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६९. मरे ढोरोंका निबटारा' रिजनोंमें ऐसे कई वर्ग हैं, जैसे दक्षिण भारतमें चक्किलियन और मडिगा तथा गुजरातमें चमार, जो मरे ढोरोंको उठा ले जाते हैं, उन्हें ठिकाने लगाते हैं और उनका मांस खाते हैं। मरे ढोरोंको ठिकाने लगाना एक पवित्र कर्तव्य और पवित्र धन्धा है । लेकिन मुर्दार मांस खाना एक अत्यन्त गंदी आदत है, जिसे हिन्दू धर्म ग्रंथों में एक महापाप माना गया है। यह निहायत जरूरी है कि आत्मशुद्धि के इस अवसर पर अपने हरिजन भाइयोंको इस आदत से छुटकारा पानेमें मदद की जाये । लेकिन कई कारणोंसे वे ऐसा करनेमें अपनी असमर्थता प्रकट करते हैं। वे कहते हैं, "यह तो हमारी युगों पुरानी आदत है । और अब तो वह हमारे लिए एक सुस्वादु व्यंजन हो गया है जिसे हम उसी तरह नहीं छोड़ सकते, जिस तरह आप लोग अपने उत्तम मिष्टान्नोंको नहीं छोड़ सकते । आपको यह भी जानना चाहिए कि मरे ढोरोंको हटा कर ठिकाने लगाना एक ऐसा कर्तव्य है, जो हमें सौंपा गया है और हम महाजनोंके गुस्सेका खतरा उठाये बिना उसे छोड़ नहीं सकते । शायद आप जानते हैं कि मुर्दार मांस मरे ढोरोंको हटाने के मेहनतानेका एक हिस्सा होता है। इस तरह हम तीन कारणोंसे मुर्दार मांस खानेके रिवाजसे वंधे हुए हैं । यह दलील विचार करने लायक है । लिखित और मौखिक अपीलोंसे कोई लाभ नहीं होगा; हमें उन्हें इससे बाहर निकलनेका रास्ता बताना होगा। पहले हमें देश के विभिन्न भागों में मरे ढोरोंको हटानेकी मौजूदा हालतोंसे स्वयं परिचित होना चाहिए और परिस्थितियोंका विचार करके उन्हें बदलवाना चाहिए। हमें मरे ढोरोंका चमड़ा निकालने और उसके साथकी दूसरी क्रियाएँ अपनी निगरानीमें करवानी चाहिए और बचे हुए भागोंकी ठीक व्यवस्थाका ध्यान रखना चाहिए । ढोर तभी हटवाना चाहिए जब उठाने वाले यह वचन दें कि वे मुर्दार मांस नहीं खायेंगे; और किसीको मरे ढोर उठानेके लिए मजबूर नहीं करना चाहिए । इस कामके लिए काफी संख्या में स्वयंसेवक चाहिए। उन्हें सफाईके साथ मरे ढोरोंका चमड़ा निकालनेकी कला सीखनी चाहिए और हरिजनोंको, जो कि यह काम आज पुराने तरीकेसे करते हैं, सिखानी भी चाहिए । आजकी तरह मरे ढोरोंको घसीटकर नहीं ले जाना चाहिए, क्योंकि उससे उनके चमड़ेको नुकसान पहुँचता है । और उसकी कीमत घटती है। उन्हें उठाना चाहिए और ठीक ढंगसे जल्दी ले जाना चाहिए। चमड़ा निकालने और साफ करनेवाले खुशीसे यह नया तरीका अपना लेंगे, लेकिन तभी जब तथाकथित ऊँची जातियोंके लोग उसमें निष्णात बन जायेंगे । १. इस लेखका अंग्रेजी अनुवाद किंचित् परिवर्धनके साथ १८-३-१९३३ के हरिजनमें भी प्रकाशित हुआ था और प्रस्तुत अनुवादको उससे भी मिला लिया गया है।
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ प्रशासन सख्ती बरत रहा है। उसी कड़ी में करोल बाग की मशहूर दुकान 'रोशन दी कुल्फी' का जिला प्रशासन ने एक लाख रुपये का का चालान काटा है। जानकारी के अनुसार, जिस समय जिला प्रशासन की टीम दुकान पर पहुंची उस समय दुकान में 50 लोग मौजूद थे और कोई भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं कर रहा था। कई लोगों ने मास्क नहीं लगा रखा था, वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का भी कोई पालन नहीं हो रहा था। प्रशासन की टीम ने दुकान में मौजूद सभी लोगों पर दो-दो हजार रुपये का फाइन लगाकर कुल एक लाख रुपये का चालान काटा। उधर करोलबाग के नैवाला बाजार में स्थित एक शराब की दुकान को जिला प्रशासन की टीम ने सील दिया गया है। यहां भी कोविड नियमों का उल्लंघन होने पर कार्रवाई की गई है। करोलबाग के एसडीएम ने बताया कि बुधवार को नैवाला बाजार में स्थित एक शराब की दुकान पर कोविड मानदंडों के उल्लंघन के लिए 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही दुकान को भी सील कर दिया गया है।
शिमला, 1 दिसंबर (निस) हिमाचल प्रदेश सरकार एशियन विकास बैंक की 2095 करोड़ रुपये की अधोसंरचना विकास परियोजना के लिए सैद्धान्तिक रूप से स्वीकृति प्राप्त करने में सफल रही है। इसमें से 90 प्रतिशत ऋण राशि होगी, जो भारत सरकार द्वारा समर्थित होगी जबकि 10 प्रतिशत राज्य का हिस्सा होगा, क्योंकि हिमाचल प्रदेश एक विशेष श्रेणी का राज्य है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज शिमला में कहा कि इस परियोजना का उद्देश्य राज्य में नये पर्यटन स्थलों को विकसित करने के अतिरिक्त मौजूदा पर्यटन स्थलों का रखरखाव, सुधारीकरण और सांस्कृतिक धरोहर का सरंक्षण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत मौजूदा पर्यटन स्थलों से भीड़भाड़ व पर्यटकों के भारी दबाव को कम करने के लिए इको-टूरिज्म को बढ़ावा देकर राज्य के अनछुए गंतव्यों का विकास सुनिश्चित किया जाएगा। जय राम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से केंद्रीय वित्त मंत्री के समक्ष इस मामले को उठाया था तथा पर्यटन मंत्रालय, नीति आयोग और वित्त मंत्रालय के समक्ष प्रस्तुति दी है। उन्होंने कहा कि एशियन विकास बैंक (एडीबी) से फंडिंग के लिए वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग की स्क्रीनिंग कमेटी ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना को दो वित्तांश में क्रियान्वित किया जाएगा। पहले वित्त भाग में 900 करोड़ रुपये से अधिक जबकि दूसरा वित्त भाग 1100 करोड़ रुपये से अधिक का होगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का कार्य शीघ्र आरम्भ किया जाएगा और यह परियोजना अगले वर्ष मार्च से तेजी पकड़ेगी। जयराम ठाकुर ने कहा कि इस परियोजना के क्रियान्वयन से राज्य में पर्यटन गतिविधियों को और अधिक बढ़ावा मिलेगा, जिससे यहां विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण होगा और विश्व के कोने-कोने से पर्यटकों को हिमाचल आने के लिए आकर्षित किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डाॅ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के 37वें स्थापना दिवस के अवसर पर आज शिमला से वर्चुअल माध्यम से अपने सम्बोधन में कहा कि हिमाचल प्रदेश ने बागवानी क्षेत्र में आशातीत प्रगति की है। यह क्षेत्र कृषि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण घटक बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन में बागवानी क्षेत्र का योगदान लगभग 33 प्रतिशत है और केवल सेब का ही वार्षिक कारोबार पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इको-टूरिज्म मॉडल को स्थापित करने के लिए बागवानी और पर्यटन क्षेत्र को मिलकर आगे आना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपनी स्थापना से अब तक इस विश्वविद्यालय से 7,376 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं और वर्तमान में विश्वविद्यालय के विभिन्न डिग्री कार्यक्रमों के अन्तर्गत 2,627 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के इको-टूरिज्म मॉडल को स्थापित करने के लिए बागवानी और पर्यटन क्षेत्र को मिलकर आगे आना चाहिए। शिमला (निस) : हिमाचल प्रदेश को इंडिया टुडे द्वारा जारी मॉस्ट इम्प्रूव विद स्टेट इन हेल्थ सर्वे में देशभर में पहला स्थान हासिल हुआ है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस उपलब्धि के लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग और प्रथम पंक्ति के योद्धाओं को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि कोरोना के विरूद्ध लड़ाई में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की केन्द्र सरकार और अन्य राज्यों ने भी सराहना की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश सरकार के अथक प्रयासों के कारण हिमाचल प्रदेश को स्वास्थ्य सूचकांको में प्रथम आंका गया है।
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। श्रेणीः2008 फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता श्रेणीःचित्र जोड़ें. श्रेणीःटेनिस खिलाड़ी श्रेणीःमहिला टेनिस खिलाड़ी. 2008 फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता - महिला एकल और एलीना देमेनतीवा आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)। 2008 फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता - महिला एकल 7 संबंध है और एलीना देमेनतीवा 9 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (7 + 9)। यह लेख 2008 फ़्रेंच ओपन टेनिस प्रतियोगिता - महिला एकल और एलीना देमेनतीवा के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
मोदी ने कुछ वर्ष पूर्व मगहर स्थित संत कबीर दास की निर्वाण स्थली का दौरा किया था। प्रधानमंत्री ने ट्वीट के साथ ही इस दौरे की कुछ तस्वीरें भी साझा कीं। संत कबीर का जन्म संवत 1455 की ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। इसलिए देश भर में इसी दिन कबीर जयंती मनाई जाती है। संत कबीर के नाम पर एक कबीरपंथी सम्प्रदाय भी है जो उन्हें अवतारी पुरूष मानता है।
गया ।। यह समझौता एक प्रकार से सैय्यद बन्धुओ की विजय का प्रतीक था। अभाग्यवश तैय्यदों को राजपूत, मराठी, जाटो का सहयोग पूर्ण रूप से प्राप्त न हो सका जबकि सैय्यद बन्धु इन सभी से मित्रता बढ़ाकर रहना ★ पूर्व पृष्ठकाशेष भाग जय संह को सफलता न मिलने से वह इतना लम्बा समय बीतने पर सम्राट नराज हो गया, क्योंकि बादशाह समझता था कि शीघ्र ही यह इसे दबा देगा। इन्हीं दिनों कुतुबुलमुल्क ने एक दो बार इशारोवस सेवा शाही सेवा में अर्ज करता था कि चूडामन जाट को मिटाना व बरबाद करना आसान काम नहीं है । बादशाह भी न सोच सका बल्कि लाइलाज होकर नयाब से राय ली कि किस दंम से इस कार्य में कामयाबी प्राप्त हो । उक्त नवाब ने शाही सेवा में अर्ज किया कि चूकामन की गल्तियों को क्षमा कर दिया जाए जिस पर साठ लाख रूपया चूडामन जाट का तफसीर पर बतौर पेश कर सरकार वालों से नियुक्त किया जाए । चूमन भी जो दौड़ धूप से तंग आ गया उसने तत्काल ही यह रकम स्वीकार कर ली और नवाब कुतुबुलमुल्क की अर्ज पर शाही आदेशानुसार राजा को लिखा गया कि चूडामन जाट मोहिम से हाथ उठा लें । युद्ध समाप्त हुआ और सैय्यद खान जहाँ बारहा के नाम आदेश जारी हुआ कि चूडामन को शाही सेवा में लेकर हाजिर हो । राजा को इस बात से बहुत दुख हुआ, लेकिन मजबूरी वश चुप रहा । इबरतनामापू-177 19 जमादियुल अव्वल को चूडामन जाट ने बवाब कुतुबुलमुल्क के जा रये उपस्थत होकर शाही मुलाजिमत की ओर बादशाह की मुलाजिमत की । इबरतनामा पु. 178 उपरी दिल से तो बादशाह तैय्यदों से खुश था, परन्तु अन्दर से और भी नफरत करने लगा । सैय्यदों का जाटों के साथ समझौता बादशाह का अपमान और अब सैय्यदों और जाटों का एक नया गुट बन गया, जो की फासियर के लिए हानिकारक था ।
न्यूज डेस्कः बिहार की राजधानी पटना से बड़ी खबर आ रही हैं। ताजा रिपोर्ट के अनुसार बिहार दारोगा भर्ती परीक्षा देने वाले 700 अभ्यर्थियों का आवदेन रद्द कर दिया गया हैं। इसको लेकर आयोग ने अपने आधिकारिक वेबसाइट पर नोटिश भी जारी किया हैं। खबर के अनुसार बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (BPSSC) ने दारोगा भर्ती की प्रारंभिक परीक्षा के लिए एक से अधिक फॉर्म भरने वालों 700 अभ्यर्थियों का आवदेन रद्द किया हैं। इसके लिए आयोग ने रिजेक्शन लिस्ट रोल नंबर के अनुसार जारी किया हैं। बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (BPSSC) ने नोटिश जारी करते हुए कहा है की एसआई/सर्जेंट भर्ती प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 26 दिसंबर2021 को किया गया था। लेकिन परीक्षा के बाद जांच में पाया गया कि कई अभ्यर्थियों ने एक से अधिक आवेदन पत्र भरे हैं जो कि विज्ञापन शर्तों का उल्लंघन है। इसलिए इनका आदेश रद्द किया जाता हैं। ऐसे देखें रिजेक्शन लिस्ट : आप बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (BPSSC) की आधिकारिक वेबसाइट पोर्टल bpssc. bih. nic. in पर जाकर लेटेस्ट नोटिस पढ़ें और रिजेक्शन लिस्ट देखें। Shimla, Mandi, Kangra, Chamba, बिहार, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, कानपुर, दरभंगा, समस्तीपुर, नालंदा, पटना, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पटना, नालंदा, अररिया, अरवल, औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, कैमूर, खगड़िया, गया, गोपालगंज, जमुई, जहानाबाद, नवादा, पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बक्सर, बांका, बेगूसराय, भागलपुर, भोजपुर, मधुबनी, मधेपुरा, मुंगेर, रोहतास, लखीसराय, वैशाली, शिवहर, शेखपुरा, समस्तीपुर, सहरसा, सारण सीतामढ़ी, सीवान, सुपौल, #बिहार, #मुजफ्फरपुर, #पूर्वी चंपारण, #कानपुर, #दरभंगा, #समस्तीपुर, #नालंदा, #पटना, #मुजफ्फरपुर, #जहानाबाद, #पटना, #नालंदा, #अररिया, #अरवल, #औरंगाबाद, #कटिहार, #किशनगंज, #कैमूर, #खगड़िया, #गया, #गोपालगंज, #जमुई, #जहानाबाद, #नवादा, #पश्चिम चंपारण, #पूर्णिया, #पूर्वी चंपारण, #बक्सर, #बांका, #बेगूसराय, #भागलपुर, #भोजपुर, #मधुबनी, #मधेपुरा, #मुंगेर, #रोहतास, #लखीसराय, #वैशाली, #शिवहर, #शेखपुरा, #समस्तीपुर, #सहरसा, #सारण #सीतामढ़ी, #सीवान, #सुपौल,
क्रौत्रस्य शिखरं चापि निरीक्ष्य च ततस्ततः । अवृक्षं कामशैलं च मानसं विहगालयम् ॥ २६॥ क्रौंच पर्वत के शिखर के ऊपर भी अच्छी तरह देखना भालना । इसी पर्वत पर मानस नाम का एक कामशैल है । यद्यपि उस पर कोई वृक्ष नहीं है, तथापि वह पक्षियों का घर है ॥ २६॥ न गतिस्तत्र भूतानां देवदानवरक्षसाम् । सच सर्वे र्विचेतव्यः ससानुप्रस्थभूधरः ।।३०।। वहाँ देव, दानव, राक्षसादि कोई भी प्राणी नहीं जा सकता । सो आप सब लोग उस पर्वत के छोटे बड़े शिखरों और कन्दराओं को ढूँढना ।।३०।। क्रौञ्चं गिरिमतिक्रम्य मैनाको नाम पर्वतः । मयस्य भवनं यत्र दानवस्य स्वयं कृतम् ।।३१।। क्रौंच गिरि के आगे आपको मैनाक पर्वत मिलेगा । यहीं पर मयदानव का भवन है, जो उसीका बनाया हुआ है ।।३१।। मैनाकस्तु विचेतव्यः ससानुप्रस्थकन्दरः । स्त्रीणामश्वमुखीनां च निकेतास्तत्र तत्र तु ।।३२।। मैनाक पर्वत के शिखग और कंदराओं को भी हूँढना । उस पर्वत पर वुड़मुही औरतो (किम्पुरुषस्त्रियों ) के घर बने हुए हैं ।।३२।। तं देशं समतिक्रम्य आश्रमं सिद्धसेवितम् । सिद्धा वैखानसास्तत्र वाल खिल्याश्च तापसाः ।। ३३ ॥ वहाँ से आगे जाने पर सिद्धों से सेवित श्रम मिलेगा । वहाँ पर सिद्ध वैखानस ( बाणप्रस्थ ) और बालखिल्य ब्रह्मचारी. रहते हैं ॥३३॥ वन्यास्ते तु तपःसिद्धास्तपसा बीतकल्मषाः ।. प्रष्टव्या चापि सीतायाः प्रवृत्तिर्विनयान्वितैः ॥३४॥ उन तपःसिद्ध और पाररहित तस्वियों को आप लोग विनयपूर्वक प्रणाम करना और उनसे सीता का वृत्तान्त पूँछना ।।३४।। वहीं पर वैखानस नाम का एक तालाब है जो सुवर्ण के रंग जैसे कमल के फूलों से ढका रहता है और उसके तट पर, मध्याह्न कालीन सूर्य के समान रंग वाले सुन्दर हम बिचरा करते हैं ।।३५।। कुवेरस्य भौम इति स्मृतः ।, गजः पर्येति तं देशं सदा सह करेणुभिः ॥३६॥ उस तालाब पर कुबेर की सवारी का हाथी, जिसका नाम सार्वभौम है, अपनी हथनियों सहित विचरा करता है ।।३६।। हेमपुष्करसंवन्नं तस्मिन् वैखानसं सरः । वरुणादित्य सङ्काशैर्ह सैर्विचरितं शुभैः ॥३५॥ तत्सरः समतिक्रम्य नष्टचन्द्रदिवाकरम् । अनक्षत्रगणं व्योम निष्पयोदमनादितम् ।।३७ उस सरोवर के आगे जाने पर आपको ऐसा देश मिलेगा जहाँ पिसूय, चन्द्र, नक्षत्र और मेघ न देख पड़ेंगे, तथापि आदि न्त रहित आकाश अवश्य देव पड़ेगा ।।३७।। १ प्रवृत्तिः - वृत्तान्तः । ( शि० )
हिमाचल चुनाव में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है। जिसके चलते बीजेपी ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट जारी की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी के स्टार प्रचारक होंगे। इस सूची में केंद्रीय मंत्रियों के साथ साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का भी नाम है। बीजेपी हिमाचल चुनाव में किसी तरह तरह का कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती । जीत को सुनिश्चित करने के लिए बीजेपी हिमाचल में अपने दिग्गज नेताओं को प्रचार में उतारेगी। जहां प्रधानमंत्री हिमाचल में रैली के जरिए लोगों संबोधित करेंगे तो वहीं गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्तमंत्री अरूण जेटली, केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री जेपी नड्डा के साथ साथ बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिमाचल में प्रचार करेंगे। बीजेपी ने स्टार प्रचारक की सूची में अपने बेहतरीन नेताओं का नाम शामिल किया है। बीजेपी ने इस सूची में तेजतर्रार केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज और स्मृति ईरानी के साथ साथ अपने बेहतरीन अंदाज के लिए मशहूर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को उतारा है।
(अपराध ब्यूरो) सिवनी (साई)। छपारा थाना क्षेत्र में हुए एक सड़क हादसे में दो बाईक की आपस में भिड़ंत के चलते, उन पर सवार एक नाबालिग सहित कुल पाँच लोग घायल हो गये। पुलिस सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि छपारा से लगभग 24 किलोमीटर दूर ग्राम भेड़की और माहुलपानी के मध्य दो मोटर साईकिल आपस में टकरा गयीं। इस दुर्घटना में दोनों वाहनों पर सवार ग्राम घोघरी निवासी रतन सिंह (70), तिलेपानी निवासी राकेश कुमार उईके (38), रंजीत उईके (08), ग्राम पलारी निवासी कमल कुमार (22) और ग्राम चिखली निवासी शिवकुमार सराठे (24) घायल हो गये। सभी घायलों को 108 एंबुलेंस एवं डायल 100 की सहायता से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुँचाया गया। यहाँ से प्राथमिक उपचार के उपरांत चिकित्सक के द्वारा घायलों को बेहतर उपचार के लिये जिला चिकित्सालय सिवनी रेफर कर दिया गया। बताया जाता है कि ये सभी घायल ग्राम मड़वा में आयोजित मड़ई के लिये गये हुए थे। वहाँ से वे जब वापस लौट रहे थे तभी उक्त दुर्घटना उनके साथ घटित हो गयी।
अभिनेत्री मलाइका अरोड़ा (Malaika Arora) आजकल सुर्ख़ियों में है. जी दरअसल इन दिनों उनका शो 'मूविंग इन विद मलाइका'(Moving In With Malaika) सुर्ख़ियों में है. आपको बता दें कि यह शो डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर आता है और इस शो में मलाइका अपनी पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल लाइफ तक पर कई बार खुलकर बात कर चुकी हैं. अब हाल ही में बहन अमृता अरोड़ा (Amrita Arora) संग वार्ता के दौरान अदाकारा ने अपनी दूसरी विवाह (Malaika Arora Wedding) का जिक्र किया और मां के डायमंड बैंगल पर अधिकार जताया. जी दरअसल डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर मूविंग विद मलाइका का नया एपिसोड आ गया है. इस एपिसोड में दिखता है कि मलाइका और अमृता साथ में एक रेस्टोरेंट आए हैं. जहां मलाइका, अमृता को कुछ फोटोज क्लिक करने को कहती हैं, लेकिन अमृता मना कर देती हैं. वहीं रेस्टोंरेंट में अमृता अपने लिए कॉकटेल और मलाइका हॉट टडी ऑर्डर करती हैं. वहीं इसके बाद वार्ता प्रारम्भ होती है और अमृता, मलाइका की प्रशंसा करते हुए एक बैंगल की खूब प्रशंसा करती हैं. वहीं इसके बाद मलाइका बताती हैं कि ये कंगन डायमंड का है. इसके बाद अमृता, मलाइका को मां के डायमंड बैंगल की याद दिलाती हैं और बताती हैं कि एक बार मां उसे पहन कर गई थीं और वो सोफे पर रखा था. इसके बाद मां ने अमृता से बोला था- 'मुझे लगता है कि समय आ गया है'.
आज 20 जून बांग्ला भाषा के मूर्धन्य साहित्यकार, और पत्रकार गौर किशोर घोषका 98 वा जन्म दिन है ! अविभाजित बंगाल के जसौर जिले के हट गोपालपुर नाम के एक देहात में जन्म हुआ था ! लेकिन बटवारे के कारण उनके परिजनों को अपने पुस्तैनी घर को छोड़ कर भारत में आना पड़ा ! उसके बाद नवदीप के एक स्कूल से इंटरमीडिएट सायन्स के बाद गरीबी के कारण आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर सकें ! फिर अपने जीवन यापन करने के लिए 1941 से 1953 बारह साल, होटल के बाॅय से लेकर इलेक्ट्रिशियन, फीटर, विक्रेता, नाटक कंपनी के मैनेजर, शिक्षक, मजदूर आंदोलनकारी, बार्डर कस्टम के बाबु और इतनी सारी यात्रा करने के बाद सत्ययुग नामके बंगाली भाषा के अखबार में पत्रकार की शुरुआत हुई ! उनकी शैली से प्रभावित होकर भारतीय भाषा के सबसे बड़े अखबार आनंद बाजार प्रकाशन समूह में शामिल होने का अवसर मिला ! जिसमें वे देश नामकी पत्रिका के संपादक और आनंद बाजार पत्रिका के संपादक तक सफर तय किया ! गौरदा के उदाहरण से समझा जा सकता है कि उच्च शिक्षा और ज्ञान का कोई संबंध है? विनोबा, वसंत पल्शीकर, प्रफुल्ल बिडवाई , निखिल वागळे जैसी शख्सियतें जिनसे मैं मिला हूँ ! और काफी नजदीकी से उन सभीको देखने, समझने का मौका मिला है इसलीये इन्हि के उदाहरण दे रहा हूँ ! 1981 मे महाराष्ट्र के इचल्कर्ंजी का फाय फौडेंशन का पुरस्कार से सम्मानित किया गया है ! और इस पुरस्कार के लिए जब वे कलकत्ता से मुम्बई गये थे तो महाराष्ट्र के साहित्यकार पुल देशपांडे जी के मेहमान रहे ! और पुलने उनको इचल्कर्ंजी को ले जाने से वापस मुम्बई में कलकत्ता के विमान में लाकर पहुँचाने का बहुत ही रोचक वर्णन जो गौरदा ने मुझे बताया था वह मै कभी अलग से लिखूंगा ! परिस्थितियां आदमी को खत्म कर देने के उदाहरण ज्यादातर देखने को मिलती है ! लेकिन जिनके पास जबरदस्त संकल्प शक्ति होती है वह गौरदा के जैसे बनते हैं ! उनकी राजनैतिक विचारधारा कभी एम एन राॅय के प्रभाव से रेडिकल ह्यूमॅनिस्ट रही है! मैने और भी रेडिकल ह्यूमानिझवाले लोग देखे हैं जो सिर्फ रेडिकल मायनस ह्यूमन देंखे है ! लेकिन गौरदा सही मायने में रेडिकल ह्यूमन देंखे ! इस कारण उनके घर वीएम तारकुंडेजी से भी परिचित होने का अवसर मिला है ! इतनी अच्छी विचारधारा क्यो आगे बढ़ नहीं सकी ? यह प्रश्न अक्सर हमारे बीच में शिव नारायण राय, अमलान दत्त तथा गौरदा के साथ काफी बार चर्चा में आते रहता था ! उन्ही लोगों के साथ यह विचार धारा ठप्प हो गई ! शायद जिस फासिज्म विचारधारा को एम एन राॅयने सबसे पहले धिक्कार किया है ! उसके भारत में आगमन के साथ ही रेडिकल ह्यूमॅनिझम हवा हो गया ! मैंने भागलपुर दंगा की विदारकता देखकर यह बात कहना, लिखने की कोशिश की है ! जिसकी कद्र गौरदा करते थे ! और हमारे बीच मेरे पिताजी के उम्र का अंतर था ! यह साल मेरे पिताजी की शताब्दी का है और गौरदा की 2023 ! उसके बावजूद वे मेरा परिचय करते वक्त मीट माय फ्रेंड फिलोसोफर और गाईड ! जिससे मुझे बहुत संकोच होता था ! लेकिन वे अक्सर कहा करते थे कि तुम्हारे उम्र के तुलना में तुम बहुत आगे हो ! कयोंकि वे अपने संपादकीय छपवाने के पहले कभी-कभी मुझे पढकर सुनाते थे ! और मैं अपने ढंग से उसकी आलोचना करता था ! तो एक बार अटल बिहारी वाजपेयी की नेहरू के साथ तुलना करने पर मैंने बहुत ही कडे शब्दों में आलोचना की थी ! और गोविंदाचार्य के काफी पहिले ही अटलबिहारी एक मुखवटा है जो संघ के स्वयंसेवक होने के बावजूद झूठमूठ की उदार छवि दिखाने की कोशिश कर रहे है ! तो उन्होंने वह लेख छपने नहीं दिया ! इतना लोकतांत्रिक आदमी मैंने नहीं देखा ! अपने बच्चों के साथ भी बहुत ही उदार व्यवहार करते थे ! और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात महिलाओके साथ सबसे ज्यादा मैने उनकी मित्रौ में बहुत ही साधारण जीवन यापन करती महिलाएं देखी है ! और उनके साधारण से साधारण से प्रश्न पूछने पर बहुत ही सुंदर उत्तर देते थे ! साने गुरुजी को मैंने देखा नहीं है लेकिन गौरदा के अंदर मुझे गुरूजी दिखते थे ! उनकों मैंने क्या दिया पता नहीं है पर गौरदा मेरे जीवन को समृद्ध करके गये ! 26 जून1975 को आनंद बाजार पत्रिका के टेलीप्रिंटर पर देश मे आपात काल लगाने की खबर देखने के बाद गौरदा चुपचाप उठकर रस्ते के किनारे पर बैठे पहले नाईसे अपने सरपर के सभी बालों को मुंडवा कर रस्ते पर चलने लगें ! तो जान पहचान वाले लोग पूछने लगे कि की होलो तो गौरदा जवाब में जनतंत्र मारा गेलो बोलकर चलते रहे ! भारत मे आपातकाल लगने के बाद इस तरह का अनूठा सत्याग्रह शायद पहलाही था ! तो पूलिस ने उन्हें अपने साथ उस समय के मुख्यमंत्री सिद्धार्थशंकर राय के पास राइटर्सबिल्डिंग लेकर आये तो सिद्धार्थबाबु ने कहा कि आपनी बाडीते चोलें जान किंतु गौरदा ने कहा कि सिद्धार्थ आप अपने कर्तव्य का पालन करों ! मै मेरे कर्तव्यो का पालन कर रहा हूँ ! फिर सिद्धार्थ रायने पुलिसके लोगोंको उनके घर उन्हें अपने साथ ले जाकर उनके सामान लेकर उन्हें जेल ले जाने के लिए कहा! आपातकाल में काफी सत्याग्रह हुऐ हैं पर इस तरह का यह एकमात्र सत्याग्रह हुआ है ! और यह सब बातें अपने 13 साल के बेटे भास्कर को बहुत ही सुंदर पत्र लिखा था ! कि मैंने यह सब कुछ क्यो कीया ? जो पत्र देशके सभि भारतीय भाषा में अनुवाद होकर बुलेटिन के रूप में बाँटने का प्रयास किया है जो मैंने भी मराठी भाषा में बांटने का प्रयास किया है ! बेटे के नाम पिताजी का पत्र ! एक आपातकाल का महत्त्वपूर्ण दस्तावेज बनकर रह गया है ! आनेवाले 25 जून को आपातकाल के 46 साल हो रहे है, लेकिन गत सात साल से अघोषित आपातकाल जारी है और इस समयमे गौरदा जैसे निर्भय पत्रकार की बरबस याद आ रही है ! 1969-71के नक्षल आन्दोलनकारियों की हिंसा को देखकर गौरदा ने रुपदर्शी नाम लेकर देश नामकी बंगाली भाषा की पत्रिका में आमाके बोलते दाव (मुझे बोलने दो) लगातार नक्षलवादीयो के द्वारा हो रही हिंसा पर लिखा है ! जिस कारण नक्षलवादीयोने तथाकथित जनता के न्यायालय में उन्हे फांसी की सजा सुनाई थी ! बंगाल में काफी हडकंप मच गया था ! मुख्यमंत्री सिद्धार्थशंकर राय ने सुरक्षा के लिए पुलिस तैनात कर दी थी ! लेकिन गौरदा ने हटाने के लिए कहा ! फिर आनंद बाजार समूह के मालिक आशोक कुमार सरकार ने कहा था कि हम अपने प्रयावेट सिकुरिटी का प्रबंध करते हैं ! तो उन्हें भी गौरदा ने मना कर दिया ! इतना निर्भय आदमी मैंने नहीं देखा ! आपात्काल के समय ही 1976 माओ की मृत्यू हो गयी थी तो अलीपुर जेलमे नक्षलाइट भी थे ! और उन्होंने माओ को लेकर एक श्रदाँजलि सभा का आयोजन किया था ! तो उसमें गौरदा नंगे पांव चले गये थे ! तो किसिने पूछा कि चप्पल कहाँ है ? तो गौरदा बोलेकि हमारे घर के किसी सदस्य का निधन होने के बाद क्या हम चप्पल पहनने का करते हैं ? (बंगाल में 11दिन के सूतक में यह प्रथा है) ऐसे आदमी को आजात शत्रु के अलावा कुछ और कहेंगे ? शत -प्रतिशत रैडिकल ह्युमानिस्ट थे और एम एन राय के विरासत को निभाया, एम राय को इंटरनेशनल कोमिंटारने चीनी क्रांती के लिए अपने प्रतिनिधि के तौरपर अधिकृत रूपसे भेजा था ! सगीना महातो उनके कहानी पर आधारित बंगाली और हिंदी में एक सिनेमा तपन सिन्हाने बनाया है ! चाय बागान के मजदूरों के साथ कैसे-कैसे शोषण होता है ? इस विषयपर यह फिल्म का कथानक है ! जिसमें तथाकथित प्रगतिशील मजदूरों के नेतृत्व में भी क्या खामियां हैं ? यह बात उजागर करने का प्रयास किया है ! यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है जिसे मैं खुद जानता हूँ ! गौरदा नेही उससे संबंधित मजदूर आंदोलन के एक नेता से मेरी मुलाकात करवायी है ! गौरदा के बारे में मेरी राय है कि वह भारत के पत्रकारिताजगत के भीष्म पितामह थे ! शोध पत्रकारिता क्या होती है यह उनकी लेखन शैली में झलक रहा है ! किसी भी तरह की गलत बातको कैसे लिखें यह उनकी लेखो की सूची में शामिल किया गया है वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आजकल जो हालत है वह आपात्काल से भी अधिकगंभीर दौरसे गुजर रही है ! गौरदा ने आपात्काल नक्षल आंदोलनों के मामलों में जो कुछ भी किया है वह आज के पत्रकारोके लिये बहुत बढ़िया उदाहरण है ! वो कुछ समय के लिए एक्सप्रेस अवार्ड कमिटी के सदस्य थे ! उस दरमियांनमे उन्होंने असमिया भाषा के एक पत्रकार जो आसमके सवाल असमिया आंदोलन के पहले (आसामी अस्मिता) और भोपाल के यूनियन कार्बाइड कारखाने की मशीन कैसी-कैसी खराबी है यह त्रासदी के पहले ही केसवानी नामक पत्रकार अपने छोटे से पेपर में छाप रहा था ! इसलिए उस भोपाल के पत्रकार को एक्सप्रेस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था ! भोपाल गैस त्रासदी के पहले वह भी गौरदा के आग्रह पर ! 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद देश के दूसरे हिस्सों में दंगे हुए थे ! और उस समय कलकत्तामे भी दंगे हुए थे ! और उस बारें में रिपोर्टर के रूप में काम करने वाले लोगों मे एक गौरदा भी थे जो अपने साथ एक स्केच बनानेवाले को लेकर दंगाग्रस्त इलाके में घुम-घूमकर दूसरेदिन आनंद बाजार पत्रिका के प्रथम पृष्ठ पर स्केच के साथ जो रिपोर्ट होती थी वह शोध पत्रकार के लिये बहुत कुछ सीखने को मिलता है ! और उस समय गौरदा उम्र के 70 साल पार कर चुके थे! पत्रकारिता के साथ साथ ही उन्होंने कथा, कविता और उपन्यास के माध्यम से लेखन किया है उनका आखिरी उपन्यास भागलपुर दंगा के बाद का है ! जो आज दोनों बंगाल में पढा जा रहा है ! वैसे भी पत्रकारिता के शुरू के दिनों से वह दोनों बंगाल में पढे जानें वाले पत्रकार हैं ! शायद बंगला देशमे ज्यादा ! हालांकि खुद बटवारेके भृकतभोगी होने के बावजूद जिस मानविय स्तरसे उन्होंने लिखा है वह सचमुच चकित कर देने वाला है ! कयोंकि मुझे फिलिस्तीन से लेकर सीरिया, इराक, इराण, इजिप्त, तुर्किस्तान, अजरबैजान, कुर्दिस्थान, पुराना यूगोस्लाविया, जो आज कितने तुकडोमे तबदीली हो गया है ! और हमारे देश भारतमें संघ परिवार का एक मात्र अजेंडा 96 सालों से क्या हैं? , पाकिस्तान, बंगाल के दोनों तरफ से लेकर लेबनान, अफगानी और दुनिया के हर कोने में एक बदलेकी भावनिक प्रतिक्रिया देखने को मिला है ! लेकिन गौरदा खुद शरणार्थियों में शुमार थे लेकिन मुझे कहीं भी उनके मन में कडवाहट या प्रतिक्रिया दूर दूर तक नजर नहीं आई ! उल्टा सुर्हावर्दी के बारे में काफी पाॅजिटिव बातें करते हुए सुना है ! यानी रियल सेन्समे रॅडिकल ह्यूमॅनिझमकी जिति जागती मिसाल यानी गौरदा ! 1988 में बाबा आमटे जी की भारत जोडो यात्राका दुसरे चरण की शुरूआत कोहीमा से ओखा के लिए बाबा कोहीमा जानेके रास्ते मे कलकत्ता एयरपोर्ट पर कुछ समय के लिए ठहर ने वाले थे ! तो मुझे मराठी भाषा के साप्ताहिक साधना के संपादक यदुनाथ थत्तेजीने पोस्ट कार्ड लिख कर सुचित किया था कि कोलकाता एअरपोर्ट पर बाबा को कंपनी देना है ! तो मैं एयरपोर्ट के वी आई पी लाॅजंमे पहुंचा तो देखा की पहले से ही एक टिपीकल बंगाली सज्जन बैठे हुए थे ! तो मेरे पहुंचने पर बाबा ने उन्हें अंग्रेजी में कहा की मेरे दोस्त डॉक्टर सुरेश खैरनार से मिलिये ! और फिर उनका नाम बताया तो मैंने कहा कि मैं आपको आपात्काल के समय से जानता हूँ ! मैंने आपके बेटे के नाम लिखा हुआ पत्र की मराठी भाषा में अनुवाद किया हुआ काॅपिओ को हमने सायकलोस्टाइल करके बाटी है ! तो बाबा को फ्लाईटमे चढाकर मै वापसीकी बस के लिए निकलनेही वाला था ! तो उन्होंने कहा कि पहले मेरे घर चलो उसके बाद मैं आनंद बाजार पत्रिका जानें के समय तुम्हारे घर छोड़कर जाउँगा ! उनका घर एयरपोर्ट से मेरे घर के पहले उल्टा डांगा मे पडता था ! इसलिए मैं उनके साथ हो लिया ! उनके घर पहुचने के बाद सभी सदस्यों को बुलाया और मेरे साथ सबका परिचय कराया ! आनंद बाजार पत्रिका में अपने ऑफिस दिखा कर मुझे फोर्ट विलियम के हमारे घर छोड़कर चले गये ! लेकिन जाने से पहले बोलकर गये की भारत जोडो यात्रा के दौरान तुम मेरे साथ शांतिनिकेतन चलो और वहासे कलकत्ता तक हम उस यात्रा में शामिल होंगे ! और मैंने अभी देखा है कि फोर्ट विलियम से आनंद बाजार पत्रिका का अंतर पैदल का है ! तुम दोपहर के 3 बजेके बाद कभीभी अड्डे के लिए आ सकतें हो ! इस तरह मेरी और उनके साथ दोस्ती की शुरुआत शुरु हुई ! जो उनके अंतिम दिनों तक जारी रहीं ! अब उन्हें जाकर 20 साल हो रहें हैं ! उन्होंने मुझे बंगाल के साहित्य, संगीत, नाटक, सिनेमा, पत्रकार से लेकर ममता बनर्जी तक परिचित कराने का काम किया ! इस कारण से मैंने बंगाल के सांस्कृतिक जीवन का जितना लुफ्त उठाया उतना मराठी का भी नहीं ! उठाया होगा ! वे खुद मुझे अली अकबर खाॅ, विलायत खाॅ, रविशंकर, महाश्वेता देवी, सुभाष मुखोपध्याय, सुनिल गांगुली, अपर्णा सेन,चिदानंद दासगुप्ता, दिव्येंदू पलित, शक्ति चट्टोपाध्याय, बादल सरकार, सावली मित्र, मृणाल सेन, शंभू मित्र, आनंदा शंकर राॅय ,अबू बशर, अविक सरकार, सत्यजित राय, सौमित्र चटर्जी,अमलान दत्त,शिव नारायण राय, अशिश नंदी, पीयूष कांति सरकार एक तरह से पूरे बंगाल के क्रीम से परिचित कराने का काम किया है ! और सबसे बड़ी बात भागलपुर ! 1989 के अक्तूबर में जो दंगा रामशिला पुजाके जुलुस के दौरान शूरू हुआ दंगा जिसे वो पहले जाकर आये थे ! और मुझे बार-बार चलने का आग्रह करते रहे ! लेकिन मैं उस समय घर-परिवार के काम में व्यस्त होनेके कारणोसे मई के प्रथम सप्ताह में बच्चों की छुट्टीया शूरू हुई तब मैं भागलपुर के लिए निकल सका ! तबतक दंगेको छ महीने हो गए थे ! लेखक, कवि, पत्रकार, कलाकारों से परिचित होने का अवसर मेरे 68 साल के जीवन में और भी कई बार मिला है ! लेकिन इतना ह्यूमन मैंने पहले किसी को देखा है तो गौरदाकोही ! लगता है कि एकमात्र प्रेम करने के लिए ही पैदा हुए हैं ! अपने लेखक-संपादक की नशा मुक्ति का सबसे बड़ा उदाहरण अगर कोई होगा तो गौरदा ! आज उनकी 98 वीं जयंती है इसलिए यह यादो की बातें आज मनमें उमडकर आई !
( रचना 12 सितम्बर 2014 ) आदरणीय भाई जितेंद्र जी , आपकी उपस्थिति से गजल का जो मान बढ़ा है उसके लिए हार्दिक आभार । आदरणीय भाई भुवन जी, गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद । जहां तक गहरी बात कहने का सवाल है आप सभी की संगत का असर है जो कभी कभी गहरी बात दिल में आ जाती है । स्नेह बनाए रखें । आदरणीय भाई नरेंद्र जी, गजल की प्रशंसा के लिए आभार । आदरणीय भाई रामअवध जी उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद । आदरणीय भाई खुर्शीद जी, गजल की प्रशंसा और स्नेह के लिए आभार । उपस्थिति बनाए रखें । आदरणीय भाई गिरिराज जी , गजल का अनुमोदन कर उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद ।
India China Standoff: हरियाणा(Haryana) के कुरुक्षेत्र(Kurukshetra) में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी(Rahul Gandhi) ने कहा कि "अगर हमारी सरकार होती तो 15 मिनट में चीन(China) को लद्दाख से उठाकर बाहर फेंक देते। नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी(Rahul Gandhi) का एक बयान सोशल मीडिया पर कांग्रेस और खुद राहुल गांधी की फजीहत का कारण बना हुआ है। दरअसल हरियाणा के कुरुक्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि "अगर हमारी सरकार होती तो 15 मिनट में चीन को लद्दाख से उठाकर बाहर फेंक देते। चीन के मुद्दे पर राहुल ने कहा कि, चीन में इतना दम कहां से आया (सीमा में घुसपैठ का) मैं आपको बताता हूं। चाइना बाहर से देख रहा है। उसे पता है कि नरेंद्र मोदी ने देश को कमज़ोर कर दिया है। और उससे इन सब बातों से हिम्मत मिलती है। " राहुल गांधी के इसी बयान को लेकर सोशल मीडिया पर अक्साई चिन ट्रेंड होने लगा। अक्साई चिन को लेकर लोगों ने राहुल से सवाल किया कि, जब चीन ने अक्साई चिन पर कब्जा किया था तो देश में किसकी सरकार थी? गौरतलब है कि अक्साई चिन जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है लेकिन उस पर चीन का अवैध कब्जा है। जवाहर लाल नेहरू के प्रधानमंत्री रहते ड्रैगन ने उस पर अवैध कब्जा किया था। अब राहुल के इस दावे को लेकर सोशल मीडिया पर एक यूजर ने तो 1962 की जंग में भारत की हार के बाद देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के उस चर्चित बयान का हवाला देकर राहुल पर तंज कसा जिसमें तत्कालीन पीएम ने कहा था कि अक्साई चिन में घास का एक तिनका भी नहीं उगता। वहीं एक और यूजर ने लिखा कि, 'वहां घास का एक तिनका भी नहीं उगता'- दुनिया के सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री। पंडित नेहरू के उस बयान पर तत्कालीन सांसद महावीर त्यागी ने संसद में अपने गंजे सिर को दिखाते हुए पूछा था कि तिनका तो यहां भी नहीं है तो क्या मैं इसे काटकर फेंक दूं या किसी और को दे दूं। सोशल मीडिया पर राहुल के इस बयान का काफी मजाक उड़ाया गया। Throw out china in less than 15 min? This needs serious investigation @narcoticsbureau. @INCIndia must control Rahul Gandhi who is insulting not only the Prime Minister of India but also the Indian Armed forces who are giving tough time to China under his leadership. Nowhere in the World such low-level politics is seen! क्या बकवास करता है ! इस परिवार के पुराने पाप और कायरता का परिणाम ही भारतवर्ष आजतक भुगत रहा है ! वहीं इससे पहले जब जून में जब राहुल गांधी ने भारतीय जमीन पर चीन के कब्जे का आरोप लगाया था तब लद्दाख से बीजेपी सांसद ने पलटवार करते हुए कहा था कि हां, चीन ने हमारी जमीन पर कब्जा किया है। 1962 में कांग्रेस शासन के दौरान 37,244 वर्ग किलोमीटर अक्साई चिन। इसके अलावा कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सरकार के दौरान भी चीन ने भारत की जमीन पर कब्जा किया।
- टूटी सगाई, प्राइवेट फोटो हुई लीक, शादीशुदा से अफेयर. . . आज सुपरस्टार एक्ट्रेस है साड़ी में दिख रही भोली-भाली लड़की, पहचाना क्या? Bollywood । Written by: शिखा यादव ।मंगलवार मई 23, 2023 07:39 AM ISTसोशल मीडिया पर आए दिन फिल्मी स्टारों के यंग डेज की फोटो वायरल होती है. ऐसी ही एक फोटो आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए लेकर आए हैं. आज हम आपके लिए स्कूल के फेयरवेल की एक तस्वीर लेकर आए हैं, जिसमें आप इंडस्ट्री की सुपरस्टार एक्ट्रेस को देख सकते हैं. क्या आपने इन्हें पहचाना? - Ponniyin Selvan 2 Public Review: PS-2 देखने के बाद लोगों ने बताया कैसी है ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म, पढ़ें पब्लिक रिव्यूBollywood । Written by: आनंद कश्यप ।शुक्रवार अप्रैल 28, 2023 07:39 PM ISTबॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा ऐश्वर्या राय बच्चन की बहुचर्चित फिल्म पोन्नियिन सेल्वन (पीएस-2) आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. पिछले साल साउथ सिनेमा की इस फिल्म का पहला भाग पीएस-1 रिलीज हुआ था, जिसे दर्शकों का अच्छा-खासा प्यार मिला था. - साउथ में रहीं सुपरहिट लेकिन बॉलीवुड में रंग नहीं जमा सकीं ये एक्ट्रेसेस, लिस्ट में शामिल हुआ ये नया नामBollywood । Edited by: नरेंद्र सैनी ।शुक्रवार दिसम्बर 16, 2022 04:31 PM ISTसाउथ की मशहूर एक्ट्रेस पूजा हेगड़े ने बॉलीवुड में भी अपना भाग्य आजमाया. पूजा ने ऋतिक रोशन के साथ बड़ी बजट की फिल्म 'मोहनजोदड़ो' के साथ बॉलीवुड में एंट्री की, लेकिन ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई कमाल नहीं दिखा पाई. - काफी पढ़ी-लिखी हैं साउथ फिल्मों की ये मशहूर एक्ट्रेसेस, किसी के पास MBBS तो किसी के पास है BBA की डिग्रीBollywood । Edited by: शिखा यादव ।बुधवार नवम्बर 30, 2022 07:51 AM ISTसाउथ की फिल्में इन दिनों तहलका मचाए हुए हैं. हर तरफ केवल उन्हीं की चर्चा है. आइए साउथ सिनेमा की मशहूर अभिनेत्रियों के एजुकेशनल क्वालिफिकेशन पर नजर डालते हैं. - Bollywood । Edited by: नरेंद्र सैनी ।शुक्रवार नवम्बर 18, 2022 01:25 PM ISTSouth Unmarried Actresses: आज हम उन साउथ एक्ट्रेसेस की बात कर रहे हैं जो करोड़ों लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं. इनमें से ज्यादातर हीरोइनों अब तक अनमैरिड हैं. इनमें से कई एक्ट्रेसेस की न जानें कितनी बार शादी की अफवाह चुकी हैं. - Ponniyin Selvan Box Office Collection Day 3: इतिहास बनाने की ओर बढ़ी ऐश्वर्या की फिल्म, तीसरे दिन की अंधी कमाईBollywood । Written by: शिखा यादव ।सोमवार अक्टूबर 3, 2022 02:39 PM ISTPonniyin Selvan Box Office Collection Day 3: ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म पोन्नियिन सेल्वन ने रिलीज के तीसरे दिन भी बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई की. - Ponniyin Selvan Box Office Collection Day 1: ऐश्वर्या राय की फिल्म ने की बंपर ओपनिंग, पहले ही दिन तोड़ा रिकॉर्डBollywood । Written by: शिखा यादव ।शनिवार अक्टूबर 1, 2022 02:40 PM ISTमणिरत्नम की फिल्म पोन्नियिन सेल्वन ने रिलीज के पहले ही दिन बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड की झड़ी लगा दी. - Ponniyan Selvan I के सेट पर आराध्या बच्चन ने मां ऐश्वर्या के लिए किया यह काम, खुशी से पागल हुईं एक्ट्रेस बोलीं- 'ऐसा मौका. . . 'Bollywood । Written by: शिखा यादव ।सोमवार सितम्बर 26, 2022 09:10 AM ISTफिल्म 'पोन्नियन सेल्वनः 1' में ऐश्वर्या की लाडली आराध्या बच्चन भी एक खास रोल में हैं. हाल ही में ऐश्वर्या ने एक इंटरव्यू में इसका खुलासा किया, जिसका वीडियो इस समय तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. - Ponniyin selvan I में ऐश्वर्या राय के साथ ही इन सितारों ने चार्ज की है मोटी फीस, जान लिया तो आप भी कहेंगे कि- फिल्म में बात तो होगी. . . Bollywood । Written by: दीक्षा त्रिपाठी ।रविवार सितम्बर 25, 2022 02:08 PM ISTलंबे समय से फिल्म को लेकर कई तैयारियां चल रही थीं. वहीं अब फिल्म 30 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज होने जा रही है. फिल्म में बॉलीवुड की ब्यूटी ऐश्वर्या राय, तृषा कृष्णान, प्रकाश राज, चियान विक्रम, सोभिता धुलिपालाजयम रवि के साथ ही कई अहम सितारे इस फिल्म में नजर आने वाले हैं. - 'अपड़ी पोड़े पोड़े' ने पूरे देश को नाचने पर कर दिया था मजबूर, बॉलीवुड ही नहीं साउथ में भी सुपरहिट थे केकेBollywood । Written by: नरेंद्र सैनी ।बुधवार जून 1, 2022 11:14 AM ISTमनोरंजन की दुनिया से मनहूस खबरें आने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला का दिन दहाड़े कत्ल कर दिया गया था. वहीं अब मशहूर सिंगर केके का कोलकाता में निधन हो गया है.
Operation Sheesh Mahal: बीते 15 से 16 मई दरम्यानी रात ढाई से तीन बजे के बीच की दिल्ली सचिवालय की एक सीसीटीवी फुटेज सामने आई थी। इस फुटेज को टाइम्स नाऊ नवभारत पर सबसे पहले दिखाया गया था। इसमें कुछ लोग सचिवालय से कुछ फाइलें एक कमरे से दूसरे कमरे में ले जाते हुए दिखाई दिए थे। पिता की परछाई लगती हैं बॉलीवुड की ये 7 हसीनाएं, बुलाते हैं 'पापा की परी' Sawal Public Ka : Akhilesh ने रखा संभालकर. . 'बाबा' दम लेंगे खदेड़कर! Nepal Prime Minister Pushpa Kamal Dahal Prachanda किस बात पर हो गए PM Modi के फैन ? Sawal Public Ka : Rahul की बैक टू बैक मिस्टेक. . 24 में 19 वाला रीटेक?
देश के उच्च शिक्षा केन्द्र जब राजनीति के अड्डे बनने की ओर कदम बढ़ाने लगें, तब वहां की शिक्षा की दिशा-दशा क्या होगी, यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। फीस बढ़ोतरी के खिलाफ किया जाने वाला दिल्ली का छात्र आंदोलन कुछ इसी प्रकार का भाव प्रदर्शित कर रहा है, जहां केवल और केवल राजनीति ही की जा रही है। किसी भी आंदोलन की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि उसके पीछे जनहित का कितना भाव है। दिल्ली का यह आंदोलन जनसरोकार से कोसों दूर दिखाई दे रहा है। हालांकि इसके पीछे बहुत से अन्य कारण भी होंगे। सबसे बड़ा कारण तो यही है कि आज जेएनयू की जो छवि जनता के बीच बनी है, वह जनता को खुद ही दूर कर रही है। जिस विश्वविद्यालय में देश विरोधी नारों की ध्वनि गूंजित होती है, वह कभी जन आंदोलन का हिस्सा नहीं बन सकते हैं। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के जिन छात्रों ने कभी भारत के टुकड़े करने के नारे लगाए थे, आज वे ही छात्र फीस बढ़ोतरी के छोटे से मामले को राजनीतिक रुप देने का प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं। इस छात्र आंदोलन का राजनीतिक स्वरुप इसलिए भी दिखाई दे रहा है, क्योंकि इसमें राष्ट्रीय मानबिन्दुओं और केन्द्र सरकार को सीधे निशाने पर लिया जा रहा है। जेएनयू वामपंथी विचारधारा का एक बड़ा केन्द्र रहा है। वामपंथी धारा के कार्यकर्ता देश के महानायकों के बारे में क्या सोच रखते हैं, यह किसी से छिपा नहीं है। पिछले घटनाक्रमों को देखें तो पाएंगे कि जेएनयू में देश के विरोध में वातावरण बनाने का काम किया जाता रहा है। वहां आतंकवादी बुरहान वानी के समर्थन में कार्यक्रम किए जाते हैं। सवाल यह कि जेएनयू में शिक्षा के नाम पर आखिर क्या हो रहा है। जहां तक जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोतरी की बात है तो यह कहना तर्कसंगत ही होगा कि विगत 19 वर्ष से विश्वविद्यालय के छात्रावास के कमरों और भोजन का शुल्क नहीं बढ़ाया गया, जबकि पिछले 19 सालों में महंगाई का ग्राफ बहुत ऊपर गया है। इस सबका भार पूरी तरह से विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के कंधों पर ही आया। देश के अन्य विश्वविद्यालयों में भी शिक्षा महंगी हो रही है, जो जेएनयू के मुकाबले बहुत अधिक है। ऐसे में विश्वविद्यालय द्वारा कुछ हद तक फीस बढ़ाना न्यायोचित कदम ही है। जिसे वहां के कई छात्र भी सही मानते हैं। लेकिन यह आंदोलन इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि इसमें परदे के पीछे राजनीतिक कार्यकर्ता भूमिका निभा रहे हैं। यह भी सुनने में आ रहा है कि आंदोलन में शामिल होने वाले व्यक्तियों में कई लोग राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता हैं। खैर... यह जांच का विषय हो सकता है। देश के प्रसिद्ध अधिवक्ता सांसद डॉ. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस छात्र आंदोलन के बारे में बहुत ही गहरी बात कही है। उनका मानना है कि जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय को कुछ समय के लिए बंद कर दिया जाए। उनके इस कथन के गहरे निहितार्थ निकल रहे हैं। स्वामी के संकेत को विस्तार से समझना हो तो एक बार जेएनयू की गतिविधियों का अध्ययन करना चाहिए। फिर वह सब सामने आ जाएगा जो वहां होता है। कहा जाता है कि इस विश्वविद्यालय में जमकर राजनीति की जाती रही है। देश के जो शिक्षा केन्द्र राजनीति के केन्द्र बनते जा रहे हैं, उन पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। वर्तमान में जिस प्रकार से जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय का आंदोलन चल रहा है, उसे छात्र आंदोलन कहना न्याय संगत नहीं होगा। क्योंकि, यह विशुद्ध राजनीतिक आंदोलन है। फीस बढ़ोतरी का विरोध तो मात्र बहाना है। इस आंदोलन के समर्थन में देश की संसद में कांग्रेस और वामपंथी दलों की ओर से आवाज उठाई गई। इससे यही संदेश जाता है कि इस विश्वविद्यालय में जो देश विरोधी नारे लगाए गए, उनके प्रति इन राजनीतिक दलों के समर्थन का ही भाव रहा होगा। इतना ही नहीं, जब भारत तेरे टुकड़े होंगे और हमें चाहिए आजादी जैसे नारे लगाए गए थे, तब भी कांग्रेस और वाम दलों ने खुलेआम समर्थन किया था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि कहीं यही दोनों दल छात्रों को आंदोलन करने के लिए तो नहीं उकसा रहे? अगर यह सही है तो फिर केन्द्र सरकार को दोष देना सही नहीं कहा जा सकता। जब से देश में राजनीतिक सत्ता का परिवर्तन हुआ है, तब से ही देश में उन संस्थानों की सक्रियता दिखाई देने लगी है, जो भारत के बारे में भ्रम का वातावरण बनाने में सहायक हो सकते हैं। चाहे वह शहरी नक्सलवाद को प्रायोजित करने वाले कथित बुद्धिजीवियों की संस्था हो या फिर उनके विचार को अंगीकार करने वाली ही संस्थाएं क्यों न हों। सभी केन्द्र सरकार का विरोध करने के लिए आगे आ रहे हैं। इस विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले छात्र कभी भारतीय सेना द्वारा की जाने वाली आतंकियों के विरोध में कार्यवाही पर सवाल उठाते दिखाई देते हैं तो कभी अनुच्छेद 370 को हटाने का विरोध करते हैं। चार वर्ष पूर्व जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में छात्र संघ की उपाध्यक्ष रहीं शेहला राशिद ने भारतीय सेना के विरोध में जमकर भड़ास निकाली थी, जबकि सेना की ओर से स्पष्ट कहा गया था कि ऐसा कुछ भी नहीं है। इससे समझ में आ सकता है कि इस विश्वविद्यालय में कौन-सा पाठ पढ़ाया जाता है।
नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ः सरकार महिलाओं को सशक्त स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही हैं जिनके माध्यम से महिलाओं को आर्थिक सहायता से लेकर स्वरोजगार स्थापित करने में सहायता प्रदान की जाती है। हरियाणा सरकार ने महिला सशक्तिरण की दिशा में हरियाणा मातृशक्ति उद्यमिता योजना शुरू की है। डीसी डॉ. जय कृष्ण आभीर ने बताया कि योजना का लाभ महिलाओं को केवल तभी प्रदान किया जाएगा जब उनकी पारिवारिक आय 5 लाख या फिर इससे कम हो। यह योजना महिलाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बेहद कारगर सिद्ध होगी तथा उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। डीसी ने बताया कि योजना के माध्यम से महिलाओं को 3 लाख तक का ऋण बैंक के माध्यम से प्रदान किया जाएगा जिसमे 7 प्रतिशत ब्याज महिला विकास निगम द्वारा वहन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस ऋण के माध्यम से प्रदेश की महिलाएं स्वरोजगार स्थापित करके दूसरे नागरिकों को भी रोजगार प्रदान कर सकेगी। योजना के आवेदन के लिए महिला के पास हरियाणा राज्य का स्थाई निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो व आय प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। इस बारे में अन्य किसी जानकारी के लिए हरियाणा महिला विकास निगम कार्यालय में जाकर तथा कार्यालय के लैंडलाइन नंबर 01282-250346 पर फोन कर जानकारी ले सकते हैं।
प्रतीकात्मक फोटो (Photo Credit: फाइल फोटो) गांधीनगरः गुजरात सेकेंड्री और हायर सेकेंड्री एजुकेशन बोर्ड ने रविवार सुबह यानि 17 मई को 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है. बोर्ड ने 12वीं साइंस के नतीजे घोषित किए हैं. रिजल्ट देखने के लिए छात्र-छात्राओं को गुजरात बोर्ड के आधिकारिक वेबसाइट gseb. org पर विजिट करना होगा. जहां अपने 6 अंकों वाले सीट नंबर को भरकर छात्र 12वीं साइंस रिजल्ट 2020 की मार्क शीट देख पाएंगे. गुजरात 12वीं साइंस बोर्ड परीक्षा परिणाम 2020 डायरेक्ट लिंक पर जाकर छात्र अपना रिजल्ट देख सकते हैं. बता दें कि गुजरात बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट घोषित करेगा. परीक्षार्थियों से अनुरोध है कि अगर कोई तकनीक खामी के चलते वेबसाइट को खोलने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है. आप इसी पेज पर अपना रिजल्ट चेक कर पाएंगे. हम आपको यहां स्टेप टु स्टेप बता रहे हैं कि कैसे रिजल्ट चेक किया जाता है. #Step 1. सबसे पहले News State वेबसाइट के बोर्ड परिणाम पेज पर विजिट करें. #Step 3. आपको रिजल्ट पेज पर GSEB का रिजल्ट लिंक्स कुछ इस तरह से दिखाई देगा. #Step 5. आपसे आपका रोल नंबर और कुछ अन्य डिटेल्स मांगा जाएगा. #Step 6. अपना रोल नंबर डालें और Submit के बटन पर क्लिक करें. #Step 7. आपका रिजल्ट आपके कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगा. गुजरात बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2019 की समीक्षा (GSEB Board 12th Result Analysis) 3,55,562 स्टूडेट्स ने इस बार गुजरात बोर्ड 12वीं की परीक्षा दी थी. इसमें से 2,60,503 स्टूडेंट्स पास हुए. सबसे ज्यादा पास प्रतिशत सिंधी विषय में है, जो 90. 48% है, इसके बाद अंग्रेजी विषय 83. 96% है. मराठी विषय में पास प्रतिशत 79. 65% है, जिसके बाद उर्दू में 78. 05% है. गुजराती विषय में पास प्रतिशत 72. 43% है, जिसके बाद हिंदी 69. 90% है. 3,978 नियमित छात्रों और 8 व्यावसायिक छात्रों ने 99% प्रतिशत से ऊपर रैंक हासिल की. लड़कियों ने इस साल फिर से लड़कों को पीछे छोड़ दिया है. समग्र उत्तीर्ण प्रतिशत 73. 27% है, जिसमें से 67. 94% लड़के उत्तीर्ण हुए और 79. 27% लड़कियों ने इस वर्ष उत्तीर्ण किया है. साइंस स्ट्रीम (Science Stream)
लखनऊ : उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग UPSSSC, लखनऊ ने अनेक पदों पर भर्ती हेतु अधिसूचना जारी किया है। इस अधिसूचना के जरिए मुख्य सेविका के 2693 पदों पर भर्ती की जाएगी। बाल विकास सेवा और पुष्टाहार उ. प्र. लखनऊ के अधीन मुख्य सेविका के 2693 पदों पर सिलेक्शन किया जाएगा। यह पद केवल महिलाओं के लिए है। आवेदन पत्र ऑनलाइन http://upsssc. gov. in पर ही स्वीकार किए जाएंगे। यूपीएसएसएससी की इस भर्ती में आवेदन के लिए योग्य महिला अभ्यर्थी मुख्य सेविका भर्ती मुख्य परीक्षा के लिए अगले महीने आवेदन कर सकेंगी। कुल पदों में 1079 अनारक्षित वर्ग, 565 अनुसूचित जाति, 53 अनुसूचित जनजाति, 727 ओबीसी, 269 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए हैं। आवेदक के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र / समाज कार्य / गृह विज्ञान / पोषण / बाल विकास के साथ आर्ट्स में ग्रेजुएशन होना चाहिए। उम्मीदवारों की उम्र 21 वर्ष से 40 वर्ष के बीच होना चाहिए। इस भर्ती के लिए सैलरी 5200 - 20500/- रुपये तय की गई है। उम्मीदवारों का चयन डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, योग्यता / रिटन एग्जाम और इंटरव्यू के आधार पर किया जायेगा। उम्मीदवारों को 25/- रुपये आवेदन शुल्क देना होगा।
Death Due To Heart Attack: मोदी सरकार कोरोना काल के बाद अचानक दिल का दौरा पड़ने के बढ़ते मामलों का अब अध्ययन कराने की तैयारी में है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इसको लेकर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) को निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि पिछले कुछ महीनों से देश में नाचते-गाते और जिम में एक्सरसाइज करते लोगों को हार्ट अटैक के मामले में तेजी आई है। खासतौर पर कम उम्र के लोगों के साथ दिल का दौरा पड़ने के मामलों में तेजी आई है। बता दें कि आईसीएमआर रिसर्च कर इस बात का पता लगाएगी कि कहीं इन मौतों के पीछे कोरोना के साइड इफेक्ट तो नहीं हैं। मंत्रालय दिल का दौरा पड़ने के मामलों को सर्वे कराकर सटीक कारण पता लगाएगी। हार्ट अटैक के समय पीड़ितों को कोरोना के टीके लगे थे या नहीं आईसीएमआर इस बात का भी पता लगाएगी। बता दे कि हर्ट अटैक के मरने वाले फेमस लोगों के बात करें तो इसमें सिंगर केके कृष्णकुमार कुन्नथ, जिन्हें केके के नाम से भी जाना जाता है, का 1 जून 2022 को अचानक कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया। वह एक लाइव शो कर रहे थे, उसी दौरान तबियत बिगड़ी थी। राजू श्रीवास्तव : कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव को 10 अगस्त को जिम में वर्क आउट के दौरान हार्ट अटैक आया। 42 दिन में 21 सितंबर, 2022 को निधन हो गया। तबस्सुम 18 नवंबर को एक्ट्रेस तबस्सुम का भी निधन कार्डियक अरेस्ट से हुआ। सिद्धांत वीर सूर्यवंशीः टीवी एक्टर सिद्धांत वीर सूर्यवंशी का भी 11 नवंबर 2022 को हार्ट अटैक से निधन हुआ।
महिला ने जेई के खिलाफ शिकायत दर्ज करते हुए कहा है कि रात को जेई बिजली चेक करने आया था। जब महिला ने इसका विरोध किया तो उसे धमकी दी गई की वो उसके घर की बिजली हमेशा के लिए काट देंगे। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये खास खबर. . महराजगंजः एक महिला ने बिजली विभाग के जेई पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। महिला का कहना है कि आरोपी जेई रात को उसके घर बिजली चेक करने के लिए गया था। जहां वो महिला के साथ अनाब- शनाब तरह के सवाल करने लगे। पनियरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम सभा देवीपुर की एक महिला ने अरवाड़ा फीडर की एक जेई पर छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए पनियरा पुलिस को लिखित तहरीर दी है। उसका कहना है कि महिला के घर रात 12:00 बजे अड़बड़हवा विद्युत केंद्र के जे. ई अपने पांच लोगो के साथ मिलकर महिला के घर पर विद्युत चेकिंग के लिए गये थे। महिला से पूछा कि तुम्हारा बिजली कनेक्शन है या नहीं। महिला ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताते हुए कहा की तीन महीने से विद्युत कनेक्शन के लिए जिसकी जांच अड़बड़हवा विद्युत केंद्र जे ई और कर्मचारी रात 12:00 बजे आकर बिजली का बिल मांग रहे हैं और तरह-तरह की उल्टी-सीधी बातें कह रहे हैं। खूब तेज तेज से हंस रहे थे। हम लोग इस मामले को शोर करना चाहा तो यही सब ने कहा कि तुम्हारा बिल अगर जमा नहीं हुआ तो हम तुम्हारे लाइट को काट देंगे यही कहते हुए साहब अपने आदमियों के साथ चले गए।
संकेत और निर्देशः "कैफीन-सोडियम बेंजोएट" "कैफीन-सोडियम बेंजोएट" - दवा, मानव तंत्रिका तंत्र पर एक उत्तेजक प्रभाव पड़ता है। इस एजेंट माइग्रेन के इलाज के लिए निर्धारित, तंद्रा, उच्च रक्तचाप और मानसिक क्षमताओं को हटाने। टेबलेट "कैफीन-सोडियम Benzoate" , हरकत गतिविधि को बेहतर बनाता उनींदापन को खत्म करने, श्वसन केंद्र की गतिविधि सामान्य बनाते हैं। गोलियों के रूप में उपलब्ध साधन। संभावित दुष्प्रभावों, औषधीय प्रभाव और खुराक के बारे में जानकारी निर्देश शामिल हैं। "कैफीन-सोडियम Benzoate" अक्सर एक समाधान के रूप में बिक्री पर पाया जा सकता है। औषधीय प्रभाव "कैफीन-सोडियम बेंजोएट" सेरेब्रल कॉर्टेक्स के उत्तेजना रिसेप्टर्स,, मज्जा के श्वसन केंद्र का पलटा उत्तेजना को मजबूत बनाने की कुल हरकत गतिविधि और चालकता रीढ़ की हड्डी तंद्रा और थकान, मानसिक गतिविधि की सक्रियता को हटाने के न्यूरॉन्स में वृद्धि है। कम सांद्रता, जिसमें कहा गया अनुदेश "कैफीन सोडियम बेंजोएट" तंत्रिका तंत्र पर एक उत्तेजक प्रभाव पड़ता है, लेकिन बड़ी मात्रा में लेने के जीव के लिए रोग परिणामों से भरा है, क्योंकि तंत्रिका तंत्र अन्धेर शुरू होती है। "कैफीन-सोडियम Benzoate" रक्तचाप बढ़ाने के लिए किया जाता है, यह दिल और नाड़ी तंत्र पर काम करता है। जिसमें दवा चुनिंदा कार्य करता है, अर्थात यह कम दबाव पर और सामान्य लगभग अप्रभावित में बढ़ जाती है। इसके अलावा, "कैफीन-सोडियम Benzoate" एक मूत्रवर्धक प्रभाव पड़ता है, आमाशय रस के उत्पादन उत्तेजक और प्लेटलेट एकत्रीकरण कम कर देता है। दवा के लिए निर्देश के अनुसार, यह निश्चित रोग स्वास्थ्य की स्थिति, जिसमें शामिल में किया जाता हैः - हाइपरसोम्निया। - सिर दर्द, माइग्रेन भी शामिल है। - कम शारीरिक और मानसिक प्रदर्शन। - संवहनी रोग, हाइपरटेंशन भी शामिल है। इस दवा के उपयोग के कुछ विकृतियों, जो समस्त संबद्ध वक्तव्य कहता है के लिए अनुशंसित नहीं है। "कैफीन-सोडियम Benzoate" इस तरह के रूप में इस तरह के रोग की स्थिति में नहीं लेने का सलाह दीः हृदय रोगों कार्बनिक प्रकार, चिंता विकारों, वेंट्रिकुलर arrythmia, नींद संबंधी विकार, क्षिप्रहृदयता, दवा के प्रति संवेदनशीलता में वृद्धि हुई। इसके अलावा, अत्यधिक ध्यान गोलियाँ बुजुर्ग लोगों और बच्चों को 12 साल तक के निर्धारित दौरे और मिर्गी की संभावना। गर्भवती और स्तनपान कराने "कैफीन सोडियम बेंजोएट" केवल विशिष्ट संकेत के लिए और बहुत छोटी खुराक में दिया जाता है। गर्भ निरोधकों, सिमेटिडाइन और कुछ अन्य - - अन्य दवाओं के साथ संयोजन के रूप में इस दवा के उपयोग के जिगर से मंदी प्रक्रिया घटक उत्पादन का कारण बनता है और उनके रक्त में जमा। साथ में पेय और खाद्य पदार्थ है कि संरचना में कैफीन की मात्रा की एक किस्म के साथ, बेंजोएट तंत्रिका तंत्र के अत्यधिक उत्तेजना हो सकती है। विभिन्न खाद्य पदार्थों और दवाओं में निहित Mexiletine काफी कैफीन और निकोटीन की वापसी की प्रक्रिया को धीमा कर सकता, इसके विपरीत, यह तेज करता। तैयारी की प्रक्रिया का मुख्य सक्रिय पदार्थ जठरांत्र पथ में कैल्शियम के अवशोषण धीमा कर देती है, मादक और कृत्रिम निद्रावस्था दवाओं के प्रभाव को कम कर देता है, शरीर से छुट्टी दे दी लिथियम की मात्रा बढ़ जाती। दवा के खतरों के बारे में जानकारी के लिए अनुदेश शामिल हैं। "कैफीन-सोडियम बेंजोएट" अलग-अलग घटकों को असहिष्णुता की उपस्थिति में या चिकित्सा सलाह उपेक्षा चिंता, चिंता, सिर दर्द और सिरदर्द, दौरे, जो अनिद्रा, उल्टी, मिचली, गैस्ट्रिक अल्सर, उच्च रक्तचाप के गहरा कर रहे हैं का एक कारण हो सकता है। एजेंट की गलत आवेदन यह अधिक मात्रा है, जो दबाव, निर्जलीकरण, रक्त उल्टी, आंदोलन, घबराहट और पेशाब, ऐंठन और टिनिटस में वृद्धि के साथ है तब हो सकता है। जब प्रतिदिन खुराक में इस्तेमाल किया, से अधिक 300 मिलीग्राम, विषाक्तता का पहला लक्षण होते हैंः भ्रम की स्थिति, सिर दर्द, अत्यधिक चिंता और धड़क रहा है। परिणाम पाचन तंत्र, सक्रिय चारकोल और जुलाब के प्रशासन को धोकर समाप्त हो जाते। तथ्य यह है कि दवाओं के पदों के रजिस्टर एक चिकित्सा दवा, कई लोग, विशेष रूप से एथलीटों जो इसका इस्तेमाल किया अतिरिक्त किलो के एक जोड़े फेंक के रूप में माना बावजूद। कई समीक्षा के अनुसार, यह एक प्रभावी वसा बर्नर है और वजन घटाने के साथ महान परिणाम प्राप्त कर सकते हैं। "कैफीन-सोडियम Benzoate", जिसका नुस्खा इन उद्देश्यों के लिए उपयोग अक्सर पोषण विशेषज्ञ की सलाह दी जाती, बहुत प्रभावी ढंग से काम करता है, खासकर अगर यह अन्य दवाओं के साथ संयुक्त है। समाधान "कैफीन (सोडियम) बेंजोएट" के रूप में अपनी गोलियों psychostimulant पदार्थ के रूप में नामित लागू। उन्होंने कहा कि शरीर पर निम्न प्रभाव होते हैंः - दक्षता को बढ़ाता है। - गहरा और अपनी सांस quickens। - यह शरीर के समग्र प्रदर्शन को बेहतर बनाता है। - यह कंकाल की मांसपेशियों पर एक उत्तेजक प्रभाव पड़ता है। - दिल की धड़कन quickens। - यह आमाशय रस के उत्पादन को उत्तेजित करता है। - यह वसा टूटने की दर बढ़ जाती है। अंतिम अनुच्छेद के अनुसार, तैयारी हालांकि दवाओं ढंग रजिस्टर वास्तव में यह वसा हानि के लिए इसी तरह की स्थिति नहीं लागू किया जा सकता। दवा के उत्तेजक प्रभाव भी कम से कम खुराक के उपयोग में ध्यान देने योग्य है। इस के बावजूद, शरीर की जरूरत मात्रा में वसा जलने के लिए चिकित्सकीय तुलना में काफी अधिक है। इससे पहले कि प्रशिक्षण शुरू करने प्रति किलो शरीर के वजन 9-20 मिलीग्राम कैफीन का उपयोग करने के लिए वांछनीय है। खुराक में कमी उत्तेजक प्रभाव की हानि हो सकती है। अक्सर एस्पिरिन के साथ संयोजन के रूप में, तीस मिनट प्रशिक्षण के लिए पहले के लिए इस्तेमाल किया गोलियों संवहनी प्रत्यक्षता में सुधार होगा। तथ्य यह है कि "कैफीन सोडियम बेंजोएट", कीमत जिनमें से 10 रूबल से अधिक नहीं है, एक अच्छा तरीका वजन, यहां तक कि एथलीटों जो इसका इस्तेमाल कम करने के लिए है के बावजूद, यह शरीर के वजन के प्रति किलोग्राम 2 मिलीग्राम की एक न्यूनतम खुराक के साथ शुरू करने की सलाह दी है। धीरे-धीरे खुराक अधिकतम संभव है, जो स्वागत साइड इफेक्ट के बाद शुरू होता है करने के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। दवा चयापचय का सही स्वागत एक तिहाई है, जो एक ही राशि के द्वारा शरीर में वसा टूटने की दर बढ़ जाती है से बढ़ा सकते हैं। नुकसान "कैफीन-सोडियम बेंजोएट" कई डॉक्टरों और एक लंबे समय के एक ही बात को दोहराने के लिए विभिन्न देशों के वैज्ञानिकोंः एक लंबे समय के लिए मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभाव नहीं है के लिए दवा का नियमित उपयोग के साथ। यह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध किया गया है कि कैफीन बहुत रक्तचाप रोधगलन और atherosclerosis के कारण हो सकता है बढ़ जाती है। बेशक, कुछ अध्ययनों का दावा है कि कैफीन-बेंजोएट हृदय रोग का खतरा बढ़ की ओर जाता है का खंडन किया है, लेकिन यह इस तरह विकृतियों इसके उपयोग गंभीर रूप से प्रतिबंधित या प्रतिबंधित कर दिया है में है। , काउंटर पर बेचा ड्रग इस प्रकार इसके उपयोग पूरी तरह से अनियंत्रित ढंग से, विशेष रूप से तथ्य यह है कि "कैफीन-सोडियम Benzoate" न्यूनतम मूल्य के साथ युग्मित है। दवाओं की नियमित खपत कई दवा के समान तरीके में लत का कारण बनता है। वास्तव में, वहाँ कार्रवाई के सिद्धांत नियमित कॉफी के समान है, तो कॉफी पीने के लिए मना कर दिया, तो यह, सुस्त और नींद प्राणी में बदल जाते हैं, क्योंकि आवश्यक खुराक के बिना उसके मस्तिष्क यह सिर्फ काम नहीं करेगा जाएगा। "कैफीन-सोडियम बेंजोएट" के उपयोग का एक और नुकसान भूख की कमी हो जाती है। इस मामले में, दवा आमाशय रस का निर्माण हुआ जिसका नाराज़गी, gastritis, अल्सर का एक कारण हो सकता है उत्तेजित करता है। वास्तव में, इस तरह से और वजन कम हासिल की है - जठरांत्र संबंधी मार्ग के समान असामान्यताओं के साथ लोगों को अभी सामान्य रूप से खाने के लिए नहीं कर सकते हैं। अंतिम "ख़तरा" - दवाओं की अधिक मात्रा। विषाक्तता के लक्षण एक कमजोरी, सीने में जलन, बढ़ा रक्तचाप, उल्टी, और सिर दर्द हो जाता है। एथलीटों के लिए यह आम लोगों के लिए खुराक कम करने के लिए एक संकेत हो जाता है - "। कैफीन-सोडियम बेंजोएट" स्वागत की पूरी समाप्ति के लिए और सबसे महत्वपूर्ण बातः इस दवा के साथ वजन कम करने के केवल शारीरिक गतिविधि की उपलब्धता के अधीन हो सकता है।
(एनओयूसी) हाल ही में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (National Skill Development Corporation - NSDC) और पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र कौशल परिषद (Tourism and Hospitality Sector Skill Council - THSC) ने दुनिया की अग्रणी समुदाय-संचालित आतिथ्य कंपनी एयरबन्ब के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन के बीच हस्ताक्षर किये हैं। यह समझौता ज्ञापन भारत में आतिथ्य माइक्रो उद्यमियों के लिये आतिथ्य कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा। - इससे स्किल इंडिया मिशन को बढ़ावा मिलेगा। - इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है, इससे रोज़गार के अवसरों का सृजन होगा। - एन.एस.डी.सी. कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय का प्रमुख कार्यान्वयन निकाय है। - एन.एस.डी.सी., कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के तहत, भारत में अपनी तरह का एक सार्वजनिक, निजी भागीदारी (पीपीपी) वाला मॉडल है। - कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत वित्त मंत्रालय द्वारा स्थापित एक गैर-लाभकारी कंपनी में इसका इक्विटी बेस 10 करोड़ रुपए का है, जिसमें से भारत सरकार की भागीदारी 49% की है, जबकि शेष 51% पर निजी क्षेत्र का अधिकार है। - इसका उद्देश्य बड़े, गुणवत्तापूर्ण और लाभप्रद व्यावसायिक संस्थानों के निर्माण के माध्यम से कौशल विकास को बढ़ावा देना है। - एन.एस.डी.सी. लाभदायक व्यावसायिक प्रशिक्षण पहल के निर्माण के लिये धन प्रदान करता है। - कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने वाले उद्यमों, कंपनियों और संगठनों को धन प्रदान करके एन.एस.डी.सी. कौशल विकास में उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। (India Hypertension Management Initiative - IHMI) हाल ही में भारत उच्च रक्तचाप प्रबंधन पहल (India Hypertension Management Initiative - IHMI) का शुभारंभ किया गया। - आई.एच.एम.आई. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research - ICMR), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare -MoHFW), राज्य सरकारों, विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization - WHO) और आर.एस.एल.आई.वी.एस. (Resolve to Save Lives initiative of Vital Strategies) की एक सहयोगी परियोजना है। - आई.एच.एम.आई. का लक्ष्य हृदय रोग संबंधी बीमारी (cardiovascular disease - CVD) से होने वाली मौत और विकलांगता को कम करने के लिये उच्च रक्तचाप के नियंत्रण में सुधार करना, नमक की खपत को कम करना और कृत्रिम ट्रांस-वसा को नष्ट करना है। - यह उच्च रक्तचाप के मापनीय उपचार के पाँच आवश्यक घटकों पर केंद्रित एक पहल है। - यह उच्च रक्तचाप के प्रबंधन के लिये मानकीकृत एवं सरलीकृत उपचार योजनाओं को अपनाने का समर्थन करती है। - साथ ही यह गुणवत्तापूर्ण तथा आश्वासन वाली दवाओं की नियमित और निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों को मरीज़ों तक पहुँच सुनिश्चित करने हेतु समर्थन भी प्रदान करती है। भारतीय वायु सेना की त्वरित चेतावनी और नियंत्रण (Airborne Early Warning and Control- AEW&C) का कार्य करने वाले एमब्रियर परिवहन विमान में एमब्रियर प्लेटफार्म पर पहली बार हवा में ईंधन भरा गया है। - हवा में ही ईंधन भरने की पद्धति यानी "प्रोब और ड्रोग" पद्धति ("Probe and Drogue" air-to-air refuelling methodology) में पायलटों के असाधारण उड़ान कौशल की आवश्यकता होती है। - ऐसा इसलिये, क्योंकि ईंधन देने वाले विमान को ईंधन भरने वाले विमान के टैंकर के पीछे स्थित टोकरीनुमा संरचना को तलाश कर उसमें सटीक तरीके से ईंधन डालना होता है। - हवा में ईंधन भरने की प्रक्रिया के दौरान दोनों ही विमानों में सटीक उड़ान मानदंड कायम रखे जाते हैं। ऐसी क्षमता दर्शाने वाली दुनिया की कुछ वायु सेनाओं में से एक भारतीय वायुसेना भी है। - हवा में केवल 10 मिनट तक ईंधन भरने से विमान अतिरिक्त 4 घंटे उड़ान भर सकते हैं। - अब आपात स्थिति में ईंधन भरने के लिये भारतीय एयरक्राफ्ट्स को ज़मीन पर उतरने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी। - इस उपलब्धि से भारतीय वायु सेना की परिचालन क्षमता को काफी बढ़ावा मिलेगा।
NCP Political Crisis: एनसीपी चीफ शरद पवार गुरुवार को अपनी बेेेटी सुप्रिया सुले के साथ दिल्ली पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार जल्द ही कार्यकारिणी की बैठक शुरू होगी। महाराष्ट्र में सियासी घमासान लगातार जारी है। एनसीपी में बगावत के बाद ही बीते बुधवार को शरद पवार और अजित पवार के बीच शक्ति प्रदर्शन करते हुए अलग-अलग बैठकें की। मुंबई के बांद्रा में आयोजित बैठक में अजित पवार ने अपना दर्द बताया तो इच्छा भी जाहिर की। अजित पवार ने कहा, मैंने 5 बार डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली है, जो एक रिकॉर्ड है, लेकिन गाड़ी यहीं रुक गई है। अजित पवार ने कहा कि मुझे दिल से लगता है कि मझे राज्य का प्रमुख (CM) बनना चाहिए। मेरे पास कुछ प्लान हैं, जिन्हें मैं कार्यान्वित करना चाहता हूं और उसके लिए मुख्यमंत्री बनना जरूरी है। इसी के साथ अजित पवार ने चाचा पवार को रिटायरमेंट की सलाह भी दे डाली। दूसरी तरफ शरद पवार के गुट ने भी यशवंतराव बलवंतराव चव्हाण सेंटर में बैठक की। भतीजे पर निशाना साधते हुए सीनियर पवार ने कहा, अगर अजित को कोई समस्या थी तो उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी। NCP Political Crisis: महाराष्ट्र राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस की ओर से दिल्ली स्थित एनसीपी कार्यालय के बाहर बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं। जिसमें बाहुबली कैरेक्टर के जरिये कटप्पा की गद्दारी को बताया गया है। एनसीपी (अजित पवार गुट) नेता छगन भुजबल का दावा है कि उनके पास 43 विधायक हैं। कुछ विधायक देश के बाहर हैं। कुछ बीमार हैं, कुछ रात के समय अजित पवार से मिलने आए थे। उन्होंने कहा, कोई क़ानूनी अड़चन नहीं होगी। केंद्रीय मंत्री और आरपीआई चीफ रामदास आठवले ने अजित पवार से मुलाकात की। उन्होंने बताया, मैं आज अजित पवार से मिला। उन्होंने सही निर्णय लिया है। मैं कई वर्षों से उनके साथ हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी को साथ लेकर चल रहे हैं। ' चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो या दलित, पीएम मोदी को सभी का समर्थन प्राप्त है। अजित पवार ने मुझे बताया कि उनके मन में यह विचार काफी समय से था। बीजेपी के साथ आने के लिए 2-3 बैठकें (एनसीपी के भीतर) भी हुईं लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
पिछले लोकसभा चुनाव में हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। तब से सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं। शुक्रवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में भी यह मुद्दा उठा तो हंगामा हो गया। हालांकि बैठक खत्म होने के बाद पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल सामने आए और एलान किया कि जून में कांग्रेस के पास नया निर्वाचित अध्यक्ष होगा। कांग्रेस को जून महीने में नया निर्वाचित अध्यक्ष मिल जाएगा। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने शुक्रवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (cwc) की बैठक के बाद आयोजित पत्रकारवार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने मई में संगठन के चुनाव कराने की पेशकश की थी, लेकिन पांच प्रदेशों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने इसमें थोड़ा बदलावा करने की अपील की थी। उन्होंने दावा किया कि जून महीने में कांग्रेस के पास नया निर्वाचित अध्यक्ष होगा। कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर खासी तनातनी रही। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा के बीच इस मुद्दे को लेकर जमकर शब्दबाण चले। बैठक खत्म हुई तो कुछ समय बाद ही पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल सामने आए और पत्रकारवार्ता में एलान कर दिया कि जून महीने में कांग्रेस को नया निर्वाचित अध्यक्ष मिल जाएगा। कांग्रेस ने भले ही अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नया महीना तय कर लिया हो, लेकिन बार-बार चुनाव टाले जाने कार्यकर्ता निराश हैं। सूत्रों की मानें तो वरिष्ठ नेता मधुसूधन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने कांग्रेस अध्यक्ष समेत संगठन का चुनाव तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव के बाद मई में कराने का प्रस्ताव रखा था। चुनाव प्राधिकरण ने 29 मई को अधिवेशन कराए जाने की भी पेशकश की थी। जब तक कांग्रेस को नया निर्वाचित अध्यक्ष नहीं मिलता, तब तक अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ही तमाम जिम्मेदारियां देखेंगी। बता दें कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेता पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग कर रहे हैं।
इंडिया न्यूज, वाराणसीः UP Vidhan Sabha Election 2022 सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने मेरे खिलाफ हुई नारेबाजी भाजपा के इशारे पर हुई। इस बात की शिकायत निर्वाचन आयोग को करूंगा। कचहरी परिसर में अधिवक्ताओं के पास भाजपा के नेता बैठकर विरोध में नारेबाजी करवा रहे थे। अधिवक्ता अपनी वकालत करेंगे न की राजनीति। इसके पीछे कहीं न कहीं जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी भी शामिल है। निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि नामांकन स्थल से 200 मीटर दूरी तक कोई भी मौजूद नहीं रहे। विधानसभा चुनाव के नामांकन के पांचवे दिन कलेक्ट्रेट में पर्चा दाखिले के दौरान सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर के खिलाफ अधिवक्ताओं के एक ग्रुप ने जमकर नारेबाजी की। जयश्री राम के नारे लगाए। सुभासपा व सपा समर्थकों ने जय परशुराम व जय अखिलेश के नारे लगाए। पुलिस को दोनों पक्ष को समझाने में घण्टों कसरत करनी पड़ी। आचार संहिता का कहीं भी अनुपालन होते नहीं दिखा। अधिवक्ताओं का भी दो ग्रुप आमने सामने हो गया है। हालांकि, आधे घण्टे तक नारेबाजी होती रही।
मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019 (Maharashtra Assembly Election 2019) के लिए राज ठाकरे (Raj Thackeray) की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना/एमएनएस (MNS) ने अपने उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में एमएनएस ने अपने 45 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. एमएनएस के उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में भी राज ठाकरे ने अपने भतीजे आदित्य ठाकरे की वर्ली विधानसभा सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. एमएनएस की दूसरी लिस्ट में 45 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है. इनमें डोंबिवली विधानसभा सीट से मंदार हलवे, धुले (शहर) सीट से प्राची कुलकर्णी, जलगांव (शहर) से जमील देशपांडे, जलगांव (ग्रामीण) से मुकुंद रोटे को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. बता दें, मंगलवार को एमएनएस ने अपने 27 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की थी. एमएनएस की पहली लिस्ट में मंत्रालय में आत्महत्या करने वाले धर्मा पाटिल के बेटे नरेंद्र पाटिल को सिंडखेडा से टिकट दिया गया. गौरतलब है कि राज ठाकरे 5 अक्टूबर से चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगे. एमएनएस ने अभी तक वर्ली विधानसभा क्षेत्र से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. वर्ली से राज ठाकरे के भतीजे आदित्य ठाकरे चुनावी मैदान में उतरे हैं. .
शायद हर किसी को याद करता है कि के रूप में एक बच्चे के माता-पिता हमें तथाकथित मछली के तेल दे दी है। यह लगभग सभी दवा की दुकानों में बेच दिया। तरल मछली के तेल का स्वाद भूल करना मुश्किल है। जाहिर है, इस "विनम्रता" यह बहुत मुश्किल था की एक चम्मच निगल। कैप्सूल में - वर्तमान में, हालांकि, मछली के तेल एक अलग रूप में उपलब्ध हैं। सामान्य तौर पर, मछली का तेल एक अप्रिय गंध और स्वाद है, जो कुछ मत्स्य प्रजातियों के जिगर से निर्मित है के साथ एक पदार्थ है। वहाँ मछली के तेल के तीन प्रकार हैं। सभी मामलों में, अपने स्रोत विभिन्न मछली के जिगर है। निर्माण और स्रोत की प्रक्रिया से तैयार उत्पाद के रंग पर निर्भर करता है। मछली के तेल, सफेद, पीले और भूरे रंग के भी हो सकता है। अक्सर आज आप पा सकते हैं एक पदार्थ सफेद है। इसके अलावा, यह ध्यान देने योग्य बात है कि ज्यादातर मामलों में मछली के तेल कॉड के जिगर से निर्मित है लायक है। उत्पादन की विधि के अनुसार, इस प्रक्रिया दो प्रकार में विभाजित किया गया है। हम के बारे में मैन्युअल रूप से और कारखाने विधि बात कर रहे हैं। पहली विशेष उपकरणों के उपयोग के बिना इस तरह के वसा प्राप्त करना शामिल है। वे खुद को मछुआरों आनंद ले रहे थे। कारखाने मछली के तेल के उत्पादन की प्रक्रिया के रूप में, इस मामले में कॉड लिवर तेल गर्मी उपचार, जिसके द्वारा यह लाभकारी एजेंट से ही सीधे जारी की है गुजरता है। जिसके परिणामस्वरूप तेल एक विशेष कंटेनर में एकत्र, और फिर ठंडा किया जाता है। अब जिगर को गर्म करने के समय, गहरे रंग की अंतिम उत्पाद हो जाएगा। मछली के तेल कैप्सूल इसके उपयोग के लिए पर्याप्त रूप से उपयुक्त माना जाता है, और बच्चों को, और वयस्कों। वस्तुतः किसी से मतभेद। युवा माताओं और गर्भवती महिलाओं को भी उनके स्वास्थ्य और उसके बच्चे के राज्य के लिए डर के बिना मछली के तेल कैप्सूल ले सकते हैं। सामान्य तौर पर, दैनिक खुराक तीन ग्राम के बराबर है। हालांकि, अगर एक व्यक्ति कुछ बीमारियों से बीमार है, खुराक काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, अधिकांश विशेषज्ञों अगर रोगी ट्राइग्लिसराइड के स्तर ऊपर उठाया गया है प्रति दिन वसा के पांच ग्राम उठाने की सलाह देते। आदेश गर्भावस्था की शुरुआत में बच्चे के नुकसान से बचने के लिए, औरत मछली के तेल के पांच से अधिक ग्राम के लिए हर दिन का उपयोग कर सकते हैं। यह याद है कि खुराक अपने चिकित्सक के साथ ही निर्धारित किया जाना चाहिए लायक है। रोगी के चिकित्सक की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है एक दिन छह ग्राम मछली के तेल के अपने खपत में वृद्धि हो सकती है। मछली के तेल कैप्सूल इस तरह के विटामिन डी और ए यह वर्तमान में कई निर्माताओं द्वारा किया जाता है इस उत्पाद के उपयोग को बढ़ाने के लिए के रूप में खनिज तत्व का अधिक मात्रा में होते हैं हो सकता है। नतीजतन, लोगों को जल्द ही देखेंगे कि उनकी त्वचा, बाल और श्लेष्मा झिल्ली के राज्य बहुत सुधार हुआ है। आप भंगुर बाल, शुष्क त्वचा और हाथ है, साथ ही सबसे खराब करने के लिए नाखून की संरचना में परिवर्तन पर देखते हैं, तो आप सुरक्षित रूप से मछली के तेल कैप्सूल खरीद सकते हैं। परिणाम में देर नहीं लगी। आम तौर पर सीधे मछली में तेल ओलिक एसिड की एक बड़ी मात्रा में होता है। मादक द्रव्यों के सत्तर प्रतिशत केवल उसके के होते हैं। अन्य - पामिटिक अम्ल। वे मछली के तेल इतना उपयोगी बनाते हैं। इस उत्पाद को मानव शरीर की संचार प्रणाली में रक्त के थक्के के गठन को कम करने में मदद करता है। मछली के तेल कैप्सूल मस्तिष्क समारोह में सुधार। इस प्रकार, यह बुढ़ापे में इसका इस्तेमाल करने के लिए बहुत उपयोगी है। यह बहुत मानसिक प्रदर्शन में सुधार होगा। आधुनिक वैज्ञानिकों के मुताबिक, प्रति दिन इस दवा के एक कैप्सूल बुढ़ापे में मनोभ्रंश का सबसे अच्छा रोकथाम है। अब शहर फार्मेसियों बच्चों के मछली के तेल कैप्सूल मिल सकते हैं। वे पहले से ही दो वर्ष लग सकते हैं। इस तरह के रिकेट्स, तपेदिक और यहां तक कि एनीमिया के रूप में रोगों को रोकने में मदद मिलेगी। यह वहाँ मछली के तेल में कोलेस्ट्रॉल के दो प्रकार हैं, "अच्छा" और है कि ध्यान देने योग्य है "बुरा। " लेकिन इस का डर नहीं है, किसी भी मामले में, हमारे शरीर में होने के कारण इस पदार्थ "अच्छा" और कम करने "बुरा" कोलेस्ट्रॉल मानव के स्तर में वृद्धि हुई है। हमारे समय में मछली के तेल कैप्सूल बस एक अनिवार्य उत्पाद है। अंत में, मैं कहना है कि दवाओं के कई निर्माताओं कैप्सूल में पदार्थ का उत्पादन करना चाहते हैं। वहाँ अधिक और कम लोकप्रिय ब्रांड हैं। हालांकि, सबसे अच्छा, सर्वेक्षण में उपभोक्ताओं की राय में, एक नार्वे मछली के तेल कैप्सूल है। किसी भी मामले में, आप केवल का चयन करें।
Kiriburu : छोटानागरा थाना अन्तर्गत छोटानागरा-सैडल मुख्य मार्ग पर झाड़बेडा गांव के समीप 12 चक्का लाईन ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो गया . दुर्घटना में चालक व खलासी बाल-बाल बच गए . दुर्घटना में किसी को चोट नहीं आई है . घटना 17 अप्रैल की सुबह 7. 30 बजे की है. घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि दुर्घटनाग्रस्त ट्रक बड़ाजामदा की तरफ से छोटानागरा होते हुए राउरकेला जा रहा था और एक अन्य ट्रक छोटानागरा की तरफ से बड़ाजामदा की तरफ जा रहा था . तभी झाड़बेडा़ गांव के समीप एक तीखी मोड़ के पास एक ट्रक का गेयर नहीं लगा और दूसरे का ब्रेक नहीं लगा. इसी क्रम में मोड़ पर दूसरे ट्रक से टकराने से बचाने के दौरान स्टेयरिंग अधिक काट देने की वजह से ट्रक दुर्घटनाग्रस्त होकर गड्ढे में जा गिरा . दुर्घटनाग्रस्त ट्रक राउरकेला की बताई जा रही है जिसे क्रेन मंगाकर घटनास्थल से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है .
Martyrs Day: आज की तारीख 30 जनवरी को भारत में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज देश के तमाम नेताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करने के साथ-साथ राष्ट्र की सेवा में अपना बलिदान देने वालों को भी याद कर नमन किया है। आज महात्मा गांधी की पुण्यतिथि : महात्मा गांधी को इन मंत्रियों ने दी श्रद्धांजलि : जेपी नड्डा ने दी श्रद्धांजलि : बापू ने पूरे देश को प्रेम, सर्वधर्म समभाव के साथ जीना और सत्य के लिए लड़ना सिखाया। राष्ट्रपिता, महात्मा गांधी के शहीद दिवस पर उन्हें कोटि कोटि नमन। सत्य और अहिंसा के मार्ग पर डटे रहकर बड़ी से बड़ी ताकत को हराने का विश्वास हम सब में पैदा करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि 'शहीद दिवस' पर कोटि-कोटि नमन। देश के सभी अमर शहीदों को हम श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। बापू के विचार मूल्य हमें सदा प्रेरित करते रहेंगे। महान व्यक्तित्व के धनी, विश्व में सत्य और अहिंसा का मार्ग प्रशस्त करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के स्मृति दिवस पर उन्हें शत-शत नमन। उनके उच्च विचार व आदर्श हम सबको एक बेहतर भारत के निर्माण के लिए सदैव प्रेरित करते रहेंगे। "खुद वो बदलाव बनिए जो आप दुनिया में देखना चाहते हैं। " भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं समर्पण की प्रतिमूर्ति राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर शत्-शत् नमन। राष्ट्र की स्वाधीनता हेतु आपके द्वारा दिया गया अतुलनीय योगदान सदैव हमारी स्मृतियों में जीवंत रहेगा। शहीद दिवस मनाने का उद्देश्य : बताते चलें कि, भारत में शहीद दिवस आज ही की तारीख नहीं बल्कि 2 अलग-अलग तारीखों को मनाया जाता है। यह दिवस 23 मार्च और 30 जनवरी को मनाते है, इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है, जिन्होंने देश के लिए हंसते- हंसते अपना प्राणों का बलिदान दे दिया। 23 मार्च को भारत के इन तीन बहादुर क्रांतिकारियों भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव की याद एवं 30 जनवरी को शहीद दिवस महात्मा गांधी की याद में मनाया जाता है। ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस यूट्यूब चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। यूट्यूब पर @RajExpressHindi के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।
Maharashtra CET 2023: स्टेट कॉमन एंट्रेंस टेस्ट सेल ने महाराष्ट्र कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (Maharashtra CET 2023) के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी है. जो उम्मीदवार MBA, MMS कोर्सेज में दाखिला लेना चाहते हैं वह आधिकारिक वेबसाइट mbacet2023. mahacet. org पर औनलाइन आवेदन कर सकते हैं. आवेदन फॉर्म भरने की अंतिम तारीख 4 मार्च 2023 है. जो उम्मीदवार इस कोर्सेज में दाखिला लेना चाहते हैं, उन्होंने किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से न्यूनतम 50 फीसदी अंकों के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री ली हो. आरक्षित श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवारों के लिए, न्यूनतम अंक में 5 फीसदी की छूट दी गई है. बता दें, जो उम्मीदवार ग्रेजुएशन के आखिरी साल में है, वह भी आवेदन कर सकते हैं. MAH-CET परीक्षा में बैठने के लिए उम्मीदवार की कोई उम्र सीमा नहीं है. वहीं MAH CET 2023 का आयोजन 18 और 19 मार्च को कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) मोड में किया जाएगा. स्टेप 1- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट mbacet2023mahacet. org पर जाना होगा. स्टेप 2- एक बार जब आप आधिकारिक वेबसाइट पर आ जाते हैं, तो होमपेज पर 'New Registration' लिंक पर क्लिक करें. यदि आप पहले से ही रजिस्टर्ड हैं, तो वहां दिए गए 'Already Registrated' ऑप्शन पर क्लिक करें. स्टेप 3- अब यहां आपको अपनी पर्सनल डिटेल्स दर्ज करनी होगी. स्टेप 4- इसके बाद महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स, सिग्नेचर और फोटो स्कैन कर मांगे गए साइज में अपलोड करें. स्टेप 5- सभी दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद उम्मीदवारों को आवेदन फीस भरनी होगी. स्टेप 6- आवेदन प्रक्रिया पूरी करने के बाद वहां दिए गए 'Submit' ऑप्शन पर क्लिक करें. स्टेप 7- आप चाहें तो भविष्य के लिए फॉर्म को डाउनलोड कर उसका प्रिंटआउट ले सकते हैं. महाराष्ट्र के बाहर के उम्मीदवारों को 100 रुपये का आवेदन फीस देनी होगी. महाराष्ट्र के पिछड़े वर्ग के वर्ग और विकलांग आदमी (पीडब्ल्यूडी) कैटेगरी से संबंधित उम्मीदवारों के लिए 800 रुपये आवेदन फीस देनी होगी. एमएएच सीईटी 2023 के लिए आधिकारिक नोटिफिकेशन 9 जनवरी को जारी की गई थी. अधिक जानकारी के लिए उम्मीदवारों को एमएएच सीईटी 2023 के आधिकारिक पोर्टल को देखना होगा.
New Delhi: Happy Birthday Huma Qureshi: बॉलीवुड एक्ट्रेस हुमा कुरेशी आज अपना 36वां जन्मदिन मना रही हैं. हुमा कुरेशी ने अपनी बोल्ड और बेहतरीन फिल्म चॉईस की बदौलत बॉलीवुड में एक शानदार कलाकार के रूप में अपनी जगह पक्की कर ली है. एक्ट्रेस को आखिरी बार फिल्म तरला में तरला दलाल की भूमिका निभाते हुए देखा गया था. जबकि फैंस उनके नवीनतम ओटीटी आउटिंग में उनके एक्टिंग टैलेंट की तारीफ कर रहे हैं. आज एक्ट्रेस जिस मुकाम पर हैं उसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि, एक समय था जब एक्ट्रेस को बॉडी शेमिंग का सामना करना पड़ता था. ऐसे हम नहीं एक्ट्रेस का खुद का कहना है. बता दें कि, हाल ही में मीडिया के साथ बातचीत में हुमा ने बॉडी शेमिंग के बारे में अपने दिल की बात कही, कि कैसे यह उन्हें असुरक्षित महसूस कराता है. एक समय में और अब वह इससे कैसे निपटती हैं. आपको बता दें कि, उस समय के बारे में बोलते हुए जब एक फिल्म समीक्षक द्वारा उन्हें शर्मिंदा किया गया था, हुमा ने कहा, "लोग फिल्मों की समीक्षा नहीं कर रहे हैं, लोग सिर्फ निंदा कर रहे हैं. वे बस लोगों को नीचे खींचने की कोशिश कर रहे हैं. अगर आपको कोई फिल्म पसंद नहीं है, तो कोई बात नहीं. यह तुम्हारी पसंद है. लेकिन लोग पर्सनल अटैक क्यों करते हैं? और ऐसा बहुत बार होता है, सिर्फ मेरे साथ ही नहीं और मुझे यकीन है कि इसे देखने वाले बहुत से लोग जानते होंगे कि मैं वास्तव में क्या कह रही हूं. हुमा ने कहा, किसी की निंदा करने की कोई जरूरत नहीं है और किसी पर पर्सनल अटैक करने की कोई जरूरत नहीं है. एक्ट्रेस ने आगे सुझाव दिया कि यदि एक समीक्षक के रूप में किसी को कोई फिल्म पसंद नहीं आती है, तो फिल्म न देखें, लेकिन 'क्लिकबेट' के लिए पर्सनल अटैक या बॉडी शेमिंग के साथ किसी को नीचा दिखाने की कोशिश न करें. उन्होंने यह भी बताया कि जब वह दिल्ली में थीं तो कैसे 'आत्मविश्वास' महसूस करती थीं. हुमा ने खुलासा किया कि यह वही आत्मविश्वास था जिसने उन्हें मुंबई आने और एक्ट्रेस बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए प्रेरित किया था. हुमा ने डबल एक्सएल में एक अधिक वजन वाली लड़की का किरदार निभाया, यह फिल्म बॉडी शेमिंग से संबंधित है और दर्शकों को बॉडी पॉजिटिविटी अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है. हालाँकि, एक्ट्रेस ने खुलासा किया कि कैसे उनके शरीर के बारे में कमेंट्स ने उन पर नेगेटिव इंपैक्ट डालते हैं. उसी के बारे में बात करते हुमा ने कहा, "एक एक्टर के रूप में आपके लिए यह जानने का एकलौता तरीका है कि आप जो कर रहे हैं वह सही है या नहीं, इन कमेंट्स या फीडबैक को सुनना है जो आपको (सोशल मीडिया पर) मिलता है और ( नकारात्मक टिप्पणियाँ मिलने के बाद) मुझे लगा जैसे, मेरे साथ कुछ बहुत गलत हुआ है." यह पूछे जाने पर कि क्या ये सब अब भी उन पर असर डालती हैं? तो एक्ट्रेस ने जवाब में कहा, "बेशक यह आपको इंपैक्ट करता है. सोशल मीडिया को धन्यवाद, इसकी वजह से आप जानते हैं कि लोग आपके या आपकी फिल्म के बारे में क्या सोच रहे हैं. इस बीच, अनुराग कश्यप की क्राइम-थ्रिलर फिल्म, 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' के साथ शानदार शुरुआत करने वाली कुरेशी मजबूत, फीमेल सेंट्रिक भूमिकाएं निभाकर अपने फैंस और दर्शकों को इंप्रेस कर रही हैं. पिछले साल 'मोनिका ओ माय डार्लिंग' में मोनिका के रूप में दिल जीतने के बाद, हुमा अब भारत की प्रतिष्ठित शेफ, तरला दलाल की बायोपिक, जिसका नाम तरला है में अपने किरदार के लिए सुर्खियां बटोर रही हैं.
चांडिल। आदिवासी कुडमी समाज के जिला इकाई द्वारा पंचानन महतो केटिआर के नेतृत्व में सिंहभूम महाविद्यालय चांडिल में कुड़माली भाषा का पठन पाठन शुरू कराने और कुड़माली शिक्षक एवं पुस्तकों की व्यवस्था कराने की मांग को लेकर चांडिल डाक बंगला से महाविद्यालय तक रैली निकला तथा प्रदर्शन किया। समाज के लोगों ने प्राचार्य के माध्यम से कुलसचिव महोदय को ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष प्रसेनजीत ने कहा कि विगत दो वर्ष पूर्व महाविद्यालय में कुड़माली भाषा की पढ़ाई शुरू कराने को लेकर पहले भी ज्ञापन सौंपा गया है मगर अब तक कोई पहल नहीं किया गया है। इससे क्षेत्र के कुड़माली भाषा के छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। अगर पक्षपात और भेदभाव से ऊपर उठकर जल्द उचित कदम नहीं उठाया जाता है तो महाविद्यालय से विश्वविद्यालय और राजभवन तक जोरदार प्रदर्शन किया जायेगा। इस मौके पर जिला पार्षद मधुश्री महतो ने कहा कि वे छात्र हित में हमेशा साथ खडी हैं। इस मौके पर जिलाध्यक्ष मनोज महतो, पूर्वी सिंहभूम जिला सचिव प्रकाश महतो, केएस कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष प्रकाश महतो, वशिष्ठ महतो, केंद्रीय उपाध्यक्ष चन्द्रमोहन महतो, प्रदेश सदस्य निवारण महतो, गणेश महतो, राजेश महतो, रीना महतो, डॉ० विभीषण महतो, सुकदेव महतो, रामप्रसाद महतो समेत काफी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
"वह कौन नदियों का प्रवाह रोकता है? " और अधिक, "वह वास्तव में अस्तित्व में नहीं है" यह बिगफुट या लोच नेस राक्षस के रूप में प्रसिद्ध नहीं है - कम से कम यूरोप या उत्तरी अमेरिका में नहीं - लेकिन मोक्ले-एमबेम्बे ("जो नदियों के प्रवाह को रोकता है") निश्चित रूप से एक करीबी दावेदार है। पिछले दो शताब्दियों के लिए, अस्पष्ट रिपोर्टों ने मध्य अफ्रीका के कांगो नदी बेसिन में गहरे रहने वाले लंबे-गर्दन वाले, लंबे पूंछ वाले, तीन पंजे वाले, भयानक विशाल जानवरों का प्रसार किया है। क्रिप्टोजोलोगिस्ट्स , जिन्होंने कभी भी विलुप्त डायनासोर से मुलाकात नहीं की है, जिन्हें उन्होंने पसंद नहीं किया है, ने स्वाभाविक रूप से मोक्ले-एमबेम्बे को एक जीवित सैरोपोड ( ब्राचियोसॉरस और डेंडरोकस द्वारा वर्णित विशाल, चार पैर वाले डायनासोर का परिवार) के रूप में पहचाना है, जिसमें से आखिरी घुसपैठ करने वाले वंशज 65 मिलियन साल पहले विलुप्त हो गया। विशेष रूप से मोक्ले-एमबेम्बे को संबोधित करने से पहले, यह पूछने योग्य हैः उचित संदेह से परे, किस स्तर का सबूत स्थापित करना आवश्यक है, कि एक प्राणी को लाखों वर्षों से विलुप्त होने का विचार अभी भी जीवित और समृद्ध है? आदिवासी बुजुर्गों या आसानी से प्रभावशाली बच्चों से दूसरे हाथ के साक्ष्य पर्याप्त नहीं हैं; क्या आवश्यक है एक समय-मुद्रित डिजिटल वीडियो, प्रशिक्षित विशेषज्ञों की प्रत्यक्षदर्शी गवाही, और यदि वास्तविक जीवन नहीं, नमूना सांस लेना, तो कम से कम इसके घूर्णन शव। बाकी सब कुछ, जैसा कि वे अदालत में कहते हैं, सुनवाई है। मोक्ले-Mbembe के लिए हमारे पास क्या प्रमाण है? अब यह कहा गया है कि इतने सारे लोग क्यों आश्वस्त हैं कि मोक्ले-एमबेम्बे वास्तव में मौजूद है? साक्ष्य का निशान, जैसा कि यह है, 18 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में शुरू होता है, जब कांगो के एक फ्रांसीसी मिशनरी ने दावा किया कि विशाल, पंजे वाले पैरों के निशान परिधि में लगभग तीन फीट मापते हैं। लेकिन मोक्ले-एमबेम्बे 1 9 0 9 तक कम से कम अस्पष्ट फोकस में नहीं आए, जब जर्मन बड़े-खेल शिकारी कार्ल हेगेनबेक ने अपनी आत्मकथा में उल्लेख किया कि उन्हें एक प्रकृतिवादी ने "कुछ प्रकार के डायनासोर, जो ब्रोंटोसॉरस के समान प्रतीत होता है" के बारे में बताया गया था। अगले सौ वर्षों में मोक्ले-एमबेम्बे की खोज में कांगो नदी बेसिन में अक्सर आधा बेक्ड "अभियान" परेड देखा गया। इन खोजकर्ताओं में से कोई भी वास्तव में रहस्यमय जानवरों को झुकाता नहीं है, लेकिन लोक जनजातियों के कई संदर्भ हैं और स्थानीय जनजातियों द्वारा मोकले-मबेम्बे दृश्यों के खातों (जो शायद इन यूरोपीय लोगों को जो भी सुनना चाहते थे) ने कहा हो। पिछले दशक में, सैफी चैनल, द हिस्ट्री चैनल और नेशनल ज्योग्राफिक चैनल ने सभी को मोक्ले-एमबेम्बे के बारे में विशेष प्रसार दिया है; कहने की जरूरत नहीं है, इनमें से कोई भी वृत्तचित्र किसी भी दृढ़ तस्वीर या वीडियो फुटेज की सुविधा नहीं देता है। निष्पक्ष होने के लिए - और यह केवल क्रिप्टोजोलोगिस्ट और राक्षस शिकारी को संदेह का बहुत ही मामूली लाभ देने के लिए है - कांगो नदी बेसिन वास्तव में विशाल है, जिसमें 1. 5 लाख वर्ग मील मध्य अफ्रीका शामिल है। यह दूरस्थ रूप से संभव है कि मोक्ले-एमबेम्बे कांगो वर्षा वन के एक अभी तक अप्रत्याशित क्षेत्र में रहता है, लेकिन इसे इस तरह से देखेंः घने जंगलों में अपना रास्ता हैक करने वाले प्रकृतिवादी लगातार बीटल और अन्य कीड़ों की नई प्रजातियों की खोज कर रहे हैं। 10 टन डायनासोर उनके ध्यान से बचने वाली बाधाओं क्या हैं? यदि मोक्ले-एमबेम्बे डायनासोर नहीं है, तो यह क्या है? मोक्ले-एमबेम्बे के लिए सबसे अधिक संभावना स्पष्टीकरण यह है कि यह केवल एक मिथक है; वास्तव में, कुछ अफ्रीकी जनजाति इस जीव को जीवित जानवर के बजाय "भूत" के रूप में संदर्भित करती हैं। हजारों साल पहले, अफ्रीका का यह क्षेत्र हाथियों या गैंडों से घिरा हुआ हो सकता है, और इन जानवरों की "लोक यादें", पीढ़ियों की पीढ़ियों के लिए वापस खींचकर, मोक्ले-एमबेम्बे किंवदंती के लिए अच्छी तरह से जिम्मेदार हो सकती हैं। (एक और उदाहरण के लिए, विशाल एक सींग वाले rhinoceros Elasmotherium केवल 10,000 साल पहले यूरोप में विलुप्त हो गया था, और कुछ पुरातत्त्वविदों का मानना है कि यह मेगाफाउना स्तनधारी यूनिकर्न किंवदंती का असली स्रोत है । ) इस बिंदु पर, आप पूछ सकते हैंः मोक्ले-एमबेम्बे क्यों जीवित सैरोपॉड नहीं हो सकता? खैर, जैसा कि ऊपर बताया गया है, असाधारण दावों को असाधारण साक्ष्य की आवश्यकता होती है, और यह सबूत न केवल दुर्लभ है, बल्कि लगभग अनौपचारिक है। दूसरा, यह इतनी छोटी संख्या में ऐतिहासिक समय तक जीवित रहने के लिए सैरोपोडों के एक झुंड के लिए एक विकासवादी परिप्रेक्ष्य से बहुत ही असंभव है; जब तक कि यह चिड़ियाघर में अनुक्रमित नहीं होता है, किसी भी दिए गए प्रजातियों को कम से कम आबादी को बनाए रखने की आवश्यकता होती है ताकि थोड़ी सी दुर्भाग्य इसे विलुप्त कर दे। इस तर्क से, यदि मोक्ले-एमबेम्बे की आबादी गहरे अफ्रीका में रहती है, तो उसे सैकड़ों या हजारों में संख्या करना होगा - और किसी को निश्चित रूप से अब तक एक जीवित नमूना का सामना करना पड़ेगा!
उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी अवनीश अवस्थी लगातार मंत्रालय से तालमेल बिठाए हुए हैं. लखनऊ जंक्शन पर ऑक्सीजन कंटेनर्स को उतरने के लिए बुधवार को ही व्यवस्था का मुआयना कर उन्होंने रेलवे को इसकी जानकारी भी दी. कोरोना महामारी के लिए संजीवनी बनी ऑक्सीजन की कमी को लेकर पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के उन लोगों के लिए खुशखबरी है जिनके अपने परिजन किसी न किसी अस्पताल में हैं या कोरोना पीड़ित है. गुरुवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट कर जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश के लिए बोकारो से जल्दी ही ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलेगी. साथ ही कहा कि मध्य प्रदेश के लिए भी जल्दी ही इसी तरह की व्यवस्था की जा रही है. रेलवे से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ से ऑक्सीजन एक्सप्रेस कल यानी बुधवार रात को ही बोकारो के लिए रवाना हो चुकी है. रेल मंत्रालय के सीपीआर आरडी बाजपेयी बताते हैं कि इस ट्रेन को निर्वाध गति से चलाने की व्यवस्था की गई है, जो रास्ते में बिना रुके अपने गंतव्य तक पहुंच सके. बोकारो पहुंचने के बाद 15 से 16 घंटे का वक्त टैंकर्स को रिफिल करने में लगेगा. टैंकर्स भरते ही ये ट्रेन रवाना हो जाएगी और जल्दी ही यूपी पहुंच जाएगी. वहां सरकार के निर्देश के मुताबिक उसमें से कंटेनर्स को अलग-अलग शहरों में उतारा जाएगा. सुविधा के लिहाज से ही रैक में ट्रक लगाए गए हैं. एक बात और भी खास है कि इन कंटेनर्स में तापमान का भी खास ख्याल रखा जाता है, इसलिए ट्रेन के साथ एक्सपर्ट की टीम भी है जो इसका खास ख्याल रखेगी. उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारी अवनीश अवस्थी लगातार मंत्रालय से तालमेल बिठाए हुए हैं. लखनऊ जंक्शन पर ऑक्सीजन कंटेनर्स को उतरने के लिए बुधवार को ही व्यवस्था का मुआयना कर उन्होंने रेलवे को इसकी जानकारी भी दी. कंटेनर्स ट्रक ट्रेन से आसानी से उतरे ऐसी व्यवस्था की गई है. बाद में इसे जिस शहर में चाहे वाराणसी, इलाहाबाद और गोरखपुर में उपलब्ध कराई जा सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार को केंद्र सरकार 753 मीट्रिक टन ऑक्सीजन सप्लाई करेगा. दूसरी ओर रेलवे ने भारतीय सेना से भी ऑक्सीजन कंटेनर्स की मांग की और उन्हे कंटेनर्स मिल गए हैं. इन कंटेनर्स के जरिए दूसरे प्रदेश तक ऑक्सीजन पहुंचाई जाएगी. वहीं पहली ऑक्सीजन ट्रेन अपने गंतव्य पर पहुंच चुकी है, जिसमें गैस फिलिंग का काम चल रहा है. जल्दी महाराष्ट्र के लिए ट्रेन रवाना हो जाएगी. रेलवे की मानें तो वो अगले हफ्ते तक ऑक्सीजन एक्सप्रेस 8 प्रदेशों को समय पर गैस पहुंचाने की पूरी व्यवस्था कर देगा, क्योंकि कई प्रदेशों के साथ रेलवे और गैस के कंपनी के साथ किराया और दूसरे खर्चे पर भी सहमति बनाए जाने में वक्त लग रहा है. रेलवे के पास मांग के मुताबिक कंटेनर्स नहीं है और इसलिए वो इन्हें प्राइवेट पार्टी से किराए पर ले रहा है. आज देश में कोरोना से एक दिन में हुए अब तक बीमारों की संख्या के सारे रिकॉर्ड तोड़कर ये आंकड़ा 3 लाख को पार कर गया है. ऐसे में इस संजीवनी की जरूरत तो हर जगह है.
केतकी का एक ही उत्तर था-मौन। "ये तो हमारा नसीब अच्छा है कि बिना किसी बंधन वाला लड़का है यह...इकलौता है...बहन तो शादी करके चली जाएगी...फिर तो उस बदनसीब का ही राज चलेगा न स घर पर? " शांति बहन ने अपना व्यवहार ज्ञान बघारा। "हां....केतकी दीदी ने आत्महत्या से भी भयंकर रास्ता चुना है। वह इस शादी के लिए तैयार है... " इतना कह कर भावना रुंआसी होकर निकल गई। रणछोड़ तुरंत यशोदा के कमरे में पहुंचा। उसने धीरे से दरवाजा खोला, तो देखा यशोदा अपनी गोद में सिर रख कर लेटी केतकी के बालों से हाथ फेर रही थी। "मां तुम मेरी चिंता मत करो। मैं अपनी मर्जी से इस शादी के लिए तैयार हुई हूं।" इतना कह कर केतकी अचानक उठ कर बैठ गई। उसको दरवाजे पर ही खड़ा हुआ रणछोड़ दिखाई दिया। उसके मुंह से अपने आप ही निकल गया, "बधाई हो, खूब बधाई, मुझसे आपको छुटकारा मिल ही गया आखिर?" रणछोड़ देखता ही रह गया और केतकी वहां से एक झटके में बाहर निकल गई। केतकी बाहर निकल कर स्कूटी स्टार्ट कर ही रही थी कि भावना उसके पीछे आकर बैठ गई। केतकी ने पीछे मुड़ कर देखा, लेकिन कहा कुछ नहीं और उसने गाड़ी शुरू कर दी। केतकी ने धीमे से हंसते हुए हां कहा।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष (rudraksh) को सबसे महत्पूर्ण माना जाता है और इसकी उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। कहा जाता है इसे तभी से आभूषण की तरह धारण किया जाता है। वहीं शिव महापुराण में 16 तरह के रुद्राक्षों के बारे में बताया गया है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक मुखी रुद्राक्ष के फायदों के बारे में बताते हैं। कैसे करें पहचान- एक मुखी रुद्राक्ष को सरसों के तेल में डालें। इस दौरान अगर वह पहले रंग से ज्यादा गहरा दिखता है, तो इसका मतलब है कि ये असली रुद्राक्ष (rudraksha mala benefits) है। इसके अलावा एक मुखी रुद्राक्ष में एक ही धारी होती है। अगर सही तरीके से असली- नकली की पहचान करनी है तो, गर्म पानी में रुद्राक्ष को उबाल लें। इस दौरान अगर रुदाक्ष अपना रंग छोड़ती है, तो इसका मतलब कि वो असली नहीं है। इसके अलावा एक मुखी रुद्राक्ष अर्ध चंद्रमा के सामनाव होता है या फिर इसकी शेप काजू की तरह होती है। जी दरअसल ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष को धारण करने से लोगों के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। इसके अलावा अगर किसी की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति में होने पर भी एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह दी जाती है। इसी के साथ ऐसा भी माना जाता है कि ये ब्लडप्रेशर दिल से जुड़ी बीमारियों से भी बचाता है। आप सभी को बता दें कि इस रुद्राक्ष के प्रभाव से लोग अपनी इंद्रियों को वश में करने में सक्षम होते हैं। इसके अलावा धन प्राप्ति में भी एक मुखी रुद्राक्ष फायदेमंद मानी जाती है। इसी के साथ छात्रों के लिए भी ये बहुत फायदेमंद होती है। करियर में सफलता पाने के लिए एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने की सलाह (benefits of wearing rudraksha mala) दी जाती है।
कोलंबो। कप्तान विराट कोहली की पांच गेंदबाजों के साथ खेलने की रणनीति का मतलब है कि एकादश में मौजूद छह विशेषज्ञ बल्लेबाजों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी का बढ़ना, लेकिन टीम के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय का कहना है कि श्रीलंका के खिलाफ अगले हफ्ते शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज में इस रणनीति से बल्लेबाजों पर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं पड़ेगा। बांग्लादेश के खिलाफ एकमात्र टेस्ट की पिछली सीरीज में 150 रन की पारी खेलने वाले विजय से जब कोहली की पांच गेंदबाजों की रणनीति से शीर्ष बल्लेबाजों पर बढ़ने वाले दबाव के संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा- यह जरूरत नहीं है। दरअसल हमारी यही भूमिका है और यदि हममें से कोई एक भी चल जाता है तो यह टीम के लिए फायदेमंद होगा। हम ज्यादातर समय बेहतर स्थिति में होंगे। यह अच्छी चुनौती है। आपके कंधों पर ऐसी जिम्मेदारी होना अच्छी बात है। यदि आप टेस्ट मैच में दबदबा बनाना चाहते हैं तो आपको इकाई के रूप में प्रदर्शन करना होगा। आपके पास रणनीति होना और उस पर अमल करना जरूरी है। सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने भी बांग्लादेश में 173 रन की शानदार पारी खेली थी और लोकेश राहुल भी अंतिम एकादश में अपना दावा ठोक चुके हैं, लेकिन विजय इन सब बातों से चिंतित नहीं हैं। उन्होंने कहा, "यह अच्छी चुनौती है। अंतिम एकादश में जगह बनाने के लिए सब खिलाड़ियों को निरंतर प्रदर्शन करने की जरूरत होगी और ऐसे में टीम का प्रदर्शन बेहतर होगा। " युवा खिलाड़ियों से भरी दोनों टीमें 12 अगस्त से पहले टेस्ट में आमने सामने होंगी और विजय का मानना है कि यह टक्कर जोरदार होगी। उन्होंने कहा, "श्रीलंका में भी कई युवा खिलाड़ी हैं। एंजेलो मैथ्यूज अच्छा कर रहे हैं। लाहिरू थिरिमाने भी हैं। टीम में और कई उभरते सितारे हैं। हमारी टीम में भी कई प्रतिभाशाली युवा खिलाड़ी हैं। यह सीरीज निश्चित रूप से रोमांचक होने वाली है। " महेला जयवर्धने टेस्ट क्रिकेट को पहले ही अलविदा कह चुके हैं और कुमार संगकारा भी दूसरे टेस्ट के बाद रिटायर हो जाएंगे, ऐसे में विजय का मानना है कि भारतीय टीम इससे फायदा उठा सकती है। उन्होंने कहा, "इन दो महान खिलाड़ियों के रिटायर होने के कारण श्रीलंका की बल्लेबाजी क्रम में बड़ा गैप पैदा हो जाएगा, जिसे आसानी से नहीं भरा जा सकता। मैंने श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच टेस्ट सीरीज पर भी नजर बना रखी थी और मेरा मानना है कि हम बढ़त बनाने में कामयाब रहेंगे। "
ये संतों के अनन्य अनुरागी और भक्त थे। इनके पूरे परिवार एवं जैन संघ मालागढ़ के अत्यधिक आग्रह से नालागढ में रामकृष्ण जो की जिन दीक्षा श्री योगिराज जी म० श्री आत्माराम जी म० श्रो मदनलाल जी म० आदि संतों को स्वीकार करनी पड़ी । स्थानीय संघ ने पंजाब, हरियाणा के सभी नगरों और दूर-सुदूर रामकृष्ण सभी स्थानों पर दीक्षा उत्सव में आने का नेह निमंत्रण दिया। दूरनिकट नगरों से हजारों की संख्या में लोग नालागढ़ पहुंचे। दीक्षावसर पर आचार्य प्रवर श्री आत्माराम जी म०, व्याख्यान वाचस्पति श्री मदनलाल जी म०, भण्डारी श्री बलवन्तसिंह जी म० स्वामी श्री फूलचन्द जी म०, भण्डारी श्री पद्मचन्द जी म०, प्रसिद्ध वक्ता श्री ज्ञानमुनि जी म० आदि मुनिराज विराजित थे । रामकृष्ण जी की दीक्षा पर धर्मपिता होने का गौरव ला० प्यारेलाल जी जैन ( सुपुत्र ला० बधाऊमल जी जैन) एवं धर्म-माता श्रीमती शीलादेवी जैन को प्राप्त हुआ । इन्होने ही दीक्षा का सर्व ब्यय वहन किया। विशाल शोभा यात्रा का आयोजन किया । नालागढ़ नरेश स्वयं शोभायात्रा में सम्मिलित हुए । अपने हाथों रामकृष्ण जी को हार पहनाया और रुपयों की 'बम्बेर' करी । अस्तु, इस प्रकार उत्साह उमंग व आनंद के क्षणों में 12 अप्रैल सन् 1938 तदानुसार वि० सं. 1995 चैत्र शुक्ला त्रयोदशी ( महावीर जयंती) के दिन श्री योगिराज जी म० के प्रथम शिष्य होने का इन्हें गौरव प्राप्त हुआ । उक्त तिथि से इन्हें योगिराज श्री रामजीलालजी म० के शिष्य मुनि रामकृष्ण जी कहा जाने लगा। गुरु चरणों में श्रद्धापरणः गुरु, गुरु है। शिष्य, शिष्य है ! शिष्य जब स्वयं को गुरु मान बैठता है और गुरु की अवहेलना करने लगता है तो उसमे गुरुत्व तो क्या प्रकट होगा, शिष्यता भी नष्ट हो जाती है। गुरु व्यक्तित्व की अपनी गरिमा होती है। शिष्य का अपना वैशिष्ठ्य होता है। जैनागमों मे गुरु के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा गया है- 'शिष्य, गुरु
आम एक ऐसा फल है जिसका हम कई रूपों में स्वाद का का मजा ले सकते हैं। कच्चे आम से बनी चटनी हर किसी को पसंद आती है। यह थाली की शोभा बढ़ाती है। चलिए आज हम कच्चे आम की मीठी चटनी बनाते हैं। व्यंजन की किस्म(Dish Type): Veg (शाकाहारी) सामग्री (Ingredient) 250 ग्राम कच्चे आम, 1/2 कटोरी चीनी, 1/2 टी स्पून नमक, 1/4 टी स्पून लाल मिर्च पाउडर, 1/4 टी स्पून हल्दी, 1/4 टी स्पून जीरा, 1/4 टी स्पून मेथी, 1 टी स्पून सौंफ, 2 टी स्पून तेल। बनाने की विधि (Method) कच्चे आम को छीलकर लंबे-2 टुकड़ों में काट लें। एक कड़ाही में तेल गरम करें जब तेल गरम हो जाए तो उसमें मेथी, जीरा और सौंफ डाल दें। जब जीरा और मेथी चटकने लगे तो उसमें कच्चा आम, नमक, मिर्च और चीनी डालकर 2 कटोरी पानी डालकर पकने दें। यदि आप ज्यादा मीठा पसंद करते हैं चीनी की मात्रा बढ़ा दें।
इस रेंडर को देखने से लग रहा है कि, इसमें डुअल रियर कैमरा और 18:9 आस्पेक्ट रेश्यो डिस्प्ले मौजूद हो सकती है. Xiaomi Redmi Note 5 14 फ़रवरी को भारत में लॉन्च होने जा रहा है. यह कंपनी का भारत में इस साल लॉन्च होने वाला पहला फ़ोन होगा. वैसे तो Xiaomi Redmi Note 5 के बारे में अभी तक कई लीक सामने आ चुके हैं, लेकिन अब इस फ़ोन का एक नया रेंडर सामने आया है. जिसको देख कर तो लग रहा है कि, यह Redmi 5 Plus से काफी अलग होगा, बता दें कि, पहले कहा जा रहा था कि, शाओमी Redmi 5 Plus को भारत में Xiaomi Redmi Note 5 के नाम से लॉन्च कर सकती है. इस नए रेंडर को देखने से लग रहा है कि, यह फ़ोन 18:9 आस्पेक्ट रेश्यो के साथ आएगा. इसके ऊपर और नीचे के किनारे भी काफी पतले होंगे. इस फ़ोन के रियर हिस्से में डुअल रियर कैमरा सेटअप मौजूद होगा. इसके ठीक नीचे LED फ़्लैश और फिंगरप्रिंट सेंसर भी मौजूद होगा. इसकी ऐन्टेना लाइन्स भी साफ़-साफ़ नज़र आती हैं. उम्मीद है कि, Xiaomi Redmi Note 5 में फुल HD+ रेजोल्यूशन वाली 5.99-इंच की डिस्प्ले मौजूद होगी. साथ ही यह स्नैपड्रैगन 636 या 630 प्रोसेसर से लैस होगा. फ़ोन में 4GB की रैम के साथ ही 32GB और 64GB स्टोरेज का ऑप्शन भी मिलेगा. यह 4100mAh की बैटरी से भी लैस हो सकता है.
क्लेयर मेडिगन/हेनरिटा ग्राहम। ज्यादातर वयस्कों का 20 साल से 50 साल की आयु के बीच एक साल में 0. 5 से लेकर एक किलोग्राम तक वजन बढ़ता है जिससे कुछ लोग धीरे-धीरे मोटापे का शिकार हो जाते हैं। वजन बढ़ने का कारण अक्सर आवश्यकता से अधिक मात्रा में भोजन करना नहीं होता है। इसके बजाय कम-कम भोजन करने से वजन बढ़ता जिससे हम करीब 100-200 अतिरिक्त कैलोरी ले लेते हैं जो हर दिन आवश्यक कैलोरी से अधिक होता है। अच्छी खबर यह है कि हम अपने आहार या शारीरिक गतिविधि में छोटे बदलाव लाकर वजन बढ़ने से रोक सकते हैं। हाल की हमारी समीक्षा में यह पाया गया कि हर दिन 100-200 कैलोरी कम खाना या अतिरिक्त 100-200 कैलोरी बर्न करना दीर्घकाल में अपने वजन बढ़ने से रोकने के लिए पर्याप्त हो सकता है। इसे "छोटे-छोटे बदलावों" के तौर पर जाना जाता है जिसे सबसे पहले मोटापे पर अमेरिकी विशेषज्ञ जेम्स हिल ने लोगों को वजन बढ़ने से रोकने में मदद के लिए 2004 में शुरू किया था। कई छोटे-छोटे अध्ययनों में वजन पर नियंत्रण पाने के लिए छोटे बदलावों वाले इस रुख का इस्तेमाल किया गया है। हमने इन छोटे अध्ययनों के नतीजों को वृहद समीक्षा से जोड़ा ताकि वजन पर नियंत्रण के लिए इस रुख के असर का परिणाम पाया जा सकें। हमने वजन बढ़ने से रोकने के परीक्षणों में करीब 3,000 लोगों और वजन कम होने के परीक्षणों में 372 लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया। अध्ययन में भाग लेने वाले लोगों की उम्र 18 से 60 साल के बीच रही और उनमें से 65 फीसदी महिलाएं थीं। जिन लोगों ने वजन बढ़ने से रोकने के लिए छोटे-छोटे बदलावों को अपनाया उनमें हमने पाया कि आठ से 14 महीने की अवधि में उन लोगों के मुकाबले उनका एक किलोग्राम कम वजन बढ़ा, जिन्होंने इन बदलावों को नहीं अपनाया था। यह तरीका वजन बढ़ने से रोकने में तो प्रभावी साबित हुआ लेकिन यह वजन कम करने के लिए प्रभावी साबित नहीं हुआ। इन परीक्षणों में इस्तेमाल किए गए कुछ सफल तरीके इस प्रकार हैंः -बस से एक स्टॉप पहले उतर जाओ और बाकी का रास्ता पैदल तय करो। आप 10 से 15 मिनट और पैदल चलेंगे और इससे आपको 60 कैलोरी तक बर्न करने में मदद मिल सकती है। घर जाते वक्त भी इसे करने का मतलब है कि आप 120 कैलोरी तक बर्न कर सकते हैं। -चिप्स खाना छोड़ दीजिए। मुख्य आहार के साथ थोड़ी-सी चिप्स खाने से भी सैकड़ों कैलोरी बढ़ सकती है। इसके बजाय आप सलाद खा सकते हैं जो आपको रोज 200 कैलोरी तक कम करने में मदद कर सकती है। -सामान्य के बजाय 'डाइट' पेय पदार्थ पीजिए। हो सकता है कि इसका स्वाद एक जैसा न हो लेकिन इस बदलाव से आप 145 कैलोरी तक कम का सेवन कर सकते हैं। बहरहाल, हाल के अध्ययन से पता चलता है कि डाइट पेय पदार्थ पीना वजन पर नियंत्रण पाने में बहुत कारगर नहीं होता इसलिए बेहतर है कि आप इसके बजाय पानी पीजिए। -'लाते' कॉफी के बजाय 'अमेरिकानो' पीजिए। लाते कॉफी में दूध में 186 कैलोरी तक हो सकती है इसलिए अमेरिकानो कॉफी पीने से वजन बढ़ने से रोका जा सकता है। -भोजन पकाते समय एक चम्मच कम तेल डालें। उदाहरण के लिए जैतून के एक चम्मच तेल में 100 से अधिक कैलोरी होती है इसलिए कम तेल का इस्तेमाल करने से अतिरिक्त कैलोरी से बचा जा सकता है। -अगर आपके पास खाने के लिए कुछ मीठा है तो उसमें से आधा कल के लिए बचा लीजिए। केवल आधी चॉकलेट खाने से करीब 102 कैलोरी कम की जा सकती है। -रात के खाने में एक या दो आलू ही लीजिए। एक भुने हुए आलू में 200 कैलोरी तक हो सकती है। -फोन पर बातचीत चलते हुए कीजिए। अगर आप 30 मिनट फोन पर चलते हुए बातचीत करते हैं तो अतिरिक्त 100 कैलोरी तक बर्न कर सकते हैं। मिठाइयों से बचें। केक, बिस्कुट और अन्य मिठाइयों से परहेज करने से आप अपने आहार में आसानी से 100-200 कैलोरी तक कटौती कर सकते हैं और शायद इससे ज्यादा। -अपने कुत्ते को अतिरिक्त 30 मिनट की सैर पर ले जाइए। इससे आप 150 कैलोरी से अधिक बर्न कर सकते हैं। -इन छोटे-छोटे बदलावों से वजन बढ़ने से रोकने में मदद मिल सकती है। सबसे जरूरी बात यह है कि इन छोटे-छोटे बदलावों को अपनी दिनचर्या में शामिल करना आसान होता है। (लेखक और लेखिका लफबोरो यूनिवर्सिटी में सीनियर रिसर्च एसोसिएट और पीएचडी शोधार्थी हैं। )
पटना, 28 दिसंबर (आईएएनएस)। बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के अन्य हिस्सों में गुरुवार सुबह कोहरा छाया रहा और उत्तर-पछुआ हवाओं के कारण ठंड की ठिठुरन रही। भागलपुर का गुरुवार को न्यूनतम तापमान 6. 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम का सबसे कम तापमान है। मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में कहा, अगले एक-दो दिनों के अंदर तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी। हालांकि, इस दौरान मौसम साफ रहेगा लेकिन देर रात कोहरा छाएगा तथा ठंडी हवा भी चलेगी। पटना मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, पटना का गुरुवार का न्यूनतम तापमान 8. 9 डिग्री सेल्सियस, गया का 6. 9 डिग्री तथा पूर्णिया का 11. 1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पटना का गुरुवार को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने की संभावना है।
सलमान खान की चर्चित फिल्म 'रेस-3' का हाल ही में मोशन लोगो रिलीज़ हुआ हैं. फिल्म के मोशन लोगो को खुद भाईजान ने अपने ट्वीटर अकाउंट से शेयर किया हैं. इस मोशन लोगो के बैकग्राउंड में सलमान की आवाज सुनाई दे रही हैं जिसमे सलमान कहते हैं- 'ऑन योर मार्क्स, गेट सेट रेडी गो' और इसके बाद रेस-3 का लोगो आ जाता हैं. इस वीडियो में एक फीमेल की भी आवाज आती हैं जो कहती हैं 'सलमान खान इज रेडी. ' सलमान ने मोशन लोगो को शेयर कर मूवी रिलीज़ के बारे में भी बताया हैं. उन्होंने वीडियो शेयर कर कैप्शन में लिखा हैं कि- '3 महीने बाद. . . ' आपको बता दे रेस-3 में सलमान खान के साथ जैकलीन फर्नांडीज, अनिल कपूर, बॉबी देओल, डेजी शाह और साकिब सलीम जैसे कलाकर नजर आएँगे. रेस के पिछले दो पार्ट में सैफ अली खान मुख्य किरदार में नजर आए थे. लेकिन इस बार सलमान खान मुख्य किरदार में नजर आने वाले हैं. सलमान इस फिल्म को लेकर बहुत उत्साहित हैं. रेस-3 सलमान खान की वर्ष 2018 की पहली फिल्म होगी और उनकी दूसरी फिल्म दबंग-3 होगी जो कि दिसंबर में रिलीज़ होगी. इन दिनों रेस-3 की आखिरी चरण की शूटिंग चल रही हैं. फिल्म की शूटिंग अबूधाबी में हो रही हैं. आपको बता दे रेस-3 15 जून को ईद के मौके पर रिलीज़ होगी.
पाक दुनिया में कॉकटेल हैं, जो हो सकता हैराष्ट्रीय कहा जाता है। यह "रफ" है - एक सम्मानित पेय, शायद पूरे सोवियत अंतरिक्ष में। सबसे अधिक संभावना है कि उनका सूत्र दुर्घटना से लिया गया थाः प्रकृति में सभी प्रतिभा की तरह, यह बहुत ही सरल और प्रभावी है। "रफ" शब्द से हमें क्या समझने के लिए उपयोग किया जाता है - एक पेय जिसमें बियर और वोदका शामिल है - वास्तव में कई भिन्नताएं हैं, जिन्हें हम आज के लेख में अधिक विस्तार से चर्चा करेंगे। और वहां पहले से ही सभी को अपने आप पर फैसला करना होगाः इसे आज़माएं या नहीं? बोरी स्टालों में सोवियत संघ में वोदका नहीं हैलोगों को बहुत नशे में आने से रोकने के लिए, या किसी अन्य कारण से, प्राथमिकता जमा की गई थी। बियर को कमजोर बेचा गया था, और अक्सर, पहले से ही अनजाने में तलाकशुदा - विशेष रूप से आप नशे में नहीं जाते हैं। और दोस्तों के साथ काम करने के बाद, कई बैठना और पीना चाहते थे। और फिर हमारे सरल लोग "रफ" के साथ आए - पेय वास्तव में सरल और प्रभावी है। बियर ग्लास से बियर के कुछ सिप्स पीते थे और मेजबान के नीचे सेल्सवूम की सतर्क आंखों से अनजान थे, कमी को उसी "सफेद" के साथ भर दिया गया था। तब मग वापस टेबल पर आया, और वोदका के साथ मिश्रित बियर धीरे-धीरे बिना जल्दी चूसने लगा। पीले रंग की भूरे रंग की बियर में वोदका पूरी तरह से भंग हो जाती है, इसके रंग के पैमाने को बदलने के बिना - अपराध का कोई निशान नहींः आखिरकार, आप के साथ लाएं और शराब पीएं (मजबूत) पेय सख्ती से मना कर दिया गया था! और यहां "रफ" उपस्थिति का एक और दिलचस्प संस्करण है। इस संस्करण के अनुसार, 1 9वीं शताब्दी में पेय दिखाई दिया। व्यापारी वर्ग की आर्थिक आदत थीः एक उत्सव की मेज के बाद, ढेर में, जो कमजोर था, वह सब इकट्ठा करो। इस उद्देश्य के लिए एक विशेष, समर्पित पोत में एक नशे में शराब पीने वाला पेय भी एकत्र किया गया था। इस अग्नि मिश्रण को "एर्शोम" कहा जाता था। यद्यपि वर्तमान समय में, फिर भी, इस अवधारणा को वोदका और बियर का मिश्रण समझा जाता है। तो, क्लासिक "रफ" का सूत्र बहुत सरल है औरकिसी भी परिस्थिति में महसूस करना आसान है, भले ही यह प्रकृति में एक पिकनिक है या मेहमानों के साथ घर की सभा है। एक राष्ट्रव्यापी कॉकटेल हम जरूरत संकलन करने के लिएः गुणवत्ता और घने बियर के मग 0.5 लीटर है, जो एक स्पष्ट हॉप रंगों है, के बारे में 50 ग्राम, और एक अच्छी गुणवत्ता वोदका (यह पूरी तरह से वोदका स्वाद और गंध को दबा के लिए आवश्यक है)। एक मजबूत घटक लिया जा सकता है और अधिक - उदाहरण के लिए, 70-100 ग्राम - चरम के प्रशंसकों के लिए यह खुराक। लेकिन फिर वोदका का स्वाद पहले ही स्पष्ट रूप से महसूस किया जाएगा। इसके अलावा, एक ऐसे पेय से तुरंत नशे में जा सकता है, इसलिए पारंपरिक संस्करण से चिपकना बेहतर होता है। तैयारी सरल हैः एक गिलास के सिप्स (या - कास्ट) से एक सिप लें और वहां वोदका जोड़ें। वे कॉकटेल ठंडा पीते हैं - एक गर्म रूप में वोदका का स्वाद "बाहर निकल सकता है"। हां, और शैली को रखने के लिए मत भूलना, "रफ" को एक "रस्टी" मछली के रूप में जमा करने के लिए, जैसे टेबल पर दस्तक देना और स्केल और हड्डियों को संग्रहित करने के लिए एक समाचार पत्र संभव है। तब सब कुछ रैंक द्वारा रैंक किया जाएगा। खैर, गंभीरता से, "रफ" को बड़े सिप्स में पीने के लिए सिफारिश की जाती है, लगभग एक गिल्प में। आप नमक के किनारों के साथ मग के किनारों को छिड़क सकते हैंः इतना स्वादिष्ट। और देखो, दूर नहीं ले जाओ। कुछ मग - और पर्याप्तः यह आपके लिए बीयर नहीं है, ऐसे कॉकटेल से नशा तेजी से है। यह इस तथ्य के कारण हासिल किया जाता है कि बियर में निहित कार्बन डाइऑक्साइड गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में श्लेष्म को प्रभावित करता है, जिससे रक्त में एथिल शराब की तीव्र अवशोषण को सुविधाजनक बनाया जाता है। "रफ" (पीना) अभी तक पकाएं कैसे? "रफल" कॉकटेल के इस संस्करण को "ब्राउन बीयर से व्हाइट, और बैक" कहा जाता है। यह "रफ" (मादक पेय) बेहतर पुरुषों की फोम दलों, जहां आप एक प्रतियोगिता के लिए व्यवस्था कर सकते हैं अनुकूल हैंः जो सबसे अधिक स्थिर हो जाएगा? हम बियर का एक मग लेते हैं और इससे एक सिप लेते हैं। रिक्त स्थान वोदका से भरा हुआ है (और बियर और मजबूत अल्कोहल ठंडा किया जाना चाहिए)। बाद - कुछ समय के बाद - यहां तक कि जहाज से की चुस्की लें और मिश्रण फिर से वोदका पूरित किया गया था (एक मग में पेय की पूरी स्पष्टीकरण जब तक प्रक्रिया दोहराएँ)। इस प्रकार, ब्राउन भालू सफेद हो जाता है। सर्कल में तरल लगभग पारदर्शी रंग हो जाएगा करते हैं, तो फिर से भरने के लिए शुरू, बियर और एक घूंट की एक घूंट ले जाता है। Feasts विशेषज्ञों का कहना है, कई जो सफेद भालू कि जिस तरह से मुलाकात कर रहे हैं, लेकिन केवल सबसे लगातार और मजबूत फिर से लिग्नाइट को पूरा करने में सक्षम हैं (यानी - जब मग में तरल का रंग फिर से बियर में बदल जाता है, पीले-भूरे रंग का)।
स्वस्थ रहें सौ वर्ष जिएं- शरीर देव मन्दिर है - अर्थात् गर्भाशय में शुक्र और शोणित जब आत्मा, प्रकृति और विकारों से मिलते हैं तो उसे गर्भ कहा जाता है । उस चेतनायुक्त गर्भ को वायु विभक्त करता है, तेज उसको पक़ाता है, जल उसको गीला करता है, पृथ्वी उसको संगठित करती है तथा आकाश उसको बढ़ाता है । इसी प्रकार बढ़ा हुआ गर्भ जव हाथ, पैर, जिह्वा, नासिका, कर्ण, नितम्ब आदि अंगों से युक्त होता है तो 'शरीर' संज्ञा को प्राप्त होता है । 'यत्पिण्डे तद्ब्रह्माण्डे' के अनुसार यह शरीर वैसा ही है, जैसा यह ब्रह्माण्ड । जैसा कि पीछे उल्लेख किया जा चुका है कि यह शरीर आठ चक्र (मूलाधार चक्र, स्वाधिष्ठान चक्र, मंणिपूरक चक्र, अनाहत चक्र, विशुद्ध चक्र, आज्ञा चक्र, ब्रह्मरन्ध्र और सहस्रार चक्र) और नव द्वारों (दो कान, दो आँखें, एक मुँह, दो नासिका छिद्र, एक गुदा और एक मूत्र मार्ग - इस प्रकार नौ द्वार) वाली अयोध्या पुरी है - अष्ट चक्रा नव द्वारा देवानां पुरयोध्या । ( अथर्व. 10-2-31 ) इस नौ द्वार वाले पिंजड़े में आत्मा रूपी पक्षी रहता है । यह आश्चर्य की बात है कि नौ द्वार होने पर भी यह उड़ता नहीं, निरन्तर चेताता है कि इस शरीर को स्वस्थ और शतऋतु बनाओ या 'चेत रे गुमानी ये तन फेरि ना मिले, माया संग ना चले' के रूप में ज्ञान देता है । पंच तत्वों के सम्मिश्रण से शरीर का निर्माण किस प्रकार होता है, आयुर्वेद शास्त्र में इसका विशद और सूक्ष्मातिसूक्ष्म वर्णन है । इसकी गूढ़ चर्चा में न जाकर इतना कहना उचित होगा कि तुलसी नेक्षिति जल पावक गगन समीरा । पंच तत्व यह अधम शरीरा ॥ - गाकर इस गूढ़-ज्ञान को भारत के जन-जन और घर-घर तक पहुँचा दिया है । शरीर निर्माण के इन पांच घटकों का सन्तुलन में रहना आवश्यक है । इनके सन्तुलन से शरीर व इन्द्रियों का सन्तुलन तो रहता ही है, दीर्घायु या अल्पायु का होना भी इन्हीं के सन्तुलन पर निर्भर करता है । इन पाँचों तत्वों के सन्तुलन एवं नियमन के लिए ही आयुर्वेदज्ञों ने त्रिस्तम्भों (वात-पित्त-कफ) की खोज की । इनके सम स्थिति में रहने से क्षिति, जल आदि पाँचों तत्व भी सन्तुलन की स्थिति में आ जाते हैं और मनुष्य स्वस्थ रहता है । इन का सन्तुलन ठीक न होने की दशा में व्यक्ति अनेक प्रकार की व्याधियों से ग्रस्त हो जाता है और अन्त में पंच महाभूतों का विघटन होकर सभी तत्व अपने मूल तत्वों में विलीन हो जाते हैं । यही व्यक्ति की मृत्यु है । अतः यह देव मन्दिर सुख, स्वास्थ्य और दीर्घायु को प्राप्त हो तथा सांसारिक सफलताओं और आध्यात्मिक सिद्धियों के प्रकाश से जगमगाये, इसके लिए इसे स्वस्थ रखने की आवश्यकता है ।
चमोली। कर्णप्रयाग ब्लाक के मैखुरा गांव में चण्डिका मंदिर से बीते दिनों हुई अष्ट धातु की मूर्ति को पुलिस ने आज ग्रामीणों की सूचना पर गांव से 8 किलोमीटर दूर जंगल से बरामद कर लिया है, पूर्व में भी इसी चण्डिका के मंदिर से मूर्ति चोरी हुई थी मगर पुलिस ने मूर्ति चोरों से मूर्ति को बामुश्किल बरामद भी कर लिया था। बीते दिनों फिर एक बार इसी मंदिर से चोरी होने के बाद पुलिस ने मूर्ति चोरी की बरामदगी के लिए जगह- जगह खोजबीन व सघन चैकिग शुरू कर दी थी मूर्ति का वजन अधिक होने व सघन चैकिग होने के कारण चोर मूर्ति को दूर नही ले जा सके व जंगल में झाड़ियों व घास के पीछे छुपा गये। दोपहर को कुछ महिलाए घास लेने सोवती देवी,विमला देवी, सुरेन्द्र कुमार, जंगल गयी तो उनको चट्टान पर कुछ प्रतित हुआ उन्होंने इसकी जानकारी देवी मैखुरी व पुजारी जगदम्बा प्रसाद को दी उन्होंने पुलिस को सूचना दी की उनको चट्टान पर कुछ मूर्ति जैसा कुछ प्रतीत हो रहा है।
कोलकताः पश्चिम बंगाल में पशु तस्करी मामले में अरेस्ट किए गए तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल की रिहाई को लेकर विशेष न्यायाधीश को धमकी देने का मामला सामने आया है। धमकी में कहा गया है कि यदि अनुब्रत मंडल को इस मामले में जमानत नहीं दी गई, तो उनके (जज के) परिवार को झूठे मुक़दमे में फंसा दिया जाएगा। विशेष न्यायाधीश की ओर से इस मामले की शिकायत कर दी गई है और कार्रवाई की मांग की जा रही है। बताया जा रहा है कि राजेश चक्रबर्ती नामक न्यायाधीश को किसी बप्पा चटर्जी नाम के व्यक्ति से एक पत्र मिला है। उसमें स्पष्ट कहा गया है कि यदि अनुब्रत मंडल को जमानत नहीं दी गई तो जज के परिवार को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS) के तहत किसी केस में फंसा दिया जाएगा। पत्र में लिखा है कि आपको आदेश दिया जाता है कि TMC नेता अनुब्रत मंडल को फ़ौरन छोड़ दिया जाए। ऐसा नहीं होने पर आपके परिवार पर NDPS के तहत केस दर्ज करवाया जाएगा। ये बात आपको पहले ही बता दी गई है। बता दें कि जिस मामले में अनुब्रत मंडल अरेस्ट हुए हैं, वो अवैध मवेशियों की तस्करी से संबंधित है। साल 2020 में CBI ने BSF के एक पूर्व कमांडर को अरेस्ट किया था। उससे पूछताछ के बाद ही इस मामले के तार अनुब्रत मंडल तक पहुंचे थे। फिर इसी साल 11 अगस्त को CBI ने जांच का दायरा बढ़ाते हुए TMC के जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल को अरेस्ट किया। बता दें कि, मंडल, ममता बनर्जी के बेहद करीबी माने जाते हैं और बंगाल में उनकी एकतरफा तूती बोलती है। ऐसे में भाजपा का आरोप है कि, TMC और ममता बनर्जी, अनुब्रत मंडल को बचाने के लिए जज को धमका रहीं हैं। 'राहुल गांधी से जबरदस्ती नहीं कर सकते. . ', दिग्विजय सिंह ने क्यों कही ये बात ?
आर्थिक मंदी के मार से जूझ रहे पर्यटन उद्योग के लिए मुंबई में हुए विस्फोटों ने मुश्किलें कई गुना कर दी हैं। माना जा रहा है कि भारत से बाहर जाने वाले और यहां आने वाले पर्यटकों की तादाद में इस हमले के बाद तेजी से गिरावट आएगी। पर्यटन कंपनियों को अंदेशा है कि दिसंबर में जहां उन्हें जबरदस्त कारोबार मिलता था, इस बार हालात उलटे रहेंगे। इस बार उन्हें कारोबार में 25 से 30 फीसद की गिरावट आने के आसार दिख रहे हैं। ट्रैवल कंपनियों के अधिकारियों ने एक सुर में कहा है कि मुंबई से आने जाने वाली उड़ानों में एक बड़ा हिस्सा काम के सिलसिले में आने जाने वाले कारोबारियों का होता है। इस पर काफी बुरा असर पड़ेगा। इसके अलावा देश भर के यातायात पर भी इन आतंकी हमलों का असर पड़ेगा। पियर्स ऐंड लेस्ली ट्रैवल कंपनी की प्रबंध निदेशक शोनाली दत्त ने बताया, 'घरेलू कारोबारी उड़ानों पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। हमें दिसंबर में इस कारोबार में बहुत ज्यादा गिरावट आने की आशंका है। क्रिसमस होने के कारण दिसंबर हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण महीना होता है। इस दौरान कई लोग घूमने निकलते हैं। कुल मिलाकर हमारे कारोबार में 30 फीसदी गिरावट आ सकती है। आर्थिक मंदी के कारण पहले ही इस कारोबार में काफी गिरावट आई है। ऐसे में इस तरह के आतंकी हमले इस कारोबार के लिए हालात और खराब ही कर रहे हैं। दो देशों के लोगों को जानबूझकर निशाना बनाए जाने की खबर से उन देशों से होने वाले कारोबार में कमी ही आएगी। ' घरेलू यात्रा बाजार में काम करने वाली कंपनी स्टिक ट्रैवल्स के चेयरमैन सुभाष गोयल ने कहा, 'दिसंबर में हमें अपने कारोबार में लगभग 25 फीसदी गिरावट आने की आशंका है। दिल्ली की एक ट्रैवल कंपनी के अधिकारी ने बताया कि अमेरिका में छुट्टी होने के कारण आज कारोबार पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा । लेकिन कल कारोबार पर इसका असर जरूर देखा जाएगा। अधिकारी ने बताया कि कंपनी को एक दिन में ही लगभग 3 लाख डॉलर का नुकसान हुआ है। ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सरकारों ने अपने नागरिकों को मुंबई नहीं जाने की सलाह दी है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी अपने अधिकारियों को निर्देश मिलने तक मुंबई की यात्राएं नहीं करने के लिए कहा है। इन कंपनियों की सूची में यूबीएस, शेल, सीमेन्स, मेरिल लिंच और डयूचे जैसी कंपनियों के नाम भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक मेरिल ने तो अपने कर्मचारियों को दिल्ली की यात्रा भी नहीं करने के लिए कहा है। असर आने वाले समय में ही दिखाई देगा। '
बॉलीवुड डेस्क, मुंबई. स्टार प्लस के पॉपुलर शो इश्कबाज फेम एक्ट्रेस आनिका यानी सुरभि चंदना इन दिनों सोशल मीडिया पर कहर बरसा रही हैं. सुरभि सोशल मीडिया इंस्टाग्राम पर एक बाद एक सेक्सी फोटो शेयर कर रही हैं. फोटो में सुरभि हॉट पेंट और सेक्सी टॉप में नजर आ रही हैं. उनकी सेक्सी फोटो सोशल मीडिया पर काफी पंसद किया जा रहा है. वहीं सुरभि ने कुछ देर बाद एक बार फिर ब्लैक कलर के हॉट पेंट और रेड कलर के सेक्सी टॉप में अपनी फोटो शेयर की हैं. दरअसल सुरभि चंदना इनदिनों मालदीव में छुट्टिया मना रही हैं. सुरभि ने शूटिंग से टाइम निकालकर हॉलिडे पर निकली है, आनिका यानी सुरभि ने अपने बर्थडे पर छुट्टियां मनाने के फैसला लिया था. सुरभि ने हाल ही में अपना 29 वां जन्मदिन सेलिब्रेट किया है. सुरभि का 29 वें बर्थडे पर कोई बड़ी पार्टी ने नहीं बल्कि बीच के किनारे शांति में चॉकलेट केक काटकर अपना बर्थडे सेलिब्रेट किया है. सुरभि के सीरियल की बात करें तो सुरभि अनिका के किरदार में दर्शको का काफी पसंद है. इतना ही नहीं शो में वह अपने सेक्सी अवतार में नजर आती हैं. उनकी ड्रेसिंग स्टाइलिश सीरियल में काफि पसंद किया जाता है खासकर उनका किरदार काफी पसंद किया जाता है, शो में वह काफी चुलबुली हैं. शो में उनकी और शिवाय की जोड़ी को काफी पसंद किया जाता है.
प्रदेश के पॉलिटेक्निक संस्थानों को अब 21वीं सदी के अनुसार विकसित किया जाएगा। इस काम को पूरा करने के लिए प्राविधिक शिक्षा विभाग की ओर से मेधा फाउंडेशन के साथ एक करार हुआ है। इस करार के तहत मेधा पॉलिटेक्निक संस्थाओं के नॉलेज पार्टनर क्र रूप में काम करेगी। यह करार आने वाले अगले पांच सालों के लिए किया गया है। इसमें इंफ्रास्ट्रक्चर, इंडस्ट्री इंटरफेस, शिक्षण-प्रशिक्षण की तकनीक और पाठ्यक्रम में परिवर्तन किया जाएगा। एंटरप्रेन्योरशिप विषय में खासतौर पर बल देकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मेधा संस्था की प्रोजेक्ट मैनेजर नूपुर रमन ने बताया कि पॉलिटेक्निक संस्थानों में एआईसीटीई के मानकों के अनुसार ढांचागत आवश्यकताओं में अंतर पाया गया है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में विभाग द्वारा निगरानी और मूल्यांकन के लिए एक अम्ब्रेला पोर्टल यूआरआईएसई विकसित किया जाएगा, जिससे मूल्यांकन और निगरानी प्रक्रिया सरल और सहज हो सकेगी। साथ ही सिलेबस की बात करें तो कुछ ऐसे पाठ्यक्रम को पढ़ाया जा रहा जो बाजार की मांग के अनुरूप नहीं हैं। इसके लिए मौजूदा पाठ्यक्रम की समीक्षा की जाएगी, गैर-मांग वाले पाठ्यक्रमों को बंद कर नए पाठ्यक्रमों का शुरू किए जाएंगे। रोजगार के अवसर बढ़ाने तथा उनको उद्योग से जोड़ने के लिए केंद्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर प्लेसमेंट सेल बनाने की योजना है। फैकल्टी को विकसित करने के लिए फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम आयोजित किए जाएंगे। This website follows the DNPA Code of Ethics.
आटे के चोकर में दूध और शहद को मिलाएं। अब हल्के हाथों से फेस पर मसाज करें। चेहरे और गर्दन में इस पेस्ट से स्क्रब कर लें। इसके बाद इसे सूखने के लिए छोड़ दें। बाद में पानी से फेस धो लें। फायदा-इससे चेहरे पर ग्लो आता है। हफ्ते में इसे एक बार इस्तेमाल कर सकते हैं। सबसे पहले आपको दो चम्मच मसूर की दाल लेनी होगी। इसके बाद एक चम्मच दही व गुलाब जल मिला लें। इस पैक को अच्छे से मिक्स करने के बाद अपने चेहरे पर लगाएं। ये फेस पैक ऑयली स्किन की समस्याओं को दूर करने में कारगर माना जाता है। इसकी सहायता से स्किन भी ज्यादा सॉफ्ट बन जाती है। इस नुस्खे को इस्तेमाल में लेने के लिए सबसे पहले आपको नीम की पत्तियां धोकर पीसनी होगी। इसके बाद इसमें नींबू का रस मिला लें। आप इस फेस पैक को हफ्ते में तीन से चार बार लगा सकते हैं। इसकी सहायता से चेहरे के दाग-धब्बों से छुटकारा मिल सकता है। खीरे को कद्दूकस कर लें। उसके बाद एक चम्मच नींबू का रस मिला लें। अब इस मिक्स को फ्रिज में रख दें और ठंडा हो जाने पर अपने चेहरे पर लगा लें। आप इससे छुटकारा पा सकते हैं। Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।
फरारी की इस स्पोर्ट कार को सुपरकार (Supercar) बनाता है इसका इंजन, इसमें 3. 0 लीटर ट्विन-टर्बोचार्ज्ड V6 इंजन है. ये 664 hp की पॉवर जेनरेट करता है. लेकिन बात यहीं तक नहीं रुकती, ये कार है एक हाइब्रिड कार और इसमें दी गई इलेक्ट्रिक मोटर 166 hp की पॉवर जेनरेट करती है. इस तरह इस कार की मैक्स पॉवर 830hp और पीक टॉर्क 740 Nm है. Ferrari 296 GTS में हार्डटॉप कन्वर्टिबल छत दी गई है. यानी इस कार की छत को आप बंद भी कर सकते हैं और खुली कार में घूमने का मजा भी उठा सकते हैं. दो हिस्सों में फोल्ड होने वाली इस छत की खास बात से है कि इसे खुलने और बंद होने में सिर्फ 14 सेकेंड का समय लगता है. यानी इसकी स्पीड करीब 45 किमी प्रति घंटा है. Ferrari 296 GTS का पिक-अप 'शानदार' है. ये महज 2. 9 सेकेंड में शून्य से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार हासिल कर लेती है. इतना ही नहीं इसकी टॉप-स्पीड भी 330 किमी प्रति घंटा है. Ferrari 296 GTS को इतनी रफ्तार देने में इसकी एयरोडायनामिक्स का है. कार को एक स्पाइडर की तरह डिजाइन किया गया है ताकि ये हवा की रफ्तार को सटीकता से काट सके. हालांकि Ferrari की कारें अपनी एयरोडायनामिक्स के लिए ही सबसे ज्यादा पहचानी जाती हैं. Ferrari 296 GTS को कंपनी ने Coupe स्टाइल का बनाया है. कार का डैशबोर्ड एकदम कॉकपिट स्टाइल का है और पूरी तरह से डिजिटल इंटरफेस वाला है. इसका डुअल टोन कलर वाला इंटीरियर लुक मिनिमलिस्टिक है. वहीं स्टीयरिंग व्हील के पास कार के सारे फंक्शन काम करते हैं. यानी सारे फीचर्स ड्राइवर के हैंडी हैं. नई Ferrari 296 GTS इसी साल इंडियन मार्केट में आने की उम्मीद है. हालांकि अभी इसकी कीमत साफ नहीं है, लेकिन ये Ferrari के मौजूदा 296 GTB का ही सिस्टर मॉडल लगता है. Ferrari 296 GTB की कीमत लगभग 3 लाख यूरो (करीब 2. 48 करोड़ रुपये) है.
परम आत्मीय स्वजन, "तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ " (बह्रः बहरे हज़ज़ मुसद्दस महजूफ) मुशायरे की शुरुआत दिनाकं 27 जुलाई दिन शनिवार लगते ही हो जाएगी और दिनांक 29 जुलाई दिन सोमवार समाप्त होते ही मुशायरे का समापन कर दिया जायेगा. मुशायरे के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती हैः (सदस्य प्रबंधन समूह) Replies are closed for this discussion. बहुत खूब लक्ष्मन प्रसाद लड़ीवाला जी. रदीफ़ काफिया स्तर पर ग़ज़ल सही है , बहर भी अधिकांशतः निभा गए हैं , कई जगह वजन भंग हुआ है तकती कर के देख लीजिये, आगे आपको सहयोग मिलेगा । बधाई इस प्रस्तुति पर ।
से इस खेल मे काफी तकलीफ मालूम हुई, लेकिन बार-बार गिरने पर भी में म्मत के साथ जुटा रहा और अखीर मे मुझे खूब मज़ा आने लगा । सव मिलाकर इन दिनो हमारी जिन्दगी में कोई खास घटना नही हुई । दिन ।तते गये और धीरे-धीरे मेरी पत्नी ताकत व तन्दुरस्ती हासिल करती गई । वहाँ हम "ोगो को बहुत कम हिन्दुस्तानियों से मिलने का मौका मिला । सच बात तो यह है क उस पहाडी वस्ती में रहनेवाले थोडे-से लोगो को छोडकर और किसीसे हमे मिलने मौका नही मिला । लेकिन हम लोगो ने योरप मे जो एक और तीन-चौथाई साल बताया उसमे हमे बहुत से ऐसे पुराने क्रान्तिकारी और हिन्दुस्तान से निकाले हुए भाई मले जिनके नामो से मैं वाकिफ था । उनमे से श्यामजी कृष्ण वर्मा जिनेवा में एक मकान की सबसे ऊँची मजिल पर अपनी वीमार पत्नी के साथ रहते थे । ये दोनो बुड्ढे मियाँ-बीवी अकेले ही रहते थे। उनके नाथ दिन-भर रहकर काम करनेवाले नोकर न थे, इसलिए उनके कमरे गन्दे पड़े रहते पे, जिनमे दम-सा घुटता था । हर चीज के ऊपर धूल की मोटी तह जमी हुई थी । श्यामजी के पास काफी रुपया था, लेकिन वह रुपया खर्च करने में विश्वास नहीं करते । वह ट्राम मे बैठकर जाने के बदले कुछ पैसे बचा लेना ज्यादा पसन्द करते थे । जो कोई उनसे मिलने जाता उसको वह शक की निगाह से देखते थे और जबतक इसकी उलटी बात साबित न हो जाय तबतक यही मान बैठते थे कि आनेवाले महाशय या तो ब्रिटिश सरकार के एजेन्ट है या उनके धन के गाहक है। उनकी जेवे उनके 'इण्डियन नोगियांलोजिस्ट' नाम के अखबारो की पुरानी कापियो से भरी रहती थी । वह उन्हें खीचपर निकालने और वह कुछ जोश के साथ उन लेखो को दिखाते जो उन्होंने कोई बारह बरभ पहले लिखे थे। वह ज्यादातर पुराने वक्तो की बाते किया करते थे। हैम्स्टीड भ उण्डिया हाउस मे क्या हुआ, ब्रिटिश सरकार ने उनके भेद लेने के लिए कौन-कौन कन्न भेजे और उन्होंने किस तरह उन्हें पहचानकर उनको चकमा दिया, आदि । । उनके कमरो की दीवारे पुरानी किताबो से भरी अलमारियो से सटी हुई थी । उन पिनादो वो पढता-पढाता कोई नहीं था, इसलिए उनपर धूल जमी हुई थी जोर वे जो कोई वहा जा पहुँचता उसकी तरफ दुखभरी निगाहो से देखती-ती मालूम होती और जनवार फर्ज पर भी इधर-उधर पड़े रहते थे। ऐसा मालूम पड़ता 4 भानी ये नई दिनों ओर हफ्तो से, मुमकिन है महीनो से, इसी तरह पड़े हुए है । इस तान जगह में शोक की छाप-सी, हास की हवा- नी छाई हुई थी। जिन्दगी वहा माम पडतीपी जैने कोई जनचाहा जजननी पुन जाना हो । बेरे नार ऐना दर-ना मानपानी होने से नही
दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अभी दिल्ली में सिनेमा हॉल और स्कूल को खोलने की इजाजत नहीं प्रदान की है। दिल्ली आपदा प्रबंधन की हाल ही में बैठक हुई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली में सभी पाबंदियां 31 अक्टूबर तक ऐसे ही जारी रहेंगी। नई दिल्लीः केंद्र सरकार के अनलॉक पांच के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी है। सरकार की तरफ से देश में सीमित संख्या के साथ सिनेमा हॉल खोलने के निर्देश दे दिए हैं। लेकिन इसके बावजूद दिल्ली में फिलहाल सिनेमा हाॅल बंद रहेंगे। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अभी दिल्ली में सिनेमा हॉल और स्कूल को खोलने की इजाजत नहीं प्रदान की है। दिल्ली आपदा प्रबंधन की हाल ही में बैठक हुई थी जिसमें यह निर्णय लिया गया कि दिल्ली में सभी पाबंदियां 31 अक्टूबर तक ऐसे ही जारी रहेंगी। इसकी वजह से यहां स्कूल और सिनेमा हॉल अभी नहीं खुलेंगे। वहीं इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि एक जोन में प्रतिदिन दो साप्ताहिक बाजार लगाने की इजाजत दी गई है। गौरतलब है कि अनलॉक- 5 में दिल्लीवासियों को कई और आर्थिक अन्य गतिविधियों में छूट दी जाएंगी, लेकिन उन्हें निराश होना पड़ा है। देश में अनलॉक-5 के लिए गृह मंत्रालय की तरफ से गाइडलाइनंस जारी कर दी गई हैं। केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन में बताया गया है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और कंटेनमेंट जोन को छोड़कर पूरे देश में सारी गतिविधियां अगले पंद्रह दिनों में शुरू हो जाएंगी। इस गाइडलाइंस के मुताबिक देश में 15 अक्टूबर से सिनेमा हॉल खुल सकेंगे। केंद्र सरकार ने कोरोना की वजह पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया था जिसे अब धीरे-धीरे खोला जा रहा है। अब अनलॉक की प्रकिया को सरकार ने जून महीने से शुरू किया है तब से अब तक (अनलॉक-5) काफी आर्थिक गतिविधियों को मंजूरी मिली है। इस बाद अब सरकार ने व्यापार मेला, स्वीमिंग पूल और इंटरटेनमेंट पार्क को कुछ शर्तो के साथ खोलने की इजाजत दी है। गृह मंत्रालय ने जारी गाइडलाइंस में स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थानों को भी खोलने की इजाजत तो दी है, लेकिन इस पर फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ दिया गया है। तो दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने फिलहाल अभी दिल्ली में इन्हें खोलने पर सहमति नहीं है। भारत में कोरोना का कहर अभी जारी है। संक्रमित मरीजों का संख्या बढ़ रही है, लेकिन रिकवरी रेट बढ़ने से संक्रमितों के स्वस्थ होने की भी संख्या में इजाफा हुआ है। बात अगर सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की करें तो बीते 24 घंटे में यहां कोरोना वायरस के 3037 नए केस है तो वहीं 40 लोगों की मौत हो गयी। दरअसल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पहले के मुकाबले कोरोना संक्रमण का प्रसार कम हुआ है, हालांकि दो से 3 हजार तक के केस रोजाना अब भी आ रहे हैं। दिल्ली में अब तक कोरोना के 2 लाख 79 हजार 715 मामले हैं तो वहीं मृतों की संख्या 5,361 है। देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।
Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी मैदान में उतरने की तैयारी कर ली है. प्रदेश भाजपा नेताओं द्वारा हर विधानसभा क्षेत्र में सभा करने की योजना बनाई गई है. कोलकाता. भारतीय जनता पार्टी की बंगाल ईकाई पंचायत चुनाव को लेकर मैदान में उतर गई है. बंगाल बीजेपी पंचायत चुनाव से पहले राज्य के 294 विधानसभा क्षेत्रों में जनसभाएं करेगी. यह बैठक सोमवार से शुरू होगी और यह जून के पूरे महीने जारी रहेगा. इन सभी सभाओं में बंगाल बीजेपी के अग्रिम पंक्ति के नेता के साथ-साथ केंद्रीय स्तर के नेता भी उपस्थित रहेंगे. बंगाल में कुछ ही महीनों में पंचायत चुनाव होने हैं. तृणमूल के कई नेता और मंत्री अब जेल में हैं. गाय और कोयले की तस्करी के आरोपों के अलावा सरकार शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार में भ्रष्टाचार का आरोप है. इस राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी इस स्थिति का बैलेट बॉक्स में फायदा उठाना चाहती है. बंगाली बीजेपी अगले लोकसभा चुनाव से पहले पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने को बेताब है. इसके लिए बीजेपी कई कार्यक्रम कर रही है. पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने को बेताब भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है. राज्य भाजपा पंचायत चुनाव से पहले राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सभा करेगी. भाजपा का यह कार्यक्रम सोमवार से पूरे जून माह में जारी रहेगा. इन सभी सभाओं में नेता प्रतिपपक्ष शुभेंदु अधिकारी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार, पूर्व सांसद रूपा गंगोपाध्याय, सांसद लॉकेट चटर्जी प्रदेश प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य और पूर्व अध्यक्ष राहुल सिन्हा जैसे नेता शामिल होंगे. ये सभी सभाएं पंचायत चुनाव से पहले बीजेपी के संगठन को मजबूत करने के लिए होगी. कुछ सभाओं में केंद्रीय पर्यवेक्षक भी उपस्थित रहेंगे. हालांकि, बैठक का फोकस राज्य के नेताओं पर है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनाव में वे बाहरी नेताओं से ज्यादा बंगाल के नेताओं पर भरोसा कर रहे हैं. बंगाल भाजपा स्थानीय नेताओं पर फोकस करने की योजना बनाई है और उसकी के अनुसार रणनीति बनाई गई है. प्रधानमंत्री खुद कई सभाओं में शिरकत करेंगे. इस मौके पर प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के अखिल भारतीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद रहेंगे. विधानसभा आधारित सभाओं के अलावा भाजपा का लक्ष्य ब्लॉक भर में लगभग 1,000 सभाएं करने का है. बंगाल भाजपा पंचायत चुनाव के माध्यम से अपना संगठन मजबूत करना चाहती है, क्योंकि अगले साल ही पूरे देश में लोकसभा का चुनाव है. भाजपा लोकसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत के साथ बंगाल में उतरने की तैयारी कर रही है.
शिवणे (जिला पुणे) : छत्रपति शिवाजी महाराज ने केवल १६ वर्ष की आयु में मूट्ठीभर मावलों (सैनिक) के साथ रायरेश्वर की पिंड पर रक्त का अभिषेक कर 'हिन्दवी स्वराज्य' के स्थापना की शपथ ली। हिन्दुओं का उत्पीडन करनेवाली ५ पातशाहियों को नष्ट कर 'हिन्दवी स्वराज्य' की स्थापना की। अब हम सभी छत्रपति शिवाजी महाराज की भांति 'हिन्दू राष्ट्र' की स्थापना हेतु सिद्ध होकर उसका जागरण करेंगे। हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले ने ऐसा आवाहन किया। तब सभी ग्रामवासियों ने 'हिन्दू राष्ट्र' हेतु संघटित होने का निश्चय किया ! शिवणे के ग्रामवासियों की ओर से २७ अप्रैल को आयोजित की गई सभा में वे, बोल रहे थे। इस अवसरपर व्यासपीठ पर सर्वश्री ह. भ. प. विलास महाराज दळवी, तुकाराम टिळे एवं समिति के श्री. अशोक टिळे उपस्थित थे। इस सभा में गांव के धर्माभिमानी सर्वश्री विनायक टिळे, समीर गायकवाड, रामदास म्हस्के, नवनाथ घारे, दिनेश शिंदे, अविनाश देसले, अजिंक्य टिळेसहित २०० हिन्दुत्वनिष्ठ ग्रामवासी उपस्थित थे। श्री. गोखले ने आगे कहा, .... १. संस्कृत भाषा श्रेष्ठ एवं चैतन्यमय है। छत्रपति शिवाजी महाराज ने छत्रपति संभाजी महाराज को संस्कृतप्रचुर भाषा में शिक्षा दी। इससे उन्होंने स्वभाषाभिमान कैसा होना चाहिए, यह दिखा दिया। हमें भी अपने बच्चों को स्वभाषा में शिक्षा देकर उनको समृद्ध बनाना होगा ! २. छत्रपति शिवाजी महाराज ने जिस प्रकार से लाल महल में घूसकर शाहिस्तेखान की उंगलिया काट दीं और उसको वहां से भाग जाने के लिए विवश किया, उसी प्रकार से आज हमें भारत में बसे बांग्ला देशी एवं रोहिंग्या मुसलमानों को निकाल बाहर कर देना चाहिए ! ३. अफजलखान ने स्वराज्यपर आक्रमण करते समय पंढरपुर एवं तुळजापुर के मंदिरों को तोड दिया, उस समय छत्रपति शिवाजी महाराज ने उसके साथ आज के निधार्मिवादियों की तरह बातचीत कर या फिर क्रिकेट का खेल न खेलते हुए अपना प्रखर धर्माभिमान उसे दिखा दिया ! ४. 'लव्ह जिहाद' का संकट बहुत बढ रहा है। 'लव्ह जिहाद' के माध्यम से प्रतिवर्ष भारत की ४. ५ लाख हिन्दू लडकियों का धर्मांतरण किया जाता है। इस संकट को नष्ट करने हेतु 'हिन्दू राष्ट्र' की स्थापना ही होनी चाहिए ! १. सभा के पहले शिवणे गांव में ढोल-ताशे की गूंज में सुशोभित रथ में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति की शोभायात्रा निकाली गई ! २. शिवणे ग्रामवासियों ने 'हिन्दू राष्ट्र' की स्थापना होनेतक संघटित होकर वैधानिक पद्धति से लडने की शपथ ली ! ३. सभास्थलपर सनातन की ओर से सात्त्विक उत्पाद एवं ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई, उसे भी उत्स्फूर्त प्रतिसाद प्राप्त हुआ ! १. सभा में रखे गए विचारों से प्रभावित होकर युवाओं ने करंज गांव में भी धर्मजागृति सभा के आयोजन की मांग की ! २. ग्रामवासियों ने एकमत से धर्माचरण हेतु प्रधानता लेकर 'हैलो' के स्थानपर 'नमस्कार' कहने की प्रतिज्ञा ली ! परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृतमहोत्सव के उपलक्ष्य में 'हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान' ! गवळीवाडी (मिरज) : 'हिन्दू राष्ट्र जागृति अभियान' के अंतर्गत यहां ४ मई को जाहिर 'हिन्दू धर्मजागृति सभा' का आयोजन किया गया है। सभा के नियोजन के हेतु यहां के श्रीकृष्ण मंदिर में २८ अप्रैल को बैठक का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर सर्वश्री लक्ष्मण गवळी, विष्णु गवळी, अरविंद गवळी, राजू गवळी, विक्रम गवळी, युवराज गवळी, अनिल गवळी, संजय गवळी, मुरलीधर गवळी, सुरेश गवळी, खंडेराजुरी के उपसरपंच श्री. रोकडे तथा हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता एवं सनातन संस्था के साधक उपस्थित थे। सभी ने यह सभा सफल करने का निश्चय व्यक्त किया।
न्यूजीलैंड के पूर्व ऑल राउंडर डेनियल विटोरी 700 अंतरराष्ट्रीय विकेट ली हैं और 18 साल लंबे अपने करियर में छह टेस्ट शतकों के साथ 7000 रन बनाए हैं। विटोरी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्हें गेंदबाजी करना उनके लिए सबसे मुश्किल काम होता था। उनसे यह पूछा गया था कि किस बल्लेबाज को गेंदबाजी करने में उन्हें सबसे ज्यादा कठिनाई होती थी। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विकेटकीपर और धाकड़ बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट का भी नाम लिया। न्यूजीलैंड के बेस्ट स्पिनर हाल ही में ईएसपीएन क्रिकइंफो पर लोगों के सवालों के जवाब दे रहे थे। 40 वर्षीय पूर्व गेंदबाज विटोरी ने सवाल जवाब के इस इंटरएक्टिव सेशन में कई दिलचस्प तथ्यों का खुलासा किया। इसमें उन्होंने राहुल द्रविड़ को नाम सकसे मुश्किल बल्लेबाज के रूप में लिया, जिन्हें गेंदबाजी करना उनके लिए कठिन था। जब उनसे यह पूछा गया कि किस एक खिलाड़ी को वह अपनी टीम में चाहते हैं तो उन्होंने कहा- विराट कोहली। गौरतलब है कि डेनियल विटोरी और विराट कोहली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की तरफ से साथ खेल चुके हैं। विटोरी 2011-12 में आईपीएल टीम के कप्तान थे। विराट कोहली ने उन्हें रिप्लेस करके ही कप्तानी संभाली थी। विटोरी के नेतृत्व में 2011 में आरसीबी की टीम फाइनल में पहुंची थी, जब कोहली के नेतृत्व में टीम 2016 में फाइनल में पहुंची।
उपभोक्ताओं को महंगे टमाटरों से फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही। देश के कई हिस्सों में बारिश के कारण आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से बृहस्पतिवार को टमाटर की खुदरा कीमत 162 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गईं। सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्रालय ने जुलाई महीने में 10 लाख बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन घटाने का फैसला किया है जो कि अगस्त तक जारी रहेगा। सऊदी अरब की सरकारी न्यूज एजेंसी ने बताया कि अगस्त में उसका तेल उत्पादन प्रतिदिन 90 लाख बैरल प्रतिदिन होगा। मानसून के आते ही कृषि क्षेत्र में मांग घटने और वाहनों की आवाजाही कम होने से जून में डीजल की बिक्री घटी है। जून में डीजल की खपत सालाना आधार पर 3. 7 प्रतिशत घटकर 71 लाख टन रही। सोने के वायदा भाव की शुरुआत आज तेजी के साथ हुई, जबकि चांदी के वायदा भाव गिरावट के साथ खुले। हालांकि बाद में इसमें भी तेजी देखी जाने लगी। चांदी के वायदा भाव 72 हजार रुपए और सोने के वायदा भाव 59 हजार रुपए से ऊपर कारोबार कर रहे हैं। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम में गिरावट जारी है। सोमवार, 19 जून 2023 को डब्लूटीआई कच्चा तेल 0. 86 फीसदी गिरकर 71. 31 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है। वहीं ब्रेंट क्रूड ऑयल 0. 42 फीसदी गिरकर 75. 93 डॉलर प्रति बैरल पर है। इस बीच, देश के तेल कंपनियों ने फ्यूल के नए रेट जारी किया है। मानसून के आगमन के साथ खेती के लिए डीजल, पेट्रोल की मांग कम होने और यातायात गतिविधियां घटने से जून के पहले पखवाड़े में इन वाहन ईंधनों की बिक्री में गिरावट आई है। उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। वेडिंग सीजन के रौनक के बीच सोना खरीदारों के लिए अच्छी खबर है। भारत में सोने के दाम 15 जून को कई शहरों में 60,000 रुपए से ऊपर रहे। सुबह 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 60,050 रुपए थी। वृष राशि वालों मार्केटिंग से जुड़े लोगों के लिए दिन खास रहेगा। कार्यक्षेत्र में नए लोगों से थोड़ा संभल कर रहने की जरूरत है। मिथुन राशि वालों सरकारी कामों में आप उच्च पद हासिल कर सकते हैं। खर्चों के बढ़ने से आर्थिक स्थिति डगमगा सकती है। कर्क राशि वालों आज आपको करियर से जुड़े बढ़िया नतीजे हासिल होंगे। कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता मिलेगी। तुला राशि वालों कार्यक्षेत्र में आज आपको उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। अधिकारी वर्ग आपकी भावुकता का फायदा उठा सकते हैं। वृश्चिक राशि वालों किसी परिचित व्यक्ति की मदद से बड़ा ऑर्डर प्राप्त हो सकता है। व्यवसाय में भाग्य आपके पक्ष में है। मकर राशि वालों कलात्मक गतिविधियों के जरिए आपको नई पहचान मिलेगी। प्रॉपर्टी पर निवेश करने के योग बन रहे हैं। कुंभ राशि वालों कार्यक्षेत्र में एक नया मुकाम हासिल करेंगे। घूमने-फिरने के लिहाज से आज का दिन बेहतर रहेगा। Be on the top of everything happening around the world. Try Punjab Kesari E-Paper Premium Service.
सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, आदित्यनाथ ने कहा कि, आने वाले दिनों में दीवाली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान एकादशी, अयोध्या दीपोत्सव, वाराणसी देव दीपावली और छठ महापर्व जैसे त्योहार मनाए जाएंगे। इसके अलावा बलिया का दादरी मेला, अयोध्या में पंचकोसी, 84 कोसी परिक्रमा, प्रयागराज में कार्तिक पूर्णिमा स्नान, हापुड़ का गढ़मुक्ते श्वर मेला भी इसी अवधि में लगने हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, "कानून-व्यवस्था की ²ष्टि से समय संवेदनशील है और पुलिस को सतर्क रहना चाहिए। " उन्होंने अधिकारियों को निरंतर संवाद बनाए रखने और विभिन्न समुदायों के सभी सदस्यों से सहयोग लेने का निर्देश दिया ताकि त्यौहारों को शांति और सद्भाव के साथ आयोजित किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि, "लम्पी वायरस के डर को देखते हुए बलिया में दादरी मेले के दौरान लगने वाले पारंपरिक पशु मेले को स्थगित करना अच्छा रहेगा। " उन्होंने अधिकारियों से इस संबंध में पशुपालकों को समय पर सूचना देने को कहा। पशु मेला स्थगित करने के साथ-साथ लोगों को लम्पी वायरस से बचाव के प्रति भी जागरूक किया जाए। अधिकारियों को त्यौैहारों के दौरान निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, "पूर्व में बेमौसम बारिश के कारण 15 जिलों में करीब 15 लाख की आबादी प्रभावित हुई है। मैंने खुद ऐसे इलाकों का दौरा किया है, प्रभावित लोगों से बातचीत की है। बाढ़ प्रभावितों में राहत कार्य में कोई देरी नहीं होनी चाहिए। " "प्रत्येक गांव के लिए नोडल अधिकारी तैनात कर राहत कार्य तेज किया जाए। प्रभावित परिवारों को सभी आवश्यक सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए। तैयार भोजन और सूखा राशन वितरित करें। जहां जलभराव हो, वहां जानवरों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया जाना चाहिए। इन स्थलों पर पशुओं के चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। सांप रोधी विष की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। " मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यापक स्वच्छता, सेनिटाइजेशन और फॉगिंग का काम मिशन मोड पर किया जाना चाहिए। प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का सर्वे कराकर उपलब्ध चिकित्सकों एवं दवाओं की उपलब्धता की रिपोर्ट मांगी। जहां आवश्यक हो वहां तत्काल चिकित्सक की तैनाती की जाए। आदित्यनाथ ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एटीएम और टेलीकंसल्टेशन को और प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
पॉपुलर सिंगर उदित नारायण के बेटे, गायक और होस्ट आदित्य नारायण (Aditya Naryan) और श्वेता अग्रवाल झा (Shweta Agarwal) हाल ही में माता- पिता बने हैं. आदित्य के घर एक नन्ही परी आई है. अब उनके फैंस उनकी बेटी की फोटो और नाम जानने के लिए बेकरार है. ऐसे में आदित्य ने अपने चाहने वालों को अपनी बेटी का नाम बता दिया है. आदित्य नारायण 24 फरवरी को पिता बने और उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि हमेशा से ही वो एक बेटी ही चाहते थे. आदित्य ने इंस्टाग्राम पर सवाल- जवाब सेशन रखा था. इस दौरान फैंस ने उनकी बेटा का नाम पूछा. इसपर सिंगर ने बताया, 'त्विषा नारायण झा. ' इस पोस्ट के साथ उन्होंने बताया कि, मैं इकलौता इंसान था पूरे परिवार में जो बेटी के लिए नाम खोज रहा था. जबकि सभी बेटे का नाम खोज रहे थे. आदित्य नारायण से उनके चाहने वालों ने उनकी बेटी की तसवीर दिखाने के लिए कहा. इसपर सिंगर ने जवाब दिया उसकी मां की अनुमति चाहिए. साथ ही लिखा कि बड़ों का कहना है कि, यह जन्म के 40 दिनों के बाद होना चाहिए. एक फैन ने त्विषा का मतलब भी पूछा. इसपर उन्होंने बताया कि इसका मतलब रौशनी, सूर्य की रौशनी है. गौरतलब है कि हाल ही में आदित्य नारायण ने रियलिटी शो 'सा रे गा मा पा' शो छोड़ने का फैसला किया था. इस बारे में एक्टर ने एक पोस्ट कि जरिए फैंस को बताया था. उन्होंने लिखा था, भारी मन से, मैंने इस शो के लिए अपने होस्टिंग कर्तव्यों के लिए ड्यूटी निभाई, जिन्होंने मुझे एक वयस्क, सारेगामापा के रूप में अपनी पहचान दी. बता दें कि एक बेटी के पिता बनने पर आदित्य नारायण ने एक इंटरव्यू में कहा था कि 'सब मुझसे कहते रहे कि यह एक बेबी बॉय होगा. लेकिन मुझे उम्मीद थी कि हमारी एक बच्ची होगी. मेरा मानना है कि पिता अपनी बेटियों के सबसे करीब होते है और मुझे खुशी है कि मेरी छोटी बच्ची आ गई है. '
दुर्भाग्यवश, कई महिलाएं अंतरंग स्वच्छता पर ज्यादा ध्यान नहीं देती हैं। और यह स्नान की अवधि के बारे में नहीं है, लेकिन इस सचमुच नाजुक मामले में जागरूकता के बारे में है। एक नियम के रूप में, महिलाओं को केवल गर्भावस्था की शुरुआत में ऐसी स्वच्छता के लिए विशेष साधनों के बारे में सोचना शुरू होता है। और फिर, अपनी पहल पर नहीं, बल्कि केवल स्त्री रोग विशेषज्ञ की सिफारिश पर। जबकि घनिष्ठ स्वच्छता के लिए क्रीम जैल अब हर फार्मेसी और सुपरमार्केट में बेचे जाते हैं और मीडिया में व्यापक रूप से विज्ञापित होते हैं। और यदि पश्चिम में महिलाओं की घनिष्ठ स्वच्छता के लिए जेल अब काफी आम है, तो हमारे देश में ज्यादातर युवा लड़कियों और गर्भवती महिलाओं द्वारा इसका उपयोग किया जाता है। अंतरंग स्वच्छता के लिए जेल के क्या फायदे हैं? कुछ महिलाएं किसी भी तरह से समझ नहीं सकती हैं कि सामान्य जेल सामान्य शौचालय साबुन से बेहतर है या, उदाहरण के लिए, जेल शॉवर। और वे गलती से उन्हें देखभाल के बराबर साधन मानते हैं। वास्तव में, शरीर के घनिष्ठ भागों के लिए जेल के लाभ बहुत अधिक हैं, आप सुनिश्चित हो सकते हैं। और हम केवल उनमें से सबसे स्पष्ट और महत्वपूर्ण पर ध्यान केंद्रित करेंगे। - अंतरंग स्वच्छता के लिए जेल विशेष रूप से इस तरह की स्वच्छता के लिए डिजाइन किए गए हैं, साबुन के विपरीत, शॉवर जेल इत्यादि। और प्रत्येक उपकरण को अपने विशिष्ट कार्यों को निष्पादित करना होगा। हम पैर क्रीम का उपयोग रात के चेहरे की क्रीम के रूप में नहीं करते हैं, है ना? यह शरीर के घनिष्ठ हिस्सों पर भी लागू होता है, उनके पास अपना स्वयं का साधन होता है। - तटस्थ पीएच स्तर। जैसा कि योनि में सामान्य वातावरण द्वारा जाना जाता है, एक अम्लीय माध्यम (पीएच कम होता है), और साबुन द्वारा गठित फोम का अर्थ है - क्षारीय। इस प्रकार, साबुन द्वारा गठित क्षारीय फोम, केवल लैक्टोबैसिलि को नष्ट कर देता है और माइक्रोफ्लोरा को नष्ट कर देता है। जो बदले में एक डिस्बेक्टेरियोसिस का कारण बन सकता है। - अंतरंग स्वच्छता के लिए जेल एक सुरक्षात्मक कार्य करते हैं। यह मुख्य रूप से शरीर के प्राकृतिक सुरक्षा के रखरखाव के कारण होता है। - स्वच्छता प्रक्रियाओं के बाद स्वच्छता और आराम की भावना बहुत अधिक रहती है। यह अंतरंग स्वच्छता के लिए जैल के मॉइस्चराइजिंग प्रभाव के कारण है। - घनिष्ठ स्वच्छता के लिए जेल गंध के साथ बहुत बेहतर झगड़ा है। और स्वाद के कारण नहीं, लेकिन फिर प्राकृतिक माइक्रोफ्लोरा के रखरखाव की वजह से। जैसा ऊपर बताया गया है, ऐसे जेलों को अक्सर स्त्री रोग विशेषज्ञों द्वारा उपयोग के लिए अनुशंसा की जाती है। इससे पता चलता है कि उचित अंतरंग स्वच्छता सौंदर्य नहीं है (हालांकि यह करता है), लेकिन चिकित्सा। योनि का स्वस्थ माइक्रोफ्लोरा विश्वसनीय रूप से महिला को विभिन्न बीमारियों से बचाता है। यह साबित होता है कि अंतरंग स्वच्छता के लिए नियमित रूप से विशेष जैल का उपयोग करने वाली महिलाएं साधारण साबुन का उपयोग करने वाले लोगों की तुलना में कम बार-बार पीड़ित होती हैं। पुरुषों के लिए घनिष्ठ स्वच्छता के लिए विशेष जैल महिलाओं के लिए लगभग समान कार्य करते हैं। लेकिन दो के लिए एक खरीदने के लिए मत घूमना। हालांकि उनके लिए कार्रवाई का सिद्धांत बहुत समान है, लेकिन नर और मादा शरीर का माइक्रोफ्लोरा अभी भी अलग है। एक और सवाल यह है कि ऐसे व्यक्तियों का उपयोग करने के लिए एक आदमी की इच्छा। कुछ कारणों से हमारा मजबूत यौन संबंध सौंदर्य प्रसाधनों के क्षेत्र में सभी आधुनिक नवाचारों का विरोध करता है। लेकिन व्यर्थ में। आखिरकार, सभी समय, सभी लोग सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग शुरू करते हैं। तो यह शैम्पू के साथ था, और शॉवर जेल के साथ, और शेव लोशन के बाद। तो अभी क्यों शुरू नहीं करें?
कि वह कुफ़ लिये हुये आये और उसी के साथ वापिस हुये, तथा अल्लाह उसे भली भांति जानता है, जिस को वह छुपा रहे हैं। 62. तथा आप उन में से बहुतों को देखेंगे कि पाप तथा अत्याचार और अपने अवैध खाने में दौड़ रहे हैं, वह बड़ा कुकर्म कर रहे हैं। 63. उन को उन के धर्माचारी तथा विद्वान पाप की बात करने तथा अवैध खाने से क्यों नहीं रोकते? वह बहुत बुरी रीति बना रहे हैं? 64. तथा यहूदियों ने कहा कि अल्लाह के हाथ बँधे ! हुये हैं, उन्हीं के हाथ बँधे हुये हैं। और वह अपने इस कथन के कारण धिक्कार दिये गये हैं, बल्कि उस के दोनों हाथ खुले हुये हैं, वह जैसे चाहे व्यय (खर्च) करता है, और इन में से अधिक्तर को जो (कुआन) आप के पालनहार की ओर से आप पर उतारा गया है. उल्लंघन तथा कुफ्र (अविश्वास) में अधिक कर देगा, और हम ने उन के बीच प्रलय के दिन तक के लिये शत्रुता तथा बैर डाल दिया है। जब कभी वह युद्ध की अग्नि सुलगाते हैं, तो अल्लाह उसे बुझा[2] देता है। वह धरती में उपद्रव وهم قد خرجوابه والله اعلم بتاكانوا وترى كثيرا منهم يسارعون في الاثم والعدوان والله الشحت لبس ماكانوا لولايتههم الربييون والأخبارعن قولهم الإثم واللهم الشعايشتاكانوا وقالت اليهوديد الله مغلولة فلت أيديهم ولينوابما قالوابل يدها مبسوطتي ينفق كيف يشا وليزيين كثيرا منهم ما أنزل إليك من تيك طغيانا وكفرا والقينابيته العداوة والبغضاء إلى يوم القيمة كلمااوقدواتارا للحرب اطفاها الله وبيعون في الأرض قتادا والله لايعت المفييين* 1 अरबी मुहावरे में हाथ बंधे का अर्थ है कंजूस होना, और दान-दक्षिणा से हाथ रोकना । (देखियेः सूरह आले इमरान, आयत- 181 ) 2 अर्थात उन के षड्यंत्र को सफल नहीं होने देता बल्कि उस का कुफल उन्हीं को भोगना पड़ता है। जैसा कि नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के समय में विभिन्न दशाओं में हुआ।
सुरेश रैना जब 13 साल के थे तो वो एक क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने के लिए आगरा जा रहे थे। उन्हें अखबार बिछाकर सोना पड़ा था। थोड़ी देर बाद उन्होंने देखा कि एक लड़का उनकी छाती पर बैठाकर उनके चेहरे पर पेशाब कर रहा है। रैना ने अगला स्टेशन आते ही उसे धक्का देकर ट्रेन से नीचे तो कर दिया। रैना की क्रिकेट शैली की वजह से वो कोच के फेवरेट थे। जिसकी वजह से स्पोर्टस हॉस्टल के लड़के उनसे जलते थे और उन्हें वक्त-वक्त पर परेशान करते रहते थे। कोई उनकी दूध की बाल्टी में घास डाल देता था तो कोई सर्दियों में उन पर ठंडा पानी डाल देता। दोस्तों द्वारा परेशान किए जाने से रैना तंग हो जाते। कई बार तो उन्होंने हॉस्टल छोड़ने का मन बना लिया। वो इन सबसे इतने परेशान हो गए कि खुदकुशी का ख्याल आने लगा। हॉस्टल के लड़के उन्हें इतना तंग करते कि उन्होंने एक बार रैना और उनके दोस्तों की हॉकी से पिटाई कर दी। इस घटना से उनका एक दोस्त कोमा में चला गया तो दूसरे दोस्त ने डरकर छत से छलांग लगाने की कोशिश की। रैना ने बताया कि उन्होंने गरीबी के दिन देखे हैं जब उनके घर पर 200 रुपये का मनी ऑर्डर आता था। उन्होंने बताया कि गांव में खेलते वक्त उन्हें 4-5 छक्के मारने के लिए 200 रु. मिलते थे। साल 1999 में रैना को एयर इंडिया की तरफ खेलने का मौका मिला। साल 2003 में उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट क्लब की तरफ से खेला। साल 2005 उन्हें टीम इंडिया के लिए चुना गया। आज वो टीम इंडिया के लिए स्टार क्रिकेटर बन चुके हैं।
अलेक्जेंडर नेलिडोव, जिनकी जीवनी ऐसा नहीं हैमहान, लोकप्रिय टीवी प्रोजेक्ट "डोम -2" में भाग लिया। युवा व्यक्ति के बारे में बहुत कम जानकारी पाई जा सकती है, क्योंकि वह शांत है और सामाजिक व्यक्ति नहीं है। परिवार के बारे में, अलेक्जेंडर नेलिदोव बिल्कुल भी नहीं फैलाना चाहते, यह मानते हुए कि यह बहुत व्यक्तिगत है और आपको अपने जीवन को प्रदर्शन के लिए नहीं रखना चाहिए। यह केवल ज्ञात है कि उनका जन्म 28 जुलाई, 1981 को मास्को में हुआ था, जहां वे अभी भी रहते हैं। टीवी प्रोजेक्ट "डोम -2" ने अपना 11 वां साल शुरू कर दिया है। उसके प्रति रवैया अस्पष्ट है। हम यह कह सकते हैं कि टेलीविजन के दर्शक दो खेमों में बंट गए। पहले इस शो से नफरत करते हैं और इसे टेलीविजन पर दिखाने के लिए अस्वीकार्य मानते हैं। दूसरा उसे प्यार करता है, देखो, एक भी श्रृंखला याद नहीं है, परिधि पर रहने वाले प्रतिभागियों के बारे में चिंता करें। और रियलिटी शो छोड़ने के बाद भी, वे उनके साथ भाग नहीं लेना चाहते हैं, उनके बारे में सब कुछ जानना चाहते हैं। "हाउस -2" के पहले प्रतिभागियों में से एक था औरअलेक्जेंडर नेलिदोव। परियोजना पर अपने जीवन की शुरुआत में साशा लगभग अदृश्य थी। उसके पास जल्दी और तुरंत "प्यार का निर्माण" करने की कोई योजना नहीं थी। वह शांत, वाजिब था और बिल्कुल भी बाहर नहीं खड़ा था। लेकिन, जैसा कि आप जानते हैं, टीवी शो के नियमों के अनुसार, उसे इसके लिए बाहर निकाला जा सकता है। यहां, अलेक्जेंडर ने व्यवहार को बदलने की आवश्यकता के बारे में सोचा, और, सभी प्रतिभागियों की तरह, प्यार में "खेलना" शुरू करते हैं, भले ही यह काल्पनिक हो। इस प्रकार, उन्होंने ओल्गा निकोलेवा (सूर्य) के साथ एक जोड़ी बनाई और जल्दी से एक अलग घर में उसके साथ बस गए। लेकिन यह एक विशेष रूप से रचनात्मक संघ था। ओल्गा कैमरों पर अंतरंग संबंध नहीं चाहते थे, और अलेक्जेंडर को वास्तव में इसकी आवश्यकता नहीं थी, खासकर जब से यह सुंदरता, गोरा और डोम -2 में ओल्गा बुज़ोवा के साथ आया था। उसी समय, मई एब्रिकोसोव परियोजना में आए, और सूर्य ने अपना सारा ध्यान इस पर केंद्रित कर दिया। इसलिए, सूर्य और साशा की जोड़ी जल्दी से बिखर गई। ओल्गा बुज़ोवा ने अलेक्जेंडर के लिए कोई विशेष भावना नहीं की। इस संबंध में, हमारे नायक को यह तय करना था कि परियोजना पर आगे कैसे रहना है। रियलिटी शो में नए लोगों के अगले आगमन मेंनताशा पावलोवा दिखाई देती है। उसके साथ बात करने के बाद, अलेक्जेंडर को पता चलता है कि लड़की उसके लिए सहायक है, और सक्रिय रूप से उसकी देखभाल करना शुरू कर देती है। इसके बाद, हमारा हीरो उससे शादी करने का प्रस्ताव देता है। लड़की सहमत है। इस प्रकार, नतालिया और अलेक्जेंडर दूसरी जोड़ी बन जाती है, जिसका रिश्ता एक शादी के साथ समाप्त होता है। महिला वोट पर थोड़ी देर के बादलोग नताशा को प्रोजेक्ट से बाहर निकाल रहे हैं। उसके पत्तों और अलेक्जेंडर नेलिदोव के मद्देनजर। लेकिन रियलिटी शो पर नेलिदॉव की कहानी खत्म नहीं होती है। थोड़ी देर बाद वे परियोजना में लौट आए। शुरुआत में - मेहमान के रूप में, और बाद में - "हाउस -2" के सदस्यों के रूप में। इस बार बाकी "घर" के साथ संबंध वे जोड़ते नहीं हैं। वे लोगों को वास्तविक नहीं लगते हैं और बहुत अभिमानी हैं। इसलिए, जल्द ही नेलिडियन "वास्तविक दुनिया" पर वापस जाते हैं। कैसे एक हाथ की पेशकश करने के लिए औरदिल, सिकंदर बहुत जिम्मेदारी से आया। यह दोनों के लिए एक आश्चर्यजनक रोमांटिक और यादगार घटना थी। प्रेमी एक नौका पर बैठा, जब साशा ने एक क़ीमती बक्से को एक अंगूठी के साथ बाहर निकाला। इसका जवाब भविष्य के दूल्हे को पूरी तरह से अपरंपरागत तरीके से सुनना चाहते थे। उन्होंने नतालिया को सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ निश्चित संख्या में घंटी बजाने के लिए कहा। एक लड़की का दिल इस तरह के प्रस्ताव का विरोध करेगा! स्वाभाविक रूप से, घंटी की आवाज़ लंबे समय तक नहीं लगी। यह गंभीर आयोजन 9 जुलाई, 2005 को हुआ थामास्को में मेशचनस्की रजिस्ट्री कार्यालय में वर्ष। इस आयोजन का आधिकारिक हिस्सा पीछे छूट जाने के बाद, पहले से ही एक पति-पत्नी खुश और हंसमुख साशा और नताशा गोर्की पार्क गए। न्यूलीवेड्स एक विशाल गुलाबी लिमोसिन में सवार हुए। एक वास्तविक लाइव जैज ऑर्केस्ट्रा पार्क में उनका इंतजार कर रहा था (यह नताशा का सपना था)। प्रेमियों को याद करना और बिल्कुल खुश चेहरेदोस्तों, बड़ी मुश्किल से मैं मानता हूं कि कई सालों के बाद भी उनका तलाक हो गया था। सटीक कारण अज्ञात है, क्योंकि लोग अपने निजी जीवन के तथ्यों को सार्वजनिक रूप से साझा नहीं करना चाहते थे। यह ज्ञात है कि तलाक के बाद, वे गर्म और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने में सक्षम थे। अब नतालिया एक अन्य युवक के साथ रहती है और पहले ही उसके लिए एक बच्चे को जन्म दे चुकी है। अलेक्जेंडर नेलिडोव ने दूसरी बार शादी की और, शायद, जल्द ही एक पिता बन जाएगा। अलेक्जेंडर नेलिदोव ने परियोजना के बाद दूसरी शादी कर लीसमय। उनकी पत्नी का नाम एलेक्जेंड्रा है। इस बार उन्होंने अपनी पसंद को और अधिक गंभीरता से लिया और पूरी तरह से (एक व्यवसाय विश्लेषक के पेशे से प्रभावित)। शायद अलेक्जेंडर उन कुछ प्रतिभागियों में से एक है, जिन्होंने "डोम -2" शो छोड़ने के बाद, एक सेलिब्रिटी नहीं बन गए। शायद यह सही निर्णय है (छाया में जाने के लिए) और साशा के शांत और संतुलित चरित्र को व्यक्त करता है।
पार आश्रमजीवन-यात्रा के चार पहाव चिपक जाता है मन्त्री की कुर्सी पर बठने बाला मन्त्री पद के साथ चिपक जाता है। कई लोगों को इन कुसियों से उठना एसा बान पड़ता है मानो कुस बनके मंगवा हिस्सा बन गई हो। को कहते हैं कि बीसबी सदी में कई नमी बीमारियाँ है। और बीमारियाँ भयो हो या नहीं यह चिपक की बीमारी च नमो है । अब तक यह बीमारी राजनीतिक क्षेत्र तक सीमित थी जब यह धर्म के क्षेत्र में भी प्रनिष्ठ हो गई है। बड़बड़े पंडित और धर्म-पुरम्प बो गुन-कमनसार अपने को ब्राह्मण कहते है कि समा-सोसाफ्टी के प्रधान या मंत्री न चुने जायें तो जाते है। इस बीमारी न जिस दिन धर्म के क्षेत्र में पदापण किया या उसी दिन धर्म को मौका उमममा गई थी। इस बीमारी से समाज को बचान का एक ही उपाय है और यह है समाज में बानमस्य की भावना को ब करमा बामप्रस्म केवल जंगल में भाग बाम का नाम नहीं है, बानिवृति' 'स्मा' 'अपरिप्रह' का नाम है। 'परिषद 'परि' तथा 'यह' से बना है। 'परि' का अब है, चारों तरफ से 'प्रह' का सब है पहन कर लेना चिपटना। संसार को चारों तरफ से चिपट जाना मे मीन छोड़ना 'परिग्रह' है, और उसे समय माल पर जुद छोड़ देना 'अपरिग्रह' है। क्यापर स्वयं बूझ से टपक नहीं पड़ता ?" की साबमा एक जाने पर फल का से अलग हो जाता है। समाज के प्रश्नों पर बितना भी विचार किया जाप एक ही परिणाम है। आज ससार को किसी सम्प्रेस की माता है तो वानप्रस्थ केकी स्याग औरत के को तो पाय और निवृत्ति अवयम्मानी है इन नहीं तो कुरत हमसे जुड़ी हम नहीं हमे तो कुछरत हमें धक्का मारकर परे कर देमी संसार में ऐसा होता जापा है ऐसा होता रहेगा। किसी सस्य को खुद छोड़ देने और कान पकड़ कर निकाले जाने में क्या कोई नहीं है ? बात एक ही है नतीजा सराप छोड़ना है, लेकिन इसको मार्म-संस्कृति में बनाम द्वारा कितना सहस बना दिया था। का क्या मतलब है ? यह जानते हुए कि बीवन में कूच का डंका बजना ही है हमारे सामने दो रास्ते रह जाते है। मातो हम इस सत्तर के बीचन में किसी समय बुर बीरिया-बिस्तर बाँब कर बढ़ने की तैयारी करें मातब तक बैठे रहे कब तक कोई हमें सीव कर बाहर फेंकन है। को जादमी इस इन्तिजार में बैठा रहता है कि कोई आकर उसे बाहर निकाले यह में डीठहोगा बुरा होगा पर बुद्धिमान नहीं होगा। 'वानप्रस्य' वामम को स्थापना करण बालों में इस बात को स्वीकार कर लिया था कि वहाँ से चला तो है माज नहीं तो कल और कल नहीं तो परत जब चलना ही है तब यह को है कि कोड़ाही का नाम न हे 'वानप्रत्य' आम मजबूर होकर दुनिया का नहीं अपनी मर्जी से दुनिया छोड़ना छोड़ना है किसी से डर कर दुनिया से भावना नहीं अपनी इच्छा से जीवन
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद राज्य के मौजूदा हालातों के बारे में मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से जानकारियां साझा कीं। मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा है कि आतंकी संगठन घाटी में घुसपैठ की फिराक में हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर में सभी इलाकों में बिजली पानी की सुविधाएं बहाल हैं। ज़ी न्यूज़ पर छपी खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, राज्य में अभी तक किसी भी प्रकार का कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ। इस प्रेस वार्ता में राज्य में प्रधान सचिव रोहित कंसल भी मौजूद थे। मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम ने कहा कि कश्मीर घाटी में कोई भी सड़क-हाइवे बंद नहीं है। सरकारी कर्मचारी आज से सुचारू रूप से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए लोगों की स्वतंत्र रूप से आवाजाही और टेलीकॉम कनेक्टिविटी पर प्रतिबंध के अलावा स्कूलों और कॉलेजों को बंद किया गया था। इसके अलावा कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कानूनी प्रावधानों के अनुसार, कुछ लोगों को ऐहतियातन व्यक्तियों हिरासत में रखा गया था।
नोएडा, 08 मई । पूरा देश जहां कोरोना से लड़ रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश के जिला गौतमबुद्ध नगर में मानवता को शर्मशार करने वाली घटना सामने आई है। नॉलेज पार्क थाना अंतर्गत स्थित शारदा अस्पताल में कोरोना (कोविड-19) से संक्रमित इलाज के लिए भर्ती महिला के साथ छेड़छाड़ के मामले में अस्पताल के दो संविदा कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उपायुक्त जोन तृतीय राजेश कुमार सिंह ने शुक्रवार को बताया कि कोविड-19 से संक्रमित एक महिला शारदा अस्पताल में भर्ती है। उसने 12 दिन पहले इसी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। उन्होंने बताया कि जांच के लिए महिला के दूध का नमूना लेने गए अस्पताल के दो कर्मियों ने बुधवार देर रात महिला के साथ कथित रूप से अभद्र व्यवहार किया। इस मामले की शिकायत मिलने पर अस्पताल प्रबंधन ने नॉलेज पार्क थाने में घटना की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने बीती रात बुलंदशहर निवासी लवकुश और मेरठ निवासी प्रवीण सुंदर को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों आरोपित अस्पताल में संविदा पर काम कर रहे थे।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रामदयालु रेलवे स्टेशन के समीप एक झुग्गी बस्ती में आग लगने से एक ही परिवार की चार बच्चियों की झुलसकर मौत हो गई। चीन की राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को एक अस्पताल के भवन में लगी आग में झुलसकर 21 लोगों की मौत हो गई। बलरामपुर के जरवा कोतवाली के ग्राम पंचायत सिसई गांव में अज्ञात कारणों से लगी आग में दो वर्षीय बच्ची की जलकर मौत हो गयी है। पूरी खबर. .
आज आपका दिन सामान्य रहेगा। आपको कुछ कामों में सफलता मिल सकती है, लेकिन आज आपको अजनबी लोगों पर भरोसा करने से बचना चाहिए। आपको अपनी योजनाओं के प्रति गोपनीयता बनाये रखने की जरुरत है। मित्रों से मिलने आप उनके घर जाऐंगे । आपकी दोस्ती और भी मजबूत होगी। जीवनसाथी के साथ रिश्तों में उतार-चढ़ाव की स्थिति बन सकती है, इसको दूर करने के लिए अपने बेडरूम में बेड के पास लव बर्ड का एक स्टेचू रखें,जीवनसाथी से बढ़ रही अनबन दूर हो जायेगी और रिश्ते में मधुरता आयेंगी। आज आपका दिन अच्छा रहेगा। किसी काम में आपको भाई-बहन का सपोर्ट मिलेगा । अपने परिवार के साथ आप कुछ बेहतरीन पलों का आनंद उठाऐगे। कार्यक्षेत्र के किसी काम से आप लंबी यात्रा पर जा सकते हैं। आप खुद को एनर्जेटिक महसूस करेंगे। करियर में आपकी तरक्की के रास्ते खुलेगे। कुछ खास जगहों पर आपकी प्रशंसा होगी । आप कोई छोटा उद्योग शुरु करने के बारे में विचार करेंगे । बिज़नेस के लिहाज से की गई यात्राएं आपके लिये लाभकारी हो सकती हैं। जरुरतमंद को भोजन कराएं, आपको सभी काम में सफलता प्राप्त होगी।
मुंबई. महाराष्ट्र में खाद्य पदार्थों में किसी भी तरह की मिलावट करने वालों की अब खैर नहीं है। राज्य सरकार की ओर से गुरुवार को खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट ने विधानसभा में बताया कि महाराष्ट्र में खाने-पिने के सामानों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद होगी। उन्हें गैर जमानती धाराओं में तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा। कांग्रेस के विधायक भाई जगतप के ध्यानाकर्षण नोटिस के जवाब में मंत्री गिरीश बापट ने विधानसभा में बताया कि सरकार जल्द ही मौजूदा कानून में बदलाव करने जा रही है। जिसमें मिलावटखोर के खिलाफ उम्रकैद की सजा का प्रावधान रहेगा। बापट ने कहा कि सरकार खाने-पीने के सामान में मिलावट के नतीजों को जानती है और इसे रोकने को पूरी तरह प्रतिबद्ध है। जगतप ने कहा कि दूध प्रसंस्करण कंपनियां किसानों से दूध खरीदती हैं, लेकिन जब तक यह उपभोक्ताओं तक पहुंचता है, यह 'विषाक्त\' हो जाता है। बापट ने आगे कहा कि दूध में डिटर्जेंट पाउडर, यूरिया, स्किम्ड मिल्क पाउडर, कास्टिक सोडा, ग्लूकोज, रिफाइंड तेल, नमक और स्टार्च की मिलावट की जाती है, जिससे यह लोगों के सेवन के योग्य नहीं रह जाता। लोग खाने-पीने के सामान में मिलावट को पकड़ नहीं सकते हैं। खाद्य एवं दवा प्रशासन द्वारा औचक निरीक्षण के बावजूद मिलावट का यह सिलसिला जारी है। मंत्री ने कहा कि खाद्य मिलावट (महाराष्ट्र संशोधन) कानून, 1969 को इस सत्र के समाप्त होने से पहले पेश किया जायेगा। This website follows the DNPA Code of Ethics.
Don't Miss! भारत में कॉम्पैक्ट एसयूवी वाहनों की लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है। आज बाजार में 10 लाख रुपये से भी कम कीमत पर कई कॉम्पैक्ट एसयूवी मौजूद हैं जो एक हैचबैक से ज्यादा स्पेस और फीचर्स के साथ आती हैं। कॉम्पैक्ट एसयूवी की बिक्री (Compact SUV Sales) को देखें तो केवल दो महीने पहले लॉन्च हुई नई मारुति सुजुकी ब्रेजा (2022 Maruti Suzuki Brezza) ने बिक्री के मामले में अपनी श्रेणी की सभी कॉम्पैक्ट एसयूवी कारों को पीछे छोड़ दिया है। बीते अगस्त महीने में मारुति ब्रेजा की 15,193 यूनिट्स की बिक्री दर्ज की गई जो कि अगस्त 2021 में बेचे गए 12,906 यूनिट्स के मुकाबले 18 प्रतिशत अधिक थी। ब्रेजा ने लंबे समय से बिक्री में पहले नंबर पर रहने वाली टाटा नेक्सन को भी पीछे छोड़ दिया है। पिछले महीने टाटा नेक्सन (Tata Nexon) की 15,085 यूनिट्स की बिक्री हुई और यह ब्रेजा से केवल 108 यूनिट पीछे थी। नई मारुति ब्रेजा को देश में 30 जून 2022 को लॉन्च किया गया था। इसे 7. 69 लाख रुपये एक्स-शोरूम, दिल्ली की कीमत पर उपलब्ध किया गया है। अब लॉन्च के केवल 2 महीनों में इस कॉम्पैक्ट एसयूवी ने नेक्सन से खिताब छीनने का रास्ता बना लिया है। ब्रेजा के अपडेटेड मॉडल में बॉक्सी डिजाइन के साथ पूरी तरह एक नया स्टाइल दिया गया है। नई ब्रेजा अपने सेगमेंट की कुछ सबसे अच्छी दिखने वाले मॉडलों में से एक है। नई ब्रेजा को कई नए फीचर्स का भी अपडेट दिया गया है। फीचर्स की बात करें तो, अब इसमें एंड्रॉइड ऑटो और ऐप्पल कारप्ले, ऑटोमैटिक क्लाइमेट कंट्रोल, वायरलेस फोन चार्जर, क्रूज कंट्रोल, 360-डिग्री कैमरा और हेड-अप डिस्प्ले के साथ 9-इंच की टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट यूनिट मिलती है। ब्रेजा अपने अधिकांश प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में एक बेहतर फीचर की पेशकश करती है और यह एसयूवी अब इलेक्ट्रिक सनरूफ के साथ भी आ रही है। इंजन की बात की जाए तो, नई ब्रेजा में 1. 5-लीटर, K12C पेट्रोल इंजन दिया गया है। यह इंजन 103 बीएचपी की पॉवर और 138 एनएम का टार्क पैदा करता है। ट्रांसमिशन विकल्पों में 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स और नया 6-स्पीड ऑटोमैटिक यूनिट शामिल है। नई मारुति ब्रेजा पुरानी ब्रेजा के डिजाइन प्लेटफॉर्म को साझा करती है। इसी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल टोयोटा अर्बन क्रूजर एसयूवी में भी किया गया है। मारुति ने ब्रेजा की सेफ्टी रेटिंग में भी सुधार किया है। माना जा रहा है कि इसे 5-स्टार सेफ्टी रेटिंग मिल सकती है। वर्तमान में मारुति के पोर्टफोलियो में ब्रेजा ही एकमात्र कार है जो 4-स्टार ग्लोबल एनसीएपी (GNCAP) सुरक्षा रेटिंग के साथ आती है। पिछले महीने इलेक्ट्रिक कंपोनेंट्स की कमी के बावजूद मारुति सुजुकी ने बिक्री में वृद्धि दर्ज कराई है। कंपनी ने अगस्त में कुल 1,65,173 यूनिट्स की बिक्री की है। मारुती सुजुकी की सबसे अधिक बिक्री कॉम्पैक्ट सेगमेंट में देखी गई। कार निर्माता ने इस सेगमेंट में 71,557 यूनिट्स बेचीं जिनमें बलेनो, सेलेरियो, डिजायर, इग्निस, स्विफ्ट, टूर एस, वैगनआर जैसी करें शामिल हैं। मारुति का मानना है कि भारत के कार बाजार में एसयूवी की हिस्सेदारी बढ़ने के बाद भी कंपनी की हैचबैक कारों की बिक्री अच्छी चल रही है। मारुति सुजुकी इंडिया के सीईओ हिसाशी तकेउचि का मानना है कि भारत में ऐसे बहुत से ग्राहक हैं जो एसयूवी के जगह छोटी कार को ज्यादा पसंद करते हैं। इसलिए कंपनी बाजार में छोटी कारों की पेशकश करना जारी रखेगी।
(iii) मनोयोग - मन पर्यायज्ञानी व अनुत्तर विमानवासी देवो के द्वारा पूछे गये मानसिक प्रश्नो का समाधान करने के लिये मनोवर्गणा के पुद्गलो को ग्रहण करना । मन पर्यायज्ञानी व अनुत्तर विमानवासी देवो के मानसिक प्रश्नो का समाधान देने के लिये तीर्थकर परमात्मा मनोवर्गणा के दलिको को ग्रहण करके, उन्हे विवक्षित अर्थ के आकार मे व्यवस्थित करते है। भगवान के द्वारा प्रयुक्त मनोवर्गणा के पुद्गलो को मन पर्यवज्ञान व अवधिज्ञान द्वारा जानकर मन पर्यवज्ञानी व देवता अपने प्रश्नो का सही समाधान पा लेते है। केवलज्ञानरूपी सूर्य उदित हो जाने से जिनका अज्ञानरूपी अन्धकार नष्ट हो गया है, ऐसे योग युक्त भगवान को सयोगी जिन कहा गया है। केवली को राग-द्वेष नही होता अत उनके नवीन कर्मो का बध भी नही होता । मात्र योग के कारण उन्हे इर्यापथिक आस्रव और बध होता है, जो तत्काल ही निर्जरित होता रहता है। जिस प्रकार स्वच्छ वस्त्र पर लगी हुई रेत तत्क्षण झड जाती है, उसी प्रकार योग के सद्भाव से आगत कर्म-परमाणु भी कषाय के अभाव मे तत्काल झड जाते है । ये सयोगी जिन धर्मदेशना देते हुए जनकल्याण करते है। इस अवस्था की तुलना वेदान्त की जीवनमुक्ति या सदेहमुक्ति की अवस्था से की जा सकती है । • सर्वप्रथम बादरकाययोग से बादर वचन योग का अवरोध होता है । • तत्पश्चात् बादरवचनयोग से बादर मनोयोग का अवरोध होता है। १४. अयोगी केवली - तीनो योगो से रहित केवली भगवन्त का गुणस्थान । प्रत्येक योग के सूक्ष्म और बादर दो-दो भेद है । केवलज्ञान होने के पश्चात् केवली भगवन्त, जघन्यत अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्टत देशोनपूर्व क्रोड वर्ष तक विचरण कर आयुष्य का अन्तर्मुहूर्त प्रमाण काल शेष रहने पर शैलेशी करण करते है । शैलेशीकरण करने के लिए प्रथम योगनिरोध करना पड़ता है। इसकी विधि निम्न प्रकार • सूक्ष्मकाययोग से बादरकाययोग का अवरोध होता है । • सूक्ष्मकाययोग से सूक्ष्मवचन योग का अवरोध होता है। • सूक्ष्मकाययोग से सूक्ष्ममनोयोग का अवरोध होता है । • बादरकाययोग के रहते हुए सूक्ष्म योगो का निरोध नहीं हो सकता । तत्पश्चात् सूक्ष्मक्रिया अनिवृत्ति शुक्लध्यान के बल से आत्मा स्व प्रयत्नपूर्वक सूक्ष्म काययोग का निरोध करता है । इस प्रकार सभी योगो का निरोध करके समुच्छिन्न क्रिया अप्रतिपाती शुक्लध्यान के वल से आत्मा शैलेशीकरण में प्रवेश करता है । शैलेशीकरण- योग और लेश्या रूप कलक से रहित यथाख्यात चारित्र लक्षण शील का ईश, स्वामी = शीलेश अर्थात् आत्मा है। अपने देह प्रमाण मे से २/३ भाग रखकर १/३ भाग मे फैले हुए आत्मप्रदेशो के द्वारा पेट, मुँह आदि के छिद्रो को भरकर आत्मा का पर्वत की तरह अत्यत स्थिर हो जाना शैलेशी कहलाता है। शैलेश की स्थिति में वर्तमान
मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स की फिल्म 'वकांडा फॉरएवर' के बाद 'एंटमैन एंड द वास्प- क्वांटमेनिया' जल्द ही सिनेमाघरों में आएगी। ऐसे में मार्वल सिनेमैटिक यूनिवर्स के पांचवें चरण की शुरुआत हो गई है। आज मार्वल स्टूडियोज की फिल्म 'एंटमैन' का धमाकेदार ट्रेलर हिंदी में रिलीज हो गया है, जिसमें एमसीयू का अब तक का सबसे शक्तिशाली विलेनः कांग द कॉन्करर नजर आने वाला है। ट्रेलर देखने के बाद से ही फैंस काफी एक्साइटेड हो गए हैं। वहीं, फिल्म का नया पोस्टर भी सामने आया है, जिसे शानदार रिस्पांस मिल रहा है। हालिया रिलीज इस पोस्टर में एंटमैन एंड द वास्प- क्वांटमेनिया' का नया पोस्टर 'एंट-मैन' के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया गया है। पोस्टर में 'एंटमैन एंड द वास्प- क्वांटमेनिया' के सभी सुपर हीरो जैसे पॉल रड, इवेंजेलिन लिली, कैथरिन न्यूटन एक साथ नजर आ रहे हैं, जिसने फैंस को पूरी तरह से उत्साहित कर दिया है। फिल्म का यह पोस्टर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस पर लगातार फैंस के रिएक्शन आ रहे हैं। पोस्टर रिलीज होने के बाद फैंस का उत्साह देखते ही यह समझ आ रहा है कि दर्शकों को फिल्म को बेसब्री से इंतजार है। इस पोस्टर पर पर कमेंट कर फैंस पोस्टर की तारीफ करने के साथ ही इसे रीट्वीट कर रहे हैं। अब तक इस पोस्टर को काफी लाइक्स मिल चुके हैं। 'एंटमैन एंड द वास्प- क्वांटमेनिया' फिल्म में 17 फरवरी, 2023 को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है। एंटमैन अंग्रेजी के अलावा भारत में हिंदी, तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ भाषाओं में भी रिलीज होगी। साथ ही इसके हिंदी ट्रेलर में दिखाया गया है कि सुपरहीरो पार्टनर स्कॉट लैंग (पॉल रुड) और होप वैन डायन (इवांगेलिन लिली) एंट-मैन और वास्प के रूप में अपने रोमांच को जारी रखे हुए हैं। होप के माता-पिता जेनेट वैन डायने (मिशेल फिफर) और हैंक पाइम (माइकल डगलस), और स्कॉट की बेटी कैसी लैंग (कैथरीन न्यूटन) के साथ, परिवार खुद को क्वांटम रियल्म की खोज करते हुए पाता है, अजीब नए जीवों के साथ बातचीत करता है और एक रोमांचक सफर पर निकल जाता है। ऐसे में इस बार काफी कुछ घटने वाला है। आपको बता दें कि यह फिल्म 'एंटमैन एंड द वास्प- क्वांटमेनिया' सीरीज की तीसरी फिल्म है। इसकी पहली फिल्म एंटमैन 2015 में आयी थी। वहीं साल 2018 में इस सीरीज की दूसरी फिल्म 'एंटमैन एंड द वास्प' आयी थी। इसके सभी सीरीज काफी धमाकेदार रहे हैं।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्मॉग ने एक तरफ जहां लोगों का सांस लेना मुश्किल कर रखा है वहीं, धुंध ने ट्रेन के पहियों पर ब्रेक लगा दिया है। उत्तर भारत में धुंध के कारण बुधवार को 25 ट्रेनें देरी चल रही है, 12 के समय में बदलाव किए वहीं, एक ट्रेन को रद्द करना पडा। मौसम विज्ञान विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सफदरजंग और पालम पर सुबह साढ़े पांच बजे दृश्यता क्रमशः 800 मीटर और 200 मीटर दर्ज की गई लेकिन सुबह साढ़े आठ बजे दोनों जगह दृश्यता घटकर 100 मीटर ही रह गई। उन्होंने बताया कि आद्र्रता का स्तर 100 फीसदी दर्ज किया गया। मौसम विज्ञानियों ने आज दिनभर आसमान में बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। कल अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमशः 20. 1 डिग्री सेल्सियस और 13. 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
नीट पीजी परीक्षा 2022 के लिए प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं, जबकि नीट यूजी परीक्षा के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ा दी गई है। नीट एमडीएस परीक्षा का रिजल्ट आने वाला है, सीटेट व यूपीटेट परीक्षा 2022 के लिए नोटिफिकेशन आने वाला है। जो उम्मीदवार एसएससी की तरफ से जारी होने वाली विज्ञप्ति का इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए इन दिनों लगातार अपडेट आ रहे हैं। एसएससी जीडी भर्ती के तहत अगले चरण की परीक्षा 18 मई यानी आज से शुरू हो रही है, SSC MTS Tier 2 exam 2022 का रिजल्ट आने वाला है जबकि टियर 1 एडमिड कार्ड जारी हो चुका है। एकेडमिक लेवल की बात करें, तो 14 मई को छत्तीसगढ़ बोर्ड के रिजल्ट जारी हो गए, जबकि अभी राजस्थान, उत्तराखंड, यूपी, झारखंड बोर्ड का रिजल्ट आना बाकी है।
(जी. एन. एस) ता. 25मुंबईपहलवान बबीता फोगाट कंगना रनौत की 'लॉक अप' के अंदर बंद होने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। टीवी एक्ट्रेस निशा रावल, पूनम पांडे और स्टैंड-अप कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी के बाद बबीता इस रियलिटी शो की चौथी कंटेस्टेंट हैं। बबीता कहती हैं कि मैं 'लॉक अप' जैसे शो में आने के लिए बहुत उत्साहित हूं क्योंकि मैंने ऐसा शो कभी नहीं किया है जो 24 घंटे लाइव हो।
मुख्यनमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी हमलों पर जवाब दिया. उन्होंने कोरोना वायरस वैक्सीनेशन को लेकर भी ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि 'कोविड वैक्सीन अब मोदी वैक्सीन हो गई है. प्रधानमंत्री ने हर जगह अपनी फोटो लगा दी है. स्टेडियम,स्कूल, कॉलेज और वैक्सीिन सब अपने नाम से प्रचारित कर रहे हैं. कल भारत का नाम बदलकर भी अपने नाम पर रख देंगे. इसरो में भी अपनी फोटो लगा दी है. कुछ दिन में हम सब फोटो बन जाएंगे. ' देखें रिपोर्ट. Chief Minister Mamata Banerjee on Monday hit out at Prime Minister Narendra Modi over the inclusion of his picture in the Covid-19 vaccination certificates. She said that after naming the school, college and vaccine on own name the"day wasn't far when the country will be named after him". Watch video.
वीर अर्जुन संवाददाता जयपुर। राजस्थान में सत्ताधारी कांगेस पार्टी और प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में क्रमशः प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति को लेकर सरगर्मी तेज है वहीं दूसरी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं की नजरें सरकार द्वारा की जाने वाली राजनीतिक नियुक्तियों पर टिकी हुई हैं। राजस्थान प्रदेश कांगेस कमेटी ने प्रदेश अध्यक्ष की नुयक्ति का अधिकार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को दे दिया है। भाजपा में नेता प्रतिपक्ष को लेकर आलाकमान भी पेशोपेश में पड़ा हुआ है। राजस्थान प्रदेश कांगेस अध्यक्ष पर फिलहाल केन्द्राrय ग्रामीण एवं विकास मंत्री डॉ सी पी जोशी हैं। वह प्रदेश अध्यक्ष पद पर अपनी पुनःनियुक्ति को लेकर राजनीतिक क्षेत्र में चल रहे कयास पर यह कहते हुए विराम लगा चुके हैं पार्टी अध्यक्ष पर दोहरी जिम्मेदारी नहीं होनी चाहिए। दोहरी जिम्मेदारी होने पर पार्टी में पूरा समय देना पाना मुशकिल होता है। डॉ जोशी ने कहा प्रदेश पार्टी अध्यक्ष कौन होगा, इसका फैसला राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को करना है। प्रदेश कांगेस कमेटी ने काफी समय पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति का अधिकार राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंप दिया है। कांगेस के एक वरिष्" नेता ने अपना नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा प्रदेश कांगेस अध्यक्ष कौन होगा, इसकी घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। लेकिन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की रहेगी। कांगेस के महाधिवेशन के समाप्ति के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्ति का ऐलान हो सकता है। कांगेस सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ गिरिजा व्यास, सांसद महेश जोशी, सांसद अश्क अली टांक, सांसद रघुवीर मीणा का नाम प्रमुख रूप से सामने आ रहा है। डॉ व्यास पिछले दिनों इसके सकेंत देते हुए कहा पार्टी मुझे जो भी उत्तरदायित्व सौंपेगी, मैं पूरा करूंगी। कमाबेश यही विचार महेश जोशी और अश्क अली टांक व्यक्त कर चुके हैं। राजस्थान के इतिहास में संभवतः यह पहला मौका है जब मौजूदा राजस्थान विधानसभा का सत्र नेता प्रतिपक्ष के बिना चल रहा है। विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी का विधायक दल दो साल बीत जाने के बावजूद अपने नेता का चुनाव नहीं कर पाया है। राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि भाजपा में आन्तरिक घमासान के कारण नेता प्रतिपक्ष का चुनाव टलता जा रहा है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अरूण चतुर्वेदी ने अगले विधानसभा सत्र तक नेता प्रतिपक्ष पद पर नियुक्ति होने की बात कही है। लेकिन उनकी पार्टी के एक नेता ने कहा दो राष्ट्रीय नेता इस मसले को एक साल से नहीं सुलझा पाये हैं। भाजपा के वरिष्" नेता राम लाल जाट ने भाजपा विधायक दल के चयन के मुददे पर कहा विधायक दल का नेता चुनना पार्टी का आन्तरिक मामला है। सत्र के दौरान प्रतिपक्ष बखूबी सरकार को क"घरे में खड़ा कर रहा है। किसी भी वक्त विधायक दल के नेता का चुनाव हो जायेगा। भाजपा द्वारा राजस्थान के मंत्रिमंडल को लेकर दिये गये बयान के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मुददे पर पलटवार करते हुए कहा भाजपा विधायक दल पहले अपना नेता तो चुन ले ़ ़ वे दो साल से नेता का चुनाव नहीं कर पाये हैं। राजस्थान में बीते साल प्रदेश की सत्ताधारी कांगेस पार्टी में सरकार द्वारा की जाने वाली राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी गहमागहमी बनी रही। साल के अंत तक लालबत्ती और बोर्ड सदस्य बनने की आस मन में पाले बै"s कांगेस कार्यकर्ताओं को यह सुख नहीं मिल पाया। राजस्थान प्रदेश कांगेस अध्यक्ष डॉ सी पी जोशी ने निगम और बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों की राजनीतिक नियुक्ति के बारे में कहा यह क्षेत्राधिकार मुख्यमंत्री का है, पार्टी का नहीं। पार्टी ने निकाय और पंचायत चुनाव में हजारों कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां दी है। कांगेस के प्रदेश स्तरीय वरिष्" पदाधिकारी मुमताज मसीह ने कहा पार्टी ने निकाय और पंचायत राज चुनाव में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को मौका देकर उत्तरदायित्व सौंपाहै। निगम बोर्ड के अध्यक्षों एवं सदस्यों की नियुक्ति मुख्यमंत्री के क्षेत्राधिकार में है तथा इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं कर सकता। कांगेस के एक पदाधिकारी पदम कुमार का कहना है कि कांगेस सरकार को दो साल पूरे हो चुके हैं। सरकार को बोर्ड और निगमों में कार्यकर्ताओं को नियुक्ति देने में अब और देर नहीं करनी चाहिए। कांगेस को निकाय चुनाव में संभावित परिणामों के अनुरूप सफलता तो नहीं मिली। इसके बावजूद निवर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान निकाय में पार्टी जन प्रतिनिधियों के मुकाबले मौजूदा चुनाव में अधिक जनप्रतिनिधि जीतने के कारण सन्तोष जरूर रहा।
Highlightsमैक्सवेल ने कहा कि लगातार खेलते रहने के कारण वह मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी थक चुके थे। जिसके कारण अक्टूबर में मानसिक स्वास्थ्य की वजह से विश्राम लेने को मजबूर होना पड़ा। ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर ग्लेन मैक्सवेल ने कहा कि पिछले चार या पांच साल से लगातार खेलते रहने के कारण वह मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी थक चुके थे, जिसके कारण उन्हें अक्टूबर में मानसिक स्वास्थ्य की वजह से विश्राम लेने को मजबूर होना पड़ा। मैक्सवेल श्रीलंका के खिलाफ पहले दो मैच खेलने के बाद अपने मानसिक स्वास्थ्य के कारण अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से हट गए थे। मैक्सवेल ने कहा कि वह उनकी महिला मित्र थी, जिसने सबसे पहले उनमें बदलाव महसूस किया। उन्होंने कहा, "असल में वह मेरी महिला मित्र थी जिसने मुझे किसी से सलाह लेने के लिए कहा। सबसे पहले उसे मेरे अंदर बदलाव का अहसास हुआ और मैं उसका आभार व्यक्त करता हूं। शुरुआती बातचीत के बाद ही मुझे लगा कि जैसे मेरे कंधों से भारी बोझ उतर गया। " मैक्सवेल अब वापसी की राह पर हैं और इस महीने के आखिर में बिग बैश लीग में मेलबर्न स्टार्स की अगुवाई करके वापसी करेंगे।
ऑस्ट्रेलिया की सिंगर की महीनों तक एक से दो होने की ख़बरें सुर्खियों में बनी रहीं और आख़िरकार सिंगर अडेल ने इस राज़ पर से पर्दा उठा ही दिया। ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में सिंगर अडेल ने स्टेज से दुनिया को ये बताकर चौंका दिया, "मैं अब शादीशुदा हूं। " सिंगर अडेल और सिमोन कोनेकी अब एक हैं। वे उस वक्त अपने एल्बम 'समवन लाइक यू' के बारे में बात कर रही थीं। हालांकि इस बात को लेकर लंबे समय से अफ़वाहों का बाज़ार गर्म था कि इस जोड़े ने शादी कर ली है। अडेल ने अपना ग्रैमी अवॉर्ड भी अपने पति को समर्पित कर दिया। अडेल और सिमोन का एक बेटा भी है चार साल का एंजेलो। अपनी शादी के बारे में बात कर रहीं अडेल का वीडियो सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर किया जा रहा है। अडेल ने शादी का ज़िक्र करते हुए उन लम्हों के बारे में बताया जब उन्होंने अपने क़रीबी लोगों को 'समवन लाइक यू' गाकर सुनाया था।
बाढड़ा (शिव कुमार) : आगामी दो दिसंबर को बाढड़ा में होने वाले जनमत संग्रह को लेकर जिलाधीश प्रीति ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है और मतदान केन्द्रों की 100 मीटर परीधि में पांच या अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने व हथियार लेकर चलने पर पाबंदी लगा दी है। वहीं जिलाधीश की ओर से दंड प्रक्रिया अधिनियम 1973 की धारा 144 के तहत जारी आदेशों में कहा गया है कि आगामी दो दिसंबर को बाढड़ा क्षेत्र में जनमत संग्रह के लिए ईवीएम से मतदान होना है, जिसके लिए बाढड़ा व हंसावास खुर्द में सात मतदान केन्द्र बनाए गए हैं। मतदान के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाने जरूरी हैं। इसे देखते हुए जिलाधीश ने मतदान केन्द्रों की 100 मीटर परिधी में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने और हथियार रखने पर प्रतिबंध लगा दिया है। (हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें। )
SHEIKHPURA : जिला शिक्षा कार्यालय में आज शिक्षकों ने जमकर बवाल काटा है शिक्षकों ने डीईओ साहेब पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है. शिक्षकों ने बवाल काटते हुए कहा कि भला बताइए ई सर जो हैं दिन में पुरूष शिक्षक को बुलाते हैं, वहीं रात में महिला शिक्षक को मिलने के लिए बुलाते हैं शिक्षकों ने साफ शब्दों में कहा कि यदि आप मंगलवार तक काम नहीं करेंगे तो आपको कुर्सी पर बैठने नहीं देंगे। आप अधिकारी नहीं डकैत हैं. इसके बाद अधिकारी ने एक शिक्षक को कहा कि आप पर एफआईआर करेंगे तो शिक्षक ने कहा कि हम यादव हैं और जान लीजिए यादव का तो जन्म ही जेल में हुआ है. आपको बता दें कि जिला शिक्षा कार्यालय में जिले भर के दर्जनों शिक्षकों ने जिला शिक्षा पदाधिकारी के गलत क्रियाकलापों से नाराज होकर जमकर हंगामा किया. स्थिति इतनी खराब हो गई कि शिक्षक जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ हाथापाई की नौबत तक पहुंच गई. इस संबंध में प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष ब्रजेश कुमार वर्ष 2020 में सरकार ने 15% वेतन वृद्धि देने का आदेश दिया था. लेकिन कोरोना की वजह से यह आदेश अधर में लटका हुआ था. कोरोना का दौर समाप्त होते ही 1 अप्रैल 2021 को ही सरकार ने वेतन वृद्धि का फिक्सेशन करने का आदेश जारी किया था. इस आदेश को आसपास के अधिकांश जिलों में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने अमलीजामा पहनाते हुए शिक्षकों को वेतन बढ़ा कर उनके खाते में हस्तांतरित भी करवा दिया. लेकिन शेखपुरा में जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान ने सभी शिक्षकों का कागजात का जांच का बहाना बनाकर यह कार्य रोक दिया। मामले को लेकर शिक्षकों ने 31 तारीख तक अल्टीमेटम देते हुए वेतन वृद्धि की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन सौंपने गए. इसी दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी के ऑफिस में जबरदस्त हंगामा हो गया. एक शिक्षक ने तो डीईओ के ऊपर जूता से हमला करने का भी प्रयास किया। ऑफिस में ही जिला शिक्षा पदाधिकारी को पूरी तरह से बेइज्जत कर दिया गया। शिक्षकों ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी हर बात के लिए शिक्षकों से पैसे की मांग करते हैं। मांग की पूर्ति नहीं होने पर बेवजह तरह-तरह के बहाने बनाकर परेशान करने का काम किया जाता है। डीईओ कार्यालय में प्रतिनियुक्त शिक्षकों के ऊपर भी पदाधिकारी की दलाली करने का आरोप लगाया गया. वही मामले पर संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा सभी प्रतिनियुक्त शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति को रद्द करते हुए तत्काल अपने अपने मूल स्थान पर योगदान देने का आदेश जारी कर दिया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी रंजीत पासवान से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मंगलवार तक सभी शिक्षकों के फिक्सेशन का काम पूरा कर दिया जाएगा.
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
पांवटा साहिबः एक के बाद एक सनसनीखेज वारदातों से पांवटा साहिब सन्न हो गया है। शनिवार को उपमंडल के गोरखूवाला में एक व्यक्ति को उसकी पत्नी ने ही अपने आशिक के साथ मिलकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने महिला व एक अन्य युवक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, साथ ही शव को पोस्टमार्टम करवाने के लिए मैडीकल कालेज नाहन भेज दिया है। पुलिस ने महिला व एक अन्य युवक को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह 6 बजे पुरूवाला पुलिस को सूचना मिली कि गोरखूवाला में सड़क किनारे एक व्यक्ति का शव बाइक समेत संदिग्ध अवस्था में पड़ा है। सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई। मृतक की पहचान रामदास (42) पुत्र स्वर्गीय सुल्तान सिंह निवासी गोरखूवाला के रूप में हुई। मृतक व्यक्ति के छोटे भाई रामपाल की शिकायत पर पुलिस ने मृतक की पत्नी नीता व भंगानी निवासी अश्वनी कुमार के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। रामपाल का आरोप है कि रामदास की पत्नी का अश्विनी के साथ गलत रिश्ता है। उसने आरोप लगाया कि अश्विनी का अक्सर रामदास के घर आना-जाना रहता था। जिस कारण परिवार में कई बार झगड़ा भी हुआ। पुलिस को जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य हाथ लगे हैं। बताया जा रहा है कि भंगानी के रहने वाले युवक का घर में अकसर आना-जाना रहता था। शुक्रवार देर रात को भी वह घर पर आया और रामदास को पहले शराब पिलाई, जिसके बाद महिला और युवक ने दोनों ने मिलकर उसको मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद दोनों ने शव को घर से कुछ दूरी पर सड़क के किनारे बाइक समेत रख दिया ताकि यह सड़क हादसा लगे। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करवाने के लिए सिविल अस्पताल पांवटा साहिब लाई, जहां पर चिकित्सकों ने मामले को गंभीरता से देखते हुए शव को पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज नाहन भेज दिया, जहां पर रविवार को डाक्टरों की टीम शव का पोस्टमार्टम करेगी। प्रथम दृष्टि से सभी लोग सड़क हादसे देख रहे थे लेकिन सूचना मिलने के बाद डीएसपी बीर बहादुर व थाना प्रभारी विजय रघुवंशी मौके पर पहुंचे तो देखा कि शव बाइक के नीचे सड़क पर पड़ा था लेकिन बाइक से चाबी गायब थी, जिससे डीएसपी को शक हुआ और जांच को दूसरे पहलू से शुरू की और पुलिस ने चंद घटों में ही हत्या की गुत्थी को सुलझाने में सफलता हासिल की। डीएसपी ने जांच के लिए फोरैंसिक टीम शिमला के लिए लिखा है तथा रविवार को फोरैंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंच कर मौके से साक्ष्य जुटाएगी। पुलिस ने महिला व युवक को हिरासत में लेकर कड़ी पूछताछ शुरू कर दी है। पुलिस ने धारा 302, 34 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पत्नी ने आशिक के साथ मिलकर कर डाली पति की हत्या Reviewed by Himachal Fast News on 08 November Rating:
President Election 2022 यह होगी मतदान प्रक्रिया चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाए गए विधानसभा के प्रमुख सचिव ने बताया कि मतदान पूरी तरह गोपनीय होगा। मतदाता मतपत्र पर चुनाव आयोग द्वारा दी गई विशेष पेन से अपनी प्राथमिकता संबंधित प्रत्याशी के नाम के सामने अंकित करेंगे। President Election 2022: भोपाल, ऑनलाइन डेस्क। राष्ट्रपति चुनाव के लिए आज मतदान हो रहा है। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मतदान के लिए विधानसभा पहुंचे और मतदान किया। मतदान केंद्र के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। सभी लोग कतारबद्ध होकर मतदान कर रहे हैं। मतदान के दौरान मत की गोपनीयता बनाए रखना अनिवार्य होगा। यदि कोई मतदाता इसका उल्लंघन करता है तो संबंधित के मतपत्र को अवैध घोषित कर दिया जाएगा। मालूम हो कि इसके लिए विधानसभा भवन के समिति कक्ष में मतदान केंद्र बनाया गया है। सुबह 10 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है। शाम पांच बजे तक मतदान होगा। मतदान के लिए प्रदेश के सभी सांसद और विधायक विधानसभा में पहुंचने लगे हैं। वहीं, संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर सबसे पहले मतदान के लिए विधानसभा परिसर में स्थित मतदान केंद्र पर पहुंंचीं। नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग भी पहुंचेे। जानकारी हो कि यह होगी मतदान प्रक्रिया चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बनाए गए विधानसभा के प्रमुख सचिव ने बताया कि मतदान पूरी तरह गोपनीय होगा। मतदाता मतपत्र पर चुनाव आयोग द्वारा दी गई विशेष पेन से अपनी प्राथमिकता संबंधित प्रत्याशी के नाम के सामने अंकित करेंगे। कोई भी दल निर्वाचक सदस्यों के लिए व्हिप जारी नहीं कर सकता है। यदि प्रथम प्राथमिकता यानी अंक एक किसी भी प्रत्याशी के नाम के सामने अंकित नहीं किया जाता है तो मतपत्र अविधिमान्य घोषित हो जाएगा। इसी तरह एक से अधिक प्रत्याशी के नाम के आगे एक अंक अंकित करने या चुनाव आयोग की पेन की जगह दूसरी पेन का उपयोग करने पर भी मतपत्र अविधिमान्य हो जाएगा। जानकारी हो कि आदेश के अनुसार मतदान कक्ष में विधायक मोबाइल फोन, पेन या अन्य उपकरण नहीं ले जा सकेंगे। विधायकों के साथ किसी अन्य व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। मतदान समाप्त होने के बाद विमान से मतपेटी दिल्ली ले जाई जाएगी। भाजपा ने नरोत्तम मिश्रा, कांग्रेस ने बाला बच्चन को बनाया प्रभारी चुनाव के लिए भाजपा ने डा. नरोत्तम मिश्रा को प्रभारी बनाया है। और कांग्रेस ने बाला बच्चन और पीसी शर्मा को यह जिम्मेदारी दी है। मतदान केंद्र पर लगाई चित्र प्रदर्शनी राष्ट्रपति चुनाव को यादगार बनाने के मकसद से विधानसभा सचिवालय ने मतदान केंद्र स्थल पर चित्र प्रदर्शनी लगाई है। इसमें मध्य प्रदेश के गठन से लेकर अब तक के राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री, मंत्री और सदस्यों के छाया चित्र लगाए गए हैं।
संक्रमण की दूसरी लहर को ज्यादा टेस्टिंग के दम पर रोकने में दक्षिण भारत के राज्य काफी आगे हैं। यही नहीं, आबादी के अनुपात में भी दक्षिण के राज्यों में ही ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं। देश में दूसरी लहर 1 मार्च के बाद शुरू हुई। इसके बाद केरल, आंध्र, तमिलनाडु, तेलंगाना और कर्नाटक में रोज होने वाले टेस्ट साढ़े तीन गुना (औसत) बढ़ चुके हैं, जबकि यूपी, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब में औसत दोगुने भी नहीं बढ़ पाए हैं। दरअसल, यूपी-बिहार जैसे कुछ राज्य सबसे ज्यादा टेस्ट कराने के दावे करते हैं, लेकिन जब इन्हें हम आबादी के हिसाब से आंकते हैं तो पाते हैं कि ये दोनों राज्य टॉप-20 में भी नहीं आते। चिंता की दूसरी बड़ी बात यह है कि ये राज्य संक्रमण का पीक जल्द आने के दावे करने लगे हैं, जबकि इन राज्यों में संक्रमण की दर अभी 20% से ज्यादा है। WHO कहता है कि संक्रमण की दर 5% से ज्यादा हो तो स्थिति अनियंत्रित मानी जाती है। टेस्ट के दम पर कोरोना को हराने में अमेरिका ने मिसाल पेश की है। वहां 33 करोड़ आबादी है, टेस्ट 43 करोड़ हो चुके हैं। इधर, 130 करोड़ आबादी वाले भारत में सिर्फ 30 करोड़ टेस्ट हुए हैं। अमेरिका ने संक्रमण की दर कभी भी 15% से अधिक नहीं होने दी। भारत में अभी 23% है। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में 14 दिन से ज्यादा समय से रोज मिलने वाले मरीजों की संख्या घट रही है। यह पीक का पहला संकेत है, लेकिन सिर्फ यही काफी नहीं है। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में सक्रिय मरीज 7 दिन से ज्यादा समय से लगातार घट रहे हैं। इसी आधार पर पीक के दावे हो रहे हैं। हालांकि, यह पीक के आकलन का अहम पैमाना जरूर है, लेकिन सिर्फ इसी आधार पर पीक मानना पूरी तरह गलत है। महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों में दावे होने लगे हैं कि पीक आने वाला है, लेकिन महाराष्ट्र में टेस्ट पॉजिटिविटी रेट अब भी 20. 8% है। डब्ल्यूएचओ कहता है कि संक्रमण दर 5% से नीचे हो तो ही पीक माना जा सकता है। हालांकि, थोड़ी राहत की बात यह है कि महाराष्ट्र में संक्रमण की दर में गिरावट शुरू हो चुकी है। पहले यह 26% तक जा पहुंची थी। (तीनों ही पैमानों पर आंकें तो किसी भी राज्य में अभी पीक नहीं आया है। ) This website follows the DNPA Code of Ethics.
दोहा। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने कहा है कि वह फारस की खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद के साथ हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस 2017 में शुरू दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद को पूरी तरह से समाप्त करने के प्रयास में बुधवार देर रात कतर पहुंचे हैं। श्री अल थानी ने ट्वीट किया कि हमने फारस की खाड़ी क्षेत्र में सुरक्षा एवं स्थिरता को बढ़ावा देने की अपनी साझी इच्छा की पुष्टि की है। वर्ष 2017 में संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, बहरीन और मिस्र ने कतर पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए इसके साथ राजनयिक संबंध तोड़ लिये थे। कई अन्य देशों ने बाद में ऐसा ही किया और कई ने कतर के साथ अपने राजनयिक संबंधों को कमजोर कर लिया था।
एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देने के मामले में निलंबित बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा एक बार फिर कांग्रेस के निशाने पर आ गयीं हैं। इंडियन यूथ कांग्रेस के प्रेसीडेंट श्रीनिवास बीवी ने उनका एक पुराना वीडियो शेयर कर तंज कसते हुए कहा कि हम कहें तो कहें क्या। बीजेपी से निलंबितः वहीं, दूसरी ओर पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान देने के मामले में भारतीय जनता पार्टी से निलंबित होने के बाद नूपुर शर्मा ने रविवार (5 जून) को अपनी टिप्णणी को लेकर माफी मांगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। मेरी मंशा किसी को ठेस पहुंचाने की नहीं थी, अगर मेरे शब्दों से किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है तो मैं अपने शब्द वापस लेती हूं। शिवजी का अपमान बर्दाश्त नहींः इसके साथ ही नूपुर शर्मा ने कहा कि रोजाना मेरे आराध्य शिवजी का अपमान किया जा रहा था। मैं शिवजी के अपमान को बर्दाश्त नहीं कर पाई। मैंने रोष में आकर कुछ चीजें कह दीं। वहीं, अरब के कई देशों ने भारतीय राजदूतों को बुलाकर नूपुर शर्मा के बयान पर विरोध दर्ज कराया था, जिसके बाद बीजेपी ने कार्रवाई करते हुए नूपुर शर्मा को जांच पूरी होने तक सस्पेंड और नवीन जिंदल को पार्टी से 6 साल तक के लिए निलंबित कर दिया। भारत सरकार का नजरिया नहींः वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने नूपुर शर्मा मामले पर इस्लामिक देशों के संगठन की टिप्पणियों को गैर जरूरी और छोटी सोच का बताया है। विदेश मंत्रालय प्रवक्ता ने कहा है कि भारत दुनिया के सभी देशों का सम्मान करता है, एक धार्मिक व्यक्तित्व के खिलाफ कुछ लोगों के ट्ववीट और टिप्पणियों को भारत सरकार का नजरिया नहीं माना जा सकता है।
जनकपुर, २८ अप्रिल । संघीय समाजवादी फोरम नेपाल के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने कहा है कि वर्तमान संविधान स्वीकार्य नहीं है, इसको स्वीकार्य बनाने के लिए संशोधन की आवश्यकता है । उनका यह भी मानना है कि अगर संविधान संशोधन नहीं किया जाएगा तो देश में राजनीतिक स्थिरता की सम्भावना भी नहीं है । मधेशी स्वास्थ्यकर्मी फोरम के तीसरे महाधिवेशन के अवसर पर जनकपुर में शुक्रबार आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधन करते हुए अध्यक्ष यादव ने कहा कि बाम गठबंधन संविधान संशोधन के विपरित चल रही है । अध्यक्ष यादव ने कहा कि संघीयता को मजबूत बनाने के लिए स्थानीय तहों को प्रदेश मातहत में लाने की जरुरत है । उनका मानना है कि संघीयता को कमजोर बनाने के लिए ही शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र को स्थानीय तह मातहत रखा गया है । अध्यक्ष यादव का आरोप है कि इसमें प्रमुख तीन दलों का हाथ है ।
इस बार बहुत ही शानदार संयोग हो रहा है। पहली बार नवरात्रि और रमजान एक ही दिन से शुरू हो रहे हैं। एक तरह पैगंबर मुहम्मद और मां दुर्गा धरती पर निवास करने के लिए और इंसानों की खैरियत के लिए एक दिन एक ही समय में आ रहे हैं। रमजान 13 अप्रैल2021 से शुरू हो रहा है और नवरात्रि भी 13 अप्रैल 2021 से ही शुरू हो रहे हैं। रमजान का पहला रोजा और मां दुर्गा का पहला नवरात्रि एक ही दिन से हैं। रमजान के महीने में रोजे रखे जाते हैं, इसे इबादत का महीना माना जाता है। इस पवित्र माह में मुसलमान महीने भर रोजे रखते हैं पांच वक्त की नमाज और नमाजे-तरावीह अदा करते हैं। दूसरी ओर नवरात्रि में मां दुर्गा की पुजा की जाती है। एक वक्त खाना खाया जाता है, पूजा की जाती है और कठीन तपस्या करनी पड़ती है। दुनिया में अमन के लिए दुआएं मांगते हैं। बता दें कि रमजान का पाक महीना इस्लािमी कैलेंडर का नौवां महीना होता है। इसमें रब या पैगंबर मुहम्मद का शुक्रिया अदा करते हैं। इशां की नमाज के बाद तरावीह पढ़ी जाती हैं और इसमें 20 रकअत होती हैं। रमजान उल मुबारक के महीने में दिन में रोजे रखे जाते हैं और रात में तरावीह की नमाज अदा की जाती है। खुद पैग़ंबर हुज़ूर अकरम सल्लनललाहो अलैह वसल्लैम ने भी नमाज़ तरावीह अदा फ़रमाई और इसे पसंद फ़रमाया नमाजे तरावीह महिला और पुरुष दोनों पढ़ते हैं।
सभी क्रिकेटप्रेमियों के मन में यह सवाल जरूर होगा कि क्या महेंद्र सिंह धोनी 2019 में होने वाले विश्व कप तक टीम इंडिया में बने रहेंगे या फिर उससे पहले वो सन्यास ले लेंगे. जब यह सवाल महेंद्र सिंह धोनी के बचपन के कोच केशव बनर्जी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि तीन महीने बाद होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी महेंद्र सिंह धोनी के भविष्य का फैसला करेगी. बनर्जी के अनुसार अगर धोनी चैम्पियंस ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करते है तो वह विश्व कप 2019 तक खेलेंगे. यह बात बनर्जी ने अंडर 14 टूर्नामेंट के लांच के दौरान कहीं. बनर्जी ने कहा कि धोनी अब भी काफी चतुर हैं. धोनी की इच्छा शक्ति और खेल का आकलन करने की क्षमता उसे दूसरों से अलग बनाती है. धोनी के कप्तानी छोड़ने के फैसले पर बनर्जी ने कहा कि धोनी ने किसी को खुद पर ऊँगली उठाने का मौका ही नहीं दिया. इससे पहले कि कोई उस पर अंगुली उठता, उसने कप्तानी छोड़ दी. बनर्जी राइजिंग पुणे सुपर जाइंट्स द्वारा धोनी को कप्तानी से हटाने के फैसले पर नाराज नजर आए.
फिल्म जगत में 1969 से 1971 के दशक में लगातार 15 हिट फिल्में देने वाले दिवंगत अभिनेता राजेश खन्ना का रिकॉर्ड आज भी बरकरार है. 1966 में रिलीज हुई फिल्म 'आखिरी खत' से बॉलीवुड में कदम रखने वाले अभिनेता ने अपने फिल्मी करियर में 160 फीचर फिल्में और 17 लघु फिल्मों में काम किया. आज इस महान अभिनेता जन्मदिन है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं राजेश खन्ना के फिल्मी करियर से जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में. तीन बार अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर,1942 में अमृतसर में हुआ था. हालांकि, राजेश को उनके जैविक माता-पिता के रिश्तेदार चुन्नी लाल खन्ना और लीला वती खन्ना ने पाला-पोसा. उनके असली माता-पिता का नाम लाला हीरानंद और चंद्रानी खन्ना था. सेंट सेबेस्टियन गोवा हाई स्कूल से जीतेंद्र के साथ स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद राजेश ने थिएटर का रुख किया. अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में उन्होंने कई नाटकों में अपने अभिनय के दम पर पुरस्कार भी जीते. राजेश की एक खास बात यह भी थी कि वह उन कम लोगों में से थे, जो 1960 के दशक में अपनी नई एमजी स्पोर्ट कार से थियेटर पहुंचते थे. राजेश की 15 हिट फिल्मों में 'अराधना', 'इत्तेफाक', 'डोली', 'बंधन', 'दो रास्ते', 'द ट्रेन', 'सच्चा झूठा', 'सफर', 'कटी पतंग', 'आओ मिलो सजना', 'आनंद', 'मर्यादा', 'हाथी मेरा साथी', 'अमर प्रेम', 'अंदाज', 'दुश्मन' और 'अपना देश' शामिल है. जून, 2012 में राजेश की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई. 23 जून को उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती किया गया. हालांकि, स्वास्थ्य ठीक होने के बाद उन्हें आठ जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. जिंदादिली की पहचान रहे अभिनेता राजेश ने राजनीति में भी हाथ आजमाया.
अर्जुन कपूर इन दिनों रात-दिन काम कर रहे हैं जिसकी वजह उनकी आने वाली फिल्म 'नमस्ते इंग्लैंड' है। श्रीदेवी के निधन होने की वजह से अर्जुन 7 दिन की छुट्टी लेकर परिवार के साथ रहे। जिस वजह से फिल्म की शूटिंग डिले हो गई। अब ऐसी खबरें आ रही हैं कि अर्जुन कपूर करोड़ों रुपए बचाने के लिए 18 घंटे काम कर रहे हैं। अर्जुन चाहते हैं कि उनकी वजह से फिल्म के शिड्यूल में जो भी देरी हुई है वह समय रहते ट्रैक पर आ जाए। सूत्रों की मानें तो अर्जुन ने फिल्म के डायरेक्टर विपुल से इस बारे में बात की। अर्जुन ने कहा - 'वह इस बात को समझते हैं कि काफी सारा काम बचा है इसलिए चाहते हैं कि पूरी टीम पंजाब में शिड्यूल के अनुसार ही चले। यहां तक कि एक दिन भी ज्यादा न बिताए। ऐसा होने पर प्रोडक्शन कास्ट बढ़ जाएगी। ' विपुल से अर्जुन की बात इस ओर इशारा करती हैं कि वह अपने काम को लेकर कितने फोकस और गंभीर हैं। उनकी वजह से फिल्म की शूटिंग में जो भी देरी हुई है उसकी भरपाई प्रोडक्शन पर न पड़े। वहीं परिणीति ने भी फिल्म की शूटिंग के हिसाब से ही अपनी तारीख में कुछ बदलाव किया है ताकि शूटिंग में और देरी न हो। दरअसल, जिस वक्त अर्जुन कपूर पंजाब में 'नमस्ते इंग्लैंड' की शूटिंग कर रहे थे उसी वक्त श्रीदेवी की मौत की खबर आई थी। अर्जुन 7 दिन की छुट्टी लेकर परिवार के पास गए थे। जिसकी वजह से शूटिंग के पहले शिड्यूल में देरी हुई। 'नमस्ते इंग्लैंड' फिल्म साल 2007 में आई 'नमस्ते लंदन' की सीक्वेल है। इस फिल्म को विपुल अमृतलाल शाह डायरेक्ट कर रहे हैं। इसमें अर्जुन कपूर के अलावा परिणीति चोपड़ा लीड रोल में हैं। यह स्टार्स इससे पहले 'इशकजादे' फिल्म में नजर आए थे। दोनों की केमिस्ट्री को लोगों ने खूब पसंद किया था। ऐसे में दोनों को दोबारा देखना फैंस के लिए बड़ी खुशखबरी हैं।
दुबईः दिल्ली कैपिटल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच रविवार को आईपीएल क्वालीफायर 1 से पहले, वेस्टइंडीज के महान ब्रायन लारा ने ऋषभ पंत की अगुवाई वाली टीम के गेंदबाजी आक्रमण की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सीएसके की टीम को हरा सकता है। हालांकि उन्होंने आगाह किया है कि अधिक अनुभवी महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम के बल्लेबाजी में डेप्थ है, और किसी भी दिन वह सामने वाली टीम पर भारी पर सकते हैं। लारा ने क्रिकेट डॉट कॉम को बताया, जिन चार टीमों ने सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेला है. . वे चार टीमें प्लेऑफ में शामिल होने के योग्य हैं। मैं दिल्ली कैपिटल्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स की प्रतीक्षा कर रहा हूं। यह रोमांचक होने वाला है। यह है एक महत्वपूर्ण खेल लेकिन टीमें सोच सकती हैं कि अगर वे इस बार चूक गए तो उनके पास एक और मौका होगा लेकिन रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और कोलकाता नाइट राइडर्स टीमें भी बहुत मजबूत हैं। वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान ने कहा कि अधिक अनुभवी पक्ष होने के नाते, सीएसके को प्रतियोगिता में थोड़ा फायदा हो सकता है। दिल्ली कैपिटल्स ने इस सीजन में लीग चरण में सीएसके को दो बार हराया है, लेकिन दिल्ली फ्रैंचाइजी का प्लेऑफ में धोनी की अगुवाई वाली टीम के खिलाफ शानदार रिकॉर्ड है। दिल्ली की टीम को चेन्नई ने प्लऑफ में दो बार हरा चुकी है। लारा ने कहा, यह एक कठिन मैच होने जा रहा है और यह भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है कि क्या होने वाला है। चेन्नई को अपने पिछले तीन मैचों में हार का सामना करना पड़ा है, जबकि दिल्ली भी अपना आखिरी मैच हार गई है। उन्होंने कहा, दिल्ली का गेंदबाजी आक्रमण चेन्नई से बहुत सारे सवाल पूछने वाला है और वे उन्हें काफी परेशान कर सकते हैं। दिल्ली में आईपीएल का सबसे अच्छा गेंदबाजी आक्रमण है लेकिन सीएसके की लंबी बल्लेबाजी है। मैं यह तय नहीं कर सकता कि कौन इसे जीतने वाला है। प्रतिभा के मामले में, दिल्ली के पास कुछ अद्भुत युवा खिलाड़ी हैं लेकिन चेन्नई के पास अनुभव है।
इसी प्रकार इन भयानक आदि रसोंके विभाव अनुभाव आदिके दर्शनसे भी विस्मय श्रादि उत्पन्न हो सकते हैं। और सब प्रङ्गोंको प्रह्लादित कर देने वाले कवि तथा नटकी शक्तिसे उत्पन्न इसी चमत्कारसे धोखे में पड़ कर करुण श्रादि दुःखात्मक रसोंको भी सहृदय लोग सुखात्मक मानने लगते हैं । कवि लोग तो सुख-दुःखात्मक संसारके अनुरूप रामादिके चरितको सुख-दुःखात्मक रूप में ही प्रस्तुत करते हैं । केवल सुखात्मक रूपमें नहीं । इसलिए काव्य नाटकमें करुरण श्रादि रसोंको दुःखात्मक ही मानना चाहिए । यहाँ यह शङ्का हो सकती है कि- 'दुःखात्मक करुण आदि रसोंमें सहृदयोंको सुखानुभूति क्यों होती है और उसमें उनकी प्रवृत्ति किस कारण होती है ? इसका समाधान करते हुए ग्रन्थकारने लिखा है कि - 'जैसे ठण्डाई आदिके पीते समय दुःखदायी मिर्चका तीक्ष्रण रसास्वाद भी पानकके माधुर्य में विशेषता उत्पन्न कर देता है इसी प्रकार दुःखात्मक करुणादि रसोंमें आनन्दका अनुभव होता है। परन्तु वे वास्तव में सुखरूप नही है। क्योंकि सीताके हरण, द्रौपदीके केशादिके खींचे जाने, हरिश्चन्द्र के चाण्डालके दास बनने, रोहिताश्व के मरण, लक्ष्मणके शक्ति-भेदन श्रीर मालतीके व्यापादनके आरम्भ आदिको देख कर सहृदयोंको वास्तविक सुख कैसे हो सकता है। इसके अतिरिक्त एक बात यह भी है कि अनुकार्य रामादिमें करुरण आदि, वास्तविक दुःखके कारण ही थे । यदि अभिनय में वे सुखात्मक माने जाय तो वह अभिनय यथार्थ अभिनय नहीं होगा इसलिए करुण आदिको सुखात्मक मानना उचित नहीं है । वे सर्वथा दुःखात्मक ही है यह नाट्यदर्पणकार रामचन्द्र गुणचन्द्रका अभिमत सिद्धान्त है । इस प्रकार रसोंके स्वरूपके विषय में तीन प्रकारके सिद्धान्त पाए जाते हैं१. अभिनवगुप्तका - प्रायः सब रसोंकी उभयरूपताका सिद्धान्त । २. धनिक विश्वनाथ आदिका - समस्त रसोंकी नितान्त सुखरूपताका सिद्धान्त । ३. रामचन्द्र गुणचन्द्रका - पाँच रसोंकी सुखरूपता और चार रसोंकी दुखःरूपताका विभज्यवादी सिद्धान्त । शान्तरसकी स्थितिअभिनवगुप्त के इस विवेचनमें इससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण तीसरा सिद्धान्त शान्तरस की स्थिति विषयक सिद्धान्त है । अभिनवगुप्तने यहाँ 'समस्त पूर्वदुः खसञ्चयस्मरणप्रारिणतः सम्भाविततदुपरमबहुलसुखमयो निवेदः' लिख कर अन्य रसोंके समान नाटयमें शान्तरसकी भी स्थितिका प्रतिपादन किया है । इसके पूर्व भी वे शान्त रसकी स्थितिका प्रतिपादन कर चुके है । और आगे छठे अध्याय में तो अत्यन्त विस्तार के साथ वे शान्तरसकी विवेचना करेंगे। इससे प्रतीत होता है कि वे शान्तरस को न केवल नाट्यरस अपितु रसराज, सर्वोत्तम रस माननेके पक्षपाती है। किन्तु जैसे करुणरसकी दुःखरूपताके उनके सिद्धान्तको उत्तरवर्ती प्राचार्यांने स्वीकार नहीं किया इसी प्रकार उनके शान्तरस विषयक सिद्धान्तके सम्बन्धमें भी उत्तरवर्ती आचार्योका उनके साथ मतभेद रहा है । दशरूपककार धनञ्जय तथा उनके टीकाकार धनिक दोनोंने नाटयमें शान्तरस के माननेका एक दम बहिष्कार कर दिया है । धनञ्जयने अपने दशरूपक में लिखा है१. 'शममपि केचित् प्राहुः पुष्टिर्नाटयपु नैतस्य ।। निर्वेदादिरता द्रूप्यादस्थायी स्वदते कथम् । वैरस्यायैव तत्पोषस्तेनाष्टौ
Ranchi: कैबिनेट उप समिति की बैठक सोमवार को प्रोजेक्ट भवन में आयोजित की गयी. इसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने की. इसमें राज्य में हो रहे राहत कार्यों की समीक्षा की गयी. प्रवासी मजदूरों की वापसी सहित अन्य विषयों पर बिंदुवार हालात की जानकारी ली गयी. मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मजदूरों की वापसी होगी, जिस कारण उनके भोजन की व्यवस्था करना सरकार के लिए चुनौती है. सरकार भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित हो इसके लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं संचालित कर रही है. मुख्यमंत्री दाल-भात योजना, पीडीएस प्रणाली और मुख्यमंत्री दीदी किचन योजना बहुत प्रभावी तरीके से कार्यरत हैं. उन्होंने दीदी किचन योजना की संख्या को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा. जिसे समिति ने मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने की अनुशंसा की. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने प्रस्ताव रखा कि लॉकडाउन के दौरान सबसे बड़ा बोझ मिडिल क्लास फैमिली पर आया है. साथ ही राज्य में बड़े पैमाने पर ऑटो रिक्शा चालकों का व्यवसाय ठप हो गया है. जिससे उन पर दवाब है. ऐसे में लोन की ईएमआइ देने में वे सक्षम नहीं हैं. इसलिए केंद्र सरकार को पत्र लिख कर लॉकडाउन अवधि के दौरान की सभी प्रकार की ईएमआइ को माफ करने और ब्याज नहीं लेने की मांग केंद्र सरकार से की जायेगी. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ठेले,खोमचे, छोटे दुकानदार समेत ऑटो चालकों और झुग्गी झोपड़ी को चिह्नित कर उन्हें राशन उपलब्ध कराया जाये. बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भेजा जायेगा. उनकी स्वीकृति के बाद उनके दिशा-निर्देश के बाद लागू किया जायेगा. मंत्री चंपई सोरेन ने मांग की कि राज्य में बड़े पैमाने पर मजदूर वापस आ रहे हैं. भविष्य में भी आयेंगे. ऐसे में संक्रमण रोकने के लिए क्वारंटाइन सेंटर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की आवश्यकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि बहुत जगह से शिकायत आ रही है कि क्वारंटाइन सेंटर से लोग भाग जा रहे हैं. या सहयोग नहीं कर रहे हैं. ऐसे में जरूरी है कि ऐसे केन्द्रों में सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था करायी जाये. मंत्री रामेश्वर उरांव ने बताया कि राज्य सरकार अपने नागरिकों को लाने के लिए कटिबद्ध है. इसी के तहत देश के विभिन्न राज्यों से 64 ट्रेनें से लोगों को लाया गया है साथ ही 76 और ट्रेनों को NOC दिया गया है. जिसके माध्यम से सरकार एक सप्ताह में अपने नागरिकों को लायेगी. साथ ही बसों के माध्यम से भी लोगों को लाने का कार्य जारी है.
असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ऐतिहासिक जोरहाट सेंट्रल जेल का दौरा किया और जेल अधिकारियों के साथ-साथ जेल के कुछ कैदियों से बातचीत की और उनकी विभिन्न शिकायतों का जायजा लिया। बाद में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस भाषण में उनकी घोषणा के अनुसार, राज्य सरकार वर्तमान जेल को जिले के किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के बाद जोरहाट सेंट्रल जेल को विरासत स्थल के रूप में संरक्षित करेगी। 100 बीघा जेल की जमीन में सरकार हेरिटेज साइट विकसित करेगी। यह स्वतंत्रता के 75 वें वर्ष के उत्सव के दौरान हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि के रूप में किया जाएगा। जोरहाट सेंट्रल जेल, जिसे पहले जोरहाट जिला जेल के रूप में जाना जाता था, का निर्माण 1909 में भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान किया गया था और 1911 में खोला गया था। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों जैसे समाज सुधारक पीताम्बोर देव गोस्वामी, पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद, पूर्व प्रमुख मंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई और बिमला प्रसाद चालिहा, अमियो कुमार दास, बिजॉय भगवती और कामाख्या त्रिपाठी को इस जेल में कैद किया गया था। स्वतंत्रता सेनानी बेजा बौरी और कमला मिरी ने इसी जेल के अंदर अंतिम सांस ली। शहीद कुशल कोंवर को भी इसी जेल में 15 जून 1943 को फांसी दी गई थी।