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ऑस्कर जीतने वाली फिल्म 'स्लमडॉग मिलियनेयर' का छोटा सलीम याद है आपको? इस फिल्म के बाद इस बच्चे की किस्मत पलट गई थी। जय हो ट्रस्ट ने इस बच्चे के परिवार को 10X10 से एक फ्लैट में पहुंचा दिया था। लेकिन अब छोटे सलीम का किरदार निभाने वाले अजहरुद्दीन मोहम्मद इस्माइल का परिवार एक बार फिर झुग्गी-बस्ती में जाने को मजबूर हो गया है। साल 2008 में इस्माइल को डैनी बॉयल ने अपनी इस सुपरहिट फिल्म में कास्ट किया था। तब इस्माल की उम्र केवल 10 साल की थी और अगले साल 'स्लमडॉग मिलियनेयर' ने 8 ऑस्कर अवॉर्ड जीते थे। इस्माइल का परिवार तब बांद्रा के गरीब नगर की झुग्गी में रहता था। इसके बाद जय हो ट्रस्ट ने इस्माइल और फिल्म में उनकी को-स्टार रुबीना को फ्लैट दिया। 12 साल बाद अब इस्माइल 21 साल के हो गए हैं और अब वह अपनी पहचान खो चुके हैं। उनका परिवार अब वापस झुग्गी में रहने को मजबूर है। 6 महीने पहले इस्माइल ने सांताक्रुज वेस्ट में अनुराग प्लाजा का अपना 250 स्क्वॉयर फीट का फ्लैट 49 लाख रुपये में बेच दिया। अब उनका परिवार बांद्रा वेस्ट की झुग्गी में रह रहा है। अब इस्माइल को दूसरी बार झुग्गी की जिंदगी रास नहीं आ रही है और वह बार-बार बीमार पड़ जाते हैं। इसलिए वह अपने गांव वापस चले गए हैं। अपने गांव से इस्माइल ने मुंबई मिरर को बताया, 'स्टारडम खत्म हो गया। अब मुझे अपने परिवार के लिए कमाना होता है। मुंबई बहुत भीड़भाड़ वाला और पॉल्यूटेड है। मैं भले ही झुग्गी में पैदा हुआ लेकिन वहां वापस जाना नहीं चाहता था। ' फिल्म के एक साल बाद ही इस्माइल के पिता की टीबी के चलते मौत हो गई थी और गरीबी के कारण उनके परिवार को यह फ्लैट बेचना पड़ा। फिल्म के डायरेक्टर डैनी बॉयल ने जय हो ट्रस्ट बनाया था। इस ट्रस्ट ने इन बच्चों के परिवारों के परिवारों को फ्लैट दिए थे जो 18 साल के होने पर इनके नाम ट्रांसफर हो गए। ट्रस्ट इनके परिवार को 9 हजार रुपये महीने का महीने का खर्च भी दिया था। इस्माल की मां ने बताया कि 18 साल के होने पर यह 9 हजार रुपये का महीने का खर्च मिलना बंद हो गया। इस्माइल का पढ़ाई में भी ध्यान नहीं था। बुरी संगत में उसने ड्रग्स लेना भी शुरू कर दिया। इस्माइल के इलाज में काफी खर्च होने लगा जिसके बाद उनका 7 लोगों का परिवार घर बेचकर झुग्गी में शिफ्ट हो गया।
भौतिक विज्ञान अन्य एक गोल प्लेट रक्खी रहती है, जिसका व्यास चपड़े के व्यास से थोड़ा कम ही होता है। धातु की इस प्लेट में काँच का हैन्डिल लगा होता है। विद्युत् उत्पन्न करने के लिए धातु की प्लेट को अलग हटाकर फलालैन या बिल्ली की खाल से चपड़े को रगड़ते और उस पर ऋणात्मक विद्युत् पैदा कर लेते हैं। धातु की प्लेट को चपड़े पर रख देते हैंफ़ौरन ही प्लेट के निचले भाग में घनात्मक विद्युत् तथा ऊपरी सतह पर ऋणात्मक विद्युत् आ जाती है। अब धातु की प्लेट को हाथ से छू देते हैं, अतः स्वतन्त्र ऋऋणात्मक विद्युत् शरीर में से होकर धरती में चली जाती है। तब काँच का हैन्डिल पकड़कर धातु की प्लेट को उठा लेते हैं और जिस वस्तु पर विद्युत् प्रारूढ़ कराना हुआ उससे इसे हुआ देते हैं। प्लेट को पुनः चपड़े पर रखकर पूर्ववत् उसमें धनात्मक विद्युत् का समावेश कराकर इसे उसी वस्तु से छुआकर उसमें और भी अधिक विद्युत् प्रविष्ट करा सकते हैं। यह किया दुहराकर धीरे-धीरे करके ढेर-सी विद्युत् उस वस्तु में प्रविष्ट करा देते हैं ( दे० पृष्ठ २७४२ का चित्र ) । प्रयोगशालाओं में अत्यधिक परिमाण में विद्य त उत्पन्न करने के लिये ह्रिमशर्स्ट मशीन का प्रयोग होता है (दे० पृष्ठ २७४५ का चित्र ) । इस मशीन में काँच को दो वृत्ताकार प्लेटें लगी होती हैं, जो ऊर्ध्व धरातल में प्रतिकूल दिशाओं में एक ही हैन्डिल द्वारा घुमायी जा सकती हैं। प्रत्येक प्लेट की बाहरी सतह पर समान दूरी पर धातु की पत्तियाँ चिपकाई हुई रहती हैं तथा दोनों ओर पीतल की छड़ की भुजाएँ लगी होती हैं, जिनके सिरों पर तार के गुच्छे होते हैं जो प्लेट को छूते रहते हैं। ये भुजाएँ लगभग एक दूसरे से समकोण बनाती हैं। बगल में दोनों ओर धातु के कंधे लगे होते हैं, जिनके दाँत दोनों प्लेटों को बाहर से घेरे रहते हैं। ये कंधे मशीन के ढाँचे को छूते नहीं हैं। प्रत्येक कंघा एक-एक लीडन-जार से सम्बद्ध रहता है तथा कंघों से ही धातु की दो टेढ़ी छड़े ऊपर को जाती हैं, जहाँ उनके सिरे गोल घुण्डियाँ बन जाते हैं। टिन से मढ़े लकड़ी के एक गेंदनुमा पिंड को मोम के एक चौकोर आधार पर खड़ा करके धनात्मक विद्युत् से आविष्ट कर लीजिए और तब उसे इसी प्रकार के एक अन्य ल बाकार पिण्ड के समीप ले जाइए। आप देखेंगे कि बिना छुआए ही, केवल उपपादन की क्रिया द्वारा, यह दूसरा पिंड भी विद्यु, ताविष्ट हो जाता है - उसका निकट का सिरा विपरीत या ऋणमक विद्युत् से और दूरस्थ सिरा समान या धनात्मक विद्युत् से आरूढ़ हो जायगा। चित्र के बाएँ भाग में यही बात दिग्दर्शित की गई है। दाहिनी भोर यह दिखाया गया है कि यदि ऐसे दो पिंड एक-दूसरे से सटाकर रखे जाएँ और तब धन-विद्युत् से आाविष्ट काँच का एक डंडा उनमें से एक की बाजू के समीप लाया जाय तो वह बाजू तो ऋणात्मक विद्युत् से, पर साथ ही इस युगल जोड़ी की दूसरी बाजू धनात्मक विद्युत् से आविष्ट पाई जाएगी। अब यदि डंडा हटा लिया जाय और सटे हुए दोनों पिंड एक-दूसरे से अलग कर लिए जाएँ तो एक पिंड ऋणात्मक विद्युत् से युक्त पाया जायगा और दूसरा धनात्मक से । पुनः यदि ये दोनों पिंड एक-दूसरे के संस्पर्श में लाए जाएँगे तो उनके बीच एक चिनगारी पैदा होते देखी जायगी। कल्पना कीजिए कि घर्षण के कारण सामनेवाली प्लेट की एक पत्ती पर थोड़ी धनात्मक विद्युत् मौजूद है। जब यह बाई ओर घूमेगी, तब यह पिछली प्लेट की उस पत्ती के सामने आएगी जो कि पीछे की धातुवाली भुजा के गुच्छे के स्पर्श में है । अतः तुरन्त पीछे वाली प्लेट की इस पत्ती में उपपादन द्वारा ऋणात्मक विद्युत् का प्रवेश होगा और भुजा के दूसरे छोर के स्पर्श में आनेवाली पत्ती में धनात्मक विद्य त् प्रकट होगी । अब दोनों प्लेटें ज्यों-ज्यों घूमती हैं, बाएँ कंधे में धनात्मक विद्य तू इकट्ठी होती जाती है और दाहिने कंधे में ऋणात्मक विद्य त् । फिर सामनेवाली भुजा का एक गुच्छा ऋणात्मक विद्य त् वाली पत्ती के सामने आता है और दूसरा गुच्छा धनात्मक वाली पत्ती के। ऊपर वाले गुच्छे के स्पर्श में आनेवाली पत्ती में घनात्मक विद्युत् उत्पन्न होती है और नीचे में वाले गुच्छे के स्पर्श में आने वाली पत्ती में ऋणात्मक विद्यत् । और ये ही धातु के कंधों द्वारा एकत्रित की जाती हैं। इस प्रकार जिस वक्त प्लेट घूमती हैं, सामने वाली प्लेट के ऊपरी भाग की तमाम पत्तियों में और पीछेवाली प्लेट के निचले हिस्से की तमाम पत्तियों में घनात्मक विथ त रहती है और शेष पत्तियों में ऋणात्मक विद्यत, जो त् दाहिने कंधे में एकत्रित होती है। कंघों से विद्युत् दोनों लीडन जारों में जाकर सञ्चित होती है। लीडन जार का गुण यह है कि ढेर-सी विद्युत् इसमें सञ्चित की जा सकती है। लीडन जार वास्तव में एक चौड़े मुँह की काँच की बोतल होती है, जिसकी दीवालों की बाहरी और भीतरी सतह पर टिन की पत्ती कुछ दूर तक चढ़ी होती है (दे० पृष्ठ (२७४३ का चित्र) । उसके लकड़ी के ढक्कन में से पीतल की छड़ गुजरती है, जिसके निचले भाग से एक पीतल की जंज़ीर लटकती रहती है और यह ज़ंज़ीर टिन की पत्ती को छूती है। लीडन जार में विद्युत् संचित करने के लिए इसकी पीतल की घुण्डी को तार द्वारा ह्विमशर्स्ट मशीन के कंधे से सम्बद्ध कर देते हैं और जार के बाहरी टिन की सतह को हाथ से पकड़े रहते हैं ताकि उसका सम्बन्ध धरती से हो जाय । विद्युत् भर जाने पर एक चिमटेनुमा यंत्र से लीडन जार की घुण्डी और बाहरी सतह की टिन को एक दूसरे से सम्बद्ध करने पर विद्य त चिनगारी और साथ ही कड़क की आवाज़ उत्पन्न होती है। लीडन जार की विद्युत् अब • विनष्ट हो चुकी होती है। ह्विमशर्स्ट मशीन में लीडन जार लगाने का तात्पर्य यह है कि मशीन की ऊपरवाली घुंडियों के बीच चिनगारी विश्व की कहानी उस वक्त तक नहीं उत्पन्न होती जब तक कि दोनों ओर के लीडन जारों में पर्याप्त मात्रा में विद्यत् संकलित न हो जाय। यदि लीडन जार न लगाये जायँ तो मशीन की घुंडियों पर अधिक मात्रा में विद्युत् एकत्रित नहीं हो पाती, अतः चिनगारी भी लम्बी नहीं उत्पन्न होती । हिमशर्स्ट मशीन द्वारा उत्पन्न विद्युत् चिनगारियों को देखकर ही प्रश्न उठता है कि आकाश में कौंधनेवाली विद्युत् भी क्या वास्तव में प्रयोगशाला में उत्पन्न की गईं विद्य त् सदृश ही है १ सन् १७५२ में सुप्रसिद्ध अमेरिकन बेन्जेमिन फ्रैन्कलिन ने एक साहसपूर्ण प्रयोग इस सिलसिले में किया था। रेशम की पतंग बनाकर उसके सिरे पर पतले तार का छोटा टुकड़ा उसने लगा दिया और तब सूत की डोर में, जिसमें उसने पतंग बाँधा था निचले छोर पर उसने लोहे की एक चाभी बाँधी और वहाँ पर रेशमी फ़ीते को बाँधकर उस फ़ीते को ऊँचे प्रकाश हाथ में पकड़कर में उसने पतंग उड़ाया। उसने अपने इस प्रयोग के में लिए ऐसा समय चुना जब कि आकाश में बिजली चमक रही थी। पानी बरस जाने पर जब डोर गीली हो गई तब चाभी के निकट उँगली ले जाने पर उसे एक जबर्दस्त झटका मिला और नन्हीं- सी चिनगारी उत्पन्न हुई ( दे० पृष्ठ २७३८ का ऊपरी चित्र ) । इस प्रयोग ने निर्विवाद रूप से यह सिद्ध कर दिया कि प्रकाश की बिजली भी प्रयोगशाला की विद्युत् की तरह ही है। इस नवीन अनुसन्धान से प्रभावित होकर दूसरे ही साल एक फ्रेंच विद्वान् डा० रोमास ने इसी तरह का एक और प्रयोग दुहराया, किन्तु उसकी पतंग का क्षेत्रफल काफी ज्यादा था तथा सूत की डोर में एक सिरे से दूसरे सिरे तक उसने एक बारीक तार बट दिया था। अच्छे मौसम में जब कि न पानी बरस रहा था और न आकाश में बिजली ही चमक रही थी, उसने अपनी पतंग ऊँचे बादलों के बीच उड़ाई। लेकिन डोर को उसने लोहे की एक कील में बाँध दिया। थोड़ी देर में बड़े ज़ोर का धड़ाका हुआ, बिजली की चमक उत्पन्न हुई और कील के नीचे ज़मीन में एक सूराख बन गया। थोड़ी देर में पतंग ज़मीन पर गिरी तो जिस किसी ने डोर को उसे ही ज़बर्दस्त धक्का ( शॉक) लगा ( दे० पृष्ठ २७३८ का निचला चित्र ) । डा० रोमास के इस प्रयोग से यह निष्कर्ष निकला कि जिस वक्त बिजली आसमान में नहीं भी चमकती होती है उस वक्त भी बादल विद्युत्मय रहते हैं क्योंकि पतंग और उसकी डोर में बादलों में से ही विद्युत् का समावेश हुआ था ।
अब साइबर फ्राड की शिकायत लेकर थाने पहुंचे पीड़ितों को पुलिस कर्मी टरका नहीं पाएंगे। उन्हें हर हाल में पीड़ितों की मदद करनी होगी। साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए प्रदेश भर के सभी थानों में साइबर हेल्प डेस्क अक्टूबर से खोली जाएगी। डीजीपी के आदेश पर 25 हजार पुलिस कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जो 30 सितंबर तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद तैनाती होगी। प्रत्येक हेल्प डेस्क पर तीन से चार पुलिस कर्मी होंगे। अबतक थाना पुलिस उन्हें साइबर अपराध की बात कहकर साइबर क्राइम सेल भेजती थी। वहीं, साइबर क्राइम सेल मुकदमा न दर्ज होने की बात कहकर फिर थाने भेज देती थी। इस तरह पीडि़त कई दिनों तक प्रार्थनापत्र लेकर एक से दूसरे दफ्तर के चक्कर काटता रहता था। प्रार्थनापत्र की जांच करने से लेकर दर्ज कराएंगे रिपोर्टः थानों में बनी साइबर हेल्प डेस्क पर तैनात पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी होगी कि वह पीड़ितों के प्रार्थनापत्र की जांच कर उनकी शिकायत केंद्र सरकार द्वारा जारी वेबसाइट और टोल फ्री नंबर पर दर्ज कराएंगे। इसके साथ ही मामले की जांच करेंगे। जरूरत पडऩे पर रिपोर्ट दर्ज कराएंगे। इतना ही नहींं, उन्हें मामले की प्रगति रिपोर्ट भी पीडि़त को समय-समय पर देनी होगी। किसी भी तरह का साइबर फ्राड होने पर यहां करें शिकायतः इस टोल फ्री नंबर 155260 पर पुलिस विभाग के साइबर एक्सपर्ट से लेकर बैंक और कई कंपनियां मर्ज की गई हैं। वेबसाइटः www. cybercrime. gov. in (केंद्र सरकार द्वारा जारी वेबसाइट) मोबाइल नंबर : 9454457953-4 (परामर्श हेतु जारी नंबर) लाकडाउन के दौरान बढ़े दो से तीन गुना केसः मार्च 2020 में लाकडाउन के पहले सिर्फ लखनऊ में ही साइबर क्राइम के रोजाना सात से आठ केस आते थे। आज स्थिति यह है कि रोजाना 18 से 20 शिकायतें सिर्फ साइबर क्राइम सेल में आ रही हैं। इनमें से 60 फीसद मामले आर्थिक अपराध से संबंधित होते हैं। लगातार बढ़ रहे साइबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए डीजीपी के निर्देश पर प्रदेश के सभी थानों मेंं साइबर हेल्प डेस्क खोली जा रही है। इसके लिए पूरे प्रदेश से करीब 25 हजार पुलिस कर्मियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पूरा होते ही हेल्प डेस्क शुरू की जाएगी।
फेजर इस प्रकार गति करेगा। तो, यह I है। तो अंत में, यह 1 के पास आ रहा है। इसलिए, क्योंकि I', I (शंट कैपेसिटर के बिना) के बराबर है; इसलिए, यदि आप वहां आते हैं तो I', 1+1 (शंट कैपेसिटर के साथ) के बराबर है। यहाँ यदि आप किरचॉफ का प्रथम नियम लागू करते हैं, तोI, 1+1 होगा। यदि आप इस फेजर आरेख को देखें तो ।' 1 +1 के बराबर है। तो इसका मतलब है, यह प्रभावी कि करंट परिमाण 1 करंट वास्तव में घट रहा है; करंट घट रहा है; इसका मतलब है, यहां पावर फैक्टर कोण थीटा था, अब यह श्रृंखला कैपेसिटर के कारण 8 है। यानी 0 घट रहा है; इसका मतलब है, पावर फैक्टर वास्तव में सुधर रहा है। इसलिए, यह in , यह ix, iz है, इसलिए वोल्टेज गिरता है। तो, इसीलिए यदि आप शंट कैपेसिटर लगाते हैं जिसे आप कहते हैं कि यह पावर फैक्टर में सुधार करता है। जबकि, श्रृंखला कैपेसिटर वास्तव में 0 का कोई परिवर्तन नहीं होता है, लेकिन शंट कैपेसिटर के मामले में का परिवर्तन होता है। इसलिए, यदि करंट घटता है, तो लॉस 1r घटता है यह करंट 1, 1 नहीं है। तो, यह करंट । था। इसलिए, यदि Ir जोड़ते हैं, तो । का परिमाण । I। इससे बड़ा है। तो, पावर की लॉस (power loss ) अधिक है, लेकिन यहाँ इस आरेख से हम I; यदि आप इसे परिमाण में लेते हैं तो वास्तव में I तुलना की में घट रहा है। तो, यहाँ पावर लॉस (power loss) परिमाण Ir होगी। तो पावर लॉस (power loss) कम होगी। तो, शंट कैपेसिटर का मुख्य उद्देश्य नेटवर्क में पावर लॉस (power loss) को कम करना है, इसीलिए यह चरण आरेख है। आशा है कि यह समझ में आता है, तो, यह सब बातें यहाँ लिखी गई हैं।
नए एसपी के आने के साथ थाना पुलिस का हर काम अब चुस्त दुरुस्त होने लगा है। खासकर सदर थाना में कामकाज का तरीका बदल गया है और अब थाना हाइटेक हो रहा है। संवाद सहयोगी, किशनगंज : नए एसपी के आने के साथ थाना पुलिस का हर काम अब चुस्त दुरुस्त होने लगा है। खासकर सदर थाना में कामकाज का तरीका बदल गया है और अब थाना हाइटेक हो रहा है। टाउन थाना में कंप्यूटर के माध्यम से अधिक से अधिक कामकाज निष्पादन कार्य किया जा रहा है। वहीं फरियादियों के लिए दो आगंतुक कक्ष बनाया जा रहा है। इस तमाम कामकाज से आने वाले समय में टाउन थाना की एक नई पहचान बनेगी। वहीं थाने के सभी कार्य को प्रत्येक दिन आफलाइन से आनलाइन सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिग नेटवर्क एंड सिस्टम) के द्वारा किया जाता है। थाने में दर्ज एफआईआर को अपलोड, जब्ती, गिरफ्तारी, चार्जशीट, स्टेशन डायरी, कैश दैनिक, सनहा को सीसीटीएनएस के माध्यम से आनलाइन किया जाता है। थाने में सीसीटीएनएस को संचालित के लिए अलग से कंप्यूटर रूम बनाया गया है जिसमें दो आपरेटर आफलाइन से आनलाइन अपलोड का काम करता है। सभी दस्तावेज आनलाइन हो जाने से देश के किसी भी कोने की पुलिस किशनगंज के किसी भी मामले की जरूरत पड़ने पर जानकारी एक क्लिक पर ले सकती है। चरित्र प्रमाण पत्र का आनलाइन हो रहा वेरिफिकेशनः: सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रेकिग नेटवर्क एड सिस्टम) का संचालन किया जाता है। बेलट्रान कंपनी के 11 कंप्यूटर आपरेटर जिले के अलग-अलग थानों में काम करते हैं। टाउन थाना में दो, महिला थाना में एक, एससी/एसटी थाना में एक, बहादुरगंज थाने में एक, कोचाधामन थाने में एक, दिघलबैंक थाने में एक, टेढ़ागाछ थाने में एक, ठाकुरगंज थाने में एक, पोठिया थाने में एक और कुल्लीकोर्ट थाने में एक कंप्यूटर आपरेटर कार्य करते हैं। इन आपरेटरों के द्वारा थाने के सभी कार्यों को आफलाइन से आनलाइन अपलोड किया जाता है।
बीएसएनएल ने ओटीटी बेनेफिट्स के साथ आने वाले 999 रुपये में एक नए प्रीमियम ब्रॉडबैंड प्लान को लॉन्च किया है. फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) प्लान जिसे सुपर स्टार प्रीमियम प्लस कहा जाता है, सभी दूरसंचार सर्किलों में उपलब्ध है. बीएसएनएल ने ओटीटी बेनेफिट्स के साथ आने वाले 999 रुपये में एक नए प्रीमियम ब्रॉडबैंड प्लान को लॉन्च किया है. फाइबर टू द होम (एफटीटीएच) प्लान जिसे सुपर स्टार प्रीमियम प्लस कहा जाता है, सभी दूरसंचार सर्किलों में उपलब्ध है. इस योजना के बेनेफिट्स में 2000 जीबी तक 150 एमबीपीएस की स्पीड शामिल है जिसके बाद स्पीड 10 एमबीपीएस तक कम हो जाती है. इस प्लान को सब्सक्राइब करने वाले यूजर्स को डिज़्नी+ हॉटस्टार प्रीमियम का एक्सेस मिलेगा.सुपर स्टार प्रीमियम प्लस प्लान के साथ, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (आईएसपी) 8 अलग-अलग OTT एप्लीकेशन से प्रीमियम ओटीटी कंटेंट देता है. इस योजना की सदस्यता लेने वाले यूजर्स को लायंस गेट एलएलपी, शेमारू मी और शेमारू गुजराती, हंगामा म्यूजिक और हंगामा प्ले एसवीओडी, सोनी लिव प्रीमियम, ज़ी5 प्रीमियम, वूट सेलेक्ट और YuppTV लाइव जैसे कंटेंट का एक्सेस मिलता है. इस बीच, बीएसएनएल ने सभी टेलीकॉम सर्किलों में नए ग्राहकों के लिए मौजूदा ब्रॉडबैंड प्लान सुपर स्टार प्रीमियम -2 की कीमत 949 रुपये और फाइबर प्रीमियम की कीमत 999 रुपये बंद कर दिया है. इन प्लान के तहत मौजूदा ग्राहकों को योजना की समाप्ति तक योजना का लाभ मिलता रहेगा. विकास को सबसे पहले केरल टेलीकॉम ने नोट किया था. एयरटेल एक्सस्ट्रीम एंटरटेनमेंट ब्रॉडबैंड प्लान अनलिमिटेड इंटरनेट और 200 एमबीपीएस तक की हाई स्पीड के साथ कॉल की सुविधा देता है. इस योजना के स्ट्रीमिंग बेनेफिट्स में ज़ी5 प्रीमियम की एनुअल सब्सक्रिप्शन और एयरटेल एक्सस्ट्रीम बॉक्स एक्सेस के साथ अमेज़ॅन प्राइम शामिल हैं. यह योजना डिज्नी + हॉटस्टार सुपर सब्सक्रिप्शन के साथ आती है, जिसकी अलग से कीमत 899 रुपये प्रति ईयर है. Disney+ Hotstar Superusers को HD में रेस्ट्रिक्ट वीडियो क्वालिटी वाले 2 डिवाइस का एक्सेस मिलता है. यह ब्रॉडबैंड प्लान 150Mbps तक की डाउनलोड और अपलोड स्पीड के साथ सही मायने में अनलिमिटेड इंटरनेट के साथ आता है. यह प्लान अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और 1000 रुपये की कीमत वाले Amazon Prime, Disney+ Hotstar सहित 14 OTT ऐप्स का एक्सेस ऑफर करता है. नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम वीडियो, डिज़नी + हॉटस्टार, ज़ी5, सोनी लिव, वूट सेलेक्ट, लायंसगेट, सननेक्स्ट, होइचोई, ऑल्ट बालाजी, वूट किड्स, इरोज नाउ, डिस्कवरी +, ऑल्ट बालाजी और हंगामा Play सहित सभी 15 ओटीटी ऐप के एक्सेस के साथ आने वाले ब्रॉडबैंड प्लान की कीमत ज्यादा है. एक महीने की वैलिडिटी के लिए एक्साइटल अनलिमिटेड इंटरनेट और 300 एमबीपीएस स्पीड वाला ब्रॉडबैंड प्लान दे रहा है जिसकी कीमत 999 रुपये है और वही प्लान 499 रुपये प्रति माह के लिए आता है जो 5988 रुपये प्रति वर्ष आता है. एक्साइटल के पास 752 रुपये की ब्रॉडबैंड योजना है जो यूजर्स को बिना किसी अतिरिक्त लागत के ZEE5, वूट, इरोस, शेमारू जैसे कई ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म का एक्सेस ऑफर करता है. सब्सक्रिप्शन एक्साइटल के 300 एमबीपीएस, 3 महीने के प्लान जो 752 रुपये और तीन महीने के लिए 2256 रुपये में आता है. यह प्लान सभी एक्साइटल सर्विसिंग शहरों में उपलब्ध है.
(15:54 Hrs. IST) प्रमुख शो Index Fairs के आयोजक UBM Index Trade Fairs की ओर से India Kitchen & Bath के द्वितीय संस्करण का आयोजन किया जाएगा, जो कि किचन और बॉथ उद्योग के लिए इसकी अग्रणी प्रदर्शनी है। यह प्रदर्शनी 22-24 जुलाई 2016 के दौरान प्रगति मैदान, नयी दिल्ली में आयोजित की जाएगी। (Logo: photos. prnewswire. com/prnh/20160708/10150087 ) (Logo: photos. prnewswire. com/prnh/20151008/10132188 ) यह तीन दिवसीय व्यापारिक मेला एक रणनीतिक प्लेटफार्म है जो किचन और बॉथ उपकरणों, OEM व्हाइट गुड्स, एसेसरीज, किचन और बॉथ फर्नीचर व फिटिंग्स, लाइटिंग प्रोडक्ट्स आदि सेक्टरों के खरीदारों तथा विक्रेताओं और हॉस्पिटैलिटी, कंपनी जगत व सरकारी क्षेत्र से संबंधित आर्किटेक्टों, इंटीरियर डिजाइनरों, बिल्डरों, प्रोजेक्ट मैनेजरों, परामर्शदाताओं, प्रोक्योरमेन्ट हेड्स आदि को एक स्थान पर एकत्रित करेगा। यह आयोजन Institute of Indian Interior Designers (IIID), All India Hardware Association, Hospitality Purchasing Managers Forum, India Council of Ceramic Tiles andSanitaryware और Endorsed by India Design Council (IDC) द्वारा समर्थित है। इस मेले में नॉलेज फोरम, सेमिनारों और एक कला दीर्घा (आर्ट कान्क्लेव), एक स्कल्पचर जोन और एक कुडोज गैलरी (भारतीय आर्किटेक्ट डिजाइन को एक श्रद्धांजलि) के भी आयोजन होंगे। इस व्यापारिक मेले के अवसर पर, उद्योग जगत में उभरते आर्किटेक्टों और डिजाइनरों के नवप्रवर्तनों को प्रोत्साहित करने के लिए The India Design Council की ओर से 'India Design Mark' पर प्रस्तुतिकरण भी पेश किया जाएगा। 'Design Yatra' इस कार्यक्रम की एक अन्य खूबी है, जो कि आम जनता के बीच डिजाइनों का प्रचार-प्रसार करने के लिए Institute of Indian Interior Designers (IIID) की ओर से एक अखिल भारतीय प्रयास है। Design Yatra चार नैनो कारों का काफिला है जिसका उद्घाटन फरवरी, 2016 में इंदौर के National convention of IIID में किया गया था। IKB 2016 से अपना सफर शुरू करने वाला यह काफिला लगभग 30 ऐसे शहरों में जाएगा जहां IIID के रीजनल चैप्टर और सेंटर हैं जो कि 'डिज़ाइन फॉर द मस्से' की थीम पर विविध प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करेंगे। समारोह के दूसरे दिन आर्कि. Tony Joseph और IIID, दिल्ली चैप्टर द्वारा 'Design Yatra' की रवानगी कार्यक्रम के अलावा 'ए ट्रीट इन रिट्रीट' नाम से एक बातचीत आधारित ज्ञानपूर्ण सेमिनार आयोजित किया जाएगा, जिसमें 80 से अधिक प्रतिष्ठित आर्किटेक्टों के भाग लेने की उम्मीद है। India Kitchen & Bath 2016 में जाने-माने ब्रांडों जैसे कि Hafele, Geberit, Godrej Interio, Century Ply, Kkolar, Labacha, Saniflo, Hardwyn, Blum, Liebherr, Nagold, Glint Faucets, Lifetime, Brassage, Ecostone, JB Glass, Slimline, Karcher, Wadbros, Aquarium Bath, Sanituf, Mahalaxmi lumbers, Supreme Solar, Venus और Surajwood व अन्य की भागीदारी होगी, जो अपने उत्पाद व पेशकशें प्रदर्शित करेंगे। इस कार्यक्रम में फ्रांस, दक्षिण कोरिया और चीन जैसे देशों से भागीदारी होगी। India Kitchen & Bath 2016 के दूसरे संस्करण की घोषणा करते हुए Mr. Yogesh Mudras, मैनेजिंग डॉयरेक्टर, UBM India ने कहा कि, "जहां पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में लग्जरी बाज़ार 25 प्रतिशत औसतन सालाना संचयी वृद्धि दर से बढ़ा है, वहीं मॉडुलर किचन और सैनेटरी वेयर के बाज़ारों में उपयोगिता से वैभव की दिशा में बदलाव आ गया है। खर्च करने योग्य आमदनी में वृद्धि, रहन-सहन का ऊंचा स्तर, घरों को खूबसूरत बनाने तथा प्रीमियम उत्पाद खरीदने पर बढ़ता खर्च आदि वजहों से इस उद्योग में आगामी वर्षों में काफी बढ़ोत्तरी की आशाएं हैं। इस पृष्ठभूमि में UBM Index Fairs India अपने India Kitchen & Bath के द्वितीय संस्करण के साथ भारत में इस बढ़ते बाज़ार के लाभ उठाने व संभावनाएं विकसित करने में सहायक होगा। " उन्होंने आगे कहा कि, "उत्तरी क्षेत्र में India Kitchen & Bath एक प्रमुख व्यापारिक आयोजन होने के नाते UBM Index Fairs इस उद्योग से संबंधित पक्षों को एक उत्कृष्ट प्लेटफार्म उपलब्ध कराएगा। यह इस क्षेत्र में बढ़ते बाज़ार हेतु बाज़ार प्रवेश तथा व्यावसायिक अवसर उपलब्ध कराने के अलावा उद्योग के आपूर्ति श्रृंखला चक्र को मजबूत बनाएगा। " Mr. L. A Khan, मैनेजिंग डॉयरेक्टर, UBM Index Trade Fairs ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, "तीव्र शहरीकरण की वजह से रहन-सहन का स्तर बढ़ा है, जिसके फलस्वरूप सुपर-प्रीमियम या लग्जरी बॉथरूम उत्पादों की और प्रीफैब्रिकेटेड किचन की मांग बढ़ी है। India Kitchen & Bath इस उद्योग के विशिष्ट वर्ग के लिए हमारे पेशकश का विस्तार है जिसकी सेवा हम पिछले 28 वर्षों से कर रहे हैं। यह ऐसा प्लेटफार्म है जो भारतीय व वैश्विक ब्रांडों को उनके उत्पाद, तकनीकें व नवप्रवर्तन उद्योग जगत के सम्मुख प्रदर्शित करने के अवसर देगा और अपना व्यवसाय बढ़ाने के इच्छुक खरीदारों को गुणवत्तापरक ब्रांड देखने व बातचीत करने में भी मदद करेगा। " UBM India द्वारा UBM Index का मुम्बई में वार्षिक रूप से आयोजन किया जाता है, यह भारत में इंटीरियर्स, आर्किटेक्चर और डिजाइन का सबसे बड़ा समारोह है, जिसमें चीन, तुर्की, यूके व स्पेन जैसे देशों के पैवेलियनों सहित 25,000 से अधिक व्यापारिक आगंतुक और 300 प्रदर्शनीकर्ता भाग लेते हैं। UBM India, भारत में अग्रणी एग्जिबिशन आर्गनाइजर प्रदर्शनी आयोजनकर्ता है जो उद्योग जगत को ऐसे प्लेटफार्म उपलब्ध कराती है जो प्रदर्शनियों, विषयवस्तु आधारित सम्मेलनों और सेमिनारों के पोर्टफोलियो के माध्यम से दुनिया भर के खरीदारों व विक्रेताओं को एक मंच पर लाते हैं। UBM India पूरे देश में हर साल बड़े पैमाने की 25 से अधिक प्रदर्शनियां और 40 कॉन्फ्रेन्स आयोजित करते हुए, उद्योग जगत के विविध क्षेत्रों के बीच व्यापार को बढ़ावा देती है। UBM Asia कंपनी UBM India के कार्यालय मुम्बई, नयी दिल्ली, बंगलौर और चेन्नई में स्थित हैं। UBM Asia का स्वामित्व UBM plc के पास है जो लंदन स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध है। UBM Asia, एशिया में अग्रणी प्रदर्शनी आयोजनकर्ता है और मुख्यभूमि चीन, भारत व मलेशिया में सबसे बड़ी वाणिज्यिक आयोजक है। अधिक विवरणों के लिए कृपया ubmindia. in पर पधारें। मीडिया संपर्क :
कर्मतरत्र : परलोक की प्राप्ति करानेवाला हो । यही पक्ष चार्वाक परंपरा के नाम से विख्यात हुआ पर साथ ही उस प्रति पुराने युग में भी ऐसे चिंतक थे जो बतलाते थे कि के बाद जन्मान्तर भी है। इतना ही नहीं बल्कि इस दृश्यमान लोक के अलावा और भी श्रेष्ठ कनिष्ठ लोक हैं। ये पुनर्जन्म और परलोकवादी कहलाते वे और वे ही पुनर्जन्म और परलोक के कारणरूप से कर्मतत्त्व को स्वीकार करते थे। इनकी दृष्टि यह रही कि अगर कर्म न हो तो जन्म जन्मान्तर एवं इहलोक परलोक का मंचन्ध घट ही नहीं सकता । अतएव पुनर्जन्म की मान्यता के आधार पर कर्मतत्त्व का स्वीकार आवश्यक है। ये ही कर्मवादी को परलोकवादी तथा आस्तिक कहते थे । कर्मवादियों के मुख्य दो दल रहे। एक तो यह प्रतिपादित करता था कि कर्म का फल जन्मान्तर और परलोक अवश्य है, पर श्रेष्ठ जन्म तथा श्रेष्ठ परलोक के वास्ते कर्म भी श्रेष्ठ ही चाहिए । यह दल परलोकवादी होने से तथा श्रेष्ठलोक, जो स्वर्ग कहलाता है, उसके साधनरूप से धर्म का प्रतिपादन करनेवाला होने से, धर्म-अर्थ-काम ऐसे तीन ही पुरुषार्थो को मानता था, उसकी दृष्टि में मोक्ष का अलग पुरुषार्थ रूप से स्थान न था। जहाँ कहीं प्रवर्तकधर्म का उल्लेख प्राता १ मेरा ऐसा अभिप्राय है कि इस देश में किसी भी बाहरी स्थान से प्रवर्तक धर्म या याशिक मार्ग आया और वह ज्यों-ज्यों फैलता गया त्यों-त्यों इस देश में उस प्रवर्तक धर्म के आने के पहले से ही विद्यमान निवर्तक धर्म अधिकाधिक बल पकडता गया। याशिक प्रवर्तक धर्म की दूसरी शाखा ईरान में जरथोस्थियनधर्मरूप से विकसित हुई। और भारत में आनेवाली याशिक प्रवर्तक धर्म की शाखा का निवर्तक धर्मवादियों के साथ प्रतिद्वन्द्वीभाव शुरू हुआ। यहाँ के पुराने निवतक धर्मवादी आत्मा, कर्म, मोक्ष, ध्यान, योग, तपस्या आदि विविधि मार्ग यह सच मानते थे। वे न तो जन्मसिद्ध चातुर्वर्ण्य मानते थे और न चातुराश्रम्य की नियत व्यवस्था । उनके मतानुसार किसी भी धर्मकार्य में पति के लिए पत्नी का सहचार अनिवार्य न था प्रत्युत त्याग में एक दूसरे का संबन्ध विच्छेद हो जाता था । जब कि प्रवर्तक धर्म में इससे सब कुछ उल्टा था । महाभारत आदि प्राचीन अन्थो में गार्हस्थ्य और त्यागाश्रम की प्रधानतावाले जो संवाद पाये जाते हैं वे उक्त दोनों धर्मों के बिरोधसूचक हैं। प्रत्येक निवृत्ति धर्मवाले के दर्शन के सूत्रग्रन्थों में मोक्ष को ही पुरुषार्थ लिखा है जब कि याशिक मार्ग के सब विधान स्वर्गलक्षी बतलाए हैं। आगे जाकर अनेक अंशों में उन दोनों धर्मों का समन्वय भी हो गया है।
Bhojpuri Video Song: उर्दू के मशहूर शायर राहत इंदौरी के शेर 'बुलाती है मगर जाने का नहीं' सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस शायरी पर टिक-टॉक से लेकर इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लाखों वीडियो बन चुकी हैं। वहीं अब भोजपुरी इंडस्ट्री में भी इसको लेकर एक गाना बनाया गया है जो काफी पसंद किया जा रहा है। भोजपुरी सिनेमा की फेमस महिला सिंगर्स ने इस गाने में अपनी आवाज दी है। वायरल हो रहे गाने को अंतरा सिहं प्रियंका और गुंजन सिंह ने मिलकर गाया है। जिसे यूट्यूब पर खूब पसंद किया जा रहा है। इस गाने को अब तक 1 करोड़ से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है। वहीं दूसरा गाना भोजपुरी सिनेमा की फेमस एक्ट्रेस अक्षरा सिंह ने गाया है। जिसे रिलीज होते ही 12 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं। 'बुलाती है मगर जाने का नहीं' गाने का वीडियो यहां देखेंः भोजपुरी सिंगर गुंजन सिंह और अंतरा सिंह प्रियंका का यह गाना सोशल मीडिया पर उनके फैंस के बीच जमकर देखा जा रहा है। इस गाने में संगीत श्याम सुंदर ने दिया है। जबकि गाने के बोल अखिलेश कश्यप ने लिखे हैं। वायरल हो रहा गाना राहत इंदौरी की शायरी की स्टार्टिंग लाइन 'बुलाती है मगर जाने का नहीं' की तर्ज पर बनाया गया है। गाने में अनीशा पांडेय का बोल्ड अंदाज भी देखने को मिल रहा है। वहीं दूसरी तरफ भोजपुरी सिंगर अक्षरा सिंह (Akshara Singh) के गाने का ऑडियो वर्जन ही सामने आया है। इस गाने को भी खूब पसंद किया जा रहा है। उनके गाने के बोल हैं 'इधर आने का नहीं। ' इस गाने के बोल आशीष वर्मा ने लिखे हैं।
पुलिस बैरिकेड फांदकर उपद्रव करने के मामले में शामिल पहलवानों समेत 109 लोगों से दिल्ली पुलिस पूछताछ करेगी। इन सबकों नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया जाएगा। पुलिस ने पहलवानों समेत 109 लोगों पर पर दंगा समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया था। नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जंतर-मंतर पर रविवार को पुलिस बैरिकेड फांदकर उपद्रव करने के मामले में शामिल पहलवानों, आयोजकों व उनके समर्थकों को जल्द नोटिस भेजकर पुलिस पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाएगी। रविवार को पुलिस ने सभी उपद्रवियों को जंतर-मंतर पर हिरासत में लेने के बाद उन्हें शाम को छोड़ दिया था। देर रात संसद मार्ग थाने में पहलवान बजरंग पुनिया, संगीता फोगाट, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, सतब्रत मलिक, सोमवीर राठी, अशोक धाकड़, मंदीप पहलवान व सचिन पहलवान समेत 109 लोगों के खिलाफ दंगा करने की विभिन्न धाराओं, लोक सेवक के वैधानिक काम में बाधा डालने, लोक सेवक के वैधानिक आदेश की अवहेलना करने, लोक सेवकों के साथ मारपीट करने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद इस मामले की जांच के लिए पुलिस दूसरी एसआईटी बनाने पर विचार कर रही है। एसआईटी बनने के बाद आरोपितों को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजने की प्रक्रिया शुरू करेगी। उसके बाद सभी से पूछताछ की जाएगी। दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था, दीपेंद्र पाठक का कहना है कि सभी आरोपितों के मोबाइल फोन भी जब्त किए जाएंगे और उसे जांच के लिए एफएसएल के पास भेजा जाएगा। सभी के फोनों से डिलीट किए गए डाटा को रिट्रीट किया जाएगा, ताकि उससे यह पता लग सकेगा कि धरना देने के लिए उन्हें किसी राजनीतिक पार्टी के नेताओं ने तो उकसाया नहीं था। एसआईटी इस मामले की गहन जांच करेगी। पुलिस को शक है कि कुछ राजनीतिक पार्टी के नेताओं के उकसावे में आकर पहलवानों ने जंतर-मंतर पर धरना देने का निर्णय लिया था और पुलिस द्वारा बृजभूषण मामले में जांच किए जाने के बावजूद वे अवैध मांगों पर अड़े रहे। पुलिस अधिकारी का कहना है कि धरना देने की अनुमति लेने के बाद पहलवानों ने बार-बार शर्तों का उल्लंघन किया। इसलिए अब उन्हें दोबारा जंतर-मंतर पर धरना देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पहलवान दोबारा जंतर-मंतर पर न आ जाए इसके लिए जंतर-मंतर के दोनों तरफ की सड़कों पर मजबूत बैरिकेडिंग कर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। रविवार शाम को पहलवानों, आयोजकों व उनके समर्थकों को सख्त हिदायत देकर छोड़ा गया था। ऐसे में अगर कोई जंतर-मंतर पर धरना देने दोबारा आएगा तब उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों के खिलाफ दोबारा भी मुकदमा दर्ज किया जा सकता है।
आगे कहा कि सुषमा दीदी जो भी कार्य करती थीं, उसमें प्रतिष्ठा पाती थीं। नहीं, पूरे देश की क्षति है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी भाजपा की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताया है। वह दूरदर्शी एवं सामाजिक सरोकार से जुड़ी राजनेता थीं। उनके काम मे विजन देखने को मिलता था। उन्होंने विदेश मंत्री के रूप में अपनी सफल भूमिका निभाई। अपने स्वास्थ्य की चिता किए बगैर लगातार जनता की सेवा की। मध्य प्रदेश से उनका दिल से रिश्ता रहा है। उन्होंने मध्य प्रदेश को कई सौगातें दीं।
RRB NTPC Admit Card 2019: रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड जल्द RRB NTPC (नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी) की परीक्षा के एडमिट कार्ड जारी करने वाला है। बोर्ड CBT 1 के लिए एडमिट कार्ड जारी करने वाला है। नौकरी पाने के लिए स्टूडेंट्स को 2 सीबीटी से गुजरना होगा। पहले सीबीटी एग्जाम में पास होने वाले कैंडिडेट्स को ही अगले सीबीटी में सम्मिलित होने का मौका मिलेगा। रेलवे भर्ती बोर्ड कुल 35,277 रिक्त पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन कर रहा है। परीक्षा के एडमिट कार्ड रेलवे की रीजनल वेबसाइट पर जारी किए जाएंगे। रेलवे भर्ती की प्रत्येक टेस्ट बैटरी में छात्रों को पास होने के लिए न्यूनतम 42 अंक लाने होते हैं। ज्ञात हो कि न्यूनतम अंकों में एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस/पीडब्ल्यूडी/एक्स सर्विसमैन श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए कोई छूट नहीं है। क्वालिफाई होने वाले कैंडिडेट्स को मेरिट के आधार पर नौकरी दी जाएगी। चयन प्रक्रिया अलग अलग पदों के लिए अलग अलग है। बोर्ड की तरफ से परीक्षा की तारीख की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है इसलिए स्टूडेंट्स रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर लगातार नजर बनाकर रखें।
फिटनेस आपके लाइफस्टाइल और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में काम करती है. फिटनेस से आत्मविश्वास बढ़ता है, लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बार-बार जिम में जाना संभव नहीं होता. ऐसे में अगर कोई ऐसा ऐप आपको मिले जो आपके फिटनेस को पूरी तरह कायम रख सके, तो फिर क्या कहने. कुछ इसी बात को ध्यान में रखते हुए मुंबई में मेवोलाइफ ने फिटनेस ऐप मेवोफिट को लौंच किया है. इसे फ्री डाउनलोड किया जा सकता है. इस बारें में मेवोलिफ की फाउंडर ख्याति महाजन कहती है कि मुझे फिट रहना बहुत पसंद है लेकिन इसके लिए अलग-अलग ऐप्स डाउनलोड करने पड़ते थे. कई साल की रिसर्च के बाद मैंने इस तरह का ऐप बनाया है, जिसमें एक साथ सारी जानकारी हो. इस ऐप में आपको एक साथ डाइट, व्यायाम, रेसिपी आदि सब मिलता है. ये आज की नारी के लिए एक सफल ऐप है. फिटनेस दीवा और बॉलीवुड एक्ट्रेस लौरेन गोटलीब का कहना है कि सिर्फ 15 मिनट की वर्कआउट से कोई भी व्यक्ति फिट रह सकता है, लेकिन ये नियमित करना जरुरी है.
दिलेर समाचार, हैदराबाद। दिग्गज क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने गुरुवार को यहां कहा कि युवराज सिंह जिस तरह से कैंसर से जंग जीत कर मैदान में वापसी की वह उन्हें सच्चा रोल मॉडल बनाता है। उन्होंने कहा कि मेरे रोल मॉडल्स में से युवराज सिंह भी एक है। लक्ष्मण ने कहा कि युवराज उनके भी रोल मॉडल हैं। उन्होंने कहा कि मेरे रोल मॉडल्स में से युवराज सिंह भी एक है। 2011 में इंग्लैंड दौरे पर हमारे लिये यह सुनना कि युवराज को कैंसर हैं, हमारे लिए काफी सदमा देने वाला था। हमें विश्वास नहीं हो रहा थी कैंसर जैसी बीमारी के साथ विश्व कप में खेल कर वह श्रृंखला के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी बनें। कैंसर के खिलाफ जंग जीतने वाले लोगों की जिंदगी पर लिखी गयी किताब के जारी होने के मौके पर इस कलात्मक बल्लेबाज ने कहा कि युवराज ने इस बीमारी से पार पाने के लिये गजब की मानसिक मजबूती दिखायी। लक्ष्मण ने 35 वर्षीय हरफनमौला खिलाड़ी के लिए कहा कि आप टीम के सबसे आकर्षक और सबसे ज्याद प्रशंसकों वाले खिलाड़ियों में से एक हैं और कैंसर को हराकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में वापसी के साथ देश के लिए मैच जीत कर जिस तरह का उदाहरण आप ने पेश किया वह दूसरों को प्रेरित करने वाला है। इस मौके पर युवराज सिंह के अलावा कैंसर से जंग जीतने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री मनीषा कोइराला का वीडियो संदेश भी चलाया गया। (भाषा)
कोरबा,(ब्यूरो छत्तीसगढ़)। सहायक शिक्षक कला एवं विज्ञान की पतीक्षा सूची से सहायक शिक्षकों की भर्ती हेतु चयनित अभ्यथियों के अभिलेखों का सत्यापन आगामी 28 जून 2012 को पातः 11 बजे से किया जाएगा, वहीं पदस्थापना हेतु काउंसिलिंग 29 जून को होगी। अभ्यर्थियों को पमाण पत्रों की सत्यपतिलिपि के साथ-साथ मूल अभिलेख भी जांच हेतु पस्तुत करना अनिवार्य होगा। नगर पालिक निगम कोरबा क्षेत्रांतर्गत स्थित विद्यालयों में रिक्त पदों की पूर्ति हेतु सहायक शिक्षा विज्ञान एवं सहायक शिक्षक कला की पतीक्षा सूची में से अभ्यर्थियों का चयन किया गया है तथा चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी गई है। जारी सूची के अनुसारा सहायक शिक्षक विज्ञान के 130 एवं सहायक शिक्षक कला के 101 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। इन चयनित अभ्यर्थियों के अभिलेखों का सत्यापन 28 जून 2012 को निगम के मुख्य पशासनिक भवन साकेत के द्वितीय तल स्थित हॉल में पातः 11 बजे से पारंभ किया जाएगा। आयुक्त श्री आर. एक्का ने चयनित अभ्यर्थियों को तदाशय का पत्र पेषित कर कहा है कि उक्त समय एवं तिथि पर साकेत भवन में उपस्थित होवें। उन्होंने अभ्यर्थियों से कहा है कि अभिलेखों के सत्यापन हेतु सभी शैक्षाणिक अर्हता एवं अन्य आवश्यक पमाण पत्रों की सत्यपतिलिपि सहित मूल अभिलेख जांच हेतु पस्तुत करें। अभिलेख सत्यापन के साथ अभिलेख सही पाये जाने पर अभ्यर्थियों की पदस्थापना हेतु काउंसिलिंग 29 जून 2012 को उक्तानुसार स्थल पर ही संपादित होगी। चयनित अभ्यर्थियें की सूची निगम के मुख्य पशासनिक भवन साकेत के सूचना पटल पर चस्पा कर दी गई है जहां पर सूची का अवलोकन किया जा सकता है। व्याख्याता के रिक्त 1 पद पर होगी भर्ती- व्याख्याता गणित के रिक्त 1 पद पर भी पतीक्षा सूची में से चयनित अभ्यर्थी की भर्ती की जाएगी तथा इस हेतु भी अभ्यर्थी के अभिलेखों का सत्यापन उक्तानुसार तिथि समय एवं स्थान पर किया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, तीन युवकों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है. इस जघन्य घटना के बाद दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी की तलाश की जा रही है. झारखंड के चतरा (Chatra) जिले के हंटरगंज थाना क्षेत्र में 55 साल की अधेड़ महिला के साथ तीन युवकों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है. गुरुवार रात घटी इस जघन्य घटना के बाद दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया है और बाकी की तलाश की जा रही है. घटना की जानकारी देते हुए चतरा के पुलिस अधीक्षक (SP) ऋषभ झा ने बताया कि पीड़ित महिला की बकरी का एक्सीडेंट आरोपियों की मोटरसाइकिल से से हो गई थी. इसे लेकर दोनों पक्षों के बीच विवाद चल रहा था. माना जा रहा है कि इसी वजह से वारदात को अंजाम दिया गया है. पीड़िता को इलाज के लिए हंटरगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा वेदप्रकाश ने बताया कि पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है, हालांकि स्थिति नियंत्रण में है. चिकित्सक उस पर लगातार नजर रखे हुए हैं.
आईपीएल 2023 में आज रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम आमने-सामने है. इस मैच में टॉस हारने के बाद रॉयल चैलेंजर्स की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते 20 ओवर में दो विकेट पर 212 रन का स्कोर बनाया है. बैंगलोर के लिए विराट कोहली, फाफ डू प्लेसिस और ग्लेन मैक्सवेल ने तूफानी अर्धशतक जड़ा. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के कप्तान फाफ डू प्लेसिस ने 46 गेंद में 79 रन बनाए. उन्होंने इस मैच में आईपीएल 2023 का सबसे लंबा छक्का लगाया. रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की पारी के 15वें ओवर में रवि विश्नोई गेंदबाजी करने आए थे, विश्वोई के ओवर की चौथी बॉल जो गुड लेंड थी, उसे डू प्लेसिस ने पुल किया और यह गेंद स्टेडियम की छत पर जाकर गिरी. यह छक्का 115 मीटर लंबा है, जो इस सीजन का सबसे लंबा छक्का है. इस छक्के को मिड विकेट पर तैनात फ़ील्डर बस गेंद को देखता रह गया. यहां देखें वीडियोः फाफ डू प्लेसिस ने 46 गेंद में 79 रन की पारी में पांच चौका और पांच छक्के लगाए. डू प्लेसिस ने इस मैच में आईपीएल में अपने 3500 रन भी पूरे कर लिए. डू प्लेसिस के अलावा विराट कोहली ने 44 गेंद में 61 रन और ग्लेन मैक्सवेल ने 29 गेंद में 59 रन बनाए, जिसकी वजह से बैंगलोर की टीम 200 रन का आंकड़ा पार कर सकी. एल्बी मोर्कल के नाम है सबसे लंबा छक्का लगाने का रिकॉर्डः आईपीएल में सबसे लंबे छक्के की बात करें तो यह रिकॉर्ड एल्बी मोर्कल के नाम है, जिन्होंने साल 2008 में 125 मीटर लंबा छक्का लगाया था. आईपीएल इतिहास के सबसे लंबे छक्केः
चर्चा में क्यों? हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) ने 1100 करोड़ रुपए की लागत से महत्त्वकांक्षी राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (National Agricultural Higher Education Project-NAHEP) की शुरुआत की है। इस परियोजना का उद्देश्य प्रतिभाओं को आकर्षित करने के साथ ही देश में उच्चतर कृषि शिक्षा को मज़बूत करना है। - राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (NAHEP) को विश्व बैंक और भारत सरकार द्वारा 50:50 की साझा लागत के आधार पर वित्तपोषित किया जाएगा। इसके अलावा कृषि, बागवानी, मछली पालन और वानिकी में चार वर्षीय डिग्री को व्यावसायिक डिग्री घोषित किया गया है। - कृषि शिक्षा को उपयोगी बनाने के लिये पाँचवी डीन समिति की सिफारिशों को सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू करा दिया गया है। इसके तहत कृषि डिग्री के पाठ्यक्रमों को संशोधित कर उसमें जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, बायो इन्फ़ॉर्मेटिक्स, दूरसंवेदी, जैविक खेती, कृषि व्यवसाय प्रबंधन, आदि विषयों को सम्मिलित किया गया है। - इसमें अनुभवजन्य शिक्षा, कौशल और उद्यमशीलता विकास पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही बी.एस.सी. (समुदाय विज्ञान), बी.एस.सी. (खाद्य पोषण और आहार विद्या) तथा बी.एस.सी. (रेशम उत्पादन) जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है। - कृषि व्यापार में छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये 'स्टूडेंट रेडी' नामक ग्रामीण उद्यमशीलता जागरूकता विकास योजना चलाई जा रही है। इसके तहत परास्नातक छात्रों को कृषि और उद्यमशीलता के लिये व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाता है। - कृषि के क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिये कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच एक समझौता-दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इसके तहत देश के कृषि विज्ञान केंद्रों पर नियमित रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि एवं संबंधित विषयों पर आधारित हैं। - भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि शिक्षा और अनुसंधान विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने डॉ. राम बदन सिंह की अध्यक्षता में पाँचवीं डीन समिति का गठन किया था। - पाँचवीं डीन समिति का उद्देश्य कृषि स्नातक शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम का पुनर्निर्धारण करना था।
इंडियन आर्मी ने अग्रिवीर भर्ती लिखित परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया है। लिखित परीक्षा में 373 युवा ही पास हो पाए हैं। जबकि अन्य युवाओं को बाहर का रास्ता देखने पड़ा है। युवा भर्ती का रिजल्ट इंडियन आर्मी की साइट पर जाकर देख सकते हैं, जहां पर उनका रिजल्ट अपलोड कर दिया गया है। बता दें कि इंडियन आर्मी के तहत अग्रिवीर भर्ती की लिखित परीक्षा 16 अक्तूबर 2022 को सिंथेटिक टै्रक अणु में आयोजित की गई थी। इसमें हमीरपुर, ऊना व बिलासपुर जिला के 2268 युवाओं ने लिखित परीक्षा में भाग लिया था। इंडियन आर्मी ने 13 दिनों के अंदर ही रिजल्ट आऊट कर दिया है। लिखित परीक्षा में अग्रिवीर जीडी भर्ती में 353, टेक्नीकल में 15 और ट्रेडसमैन में पांच युवा ही पास हो पाए हैं। जबकि क्लर्क लिखित परीक्षा का रिजल्ट अभी तक घोषित नहीं हो पाया है। जो युवा लिखित परीक्षा में पास नहीं हो पाए हैं, उन्हें अब अगली अग्रिवीर भर्ती का इंतजार करना होगा। तभी वे देश की सेवा कर सकेंगें। बताया जा रहा है कि अग्रिवीर भर्ती के तहत देश भर में 83 अग्रिवीर भर्ती रैली के जरिए 40 हजार युवाओं को इस वर्ष भर्ती करने जा रहा है। वहीं भर्ती निदेशक हमीरपुर कर्नल संजीव कुमार त्यागी का कहना है कि इंडियन आर्मी ने अग्रिवीर भर्ती लिखित परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया है। लिखित परीक्षा में 2268 युवाओं में से 373 युवा ही पास हो पाए हैं। जबकि क्लर्क परीक्षा का परिणाम अभी तक घोषित नहीं हुआ है। युवा इंडियन आर्मी की साइट पर जाकर अपना रिजल्ट देख सकते हैं। मंडी। हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग हमीरपुर की वेबसाइट हांफ गई है। जिसके चलते प्रदेशभर के अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह गए है। बार-बार फार्म भरने के बाद सबमिट नहीं हो पा रहा है। अभ्यर्थी राहुल, कपिल, बंटी, रीना कुमारी, अजय कुमार, सपना देवी, रेखा देवी सहित अन्य ने बताया कि हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग हमीरपुर की वेबसाइट पर फार्म भरने में काफी समय से दिक्कत हो रही है। अभ्यर्थियों ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग हमीरपुर से मांग की है कि आवेदन करने की अङ्क्षतम तिथि बढ़ाई जाए। ताकि जो अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित हो रहे हैं। वे उक्त पदों के लिए आवेदन कर सके।
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने हिंदुत्व के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए बुधवार को कहा कि भाजपा की विचारधारा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दंगे "कराने" और फिर उससे राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करती है। इसमें आरोप लगाया कि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) भाजपा की बी और सी टीमों के रूप में काम करती है। विपक्षी दल ने आरोप लगाया कि हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण उनका (भाजपा का)पारंपरिक तौर-तरीका है और इसका राजनीतिक लाभ उठाना भाजपा का असली चेहरा है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ने भाजपा को पाखंडी करार दिया। भाजपा पर विपक्षी दल शिवसेना की ओर से यह हमला ऐसे समय किया गया है जब राष्ट्रीय पार्टी के प्रमुख सहयोगी एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के विधायकों और नेताओं के साथ कुछ दिन पहले ही अयोध्या का दौरा किया था। उप मुख्यमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस, शिंदे के साथ रविवार को उत्तर प्रदेश के अयोध्या गए थे। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने हिंदुत्व के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला करते हुए बुधवार को कहा कि भाजपा की विचारधारा हिंदुओं और मुसलमानों के बीच दंगे "कराने" और फिर उससे राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास करती है।
म० व्या० - महात्मन् ! "तत्वमसि " वाक्य में उपाधि की कल्पना कर अर्थ करने की आवश्यकता नहीं। सारे प्रसङ्ग का भलीभांति स्वाध्याय करने से, बिना ही उपाधि-कल्पना किये, समन्वय ठीक बैठ जाता है। प्रसङ्ग यह है"स य एषोऽणिमैतदात्म्यमिदं सर्वं तत्सत्यं स आत्मा तत्वमसि श्वेतकेतो" (छा० ६ ६४ ) जो यह सूक्ष्म तत्व है, यह आत्मा है, और इस आत्मा से ही आत्मवान् यह सब जड़ चेतन जगत् है । अर्थात् यह सूक्ष्म तत्व ही इस सब में आत्मा की तरह प्रविष्ट हुआ हुआ इस सब को चला रहा है, यह सूक्ष्म तत्व ही सत्य कहलाता है, और सब के अन्दर होने से आत्मा है, हे श्वेतकेतो ! "त्वम्" अर्थात् तू भी "तत्" अर्थात् तदात्मक-उसी आत्मा वाला है। तात्पर्य यह है कि तेरे आत्मा के अन्दर भी वही आत्मा प्रविष्ट है, अतः तेरा भी वही आत्मा है। वहां तत् शब्द से पहले, इससे परामर्श करने योग्य दो शब्द आये हैं, एक "आत्मा" और दूसरा "ऐतदात्म्यम्", यदि आत्मा का परामर्श किया जावे तो आत्मा यहाँ पर शुद्ध ब्रह्म का नाम है, और "त्वम्" अल्पज्ञ चेतन का । इन दोनों का अभेद अन्वय न हो सकेगा, और फिर जीव में उपाधि की कल्पना कर जीव ब्रह्म का अभेद सिद्ध करने का अवसर आवेगा, और यदि "ऐतदात्म्यम्" शब्द का परामर्श किया जावे तो "त्वम्" अर्थात् जीव के साथ इस का अन्वय करते समय कोई कठिनाई न होगी क्योंकि "ऐतदात्म्यम्" का अर्थ है इस आत्मा वाला । और यह ब्रह्मरूप श्रात्मा जीव में श्रोतप्रोत है ही, अतः जीव को इस मावाला कहने में कोई आपत्ति सामने नहीं आती। बिना ही उपाधि की कल्पना किये "तत्" और "त्वम्' शब्द का अन्वय ठीक बैठ जाता है, और "असि" शब्द क्रियावाचक भावबोधक होता हुआ उनके साथ अन्वित हो जाता है। बत विचारणीय यह रह जाती है कि "तत्" पद् से आत्मा पद का परामर्श किया जावे अथवा "ऐतदात्म्यम्" का । इस विषय को भी उपनिषत्कार ऋषि के यथाश्रुत शब्दों से ही निर्णय करने में कोई कठिनाई नहीं पड़ती। इन दोनों शब्दों में से एक "आत्मा" पुंल्लिङ्ग है, और दूसरा ऐतदात्म्यम्" नपुंसक लिङ्ग है । परामर्श करने वाला "तत्" शब्द भी नपुंसकलिङ्ग ही है, इसलिए तत् शब्द से "ऐतदात्म्यम्" शब्द का ही परामर्श होगा, पुंल्लिङ्ग होने से आत्मा का नहीं, और परामर्श करने के बाद अन्वयबोध करते समय कोई कठिनाई भी न होगी क्योंकि ब्रह्म जीव के अन्दर व्यापक है ही और इस व्यापकता का ही बोध "त्वम्" के साथ "ऐतदात्म्यम्" का अन्वय करने से होगा और किसी अर्थ का नहीं। इसलिए जीव और ब्रह्म का अभेद सिद्ध नहीं होता और इसीलिए जीव अरणु ही है व्यापक नहीं । सुषुप्ति तथा प्रलय में आत्मा को कोई ज्ञान नहीं होता तो क्या उस समय वह ज्ञान से रहित ही होता है ? और यदि हाँ, तो फिर यह उसका स्वाभाविक गुण कैसा ? इसके उत्तर में लिखते हैं"६।वदात्मभावित्वान्न दोषस्तद्दर्शनात्" । ३० (आत्मा का गुण ज्ञान सदा उसके साथ ही रहता है अतः सुषुप्ति तथा प्रलय में भी यह चैतन्य उसी में रहता है इसलिये कोई दोष नहीं ) हाँ उसके अपने ज्ञान के प्रकाश से जो विषयों का भानरूपी ज्ञान जागते हुए हुआ करता है, वह सुषुप्ति में नहीं होता, क्योंकि उस समय तमोगुणप्रधान अवस्था होने के कारण वह अपने साधन इन्द्रियों और मन से उपयोग नहीं ले सकता। मनुष्य को जगने पर यह स्मृति हुआ करती है कि मैं आज सुख से सोया, यह सुषुप्ति में सुख से सोने की स्मृति सुषुप्ति में हुए किसी अनुभव के बिना नहीं हो सकती, और वह अनुभव उसके आत्मा को उसके चैतन्य के बिना नहीं हो सकता, अतः आत्मा का ज्ञान सुषुप्ति में भी उसके साथ विद्यमान था और प्रलय में भी। क्योंकि प्रलय के बाद सृष्टिकाल में जब जीव योनि में आता है उसी प्रकार विज्ञान का कार्य आरम्भ हो जाता है, और विषयों के अनुभव होने लगते हैं, इससे स्पष्ट सिद्ध है कि प्रलय में भी जीव के पास उसका अपना ज्ञान सुरक्षित था, जिससे कि वह सृष्टि के आरम्भ में ही काम लेने लग गया। तपश्चर्या तथा योग समाधि आदि से जब जीव का ज्ञान बढ़ता है तो उसमें इस नवीन ज्ञान की वृद्धि का क्या प्रकार है क्योंकि नित्य वस्तु में किसी भी नये तत्व का समावेश नहीं हो सकता इसके उत्तर में लिखते हैं कि"पुंस्त्वादिवत्वस्य मतोऽभिव्यक्तियोगात्" । ३१ आत्मा के ज्ञान में कोई वृद्धि नहीं होती। उसका ज्ञानरूपी प्रकाश जहाँ तक उसकी शक्ति है सदा ही विस्तृत रहता है। केवल साधनों के प्रभाव से उसकी अभिव्यक्ति न होने के कारण वह प्रकट नहीं होता । तपश्चर्या तथा योग आदि साधनों से उसकी अभिव्यक्ति हो जाती है। जैसे कि मनुष्यों में बाल्य अवस्था में पुरुषत्व शक्ति विद्यमान हो होती है परन्तु उस समय उसके विकास के साधन न होने से वह प्रकट नहीं होती। जब युवा अवस्था में विकास के साधन सचित हो जाते हैं तब वह प्रकट हो जाया करती है, अतः तपश्चर्या तथा योगादि साधनों से जीव के विद्यमान विज्ञान का विकास होता है नई उत्पति नहीं । इसलिए कोई दोष नहीं । यदि ब्रह्म से भिन्न अणु आत्मा न मानकर सब शरीरों में एक ही व्यापक आत्मा मान लिया जावे तो क्या क्षति है ? इसके उत्तर में लिखते हैं"नित्योपलब्ध्यनुपलब्धिप्रसङ्ग ऽन्यतरनियमो वान्यथा ।" ३२ ( ऐसी अवस्था में तो आत्मा की उपलब्धि ( ज्ञान ) अर्थात् मोक्ष तथा अनुपलब्धि ( श्रज्ञान ) अर्थात् बन्ध प्रत्येक जीव को सदा ही प्रतीत होने चाहिए, क्योंकि वह आत्मा सब शरीरों में तथा शरीरों से बाहर मुक्तों तथा अमुक्तों में भी एक ही है। इसलिए वह किसी स्थान से बद्ध हुआ और किसी स्थान से मुक्त, कोई भाग उसका ज्ञानी हुआ और कोई अज्ञानी । इस प्रकार ये दोनों अवस्थाएँ अपने अन्दर उसे हर समय प्रतीत होनी चाहिएँ, अथवा बन्ध और मोक्ष, ज्ञान और श्रज्ञान, इन दो जोड़ों में से एक एक चीज, अर्थात् मोक्ष और ज्ञान अथवा बन्ध और श्रज्ञान, इनमें से किसी एक का नियमित संस्थान उसमें मानना पड़ेगा, इसके अतिरिक्त और कोई चारा नहीं, परन्तु ये दोनों ही अव स्थाएँ उसके अन्दर मानी नहीं जा सकती क्योंकि न तो आत्मा अपने अन्दर एक ही काल में बन्ध और मोक्ष का अर्थात् दुःख और सुख का अनुभव करते हुए दिखाई देते हैं, और न कोई सदा बद्ध हो, अथवा मुक्त हो, अर्थात् दुःखी ही अथवा सुखी ही देखने में आता है। अंतः सब शरीरों में व्यापक एक आत्मा नहीं माना जा सकता । आत्मा सब शरीरों में भिन्न भिन्न हैं और अणु होते हुए प्रत्येक शरीर के हृदय देश में रहते हैं। हम समझते हैं कि इस विषय को भलीभाँति स्पष्ट कर दिया गया है अतः अधिक न कह हम अपने भाषण को यहीं विराम देते हैं। आत्मबोध - पूज्य महर्षे ! आपने युक्तियों और प्रमाणों के द्वारा इस गम्भीर विषय का जितनी सरलता और सुन्दरता के साथ निरूपण किया है यह आप का ही भाग था। इसके लिए हम लोग
लैक्मे फैशन वीक 2021 ( Lakme Fashion Week) का आगाज हो चुका है। श्वेता बच्चन नंदा डिजाइनर मोनिशा जयसिंह के लिए यह दिन काफी खास रहा। इन्होंने शो में कई सारी मॉडल्स के साथ ट्रेंडीएस्ट आउटफिट्स रिप्रिजेंट किया। शो की कुछ फोटोज सामने आई हैं, जिनमें श्वेता बच्चन ह्वाइट आउटफिट में अपनी टीम के साथ नजर आ रही है। श्वेता बच्चन इन तस्वीरों में काफी स्टनिंग लग रही हैं। वहीं वरुण धवन की वाइफ नताशा दलाल शो स्टॉपर बनीं। अपने लुक में नताशा बेहद सिंपल दिखीं। नेवी ब्लू फिट और फ्लेयर स्लिप ड्रेस नताशा ने पैप्स के लिए भी पोज़ दिये। 7 अक्टूबर को शुरू हुआ ये फैशन वीक इस बार मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर पर हो रहा है। शो के दौरान तरुण तहिलियानी, अनामिका खन्ना, अब्राहम और ठाकोरी, मोनिशा जयसिंह, श्वेता बच्चन नंदा, राजेश प्रताप सिंह, पंकज व निधि, ट्रॉय कोस्टा, गौरांग जैसी दिग्गज फैशन हस्तियों अपनी टीम और सुपर मॉडल्स के साथ आएं। यह शो 10 अक्टूबर तक चलेगा। श्वेता बच्चन नंदा अपने रिप्रिजेंट के दौरान बहुत सारे ट्रेडिंआउटफिट के साथ नजर आईं। हालांकि रिप्रिजेंट के दौरान श्वेता बेहद ही सिंपल और शोबर दिखीं। ह्वाइट कुर्ता सेट में शो में अपनी टीम का हौसला बढ़ती दिखीं।
जंग अब सिर्फ सीमाओं पर ही नहीं लड़ी जाती है। अब नई तकनीक और एप्स उसके खास हथियार बन गए हैं। कई देश तो रोबोटिक सेना भी तैयार कर रहे हैं। लेकिन चीन ने युद्ध के लिए जिन अनैतिक हथकंडों का इस्तेमाल किया है, उसकी कोई मिसाल ही नहीं मिलती। पिछले दिनों ऑस्ट्रेलिया पर हुआ साइबर हमला भी चीन की शातिर चाल थी। यह प्रायोगिक तौर पर किया गया था, ताकि चीन को अपनी क्षमताओं का पता चल सके। पहले लड़ाई उन हथियारों की मदद से होती थी, जो जंग के मैदान तक लाए जाते थे। लेकिन 1990 के बाद से जंग का एक नया पहलू सामने आया। जंग में अमेरिका, जापान, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, दक्षिण पूर्व एशिया के कुछ देश शामिल हैं। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा दौलत दूसरे देशों से व्यापार के जरिये हासिल करना है। वैश्वीकरण के इस युग में बेहतर और सस्ती तकनीक ही आर्थिक विकास की कुंजी और प्रेरक शक्ति हो गई है। चीन ने सस्ती तकनीक और अपनी मुद्रा युआन की कमजोरी के सहारे दुनिया के बाजार पर कब्जा कर लिया है। उधर दुनिया के साइबर स्पेस में भी चीन का कब्जा बढ़ता जा रहा है। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और भारत सहित दुनिया के कई देश चीनी 'साइबर वार' से त्रस्त हैं। पश्चिमी देशों और चीन के माहिर हैकर्स के बीच साइबर वार शुरू हो चुकी है। पिछले दशकों में अमेरिका और भारत के कई सैन्य संस्थानों पर साइबर हमले हुए थे। चीनी हैकरों द्वारा ये हमले खुफिया सूचना जुटाने के मकसद से किए गए थे। लिहाजा नाटो और यूरोपीय संघ ने सभी सदस्य देशों को अलर्ट जारी कर दिया। इस बार बार सिर्फ चेतावनी नहीं दी गई, बल्कि साइबर वार की औपचारिक रूप से घोषणा की गई है। चीन भविष्य में साइबर युद्ध होने पर खुद को लाभ की स्थिति में रखना चाहता है, इसलिए उसने साइबर स्पेस में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। चीन अपनी साइबर क्षमता को कई तरह से लैस कर रहा है। वेबसाइट्स को ब्लॉक करने, साइबर कैफों में गश्त लगाने और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर निगरानी रखने के लिए बड़ी संख्या में साइबर पुलिस (हैकर्स) तैनात कर रखी है। दुनिया चीन की साइबर मोर्चेबंदी से परेशान है। लंदन में पिछले वर्ष साइबर सुरक्षा के लिए कैबिनेट आफिस बनाया गया था, जिसका कहना है कि साइबर हमले दो प्रकार के होते हैं। एक जो कंप्यूटर सिस्टम को खराब करते हैं और दूसरे हमले 'फिशिंग ट्रिप्स' कहलाते हैं। ऐसे साइबर हमले संवदेनशील सूचनाएं हासिल करने के लिए किए जाते हैं। अमेरिका के सुरक्षा संस्थानों सहित सभी सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों पर होने वाले साइबर हमलों में से 90 फीसदी और जर्मनी पर होने वाले साइबर हमलों में से 60 फीसदी चीन से किए जाते हैं। ब्रिटेन भी बड़े पैमाने पर चीनी साइबर आक्रमण का शिकार बन रहा है। साइबर दुनिया के जानकारों का कहना है कि चीन हैकरों का स्वर्ग है। रूस और पूर्वी यूरोप के देशों की तरह हैकिंग वहां का भारी मुनाफा देने वाला राष्ट्रीय खेल बन चुका है। वहां हैकर्स सम्मेलन होते हैं। हैकर्स ट्रेनिंग अकादमियां और हैकर्स डिफेंस व हैकर्स एक्स फाइल जैसी पत्रिकाएं हैं, जो कंप्यूटर को भेदने और ट्रोजन हार्स और ट्रेपडोअर जैसी हैकिंग तकनीकों की विस्तृत जानकारी देती हैं। इसके अलावा हैकर्स पेनीटेशन मेनुअल जैसी पुस्तकें भी उपलब्ध हैं। इस इंटरनेट और कंप्यूटर संजाल से जुड़ी नई दुनिया में अगला निर्णायक युद्ध साइबर युद्ध होगा, क्योंकि सारी जानकारियां कंप्यूटर नेटवर्क में ही संग्रहीत हैं और इंटरनेट ही सूचनाओं के आदान-प्रदान का प्रमुख जरिया है। हालांकि भारत आईटी शक्ति कहलाता है, मगर ब्रॉडबैंड के इस्तेमाल और इंटरनेट कनेक्शनों की संख्या के मामले में वह चीन से बहुत पीछे है। इसलिए सरकार को देशहित में विदेशी तकनीक पर अपनी निर्भरता कम करनी चाहिए। खासतौर से चीन जैसे कुटिल, धूर्त और दगाबाज देश की तकनीक से तो हमें सदैव सतर्क रहना चाहिए।
आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में विद्यार्थियों के साथ योग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में योग आयोग बनेगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली है। स्कूलों में भी योग की शिक्षा दी जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि रोज अपने लिए योग करने समय निकालें। उन्होंने कहा कि योग का मतलब सिर्फ शरीर का व्यायाम नहीं है, यह मन, बुद्धि और शरीर आदि का शुद्धिकरण है। प्राणायाम से अपनी सांस पर नियंत्रण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड पर योग और प्राणायाम से नियंत्रण पाया गया। मैं भी योग से जल्दी रिकवर हुआ। योग के कारण ही कोविड छूकर निकल गया। फेफड़ों तक नहीं पहुंचा। मुख्यमंत्री ने कहा कि चुने हुए आसान करें। प्राणायाम, ध्यान और प्रार्थना जरूर करें। अपने आप को परमात्मा से जोड़े। वह पावर बैंक है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के साथ योग किया और उनको योग के बारे में बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं रोज तीन पेड़ लगाता हूं। पर्यावरण बचाने के लिए पेड़ लगाना चाहिए और संरक्षण भी करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग जरूर करें। कई बार बच्चे हताश और निराश होते हैं। वहीं कुछ बच्चे ऊर्जा से भरे हुए होते हैं। इसका कारण है कि वे योग करते हैं और मन पर नियंत्रण रखते है। एक दिन नहीं बल्कि हर दिन योग करें। बता दें राजधानी भोपाल में हुई भारी बरसात और मौसम के पूर्वानुमान अनुसार रात में भी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री आवास में योग कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया। पहले यह कार्यक्रम लाल परेड मैदान में होना था। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने खजुराहो लोकसभा के कंदारिया महादेव मंदिर परिसर में विश्व योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेंगे। वहीं, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भोपाल सेंट्रल जेल में बंदियों के साथ योग किया।
Shark Tank India: सोनी टीवी में आने वाले बिज़नेस रिएलिटी शो Shark Tank India में एक फनी मोमेंट हो गया। इस शो के बारे में तो आपको मालूम होगा, लोग अपने-अपने बिज़नेस मॉडल लेकर आते हैं और इन्वेस्टर्स के सामने निवेश करने की डिमांड करते हैं. शो में फनी बात ये हुई के शो के होस्ट रणविजय सिंह (Rannvijay Singha) ने एक ऐसे पार्टिसिपेंट को MBA Course खरीदने के लिए कह दिया जो पहले से एक पीएचडी है। लोगों और शो के फैंस को रनवजिय की यह अप्रोच बड़ी मजाकिया लगी. और लोगों ने सोशल मीडिया में उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। आपको बता दें कि रणविजय सिंह MTV में आने वाले शो Roadies के विनर रह चुके हैं और कई शोज में काम कर चुके हैं। रणविजय ने एक ऐसे शख्स को ऑनलाइन MBA कोर्स खरीदने के लिए कहा जो बंदा पहले से पीएचडी किए बैठा है। इसके बाद क्या ट्विटर में लोगों ने रणविजय को ट्रोल करना शुरू कर दिया। और तरह तरह की बातें करने लगे. किसी ने कहा भाई कॉन्फिडेंस हो तो ऐसा पीएचडी होल्डर को MBA पढ़ने के लिए कह रहा है। और उस शख्स ने पीएचडी भी कोई ऐसे इंस्टिट्यूट से नहीं बल्कि देश की टॉप यूनिवर्सिटी से की है, और रणविजय उसे MBA करने की सलाह दे रहे थे। गजब है भाई.
कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ने देश में आर्थिक शक्ति का केंद्रीकरण किया है जिसके तहत देश की केवल बड़ी-बड़ी कंपनियां की फल-फूल रही हैं जबकि एमएसएमई लगातार पिछड़ रही है। (फाइल फोटो) नई दिल्ली, पीटीआई। कांग्रेस पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि उन्होंने देश में आर्थिक शक्ति का केंद्रीकरण किया है, जिसके तहत देश की केवल बड़ी-बड़ी कंपनियां की फल-फूल रही हैं और समृद्ध हो रहीं है। जबकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और वह विकास नहीं कर पा रही हैं। क्या बोले जयराम रमेश? अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव जयराम रमेश ने भी ट्विटर पर एक चार्ट पोस्ट किया है। इस चार्ट में देश की पिछले कुछ सालों में टैक्स देने के बाद मुनाफा कमाने वाली टॉप 20 कंपनी के बारे में बताया गया है। इस चार्ट में कंपनी की हिस्सेदारी के लिए कर भुगतान के बाद प्रॉफिट (पीएटी) और नकदी के मुक्त प्रवाह के बाद लाभ के ट्रेंड के बारे में दर्शाया गया है। जयराम रमेश ने निशाना साधते हुए कहा कि मित्र काल की हकीकत यह है कि एमएसएमई समस्याओं से जूझ रही है, जबकि कुछ बड़ी कंपनियां लगातार समृद्ध हो रही हैं। उन्होंने कहा कि खासकर प्रधानमंत्री के कुछ चुनिंदा कारोबारी घराने की कंपनियां अधिक फल-फूल रही हैं। जयराम ने कहा कि मोदी सरकार ने आर्थिक शक्ति का केवल केंद्रीकरण किया है। भारत में शीर्ष 20 पीएटी जनरेटर की इक्विटी के लिए कर के बाद लाभ और मुफ्त नकदी प्रवाह शीर्षक वाले चार्ट को साझा करते हुए जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि भारत में बड़ी 20 कंपनियां कुल लाभ का 80 प्रतिशत उत्पन्न करती हैं, जबिक एक दशक पहले यह 50 प्रतिशत से कम था। 'गरीब और अमीर के बीच बढ़ी खाई' कांग्रेस बीजेपी सरकार पर देश में धन असमानता पैदा करने का आरोप लगाती रही है। साथ ही विपक्षी दल ने यह भी आरोप लगाया है कि इससे गरीब और अमीर के बीच की खाई बढ़ रही है। बता दें कि यह मुद्दा राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कन्याकुमारी से कश्मीर 'भारत जोड़ो यात्रा' के दौरान भी खूब उजागर किया गया था।
यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शुक्रवार को प्रयागराज पहुंचे। वह यहां अलग अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए आए थे। इसके पहले सर्किट हाउस में वह पत्रकारों से औपचारिक बातचीत की और कांग्रेस पर निशाना साधा। ब्रजेश पाठक ने कहा कि देश की जनता जानती है कि सोनिया, प्रियंका और राहुल गांधी ने किस तरह से गांधी सरनेम का प्रयाेग किया है। देश की जनता कभी कांग्रेस को माफ नहीं करेगी। उन्होंने कहाकि देश की आजादी के बाद कई दशक कांग्रेस पार्टी सत्ता में रही लेकिन दुर्भाग्य यह रहा कि गरीबों के जीवन में कुछ सुधार नहीं हो सका। ब्रजेश पाठक ने कहा कि यूपी में योगी सरकार जीरो टालरेंस की नीति पर काम कर रही है। आज माफिया या तो जेलों में हैं या तो प्रदेश छोड़कर कहीं और चले गए हैं। जो भी कानून तोड़ने का प्रयास करेगा सरकार उनके साथ सख्ती के साथ निबटेगी। उन्होंने संगम तट पर आयोजित होने वाले माघ और महाकुंभ मेले का जिक्र करते हुए कहा कि जिस तरह से 2019 के कुंभ को पूरी दुनिया ने देखा उसी तरह इस बार माघ मेले में और महाकुंभ के मेले को पूरी दुनिया देखेगी। इसके पहले ब्रजेश पाठक लाइंस स्थित होटल कान्हा श्याम में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। शाम चार बजे रामभद्राचार्य महराज द्वारा किए जा रहे राम कथा में सम्मिलित हुए और उनका आशीर्वाद लिए। 5:45 बजे तुलारामबाग स्थित श्री रूप गौड़ियामठ में आयोजित विजन कांफ्रेंस में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे। यूपी के पूर्व डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा भी कल शनिवार को प्रयागराज आएंगे। वह कई अलग अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल आज प्रयगाराज आएंगे। कल शनिवार को वह सुबह 9 बजे से विभागीय समीक्षा बैठक करेंगे और कान्हा श्याम में आयोजित वैश्य महासम्मेलन में हिस्सा लेंगे। मत्स्य विभाग के मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद भी आज और कल प्रयागराज में रहेंगे। रात में आठ बजे रामलीला पार्क में आयोजित कवि सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। कल वह सुबह 10 बजे अरैल घाट पर मत्स्य बीज संचय एवं जागरूकता रैली कार्यक्रम में पहुंचेंगे। दोपहर 12 बजे शाम 5:30 बजे तक वह प्रेस कांफ्रेंस, जनता दर्शन, विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक, पंचनदा संगम में निषादराज भगवान की पांच दिवसीय मेले का शुभारंभ करेंगे। This website follows the DNPA Code of Ethics.
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
इस बार रक्षाबंधन के पर्व भाई-बहनें एक-दूसरे को अनोखा तोहफा देंगे। बहनें अपने भाइयों के हाथों में कोरोना रक्षा सूत्र बांधेंगी ही, उनको उपहार में मास्क और सैनिटाइजर भी देंगी। भाई भी बहन के लिए मास्क और सैनिटाइजर के गिफ्ट पैक बनवा रहे हैं। बाजार में सैनिटाइजर किट बैग उपलब्ध हैं। किट बैग में चार सैनिटाइजर, दो हैंडवाश और पांच मास्क का सेट है। दुकानों में विशेष किट तो मिल ही रही हैं आप अपनी पसंद से भी गिफ्ट पैक तैयार करा सकते हैं। बालूगंज निवासी नीलम मित्तल ने बताया कि इस बार मैंने अपने भाई को रक्षाबंधन पर सैनिटाइजर और मास्क देने का मन बनाया है। कोरोना से लोगों को सचेत रखने के लिए यह अच्छी पहल है। ताजगंज की पूनम गाबरा ने कहा कि मेरा भाई हरेक बार मुझे कोई न कोई नया गिफ्ट देता है। इस बार उसे मैं अपनी तरफ से सैनिटाइजर किट बैग दूंगी। मैंने खुद तैयार कराया है। पदम प्राइड में रहने वाली वर्षा मोटवानी ने बताया कि सैनिटाइजर, मास्क इस समय वक्त की सबसे बड़ी जरूरत हैं। इसलिए मैंने अपने भाई के लिए इस बार सैनिटाइजर और मास्क का पैकेट बनवाया है। मैं वही गिफ्ट में दूंगी। न्यू मधु नगर के अनुराग यादव ने कहा कि बहन को इस बार सैनिटाइजर बैग गिफ्ट में दूंगा। जो बहन हमारे लिए हर पल सोचती है, उसकी सुरक्षा बनाए रखने के लिए इससे अच्छा गिफ्ट दूसरा नहीं है। रक्षाबंधन पर इस बार उपहार में देने के लिए सैनिटाइजर खूब खरीदा जा रहा है। पीपल मंडी में स्टोर के संचालक आशीष दियालानी ने बताया कि सैनिटाइजर और मास्क को गिफ्ट पैक कराया जा रहा है। दुकानदारों ने खुद से भी इनके गिफ्ट पैक तैयार कराए हैं। रक्षाबंधन पर इस बार बहनों को भाइयों के लिए मुकुट राखी, वीरा राखी और गायत्री मंत्र की लिखी राखियां पसंद आ रही हैं। राजामंडी के दुकानदार सुनील कुमार ने बताया कि इस बार इन राखियों का ट्रेंड ज्यादा दिखाई दे रही है। इस बार कलावा भी काफी बिक रहा है। शुक्रवार रात से लॉकडाउन शुरू हो जाएगा। यह सोचकर गुरुवार और शुक्रवार को बाजारों में खरीदारों की भीड़ बढ़ गई। शनिवार की ईद है और सोमवार को रक्षाबंधन। ईद और रक्षाबंधन के सामान की खरीदारी के लिए ग्राहक रात तक बाजार में रहे। शाहगंज और लोहामंडी बाजार में ग्राहकों ने दोपहर से ही पहुंचना शुरू कर दिया। दोनों बाजारों में जाम की स्थिति बनी रही। लोहामंडी बाजार में ग्राहकों का पैदल चलना तक मुश्किल हो गया।
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। जमीन पर पसरी "'दूब"' घास हरी भरी "'दूब"' घास दूब या दुर्वा (वानस्पतिक नामः Cynodon dactylon) एक घास है जो जमीन पर पसरती है। हिन्दू संस्कारों एवं कर्मकाण्डों में इसका उपयोग किया जाता है। मारवाडी भाषा में इसे ध्रो कहा जाता हैँ। शायद ही कोई ऐसा इंसान होगा जो दूब को नहीं जानता होगा। हाँ यह अलग बात है कि हर क्षेत्रों में तथा भाषाओँ में यह अलग अलग नामों से जाना जाता है। हिंदी में इसे दूब, दुबडा, संस्कृत में दुर्वा, सहस्त्रवीर्य, अनंत, भार्गवी, शतपर्वा, शतवल्ली, मराठी में पाढरी दूर्वा, काली दूर्वा, गुजराती में धोलाध्रो, नीलाध्रो, अंग्रेजी में कोचग्रास, क्रिपिंग साइनोडन, बंगाली में नील दुर्वा, सादा दुर्वा आदि नामों से जाना जाता है। इसके आध्यात्मिक महत्वानुसार प्रत्येक पूजा में दूब को अनिवार्य रूप से प्रयोग में लाया जाता है। इसके औषधीय गुणों के अनुसार दूब त्रिदोष को हरने वाली एक ऐसी औषधि है जो वात कफ पित्त के समस्त विकारों को नष्ट करते हुए वात-कफ और पित्त को सम करती है। दूब सेवन के साथ यदि कपाल भाति की क्रिया का नियमित यौगिक अभ्यास किया जाये तो शरीर के भीतर के त्रिदोष को नियंत्रित कर देता है, यह दाह शामक, रक्तदोष, मूर्छा, अतिसार, अर्श, रक्त पित्त, प्रदर, गर्भस्राव, गर्भपात, यौन रोगों, मूत्रकृच्छ इत्यादि में विशेष लाभकारी है। यह कान्तिवर्धक, रक्त स्तंभक, उदर रोग, पीलिया इत्यादि में अपना चमत्कारी प्रभाव दिखाता है। श्वेत दूर्वा विशेषतः वमन, कफ, पित्त, दाह, आमातिसार, रक्त पित्त, एवं कास आदि विकारों में विशेष रूप से प्रयोजनीय है। सेवन की दृष्टि से दूब की जड़ का 2 चम्मच पेस्ट एक कप पानी में मिलाकर पीना चाहिए। . वानस्पतिक नाम (botanical names) वानस्पतिक नामकरण के लिए अन्तरराष्ट्रीय कोड (International Code of Botanical Nomenclature (ICBN)) का पालन करते हुए पेड़-पौधों के वैज्ञानिक नाम को कहते हैं। इस प्रकार के नामकरण का उद्देश्य यह है कि पौधों के लिए एक ऐसा नाम हो जो विश्व भर में उस पौधे के संदर्भ में प्रयुक्त हो। . दूब घास और वानस्पतिक नाम आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)। दूब घास 7 संबंध है और वानस्पतिक नाम 58 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (7 + 58)। यह लेख दूब घास और वानस्पतिक नाम के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
चंबा. चमेरा बांध के किनारे इन दिनों अवैध रेत खनन माफिया खूब फल-फूल रहा हैं. खनन माफिया बांध के किनारे रेत निकालने का काम जोर-शोर से कर रहे है. मालूम हो कि बारिश में बांध के किनारे रेत काफी मात्रा में बह के आती है. अवैध खनन माफिया इस रेत को निकालने के लिए अपने ट्रैक्टर और ट्रकों से नदी किनारे पहुँचते हैं और सरकारी सम्पति लूटते हैं. विभाग इन खनन माफियाओं के खिलाफ समय-समय पर कार्यवाही करता है. पिछले तीन महीनों में विभाग ने 48 खनन माफियाओं के मामले दर्ज किए हैं. विभाग ने लगभग तीन लाख का जुर्माना भी वसूला है लेकिन इन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि उन्हे किसी का डर ही नहीं है. चंबा जिला के अतिरिक्त खनन अधिकारी का कहना है कि विभाग अपना काम कर रहा है और आगे भी करता रहेगा ताकि सरकारी सम्पत्ति को लूटा ना जा सके.
इन प्रतिबंधों के चलते रूस और इसके ग्राहकों को डॉलर के अलावा किसी अन्य मुद्रा में व्यापार करने के विकल्प खोजने पड़ रहे हैं। अब पवार जूनियर और एकनाथ शिंदे के साथ आने से बीजेपी को उन क्षेत्रों में भी मदद मिलेगी जहां परंपरागत रूप से वह ताकतवर नहीं रही है। अमित शाह को आमंत्रित किया गया लेकिन उन्होंने कहा कि पहले वसुंधरा राजे बोलेंगी, उसके बाद वह अपनी बात कहेंगे। आम आदमी पार्टी इसे देश हित में तो बता रही है लेकिन साथ में यह भी कह रही है कि इस पर आम सहमति बना ली जाए। शो के एंकर दीपक चौरसिया ने बीजेपी प्रवक्ता के. के. शर्मा से सवाल पूछा कि क्या आप ओवैसी की इस आलोचना से सहमत हैं? कहा जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी अपने साथ अखबारों की कुछ कतरनें लेकर गए थे। सेबी ने अपने इस आदेश में डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका को किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में एक साल तक निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद (केएमपी) पर रहने पर रोक लगा दी है। एंकर 'सुमित अवस्थी' ने उनसे पूछा कि अगर 11 विपक्षी दल अरविंद केजरीवाल का समर्थन कर रहे हैं तो कांग्रेस ने इसे अपने अहंकार का विषय क्यों बनाया हुआ है? जी-सोनी विलय (Zee-Sony merger) के भविष्य को लेकर चल रहीं तमाम चर्चाओं और कयासों के बीच सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट के मुख्यालय ने अब एक स्टेटमेंट जारी किया है। गीता प्रेस, गोरखपुर न तो चंदा मांगती है, न तो विज्ञापन लेती है। जहां हर दिन की शुरुआत प्रार्थना से होती हो, कोई ऐसी संस्था का विरोध कैसे कर सकता है? ट्रक ड्राइवरों के लिए मंत्रालय का ये कदम काफी राहत देने वाला हो सकता है, जो सर्दी, गर्मी, बारिश, हर मौसम में हर दिन करीब 12 घंटे ड्राइविंग सीट पर बिताते हैं। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, अप्रैल 2022 के बाद, बीते एक साल में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा नहीं किया गया है। बता दें कि डॉ. सुभाष चंद्रा और पुनीत गोयनका दोनों ने याचिका दायर कर सेबी के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। देहरादून में कॉन्क्लेव के साथ-साथ अपने उल्लेखनीय कार्यों से समाज के सामने अनुकरणीय उदाहरण पेश करने वाली महिलाओं को नारी शक्ति अवॉर्ड्स से सम्मानित भी किया गया। दोनों ने Securities Appellate Tribunal में SEBI के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उन पर किसी भी सूचीबद्ध कंपनी में एक साल तक निदेशक या प्रमुख प्रबंधकीय पद (केएमपी) पर रहने पर रोक लगा दी गई है।
राज एक्सप्रेस। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद पर हाल ही में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के देवबंद में जानलेवा हमला हुआ है। चंद्रशेखर आजाद की गाड़ी पर कुछ हमलावरों ने ताबड़तोड़ कई गोलियां बरसाई। जिनमें से एक गोली चंद्रशेखर की पीठ को छूकर निकल गई। इस हमले के बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाता गया, जहाँ उनका इलाज किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि हमलावर जिस गाड़ी में सवार थे वह हरियाणा के नंबर की थी। फ़िलहाल पुलिस ने इलाके को घेर लिया है और पूरे इलाके की तलाशी की जा रही है। इस बीच लोग चंद्रशेखर आजाद कौन हैं? यह जानने के लिए बेताब हैं। तो चलिए जानते हैं चंद्रशेखर आजाद के बारे में। कौन हैं चंद्रशेखर आजाद? चंद्रशेखर आजाद भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सह-संस्थापक हैं। वे एक वकील और दलित अधिकार कार्यकर्ता के तौर पर खुद ही पहचान बना चुके हैं। चंद्रशेखर का जन्म 3 दिसम्बर 1986 को सराहनपुर के घड़कौली गांव में हुआ था। उनकी पढ़ाई देहरादून के एक कॉलेज से हुई है, जहां से उन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की। जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने साल 2015 में सतीश कुमार और विनय रतन सिंह के साथ मिलकर भीम आर्मी की स्थापना की। आज के समय में भीम आर्मी पूरे देश में दलितों के हक़ के लिए काम करती है। साल 2021 में सार्वजिनक की गई टाइम मैगजीन की एक लिस्ट में चंद्रशेखर आजाद को 100 प्रभावशाली व्यक्तियों में शामिल किया जा चुका है। कैसे हुआ हमला? बताया जा रहा है कि हमले के वक्त चंद्रशेखर आजाद देवबंद में आयोजित एक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए जा रहे थे। उनके साथ गाड़ी में उस वक्त 5 और लोग भी सवार थे। तभी उनकी गाड़ी पर कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दी। इस हमले में चंद्रशेखर आजाद के साथ ही उनके एक साथी भी को चोट आई है। इस हमले के बाद हमलावर तुरंत ही यूटर्न लेकर हाईवे से निकल गए। पुलिस का कहना है कि हमले की जांच की जा रही है। ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस यूट्यूब चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। यूट्यूब पर @RajExpressHindi के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर इनाम रखा गया है। पोस्टर में पीके को ढूंढ कर लाने वाले को 5 लाख रुपए की इनाम राशि देने का दावा किया गया है। पोस्टर में पीके को ' स्वयंभू चाणक्य ' कह कर व्यंग्य किया गया है। लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अचानक कांग्रेस में शक्तिशाली बने पीके यानी प्रशांत कुमार अब कांग्रेसियों के निशाने पर हैं। कांग्रेसियों ने चुनाव के बाद से गायब पीके को ढूंढ कर लाने वाले को 5 लाख रुपये इनाम देने का ऐलान किया है। इस सिलसिले में एक पोस्टर कांग्रेस के प्रदेश सचिव राजेश सिंह की तरफ से लगाया गया है। गौरतलब है कि चुनाव के दौरान पीके कांग्रेस नेताओं को भाव नहीं दे रहे थे और गठबंधन में मिली सारी सीटें जीतने का दावा कर रहे थे। पीके कहां हैं? लखनऊ में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय के बाहर लगे पोस्टर में चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर इनाम रखा गया है। पोस्टर में पीके को ढूंढ कर लाने वाले के लिए 5 लाख रुपए की इनाम राशि देने का दावा किया गया है। विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पोस्टर में पीके को ' स्वयंभू चाणक्य ' कह कर व्यंग्य किया गया है। बता दें कि पीके ने कांग्रेस नेताओं को चुनावी रणनीति से अलग रखते हुए सभी कांग्रेस उम्मीदवारों को जिताने का दावा किया था। कांग्रेसी इस बात से भी नाराज हैं कि चुनाव से पहले पीके पार्टी के कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं तक को भाव नहीं दे रहे थे। यहां तक कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बैठकों में बोलने तक नहीं देते थे। लेकिन परिणाम आने के बाद से ही वह जिम्मेदारी से बच कर दृश्य से बाहर हो गये हैं। पोस्टर जारी करने वाले राजेश सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को हराने के लिए पीके भाजपा से सुपारी लेकर आए थे और पेमेंट लेकर चले गए। हालांकि पार्टी प्रवक्ता सत्यदेव त्रिपाठी ने इस तरह के पोस्टर लगाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि हार से कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हुई हैं, उसका सभी को सम्मान करना चाहिए, लेकिन इस तरह का पोस्टर हमारी संस्कृति के विरुद्ध है।
शोध प्रबन्ध के द्वितीय अध्याय में देख चुके है पतञ्जलि के अनुसार चित्त की पाच अवस्थाए होती है- 1 मूढ 2 क्षिप्त, 3 विक्षिप्त, 4 एकाग्र, 5 निरूद्ध। क्षिप्तावस्था में रजोगुण प्रधान होता है चचलता तथा ससार के कार्यों में प्रवृत्ति होती है। यह स्थिति साधारण ससारी मनुष्यों की सी होती है। मूढावस्था में तमोगुण प्रधान होता है। आलस्य निद्रा प्रमाद आदि होते है। यह स्थिति नीच प्रवृत्ति वाले मनुष्यों की है। विक्षिप्तावस्था में सतोगुण प्रधान होकर सात्विक वृत्तियों उदित होती है किन्तु सात्विक वृत्तिया राजसी वृत्तियों से चलायमान होती रहती है । एकाग्र अवस्था अभ्यास और वैराग्य द्वारा जब सर्वार्थता का निरोध होता है, तब तामस तथा राजस के दबने से सत्व के प्रकार में वस्तु का यथार्थ ज्ञान कराने वाली एकाग्रता उदित होती है। निरूद्ध अवस्था - पर वैराग्य आसक्ति की निवृत्ति होने पर सभी वृत्तियों का निरोध रूप है। यह स्थिति ऊँचे योगियों की होती है। ध्यान का प्रयत्न आरम्भ करने पर चार प्रकार के विघ्न उपस्थित होते हैं यथा लय अर्थात निद्रा और 2 विक्षेप, अर्थात मन का ध्यानस्थ केन्द्र से बार-बार इधर-उधर भागना 3 कषाय 4 रसास्वाद । साधक का शरीर जिस अनुपात में युक्तियुक्त उपवास द्वारा विकारो से रहित तथा सतुलित आहार द्वारा स्वस्थ हो जाता है, उसी अनुपात में ध्यान करते समय निद्रा का प्रहार नहीं होता। इससे बचने केलिए साधक को उतनी नींद भी आवश्यक ले लेनी चाहिए, जितने से उसके शरीर को वाञ्छित स्फूर्ति और शक्ति की प्राप्ति हो जाए, फिर भी यदि निद्रा का प्रहार हो तो ध्यान करने से पहले श्वसन द्वारा निष्क्रियता का अभ्यास करना चाहिए। ध्यान के प्रारम्भ में ओऽम ध्वनि या अपने इष्ट के नाम का सकीर्तन अथवा स्वर सहित किसी भजन का गायन भी सहायक रहता है। इस प्रकार पुन ध्यान करते समय नींद का प्रहार नहीं होता। प्रारम्भ में ध्यान एव लय के अन्त को स्प्ष्ट समझने में कठिनाई हो सकती है क्योंकि ध्यान और नींद की अवस्थाए लगभग समान होती है परन्तु सच यह है कि दोनों में बहुत अन्तर होता है। निद्रा जाग्रत अवस्था से विपरीत अवस्था है, जो ससार के समस्त प्राणियों को शारीरिक शक्ति की प्राप्ति के लिए समान रूप से प्राप्त है और जागृत अवस्था की क्रियाशीलता के लिए आवश्यक स्फूर्ति की प्राप्ति निद्रा से ही अपने अन्दर स्थित चेतना के केन्द्र के विषय में सभी प्राणियों को समान रूप ने अज्ञान बना रहा है। परन्तु ध्यान, जाग्रत अवस्था से महान ऊची अवस्था है, जो केवल मनुष्य योनि में ही प्राप्त कीजा सकती है, अन्य योनियों में नहीं। अपनी चेतना के केन्द्र उसके उदगम स्रोत व उसकी शक्तियों का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त होता है फिर इन केन्द्रों के विषय में कोई सशय का अवसन नहीं उठता। अतएव ध्यान में जब नींद आ जाती है, तब उससे जाग्रत होने पर किसी प्रकार की नव चेतना अथवा ज्ञान की अनुभूति नहीं होती, परन्तु यदि ध्यान में नींद नहीं आती और ध्यान की वास्तविक अवस्था प्राप्त है तो उससे व्युत्थान होने पर नवचेतना एव ज्ञान के प्रकाश की अनुभूति होती है। साधक, इस प्रकार नींद और ध्यान के अन्तर को स्पष्ट समझ सकता है। विक्षेप मन को निर्धारित धारणा में लगाने पर उसका बार-बार भाग जाना विक्षेप कहलाता है। सामान्य भाषा में लोग कहते हैं कि जब भी हम ध्यान करने बैठते हैं, हमारा मन भागता ही रहता है। हठयोगियों ने मन के विक्षेप को दूर करने के लिए योगासनों का अभ्यास करते समय मनोयोग से अभ्यास करना एव गिनती के साथ ईष्ट के नाम का मानसिक जप करने को कहा है। मन को लय से मुक्त करने के बाद भी जब भी साधक ध्यान करना प्रारम्भ करता है उसी समय अनेक प्रकार के भीड उसके सामने आने लगती है। वैसे तो विचारो की भीड को क्षीड करने के लिए प्रत्याहार का अभ्यास स्वयं में पर्याप्त सक्षम है। साधक को विचारों की भीड से अधीर नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसा हमारे अचेतन मन के ऊपर पहले की वासनाओं, इच्छाओं और राग द्वेष जनित भावनाओं या सस्कारो की पर्तो की सतहों के जमे रहने के कारण ही है। जो ध्यान योग की साधना प्रारम्भ करते ही चेतना की सतह पर उभर कर निकलना चाहते हैं, और हमारे मन को शुद्ध एव निर्मल बनाना चाहते हैं, किन्तु भ्रम वश हम उन निकलते हुए विचारो को साक्षी भाव से न देखकर नकारात्मक चिन्तन करने लगते है जिससे वे विचार और दृढ हो जाते है। स्वप्न में भी तो यही होता है किन्तु वहा पर प्राकृतिक नियम के अनुसार हम स्वप्नों को उन दृश्यों अथवा विचारों को साक्षी भाव से देखने को मजबूर है। यही तो कारण है कि प्रात जब हम उठते है तो स्फूर्ति से भरे होते है। ध्यान करते समय यदि साक्षी भाव का अभ्यास हो जाय, तो न केवल शरीर को स्फूर्ति मिलती है बल्कि आन्तरिक ज्ञान चक्षु भी खुल जाता है। फलस्वरूप व्यवहार जगत, जड जगत एव ईश्वरीय जगत के सत एव असत की पहिचान हो जाती है और जीवन सुख, शान्ति एव आनन्द से भर जाता है। कषाय लय और विक्षेप को दूर करके जब मन अन्तर्मुखी हो जाता है तब भी वह गहन ध्यान की स्थिति में प्रवेश नहीं करना चाहता। छिपी हुई बलवती वासनाओं तथा उत्कृष्ट राग के प्रभाव के बस में होकर यह पदार्थों में आसक्त हो जाता है। तब यह दुख में डूब जाता है। इस समय मन में किसी एक विचार बिन्दु पर एकाग्र होने की क्षमता तो रहतीहै किन्तु यह समाधि की स्थिति नहीं है। यही कषाय है। यह मनोराज्य है। इस स्थिति में मन हवाई किले बनाता रहता है। पत्नी, पुत्र, धन के बारे में मन यदि सोचता है तो साधना में मन इसे बाह्म राग कहते है और यदि भूत के बारे में चिन्तन करता है, तथा भविष्य के लिए योजना बनाता है तो इसे अन्तर राग कहते हैं। जो उपाय विक्षेप को दूर कर सकते है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि बाह्म विषयाकार वृत्ति विक्षेप हे किन्तु जो वृत्ति अन्दर से राग के सस्कारों के प्रभाव से उत्पन्न होती है उसे कपाय कहते है। साधक प्राय कषाय को समाधि समझने की भूल कर बैठते है। विक्षेप के दूर होते ही सविकल्प समाधि का आनन्द प्रगट होने लगता है। यह रसास्वाद है। निर्विकल्प समाधि का परमानन्द प्राप्त करने में यह जैसा रसास्वाद एक बाधा है इस रसास्वाद का आनन्द उसी प्रकार का है जैसा कि कुली को अपने सिर का बोझा उतारने के बाद अथवा किसी गुप्त खजाने पर पहरा देने वाले सॉप को मार डालने पर मिलता है। परन्तु वास्तविक आनन्द तो तब ही प्राप्त होता है जब वह खजाने को प्राप्त कर लेता है। इसी प्रकार जब साधक निर्विकल्प-समाधि के परमानन्द का अनुभव करने लगता है तब अपनी साधना के चरम बिन्दु पर पहुच जाता है। साप को मारना विक्षेप को दूर करने के समान है। इसके अतिरिक्त अन्य बाधायें जैसे असभ्यक विचार अधीरता, आलस्य, भाग, प्रवृत्ति तथा अपवित्र विचार, जिन्हें सभ्यक तथा विवेकपूर्ण विचारों के द्वारा दूर करना चाहिए। इसमें नियमित स्वाध्याय, सत्सग, आसन, प्राणायाम प्रत्याहार तथा सात्वक सुपाच्य एव सतुलित भाजन आदि भी सहायक होते हैं। ध्यान चितन मनन में सावधानी जिस प्रकार दर्पण में अपना प्रतिबिम्ब तब तक स्पष्ट नहीं देखा जा सकता जब तक कि दर्पण साफ न हो। इसी प्रकार जब तक बुद्धि का रतर साफ न हो, तक तक आत्मा का स्वरूप नहीं देखा जा सकता। जैसे अपनी छाया को देखकर कोई व्यक्ति उस छाया को अपने से भिन्न नहीं समझता है उसमें अपनी एकता देखता है, उसी प्रकार साधक ससार में प्रत्येक वस्तु और व्यक्ति में ईश्वर का प्रतिबिम्ब देखता है। उसमें अपनी एकता देखकर निरर्थक द्वैत जनित वादों में नही उलझता । चिडिया शीशे में अपनी ही छाया से लडकर अपनी चोंच को घायल कर लेती है। साधक सदैव अपने प्रभु के रूप या नाम के स्मरण में निमग्न रहता है जैसे की नमक की डली पानी में घुलकर एकमेव हो जाती है, पत्थर की तरह अपना अलग अस्तित्व नहीं बनाये रखती है। जिस प्रकार कपड़ा पानी में जाते ही अपने रेशे-रेश में पानी आकर्षित कर लेता है और पानी से बाहर आने के बाद भी यद्यपि वह सूख जाता है, परन्तु पानी के रंग का प्रभाव उस पर से नहीं छूटता, वह क्रमशः उसी रंग रंग जाता है, जिस रंग का कि पानी होता है। कालान्तर में रंग इतना पक्का हो जाता है, कि छूटने का प्रश्न ही नहीं उठता। उसी प्रकार जिस चिन्तर में व्यक्ति डूबा रहता है, कालान्तर में उसकी चित्त वृत्ति भी उसी रंग की हो जाती है। तद्नुकूल परमाणुओं के आकर्षण से वैसी ही परिस्थितियों का निर्माण हो जाता है। अतएव साधक को अपनी चिन्तन एवं मनन की धाराओं में अत्यन्त सावधान रहने की आवश्यकता है। ध्यान के साधन- ध्यान के साधनों को अपनाने के विषय में निम्न चार बातें अत्यन्त महत्वपूर्ण है ध्यान कब करें अर्थात कितने समय में करें। 2. ध्यान कहां करें अर्थात! किस स्थान पर करें। 3. ध्यान कैसे करें अर्थात किस विधि से करें। 4. ध्यान कितना करें अर्थात कितने समय तक करें। ध्यान का सबसे उपयुक्त समय प्रातः काल ही होता है। शय्या त्याग करने के बाद शौच मुख प्रक्षालन आदि नित्य क्रियाओं से निवृत्त होने के अनन्तर ध्यान का अभ्यास प्रारम्भ करना चाहिए। स्नान में असुविधा होने पर वह बाद में किया जा सकता है। इस समय शरीर मल मूत्रादि विसर्जन हो जाने के कारण अन्य समय की अपेक्षा प्रायः हल्का होता है। मनः स्थिति ध्यान के लिए अनुकूल होता है। ध्यान में बाहरी वातावरण की भी पर्याप्त सहायता प्राप्त होती है। अतएव यदि इसका अभ्यास सूर्योदय से पहले कर लिया जाय तो और भी उत्तर रहता है। अभ्यास में आगे बढ़ जाने पर तो फिर चाहे जब अभ्यास किया जा सकता है। परन्तु प्रारम्भ में समय का ध्यान रखने से अभ्यास में पर्याप्त सहायता मिलती है और साधना में वांञ्छित प्रगति होती है। ध्यान कहां करें :- ध्यान करने से पहले स्थान का भी विशेष महत्व होता है। अत्यन्त भीड़-भाड़ के स्थानों में प्रारम्भ में बांधा उपस्थित होती है। क्योंकि उस स्थान के वातावरण में उसी प्रकार के परमाणु व्याप्त रहते हैं। अतएव स्थान ऐसा चुनना चाहिए जो अपेक्षाकृत शान्त हो, अधिक भीड़ भाड़ न रहती हो और वहाँ पर अधिकांश में आध्यात्मिक चर्चा होती हो। किसी देवालय में उपयुक्त एकान्त स्थान, अथवा नदी का किनारा या अन्य कोई प्राकृतिक सील या किसी पार्क का स्थान, जहा बहुत तेज हवा न हो ठीक रहता है। अपने घर में ध्यान के अभ्यास के लिए एक कमरा बनाया जा सकता है, जो खुला और हवादार हो । वहा ध्यान और सत्सग के अतिरिक्त कोई दूसरा कार्य न होता हो। कुछ समय बाद ऐसे स्थान में जाते ही सहज ध्यान होने लगता है। इस कमरे में ध्यान में सहायता करने वाले सन्तों, अवतारों और देवताओं के चित्र भी लगा देने चाहिए। ऐसा अलग स्थान सम्भव न हो पाने की स्थिति में घर का कोई भी एकान्त और शान्त स्थल चुना जा सकता है। वातावरण में धूल और धुआ न हो। कोई सुगन्धित धूप या अगरबत्ती जता सकते है। ध्यान कैसे करें यह ध्यान का सबसे प्रमुख, अग है। इसके लिए यह आसन दिशा, मुद्रा रीढ का महत्व और ध्यान का प्रारम्भ में पाच तथ्य समझना आवश्यक हे जो निम्न प्रकार है। सबसे पहले बैठने के लिए उपयुक्त आसन का चुनाव करना चाहिए। सम्भव हो तो जमीन से थोड़ा ऊपर बैठने के लिए अपने नाप का कोई पटटा या चौकी या तख्त हो तो अच्छा रहता है, अन्यथा जमीन पर ही, कुशासन और उसके ऊपर कोई सूती, रेशमी या ऊनी वस्त्र बिछा लेना चाहिए जिसके छपर कुछ सुविधापूर्वक बैठ सकें। कुशासन के अभाव में कोई चटाई, चादर, दरी या कम्बल का भी प्रयोग किया जा सकता है। परन्तु वह शुद्ध होना चाहिए। यथा सम्भव उसको ध्यान के अतिरिक्त अन्य किसी काम में नहीं लाना चाहिए। दिशा बैठने के समय मुख पूर्व पश्चिम अथवा उत्तर की ओर होना चाहिए। सबसे उत्तम पूर्व या उत्तर की ओर रहता है। दक्षिण की ओर मुख कर के नहीं बैठना चाहिए। यदि किसी देवालय या कमरे में भगवान का चित्र या प्रतिमा हो तो दिशा का विचार न करके उस चित्र या प्रतिमा के सम्मुख भी बेठा जा सकता है। मुद्रा तत्पश्चात् किसी भी अनुकूल मुद्रा अथवा आसन, वज्रासन, सिद्धासन, पद्मासन, स्वास्तिकासन अथवा सुखपासन में बैठना चाहिए जिससे कि स्थिरता से या बिना हिले - डुले सुविधापूर्वक निश्चित समय तक बैठ सके और शरीर के किसी भी अग पर अनुचित दबाव, तनाव अथवा आधार न लगे। नत्र अपनी स्वाभाविक स्थिति में रहे। न कसकर बन्द किये जाय न प्रयत्नपूर्वक खुले रखे जायें। स्वाभाविक रूप से जैसे अधमुदे रहे तो रहने दिये जाये। (द) रीढ का महत्व सबसे प्रमुख महत्व रीढ़ की हड्डी का है क्योंकि इसी के बीच सुषुम्ना स्थित है। जो गुदा स्थान (मूलाधार ) से प्रारम्भ होकर मस्तिष्क (सहसार) तक जाती है। इसका ध्यान से सर्वाधित सम्बन्ध है। इसकी गति स्वाभाविक रूप से सीधी एव सम होनी चाहिए अर्थात न तो अस्वभाविक रूप से तनी हुयी ओर न किसी ओर की मुडी या झुकी हुयी। इसकी स्वाभाविक स्थिति फन मारकर खड़े हुए सर्प के समान होती हे अतएव ध्यान के लिए बैठते समय रीढ को स्वाभाविक रूप से सम करके गर्दन को सीधा तनाव रहित रखना चाहिए। (य) ध्यान का आरम्भ इसके बाद अपने इण्ट के नाम या रूप के सहारे मन को एक बिन्दु पर केन्द्रित करने का प्रयास करना चाहिए। प्रारम्भ में ऐसा करना सहज नहीं होता है तो नींद आने लगेगी जिसे लय कहते है अथवा मन इधर-उधर भागने लगेगा, जिसे विक्षेप कहते हैं। निरन्तर अभ्यास से ये परेशानिया धीरे-धीरे समाप्त हो जाती है आर वृत्ति, नाम या रूप में स्थिर होने लगगी। इसी स्थिर अवस्था को एकाग्रता कहते हैं। ध्यान की यह एक प्रारम्भिक अवस्था है। इसमें अभी त्रिपुटी और अहकार बना हुआ है अर्थात ध्यान, ध्याता (ध्यान करने वाला) ओर ध्येय का भान रहता है। अभ्यास के आगे बढ़ने के साथ-साथ जैसे-जैसे वह परिपक्व होने लगता है अर्थात वृत्तिया एकाग्र हो जाने पर जबकि न लय होता है और न विक्षेप तब वह बिन्दु भी हट जाता है, जिस पर कि वृत्तिया एकाग्र थी। उस समय त्रिपुटी समाप्त हो जाती है और अहकार का विलय हा जाता है। उस समय ध्याता ध्यान और ध्येय तीनों हट जाते हैं तथा जीवात्मा की परमात्मा की ओर सन्तुखता होने लगती है। इस समय की समग्र चेतना युक्त अवस्था का वर्णन करना वाणी के लिए सम्भव नहीं है। इस अवस्था को प्राप्त करके, बुद्धि के ऊपर जो अहकार एव सस्कारों के आवरण एकत्र है उनका क्रमश क्षीण होना प्रारम्भ हो जाता है। ये आवरण जितने जितने क्षीण होने लगते है उतने ही अनुपात में परमात्मा की सच्चिदानन्द शक्तियों का सचार जीवात्मा में होने लगता है जैसे आग के पास बैठने से गरमी का और बर्फ के पास बैठने से ठंडक का स्वाभाविक ही सचार समीप बैठने वाले के अन्दर होने लगता है। परन्तु आग या बर्फ के बीच में यदि कोई पर्दा या आवरण हो तो समीप रहते हुए भी उसकी गरमी या ठडक का प्रभाव नहीं पड सकता जब तक कि वह आवरण न हटे। इसी प्रकार परमात्मा के समीप रहते हुए भी यदि अहम् का आवरण नहींहटता है, तो परमात्मा की शक्तियों का प्रभाव एव उनका प्राकट्य जीवात्मा में नहीं हो पाता। अतएव, इस आवरण को हटाने के लिए ही ध्यान के अभ्यास का उत्तरोत्तर बढाते रहना चाहिए ताकि परमात्मा की शक्तियों का निर्विघ्न प्रवाह इच्छा अनुसार प्राप्त होता रहे। इस अहकार केविलय की अवस्था प्रेम के अतिरेक में भी प्राप्त हो जाती है जिससे बुद्धि में अपूर्व प्रकाश का अनुभव होकर सहज ही द्वेत भावना मिट जाती है तब सर्व ) एक ही सत्ता तथा सब में प्रभु के दर्शन होने लगते है। अहकार क विलय होने पर साधक को अपने अभिनासी आत्म स्वरूप का बोध हो जाता है जिससे अपनी देह सम्बन्धी भ्रान्ति मिट जाती है तथा सर्वत्र उस प्रभु की लीला के दर्शन होने लगते हैं जिससे भय का अस्तित्व ही समाप्त हो जाता है, क्योंकि साधन को स्पष्ट बोध हो जाता है मैं विनाशी शरीर बल्कि आत्मा हूँ, जो कि न कभी उत्पन्न होती है और न कभी समाप्त। यह तो शरीर ही है जो पैदा होता है, बढता है और समाप्त होता है। आत्मा प्रत्येक दशा में एक सी रहती है जैसे वस्त्र बदलने से शरीर नहीं बदलता है, बल्कि वही रहता है, उसी प्रकार शरीर बदल जाने से भी आत्मा में कोई परिवर्तन नहीं आता। धीरे-धीरे उक्त अवस्था प्राप्त करने के बाद, कर्मों के प्रति साधक की ये मान्यता भी उत्तरोततर क्षीण होने लगती है कि उक्त कर्मों का कर्ता वह है। इसके विपरीत यह भावना दृढ होने लगती है कि उसके द्वारा उक्त कर्म कराये जा रहे हैं अर्थात वह तो निमित्त मात्र है फिर उसके करने के स्थान पर उसके द्वारा कर्म होने लगते है तथा साधक को स्पष्ट भान होने लगता है कि किसी सत्ता द्वारा उसे निरन्तर कर्म करने को प्रेरित किया जा रहा है और उसका कर्म कराने हेतु प्रयोग किया जा रहा है। इस अवस्था के परिपक्व होने पर उसका कर्म करने में भी अहकार का विलय होता चला जाता है, जिससे उसका कर्तृत्व भी मिट जाता है। चूकि कर्तृत्व ही कर्म बन्धन का कारण होता है अतएव उसके कर्म बन्धन भी क्रमश समाप्त होने लगते हैं। इस प्रकार साधक का आवागमन के चक्कर से भी छुटकारा होने का माग्र प्रशस्त होने लगता है। इस अवस्था को प्राप्त कर साधक के शरीर में अथाह शक्ति व स्फूर्ति का सचार होता है, जिससे उसे स्प्ष्ट होता है कि शक्ति का केन्द्र भगवान है न कि भोजन। मन में अखण्ड आनन्द की प्राप्ति होती है, जिससे स्पष्ट बोध होता है आनन्द का केन्द्र ईश्वर है न कि भौतिक सुख । बुद्धि के अखण्ड ज्ञान की प्राप्ति होती है जिससे यह पता चलता है कि ज्ञान का केन्द्र ईश्वर है न कि पुस्तकें । ऐसा होने पर स्वभावत ही ईश्वर के प्रति साधक का विश्वास और अनुराग दृण होता के चला जाता है और अखण्ड प्रेम की उपलब्धि होने लगती है जो कि मानव जीवन की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि है व मनाव व्यक्तित्व के विकास की चरण सीमा है। (4) ध्यान कितना करें वैसे तो यह प्रश्न ही गलत है, क्योंकि ध्यान की प्रगाढ स्थिति में, अहकार का विलय होने के पश्चात समय के हिसाब रखने का प्रश्न ही नहीं उठता। परन्तु अभ्यास के प्रारम्भ में साधक का 15 मिनट से 30 मिनट तक का प्रयास करना उचित रहसता है ईश्वर का ध्यान कैस किया जाये, यह अधिक महतवपूर्ण होगा कि हम क्या जाने कि ईश्वर क्या है। इस सृष्टि म अनन्त तरह की शक्तिया पायी जाती है और ईश्वरीय तत्व इन समस्त शक्तियों का आधार है। ऐसे इस ईश्वरीय तत्व के भण्डार को जीवात्मा कहते है और यह सारे शरीर में विराजमान है। जीवात्मा के क्षेत्र में, ईश्वरीय तत्व, जो कि ओर कुछ नहीं बल्कि ब्रह्म हे, निर्गुण-निराकार है और हमारे जन्म-जन्मान्तर के सस्कारों से ढका हे, जीवात्मा जो ईश्वरीय तत्व का भण्डार है, उसे यदि तुलनात्मक दृष्टि से सूर्य मान लिया जाय तो ईश्वरीय तत्व तत्व इस सूर्य की किरणों के समान होगा ओर सस्कार जिनसे यह सूर्य ढका हुआ है, बादल के समान होंगे। बाहर की दुनिया में अपना प्रभाव दिखाने के लिए यह ईश्वरीय तत्व सस्कारों से छनकर उसी तरह आते हे जेसे बाहर की दुनिया में सूर्य की रोशनी भी केवल बादलों से उनकर जमीन तक पहुँचती है। ईश्वरीय तत्व का जितना प्रभाव हमारे मन, बुद्धि, शरीर ओर वातावरण के अलग-अलग पहलुओं में हम सुख का भोग करने योग्य हो जाते हे दूसरे शब्दों में, बाहर के अलग-अलग दुखों का कारण तो केवल बाहर की दुनिया में ईश्वरीय तत्व के प्रभाव की कमी है। अस्तित्व को केवल आनन्द का है, दुख का अपना कोई अस्तित्व ही नहीं है। ध्यान में साधक अपने अस्तित्व को भूल जाता है उसे केवल इतना ज्ञान रहता है कि मै धारणा के साथ तदाकार हो गया हूँ। धारणा का तदाकार ही ध्यान है। यह स्मरण रखना चाहिए कि निर्धारित धारणा के अनुसार ही ध्यान योग्य के साधक में गुणों का प्रस्फुटन होता है जैसे चन्द्रमा के ध्यान से शरीर में शीतलता बढ़ती है। सूर्य के ध्यान से शरीर में गर्मी बढ़ती है। इसी प्रकार जब साधक परमपिता परमेश्वर का नाम या रूप का ध्यान करता है तो उसके अन्दर वेसे ही गुण उत्पन्न होने लगते है। चूकि ईश्वर सद चिद आनन्द है इसलिए उस योग साधक का चित्त, सात्विक गुणों वाला हो जाता है। और उसका जीवन आनन्द से भरने लगता है या भर जाता है। ध्यान के प्रकार प्रत्येक धारणा सिद्ध हो जाने पर ध्यान बन जाता है अर्थात जितने प्रकार की धारणायें हो सकती है उतने ही प्रकार के ध्यान हो सकते है। किन्तु यहाँ पर जिस ध्यान की बात की जा रही है वह बाह्य जगत से सबंधित नहीं है। उसका सबध तो अन्त जगत को आनन्दित बनाने वाले ईश्वरीय ध्यान मे है। वैसे तो ईश्वरीय ध्यान
"हूँ, कुछ कहा". "कुछ भी तो नहीं". "मुझे लगा शायद तुम कुछ बोले". अक्सर ऐसा होता है जब किसी से बात करने का मन हो किन्तु जुबान खामोश हो. एक आवाज कान में गूंजने का आभास होता है. खामोशी में भी ये आवाज कहाँ से आती है? ये आभास कैसे होता है? कभी नहीं जान सका. कई बार घर में अकेले बैठे हों और बाहर से दरवाजा खटखटाने की आवाज आती है जब हम वहाँ जाकर देखते हैं तो पता चलता है वहाँ तो कोई भी नहीं है. कई बार पलंग पर पड़े बीमार व्यक्ति द्वारा अपने अन्य रिश्तेदारों को बुलावा भेजना और सबकी मुलाक़ात के बाद प्राण त्याग देना. बाद में हम यही कहते हैं की देखो इनको पहले से ही आभास हो गया था की मौत आने वाली है. किन्तु यह आभास सबको क्यों नहीं होता? कई बार कुछ बड़े बूढ़े बीमार व्यक्ति द्वारा कई बार सारे रिश्तेदारों का जमावडा लगा लेने के बाद भी देहत्याग ना कर पाने से रिश्तेदार यह कहने से भी नहीं चुकते की अब तो तभी आयेंगे जब पक्की खबर आएगी. हाँ मगर आभास को कई बार हकीकत में तब्दील होते देखा है,मुझे तो यह जागते हुए देखे सपने सा लगता है. क्योंकि रात में सोते हुए देखे मेरे सपने तो कभी सच नहीं हुए. कहा जाता है की कौए को मेहमानों के आने का आभास सबसे पहले हो जाता है इसीलिए वह छत पर आकार कांव कांव करने लगता है पहले शायद होता भी रहा होगा किन्तु मैंने तो अक्सर उसके एंटीना के कमजोर ही पाया. किन्तु जब कभी श्रीमती जी चाहे की आज खाना बनाने का मन नहीं है कोई मेहमान ना आ जाए तब अवश्य ही कोई मेहमान खाने पर उपस्थित होगा. कहते हैं की भैरवनाथ के वाहन और महिलाओं को घटनाओं का आभास पहले से ही हो जाता है क्योंकि इनकी सिक्स्थ सेन्स तगड़ी होती है. कई बार भूकंप के मामले में कुत्तों के भौकने की आवाज से यह अंदाजा लगाया गया है की उनको इसका पहले से ही आभास हो गया था और इसी कारण जब कोई कुत्ता घर के आसपास रोता है तो उसको किसी के मौत का पैगाम मानकर कुत्ते को भगा दिया जाता है जबकि विशेषज्ञों द्वारा इसका कोई अन्य ही कारण वर्णित है. किन्तु कुछ घटनाओं से यह यकीन होने लगा है की कुत्ते को कई बातों और अक्सर आगे होने वाली बुरी घटनाओं का आभास हो जाता है. महिलाओं को भी उनकी सिक्स्थ सेन्स आगे होने वाली कई घटनाओं का आभास कराती है और खासकर पुरुषों की बदनीयती पर तो इसका खरा उतरना इसको सिद्ध प्रमाणित करता है. किन्तु आजकल महिलाओं के साथ हो रही अनाचार की घटनाओं में वृद्धि से लगता है की शायद महिलाओं की सिक्स्थ सेन्स कुछ कमजोर पड़ रही है या की पुरुष अधिक चतुर होते जा रहे हैं, जो कि महिलाओं कि सिक्स्थ सेन्स को भ्रमित कर देते हैं. तभी उन्हें आगे होने वाली इन घटनाओं का तनिक भी आभास नहीं हो पाता है. काश की मैं आभास होने के विज्ञान को जान सकता अपना भविष्य भले ना जानता किन्तु दिनोदिन दुर्घटनाओं के बढते आंकड़े को तो कुछ कम कर ही पाता.
रोहतक। एक जनवरी से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है। डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार सभी टोल प्लाजा पर कैश लेन-देन को पूरी तरह से खत्म कर रही है। एनएचएआई के अंतर्गत आने वाले रोहतक-पानीपत टोल अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार 31 दिसंबर तक सभी टोल को 100 फीसदी फास्टैग करना चाहती है। ऐसे में यदि वाहन मालिक ने अपने वाहन पर फास्टैग नहीं लगवाया तो हाईवे पर एक जनवरी से असुविधा हो सकती है। उन्होंने बताया कि हाल में उन्हें केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से एक नोटिफिकेशन मिला है। इसके बाद मकड़ौली व डाहर के टोल प्लाजा पर एक जनवरी से सभी चार पहिया वाहनों पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया है। वर्तमान में दोनों टोल प्लाजा पर एक-एक कैश लेन है। यहां से प्राप्त करें फास्टैग : नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार फास्टैग ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और पेटीएम पर उपलब्ध हैं। इसके अलावा आप फास्टैग को बैंक और पेट्रोल पंप से भी खरीद सकते हैं। बैंक से फास्टैग खरीदते समय आप ध्यान रखें कि जिस बैंक में आपका खाता है, उसी बैंक से आप फास्टैग खरीदें। एनएचएआई के अनुसार आप फास्टैग को किसी भी बैंक से 200 रुपये में खरीद सकते हैं। वहीं आप फास्टैग को कम से कम 100 रुपये से रिचार्ज करा सकते हैं। सरकार ने बैंक और पेमेंट वॉलेट को रिचार्ज पर अपनी ओर से कुछ अतिरिक्त चार्ज लगाने की छूट दी है। जरूरी दस्तावेज : फास्टैग खरीदने के लिए आपको ड्राइविंग लाइसेंस की फोटो कॉपी और अपने वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर चाहिए। वहीं आप फोटो आईडी के तौर पर आधार कार्ड और पासपोर्ट या पैन कार्ड का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अभी टोल से गुजरने वालों 83 फीसदी वाहनों में फास्टैग लगा होता है लेकिन 31 दिसंबर तक इस आंकड़े को 100 फीसदी करना है। इसके लिए टोल से गुजरने वाले सभी चौपहिया वाहन चालकों को इस बारे में विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जा रहा है। सोमवार और मंगलवार को 1600 से अधिक वाहन चालकों ने फास्टैग लगवाया है। 1 जनवरी से बिना फास्टैग वाले वाहन टोल से नहीं गुजरेंगे। - कर्नल वीरेंद्र सिंह शेखावत, सीजेएम, आरपीटीएल।
नई दिल्ली. संजू सैमसन को श्रीलंका के खिलाफ पहले टी20 मैच में भारत की प्लेइंग इलेवन में मौका दिया गया, लेकिन वह फैन्स और एक्सपर्ट्स दोनों को ही इंप्रेस करने में नाकाम रहे. भारत और श्रीलंका के बीच 3 मैचों की सीरीज का पहला टी20 मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया, जिसमें भारत ने दो रन से जीत हासिल की. संजू सस्ते में आउट हुए और इसके बाद एक कैच भी ड्रॉप किया, जिससे पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर नाराज हो गए हैं. संजू सैमसन के पूरे करियर में बार-बार कहा जा रहा है कि उन्हें मौके नहीं मिल रहे हैं, लेकिन जब उनके पास मौका आ रहा है तो वह उसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. सैमसन ने श्रीलंका के खिलाफ सिर्फ 6 गेंदों का सामना किया और 5 बनाकर पवेलियन लौट गए. धनंजय डी सिल्वा की गेंद को परख नहीं पाए और दिलशान मधुशंका के हाथों कैच आउट हो गए. संजू का इस तरह आउट होना और ज्यादा अखरता है, क्योंकि पिछली ही गेंद पर उन्हें जीवनदान मिला था. डीप में फील्डर ने उनका कैच ड्रॉप कर दिया था. श्रीलंका के सामने संजू सैमसन की बैटिंग अप्रोच ने सुनील गावस्कर को सवाल खड़े करने का मौका दिया. बल्लेबाजी के बाद संजू सैमसन के लिए फील्डिंग में और भी खराब पल आया. ईशान किशन की विकेटकीपिंग के साथ आउटफील्ड में सैमसन ने कुछ मौकों पर गलतियां कीं. पहली चूक हार्दिक पंड्या द्वारा फेंकी गई श्रीलंकाई पारी के शुरुआती ओवर में हुई थी. भारतीय कप्तान ने नई गेंद से शुरुआत की और तुरंत खतरनाक स्विंग पैदा की, जिससे पाथुम निसांका फंस गए. ओवर की दूसरी गेंद पर निसांका का आसान कैच था, लेकिन मिड ऑफ पर सैमसन ने गलती कर दी. सैमसन ने डाइव किया, अपने हाथों को नीचे किया, यहां तक कि गेंद को छुआ भी, लेकिन लैंड करते हुए उसे गिरा दिया. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या डाइव लगाना जरूरी था? संजू के कैच छोड़ने पर हार्दिक पंड्या के चेहरे पर निराशा साफ दिखाई दे रही थी. हालांकि, पारी में बाद में कुसल मेंडिस और डी सिल्वा को आउट करने के लिए उन्होंने अच्छे कैच लपके. खासतौर पर मेंडिस को पवेलियन वापस भेजने के लिए कैच प्रशंसनीय था. यह सैसमन के लिए राहत थी, लेकिन इसके बाद उनसे फिर गलती हो गई. सैमसन गेंद को रोकने के लिए थर्ड मैन की ओर से दौड़ते हुए आए, लेकिन गेंद उनके पास से निकल गई. हालांकि, यह पूरी तरह से सैमसन की गलती नहीं थी, उनका घुटना जमीन में फंस गया था, इसके परिणामस्वरूप एक चौका लगा और गेंदबाज उमरान मलिक इससे खुश नहीं थे. .
शाहरुख खान -गौरी खान बांद्रा में 3 बीएचके सी-फेसिंग फ्लैट में रहते थे। वो 'अमृत' अपार्टमेंट में 7वीं मंजिल पर रहते थे। शाहरुख ने ये फ्लैट 'दीवाना' फिल्म रिलीज होने के कुछ साल बाद खरीदा था। मुंबई में उनकी यह पहली प्रॉपर्टी थी। उनका यह घर मन्नत की तरह आलीशान तरीके से सजाया नहीं गया था। इस घर में बैठने के लिए साधारण काले लेदर का सोफा था। लुक को खूबसूरत बनाने के लिए गौरी खान ने दीवार पर एक खूबसूरत सी पेटिंग भी लगाई हुई है। शाहरुख खान और गौरी ने अपने इस घर में खाने के लिए लकड़ी की डाइनिंग टेबल लगाई थी। जहां चार लोग बैठ सकते थे। शाहरुख को बुक्स पढ़ने का बहुत शौक है। इसलिए उनके इस घर में किताबों से भरी एक रैक भी थी। जिसे खूबसूरत बनाने के लिए कुछ फूलदान रखे गए थे। इस सिंपल से घर में एक्टर अपने परिवार के साथ कई सालों तक रहें। सोसाइटी के नाम के साथ आज भी शाहरुख की नेमप्लेट लगी है। वहीं, 'बादशाह' खान के पास दिल्ली में भी अपना घर है। जिसे गौरी खान ने अपने हाथों से सजाया है। ये घर एक्टर के लिए बेहद खास है। एक्टर ने अपने इंस्टाग्राम पर दिल्ली के घर की तस्वीरें शेयर की। उन्होंने बताया कि गौरी ने उस घर का फिर से इंटीरियर डिजाइन किया। यह घर शाहरूख के दिल के करीब है। क्योंकि इसमें उनका बचपन गुजरा है। इसलिए गौरी खान ने इसे और खूबसूरती से डिजाइन किया है। शाहरूख खान अब करोड़ो के प्रापर्टी के मालिक है। उनके पास दिल्ली, मुंबई से लेकर यूरोप और अमेरिका जैसे देशो में करोड़ों की संपत्ति है। शाहरुख का एक घर दुबई में भी है। उनके इस घर का नाम 'जन्नत' है। अमेरिका के कैलिफोर्निया में बेवर्ली हिल्स में भी शाहरुख का आलीशान मैंशन है। लंदन में भी शाहरूख ने अपने लिए आलीशान अपार्टमेंट खरीदा हुआ है। और पढ़ेंः
आगरा। बरहन के चमरोला स्टेशन पर उस वक्त हड़कंप मच गया जब ड्यूटी ट्रैक पर काम कर रहे ट्रैकमैन की ट्रेन की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी होते ही ट्रैक पर काम कर रहे अन्य कर्मचारी घटना स्थल पहुंच गए और इसकी जानकारी रेलवे पुलिस को भी दी। घटना बरहन थाना के पास चमरोला स्टेशन की है। इस स्टेशन के ट्रैक पर काम करने के दौरान हावड़ा से दिल्ली को जा रही राजधानी एक्सप्रेस 12453 ट्रेन कीे चपेट में ट्रैकमैन आ गया और उसकी मौके पर मृत्यु हो गई। ट्रैकमैन विष्णु कुमार पुत्र लालसिंह निवासी नगला जौहरी खांडा, थाना बरहन का रहने वाला था। घटना की जानकारी होते ही मृतक के परिजन मौके पर पहुंच गए। इस घटना से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मृतक की उम्र 22 साल थी। उसकी शादी 2 वर्ष पहले हुई उसका 6 महीने का एक बेटा भी बताया जा रहा है। रेलवे पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज आगे की कार्यवाही शुरू कर दी है।
ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज एंड्रयू टाई ने खुद को क्रिकेट के सबसे छोटे फ़ॉर्मेट में लगातार साबित किया है. जिसके कारण उनकी मांग आईपीएल में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है. टाई मौजूदा समय में फॉर्म में भी चल रहे हैं. जिसके कारण 19 दिसंबर को होने वाली नीलामी में सबका ध्यान इस खिलाड़ी पर होगा. एंड्रयू टाई ने अब तक आईपीएल में 26 मैच खेले हैं. जिसमें उन्होंने 21. 08 के औसत के 39 विकेट अपने नाम किया है. जिस समय रहमान की इकॉनमी रेट 8. 3 का रहा है. जबकि उनका स्ट्राइक रेट 15. 23 का रहा है. जोकि टी20 फ़ॉर्मेट में बहुत ही शानदार माना जाता है. टाई किसी भी समय पर आसानी से गेंदबाजी कर सकते हैं. हालाँकि वो डेथ ओवरों में बहुत ज्यादा प्रभावी रहते हैं. जिसके कारण आईपीएल में कई टीमें इस खिलाड़ी पर 15 करोड़ से ज्यादा की रकम भी लगा सकती हैं. जिसमें राजस्थान रॉयल्स और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम शामिल हैं.
क्लब के कोच जोस मोरिन्हो के साथ विवाद चर्चा का विषय बना था और कई बार वे क्लब की अंतिम-11 में भी नहीं होते थे। पोग्बा ने माना कि फुटबॉल में इस समय काफी प्रतिस्पर्धा और नए खिलाड़ी टीम में स्थान लेने के लिए तैयार हैं इसलिए वे किसी भी चीज को हल्के में नहीं ले सकते। मिडफील्डर ने कहा, यह मेरा आखिरी विश्व कप हो सकता है। मैं सच्चाई में जीने वाला इंसान हूं। मैं नहीं जानता कि अगली बार मैं खेल पाऊंगा या नहीं। हो सकता है कि टीम में मेरे स्थान पर किसी और को जगह दे दी जाए। पोग्बा ने 2013 में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया था। वे 2014 में ब्राजील में खेले गए विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी चुने गए थे। उन्होंने कहा, मैं उम्मीद करता हूं कि मैं ज्यादा से ज्यादा विश्व कप खेलूं। मैं दो विश्व कप खेल चुका हूं। कई खिलाड़ी सिर्फ एक खेलने का सपना देखते हैं।
सरकारी जूनियर स्कूलों में प्रधानाध्यापकों के पद पर प्रोन्नति का रास्ता खुल सकता है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रोन्नति के संबंध में एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे। जूनियर स्कूलों के प्राचार्यो के पद पर प्रोन्नति 2013 से रुकी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक नियुक्ति की मौलिक तिथि को प्रोन्नति का आधार बनाया जा सकता है। इस बिन्दु पर बेसिक शिक्षा परिषद में मंथन चल रहा है। अध्यापक सेवा नियमावली के मुताबिक जूनियर स्कूलों के प्रधानाचार्यो के पदोन्नति का आधार मौलिक नियुक्ति की तिथि होगी यानी जिस तारीख को नियुक्ति पत्र जारी होगा। दरअसल जून, 2013 में बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव ने आदेश जारी कर कहा था कि पदोन्नति का आधार कार्यभार ग्रहण करने की तारीख होगी लेकिन सचिव के इस आदेश के खिलाफ अध्यापक हाईकोर्ट चले गए। फैसला अध्यापकों के पक्ष में आया कि नियमावली के मुताबिक ही प्रोन्नति दी जाए। इसके बाद भी परिषद की तरफ से कोई आदेश जारी नहीं हुआ। जूनियर अध्यापक संघ ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा था। इस पर संघ के पदाधिकारियों की विभागीय अधिकारियों के साथ एक बैठक हुई। संघ की मांग थी कि जूनियर स्कूलों में प्रधानाचार्य के पद पर प्रोन्नति खोल दी जाए। 2013-14 और 2014-15 के सत्र में प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों की प्रोन्नति जूनियर स्कूलों के अध्यापक व प्राइमरी स्कूलों के प्राचार्य के पद पर हुई लेकिन प्रधानाचार्य के पद पर प्रोन्नति नहीं हुई। इस पर बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को आदेश दिया गया कि वह देखें कि प्राचार्य के पद पर प्रोन्नति किन कारणों से रुकी हुई है? यदि प्रोन्नति में कोई विधिक बाधा है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर दूर किया जाए। जल्द खुलेगा जूनियर के प्रधानाध्यापक पद पर प्रोन्नति का रास्ता : नियमावली के मुताबिक नियुक्ति की मौलिक तिथि को प्रोन्नति का आधार बनाया जा सकता Reviewed by प्रवीण त्रिवेदी on 7:38 AM Rating:
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। नीचे दी गयी सूची भारत के राष्ट्रीय उद्यानों की है। 1936 में भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान था- हेली नेशनल पार्क, जिसे अब जिम कोर्बेट राष्ट्रीय उद्यान के रूप में जाना जाता है। १९७० तक भारत में केवल ५ राष्ट्रीय उद्यान थे। १९८० के दशक में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और प्रोजेक्ट टाइगर योजना के अलावा वन्य जीवों की सुरक्षार्थ कई अन्य वैधानिक प्रावधान लागू हुए. सिवनी जिले का गठन 1 नवम्बर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के रूप में किया गया। सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित हैं।यह जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। सागौन इस जिले में मुख्य रूप से पाया जाता है। सिवनी जिला मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल 8758 वर्ग कि.मी.. भारत के राष्ट्रीय उद्यान और सिवनी ज़िला आम में 2 बातें हैं (यूनियनपीडिया में): नागपुर, सिवनी ज़िला। नागपुर (अंग्रेज़ीः Nagpur, मराठीः नागपूर) महाराष्ट्र राज्य का एक प्रमुख शहर है। नागपुर भारत के मध्य में स्थित है। महाराष्ट्र की इस उपराजधानी की जनसंख्या २४ लाख (१९९८ जनगणना के अनुसार) है। नागपुर भारत का १३वा व विश्व का ११४ वां सबसे बड़ा शहर हैं। यह नगर संतरों के लिये काफी मशहूर है। इसलिए इसे लोग संतरों की नगरी भी कहते हैं। हाल ही में इस शहर को देश के सबसे स्वच्छ व सुदंर शहर का इनाम मिला है। नागपुर भारत देश का दूसरे नंबर का ग्रीनेस्ट (हरित शहर) शहर माना जाता है। बढ़ते इन्फ्रास्ट्रकचर की वजह से नागपुर की गिनती जल्द ही महानगरों में की जायेगी। नागपुर, एक जिला है व ऐतिहासिक विदर्भ (पूर्व महाराष्ट्र का भाग) का एक प्रमुख शहर भी। नागपुर शहर की स्थापना गोण्ड राज्य ने की थी। फिर वह राजा भोसले के उपरान्त मराठा साम्राज्य में शामिल हो गया। १९वी सदी मैं अंग्रेज़ी हुकुमत ने उसे मध्य प्रान्त व बेरार की राजधानी बना दिया। आज़ादी के बाद राज्य पुनर्रचना ने नागपुर को महाराष्ट्र की उपराजधानी बना दिया। नागपुर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद जैसी राष्ट्रवादी संघटनाओ का एक प्रमुख केंद्र है। . सिवनी जिले का गठन 1 नवम्बर 1956 में प्राथमिक रूप से जनजातीय बहुल जिले के रूप में किया गया। सिवनी जिले का नाम सेओना नामक वृक्ष के नाम पर किया गया। यह वृक्ष इस जिले में बहुतायत में पाया जाता है। इस वृक्ष का उपयोग ढोलक बनाने में किया जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वत के उत्तर-दक्षिण में स्थित हैं।यह जिला इमारती लकड़ी का मुख्य स्रोत है। सागौन इस जिले में मुख्य रूप से पाया जाता है। सिवनी जिला मुख्यालय नागपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 7 और जबलपुर नागपुर के बीच स्थित है। जिले का कुल क्षेत्रफल 8758 वर्ग कि.मी.. भारत के राष्ट्रीय उद्यान 211 संबंध है और सिवनी ज़िला 18 है। वे आम 2 में है, समानता सूचकांक 0.87% है = 2 / (211 + 18)। यह लेख भारत के राष्ट्रीय उद्यान और सिवनी ज़िला के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
जैसे-जैसे हम उम्र देते हैं, त्वचा अपनी लोच खोने लगती है और कई बदलावों से गुजरती है, जैसे कि महीन रेखाएँ और झुर्रियाँ। दुर्भाग्य से, जबकि समय बीतने को रोकने का कोई तरीका नहीं है, सही एंटी-एजिंग त्वचा देखभाल दिनचर्या स्थापित करने से त्वचा की किसी भी स्थिति की उपस्थिति में सुधार करने में मदद मिल सकती है। "एक सही एंटी-एजिंग स्किन केयर रूटीन कैसा होना चाहिए?" प्रश्न myepique.com.tr संस्थापक बुर्सिन युसेबास ने जवाब दिया। "आपके 30 और 40 के दशक में, अपनी एंटी-एजिंग त्वचा देखभाल दिनचर्या को एक कदम आगे बढ़ाना और त्वचा देखभाल उत्पादों जैसे हाइलूरोनिक एसिड जैसे त्वचा देखभाल उत्पादों का उपयोग करना युवा और चमकती त्वचा प्राप्त करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।" "एक सही एंटी-एजिंग स्किन केयर रूटीन के लिए कदम इस प्रकार हैंः" त्वचा के प्रकार या त्वचा की चिंता से कोई फर्क नहीं पड़ता, दैनिक सफाई हमेशा जरूरी होती है। हालांकि, स्पष्ट रूप से उम्र बढ़ने वाली त्वचा के लिए, फोमिंग क्लीन्ज़र पर एक पौष्टिक क्रीम क्लीनर को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि फोमिंग क्लीनर कठोर होते हैं। जैसे-जैसे त्वचा परिपक्व होती है, यह नमी और प्राकृतिक तेल खो देती है, जिसके परिणामस्वरूप त्वचा सूखी दिखती और महसूस होती है। एक क्रीम क्लींजर त्वचा की सतह पर एक नए रूप के लिए नमी को फिर से भरने में मदद कर सकता है। त्वचा को एक्सफोलिएट करने से कई फायदे होते हैं। यह बंद छिद्रों को साफ और शुद्ध करता है, त्वचा को उज्ज्वल करता है और परिसंचरण में सुधार करता है। यदि उम्र बढ़ने के स्पष्ट लक्षण देखे जाते हैं, तो एक्सफोलिएटिंग आपकी स्किनकेयर रूटीन का एक हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाना एक महत्वपूर्ण एंटी-एजिंग उपाय है। जैसे-जैसे हम उम्र देते हैं, सेल नवीनीकरण धीमा हो जाता है, जिससे त्वचा की समग्र जीवन शक्ति और चमक में कमी आती है। सीरम त्वचा को चिकना और कड़ा महसूस करने और तरोताजा दिखने में मदद करते हैं। इसे सुबह और शाम मॉइस्चराइज करने से पहले साफ त्वचा पर लगाना चाहिए। परिपक्व त्वचा को त्वचा की टोन को फिर से जीवंत करने और त्वचा कोशिका पुनर्जनन को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार किए गए मॉइस्चराइज़र का उपयोग करना चाहिए। नियमित रूप से हर सुबह झुर्रियों को कम करने और त्वचा की रंगत को निखारने के लिए। मॉइस्चराइजिंग डे क्रीम लागू किया जाना चाहिए। चाहे वह काले घेरे हों, महीन रेखाएँ हों या आँखों के नीचे के बैग, आँखों के आसपास उम्र बढ़ने के दिखाई देने वाले संकेतों के लिए एक आई क्रीम चुनें। हयालूरोनिक एसिड या कैफीन युक्त आई क्रीम काले घेरे और फुफ्फुस की उपस्थिति को कम करने में मदद करती हैं। नींद शरीर के लिए खुद को नवीनीकृत और नवीनीकृत करने का एक बहुत अच्छा समय है। इस समय का अधिकतम लाभ उठाने के लिए एंटी एजिंग नाइट क्रीम इस्तेमाल किया जाना चाहिए। एंटी-एजिंग नाइट क्रीम उम्र बढ़ने के संकेतों को कम करने में मदद करती हैं, जिसमें त्वचा का ढीला होना, सूखापन, झुर्रियाँ और बहुत कुछ शामिल हैं।
कोरोना टेस्टिंग (फाइल फोटो) देश में कोरोना के मामलो में फिर से उछाल आया हैं. बीते 24 घंटे में केरल में 31 हजार से अधिक संक्रमित मिलने से सरकार की चिंता बढ़ गई है. इससे पहले 20 मई को 30 हजार से अधिक पॉजिटिव केस केरल में मिले थे. एक दिन में इतने अधिक मामले मिलने के पीछे की वजह ओणम त्योहार माना जा रहा है. बुधवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आकड़ो के अनुसार केरल में 31 हजार 445 नए संक्रमित मामले एवं 215 मृतक दर्ज किए गए है. जो 3 माह में सबसे उच्च स्तर पर पहुंच गए है. इसके साथ ही राज्य में कुल कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,883,429 हो गई है. राज्य में अब 1.7 लाख सक्रिय मामले हैं और पाजिटिविटी दर 19 प्रतिशत है. जबकि मृतकों की कुल संख्या 19 हजार 972 पहुंच गई है. राज्य में हाल ही में 21 अगस्त को ओणम का पर्व मनाया गया था. इसको लेकर चिकित्सको और विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि कोरोना पाजिटिविटी रेट बढ़कर 20 फीसदी से अधिक हो सकता है. साथ ही संक्रमण और तेजी से बढ़ सकता है.
- Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? प्रोटीन शेक का एक फायदा यह है कि इसे पीने के बाद मसल्स तक पहुंचने में केवल 30 मिनट का समय लगता है। इसका मतलब है कि कसरत के तुरंत बाद सेवन करने पर यह बहुत जल्दी अवशोषित हो जाता है। दूसरी ओर ठोस भोजन पचने में अधिक समय लेता है और शरीर को प्रोटीन को तोड़ने और मांसपेशियों को भेजने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है। इसलिए, एक्सरसाइज के बाद जब आपकी मसल्स को फास्ट रिकवरी की जरूरत होती है, तो ऐसे में प्रोटीन पाउडर या प्रोटीन शेक अधिक बेहतर तरीके से काम करता है। प्रोटीन पाउडर और ठोस प्रोटीन के बीच एक और बड़ा अंतर फैट की मात्रा है। अधिकांश प्रोटीन पाउडर और सप्लीमेंट्स में वसा की मात्रा बहुत कम या बिल्कुल नहीं होती है। इससे आप उन इफेक्ट को खो देते हैं जो आपको मीट और मछली खाने से मिलते हैं। याद रखें कि शरीर के लिए प्रोटीन की तरह ही गुड फैट भी उतने ही आवश्यक होते हैं। एक 30 ग्राम स्कूप व्हे पाउडर में लगभग 21 ग्राम से 27 ग्राम प्रोटीन होता है। यह प्रोटीन की उतनी ही मात्रा है जितनी एक 4-औंस चिकन ब्रेस्ट, 250 ग्राम नॉनफैट ग्रीक योगर्ट या 1 1/2 कप ब्लैक बीन्स में होती है। हालांकि पाउडर में प्रोटीन की उच्च सांद्रता होती है, लेकिन इसमें अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है जो स्वाभाविक रूप से मांस, मछली, डेयरी उत्पादों या साबुत अनाज में पाए जाने वाले प्रोटीन में होते हैं। इसलिए, प्रोटीन पाउडर का सेवन करने से आपको कई तरह के जरूरी मिनरल्स नहीं मिल पाते हैं, जिनकी शरीर को जरूरत है। प्रोटीन पाउडर में चॉकलेट व अन्य कई तरह के फ्लेवर को मिलाया जाता है, जो इसे अधिक स्वादिष्ट बनाता है। हालांकि, प्रोटीन पाउडर का स्वाद आमतौर पर कृत्रिम मिठास से मिलता है। जिससे यह आपके लिए उतना फायदेमंद नहीं रह जाता है। प्रोटीन शेक के साथ एक समस्या यह भी है कि इसे पीने से आपको असली भोजन के रूप में संतुष्टि का अहसास नहीं होता है। यूं तो प्रोटीन शेक बिना किसी दुष्प्रभाव के हानिरहित होते हैं, लेकिन यूरिक एसिड की समस्या, किडनी और हृदय संबंधी समस्याओं जैसे स्वास्थ्य समस्याओं वाले व्यक्तियों को खुद से प्रोटीन शेक लेना शुरू नहीं करना चाहिए। हमेशा पहले अपने डॉक्टर से इस विषय में बात करें। साथ ही, अगर आप मांसाहारी हैं और वर्कआउट नहीं करते हैं, तो प्रोटीन शेक लेने की कोई जरूरत नहीं है। चाहे आप वजन कम करने या मसल्स बिल्डअप करने के लिए प्रोटीन ले रहे हों, खाद्य पदार्थों और पाउडर दोनों से प्रोटीन का उपयोग करने से लाभ होता है। लेकिन, प्रोटीन पाउडर के अपने उपयोग को तब तक सीमित करें जब आपको लगे कि आपके शरीर को वास्तव में कसरत के बाद प्रोटीन की त्वरित और तेज़ आपूर्ति की आवश्यकता है। वहीं, अपने प्रोटीन की दिनभर की जरूरतों को पूरा करने के लिए नेचुरल फूड आइटम्स का सेवन करना अच्छा विचार होता है।
लातेहारः भाजपा जिला कार्यालय मे आज सेवा पखवाड़ा के तहत तीसरे दिन सोमवार को भाजपाइयों द्वारा दर्जनों दिव्यांगजनों के बीच कृत्रिम यंत्र का वितरण किया गया। मौके पर मौजूद बतौर मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष हरेकृष्ण सिंह ने कहा की प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भाजपा सेवा पखवाड़ा मना रहा है। जो 17 सितंबर से प्रारंभ होकर दो अक्टूबर तक चलेगा। इस दौरान विभिन्न कार्यक्रम किए जा रहे है। उन्होंने बताया की सेवा पखवाड़ा के पहला दिन रक्तदान शिविर का आयोजन कर 19 यूनिट रक्त संग्रह किया गया। दूसरे दिन नवागढ़ मे स्वास्थ्य शिविर आयोजित की गई। जहा लगभग 400 लोगो का इलाज किया गया। आज तीसरे दिन दिव्यांगो के बीच कृत्रिम यंत्र का वितरण किया गया। जिन्हे कृत्रिम यंत्र प्रदान किया गया। उनमें बसंत नायक ,जयप्रकाश उरांव,भूखल बैगा,रमेश यादव,पिंटुनायक,रमेश सिंह समेत दर्जनों लोगो का नाम शामिल है। जिन्हे कृत्रिम यंत्र प्रदान किया गया। मौके पर जीला महामंत्री पंकज सिंह सांसद प्रतिनिधि विनीत मधुकर, जिला मंत्री ध्रूव पांडेय,सेवा पखवाड़ा प्रभारी बंशी यादव,प्रदेश नेत्री कल्याणी पांडेय,दिशा की सदस्या रानी कुमारी,सांसद प्रतिनिधि नगर मंडल विवेक चंद्रवंशी,महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शिला देवी,ग्रामीण मंडल अध्यक्ष प्रमोद कुमार,अवधेश यादव,पप्पू नायक,संदीप उरांव समेत अन्य भाजपाई मौजूद थे।
( ६०९ ) दसवीं पुस्तक मैंने कहा, "सचमुच ही इस विषय के अन्य बहुत से विचार मुझे दृढ़ विश्वास दिलाते हैं कि हमारा नगर की व्यवस्था करना सर्वथा बहुत ही ठीक था पर विचार करने पर इनमें से कविता संबंधी हमारी व्यवस्था विशेष रूप से मुझे अच्छी लगती है ।" "कौन सी ?" "यही कि कविता के उतने अंश को जितना कि अनुकरणात्मक है नगर में प्रविष्ट होने देने का निषेध कर देना, क्योंकि यह बात कि इसको निश्चयमेव नगर में ग्रहण नहीं किया जाना चाहिये अब हमारे आत्मा के पृथक् पृथक् अंशों का विश्लेषण कर लेने पर और भी अधिक स्पष्टता से प्रत्यक्ष हो गयी है । आपके कथन का क्या तात्पर्य है ? "तुम तो अपने ही ठहरे -- तुम कहीं मेरी बात त्रागेदी (दुःखांत नाटक) लखकों एवं अन्य सब अनुकरणात्मक कवियों के समक्ष थोड़े ही प्रकट करोगे -- अतएव तुम्हारा विश्वास करते हुए मेरा कहना है कि इस प्रकार की कला उन सब श्रोताओं के मन को विकृत करनेवाली प्रतीत होती है जिनके पास इसके वास्तविक स्वरूप के ज्ञान के रूप में इसका प्रतिविष नहीं होता ।" उसने पूछा, "आप क्या विचारते हुए ऐसा कह रहे हैं ? " मने कहा, "मैं अपने मन की बात तो अवश्य कहूँगा ही, यद्यपि बाल्यकाल से ही होमेर के प्रति जिस प्रेम और श्रद्धा से मैं आविष्ट रहा हूँ वह मुझ को बोलन से रोकते हैं। क्योंकि वास्तव में वही इन सब सुन्दर त्रागेदी
Quick links: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस मामले की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी CBI से कराए जाने की सिफारिश की है। सीएमओ ऑफिस के ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए लिखा गया है कि, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सम्पूर्ण हाथरस प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने के आदेश दिए हैं।' बता दें, इससे पहले इस मामले में सीएम योगी ने SIT गठित की थी। जिसने शुक्रवार को अपनी पहली रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके बाद लापरवाही बरतने वाले SP समेत अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था। वहीं अब यूपी सरकार की सिफारिश पर केंद्र सरकार मुहर लगा देती है तो हाथरस कथित गैंगरेप मामले की जांच CBI करेगी। इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी हाथरस पहुंचे। जहां उन्होंने कथित तौर पर गैंगरेप पीड़िता के परिवारवालों से मुलाकात की। इस दौरान राहुल-प्रियंका गांधी ने बंद कमरे में पीड़िता के परिवार से मुलाकात की। मुलाकात के बाद प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने मीडिया से बात की। इस दौरान प्रियंका गांधी ने कहा कि 'ना वो हमें रोक सकेगें ना हम रूकेंगे। जहां-जहां ये अन्याय होगा हम वहां-वहां पहुंचेंगे।' क्या है पूरा मामला? गौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार युवकों ने 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक रेप किया था और मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई जिसके बाद बुधवार की रात को उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया जिसका परिवार ने विरोध किया है। जिसपर राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा है कि "एफएसएल रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिला के साथ रेप या सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था।" इसे भी पढ़ेंः हाथरस मुद्दे पर राजनीति तेज, प्रियंका बोलीं- 'पीड़िता के परिवार को धमकाना बंद करे सरकार'
12 संबंधोंः तुकाराम ओम्बले, नवंबर 2015 पैरिस हमले, ब्लू व्हेल (खेल), बृहन्मुंबई महानगर पालिका, भारत में आतंकवाद, भारत सारावली, मन्या सुर्वे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, माया डोलस, मुम्बई, विजय सालस्कर, २००८ के मुंबई हमले। तुकाराम ओम्बले जो कि भारत के महाराष्ट्र मुम्बई में मुंबई पुलिस कार्यरत एक सहायक पुलिस इंस्पेक्टर थे। जिसकी मृत्यु आतंकवादी से लड़ते हुए २६ नवम्बर को २००८ के मुम्बई हमले में हुई थी, इन्होंने अजमल कसाब को जीवित पकड़ने में सफलता प्राप्त की थी लेकिन उसी वक़्त अजमल कसाब ने उन्हें गोलियों से भून दिया था इस कारण तुकाराम की मौके पर ही मौत हो गई थी। ओम्बले एक इस साहसपूर्ण कार्य के लिए भारत सरकार ने वीरता के लिए अशोक चक्र से नवाजा गया। . 13 नवंबर 2015 की शाम को फ्रांस की राजधानी पेरिस और उसके उत्तरीय उपनगरीय इलाके सेंट डेनिस में आतंकी हमलों की एक श्रृंखला को अंजाम दिया गया जिसमें बड़े पैमाने पर गोलीबारी, आत्मघाती बम विस्फोट, और लोगों को बंधक बनाया गया। हमलों की शुरुआत 21:20 सीईटी (सेंट्रल यूरोपियन टाइम) में स्टेड डी फ्रांस के बाहर तीन आत्मघाती हमलों, बड़े पैमाने पर शूटिंग और मध्य पेरिस के पास चार स्थानों पर एक और आत्मघाती बम विस्फोट के साथ हुई। सबसे घातक हमला 14 नवंबर को 00:58 सीईट पर बाटाक्लेन थिएटर में हुआ जहाँ हमलावरों ने पुलिस के साथ उलझने से पहले लोगों को बंधक बनाया। हमलों में 129 लोग, मारे गए जिनमे से 89 की मृत्यु जिनमें से बाटाक्लेन थिएटर में ही हुई। 352 लोगों में से 80 गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ितों के अलावा, सात हमलावरों की भी मृत्यु हो गई, और अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर अभी भी अन्य साथियों की खोज करने के लिए जारी रखा है। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद फ्रांस पर यह सबसे घातक हमला था। फ्रांस में जनवरी 2015 के हमलों के बाद से हाई अलर्ट घोषित किया गया था उस हमले में नागरिकों और पुलिस अधिकारियों सहित 17 लोग मारे गए थे। जवाब में, 2005 के दंगों के बाद पहली बार आपातकाल घोषित किया गया और अस्थायी नियंत्रण देश की सीमाओं पर रखा गया है। लोगों और संगठनों ने अपनी एकजुटता को सोशल मीडिया के माध्यम से व्यक्त किया। 15 नवंबर को, फ्रांस के हमलों के प्रतिशोध में, अल-रक्का में आई एस आई एल के ठिकानों को लक्ष्य बनाकर आपरेशन चामल (Chammal), चलाया गया जो अभी तक का सबसे बड़ा हवाई हमला है। 18 नवंबर को, हमलों के मास्टरमाइंड संदिग्ध, बेल्जियम के अब्देल हामिद, को फ्रांसीसी पुलिस ने एक छापे में मार गिराया। . ब्लू व्हेल (खेल) ब्लू व्हेल खेल या ब्लू व्हेल चैलेंज गैम, एक इंटरनेट "खेल" है जिसका कई देशों में मौजूद होने का दावा किया जा रहा है। खेल कथित तौर पर एक श्रृंखला में होते हैं जिसमें खिलाड़ियों को कहने के लिये 50-दिन की अवधि में कई कार्य आवंटित किया जाता है, जिसकी अंतिम चुनौती में खिलाड़ी को आत्महत्या करने को बोला जाता है। शब्द "ब्लू व्हेल" बीच्ड व्हेल्स की घटना से आता है, जोकि आत्महत्या से जुड़ा हुआ था। 2016 में रूस में, ब्लू व्हेल किशोरों के बीच बड़े पैमाने पर उपयोग करने के बाद एक पत्रकार ने एक लेख के माध्यम से उस पर ध्यान आकर्शित किया, जो कई असंबद्ध आत्मघाती पीड़ितों को ब्लू व्हेल से जोड़ता था, जिसके बाद रूस में नैतिक खलबली की एक लहर दौड गई। बाद में, इस खेल से जुडे एक व्यक्ति बुदेइकिन को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे कम से कम 16 किशोर लड़कियों को "आत्महत्या करने के लिए उकसाना" का दोषी ठहराया गया। जिससे रूसी आत्मघाती रोकथाम कानून का नवीकरण और ब्लू व्हेल घटना पर विश्वव्यापी चिंता दौड गई। यह अन्य बढ़ते स्व-नुकसान प्रवृत्तियों से भी जुड़ा हुआ है, जैसे चीन कि "मानव कढ़ाई"। . बी.एम.सी का प्रशासनिक मुख्यालय बी.एम.सी की सील बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बी.एम.सी.) मुम्बई महानगर की मुख्य नगर पालिका है। इसका पूर्व नाम बंबई नगर निगम था और इसकी स्थापना १८८९ में हुई थी। . भारत बहुत समय से आतंकवाद का शिकार हो रहा है। भारत के काश्मीर, नागालैंड, पंजाब, असम, बिहार आदि विशेषरूप से आतंक से प्रभावित रहे हैं। यहाँ कई प्रकार के आतंकवादी जैसे पाकिस्तानी, इस्लामी, माओवादी, नक्सली, सिख, ईसाई आदि हैं। जो क्षेत्र आज आतंकवादी गतिविधियों से लम्बे समय से जुड़े हुए हैं उनमें जम्मू-कश्मीर, मुंबई, मध्य भारत (नक्सलवाद) और सात बहन राज्य (उत्तर पूर्व के सात राज्य) (स्वतंत्रता और स्वायत्तता के मामले में) शामिल हैं। अतीत में पंजाब में पनपे उग्रवाद में आंतकवादी गतिविधियां शामिल हो गयीं जो भारत देश के पंजाब राज्य और देश की राजधानी दिल्ली तक फैली हुई थीं। 2006 में देश के 608 जिलों में से कम से कम 232 जिले विभिन्न तीव्रता स्तर के विभिन्न विद्रोही और आतंकवादी गतिविधियों से पीड़ित थे। अगस्त 2008 में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम.के. भुवन में भारत भारतीय गणतंत्र दक्षिण एशिया में स्थित स्वतंत्र राष्ट्र है। यह विश्व का सातवाँ सबसे बड़ देश है। भारत की संस्कृति एवं सभ्यता विश्व की सबसे पुरानी संस्कृति एवं सभ्यताओं में से है।भारत, चार विश्व धर्मों-हिंदू धर्म, सिख धर्म, बौद्ध धर्म, जैन धर्म के जन्मस्थान है और प्राचीन सिंधु घाटी सभ्यता का घर है। मध्य २० शताब्दी तक भारत अंग्रेजों के प्रशासन के अधीन एक औपनिवेशिक राज्य था। अहिंसा के माध्यम से महात्मा गांधी जैसे नेताओं ने भारत देश को १९४७ में स्वतंत्र राष्ट्र बनाया। भारत, १२० करोड़ लोगों के साथ दुनिया का दूसरे सबसे अधिक आबादी वाला देश और दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला लोकतंत्र है। . मन्या सुर्वे उर्फ़ मनोहर अर्जुन सुर्वे (1944 - 11 जनवरी 1982) मुंबई का एक कुख्यात अपराधी था, जिसे जनवरी, 1982 में वडाला में मुंबई पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया गया था। . महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) महाराष्ट्र में स्थापित एक क्षेत्रीय राजनीतिक दल है जो "भूमि पुत्र"(Son (of)for the soil) के सिद्धांत पर कार्यरत है। उद्धव ठाकरे के साथ मतभेद और चुनाव में टिकट वितरण जैसे प्रमुख निर्णयों में दरकिनार किये जाने की वजह से शिव सेना छोड़ देने के पश्चात, इसे 9 मार्च 2006 को मुंबई में राज ठाकरे द्वारा स्थापित किया गया था। . माया डोलास माया डोलस (माया डोळस), (अक्टूबर १५, १९६६ - नवम्बर १६, १९९१) मुंबई का एक कुख्यात अपराधी था। १९९१ लोखंडवाला कॉम्प्लेक्स गोलीबारी में मुंबई पुलिस ने माया डोलस को उसके अन्य साथियों के साथ मार गिराया। डोलास की कहानी पर, 2007 में एक फिल्म "शूटआउट एट लोखंडवाला" में बनाई गई थी,जिसमें विवेक ओबेरॉय ने माया की भूमिका निभाई थी, और अमृता सिंह उसकी मां रत्नाप्रभा डोलास का किरदार निभाया था। . भारत के पश्चिमी तट पर स्थित मुंंबई (पूर्व नाम बम्बई), भारतीय राज्य महाराष्ट्र की राजधानी है। इसकी अनुमानित जनसंख्या ३ करोड़ २९ लाख है जो देश की पहली सर्वाधिक आबादी वाली नगरी है। इसका गठन लावा निर्मित सात छोटे-छोटे द्वीपों द्वारा हुआ है एवं यह पुल द्वारा प्रमुख भू-खंड के साथ जुड़ा हुआ है। मुम्बई बन्दरगाह भारतवर्ष का सर्वश्रेष्ठ सामुद्रिक बन्दरगाह है। मुम्बई का तट कटा-फटा है जिसके कारण इसका पोताश्रय प्राकृतिक एवं सुरक्षित है। यूरोप, अमेरिका, अफ़्रीका आदि पश्चिमी देशों से जलमार्ग या वायुमार्ग से आनेवाले जहाज यात्री एवं पर्यटक सर्वप्रथम मुम्बई ही आते हैं इसलिए मुम्बई को भारत का प्रवेशद्वार कहा जाता है। मुम्बई भारत का सर्ववृहत्तम वाणिज्यिक केन्द्र है। जिसकी भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5% की भागीदारी है। यह सम्पूर्ण भारत के औद्योगिक उत्पाद का 25%, नौवहन व्यापार का 40%, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था के पूंजी लेनदेन का 70% भागीदार है। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। भारत के अधिकांश बैंक एवं सौदागरी कार्यालयों के प्रमुख कार्यालय एवं कई महत्वपूर्ण आर्थिक संस्थान जैसे भारतीय रिज़र्व बैंक, बम्बई स्टॉक एक्स्चेंज, नेशनल स्टऑक एक्स्चेंज एवं अनेक भारतीय कम्पनियों के निगमित मुख्यालय तथा बहुराष्ट्रीय कंपनियां मुम्बई में अवस्थित हैं। इसलिए इसे भारत की आर्थिक राजधानी भी कहते हैं। नगर में भारत का हिन्दी चलचित्र एवं दूरदर्शन उद्योग भी है, जो बॉलीवुड नाम से प्रसिद्ध है। मुंबई की व्यवसायिक अपॊर्ट्युनिटी, व उच्च जीवन स्तर पूरे भारतवर्ष भर के लोगों को आकर्षित करती है, जिसके कारण यह नगर विभिन्न समाजों व संस्कृतियों का मिश्रण बन गया है। मुंबई पत्तन भारत के लगभग आधे समुद्री माल की आवाजाही करता है। . विजय सालस्कर मुंबई पुलिस में सेवारत एक वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे। इन्हें अलग अलग मुठभेड़ों में 75-80 अपराधियों को मार गिराने का श्रेय दिया जाता है - जिसमें से अधिकांश अरुण गवली गिरोह के सदस्य थे। सालस्कर नवंबर 2008 के मुंबई हमलों में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए।;विजय सालस्कर . 2008 के मुंबई हमले नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमले के एक समूह थे, जब पाकिस्तान में स्थित एक इस्लामी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुंबई में 10 सदस्य ने मुंबई में चार दिन तक चलने वाली 12 समन्वय शूटिंग और बम विस्फोट की एक श्रृंखला को अंजाम दिया। हमले जिनकी व्यापक रूप से वैश्विक निंदा की गई बुधवार, 26 नवंबर को शुरू हुए और शनिवार, 29 नवंबर 2008 तक चले, 164 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 308 घायल हो गए। छत्तीपति शिवाजी टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज पैलेस एंड टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस यहूदी समुदाय केंद्र, मेट्रो सिनेमा और टाइम्स ऑफ इंडिया बिल्डिंग और सेंट जेवियर कॉलेज के पीछे एक लेन में आठ हमले हुए। मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र में माजगाव में और विले पार्ले में एक टैक्सी में एक विस्फोट हुआ था। 28 नवंबर की सुबह तक, ताज होटल को छोड़कर सभी साइटों को मुंबई पुलिस विभाग और सुरक्षा बलों द्वारा सुरक्षित किया गया था। 29 नवंबर को, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने शेष हमलावरों को फ्लश करने के लिए 'ऑपरेशन ब्लैक टोर्नेडो' का आयोजन किया; यह ताज होटल में अंतिम शेष हमलावरों की मौत के साथ समाप्त कर दिया। अजमल कसाब ने खुलासा किया कि हमलावर अन्य लोगों के बीच लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे। भारत सरकार ने कहा कि हमलावर पाकिस्तान से आए और उनके नियंत्रक पाकिस्तान में थे। 7 जनवरी 2009 को, पाकिस्तान ने इस बात की पुष्टि की कि हमलों का एकमात्र जीवित अपराधी पाकिस्तानी नागरिक था। 9 अप्रैल 2015 को, हमले के अग्रणी षड्यंत्रकारी, जकीउर रहमान लखवी को पाकिस्तान में 200,000 (यूएस $ 1,900) की ज़मानत बांड पर जमानत दी गई थी। .
इंदौर। मंगलवार को योग गुरू बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद के एक मामले में सुनवाई की गई। यह सुनवाई पीथमपुर में आवंटित की गई जमीन को लेकर हुई। न्यायालय ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया। हालांकि न्यायालय ने अपने आदेश को सुरक्षित रख लिया है। सुनवाई के दौरान कहा गया कि, योग गुरू बाबा रामदेव को कर में कई तरह की छूट दी गई है। इसके खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता तपन भट्टाचार्य ने याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कहा है कि, पीथमपुर में पतंजलि आयुर्वेद को 25 लाख एकड़ के अनुसार जमीन आवंटित की गई थी। मगर उसे टैक्स और अन्य मामलों में छूट दी गई थी। पतंजलि आयुर्वेद को जमीन खरदीने में प्राथमिकता दी गई और नियमों को दरकिनार कर दिया गया। साथ ही जो कर छूट दी गई थी वह भी उचित नहीं लगती। जबकि इसी जमीन को दूसरी कंपनियां भी खरीदना चाहती थीं। उन्हें जमीन न देते हुए पतंजलि आयुर्वेद को जमीन दे दी गई। अब पतंजलि की इस जमीन का आवंटन रद्द कर दिया जाए। इस मामले में न्यायालय ने सवाल किया कि आखिर यह जमीन बाबा रामदेव को किस तरह से दी गई। शासन को नोटिस भी दिया गया है। हालांकि न्यायालय ने आदेश को सुरक्षित रख लिया है।
मुंबई (महाराष्ट्र) (एएनआई): निदेशक शेखर कपूर ने अपने "भाई" सतीश कौशिक के असामयिक निधन के बाद उनके बारे में एक हार्दिक नोट लिखा है। शेखर ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम पर एक लंबा नोट लिखा और कहा कि उन्हें सतीश की मौत की खबर नहीं है। "मैं अब भी सतीश के गुजर जाने की बात मान रहा हूं. . उसके गुजर जाने की एक अंतिम बात है, मैं इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हूं. . क्योंकि हमारी कहानी अभी अधूरी थी. . अभी भी अधूरी है. . क्योंकि प्यार की कहानी खत्म नहीं होती, यह बदल जाती है, यह सिखाता है, खोजता है, दिल तोड़ता है, लेकिन तुम. . . क्योंकि प्यार है. . . " यह शेखर के निर्देशन में बनी 'मि. भारत', जिसमें सतीश ने अपने करियर के सबसे प्रतिष्ठित पात्रों में से एक, 'कैलेंडर' की भूमिका निभाई थी। फिल्म से सतीश की एक तस्वीर साझा करते हुए, निर्देशक ने उनके साथ पहली मुलाकात का किस्सा साझा किया, जिसने खुद को "तीसरे सहायक निर्देशक से मुख्य सहायक से सहयोगी तक" का उत्थान किया। शेखर ने लिखा, "मुंबई में पानी भर गया था। मैं मुश्किल से अपनी फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट पहुंचा था। एक युवक मेरे पास आया क्योंकि मैं चेक इन करने के लिए लाइन में इंतजार कर रहा था। पूरी तरह भीगा हुआ था. . मैंने उसे पहले देखा था। हमेशा बाहर रहता था। " मेरा कार्यालय . . हैलो कहने के लिए उसके चेहरे पर एक मुस्कान के साथ। कई अन्य लोगों के बीच। मैं वापस मुस्कुराऊंगा। 'मैं यहां आया क्योंकि मुझे पता था कि आप दूसरों से घिरे नहीं होंगे। मेरा क्षेत्र बाढ़ में डूबा हुआ था और मुझे व्यावहारिक रूप से तैरना पड़ा यहां. . . मैं आपका असिस्टेंट डायरेक्टर बनना चाहता हूं' मैं ना कैसे कह सकता था? इस तरह हमारा सफर शुरू हुआ। तीसरे असिस्टेंट डायरेक्टर से चीफ असिस्टेंट से लेकर एसोसिएट डायरेक्टर तक। " कैलेंडर की भूमिका निभाने के अलावा, सतीश ने शेखर को फिल्म 'मि. भारत। ' वह निर्देशक के लिए एक 'परिवार' की तरह थे। उन्होंने लिखा, "सतीश मेरे परिवार का हिस्सा बन गया। मेरे साथ रहा। एक भाई की तरह. . मेरी फिल्मों में अभिनय किया. . और फिर जैसे-जैसे वह अपने दम पर निर्देशक बन गया. . सतीश नए क्षितिज तलाशने के लिए दुनिया में चला गया। " प्यार कभी दूर नहीं हुआ. . हमेशा साथ रहने का इरादा रखता हूं. . ' शेखर कपूर के पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए, फिल्म निर्माता अभिषेक कपूर ने लिखा, "आपके नुकसान के लिए बहुत खेद है शेखर जी. . रचनाकारों के रूप में आपका बंधन आपके साथ किए गए काम में स्पष्ट था. . उन्हें हमेशा कैलेंडर के रूप में याद किया जाएगा, तारीख अब स्थायी रूप से चिह्नित कर दी गई है। " " सतीश कौशिक का 66 साल की उम्र में बुधवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है। (एएनआई)
कहा जाता है कि जिसके बाद भगवान सूर्य(Lord Surya) और चंद्र(Lord Chandra) देव ने राक्षस को पहचान लिया, जिसके बाद भगवान विष्णु(Lord Vishnu) ने अपने चक्र से राक्षस (Demon) का सिर काट दिया। हालांकि राक्षस ने उसके मुंह में मौजूद अमृत पी लिया। सिर कटने के बाद अमृत की कुछ बूंदें जमीन पर गिरीं, जिससे लहसुन और प्याज की उत्पत्ति हुई। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु ने राक्षस का जो सिर काटा था, वह राहु और धड़ केतु के नाम से जाना जाने लगा। राक्षस के अंश से लहसुन और प्याज की उत्पत्ति हुई। इसी वजह से व्रत और पूजा में लहसुन और प्याज का इस्तेमाल नहीं किया जाता ।
चर्चा में क्यों? 21 अक्तूबर, 2023 को मध्य प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने सितंबर, 2023 महीने की सीएम हेल्पलाइन की रैंकिंग जारी कर दी है। - 16 नगर निगमों में छिंदवाड़ा पहले नंबर पर और बुरहानपुर दूसरे नंबर पर रहा, जबकि उज्जैन ने तीसरा स्थान पाया है और चार महानगरों में सिर्फ जबलपुर टॉप फाइव में आया है। - ग्वालियर इस सूची में 10वें स्थान पर है। उसे 'ए' ग्रेड भी दिया गया है। हालाँकि 16 नगर निगम में 13 को 'ए' ग्रेड और तीन को 'बी' ग्रेड मिला है। - भोपाल छठवें और इंदौर 13वें नंबर पर रहा, जबकि मुरैना नगर निगम 16 नगरीय निकाय में सबसे निचले स्थान पर है। - इस रैंकिंग में प्रदेश के ये 16 नगर निगम शामिल हैं- ग्वालियर, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, सिंगरौली, खंडवा, सागर, कटनी, देवास, रीवा, सतना और मुरैना। - 16 नगर निगम में सबसे ज़्यादा सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें भोपाल में 3872, इंदौर में 3637, जबलपुर में 2510, ग्वालियर में 2447 हैं, जबकि सबसे कम शिकायतें बुरहानपुर में 201 आईं।
यहाॅ भगवान पाश्वनाथ की पाषाण निर्मित एक पद्मासन प्रतिमा है, जिसके शीर्ष पर पचमुखी फण है। इस प्रतिमा के बारे में लोक धारणा है कि सन् 1857 के गदर के समय कुछ आक्रमणकारियों ने यहाँ हमला किया। मन्दिर का माली इस प्रतिमा को लेकर निकट स्थित एक कुँए में लगातार तीन दिन बैठा रहा। जब खतरा टल गया, तब प्रतिमा को लेकर वह माली कुँए से बाहर निकला । प्रतिमा के प्रभाव के कारण इस कुँए का जल पवित्र हो गया। आज सैकड़ों श्रद्धालु इस कुँए के पवित्र जल से स्नान करते हैं। लोगों का मानना है कि इस जल में स्नान करने तथा इसका सेवन करने से कैन्सर जैसी घातक बीमारियों का सफलता पूर्वक अन्त हो जाता है। ( 1 ) गुरु तेग बहादुर गुरुद्वारा (मुरादाबाद) मुरादाबाद नगर में लाल बाग नामक स्थान पर प्रसिद्ध गुरु तेग बहादुर गुरुद्वारा स्थित है। तेग गुरु इस स्थल के बारे में यह मान्यता है कि यहाँ 13 सितम्बर 1670 को धर्म प्रचार बहादुर हेतु स्वयं आए थे। उन्होंने यहाँ आकर विनम्रता, आपसी भाईचारे और अहंकार के त्याग की शिक्षा दी। उनकी मृत्यु के उपरान्त इस स्थल पर गुरुद्वारे का निर्माण किया गया। हालाँकि गुरुद्वारे की वर्तमान इमारत अधिक प्राचीन नहीं है। संभवतः गुरुद्वारे की तत्कालीन इमारत का स्वरूप कुछ और रहा होगा। इस गुरुद्वारे में प्रत्येक मंगलवार को सैकड़ों लोग एकत्र होते हैं और कीर्तन में भाग लेते हैं। लोगों का विश्वास है कि इस गुरुद्वारे में मस्तक नवाने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ।
आर अश्विन ने कहा कि, दरअसल धोनी ने चीजों को काफी सरल रखा, मैंने माही की कप्तानी में कई साल खेला है। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का फाइनल मुकाबला भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया, जिसमें टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। वहीं भारतीय टीम को मिली इस हार पर कई दिग्गज खिलाड़ियों ने सवाल खड़े किए तो वहीं कई खिलाड़ियों ने टीम इंडिया के हार का कारण आर अश्विन का टीम में ना होना बताया। हालांकि इन सबके बीच अश्विन ने भी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी की जमकर तारीफ की। दरअसल उनका कहना था कि, धोनी के नेतृत्व में खिलाड़ियों में अपने खेल को लेकर सुरक्षा का भाव रहता था और MSD किसी भी आईसीसी ट्रॉफी के लिए अपने मुख्य 15 खिलाड़ियों को हमेशा मौका देते थे। दरअसल अपने यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए आर अश्विन ने कहा कि, ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए बधाई। यह एक शानदार फाइनल था और वे पूरी तरह से इस जीत के हकदार थे। हालांकि थोड़ा सा फायदा हुआ क्योंकि मार्नस लाबुशेन जैसे कुछ खिलाड़ियों ने काउंटी क्रिकेट में कुछ मैच खेले हैं। हालांकि एक टेस्ट मैच में आप वास्तव में यह नहीं कह सकते है कि कौन क्या करेगा, लेकिन वे पूरी तरह से इसके हकदार थे। पिछले WTC चक्र में भी वे मामूली अंतर से फाइनल के लिए क्वालीफाई करने से चूक गए। वे भारत की तरह ही एक कंसिस्टेंट टेस्ट टीम रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मुझे फैंस से सहानुभूति है, लेकिन सोशल मीडिया पर रिएक्शन कुछ ऐसा है कि इस खिलाड़ी को ड्रॉप करना चाहिए और इस खिलाड़ी को मौका देना चाहिए। लेकिन कोई खिलाड़ी रातों-रात नहीं बदलता। हममें से बहुत से लोग MS धोनी के नेतृत्व के बारे में बात करते हैं। धोनी ने क्या किया? उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा कि, दरअसल धोनी ने चीजों को काफी सरल रखा। मैंने माही की कप्तानी में कई साल खेला है। वह 15 सदस्यों की एक टीम चुनते थे। फिर पूरे साल इन्हीं 15 और 11 खिलाड़ियों के साथ मैदान पर उतरते थे। दरअसल एक खिलाड़ी के लिए सुरक्षा की भावना बहुत महत्वपूर्ण है।
बोकारो में ईएसआई अस्पताल खुलने की उम्मीद क्षीण हो गई है। इस बाबत लोकसभा में गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी के सवालों का जवाब देते हुए श्रम व रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार (स्वतंत्र प्रभार) ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार ने ईएसआई अस्पताल खोलने से संबंधित कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। केंद्रीय मंत्री के जवाब के बाद बोकारोवासियों को निराशा हाथ लगी है। जिले की विभिन्न औद्योगिक इकाइयों में कार्यरत ईएसआईसी से निबंधित मजदूरों को फिलहाल डिस्पेंसरी से निजी अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है। तभी उनका इलाज संभव हो पाता है। ऐसे में मजदूरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में गूंजा था मुद्दा : गत वर्ष हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ईएसआई अस्पताल स्थापना का मुद्दा लगभग सभी पार्टियों के एजेंडे में था। चुनाव के वक्त पार्टी के राष्ट्रीय व राज्यस्तरीय नेताओं ने चुनावी सभा के दौरान अपने भाषण में अस्पताल खुलवाने का वादा किया था। जिसके बाद सोमवार को लोकसभा सत्र में केंद्रीय मंत्री ने स्थिति स्पष्ट किया। मालूम हो कि जिले के विभिन्न इलाकों में छोटे व बड़े उद्योगों की संख्या करीब 700 है। झारखंड औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार में सिर्फ 100 से अधिक उद्योग हैं। जहां 15 हजार से अधिक मजदूर काम करते हैं। यही नहीं बोकारो स्टील प्लांट के अंदर सभी प्रकार के कार्यों में ठेका मजदूरों की संख्या बीएसएल कर्मियों से दोगुनी है। इसी प्रकार सीसीएल इलेक्ट्रोस्टील और ओएनजीसी के प्रोजेक्ट में ठेका मजदूर काम करते हैं। करीब 21 हजार मरीज निबंधित : जिले में सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की कंपनियों में कार्यरत 21 हजार मजदूर ईएसआईसी के तहत निबंधित हैं। जिसे ईएसआई बीमा का लाभ मिल रहा है। श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले के बीएसएल, बीपीएससीएल, बीसीसीएल (कोलवाशरी), सीटीपीएस, बीटीपीएस, इलेक्ट्रो स्टील, टीवीएनएल में कार्यरत मजदूरों की संख्या करीब 21 हजार है। जिले में 30 हजार मजदूरों का ईएसआईसी से निबंधन नहीं है।
हापुड़, 14 अगस्त जनपद के थाना बाबूगढ़ पुलिस व विशेष अभियान दस्ता (एसओजी) के संयुक्त दल के साथ हुई मुठभेड़ में 15 हजार रुपये का इनामी बदमाश पुलिस की गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बदमाश को गिरफ्तार कर पुलिस ने उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया है। उसके कब्जे से बिना नंबर की स्कूटी, तमंचा, कारतूस व 24500 रुपये की नकदी बरामद हुई है। उन्होंने बताया कि तरुण अलीगढ़ का रहने वाला है। वह लूट सहित अन्य मुकदमों में वांछित चल रहा है। बदमाश के खिलाफ जनपद गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद व हापुड़ के विभिन्न थानों में दो दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ। तेजपुर असम राज्य में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। पहले तेजपुर को शोणितपुर के नाम से जाना जाता था। तेजपुर एक शांत जगह है और यहाँ पर अनेक उद्यान बने हुए हैं। तेजपुर के उद्यान बहुत ख़ूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं। इन उद्यानों के अलावा पर्यटक यहाँ पर अनेक हिन्दु मंदिरों और ऐतिहासिक इमारतों को भी देख सकते हैं। इन ऐतिहासिक इमारतों से अनेक कथाएँ और घटनाएँ जुड़ी हुई हैं। . राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (रा.इ.सू.प्रौ.सं./) (पूर्वतन डीओईएसीसी सोसाइटी), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (डी ई आई टी वाई), संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक स्वायत्त वैज्ञानिक संस्था है। इसकी स्थापना सूचना, इलेक्ट्रॉनिकी एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईइसीटी) के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास तथा संबंधित कार्यकलाप करने के लिए की गई थी। रा.इ.सू.प्रौ.सं. तेजपुर और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)। तेजपुर 6 संबंध है और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान 32 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (6 + 32)। यह लेख तेजपुर और राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
Nahan News इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की नीलामी से पहले 9 मई को पावर स्टेकहोल्डर कमेट की बैठक होगी। इस बैठक की अध्यक्षता जीडी ठाकुर करेंगे। जीडी ठाकुर ने शनिवार को इंडियन टेक्नोमेक परिसर तथा उसकी जमीनों का निरीक्षण किया। जागरण संवाददाता, नाहनः इंडियन टेक्नोमेक कंपनी पांवटा साहिब की 27 जून को प्रस्तावित नीलामी से पहले प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से प्राधिकृत अधिकारी संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने शनिवार को इंडियन टेक्नोमेक परिसर तथा उसकी जमीनों का निरीक्षण किया। इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी के पास 125 बीघा विकसित किया हुआ औद्योगिक प्लाट है। इसके अतिरिक्त कुछ लोगों ने इंडियन टेक्नोमेक की जमीनों पर अवैध कब्जे भी किए हुए हैं। जिसके लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग के प्राधिकृत अधिकारी ने राजस्व विभाग से दस्तावेज प्राप्त कर उसकी निशानदेही करवाने की तैयारी कर ली हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश उच्च न्यायालय में सीआईडी और ईडी द्वारा इंडियन टेक्नॉमैक कंपनी की अवैध संपत्तियों के हलफनामे दायर किए हैं। उसकी ताजा स्थिति का भी निरीक्षण किया गया। साथ ही 9 मई को इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की शेष बची हुई संपत्तियों के बेचने के लिए रूपरेखा बनाई जाएगी। इस बैठक की अध्यक्षता हाईकोर्ट की ओर से प्राधिकृत किए गए अधिकारी जीडी ठाकुर की अध्यक्षता में होगी। इस मीटिंग में हाई पावर स्टेकहोल्डर कमेटी के सदस्य भाग लेंगे। यह बैठक कंपनी परिसर जगतपुर पांवटा साहिब में आयोजित की जाएगी। इन सदस्यों में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि, लेबर कमिश्नर, पीएफ कमिश्नर, कंपनी लिक्विडेटर तथा अन्य दावेदार शामिल होंगे। हिमाचल प्रदेश राज्य कर एवं आबकारी विभाग के संयुक्त आयुक्त जीडी ठाकुर ने बताया कि पांवटा साहिब में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के पास 125 बीघे का विकसित प्लॉट है। इसके अतिरिक्त कुछ जमीन पर पांवटा साहिब के एक व्यक्ति द्वारा कब्जा किया गया है। जिसे छुड़ाने के लिए सभी तैयारियां कर ली गई है। इसके अतिरिक्त 27 जून को इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की जो संपत्ति शेष बची हैं, उनकी नीलामी होगी। इसके अतिरिक्त जमीन और प्लाट भी नीलाम किए जाएंगे। 125 बीघे का जो विकसित इंडस्ट्रियल प्लॉट है, उसमें की बाउंड्री वाल, पक्की सड़क, सीवरेज तथा फाउंडेशन बनी हुई है।
मोतिहारीः जिले में बेलगाम अपराधी एक बार फिर अपने नापाक मंसूबे में कामयाब हो गए है. आये दिन जिले में अपराध बढ़ते जा रहा है. ताजा मामला मोतिहारी का है जहां स्वर्ण व्यवसाई की गोली मारकर हत्या कर दी गयी. मोतिहारी के लखौरा थाने के तीयर पुल के समीप शुक्रवार की देर रात एक स्वर्ण व्यवसायी की अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। हत्या की खबर से इलाके में सनसनी फैल गयी। व्यवसायी की पहचान 35 वर्षीय ओमप्रकाश साह के रूप में की गई है। वे लखौरा से आभूषण की दुकान बंद कर गांव गोढिया लौट रहे थे। तभी अपराधियों ने उसे गोलियों से भून दिया।
जम्मू। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पुलिस ने मंगलवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उसके पास से 11 ग्राम हेरोइन और 31 मोबाइल फोन बरामद किए। पुलिस ने बताया कि आरोपी के पास से 1. 16 लाख रुपये नकद भी जब्त किए गए। बयान के मुताबिक, कुख्यात मादक पदार्थ तस्कर अजीज अहमद उर्फ सोनू चाइनीज को राजौरी शहर में स्थित उसके घर पर छापेमारी के दौरान गिरफ्तार किया गया। इस दौरान जिला नगर प्रशासन द्वारा तैनात कार्यकारी मजिस्ट्रेट भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ स्वापक औषधि और मनःप्रभावी पदार्थ अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। राजौरी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमृतपाल सिंह ने कहा, तस्करों को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है और आरोपियों के खिलाफ कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा, "बच्चों और युवा पीढ़ी को नशे के जाल में फंसने से बचाने का सबसे पहला और सबसे कारगर तरीका यह है कि घर में माता-पिता उन पर नजर रखें। जम्मू। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में पुलिस ने मंगलवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उसके पास से 11 ग्राम हेरोइन और 31 मोबाइल फोन बरामद किए।
जय - आदर्श विनय ] । परम श्रद्धा से आप के आगे अपने आप हम नतमस्तक हो जाते हैं । सच्चे सन्तो का यही प्रभाव होता है । " मुनिश्री ने सब को " दया पालो " कहा और वे बैठ गये । फिर उनमें से एक ने निवेदक किया : - " लेकिन हमारे मन में एक बात चिंता और दुःख घोल रही है । आप यहीं विराजमान थे तब तक न कभी पूज्य पद की चर्चा विचारणा हुई । नागौर तक आप शासन का प्रभाव बढ़ाते रहे; मगर वह बात न चली । बीकानेर जैसे क्षेत्र में जहाँ सन्तों का पदार्पण भी नहीं होता था वहाँ आप दृढ़ मन करके गये । मगर बाद में श्री रघुनाथजी म० सा० ने सोजत जाकर अपने आप आचार्य पद ग्रहण कर लिया। इससे हम लोगों में बड़ा असन्तोष सा हो गया है। कई स्थानों के श्री संघों ने तो इसका खुल्लमखुल्ला विरोध किया है। आपके बीकानेर जाने के बाद, आपको बिना सूचना दिये और सभी श्री संघों की सलाह स्वीकृति लिये बिना उनका आचार्य वन जाना कुछ भेद रखता है। " दूसरे ने कहा : -" भेद क्या रखता है ? रंघुनाथजी म० सा० जान गये होंगे कि चारों गाँव के बड़े संघ मिलेंगे तो शायद कुछ और हो । यदि उन्होंने यह मनमानी की तो हम उनका साथ नहीं देंगे। हम आपको • पूज्य जयमलजी म० सा० को आचार्य बनाना चाहते हैं। हमारी विनती को आप मान्य करेंगे ऐसी आशा है । हम सभी आप के ही साथ हैं। हमारे साथ और भी लोग आपको ही मानेंगे । " मुनिश्री जयमलजी अब तक शांति से सारी बातें सुन रहे थे । शासन का विनय, विवेक और अब तक संघ एकता का उन्होंने विचार किया। पूज्य भूधरजी के शिष्यों का अब तक गुण गान होता था, अब वे ही अलग- अलग हो जायेंगे तो शासन का प्रचार कैसे होगा ? आज साधुमार्गी संतों को अपना मार्ग प्रशस्त करना कितना कठिन है ? फिर ये विवाद बढ़ाना जिन शासन की शोभा को बढ़ानेवाला नहीं है । इससे उसका प्रभाव अवश्य घटेगा ।
इस अवधि में बीना रमानी के अन्दर बैठी हुई व्यवसाय कि सहज योग्यता विकास प्राप्त करेगी। बीना रमानी की व्यवहार बुद्धि और समीक्षात्मक दृष्टि चैतन्य रहेगी। बीना रमानी बहुत सलीके से काम करेंगे। सुखी रहेंगे और साधारण तौर पर प्रसन्नता प्राप्त होगी। अपनी कर्मठता से बीना रमानी बहुत लाभ उठायेंगे। पारिवारिक वातावरण सौमनस्यपूर्ण रहेगा। माता पिता से संबंध मधुर रहेंगे। विलास सामग्री पर व्यय करेंगे। संचार माध्यम से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। शुभ संस्कार भी मनाया जा सकता है। इस अवधि के दौरान बीना रमानी स्त्रीवर्ग की ओर आकर्षित रहेंगे। इस अवधि में अचानक ऐसी घटनाएं घटेंगी जो बीना रमानी के लिये हितकर हो। इसके अलावा इस दौरान बीना रमानी की सामाजिक प्रतिष्ठा और खुशहाली भी बढ़ेगी। पारिवारिक जीवन अति सुखद रहेगा। बहु प्रतीक्षित अभिलाषाओं की सम्पूर्ति होगी। यदि बीना रमानी में सृजनात्मक क्षमता है तो इस अवधि के दौरान बीना रमानी की कला संगीत इत्यादि में सफलदायक गति रहेगी। सामाजिक क्षेत्र बढ़ेगा और पुराने मित्रों सहयोगियों से मुलाकात होगी। संचार के माध्यम से बीना रमानी को कोई बहुत अच्छी खबर भी मिल सकती है। यह अच्छा समय नहीं है क्योंकि बीना रमानी के भागीदार या सहयोगी बीना रमानी को नीचा दिखाएगें। औरों की लापरवाही और असफलताओं से बीना रमानी चिन्तित रहेंगे। रोजमर्रा के कामों में भी समस्याएं खड़ी हो सकती है। बेबुनियाद इल्जाम बीना रमानी के सर मंढे जाएगें। छोटे मोटे झंझट या विवादों से बचें। स्त्री वर्ग से बीना रमानी के संबंध अच्छे नहीं रहेंगे। जहां तक संभव हो फालतू की यात्रा कम करें। व्यापार के बड़े बड़े निर्णय लेने या विकास की योजनाओं पर ध्यान देने के लिए यह आवश्यक है कि बीना रमानी पूरी जांच परख करके ही ऐसा करें। इस अवधि के दौरान बीना रमानी का अपने प्रति विश्वास बहुत बढ़ा चढ़ा रहेगा। बीना रमानी निडर संघर्षप्रेमी और झगड़े झंझट से डरने वाले नहीं होंगे। बीना रमानी की मेहनत और कर्मठता से व्यापार धंधे में विकास होगा। वरिष्ठ लोगों और सत्ताधारी व्यक्तियों से बीना रमानी के संबंध मधुर रहेंगे। साथ ही साथ बीना रमानी के व्यापारिक क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी। एक सोची हुई यात्रा पूरी करने से असीमित लाभ प्राप्त करेंगे। प्रतिस्पर्धा में विजयी रहकर बीना रमानी अपने शत्रुओं का पराभव कर देंगे। स्वास्थ्य भी बहुत अच्छा रहेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया और कहा कि यह पीढ़ी सौभाग्यशाली है कि राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए उनके सामने आई है। हरिभूमी पर छपी खबर के अनुसार, मुख्यमंत्री ने ये बात अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 65 वें राष्ट्रीय अधिवेशन में कही। सीएम योगी ने अयोध्या मामले में अदालत के फैसले के बाद लोगों द्वारा दिखाई गई परिपक्वता की भी सराहना की। सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर के निर्माण के समय रक्त की नदियां बहेंगी, लेकिन यहां एक मच्छर भी नहीं मरा, यह लोकतंत्र की शक्ति है। वहीं आगे कहा कि योगी ने जम्मू और कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 कहा कि ये राज्य के अधिकांश प्रावधानों को हटाने के निर्णय के बारे में बेहतर कदम था। आगे कहा कि इस संबंध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि घाटी से अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35-ए को हटाना आतंकवाद पर एक भयानक हमला है।
"गोल रोटी का सूर्य" 115 7 75 ई0 मे गिरीश बख्शी ने द्रोणाचार्य के अन्तर्द्वन्द्व के माध्यम से आज के मानव की विशेषताओं एवें बिडम्बनाओ को मुखरित किया है। अपने बेटे अश्वत्थामा को एक कटोरी दूध उपलब्ध कराने में असमर्थ द्रोण नही चाहता कि उसका बेटा भी निर्धनता का अभिशाप भोगे। द्रोण द्वारा परशुराम से दिव्य अस्त्र-शस्त्र दान मे मागना, अश्वत्थामा को सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी बनाने के लिए अन्य शिष्यों से छिपाकर शस्त्र विद्या के रहस्य बताना, भील पुत्र एकलव्य से गुरूदक्षिणा मे अगूठा मागना आदि घटनाओ के अतिरिक्त धन और प्रतिष्ठा के लोभ के कारण राज्याश्रय में रहकर अपमान सहना और अन्याय का साथ देना आदि । आज के मानव की मानसिकता का ही तो चित्रण है। द्रोण स्वीकार करते है उन्होंने स्वार्थ के वशीभूत होकर कर्तव्य पालन के नाम पर अन्याय का साथ दिया। जिसके लिए इतिहास क्षमा नहीं करेगा । डा० हेमराज निर्मम का "करूणा के प्रतिनिधि" 115.577 ई०) शासक और शासित के बीच का अन्तराल पाटने की ओर एक प्रयास है। "सत्य मेव जयते' 199.75 ई0 मे कणाद ऋषि भटनागर ने सम्राट अशोक के काल की घटनाओ को समसामयिकता से जोड़ा है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दशक से प्रसारित देवराज दिनेश का "मैं व्यथा साकार" 130.4.76 ई0) मे द्रोपदी के अन्त वृथा का चित्रण है। द्रोपदी और श्वान के साथ पाचों पाण्डव स्वर्ग के लिए हिमालय यात्रा पर जाते है । द्रोपदी चलती चलती थक जाती है। युधिष्ठर उसे रूप गर्विता और अहंकारिणी कहता है और उसे वहीं असहाय स्थिति में छोड़ पाण्डव आगे बढ़ने लगते है । द्रोपदी का मन चीत्कार कर उठता है, उसे अतीत की घटनाए याद आने लगती हैं। वह सामने देखती है कि सभी पाण्डव एक एक करके बर्फ मे गिरते जा रहे है, शायद दूर युधिष्ठिर भी गिर गया । जब सभी की यही नियति है तो नारी ही तिरस्कार क्यो सहे ? पुरुष प्रधान समाज में आज भी नारी की वही दयनीय स्थिति है। कैसी विडम्बना है कि धर्मराज सत्यनिष्ठ युधिष्ठिर स्वंय को हारकर भी अपनी पत्नी को दाव में लगाता है। यदि युद्धिष्ठिर चाहता तो कुन्ती द्वारा अनजाने में कही गयी बात का विरोध कर सकता था और द्रोपदी को पत्नी रूप में स्वीकार करने से इन्कार कर सकता था, किन्तु द्रोपदी का पति बनने का लोभ वह संवरण नहीं कर सका । द्रोपदी के त्याग और बलिदान को भी हेय की दृष्टि से देखा जाता है । इसकी वेदना को किसी ने भी समझने का प्रयास नही किया। भगवान कृष्ण की ऊपरी सहानुभूति उसके साथ अवश्य है, किन्तु इससे अधिक कुछ नहीं । द्रोपदी की मानसिक व्यथा उर्मिला की भांति साहित्यकारों द्वारा प्राय उपेक्षित रही है। प्रस्तुत रेडियो नाटक में द्रोपदी का अन्तः संघर्ष और वेदना का चित्रण आज की नारी की व्यथा भी है । इसका प्रदर्शन नाटककार की सफलता है। पुरूष नारी के पवित्र सबधो का चित्रण कैलाश भारद्वाज ने अपने नाटक "यक्षप्रिया" (11.3.75 ई0 में किया है इसमे कालिदास रचित "मेघदूत' की कथा को पृष्ठभूमि रूप में प्रयुक्त किया है । यक्ष का मित्र तक्षक एक षडयंत्र द्वारा यक्ष को एक वर्ष के लिए एकान्तवास का दण्ड दिलाता है ताकि वह यक्ष की नव विवाहिता पत्नी अनंगजा को अपने वश में कर सके, किन्तु तक्षक की योजनाएं विफल होती है। प्रचार है रामगिरि की अन्य महिलाओं से सम्बन्ध हो गये हैं तथा उसकी मृत्यु हो गयी है, किन्तु अनंगजा को विश्वास नहीं होता और गवाक्ष में बैठे मेघ को अपने पति को संदेशवाहक समझकर आश्वस्त होती है कि यक्ष शीघ्र ही लौट आयेगा । अनंगजा की यक्ष के प्रति आस्था एवं श्रद्धा के साथ साथ उनका विरह जनित स्थिति का स्वाभाविक एवं मनोवैज्ञानिक चित्रण इस नाटक की विशेषता है । अत. कहा जा सकता है कि इस काल के हिन्दी रेडियों नाटकों में ऐतिहासिक पौराणिक कथानकों को यथार्थपरक दृष्टि से समसामयिकता से सम्पृक्त किया गया है । सामाजिक चेतना के रेडियो नाटक आधुनिक भौतिकता का प्रभाव पति -पत्नी के सम्बन्धों की पवित्रता पर गहरे रूप में पड़ा है । मध्य वर्ग के स्त्री पुरुष नैतिक अनैतिक के चक्रव्यूह में फैसकर अनिर्णय के स्थिति के शिकार हो गये । सेक्स की छाया प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप में भूत की तरह मड़राती रहती है । कैद " उपेन्द्र नाथ अश्क जी के राष्ट्रीय कार्यक्रम के अर्न्तगत प्रयुक्त होने वाला पहला हिन्दी का आधुनिक नाटक था, यह रेडियों के सभी केन्द्रों से सभी भाषाओं में प्रसारित किया गया है । मृदुला गर्ग के एक और अजनवी " 1977 ई0) में शानी का पति जगमोहन जैसे ही शानी और इन्द्र को अकेला छोड़कर जाता है तो शानी दिवास्वप्न में खोई सी इन्द्र से अपने प्रेम सम्बन्ध को याद कर प्यार के मधुर क्षण सहेज लेना चाहती है, किन्तु वहाँ से मिलता है वह इन्द्र जो शानों के शरीर में वासना खोजता है और अपनी शारीरिक भूख मिटाना चाहता है । शानी आत्म समर्पण के अन्तिम क्षणों में इन्द्र से अलग हो जाती है और उसे चला जाने को कहती है । इन्द्र बड़बड़ाता हुआ बाहर चला जाता है । डॉ० चन्द्रशेखर के कटा नाखून " (1974 ई0 में मीनाक्षी का चार वर्ष तक अक्षय से जुड़े रहकर अकस्मात् प्रभात से जुड़ने के लिए उससे सम्बन्ध तोड़ लेना अक्षम को आत्म हत्या के लिए विवश कर देता है । कृष्ण मानव के चौथा कोना क) 1.9.79 ई0 मे परिस्थितियों से विवश सरोज पर पुरूष के पास जाकर भी अपने पति चेतन के साथ सम्बन्धो की पवित्रता की दुहाई देती है । अमृत लाल मदान सागर के अतीत का साया X 6.2 79 ई0 X में सुधा पति की । अनुपस्थिति में अपना खोया प्यार पाने की लालसा में जब अमर के प्रति पूर्णरूप से समर्पित हो जाती है, तो बच्ची जाग जाती है। वह खोज में बच्ची को पीटती है। इसका स्वप्न अधूरा रह जाता है । विष्णु प्रभाकर के "बस इतना ही मेरा है " 10.7 72 ई00 की इला दूसरा विवाह करके भी अरूण के साथ, पिता के मांसल जीवन की अनुभूति नहीं भूला पाती । पूरा नाटक इला और उसकी अन्तरात्मा के बीच वार्तालाप और विगताख्यान द्वारा प्रस्तुत किया गया है । मदन शर्मा के बारूद की सीढ़ियाँ" x 14.10.80 ई0 में आलोक एक बेकार इंजीनियर है । उसे नौकरी इस शर्त पर दी जाती है कि वह गरूण वर्मा के फर्म में चौकीदार की लड़की 'रजनी' से विवाह' कर ले । 'रजनी' के यह बताने पर भी कि उसके पेट में गरूण वर्मा का 'बच्चा' पल रहा हैं, आलोक उसे बच्चे को अपना लेता है और नौकरी से त्याग पत्र दे देता है । के0पी0सक्सेना के नाटक "वो जो मैं नहीं हूँ " 1974 ई0 ( में एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय 'लेखक' की मृत्यु हो जाती है । पोस्ट मार्ड्स के लिए उसका शरीर रातभर के लिए मुर्दाघर में रख जाता है । रात में अमृतपाल' जीवित हो जाता है । वह अपना बेश बदल, अमृत पाल का मित्र बनकर, उस पर पुस्तक लिखने का बहाना बनाकर अपने मित्रों एवं सम्बन्धियों के पास जाता है । मात्र यह जानने के लिए कि लोग उसे कितना चाहते हैं । महीपसिह के "फैसला ( 13 1 76 ई0 ) में चोपड़ा अपनी लड़की मीना का विवाह किसी न किसी बहाने से नहीं होने देता है । अगर मीना का विवाह हो गया है तो चोपड़ा ( रिटायर्ड । की देखभाल कौन करेगा । मीना छब्बीस वर्ष की हो गयी है । अन्त में मीना ही अपने भाग्य का फैसला करती है और उसी दिन शतरंज के खेल में चोपडा को जिन्दगी में पहली बार वह मिलती है जो दोहरी है । एक फूल पतझड़ 22.2.77 ई० में कान्तिदेव ने दिखाया है कि किस प्रकार सतीश अपना भविष्य बनाने के चक्कर में अपनी पत्नी रश्मि को एक उपकरण के रूप में प्रयुक्त करता है । डॉ० चन्द्रशेखर के नाटक " डायल के नम्बर" 1 13 12.77 ई0 ( में माँ की भावनाओं की कद्र न करने तथा उसकी सेवा न करने के कारण 'चेतन' अपनी पत्नी 'रोली' की हत्या कर देता है । ईश्वर चंदर के " न मरने का दु.ख ") 14 11.78 ई0 ) का अशीश आर्थिक विवशताओं से जकड़ा यह सोचने में विवश हो जाता है कि उसकी बूढ़ी माँ मर क्यों गयी । पत्नी, पति मॉ का इलाज इसीलिए करा रहे थे क्योंकि कैंसर के कारण अब उसके बचने की आशा नही थी, किन्तु हुआ इसके विपरीत और मॉ बच गयी । वीर सक्सेना का अन्धे चरित्रों का कोरस ") 6.7.79 ई0 टूटते परिवार की कहानी है जिसका आधार स्वार्थपरता है । दहेज न लेने के कारण नारी के प्रति नारी के अत्याचार की कहानी कान्ति देव ने " कल नहीं लौटेगा " x 16.10.81 ई० में मार्मिक ढंग से चित्रित की है । जब सास और ननंद मिलकर घर में आयी बहू नीलम की आग लगाकर हत्या कर देती हैं। आशीष
रांचीः झारखंड के दो निवासियों की विदेश में मौत हो गयी और लाॅकडाउन के दौरान अंतरराष्ट्रीय उड़ान बंद होने के कारण पार्थिव शरीर वापस नहीं आ सका है. इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विदेश मंत्री डाॅ. जयशंकर से मदद का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्री से इस गंभीर मामले में हताहत परिवारों की मदद की अपील करते हुए बताया कि लाॅकडाउन में रामेश्वर महतो की मलेशिया और महादेव सोरेन की अफ्रीका के मारूतानियां में मृत्यु हो गयी थी. गौरतलब है कि झारखंड के दो मजदूरों की लाॅकडाउन के दौरान विदेश में मौत हो गयी है और उनका परिवार दो महीने से शवों का इंतजार कर रहा है. घटना से रो-रो कर परिजनों की आंखें पथरा गयी है. इस घटना की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री ने विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप का आग्रह किया है.
जेएनएन ,बहजोई : जिला प्रशासन ने गेहूं खरीद की तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। जिले में इस बार विभिन्न सरकारी खरीद एजेंसी द्वारा 26 क्रय केंद्रों पर 2015 रुपये प्रति क्विंटल सरकारी मूल्य पर गेहूं खरीद की जाएगी। वहीं शासन स्तर से जिला प्रशासन को धान विक्रय के लिए पंजीकरण कराने वाले किसानों को गेहूं विक्रय के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के लिए बाध्य नहीं करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में धान बेचने वाले किसानों को गेहूं बेचने के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं होगा। जिले में एक अप्रैल से क्रय केंद्रों पर गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए पंजीकरण करा चुके किसानों को गेहूं विक्रय के लिए पुनः पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन उक्त पंजीकरण का संशोधन कर पुन लाक कराना होगा। जिले में एक अप्रैल 2022 से 15 जून 2022 तक गेहूं खरीद की जाएगी, जिसके लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों के 26 क्रय केंद्र स्थापित किए जाएंगे। बहजोई : जिले में गेहूं खरीदने के लिए खाद्य विभाग के चार क्रय केंद्र, पीसीएफ के नौ क्रय केंद्र, पीसीयू के नौ क्रय केंद्र, यूपीएसएस के चार क्रय केंद्रों पर गेहूं खरीद का कार्य किया जाएगा। जिले में एक अप्रैल 2022 से विभिन्न सरकारी एजेंसी के 26 क्रय केंद्रों पर सरकारी मूल्य 2015 रुपये प्रति क्िवटल के हिसाब से खरीद की जाएगी। गेहूं खरीद करने को लेकर सभी संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।
Chatra: चतरा पुलिस ने 9 क्विंटल डोडा के साथ चतरा नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष जमुना साव उर्फ मंदूर साव के बेटे सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. डोडा की बरामदगी और तस्करों की गिरफ्तारी लावालौंग थाना पुलिस ने की है. पुलिस ने तस्करी में प्रयुक्त दो पिकअप वैन, एक अल्टो कार और एक मोटरसाइकिल जब्त किये हैं. एसपी ऋषभ झा को गुप्त सूचना मिली थी की डोडा तस्कर बड़े पैमाने पर डोडा की तस्करी कर रहे हैं. मिली गुप्त सूचना के आधार पर एसपी ने लावालौंग थाना पुलिस को कार्रवाई करने का आदेश दिया. पुलिस ने कार्रवाई करते लावालौंग थाना क्षेत्र से भारी मात्रा में डोडा बरामद किया और पांच तस्करों को गिरफ्तार किया. लमटा जंगल की ओर से दो पिकअप वैन पर भारी मात्रा में डोडा लावालौंग के रास्ते बिहार ले जाया जा रहा था. पुलिस ने लमटा व उसके आसपास इलाकों में बेरिकेडिंग करते हुए वाहनों की जांच शुरू कर दी. जांच के क्रम में चतरा की ओर से आ रहे दो पिकअप वैन से करीब नौ क्विंटल डोडा जब्त कर लिया गया. इसके साथ एक अल्टो कार भी जब्त किया है. इसमें संलिप्त पांचों को पुलिस ने खदेड़कर पकड़ लिया.
भारत और भारतीयों से जुड़ी हर वो ख़बर जिससे हम और आप होते हैं प्रभावित (Today's National News in Hindi) बीजेपी के वरिष्ठ नेता गडकरी ने रविवार को नागपुर में महिला स्वयं सेवा समूह द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए कहा- "मैं महिला आरक्षण का विरोध नहीं करता लेकिन जाति और धर्म के आधार पर की जाने वाली राजनीति का सख़्त विरोधी हूँ। " कैबिनेट से मंज़ूरी मिलने के बाद कई पार्टियों ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है जिसमें बीजेपी की धुर विरोधी पार्टी कॉन्ग्रेस भी शामिल है। एनसीपी और आम आदमी पार्टी ने भी इस फ़ैसले का समर्थन किया है। देश भर की कुल पेंडिंग केसों की संख्या 2. 94 करोड़। सरकारी सर्वे की मानें तो इन सभी पेंडिंग केसों को खत्म होने में लगेंगे 324 साल। संसद में बिगड़ती परिस्थितियों को देखते हुए स्पीकर द्वारा कड़ा कदम उठाया गया और 4 सांसदों को नियम '374 ए' के तहत ससपेंड करने का ऑर्डर दे दिया। पतंग के फटने के बाद आपसी विवाद में दो पक्षों में जमकर पत्थरबाज़ी हुई, क़रीब आधा दर्जन कच्चे मकानों की छतें टूटीं और दो घरों में लूटपाट की गई। रोहिंग्याओं को हथकड़ियों में शुमेसी डिटेन्शन सेंटर, जेद्दाह से लाइन में खड़ा कर बांग्लादेश भेजने की तैयारी की जा रही है। एक तरफ, कॉन्ग्रेस उस सीट से चुनाव लड़ने के लिए नए नाम पर विचार कर रही है, तो दूसरी तरफ प्रिया दत्त ने इस बात का ख़ुलासा नहीं किया है कि वो कहाँ से और किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगी। पिछले साल बांग्लादेश के नेत्रकोना जिले के एक मंदिर को नष्ट करने के दौरान मूर्तियों को भी खंडित कर दिया गया था। इसके अलावा 30 दिसंबर को हुए आम चुनावों से पहले यहाँ हिंदुओं के घर भी जल दिए गए थे।
सोशल मीडिया के प्लेटफार्म FB व इंस्टाग्राम पर फोटो पोस्ट किये जाने पर एनसीपीसीआर ने गंभीरता से संज्ञान लिया है. (File Photo) नई दिल्ली. दिल्ली के कैंट इलाके में नौ वर्षीय दलित बच्चाी के साथ कथित बलात्कार किये जाने के मामले को लेकर अब राजनीति भी गरमाने लगी है. नेताओं की ओर से पीड़ित परिवार से मिलकर उनको न्याय दिलाने का आश्वासन दिया जा रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने भी आज पीड़ित परिवार से मिलकर उनको न्याय दिलवाने का भरोसा दिया है. पीड़ित परिवार से मिलने पर राहुल गांधी ने कहा कि वह नाबालिग लड़की के परिवार से मिले हैं जिसकी हाल ही में ओल्ड नांगल श्मशान घाट में उसके माता पिता की बिना सहमति के ही कथित रूप से बलात्कार, हत्या और दाह संस्कार कर दिया गया. उन्होंने टवीट कर यह भी कहा है कि माता-पिता के आँसू सिर्फ़ एक बात कह रहे हैं-उनकी बेटी, देश की बेटी न्याय की हक़दार है. और इस न्याय के रास्ते पर मैं उनके साथ हूँ. इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) भी पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे हैं. वह करीब साढ़ 12 बजे मौके पर पहुंचेंगे. हालांकि आज उनसे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. इससे पहले दिल्ली सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने भी दो दिन पहले पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी. मंगलवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद भी प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने ने कहा कि मामले की उचित तरीके से जांच होनी चाहिए. यह झूठ था कि लड़की की मौत करंट लगने से हुई थी. उन्होंने परिवार की मौजूदगी के बिना उसका अंतिम संस्कार कर दिया. हमने सुना है कि लड़की के माता-पिता पर भी उसी के मुताबिक बयान देने का दबाव डाला गया. इस बीच देखा जाए तो दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अभी तक एक 55 साल के पुजारी समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि लड़की के माता-पिता का आरोप है कि आरोपियों ने उन्हें बेटी के शव का अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया. उन्हें संदेह है कि बेटी को मारने से पहले उसके साथ बलात्कार किया गया था. . टीम से बाहर चल रहे ईशांत शर्मा ने रविचंद्रन अश्विन को लेकर ये क्या कह दिया, बोले- 'मुझे नहीं लगता कि उससे. . . '
राजापुर : उन्हाळे के श्री स्वामी समर्थ मठ इस मंदिर में अक्कलकोट निवासी श्री स्वामी समर्थ महाराज के पदस्पर्श से पावन बनीं पादुकाएं स्थापित की गई हैं ! सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी को दीर्घायु प्राप्त हो एवं सर्वत्र प्रभावशाली हिन्दूसंगठन होकर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना में आनेवाली सभी बाधाएं दूर हों, इसलिए १९ मई को रात ८ बजे धर्मप्रेमियों की ओर से मन्नत मांगी गई। हिन्दवी स्वराज्य प्रतिष्ठान के संस्थापक-अध्यक्ष श्री. महेश मयेकर ने मन्नत मांगने का उद्देश्य स्पष्ट किया। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी श्री. दिलीप पेनकर काका, मंदिर के अध्यक्ष श्री. नवनीत कुशे, अधिवक्ता श्री. गुरुनाथ शिवलकर, श्री. दिगंबर गोरे, श्री. विलास प्रभुदेसाई, सनातन संस्था के श्री. संजय माने, कु. हर्षदा प्रभुदेसाई एवं श्री. अविनाश पाटणकर उपस्थित थे।
भारतीय सेना ने 29 सितंबर, 2016 को पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। दो दिन बाद देश में इस दिन की दूसरी सालगिरह मनाए जाने की तैयारियां जोर-शोर से हो रही हैं। सरकार ने चार महीने के भीतर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का दूसरा वीडियो जारी किया है। सर्जिकल स्ट्राइक के दो साल पूरा होने के दो दिन पहले जारी इस वीडियो में भारतीय सेना के पारा कमांडो को आतंकवादियों के लांचिंग पैड को विस्फोटक से उड़ाते और उसे तबाह करते दिखाया गया है। बुधवार को जारी वीडियो यूएवी, थर्मल सेटलाईट इमेज और कमांडों के हेलमेट पर लगे कैमरे से लिया गया है। खास बात यह है कि इसमें भारत का सिर्फ एक कमांडो घायल हुआ जब लौटते वक्त उसका पांव लैंडमाईन पर पड़ गया था। अब वह कमांडों बिल्कुल ठीक है। 28-29 सितंबर 2016 को भारतीय कमांडों ने पीओके में घुसकर पाकिस्तान सेना की सरपरस्ती में चल रहे आतंकवादियों के सात ठिकानों को तबाह कर दिया था। अगले दिन सेना के इतिहास में पहली बार ऐसी कार्रवाई की खुले तौर पर जिम्मेदारी ली गई थी। इससे पहले भारतीय सेना ने 27 जून, 2018 को सर्जिकल स्ट्राइक के कुछ वीडियो जारी किए थे। इस हफ्ते की शुरुआत में सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा था कि लाइन ऑफ कंट्रोल के लांचपैड पर दूसरी सर्जिकल स्ट्राइक की जरूरत है। उन्होंने कहा था, 'मेरा मानना है कि एक और कार्रवाई की जरूरत है। लेकिन हम इस बात का खुलासा नहीं करना चाहते कि हम इसे किस तरह अंजाम देंगे। ' उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक हमेशा सरप्राइज होती है और इसे वैसा ही रहने देना चाहिए। गौरतलब है कि सरकार ने इस साल सर्जिकल स्ट्राइक की तारीख को खास दिवस के तौर पर मानाने का एलान किया है। पाकिस्तान लगातार पाक अधिकृत कश्मीर में हुई सर्जिकल स्ट्राइक से इंकार करता रहा है। हालांकि वीडियो से भारत के दावे साबित हो जाते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान बहुत से लांचपैड को तबाह कर दिया गया था और दर्जनों आतंकियों को मार गिराया गया था जो भारत के अंदर घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे। इस स्ट्राइक को सेना ने उड़ी हमलों के बाद अंजाम दिया था। पाकिस्तान बेस्ड आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों ने उड़ी में 19 जवानों को मार दिया था। जिसका बदला सर्जिकल स्ट्राइक से लिया गया था। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
ब्लैक ऐंड वाइट का कॉम्बिनेशन भले ही बेहद सरल और सहज लगे, लेकिन उसे स्टाइलिश ढंग से पेयर करना अपने आप में एक चुनौती होती है. इसी चुनौती को स्वीकार करते हुए बॉलिवुड की दो फ़ैशनिस्टा प्रियंका चोपड़ा जोनस और सोनम कपूर आहुजा इस सप्ताह की बेस्ट ड्रेस्ड सेलेब्स की सूची में शीर्ष पर हैं. दोनों ने ब्लैक ऐंड वाइट के क्लासी कॉम्बिनेशन आउटफ़िट को तरजीह दी है, और अपने-अपने स्तर पर फ़ैशन को एक नया आयाम दिया है. इसके अलावा अनन्या पांडे, ईशा गुप्ता और काजल अग्रवाल भी बेस्ट ड्रेस्ड सेलेब्स की सूची में शामिल हैं.
यमुनानगर - हरियाणा विधानसभा स्पीकर कंवर पाल ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएं किसी वर्ग व समुदाय विशेष के लिए नहीं बल्कि पूरी मानवता के लिए हैं। आदि कवि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण युगों तक पूरी मानवता का मार्गदर्शन करती रहेगी। हिंदुओं के महान ग्रंथ रामायण से हमें एक आदर्श राजा, आदर्श पिता, पुत्र, भाई, पत्नी और आदर्श पति के रूप में अपने दायित्व का ज्ञान मिलता है तथा जीवन की हर बड़ी से बड़ी उलझन का समाधान रामायण में मिलता है। विधानसभा स्पीकर कंवर पाल गत दिवस मटका चौक जगाधरी स्थित वाल्मीकि बस्ती में महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि महान विद्वान थे और उन्होंने हिंदुओं के महान ग्रंथ रामायण के माध्यम से न केवल धार्मिक संदेश दिया बल्कि समाज में एकजुटता बनाए रखने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी आने वाली पीढि़यों को संतों व धर्म के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देनी चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढि़यां अपने समाज के साथ. साथ धर्म के साथ भी जुड़ी रहें। उन्होंने कहा कि महषि वाल्मीकि ने रामायण महाकाव्य के सहारे प्रेम, तप व त्याग इत्यादि दर्शातें हुए हर मनुष्य को सदभावना के पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस प्रकार इस महान संत ने लोगों को सच्चाई और न्याय के रास्ते पर चलने के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाएं आज प्रासंगिक है और हमें उनके द्वारा बताए गए मार्ग का अनुसरण करना चाहिए। विधानसभा स्पीकर ने महर्षि वाल्मीकि प्रकट दिवस पर कहा कि महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में परिवार,संगे-संबंधी, अच्छाई-बुराई, हक और अधिकार का बहुत ही अच्छे तरीके से चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि संतों के बताए हुए मार्ग पर चलने से हमें अनेक प्रकार की शिक्षाओं के बारे ज्ञान प्राप्त होता है और इन शिक्षाओं का अनुसरण करने से हमें अपने परिवार के साथ-साथ समाज, प्रदेश व देश को उन्नति की ओर ले जा सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की शोभा यात्रा को झंडी दिखाकर रवाना किया और यह शोभा यात्रा जगाधरी से शुरू होकर यमुनानगर से होते हुए जगाधरी अपने गन्तव्य स्थान पर पहुंची। इस अवसर पर भाजपा के जिलाध्यक्ष महेंद्र खदरी, भाजपा के महामंत्री अशोक मेहंदीरत्ता, सोमनाथ नंबरदार, रिंकू गागट, जयंत स्वामी सहित कई लोग मौजूद थे।
प्रदेश के सभी अस्पतालों में जल्द ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली को लागू किया जाएगा। यूपी के 36 राजकीय मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में इसका इम्प्लीमेंटेशन किया जाना है। इस प्रणाली के जरिए मरीज की सारी जानकारी ऑनलाइन फीड कर डॉक्टर के कंप्यूटर तक पहुंचा दी जाएगी और जांच रिपोर्ट ऑनलाइन होने के बाद डॉक्टर अपने कंप्यूटर पर देख सकेंगे। प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों, राजकीय संस्थानों, स्वायत्तशासी संस्थानों, चिकित्सा विश्वविद्यालयों और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालयों में पेपरलेस व्यवस्था को लेकर चिकित्सा एवं शिक्षा विभाग की ओर से पूरी तैयार कर ली गई है। प्रदेश सरकार ने पहले चरण में चिकित्सा शिक्षा के पुराने संस्थानों में लागू किया है। प्रदेश के 9 मेडिकल कॉलेज में ये प्रणाली लागू की जा चुकी है। जिसके तहत गोरखपुर, कानपुर, इलाहाबाद, झांसी, मेरठ और आगरा के मेडिकल कॉलेजों के साथ कानपुर में इसकी शुरुआत हो चुकी है। अब यूपी के 36 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में ई-हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की तैयारी है। इस प्रणाली के लागू होने से जहां एक ओर अस्पतालों के प्रबंधन, नेतृत्व, नेटवर्क, कार्यप्रणाली और प्रशासन में सुधार होगा वहीं मरीजों को एक यूनीक आईडी नंबर मिलने से उनसे जुड़ी सारी जानकारी अस्पताल में दर्ज होगी। रोगियों के दुबारा अस्पताल आने पर केस हिस्ट्री और जानकारी अस्पताल में पहले से दर्ज होने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। यूपी के 36 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में से 09 मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में ई-हास्पिटल (NIC) संचालित है, जिसमें मरीजों का पंजीकरण, बिलिंग, फार्मेसी का काम ऑनलाइन किया जा रहा है। विभाग की ओर से यूपी के 22 मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली (एचएमआइएस) के लिए C-DAC की ओर से तैयार प्रस्ताव पर शासन की मुहर लगने के बाद एमओयू हस्ताक्षरित किए जाने की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही अन्य पांच मेडिकल कॉलेजों व संस्थानों में भी हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली (एचएमआइएस) के क्रियान्वयन के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जा रहा है। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को हॉस्पिटल मैनेजमेंट इन्फॉरमेशन सिस्टम प्रणाली (HIMS) से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही जल्द ही हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम सॉफ्टवेयर भी लागू करने की तैयारी है जिससे मेडिकल कॉलेजों में दवाओं की मौजूदगी और डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व कर्मचारियों की हाजिरी की ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध कराएगा। मरीज के मोबाइल फोन पर भी यह सिस्टम रिपोर्ट भेज देगा। किसी खास मामले में सिस्टम के जरिए डॉक्टर भी किसी दूसरे मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह ले सकेंगे। This website follows the DNPA Code of Ethics.
(ब्यूरो कार्यालय) भोपाल (साई)। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश की 15वीं विधानसभा का मानसून और अंतिम सत्र मंगलवार 11 जुलाई से प्रारंभ हो रहा है। इस विधानसभा के अंतिम सत्र में सभी मंत्रीगण पूरी तैयारी के साथ सदन में आएं। तथ्य एवं तर्कपूर्ण ढंग से प्रश्नों के उत्तर दिए जाएं। प्रश्नों के उत्तर में राज्य शासन द्वारा की गई उपलब्धियों की जानकारी भी समाहित हो। अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि उत्तर ठीक ढंग से तैयार कर भेजें। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज निवास कार्यालय स्थित समत्व भवन में समस्त मंत्रीगण और अधिकारियों से विधान सभा सत्र की तैयारियों के बारे में चर्चा कर रहे थे। बताया गया कि तारांकित, अतारांकित प्रश्नों के जवाब भेजे गए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ध्यानाकर्षण और संभावित प्रश्नों के उत्तरों की तैयारी भी पूरी रखें। बैठक में मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस और मंत्रीगण उपस्थित थे। विभिन्न विभाग के अधिकारी वीसी से सम्मिलित हुए।
टुप्पई टुप्प मगो अपने सेठकी लडकोके लिए योग्य वर एक गाँवमे एक मालदार पटेलके तीन लडके थे तो थे । किसी कदर बेवकूफ भी थे । पटेलने मगोकी वडी आवभगत को । तीनो छोकरोको सख्त ताकीद कर रखी थी कि कोई हगिज न बोले । मगो "पटेल साहब, आपके लडके है तो रत्न- जैसे, मगर बोलते क्यो नही ?" पटेल . "ये शर्माते ज्यादा है । " मगोको शक हुआ। वह उन्हें बाहर घुमाने ले गया । और वडे लडके को अलग ले जाकर धीरेसे बोला, "तीनो भाइयोमे तुम मुझे सबसे ज्यादा सुन्दर लगते हो । मै तो सेठकी लडकीकी सगाई तुम्हारे ही साथ कर देना चाहता हूँ।" ढूँढनेके लिए निकला । खूबसूरत मगर तुतलाते लडका इस बातसे फूल उठा । सव भूल-भालकर कहने लगा, "नवी चण्डन-वण्डन नई लगो नई टो औरऊ सुन्डर डिखटे ।" यह सुनकर मँझला लडका वोल उठा, "वापूने ना टरी टी, ट्यो वोलो ?" छोटा लड़का बोल पडा, "टुम बोले, टुम बी बोले, अम टो टुप्पई टुप्प ( चुप ही चुप ) । " डालना शुरू फसल काटता विशाल क्षेत्र "हमारे एक सेतमे किसान अगर वसन्तमे जुताई की एक लाइन करे तो वह पतझडमे पूरी कर पाता है । लौटते वक्त वह आता है ।" दूसरा . "हमारे खेतमे तो यह आम बात है कि नवदम्पति गायको दुहने जाते हैं, और उनके बच्चे दूध लेकर आते है ।"
ओडिशा के दौरे पर गईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए शुक्रवार का दिन बहुत खास था। उन्हें 48 साल बाद अपनी सहेलियों से मिलने का मौका मिला। राष्ट्रपति को ये मौका उस वक्त मिला, जब वो अपने स्कूल गईं। द्रौपदी मुर्मू ने साल 1970 से 1974 तक भुवनेश्वर के कैपिटल गर्ल्स हाईस्कूल में शिक्षा हासिल की थी। भुवनेश्वर। ओडिशा के दौरे पर गईं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए शुक्रवार का दिन बहुत खास था। उन्हें 48 साल बाद अपनी सहेलियों से मिलने का मौका मिला। राष्ट्रपति को ये मौका उस वक्त मिला, जब वो अपने स्कूल गईं। द्रौपदी मुर्मू ने साल 1970 से 1974 तक भुवनेश्वर के कैपिटल गर्ल्स हाईस्कूल में शिक्षा हासिल की थी। उन्होंने 8वीं से लेकर 10वीं तक की पढ़ाई इसी स्कूल से की थी। अपने दौरे में मुर्मू की मुलाकात अपनी सहेलियों और सहपाठियों से हुई। उनसे मिलकर राष्ट्रपति बहुत खुश दिखीं। उन्होंने अपनी उस सहेली के बारे में भी जानकारी ली, जो कार्यक्रम में किसी वजह से नहीं आई थीं। इस मौके पर राषट्रपति की सहेलियों ने बताया कि द्रौपदी मुर्मू काफी सरल और सौम्य स्वभाव की थीं। उन्होंने खुशी जताई कि वो इतने बड़े पद पर पहुंचने के बाद भी आकर मिलीं। उनकी सहेलियों ने बताया कि मुर्मू जिस सहेली के न होने पर पूछ रही थीं, वो उनके साथ स्कूल के हॉस्टल में रहती थी। मुर्मू की एक और सहेली ने मीडिया से कहा कि हम काफी दिनों से उनके साथ बैठकर बातें करना चाहते थे। अब वो राष्ट्रपति बन चुकी हैं। प्रोटोकॉल है। इस वजह से उनका उसी हिसाब से सम्मान भी करना जरूरी होता है। राष्ट्रपति की सहेलियों ने बताया कि मुर्मू में बहुत साहस था। वो गरीब थीं, लेकिन संघर्ष करती रहीं। उनका कहना था कि द्रौपदी मुर्मू की सहेली के तौर पर उनको गर्व होता है। द्रौपदी मुर्मू का स्वागत स्कूल की टीचरों और बच्चों ने किया। मुर्मू ने यहां 20 मिनट बिताए। उन्होंने छात्राओं का संबोधित भी किया। राष्ट्रपति ने कहा कि हम सबको जीवन में विभिन्न हालात से गुजरना होता है। चुनौतियां काफी होती हैं, लेकिन हमें अपने सपनों को पूरा करने की कोशिश जरूर करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको लक्ष्य तय कर उसी दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। मुर्मू ने टीचरों और छात्राओं को बताया कि खुद पढ़ाई करते वक्त उनको किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा कि आज के मुकाबले तब हालात काफी अलग थे। आज आपके पास तमाम सुविधाएं हैं, लेकिन तब ऐसा नहीं था। उनके साथ गवर्नर गणेशी लाल, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी मौजूद रहे।
यमयमी-सूक्त । ॠग्वेद के दशमं मण्डल का दशम सूतीपूल है । यह प्रकरण दो मंत्रों की वृद्धि और थोड़े से परिवर्तन के साथ अथर्ववेद ( १८. १.१ १६ ) में भी पाया जाता है । इस मूल के चार मंत्र यास्काचार्य ने निरुक में दिये हैं। वे चार में मंत्र २८२, ३१०,४४१ और ६९४ पृष्ठों पर उल्लिखित हैं। उन मंत्रों के अर्थ करने के लिये आवश्यक था कि संपूर्ण सूm पर विचार किया जाता । अतः उन ३ स्थलों में पृथक् २ मंत्रों के अर्थ न देकर यहां अन्त में संपूर्ण सूक्त पर विचार किया जाता है । मंत्रों के मार्घ करने से पूर्व पर विवेचन कर लेना आवश्यक है कि यम यमी कौन है और उन के संवाद से क्या शिक्षा दी गयी है। इस विषय का निर्णय हो जाने पर मंत्रार्य का समझना बड़ा मरल होजायेगा । ( १ ) प्रस्तुत सूक्त में यम यमी भाई बहिन हैं । इसकी पुष्टि में निम्नलिखित हेतु हैं( क ) इसी सूक्त के ११ वें मंत्र में यम यमी के लिये 'भ्राता' 'स्वमा' कां प्रयोग किया गया है, और १२ वें मंत्र 'पायमाहुर्यः स्वतारं निगच्छात्' में फिर यमीं के लिये 'स्वसारम्' प्रयुक्त है । ये शब्द भाई बहिन के सिवाय अन्य किसी संवन्ध में प्रयुक्त नहीं होते । ( ख ) वेद की इस अन्तःसाक्षि के अतिरिक्त लौकिक संस्कृत का साहित्य भी हमारे विचार की पूरी पुष्टि करता है । शब्दकल्पद्रुम ग्रादि कोषों में 'यमुना' नदी के यमन और मी, ये दो नाम उल्लिखित हैं । एवं, यम का पर्यायवाची 'यमुनांभ्राता' बतलाया गया है। हमें इस कल्पना में जाने की कोई आवश्यकता नहीं कि 'यम' यमुना नदी का भाई क्यों है ? परन्तु यह स्पष्ट है कि 'यम' यमु नाभ्राता है, और 'यमुना' के समानार्थक शब्द 'यमी' और 'यमभगिनी' हैं। प्रकार 'भाईदूज' नामक प्रसिद्ध त्योहार जो कि दीपावली के तीसरे दिन प्रायः संपूर्ण भारत में मनाया जाता है, उस का संस्कृतनाम 'भ्रातृद्वितीया'
Vastu tips: आज हम माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिनके द्वारा आप भी माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन को धन और सुख समृद्धि का से परिपूर्ण कर सकते हैं। नई दिल्ली। हिंदू धर्म में पूजे जाने वाले 36 करोड़ देवी देवताओं में सभी देवी-देवताओं का अलग स्थान और उनका अपना महत्व है। इन्हीं में से मां लक्ष्मी को धन की देवी और भगवान कुबेर को धन का देवता माना गया है। मां लक्ष्मी को सुख- समृद्धि, धन, ऐश्वर्य, विलासिता और संपन्नता का प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। कहा जाता है, मां लक्ष्मी की जिस व्यक्ति पर कृपा होती है, उसे सभी सुख-सुविधाएं आसानी से प्राप्त हो जाती हैं। उसके सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। अगर मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाएं, तो उसके बहुत ही भयावह परिणाम देखने को मिलते हैं, लेकिन अगर सच्चे मन और भक्ति भाव से किसी भी देवी-देवता की पूजा की जाए, तो वो शीघ्र ही प्रसन्न भी हो जाते हैं। आज हम माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के कुछ उपाय बताने जा रहे हैं, जिनके द्वारा आप भी माता लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन को धन और सुख समृद्धि से परिपूर्ण कर सकते हैं। 1. हिंदू शास्त्रों के अनुसार मां लक्ष्मी साफ-सफाई वाली जगह पर ही निवास करती हैं। जिन घरों में साफ-सफाई और सुंदर सजावट होती है, वहां माता का आगमन होता है, इसलिए हमेशा घर की साफ-सफाई करते रहना चाहिए। जिन घरों में सफाई नहीं होती और घर में मुख्य द्वार पर हमेशा गंदगी या जूते-चप्पल तितर-बितर पड़े रहते हैं, वहां से माता लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती हैं और वहां नकारात्मकता आती है। 2. जिन घरों में रात का खाना खाकर जूठे बर्तन किचन में पूरी रात के लिए छोड़ दिए जाते हैं, वहां पर माता लक्ष्मी का वास नहीं होता। वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे घरों से माता लक्ष्मी जल्दी रूठकर चली जाती हैं। 3. हिंदू धर्म में झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना गया है। इसलिए घर में झाड़ू को रखने वाले स्थान पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उसे घर के ऐसे हिस्से में रखना चाहिए जहां पर किसी की नजर आसानी से न पड़े। इसके आलावा झाड़ू को पैर से नहीं छूना चाहिए। शाम के समय घर पर झाड़ू लगाने से बचना चाहिए। कहा जाता है, कि झाड़ू का अपमान करने से धन की हानि होती है और मां लक्ष्मी ऐसे घरों का सदैव के लिए त्याग कर देती हैं। 4. वास्तु के अनुसार घर की उत्तर दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। इस दिशा में भारी और बेकार की चीजें फैलाकर नहीं रखना चाहिए, क्योंकि इस दिशा को भगवान कुबेर और माता लक्ष्मी की दिशा कहा गया है। 5. घर में रोज सुबह-शाम नियमित रूप से भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और शंख की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में माता लक्ष्मी का वास होता है।
-सम्मेलन के दौरान अधिवक्ता त्रिलोकी प्रसाद राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। मध्यप्रदेश सुहवल बारी समाज के भवन में सम्मेलन का हुआ आयोजन। बक्सर,विक्रांत। मध्यप्रदेश के सतना जिला के सुहवल स्थित बारी समाज के सामुदायिक भवन के परिसर में मध्य प्रदेश के सतना (सुहवल) बारी समाज के सौजन्य से आयोजित अखिल भारतीय बारी संघ का राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न हो गया। कड़ाके की ठंड के बीच सामाजिक सरोकार से लवरेज बारी समाज के प्रबुद्धजनों ने काफी तायदाद में हिस्सा लिया और बारी समाज की चातुर्दिक विकास के सवाल को लेकर सम्मेलन के बीच हंुकार भरने का कार्य किया। ठंड के बीच प्रकृति की मंद मुस्कान व कार्यक्रम के दिन भगवान भाष्कर की कृपा ने सम्मेलन को चार चांद लगा दिया। वहां शिरकत करने वाले लोग भगवान भाष्कर को याद करना नहीं भूल सके। सम्मेलन विभिन्न संास्कृतिक कार्यक्रम का हुआ आयोजन- सम्मेलन का उद्घाटन सतना रेएगांव की महिला विधायक कल्पना वर्मा व अधिवक्ता त्रिलोकी प्रसाद, के. के. वर्मा व विनोद कुमार रावत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में बाराणसी रामनगर के अधिवक्ता सह संघ के महासचिव त्रिलोकी प्रसाद, जबलपुर के राजेश वर्मा, जबलपुर के अनिल कुमार बारी के आलावे मेवालाल छतीसगढ़, विष्णु प्रसाद, सचिव मनबोध प्रसाद, बाराणसी जिलाध्यक्ष जर्नादन प्रसाद, अनिल कुमार रावत, अधिवक्ता के. के. वर्मा, रामकथा बारी, मध्यप्रदेश बारी संघ के अध्यक्ष नरेश प्रसाद, संरक्षक रामसखा प्रसाद बारी एवं अनिल बारी सहित दर्जनों लोग मंचासीन रहे। कार्यक्रम की शुरूआत बारी समाज की नन्हें बच्चियों द्वारा प्रस्तुत श्रीगणेश वंदना व स्वागत गान से हुई। मौंके पर बारी समाज के प्रबुद्ध वक्ताओं ने समाज के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा की रौशनी घर घर जलाए जानें को लेकर हुंकार भरा। साथ ही बारी समाज को देश के सभी प्रांतो में सामान्य रूप से बिहार प्रांत की तर्ज पर बारी को अतिपिछड़ा की श्रेणी में शामिल करने की मांग पर दिया जोर। वहीं वीर रूपन बारी के जन्म दिन पर सरकारी अवकाश घोषित करने को प्रस्ताव पारित करते हुए सरकार से मांग की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता नरेश प्रसाद बारी ने की। संचालन रविन्द्र प्रसाद रावत ने किया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक विनय कुमार के संयोजकत्व की भूरि भूरि प्रशंसा की गई। सम्मेलन में त्रिलोकी प्रसाद राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए- चुनाव अधिकारी अधिवक्ता के. के. वर्मा की देख रेख में सम्मेलन के बीच संघ की नई कमिटी के गठन को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया गया। चुनाव के दौरान अधिवक्ता सह संघ के महामंत्री त्रिलोकी प्रसाद रा. अध्यक्ष चुने गए। वहीं विक्रमा प्रसाद बारी संरक्षक बनाए गए।
इस्लामाबाद, 1 फरवरी (आईएएनएस)। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भारत के नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बयानबाजी में यहां तक कह गए कि इससे भारत में पचास करोड़ लोगों की नागरिकता खत्म हो जाएगी। पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, इमरान ने एक साक्षात्कार में कहा कि भारत में सीएए के बाद नेशनल रजिस्टर आफ सिटिजन (एनआरसी) बनाया जाएगा और इस पूरी कार्रवाई में वहां के पचास करोड़ लोगों नागरिकता खत्म हो जाएगी। इमरान ने चीन के कर्ज के जाल में फंसने की आशंका के कारण चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना पर उठ रहे सवालों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि इस बात का सिरे से कोई आधार ही नहीं है कि पाकिस्तान, चीन के कर्ज के जाल में फंस रहा है। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव के बारे में उन्होंने कहा कि यह अभी भी बना हुआ है लेकिन संतोष की बात यह है कि राजनयिक प्रयासों से इलाके में जंग टल गई है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि पाकिस्तान ने इस तनाव को घटाने में अपनी भूमिका निभाई है लेकिन इस तरह के विवादों के स्थायी समाधान की जरूरत है।
टैंक रोधी मिसाइलों की तीसरी पीढ़ी में पूर्ण विकसित होमगार्ड से लैस मिसाइलें शामिल हैं और "शॉट-एंड-भूल" के आधार पर संचालन करने में सक्षम हैं। पहला सीरियल एंटी टैंक मिसाइल सिस्टम अमेरिकी FGM-148 जेवेलिन था। रूसी कॉर्नेट पीढ़ी 2 + के अंतर्गत आता है और लक्ष्य पर अर्ध-स्वचालित मार्गदर्शन होता है। तीसरी पीढ़ी के मामले में, ऑपरेटर को लक्ष्य करना है, लक्ष्य पर कब्जा करना है, गोली मारना है और उस परिवर्तन की स्थिति के तुरंत बाद रॉकेट अपने आगे के सभी काम करेगा। वर्तमान में, भारतीय तीसरी पीढ़ी की मिसाइलों से लैस एक एंटी-टैंक कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए दुनिया में दूसरे स्थान पर हो सकते हैं। भारतीय डेवलपर्स की रिपोर्ट है कि नाग विरोधी टैंक परिसर के नवीनतम सफल परीक्षण जून 2017 में किए गए थे। लॉन्च के दौरान, डेवलपर्स के अनुसार, एक उपयुक्त अवलोकन किया गया था, "सभी रडार, इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम, टेलीमेट्री सिस्टम और अन्य स्टेशनों ने मिसाइलों की निगरानी की और सभी मापदंडों की निगरानी की। मिसाइल परीक्षण ने सभी आवश्यकताओं को पूरा किया। " यह माना जाता है कि निकट भविष्य में इस तरह के परिसरों का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया जा सकता है।
बेगूसराय में नामांकन के बाद बोगो सिंह (JDU MLA bogo singh) ने कहा कि उनके पूरे क्षेत्र में ऐसा कोई काम नहीं बचा है, जिसे लेकर सरकार पर सवाल खड़ा किया जा सके। BJP प्रेसिडेंट जेपी नड्डा की दो रैली बगावत कर एलजेपी उम्मीदवार बने पूर्व बीजेपी नेताओं के गढ़ में है। रैली में एनडीए के दिग्गज नेता भी शामिल होंगे। पटना (Biha) । खुद को सीएम फेस बताने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी (Pushpam Priya Chaudhary) ने बांकीपुर (Bankipur)से नामांकन किया है, वो रत्नों की काफी शौकीन हैं। उनके हाथों में जो अंगूठियां देखती है, वह उसकी कीमत आठ लाख रुपए बता रही हैं। चल संपत्ति 15 लाख 92 हजार 487 रुपये कीमत की है तो अचल संपत्ति एक भी नहीं। उनके पास एक भी वाहन नहीं है। बताते चले कि उनका परिवार 40 साल से राजनीति में सक्रिय है। उनके दादा, पिता और चाचा , सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के करीबियों में गिने जाते रहे हैं। चाचा इस बार भी जदयू प्रत्याशी हैं, जबकि पिता एमलसी थे, जिनका हाल ही में कार्यकाल समाप्त हुआ है। चिराग ने दावा किया कि सीट शेयरिंग पर एनडीए में कोई विवाद नहीं था। एक इंटरव्यू में एलजेपी चीफ ने कहा- "हम सीट बंटवारे की नहीं बल्कि एजेंडा की लड़ाई लड़ रहे थे। " आरजेडी के महागठबंधन में शामिल कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी दूसरी सूची आज जारी कर दी। साथ ही सिंबल भी बांटना शुरू कर दिया है। खबर है कि इस लिस्ट में जहां सिने स्टार और कांग्रेस के दिग्गज नेता शत्रुघ्न सिन्हा के पुत्र लव सिन्हा (Lav Sinha) का भी नाम शामिल है। वो पटना के बांकीपुर सीट से इस बार महागठबंधन के प्रत्याशी होंगे। इसके अलावा पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार सिंह के भतीजे राकेश सिंह उर्फ पप्पू सिंह को भी सिंबल दिया है। वर्चुअल रैलियों के बाद लगातार दूसरे दिन यानी आज भी नीतीश चार जनसभाएं करेंगे। ये सभाएं चकाई, सूर्यगढ़ा, बरबीघा एवं पालीगंज विधानसभा क्षेत्रों में प्रस्तावित हैं। पटना (Bihar ) । कौन बनेगा करोड़पति' (KBC) में इस बार भी बिहार का डंका बजा। पटना की राजलक्ष्मी ने 15 सवालों में से 14 के सही जवाब देकर 12. 50 लाख जीत लिया है। वो कॉमर्स की स्टूडेंट हैं और पटना से पढ़ाई पूरी की है। इस समय प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही हैं। वहीं, एक्सपर्ट के तौर पर पटना के व्यवसायी शरद सागर भी मौजूद थे, जो 12 साल तक स्कूल नहीं गए थे। हैदराबाद के बाद लौटते मानसून ने मुंबई और पुणे में जनजीवन अस्तव्यस्त कर दिया है। बुधवार रात से शुरू हुई बारिश से घरों में पानी भर गया। इस बीच मौसम विभाग ने मुंबई, ठाणे, उत्तरी कोंकण सहित कई इलाकों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। बता दें कि तेलंगाना में मंगलवार और बुधवार को हुई भारी बारिश से मकान गिरने आदि हादसों में 30 लोगों की मौत हो गई। पीड़ित बताया कि उसके साथ यह बर्बरता इंस्पेक्टर कुलदीप सिंह ने लॉकअप में की है। उसने बताया कि लॉकअप में जितने आरोपी बंद हैं, सभी के साथ वो ऐसी ही बर्बरता करता है। इंसान के नाम पर वह जल्लाद है। (फोटो प्रतीकात्मक )
जियो सिम में ऑफर और प्लान तो कई हैं लेकिन जियो सिम के नेटवर्क को लेकर अक्सर लोग परेशान रहते हैं। पूरे भारत में टेलीकॉम इंडस्ट्री को बस कुछ महीने में हिला कर रख देने वाली कंपनी जियो अपने ग्राहकों की इस परेशानी से वाकिफ है। इसीलिए कंपनी के द्वारा कुछ ऐसी सेटिंग प्रदान की गई हैं जो कि आपके नेटवर्क की परेशानी को दूर कर देगा। ऐसा बहुत कम होता है कि जब आप अपने फोन में काई नई सिम डालें तो आप अपने फोन की सेटिंग बदलते होंगे। लेकिन जियो फोन के केस में यह जरुरी है। आप अपना फोन स्विच ऑफ करके इसकी सिम निकालें और एक बार फिर डालें उसके बाद कुछ सेटिंग आएंगी जिसे आपको बदलना होगा। आगे की स्लाइड में देखें फोन की सेटिंग करने की प्रोसेस. . - सबसे पहले अपने फोन की सेटिंग में जाएं। - सेटिंग्स में मोबाइल नेटवर्क के ऑप्शन पर क्लिक करें। - इसमें कई ऑप्शन दिखेंगे लेकिन आप इसमें एक्सेस प्वाइंट नेम चेक करें। - आपको इसमें बहुत से नाम दिखाई देंगे लेकिन आपको इसमें एपीएन (APN)सलेक्ट करना है। - फोन के अनुसार इसमें थोड़े बदलाव हो सकते हैं लेकिन सेटिंग में जाकर आपको एपीएन ही सलेक्ट करना है। - इसके अलावा आपके फोन में प्रिफर्ड नेटवर्क एलटीई (LTE) होना चाहिए। - साथ ही समय-समय पर अपने फोन का Cache क्लीयर करते रहें। अगर जियो का नेटवर्क प्राब्लम चला जाता है तो जियो सिम की डिमांड और भी ज्यादा बढ़ सकती है। वैसे तो जियो कि सिम वैसे भी ज्यादातर लोगों के पास है लेकिन नेटवर्क का ईशू खत्म हो जाने पर हर स्तर के लोगों के पास यह सिम पहुंच सकती है। जियो का जो फोन मार्केट में आने वाला है उसकी बुकिंग 15 अगस्त से शुरू होने वाली है। हो सकता है जियो फोन में जियो सिम का नेटवर्क और भी ज्यादा स्ट्रांग हो जाए और जियो से और भी लोग जुड़ जाएं।
३४ जेनसाहित्यका इतिहाम जाता है उसके सर्व अनुभागविशेषोमे संक्रमण होता है। किन्तु उदय मध्यमकृष्टिसे जानना चाहिये ।। २१९ ।। इस गाथा पूर्वार्ध तो पृच्छासूनम्प है किन्तु उत्तरार्धको चूर्णिसूत्रकारने वागरणसुत्त कहा है । जिस गाथा के द्वारा किसी विषयकी सूचना की गई हो उमको 'सूचनासून' कहा है । जैसे गाया ६७ के 'केवडिया' उवजुत्ता' पदसे द्रव्यप्रमाणानुगम, 'सग्मिीसु च वग्गणाकमाएसु' पदमे कालानुगम, 'केवडिया च कमाए' पदमे भागाभाग, और 'के के च विमिस्सदे केण पदमे अल्पबहुत्व, इस प्रकार ये चार अनुयोग तो सूत्रनिबद्ध है। किन्तु शेष चार अनुयोग सूचनारूप अनुमानमे ग्रहण कर लेना चाहिये । कसायपाहुड शैली गाथाओके उक्त विवरणसे कमायपाहुडकी शैलीका आभास मिल जाता है । रचनाकी दृष्टिने गाथाओकी शब्दावली क्लिष्ट नहीं है किन्तु जैन कर्ममिद्धान्तसे सबद्ध होनेके कारण जैन कर्मसिद्धान्तका ज्ञाता ही उनका रहस्य समझ सकता है । परन्तु अधिकतर गाथाएं पृच्छारूप है - उनमें प्रत्येक अधिकारसे मवद्ध विषयोको प्रश्नके रूपमे निर्दिष्ट किया गया है किन्तु कही तो उन प्रश्नोसे सम्बद्ध कुछ आवश्यक वातोको सूत्ररूपसे कह दिया गया है, अन्यथा प्रश्नोके द्वारा ही विषयोकी सूचना देकर ज्यो-का-त्यो छोड़ दिया गया है। इसका कारण यह है कि इस ग्रन्थकी रचना जनसाधारणके लिये नहीं की गई है, किन्तु जैन कर्मसिद्धान्तके पारगामी बहुश्रुतोके लिये की गई है। अत इसके पृच्छासूत्रोंमें उठाये गये प्रश्नोको हृदयगम करके उनका समाधान वही कर सकता है जो आर्यमक्ष और नागहस्तीकी तरह उस विषयका मर्मज्ञ हो । इन्द्रनन्दिने अपने श्रुतावतारमें जो यह लिखा है कि गुणधर आचार्यने अपने द्वारा रचित कसायपाहुडकी गाथाओका व्याख्यान आर्यमक्षु और नागहस्तीको किया, उसमें कितना तथ्य है, यह कहना तो शक्य नहीं है, किन्तु इसमें सन्देह नही कि गुणधराचार्यने कसायपाहुडकी रचना करके अवश्य ही उनका व्याख्यान अपने १ 'चवो व सकमो वा णियमा सन्वेसु ट्ठिदिविसेसु । सन्वेसु चाणुभागेसु मकमो मज्झिमो उदओ ।।२१९।। - 'सन्सु चाणुभागेसु मकमो मज्झिमो उदओ त्ति एद मन्व वागरण सुत्त - क. पा. सू, पृ० २८३ । २ 'केवडिया उवजुत्ता सरिसीसु च वग्गणाकसाएसु' चेति एदिस्से गाहाए अत्थ विहासा एसा गाहा सूचणासुत्त । एदीए सूचिदाणि अट्ठ अणिओगद्दाराणि । -क० पासू
ज्ञानदेवने कहा - 'मैं ज्ञानदेव अर्थात् सकल अगमका वेत्ता हूँ । पूछनेसे तो मैं त्रिवार यही कहूँगा ।' सोपानदेवने कहा- 'भगवान्के भजनमें लोगोंको लगाना और भक्तिमानोंको वैकुण्ठ प्राप्त कराना मेरा काम है ।' मुक्ताबाईने कहा - 'मैं मुक्तिका द्वार खोलती हूँ । इस भुवनमें भगवान्की लीला दिखाने प्रकट हुई हूँ ।' 'छोटे' बच्चोंके मुँह ये 'बड़ी' बातें सुनकर कितने ही लोग हँस पड़े । इसी समय सभामण्डपके बाहर रास्तेपर एक भैंसा दिखायी दिया । उसकी ओर देखते हुए कोई वोल उठा - 'अजी ! नाम क्या धरा है ? यह भैंसा जा रहा है । इसका भी नाम ज्ञानदेव है !" यह बात सुनते ही ज्ञानदेवने कहा - 'हाँ, ठीक ही तो है, इसमें हममें कोई भेद नहीं है, यह भैंसा भी मेरा आत्मा ही है - 'यदि ठीक तरहसे देखिये तो भैंसेमें और हममें किञ्चित् भी भेद नहीं है । सत्र देहोंमें, प्राणिमात्रमें समानरूपसे वही आत्मा व्यापक है । असंख्य घड़ोंमें जल भरा हुआ है और उन सबमें एक ही सूर्य प्रतिविम्वित हो रहा है, उसी प्रकार सब भूतमें समानरूपसे भगवान् व्यापक हैं । नाना प्रकारकी वनस्पतियाँ हैं, पर सबके मूलमें एक जल ही व्यापक है, वैसे ही सब भूतोंमें एक रमानायक ही व्यापक हैं ।' सर्वत्र समरस परमात्मामें जिनकी दृष्टि लगी हुई थी उन्हें अपने और भैंसे के बीच कोई अन्तर नहीं दिखायी दिया। उनके अन्तःकरणमें जो यह अभेद-भाव उदय हुआ था उसका प्रमाण भी
नई दिल्ली। सत्ता संभालने के बाद मोदी सरकार ने एक ऐसा फैसला लिया जिसने सभी को चौंका दिया, वो फैसला था नोटबंदी का। इस फैसले से देश की जनता को थोड़ी परेशानी हुई लेकिन जल्द ही हालातों को काबू में कर लिया। नोटबंदी का फैसला लेने के बाद एक के बाद एक ईडी द्वारा भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई जारी है। पहले ईडी ने कई नामी लोगों की कंपनियों पर छापेमारी की। छापेमारी की कड़ी में ईडी ने आज 9 राज्यों में एक बार फिर से भ्रष्टाचार के आरोपों की पोल खोलने के लिए कदम उठाया है। खबरों के मुताबिक मोदी सरकार के ऑपरेशन ब्लैक मनी पार्ट 2 को ऑपरेशन ब्यूरोक्रेट्स का नाम दिया गया है। इस ऑपरेशन के तहत ईडी ने 18 नौकरशाहों के ठिकानो पर छापेमारी की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन राज्यों में ईडी ने छापेमरी की है उनमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गोवा, राजस्थान, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ पश्चिम बंगाल शामिल हैं। बताया जा रहा है कि इस छापेमारी के दौरान ईडी को कई अहम दस्तावेज मिलें है जो कई करोड़ के कालेधन पर से पर्दा उठा सकते हैं। नोएडा अथॉरिटी के पूर्व प्रमुख अभियंता यादव सिंह की कंपनियों पर छापेमारी की गई थी ताकि एक बड़े कालेधन के राज पर से पर्दा उठ सकें।
क्या आपको पता है कि गमले में लगा मोगरे का पौधा किस तरह से ज्यादा फूल दे सकता है? नर्सरी में पौधे में फूल आते हैं, लेकिन घर पर नहीं। इस समस्या का समाधान हमने पूछ लिया माली से। इस मौसम में मोगरे और बेला के फूल बहुत ही ज्यादा खिलते हैं। इनकी खुशबू से पूरा घर भर जाता है। पर कई बार ऐसा होता है कि मोगरे का पौधा आप लगा तो लेते हैं, लेकिन फिर भी इसमें ज्यादा फूल नहीं आते। वैसे तो इसकी शुरुआत सर्दियों के बाद ही कर देनी चाहिए। यानी फरवरी-मार्च के महीने में ही पौधे की प्रूनिंग कर इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। हालांकि, अगर आप यह नहीं कर पाए हैं, तो आप अब सॉफ्ट प्रूनिंग करने के बाद पौधे की गुढ़ाई कर सही फर्टिलाइजर का इस्तेमाल करें। अगर मोगरे का पौधा गमले में लगा है, तो हो सकता है कि उसमें बहुत सारे फूल ना देखने को मिलें। पर कुछ ट्रिक्स से इस पौधे में फूलों की पैदावार बढ़ सकती है। हमने नोएडा सेक्टर 27 स्थित नर्सरी के माली कमलेश कुशवाहा से बात की। उन्होंने हमें नर्सरी वालों के कुछ सीक्रेट्स बताए जो अधिकतर लोग नहीं जानते। क्या है सॉफ्ट प्रूनिंग? मोगरे के डोरमेंसी पीरियड के बाद आपको पौधे को तैयार करना होता है। आप सॉफ्ट प्रूनिंग जून-जुलाई में भी कर सकते हैं। ऊपर की टहनियों में जहां से पत्तियां उगती हैं वहां से आपको इसे छांट देना है। कोई टहनी अगर बेल की तरह बढ़ रही हो, तो उसे भी कट कर दें। इन्हें हाथ से नहीं तोड़ना, बल्कि इसे कैंची या पौधे काटने वाले किसी अन्य औजार से सीधा काटना है। बरसात के मौसम में यह बहुत तेजी से बढ़ता है और पौधा अपनी सारी एनर्जी बढ़ने के लिए लगाता है ना कि फूल प्रोड्यूस करने पर। ऐसे में कटिंग जरूरी हो जाती है। आपको सूखे फूल, फ्लावर नॉड्स, सूखी हुई टहनियां भी काट देनी है। ऐसे में ना सिर्फ पौधे का शेप अच्छा रहेगा, बल्कि पौधा हेल्दी भी बना रहेगा। ऐसे ही एक हार्ड प्रूनिंग भी होती है जिसे सर्दियों के बाद करना बेहतर होता है। इसका मतलब मुख्य टहनी को छोड़कर आपको बाकी सभी को छांट देना है और पौधा बहुत छोटा कर देना है, ताकि वह बढ़ने लगे। प्रूनिंग के बाद आपको इसकी मिट्टी लगभग 1 इंच तक खोदनी है। ध्यान रखें कि मुख्य जड़ को नुकसान ना पहुंचाएं। गुढ़ाई से पौधे की जड़ पर हवा लगती है और बारिश के मौसम में इसका फायदा होता है। कई बार लोग मोगरे के पौधे की रीपॉटिंग करने के बारे में सोचते हैं। ऐसे में आप मिट्टी में वर्मी कम्पोस्ट और गोबर की खाद जरूर मिलाएं। नर्सरी में पौधे रीपॉट होते रहते हैं जिससे मोगरे में नई जान बनी रहती है। आपको 2 चम्मच चाय की पत्ती को आधा लीटर पानी में उबालना है और उसे तब तक उबालना है जब तक वो आधा ना रह जाए। इसके बाद इस पानी को ठंडा करना है और इसे एक या डेढ़ लीटर पानी में डाइल्यूट करना है। इसे गुढ़ाई करने वाले दिन के अगले दिन आपको पौधे में डालना है। यह बेला, चमेली, मोगरा जैसे सभी सफेद फूलों वाले पौधों के लिए अच्छा फर्टिलाइजर है। आपका पौधा छोटा है तो एक चम्मच चाय की पत्ती ही इस्तेमाल करें। मोगरे के पौधे को हमेशा धूप में ही रखें। इसे छांव में रखेंगी, तो फूल कम आएंगे। आप इन ट्रिक्स को अपना कर देखिए और अपना एक्सपीरियंस हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताइए। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से। आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, compliant_gro@jagrannewmedia. com पर हमसे संपर्क करें।
अजय ने शिवाय में अदाकारी के साथ निर्देशन भी किया है। अजय की यह फिल्म उनकी ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म है। बॉलीवुड के सिंघम अजय देवगन फ़िलहाल अपनी फ़िल्म शिवाय के प्रमोशन में व्यस्त हैं। अजय देवगन चाहते हैं की उनकी फिल्म 'शिवाय' उनके हर फैन तक पहुंचे इसलिए अजय देश और विदेश में अपनी फिल्म का प्रमोशन करते नज़र आ रहे हैं। यही वजह है की शिवाय के लिए अजय देवगन अपने सबसे अच्छे दोस्त सलमान खान का सुल्तान प्लैन अपनाते नज़र आ रहे हैं। सलमान खान की तरह शाहरुख़ खान भी अपनी फिल्म फैन का प्रमोशन चला हवा येऊ दया शो में कर चुके हैं। फैन ने भी जमकर कमाई की थी। यही वजह है की अब अजय भी सलमान खान और शाहरुख़ खान के नक़्शे कदम पर चलते हुए शिवाय का प्रमोशन चला हवा येउ दया में करनेवाले हैं। ज़ी मराठी के चला हवा येऊ दया के कलाकार भाऊ कदम बेहद लोकप्रिय हैं। कपिल शर्मा की तरह मराठी लोग भाऊ कदम की कॉमेडी को खूब पसंद करते हैं। अजय देवगन चाहते हैं की चला हवा येऊ दया के ज़रिये अपने ग्रामीण फैन्स तक पहुंचे। अजय को इस मिशन में उनकी पत्नी काजोल भी कदम से कदम मिला कर साथ दे रही हैं। बता दें कि अजय ने शिवाय में अदाकारी के साथ निर्देशन भी किया है। अजय की यह फिल्म उनकी ड्रीम प्रोजेक्ट फिल्म है। शिवाय में अजय के साथ एक्ट्रेस एरिका कार और सायशा सैगल नज़र आएंगी। अजय की यह फिल्म 28 अक्तूबर को रिलीज़ होनेवाली है। फिल्ममेकर करण जौहर की फिल्म ऐ दिल है मुश्किल भी इसी दिन रिलीज़ हो रही है। जिसमे ऐश्वर्या राय, रणबीर कपूर, अनुष्का शर्मा और फ़वाद खान नज़र आनेवाले हैं। अजय के प्रमोशन फंडे जानने के लिए नीचे दिए वीडियो पर क्लिक करें। आपको यह खबर कैसी लगी यह हमें ज़रूर बताएं.. बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें...बॉलीवुड लाइफ हिन्दी के फेसबुक पेज, ट्विटर पेज, ताजा गॉसिप के लिए हमें Facebook Messenger पर फॉलो करें।
प्रदेश की आवासीय कालोनियों के 500 स्कवेयर मीटर रिहायशी मकानों के मैप को पंजीकृत प्राइवेट प्रोफेशनल भी पास कर सकेंगे। लोगों को विभाग के चक्करों से निजात दिलाने की मंशा जताते हुए यह प्रावधान किया गया है, जिसके तहत यूएलबी और हिमुडा की सिर्फ आवासीय कालोनियों के लिए यह सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए पंजीकृत प्राइवेट प्रोफेशनल के पास पंजीकरण के उपरांत एक साल का अनुभव होना लाजिमी है। इसके लिए विभाग अपने पोर्टल में आवश्यक बदलाव कर रहा है और ऑनलाइन पोर्टल में यह व्यवस्था हो जाने के बाद ही पंजीकृत प्राइवेट प्रोफेशनल को शक्तियां दी जाएंगी। प्रदेश के अधिसूचित योजना/विशेष क्षेत्रों, शहरी स्थानीय निकायों व संपूर्ण राज्य में शहरी विकास प्राधिकरण यानि हिमुडा कालोनियों में आवासीय उपयोग के लिए 500 मीटर प्लाट क्षेत्र तक योजना अनुज्ञा प्रदान करने के लिए पंजीकृत प्राइवेट प्रोफेशनल के लिए एसओपी जारी कर दी गई है। इसके तहत यूएलबी व हिमुडा के तहत संपूर्ण राज्य में केवल आवासीय उपयोग के लिए 500 वर्ग मीटर तक के प्लाट क्षेत्रों में योजना अनुज्ञा प्रदान करने के लिए अधिकृत किया गया है। अतिरिक्त सचिव नगर एवं ग्राम योजना विनय कुमार ने बताया इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। विभाग के वेब पोर्टल में जरूरत के हिसाब से संशोधन किया जा रहा है और ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा तैयार होने के उपरांत ही पंजीकृत प्राइवेट प्रोफेशनल इन नक्शों को पास कर सकेंगे। (एचडीएम) पहले टीसीपी महकमा ही इन नक्शों को पास करता था, जिससे विभाग में नक्शे पास करवाने वालों की भीड़ लग जाती थी। लोगों को सुविधा प्रदान करने के लिए इस व्यवस्था को लागू किया गया है, लेकिन इसमें पंजीकृत प्राइवेट प्रोफेशनलों के ऑनलाइन आवेदन पर नजर रखने के लिए और अनियमितताओं से निपटने के लिए विभाग इन पर 10 फीसदी नजर भी रखेगा। यानि आवेदनों की प्रक्रिया और इसका सत्यापन जांच की भी इसमें व्यवस्था रहेगी, जिसके लिए विभाग द्वारा अनियमितताएं पर रोक लगाने पर भी नजर रखी जाएगी।
Arjun Tendulkar: दो साल इंतजार करने के बाद अर्जुन तेंदुलकर को इस साल आईपीएल डेब्यू का मौका मिला है और इसी का साथ वो और सचिन आईपीएल में खेलने वाली पहली पिता-बेटे की जोड़ी बन गई है. नई दिल्लीः महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन ने हाल ही में आईपीएल डेब्यू किया. मुंबई इंडियंस ने आईपीएल-2023 में कोलकाता नाइट राइडर्स के खिलाफ अर्जुन को मौका दिया था. इसी के साथ सचिन और अर्जुन आईपीएल में खेलने वाले पहले पिता-बेटे की जोड़ी बन गई है. अर्जुन के डेब्यू के बाद कई लोगों ने उन्हें बधाई दी जिसमें वो शख्स शामिल था जिसको अर्जुन ने पहली बार गेंद फेंकी थी. अर्जुन ने इस मैच में गेंदबाजी की शुरुआत की थी. बाएं हाथ के इस गेंदबाज ने दो ओवर फेंके थे जिसमें 17 रन दिए. अर्जुन को हालांकि विकेट नहीं मिला. इस मैच में अर्जुन की बल्लेबाजी भी नहीं आई थी. सचिन भी मुंबई इंडियंस के लिए खेल चुके हैं. वह मुंबई की कप्तानी भी कर चुके हैं और इस समय बतौर मेंटॉर टीम के साथ हैं. Arjun Tendulkar made his IPL debut for @mipaltan on Sunday as the legendary @sachin_rt watched his son from the confines of the dressing room ???? अर्जुन के डेब्यू के बाद कई लोगों ने ट्वीट करते हुए सचिन और उनके बेटे को बधाइयां दीं. इनमें वो शख्स भी शामिल थे जिसको अर्जुन ने पहली बार गेंदबाजी की थी. ये शख्स कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड अभिनेता अमिताभ बच्चन के बेटे अभिषेक बच्चन हैं. अभिषेक ने अर्जुन और सचिन को बधाई देते हुए लिखा था कि तेंदुलकर को मुंबई इंडियंस की लाइनअप में देख काफी अच्छा लगा. इस पर सचिन ने अभिषेक को शुक्रिया कहते हुए लिखा कि अभिषेक संभवतः वो पहले शख्स हैं जिनको अर्जुन ने गेंदबाजी की थी. ये मामला तब का जब ये लोग बिल्डिंग में क्रिकेट खेला करते थे. अर्जुन पिछले दो सीजन से मुंबई इंडियंस के साथ थे. मुंबई ने उन्हें 2021 में अपने साथ जोड़ा था लेकिन डेब्यू का मौका 2023 में मिला.अर्जुन ऑलराउंडर हैं और नई गेंद से गेंदबाजी करने के अलावा वह निचले क्रम में बल्लेबाजी भी करते हैं. अर्जुन के पहले मैच में मुंबई इंडियंस को जीत मिली थी.उसने कोलकाता नाइट राइडर्स को हराया था.
नई दिल्लीः टीवी शो 'बढ़ो बहू' में लकी के किरदार में नजर आने वाले अभिनेता प्रिंस नरूला ने एक दृश्य में भगवान शिव की भूमिका निभाने से इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने चिकन खा लिया था। प्रिंस को एक दृश्य में शिव की भूमिका निभाने के लिए कहा गया, जहां उनकी पत्नी बढ़ो (रिताशा राठौड़) अपनी कल्पना में लकी को भगवान शिव के रूप में देखती हैं। प्रिंस इस शो में अपनी भूमिका की तैयारी के मद्देनजर अपने आहार में खूब प्रोटीन और चिकन का सेवन कर रहे हैं और उन्हें जिस दिन शिव की भूमिका निभाने के लिए कहा गया, उस दिन पहले ही वह नाश्ते में चिकन खा चुके थे। प्रिंस ने अपने बयान में कहा, 'पटकथा बस आया ही था और बहुत कम समय में मुझसे भगवान शिव की भूमिका निभाने के लिए कहा गया। मैं जिस दिन मासांहारी खाना खाता हूं, उस दिन किसी भगवान की भूमिका नहीं निभा सकता। ' अभिनेता के मुताबिक, जिस दिन उन्हें ऐसी भूमिका निभाने की जरूरत होगी, उस दिन वह मांसाहारी भोजन नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि यह उनकी निजी राय है और उन्हें खुशी है कि निर्माता और चैनल ने उनकी भवनाओं को समझते हुए उन्हें यह भूमिका निभाने के लिए मजबूर नहीं किया। ये भी पढ़ें, आमिर खान की फिल्म 'ठग्स ऑफ हिंदोस्तान' का लुक सोशल मीडिया पर वायरल!
संदर्भ : असाहित्यकार सोनी सोरी को साहित्यिक पुरस्कार मिलना. गुजरी होली पर खबर हिमाचल प्रदेश के गांव से आई जहां सामुदायिक मिलन समारोह में पुरस्कारस्वरूप, महिलाओं को सेनेटरी-पेड बांटे गए। विवाद बढ़ा तो उनके पतियों ने खासा बवाल मचाया और अंततः आयोजकों के माफी मांगने के बाद मामला रफा-दफा हुआ। मगर यही गलती जब देश के प्रमुख राजनीतिक दल आम आदमी पार्टी से हो तो सवाल खड़े होना लाजिमी है। दिल्ली सरकार द्वारा दिया जाने वाला संतोष कोली साहित्यिक पुरस्कार बस्तर की आदिवासी नेता सोनी सोरी को दिया गया है, जिनकी पहचान एक एक्टिविस्ट और आप पार्टी की नवांकुर नेता से ज्यादा कुछ नही है। अफसोस कि साहित्यकारों के हक और लेखनी पर थानेदारी रखने वाली संस्था हिंदी अकादमी संचालन समिति-जिसकी उपाध्यक्ष प्रख्यात महिला साहित्यकार मैत्रेयी पुष्पा हैं-ने इस फैसले पर अपनी मुहर लगाई जो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में काम करती है। हालांकि इस निर्णय ने पार्टी की नैतिकता और पुरस्कार की गरिमा पर सवालिया निशान तो खड़े कर ही दिये हैं। दरअसल दिल्ली की सत्ता में काबिज होने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ता संतोष कोली के नाम से दो लाख रूपये का एक साहित्यिक पुरस्कार प्रांरभ किया। कोली, आम आदमी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे ना कि साहित्यकार। फिर भी मैं इसे गलत नही मानता क्योंकि अकसरहां हर राजनीतिक दल मौका और मजबूरियों के चलते ऐसा करते आया है। 1990 के दशक तक देश की हर गली और सरकारी योजना का नाम गांधी परिवार के सदस्यों के नाम ही रखा जाता रहा। फिर क्या कांग्रेस, क्या भाजपा, क्या समाजवादी और क्या आम आदमी पार्टी, जिसे जब जहां मौका मिला, पुरस्कार या नामकरण के नाम पर अपने महापुरूषों या पुरूषों को महिमामंडित करते आए हैं। गर्वभरी खुशी के साथ यह कहने में हर्ज नहीं कि आदिवासी महिला सोनी सोरी, बस्तर की नई पहचान बनकर उभरी हैं। गुजरे लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने उन्हें बस्तर लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार के तौर पर उतारा था लेकिन वे तीसरे स्थान पर रहीं थी। उन पर लाख इल्जाम होंगे लेकिन मैं उन्हें एक ऐसी साहसी महिला के तौर पर जानता हूं जिन्होंने पारिवारिक गरीबी के साथ-साथ माओवाद, पुलिसिया आतंक और खुद की जिंदगी से लोहा लेते हुए खुद को स्थापित किया है। वे बड़ा दिल रखती हैं क्योंकि क्योंकि ताजा साहित्यिक पुरस्कार में मिली दो लाख की राशि जिस तरह आदिवासियों के नाम की, अच्छे-खासे यह दरियादिली नहीं दिखा पाते, इसलिए सोनी सोरी के प्रति मेरे मन में गहरा और बड़ा सम्मान जुड़ा है। लेकिन यहां सवालों को तहाते हुए भूलना नही चाहिए कि कानून की नजर में सोनी सोरी एक संदिगध नक्सली ही हैं। उनके साथ एक काला अध्याय यह भी जुड़ा है कि वे नक्सलियों के लिए एस्सार से लेवी वसूलते पकड़ी गई थीं। यह ठीक है कि आने वाले समय में अदालत से निर्दोष बरी हो सकती हैं मगर दिमाग को मथने वाला सवाल यह है कि क्या सोनी सोरी साहित्यकार हैं? छत्तीसगढ़ में सक्रिय पत्रकारिता करने के कारण मैं और बाकी लोग भी यह बखूबी जानते हैं कि कोई पुस्तक तो छोड़ दीजिए, उन्होंने कहानी तक नहीं लिखी। साफ है कि जिस तरह सेना का वीरता पदक एैरे-गैरे, नत्थू-खैरों को नही दिया जा सकता, उसी तरह साहित्यिक सम्मान पर भी पहला दावा या अधिकार तो साहित्य-साधक का ही बनता है ना। देश तो छोड़ दीजिए, अकेले दिल्ली में ही कई ऐसे साहित्यकार होंगे जिन्होंने साहित्य की सेवा में जिंदगी खफा दी मगर उन्हें आज तक कोई पुरस्कार नही मिल सका। दुःख की बात यह कि जिस पार्टी में प्रशांत भूषण, आशुतोष और कुमार विश्वास जैसे बुद्धिजीवी हों, जिन्होंने हिन्दी के नाम की रोटी खाकर अपना वजूद तैयार किया हो, वे भी इस मामले में दुचित्तापन दिखाने से बाज नही आए। ये सब महानुभाव आपत्ति दर्ज कराते तो हो सकता है पुरस्कार सही हाथों में जाता लेकिन इसे सत्ता की अंधी अभिलाषा कह लीजिए या शीर्ष पर पहुंच जाने के बाद खुद ब खुद आ धमकने वाला अंधत्व कि सब धृतराष्ट्र की तरह आंख पर पट्टी बांधे चीरहरण होता देखते रहे। आशंका बलवती है कि हो सकता है आम आदमी पार्टी ने यह सोचा हो कि सोनी सोरी को पुरस्कार देने के बाद जो साहित्यिक जमूरे विवाद खड़ा करते हुए हो-हल्ला करेंगे, उसके चलते सोरी को प्रसिद्धि मिलेगी और पार्टी उसे अगले चुनाव में भुना सकेगी। अफसोस कि अपने आकाश पे परायों की जिंदगी रोशन करने जैसे इस प्रयोग पर जो उंगलियां उठनी चाहिए थी, वह शांत कैसे बैठी हैं? गुजरे महीनों में जिन नौ साहित्यकारों ने असहिष्णुता से दुःखी होकर अपने अवार्ड्स वापस लौटाए, वे अपनी बिरादरी के साथ होते अन्याय पर अब मौनी बाबा क्यों बन गए? आपके हिस्से का पुरस्कार ऐसे शख्स को दिया गया, जिसकी उपलब्धि साहित्यिक-सेवा के नाम पर शून्य ही है। वह भी दिल्ली जैसे बुद्धिजीवी शहर में-जहां छद्म आवरण ओढक़र, मंत्रियों की सिफारिशें कराकर पुरस्कार हासिल किए जाते हों, वहां सुविचारित और सुचिंतित धैर्य के साथ सरकार के इस अन्याय पर साहित्यकार कैसे नही बिलबिलाए, यह आश्चर्यजनक है। साहित्यकार विष्णु खरे ने एक बार कहा था कि यह हिन्दी की चीखती टिटहरियां हैं जिन्हें यह मुगालता है कि आसमान उन्हीं के पैरों पर टिका हुआ है। लेखकों के दिमाग में किसी की थानेदारी स्वीकार नहीं की जानी चाहिए या कुपात्रों को पुरस्कार बांटने के प्रयासों को धिक्कारना ही होगा। आम आदमी पार्टी की सरकार ने यदि इसकी शुरूआत की है तो इसके खिलाफ साहित्यकारों, पत्रकारों, बुद्धिजीवियों सभी को बिगुल फूंकना चाहिए। देश की साहित्यिक बिरादरी के अगुआ नामवर सिंह, अशोक बाजपेयी, काशीनाथ सिंह, अरूंधति रॉय, मृणाल पाण्डे या हमारे अंचल के ख्यातिलब्ध गिरीश पंकज सरीखे विद्वान-जिन्होंने मेरे जैसे कई पाठकों का भरोसा जीता हुआ है-को भी चाहिए कि वह ऐसे प्रयोगों के खिलाफ उतरें अन्यथा देश किसी दिन यह भी देखेगा कि वीर सैनिक का वीरता पदक किसी राजनेता को मिलने जा रहा है।
घरों में चींटियों का निकलना आम बात है। इसलिए अक्सर हम इसे सामान्य घटना जानकर नजरअंदाज कर देते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन चींटियों से शुभ और अशुभ घटनाओ का भी पता चलता है। साल 2021 के अंतिम महीने दिसंबर में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहा हैं। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों की चाल में परिवर्तन सभी राशियों के जातकों पर प्रभाव डालता है। कुछ के लिए शुभ समय की शुरुआत होती है, तो कुछ राशियों के लिए ये खराब समय लेकर आता है। वैसे दिसंबर में ग्रहों का ये राशि परिवर्तन 3 राशियों के जातकों के लिए शुभ माना जा रहा है। तुलसी में भगवान का वास होता है, इसलिए इसे घर के आंगन में लगाया जाता है। इसमें वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने की क्षमता होती है। तुलसी के पौधे का हिंदू धर्म में खास माना जाता। देवी-देवताओं की पूजा में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। दिवाली की रात्रि को सिद्धि प्रदान करने वाली रात्रि कहा गया है। माना जाता है कि इस रात यदि कोई पूजा-अनुष्ठान किया जाए तो वह अवश्य सफल होता है। माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर पधारती हैं और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं।
बॉलीवुड के दो शानदार कलाकार राजकुमार राव और श्रद्धा कपूर की हॉरर कॉमेडी फिल्म 'स्त्री' लगातार चर्चाओं में बनी हुई है। बता दें कि बीते कई दिन से यह फिल्म #MardKoDardHoga के साथ सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहा था। फिल्म का ट्रेलर भी रिलीज हो चुका है। अभिनेत्री श्रद्धा कपूर एक हॉरर-कॉमेडी फिल्म में अभिनेता राजकुमार राव के साथ नजर आएंगी। फिल्म की पटकथा राज निदिमोरू और कृष्णा डीके ने लिखी है और फिल्म का निर्माण दिनेश विजन की कंपनी मैडडॉक फिल्म्स कर रही है।
बैंको से करीब 9 हजार करोड़ रूपए लेकर दिवालिया हो चुके विजय माल्या इन दिनों एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. इस बार माल्या किसी घोटाले के लिए नहीं बल्कि अपनी शादी को लेकर चर्चा में हैं. जी हाँ. . . विजय माल्या जल्द ही लंदन में तीसरी शादी करने वाले हैं. खास बात तो ये हैं कि माल्या जिस लड़की से शादी करने वाले हैं वो लड़की उनके साथ 2016 में भागी थी. ये लड़की है पिंकी लालवानी. पिंकी और विजय का पिछले तीन साल से अफेयर चल रहा है. अब सुनने में आ रहा है कि जल्द ही दोनों शादी कर सकते है. हालाँकि अब तक माल्या की शादी की आधिरकारित तौर पर पुष्टि नहीं हुई हैं लेकिन मीडिया में माल्या की शादी की खबरे जोरो-शोरों से फैली हैं. माल्या की शादी की खबरे सुनते ही सोशल मीडिया यूज़र्स तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे है. सोशल मीडिया यूज़र अब माल्या के मजे लेने लग गए है. इस मजे में माल्या का 30 साल का बेटा सिद्धार्थ भी घिसने लगा है. ऐसा इसलिए क्योकि सिद्धार्थ की अब तक शादी नहीं हुई और पिता तीसरी शादी करने को तैयार है. हालाँकि अब तक माल्या का दूसरी पत्नी से तलाक नहीं हुआ है. लोगों ने माल्या का मजाक उड़ाते हुए कमेंट किया है कि- 'यहाँ एक बार घोड़ी पर चढ़ना नसीब नहीं हो रहा है और ये साला तब से ही घोड़ी पर घूम रहा है. ' आपको बता दे 2 मार्च 2016 को माल्या के साथ पिंकी लालवानी भी देश छोड़कर फरार हो गई थी. पिंकी लालवानी माल्या के हर अच्छे-बुरे वक्त में उनका साथ देती हुई नजर आई हैं. लंदन में चल रहे माल्या के केस की सुनवाई के दौरान भी पिंकी उनके साथ ही रहती हैं. खैर अब देखना तो ये है कि इनकी शादी की बातों में कितनी सच्चाई रहती है.
Coronavirus: वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर पूरी दुनिया में जारी है। विश्वभर में इसकी वैक्सीन को लेकर काम कर रहे हैं। कुछ वैक्सीन का ट्रायल तो अंतिम चरणों में है। वहीं भारत में भी इसको लेकर तमाम प्रयास जारी हैं। नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोरोनावायरस (Coronavirus) का कहर पूरी दुनिया में जारी है। विश्वभर में इसकी वैक्सीन को लेकर काम कर रहे हैं। कुछ वैक्सीन का ट्रायल तो अंतिम चरणों में है। वहीं भारत में भी इसको लेकर तमाम प्रयास जारी हैं। इसी बीच आईआईटी दिल्ली की एक रिसर्च में दावा किया है दरअसल रिसर्च में पाया गया है कि एक दवा कोरोनावायरस में दस गुना ज्यादा असरदार है। आईआईटी दिल्ली के कुसुम स्कूल ऑफ बायोलॉजिक साइंसेस के प्रोफेसर अशोक पटेल ने दावा किया है कि, टीकोप्लेनिन (Teicoplanin) नाम की दवा कोरोनावायरस पर अन्य दवाओं की अपेक्षा 10 गुना ज्यादा असरदार है। प्रोफेसर पटेल ने कहा कि, टीकोप्लेनिन नाम की एक ग्लायकोपेप्टाइड ऐंटीबॉयोटिक दवा से कोरोनावायरस के इलाज में उम्मीद जागी है। उनके मुताबिक जब बाकी दावाओं की तुलना जब टीकोप्लेनिन के असर से की गई। तो यह 10 गुना ज्यादा असरदार साबित हुई। बता दें प्रोफेसर अशोक पटेल आईआईटी दिल्ली में कोरोना के इलाज के लिए प्रयोग होने वाली दवाओं की खोज करने वाली टीम को लीड कर रहे हैं। अशोक पटेल ने कहा, 'टीकोप्लेनिन के असर को बाकी दवाओं से कम्पेयर किया गया। उन्होंने कहा, 'टीकोप्लेनिन SARS-COV-2 के खिलाफ इस्तेमाल हो रहीं बाकी मुख्य दवाओं जैसे हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन और लोपिनैविर के मुकाबले 10-20 गुना ज्यादा असरदार मिली। ' यह रिसर्च इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल मैक्रोमॉलिक्यूल्स में भी छपी है। एम्स के डॉ प्रदीप शर्मा भी इस रिसर्च का हिस्सा थे। दरअसल टीकोप्लेनिन एक ग्लायकोपेप्टाइड एंटीबायोटिक है। यह दवा इंसानों में कम टॉक्सिक प्रोफाइल वाले ग्रैम-पॉजिटिव बैक्टीरियल इन्फेक्शंस को ठीक करने में खूब इस्तेमाल होती है। इसे अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से भी अप्रूवल मिला हुआ है। IIT दिल्ली के प्रोफेसर ने आगे बताया कि हाल ही में रोम की सेपिएंजा यूनिवर्सिटी में टीकोप्लेनिन के साथ एक क्लीनिकल स्टडी हुई है। कोरोना के खिलाफ टीकोप्लेनिन की क्या भूमिका है। इसे तय करने के लिए बड़े पैमाने पर अलग-अलग स्टेज के कोविड मरीजों पर स्टडी करने की जरूरत है। टीकोप्लेनिन एक ग्लायकोपेप्टाइड ऐंटीबायोटिक है। यह दवा इंसानों में कम टॉक्सिक प्रोफाइल वाले ग्रैम-पॉजिटिव बैक्टीरियल इन्फेक्शंस को ठीक करने में खूब इस्तेमाल होती है। इसे अमेरिका के फूड ऐंड ड्रग ऐडमिनिस्ट्रेशन से भी अप्रूवल मिला हुआ है।