाव के ऐलान के साथ ही गुजरात में आचार संहिता लागू हो गई है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमारने कहा कि गुजरात विधान सभा का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है, जिसमें करीब 100 दिन बाकी हैं। 10 अक्टूबर को मतदाता सूचियों का प्रकाशन हो चुका है। इस बार 4. 9 करोड़ मतदाता गुजरात चुनाव में वोट डालेंगे। पहले चरण में 89 सीटों मतदान होंगे जबकि दूसरे चरण में 93 सीटों पर मतदान कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक अक्टूबर, 2022 तक 18 साल के होने वाले युवाओं को भी वोटिंग का मौैका दिया जा रहा है। कुल 4. 6 लाख वोटर ऐसे हैं जो पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। राज्य में मतदान के लिए कुल 51,782 केंद्र बनाए जाएंगे। मतदान केंद्रों पर पीने के पानी की सुविधा होगी और बुजुर्गों के आराम के लिए वेटिंग एरिया बनाया जाएगा। मतदाता यदि कहीं भी मनी पावर या मसल पावर का इस्तेमाल होता देखते हैं तो वे सी-विजिल ऐप पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यदि किसी उम्मीदवार का आपराधिक बैकग्राउंड है तो पार्टियों को बताना होगा कि उन्हें यही उम्मीदवार क्यों बेहतर लगा। इसके अलावा कैंडिडेट को प्रादेशिक और राष्ट्रीय स्तर के मीडिया में अपने बारे में जानकारी प्रकाशित करनी होगी। गुजरात में कुल 182 विधान सभा सीटों पर चुनाव होने हैं। इस बार इस चुनावी मैदान में आप (आम आदमी पार्टी) के आने से त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है। पिछली बार भाजपा की 99 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। वहीं कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं। मतदाताओं के अनुभव को बेहतर करने के लिए राज्य में 142 मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके अलावा 1,274 मतदान केंद्र ऐसे होंगे, जहां सिर्फ महिला कर्मियों एवं सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाएगी। दिव्यांगों के लिए राज्य में कुल 182 स्पेशल पोलिंग स्टेशन होंगे। वहीं एक पोलिंग स्टेशन ऐसा होगा, जहां सिर्फ एक ही मतदाता है लेकिन उनके मत के लिए भी 15 कर्मियों की टीम जाएगी। 80 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों और 40 फीसदी से ज्यादा दिव्यांगता से प्रभावित लोगों को घर से ही बैलेट पेपर के जरिए मतदान की सुविधा मिलेगी। इसके लिए उन्हें फॉर्म 12डी भरना होगा। गुजरात विधान सभा चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी कल अपने मुख्यमंत्री पद के चेहरे का ऐलान करेगी। अरविंद केजरीवाल कल गुजरात के दौरे पर रहेंगे। वे यहां पार्टी के मुख्यमंत्री चेहरे का ऐलान करेंगे। आज शाम तक गुजरात के लोगों से पार्टी ने मुख्यमंत्री पद के चेहरे के लिए सुझाव और नाम मांगे गए थे। कल केजरीवाल नाम का औपचारिक ऐलान करेंगे। नई दिल्ली। यूपी समेत देश के छह राज्यों की सात विधान सभा सीटों पर उपचुनाव के लिए आज मतदान हुआ। बिहार की मोकामा और गोपालगंज, महाराष्ट्र की अंधेरी ईस्ट, हरियाणा की आदमपुर, तेलंगाना की मुनुगोडे, यूपी की गोला गोकर्णनाथ और ओडिशा की धामनगर सीट पर मतदान हुआ। मतदाताओं ने बढ़-चढक़र अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उपचुनाव के नतीजे 6 नवंबर को आएंगे। उपचुनाव में अधिकतर सीटों पर भाजपा और क्षेत्रीय दलों के बीच सीधा मुकाबला है। गोला गोकर्णनाथ विधान सभा के उपचुनाव में मतदाताओं में मतदान को लेकर खासा उत्साह दिखा। यहां मुख्य मुकाबला भाजपा व सपा के बीच है। भाजपा ने अरविन्द गिरि के बेटे अमन गिरि व सपा ने पूर्व विधायक विनय तिवारी को मैदान में उतारा है। कांग्रेस व बसपा ने यहां से अपने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में आज कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में कुल 22 प्रस्ताव मंजूर किए गये। निर्णय लिया गया है कि अब लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और नोएडा के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होगी। यूपी कैबिनेट ने लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और नोएडा के ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी। अब लखनऊ पुलिस कमिश्नरी में ग्रामीण क्षेत्र भी आएगा। इसके अलावा बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक महानिदेशक होंगे। औद्योगिक विकास एवं अवस्थापना निवेश प्रोत्साहन नीति को भी मंजूरी मिली है। लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज अपने सरकारी आवास पर श्रीराम चरण पादुका का पूजन करने के साथ ही श्रीराम कर्मभूमि यात्रा को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथयात्रा भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या के रास्ते बिहार के बक्सर होते हुए जनकपुर तक जाएगी।
रियाद से आए दो तस्करों को करोड़ों के सोने के साथ एयरपोर्ट से सुरक्षित बाहर निकालने के मामले में गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की गई। कस्टम कमिश्नर ने एयरपोर्ट पर तैनात सीमा शुल्क के पांच अधिकारियों को निलम्बित कर दिया। इसमें एक अधीक्षक और चार वरिष्ठ इंस्पेक्टर शामिल हैं। डीआरआई यानी राजस्व खुफिया निदेशालय की टीम ने गुरुवार को एयरपोर्ट पर तस्करों की मदद करने वाले कस्टम के एक हवलदार राम कुमार यादव को गिरफ्तार किया था। हवलदार की मदद से तस्कर 4. 5 करोड़ रुपए सोने के बिस्कुट बाहर निकाल ले गए थे। इनको डीआरआई की टीम ने आगरा एक्सप्रेस वे पर पीछा कर पकड़ा था। इसके बाद से ही यह सवाल उठ रहे थे कि अकेले हवलदार इतनी बड़ी मात्रा में तस्करी का सोना बाहर नहीं निकलवा सकता है। कस्टम कमिश्नर वेद प्रकाश शुक्ला ने पहले ही आशंका जताते हुए खुफिया एजेंसियों को जांच करने के लिए कहा था। इसी बीच डीआरआई लखनऊ टीम जो तस्करों के पीछे लगी थी, उसको सफलता मिल गई और पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया। फिलहाल कस्टम मुख्यालय से एयर कस्टम सुपरीटेंडेंट वीके श्रीवास्तव, एयर कस्टम ऑफिसर नीलम सिन्हा, एयर कस्टम अफसर नीरज कुमार, एयर कस्टम अफसर नीरज वर्मा और एयर कस्टम अफसर शैलेष कुमार सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। इसके पूर्व डीआरआई की टीम मुखबिर और सर्विलांस की मदद से ठाकुरगंज स्थित एक मकान पर पहुंची। यहां से रात में एक आरोपी को उठाया गया। उसने खुफिया एजेंसी को बताया कि एयरपोर्ट से सोना बाहर लाने में कस्टम का कर्मचारी मिला हुआ है। इसके बाद टीम ने एयरपोर्ट से हवलदार को उठाया। उसने बताया कि दो तस्कर कुछ देर पहले ही एयरपोर्ट से बाहर निकले हैं। इस बीच दोनों तस्कर एयरपोर्ट से 48 किलोमीटर आगे निकल चुके थे। खुफिया एजेंसी ने पीछा कर दो एसयूवी को रोका। कुल नौ लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। तस्करों का बड़ा नेटवर्क पकड़ में आया है। खुफिया सूत्रों का कहना है कि जल्द ही मुफ्फरनगर में कुछ गिरफ्तारियां हो सकती हैं। दोनों तस्कर और उनके सहयोगी एयरपोर्ट से बाहर आने के बाद एसयूवी से सोना लेकर मुजफ्फरनगर ही जा रहे थे। वहां जिन लोगों ने सोना मंगवाया था अब वो डीआरआई के रडार पर हैं। इसके अलावा लखनऊ से एक और गिरफ्तारी भी हो सकती है। इस घटना के बाद यही सवाल उठा रहा था कि तस्करों की मदद करना एक हवलदार के बस की बात नहीं, जब तक कोई और साथ न हो। विदेश से आने वाले यात्री को सुरक्षा के तीन चरण पार करने होते हैं। चेक इन बैगेज और हैंडबैगेज एक्सरे-स्कैनर से गुजरते हैं। इसमें पूरी टीम काम करती है। ऐसे में बिना दो से तीन कर्मियों की मिलीभगत किसी को बिना संदेह बाहर निकलवाना संभव नहीं।
गौतम बुद्ध नगर पेरेट्स वेलफेयर सोसायटी (GPWS) और फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) ने बुक्स एक्सचेंज फेयर का आयोजन किया। नोएडाः गौतम बुद्ध नगर पेरेट्स वेलफेयर सोसायटी (GPWS) और फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (फोनरवा) ने बुक्स एक्सचेंज फेयर का आयोजन किया। यह बुक एक्सचेंज फेयर जीपीडब्ल्यूएस के संस्थापक मनोज कटारिया और फोनरवा के अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा के नेतृत्व में आयोजित किया गया। इस मौके पर जीपीडब्ल्यूएस के संस्थापक मनोज कटारिया ने बताया कि अभिभावकों का पुस्तकें दान करने और एक दूसरे का सहयोग करने के उत्साह को देखते हुए दोनों संस्थाएं अगला पुस्तक मेला 27 मार्च को करने जा रही है। इस पुस्तक मेले के दौरान गरीब और जरूरतमंद अभिभावकों और विद्यार्थियों के लिए कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। फोनरवा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जेपी उप्पल, ओपी यादव, जीपीडब्ल्यूएस के संस्थापक मनोज कटारिया, अध्यक्ष कपिल शर्मा, गीता विदयार्थी, विजय श्रीवास्तव, धर्मेंद्र नंदा, जोगेंद्र, पल्लवी राय, पवन यादव, गौरव सिंघल,राजेश चौधरी, उमाशंकर शर्मा, प्रदीप महेश्वरी, राम अवतार शर्मा, सुनीता खटाना, गौरव भाटिया, रुचिका जैन, अर्चना मधु सिंह, अंजलि वर्माऔर अर्चना प्रसाद समेत कई लोगव मौजूद रहे।
श्री घमंतत्त्व संग्रह १२ लाख कोड़ी कुस पृथ्वीकाय के, ७ लाख कोढ़ी अपुकाय के, ३ लाख कोड़ी तेजस्काय के, ७ लाख कोड़ी वायुकाय है, २८ लाख कोढ़ी वनस्पति के, ७ लाख कोड़ो द्वीन्द्रिय के, ८ लाख कोड़ी श्रीन्द्रिय के, ६ लाख कोड़ी चौइन्द्रिय के, १२॥ लान कोड़ी जलचर के, १० लाख कोड़ी स्थलचर जीवों के, १२ लान कोड़ी नभचर (आकाश) में उड़ने वाले पक्षियों) के, कोड़ी उरपरि सर्प (पेट से रंग कर चलने वालों) के, २५ लान कोड़ी नरक के, २६ लाख्न फोड़ी देवों के और १२ लाख कोई मनुष्यों के । इस प्रकार सब मिलकर एक करोड, सत्तानवे लाख पचास हजार कोटी (कोटि-करोड़) कुल हुए । इन सब कुल में अनेक अनेक वार तू ने जन्म लिया है ! फिर भी तू कु का अभिमान करता है ! अगर तू समझता है कि तू ने ऊँचा कु पाया है तो उसको सार्थकता ऐसा कार्य करने में है कि जिस फिर कभी नीच कुल में जन्म ही न लेना पड़े ! (३) चित्त में जब लाभमद का प्रादुर्भाव हो तो सोच चाहिए- अरे प्राणी ! तू हजार, लाख या दस लाख के लाभ क्यों अभिमान करता है ? देख, चक्रवर्ती के पास चौरासी-चौरा लाख हाथी, घोडे और रथ, छयानवें करोड़ पैदल, एक ला दयानवे हजारं रानियां और सम्पूर्ण भारत वर्ष के २१ लाम कोमों में राज्य, नव निधान, चौदह रत्न आदि की कितनी विपुल विमृति थी ! इस विभूति मे अन्त में वे भी गुली नहीं हुए ! उन्हें अनुभव में जब मालूम हुआ कि लक्ष्मी से गुरु मिल ही नहीं सकता, तब वे उमे तिनके की तरह त्याग कर अकिंचन साधु वन गये ! और न थोड़ा-मा धन पाकर इतना अभि-मान करता है ! यह धन भी सदा तेरे साथ नहीं रहेगा। धन के लाभ अगर तु दूसरे के लाभान्तराय का छेदन करे तथा दूसरे ऐसे
अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन ने सूचना दी है कि वह अपने जनजातीयों विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा को लेकर सतर्क है। जनजातीय मामले मंत्रालय को प्रस्तुत एक रिपोर्ट में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन ने सूचना दी है कि मार्च के मध्य से ही, जब द्वीपसमूह में कोविड-19 का एक भी मामला दर्ज नहीं किया गया था, जनजातीयों की संरक्षा और सुरक्षा के लिए सक्रिय रूप से कई कदम उठाये गए हैं। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में छह अधिसूचित जनजातियां हैं। निकोबारीज को छोड़कर शेष पांच जनजातीयों अर्थात ग्रेट अंडमानीज, जरावा, सेंटीनेलीज ओंगे एवं शोम्पेन को पीवीटीजी के रूप में देखा जाता है। केंद्रीय जनजातीय मामले मंत्री श्री अर्जुन मुंडा ने एक ट्वीट में कहा है कि अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण के जरिये विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा को लेकर सतर्क है और जनजातीय मामले मंत्रालय इस संबंध में अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन के अधिकारियों के निरंतर संपर्क में है। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण के जरिये अपने जनजातीयों, विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा को लेकर सतर्क है। एक पंजीकृत सोसाइटी अंडमान आदिम जनजाति विकास समिति (एएजेवीएस) पीवीटीजी के कल्याण एवं सुाक्षा का अनुवीक्षण एवं निगरानी कर रही है जबकि निकोबार द्वीपसमूह के उप आयुक्त समेकित जनजातीय विकास प्राधिकरण (आईटीडीए) के जरिये निकोबारीज जनजाति के कल्याण एवं बेहतरी का ध्यान रख रहे हैं। प्रशासन ने पहले ग्रेट अंडमानीज और जरावा को बाहरी निवासियों के किसी भी संपर्क में आने से बचने के लिए क्रमशः स्ट्रेट द्वीपसमूह और जरावा रिजर्व के पश्चिमी तट पर शिफ्ट कर दिया था। जरावा जनजाति की सुरक्षा के लिए रक्षा दलों की संख्या सीमित कर दी गई है। प्रक्षेत्र पदाधिकारियों को नियमित रूप से फेसमास्क, दस्तानों एवं कुछ दूरी से जनजातियों के साथ परस्पर संपर्क करने का सुझाव दिया गया है। जनजातियों को कोविड-19 के बारे में प्रक्षेत्र कर्मचरियों द्वारा उनकी अपनी भाषा में चित्रों/वीडियो के साथ सावधानियों को लेकर सुग्राही बनाया जा रहा है। जनजातीय बस्तियों में एएजेवीएस तथा अन्य लाइन विभागों के कार्मिकों की आवाजाही कोविड की समुचित जांच के बाद ही दी जा रही है। जनजातीय बस्तियों में तैनात पदाधिकारियों को जनजातीय बस्तियों के बाहर जाने तथा बाहरियों के साथ परस्पर संपर्क न करने की सलाह दी गई है। इसके अतिरिक्त, सभी प्रक्षेत्र पदाधिकारियों की सावधिक रूप से कोविड-19 की जांच की जा रही है। जरावा को व्यस्त रखने के लिए उन्हें तीर बनाने के लिए टूल्स एवं स्टील के रौड उपलब्ध करा दिए गए हैं। एएजेवीएस, पुलिस तथा वन विभागों द्वारा गश्ती तेज कर दी गई है। मत्स्य विभाग ने भी मछुआरों को जरावा के साथ परस्पर संपर्क न करने के लिए सुग्राही बना दिया है। कोविड-19 के प्रकोप की किसी स्थिति में किसी संभावित प्रसार से बचने के लिए जरावा को छोटे समूहों में रहने को कहा गया है। एएजेवीएस कर्मचारियों द्वारा इतेरजी, बंबूफटिकरी, फूलताला, सांतिपुर और कटाईडेरा में जरावा की आवाजाही की गहन निगरानी की जा रही है। हालांकि ग्रेट अंडमानीज को कोविड-19 जांच के संचालन के बाद अप्रैल, 2020 में स्ट्रेट द्वीपसमूह पर शिफ्ट कर दिया था, लेकिन कई ग्रेट अंडमानीज सरकारी नौकरियों में हैं और पोर्ट ब्लेयर में रहते हैं। इसलिए कई परिवार अनलॉक की घोषणा के बाद जून, 2020 में पोर्ट ब्लेयर लौट आए हैं। अगस्त, 2020 में कोविड-19 मामलों में उछाल को देखते हुए, अंडमानीज जनजातियों को एक बार फिर से स्ट्रेट द्वीपसमूह पर उनके वासों को शिफ्ट करने की सलाह दी गई है। कोविड-19 जांच किए जाने के बाद कुछ अंडमानीज जनजातियां हल्के लक्षणों या बिना किसी लक्षण के पॉजिटिव पाई गई हैं जिनमें से 03 स्वस्थ हो चुके हैं और शेष प्रयाप्त सावधानी के साथ जी बी पंत अस्पताल में या होम आइसोलेशन में हैं। पॉजिटिव पाए जाने वाले जनजातियों के परिवार के सदस्यों को छोड़कर अधिकांश जनजातियों को वापस स्ट्रेट द्वीपसमूह पर शिफ्ट कर दिया गया है। सभी सक्रिय मामलों का स्वास्थ्य अच्छा है और उन पर गहन निगरानी रखी जा रही है। इसके अतिरिक्त, ग्रेट अंडमानीज के बीच कोविड-19 पॉजिटिव मामलों के उद्भव को देखते हुए प्रशासन ने डुगोंग क्रीक से ओंगे जनजातियों के नमूने लिए हैं और वे सभी निगेटिव पाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, प्रशासन ने जल्द ही जरावा जनजाति की औचक जांच करने का फैसला किया है। अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह प्रशासन ने जनजातीयों विशेष रूप से निर्बल जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दुहरता है और उनकी सुरक्षा सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। वह मानवता की इस विरासत की सुरक्षा करने को लेकर कोई कोरो कसर नहीं छोड़ेगा।
बाबरी थानाध्यक्ष नेमचंद सिंह ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ में सामने आया कि बुधवार दोपहर करीब दो से तीन बजे के आसपास ही आरोपी पड़ोसियों ने सुभान को अपने घर बुला लिया था। मासूम सुभान पड़ोसी होने के नाते उनके घर चला गया, उसे नहीं पता था कि उसे इतने प्यार से अपने घर बुलाने वालों के मंसूबे कितने खतरनाक हैं। बकौल एसओ आरोपियों ने कुछ देर तो सुभान को अपनी बातों में उलझाया और इसके बाद उसे पड़कर सिर पर ईंटों से वार किए। सुभान बेहोश हो गया तो उसकी गला दबाकर हत्या कर दी। दिन भर उसका शव अपने घर में छिपाकर रखा। रात को अंधेरा होने पर सुभान का शव घर की छत से पास में बह रहे नाले में फेंक दिया। कुछ देर बाद उन्हें लगा कि नाले में पड़ा शव फूलकर ऊपर आ जाएगा और भेद खुलने पर वह फंस जाएंगे। उन्होंने प्लान बनाया कि सुभान का शव नाले से निकालकर बाहर मेले के आसपास डाल देंगे, ताकि किसी को उनपर शक न हो। ऐसे में उन्होंने अपने घर की दीवार को बीच से तोड़कर उसमें कुंबल किया। उसके अंदर से नाले से सुभान का शव निकालने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो सके। रात को सुभान के परिजन और पुलिस भी उसकी तलाश में लग गई थी इसलिए फंसने के डर से उन्होंने अपना इरादा बदल लिया। उन्होंने तोड़ी गई दीवार फिर से चिन दी। गुरुवार सुबह सुभान का शव नाले से फूलकर ऊपर आ गया इसके बाद पुलिस ने उसे बरामद कर लिया। पुलिस के अनुसार बुधवार रात जब सुभान के परिजन उसे तलाश रहे थे तो आरोपी शादाब ने भी पीड़ित परजिनों से हमदर्दी जताई। वो भी देर रात तक परिजनों के साथ उसकी तलाश करता रहा ताकि किसी को उस पर शक न हो। वो बार- बार परिजनों से हमर्दी दिलाता और उनका हमर्दद बनने की कोशिश करता रहा। पुलिस के अनुसार सुभान के परिजनों को पहले से ही उसपर शक था लेकिन बुधवार रात सुभान की तलाश कराने में लगा आरोपी शादाब बीच में ही अपने घर चला गया। शायद उसके दिमाग में शव को ठिकाने लगाने की थी ऐसे में सुभान के परिजनों का शक उसपर बढ़ गया। रात को आरोपी पक्ष अचानक अपना थ्री व्हीलर स्टार्ट करने का प्रयास करते रहे थे लेकिन वो नहीं हुआ। इसके बाद परिजन रात को उनके घर की निगरानी करते रहे। सुबह जब उनके घर के बाहर से ही नाले में शव बरामद हुआ तो उनका शक पुख्ता हो गया और परिजनों ने उन पर शक जताकर पुलिस को बताया और केस दर्ज कराया। एसओ बाबरी के अनुसार पूछताछ में सामने आया कि आरोपी रात में शव को मेले के आसपास कहीं फेंकना चाहते थे। उनका मानना था कि मेले के आसपास बालक का शव मिलेगा तो ग्रामीण और पुलिस की जांच की दिशा उसके इर्द गिर्द घूमती रहेगी और उन पर शक नहीं होगा। इससे वे आसानी से पकड़ में नहीं आ सकेंगे, लेकिन ग्रामीणों की सजगता और पुलिस की सक्रियता से आरोपी पकड़ में आ गए। लोगों का कहना था कि आरोपी अगर अपनी चाल में कामयाब हो जाते और शव को दुर्गा मेले के आसपास फेंक जाते तो घटना दूसरा रूप ले सकती थी, जिससे कस्बे की शांति भंग हो सकती थी।
लखनऊ. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी भारतीय खेल प्राधिकरण का क्षेत्रीय सेंटर सरोजिनी नगर में मौजूद है. यहां पर देश भर के कोने-कोने से आने वाले खिलाड़ियों को फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं दी जाती हैं. खिलाड़ियों की हर एक छोटी सी छोटी जरूरत का कभी यहां पर ध्यान रखा जाता है. आपको बता दें कि पिछले कुछ वक्त से यहां पर खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर सवाल उठ रहे थे. यह भी कहा जा रहा था कि यहां पर खिलाड़ियों को जो सुविधा दी जाती हैं वह खराब होती हैं. इसी की पड़ताल करने के लिए जब लोकल18 टीम पहुंची तो यहां की सुविधाएं सच में चौंकाने वाली मिली. यहां पर खिलाड़ियों के लिए फिजियोथैरेपी सेंटर है जिसमें ऐसी मशीन मौजूद है जो खिलाड़ियों के शरीर का कौन सा अंग कितना प्रतिशत काम कर रहा है किस अंग को और सक्रिय करने की जरूरत है उसकी भी जांच होती है. इसके अलावा शरीर के एक-एक अंग की यहां पर जांच के साथ ही उसे फिट करने में भी मदद की जाती है. खिलाड़ियों के लिए यहां पर दो डॉक्टर मौजूद रहते हैं. दवाएं सभी होती हैं. गंभीर मामलों में एंबुलेंस के जरिए खिलाड़ियों को बाहर भी रेफर किया जाता है. बात करें यहां की कैंटीन की तो यहां की कैंटीन हाईटेक रेस्टोरेंट से कम नहीं है क्योंकि यहां पर कैंटीन में एसी भी लगा हुआ है. म्यूजिक सिस्टम भी है. यहां पर इस बात का भी ध्यान रखा जाता है कि कोई खिलाड़ी अगर खुद से अपनी मनपसंद का खाना बनाना चाहे तो वह उसे बाहर लगे हुए चूल्हे पर बनाने दिया जाता है. कैंटीन में खिलाड़ियों का डाइट चार्ट भी लगा हुआ है. कितनी डाइट दी जानी है और डाइट में क्या कुछ होना चाहिए यह सब कुछ यहां पर तय है. यह पूरा सेंटर करीब 65 एकड़ में फैला हुआ है और यहां से एक खिलाड़ी पर सालाना 12 लाख का खर्चा आता है. यहां पर महिला और पुरुष खिलाड़ियों के लिए अलग-अलग आइस बाथ और सोना बाथ भी मौजूद है. यह खिलाड़ियों के लिए बेहद आवश्यक होता है. यही नहीं यहां पर महिला और पुरुष के हॉस्टल भी काफी दूर-दूर बनाए गए हैं ताकि किसी को भी कोई दिक्कतों का सामना ना करना पड़े. स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल सेंटर के कार्यकारी निदेशक संजय सारस्वत ने बताया कि अभी यहां पर नेशनल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस करीब 5 है जो चल रहे हैं. 300 बेड का हॉस्टल है और 200 बेड के हॉस्टल की तैयारी है ताकि प्रांगण में 800 से ज्यादा खिलाड़ी प्रैक्टिस कर सकें. मौजूदा सभी सुविधाओं को अपग्रेड किया जा रहा है. एक हाई परफॉरस सेंटर भी बनाने पर विचार किया जा रहा जिसमें खिलाड़ियों की क्षमता पर चर्चा होगी. उसमें सुधार करने पर बात होगी और हर एक खिलाड़ी से जुड़ी हुई हर एक जरूरत के बारे में वहां ध्यान रखा जाएगा ताकि खिलाड़ी की परफॉर्मेंस को और सुधारा जा सके. .
सेंट्रल बैंक के ब्याज दर फैसले की घोषणा कर दी गई है. जून 2023 सीबीआरटी बैठक की अध्यक्षता हाफ़िज़े गए एरकान ने की। सेंट्रल बैंक की बैठक के बाद इस सवाल का जवाब दिया गया कि 'क्या सेंट्रल बैंक की ब्याज दर के फैसले की घोषणा हो गई है, क्या हुआ?' केंद्रीय बैंक ने नीतिगत दर 650 आधार अंक बढ़ाकर 15 फीसदी कर दी. यह दर वृद्धि मार्च 2021 के बाद पहली थी। दूसरी ओर, सेंट्रल बैंक ने ब्याज दर निर्णय का पाठ भी प्रकाशित किया है जो बाजारों का मार्गदर्शन करेगा। अर्थशास्त्रियों ने निर्णय के पाठ के महत्व के साथ-साथ सीबीआरटी के ब्याज दर निर्णय पर भी ध्यान आकर्षित किया। मौद्रिक नीति समिति (कमेटी) ने एक सप्ताह की रेपो नीलामी दर, जो कि नीतिगत दर है, को 8,5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय लिया। बोर्ड ने अवस्फीति को जल्द से जल्द स्थापित करने, मुद्रास्फीति की उम्मीदों को नियंत्रित करने और मूल्य निर्धारण व्यवहार में गिरावट को नियंत्रित करने के लिए मौद्रिक सख्त प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया। हालाँकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति कम हुई है, फिर भी यह दीर्घकालिक औसत से काफी ऊपर है। इसी कारण से दुनिया भर के केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को कम करने के उपाय करते हैं। हमारे देश में, हालिया संकेतक मुद्रास्फीति की अंतर्निहित प्रवृत्ति में वृद्धि का संकेत देते हैं। यह विकास घरेलू मांग के मजबूत प्रवाह, लागत पक्ष के दबाव और सेवा मुद्रास्फीति की कठोरता से प्रेरित था। इन कारकों के अलावा, समिति का अनुमान है कि मूल्य निर्धारण व्यवहार में गिरावट का मुद्रास्फीति पर अतिरिक्त नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। बोर्ड इस तरह से नीतिगत दर निर्धारित करेगा जिससे मौद्रिक और वित्तीय स्थितियाँ बनेंगी जिससे मुद्रास्फीति की अंतर्निहित प्रवृत्ति में गिरावट और मध्यम अवधि में 5 प्रतिशत लक्ष्य तक पहुंचना सुनिश्चित होगा। मुद्रास्फीति के परिदृश्य में उल्लेखनीय सुधार होने तक जब भी आवश्यक होगा, मौद्रिक सख्ती को धीरे-धीरे मजबूत किया जाएगा। मुद्रास्फीति के संकेतकों और मुद्रास्फीति की प्रवृत्ति पर बारीकी से नजर रखी जाएगी, और सीबीआरटी मूल्य स्थिरता के अपने मुख्य उद्देश्य के अनुरूप अपने निपटान में सभी उपकरणों का दृढ़तापूर्वक उपयोग करना जारी रखेगा। मौद्रिक सख्ती की प्रक्रिया शुरू होने से मौद्रिक नीति की प्रभावशीलता बढ़ेगी। हालाँकि, मूल्य स्थिरता की निरंतरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, सीबीआरटी रणनीतिक निवेश का समर्थन करना जारी रखेगा जो चालू खाता संतुलन में सुधार करेगा। बोर्ड बाजार तंत्र की कार्यक्षमता बढ़ाने और मैक्रो वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने के लिए मौजूदा सूक्ष्म और मैक्रोप्रूडेंशियल ढांचे को सरल बनाएगा। प्रभाव विश्लेषण करके सरलीकरण प्रक्रिया क्रमिक होगी। बोर्ड पूर्वानुमानित, डेटा-उन्मुख और पारदर्शी ढांचे में अपने निर्णय लेना जारी रखेगा।
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अब जेड श्रेणी सुरक्षा में रहेंगे। स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो की सिफारिश पर केंद्र सरकार ने दुष्यंत की सुरक्षा बढ़ाने को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद दुष्यंत को अब जेड सुरक्षा कवर मिल जाएगा। आबू धाबी से जान से मारने की धमकी मिलने, अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण, खुफिया रिपोर्ट व दुष्यंत के पब्लिक एक्सपोजर को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अभी तक हरियाणा में सीबीआई जज पंचकूला, जगदीप सिंह को ही जेड सुरक्षा थी। उन्हें सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को साध्वी यौन शोषण मामले में सजा सुनाने के बाद जेड श्रेणी सुरक्षा दी गई थी। जिसकी सिफारिश भी सुरक्षा कारणों के मद्देनजर स्टेट लेवल रिव्यू कमेटी ने ही की थी। दुष्यंत को जेड सुरक्षा देने के लिए 29 जनवरी 2020 को चंडीगढ़ स्थित स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो मुख्यालय में हुई थी। इसकी अध्यक्षता स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो चंडीगढ़ के अतिरिक्त निदेशक मनमोहन सिंह ने की थी। इसमें हरियाणा के आईजी सिक्योरिटी सौरभ सिंह, एसपी सिक्योरिटी द्वितीय व सीआईडी हामिद अख्तर, सहायक निदेशक स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो चंडीगढ़ जेपी जस्सू व गृह विभाग हरियाणा के अवर सचिव महा सिंह बैठक में शामिल हुए थे। बैठक में दुष्यंत की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की गई थी। दुष्यंत को अक्टूबर 2019 में पवन नाम के मैकेनिक ने जान से मारने की धमकी दी थी। रेवाड़ी जिला के रामपुर का रहने वाला पवन आबू धाबी में मैकेनिक का काम करता है। उसके खिलाफ जींद के उचाना पुलिस थाने में 15 अक्टूबर 2019 को एफआईआर दर्ज हो चुकी है, जांच जारी है, लेकिन उसे अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। स्टेट इंटेलिजेंस ब्यूरो ने 29 जनवरी को ही दुष्यंत को तत्काल प्रभाव से जेड श्रेणी सुरक्षा देने का निर्णय ले लिया था। जिसकी सिफारिश गृह मंत्रालय को भी कर दी गई थी। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने का मतलब है खुद की जान खतरे में डालना। परिवार के बाकी सदस्यों के बीच ऐसा खतरा लेकर पहुंचना जो पूरे परिवार पर भारी पड़ जाए। यह तथ्य पूरी दुनिया मानने लगी है कि मास्क लगाना ही कोरोना का संक्रमण रोकने का सबसे बड़ा हथियार है। इसके बाद भी हजारों लोग ऐसे हैं जो इसकी परवाह तक नहीं कर रहे। बगैर मास्क घूम रहे लोगों से नौ दिन में जुर्माने के रूप में 13 लाख से अधिक रुपये वसूल किये गये हैं। जुर्माने के तौर पर वसूल किये गये पांच सौ रुपये तक की राशि से इतना एमाउंट जमा हो गया है कि आक्सीजन के लिए तड़प रहे सैकड़ों लोगों की जान बचाई जा सके। करीब ढाई सौ लोगों का अंतिम संस्कार किया जा सके। कोरोना कॉल में मास्क और सोशल डिस्टेंस को लेकर जिले भर की पुलिस एक्टिव है। शहर से लेकर गांव तक नो-मास्क में मिले लोगों के चालान किए जा रहे हैं। ऐसे लोगों से जुर्माने के रूप में पुलिस रुपये भी वसूल रही है। एक से नौ मई तक पुलिस की चेकिंग में 3,507 लोग बगैर मास्क के मिले। जबकि पुलिस बार-बार बगैर मास्क न निकलने की अपील कर रही है। खैर, इन लोगों से नो-मास्क के तहत नौ दिनों में 13 लाख 4000 हजार रुपये बतौर जुर्माना वसूला गया। यह तो कोरोना संक्रमण कॉल के लॉक डाउन में एक पहलू है। इसका दूसरा पहलू भी है। दूसरा पहलू यह है कि जिले में वसूले गए इन रुपयों से ऑक्सीजन के लिए तड़प रहे सैकड़ों लोगों को सरकार राहत दे सकती है। इसे थोड़ा बारीकी से समझने की जरूरत है। दरअसल एक बड़े सिलेंडर में ऑक्सीजन भरवाने का रेट करीब 600 रुपये बताया जाता है। यदि इस रेट पर ध्यान दें तो नौ दिनों में जुर्माने के रूप में वसूले गए रुपयों से सरकार लगभग 2173 सिलेंडर में ऑक्सीजन भरवा सकती है। प्रति मरीज को एक ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत करीब सात दिनों तक पड़ती है। इस तरह जिले के लोगों से वसूले गए 13 लाख 4000 जुर्माने की रकम से 300 लोगों को सरकार पर्याप्त ऑक्सीजन का प्रबंध कर सकती है। एक छोटे सिलेंडर में में ऑक्सीजन भरवाने का रेट करीब 380 रुपये बताए जाते हैं। इस तरह नौ दिनों में वसूले गए 13 लाख 4000 इन रुपयों से 3431 सिलेंडर में ऑक्सीजन फिल कराया जा सकता है। मतलब यह कि वसूले गए इन रुपयों से सरकार सैकड़ों लोगों को छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर का भी प्रबंध कर सकती है। अकेले नौ दिनों में वसूले गए नो-मास्क पर जुर्माने की रकम से केवल ऑक्सीजन के प्रबंधन ही नहीं हो सकते। यदि सरकार चाहे तो इन रुपयों से 260 ऐसे लोगों का अंतिम संस्कार करवा सकती है, जिनकी कोरोना से डेथ हुई और कोई उनका अंतिम संस्कार करने वाला नहीं है। क्योंकि नौ दिनों में पुलिस द्वारा 13 लाख 4000 रुपये का जुर्माना वसूला गया है। एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार का रेट 4000 रुपये निर्धारित किए गए हैं। यदि यह रेट 5000 भी मान लें तो जुर्माने की रकम से सरकार जिले में मरने वाले 260 लोगों का अंतिम संस्कार इन रुपयों से करवा सकती है।
सत्य विजय सिंह (रिपोर्टर) Barwani kidnapping: मध्यप्रदेश के बड़वानी से दिनदहाड़े व्यापारी के अपहरण का मामला सामने आया है। बेखौफ होकर फिल्मी स्टाइल में अपहरण को अंजाम देने की ये वारदत CCTV में कैद हो गई। दिनदहाड़े व्यापारी के अपहरण की जानकारी जब पुलिस को मिली तो तुरंत मामले की जांच शुरू दी। अपहरण की घटना के बाद पुलिस एक्शन में आई और पूरे मामले का खुलासा कर दिया। शुक्रवार को व्यापारी मनोज पारिख के अपहरण को 6 बदमाशों ने अंजाम किया था। कार से आए 6 बदमाश मनोज को दुकान से उठा ले गए। पुलिस के मुताबिक व्यापारी मनोज पारिख का अपहरण 50 से 60 लाख रुपए के लेनदेन विवाद में हुआ था। पुलिस ने व्यापारी की तलाश में महाराष्ट्र और गुजरात तक के CCTV खंगाले। इस वारदात को अंजाम देने वाले आरोपी नागदा के रहने वाले हैं। बदमाशों को सेलम्बा निवासी मनु उर्फ मनोहर पंवार ने सुपारी दी थी। पुलिस ने दिनेश चौधरी, आशीष कल्याणे, योगेश भाटी, राजपाल चंद्रावत, गौरव बोरकर और सुमित पोतदार को गिरफ्तार किया है। पुलिस के इस मामले में 6 आरोपियों को किया गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने व्यापारी को केवड़िया स्टैचू ऑफ यूनिटी के पास एक फार्म हॉउस में बंधक बनाकर रखा था। आरोपियों के पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं। इस मामले में पुलिस आरोपी मनु पंवार, देवेंद्र पंवार और सचिन पंवार की तलाश जारी है। 60 पुलिसकर्मियों की 10 टीमों ने महज 14 घंटे में ही पूरे मामले का खुलासा कर दिया। दिनदहाड़े व्यापारी के अपहरण का CCTV जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा सकता है कि व्यापारी मनोज पारिख अपनी दुकान में खड़ा है। इसी बीच 3 बदमाश दुकान के अंदर आते हैं और व्यापारी मनोज पारिख के साथ जबरदस्ती करने लगते हैं। मनोज खुदको छुडाने के लिए संघर्ष करता है, लेकिन सफलता नहीं मिलती। तीनों आरोपी मनोज को जबरन गाड़ी से उठा ले जाते हैं। (Edited By: सागर सिंह)
लखनऊः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लॉकडाउन का मतलब टोटल लॉकडाउन है। इसलिए लॉकडाउन का सख्ती से शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाए। लॉकडाउन का उल्लंघन अथवा दुरुपयोग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने समस्त गतिविधियों में प्रत्येक दशा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि रमजान का महीना प्रारम्भ हो रहा है। इस अवधि में विशेष सावधानी बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सहरी व इफ्तार के समय किसी भी प्रकार से भीड़ एकत्र न होने पाए। मुख्यमंत्री ने बुधवार को लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि लाॅक डाउन अवधि में आवश्यक सामग्री की सुचारु आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए। किसी को भी सप्लाई चेन व्यवस्था के दुरुपयोग की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन में लगे लोगों की भी मेडिकल जांच होनी चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को संस्थाओं द्वारा कम्युनिटी किचन में उपलब्ध कराये जा रहे भोजन की जांच के निर्देश भी दिए। टेस्टिंग क्षमता को तेजी से बढ़ाये जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर एक टेस्टिंग लैब स्थापित की जाए जिससे अधिक संख्या में टेस्टिंग सम्भव हो सके। अलीगढ़, सहारनपुर तथा मुरादाबाद संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील हैं। इसलिए इनके मण्डलीय चिकित्सालय में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाए। जांच कार्य में तेजी लाने के लिए अधिक से अधिक मेडिकल टेक्नीशियनों की टेªनिंग कराई जाए। जांच प्रयोगशालाओं के उपकरणों को दुरुस्त रखा जाए। मुख्यमंत्री ने सभी पेन्डिंग सेम्पल की शीघ्र जांच कराने तथा संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी मानकों व दिशा-निर्देशों का पालन न कर मेडिकल इन्फेक्शन फैलाने वाले निजी चिकित्सालयों को सील कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों तथा मेडिकल काॅलेजों द्वारा संक्रमण से सुरक्षा के लिए अपनायी जा रही व्यवस्था का पर्यवेक्षण प्रदेश सरकार के एक मेडिकल आफीसर द्वारा किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों तथा शासन के नियमों का पालन करते हुए कोरोना से अप्रभावित जनपदों में औद्योगिक इकाइयों का संचालन कराया जाए। परियोजनाओं के लिए विभिन्न प्रकार की निर्माण सामग्री के आवागमन की अनुमति दी जाए। इसके तहत भट्ठों से ईंट तथा बालू, मोरंग तथा सरिया को अनुमति दी जाए। निर्यातपरक इकाइयों से निर्यात हेतु कन्टेनर के माध्यम से इनके उत्पाद का आवागमन भी मंजूर किया जाए। विभिन्न राज्यों से प्रदेश में वापस आए श्रमिकों का सर्वे कराते हुए उन्हें रोजगार सुलभ कराने की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅक डाउन के कारण अन्य राज्यों के प्रदेश में फंसे लोगों को यदि उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो प्रदेश सरकार इसकी अनुमति प्रदान करते हुए ऐसे लोगों को वापस भेजने में सहयोग प्रदान करेगी।
वीकेंड पर लगने वाले जाम से निपटने को पुलिस प्रशासन ने यातायात प्लान तैयार किया है। लेकिन हकीकत में पुलिस कितनी तैयार है, इसका पता शनिवार और रविवार को लगने वाले जाम से निपटने में पुलिस की तैयारियों पर निर्भर होगा। यातायात प्लान के तहत मसूरी जाने वाले वाहनों की देहरादून शहर के अंदर एंट्री नहीं हो सकेगी। वाहनों को बाहर से ही रूट डायवर्ट कर मसूरी और पर्यटक स्थल भेजा जाएगा। पिछले सप्ताह ही वीकेंड पर पर्यटकों के वाहनों की संख्या अधिक होने के चलते यात्रियों, श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को जाम से जूझना पड़ा था। ऐसे में इस बार वीकेंड आने पर पुलिस प्रशासन ने यातायात प्लान तैयार किया है। यातायात निरीक्षक राजीव रावत ने बताया कि प्लान के तहत हरिद्वार की ओर से आने वाले वाहनों को थानो रोड, महाराणा प्रताप चौक, मालदेवता, सहस्रधारा मार्ग, साईं मंदिर होते हुए मसूरी की ओर भेजा जाएगा। मसूरी से लौटने पर उक्त वाहनों को कुठालगेट, राजपुर होते हुए वापस उक्त मार्ग से ही भेजा जाएगा। बिहारीगढ़ मार्ग की ओर से आने वाले वाहनों को आईएसबीटी, शिमला बाईपास मार्ग, बल्लीवाला चौक, बल्लपुर होते कैंट भेजा जाएगा। यहां से वाहनों को सर्किट हाउस, किमाड़ी होते हुए मसूरी भेजा जाएगा। देहरादून। आखिरकार रायपुर रोड के मुख्य नाले की सफाई का काम शुरू कर दिया गया है। 10 साल बाद रायपुर रोड के नाले की सफाई का काम हुआ है। जेसीबी से नाला साफ करने के बाद भारी मात्रा में मलबा निकल रहा है। करनपुर वार्ड से पूर्व पार्षद विनय कोहली ने इस नाले की सफाई के लिए जिलाधिकारी कार्यालय में समाधान के जरिए शिकायत की थी। नगर निगम ने मलबा निकालकर सड़क किनारे रख दिया,जिससे जाम लगा। जेसीबी से मलबा हटाकर जाम खुलवाया गया। कुछ वाहनों का रूट डायवर्ट कर निकाला गया। हमारे 27 कर्मी स्नान ड्यूटी पर गए थे, जो वापस पहुंच गए हैं। देहरादून। नगर निगम की लापरवाही के चलते शहर में जाम लग गया। जाम में यात्रियों के फंसे होने के चलते पुलिस प्रशासन को रूट डायवर्ट कर वाहनों को वाया कर्जन रोड होते हुए बाहर निकाला गया। नगर निगम ने गुरुवार शाम सर्वे चौक से लेकर रायपुर रोड के बीच नालों की सफाई कर गंदगी को बाहर निकाला था। नगर निगम की लापरवाही का आलम यह रहा कि गंदगी को सड़क किनारे ढेर लगा दिया गया। इसका खामियाजा यात्रियों को जाम के रूप में भुगतना पड़ा। मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. कैलाश जोशी ने कहा कि रायपुर रोड का नाला काफी चोक है। इसे साफ करने का काम शुरू किया है। ट्रैफिक से निपटना पुलिस का काम है। देहरादून। देहरादून पुलिस की मासिक अपराध गोष्ठी में जिले में यातायात व्यवस्था का मुद्दा छाया रहा। पर्यटकों को जाम की समस्या से जूझने पर चिंता जताते हुए एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने सभी थाना प्रभारियों को आगामी 15 दिनों तक यातायात व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए खास इंतजाम और चौराहों पर पुलिस की तैनाती करने के निर्देश दिये। यहां एसपी सिटी श्वेता चौबे, एसपी देहात प्रमेंद्र डोबाल थे। मासिक अपराध गोष्ठी में एसएसपी ने मई में उत्कृष्ट कार्य वालों को सम्मानित किया। रानीपोखरी थाने के उपनिरीक्षक पीडी भट्ट, कांस्टेबल विशाल, राजाराम एसओजी देहरादून के उपनिरीक्षक यादवेन्द्र बाजवा, कां. अनिल, कां. विपिन, महिला कां. मोनिका, राजपुर थाने से उपनिरीक्षक आशीष रावत, कां. अरुण, कां. अमरेन्द्र, थाना रायपुर से कां. सुरेन्द्र खनत्वाल, कां. केशर सिंह को उत्कृष्ट कार्य करने पर सम्मानित किया गया।
बॉलीवुड इंडस्ट्री के जाने माने निर्देशक और निर्माता करण जौहर के धर्मा प्रोडक्शन तले बनी कलंक इस साल की मचअवेटेड फिल्मों में से एक है। बता दें कि इस फिल्म में वरुण धवन, आलिया भट्ट, संजय दत्त, माधुरी दीक्षित, आदित्य रॉय कपूर और सोनाक्षी सिन्हा जैसे कलाकार मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। बीते दिनों ही निर्माताओं ने इस फिल्म के 6 पोस्टर्स रिलीज किए थे, जिसके जरिए फिल्म के सभी किरदारों के लुक्स को रिवील किया गया था। अब देखें फैंस इस तस्वीर पर किस तरह से रिएक्ट कर रहे है? करण जौहर के प्रोडक्शन तले बनी इस फिल्म की कहानी 40वें दशक के इर्द गिर्द घूमने वाली है। दिलचस्प बात यह है कि करण ने इस फिल्म का डिस्कशन अपने पिता के साथ 15 साल पहले ही किया था। वैसे आप इस फिल्म का टीजर देखने के लिए कितने उत्सुक है? कमेंटबॉक्स में जरुर बताइएगा। इसी के साथ ये भी बताइए कि आपको वरुण द्वारा साझा की गई तस्वीर कैसी लगी? बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें...बॉलीवुड लाइफ हिन्दी के फेसबुक पेज, ट्विटर पेज, ताजा गॉसिप के लिए हमें Facebook Messenger पर फॉलो करें।
नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण में कितना वक़्त लगेगा? नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण में कितना वक़्त लगेगा? (बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूबपर फ़ॉलो भी कर सकते हैं. )
Odisha News एयरपोर्ट पर चल रहे पारंपरिक नृत्य गीत से पूरा माहौल उत्सव मुखर हो गया। कार्यकर्ताओं के साथ ही नेता भी नृत्य एवं मंजीरा बजाते देखे गए। खुद भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षडंगी ने मंजिरा बजाकर ताल से ताल मिलाकर नृत्य करती नजर आयी। भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। चुनाव प्रचार के लिए भुवनेश्वर पहुंची एनडीए राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का पारंरिक नृत्य गीत के साथ भव्य स्वागत किया गया है। भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर भारतीय जनता पार्टी के सांसद, विधायक, नेता एवं बीजू जनता दल के प्रतिनिधि दल के सदस्य पहुंचकर द्रौपदी मुर्मू का भव्य स्वागत किया है। मालूम हो कि एयरपोर्ट पर चल रहे पारंपरिक नृत्य गीत से पूरा माहौल उत्सव मुखर हो गया। कार्यकर्ताओं के साथ ही नेता भी नृत्य एवं मंजीरा बजाते देखे गए। खुद भुवनेश्वर की सांसद अपराजिता षडंगी ने मंजिरा बजाकर ताल से ताल मिलाकर नृत्य करती नजर आयी। अपराजित ने कहा कि प्रधानमत्री की ऐसी च्वाइस है कि आज पार्टी से ऊपर लोग समर्थन कर रहे हैं। एयरपोर्ट से निकलने के बाद वह राज्य अतिथि भवन पहुंची। अतिथि भवन में कुछ समय विश्राम करने के बाद वह विधानसभा सम्मेलन कक्ष पहुंची। यहां पर बीजद के विधायक एवं सांसदों से मुलाकात की। बीजद सांसद तथा शिक्षाविद डा. अच्यूत सामन्त ने कहा है कि द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदाव बनाए जाने से पूरा ओडिशा गर्वित एक तो वह महिला हैं और दुसरे आदिवासी महिला हैं। वहीं, विधानसभा सम्मेलन कक्ष में नवीन पटनायक की अध्यक्षता में एक बैठक रखी गई, जिसमें बीजद के तमाम विधायक एवं सांसद एवं उपस्थित रहकर द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। वहीं एनडीए राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने बीजद के सांसद एवं विधायकों से समर्थन करने के लिए अनुरोध किया है। विधानसभा सम्मेलन कक्ष में 30 मिनट तक रहने के बाद द्रौपदी मुर्मू राज्य अतिथि भवन पहुंची। यहां पर उनका भाजपा के विधायक एवं सासंद तथा नेताओं से मुलाकात करने का कार्यक्रम है। इसके बाद वह विशेष चार्टर्ड प्लेन से लखनऊ जाएंगी।
एसर ने CES 2023 कार्यक्रम में एक स्मार्ट बाइक-डेस्क का अनावरण किया है, जिसके जरिये आप अपने इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को चार्ज कर सकते हैं। eKinekt BD3 नामक यह डिवाइस एक फिटनेस बाइक और एक स्मार्ट डेस्क का संयोजन है। एसर का eKinekt BD3 पेडलिंग से उत्पन्न गतिज ऊर्जा को इलेक्ट्रिक चार्ज में परिवर्तित करता है। इसके जरिये आप लैपटॉप, स्मार्टफोन और टैबलेट जैसे अन्य उपकरणों को चार्ज कर सकते हैं और अपने स्वास्थ्य को भी ठीक रख सकते हैं। eKinekt BD3 स्मार्ट बाइक-डेस्क में एक LCD डिस्प्ले दिया गया है। यूजर्स की सुविधा के लिए डेस्क में एक बैग हुक और बॉटल होल्डर के साथ तीन USB पोर्ट हैं। यूजर्स eKinekt ऐप के साथ कुल कैलोरी बर्न, तय की गई दूरी, रफ्तार और उत्पन्न इलेक्ट्रिक चार्ज समेत अन्य जानकारियों का विवरण जान सकते हैं। कंपनी ने कहा कि बाइक डेस्क पर लगातार एक घंटे तक 60 RPM पर साइकिल चलाने से 75W तक इलेक्ट्रिक चार्ज पैदा हो सकती है।
खानपान की गलतियां और कुपोषण की विभीषिका बढ़-चढ़कर सामने आ रही है। 2020 की ग्लोबल न्यूट्रिशन रिपोर्ट ने जोर देकर खानपान की विसंगतियों की जरुरत को पहले से कहीं अधिक उभार कर सामने ला दिया है। जलप्रबंधन को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने मुख्यंमत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली प्रशासन जल प्रबंधन के मामले में सबसे पीछे है। वहीं गुजरात जल प्रबंधन के मामले में अव्वल नंबर पर है।
शोपियां में कल से जारी एनकाउंटर में 3 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया है. ये एनकाउंटर तुलरैन गांव में चल रहा है. पांच आतंकियों को यहां घेरा गया था. उसमें से 3 आतंकी मारे जा चुके हैं. मारा गया एक आतंकी गांदरबल का रहने वाला मुख्तार शाह था, दूसरा आतंकी यावर अहमद शोपियां का रहने वाला था और तीसरे की पहचान दानिश अहमद के रूप में हुई है. आतंकियों से भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ है. देखें शोपियां में चल रहे एनकाउंटर का वीडियो. Three Lashkar-e-Taiba (LeT)-The Resistance Front (TRF) terrorists were killed in the early hours of Tuesday in the encounter that broke out in Tulran village of Shopian district in Jammu and Kashmir on Sunday. As per Kashmir Zone Police, incriminating materials including arms and ammunition were recovered.
जहाँ उत्तर प्रदेश में गोरखनाथ धाम के महंत योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं, वहीं गुजरात में भी एक योगी का नाम चर्चा में है। वो हैं, योगी देवनाथ। वो यूपी सीएम के करीबी भी हैं। वो गुजरात में 'हिन्दू युवा वाहिनी' का प्रभारी हैं। साथ ही वो 'कच्छ संत समाज' के अध्यक्ष भी हैं। कच्छ में उनका अच्छा-खासा प्रभाव है। 'अखिल भारतीय साधु समाज' के भी वो एक सक्रिय सदस्य हैं। नाथ संप्रदाय से सम्बन्ध रखने वाले योगी देवनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के गुरुभाई भी हैं। कच्छ जिले में रापर विधानसभा क्षेत्र है, जहाँ से योगी देवनाथ को अगले विधानसभा चुनाव में उतारने की अटकलें लगाई जा रही हैं। फ़िलहाल ये सीट कॉन्ग्रेस के कब्जे में है, ऐसे में भाजपा जरूर यहाँ अपना सिक्का फिर से चलाने के लिए उनके चेहरे पर दाँव लगाना चाहेगी। सोशल मीडिया पर भी वो ट्रेंड हो रहे हैं और लोग उनकी तारीफ़ करते हुए कह रहे हैं कि राजनीति को एक योगी ही सही से संभाल सकता है। खासकर गुजरात से बड़ी संख्या में लोग उनकी तस्वीरें ट्वीट कर रहे हैं। पिछले गुजरात विधानसभा चुनाव में जब योगी आदित्यनाथ भाजपा के लिए प्रचार करने गए थे, तब उन्होंने 'एकल धामपुर भ्रुदिया भचाऊ कत्च' मंदिर का भी दौरा किया था और योगी देवनाथ से मुलाकात की थी। महाराष्ट्र के पालघर में जब दो साधुओं और उनके ड्राइवर की मॉब लिंचिंग हुई थी, तब भी योगी देवनाथ ने इस मामले में न्याय के लिए आवाज़ उठाई थी। उनके बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हजारों गायों को गोकशी से बचाया है। समाजसेवा और हिन्दू धर्म के लिए उनके कार्य को देखते हुए उनके समर्थक भाजपा से उनके लिए टिकट माँग रहे हैं। हाल ही में हिंदू समाज के लोगों द्वारा विरोध दिखाने के बाद अंबाजी प्रशासन ने मंदिर के हवनशाला में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगाने वाले आदेश को वापस ले लिया। शनिवार (18 दिसंबर 2021) को कच्छ संत समाज अध्यक्ष योगी देवनाथ ने ट्विटर पर इस संबंध में ट्वीट करके इस विरोध प्रदर्शन के बारे में बताया था। योगी देवनाथ द्वारा शेयर किए गए प्रशासन के पत्र में लिखा था कि अंबाजी मंदिर की हवनशाला में ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए लाउडस्पीकरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्योंकि इससे आसपास के लोगों को परेशानी हो रही थी। पत्र के साथ किए गए ट्वीट में योगी देवनाथ ने कहा था कि अगर आदेश वापस नहीं लिया गया तो गुजरात की सभी मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों को बंद कर दिया जाएगा। प्रशासन द्वारा 18 दिसंबर को जारी पत्र में कहा गया था कि जिस हवनशाला में लाउडस्पीकर हैं वहाँ कई याज्ञनिक कार्य और अन्य समारोह भक्तों द्वारा किए जाते हैं। इन लाउडस्पीकर्स के कारण नजदीकी ग्रामीणों को दिक्कत होती है। इसके अलावा यह अंबाजी मंदिर कार्यालय के हर कार्य में भी परेशानी देते हैं इसलिए तत्काल प्रभाव से यहाँ लाउडस्पीकर बैन किया जाता है। 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में भी योगी देवनाथ ने भाजपा से टिकट माँगा था। कच्छ के कैलाश टेकड़ी में सशु-संतों ने बैठक कर के भाजपा हाईकमान से ये माँग की थी। 44 वर्षीय योगी देवनाथ ने 12 की उम्र में ही संन्यास लेकर 'नाथ अखाड़ा' में शामिल होने का निर्णय ले लिया था। उन्हें लोग 'देवनाथ बापू' भी कहते हैं। योगी देवनाथ बताते हैं कि वो ढाई दशक से भाजपा से जुड़े हैं और स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में गरीबों के लिए कार्य कर रहे हैं। उनका कहना था कि उनका कोई परिवार नहीं है, ऐसे में भ्रष्टाचार का सवाल ही नहीं उठता।
Modi Government v/s Manmohan Government: मध्य प्रदेश की राजनीति (MP Assembly Election 2023) में मोदी सरकार और मनमोहन सरकार का मुद्दा उठ गया है. कांग्रेस (MP Congress) एमपी में जातिगत जनगणना की मांग कर रही है, जो मनमोहन सरकार के समय शुरू हुआ था. कांग्रेस इसे लेकर बीजेपी (BJP) पर कई गंभीर आरोप लगा रही है . MP Assembly Election: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भी अब कांग्रेस ने जातिगत जनगणना की मांग उठाई है. कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये मांग उठाई है. इसमें पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 22 साल से बीजेपी की सरकार है लेकिन पिछड़ा वर्ग को कुछ नहीं मिला. उन्होंने कहा कि 2011-12 में मनमोहन सिंह की सरकार में हमने जातिगत जनगणना का काम शुरू किया था, लेकिन सरकार नहीं रही और काम रुक गया. पिछड़ों के लिए क्या किया ? कांग्रेस ने आरोप लगाया कि 9 साल से मोदी की सरकार ये बताएं कि पिछड़ों के लिए क्या किया ? मनमोहन सरकार के जातिगत जनगणना के आकंड़े रिलीज करने में क्या दिक्कत है. सरकार बताएं आंकड़े कब रिलीज कब करेंगे. पिछड़ों के लिए क्या एजेंडा है सरकार का, ये मोदी सरकार देश को बताएं. पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा किसकी कितनी आबादी है ये जानना हमारा अधिकार है. उच्च शिक्षा में 27% आरक्षण जो कांग्रेस ने लागू किया था उसका ठीक तरीके से पालन नहीं किया गया. मध्यप्रदेश में भी ओबीसी के अधिकारों को छीनने का काम किया गया. शिवराज सरकार पर हमला करते हुए कमलेश्वर पटेल ने कहा पंचायत और निकाय चुनाव में आरक्षण को छीना गया. कोर्ट में सरकार ने ठीक से पैरवी नहीं की. ट्रांसजेंडर को ओबीसी कैटेगरी में शामिल करने पर पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा ट्रांसजेंडर के लिए अलग से व्यवस्था करनी चाहिए. सरकार को कैबिनेट और विधानसभा में प्रस्ताव लाना चाहिए था. ट्रांसजेंडर को ओबीसी में शामिल कर ओबीसी के कोटे में कटौती की गई है. उन्होंने सरकार पर ओबीसी के हक को छीनने का आरोप लगाया. कमलेश्वर पटेल ने मध्य प्रदेश ओबीसी आयोग की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए. कमलेश्वर पटेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने कोई सर्वे नहीं कराया, महाजन आयोग का डाटा चुरा लिया. फेक डेटा कोर्ट में पेश किया गया. एमपी में ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं मिला. मध्यप्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर अरुण यादव ने भी बड़ा आरोप लगाया है. लॉ एंड ऑर्डर के मामले पर मध्यप्रदेश देश मे सबसे नीचे है. अपराध के मामले में नम्बर वन है. सिस्टम कोलैप्स हो चुका है. सरकार भांग खाकर सो रही है. वहीं सत्यपाल मलिक के बयान पर अरुण यादव ने कहा कि बहुत ही संवेदनशील मुद्दा उन्होंने उठाया. मैं पुलवामा अटैक की जगह पर गया हूं. पुलवामा के फैक्ट्स को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही. सरकार सच्चाई से मुकर रही है. सरकार को जवाब देना चाहिए.
केंद्र सरकार ने पीएम किसान एफपीओ स्कीम की शुरुआत की है. नई दिल्ली. केंद्र सरकार किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं का मकसद किसानों के सामने आने वाली आर्थिक चुनौतियों को दूर कर उनकी आमदनी को बढ़ाना है. इन योजनाओं से छोटे सीमांत किसानों से लेकर बड़े जमींदार किसानों तक सभी को फायदा मिलता है. इसी क्रम में सरकार ने पीएम किसान एफपीओ स्कीम की शुरुआत की है. किसानों को प्रतिकूल मौसमों की चुनौतियों, लागत के अनुपात में कम उत्पादन, फसल को बाजार तक पहुंचाने से लेकर खाद और बीज के चुनाव तक अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने पीएम किसान एफपीओ स्कीम को शुरू किया गया है. इस योजना के तहत सरकार ने साल 2023-24 तक किसानों के 10,000 ग्रुप बनाने का लक्ष्य रखा है. केंद्र सरकार इस योजना के जरिए देश भर के किसानों का नया कृषि बिजनेस शुरू करने के लिए 15 लाख रुपये मुहैया करा रही है. इस स्कीम का फायदा उठाने के लिए 11 किसानों को मिलकर एक ऑर्गेनाइजेशन या कंपनी बनानी होगी. इससे किसानों को कृषि से से जुड़े उपकरण या फर्टिलाइजर्स, बीज या दवाएं खरीदने में काफी आसानी होगी. इस तरह से किसानों की आर्थिक मदद के लिए सरकार ने 'पीएम किसान एफपीओ' स्कीम लॉन्च की है. पीएम किसान एफपीओ स्कीम के तहत फॉर्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन को 15 लाख रुपये दिए जाएंगे. लेकिन यह केवल तभी संभव है जब आप पीएम किसान योजना से पहले से जुड़े हुए हैं. इसका मतलब यह है कि इस योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो पीएम किसान योजना के लाभार्थी हैं. अगर आप इस योजना से नहीं जुड़े हैं, तो आप 'पीएम किसान एफपीओ' स्कीम का फायदा नहीं उठा सकते हैं. पीएम किसान एफपीओ स्कीम का लाभ उठाने के लिए सबसे पहले आपको राष्ट्रीय कृषि बाजार की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना होगा. अब आपके सामने होम पेज खुलकर आएगा. इस होम पेज पर मौजूद FPO के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा. फिर 'रजिस्ट्रेशन' के ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद आपके सामने रजिस्ट्रेशन के लिए एक फॉर्म खुलेगा. आपको इस फॉर्म में पूछी गई डिटेल को भरना होगा. इसके बाद पासबुक या फिर कैंसिल चेक और आईडी प्रूफ को स्कैन करके अपलोड करना होगा. यह सब करके इस फॉर्म को सबमिट कर दें, आपका रजिस्ट्रेशन हो जाएगा. . 1 सीन को करने में जब डर रहे थे शत्रुघ्न सिन्हा, 49 साल पहले धर्मेंद्र से मांगी थी सलाह, बोले- 'तुम वही करो जो मैंने किया'
नई दिल्ली (पीटीआई)। आर्मी चीफ जनरल ने शुक्रवार को सरकार द्वारा 2022 में 'अग्निपथ' योजना में भर्ती की आयु बढ़ाए जाने के फैसले की सरहाना की है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय उन युवाओं को अवसर प्रदान करेगा जो शामिल होने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन पिछले दो वर्षों में COVID-19 महामारी के कारण भर्ती न होने के कारण नही हो पाए थे। जनरल पांडे ने कहा कि सेना की भर्ती की उम्र में एक साल की छूट देने का सरकार का फैसला मिल गया है। साथ ही कह कि जल्द ही भर्ती प्रक्रिया की घोषणा की जाएगी। उन्होंने युवाओं से भारतीय सेना में 'अग्निवर' के रूप में शामिल होने के अवसर का लाभ उठाने के लिए भी कहा। सेना प्रमुख ने बयान में कहा कि सरकार का निर्णय भर्ती की आयु में एक साल की छूट देना साथ ही 2022 में आयु 23 साल तक कर देना रिक्वायरमेंट साइकिल के लिए लिया गया है। साथ ही कहा कि यह इसलिए किया गया क्यों कि पिछले दो साल से कोई भर्ती नही हुई थी। यह निर्णय हमारे कई युवा और देशभक्त युवाओं के लिए एक अवसर प्रदान करेगा, जिनकी उम्र 21 से ज्यादा है। जनरल पांडे ने आगे कहा कि भर्ती की प्रक्रिया जल्द ही घोषित की जाएगी। जिसके लिए उन्होंने युवाओं से तैयारी करने के लिए कहा और इस अवसर का लाभ उठाने के लिए भी कहा।
Kolkata School: राज्य सरकार ने बीते दिन भीषण तपिश की वजह से स्कूलों में गर्मियों की छुट्टी बढ़ाने का आदेश जारी किया था. वहीं कोलकाता शहर के दो स्कूलों - ला मार्टिनियर और लक्ष्मीपत सिंघानिया अकादमी ने मंगलवार को फिजकल क्लासेज आयोजित कीं, लेकिन बुधवार यानी आज से क्लासेज ऑनलाइन स्विच करने की घोषणा कर दी. CISCE और CBSE बोर्ड से संबद्ध अधिकांश अन्य स्कूलों ने भी मंगलवार से ऑफलाइन कक्षाओं को निलंबित कर दिया और कम से कम 26 जून तक ऑनलाइन कक्षाएं जारी रखने की बात कही है. गौरतलब है कि 26 जून तक ही स्कूलों की छुट्टियां भी बढाई गई हैं. बता दें कि राज्य शिक्षा विभाग के निर्देश के कारण राज्य के सभी माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के पास स्कूलों को बंद करने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है, वहीं अन्य बोर्डों के स्कूलों ने यह सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने का निर्णय लिया है कि विभिन्न कक्षाओं के पाठ्यक्रम समय पर पूरे हो जाएं. स्कूलों ने कहा कि मई में गर्मी की छुट्टी की जल्द घोषणा के कारण उन्हें पहले ही लगभग एक पखवाड़े का नुकसान हो चुका है. गौरतलब है कि स्कूलों को 26 जून तक बंद किए जाने के आदेश जारी होने के दौरान ज्यादातर स्कूल एग्जाम की तैयारी करवा रहे थे. ऐसे में मिड टर्म एग्जाम प्रभावित हो सकते हैं. डीपीएस रूबी पार्क जैसे सीबीएसई स्कूलों ने 27 जून को फिर से स्कूल खुलने के बाद जून के अंत में परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया है. राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में आमतौर पर अप्रैल में उनकी पहली योगात्मक परीक्षा होती है. इस साल, एचएस के कारण, अधिकांश ने मई में परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई थी लेकिन अब इसे जुलाई तक बढ़ाया जा सकता है.
कुछ लोग टुथपिक का इस्तेमाल करके अपने दांतों में फंसा खाना निकालते हैं. टुथपिक प्लास्टिक की या लकड़ी की बनी होती है. इससे दांतों के साथ मसूड़े भी खराब हो जाते हैं. आइए जानिए टुथपिक से मुंह से संबंधित और कौन-सी समस्याएं हो जाती है. 1-टुथपिक का इस्तेमाल करके जब दांतों को साफ किया जाता है तो इसकी रगड़ से कई बार मसूड़ों में से खून आने लगता है. इसके ज्यादा इस्तेमाल से दांतों के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है. समय रहते इसका इलाज न करने पर मसूड़ों की बीमारी भी लग जाती है. 2-एक ही जगह पर टुथपिक के ज्यादा इस्तेमाल से दांतों के बीच खाली जगह बननी शुरू हो जाती है. इससे उस खाली जगह में ज्यादा खाना फंसने लगता है और दांतों में कैविटी होने लगती है जिससे दांत खराब हो जाते है. 3-कई लोगों की आदत होती है कि टुथपिक को इस्तेमाल करने के बाद उसे चबाना शुरू कर देते हैं क्योंकि यह प्लास्टिक या लकड़ी की बनी होती है जिससे दांतों के इनेमल को नुकसान होता है. 4-टुथपिक के रोजाना इस्तेमाल से मसूड़े फूल जाते हैं और अपनी जगह से खुलने लगते हैं. इससे दांतों को नुकसान पहुंचता है और यह जड़ों से कमजोर हो जाते हैं. 5-इसके ज्यादा इस्तेमाल से दांतों की चमक खत्म होने लगती है जिससे दांतों में कैविटी हो जाती है और खराब हो जाते हैं. 6-ज्यादा समय के लिए दांतों में खाना फंसा रहे तो उसके बाद टुथपिक का इस्तेमाल करने से मुंह से बदबू आनी शुरू हो जाती है.
अंकिता के पिता ने जिलाधिकारी से पांच जून तक हत्याकांड की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक को हटाने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई नौ जून को है। अंकिता के पिता ने कहा है कि अगर विशेष लोक अभियोजक को मामले से नहीं हटाया गया तो वे परिवार व ग्रामीणों के साथ छह जून से जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर में धरना देंगे। देहरादूनः उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में एक नया मोड़ आ गया है। अंकिता भंडारी के पिता ने पौड़ी के जिलाधिकारी को एक पत्र लिख कर सरकारी वकील को हटाने की मांग रखी है। अंकिता भंडारी के पिता का आरोप है कि सरकारी वकील आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में अंकिता के पिता वीरेंद्र सिंह भंडारी और मां सोनी भंडारी ने पौड़ी के जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा है। जिलाधाकिरी को लिखे पत्र में अंकिता के मां- बाप ने हत्याकांड की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक पर मामले को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि प्रकरण में एक गवाह विवेक आर्य ने चार मई को दिए अपने बयान में अंकिता की हत्या से पहले उसे नजरबंद कर मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर दुराचार किए जाने का आरोप लगाया था। अंकिता के पिता ने दावा किया कि सरकारी वकील ने बयानों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया और बयान दर्ज किए गए कि मुख्य आरोपी ने बंद कमरे में मृतका से बलात्कार करने की कोशिश की थी। अंकिता के पिता ने जिलाधिकारी से पांच जून तक हत्याकांड की पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक को हटाने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई नौ जून को है। अंकिता के पिता ने कहा है कि अगर विशेष लोक अभियोजक को मामले से नहीं हटाया गया तो वे परिवार व ग्रामीणों के साथ छह जून से जिलाधिकारी कार्यालय के परिसर में धरना देंगे। ऋषिकेश के निकट पौड़ी जिले के गंगा भोगपुर क्षेत्र में वनंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की पिछले साल सितंबर में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, भास्कर और गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में सामने आया कि कथित तौर पर किसी वीआइपी को 'एक्सट्रा सर्विस' देने से मना करने पर अंकिता की हत्या की गयी। जिस रिजॉर्ट में अंकिता काम करती थी उसके मालिक भाजपा नेता विनोद आर्य और उनके पुत्र पुलकित आर्य थे। पुलकित ही रिजॉर्ट का प्रबंधन देखता था। 18 सितंबर 2022 को अंकिता के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बाद में 24 सितंबर 2022 को चिल्ला नहर में अंकिता की लाश मिली।
Vivo का स्मार्टफोन खरीदने की सोच रहे है तो आपके लिए सही समय है। वीवो ने गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) के मौके पर अपने चुनिंदा स्मार्टफोन्स पर आकर्षक ऑफर देने का ऐलान किया है। Vivo V25 Pro, Vivo X80 Series और Vivo Y75 को बैंक ऑफर्स के साथ खरीदा जा सकता है। बता दें कि वीवो के ये स्मार्टफोन्स कलर चेंजिंग चेक्नोलॉजी, प्रोफेशनल मोबाइल फोटोग्राफी व Eye AF सेल्फी कैमरा टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं। वीवो वी25 प्रो, वीवो एक्स80 सीरीज और वीवो वाई75 स्मार्टफोन पर कंपनी आकर्षक कैशबैक ऑफर दे रही है। ICICI बैंक, कोटक बैंक और SBI Bank क्रेडिट कार्ड के साथ इन डिवाइस की खरीद पर कैशबैक मिलेगा। बता दें कि वीवो के हैंडसेट पर मिल रहे ये ऑफर्स सभी पार्टनर रिटेल स्टोर पर 1 सितंबर से 30 सितंबर 2022 तक लिए जा सकते हैं। वीवो वी25 प्रो को इस ऑफर के तहत खरीदने पर 3,500 रुपये तक कैशबैक डिस्काउंट मिलेगा। वी25 प्रो स्मार्टफोन कलर चेंजिंग फ्लोराइट AG Glass के साथ आता है। इसमें 64 मेगापिक्सल OIS नाइट कैमरा दिया गया है। वीवो का यह मोबाइल फोन 3D कर्व्ड डिस्प्ले के साथ आता है। इस स्मार्टफोन में 32MP Eye AF सेल्फी कैमरा मिलता है। वीवो वाई75 को इसी साल लॉन्च किया गया है। इस स्मार्टफोन को क्रेडिट कार्ड के जरिए लेने पर 1,500 रुपये तक छूट मिल जाएगी। यह हैंडसेट स्लीक डिजाइन के साथ आता है। इसमें मीडियाटेक हीलियो G96 चिपसेट के साथ प्रीमियम बिल्ड क्वॉलिटी दी गई है। वीवो के इस हैंडसेट में 50 मेगापिक्सल सुपर नाइट कैमरा और 44 मेगापिक्सल AF सेल्फी कैमरा दिया गया है। वीवो एक्स80 सीरीज में ZEISS की पार्टनरशिप में इंडस्ट्री का पहला ZEISS Gimbal पोर्ट्रेट कैमरा मिलता है। इसके अलावा हैंडसेट में मीडियाटेक डाइमेंसिटी 9000 चिपसेट भी मौजूद है। वीवो एक्स80 में 50 मेगापिक्सल अल्ट्रा सेंसिंग IMX866 सेंसर मौजूद है। वीवो एक्स80 सीरीज के फोन को 30 सितंबर तक गणेश चतुर्थी स्पेशल ऑफर के तहत क्रेडिट कार्ड के जरिए लेने पर 4000 रुपये कैशबैक मिल जाएगा।
हिमाचल प्रदेश में अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं किया गया है। लेकिन पुलिस हर रोज नाके लगाकर यातायात नियमों की अवहेलना करने वालों पर शिकंजा कस रही है और उनके चालान काट रही है। लेकिन सवाल उठना तब लाजमी हो जाते हैं जब कानून का पाठ पढ़ाने वाले ही नियमों का पालन न करें। देश के कई राज्यों के साथ अब हिमाचल में लोगों ने पुलिस की रैगिंग लेना शुरू कर दी है। आख़िर हो भी क्यों न... जब भारी भरकर चालान की राशि और सड़कें बदहाल हों तो जनता में रोष तो भरेगा ही। यहां तक बड़ी बात तो ये भी है कि जो कानून आम जनता के लिए हैं... वे पुलिस पर क्यों न लागू हों...? ताजा मामला पालमपुर का है जहां पुलिसकर्मी बिना सीट बेल्ट के पुलिस वाहन को चला रहा था। इस दौरान पालमपुर की एक सामाजिक संस्था धौलाधार सेवा समिति द्वारा लगाए गए जागरूकता अभियान के दौरान उन्होंने इस पुलिस वाहन को रुकवाया। इस दौरान वहां मौजूद पूर्व मंत्री रविंद्र रवि ने पुलिसकर्मी को सीट बेल्ट लगाने का आग्रह किया। पूर्व मंत्री के आग्रह पर उक्त पुलिस कर्मी ने सीट बेल्ट लगाई और आगे प्रस्थान किया। बता दें कि देशभर में सोशल मीडिया पर पुलिसवालों द्वारा यातायात नियमों का पालन न करने के कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। इस पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब कानून एक है तो पुलिस क्यों इसका पालन क्यों नहीं कर रही। हालांकि, प्रदेश में अभी तक नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं हुआ लेकिन यहां भी लोगों ने पुलिस का चेहरा पब्लिक करने की ठान ली है।
क्रोनोटस्की रिजर्व की स्थापना 1934 में सुदूर पूर्व में की गई थी। इसकी चौड़ाई औसतन 60 किमी है। 243 किमी पर समुद्र तट पर फैला है। पाठक निश्चित रूप से यह जानने के लिए इच्छुक होंगे कि कहांक्रोनोटस्की रिजर्व स्थित है। यह कामचटका के दक्षिण-पूर्वी भाग में स्थित है, प्रशासनिक रूप से कामचटका क्षेत्र के एलिगोव्स्की जिले से संबंधित है। Yelizovo शहर में रिजर्व का प्रबंधन है। यह विभिन्न प्राकृतिक परिसरों में व्याप्त हैऔर इसकी उपस्थिति सुदूर पूर्व में स्थित समान क्षेत्रों के बीच एक अलग स्थान है। क्रोनोटस्की बायोस्फीयर रिजर्व का एक विवरण इस लेख में प्रस्तुत किया जाएगा। पहला, थोड़ा इतिहास। रिज़र्व की आधिकारिक स्थिति प्रदान करने से कई शताब्दियों पहले इन क्षेत्रों को बनाया जाना शुरू हुआ। प्रत्यक्षदर्शी खातों के अनुसार, प्रकृति को संरक्षित करने की परंपरा, मुख्य रूप से सेबल, लंबे समय से सामान्य है और बड़ी संख्या में निवास करती है और स्थानीय आबादी के जीवन में बहुत महत्व था। मूल रूप से, 1882 से, सोबोलिन्स्की रिजर्व यहां मौजूद था। फिर, 1934 में, उनकी जगह क्रोनोटस्की का गठन किया गया था। रिजर्व आज एक ऐसा क्षेत्र है जो अनियमित बहुभुज की तरह आकार का है। इसका क्षेत्रफल लगभग 6 हजार किमी है2. यह इलाका पहाड़ी है, केवल तट के किनारे हैमैदान स्थित हैं। क्रोनोट्स्की रिजर्व एक प्राकृतिक क्षेत्र है, जिसके दक्षिण-पश्चिमी सीमा के पास ज्वालामुखी हैं, जिनमें से दो सक्रिय हैं (उना और टुनिशिट्स)। विलुप्त क्रोनोटस्की (ऊंचाई - 3528 मीटर), जो कि कामचटका में कुंजी हिल के बाद दूसरे स्थान पर है, अपने शंक्वाकार आकार और ऊंचाई के लिए खड़ा है। क्रोनोट्स्की रिजर्व में कई ग्लेशियर हैं, जो 14 हजार हेक्टेयर पर कब्जा करते हैं। इनमें से, कुछ आकार में काफी प्रभावशाली हैं, जबकि अन्य में एक दिलचस्प आकार है। उदाहरण के लिए, ट्युशेवस्की ग्लेशियर 8 किमी की लंबाई तक पहुंचता है। गीजर और हॉट स्प्रिंग्स निचले क्षेत्रों में स्थित हैं। उज़ोन ज्वालामुखी का काल्डेरा मुख्य हैक्रोनोट्स्की रिजर्व जैसे ऐतिहासिक वस्तु। यह इस तथ्य के कारण उत्पन्न हुआ कि चट्टानें डूब गईं, एक कम रिंग फ्रेम का निर्माण। यहां बड़ी संख्या में ठंडी और गर्म झीलें हैं। उनमें से सबसे बड़े हैंः ठंडा मध्य और गर्म फुमरोले। रॉकर्स और खड़ी कैल्डेरा भीतरी ढलान। बाहरी, इसके विपरीत, चिकनी हैं। वे एक विशाल पठार में चले जाते हैं। शक्तिशाली ग्रिफ़िन कैल्डेरा के मध्य भाग में हैं, साथ ही साथ गर्म पानी से भरे फ़नल, और मिट्टी के बर्तन (उदाहरण के लिए, मूर्तिकार, जो हर 3 सेकंड "स्कैलिप्स" रूप में गुलाब के समान हैं)। ये सभी क्रोनोटस्की रिजर्व की अनोखी प्राकृतिक वस्तुएं हैं। गीजर के कामातका घाटी अमेजरहस्य और सौंदर्य। विशेष रूप से प्रभावशाली पानी की आवाज़ है, साथ ही कई नदियों और कई रंगीन शैवाल के साथ चाबियाँ हैं, जिनमें से रंग काले से नारंगी और हरे रंग में भिन्न होता है। इसकी सुंदरता प्रभावशाली झरना पी है। शोर। इसका पानी 80 मीटर की ऊंचाई से गिरता है। आज तक, 22 सक्रिय गीजर गीजरन्या नदी की घाटी में स्थित हैं। इन सभी की गतिविधि और नाम का अपना चक्र है। फाउंटेन (गीजर का नाम) अच्छा है क्योंकि यह हर 17 मिनट में मिट जाता है। लेकिन गीजर का प्रमुख विशालकाय अपने "भाषण" को पांच घंटे तक इंतजार करता है। कामचटका में सबसे बड़ा विशालकाय है। क्रोनोट्स्की रिजर्व वह जगह है जहां गैर-स्थायी, क्षैतिज गीजर, पिंक कोन, न्यू फाउंटेन, फाउंटेन, डबल, पर्ल स्थित हैं, साथ ही साथ हॉट स्प्रिंग्स जैसे सोरिंग, मालोनाइट ग्रोटो और अन्य हैं। वह आदमी जो गीजर की घाटी में गिर गयापहली बार, उसने जो कुछ देखा, उसके बारे में देखकर दंग रह गया। आपको कम से कम इस तमाशा क्रोनोटस्की स्टेट रिज़र्व के लिए जाना चाहिए। गीजर की घाटी का वर्णन शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है। इसकी दुनिया इतनी अवास्तविक है कि ऐसा लगता है जैसे आप किसी दूसरे ग्रह पर हैं। यहां वे चित्र हैं जो पृथ्वी के परिदृश्य के पूरी तरह से अप्राप्य हैं - देवदार एल्फिन के हरेपन की पृष्ठभूमि के खिलाफ, साथ ही साथ पेड़ों के पत्ते - बैंगनी, लाल, भूरा, भूरा रंग की मिट्टी। सीमा तक हवा को सल्फर गंध और भाप से संतृप्त किया जाता है। सभी बुलबुले, फुफकार और फोड़े के आसपास! छोटे और बड़े फूलगोभी, ज्वालामुखी अपने पैरों के नीचे मिट्टी और पृथ्वी को उबालते हैं। आप पथ से एक कदम भी नहीं जा सकते - आवरण। भाप दरारें और दरारें से निकलती है जिसके साथ छोटे गीज़र "शूट" करते हैं। ज्वालामुखी की सकारात्मक भूमिकाजल निकायों के तापमान को बढ़ाने में प्रक्रियाएं, जो सर्दियों में न केवल पानी और जलपक्षी को आकर्षित करती हैं, बल्कि भालू और जंगली भेड़ भी होती हैं। इसी समय, ज्वालामुखीय गैस के जहर के कारण, स्तनधारियों और पक्षियों की एक महत्वपूर्ण संख्या क्रोनोटस्की रिजर्व में निवास करती है। उदाहरण के लिए, मरे हुए जानवर अक्सर मौत की घाटी में पाए जाते हैं। वे बड़े शिकारियों को कैरी-फीडिंग आकर्षित करते हैं। हालांकि, वहाँ से बाहर निकलने के लिए, ये जानवर असफल हो जाते हैं। 800 से अधिक जलाशय रिजर्व में हैं। वे कुल संरक्षित क्षेत्र का लगभग 3% हैं। इस अभ्यारण्य के दक्षिणी भाग में ओल्ड शेमचिक नदी बहती है। सबसे बड़ी नदियाँ बोगचेवका और क्रोनोटस्काया हैं। उत्तरार्द्ध की लंबाई 39 किलोमीटर है। यह क्रोनोट्स्की झील से बहती है और कई द्वीपों और बूढ़ी महिलाओं का निर्माण करती है। अमीर आदमी अपनी लंबाई से आगे निकल जाता है। इसकी लंबाई 72 किलोमीटर है, और गहराई 1.2-1.5 मीटर से अधिक नहीं है। इस नदी में आम तौर पर पहाड़ी चरित्र होते हैं। यह तूफानी है, ऊपरी हिस्से में खड़ी ढलानों को काटता है, सर्दियों में निचले हिस्से में जमा देता है। कई झीलें रिजर्व में स्थित हैं। सबसे गहरी क्रोनोटस्की है। यह एक समद्विबाहु त्रिभुज जैसा दिखता है। यह क्षेत्र प्रशांत क्षेत्र का हैजलवायु क्षेत्र में चुकोटका का तट। प्रशांत महासागर के प्रभाव में जलवायु का निर्माण होता है। इसका गठन भी इस क्षेत्र के पहाड़ी राहत से प्रभावित है। रिज़र्व में गर्मियों में घना कोहरा और बार-बार बूंदा-बांदी होती है, साथ ही साथ तेज़ हवाएँ भी चलती हैं। शरद ऋतु में बहुत धूप के साथ गर्म और शुष्क मौसम होता है। हालांकि, सर्दियों की शुरुआत नवंबर में होती है। यह ठंडी तेज हवाओं की विशेषता है, कभी-कभी तूफान बल तक पहुँचती है, साथ ही साथ बर्फबारी भी होती है। वसंत में गर्म मौसम के प्रभाव के तहत हिमस्खलन शुरू होता है। यह पहाड़ी नदियों की संकीर्ण घाटियों के साथ-साथ खड़ी ढलानों के लिए विशेष रूप से सच है। रिजर्व के क्षेत्र में, मिट्टी के नीचे का गठन किया गया थाज्वालामुखियों की गतिविधि का प्रभाव। मिट्टी के लगातार कायाकल्प राख के अंतर्ग्रहण में योगदान देता है। इस वजह से, यह भी खनिजों से संतृप्त है। ऐसी मिट्टी में एक उच्च पारगम्यता और ढीली संरचना होती है, जो विभिन्न पौधों के विकास के लिए बहुत अनुकूल है। उच्च संवहनी पौधों की 600 प्रजातियां पाई गईंरिजर्व के क्षेत्र में, साथ ही 113 लाइकेन प्रजातियां। दुर्लभ के बीच डेफ़र्टाज़िस्टोरम सीताकिंस्की है, जो चट्टानों पर पाया जाने वाला लाइकेन है। रिजर्व में ब्रायोफाइट्स की 85 प्रजातियां हैं, 6 - फर्न। उनमें से आप इस तरह की दुर्लभ प्रजातियाँ पा सकते हैं जैसे कि नम टेलिप्टेरीज़ नम घासों पर उगते हैं, कोज़्यनेट्स ऑफ़ द गीज़र्स घाटी में नक्काशीदार, कोस्टेनसेट्स हरे-भरे प्रशांत तट की चट्टानों पर, और स्टोनी साइटों पर लिखे गए क्रिप्टोग्राम। एल्फिन देवदार एक विशाल पर मोटा बनाता हैक्षेत्र। रिज़र्व में कुछ स्थानों पर आप सुंदर देवदार और अयन देवदार पा सकते हैं। उत्तरार्द्ध 25 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचता है, और इसकी उम्र 300 साल हो सकती है। यह छाया सहिष्णुता में भी दिलचस्प है। ग्रेसफुल देवदार दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र में पाया जा सकता है। यह एक सुंदर शंकु के आकार का मुकुट वाला सजावटी पौधा है। औषधीय से रिजर्व के क्षेत्र परपौधे पाए गएः एक मोम ग्रेवी, एक राल गंध, और एक बिछुआ पत्ती। सुप्रसिद्ध रोडियोला रसिया, जिसे स्वर्णिम जड़ भी कहा जाता है, गोलों के क्षेत्र में बढ़ता है। थंडरबर्ग बेसिल, एक दुर्लभ प्रजाति, पत्थर-बर्च जंगलों में बढ़ती है। यहाँ एक वुडी बेल है, जिसे नीला और बैंगनी फूलों से ढका गया है। दलदलों और तालाबों में पीले फूलों वाले गेंदे तैरते हुए मिले। सफेद फूल और गहरे हरे रंग की पत्तियों के साथ तीन पत्ती वाले कॉप्टिस मॉस मौर। पर्वत टुंड्रा, कंकड़, चट्टानों, पत्थरों के मैदानों, पीटलैंड और दलदलों के विभिन्न स्थलों पर चमकीले फूल पोस्ता के पौधे हैं। खुले ढलान पर रेंगते हुए कार्नेशन खिलता है। रिजर्व के क्षेत्र में कई हीथर पौधे हैं, जो इसके विभिन्न भागों में उनके चमकीले रंगों द्वारा प्रतिष्ठित हैं। आम भी 4 प्रकार के वायलेट होते हैं, जिनमें से रंग बर्फ के सफेद से नीले रंग के होते हैं। बेरी के पौधों में आप ब्लूबेरी और मार्श क्रैनबेरी, छोटे और साधारण लिंगोनबेरी पा सकते हैं। ऊंचाई पर विलो पेड़ों के बीच केवल एक प्रजाति 25 मीटर तक पहुंचती है। यह सखालिन विलो है। शेष पेड़ झाड़ियाँ हैं। यह एंजेलिकन भालू की लंबी घास में खड़ा है, जो 2-3 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचता है। मील का पत्थर जहरीला पानी में सही बढ़ता है। लिली के प्रतिनिधियों को एक विशेष विशेषता हैसौंदर्य। गेंदे काले-बैंगनी, बैंगनी-लाल और चमकीले सफेद रंग में पाए जाते हैं। यहां आप ऑर्किड परिवार से संबंधित सजावटी पौधे भी पा सकते हैं। उदाहरण के लिए, ऊपरी नदी में। गीज़रनोय को एक अनूठा फूल मिला। यह एक चीनी टहनी है। इसमें सर्पिल रूप से पुष्पक्रम होते हैं, छोटे चमकीले गुलाबी फूल होते हैं। लाल किताब में सूचीबद्ध दुर्लभ प्रजातियों में से रिजर्व में हैंः सुंदर देवदार और बड़े फूल वाले चप्पल। क्रोनोटस्की रिजर्व, जिसका जीव बहुत हैकामचटका के बाकी क्षेत्र की विविध प्रजातियों में विविध, फिर भी हीन। यह इसके स्थान के कारण है। उदाहरण के लिए, रिजर्व में उभयचर जीव केवल साइबेरियाई सलवर द्वारा दर्शाया जाता है। इस क्षेत्र में कोई सरीसृप नहीं हैं। कुछ प्रजातियों का बहुत ही जिज्ञासु इतिहास रहा है।क्रोनोटस्की राज्य प्राकृतिक बायोस्फीयर रिजर्व में प्रवेश। उदाहरण के लिए, एक छोटा काला शंकुधारी बारबेल गलती से यहां लकड़ी के साथ मिला। वह वहां एक फिन हेलीकॉप्टर की डिलीवरी के कारण काल्डेरा उज़ोना में दिखाई दिए। पंख का उपयोग पर्यटक स्थलों द्वारा ईंधन के रूप में किया जाता है। क्रोनोट्स्की स्टेट बायोस्फीयर रिजर्व -वह क्षेत्र जहाँ समुद्र की 69 उपनिवेशों की पहचान की गई है। संख्यात्मक रूप से हैचेट, पैसिफिक गल, पैसिफिक चिस्टिक, बेरिन कॉर्मोरेंट प्रॉमिनेट। ग्रे-विंग्ड गूल, फाइन-बिल्ड गाइल और इप्टाका जैसे प्रतिनिधि भी यहां काफी कम संख्या में पाए जाते हैं। विशेष रूप से दिलचस्प हैचेट। यह एक लाल रंग की चोंच के साथ मध्यम आकार का एक भूरे रंग का पक्षी है, जो पक्षों पर दृढ़ता से चपटा होता है। उसकी आँखों के पीछे सफेद लंबे पंख हैं। यह दिलचस्प पक्षी छेद में घोंसला बनाता है, जो चट्टानों के शीर्ष पर नरम मिट्टी में खोदता है। चट्टानों में, कौवे, सफेद-बेल्ट की झूलियाँ, गंजे ईगल और काई-पैर वाले घोड़े भी घोंसला बनाते हैं। क्रोनोट्स्की बे में, ओल्गा खाड़ी में, जोकभी नहीं जमता, 1,5 हजार पक्षी हैं। संख्यात्मक रूप से उनमें प्रमुख हैंः प्रशांत सिंगा, समुद्र-प्रेमी, गागा-कंघी, सींग वाले भृंग तर्पण, कामेनुष्का। कई कौवे और गुल भी हैं। झीलों के साथ मार्श टुंड्रा निवासीः ग्रे-नेक वाले ग्रीबे, रेड-ब्रेस्टेड लून, पिंटेल, सियावाज़, चैती-सीटी, हुक-नोज़्ड कुरपन, सिंगा, ग्रे और ब्लैक हेडेड गल्स। हूपर हंस की एक छोटी संख्या, जो दुर्लभ हो गई है। 1942 में केप कोज़लोव में अधिक थेडेढ़ हजार समुद्री शेर और कुछ सौ से अधिक केप के पश्चिम में थे। आज इन जानवरों की संख्या केवल 700 व्यक्तियों की है। वे एक दुर्लभ प्रजाति के हैं, वे रूस की लाल किताब में सूचीबद्ध हैं। वे अब विशेष संरक्षण में हैं। सागर ओटर मूल निवासी हैपूर्वी कामचटका, इसके तटों। 19 वीं शताब्दी में, इस प्रजाति की संख्या बहुत बड़ी थी, लेकिन 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में यह पूरी तरह से गायब हो गई। अब समुद्री ऊदबिलाव स्वतंत्र रूप से क्रोनोटस्की स्टेट रिजर्व में लौट आए हैं। लगभग 120 जानवर हैं। रिंग्ड सील और आम सील इस रिजर्व के तटीय जल में निवास करते हैं। वे रेड बुक में सूचीबद्ध हैं। बारहसिंगा तराई के निचले इलाकों में रहता हैबैंड। वहाँ शिकारी लोमड़ी, wolverine, ermine से हैं। चमकीले रंग और बड़े लोमड़ी कामचटका में रहते हैं। जुलाई के अंत में बेरी टुंड्रा पर, भालू फ़ीड करते हैं। तटीय क्षेत्र में, उभरी हुई भेड़ें हैं जो उपलब्ध झाड़ियों और घासों पर फ़ीड करती हैं, और किनारे पर शैवाल पर फ़ीड करती हैं। कामचटका में पाए जाने वाले बारहसिंगों की संख्या अब एक महत्वपूर्ण स्तर पर है। रिजर्व का एक मुख्य उद्देश्य इसकी बहाली है। कमचटका मर्मोट एक और उच्चभूमि है जो कम घास वाले क्षेत्रों में रहता है। उन प्रजातियों में आम है जो निवास करते हैंपत्थर बर्च के पेड़, नटचट, पाउडर, छोटे धब्बेदार कठफोड़वा, चीनी ग्रीनफिंच, बुलफिनिच, युरोक, variegated और छोटे फ्लाईकैचर, पेल थ्रश, नीली पूंछ, बहरे और आम कोयल, लकड़ी घड़ियाल, तीन पैर वाले कठफोड़वा। घोंसले के शिकारियों ने यहां घोंसला बनाया, गोशालक, छोटा शिकारी, चील। ओखोटस्क क्रिकेट बड़ी संख्या में रहता है। शिकारियों से दूर रहने योग्य है, जो पर फ़ीड करता हैवोल्स, सफेद दलिया, छोटी सी पपड़ी, रोवन बेरी, ब्लूबेरी और सिक्का, देवदार एल्फिन नट। फ़ीड की मात्रा में कमी के साथ, उसकी खोज में भूखा और भटकना शुरू हो जाता है। कभी-कभी यह विशाल प्रदेशों में प्रवास में बदल जाता है। हाल के वर्षों में भोजन की तलाश में, जानवर इतने कम हो गए हैं कि वे गांवों में प्रवेश करते हैं, मनुष्यों के डर को खो देते हैं, और कचरे में भोजन की तलाश कर सकते हैं। क्रोनोटस्की बायोस्फीयर रिजर्व एक ऐसा क्षेत्र है जहां भूरा भालू फैला हुआ है। यह विशेष रूप से बड़े आकार में अन्य प्रजातियों से अलग है। ऑलिव थ्रश बड़ी घाटी में रहता हैकमचटका प्रायद्वीप के वन। क्रोनोट्स्की रिज़र्व नदी की घाटियों में रहने वाले एक सफेद घास का निवास स्थान है। ग्रुसे और टुसोस्क के लार्च जंगलों में घोसला घोंसला। एक बेहतरीन चित्तीदार कठफोड़वा और एक शिरके-झूलन भी है। यह रिजर्व में एकमात्र जगह है जहां गिलहरी रहती है। इस क्षेत्र की नदियाँ लगभग मछलियों से मुक्त हैं।सामन के बड़े पैमाने पर चलने से पहले। यह चाल एक सुंदर दृश्य है, क्योंकि सूरज में भारी मात्रा में मछली चमकती है जो बिल्कुल पारदर्शी पानी में तैरती है। यह ऐसे पक्षियों को गोगोल, पत्थर, बड़े और लंबे नाक वाले टुकड़ों, समुद्री काले रंग के रूप में आकर्षित करता है। बेरिंग गोफर ज्वालामुखी शंकु के पैर में उच्च संख्या तक पहुंचता है। कामचटका मार्मव लावा प्रवाह पर रहते हैं।