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आजकल ज्यादातर लोगों में नींद न आने की समस्या देखने को मिलती है। जिसका कारण गलत खान-पान भी हो सकता है। क्योंकि रात में सोने से पहले हमेशा हल्के भोजन (Light Dinner) का सेवन करने की सलाह दी जाती है। लेकिन ज्यादातर लोग रात में हेवी चीजों का सेवन करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। बता दें कि रात में सोने से पहले कुछ चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप इन चीजों का सेवन करते हैं, तो अनिद्रा (Insomnia) की शिकायत हो सकती है। साथ ही आप कई और बीमारियों के शिकार भी हो सकते हैं। जानिए रात में सोने से पहले किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
रात में सोने से पहले नहीं करना चाहिए, इन चीजों का सेवन (Raat Me Sone Se Phele Nahi Karna Chaiye In Chizo Ka Sevan In Hindi)
रात में सोने से पहले कभी भी हैवी भोजन (Heavy Dinner) नहीं करना चाहिए। क्योंकि हैवी भोजन को पचने में काफी समय लगता है। खाना न पचने की वजह से अपच की शिकायत हो जाती है। इसलिए कहा जाता है कि रात में सोने से पहले हमेशा हल्का भोजन करना चाहिए।
रात में सोने से पहले मीठे का सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन ज्यादातर लोग रात में भोजन करने के बाद कुछ मीठा खाना पसंद करते हैं, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचाता है। साथ ही इसकी वजह से आपको अनिद्रा की शिकायत भी हो सकती है।
रात में सोने से पहले भूलकर भी चाय (Tea) या कॉफी (Coffee) का सेवन नहीं करना चाहिए। चाय पीना तो स्वास्थ्य के लिए वैसे ही हानिकारक माना जाता है। क्योंकि चाय में कैफीन अधिक मात्रा में पाया जाता है। लेकिन अगर आप रात में सोने से पहले चाय या कॉफी का सेवन करते हैं, तो इससे नींद न आने की शिकायत हो सकती है। साथ ही कई और बीमारियां भी हो सकती है।
मासलेदार भोजन स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन रात में सोने से पहले मसालेदार भोजन करने से लिवर और पेट संबंधी कई बीमारी हो सकती है। साथ ही नींद भी अच्छी नहीं आती है।
रात में सोने से पहले सोडा (Soda) का सेवन नहीं करना चाहिए। लेकिन ज्यादातर लोग रात में हैवी भोजन करने के बाद उसको पचाने के लिए सोडा पीना पसंद करते हैं, लेकिन रात में सोने से पहले सोडा का सेवन सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।
अस्वीकरणः सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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14 जनवरी, शनिवार की रात तकरीबन 9 बजे सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर में प्रवेश कर जाएगा। इसी के साथ 15 दिसंबर से चल रहा खरमास खत्म हो जाएगा। अब रविवार से गृह प्रवेश, सगाई, शादियां और अन्य मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त शुरू हो जाएंगे।
जब सूर्य गुरु की राशियों यानी धनु और मीन में होता है, तब शादी, सगाई, गृह प्रवेश, मुंडन और अन्य मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं। साल में ऐसा दो बार होता है। पहला दिसंबर-जनवरी में। दूसरा, मार्च-अप्रैल के बीच। लेकिन इन दिनों व्रत, पूजा-पाठ और हर तरह की खरीदारी कर सकते हैं। जॉब-बिजनेस या कामकाज में नई शुरुआत भी की जा सकती है।
हर साल जब 14-15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में आता है तो खरमास की शुरुआत हो जाती है। जो कि मकर संक्रांति तक चलता है। इस एक महीने में मांगलिक कामों के लिए मुहूर्त नहीं होते हैं।
जब सूर्य गुरु की राशि यानी मीन में आ जाता है तो मीन मास शुरू हो जाता है। ये भी खरमास की तरह ही होता है। लेकिन ये हर साल 14-15 मार्च से शुरू होकर 14-15 अप्रैल तक रहता है। इस एक महीने के दरमियान भी कोई शुभ काम नहीं किया जाता है।
14 जनवरी को खरमास खत्म होने के साथ मकर संक्रांति पर्व मनेगा। इस दिन से उत्तरायण शुरू हो जाएगा। इस पवित्र पर्व के बाद मोक्ष देने वाली षटतिला एकादशी 18 तारीख को रहेगी। दो दिन बाद ही शनिवार को मौनी अमावस्या रहेगी। ये पितरों को मोक्ष देने वाला महा पर्व होता है। इसके अगले ही दिन से गुप्त नवरात्र शुरू हो जाएंगे। जो कि देवी की गुप्त आराधना का पर्व है। इसमें पांचवें दिन, 26 जनवरी को वसंत पंचमी पर्व मनाया जाएगा। इस दिन संसार को बुद्धि और ज्ञान देने वाली देवी सरस्वती की महा पूजा की जाएगी।
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शैतानी आईने में।
शैतानी आईने में।
रात्रि में रोशनी का देख साया,
शैतान आईने में नज़र आया।
दूर-दूर तक कोई भी नहीं था,
ना कोई जानवर ना ही काया।
प्यार भी छोड़ कर चला गया,
साथ छोड़कर गया हमसाया।
सो रहे थे हम तन्हा घर दोस्त,
जागने पे देखा कब्रिस्तान में।
वहां पर थी एक चुड़ैल भयंकर,
खा गई मुझे भोजन समझकर।
जागते ही जोर से गिरा मैं धड़ाम,
सच में भयानक सपना देख राम।
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अगर आप बेहतरीन साउंड क्वालिटी के शौकीन हैं और बिना तारों के झंझट के अपने टीवी में बेहतर साउंड चाहते हैं, तो फिलिप्स का यह गैजेट आप ही के लिए बना है. फिलिप्स ने अपने इस ब्लूटुथ कनेक्टेड साउंड बार में डबल बेस टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया है. इसकी विंग शेप डिजाइन इसको दीवार या टेबल पर रखने के लिए उपयुक्त बनाती है. इसका ड्यूल 60 वॉट का स्पीकर इसके साउंड को ज्यादा बेहतर बनाता है. इसका डॉल्बी डिजिटल 5. 1 तकनीक टीवी की आवाज को सराउंड साउंड की तरह फील कराएगी. कंपनी ने इसकी कीमत 23 हजार रुपये रखी है.
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टीवी न्यूज की दुनिया में इन दिनों काफी 'उठापटक' चल रही है। न्यूज चैनल्स के तमाम बड़े चेहरे एक संस्थान से दूसरे संस्थान का रुख कर रहे हैं और चर्चाओं में हैं।
'एबीपी न्यूज' पर रात आठ बजे प्रसारित होने वाले वीकेंड शो 'प्रेस कॉन्फ्रेंस' में फिल्म समीक्षक दीपक दुआ ने 16 जुलाई की रात आर. माधवन से उनकी हालिया फिल्म 'रॉकेट्री' को लेकर कई सवाल पूछे।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार मनीष अवस्थी ने हिंदी न्यूज चैनल 'न्यूज इंडिया' (News India) में अपने सफर को विराम दे दिया है। वह यहां एडिटोरियल डायरेक्टर के पद पर करीब दस महीने से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
डिजिटल पत्रकार उत्कर्ष अवस्थी ने 'MH One TV Network' को अलविदा बोलकर 'इंडिया टुडे' समूह के साथ नई पारी की शुरुआत की है।
'आईटीवी नेटवर्क' (iTV Network) से पिछले दिनों इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ टीवी पत्रकार मनीष अवस्थी के अगले कदम के बारे में चल रहीं तमाम अटकलों पर विराम लग गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उन्नाव के पत्रकार शुभम मणि त्रिपाठी की हत्या के अरोपी कन्हैया अवस्थी की राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत की गई गिरफ्तारी को अवैध करार दिया है।
'टाइम्स समूह' की चेयरपर्सन और देश की जानी-मानी मीडिया शख्सियत इंदु जैन के निधन पर 'कृषि उद्यमी कृषक विकास चैंबर' के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर आरके शरण ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
कोरोनावायरस (कोविड-19) की चपेट में आकर वरिष्ठ पत्रकार संत शरण अवस्थी का निधन हो गया है।
'एबीपी नेटवर्क' (ABP Network) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है।
लखनऊ के मूल निवासी दिलीप अवस्थी को विभिन्न मीडिया संस्थानों में काम करने का 40 साल से ज्यादा का अनुभव है।
हिंदी अखबार 'दैनिक जागरण' में कई संपादकों का कार्यक्षेत्र बदले जाने की खबर सामने आई है।
रमेश अवस्थी सहारा के जाने-माने चेहरों में से एक है। अवस्थी तेज-तर्रार पत्रकारों में से एक हैं और राजनीतिक गलियारों में भी इनकी मजबूत पकड़ है।
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कोरोना वायरस (COVID-19) के कारण देशभर में लागू लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ के बिलासपुर समेत कई जिलों में नमक की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है।
पिछले दिनों राज्य में नमक की किल्लत को लेकर उड़ी अफवाहों के कारण लोग नमक खरीदने टूट पड़े हैं। हालात ऐसे हैं कि महीने में जिन लोगों को एक से दो पैकेट की जरूरत होती थी, वो बोरी भरकर नमक ले जा रहे हैं। तीन से चार गुना दाम पर नमक खरीद रहे हैं।
दैनिक जागरण के सहयोगी मीडिया संस्थान नई दुनिया के अनुसार अफवाह उड़ने के बाद कलेक्टर ने तीन विभागों की जांच टीम बनाई है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन इसपर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने में नाकामयाब रहा है।
टीम केवल छापामार कार्रवाई तक ही सीमित रह गई है और बेखौफ कालाबाजारी अभी भी जारी है। बता दें कि अफवाह उड़ने के बाद मंगलवार को तखतपुर के किराना दुकानों में आसापस के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी।
लोग बोरी भरकर तीन से चार गुना दाम नमक खरीदने लगे। रिटेलरों ने एक पैकेट की कीमत 45 से 50 रुपये तक लोगों से वसूले। आश्चर्य की बात यह है कि लोग कीमत अदा करते रहे और संतोष जताते रहे कि ज्यादा कीमत में ही सही मिल तो गया।
स्टॉकिस्ट से लेकर रिटेलर लोगों की जेब हल्की करने में लगे हुए हैं और विभागीय टीम उनतक पहुंच नहीं पा रही है। चार से पांच दिनों बाद भी नमक की कालाबाजारी पर अंकुश नहीं लग सका है।
बिलासपुर के कलेक्टर डॉ. एसके अलंग ने निर्देश दिया तो खाद्य,नापतौल व खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाई गई, लेकिन टीम शहरी व ग्रामीण इलाकों में घूमती रह गई, कालाबाजारी पर अब तक अंकुश नहीं लग सका है।
संयुक्त टीम ने गुरुवार को 20 किराना दुकानों की जांच की और सात किराना दुकानदारों पर कालाबाजारी के आरोप में 35 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
नमक को लेकर राज्य में राजनीति गरमाईप्रशासन की कड़ाई के बाद भी कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही, ऐसे में नमक को लेकर राज्य में राजनीति गरमाई हुई है।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी ने राशन दुकानदारों पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी योजना की धज्जियां उड़ाने में लगे हैं।
उन्होंने कहा कि दुकानदारों की मनमानी नहीं चलेगी। कोई भी गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने साथ ही कहा कि गरीबों को मुफ्त में मिलने वाले नमक की कालाबाजारी को लेकर अब जिला स्तर पर निगरानी समिति भी बनाई जाएगी।
राज्य में नमक कालाबाजारी रोकने के लिए प्रदेश के सभी कलेक्टरों को गाइडलाइन जारी की गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इससे सख्ती से निपटने का आदेश दिया है।
उन्होंने साफ कहा है कि नमक की आपूर्ति और उपलब्धता में कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। गाइडलाइन में नमक की उपलब्धता और इसके उपभोक्ता मूल्य पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
नमक के थोक और खुदरा व्यापारियों के साथ बैठक लेकर करके नमक की पर्याप्त उपलब्धता की जानकारी देने की बात कही गई है।
अधिक मूल्य पर बेचने पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की चेतावनी देने की भी बात कही गई है। साथ ही लोगों के बीच नमक के दाम को लेकर जनसंपर्क विभाग के माध्यम से जानकारी देने को कहा गया है।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण संचालनालय के आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर ये निर्देश दिए हैं।
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26 जनवरी को पैदा होने की वजह से इस शख्स के पिता ने बेटे का नाम 26 जनवरी रख दिया. हालांकि लोगों ने उनके पिता से नाम बदलने के लिए बहुत कहा, लेकिन वो नहीं माने.
गणतंत्र दिवस पर हम आपको 26 जनवरी के बारे में बताएंगे. अब आप कहेंगे कि 26 जनवरी और गणतंत्र दिवस एक ही तो है. लेकिन हम उस 26 जनवरी की बात नहीं कर रहे हैं, जिस दिन हमारा संविधान लागू हुआ था.
साथ ही हम उस 26 जनवरी की बिल्कुल भी बात नहीं कर रहे जिसके उपलक्ष्य में राजपथ पर परेड निकाली जाती है, लालकिले की प्राचीर से तिरंगा फहराया जाता है.
हम तो उस 26 जनवरी की बात कर रहे हैं जो 54 साल का चलता-फिरता इंसान है. दरअसल, मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में 26 जनवरी का जन्म गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी 1966 को हुआ था.
26 जनवरी को पैदा होने की वजह से इनके पिता ने उनका नाम 26 जनवरी रख दिया. हालांकि लोगों ने उनके पिता से नाम बदलने के लिए बहुत कहा, लेकिन वो नहीं माने.
26 जनवरी का नाम थोड़ा अलग था. इसलिए लोगों के लिए कौतुहल का विषय भी था. लोग उन्हें चिढ़ाते भी थे. उनके नाम से एक तरफ जहां उनकी जिंदगी दिलचस्प बनी. वहीं दूसरी तरफ उन्हें काफी मुसीबतों का भी सामना करना पड़ा.
एक बार तो 26 जनवरी को सैलरी ही नहीं मिली. एक बार नौकरी के दौरान उनके नाम को लेकर कंफ्यूजन हो गया था. हालांकि बाद में ये मसला सुलझ गया था. फिलहाल वो जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में 26 जनवरी 22 साल से काम कर रहे हैं.
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जयपुरः राजस्थान के सभी सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 10वीं कक्षा पास करने वाले छात्रों को विषय चयन में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किया जाएगा. राज्य के शिक्षा मंत्री बी. डी. कल्ला और शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान की पहल पर स्कूल शिक्षा विभाग 'डायल फ्यूचर' पहल के तहत 28 जून से 5 जुलाई तक सभी जिलों के सरकारी स्कूलों में काउंसलिंग कार्यक्रम आयोजित करेगा. CM Ashok Gehlot Slams BJP: सीएम अशोक गहलोत की हुंकार- बीजेपी को राजस्थान में हिंदुत्व को एजेंडा नहीं बनाने देंगे.
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव नवीन जैन ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों के करियर के लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए उनकी रुचि, क्षमता और दृष्टिकोण के आधार पर उपयुक्त फैकल्टी (विषय) के चयन के बारे में समझ विकसित करना है.
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मई का महीना शुरू हो चुका है। यह महीना तेज गर्मी के लिए जाना जाता है, लेकिन प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से लग रहा है कि बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। सर्दी के बाद मानो मौसम ने सीधे मानसून में छलांग मार ली है। वजह- बैक टू बैक आए पश्चिमी विक्षोभ।
इसकी वजह से प्रदेश का पारा ठहर गया और बारिश-ओलों का दौर चला। बुधवार को भी अलवर, अजमेर, सीकर, गंगानगर, चूरू, करौली समेत प्रदेश के कई जिलों में ओले और बारिश का दौर चला। सभी जिलों का पारा 40 डिग्री से नीचे बना हुआ है।
मार्च में एकाएक तेज गर्मी शुरू हो गई थी, तब ऐसा लग रहा था कि अप्रैल-मई इस बार खूब तपाएंगे। पर अप्रैल के बाद अब मई के पहले सप्ताह में भी तेज गर्मी के आसार नहीं हैं। बुधवार को जयपुर में अधिकतम तापमान 32. 6 डिग्री रहा। मौसम विभाग की मानें तो 8 मई तक मौसम में बदलाव नहीं होगा। लू को लेकर अलर्ट नहीं है।
बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में 9 मई तक चक्रवात बनने की संभावना है। माैसम विभाग ने मछुआरों को इस क्षेत्र में न जाने की चेतावनी दी है। मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि 9 मई को चक्रवात आने की संभावना है और अगले कुछ दिनों में इसके मार्ग की भविष्यवाणी की जाएगी।
चक्रवात के उत्तर की ओर बंगाल के मध्य खाड़ी की ओर बढ़ने की संभावना है। महापात्र ने कहा- 6 मई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है। चक्रवात का नाम मोचा हाेगा। यह नाम यमन ने लाल सागर के एक पाेर्ट सिटी के नाम पर रखा है।
ग्लेशियर टूटा, केदारनाथ का पैदल मार्ग बंदः हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बारिश के साथ कुछ जगह बर्फबारी हुई। उत्तराखंड में केदारनाथ की ओर पैदल मार्ग पर ग्लेशियर आने से भैरव गदेरा, कुबेर गदेरा के बीच रास्ता बंद कर दिया गया है।
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२० अक्टुबर, काठमांडू । अपराध का पोल खुलने के डर से स्थानीय को इटा भट्टा में जीवित ही जला देने के आरोप में हिरासत में लिये गये कांग्रेस सांसद मो. अफताव आलम रविवार जिला अदालत को बयान देंगे ।
२०६४ साल के प्रथम संविधानसभा निर्वाचन के लिये अपने ही घर में बम बना रहा था । उसी समय विष्फोट हुआ । उस विष्फोट में घायल होने वाले को जीवित ही जलाकर मारने के आरोप में आलम को प्रहरी ने आश्विन २६ गते को हिरासत में लिया ।
पहली बार जिला अदालत में उपस्थित कराने के बाद उन्होंने बयान देने के लिये तैयार नहीं हुआ था । बोला था कि वकिल के साथ सलाह करना है । दूसरी बार अस्वस्थ्य होने का बहाना बनाया था । तीसरी बार रविवार को जिला अदालत रौतहट में उसे उपस्थित कराया गया है ।
जिला अदालत का श्रोत ने जानकारी दिया कि इसबार आलम बयान देने के लिये तैयार हुये हैं ।
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चतुर्थाध्याये लोकधर्मनिरूपणप्रकरणम्
मानतो नाधिकं हीनं तद्विम्बं रम्यमुच्यते ।। ७८ ।। देवताओं की प्रतिमा शास्त्रोक मान से न अधिक और न हीन होने पर ही रम्य और कल्याणकारक होती हैं।
अपि श्रेयस्करं नृणां देवबिम्बमलक्षणम् । •सलक्षणं मयंबिम्बं न हि श्रेयस्कर सदा ॥ ७६ ।। और देवता की प्रतिभा यदि शास्त्रोक लक्षणों से रहित भी हो तो मनुष्यों दे किये कल्याणकारक होती है और यदि मनुष्य की प्रतिमा लक्षणों से युक्त भी हो तो सदा ही कल्याणकारक नहीं होती है।
साविकी राजसी देवप्रतिमा तामसी त्रिधा । विष्ण्वादीनां च या यत्र योग्या पूज्या तु तादृशी ॥ ५० ॥ साविकी आदि तीन प्रकार की प्रतिमाओं का निर्देश-विष्णु आदि देवता 1. साविकी, २. राजसी, ३. सामसी इन भेदों से ३ प्रकार की होती है। और जहां पर जैसी योग्य हो वहां पर वैसी प्रतिमा की पूजा करनी चाहिये ।
योगमुद्रान्विता स्वस्था वराभयकरान्विता ।
देवेन्द्रादिस्तुतनुता सात्त्विकी सा प्रकीर्तिता ॥ ८१ ॥ साविकी प्रतिमा के लक्षण- जो प्रतिमा योगमुद्रा से युक्त, स्वाभाविक अवस्था में स्थित, वरदान तथा अभय दान देनेवाली मुद्रा से युक्त हार्मोवाली है, एवं इन्वादि देवता जिसकी स्तुति तथा नमन कर रहे हैं, वह 'सात्विकी' कहलाती है।
तिष्ठन्ती वाहनस्था वा नानाभरणभूषिता ।
या शस्त्रास्त्रामयबर करा सा राजसी स्मृता ॥ ८२ ।। राजसी प्रतिमा के लक्षण- जो प्रतिमा किसी वाहन पर बैठी हुई तथा नामा बाभूषणों से युक्त होती है एवं जिसके हाथों में शत्र, अन तथा वर और अभय दान की मुद्रा बनी हुई है वह 'राजसी' कहखाती है।
शस्त्रास्त्रैदैत्यहन्त्री या धुमरूपधरा सदा । युद्धाभिनन्दिनी सा तु तामसी प्रतिमोच्यते ॥ ८३ ॥ तामसी प्रतिमा के लक्षण- जो प्रतिमा शस्त्र तथा बखों से देस्यों को मारनेवाली, उप्ररूप को धारण किये हुई, सदा युद्ध के लिये उत्सुक रूप में होती है वह 'तामसी' कहलाती है।
संक्षेपतस्तु ध्यानादि विष्ण्वादीनां तथोच्यते ।
प्रमाणं प्रतिमानां च तदङ्गानां सुबिस्तरम् ॥ ८४ ।। संचेप से विष्णु आदि देवताओं का जैसा ध्यान है तथा विस्तारपूर्वक प्रतिमाओं का पूर्व उनके बक्कों का प्रमाण है, वैसा कहते हैं। |
वसीम अहमद, बस्तीः पूर्वी उत्तर प्रदेश केबस्ती जिले में कलवारी थाना क्षेत्र गायघाट से वशीकरण कर ठगी करने वाली 6 महिलाओं को पुलिस ने अरेस्ट किया है। पुलिस का कहना है कि घुमंतू जाति की ये महिलाएं लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी करती थीं। ये ज्यादातर महिलाओं को अपना शिकार बनाती थीं। पहले ये सभी दुख-दर्द दूर करने का बहाना बनाकर घर से जेवर लेने की बात करती थीं। इसके बाद महिलाओं के हाथ की उंगली दबा कर अपने वश में कर लेती थीं। झाड़फूंक के बहाने जेवर पर अपना हाथ साफ कर फरार हो जाती थीं।
जेवर लाओ हम झाड़-फूंक कर सारा दुख दर्द दूर कर देंगेगायघाट के सूर्यनगर की रहने वाली 22 वर्षीय राधिका खेत में बकरी चराने गई थी। उसी दौरान भीख मांगने के बहाने घुमंतू गिरोह की 6 महिलाएं पहुंचीं। महिलाओं ने कहा कि तुम घर से जेवर लेकर आओ हम झाड़-फूंक कर देंगे और तुम्हारा सारा दुख दर्द दूर हो जाएगा। राधिका ने बताया कि बातचीत के दौरान उन्होंने मेरा दाहिना हाथ पकड़ा और बीच की अंगुली को दबा दिया। अंगुली दबाने के बाद मैं उनके वश में हो गई फिर सीधे घर पहुंची और बैग में रखे जेवर निकाल कर चली गई। जेवर को बैग से निकाल कर ले जाते बच्चों ने देख लिया, जिसकी जानकारी राधिका की मां को दी। घर वाले राधिका का पीछा करते हुए उसके पीछे गए, जब राधिका जेवर महिलाओं को देने लगी तो गांव वालों ने महिलाओं को पकड़ लिया। राधिका को जब होश आया तो उसने बताया की मेरे हाथ की उंगली महिलाओं ने दबा दिया था, जिसके बाद मुझे कुछ होश नहीं है।
एसओ बोले-ये सिर्फ महिलाओं को अपने चंगुल में फंसाती थींठगी करने वाली महिलाओं को ग्रामीणों ने पुलिस के हवाले कर दिया। एसओ कलवारी आलोक कुमार ने बताया कि पकड़ी गई महिलाएं सरिता, प्रतिमा, नूरजहां, संगीता, गुलाबी, फातिमा संतकबीरनगर जिले के धनघटा की रहने वाली हैं। इनके पास से सोने का झाला, एक जोड़ी लड़ी झाला, चांदी के जेवर बरामद हुए हैं। पकड़ी गई महिला ठगों के खिलाफ धारा 420, 380, 411 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
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नई दिल्ली। लोकसभा से महिला आरक्षण बिल पास होने के एक दिन बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले का श्रेय सभी सांसदों को दिया। संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन गुरुवार की सुबह लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोलने के लिए खड़े हुए। उन्होंने कहा- कल भारत की संसदीय यात्रा का एक स्वर्णिम पल था। उस पल के हकदार इस सदन के सभी सदस्य हैं। सभी दल के सदस्य हैं। सभी दल के नेता भी हैं। सदन हों या सदन के बाहर हों, वे भी उतने ही हकदार हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा- मैं आज इस बहुत महत्वपूर्ण निर्णय में और देश की मातृशक्ति में एक नई ऊर्जा भरने में कल का निर्णय और आज राज्यसभा के बाद जब हम अंतिम पड़ाव भी पूरा कर लेंगे। यह पवित्र कार्य को करने के लिए आप सबने जो योगदान दिया है, समर्थन दिया है, सार्थक चर्चा की है। सदन के नेता के रूप में मैं आज आप सबका सच्चे दिल से आदरपूर्वक अभिनंदन करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद लोकसभा में चंद्रयान-तीन की सफलता पर चर्चा हुई। एक दिन पहले बुधवार को राज्यसभा में इस पर चर्चा हुई थी। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से सदन को मिशन के बारे में बताया। इसके बाद राजनाथ सिंह बोलने के लिए खड़े हुए। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राजनाथ से पूछा कि क्या उनमें चीन मुद्दे पर चर्चा करने की हिम्मत है। इस पर राजनाथ सिंह ने कहा- पूरी हिम्मत है, मैं चीन पर चर्चा करने के लिए तैयार हूं और सीना चौड़ा करके चर्चा करने के लिए तैयार हूं।
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IPL News: पिछले दो सीजन में खराब प्रदर्शन के चलते दिल्ली कैपिटल्स की टीम ने आईपीएल 2024 के सीजन से पहले अपने कोचिंग स्टाफ से पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वाटसन और अजित अगरकर को रिहा कर दिया है।
IPL News: दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) ने इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) 2024 के सीजन के लिए अपने कोचिंग स्टाफ (Coaching Staff) से शेन वाटसन (Shane Watson) और अजित अगकर (Ajit Agarkar) को रिहा कर दिया है। लगातार दो सीजन में खराब प्रदर्शन के बाद दिल्ली कैपिटल्स (DC) ने अपने कोचिंग स्टाफ को छोटा करने फैसला किया है। रिकी पोंटिंग (Ricky Ponting), हेड कोच (Head Coach) और सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) क्रिकेट के निदेशक के नेतृत्व में दोनों पूर्व खिलाड़ी सहायक कोच (Assistant Coach) की भूमिका में थे।
सीजन के बीच में रिपोर्ट सामने आई थी कि जब दिल्ली बैक टू बैक मैच हार रही थी तभी सीजन के बाद कोचिंग स्टाफ को छोटा करने का निर्णय किया गया था। आईपीएल फ्रैंचाइजी (IPL Franchise) के एक सूत्र ने बताया, "मिड-सीजन में कुछ भी नहीं होता है, लेकिन लगातार दो सीजन में खराब परिणाम आने के बाद टीम के सहमालिक जेएसडब्ल्यू (JSW) और जीएमआर (GMR) साथ बैठते हैं और सीजन का जायजा लेते हैं।
एक सूत्र ने मीडिया को बताया कि अगले सीजन में टीम बड़ा कोचिंग स्टाफ रखने के मूड में नहीं है। यह भूमिका बस कुछ खिलाड़ियों को दी जा सकती है। इससे पहले पूरे कोचिंग स्टाफ में शामिल क्रिकेट (Cricket) के निदेशक, पोंटिंग (Head Coach), जेम्स होप्स (James Hopes), अजीत अगकर, शेन वाटसन और प्रवीण आमरे (Pravin Amre) सहायक कोच की भूमिका में थे। निदेशक के रूप में सौरव गांगुली शामिल थे।
ऋषभ पंत (Rishabh Pant) की अनुपस्थिति में कप्तान नियुक्त किए गए डेविड वार्नर (David Warner) ने टूर्नामेंट में अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। दिल्ली के लिए बल्लेबाजी पूरे सीजन में समस्या बनी रही। इसके साथ ही पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) और रोवमैन पॉवेल (Rovman Powell) बैटिंग से अपनी छाप नहीं छोड़ सके।
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श्रमण ! तुमंचेव - तुम हो । णं- पूर्ववत् । परिभाएहि - विभाग कर दो- अर्थात् इस श्राहार को तुम ही वांट दो ? तव । से- वह भिक्षु । तत्थ - वहा पर । परिभाएमाणे - विभाग करता हुआ। श्रध्वणो - अपने लिए । खद्धं २ - प्रचुर अत्यधिक । डायं २ - सुन्दर शाक । उसढ़ं २वर्णादि गुणो से युक्त । रसिय - रस युक्त । मणुन्न २ - मनोज्ञ । निद्धं २ स्निग्ध और । लुक्खं २ - रुक्ष पाहार को । नो - न रखे किन्तु । से- वह-भिक्षु । तत्य - उस श्राहार के विषय में । प्रमुच्छिए - प्रमूर्छित मूर्छा रहित प्रमूर्च्छित - मूर्छा रहित । श्रगिद्धे - अभिकाक्षा रहित । श्रगढिए विशिष्ट गृद्धि रहित । अणज्भोववन्ने और आसक्ति रहित होकर । बहुसममेव - सत्रको समान रूप से मर्थात् जो सव के लिए समान हो । परिभाइज्जा - विभाग करदे तथा । से णं परिभाए मार्ग - समान रूप में विभाग कर वाटते हुए उस साधु को यदि । परो वइज्जा - कोई कहे कि । आउसंतो समणा ! आयुष्मन् श्रमण ! । माण तुमं परिभाएहि - तुम मत विभाग करो । सव्वेगइया ठियाउ - हम सब इकट्ठे बैठकर । भुषखामो- खाएगे और । पाहामो वापियेंगे । से- वह भिक्षु । तत्थ - वहा पर । भुज्जमाणे - उम प्राहार को खाता हुआ । अप्पणो अपने लिए । सद्धं २ प्रचुर । जाव यावत् । लुक्खं रुक्ष आहार को । नो - ग्रहण न करे । किन्तु । से- वह भिक्षु । तत्थ - उस ग्राहार विषयक । अमुच्छिए - प्रमूर्च्छित मूर्छा रहित होकर । बहुसममेव - सबके समान ही । भुजिज्जा वा - खाए अथवा । पाइज्जा वा-पीए ।
मूलार्थ - साधु या साध्वी भिक्षा के निमित्त गृहपति के कुल मे प्रवेश करते हुए यदि यह जाने कि उसके जाने से पहले ही गृहपति कुल मे शाक्यादि भिक्षु, ब्राह्मण ग्रामयाचक और अतिथि प्रादि प्रवेश किए हुए है तो उनके सामने अथवा जिस द्वार से वे निकलते है उसके सन्मुख खडा नही हो । किन्तु एकान्त स्थान मे - जहां न कोई माना जाता हो और न कोई देखता हो जाकर खड़ा हो जाए । वहा खडे हुए उस साधु को देख कर वह गृहस्थ यदि अशनादिक चतुर्विध आहार लाकर दे और देता हुआ कहे कि आयुष्मन् श्रमणो ! यह अशनादिक चतुर्विध आहार मैने आप सब के लिए दिया है- आप लोग यथारुचि इस आहार को एकत्र मिलकर खाले या परस्पर विभाग करलें बाट ले, तब उस आहार का लेकर वह साधु यदि मौन वृत्ति से उत्प्रेक्षा करे - विचार करे कि यह मुझे दिया है अतः मेरे लिए हो है, तो उसे मातृस्थान - मायास्थान का स्पर्श होता है । अत उसे ऐसा नहीं करना चाहिए, अपितु उस आहार को लेकर जहा पर |
ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई 6 के 109 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला इस संस्था की प्रमुख बन सकती हैं। इस शीर्ष पद को जेम्स बांड की फिल्मों में ' एम' के रूप में चित्रित किया जाता रहा है। अभिनेत्री जूडी डेंच ने यह भूमिका निभायी है।
लंदन ब्रिटिश खुफिया एजेंसी एमआई 6 के 109 साल के इतिहास में पहली बार कोई महिला इस संस्था की प्रमुख बन सकती हैं। इस शीर्ष पद को जेम्स बांड की फिल्मों में ' एम' के रूप में चित्रित किया जाता रहा है। अभिनेत्री जूडी डेंच ने यह भूमिका निभायी है।
द संडे टाइम्स की खबर के अनुसार संस्था के प्रमुख पद पर किसी महिला को नियुक्त किए जाने की संभावना है। सुरक्षा कारणों से महिला के नाम का खुलासा नहीं किया गया। उनके साथ काम कर चुके लोगों के अनुसार उन्होंने दुनिया भर में एजेंट नेटवर्क का संचालन किया है और विदेशों में कई सालों तक नियुक्त रहने के दौरान अपनी क्षमता को साबित किया है।
समझा जाता है कि मौजूदा एमआई 6 चीफ अलेक्स यंगर ने खुद ही महिला अधिकारी को चुना है जिन्हें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने भी सम्मानित किया है। इस एजेंसी की स्थापना 1909 में हुई थी।
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उत्तर प्रदेश में जारी विधानसभा चुनावों (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) में भाजपा का प्रचार कर रही सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की बहू अपर्णा यादव (Aparna Yadav) ने सपा मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर कड़ा प्रहार किया है। सपा कार्यकर्ताओं द्वारा उकसाए जाने के बाद अपर्णा ने कहा कि वह शेरनी हैं और शिकार शेरनी ही करती है।
दरअसल, अपर्णा यादव गुरुवार (3 फरवरी 2022) को यूपी के बाराबंकी के मोथरी में जब वह भाजपा प्रत्याशी अरविंद मौर्य के लिए चुनाव प्रचार करने गईं तो सपा कार्यकर्ताओं ने उनकी सभा में 'अखिलेश यादव जिंदाबाद' के नारे लगाने लगे। सभा खत्म करने के बाद लौटने के वक्त भी सपा कार्यकर्ताओं ने यह उपद्रव जारी रखा। इस मामले में पुलिस ने एक सपा कार्यकर्ता को हिरासत में भी लिया है।
उसके बाद खजूर गाँव में प्रचार के दौरान उन्होंने सपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "शेर जब चलता है तो अकेले शिकार करता होगा, मगर जंगल में शेरनी ही शिकार करती है। अपर्णा यादव शेरनी है। मैं डरती नहीं हूँ किसी से, क्योंकि मेरे साथ राष्ट्रवाद है। मेरे साथ आदरणीय प्रधानमंत्री जी विजन है- सबका साथ, सबका विश्वास और सबका विकास। " उन्होंने कहा कि योगी सरकार में सरकार में सपा के गुंडे अपनी जान की भीख मांग रहे हैं।
यादव मतदाताओं को भाजपा को वोट देने की अपील करते हुए अपर्णा यादव ने कहा, "यहाँ पर यादव ज्यादा हैं और मैं भी यादव हूँ। हम यादवों का इतिहास रहा है कि जब भी लड़ाई होती थी और राजपूतों की जब सेना चलती थी तो उसका नेतृत्व यादव करते थे। " उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि पूरी बिरादरी भाजपा का साथ देकर पीएम मोदी और सीएम योगी के हाथों को मजबूत करे। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी को जिताने की अपील की।
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- ओकलाहोमा में अगर आपके बाथ टब में गधा सोता पाया गया, तो यह कानून के खिलाफ है। 76. इजरायल में रविवार के दिन नाक झाड़ने पर आप पर मामला दर्ज हो सकता है।
- स्वीडन में वेश्याओं की सेवाएं लेना गैरकानूनी है, जबकि यहां वेश्यावृत्ति वैध है। 78. थाईलैंड में बगैर अंडरवियर पहने घर से बाहर निकलना गैरकानूनी कृत्य है। 79. कैलिफोर्निया में छोटे तालाब में बच्चे को खेलता छोड़ना गैरकानूनी है। 80. ओकलाहोमा में ऑटोमोबाइल से छेड़छाड़ करना अवैध है। 81. जर्मनी के राजमार्ग पर गाड़ी रोकना गैरकानूनी है। 82. तुर्की में 80 साल के वयोवृद्ध के पायलट बनने पर प्रतिबंध है। 83. शिकागो में ऐसी जगह पर खाना गैरकानूनी है, जहां पर आग हो।
- पेनसिल्वेनिया में बाहर खुले में फ्रिज के ऊपर नींद लेना गैरकानूनी कृत्य है। 85. नेवाडा के युरेका में मूंछों वाले मर्दों का महिलाओं को किस करना गैरकानूनी है।
- ओहियो में मछली को शराब पिलाना गैरकानूनी कृत्य है। 87. फ्लोरिडा के मियामी में पुलिस थाने में स्केटिंग करना कानून के खिलाफ है। 88. फ्लोरिडा में रविवार के दिन अविवाहित महिलाओं का पैराशूट पर उड़ना गैरकानूनी है। इसके लिए उन्हें जेल भी हो सकती है। 89. टेक्सास में होटल की दूसरी मंजिल से किसी भैंस पर गोली चलाना गैरकानूनी है। 90. कोलराडो के शहरी क्षेत्र में किसी पक्षी का शिकार करना गैरकानूनी है। 91. अलाबामा में आंखों पर पट्टी बांधकर गाड़ी चलाना अवैध है।
- लोवा में पुरुषों का बीयर की तीन सिप लेना गैरकानूनी है, अगर वे अपनी पत्नी के साथ बिस्तर पर हों। 93. कैलिफोर्निया के शिको में अगर कोई शख्स शहरी सीमा के भीतर न्यूक्लियर डिवाइस विस्फोट करता है, तो उसे 500 डॉलर यानी 30 हजार रुपए का जुर्माना भरना होगा।
- ऊटाह में चलती एंबुलेंस में महिलाओं का पुरुषों के साथ सेक्स करना गैरकानूनी है। 95. कोलंबिया में बिगफुट (बड़े पैर वाला मानव, जो शायद ही मिले) को मारना गैरकानूनी है। 96. लेबनान में अगर कोई पुरुष किसी नर जानवर के साथ यौन क्रियाएं करता पकड़ा जाए, तो उसे मौत की सजा हो सकती है। लेकिन अगर नर की जगह मादा जानवर हो, तो फिर किसी तरह की सजा का प्रावधान नहीं है।
- मिनेसोटा में कपड़े धोते वक्त एक ही वाशिंग लाइन पर पुरुष और महिलाओं के अंतःवस्त्र रखना गैरकानूनी है। 98. टेक्सास में खुद की आंखों को बेचना गैरकानूनी है। 99. केंटुकी में छह फीट से ज्यादा लंबे हथियार को छुपा कर ले जाना गैरकानूनी है। 100. मोंटाना में फोनबुक को आधे हिस्से में फाड़ना गैरकानूनी है। इस तरह दुनिया में प्रचलित कानून, जो अब परंपराएं बन चुके हैं, पूरी मानवता को हैरान करते हैं।
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मजबूत विक्रेता संबंधों का समर्थन करने के लिए यहां कुछ रणनीतियां दी गई हैं।
विक्रेता प्रबंधन का सबसे महत्वपूर्ण सफलता कारक आपके विक्रेताओं के साथ जानकारी और प्राथमिकताओं को साझा करना है । विक्रेता के साथ अनिवार्य बैठकों के लिए एक ताल और एजेंडा स्थापित करें। इसे आमने-सामने की बैठक की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वर्चुअल मीटिंग्स अब सेट अप और उपयोग करने में आसान हैं। नियमित संचार सुनिश्चित करेंगे कि प्राथमिकताओं के दोनों सेट आपके और विक्रेता के) समझा और पालन किए जाते हैं। बैठकों का उद्देश्य उत्तरदायित्व चलाने और प्रदर्शन की निगरानी करना चाहिए।
विक्रेता प्रबंधन में लक्ष्यों में से एक है अपने विक्रेताओं की प्रतिबद्धता हासिल करना जो आपके द्वारा स्थापित व्यापार प्राथमिकताओं की सहायता और समर्थन करने के लिए है और उन्हें मापा जाएगा। बदले में, विक्रेता आपके व्यापार से कुछ निश्चित प्रतिबद्धता की अपेक्षा कर रहा है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली कीमतों को अंधाधुंध स्वीकार करना चाहिए।
हमेशा प्रतिस्पर्धी बोलियां प्राप्त करें।
यदि कोई विक्रेता आपके ऑपरेशन के लिए एक महत्वपूर्ण घटक / उत्पाद या सेवा प्रदान करता है, तो उस विक्रेता को रणनीतिक बैठकों में आमंत्रित करें जिसमें वे शामिल उत्पाद शामिल हैं। इस विक्रेता को भर्ती करने का उद्देश्य इसलिए है क्योंकि उन्हें एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता के रूप में समझा जाता था, और उस भूमिका में , विक्रेता उत्पाद या सेवा को आपके से बेहतर और / या सस्ता बना सकता है।
वे उस क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं और आप प्रतिस्पर्धात्मक लाभ देने के लिए उस विशेषज्ञता में टैप कर सकते हैं, खासकर यदि वे उन बैठकों में भाग ले रहे हैं जहां महत्वपूर्ण निर्णय किए जाते हैं और रणनीतियों की स्थापना की जाती है। इस तरह की किसी भी मीटिंग विक्रेता के साथ होने से पहले सुनिश्चित करें कि आपके पास उचित गैर-प्रकटीकरण अनुबंध (एनडीए) है।
विक्रेता प्रबंधन अल्पकालिक लाभ और सीमांत लागत बचत पर दीर्घकालिक संबंध चाहता है। यहां एक पैसा बचाने के लिए निरंतर बदलते विक्रेताओं को लंबे समय तक अधिक पैसा खर्च होगा और गुणवत्ता पर असर पड़ेगा। दीर्घकालिक संबंधों के अन्य लाभों में व्यापार की सफलता के लिए ट्रस्ट, वरीयता उपचार, और दीर्घकालिक साझा उत्तरदायित्व शामिल है। स्विचिंग विक्रेताओं की मध्य-धारा केवल मौद्रिक नहीं है बल्कि उत्पाद जीवन चक्र पर व्यापक परिणाम और उत्पाद लॉन्च और अपडेट के साथ ट्रैक पर रहने की क्षमता भी हो सकती है।
आपके द्वारा चुने गए विक्रेता को व्यवसाय में लाभदायक होना है, जैसा आप हैं। इसलिए, यदि आप लगातार लागत में कटौती करने के लिए उन्हें निचोड़ रहे हैं, तो गुणवत्ता को भुगतना होगा या वे व्यवसाय से बाहर चले जाएंगे।
विक्रेता प्रबंधन का एक प्रमुख घटक ज्ञान या संसाधनों का योगदान करना है जो विक्रेता को आपकी सेवा करने में मदद कर सकते हैं। लाभप्रदता के लिए विक्रेताओं के व्यवसाय और उनके व्यावसायिक मॉडल को जानना आपको साझेदारी के अपने पक्ष को समझने में मदद करेगा और दोनों कंपनियों के बीच बेहतर संबंध बनाएगा।
विक्रेता प्रबंधन की आवश्यकता है कि बातचीत अच्छी भरोसे में पूरी हो। वार्ता बिंदुओं की तलाश करें जो दोनों पक्षों को अपने लक्ष्यों को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। एक मजबूत हाथ वार्ता रणनीति केवल एक पार्टी दूर जाने से पहले इतनी देर तक काम करेगी।
विक्रेता प्रबंधन सबसे कम कीमत प्राप्त करने से अधिक है। अक्सर सबसे कम कीमत भी निम्नतम गुणवत्ता लाती है। जैसा कह रहा हैः "आप जो भुगतान करते हैं वह आपको मिलता है"। सावधान रहें कि विक्रेता को गुणवत्ता से कम करके विक्रेता को छोटा न करें क्योंकि इससे आपके अपने व्यवसाय पर गहरा असर हो सकता है।
कुंजी दोनों पक्षों के लिए एक अच्छा मूल्य बनाने के लिए संरेखित करने के लिए है। बेहतर गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए आपको अधिक भुगतान करने के लिए तैयार रहना चाहिए। यदि विक्रेता गुणवत्ता प्रदान करने के बारे में गंभीर है, तो उन्हें अनुबंध में गुणवत्ता के विवरण निर्दिष्ट करने में कोई समस्या नहीं होगी।
यहां विक्रेता प्रबंधन सर्वोत्तम व्यवहार के बारे में और पढ़ें।
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Jaipur Road Accident : जयपुर में आज तीन ट्रकों की आपस में भिड़ंत हो गई है। इसमें चालक सहित तीन लोगों की जिंदा जलने से मौत हो गई। साथ ही ट्रक में ले जाए जा रही 8 भैंसों की भी मौत हो गई है। घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।
Jaipur Road Accident: जयपुर के दूदू में एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। यह घटना रामनगर मोड़ (Ramnagar Mod) के पास घटी, जिसमे 3 ट्रकों की आपस में भिड़ंत हो गई। इसके बाद तीनों ट्रकों में आग लग गई। आग की चपेट में आने से तीन लोगों की मौत हुई है। एक ट्रक में करीब एक दर्जन भैंस और पशु सवार थे। इसमें से आठ भैंसों की मौत हुई है। घटना के तुरन्त बाद लोगों ने पुलिस और फायरब्रिगेड (fire brigade) को सूचना दी। दमकल की चार टीमों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू किया।
पुलिस के मुताबिक मामला बुधवार सुबह दूदू इलाके (dudu area) का है। जब अचानक एक के बाद एक तीन ट्रक आपस में भिड़ गए। इसके बाद ट्रक का डीजल टैंक फट गया, जिसके बाद तेज धमाके के साथ आग लग गई। आग लगने से ट्रक चालक और परिचालक समेत तीन लोगों की मौत हो गई। तेज धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और पुलिस के साथ ही दमकल विभाग को हादसे की सूचना दी। स्थानीय लोगों का कहना है कि ब्लास्ट की आवाज इतनी तेज थी कि दूर- दूर तक सुनाई दी।
सूचना पाते ही पुलिस और दमकल की टीमें मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू कर दिया। पुलिस ने बताया कि चालक-परिचालक समेत तीन लोगों की झुलसकर मौत हुई है, बाकी का उपचार चल रहा है। संबंधित जांच अधिकारी ने बताया कि इस हादसे में सात भैंसों की भी जलकर मौत हो गई है।
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विपक्ष पर तंज कसते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि विपक्ष तो सही उच्चारण भी नहीं कर पा रहा है, तो वे बजट को समझने का दावा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट अंत्योदय को समर्पित है और पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उत्थान करना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा के बजट सत्र के समापन के बाद प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस बार विधानसभा के बजट सत्र की करीब 12 बैठकें बुलाई गई हैं और सदन में 50 घंटे तक चर्चा हुई, जिसमें 15 अहम विधेयक पारित हुए। उन्होंने कहा कि बजट पर अपने बहुमूल्य सुझाव लेने के लिए विभिन्न क्षेत्र के 477 हितधारकोंके साथ बजट पूर्व आठ बैठकें की गईं, जिनमें एम्स और मेदांता के डॉक्टर भी शामिल हैं।
विपक्ष पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष तो सही उच्चारण भी नहीं कर पा रहा है, तो वे बजट को समझने का दावा कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 के लिए राज्य का बजट अंत्योदय को समर्पित है और पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उत्थान करना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष यह समझने में विफल रहा है कि राज्य के बजट का परिव्यय सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने पर आधारित है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि आज विधानसभा में हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 भी पारित किया गया। इसका उद्देश्य ऐसे मामलों में कमी लाना है जिसमें जबरन या किसी गलत इरादे से धर्म परिवर्तन किया जाता है। उन्होंने कहा कि पिछले 4 सालों में 127 ऐसे मामले दर्ज हुए हैं और कई बार तो लड़की के परिवार वाले ऐसे मामलों को रिपोर्ट ही नहीं करते, जिनकी संख्या अधिक हो सकती है। उन्होंने कहा कि समाज का भाईचारा बिगड़ना नहीं चाहिए, लेकिन जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक अवश्य लगनी चाहिए। हालांकि इस विधेयक में प्रावधान अवश्य किया गया है कि कोई अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन आवश्यक कर सकता है बशर्ते कि उसे जिला मजिस्ट्रेट के सामने आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 50 साल पहले लोग अपनी जमीन सरकार को विकासात्मक योजनाओं के लिए दान में या उपहार में दे दिया करते थे। उस समय सब मौखिक रूप से होता था, लिखित में कुछ नहीं होता था। आज उनकी पीढियां कोर्ट में चली जाती हैं और दावा करते हैं कि यह जमीन हमारी है और उस पर बनी सार्वजनिक उपयोगिताओं की संपतियों को खत्म किया जाए। ऐसे मामलों से राहत के लिए ही हम हरियाणा लोकोपयोगिताओं के परिवर्तन का प्रतिशेध विधेयक, 2022 लेकर आये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रैक्टर किसानों के उपयोग का वाहन है इसलिए एनसीआर में आने वाले प्रदेश के जिलों के लोगों को 10 वर्ष पुराने डीजल ट्रैक्टरों पर वर्ष 2025 तक राहत प्रदान करने के लिए विधानसभा में हरियाणा विधि ( विशेष उपबंध ) संशोधन विधेयक , 2022 पारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2022 पारित होने से अब हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण में मुख्य कार्यकारी अधिकारी, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी की नियुक्ति की जा सकेगी। मुख्य कार्यकारी अधिकारी या तो प्रधान सचिव के रैंक का अधिकारी होगा या फिर कृषि क्षेत्र से कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति होगा। एक कृषि सलाहकार परिषद भी बनाई जाएगी, जिसमें 22 सदस्य तथा एक सदस्य सचिव होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा यांत्रिक यान ( टोल टैक्स ) संशोधन विधेयक , 2022 में किये गए संशोधन से अब जो व्यक्ति टोल टैक्स संग्रहण करता है या उसे रखने के लिए प्राधिकृत किया जाता है , वह सभी सड़क अवसंरचनाओं का अच्छा रख - रखाव करेगा।
मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा जल संसाधन ( संरक्षण , विनियमन एवं प्रबंधन ) प्राधिकरण ( संशोधन ) विधेयक , 2022 भी पारित किया गया है, जिसका उद्देश्य राज्य में उपचारित अपशिष्ट जल के उपयोग को विनियमित करना है । इस समय इस पानी के पुनः उपयोग के संबंध में अनेक निर्णय व नियम है। इसलिए यह जरूरत महसूस की गई कि इसके लिए एक ही मैकेनिज़म बनाया जाए । साथ ही, हरियाणा जल संसाधन ( संरक्षण , विनियमन एवं प्रबंधन ) प्राधिकरण इस पानी के सभी तरह के उपयोगों के लिए दरें निर्धारित करने की भी सिफारिश करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा अग्निशमन तथा आपातकालीन सेवा विधेयक, 2022 के पारित होने से अब संस्थानों को प्रतिवर्ष रिन्यूअल सर्टिफिकेट नहीं लेना पड़ेगा। इसके लिए अब 3 साल और 5 साल के नियम तय किए हैं। ऐसे संस्थानों को काफी सुविधा होगी और वेयर हाउसिंग और लॉजिस्टिक कंपनियों को एनओसी लेने में सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि राई स्पोर्ट्स स्कूल को अब खेलकूद विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। इसके लिए हरियाणा खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक , 2021 पारित किया गया है। इसके अलावा, 19 ऐसे पुराने कानून हैं, जो अब लागू नहीं हैं या अप्रासंगिक व अप्रचलित हो गए हैं या जिनका अलग , स्वतंत्र व विशिष्ट अधिनियमों के रूप में होना आवश्यक नहीं है । ऐसे कानूनों को निरस्त करने के लिए हरियाणा निरसन विधेयक , 2022 पारित किया गया है । सदन में यह भी सुझाव आया कि अगली बार से ऐसे कानूनों को निरस्त करने से पूर्व हरियाणा संविधि समीक्षा समिति की रिपोर्ट को सिलेक्ट कमिटी में भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि ने कहा कि जेलों में जो कैदी बंद है उनकी पैरोल के लिए पहले कोई तय नियम नहीं थे इसलिए हमने पैरोल के लिए नियम तय किये गए हैं, इसके लिए हरियाणा विधि ( विशेष उपबंध ) संशोधन विधेयक, 2022 पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में अभी तक मानव अंग प्रत्यारोपण की कोई सुविधा नहीं है। लेकिन अब पीजीआईएमएस रोहतक में किडनी प्रत्यारोपण की सुविधा शुरू हो जाएगी। मानव अंग प्रतिरोपण ( हरियाणा विधिमान्यकरण ) विधेयक , 2022 से यह सुविधा शुरू करने में मदद मिलेगी।
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India without Rohit and Virat in T20I: भारत और अफगानिस्तान (India vs Afghanistan) के बीच टी20 इंटरनैशनल सीरीज का आगाज 11 जनवरी, गुरुवार (IND vs AFG 1st T20I) से हो रहा है. इस सीरीज के लिए भारतीय टीम में रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) की वापसी हुई है. ये दोनों खिलाड़ी 14 महीने बाद टी20 इंटरनैशनल टीम में वापसी कर रहे हैं. इंग्लैंड के खिलाफ 2022 में सेमीफाइनल मुकाबले में आखिरी बार भारत के लिए टी20 फॉर्मेट में खेले थे. इसके बाद जिस तरह से टीम इंडिया का चयन हुआ उससे यही संदेश गया कि शायद टीम प्रबंधन अब इस फॉर्मेट में इन दोनों खिलाड़ियों से आगे देख रहा है.
हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) को टीम का कप्तान बनाया गया था. और यही माना जा रहा था कि टी20 वर्ल्ड कप में भी वही भारतीय टीम के कप्तान होंगे. हालांकि हार्दिक को वनडे वर्ल्ड कप 2023 में बांग्लादेश के खिलाफ मुकाबले में चोट लग गई. इसके बाद से वह मैदान पर लौटे नहीं है. विराट भी सीरीज के पहले मैच में नहीं खेल रहे हैं.
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच टी20 इंटरनैशनल मैचों की घरेलू सीरीज और साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन टी20 मैचों की सीरीज में सूर्यकुमार यादव ने भारतीय टीम की कप्तानी की. लेकिन अफगानिस्तान के खिलाफ सीरीज में वह टीम का हिस्सा नहीं हैं. अब रोहित की वापसी हुई है. और इससे यह बात कही जाने लगी है कि रोहित और विराट टी20 वर्ल्ड कप 2024 के दावेदारों में शामिल हैं.
रोहित और विराट ने अपना पिछला टी20 इंटरनैशनल मैच इंग्लैंड के खिलाफ 10 नवंबर 2022 को खेला था. यह टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल मुकाबला था. इसमें भारत को 10 विकेट से हार मिली थी. तो उसके बाद अब तक भारत का प्रदर्शन कैसा रहा है.
भारत ने तब से लेकर अब तक भारत ने कुल 25 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले. इसमें से 16 में उसे जीत मिली है. सात में भारत हारा और एक मैच टाई रहा और एक का कोई नतीजा नहीं रहा. भारत में खेले 11 मैचों में से टीम इंडिया ने 8 मैच जीते. वहीं भारत से बाहर खेले 14 में से 8 मुकाबले टीम इंडिया के नाम रहे.
इस दौरान भारत के सबसे ज्यादा टी20 इंटरनैशनल रन सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) ने बनाए. यादव ने 20 मैचों में 53.56 के औसत से 857 रन बनाए. उनका बेस्ट नाबाद 112 रन रहा. यादव ने इस दौरान तीन सेंचुरी और पांच हाफ सेंचुरी लगाईं. यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) ने 15 मैचों में 430 रन बनाए. इसमें एक सेंचुरी और 3 हाफ सेंचुरी लगाईं. उनका स्ट्राइक रेट 159.25 का रहा. वहीं रुतुराज गायकवाड़ ने 10 मैचों में 60.83 के औसत और 147.17 के स्ट्राइक रेट से 365 रन बनाए. उन्होंने एक सेंचुरी और दो हाफ सेंचुरी लगाई.
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उत्तराखंड में भारी बारिश मुसीबत बनती जा रही है। पुल टूटने से लेकर हाईवे बाधित होने से जगह-जगह यात्री फंस गए हैं। बरसात के बाद सड़कें धंसने से गांवों का संपर्क कट गया है। प्रशासन की ओर से बंद सड़कों को खोलने का काम किया जा रहा है, लेकिन खराब मौसम मुसीबत बना हुआ है।
रुद्रप्रयाग जिले में बीती रात और बुधवार सुबह जिले में हुई मूसलाधार बारिश से जन जीवन प्रभावित हुआ। एक ओर बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में मलबा आने से बाधित रहा है वहीं केदारनाथ हाईवे नैल और अन्य स्थानों पर मलबा आने के कारण वाहनों की आवाजाही के लिए बाधित रहा। कई ब्रांच सड़कों में भी मलबा आने से आवाजाही थमी है।
बुधवार सुबह तेज बारिश से जन जीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में मलबा आने के कारण बंद हुआ, जिसे शीघ्र खोलने के प्रयास किए गए। जबकि केदारनाथ हाईवे नैल और फाटा से आगे मलबा आने के कारण बाधित रहा। यहां भी एनएच द्वारा हाईवे को खोलने के प्रयास तेजी से किए गए।
हाईवे बंद होने के कारण तीर्थयात्रियों के साथ ही स्थानीय लोगों को मुश्किलें उठानी पड़ी। कई लोग वैकल्पिक मार्ग से आवाजाही करने को मजबूर हुए। हालांकि कुछ लोग हाईवे खुलने का इंतजार करते रहे। वहीं केदारनाथ हाईवे पर भी केदारनाथ आने जाने वाले तीर्थयात्रियों को दिक्कतें हुई।
स्थानीय लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि बंद हाईवे को खोलने के प्रयास जारी है। घनसाली-मयाल मोटर मार्ग अमकोटि के समीप कुटमाणा मोटर पुल में भारी बोल्डर आने से आवाजाही ठप हो गई है। कई मार्गों पर मलबा आ गया।
जखोली। चारधाम तीर्थयात्रा का महत्वपूर्ण मार्ग तिलवाड़ा-घनसाली मोटर मार्ग पर अमकोटी से आगे कुटमाणा के पास मोटर पुल पर भारी बोल्टर व मलबा आने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल के क्षतिग्रस्त होने से प्रशासन व लोनिवि ने उक्त स्थान से यातायात पूर्ण रूप से बंद कर दिया है।
एसडीएम जखोली परमानन्द राम ने आस पास के गांवों के ग्रामीणों की आवाजाही के लिए शीघ्र पैदल मार्ग खोलने के निर्देश दिए हैं। बुधवार सुबह से क्षेत्र में भारी बारिश होने के कारण मोटर पुल पर भारी बोल्डर व मलबा आने से पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। जिससे चारधाम तीर्थयात्रियों व स्थानीय लोगों के सामने आवाजाही को लेकर बड़ा संकट पैदा हो गया है।
एसडीएम जखोली परमानन्द राम व लोनिवि के अधिशासी अभियंता जेएस रावत सहित विभागीय अधिकारियों व प्रशासन की टीम ने मौके का मुआयना करने के बाद खतरे को देखते हुए मार्ग पर पुल से यातायात व्यवस्था बंद करने के निर्देश दिए हैं। अधिशासी अभियंता जेएस रावत ने कहा कि मोटर पुल के क्षतिग्रस्त होने से खतरे को देखते हुए तीर्थयात्रियों व स्थानीय राहगीरों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था होने तक यातायात पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि यातायात को सुचारु ढंग से संचालित करने के लिए शीघ्र ही वैली व्रिज का निर्माण किया जाएगा। वहीं स्थानीय लोगों की परेशानियों को देखते हुए एसडीएम जखोली परमानन्द राम ने शीघ्र ही पैदल मार्ग खोलने के निर्देश दिए हैं। बुधवार रात को भारी बारिश के चलते पुल के ऊपर भारी बोल्डर व मलवा आने के कारण पुल का तरफ का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है।
रुद्रप्रयाग। ऑलवेदर रोड निर्माण के दौरान एनएच लोनिवि और आरसीसी कंपनी द्वारा नालियों के पानी का सही ढंग से ड्रेनेज न करने के कारण अब लोगों को बरसात में मुश्किलें उठानी पड़ रही है। एक ओर नगर के कई जगहों पर जल भराव हो रहा है तो वहीं अनूप नेगी मेमोरिलय पब्लिक स्कूल गुलाबराय के लिए यह मुसीबत बन गया है। बुधवार को सुबह हुई मूसलाधार बारिश से अनूप नेगी स्कूल को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। नाली और सड़क का पानी स्कूल परिसर में घुस गया जिससे स्कूल में अफरा-तफरी रही।
बड़कोट। यमुनाघाटी में बीती मंगलवार की रात भारी बारिश से यमुनोत्री नेशनल हाईवे जगह-जगह मलबा आने से बंद रहा। रात में ही हाईवे किसाला और डबरकोट में मलबा आने से यातायात के लिए ठप हो गया था। दोपहर को पौने एक बजे हाईवे यातायात के लिए खुल सका।
यमुनाघाटी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण यमुनोत्री हाईवे पर किसाला और डबरकोट के पास बोल्डर व मलबा आने से आवाजाही कई घंटों तक ठप रही। तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हाईवे के दोनों ओर बुधवार को सुबह वाहनों की लंबी कतार लग गई, जिनमें यात्री घंटों तक फंसे रहे। बीती आधी रात से लेकर दोपहर पौने एक बजे तक किसाला के निकट हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बंद रही। नौगांव स्योरी मोटरमार्ग पर खड्ड के उफान पर होने से आवाजाही ठप है।
रात में बड़कोट की सड़कों पर जलभराव की स्थिति देखने मिली। यहां बड़कोट के वार्ड सात में लोगों के घरों में सड़क का पानी घुस गया। जगह-जगह सड़कों में मलबा भरने से लोग खासे परेशान रहे। नगर पालिका बड़कोट में हुये जलभराव व नुकसान का जायजा लेने नगर पालिका अध्यक्ष अनुपमा रावत, उपजिलाधिकारी शालिनी नेगी व पूर्व पालिका अध्यक्ष अतोल सिहं रावत आदि मौके पर पहुंचे। न्याय पंचायत तियां के खाबला गांव में भारी मलबा आने से लोगों की छानियां को भी नुकसान पहुंचा है। स्थानीय प्रशासन की टीम नुकसान का जायजा लेने में जुटी है।
रुद्रप्रयाग। खांकरा क्षेत्र में बुधवार सुबह हुई तेज बारिश से 100 नाली से अधिक कृषि भूमि भूस्खलन से तबाह हो गई। जबकि पेयजल लाइन व सिंचाई नहर को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बीती रात से हो रही तेज बारिश से बुधवार सुबह खांकरा के नारंगी गदेरा ऊफान पर आ गया। जिससे छातीखाल-पौड़ीखाल रामपुर बड़ी संख्या में कृषि भूमि भूस्खलन की चपेट में आ गया।
खेत में एक नेपाली के कच्चा मकान था, वह भी क्षतिग्रस्त हो गया। मछली तालाब भी भूस्खलन की चपेट में आ गया। रामपुर गांव के ठीक ऊपर विधाणी लाल के घर के ऊपर भी भारी मात्रा में मलबा आ गया। जिससे घर को भारी नुकसान पहुंचा है। खांकरा के फतेपुर गांव में भी सैकड़ों नाली कृषि भूमि तबाह हो गए।
नर्सिंग गदेरा में भी बडी मात्रा में पानी आने से गांव में भारी नुकसान पहुंचा है। नौगांव में पेयजल लाइन, सिंचाई नहर भी क्षतिग्रस्त हो गई है। पूर्व प्रधान में नरेंद्र मंमगाई एवं प्रदीप मलासी ने बताया कि क्षेत्र के सभी गदेरे ऊफान पर है।
मोरी। मोरी में फपराला खड्ड के उफान पर आने से मोरी- सांकरी मोटर मार्ग का 20 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। जिससे मोरी क्षेत्र के करीब 22 गांव का संपर्क तहसील मुख्यालय से पूरी तरह कट गया। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि मार्ग को खोलने की कार्यवाही शुरू कर दी है।
देर सांय तक मार्ग सुचारू करने का काम चालू रहा। वहीं मोरी बाजार में भारी मात्रा में आए मलबे को साफ कर दोपहर तक यातायात के लिए खोल दिया गया। जिले की गंगा व यमुना घाटी क्षेत्र में गत मंगलवार रात को जमकर मूसलाधार बारिश हुई। बारिश के चलते गोविंद वन्य जीव विहार क्षेत्र के अंतर्गत फफराला खड्ड उफान पर आ गया।
जिससे मोरी -सांकरी मोटर मार्ग का करीब 20 से 30 मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। वहीं मार्ग पर भारी मात्रा में मलबा व पत्थर आ गए। इससे मोरी सांकरी मोटर मार्ग यातायात के लिए पूरी तरह बाधित हो गया। मार्ग बंद होने के कारण पार्क क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले 22 गांव की आवाजाही भी पूर्ण रूप से बाधित हो गई। कई लिंक मार्गों के साथ पैदल मार्ग भी बंद हो गए हैं।
घनसाली। बुधवार सुबह हुई भारी बारिश लोगों के लिये मुसीबत बन गई, बारिश के कारण जगह-जगह सड़कों पर मलबा आने से सड़के बाधित हो गई। और कई जगहों पर पानी भर गया। बारिश के चलते स्कूली बच्चें भी स्कूल नहीं जा सके। घनसाली क्षेत्र में मानसून सीजन की पहली बरसात से घनसाली नगर पंचायत के कई वार्डों में जल भराव से बरसात का पानी और मलबा घरों और दुकानों में घुसने से लोगों में अफरा तफरी मची रही।
बुधवार सुबह हुई मूसलाधार बारिश ने सरकारी सिस्टम की पोल खोल कर रख दी। मूसलाधार बारिश से वार्ड संख्या तीन के मुख्य बाजार में पहाड़ी से पानी के साथ आया मलबा दुकानों में जा घुसा। वार्ड संख्या छह और सात सेमली में नालियों की निकासी न होने से सड़के तालाब में तब्दील हो गई, और बरसात का पानी घरों में जा घुस गया। घनसाली-मयाली यात्रा मार्ग पर बुरांस होटल के पास कुटमन पुल के ऊपर पहाड़ी से भारी मलबा और बोल्डर आने से पुल को काफी नुकसान पहुंचा है,जिससे सड़क मार्ग भी अवरुद्ध रहा। बालगंगा, भिलंगना और नैलचामी नदियों का जल स्तर बढ़ने से लोग भयभीत हो गये।
नई टिहरी। टिहरी जिले में बुधवार सुबह हुई भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश के कारण जिले में चार मोटर मार्ग बाधित चल रहे हैं। बुधवार सांय तक घनसाली-चिरबटिया-तिलवाड़ा मोटर मार्ग बाधित होने के कारण रुद्रप्रयाग जाने वाले यात्रियों को घनसाली से वापस भेजा रहा है।
इसके साथ मरोड़ा-बनाली, जाजल-हाड़ीसेरा, कैंपटी-चडोगी और कांडुला बैंड-टिपरी मोटर मार्ग पर मलबा आने और सड़कों के किनारे लगे पुस्तों के टूटने से मार्ग बाधित हो गये। आपदा अधिकारी बृजेश भट्ट ने बताया कि प्रशासन और निर्माणदायी एजेंसियों द्वारा जेसीबी मशीनों की मद्द से सड़कों मार्गों को खोलने का कार्य जारी है। देर रात तक सभी बाधित सड़कों के खुलने जाने की संभावना है।
बारिश के कारण भागीरथी पुरम से सटे खेमड़ा गांव और चवादंत को जोड़ने वाले पैदल पुल की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे ग्रामीणों को आवाजाही करने में दिक्कत उठानी पड़ रही है। खेमड़ा गांव की ग्राम प्रधान दीपिका चौहान, होशियार सिंह आदि ने प्रशासन से पुल की क्षतिग्रस्त दीवार की मरम्मत की मांग की है।
पौड़ी। बुधवार की सुबह हुई जोरदार बारिश से जिले के 22 ग्रामीण मोटरमार्गो पर यातायात ठप हो गया है। बुधवार को बारिश से जिले के टकोलीखाल-बीरोंखाल, पाणीसैंण-बूथानगर, नोडखाल-नांद, सिमल्या-कफल्डी, खैरासैंण-बयाली, ढौटियाल-बसड़ा, सिरोबड़ी-अमलेसा, चकरगांव-कल्याणखाल, मैखुली-कठूरखाल, कफल्ड-घंडियाली आदि बाधित हो गए।
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लेकिन कुछ ऐसे भी महान खिलाडी हमने देखे है जिन्होंने अपना करियर सही समय पर ख़त्म करने का फैसला लिया, या तो वो शीर्ष स्थान से रिटायर हो गए या फिर उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि उनका खराब प्रदर्शन लंबे समय तक नहीं चले और किसी भी तरह से टीम को प्रभावित ना करे।
आज हम ऐसे ही पांच खिलाडियों के बारे में जानेंगे जिन्होंने सही समय पर अपनी सेवानिवृत्ति की घोषणा कीः
लगभग ३०,००० अंतरराष्ट्रीय रन बनाने वाले इस बाएं हाथ के विकेटकीपर-बल्लेबाज ने 2015 विश्व कप के बाद रिटायर होने का अपना फैसला चयनकर्ताओं के निवेदन पर बदला था। 15 साल क्रिकेट खेलने के बाद वह वेस्टइंडीज और श्रीलंका सीरीज़ के बाद रिटायर हुए। श्रीलंका के इस सबसे सफल टेस्ट बल्लेबाज ने अपने आखिरी दिनों में भी अपना जादू बनायें रखा, लेकिन उन्होंने अपना करियर उस पॉइंट तक नहीं खींचा जब वह देश के लिए उत्तरदायित्व बन सकते थे या किसी भी नौजवान के लिए बाधा बन सकते थे।
दुनिया के सबसे महान लेग-स्पिनर में से एक ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉर्न को अपने खेल के दिनों के दौरान बहुत समस्याओं (कई ऑफ-फील्ड) से निपटना पड़ा । हालांकि, वह उन्हें मैदान पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने से कभी रोक नहीं पाया, उनकी चालाक लेग स्पिन ने कई वर्षों तक बल्लेबाजों को परेशान किया।
वह 2003 में अपने एक साल के प्रतिबंध के बाद भी पहले जितने ही अच्छे फॉर्म में थे, और 2006 में अपने पहले मैच के 14 साल बाद भी असाधारण रूप से अच्छी गेंदबाजी कर रहे थे। लेकिन, उस साल एशेज को पुनः प्राप्त करने के बाद 37 साल के वॉर्न ने फैसला किया कि उनका समय ख़त्म हो चूका था।
700 टेस्ट विकेट लेने वाले पहले क्रिकेटर वॉर्न ने रिटायर होने का फैसला किया, जिससे युवाओं को मौका मिला क्योंकि तब ऑस्ट्रेलिया अपने स्वर्ण युग के अंत के बाद अपना टेस्ट सेटअप रहा था।
भारतीय प्रशंसकों के लिए वह एक दिल टूटने वाली घटना थी जब 'द वॉल' राहुल द्रविड़ ने मार्च २०१२ में अचानक रिटायरमेंट की घोषणा की। कुछ ही समय पहले हुए ऑस्ट्रेलियाई दौरे में उनका प्रदर्शन बहुत ही सामान्य रहा था और उन्हें तभी इस बात का एहसास हुआ था की अब क्रिकेट से दूर होने का समय आ गया है। उस ऑस्ट्रेलियाई दौरे के बाद भारत का घरेलु सीजन शुरू होने वाला था और अगर वो चाहते तो और एक-डेढ़ साल आराम से खेल सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा ना करते हुए युवा खिलाडियों को मौका दिया जो उन युवा प्रतिभाशाली खिलाडियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण था।
एलिस्टर कुक का अपने टीम को पिछले १०-१२ सालों में मिले सफलता में सबसे बड़ा योगदान था। इंग्लैंड के यह सबसे बड़े टेस्ट बल्लेबाज भारत के निराशाजनक 2016 के दौरे के बाद अपना जादू नहीं दिखा पाएं। पिछले साल के अंत में उन्होंने एशेज सीरीज में दोहरा शतक जरूर लगाया लेकिन इस साल भारत के साथ हुए श्रृंखला के बाद उन्होंने सिर्फ ३२ साल की उम्र में रिटायर होने को फैसला लिया।
1. महेंद्र सिंह धोनी (टेस्ट)
उनकी सेवानिवृत्ति कई लोगों के लिए एक झटके के रूप में आई, लेकिन धोनी ने 2015 विश्व कप से ठीक पहले 2014 में भारत-ऑस्ट्रेलिया श्रृंखला के मध्य में ही रिटायर होने का फैसला किया। कोई भी नहीं जानता कि यह कदम उन्होंने इतनी जल्दबाजी में क्यों उठाया, लेकिन यह एक समझदार कदम साबित हुआ क्योंकि इसके बाद कोहली ने कप्तान और बल्लेबाज इन दोनों रूपों में चमक दिखाई। धोनी के लिए, यह अतिरिक्त बोझ कम हुआ, जिससे वह सीमित ओवरों के मैच पर ध्यान केंद्रित कर सकते थे। उन्होंने वनडे और टी 20 की कप्तानी कोहली को तुरंत नहीं सौंपी, जिससे कोहली को कप्तान की भूमिका समझने के लिए सही समय मिला।
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आप सभी जानते ही होंगे कि हर साल भारत में 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत साल 2008 में हुई थी। इसकी शुरुआत महिला और बाल विकास मंत्रालय ने की थी। कहा जाता है इस दिन को मनाने का उद्देश्य देश में बालिकाओं के साथ होने वाले भेदभाव के प्रति लोगों को जागरुक करना है। साल 2008 से इस दिन को पूरे देश में मनाया जाता है। वैसे इस दिन देशभर में बालिका बचाओं अभियान चलाया जाता है।
इसके अलावा लड़कियों को उनके अधिकार दिलवाने के लिए भी अभियान चलाये जाते हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से साल 2015 में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत हुई थी जिसके बारे में आप जानते ही होंगे। जी दरअसल सरकार का 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान काफी सफल रहा है। इस अभियान के जरिये भी लड़कियों और महिलाओं से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया जाता रहा है। आज के समय में महिलाओं के प्रति होने वाली कई अमानवीय प्रथाओं जैसे भ्रूण हत्या के मामलों में कमी आई हैं। ऐसे अभियान लोगों की मानसिकता को बदलते हैं और आज राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का भी आधार यही है।
लड़कियों की सुरक्षा, शिक्षा, लिंग अनुपात, स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर आज के दिन ही नहीं बल्कि हर दिन लोगों को विचार करना चाहिए। लड़कियों को भी समान अधिकार दिए जाने चाहिए। उन्हें वह सब करने की आजादी होना चाहिए जो किसी अन्य को मिलती है। आज हम सभी को केवल राष्ट्रीय बालिका दिवस की बधाई ही नहीं देनी है बल्कि सभी को यह शपथ लेनी चाहिए कि हम लड़कियों का सम्मान करेंगे और हर क्षेत्र में उनको बढ़ावा देंगे।
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Patna Police Raid: राजधानी में सोशल मीडिया के माध्यम से सेक्स रैकेट का संचालन किया जा रहा है। इसका खुलासा पटना पुलिस ने किया है। एसकेपुरी थाने की पुलिस ने बोरिंग रोड स्थित एक अपार्टमेंट में छापेमारी की। यहां स्पा की आड़ में सेक्स रैकेट चलाया जा रहा था।
Patna Crime News : पटना शहर के एसकेपुरी थाने की पुलिस ने बोरिंग रोड पर छापेमारी कर एक सेक्स रैकेट का खुलासा किया है। पुलिस ने एक अपार्टमेंट के नीचे यूनिसेक्स स्पा की आड़ में चल रहे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यहां से तीन ग्राहक और तीन महिलाओं को केबिन से आपत्तिजनक स्थिति में गिरफ्तार किया है। पकड़े गए ग्राहकों में एक निजी कंपनी का मैनेजर, एक कारोबारी, डाक विभाग का एक कर्मी शामिल है। वहीं, गिरफ्तार महिलाओं में से एक पटना और दो मुजफ्फरपुर की रहने वाली है। जबकि गिरफ्तार तीनों पुरुष पटना के ही रहने वाले हैं। इन छह लोगों के कब्जे से पुलिस ने सात मोबाइल, कारोबारी रोहित से 2. 50 लाख रुपए जब्त किया है। स्पा सेंटर से स्वाइप मशीन, बारकोड स्कैनर, रजिस्टर जब्त किया है।
इस सेक्स रैकेट का संचालन मां और बेटे कर रहे थे। सेंटर की संचालिका का बेटा भी सेंटर के संचालन में सहयोग करता था। छापेमारी से पहले ही संचालिका वहां से फरार हो गई थी। फरार महिला ने स्पा सेंटर के नाम पर यह जगह 20 हजार रुपए किराए पर ली थी। इस बारे में थाना अध्यक्ष धीरज कुमार का कहना है कि, गिरफ्तार सभी लोगों को जेल भेज दिया गया है। संचालिका की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।
पुलिस ने छापेमारी की तो वहां एक रजिस्टर मिला। उसमें स्पा सेंटर से होने वाली हर दिन की आमदनी और खर्च का जिक्र किया हुआ है। गिरफ्तार महिलाओं ने पुलिस को बताया है कि, ग्राहकों से जनरल रेट 2500 रुपए से 3000 रुपए लिया जाता था। सेंटर की संचालिका ग्राहकों को व्हाट्सएप पर महिलाओं की फोटो भेजती थी। ग्राहक महिला को पसंद करने के बाद ऑनलाइन पेमेंट कर देते थे। फिर सेंटर पर आने के बाद कैश भी दिया करते थे।
पुलिस का कहना है कि, स्पा सेंटर की आड़ में जिस्मफिरोशी का यह धंधा छह महीने से चल रहा था। पुलिस सेंटर एवं अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरे का डीवीआर लेकर गई है। पुलिस का कहना है कि, डीवीआर के जरिए ही पता चल सकेगा कि, किस तरह और कितने ग्राहक यहां आते-जाते थे। बरामद मोबाइल के सीडीआर से भी इस रैकेट से जुड़ी जानकारी हासिल करनी है।
रायगढ़, पुणे, रांची. . . एक के बाद एक शहर से सामने आ रहे 'लव जिहाद' के मामले; क्या देश में फैल रहा Love Jihad?
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एथलेटिक्स शायद दुनिया में खेलों का सबसे प्राचीन रूप है और इसमें मुख्य रूप से तीन तरह की गतिविधियाँ शामिल हैं जैसे दौड़ना, कूदना और फेंकना। इस दुनिया के अन्य सभी खेलों की तरह, एथलेटिक्स की भी अपनी शब्दावली और शब्द हैं। एथलेटिक्स में विभिन्न चीजों को पहचानने और उनका वर्णन करने के लिए शब्दों का उपयोग किया जाता है। एथलेटिक्स में कुछ सबसे सामान्य शब्द हैंः
मीटरः एथलेटिक्स में किसी भी तरह की दूरी को मापने के लिए `मीटर` शब्द का उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग रनिंग, जंपिंग, थ्रोइंग और रेसिंग सहित एथलेटिक्स की सभी घटनाओं में किया जाता है। रनिंग डिपार्टमेंट में, क्या यह 100 मीटर, 110 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 1000 मीटर, 5000 मीटर, 10000 मीटर आदि की घटनाओं की कुल दूरी को निर्धारित करने के लिए उपयोग किया जाता है। जंपिंग में, `मीटर` का उपयोग निर्धारित करने के लिए किया जाता है। दूरी जो एक जम्पर लंबाई और ऊंचाई में पार कर गई है और यह अंततः विजेता को निर्धारित करती है। फेंकने में भी, वह दूरी जो एक एथलीट भाला फेंकता है या हथौड़ा या शॉट पुट को विजेता बनाता है और दूरी मीटर से गणना की जाती है।
अटेम्प्टः यह शब्द लगभग एथलेटिक्स में अपने साहित्यिक अर्थ के अनुसार उपयोग किया जाता है। यह ज्यादातर कूदने और फेंकने की घटनाओं में उपयोग किया जाता है जहां एक एथलीट को तीन या अधिक बार कूदना या फेंकना होता है। उनके प्रत्येक कूदने या फेंकने को `अटेम्प्ट` कहा जाता है।
क्वॉलिफ़िकेशन योग्यता का अर्थ है किसी भी एथलेटिक घटना के लिए अर्हता प्राप्त करना। यह एक घटना के लिए चैंपियनशिप के आयोजकों द्वारा निर्धारित कुछ मानदंडों को संदर्भित करता है। सभी एथलीटों को अंतिम चैम्पियनशिप में प्रतिस्पर्धा करने का मौका पाने के लिए उस मानदंड को पूरा करना होगा।
हीटः हीट का मतलब एथलेटिक्स में कुछ गर्म नहीं है; बल्कि इसका मतलब है कि फाइनल में जाने का मौका पाने के लिए प्रारंभिक प्रतियोगिता में भाग लेना। आयोजक आमतौर पर एथलीटों की संख्या को एक निश्चित संख्या तक कम करने के लिए तपती व्यवस्था करते हैं जो अंतिम चरण में दिखाई देंगे।
क्वार्टर-फाइनलः अन्य सभी प्रतियोगिताओं की तरह, एथलेटिक्स में भी, 'क्वार्टर-फाइनल' शब्द का अर्थ समान है। यह सुनिश्चित करने के लिए एक और चरण है कि सर्वश्रेष्ठ एथलीट फाइनल में हिस्सा लेने जा रहे हैं।
सेमी-फाइनलः इस शब्द का उपयोग क्वार्टर फाइनल के अगले चरण की पहचान करने के लिए किया जाता है। इस चरण में, एथलीट फाइनल में मौका पाने के लिए अधिक जुनून के साथ प्रयास करते हैं।
फाइनलः फाइनल एक एथलेटिक्स इवेंट का अंतिम चरण है, जहां इवेंट के वास्तविक विजेता का निर्धारण किया जाता है। सभी एथलीट फाइनल में बहुत अच्छा प्रदर्शन करने और विजेता के रूप में घोषित होने के लिए अपने स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रयास करते हैं।
वर्ल्ड रिकॉर्ड (WR): यह शब्द दुनिया के सभी खेलों में बहुत आम है। यह शब्द किसी भी विशेष घटना की सर्वश्रेष्ठ घोषणा करता है। एथलेटिक्स में चल रही घटनाओं में, यह समय में और कूदने और फेंकने की घटनाओं में, दूरियों में बताया गया है।
यूरोपीय रिकॉर्ड (ईआर): इस शब्द का उपयोग उसी तरह से किया जाता है जिस तरह से वर्ल्ड रिकॉर्ड का उपयोग किया जाता है। हालांकि, यह केवल सबसे अच्छा समय और यूरोपीय चैंपियनशिप में हासिल की गई दूरियों को बताने के लिए उपयोग किया जाता है।
राष्ट्रीय रिकॉर्ड (NR): यह शब्द किसी भी एथलीट द्वारा अपने देश में किए गए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की घोषणा करता है।
पर्सनल बेस्ट (PB): यह शब्द अपने करियर के दौरान किसी व्यक्तिगत एथलीट के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की घोषणा करता है। यह आमतौर पर कहा जाता है जब एथलीट एक स्वर्ण जीतता है या कुछ असाधारण प्रदर्शन करता है।
अयोग्य (DSQ): यदि किसी भी एथलेटिक्स इवेंट में कोई भी एथलीट तीन बार से लगातार लाइन के आगे शुरू होता है, तो इवेंट के स्टार्टर कभी-कभी एथलीट को `डिसक्वालीफाइड` घोषित करते हैं। एथलीट के नाम के साथ DSQ साइन लगाकर बोर्ड में यह घोषणा की गई है।
डिड नॉट फिनिश (DNF): यदि कोई एथलीट कुल ईवेंट को पूरा करने में विफल रहता है, तो एथलीट को डीएनएफ घोषित किया जाता है।
डिड नॉट स्टार्ट (DNS): इस शब्द का उपयोग इस तथ्य को बताने के लिए किया जाता है कि, कोई एथलीट किसी कारणवश इस कार्यक्रम को शुरू करने में विफल रहा है।
आउटडोरः शब्द `आउटडोर` का उपयोग उन घटनाओं की पहचान करने के लिए किया जाता है, जो बाहर में खेली जाती हैं। इस तरह के आयोजन हाफ-मैराथन, मैराथन, वॉक आदि हैं।
इनडोरः इस शब्द का उपयोग इनडोर में खेली जाने वाली घटनाओं को इंगित करने के लिए भी किया जाता है।
यद्यपि चर्चा की गई शर्तें अधिकतर एथलेटिक्स में उपयोग की जाती हैं, लेकिन एथलेटिक्स की कुछ बोलचाल की शर्तें भी हैं जो दुनिया के विभिन्न हिस्सों में उपयोग की जाती हैं।
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नयी दिल्ली 01 मई (वार्ता)। चेन्नई में 28 जुलाई से दस अगस्त तक होने वाले शतरंज ओलंपियाड (Chess Olympiad) की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। ऑल इंडिया चेस फेडरेशन(एआईसीएफ), भारत सरकार और तमिलनाडु सरकार ने एक साथ मिल कर इस खेल को देश, प्रतिभागियों और दर्शकों के लिए यादगार बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।
एआईसीएफ के सचिव भरत सिंह चौहान ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर (Union Sports Minister Anurag Singh Thakur) से मिलकर उन्हें ओलंपियाड की चल रही तैयारियों के बारे में बताया। इस दौरान भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान, खेल के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ सिंह लोंगजाम तथा खेल सचिव प्रदीप ए भी बैठक में मौजूद रहे।
चेन्नई में ओलंपियाड की व्यवस्थाओं पर नजर रख रहे चौहान ने इस सप्ताह अबु धाबी में अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ की एक बैठक में भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, " सभी चीजें नियंत्रण में है और हम तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि हम निर्घारित समय से पहले ही भारत के सबसे बड़े खेल का प्रतिनिधित्व के लिए तैयार हो जायेंगे। हम केंद्र सरकार के बहुत आभारी हैं क्योंकि उन्होंने हमें बहुत सहायता प्रदान की है। '
उल्लेखनीय है कि भारत इतिहास में पहली दफा ओलंपियाड की मेजबानी कर रहा है और भारत के पास ओपन और महिला वर्ग में अतिरिक्त टीम बनाने का सुनहरा मौका होगा। गौरतलब है कि रविवार को एफआईडीई रेटिंग जारी होने के बाद ओलंपियाड के लिए भारतीय टीमों की घोषणा की जायेगी।
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बाशिंग - 1962 में बने वैष्णो देवी मंदिर पर हाई कोर्ट व प्रशासन का डंडा चलने के बाद अब प्रशासन का तलोगी से भूतनाथ तक करीब 25 से 30 आशियानों पर डंडा चलेगा। करीब पांच महीने पहले वन विभाग ने गावर कंस्ट्रक्शन की मदद से वैष्णो मंदिर की एक बिल्डिंग पर बुल्डोजर चला दिया था, जिससे वहां उस मकान पर बने 20 से 25 कमरे गिरा दिए थे। अब तलोगी से भूतनाथ पुल तक भी प्रशासन जल्द ही बुल्डोजर चलाएगा। अतिक्रमण पर कार्रवाई के चलते प्रशासन ने पहले ही वैष्णो देवी मंदिर की बिजली, पानी के कनेक्शन काट दिए हैं, जो शायद भविष्य में लगना नामुमकिन लग रहा है। इसमें कुल्लू-मनाली में सैलानियों का प्वाइंट भी कम होता नजर आ रहा है। मंदिर के प्रधान सेवक कमाल दास का कहना है कि मंदिर पांच महीने से बंद पड़ा है, जो कि सैलानियों के लिए अब दोबारा से खोल दिया है। उन्हें मलाल है कि पत्थरों पर जीवन व्यतीत कने वालों पर कार्रवाई हुई है, जबकि धन्नासेठों पर कार्रवाई से प्रशासन भी डरता है। उधर, वन विभाग के अधिकारी नीरज चड्डा का कहना है कि अतिक्रमण पर लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। बिजली, पानी की लिस्टें बिजली बोर्ड को दे दी हैं। जल्द ही इन पर भी कार्रवाई होगी। एक बीघा तक अतिक्रमण का सरकार के नए आदेशों का इंतजार किया जा रहा है। अतिक्रमणकारियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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क्या आप जानते हैं सुबह बिस्तर छोड़ते ही की गई कुछ गलतियां आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर देती है। ये ऐसी गलतियां हैं जो आपको उम्र से पहले ही बूढ़ा बना सकती हैं।
क्या आप जानते हैं सुबह बिस्तर छोड़ते ही की गई कुछ गलतियां आपकी सारी मेहनत पर पानी फेर देती है। ये ऐसी गलतियां हैं जो आपको उम्र से पहले ही बूढ़ा बना सकती हैं।
अगर आप भी चाहते हैं बच्चों की सेहत अच्छी, तो उन्हें अपने साथ खाना खिलाइए और सिखाइए ये हेल्दी फूड हेबिट्स।
सुबह की एक हेल्दी शुरआत आपका पूरा दिन अच्छा और मूड बेहतर बना सकती है, हम बता रहे हैं आपको कि आखिर क्या है वह अच्छी आदत।
यदि आपने बिस्तर के पास अलार्म रखा है तो उसे अब से दूर रखना शुरू कर दीजिए। आपको उसे इतना दूर रखना होगा ताकि आपका हाथ उसके पास पहुंच नहीं पाए। जब अलार्म आपसे दूर होगा तो आप उसे बंद करने के लिए बिस्तर से बाहर निकलेंगे।
एक अच्छी जीवनशैली के लिए सबसे महत्वपूर्ण अच्छा स्वास्थ्य होता है लेकिन एक या दो दिन डायट फॉलो करके या एक्सरसाइज करके कुछ फायदा नहीं होने वाला। बेहतर परिणाम के लिए आपको कुछ आदतों को रोजाना अपनाना होगा।
नींद के अभाव का आपके प्रतिरक्षा स्तर के साथ एक सीधा संबंध है। अगर आपको पर्याप्त नींद नहीं मिल पा रही है, तो आपको ठंड और फ्लू होने की अधिक संभावना है।
सही डायट और एक्सरसाइज के बावजूद हमारी कुछ आदतें हमारे वेट लॉस में अड़चन डाल सकती हैं।
इन प्यारी तकनीकों को अपनाएंगे तो बच्चेे खिंचे चले आएंगे हेल्दी् फूड की तरफ।
कई अध्ययन इस बात को साबित कर चुके हैं कि जो लोग प्रत्येक दिन भरपूर नाश्ता करते हैं, वे काम के दौरान बेहतर परफॉर्म करते हैं।
किसी भी व्यक्ति के शरीर में विटामिन सी की दैनिक आवश्यकता 60 से 90 मिलीग्राम है।
गंदे बर्तनों और टिफिन बॉक्स में खाना खाने से आपके बच्चों को कई परेशानियां हो सकती हैं।
सेहत पर भारी पड़ता है कॉम्प्लीमेंटरी फूड।
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गाजियाबाद के कौशांबी इलाके में रहने वाले एक महज ढाई वर्षीय बच्चे का नाम बुक ऑफ इंडिया में दर्ज हो गया है। इसकी वजह आप जानेंगे तो खुद हैरान रह जाएंगे। क्योंकि महज ढाई साल की उम्र के शजीत नाम के इस बच्चे ने केवल 3 मिनट 17 सेकंड में ही मानव शरीर की सभी हड्डियों को पहचानते हुए नाम तक बता दिए हैं। जिसके बाद बच्चे का नाम इंडिया बुक ऑफ रेकॉर्ड में दर्ज हो चुका है। हालांकि इससे पहले कौटिल्य नाम का एक बालक अपनी याददाश्त और जानकारियों के चलते देश भर में मशहूर हुआ था। जिसके बाद अब गाजियाबाद के इस बच्चे ने अपनी इस जानकारी के बाद सभी को हैरान कर दिया है।
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भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेली जा रही टी20 सीरीज के पहले मैच में आईसीसी का कन्कसन नियम चर्चा में आ गया। दरअसल, जब बैटिंग के दौरान रविंद्र जड़ेजा चोटिल हुए तो उनकी जगह युजवेंद्र चहल को बतौर सब्सीट्यूट प्लेयर टीम में शामिल किया गया। युजवेंद्र चहल को कन्कसन नियम के तहत मैच में गेंदबाजी करने का भी मौका मिला। आईए जानते हैं क्या है कन्कसन नियम और इसका इतिहास।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कन्कसन सब्सीट्यूट प्लेयर के तौर पर टीम में शामिल हुए युजवेंद्र चहल ने विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को उबरने का मौका नहीं दिया। युजवेंद्र चहल को प्लेइंग इलेवेन में शामिल नहीं किया गया था, लेकिन रविंद्र जड़ेजा के सिर में बॉल लगने की वजह से कन्कसन नियम का फायदा भारतीय टीम को मिला और युजवेंद्र मैदान में उतरे और 3 विकेट चटकाए।
2014 में आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी फिलिप हॉग्स की प्रथम श्रेणी मैच के दौरान सिर में बॉल लगने के बाद मौत हो गई थी। इस घटना से क्रिकेट जगत को गहरा झटका लगा था और आईसीसी को इस तरह की घटना से बचने के लिए उपाय खोजना था। आईसीसी ने खिलाड़ी के सिर में चोट लगने की स्थित में उसकी जगह लेने वाले सब्सीट्यूट खिलाड़ी को उसकी तरह ही बैटिंग, बॉलिंग या फील्डिंग करने की अनुमति दी। इस नियम को कन्कसन सब्सीट्यूट का नाम दिया गया।
इस नियम को 2 साल के लिए डॉमेस्टिक क्रिकेट में ट्रायल के तौर पर परखा गया। इसके बाद आईसीसी ने कन्कसन नियम को तीनों फॉर्मेट समेत डॉमेस्टिक क्रिकेट में 17 अगस्त 2019 को लागू कर दिया था। मूलता इस नियम के तहत आईसीसी ने यह अनुमति दी है कि अगर मैच खेलते वक्त किसी खिलाड़ी को सिर में चोट लगती है तो उसकी जगह आने वाला खिलाड़ी चोटिल प्लेयर की तरह ही हो। यानी अगर चोटिल प्लेयर बल्लेबाज तो बल्लेबाज आएगा और वह गेंदबाज था तो उसकी जगह गेंदबाज ही लेगा।
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और तीसरे इन चार अक्षरों में क्रमशः तृतीय ( इ ), प्रथम ( अ ) , दूसरा (आ) और पहला स्वर ( अ ) मिलाकर जिसका (जिणदास ) नाम दिया है और जिसको गणित्व ( गणिपद) और महत्तरपद शुद्धाचारवान् गुरु ने दिया है, उसने निशीथ सूत्र की यह विशेष नामक चूर्णि वनाई ।'
ऊपर के नामकरणों से और भिल्लमाल, वर्मलात, आदि नामों के उल्लेखों से जिनदास गणि का मूलनिवास भिल्लमाल ( भीनमाल ) अथवा इसके आसपास के प्रदेश में होना प्रमाणित है ।
रहानिशीथ चूर्णिके निर्माण का स्थलप्रस्तुत चूर्णि के उन्नीसवें उद्देशक में चार महामहों का निरूपण करते हुए चूर्णिकार लिखते हैं.
" के पुरा ते महामहा ? उच्यंते, आसाठी गाहा, आसाठीसाढपण्णिमाए । इह लाडेसु सावणयोण्णिमाए भवति इंदमहो । आसोयपुण्णिमाए, कत्तियपुरिणमाए चैव सुगिम्हतो चेत्तपुणिमा ते अंतदिवसा गहिया आदितो पुरा जत्थ विसर जतो दिवसातो महामहो पवत्तति ।"
अर्थात् - 'महामह कौन कहे जाते हैं ? आसाठी इस गाथा में महामहों का वर्णन इस प्रकार है - आसाढी पूर्णिमा को इन्द्रमहामह पूरा होता हैं, परन्तु यहां लाट देश में श्रावणी पूर्णिमा को महामह मनाया जाता है, आश्विनपूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा और चैत्री पूर्णिमा ये महामहों के अन्तिम दिन हैं ।'
ऊपर के निरूपणों में चूर्णिकार ने जो लिखा है कि 'यहां लाट देश में श्रावणी पूर्णिमा को महामह मनाया जाता हैं, इससे निश्चित है कि आचार्य जिनदास गणि ने निशीथ चूर्णि का निर्माण "लाटदेश" में किया है । |
इस पृथ्वी पर जीवन और सृष्टि का सुचारू रूप से संचालन करती है । इसके लिये उसकी अपनी व्यवस्थाएं हैं अनुकुलता और स्वतंत्रता देने के बावजूद कुदरत ने अपना अधिकार बनाये रखा है । इसके भंडार में जीव-जगत और जन के लिये बहुत कुछ अज्ञात है, सो उसे सही समय पर साहजिक रूप से उपलब्ध करवा देती है । उसी में एक है मैथुन क्रिया, मनुष्य ही नहीं, सृष्टि के प्रत्येक जीव को जीवन उत्पत्ति के परम्परागत निर्वहन के लिये इसकी जरूरत पड़ती है। लेकिन प्राकृतिक भोग की बजाय अप्राकृतिक अतिभोग से क्षणिक आनन्द की प्राप्ति तो हो जाती है, लेकिन आत्मसंतुष्टि नहीं मिलती साथ ही व्यकित भयंकर रूप से धीरे-धीरे अवसाद की ओर बढ़ता है।
शायद यही वजह थी कि वैदिक ऋषियों ने संयम, सदाचार, ब्रह्राचर्य को समाज में स्थापित किया जैसा अन्न वैसा मन जैसी बातों का प्रचार किया। हम खाना खाते हैं रक्त बनता है, रक्त से मज्जा, मज्जा से वीर्य, वीर्य से ओज, ओंज से मन, मन से ब्रह्रा, ब्रह्रा से परमपिता परमेश्वर। यही प्रकृति के क्रियात्मक स्वरूप की प्रक्रिया है। आहार का कहीं न कहीं व्यवहार पर प्रभाव पड़ता ही है।
विज्ञान के नजरीये से देखें तो प्यार की मुख्य वजह हार्मोनों का स्राव होता है । प्यार में भूख, नींद, चैन खो जाता है। अमेरिका स्थित सिराक्यूज यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिकों के अनुसार प्यार में पड़ने के मात्र एक से पांच सेकेण्ड में ही कर्इ हार्मोनों का उत्पादन शुरू हो जाता है। प्रमुख शोधकर्ता स्टेफनी आटिर्ंग की माने तो जब कोर्इ इंसान किसी से प्यार करता है तो तब उसके दिमाग के बारह हिस्सों में एक के बाद एक जैसे डोपामाइन, आक्सीटोसिन, टेक्टोस्टेरान, एड्रीनोलीन, वैसोप्रेसन, फेनीलेथामाइन, इंडोर्फिन, वेसोप्रेसिन, सरोटोनिन जैसे हार्मोनों का उत्पादन शुरू हो जाता है, जो उसे नशें सरीखा सुकुन देने लगता है जैसे डोपामाइन हार्मोन प्यार को देखते ही क्रियाशील हो जाता है । इसका मुख्य स्रोत विटामिन-6 और मैग्नीशियम होते हैं। इसमे लम्बे समय तक सेक्स संबंध होने पर स्राव कम हो जाता है, जिसके बुरे प्रभाव ही होते हैं। फेनिलेथामाइन हार्मोन का उत्पादन दिमाग से होता है। इसके उत्पादन से हृदयगति, सांस, गालों, जननांगों में रक्त प्रभाव अतिरिक्त हो जाता है जिसे हम आम भाषा में काम उत्तेजना भी कहते हैं। इसका नाकारात्मक पक्ष यह है कि उत्तेजित नर या मादा की इच्छा पूर्ति ना होने पर खास कर सित्रयों पर इसका बूरा प्रभाव पड़ता है। दूसरी तरफ जिन्दगी से जब डर लगता है तो भी इस हार्मोन का स्राव होता है। एड्रेलिन हार्मोन के स्राव से भूख मर जाती है जिसका पाचन क्रिया पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इंडोर्फिन हार्मोन शरीर मैं दर्द की स्थिति में ज्यादा उत्पन्न होता है। इसका प्रभाव हीरोइन और अफीम की नशे की तरह होता है वसा इसका उत्पादन करता है। इसका उत्पादन कम होने से मनुष्य डिप्रेशन का विकार नहीं होता है। सरोटोनिन हार्मोन के उत्पादन से हममें आकर्षण की गति ज्यादा हो जाती है। प्यार क्यों हो, प्यार कब हो, प्यार कैसे हो ऐसी मनोदशा की स्थिति में ला देता है। शीर्ष मनोवैज्ञानिक डा जांन ग्रे जो कि ब्रितेन के हैं उन्होने दावा किया कि टेस्टोस्टेरान पुरूष और आक्सीटोसिन स्त्री हार्मोन है। जिन पुरूषों में टेस्टोस्टेरान की मात्रा अधिक होती है वे परस्त्री गमन, हैस्तमैथून, समलैंगिक संबंध बनाते हैं। यही वह हार्मोन है जो पुरूष को पौरुषेय की ताकत देता है, यही पुरुष का विशेष गुण है। उसी प्रकार स्त्री में आक्सीटोसिन हार्मोन को लव हार्मोन कहा जाता है। वैदिक भाषा में मातृत्व शालीनता, दयालुता, लज्जा जैसे शब्दों की झलक देखने को मिलती है। लोगों से आपने सुना होगा कि महिलायें भावनात्मक होती हैं। यह हार्मांन दिलों को मजबूत डोरे से बाधें रखता है। आमतौर पर स्त्री में ज्यादा होता है। कोपेन हेगन यूनिवर्सिटी स्थित ग्लासट्रप हासिपटल के नेत्र रोग विशेषज्ञों के अनुसार सेक्स के समय कुछ क्षणों के लिये आँख की रोशनी चली जाती है। इश्क में उलझकर या अत्यधिक सेक्स से युवा सोचने समझनें और याद रखने की ताकत भी खो देते हैं। विशेषज्ञ इसमें एंबोलिज्म को जिम्मेदार मानते हैं, यह एक बीमारी है। इस बीमारी में धमनियों में खून का थक्का जम जाता है, जिससे रक्त प्रभाव बाधित होता है। लम्बी टेस्ट प्रक्रिया के बाद उन्होनें वेसोकांसिट्रक्शन का हाथ बताया है। जिसमें रक्त वहिकाओं के इर्द-गिर्द मांसपेशियां सिकुड़ जाती है और रक्त प्रवाह में बाधा आती है जिससे पुरुष नपुंसकता और शुक्राणुओं की कमी से ग्रस्त हो जाता है।
सदीयों पुरानी परम्परा है, सगोत्रीय विवाह न हो। आज-कल इस पर काफी बवाल मचा हुआ है। वैज्ञानिकों की मानें तो सगोत्र विवाह से वंशानुगत बीमारियां बढ़ जाती हैं । भारत में कर्इ जनजातियों में सगोत्रीय विवाह का परंपरागत निर्वहन हो रहा है। सेन्टर फार सेक्यूलर एंड मोलिक्यूलर बायोलाजी हैदराबाद के वरिष्ठ वैज्ञानिक कुमार स्वामी थंगराज के नेतृत्व और हार्वर्ड मेडिकल स्कूल, हार्वर्ड स्कूल आफ पबिलक हेल्थ ब्रांड इंस्टीटयुट हार्वर्ड, एमआर्इटी, अमेरिका ने संयुक्त रूप से शोध किया जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि सगोत्र विवाह से बीमारियां तेजी से फैलती हैं। प्रमुख शोधकर्ता मेडिकल स्कूल के जेनेटिक विभाग के प्रोफेसर डेविड रिच ने देश के 13 राज्यों के 6 भाषाओं के 132 जिनोम और 5 प्रोफेसर मारा गिलीसन के मुताबिक ओरल सेक्स के दौरान पुरुषों के शरीर में हयूमन पापिलोमा वायरस (एचपीवी) फैलने लगता है। धुम्रपान के मुकाबले गले के कैंसर के लिये यह वायरस अधिक जिम्मेदार है।
देश में प्यार मुहब्बत के चक्कर में हर रोज 10 व्यकित अपनी जान देते हैं राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक 2009 में कुल 127151 लोगों ने आत्महत्या की जिसमें 68. 7 प्रतिशत 15 से 44 वर्ष के बीच 34. 5 प्रतिशत, 19 से 29 वर्ष के बीच, 34. 2 प्रतिशत 30 से 44 वर्ष के बीच देश में रोज 223 पुरुष और 125 महिलायें आत्महत्या करती हैं । जिसमें 10 लोग प्यार-मुहब्बत और 73 लोग बीमारी के कारण आत्महत्या करते हैं। डब्लूएचओ के ताजा आंकड़े के अनुसार विश्व में 45 प्रतिशत लोग मानसिक बीमारियों के चपेट में हैं, जिसमें 11 प्रतिशत भारत में पाये जाते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सर्वेक्षण के अनुसार स्वास्थ्य केन्द्रों पर आने वालों में 20 प्रतिशत रोगी मानसिक बीमारी से ग्रस्त होते हैं इससे सरकार के होश उड़े हुये हैं। 1996 में शुरू मानसिक उपचार कार्यक्रम अभी 123 जिलों तक ही पहुंच पाया है। देश के 70 प्रतिशत बच्चों में खून की कमी है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 के आकड़ें संसद में पेश किये थे ।
पापुलेशन काउंसील दिल्ली और इन्टरनेशनल इंस्टीटयूट आफ पापुलेशन सांइसेज मुम्बर्इ के संयुक्त 58000 युवाओं पर अध्ययन के अनुसार 17 प्रतिशत युवा शादी से पहले सेक्स का अनुभव कर लेते हैं। 10 प्रतिशत शहरी को प्री-मैरिटल सेक्स का अनुभव, 4 प्रतिशत ग्रामीण लड़कियों को और 2 प्रतिशत शहरी लड़कियों को शादी से पहले ही सेक्स का अनुभव प्राप्त हो जाता है। सेक्स का संबंध कहीं न कहीं हार्मोन से होता है। हार्मोन को ताकत खून में मौजूद प्रोटीनों से मिलती है। खून में मौजूद प्रोटीनों से मर्दानगी, अच्छी याददास्त, रोग प्रतिरोध क्षमता का निर्धारण होता है। कैलिफोर्नियां विश्वविधालय के वैज्ञानिक डा0 क्रिस्टीन याफे के अनुसार खून में विटा एम लायड 42 प्रोटीन होता है, जिसकी कमी से याददास्त घट जाती है। उम्र के हिसाब से इस प्रोटीन का क्रम घटता है। टेस्टोस्टेरान हार्मोन मर्दानगी के लिये जाना जाता है। टेस्टोस्टेरान के उत्पादन में हडिडयों से निकलने वाला आइस्टोकैलसीन नामक हामाेर्ंन सहायक होता है। इसके अत्यधिक स्राव से हडिडयां कमजोर भी हो जाती हैं। शोधकर्ता वैज्ञानिक गेराड के अनुसार आर्इस्टोकैलसीन की कमी से वीर्यकोश में शुक्राणुओं की संख्या घट जाती है। जिससे संतानोत्पत्ति में बाधा आती है। हडिडयों की मजबूती विटामिन डी और कैलिसयम से आती है। इस समय देश में 10 करोड़ लोंग हडिडयों के रोग से ग्रस्त हैं और 40 वर्ष के बाद लोगो की हडिडयां जबाव दे रहीं हैं । शायद यही वजह रही होगी कि पहले लड़की 18 वर्ष और लड़का 21 वर्ष में शादी कर देने की बात पर ध्यान दिया जाता था। गर्भवती स्त्री को एक या दो वर्ष के लिये मायके भेज दिया जाता था। बच्चों के बीच अन्तर रखना जरूरी था। हमारी परम्परायें सामाजिक संरचना पूर्ण रूप से वैज्ञानिक थी। आज-कल शहरों में लड़के-लड़कियों में 30 से 40 की उम्र में शादी करने का चलन बढ़ा है, परिणाम गर्भधारण क्षमता घटी है। देश में लगभग 10 करोड़ जोड़े संतान विहीनता से ग्रस्त हैं, हालांकि केन्द्र सरकार आर्थिक रूप से परखनली शिशु सुविधा की सहायता की बात कर रही है, जो 65 हजार से 1 लाख 95 हजार तक हो सकती है। किराये की कोंख गोंद लेने की संख्या में इजाफा हुआ है, लेकिन सरकार मूल समस्या के समाधान की बजाय समस्या को बढ़ाने और इसकी इंडस्ट्री खड़ा करने में लगी है। समलैंगिक स्वीकृति एक जीता-जागता उदाहरण है। देश में 60 प्रतिशत बच्चें कुपोषण के शिकार हैं।
ऐसी स्थिति में सेक्स संबंध की उम्र महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 12 वर्ष रखी गयी थी अन्दर खाने हंगामें की वजह से मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यौन सम्बन्ध की उम्र 16 से उपर रखी गयी है। इस बिल को संसद के बजट सत्र में पेश होना है, क्या यही समाधान था। मेडिसिन और सेक्स इंडस्ट्री के दबाव के सामने अन्तोगत्वा सरकार झुक गयी है। इसी प्रकार से समलैंगिक स्वीकृति ही है। एक फैसले में दिल्ली हार्इकोर्ट के जज कैलाश गम्भीर की टिप्पणी जिसमें उन्होनें कहा था कि विवाह पूर्व संबंध से बाज आये युवा तो दूसरी ओर इसी कोर्ट के कुछ जजों ने टिप्पणी करते हुये कहा कि समलैंगिक सेक्स अप्राकृतिक है तो इसके सबूत दिये जाय। 1860 के पहले समलैंगिकता अपराध नहीं था तो क्या आदि काल से समाज का संचालन कोर्ट द्वारा ही होता रहा है क्या। देश में लगभग 13 लाख मुकदमें पेडिंग में पड़े हुये हैं। इस देश में मुकदमें चलाने के लिये भी मुकदमा लड़ना पड़ता है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने मल्लीमठ कमेटी के तहत सीपीसी की धारा 125 को संशोधित करने का निर्णय लिया है। धारा 125 के अनुसार किसी व्यकित को माता-पिता, पत्नी, संतान (जायज या नाजायज) संबंध होने पर गुजारा भत्ता देना उसका कर्तव्य है। पति यदि गरीब है और पत्नी कमाउ है तो पति अपने पत्नी से भी गुजारा भत्ता मांग सकता है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में कोर्ट ने शादी से पूर्व संबंधो पर गुजारा भत्ता देने से साफ मना किया है। मल्लीमठ कमेटी के अनुसार अगर व्यकित पत्नी से तलाक किये बिना चोरी से दूसरी शादी कर लेता है तो ऐसी महिलाओं को भी गुजारा भत्ता दिया जाय। अब प्रश्न यह उठता है कि पुरुष किसी महिला को फसाकर शादी करता है तो उसको शामिल करने की बात है जबकि लिव इन रिलेशनशिप में स्त्री-पुरुष स्वेच्छा से साथ रहते हैं फिर भी इनको शामिल नहीं किया गया है। अगर कोर्इ स्त्री पुरुष को फसाकर गुजारा भत्ता मांगे तो क्या होगा। इस पर भी कोर्इ स्पष्टीकरण नहीं है ।
इस देश में टाटा इंस्टीटयूट आफ सोशल सांइसेज के अनुसार 817 रेड लाइन क्षेत्रों में 20 लाख वेश्याएं रहती हैं, इनके साथ 50 लाख बच्चे भी रहते हैं। जबकि इस सर्वे में कालगर्ल अथवा उसी सोसाइटी की वेश्याओं को शामिल नहीं किया गया था। देश में लगभग 10 लाख 20 हजार हिजड़े रहते हैं। देश की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ के आकड़ों के अनुसार पुरुषों के बजाय महिलाओं का अपराध प्रतिशत तेजी से बढ़ा है। सीआर्इए और यूनिसेफ के अनुसार 35 लाख से ज्यादा महिलाओं से जबरन देह व्यापार कराया जाता है इनमें 80 फीसदी 16 से 18 वर्ष के बीच की हैं। केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने हाल ही में बताया कि मानव तस्करी का व्यापार हर वर्ष 3500 करोड़ का है। भारत में प्रतिवर्ष 44 हजार बच्चे गुम हो जा रहे हैं। इस धंधे में लगे लोगों ने अगर ब्लैकमेलिंग का धंधा अपना लिया तो वे किसी पैसे वाले पुरुष को फसाकर गुजारा भत्ता मांगेगें तब तो सामाजिक संरचना ही टूट जायेगी। फिर भारतीय दण्ड संहिता 493, 494, 495, 496, 497 का क्या होगा? कोर्ट क्या समलैंगिक स्वीकृति के बाद आपसी रजामंदी से स्थापित संबंध को भारतीय दण्ड संहिता 497 के तहत अवैध संबंध के आधार पर अपराधिक मामला दर्ज कर पायेगी ?
विश्व एडस दिवस पर यूनिसेफ में शिक्षा परामर्शदाता और महाराष्ट्र एडस कन्ट्रोल के लिये काम कर चुकी अविधा गोलवरकर के अनुसार 24-25 वर्ष की आयु में एडस बीमारी अधिक पायी गयी है। आधुनिक जीवन शैली और रोमांस में नया करने की प्रवृत्ति, एडस के फैलने का मुख्य कारक है। सुर्इ से नशा करने की प्रवृत्ति और समलैंगिक सम्बन्ध इस बीमारी को फैलाने का प्रमुख कारण है, लेकिन आश्चर्य की बात है कि अभी तक एक भी सबूत याचिका कर्ताओं ने सुप्रीमकोर्ट को नहीं दिया जिसमें समलैंगिकता से बीमारी के खतरों की पुषिट होती है चाहे उसकी वजह एडस ही क्यों न हो। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुप्रीमकोर्ट में हलफनामें मे 25 लाख समलैंगिक पुरुषों की संख्या मानी है जिसमें 427045 समलैंगिक पुरुष एडस के रोगी पाये गये हैं। अमेरिका में 9 लाख कुवारी माताओं की संतानों में 2 लाख पुनः मां बनने के लिये विवश हो जाती है, जिस पर अमेरिका को 9 विलियन डालर प्रतिवर्ष खर्च करना पड़ता है। 68 फीसदी सेक्सुअली एकिटव हो चुकी होती हैं। 31 फीसदी किशोरियां बिन व्याहे मां बन जाती हैं। 80 फीसदी गर्भाधान अनैछिक होता है। इस लड़कियों को सेक्स में अनकडीशंड फ्रेंडशिप, कम्पेनियन गर्ल, लवबर्डस, सोलमेटस, लिव इन पार्टनर आदि नाम से पुकारा जाता है। यूनिवर्सिटी आफ न्यूयार्क द्वारा किये गये सर्वे के निर्देशक जूलियन टाइटलर के अनुसार उन्हें लगता है कि सेक्स शिक्षा का संबंध यहां युवाओं के गर्भधारण से है। जूलियन के अनुसार फीनलैण्ड और नीदरलैण्ड में सेक्स की शिक्षा दी जाती है। इटली और आयरलैण्ड में इसका नामोंनिशान नहीं है यहां और वहां से तुलना करें तो दस गुना का अन्तर है। शायद यही वजह है कि 80 फीसदी अमेरीकी तनाव में जी रहे हैं कमोवेश लगभग यही हाल बि्रटेन का है।
न्यूयार्क के एलबर्ट आइंस्टाइन कालेज आफ मेडिसिन के प्रोफेसर और समलैंगिकता की समस्या में ख्यात अध्येयता डा0 चाल्र्स ने अपनी पुस्तक "होमोसेक्सुअल्टी फ्रीडम टू फार में अपना सुक्ष्म विश्लेषण करते हुये कहते हैं कि अमेरिका समाज में समलैंगिक क्रांनित कुछ मुटठी भर शातीर वौद्धिकों की मानवतावाद के नाम पर शुरू की गयी वकालत का परिणाम था जिसमें अधिकांश समलैंगिक थे। ये लोंग ट्राय एनिथिंग सेक्सुअल के नाम पर शुरू की गयी यौनिक अराजकता को नारी स्वातंत्र के विरुद्ध दिये जा रहे एक मुहतोड़ उत्तर की शक्ल में पेश कर रहे थे। डा0 चाल्र्स कहते हैं कि मैनें चार दशकों के चिकित्सीय जीवन के अनुभव के दौरान यह पाया कि वे अपनी समलैंगिक जीवन पद्धति से वे सुखी नहीं हैं। उनमें से अधिकांश ने कहा कि हम झूठी स्वतंत्रता में जी रहे हैं, जबकि यह एक दासत्व ही है। यह एक वैकलिपक जीवन नहीं सिर्फ आत्मघात है। डेनिस अल्ट मैन की पुस्तक "होमो सेक्सुअलाइजेशन आफ अमेरिका थी इसी वक्त आयी। अल्ट मैन स्वयं भी समलैंगिक थे। उन्होनें 1982 में कहा कि समलैंगिक संबंध आततायी बन चुकी विवाह संस्था की नीव हिला डालने वाला जबरदस्त शार्ट सेक्सुअल एडवेंचर है । शादी, घरेलू हिंसा कानून से बचने का एक मात्र रास्ता है, सिवगिंग सिंगल हो जाना। जब इसी बात को सेक्स. मेडिसिन व्यापारी पाल गुडमैन जैसे शिक्षाविदों के सहारे सेक्स एजुकेशन की वकालत करा दी फिर क्या था बच्चे ख्ुालकर माम, डैड के सामने गर्दन उठाकर बोलने लगे हे माम आर्इ एम गोइंग इन सपोर्ट आफ गे मूवमेन्ट। डा0 चाल्र्स कहते हैं इसका परिणाम आपके सामने है एक हजार में से 997 लोंग अपनी समलैंगिक जीवन से दुखी हैं । दरअसल एक चिकित्सक के सामने उनकी पीड़ाएं पारदर्शी हो उठती हैं और वे सच्चार्इ के बखान पर उतर आते हैं । वे इस दुश्चक्र से बाहर आना चाहते हें । बहरहाल उपचार के पश्चात ऐसे सैकड़ों रोगी हैं । जिन्होने विवाह रचाये और वे सुंदर स्वस्थ संतानों के पिता हैं ।
लोगों को डेनमार्क जैसे देश से सीखना चाहिए जहां 1967 से सेक्स कानून की कठोरता के कारण वहां अपराध में कमी आयी है और समाज में सौहार्दपूर्ण वातावरण बन रहा है । विश्व में आनलाइन किताबों के सबसे बड़े प्रकाशक और विक्रेता अमेजन प्रकाशन की हालिया प्रकाशित पुस्तक "द पेडोफिल्स गाइड आफ लव एंड प्लेजर का जोरदार विरोध हो रहा है क्योंकि इसमें 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सेक्स आनन्द के तरीको से प्रोत्साहित किया गया है। ऐसे प्रकाशक और नाज फाउंडेशन जैसे संस्थाओं का मूल मकसद सेक्स इंडस्ट्री से फंडिंग लेना और उन्हें स्थापित करना है ।
देश में मेडिमिक्स के अनुसार 90 हजार करोड़ का दवा उधोग है जिसमें 1 लाख 50 हजार करोड़ का तो नकली दवा उधोग है। इस देश में सैकड़ों नकली दवायें बिक रहीं हैं जो अन्य देशों में प्रतिबंधित हैं। कृत्रिम गर्भाधान का व्यापार खड़ा किया जा रहा है। बुसेल्स यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर वान स्टीरटेगेम जिन्होंने कृत्रिम गर्भाधान पर शोध किया था। उन्हीं का कहना है कि आने वाली पीड़ी पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा फिर भी हमारे यहां इसका बाजार खड़ा किया जा रहा है। कभी विश्व स्वास्थ्य संगठन कहता है कि आपरेशन ही समाधान है जटिल रोगों का, अभी कह रहा है कि भरसक लोगों की किसी भी आपरेशन से बचना चाहिए। भारत में प्रसव प्रक्रिया का व्यापार 30 हजार करोड़ के पार जा चुका है किराये की कोख जैसे महंगे उपायों को बढ़ावा देने की कोशिश हो रही है। नपुंसकता को निजात दिलाने वाली गोलियां भी बाजार में आ गयी हैं। वियेग्रा की बजाय अब वेफर परोसने की तैयारी है अनचाहे गर्भ से मुकित के लिए तमाम टीको और शुक्राणुओं को कम करने की गोलियां भी बाजार में उपलब्ध हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इसका गर्भाशय और पुरुषों के शुक्राणु उत्पादन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। एक सुर्इ से पतली हो जायेगी कमर, कमजोर हडिडयों में जान फूक देगी एक गोली।
पंजाब में 8500 नशीले कैप्सूल 1 लाख 50 हजार नशे की गोलियां बरामद हुर्इ जो विदेशी कंपनियों द्वारा बनार्इ गयी थी। देश मे गोलियों से नशा करने की प्रवृत्ति भी बढ़ी है। एसोचैम के सर्वे के अनुसार 78 प्रतिशत युवा दवाइयों एनर्जी डि्रंक, स्टीराइड व हार्इ प्रोटीन जैसे सम्लीमेंट ले रहे हैं। जिससे युवाओं में कोलेस्ट्राल बढ़ना, लीवर टयूमर, पेट का अल्सर ब्लडसूगर, हृदय की मांसपेशियों का बढ़ना, पेट दर्द की समस्या होने से डिहाइड्रशेन, कपकपी, हीट स्ट्राक, हार्ट अटैक जैसे मामले उभर कर सामने आ रहे हैं, जबकि इनमें 90 फीसदी कंपनीया विदेशी हैं। इनका मूल मकसद अन्य देशों की तरह भारत को भी दवाइयों पर जिंदा रखना है ताकि लाशों की ढेर पर अपना बाजार खड़ा कर सके। एडस भी उसी का एक रूप है। एक दो नहीं सैकड़ों वैज्ञानिक इसके विरोध में खड़े हैं इसके जन्मदाता ल्यूक मांटेनियर और राबर्टगैलो है जो आज तक इसकी रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर पाये। भौतिक विज्ञानी रायल वर्थ हासिपटल के प्रमुख एलेनी पापैडोयोलस एलियोपलस के विचार में एडस सेक्स इंडस्ट्री का हीं हौआ है। एडस की दवा ना मिलने का कारण भी यही है क्याेंकि वैक्सीनों के जरिये प्रतिरक्षण का सिद्धान्त सर्वविदित है जिस वायरस के कारण कोर्इ रोगी होता है उसका मुकाबला करने के लिये उसी वायरस से बनार्इ गर्इ वैक्सीन के माध्यम से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली में खास तरह के प्रतिपिंड तैयार किये जाते हैं। जब एडस के वायरस का पता ही नहीं है तो इसकी दवा की संभावना बहुत दूर की बात है। नोबेल पुरस्कार के लिये नामित वैज्ञानिक डा0 पीटर डयूस वर्ग कहते हैं कि एडस में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां इतनी घातक हैं जैसे खरगोश को मारने के लिये आणविक हथियार न्यूकिलयर वैपन इस्तेमाल किये जाए। इसने सारे शोध हो रहे हैं फिर भी विश्व में लेकिन समलैंगिक रोगियों की एडस होने का प्रमाण एक भी नहीं मिल पाया। सवाल उठता है कि ये कंपनियां अपने मनमाफिक शोध करवाकर वैज्ञानिकों के सहारे सरकार को प्रलोभन देकर बाजार खड़ा कर रही हैं। आखिर ये कंपनियां ऐसे जटिल मुददे पर शोध करवाकर उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं करती हैं? इसका मूल मकसद तो सेक्स इंडस्ट्री खड़ा करना है।
कर्इ जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं इस समय जो देश में माहौल है उससे कोर्ट और सरकारों के भरोसे समाज को छोड़ देना मूर्खता ही होगी। अभी हाल में दवाओं के ट्रायल पर केन्द्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस दिया है। जिसमें नियमों को ताख पर रखकर बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनीयो द्वारा दवाओं के ट्रायल किये जा रहे थे। एक सामाजिक संस्था के माध्यम से ही यह मामला उठ पाया है। हाल ही में कृषि मंत्रालय के आयेाजन में भोपाल गैस त्रासदी की आरोपी कुख्यात कंपनी डाऊकेमिकल ने कार्यक्रम को स्पांसर किया था। यह कार्यक्रम जीएमफूड और प्लांट बायोटेक्नोलाजी के विषय पर आयोजित किया गया था। इससे ही सरकार की गम्भीरता का पता चलता है। जिस तरह से अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है अश्लील साइटसों के चलते हिंसा की प्रवृत्ति और बलात्कार के मामले बढे़ हैं। देश की 90 फीसदी आबादी बीमारी की चपेट में हो क्या ऐसे हालात में समलैंगिकता को स्वीकृति देना देश को मौत के मुंह में ढकेलना नहीं होगा। पूरे विश्व से हमारी पहचान हमारी अनोखी संस्कृति ही है जो हमें विविधता में एकता और सौहार्द सिखाती है अभी भी अगर हम नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब हमारी सुख शांति जा चुकी होगी।
05 में से एक महिला के साथ या तो बलात्कार हेा चुका है या इसकी कोशिश हुर्इ है।
04 में एक ने घरेलू हिंसा से पीडि़त होने की बात कहीं, जबरन सेक्स को भी मजबूर।
06 में से एक महिला को एसएमएस, र्इ-मेल या सोशल साइटों के जरिए भेजा गया अश्लील संदेश।
50 फीसदी के साथ 17 साल या उससे कम उम्र में बलात्कार हुआ या इसकी कोशिश की गर्इ।
80 फीसदी से ज्यादा बलात्कार पीडि़त 25 साल से कम उम्र में इस घिनौनी हरिकत का शिकार।
अमेरिकी विशेषज्ञ सीडीसी सर्वे के नतीजे देखकर हैरान हैं। उनका कहना है कि इससे पहले देश में महिलाएं कभी इतनी असुरक्षित नहीं थी। उनके खिलाफ घरेलू हिंसा के स्तर में भी काफी इजाफा हुआ है ।
अमेरिका में 50 फीसदी बलात्कार के मामलों में आरोपी पीडि़ता का करीबी दोस्त या कोर्इ जान-पहचान वाला शख्स होता है । पति या प्रेमी द्वारा यौन संबंधों बनाने के लिए बाधित करने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं ।
ब्यूरो आफ जसिटस स्टैटिसिटक्स से जुड़ी शैनन कैटालानों ने सीडीसी की रिपोर्ट पर चिंता जताते हुए कहा हक बीते साल के मुकाबले 2011 में महिलाओं के साथ बलात्कार और घरेलू हिंसा के मामलों में सात फीसदी का इजाफा हुआ है ।
ये आंकड़े सेंटर फार डिजीज कंट्रोल की ओर से हाल ही में जारी किया गया है।
33 फीसदी माता-पिता बेटी के बदलते मूड से परेशान।
27 फीसदी उसके तीखे तेवर के आगे घुटने टेकने को मजबूर।
12 फीसदी बात-बात में आक्रामक होनें से आजिज।
22. 172 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए 2010 में ।
29. 795 अपहरण या बहला-फुसलाकार भगा ले जाने के ।
8. 391 दहेज हत्या के मामले बीते साल सामने आए ।
94. 041 मामले पति या रिश्तेदारों की ओर से प्रताड़ना के ।
40. 613 छेड़खानी के मामले अदालत पहुंचे ।
9. 961 मामले यौन उत्पीड़न के दर्ज किए गए ।
2009 में कुल 459 मामलें।
97. 35 प्रतिशत परचितों द्वारा।
95. 91 प्रतिशत मामलों में परचितों का हाथ ।
24 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों में बीमारी की आशंका सबसे ज्यादा ।
युवाओं को इसकी जानकारी तो है लेकिन उनमें जागरूकता का अभाव ।
88. 7 प्रतिशत 15 से 49 के आयु वर्ग के ।
8. 71 प्रतिशत सुर्इ से नशा लेने वाले ।
5. 69 प्रतिशत पुरुष संसर्ग वाले ।
5. 38 प्रतिशत महिला यौनकर्मी ।
25 फीसदी स्वास्थ्य बजट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है।
64 फीसदी गरीब लागों को इलाज के लिए देनी पड़ती है घूस।
15 गुना खतरा भारत में है संक्रामक बीमारी का।
30 फीसदी संक्रामक रोग संक्रमण भारत के हिस्से।
62 बच्चों की होती है मौत प्रति एक हजार जन्मों पर।
80 फीसदी भारतीय अभी भी लकड़ी के चूल्हे में बनाते हैं खाना।
254 माताओं की मौत हेाती है एक लाख प्रसवों के दौरान।
26 फीसदी दुनिया के अंडरवेट बच्चे भारत में।
50 लाख गर्भपात असुरक्षित और 10 लाख सुरक्षित होते हैं।
18 फीसदी बिमारियों से होने वाली मौतें भारत में।
71 फीसदी स्वास्थ्य व्यय बीमार की जेब से।
04 फीसदी लोंग इलाज कराने की वजह से हो जाते हैं बीपीएल।
60 फीसदी बच्चे कुपोशित या खून की कमी से ग्रस्त।
0. 9 फीसदी (जीडीपी) का स्वास्थ्य पर सरकारी व्यय, भूटान में 2. 8 तथा मलदीव में 10. 6 फीसदी है।
44 फीसदी बच्चों का ही होता है टीकाकरण ।
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व्हाइट हाउस में राजकीय रात्रिभोज के दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'भारतीय अमेरिकियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई'
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका राष्ट्रपति बाइडन के साथ साझा बयान जारी किया। इसमें पीएम मोदी ने कहा है कि भारत अमेरिका के रिश्ते अब नया इतिहास रच रहें। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और कट्टरवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं।
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के परिवार के साथ व्हाइट हाउस मेंं रात्रिभोज किया, इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, "जिल और मैंने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बहुत अच्छा समय बिताया है। आज रात हम भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच दोस्ती के महान बंधन का जश्न मनाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को अमेरिकी संसद में सयुक्त सत्र को संबोधित किया। व्हाइट हाउस में आधिकारिक राजकीय रात्रिभोज के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा "आज के इस शानदार रात्रिभोज के आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति जो बाइडन का हृदय से आभार प्रकट करता हूं। मैं डॉ जिल बाइडेन का विशेष रूप से आभारी हूं कि उन्होंने मेरी इस यात्रा को सफल बनाने में निजी रूप से इतना ध्यान दिया। आज के भव्य आयोजन के लिए मैं उनका हृदय से अभिनंदन करता हूं"।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "लगभग एक दशक पहले जब आप उप राष्ट्रपति थे तब मैं आपसे पहली बार मिला था, आज भी मैं आपमें वहीं प्रतिबद्धता और गहनता देख रहा हूं। आप बोलने में सरल है लेकिन एक्शन में मज़बूत हैं और मैं समझता हूं कि आपकी इस यात्रा में डॉ. जिल बाइडेन का एक बड़ा योगदान रहा है। भारतीय अमेरिकी लोगों ने अमेरिका में बहुत लंबी यात्रा तय की है। भारतीय मूल्यों, भारत के लोकतांत्रिक परंपराओं और हमारी संस्कृति के गौरव से भरे हुए इन लोगों को अमेरिका में निरंतर मान-सम्मान मिला है। भारतीय मूल्य के लोगों ने अमेरिका के समावेशी समाज और अर्थव्यवस्था और मजबूत बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है"।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी "मैं भारत अमेरिका संबंधों के बारे में और अधिक नहीं बोलना चाहता। जब आपने 2014 में मेरे लिए बैंक्वेट रखा था उस दौरान संयोग से मेरा 9 दिन का नवरात्र का व्रत था, तब आप मुझ से बार-बार पूछ रहे थे कि क्या आप कुछ भी नहीं खाएंगे? इसे लेकर आप बेहद परेशान भी थे। मुझे लगता है उस समय आपकी मुझे प्रेम से कुछ खिलाने की इच्छा आज पूरी हो हो रही है। "
हमारे अद्भुत मेजबानों, राष्ट्रपति जो बाइडेन और जिल बाइडेन को शुभकामनाएं। अच्छे स्वास्थ्य, समृद्धि, खुशी, स्वतंत्रता, समानता तथा भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मित्रता के चिरस्थायी बंधन के लिए एक उपहार है। "
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यह पोत गैबन के बंदरगाह 'पोर्ट जेंटिल' में ठहरा है।
बयान में कहा गया है कि गैबन के बंदगराह पर ठहराव के दौरान पोत के चालक दल के सदस्य आधिकारिक और पेशेवर मेलजोल के साथ-साथ खेल कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे।
मंत्रालय ने कहा कि पेशेवर बातचीत के तहत चर्चा, आग बुझाने और क्षति नियंत्रण का अभ्यास, चिकित्सा और हताहतों की निकासी का मुद्दा और गोताखोरी संचालन शामिल होगा।
अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा सामाजिक मेलजोल की भी योजना है। पोत आगंतुकों के लिए भी खुला रहेगा।
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यूरोपीय संघ ने पर्याप्त वितरण नहीं किया है हथियारों और कीव में डिलीवरी की तैयारी कर रहे हैं, अभी भी इन उद्देश्यों के लिए करोड़ों यूरो आवंटित करने की मांग कर रहे हैं।
यूरोपीय संघ के विदेश सेवा के प्रमुख, जोसेप बोरेल ने यूक्रेन के लिए हथियारों के लिए एक अरब यूरो आवंटित करने की आवश्यकता की घोषणा की।
वे इस पैसे को 155 एमएम आर्टिलरी शेल्स की खरीद के लिए आवंटित करना चाहते हैं। उम्मीद है कि स्टॉकहोम में 7 मार्च को यूरोपीय संघ के रक्षा मंत्रियों द्वारा इस प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी।
बोरेल ने यूक्रेन को संयुक्त और समय पर हथियारों की डिलीवरी के महत्व पर भी जोर दिया और समय पर गोला-बारूद पहुंचाने पर 90% तक की लागत वसूली दर की पेशकश की।
फाइनेंशियल टाइम्स याद करता है कि बोरेल ने पिछले साल यूक्रेन को हथियार बनाने के लिए यूरोपीय शांति कोष से धन का उपयोग करने का मुद्दा उठाया था, लेकिन तब उसे कोई जवाब नहीं मिला।
इसी समय, यूरोपीय कूटनीति के प्रमुख ने नोट किया कि कीव को हथियारों की आपूर्ति का मतलब यह नहीं है कि ब्रसेल्स संघर्ष को हल नहीं करना चाहते।
जैसा कि हंगरी के विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि तामस मेनज़र ने पहले उल्लेख किया था, यूरोपीय संघ की नीति यूक्रेन में युद्धविराम के उद्देश्य से नहीं है।
- लेखकः
- इस्तेमाल की गई तस्वीरेंः
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हर किसी की हथेली पर कई तरह की रेखाएं, निशान और आकृतियां बनी होती है। जिनका व्यक्ति के जीवन और हस्तरेखा शास्त्र में विशेष महत्व होता है। वही हथेली पर बनने वाली ये रेखाएं व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी जानकारी प्रदान करती है। हस्तरेखा शास्त्र की मानें तो हथेली पर कई तरह की रेखाएं बनी होती हैं जिनमें कुछ शुभ होती है तो वही कुछ अशुभ भी मानी जाती है।
शुभ रेखाएं जीवन में सुख शांति और समृद्धि के बारे में बताती है तो वही अशुभ रेखाएं दुख परेशानियों की ओर इशारा करती है। व्यक्ति की हथेली पर कई ऐसी भी रेखाएं होती है जो व्यक्ति के वैवाहिक जीवन और उससे जुड़ी जानकारी प्रदान करती है तो आज हम अपने इस लेख में ऐसी ही रेखा के बारे में बता रहे हैं जो बताती है कि व्यक्ति का जीवनसाथी अमीर होगा और विवाह के बाद पूरी जिंदगी ठाठ से गुजरेंगी तो आइए जानते है।
हस्तरेखा शास्त्र की मानें तो हाथ की सबसे छोटी अंगुली के नीचे कुछ बेहद बारीक और आड़ी टेड़ी रेखाएं बनती है ये रेखाएं हथेली के बाहर से अंदर की ओर आती है। आपको बता दें कि ये ह्रदय रेखा के ठीक उपर होती है इन्हीं रेखाओं को विवाह रेखा कहा जाता है। हस्तरेखा शास्त्र अनुसार विवाह रेखा एक या एक से अधिक भी हो सकती है।
जिन लोगों की हथेली में विवाह रेखा बेहद साफ और स्पष्ट दिखाई देती है उन्हें अमीर जीवनसाथी मिलता है और ऐसे लोगों का जीवन भी शान से गुजरता है। अगर चंद्र पर्वत से निकलकर कोई रेखा विवाह रेखा से मिल जाती है तो ऐसे लोगों को बेहद प्यार करने वाला जीवनसाथी मिलता है इनका वैवाहिक जीवन भी हमेशा खुशहाल रहता है।
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हिंदी सिनेमा की बेहतरीन एक्ट्रेसेस में से एक नरगिस दत्त ने 51 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया था. ऐसे में हर साल इस दिन पर इमोशनल होते हुए बेटे एक्टर संजय दत्त पोस्ट शेयर कर अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं. आज नरगिस दत्त के कैंसर के कारण हुए निधन को कुल 40 साल हो गए हैं. बता दें कि दिग्गज एक्ट्रेस ने आज ही के दिन 1981 अपनी आखिरी सांस ली थी.
मां के साथ अपनी एक बचपन की तस्वीर शेयर करते हुए संजय ने कैप्शन में लिखा है, "ऐसा एक भी नहीं है, जब मैं तुम्हे याद नहीं करता मां! "
(यह भी पढ़ेंः संजय दत्त की बेटी त्रिशाला ने अपने सबसे लम्बे रिलेशनशिप पर की बात, कहा- 'आज वो शादीशुदा है. . . ')
इंडस्ट्री में अपनी शानदार फिल्मों के लिए एक अलग जगह रखने वालीं नरगिस का जन्म 1 जून, 1929 को में फातिमा रशीद के रूप में हुआ था, और उन्होंने 1935 में तलेश-ए-हक में एक बाल कलाकार के रूप में अपनी शुरुआत की थी. महबूब खान की 'तकदीर' (1943) में उन्होंने बतौर लीड एक्ट्रेस काम किया था, जब वह 14 वर्ष की थीं. अपने दो दशक तक चलने वाले करियर में, उन्होंने कई सफलताएं देखीं .
(Source: Instagram)
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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली पुलिस की 10 महिला पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन किया है। यह समारोह राजनिवास में आयोजित हुआ। महिला अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली पुलिस की 10 महिला पुलिस अधिकारियों को सम्मानित किया जिन्होंने अपने कार्यक्षेत्र में असाधारण प्रदर्शन किया है। बुधवार को राजनिवास में आयोजित समारोह में महिला पुलिस अधिकारियों को एक-एक प्रशस्ति पत्र और 20-20 हजार का चेक भेंटकर सम्मानित किया गया ताकि उन्हें पुलिस की नौकरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने और प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। इस मौके पर पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा, विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था दीपेंद्र पाठक, विशेष आयुक्त एसके गौतम व संजय सिंह उपस्थित थे।
गीता रानी वर्माः- यह एडिशनल पुलिस कमिश्नर ट्रैफिक हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने इंटरपोल महासभा शिखर सम्मेलन, आरडी समारोह और अन्य प्रमुख कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक आयोजन किया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते थे। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने आत्महत्या के मुद्दे को संबोधित करने के लिए निकोबार जिले के तहत द्वीपों की जनजातीय आबादी को संवेदनशील बनाने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में आइजी जेल के रूप में उन्होंने कैदियों के लिए विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रम तैयार किए और किशोरों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्यक्रम भी तैयार किए।
महिला अपराध शाखा की निगरानी करते हुए उन्होंने नाबालिग लड़कियों के बीच यौन शोषण के बारे में जागरूकता कार्यक्रम तैयार किए और विभिन्न स्कूलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए। दिल्ली पुलिस की एसपीयूडब्ल्यूएसी इकाई को उनके सक्षम नेतृत्व में 2018 और 2020 के दौरान दो बार अधिकतम संख्या में आत्मरक्षा के प्रशिक्षण के लिए लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स में प्रविष्टि मिली। उन्हें 2019 में सराहनीय सेवाओं के लिए राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया गया और उन्हें सीपी की सिल्वर डिस्क से भी सम्मानित किया गया। हाल ही में उन्हें पुलिस सेवा के दौरान उनके द्वारा प्रदान की गई मानवीय सेवाओं के लिए हमारा समर्पण ट्रस्ट द्वारा आइपीएस हरीश त्रिवेदी मेमोरियल अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।
रेणु लताः-वह महिला शाखा में एसीपी तैनात हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 989 प्रशिक्षण कार्यक्रमों में दिल्ली की 2,08,125 से अधिक लड़कियों व महिलाओं के साथ स्कूल व कालेज जाने वाली कामकाजी महिलाओं और गृहिणियों को आत्मरक्षा प्रशिक्षण आयोजित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2018 में उनके प्रयास से इस विंग ने आत्मरक्षा की स्थापना के बाद से प्रतिभागियों की उच्चतम संख्या को छू लिया। 1526 प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए 3,25,081 लड़कियों व महिलाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया गया है।
नीलम तोमर- वर्तमान में वह पीआरओ शाखा में इंस्पेक्टर हैं। उन्होंने आम जन जागरूकता, महिला सुरक्षा कार्यक्रमों से संबंधित विभिन्न सोशल मीडिया अभियानों और परियोजनाओं में अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए बेहतरीन प्रयास करके जिम्मेदारी और ईमानदारी दिखाते हुए असाधारण रूप से अच्छा और कड़ी मेहनत की है। दिल्ली पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफार्म के लिए पीपीटी और फिल्मों की तैयारी के लिए मीडिया समूहों के साथ समन्वय और कुशल और मेहनती तरीके से 'डाउन द मेमोरी लेन' शीर्षक वाले शो पर साक्षात्कार आयोजित किए।
प्रीतिः-वर्तमान में स्पेशल सेल, काउंटर इंटेलिजेंस में सब इंस्पेक्टर तैनात हैं। वह सीडीआर, आईपीडीआर, डंप डेटा के विश्लेषण और सीसीटीएनएस के उपयोग सहित विभिन्न कंप्यूटर अनुप्रयोगों में उच्च स्तर की दक्षता रखती हैं। सीडीआर, आइपीडीआर व डंप डेटा के विश्लेषण और सीसीटीएनएस के उपयोग सहित दैनिक पुलिस संचालन के लिए आवश्यक विभिन्न कंप्यूटर अनुप्रयोगों में उनके पास उच्च स्तर की प्रवीणता है। उन्होंने एक अलग आपरेशन में मोस्ट वांटेड और पुरस्कृत गैंगस्टर अशोक उर्फ प्रधान और उसके सहयोगी, संदीप उर्फ कला जठेड़ी और उसके अपराध साथी अनुराधा उर्फ लेडी डान उर्फ रिवाल्वर रानी की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, साथ ही उन्होंने टीम को तकनीकी सहायता भी प्रदान की। मोहाली पंजाब में खुफिया मुख्यालय में आरपीजी हमले के दोषियों की पहचान करना और उनका पता लगाना। वर्तमान में वह राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गांधीनगर, गुजरात से चीनी (मंदारिन) भाषा में मास्टर आफ आर्ट्स की डिग्री भी हासिल कर रही हैं, डिग्री के पूरा होने के बाद उनके कौशल का भाषाई क्षमता में बेहतर उपयोग किया जाएगा।
मोहिनीः- वर्तमान में वह साइबर सेल, उत्तर-पश्चिम जिले में एसआइ हैं। अपनी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने तीन आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ जालसाजों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया, जिन्होंने रियायती दरों पर 'प्रधानमंत्री मुद्रा ऋण' प्रदान करने के बहाने निर्दोष लोगों को धोखा दिया। रियायती दरों पर "ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण" के बहाने निर्दोष लोगों को ठगने वाले छह आरोपितों की गिरफ्तारी के साथ उनके द्वारा एक फर्जी काल सेंटर का भी भंडाफोड़ किया गया।
सुनीताः-वह बाहरी-उत्तर जिले में एएसआइ है। उन्होंने उत्साह और पेशेवर कौशल दिखाते हुए 75 बच्चों व व्यक्तियों को ढूंढने का काम किया है, जिनमें से 18 वर्ष से कम आयु के 18, 14 वर्ष से कम आयु के 49। इसके अलावा आठ महीने के भीतर 14 वर्ष से अधिक आयु के आठ व्यक्तियों को भी बरामद किया। इस उपलब्धि के लिए उन्हें एएसआई के पद पर बिना बारी के पदोन्नति दी गई।
अर्चनाः- हवलदार अर्चना आइसीएमएस माड्यूल के आपरेटर के रूप में बाहरी-उत्तर जिले में काम कर रही हैं और आइसीएमएस पर 93 प्रतिशत शिकायतों का निपटारा कर चुकी है और उनके निपटान की वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा कई बार प्रशंसा की गई। वह महिला हेल्प डेस्क और सीसीटीएनएस के विभिन्न माड्यूल और जांच अधिकारी के रूप में भी काम करती हैं। वह उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ पुलिस कार्य में आलराउंडर हैं।
हवलदार रीना व सिपाही रजनीः-वर्तमान में ये दोनों बाहरी जिले में कार्यरत हैं। स्कूलों में 350 निर्भीक बॉक्स लगाने में इनका अहम योगदान रहा है। निजी बालिका विद्यालय, जिनसे लगभग 10,000 लड़कियों को लाभ होगा। बाहरी जिले में 10 नुक्कड़ नाटकों का आयोजन किया। स्कूलों, कालेजों, सार्वजनिक स्थानों, कोचिंग सेंटरों, एनजीओ आदि में साइबर अपराध, नाज़ुक, शिष्टाचार के बारे में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से 12000 लड़कियों व महिलाओं को जागरूक किया। सरकारी व निजी स्कूलों, कालेजों, अस्पतालों, पार्कों और गैर सरकारी संगठनों आदि में आत्मरक्षा कार्यक्रमों के दौरान लगभग 16000 महिलाओं व लड़कियों को प्रशिक्षण दिया।
हवलदार रेखा कुमारी- दिल्ली पुलिस अकादमी में तैनात हैं और कमांडो ट्रेनर के रूप में अपना काम कर रही हैं। वह अनआर्म्ड काम्बैट में एक विशेषज्ञ प्रशिक्षक हैं और दिल्ली पुलिस के प्रतिवर्तन सेल में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 60 लड़कियों को आत्मरक्षा में प्रशिक्षित किया है। उन्होंने दिल्ली पुलिस स्वाट टीम, स्पेशल सेल के लिए उत्तर-पूर्वी राज्यों की महिला कांस्टेबल कमांडो के पहले बैच को भी प्रशिक्षित किया है। अपनी विशेषज्ञता और सभी हथियारों के अच्छे कौशल के साथ, प्रशिक्षण के दौरान वह कमांडो की फायरिंग में सटीकता में सुधार करने में सफल रहीं। उनके द्वारा प्रशिक्षित कमांडो अब दिल्ली पुलिस की विभिन्न इकाइयों यानी स्वाट टीम, आरपी भवन, पीसीआर और सुरक्षा इकाई में काम कर रहे हैं।
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DELHI: इस वक्त की बड़ी खबर केंद्रीय गृह मंत्रालय से निकलकर सामने आ रही है। सरकार ने बीजेपी के तीन नेताओ की सुरक्षा बढ़ा दी है। गृह मंत्रालय ने बीजेपी के तीन और नेताओं को VIP सुरक्षा देने का फैसला लिया है। इन तीनों नेताओं को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है। Y+ कटेगरी की सुरक्षा मिलने के बाद अब तीनों नेताओं के साथ CISF के कमांडों मौजूद रहेंगे।
केंद्र सरकार ने जिन तीन बीजेपी नेताओं की सुरक्षा को बढ़ाने का फैसला लिया है उनमें ऋतुराज सिन्हा,अभय गिरी और नलिन कोहली शामिल हैं। सरकार ने इन तीनों बीजेपी नेताओं को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दी है। बताया जा रहा है कि नगालैंड चुनाव को लेकर तीनों नेताओं को सुरक्षा प्रदान की गई है। नलिन कोहली बीजेपी नगालैंड की प्रदेश प्रभारी हैं।
बता दें कि सुरक्षा संबंधी खतरों को देखते हुए देश के VVIP और अन्य क्षेत्रों के लोगों को चार कैटेगरी की सुरक्षा दी जाती है। भारत में 4 तरह की सुरक्षा कैटेगरी हैं जिसमें X, Y, Z और Z प्लस श्रेणी शामिल हैं। जिसमें Z प्लस कैटेगरी सबसे बड़ी सुरक्षा कैटेगरी होती है। भारत में VVIP, VIP, राजनेता, हाई-प्रोफाइल लोगों को इस तरह की सुरक्षा दी जाती है।
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परस्पर विरोध है, गरीबहीके घरमे ईश्वर वास करता है, पर व्यवहारमे वे धनको सर्वोच्च पदं देते है । अपने धनी आदमियोकी गिनती करके अपनेको सुखी मानते है और अर्थशास्त्री शीघ्र धनोपार्जन करनेके नियम बनाते है जिन्हें सीखकर लोग धनवान हो जाय । सच्चा शास्त्र न्यायबुद्धिका है । प्रत्येक प्रकारकी स्थितिम न्याय किस प्रकार किया जाय, नीति किस प्रकार निबाही जाय -- जो राष्ट्र इस शास्त्रको सीखता है वही सुखी होता है, बाकी सब बाते वृथा प्रयास है, 'विनाशकाले विपरीतबुद्धि' के समान है । लोगोको जैसे भी हो सके पैसा पैदा करनेकी शिक्षा देना उन्हें उलटी अकल सिखाने जैसा ही है ।
सत्य क्या है ?
पिछले तीन प्रकरणोमे हम देख चुके कि अर्थशास्त्रियोके जो साधारण नियम माने जाते है वे ठीक नही है । उन नियमोके अनुसार आचरण करनेपर व्यक्ति और समाज दोनो दुखी होते है, गरीब अधिक
गरीब बनता है और पैसेवालेके पास अधिक पैसा जमा होता है, फिर भी दोमेसे एक भी सुखी होता या रहता नही ।
अर्थशास्त्री मनुष्योके आचरणपर विचार न कर अधिक पैसा बटोर लेनेको ही अधिक उन्नति मानते है और जनताके सुखका आधार केवल धनको बताते है । इसीलिए वे सिखाते है कि कला-कौशल आदिकी वृद्धिसे जितना अधिक धन इकट्ठा हो सके उतना ही अच्छा है। इस तरहके विचारोके प्रचारके कारण इग्लैंड और दूसरे देशोमे कारखाने बढ़ गए है । बहुतसे आदमी शहरोमे जमा होते है और खेतीबाडी छोड़ देते है । बाहरकी सुदर स्वच्छ वायुको छोडकर कारखानोकी गदी हवामे रात-दिन सास लेनेमे सुख मानते है । इसके फलस्वरूप जनता कमजोर होती जा रही है, लोभ वढता जारहा है और अनीति फैलती जा रही है । और जब हम अनीतिको दूर करने की बात उठाते है तव बुद्धिमान कहलानेवाले लोग कहते है कि अनीति दूर नहीं हो सकती, अज्ञानियोको एकदम ज्ञान नहीं हो सकता, इसलिए जैसा चल रहा है वेना ही चलने देना चाहिए । यह दलील देते हुए वे यह बात भूल जाते है कि गरीबोकी
अनीतिका कारण धनवान है । उनके भोग-विलासका सामान जुटानेके लिए गरीब रात दिन मजदूरी करते हैं, उन्हें कुछ सीखने या कोई अच्छा काम करनेके लिए एक पल भी नही मिलता । धनिकोको देखकर वे भी धनी होना चाहते है । धनी न हो पानेपर खिन्न होते है, भुझलाते है । पीछे विवेक खोकर अच्छे रास्तेसे धन न मिलता देख दगा-फरेबसे पैसा कमानेका वृथा प्रयास करते है। इस तरह पैसा और मेहनत दोनो बर्बाद हो जाते है, या दगा-फरेब फैलानेमे उनका उपयोग होता है ।
वास्तवमे सच्चा श्रम वही है जिससे कोई उपयोगी वस्तु उत्पन्न हो । उपयोगी वह है जिससे मानवजातिका भरण-पोषण हो । भरण-पोषण वह है जिससे मनुष्यको यथेष्ट भोजन-वस्त्र मिल सके या जिससे वह नीतिके मार्ग पर स्थिर रहकर आजीवन सत्कर्म करता रहे । इस दृष्टिसे विचार करनेसे बडेवडे आयोजन बेकार माने जाएगे। सभव है कि कलकारखाने खोलकर धनवान होनेका मार्ग ग्रहण करना पापकर्म मालूम हो । पैसा पैदा करनेवाले बहुतेरे मिलते है, पर उसका यथाविधि उपयोग करनेवाले कम पाए जाते हैं। जिस धनको पैदा करनेमे जनता
तबाह होती हो वह धन निकम्मा है । आज जो लोग करोडपति है वे बड़े-बड़े और अनीतिमय सग्रामोके कारण करोडपति हुए है । वर्तमान युगके अधिकांश युद्धोका मूल कारण धनका लोभ ही दिखाई देता है ।
लोग यह कहते हुए दिखाई देते है कि दूसरोको सुधारना, ज्ञान देना असभव है, इसलिए जिस तरह ठीक मालूम हो उस तरह रहना और धन बटोरना चाहिए । ऐसा कहनेवाले स्वय नीतिका पालन नही करते, क्योकि जो आदमी नीतिका पालन करता है और लोभमे नही पडता वह पहले तो अपने मनको स्थिर रखता है, वह स्वय सन्मार्ग से विचलित नही होता और अपने कार्यसे ही दूसरोपर प्रभाव डालता है । जिनसे समाज बना है वे स्वय जबतक नैतिक नियमोका पालन न करे तबतक समाज नीतिवान कैसे हो सकता है ? हम खुद तो मनमाना आचरण करे और पड़ोसीकी अनीतिके कारण उसके दोष निकाले तो इसका अच्छा परिणाम कैसे हो सकता है ?
इस प्रकार विचार करनेसे हम देख सकते है कि धन साधनमात्र है और उससे सुख तथा दुख दोनो हो सकते है । यदि वह अच्छे मनुष्यके हाथमे पड़ता है तो उसकी बदौलत खेती होती है और अन्न
पैदा होता है, किसान निर्दोष मजदूरी करके सतोष पाते है और राष्ट्र सुखी होता है । खराब मनुष्यके हाथमे धन पडनेसे उससे ( मान लीजिए कि ) गोलेबारूद बनते है और लोगोका सर्वनाश होता है । गोला-बारूद बनानेवाला राष्ट्र और जिसपर इनका प्रयोग होता है वे दोनो हानि उठाते और दुख पाते है।
इस तरह हम देख सकते है कि सच्चा आदमी ही धन है । जिस राष्ट्रमे नीति है वह धनसंपन्न है । यह जमाना भोग-विलासका नही है । हरेक आदमीको जितनी मेहनत-मजदूरी हो सके उतनी करनी चाहिए । पिछले उदाहरणमे हम देख चुके है कि जहा एक आदमी आलसी रहता है वहा दूसरेको दूनी मेहनत करनी पड़ती है । इग्लैडमे जो बेकारी फैली हुई है उसका यही कारण है। कितने ही लोग धन पास हो जानेपर कोई उपयोगी काम नहीं करते, अत उनके लिए दूसरे आदमियोको परिश्रम करना पड़ता है । यह परिश्रम उपयोगी न होनेके कारण काम करनेवालेका इसमे लाभ नही होता । ऐसा होनेसे राष्ट्रकी पूजी घट जाती है । इसलिए ऊपर यद्यपि यही मालूम होता है कि लोगोको काम मिल रहा
है, परतु भीतरसे जाच करनेपर मालूम होता है कि अनेक आदमियोको बेकार बैठना पड रहा है । पीछे ईर्ष्या भी उत्पन्न होती है, असतोषकी जड जमती है और अतमे मालदार-गरीब, मालिक-मजदूर दोनो अपनी मर्यादा त्याग देते है । जिस तरह बिल्ली और चूहेमे सदा अनबन रहती है उसी तरह अमीर और गरीब, मालिक और मजदूरमे दुश्मनी हो जाती है और मनुष्य मनुष्य न रहकर पशुकी अवस्था में पहुच जाता है ।
महान्, रस्किनके लेखोका खुलासा हम दे चुके । थे लेख यद्यपि कितने ही पाठकोको नीरस मालूम होगे, तथापि जिन्होने इन्हे एक वार पढ लिया हो उनसे हम फिर पढनेकी सिफारिश करते है। 'इडियन ओपीनियन" के सब पाठकोसे यह आगा रखना
इस नामका गुजगती-रेजी साप्ताहिक पत्र महात्माजीने दक्षिण अफ्रीकाम रहते समय डरवनमे निकाला था । श्रव भी यह निरल रहा है ।
कि वे इनपर विचारकर इनके अनुसार आचरण करेगे शायद बहुत बडी अभिलाषा कही जाए । पर यदि थोडे पाठक भी इनका अध्ययन कर इनके सारको ग्रहण करेंगे तो हम अपना परिश्रम सफल समझेगे । ऐसा न हो सके तो भी रस्किनके अतिम परिच्छेदके अनुसार हमने अपना जो फर्ज अदा कर लिया, उसीमे फलका समावेश हो जाता है । इसलिए हमे तो सदा ही सतोष मानना उचित है ।
रस्किनने जो बाते अपने भाइयो- अंग्रेजोके लिए लिखी है वे अंग्रेजोके लिए यदि एक हिस्सा लागू होती है तो भारतवासियोके लिए हजार हिस्से लागू होती है । हिदुस्तानमे नए विचार फैल रहे है । आजकलके पाश्चात्य शिक्षा पाए हुए युवकोमे जोग आया है, यह तो ठीक है, पर जोशका अच्छा उपयोग होनेसे अच्छा और बुरा होनेपर बुरा परिणाम होता है । एक ओरसे यह आवाज उठ रही है कि स्वराज प्राप्त करना चाहिए और दूसरी ओरसे यह आवाज आ रही है कि विलायत - जैसे कारखाने खोलकर तेजीके साथ धन बटोरना चाहिए ।
स्वराज क्या है, इसे हम शायद ही समझते हो, नेटालमे स्वराज है, पर हम कहते है कि नेटालमे जो |
देहरादून। राज्य में कोरोना संक्रमितों की तादात 2344 तक पहुंच चुकी है। हालांकि कोरोना से स्वस्थ होने वाले मरीजों की तादात में भी तेजी से इजाफा हो रहा है जिसमें 15 सौ कोरोना के मरीज स्वास्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं। अब प्रदेश में कोरोना से संक्रमितों की संख्या कल तक 817 रह गए हैं जबकि मृतकों की संख्या कल देर रात यानी 21 जून तक जारी आंकड़ों के अनुसार 27 लोगों की मौत हो चुकी है।
जिस तरह से प्रति दिन कोरोना संक्रमितों की संख्या सामने आ रही है उससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते टिहरी के सामान्य मरीजों की दुश्वारियां और बढ़ गई है। साथ ही सामन्य मरीजों के लिए देहरादून नगर का कोरोनेशन अस्पताल में दून अस्पताल द्वारा कोरोना संक्रमित मरीज को भेजकर पूरे अस्पताल के चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ को ही कोरोना संक्रमण के कगार पर पहुंचा दिया। हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग स्वयं मुख्यमंत्री के पास है, वाबजूद इसके राज्य का स्वास्थ्य विभाग और अधिकारी लापरवाह बने हुए हैं।
कोरोना संक्रमण में लापरवाही की बात करें तो एक के बाद एक कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर ही सवाल उठने लगे हैं। सबसे पहले राजधानी देहरादून की बात करें तो कोरोनेशन अस्पताल के एक साथ 17 कर्मियों में कोरोना संक्रमण की खबर तेजी से सामने आई। इसमें चार डॉक्टर और 17 स्वास्थ्य कर्मियों की जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण पाए जाने की जानकारी दी गई।
दरअसल, यह मामला प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के लचर कार्यप्रणाली से ही सामने आया जिसके चलते कोरोनेशन अस्पताल में कोरोना की दस्तक हुई। कुछ दिन पूर्व दून अस्पताल में अपने बीमार भाई की देखभाल करने वाली एक बालिका की तबीयत खराब होने के चलते दून अस्पताल में उसका उपचार किया गया लेकिन दून अस्पताल में सिर्फ कोरोना संक्रमितों के लिए ही सुरक्षित रखने के चलते उक्त बालिका को दून अस्पताल प्रशासन ने डिस्चार्ज कर उसे कोरोनेशन अस्पताल में उपचार के लिए भेज दिया, पंरतु बालिका की कोई कोरोना जांच तक नहीं की गई।
वह बालिका कोरोनेशन अस्पताल में अपने उपचार के लिए पुहंच गई तब जाकर मामला खुला और कोरोनेशन प्रशासन में हड़कम्प मच गया। यह मामला बहुत उछला तो उक्त बालिका को फिर से दून अस्पताल में भेजा गया। लेकिन कोरोनेशन अस्पताल प्रशासन में सावधानी के चलते अपने स्टाफ की जांच करवाई और सैंपल चंडीगढ़ लैब में भेज दिया। चंडीगढ़ लैब से आई जांच रिपोर्ट के अनुसार कोरोनेशन अस्पताल के 17 लोग जिसमें चार डॉक्टर और 13 नर्सिंग स्टाफ में कोरोना संक्रमण पाया गया। इसमें मुख्यमंत्री के नियमित चिकित्सक का नाम भी था।
यह मामला बेहद गम्भीर हो गया, क्यांकि जिन चार डॉक्टरों में कोरोना संक्रमण पाया गया उनमें एक डॉक्टर मुख्यमंत्री के नियमित चिकित्सक भी है। इसके चलते राज्य में स्थिति बेहद हलचल वाली रही। चर्चाएं तो यहां तक उठी कि मख्यमंत्री ने स्वयं को अपने घर में ही क्वारंटीन कर लिया लेकिन शासन स्तर से ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई। लेकिन स्वास्थ्य विभाग के कारण पूरे राज्य में अनिश्चितता का माहौन बना रहा।
एक साथ 17 स्वास्थ्यकर्मियों में कोरोना संक्रमण पाए जाने पर खास बवाल भी हुआ तो स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी 17 स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना जांच राज्य की लैब में करवाई तो सभी की जांच निगेटिव पाई गई। अब मामला और भी दिलचस्प हो गया है कि चंडीगढ़ लैब से कोरोना पॉजीटिव और उत्तराखण्ड राज्य लैब से निगेटिव जांच रिपोर्ट मिलने से फिर से अनिश्चय की स्थिति बन गई है। किस रिपोर्ट को सही माने और किसे गलत। इस पर कोई ठोस निर्ण्ाय नहीं हो पा रहा है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की देहरादून लैब से जारी जांच रिपोर्ट को ही सही मानकर मामले को साफ कर चुका है। और सभी स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों को काम पर वापस बुला चुका है।
इतने गम्भीर मामले में एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही सामने आ चुकी है। चंडीगढ़ लैब में जांच सैंपल भेजे जाने के बाद जांच रिपोर्ट आने से पहले ही कोरोनेशन अस्पताल के कई चिकित्सकों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने की बात कहकर काम पर बुलाए जाने के लिए आदेश तक जारी कर दिए गए लेकिन जब चंडीगढ़ लैब से कोरोना पाजिटिव रिपोर्ट आई तो स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फूल गए और सभी को तत्काल आइसोलेट रहने के आदेश जारी करने पड़े। हालांकि 20 जून तक देहरादून लैब से सभी की जांच रिर्पोट निगेटिव आने से राहत मिली।
दूसरा मामला भी देहरादून का ही है। कांवली रोड स्थित एक हाउसिंग कॉलोनी में एक बालिका की 12 जून को देहरादून के इंद्रेश अस्पताल में उपचार के दौरान मोत हो गई। कोरोना नियम के अनुसार अस्पताल ने बालिका के शव को मॉर्चरी में रखवा दिया और उसकी कोरोना जांच के लिए सैम्पल लिया। 18 जून को बालिका की जांच रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण होने की पुष्टि हो गई। लेकिन हैरानी की बात यह है कि बालिका का शवदाह पुलिस-प्रशासन की निगरानी में किया गया लेकिन बालिका की मां की कोई जांच अभी तक नहीं की गई। जबकि बालिका की मां अपनी बेटी के साथ उसकी बीमारी के दौरान रही। यहां तक कि बालिका को अस्पताल में ले जाने के लिए जिस ई-रिक्शे का उपयोग किया गया उसकी खोज भी अभी तक नहीं की गई। यह साफ हो गया कि मरने वाली बालिका कोरोना संक्रमित थी और उसके साथ उसकी मां और अज्ञात ई-रिक्शा चालक के भी संक्रमित होने की पूरी संभावना है। बावजूद इसके कार्यवाही करना तो दूर महिला को क्वारंटीन किए जाने की कार्यवाही तक नहीं की जा रही है। इसके चलते पूरी कॉलोनी में डर का माहौल बना हुआ है। ऐसा नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी नहीं है। इसके बावजूद अभी तक उक्त महिला का कोरोना जांच नहीं की गई है। कॉलोनी के सोसायटी द्वारा जिलाधिकारी और एसडीएम देहरादून को पूरी जानकारी दे दी गई है। यहां तक कि नगर निगम पार्षद द्वारा इस मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को कई बार दी जा चुकी है।
दरअसल, टिहरी जिला स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही सामने आया है। एक ग्रामीण महिला अपनी स्वास्थ्य समस्या के लिए जिला अस्पताल में उपचार के लिए आई। यह महिला कुछ दिनों पूर्व गुरूग्राम से टिहरी लौटी थी और लौटने के बाद उसकी तबियत खराब हो गई। जिला अस्पताल ने उसकी यात्रा इतिहास को जानने के बावजूद उसका उपचार किया और उसके घर भेज दिया। कुछ दिनों बाद उस महिला की मौत हो गई और उसकी जांच में पाया गया कि वह महिला कोरोना पॉजीटिव थी। इसके बाद जिला अस्पताल में हड़कम्प मच गया।
इस मामले में सीधे तौर पर स्वास्थ्य विभाग कोई बात करने को तैयार नहीं है जबकि साफ तौर पर यह मामला स्वास्थ्य विभाग की गम्भीर लापरवाही के चलते ही हुआ है। ईएमआरसी की गाइड लाइन के अनुसार बाहरी राज्यों से आने वाले मरीजों की सबसे पहले कोरोना जांच होनी आवश्यक है लेकिन इसमें ऐसा नहीं किया गया।
पर्वतीय क्षेत्रों में पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं की हालत बद से बदतर बनी हुई है। टिहरी जिला अस्पताल सैकड़ों गांवों के लोगों के लिए एक मात्र स्वास्थ्य का सहारा था अब वह भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते सवालों के घेरे में है। इसके चलते सामान्य मरीजों को अपने इलाज के लिए कई किमी दूर ऋषिकेश नरेंद्र नगर और देहरादून आना पड़ सकता है।
हैरानी इस बात की है कि जब स्वास्थ्य विभाग मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के पास है बावजूद इसके राज्य में कोरोना संकट के दौरान स्वयं स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार गम्भीर लापरवाही बरती जा रही है। इसका एक ही मतलब है कि या तो स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी पूरी तरह से निरंकुश हो चुके हैं या फिर स्वास्थ्य विभाग की यही कार्यशैली बन चुकी है। आखिरकार इसका खामियाजा तो जनता को ही भुगतना पड़ रहा है।
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भारत ने ओडिशा के बालासोर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के नए वर्ज़न का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। इस बात की जानकारी गुरुवार को रक्षा सूत्रों ने दी है। न्यूज एजेंसी के अनुसार 'आज भारत ने ओडिशा के बालासोर में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एक नए संस्करण का सफल परीक्षण किया। मिसाइल नए तकनीकी विकास से लैस थी जो सफलतापूर्वक सिद्ध हो गई थी'.
बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल रूस और भारत का संयुक्त प्रोजेक्ट है। ब्रह्मोस में Brah का मतलब है 'ब्रह्मपुत्र' और Mos का मतलब 'मोस्कवा' है। इस मिसाइल की गिनती 21 वीं सदी के सबसे खतरनाक मिसाइलों में की जाती है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ने नए वर्ज़न को डीआरडीओ ने विकसित किया है। । इस क्रूज मिसाइल की रेंज हाल ही में 298 किमी से बढ़ाकर 450 किमी की गई थी। इसकी खास बात ये है कि इसे पनडुब्बी, पानी के जहाज, विमान से या जमीन से भी छोड़ा जा सकता है। ब्रह्मोस मिसाइल मैक तो 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है।
भारत की ब्रह्मोस मिसाइल ने बढ़ाई चीन की चिंता. फिलीपींस का दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ विवाद है। ऐसे में फिलीपींस को इस क्षेत्र के लिए एक खतरनाक हथियार मिल गया है। भारत और फिलीपींस के बीच भी ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल को लेकर सौदा तय हुआ है। फिलीपींस ने करीब 37.49 करोड़ डॉलर (27.89 अरब रुपये) के सौदे पर मंज़ूरी दी है। दोनों देशों के बीच समझौते थे चीन की परेशानी बढ़ गई है।
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100 आर्टिकुलेटेड बसों में से 15 आईंः इज़मिर मेट्रोपॉलिटन म्यूनिसिपैलिटी द्वारा खरीदे गए आर्टिफिशियल बसों के 15 पहले बैच ने सेवा शुरू की। ESHOT हर महीने एक और 85 ब्लोअर लाएगा।
इज़मिर में शहरी सार्वजनिक परिवहन के सबसे महत्वपूर्ण अभिनेताओं में से एक ESHOT ने शहर में 15 इकाइयों का पहला बैच लाया। इज़मिर मेट्रोपॉलिटन नगर पालिका द्वारा हस्ताक्षरित 100 धौंकनी बस अनुबंध के अनुसार, शेष वाहनों को स्कूल खोलने के बिना सितंबर में सेवा में डाल दिया जाएगा, जबकि 15 को अक्टूबर में वितरित किया जाएगा और 70 को नवंबर में वितरित किया जाएगा।
Undert ज़मीर मेट्रोपॉलिटन नगर पालिका, जिसने महत्वपूर्ण परियोजनाओं को शुरू किया है, जो शहरी परिवहन को साँस लेगी, विशेष रूप से रेल प्रणाली पर, बस बेड़े को मजबूत करने और कायाकल्प करने के लिए जारी है। ESHOT जनरल डायरेक्टरेट द्वारा शहर में लाई गई नई व्यक्त बसें इस संबंध में एक अच्छा उदाहरण हैं। मेजबान।
इंजन आग की चेतावनी और बसों पर बुझाने वाली प्रणाली स्वचालित रूप से संभव इंजन आग में हस्तक्षेप करती है। सिस्टम बस की आवाजाही को रोकता है जबकि दुखी घटनाओं को रोकने के लिए दरवाजा खुला है। इज़मिर की नई बसें, जिसमें आरामदायक यात्रा के लिए आवश्यक सभी तत्व शामिल हैं, अपने रिवर्स कैमरा के साथ ड्राइविंग सुरक्षा के संदर्भ में उन्नत सुविधाएं प्रदान करते हैं, जबकि 2 एलसीडी मॉनिटर और यात्री जानकारी के लिए यात्री गिनती प्रणाली।
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राजधानी लखनऊ में गुरुवार को विधानसभा के सामने बहराइच के एक परिवार ने आत्मदाह का प्रयास किया. पति, पत्नी और बच्ची के साथ पहुंचे परिवार ने विधानभवन के गेट संख्या तीन के सामने केरोसिन डालकर खुद को आग लगाने की कोशिश.
गनीमत रही कि मौके पर मौजूद महिला सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आत्मदाह करने से रोक लिया. फिलहाल तीनों को हजरतगंज कोतवाली लाया गया है.
बताया जा रहा है कि परिवार की एक बेटी पांच महीने से अगवा है. जिसका पता अभी तक नहीं लगा है. परिवार ने औरया के रहने वाले एक व्यक्ति पर बेटी को अगवा करने का आरोप लगाया है. शिकायत के बावजूद भी पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है. जिसके बाद आहत होकर परिवार आज लखनऊ में आत्मदाह करने पहुंचा था.
(इनपुटः ऋषभमणि त्रिपाठी)
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बेंगलुरू, 18 मई (CRICKETNMORE) - रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर ने गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 11वें संस्करण में एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले गए मैच में सनराइजर्स हैदराबाद को 14 रनों से हरा दिया। जीत के बाद कप्तान विराट कोहली ने एबी डीविलियर्स द्वारा पकड़े गए एलेक्स हेल्स के कैच को मैच का टर्निंग पॉइंट बताया।
कोहली ने कहा, "डीविलियर्स ने जो कैच पकड़ा वो महत्तवपूर्ण था। लय में दिख रहे एलेक्स हेल्स को पवेलियन भेज बढ़ते स्कोर पर अंकुश लगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने जिस तरह से स्पाइडरमैन बनकर कैच लपका है उसे कोई आम खिलाड़ी नहीं पकड़ सकता। मैं उसकी फिल्डिंग देख हैरान हूं।
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बैकर का ग्राहक से सम्वन्ध
किया गया है। प्रायः यह उस परिस्थिति में लिखा जाता है जब लिखने वाले धनी की काफी राशि उसके हिसाब में नहीं रहती।
(२) प्रभन्ध नहीं किया गया ( Not arranged ) इसके यह अर्थ है कि जिस हिसाब के ऊपर चेक काटी है उसमें उसके भुगतान के लिये यथेष्ट द्रव्य नहीं है। हाँ, यदि प्रबन्ध किया जाता तो दूसरे हिसार्थों से उसमें काफी राशि आ जाती, किन्तु प्रबन्ध नहीं किया गया है। यदि चैंवर चाहे तो वह दूसरे हिसाच भी भुगतान कर सकता है, किन्तु वह ऐसा करता नहीं ।
(३) वसूलयाची अभी तक नहीं हुई है चेक फिर लाइयेगा (Effects not yet cleared please present again) प्रायः यह देखा गया है कि ग्राहक कुछ बैंक को वसूली के लिये भेज देता है, और उन्हीं के धनराशियथेष्ट समझ कर चेक, इत्यादि काट देता है। किन्तु यदि इस बीच में अधिकार पत्रों की बैंक में वमूली नहीं होती तो उसकी चेकों का भुगतान नहीं होता। अतः, बँक यह लिख देता है कि वसूलाची मी तक नहीं हुई है, चेक फिर लाइयेगा ।
( ४ ) प्रबन्ध से अधिक है (Exceeds arrangement) - कभी-कभी ग्राहकों से रुपया प्राप्त करने का प्रबन्ध कर लेता है किन्तु यदि इतने पर भी उसकी चेक की राशि है कि उसका भुगतान नहीं हो सकता तो यह कारण लिख दिया जाता है ।
(५) बाकी नहीं है (Insufficient Funds ) - यह कारण तो स्पष्ट ही है किन्तु बैंक प्रायः ऐसा नहीं लिखते ।
(६) पूरी राशि नहीं प्राप्त हो पाई है (Full covers not received) - इसके भी प्रायः वही अर्थ है जो (५) के हैं ।
(७) लिखने वाले धनी ने भुगतान रोक दिया है (Payment stopped by the drawer) - यह कारण भी स्पष्ट ही है ।
(८) लिखने वाले धनी के हस्ताक्षर नहीं मिलते ( Drawer's Signaturc Differs ) -- प्रत्येक बैंक के पास उसके ग्राहक के हस्ताक्षरों का नमूना रहता है। अतः इसके वह अचेक पर के उसके हस्ताक्षर नमूने से उसके हस्ताक्षरों से नहीं मिलते। |
क्या जीवन जीने के लिए कोई नियम पुस्तिका है?
दुबई में गल्फ न्यूज़ को दिये गये एक इंटरव्यू में सद्गुरु मनुष्य के अनुभवों पर बात कर रहे हैं और ये भी बता रहे हैं कि वो कैसे इनको अपने नियंत्रण में रख सकता है।
प्रश्नः इनर इंजीनियरिंग पर किताब की क्या ज़रूरत है? लोगों को लगातार बताते रहने की क्या ज़रूरत है कि उन्हें अपना जीवन कैसे जीना चाहिये?
सद्गुरुः क्या ये सच नहीं है कि अपने दाँतों को रोज ब्रश करने जैसा आसान काम भी आपको आपकी माँ या आपके पिता ने सिखाया था? अगर उन्होंने ये नहीं भी सिखाया होता तो भी कुछ लोग बाद में ये अपने आप जान जाते पर अधिकतर लोग ऐसा नहीं कर पाते। जब बात जीवन के ज्यादा गहरे आयामों की हो तो कुछ लोग शायद अपने आप उनका पता लगा लेंगे पर अधिकतर लोग ऐसा नहीं कर पायेंगे।
हमारे जीवन के सभी बाहरी पहलुओं को हम वैज्ञानिक ढंग से, सभी तरह की तकनीकें इस्तेमाल करते हुए संभालते हैं। तो ये महत्वपूर्ण है कि हम अपनी आंतरिक खुशहाली को भी वैज्ञानिक ढंग से, खुशहाली की तकनीकें इस्तेमाल करते हुए संभालें।
बहुत लंबे समय तक लोग ऐसा सोचते थे कि हमारी आंतरिक खुशहाली को हम विश्वास के ज़रिये, दार्शनिक बातों से, विचारधाराओं से, और या अंधविश्वासों के सहारे संभाल सकते हैं। पर अब समय आ गया है कि हम अपने आंतरिक रूप को भी, वैज्ञानिक ढंग से तकनीकें इस्तेमाल करते हुए संभालें।
इनर इंजीनियरिंग कई स्तरों पर उपलब्ध है, कार्यक्रमों में, ऑन लाईन, और अब एक किताब के रूप में भी।
प्रश्नः बदलाव के मुख्य साधन क्या हैं?
सद्गुरुः जब हम बदलाव के साधनों की बात करते हैं तो इनके लिये बहुत से तरीके हैं। सभी मानवीय अनुभव, चाहे वो शांति हो, चाहे शांतचित्तता, अशांति, दबाव, चिंता, दुख, आनंद, सुख, उल्लास, या पीड़ा हो - मानवीय अनुभव चाहे जो भी हों, उनका एक रासायनिक आधार होता है।
तो इनको संभालने का एक तरीका ये है कि आप बाहर से रसायनों को अंदर डालें। ये आजकल बहुत बड़े स्तर पर चल रहा है। कोई स्वस्थ होने के लिये रसायन लेता है, शांति के लिये अलग तरह के रसायन हैं, आनंद के लिये किसी और तरह के रसायन हैं।
पर हम भूल जाते हैं कि इस धरती पर सबसे ज्यादा जटिल रासायनिक कारखाना मनुष्य का शरीर ही है। अगर हम इसको सही ढंग से संभालते हैं और अगर आप अपने ही रासायनिक कारखाने के सीईओ बन जाते हैं तो आप इस कारखाने को आनंदमय रख सकते हैं।
जब आप अपने आप में आनंदमय होते हैं तो आपको पीड़ा का डर नहीं लगेगा। जब आपको पीड़ा का कोई डर नहीं होगा तभी आप अपने जीवन की पूरी गहराई, और उसके सभी आयामों की खोज कर सकेंगे, नहीं तो आप एक बहुत ही नपा-तुला जीवन जियेंगे।
प्रश्नः आपकी किताब में यह बताया गया है कि बदलाव के सबसे प्रभावशाली साधनों में से एक है योग। तो, दुनिया में चारों ओर जो दर्जनों तरह की योग प्रक्रियायें सिखायी जाती हैं, उनसे ईशा योग किस तरह से अलग है?
सद्गुरुः दुनिया के पश्चिमी भागों में लोग योग को सिर्फ शारीरिक व्यायाम समझते हैं जो पूरी तरह से एक गलतफहमी है। योग शब्द का मतलब है मिलन यानि एकीकरण। इसका मतलब है कि एक तरह से आपने अपनी व्यक्तित्व की सीमाओं को मिटा दिया है। अभी तो सिर्फ साँस लेने और छोड़ने का काम होने से आप जीवित हैं। जैसे ही आप अपने और बाहरी दुनिया के बीच एक स्पष्ट सीमारेखा बनाते हैं, तो आप यहाँ से गायब हो जाते हैं।
ये सिर्फ साँस लेने और छोड़ने के बारे में नहीं है। आपके शरीर का हर परमाणु लगातार सारे ब्रह्मांड के साथ बातचीत कर रहा है। इसी तरह से जीवन चल रहा है। जब आप इसका अनुभव करते हैं तो हम कहते हैं कि आप योग में हैं। अगर मनुष्य हर चीज़ का स्वयं में समावेश करने के लिये तैयार हो, तो उन्हें ये नहीं सिखाना पड़ेगा कि उन्हें उन सब की रक्षा करनी चाहिये।
जब आप एक केला खाते हैं तो आपके शरीर के साथ मिल कर ये 'आप' बन जाता है। ये सिर्फ शारीरिक स्तर पर ही नहीं होता, अनुभव के स्तर पर भी आप सारे ब्रह्मांड का स्वयं के रूप में अनुभव कर सकते हैं। तब, आप पूरी तरह से एक समावेशी अवस्था में होते हैं।
हम सब में यह बुद्धि है जो एक केले को या रोटी के एक टुकड़े को एक मनुष्य बना सकती है। इस बुद्धि की एक बूंद तक भी अगर आप पहुँच बना लेते हैं तो आपका जीवन जादू भरा हो जायेगा। चाहे ये स्वास्थ्य की बात हो या शांति की या आनंद की या परमानंद की, आप उसके स्रोत होंगे। अभी भी आप उसके स्रोत ही हैं पर ये जानने के लिये आप किसी बाहरी प्रेरणा या प्रोत्साहन की राह देख रहे हैं। अभी आपको बाहरी मदद की ज़रूरत पड़ती है। इस अनुभव को आप खुद ही पा सकें, हम आपको ऐसी अवस्था में ला सकते हैं।
प्रश्नः कोई व्यक्ति अपने चारों ओर इकट्ठा किए हुए धन-दौलत, यश, पद और दूसरी खुशियों के बिना अपना स्वयं का अनुभव कैसे पा सकता है?
सद्गुरुः हमारे पास जो कुछ है वो सिर्फ हमारे इस्तेमाल करने के लिये है, अपने सिर पर चढ़ा कर घूमने के लिये नहीं। अगर आप इनका इस्तेमाल करते हैं तो कोई समस्या नहीं है, पर अगर आप इनके साथ अपनी पहचान बना लेते हैं तो फिर समस्या हो जाती है, और फिर ये आपको चोट पहुँचाती है। अगर आपको सिर से पैर तक एक अच्छे गोंद से रंग दिया जाये तो आप जिस भी चीज़ को छुएंगे, वो आपसे चिपक जायेगी और दो दिनों में ही आप कचरे का एक पहाड़ बन जायेंगे। लोगों के साथ यही हुआ है। इस गोंद को धोने का, आपको साफ करने का एक तरीका इनर इंजीनियरिंग है। आपके पास जो चीजें हैं, उनका इस्तेमाल कीजिये पर उन्हें अपने सिर पर ले कर मत घूमिये।
प्रश्नः एक साधारण आदमी अपने सांसारिक जीवन और अपनी आध्यात्मिकता में संतुलन कैसे बनाये और फिर भी अपने पेशे में सफल कैसे हो? क्या इसके लिये कोई सूत्र है?
सद्गुरुः हम ऐसा क्यों सोचते हैं कि आध्यात्मिक होना और अपने पेशे में सफल होना एक दूसरे से विरोधी बाते हैं? ये इस गलतफहमी के कारण होता है कि आध्यात्मिकता एक तरह की अक्षमता है।
आध्यात्मिकता तो एक अद्भुत ताकत देने वाली चीज़ है। सफलता का क्षेत्र आप चुन सकते हैं। हो सकता है कि आप किसी दूसरे जैसे सफल न हों पर आप एक अलग तरीके से सफल हो सकते हैं। किसी चीज़ के उपयोग के बारे में आप जितना जानेंगे, उसे ज्यादा अच्छी तरह से इस्तेमाल कर सकेंगे। इसी तरह, आप अपने बारे में जितना ज्यादा जानेंगे, उतने ही ज्यादा आप प्रभावशाली हो सकेंगे। ये कोई अतिमानव होने की बात नहीं है, ये समझने का विषय है कि मनुष्य होना ही अपने आप में एक महान बात है।
प्रश्नः आप कहते हैं कि मनुष्य का शरीर एक जटिल रचना है और हम इसका इस्तेमाल यूज़र मैन्यूअल यानि 'उपयोग करने के लिये निर्देश' की किताब को देखे बिना करते हैं। तो ये 'उपयोग करने के लिये निर्देश' की किताब क्या है?
सद्गुरुः ये हमारे अंदर ही है। ऐसी लाखों बातें हैं, और अगर उनमें से आप केवल एक दर्जन बातें भी सही ढंग से सीख लें तो आपका जीवन नाटकीय ढंग से बदल जायेगा। ये एक भाषा सीखने जैसा है। जब आप इसे सीख लेंगे तो आप अपनी 'उपयोग करने के लिये निर्देश' की किताब पढ़ना भी सीख जायेंगे और अपने जीवन को एक अच्छी तरह से चला सकेंगे।
प्रश्नः मनुष्य को पर्यावरण के साथ रहना और उसका दुरुपयोग न करना कैसे सिखाया जाये, जिससे एक सह-अस्तित्व तैयार हो?
Sadhguru: सद्गुरुः हम हमेशा से दुनिया को शांतिपूर्ण बनाने का प्रयास कर रहे हैं पर एक ही समस्या है कि खुद मनुष्य शांतिपूर्ण नहीं है। अगर आप ख़ुद शांतिपूर्ण नहीं हैं तो एक शांतिपूर्ण दुनिया का सपना कैसे देख सकते हैं?
और उसकी संभावना ही कहाँ है जब लोग शांति का सही मतलब भी नहीं जानते? वे सोचते हैं कि दुनिया की शांति का मतलब कुछ नारे लगाना और फिर घर जा कर अच्छी तरह से सो जाना है।
एक भीड़ को शांतिपूर्ण बनाने का काम नहीं किया जा सकता। और व्यक्तिगत बदलाव लाने के लिये लगातार प्रयास जरूरी है। ये प्रतिबद्धता जीवन भर के लिये है, पर वैसी प्रतिबद्धता अब तक दिखी नहीं है।
जैसे हम बच्चे को अक्षर ज्ञान कराते हैं, अगर हम उसको अपने अंदर शांतिपूर्ण रहना भी छोटी उम्र से ही सिखायें तो ये संसार एक प्यारी जगह बन सकता है। ये एक बहुत बड़ा काम है, और अब तक हमने इस काम के लिए भौतिक या मानवीय संरचना में सही निवेश नहीं किया है।
प्रश्नः संयुक्त अरब गणराज्य( यूएई ) ने एक 'खुशी मंत्रालय' बनाया है और नागरिकों के लिये खुशी पर बहुत जोर दिया जा रहा है। क्या ये आप की खुशी की धारणा से मेल खाता है?
सद्गुरुः खुशी कोई विचार या धारणा नहीं है। ये एक मानवीय अनुभव है। ये एक अद्भुत बात है कि कोई राष्ट्र या राज्य अपने नागरिकों की खुशी के लिये ऐसी प्रतिबद्धता दिखाये। वे कितने सफल होंगे ये बहुत सारी बातों पर निर्भर करता है, पर उन्होंने ऐसा करने का सोचा, ये बहुत अद्भुत बात है।
Editor's Note: "Inner Engineering: A Yogi's Guide to Joy" by Sadhguru is now available for purchase in US, UK and in India. Order your copy now!
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व्यापार में धन लाभ होने वाला है। परिवार में भाई-बहनों से तनाव हो सकता है। स्वास्थ्य प्रभावित होगा। शत्रु हानि पहुंचा सकता है। परिवार में शांति का माहौल रहेगा। यात्रा के योग बन सकते हैं।
संतान की ओर से शुभ समाचार प्राप्त होगा। जीवन साथी के साथ संबंध मधुर होंगे। व्यापार का विस्तार होगा। जिससे धन लाभ होगा। पार्टनरशिप बिजनेस से लाभ होने के योग हैं। स्वास्थ्य के प्रति सतर्क रहें।
सुख के साधनों के कारण तनाव रहेगा। बीमारी परेशान कर सकती है। गोचर के दौरान मनोबल कमजोर रहेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आएगी। अचानक धार्मिक यात्रा के योग बन रहे हैं। बुध ग्रह का राशि परिवर्तन सकारात्मक परिवर्तन लाएगा।
भाई-बहनों से परेशानी होगी। यात्रा व्यय में वृद्धि होगी। संतान को लेकर मानसिक तनाव रहेगा। पढ़ाई में खर्चा बढ़ेगा। व्यापार में आर्थिक लाभ होगा। परिवार में धन व्यय में वृद्धि होगी। अधिकारी वर्ग का सहयोग मिलेगा।
आय के स्रोत में वृद्धि होने वाली है। व्यापार में आर्थिक लाभ के योग हैं। नौकरी में पदोन्नति के योग बनेंगे। नए घर और वाहन का सुख मिलेगा। परिवार में शांति रहेगी, लेकिन ससुराल पक्ष से तनाव मिल सकता है।
रुके हुए कार्य पूरे होंगे। सेहत अच्छी रहने वाली है। सुख के साधनों में वृद्धि होगी। लेकिन अचानक परेशानी होगी। घरेलू मामले को लेकर चिंता हो सकती है। व्यापार में लाभ हो सकता है। नया वाहन खरीदने के भी योग हैं।
व्यापार में वृद्धि से आर्थिक लाभ होने के योग बन रहे हैं। पिता से लाभ की संभावना है। बीमारी परेशान कर सकती है। खर्चों में अचानक वृद्धि होगी। संबंध में कोई शुभ कार्य पूरा होगा। यात्रा व्यय में वृद्धि होगी।
व्यापार में लाभ होगा। नए कार्य में प्रगति होने के योग हैं। मानसिक चिंता बढ़ेगी। दाम्पत्य जीवन सुखमय रहने वाला है। पार्टनरशिप का काम बढ़ेगा। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
गोचर के दौरान सुख के साधनों में वृद्धि होने वाली है। परिवार में किसी विवाद से तनाव बढ़ेगा। लव लाइफ में पार्टनर पर खर्चे बढ़ेंगे। नौकरी में तरक्की होगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी। परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य अच्छा रहने वाला है। वाहन सुखी रहने वाला है। संतान को लेकर चिंता बनी रहेगी। सफलता के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी होगी।
जीवनसाथी के साथ सुखद समय व्यतीत करेंगे। भाग्य में वृद्धि होने वाली है। मन में किसी प्रकार का भय बना रहेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। संपत्ति से लाभ होगा। लंबित समस्याओं का निराकरण होगा। माता-पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
संतान को लेकर चिंता रहेगी। पार्टनरशिप का काम फायदेमंद रहेगा। मान सम्मान में वृद्धि होगी। पिता की संपत्ति से आर्थिक लाभ होगा। विवाह कार्यक्रम में शामिल होना टल सकता है। परिवार में छोटी-छोटी बातों पर तनाव हो सकता है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी। '
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स्टाफ रिपोर्टर, एएनएम न्यूजः हाइवे पर सफर करने वालों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अगर आप भी हाइवे पर सफर करने जा रहे हैं तो केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से बड़ी जानकारी दी गई है। नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा। जिसके बाद लोग दिल्ली से देहरादून सिर्फ दो घंटों में जबकि दिल्ली से हरिद्वार सिर्फ 90 मिनट में पहुंचेंगे। इस एक्सप्रेस वे के जरिए हाइवे पर चलने वालों को बड़ा फायदा मिलने वाला है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की तरफ से बड़ी जानकारी दी गई है। नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण इस साल दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा।
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एमपी के उज्जैन जिले की विधानसभा बड़नगर में एसडीएम कार्यालय में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है। इस मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। मामले की जांच की जा रही है।
मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर में एसडीएम के बाबू पर महिला ने रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इस मामले का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो एसडीएम का बाबू रिश्वत के लिए पैसों को महिला को वापस करता हुआ दिखाई दे रहा है। एसडीएम को इस मामले की जानकारी मिलने के बाद बाबू को नोटिस जारी कर दिया गया है। पूछने पर महिला ने बताया कि एसडीएम के बाबू ने उसके पति की जमानत कराने के बदले में रुपए मांगे थे। बाद में बाबू ने पैसे वापस कर दिए।
एमपी के उज्जैन जिले की विधानसभा बड़नगर में एसडीएम कार्यालय में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है। इस मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। दरअसल एक महिला अपने पति की जमानत कराने आई थी। महिला से एसडीएम कार्यालय में पदस्थ बाबू ने जमानत के लिए 2000 रुपये रिश्वत की मांग की थी। इस पर महिला ने 1000 रुपये दिए थे। मामले की जानकारी लगने पर जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और महिला के रुपये वापस कराए। रुपए वापस कराने का यह वीडियो जिले के बड़नगर एसडीएम कार्यालय का बताया जा रहा है। वहां पदस्थ बाबू प्रकाश रेणा ने अपने पति की जमानत कराने आई दंगवाड़ा निवासी सुगन बाई से 2000 रुपये की रिश्वत मांगा था। महिला ने एक हजार रुपये बाबू को दे दिए। इसके बाद वहां पहुंचे जनपद अध्यक्ष प्रतिनिधि ने यह मामला देखा तो उन्होंने देखते ही बाबू से महिला को रुपये वापस दिलवाए।
महिला सुगनबाई ने बताया की कुछ दिन पहले पति का दंगवाड़ा में विवाद हो गया था। पति की जमानत के लिए बाबू के पास गई तो उसने 2 हज़ार रुपये की मांग की थी जिस पर 1 हज़ार रुपये दे रही थी। बाकी के पैसे बाद में देने का वादा कर रह थी। मकान को लेकर बड़े भाई से विवाद हुआ था। इस विवाद में महिला का पति भी शामिल था। जिसकी जमानत के लिए पैसे मांगे गए थे। एसडीएम से शिकायत करने की बात पर भी बाबू नहीं माना था। इस मामले को लेकर एसडीएम आकाश सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा की मामला जानकारी में आया है। मामले की जांच की जा रही है। अगर सही पाया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी।
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७४. बीसवीं सदीकी सती ( ? ) ' घाटकोपरसे एक वहह्न लिखती हैः
'बम्बई समाचार' के २३ अप्रैल, १९३१ के अंकों प्रकाशित बीसवीं सदीको लुहाणा जातिको सतीकी बात सच हो तो उस बहनको पतिभक्ति वन्दनीय है। इस सम्बन्धमें यदि आप अपनी राय 'नवजोवन' द्वारा व्यक्त करेगे तो विशेष जानकारी हासिल होगी ।
मुझे आशा है, यह समाचार सच नहीं है। अगर उक्त बहन मरी है तो किसी रोग या आकस्मिक घटनासे मरी है, आत्महत्या करके नही । वीसवी या किसी भी अन्य शताब्दीमे सतीके लक्षण एक ही प्रकारके होने चाहिए। सती स्त्री वह है जो पतिके जीवित रहते और मृत्युके बाद सत्यपरायणा रहकर सेवा करे और मन, वचन तथा कर्मसे निर्विकार रहे । पतिके लिए आत्महत्या करनेमे ज्ञान नही, अज्ञान है। ऐसा करनेमे वडा अज्ञान तो आत्माके गुणके विपयमें है। आत्मामात्र अमर है, वह सर्वव्यापक है, एक देह छूटनेपर दूसरी देहका निर्माण करती है और यो करते-करते अन्तमे देहातीत हो सकती है । यह बात सच है, अनुभवसिद्ध है और आज अनुभवगम्य है। ऐसी दशामे पत्नीका पतिके साथ मरना क्यो ठीक माना जाये ?
फिर विवाह भी शरीरका नही, आत्माका है। अगर विवाह शरीरका ही हो तो पतिके मरनेपर भोमके पुतले या चित्रसे ही सन्तोष क्यो न कर लिया जाये? अगर विवाह एक शरीर - विशेष जीवके साथका ही सम्बन्ध माना जाये तो उस शरीरके नष्ट होनेपर उस सम्वन्धका भी अन्त हो जाता है और आत्महत्या करनेसे तो शरीर पुनः नहीं मिल सकता । तब फिर एकके शरीर नाशपर दूसरे शरीरके नाश करनेमें क्या सार है ?
विवाह शरीर द्वारा आत्माका होता है, और एक आत्माकी भक्तिसे अनेक आत्मा अर्थात् परमेश्वरकी भक्ति सिद्ध करनेकी कला सीखनेका भेद विवाहमें छिपा हुआ है। इसी कारण अमर मीराने गाया हैः
"मेरे तो गिरिधर गोपाल दूसरा न कोई ।'
इसलिए सती स्त्रीकी दृष्टिमे विवाह, वासनाको तृप्त करनेका साधन नही होता बल्कि 'एकको दूसरेका सहारा ' इस न्यायसे पतिमें लीन होकर सेवाकी शक्तिको बढानेका साधन है। इसलिए सच्ची सती अपना सतीत्व सप्तपदीके समयसे ही सिद्ध करतो है । वह साध्वी वनती है, तपस्विनी बनती है, पति, कुटुम्ब और देशकी सेवा करती है, वह घरगृहस्थीमें फँस जाने और भोग भोगनेके वजाय अपना ज्ञान बढाती है, त्यागशक्ति बढ़ाती है और पतिमे लीन होकर जगत मात्रमे लीन होना सीखती है।
१. देखिए " फिर भी वही राय ", १७-५-१९३१ भी । |
Taliban: अफगानिस्तान के अफगान सेंट्रल बैंक के अरबों डॉलर पर अमेरिका का नियंत्रण है। जर्मनी और यूरोपीय संघ के अलावा कनाडा भी कह चुका है कि वह किसी सूरत में तालिबान के शरीयत वाले शासन को वित्तीय मदद नहीं देगा। ऐसे में चीन अगर तालिबान की मदद में आगे आता भी है, तो उसे तालिबान को काफी पैसा देना पड़ेगा और इसके एवज में वह खनिजों पर अपना कब्जा चाहेगा।
Taliban Attack: तालिबान ने इससे पहले बामियान में अल्पसंख्यक हजारा समुदाय के नेता अब्दुल अली मजारी की मूर्ति को भी तोड़ डाला था। तालिबान ने 1995 में मजारी की हत्या की थी।
Afghanistan Crisis: अर्याना ने भारत को धन्यवाद करते हुए कहा, "पूरे अफगानिस्तान की ओर से, मैं भारत के प्रति अपना अत्यंत आभार व्यक्त करना चाहती हूं और मैं आपको धन्यवाद कहना चाहती हूं। इन वर्षों में हमने महसूस किया है कि हमारे पड़ोस में एकमात्र अच्छा मित्र भारत है। भारत हमेशा हमारे लिए अच्छा रहा है। वे एक सच्चे दोस्त रहे हैं, वे हमारे लोगों के लिए बहुत मददगार और दयालु रहे हैं जो भारत में शरणार्थी थे।
Afghanistan: बता दें कि करजई को उदारवादी माना जाता है। 2001 में तालिबान शासन के खात्मे के बाद उन्हें अफगानिस्तान का राष्ट्रपति चुना गया था। करजई भारत में पढ़े हैं और यहां की सभी सरकारों के साथ उनके अच्छे रिश्ते रहे हैं।
PM Modi Putin Talk: मोदी ने सोमवार शाम को जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल और शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से बातचीत की थी। माना जा रहा है कि काबुल और अफगानिस्तान के दूसरे हिस्सों में फंसे भारतीयों, अफगान मूल के सिख और हिंदुओं को भारत लाने के लिए मोदी इन नेताओं से बातचीत कर रहे हैं।
Kashmir: नीलम इरशाद शेख का कहना है कि पाकिस्तान ने तालिबान की मदद की। अब तालिबान भी पाकिस्तान की मदद करेंगे और कश्मीर जीतकर पाकिस्तान को देंगे। एक टीवी चैनल के डिबेट में नीलम ने कहा कि इमरान खान की सरकार ने पाकिस्तान का सम्मान बढ़ाया है।
Taliban Terror: फिलहाल 1800 के करीब ब्रिटिश नागरिक काबुल में फंसे हैं। ब्रिटेन इनके साथ ही करीब 2500 अफगान नागरिकों को भी बाहर निकालने की तैयारी कर रहा है। अब तक अमेरिका और ब्रिटेन 37 हजार से ज्यादा लोगों को अफगानिस्तान से निकाल चुके हैं।
Venom Spewd Against India: हिकमतयार ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान से मुलाकात के बाद ये बात कही। बता दें कि हिकमतयार 1993 से 1994 तक अफगानिस्तान का पीएम रहा। वह, 1996 में फिर पीएम बना, लेकिन फिर ईरान भाग गया था।
Afghan Crisis: तालिबान के इस हथियारों के जखीरे में अमेरिका निर्मित आमर्ड वीकल और ड्रोन विमान तक शामिल हैं। इन घातक हथियारों का तालिबान किस तरह से इस्तेमाल कर सकता है, इसे सहज ही समझा जा सकता है। ये हथियार अमेरिका ने अफगान सेना को तालिबान के आतंकियों का खात्मा करने के लिए दिए थे। अब यही उसके लिए मुसीबत बन चुके हैं।
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साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम सुनारिया जेल में 20 साल की सजा काट रहा है. जब से उसे सजा हुई है तब से लेकर अब तक सबके ज़हन में सिर्फ एक ही सवाल है कि आखिरकार डेरे की कमान किसके हाथ में हैं. उसके जेल में जाने के बाद डेरे को कौन चला रहा है. हालांकि शुरुआती समय में लग रहा था कि हनीप्रीत या फिर राम रहीम के बेट या उनके दमाद डेरे का अगला वारिश हो सकता है, लेकिन अभी तक किसी को भी डेरे का वारिस घोषित नहीं किया गया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर डेरे को कैसे चलाया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो राम रहीम के परिवार में पत्नी, बेटा, बेटियां, दामाद औऱ मां के रहते हुए डेरे की मैनेजमेंट ने डेरे की कमान संभाली हुई है. शोभा इंसां इस समय डेरे की सीनियर वाइस चेयरपर्सन है और डेरे की बागडोर अभी उसके हाथ में है.
बता दें कि पिछले लंबे अरसे से गुरमीत राम रहीम डेरे में प्रवचन देता था और पूरे मंच को वही संभालता था. लेकिन अब हालात बदले हुए हैं. राम रहीम जेल में है. लेकिन राम रहीम के जेल जाने के बाद से यह संख्या बहुत घट गई. अभी भी राम रहीम के प्रवचन बड़ी स्क्रीन पर चलते हैं, बड़े पंडाल में बैठकर लोग इसे सुनते हैं.
वहीं राम रहीम की मुंहबोली बेटी हनीप्रीत भी अंबाला जेले में बंद हैं. उसके अन्य खासमखास या तो जेल में हैं या फिर पुलिस की डर से फरार चल रहे हैं.
PHOTOS: राम रहीम के खिलाफ कोर्ट में चल रहे ये केस, अब जेल ही बन जाएगा उसका घर!
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Apple वॉच केवल तकनीक का एक और टुकड़ा नहीं है, इसमें कुछ जीवन रक्षक गुण हैं। ऐप्पल वॉच को अनगिनत बार जान बचाने का श्रेय दिया गया है, लेकिन इस बार एक लड़की को पता चला कि उसे कैंसर है क्योंकि घड़ी ने उसे असामान्य रूप से हाई हार्ट रेट के बारे में सचेत किया था। ऐप्पल वॉच की हार्ट रेट नोटिफिकेशन फीचर वॉच एसई, वॉच 7 के साथ-साथ हाल ही में लॉन्च हुई वॉच 8 और वॉच अल्ट्रा पर भी उपलब्ध है।
ऑवर डेट्राउट के अनुसार, इमानी माइल्स नाम की एक 12 वर्षीय लड़की को Apple वॉच द्वारा उसकी अबनॉर्मल हाई रेट हार्ट स्पीड के बारे में लगातार याद दिलाया गया था। उसकी माँ, जेसिका किचन को यह अजीब लगा क्योंकि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। माँ ने कहा- "यह वास्तव में अजीब है क्योंकि यह पहले कभी नहीं हुआ है। यह बस चलता रहा।
जेसिका किचन ने इसे गड़बड़ पाया और लगातार अलर्ट के बाद अपनी बेटी को अस्पताल ले गई। इसके बाद इमानी का अपेंडिसाइटिस का ऑपरेशन किया गया लेकिन उनकी परेशानी यहीं खत्म नहीं हुई। डॉक्टरों ने उसकी मां को उसके अपेंडिक्स में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर (neuroendocrine in her appendix ) के बारे में बताया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह बच्चों में दुर्लभ है। आगे की जांच के बाद, डॉक्टरों ने पाया कि ट्यूमर इमानी के शरीर के अन्य हिस्सों में फैल गया था। कैंसर को दूर करने के लिए उन्हें सर्जरी करानी पड़ी। लेकिन ऑपरेशन के बाद सब ठीक हो गया।
Apple वॉच में ईसीजी, हार्ट रेट नोटिफिकेशन, फॉल और क्रैश डिटेक्शन सहित कई लाइफ सेविंग फीचर्स हैं। हाल ही में, Apple वॉच के ECG हार्ट सेंसर ने लगभग 3,000 बार कम आराम करने वाली हार्ट रेट के लिए अलर्ट भेजकर ब्रिटेन के 57 वर्षीय व्यक्ति की जान बचाई।
डेविड ने अपनी पत्नी द्वारा गिफ्ट में दी गई ऐप्पल वॉच से कई अलर्ट मिलने के बाद अस्पताल का दौरा किया। आगे की जांच और चिकित्सा परीक्षणों के बाद, वह यह जानकर हैरान रह गया कि इस दौरान उसे कितनी दिल की समस्याएं थीं।
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चीन में निर्मित एक प्राचीन मस्जिद को ध्वस्त करने के सरकार के फ़ैसले के ख़िलाफ़ हज़ारों की संख्या में चीनी मुसलमान लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
भारत में ईरान के प्रभारी राजदूत मसऊद रिज़वानियान ने तेहरान और नई दिल्ली के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रतिबंध और अमरीकी दबाव जैसी विदेशी धमकियों के बावजूद दोनों देशों के संबंध यथावत अच्छे स्तर पर हैं।
तुर्की ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि अंकारा, वॉशिंग्टन की हर कार्यवाही का जवाब उसी की ज़बान में देगा।
सीरिया की सरकार ने भारी संख्या में सैन्य कर्मियों को इदलिब प्रांत की स्वतंत्रता की कार्यवाही के लिए रवाना कर दिया है।
भारत में अब पुल गिरने की घटना लगभग आम होती जा रही है, आए दिन इस देश के किसी न किसी कोने में किसी पुल के गिरने के ख़बरें आती रहती हैं।
दाइश के लिए मौत का फ़रिश्ता और अमरीकियों को मुक़ाबले का चैलेंज देने वाले जनरल सुलैमानी बहुत ही साधारण जीवन व्यतीत करते हैं।
इराक़ की राष्ट्रीय हिकमत पार्टी के प्रमुख का कहना है कि ईरान पर लगे प्रतिबंध न तो इराक़ के हित में हैं और न ही क्षेत्रीय देशों के हित में।
दुनिया के कुछ मीडिया ने ईरान की ओर से हुर्मुज़ स्ट्रेट बंद करने के विषय पर प्रकाश डाला है।
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नदियों के बढ़ते जलस्तर, बंधों की मजबूती और तैयारियों की समीक्षा करने गोरखपुर आए यूपी के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर तीखा हमला बोला। जलशक्ति मंत्री ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष की पूरी राजनीति कुशीनगर के अमवाखास तटबंध से चलती थी। ठेके-पट्टे के चक्कर में मजबूती से काम नहीं होने देते थे। बार-बार व्यवधान डालकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकते थे। इस बार सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए, फिर मजबूती से बांध का निर्माण कराया गया। यह वही बांध है जो ढाई लाख क्यूसेक पानी का भार नहीं झेल पाता था। इस बार तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है लेकिन सब कुछ सुरक्षित है।
बाढ़ की तैयारियों की समीक्षा के बाद जलशक्ति मंत्री ने सर्किट हाउस में मीडिया कर्मियों से बात की और कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के हिसाब से तटबंधों को मजबूत कराया गया। इस बार बारिश ज्यादा हुई, फिर भी सारे तटबंध सुरक्षित हैं। तराई क्षेत्र सुरक्षित हैं। कुशीनगर, महराजगंज, बस्ती, देवरिया और सिद्धार्थनगर बाढ़ की चुनौती से निपटने की तैयारी पूरी है। इतना मजबूत काम हुआ है कि कटान नहीं होगा।
गोरखपुर मंडल सहित पूरे यूपी में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है। पिछली 17 जुलाई को 210 मिलीमीटर बारिश हुई थी जबकि इस वर्ष 800 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। पिछली बार गंडक का डिस्चार्ज 2 लाख 40 हजार क्यूसेक था। इस बार तीन लाख 35 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है।
दावे के साथ कह सकते हैं कि मंडल का कोई भी तटबंध असुरक्षित नहीं है। बारिश में सभी विभागों ने मिलकर काम किया है। पशुपालन विभाग पशुओं का टीकाकरण कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगी हैं। संचारी रोगों के रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान चल रहा है। एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीमें अलर्ट हैं। राजस्व विभाग के अफसर दिन व रात काम कर रहे हैं।
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि राप्ती रोहिन घाघरा के तटबंधों पर जनरेटर वहाइड्रोजन बल्ब लगाने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ चौकियां बना दी गई हैं। सिंचाई विभाग के कर्मचारी तन्मयता से ड्यूटी कर रहे हैं। कहीं किसी प्रकार की कोई जरूरत होगी तो अधिकारी कर्मचारी तुरंत वहां जुट जाएंगे। कोरोना के कारण बाढ़ बचाव के कार प्रभावित हुए थे पर विभाग की तत्परता के कारण जो काम 4 महीने में होने थे वो डेढ़ महीने में पूरे कराए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासन में सभी बंधे सुरक्षित हैं। कहीं भी किसी प्रकार का कोई खतरा नहीं है।
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बिहार सरकार ने अपने राज्य में हुए कोरोना से मौत के आंकड़ों को संशोधित किया तो मरने वालों की संख्या अचानक बढ़ गयी. 7 जून तक बिहार में कोरोना से मौत का आंकड़ा 5424 था. अगले ही दिन 8 जून को ये आंकड़ा अचानक 9429 हो गया. आखिर ये मौत के आंकड़ों का फर्जीवाड़ा कैसे और क्यों हुआ, बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्र, जेडीयू प्रवक्ता अजय अलोक और आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से जानिए.
When the Bihar government revised the death toll from Corona, it suddenly increased. On 7 June, the death toll from Corona in Bihar was 5424, but on the next day, on June 8, it suddenly became 9429. Know what BJP spokesperson Sambit Patra, JDU leader Ajay Alok, and RJD spokesperson Mrityunjay Tiwari said about it.
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विकेटकीपर यस्तिका भाटिया टीम से बाहर हैं और इंग्लैंड दौरे के लिए महाराष्ट्र की किरण प्रभु नावगिरे और दयालन हेमलता (Kiran Prabhu Navgire and Dayalan Hemalatha) को भारतीय स्क्वॉड में चुना गया है।
ENG-W vs IND-W 1st T20I Prediction Playing XI: भारतीय महिला क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे पर तीन मैचों की टी20 सीरीज के अपने पहले मुकाबले में आज रात को चेस्टर ली स्ट्रीट में मेजबान टीम का सामना करेगी। कॉमनवेल्थ गेम्स (Commonwealth Games-2022) में सिल्वर मेडल जीतने के बाद भारतीय का यह पहला मैच है। विकेटकीपर यस्तिका भाटिया टीम से बाहर हैं और इंग्लैंड दौरे के लिए महाराष्ट्र की किरण प्रभु नावगिरे और दयालन हेमलता (Kiran Prabhu Navgire and Dayalan Hemalatha) को भारतीय स्क्वॉड में चुना गया है। किरण को पहली बार भारतीय टीम में शामिल किया गया है। नावगिरे और हेमलता दाेनों पावरहिटर्स हैं। यह टूर्नामेंट भारत की अनुभवी गेंदबाज झूलन गोस्वामी का अंतिम टूर्नामेंट होगा। झूलन लॉर्ड्स में होने वाले तीसरे वनडे के बाद क्रिकेट को अलविदा कहने वाली हैं।
पहले टी20 के लिए भारत और इंग्लैंड की संभावित प्लेइंग इलेवनः
भारतः स्मृति मंधाना, शैफाली वर्मा, जेमिमा रोड्रिग्स/किरण नावगिरे, हरमनप्रीत कौर (कप्तान), दीप्ति शर्मा, पूजा वस्त्राकर, स्नेह राणा, तानिया भाटिया (विकेटकीपर), राधा यादव, मेघना सिंह, रेणुका ठाकुर।
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भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जबरदस्त यॉर्कर और शानदार लाइन लैंथ से खास जगह बना चुके तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह आज यानि 6 दिसंबर को अपना 24वां जन्मदिन मना रहे हैं। जसप्रीत बुमराह का जन्म 6 दिसंबर 1993 को गुजरात के अहमदाबाद में हुआ था। जसप्रीत बुमराह आज अपना जन्मदिन तो मना रहे हैं लेकिन इन्हें दो दिन पहले ही यानि 4 दिसंबर को बीसीसीआई ने जन्मदिन का खास एडवांस तोहफा देते हुए दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया है।
यॉर्कर के महारथी या यॉर्कर के किंग कहे जाने वाले जसप्रीत बुमराह ने अपने छोटे से करियर में अपनी शानदार और सटिक यॉर्कर के साथ ही जबरदस्त लाइन लैंथ से विश्व क्रिकेट में अपनी एक खास पहचान बना चुके हैं। जसप्रीत बुमराह ने साथ ही साथ सीमित ओवर की क्रिकेट में डेथ ओवर्स के तो दुनिया के सबसे शानदार गेंदबाज बन गए हैं जिनके खिलाफ डेथ ओवर्स में रन जुटाना अब तक तो किसी भी विरोधी टीम के लिए आसान नहीं रहा है।
भारतीय क्रिकेट टीम की सीमित ओवर की क्रिकेट के लिए जरूरत बन गए जसप्रीत बुमराह ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अब तक 28 वनडे मैच खेले हैं जिसमें 52 विकेट हासिल किए। साथ ही जसप्रीत बुमराह ने अपने करियर में अब तक 30 टी-20 मैच खेले हैं जिसमें 40 विकेट ले चुके हैं। बुमराह ने इसके लिए शानदार औसत भी दर्ज कराया है। बुमराह ने अपना पहला वनडे मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 23 जनवरी 2016 को खेला था जहां पर बुमराह ने भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा माने जाने वाले स्टीवन स्मिथ का खास विकेट हासिल किया था।
जसप्रीत बुमराह के लिए भारतीय टीम में स्थान बनाने के सफऱ की बात की जाए तो इसका सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म आईपीएल साबित हुआ। जसप्रीत बुमराह ने पहली बार आईपीएल में साल 2013 में मुंबई इंडियंस के लिए खेले। जसप्रीत बुमराह ने इसके बाद तो पीछे मुड़कर नहीं देखा और आईपीएल में अपनी गेंदबाजी का जबरदस्त जलवा दिखाया। बुमराह ने आईपीएल में शानदार प्रदर्शन से भारतीय क्रिकेट टीम में एन्ट्री ली।
आईपीएल में तो जसप्रीत बुमराह का प्रदर्शन प्रभावशाली रहा ही है साथ ही बुमराह के प्रथम क्रिकेट श्रेणी का रिकॉर्ड भी जबरदस्त है। बुमराह ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में अब तक 26 मैच खेले हैं। बुमराह ने इन 26 मैचों में 25. 33 की बेहद ही शानदार औसत के साथ 89 विकेट हासिल किए। इस दौरान बुमराह ने 6 बार पारी में 5 विकेट हासिल किए। इसके बाद तो बुमराह की प्रतिभा को हर किसी ने देखा है।
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चाय पीना तो हमारी दैनिक आदतों में आता है. सर्दियों के मौसम में लोग अदरक की चाय का अधिक सेवन करते है लेकिन क्या आपने कभी प्याज की चाय पी है. शायद नहीं पी होगी. आपको बता दें कि प्याज की चाय सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है. इसमें पाए जाने वाले तत्व शरीर को कई बीमारियों से बचा कर रखते हैं.
सबसे पहले गुनगुने पानी में प्याज को धो लें. अब छोटे-छोटे टुकड़े करके पानी में डाल दें. इसके बाद इसमें नींबू का रस और ग्रीन टी बैग मिला लें. अब इसे छानकर अपने स्वाद के अनुसार शहद मिला लें और पी लें.
1-इसका रोजाना सेवन करने से वजन कम और हाइपरटेंशन का खतरा कम होता है.
2-अगर आपको नींद नहीं आती तो प्याज की चाय का सेवन करें इससे काफी फायदा मिलेगा.
3-प्याज में विटामिन सी पाया जाता है जो सर्दी-जुकाम से बचाता है.
4-प्याज की चाय कैंसर सैल्स को बढ़ने से रोकती है और कोलीन कैंसर को ठीक करने में भी मददगार है.
5-प्याज में ग्लूकोज प्रतिक्रिया को बेहतर करके इन्सुलिन रेजिटेंट को बढ़ाकर डायबिटीज से राहत दिलाता है.
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दो साल पहले एक अमेरिकी मेंपत्रिकाओं ने एक लेख प्रकाशित किया जो महिलाओं को शांति से वंचित करता है। यह सेल्युलाईट के बारे में था और इससे छुटकारा पाने की आवश्यकता थी - तब से, लड़कियों और महिलाओं को "नारंगी के छिलके" से लड़ने के लिए संघर्ष नहीं होता है।
एक नई समस्या का उद्भव हाथों में खेला गया हैसौंदर्य निर्माताओं। सेल्युलाईट के खिलाफ लड़ाई में आज क्रीम, रैप और दर्जनों प्रकार की मालिश की जाती है। हम मशीन बी-फ्लेक्सी के बारे में बात करेंगे। समीक्षा, कार्रवाई का सिद्धांत और प्रक्रिया की लागत इस लेख में चर्चा की जाएगी।
रोग या कॉस्मेटिक दोष?
चिकित्सा समुदाय में इस समय औरसेल्युलाईट पर कोई सहमति नहीं थी। कुछ विशेषज्ञ चमड़े के नीचे के फैटी टिशू की सूजन को बीमारियों के बराबर बताते हैं। हालांकि, अधिकांश डॉक्टर अभी भी कॉस्मेटिक दोष के रूप में "नारंगी छील" का उल्लेख करते हैं।
याद है कि सेल्युलाईट विशेष रूप से हैमहिला समस्या, और मामला यह है कि एस्ट्रोजन। इस हार्मोन के कारण, शरीर वसा कोशिकाओं को "अवांछित" स्थानों में जमा करता है। धक्कों की उपस्थिति उम्र और वजन से प्रभावित नहीं होती है, क्योंकि पतला युवा लड़कियों में सेल्युलाईट भी पाया जाता है। हालांकि, खराब आहार, अतिरिक्त वजन और गतिहीन जीवन शैली जैसे कारक समस्या को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं।
स्त्री सौंदर्य के पुनर्जागरण और इसके आदर्श अतीत में हैं, और आधुनिक महिलाओं ने नफरत वाले धक्कों से निपटने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक की खोज की है - सेल्युलाईट वैक्यूम मालिश।
कुछ समय पहले तक इस क्षेत्र में अग्रणी थाएलपीजी-सिस्टम, फ्रांसीसी इंजीनियर लुई पॉल गाइट द्वारा विकसित किया गया है। निष्पक्ष सेक्स महंगी प्रक्रियाओं के लिए भुगतान करने के लिए तैयार था, जब तक कि एनालॉग बाजार पर दिखाई नहीं दिया - बेलारूसी मशीन बी-फ्लेक्सी। उसके बारे में और आगे बात करते हैं।
ब्यूटीशियन समीक्षा इस बात की पुष्टि करती हैंमूल मॉडल और अधिक बजटीय समकक्ष के बीच कोई बुनियादी अंतर नहीं हैं। केवल एक चीज जो आपकी आंख को पकड़ती है, वह बेलारूसी उपकरण का बहुत प्रस्तुत करने योग्य नहीं है। हालांकि, अर्थव्यवस्था और मध्यम वर्ग के सैलून के लिए, इसकी अपेक्षाकृत कम कीमत अधिक महत्वपूर्ण है।
एलपीजी-सिस्टम खरीद के लिए न्यूनतम आवश्यकता होती है1.5 मिलियन रूबल, इसलिए प्रक्रियाओं की लागत 2500 रूबल और अधिक तक पहुंच गई। बेलारूसी एनालॉग पर 200-300 हजार रूबल खर्च होंगे, और 850-1000 रूबल के लिए एक सत्र कई और लड़कियों और महिलाओं को खर्च करने में सक्षम होगा।
बिगड़ा रक्त microcirculation के परिणामस्वरूपचयापचय में मंदी है। द्रव के ठहराव के कारण, कोशिका आकार में बढ़ती है - यह प्रक्रिया नेत्रहीन रूप से एक "नारंगी छील" के रूप में परिभाषित की जाती है। इस मामले में, आपको त्वचा की गहरी परतों पर एक प्रभाव की आवश्यकता होती है, जो एक मालिश बी-फ्लेक्सी प्रदान करने में सक्षम है।
समस्या क्षेत्रों पर प्रभाव के साथ होता हैएक आदमी का उपयोग कर। प्रक्रिया के दौरान, शक्तिशाली चूषण के कारण त्वचा की तह बनती है। जोड़तोड़ रोलर्स यंत्रवत् गुना के किनारों की मालिश करते हैं, और वैक्यूम डर्मिस की गहरी परतों को उत्तेजित करता है। इस परिसर के लिए धन्यवाद, सूजन दूर हो जाती है, ऊतकों में माइक्रोकिरुक्शन में सुधार होता है और राहत को सुचारू किया जाता है। नतीजतन, त्वचा अधिक कोमल और चिकनी हो जाती है, शरीर की मात्रा धीरे-धीरे गायब हो जाती है।
बी-फ्लेक्सी वैक्यूम मालिशनितंबों और जांघों, पेट, पीठ, बाहों और जांघों को साफ करने में मदद करता है। प्रक्रियाओं के पाठ्यक्रम के पूरा होने पर, कॉस्मेटोलॉजिस्ट शरीर के वसा में ध्यान देने योग्य कमी, सेल्युलाईट के उन्मूलन और यहां तक कि खिंचाव के निशान का भी अनुमान लगाते हैं।
सभी हार्डवेयर जोड़तोड़, एक नियम के रूप में, कई contraindications हैं। निम्नलिखित बीमारियों की उपस्थिति में डॉक्टरों की बी-फ्लेक्सी समीक्षा की सिफारिश नहीं की जाती हैः
- तंत्रिका संबंधी विकार;
- ऑन्कोलॉजिकल रोग;
- नसों के साथ समस्याएं (उदाहरण के लिए, वैरिकाज़ नसों);
संक्रामक रोग;
- बुखार।
त्वचा पर प्रक्रिया के समय तककोई दाने, चोट, घर्षण या कटौती नहीं होनी चाहिए। और सबसे स्पष्ट मतभेदों में से एक एक दिलचस्प स्थिति है - गर्भावस्था के दौरान एक वैक्यूम मालिश गर्भपात का कारण बन सकती है।
डिवाइस बी-फ्लेक्सी के माध्यम से एक आंकड़ा का सुधारआज एक वास्तविकता बन गई है। केवल एक पेशेवर आपके डेटा का मूल्यांकन कर सकता है और आवश्यक प्रक्रियाओं की संख्या की सिफारिश कर सकता है। सक्रिय जीवन शैली का नेतृत्व करने वाली लड़कियों और महिलाओं के लिए, आपको एक ब्यूटीशियन के साथ कम से कम आठ बैठकें करने की आवश्यकता होगी, और आलसी युवा महिलाओं को 15-20 सत्रों के लिए भुगतान करना होगा।
प्रभाव बढ़ाने के लिए, सरल नियमों का पालन करेंः
- पीने का तरीका। वैक्यूम मालिश के दौरान पानी का एक बड़ा नुकसान होता है, इसलिए निर्जलीकरण से बचना आवश्यक है। सत्र से 2-3 घंटे पहले (प्रक्रिया से पहले 100 मिलीलीटर 10-15 मिनट), और साथ ही दिन के दौरान कम से कम 1.5-2 लीटर, अपने वजन के आधार पर दो गिलास पानी पीना सुनिश्चित करें।
- सूखा कानून। शराब का सेवन भूख बढ़ाता है, तरल पदार्थ को बरकरार रखता है और आमतौर पर शरीर पर हानिकारक प्रभाव डालता है। चरम मामलों में, आप एक गिलास सूखी शराब की अनुमति दे सकते हैं, लेकिन प्रक्रिया के दिन नहीं।
- कॉफी। सुगंधित पेय के प्रशंसक अपनी आदत को छोड़ना अविश्वसनीय रूप से कठिन है। विशेषज्ञों ने फैट क्रीम और चीनी नहीं जोड़ने के साथ, एक ब्लैक ग्राउंड कॉफी पर विकल्प को रोकने की सलाह दी। अपने आप को उच्च-कैलोरी पेय (मोचा, ग्लेशियर, लट्टे और कैपुचीनो) के साथ लाड़ करना अवांछनीय है।
- दो घंटे का नियम। मालिश से दो घंटे पहले और बाद में - यदि आप इस समय नहीं खाते हैं, तो शरीर का ऊर्जा भंडार भोजन को पचाने के बजाय वसा को जलाने की प्रक्रिया को निर्देशित करेगा।
यह मान लेना एक गलती है कि प्रक्रिया अकेले हैबी-फ्लेक्सी आपको एक स्वप्न का आकार देगा। वैक्यूम मालिश अविश्वसनीय परिणाम दिखाती है, लेकिन केवल उचित पोषण और न्यूनतम शारीरिक परिश्रम के साथ संयोजन में।
मालिश सत्रों को साथ नहीं जोड़ा जा सकता हैअनियंत्रित मीठा खाने और सोफे पर आराम। यहां तक कि अगर आप सेल्युलाईट से छुटकारा पाने का प्रबंधन करते हैं और एक या दो आकार खो देते हैं, तो एक सहायक परिसर के बिना सब कुछ बहुत जल्दी वापस आ जाएगा, और पैसा बर्बाद हो जाएगा।
बी-फ्लेक्सी कोर्स के बाद, निष्पक्ष सेक्स की समीक्षा निम्नलिखित परिवर्तनों को दर्शाती हैः
- त्वचा अविश्वसनीय रूप से चिकनी और नाजुक हो जाती है।
- समग्र सिल्हूट अधिक फिट दिखता है।
- वॉल्यूम कम हो जाते हैं।
बेशक, एक प्रक्रिया में आपको छुटकारा नहीं मिलेगासेल्युलाईट और प्रत्येक क्षेत्र में दस सेंटीमीटर नहीं खोना। आकृति का सुधार धीरे-धीरे होता है, और कॉस्मेटोलॉजिस्ट केवल पांच सत्रों के बाद प्राप्त परिणाम के साथ प्रारंभिक मापदंडों की तुलना करने की सलाह देते हैं। एक नियम के रूप में, घुमावदार महिलाओं के साथ सुंदर महिलाएं, अतिरिक्त सेंटीमीटर के साथ जल्दी से भाग लेती हैं।
कई लड़कियों और महिलाओं के अनुसार, डिवाइस बी-फ्लेक्सी वास्तव में सेल्युलाईट के खिलाफ लड़ाई में मदद करता है। इसके अलावा, एक निर्विवाद लाभ प्रक्रियाओं की अपेक्षाकृत कम लागत है।
सेल्युलाईट से घर पर ऐसी मालिश करना असंभव है, लेकिन एक विकल्प है।
विधि संख्या 1। सिलिकॉन बैंक, जिसे लगभग 100-150 रूबल के लिए किसी भी फार्मेसी में खरीदा जा सकता है। हम संवहनी प्रणाली को तैयार करने और दर्द को कम करने के लिए त्वचा को गर्म (रगड़) करके मालिश शुरू करते हैं। फिर एंटी-सेल्युलाईट क्रीम या मक्खन डालें, जार डालें और इसे अलग-अलग दिशाओं में स्थानांतरित करना शुरू करें।
विधि संख्या 2। कैन के रूप में सिलिकॉन नोजल के साथ वैक्यूम मालिश। ऐसे उपकरणों में, त्वचा पर दबाव का समायोजन प्रदान किया जाता है। मॉडल के आधार पर, औसतन मालिश करने वाले की लागत 1,500-4,000 रूबल है।
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Free Fire MAX में इमोट्स को बहुत पसंद किया जाता है। गेम में कई इमोट्स को पाना मुश्किल रहता है, वहीं कुछ जबरदस्त विकल्प इन-गेम स्टोर में उपलब्ध हैं। इसलिए इस आर्टिकल में हम Free Fire MAX के इन-गेम स्टोर के अंदर मौजूद 5 सबसे अच्छे इमोट्स के बारे में बात करेंगे।
Arm Wave असल में Free Fire MAX का सबसे सस्ता इमोट है और यह ज्यादा पुराने प्लेयर्स के पास होगा। इस इमोट की कीमत इन-गेम स्टोर 199 डायमंड्स हैं। इस इमोट में कैरेक्टर हाथ हिलाता है और कुछ अच्छे मूव्स का भी प्रदर्शन करता है।
Moon Flip को गेम के सबसे ज्यादा उपयोग किए जाने वाले इमोट में गिना जा सकता है। यह काफी पुराना इमोट है और इसमें कैरेक्टर एक शानदार बैकफ्लिप लगाता है। इस इमोट को आप आसानी से स्टोर द्वारा 399 डायमंड्स द्वारा पा सकते हैं।
Dangerous Game काफी शानदार इमोट है और यह आसानी इन-गेम स्टोर में मिल जाएगा। असल में इस इमोट द्वारा कैरेक्टर Zombie की तरह नकल करता है। इस इमोट की कीमत 399 डायमंड्स हैं।
Bhangra इमोट को भारतीय फैंस बहुत पसंद करेंगे। असल में यह भारत के प्रसिद्ध पंजाबी डांस भंगड़ा पर आधारित है। इसमें इमोट शानदार डांस करता है। इस इमोट की कीमत 399 डायमंड्स है और यह इन-गेम स्टोर में उपलब्ध है।
Sii! इमोट को Free Fire MAX में काफी उपयोग किया जाता है। असल में यह Cristiano Ronaldo के गोल सेलिब्रेशन पर आधारित है। वो गोल करने के बाद अमूमन 'Sii! ' चिल्लाते हैं। आप इस इमोट को Free Fire MAX में 399 डायमंड्स में खरीद सकते हैं।
(नोटः इस आर्टिकल में लेखक ने अपनी राय दी है। सभी की पसंद इमोट्स को लेकर थोड़ी अलग रह सकती है। )
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आपको अपनी डिजिटल वॉच को सेट किया कुछ समय बीत गया है, तो हो सकता है आपको ऐसा करने की प्रक्रिया नहीं याद हो। सेटिंग्स बदलने के लिए, सबसे पहले आपको अपनी वॉच के टाइम मोड में जाना होगा, जिससे आप टाइम, डेट, डे ऑफ़ द वीक, इत्यादि चीज़ें बदल सकते हैं। एक बार आप टाइम मोड में पहुँच गए हों, आप ऐसा बटन देखेंगे जिससे आप सेटिंग्स में जाकर उन्हें बदल सकते हैं। जब वो सेट हो जाए, आप अपनी वॉच को प्रयोग कर सकते हैं।
1मुश्किल वॉच को खोलने के लिए निर्माता से संपर्क करें या मैन्युअल ढूंढेंः अगर आपकी वॉच समझने में मुश्किल है और आपके पास निर्देश नहीं है, तो ऑनलाइन डिजिटल मैन्युअल ढूँढें । डिजिटल मैनुअल्स ढूंढने के लिए ऑनलाइन अपने वॉच ब्रैंड और मॉडल डाल कर सर्च करें।
- अगर डिजिटल मैन्युअल ढूंढना आसान नहीं है, तो अपनी वॉच के कस्टमर केयर नंबर को ढूंढ उस पर फोन करें।
- मॉडल और ब्रैंड की जानकारी अधिकतर वॉच के पीछे या उसके फेस पर लिखी या एंग्रेव की गयी होती है।
- हांलाकि ऐसा नहीं होता है, फिर भी कुछ वॉचेज़ में सेटिंग के बटन्स वॉच के पीछे या साधारण कवर के अंदर होंगे। कवर्स को आप अपनी उँगलियों से या एक छोटे स्क्रूड्राइवर से हटा सकते हैं।
- अधिकतर आप या तो "Mode" बटन प्रयोग करें या/और "Set" बटन । "Mode" आपकी वॉच को टाइम मोड, स्टॉपवॉच मोड, इत्यादि में बदलने देता हैं। "Set" आपको टाइम मोड में टाइम बदल कर उन बदलाव को सहेजने देता है।
- जब आप टाइम सेटिंग मोड में जायेंगे, सेटिंग (जैसे मिनिट्स, आर्स, डेट इत्यादि ) झपकने लगेंगी।
- अगर आपकी वॉच में रिसेस्ड बटन और एक और बटन है, तो रिसेस्ड बटन संभवतः मोड बदलने के लिए और दूसरा बटन सेटिंग्स में बदलाव करने के लिए होता है।
- पेंसिल से रिसेस्ड बटन को दबाने का प्रयत्न नहीं करेंः अगर पेंसिल की टिप होल के अंदर टूट गयी, तो वो बटन को जैम कर देगी, जिससे उसको सेट करना नामुमकिन हो जायेगा।
4मल्टी बटन वॉचेज़ को टाइम मोड पर करेंः अगर आपकी वॉच बटन्स को लेबल नहीं करती है, तो आपको इन्हें इधर उधर क्लिक करना पड़ेगा जब तक आपको ये नहीं पता चलता की मोड किस बटन से बदलता है। अधिकतर डिजिटल वॉचेज़ के मिनट या घंटे जब आप टाइम सेटिंग मोड पर होंगे तो झपकने लगेंगे।
- अक्सर, एक समय पर एक ही यूनिट (मिनिट्स, आर्स, डेट) झपकेगा। कुछ वॉचेज़ में ऑप्शन सिलेक्शन किसी और तरीके से दिखाया जायेगा, जैसे अंडरलाइन करके या बॉक्स बनाकर।
- मुश्किल समझने में आने वाली वॉचेज़ में कई सारे फीचर्स होंगे। इन सब को जानने के लिए सभी बटन्स को दबा कर देखें की वो कैसे वॉच के डिस्प्ले को प्रभावित करते हैं।
- सिंपल वॉचेज़ में अक्सर सिर्फ दो बटन होंगेः एक मोड बदलने के लिए और दूसरा हर बार बटन दबा कर सेटिंग्स में आगे बढ़ने के लिए।
- अधिकतर वॉचेज़ सेटिंग्स में आर्डर से छोटे से बड़े (जैसे 1 मिनट से 59 मिनट) पर जाती है या पहले से आखिरी (जैसे संडे से सैटरडे) पर जाती हैं और फिर से सबसे छोटे/पहले ऑप्शन पर जाती हैं।
2आर्स सेट करेंः मोड बटन को दबा कर आर्स सेलेक्ट करें। जब वो सेलेक्ट हो जायेंगे तो वो मिनट्स की तरह झपकने लगेंगे जिससे आपको पता चलेगा की वो सेलेक्ट हो गए हैं। एक बार सेलेक्ट हो जाएँ, तो एडवांस फीचर चुन कर फिर से उसी तरह से अपनी वॉच के आर्स सेट करें।
3अगर ज़रूरी लगे तो और सेटिंग्स भी बदलें, जैसे हफ्ते के दिन और डेटः मोड में ऑप्शंस का सामान्य आर्डर होता हैः मिनट्स, आर्स्स, ऐ एम्/पी एम्, डेट और हफ्ते का दिन। मोड बटन को दबा कर इन सभी ऑप्शंस में आगे बढ़ें और एडवांस बटन से सिलेक्टेड सेटिंग को मॉडिफाई करें।
- टाइम सेट करने से पहले अपनी वॉच की सेटिंग्स को फिर से समझने के लिए सभी बटन्स को बार बार दबाने से घबराएं नहीं।
- डिजिटल वॉच कैसे सेट करते हैं उससे जुड़े वीडियो देखने के लिए यूट्यूब एक सही स्थान है। अगर आपको अपनी वॉच का सही मॉडल नंबर नहीं पता है, तो वो अक्सर वॉच के पीछे एंग्रेव होगा।
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आज, अंतरराष्ट्रीय में लगे लोगों के लिएव्यापार और यूरोपीय संघ के देशों के निरंतर यात्रा की आवश्यकता है और न केवल विभिन्न राज्यों में आंदोलन के लिए दस्तावेज़ीकरण की तैयारी को सरल बनाने के लिए कई समाधान प्रस्तावित किए गए हैं। सबसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों में से एक multivisa है।
मल्टीविसा, एक एकाधिक वीज़ा है, जिसके माध्यम से आप शेन्जेन जोन के देशों में लंबे समय तक रह सकते हैं। उद्यमियों के लिए Multivisa, जिसका व्यापार यूरोपीय देशों में है- यह सबसे अच्छा विकल्प है। इसका आधिकारिक पंजीकरण अल्पकालिक पर्यटक वीजा के निर्माण से हमेशा अधिक लाभदायक होता है, न केवल समय सीमा की अनुपस्थिति के कारण, बल्कि, आर्थिक रूप से। एक व्यापारी या उद्यमी, जिसने सालाना या आधे साल के लिए बहु-वीजा जारी किया है, इस तरह के पर्यटक दस्तावेजों के विस्तार के साथ खुद को लगातार कठिनाइयों से बचाएगा। और इस प्रकार, हमेशा 1 साल के लिए एक महत्वपूर्ण राशि बचाओ।
एक से अधिक वीज़ा प्राप्त करने के लिए, आपको यात्रा, उपलब्धता, सीधे, निमंत्रण और वित्तीय सुरक्षा के कारणों के साथ दूतावास प्रदान करना होगा।
मल्टीविसा जारी करने की प्रक्रिया बिल्कुल तेज नहीं है,यह याद रखना चाहिए कि इस रूप के वीजा कई चरणों में औपचारिक रूप से लागू किए गए हैं। इस अंत में, अधिकांश देशों में शेंगेन संधि मुद्दे मल्टीविसा में बढ़ते अनुक्रम में भाग लेते हैं, पहले 3 महीने के लिए, फिर 6 महीने और एक वर्ष के लिए।
शेंगेन मल्टीविसा के पंजीकरण के लिए, निम्नलिखित दस्तावेजों की एक सूची आवश्यक हैः
आवश्यक दस्तावेजों की सूची और शेंगेन वीजा जारी करने की शर्तें लगातार बदल रही हैं, क्योंकि विभिन्न राज्यों के वाणिज्य दूतावास लगातार नए आवश्यक दस्तावेज पेश करते हैं।
संक्षेप में, हम डिजाइन कह सकते हैंमल्टीविसा - यह न केवल बहुत परेशानी है, बल्कि कभी-कभी खतरनाक भी है। एक गलत शब्द वीज़ा दस्तावेज़ की प्राप्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। और वीज़ा के बिना विदेश में अपने व्यापार को नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है। इसलिए, आपको दूतावास में बयान के साथ बेहद सावधान रहना चाहिए, और आप एक मल्टीविसा प्राप्त करने में शांतिपूर्वक अपना लक्ष्य प्राप्त करते हैं।
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कोलकाता : हावड़ा में अपनी ही पार्टी के कुछ बड़े नेताओं से कथित तौर पर नाराज चल रहे तथा काम करने की जगह नहीं मिलने का आरोप लगा चुके मंत्री व हावड़ा तृणमूल को ऑर्डिनेटर राजीव बनर्जी को रविवार पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने बुलाया। नाकतल्ला स्थित पार्थ चटर्जी के आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक हुई इस बैठक में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक हावड़ा से लेकर अन्य कई रणनीतियों पर इनके बीच लंबी बातचीत हुई है। इस बैठक की रिपोर्ट पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी को दी जाएगी।
क्या इस बैठक के बाद राजीव बनर्जी के गिले शिकले दूर हुए हैं?
संभवत नहीं, उसके बाद और कई चर्चाओं की संभावना बनी हुई है। सूत्रों के मुताबिक, राजीव बनर्जी काे मनाने की पार्टी हर संभव प्रयास कर रही है। बैठक के बाद राजीव बनर्जी ने कहा कि पार्टी में किसी का किसी तरह की नाराजगी हो ही सकती है जिसे चर्चा के माध्यम से दूर किया जा सकता है। वहीं शुभेंदु अधिकारी के सवाल पर राजीव ने कहा कि कृपया करके उनके साथ मुझे नहीं जोड़ा जाए। शुभेंदु का व्यक्तिगत मत है और मेरा व्यक्तिगत मत है। रहा सवाल मेरे नाम पर पोस्टर मिलने का तो वे इसका खुद समर्थन नहीं करते हैं। कौन पोस्टर्स लगाते है इसकी जानकारी मुझे नहीं है। बुलाने पर फिर आऊंगा राजीव ने कहा कि पार्टी के महासचिव ने बुलाया था और पार्टी कर्मी होने के नाते मैं आया था। आगामी दिनों की रणनीति के साथ ही अन्य कई तरह चर्चाएं हुई हैं। पार्टी की चर्चाओं का खुलासा नहीं करता हूं,अगर फिर से मुझे बुलाया जाता है तो मैं आऊंगा।
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अगर एक बार किडनी स्टोन की बीमारी हो जाये तो काफी दर्द और परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में लोग फिर ऑपरेशन का सहारा लेते है. लेकिन क्या आप जानते हैं बिना ऑपरेशन के भी पथरी का इलाज किया जा सकता है.
1-पथरी के लिए करेले को रामबाण इलाज माना जाता है. लोग इसके कडवेपन की वजह से इसे कम पसंद करते है किन्तु करेले से शरीर को अनेक लाभ मिलते है. इसमें ऐसे पौषक तत्व मौजूद होते हैं जो पथरी के निर्माण को रोकते है. इसलिए पथरी से पीड़ित व्यक्ति को रोग कुछ मात्रा में करेले का रस जरूर पीना चाहिए.
2-अंगूर लगभग हर व्यक्ति को पसंद है, इसमें कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं. जो पथरी को प्राकृतिक तरीके से मूत्र मार्ग से ही निकालते है.
3-नींबू भी गुर्दे में पथरी को रोकने में काफी फायदेमंद साबित होता है. निम्बू के 60 मिलीलीटर के रस में 60 मिलीलीटर ही जैतून का तेल मिला लेना चाहिए. इस तरह इन्हें ना सिर्फ पथरी में ही लाभ मिलता है बल्कि इन्हें अन्य गुर्दे के रोगों और पेट की समस्याओं से भी छुटकारा प्राप्त होता है.
4-केले में विटामिन बी की भरपूर मात्रा होती है ये शरीर में पत्थर बनने से रोकने और बने हुए पत्थर को छोटे छोटे हिस्सों में तोड़ने में सहायक होता है. अगर रोगी प्रतिदिन में 100 से 150 ग्राम तक विटामिन बी का सेवन करता है तो उसे गुर्दें और किडनी की पथरी कभी नही होती.
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यूक्रेन। अलगाववादियों के कब्जे वाले एक प्रमुख शहर के मेयर कार्यालय पर एक रॉकेट हमला किया गया, जिसके लिए रूस-समर्थित अधिकारियों ने यूक्रेन को ही जिम्मेदार ठहराया है। उधर, यूक्रेन के अधिकारियों ने एक पृथक घटना का जिक्र करते हुए कहा है कि रूसी रॉकेट से जापोरिज्जिया के परमाणु संयंत्र के उस पार स्थित एक शहर को निशाना बनया गया, जिसमें छह लोग घायल हो गए। यूक्रेन के सशस्त्र बलों द्वारा दक्षिण की ओर से किये गये जवाबी हमले के करीब सात हफ्तों की अवधि में रूस की जमीन खिसकने के कारण दोनों ओर से हमले तेज हुए हैं।
यूक्रेन के हालिया पलटवार के मद्देनजर रूस ने 24 फरवरी को शुरू किये अपने आक्रमण के बाद की सबसे बड़ी जवाबी कार्रवाई की और यूक्रेन के प्रमुख बुनियादी ढांचे पर सबसे बड़े एवं समन्वित हवाई और मिसाइल हमले शुरू किये। अलगाववादियों के नियंत्रण वाले दोनेत्स्क में किये गये रॉकेट हमले से नगरपालिका भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। इमारत के चारों ओर धुएं के गुबार उठ रहे थे। हमले में भवन की खिड़कियां उड़ गयी हैं और छत आंशिक रूप से ढह गई हैं। आसपास खड़ी कारें जल उठी हैं।
हताहतों की तत्काल कोई जानकारी नहीं है। यूक्रेन ने हमले के बारे में न तो जिम्मेदारी ली है, न ही कोई टिप्पणी की है। यूक्रेनी अधिकारियों ने रविवार को बताया कि यूरोप के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा संयंत्र ज़ापोरिज्जिया से रॉकेट हमलों के परिणामस्वरूप कम से कम छह लोग घायल हो गए, जहां रूस ने अपने सैनिकों को तैनात किया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के उप प्रमुख कायर्लो टायमोशेंको ने कहा कि निकोपोल के दो निवासियों को हमलों के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिससे पांच बिजली लाइन, गैस पाइपलाइन और आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं।
रूस और यूक्रेन ने बार-बार एक दूसरे पर संयंत्र और इसके आसपास गोलीबारी करने का आरोप लगाया है। यूक्रेनी अधिकारियों ने नियमित रूप से संयंत्र से नीपर नदी के पार नागरिक समुदायों पर हमलों की सूचना दी है, जिसमें निकोपोल और पास के मारहानेट शामिल हैं। राष्ट्रपति कार्यालय और क्षेत्रीय अधिकारियों ने यह भी बताया कि रूसी रॉकेटों ने ज़ापोरिज्जिया के दक्षिणी क्षेत्र में दो स्कूलों, एक पार्क और निजी घरों को नष्ट कर दिया।
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यूपी के फर्रुखाबाद में देवी जागरण के बाद आग लगने से मासूम समेत 2 लोगों की मौत हो गई। इस हादसे में एक दर्जन से अधिक लोग झुलस गए हैं जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
फर्रुखाबादः घर में चल रहे देवी जागरण के बाद गैस रिसाव से मासूम और महिला की मौत का मामला सामने आया है। इस हादसे में तकरीबन 16 लोग झुलस गए। इन सभी को सीएचसी में भर्ती करवाया गया है। मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
आपको बता दें कि कायमगंज कोतवाली क्षेत्र के गांव भटासा निवासी रामौतार के घर पर देवी जागरण का आयोजन था। यहां सुबह घर में ही खाना तैयार किया जा रहा था। इस बीच गैस रिसाव से कमरे और घर में गैस भर गई। अचानक ही वहां पर आग लगने से घर में मौजूद 16 लोग झुलस गए। इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई। 62 वर्षीय शांति देवी और 4 वर्षीय आर्यान्श की मौत मौके पर ही हो गई। इस बीच झुलसे हुए लोगों को आनन-फानन में सीएचसी ले जाया गया। यहां से उन्हें लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया गया। लोहिया अस्पताल से अनुज और अमरावती को हायर सेंटर रेफर किया गया है। इस हादसे के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
स्थानीय लोगों के द्वारा बताया गया कि सोमवार की सुबह पूजा की तैयारी चल रही थी। घर के लोगों के साथ ही रिश्तेदार भी इस आयोजन में शामिल होने के लिए पहुंचे हुए थे। घर की महिलाएं पुड़ियां और प्रसाद की तैयारी में लगी थी। इसी बीच सिलेंडर के पाइप से आग लग गई। महिलाओं की चीख सुनकर घर के अन्य लोग भी उस ओर दौड़ पड़े। देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और शांति देवी और आर्यान्श की मौत मौके पर ही हो गई। आसपास के लोगों ने फौरन ही आग बुझाने का प्रयास शुरू करने के साथ ही एंबुलेंस को फोन किया। घटना की जानकारी मिलने के बाद एसडीएम संजय सिंह फोर्स के साथ में मौके पर पहुंचे। इस बीच जिस सिलेंडर से गैस का रिसाव हो रहा था उसको तालाब में फेंका गया।
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भिवंडी में मोटरसाइकिल जलने की ९ वीं घटना में ६ मोटरसाइकिल व १ रिक्शा जलकर खाक।
Late Post । यहा मिलता है भूखो को मुफ्त में खाना । अल अंसार के समाजसेवक अजमेरी शेख से खास मुलाकात ।
इंटर स्कूल गजल प्रतियोगिता में भाग लेने वाली शाइस्ता अंसारी ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
हमलावरों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई करने व न्याय के लिए ठाणे पुलिस आयुक्त से लगाई गुहार।
फर्जी पत्रकार के खिलाफ होगी एफआईआर..
कोनगांव में बिल्डर की दो पुलिस वालों के आथ मारपीट।
युवाओं के लिए रोजगार सम्मेलन, युवा इस सुनहरे अवसर का लाभ उठाएं__ मनोहर हिरे।
भिवंडी में वीवीपॅट मशीन के प्रशिक्षण स्थल का तहसीलदार ने किया निरीक्षण।
भिवंडी के जुनांदुर्खी के खारभूमी संरक्षक बांध टूटने से १०० एकर धान खेती का नुकसान।
The talented star Parul Gulati was last seen in the web series "Haq se". Parul Gulati would be ringing in some much-needed Christmas and new year festivities in some of her favourite places this year.
The charming Vispy Kharadi who we better known as the one with Six times ( yes, you read it right) Guinness World Record holder in martial arts feats and the first Asian to hold maximum Guinness World Records is going to spend his Christmas alongside his near and dear ones this winter.
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उत्तराखंड चार धाम यात्रा पर बड़ा अपडेट सामने आया है। खराब मौसम की वजह से केदारनाथ यात्रा को रोका गया है। गंगोत्री-यमुनोत्री, और बदरीनाथ यात्रा जारी रहेगी। केदारनाथ यात्रा को 03 मई को रोका गया है।
उत्तराखंड चार धाम यात्रा पर बड़ा अपडेट सामने आया है। खराब मौसम की वजह से केदारनाथ यात्रा को रोका गया है। जबकि, गंगोत्री-यमुनोत्री, और बदरीनाथ यात्रा जारी रहेगी। आईएमडी के उत्तराखंड मौसम पूर्वानुमान में 03 मई को अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड में मौसम अलर्ट और केदारनाथ धाम में हो रही भारी बर्फबारी को देखते हुए बुधवार 03 मई को यात्रा पर 100 फीसदी रोक के निर्देश दिए हैं। किसी भी तीर्थ यात्री को केदारनाथ जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मंगलवार को सुबह साढ़े 11 बजे के बाद केदारनाथ यात्रा को रोक दिया गया। मौसम ठीक होते ही यात्रा को दोबारा शुरू किया जाएगा। उत्तराखंड में 2 और 3 मई को मौसम खराब होने के चलते तीर्थ यात्रियों से पहले ही आग्रह किया गया था, लेकिन तीर्थ यात्री धामों में पहुंच रहे हैं। मंगलवार को धाम की ओर तीर्थ यात्रियों को जाने दिया गया है, लेकिन 03 मई बुधवार को केदारनाथ धाम में रुकना संभव नहीं है।
तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए पुलिस सोनप्रयाग और गौरीकुंड पर तीर्थ यात्रियों को रोक दिया जाएगा। किसी भी तीर्थ यात्री को धाम की ओर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। केदारनाथ दौरे पर पहुंचे उत्तराखंड डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि कि मंगलवार को दोपहर बाद ऋषिकेश और श्रीनगर से आने वाले यात्रियों को भी सुरक्षित स्थानों पर ठहरने को कहा गया है।
यहां से केदारनाथ आने वाले यात्रियों को शहरों में ही रहने को कहा गया है। उन्होंने सभी यात्रियों से अपील करते हुए कि वे बुधवार को पुलिस का पूरा साथ दें ताकि किसी यात्री को यात्रा में कोई भी परेशानी न उठानी पड़े। मौसम खराब है इसलिए बुधवार को केदारनाथ की चढ़ाई कतई न चढ़ें। मौसम ठीक होते ही यात्रा संचालित कर दी जाएगी।
उत्तरकाशी और चमोली जिले में बारिश का दौर लगातार जारी है। बदरीनाथ, गंगोत्री-यमुनोत्री सहित ऊंचाई तथा निचले इलाकों में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। पिछले 72 घंटे से अधिक समय से हो रही बारिश के चलते जिले में ठंड काफी बढ़ गई है। बारिश के चलते जन-जीवन खासा प्रभावित हो गया है।
उधर, गंगोत्री-यमुनोत्री धाम यात्रा निर्बाध रूप से जारी है। जिला प्रशासन ने गंगोत्री-यमुनोत्री जाने वाले यात्रियों को ज्यादा बारिश होने पर अलर्ट रहने को कहा है। मंगलवार को भी धामों में दिनभर बारिश का सिलसिला चला। पिछले तीन दिन रुक-रुक बारिश के कारण मई भी लोग कड़ाके की ठंड महसूस कर रहे हैं।
मौसम विभाग ने अगले दो दिन तक खराब मौसम का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में खराब मौसम के बीच चारधाम यात्रा के प्रभावित होने के आसार हैं। हालांकि अभी तक दोनों धाम की यात्रा निर्बाध रूप से चल रही है, लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के बाद प्रशासन ने यात्रियों को अलर्ट करते हुए ज्यादा बारिश होने पर यात्रा न करने की सलाह दी है।
बारिश के बावजूद हालांकि तीर्थयात्री बड़ी संख्या में धामों का रूख कर रहे हैं। बारिश के बीच उत्तरकाशी के काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन को भी हर दिन हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में बारिश लगातार हो रही है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि खराब मौसम के बीच यात्रियों को फिलहाल धामों के दर्शन से रोका नहीं जा रहा है।
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सावधान ! तुम जहाँ खड़े हो वहीं लगी है काई, अरे सँभल जाओ, देखो, है आगे पीछे खाई। अब पैसों, का पाप छिपाये छिप न सकेगा भाई, रक्त कहाँ ? अब अस्थि छोड़ दो, ओरे क्रूर कसाई !
हम न किसी का बुरा चाहते हमे चाहिये रोटी, वरना हम भूखे खायेंगे इस समाज की बोटी ।
कहती - सी है सुरसरि - तरंग,
ऐसा ही जग का रंग - ढंग ।
ऐसे ही लहरें आती हैं, ऐसे ही लहरें जाती हैं,
उत्कण्ठा-सी उठ जाती हैं, हत-आशा- सी गिर जाती हैं ज्यों जल तरंग, त्यों जग- उमंग, कहती - सी है सुससरि तरंग । जानें कब से बह रहा नीर, बन, पर्वत, झाड़ी चीर-चीर, त्योंही अनादि से जग अधीर, दलता आता है व्यथा-पीर। यह गति अनन्त यह गति अभंग, कहती - सी है सुरसरि - तरंग । |
मत शेष है। नेपाल में प्राचीन बौद्ध साहित्य सुरक्षित है। उसके वर्तमान हिन्दू धर्म में बौद्ध धर्म के चिह्न पाये जाते हैं ।
पश्चिमी एशिया में भारतीय संस्कृति - विशाल भारत के उक्त उपनिवेशों का वर्णन सुनकर यह विश्वास नहीं होता कि पश्चिमी एशिया में उसके उपनिवेश न रहे होंगे । इसलाम के प्रभाव से, उसके प्रकोप से जो कुछ बच गया है, उसके आधार पर यह कहा जा सकता है कि भारतीय संस्कृति की एक धारा पश्चिमी एशिया में भी बही थी । ग़ानिस्तान के अन्य प्रान्त भारत के अन्तर्गत थे । उनमें मिले हैं । फ़ारिस में बौद्ध-संघ था । खुरासान, फ़ारिस, इराक, मोसल तथा सीरिया के पास तक बौद्ध मत का प्रचार था । भाशा है, भविष्य के अनुसन्धान से इस पर अधिक प्रकाश पड़ेगा । |
रामपुर। जिले के 35 माध्यमिक विद्यालयों की सूरत संवरने जा रही है। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत इनमें सोलर पैनल, आधुनिक प्रयोगशाला, अतिरिक्त कक्षा का निर्माण कर विद्यालय को मॉडल बनाया जाएगा। इसके लिए शासन से धन का आवंटन हो चुका है। इस प्रोजेक्ट के तहत प्रत्येक विद्यालय पर एक-एक करोड़ रुपये खर्च होंगे।
प्रोजेक्ट अलंकार के तहत राजकीय इंटर कॉलेजों में आवश्यकता के आधार पर अतिरिक्त कक्षा कक्षों का निर्माण कराया जाएगा। इसके साथ ही जिन कॉलेजों में लैब नहीं हैं, वहां पर लैब बनवाई जाएंगी। विद्यार्थियों के लिए आधुनिक प्रयोगशाला, छात्र व छात्रा के लिए अलग-अलग शौचलय, साइकिल स्टैंड और खेल के मैदान की स्थापना कराई जाएगी। पेयजल व्यवस्था के लिए ओवरहैड टैंक रखवाया जाएगा। प्रकाश व्यवस्था के लिए सोलर प्लांट की स्थापना होगी। जिन कॉलेजों में फर्नीचर की कमी या फिर फर्नीचर जर्जर हो चुका है, वहां नया फर्नीचर तैयार होगा। इसके लिए पहली किस्त में सात कॉलेजों पर काम कराने के लिए सात करोड़ रुपये का बजट जारी हुआ है। शेष विद्यालयों के लिए भी जल्द धनराशि मिलने की उम्मीद है।
जिला विद्यालय निरीक्षक मुन्ने अली ने बताया कि माध्यमिक विद्यालयों के कायाकल्प के लिए प्रोजेक्ट अलंकार की शुरुआत की गई है। इसमें विद्यालयों में आधुनिक लैब, बेहतर पेयजल व्यवस्था, खेल मैदान आदि विकसित किए जाएंगे।
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होना चाहिए । अदृष्ट अच्छे-बुरे कर्मों से उत्पन्न पाप-पुण्य का भांडार है । अच्छे कर्म हमारी आत्माओं में पुण्य पैदा करते हैं और बुरे कर्म पाप पैदा करते हैं । अदृष्ट के अनुसार मनुष्यों को इस जन्म में अथवा अगले जन्म में सुख दुख मिलता है। लेकिन, अदृष्ट अचेतन है । वह स्वयं कर्मो और उसके फलों में व्यवस्था पैदा नहीं कर सकता । इसके लिए एक बुद्धिमान् संचालक की आवश्यकता है । जीवात्मा अदृष्ट का संचालक नहीं हो सकता। इसलिए न्याय मत के अनुसार अदृष्ट का संचालक नित्य, सर्वशक्तिमान् और सर्वज्ञ परमात्मा ही हो सकता है । इस तरह ईश्वर का अस्तित्व सिद्ध होता है ।
जगत् में दो तरह की चीजें हैं : सावयव और निरवयव । दिक्, काल, आकाश, आत्मा, मन, क्षिति, जल, अग्नि तथा वायु निरवयव हैं । इसके अलावा सभी चीज सावयव हैं। इसलिए, इनका कोई कारण होना जरूरी है । किसी बुद्धिमान् कर्त्ता के संचालन के बिना इनके उपादानकारणों में वह रूप अथवा आकार नहीं आ सकता । इस कर्ता में साधक का ज्ञान, लक्ष्यपूर्ति की इच्छा और प्रयत्न की शक्ति होना जरूरी है । उसे सर्वज्ञ भी होना चाहिए, अन्यथा उसे परमाणु जैसी सूक्ष्म सत्ताओं का ज्ञान कैसे होगा ? कर्ता के ये सभी गुण ईश्वर में पाए जाते हैं । इसलिए, जगत् के कर्ता के रूप में ईश्वर का अस्तित्व है ।
वेदों का निर्माण करनेवाला ईश्वर है । जिस प्रकार वेद प्रामाणिक हैं, उसी प्रकार इनका निर्माता भी प्रामाणिक है । वेदों का निर्माता साधारण जीव नहीं हो सकता । उसे पूर्ण होना आवश्यक है । वेदों का निर्माता तो वही हो सकता है, जो भूत, वर्त्तमान और भविष्य, विभु और अणु, इंद्रियों से जानने योग्य और अतींद्रिय सभी विषयों का प्रत्यक्ष ज्ञान प्राप्त कर सकता हो । इस तरह वेदों का निर्माता ईश्वर है और उनकी प्रमाणिकता ईश्वर पर निर्भर करती है ।
आप्त वचन भी ईश्वर के अस्तित्व को सावित करते हैं । वेद, उपनिषद्, गीता आदि सभी में ईश्वर के अस्तित्व को स्वीकार किया गया है । न्यायकुसुमांजलि के अनुसार, जैसे वैज्ञानिक नियम की सत्यता के लिए वैज्ञानिकीकरण और उनके विज्ञान हो प्रमाण हैं, वैसे ही श्रुति भी ईश्वर को सिद्ध करने के |
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होली आ रही है तो आपने क्या सोचा है कि अपने महमानों को क्या खिलाएंगी। कई लोग बाजार से मंगाई मिठाइयां ही महमानों को यह सोंच कर खिलात हैं कि उनके पास तो मिठाई बनाने का समय ही नहीं है। पर ऐसा न करें क्योंकि बाजार में मिलने वाली मिठाई तो आप और आपके परिवार वाले खाते ही होंगे, जिसमें की खूब सारा मिलावटी समान मिला होता है। मिलावटी मिठाइयां खाने से बीमारी हो जाती है इसलिये अच्छा होगा कि आप अपने घर पर ही आलू के रसगुल्ले बना डालिये।
1. सबसे पहले आलुओं को धो कर कुकर में उबाले। उबालने के बाद छील कर कस लें।
2. इसमें कटे हुए मेवे व खोवा मिलाएं।
3. अब मिश्रण की छोटी छोटी गोलियो बनाएं।
4. आग के ऊपर पानी रखें। चीनी डाल कर दो तार की चाश्नी तैयार करें।
5. कड़ाही में घी गरम करें। आलू की गोली घी में तलें।
6. सुनहरा होने तक 10 मिनट के लिये चाशनी में डुबों दें।
7. फिर बाहर निकाल कर, प्लेट में डाल कर गोलियों के ऊपर मलाई लगा कर गरम या ठंडा सर्व करें।
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बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (BTE) यूपी ने दिसंबर 2022 विषम सेमेस्टर की फाइनल परीक्षाओं सहित विभिन्न परीक्षाओं के लिए टेंटेटिव डेटशीट (BTEUP Exam 2023 Date Sheet) जारी कर दिया है। उम्मीदवार जो भी इस परीक्षा (BTEUP Exam 2023) के लिए शामिल हो रहे हैं, वे BTE की आधिकारिक वेबसाइट bteup. ac. in पर जाकर डेटशीट या टाइम टेबल (BTEUP Exam 2023 Date Sheet) चेक कर सकते हैं। BTEUP ने बोला कि ये परीक्षाएं जनवरी 2023 में होंगी।
इसके अतिरिक्त उम्मीदवार सीधे इस लिंक पर क्लिक करके भी BTEUP 2023 Exam Date Sheet चेक कर सकते हैं। साथ ही नीचे दिए गए इन स्टेप्स के जरिए भी BTEUP 2023 परीक्षा की डेटशीट (BTEUP Exam 2023 Date Sheet) चेक कर सकते हैं। विषम सेमेस्टर परीक्षाओं, स्पेशल बैक पेपर परीक्षाओं और मल्टी पॉइंट क्रेडिट सिस्टम परीक्षाओं के लिए डेट शीट जारी की गई है।
बोर्ड ने बोला कि ये टाइम टेबल टेंटेटिव हैं, यानी विशेष परिस्थितियों में परीक्षा की तारीखें (BTEUP Exam 2023 Date Sheet) बदल सकती हैं। इसमें बोला गया है कि इन डेट शीट में किसी तरह की त्रुटि, परीक्षा के बीच में होने आदि की स्थिति में बोर्ड को '[email protected]' पर सूचित किया जा सकता है।
BTEUP की आधिकारिक वेबसाइट bteup. ac. in पर जाएं।
एक PDF फाइल खुलेगी।
BTEUP Exam 2023 Date Sheet डाउनलोड करें और इसे सेव करें।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबेन (99) का निधन ।
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है। )
CG संविदा कर्मचारी हड़तालः सरकार हुई सख्त, स्वास्थ्य विभाग के हड़ताली कर्मचारियों पर लगाया ESMA, जाने क्या होगा आगे. .
देशभर में 500 नए OYO होटल होंगे शुरू, क्रिकेट विश्वकप पर विदेशी मेहमानो के लिए शुरू हुई खास तैयारियां. .
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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में प्रेत बाधा से मुक्ति देने के लिए कथित तांत्रिक एक व्यक्ति को लगातार चार दिनों तक गर्म त्रिशूल से दागता रहा। इसके बाद उस व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में प्रेत बाधा से मुक्ति देने का यह मामला सामने आया है। जानकारी के मुताबिक कथित तांत्रिक एक व्यक्ति को लगातार चार दिनों तक गर्म त्रिशूल से दागता रहा। इसके बाद उस व्यक्ति की मौत हो गयी, जिसके बाद पुलिस ने तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र की पुलिस ने फेकूराम निर्मलकर (35) की हत्या के आरोप में लीलाराम रजक (45) को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस को जानकारी मिली है कि रतनपुर क्षेत्र के अंतर्गत पोड़ी गांव निवासी फेकूराम मानसिक रूप से बीमार था और पिछले चार माह से उसकी पत्नी गंगाबाई उसका इलाज करवा रही थी, लेकिन उसके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस बीच मस्तूरी क्षेत्र के अंतर्गत जूनवानी गांव के निवासी लीलाराम रजक ने दावा किया कि फेकूराम प्रेत बाधा का शिकार है और वह इससे मुक्ति दे सकता है। उन्होंने बताया कि लीलाराम की बातों में आकर गंगाबाई अपने पति को 23 अक्टूबर को जूनवानी गांव ले गई और चार दिनों तक लीलाराम फेकूराम को गर्म त्रिशूल से दागता रहा। त्रिशूल से जलाने के कारण फेकूराम के शरीर में फफोले पड़ गए और उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। इसके बाद गंगाबाई अपने पति को लेकर वापस अपने गांव पोड़ी आ गई, जहां 30 अक्टूबर को उसकी मौत हो गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद रतनपुर थाने की पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और प्रकरण को मस्तूरी थाना भेज दिया। जहां की पुलिस ने लीलाराम को गिरफ्तार कर लिया है। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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पहली बात, क्षेत्र की बात छोड़ दें तो डॉ. राधाकृष्णन् मूलतः अध्यापक थे। दूसरे, प्राथमिक से लेकर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय ही विद्यार्थियों में संस्कारों के निर्माण स्थल हैं। यहाँ जिन संस्कारों के बीज उनमें अंकुरित होंगे, महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय में जाकर वे पल्लवित होंगे।
16 वर्ष की आयु तक अध्ययन करने की शैली, खेल के प्रति रुचि, एन.सी.सी. द्वारा अनुशासन, सभा-मंचों द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिता, संगीत और कला की साधना, स्काउटिंग द्वारा मानवीय भावनाओं की जागृति विद्यालयों में ही सम्भव है। इसी कारण शिक्षक दिवस पर विद्यालयों के शिक्षकों का ही सम्मान करना उचित है ।
स्वतंत्रता के पश्चात् भारत के विद्यालयों की संख्या तो सुरक्षा के मुँह की तरह बढ़ी है, किन्तु उनकी पढ़ाई और व्यवस्था का स्तर बहुत गिरा है। राजकीय और राजकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्यापन और अनुशासन का तो और भी बुरा हाल है। सेण्ट्रल बोर्ड ऑफ सेकेण्डरी एजूकेशन दिल्ली का परीक्षा परिणाम इस बात का प्रमाण है। इन परिणामों का आँकड़ा 30-35% तक आ जाना इन स्कूलों की व्यवस्था और अध्यापकों की सक्रियता का दर्पण ही तो है । जब इन स्कूलों के आचार्य और प्राचार्य सम्मानित होते हों तो लगता है राजनीति के विष ने विद्यालयों को विषैला और विद्यार्थी को विद्या की अरथी उठाने पर विवश कर दिया है। व्यक्तित्व विकास के लक्ष्य के अभाव ने विद्यार्थी के आचरण को प्रभावित किया। आजीविका के अभाव ने विद्यार्थी को परजीवी बनाकर असामाजिक कर दिया है।
'मालविकाग्निमित्रम्' नाटक में महाकवि कालिदास कहते हैंलब्धास्पदोऽस्मीति विवादभीरोस्तितिक्षमाणस्य परेण निन्दाम् । यस्यागमः केवल जीविकायां तं ज्ञानपण्यं वाणिजं वदन्ति ॥ जो अध्यापक नौकरी पा लेने पर शास्त्रार्थ से भागता है, दूसरों के अंगुली उठाने पर भी चुप रह जाता है और केवल पेट पालने के लिए विद्या पढ़ाता है, ऐसा व्यक्ति पंडित नहीं वरन् ज्ञान बेचने वाला बनिया कहलाता है।
चावल या गेहूँ में कंकर देखकर चावलों को फेंका नहीं जाता, गेहूँ को अनुपयोगी नहीं माना जाता। समझदार व्यक्ति कंकर को चुन-चुन कर बाहर करता है और गेहूँ - चावल का सदुपयोग करता है। प्रशासन यदि बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के प्रति समर्पित अध्यापकों को ही सम्मानित करें तो ' शिक्षक दिवस' और भी गौरवान्वित होगा। अपने नाम को सार्थक करेगा।
( 31 ) हिन्दी दिवस : 14 सितम्बर
संकेत बिंदु - (1) हिंदी दिवस का महत्व (2) संविधान के अनुसार हिंदी की स्थिति (3) राजनीति, प्रांतीमता और अंग्रेजी पत्रों का हिंदी पर प्रभाव (4) हिंदी का विरोध (5) उपसंहार ।
प्रतिवर्ष चौदह सितम्बर को मनाया जाने वाला हिन्दी दिवस हिन्दी के राष्ट्रभाषा के रूप में प्रतिष्ठित होने का गौरव और गर्वपूर्ण दिन है। हिन्दी के प्रति निष्ठा व्यक्त करने का दिन है। विश्व - भर में हिन्दी चेतना जागृत करने का दिन है। हिन्दी की वर्तमान स्थिति का सिंहावलोकन कर उसकी प्रगति पर विचार करने का दिवस है।
हिन्दी दिवस एक पर्व है। हिन्दी के हक में प्रदर्शिनी, मेले, गोष्ठी, सम्मेलन तथा समारोह आयोजन का दिन है। हिन्दी सेवियों को पुरस्कृत तथा सम्मानित करने का दिन है। सरकारी- अर्ध सरकारी कार्यालयों तथा बड़े उद्योगों में हिन्दी - सप्ताह और हिन्दी पखवाड़ा द्वारा हिन्दी मोह प्रकट करने का दिवस है।
संविधान सभा ने 14 सितम्बर 1949 को हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित किया। संविधान के अनुच्छेद 343 में लिखा गया -
'संघ की सरकारी भाषा देवनागरी लिपि में हिन्दी होगी और संघ के सरकारी प्रयोजनों के लिए भारतीय अंकों का अन्तरराष्ट्रीय रूप होगा', किन्तु अधिनियम के खंड (2) में लिखा गया 'इस संविधान के लागू होने के समय से 15 वर्ष की अवधि तक संघ के उन सभी प्रयोजनों के लिए अंग्रेजी का प्रयोग होता रहेगा, जिसके लिए इसके लागू होने में तुरन्त पूर्व होता था ।' अनुच्छेद की धारा (3) में व्यवस्था की गई-'संसद् उक्त पन्द्रह वर्ष की कालावधि के पश्चात् विधि द्वारा - (क) अंग्रेजी भाषा का (अथवा) अंकों के देवनागरी रूप का ऐसे प्रयोजन के लिए प्रयोग उपबन्धित कर सकेगी जैसे कि ऐसी विधि में उल्लिखित हो ।'
इसके साथ ही अनुच्छेद (1) के अधीन संसद् की कार्यवाही हिन्दी अथवा अंग्रेजी में सम्पन्न होगी। 26 जनवरी, 1965 के पश्चात् संसद की कार्यवाही केवल हिन्दी ( और विशेष मामलों में मातृभाषा) में ही निष्पादित होगी, बशर्ते संसद् कानून बनाकर कोई अन्यथा व्यवस्था न करे ।
प्रभु राम को चौदहवर्ष का वनवास हुआ था और पाँडवों को बारह वर्ष का, किन्तु हिन्दी को 15 वर्ष का वनवास मिला। पाँडवों के वनवास के साथ एक वर्षीय अज्ञातवास की शर्त थी, उसी प्रकार हिन्दी के साथ समृद्धि की शर्त थी। महाभारत के दुर्योधन ने हठ किया कि उसने पाँडवों को अज्ञातवास में पहचान लिया है, अतः उन्हें पुनः वनवास दिया जाए, पर उसकी गलतफहमी को किसी ने स्वीकार नहीं किया। स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री श्री जवाहरलाल नेहरू ने हिन्दी के 15 वर्षीय वनवासी काल में हिन्दी की पहचान कर सन् 1963 में राजभाषा अधिनियम में संशोधन करवा दिया। 'जब तक भारत का एक भी राज्य हिन्दी का विरोध करेगा हिन्दी को राष्ट्रभाषा के पद पर सिंहासनारूढ़ नहीं किया जाएगा।' यह लोकतंत्र के मुँह पर तानाशाही का जोरदार तमाचा था जो माँ भारती के चेहरे को आज भी कलंकित-पीड़ित कर रहा है। थी किसी कांग्रेसी राजनीतिज्ञ में हिम्मत जो पं. नेहरू का विरोध करता ? माँ भारती के एक सच्चे सपूत कांग्रेसी सेठ गोविन्ददास ने ही संसद् में इस संशोधन विधेयक के विरोध में मत दिया।
हिन्दी को उसका वर्चस्व प्राप्त न हो इसके लिए संविधानेतर कार्य भी जरूरी थे। पं. नेहरू तथा उनके कांग्रेसी प्रबल समर्थकों ने 'फूट डालो और राज्य करो' की नीति अपनाते हुए ' हिन्दी बनाम प्रांतीय भाषाओं' का विवाद खड़ा कर दिया। भारत राष्ट्र को दो भागों में विभक्त कर दिया - उत्तर (हिन्दी पक्षधर) और दक्षिण (हिन्दी विरोधी) । हिन्दी उत्तरदक्षिण के विवाद में फँसकर 'सैंडविच' हो गई और अंग्रेजी इस उत्तर-दक्षिण के झगड़ों में देश की एकता बनाए रखने के लिए एकमात्र विकल्प बन गई। प्रांतीयता के मोह ने राष्ट्रीयता को डस लिया। आज उसी विष का परिणाम है कि केन्द्रीय राजनीति पर प्रांतीयता हावी है। हिन्दी आज ईस्वी सन् 2000 में प्रवेश करते हुए भी वनवासिनी ही है।
दूसरी ओर हिन्दी के प्रति अंग्रेजी-पत्रों और कूटनीतिज्ञों ने खुलकर व्यंग्य वाण मारे । उसे हिन्दी हिण्टर लैंड (हिन्दी का अन्दरूनी क्षेत्र), हिन्दी बैक वाटर्स ( ठहरे हुए पानी जैसा हिन्दी क्षेत्र), काऊबेल्ट (गाय-बैलों का क्षेत्र) 'इंडियाज गटर' (देश की नाली) और टैकनीकल बैकवर्ड (तकनीकी दृष्टि से पिछड़ा हुआ) कहा जाता है। हिन्दी भाषियों को 'धर्मान्ध जीलरस' तथा 'फेनेटिक' की संज्ञा दी गई है। सर्वश्री खुशवंतसिंह, रक्षत पुरी, अनीता मलिक और सुनील एडम्स जैसे विद्वान् और अंग्रेजी पत्रकार यह भूल जाते हैं कि हिन्दी वैज्ञानिक और व्यवस्थित भाषा है। यह पूरी तरह से ध्वन्यात्मक (फोनेटिक) है और इन्टरनेशनल फोनेटिक एल्फाबेट (अन्तरराष्ट्रीय ध्वन्यात्मक वर्णमाला) के अत्यन्त समीप मानी जाती है। विश्व के सैंतीस देशों के 110 विश्वविद्यालयों में इसके उच्चस्तरीय अध्ययन की व्यवस्था है।
अनेक हिन्दी विरोधी और हिन्दी पक्षधर हिन्दी की क्लिप्टता का रोना रोते हैं। पर वे भूल जाते हैं कि बोलचाल और साहित्यिक भाषा में अन्तर होता है। भावाभिव्यक्ति और रसानुभूति साहित्यिक भाषा की शर्त है। यदि सरलीकरण के नाम पर हिन्दी के मूल रूप को ही बिगाड़ दिया जाए तो वह संस्कृत से कटकर अलग होने पर विकृत हो जाएगी, हिन्दी - हिन्दी न रहेगी। बीसवीं सदी के अंत में हिन्दी के सरलीकरण के नाम पर हिन्दी के विद्वानों, लेखकों तथा बुद्धिजीवियों द्वारा हिन्दी का संस्कृत से मूलोच्छेदन हिन्दी को विकृत करने का कुत्सित षड्यंत्र है ।
हिन्दी - विरोध दर्शाना और हिन्दी - पक्ष से आँखें मूद लेना आज के राजनेताओं की विवशता है। हिन्दी क्षेत्र में गैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्री तथा केन्द्रीय मंत्री हिन्दी के कट्टर समर्थक रहे हैं। सत्ता प्राप्ति के पश्चात् वे हिन्दी को भूल गए। हिन्दी के प्रति उनकी वचनबद्धता पर उनकी राजनीतिक व्यूह रचना भारी पड़ गई। मुसलमानों का सहयोग पाने के लिए हिन्दी - प्रेम न्यौछावर कर दिया।
हिन्दी के चापलूस, स्वार्थी और भ्रष्ट अधिकारियों ने हिन्दी के विकास और समृद्धि के नाम पर अदूरदर्शिता और विवेकहीनता का परिचय दिया है। राजकीय कोश के अरबोंखरबों रुपए खर्च करके भी हिन्दी का जो भला हुआ है, वह आटे में नमक बराबर है। जब साधन भ्रष्ट होगा तो साध्य कैसे शुद्ध होगा ? हिन्दी प्रचार के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए
की हिन्दी पुस्तकें खरीदी जाती हैं। इस खरीद का मानदंड है, 'जिसे पिया चाहे वही सुहागन' और 'काली कलूटी से प्रेम हो गया तो वह पद्मिनी लगती है।' इसलिए कहना होगा, इस घर को आग लग गई, घर के चिराग से।'
इस राजकीय सोच का ही परिणाम है कि साहित्यिक पत्रिका 'धर्मयुग' ने दम तोड़ दिया। 'साप्ताहिक हिन्दुस्तान' स्वर्ग सिधार गया। 'आलोचना' और 'साहित्य-संदेश' अंग्रेजी की भीड़ में खो गए। साहित्यिक कृतियाँ हजार-दो हजार छपते-छपते 250-500 तक रह गईं। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने अंग्रेजी को कल्पवृक्ष सिद्ध किया है तो दूरदर्शन ने हिन्दी की 'अर्थी' उठाने की कसम खाई हुई है।
हिन्दी दिवस पर माँ भारती की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर, धूप-दीप जलाकर, उसका गुणगान और कीर्तन करके हम अपने को कृत-कृत्य समझते हैं, पर प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हेतु उसकी व्यावहारिक आरती उतारने के लिए दैनिक जीवन-शैली में अपनाने और सोच बनाने से हम कतराते हैं। जिस दिन यह चेतना भारत के जन-जन की आत्मा में जागेगी, उस दिन हिन्दी की प्राण प्रतिष्ठा होगी, तभी हिन्दी दिवस की सार्थकता सिद्ध होगी।
( 32 ) गाँधी जयन्ती : 2 अक्तूबर
संकेत बिंदु - (1) राष्ट्रीय पर्व के रूप में (2) गाँधी जी में अद्भुत नेतृत्व शक्ति (3) हरिजन सेवा संघ की स्थापना (4) हिंदू-मुस्लिम एकता और सत्य-अहिंसा (5) गाँधी जी में विचारों व क्रियाओं का विरोध और सांमजस्य ।
2 अक्तूबर, 1869 को गाँधी जी भारत-भू पर प्रगटे थे। इसलिए कृतज्ञ राष्ट्र उनके जन्म-दिवस को, राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। अर्चना के अगणित स्वर मिलकर इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष और महामानव की वंदना करता है। राष्ट्र को उनकी देन, उपकार तथा वरदान के लिए 'गाँधी मेलों' द्वारा उनका पुनीत स्मरण करता है।
अपने हाथ से कते सूत की लंगोटी पहनने वाले, चरखे को अहिंसा के प्रतीक के रूप में स्वीकार करके भारत के प्राचीन ग्राम्योद्यम एवं ग्राम्य-जीवन की महत्ता को मशीनों के वर्तमान युग में भी उज्ज्वल करने वाले; सहिष्णुता, त्याग, संयम और सादगी की मूर्ति बापू के जीवन की छाप आज हमारे खान-पान, रहन-सहन, भाव- विचार, भाषा और शैली, परिच्छद और परिधान, काव्य और चित्रकारी, दर्शन और सामाजिक व्यवहार धर्म-कर्म, राष्ट्रीयता और अन्तरराष्ट्रीयता, उनमें से प्रत्येक पर कहीं न कहीं देखी जा सकती है।
गाँधी जी में अद्भुत नेतृत्व-शक्ति थी। उन्होंने भारत को स्वतन्त्र करवाने के लिए कांग्रेस पार्टी के माध्यम से स्वातन्त्र्य आन्दोलन का नेतृत्व किया। सविनय अवज्ञा भंग, असहयोग, विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार; रॉलेट-एक्ट, नमक कानून, हरिजन एवार्ड आदि का विरोध राष्ट्रीय आन्दोलन के 'माइलस्टोन' थे। जनता ने उनके नेतृत्व में जेलें भरीं, लाठियाँ |
सी स्त्रियों के साथ वस्ती से बाहर एक. उद्यान में पहुंची। दन पर एक ऊंचा मन्दिर दिखाई दिया। जब उसके निकट पहुंची, तब वहांपर प्रथम पत्थर के दो कुचे बड़े भयानक रूप के बने हुए मानो काटने को दौड़ते हैं दिखाई दिये। मैं उनको देख कर ज़रा भिकी। तब सासुजी ने मुझे सचेत किया कि अरी बहू ! तू क्यों डरती है, यह तो झूठ मृठ के कुत्ते पत्थर के बने हुये हैं, वो वा काट नहीं सकते इन्हें मनुष्यों ने बनाया है यह अपने स्थान से हिलजुल नहीं सक्के । श्रागे बढ़ी तो महाडरावनी भयानक रूप धारण किये दो व्याघ्रण दिखाई पड़ीं। मैं वहां और भी अधिक कि तब फिर मुझे उसी तरह समझाया गया कि अरी यह तो अपने ही स्थान पर स्थिर रहती हैं तू क्यों डरती है। फिर उस मन्दिर में प्रवेश होते समय मेरे जूते बाहर उतरवा दिये, मैंने सभ्यता और स्थानिक नियम के पालनार्थ उतार दिये । जब भीतर जाकर देखा तो एक अति सुन्दर संगमरमर की चनी हुई मूर्ति जो किसी बड़ेयोग्य शिल्पकार की बनाई थी दिखाई पड़ी। सासुजी हाथ जोड़कर उसके सामने खड़ी हुई और जो कुछ मिष्टान्नादि लेगई थीं चढ़ाया, उसके मुंह मे लगाकर पानी का छींटा दिया, फिर मुझसे कहा कि बहुजी तुमभी इनके पैर छुनो और यहलो चढ़ावा चढ़ाकर और हाथ जोड़ कर सर नवाकर मन लगाकर जो मनोकामना हाँ मांगलो। यह तुम्हें धनादि दूध पूत देंगी। यह बड़ी दयावान् हैं। तब मैंने सासु जी से कहा कि यदि अपराध झमा हो तो मैं कुछ प्रथम आपसे निवेदन करलू, पश्चात् जो आप मुझे उचित श्राशा देंगी वह करूंगी। इसपर हु कहने की आशा दी गई, मैंने निवेदन किया कि यह माताजी |
डब्ल्यूटीसी का फाइनल मैच 7 जून से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच लंदन के ओवल में शुरू होगा। क्रिकेट प्रेमियों के मन में एक सवाल है कि अगर बारिश के कारण मैच रद्द हो जाता है या फाइनल मैच ड्रॉ या टाई हो जाता है तो कौन सी टीम विजेता घोषित होगी?
भारत पिछली बार उपविजेता रहा था और यह उसका लगातार दूसरा फाइनल है। इसी के साथ ऑस्ट्रेलियाई टीम पहली बार टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में खेलेगी। WTC के लिए पॉइंट्स टेबल की बात करें तो टीम ऑस्ट्रेलिया टॉप पर और टीम इंडिया दूसरे नंबर पर थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम का जीत प्रतिशत 66. 67 और भारतीय टीम का जीत प्रतिशत 58. 80 रहा।
क्या कहते हैं आईसीसी के नियम?
आईसीसी ने डब्ल्यूटीसी के फाइनल मैच के लिए नियम भी तैयार कर लिए हैं। अगर कोई मैच बारिश की वजह से छूट जाता है या ड्रॉ या टाई हो जाता है तो उसके लिए नियम है। जो कि आईपीएल से बिल्कुल अलग है। डब्ल्यूटीसी का फाइनल मैच 7 जून से 11 जून तक होना है। हालांकि 12 जून को रिजर्व डे भी रखा गया है। पिछला फाइनल भी बारिश से बाधित हुआ था और वह मैच भी इंग्लैंड के साउथेम्प्टन में हुआ था। हालांकि, इस बार मैच ओवल में है जहां साउथैम्पटन के मुकाबले बारिश की संभावना कम है। आईपीएल में नियम था कि लीग चरण में अंक तालिका में शीर्ष पर रहने वाली टीम को विजेता घोषित किया जाता था। लेकिन यहां आईसीसी ने ऐसा नहीं किया है.
आईसीसी के नियमों के अनुसार डब्ल्यूटीसी फाइनल मैच के रद्द होने, ड्रॉ या टाई होने की स्थिति में दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया जाएगा न कि किसी एक टीम को। अगर बारिश के कारण मैच में बाधा आती है तो रिजर्व डे का इस्तेमाल किया जाएगा। इस दिन के लिए भी विशेष नियम हैं। संयुक्त विजेताओं के मामले में पुरस्कार राशि भी दोनों टीमों के बीच आधी-आधी बांटी जाएगी।
इस फाइनल मैच में बारिश के कारण किसी तरह के व्यवधान की भरपाई के लिए 12 जून को रिजर्व डे रखा गया है. लेकिन अगर रिजर्व डे तक भी नतीजा नहीं निकलता है तो उस स्थिति में मैच ड्रॉ हो जाएगा और दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित कर दिया जाएगा। रिजर्व डे के इस्तेमाल को लेकर भी कुछ खास नियम हैं। यदि खेलने का समय या पहले पांच दिनों में फेंके गए ओवर बारिश, रोशनी या किसी अन्य कारण से प्रभावित होते हैं या उस दिन के 90 ओवर या 6 घंटे का पूरा कोटा प्रभावित होता है। पूरा नहीं हुआ है इसलिए परिणाम के लिए आरक्षित दिन का उपयोग किया जा सकता है। सीधे शब्दों में कहें तो पहले पांच दिनों में गंवाए गए सभी ओवरों या समय की भरपाई रिजर्व डे पर की जा सकती है।
भारतः रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, केएस भरत (विकेटकीपर), रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव, जयदेव उनाद, उमेश यादव. इशान किशन (wk)।
ऑस्ट्रेलियाः पैट कमिंस (C), स्कॉट बोलैंड, एलेक्स केरी (wk), कैमरन ग्रीन, मार्कस हैरिस, जोश हेज़लवुड, ट्रैविस हेड, जोश इंगलिस (wk), उस्मान ख्वाजा, मारनस लाबुचेन, नाथन लियोन, टॉड मर्फी, स्टीव स्मिथ ( wk) उप कप्तान), मिशेल स्टार्क, डेविड वार्नर।
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एजेंसी। महाराष्ट्र की राजनीति और देश की राजनीति में बहुत अहम स्थान रखने वाले राजनीति धुरंधर शरद पवार को भारत रत्न देने की मांग उनके पार्टी कार्यकर्ताओं ने शुरू की है। महाराष्ट्र में एनसीपी कार्यकर्ताओं ने एनसीपी सुप्रीमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार को भारत रत्न देने की मांग करते हुए सोमवार को हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। एनसीपी के एक पदाधिकारी ने बताया कि पार्टी की ठाणे इकाई के प्रमुख कैलाश हावले की अगुवाई वाली उसकी सामाजिक न्याय शाखा ने मुम्ब्रा-कालवा के विधायक जितेंद्र अवहाद के मार्गदर्शन में यह अभियान शुरू किया। देश में व्यस्ततम स्थानों में एक ठाणे रेलवे स्टेशन के प्रवेश द्वार पर एक होर्डिंग लगाया गया है और पार्टी कार्यकता लोगों से इस मांग पर उनकी राय पूछ रहे हैं और जो उनकी मांग पर राजी हैं, उनसे हस्ताक्षर करने का अनुरोध कर रहे हैं।
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AAP MLA Protest: दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एलान किया है कि उनकी पार्टी के सभी विधायक आज रात विधानसभा में ही रुकेंगे और उपराज्यपाल का विरोध करेंगे. आप विधायक सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने कहा कि आज रात सभी आप विधायक (AAP MLA) सदन में ही रहेंगे. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (VK Saxena) पर नोटबन्दी के दौरान 1400 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शाम को महात्मा गांधी प्रतिमा के नीचे सभी विधायक बैठेंगे और रातभर विधानसभा में ही रुककर उपराज्यपाल का विरोध करेंगे.दिल्ली विधानसभा में सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष रहते हुए 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. पार्टी ने अपने आरोपों में कहा कि खादी ग्रामोद्योग का अध्यक्ष रहते हुए विनय कुमार सक्सेना ने नोटबंदी के समय नवंबर 2016 में पुराने नोट को नए में बदल कर घोटाला किया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर 1400 करोड़ का घोटाला किया गया. उपराज्यपाल पर लगाए घोटाले के आरोपदुर्गेश पाठक ने कहा कि नोटबंदी के दौरान जब लाखों लोगों के व्यापार तबाह हो गए और लोगों की नौकरियां चली गईं तब उपराज्यपाल 1400 करोड़ का घोटाला करने में व्यस्त थे. एलजी विनय सक्सेना का घोटाला उजागर करने वाले बहुत गरीब थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. हर फोरम में शिकायत की और कहा कि हमसे गलत काम कराया जा रहा है. इसके बावजूद जांच की अध्यक्षता खुद आरोपी ने की. दोनों शिकायतकर्ताओं को सस्पेंड कर दिया गया और अपने भ्रष्ट साथियों का प्रमोशन कर दिया. एलजी को पद से हटाने की मांग कीदुर्गेश पाठक ने मांग की है कि दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ ईडी की रेड होनी चाहिए. ये मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला है. उपराज्यपाल के खिलाफ जब तक जांच चले तब तक इन्हें एलजी के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. इन्हें उपराज्यपाल के पद से हटाया जाए. इस मामले को लेकर एलजी विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में आप विधायकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया. इन आरोपों पर आप विधायकों ने उन दो कैशियर के बयान भी जारी किए जिन्होंने खादी ग्रामोद्योग से जुड़े इस मामले को उजागर किया गया. दो कैशियर के बयान भी किए जारीखादी ग्रामोद्योग के बिक्री केंद्र के हेड कैशियर संजीव कुमार ने कहा कि मैंने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट भवन प्रबंधक के कहने पर स्वीकार किए. उन्होंने कहा कि चेयरमैन का आदेश था कि अगर बैंक नोट ले रहा है तो जमा कराएं. मैंने प्रबंधक महोदय को मना किया तो प्रबंधक ने कहा कि ऊपर से चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का दबाव है. अगर नहीं किया तो चेयरमैन नाराज हो जाएंगे. इस बात पर मैं काफी डर गया. क्योंकि नोटबंदी से 5 दिन पहले ही चेयरमैन ने भवन के 2 स्टाफ का ट्रांसफर गोवा और जयपुर कर दिया था. अतः मजबूरी में मैंने यह काम किया. जिसकी जानकारी भवन के अधिकतर स्टाफ को पहले से थी. क्या कहा कैशियर ने अपने बयान में?उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए प्रतिदिन प्रबंधक अजय गुप्ता मुझे बिक्री कक्ष में बुलाते और पुराने 500-1000 के नोट बदलने के लिए देते. इस दौरान कहते कि आप प्रतिदिन अजय गुप्ता को नोट बदल कर दे दिया करो. मैंने जो भी अनुचित कार्य किया वह प्रबंधक एके गर्ग के दबाव में किया और इसकी पूरी जिम्मेदारी एके गर्ग की है. मैं यह शपथ पूर्वक कहता हूं कि इसमें मेरा कोई दोष नहीं है. मैं बड़े दुखी मन से बैंक में कैश जमा कर रहा था. उनके छुट्टी लेने के बाद इनके जूनियर प्रदीप कुमार यादव को हेड कैशियर बनाया गया. प्रदीप यादव मेरी अनुपस्थिति में हेड कैशियर के रूप में काम कर रहे थे. पूरा दोष भवन प्रबंधक और अजय गुप्ता का है. कैशियर ने लगाए ये आरोपइस दौरान दूसरे कैशियर प्रदीप कुमार यादव का बयान भी जारी किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि नोटबंदी 8 नवंबर को हो गई थी. 9 नवंबर के बाद हमने ग्राहक से पुराने नोट स्वीकार नहीं किए. जो भी नोट जमा हुए हैं वह काउंटर कैशियर के द्वारा जमा किए गए. नए नोट हेड कैशियर के पास जाते थे. इसके बाद वह नोट एके गर्ग के आदेश अनुसार अजय कुमार गुप्ता के द्वारा हेड कैश केबिन में बदले जाते थे. इसके बाद उन नोट को कैशियर बैंक में जमा करते थे. एके गर्ग ने हेड कैश पर काम करने के एक दिन पहले शाम को अपने केबिन में बुलाकर हमें नोट बदलने के लिए कहा था. हमने कहा सर कोई परेशानी ना हो, तो उन्होंने कहा कि ये आदेश चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का है, चिंता की बात नहीं है, हम हैं. "धमकी देकर काम करवाया गया"प्रदीप कुमार यादव ने बयान में कहा कि ये कार्य कैशियर से प्रेशर देकर कराया गया. हमें एके गर्ग ने कहा पहले से भी जमा हो रहा है, चिंता का कोई कारण नहीं है. अजय गुप्ता पुराने नोट लेकर आते थे और नए नोट ले जाते थे. हेड कैशियर पुराने नोट को बैंक में जमा कर देते थे. ये कार्य धमकी के साथ (जैसा कह रहा हूं वैसा करो) कहा जाता था. उपरोक्त शब्द जो भी कह रहा हूं पूर्णतया सत्य कह रहा हूं. मैं यह बयान पूरे होश हवास में दे रहा हूं. यह किसी दबाव से नहीं दे रहा हूं. "जांच की अध्यक्षता उन्होंने की जिनके ऊपर आरोप था"इस पर आप विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि एक ब्रांच के यह दोनों कैशियर है. उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद हमारी ब्रांच से लगभग 22 लाख रुपये की हेरफेर की गई है. पुराने नोट को बदलकर नए नोट दिए गए हैं. इस तरह से पूरे देश में खादी ग्राम उद्योग की लगभग 7000 ब्रांच हैं. अगर आप इसका आंकलन करोगे तो 1400 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार है. ये दोनों बहुत डर गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने देश में हर स्तर पर इसकी शिकायत की. उसके बाद जांच हुई. इस देश का दुर्भाग्य है कि इस जांच की अध्यक्षता उन्होंने की जिनके ऊपर आरोप था. ऐसे में इन दोनों कैशियर को सस्पेंड कर दिया और एके गर्ग व अजय कुमार गुप्ता का प्रमोशन कर दिया. एक को तो पूरा का पूरा राजस्थान दे दिया. "घोटाले को उजागर करने वालों को किया सस्पेंड"दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह 1400 करोड़ रुपये का घोटाला है. सारे मामले में लीपापोती कर दी गई. सीबीआई में भी मामला दर्ज किया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि सीबीआई में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का नाम तक नहीं लिखा गया. सीबीआई ने ना तो कोई रेड की ना कोई पूछताछ की. इतना बड़ा घोटाला हुआ लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. जिन लोगों ने इस घोटाले को एक्सपोज किया उनको ही सस्पेंड कर दिया गया. आप विधायकों ने की ये मांगआप विधायकों ने कहा कि हम मांग करते है कि सीबीआई के एफआईआर में विनय कुमार सक्सेना का नाम डाला जाए. इनके खिलाफ ईडी की रेड होनी चाहिए. पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग है. एलजी के खिलाफ जांच होनी चाहिए. विधानसभा में सदन के भीतर और बाहरआप विधायकों के हंगामे और प्रदर्शन की वजह से सदन की कार्यवाही चार बार तक स्थगित करनी पड़ी और हंगामा बढ़ता देख विधानसभा की कार्यवाही को अगले दिन तक के लिये स्थगित करना पड़ा. बीजेपी ने कहा- ये झूठे आरोप-लगाते रहते हैंएलजी (Delhi LG) पर आप (AAP) विधायकों द्वारा लगाये गये इन आरोपों पर बीजेपी (BJP) विधायक विजेन्द्र गुप्ता (Vijendra Gupta) ने कहा कि एलजी ने सीएम की बिना साइन वाली 47 फाइलें लौटा दी हैं, मुख्यमंत्री सिग्नेचर तक नहीं कर रहे हैं. एलजी के पास फाइल जाएगी और सरकार के मुखिया के साइन ही नहीं होंगे. ये इस तरह बिना तथ्यों के आधार पर झूठे आरोप-लगाते रहते हैं.
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समाधान - स्वभाव निमग्न होने पर इस जोवके किसी प्रकारका भी विकल्प नहीं होता इसमें सन्देह नहीं । परन्तु सविकल्प निश्चयनय और व्यवहारनयमें विषयकी अपेक्षा स्वाश्रित और पराश्रितपनेका भेद है । सविकल्प निश्चय नय जहाँ स्वाश्रित विकल्प है वहाँ व्यवहारनय पराश्रित विकल्प है। इसलिये आध्यात्ममें पराश्रित विकल्पको सर्वथा हेय बतला कर उससे परावृत होनेका उपदेश दिया गया है। अव रही स्वाचित विकल्पकी वात सो निर्विकल्प निश्चयनयस्वरूप होनेके पूर्व ऐसे विकल्पका होना अवश्यंभावी है, क्योंकि निरन्तर ऐसी भावना होने पर ही जीव निर्विकल्प होता है । अतः व्यवहार नयकी तरह पराश्रित कह कर इसका निषेध नहीं किया गया है। फिर भी कोई ऐसे विकल्पको परमार्थकी प्राप्ति समझ ले तो उसका भी अध्यात्ममें निषेध ही किया गया है । इस तथ्यको विशेष रूपसे समझने के लिये पंचास्तिकाय गाथा १७२ की समय टीका पर दृष्टिपात कोजिये ।
११. भूतार्थ और अभूतार्थ पदोंका अर्थ
भूतार्थ और अभूतार्थके स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए समयसार परमागममें लिखा हैववहारोऽभूयत्थो भूयत्यो देसिदो दु सुद्धणओ ।
भूयत्यमस्सिदो खलु सम्माइट्ठी हवइ जीवो ॥ ११ ॥ आगममें व्यवहारनयको अभूतार्थ और निश्चयनयको भूतार्थं कहा है । भूतार्थका आश्रय ( अनुभव ) करनेवाला जीव सम्यग्दृष्टि है ॥११॥ इस गाथाकी आत्मख्याति टीका करते हुए आचार्य अमृतचन्द्र लिखते हैं -
व्यवहारनयो हि सर्व एवाभूतार्थत्वादभूतमर्थ प्रद्योतते । शुद्ध नय एक एव भूतार्थत्वाद् भूतार्थं प्रद्योतते ।
समस्त व्यवहारनय नियमसे अभूतार्थ है, वह अभूत अर्थको ही द्योतित करता है । तथा शुद्धनय एकमात्र भूतार्थं है, वह भूत अर्थको ही द्योतित करता है ।
आगे इसकी आत्मख्याति टीकामें आचार्य अमृतचन्द्रने भूतार्थ और अभूतार्थ शब्दोंके अर्थको स्पष्ट करते हुए जो कुछ लिपिवद्ध किया है उसका भाव यह है कि जिस प्रकार कीचड़से युक्त अवस्थामें जलका सहज स्वरूप तिरोहित रहता है, इसलिये ऐसी अवस्था युक्त जलको
मात्र जब समझना अभूतार्थ है और निर्मलोके निक्षेप द्वारा कीचड़से पृथक किया गया जल सहज जल होनेसे भूतार्थ है । उसी प्रकार कर्म संयुक्त अवस्थामें जीवका सहज स्वरूप तिरोहित रहता है, इसलिए ऐसी अवस्थायुक्त जीवको मात्र जीव समझना अभूतार्थ है और शुद्ध दृष्टिके द्वारा कर्मसंयुक्त अवस्थासे त्रिकालो ज्ञायक स्वभाव आत्माको पृथक करके उसे ही आत्मा समझना ( अनुभवना ) भूतार्थ है । इस प्रकार भूतार्थ क्या है और अभूतार्थ क्या है इसका स्पष्टीकरण करके जीवको अपने सहज कर्तव्यका वोध कराते हुए आचार्यदेव कहते हैं कि जो अपनी निविकार अवस्थाको प्राप्त करनेके मार्ग पर आरूढ़ हैं अर्थात् कर्मसंयुक्त अवस्थासे भिन्न आत्माका अनुभव करनेवाले सम्यग्दृष्टि हैं या उस मार्ग पर आरूढ़ हुए हैं उन्हें कर्मसंयुक्त अवस्थाको आत्मा कहनेवाले व्यवहारनयका अनुसरण करना योग्य नहीं है, क्योंकि जो कर्मसंयुक्त अवस्थाको ही आत्मा समझकर उसका अनुसरण करते रहते हैं वे कभी भी संसारका अन्त कर परमार्थ प्राप्तिके मार्गको उद्घाटित करनेमें समर्थं नहीं होते ।
यहाँ यह प्रश्न है कि संसारकी भूमिकामें जीव कर्मसंयुक्त अवस्थावाला अभूतार्थ ही उपलब्ध होता है ऐसी अवस्था में भूतार्थको उपलब्धि न होनेते उसका अनुसरण करना कैसे सम्भव है । यह एक मौलिक प्रश्न है जिसका समाधान यद्यपि उक्त कथनसे ही हो जाता है पर उसका विशद विवेचन करते हुए आचार्य कुन्दकुन्दने भगवान् अरहंतदेवकी जिस वाणीको लिपिवद्ध किया है उसे हम यहाँ उद्धृत कर रहे हैं -
ण वि होदि अपमत्तो ण पमती जाणओ दु जो भावो ।
एवं भणंति सुद्धं पाओ जो लो उ सो चेव ॥ ६ ॥ जो ज्ञायक भाव है वह् न अप्रमत्त है और न प्रमत्त है। इस प्रकार उसे शुद्ध कहते हैं और इस विधिसे जो ज्ञात हुआ वह तो वही है ॥६॥
आचार्यदेव कहते हैं कि प्रमत्त और अप्रमत्त ये दोनों कर्म संयुक्त अव स्थाएँ हैं इसलिए अभूतार्थ हैं । इन दोनोंसे भिन्न जो आत्माको अनुभवता है उसे शुद्ध कहते हैं। यहाँ अनुभव करनेवाला आत्मा और अनुभवका विषयभूत आत्मा ये दो हुए ऐसे प्रश्नका उत्तर देते हुए आचार्य कहते है कि जो अनुभव करनेवाला है और जिसका अनुभव किया गया है ये दो नहीं है, कर्ता-कर्ममें अभेद होनेसे दोनों एक ही हैं।
यहाँ ज्ञान-दर्शन स्वभाववालां होनेसे ही आत्माको ज्ञायक कहा गया
है । और स्वभाव त्रिकाली होता है, इसलिए उसका यह स्वरूप फलित होता है कि जो स्वतः सिद्ध होनेसे अनादि अनन्त हैं, निरन्तर उद्योतरूप है और विशदज्योति है उसका नाम ज्ञायक है । विचार कर देखा जाय तो यहाँ ज्ञायकभाव स्पष्ट करनेके लिए जितने विशेषण दिये गये हैं वे सव सार्थक हैं । सर्वप्रथम उसे स्वतःसिद्ध होनेसे अनादि अनन्त कहा है सो किसी भी वस्तुका त्रिकाली स्वभाव किसी बाह्याभ्यन्तर उपाधिको निमित्त कर उत्पन्न नहीं होता, इसलिए तो वह स्वतः सिद्ध होने से अनादि अनन्त कहा गया है। जब वह अनादि अनन्त है ऐसी अवस्थामें कर्मसंयुक्तपनेको निमित्त कर जो मलिनता आती है ऐसी मलिनता भी संभव नहीं है, अतः उसे नित्य उद्योत्तरूप कहा गया है । यतः वह सब प्रकारको मलिनतासे मुक्त है अतः उसका विशदज्योति स्वरूप होना स्वाभाविक है । इस प्रकार जो अपने ज्ञायक स्वरूप आत्माको अनुभवता है उसने शुभाशुभभावरूप प्रमत्त और अप्रमत्त अवस्थासे भिन्न आत्माका अनुभव किया यह सिद्ध होता है। इस प्रकार आत्मा पर अनादि कालसे जो प्रमत्त और अप्रमत्तपनेका व्यवहार होता आ रहा है ऐसे अनुभवकी दशा में वह उस व्यवहारसे मुक्त हुआ । तथा आत्माने उक्त प्रकारसे जो अपनेको अनुभवा सो वह अनुभव इन्द्रिया दिकको निमित्त कर न उत्पन्न होनेके कारण स्वाचित सिद्ध हुआ, इसलिये ऐसे आत्मा पर न तो पराश्रितपनेका ही व्यवहार लागू होता है और न ही अशुद्धपनेका व्यवहार लागू होता है, अतः ऐसा आत्मा उपचरित और अनुपचारित असद्भूत व्यवहार तथा उपचरित सद्भूत व्यवहारसे मुक्त होनेके कारण भूतार्थ है यह सिद्ध होता है।
अव प्रश्न यह है कि गुणभेद आदि कल्पनारूप अनुभवको स्वभावानुभव माननेमें तो आपत्ति नहीं होनी चाहिये, क्योंकि गुण भी स्वयं सिद्ध होनेसे अनादि अनन्त हैं। आगे इसीका समाधान करते हुए आचार्य कहते हैंववहारेणुवदिस्सइ णाणिस्स चरित दंसणं णाणं । .
ण वि णाण ण चरित्तं ण दंसणं जाणगो सुद्धो ॥७॥ ज्ञानीके चारित्र है, दर्शन है और ज्ञान है यह व्यवहारसे कहा जाता है। किन्तु वह ज्ञान भी नहीं है, चारित्र भी नहीं है और दर्शन भी नहीं है । वह तो शुद्ध (भेदकल्पना निरपेक्ष) ज्ञायक ही है।
यहाँपर भेदकल्पनाकी अपेक्षा ज्ञायक आत्माको ज्ञान, दर्शन और |
गुजरात टाइटंस के स्पिनर आर साई किशोर को लगता है कि उनकी फ्रेंचाइजी के कप्तान हार्दिक पंड्या नेतृत्व क्षमता के मामले में महान क्रिकेटर एमएस धोनी की तरह ही हैं. साई किशोर गुजरात की टीम से जुड़ने से पहले कुछ वर्षों तक चेन्नई सुपर किंग्स के साथ थे. इस तरह वह दोनों खिलाड़ियों को कप्तान के तौर पर करीब से देख चुके हैं. साई किशोर ने शुक्रवार को यहां वर्चुअल सत्र के दौरान मीडिया से कहा 'हार्दिक और माही भाई जिस तरह से चीजों को करते हैं, उनका तरीका लगभग समान ही है, साथ दोनों बहुत ही शांत रहते हैं. '
उन्होंने कहा, 'मैं हार्दिक की एक काबिलियत का कायल हूं. और वह यह है कि वह सफलता और विफलता दोनों को अच्छी तरह संभालता है, यह बहुत ही अनूठी चीज है. वह बहुत ही संतुलित हैं, यह उनके लिये कारगर रहा है. ' साई किशोर ने कहा कि गुजरात टाइटंस को सफल होने के लिए अपने पिछले सत्र के प्रदर्शन का दोहराव करना होगा, जिसने अपने पदार्पण सत्र में आईपीएल जीता था.
उन्होंने कहा, 'हम गत चैंपियन हैं और यह हम पर निर्भर करता है कि हम इसे बरकरार रखते हैं या नहीं. पिछले साल हम अच्छा खेले थे इसलिये जीते थे. मुझे लगता है कि अगर हम ऐसा करते हैं तो यह मायने नहीं रखेगा. ' उन्होंने कहा कि आईपीएल में 'इम्पैक्ट खिलाड़ी' के नए नियम का फायदा घरेलू सर्किट के बजाय आईपीएल में मिलेगा.
साई किशोर ने कहा, 'यह सुपर-सब नियम की तरह है जिसमें हम या तो एक गेंदबाज को या फिर एक बल्लेबाज को इस्तेमाल कर सकते हैं. यह एक तरह से 12 खिलाड़ियों के साथ खेलने की तरह है. हम घरेलू क्रिकेट में इस नियम के साथ खेल चुके हैं. इसमें सिर्फ इतना बदलाव हुआ है कि हम इसे 20वें ओवर तक इस्तेमाल कर सकते हैं जबकि घरेलू सर्किट में यह 14वें ओवर तक ही हो सकता था. '
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PM Kisan Yojana 2023: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि पाने के लिए पात्रों को पंजीकरण कराने व खामियों को दूर करने का राज्य सरकार ने एक और मौका दिया है. पात्रों की खामियों को दूर करने के लिए राज्य सरकार ने शिविर की तय समय सीमा बढ़ा दी है. शिविर को अब 23 जून से बढ़ा कर 24 जून से आगे भी जारी रखने में फैसला किया गया है. पीएम किसान लाभार्थी संतृप्तीकरण शिविर कैंप उत्तर प्रदेश के सभी विकास खंडों के राजकीय बीज भंडार पर लगाए जाएंगे.
अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है. इसमें कहा गया है कि पात्र होते हुए भी पीएम किसान पोर्टल पर अभी तक ओपेन सोर्स से आवदेन नहीं किया गया हो, आवेदन के बाद स्वीकृत नहीं किया गया हो और विभिन्न कारणों से आवेदन लंबित हो.
इसके अलावा आवेदन पूर्व में स्वीकृत हो गया हो. लेकिन, भूलेख नहीं होने के कारण आगामी किश्तें प्राप्त न हो रही हों और पूर्व से स्वीकृत किसानों का भूलेख का सत्यापन होने के बाद भी आधार का लिंक बैंक खाते से नहीं हो पाया हो, इनका पूरा ब्यौरा ऑनलाइन किया जाएगा.
इसके साथ ही शासनादेश में कहा गया है कि पूर्व से चल रहे शिविरों के माध्यम से लगभग 23. 52 लाख किसानों की सभी समस्याओं का निस्तारण किया जा चुका है. इनमें से 4. 55 लाख ईकेवाईसी, 5. 48 लाख भूलेख अंकन, 4. 39 लाख बैंक खाते के साथ आधार सीडिंग, 2. 86 लाख ओपन सोर्स पंजीकृत किसानों का सत्यापन और 2. 66 लाख नए पंजीकरण किए गए हैं.
पीएम किसान योजना के लाभार्थी 14वीं किस्त का इंतजार कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो किसानों के खातों में 14वीं किस्त 24 जून के बाद जारी की जा सकती है. हालांकि, इसके बारे में सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं की गई है. यदि आप एक किसान हैं और पीएम किसान योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, तो आपको 14वीं किस्त प्राप्त करने के लिए अपनी लाभार्थी स्थिति की जांच कर सकते हैं.
पीएम किसान सम्मान निधि योजना उन किसानों के लिए है जो कार्यक्रम की पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं और pmkisan. gov. in पर रजिस्टर्ड हैं. लाभार्थी किसानों को इस योजना के तहत हर साल 6000 रुपए दिए जाते हैं. यह किस्तें हर साल तीन बार 2000-2000 रुपए के रूप में मिलती हैं. यह धनराशि सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफर की जाती है. किसानों को इस योजना की 13 किस्तें मिल चुकी हैं. अब उन्हें 14वीं किस्त का इंतजार है.
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पीठिका - आगे शुद्धात्मानुभव रूप निर्विकल्प समाधिसे सामने योग्य व आगम भापासे रागादि विकल्पोंसे रहित शुद्धध्यानसे साधने योग्य मोक्षके अधिकार में गाथाएं चार है। उनमेंसे भाव मोश, फेदलज्ञानकी उत्पत्ति, जीवन्मुक्तपना तथा अरहंत पद इनका एक हो अर्थ है, इन चार नामोसे युक्त एकदेश मोक्षके व्याख्यानी मुख्यतासे "हंदु अभाने" इत्यादि सुत्र दो हैं। उसके पोछे अयोग बेवलि गुणस्थानके अंतिम समय में शेष अघाति द्रव्यकमोंसे मोक्ष होती है ऐसा कहते हुए "दसणणाणसम" इत्यादि सूत्र दो हैं। ऐसे चार गायाओंके द्वारा दो स्थलोंमें मोक्षके अधिकारके व्याख्यान में समुदायपातनिका है---
हेदुमभावे णियमा जायदि णाणिस्स आसवणिरोधो । आसवभावेण विणा जायदि कम्मस्स दुणिशेषो ॥ १६८।।। कम्मस्साभावेण य सम्पन्ह सव्वलोगदरसी म । पावदि इंटियरहिढं अव्वावाहं सुहमतं ॥ १५९ ॥
रेलवे नियमाबान शानिन आभावनिषेध । कायन विना जम निरोध ॥ १८ ॥ सईल सवोरदर्शी च
प्रसाद गुम्ने
अन्वयसहित सामान्यार्य हेदुमभाने ) मिथ्यास्त्र आदि द्रव्य मौके उदय रूप कारणके न रहनेपर (शियमा नियमसे (जाणिस्म) मेद विज्ञानी अमारे (आसवशिरोधों समादि जामव भावकारक होता है । (आमवभावेण ) रागादि आमद भावोंके विना (कम्मम्स नवीन द्रव्यम(दु) भी (णिरोधी ना हो जाता है ( (य) तथा (कम्मरम अभावेण) चार घानियामके नाथ
होनेपर (सव्वह) सर्वश (य) और (सगरमी) सर्व लोध्ये देखनेवाला (इंद्रियरहितं) इंद्रियों की पराधीननागे रहित (वाई) बाधा या विघ्न रहित व (अगतं) अन्त रहित (गुडं) मुम्बको (पावदि) या लेता है ।
विशेषार्य-भाव क्या है व उसमे मोस होना क्या है इस प्रश्नके उत्तर में कहते हैं कमोंके आवरणमे मान्त मंसारी जीवका जो क्षयोपशमिक विकरूप भाव है वह अनादिकालमे मोहके उदयके वश रागद्वेष मोहरूप परिणमता हुआ अशुद्ध हो रहा है यही भाव है । अब इस भावमे मुक्त होना कैसे होता है मो कहते हैं। जय यह जीव आगमकी भापासे काल आदि लब्धिको प्राप्त करता है।
तथा अध्यात्म भागामे शुद्ध आत्माके सन्मुम्ब परिणामरूप स्वमवेदन ज्ञानको पाता है तब पहले मिथ्यात्व आदि सात प्रकृ तियोके उपशम होनेपर फिर उनका क्षयोपशम होनेपर सराग सम्यग्दृष्टि होजाता है । तब अहंत आदि पचपरमेकी भक्ति आदि द्वारा परके आश्रित धर्मध्यानरूप बाहरी महकारी कारणके द्वारा में अनंत ज्ञानादि स्वरूप ह इत्यादि भावना म्वरूप आत्माके आश्रित धर्मध्यानको पाकर आगममें कहे हुए क्रमसे असयत सम्यग्दृष्टिको आदि लेकर चार गुणस्थानोके मध्यमे से किसी भी गुणस्थान में दर्श नमोहको क्षयकर क्षायिक सम्यग्दृष्टी होजाता है। फिर मुनि अव स्थामें अपूर्वकरण आदि गुणस्थानों में चढकर आत्मा सर्व कर्म प्रकृति आदिसे भिन्न है ऐसे निर्मल बिवेक्रमई ज्योतिरूप प्रथम शुक्रव्यानका अनुभव करता है । फिर रागद्वेष रूप चारित्र // मोहके उदयके अभाव होनेपर निर्विकार शुद्धात्मानुभव रूप
बीवराग चारित्रको प्राप्त कर लेता है जो चारित्र मोहके नाश करने में समर्थ है। इस वीतराग चारित्रके द्वारा मोइकर्मका क्षय कर देता है मोहके क्षयके पीछे क्षीण कषाय नाम बारहवें गुणस्थान में अंतर्मुहूर्त पाल ठहर कर दूसरे शुरूध्यानको ध्याता है। इस ध्यान से ज्ञानावरण, दर्शनावरण, व अंतराय इन तीन घातिया कमको एक साथ इस गुणस्थान के अंतर्फे जड़ मूलसे दूरकर केबलज्ञान आदि अनंतचतुष्टयस्वरूप भाव-मोक्षधे मात कर लेता है यह भाव है ।
भावार्थइन दो गाथाओं में आचार्यने भाव -मोक्षका यह है कि आत्मा अपने स्वभाव में होनावे अर्थात सर्वज्ञ सर्वदर्शी, व अनंतसुखी व परम वीतराग होमावे-आत्माकी परमात्मा अवस्थाका नाम भाव मोझ है। जिस समय ज्ञानावरणादि चार घालिया कर्म आत्माकी सत्तासे बिलकुल छूट जाते हैं तत्र आत्मा for स्वभाव मगट होनाता है। इस स्वभावat scar उसी समय होती है जब आत्मम्यभावके घातक कर्म न तो कोई सत्तामें शेष रहें और न इनके नवीन बंधके कारण ही विद्यमान रहे-पहले यह चुके हैं कि मूल बधके कारण मिथ्या दर्शन, अधि रति कपाय तथा योग हैं। यह आत्मा जब क्षायिकसम्पष्टी होमाता है तब मध्यानरूपीकरण झिके लिये जात रहता है। मन यह मती माधु होजाता है तब अविरतिरूप कारण भी नहीं रहता है, जब क्षीकायमें पहुंच जाता है तर कपाय भी नहीं रहता - मात्र योग अईत परमात्माके तेरहवें गुणस्थान में रहता है परंतु कपायके बिना बद योग कोंको खींचने |
NEET UG 2022 Notifcation soon: National Eligibility cum Entrance Test, NEET 2022 neet. nta. nic. in कुछ अपडेट हुआ है, हालांकि अभी केवल होमपेज को नया लुक दिया गया है। National Testing Agency, NTA ने पेज को अपडेट किया है, एक्सपर्ट की मानें तो जल्द ही NEET UG notification, registrations व अन्य जानकारी आ सकती है।
जैसा कि आप जानते हैं NEET 2022 notification के लिए लाखों उम्मीदवार इंतजार करते हैं, खासकर जब जेईई मेन की तारीखों की घोषणा की गई हो। इससे पता चलता है कि एजेंसी NEET UG परीक्षा की दिशा में काम कर रही है।
एनटीए द्वारा शुरू की गई नई वेबसाइट में सभी प्रकार की सूचनाओं के लिए अलग-अलग सेक्शन जैसे NEET 2021 Information Bulletin, Examination Schedule, NEET UG result मौजूद हैं। छात्र इस साल यानी 2022 की परीक्षा के लिए इन लिंक या सेक्शन को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं।
जहां तक नीट 2022 रजिस्ट्रेशन की तारीख का सवाल है, एनटीए ने अभी तक आधिकारिक तौर पर कुछ भी घोषित नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, NEET UG पंजीकरण प्रक्रिया 1 अप्रैल, 2022 से शुरू होने और लगभग एक महीने तक चलने की उम्मीद है। इसके अलावा, NEET 2022 परीक्षा जून में आयोजित होने की उम्मीद है।
जब से जेईई मेन्स परीक्षा की तारीखों की घोषणा की गई है, छात्र चिंतित हैं और जल्द से जल्द नीट 2022 की तारीखों की मांग कर रहे हैं। नीट 2022 वेबसाइट अपडेट होने का एक संकेत यह माना जा रहा है कि जल्द ही नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है, वैसे भी पिछले रुझानों की बात करें, तो एनटीए द्वारा आधिकारिक वेबसाइटों को अपडेट किए जाने के बाद नए नोटिफिकेशन, आवेदन पत्र या परीक्षा परिणाम घोषित किए जा चुके हैं। नीट 2022 पर नवीनतम अपडेट प्राप्त करने के लिए, यहां और आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें।
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आलू के कई अलग-अलग प्रकार हैं। कुछ शुरुआती पकने, अन्य मध्यम-पकने और देर से पकने। भोजन कक्ष और इसके तकनीकी ग्रेड हैं। प्रत्येक माली रोपण के स्थान पर अपनी जरूरतों और जलवायु स्थितियों के अनुसार पौधे लगाने के लिए चुनती है।
इस लेख में आप आलू की विविधता "जेली" के विवरण से परिचित होंगे।
आलू के शीर्ष और कंद की विशेषताएं "जेली"
आलू "जेली" एक टेबल और मध्यम आकार की विविधता है। पौधे में झाड़ियों उच्च हैं, दो प्रकार के हो सकते हैंः फैलाना या अर्ध-सीधे। ग्रीन पत्तियां विभिन्न आकारों (मध्यम से बड़े), और प्रकार में भिन्न हो सकती हैं - इंटरमीडिएट से खोलने के लिए। उनके किनारों की औसत लहर है। झाड़ी के ऊपर सफेद आकार खिलने, मध्यम आकार का एक corolla बनाया गया है। आलू "जेली" वनस्पति अवधि 90 दिन है, लेकिन नाइट्रोजन उर्वरकों के उपयोग के साथ, यह बढ़ सकता है, इसलिए भोजन मैग्नीशियम के साथ किया जाना चाहिए।
कंद एक छोटी, अंडाकार आकार, छोटे आंखों के आकार में मध्यम होते हैं। उनका पंख पीला है, थोड़ा मोटा हो सकता है, लेकिन अक्सर यह चिकनी है। गहरे पीले लुगदी का एक उत्कृष्ट स्वाद है। स्टार्च सामग्री लगभग 17% है।
उपज लगातार अच्छी होती है (यहां तक कि कोई भी बहुत अधिक कह सकता है) - एक झाड़ी के नीचे 15 टुकड़े, 84 से 135 ग्राम तक के आलू के वजन के साथ, छोटे व्यावहारिक रूप से नहीं होता है। प्रति हेक्टेयर लगभग 45-60 टन एकत्र किए जाते हैं, इसलिए यह औद्योगिक पैमाने पर बढ़ने के लिए पूरी तरह उपयुक्त है।
इसके अलावा, कंद की मार्केटबिलिटी (9 5%) और सामान्य रखरखाव (86%) का स्तर बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए अनुकूल है।
इस किस्म की विशिष्टता यह है कि पूरे भंडारण अवधि के दौरान आलू इसकी विशेषताओं को नहीं बदलता हैः उपस्थिति और स्वाद गुण।
2005 में प्रजनकों द्वारा निर्मित, रूसी संघ के मध्य और वोल्गा-व्याता क्षेत्रों में आलू "जेली" लगाने की सिफारिश की जाती है। 2008 और 200 9 में, अन्य देशों (बेलारूस) में राज्य परीक्षण आयोजित किए गए थे, इस किस्म को बहुत ही आशाजनक माना गया था, इसलिए यह न केवल रूस के अन्य क्षेत्रों में बल्कि देशों में भी रोपण का अभ्यास करना शुरू कर दिया। आप सभी प्रकार की मिट्टी पर आलू "जेली" लगा सकते हैं। रोपण करते समय, निम्नलिखित दूरी को बनाए रखा जाना चाहिएः गलियारे में - 75 सेमी, पंक्ति में - एक दूसरे से 30 सेमी। अंकुरित जल्दी और एक साथ बड़े हो जाते हैं। नमी के लिए, कोई विशेष आवश्यकता नहीं है, इसलिए सूखा गंभीर होने पर अतिरिक्त पानी की आवश्यकता होती है।
असल में, बीमारियों के लिए उपचार की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि पौधे वायरस, राइज़ोक्टोनिया, सुनहरे सिस्ट बनाने वाले नेमाटोड और आलू के कैंसर के कारक एजेंट के प्रतिरोधी हैं। एक अपवाद केवल धुंधला है । उसके लिए अतिसंवेदनशील शीर्ष और मामूली अतिसंवेदनशील कंद। इस बीमारी से आर्टिडिल, रिडोमिल एमसी, ऑक्ससिचॉम, डिटामिन एम -45, तांबे ऑक्सीक्लोराइड और कुप्रोकसैट जैसी रासायनिक तैयारियों के साथ 3-4 बार स्प्रे करने की सिफारिश की जाती है। पतला करें और उपयोग के लिए निर्देशों के अनुसार उन्हें लागू करें ये कवक फसल से पहले 20-30 दिनों के लिए प्रक्रिया करने की सिफारिश नहीं की जाती है।
कंद तैयार करते समय, ये आलू अपनी ईमानदारी बरकरार रखते हैं, यानी, वे पूरी तरह से अव्यवस्थित नहीं होते हैं और रंग नहीं बदलते हैं, इसलिए वे प्रकार बी हैं। यह किस्म सूप, फ्राइज़ और चिप्स बनाने के लिए बहुत बढ़िया है।
लंबे समय तक इसकी उच्च उपज, उत्कृष्ट स्वाद और कंद की सुरक्षा के कारण, "जेली" आलू की विविधता किसानों और बागानियों के बीच अधिक लोकप्रिय हो रही है।
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Ranchi : साहिबगंज के शौकत को एनआईए तलाश कर रही है. शौकत मूल रूप से साहिबगंज जिले के राधानगर थाना क्षेत्र के निमयाटोला का रहने वाला है. नकली भारतीय मुद्रा नोट( FICN) रखने और प्रसारित करने के मामले में एनआईए ने शौकत को मोस्ट वांटेड घोषित किया है. शौकत को कांड संख्या आरसी 03/ 2009 में पिछले दस सालों एनआईए खोज रही है, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है. इसी बीच एनआईए ने शौकत को वांटेड घोषित कर उसके ऊपर 25 हजार रुपया इनाम भी रखा है.
शौकत को रैकेट का किंगपिन बताया गया है. जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र एटीएस ने बीते 14 मई 2009 को दक्षिण मुंबई के मझगांव में स्टार सिनेमा के पास से नकली भारतीय मुद्रा नोट के साथ रवि धीरेन और नूरुद्दीन बारी को गिरफ्तार किया था. ये दोनों आरोपी उस दौरान पकड़े गए थे जब वे पैसे का आदान-प्रदान करने की योजना बना रहे थे. एटीएस ने उनके पास से 1000 रुपये मूल्य के 75 नकली भारतीय मुद्रा नोट भी जब्त किए थे. इन दोनों से पूछताछ के बाद चार अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की प्रारंभिक जांच एटीएस द्वारा की गई थी. बाद में एनआईए ने 19 जून 2009 को जांच का जिम्मा संभाला. 6 नवंबर 2009 को दायर 1000 पन्नों की चार्जशीट में अभियोजन पक्ष ने एक शौकत को रैकेट का किंगपिन बताया था.
FICN रखने और प्रसारित करने के मामले में मुम्बई एनआईए की विशेष कोर्ट ने बीते 29 जनवरी 2014 को छह लोगों को दोषी ठहराया था. जिन छह लोगों को दोषी ठहराया गया था उसमें अब्दुल शेख, मोहम्मद एजुल, रवि धीरेन घोष, नूरुद्दीन बारी, मोहम्मद समद औऱ ऐज़ुल शेख शामिल है. हालांकि इस में साहिबगंज का रहने वाला शौकत फरार चल रहा है.
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PATNA CITY: आमतौर पर त्योहारों के दौरान नकली सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों में कामकाज तेज हो जाता है या यूं कहें कि उनका काम बहुत बढ़ जाता है. दरअसल त्योहारों के दौरान ही असली सामान के साथ ही नकली सामान खपा दिया जाता है, जिससे इन घपलेबाजों को खूब मुनाफा होता है. मगर इस बार फूड कंट्रोल डिपार्टमेंट होली के पहले सतर्क है और लगातार ही छापेमारी कर ऐसे नकली सामान बनाने वाली फैक्ट्रियों का भंडाफोड़ कर रहा है.
ताजा मामला पटना का है जहां खाद्य विभाग के अधिकारी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली सामान बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. यह फैक्ट्री आलमगंज थाना क्षेत्र के महाराजगंज में चल रही थी. राजपूताना गली में विजया फूड प्रोडक्ट फैक्ट्री में खाद्य विभाग ने छापेमारी की, और बड़ी मात्रा में नकली टोमैटो सॉस, चिली सॉस और सोया सॉस बरामद किया. आपको बता दें कि टिप टॉप नामक ब्रांड के नाम से नकली सॉस का धड़ल्ले से उत्पादन कर बाजारों में खपाने की तैयारी चल रही थी, जिसे सही समय रहते खाद्य विभाग ने रोक दिया.
छापेमारी में शामिल विभाग के अधिकारी अजय कुमार ने बताया कि होली के पहले पटना के तमाम इलाकों में छापेमारी की जा रही है. इसी क्रम में सूचना मिली थी कि महाराजगंज में नकली सॉस का उत्पादन किया जा रहा है. जब हमारी टीम वहां छापेमारी करने गई तो फैक्ट्री का मालिक फरार हो गया. वहीं लाखों रुपए के नकली सॉस बरामद किया गया. इस फैक्ट्री को सील कर दिया गया है और अधिकारी आगे की कानूनी कार्रवाई में जुट गए हैं.
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हिंदी न्यूज़ उत्तर प्रदेश हाथरसफिट इंडिया कॉरपोरेट ओलम्पिक में आएंगे भारत केसरी।
फिट इंडिया कॉरपोरेट ओलम्पिक में आएंगे भारत केसरी।
सेकसरिया सुशीला देवी पब्लिक स्कूल में आयोजित फिट इंडिया कॉरपोरेट ओलंपिक 2021 मैत्री का आज शुभारंभ किया जाएगा। जानकारी देते हुए फिट इंडिया के हाथरस कोऑर्डिनेटर अतुल सिंह एवं आशीष मोहम्मद ने बताया कि भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे फिट इंडिया के तहत यह कार्यक्रम सेकसरिया सुशीला देवी पब्लिक स्कूल में होगा। स्कूल के बैनर तले लोगों को स्वस्थ रखने और भारत के निर्माण के लिए एक बहुत बड़ा प्रयास किया जा रहा है। इसमें तकरीबन 700 से 800 प्रतियोगी भाग ले रहे हैं। इसके मुख्य अतिथि भारत केसरी पहलवान हरकेश के अलावा शहर के शहर के गणमान्य अतिथियों को आमंत्रित किया गया है।
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नई दिल्ली। सरकार ने जिस तरह आधार कार्ड को सीधे तौर पर आम आदमी से जोड़ दिया है उससे एक बात तो तय की सरकार प्रत्येक योजनांओं का लाभ सीध आम आदमी को पहुंचाना चाहती है। इसी कड़ी में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यानि यूआईडीएआई ने आदमी की पहचान के तथा उसके सत्यापन के लिये एक नया तरीका लागू करने जा रही है।
दरअसल यूआईडीएआई ये सुविधा पहले दूरसंचार सेवा कंपनियों के साथ 15 सितंबर को शुरू की जा रही है। इसके तहत मोबाइल सिम कार्ड के लिए आवेदन के साथ लगाए गए फोटो को संबंधित व्यक्ति के आमने-सामने लिए गए फोटे से की जाएगी।
प्राधिकरण ने अगले महीने के मध्य से इस तय लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाली दूरसंचार कंपनियों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव किया है।
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यूआईडीएआई ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी, जिसे बाद में बढ़ाकर एक अगस्त कर दिया गया था।
बता दें कि इस साल जून में हैदराबाद के एक मोबाइल सिम कार्ड वितरक ने आधार ब्योरे में गड़बड़ी कर हज़ारों की संख्या में सिम एक्विटवेट किए थे।
यूआईडीएआई ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के अलावा अन्य सत्यापन एजेंसियां के लिए चेहरा पहचानने की सुविधा के क्रियान्वयन के बारे में निर्देश बाद में जारी किए जाएंगे। हालांकि प्राधिकरण ने इसके लिए कोई समयसीमा नहीं दी है।
यूआईडीएआई ने कहा कि ये कदम फिंगरप्रिंट में गड़बड़ी की संभावना रोकने या उसकी क्लोनिंग रोकने के लिए उठाया गया है। यूआईडीएआई के एक परिपत्र के अनुसार 15 सितंबर से दूरसंचार सेवा कंपनियों को महीने में कम से कम 10 फीसदी सत्यापन चेहरे का लाइव फोटे से मिलान करके करना अनिवार्य होगा।
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भारत सरकार ने देश के युवाओं के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च किया है। इस नए पोर्टल का नाम नेशनल करियर सर्विस पोर्टल (www. ncs. gov. in ) रखा गया है। यह पोर्टल आईसीटी पर आधारित पोर्टल है। जिसका मुख्य उद्देश्य देश के युवाओं को रोजगार मुहैया कराना है।
भारत सरकार ने देश के युवाओं के लिए नेशनल करियर सर्विस पोर्टल की शुरुआत की है। इस पोर्टल पर नौकरी चाहने वाले, नौकरी प्रदान करने वाले, कौशल प्रदाताओं, कैरियर सलाहकारों आदि के पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध है।
स पोर्टल के माध्यम से देश के नागरिकों को बेहद पारदर्शी तरीके से नौकरियां प्राप्त होगी। यहां पर कैरियर परामर्श की सामग्री भी उपलब्ध है। इसके साथ ही अन्य सुविधाएं जैसे - कैरियर केंद्रों, मोबाइल उपकरणों सीएससी आदि भी कई चीजे पोर्टल के माध्यम से वितरित की जाएगी। नेशनल करियर सर्विस पोर्टल के माध्यम से युवाओं को बेहतर नौकरी प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
भारत सरकार ने भारत के युवाओं के लिए नेशनल करियर सर्विस पोर्टल का शुभारंभ किया है। इस पोर्टल के माध्यम से देश के नागरिकों को रोजगार प्राप्त करने में सहायता प्रदान की जाएगी। इस पोर्टल का उद्देश्य देश के प्रमुख विभिन्न रोजगार एक्सचेंज में रजिस्टर्ड करीब 2 करोड़ लोगों को लाना है।
इसके साथ ही पोर्टल पर रोजगार उपलब्ध कराने वाली करीब 9 लाख कंपनियों को भी जोड़ा जाएगा। इस पोर्टल को देश के युवाओं के लिए रोजगार उपलब्ध कराने का एक मंच बनाया जाएगा। जिससे देश के युवाओं को रोजगार प्राप्त करने में काफी सहायता प्राप्त होगी।
नेशनल करियर सर्विस पोर्टल पर कोई भी नागरिक फ्री में रजिस्ट्रेशन करा सकता है। नौकरी तलाश करने वाला कोई भी युवा इस पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है।
देश में नौकरी को लेकर ठगी का शिकार हो रहे बेरोजगारों की समस्या को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस पोर्टल का गलत तरीके से इस्तेमाल होने से रोकने के लिए यहां पर रजिस्टर करने वाले सभी व्यक्तियों को आधार कार्ड से भी जोड़ा जाएगा। ताकि कोई व्यक्ति नेशनल करियर सर्विस पोर्टल का गलत तरीके से उपयोग ना कर सके।
सबसे पहले नेशनल करियर सेवा पोर्टल की ऑफिशियल वेबसाइट www. ncs. gov. in पर जाकर आप अपना पंजीकरण कर सकते हैं.
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दिलेर समाचार, नई दिल्लीः दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब रविवार की रात कावेरी छात्रावास में छात्रों के दो गुटों के बीच हॉस्टल के मेस में मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर हंगामा हो गया और मारपीट भी हुई. लेफ्ट विंग ने जहां कथित तौर मांसाहारी खाने से मना करने का आरोप लगाया, वहीं राइट विंग का आरोप है कि लेफ्ट वालों ने पूजा में बाधा डाली. हालांकि, इस बीच लेफ्ट विंग के छात्रों ने एबीवीपी के छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कराया है. जेएनयू में लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों के बीच हुए इस झड़प को लेकर आज बड़े प्रदर्शन की उम्मीद है. जेएनयू में झड़प के मसले पर आज यानी सोमवार को लेफ्ट विंग यानी AISA स्टूडेंट्स विंग के छात्र दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे. लेफ्ट विंग के छात्रों के इस ऐलान को देखते हुए दिल्ली पुलिस सतर्क हो गई है.
बताया जा रहा है कि लेफ्ट विंग के स्टूडेंट्स की ओर से दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर सोमवार दोपहर 2 बजे विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसे लेकर दिल्ली पुलिस पूरी तरह से सतर्क हो गई है. इससे पहले दोनों छात्र विंग ने रविवार को छात्रावास के मेस में मांसाहारी भोजन परोसने को लेकर दोनों पक्षों के बीच हुई झड़प के विरोध में विश्वविद्यालय परिसर के अंदर अलग-अलग मार्च निकाला.
लेफ्ट विंग के छात्रों ने आरोप लगाया है कि एबीवीपी सदस्यों ने हॉस्टल मेस में छात्रों को मांसाहारी खाना खाने से रोका और हिंसक माहौल बनाया. वहीं, राइट विंग यानी एबीवीपी ने इस आरोप से इनकार किया और आरोप लगाया कि रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित एक पूजा कार्यक्रम में लेफ्ट विंग के छात्रों ने बाधा डाली. बहरहाल, इस मामले की पड़ताल में विश्वविद्यालय प्रशासन जुट चुका है.
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के कावेरी छात्रावास में हुई हिंसक झड़प में कम से कम दर्जन भर छात्र घायल हुए, जिन्हें अस्पताल भर्ती कराया गया. इनमें से किसी की भी हालत गंभीर नहीं है. वहीं, दोनों गुटों ने दावा किया कि दोनों पक्षों के 60 से अधिक छात्र घायल हुए हैं. दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर पथराव करने और अपने-अपने सदस्यों के घायल होने का आरोप लगाया.
इस बीच, हिंसा जुड़े कई कथित वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर सामने आए हैं, जिनमें अख्तरिस्ता अंसारी नाम के छात्र के सिर से खून बहता दिख रहा है. हालांकि, आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है. पुलिस उपायुक्त (दक्षिण पश्चिम) मनोज सी ने बताया कि कुल छह छात्रों को चोटें आईं हैं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया था. उन्होंने कहा कि फिलहाल कैंपस में स्थति पूरी तरह से नियंत्रण में है.
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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एक के बाद एक चार बार के परिसीमन से बेशक दिल्ली के सियासी नक्शे में बड़ी तब्दीलियां आई हों, लेकिन नई दिल्ली संसदीय सीट अभी तक अटल है। 1952 के पहले चुनाव से लेकर मौजूदा संसदीय चुनाव तक इस सीट ने संसद में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है।
दरअसल, पहले लोकसभा चुनाव में तीन सीटों के साथ दिल्ली में देश के सियासी नक्शे में जगह बनाई थी। इसमें नई दिल्ली के अलावा आउटर दिल्ली व दिल्ली सिटी सीट शामिल थीं। चौथे आम चुनाव में सीटों की संख्या सात हो गई। इस दौरान दिल्ली सिटी सीट खत्म कर दी गई।
वहीं, नई दिल्ली व आउटर दिल्ली मौजूद रही। जबकि चांदनी चौक, दिल्ली सदर को 1957 में अस्तित्व मिला। 1762 में करोल बाग का गठन हुआ। 1967 में पूर्वी दिल्ली व दक्षिणी दिल्ली के वजूद में आने के बाद दिल्ली में लोक सभा सीटों की संख्या सात हो गई।
इसके बाद से सीटों की संख्या हालांकि स्थिर है, लेकिन 2008 के परिसीमन के बाद इनके नामों व भौगोलिक क्षेत्रों में बड़ा बदलाव आया। नए परिसीमन से आउटर दिल्ली, दिल्ली सदर और करोल बाग सीट इतिहास में दर्ज हो गईं। इसकी जगह पश्चिमी दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली व उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट को अस्तित्व मिला। वहीं, हर लोक सभा का दायरा दस विधान सभाओं तक फैला दिया गया। सीटों के इस गुणा-गणित के बीच भी नई दिल्ली संसदीय सीट का वजूद बचा रहा।
नई दिल्ली संसदीय सीट को वीवीआईपी सीट का तमगा मिला हुआ है। इस सीट के अंदर राष्ट्रपति भवन से लेकर संसद, प्रधानमंत्री आवास, प्रधानमंत्री कार्यालय, राष्ट्रपति भवन, संसद, इंडिया गेट, उच्चतम न्यायालय व विदेशी दूतावास जैसी अहम इमारतें हैं। वहीं, राष्ट्रीय भवन संग्रहालय, मुगल गार्डन जैसे दर्शनीय स्थल भी यही हैं। राजपथ की हर साल होने वाली गणतंत्र दिवस की परेड का गवाह भी यह सीट बनती है। दिल्ली का दिल कनॉट प्लेस इसी सीट का हिस्सा है।
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फियो अध्यक्ष ने कहा कि इस कदम से धागा और कपड़े की कीमतों में नरमी आएगी और परिधान तथा कपड़े के अन्य उत्पादों का निर्यात बढ़ेगा।
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कपास आयात पर 30 सितंबर तक सीमा शुल्क की छूट देने की घोषणा की। इससे कपड़ा उद्योग के साथ उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा।
फिलहाल कपास आयात पर पांच प्रतिशत का मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) और पांच प्रतिशत का कृषि अवसंरचना विकास उपकर (एआईडीसी) लगता है। उद्योग घरेलू कीमतों में कमी लाने के लिये शुल्क से छूट की मांग कर रहा था।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने कपास आयात के लिये सीमा शुल्क और कृषि अवसंरचना विकास उपकर से छूट को अधिसूचित किया है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका और कई अन्य देशों में परिधान निर्यात में भारत ने अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है और संयुक्त अरब अमीरात तथा ऑस्ट्रेलिया के साथ मुक्त व्यापार समझौता होने से इसे और भी बढ़ावा मिलेगा।
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