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Bulandshahar Accident Today: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद में केदारनाथ यात्रा पर जा रही श्रद्धालुओं से भरी स्कॉर्पियो राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े ट्रक में घुस गयी, इस हादसे में 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
Bulandshahr Accident 24 May 2022: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एनएच235 पर एक बड़ा सड़क हादसा हो गया। जहां श्रद्धालुओं से भरी है कि स्कॉर्पियो राष्ट्रीय राजमार्ग पर खड़े एक ट्रक में जा घुसी। इस भीषण सड़क हादसे में स्कॉर्पियो में सवार 2 बच्चों सहित कुल 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई जबकि अन्य 6 स्कार्पियो सवार गंभीर रूप से घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नेशनल हाईवे पर खड़े ट्रक में स्कॉर्पियो कार की टक्कर के कारण कुल 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। बताया जा रहा कि यह सभी श्रद्धालु बुलंदशहर से केदारनाथ धाम यात्रा पर जा रहे थे मगर गाड़ी की रफ्तार तेज होने के कारण NH235 पर गुलावठी कोतवाली क्षेत्र के गांव ऊटाडा के पास इनका स्कॉर्पियो सड़क पर खड़े एक ट्रक में जा घुसा। इस भीषण सड़क हादसे में स्कॉर्पियो में सवार दो बच्चों सहित कुल 5 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई जबकि 6 अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। बताया जा रहा है कि इस हादसे में 4 मृतक बुलंदशहर के ही निवासी हैं जबकि एक मृतक शिकोहाबाद की रहने वाली शालू है।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में NH235 की सूचना मिलते ही गुलावठी कोतवाली थाना क्षेत्र की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। जहां पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए स्कार्पियो सवार गंभीर रूप से घायल कुछ है लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया, वहीं मृतकों के शव को प्रशासन ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
हाल ही में उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जनपद में भी एक बड़ा हादसा हुआ था। जहां शनिवार को सिद्धार्थनगर जनपद के जोगिया थाना क्षेत्र स्थित कटिया गांव में बारातियों से भरी एक बोलेरो सड़क के किनारे खड़ी ट्रेलर में जा घुसी। इस दर्दनाक हादसे में 7 बारातियों की मौके पर ही मौत हो गई जबकि तीन अन्य बाराती गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस को सूचना मिलते ही घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया तथा शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जनपदों के पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए यह अल्टीमेटम दिया था कि 48 घंटे के भीतर प्रदेशभर से अवैध टैक्सी और बस स्टैंड को हटा दिया जाए। साथ ही सड़क सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया था कि सड़क के किनारे किसी भी वाहन को खड़ा ना होने दिया जाए अगर ऐसा करते हुए किसी वाहन को पाया जाए तो उसका भारी से भारी है चालान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा था सड़क किनारे खड़ी गाड़ियां बहुत बार किसी बड़ी दुर्घटना के कारण बनती हैं ऐसे में हाईवे, नगर निकाय के सड़क या किसी भी सड़क पर किसी भी बहन को किनारे खड़ा होने की अनुमति ना दी जाए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि जिन गाड़ियों को सड़क किनारे खड़ा होना पड़ता है उनके लिए प्रशासन अलग से पार्किंग की व्यवस्था बनाए। हालांकि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी बड़ी लापरवाही के कारण आज बुलंदशहर में सड़क किनारे खड़े एक ट्रक से स्कार्पियो की टक्कर हो गई। जिसमें केदारनाथ जा रहे 5 श्रद्धालुओं की मौत हो गई वहीं छह अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
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आज हम 70वाँ सेना दिवस मना रहे हैं. सन 1949 में 15 जनवरी को सेना के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल केएम करियप्पा ने आखिरी ब्रिटिश सी-इन-सी जनरल सर फ्रांसिस बूचर से कार्यभार संभाला था. सेना दिवस मनाने के पीछे केवल इतनी सी बात नहीं है कि भारतीय जनरल ने अंग्रेज जनरल के हाथों से कमान अपने हाथ में ले ली. देश स्वतंत्र हुआ था, तो यह कमान भी हमें मिलनी थी. महत्वपूर्ण था भारतीय सेना की भूमिका में बदलाव.
अंग्रेजी शासन की सेना और स्वतंत्र भारत की सेना में गुणात्मक अंतर है. इस बदलाव को हमें देखना चाहिए. सेना केवल देश की रक्षा ही नहीं करती, बल्कि जीवन और समाज में भी उसकी भूमिका है. इस सेना की एक बड़ी विशेषता है, इसकी अ-राजनीतिक प्रकृति. तीसरी दुनिया के ज्यादातर देशों की सेनाओं की राजनीतिक भूमिका रही है. वे सत्ता चाहती हैं. हमारी सेना पूरी तरह अ-राजनीतिक है. अपने आप में यह विविध-विशाल भारत का लघु रूप है. यह देश की धार्मिक, जातीय और भाषागत विविधता का कुशलता और सफलता के साथ समन्वय करती है.
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हाल ही में, नेपाल की राजधानी काठमांडू में राष्ट्रपति के आधिकारिक निवास 'शीतल निवास' में एक विशेष समारोह में, भारतीय सेना प्रमुख जनरल पांडे को उनकी नेपाल की यात्रा के दौरान नेपाली सेना के मानद जनरल की उपाधि से सम्मानित किया गया।
- कमांडर-इन-चीफ जनरल के.एम. करियप्पा 1950 में इस उपाधि से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय सेना प्रमुख थे। पिछले साल नवंबर में, नेपाल के सेना प्रमुख जनरल प्रभु राम शर्मा को भी राष्ट्रपति राम द्वारा भारतीय सेना के मानद जनरल की उपाधि से सम्मानित किया गया था।
- यह प्रथा एक दूसरे के देश के सेना प्रमुखों को मानद उपाधि से सजाने की सात दशक पुरानी परंपरा का पालन करती है।
- जनरल पांडे इस महीने की 5 से 8 तारीख तक नेपाल की चार दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर हैं। सेनाध्यक्ष के रूप में यह उनकी पहली नेपाल यात्रा है।
- भारत सरकार की ओर से जनरल मनोज पांडे ने नेपाली सेना को हल्के वाहनों के साथ-साथ प्रशिक्षण उपकरण प्रदान किए जो नेपाली सेना के जवानों की क्षमताओं को बढ़ाएंगे।
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे (Lieutenant General Pande)
वह भारतीय सैन्य अकादमी (IMA), देहरादून और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), खडकवासला के पूर्व छात्र हैं। 1982 में आईएमए से पास आउट होने के बाद उन्हें बॉम्बे सैपर्स में कमीशन दिया गया था।
लेफ्टिनेंट जनरल पांडे ने अपने 39 साल के सैन्य करियर के दौरान सभी प्रकार के इलाकों में आतंकवाद विरोधी और पारंपरिक अभियानों में प्रतिष्ठित कमांड और स्टाफ असाइनमेंट का कार्य किया। पश्चिमी क्षेत्र में, उन्होंने एक इंजीनियर ब्रिगेड की कमान संभाली है। उन्होंने लद्दाख सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के साथ एक पैदल सेना ब्रिगेड और देश के उत्तर-पूर्व क्षेत्र में एक कोर की भी कमान संभाली है।
सेना के उप-प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले, उन्होंने पूर्वी सेना कमांडर के रूप में भी काम किया है। जून 2020 से मई 2021 तक, उन्होंने अंडमान और निकोबार कमांड के कमांडर-इन-चीफ के रूप में कार्य किया।
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Jamia Milia Islamia Admissions 2020: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (Jamia Milia Islamia) ने बीटेक और BArch कोर्स के लिए पहली कट ऑफ लिस्ट (first cut off list 2020) जारी कर दी है। जिसे आप यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर जा कर देख सकते हैं।
Delhi University: दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) में सोमवार 12 अक्टूबर को विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों (Undergraduate Courses) के लिए पहली कट ऑफ लिस्ट के आधार पर दाखिला प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वहीं, पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों (Post Graduation Courses) के लिए दाखिले 26 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी।
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यूपी की धर्मनगरी काशी इस बार एक अलग ही मामले को लेकर चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां की अशोक विहार कॉलोनी फेज दो इलाके में लगे पोस्टर कुछ अलग ही बयां कर रहे है। उन पोस्टर में शख्स की तस्वीर के साथ उसका नाम और पता लिखा है। उस पर आरोप है कि वह करीब 38 लाख 50 हजार रुपए लेकर फरार हो गया है।
वाराणसीः उत्तर प्रदेश की धर्मनगरी काशी आजकल अलग ही चर्चाओं में हैं। वहां पर अशोक विहार कॉलोनी फेज दो के इलाके में लगे पोस्टर काफी चर्चा में है। पोस्टर में एक शख्स की तस्वीर के साथ उसका नाम और पता लिखा है। इस पोस्टर के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर पता चला कि इस शख्स पर एक व्यापारी ने 38 लाख 50 हजार रुपए हड़प कर भागने का आरोप है।
काशी के अशोक विहार कॉलोनी में अजीबोगरीब तरीके की वजह से चर्चाओं का विषय बना हुआ है। जिसमें कॉलोनी के फेज दो इलाके में लगे पोस्टर चर्चा का विषय है। पीड़ित परिवार ने इलाके भर में लगवाए भगोड़े के पोस्टर ताकी उसे इस अनोखे तरीके से पकड़ जा सके।
अशोक विहार कॉलोनी फेज 2 इलाके में लगे पोस्टर आजकल चर्चाओं में हैं क्योंकि पोस्टर में एक शख्स की तस्वीर के साथ उसका नाम-पता लिखा है। पोस्टर के बारे में पता करने पर जानकारी मिली कि इस शख्स पर एक व्यापारी के 38 लाख 50 हजार रुपए हड़प कर भागने का आरोप है।
वाराणसी के पहाड़िया क्षेत्र में लगे आरोपी का पोस्टर से पीड़ित परिवार ने अनोखा तरीका निकालकर उसे पकड़ने की कोशिश की है। जिसमें उसका नाम-पता लिखा हुआ है। काशी के व्यापारी आशीष मिश्रा ने बताया कि उनका का होलसेल एंड रिटेल बिजनेस है। व्यापारी आशीष ने बताया कि उसका नाम आदित्य है, उन्होंने बताया कि बीते साल भर में वो उनसे 38 लाख 50 हजार रुपए के मोबाइल ले गया। एक दिन पता चला कि आदित्य और उसके परिवार के लोग घर छोड़ कर भाग गए हैं।
धोखाधड़ी होने के बाद व्यापारी आशीष ने सारनाथ थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने जांच के बाद इस मामले में मुकदमा दर्ज किया है और आरोपी की तलाश में जुटी है। आशीष का कहना है कि मुकदमा दर्ज हुए एक महीना हो रहा है, लेकिन पुलिस अब तक आदित्य को नहीं ढूंढ पाई है।
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क्रिकेटर युवराज सिंह की मां शबनम सिंह को 50 लाख रुपये का चूना लगा है। एक पोंजी स्कीम में उनका पैसा डूब गया। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मुंबई टीम कर रही है। मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया, "इस स्कीम का मैनेजर साधना इंटरप्राइजेज से जुड़ा हुआ है। उसने बिटक्वाईन और उसी तरह के दूसरे स्कीम में 84 प्रतिशत रिटर्न का दावा कर इंवेस्ट करवाए थे और उन पैसों को शेल कंपनियों और हवाला नेटवर्क में खपा दिया था। बताया जाता है कि युवराज सिंह की मां ने करीब 1 करोड़ का निवेश किया था और वे अपने आधे पैसे ही वसूल कर पाई थीं। अधिकारी ने प्रारंभिक जांच में इस पूरे घोटाले के आकार का अनुमान 700 करोड़ रुपया लगाया है। इसके बढ़ने की संभावना है। ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और निवेशकों द्वारा किए गए लेन-देन की जांच कर रही है।
ईडी के अस्सिटेंट डायरेक्टर रंजन कुमार मिश्रा ने शबनम सिंह को 23 अगस्त को पत्र लिख सात दिनों के अंदर फर्म से संबंधित लेन-देन और उसके औचित्य के बारे में जानकारी मांगी थी। साथी उनके इनकम टैक्ट रिकॉर्ड की भी मांग की गई थी। पत्र में कहा गया था, "मालटो एंटरप्राइज, यूनिक ट्रेडिंग कंपनी, जेमिनी ट्रेडिंग कंपनी, साधना एंटरप्राइजेज, अलीशा ट्रेडिंग कंपनी, प्रसंथ ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, शाश्वत ज्वेलरी प्राइवेट लिमिटेड, डीएनबी ट्रेडिंग, प्रसंथ ज्वैलर प्राइवेट लिमिटेड के साथ किए गए लेनदेन और उसके उद्देश्य के दस्तावेजों को विवरण के साथ दिया जाए। " वहीं, शबनम सिंह ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इंकार किया है। साथ ही कहा कि उन्हें किसी तरह का नोटिस नहीं मिला है। उन्होंने कहा, "मुझे किसी कानून के तहत नोटिस नहीं मिला है। न हीं किसी तरक की प्रक्रिया मेरे विरूद्ध शुरू की गई है। मुझसे सिर्फ कुछ जानकारी मांगी गई थी, जिसे मैंने ऑथरिटी को दे दिया है। मैं आॅथरिटी के साथ पूर्ण सहयोग करूंगी। यदि वे कुछ और जानकारी मांगेंगे तो मैं उन्हें उपलब्ध करवाउंगी। " हालांकि, अभी तक इस केस में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अभी इस मामले की जांच प्रारंभिक अवस्था में है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि ईडी शबनम सिंह द्वारा चेक के माध्यम से किए गए एक करोड़ के निवेश की जांच कर रही है। शबनम सिंह से यह वादा किया गया था कि उन्हें निवेश के बाद 7 लाख रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा, जो कि 84 प्रतिशत रिटर्न है। यह निवेश चेक के माध्यम से किया गया था। उन्हें कुछ समय तक बैंकिंग माध्यम से रिटर्न भी मिला। लेकिन 50 लाख मिलने के बाद भुगतान बंद हो गया। ईडी की जांच साधना इंटरप्राइजेज सहित कुछ अन्य फर्मों पर केंद्रित है जो पोंजी स्कीम, बिटक्वाईन ट्रेडिंग और हवाला कारोबार में लिप्त हैं।
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राष्ट्रपति चुनाव में उत्तराखंड से 70 विधायकों में से 67 ने मतदान किया। सरकार में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास, कांग्रेस विधायक तिलकराज बेहड़ व राजेंद्र भंडारी वोट देने नहीं पहुंचे। मतदान समाप्ति के बाद मतपेटी को सील बंद कर कड़ी सुरक्षा में विमान से दिल्ली भेज दिया गया है।
राष्ट्रपति चुनाव में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने सबसे पहले वोट डाला। इसके बाद अन्य विधायकों का भी मतदान के लिए पहुंचने शुरू हुए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद समेत अन्य विधायकों ने वोट डाले।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू की जीत तय है। चुनाव में मतदान सिर्फ औपचारिकता है। भाजपा के विधायकों के साथ बसपा और निर्दलीय विधायकों का भी मुर्मू को समर्थन मिला है। आदिवासी और जनजाति क्षेत्र से संबंध रखने वाली द्रोपदी मुर्मू को भारी समर्थन मिला है।
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जोधपुर में अपराधियों के हौसले दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। शनिवार रात केतू कलां गांव में एक ज्वैलर के घर के बाहर दो युवकों ने जमकर फायर किए और वहां से भाग निकले। फायरिंग की यह घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। ज्वैलर की शिकायत पर पुलिस ने फायरिंग करने वाले आरोपियों की तलाश शुरू की है। पहले भी इसी ज्वैलर को लूट चुका शातिर बदमाश भजनाराम विश्नोई पुराना मुकदमा वापस लेने के लिए ज्वैलर को धमकाने के इरादे से रात को आया ता और गोलियां बरसा कर भाग निकला।
केतू कलां गावं के ज्वैलर मोहनलाल सोनी के घर के बाहर देर रात एक लक्जरी कार में सवार होकर दो युवक आए। दोनों ने ज्वैलर के घर पर करीब 10 फायर किए। फायरिंग करने के बाद वे कार में सवार होकर वहां से निकल भागे। गांव में गोलियां चलने से दहशत फैल गई। हमलावरों के भागने के बाद मोहनलाल सोनी ने पुलिस को सूचना दी।
इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। ज्वैलर के घर के बाहर लगे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की तलाश शुरू कर दी है। इस ज्वैलर की दुकान पर पहले भी हमला और लूट की वारदात हो चुकी है।
क्षेत्र के भालू राजवा गांव के भजनाराम विश्नोई ने अपनी गैंग के कुछ सदस्यों के साथ इस ज्वैलर से 7 जून 2020 को लूटपाट की थी। उस समय मोहनलाल सोनी के साथ मारपीट कर लाखों रुपए के आभूषण व नगदी लेकर फरार हो गया था। बाद में पुलिस ने उसके घर दबिश दी थी। दबिश के दौरान भजनाराम विश्नोई ने पुलिस पर भी फायर किए थे। बाद में पुलिस ने उसे दबोच लिया।
कुछ महीने जेल में रहने के बाद वह जमानत पर रिहा होकर बाहर आ गया। अब यह गैंगस्टर मोहनलाल से हफ्ता वसूली व पुराने मुकदमे को वापस लेने का दबाव बना रहा है। वह कई बार सोनी को धमका चुका है। लेकिन उसने केस वापस लेने से मना कर दिया। इससे नाराज होकर गैंगस्टर ने मोहनलाल सोनी के घर गोलियां दाग दबाव बनाने का प्रयास किया।
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रावलपिंडी में गुरुवार से शुरू हुए पाकिस्तान-दक्षिण अफ्रीका दूसरे टेस्ट मैच का पहला दिन बारिश से प्रभावित रहा। मैच में पाकिस्तानी टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी थी लेकिन उनकी पारी लड़खड़ाती नजर आई। उनके कप्तान बाबर आजम और अनुभवी बल्लेबाज फवाद आलम एक बार फिर मजबूती से सामने आए और टीम की पारी को संभाल लिया। बाबर आजम एक और बड़ी पारी की ओर बढ़ रहे हैं जबकि फवाद अर्धशतक के करीब हैं।
मैच के पहले दिन बाबर आजम और फवाद आलम ने अर्धशतकीय पारियां खेलीं और दोनों के बीच 123 रनों की साझेदारी हो चुकी है। बारिश से प्रभावित पहले दिन का खेल खत्म होने तक शुरूआती झटकों से उभरते हुए पाकिस्तानी टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 3 विकेट गंवाते हुए 145 रन बना लिये हैं। बाबर 77 रन बनाकर खेल रहे थे जबकि शानदार फार्म में चल रहे आलम 138 गेंद में 42 रन बनाकर टिके हुए हैं।
बाबर और आलम ने तब मोर्चा संभाला जब टीम 15 ओवर में 22 रन पर तीन विकेट गंवाकर संघर्ष कर रही थी। चाय के विश्राम के लिए खेल रोके जाने तक लेकिन बारिश के कारण अंतिम सत्र का खेल नहीं हो सका। इससे पहले बायें हाथ के स्पिनर केशव महाराज ने 10 गेंद के अंदर दो विकेट और तेज गेंदबाज एनरिच नोर्जे ने शॉर्ट लेग पर आबिद अली (06) को कैच कराकर पाकिस्तान को शुरुआती झटके दिये। सलामी बल्लेबाज इमरान बट्ट (15) ने विकेटकीपर क्विंटोन डिकॉक को कैच दिया जबकि अजहर अली नौ गेंद में खाता खोले बगैर उनकी गेंद पर पगबाधा हुए।
बाबर और आलम ने इसके बाद संभलकर बल्लेबाजी करते हुए मैच में टीम की वापसी कराई। गेंद से चमक खत्म होने के साथ दूसरे सत्र में धीमी पिच का भी दोनों ने फायदा उठाया। बाबर ने अपनी 16वीं अर्धशतकीय पारी के दौरान ऑफ में कुछ शानदार ड्राइव लगाने के साथ तेज गेंदबाजों के खिलाफ बैकफुट से करारे शॉट लगाये। उन्होंने वियान मुल्डर के गेंद पर फ्लिक के साथ चौका लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया।
दक्षिण अफ्रीका को स्पिनर जॉर्ज लींडे के चोटिल होने से झटका लगा। पहले सत्र के खेल के दौरान अपनी गेंद पर बाबर के शॉट को रोकते समय उनकी छोटी अंगुली चोटिल हो गयी जिसमें उन्हें टांके लगवाने पड़े।
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क्रो का महल Svarog सर्किल के खंडों में से एक है, जो सूर्य का प्रतीक है, एक वर्ष के माध्यम से आसमान के एक निश्चित खंड से गुज़र रहा है। यह वे स्वर्गीय सर्कल है जो वेल्डिंग सर्किल है।
सर्किल में कुल 16 महल हैं, जिनमें से प्रत्येकइसका अपना स्लाव संरक्षक भगवान है। इसके अलावा, विभिन्न हॉलों में पैदा हुए लोगों के चरित्र के विभिन्न गुण होते हैं। इस लेख में, हम रेवेन हाउस और उन लोगों के बारे में बात करेंगे जो उनके वाल्ट के नीचे पैदा हुए थे।
स्वादोग सर्किल में, कौवा का घर पांचवां है। 16 दिसंबर से 7 जनवरी तक पैदा हुए लोग उनकी सुरक्षा में हैं। महल का पेड़ लार्च है, जो आज हमारे देश में अत्यधिक मूल्यवान था। उच्च लागत के बावजूद, इस पौधे से महल की रक्षा करना बेहतर है।
संरक्षक भगवान वरुण है।
तो, भगवान वरुण के प्रशिक्षण के तहत हॉल हैक्रो। ब्रह्मांड के लिए इस देवता का महत्व बहुत महान है। सबसे पहले, वरुण पवित्र तरीकों की रक्षा करता है, जो स्वर्ग के सभी हॉलों के बीच गलियारे हैं। दूसरा, वरुण यह तय करता है कि क्या व्यक्ति पूरा किया गया था या नहीं, और इसके परिणामस्वरूप उसका मिशन स्थलीय दुनिया में समाप्त हुआ।
देवता का निरंतर साथी एक रेवेन है। यह पक्षी है जो क्रो के हॉल में पैदा हुए लोगों का पशु संरक्षक है।
रेवेन हॉल उनके तहत पैदा हुए लोगों को देता हैमेहराब, अविश्वसनीय गतिविधि। ऐसे लोग हमेशा नए के लिए खुले रहते हैं, और किसी भी बदलाव को बेहतर तरीके से जीवन बदलने का अवसर माना जाता है। क्रो लोगों के विकास के लिए एक अनूठा लालसा है। इसके अलावा, वे कई सारे कदमों के माध्यम से सोचने के आदी हैं और आवश्यक रूप से 2 कार्य योजनाएं हैं - मुख्य और अतिरिक्त। ऐसे लोगों के लिए अकेले रहना बहुत मुश्किल है। अकेले खुद के साथ, वे पूरी तरह ऊर्जा और विकास की इच्छा खो देते हैं। उनके उत्पादक कामकाज के लिए, कंपनी बहुत महत्वपूर्ण है।
कौवा की सुरक्षा में पैदा हुए लोगों को मिलती हैउसका घर, अविश्वसनीय आशावाद और उच्च संचार कौशल। नए लोगों को ढूंढने या दूसरों के साथ संबंध स्थापित करने के लिए इन लोगों को कोई समस्या नहीं है। अन्य लोगों की समस्याओं और मदद, समाजशीलता, बातचीत करने वालों की अंतर्ज्ञानी समझ, सहानुभूति की क्षमता सुनने के लिए इच्छा - यह सब लोगों को किसी भी कंपनी की आत्मा बना सकता है। व्यक्ति स्वयं को हमेशा यह नहीं समझता कि क्या करना है, लेकिन परिणाम अपरिवर्तित बनी हुई हैः बड़ी संख्या में दोस्तों और परिचितों। हालांकि, यह सिर्फ वरुण द्वारा संरक्षित लोगों के अंदर हिमशैल की नोक है, वहां एक बड़ी आध्यात्मिक शक्ति है जो उन्हें अपने जीवन का प्रबंधन करने और किसी भी परेशानी का सामना करने में मदद करती है।
इस हॉल के मेहराब के नीचे पैदा हुए लोग,हर चीज में मौलिकता के साथ संपन्न, प्यार को छोड़कर नहीं। हालांकि, इस अर्थ में, वे बहुत ही अजीब है। क्योंकि इसके मिलनसार लोगों के, कौवे अक्सर प्यार में गिर, लेकिन उनके लिए है कि प्यार अक्सर जुनून तक सीमित है। हालांकि इस जुनून बहुत वास्तविक है। इस रवैये से प्यार करने का एक परिणाम के रूप में, एक काला कौआ एक साथी के साथ समस्याओं जो अपने स्नेह को देखने के केवल शारीरिक इच्छाओं को संतुष्ट होगा हो सकता है। आग कर सकते हैं और क्या वार्डों वरुण अधिक सेक्स के साथ संपन्न पर तेल डालो तो यह असंभव है उनके प्रेम प्रसंग से पहले लगभग विरोध करने के लिए।
हालांकि, निश्चित रूप से कौवे कम होने लगते हैंयौन संबंधों को विकसित करने के लिए, पहले से ही निविदा भावनाओं और परिवार शुरू करने की इच्छा को आगे बढ़ाएं। उनके मांसपेशियों के बावजूद, ऐसे लोग अपने चुने हुए व्यक्ति को गहरी भक्ति दिखाते हैं। यहां तक कि सबसे नाजुक परिस्थिति में, रावेन खुद को किसी प्रियजन को धोखा देने की अनुमति नहीं देगा।
कौवा के लिए आदर्श साथी सर्प के मंदिर में पैदा हुआ एक आदमी होगा।
क्रो का महल उन लोगों को देता है जो उसके अधीन हैंरोजमर्रा की जिंदगी में संरक्षण, अविश्वसनीय सावधानी और विनम्रता। कर्मों में सक्रिय जीवन की स्थिति और यहां तक कि bezbashennost भी कौवे को अलमारियों पर चीजों को बिछाने से रोकने के लिए, प्रत्येक जार को अपनी जगह निर्धारित करने के लिए, अर्थव्यवस्था को गंभीरता से प्रबंधित करने और अपने घर को प्यार और संयम के साथ घिरा करने के लिए रोकते हैं।
हालांकि, कई लोगों के घर के प्रति यह दृष्टिकोण खुद को समय के साथ प्रकट करता है, बूढ़ा व्यक्ति बन जाता है, जितना कम वह पार्टियों के लिए प्रयास करता है, अपने घर में अधिक समय समर्पित करता है।
कौवे के फोकस का आदर्श संरक्षक अपने दूसरे छमाही की पसंद पर निर्णय लेने से पहले नहीं होगा और परिवार के जीवन को शुरू करने का फैसला करेगा। यह महिलाओं और पुरुषों दोनों पर लागू होता है।
कई मूल्यवान गुण उसके लिए जन्म देते हैंकौवा के महल के मेहराब। सबसे पहले, वरुण उन लोगों को देता है जो असाधारण बौद्धिक क्षमताओं से संरक्षित होते हैं, जो उन्हें सटीक विज्ञान के लिए प्रवण बनाता है। हालांकि कौवे की भावना में गीत और दर्शन की तलाश है। इसके अलावा, ऐसे लोगों को दृढ़ता के उपहार के साथ संपन्न किया जाता है। लोगों के प्रबंधन में इस आसानी के कारण, वे अक्सर खुद को प्रबंधकीय पदों में पाते हैं। हॉल का वार्ड व्याख्यात्मक डेटा को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
कौवे हमेशा यह महसूस नहीं करते कि वे प्रयास कर रहे हैंएक विशिष्ट लक्ष्य के लिए। फिर भी, उनके संरक्षक वरुण को वांछित लक्ष्य, यहां तक कि बेहोश रूप से हासिल करने में मदद करता है। इसलिए, शुरुआती उम्र में पहले से ही कौवे अच्छी अंतर्ज्ञानी क्षमताओं को दिखाते हैं और असाधारण प्रतिभा खोजते हैं। हालांकि, माता-पिता हमेशा इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, जो ऐसे लोगों के मनोविज्ञान को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है, क्योंकि वे किसी और की राय के प्रति बहुत संवेदनशील हैं। इसलिए, माता-पिता के लिए बच्चे को सुनने और अपने हितों और आकांक्षाओं को दबाने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है। कौवे खुद को खुद पर भरोसा करना सीखना चाहिए और अपने आध्यात्मिक विकास में संलग्न होना चाहिए।
क्रो के न्यायालय के मेहराब के नीचे,आध्यात्मिक आंकड़े और उत्कृष्ट व्यक्तित्व। वे ज्ञान को संरक्षित करने, गुणा करने और प्रसारित करने में सक्षम हैं। यह मत भूलना कि उनकी सहायता के लिए वरुण को वार्डों को भुगतान करने की आवश्यकता हैः ज्ञान के लोगों को सूचित करने और उन्हें ब्रह्मांड के रहस्यों को प्रकट करने के लिए। और जो लोग इस आदेश का पालन नहीं कर सकते हैं, धीरे-धीरे गिरावट शुरू हो जाते हैं, वे देवता की सुरक्षा और सुरक्षा से वंचित हैं।
कब्जे और इसके अमूमन द हॉल ऑफ द क्रो। वरुण के अमूम को एक सर्कल के रूप में निष्पादित किया जाता है जो वेल्डिंग सर्किल का प्रतीक है, और इसके केंद्र में इस महल के देवता का प्रतीक है। इस तरह के एक अमूर्त अंतर्ज्ञान को बढ़ाने, छिपी क्षमताओं को प्रकट करने, आसपास के अंतरिक्ष को सुसंगत बनाने के लिए काम करेगा। यह उन लोगों के लिए विशेष मूल्य है जिन्होंने अपने जीवन के मुख्य मिशन को महसूस किया है। इसके अलावा, अमूम सही परिस्थितियों में सही विकल्प बनाने में मदद करता है। ऐसी सजावट का प्रदर्शन और सुरक्षात्मक कार्य। विशेष रूप से, यह बुरी आंखों और बुरी ताकतों से बचाता है।
लेकिन अमूमन न केवल बनाया या खरीदा जा सकता है, इसकीआप बस भर सकते हैं। टैटू "द हॉल ऑफ़ द क्रो" पर उनका काफी पवित्र अर्थ है। और यदि आप मानते हैं कि इस तरह के एक अमूमन हर समय आपके साथ ले जाने के लिए वांछनीय है, तो त्वचा पर पैटर्न कई समस्याओं को हल कर सकता है।
इस मामले में, टैटू के समान शक्ति होगीधातु या लकड़ी से बने अमूमन। वह किसी व्यक्ति की रक्षा और रक्षा करेगा। इसके अलावा, प्राचीन स्लाव का मानना था कि रेवेन की छवि के साथ टैटू व्यक्ति को अधिक नैतिक शक्ति देता है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बताते हुए कहा है कि उसके पास बिना किसी सुरक्षा के परमाणु हथियार हैं. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की कांग्रेस अभियान समिति के समारोह में यह बात कही.
बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच मैत्रीपूर्ण और पारस्परिक रूप से लाभप्रद संबंधों का एक लंबा इतिहास रहा है. ऐसे समय में, जब दुनिया बड़ी वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है, यह गंभीर रूप से महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान की वास्तविक क्षमता को पहचानने के लिए वास्तविक और टिकाऊ प्रयास किए जाएं. क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका के साथ सहयोग करने की हमारी ईमानदारी से इच्छा है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्तान को दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक बताते हुए कहा है कि उसके पास बिना किसी सुरक्षा के परमाणु हथियार हैं. उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की कांग्रेस अभियान समिति के समारोह में यह बात कही. बाइडन ने कहा, मुझे लगता है कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे खतरनाक देशों में से एक है. उसके पास परमाणु हथियार हैं लेकिन बिना किसी सुरक्षा के हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सत्तारूढ दल के कार्यक्रम में यह बात विश्व की बदलती भू राजनैतिक स्थिति के संदर्भ में कही. बाइडन के बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा था कि देश के परमाणु हथियारों के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणी से पाकिस्तान हैरान है और उसने आधिकारिक तौर पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम को तलब किया है.
बाइडन के बयान को खारिज करते हुए बिलावल ने कहा कि परमाणु हथियारों के संदर्भ में पाकिस्तान वैश्विक मानकों का पालन कर रहा है. विदेश मंत्री बिलावल ने इस्लामाबाद में कहा, जहां तक पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा का सवाल है, हम अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के तहत सभी अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं.
उन्होंने कहा कि बाइडन के बयान पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ चर्चा की गई और हमने आधिकारिक तौर पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए पाकिस्तान में अमेरिका के राजदूत डोनाल्ड ब्लोम को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय में तलब किया है. पिछले महीने अमेरिका का दौरा करने वाले विदेश मंत्री बिलावल ने बाइडन के बयान पर हैरानी जतायी और कहा कि निकट अतीत में संबंधों में तनाव के कारण दोनों पक्षों के बीच संचार की कमी इस तरह की टिप्पणी की वजह हो सकती है.
पश्चिमी देशों ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा और संरक्षा को लेकर हमेशा चिंता जताई है. उनकी चिंता यह है कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार आतंकवादियों या जिहादियों के हाथ में जा सकते हैं. ब्रूकिंग्स में विदेश नीति कार्यक्रम के एक अप्रवासी वरिष्ठ विशेषज्ञ मर्विन काल्ब ने पिछले साल लिखा था, मई 1998 में पाकिस्तान ने पहला परमाणु परीक्षण किया और यह दावा किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये इसकी जरूरत थी। उसके बाद से अमेरिका के सभी राष्ट्रपतियों को यह भय रहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार गलत हाथों में पड़ सकते हैं। इसमें अब यह डर भी शामिल है कि अफगानिस्तान में तालिबान की जीत के बाद पाकिस्तान में जिहादी सत्ता हासिल करने की कोशिश कर सकते हैं.
(भाषा से इनपुट)
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कागज तथा शीशा पर से चुंगी हटा दी परन्तु ब्रिटेन के टैक्स लगाने के अधिकार को
कायम रखने के लिये चाय पर की चुंगी पूर्ववत् जारी रखी । पर उसकी बड़ी भूल साबित हुई । उसने यह नहीं समझा कि उपनिवेशवासियों ने टैक्म लगाने के सिद्धान्त का ही विरोध किया था, रकम का नहीं । अतः उनका रोष पूर्ववत् जारी रहा।
(४) उत्तरकालीन तीन दुर्घटनाएं १७७३-७३ ई०- अगले तीन वर्षों में कुछ ऐसी उत्तेजनात्मक घटनायें हुईं जिनसे दोनों पक्षों के बीच कटुता और भी बढ़ गई । (क) बोस्टन शहर के नागरिक ब्रिटिश रेजिमेंटों का अपमान करने लगे । एक दल ने कुछ सैनिकों को ही घेर लिया और उनके साथ बुरा व्यवहार करने लगा। उनकी गाली होने लगी और उन पर पत्थर के टुकड़े फेंके जाने लगे । उस पर गोली चलाई गई और कुछ व्यक्ति मर गये । उपनिवेशवासियों ने इसे एक बड़ा खूना हत्याकान्ड के नाम से प्रचार कर डाला और उपनिवेशों में तहलका मच गया । (ख) अमेरिका में चोरबाजारी को रोकने के लिये एक शाही जहाज भेजा गया था । १७७२. ई० में अमेरिकनों ने इसे जला डाला और इसके लिये उपनिवेशों में खुशियाँ मनाई जाने लगीं। परन्तु इंगलैंड में हलचल मच गई ।
वोस्टन टी पाटां--(ग) दूसरे साल एक नया 'चाय कानून' (टी ऐक्ट) पास किया गया । इसके द्वारा ईस्ट इन्डिया कम्पनी को भारत वर्ष से साधे अमेरिका चाय भेजने के लिये अनुमति दे दी गई । इससे कम्पनी को आर्थिक लाभ होता और अमेरिका में चाय भी सस्ती हो जाती; परन्तु उअपन्थियों ने अमेरिकनों को खुश करने के लिये इसे ब्रिटिश सरकार का एक चाल मात्र समझा । अतः विरोधी प्रदर्शन किये जाने लगे और जन बोस्टन के बन्दरगाह में कम्पनी के जहाज पहुँचे तो कुछ लोग वहाँ के मूलनिवासियों के वेश में जहाजों में घुस गये और चाय के ३४० बक्से समुद्र में फेंक दिये ।
इस दुर्घटना का समाचार पाकर अंगरेज बड़े ही उत्तेजित हुए। उन्हें विश्वास हो गया कि अमेरिकनों ने उनके विरुद्ध विद्रोह कर दिया है। पार्लियामेंट बड़ी ही कढ़ाई ते काम करने लगी । इसने १७७४ ई० में 'मेसाचुसेट्स गवर्नमेंट ऐक्ट' पास किया जिसके अनुसार एक तरह से दिया गया चार्टर वापस ले लिया गया । बहुत से अफसर पदच्युत कर दिये गये और बहुतों की नियुक्ति सरकारी हाथों में कर दी गई । 'गेज' नाम का एक सैनिक 'मेसेचुसेट्स' का गवर्नर नियुक्त किया गया और उसकी सहायता के लिये पर्याम सेना भेजी गई । कोई लोक सभा करने के लिये गवर्नर की विश्यक कर दी गई। सभी वाणिज्य के लिये बोस्टन का बन्दरगाह बन्द कर दिया गया जिससे हजारों व्यक्ति बेकार हो गये । उपनिवेशवासियों के राजनैतिक |
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन और वीवीपैट मशीन को सुरक्षित रखने के लिए सभी जिलों में ईवीएम व वीवीपैट वेयर हाउस बनाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में इंदौर में भी 10 कराेड़ रुपए से ज्यादा लागत में वेयर हाउस का निर्माण करवाया गया है। जिसका लोकार्पण गृह मंत्री एवं प्रभारी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने किया। उन्होंने कहा कि अभी स्टेडियम में वोटिंग मशीन रखी होने से खिलाड़ियों को असुविधा हो रही है। अब यह मशीनें तत्काल इस वेयर हाउस में शिफ्ट की जाएंगी।
अपर कलेक्टर तथा निर्वाचन शाखा के प्रभारी अभय बेड़ेकर ने बताया कि ईवीएम व वीवीपैट रखने के लिए वेयर हाउस बनाया गया है। इसकी लागत 10. 42 करोड़ रुपए है। ग्राउंड फ्लोर पर कंट्रोल यूनिट, वैलेट यूनिट और वीवीपैट मशीनों को रखने के लिए अलग-अलग तीन हॉल बनाए गए हैं। प्रत्येक हॉल में मशीनों की पांच हजार यूनिट रखी जा सकती हैं। इतनी ही क्षमता के तीन हॉल पहली मंजिल पर भी बने हैं। इस तरह इस भवन में कुल 10-10 हजार कंट्रोल यूनिट, वैलेट यूनिट व वीवीपैट मशीनों को रखने की क्षमता है। यहां पर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से मेन गेट पर गार्ड रूम भी बनाया गया है। यहां 29 सीसीटीवी कैमरे और 40 अग्निशामक यंत्र भी लगाए गए हैं। वेयर हाउस के बन जाने से अब ईवीएम की प्रारंभिक जांच इस भवन में ही हो सकेगी।
प्रभारी मंत्री ने इस मौके पर विभिन्न शासकीय योजनाओं के हितग्राहियों को सहायता राशि के चेक दिए। उन्होंने सांवेर तहसील के ग्राम राजोदा के मां वैष्णवी स्वसहायता समूह, जय अम्बे स्वसहायता समूह, तराना के शिवशक्ति स्वसहायता समूह, पार्वती स्वसहायता समूह, भूमिका स्वसहायता समूह, ग्राम सिलोदा बुजुर्ग के बुलबुल स्वसहायता समूह के अध्यक्ष को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत कैश क्रेडिट लिमिट की राशि के चेक दिए। कार्यक्रम में कुल 7 स्वसहायता समूह को 10. 40 लाख रुपए की मदद दी गई।
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत मित्र संगिनी स्वसहायता समूह की रेखा साबले को रेडिमेड गारमेंट व्यवसाय के लिए 1. 20 लाख रुपए, विचारिका स्वसहायता समूह की प्रिसिल्ला वेलेरी को जैगिंग व्यवसाय के लिए 1. 15 लाख, भारत माता स्वसहायता समूह की कल्पना को डोरमेट निर्माण व्यवसाय के लिए 1. 20 लाख रुपए की मदद दी गई। महालक्ष्मी स्वसहायता समूह, मातृशक्ति व शक्ति लक्ष्मी स्वसहायता समूह को 10-10 हजार रुपए के चेक दिए गए। इसके अलावा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत धनीराम को हैंडलूम व्यवसाय के लिए, कन्हैया को फल व सब्जी व्यवसाय के लिए, ऋतु चौरसिया को कपड़े व हैंड़लूम व्यवसाय के लिए, जितेन्द्र प्रजापत को वस्त्र व्यवसाय के लिए, पिंकी विदावरे को फल व सब्जी तथा शीला कुशवाह को फास्ट फूड व्यवसाय के लिए 10-10 हजार रुपए की मदद दी।
प्रभारी मंत्री ने कार्यक्रम में पांच लोगों को भारतीय नागरिकता संबंधी प्रमाण पत्र सौंपे। इनमें संगीता बाई पति सुनील कुमार, गीता पति जयपाल, पीयूष कामोरा पिता सच्चानंद, आकाश पिता सत्यानंद व सादिया जुबेर पत्नी नूर सुमर वसीम निवासी इंदौर शामिल हैं।
प्रभारी मंत्री ने पीसी सेठी अस्पताल की दो मातृ व शिशु एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह दोनों एम्बुलेंस एडवांस लाइफ सपोर्ट सिस्टम से युक्त हैं।
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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा है कि या तो सच्चर कमेटी की सिफारिशें केंद्रीय स्तर से लागू की जाएंगी, नहीं तो केंद्र से कांग्रेस सरकार को हटना पड़ेगा। सच्चर कमेटी की स्थापना केंद्र सरकार ने की पर उसकी मुस्लिमों को आरक्षण दिए जाने की सिफारिशें ठंडे बस्ते में पड़ी हैं। आज़ादी के 65 वर्ष बाद भी मुसलमानों की हालत दलितों से बदतर है, इसके लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है।
मुलायम सिंह यादव ने झूलेलाल पार्क लखनऊ में समाजवादी अल्पसंख्यक जागरूकता सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि कि तालीम, हिफाजत और रोजी की बुनियादी जरूरतों से मुस्लिम समाज को कांग्रेस ने महरूम किया है, समाजवादी पार्टी ही उर्दू जबान और मदरसों की चिंता करती है, मुस्लिमों के कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए राज्य सरकार चहारदीवारी बनवा रही है, मुस्लिम बहुल इलाकों में तालीम की व्यवस्था हो रही है, समाजवादी पार्टी उनकी हिफाजत में कतई कोताही नहीं करेगी।
उन्होंने इस बात पर गहरा रोष जताया कि मुसलमानों को ही आतंकवादी बताया जाता है, जिन्होंने हिंदुस्तान को आज़ादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई, मुस्लिमों को बदनाम करने की साजिशें होती हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर प्रदेश की समाजवादी सरकार ने एक भी मुस्लिम नौजवान को नहीं फंसाया है, भारत की व्यवस्था संविधान के अनुसार ही चलनी चाहिए, कुहासा छटना चाहिए, भरमाने वाली बातें बंद होनी चाहिएं, कोई भी बेगुनाह मुसलमान जेल में नहीं रहेगा।
मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार मुसलमानों की अपनी सरकार है। उन्होंने कहा कि युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संतोषप्रद बजट दिया है, मुसलमानों के हितों का इसमें ध्यान रखा गया है। उन्होंने भाजपा के संबंध में कटाक्ष करते हुए कहा कि मैने संसद में कहा था कि भाजपा बाबरी मस्जिद, धारा 370 और मुस्लिमों के प्रति अपने रवैए में बदलाव की घोषणा करें, मगर अगर भाजपा यह सब छोड़ देगी तो उसके पास बचेगा क्या? उहोंने किसानों, बुनकरों, नौजवानों तथा मुसलमानों के हक की हर लड़ाई लड़ने का भरोसा दिलाया।
सम्मेलन को वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव, अहमद हसन, फरीद महफूज किदवई, राजेंद्र चौधरी, डॉ अशोक बाजपेयी, नफीस अहमद, दादा मियॉ मजार के फरहत मियॉ ने संबोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी और मुलायम सिंह यादव ने ही हमेशा मुस्लिमों के हित में काम किए हैं, मुस्लिमों के आरक्षण, सच्चर कमेटी तथा रंगनराथ मिश्र आयोग की रिर्पोटों को लागू करने की मांग भी उन्होंने ही उठाई है, बाबरी मस्जिद और अदालत के फैसले पर उन्होंने ही मुसलमानों का साथ दिया था, सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ मुसलमान एकजुट होकर उनके साथ रहेंगे। समाजवादी सरकार में मुसलमानों के साथ राज्य में अन्याय नहीं हो सकता है। सम्मेलन में राजनीतिक आर्थिक प्रस्ताव स्याद अली ने प्रस्तुत किया। आज़ाद अहमद और रामीष जौनपुरी ने अपना कलाम पेश किया। सम्मेलन की अध्यक्षता हाजी रियाज अहमद ने की और संचालन मुनीर अहमद खॉ ने किया।
सम्मेलन में भगवती सिंह, जरीना उस्मानी, स्याद अली, अनीस मंसूरी, मौलाना जफर मसूद किछौछवी, जावेद अंसारी, रूश्दी मियॉ, मोहम्मद एबाद, कमाल फारूखी, आरिफ अनवर हाशमी, बुनियाद हुसैन अंसारी, आबिद रजा खां, शाह आलम, सरदार सुरेंद्र सिंह, हाजी इकराम कुरैशी, हैदर अली खॉ टाइगर, भिखू शील सागर, फादर एंटोनी, सरदार गुरदयाल सिंह, डॉ एसके जैन, राजा नसीम, आज़ाद अहमद, सैयद शकील, कादिर खॉ, हाफिज इल्तफाक, राजा जलील, आसिम वकार, आफताब आलम आदि उपस्थित थे। सम्मेलन में राज्य की सपा सरकार में वरिष्ठ मंत्री और सपा के मुख्य मुस्लिम नेता आज़म खां नहीं आए।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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अपने सांसारिक जीवन के अंत में स्वर्ग में धन्य वर्जिन मैरी की धारणा एक जटिल सिद्धांत नहीं है, लेकिन एक सवाल बहस का लगातार स्रोत हैः क्या मरियम मर गई थी, शरीर और आत्मा को स्वर्ग में ले जाने से पहले?
धारणा के आस-पास की सबसे पुरानी ईसाई परंपराओं से, इस सवाल का जवाब कि क्या धन्य वर्जिन सभी पुरुषों की तरह मर गया है "हां" है। धारणा का पर्व पहली बार ईसाई पूर्व में छठी शताब्दी में मनाया गया था, जहां इसे सबसे पवित्र थियोटोकोस (भगवान की मां) के डॉर्मिशन के रूप में जाना जाता था।
आज तक, पूर्वी ईसाईयों में, कैथोलिक और रूढ़िवादी दोनों, डॉर्मिशन के आस-पास की परंपराएं चौथी शताब्दी के दस्तावेज पर आधारित हैं, जिसे "सेंट जॉन द थिओलॉगियन ऑफ द फॉलिंग सोप ऑफ द गॉड मदर ऑफ द गॉड" कहा जाता है। ( डॉर्मिशन का मतलब है "सो रहा है। ")
भगवान की पवित्र मां की "गिरने वाली नींद"
यह दस्तावेज, सेंट जॉन द इवांजेलिस्ट (जिस पर मसीह, क्रूस पर, ने अपनी मां की देखभाल सौंपी थी) की आवाज़ में लिखा था, यह बताता है कि कैसे महापुरुष गेब्रियल मैरी के पास आया क्योंकि उसने पवित्र सेपुलचर (कब्र मसीह को शुक्रवार को रखा गया था, और जिसमें से वह ईस्टर रविवार को गुलाब)। गेब्रियल ने धन्य वर्जिन को बताया कि उसका सांसारिक जीवन उसके अंत तक पहुंच गया है, और उसने अपनी मृत्यु को पूरा करने के लिए बेथलहम लौटने का फैसला किया।
सभी प्रेरितों को पवित्र आत्मा द्वारा बादलों में पकड़ा गया था, उन्हें अंतिम दिनों में मैरी के साथ बेथलहम ले जाया गया था।
साथ में, उन्होंने यरूशलेम में अपने घर पर अपने बिस्तर (फिर से, पवित्र आत्मा की सहायता से) ले लिया, जहां अगले रविवार को, मसीह उसके सामने प्रकट हुआ और उसे डरने के लिए कहा। जबकि पीटर ने एक भजन गाया,
भगवान की मां का चेहरा प्रकाश से उज्ज्वल हो गया, और वह उठकर अपने प्रेरितों से प्रत्येक प्रेरित को आशीर्वाद दिया, और सभी ने भगवान को महिमा दी; और यहोवा ने अपने निर्दोष हाथों को बढ़ाया, और उसे पवित्र और निर्दोष आत्मा प्राप्त की। । । । और पतरस, और मैं यूहन्ना, पौलुस और थॉमस भाग गए और अभिषेक के लिए अपने बहुमूल्य पैरों को लपेट लिया; और बारह प्रेरितों ने एक सोफे पर अपनी बहुमूल्य और पवित्र शरीर डाल दिया, और इसे ले जाया।
प्रेरितों ने मैरी के शरीर को गेट्समेन के गार्डन में सोफे लिया, जहां उन्होंने अपने शरीर को एक नई मकबरे में रखाः
और देखो, हमारे लेडी के पवित्र शिविर से परमेश्वर की मां के सुगन्धित सुगन्ध का एक सुगन्ध निकला; और तीन दिनों तक अदृश्य स्वर्गदूतों की आवाज़ें हमारे परमेश्वर मसीह की महिमा कर रही थीं, जो उसके पैदा हुए थे। और जब तीसरा दिन समाप्त हो गया, तो आवाज़ें अब नहीं सुनाई गईं; और उस समय से सभी जानते थे कि उसका निर्दोष और बहुमूल्य शरीर स्वर्ग में स्थानांतरित कर दिया गया था।
"ईश्वर की पवित्र मां की गिरती नींद" मैरी के जीवन के अंत का वर्णन करने वाला सबसे पुराना लिखित दस्तावेज है, और जैसा कि हम देख सकते हैं, यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि मैरी की मृत्यु उसके शरीर को स्वर्ग में ग्रहण करने से पहले मर गई थी।
अनुमानों की कहानी के शुरुआती लैटिन संस्करण, कुछ सदियों बाद लिखे गए, कुछ विवरणों में भिन्न हैं लेकिन सहमत हैं कि मैरी की मृत्यु हो गई, और मसीह ने अपनी आत्मा प्राप्त की; कि प्रेरितों ने उसके शरीर में प्रवेश किया; और मैरी का शरीर मकबरे से स्वर्ग में ले जाया गया था।
इनमें से कोई भी दस्तावेज पवित्रशास्त्र का भार सहन नहीं करता है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता; क्या मायने रखता है कि वे हमें बताते हैं कि पूर्वी और पश्चिम दोनों में ईसाई क्या मानते थे कि मैरी के जीवन के अंत में मैरी के साथ हुआ था।
पैगंबर एलीया के विपरीत, जो एक ज्वलंत रथ द्वारा पकड़ा गया था और अभी भी जिंदा रहते हुए स्वर्ग में ले जाया गया था, वर्जिन मैरी (इन परंपराओं के अनुसार) स्वाभाविक रूप से मृत्यु हो गई, और फिर उसकी आत्मा को उसके शरीर के साथ अनुमान लगाया गया। (उसका शरीर, सभी दस्तावेज सहमत हैं, उनकी मृत्यु और उनकी धारणा के बीच अविनाशी बना रहा। )
जबकि पूर्वी ईसाईयों ने इस प्रारंभिक परंपरा को जीवित धारणा के आस-पास रखा है, पश्चिमी ईसाईयों ने काफी हद तक उनके साथ संपर्क खो दिया है। कुछ, पूर्वी शब्द के विचलन द्वारा वर्णित धारणा को सुनकर, गलत तरीके से मानते हैं कि "सोते हुए" का अर्थ है कि मरियम मरने से पहले मैरी को स्वर्ग में माना गया था। लेकिन पोप पायस XII, 1 नवंबर, 1 9 50 को, मुनिफेंटिसिमस देवस में , मैरी की धारणा के सिद्धांत की घोषणा, पूर्व और पश्चिम दोनों के प्राचीन विवादास्पद ग्रंथों के साथ-साथ चर्च फादरों के लेखन के बारे में बताती है, जो सभी को दर्शाती है कि धन्य उसके शरीर को स्वर्ग में ग्रहण करने से पहले वर्जिन की मृत्यु हो गई थी।
पियस इस परंपरा को अपने शब्दों में जोड़ता हैः
यह त्योहार दिखाता है कि न केवल धन्य वर्जिन मैरी का मृत शरीर अविनाश रहा, लेकिन उसने अपने एकमात्र पुत्र, यीशु मसीह के उदाहरण के बाद मृत्यु से विजय प्राप्त की, उसकी स्वर्गीय महिमा। । ।
कि ईश्वर की पवित्र मां, कभी वर्जिन मैरी, ने अपने सांसारिक जीवन के पाठ्यक्रम को पूरा कर लिया है, शरीर और आत्मा को स्वर्गीय महिमा में माना गया था।
"[एच] aving अपने पृथ्वी के जीवन के पाठ्यक्रम पूरा किया" संदिग्ध है; यह संभावना है कि मैरी उसकी धारणा से पहले मर नहीं सकती है। दूसरे शब्दों में, जबकि परंपरा ने हमेशा संकेत दिया है कि मैरी मर गई है, कैथोलिक कम से कम इस सिद्धांत की परिभाषा से बंधे नहीं हैं।
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रामगढ़ः रामगढ़ SDPO की पत्नी वर्षा श्रीवास्तव ने थाने में न्याय की गुहार लगाई तो एसडीपीओ किशोर कुमार रजक (SDPO Kishore Kumar Rajak) भी खुलकर सामने आए।
उन्होंने कहा कि जहां भी उनकी पत्नी किराए के मकान में या शरण लेकर रह रही हैं, वहां ना तो वे खुद गए हैं और ना किसी को भेजा है।
उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी हिंसक व्यवहार की हैं और उनके द्वारा मनगढ़ंत आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रामगढ़ के कुछ राजनेता, कुछ भूमाफिया, कुछ हिंदू संगठन के लोग और कुछ दलाल उन्हें अवैध फंडिंग कर रहे हैं।
उनका कहना है कि इसमें कुछ लोग उनकी पत्नी के साथ षड्यंत्र रच रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी मंशा उनको रामगढ़ से हटाने है।
जिसे लेकर उनलोगों ने उनकी पत्नी को 5 से 10 लाख का फंडिंग तक किया है, जिसका उनकी पत्नी ने उनके आवास में प्लांट कर उसका वीडियो बना ली है।
एसडीपीओ ने ये भी बताया कि उन्होंने अपने आवास के कोने-कोने का खोज कर लिया है। लेकिन पैसा अबतक नहीं मिला है। लिखित शिकायत उन्होंने एसपी प्रभात कुमार को भी दिया है।
उन लोगों की मंशा यह है कि मैं रामगढ़ एसडीपीओ के पद से हटा दिया जाऊं। लेकिन उन्हें न्याय पद्धति पर पूरा भरोसा है।
उन्होंने कहा कि जिन जिन स्थानों पर वर्षा श्रीवास्तव रही हैं उनमें से दो घरों के मालिकों का नंबर भी उनके पास है।
वहां पर जिस तरह का व्यवहार वर्षा श्रीवास्तव ने किया है , जिस तरीके का हिंसक माहौल वहां बनाया है, वहां के लोग खुद बयां करेंगे।
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जाह्नवी कपूर ने जुलाई में आई फिल्म 'धड़क' के साथ बॉलीवुड में डेब्यू किया. ईशान खट्टर फिल्म में उनके हीरो थे और शशांक खेतान ने फिल्म का डायरेक्शन किया था. इस फिल्म की रिलीज के कुछ दिनों बाद ही करण जौहर ने अपने एक सोशल मीडिया पोस्ट से ये कन्फर्म कर दिया कि जाह्नवी उनके बिग बजट फिल्म 'तख़्त' का हिस्सा होंगी. इसके बाद फिर खबरें आनी शुरू हो गई कि जाह्नवी धर्मा प्रोडक्शन की एक और बायोपिक फिल्म साइन करने जा रहीं है. ये खबर अब पक्की हो गई है. जाह्नवी कपूर बॉलीवुड में अपनी तीसरी फिल्म भी करण के साथ कर रही हैं.
फिल्म से जुड़े सुत्रों ने बताया, "जाह्नवी ने पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर दी है और अपनी कहानी को समझने और उसके व्यवहार को देखने के लिए गुंजन से मुलाकात की है. फिल्म के अगले साल फ्लोर्स पर जाने की उम्मीद है. जबकि करण फिल्म का निर्माण कर रहे हैं, निदेशक का नाम अभी फाइनल करना बाकी है. "
जाह्नवी की ये फिल्म भारतीय वायु सेना की पहली महिला हेलीकाप्टर पायलट गुंजन सक्सेना की ज़िन्दगी पर आधारित होगी. इस फिल्म में एक्ट्रेस पहली हेलीकाप्टर महिला पायलट गुंजन सक्सेना की भूमिका में दिखाई देंगी. कुछ दिनों पहले एक पिक्चर भी पब्लिश की गयी थी जिसमें जाह्नवी, गुंजन सक्सेना के साथ नज़र आ रहीं है.
गुंजन सक्सेना की ज़िन्दगी की कहानी काफी मज़ेदार और प्रेरणादायक हैं. वो भारतीय वायुसेना की पहली हेलीकाप्टर महिला पायलट हैं, जिन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान अपनी साथी लेफ्टिनेंट श्रीविदया राजन के साथ मिलकर कई घायल सैनिकों की जान बचायी थी.
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Noida: ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर और दादरी पुलिस ने चेकिंग के दौरान अंतरराज्यीय वाहन चोरों के दो गिरोह के सात बदमाशो को गिरफ्तार किया। ये गिरोह नोएडा और एनसीआर में वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे।
पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से पुलिस ने चोरी की कब्जे से चार मोटरसाइकिल, डंपर और बोलेरो बरामद किया हैं। बोलेरो में फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी। ये वाहन चोर चोरी कि गाडियो पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वाहनों को बेचते थे।
कोतवाली सूरजपुर पुलिस की गिरफ़्त में खड़े लक्ष्मण, मूलेंद्र, राहुल, लोकेश शर्मा और शिवम शर्मा को पुलिस टीम ने दुर्गा गोल चक्कर के पास मॉल के पीछे से गिरफ्तार किया है। ये आरोपी गिरोह बनाकर एनसीआर क्षेत्र में मोटरसाइकिल चोरी की घटना को अंजाम देते थे। इनके कब्जे से चोरी की चार स्पलेन्डर मोटर साइकिल बरामद हुई हैं।
वाहन चोरों के दूसरे गैंग का पर्दाफाश कोतवाली दादरी पुलिस ने किया है. एडिशनल डीसीपी विशाल पांडे ने बताया कि दादरी पुलिस की टीम नई बस्ती बैरगपुर पेरिफेरल पुल के नीचे वाहनों की चेकिंग के दौरान इस गिरोह दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी शातिर बदमाश हैं। आरोपी पहले भी लूट और चोरी के मामले में जेल जा चुके हैं। इनके कब्जे से डंपर और बुलेरो बरामद हुई है। बोलेरो में फर्जी नंबर प्लेट लगी थी। आरोपियों की पहचान आहिब और सचिन के रूप में हुई है।
दोनों को दादरी की नई बस्ती बैरगपुर पेरिफेरल पुल के नीचे से गिरफ्तार किया गया है। दादरी थाने में डंपर चोरी का केस एक नवंबर को दर्ज हुआ था। ये वाहन चोर चोरी कि गाडियो पर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वाहनों को बेचते थे।
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भारत और चीन में पिछले दो साल से पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के बीच चीन के विदेश मंत्री वांग यी अचानक भारत दौरें पर पहुंचे हैं।
भारत दौरे पर आई ब्रिटेन की विदेश मंत्री लिजा ट्रस ने शनिवार दिल्ली से मुंबई पहुंच कर कहा कि मेरी यात्रा का उद्देश्य ब्रिटेन की हिंद प्रशांत क्षेत्र में रणनीति के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ मजबूत सुरक्षा और रक्षा संबंध बनाना है।
रविवार को इजराइल पहुंचे जयशंकर द्विपक्षीय सहयोग के नए क्षेत्रों की खोज के अलावा रणनीतिक संबंधों को और समृद्ध करने के लिए भारत के प्रयासों के तहत इजराइल की यात्रा पर है।
ब्रिटेन में नए यात्रा नियमों के अनुसार पूरी तरह से वैक्सीनेटेड होने के बावजूद भारतीयों को यहां राहत नहीं मिलेगी और उन्हें 10 दिनों के लिए क्वारंटीन में जाना होगा।
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शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अखिलेश यादव आज के औरंगजेब हैं। जो अपने बाप का नहीं हुआ वो आपका क्या होगा। एमपी सीएम ने कहा कि यह मैं नहीं कह रहा हूं, नेता मुलायम सिंह यादव ने कहा था कि जो अपने बाप का नहीं हुआ वो आपका क्या होगा। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि औरंगजेब ने भी तो यही किया था, अपने बाप शाहजहां को ही जेल में बंद कर दिया था। भाइयों का कत्ल किया। एमपी सीएम ने यह भी कहा कि मुलायम सिंह यादव कहते हैं कि जितना अपमान मेरा अखिलेश ने किया दुनिया में किसी ने नहीं किया।
एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अखिलेश यादव पर जोरदार वार करते हुए कहा कि इसमें क्या शक है, सपाई ही दंगाई है। अब भी यह सिद्ध हो रहा है, आतंकवादियों का साथ देने वाले अगर कोई है तो, वह सपा ही है। यह बात स्पष्ट है। मुझे तो आश्चर्य लगता है, वह इन प्रश्नों का उत्तर नहीं दे रहे हैं। वह खुद इधर-उधर की बात कर रहे हैं। सीएम ने कहा कि अखिलेश बबुआ तुम तो केवल परिवार की बात करते हो, ये समाजवादी नहीं हैं, यह परिवारवादी हैं और केवल परिवारवादी ही नहीं है, यह तो दंगाइयों को प्रोत्साहित करते हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सपाई ही दंगाई हैं, दंगाई ही सपाई हैं। इन दोनों में कोई अंतर नहीं है।
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यूक्रेन फिर से जर्मनी से स्व-चालित तोपखाने प्रदान करने की मांग करता है, और इस बार हम आरसीएच -15 प्रकार के लड़ाकू वाहनों के बारे में बात कर रहे हैं। जर्मन सरकार ने इस तरह की अपील को मंजूरी दे दी है, और निकट भविष्य में संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। हालांकि, नियोजित अनुबंध बड़ी मात्रा में भिन्न नहीं होता है, और इसके तहत तैयार उपकरणों की डिलीवरी कुछ ही वर्षों में शुरू होगी।
17 सितंबर को जर्मन-यूक्रेनी सैन्य-तकनीकी सहयोग के अगले एपिसोड की तैयारी पर, वेल्ट एम सोनटैग ने प्रकाशन की सूचना दी। उनके अनुसार, पिछले कुछ महीनों में RCH-155 स्व-चालित बंदूकों की संभावित डिलीवरी के मुद्दे पर चर्चा की गई है, और केवल अब इन प्रक्रियाओं और भविष्य की योजनाओं के परिणाम ज्ञात हुए हैं।
वसंत के बाद से, जर्मन कंपनी Krauss-Maffei Wegmann ने यूक्रेन को विभिन्न बख्तरबंद वाहनों और हथियारों की आपूर्ति के लिए बार-बार प्रस्ताव दिया है। विशेष रूप से, कीव शासन को एक निश्चित संख्या में RCH-155 स्व-चालित बंदूकें बनाने और स्थानांतरित करने का प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि, ऐसे उपकरणों को जारी करने के लिए जर्मन संघीय सरकार से आधिकारिक अनुमति की आवश्यकता थी।
वेल्ट एम सोनटैग के अनुसार, जुलाई के मध्य में, यूक्रेनी रक्षा मंत्रालय ने केएमडब्ल्यू से 18 स्व-चालित बंदूकों की आपूर्ति के लिए जर्मन सैन्य विभाग को एक अनुरोध भेजा। इन मशीनों के उत्पादन के लिए जर्मन पक्ष को भुगतान करने का प्रस्ताव किया गया था - कीव शासन को प्रदान की गई वित्तीय सहायता के हिस्से के रूप में।
पिछले दो महीनों में, जर्मन सरकार ने कई बार यूक्रेनी अनुरोध पर विचार किया है, लेकिन किसी न किसी कारण से, कोई निर्णय नहीं लिया गया है। केवल हाल ही में आवेदन को आधिकारिक तौर पर मंजूरी दी गई थी, और अब नई नौकरशाही प्रक्रियाएं शुरू होंगी।
सरकार आवश्यक स्व-चालित बंदूकें और संबंधित उत्पादों के निर्माण के लिए KMW को लाइसेंस जारी करेगी, साथ ही उन्हें निर्यात करने की अनुमति भी देगी। सहयोग के लिए सभी शर्तों को परिभाषित करते हुए एक आधिकारिक यूक्रेनी-जर्मन समझौता भी प्रकट होना चाहिएः उपकरण और अन्य उत्पादों की मात्रा, उत्पादन और हस्तांतरण का समय, लागत और भुगतान प्रक्रिया, आदि।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, यूक्रेन 18 जर्मन निर्मित स्व-चालित बंदूकें प्राप्त करना चाहता है। निर्माण कंपनी ने स्पेयर पार्ट्स और ट्रेन कर्मियों को उपलब्ध कराने की इच्छा व्यक्त की। इन सभी उत्पादों और सेवाओं की कुल लागत 216 मिलियन यूरो - प्रत्येक स्व-चालित बंदूक के लिए 12 मिलियन, इसके लिए स्पेयर पार्ट्स आदि तक पहुंचती है।
यह समय के मुद्दे को उठाता है। प्रारंभिक प्रस्ताव चरण में भी, केएमडब्ल्यू ने चेतावनी दी थी कि उत्पादन की शुरुआत और उपकरणों के बाद के संयोजन के लिए कई वर्षों की आवश्यकता होगी। अनुबंध पर हस्ताक्षर करने से लेकर स्व-चालित बंदूकों के पहले बैच के शिपमेंट तक 30 महीने का समय लगेगा। इस प्रकार, यदि दस्तावेज़ पर अभी हस्ताक्षर किए गए हैं, तो मार्च 2025 में ही स्व-चालित बंदूकें यूक्रेन को सौंप दी जाएंगी। समझौते को तैयार करने और हस्ताक्षर करने के चरण में किसी भी देरी से डिलीवरी की शुरुआत में एक समझने योग्य बदलाव होगा।
RCH-155 ACS, AGM (आर्टिलरी-गेस्चुट्ज़-मोडुल या आर्टिलरी गन मॉड्यूल) परियोजना के परिणामों में से एक है, जिसे 155 के दशक की शुरुआत से KMW में बनाया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य XNUMX मिमी की बंदूक, गोला-बारूद की आपूर्ति और अग्नि नियंत्रण के साथ एक एकीकृत लड़ाकू मॉड्यूल विकसित करना था। इस तरह के मॉड्यूल को अलग-अलग चेसिस पर लगाने और समान अग्नि विशेषताओं के साथ अलग-अलग स्व-चालित बंदूकें प्राप्त करने की योजना बनाई गई थी।
PzH 2000 सीरियल सेल्फ प्रोपेल्ड गन के विकास और घटकों के व्यापक उपयोग के साथ बनाया गया AGM मॉड्यूल, पहली बार 2004 में प्रदर्शित किया गया था। जल्द ही, 2005-2006 में। उत्पाद का क्षेत्र परीक्षण किया गया है। यह उच्च अग्नि प्रदर्शन प्राप्त करने और मौजूदा एनालॉग्स पर लाभ प्रदर्शित करने के बारे में बताया गया था।
2008 में, विकास कंपनी ने पहली बार एजीएम मॉड्यूल के साथ एक पूर्ण स्व-चालित बंदूकें पेश कीं। टावर को ASCOD 2 पैदल सेना से लड़ने वाले वाहन से फिर से डिज़ाइन किए गए ट्रैक किए गए चेसिस पर स्थापित किया गया था। परिणामी नमूना, जिसे डोनर कहा जाता है, को बार-बार प्रदर्शनियों में दिखाया गया था। परीक्षण भी किए गए, जिसके दौरान चेसिस और लड़ाकू मॉड्यूल की पूर्ण संगतता की पुष्टि करना संभव था।
एक ट्रक पर आधारित स्व-चालित बंदूकों का एक सरलीकृत संस्करण प्रस्तावित किया गया था। इस मामले में, एजीएम मॉड्यूल इवेको फोर-एक्सल चेसिस पर स्थापित किया गया था। यह एक अलग आधार पर समान स्व-चालित बंदूकें बनाने की मौलिक संभावना के बारे में बताया गया था।
2014 में, उन्होंने बॉक्सर पहिएदार चेसिस पर आधारित स्व-चालित बंदूकें पेश कीं। इस मामले में, स्वचालन की बढ़ी हुई डिग्री के साथ एक संशोधित एजीएम मॉड्यूल का उपयोग किया गया था। यह नमूना था जिसे पदनाम RCH-155 (रिमोट कंट्रोल्ड हॉवित्जर 155 मिमी) प्राप्त हुआ था। दसवें वर्षों के अंत में, ऐसी स्व-चालित बंदूक ने आवश्यक परीक्षण पास किए। इन घटनाओं के दौरान, उच्च पहिया चेसिस की ताकत और स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया गया था।
इसके उपयोग के साथ एजीएम मॉड्यूल और स्व-चालित बंदूकें नियमित रूप से सभी प्रमुख विदेशी प्रदर्शनियों में प्रदर्शित की जाती हैं और आगंतुकों का ध्यान आकर्षित करती हैं। हालांकि, अभी तक ऐसे उपकरणों के ऑर्डर नहीं मिले हैं। यहां तक कि बुंदेसवेहर को भी जर्मन विकास में कोई दिलचस्पी नहीं थी। नतीजतन, यूक्रेन आरसीएच-155 और एजीएम के लिए पहला ग्राहक है। क्या ऐसे उपकरणों के लिए नए अनुबंध का पालन होगा अज्ञात है।
RCH-155 स्व-चालित बंदूकें फोर-एक्सल बॉक्सर चेसिस पर आधारित हैं। इसके संस्करण का उपयोग डबल कंट्रोल कम्पार्टमेंट और पेलोड स्थापित करने के लिए एक स्टर्न प्लेटफॉर्म के साथ किया जाता है। स्व-चालित बंदूक का मुकाबला वजन 39 टन से अधिक नहीं है, जिसमें से 12,5 टन एजीएम मॉड्यूल के लिए जिम्मेदार है। 815 hp के इंजन की मदद से। राजमार्ग पर गति 100 किमी / घंटा से कम नहीं है।
चेसिस के पिछले हिस्से में एक एजीएम कॉम्बैट मॉड्यूल स्थित है। यह हथियारों और संबंधित प्रणालियों के साथ एक बड़ा बख्तरबंद टॉवर है। मॉड्यूल का डिज़ाइन -2,5° से +65° तक वृत्ताकार क्षैतिज मार्गदर्शन और उन्नयन कोण प्रदान करता है। यह आरोप लगाया जाता है कि स्व-चालित बंदूकें रॉकिंग और कैप्सिंग के जोखिम के बिना बाद में आग लगा सकती हैं। उसी समय, ग्राहक के अनुरोध पर, एक अतिरिक्त स्थिरीकरण प्रणाली स्थापित करना संभव है।
एजीएम का मुख्य हथियार 155 मिमी राइफल वाला होवित्जर है जिसकी बैरल लंबाई 52 klb है। मॉड्यूलर पाउडर चार्ज के साथ अलग लोडिंग शॉट्स का उपयोग किया जाता है। ऑटोलैडर में 30 राउंड और 144 मॉड्यूल होते हैं; बैरल में गोला-बारूद की आपूर्ति मानवीय हस्तक्षेप के बिना की जाती है। आग की दर 9 rds / मिनट तक है। एक पारंपरिक प्रक्षेप्य की अधिकतम फायरिंग रेंज 30 किमी से अधिक है; सबसे उन्नत सक्रिय-प्रतिक्रियाशील लोगों के लिए, यह 54 किमी तक पहुंचता है।
एसीएस चालक दल में केवल दो लोग होते हैं। कमांडर-ऑपरेटर नियंत्रण विभाग में एक स्वचालित वर्कस्टेशन का उपयोग करके लड़ाकू मॉड्यूल को पूरी तरह से नियंत्रित करता है। उसी समय, एजीएम मॉड्यूल में एक अतिरिक्त नियंत्रण पोस्ट होता है। अग्नि नियंत्रण प्रणाली में नेविगेशन एड्स, एक बैलिस्टिक कंप्यूटर, विभिन्न सेंसर, सहित शामिल हैं। एक रडार प्रक्षेप्य वेग मीटर, साथ ही नियंत्रित फ़्यूज़ के साथ काम करने के लिए एक प्रोग्रामर।
घोषित विशेषताओं और क्षमताओं के दृष्टिकोण से, जर्मन ACS RCH-155 एक सफल और आधुनिक मॉडल है। यह सिद्ध घटकों और प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके बनाया गया है, और नवाचारों से उच्च तकनीकी जोखिम नहीं होते हैं। इसी समय, पर्याप्त रूप से उच्च लड़ाकू विशेषताएं प्रदान की जाती हैं, और इस संबंध में, एजीएम, कम से कम, अन्य आधुनिक तोपखाने प्रणालियों से नीच नहीं है।
हालांकि, जैसा कि अभ्यास से पता चलता है, एजीएम मॉड्यूल और इसके साथ स्व-चालित बंदूकें बाजार में लोकप्रिय नहीं हैं। फाइटिंग कंपार्टमेंट के पहले प्रदर्शन के बाद से 18 साल बीत चुके हैं, KMW को एक भी फर्म ऑर्डर नहीं मिला है। इसके सटीक कारण अज्ञात हैं। संभवतः, संभावित ग्राहक घोषित प्रदर्शन विशेषताओं से आकर्षित होते हैं, लेकिन सिस्टम की उच्च जटिलता और लागत से पीछे हट जाते हैं।
इसके अलावा, RCH-155 पर अन्य दावे किए जाते हैं। सबसे पहले, इस तरह की स्व-चालित बंदूक की स्थिरता जब उबड़-खाबड़ इलाकों में गाड़ी चलाते समय और साइड सेक्टर में फायरिंग करते समय संदेह पैदा करती है। विकास कंपनी इस तरह के संदेह को खारिज करती है और मशीन की स्थिरता के बारे में बात करती है, और अतिरिक्त उपाय भी प्रदान करती है।
हालांकि, मौजूदा स्थिति में एक संभावित यूक्रेनी आदेश के आसपास, लागत और तकनीकी विशेषताएं मुख्य समस्या नहीं हैं। प्रश्न आवश्यक मात्रा और उपकरणों की डिलीवरी की बताई गई शर्तों के कारण होते हैं। इसलिए, यूक्रेनी पक्ष 18 आयातित स्व-चालित बंदूकें चाहता है। यह केवल कुछ इकाइयों को लैस करने के लिए पर्याप्त है, और जमीनी तोपखाने को बहाल करने की कोई बात नहीं है। एक ही समय में, इतने सारे वाहन शहरों और नागरिक वस्तुओं को गोलाबारी करने के लिए पर्याप्त हैं। इस मामले में, कोई भी प्रक्षेप्य बहुत नुकसान करता है, और स्व-चालित बंदूकों की संख्या अब ज्यादा मायने नहीं रखती है।
हालांकि, KMW अभी तक रेडीमेड RCH-155 उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है। सिर्फ 18 सेल्फ प्रोपेल्ड गन का प्रोडक्शन और असेंबली शुरू होने में ढाई साल लगेंगे। डिलीवरी 2025 के वसंत से पहले शुरू नहीं हो पाएगी। क्या वे उस समय तक प्रासंगिक होंगे या नहीं यह एक बड़ा सवाल है। यह संभावना है कि वर्तमान कीव शासन के पास वांछित स्व-चालित बंदूकें प्राप्त करने का समय नहीं होगा।
इस प्रकार, विदेशी साझेदार फिर से यूक्रेन को उन्नत हथियारों का वादा करते हैं, लेकिन उनकी डिलीवरी के लिए इंतजार करना होगा। RCH-155 स्व-चालित बंदूकों के मामले में, इस तरह की प्रतीक्षा 30 महीने तक चलेगी - उस समय की गिनती नहीं करना जो अब शेष सभी अनुमोदनों और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने पर खर्च किया जाएगा। इस मामले में, हम बख्तरबंद वाहनों के एक छोटे बैच के बारे में बात कर रहे हैं, जो तत्काल शिपमेंट के साथ भी सामान्य स्थिति को प्रभावित नहीं कर सका।
हालाँकि, RCH-155 के अनुबंध के आसपास की स्थिति जर्मन पक्ष के लिए काफी उपयुक्त है। अधिकारियों ने यूक्रेन की मदद के लिए धन आवंटित किया है, और एक बड़ी राशि उनके जर्मन निर्माता को जाएगी। KMW, बदले में, एक आकर्षक अनुबंध प्राप्त करता है। इसके अलावा, उसके पास अपनी स्व-चालित बंदूकों का विज्ञापन करने के अवसर हैं, जो अभी तक ग्राहकों के बीच लोकप्रिय नहीं हैं। और क्या इस तकनीक के सामने आने का समय होगा, यह इतना महत्वपूर्ण नहीं है।
- लेखकः
- इस्तेमाल की गई तस्वीरेंः
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Power Cut: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। इंदौर में बिजली कंपनी की मनमानी और अघोषित कटौती का दौर जारी है। भंवरकुआं क्षेत्र, खंडवा रोड, बिलावली, लिंबोदी से लेकर तेजाजी नगर क्षेत्र तक मंगलवार सुबह से शाम तक बिजली गुल रही। क्षेत्र की करीब 25 कालोनियों में सुबह 7 बजे से बिजली सप्लाई बंद थी। कुछ क्षेत्रों में शाम 4 बजे आपूर्ति बहाल हुई, जबकि कुछ इलाकों में पांच बजे बाद तक बिजली का इंतजार होता रहा। क्षेत्र के हजारों घरों में लोग परेशान होते रहे। बिजली कंपनी के काल सेंटर 1912 पर शिकायतें दर्ज नहीं हुई। बिजली कंपनी ने ठीकरा नगर निगम पर फोड़ दिया।
भंवरकुआं क्षेत्र के भोलाराम उस्ताद मार्ग, ब्रह्मपुरी और आसपास की कालोनियों के साथ तक्षशिला कैंपस, विवि स्टाफ आवासीय परिसर, आइटी पार्क क्षेत्र, खंडवा रोड, कृष्णोदय नगर, श्रीयंत्र नगर, गणेश नगर, संत नगर, एकता नगर, कामधेनु पैलेस, रानीबाग और लिंबोदी क्षेत्र की करीब 10 कालोनियों में भी सुबह 7 बजे से बिजली गुल थी। इससे पहले भंवरकुआं क्षेत्र में सोमवार को भी चार घंटे तक बिजली सप्लाई बंद रही थी।
विद्युत नियामक आयोग के नियमों के अनुसार पोल शिफ्टिंग, मेंटेनेंस और सुधार जैसे किसी काम के लिए अगर बिजली कंपनी को आपूर्ति बंद करना हो तो उपभोक्ताओं को पूर्व सूचना देना होती है। हालांकि, लंबी कटौती के लिए बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं तक कोई सूचना नहीं पहुंचाई। काल सेंटर पर शिकायतें दर्ज नहीं हुई। जब लोगों ने जोन के इंजीनियरों और कर्मचारियों को फोन लगाया तो पता चला कि दोपहर 12 बजे आपूर्ति बहाल हो सकेगी। हालांकि, दोपहर 12 बजे भी बिजली नहीं लौटी। बाद में बिजली कंपनी के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अवधेश शर्मा से उपभोक्ताओं ने फोन लगाकर जानकारी मांगी तो उन्होंने कह दिया कि बिजली कंपनी के हाथ में कुछ नहीं है नगर निगम का काम चल रहा है। नगर निगम ही जानकारी देगा कि बिजली आपूर्ति कब बहाल होगी।
बिजली कंपनी 10 दिनों से इंदौर के अलग-अलग हिस्सों में लगातार घंटों कटौती कर रही है। पहले कंपनी कटौती को लेकर सार्वजनिक सूचना जारी करती रही है। हालांकि, आठ महीनों पहले बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को छपे हुए बिल भेजना बंद किया। अब बिजली कटौती की सार्वजनिक सूचना जारी करना भी बंद कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार, बिजली कंपनी के मुख्यालय से बिल बंद करने की तर्ज पर ही मौखिक आदेश जारी कर मांग और आपूर्ति का अंतर कम करने के लिए अघोषित कटौती के निर्देश दिए गए हैं। इसीलिए कंपनी कटौती की सार्वजनिक सूचना भी जारी नहीं कर रही। कटौती को कंपनी के सिस्टम पर दर्ज नहीं करते हुए बिजली कंपनी हर दिन 24 घंटे में से औसतन 23 घंटे 54 मिनट तक आपूर्ति का दावा कर रही है।
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धारचूला विधानसभा के मोरी-मनकोट में गोरी नदी किनारे ट्राली न होने से 1500 से अधिक लोग परेशान हैं। सबसे अधिक दिक्कत स्कूली बच्चों को उठानी पड़ रही है। ट्राली न होने से बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए सात किमी अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है।
सोमवार को मवानी-दवानी की ग्राम प्रधान मुन्नी देवी के नेतृत्व में ग्रामीणों ने डीएम रीना जोशी को ज्ञापन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में आपदा के दौरान नदी पर बना पुल बह गया। वर्ष 2016 में पुल निर्माण की कवायद शुरू हुई, लेकिन चार साल बाद भी पुल नहीं बना। वर्ष 2020 में फिर से आपदा आई ओर निर्माणाधीन पुल को बहा ले गई। कहा कि अब तक न तो पुल बना और न ही नदी में आवाजाही के लिए प्रशासन ने ट्राली लगाई। नदी पार करने का कोई साधन न होने से मल्ला मनकोट, तल्ला मनकोट, भ्यूला, घांघली के लोग परेशान हैं। गांव के 50 स्कूली बच्चों को जीआईसी बगीचा-बगड़ व बरम तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त पैदल दूरी तय करनी पड़ रही है। लोगों ने प्रशासन से गोरी नदी के बीच पुलिया बनने तक ट्राली का निर्माण करने की मांग की है।
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Amazon Great Indian Festival Smartphone Deal : इकॉमर्स प्लेटफॉर्म ऐमेज़ॉन अपने ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल के दौरान सैमसंग गैलेक्सी के एम सीरीज स्मार्टफोन पर भारी डिस्काउंट दे रहा है।
Amazon Great Indian Festival 2022 : त्योहारों के सीजन में हर वर्ष इकॉमर्स प्लेटफॉर्म अपने ग्राहकों के लिए एक बड़ा से लेकर आते हैं। प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी ग्लोबल इकॉमर्स प्लेटफॉर्म अमेजॉन ने भारत में दिवाली से पहले अपने ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल का आगाज कर दिया है इस दौरान आप अपने पसंदीदा गैजेट को काफी किफायती कीमत में खरीद सकते हैं। इस साल Amazon Great Indian Festival Sale की शुरुआत 23 सितंबर से हुआ है जो 30 सितंबर तक जारी रहेगा। इस सेल में सभी कंपनियों के स्मार्टफोंस बड़ी छूट के साथ उपलब्ध है जिसमें Samsung के स्मार्टफोन पर सबसे बड़ी डील मिल रही है। इस सेल में Samsung Galaxy M Series के फोन सिर्फ 8,499 रुपये की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध हैं। सैमसंग एम सीरीज के स्मार्टफोन काफी बेहतरीन स्पेसिफिकेशंस के साथ आते हैं फिर चाहे इसमें 6000mAh की बड़ी बैटरी, बेहतरीन फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए 108-मेगापिक्सल तक का कैमरा, 16GB रैम और 6 इंच से अधिक बड़े की बात हो। आइए जानते हैं अमेजॉन फेस्टिवल सेल के दौरान सैमसंग एम सीरीज स्मार्टफोन की खरीदारी पर आप कितने रुपए तक कि बचत कर सकते हैं।
Samsung Galaxy M13 4G और 5G स्मार्टफोन दमदार हार्डवेयर से लैस है। स्मार्टफोन में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए 50 मेगापिक्सल का शानदार कैमरा दिया गया है वहीं, लंबे बैटरी बैकअप के लिए यह 6000mAh तक की शक्तिशाली बैटरी के साथ आता है। इसके अलावा इसमें सुपर-फास्ट 90Hz ताज़ा दर के साथ 6. 6 "इमर्सिव FHD + और HD + स्क्रीन डिस्प्ले तथा एक विशाल 12GB रैम, रैम प्लस फीचर्स के साथ दिया गया है। Samsung Galaxy M13 4G और 5G स्मार्टफोन के मूल कीमत की बात करें तो यह क्रमशः 14,999 रुपये और 16,999 रुपये है। हालांकि अमेजॉन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल के दौरान आप Samsung Galaxy M13 4G को 8,499 रुपये में खरीद सकते हैं जबकि Samsung Galaxy M13 5G 10,999 रुपये में बिक्री के लिए उपलब्ध है।
Amazon Great Indian Festival Sale 2022 ले दौरान Samsung Galaxy M53 भी काफी किफायती कीमत पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। यह स्मार्टफोन 6. 7" sAMOLED+ डिस्प्ले के साथ आता है। डिस्प्ले 120Hz रिफ्रेश रेट और गोरिल्ला ग्लास 5 प्रोटेक्शन के साथ आता है। यह डिस्प्ले सेटअप फिल्म देखने तथा गेम खेलने के दौरान एक बेहतरीन ग्राफिक एक्सपीरियंस देते हैं। साथ ही गोरिल्ला ग्लास प्रोटेक्शन के कारण गिरने की स्थिति में डिस्प्ले की टूटने की संभावना काफी कम होती है। यह हैंडसेट एक शक्तिशाली 6nm Mediatek डाइमेंशन 900 प्रोसेसर द्वारा संचालित है जो हैवी एप्स को काफी आसानी से रन करा सकता है और आपको मल्टीटास्किंग करने में भी किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। वहीं, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए इस स्मार्टफोन में 108-मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा दिया गया है सेल्फी के लिए स्मार्टफोन 32-मेगापिक्सल के कैमरे से लैस है। लांच के समय मूल रूप से इसकी कीमत 32,999 रुपये थी, यह अब अमेज़न ग्रेट इंडियन फेस्टिवल में सिर्फ 19,999 रुपये में उपलब्ध है।
Samsung Galaxy M33 5G फोन अमेज़न ग्रेट इंडिया फेस्टिवल में सिर्फ 11,999 रुपये की कीमत में बिक्री के लिए उपलब्ध है। हालांकि इस स्मार्टफोन की मूल कीमत 24,999 रुपये है। स्मार्टफोन भी बेहतरीन स्पेसिफिकेशन के साथ आता है इसमें 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ 6. 6-इंच FHD+ डिस्प्ले है जो आपको बेहतरीन ग्राफिक एक्सपीरियंस देता है इस स्मार्टफोन में वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए 50-मेगापिक्सल का रीयर कैमरा सेटअप दिया गया है। वहीं, इस स्मार्टफोन का उपयोग बैटरी ड्रेनेज की चिंता किए बगैर लंबे वक्त कर सकें इसके लिए इसमें 6000mAh की बैटरी दी गई है। इसके अलावा यह Exynos 1280 SoC ऑक्टा-कोर प्रोसेसर से लैस है जो हैवी एप्प्स को रन कराने तथा तेजी से मल्टीटास्किंग करने में सक्षम है।
Samsung Galaxy M32 Prime Edition डिवाइस को आप अमेजॉन ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल के दौरान इसकी मूल कीमत 16,999 रुपये में नहीं, बल्कि 10,499 रुपये में खरीद सकते हैं। यह डिवाइस 6. 4-इंच FHD+ sAMOLED डिस्प्ले के साथ 90Hz रिफ्रेश रेट और 6000mAh की बैटरी के साथ आता है। जिस पर आप बेहतरीन ग्राफिक एक्सपीरियंस के साथ बैटरी ड्रेनेज की चिंता किए बगैर लंबे वक्त तक अपने पसंदीदा वेब शो या मूवी देखने तथा गेम खेलने का आनंद ले सकते हैं।
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।ग्राम क्रमांक :
।ग्राम का नाम :
।तहसील :
।जनपद :
।फसली वर्ष :
।भाग :
।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.)
।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद )
।1क(क) - रिक्त ( नदारद )
।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद )
।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो। ( नदारद )
।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद )
।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद )
।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद )
।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद )
।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद)
।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद )
।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद )
।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद )
।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद )
।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद )
।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि।
।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद )
।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद )
।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद )
।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि ।
।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो।
।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो ।
।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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वीर अर्जुन संवाददाता देहरादून। कांगेस के पदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने दावा करते हुए कहा कि ओएनजीसी "sका कर्मचारियों के वेतन में 35 फीसदी बढ़ोत्तरी होगी। इससे उनके जीवन स्तर में सुधार देखने को मिलेगा। कांगेस भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान श्री धस्माना ने कहा कि "sका कर्मचारियों के वेतन बढ़ोत्तरी की मांग को लेकर उत्तराखण्ड "sका कर्मचारी संघ का एक पतिनिधिमंडल ओएनजीसी के पशासनिक महापबंधक देश दीपक मिश्रा से मिला और उनसे वेतन बढ़ोत्तरी की मांग की। धस्माना ने बताया कि ओएनजीसी के विभिन्न विभागों में साढ़े सात सौ कर्मचारी "sका पथा के तहत पिछले 20 वर्षों से कार्य कर रहे हैं। उनकी अंतिम बार वेतन बढ़ोत्तरी 2001 में की गई थी। उसके बाद अभी तक वेतन वृद्वि नहीं की गई है। जिसके चलते कर्मचारियों के समक्ष आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है। उन्होंने बताया कि ओएनजीसी ने "sका कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान और वेतन वृद्वि का आश्वासन दिया है। धस्माना ने बताया कि अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि ओएनजीसी का मुख्यालय दून से स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। इसके अन्य अंग जैसे मैटिरियल मैनेजमेंट का मुख्यालय भी दून में ही रहेगा। उन्होंने कहा कि पदेश सरकार भी "sका पथा पर कार्यरत श्रमिकों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रही है ताकि उनकी क"िन जीवनशैली को आसान किया जा सके।
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डिपंल ने बताया कि ऐसा उनके साथ एक ऑडिशन के दौरान हुआ था।
उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरे साथ गंदी बातें कीं। मुझे छूने की कोशिश की। यहां तक कि अपनी अगली फिल्म हाउसफुल में काम के एवज में उन्होंने मुझे अपने सामने कपड़े भी उतारने को कहा। "
अपने पोस्ट के आखिर में डिंपल लिखती हैं, "भगवान जाने ऐसा उन्होंने कितनी लड़कियों के साथ किया होगा। मैं सहानुभूति पाने के लिए यह सब नहीं लिख रही हूं। मैं ऐसा इसलिए कर रही हूं क्योंकि मुझे एहसास हुआ है कि इसने मुझे काफी बुरी तरीके से प्रभावित किया है और मेरे पास बताने का उस वक्त कोई चारा नहीं था, लेकिन अब यह सही समय है। ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे डाल देना चाहिए, न सिर्फ कास्टिंग काउच के चलते बल्कि ये लोगों को अपने इशारों पर चलाते हैं और उनसे उनके सपने छीन लेते हैं। हालांकि मैं वहीं नहीं रूकी। हां, इस पर चुप रहकर मैंने गलत किया। "
पोस्ट के कैप्शन में डिंपल लिखती हैं, "इससे पहले कि लोकतंत्र की हत्या हो जाए और अभिव्यक्ति की आजादी न रहे, मुझे लगा कि मुझे बोलना चाहिए। "
इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स ने उन्हें आड़े हाथों ले लिया।
एक ने लिखा, "यह सीरियल मॉलेस्टर अब तक जेल में क्यों नहीं है। हैशटैगअरेस्ट साजिदखान। "
किसी और यूजर ने लिखा, "यह आदतन यौन अपराधी है। इसे सलाखों के पीछे रहना चाहिए। ट्विटर को ऐसे दानवों के लिए ब्लू टिक की जगह रेड टिक का बंदोबस्त करना चाहिए। हैशटैगअरेस्ट साजिदखान। "
साजिद की इस पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
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आप सभी जानते ही हैं कि कुछ फिल्में और किस्से ऐसे होते हैं जिन्हें हम और देखना चाहते हैं या फिर चाहते हैं कि ये सुनने व देखने को मिले. ऐसे में ऐसा ही कुछ हुआ टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी दहिया के साथ. अब आप सोच रहे होंगे कि क्या. . ? तो आइए हम आपको बताते हैं. जी दरअसल दिव्यांका ने हाल ही में अनुराग बसु की फिल्म जग्गा जासूस देखी और उसके बाद दिव्यांका त्रिपाठी की इच्छा हुई कि इस फिल्म में मौजूद कैटरीना कैफ और रणबीर कपूर की जोड़ी को वह दोबारा देखें.
जी हाँ, वह कटरीना और रणबीर को दोबारा साथ देखना चाहती है हालाँकि अब दोनों ने एक दूजे के साथ काम करने से इंकार कर दिया है. आप सभी को बता दें कि हाल में ही दिव्यांका त्रिपाठी ने अनुराग बसु द्वारा निर्देशित म्यूजिकल जग्गा जासूस फिल्म देखी. जिसके बाद दिव्यांत्रा त्रिपाठी ने अपने विचार फिल्म को लेकर ट्विटर पर व्यक्त किए है जिसमे उन्होंने लिखा है, 'Just happened to watch #JaggaJasoos. . . Such a beautiful musical. Not commercial. . . a complete art piece. I would love to see its part two some day. @basuanurag'
आप सभी को बता दें कि वह एक टीवी एक्ट्रेस हैं और जल्द ही वेब सीरीज कोल्ड लस्सी और चिकन मसाला' में नजर आने वाली हैं. उन्होंने इन दिनों आप सभी एकता कपूर के सीरियल ये है मोहब्बतें में देख रहे होंगे जिसमे उनके इशिता भल्ला के नाम से जाना जाता है.
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(www. arya-tv. com)उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ कथित बलात्कार और उसकी मौत के बाद योगी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर है। बीते शनिवार से राहुल-प्रियंका गांधी और उसके बाद रविवार को सपा, रालोद और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर रावण ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। फिलहाल, पीड़िता का बूलगढ़ी गांव सियासी पार्टियों के लिए एक तरह का टूरिज्म स्थल बन गया है। सोमवार को आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में होनी चाहिए।
संजय सिंह पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस बीच, एक अज्ञात शख्स ने पीएफआई के दलालों वापस जाओ का नारा लगाते हुए संजय सिंह पर स्याही फेंक दी। युवक को हिरासत में ले लिया गया है। आप कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ये भाजपा ने कराया है। आरोपी युवक का नाम दीपक शर्मा बताया जा रहा है। आप कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू किया तो पुलिस ने बल प्रयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया है।
सांसद संजय सिंह के साथ दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री राजेंद्र पाल, पंजाब के नेता प्रतिपक्ष हरपाल चीमा, विधायक रेखा बिड़ला बूलगढ़ी गांव पहुंची थीं। इससे पहले गांव के बाहर बैरिकेडिंग पर सभी को पुलिस ने रोक लिया। इस पर आप कार्यकर्ताओं ने पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी की आवाज को पुलिस की लाठियों से दबाने की एक और कोशिश की गई है। गैंगरेप पीड़ित का परिवार डरा-सहमा महसूस कर रहा है। दुख के समय में पूरी तरह से हम परिवार के साथ खड़े हैं।
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नयी दिल्ली, 13 नवंबर 14 नवंबर की तारीख इतिहास में स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। इस दिन को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
14 नवंबर 1889 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में जन्में जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से खासा लगाव था और बच्चे उन्हें "चाचा नेहरू" कहकर पुकारते थे। भारत में 1964 से पहले तक बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्मदिन अर्थात 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया। कई देशों में एक जून को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। कुछ देश संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के अनुरूप 20 नवंबर को बाल दिवस मनाते हैं।
1681 : ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल को एक अलग रियासत बनाने का ऐलान किया।
1889 : स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जन्म।
1922 : ब्रिटिश ब्राडकास्टिंग कोरपोरेशन (बीबीसी) ने ब्रिटेन में रेडियो सेवा की शुरूआत की।
1935 : आधुनिक जार्डन के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने वाले शाह हुसैन का जन्म। उन्होंने 1953 से 1999 तक जार्डन पर शासन किया।
1948 : प्रिंस चार्ल्स का जन्म। वह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय और प्रिंस फिलिप के सबसे बड़े पुत्र हैं।
1955 : कर्मचारी राज्य बीमा निगम का उद्घाटन।
1964 : आज के दिन को बाल दिवस के रूप में मनाने का आधिकारिक ऐलान।
1969 : अपोलो-12 को प्रक्षेपित किया गया, जो तीन अंतरिक्षयात्रियों को लेकर आकाश की अनंत गहराइयों को पार करते हुए चंद्रमा पर पहुंचा।
1973 : महारानी एलिजाबेथ की एकमात्र पुत्री राजकुमारी ऐन ने फ़ौज में लेफ्टीनेंट मार्क फ़िलिप्स से विवाह किया। यह शाही परिवार के किसी सदस्य का किसी आम शहरी से विवाह करने का विरला अवसर था।
1991: अमेरिका ने लॉकर्बी हमले के लिए लीबिया के दो गुप्तचर अधिकारियों को दोषी ठहराया और उन्हें अमेरिका के हवाले करने की मांग की।
2006 : भारत तथा पाकिस्तान के विदेश सचिवों ने नयी दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान आतंकवाद निरोधक तंत्र विकसित करने पर सहमति जतायी।
2008 : मून इंपैक्ट प्रोब चांद की सतह पर उतरा।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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कुरुक्षेत्र। जिला पुलिस कुरुक्षेत्र ने नशीला पदार्थ सप्लाई करने के एक आरोपी को किया गिरफ्तार । अपराध अन्वेषण शाखा-1 की टीम ने नशीला पदार्थ सप्लाई करने के आरोप में रणवीर सिंह पुत्र गुलफाम सिंह वासी बहजुईया थाना आंवला जिला बरेली उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है ।
जानकारी देते हुए पुलिस प्रवक्ता नरेश कुमार सागवाल ने बताया कि दिनांक 02 नवम्बर 2022 को अपराध अन्वेषण शाखा-1 के प्रभारी निरीक्षक मलकीत सिंह के मार्ग निर्देश में सहायक उप निरीक्षक राजेश कुमार की टीम अपराध तलाश के संबंध में उमरी गोल्डन होटल के सामने जी. टी रोड पर मौजूद थी । पुलिस टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एक वरना कार DL8CAA-3313 में सवार चरणजीत सिंह पुत्र रसपाल सिंह वासी रंधावा जिला पटिलाया पंजाब , लखविन्द्र सिंह पुत्र भजन सिंह वासी गांव बौपर जिला कैथल व कुलवन्त सिंह पुत्र महेन्द्र सिंह वासी रामनगर जिला पटियाला पंजाब को काबू किया था । राजपत्रित अधिकारी डीएसपी मुख्यालय सुभाष चन्द के सामने आरोपियों की कार की तलाशी लेने पर उनके कब्जे से 200 ग्राम अफीम बरामद हुई थी । आरोपियों के विरुद्ध थाना सदर थानेसर में नशीली वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके उप निरीक्षक जसबीर सिंह ने तीनो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था । आरोपियों को माननीय अदालत में पेश करके अदालत के आदेश से कारागार भेज दिया था ।
दिनांक 04 मार्च 2023 को अपराध अन्वेषण शाखा-1 प्रभारी निरीक्षक मलकीत सिहं के मार्ग निर्देश में पीएसआई जसबीर सिंह, उप निरीक्षक बलबीर सिंह, हवलदार प्रवेश व गाडी चालक हवलदार बलविन्द्र सिंह की टीम ने मामले में आगामी कारवाई करते हुए नशीला पदार्थ सप्लाई करने के आरोपी रणवीर सिंह पुत्र गुलफाम सिंह वासी बहजुईया थाना आंवला जिला बरेली उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया । आरोपी से 01 हजार रुपये बरामद किये । आरोपी को माननीय अदालत में पेश किया गया ।
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नई दिल्लीः
जाने-माने कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) का रविवार देर रात उनके घर पर 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित बिरजू महाराज के निधन की जानकारी उनके पोते स्वरांश मिश्रा (Swaraansh Mishra) ने सोशल मीडिया के जरिए शेयर की है. स्वरांश मिश्रा (Swaraansh Mishra) ने अपने पोस्ट में लिखा, 'बहुत ही गहरे दुख के साथ हमें बताना पड़ रहा है कि आज हमने अपने परिवार के सबसे प्रिय सदस्य पंडित बिरजू जी महाराज को खो दिया. 17 जनवरी को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें.'
बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) के निधन से देश में शोक का माहौल है. राजनीति जगत हो या फिर फिल्मी जगत सभी कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. सिंगर अदनान सामी ने पंडित बिरजू महाराज के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट में लिखा, 'महान कथक नर्तक-पंडित बिरजू महाराज जी के निधन की खबर से दुखी हूं. हमने कला के क्षेत्र में एक अद्वितीय संस्थान खो दिया है. उन्होंने अपनी प्रतिभा से कई पीढ़ियों को प्रभावित किया है. उनकी आत्मा को शांति मिले.'
We have lost an unparalleled institution in the field of the performing arts. He has influenced many generations through his genius.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, महाराज जी का स्वास्थ्य अचानक तब बिगड़ा, जब वह अपने पोते के साथ खेल रहे थे. जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. बिरजू महाराज के निधन पर सुभाष घई ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, 'कथक नृत्य उस्ताद से मेरी पहली शिक्षा मेरे कॉलेज यूथ फेस्टिवल में थी जब उन्होंने भगवान कृष्ण और राधा के बीच अपनी दो आंखों से बात करते हुए एक रोमांटिक बातचीत व्यक्त की. मैंने सीखा डांस का मतलब शरीर है लेकिन आत्मा आंखों में है. बिरजू सर की आत्मा को शांति मिले.'
कथक नर्तक पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) प्रतिभाशाली हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक और तालवादक, महाराज जी अच्चन महाराज के पुत्र थे. उनके चाचा प्रसिद्ध शंभू महाराज और लच्छू महाराज थे. बिरजू महाराज को देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था.
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पूर्व सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी, सतर्कता आयोग ने की गंभीर सिफारिश!
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने यूपीएससी से आलोक वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जो 2018 में एजेंसी के तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ हुए विवाद के कारण चर्चा के केंद्र में आ गए थे।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में विवाद के बाद पद से हटाए गए के पूर्व निदेशक आलोक कुमार वर्मा को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और केंद्रीय एजेंसी के निदेशक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करने और सेवा के दौरान नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में उनकी सेवानिवृत्ति का लाभ भी खत्म किया जा सकता है। खास बात ये है कि वर्मा का नाम हाल ही में पेगासस जासूसी कांड के पीड़ितों की लिस्ट में भी आया है।
डीओपीटी के एक सूत्र ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से आलोक वर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश करने वाली एक फाइल प्राप्त हुई है और आगे की कार्रवाई के लिए उसे संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को भेज दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) और कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने यूपीएससी से आलोक वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है, जो 2018 में जांच एजेंसी के तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ विवाद के कारण चर्चा के केंद्र में आ गए थे। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। अस्थाना को जुलाई में दिल्ली का पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है।
सूत्र ने बताया कि वर्मा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की फाइल दो-तीन दिन पहले प्राप्त हुई थी। कार्रवाई के बारे में बताते हुए सूत्र ने कहा कि वर्मा को नियमों के मुताबिक सेवानिवृत्ति के लाभ से हाथ धोना पड़ सकता है। सूत्र ने कहा कि सरकार ने यह भी हवाला दिया है कि 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी वर्मा ने अपनी सेवा के दौरान सरकारी नियमों का उल्लंघन किया था।
सीबीआई निदेशक के रूप में आलोक वर्मा, एजेंसी के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के साथ कड़वे झगड़े में लिप्त थे और एक-दूसरे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते थे। सीबीआई के शीर्ष दो अधिकारियों के बीच खुले विवाद के बाद सीबीआई में मध्यरात्रि तख्तापलट की स्थिति पैदा हो गई थी, जब वर्मा ने ब्यूरो में तत्कालीन विशेष निदेशक अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए आपराधिक मामला दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद सरकार ने सीवीसी की सिफारिश पर 23 अक्टूबर, 2018 को उन्हें देश की शीर्ष जांच एजेंसी से बाहर कर दिया।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 9 जनवरी, 2019 को उसी पद पर बहाल कर दिया। हालांकि, दो दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति, जिसमें अन्य सदस्य न्यायमूर्ति ए. के. सीकरी और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे थे, ने 11 जनवरी, 2019 को 2-1 वोट से उन्हें सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था।
हालांकि, अस्थाना को फरवरी 2020 में सीबीआई से क्लीन चिट मिल गई थी। हाल ही में, उन्हें एक साल के लिए सेवा विस्तार दिया गया और दिल्ली पुलिस के आयुक्त के रूप में भी नियुक्त कर दिया गया। वर्मा ने पहले 31 जुलाई, 2017 को सेवानिवृत्ति की आयु प्राप्त करने के बाद उनकी सेवानिवृत्ति पर विचार करने का अनुरोध किया था। वर्मा की टिप्पणी लेने की कोशिश की गई। हालांकि, इस रिपोर्ट को दर्ज करने के समय तक उन्होंने बार-बार कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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- जानें, वृषभ राशि में चार ग्रहों की युति देश और दुनिया को क्या दे सकती है।
Gochar 2021 : ज्योतिष में ग्रहों की युति बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। जब ग्रह किसी एक राशि में युति बनाते हैं तो उसका प्रभाव समस्त सौरमंडल के साथ-साथ साधारण जनजीवन पर भी देखने को मिलता है। ग्रहों की ऐसी ही युति 14 मई 2021 को होने जा रही है। इस दिन वृषभ राशि में ग्रह मंडल के राजा सूर्य, युवराज बुध, प्रेम और सौभाग्य देने वाले शुक्र और नीच ग्रह राहु विराजमान होंगे। वृषभ राशि में पाप ग्रह राहु पहले से ही विरामान हैं। वहीं ग्रहों के युवराज बुध 01 मई और शुक्र ग्रह 04 मई को आ गए हैं। समस्त ग्रहों के राजा सूर्यदेव भी 14 मई को मेष राशि छोड़कर वृषभ राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के आते ही 4 ग्रहों की ऐसी ही युति 14 मई 2021 को बनने जा रही है। इस दिन वृषभ राशि में सूर्य, बुध, शुक्र और राहु विराजमान होंगे। चार ग्रहों की युति मेष राशि से लेकर मीन राशि तक के सभी जातकों को प्रभावित करेगी।
ज्योतिष में मेष से लेकर मीन राशि तक सभी राशियों को मानव शरीर के कुछ अंगों का प्रतिनिधित्व दिया गया है। मेष राशि से सिर, वृष से गला और नाक, मिथुन से कान और श्वास नली, कर्क से फेफड़े, सिंह से हृदय आदि। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहों के अनेक राशियों में गोचर से देश-दुनिया में अनेक रोगों के विस्तार का विचार किया जाता है।
वहीं ज्योतिषाचार्य और कुंडली विश्लेषक अनीष व्यास ने बताया कि 26 दिसंबर 2019 को सूर्य ग्रहण के समय राहु, मिथुन राशि में थे जिसपर धनु राशि से 6 ग्रहों की दृष्टि पड़ रही थी। श्वास नली से सम्बंधित मिथुन राशि के पीड़ित होते ही दुनियाभर में कोरोना वायरस ने महामारी का रूप लेना शुरू किया। अभी हाल ही में फरवरी माह के अंत में मंगल ने वृषभ राशि में आकर राहु से युति की जिससे भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने जन जीवन को काफी प्रभावित किया है।
वृषभ राशि गले और नाक से संबंधित है जहां से यह वायरस सबसे पहले प्रवेश करता है। अब 14 मई रात्रि 11 बजकर 25 मिनट पर सूर्य वृषभ राशि में आकर राहु से युति करेंगे जहां अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र और बुध भी गोचर कर रहे हैं। मिथुन राशि में उस समय मंगल और चंद्रमा होंगे। कीमती धातुओं के दाम कम होंगे। बाजार में खरीदारी बढ़ सकती है। खाने-पीने की चीजें महंगी हो सकती है। बिजनेस करने वाले लोगों के लिए समय अच्छा रहेगा। लेन-देन और निवेश में कई लोगों को फायदा मिल सकता है। देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुभ रहेगा। सब्जियां, तिलहन और दलहन की कीमतें कम होंगी। रोजगार के क्षेत्रों में वृद्धि होगी। आय में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही राजनीति में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। अमृत संजीवनी के मालिक शुक्र पृथ्वी के साथ हैं और शुक्र के पास अमृत संजीवनी है। इस कारण देश में कोरोना महामारी संक्रमण में कमी आएगी। कोरोना महामारी संक्रमण से होने वाली मृत्यु दर में कमी आएगी और कोरोना का असर न्यूनतम होगा। देश में फैला डर का माहौल खत्म होगा। लोगों में अनुकूलता और आरोग्यता भी बढ़ेगी।
ज्योतिषविदों के मुताबिक, वृषभ संक्रांति की कुंडली में सूर्य शुक्र, राहु और बुध का योग पंचम भाव में बन रहा है जो कि सरकार की महामारी को नियंत्रित करने की नीतियों में बड़े बदलाव का संकेत है। रोग स्थान यानी छठे भाव में चंद्रमा और मंगल का योग है। लग्न में बैठे शनि पर छठे घर से पड़ रही मंगल की आठवीं दृष्टि केंद्र सरकार द्वारा कुछ बड़े कदम उठाए जाने का संकेत भी दे रहा है।
ज्योतिषविदों के मुताबिक, हं हनुमते नमः, ऊँ नमः शिवाय, हं पवननंदनाय स्वाहा का जाप करें। महामृत्युंजय मंत्र और दुर्गा सप्तशती पाठ करना चाहिए। माता दुर्गा, भगवान शिव हनुमानजी की आराधना करनी चाहिए। घर पर हनुमान जी की तस्वीर के समक्ष सुबह और शाम आप सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Haribhoomi. com इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
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उन्होंने विभिन्न वार्डों व जांच कक्षों का जायजा लिया और मरीजों से आवश्यक जानकारी प्राप्त की। इस दौरान उन्होने ने वार्डों में गंदगी मिलने पर नराजगी जताई। इसके साथ स्वास्थ्य कर्मियों को कार्य के दौरान तय ड्रेस पहनने की हिदायत दी। उन्होंने टांडा व जलालपुर स्थित अस्पतालों का भी जायजा लिया।
मालूम हो कि बीते दिनों सपा प्रदेश कार्यालय पर एमएलसी एसआरएस यादव से जिला चिकित्सालय के चिकित्सकों व कर्मचारियों की मनमानी की शिकायत की गई थी। श्री यादव ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री अखिलेेश यादव को दी थी। इसी क्रम में मुख्यमंत्री के विशेष कार्याधिकारी व स्वास्थ्य सलाहकार डॉ. विकास सेठी गुरुवार को 12 बजे जिला चिकित्सालय पहुंचे।
यहां उन्होंने सबसे पहले सीएमएस डॉ. आरके पटेल व चिकित्सकों के साथ बैठक की। सीएमएस से चिकित्सालय में मौजूद संसाधनों व मौजूदा हालात के बारे में पूछा। इसके बाद वार्डों का निरीक्षण किया। कई वार्डों में गंदगी पाए जाने पर फटकार लगाई। कार्य के दौरान स्टाफ नर्स व चिकित्सकों को निर्धारित ड्रेस पहनने की हिदायत दी।
श्री सेठी करीब दो घंटे तक चिकित्सालय का निरीक्षण किया। आपरेशन कक्ष, एक्सरे रूम सहित पैथालॉजी का सघन जायजा लिया। वार्डों में भर्ती मरीजों से वार्ता करने के साथ ही ओपीडी में मौजूद मरीजों व तीमारदारों से कई बिन्दुओं पर आवश्यक जानकारी प्राप्त की। श्री शेट्टी से यहां कुछ लोगों ने मुलाकात कर कई चिकित्सकों की मनमानी के बारे में जानकारी दी और कहा कि उनके शोषण से मरीज परेशान हो रहे हैं।
सलाहकार ने व्यवस्थाओं में सुधार का भरोसा दिलाया और सीएमएस को निर्देश दिया कि दवाओं का रखरखाव बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जाए तथा साफ सफाई के समुचित प्रबंध हमेशा बने रहने चाहिए। जिला चिकित्सालय के दौरे के बाद वे टांडा व जलालपुर गए और वहां भी चिकित्सालय का जायजा लिया।
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गोण्डा। गोण्डा जिले के कौड़िया क्षेत्र में पांच वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म किये जाने का मामला प्रकाश में आया हैं । यह जानकारी पुलिस अधीक्षक शैलेश कुमार पाण्डेय नें रविवार को दी है।
उन्होंने बताया कि कौड़िया थाना क्षेत्र में शनिवार को एक 40 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी पांच वर्षीय भतीजी के साथ दुष्कर्म किया । उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी का रिश्तेदार पीड़ित बच्ची को बहला फुसला कर ले गया था। उन्होंने बताया कि बच्ची को बहला-फुसला कर ले जाने वाले युवक को पुलिस हिरासत मे लेकर पूछताछ कर रही हैं ।
उन्होनें बताया कि पीड़िता के पिता की रिपोर्ट पर मासूम बच्ची का मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा हैं । पुलिस फरार मुख्य आरोपी की सरगर्मी से तलाश कर रही हैं ।
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सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक साल पूरा होने जा रहा है. ऐसे में सुशांत के करीबी और फिल्म डायरेक्टर रूमी जाफरी ने उन्हें याद करते हुआ आजतक से खास बातचीत में कहा काश खुदा कोई ऐसा करिश्मा कर देता तो मैं सुशांत को डांट लगा कर पूछता कि भाई तुमने आखिर ऐसा क्यों किया, क्यों हम सब को छोड़ कर ऐसे ही चले गए.
बातचीत के दौरान रूमी कहते हैं कि जैसा कि मैंने पहले भी कहा है कि सुशांत मेरे भाई दोस्त जैसा था. वो मुझसे जूनियर भले ही था लेकिन कई चीजें वो मुझे भी सीखा गया. इतना अच्छा इंसान, हमेशा हंसते रहना, काम की बात करना, मेरे घरवालों को अपना परिवार जैसा सम्मान देना और साथ ही एक ऐसा कलाकार जो प्रतिभा से भरा हो बहुत कम लोग ऐसे होते हैं. मुझे सुशांत के परिवार के बारे में सोच कर बहुत दुख होता है कि जिनके साथ वो पला बढ़ा इतना वक्त बिताया वो कैसा महसूस कर रहे होंगे. लोग तो कुछ ही दिन से सुशांत को जानते थे पर इतने कम वक्त में ही वो हमसे दिल का रिश्ता जोड़ चुका था. सुशांत का जाना फिल्म इंडस्ट्री का लॉस तो है ही है पर मेरा तो पर्सनल लॉस है मैं उस लड़के को कभी नहीं भूल सकता. ईश्वर उसे जहां भी रखे अच्छा रखे.
मुझे याद है की पिछले साल लॉकडाउन चल रहा था और अनिर्धारित तरीके से कुछ दिन के लिए बढ़ाया जा रहा था. तभी हमने प्लान किया था कि मई के महीने में हम अपनी फिल्म की शूटिंग करेंगे. गाने के साथ सब जानते थे कि सुशांत एक अच्छे एक्टर होने के साथ एक जबरदस्त डांसर भी है. तभी सुशांत ने मुझसे कहा था कि सर मैं इस गाने में जम कर डांस करूंगा.
उससे पहले सुशांत की जितनी भी फिल्में आई थी उनमें सुशांत ने उतना हार्डकोर डांस नहीं किया था जैसा वो करने का दम रखते थे, लेकिन हमारी फिल्म में सुशांत वो काम भी पूरा करने वाला था. हमने साथ में प्लान किया था कि सरकारी गाइड लाइन के हिसाब से कम लोग यूनिट में रखेंगे, फिल्म के गाने के शूट के दौरान.
सुशांत की मौत से पहले सुशांत और रिया को लेकर जो फिल्म बनाई जा रही थी उस कहानी को अब बनाना मेरे लिए नामुमकिन है. मैंने पहले ही बताया था कि सुशांत को ध्यान में रख कर ही वो कहानी लिखी गई थी. मैं एक इमोशनल इंसान हूं. सुशांत मेरे भाई जैसा था. अब जब वो ही नहीं रहा, तो उस कहानी का कोई मतलब नहीं. इसलिए ये सवाल फिजूल है. वो लड़का उसका हंसता हुआ खिलखिलाता हुआ चेहरा, मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा.
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- पुरिस०-हस्स-रदि-भय- दुगु० ०ि बं० संखज्जगु० । एवं तिरिणकसा० । ३४० पच्चक्खाणकोध० ज०वि०बं० तिरिणक० गि० वं० । तं तु० । चदुसंज० - पुरिस०-हस्स-रदि-भय-दुगु० मि० वं० संखेज्जगु० । एवं तिरिणकसा० । ३४१. कोधसंज० ज० हि० बं० तिरिगसंज० - पुरिस० --हस्स-रदि--भय-- दुगुं णि० बं० । तं तु० । एवमेदाओ एकमेकस्स । तं तु ।
३४२. इत्थि० ज०वि०वं० मिच्छ० -सोलसक०-भय- दुगु० ०ि बं० संखेज्जगुणभहियं० । हस्स-रदि- अरदि-सोग० सिया० संखेज्जगु० । एवं एवं स ० ।
३४३ अरदि० ज०वि०वं० चदुसंज० पुरिस० - भय दुगु० णि० वं० संखे१६०
जघन्यकी अपेक्षा अजघन्य एक समय अधिक से लेकर पत्यका असंख्यातवां भाग अधिकतक स्थितिका बन्धक होता है। आठ कपाय, पुरुषवेद, हास्य, रति, भय और जुगुप्सा इनका नियमसे बन्धक होता है जो नियमसे श्रजघन्य संख्यातगुणी अधिक स्थितिका बन्धक होता है। इसीप्रकार तीन कपायोंकी मुख्यतासे सन्निकर्ष जानना चाहिए ।
३४०. प्रत्याख्यानावरण क्रोधकी जघन्य स्थितिका बन्धक जीव तीन कषायोंका नियमसे बन्धक होता है किन्तु वह जघन्य स्थितिका भी बन्धक होता है और जघन्य स्थितिका भी वन्धक होता है। यदि जघन्य स्थितिका वन्धक होता है तो नियमसे जघन्यकी अपेक्षा राजघन्य एक समय अधिक से लेकर पत्यका ख्यातवां भाग अधिक तक स्थितिका बन्धक होता है । चार सञ्ज्वलन, पुरुषवेद, हास्य, रनि, भय और जुगुप्सा इनका नियमसे बन्धक होता है जो नियमसे संख्यातगुणी अधिक स्थितिका बन्धक होता है। इसीप्रकार तीन कपायोंको मुख्यतोसे सन्निकर्ष जानना चाहिए ।
३४१. क्रोध सञ्ज्वलनकी जघन्य स्थितिका बन्धक जीव तीन सज्ज्वलन, पुरुषवेद, हास्य, रति, भय और जुगुप्सा इनका नियमसे बन्धक होता है किन्तु वह जघन्य स्थितिका भी बन्धक होता है और जघन्य स्थितिका भी बन्धक होता है। यदि जन्य स्थितिका बन्धक होता है तो नियमसे जघन्यकी अपेक्षा अजघन्य एक समय अधिकसे लेकर पत्यको 'असंख्यातवां भाग अधिकतक स्थितिका बन्धक होता है। इसीप्रकार इन सब प्रकृतियाँका परस्पर सन्निकर्ष जानना चाहिए। किन्तु ऐसी अवस्था में वह जघन्य स्थितिका भी बन्धक होता है और धन्य स्थितिका भी बन्धक होता है। यदि जघन्य स्थितिका बन्धक होता है तो नियमसे जघन्यकी अपेक्षा अजघन्य एक समय अधिकसे लेकर पत्यका असंख्यातवां भाग अधिक तक स्थितिका बन्धक होता है ।
३४२. स्त्रीवेदकी जघन्य स्थितिका बन्धक जीव मिथ्यात्व, सोलह कपाय, भय और जुगुप्सा इनका नियमसे बन्धक होता है जो नियमसे अजघन्य संख्यातगुणी अधिक स्थितिका बन्धक होता है । हास्य, रति, अरति और शोक इनका कदाचित् बन्धक होता है और कदाचित् श्रबन्धक होता है। यदि वन्धक होता है तो नियमसे अजघन्य संख्यातगुणी अधिक स्थितिका बन्धक होता है । इसीप्रकार नपुंसकवेदकी मुख्यतासे सन्निकर्ष जानना चाहिए ।
३४३. अतिकी जघन्य स्थितिका बन्धक जीव घार संज्वलन, पुरुषवेद भय और जुगुप्सा इनका नियमसे बन्धक होता है जो नियमसे अजघन्य संख्यातगुणी |
लाखों मुसलमान रोजा रखते हैं। रोजेदार अपने नियमों का सख्ती से पालन करते हैं। लेकिन राजस्थान के नागौर में एक मुस्लिम युवक ने किसी की जिंदगी बचाने के लिए अपना रोजा तोड़ दिया। जिंदगी और मौत के बीच झूल रही एक हिंदू गर्भवती महिला को इस 22 साल के इस युवक ने ब्लड डोनेट करने के लिए अपना रोजा तोड़ा।
अशरफ खान ने बताया कि वह भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा करना चाहते हैं इसके लिए वह तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि शनिवार को सोशल मीडिया में एक एक मेसेज दिखा जिसमें एक गर्भवती महिला को ब्लड की सख्त जरूरत बताई गई थी।
सावित्री देवी नाम की यह महिला अस्पताल में भर्ती थी। उन्हें बी निगेटिव ब्लड की जरूरत थी और उनका हीमोग्लोबिन लगातार कम हो रहा था। सावित्री चुरु जिले के सुजानगढ़ स्थित जिला अस्पताल में भर्ती थी।
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पहली बार मिनीवन शेवरलेट एक्सप्रेस पर दिखाई दिया1 99 6 में अमेरिकी बाजार। तब वह अपने पुराने पूर्ववर्ती को बदल दिया, जिसे 1 9 71 से क्रमशः उत्पादन किया गया था। नए मिनीवन का डिजाइन मूल रूप से फिर से डिजाइन किया गया था - बाहरी रूप से और अंदर सब कुछ पहचान से परे बदल गया। शेवरलेट एक्सप्रेस की अपनी विशिष्टताएं भी हैं। विशेष रूप से, यह एक मजबूत, लचीला वेल्डेड फ्रेम डिज़ाइन, एक स्थायी ऑल-व्हील ड्राइव, साथ ही नई निष्क्रिय और सक्रिय सुरक्षा सुविधाएं भी है। इन तकनीकी सुधारों के लिए धन्यवाद, शेवरलेट एक्सप्रेस वर्तमान में न केवल घरेलू अमेरिकी, बल्कि दुनिया (रूसी सहित) कार बाजार पर सफलतापूर्वक विजय प्राप्त कर रहा है। शेवरलेट एक्सप्रेस मिनीवन के बीच क्या अंतर है? मालिकों की समीक्षा और मशीन की समीक्षा बाद में इस आलेख में दी गई है।
कार के बाहरी हिस्से को पूरी तरह से अमेरिकी शैली में बनाया जाता है - क्रोम बॉडी तत्व, सख्त प्रकाशिकी, बड़े आयाम और बड़े पैमाने पर सामने वाले बम्पर।
इस कार के बावजूद कि यह कारआराम के मामले में, पूर्ण आकार के कार्गो वैन के रूप में विशेषता है, यह किसी भी ट्रक के समान नहीं है। इसके विपरीत, मालिकों के मुताबिक, कार के अंदर किसी भी प्रतिष्ठित मर्सिडीज में आरामदायक है। इसके अलावा, यात्रियों के अंदर स्वतंत्र रूप से स्थानांतरित हो सकते हैं - अच्छा, यह एक उच्च छत और चौड़ा शरीर की अनुमति देता है। रबराइज्ड विनाइल फर्श के अंदर आश्चर्यजनक उपस्थिति - निश्चित रूप से आप यूरोपीय कारों में नहीं मिलेंगे! फिनिशिंग सामग्री और अस्तर बहुत उच्च गुणवत्ता वाले हैं, और वे स्पर्श के लिए बहुत ही सुखद हैं। "आधार" में ऐसी त्वचा होती है जो कार खरीदारों को सुखद आश्चर्य देती है।
रूसी बाजार में शेवरलेट एक्सप्रेसयह पांच संस्करणों में प्रस्तुत किया गया है, जिनमें से पेट्रोल और डीजल दोनों बिजली इकाइयां हैं। पेट्रोल रेंज में सबसे कम 4.3 अश्वशक्ति इकाई है जिसमें 195 अश्वशक्ति की क्षमता है। "सैकड़ों" वह सिर्फ 12.0 सेकंड में डायल करता है। सच है, ईंधन की खपत सबसे किफायती नहीं है - मिश्रित मोड में प्रति 100 किलोमीटर 16 लीटर। "भूख" डीजल इंजन से थोड़ा खुश, लेकिन इसके बारे में थोड़ी देर बाद।
गैसोलीन लाइन का एक और प्रतिनिधि -2 9-लीटर इकाई 2 9 0 "घोड़ों" की क्षमता के साथ। आश्चर्यजनक रूप से पर्याप्त है, लेकिन, पासपोर्ट डेटा के अनुसार, "सैकड़ों" के लिए इसका त्वरण छोटे 4.3-लीटर इंजन (12 सेकंड) के साथ समान है। इसके साथ ही, इसकी औसत ईंधन खपत 100 लीटर प्रति 1 9 लीटर है।
5.3 लीटर पेट्रोल अधिक शक्तिशाली हैस्थापना। इसकी 310 अश्वशक्ति शेवरलेट एक्सप्रेस के त्वरण की गतिशीलता को अविश्वसनीय बनाती है - कार प्रति घंटे 100 किलोमीटर तक कार 11 सेकंड से अधिक हो जाती है! ईंधन की खपत, ज़ाहिर है, सबसे किफायती नहीं है - प्रति लीटर 18 लीटर।
शीर्ष-ऑफ़-द-लाइन संस्करण छः लीटर पेट्रोल मोटर है, जिसकी ईंधन की खपत प्रति 100 किमी 1 9 से 20 लीटर तक भिन्न होती है।
डीजल संस्करण के लिए, यहां एकमात्र इकाई 6.60 लीटर इंजन है जिसमें 260 अश्वशक्ति की क्षमता है।
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बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सैफ अली खान और करीना कपूर ने 'टशन' फिल्म में एक साथ काम किया था। इस फिल्म से ही दोनों के प्यार की शुरुआत भी हुई थी। लंबे रिलेशनशिप के बाद करीना कपूर और सैफ अली खान 16 अक्टूबर, 2012 को शादी के बंधन में बंधे थे। लेकिन जब एक्टर करीना को डेट कर रहे थे तो रानी मुखर्जी ने उन्हें कहा था कि ऐसे व्यवहार करो जैसे तुम एक आदमी को डेट कर रहे हो। रानी मुखर्जी से जुड़ी इस बात का खुलासा सैफ अली खान ने अपनी पत्नी के ही चैट शो 'व्हॉट वुमन वॉन्ट' में किया था।
सैफ अली खान ने इस बारे में आगे कहा, "मुझे नहीं लगता कि मैं कभी भी इन मायनों में किसी कामकाजी अभिनेत्री के साथ रहा था। ऐसे में रानी ने मुझसे कहा, "ऐसे व्यवहार करो, जैसे तुम किसी पुरुष के साथ रिलेशनशिप में हो। " सैफ अली खान ने इंटरव्यू में इस बात की वजह भी जाहिर की।
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शरीर पर चाकू से लगातार कई वार करने के बाद गंभीर हालत में युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना हैदराबाद के साइबराबाद क्षेत्र की है।
हैदराबादः आंध्र प्रदेश में एक युवती ने संबंध बनाने से इनकार किया तो उसे युवक ने खौफनाक सजा दे डाली। आरोपी के रिश्ते का प्रस्ताव अस्वीकार करने पर गुस्से में आकर चाकू से गोद डाला। आरोपी डिलेवरी एजेंट है जिसे युवती अंकल कहती थी। शरीर पर चाकू से लगातार कई वार करने के बाद गंभीर हालत में युवती को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना हैदराबाद के साइबराबाद क्षेत्र की है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है।
22 वर्षीय युवती को जिस 27 साल के युवक ने चाकू मारा, उसे वह चाचा कहती थी। युवक जोमैटो में डिलेवरी एजेंट है। आरोपी गणेश को शक था कि युवती को किसी और के साथ संबंध है। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। पुलिस के बयान के मुताबिक, उन्हें हमले की सूचना रात करीब नौ बजे मिली। पुलिस ने कहा कि मौके पर पहुंचने पर उन्होंने गणेश को महिला पर हमला करते देखा। महिला के गले, चेहरे और हाथ में चोटें आई हैं।
पीड़िता ने पुलिस को अपनी शिकायत में बताया है कि वह गुंटूर की रहने वाली है। वह एक निजी कंपनी में काम करती है और हॉस्टल में रहती है। उसने कहा कि गणेश को वह अंकल कहती है लेकिन वह उसे प्रपोज करने लगा। पहले जब उसने प्रपोज किया था तो मना कर दिया। मंगलवार को वह उसके हॉस्टल आया और उससे कहा कि उसे उससे बात करने की जरूरत है। आरोपी उसे अपने स्कूटर की पिछली सीट पर बैठाकर एक होटल के पीछे एक जगह पर ले गया। वहां उसने उसे संबंध बनाने का प्रस्वात रखा। युवती ने मना कर दिया। इसके बाद वह उसे भला बुरा कहते हुए बैग से चाकू निकाला और उस पर वार करने लगा। बचाव करने में उसके शरीर पर कई बार उसने चाकू से वार किया।
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Weather Update: में गर्मी से आफत, इस साल समय से पूर्व चल सकती है 'लू '
गाजियाबाद में भी 25 जनवरी को आसमान में बादल और हवाओं के साथ हल्की बारिश के आसार हैं।
मौसम विभाग के अनुसार उत्तर-पश्चिम भारत में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ का असर मौसम पर पड़ेगा। मैदानी इलाकों के तापमान में बढ़ोतरी होगी। बारिश और आसमान में बादल एक बार फिर पारा गिरा सकते हैं।
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प्रयागराजः यूपी को योगी सरकार अपराधियों पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। आपको बता दें गुरुवार सुबह यूपी STF ने कुख्यात अपराधी मुख़्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी गैंग के दो शूटर को एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया। STF ने ये कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की। वही दूसरी ओर यूपी के बाहुबली और जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर लखनऊ पुलिस ने 25 हजार का इनाम घोषित कर दिय़ा है। आपको बता दें कि धनंजय अजीत सिंह हत्याकांड में वांटेड हैं तभी से वह लगातार फरार चल रहे हैं।
बुधवार की रात बाहुबली सांसद के चार ठिकानो पर छापा मारा, लेकिन उनको काई सुराग नहीं लग पाया। पूर्व सांसद पर आरोप है कि वह छह जनवरी की रात में कठौता चौराहे पर हुए गैंगवार में मऊ मुहम्मदाबाद गोहाना के पूर्व उप ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हत्या में शामिल हैं। इतना ही नहीं पुलिस के पास उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट है। यह वारंट जारी होने के बाद से ही वह फरार चल रहे हैं।
आपको बता दें कि शुक्रवार को धनंजय सिंह ने प्रयागराज के MLA/MP कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। कोर्ट ने धनंजय सिंह नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया है। आपको बता दें कि धनंजय सिंह ने अपना सरेंडर वकील के भेष में काला कोट पहनकर किया।
आपको बता दें कि गिरफ्तारी का वारंट लेने के बाद पुलिस कई दिनो से शांत बैठी थी, लेकिन बुधवार की रात पुलिस ने अचानक बाहुबली की तलाश में उसके कुर्सी रोड स्थित आवास, शारदा व सरस्वती अपार्टमेंट में उसके फ्लैट और उसके बेहद करीबी साथी के मालवीय नगर स्थित आवास पर ताबड़तोड़ दबिश दी।
पुलिस को खबर मिली है कि बाहुबली सांसद धनंजय सिंह दिल्ली में एक वकील के संपर्क में हैं। जिसके बाद पुलिस की दो टीमें दिल्ली में भी दो जगहों पर दबिश दी। लेकिन धनंजय सिंह का कुछ पता नहीं चल सका। पुलिस ने धनंजय़ के आरोपी उस वक्त बनाया था, जब अजित सिंह के हत्या कांड में शामिल एक आरोपी गिरधारी ने धनंजय सिंह का नाम लिया था। आपको बता दें कि बाद में पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ में गिरधारी मारा गया है।
इतना ही नहीं धनंजय सिंह पर आरोप है कि अपने अपराध के बल पर उन्होने करोड़ों की संपत्ति बना ली है। इसमें लखनऊ में विभिन्न स्थानों पर छह फ्लैट, दो फार्म हाउस, गोमतीनगर में लैब, फर्जी दस्तावेजों से बनायी गई कई कम्पनियां, दिल्ली, जौनपुर, वाराणसी, मऊ, फतेहगढ़, बाराबंकी में कई फ्लैट व मकान, पेट्रोल पम्प है।
इसके अलावा धनंजय के नाम से विभिन्न स्थानों में स्टैंड, झारखण्ड में फार्म हाउस, व ईट-भठ्ठे चलते हैं। इस संबंध में ईडी और आयकर को पत्र लिखा गया है। इसके बाद ईडी सक्रिय हो गई। डिटेल जुटाना शुरू कर दी है। बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह पर लगातार शिकंजा कसता ही जा रहा है।
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आप अपने जीवन में बार-बार लंबी जल व वायु यात्राएं करेंगे और उनसे भाग्योदय भी होगा। जरूरत इस बात की है कि आप सही समय को पहचानें। योग सिद्धि, साधना, चिंतन-मनन ही आपका उद्देश्य है। आप न तो स्वयं किसी के बंधन में रहते हैं और न ही किसी को बंधन में देखना पसंद करते हैं। आप विनम्रता, दया, घमण्डरहित, ऊपर उठने की लालसा जैसे अनेकों गुणों के सागर हैं। आवश्यकता प़डने पर सहायता मांगने से हिचकिचाते हैं आप। आप सदैव जीवन को चुनौती दिए रहते हैं। आपमें हिम्मत के बल पर पहाड को भी टक्कर देने की ताकत है। आप एक लक्ष्य को निर्धारित कर उसे पाने के लिए पूरी निष्ठापूर्वक लग जाते हैं। परेशानियां व बाधाएं आपका मार्ग प्रशस्त करती हैं। आप अपना मूल्यांकन स्वयं कर सकते हैं। आत्मावलोकन की गहरी क्षमता एवं कार्यारंभ से पूर्व ही उसका पक्ष-विपक्ष, जीत-हार, यश-अपयश के बार में पूर्ण विचार कर ही कार्य प्रारंभ करते हैं। परिवार के सदस्यों के साथ-साथ कभी-कभी परेशानियां होती रहती हैं क्योंकि धोखा, बेईमानी, झूठ इत्यादि आपको बर्दाश्त नहीं होता।
आप विपत्ति में मुस्कराते है, संकटों में चमकते हैं, संघर्षाें में तपते हैं और एक सफल जीवन जीते हैं।
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- Movies ब्रालेस ड्रेस पहनकर असहज हुईं जन्नत जुबैर? मीडिया के सामने ही करतीं बार बार फिक्स!
आने वाले सात दिन आपके जीवन में कौन कौन से उतार चढ़ाव आएंगे, जानने के लिए पढ़ें अपना साप्ताहिक राशिफल।
मेष (मार्च 20 से अप्रैल 18):
मेष राशि वालों के लिए यह सप्ताह मिलाजुला रहने के आसार हैं। इस दौरान आपको लंबी यात्रा से बचने की सलाह दी जाती है अन्यथा आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। साथ ही बेवजह आपका धन भी खर्च होगा। किसी करीबी मित्र के साथ इस अवधि में अनबन हो सकती है। ऐसे में आपको अपनी वाणी का खास ध्यान रखना होगा। गुस्से में आकर गलत शब्दों का प्रयोग करने से बचें। पैसों की स्थिति ठीक ठाक रहेगी। इस अवधि में आपको अनावश्यक खर्चों से बचना होगा। कामकाज के मोर्चे पर यह सप्ताह व्यस्त रहने वाला है। आपको स्वयं के लिए भी समय नहीं मिल पाएगा। सप्ताह के अंत में अचानक घर के किसी सदस्य के स्वास्थ्य में गिरावट आने से आपकी चिंता बढ़ सकती है।
वृषभ (अप्रैल 19 से मई 19):
कामकाज के मोर्चे पर यह सप्ताह आपके लिए अच्छे परिणाम देने वाला रहेगा। यदि आप बेरोजगार हैं तो इस अवधि में आपको अपना ड्रीम जॉब मिल सकता है। व्यापार से जुड़े जातकों को इस अवधि में लिए हुए अपने महत्वपूर्ण फैसलों का अच्छा फल आने वाले दिनों में जरूर मिलेगा। पैसों की स्थिति संतोषजनक रहेगी। हालांकि इस समय आपको कर्ज लेने से बचने की सलाह दी जाती है। जीवनसाथी के साथ यह समय बहुत ही खास गुजरेगा। इस दौरान आप अपने प्रिय को पर्याप्त समय दे पाएंगे। संतान से जुड़ी किसी चिंता से आपको मुक्ति मिल सकती है। स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान आपको छोटी सी भी लापरवाही न करने की सलाह दी जाती है।
मिथुन (मई 20 से जून 20):
इस हफ्ते कुछ अनावश्यक खर्च हो सकते हैं इसलिए आपको अपने आर्थिक फैसले सोच समझकर लेने की सलाह दी जाती है। बेहतर होगा आप पूरे हफ़्ते का बजट पहले ही तैयार कर लें। कामकाज के मोर्चे पर इस अवधि में आपको मिलेजुले परिणाम की प्राप्ति होगी। अगर आप नौकरी करते हैं तो दफ्तर में अपने सीनियर्स को खुश करने के लिए एक साथ कई काम निपटाने से बचें अन्यथा आप मुश्किल में पड़ सकते हैं। सरकारी नौकरी करने वाले जातकों को इस हफ्ते कड़ा परिश्रम करना पड़ सकता है। इस अवधि में आप बहुत व्यस्त रहेंगे। व्यापारियों को बड़े मुनाफे के लिए अपनी योजनाओं में कुछ बदलाव करने की सलाह दी जाती है। माता पिता का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। इस अवधि में आपकी माता की ओर से लाभ संभव है। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो कमर या पीठ से जुड़ी कोई तकलीफ हो सकती है।
कर्क (जून 21 से जुलाई 21):
इस अवधि में आपको अपने पारिवारिक जीवन पर अधिक ध्यान देने की सलाह दी जाती है। छोटे छोटे मतभेदों का बुरा असर आपके रिश्तों पर पड़ सकता है। बेहतर होगा आप अपने व्यवहार का खास ध्यान रखें विशेष रूप से घर के छोटे सदस्यों के साथ नरमी से पेश आने की कोशिश करें। अगर आप शादीशुदा हैं तो जीवनसाथी के साथ इस अवधि में आप ज्यादा समय बिताने की कोशिश करें। आपके प्रिय उपेक्षित महसूस कर सकते हैं। नौकरीपेशा जातकों को इस दौरान अपना पूरा फोकस काम पर रखना होगा। यदि आपके प्रदर्शन में गिरावट आती है तो आपकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अनाज का व्यापार करने वाले जातकों को इस अवधि में अच्छा मुनाफा हो सकता है। आर्थिक मोर्चे पर यह सप्ताह सामान्य से बेहतर रहेगा। इस अवधि में आप अच्छी बचत कर पाएंगे। सेहत की बात करें तो अगर आपको लीवर से जुड़ी शिकायत है तो आप सजग रहें।
सिंह (जुलाई 22 से अगस्त 21):
इस अवधि में आपकी मानसिक उलझनें बढ़ सकती हैं। आपको अपना दिमाग शांत रखने की सलाह दी जाती है। यदि आपको उम्मीद के अनुसार परिणाम न मिले तो क्रोध और झुंझलाहट में ऐसा कोई काम न करें जिसे लेकर बाद में आपको पछताना पड़े। अगर आप नौकरी करते हैं तो दफ्तर में तेजी से अपने काम पूरे करने की कोशिश करें। आपकी धीमी गति आपको मुश्किल में डाल सकती है। आपके कुछ महत्वपूर्ण कार्य अधूरे रह जाएंगे। मुमकिन है आपको वरिष्ठ अधिकारियों के गुस्से का भी शिकार होना पड़े या आपको दी हुई जिम्मेदारियां भी वापस ले ली जाए। व्यापारियों को इस दौरान अपने आर्थिक फैसले सोच समझकर लेने की सलाह दी जाती है। चालाकी भरी आर्थिक योजनाओं में फंसने से बचें। स्वास्थ्य की बात करें तो मानसिक चिंता बढ़ने से आपका शारीरिक स्वास्थ्य भी कमजोर रहेगा।
कन्या (22 अगस्त से 21 सितंबर):
ग्रहों की स्थितियों को देखते हुए आपको सलाह दी जाती है कि इस अवधि में आप अपने घर के सदस्यों के साथ अपना बर्ताव ठीक रखने का प्रयास करें। आपकी जरा सी भूल आपके घर की शांति भंग कर सकती है। क्रोध और अहंकार जैसी भावनाओं से दूर रहें। इस अवधि में आपके पिता का स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है। ऐसे में आपको उन्हें तनाव से दूर रखना होगा। पैसों को लेकर चल रहा प्रयास सफल होने से आपकी बड़ी चिंता दूर होगी। इस अवधि में आपको किसी पुराने कर्ज से भी छुटकारा मिल सकता है। जीवनसाथी के साथ इस हफ्ते आपको लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है। कामकाज के मोर्चे पर आपको अच्छे परिणाम की प्राप्ति होगी। आपके काम को सराहा जाएगा और उच्च अधिकारियों का सहयोग भी आपको मिलेगा। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो उस दौरान कोई बड़ी समस्या नहीं होगी। हालांकि आपको काम के साथ आराम पर भी ध्यान देने की सलाह दी जाती है।
तुला (सितंबर 22 से अक्टूबर 22):
तुला राशि वालों के लिए यह सप्ताह कुछ राहत भरा साबित हो सकता है। निजी जीवन की परेशानियां हल होती नजर आ रही हैं। जीवनसाथी के साथ आपका संबंध और भी मजबूत होगा। इसके अलावा पिछले कुछ समय से यदि आपके घर का माहौल ठीक नहीं चल रहा है तो इस अवधि में कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। पैसों की स्थिति सामान्य से बेहतर रहेगी। इस दौरान आप स्वयं पर कुछ धन खर्च कर सकते हैं। सप्ताह के मध्य में आपको किसी सामाजिक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का अवसर प्राप्त होगा। आपके कामकाज की बात करें तो नौकरीपेशा जातकों को इस दौरान जल्दबाजी और हड़बड़ाहट से बचने की सलाह दी जाती है। अपने छोटे से छोटे काम को भी ध्यान से करने की कोशिश करें। व्यापारियों को अपने ग्राहकों के साथ तालमेल बेहतर करने की जरूरत है। इस दौरान आपको अपने किसी पुराने संपर्क का अच्छा फायदा मिल सकता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह सप्ताह मिलाजुला रहने के आसार हैं।
वृश्चिक (अक्टूबर 23 से नवंबर 20):
निजी हो या पेशेवर जीवन यह सप्ताह आपके लिए काफी भागदौड़ भरा रहने वाला है। अगर आप नौकरी करते हैं तो दफ्तर के किसी महत्वपूर्ण काम के सिलसिले में आपको अचानक यात्रा करनी पड़ सकती है। इस अवधि में आप पर काम का बोझ भी अधिक रहने वाला है। वहीं व्यापार से जुड़े जातकों को कानूनी मामले में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। पारिवारिक जीवन में स्थिति अनुकूल रहेगी। जीवनसाथी के साथ आपका रिश्ता प्रगाढ़ होगा। घर की जिम्मेदारियों को पूरा करने में आपको अपने जीवनसाथी का पूरा सहयोग मिलेगा। यदि कुछ समय से आपके पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है तो इस अवधि में उनकी सेहत में सुधार देखने को मिल सकता है। आर्थिक मोर्चे पर यह समय आपके लिए खर्चीला रहने वाला है। इस दौरान कुछ नकारात्मक चीजों पर आपका धन खर्च हो सकता है। सप्ताह के अंत में कोई अच्छी खबर मिलने से आप काफी उत्साहित रहेंगे। आपके स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान आपको पैरों से जुड़ी कोई तकलीफ हो सकती है।
धनु (21 नवंबर से 20 दिसंबर):
धनु राशि वालों के लिए यह सप्ताह बहुत ही शुभ रहने वाला है। इस दौरान आपके कुछ अधूरे कार्य पूरे होने से आपको बड़ी राहत मिलेगी। नौकरीपेशा जातकों को अपनी मेहनत का उचित परिणाम प्रमोशन के रूप में मिलने की प्रबल संभावना है। सरकारी नौकरी करने वाले लोगों को भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। छोटे व्यापारियों को लाभ कमाने के कई मौके मिल सकते हैं। अगर आपका काम शेयर बाजार से जुड़ा है तो इस हफ्ते आपको जबर्दस्त आर्थिक मुनाफा हो सकता है। पारिवारिक जीवन में स्थिति अनुकूल रहेगी। इस अवधि में आप अपने परिजनों के साथ पर्याप्त समय बिता पाएंगे। भाई बहनों के साथ आपका रिश्ता अच्छा रहेगा। बड़े भाई के सहयोग से आपकी किसी समस्या का समाधान हो सकता है। शादीशुदा जातकों के लिए यह समय बहुत ही रोमांटिक रहने वाला है। पैसों की स्थिति मजबूत रहेगी। प्रॉपर्टी से जुड़ा कोई मामला हल हो सकता है और आपको आर्थिक फायदा मिलने की प्रबल संभावना है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय आपके लिए अच्छा रहने के आसार हैं।
मकर (21 दिसंबर से 19 जनवरी):
इस अवधि में आप अपने स्वास्थ्य को लेकर किसी तरह की लापरवाही न करें तो बेहतर होगा अपने खानपान पर आप विशेष ध्यान दें। बाहर का खाना या बासी भोजन से आप परहेज करें। कामकाज की बात करें तो यह सप्ताह आपके लिए अच्छा रहने के आसार हैं। व्यापार से जुड़े जातकों को उम्मीद के अनुसार परिणाम मिल सकता है। अगर आप कोई नया कारोबार शुरू करने की योजना बना रहे हैं लेकिन आर्थिक समस्याओं के कारण आपकी योजना आगे नहीं बढ़ पा रही है तो इस अवधि में आपकी इस समस्या का समाधान हो सकता है। इस समय साझेदारी में कारोबार करना आपके लिए काफी लाभदायक रहेगा। नौकरीपेशा जातकों के लिए यह सप्ताह सामान्य रहने वाला है। यदि आपके मार्ग में कोई बाधा आती भी है तो आप पूरी हिम्मत और आत्मविश्वास के साथ सारी बाधाओं का सामना कर उसे पार करने में सफल रहेंगे। सप्ताह के अंत में घरेलू कलह के कारण आपकी मानसिक चिंता बढ़ सकती है। आपको समझदारी से इस तरह की मसलों को सुलझाने की कोशिश करनी चाहिए।
कुम्भ (20 जनवरी से 18 फरवरी):
सप्ताह की शुरुआत आपके लिए कुछ धीमी रहेगी। इस अवधि में आपको काफी आलस महसूस होगा और आप अपने काम पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाएंगे। हालांकि जल्द ही आप पूरे जोश और उत्साह के साथ वापसी करेंगे। नौकरीपेशा जातकों को अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तालमेल बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए। यदि वे आपको कोई सलाह देते हैं तो उनकी बातों को नजरअंदाज करने की भूल न करें। प्रॉपर्टी से जुड़ा काम करने वाले जातकों को इस हफ्ते अच्छा आर्थिक फायदा हो सकता है। वहीं दूसरी ओर अगर आपका व्यापार विदेशी कंपनियों से जुड़ा है तो इस अवधि में आपको उम्मीद के अनुसार परिणाम मिलने की संभावना है। जीवनसाथी के साथ रिश्ते में दूरियां बढ़ने से आप काफी उदास रहेंगे। बेहतर होगा आप अपने प्रिय को प्यार से मनाने का प्रयास करें। साथ ही आपको उनकी भावनाओं का आदर करना होगा। पैसों की स्थिति ठीक-ठाक रहेगी। यदि आप सोच समझकर अपने आर्थिक फैसले लेंगे तो कोई बड़ी समस्या नहीं होगी। स्वास्थ्य की बात करें तो इस दौरान डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
मीन (19 फरवरी से 19 मार्च):
इस हफ्ते अचानक आपकी आर्थिक समस्या का समाधान हो जाएगा। इससे आपको बड़ी राहत मिलेगी। यह सब आपकी ही कड़ी मेहनत का नतीजा है। पारिवारिक मोर्चे पर यह समय आपके लिए बहुत ही शुभ रहने वाला है। इस अवधि में आपके घर में किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन हो सकता है। आपको परिजनों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने का मौका मिलेगा। यदि आपके घर में कोई तनाव चल रहा है तो इस अवधि में उसके दूर होने की प्रबल संभावना है। कामकाज की बात करें तो आप कोई महत्वपूर्ण फैसला ले सकते हैं। अगर आप नौकरी करते हैं और इसके साथ आप खुद का छोटा-मोटा व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो इस अवधि में आपको कोई बढ़िया व्यवसायिक प्रस्ताव मिल सकता है। हालांकि आपको अपना फैसला बहुत ही समझदारी से लेने की जरूरत है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह समय अनुकूल रहेगा। इस दौरान आप खुद पर भी ध्यान दे पाएंगे।
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भारत की वाणिज्यिक राजधानी कहे जाने वाले मुंबई शहर में 1993 के बम धमाकों में मारे गए लोगों के परिजनों और जीवित बचे लोगों में कुछ राहत देखी जा रही है कि आख़िरकार न्यायालय का फ़ैसला आ रहा है.
लेकिन देश में हज़ारों ऐसे प्रभावित लोग हैं जिन्हें वर्षों से अब भी न्याय का इंतज़ार है और उनमें ख़ासतौर से सांप्रदायिक हिंसा के शिकार काफ़ी लोग हैं.
ऐसे बहुत से मामले हैं जिनकी सुनवाई में मुंबई बम धमाकों से भी ज़्यादा लंबा समय लगा है लेकिन अभी तक उनका कोई फ़ैसला नहीं आया है.
देश के अल्पसंख्यक समुदायो - मुस्लिम और सिख में बहुत से लोगों में न्याय में हो रही देरी पर कुंठा है और उनका कहना है कि यह देरी दिखाती है कि उनके ख़िलाफ़ भेदभाव होता है जो काफ़ी गहराई से बैठा हुआ है.
मुंबई बम धमाकों के मुक़दमे में दोषी ठहराने वाले फ़ैसला का पूरे देश में व्यापक तौर पर स्वागत किया गया लेकिन ख़ासतौर से मुंबई के माहीम इलाक़े में यह स्वागत नहीं देखा गया. उस इलाक़े में अधिकांश आबादी मुसलमानों की है.
माहीम इलाक़े में ही मेमन परिवार रहता था. इसी परिवार के चार सदस्यों को दोषी क़रार दिया गया है जबकि बाक़ी को कई वर्ष जेलों में काटने के बाद रिहा कर दिया गया है.
इस इलाक़े के लोगों में इस फ़ैसले पर आश्चर्य का माहौल था. एक महिला आबिदा सिद्दीकी ने आँसू पोंछते हुए कहा, "भले ही अदालत ने मेमन सदस्यों को दोषी ठहराने का यह फ़ैसला सुना दिया है, हम नहीं मानते कि वे बम धमाकों में शामिल थे. वो एक खाता-पीता और दरियादिल परिवार रहा है. "
आबिदा की एक रिश्तेदार हुर्रियत सिद्दीकी का सवाल था कि जो लोग 1993 में बम धमाकों से पहले महीनों तक चले सांप्रदायिक हिंसा में शामिल थे, उनके मुक़दमे का फ़ैसला कब सुनाया जाएगा.
ऐसे आरोप हैं कि मुंबई धमाकों की योजना मुसलमानों की बहुलता वाले माफ़िया गुटों ने बनाई थी और ऐसा उन्होंने हिंदू-मुस्लिम हिंसा का बदला लेने के इरादे से किया था.
ग़ौरतलब है कि छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराए जाने के बाद अनेक स्थानों पर सांप्रदायिक दंगे भड़क उठे थे और मुंबई में वे दंगे कई महीने तक चले थे. देश भर में उस हिंसा में दो हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए थे.
मुंबई में काफ़ी भीषण दंगे हुए थे और उनमें मारे गए लोगों में ज़्यादातर मुसलमान थे जिन्हें कथित तौर पर हिंदू भीड़ ने मारा था. पुलिस पर आरोप लगे थे कि वह मुसलमानों की रक्षा करने के लिए समय पर कार्रवाई करने में नाकाम रही थी.
एक हिंदूवादी नेता पर अयोध्या में हिंसा भड़काने का आरोप लगाया गया था लेकिन उस मामले में अभी किसी पर कोई आरोप निर्धारित नहीं किए गए हैं.
मुंबई दंगों की जाँच के लिए श्रीकृष्ण आयोग गठित किया गया था जिसने दोषियों की शिनाख़्त की थी लेकिन आज तक किसी को नहीं पकड़ा गया है.
'उदासीनता'
सिखों का भी कहना है कि उन्हें भी न्याय से वंचित किया गया है.
1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद दिल्ली में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे जिनमें तीन हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए. उनमें से ज़्यादातर परिवार उन दंगों के 22 साल बाद भी न्याय का इंतज़ार कर रहे हैं.
इन दंगों की जाँच के लिए कुल मिलाकर नौ जाँच समितियाँ या आयोग बनाए गए. उन्होंने दंगों के लिए ज़िम्मेदार लोगों के नाम बताए हैं जिनमें कुछ नेता भी हैं, मगर अभी किसी को भी न्यायालय से सज़ा नहीं मिली है.
लगभग सभी मामलों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं किए जाने के पीछे राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी नज़र आती है.
सिख विरोधी दंगों की जाँच के लिए नवें और अंतिम नानावती आयोग की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस पार्टी ने संबंधित राज्य सरकारों से उन लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने को कहा जो दंगों में शामिल थे. जिन लोगों के नाम लिए गए उनमें ख़ुद कांग्रेस पार्टी के कुछ नेता भी थे.
लेकिन सरकारी उदासीनता या जैसाकि कुछ लोग कहते हैं, भेदभाव और पूर्वाग्रह की भावना पार्टियों की सीमाएँ भी पार कर गए हैं.
मुंबई में मुसलमानों में कुंठा नज़र आती है और इसकी वजह वे बताते हैं कि लगातार आने वाली सरकारों ने श्रीकृष्ण आयोग की रिपोर्ट के प्रति उदासीनता ही दिखाई है.
जिस समय श्रीकृष्ण आयोग की रिपोर्ट सौंपी गई थी तब महाराष्ट्र में शिव सेना और भारतीय जनता पार्टी की गठबंधन सरकार थी लेकिन इस रिपोर्ट को किसी भी सरकार ने स्वीकार नहीं किया है. राज्य में अब कांग्रेस सरकार के दौरान भी ऐसा नहीं हुआ है.
इस तरह के संवेदनशील मामलों की सूची काफ़ी लंबी है. मेरठ के हाशिमपुरा का मामला लें जहाँ 19 साल पहले मुसलमानों की निर्दयतापूर्वक हत्या की गई थी. उस मामले में 19 पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ मुक़दमे दर्ज किए गए थे लेकिन उनमें कोई नतीजा नहीं निकल सका है.
अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने वो मुक़दमे दिल्ली स्थानांतरित करने के आदेश दिए हैं. इस बीच अभियुक्त अधिकारी अब भी नौकरी कर रहे हैं.
यह तो सही है कि लोग इस तरह के मुक़दमों की सुनवाई के लिए, चाहें तो ख़ुद के वकील नियुक्त कर सकते हैं, मगर ऐसे मामलों में ग़रीब और अशिक्षित लोग प्रभावित होते हैं जो साल दर साल चलने वाले मुक़दमों का क़ानूनी ख़र्च नहीं उठा सकते.
बिहार के भागलपुर में 1989 में हुए सांप्रदायिक दंगों का मामला भी ऐसा है. विभिन्न सरकारें बदली हैं लेकिन न्याय का अब भी इंतज़ार है.
तो, दोष किसका है? जानकारों का कहना है कि सरकारी वकील ऐसे मामलों में अक्सर मुस्तैदी नहीं दिखाते और राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी भी हर तरफ़ नज़र आती है.
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भारत ने समुद्री इलाकों में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अमेरिका से सैद्धांतिक तौर पर समझौता कर लिया है. चीन के इस असर से अमेरिका पहले भी नाखुशी जाहिर कर चुका है. इसको देखते हुए भारत और अमेरिका जल्द ही लॉजिस्टिक सपोर्ट एग्रीमेंट पर दस्तखत करने वाले हैं.
अमेरिकी रक्षा मंत्री एश कार्टर ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि दोनों देशों को इस मकसद से आगे आना होगा. अमेरिका लंबे समय से भारत से इसके लिए आगे बढ़ने कहता रहा है. समझौता हो जाने के बाद दोनों देशों की सभी सेनाएं एक-दूसरे की मिलिट्री सप्लाइ, रिपेयर, जंगी शिप्स और ईंधन भरने के लिए प्लेटफॉर्म्स यानी जमीनी, हवाई और समुद्री सैन्य ठिकाने वगैरह का इस्तेमाल कर सकते हैं. समझौते पर दस्तखत होने में अभी कुछ वक्त लगने की गुंजाइश है.
एश कॉर्टर ने 10-12 अप्रैल के अपने भारत दौरे के आखिरी दिन बताया कि रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात काफी सकारात्मक रही. उन्होंने कहा कि दोनों देशों में एलएसए पर आगे बढ़ने के लिए रजमांदी हो गई है. इसे व्यवहारिक रूप भी जल्द दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि हम ड्राफ्ट को आखिरी रूप दे रहे हैं. इसके बाद दोनों देश कमर्शियल शिपिंग इंफॉर्मेशन एक्सचेंज एग्रीमेंट की दिशा में भी आगे बढ़ेंगे.
दूसरी ओर भारत लंबे समय से अपनी सैन्य स्वायत्तता के मद्देनजर इस समझौते पर चिंता जताता रहा है. समझौते पर दस्तखत हो जाने के बाद अमेरिका को भारतीय सैन्य ठिकानों पर आवाजाही की इजाजत मिल जाएगी. इसके परिणामों के विभिन्न पहलुओं पर लगातार विचार किया जा रहा है.
केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में पड़ोसी देश चीन के बढ़ते प्रभाव और पाकिस्तान के साथ बढ़ती उसकी नजदीकी को देखते हुए अमेरिका को इस समझौते को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं. बीते दिनों अमेरिका ने पाकिस्तान को एफ-16 लड़ाकू विमान देने के बाद अमेरिका ने भारत को एफ-16 और एफ-18 देने का वादा किया है. फ्रांस से राफेल डील न हो पाने की वजह से भारत ने इसमें दिलचस्पी भी दिखाई है.
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India vs Australia: भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज का दूसरा मुकाबला हार गई है। ऑस्ट्रेलिया ने 39 ओवर रहते 10 विकेट से मैच को अपने नाम कर लिया। टीम इंडिया ने सिर्फ 117 रन बनाए थे। हार के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने बताया कि क्यों टीम को ऐसा हार झेलनी पड़ी है।
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नागरिकता संशोधन विधेयक बिल 2016 के विरोध में असम के '70 जातीय नेशनल संगठन' जंतर-मंतर में 09 दिसम्बर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठकर धरना-प्रर्दशन कर रहे हैं। '70 जातीय नेशनल संगठन' को लोगों ने केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला।
संगठन के लोगों का कहना है कि हम इस नागरिकता संशोधन विधेयक बिल 2016 के खिलाफ हैं जिसे कोई भी बांग्लादेशी नागारिक चाहे वो हिन्दू हो या मुस्ल्मि हो अमस में आकर प्रवास न करे। जिससे असम में जनसंख्या, आर्थिक और राजनीतिक प्रभाव न पड़े। अगर केंद्र में मोदी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक बिल 2016 इस शीतकालीन सत्र में पारित कर देती है। इससे असम के लोगों का बड़ी मात्रा में हनन होगा। इसीलिए हम लोग सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं ताकि सरकार इस विधेयक को रद्द करे। पीएम माकेदी के साथ संगठन के लोगों ने असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल पर भी जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि सीएम सर्वानंद सोनोवाल खुद एक बांग्लादेशी शरणार्थी हैं। इसीलिए वह इस बिल को लाना चाहते हैं।
गौरतलब है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लोकसभा में 'नागरिकता अधिनियम' 1955 में बदलाव के लिए लाया गया है। केंद्र सरकार ने इस विधेयक के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को बिना वैध दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा है।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 से संबंधित संयुक्त संसदीय समिति ने इस पर लोगों की राय जानने के लिए नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों का दौरा किया था। उसके बाद से ही इसका जबरदस्त विरोध शुरू हो गया है। इस विधेयक पारित होने के बाद उनके निवास काल को 11 वर्ष से घटाकर छह वर्ष कर दिया गया है। यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं।
1980 के दशक में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) की अगुआई में हुए छात्रों के आंदोलन में यह मुद्दा बड़े पैमाने पर उठा। आखिरकार 2005 में केंद्र, राज्य सरकार और आसू के बीच असमी नागरिकों का कानूनी दस्तावेजीकरण करने के मुद्दे पर सहमति बनी और अदालत के हस्तक्षेप से इसका एक व्यवस्थित रूप सामने आया।
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- जोली-पिट के अलगाव से क्यों सुर्खियों में हैं जेनिफर?
हॉलीवुड जोड़ी एंजेलीना जोली और ब्रैड पिट जहां अपने तलाक की खबरों से सुर्खियों में हैं. वहीं जेनिफर एनिस्टन भी चर्चा में आ गई हैं. दरअसल, जोली-पिट के अलगाव की खबर आने के बाद से जहां उनके प्रशंसक सदमे में हैं, वहीं कुछ लोगों ने इसे लेकर तरह-तरह के मजाक करना शुरू कर दिया है और वे ऐसी कल्पना कर रहे हैं कि इस खबर से निश्चित तौर पर जेनिफर काफी खुश होंगी. जेनिफर एनिस्टन पिट की पूर्व पत्नी हैं. जेनिफर और पिट ने अपनी पांच साल चली शादी के बाद 2005 में तलाक ले लिया था. ऐसा माना जाता है कि फिल्म 'मिस्टर एंड मिस स्मिथ' के सेट पर जोली और पिट की बढ़ती नजदीकियों के कारण उन्होंने यह कदम उठाया था. एनिस्टन से अलग होने के तुरंत बाद ही पिट ने जोली को डेट करना शुरू कर दिया था.
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कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उत्तर प्रदेश प्रशासन पर निशाना साधा । प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रियंका ने कहा कि प्रदेश में पुलिस अराजकता फैला रही है। धर्म विशेष के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। बिजनौर में दो लड़कों की हत्या की गई। दूध लेने गए बच्चे को पुलिस ने गोली मारी। सुलेमान नाम के लड़के को पुलिस उठाकर ले गई। उसका शव मिला है। पुलिस ने सुलेमान के परिजनों को धमकाया कि अगर आवाज उठाई को गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर देंगे।
प्रियंका गांधी ने कहा कि इसी तरह पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी को भी घर से उठाया गया। उन्होंने फेसबुक पर सिर्फ एक पोस्ट डाली थी और लोगों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने प्रदेश में अब तक 5500 लोगों को डिटेन किया है और करीब 1100 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर के दफ्तर पर सोमवार (16 जुलाई) को हमला हो गया। यह हमला उनके तिरुवनंतपुरम स्थित दफ्तर के बाहर हुआ। हमलावरों ने इस दौरान होर्डिंग-बैनर के साथ तोड़-फोड़ की। विरोध जताते हुए उपद्रवियों ने नारेबाजी की और दफ्तर के गेट पर लगी होर्डिंग पर बनी थरूर की तस्वीर पर कालिख फेंकी।
दफ्तर पर हमले से कुछ रोज पहले थरूर ने एक बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आगामी लोकसभा चुनाव (2019) जीतती है, तो देश हिंदू पाकिस्तान बन जाएगा। इस बयान पर न केवल थरूर, बल्कि पार्टी की भी चारों ओर आलोचना हुई थी।
नतीजतन कांग्रेस ने बाद में थरूर के बयान से किनारा कर लिया था। मगर केरल में पार्टी की इकाई उसका समर्थन कर रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने इस हमले को अंजाम दिया था। उपद्रव के दौरान वे दफ्तर के भीतर घुस गए थे, जहां उन्होंने होर्डिंग पर कालिख फेंकी और काले झंडे लगाए।
यही नहीं, उपद्रवियों ने दफ्तर पर लगे बोर्ड फेंक दिए थे और उसकी जगह दूसरा बोर्ड लगाया। उस पर लिखा था- थरूर का पाकिस्तान दफ्तर।
अच्छी बात यह थी कि जिस वक्त हमला हुआ, तब थरूर दफ्तर पर नहीं थे। सूचना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची, जिससे पहले ही उपद्रवी वहां से नौ दो ग्यारह हो चुके थे। ऐसे में पुलिस अधिकारियों ने शिकायत के आधार पर अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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स्थानीय अधिकारियों से मिलीभगत कर राशन की कालाबाजारी करने वाले माफिया के लिए अब बच पाना आसान नहीं होगा। इन पर शिकंजा कसने के लिए सरकार ने अब नई रणनीति बनाई है। मुख्यालय भाेपाल से पहली बार लगातार छापामार कार्रवाई का प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत एक जिले की टीम दूसरे जिले में जाकर रेंडमली कंट्राेल दुकान की चैकिंग करेगी। इस दौरान वहां मिलने वाली खामियों को सीधे ऑन लाईन दर्ज करते हुए उसी समय मुख्यालय भोपाल को अवगत कराना अनिवार्य रहेगा।
आपका राशन आपका अधिकार नाम से शुरू हुए अभियान के तहत 19 अक्टूबर से प्रदेशभर में दूसरे जिले के अधिकारियों की छापामार कार्रवाई शुरू भी हो गई है। इसी क्रम में अशोकनगर जिले की राशन दुकानों की जांच करने पहली बार दतिया जिले के खाद्य अधिकारियों की टीम आई। जिन्होंने जिले के बरखेडा काछी, नरखेड़ा, मसीदपुर, गर्रोली आदि 5 दुकानों पर छापामार कार्रवाई की। किसी भी दुकान पर स्टॉक व वितरण का मिलान नहीं हो सका। टीम ने पंचनामा बनाते हुए उक्त खामियां मौके से ही ऑनलाइन भी दर्ज कर दी।
कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि मुख्यालय भोपाल से इस बार अंतर जिला निरीक्षण का रोटेशन बनाया है। अधिकारियों को अन्यत्र जिलों में भेजने के साथ ही ऑनलाइन औचक निरीक्षण के लिए दुकान का चयन भी भोपाल से आता है। पहली बार हमारे यहां दतिया जिले से आई टीम ने चुनिंदा दुकानों का औचक निरीक्षण किया है। जहां खामियां मिली, उन्हें भी लगातार नोटिस दिए जा रहे है। अब दूसरी बार किसी अन्य जिले की टीम यहां आएगी।
राशन कालाबाजारी के मामले में अशोकनगर जिले की छवि प्रदेश में पहले ही बदनाम है। पिछले डेढ़ साल में गरीबों के लिए आए अनाज की कालाबाजारी करने के 200 से ज्यादा मामले सामने आए। इसमें सबसे ज्यादा गड़बड़ी कोरोना के समय राज्य व केंद्र की योजना के तहत वितरित हुए राशन में देखने को मिली। चना वितरण में भी करीब 100 से ज्यादा दुकानों पर खामियां उजागर हुई थी। एक राशन गड़बड़ी में प्रदेश के बड़े नेता के भाई का नाम सामने आने के बाद अशोकनगर में हुए राशन घोटाले को लेकर कांग्रेस ने भोपाल में भी प्रदर्शन किया था।
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Summer Fashion : गर्मियों के सीजन की शुरुआत हो गई है। इसी सीजन में शादी-विवाह के शुभ मुहुर्त भी आते हैं, जिनमें काफी लोगों की शादियां होती हैं। गर्मियों के मौसम में शादी के लिए सही कपड़ों का चयन करना काफी मुश्किल होता है। अगर आप इस चिलचिलाती धूप में गलत फैब्रिक और गलत रंग के कपड़े पहनेंगी तो गर्मी में परेशान हो जाएंगी। इस मौसम में लाइट रंगों के कपड़े पहनना काफी पसंद किए जाते हैं क्योंकि ये काफी आरामदायक होते हैं। ये परेशानी सबसे ज्यादा एथनिक वियर में सामने आती है, क्योंकि एथनिक वियर पहले से ही काफी हैवी होता है।
ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे एथनिक आउटफिट्स के डिजाइनों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनको कैरी करके आप स्टाइलिश भी दिखेंगी और गर्मी में परेशान भी नहीं होंगी। दरअसल, कुछ एक्ट्रेस अपने एथनिक लुक्स से लोगों को काफी प्रभावित करती हैं। ऐसे में आप भी इनसे टिप्स लेकर खूबसूरत दिख सकती हैं।
अगर एथनिक वियर में खूबसूरत के साथ-साथ हॉट भी दिखना चाहती हैं तो सारा के जैसी येलो रंग की लहंगा साड़ी पहन सकती हैं। लाइट रंग होने की वजह से आप इसे पहन कर कंफर्टेबल भी रह सकती हैं।
गर्मियों के मौसम में आप इस तरह का ग्रीन रंग का शरारा सेट भी कैरी कर सकती हैं। इसे पहन कर आपको काफी आराम भी मिलेगा।
इस तरह की व्हाइट रंग की साड़ी गर्मियों के लिए एक बेहतर ऑप्शन हो सकती है। इसके साथ आप सफेद रंग की चूड़ियों पहन सकती हैं।
गर्मियों के हिसाब के व्हाइट कलर सबसे बेस्ट होता है। व्हाइट चिकनकारी लहंगा पहन कर आप खूबसूरत दिखेंगी।
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एसएनके कंपनी में छापा, इस विवाद से जुड़ा शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान की कंपनी का नाम!
सुपरस्टार शाहरुख खान जितने मशहूर हैं उनकी पत्नी गौर खान भी उतना ही चर्चा में रहती हैं। लेकिन इस बार एक विवाद से उनका नाता जुड़ा है जिसका कनेक्शन सीधा यूपी और एसएनके पान मसाला से है। हाल ही में यूपी के कानपुर में प्रधान आयकर निदेशक जांच कानपुर के निर्देश पर एसएनके पान मसाला समूह के 31 परिसरों पर छापे मारे गए थे। जिसके बाद वो काफी चर्चा में आया था। हालांकि जांच लगातार जारी है।
बेल बॉटम की रिलीज डेट के साथ अक्षय कुमार ने किया एक और बड़ा ऐलान, वीडियो वायरल!
इस छापे के बाद खबर आई थी कि पान मसाला कंपनी जितने भी प्रोजेक्ट चल रहे है उनमे से सभी कामों में गौरी खान की कंपनी को काम दिए जाने की बात सामने आई थी। ऐसी खबर है कि आयकर विभाग अब गौरी खान की कंपना की जांच भी कर सकता है।
हालांकि इससे जुड़ी किसी तरह की अपडेट बाद में सामने नहीं आया है। शाहरुख खान की पत्नी गौरी खान की मुसीबतें बढ़ती हैं कि नहीं ये तो आने वाला समय ही बताएगा। गौरी खान को लाइमलाइट में रहना काफी कम पसंद है।
अक्सर वो अपने परिवार या शाहरुख खान के साथ स्पॉट की जाती हैं। गौरी खान और शाहरुख खान काफी समय से साथ हैं और सुपरस्टार बनने से पहले ही शाहरुख खान ने गौरी से शादी कर ली थी।
शाहरुख खान की बात करें तो इस समय वो फिल्म पठान को लेकर काफी चर्चा में चल रहे हैं और लगातार इसकी शूटिंग चल रही है। फिल्म में उनके साथ दीपिका पादुकोण नजर आने वाली हैं जो कि पहले भी साथ काम कर चुकी हैँ।
Viral Video: बंद कमरे में लड़कियों ने की ऐसी हरकत, वीडियो देख भड़के यूजर्स, बोले- 'पढ़ने लिखने की उम्र में...'
Salaar 2 के रिलीज से पहले जगपति बाबू ने खोल डाला सबसे बड़ा राज, ऐसा होगा सीक्वल?
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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य तिथि पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्रीमती गांधी को नमन करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि इंदिरा गांधी ने देश की एकता और अखण्डता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। बाल चरखा संघ और बच्चों की वानर सेना के माध्यम से वह बचपन से ही स्वाधीनता आंदोलन से जुड़ गईं। इंदिरा गांधी दृढ़ इच्छा शक्ति और पक्के इरादों वाली महिला थीं। उन्होंने अपना पूरा जीवन गरीबों और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान में लगा दिया।
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि श्रीमती गांधी ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भारत का कुशलतापूर्वक नेतृत्व करते हुए अंतर्राष्ट्रीय पटल पर प्रतिष्ठा दिलाई। उनके हरित क्रांति कार्यक्रम की सफलता ने देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया। प्रधानमंत्री के रुप में उन्होंने बैंकों के राष्ट्रीयकरण, राजाओं के प्रीवीपर्स की समाप्ति जैसे कठोर निर्णय लिए। बांग्लादेश का उदय, भारत का परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनना उनकी प्रमुख उपलब्धियां थी। उनके कार्यकाल में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की स्थापना हुई और प्रथम उपग्रह आर्यभट्ट अंतरिक्ष में छोड़ा गया।
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हिमाचल के हमीरपुर से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा ने सोमवार को टुकलेहड़ा, ललीण, जगडियाणी, कोटला, मंडियाणी, तलासी, दरबोड़, नाहलवीं, बल्ह, रटेहड़ा एवं नारा में नुक्कड़ सभाएं कीं। इस दौरान उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी ही देश का भविष्य है। इसलिए नौनिहालों के लिए शुरू से ही बेहतर शैक्षणिक माहौल तैयार करने को स्कूलों में शिक्षा के ढांचे को बदला जाएगा।
उन्होंने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार एवं स्वरोजगार के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए विशेष टीमें गांव स्तर पर ही बनाई जाएंगी, जो स्थानीय प्रशासन से तालमेल रखकर नशे को जड़ से मिटाने में सहयोग करेंगी। नशे से दूर होने से हमीरपुर के युवाओं का भविष्य उज्जवल होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास की दृष्टि से प्रत्येक गांव का समान काम कराया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हर गांव में खेल मैदान बनाए जाएंगे। ताकि युवाओं का मानसिक विकास भी हो सके। कहा कि उन्होंने क्षेत्र में अपने दौरों के दौरान ये बात कई बार महसूस की है कि वास्तव में अब तक युवा पीढ़ी को भटकाने का ही काम किया जाता रहा है। कई नेता उनके भविष्य को अपने नारों तक ही सीमित रखकर समय नष्ट करते हैं। अब ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने युवाओं से भी आह्वान किया कि वे लोगों के जुमलों पर ध्यान न देकर अपने भविष्य के प्रति सजग रहें। उन्होंने कहा कि हमीरपुर के प्रस्तावित बस अड्डे को बनवाने को भी वे अपने कामों की प्राथमिकता में लाएंगे। इससे शहर में बढ़ते प्रदूषण एवं ध्वनि प्रदूषण से भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अब विकास कार्यों से पिछड़े हमीरपुर को स्वच्छ व विकसित क्षेत्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
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भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा (BJP Leader Sambit Patra) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress Leader Rahul Gandhi) और जयराम रमेश (Jairam Ramesh) का एक वीडियो शेयर कर कांग्रेस (Congress) पर निशाना साधा है। 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे राहुल का वीडियो बीजेपी नेता ने शेयर किया तो यूजर्स ने कई तरह के रिएक्शन भी दिए।
संबित पात्रा द्वारा शेयर किए गए वीडियो में कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हैं। जिसमें राहुल गांधी कह रहे हैं,"जो किसान है, उसे चारो ओर से घेरा जा रहा है। उसे डीजल और पेट्रोल के दाम से मारा जा रहा है। वहीं, वीडियो के दूसरे पार्ट में कांग्रेस नेता जयराम रमेश सिंह मीडिया कर्मी हिमाचल प्रदेश में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाए जाने को लेकर सवाल कर रहे हैं।
@AdhuraPatra नाम के एक यूजर ने लिखा,"वादा तो पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बहुत कुछ किया था, उस पर भी कोई जवाब दो। " @Rajshre70 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया कि हिमाचल में अभी आपकी सरकार आई हैं, वहां फ्यूल प्राइस क्यों महंगा किया है? इसपर जवाब दे देंगे तो इनकी पोल खुल जाएगी। @Ajitsgh26 ने पूछा- दाम बढाएं तेल पर मोदी और घटाए राज्य सरकारें[email protected] नाम की एक यूजर ने कटाक्ष करते हुए लिखा,"ये सब तो आपका और आपकी पार्टी का ही किया धरा है, आप पहले अपना बताओ कि नरेंद्र मोदी सरकार नौकरी देने वाला वादा कब पूरी करेगी?
@Ashishm7588 नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया,"संबित जी थोडा सब्र करो। डीजल और पेट्रोल आप की मोदी फ्री में देने वाले थे। " @Brajend43869428 नाम के एक यूजर लिखते हैं- कथनी और करनी मे बहुत अंतर होता है। @js4India नाम के एक यूजर ने कमेंट किया- तपस्वियों को डीजल के रेट से क्या मतलब। वो इनके माइंड में हैं ही नहीं।
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( vii )
अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण एवं विकासार्थ बैंक
(International Bank For Reconstruction and Development) प्राक्कथन, अन्तर्राष्ट्रीय बैंक के उद्देश्य, विश्व वैन की पूँजी एवं इसके साधन, बैंक की पूजो मे वृद्धि, वैक को व्यवस्था, वैन का कार्यक्रम, जन्तर्राष्ट्रीय बैंक के कार्यों को समीक्षा, बैंक तथा अविकमिन एवं अर्द्ध- विकसित देश, बैंक को व्यवस्था, भारत एव अन्तर्राष्ट्रीय बैंक । ।
अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम एवं अंतर्राष्ट्रीय विकास-संघ प्राक्कथन, अन्तर्राष्ट्रीय वित्त निगम, अन्तर्राष्ट्रीय विकाम सघ । अंतर्राष्ट्रीय तरलता की समस्या एवं विशेष आहरण अधिकार
(Problems of Inter, ational Liquidity &. S. D. R.) प्राक्कथन, अन्तर्राष्ट्रीय तरलता का अर्थ, अन्तर्राष्ट्रीय तरलना के साधन, अन्तर्राष्ट्रीय तरलता का महत्व, तरल कोपो की पर्याप्तता, अन्तर्राष्ट्रीय तरलता में किस प्रकार वृद्धि की जाय ?, विशेष आहरण अधिकार क्या है ? एस० डी० आर०योजना की विशेदनाएँ, विकासशील देश एवं विशेष आहरण अधिकार, विशेष आहरण अधिकार की आलोचना ।
( Foreign Exchange )
विदेशो विनिमय का अर्थ, विदेशी विनिमय-बाजार, विनिमय की दरविनिमय की दर का अर्थ, विनिमय को दर का निर्धारण, विदेशी मुद्रा को माग के कारण, विनिमय दर की समता, स्वर्ण मान वाले देशो में विनिमयदर, टक समता का निर्धारण, दक-समता में परिवर्तन और अपरिवर्ततीय पत्रमुद्रा वाले देशो में विनिमय की दर, कप-शक्ति-साम्य सिद्धात (Purchasing Power Parity Theory ) ) - परिभाषा, व्याख्या, ऋय-शक्ति साम्य सिद्धात की आलोचनाएँ, भुगतान संतुलन का सिद्धान्त ।
विनिमय नियन्त्रण का अर्थ, विनिमय नियन्त्रण के उद्देश्य - अधिमूल्यन, अवमूल्यन, विनिमय दर में होनेवाले परिवर्तनो को रोकना, विनिमय नियंत्रण, के तरीके, - हस्तक्षेप, विनिमय प्रतिबन्ध, विनिमय नियत्रण का वाणिज्य पर प्रभाव, विनिमय-सरकारी काप, जर्मनी का विनिमय प्रतिबन्ध, परोक्ष तरीके, भारत में विनिमय नियत्रण, अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष तथा विनिमय स्थायित्व । खण्ड 5: अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार
( Internatirnal Trade ) अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार की शत एवं लाभ ( Terms of International Trade ) प्राक्कथन, आन्तरिक एवं विदेशी व्यापार मे समानना अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए एक पृथक् सिद्धान की आवश्यक्ता अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में उत्पादनव्यय का अन्तर, उत्पादन व्यय में पूर्ण अन्तर, समान अन्तर, उत्पादन-व्यय मे तुलनात्मक जन्तर, जन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में लाभ, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मे लाभ की मात्रा के निर्धारण तत्त्व, व्यापार की शत्त, अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार के गुण एवं दोष । |
साथ तमाम लोग प्रसन्नतापूर्वक कंप्यूटरों में हिंदी में काम करने लगे।
उपयोग नहीं किया। कंप्यूटर पर हिंदी लेखन के लिए मैं कृतिदेव फ़ॉन्ट पर निर्भर था,
अन्य दस्तावेज़ों में इसका उपयोग सीमित है।
पढ़ा जा सकता है। डायनॉमिक फ़ॉन्ट से कुछ समस्याओं को दूर करने की कोशिशें की गईं,
पहले कंप्यूटर पर डाउनलोड करना होता है। अतः इंटरनेट पर समय अधिक लगता है।
अनुवादक के रूप में शामिल हो गया।
अनुवाद कर रहा था। उस समय तक मैं हिंदी में कृतिदेव फ़ॉन्ट का अभ्यस्त हो चुका था,
अलग था। उस वक्त हिंदी कुंजीपट-इनस्क्रिप्ट को शून्य से सीखना पड़ा, जो कृतिदेव से,
हासिल करने में लग गए।
हल्ला मचाते और जब उन्हें पता चलता कि अनुवाद -असीमित, उबाऊ, थकाऊ, ग्लैमरविहीन,
और इस बीच समय मिलने पर अनुवाद कार्य भी करते थे।
फलस्वरूप मैं सारा समय अनुवाद कार्य में जुट गया।
रविकांत, सराय की पहल के नतीजे तेज़ी से आने लगे।
भारतीय भाषा सम्मेलन में मुंबई में की थी।
गया। नतीजतन, अब हमारे पास रेडहेट फेदोरा तथा एंटरप्राइज़ संस्करण, मेनड्रेक,
है। लिनक्स के आकाश पर हिंदी अब दमक रही है।
अंततः अब मैं बिना किसी फ़ॉंन्ट समस्या के,
है, यूनिकोड हिंदी आधारित सैकड़ों अन्य हिंदी साइटें भी अस्तित्व में आई हैं।
धन्यवाद इंडलिनक्स!
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इससे पहले कि आप एक मुकदमा दायर, तुम क्या क्षेत्र संबोधित किया जाना चाहिए में तय करना होगा। सेंट पीटर्सबर्ग के मजिस्ट्रेट कोर्ट वर्गों में विभाजित कर रहे हैं, जिनमें से प्रत्येक एक विशिष्ट क्षेत्र को दर्शाता है। कुल में, एक से अधिक दो सौ स्वतंत्र वर्गों की सांस्कृतिक राजधानी। इसके अलावा सेंट पीटर्सबर्ग के मैजिस्ट्रेट के कोर्ट जजों के अपने पेशे के, ईमानदार ईमानदार और समर्पित की एक ही राशि के लिए खाते। यह लेख संयुक्त क्षेत्रों के सभी क्षेत्रों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
वास्तव में, दुनिया अदालत शरीर सामान्य क्षेत्राधिकार के मामलों में निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार कहा जाता है। तो, सेंट पीटर्सबर्ग अदालतों की दुनिया राज्य की अदालतों की प्रणाली का हिस्सा हैं, उसके पहले (सबसे कम) के स्तर में ले रही है।
मजिस्ट्रेट नागरिक, प्रशासनिक और आपराधिक प्रकृति पर फैसला करता है। कानून के इन सेवकों केवल उन मामलों का काम लेने के लिए अनुमति दी है, जिनमें से सजा जेल में तीन साल और एक लाख का जुर्माना अधिक नहीं है। अक्सर, वे परिवार के रिश्तों, संपत्ति, हिरासत, उपभोक्ता अधिकारों, क्षुद्र चोरी, यातायात उल्लंघन के संरक्षण के विभाजन के नियमन के बारे में दावे ध्वस्त, मामूली शारीरिक नुकसान, बलात्कार और बदनामी की धमकियों पहुंचाई।
आदेश सेंट पीटर्सबर्ग अदालत की दुनिया में एक न्यायाधीश के रूप में काम करने के लिए जाने के लिए, यह एक कानून की डिग्री होना आवश्यक है। के रूप में एक संभावित न्यायाधीश अन्य देशों के साथ संबंधों को नहीं करना चाहिए था उसके आपराधिक रिकॉर्ड, मादक द्रव्यों के सेवन और गंभीर बीमारियों में अस्वीकार्य है।
सेंट पीटर्सबर्ग के मध्य जिला के लिए विश्व न्यायालय 14 स्टेशन शामिल हैं। तथ्य यह है कि आम तौर पर सभी साइटों, एक ही इमारत में स्थित हैं मध्य क्षेत्र में होने के बावजूद यह मामला नहीं है। कैसे उसे नागरिकों से दावा है, बाद में प्रस्तुत करने में सेंट पीटर्सबर्ग के एक मजिस्ट्रेट कोर्ट और कुछ मजिस्ट्रेटों को खोजने के लिए।
- 45 वें स्थल पर न्यायाधीश तात्याना एनाटोलेवना Tuchkova काम करता है। साइट Millionnaya गली में स्थित है, वह न्यायिक क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ घर का नंबर 26. संपर्क फोन है, जो सेंट पीटर्सबर्ग की दुनिया अदालत की आधिकारिक वेबसाइट पर है पर हो सकता है।
- 199 स्टेशन Nevsky Prospekt पर घर का नंबर 84-86 में वास्तव में है। यहाँ न्यायाधीश इयान Andreevna Nikitina, संपर्क, जिसके साथ मजिस्ट्रेट सचिव के माध्यम से संभव है पर हावी है।
- Ponomareva Aleksandra एलेकसांद्रोवना 200 मीटर सड़क Chernyshevsky पर नंबर 17 पर स्थित साइट चलाता है।
- मकारोवा ओल्गा एनाटोलेवना - Ligovsky एवेन्यू पर, संख्या 56 पर एक साइट नंबर 202. मजिस्ट्रेट, जो स्थल पर काम करता है, है।
- कुज़्नेत्सोव अलेक्सी Valerevich - जेपी 203 वीं साइट, यहां उपलब्ध हैंः Fontanka तटबंध, घर का नंबर 76।
- धारा 204 और 205 घर का नंबर 9/11 में सड़क लाल कपड़ा मजदूरों पर स्थित हैं। Хабарова и Тамара Васильевна Долинская. मजिस्ट्रेट क्षेत्रों - ऐलेना Mihaylovna Habarova और तमारा Vasilevna Dolinskaya।
- तटबंध पर घर का नंबर 76 भी एक मजिस्ट्रेट Kalmadinovym Olegom Nikolaevichem साथ 206 वें साजिश है।
- बहुत सारे नंबर 207-211 समावेशी पते पर इमारत में स्थित हैंः सड़क 4-फिर Sovetskaya, घर का नंबर 26।
सेंट पीटर्सबर्ग के फ्रुंज़े जिले के मजिस्ट्रेट की अदालत में 18 अलग साइटों है। तथ्य यह है कि उन सभी को एक ही पते पर स्थित हैं के बावजूद, निर्देशकों और उनके लिए फोन नंबर अलग हैं। सेंट पीटर्सबर्ग के फ्रुंज़े विश्व न्यायालय Samoilova स्ट्रीट पर घर का नंबर 12 में है। प्रत्येक अनुभाग में, 181-वें के साथ शुरू और 198 वीं परिष्करण, लोग हैं, जो कुछ सड़कों में रहते हैं से याचिकाओं ले। उदाहरण के लिए, फ्रुंज़े जिले के 189 खंड सड़क फ़ुसिक पर घर का नंबर 5 में रहने वाले नागरिकों द्वारा प्राप्त मामलों पर विचार करता है; घरों №№ 2, 4 और 6 साल टुर्कु में; №№ 6, 8 और 10 सड़क पर और बेलग्रेड №№ 3, 5, 7, 9 और 11 बुडापेस्ट सड़क के लिए। Burvyashovoy वी. वी. , Dyatlovoy टी ई, Mordas ओ एस, Serdyukovoy यू एस, Soninoy एम एन और दूसरोंः। फ्रुंज़े जिले मजिस्ट्रेटों द्वारा प्रशासित के क्षेत्रों में न्याय।
पुश्किन अंतरराष्ट्रीय अदालत केवल छह खंडों - 180 वें समावेशी करने के लिए 176 वें से 150 वें सभी कानूनी क्षेत्रों है। सड़क पुश्किन पर घर का नंबर 23 - सभी साइटों अव्यवस्था का एक ही जगह नहीं है। बहुत जिम्मेदार और निष्पक्ष मजिस्ट्रेट - 150 मीटर साइट जूलिया Igorevna Bogula निर्देश देता है। अक्सर यातायात उल्लंघन के मुद्दों के साथ निपटा है, बल्कि अन्य दावों से निपटने में सक्षम। 176 वीं साइट पर Belyaev ल्यूडमिला Gafyatovna predominates। अनुभव के तेरह साल के साथ यह न्यायाधीश, एक 7 वीं ग्रेड न्यायिक योग्यता और बस सक्षम, ईमानदार, मेहनती और उद्देश्य विशेषज्ञ है। इलीना इरीना Lvovna - जेपी 177 वें साजिश, कानून की डिग्री, सिविल सेवा के एक तिहाई के एक वर्ग रैंक है। नाताल्या Mihaylovna Chukanina (संख्या 178), ऐलेना Nikolaevna Girina (संख्या 179) और ल्यूडमिला Vladimirovna Yakimova (संख्या 180): काम कम योग्य नहीं मजिस्ट्रेटों जैसे क्षेत्रों में। इन नाजुक लेकिन साहसी महिलाओं पकड़े न्याय पुश्किन जिला के कंधों पर।
सेंट पीटर्सबर्ग के Primorsky जिले के मजिस्ट्रेट की अदालत में एक बार में 15 वर्गों के होते हैं। न्यायिक जिलों की सूची 19 और 160-175 वें शामिल थे। वर्गों स्थान पूरे क्षेत्र भर में बिखरे हुए हैं। 19 वीं स्टेशन, सेंट पीटर्सबर्ग के Primorsky की दुनिया कोर्ट जिले का हिस्सा, घर का नंबर 7/19 संभावना किम में है। गाइड अनुभाग द्वितीय श्रेणी न्याय परामर्शदाता Antsans एना सरगेयवना को सौंपा गया है। 160 वां (अफनासयेवा मरीना Ergartovna), 164 वां (Dvoryaninova Elena Evgenevna) और 165 मिनट (Revva Olga Vladimirovna) - सड़क, घर № 73/27 Serdobolskaya, तीन भूखंड हैं। ओम्स्क सड़क, घर का नंबर 21, रखा स्फटिक छह साइटों पर - № 161, संख्या 163, संख्या 170, संख्या 172, संख्या 174 और संख्या 175 Evseeva Viktoriya Vladimirovna Vasileva इरिना एनाटोलेवना और सफलतापूर्वक 166 वें और 162 वें के लाभ के लिए काम करते हैं न्यायिक जिलों। उनके स्थान सड़क Dolgoozernoy पर घर का नंबर 3 है। वे सक्षम और निष्पक्ष विशेषज्ञों की देखरेख के तहत काम संख्या 168 और संख्या 173. - दो वर्गों की तैनाती की एक जगह - एक अनुभवी मजिस्ट्रेट Golubevoy Olgi Rudolfovny Baikonurskaya सड़क पर कार्य करता है, घर का नंबर 11 चांदी सड़क पर 13 वीं घर से 167 वें साजिश Elonyshevoy Elena Vladimirovna और नोमेंको Eleny Borisovny, क्रमशः। 169, 57 नंबर साइट Bogatyrskaya सड़क पर स्थित है, जबकि 171 वीं न्यायिक साइट पर एक घर का नंबर 44 क्वीन स्ट्रीट में स्थित है।
पांच स्वतंत्र न्यायिक जिलों में से दुनिया अदालत Petrodvorets जिला है।
- परीक्षण भूखंड संख्या 114 - हेड Vinogradova ऐलेना Vyacheslavovna। यह लोमोनोसोव के शहर, अलेक्जेंडर स्ट्रीट, घर का नंबर 13 पर स्थित है।
- परीक्षण भूखंड संख्या 115 - जेपी Urova नाताल्या Grigorevna। यह संख्या 40 पर, न्यायिक क्षेत्र है, साथ ही पिछले एक, लोमोनोसोव के शहर, केवल पैलेस एवेन्यू पर है।
- परीक्षण भूखंड संख्या 157 - पतवार Pokrovskaya यूलिया विक्टोरोवना पर। इस क्षेत्र में कानूनी कार्रवाई के साथ परामर्श करें Strelna के गांव, सड़क फ्रंटलाइन, घर का नंबर 7 पर हो सकता है।
- परीक्षण भूखंड संख्या 158 - एक निष्पक्ष और अनुभवी Alekseev एनाटोली इवानोविच पर मुख्य साइट के लिए। इस भाग Petrodvorets में स्थित है, घर बुलेवार्ड स्काउट पर 10 №।
- परीक्षण भूखंड संख्या 159 - सक्षम मजिस्ट्रेट Nelipovoy Ivanna Valeryevna के अधीनस्थ। 159 वां साइट भी Peterhof के निवासियों के लिए बनाया है और बॉटनिकल सड़क के लिए अपने शहर, घर का नंबर 16 में है।
सेंट पीटर्सबर्ग विश्व न्यायालय के पेट्रोग्रैड जिले में छह न्यायिक जिलों के होते हैं। क्षेत्र के सभी वर्गों एक ही पते पर स्थित हैंः सेंट पीटर्सबर्ग, Bolshaya Raznochinnaya, घर क्षेत्रों के लिए शांति के न्यायाधीशों की संख्या 23. सदस्यता के शहरः
- ए Kriveleva - जेपी 151 वें पेट्रोग्रैड जिले के न्यायिक जिला।
- वी वी Donskaya - 152 वें मजिस्ट्रेट अदालत साजिश के एक योग्य नेता।
- EK Eromolina - दुनिया पेट्रोग्रैड जिला अदालत 153 वां खंड प्रबंधन करता है।
- एम. एन. Anischenko - अदालत के 154 मीटर अनुभाग है।
- ई एल Lyubimova -, पेट्रोग्रैड जिले में न्यायिक गतिविधियों किया जाता संख्या 155 पर स्थल पर।
- आईवाई Grechishko - अधिकृत मजिस्ट्रेट 156 वां न्यायिक जिला।
विश्व न्यायालय Nevsky सेंट पीटर्सबर्ग के जिले में 21 न्यायिक क्षेत्र में विभाजित है। इसके बारे में उसके घटक भागों की इतनी बड़ी संख्या के संबंध में शहर में सबसे बड़ा कहा जा सकता है। के रूप में सबसे अधिक घनी आबादी था सेंट पीटर्सबर्ग के Nevsky विश्व न्यायालय स्तर मामलों के सबसे व्यस्त है। हिरासत के आदेश पर न्यायशास्त्र के क्षेत्र में योग्यता और व्यापक अनुभव के एक उच्च स्तर के साथ अधिक से अधिक 20 मजिस्ट्रेटों के लायक है। उदाहरण के लिए, जेपी 136 वां न्यायिक जिले के Chernetskaya माया Stanislavovna इससे पहले कि आप इस गंभीर और उच्च कार्यालय आरंभ, परामर्शदाता के लिए अग्रणी वकील से चला गया है। फिर वह एक साधारण न्यायाधीश के सचिव नियुक्त किया गया। मजिस्ट्रेट के समक्ष उनके कैरियर से अधिक सात साल लग गए। इस बार यह एक कर्मचारी के रूप सकारात्मक पक्ष पर ही साबित कर दिया है के दौरान उन्होंने न्यायिक योग्यता के पांचवें वर्ग अर्जित किया है और महत्वपूर्ण है और बहुत उपयोगी अनुभव है, जो यह बहुत जल्दी सब मुद्दों को हल करने की अनुमति देता है की एक बहुत कुछ मिला है।
गैर दुनिया Nevsky जिला अदालत क्षेत्रों 129 वें से 149 वें समावेशी तक होती है। इतने सारे क्षेत्रों के बावजूद, वे शहर के चारों ओर बिखरे नहीं कर रहे हैं, और लगभग सभी एक ही स्थान पर ध्यान केंद्रित किया। Nevsky जिला अदालत के सभी वर्गों, संख्या 130, संख्या 137 और संख्या 138 को छोड़कर, सेंट पीटर्सबर्ग Krupskaya सड़क में स्थित है, घर का नंबर 6. शेष तीन न्यायिक जिलों संभावना Obukhov रक्षा, घर का नंबर 121 पर दावे की न्यायिक बयान ले रहे हैं।
चौदह साइटों मजिस्ट्रेट कोर्ट सेंट पीटर्सबर्ग के मास्को जिला के राज्य क्षेत्र पर स्थित है। क्या पता मास्को जिला अदालत और उन के क्षेत्रों नीचे प्रस्तुत प्रश्नों के साथ संपर्क करने के लिए देखने के लिए हैः
- एवेन्यू स्ट्राइक्स, घर का नंबर 105 - अदालत निर्धारक के सचिव के साथ और एक ही समय एक अनुभवी Leontevoy Nataley Vladimirovnoy में 59 वें न्यायिक क्षेत्र।
- Novoizmailovsky एवेन्यू, घर का नंबर 67 - एक अदालत साजिश № 116 (Kondrateva अनास्टेशिया एलेकसांद्रोवना), संख्या 118 (Kobenko ओल्गा Valentinovna)।
- स्ट्रीट Gleba Uspenskogo, घर का नंबर 5 - 4 एरिया नग 117, 121, 125 और 126 मजिस्ट्रेटों क्रमशः डोला ऐलेना पी, Minina Olga Valerevna, Voznyuk इरिना एनाटोलेवना और सहायक मजिस्ट्रेट पेत्रोवा इरिना एनाटोलेवना। वे सब बहुत सक्षम पेशेवरों जो एक विश्व स्तर के व्यापार से निपटने में अनुभव है कर रहे हैं।
- अनुग्रह स्ट्रीट, घर का नंबर 34 - 119 वां (पैट्स Igor Nikolaevich) की तैनाती के स्थान पर, 122 वें (Rositskaya ओल्गा Yurevna) और 128 वां (सेमेनोवा Yuliya Valerevna) वर्गों।
- मास्को के मुख्य मार्ग, घर का नंबर 125 - 120 स्थानों वर्गों 123, 124, मजिस्ट्रेटों Pirogovoy Nataley Aleksandrovnoy Pavlenko ओक्साना सरगीवना Borisenko एना सरगेयवना और Sergeevoy Nelli Ivanovnoy क्रमशः के साथ 127 वां।
सहारा क्षेत्र सिर्फ तीन मजिस्ट्रेट अदालत साजिश स्थित है। परीक्षण भूखंड संख्या 111 एक अद्भुत मजिस्ट्रेट Guseva एलीना विक्टोरोवना पर्यवेक्षण करते हैं। 112 वें साजिश के दौरान दुनिया अदालत Simonova Iraida Evgenevna के मामलों में कुशल और उच्च शिक्षित विशेषज्ञों को पूरा करती है। परीक्षण साइट नंबर पर न्याय के लिए 130 उत्तरदायी सफल मजिस्ट्रेट सालनिकोवा गलीना Vladimirovna है।
सेंट पीटर्सबर्ग क्षेत्र में एक का दावा बयान से अपील अदालत ने दो साइटों में हो सकता है - № 109 और संख्या 110 पहले गाइड मजिस्ट्रेट Proskurnikovu स्वेतलाना Mikhailovna को सौंपा गया है। निवासियों सड़कों Ammerman, विस्नियुस्की, व्लादिमीर, बढ़ती, गुसेव, इंटरनेशनल, वहाँ स्वीकार कार्ल लिएबनेकट Komsomola सेंट पीटर्सबर्ग, लेबेडेव, लेनिनग्राद, Manulsky, Nikolsky Proletarskoy, Roshal में, सोवियत नौसेना, विस्तृत और आंशिक रूप से Posadskaya, लेनिन, कार्ल मार्क्स Zosimova । 110-मीटर साइट का निर्देशन Kovizina लिलिया ए, सेंट पीटर्सबर्ग के सेंट पीटर्सबर्ग में जिला की सड़कों के निवासियों के बाकी करने के लिए फैसला किया। सेंट पीटर्सबर्ग में जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय के दो वर्गों में स्थितः सेंट पीटर्सबर्ग नौसेना स्ट्रीट, घर का नंबर 2।
के राज्य क्षेत्र पर Krasnoselsky जिले सेंट पीटर्सबर्ग की दुनिया अदालत के चौदह स्टेशन हैं। भूखंडों अलग पते पर स्थित हैंः
- Peterhof राजमार्ग, घर का नंबर 3 - केवल 95 साइट Krasnoselsky जिले।
- स्ट्रीट Partizana हरमन घर 22 № - यहाँ केंद्रित न्यायिक साइटों की सबसे बड़ी राशिः 96 №, 97 №, 98 № 99 №, 100 №, 104 №, 105 №।
- Tambasova सड़क, घर № 27 - संख्या 101, 102 और 106 के साथ तीन परीक्षणों भाग।
- मोहरा स्ट्रीट घर का नंबर 47 - इस पते पर केवल साइट - №103।
- Gorelovo निपटान, राजमार्ग Krasnoselskoe, घर का नंबर 46 - 107 न्यायिक क्षेत्र।
- लाल ग्राम, Lermontov में सड़क, घर का नंबर 6 - न्यायिक क्षेत्र संख्या 108।
सेंट पीटर्सबर्ग के विश्व न्यायालय Krasnogvardeisky जिले 14 न्यायिक जिलों के होते हैं। नंबरिंग उनके सिरों 81 और 94 समावेशी के साथ शुरू होता है। सेंट पीटर्सबर्ग के Krasnogvardeyskiy विश्व न्यायालय चार स्थानों में फैले है। संख्या 81, 84 के साथ तीन परीक्षणों भाग और 89 घर № 26 Energetikov सड़क में हैं। 82, 83, 85, 86, 90,91, 92, 93, 94 मिनट - औद्योगिक एवेन्यू पर दसवें घर सिर्फ नौ मजिस्ट्रेट कोर्ट Krasnogvardeisky जिले क्षेत्रों में स्थित है। 87 वीं न्यायिक क्षेत्र, एक ग्रेनाइट सड़क पर चल रही 28 नंबर, और 88 वें पर - लंगर में छठे घर में।
कोल्पीनो सेंट पीटर्सबर्ग के पास में दुनिया अदालत के सभी आठ क्षेत्रों में। वे सब के सब एक ही स्थान पर भौगोलिक रूप से कर रहे हैं - कोल्पीनो, Boulevard श्रमिक, घर 29/52 के शहर। आठ वर्गों में से प्रत्येक के कुछ सड़कों में रहने वाले नागरिकों को ले जाता है। लेकिन तथ्य यह है कि सभी साइटों में एक ही इमारत में स्थित हैं के कारण, यह आवश्यक नहीं है पता लगाने के लिए कौन-सा हिस्सा एक विशिष्ट पता से मेल खाती है है। इस मामले में, आप समझ सकते हैं, घटनास्थल पर पहुंचे। वर्गों क्रमांकन 73 वें के साथ शुरू होता है और 80 वीं पर समाप्त होता है।
सेंट पीटर्सबर्ग के किरोव जिले के विश्व न्यायालय तेरह न्यायिक जिलों में विभाजित है। वे 58 वें से 72 के बीच की संख्याएं पर कार्य करते हैं। सेंट पीटर्सबर्ग के किरोव विश्व न्यायालय चार स्थानों में भौगोलिक दृष्टि से स्थित है। नीचे दिए गए पते के कुछ हिस्सों के अनुपातः
- अदालत भाग 58, 61, 68, 70, 71 मिनट - स्ट्रीट पुनर्जागरण घर 13 №।
- स्ट्रीट Fortitude, घर का नंबर 30 - साठवें साइट।
- भाग 62, 63, 64, 66 मिनट गिने - Stachek संभावना हाउस 105 №।
- Dvinskaya सड़क, घर का नंबर 14 - 65, 67, 69, कीरॉफ़ जिला अदालत के वैश्विक साइटों की 72 मिनट।
Kalinin जिला अदालत के हिस्से के रूप में वहाँ 17 दुनिया क्षेत्र हैं। 57 वीं करने के लिए 39 वें से उन्हें सौंपे गए नंबर। फ़ायदेमंद, सभी वर्गों № KONDRATIEVSKY प्रोस्पेक्टस पर इमारत 24 में स्थित हैं। और केवल तीन परीक्षणों खंड थोक से अलग थे - यह संख्या 52, 54 और 55 है, जो आठ नंबर पर सड़क तैमूर पर स्थित हैं, के साथ दुनिया के क्षेत्रों Kalinin जिला अदालत है।
दुनिया अदालत के अठारह क्षेत्रों Vyborg जिले के क्षेत्र पर कार्य कर रहा है। Vyborg जिला अदालत की दुनिया के लिए 21 से 38 मिनट के साथ क्षेत्र हैं। वे क्षेत्र भर में बिखरे हुए हैं। मजिस्ट्रेट कोर्ट Vyborg जिले क्षेत्र स्थान के पते इस प्रकार हैंः
- Esenina स्ट्रीट, 5;
- Svetlanovsky एवेन्यू, 21;
- सड़क फैक्टरी, 24;
- एवेन्यू मौरिस थोरेज़, 34;
- स्ट्रीट डांस्क, 7;
- Suzdal एवेन्यू, 11।
इन क्षेत्रों में से दो पर 20 न्यायिक जिलों कर रहे हैं। (10 वीं और 40 वीं के लिए 1 से अदालत भाग) 11 - Vasileostrovsky और नौवाहनविभाग (20 वीं, 19 वीं इसके अलावा करने के लिए 1 से अदालत भाग) नौ हैं। भौगोलिक दृष्टि से न्यायिक क्षेत्रों Vasileostrovsky जिले Decembrists विनिमय लाइन में, 4, 15 वीं और 17 वीं लाइनों VO पर हैं और लेन। विश्व न्यायालय नौवाहनविभाग जिले Sadovaya स्ट्रीट पर निर्माण और तट बाईपास नहर पर है।
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वाह-रे 'रिश्वतखोर' इंडिया, एक साल में 670 करोड़ रूपए डकारते हैं 'साहब'
बीते फरवरी माह में जारी सेवलाइफ फाउंडेशन द्वारा देश के ट्रक ड्राइवरों पर किए इस अध्ययन में देश के 10 प्रमुख परिवहन व ट्रांसपोर्ट हब माने जाने वाले शहरों को चुना गया। जिसमे दिल्ली-एनसीआर, ग्रेटर मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहटी, कानपुर, विजयवाड़ा तथा बैंगलोर शामिल थे।
लखनऊः केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने बीते साल सितंबर माह में मोटर व्हीकल एक्ट में संशोधन करते हुए मोटर व्हैकिल अमेंडमेंड बिल पेश कर दिया।
इस बिल को पेश करने के समय यह माना जा रहा था कि इसके लागू होने के बाद जहां वाहन चालक यातायात नियमों का पालन करेंगे वहीं यातायात नियम उल्लंघन के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी लेकिन रोड़ सेफ्टी के क्षेत्र में काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था सेवलाइफ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में ट्रक ड्राइवरों और मालिकों को हर साल रिश्वत के तौर पर 47 हजार 852. 28 करोड़ रुपये या 6. 7 बिलियन डालर देने पड़ते है। रिश्वत की इस वसूली में पुलिस, यातायात पुलिस और आरटीओ सभी शामिल हैं।
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बीते फरवरी माह में जारी सेवलाइफ फाउंडेशन द्वारा देश के ट्रक ड्राइवरों पर किए इस अध्ययन में देश के 10 प्रमुख परिवहन व ट्रांसपोर्ट हब माने जाने वाले शहरों को चुना गया। जिसमे दिल्ली-एनसीआर, ग्रेटर मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, जयपुर, अहमदाबाद, गुवाहटी, कानपुर, विजयवाड़ा तथा बैंगलोर शामिल थे। अध्ययन में शामिल शहरों में गुवाहटी में सबसे ज्यादा रिश्वत लिए जाने की सूचना मिली। यहां 97. 5 प्रतिशत ड्राइवरों ने दावा किया कि उन्होंने रिश्वत दी थी। इसके बाद चेन्नई में 89 प्रतिशत और दिल्ली में 84. 4 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों ने रिश्वत वसूली की बात कही।
अध्ययन में शामिल किए गए 82 प्रतिशत से ज्यादा ट्रक ड्राइवरों और मालिकों ने जानकारी दी कि सड़क पर चलते समय उन्हे एक से दो विभागों के अधिकारियों को रिश्वत देनी पड़ती है। ट्रक ड्राइवरों व मालिकों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों के अलावा विभिन्न शहरों में धार्मिक आयोजनों के लिए भी चंदे के तौर पर उनसे वसूली की जाती है। अध्ययन के मुताबिक ट्रक ड्राइवर व मालिक को एक चक्कर में औसतन 2. 8 प्रतिशत या 1257 रुपये की रिश्वत वसूली जाती हैं।
44 प्रतिशत ड्राइवरों ने बताया कि आरटीओ भी उनसे रिश्वत वसूलते हैं। अध्ययन के मुताबिक बंगलुरू आरटीओ रिश्वत लेने के मामलें में सबसे ऊपर है। 47 प्रतिशत ड्राइवरों ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए रिश्वत दी है। जबकि ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए मुंबई में 93 प्रतिशत, गुवाहटी में 83 प्रतिशत और दिल्ली-एनसीआर में 78 प्रतिशत ट्रक ड्राइवरों ने रिश्वत देने का दावा किया।
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गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के कैंपियरगंज इलाके से हैवानियत की हद पार कर देने वाला मामला सामने आया है. एक तांत्रिक ने परिवार में लगातार हो रही मौतों का भय दिखाकर पहले पीड़ित परिवार से साठ हजार रुपए की ठगी की.
इसके बाद वैहशी तांत्रिक ने एक-एक कर तीन महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध भी बनाए. सरपतहा गांव के टोला जमुहरा निवासी तीन देवरानी-जेठानी ने गांव के ही तांत्रिक श्याम बिहारी पर आरोप लगाया है कि रात के लगभग 12 बजे झाड़-फूंक के नाम पर पीपल के पेड़ के नीचे बुलाता था और नशीला पदार्थ खिलाकर दुष्कर्म करता था.
वहीं दूसरी तरफ पुलिस पर आरोप है कि वह कार्यवाही की बजाय पैसे लेकर सुलह समझौते का दबाव बना रही थी. हालांकि, सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते ही सीओ के निर्देश पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है.
बता दें कि आरोपी तांत्रिक का नाम श्याम बिहारी है. पीड़ित परिवार की माने तो तांत्रिक श्याम बिहारी ने ठगी कर परिवार से साठ हजार रुपए भी ले ऐंठ लिए हैं. महिलाओं के साथ जब दुष्कर्म की सूचना परिजनों तक पहुंची तो मंगलवार को पीड़ित परिवार ने मछलीगांव चौकी इंचार्ज को घटना से अवगत कराया. लेकिन, सुनवाई न होने के बाद बुधवार को थाने पहुंचकर तहरीर दी गई. आरोप है कि थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के बजाय पैसे लेकर मामले को दबाने का प्रयास किया है.
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OPPO A78 5G Price and Specifications: भारत में OPPO A78 की कीमत एकमात्र 8GB 128GB वर्जन के लिए 18,999 रुपये होगी। फोन फिलहाल प्री-बुकिंग के लिए है और 18 जनवरी से बिक्री के लिए उपलब्ध होगा।
OPPO A78 5G Price and Specifications: OPPO A78 इंडिया लॉन्च 16 जनवरी के लिए निर्धारित है और फोन ब्रांड की लेटेस्ट 5G पेशकश के रूप में आएगा। हालाँकि, लॉन्च से पहले, हैंडसेट देश भर के ऑफलाइन स्टोर्स पर पहुंच गया है और OPPO A78 5G, OPPO A77 के उत्तराधिकारी के रूप में आएगा और सेल्फी शूटर के लिए वॉटरड्रॉप नॉच, पीछे की तरफ डुअल कैमरा सेंसर और साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट शूटर के साथ आता है। जबकि हम OPPO A78 5G की बॉक्स कीमत जानते हैं। वास्तविक लागत थोड़ी कम हो सकती है लेकिन निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है। हैंडसेट के मीडियाटेक डाइमेंसिटी 700 SoC, 50MP प्राइमरी कैमरा और 5000mAh बैटरी के साथ आने की उम्मीद है।
भारत में OPPO A78 की कीमत एकमात्र 8GB 128GB वर्जन के लिए 18,999 रुपये होगी। फोन फिलहाल प्री-बुकिंग के लिए है और 18 जनवरी से बिक्री के लिए उपलब्ध होगा। हालांकि, कंपनी ने अभी आधिकारिक तौर पर कीमत की जानकारी कन्फर्म नहीं की है। OPPO A78 में 90Hz रिफ्रेश रेट के साथ 6. 5-इंच HD LCD डिस्प्ले और सेल्फी स्नैपर के लिए वॉटरड्रॉप नॉच है। फोन मीडियाटेक डायमेंसिटी 700 चिपसेट द्वारा संचालित है जिसे 8GB रैम और 128GB स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है जिसे माइक्रोएसडी कार्ड के माध्यम से और बढ़ाया जा सकता है। फोन एंड्रॉइड 13-आधारित ColorOS कस्टम स्किन आउट ऑफ द बॉक्स पर चलता है। OPPO A78 में 33W फास्ट चार्जिंग सपोर्ट के साथ 5,000mAh की बड़ी बैटरी और सुरक्षा के लिए साइड-माउंटेड फिंगरप्रिंट सेंसर है। कनेक्टिविटी विकल्पों में 5जी, 4जी एलटीई, वाई-फाई, ब्लूटूथ, जीपीएस और चार्जिंग के लिए यूएसबी टाइप-सी पोर्ट शामिल हैं।
ऑप्टिक्स की बात करें तो, OPPO A78 5G में पीछे की तरफ डुअल कैमरा सेंसर है, जिसमें 50MP का प्राइमरी कैमरा और 2MP का वाइड-एंगल लेंस है। सेल्फी और वीडियो चैट के लिए फ्रंट में 8MP का सेंसर है। फोन की मोटाई 7. 9mm है और इसका वजन 188 ग्राम है। यह फोन एंड्रॉयड 13 पर काम करता है, वहीं दूसरा सेंसर 2 एमपी का है जो वाइड एंगल के लिए काम करता है।
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प्रेतोंको भी समय समय पूजते है । यह खानसे लोहा निकाल वेचते हैं। कोई कोई लोहे की चीजें भी बनाता है ।
कोलासुर एक कुल या गोवमें विवाह नहीं करते । प्रायः वयस्था होने पर ही कन्याका विवाह होता है । इनमें बहुविवाह और पत्नीत्याग अधिक प्रचलित है । स्त्रियोंका स्वभाव चरित्र वैसा अच्छा नहीं, बहुतसी नाच गा कर अर्थ उपार्जन करती है। बङ्गाल और विहार में . प्रायः तीन हजार पसुका वास है। मुदा देखो। कोलाइट ( सं० पु० ) एक प्रवीष नर्तक । इसका अङ्ग प्रत्यङ्ग बासकी तरह लचकता है। कोलाइट तलवार की धार पर नाचता और मुइसे मोती पिरोता है । कोलाहल ( सं० पु० ) कोल एकीभूताव्यक्तशब्दविशेषस्त
आइसति, कोल हल अच् । १ अनेक लोगोंका उच्च शब्द, बहुत से लोगोंकी ऊंची आवाज, कलकलध्वनि, इल्ला, चिल्लाइट । ( रामायण, ३१३१७ ) २ भूकदम्ब । कोलि ( सं० पु० ) बदरोष्टच, वेरो ।
कोलि - अम्बई प्रदेशको उत्तर पश्चिम अञ्चलवासी एक जाति । यह अपने आप कहा करते-कुल अर्थात् वंधविभाग के अनुसार जिनकी श्रेणी बंधो, वही कोलि हैं। कुनबीका अर्थ कुटुम्बी है, अर्थात् एक परिवार के अनुसार श्रेणीविभक्त होनेवाले कुनबी कहलाते हैं । कुनवियोंसे पार्थक्य निर्देशके लिये ही 'कोलि' नाम पड़ा है। दाक्षिणात्यके ब्राह्मणों का कहना है-वेणराजके वाह मन्यनसे निषाद जाति उत्पन्न हुई थी। इसी निषाद जातिसे निकले किरातोंको कथा पुराणों में देख पड़तो है । कोलि वही किरातजाति है। परन्तु यह अपने को रामायणकार महर्षि वाल्मीकिका वंशोद्भव बताते हैं । पाश्चात्य विद्वानों के अनुमानमें कोलि भो कोलजातिको एक शाखा है । दायोनिशियास और इबन खुरदादने अपने अपने ग्रन्थ में इनकी बात लिखी है। खरद्रादने इन्हें उत्तर मलबारका रहनेवाला भी कहा है। स्थानभेदसे इनका नाम कोइनी कोलि, मराठी कोलि, बरोदा कोलि और तलबडा कोलि माता है ।
शोलापुर कोलियोंके वास सम्बन्ध पर 'मालुतारण' नामक ग्रन्थ कहता है- 'पैठनसे बाजा शालिवाहनने
- कोलि
अपने मन्त्री रामचन्द्र उदावन्त सोनारके परामर्भानुसार ४ कोलि सरदारोंको डिण्डिर वन विद्रोह दमनार्थ भेजा था । बलवा मिटाने पर कोलि सरदारोंको उसो स्थानके वनभागमें रहनेको अनुमति मिली। शालिवाइनने इन्हें नौकावाहन और शिवमन्दिरका पौरोहित्य करके जीविका चलानेका पादेश दिया था। फिर और भो दो सरदार और इन चारोंके पितामाता वहां नाकर रहे। पहले धारों सरदारोंका नाम घभनग्राव, अधलाव, नेहेवाव और परचंदे था। इन्होंके नामसे वर्तमान कोलियांका वंशोपाधि लगा है।
गुजरात में भी कोलि लोग रहते हैं और नानास्थानों पर कृषिकाय करते हैं। श्रवोसो प्रदेश में दून को संख्या अधिक है। बम्बई प्रेसिडेन्सोके पूना, खान्देश, अहमदनगर, शोलापुर, वालाघाट, कोङ्क्षण आदि स्थानों में भी इनका वास है। अहवीसी प्रदेशका थोड़ा अंश आज भी कोळवन नामसे वर्णित हुवा है। पाश्चात्य विद्वानोके अनुमानमें कोलि जातीय लोगोंका आधिक्य ही उक्त स्थान के कोलवन नामसे प्रसिद्ध होनेका प्रधान कारण है।
यह नानाविध श्रेणियों में विभक्त हैरान कोलि, सलेसो कोलि, टंगकिर ( टोकरी बनानेगले) कोलि, धौर कोन्ति, डोंगरी कोलि । यह श्रेणियां प्रायः भट्टबीमी, बुन, दन्तोरी और नासिक जिलोंमें रहती और हिन्दू देवता भैरव तथा भवानीको पूजती हैं। राजकोलियों का एक दल कोइयप्रदेश में वास करके महादेव कोलि, पानभरी (जनवाहक ) कोलि, धर (पशुपालक ) कोलि, आहीर कोलि तलपाड़ी कोलि, मूर्वी कोल, मेहा कोलि, चांची कोलि, पत्तनबाड़िया कोलि, खवेश कोलि, धांदर कोलि, भवडिया कोलि, चुनवल कोलि, या जुगड़िया, किलोकतार कोलि, मंग कोलि, प्रभृति गियों में विभक्त हो गया है।
इनमें पानभरी या जलवाहक कोलि अपेक्षाकृत सम्मानाई है। वह अपनेको म हारी वा मल्हार पूजक कहते और खानदेश, हैदराबाद राज्यको सीमा बालाघाट, इन्दोर, नान्देर जिन्लके बोडेन, नलदुर्ग, पर पुर तथा उसके चतुष्पाव, पूनाके दचिणस्थ पुरन्दर, |
जीन अभिव्यक्ति
ख) अमाशयी रस में कौन-कौन से पाचक अवयव पाए जाते हैं ?
16.5 विशिष्ट प्रतिरक्षण अनुक्रियाएं
विशिष्ट प्रतिरक्षण अनुक्रियाएं आगंतुक पदार्थ को पहचानने तथा अंततः अत्यधिक सटीक तरह से उसे नष्ट करने का कार्य करती हैं। परपोषी तथा जागंतुक पदार्थ के बीच द्वंद्व का अंतिम परिणाम पदार्थ तथा परपोषी के गुणों पर निर्भर करता है। यहाँ पर "प्रतिजन" नामक पद से आपका परिचय कराना व उसको परिभाषित करना अनिवार्य है।
प्रतिजन (antigen) वे आगंतुक (अर्थात् जो जंतु में सामान्यतः नहीं पाए जाते ) रासायनिक पदार्थ होते हैं, जो शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र में अनुक्रिया उत्पन्न करते हैं। प्रतिजन, प्रोटीने है जैसे दुग्ध प्रोटीने, हीमोग्लोबिन के अणु, बैक्टीरिया आविष, विष तथा सुक्ष्मजैवी कशाभ, पाइली और संपुटिका के रासायनिक तत्व । सक्रियता का एक क्षेत्र, जिसे प्रतिजनी डिटर्मिनेंट (antigenic determinant) कहते हैं, प्रतिजनों का एक प्रमुख लक्षण होता है। यह प्रतिजन के अणु की सतह पर पाया जाता है तथा छः से आठ ऐमीनो अम्ल अवशिष्टों का बना होता है अथवा यह एक अल्प सैकैराइडी मॉइंटी भी हो सकती है। कुछ पॉलीसैकैराइड भी प्रतिजन के रूप में कार्य कर सकते हैं। सामान्यतः प्रतिजनों का आण्विक द्रव्यमान 10,000 डाल्टन से अधिक होता है। प्रतिजन का यह विशाल आकार दर्शाता है कि इसमें कई डिटर्मिनेन्ट हो सकते हैं। लघु अणुओं को कुछ उत्तक प्रोटीनों अथवा पॉलीसकैराइडों से जोड़कर प्रतिजनी बनाया जा सकता है। इन लघु अणुओं को हैप्टन कहते हैं।
ध्यान दें कि कोई व्यक्ति सामान्यतः अपनी प्रोटीनों अथवा पॉलीसकैराइडों के प्रति प्रतिरक्षण अनुक्रिया नहीं दर्शाता। दूसरी ओर यही यौगिक दूसरे व्यक्ति में प्रतिजन का कार्य कर सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि जन्म से पहले शरीर की कोशिकाओं की प्रोटीने तथा पॉलीसैकैराइडों अपने प्रति अनुक्रिया दर्शा सकने वाली प्रतिरक्षण तंत्र की कोशिकाओं से संबंध स्थापित करके उन्हें निष्क्रिय कर देती हैं। भुणावस्था में प्रतिरक्षण कोशिकाओं को आसानी से निष्क्रियित किया जा सकता है। इस प्रकार व्यक्ति अपने स्वयं के अवयवों अथवा अपने आप के प्रति सहिष्णुता (tolerance) प्राप्त कर लेता है तथा केबल बाह्य प्रतिजनों के प्रति ही अनुक्रिया दर्शाता है। इस सिद्धांत को "विशिष्ट प्रतिरक्षण सहिष्णुता" (specific immunologic tolerance) कहते हैं।
प्रतिजन विभिन्न मार्गों में शरीर से प्रविष्ट होते हैं। जैसे- श्वसन पथ की श्लेष्म झिल्ली से अथवा इंजेक्शन तथा घावों द्वारा त्वचा के मार्ग इत्यादि से। एक बार प्रारीर में प्रविष्ट हो जाने के उपरान्त किसी पदार्थ की प्रतिजीवी प्रकृति उसकी मात्रा, आकार, प्रतिरक्षण तंत्र के सुचारू रूप से कार्य करने तथा भक्षक कोशिकाओं द्वारा प्रतिजन का विघटन कर पाने की क्षमता इत्यादि कारकों द्वारा निर्धारित होती है।
बोध प्रश्न 3
हैप्टन क्या होता है ?
16.6 प्रतिरक्षण तंत्र की उत्पत्ति
"प्रतिरक्षण तंत्र" (immune system) एक सामान्य पद है। इसका उपयोग प्रतिजनों के प्रति विशिष्ट अनुक्रिया दर्शाने के लिए आवश्यक कई कोशिकाओं, कारकों तथा प्रक्रियाओं के लिए सम्मिलित रूप से किया जाता है। इस तंत्र का विकास गर्भ ठहरने के लगभग दो माह उपरांत आरंभ होता है। उस समय मेरु रज्जु (bone marrow) में एक स्तंभ कोशिका (stem cell) उत्पन्न होती है, तो ऐरिथ्रोपाइटिक कोशिका तथा / अथवा लिम्फोपाइटिक कोशिका में विभाजित हो जाती है। ये कोशिकाएं बाद में क्रमशः प्रतिरक्षण तंत्र के रक्ताणुओं ( erythrocytes) तथा लसीकाणुओं (lymphooytes) में परिवर्तित हो जाती हैं ।
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नई दिल्ली : मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो द्वारा संकट में फंसी रिलायंस कम्यूनिकेशंस के स्पेक्ट्रम, टावर तथा अन्य वायरलेस संपथियों के अधिग्रहण का उद्योग जगत ने आज स्वागत किया।
दूरसंचार कंपनियों के संगठन सेल्यूलर ऑरपेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने पीटीआई भाषा से बात करते हुए इस सौदे को उद्योग जगत के लिए अच्छा बताया। उन्होंने कहा, यह उद्योग जगत के लिए अच्छा है क्योंकि यह ऐसे गंभीर प्रतिस्पर्धियों तक सिमटता जा रहा है जिनकी विथीय स्थिति बेहतर है। इससे भविष्य में उपभोक्ताओं को बेहतर और प्रभावी सेवा मिलेगी। अधिक जानकारियों के लिए यहां क्लिक करें।
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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से जानकारी दी है कि सॉवरेन गोल्ड बांड की छठी किस्त 30 अगस्त को जारी होने वाली है। इस योजना में निवेश करने से आपको कई तरह के बेनिफिट भी मिलते हैं। इसमें निवेश करते हैं तो आपको हर साल गारंटीड कमाई होती है। ना ही आपका टीडीएस कटता है। साथ आपको लोन लेने की भी फैसिलिटी भी मिलती है। आइए आपको भी बताते हैं गोल्ड सॉवरेन बांड में किस तरह के आपको फायदे मिलते हैं साथ ही एक ग्राम सोना कितने रुपए का मिल रहा है।
आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार गोल्ड सॉवरेन बांड की छठी किस्त के लिए प्रति ग्राम गोल्ड बांड की कीमत 4,732 रुपए प्रति ग्राम रखी गयी है। इसके लिए आप 30 अगस्त से निवेश करना शुरू कर सकते हैं उसके बाद पांच दिन तक निवेश जारी रख सकते हैं। यानी 30 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक आप गोल्ड बांड में निवेश कर सकते हैं।
अगर गोल्ड बांड में ऑनलाइन तरीके से इंवेस्ट करते हैं तो आपको 50 रुपए प्रति ग्राम का डिस्काउंट मिलता है। यानी ऑनलाइन खरीदने पर गोल्ड बांड के लिए 4732 रुपए नहीं बल्कि 4682 रुपए देने होंगे। मौजूदा समय में प्रति ग्राम सोने का भाव 4630 रुपए प्रति ग्राम चल रहा है।
- गोल्ड बांड पर आपको हर साल 2. 5 फीसदी का रिटर्न मिलता है।
- निवेशकों को कम से कम 1 ग्राम का बॉन्ड खरीदने की भी सुविधा मिलती है।
- लोग गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन लेने की भी सुविधा का भी फायदा उठा सकते हैं।
- इसमें निवेश करने वाले इंडिविजुअल्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा।
- गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर टीडीएस भी नहीं कटता है।
गोल्ड बांड में निवेश करने के लिए आपके पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है। गोल्ड बांड को बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, कुछ डाकघरों, एनएसई और बीएसई से खरीद सकते हैं। एक निवेशक अधिकतम एक साल में 400 ग्राम गोल्ड बांड में निवेश कर सकता है।
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बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद महागठबंधन के नेता लगातार चुनाव आयोग पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसको लेकर न्यूज़ चैनलों में टीवी डिबेट भी हो रहे हैं। 'न्यूज़ 24' में एक शो के दौरान इसपर बहस हो रही थी तभी कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि मोदी जी ने चिराग पासवान को JDU और औवैसी को हमारे पीछे लगा दिया।
आलोक शर्मा ने कहा : सीएम हाउस में बैठकर लोग रिटर्निंग ऑफिसर को फोन कर के कहते हैं कि रीकाउंटिंग कीजिये। इसको इतने वोट से हराइए। ऐसे में मोदी जी ने भारतीय लोकतंत्र को हारने का काम किया है। " वहीं राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
तेजस्वी ने सवाल पूछा कि रात के अंधेरे में ईवीएम रखी हुई गाड़ी इधर उधर क्यों की जा रही थी। पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया पहले होनी चाहिए थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, आखिर क्यों? तेजस्वी ने मतदान केंद्रों की सीसीटीवी फुटेज को सीलबंद कर रखने की आयोग से अपील की है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार 40 दिनों तक फुटेज और ईवीएम को सुरक्षित रखा जाये। तेजस्वी ने कहा कि आश्चर्य हो रहा है कि बड़ी तादाद में पोस्टल बैलेट्स को रद्द किया गया।
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सैन फ्रांसिस्को, 29 मई । माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर कथित तौर पर फेसबुक जैसे ट्वीट रिएक्शन व्यू पर काम कर रहा है, जिसमें कुछ नए इमोजी भी शामिल हैं।
शोधकर्ता जेन मनचुन वोंग के अनुसार, लाइक बटन के साथ ही ट्विटर अब चीयर और हम्म के अलावा निराशा और खुशी (हाहा) जताने वाली प्रतिक्रियाओं पर भी काम कर रहा है।
9टू5मैक रिपोर्ट में बताया गया कि यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि प्लेटफॉर्म इस फीचर को कब जारी करेगा और इसे कैसे लागू किया जाएगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए फीचर को लेकर तमाम चिंताओं में से एक यह है कि इन प्रतिक्रियाओं का उपयोग प्लेटफॉर्म पर नफरत फैलाने के किया जा सकता है। जबकि अभी तक ट्विटर पर केवल एक ट्वीट को रीट्वीट करना और पसंद करना ही संभव है।
वर्तमान में केवल हम्म और हाहा प्रतिक्रियाओं में एक उचित इमोजी है। चीयर और सैड में लाइक बटन के समान जेनेरिक हार्ट इमोजी हैं।
जैसा कि वोंग द्वारा बताया गया है है कि कुछ हफ्ते पहले ट्विटर ने इस सुविधा पर काम करना शुरू कर दिया था।
हाल ही में, ट्विटर ने अपने ब्लू बैज सत्यापन कार्यक्रम को इसके लॉन्च के एक सप्ताह के भीतर ही यह कहते हुए रोक दिया था कि वह अब सत्यापन अनुरोधों (वेरिफिकेशन रिक्वेस्ट) को लेकर प्रक्रिया में है।
ट्विटर ने पिछले हफ्ते अपनी नई सत्यापन आवेदन प्रक्रिया को छह श्रेणियों के साथ शुरू किया और माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को ब्लू बैज अर्जित करने में मदद करने के लिए वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक अनुप्रयोगों की समीक्षा की।
ट्विटर ने पहले 2017 में सत्यापन के तरीके को इस साल फिर से लॉन्च करने से पहले निलंबित कर दिया था।
कंपनी ने सत्यापन कार्यक्रम (वेरिफिकेशन प्रोग्राम) को छह श्रेणियों के साथ फिर से शुरू किया है, जिसमें सरकार, कंपनियां, ब्रांड और संगठन, समाचार संगठन और पत्रकार, मनोरंजन, खेल और गेमिंग, एक्टिविस्ट, आयोजक और अन्य प्रभावशाली व्यक्ति शामिल हैं।
Disclaimer: This story is auto-generated from IANS service.
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तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी.
रायचूर : रायचूर जिले के देवदुर्गा तालुक के नीलवनजी गांव में बुधवार तड़के जेसीबी की चपेट में आने से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गयी.
बताया जा रहा है कि घटना नीलावनजी गांव के बाहरी इलाके में तड़के करीब तीन बजे हुई. मृतकों की पहचान विष्णु (26), शिवराम (28) और बलराम (30) के रूप में हुई है, जो छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं। मृतक बोरवेल लॉरी का हिस्सा थे जो गांव में कृषि क्षेत्र में बोरवेल खोदने के लिए आया था। . काम के बाद मजदूर फुटपाथ पर सो गए।
बिना हेड लाइट वाली जेसीबी उन पर चढ़ गई, जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई।
देवदुर्गा पुलिस ने जेसीबी मालिक बलैया और जेसीबी चालक बसप्पा के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शव का देवदुर्गा सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम किया गया। जांच करती पुलिस।
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कभी पाकिस्तान में बिजली की भारी कमी हुआ करती थी, लेकिन नवाज शरीफ ने चीन के साथ समझौता कर इसके उत्पादन को बढ़ावा दिया।
इस्लामाबादः पाकिस्तान और चीन के बीच इन दिनों रिश्तों में तल्खी साफ तौर पर नजर आ रही है। यही कारण है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीन से कहा है कि उन्हें खैरात नहीं बल्कि निवेश चाहिए। दरअसल, चीनी नागरिकों पर बढ़ते हमले और सीपीईसी में भ्रष्टाचार के कारण चीन ने पाकिस्तान को फंड देना बंद कर दिया है। इस कारण सीपीईसी के अधिकतर प्रोजेक्ट अधर में लटके हुए हैं। फंड की कमी के कारण सीपीईसी में काम करने वाले हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं। इससे पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था पर और ज्यादा बोझ बढ़ रहा है।
शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान और चीन की दोस्ती में कई तूफान आए, लेकिन उनके संबंध साल दर साल और अधिक मजबूत होते चले गए। उन्होंने पिछले तीन दशकों के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति करने और गरीबी के स्तर से ऊपर उठाने के लिए चीन की तारीफों के पुल बांधे। शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान में निवेश करने वाली चीनी कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान कहा कि पाकिस्तान के पास अपने विकास का अनुकरण करने और उसे दोहराने के लिए एक मॉडल के रूप में चीन है।
'चीन से खैरात नहीं, बल्कि निवेश और विशेषज्ञता चाहिए'
शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान जीवन के हर क्षेत्र में चीन से समर्थन चाहता है और उसे उद्योगों और कृषि के क्षेत्र में चीन के अनुभव से फायदा होगा। उन्होंने शेखी बघारते हुए कहा कि पाकिस्तान ने संकल्प लिया है कि हम सभी चुनौतियों का सामना करेंगे चाहे वे कितनी भी कठिन हों और पाकिस्तान को प्रगति की ओर ले जाएंगे। इसके लिए, पाकिस्तान को हमारे चीनी दोस्तों से वास्तविक समर्थन की जरूरत है। यह सहायता पैसे या खैरात के रूप में नहीं बल्कि निवेश, व्यापार और विशेषज्ञता के मामले में होनी चाहिए।
शहबाज शरीफ ने कहा कि चीन पाकिस्तान का सबसे भरोसेमंद दोस्त है। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर चीन की दिल खोलकर तारीफ की, हालांकि इस दौरान वे ग्वादर में लोगों का विरोध और बलूचिस्तान में नागरिकों के विद्रोह का जिक्र करना भूल गए। उन्होंने कहा कि चीन ने सीपीईसी को लेकर पाकिस्तान का निरंतर साथ दिया है और इसके लिए राष्ट्रपति शी जिनपिंग बधाई के पात्र हैं।
पीएम शहबाज ने पाकिस्तान में चीनी निवेशकों को पूरी तरह से सुविधा प्रदान करने का वादा किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के विकास में चीन के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इतना ही नहीं, उन्होंने सीपीईसी का पूरा क्रेडिट अपने बड़े भाई और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को दिया। पिछले दशक की शुरुआत को याद करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि कभी पाकिस्तान में बिजली की भारी कमी हुआ करती थी, लेकिन नवाज शरीफ ने चीन के साथ समझौता कर इसके उत्पादन को बढ़ावा दिया।
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Big News: योगी जीते हुए मेयरों को लेकर पहुंची दिल्ली, पीएम से करायी मुलाकात!
Big News: अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीते हुए मेयरों को चाय पर बुलाया!
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दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क की कंपनी 'Tesla' ने टैक्स में छूट के लिए भारत सरकार से माँग की थी, लेकिन इससे फिर इनकार कर दिया गया है। भारत सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि आधे बने हुए वाहनों को भारत में लाकर अंतिम रूप देने (एसेम्ब्ल करने) के लिए पहले से ही कंपनियों को छूट दी जा रही है। हालाँकि, Tesla अतिरिक्त टैक्स छूट की माँग कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार चाहती है कि Tesla भारत में अपनी कारों का निर्माण करे।
लेकिन, एलन मस्क की कंपनी लगातार आयत शुल्क में छूट की माँग कर रही है, जो इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 100% तक है। 'केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC)' के अध्यक्ष विवेक जोहरी ने बताया कि हमने इस पर ज़रूर विचार किया कि शुल्क को घटाया जाना चाहिए, लेकिन भारत में घरेलू स्तर पर भी कुछ निर्माण कार्य हो रहे हैं और मौजूदा टैक्स दरों के साथ ही बाहर से कुछ निवेश आए भी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत सरकार इसमें कोई बाधा नहीं डाल रही है।
लेकिन, एलन मस्क की कंपनी चाहती है कि वो पहले विदेशों में बनाई गई गाड़ियों को भारत लाकर उस दाम में बेचे जिससे वो अपने प्रतिद्वंद्वियों को टक्कर दे सके। लेकिन, देश में बनाने के लिए बाहर से गाड़ियों के जो पार्ट्स लाए जाते हैं, उन पर 15-30% ही आयत शुल्क लिया जाता है। भारत में घरेलू प्रोडक्शन और खरीद को लेकर Tesla के पास कोई योजना नहीं है। ताज़ा बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने सार्वजनिक रूप से Tesla की माँगों का समर्थन किया है।
भारत सरकार के साथ समस्याओं को लेकर एलन मस्क के बयान के बाद भारत में विपक्षी दलों द्वारा शासित कम से कम पाँच राज्यों की सरकारों ने टेस्ला को अपने यहाँ कारोबार करने के लिए बुलाया है। टेस्ला को भारत सरकार ने टाटा और महिंद्रा की तरह स्थानीय स्तर पर निर्माण कार्य करने की सलाह दी है। लेकिन, पूरी तरह बनी-बनाई गाड़ियाँ भी भारत में आ रही हैं। मर्सिडीज से भी टेस्ला को टक्कर मिल रही है। भारत में अब भी पेट्रोल-डीजल पर चलने वाली हुंडई और सुजुकी की गाड़ियों का प्रभाव है और मात्र 1% ही इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ प्रयोग में लाई जाती हैं।
2019 से ही टेस्ला भारत में आने की कोशिश में है, लेकिन इसके लिए यहाँ के नियम-कानूनों को कंपनी बाधा बताती रही है। भारत सरकार के अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा टैरिफ स्ट्रक्चर पर कुछ कंपनियाँ आ सकती हैं तो टेस्ला को क्या दिक्कत है? टेस्ला टैक्स कट के लिए भारत में लॉबिंग भी कर रही है। भारत में 40,000 डॉलर (29. 88 लाख रुपए) तक की इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर 60% और इससे अधिक पर 100% टैक्स लगता है। टेस्ला के अलावा EV बनाने वाली कई अन्य कंपनियाँ भी हैं।
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बादलों ने रुहेला एकाधिपति को आनेवाले संकट से अवगत करा दिया। उसने इस संकट का बड़ी बुद्धि मानी से सामना किया । उसने गुप्ता की स्थिति अपनाई जिसमें कि उसके सैनिक पूर्ण रूप से दक्ष थे। फलतः जाटों की सेना को बड़ी भारी क्षति पहुॅची। जैसर कि एक तत्कालीन इतिहासज्ञ, जिसने कि
से युद्ध को देखा था, लिखता है कि सेवईराम अपने डेढ़ सौ घुड़सवारों के साथ भीपण संघर्ष में पड़ गया ...जब कि बलराम और (राम) किशन महन्त आदि युद्धस्थल से भाग गये थे, रुहेलों ने उनका पीछा किया और मुगलों के रोही, जो पहले भाग गये थे, अप
फिर वापस आ गए थे और उन्होंने भी जाटों का पीछा करना प्रारम्भ कर दिया था । अब जाट लोग एक ओर रुहेले शत्रुओं तथा दूसरी ओर यमुना नदी के बीच में पड़ गये। उन्हें कहीं से भी किसी प्रकार की सहायता की आशा न रह गई। उधर नदी की दूसरी ओर से जवाहर इस दृश्य को देख रहा था । वह सहम गया । वह उनकी सहायता के लिए नदी को पार कर जाना चाहता था । यह ऐसा कार्य था जिससे उसे अपने प्राणों से भी हाथ धोने का भय था । इमानुल्मुल्क ने भी उसे ऐसा करने से रोक दिया।
ऐसी नियम परिस्थिति में उमराव गिरि जी को भागते हुए जाटों को रक्षा करने का, रुहेले घुड़सवारों से उनको मुक्त करने का काम सौंपा गया । भविष्य की - जरा भी चिन्ता न करते हुए इस वीर बोद्धा ने छः-सात सौ आदमियों को लेकर अपने अश्व को पानी में कुदा दिया । ( इनिद ८०) भाग्यवश उन्हें नदी में छिछला स्थल ग्रॉप्स हो गया । वहाँ पर कम जल था, अतः उन्होंने आसानी से नदी को पार कर लिया और वे भागते थोर हुए जाटों से जा मिले। इस दल के पहुंचने से उन जाटों में उत्साह और आशा की लहर दौड़ गई और वे वापस कर संघर्ष में पुनः रत हो गए । यह संघर्ष संध्या काल तक चलता रहा। रात्रि हो जाने पर रुहेले नगर को चापम चले गए। इधर जाद भी नदी पार करके अपने साथियों से या मिले । जाटों का राजा गोसाईं जी के इस कृत्य से वडा प्रसन्न हुआ । उसने गोसाईं जी को अपने साथ अपने हाथी के हाँदे पर विठा लिया और उनके साथ ही साथ अपने शिविर के चारों थोर, थाहत सिपाहियों को देखने के लिए, चक्कर लगाये ।
इस घटना के एक मास से भी ऊपर तक जाट और रुहेलों का संघर्प जोरों से चलता रहा। जवाहर ने सिक्खों को अपनी सहायता के लिए बुलाकर अपनी शक्ति को
बढ़ाने का प्रयत्न किया तो भी वह शत्रुओं पर कोई महत्त्वपूर्ण विजय नहीं प्राप्त कर सका ।
ऐसी परिस्थिति में उसने अनूप गिरिजी से सैन्य सहायता लेकर अपनी आक्रमक स्थिति को और भी प्रचल बनाने का प्रयत्न किया। इस नागा सरदार ने अपने शुजा को उसकी हरएक परिस्थिति में सहायता प्रदान की ' थी । चक्सर के युद्ध के पश्चात् से लेकर उसके रोहेले प्रदेश में निर्वासन के समय तक उसकी अच्छी सेवा की थी परन्तु जब आर्थिक संकट के कारण वह अपने सेना-व्यय को न सँभाल सका और अचलगढ़ के दुर्ग से लाखों रुपये के सिक्के लूट लिये गए तो उन्होंने अपनी सेवाएँ १७६४ के दिसम्बर के अन्त में, जवाहर सिंह को अर्पित कर दीं ।
उनके आ जाने से कुछ समय तक युद्ध की दिशा में कोई विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। नजीव ने रसद के प्रभाव से होनेवाली तंगी को शान्ति से सहन कर लिया और
सेनाओं को युद्ध में अपना अद्भुत साहस दिखाकर काफी उत्साहित किया। एक बार उसने एक हाथी पर, जिसके ऊपर जवाहर का झंडा फहरा रहा था, गोली चलाई । गोली हाथी के गले को पार करती हुई सनसनाती चली गई। उससे कुछ हानि नहीं पहुँची। शत्रुओं के मीपण तथा उत्साहपूर्ण प्रतिरोध को देखकर जाट राजा बड़ा
इतोत्साहित हुआ । उसके एक साथी इमाद ने, जो कई वर्ष से जाटों के राज्य में उनका अतिथि बनकर गुलछरें उड़ा रहा था, यम चुप्पी साध ली थी। उधर मल्हारराव, जिसने जवाहर से अतुल सम्पत्ति ली थी, ढीला पड़ गया थाउसने सहायता करने से हाथ खींच लिया था । 'इस मराठे ने मुझसे काफी धन ले लिया है परन्तु यह युद्ध की तरफ कुछ ध्यान नहीं दे रहा है', निकट में ही स्थित अनूप गिरि ने जाट राजा के इन शब्दों को सुन कर उसकी सहायता के लिए कमर कस ली । उन्होंने कहा 'श्राज में नागाओं के साथ जाऊँगा और मुझसे जो कुछ भी करते बनेगा, करूंगा । ( इविद] ८६ ) गोसाईजी ने अपने कथन का अक्षरशः पालन किया। उसी दिन उन्होंने अपने तथा कुछ जवाहर के अनुचरों को लेकर नदी पार कर ली और नगर की चहारदीवारी के बाहर स्थित हाफिजुद्दीन के राजप्रासाद पर अधिकार जमा लिया। इधर जवाहर ने ऐसी नीति अपनाई जिसे प्रसिद्ध विद्वान् लीडेल हार्ट ने 'प्रत्यक्ष निकट पहुँचने की प्रणाली' कहा है । कहने का तात्पर्य यह है कि उसने शत्रु पर बलाधिक्य प्रत्यक्ष, ( सामने के) आक्रमण द्वारा विजय प्राप्त करने का प्रयत किया था । अनूप गिरि जी ने इस पद्धति को बदल दिया और अप्रत्यक्ष ढंग से शत्रुओं को नीचा दिखाने की चाल |
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साल 2017 में रागिनी एमएमएस 2.0 और साल 2018 में गंदी बात के बाद अब एकता कपूर साल 2019 में एक बार फिर से गंदी बात सीजन 3 लेकर आ रही हैं। इस सीरीज देसी भाभी की कहाानियां एक अलग अंदाज में दिखाई जाएगी। साल की शुरुआत में इसका सीजन 2 लांच किया गया था।
एक बार फिर से फैंस की डिमांड में ये अपने सीजन 3 के साथ लौट रहा है। देसी कहानियों में बोल्डनेस का तड़का मारने के कारण ये सीरीज काफी लोकप्रिय हो गई है। अपने पिछले दो भाग में इस सीरीज में लेस्बियन रोमांस और एक अलग कहानी के साथ प्यार के सही मायने को समझाने की कोशिश भी की गई।
ये सीरीज साफ तौर पर ये दिखाती है कि समाज में जिस बात पर चुप रहने को कहां जाता है। जिसे कमरे के भीतर बंद किया जाता है ऐसी कई कहानी हमारे आस-पास घूम रही है। पहली बार ऐसी कोई भारतीय सीरीज आयी है जो कि सेक्स से जुड़ी हुई हर बात को छिपाकर नहीं बल्कि खोलकर दिखाया जाएगा।
यह ऐसी कहानियां हैं जिनके बारे में अक्सर लोग खुलकर बात करना पसंद नहीं करते हैं।इतना ही नहीं इस वेबसीरीज को देखते समय आपको इतना जरूर ध्यान रखना होगा कि कहीं कोई आपके बगल में ना बैठा हो।
Nayi kahaaniyon ke liye ho jaiye taiyyar, ek baar fir shuru hone jaa rahi hai #GandiiBaat.
आपको बता दें कि गंंदी बात सीजन 3 का ट्रेलर शुक्रवार को रिलीज किया जाएगा।यहां देखिए अब तक की बेहद बोल्ड वेब सीरीज जो आप अकेले में देख सकते हैं..
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उत्तर प्रदेश में लगातार महिला हिंसा और शोषण से जुड़ी बड़ी-बड़ी घटनाएं सुनने को मिल रही हैं। जहां एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा को लेकर बड़े बड़े वादे करती है, लगातार महिला हिंसा के खिलाफ आवाज़ उठाने के साथ उसे रोकने को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं। इसके बावजूद भी आए दिन किसी न किसी तरह का दर्दनाक मामले हमारे सामने आ जाता है।
ताज़ा घटना लखीमपुर खीरी के निघासन कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से सामने आई है। 14 सितम्बर को दो सगी बहनों को घर से घसीट कर खेत में आरोपियों ने पहले तो उनके साथ गैंगरेप किया। उसके बाद दोनों बहनों की हत्या करके उन्हें पेड़ से लटका दिया गया। म्रतक लड़कियों की मां ने बताया कि बड़ी बेटी की उम्र 17 साल थी और छोटी बेटी की उम्र 14 साल थी।
जिस रात को यह घटना हुई उस रात घर पर दोनों बहनों और माँ के अलावा कोई नहीं था। अचानक से घर में 6 लोग घुंसते हैं और लड़कियों को घसीट कर बाहर ले जाते हैं। क्यूंकि परिवार का घर खेतों के पास है और आसपास किसी और का मकान नहीं है इसलिए शोर मचाने पर भी कोई नहीं सुनता है।
मृतक लड़कियों की माँ चल नहीं पाती है, इसलिए वो भी अपनी बच्चियों की जान नहीं बचा पाई। आरोपियों ने लड़कियों के साथ बलात्कार करने के बाद उन्हें फांसी पर एक ही पेड़ में लटका दिया और मौके से फरार हो गए। जब सुबह पुलिस और गांव वालों ने छानबीन करना शुरू की तो लोगों को पेड़ से लटका शव बरामद हुआ।
मौके पर पहुंची पुलिस ने तुरंत शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया और अब सभी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन परिवार की मांग है कि उन्हें इन्साफ चाहिए। परिवार चाहता है कि सभी आरोपियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले।
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विश्वशांति के ये महान् प्रचारक
श्री रतनलाल बंसलपिछले दिसम्बर मास में शान्तिनिकेतन एवं सेवाग्राम में विश्व के शान्तिवादियों का जो सम्मेलन हुआ है वह इस तथ्य का प्रतीक कि एटम बम का आविष्कार और प्रयोग अहिंसा की शाश्वत भावना को नष्ट करना तो दूर उसे किंचित् मात्र निर्बल कर देने की भी क्षमता नहीं रखता। बल्कि प्रकारान्तर से तो उसने अहिंसावादियों की निष्ठा और वि श्वास को बल ही प्रदान किया है।
इस सम्बन्ध में यह सूचना प्रमुख रूप से ध्यान में रखने योग्य है कि विश्व शान्तिवादी कभी भी निष्क्रिय विचारक मात्र नहीं रहे हैं। दुर्भाग्यवश आज प्रचार के साधन जिन शक्तियों के हाथों में है, उनके स्वार्थों से शान्तिवादियो का प्रत्यक्ष विशेष रहने के कारण शान्तिवादियों के प्रेरणाशील कार्यों और उनके त्याग बलिदान की ज्वलन्त कथाओं को उतना प्रकाशन नहीं मिल सका, जितना उनको मिलना चाहिये था । यही कारण है कि अधिकांश जनता इनके सगठन और उद्देश्यो से अपरिचितसी है, तथा परिचितों में भी अधिकांशतः इनको ख्यालो पुलाव पकानेवाले शक्कियों को श्रेणी में शुमार करते रहे है। पर वास्तविकता इसके सर्वथा विपरीत है।
बीजरूप में यह विश्वास और भावना कि "द्वेय का प्रतिकार द्वेष से नहीं किया जा सकता बल्कि प्रेम से ही किया जा सकता है", पहिले पहल मानव के मेन में कब उद्भूत हुई, यह नहीं कहा जा सकता । जब जब मानव ने पशुता की परिधि से अपना पैर बाहर निकालने का साहस किया है, तब तब यह सचाई उसके अन्तर को बिना स्पर्श किये नहीं रह सकी है। इसी सचाई ने बुद्ध, महावीर, ईसा और गान्धी को जन्म दिया और आज भी वह लाखों व्यक्तियों को सत्पम का दर्शन करा रही है ।
सन् १९१४-१८ के भयानक महायुद्ध के मध्य कुछ ऐसे महाप्राण व्यक्तियों को, जिन्होंने मुद्धज्जर के ताप से अपने मस्तिष्क को सुरक्षित रक्खा था, इस सचाई ने बड़े वेग से प्रभावित किया । स्विटजरलैंड की एक ग्राम पाठशाला के अध्यापक जान बूदराज को जब तीन मास के लिये अपनी सैनिक टुकड़ो ( रेजीमेण्ट) में सम्मिलित होने की आशा मिलो, तो उसके सन्मुख यह प्रश्न उपस्थित हो गया कि क्या जिस बाइबिल का पाठ
वह मित्य प्रति अपने छात्रों को पढ़ाता रहा है, उसके साथ रेजीमेण्ट में जाकर मानव हत्या का अभ्यास करने में कोई संगति है ? उसने अपनो पत्नी से इस बातपर विचारविनिमय किया और फिर अपने आफिसर कमाण्डिग के पास आकर राइफल समेत अपने सैनिक देव की समस्त सामग्री उसके चरणों में रख दी। जान बूदराज में अपने अफसर से कहा"मैंने ईसा की आवाज सुनी है और में अब सैनिक नहीं रह सकता।"
जान को उसके अफसर ने भांति भांति से समझाया पर जान अपनो बात पर अटल रहा। इसके लिये जान को जेल जाना पड़ा। सैनिक अधिकारियों में उसकी इस बढ़ता से हलचल मच गई। किन्तु अन्त में उन्होंने निर्णय किया कि जान पागल मालूम होता है। कारण, इस देश में न तो लड़ाई का इस समय कोई खतरा है और न स्विस सेना कभी लड़तो ही है। इसलिये कायर अथवा डरपोक होने के कारण उसने सेना से अपनी जान छुड़ाई हो, इसका तो प्रश्न हो नहीं उठता। इसके अतिरिक्त इस देश में सैनिकों के प्रति जो सम्मान भावना है और उनको जो सामाजिक सुविधायें मिलती है; उनसे केवल भाबुकतावश अपने को वंचित कर देना और जेल चला जाना पागलपन के अतिरिक्त और हो हो क्या सकता है ?
पर स्विटजरलैंड के एक दूसरे व्यक्ति ने जान की भावनाओं को समझा और उस पर विचार किया। यह व्यक्ति स्विट्जरलैंड के एक अत्यन्त समrat afterr का सदस्य था और उसके पिता स्विस सरकार में मंत्रो रह चुके थे। इस व्यक्ति के एक बचेरे भाई ने सरकारी वकील की हंसियत से जान बूदराज के मुकदमे में काम किया था और जान को सजा दिलाई थी। जान को सजा मिलने के कुछ दिन बाद इस व्यक्ति में, जिसका नाम मेरी सेरो सोल था, सैनिक सेवा करने से इंकार कर दिया और स्वेच्छा से जेल चला गया। यही पेरो सेरी सोल आगे चल कर एक महान् शान्तिवादी नेता बने। उन्होंने 'अन्ताराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संगठित किया, जो मुद्धग्रस्त देशों के बमबारी से ध्वस्त प्रदेशों में बिना किसी भेदभाव के पुननिर्माण का कार्य करता था। बिहार भूकम्प के समय पेरी पेरी सोल भारत भी आये थे और उन्होंने यहां महत्वपूर्ण सेवा की थी। जीवन भर वे इसी प्रकार के कार्यों में लगे रहे और अपने बुद्धविरोधी सिद्धान्तों के लिये उनको बार बार जेल जाना पड़ा।
इंगलैंड में श्रीमती म्यूरिल लिस्टर में इन शान्तिवादियों का नेतृत्व किया। प्रथम महायुड से वर्षों पूर्व ही वे अपना बिलासिता पूर्ण जीवन
विश्वशान्ति के मे महान् प्रचारक
त्याग कर लम्बन के एक गन्ये मुहल्ले में गरीबों के बीच आ बसी थीं और वहीं उन्होंने 'किंग्सले हाल' के नाम से एक आश्रम की स्थापना की थी। गोलमेज कान्फ्रेन्स में भाग लेने के लिये गान्धीजी जब इंगलड गये थे, तब उन्होंने भी इसी आश्रम का आतिथ्य स्वीकार किया था। इंगलैंड के सभी श्रेणी के व्यक्तियों के मन में इस संस्था के प्रति कम मान नहीं है, किन्तु युद्ध के दिनों में यह सम्मान भावना एक दूसरा रूप ले लेती है, कि उस प्रकार, जिस प्रकार गान्धीजी के हिन्दू-मुस्लिम एकता के विचारों के कारण साम्प्रदायिकता के तूफान के समय गान्धीजी के प्रति उनके भक्तों की भावना बदल जाया करती थी ।
प्रथम युद्ध में भी 'किग्सले हाल' शान्तिवादियों का प्रमुख केन्द्र बना रहा। अतः उसके सम्बन्ध में भांति भांति की अफवाहें उड़ाई गई। बहुत से व्यक्ति विश्वास करते थे कि वह जर्मन जासूसो का अड्डा है । इन अफवाही के कारण किग्सले हाल पर अनेक बार आक्रमण हुए और उसके सदस्यों को चोट पहुँचाई गई।
प्रथम महायुद्ध में जब जर्मनों ने लुसीटानिया जहाज डुबो दिया, तब अंग्रेज शान्तिवादियों को अत्यधिक कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ा। इस जहाज में बहुत बड़ी तादाद में अंगरेज नागरिक थे । जर्मनों के विरुद्ध द्वेष उत्पन्न करने के लिये पत्रों ने जहाज डूबने का बड़ा कारुणिक विवरण प्रकाशित किया। फलस्वरूप लन्दन में एक बलवा खड़ा हो गया। कुछ लोगों की एक भीड ने जर्मन व आस्ट्रियन पड़ोसियों की दुकानों को लूट लिया। किंग्सले हाल के पास ही एक जर्मन महिला को घेर लिया गया। स्वभावतः किग्सले हाल के सदस्यों ने उस जर्मन महिला की रक्षा की। जब उस जर्मन महिला को परेशान किया जा रहा था, पुलिस चुप चाप खड़ी रही। किन्तु उस महिला को बचा लेने पर अकस्मात् पुलिस आई और fमस स्परिल लिस्टर को इस बलबे में भाग लेने के अपराध में गिर फ्तार कर ले गई।
यह घटना उस वातावरण को प्रतीक है जिसमें इंगलैंड के शान्तिवादी कार्य कर रहे थे ।
शान्तिवादियों के युद्धविरोधी प्रचार के कारण प्रथम महायुद्ध में लगभग पन्द्रह हमार व्यक्तियों को सैनिक सेवा से इंकार करने के कारण अदालतों के सम्मुख उपस्थित किया गया। इनमें से अनेक को बेलों में भयंकर यातनाएँ दी गई। एक सैनिक की कलाइयों से तो रेलों से मरी हुई बाल्टियां बांध दी गई और उसे एक बीने से पूरी तेजी से उतरने
चढ़ने के लिये कहा जाता था। भाग्यवश इसकी सूचना श्रीमती लिस्टर को मिल गई और उन्होंने उच्चाधिकारियों का ध्यान इस ओर आकर्षित करके उस सैनिक को इस यातना से छुटकारा दिलवाया।
अन्य अन्य देशों में भी युद्धविरोधी आन्दोलन प्रथम महायुद्ध के समय चले थे किन्तु उनका कोई प्रामाणिक लेखा जोखा नहीं मिल सका। श्री जे० चेम्बरलेन में अपनी पुस्तक "फाइटिंग फॉर पीस" में एक स्थान पर लिखा है-"यह मालूम है कि जर्मनी, आस्ट्रिया, हंगरी, हस, बोहेमिया, अमेरिका, यहां तक कि फ्रांस में भी बहुतेरे आदमियोंने युद्ध में भाग लेने से इंकार किया था, और ब्रिटिश युद्धविरोधियों की ही भांति वे बंडित हुए थे। हंगरी में ताजरिनों की एक बड़ी संख्या थी, जिन्होने सेना में काम करने से इंकार कर दिया था। ये विचारे सब के सब गोलियों से भून दिये गये । बोहेमिया में भी युवक जेकों द्वारा सैनिक सेवा का काफी विरोध किया गया और वहां भी जिन्होंने लड़ने से इंकार किया, उनको गोली मार दी गई।"
दूसरे महायुद्ध की भी यही कहानी है। किन्तु किसी भी देश की सर कार इस प्रकार की घटनाओं का प्रकाश में आना उचित नहीं समझती। दूसरी ओर शान्तिबादी इतने साधनहीन है और साथ ही यशलिप्सा और विज्ञापन से स्वभावतः इतनी अरुचि रखने वाले है कि अभी वर्षों में जाकर द्वितीय युद्ध के समय उठाये गये उनके आन्दोलनों का कुछ विवरण हमको मिल सका है।
प्रथम महायुद्ध के पश्चात् जब जर्मनी तथा अन्य पराजित बलों में फैली हुई भुलभरी के समाचार शान्तिबादियों को मिले, तब उनमें से जो बिजयी राष्ट्रों के नागरिक थे, उन्होंने अपने अपने देश में इस बात के लिये प्रदर्शन किये कि भुखमरी से ग्रसित राष्ट्रों को भरपूर सहायता मिलनी चाहिये । प्रसिद्ध पत्रकार श्री एच० डबल्यू० नेबिसन ने अपनी एक यात्रा से लौट कर लिखा, "एक आस्ट्रियन अस्पताल में जब में गया तो उसके शिक्षु-विभाग के करुण दृश्यों के सामने सुझ से देर तक लड़ा न रहा जा सका।" इन पंक्तियों ने जहां प्रतिहिंसा से मलते हुए हृदयों को प्रसन्नता और सन्तोष दिवा, वहां शान्तिवादियों के हृदयों पर एक भयंकर आघात किया। मेक्सिन ने अपने इसी लेस में आगे लिखा था, "हर बिस्तरे के पास खड़ा होकर प्रत्येक बच्चे से निबंयता की वही भयानक कमायें बार बार सुनने का साहस मुझे न हो सका। यह मेरे बर्यादित के बाहर था। जब मैं पास जाता, तो प्रत्येक बच्चा अपनी बड़ी बड़ी चमकोकी
विश्वशान्ति के थे महान् प्रचारक
आखों से मेरी ओर देखता। उनकी इन आलों और पिचके गालों में उनके दुःख की कहानी लिखी हुई थी। ये मेरी ओर उसी आशा और उत्कंठा से बेलते थे, जैसे चिड़ियों के बच्चे अपनी माताओ के खाद्य पदार्थ लेके आने पर चोंच खोल कर उनकी ओर देखते है । पर मेरे पास तो उनके लिये भोजन न था। एक प्रसूति गृह (मेटरनिटी होम) में दो महीने के अन्दर कुल सौ बच्चे पैदा हुए, जिनमें अट्ठानवे दूध के अभाव के कारण मर गये; बेचारी दुर्बल माताओं को छाती में दूध न था।"
पर नेबिसन की यह पंक्तियां लाख प्रयत्न करने पर भी किसी दैनिक पत्र में नहीं प्रकाशित हो सकीं। शांतिवादियों का एक प्रतिनिधि मंडल जब सम्पादकों के पास इस प्रयास में गया, तो उत्तर मिला, "अच्छा हुआ, वे इसी योग्य थे।"
शांतिवादियों ने इस पर प्रधान मंत्री को एक आवेदन पत्र भेजा, जिसकी कुछ पंक्तियां थीं-- "हम भूल की पीड़ा से परिचित है। इसीलिये हम और हमारे बच्चे यह नहीं चाहते कि दुनियां के किसी भाग में कोई भी भूखा रहे ।. ।इससे अच्छा तो यह होगा कि यों धीरे धीरे मारने और तिल तिल करके भूख की आग में जलाने की जगह इन बच्चों को बम गिरा कर एक दम खत्म कर दिया जाय। ईश्वर के लिये खाद्य पदार्थों को इस रोक को उठा लीजिये ।"
यह पत्र शान्तिवादियों के एक जुलूस ने प्रधान मंत्री को दिया। इस जुलूस में बहुत ही कम व्यक्ति थे, क्योंकि पत्रों ने शत्रु राष्ट्रों के विरुद्ध इतना जहरीला प्रचार किया था कि साधास्य नागरिक का मन मानवोचित दया और करुणा से सर्वथा शुष्क हो चुका था । यह स्थिति लगभग बैसी हो थी, जंसी साम्प्रदायिक बलबों के समय पश्चिमी पंजाब के मुसलमानों और पूर्वीय पंजाब के हिन्दू सिमलों के मध्य थी । आशय यह कि लिया थोड़े से विशिष्ट व्यक्तियों के लगभग सभी एक दूसरेकी पोड़ायें देख कर प्रसन्न होते थे। किन्तु सच्चाई से भरी हुई पुकार कभी निष्फल नहीं होती। इस मंत्र का भी परिणाम यह हुआ कि "शिशु रक्षण कोष" (सेच दी चिल्ड्रेन फंड) की स्थापना हुई। इस संस्था के घोषणा पत्र में लिखे हुए यह शब्द कितने महत्वपूर्ण हैं :"वह कलौटी जिस पर प्रत्येक बात कसी जानी चाहिये, यह है कि अमुक कार्य संसार के बच्चों के सुख और कल्याण को बढ़ाने वाला है या हानिकारक है।" अर्थात्, इन शब्दों में संसार को स्मरण विलाया गया है है कि एक बेस और दूसरे देश के बच्चों में भेद नहीं किया जा सकता ।
संवि के कुछ दिन बाद ही श्री मेरी पेरी सोल के नेतृत्व में स्वयंसेवकों का एक बल फ्रांस के ऐसे भू-भाग में पहुंचा, जिसे जर्मन तोपों ने बिलकुल बीहड़ बना दिया था। इस दल में जर्मन, स्विस, अंग्रेज और अमेरिकन शामिल थे। एक जर्मन स्वयंसेवक तो ऐसा था, जिसका भाई फ्रान्सिोसियों द्वारा युद्ध में मारा गया था। उसीके प्रतिशोध के लिये वह फ्रान्सिसियों की सेवा करने के लिये आया था, जिससे उनके मन में फ्रान्सिीसियों के मन में जर्मनों के प्रति जितनी भी कटुता है, समाप्त हो गई और वे जर्मनों को मित्र समझने लगें।
इस बल ने टूटे फूटे घर खड़े करने, सड़कें बनाने और गृहहोनों के लिये आश्रय स्थान तय्यार करने में महत्वपूर्ण भाग लिया। इसके पश्चात् यह स्वयंसेवक दल इसी प्रकार के अन्य स्थानों में भी गया।
इस प्रकार मानव मानव के मध्य राष्ट्र जाति की खाइयों को पाट कर उनमें सच्चे भ्रातृभाव की भावना उत्पन्न करना शान्तिवादियों का प्रमुख कार्य रहा है और उसके लिये वे भारी साधना करते रहे है ।
शान्तिवादियों का एक प्रमुख संगठन "युद्ध प्रतिरोषक सघ' (वार रेसिस्टर्स इन्टरनेशनल) है । इसके घोषणा पत्र को कुछ पंक्तियां इस प्रकार है"युद्ध मानवता के प्रति एक अपराध है। इसलिये हम बूढ़ है कि उसका समर्थन न करेंगे, फिर चाहे वह किसी प्रकार का युद्ध हो। हम युद्ध के कारणों को दूर करने की चेष्टा करेंगे।"
"मुद्ध मानवता के प्रति एक अपराध है, यह जीवन के प्रति अपराध है और राजनैतिक एवं आर्थिक स्वार्थी के लिये मनुष्य का दुरुपयोग करता है।"
"इसलिये हम मनुष्य जाति के प्रति अपने बृढ़ प्रेम के कारण उसका कदापि समर्थन नहीं करेंगे। स्थल, जल, या वायु सेना में किसी प्रकार की सेवा करके न तो बुद्ध का प्रत्यक्ष समर्थन करेंगे और न युद्ध सामग्री बनाने, बुद्ध दिशा में हिस्सा बंटाने, और दूसरों को सैनिक सेवा से युक्त कराने के लिये अपनी श्रम शक्ति का उपयोग करके युद्ध में अप्रत्यक्ष सहायता करेंगे।"
"युद्ध चाहे किसी प्रकार का भी हो, आक्रमणात्मक अथवा रक्षणात्मक, मयोंकि हम जानते है कि वर्तमान सरकारें केवल रक्षणात्मक बुद्ध हो
बार प्रतिरोधक संघ में बुद्ध विरोधी प्रचार बड़े जोर शोर से भारम्भ किया। इसके प्रभाव स्वस्९-२०३३ को बाक्सफोर्ड यूनियन सोसाइटी
विश्वशान्ति के ये महान् प्रचारक
ने १५३ मतों के विरुद्ध २७५ मतों से निम्न प्रस्ताव पास किया"यह यूनियन किसी भी परिस्थिति में अपने राजा और देश के लिये युद्ध नहीं करेगा।"
इसी प्रस्ताव को मांचेस्टर विश्वविद्यालय ने १९६ के विरुद्ध ३७१ मतों से पास किया।
इस प्रकार के प्रस्ताव का पास हो जाना इंगलैंड के इतिहास में एक सनसनी उत्पन्न कर देने वाली महत्वपूर्ण घटना थी । फलतः ग्लासगो यूनी वर्सिटी यूनियन में यह प्रस्ताव पेश किया गया।
"यह यूनियम राजा और देश के लिये युद्ध करने के लिये तथ्यार है।" किन्तु यह प्रस्ताव ५९८ के विरुद्ध ९३४ मतों से अस्वीकृत हो गया । इसके पश्चात् तो देश भर की यूनीवसिटियों और कालेजों में इस प्रस्ताव की धूम मच गई। इंगलैंड से बाहर यूरोप के अन्य देशों तथा अमेरिका के ने भी इसी प्रकार के प्रस्ताव पास किये।
किन्तु पूड फिर भी हुआ और एक भयानक नर-संहार से ससार को गुजरना पड़ा। अब तीसरे युद्ध की सरसराहट भी बातावरण में है और इससे यह ख्याल किया जा सकता है कि बावजूद अपने सच्चे प्रयत्नों और भारी त्याग तपस्या के शांतिवादी अपने प्रयास में सफल नहीं हो सके हैं। कुछ आतुर व्यक्ति उनके आदर्शों को अध्यवहारिक भी कह सकते हैं ? किन्तु क्या संसार जिस मार्ग पर जा रहा है, वह व्यावहारिक है ? जाहिर है कि इस मार्ग पर भी संसार अधिक दिनों तक नहीं चल सकता और अन्त में उसे युद्ध से विरत होकर शांतिवादियों के मार्ग पर ही आना है। तब क्या हम यह नहीं कह सकते कि शांतिबादी ही सत्य और व्यावहारिक मार्ग पर है। उत्तेजना से दूर रह कर वे धैर्ध्य पूर्वक उस पथ का निर्माण करने में जुटे हुए हैं। जिस पर अन्त में मानव समाज को आना हो हूं और इसी लिये उनके प्रयास समस्त विश्व के लिये अनुकरणीय और प्रणम्य है।
बापू की कर्मभूमि में भारत में होने वाले शान्तिवादियों का यह सम्मेलन समग्र विश्व के शान्तिवादियों के लिये प्रेरणाशील सम्बेझवाहक हो, यही हमारी कामना हूं। |
ड्रैगन जापानी सबसे ज्यादा व्यक्तित्व हैविभिन्न दिव्य शक्तियां। यह परी-कथा प्राणी बुरा और दयालु, महान और चालाक हो सकता है। उनकी छवि पानी से अनजाने में जुड़ी हुई है, जो इसकी शक्ति और अप्रत्याशितता से शक्तिशाली जानवर की भयानक ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करती है। जापानी पौराणिक कथाओं में ड्रेगन की भूमिका के बारे में, इस लेख पर चर्चा की जाएगी।
यह ज्ञात नहीं है कि ड्रैगन कितना स्वतंत्र हैजापानी। सबसे पहले, सभी ओरिएंटल शानदार जानवर (कोरियाई और चीनी समेत) एक दूसरे के समान हैं। दूसरा, इतिहास में दर्ज जापानी मिथक न केवल एक दूर पड़ोसी की किंवदंतियों की प्रतिलिपि बनाते हैं, बल्कि चीनी में भी लिखे जाते हैं। और फिर भी जापान में ड्रेगन की किंवदंती का अपना रंग है, जो अन्य लोगों की परंपराओं से अलग है। इस देश के राष्ट्रीय लोककथाओं की विशिष्टताओं के बारे में, हम नीचे बात करेंगे।
ड्रैगन जापानी पहले से चीनी से अलग हैकुल मिलाकर, शारीरिक विशेषताएं। तथ्य यह है कि इन प्राणियों के पंजे, पूंछ और सिर की संख्या अलग है। जापानी राक्षस में केवल तीन पंजे हैं। वैज्ञानिक इस तथ्य को इस तथ्य के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं कि चीन में पहले ड्रैगन एक जैसा दिखता था। इसके अलावा, अपनी छवि में उन्होंने देश की ताकत और शक्ति को व्यक्त किया। हालांकि, चीन की विजय के बाद, मंगोलों ने अपने ड्रैगन को पैडस्टल पर फहराया, जिसमें पहले से ही चार पंजे थे, यह संकेत था कि यह अपने पूर्ववर्ती की तुलना में अधिक शक्तिशाली था। जब चीनी ने स्वतंत्रता प्राप्त की, तो उन्होंने मंगोलियाई शासन के बारे में भूलने के लिए सबकुछ किया। उन्होंने फिर से एक और पंजे खींचते हुए अपने ड्रैगन को संशोधित किया। स्वाभाविक रूप से, जापानी ड्रैगन के इन सभी रूपों को छुआ नहीं है। वह चीन से तीन उंगली वाले लोगों से आया, इसलिए वह रुक गया। लेकिन उसके पास कई सिर और पूंछ थे। इसलिए, उग्र राक्षस के साथ मुकाबला आसान नहीं था। सभी जापानी किंवदंतियों ने इसकी गवाही दी।
ड्रैगन के लिए प्राकृतिक आवास हैपानी। किंवदंतियों में यह अलंघनीय जापानी पानी देवताओं के साथ जुड़ा हुआ है। पुराने अजगर में, और वह आकाश की एक शक्तिशाली उत्पाद है, जो देश के कई विभिन्न भागों में सम्मान दिया जाता है माना जाता था। इन प्राणियों की पूजा का केंद्र कानागावा के प्रान्त है। किंवदंतियों और जापान राज्य है कि पहले यहाँ पूरे दो प्रसिद्ध अजगर रहते थे मिथकों। नौ राक्षस झील Asinoko में रहते थे कि Hakone के पहाड़ों में, एक पांच अध्यक्षता - Enoshima के द्वीप पर। इन शानदार प्राणियों से प्रत्येक की अपनी विशेष कहानी है।
एनोशिम पर ड्रैगन को समर्पित अभयारण्य पर,552 साल में दिखाई दिया। यह द्वीप के चट्टानी उत्तरी हिस्से में स्थित है। मंदिर के बहुत दूर, पानी के बहुत किनारे पर, ग्रोट्टो है, जहां किंवदंती के अनुसार ड्रैगन जापानी अभी भी रहता है। द्वीप के पांच-सरदार संरक्षक एक देवता बन गए जो एक बार में नहीं थे। ऐसा करने के लिए, उसे देवी से शादी करनी पड़ी।
6 वीं शताब्दी ईस्वी में, जापान में विकसित एक पंथदेवी बेंटन की पूजा - गर्दन, महिलाओं, कला और अग्निशामक की संरक्षा। पौराणिक कथा के अनुसार, वह इतनी सुंदर थी कि उसने महान ड्रैगन पर विजय प्राप्त की। उन्होंने बेंटन के लिए भीख मांगी और सहमति प्राप्त की। तब से, पांच सिर वाले पशु जापानी दिव्य pantheon का पूरा सदस्य बन गया है। उन्हें सगामी द्वारा भूमि के लिए नमी के प्रदाता के रूप में पहचाना गया था। जानवर को एक विशेष नाम भी दिया गया - Ryukomaydzin, जो "एक उज्ज्वल ड्रैगन भगवान" के रूप में अनुवाद करता है।
एथनोसिमा के पांच-सरदार के आसपास के तट पर तट परसंक्षेप में, एक विशाल मंदिर समर्पित है, और द्वीप पर उसकी महान पत्नी - देवी बेंटन का अभयारण्य है। जापान में, वे मानते हैं कि हर जगह प्रेमियों और हमेशा एक साथ होना चाहिए। पूर्वी पौराणिक कथाओं में कुछ अनुष्ठानों का प्रदर्शन शामिल है। इस प्रकार, चंद्र कैलेंडर (सांप दिवस) के पहले दिन, एक गंभीर समारोह हर साल होता हैः देवता की एक प्रतीकात्मक छवि ड्रैगन के मंदिर से देवी बेंटन के मंदिर में भेजी जाती है। इस प्रकार, पति, करीब हैं। और एक बार ड्रैगन के मंदिर से 60 वर्षों में सभी संभावित सम्मानों के साथ एक लकड़ी की प्रतिमा को बाहर निकाला जाता है, जिसे तब द्वीप पर बेंटन की मूर्ति में ले जाया जाता है।
असिनोको से यह प्राणी बहुत हैएक और भाग्य इसे एक बहुत प्राचीन जानवर माना जाता है, जो समय से प्राचीन काल से झील के किनारे पर चुना गया था और आसपास के गांवों के बच्चों को खाया गया था। जब तक मनगन नामक एक पवित्र पुजारी उन हिस्सों में प्रकट नहीं हुआ तब तक कोई भी एक शराबी राक्षस का विरोध नहीं कर सकता था। ड्रेगन शिकारी अक्सर पूर्वी किंवदंतियों में आते हैं और हर बार साहस को छोड़कर उनके पास असामान्य समझदार होता है। और शिनटो नौकर के पास न केवल भगवान का वचन था, बल्कि सक्रिय जादू भी था। जादूगर आकर्षण की मदद से, नायक ड्रैगन को तबाह करने में मदद करता था और झील के नीचे बढ़ते एक बड़े पेड़ के तने तक इसे चेन करता था। यह एक हज़ार साल से अधिक रहा है - और तब से किसी ने भी जमीन पर एक आंतमय ड्रैगन नहीं देखा है।
जापान ऐसी परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि किंवदंतियों के रचनाकारों का मानना था कि दुष्ट राक्षस पूरी तरह से शिक्षित किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, माना जाता है कि असिनोको झील के निवासियों ने अपने आपराधिक कर्मों से लंबे समय से पश्चाताप किया है और उन्हें याद करते हुए कड़वाहट से रोते हैं। लेकिन ड्रैगन को बाधित करने के लिए कोई भी नहीं है, क्योंकि मनघान बहुत समय पहले मर गया था। एक परी-कथा जीव के आँसू को उपचारात्मक माना जाता है, इसलिए असिनोको के पानी औषधीय गुणों को जिम्मेदार ठहराते हैं। कुछ जापानी इन क्षेत्रों में बीमारियों और घावों से ठीक होने के लिए आते हैं। यहां तक कि एक रास्ता भी है जिसके साथ ड्रैगन झील से बाहर आया था। इसके ऊपर, अभयारण्य की झील थोरियम खड़ा है।
कुछ अज्ञात कारणों के लिए, नौ सिर वाले अजगरउन्होंने कहा कि वर्ष में दो बार विवाह के संरक्षक संत है, और अब - तानाबाता प्रेमियों के जापानी त्योहार और पश्चिमी वेलेंटाइंस डे पर - अविवाहित जापानी महिलाओं झील Asinoko के किनारे करने के लिए भागने अपने निजी जीवन में शानदार प्राणियों के कल्याण के पूछने के लिए। और हर महीने, 13 पर, एक ड्रैगन अभयारण्य में सेवा की है, जिसके दौरान एक देवता संरक्षण जो कोई परिवार खुशी हासिल करने के लिए चाहता है पूछ।
जापानी लोकगीत एक और खतरनाक उल्लेख करता हैड्रैगन, जिसे सही करने का प्रबंधन नहीं किया गया था, को नष्ट करना था। ऐसा कहा जाता है कि इज़ुमो क्षेत्र में, होन्शू द्वीप के दक्षिणी भाग में, यमतो नो ओरोची नामक एक अतुलनीय राक्षस क्रोधित हो गया। विशेष रूप से दुर्भाग्यपूर्ण एक परिवार - उसकी आठ बेटियां थीं, और हर साल एक परी प्राणी का अपहरण कर लिया गया था और उनमें से एक खा लिया था। ड्रैगन का विवरण कहता है - यह भयानक था। लाल आंखों वाला, आठ-सिर वाला राक्षस असाधारण रूप से बड़ा थाः इसकी लंबाई आठ पहाड़ियों और आठ घाटियां थीं। इसके अलावा, उसके पास आठ पूंछ थीं, और राक्षस के पेड़ और मोस के पीछे बढ़ी थी। ड्रैगन का पेट हमेशा आग में घिरा हुआ था और कोई भी अपने अत्याचारों का विरोध नहीं कर सकता था। दुर्भाग्यपूर्ण माता-पिता के घर में जब केवल एक बेटी थी, सुसानू नो मिकोटो (स्थानीय देवता) उनके पास आई और मदद की पेशकश की। बदले में, उसने बचाए बेटी के हाथ की मांग की। बेशक, बूढ़े लोग सहमत हुए, और भगवान ने निम्नानुसार आगे बढ़ने का आदेश दिया। उन्होंने बड़ी मात्रा में उबालने का आदेश दिया, जिसे उन्होंने आठ बड़े बैरल में डाला। फिर सुसानू नो मिकोटो ने उच्च बाड़ से घिरी ऊंचाई पर अल्कोहल लगाया। उनमें से प्रत्येक में, ड्रैगन के सिर के लिए एक उद्घाटन किया गया था। साँप, जो स्पष्ट रूप से इस बात से उदासीन नहीं था, गंदे चाल को समझ नहीं पाया और प्रत्येक सिर के पके हुए इलाज को पी लिया। वह तुरंत नशे में हो गया और सो गया, जिसने चतुर भगवान को टुकड़ों में काट दिया। तब सुसानू नो मिकोटो ने एक सहेजी गई लड़की को पत्नी के रूप में नहीं लिया, और ड्रैगन की पूंछों में से एक ने कुसानगी की तलवार की खोज की, जिसमें जादुई गुण थे। बाद में यह विषय शाही शक्ति के प्रतीकों में से एक बन गया।
ड्रैगन जापानी एक बहुत ही अप्रत्याशित प्राणी है। वह अपनी उपस्थिति, आकार, आकार बदल सकता है और यहां तक कि अदृश्य हो सकता है। पौराणिक जानवर रंग में भिन्न होते हैं। शायद यह उनका एकमात्र स्थायी संकेत है। प्रत्येक रंग का अपना अर्थ होता है। सुनहरा ड्रैगन खुशी, धन और भाग्य लाता है। नीला (या हरा) वसंत का प्रतीक है, उसके साथ बैठक अच्छी किस्मत और अच्छे स्वास्थ्य का वादा करता है। लाल ताकत, गतिविधि, तूफान और गर्मी का मतलब है। काला ड्रैगन सर्दियों, उत्तर, तूफान, बदला और चिंता का प्रतिनिधित्व करता है। सफेद शोक, गिरावट और मृत्यु से जुड़ा हुआ है।
Ryujin या Vatsatsumi कोई कामी पानी का देवता हैतत्व, ड्रैगन। उन्हें जापान का अच्छा संरक्षक माना जाता है। एक परी को कई शानदार कामों के साथ श्रेय दिया जाता है। एक दिन, उदाहरण के लिए, उसने मंगोल आक्रमण से जापान को बचायाः एक तूफान का कारण बन गया और दुश्मन फ्लोटिला डूब गया। नेट्सक्यू में, इस ड्रैगन को एक शाही वस्त्र में भूरे बालों वाले बुजुर्ग के रूप में चित्रित किया गया है। लेकिन लोग अधिक लोकप्रिय यह पूरी तरह से अलग उपस्थिति हैंः कमर Ryujin के लिए नग्न, दाढ़ी वाले और लंबे बालों के साथ, एक मोती धारण, ज्वार को नियंत्रित, और भगवान एक विशाल अजगर या ऑक्टोपस बैठे पीछे।
जापानी मानते हैं कि Ryujin विशाल हैधन और पूरी दुनिया में सबसे शक्तिशाली है। वह समुद्र के तल पर रहता है, लेकिन कभी-कभी एक आदमी में बदल जाता है और लोगों का दौरा करता है। उनका ध्यान कथित तौर पर देश की सबसे आकर्षक महिलाओं द्वारा लिया जाता है। ड्रैगन के बच्चे बहुत सुंदर हैंः उनके पास हरी आंखें और काले बाल हैं। और उनके पास काला जादू भी है।
इस ड्रैगन के बारे में बहुत सारी किंवदंतियों हैं। ऐसा कहा जाता है, उदाहरण के लिए, कि एक बार दो देवताओं (मछुआरे होदरिनो मिकोतो और शिकारी हुरी नो मिकोतो) ने अपने शिल्प को बदलने का फैसला किया कि वे खुद के लिए एक अपरिचित व्यवसाय कर सकते हैं या नहीं। वे भाई थे और किसी भी चीज़ के लिए प्रतिस्पर्धा करना पसंद करते थे। मछली पकड़ने के दौरान हॉरी-नो मिकोतो ने अपने भाई के जादू हुक को डूब दिया। नुकसान वापस पाने के लिए, नायक को समुद्र में उतरना पड़ा। वहां वह टोयोटामा-बाइम-नो मिकोतो, रियुद्दीन की बेटी से मुलाकात की, प्यार में गिर गई और उससे विवाह किया। केवल तीन साल बाद, बेकार मछुआरे को याद आया कि वह क्यों आया था। समुद्र देवता को तुरंत एक हुक मिला और उसे अपने दामाद को सौंप दिया। उन्होंने हॉरी-नो मिकोतो को दो मोती भी दिए, एक ज्वारों को नियंत्रित करता था, और दूसरा - ईबीबी। नायक धरती पर लौट आया, अपने भाई के साथ मिलकर और वह और उसकी खूबसूरत पत्नी खुशी से बाद में रहती थीं।
ड्रेगन की किंवदंती कहती हैः उनमें से कई समुद्र तट पर शानदार महल हैं, क्योंकि यह शक्तिशाली समुद्री देवता के रूप में माना जाता है। रियो वाह इतने विशाल आवास में है कि सभी डूबने वाले लोगों को इसमें रखा गया है। यह ड्रैगन कुलीनता और ज्ञान से प्रतिष्ठित है। वह शिंटो विश्वास का संरक्षक है। जापानी मानते हैं कि इस प्राणी की महान शक्ति है और दुनिया भर में यात्रा कर सकती है। वह भी बहुत सुन्दर और बुद्धिमान है। रियो वाह कभी-कभी बादलों के साथ खेलना पसंद नहीं करते हैं और इस तरह बारिश या तूफान का कारण बनता है। उनकी कमजोरी का एक और मोती है। एक दुर्लभ नमूने के लिए, जापानी ड्रैगन बहुत सक्षम है।
जापान में ड्रेगन की विरासत महान और विविध है। सबसे प्रसिद्ध के अलावा, उगते सूरज के देश में अन्य, कम ज्ञात हैं। उनमें से कुछ यहां दिए गए हैंः
ड्रेगन के अभयारण्य सभी प्रीफेक्चर में पाए जाते हैंजापान। आमतौर पर वे समुद्र और नदियों के किनारे पर स्थित होते हैं, क्योंकि ये जीव जलीय जानवर हैं। आंतरिक जापानी समुद्र में मंदिर का प्रसिद्ध द्वीप है। वह महान ड्रेगन के लिए ध्यान और प्रार्थना करने के लिए दौरा किया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इन पौराणिक प्राणियों के वंशज शासक बन जाते हैं। ड्रैगन का चित्रण करने वाली मूर्तियां जापान में बौद्ध मंदिरों और महलों के बाहरी पक्षों को सजाती हैं। वे बाद में ज्ञान तक पहुंचने के लिए सभी बाधाओं और कठिनाइयों का प्रतीक हैं जिन्हें किसी व्यक्ति को दूर करना चाहिए।
अकुसुसा में, सेंसी के मंदिर में, उत्साही भीड़ के लिएहर साल एक प्रतीकात्मक सुनहरा अजगर नृत्य। वह गंभीर परेड के दौरान मौजूद है, और फिर सम्मान के साथ अभयारण्य में लौट आती है। पहले लोग मंदिर के जाल में सिक्कों को फेंक देते हैं और खुशी के लिए ड्रैगन को छूने की कोशिश करते हैं। उसके बाद, जानवर का प्रतीक सड़क पर बाहर निकाला जाता है, जहां यह जुबिलेंट भीड़ के सामने "नृत्य" करता है। यह वार्षिक त्यौहार देवी कानोन के मंदिर के सम्मान में आयोजित किया जाता है, जिसे 628 में खोला गया था, जो दान का प्रतीक था। अभयारण्य की खोज दो भाई मछुआरों ने की थी, जिन्होंने सुमिदा नदी पर व्यापार किया था। पौराणिक कथा के अनुसार, उन्होंने मंदिर को पहचाना क्योंकि वहां से दो सुनहरे ड्रेगन निकल गए थे। त्यौहार पूरे आने वाले वर्ष के लिए शुभकामनाएं आकर्षित करने के लिए आयोजित किया जाता है।
जैसा ऊपर बताया गया है, काला ड्रैगन एक प्रतीक हैचिंता और प्रतिशोध। यह माना जाता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के प्रकोप से पहले एक प्रभावशाली, गुप्त समाज जापान में संचालित था। इसकी अध्यक्षता सैन्य मामलों के मंत्री टोजो ने की थी, एक ऐसे व्यक्ति जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ युद्ध शुरू करने और इसमें जीतने का सपना देखा था। संगठन को "ब्लैक ड्रैगन" कहा जाता था। जापान ने फिर अन्य देशों में अपनी सैन्य श्रेष्ठता की रक्षा करने की कोशिश की। आतंकवादी संगठन के सदस्यों ने उच्च प्रोफ़ाइल हत्याओं की एक श्रृंखला बनाई, जो सत्ता में अपना रास्ता बना रहे थे। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, प्रशांत में द्वितीय विश्व युद्ध इस समाज की गतिविधियों के कारण ठीक से शुरू हुआ, क्योंकि इसमें कुलीनता के प्रतिनिधियों को शामिल किया गया था, जिन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका से घृणा से घृणा की थी। तोजो अंततः जापान का एकमात्र तानाशाह बन गया, लेकिन उसकी शक्ति लंबे समय तक नहीं टिकी। एफबीआई अभी भी ब्लैक ड्रैगन संगठन की गतिविधियों का अध्ययन कर रहा है और अपने अपराधों के नए सबूत ढूंढ रहा है।
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वर्क फ्रॉम होम (प्रतीकात्मक तस्वीर)
नई दिल्ली. देशभर में आज से अनलॉक 1. 0 का पहला चरण शुरू हो गया है. एक लंबे और सख्त लॉकडाउन के बाद केंद्र सरकार ने आज से ऑफिस खोलने के लिए ढील दे दी है. हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस के बढ़ते मामले के मद्देनजर गाइडलाइंस भी जारी किया गया है, जिसका पालन करना अनिवार्य है. अब कंपनियां अपने काम को बाधित नहीं किये बिना ही कर्मचारियों के लिए कुछ योजनाएं तैयार करने में लगी हुई हैं. इससे कर्मचारियों को ऑफिस आने-जाने की झंझट से मुक्ति मिलेगी तो वहीं, ऑफिस से काम करने वाले लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने में भी आसानी होगी.
कंज्यूमर गुड्स कंपनी मैरिको लिमिटेड (Marico Limited) अपने कामकाज के तरीके में बदलाव के लिये एक बाहरी कंसल्टेंट के साथ मिलकर खाका तैयार कर रही है. कंपनी की योजना है कि करीब 40 फीसदी कर्मचारी अपने घर से ही काम करें.
मैरिको के एक अधिकारी का कहना है कि कोरोना वायरस ने हमें घर से काम करने के लिए बाध्य किया है. इससे हमें काफी कुछ सीखने को मिला. कंपनी चाहती है कि ऑफिस में काम करने वाले 40 फीसदी कर्मचारी घर से ही काम करें. इसके लिए कंपनी अपनी जरूरी व्यवस्थाओं में बदलाव करेगी. फिलहाल कंपनी के 1,500 कर्मचारियों में से 650 ऑफिस में काम करते हैं.
विज्ञापन क्षेत्र की एक अन्य कंपनी वंडरमैन थॉमसन (Wunderman Thompson) ऐसे ही एक सॉल्युशन पर काम कर रही है, जिसके तहत 50 फीसदी कर्मचारी घर से काम करें और 50 फीसदी ऑफिस आएं.
वंडरमैन थॉमसन की दक्षिण एशिया चेयरमैन और ग्रुपी CEO तरुण राय ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम का अनुभव अच्छा रहा है. उन्होंने कहा, 'मेरा जोर हमेशा आउटपुट पर रहता है. इस बात पर नहीं कि लोगों ने कितने घंटे ऑफिस में समय बिताया है. इसलिए मुझे इस बात से हैरानी नहीं हुई कि लोगों ने घर से अच्छा और जिम्मेदारी के साथ काम किया. '
लग्जरी कार निर्माता मर्सिडीज बेंज़ इंडिया (Mercedes-Benz India) का प्लान है कि उसके कर्मचारी सप्ताह में 3 दिन ऑफिस और 2 दिन घर से काम करें. देशभर में लॉकडाउन की वजह से कंपनियां पहले ही अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रही हैं ताकि इस संकट के दौर में उनका बिजनेस पूरी तरह से ठप न हो. कंपनी के प्रबंध निदेशक एंव मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्टिन श्वेंक के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है, 'ऑनलाइन और ऑफलाइन के बीच तालमेल बिठाना ही न्यू नॉर्मल है. यह बेहद अच्छी तरह से काम करता है और मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है. '
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उत्तराखंड के चकराता की चोटियों में 20 साल और धनोल्टी में 13 साल बाद मार्च में बर्फबारी हुई है। उधर, मसूरी और देहरादून में बारिश और ओले गिरने से तापमान गिर गया। मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं हल्की बारिश के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात हो सकता है।
चकराता में सोमवार दोपहर बाद लोखंडी, लोहारी, खडम्बा, देवबन, व्यास शिखर, चोरानी, बुधेर में बर्फबारी हुई। क्षेत्र में सीजन की यह दसवीं बर्फबारी है। स्थानीय निवासी शेर सिंह चैहान, मेहर सिंह, एमएस राणा ने बताया कि मार्च में करीब बीस साल बाद बर्फबारी हुई है। मसूरी निवासी जय प्रकाश उत्तराखंडी ने बताया कि धनोल्टी में 2006 के बाद अब मार्च में बर्फ गिरी है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा है कि मंगलवार को देहरादून में मौसम साफ रहेगा। लेकिन राज्य के तीन हजार मीटर की ऊंचाई वाले इलाकों में हिमपात की संभावना है।
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शिवपाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सभी की भावनाओं और जनभावना का सम्मान करते हुए हमने खुले दिल से समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, किंतु हमारे साथ विश्वासघात हुआ है। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस घात का ही परिणाम है कि आज समाजवादी पार्टी विपक्ष में बैठी है।
लखनऊः चाचा शिवापाल और भतीजे अखिलेश यादन के बीच दूरी कम होने का नाम नहीं ले रही है। अखिलेश यादव चाचा शिवपाल यादव को नजर अंदाज करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। बुधवार को सपा के स्टार प्रचारकों की सूची के शिवपाल यादव का नाम हटा के बड़ा झटका दिया है। तो वही शिवापला यादव ने तय किया कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी इस साल के अंत में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि पिछले कुछ महीने मेरे जीवन के सबसे कठिन समय थे। यह राजनीतिक धैर्य, त्याग, आत्म-संयम और समाज की उम्मीदों की परीक्षा थी।
शिवपाल ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सभी की भावनाओं और जनभावना का सम्मान करते हुए हमने खुले दिल से समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, किंतु हमारे साथ विश्वासघात हुआ है। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि इस घात का ही परिणाम है कि आज समाजवादी पार्टी विपक्ष में बैठी है। हमारी पार्टी प्रगतिशील समाजवाद व समावेशी राष्ट्रवाद के सिद्धांत के साथ आगे बढ़ेगी। राम के नाम पर विभाजन और नफरत की राजनीति की इजाजत किसी को नहीं है।
बुधवार को सपा के स्टार प्रचारकों की सूची के शिवपाल यादव का नाम हटा के बड़ा झटका दिया है। बीते दिनों लगातार यह देखने को मिला है कि शिवपाल इशारों ही इशारों में अखिलेश पर निशाना साधते रहे हैं तो अखिलेश भी चाचा पर सियासी वार करने से नहीं चूकते। विधानसभा में अपनी सीट को लेकर भी शिवपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था। जानकारों का कहना है कि जल्द ही दोनों की राहें जुदा हो सकती हैं।
बता दें कि रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव के लिए सपा के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से उनका नाम गायब है। जबकि इस लिस्ट में मुलायम सिंह यादव, आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम, सपा के प्रमुख महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव सहित कुल 40 नाम शामिल हैं।
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Kathmandu, 17 October : पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) ने आज नेपाल सरकार से बाहर होने का फैसला किया. कुछ दिन पहले पार्टी अगला आम चुनाव लड़ने के लिए मुख्य विपक्षी सीपीएन-यूएमएल के वाम गठबंधन में शामिल हुई थी.
प्रचंड की पार्टी देउबा सरकार की गठबंधन सहयोगी है और मुख्य विपक्षी दल के साथ गठबंधन करने के बावजूद सरकार में बने रहने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही थी.
अगले महीने तय आम एवं प्रांतीय चुनावों से पहले सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) ने गत तीन अक्तूबर को देश के कॉम्युनिस्ट ब्लॉक के साथ गठबंधन की घोषणा की थी. इन चुनावों को हिमालयी देश में करीब एक दशक तक चले संघर्ष के उपरांत संघीय लोकतंत्र में बदलाव की तरफ अंतिम कदम के रूप में देखा जा रहा है.
काठमांडो पोस्ट अखबार की खबर के अनुसार गृह मंत्री जनार्दन शर्मा पार्टी के फैसले की घोषणा करने के लिए आज एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे. प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने 14 अक्तूबर को संसद की आखिरी बैठक के दौरान सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) के मंत्रियों को हटाने का संकेत दिया था.
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कंपनियों की तत्काल मांग की याद दिलाई है।
बल (सीआईएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और रेलवे के कर्मी शामिल हैं।
बैठक की, जहां केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के मुद्दे पर चर्चा की गई।
8 जून को चुनाव की तारीखों की घोषणा होने के बाद पिछले 17 दिनों के दौरान चुनाव संबंधी हिंसा में राज्य में अब तक दस लोगों की मौत हो चुकी है। पंचायत चुनाव 8 जुलाई को होने हैं और गिनती 11 जुलाई को होगी।
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वरिष्ठ भाजपा नेता जयप्रकाश मजुमदार के बाद अब पार्टी सांसद लाकेट चटर्जी के भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। दूसरी तरफ लाकेट ने इससे साफ इन्कार किया है। जानिए उन्होंने क्या कहा है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। वरिष्ठ भाजपा नेता जयप्रकाश मजुमदार के बाद अब पार्टी सांसद लाकेट चटर्जी के भी तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। दूसरी तरफ लाकेट ने इससे साफ इन्कार किया है। गौरतलब है कि मजुमदार मंगलवार को मुख्यमंत्री व तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की मौजूदगी में उनकी पार्टी में शामिल हो गए। उन्हें तृणमूल का प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि तृणमूल में शामिल होने से एक दिन पहले ही मजुमदार ने लाकेट समेत भाजपा के कई क्षुब्ध नेताओं के साथ गोपनीय जगह पर बैठक की थी।
जयप्रकाश से जब लाकेट के तृणमूल में शामिल होने की संभावना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में वह ही बता सकती हैं। दूसरी तरफ लाकेट ने कहा कि जो लोग इस तरह की बातें कह रहे हैं, उन्होंने शायद ऐसा कहने के लिए तृणमूल से रुपये लिए हैं। जो लोग भाजपा की भलाई के लिए लड़ाई कर रहे हैं, वे उनके साथ हैं। जो लोग तृणमूल की भलाई के लिए लड़ रहे हैं, वे तृणमूल में जा सकते हैं।
लाकेट ने यहां तक कहा कि उन्होंने मजुमदार को तृणमूल में जाने से मना किया था। उन्हें काफी समझाया था लेकिन वे नहीं माने। सियासी विश्लेषकों के एक वर्ग का मानना है कि लाकेट पार्टी पर दबाव बनाना चाह रही हैं इसलिए पार्टी के बंगाल नेतृत्व से फिलहाल दूरी बनाकर चल रही हैं। लाकेट भाजपा के राज्य अध्यक्ष का पद चाहती हैं क्योंकि उनका मौजूदा नेतृत्व पर भरोसा नहीं है। लाकेट का कहना है कि वर्तमान नेतृत्व बंगाल में भाजपा को मजबूत स्थिति में नहीं ला पा रहा। बंगाल की हुगली सीट से सांसद लाकेट मौजूदा राज्य अध्यक्ष सुकांत मजुमदार की तरह पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष से भी बेहद खफा रहती थीं। बंगाल से उन्हें केंद्रीय मंत्री नहीं बनाए जाने को लेकर भी वह अपने करीबियों में नाराजगी जता चुकी हैं।
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इंदौर. दतोदा गांव में भव्य बारात और आतिशबाजी से नाराज दबंगों ने दलितों पर लाठियों और चाकू हमला कर दिया। इसमें पांच लोग घायल हो गए। सिमरोल पुलिस ने केस दर्ज कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दूल्हे के परिजन का आरोप है कि गांव के कुछ लोग कह रहे थे कि दलित इतनी अच्छी बारात कैसे निकाल सकते हैं। वे इतनी ज्यादा आतिशबाजी भी नहीं कर सकते। इसको लेकर वे आक्रोशित थे।
मंगलवार को दतोदा में रहने वाले समंदर सिंह जाटव की बेटी की बारात खुड़ैल के आठ मिल से आई थी। जब गांव में बारात निकली तो दतोदा के हेमराज उर्फ हेमंत, चेतन, गोलू और राम सहित कुछ लोगों ने विवाद किया।
दूल्हे पर शराब की बोतल फेंकी और पथराव किया :
दुल्हन के भाई दीपक ने बताया कि आरोपियों ने दूल्हे रोहन पर शराब की बोतल फेंकी और पथराव शुरू कर दिया। तब दुल्हन पक्ष के लोगों ने मामला शांता कराया। विदाई के वक्त आरोपियों ने वर पक्ष की गाड़ी रोक ली। बारातियों पर लाठी और चाकू से हमला किया। इसमें दीपक, दुल्हन का भाई पप्पू, अर्जुन, जीजा कमल और ताऊ अंतर सिंह घायल हो गए। एसएसपी रुचिवर्धन ने आरोपियों को जेल भेजने के आदेश दिए हैं।
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मुंबई। बॉलीवुड के किंग खान सिर्फ परदे पर ही नहीं बल्कि रियल लाइफ में भी हीरो है। दरअसल दिवाली के मोके पर अमिताभ बच्चन के बंगले जलसा पर एक दिवाली पार्टी का आयोजन किया गया था। जिसमें फिल्म जगत के कई सितारें मौजूद थे। पार्टी में सभी व्यस्त थे, तभी अचानक ऐश्वर्या राय की मैनेजर अर्चना सदानंद के लहंगे में आ लग गई। यह देखकर सभी लोग शोकेड हो गए कि क्या करे? तभी पार्टी में मौजूद शाहरुख खान दौड़कर अर्चना के पास जाकर आग बुझाने की कोशिश में लग जाते है और आग बुझा देते है।
फिल्म निर्देशक और कोरियोग्राफर फरहा खान ने इस खबर की पुष्टि सोशल मीडिया पर की है। फरहा ने अर्चना सदानंद के लहंगे में लगी आग कि खबर का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा-' बचाव के लिए मोहब्बत मैन द्वारा किया गया रेस्क्यू! अर्चना के लिए पार्थना करती हूँ कि वह तेजी से रिकवर करे !
शाहरुख खान ने जिस फुर्ती से अर्चना की जान बचाई उसके लिए हर तरफ उनकी प्रशंसा हो रही है। इस दुर्घटना में अर्चना को बचाते हुए शाहरुख भी आंशिक रूप से जल गए है। जबकि अर्चना लगभग 15 फीसदी जल गई है। फिलहाल वह मुंबई के नानावटी अस्पतालमें भर्ती है। उन्हें इंफेक्शन से बचाने के लिए आईसीयू में रखा गया है।
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जयपुरः प्रदेश में ओबीसी आरक्षण विसंगतियों को दूर करने की मांग को लेकर युवा आर-पार की लड़ाई करने के मूड में नजर आए। आज शुक्रवार से युवा जयपुर की सड़कों पर आक्रोश महारैली निकालकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू करने जा रहे हैं। युवाओं में विसंगतियों को लेकर जबरदस्त गुस्सा है।
बता दें कि प्रदेश में सरकारी भर्तियों में आरक्षण नियमो में बदलाव के बाद ओबीसी वर्ग में युवाओं को हो रहे नुकसान के खिलाफ नियमों में संशोधन की मांग को लेकर सोमवार को प्रदेश भर में लोग सड़कों पर उतरे। ओबीसी के 21 फीसदी आरक्षण में भूतपूर्व सैनिकों का कोटा शामिल करने के मामले को लेकर ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के बैनर तले प्रदेश भर में आंदोलन किया जा रहा है।
दरअसल राजस्थान भर से OBC कार्यकर्ता जयपुर में जमा हुए। ये लोग साल 2017 में ओबीसी के लिए जारी परिपत्र को रद्द करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि पूर्व सैनिकों को भी ओबीसी के तहत आरक्षण देकर नौकरियां दी जा रही है। जिसके चलते इस वर्ग में पहले से मौजूद लोगों को आरक्षण का लाभ नहीं मिल पा रहा है। साथ ही आंदोलनकारी अपने लिए अलग से ओबीसी बोर्ड के गठन और जनसंख्या के आधार पर ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण तय करने की मांग कर रहे थे।
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खास बात यह है कि तमाम राजनीतिक दल के प्रतिनिधि भी यहां पर मौजूद थे और आंदोलनकारियों ने अपने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर जमकर नारेबाजी करते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया जाता तो वे इससे भी बड़ा आंदोलन करेंगे।
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रेडियो शो की लेखकता पूर्व के अंतर्गत आता हैअमेरिकी शिक्षक इरने फिलिप्स शिक्षण से स्नातक होने के बाद, वह रेडियो पर काम में कूद गया मुख्य व्यवसाय छोटे रेडियो शो के लिए परिदृश्य लिख रहा था।
प्रारंभ में, प्रसारण की अवधि 15 मिनट थी कुछ समय बाद, अवधि एक घंटे तक पहुंच गई।
प्रतिभा इर्ने ने शो में जाने में मदद कीटेलीविजन स्क्रीन और दर्शकों के दिमाग और आत्माओं में व्यवस्थित होने के लिए लंबे समय तक। सड़क लंबी और कांटेदार थी पहली श्रृंखला एक ही फिल्म पर कई बार गोली मार दी गई। यह अपर्याप्त वित्तपोषण से तय किया गया था इसलिए, कुछ बिंदुओं को वर्तमान समय में संरक्षित नहीं किया गया है।
श्रृंखला "गाइडिंग लाइट" पर काम करते समयअभिनेताओं का शाब्दिक रूप से उनके पात्रों में वृद्धि हुई। 57 वर्षों तक, उन्होंने 15 हजार से अधिक श्रृंखलाओं में अभिनय किया इस परियोजना को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था, जो टीवी पर दिखाए जाने वाले सबसे लंबे टीवी श्रृंखला थे।
प्रत्येक श्रृंखला की अवधि 60 मिनट है,इसलिए, पूरे श्रृंखला को डेढ़ साल की तुलना में पहले देखना संभव नहीं है। उसी समय, आपको दिन में 24 घंटे ब्राउज़ करना पड़ता है। लेकिन नीली स्क्रीन पर हर समय खर्च करना असंभव है। इसलिए, फिल्म देखने में और अधिक समय लगेगा।
श्रृंखला में "गाइडिंग लाइट" के मुताबिकअभिनेता, श्रृंखला का विवरण साजिश में एम्बेडेड मुख्य विचार में कम हो गया है। पुजारी की खिड़की में दिखाई देने वाली रोशनी कभी फीका नहीं था। उसने अपनी खोई हुई आत्माओं को माना। जिस शहर में घटनाएं होती हैं वह कल्पित थी।
इसके बाद, एक व्यक्ति के जीवन का पालन करेंदर्शक ऊब जाते हैं। दर्शकों को खोने और कहानी विकसित करने के लिए, लेखक अतिरिक्त पात्रों को पेश नहीं करते हैं। इस पल से फिल्म स्प्रिंगफील्ड शहर में तीन परिवारों के जीवन के बारे में बताती है, जो कि काल्पनिक भी है।
रेडियो परियोजना पर प्रसारण के दौरान भी बहुत ध्यान आकर्षित किया। इस तरह के गंभीर सामाजिक मुद्दों को उठाकर यह संभव बनाया गया थाः
यह ध्यान देने योग्य है कि पहले इन विषयों को छोड़ दिया गया था। उन्होंने एक सुंदर परी कथा दिखाने के लिए, और लोगों के वास्तविक जीवन को दिखाने के लिए उन्हें छूने की कोशिश नहीं की।
"गाइडिंग" श्रृंखला में शामिल सभी नहींप्रकाश "अभिनेता regalia और पूर्ण भूमिकाओं की एक बड़ी सूची का दावा कर सकते हैं। कुछ अभिनेताओं ने इस परियोजना में काम के साथ अपने करियर ठीक से शुरू किया। उनमें से एक केविन बेकन था। वर्ष के दौरान उन्होंने एक किशोरी की भूमिका निभाते हुए श्रृंखला पर काम किया। उनका चरित्र, टीडी वर्नर एक आदर्श मॉडल नहीं है, क्योंकि उन्होंने शराब पीने से वंचित नहीं किया था और राज्य में लगभग सभी अपराधों में भागीदार थे।
श्रृंखला में 1 9 81 में स्नातक होने के बाद, अभिनेता ने नहीं कियाविस्मरण में डूब गया है। उन्होंने खुद और अमेरिकी सिनेमा के लाभ के लिए काम करना जारी रखा और अब काफी सफलता हासिल की है। केविन ने कई प्रसिद्ध फिल्मों में अभिनय कियाः
यह उनके कार्यों की पूरी सूची नहीं है। उनकी प्रतिभा और प्रदर्शन के लिए धन्यवाद, केविन बेकन को हॉलीवुड वॉक ऑफ़ फेम पर उनके सम्मान में रखे स्टार से गर्व हो सकता है।
1 999 में फिल्म "गाइडिंग लाइट", अभिनेता और भूमिकाएंजो पहले से ही याद किया और दर्शकों के साथ प्यार में गिर गया, ताजा ताकतों की जरूरत है। स्क्रीनवाइटर ने एक नया चरित्र पेश किया। पॉल वेस्ले ने उनकी भूमिका निभाई थी। उनके लिए श्रृंखला में भूमिका निभाना एक वास्तविक सफलता थी। शूटिंग की शुरुआत में वह 17 साल का था।
वरिष्ठ वर्गों का छात्र एक धारावाहिक में एक कास्टिंग पर आया है"गाइडिंग लाइट," जिनके अभिनेता पहले ही देश की नीली स्क्रीन पर चमक रहे थे। उनकी खुशी क्या थी, जब यह स्पष्ट हो गया कि वह मैक्स निकर्सन की भूमिका के लिए उपयुक्त था।
श्रृंखला में काम करने के लिए उसे छोड़ना पड़ाहोम स्कूल और हॉवेल में लेकवुड प्रेप में स्थानांतरित कर दिया गया। अनुवाद की आवश्यकता इस तथ्य के कारण थी कि नए स्कूल में अध्ययन करने से अभिनेता के पाठ और करियर को गठबंधन करने की अनुमति मिलती है। पॉल 2001 तक श्रृंखला में काम किया।
इस समय के दौरान वह कॉलेज में अपना सेमेस्टर पूरा करने में कामयाब रहेरूटर विश्वविद्यालय, जहां उन्होंने 2000 में प्रवेश किया। महिमा के कारण प्रशिक्षण लंबे समय तक नहीं टिक पाया। यह निदेशकों द्वारा देखा गया था। कई भूमिकाएं प्राप्त करने के बाद, अभिनेता ने फैसला किया कि आगे की शिक्षा जरूरी नहीं है।
श्रृंखला में भूमिका के लिए, पॉल वेस्ले को यंगस्टार अवॉर्ड्स को "डेटाइम टीवी श्रृंखला का सर्वश्रेष्ठ युवा अभिनेता" के रूप में प्राप्त किया गया।
स्नातक स्तर के बाद मैट बोमर चले गएन्यूयॉर्क, जहां उन्होंने विभिन्न कास्टिंग और परीक्षणों में भाग लिया। फिल्मों में "गाइडिंग लाइट" में चयन किया गया था। श्रृंखला के अभिनेता उस समय दर्शकों के पसंदीदा, और मैट के भी थे। कास्टिंग के बाद, अभिनेता तीन साल तक फिल्म परिवार में शामिल हो गया।
शूटिंग की प्रक्रिया लगभग हर समय ले ली गईअभिनेता की शक्ति। तो मैट को अपना काम छोड़ना पड़ा। उन्होंने जुड़वां टावरों में से एक में एक कूरियर के रूप में कार्य किया। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि श्रृंखला ने अपना जीवन बचाया। आखिरकार, 11 सितंबर की दुखी घटनाओं से कुछ समय पहले बर्खास्तगी हुई थी।
इसके अलावा, श्रृंखला ने अभिनेता की पहली लोकप्रियता लाई। उनके भविष्य के काम पर उनका सकारात्मक प्रभाव पड़ा। उन्हें अन्य परियोजनाओं में आमंत्रित किया गया था।
एक छोटी सी जिंदगी जी रही थी, जबकि फिल्म "गाइडिंग लाइट" को गोली मार दी गई थी, अभिनेता। उनके द्वारा की गई भूमिकाओं को दर्शकों के लिए ध्यान नहीं दिया गया था। अधिकांश कलाकारों ने साइट पर एक से अधिक वर्ष बिताए।
फिल्मांकन के दौरान वे सिर्फ एक टीम नहीं बन गए। अभिनेता बड़े हुए और एक बन गए। शायद ही उनमें से कोई पछतावा करता है कि वे एक बार परियोजना में भाग लेने के लिए सहमत हुए।
अमेरिकी अभिनेत्री बेथ कैम्बर्लिन ने 20 बिताएशो, काम पर काम कर रहे हैं। बेथ बाउर की भूमिका के लिए पुरस्कार डेटाइम एम्मी पुरस्कार के लिए नामांकन था। 1 9 8 9 से अभिनेत्री ने 200 9 में बंद होने तक परियोजना में काम किया था।
रॉबर्ट न्यूमैन और केविन बेकन ने फिल्म में प्रमुख भूमिका निभाई। श्रृंखला पर उनका काम 25 साल तक चला। केविन बेकन के लिए, हम पहली फिल्म काम करते हैं, दोहराते हैं।
"गाइडिंग लाइट" अभिनेताओं की श्रृंखला में फिल्में नहीं हैंहमेशा अपने करियर शुरू किया। प्रसिद्ध अमेरिकी अभिनेत्री और गायक मैरी स्टीवर्ट के लिए, श्रृंखला में भूमिका आखिरी थी। अभिनेत्री के करियर की शुरुआत 1 9 40 में हुई थी। एपिसोडिक भूमिकाओं से शुरूआत में, उसने अपने हाथ नहीं छोड़े और लोकप्रियता हासिल की।
अभिनेत्री ने अपने जीवन के पिछले 6 वर्षों के लिए परियोजना "गाइडिंग लाइट" दी। मैरी 2002 में नहीं बन सका।
अभिनेत्री किम ज़िमर श्रृंखला "गाइडिंग" के लिए बाध्य हैप्रकाश "तीन पुरस्कार" एमी "। वह 1985 में एक ड्रामा सीरीज़ में महिला भूमिकाओं में से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने में मान्यता प्राप्त, 1987 और 1990 किम 1983 में इस शो के लिए आया था और 1990 तक बढ़ गई एक पांच साल के अंतराल के बाद, वह श्रृंखला में फिर से लौट आए। किम परियोजना को छोड़ दिया केवल 2009 में अपनी करीबी की वजह से।
कल्पना करना मुश्किल है, लेकिन अभिनेता जेम्स अर्ल जोन्स,एनिमेटेड फिल्म में Mufasa व्यक्त "द लायन किंग 'और' गारफील्ड" और डार्थ वादेर पंथ फिल्म "स्टार वार्स" में के लिए प्रसिद्ध है, यह भी श्रृंखला को पार नहीं कर सकता है। उन्होंने कहा कि 1966 में वहाँ काम किया। एक और दिलचस्प तथ्य यह है कि वह हो गया कि पहले अफ्रीकी अमेरिकी जो प्रदर्शन करने के लिए पर भरोसा किया गया था टीवी श्रृंखला में एक कैमियो की भूमिका नहीं है।
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सुपरहिट फिल्म 'भूल भुलैया' में राजपाल यादव ने छोटे पंडित का रोल प्ले करके इसे यादगार बना दिया। वहीं इस फिल्म के पार्ट 2 में भी राजपाल की एक्टिंग की खूब सराहना हुई।
राजपाल यादव ने फिल्म 'चुप-चुप के' में बांडया का किरदार निभाकर लोगों को खूब हंसाया था।
फिल्म 'खट्टा मीठा' में राजपाल का किरदार भला कौन भूल सकता है।
राजपाल यादव ने फिल्म 'भागम भाग' में अपने दमदार किरदार से दर्शकों को खूब हंसाया था।
सलमान खान और अक्षय कुमार स्टारर फिल्म 'मुझसे शादी करोगी' में राजपाल यादव ने अपनी कॉमेडी से लोगों की खूब वाहवाही लूटी थी।
फिल्म 'ढोल' में भी राजपाल यादव की एक्टिंग जबरदस्त थी।
कॉमेडी से भरपूर फिल्म 'मालामाल वीकली' में राजपाल यादव ने मजेदार रोल कर के लोगों का खूब मनोरंजन किया था।
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सोमवार को कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई. स बैठक में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
झारखंड में कोरोना संक्रमण (Corona in Jharkhand) के घटते मामलों को देखते हुए आपदा प्रबंधन ने बड़ा फैसला लिया है. कोरोना पाबंदीयों में ढील देते हुए झारखंड के 17 जिलों में कक्षा एक से पढ़ाई शुरू करने की छूट दे दी गयी है (Schools Reopen in Jharkhand). जबकि रांची, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला और बोकारो समेत 7 जिलों में 9वीं कक्षा से ऊपर की पढ़ाई शुरू करने की छूट दे दी गयी है. वहीं शादी समारोह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी की गई है. झारखंड के स्वासथ्य मंत्री बन्ना गुप्ता (Health Minister Banna Gupta) ने सोमवार को इसकी जानकारी दी.
30 जनवरी को कई दिन बाद झारखंड में कोरोना से कोई मौत नहीं हुई है. राज्य में 30 जनवरी को 47171 सैंपल की जांच में 733 नए कोरोना संक्रमित मिले हैं तो 1981 कोरोना संक्रमित ठीक भी हुए हैं. रविवार को 1981 संक्रमित के कोरोना मुक्त होने से राज्य में एक्टिव केस की संख्या 6495 बची है.
प्रोजेक्ट भवन में देर शाम हुई इस बैठक में स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री बन्ना गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह आदि मौजूद थे. आपदा प्रबंधन की इस बैठक में कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गई. जिसके बाद राज्य सरकार ने 1 फरवरी से पूर्व से जारी कोरोना पाबंदियों में ढील देने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में कोरोना की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पाबंदियों से जनता को राहत दी गई है.
राज्य में रविवार 30 जनवरी को 24 में से 21 जिलों में कोरोना के नए केस मिले हैं. खूंटी, पाकुड़ और जामताड़ा ऐसे तीन जिले रहे जहां 30 जनवरी को कोई केस नहीं मिला है. 30 जनवरी 2022 को जहां-जहां नए केस मिले हैं उसमें सबसे ज्यादा रांची में 206 नए केस मिले हैं. जमशेदपुर में 172, सिमडेगा में 149 नए कोरोना संक्रमित की पहचान हुई है.
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RANCHI : सुर और साज की रेस में अपनी पोती को जीत दिलाने के लिए इन दिनों सिटी के एक दादा-दादी पूरी कोशिश कर रहे है। सारेगामापा लिटिल चैंप्स नॉर्थ अमेरिका सिंगिंग सेंसेशन में रांची के मस्तान सिंह और हरभजन कौर अपनी पोती हरवीन कौर के लिए वोट की अपील कर रहे है। पोती को वोट दिलाने के लिए वह हर संभव प्रयास कर रहे है।
स्टेशन रोड के किशन सिंह कॉलोनी के रहने वाले मस्तान सिंह की पोती हरवीन कौर इस कांटेस्ट के टॉप ब्0 में सेलेक्ट हो चुकी है। इस कांप्टीशन के टॉप क्ख् फाइनलिस्ट में आने के लिए उसे एक लाख वोट की जरूरत है। चैनल ने हरवीन के गाए गाने को वेबसाइट पर भी अपलोड कर दिया है। जहां वीडियो देखकर उसे फाइव स्टार दिया जाना है।
मस्तान सिंह के साथ उनके छोटे बेटे सरबजीत सिंह भी इस कवायद में जुड़े है, जहां लोगों को व्हाट्स एप, सेलफोन टेक्स्ट और सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट के जरिए हरवीन को वोट देने की अपील कर रहे है। हरवीन अमेरिका के टेक्सास कैडर पार्क में रह रही है। क्ख् साल की हरवीन वहां पढ़ाई के साथ-साथ इंडियन क्लासिकल की ट्रेनिंग भी ले रही है। हरवीन के पिता परमजीत सिंह बतौर आईटी एक्सपर्ट वहां कार्यरत है। वहीं हरवीन की मां सोनिया अरोड़ा हाउसवाइफ है।
सरला बिरला पब्लिक स्कूल में बुधवार को क्लास नाइन के स्टूडेंट्स ने क्लास टेंथ के स्टूडेंट्स के लिए गुडलक पार्टी का आयोजन किया। शुचि, वेदिका और दिव्यांश के वेलकम सांग के साथ प्रोग्राम की शुरुआत हुई। इस दौरान स्कूल की प्रिंसिपल पूनम सिंह और प्रशासनिक अध्यक्ष प्रदीप वर्मा ने केक काटा। मौके पर प्रिंसिपल ने कहा कि बच्चे अगर चाहे तो कुछ भी असंभव नहीं है। उन्हें सतत लग्नशील होकर आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए। इस मौके पर कई प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
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गुवेनपार्क मिनीबस स्टॉप के लिए गोकसेक से जनमत संग्रह का प्रस्तावः अंकारा मेट्रोपॉलिटन नगर पालिका के मेयर मेलिह गोकसेक ने कहा कि गुवेनपार्क में मिनीबस स्टॉप को भूमिगत करने और शीर्ष को हरे क्षेत्र में बदलने की परियोजना को गुवेनपार्क में एक मतपेटी लगाकर जनता से पूछा जा सकता है।
राष्ट्रपति गोकसेक ने कहा, "जब केकीओरेन मेट्रो किज़िले पहुंचेगी, तो क्या इस जगह की खुदाई की जाएगी? इसकी खुदाई की जायेगी. इस जगह की खुदाई हो जाने के बाद, मिनीबस स्टॉप को नीचे तक ले जाना, ऊपरी हिस्से को एक बड़े हरे क्षेत्र में बदलना और इसे पार्क की हरियाली में जोड़ना क्या बुरी बात है? अगर मेट्रो के काम में 3 महीने लगेंगे तो हम कदम बढ़ाएंगे. हम शायद इसे 6 महीने में पूरा कर लेंगे. उन्होंने कहा, "हम चिल्लाते हुए इस जगह को खत्म कर देंगे।"
राष्ट्रपति गोकसेक रेडियो ट्रैफिक पर "हर पहलू में गुवेनपार्क चर्चा" कार्यक्रम से जुड़े थे, जिसका संचालन एल्वान पलासोग्लू और पत्रकार डेनिज़ गुरेल ने किया था, और चैंबर ऑफ सिटी प्लानर्स की अंकारा शाखा के प्रमुख एम्रे सेविम ने भाग लिया था।
कार्यक्रम में चैंबर के प्रमुख एमरे सेविम ने केकीओरेन मेट्रो के दूसरे चरण के किज़िले स्टेशन के निर्माण के साथ-साथ मिनीबस स्टॉप को भूमिगत ले जाने की परियोजना पर आपत्ति जताई, जिसे मिनीबस स्टॉप के तहत बनाने की योजना है। परिवहन मंत्रालय द्वारा गुवेनपार्क में, और कहा कि वे इसे रोकने के लिए न्यायपालिका के पास जाएंगे।
इस पर राष्ट्रपति गोकसेक ने कहा, "मित्र, आप इसका विरोध क्यों करते हैं? क्या ये कारें 40 साल से यहां आ रही हैं? तो, क्या ये गाड़ियाँ यहाँ बदसूरत दिखती हैं? खैर, क्या वह जगह पूरी तरह से खोदी जानी है, जहां मौजूदा मिनीबस स्टॉप हैं, हां। आप इसके ख़िलाफ़ क्यों हैं? यदि आप इसके ख़िलाफ़ हैं, तो आप किज़िले में मिनीबस यातायात को कैसे हल करने का प्रस्ताव रखते हैं, पहले मुझे इसका उत्तर जानने दीजिए।"
- अध्यक्षः मिनी बसें पूरी तरह से हटा दी जाएंगी"
राष्ट्रपति गोकसेक के सवाल पर, सेविम ने तर्क दिया कि गुवेनपार्क मिनीबस स्टॉप को भूमिगत करने की आवश्यकता नहीं है, कि वे इस परियोजना का विरोध करेंगे, और मिनी बसें सार्वजनिक परिवहन वाहन नहीं हैं और इसलिए उन्हें अंकारा यातायात से पूरी तरह से हटा दिया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति गोकेक ने टीएमएमओबी के तहत चैंबर ऑफ सिटी प्लानर्स की अंकारा शाखा के प्रमुख एमरे सेविम के यह कहने के बाद निम्नलिखित बात कही कि मिनीबसों को पूरी तरह से स्थानांतरित किया जाना चाहिएः
"अब आप नीचे मेट्रो नहीं चाहते, आप चाहते हैं। क्या मेट्रो आ रही है, आ रही है. क्या केकीओरेन मेट्रो को किज़िले आना चाहिए, हाँ, ऐसा होना चाहिए। जब आयेगा तो क्या इस जगह की खुदाई होगी या खोदाई होगी? इस स्थान की खुदाई के बाद जब इस स्थान को 30 मीटर नीचे की ओर बनाया जाएगा तो क्या शीर्ष पर कोई गैप रहेगा? क्या डोलमुस स्टॉप को निर्माण के दौरान हटा देना और पार्क के शीर्ष पर एक बड़ा हरा क्षेत्र जोड़कर इसे एक वर्ग में बदल देना बुरी बात है? नहीं। आप इसका विरोध क्यों करते हैं? क्या यह इतना अनुचित हो सकता है? क्या यह इन लोगों के लिए अफ़सोस की बात नहीं है जो यहां सेवा करते हैं और यहां से सेवा प्राप्त करते हैं?
सर, सबसे अच्छा काम मिनी बसों को हटाना है... चलिए, मिनी बसों के सामने इस पर चर्चा करते हैं। खैर, मुझे नहीं पता कि वे वहां क्या करते हैं। क्या ये हकीकत है? अंकारा में 2 हजार 700 मिनी बसें हैं और यह सेवा देना जारी रखेंगी। अभी आपके पास इसे हटाने का मौका नहीं है. आप इसे कब हटाते हैं? हम इसे समय-समय पर हटाते हैं। जब कुछ लाइनों पर मेट्रो का संचालन शुरू होता है तो वहां की लाइनें अपने आप हट जाती हैं। यह कुछ ऐसा है जो शायद अब से 30-40 साल बाद घटित होगा। आप डिकमेन के लोगों से कहेंगे, इससे पहले कि आप उठें और मेट्रो का निर्माण करें और आवश्यक परिवहन प्रदान करें, "हमने मिनी बसें हटा दी हैं, आइए देखें, टहलने जाएं, आएं..."
- "हम इस महीने विधानसभा द्वारा जनमत संग्रह के लिए निर्णय लेंगे"
इस बात पर ज़ोर देते हुए कि वे इस बात पर ज़ोर दे रहे हैं कि वे इस परियोजना को साकार करेंगे, राष्ट्रपति गोकसेक ने अपने शब्दों को इस प्रकार जारी रखाः
"मेरा सुझाव; आइए वहां एक मतपेटी रखें, आइए जनमत संग्रह कराएं। क्या जनता चाहती है कि डोलमुस यहीं रुककर नीचे चले, या वे चाहते हैं कि यह ऊपर रहे? 3 डिब्बे रख देते हैं. एक आदमी भी ले आओ. सबकी आईडी देखते हैं. आइए उसे देखकर वोट करें. देखते हैं इससे क्या निकलेगा? मैं आपके बावजूद जनमत संग्रह कराऊंगा। हम इसी महीने संसद से फैसला लेंगे."
राष्ट्रपति गोकसेक ने पत्रकार डेनिज़ गुरेल के इस सवाल पर कि जनमत संग्रह कब होगा और परियोजना को पूरा होने में कितना समय लगेगा, कहाः
"यह मौजूदा निर्माण कार्य मेट्रो स्टेशन निर्माण कार्य के साथ-साथ चलेगा। मेट्रो शुरू होने के बाद हम अपना काम शुरू करेंगे. अगर मेट्रो के काम में 3 महीने लगेंगे तो हम कदम बढ़ाएंगे. हम चाहते हैं कि यह इसी साल शुरू हो. मुझे आशा है कि हम शुरू करेंगे और समाप्त करेंगे। हम शायद इसे 6 महीने में पूरा कर लेंगे. उस समय, हम अनिवार्य रूप से कुमरुलर स्ट्रीट को मिनीबस स्टॉप के रूप में उपयोग करेंगे।
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दिल्ली में आज इजराइली दूतावास के पास ही हुए बम धमाके ने ना सिर्फ पूरे शहर को दहला दिया है बल्कि सुरक्षा एजेंसियों पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. ये धमाका बीटिंग रिट्रीट के कार्यक्रम से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर हुआ जहां कई वीआईपी मेहमान और राष्ट्रपति मौजूद थे. धमाका बहुत बड़ा नहीं था और सूत्रों के हवाले से पता चला है कि ये विस्फोट सिर्फ दहशत फैलाने के लिए किया गया था. देखें दिल्ली बम ब्लास्ट को खबरदार के लेंस से.
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Relationship आज मैं आपसे एक अहम बात बताना चाहता हूँ। जो कई बार हमारे रिलेशनशिप के टूटने का कारण होता है। हमे अपनी गर्लफ्रैंड से कैसी बातें करने चाहिए।
1. हमे कभी भी उसकी बातों को इग्नोर नही करना चाहिए। उसकी बात पूरी होने पर ही अपने बात रखनी चाहिए कई बार हम उसकी बात को कोई महत्व नही देते तो वह हमसे नाराज़ ही जाती है। तो हमे ये विशेष ध्यान रखना चाहिए।
2. हमे कभी भी उसके सामने किसी दूसरी लड़की की तारीफ या प्रसंसा नही करनी चाहिए। इसके आपकी गर्लफ्रैंड बुरा मान सकती है तो किसी दूसरी लड़की की बात न करे।
3. अगर आप अपनी गर्लफ्रैंड के साथ समय बिता रहे हो तो थोड़ी समझदारी वाली बात करे। किसी की बुराई न करे इससे आपकी फ्रेंड आपसे बहुत इम्प्रेस होगी।
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अमीर - अक्सर हम ऐसा लोगों को कहते सुने हैं कि जब पैसा होता है तो बड़े से बड़ा दुःख भी छोटा लगने लगता है.
पैसे से आज दुनिया का हर सुख आप खरीद सकते हैं. भले ही आपके ऊपर दुखों का अम्बार हो, लेकिन अगर जेब भरी है तो सुकून होता है. गरीबों की जेब भी खाली होती है और दुःख का अम्बार भी बहुत होता है.
शायद इसीलिए गरीबों का दुःख कभी कम नहीं होता, क्योंकि उनके पास पैसे कभी नहीं होते.
तो क्या इसका मतलब ये हुआ कि अगर जेब में पैसा हो तो दुःख नहीं या फिर जो लोग अमीर हैं उनके पास दुःख नहीं है.
जी नहीं, इसका ये मतलब है कि अगर पैसा आपकी जेब में हो तो आपका ग़म कम हो जाता है. या यूँ कह लीजिए की तभी अमीर लोगों को दर्द कम होता है. वो आम इंसान की तरह किसी दुःख पर टूट नहीं जाते.
शायद वो ज्यादा प्रैक्टिकल हो जाते हैं.
इसका ताज़ा उदाहरण श्रीदेवी के परिवार से ले लीजिए.
२४ फ़रवरी को श्रीदेवी की मृत्यु हो गई. उनका परिवार काफी सदमें था, लेकिन जाह्नवी का इसी मार्च में जन्मदिन था और सभी सदस्यों ने उसे सेलिब्रेट किया. आम परिवार में आपको ये देखने को नहीं मिलता. जब किसी की मौत हो जाती है तो आम परिवार में पूरे एक साल तक कोई भी शुभ काम नहीं होता.
न तो कोई पूजा, न बर्थडे और न ही कोई शादी ब्याह. लेकिन श्रीदेवी के घर में ऐसा हुआ.
उनकी बेटी जान्हवी कपूर ने अपना बर्थडे मनाया और उनके सभी दोस्त और परिवार वाले मौजूद थे.
बाकायदा उस विडियो को सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया. तो क्या इन अमीरों के सीने में दिल नहीं होता? या फिर ये किस मिटटी के बने होते हैं. वो इंसान ही होते हैं और मिटटी के ही बने होते हैं.
जो खून आपके अंदर बह रहा है वाही उनके अंदर भी, लेकिन आपसे ज्यादा दुनिया देखने वाले ये अमीर लोग जीवन और मृत्यु को ख़ुशी ख़ुशी लेते हैं.
किसी के जाने के बाद उनकी दुनिया ख़त्म नहीं हो जाती. उन्हें दर्द इसलिए कम होता है, क्योंकि उनका अपना जो अभी इस दुनिया से रुखसत हुआ है, उसने अपनी लाइफ को सही तरह से एन्जॉय किया.
उसे जीवन में कोई तकलीफ नहीं हुई. उनके अपने के जाने के बाद ये लोग उसे ख़ुशी ख़ुशी बिदाई देते हैं. या हूँ कहें तो इन्हें इस बात की तसल्ली रहती है कि इनका अपना एक सुखी जीवन जीकर गया.
सच्चाई तो सभी जानते हैं कि ओ आया है वो एक दिन मरेगा भी.
गरीब के साथ ये नहीं होता. एक गरीब दो जून की रोटी के लिए पूरा जीवन संघर्ष करता रहता है. ऐसे में अगर कभी उसे कोई अच्छी सी जॉब लग गई तो वो अपने परिवार को सारी खुशियाँ देना चाहता है. लेकिन जब बीच में ही उनके अपनों की मौत हो जाती है तो वो कसक उनके सीने में रह जाती है. वो यही सोचते रह जाते हैं कि काश १-२ साल उनका अपना और जी जाता तो वो सारी खुशियाँ दे देते.
यही जीवन का सत्य है. आप जब खुश और संपन्न रहते हैं तो दुःख आपका कुछ नहीं बिगाड़ पाता. शायद इसीलिए अमीरों को दर्द कम होता है.
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7 संबंधोंः टुन टुन, धर्मेन्द्र द्वारा अभिनीत फ़िल्में, लीला मिश्रा, हिंदी चलचित्र, १९७० दशक, जया बच्चन, आशा पारेख, अभि भट्टाचार्य।
टुन टुन (11 जुलाई 1923 - 24 नवम्बर 2003) Press Release, Ministry of Information & Broadcasting, 25 November, 2003.
धर्मेन्द्र (पंजाबीः ਧਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦਿਉਲ जन्मः ८ दिसंबर, १९३५) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। इनकी पत्नी हेमा मालिनी, पुत्र बॉबी देओल और सनी देओल भी फ़िल्मों में काम करते हैं। धर्मेन्द्र 2004 से 2009 तक भारतीय राज्य राजस्थान के बीकानेर जिले से भारतीय जनता पार्टी के लोकसभा सांसद थे। इन्होंने अपने फ़िल्मी कैरियर की शुरुआत १९६१ में बॉयफ्रैंडनामक फिल्म से की थी। .
लीला मिश्रा हिन्दी सिनेमा की अभिनेत्रियों में से एक हैं। .
1970 के दशक के सबसे सफल चलचित्र हैः .
जया बच्चन (जया भादुरी, विवाह पूर्व) हिन्दी फिल्मों की एक अभिनेत्री हैं। .
आशा पारेख (जन्म 2 अक्टूबर 1942) एक बॉलीवुड अभिनेत्री, निर्माता और निर्देशक हैं। वह 1959 से 1973 के मध्य सर्वश्रेष्ठ तारिकाओं में से एक थीं। 1992 में, उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म श्री के साथ सम्मानित किया गया। आशा पारेख हिन्दी फिल्मों की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। .
अभि भट्टाचार्य हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता हैं। .
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प्रियंका चोपड़ा के भाई सिद्धार्थ की शादी हाल ही में टूट गई । सिद्धार्थ का रोका इशिता कुमार के साथ 27 फरवरी को हुआ था । खबरों की मानें तो शादी 30 अप्रैल को होने वाली थी । उससे पहले इशिता बीमार हो गईं और उनकी सर्जरी हुई । इशिता काफी समय तक अस्पताल में भर्ती रहीं और शादी को टलने की खबर आई ।
शादी टलने के बाद प्रियंका चोपड़ा भी अमेरिका वापस लौट गईं । इसके बाद खबर आई कि प्रियंका के भाई की शादी टली नहीं टूट चुकी है । इस बात को प्रियंका की मां मध़ु चोपड़ा ने कंफर्म किया । उस वक्त मधु चोपड़ा ने ये नहीं बताया था कि शादी टूटने की वजह क्या है ।
अब मधु चोपड़ा ने वजह का भी खुलासा कर दिया है । स्पॉटबाय को दिए इंटरव्यू में मधु चोपड़ा ने बताया, "बेटे सिद्धार्थ ने कहा कि वो अभी शादी के लिए तैयार नहीं है । उसे थोड़ा टाइम और चाहिए । मुझे भी लगता है कि शादी जैसा फैसला जल्दबाजी में लेना ठीक नहीं है । "
शादी टूटने की खबर पर मधु चोपड़ा ने कहा था कि सिद्धार्थ और इशिता ने आपसी रजामंदी से शादी ना करने का फैसला लिया है । मधु चोपड़ा के बयान से पहले ही इशिता ने भी सोशल मीडिया पर अपनी एक फोटो शेयर ये इशारा दे दिया था कि उनकी शादी टूट गई है ।
फोटो के साथ ही उन्होंने लिखा- "Cheers to new beginnings. With a goodbye kiss to beautiful endings. " इशिता की मां निधि कुमार ने भी उनकी पोस्ट पर कमेंट कर कहा था- पुरानी किताब को बंद करो और नई स्टोरी लिखो । वहीं इशिता के पिता ने लिखा था, "हम तुम्हारे साथ हैं। जानो कि ये दुनिया कितनी बड़ी है और वो चमकता सितारा बनो जिसके लिए तुमने जन्म लिया है । "
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