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गोड्डाः गोड्डा कॉलेज, गोड्डा के राजनीति विज्ञान विभाग में मंगलवार को एक समारोह आयोजित कर नए विभागाध्यक्ष एवं नवागंतुक छात्रों का स्वागत किया गया। मालूम हो कि राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉक्टर इंदिरा तिवारी को कॉलेज का प्रभारी प्राचार्य नियुक्त किया गया है। उनके प्रभारी प्राचार्य बन जाने से राजनीति विज्ञान विभाग का विभागाध्यक्ष डॉ सरफराज इस्लाम को बनाया गया है। मंगलवार को राजनीति विज्ञान विभाग में नए छात्र-छात्राओं का स्वागत समारोह आयोजित किया गया। साथ ही नवनियुक्त विभागाध्यक्ष डॉ सरफराज इस्लाम का भी स्वागत किया गया। इस स्वागत समारोह की अध्यक्षता भूतपूर्व विभागाध्यक्षा एवं वर्तमान में महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ इन्दिरा तिवारी ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ सरफराज इस्लाम के नेतृत्व में राजनीति विज्ञान विभाग को निरंतर समृद्ध होने की शुभकामना दी। साथ ही शिक्षा के महत्त्व को रेखांकित करते हुए छात्र-छात्राओं को शिक्षा के माध्यम से अपने जीवन को एक नई दिशा देने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर विभाग के अन्य शिक्षक डॉ सुबोध प्रसाद रजक एवं प्रो ज्योत्सना कुमारी ने भी अपने विचार प्रस्तुत किये। छात्रों की तरफ से मो इब्राहिम एवं छात्राओं की ओर से कोमल कुमारी ने अपने अनुभव एवं विचार साझा किये। मंच संचालन छात्र मो मौसीन ने किया। इस समारोह का आयोजन यूजी सेमेस्टर 5 के छात्र-छात्राओं के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में सन्नी, गुलशन कुमार, विनय, आशीष आदि शामिल थे।
आरटीआई के तहत प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि कॉरपोरेट मंत्रालय ने अपनी फाइलों में ये लिखा है कि पीएम केयर्स फंड का गठन केंद्र सरकार द्वारा किया गया है. केंद्र सरकार द्वारा गठित कोई भी विभाग आरटीआई एक्ट के दायरे में आता है. प्रसिद्ध राजनीतिशास्त्री और सीएसडीएस के संस्थापक सदस्यों में से एक रामाश्रय राय के लेखन में सैद्धांतिक गहराई और व्यावहारिक समझ का अनूठा संगम देखने को मिलता है. एक ओर वे समकालीन विचारकों से संवाद करते हैं, वहीं दूसरी ओर पाठकों को भारतीय राजनीति की ज़मीनी हक़ीक़त से भी रूबरू कराते चलते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 58 हज़ार से ज़्यादा वेंटिलेटर्स का ऑर्डर पाने वाली पांच कंपनियों में गुजरात की ज्योति सीएनसी भी थी. मई में अहमदाबाद के अस्पताल में भेजे गए उनके वेंटिलेटर्स पर सवाल उठे थे. अब सामने आया है कि 20 जुलाई तक मंत्रालय की एक समिति ने इस कंपनी से वेंटिलेटर लेने की सिफ़ारिश नहीं की थी. भारत में 16 दिन पहले सात अगस्त को कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 20 लाख के पार पहुंची थी. यह लगातार पांचवां दिन है, जब नए मामलों की संख्या 60 हज़ार से अधिक दर्ज की गई है. देश में मरने वालों की संख्या 56,706 हो गई है. विश्व में संक्रमण के 2. 32 करोड़ से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तरुण गोगोई का कहना है कि उनके सूत्रों के अनुसार रंजन गोगोई का नाम अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवारों की सूची में हैं. राज्य में 2021 में चुनाव होने हैं. गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, शशि थरूर समेत कई पूर्व मुख्यमंत्रियों, पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और प्रदेशाध्यक्षों द्वारा लिखे पत्र में पार्टी में व्यापक सुधार लाने, सत्ता का विकेंद्रीकरण करने, राज्य इकाइयों को सशक्त करने और एक केंद्रीय संसदीय बोर्ड के तत्काल गठन की मांग की गई है. बॉम्बे हाईकोर्ट की औरंगाबाद पीठ ने तबलीग़ी जमात के 29 विदेशी सदस्यों के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर रद्द करते हुए कहा कि दिल्ली में जमात के कार्यक्रम में शामिल होने आए विदेशियों के ख़िलाफ़ मीडिया में दुष्प्रचार किया गया और ऐसी छवि बनाने की कोशिश की गई कि ये ही भारत में कोविड-19 फ़ैलाने के ज़िम्मेदार थे. बीते 14 अगस्त को आज़मगढ़ ज़िले के तरवां थाना क्षेत्र के बांसगांव के ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की गोली मारकर हत्या कर दी गई. अनुसूचित जाति से आने वाले प्रधान के परिजनों का आरोप है कि गांव के कथित ऊंची जाति के लोगों ने ऐसा यह संदेश देने के लिए किया कि आगे कोई दलित निर्भीकता से खड़ा न हो सके. तेलंगाना-आंध्र प्रदेश सीमा पर स्थित श्रीसैलम पनबिजली संयंत्र में गुरुवार देर रात आग लगने से हुआ हादसा. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने घटना की सीआईडी जांच के आदेश दिए हैं. पार्टी बदलने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के पहली बार ग्वालियर पहुंचने पर भाजपा तीन दिवसीय 'सदस्यता ग्रहण समारोह' आयोजित कर रही है, जिसमें ग्वालियर-चंबल अंचल के सभी ज़िलों के हज़ारों कार्यकर्ता शामिल होने वाले हैं. कोरोना संक्रमण के प्रसार के मामले में ग्वालियर प्रदेश में तीसरे स्थान पर है. वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराए के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने कहा कि इससे पता चलता है कि लोकतंत्र का यह स्तंभ इतना खोखला हो चुका है कि महज़ दो ट्वीट से इसकी नींव हिल सकती है. बीते 14 अगस्त को अवमानना के दोषी ठहराए गए प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट को दिए अपने बयान में कहा कि उन्हें दुख है कि जिस अदालत की महिमा क़ायम रखने के लिए वे तीन दशकों से काम करते आ रहे हैं, उन्हें उसी की अवमानना का दोषी माना गया है. कोर्ट ने भूषण को अपने बयान पर 2-3 दिन पुनर्विचार कर जवाब देने को कहा है. दिल्ली दंगों संबंधी मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अपूर्वानंद से पूछताछ के बाद कई मीडिया रिपोर्ट्स में दिल्ली पुलिस द्वारा लीक जानकारी के आधार पर उन्हें 'दंगों का मास्टरमाइंड' कहा गया. प्रामाणिक तथ्यों के बिना आ रही ऐसी ख़बरों का मक़सद केवल उनकी छवि धूमिल कर उनके ख़िलाफ़ माहौल बनाना लगता है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के मुताबिक इस साल अकेले जुलाई महीने में ही 50 लाख नौकरियां गई हैं. सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस कुरियन जोसेफ ने कहा कि भारत के संविधान की व्याख्या पर क़ानून के मूलभूत सवालों के मद्देनज़र और इसके मौलिक अधिकारों पर पड़ने वाले गंभीर प्रभावों को ध्यान में रखते हुए इन विषयों को संविधान पीठ द्वारा सुना जाना चाहिए.
NHPC Recruitment 2022: सरकारी नौकरी करने की इच्छा रखने वाले उम्मीदवारों के लिए बेहद शानदार मौका आया है। नेशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉर्पोरेशन (एनएचपीसी) में विभिन्न पदों के लिए बंपर वैकेंसी निकाली है। एनएचपीसी ने ट्रेनी इंजीनियर और ट्रेनी ऑफिसर के पदों के लिए पात्र उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। ऑनलाइन आवेदन 21 दिसंबर, 2021 से शुरू हो गया है। एनएचपीसी में ट्रेनी इंजीनियर के तहत सिविल, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल के लिए उम्मीदवारों की भर्ती होगी। जबकि ट्रेनी ऑफिसर के तहत फाइनेंस और कंपनी सेक्रेटरी की भर्ती की जाएगी। इन पदों पर भर्ती के लिए इच्छुक उम्मीदवार एनएचपीसी की आधिकारिक वेबसाइट nhpcindia. co. in पर जाकर 17 जनवरी तक आवेदन कर सकते हैं। उम्मीदवारों को 50,000 से 1,60,000 तक सैलरी दी जाएगी। ट्रेनी इंजीनियर- उम्मीदवार को इंजीनियरिंग/ टेक्नोलॉजी / बी. एससी में बैचलर डिग्री होनी चाहिए। इसके लिए उम्मीदवार को कम से कम 60% अंक होने चाहिए। ट्रेनी ऑफिसर (फाइनेंस)- चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया/आईसीडब्लूए या सीएमए से सीए पास होना चाहिए। ट्रेनी ऑफिसर (कंपनी सेक्रेटरी)- इस पद के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवार को कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया का मेंबर होना जरूरी है। - एनएचपीसी की आधिकारिक वेबसाइट http://www. nhpcindia. com पर जाएं। - अब 'करियर' विकल्प पर क्लिक करें। - होमपेज पर उपलब्ध 'ऑनलाइन आवेदन के लिए यहां क्लिक करें' विकल्प को चुने। - ऑनलाइन आवेदन पत्र भरें। - फॉर्म जमा करने के बाद, 'भुगतान करें' टैब पर क्लिक करें। - भविष्य के संदर्भ के लिए सिस्टम द्वारा जारी फॉर्म का प्रिंटआउट लें। जनरल, ईडब्ल्यूएस और ओबीसी (एनसीएल) श्रेणी से संबंधित उम्मीदवारों को ऑनलाइन मोड के माध्यम से 295 रुपये शुल्क का भुगतान करना आवश्यक है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / पीडब्ल्यूबीडी / भूतपूर्व सैनिक श्रेणी के उम्मीदवारों को पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है।
- दीवारों पर दाग-रोधी रंगों का इस्तेमाल करें। बाजार में दीवारों के लिए (मेट, सेमी-ग्लास और ग्लॉसी) कई तरह के फिनिशेस (रंग के प्रकार) मौजूद हैं। दीवारों पर दाग-रोधी रंगों के इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि इससे दीवारों पर लगे दाग आसानी से साफ किए जा सकते हैं। - दाग मिटाने के लिए दीवारों को अधिक न रगड़ें। दीवारों पर लगाए गए सिंथेटिक रंगों पर सामान्यता गहरे दाग पड़ जाते हैं। इसलिए दागों को छुड़ाने के लिए उसे ज्यादा रगडऩे से बचें। रंगों को खराब होने से बचाने के लिए नरम टॉवल से दाग छुटाएं।
मुंबई, 23 जुलाई (वार्ता)। राजस्थान (Rajasthan) के सुप्रसिद्ध गायक बल्ली भालपुर का गाना 'इंस्टाग्राम की तितली' रिलीज हो गया है। बैसला म्यूजिक के डायरेक्टर, अजीत गुर्जर उर्फ अजीत बैसला (Ajit Gurjar alias Ajit Baisla) , ने 'इंस्टाग्राम की तितली' को संगीत प्रेमियों के बीच प्रस्तुत किया है। 'इंस्टाग्राम की तितली' (instagram butterfly) के लेखक शिवलाल बैंसला ने भावपूर्ण शब्दों में गीत की गहराई को बयां किया है। म्यूजिक डायरेक्टर दोई ब्रदर ने इस गीत का संगीत रूपांतरित किया है। गाने के वीडियो के निर्देशक, सतीश नेनिवाल, ने गाने को एक रोचक कहानी के साथ जीवंत बनाया है।
बॉलीवुड किंग खान यानी शाहरुख खान की अपकमिंग फिल्म 'जीरो' के दो पोस्टर रिलीज हो गए हैं। अब इस फिल्म का ट्रेलर उनके जन्मदिन 2 नवंबर को रिलीज होने वाला है। फिल्म के ट्रेलर को लेकर जहां फैंस को बेसब्री से इंतजार है वहीं आमिर ने फिल्म का ट्रेलर देखकर अपना रिव्यू सोशल मीडिया पर शेयर किया है। हाल ही में शाहरुख खान ने आमिर को अपनी फिल्म का ट्रेलर दिखाया जिसके बाद आमिर ने ट्वीट किया कि मैंने अभी-अभी शाहरुख की फिल्म जीरो का ट्रेलर देखा है। ट्रेलर देख कर मैं बस यही कहना चाहता हूं. . फैंटास्टिक। अनुष्का शर्मा और शाहरुख ने शानदार अभिनय किया है। अब मैं ट्रेलर के बाद फिल्म देखने के लिए इंतजार नहीं कर पा रहा हूं। वहीं, शाहरुख ने आमिर के इस रिव्यू के बाद इंस्टाग्राम पर उनके साथ एक तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा कि एक ठग के साथ गले लगा. . . इससे ज्यादा खास कुछ नहीं। फिल्म जीरो में शाहरुख खान एक बौने व्यक्ति का किरदार निभा रहे हैं। उनके साथ फिल्म में कैटरीना कैफ और अनुष्का शर्मा भी नजर आने वाली हैं। फिल्म 21 दिसंबर को रिलीज होगी। सलमान खान भी इस फिल्म में गेस्ट अपीयरेंस में नजर आने वाले हैं।
किस राज्य ने 1.25 करोड़ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए एक मेगा रोजगार योजना शुरू की है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जून, 2020 को एक 125दिवसीय अभियान की शुरूआत की है। इसके तहत उत्तर प्रदेश राज्य में प्रवासी और दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को रोज़गार प्रदान करेगा। इस अभियान को आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोज़गार अभियान नाम दिया गया है। योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से यह अभियान शुरू किया गया है। यह भी घोषणा की गई है कि राज्य में आत्म निर्भर भारत पहल के तहत 5000 टूल किट भी वितरित किए जाएंगे।
जितना महत्वपूर्ण है पढ़ाई उतना ही महत्वपू्र्ण है जो पढ़ा उसे दोहराना। रिविजन करने से आप जो पढ़ते हैं उसे आप याद भी रख पाते हैं। इतना ही नहीं इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। जिस टॉपिक्स को समझने में आपको कठिनाई हो रही है, उसपर थोड़ा ज्यादा ध्यान दें। इससे आप अन्य चीजों को और भी सरलता से समझ पाएंगे। आज के डिजिटल समय में आपके पास हजार ऑप्शन होता है ऐसे में टाइम वेस्ट करने से बेहतर है अपने नोट्स और सिलेबस के अनुसार ही पढ़ें। किसी भी परीक्षा में MCQs बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसे सबसे पहले हल करना चाहिए। पिछले वर्ष के प्रश्न- पत्र से आपको परीक्षा का पैटर्न समझ में आएगा तथा आप समझ पाएंगे कि पेपर का क्या पैटर्न है। किसी भी परीक्षा में केवल प्रश्नों को हल करना ही जरूरी नहीं है। उत्तर लिखने का तरीका भी अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है। सबसे सरल एवं स्पष्ट तरीके से ही प्रश्नों का उत्तर दें। किसी भी प्रश्न का उत्तर लिखने से पहले उस प्रश्न को पढ़े और यह समझने की कोशिश करें कि प्रश्न में पूछा क्या जा रहा है। तनाव में रहकर कोई भी काम सही तरीके से नहीं किया जा सकता है। इसलिए तनाव से दूर रहें, परीक्षा से घबराए नहीं और खुद पर विश्वास करें. आपने जो पढ़ा है उस पर भरोसा करें। कभी भी इस उम्मीद पर ना बैठे कि परीक्षा से दो दिन पहले आपकी तैयारी पूरी हो जाएगी।
घटना को अंजाम देकर कार सवार लोग फरार हो गए। आसपास किसानों ने घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलते ही एएसपी नितिश अग्रवाल मौके पर पहुंच गए और फोरेंसिक टीम की सहायता से मौके से सबूतों को जुटाया। गांव हाडवा खेतों में धान की पनीरी लाने गए किसान (Farmer) की वीरवार को सुबह अज्ञात लोगों ने गोली मार कर हत्या कर दी। घटना की सूचना पाकर एएसपी नितिश अग्रवाल फोरेंसिक टीम (Forensics Team) के साथ मौके पर पहुंच गए और हालातों का जायजा लिया। फिलहाल पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस (Police) मामले की जांच कर रही है। गांव हाडवा निवासी सतप्रकाश (52) वीरवार सुबह गांव बागडू की तरफ खेत में धान की पनीरी लाने गया हुआ था। जब वह पनीरी को उखाड़ कर बाइक पर रख दूसरे खेत में जाने की तैयारी कर रहा था तो उसी दौरान कार सवार लोगों ने सतप्रकाश पर फायरिंग कर दी। जिसमें सतप्रकाश को दो-तीन गोलियां लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना को अंजाम देकर कार सवार लोग फरार हो गए। आसपास किसानों ने घटना की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना मिलते ही एएसपी नितिश अग्रवाल मौके पर पहुंच गए और फोरेंसिक टीम की सहायता से मौके से सबूतों को जुटाया। फिलहाल यह खुलासा नहीं हो पाया कि सतप्रकाश की हत्या किसने की और इसके पीछे क्या वजह रही।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में बदलाव किए हैं। केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है, इसे 6 फीसदी से कम करके 5. 75 फीसदी कर दिया है। रेपो रेट घटने से बैंक से लोन लेने वाले कर्जदारों को थोड़ी राहत जरूर मिलने वाली है। जानकारों के मुताबिक आरबीआई के इस कदम से लोन सस्ता हो सकता है। इसके अलावा रिवर्स रेपो रेट को भी संतुलित करने की कोशिश की गई है। इसे 5. 50 फीसदी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सभी मेंबर रेपो रेट में 0. 25% की कटौती और बदलाव के पक्ष में रहे। मौद्रिक नीति सिमिति की बैठक का पूरा ब्यौरा 20 जून 2019 को जारी किया जएगा। रिजर्व बैंक के इस कदम से बैंक से ऋण लेने वाले या ईएमआई वालों को राहत मिलने के आसार हैं। पिछले पांच महीनों में उधारी दर यानी रेपो दर में यह तीसरी कटौती है। इससे बैंकों के धन की लागत कम होने और उनकी ओर से मकान, कारोबार और वाहनों के कर्ज पर मासिक किस्त (ईएमआई) कम किए जाने की संभावना है। साथ ही कंपनियों पर कर्ज लौटाने का बोझ कम होगा। Cमाना जा रहा है रेपो रेट में कटौती की वजह से बैंक अपने ब्याज दर घटा सकते हैं। क्योंकि, इस कदम से अब बैंको का मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) भी घट जाएगा। हालांकि, जमाकर्ताओं के बैंक में जमा धनराशि पर कमाई कम हो जाएगी। गौरतलब है कि यह बदलाव पिछले महीने आधिकारिक आंकड़ों के सामने आने के बाद किया गया है। उस दौरान बताया गया था कि देश की जीडीपी में 31 मार्च तक 5. 8 फीसदी पर आ गई है और भारत की अर्थव्यवस्था चीन से पिछड़ने लगी है। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत के विकास की रफ्तार सुस्त हो रही है और वह तेजी से बढ़ने वाली इकॉनमी का स्टेटस खो चुका है।
- 1 hr ago मारुति सुजुकी इन्विक्टो रिव्यूः एमपीवी सेगमेंट को मिलेगा नया किंग? Don't Miss! - Travel आखिर क्यों कोई नहीं कर पाया कैलाश पर्वत की चढ़ाई? क्या है इसका वैज्ञानिक कारण? क्या आप हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के बारें में जानतें है? क्या आप हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट के बारें में जानतें हैं? आखिर क्या है हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट? हाल ही में देश में एक नया कानून बना है कि देश की सड़कों पर फर्राटा भर रही वाहनों में अब आम रजिस्ट्रेशन प्लेट नहीं बल्कि हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगायें जायेंगे। हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट का नाम सुनकर इतना तो आपको अंदाजा हो ही गया होगा कि इस नये तरह नंबर प्लेट को आपकी सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखकर लगाया जा रहा है। लेकिन इस नये हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट में इतना ही नहीं है यह बेहद ही शानदार पहल है तो आइयें आज हम आपको अपने इस लेख में हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट से जुड़ी सारी बातों के बारें में पूणतयाः जानकारी देतें है। क्या है हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेटः जैसा कि आपको इसके नाम से ही पता चल गया होगा कि यह नया नंबर प्लेट पहले के मुकाबले बेहतर और सुरक्षित होगा। आपको बता दें कि, हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट एल्यूमिनीयम का बना हुआ एक प्लेट होगा। इस नंबर प्लेट पर एक होलोग्राम लगा होगा जिसपर एक चक्र बना होगा। यह होलोग्राम एक ऐसा स्टीकर होगा जिसपर वाहन के इंजन और चेसिस नंबर इंगित होगा। सबसे खास बात यह है कि यह होलोग्राम जल्द नष्ट होने वाली नहीं होगा। इसके अलावा हर प्लेट पर 7 अंकों का एक यूनीक लेजर कोड होगा जो कि हर वाहन के नंबर प्लेट पर अलग-अलग होगा। इस नंबर प्लेट पर आपके वाहन का जो रजिस्टेशन नंबर होगा वो सबसे खास होगा। जिसे हटाने या फिर मिटाने में पसीने छूट जायेंगे। इस नंबर प्लेट पर आपके वाहन का जो रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा गया होगा वो किसी पेंट या फिर स्टीकर आदि से नहीं लिखा होगा। नंबर को आपके प्लेट पर प्रेसर मशीन से लिखा गया होगा जो कि प्लेट पर उभरा हुआ दिखेगा। यह कार्य आरटीओ द्वारा किया जायेगा इस वजह से जो अंक और अक्षर उभरेगा उस पर भी आईएनडी दिखेगा। इस कार्य में कोई जालसाजी नहीं हो सकती है क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने मन से न तो इन नंबरों में कोई फेर बदल कर सकता है और न ही उन्हे मिटा सकता है। आखिर हाई सिक्यूरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट आपकी कैसे मदद करेगा और इसके लिए आपको कितना पैसा खर्च करना होगा जानने के लिए नेक्स्ट बटन पर क्लिक करें।
समाजशास्त्र का विश्लेषण करने और विभिन्न घटकों है कि एक समाज या सभ्यता को बनाने के समझने के लिए करना है। छात्रों सीखना होगा कि कैसे इन समाजों वे कैसे निरंतर कर रहे हैं के रूप में आयोजित किया जाता है, के रूप में अच्छी तरह से। अन्य मानविकी से संबंधित मुद्दों पर भी अध्ययन किया जा सकता है। संयुक्त अरब अमीरात फारस की खाड़ी के द्वार पर, अरब प्रायद्वीप के पूर्वी हिस्से में सात अमीरात के एक महासंघ है. ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात में काम बल के विदेशी प्रवासियों हैं - इसलिए देश 'की जनसंख्या मेकअप अपने ही देश में एक अल्पसंख्यक होने के नाते अमीरात नागरिकों के साथ है, तो विविध जा रहा है. छात्रों के एक स्नातक की डिग्री कार्यक्रम पूरा करने के बाद स्नातकोत्तर किया है। एक परास्नातक प्राप्त करने के लिए, आप आमतौर पर अक्सर व्यापक परीक्षण और / या एक शोध पूरा शामिल है कि 12 से 18 कॉलेज के पाठ्यक्रम को पूरा करने की जरूरत है। ऑन-कैंपस लर्निंग का तात्पर्य व्यक्तिगत रूप से कक्षाओं में भाग लेने से है। इसमें आम तौर पर पारंपरिक कक्षाओं और व्याख्यानों में जाना, समूह गतिविधियों में भाग लेना और व्यक्तिगत रूप से संकाय और साथियों के साथ जुड़ना शामिल है। ऑन-कैंपस सीखने में अक्सर प्रयोगशालाओं, पुस्तकालयों और अन्य कैंपस संसाधनों जैसे कि छात्र क्लब, करियर सेवा कार्यालय और मनोरंजन केंद्र तक पहुंच शामिल होती है।
उत्तर प्रदेश के एंटी-रोमियो स्क्वॉड की तर्ज पर हरियाणा सरकार ने ऑपरेशन दुर्गा लांच किया गया है। एंटी-रोमियो को मिलती कामयाबी के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए हरियाणा सरकार ने इसका गठन किया है। बुधवार को गठित हुए ऑपरेशन दुर्गा की टीम ने पहले ही दिन करीब 72 मनचलों को पकड़ा। ऑपरेशन दुर्गा के लिए 24 टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों में ज्यादातर महिला अधिकारी और महिला सिपाही शामिल हैं। ऑपरेशन दुर्गा का गठन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के फ्लाईंग स्क्वॉड द्वारा किया गया है। ऑपरेशन दुर्गा की टीम के लिए हर सार्वजनिक स्थल पर अन्य पुलिसवालों को भी तैनात किया गया है। ऑपरेशन दुर्गा की टीमों ने राज्य के सार्वजनिक स्थलों, स्कूलों, कॉलेज, बस स्टेंड और रेलवे स्टेशन से महिलाओं के साथ छेड़खानी और उनपर अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में कई मनचलों को गिरफ्तार किया।
जैसे कि आप जानते हैं कि दिल्ली में अभी कंपाने वाली सर्दी शुरू होने में काफी समय है, लेकिन सुबह और रात के समय दिल्लीवासियों को मोटे कंबल की जरूरत पड़ने लगी है, लेकिन वहीं दिन के समय अभी इतनी ठंड महसूस नहीं हो रही है, क्योंकि दिन के समय काफी तेज धूप निकली रहती है. अगर हम दिल्ली के तापमान की बात करें तो आज यह अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है. मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में दिल्ली में कोहरा छाया रहने की संभावना जताई जा रही है. यह भी बताया जा रहा है कि दिल्ली-NCR में आज से हवाएं तेज हो सकती हैं. ऐसी स्थिति में प्रदूषण में भी गिरावट देखने को मिल सकती है. मौसम विभाग ने वर्षा की चेतावनी जारी करते हुए कहा कि तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और केरल में अलग-अलग स्थानों पर 13 दिसंबर, 2022 तक भारी वर्षा होने की संभावना है और उसके बाद इस क्षेत्र में वर्षा की गतिविधि में कमी आएगी. बता दें कि यह जानकारी भारत मौसम विज्ञान विभाग ने अपने ट्विटर अकाउंट पर जारी की है. हल्की बारिश की गतिविधियां महाराष्ट्र के कुछ इलाकों में भी देखने को मिल सकती हैं और साथ ही मुंबई में आज बादल छाए रहने की संभावना है. यह भी अनुमान है कि 13 दिसंबर तक मध्य प्रदेश के भी कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो सकती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दक्षिणी राज्यों में चक्रवाती तूफान मैंडूस ने मौसम की स्थिति को बदल कर रख दिया है. मौसम विभाग की मानें तो आज चक्रवाती तूफान मैंडूस के चलते तमिलनाडु और इसके आस-पास के क्षेत्रों में गरज के साथ अच्छी बारिश होनी की संभावना है. यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि यह भारी बारिश आने वाले कुछ दिनों तक लगातार जारी रहेंगी. मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बादल छाए रहने की संभावना है. दिसंबर महीने की शुरुआती दिनों से ही ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी का सिलसिला जारी है. इसका असर अब देश के बाकी राज्यों जैसे कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान और दिन और रात के समय दिल्ली में भी देखने को मिल रहा है. पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाले लोगों का इस मौसम में घर से बाहर निकलना भी जोखिम से भरा साबित हो सकता है.
Akhilesh Yadav-Samajwadi Party President समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को दिन में लखनऊ से चलकर इत्रनगरी कन्नौज पहुंचेंगे। अखिलेश यादव दोपहर में करीब एक बजे कन्नौज पहुंचने के बाद रामप्रकाश शाक्य के घर जाएंगे। इसके बाद उनका रजनीकांत यादव के घर भी जाने का कार्यक्रम है। लखनऊ, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ के साथ ही रामपुर में 23 जून हो होने वाले लोकसभा के उप चुनाव में प्रचार से किनारा कर लिया है। आजमगढ़ की सीट छोडऩे वाले अखिलेश यादव एक बार भी प्रचार करने नहीं निकले। आज प्रचार के अंतिम दिन भी वह रामपुर या आजमगढ़ ना जाकर कन्नौज में रहेंगे। समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव का प्रचार से किनारा करना किसी के भी गले नहीं उतर रहा है। 23 जून को होने वाले लोकसभा चुनाव में रामपुर तथा आजमगढ़ में आज प्रचार का अंतिम दिन है। भारतीय जनता पार्टी ने दोनों जगह पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है जबकि रामपुर में आजम खां ने अकेले ही मोर्चा संभाल रखा है। आजमगढ़ से सांसद रहे अखिलेश यादव ने अपने चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव को मैदान में उतारा है, लेकिन उनका प्रचार करने एक भी दिन नहीं गए। लोकसभा उपचुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव का अभी तक प्रचार में नहीं उतरना चर्चा का विषय बना हुआ है। आजमगढ़ की सीट छोडऩे के बाद उसको बरकरार रखने के प्रयास में लगी समाजवादी पार्टी के मुखिया का प्रचार से दूर रहना पार्टी के नेताओं को भी हजम नहीं हो रहा है। आजमगढ़ सीट 2019 में अखिलेश यादव ने ही जीती थी। इनसे पहले 2014 में यहां से मुलायम सिंह यादव सांसद थे। बीते विधानसभा चुनाव में मैनपुरी के करहल से जीतने के बाद अखिलेश यादव ने लोकसभा से इस्तीफा देने से पहले आजमगढ़ आकर लोगों की राय भी ली थी। इसके बाद भी आजमगढ़ में प्रचार के लिए नहीं आए हैं। आजमगढ़ में बीते दो लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड लहर के बाद भी समाजवादी पार्टी ने जीती थी। 2014 में मुलायम सिंह और 2019 में अखिलेश यादव इस सीट से जीते थे। इस बार विधानसभा चुनाव में सपा ने आजमगढ़ की सभी दस सीट जीती है। लगता है कि विधानसभा चुनाव में क्लीन स्वीप के कारण अखिलेश यादव लोकसभा उप चुनाव में भी जीत के लिए काफी आशवस्त भी हैं। आजमगढ़ के साथ ही अखिलेश यादव रामपुर में भी एक बार भी प्रचार करने नहीं गए। यहां पर आजम खां ने मोर्चा संभाल रखा है। रामपुर लोकसभा के चुनाव में 2019 में आजम खां जीते थे, लेकिन 2022 में विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव मंगलवार को दिन में लखनऊ से चलकर इत्रनगरी कन्नौज पहुंचेंगे। अखिलेश यादव दोपहर में करीब एक बजे कन्नौज पहुंचने के बाद रामप्रकाश शाक्य के घर जाएंगे। यहां पर वह श्रद्धाजंलि देंगे। इसके बाद उनका रजनीकांत यादव के घर भी जाने का कार्यक्रम है। अखिलेश यादव आज कन्नौज में पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। कन्नौज को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। अखिलेश यादव के बाद डिंपल यादव यहां से सांसद रहे हैं। 2019 में डिंपल को यहां से पराजय झेलनी पड़ी थी। इसके साथ ही बीते विधानसभा चुनाव में भी समाजवादी पार्टी को यहां से अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। इस कारण अखिलेश यादव की चिंता बढ़ गई है।
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करियर डेस्क. IAS Interview Etiquettes/ UPSC personality Test Tips: आईएएस इंटरव्यू के लिए जाते समय कैंडिडेट्स को बाकी बातों के अलावा शिष्टाचार संबंधित कुछ छोटी लेकिन जरूरी बातों का भी ध्यान रखना चाहिए। इससे इंटरव्यू पैनल पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। ये हैं एकदम आम बातें पर कई बार नर्वसनेस में कैंडिडेट इन्हें भूल जाते हैं। शिष्टाचार पर बात करने से पहले जरूरी है समय के बारे में बात करना। अगर कैंडिडेट समय से तैयार नहीं होगा तो शिष्टाचार दिखाने के पहले ही बात बिगड़ जाएगी। किसी भी प्रकार की हड़बड़ी आपका पहला ही इंप्रेशन खराब कर सकती है। इसलिए घर से समय से निकलें, सारे डॉक्यूमेंट्स पहले ही कायदे से देखकर एक फाइल में लगा लें और ऑफिस में पहुंचने के बाद ऑफिशियल्स से कोऑर्डिनेट करके अपने डॉक्यूमेंट्स आदि मैच करा लें। याद रखें यहां पर सेलफोन बंद रखें क्योंकि यूपीएससी का ऑफिस नो मोबाइल्स ज़ोन के अंतर्गत आता है। साक्षात्कार के पहले सभी औपचारिकताएं पूरी करके आपके लिए एलॉट सीट पर बैठ जाएं। - साक्षात्कार के लिए जाने से पहले हल्का भोजन लें ताकि आप फ्रेश फील करें। न नींद आए, न सुस्ती और न ही गैस आदि कि समस्या हो। - खाली पेट भी न रहें जिससे पैनल के सामने ही बर्प करें या कोई और समस्या होने लगे। - बुलावा आने के पहले एक बार वॉशरूम जाकर खुद को चेक कर लें कि कपड़े आदि सब ठीक हैं और आप प्रेजेंटेबल लग रहे हैं। - कक्ष में घुसने के पहले परमिशन मांगें और अंदर जाकर पहले सबको ग्रीट करें। महिला सदस्यों को पहले ग्रीट करें। - जब कहा जाए तभी बैठें और चेयर आराम से खीचें। किसी प्रकार का शोर नहीं होना चाहिए। कई बार पैनल आपके पेशेंस चेक करने के लिए आपको देर से बैठने का इशारा करता है। ऐसे में कहे जाने का वेट करें। - कक्ष में प्रवेश करते समय शरीर सीधा रखें, चाल में कांफिडेंस होना चाहिए और बॉडी लैंग्वेज जितनी संभव हो सहज होनी चाहिए। न बहुत तेज एंट्री करें न ही बहुत धीरे। - इस समय किसी का भी नर्वस होना एकदम नेचुरल है। बोर्ड भी इस बात को समझता है। कोशिश करें कि बहुत न घबराएं पर ऐसा हो तो इसका बर्डन न लें क्योंकि बोर्ड आपकी नर्वसनेस को समझते हुए पहले आपको नॉर्मल करने का पूरा प्रयास करता है। - बैठते समय अपने पॉश्चर का ध्यान रखें, कोशिश भर सीधे बैठें और हाथ चेयर के हैंडल पर रखें। - साक्षात्कार होने के बाद सबको थैंक्यू बोलें और बाहर निकलते समय भी सीधा चलें। - पुरुष उम्मीदवार पैर नीचे रखकर बैठें, महिलाएं पैर क्रॉस करके बैठें पर पैर हिलाएं नहीं। - बात करते समय आई कॉन्टैक्ट बनाकर जवाब दें। - बातचीत के दौरान चेहरे पर सौम्य सी मुस्कान रखें। किसी गंभीर बात पर स्माइल न करें और न ही गंभीर दिखने के चक्कर में ऐसा मुंह बनाएं कि नाराज दिखें। - किसी प्रश्न का उत्तर नहीं आता तो बहुत पोलाइट मैनर में उसके लिए सॉरी बोल दें।
25 दिसंबर। गौतम गंभीर ने साल 2019 के समाप्ती पर अपने पसंद की वर्ल्ड XI टीम की घोषणा की है। अपनी पंसद की टीम में गंभीर ने कप्तानी की जिम्मेदारी न्यूजीलैंड दिग्गज केन विलियमसन को दी है। गौतम गंभीर की टीम में रोहित शर्मा और विराट कोहली तो हैं लेकिन धोनी को जगह नहीं दी है। वहीं जसप्रीत बमराह भी इस टीम में हैं। इसके साथ - साथ गंभीर की टीम में 2 ऐसे नाम भी हैं जो हैरान करने वाले हैं।
आज हम एक ऐसी एक्ट्रेस के बारे में बात करने जा रहे है, जो एक गाने की वजह से रातोरात सुपरस्टार बन गई थी. जी हां यह एक्ट्रेस एक गाने की वजह से रातोरात प्रसिद्ध हो गई थी. वैसे आपकी जानकारी के लिए बता दे कि हम यहाँ किसी और एक्ट्रेस की नहीं बल्कि काँटा लगा गर्ल शैफाली जरीवाला की बात कर रहे है. गौरतलब है कि ये वही शैफाली है जिसने काँटा लगा गाने पर डांस करके लाखो नहीं बल्कि करोड़ो लोगो का दिल लूट लिया था. अब यूँ तो ये गाना कई सालो पहले आया था, लेकिन फिर भी लोग आज भी इस गाने के दीवाने है. शायद यही वजह है कि आज भी कई पार्टियों और डिस्को में यह गाना बजाय जाता है. बता दे कि यह गाना नब्बे के दशक का सबसे प्रसिद्ध गाना है और उस दशक में यह आइटम सांग काफी प्रसिद्ध भी था. वैसे आप सोच रहे होंगे कि हम अचानक इस गाने की बात क्यों कर रहे है, तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दे कि इस गाने से प्रसिद्ध होने वाली एक्ट्रेस शैफाली जरीवाला इतने सालो के बाद एक बार फिर से अभिनय की दुनिया में कदम रखने वाली है. यानि अगर हम सीधे शब्दों में कहे तो वो टीवी की दुनिया में फिर से वापसी करने वाली है. गौरतलब है कि इससे पहले उन्होंने साल 2002 में काँटा लगा गाने पर डांस करके टीवी की दुनिया में चारो तरफ धमाल मचाया था. मगर इस बार वो किसी वीडियो सांग में नहीं बल्कि एक वेब सीरीज में नजर आने वाली है. जी हां ये तो सब जानते ही है कि आज कल इंटरनेट का दौर चल रहा है और अब टीवी सीरियल्स से ज्यादा वेब सीरीज को तवज्जु दिया जाता है. बरहलाल जिस वेब सीरीज में वो काम करने वाली है, उसका नाम बेबी कम ना है. इसके इलावा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि यह वेब सीरीज फरहाद समजी द्वारा बनाई गई है और यह वेब सीरीज कॉमेडी होगी. जी हां इसका मतलब ये है कि अब शैफाली अपने फैंस को अपनी अदाओ से खूब हंसाती हुई नजर आएंगी. वैसे जो लोग नहीं जानते उनकी जानकारी के लिए हम बता दे कि इससे पहले शैफाली मुझसे शादी करोगी फिल्म में केमियो भी कर चुकी है. जी हां इस फिल्म में भी उन्होंने अपने ही गाने पर डांस किया था और इस फिल्म में उनका किरदार केवल एक सेकंड का ही था. इसके साथ ही हम आपको बता दे कि इस वेब सीरीज में वह बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े के साथ नजर आएंगी. वैसे भी श्रेयस तलपड़े इससे पहले भी कई फिल्मो में कॉमेडी कर चुके है. ऐसे में इस सीरीज के लिए उनसे बेहतर एक्टर तो कोई हो ही नहीं सकता. गौरतलब है कि यह एकता कपूर के बाला जी टेलीफिल्म्स के बाइस ऑरिजनल्स शोज में से एक है. जिसे उन्होंने खुद प्रोड्यूस किया है. गौरतलब है कि शैफाली ने इससे पहले कभी किसी कॉमेडी शो में काम नहीं किया है.
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पचास करोड़ रूपये तक के निवेश वाले उद्योगों को सूक्ष्म लघु और मझौले उद्योगों को मिलने वाले लाभ देने का फैसला किया खरीफ की चौदह फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी मंजूरी दी गई है केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोविड19 के मरीजों की स्वस्थ ने होने की दर चार हज़ार आठ सौ उन्नीस प्रतिशत हो गई है हरियाणा में आज कोविड19 के दो सौ इकसठ पोजिटिव मामले सामने आये हरियाणा के मुख्यमंत्री ने आज के राजदूत सतोशी सजुकी सतोशी सज़ुकी से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बात की जापानी कंपनियों ने हरियाणा में और निवेश करने में दिलचस्पी दिखाई जापान केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने आज सूक्षम लघु और मझौले उद्योगों एमएसएमई किसानों रेहड़ी व फड़ी पर सामान बेचने वालों की मदद करने के लिए कई ऐतिहासिक फैस्ले लिये है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसले के बारे मीडिया को बताते हुये सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सूक्षम लघु और मझौले उद्योगों की परिभाषा मे और संशोधन किया गया है जिससे और उद्योग भी इसके दायरे में आ जायेंगे जिन उद्योगों में पचास करोड़ रूपये तक का निवेश हुआ है और कारोबरा ाई सौ करोड़ रूपये तक है वे अब एमएसएमई सेक्टर के लाभ भी ले सकते है केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ की चौदह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को भी मंजूरी दे दी है और अब किसानों को उनकी लागत पर पचास से तिरासी प्रतिशत लाभ होगा कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि अब किसानों को ऋण उतारने के लिए अगस्त का सयम मिला गया है मंत्रिमंडल ने धान के न्यूनतम समर्थनमूल्य में तिरेपन रूये प्रति क्विंटल इजाफे को मंजूरी दी है जोकि अब एक हज़ार आठ सौ अड़सठ रूपये हो जायेगा जबकि कपास के समर्थनमूल्य में दो सौ साठ रूपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की गई है जो पाँच हज़ार पाँच सौ पंद्रह रूपये प्रति क्विंटल के दाम बिकेगा ने स्कूलों केन्द्र सरकार ने सोशल मीडिया पर वायरल किये गये उस दावे का खंडन किया है कि केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड सीबीएससी ने को निर्देश दिये है कि द्वारा की गई एप्प खरीद कर ऑन लाइन परीक्षायें ली जायें और इस कार्य के लिए डॉ साहिल गहलोत को विशेष्ज्ञ कार्य अधिकारी ओएसडी नियुक्त किया है पत्र सूचना कार्यालय ने एक टवीट में इस खबर को झूठी और गुमराहूपर्ण बताया है इसने सीबीएससी ने इस कार्य के लिए कोई ओएसडी नियुक्त नहीं किया कहा कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश में कोविड19 के मरीजों की स्वस्थ होने की दर चार हज़ार आठ सौ उन्नीस प्रतिशत हो गई है पिछले चौबिस घंटों के दौरान कोविड19 के चार हज़ार आठ सौ पैंतीस मरीज़ स्वस्थ हुये है मंत्रालय ने कहा है कि अब तक बानवे हजार कोरोना मरीज़ स्वस्थ हो चुके है इस समय कोविड19 के तिरानवे हजार तीन सौ बाईस मरीज़ उपचाराधीन है और उन्हें डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है मंत्रालय ने कहा कि सरकार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से मिलकर कोविड19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए बहुत उठा रही है इसने कहा है कि एक तरफ मरीज़ों की स्वस्थ होने की दर में सुधार है दूसरी ओर मृत्यु दर में भी कमी आई है भारत में मृत्यु दर दो सौ तिरासी प्रतिशत है जबकि विश्व में औसतन मृत्यु दर छः सौ उन्नीस प्रतिशत है से कदम चंडीगढ़ में आज बापूधाम कालोनी की एक पचहत्तर वर्षीय महिला को स्वस्थ होने के बाद पीजीआई चंडीगढ़ से छुटटी दे दी गई है महिला कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई थी हमारे संवाददाता ने बताया कि कल देर रात मनी माजरा ने प्रसव के दौरान कोरोना पोजिटिव पाई गई अट्ठाईस वर्षीय महिला के दस पारिवारिक सम्बधियों के नमूने लिये गये है ये महिला बापूधाम कालोनी से है इसके साथ चंडीगढ़ में कोविड19 के मरीजों की गिनती दो सौ चौरानवे हो गई है जिनमें से दो सौ व्यक्ति स्वस्थ हो गये है और चार लोगों की मृत्यु हुई है अंतिम आंकड़ों के अनुसार कोविड19 के नब्बे मरीज़ उपचाराधीन है रवाना हरियाणा में अम्बाला छावनी से रेल सेवा शुरू हो गई है आज हरिद्वार के लिए अमृतसरहरिद्वार जन शताब्दी की गई हमारे संवाददाता ने बताया कि पहले दिन इस रेलगाड़ी में सवार होने के लिए अम्बाला छावनी रेलवे स्टेशन पर बाईस यात्री पहुंचे जबकि पंद्रह यात्री गाड़ी से इस स्टेशन पर उतरे अम्बाला से सवार होने वाले यात्रियों की मुख्य द्वारा पर थर्मल स्क्रीनिंग भी की गई अम्बाला मंडल रेल प्रबंधक जी एम सिंह ने बताया कि सामाजिक दूरी का पालन करते हुये आज से देश मे सौ जोड़ा रेलगाडियां चलनी शुरू हो गई है होडल पुलिस ने आज पुन्हाना मोड़ पर एक कार से इक्कीस किलो गांजा बरामद किया है पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर लिया है होडल अपराध जांच शाखा प्रभारी ने बताया कि ने अपना नाम आविद बताया है वह गांव नई का रहने वाला है पूछताछ में आरोपी में आरोपी युवक तीन हरियाणा के आज कोविड19 के दो सौ इकसठ नये पोजिटिव मामले सामने आये है जबकि सात कोरोना मरीज़ों की स्वस्थ होने के बाद छुटटी दी गई है हमारे सवादाता ने बताया है कि आज सर्वाधिक एक सौ उनतीस पोजिटिव मामले गुरूग्राम से आये है इसके साथ ही अब पोजिटिव पाये गये कोविड19 मरीज़ों की गिनती दो हज़ार तीन सौ बावन हो गई है जबकि स्वस्थ होने वाले कोरोना मरीज़ों की गिनती एक हज़ार पचपन हो गई है प्रदेश में अबकि तक कोरोना संक्रमण से बीस लोगों की मृत्यु हुई है इस सयम एक हज़ार दो सौ सतहत्तर कोरोना मरीज़ विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन है सिरसा से हमारे संवाददाता ने बताया कि आज एक कविड19 के अट्ठाईस पोजिटिव मामले आये है जिनमें मुम्बई से लौटे पंद्रह व्यक्तेि चार कैदी और जेल में तैनात एक पुलिस कर्मी शामिल है सिविल सर्जन डॉ सुरेन्द्र जैन ने बताया कि दो कैदी जमानत पर रिहा हुये थे उन्होंने कहा कि छब्बीस लोगों की सिरसा के कोविड अस्पताल में और दो मरीजों को अग्रोहा मेडिकल कालेज में दाखिल करवाया गया है फतेहाबाद जिले मे भी कोविड19 के दो नये मामले सामने आये है इनमें से दिल्ली से टोहाना पहुंचे गुजराती परिवार का एक व्यक्ति और रेलवे पुलिस बल का जाखल प्रभारी भी शामिल है जाखल रेलवे स्टेशन के पीछे लगती गली को सैनेटाइज़ किया किया गया भिवानी में कोविड19 के पांच और चरखी दादरी में सात मामले सामने आये है पंचकूला में एक तिरेसठ वर्षीय एक बुजुर्ग वायरस से संक्रमित पाया गया है सिविल सर्जन डा जसजीत कौर ने बताया कि यह बुजुर्ग मूलत दिल्ली के रहने वाले है और इन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती किया गया है वहीं गया है वहीं भिवानी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विद्यायक व उनकी बेटी के दोबारा नमूने लेकर रोहतक भेजे थे जिनकी रिपोट नेगीटिव आई है रोहतक में नगर निगम के एक सफाई कर्मचारी की कोरोना संक्रमण से मृत्यु हो गई है सिविल सर्जन डॉ अनिल बिरला ने बताया कि कई दिन पहले तबीयत खराब होने पर उसे पीजीआई में भर्ती करवाया गया था इसके अलावा पीजीआई की दो स्टाफ नर्सी के कोरोना पोजिटिव पाये जाने की भी खबर है हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज भारत में जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से बातचीत की पहले से हरियाणा मे काम कर रही कई जापानी कंपनियों से हरियाणा मे और निवेश करने में रूचि दिखाई मुख्यमंत्री ने राजय सरकार द्वारा विदेशी निवेशकों को उद्योग के लिए भूमि को उद्योग के लिए भूमि आंवटित करने सहित कई जानकारियां दी उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक विकास नीति देश मे बेहतर नीति है जिसमें निवेश को और आसान बनाया गया है मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने सूक्ष्म लघु और मझौले उद्योगों के लिए तीन नये विभाग भी कायम किये है
आज समाज डिजिटल, अंबाला : Arjun Kapoor Shared Pictures : अर्जुन कपूर ने हाल ही में विशाल भारद्वाज की कुट्टी की शूटिंग पूरी की। वह एक विलेन रिटर्न्स में अगले स्टार होंगे। इन दिनों एक्टर अर्जुन कपूर किसी फिल्म में अपना जादू चलाते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। लेकिन वो अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर पोस्ट की वजह से हेडलाइंस में बने रहते हैं। हाल ही में अर्जुन कपूर अपने दोस्त और फिल्ममेकर लव रंजन और अलीशा वैद की शादी की कुछ खास तस्वीरें फैंस के बीच शेयर की हैं। इन तस्वीरों में शादी के कुछ स्पेशल फंक्शन्स झलक नजर आ रही है। सोमवार शाम को, अर्जुन कपूर ने भी समारोह से कुछ तस्वीरें शेयर करने के लिए अपने इंस्टाग्राम फीड पर लिया। उन्होंने हल्दी समारोह से तस्वीरें भी शेयर कीं, एक तस्वीर में, रणबीर को लव को गाल पर किस देते हुए नजर आ रहे है। उन्होंने रणबीर की एक तस्वीर भी शेयर की, जहां वे रुके हुए थे, ताजमहल को देख रहे थे। तस्वीर को रणबीर ने क्लिक किया था। अर्जुन ने खुलासा किया कि रणबीर ने पहली बार ताजमहल देखा था और यह आलिया के साथ नहीं बल्कि उनके साथ था। हालांकि अर्जुन ने तस्वीर में आलिया भट्ट को टैग किया। तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि एक्टर ने लव रंजन और अलीशा वैद की शादी के हर पल को कैसे खूब एंजॉय किया है। शेयर की गई तस्वीरों में लव रंजन और अलीशा वैद के साथ-साथ अर्जुन कपूर, रणबीर कपूर और वरुण शर्मा भी दिखाई दिए हैं।
लंदन, (भाषा)। प्रवासी उद्यमी लॉर्ड स्वराज पॉल को लगता है कि भारतीय नर्स जेसिन्था सल्धाना ने प्रेस द्वारा परेशान किए जाने पर आत्महत्या की है। हाउस ऑफ लॉर्डस में जस्टिस लेवेसन की रिपोर्ट पर बहस करते हुए लॉर्ड पॉल ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। जस्टिस लेवेसन की यह रिपोर्ट प्रेस की संस्कृति, तौर तरीकों और मूल्यों के बारे में थी। 46 वर्षीय सल्धाना ने राजकुमार प्रिंस विलियम की पत्नी के बारे में दो ऑस्ट्रेलियाई रेडियो प्रस्तोताओं को कुछ जानकारी दी थी। इन प्रस्तोताओं ने लाइव शो के दौरान उसे कॉल करके उसके साथ मजाक किया जिससे नर्स को लगा कि वे दोनों कोई और नहीं बल्कि खुद महारानी और राजकुमार चार्ल्स हैं। इस घटना के बाद नर्स सल्धाना मृत अवस्था में पाई गई थीं। लॉर्ड पॉल कैपेरो समूह के प्रमुख भी हैं। उन्होंने कहा कि अपनी रिपोर्ट तैयार करते समय लॉर्ड लेवेसन ने भी यह सोचा भी नहीं होगा कि ऑस्ट्रेलियाई रेडियो प्रस्तोताओं का यह मजाक किस तरह एक त्रासदी में बदल जाएगा। लॉर्ड पॉल ने कहा, सल्धाना अपने पति और बच्चों के साथ एक युवा प्रशिक्षित नर्स के तौर पर ब्रिटेन में आई थीं। उन्होंने यहां मेहनत की और देश के लोगों के कल्याण के लिए योगदान दिया। फिर भी वह अनजाने में मीडिया की पीड़ित बनी। लगता है कि पैस के परेशान किये जाने से वह यह कदम उ"ाने को मजबूर हुई होगी। लॉर्ड पॉल ने कहा, मैं शाही परिवार और उनकी बहू के प्रति सहानुभूति रखता हूं क्योंकि वे भी इस त्रासदी के पीड़ित हैं। आगे उन्होंने कहा, यह मामला मीडिया को मिली ताकत के दुरूपयोग की पराकाष्"ा दिखाता है। उन्होंने कहा, ताकत के साथ जिम्मेदारी भी होती है। फिर भी मीडिया अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करने में पूरी तरह असफल रहा है। अब वक्त आ गया है कि इस ताकत को नियंत्रित किया जाए और मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह लॉर्ड जस्टिस लेवेसन की रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को पूरी तरह लागू करें, खासकर तब जबकि इसे सभी दलों का समर्थन हासिल है।
India Alliance :- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को इंडिया गठबंधन की तीसरी बैठक के दौरान सहयोगियों से सत्तारूढ़ पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अधिक हमलों के लिए तैयार रहने को कहा। उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन की बढ़ती ताकत से सरकार परेशान है। उन्होंने देश में हेट क्राइम्स में वृद्धि के लिए भाजपा और आरएसएस पर भी निशाना साधा। इसके साथ राज्यों को नियंत्रण में रखने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया। बैठक के दूसरे दिन इंडिया ब्लॉक के नेताओं को संबोधित करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पटना और बेंगलुरु में हमारी दोनों बैठकों की सफलता का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में न सिर्फ हम पर हमला बोला है, हमारे प्यारे देश के नाम की तुलना आतंकवादी संगठन और गुलामी के प्रतीक से की। उन्होंने कहा कि हमें इस सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के कारण आने वाले महीनों में और अधिक हमलों, अधिक छापेमारी और गिरफ्तारियों के लिए तैयार रहना चाहिए। कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि जितना अधिक इंडिया गठबंधन मजबूत होगा उतना ही अधिक भाजपा सरकार विपक्षी नेताओं के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग करेगी। उन्होंने महाराष्ट्र, राजस्थान, पश्चिम बंगाल में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाइयों और झारखंड के साथ छत्तीसगढ़ में हाल की घटनाओं का भी उदाहरण दिया। खड़गे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज हमारे समाज का हर वर्ग - चाहे वह किसान, युवा, महिलाएं, हाशिए पर रहने वाले लोग, मध्यम वर्ग, बुद्धिजीवी, गैर सरकारी संगठन और पत्रकार हो - सभी भाजपा के सत्तावादी कुशासन के शिकार हैं। हमारी तरफ 140 करोड़ भारतीय अपने दुखों को दूर करने की आशा के साथ देख रहे हैं। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर पलटवार करते हुए खड़गे ने कहा, "भाजपा और आरएसएस ने पिछले नौ वर्षों में जो सांप्रदायिक जहर फैलाया है, वह अब निर्दोष ट्रेन यात्रियों और निर्दोष स्कूली बच्चों के खिलाफ हेट क्राइम्स के रूप में देखा जा रहा है। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि जब देश के एक हिस्से में भयानक बलात्कार में शामिल लोगों को रिहा किया जाता है और सम्मानित किया जाता है, तो दूसरे हिस्से में भयानक अपराधों और नग्न महिलाओं की परेड को बढ़ावा मिलता है। मोदी जी के भारत में कारगिल युद्ध के एक वीर की पत्नी को भी नहीं बख्शा जाता है। कांग्रेस अध्यक्ष ट्रेन में आरपीएफ कांस्टेबल के चार लोगों की हत्या करने, मणिपुर में महिलाओं की नग्न परेड, बिलकिस बानो बलात्कार के आरोपी की रिहाई का जिक्र कर रहे थे। उन्होंने मध्य प्रदेश की घटना का जिक्र करते हुए कहा, "यह हाशिये पर पड़े लोगों के प्रति भाजपा सरकार की उदासीनता है, जिसके कारण उनके नेता गरीब आदिवासियों और दलितों पर पेशाब करते हैं। दोषियों को खुलेआम घूमने के लिए छोड़ दिया जाता है। सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राज्यों को नियंत्रण में रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्यों को कर राजस्व के उनके हिस्से से वंचित किया जा रहा है। विपक्ष शासित राज्यों को मनरेगा का बकाया नहीं दिया जा रहा है। वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार विशेष अनुदान और राज्य विशिष्ट अनुदान जारी नहीं किए जाते हैं। इन्वेस्टर्स को इन्वेस्टमेंट और परियोजनाओं को विपक्ष शासित राज्यों की जगह भाजपा सरकार वाले राज्यों में ले जाने के लिए मजबूर किया जाता है। खड़गे ने सवाल किया कि उन्होंने (राहुल गांधी) मॉरीशस स्थित कंपनी से राउंड ट्रिपिंग के आरोपों और अपारदर्शी निवेश की रिपोर्ट की जेपीसी जांच की मांग की। यह समझ से बाहर है कि प्रधानमंत्री इस मामले (अडानी केस) की जांच क्यों नहीं करा रहे हैं? खड़गे ने आरोप लगाया कि भाजपा एजेंसियों और संस्थानों पर पूर्ण नियंत्रण चाहती है - वह ईडी प्रमुख, सीबीआई निदेशक, चुनाव आयुक्तों, यहां तक कि देश भर की अदालतों के न्यायाधीशों की नियुक्ति को नियंत्रित करने पर अड़ी हुई है। खड़गे के मुताबिक तीन बैठकों के दौरान इंडिया गठबंधन ने एक संयुक्त मोर्चे के रूप में संसद के भीतर और बाहर दोनों जगह सरकार को सफलतापूर्वक जवाबदेह बनाया है। हमारी ताकत सरकार को परेशान करती है। यही कारण है कि इसने संसद में महत्वपूर्ण विधेयकों को आगे बढ़ाया है, हमारे सांसदों को मामूली बात पर निलंबित कर दिया है। हमारे खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव दायर किया, हमारे माइक बंद कर दिए, कैमरों को हमारे विरोध-प्रदर्शन को कवर करने की अनुमति नहीं दी, संसद टीवी पर हमारे भाषणों को खुलेआम सेंसर कर दिया। खड़गे ने खासतौर पर जिक्र किया, "चंद्रयान 3 और इसरो के हमारे वैज्ञानिकों की सफलता, नीरज चोपड़ा और शतरंज के जादूगर प्रगनानंद जैसे खिलाड़ियों की सफलता हम सभी को गौरवान्वित करती है। मैं अगली पीढ़ी को प्रेरित करने के लिए उन सभी को उनकी सफलता पर बधाई देना चाहता हूं। (आईएएनएस)
Bigg Boss 13: Devoleena पर बुरी तरह से भड़के एक्स कंटेस्टेंट Arhaan Khan, बोले- 'मेरे और रश्मि का रिश्ता गहरा...' रश्मि देसाई (Rashmi Desai) और एक्स कंटेस्टेंट अरहान खान (Arhaan Khan) अपने रिलेशनशिप को लेकर हमेशा चर्चा में बने हुए रहते हैं। टीवी रियलिटी शो 'बिग बॉस' के सीजन 13 (Bigg Boss 13) में रश्मि देसाई (Rashmi Desai) और एक्स कंटेस्टेंट अरहान खान (Arhaan Khan) को लेकर लगातार चर्चा में बने हुए हैं। मिली जानकारी के अनुसार, रश्मि देसाई और अरहान खान एक दूसरे को पसंद करते है और एक दूसरे के साथ रिलेशनशिप में हैं। हाल ही में रश्मि की बेस्ट फ्रेंड देवोलीना भट्टाचार्जी (Devoleena Bhattacharjee) ने बिग बॉस के घर में उनको सपोर्ट करने के लिए एंट्री की है। हाल ही में देवोलीना भट्टाचार्जी और रश्मि देसाई बिग बॉस के घर में अरहान खान के बारे में बात करते दिखाई दिए थे। इस दौरान देवोलीना ने रश्मि देसाई को सलाह देते हुए कहा था कि वो अरहान खान से दूर रहे। देवोलीना के इन बातों पर पूर्व सदस्य अरहान खान (Arhaan Khan) ने जवाब दिया है। (इसे भी पढ़े- Bigg Boss 13: Himanshi Khurana का टूटा भरोसा, रश्मि के सामने Asim Riaz के प्यार को बताया 'फिल्मी') एक्स बिग बॉस कंटेस्टेंट अरहान खान (Arhaan Khan) ने स्पॉटबॉय से बातचीत में कहा है, 'देवोलीना कुछ भी कर ले रश्मि को वो मुझसे अलग नहीं कर सकती।' इस पर बात करते हुए अरहान खान ने आगे कहा- 'मुझे देवोलीना पर हैरानी होती है कि वो ऐसी सलाह रश्मि को कैसे दे सकती है। वो रश्मि की पर्सनल लाइफ में जबरदस्ती घुसती नजर आ रही हैं। वो हम दोनों के बीच में बोलकर अच्छा नहीं कर रही हैं।' अरहान खान (Arhaan Khan) ने आगे कहा- 'देवोलीना जिस तरह से बर्ताव कर रही हैं उससे ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं हैं। अगर सलमान खान ने मेरे बारे में ये बाते कहीं होती तो मुझे इससे फर्क पड़ता लेकिन देवोलीना के बोलने से मुझे फर्क नही पड़ता।' (इसे भी पढ़े- Devoleena से पहले Rashami के राखी भाई Mrunal Jain को शो मेकर्स ने किया था अप्रोच, इस वजह से नहीं बन पाए Bigg Boss 13 का हिस्सा) अरहान खान ने कहा- 'आपने देखा होगा देवोलीना भट्टाचार्जी जान बूजकर मेरे बारे में बात करती दिखाई देती है। इस पर रश्मि कुछ भी कहने से बचती नजर आती है। मेरे और रश्मि का रिश्ता बहुत गहरा है और सच्चा भी। मैं अपने रिश्ते को लेकर काफी कोन्फिडेंट हूं। हम दोनों एक साथ है।' बॉलीवुड, हॉलीवुड, साउथ, भोजपुरी और टीवी जगत की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें...बॉलीवुड लाइफ हिन्दी के फेसबुक पेज, ट्विटर पेज, ताजा गॉसिप के लिए हमें Facebook Messenger पर फॉलो करें।
।अकराश (Akrash) मंगल ग्रह मेष राशि का स्वामी माना जाता है। मेष राशि का आराध्य देव भगवान श्री गणेश को माना जाता है। अकराश नाम के लड़कों के जन्म लेने का मौसम काफी सुहावना होता है। इस जाति के अकराश नाम के लड़के रक्त की अशुद्धि से होने वाले रोगों, दांतों में दर्द (पायरिया), ज्वर, अनिद्रा, जल्दी गुस्सा आना, सिरदर्द आदि समस्याओं से अकराश नाम के लड़के पीड़ित रहते हैं। मेष राशि के अकराश नाम के लड़कों में चेहरे की हड्डियों, मस्तिष्क, पीयूष ग्रंथि (पिट्युटरी ग्लैंड) और जबड़े से सम्बंधित बीमारियां होने का खतरा रहता है। मेष राशि के अकराश नाम के लड़कों का अपने मन पर नियंत्रण नहीं होता जिस कारण ये खुद को खाने से रोक नहीं पाते और पेट की बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं। अकराश नाम के लड़के मेहनती होते हैं और कार्य पूरा करने के लिए देर तक काम कर सकते हैं। अगर आप अपने बच्चे का नाम अकराश रखने की सोच रहें हैं तो पहले उसका मतलब जान लेना जरूरी है। आपको बता दें कि अकराश का मतलब मोह लेने वाला होता है। अकराश नाम रखने से आपका बच्चा भी इस नाम के मतलब की तरह व्यव्हार करने लगता है। आपको बता दें कि अपने शिशु को अकराश नाम देकर आप उसके जीवन में सकारात्मक संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं। अकराश नाम रखने से आपका बच्चा भी वो गुण ले लेता है जो इसके अर्थ में समाहित होता है। अकराश नाम वाले व्यक्ति बिलकुल अपने नाम के मतलब की तरह यानी मोह लेने वाला होते हैं। आगे पढ़ें अकराश नाम की राशि, इसका लकी नंबर क्या है, अकराश नाम के मोह लेने वाला मतलब के बारे में विस्तार से जानें। अकराश नाम के लोगों का ग्रह स्वामी मंगल है। इनका शुभ अंक 9 होता है। 9 लकी नंबर वाले लोग दिमागी तौर पर स्वस्थ होते हैं और उनमें मुसीबतों से लड़ने का जुनून होता है। अकराश नाम के लोग सफलता के लिए हर संभव कोशिश करते हैं। भले ही इन्हें ज्यादा मेहनत करनी पड़े, लेकिन ये कभी पीछे नहीं हटते। अकराश नाम वाले लोग किसी भी व्यक्ति या परिस्थति से नहीं डरते, कभी-कभी यही बात इनके लिए परेशानी का सबब बन जाती है। 9 लकी नंबर वाले लोगों में अच्छा नेता बनने के गुण होते हैं। 9 लकी नंबर वाले लोग दोस्ती ही नहीं दुश्मनी भी पूरे साहस से निभाते हैं। जिनका नाम अकराश है उनकी राशि मेष होती है, ये लोग साहसी होते हैं और इन्हें खुद पर भरोसा होता है। ये आत्मविश्वासी होते हैं और हमेशा कुछ जानने की इच्छा रखते हैं। अकराश नाम के व्यक्ति को जोखिम उठाने में बिलकुल भी डर महसूस नहीं होता है। ये लोग नए काम के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। मेष राशि के लोग चुनौतियों को खुशी से स्वीकार करते हैं और ये खूब ऊर्जावान होते हैं। अकराश नाम के लोगों में काफी अहंकार व हठ होता है। ये लोग करियर और पैसों के मामले में किसी तरह का समझौता नहीं करते।
सुधार के बाद रूसी विशेष बलों का भविष्य क्या है? सशस्त्र बलों में सुधार लाने और उन्हें एक नए रूप में लाने के संदर्भ में सैन्य खुफिया और विशेष बलों को पुनर्गठित करने की समस्या शायद समाज में सबसे अधिक चर्चा में है। इसी समय, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि इस मुद्दे पर राय विभाजित हैंः जनसंख्या का एक हिस्सा सुधारों का समर्थन करता है, लेकिन अधिक लोग अभी भी नवाचारों के बारे में बहुत गंभीर रूप से बोलते हैं। द्वारा और बड़े, इस रवैये का मुख्य कारण प्रशंसनीय जानकारी की कमी है, हालांकि विशेष बलों, परिभाषा के अनुसार, अपनी योजनाओं को जनता को समर्पित नहीं करना चाहिए। लेकिन आज, समय के साथ तालमेल बनाए रखते हुए, सैन्य सुधार की समस्या पर चर्चा करना काफी तर्कसंगत लगता है। सैन्य विषय में रुचि रखने वाले लोगों में, अफवाहें हैं कि रूसी विशेष बलों की गुप्त इकाइयां दुनिया भर में गुप्त विशेष अभियान चला रही हैं। लेकिन इस जानकारी को नौसेना खुफिया के 1 रैंक के कप्तान द्वारा मना कर दिया गया था बेड़ा जी। सिज़िकोव। उनके मुताबिक, मयूर काल में इस तरह के ऑपरेशन करने की जरूरत नहीं होती है। बेशक, सैन्य नेतृत्व एक संभावित दुश्मन के बारे में विश्वसनीय डेटा के लिए बाध्य है, लेकिन साधारण स्काउट्स इस कार्य के साथ काफी सामना कर सकते हैं। आज भी, रूसी विशेष बलों के पास एक अधिक महत्वपूर्ण कार्य है - प्रबंधन प्रणाली का पुनर्गठन। सुधार की आवश्यकता को बड़ी संख्या में तथ्यों से संकेत मिलता है। इसलिए, उदाहरण के लिए, विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया के अन्य राज्यों के उदाहरण के बाद, रूसी विशेष संचालन बलों का आधुनिकीकरण करना आवश्यक है। लेकिन साथ ही, रूसी विशेष बलों को इस तरह से आधुनिक बनाने में स्पष्ट अनिच्छा या अक्षमता है कि यह आधुनिकता की आवश्यकताओं को पूरा करती है। इस तथ्य के बावजूद कि रूस में विशेष संचालन बलों के निर्माण के संबंध में निर्णय अभी भी किया गया था, इसके कार्यान्वयन के पहले चरण स्पष्ट रूप से आश्चर्यजनक हैं। इसलिए, यह स्पष्ट नहीं है कि विशेष बलों के अलग ब्रिगेड को अलग क्यों करें या उन्हें अन्य विभागों में अधीनस्थ करें। अक्सर ऐसा होता है कि विशेष बल इकाइयां तैनाती के अपने स्थानों को बदलने के लिए बाध्य होती हैं। इसी समय, राय काफी गंभीरता से व्यक्त की जाती है कि जो लोग सैन्य विभाग के नेतृत्व के फैसलों का समर्थन नहीं करते हैं और जो सशस्त्र बलों में सुधार करना पसंद नहीं करते हैं, उनका कोई स्थान नहीं है। और कभी-कभी स्थिति बेतुकी बात पर खुलकर आती हैः असंतुष्टों को लगभग पूरी तरह से सेना और राज्य के पतन के लिए दोषी ठहराया जाता है। इस तरह के निर्णय से बड़ी संख्या में प्रश्न उत्पन्न हुए हैं, जिनके उत्तर नहीं हैं। यदि यह निर्णय राजनीति से संबंधित है, तो इसकी शीघ्रता को कैसे समझाया जा सकता है? दरअसल, ब्रिगेड के स्थानांतरण के मामले में, उलान-उडे से नोवोसिबिर्स्क तक के क्षेत्र में, और एक सीधी रेखा में इस एक्सएनयूएमएक्स किलोमीटर में एक भी सैन्य इकाई या इकाई नहीं होगी? यदि निर्णय में सैन्य जड़ें हैं, तो कैसे और क्या समझा जाए कि राज्य का एक चौथाई क्षेत्र, जो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है (यह वह जगह है जहां बैकल स्थित है - ताजे पानी का स्रोत), रक्षाहीन है। और सशस्त्र बलों की गतिशीलता कैसे हासिल की जाएगी और संचालन रणनीतिक कमान के पदों की स्थापना की जाएगी, अगर निकटतम सैन्य इकाई XNUMM00 किलोमीटर से अधिक है? इसके मूल में, विशेष बल सेना के विशेष रूप से बनाए गए, प्रशिक्षित और सुसज्जित इकाइयाँ हैं, जिन्हें युद्ध में और युद्धकाल में राजनीतिक, सैन्य और अन्य लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कुछ कार्य करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। लेकिन सोवियत विशेष बलों के खाते में सफल संचालन की एक बड़ी संख्या थी। उनका सबसे अच्छा समय वह समय माना जाता है जब अफगानिस्तान में सैन्य अभियान चलाए जाते थे। उस समय, विशेष बलों में एक्सएनयूएमएक्स अलग ब्रिगेड, दो प्रशिक्षण रेजिमेंट, एक्सएनयूएमएक्स के आदेश में, अलग-अलग कंपनियां शामिल थीं। जब अफगानिस्तान में शत्रुता शुरू हुई, तो यह विशेष बल थे जिन्होंने 14 और 30 को विशेष बलों के अलग-अलग ब्रिगेड बनाने का आधार बनाया, जो संघर्ष क्षेत्र में संचालित थे। युद्ध के वर्षों के दौरान वहां किए गए सभी ऑपरेशनों में से तीन-चौथाई विशेष बलों की सक्रिय भागीदारी के बिना नहीं गए, भले ही उनकी संख्या सोवियत सेना की कुल संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक न हो। चेचन्या में युद्ध के वर्षों के दौरान, जीआरयू विशेष बलों ने भी विशेष अभियान चलाने में सक्रिय भाग लिया। इस अवधि के दौरान, 29 विशेष बलों ने रूस के नायकों का खिताब प्राप्त किया, और 2002 के लिए एक वर्ष के लिए 2 के बारे में हजारों विशेष बलों को लड़ाकू पदक और आदेश दिए गए। इसके अलावा, क्रास्नोडार क्षेत्र में पूर्ण कर्मचारियों को प्राप्त करने के लिए, 10-I विशेष बल विशेष (विशेष) ब्रिगेड को अतिरिक्त रूप से बनाया गया था, जो यूएसएसआर के दौरान क्रीमिया में तैनात था। इस प्रकार, रूसी सशस्त्र बलों के सुधार की शुरुआत के समय, विशेष बलों के पास एक्सएनयूएमएक्स विशेष ब्रिगेड थे। उनमें सोवियत संघ के 9 हीरोज़ और रूस के 5 हीरोज़ शामिल थे। यह इस बात का एक ज्वलंत प्रमाण है कि न केवल विशेष बल के सैनिक अपने विशेष साहस और देश के प्रति वफादारी से प्रतिष्ठित हैं, बल्कि यह भी है कि उनके पास अत्यधिक पेशेवर कौशल और युद्ध के अनुभव का एक बड़ा सौदा है। सभी छह सैन्य जिलों में विशेष बल ब्रिगेड वितरित किए गए। 2005-2007 में, 2, 16, 10 और 22 ब्रिगेड को फेडरल टारगेट प्रोग्राम ट्रांजिशन टू कॉन्ट्रैक्ट के हिस्से के रूप में धन आवंटित किया गया था। 24 और 14 टीमों के लिए पर्याप्त धन नहीं था। 67 विशेष बल विशेष बल ब्रिगेड की स्थिति अत्यंत कठिन थी, क्योंकि कई वर्षों तक इसके रखरखाव और विकास के लिए कोई धन आवंटित नहीं किया गया था। केवल एक चीज जो अपनी तैनाती के स्थान पर की गई थी, वह बैरक का एक प्रमुख ओवरहाल था। इसके अलावा, यदि हम 2003-2010 की अवधि पर विचार करते हैं, तो दोनों टीमों - 14 और 24 - को 3 मिलियन रूबल (! ) के लिए कुल बेस बेस, इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेनिंग ग्राउंड के विकास के लिए मिला। 2007 में, 67-I विशेष बल विशेष बल ब्रिगेड, जो चेचन्या में संचालन करने में लगे हुए थे, को भंग कर दिया गया था। प्रारंभ में, यह माना गया था कि इसकी व्यवस्था के लिए धन आवंटित किया जाएगा, लेकिन फिर अचानक इसे भंग करने का आदेश मिला। इस प्रकार, विशेष बल, जिनके पास व्यापक युद्ध का अनुभव था, राज्य और सरकार के लिए बेकार हो गया। अधिकांश सेनानियों ने छोड़ दिया, कुछ पीछे की समर्थन इकाइयों तक, अन्य सैन्य इकाइयों में सेवा करने के लिए चले गए। और अब "हाथ पहुंच गए हैं" और 24 ब्रिगेड के लिए। प्रारंभ में, यूनिट उलान-उडे में तैनात था। एक अच्छा प्रशिक्षण आधार था, जिसने मुकाबला प्रशिक्षण को सबसे प्रभावी रूप से संचालित करना संभव बना दिया। और चूंकि ब्रिगेड एयरफील्ड से बहुत दूर नहीं थी, इसलिए यह कहना सुरक्षित है कि यह वास्तव में मोबाइल सैन्य इकाई थी। लगभग सभी कर्मियों को आवास प्रदान किए गए थे। और सैन्य आधार और उसके संचार के बुनियादी ढांचे ने नवीनतम विश्व मानकों के अनुसार ब्रिगेड को लैस करने के लिए बहुत अधिक खर्च किए बिना इसे संभव बना दिया। अचानक, सैन्य नेतृत्व ने इसके कारणों को बताए बिना, इरकुत्स्क को ब्रिगेड को स्थानांतरित करने का फैसला किया। इसके अलावा, "पुनर्वास" के लिए कोई धनराशि आवंटित नहीं की गई थी, इसलिए इकाई को अपने दम पर फिर से तैयार करने के लिए मजबूर किया गया था (और यह एक्सएनयूएमएक्स किलोमीटर है)। इस तरह की व्यवस्थाओं से जीता गया सैन्य विभाग पूरी तरह से समझ में नहीं आता है, क्योंकि नई जगह पर न तो एक उपयुक्त प्रशिक्षण आधार था, न ही एक प्रशिक्षण मैदान जहां वे मुकाबला प्रशिक्षण और शूटिंग में लगे हो सकते हैं। इसके अलावा, लड़ाकू, प्रशिक्षण के बजाय, यूनिट की व्यवस्था करने के लिए और अपने खर्च पर मजबूर थे। लेकिन तमाम मुश्किलों के बावजूद, सेना की घटनाओं में उच्च पुरस्कार लेते हुए, 24-I ब्रिगेड शीर्ष पर रही। नई जगह 24 स्पेशल फोर्सेस ब्रिगेड की विकास संभावनाएं बहुत ज्यादा नहीं हैं। नए आंदोलन में फिर से कीमती समय लगता है जिसे युद्ध प्रशिक्षण पर खर्च किया जा सकता है। इसके बजाय, सेनानियों को एक विशाल क्षेत्र की सुरक्षा, बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मजबूर किया जाएगा। ब्रिगेड पूर्ण रूप से युद्ध प्रशिक्षण भी नहीं कर पाएगी, क्योंकि सैन्य इकाई का क्षेत्र खुद शहर के केंद्र में स्थित है, लेकिन प्रशिक्षण का कोई आधार नहीं है। इसके अलावा, नए स्थान पर सैनिकों के जीवन स्तर में काफी गिरावट आएगी, क्योंकि उनके परिवार के सदस्य फिर से बेरोजगार हो जाएंगे और उन्हें बसने के तरीकों की तलाश करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा, क्योंकि रक्षा मंत्रालय उनके लिए काम खोजने में सहायता प्रदान करने का कार्य नहीं करता है। अगर इसी तरह की स्थिति में विकास जारी रहा, तो बहुत जल्द रूस को विशेष बलों के बारे में भूलना होगा। या विशेष बलों के संबंध में नीति को बदलना आवश्यक है। वर्तमान में, विशेष बलों के लड़ाकों का भविष्य केवल राज्य के प्रमुख पर निर्भर करता है, कि वह अंतर्राष्ट्रीय हितों में देश के राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की रक्षा करने में सक्षम बल के अस्तित्व में कितना रुचि रखता है। ऐसा करने के लिए, कार्यों की एक बहुत विस्तृत श्रृंखला के कार्यान्वयन की निगरानी करना आवश्यक है जो वास्तव में विशेष बलों को सुधारने में मदद करेंगे, इसे युद्ध के लिए तैयार, पेशेवर, मोबाइल, कॉम्पैक्ट, अच्छी तरह से सुसज्जित और प्रशिक्षित बल में बदल देंगे। प्रयुक्त सामग्रीः - लेखकः
कोरोना के सभी सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां पूरी की जा रही है. सम्मेलन में मैथिली साहित्य एवं संस्कृति की अविरल धारा लगातार दो दिनों तक बहेगी. जबकि जानकी जन्मभूमि के संरक्षण सहित मैथिली को संवैधानिक अधिकार दिलाने पर होगा विशेष जोर होगा. इसमें विचार गोष्ठी प्रभारी मणिकांत झा के नेतृत्व में जहाँ 'मिथिला, मैथिली एवं मैथिलक उत्कर्ष' विषय पर केन्द्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन होगा। वहीं, हरिश्चंद्र हरित के संयोजन में भव्य अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. सम्मेलन में विशेष रूप से संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल होने के 18 साल बीतने के बाद भी इसे अब तक यथोचित संवैधानिक अधिकार नहीं मिलने के कारणों की पड़ताल किए जाने के साथ ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक परमपूज्य श्रीश्री 1008 गौ संतसेवी श्री महंथ कौशल किशोर दास जी महाराज ने बताया कि मां जानकी के ससुराल में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन के बहाने उनके मायके के लोगों की हो रही भारी जुटान में उनके आवभगत में किसी प्रकार की कमी नहीं हो, इस पर उनका विशेष ध्यान है. साथ ही, रामजन्मभूमि की तर्ज पर मां जानकी की जन्मभूमि के भी सर्वांगीण विकास पर आयोजन समिति की विशेष नजर होगी. उन्होंने बताया कि सम्मेलन के दौरान संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल विभिन्न भाषाओं में उत्कृष्ट साहित्यिक अवदान देने वाले साहित्यकारों सहित अन्य विधाओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले व्यक्तियों को मिथिला रत्न सम्मानोपाधि प्रदान किए जाने के साथ ही भव्य संत समागम का आयोजन किया जाएगा. समीक्षा बैठक में आनलाइन जुड़ते हुए मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने मिथिला एवं अयोध्या के बीच के मधुर संबंधों को रेखांकित करते हुए 19 वें अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के आयोजन के उद्देश्यों को विस्तार से बताया. साहित्यकार मणिकांत झा ने कहा कि यह आयोजन मिथिला और अयोध्या के संबंधों को जीवंत बनाने में मील का पत्थर साबित होगा. सचिव प्रो जीव कांत मिश्र ने कहा कि यह आयोजन सीता के मायके एवं ससुराल के बीच के संबंध को और भी प्रगाढ़ स्वरूप प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. अंतरराष्ट्रीय मैथिली सम्मेलन के अध्यक्ष डा महेन्द्र नारायण राम ने कहा कि ब्रजभूमि वृन्दावन के बाद मैया सीता के ससुराल और मर्यादा पुरुषोत्तम पाहुन राम की जन्म भूमि अयोध्या में आयोजित हो रहा यह आयोजन अनेक रचनात्मक कीर्तिमान गढ़ेगा. मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने कहा कि इस कार्यक्रम के बहाने आम मिथिलावासी को पाहुन राम की जन्मभूमि को करीब से देखने का अवसर मिलने के साथ ही मां जानकी की जन्मभूमि के संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति उत्कंठा जगेगी. स्वागत समिति के अध्यक्ष श्रीश्री 1008 श्री महंथ स्वामी अवधेश कुमार दास जी महाराज ने बैठक में धन्यवाद ज्ञापित करते कहा कि यह आयोजन न सिर्फ यादगार होगा बल्कि कई मायनों में मिसाल गढ़ने वाला भी साबित होगा. बैठक में गणेश झा, जगन्नाथ झा एवं मणिभूषण राजू आदि ने भी अपने विचार रखे।
अजमेर- सलीम दीवान ने विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में ज़ियारत कर दुआ मांगी। सलीम दीवान ने ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर मखमली चादर व अकीदत के फूल पेश की। इस दौरान दीवान ने अपनी आने वाली नई फिल्म की कामयाबी के लिए दुआ मांगी, मन्नत का धागा भी बांधा। सिंगर राजा हसन ने गुरूवार को ख्वाजा साहब की मजार पर मखमली चादर व अकीदत के फूल पेश कर अमन-चैन की दुआ मांगी। इस दौरान उन्हें दरगाह ज़ियारत दरगाह खादिम सईद कुतुबुद्दीन सकी ने करवाई और दस्तारबंदी करके तबर्रूक तकसीम किया। इस दौरान सिंगर राजा हसन ने दरगाह स्थित जन्नती के दरवाजे पर मन्नती धागा बांधा और मन्नत मांगी। दरगाह ज़ियारत के बाद फिल्म अभिनेता ने ख़ास बातचीत में बताया की ख्वाजा साहब के करम से उन्हें दरगाह की हाजरी नसीब हुई है। ख्वाजा साहब के दरबार में उनकी आने वाली नई फिल्म की कामयाबी की दुआ मांगी है।
प्रतिवर्ष 02 दिसंबर को विश्व भर में राष्ट्रीय समुदायों के बीच कंप्यूटर साक्षरता को लेकर जागरूकता पैदा करने और डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने हेतु 'विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस' मनाया जाता है। यह दिवस तकनीकी कौशल को बढ़ावा देने पर ज़ोर देता है। इस दिवस का लक्ष्य बच्चों और महिलाओं को और अधिक सीखने तथा कंप्यूटर का अधिक-से-अधिक उपयोग करने में सक्षम बनाना है। ज्ञात हो कि मौजूदा आधुनिक युग में तेज़ी से बढ़ती तकनीक और डिजिटल क्रांति के कारण कंप्यूटर मानव जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गया है। कंप्यूटर का ज्ञान वर्तमान समय में काफी महत्त्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह बहुत सटीक, तीव्र है और कई कार्यों को एक साथ आसानी से पूरा करने में सक्षम है। इसके अलावा यह स्वयं में बड़ी मात्रा में डेटा संग्रहीत कर सकता है और इंटरनेट का उपयोग करके विभिन्न पहलुओं पर जानकारी प्राप्त करने में भी सहायता करता है। इस वर्ष 'विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस' का विषय 'मानव-केंद्रित रिकवरी के लिये साक्षरताः डिजिटल विभाजन को कम करना' है। समाज के सभी क्षेत्रों में विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 'अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस' का आयोजन किया जाता है। सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1981 को 'विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया था। इसके पश्चात् 1983-92 के दशक को 'विकलांगजनों के लिये अंतर्राष्ट्रीय दशक' घोषित किया गया। वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा प्रतिवर्ष 3 दिसंबर को 'विश्व विकलांगता दिवस' के रूप में मनाने की शुरुआत की गई। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, विश्व की 15.3% आबादी किसी-न-किसी प्रकार की अशक्तता से पीड़ित है। इस प्रकार यह विश्व का सबसे बड़ा 'अदृश्य अल्पसंख्यक समूह' है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की कुल जनसंख्या का मात्र 2.21% ही विकलांगता से पीड़ित है। इस दिवस को मनाने का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य अशक्त-जनों की अक्षमता के मुद्दों पर समाज में लोगों की जागरूकता, समझ और संवेदनशीलता को बढ़ावा देना है। इसके अतिरिक्त यह विकलांगजनों के आत्म-सम्मान, कल्याण और आजीविका की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उनकी सहायता पर भी ज़ोर देता है। 3 दिसंबर, 2021 को उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी है। 3 दिसंबर, 1884 को जन्मे डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक स्वतंत्रता कार्यकर्त्ता, वकील, विद्वान और भारत के पहले राष्ट्रपति थे। वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस का हिस्सा और बिहार तथा महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध नेता थे। जब भारत एक गणतंत्र बना, तो डॉ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का अध्यक्ष चुना गया। डॉ. राजेंद्र प्रसाद वर्ष 1950 से वर्ष 1962 तक देश के राष्ट्रपति रहे। वह देश के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले राष्ट्रपति हैं। इसके अलावा वे राष्ट्रपति के तौर पर दो पूर्ण कार्यकालों तक सेवा देने वाले एकमात्र राष्ट्रपति भी हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के एक कार्यकर्त्ता होने के नाते राजेंद्र प्रसाद को ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान जेल भेज दिया गया। राजेंद्र प्रसाद को वर्ष 1962 में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया था। राजेंद्र प्रसाद का 78 वर्ष की आयु में 28 फरवरी, 1983 को निधन हो गया। पटना में राजेंद्र स्मृति संग्रहालय उन्हें समर्पित है। सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में पारंपरिक 'नमदा शिल्प' को पुनर्जीवित करने और बढ़ावा देने के लिये एक पायलट परियोजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य राज्य के 'कालीन' निर्यात को 600 करोड़ रुपए से 6,000 करोड़ रुपए तक बढ़ाने का प्रयास करना है। 'नमदा परियोजना' से श्रीनगर, बारामूला, गांदरबल, बांदीपोरा, बडगाम और अनंतनाग सहित कश्मीर के छह ज़िलों के 30 नमदा समूहों के 2,250 लोगों को लाभ मिलेगा। 'नमदा' सामान्य बुनाई प्रक्रिया के बजाय फेल्टिंग तकनीक के माध्यम से भेड़ के ऊन से बना एक 'गलीचा' है। कच्चे माल की अनुपलब्धता, कुशल जनशक्ति और विपणन तकनीकों की कमी के कारण वर्ष 1998 से वर्ष 2008 के बीच इस शिल्प के निर्यात में लगभग 100 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
ऑटो डेस्कः बेंगलुरु आधारित इलेक्ट्रिक व्हीकल स्टार्ट अप कंपनी बैरल मोटर्स जल्द ही भारतीय बाजार में एक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल लॉन्च करने जा रही हैं। Barrel Motors इस इलेक्ट्रिक बाइक को Veloc-e (वेलोक-ई) के नाम से बाजार में लॉन्च करेगी। यह इलेक्ट्रिक बाइक भारतीय बाजार में मौजूद अन्य इलेक्ट्रिक बाइक्स की तुलना में काफी अलग होने वाली है। कंपनी की यह मोटरसाइकिल एक इलेक्ट्रिक डर्ट बाइक है जो पहाड़ी और पथरीले रास्तों पर चलाने के लिए डिजाइन की गई है। यह ई-बाइक चट्टान, कीचड़, बर्फ और रेत पर चलाने के लिए डिजाइन की गई है। फिलहाल कंपनी इस बाइक के प्रोटोटाइप मॉडल की टेस्टिंग कर रही है। टेस्टिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बाजार की जरूरत के हिसाब से बाइक का उत्पादन शुरू किया जाएगा। कंपनी का कहना है कि इस बाइक की टेस्टिंग की प्रक्रिया को पूरा करने में एक से डेढ़ साल का समय लग सकता है। कंपनी के अनुसार Veloc-e डर्ट बाइक का उत्पादन 2024 में शुरू किया जा सकता है और इसी साल बाजार में बाइक की बिक्री होगी। Barrel Motors का कहना है कि वह बाजार में बिकने वाली आम कम्यूटर बाइक से अलग केवल ऑफ-रोड इलेक्ट्रिक पर ध्यान केंद्रित कर रही है। बैरल मोटर्स Veloc-e इस सेगमेंट में हीरो एक्सपल्स और केटीएम 390 एडवेंचर जैसी पेट्रोल से चलने वाली मोटरसाइकिलों को टक्कर देगी. कंपनी के मुताबिक Veloc-e बाइक का पॉवर आउटपुट एक 200cc की पेट्रोल बाइक से बेहतर होगा। यह इलेक्ट्रिक बाइक ने केवल अधिक पावर देगी बल्कि इसका टॉर्क भी एक 200cc बाइक से कहीं अधिक होगा। Barrel Motors का कहना है कि वह कुछ ऐसे इलेक्ट्रिक वाहन विकसित कर रही है जो भारतीय सेना की जरूरतों को पूरा करेगी। Veloc-e इलेक्ट्रिक बाइक सीमा से सटे इलाकों में पेट्रोलिंग के लिए इस्तेमाल में लाई जा सकती है। यह बाइक लद्दाख और सियाचिन के कठोर मौसम में भी काम कर सकती है। बैरल मोटर्स Veloc-e दो वेरिएंट में आएगी - एक स्ट्रीट-फ्रेंडली वर्जन जिसमें हाई-परफॉर्मेंस वेरिएंट पर स्विच करने का विकल्प होगा. कंपनी की योजना अंततः एडवेंचर टूरिंग और लंबी दूरी की टूरिंग स्पेस में प्रवेश करने की है। फर्म प्रदर्शन संख्या और यहां तक कि रेंज पर भी चुप्पी साधे हुए है लेकिन सुंदरराजन ने सुझाव दिया कि बाइक एक बार चार्ज करने पर लगभग 150 किमी चलेगी।
आजम खां को न्यायपालिका से न्याय मिल गया है। सरकार की ओर से फंसाए गए सपा के अन्य नेताओं को भी जल्द न्याय मिलेगा। यह बात शनिवार को सपा के राष्ट्रीय सचिव शिवपाल सिंह यादव ने कही। नगर के पूर्व माध्यमिक कन्या विद्यालय में आयोजित किए गए नवनिर्वाचित नगर पालिका अध्यक्ष और सभासदों के शपथ ग्रहण समारोह में पत्रकारों से वार्ता करते हुए सपा के राष्ट्रीय महासचिव और विधायक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि भाजपा की ओर से सपा नेता आजम खां, इरफान सोलंकी, अफजाल अंसारी आदि पर फर्जी मुकदमे लगाए गए। अब न्यायपालिका से आजम खां को न्याय मिल गया है। आगे अन्य लोगों को भी जल्द न्याय मिलेगा। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि साफ-सफाई व जल निकासी की समस्याओं को दुरुस्त करते हुए नगर को सुंदर बनाना है। इसमें यदि पालिका के बजट में कोई कमी पड़ती है तो उसे विधायक निधि से पूरा करूंगा। उन्होंने नवनिर्वाचित चेयरमैन सतनारायण संखवार को विकास कार्यों को कराने में सभासदों की राय को भी प्राथमिकता से तवज्जो देने की सलाह दी। साथ ही उनका भी सम्मान करें। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
मुंबई : शिवसेना नेता संजय राउत पर हुए ईडी के ऐक्शन पर अमरावती की सांसद नवनीत का राणा की प्रतिक्रिया सामने आई है। अकसर शिवसेना पर हमलावर रहने वालीं नवनीत राणा ने कहा कि यह कार्रवाई तो ईडी को कई महीने पहले ही कर देनी चहिए थी। उन्होंने कहा कि पात्रा चॉल समेत कई जगहों पर घोटाला हुआ है। उन्होंने कहा कि संजय राउत 25 से 30 कंपनियों में पार्टनर हैं और उनके साथ मिलकर भ्रष्टाचार कर रहे थे। यही नहीं नवनीत राणा ने कहा कि जनता की गाढ़ी कमाई को भ्रष्टाचार के जरिए खाने वालों के खिलाफ ईडी को ऐक्शन लेने का अधिकार है। नवनीत राणा ने कहा कि संजय राउत तो ईडी के समन का ही जवाब नहीं दे रहे थे। कभी सरकार गठन की बात करते थे तो कभी कहते थे कि संसद के सत्र में व्यस्त हूं। भ्रष्टाचार के मामलों में वही जवाब नहीं दे पाता हो, जो गलत हो। महाराष्ट्र की जनता भ्रष्टाचार करने वालों के विरुद्ध जरूर लड़ेगी। यही छत्रपति शिवाजी महाराज ने हमें सिखाया था। उन्होंने कहा कि यदि आप इतने चरित्रवान हैं तो पहले ही आपको पूछताछ में शामिल होना चाहिए था। यदि आप गरीबों की कमाई से संपत्ति बनाते हैं तो फिर ईडी को पूरा अधिकार है कि पूछताछ की जाए। अमरावती की सांसद शिवसेना पर लगातार हमलावर रही हैं। यही नहीं उद्धव ठाकरे सरकार के कार्यकाल में उन्हें और उनके पति रवि राणा को गिरफ्तार करके जेल भी भेजा गया था। उन्होंने उद्धव ठाकरे के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान किया था, जिसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया था। इसी मसले पर नवनीत राणा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी और फिर उन्हें जेल जाना पड़ा था। करीब दो सप्ताह के बाद नवनीत राणा और उनके पति को बेल मिली थी। नवनीत राणा अकसर शिवसेना पर अटैक करती रही हैं। यही नहीं सीधे उद्धव ठाकरे पर भी वह कई बार निशाना साध चुकी हैं।
है कि जल सूर्य एव चन्द्र को किरणा, वायु सम्बन्ध, गोबर एव गोमूत्र से शुद्ध हो जाता है। इनमें कुछ पदार्थ आधुनिक वैज्ञानिक सोजी से शुद्धिकारक मान लिये गये हैं। एक स्मृति-वचन (भपराकं, १० २७३) के अनुसार वन मे प्रपा (पोसरा या प्याऊ) या कूप के पास रखे हुए घडे ( जिससे काई भी कूप से जल निकाल सकता है) का जल या पत्थर या लक्डी वाले पात्र ( नोरामोवे लिए रहते हैं) का एवं नर्म-पात्र (चरम, मशव आदि) का जल, मले हो उससे सूद का कोई सम्बन्ध न हो, पीने के अयोग्य ठहराया गया है, किन्तु आपत-काल मे ऐसा जल जितना चाहे उतना पोया जा सकता है। इससे प्रकट होता है कि प्राचीन काल मे मो जलाभाव में जल चर्म-पात्र या ढोलक (मशक, जिसे आजकल मिस्तो काम मे लाते है) मे भरकर लाया जाता था और द्विज लोग भी उसे प्रयोग में लाते थे।" अब हम धातुओ एवं पात्रा की शुद्धि की चर्चा करेंगे। बी०६० मू० (१९५१-३४-३५ एव ११६१३७-४१), वसिष्ठ (३७५८ एव ६१-६३), मनु (५/१११-११४), याज्ञ० ( १८१८२ एवं १९०), विष्णु ० (२३१२७, २३-२४), शस (१६॥३-४), स्मृत्यभंसार (५० ७० ) ने धातु-शुद्धि के विषय मे नियम दिये है, जो विभिन्न प्रकार के हैं। अत केवल मनु एव दो-एक के मत यहाँ दिये जायेंगे । मनु (५१११३) का कहना है - बुधा (विद्वान् लोगा) ने उदघोषित किया है कि सोना आदि धातुएँ, मरक्त जैने रत्न एवं पत्थर के अन्य पात्र राख, जल एव मिट्टी से शुद्ध हो जाते हैं, सोने की वस्तुएँ (जो जूठे भोजन आदि से गन्दी नही हो गयी हैं) केवल जल से हो पवित्र हो जाती है। यही बात उन वस्तुओ के साथ भी पायी जाती है जो जल से प्राप्त होती हैं (यथा-सोपी, मूंगा, शरा आदि) या जो पत्थर से बनी होती हैं या चांदी से बनी होती हैं और जिन पर शिल्पकारी नहीं हुई रहती है। सोना-चांदी जल एव तेज से उत्पन्न होते हैं. अत उनकी शुद्धि उनके भूलमूत कारणों से ही होती है, अर्थात् जल से (थोडा अशुद्ध होने पर) एव अग्नि से (अधिक अशुद्ध होने पर)। ताम्र, लोह, कास्य, पीतल, टीन (त्रपु या रोगा) और सौसा को क्षार ( भस्म ), अम्ल एवं जल से परिस्थिति के अनुसार (जिस प्रकार की अशुद्धि हो) शुद्ध किया जाता है।' वसिष्ठ (३२५८, ६१-६३) वा कथन है - 'पु (टीन), सीसा, तांबा की शुद्धि नमक के पानी, अम्ल एव साधारण जल से हो जाती है, कांसा एवं लोह भस्म एव जल से शुद्ध होते हैं। लिंगपुराण (पूर्वाधं, १८९१५८) ने कहा है-कांसा भरम से, लोह-पात्र नमक से तौबा त्रपु एव सीसा पम्ल से शुद्ध होते हैं, सोने एव चाँदी के पात्र जल से, बहुमूल्य पत्थर, रल, मूंगे एवं मोती धातु-पात्रों के समान शुद्ध किये जाते हैं।' और देखिए वामनपुराण (१४॥७०) । मेघातिथि (मनु ५१११४) ने एक उक्ति उद्धृन को है'कमि या पीतल मे पात्र जब गायो द्वारा घाट लिये जायें या जिन्हें गायें सूंघ लें या जो कुत्तो द्वारा घाट या छू लिये जायें, जिनमें धूद्र भोजन कर ले तथा जिन्हें कौए अपवित्र कर दें, वे नमक या मस्म द्वारा १० बार रगडने से शुद्ध हो जाते हैं। देखिए पराशर मी (परा० मा०, जिल्द २, भाग १, पृ० १७२ ) । सामान्य जीवन में व्यवहृत पानी एवं बरतनो को शुद्धि के विषय मे बौघा० ६० सू० (१९५१३४-५० एवं १/६/३३-४२), याज्ञ० (१९१८२-१८३), विष्णु० (२३१२-५), दास (१६१११५) आदि ने विस्तृत नियम दिये हैं। इनका कतिपय नियमो मे मतैक्य नहीं है। मिताब (याश० १११९०) ने कहा है कि यह कोई आवश्यक नहीं है कि तान६८. प्रपास्वरप्पे पटगं च भूपे होच्यां संकोशातस्याप । ऋषि धूत्रात्तवपेयमाहूरापद्गत काशितबत् पिबेश ॥ यम (अपराकं, १० २७३ः १० प्र०, १० १०४) । ६९. गया प्रातानि कांस्यानि श्रोन्टिानि यानि च । शुम्पन्ति दशमि ः काकोपहतानि । मेया० (मनु ५।११३ एवं यास० १९१९० ) । भातुओं के विविध पात्रों (भरतनों) की शुद्धि शुद्धि केवल अम्ल (सटाई) से होती है, अन्य साधन मी प्रयुक्त हो सकते हैं। पात्रों को शुद्धि की विभिन्न विधियो के विषय में लिखना आवश्यक नहीं है। प्रकाश (पू० ११७-११८) की एक उक्ति इस विषय में पर्याप्त होगी कि मध्यकाल में पात्र-शुद्धि किस प्रकार की जाती थी - "सोने, चांदी, मूंगा, रत्न, सीपियो, पत्थरो, कांसे, पोतल, टोन, सोसा के पात्र केवल जल से शुद्ध हो जाते हैं यदि उनमें गन्दगी चिपकी हुई न हो, यदि उनमे उच्छिष्ट भोजन आदि लगे हों तो वे अम्ल, जल आदि से परिस्थिति के अनुसार शुद्ध किये जाते हैं; यदि ऐसे पात्र शूद्रो द्वारा बहुत दिनो तक प्रयोग में लाये गये हो या उनमे भोजन के कणो का स्पर्श हुआ हो तो उन्हें पहले गस्म से मांजना चाहिए और तीन बार जल से घोना चाहिए और अन्त मे उन्हें अग्नि मे उस सीमा तक तपाना चाहिए कि वे समग्र रह सकें अर्थात् टूट न जाये, गल न जायँ मा जल न जायें, तभी ये शुद्ध होते हैं। कांसे के बरतन यदि कुत्तो, कौओ, शूद्रो या उच्छिष्ट भोजन से केवल एक बार छू जायें तो उन्हें जल एक नमक से दस बार मांजना चाहिए, किन्तु यदि कई बार उपर्युक्त रूप से अशुद्ध हो जायें तो उन्हें २१ बार मौजकर शुद्धे करना चाहिए। यदि तोन उच्च वर्गों के पात्र को शूद्र व्यवहार मे लाये तो वह चार बार नमक से धोने एव तपाने से तथा जल से धोये गये शुद्ध हाथों में ग्रहण करने से शुद्ध हो जाता है। सय प्रसूता नारी द्वारा व्यवहृत कौसे का पात्र या वह जो मद्य से अशुद्ध हो गया हो तपाने से शुद्ध हो जाता है, किन्तु यदि वह उस प्रकार कई बार व्यवहृत हुआ हो तब वह पुनर्निर्मित होने में हो शुद्ध होता है। वह काँसे का बरतन जिसमे बहुधा कुल्ला किया गया हो, या जिसमे पर घोये गये हो उसे पृथिवी मे छ मास तक गाड देना चाहिए और उसे फिर तपाकर काम में लाना चाहिए (पराशर ७२४-२५), किन्तु यदि वह केवल एक बार इस प्रकार अशुद्ध हुआ हो तो केवल १० दिनो तक गाड देना चाहिए। सभी प्रकार के धातु-पात्र यदि थोडे काल के लिए शरीर की गन्दगियो, यथा - मल, मूत्र, वीर्यं से अशुद्ध हो जायें तो सात दिनो तक गोमूत्र में रखने या नदी में रखने से शुद्ध हो जाते हैं, किन्तु यदि वे कई बार अशुद्ध हो जायँ या शव, सद्य प्रसूता नारी या रजस्वला नारी मे छू जायें तो तीन बार नमक, अम्ल या जल से धोये जाने के उपरान्त तपाने से शुद्ध हो जाते हैं, किन्तु यदि वे मूत्र से बहुत समय तक अशुद्ध हो जायें तो पुर्नानिमित होने पर ही शुद्ध हो सकते हैं। विष्णु ० (२३।२ एव ५) ने कहा है कि सभी धातुपात्र जब अत्यन्त अशुद्ध हो जाते हैं तो वे तपाने से शुद्ध हो जाते हैं, किन्तु अत्यन्त अशुद्ध लकडी एवं मिट्टी के पात्र त्याग देने चाहिए। किन्तु देवल का कथन है कि कम अशुद्ध हुए काठपात्र तक्षण (छोलने) से या मिट्टी, गोबर या जल से स्वच्छ हो जाते है और मिट्टी के पात्र यदि अधिक अशुद्ध नहीं हुए रहते तो तपाने से शुद्ध हो जाते हैं (याज्ञ० १११८७ मे भी ऐसा ही है ) । किन्तु वसिष्ठ ( ३।५९) ने कहा है कि सुरा, सूत्र, मल, बलगम (इलेप्मा), आँसू, धीव एवं रक्त से अशुद्ध हुए मिट्टी के पात्र अग्नि मे तपाने पर भी शुद्ध नहीं होते। " वैदिक यज्ञो मे प्रयुक्त पात्रो एव वस्तुओ की शुद्धि के लिए विशिष्ट नियम हैं। बौघा० ६० सू० (१1५1५१५२) के मत मे यज्ञों में प्रयुक्त चमस-पात्र विशिष्ट वैदिक मन्त्रो से शुद्ध किये जाते है", क्योकि वेदानुसार जब उनमे सोमरम का पान किया जाता है तो चमस-पात्र उच्छिष्ट होने के दोष से मुक्त रहते हैं। मनु (५१११६ ११७ ), याज्ञ (१९१८३-१८५), विष्णु० (२३१८-११), शख (१६०६ ), पराशर (७१२-३ ) आदि ने भी यज्ञ-पात्रो की शुद्धि के ७०. महामंत्रे पुरोषैर्वा श्लेमपूपाभुशोणितेः । सस्पृष्टं नैव शुध्येत पुनपान मुन्मयम् ॥ वसिष्ठ (३५९= मनु] [५॥१२३)। ७१. वचनाद्यते चमसपात्राणाम् । न सोमेनोच्छिटा भवन्तौति श्रुतिः । ० ० ० (१०५/५१-५२ ) । वेलिए इस प्रत्य का सड २, अध्याय ३३, जहाँ एक के पश्चात् एक पुरोहितों द्वारा चमसों से सोम पीने का उल्लेख है।
बॉल टैंपरिंग मामले में लगे एक साल के बैन के बाद वापसी करते हुए पूर्व ऑस्ट्रेलियाई उप कप्तान डेविड वार्नर ने पहले इंडियन प्रीमियर लीग और फिर विश्व कप में रनों का अंबार लगाया। हालांकि ये दिग्गज इंग्लैंड में खेली जा रही एशेज सीरीज में अब कुछ कमाल नहीं दिखा पाया है। लेकिन कोच जस्टिन लैंगर को यकीन है कि वार्नर बड़ी पारी के बेहद करीब हैं और ये पारी लॉर्ड्स टेस्ट में ही देखने को मिल सकती है। वार्नर ने पहले एशेज टेस्ट की दो पारियों में मात्र 10 रन बनाए। कहा जा सकता है कि विश्व कप और आईपीएल में लगातार बड़ी पारियां खेलने के बाद वार्नर का बल्ला थक गया लेकिन लैंगर का मानना है कि स्टार खिलाड़ी इस तरह के फेज से नहीं गुजरते हैं। वो अगर कुछ पारियों चूक जाते हैं तो इसका मतलब है कि एक बड़ी पारी आने को है। ऑस्ट्रेलिया की टेस्ट टीमः टिम पेन (कप्तान), कैमरन बैनक्रॉफ्ट, पैट कमिंस, मार्कस हैरिस, जॉश हेजलवुड, ट्रेविस हेड, उस्मान ख्वाजा, मार्नस लाबुशाने, नाथन लियोन, मिशेल मार्श, माइकल नेसर, जेम्स पैटिनसन, पीटर सिडल, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, मैथ्यू वेड, डेविड वार्नर।
कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 153वीं बटालियन के सतर्क जवानों ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से भारत छोड़कर भागने की कोशिश कर रहे एक वांछित बांग्लादेशी युवक को गिरफ्तार किया है। उस पर तमिलनाडु के पेरमदुरई स्थित मंदिर में तोड़फोड़ व लूट की साजिश में शामिल होने का आरोप है और गिरफ्तारी के डर से वह वापस बांग्लादेश भाग रहा था। तमिलनाडु पुलिस को उसकी तलाश थी और इसके लिए बंगाल पुलिस व अन्य एजेंसियों को वहां की पुलिस द्वारा अलर्ट किया गया था। इसके बाद बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर मुख्यालय, कोलकाता ने भी अपनी जिम्मेदारी के क्षेत्र में सीमा पर जवानों को सतर्क कर दिया था। इसी दरम्यान राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल यह अति वांछित अपराधी गुरुवार शाम में बीएसएफ के हत्थे चढ़ गया जब वह सीमा चौकी घोजाडांगा के क्षेत्र से बॉर्डर पार कर भागने की फिराक में था। आरोपित का नाम जहांगीर विश्वास (27) है। वह बांग्लादेश के सतखीरा जिले का रहने वाला है। 153वीं बटालियन बीएसएफ के कमांडेंट जवाहर सिंह नेगी ने बताया कि पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि इस मामले में उसके तीन साथियों को चार-पांच दिन पहले तमिलनाडु पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये सभी बांग्लादेशी तमिलनाडु में कंस्ट्रक्शन साइट पर पिछले कई वर्षों से काम करते थे। तमिलनाडु पुलिस के आरोप के अनुसार इस बीच कुछ दिनों पहले जहांगीर व उसके साथियों ने पेरमदुरई के एक मंदिर में तोड़फोड़ व उसमें मौजूद बहुत सारे सोना- चांदी को लूटने की साजिश रची थी। इस बारे में पता चलने पर पुलिस ने उसके तीन साथियों को पकड़ा जबकि जहांगीर गिरफ्तारी के डर से भाग गया था। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर उसकी गिरफ्तारी के लिए सभी एजेंसियों से मदद मांगी थी।
उच्चतम न्यायालय ने 'रीजऩल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम" (आरआरटीएस) परियोजना के निर्माण के लिए धन देने में असमर्थता जताने को लेकर दिल्ली सरकार को सोमवार को फटकार लगाई और उसे पिछले तीन वित्तीय वर्षों में विज्ञापनों पर खर्च किए गए धन का ब्योरा देने का निर्देश दिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने अध्यादेश का स्वागत करते हुए 11 मई से कल रात तक के घटनाक्रम को रखा। उन्होने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की आड़ में केजरीवाल जो मनमानी कर रहे हैं उसे कोई स्वीकार नहीं करेगा। पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भ्रष्टाचार रोधी निगरानी संस्था को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक घंटे के भीतर पेश करने का आदेश दिया। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि एजेंसी ने अदालत परिसर में प्रवेश कर और रजिस्ट्रार की अनुमति के बिना खान को गिरफ्तार कर "अदालत की अवमानना" की है।
लगातार कट्टरपंथ की ओर जा रहे पाकिस्तान में अब सोशल मीडिया को लेकर भी नया नियम आ गया है. इसके तहत अगर वॉट्सऐप इजाजत दे तो सरकार किसी भी आम ग्राहक के वॉट्सऐप चैट को खंगाल सकती है. बात यहीं तक सीमित नहीं, ग्राहक किसी भी सोशल साइट का इस्तेमाल बगैर डरे नहीं कर सकेंगे कि कभी भी उनकी जानकारी सार्वजनिक हो सकती है. कुल मिलाकर इस मामले में भी पाकिस्तान चीन के रास्ते पर है. सीमा हैदर को पाकिस्तानी नहीं, बल्कि ये भारतीय क्रिकेटर है 'सबसे ज्यादा पसंद' इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम 2016 के अंतर्गत नए नियम रिमूवल एंड ब्लॉकिंग ऑफ अनलाफुल ऑनलाइन कंटेंट रूल्स 2020 लाए गए हैं. इसके तहत सोशल मीडिया कंपनियों को सरकारी जांच कंपनी की मांग पर कोई भी जानकारी देनी पड़ सकती है. इसमें बेहद निजी जानकारियां जैसे ग्राहक की सूचना और यहां तक कि उसकी सारी बातचीत भी शामिल है. अब ऐसे में ग्राहक सोशल मीडिया के इस्तेमाल से परहेज करेंगे. यही देखते हुए सोशल नेटवर्किंग कंपनियां जमकर बवाल कर रही हैं. फेसबुक, गूगल और ट्विटर ने मिलकर इस पर एतराज दिखाते हुए कहा कि यही चलता रहा तो उन्हें पाकिस्तान से अपना बोरिया-बिस्तरा समेटने की तैयारी करनी होगी. नए डिजिटल नियम के पालन के लिए सारी सोशल नेटवर्किंग कंपनियों को पाकिस्तान में एक कार्यालय बनाना होगा, जहां के अधिकारी को पाकिस्तान की सरकार चाहे जब तलब कर सके. ये भी पढ़ेंः क्या है मेघालय के घने जंगलों में हरी-नीली रोशनी वाले मशरूमों का रहस्य? बता दें कि इसके लिए सरकार ने उन कंपनियों से कहा है, जिसके देश में 50 लाख से ज्यादा ग्राहक हों. ऐसी कंपनियों को इस्लामाबाद में अपना दफ्तर रखना होगा और समय-समय पर सरकार से बात करनी होगी. वहीं अगर कोई बात सरकार के कायदे के मुताबिक न हो तो कंपनी पर लगभग 50 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है. इस नियम पर पहले ही फरवरी में ड्राफ्ट पर बात हो चुकी है, जिस पर ऑफिस बनाने से कंपनियों ने इनकार कर दिया. इसके अलावा भी पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन अथॉरिटी के कई नियम काफी अजीब हैं, जिनका पालन करना मुश्किल हो सकता है. जैसे फिलहाल सोशल मीडिया पॉलिसी के अनुसार अगर कोई आपत्तिजनक कंटेट पोस्ट हो जाता है तो उसे हटाने के लिए 24 घंटे का समय मिलता है ताकि पूरी जांच के बाद हटाया जा सके. वही पीटीए ने इमरजेंसी में सूचना हटाने के लिए 6 घंटे का समय दिया है. इसके बाद भी लंबा-चौड़ा जुर्माना भरना पड़ सकता है. ये भी पढ़ेंः क्या है अराकान आर्मी, जो चीन की शह पर भारत के काम में अड़ंगा डाल रही है? सबसे ज्यादा बवाल ग्राहकों की जानकारी को सरकार को उपलब्ध कराने की बात पर हो रहा है. समा टीवी में इस बारे में आई रिपोर्ट के मुताबिक टेलीकॉम कंपनी अगर चाहे तो कंपनी को उपभोक्ता की सारी डिटेल देने को कह सकती है. जैसे अब तक वॉट्सऐप चैट एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड होते रहे लेकिन अगर पाकिस्तान का ये नियम लागू हो सका तो उपभोक्ता की जानकारी निजी नहीं रह सकेगी. इसके लिए सोशल मीडिया कंपनियों को अपना डाटा सेंटर पाकिस्तान में बनाने को कहा जा रहा है. चीन तो पाकिस्तान से भी आगे है. वहां सोशल मीडिया की ग्लोबल साइट्स पर पहले से ही बैन लगा हुआ है. इसकी तोड़ के तौर पर तकनीक में बेहद माहिर चीनियों ने अपनी ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स बना डाली हैं. ये भी पढ़ेंः क्या बाइडन का आना कट्टर मुल्क ईरान को इजरायल पर हमले की छूट दे देगा? यही कारण है कि वहां फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप सबकी नकल हाजिर है, जो वहां काफी लोकप्रिय है. जैसे वीबो चीन का अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है. यह ट्विटर और फेसबुक का मिलाजुला रूप है. इसी तरह से गूगल की जगह एक दूसरा सर्च इंजन है, जिसके बाइडू कहते हैं. साल 2005 में चीन में गूगल की एंट्री हुई थी लेकिन 2009 खत्म होते-होते चीन ने इसे सेंसर कर दिया और बाइडू ले आया. और तो और, सुरक्षा का हवाला देकर उसने ट्विटर को भी बैन कर रखा है. .
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर देश को 'मन की बात' कार्यक्रम के माध्यम से संबोधित कर रहे हैं। हर महीने के आखिरी रविवार को डीडी चैनलों और आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले मन की बात कार्यक्रम का ये 91वां एपिसोड है। इसी बीच पीएम मोदी ने कहा कि, इस बार 'मन की बात' हमारे लिए बहुत खास कार्यक्रम है। इसका कारण ये है कि, इस बार का स्वतंत्रता दिवस पर भारत अपनी आज़ादी के 75 वर्ष पूरे करने जा रहा है। हम सभी बहुत अद्भुत और ऐतिहासिक पल के गवाह बनने जा रहे हैं। हम सब को ईश्वर ने ये बहुत बड़ा सौभाग्य दिया है। वहीं, पीएम मोदी ने शहीद उद्यम सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, आज के ही दिन हम सभी देशवासी, शहीद उद्यम सिंह जी की शहादत को नमन करते हैं। मैं ऐसे अन्य सभी महान क्रांतिकारियों को अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। पीएम मोदी ने मन की बात में आगे कहा कि मुझे ये देखकर काफी खुशी मिलती है कि आज़ादी का अमृत महोत्सव एक जन आंदोलन का रूप ले रहा है। देश के सभी इलाकों में समाज के हर वर्ग के लोग इससे जुड़े हुए अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं। इसी दिशा में जुलाई महीने में एक बहुत ही रोचक प्रयास किया गया है, जिसका नाम है आज़ादी की रेलगाड़ी और रेलवे स्टेशन। इसका टारगेट है कि लोग आज़ादी की लड़ाई में भारतीय रेल की भूमिका को जानें। पीएम मोदी ने कहा कि, झारखंड के गोमो जंक्शन को अब आधिकारिक रूप से नेताजी सुभाष चंद्र बोस जंक्शन गोमो के नाम से जाना जाता है। देशभर के 24 राज्यों में फैले ऐसे 75 रेलवे स्टेशनों की पहचान की गई है। इन 75 स्टेशनों को बहुत ही खूबसूरती से सजाया जा रहा है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव को मध्यनजर रखते हुए कहा कि, 13 अगस्त से 15 अगस्त तक देश में एक विशेष अभियान 'हर घर तिरंगा' का आयोजन किया जा रहा है। आप सभी देश वासियो से आग्रह करता हूं कि इस अभियान का हिस्सा बनकर 13 से 15 अगस्त तक आप अपने घर पर तिरंगा जरूर फहराएं।
चंडीगढ़ : हरियाणा में विपक्षी राजनीतिक दल इनेलो को अलविदा करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को हथीन के विधायक केहर सिंह रावत भी इनेलो को अलविदा करते हुए भाजपा में शामिल हो गए। एक सप्ताह में यह दूसरा मौका है जब इनेलो विधायक ने पार्टी को अलविदा करते हुए भाजपा का दामन थामा है। रावत के अलावा पैरालंपिक चैंपियन दीपा मलिक ने भी आज भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया। हथीन से इनेलो विधायक केहर सिंह रावत को लेकर भी पिछले कई दिनों से अटकलों का दौर चल रहा था। रावत की गिनती रणबीर सिंह गंगवा और फरीदाबाद एनआईटी के विधायक नगेंद्र भड़ाना के गुट में होती रही है। हालही में हुए विधानसभा सत्र के दौरान भी कई मुद्दों पर अभय चौटाला व केहर सिंह रावत के बीच मतभेद उजागर हुए हैं। गंगवा के भाजपा में शामिल होने के बाद यह अटकलें लगाई जा रही थी कि इनेलो के दो अन्य विधायक भाजपा में शामिल होने की तैयारी में है। जिसके चलते आज केहर सिंह रावत ने पार्टी प्रभारी अनिल जैन और प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला की मौजूदगी में भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया। केहर सिंह रावत 2014 में इनेलो की तरफ से विधायक चुने गए थे। इससे पिछला चुनाव भी केहर सिंह रावत ने इनेलो की टिकट पर लड़ा था लेकिन 18. 91 फीसदी वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 2014 में केहर सिंह रावत ने बीजेपी के हर्ष कुमार को हराया था। इसी दौरान पैरा ओलंपियन दीपा मलिक भी बीजेपी में शामिल हुई। दीपा मलिक ने बताया कि पिछले 70 सालों में खिलाडिय़ों के लिए काम नहीं किया जितना मोदी सरकार ने पांच साल में किया है। उन्होने कहा कि मेरा परिवार सेना से जुड़ा परिवार रहा है और अब वह बीजेपी सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हो रही हैं। इस अवसर पर बोलते हुए केहर ङ्क्षसह रावत ने कहा कि वह प्रदेश व केंद्र सरकार की नीतियों से प्रभावित होकर ही भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा में शामिल होने के लिए उनका किसी तरह का कोई समझौता नहीं हुआ है। इस अवसर पर भाजपा प्रभारी अनिल जैन ने केहर सिंह रावत का स्वागत करते हुए कहा कि भाजपा में उन्हें उचित मान-सम्मान दिया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी द्वारा बिना किसी भेदभाव के हरियाणा में करवाए गए विकास का परिणाम है कि आज विरोधी राजनीतिक दलों के नेता पार्टी में शामिल हो रहे हैं। (राजेश जैन)
मधुबनी जिला के मधवापुर बाजार में सुरक्षा को देखते हुए मधवापुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एवं मधवापुर प्रशासन आपसी विचार विमर्श कर मधवापुर बाजार में रात्रि प्रहरी नेपाली बहादुर की व्यवस्था व्यापारियों के आर्थिक सहयोग से किया गया। इस व्यवस्था से व्यापारियों में काफी खुशी है। इस व्यवस्था को लागू करने में सभी स्थानीय व्यापारियों से सहयोग एवं समर्थन किया है। साथ ही मधवापुर बाजार में कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने की विचार संस्था द्वारा किया जा रहा है।
जयपुर के श्री पं० भगवान दास जैन उन चुने हुए विद्वानों में से हैं, जिन्होंने भारतीय स्थापत्य और वास्तु शिल्प के अध्ययन में विशेष परिश्रम किया है । सन् १९३६ में ठक्कुरफेरु विरचित 'वास्तु - सारप्रकरण' नामक वास्तु संबंधी महत्वपूर्ण प्राकृत ग्रन्थ को मूल हिन्दी भाषान्तर और अनेक चित्रों के साथ उन्होंने प्रकाशित किया था। उस ग्रन्थ को देखते ही मुझे निश्चय हो गया कि पं० भगवान् दास ने परम्परागत भारतीय शिल्प के पारिभाषिक शब्दों को ठीक प्रकार समझा है और उन पारिभाषाओं के आधार पर वे मध्य कालीन शिल्प-ग्रन्थों के सम्पादन और व्याख्यान के सर्वथा अधिकारी विद्वान् हैं। शिल्प शास्त्र के अनुसार निर्मित मन्दिरों या देव प्रासादों के वास्तु की भी वे बहुत अच्छी व्याख्या कर सकते हैं, इसका अनुभव मुझे तब हुम्रा जब कई वर्ष पूर्व उन्हें साथ लेकर में आमेर के भव्य मन्दिरों को देखने गया और वहां पण्डितजी ने प्रासाद के उत्सेध या उदय संबंधी भिन्न भिन्न भागों का प्राचीन शब्दावली के साथ विवेचन किया । इस प्रकार की योग्यता रखने वाले विद्वान् इस समय विरल ही हैं। भारतीय शिल्प - शास्त्र के जो अनेक ग्रन्थ विद्यमान हैं उनकी प्राचीन शब्दावली से मिलाकर अद्यावधि विद्यमान मंदिरों के वास्तु-शिल्प की व्याख्या, यह एक अत्यन्त आवश्यक कार्य है । जिस की पूर्ति वर्तमान समय में भारतीय स्थापत्य के सुस्पष्ट अध्ययन के लिये आवश्यक है । श्री पं० भगवान दास जैन इस ओर अग्रसर है, इसका महत्वपूर्ण प्रमाण उनका ऊपर किया हुआ। 'प्रासाद- मण्डन' का वर्तमान गुजराती अनुवाद है। इसमें मूल ग्रन्थ के साथ गुजराजी व्याख्या और अनेक टिप्पणियां दी गई हैं और साथ में विषय को स्पष्ट करने के लिए अनेकवि भी मुद्रित है । 'सूत्रधार मंडन' के विषय में हमें निश्चित जानकारी प्राप्त होती है। वे चित्तौड़ के राणा कुंभकर्ण या कुम्भा ( १४३३-१४६८ ई० ) राज्यकाल में हुए राणा कुम्भा ने अपने राज्य में अनेक प्रकार से संस्कृति का संवर्धन किया। संगीत की उन्नति के लिए उन्होंने प्रत्यन्त विशाल संगीत-राज' ग्रंथ का प्रपन किया। सौभाग्य से यह ग्रन्थ सुरक्षित है और इस समय हिन्दू विश्व विद्यालय की ओर से इसका मुद्रा हो रहा है। राणा कुम्भा ने कवि जयदेव के गीत गोविन्द पर स्वयं एक उत्तम टीका लिखी। उन्होंने ही चित्तौड़ में सुप्रसिद्ध कीर्तिस्तंभ का निर्माण कराया। उनके राज्य में कई प्रसिद्ध शिल्पी थे। उनके द्वारा राणा ने अनेक वास्तु और स्थापत्य के कार्य संगदित कराए । 'कीर्तिस्तम्भ के निर्माण का कार्य सूत्रधार 'जइता' और उसके दो पुत्र सूत्रधार नापा और पूजा ने १४४२ से १४४८ तक के समय में पूरा किया । इस कार्य में उसके दो अन्य पुत्र पामा और बलराज भी उसके सहायक थे । राणा कुंभा के अन्य प्रसिद्ध राजकीय स्थपति सूत्रधार मण्डन हुए। वे संस्कृत भाषा के भी अच्छे विद्वान् थे। उन्होंने निम्न लिखित शिल्प ग्रन्थों की संस्कृत में रचना की प्रासाद मण्डन, वास्तु मण्डन, रूप मण्डन, राज-बल्लभ मण्डन, देवता मूर्ति प्रकरण, रूपावतार, वास्तुसार, वास्तु शास्त्र । राजवल्लभ ग्रन्थ में उन्होंने अपने संरक्षक सम्राट् राणा कुंभा का इस प्रकार गौरव के साथ उल्लेख किया है १ - श्री रत्नचन्द्र अग्रवाल, १५ वीं शती में मेवाड़ के कुछ प्रसिद्ध सूत्रधार और स्थपति सम्राट् (Some Famous Soulptors & Architects of Mewar --- 15th century A. D. ) इन्डियन हिस्टॉरिकल क्वार्टरली, भाग ३३, अंक ४ दिसम्बर १९५७ पृ० ३२१ - ३३४ मेद्रपाटे नृपकुभक-स्तदंघ्रिराजीवपरागसेवी । समण्डनारूपो भुवि सूत्रधारस्तेनोद्ध तो भूपतिवल्लभोऽयम् ।" { १४-४३ ) रूपमण्डन ग्रन्थ में सूत्रधार मण्डन ने अपने विषय में लिखा है"श्रीमद्देशे मेदपाटाभिधाने क्षेत्राख्योऽभूत् सूत्रधारो वरिष्ठः पुत्री ज्येष्ठो मण्डनस्तस्य तेन प्रोक्त शास्त्रं मण्डनं रूपपूर्वम् । " इससे ज्ञात होता है कि भराडन के पिता का नाम सूत्रधार क्षेत्र था । इन्हें ही ग्रन्य लेखों में क्षेत्राक भी कहा गया है। क्षेत्राक का एक दूसरा पुत्र सूत्रधार नाथ भी था जिसने 'वास्तु मंजरी' नामक ग्रंथ की रचना की। सूत्रधार मण्डन का ज्येष्ठ पुत्र सूत्रधार गोविन्द और छोटा पुत्र सूत्रधार ईश्वर था। सूत्रधार गोविन्द ने तीन ग्रन्थों की रचना की - उद्धार धोरणि कलानिधि और द्वारदीपिका । कलानिधि ग्रन्थ में उसने अपने विषय में संरक्षक राणा श्री राजमल्ल ( राय मल्ल ) के विषय में लिखा है"सूत्रधारः सदाचारः कलाधारः कलानिधिः । दण्डाधारः सुरागारः श्रिये गोविन्दया दिशत् ।। राज्ञा श्री राजमल्ल (न) प्रीतस्यामि (ति) मनोहरे । प्रणम्यमाने प्रासादे गोविन्दः संव्यधादिदम् ।। " (विक्र. सं १५५४ ) राणा कुंभा की पुत्री रमा बाई का एक लेख (विक्रम सं. १५५४) जावर से प्राप्त हुआ है जिसमें क्षेत्राक के पौत्र और सूत्रधार मण्डन के पुत्र ईश्वर ने कमठारणा बनाने का उल्लेख है - "श्री मेदवाटे वरे देशे कुम्भकर नृपगृहे क्षेत्राकसूत्रधारस्य पुत्रो मण्डन आत्मवान् सूत्रधारमण्डन सुत ईशरए कमठार विरचितं । " ईश्वर ने जावर में विष्णु के मन्दिर का निर्माण किया था । इसी ईश्वर का पुत्र सूत्रधार छोतर था जिसका उल्लेख विक्रम सं. १५५६ (१४६६ ई.) के चितौड़ से प्राप्त एक लेख में प्राया है । यह राणा रायमल के समय में उनका राजकीय स्थपति था। इससे विदित होता है कि राणा कुंभा के बाद भी सूत्रधार मण्डन के वंशज राजकीय शिल्पियों के रूप में कार्य करते रहे। उन्होंने ही उदयपुर के प्रसिद्ध जगदीश मंदिर और उदयपुर से चालीस मील दूर कांकरौली में बने हुए राज समुद्र सागर का निर्माण किया । राणा कुंभा के राज्य काल में राणकपुर में सूत्रधार देपाक ने विक्रम सं. १४६६ (१४३६ ई.) में सुप्रसिद्ध जैन मन्दिर का निर्माण किया। कुंभा की पुत्री रमा बाई ने कुभलगढ़ में दामोदर मंदिर के निर्माण के लिये सूत्रधार रामा को नियुक्त किया। सूत्रधार मण्डन को राणा कुंभा का पूरा विश्वास प्राप्त था। उन्होंने कुभलगढ़ के प्रसिद्ध दुर्ग की वास्तु कल्पना और निर्माण का कार्य सूत्रधार मण्डन को सं. १५१५ (१४५८ ई.) में सौंपा । यह प्रसिद्ध दुर्ग श्राज भी अधिकांश में सुरक्षित है और मण्डन की प्रतिभा का साक्षी है । उदयपुर : से १४ मील दूर एकलिंग जी नामक भगवान् शिव का सुप्रसिद्ध मन्दिर है। उसी के समीप एक अन्य विष्णु मन्दिर भी है। श्री रत्नचन्द्र अग्रवाल का अनुमान है कि उसका निर्माण भी सूत्रधार मन्डन ने ही किया १ - गृह और देवालय आदि इमारती काम को अभी भी राजस्थानीय शिल्पी 'कमठार बोलते है । था । उस मंदिर की भित्तियों के बाहर की ओर तीन रथिकाएं हैं। उनमें नृसिंह वराह विष्णुमुखी तीन मूर्तियां स्थापित है। उनकी रचना रूप मण्डन ग्रंथ में वरिंगत लक्षणों के अनुसार ही की गई है। एक अष्टभुजी मूर्ति भगवान् वैकुण्ठ की है । दूसरी द्वादशभुजी मूर्ति भगवान् अनंत की है और तीसरी सोलह हाथों वाली मूर्ति लोक्य मोहन की है इनके लक्षण सूत्रधार मण्डन ने अपने रूपमण्डन ग्रंथ के तीसरे में (श्लोक ५२-६२ दिये हैं। इनके अतिरिक्त मूत्रधार मण्डन ने और भी कितनी ही ब्राह्मण धर्म संबंधी देव मूर्तियां बनाई थीं ! उपलब्ध मूर्तियों की चौकियों पर लेख उत्कीरण हैं। जिनमें मूर्ति का नाम राखा कुंभा का नाम और सं. १५१५-१५१६ की निर्माण तिथि का उल्लेख है। ये मूर्तियां लगभग कुंभलगढ़ दुर्ग के साथ ही बनाई गई थीं । तब तक दुर्ग में किसी मंदिर का निर्माण नहीं हुआ था, अतएव वे एक वट वृक्ष के नीचे स्वाहित कर दो गई थीं । इस प्रकार को छः मातृका मूर्तियां उदयपुर के संग्रहालय में विद्यमान हैं जिन पर इस प्रकार लेख हैं"स्वस्ति श्री सं० १५१५ वर्षे तथा शाके १३८० प्रवतमा फाल्गुन शुदि १२ बुधे पुष्य नक्षत्रे श्री कुंभल मेरु महादुर्गे महाराजाधिराज श्री कुंभकरणं पृथ्वी पुरन्दरेय श्री ब्रह्माणी मूर्तिः अस्मिन् वटे स्थापिता । शुभं भवत ।। श्री ॥ " इसी प्रकार के लेख माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही और ऐन्द्री मूर्तियों की चरण चौकियों पर भी हैं। इसी प्रकार चतुर्विंशति वर्ग को विष्णु मूर्तियों का भी रूप मण्डन में (अध्याय ३, श्लोक १०-२२) विशद न आया है। उनमें से १२ मूर्तियां कुभलगढ़ से प्राप्त हो चुकी हैं जो इस समय उदयपुर के संग्रहालय में सुरक्षित है। ये मूर्तियां भगवान विष्णु के संकर्षण, माधव, मधुसुदन, प्रोज, प्रदयुम्न, केशव, पुरुषोत्तम, अनिरुद्ध, वासुदेव, दामोदर, जनार्दन और गोविन्द रूप की हैं। इनको चौकियों पर इस प्रकार लेख है"स० १५१६ वर्षे शाके १३८२ वर्त्तमाने आश्विन शुद्ध ३ श्री कुंभमेरी महाराज श्री कुंभकरन वटे संकर्षरण मूर्ति संस्थापिता शुभं भवतु ॥ २॥ इन सब मूर्तियों की रचना रूप मण्डन ग्रन्थ में वर्णित लक्षणों के अनुसार यथार्थतः हुई है । स्पष्ट है कि सूत्रधार मण्डन शास्त्र और प्रयोग दोनों के निपुण अभ्यासी थे। शिल्प शास्त्र में वे जिन लक्षणों का उल्लेख करते थे उन्हीं के अनुसार स्वयं या अपने शिष्यों द्वारा देव मूर्तियों की रचना भी कराते जाते थे । किसी समय अपने देश में सूत्रधार मण्डन जैसे सहस्रों की संख्या में लब्ध कीर्ति स्थपति और वास्तु विद्याचार्य हुए । एलोरा के कैलाश मन्दिर, खजुराहो के कंदरिया महादेव, भुवनेश्वर के लिङ्गराज, तंजोर के बृहूदीश्वर, कोरणार्क के सूर्यदेउल आदि एक से एक भव्य देव प्रासादों के निर्माण का श्रेय जिन शिल्पाचार्यों की कल्पना में स्फुरित हुआ और जिन्होंने अपने कार्य कौशल से उन्हें मूर्त रूप दिया वे सचमुच धन्य ये और उन्होंने ही भारतीय संस्कृति के मार्ग दर्शन का शाश्वत कार्य किया । १ - दे० रहनचन्द्र अग्रवाल, राजस्थान की प्राचीन मूर्तिकला में महाविष्णु संबंधी कुछ पत्रिकाएं, शोधपत्रिका, उदयपुर, भाग ६, अंक १ ( पौष, वि० सं० २०१४ ) पृ० ६, १४, १७ ॥ २ - रत्नचन्द्र अग्रवाल रूप मण्डन तथा कुंभलगढ़ से प्राप्त महत्वपूर्ण प्रस्तर प्रतिमाएं, शोध पत्रिका, भाग ८ अंक ३ ( चैत्र, वि० सं० २०१४ ), पृ० १-१२ उन्हीं की परम्परा में सूत्रधार मण्डन भी थे । देव - प्रासाद एवं नृप मंदिर आदि के निर्माण कता सूत्रवारों का कितना अधिक सम्मानित स्थान था यह मराडन के निम्न लिखित श्लोक से ज्ञात होता है"इत्यनन्तरतः कुर्यात् सूत्रधारस्य पूजनम् 1 भूवित्तवस्त्रालङ्कार-महिष्यश्ववाहनैः प्रत्येषां शिल्पिती पूजा कर्त्तव्या कर्मकारिणाम् । स्वाधिकारानुसारेण वस्त्रताम्बूलभोजनैः ॥ काष्ठपाषाणनिर्माण - कारिणो यत्र मन्दिरे । भुञ्जतेऽसौ तत्र सौख्यं शङ्करत्रिदर्शः सह ॥ पुरावं प्रसादजं स्वामी प्रार्थयेत्सूत्रधारतः । सूत्रधारो वदेत् स्वामिनक्षयं भवतात्तव ॥" प्रसादमण्डनः ८८२-८५ अर्थात् निर्माण की समाप्ति के अनन्सर सूत्रधार का पूजन करना चाहिये और अपनी शक्ति के अनुभ सार भूमि, सुत्र, बस्त्र, अलङ्कार के द्वारा प्रधान सूत्रधार एवं उनके सहयोगी अन्य शिल्पियों का सम्मान करना आवश्यक है । जिस मन्दिर में शिला या काष्ठ द्वारा निर्माण कार्य करने वाले शिल्पी भोजन करते हैं वहीं भनवान् शंकर देवों के साथ विराजते हैं। प्रासाद या देव मन्दिर के निर्माण में जो पुराय है उस पुराय की प्राप्ति के लिये सूत्रधार से प्रार्थना करनी चाहिए, 'हे सूत्रधार, तुम्हारी कृपा से प्रासाद निर्माण का पुराय मुझे प्राप्त हो ।' इसके उत्तर में सूत्रधारक कहे - हे स्वामिन् ! सब प्रकार आप की अक्षय वृद्धि हो । सुत्रधार के प्रति सम्मान प्रदर्शन की यह प्रथा लोक में आजतक जीवित है, जब सूत्रधार शिल्पी नूतन गृह का द्वार रोककर स्वामी से कहता है 'आजतक यह गृह मेरा था, अब आज से यह तुम्हारा हुआ ' उसके अनन्तर गृह् स्वामी सूत्रधार को इष्ट-वस्तु देकर प्रसन्न करता है और फिर गृह में प्रवेश करता है । सूत्रधार मण्डन का प्रासाद - मण्डन ग्रन्थ भारतीय शिल्प ग्रन्थों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है । भण्डन ने ग्राठ अध्यायों में देव- प्रासादों के निर्माण का स्पष्ट और विस्तृत वर्णन किया है । पहले प्रध्याय में विश्व कर्मा को सृष्टि का प्रथम सूत्रधार कहा गया है। गृहों के विन्यास और प्रवेश की जो धार्मिक विधि है, उन सब का पालन देवायतनों में भी करना उचित है । चतुर्दश श्लोकों में जिन जिन प्रासादों के आकार देवों ने शंकर की पूजा के लिए बनाये उन्हीं की अनुकृति पर १४ प्रकार के प्रासाद प्रचलित हुए। उनमें देश-भेद से प्रकार के प्रासाद उत्तम जाति के माने जाते हैं. नागर, द्राविड़, भूमिज, लतिन, सावन्धार ( सान्धार ), विमान-नागर, पुष्पक और मिश्र लतिन सम्भवतः उस प्रकार के शिखर को कहते थे जिसके उरटंग में लता की प्रकृति का उठता हुम्रा रूप बनाया जाता था । शिखरों के ये भेद विशेषकर शृंग और तिलक नामक अलंकरणों के विभेद के कारण होते हैं। प्रासाद के लिए भूमि का निरूपण आवश्यक है। जो भूमि चुनी जाय उसमें ६४ या सौ पद या घर बनाने चाहिए । प्रत्येक घर का एक-एक देव होता है जिसके नाम से बह पद पुकारा जाता है। मंदिर के निर्माण में नक्षत्रों के शुभाशुभ का भी विचार किया जाता है। यहां तक कि निर्माण कर्ता के अतिरिक्त स्थापक अर्थात् स्थपति और जिस देवता का मन्दिर हो उनके भी नवाज नाड़ी वेध का मिलान आवश्यक माना गया है। काष्ठ, मिट्टी, ईंट, शिला, धातु और रत्न इन उपकरणों से मंदिर बनाए जाते हैं, इनमें उत्तरोत्तर का अधिक पुण्य है। पत्थर के प्रासाद का फल अनंत कहा गया है। भारतीय देव प्रासाद अत्यन्त पवित्र कल्पना है। विश्व को जन्म देने वाले देवाधिदेव भगवान का निवास देवगृह या मंदिर में माना जाता है। जिसे वेदों में हिरण्यगर्भ कहा गया है वही देव मंदिर का गर्भगृह है। सृष्टि का मूल जो प्राण तत्त्व है उसे ही हिरराय कहते हैं। प्रत्येक देव प्राणतत्त्व है, वही हिरण्य है । "एकं सद्विप्राः बहुधा वदन्ति" के अनुसार एक ही देव अनेक देवों के रूप में अभिव्यक्त होता है। प्रत्येक देव हिरण्य की एक - एक कला है अर्थात् मूलभूत प्रारग तत्त्व की एक-एक रश्मि है। मंदिर का जो उत्सेध या ब्रह्म सूत्र है वही समस्त सृष्टि का मेरु या यूप है । उसे ही वेदों में 'बाण' कहा गया है। एक बाख वह है जो स्थूल दृश्य सृष्टि का आधार है और जो पृथिवी से लेकर छ लोक तक प्रत्येक वस्तु में प्रोत-प्रोत है। द्यावा पृथिवी को वैदिक परिभाषा में रोदसी ब्रह्माण्ड कहते हैं । इस रोदसी सृष्टि में व्याप्त जो ब्रह्मसूत्र है वही इसका मूलावार है । उसे ही वैदिक भाषा में 'ओपश' भी कहा जाता है। बाण, प्रोपश, मेरु, ब्रह्मसूत्र ये सब समानार्थक हैं और इस दृश्य जगत् के उस प्राधार को सूचित करते हैं जिस ध्रुव बिन्दु पर प्रत्येक प्राणी अपने जीवन में जन्म से मृत्यु तक प्रतिष्ठित रहता है । यह मनुष्य शरीर और इसके भीतर प्रतिष्ठित प्राणतत्त्व विश्वकर्मा की सबसे रहस्यमयी कृति है। देव मंदिर का निर्माण भी सर्वथा इसी की अनुकृति है। जो चेतना या प्राण देव-विग्रह या देवमूर्ति है और मन्दिर उसका शरीर है। प्राण-प्रतिष्ठा से हो पाषाणघटित प्रतिमा देवत्व प्राप्त करती है। जिस प्रकार इस प्रत्यक्ष जगत् में भूमि अन्तरिक्ष प्रौर द्यौः, तीन लोक है, उसी प्रकार मनुष्य शरीर में और प्रासाद में भी तीन लोकों की कल्पना है। पैर पृथिवी हैं, मध्यभाग अन्तरिक्ष है और सिर द्य लोक है । इसी प्रकार मंदिर की जगती या अधिष्ठान पादस्थानीय है, गर्भगृह या मंडोवर मध्यस्थानीय है पौर शिखर द्यलोक या शीर्ष-भाग है। यह त्रिक यज्ञ की तीन प्रस्तियों का प्रतिनिधि है । मूलभूत एक अग्नि सृष्टि के लिये तीन रूपों में प्रकट हो रही है। उन्हें ही उपनिषदों की परिभाषा में मन, प्राण और वाक् कहते हैं । चहां वाक् का तात्पर्य पंचभूतों से है क्योंकि पंचभूतों में प्रकाश सबसे सूक्ष्म है और प्रकाश का गुण शब्द या बाक है। अतएव वाक् को ग्राकाशादि पांचों भूतों का प्रतीक मान लिया गया है। मनुष्य शरीर में जो प्राणाग्नि है वह मन, प्राग और पंचभूतों के मिलने से उत्पन्न हुई है ( एतन्मयो वाऽप्रयमात्मा वाङमयो मनोमयः प्राणमयः शतपथ १४।४।३।१० ) पुरुष के भीतर प्रज्वलित इस अग्नि को ही वैश्वानर कहते हैं ( स एषोऽग्निवैश्वानरो यत्पुरुषः, शतपथ १०।६।१।११ ) । जो वैश्वानर अति है वही पुरुष है। जो पुरुष है वही देव-विग्रह या देवमूर्ति के रूप में दृश्य होता है । मूर्त और अमूर्त, निसक्त और घनिसक्त ये प्रजापति के दो रूप हैं। जो मूर्त है वह त्रिलोको के रूप में दृश्य और परिमित है । जो प्रमूर्त है वह अव्यक्त और अपरिमित है । जिसे पुरुष के रूप में वैश्वानर कहा जाता है वही समष्टि के रूप में पृथिवी अंतरिक्ष और द्यलोक रूप "स यः स वैश्वानरः । इमे स लोकाः । इयमेव पृथिवी विश्वमग्निर्नरः । अंतरिक्षमेव विश्वं वाघुर्नरः । यौरेव विश्वमादित्यो नरः । शतपथ ६।३।११३ ।" इस प्रकार मनुष्य देह, अखिल ब्रह्माण्ड और देव प्रासाद इन तीनों का स्वरूप सर्वथा एक-दूसरे के साथ संतुलित एवं प्रतीकात्मक है । जो पिण्ड में है वही ब्रह्माण्ड में है और जो उन दोनों में हैं उसीका मूर्तरूप देव-प्रासाद है। इसी सिद्धान्त पर भारतीय देव मंदिर की ध्रुव कल्पना हुई है। मंदिर के गर्भ गृह में जो देव विग्रह है वह उस प्रतादि प्रनन्त ब्रह्म तत्व का प्रतीक है जिसे वैदिक भाषा में प्रारण कहा गया है । जो सृष्टि से पूर्व में भी था, जो विश्व के रोम-रोम में व्याप्त है, वही प्रारण सबका ईश्वर है । सब उसके वश में हैं। सृष्टि के पूर्व की अवस्था में उसे असत् कहा जाता है और सृष्टि की अवस्था में उसे ही सत् कहते हैं । देव और भूत ये हो दो तत्त्व हैं जिनसे समस्त विश्व विरचित है। देव, प्रमृत, ज्योति प्रौर सत्य है । भूत मर्त्य, तम और अतृत हैं। भूत को ही असुर कहते हैं । हम सबकी एक ही समस्या है अर्थात् मृत्यु, तम और असत्य से अपनी रक्षा करना और अमृत, ज्योति एवं सत्य की शरण में जाना । यही देव का प्राश्रम है। देव की शरणागति मनुष्य के लिए रक्षा का एक मात्र मार्ग है । यहाँ कोई प्राणी ऐसा नहीं जो मृत्यु और अन्धकार से बचकर प्रमृत और प्रकाश की आकांक्षा न करता हो अतएव देवाराधन ही मर्त्य मानव के लिये एकमात्र श्रेयपथ है । इस तत्त्व से ही भारतीय संस्कृति के वैदिक युग में यज्ञ संस्था का जन्म हुआ। प्राणाग्नि की उपासना ही यज्ञ का मूल है । त्रिलोकी या रोदसी ब्रह्माण्ड की मूलभूत शक्ति को रद्र कहते हैं । 'अग्निवै'रुद्रः' इस सूत्र के अनुसार जो प्राणाग्नि है वही रद्र है । 'एक_एवानिर्बहुधा समिद्धः' इस वैदिक परिभाषा के अनुसार जिस प्रकार एक मूलभूत अग्नि से अन्य अनेक अग्तियों का समिन्धन होता है उसी प्रकार एक देव अनेक देवों के रूप में लोक मानस की कल्पना में आता है। कौन देव महिमा में अधिक है. यह प्रश्न हो असंगत है । प्रत्येक देव प्रमृत का रूप है । वह शक्ति का अनन्त अक्षय स्रोत है । उसके विषय में उत्तर और अधर या बड़े-छोटे के तारतम्य की कल्पना नहीं की जा सकती । देव तत्त्व मूल में अव्यक्त है । उसे ही ध्यान की शक्ति से व्यक्त किया जाता है। हृदय की इस अदभुत शक्ति को ही प्रेम या भक्ति कहते हैं । यज्ञ के अनुष्ठान में और देवप्रासादों के अनुष्ठान में मूलतः कोई अन्तर नहीं है। जिस प्रकार यज्ञ को त्रिभुवन को नाभि कहा जाता था और उसकी अग्नि जिस वेदि में प्रज्वलित होती थी उस वेदि को अनादि अनंत पृथ्वी का केन्द्र मानते थे, उसी प्रकार देव मन्दिर के रूप में समष्टि विश्व व्यस्टि के लिये मूर्त बनता है और जो समष्टि का सहस्र शीर्षा पुरुष है वह व्यष्टि के लिये देव-विग्रह के रूप में मूर्त होता है । यज्ञों के द्वारा देव तत्व की उपासना एवं देव प्रासादों के द्वारा उसी देव तत्व की आराधना ये दोनों ही भारतीय संस्कृति के समान प्रतीक थे। देव मंदिर में जो मूत्त विग्रह को प्रदक्षिणा या परिक्रमा को जाती है उसका अभिप्राय भी यही है कि हम अपने प्रापको उस प्रभाव क्षेत्र में लीन कर देते हैं जिसे देव की महान् प्राणशक्ति या महिमा कहा जा सकता है । उपासना या आराधना का मूलतत्व यह है कि मनुष्य स्वयं देव हो जाय । जो स्वयं प्रदेव है अर्थात् देव नहीं बन पाता वह देव की पूजा नहीं कर सकता । मनुष्य के भीतर प्राण और मन ये दोनों देव रूप ही हैं। इनमें दिव्य भाव उत्पन्न करके ही प्राणी देव की उपासना के योग्य बनता है । . जो देव तत्त्व है वही वैदिक भाषा में अग्नि तत्त्व के नाम से अभिहित किया जाता है । कहा है ---- 'अग्निः सर्वा देवता' अर्थात् जितने देव हैं अग्नि सत्रका प्रतीक है । अग्नि सर्वदेवमय है। सृष्टि की जितनी दिव्य या समष्टिगत शक्तियां हैं उन सबको प्राणाग्नि इस मनुष्य देह में प्रतिष्ठित रखती है । इसी तत्व को लेकर देव प्रासादों के स्वरूपका विकास हुआ। जिस प्रकार यज्ञवेदी में अग्नि का स्थान है उसी प्रकार देव की प्रतिष्ठा के लिए प्रासाद की कल्पना है । देव तत्त्व के साक्षात्कार का महत्वपूर्ण सिद्धान्त यह है कि प्रत्येक प्राणी उसे अपने ही भीतर प्राप्त कर सकता है । जो देव द्यावा पृथिवी के विशाल अंतराल में व्याप्त है वही प्रत्येक प्राणी के अंतःकरण में है। जैसा कालिदास ने कहा है६
नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बीच चलने वाली मेट्रो का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है। मेट्रो के निर्माण के लिए कंपनी का चयन करने के लिए तीसरी बार निकाला गया टेंडर भी निरस्त हो गया। अब चौथी बार इसके लिए टेंडर डाला जाएगा। यह योजना पिछले डेढ़ साल से टेंडर प्रक्रिया में ही उलझी हुई है, जबकि इसकी घोषणा के साथ ही इसे 2022 में प्रारम्भ करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अभी तक इस पर काम भी शुरू नहीं हो सका है। नोएडा सेक्टर-51 से ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 तक मेट्रो लाइन जानी है। तय कार्यक्रम के अनुसार, पहले चरण में सेक्टर-2 तक मेट्रो जाएगी। इसमें पांच स्टेशन सेक्टर-122, 123, सेक्टर-4 ग्रेटर नोएडा वेस्ट, सेक्टर-12 इकोटेक और सेक्ट-2 ग्रेटर नोएडा वेस्ट होंगे। नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एनएमआरसी) ने मई 2020 में पहली बार टेंडर जारी किए थे। जुलाई में खोले गए टेंडर में आईं तीन कंपनियों के कागजातों में कमी मिली थी। इसके बाद फिर से नए सिरे से टेंडर जारी किए गए लेकिन कंपनियों का चयन नहीं हो सका। नवंबर महीने में तीसरी बार टेंडर जारी किया गया। यह टेंडर 18 दिसंबर को खोला गया, लेकिन अब एक दिन पूर्व इस टेंडर को भी निरस्त करने की घोषणा कर दी गई है। अब इसके लिए चौथी बार टेंडर डाले जाएंगे। इस मेट्रो के लिए पहली बार जारी किए गए टेंडर में इसकी लागत 430 करोड़ 69 लाख रुपये रखी गई थी, लेकिन बाद में इसके डिजाइन में कुछ बदलाव किए जाने से इसकी लागत भी बढ़ गई और अब तीसरी बार जारी किए गए टेंडर में सिविल के काम की लागत बढ़ाकर 491 करोड़ रखी गई थी और तय शर्त के अनुसार जो भी कंपनी निर्माण का जिम्मा लेती उसे 20 माह में निर्माण कार्य को पूरा करना होता। नोएडा में चल रही मेट्रो के स्टेशन अभी तक सिर्फ एक मंजिल ही हैं, लेकिन नोएडा-ग्रेनो वेस्ट में चलने वाली मेट्रो के स्टेशन भी अलग ही होंगे और इनका निर्माण चार मंजिल तक किया जा सकेगा। इसका उल्लेख तीसरे टेंडर में भी किया गया था। एनएमआरसी द्वारा जारी टेंडर के अनुसार इन स्टेशनों का निर्माण प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ मंजिल तक किया जा सकेगा। इसके निर्माण का जिम्मा लेने वाली कंपनी को दूसरे तल तक ही निर्माण करना था और उसके ऊपर के दो तलों का निर्माण बीओटी आधार पर किया जाना था। इसका निर्माण करने वाले के द्वारा ही इसका संचालन किया जाएगा। यहां पर दुकानें, बैंक्वेट हॉल, रेस्टोरेंट आदि का निर्माण किया जा सकेगा। नोएडा-ग्रेनो वेस्ट मेट्रो का टेंडर तीसरी बार भी निरस्त हो जाने पर सोशल मीडिया पर भी सवाल उठ रहे हैं। नेफोवा के मनीष की ओर से टेंडर के निरस्तीकरण की सूचना को पोस्ट कर सीईओ प्राधिकरण, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव आदि से सवाल किया गया है कि नोएडा और ग्रेनो वेस्ट को जोड़ने वाली महत्वकांक्षी मेट्रो विस्तार परियोजना की निविदा लगातार तीसरी बार निरस्त। आखिर इस परियोजना में इतना विलम्ब क्यों? इस पोस्ट पर अनेक लोगों ने कमेंट कर सवाल भी उठाए हैं और कहा है कि मेट्रो की घोषणा का लाभ बिल्डरों ने ले लिया और अब मेट्रो के ना चल पाने से यहां पर रहने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं। नोएडा-ग्रेनो वेस्ट के बीच चलने वाली मेट्रो की डीपीआर को अभी तक केंद्र से मंजूरी नही मिल पाई है। इस वजह से भी काम शुरू होने में अटकाव है। यूपी सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। एनएमआरसी के अधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि जल्द केंद्र से मंजूरी मिल जाएगी।
ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में जीत के लिये 444 रन का रिकॉर्ड लक्ष्य दिया.ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी आठ विकेट पर 270 रन के स्कोर पर घोषित की. एलेक्स कैरी ने 105 गेंद में 66 और मिचेल स्टार्क ने 47 गेंद में 51 रन बनाये. दोनों ने सातवें विकेट के लिये 120 गेंद में 93 रन की साझेदारी की. ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए 444 रनों के विशाल टारगेट के जवाब में भारत ने चौथे दिन का खेल खत्म होने तक दूसरी पारी में 4 विकेट खोकर 164 रन स्कोरबोर्ड पर लगा दिए हैं. विराट कोहली 60 गेंदों पर 7 चौकों की मदद से 44 रन बनाकर नाबाद लौटे. अजिंक्य रहाणे भी 20 रन बनाकर क्रीज पर हैं. विराट कोहली ने अपनी इस 44 रनों की पारी के दौरान रिकॉर्ड्स की झड़ी लगा दी. विराट कोहली ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीनों फॉर्मेट में कुल मिलाकर 5000 रन बनाने का कारनामा कर दिया है. ऐसा करने वाले वह सिर्फ दूसरे बल्लेबाज हैं. कोहली से पहले सचिन ने ये मुकाम हासिल किया था. कोहली एक टीम के खिलाफ इंटरनेशनल क्रिकेट में 5 हजार रन का आंकड़ा छूने वाले सिर्फ तीसरे बल्लेबाज हैं. कोहली से पहले डॉन ब्रैडमैन ने ऑस्ट्रेलिया केे खिलाफ जबकि सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ ये बड़ी उपलब्धि हासिल की थी. - डॉन ब्रैडमैन बनाम इंग्लैंड (5028) - सचिन तेंदुलकर बनाम ऑस्ट्रेलिया (6707) - सचिन तेंदुलकर बनाम श्रीलंका (5108) - विराट कोहली बनाम ऑस्ट्रेलिया (5003*) यही नहीं, कोहली अब ICC नॉकआउट मैचों में भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं. उन्होंने महान सचिन तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. कोहली ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट और वनडे दोनों में 2000 रन बनाने वाले दुनिया के चौथे बल्लेबाज भी बन गए हैं. इससे पहले ये मुकाम विवियन रिचर्ड्स, डेसमंड हेन्स और सचिन तेंदुलकर ने हासिल किया था. - 657 - सचिन तेंदुलकर (14) - 620 - रोहित शर्मा (17) - 514 - सौरव गांगुली (8) - 458 - युवराज सिंह (14)
Nigrain Lite डॉक्टर के लिखे गए पर्चे पर मिलने वाली दवा है। यह दवाई टैबलेट में मिलती है। माइग्रेन के लिए मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाती है। Nigrain Lite को कितनी मात्रा में लेना है, यह पूर्ण रूप से रोगी के वजन, लिंग, आयु और पिछले चिकित्सकीय इतिहास पर निर्भर करता है। इसकी खुराक मरीज की समस्या और दवा देने के तरीके पर भी आधारित की जाती है। नीचे दिए गए खुराक के खंड में इस बारे में पूरी जानकारी के साथ बताया गया है। इनके अलावा Nigrain Lite के कुछ अन्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं, जो नीचे दिए गए हैं। सामान्य तौर पर Nigrain Lite के साइड इफेक्ट लंबे समय तक बने नहीं रहते हैं और एक बार जब इलाज खत्म हो जाता है तो ये भी ठीक हो जाते हैं। अगर ये दुष्प्रभाव और ज्यादा बिगड़ जाते हैं या ठीक नहीं होते तो अपने डॉक्टर से तुरंत बात करें। इसके अलावा Nigrain Lite का प्रभाव प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अज्ञात है और जो महिलाएं बच्चों को दूध पिलाती हैं, उन पर इसका प्रभाव अज्ञात है। इसके अतिरिक्त Nigrain Lite का लिवर, हृदय और किडनी पर क्या असर होता है इस बारे में नीचे Nigrain Lite से जुड़ी चेतावनी के सेक्शन में चर्चा की गई है। अगर आपको पहले से ही कुछ समस्याएं हैं तो इस दवा का उपयोग न करें, इससे दुष्परिणाम हो सकते हैं। डिप्रेशन, पार्किंसन रोग इन समस्याओं के कुछ उदाहरण हैं। आगे ऐसी अन्य समस्याएं भी बताई गई हैं जिनमें Nigrain Lite लेने से आपको दुष्प्रभाव अनुभव हो सकते हैं। Nigrain Lite को कुछ दवाओं के साथ लेने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। इन प्रतिक्रियाओं की विस्तृत सूची नीचे दी गई है। ऊपर बताई गई सावधानियों के अलावा यह भी ध्यान में रखें कि वाहन चलाते वक्त Nigrain Lite लेना असुरक्षित है, साथ ही इसकी लत नहीं पड़ सकती है। यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Nigrain Lite की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Nigrain Lite की खुराक अलग हो सकती है। क्या Nigrain Lite का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है? गर्भवती महिलाओं पर Nigrain Lite का असर क्या होगा इस बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है। इसलिए इसकी सही जानकारी मौजूद नही है। क्या Nigrain Lite का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है? स्तनपान कराने वाली स्त्रियों पर Nigrain Lite के क्या प्रभाव होंगे। इस बारे में शोध कार्य न हो पान के चलते कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिलहाल इसको लेने से पहले डॉक्टर से पूछना जरूरी है। Nigrain Lite का प्रभाव गुर्दे पर क्या होता है? किडनी पर Nigrain Lite के खराब प्रभावों को जाने बिना भी आप इसका सेवन कर सकते हैं, क्योंकि इसका हानिकारक प्रभाव बेहद कम है। Nigrain Lite का जिगर (लिवर) पर क्या असर होता है? Nigrain Lite से लीवर को किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचती है और आपके लीवर पर होने वाले इसके बुरे प्रभाव कम होते है। क्या ह्रदय पर Nigrain Lite का प्रभाव पड़ता है? हृदय पर Nigrain Lite के साइड इफेक्ट दिखाई दे सकते हैं। क्या Nigrain Lite आदत या लत बन सकती है? नहीं, Nigrain Lite को लेने के बाद आपको इसकी आदत नहीं पड़ती है। क्या Nigrain Lite को लेते समय गाड़ी चलाना या कैसी भी बड़ी मशीन संचालित करना सुरक्षित है? नहींं, Nigrain Lite लेने के बाद आपको नींद आने लगेगी और कोई काम ठीक से नहीं कर पाएंगे। क्या Nigrain Lite को लेना सुरखित है? डॉक्टर के कहने के बाद ही Nigrain Lite का सेवन करें। वैसे यह सुरक्षित है। क्या मनोवैज्ञानिक विकार या मानसिक समस्याओं के इलाज में Nigrain Lite इस्तेमाल की जा सकती है? मस्तिष्क विकारों के लिए Nigrain Lite को लेने से कोई फायदा नहीं हो पाता। क्या Nigrain Lite को कुछ खाद्य पदार्थों के साथ लेने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है? Nigrain Lite व खाने को साथ में लेने से क्या प्रभाव होंगे इस बारे में शोध न हो पाने के कारण आंकड़े मौजूद नहीं हैं। जब Nigrain Lite ले रहे हों, तब शराब पीने से नकारात्मक प्रभाव पड़ता है क्या? रिसर्च न होने के कारण Nigrain Lite के नुकसान के विषय में पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। अतः डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
जब पूरा शरीर फिट होता है, लेकिन हाथ मोटे होते हैं, तो पूरा बॉडी देखने में थोड़ा अजीब लगता है। इसलिए हम आपके लिए लेकर आएं हैं हाथ पतला करने के लिए योगासन। 4 मिनट के इस वीडियो में हम आपको बताएंगे कि किस तरह आप योगा के माध्यम से बहुत आसानी से अपने हाथ की चर्बी को कम कर सकते हैं और अपने हाथों को स्लिम बना सकते हैं। (और पढ़ें - हाथों की चर्बी कैसे कम करें) - इस वीडियो में सबसे पहले स्क्वाट पोजीशन के बारे में बताया गया है। इस पोजीशन को करने के लिए वीडियो में जिस तरह दिखाया गया है उस मुद्रा में आ जाएं और इसका अभ्यास करें। जब हम इस मुद्रा को करते हैं, तो हमें हमारे गर्दन और कंधों पर तनाव महसूस होता है। साथ ही इससे हमारे हाथों की मांसपेशियों पर खिंचाव पड़ता है, जो हाथ की मसल्स को टोन करने में मदद करता है। इसके अलावा इससे कंधे और शरीर के पीछे के भाग के ऊपरी हिस्से में खिचाव आता है, जो इन्हें मज़बूत बनाता है। इस मुद्रा को करते समय भरपूर सांस लेना न भूलें। - इसके बाद अब वो प्लैंक पोजीशन के बारे में बता रहीं है और साथ में पुशअप्स के बारे में भी। इस पोजीशन में सबसे ज़्यादा बल हमारे हाथों पर पड़ता है, जो हाथों का फैट कम करने में बेहद लाभयादक है। साथ ही ये मुद्रा पेट की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है और पीठ व कमर दर्द से भी राहत दिलाता है। इसके अलावा इसे करने से शरीर में लचीलापन भी बढ़ता है। - प्लैंक पोजीशन के बाद वो अधो मुख श्वानासन के बारे में बता रहीं हैं। इस पोजीशन में शरीर का पूरा भार हाथ और पंजो पर होता है। हाथ पर भार होने की वजह से हाथ की मसल्स मज़बूत होती हैं, जिससे हाथ की चर्बी को करने में मदद मिलती है। साथ ही इस मुद्रा को करने से लचीलापन बढ़ता है और शारिरिक क्षमता भी बेहतर होती है। इसके अलावा ये पोजीशन हांड्डियों को मज़बूत बनाती है। इस पोजीशन को करते समय भी भरपूर सांस लेना न भूलें। (और पढ़ें - हाथ की चर्बी कम करने के उपाय)
काशी शिव जी की नगरी है। कार्तिक पूर्णिमा के दीपोत्सव में देवता भी सहभागी होते है। इसीलिए यह देव दीपावली के रूप में प्रतिष्ठित है। योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से अयोध्या में त्रेता युग के दीपोत्सव की झलक दिखाई दी थी,उसी प्रकार देव दीपावली भी दिव्य और भव्य बन गई। गंगा जी के किनारे अनेक घाट अद्भुत प्रकाश से दैदीप्यमान हो उठे। सब तरफ शम्भू शम्भू नमामि शम्भू का उद्घोष होने लगा। देव दीपावली का यह दृश्य विलक्षण था। नरेंद्र मोदी ने प्रथम दीप प्रज्ज्वलित कर आयोजन का शुभारम्भ किया। इसके साथ ही काशी के आदिकेशव से अस्सी तक सभी घाट क्षण भर में ही असंख्य दीयों की रोशनी से जगमगा उठे। प्रधानमंत्री जी कार्तिक पूर्णिमा एवं देव दीपावली और गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी। हर हर महादेव के उद्घोष से संबोधन प्रारम्भ किया। कहा कि सौ साल पहले माता अन्नपूर्णा की चोरी हुई मूर्ति वापस आ रही है। हमारे देवी देवताओं की प्राचीन मूर्तियां हमारी विरासत हैं। काशी की विरासत अब लौट रही है। माँ अन्नपूर्णा की कृपा से किसानों को बिचैलियों व उनका शोषण करने वालों से मुक्ति मिल रही है। रेहड़ी पटरी वालों को भी बैंक सहायता प्रदान कर रहे हैं। देश लोकल के लिए वोकल भी हो रहा है। वोकल फॉर लोकल जीवन का हिस्सा बनना चाहिए। सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है,तो विरोध शान्त हो जाता है। गंगा जी काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम के निकट आ गई है। काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने नेतृत्व में एक भारत, श्रेष्ठ भारत का निर्माण हो रहा है। अयोध्या में पांच शताब्दी का सपना साकार हुआ। काशी के आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को बनाए रखते हुए इसे वैश्विक मंच पर स्थापित किया है। छह वर्षों में मां गंगा को निर्मल एवं अविरल बनाया गया है। अब गंगा जल से आचमन किया जा सकता है। प्रधानमंत्री के प्रयासों से काशी विश्वनाथ व मां गंगा को जोड़ने का कार्य श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर धाम के माध्यम से हजारों साल बाद हो रहा है। प्रयागराज कुम्भ दो सौ देशों के राजदूतों को आमंत्रित कर दुनिया के वैश्विक मंच पर कुम्भ को स्थापित किया गया।
हॉलीवुड की सुपर सितारा एंजेलिना जोली शौकिया तौर पर गहनों के डिजाइन बनाती हैं और उनका चैरिटी ट्रस्ट इन गहनों को लगभग सौ दुकानों के माध्यम से पूरे विश्व में बेचता है। इसके लाभ से आम जनता की भलाई के काम किए जाते हैं। हाल ही में एंजेलिना के ट्रस्ट ने वर्षों से संकट से जूझते अफगानिस्तान में कन्याओं के लिए एक स्कूल की स्थापना की है और निकट भविष्य में इस तरह के कुछ और स्कूल खोले जाएंगे। विगत वर्ष वे सीरिया के दौरे पर गई थीं और वहां के हालात देख रो पड़ी थीं। ज्ञातव्य है कि एंजेलिना पहले भी अफगानिस्तान का दौरा कर चुकी हैं और राजनीतिक षड्यंत्र के शिकार लोगों से मिल चुकी हैं। यह संभव है कि आहत मानवता के लिए कुछ करने के प्रयास में एक कलाकार की संवेदनाओं को धार मिलती है और इस तरह के अनुभव उनके अभिनय में उनकी मदद करते हैं। इसका यह अर्थ नहीं कि एंजेलिना स्वयं के अभिनय को मांजने के लिए आहत लोगों की मदद करती हैं। नेक इरादों पर संदेह नहीं किया जा सकता। इस प्रकरण में गौरतलब बात यह है कि अमेरिकी सरकार बम बरसाती है और वहां के कलाकार जख्मों पर मरहम लगाते हैं। इसे मिलीभगत का खेल नहीं कह सकते। एंजेलिना के कामों का रिकॉर्ड उनके पक्ष में है। अमेरिका की सरकार अमेरिका के जनसमूह की भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करती। हमारा हॉलीवुड फिल्मों के द्वारा अमेरिका के आम आदमी की पसंद-नापसंद को समझने का तरीका उतना ही गलत होगा, जितना किसी भी देश के द्वारा भारत को उसके सतही सिनेमा से समझने का दावा करना। क्या विगत 65 वर्षों में भारत की सरकारों द्वारा किए गए कार्य भारत के अवाम की आकांक्षा का प्रतिनिधित्व करते हैं। जनता द्वारा चुनी हुई सरकारें जनभावना के अनुरूप आचरण करती हों - यह संदिग्ध है। यह संभव है कि एंजेलिना जोली ने बुश को वोट दिया हो और उसे इसका अफसोस भी न हो, परंतु वे आहत अफगानिस्तान को राहत देने का प्रयास भी करती हैं अर्थात लोकप्रिय लहरों से प्रभावित हमारा राजनीतिक मत हमारी संवेदनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता। चीन का अवाम अपने देश के नेताओं का समर्थन नहीं करता। चीन में युवा वर्ग अंडरग्राउंड क्लब में रॉक संगीत के मजे लेता है, जबकि चीन की कम्युनिस्ट सरकार अमेरिकन जीवन-शैली का विरोध करती है। क्या पाकिस्तान का आम आदमी यह चाहता है कि उसकी सरकार पड़ोसी देश में आतंक मचाने वालों की मदद करे? पाकिस्तान का आम आदमी तो अपने ही देश में हिंसा के तांडव से परेशान है। सारांश यह कि अवाम के मतों से ही चुनी हुई सरकारें, उसी अवाम की संवेदनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं। यह काम साहित्य करता है, विशेषकर कविता करती है। कभी-कभी यह काम सिनेमा भी करता है। कोई भी सरकार के आला अफसर या मंत्री साहित्य से कतई जुड़े नहीं हैं, इसलिए आम आदमी की संवेदना से अनभिज्ञ हैं। इतना ही नहीं तमाम शिक्षण संस्थाओं में साहित्य के छात्रों की संख्या विज्ञान या कॉमर्स के छात्रों से बहुत कम है। शिक्षण संस्थाओं में लोग वही विषय पढ़ते हैं, जिससे उन्हें नौकरियां मिलें या दहेज लाने वाली पत्नियां मिलें। नौकरी और छोकरी सोच का केंद्र हो तो साहित्य भला कौन साधे और क्यों साधे? एंजेलिना जोली ने अपने वक्तव्य में 'चिल्ड्रन ऑफ काइसिस' कहा है अर्थात युद्धरत या लगभग युद्ध जैसे माहौल को भुगतने वाले देशों के बच्चों की उन्हें चिंता है। उनकी सरकार ने इराक या अफगानिस्तान में इतने बम बरसाए हैं कि शायद ही कोई उद्यान वहां सुरक्षित हो या सड़कें सुरक्षित हों। इन मुल्कों में संकट के समय पैदा हुए बच्चे संभवतः चली हुई कारतूस के खोल से खेलते होंगे। उनके खेलने के लिए शायद ही कोई उद्यान बचा हो। उनके फेफड़ों में बारूद भर गई होगी। उनका लालन-पालन ध्वस्त इमारतों के बीच हो रहा है। उन्हें लोरियां सुनने के बदले खतरे के सायरन सुनने पड़े हैं। रोती-बिलखती मां के आंचल में दूध कहां से आता, वे नीर पीकर पल रहे हैं। अगर ये बच्चे जवां होकर स्वयं हथियार हो जाएं तो कोई आश्चर्य नहीं। अमेरिका को नहीं मालूम कि वह क्या बो रहा है? एंजेलिना द्वारा खोले गए स्कूल कोशिश कर सकते हैं कि ये बच्चे हथियार न बनें। एक तरह से वे ध्वस्त तोप के दहाने में चिडिय़ा का घोंसला बनाने का प्रयास कर रही हैं। कविता इस तरह जीवित रहती है। वही मनुष्य का आखिरी संबल है। यह सच है कि कविता से पेट नहीं भरता, परंतु पेट भरने से ही कोई जीता भी तो नहीं। एंजेलिना जोली ने बच्चे गोद भी लिए हैं। प्रचारित तौर पर युवा केंद्रित दुनिया में बच्चों और बूढ़ों के लिए स्थान नहीं होता, परंतु प्रचार कब सच होता है। मानवीय करुणा की धुरी पर ही संसार चल रहा है। इस प्रकरण से यह भी ज्ञात होता है कि अभिनय से प्ाप्त लोकप्रियता का उपयोग सामाजिक कार्यों के लिए कैसे किया जा सकता है। रमेश तलवार के नाटक 'काबुलीवाला की वापसी' में रवींद्रनाथ टैगोर की कहानी 'काबुलीवाला' जिस पर बंगाली और हिंदी में फिल्में बन चुकी हैं, के आगे की घटनाओं की कल्पना है कि किस तरह काबुलीवाला की प्रिय बालिका की डॉक्टर बेटी अफगानिस्तान जाकर घायलों की सेवा करते हुए उस दयामय काबुलीवाले की अपनी बेटी या उसके वंशजों को खोजती है, जिसने उसकी मां के बचपन में अपनी बेटी की छवि देखकर अपार स्नेह दिया था। स्वार्थहीन कार्य अनजान दुर्गम स्थानों पर कोंपलों के रूप में उगते हैं।
देशभर में आज सिख धर्म के पहले गुरु श्री गुरुनानक देव जी महाराज का 550वां प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। मध्य प्रदेश के होशंगाबाद का प्रकाश पर्व अपने आप में खास मना जाता है। दरअसल, प्राचीन काल में स्वर्ण स्याही से श्री गुरु नानक जी द्वारा लिखी गई अमर गुरुमुखी वाणी जिस ग्रन्थ के 1430 पन्नों में दर्ज है वह ग्रन्थ साहिब नर्मदा किनारे स्थित श्री गुरु ग्रन्थ साहिब गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में आज भी उपस्थित है। लगभग 350 वर्ष पहले धर्म प्रचार करते हुए होशंगाबाद में आये गुरु नानक जी ने नर्मदा किनारे मंगलवारा घाट पर राजा हुशंगशाह के बगीचे में बहुत ज्यादा समय बिताया था। इस दौरान गुरुवाणी में मिले मन्त्रों को पंजाब के कीरतपुर साहिब के ग्रन्थ साहिब में अंकित किया था। यह सिख समुदाय का दूसरा हस्तलिखत ग्रन्थ है। जिसमें अमिट सवर्ण स्याही बनाने का रहस्य भी उपस्थित है। गुरुद्वारा सेवक राजपाल चड्डा ने बताया कि सन 1718 में इस ग्रन्थ का निर्माण हुआ। इसमें गुरु नानक जी द्वारा बताए गए मन्त्र स्तुति पंजाबी लिपि में दर्ज हैं। जानकार बताते हैं कि यह जगह पाक के करतारपुर से भी ज्यादा जरूरी है। 1430 पन्नों के ग्रन्थ के आखिरी पन्ने में स्वर्ण स्याही बनाने का रहस्य के बारे में बताया गया है। इसमें लिखा है कि स्वर्ण स्याही बनाने के लिए विजय सार की लकड़ी का पानी, कीकर की गोंद, काजल को तांबे के बर्तन में रखकर बनाया जाता है। ग्रन्थ में नीम की लकड़ी के जरिए इस अमिट स्याही से शब्द उकेरे गए हैं। वहीं, होशंगाबाद के सिख समुदाय के लोगों ने पीएम नरेंद्र मोदी से अपील की है कि जो कोशिश उनके द्वारा करतारपुर कॉरिडोर खोलने के लिए किए गए वही कोशिश होशंगाबाद में ऐतिहासिक भव्य गुरुद्वारा खोलने के लिए किया जाए।
चुवाड़ी-चंबा जिला के प्रवेश द्वार सांझी नाला और हटली चैक पोस्ट के माध्यम से रविवार को महाराष्ट्र, पंजाब व चेन्नई से 35 लोग घर वापस पहुंचे हैं। इन चैक पोस्टों पर मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों द्धारा लोगों की जांच पडताल के बाद निगरानी हेतु बार्डर बफर क्वारंटाइन केंद्र भेज दिया गया है। इसके अलावा रविवार को हिमाचल के विभिन्न जिलों से करीब 65 लोगों ने इन चैक पोस्टों के माध्यम से जिला में प्रवेश किया है। जानकारी के अनुसार रविवार को सांझी नाला चैक पोस्ट से महाराष्ट्र, चेन्नई व पंजाब से 29 लोग पहुंचे हैं, जबकि हटली बैरियर के जरिए छह लोग आए हैं। इन लोगों की चैक पोस्ट पर थर्मल स्कैनिंग के जरिए स्वास्थ्य जांच के बाद वाहनों के जरिए नजदीकी बार्डर बफर क्वारंटाइन केंद्र में शिफट कर दिया गया। जहां आगामी चौदह दिनों तक यह इन केंद्रों में प्रशासन की निगरानी में रहेंगें। इसके अलावा रविवार को ही प्रदेश के विभिन्न जिलों से हटली चैक पोस्ट पर 30 लोगों ने अपनी एंट्री दर्ज करवाई है। सांझी नाला चैक पोस्ट के जरिए चंबा जिला में आने वाले लोगों का आंकडा 35 के आस- पास रहा है। उधर, सांझी नाला चैक पोस्ट प्रभारी एवं नायब तहसीलदार चुवाडी आशीष ठाकुर ने बताया कि बाहरी राज्यों से आए लोगों को बार्डर बफर क्वारंटाइन में भेजा गया हैं, जबकि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए लोगों को होम क्वारंटाइन में रहने के निर्देश देकर घर भेजा गया है। बहरहाल, रविवार को हटली व सांझी नाला चैक पोस्ट से बाहरी राज्यों से 35 और प्रदेश के विभिन्न जिलों से 65 लोगों ने एंट्री की है। चंबा। राइजिंग स्टार पब्लिक स्कूल चंबा के आठवीं कक्षा के छात्र पुष्कर बिजलवान ने पेंटिंग के माध्यम से वैश्विक कोरोना वायरस महामारी से लोगों की जिदंगियां बचाने में जुटे डाक्टरों, नर्सिग स्टाफ व पुलिस कर्मचारी आदि कोरोना योद्धाओं को सलाम ठोंका है। पुष्कर बिजलवान का कहना है कि यही लोग इस विकट परिस्थिति में लोगों को इस महामारी की चपेट में आने और बचाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। पुष्कर बिजलवान ने साथ ही लोगों से भी कोरोना वायरस संक्त्रमण से बचाव को लेकर जारी सरकारी व प्रशासनिक हिदायतों का पालन करने का आह्वान भी किया है।
लखनऊ। लखनऊ की विशेष (भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम) अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के निलंबित अधिकारी मणिलाल पाटीदार की जमानत याचिका सोमवार को खारिज कर दी। विशेष अदालत की न्यायाधीश शालिनी सागर ने पाटीदार की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन्होंने अपने आदेश में कहा कि पाटीदार पर लोक सेवक के पद पर रहते हुए गंभीर प्रकृति के अपराध को अंजाम देने का आरोप है, लिहाजा उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती।
जून 24 और 27 के बीच वियना में संपर्क केंद्र विश्व प्रतियोगिता में Renault MAIS को 4 अवार्ड मिला। संपर्क केंद्र विश्व प्रतियोगिता भविष्य के ग्राहक अनुभव के मुख्य दर्शन के ढांचे के भीतर आयोजित की जाती है। रेनॉल्ट MAIS ने 4 श्रेणी में प्रतियोगिता में भाग लिया और यूरोप, मध्य पूर्व और अफ्रीका के फाइनल में 4 से सम्मानित किया गया। Renault MA ,S, 3 स्वर्ण और 1 रजत श्रेणी में डायलॉग में प्रदान की गई सेवाओं के साथ 4 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। Renault MA RenaS A.Ş की सेवाओं में सर्वश्रेष्ठ ग्राहक सेवा, सर्वश्रेष्ठ सामाजिक मीडिया प्रबंधन और सर्वश्रेष्ठ प्रौद्योगिकी / नवाचार की श्रेणियों में एक्सएनयूएमएक्स स्वर्ण पदक शामिल हैं; उन्हें सर्वश्रेष्ठ संचार केंद्र (मध्यम) श्रेणी में रजत पदक से सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता का विश्व फाइनल दिसंबर में एशिया प्रशांत और अमेरिका के फाइनल के बाद बार्सिलोना में होगा। ग्राहक संतुष्टि के ओईएके के दृष्टिकोण के अनुरूप, रेनॉल्ट एमएİएस ने डिजिटल परिवर्तन के लिए बहुत महत्व दिया है कि उसने 2,5 साल पहले नींव रखी थी। इस दिशा में, यह अपने ग्राहकों को एक व्यक्तिगत, आसान और अनोखा अनुभव प्रदान करता है, जिसमें वॉइस सेवाओं से लेकर सामाजिक और डिजिटल चैनलों तक, Diyalog प्लेटफॉर्म शामिल है। डायलॉग कम्युनिकेशन लाइन, दुर्घटना और खराबी जैसी स्थितियों में तत्काल हस्तक्षेप सेवाएं प्रदान करते हुए, Renault Yardım अपनी सोशल मीडिया और डिजिटल चैनल टीम के साथ-साथ Renault लिस्टिंग के साथ निर्बाध सेवा प्रदान करता है, जहां सभी अनुप्रयोगों और अनुरोधों का मूल्यांकन किया जाता है, और गुणवत्ता और संतुष्टि नियंत्रण खोजों।
कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला द्वारा रविवार को आयोजित किए जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मेलन पर जिला प्रशासन द्वारा रोक लगा दी गई है। विधायक शुक्ला ने इसे अवैधानिक और भाजपा के नेताओं को खुश करने का जरिया निरूपित किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं के कहने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने यह फैसला लिया है। दरअसल विधानसभा क्षेत्र 1 के विधायक संजय शुक्ला द्वारा हर रविवार को अपने विधानसभा क्षेत्र के वार्ड में कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इस सम्मेलन में वार्ड के बुजुर्गों तथा कोरोना योद्धाओं का सम्मान होता है। रविवार 14 नवंबर को वार्ड 7 के कांग्रेसियों का सम्मेलन हंसराज मठ पीलिया खाल पर आयोजित किया गया था। इस आयोजन की सूचना विधायक शुक्ला द्वारा जिला प्रशासन के अधिकारियों को नियम के अनुसार भेज दी गई थी। मामले में उन्हें मल्हारगंज एसडीएम पराग जैन द्वारा एक पत्र भेजा गया जिसमें अनुमति निरस्त करने की जानकारी दी गई है। इस मामले विधायक शुक्ला ने कहा कि कोरोना के नाम पर एक ओर बुजुर्गों का सम्मान करने से रोका जा रहा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार द्वारा पूरे प्रदेश से आदिवासियों को इकट्ठा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजन किया जा रहा है। इंदौर का जिला प्रशासन एक ओर कोरोना के नाम पर भीड़ इकट्ठी होने से रोकने के लिए कदम उठाने की बात करता है तो दूसरी ओर खुद भोपाल के आयोजन में भाग लेने के लिए जा रहे आदिवासियों के लिए कैंप बनाकर व्यवस्था करने में लगा हुआ है। इस समय सारे शहर में सभी तरह के आयोजनों को अनुमति दी जा रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि इंदौर की जनता सब जानती है। भाजपा के शासन में जो कुछ हो रहा है उसका सही समय पर सही जवाब इंदौर की जनता देगी। मामले में एसडीएम पराग जैन ने बताया कि कोरोना को लेकर सितम्बर में जारी आदेश अभी यथावत है जिसमें समारोह, धरना, प्रदर्शन, रैली आदि प्रतिबंधित है। इसके पालन में उक्त अनुमति निरस्त की गई है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
देश का इतिहास गवाह है कि क्रांतिकारियों ने इसकी स्वतंत्रता के लिए संचालित सशस्त्र संघर्ष में 1925 में नौ अगस्त को लखनऊ के पास ऐतिहासिक काकोरी ट्रेन ऐक्शन को अंजाम दिया तो ब्रिटिश साम्राज्य बुरी तरह हिल उठा था, क्योंकि इस ऐक्शन के तहत क्रांतिकारियों ने उसके विरुद्ध निर्णायक युद्ध छेड़ने के लिए अस्त्र-शस़्त्र खरीदने हेतु धन जुटाने हेतु ट्रेन से ले जाया जा रहा सरकारी खजाना सफलतापूर्वक लूट लिया था. ज्ञातव्य है कि गोरखपुर में उनकी शहादत के दिन ही ब्रिटिश साम्राज्य ने उनके दो साथियों अशफाकउल्लाह खां और रौशन सिंह को क्रमशः फैजाबाद व इलाहाबाद की मलाका जेलों में फांसियों पर लटका दिया था. राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी को गोंडा की जेल में इससे दो दिन पहले 17 दिसम्बर, 1927 को ही शहीद कर दिया गया था. ग्यारह जून, 1897 को उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में माता मूलारानी और पिता मुरलीधर के पुत्र के रूप में जन्मे 'बिस्मिल' का व्यक्तित्व इस अर्थ में बहुआयामी था कि उसमें संवेदशील कवि/शायर, साहित्यकार व इतिहासकार के साथ-साथ एक बहुभाषाभाषी अनुवादक भी था. 1915 में भाई परमानंद को फांसी की सजा सुनाये जाने से उद्वेलित होकर वे क्रांतिकारी बने तो जल्दी ही उन गिनी-चुनी क्रांतिकारी विभूतियों में से एक बन गये थे, जिनका कलम व क्रांति से एक-सा रिश्ता था. जानकार बताते हैं कि अपने क्रांतिकर्म के लिए जरूरी हथियार उन्होंने अपनी पुस्तकों की बिक्री से प्राप्त रूपयों से ही खरीदे थे. उन्हें जीवन के सिर्फ 30 साल ही मिले, मगर इस दौरान उनके द्वारा राम और अज्ञात आदि उपनामों से लिखी गई कुल 11 पुस्तकें प्रकाशित हुईं. ये सबकी सब जब्त कर ली गयी थीं. यह भी पढ़ेंः जब तक जनता 'राजनीतिक उपभोक्ता' बनी रहेगी, उसे ऐसे ही महंगाई झेलनी पड़ेगी! बिस्मिल को शहादत भले ही शहादत काकोरी ऐक्शन का नेतृत्व करने को लेकर हासिल हुई, ऐतिहासिक 'मैनपुरी षडयंत्र' में भी उनकी कुछ कम भूमिका नहीं थी. वहां कांतिकारी गेंदालाल दीक्षित के पैदल सैनिकों, घुड़सवारों व हथियारों से सम्पन्न 'मातृवेदी' संगठन के बैनर पर बिस्मिल ने अंग्रेजों के खिलाफ जो सशस्त्र संघर्ष चलाया, उसमें एक मुकाबले में कहते हैं कि पचास गोरे सैनिक मारे गये और 35 क्रांतिकारी देश के काम आये थे. तब बिस्मिल को दो वर्षों के लिए भूमिगत हो जाना पड़ा था. अंगे्रजों ने उन्हें मैनपुरी षडयंत्र केस का भगोड़ा घोषित कर उसमें पकड़े गये क्रांतिकारीयों को लम्बी-लम्बी सजायें सुना दीं तो बिस्मिल ने चंद्रशेखर 'आजाद' के नेतृत्व वालेे हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के साथ क्रांतिकारी गतिविधियों का नया दौर आरम्भ किया. हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें. कम ही लोग जानते हैं कि बिस्मिल की शहादत के बाद क्रूरतम रूप में आई गरीबी और सामाजिक कृतघ्नता ने इस वीर माता को भी खून के आंसू रुला दिये थे. बिस्मिल की दादी को भी उनकी शहादत की कुछ कम कीमत नहीं चुकानी पड़ी थी. अपनी दुस्सह निर्धनता के दिनों में उन्हें उस दान पर निर्भर करना पड़ा था, जो एकादशी आदि पर शहीद की दादी नहीं, ब्राह्मणी होने के चलते उन्हें मिल जाता था. क्रांतिकारी संघर्षों के इतिहास के गम्भीर अध्येता सुधीर विद्यार्थी बताते हैं कि उन दिनों क्रांतिकारियों की शहादतों के प्रति सामाजिक कृतघ्नता चरम पर थी. ब्रिटिश साम्राज्य के कहर और कोप के डर से लोग उनसे दूर रहने में ही भलाई समझते थे. लेकिन 1936 में तुर्की, अब तुर्किए, के क्रांतिकारी मुस्तफा कमाल पाशा ने साउथ ईस्ट अनातोलिया स्थित अपने देश के दियारबाकिर राज्य में 'बिस्मिल शहर' बसाकर उनकी शहादत को सलाम किया था. दियारबाकिर अरबी का शब्द है, जिसका अर्थ है विद्रोहियों का इलाका. पाशा ने दियारबाकिर से ही क्रांति की शुरुआत की थी. उन्होंने अपने संस्मरणों में भी खुद को बिस्मिल से बेहद प्रभावित बताया है. वे उनके लिए भारतीय क्रांति के प्रतीक थे. यों, यह मामला एकतरफा नहीं था. बिस्मिल पर भी पाशा का जादू सिर चढकर बोलता था. 1922 में, जब तुर्की में विजय दिवस मनाया गया था, बिस्मिल ने 'प्रभा' पत्रिका में 'विजयी कमाल पाशा' शीर्षक लेख लिखा था. अपनी शहादत से दो दिन पूर्व तक बिस्मिल गोरखपुर में जेल अधिकारियों की नजर बचाकर अपनी आत्मकथा लिखते रहे थे. इस आत्मकथा को तीन बार में चुपके-चुपके बाहर भेजा गया और बिस्मिल के शहादत वर्ष में ही प्रकाशित कराया गया था. बिस्मिल ने नौजवानों में क्रांति की चेतना पैदा करने वाली कुछ कविताएं और गजलें भी रची हैं, लेकिन उनकी आत्मकथा का इस अर्थ में ज्यादा महत्व है कि वह क्रांतिकारी आन्दोलन की शक्ति ही नहीं, उसकी कमजोरियों का भी पता देती है. इसका भी कि किस तरह कई क्रांतिकारी नामधारियों की प्रांतीयताजनित संकीर्णताएं व भेदभाव क्रांतिकारी आन्दोलन की जड़ें मजबूत करने में गम्भीर बाधाएं खड़ी करते रहते थे और किस तरह विभिन्न ऐक्शनों में कमजोर इच्छाशक्ति वाले साथी पुलिस के दमन, अत्याचार व माफी जैसे प्रलोभनों के सामने टूटकर सारा भेद खोल देते थे. काकोरी ऐक्शन में बिस्मिल को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में भी ऐसे साथियों की बड़ी भूमिका थी. बिस्मिल के ही शब्दों में हालत यह थी कि 'जिन्हें हम हार समझे थे, गला अपना सजाने को, वही तब नाग बन बैठे थे हमारे काट खाने को. ' इन 'काट खाने को बैठे' नागों में सबसे बड़ा नाम उस बनारसीलाल का था, जिसने पुलिस के बहकाने पर सेशनकोर्ट में अपने बयान में यह तक कह दिया था कि बिस्मिल क्रांतिकारी आन्दोलन के लिए धन जुटाने हेतु अंजाम दिये गये ऐक्शनों से हासिल रूपयों से अपने परिवार का निर्वाह करता है. यह बनारसीलाल 'क्रांतिकारी' बनने से पहले रायबरेली जिला कांग्रेस कमेटी का मंत्री रह चुका था और असहयोग आन्दोलन में उसने छः महीनों कैद की सजा भी भोगी थी. बिस्मिल उस पर बहुत स्नेह रखते थे और आन्दोलन में पैसों की तंगी के वक्त भी उसे किसी तरह की कोई कमी नहीं होने देते थे. फिर भी वे उसे इकबाली मुल्जिम बनने से नहीं रोक पाये थे. अपनी अंतिम गजल में संभवतः इसी को लेकर उन्होंने लिखा थाः मिट गया जब मिटने वाला फिर सलाम आया तो क्या! दिल की बर्बादी के बाद उनका पयाम आया तो क्या! मिट गईं जब सब उम्मीदें मिट गए जब सब खयाल, उस घड़ी गर नामावर लेकर पयाम आया तो क्या! आखिरी शब दीद के काबिल थी 'बिस्मिल' की तड़प, सुब्ह-दम कोई अगर बाला-ए-बाम आया तो क्या! (कृष्ण प्रताप सिंह फैज़ाबाद स्थित जनमोर्चा अखबार के स्थानीय संपादक और वरिष्ठ पत्रकार हैं. व्यक्त विचार निजी हैं)
से रावण घनरा गया, और खड्ग को त्याग बरछी ले रामचन्द्रजी पर धावा करना चाहा परन्तु इतने अवसर में रामचन्द्रजी के सारथी ने घोड़ों की बाग ऐसी सावधानी से फेरी कि रथ तात्काल पछि हट गया और रावण की वार व्यर्थ गई, और इसके उतर में रामचन्द्रजी ने एक माय धनुष से ऐसा छोड़ा जो रावण के हृदय को बेषता हुमा पार हो गया और वह दीन रथ से नीचे गिर पड़ा ।। चौपाई । गिरा भुमि पर जब दस कन्धर, महा परतापी वीर धुरन्धर । राक्षस सारे भए दुखारी, सुरादिक सर्व भए सुखारी ।। डा ! देखिये ! रावण भूमि पर तड़प रहा है, और शेष सेना जो उसी मैदान की विस्त्रित भूमि में उतर की ओर डटी थी अभी तक युद्ध कर रही है और इधर विजय पताका अकाश में उड़ने लगा, महाराज रामचंद्र जी के जय २ कार की ध्वनि प्रकाश तक पहुंच गई, प्रसन्नता द्योतक हर्ष जनक शब्द सब ओर से आने लगा और शत्रु दल ने शस्त्र फेंक श्री रामचंद्र जी की मांगी ।। पाठक महाशय ! रावण की भूमि पर तड़फते विभषिय को भ्रातृप्रेम ने घेरा, शीघ्रता से रथ को चला उस के निकट जा पहुंचा, परंतु खेद कि इतने में वह परलोक यात्रा कर चुका था और मृत्यू ने उस के शरीर को ठण्डा कर दिया था, अव रावण हाथ पांव फैलाये मृत्यु शय्या पर पड़ा है, शरीर रुधिरा कांत है परंतु मृग के समान नेत्र वैसे ही खुले हैं, जैसे कि पाहिले थे । विभविण को भाई की यह दशा देखते ही उस की विद्वत्ता के कथन, वीरता के व्याख्यान और वव युक्त साहसमय पूर्वोक्त कथन स्मरण प्रागये, उधर वंश के विनाश और अपने एक मात्र रह जाने और सव के वियोग ने इस के आतुर हृदय को और भी विदग्ध कर दिया, सब ज्ञान के वचन इस समय भस्मीभूत हो धूम्र रुप धारण कर के मस्तिष्क को चढ़ गये और वेसुध हो भूमी पर गिर पड़ा जब तनिक सुघ आई तो उठ कर बैठ गया ।। अब देखिये दोनों हाथ भुमि पर टेके रावण के मुख को देखता हुआ हाय भ्राता हाय भ्राता ! कह कर कैसे विलपि कर रहा है और बहुत से बीर सर्दार इसकी चारों ओर बैठे रो रहे हैं । वह तो मंदादरी भी इस की मृत्यु का समाचार सुन रथारूढ़ हो रोती चिल्लाती भारही है, छा ! जैसे यह उस मृतक शरीर के निकट पहुंची और अपने स्वामी को रुघिरा कांत हाथ पांव फैलाये भूमि पर पड़े देखा वेसुध हो गिर पड़ी, जय आई तो रो रो कर कहने लगी " हा ! पति वेरी यह दश। क्योंकर हुई तुम से तो इन्द्र, यम, कुवेर आदि डरते थे आज तुम्हारी वह वीरता कहाँ गई जो इस प्रकार बेसुध पड़े हो ! हाथ मेरे कथन का उत्तर क्यों नहीं देते ? स्वामिन् ! आप के सिवा मुझ अधीर को कोई धैर्य देने वाला दीख नहीं पड़ता, हा ! मिया पुल पहिले ही सिधार गये, पौल मपौल भी दीख नहीं पड़ते । इा ! बीर कुंभकरण सरीखा देवर भी इस युद्ध की भेटा हुआहा ! विधाता अब मैं किधर जाऊं क्या करूं स्वामिन् ! आप को बहुतेरा समझाया लाखों यत्न किये कि आप इस छठ को छोड़ दें परंतु खेद कि आप ने एक न मानी' पाठकगण ! मंदोदरी इस प्रकार विलप कर ही रही थी कि महाराज रामचंद्र जी और लक्ष्मण जी वहां पर आगये और कहने लगे, मंदोदरी तू आप बुद्धिमति है तनिक नयाय पूर्वक आप ही कहो कि जो दशा तेरे पुत्र या पौत्रों की हुई उस में किस का अपराध है देवी ! जब तू स्वयं दूर दर्शिनी और नयाकारिणी है तो धर्म से न्याय कर कि तेरा स्वामी जो अतीवाभिमानी प्रात्मश्लाघा और किसी की बात को न सुनने वाला था, उस की यह गत होनी चाहिये थी या नहीं ? तुम ने स्वयं बहुतेरा समझाया और हमने भी सहसो यत्न किये परंतु इस ने तनिक ध्यान न दिया अब कहिये इस को यह दिन भी देखना या या नहीं ? रानी संतोष कर कर्मरेख द्वारे नही दरती इस में किसी
नयी दिल्लीः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर पहले दौर की वोटिंग कल होनेवाली है। इससे पहले मंगलवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने अपने चुनावी घोषणा पत्र को जारी कर दिया है। इस घोषणा पत्र में दोनों दलों ने मतदाताओं को लुभाने की पूरी कोशिश की है। बिजली से लेकर स्कूटी तक मुफ्त देने के वादे किए गए हैं। आइये सबसे पहले एक नजर डालते हैं कि दोनों दलों ने क्या-क्या मुफ्त देने का ऐलान किया है। बीजेपी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में अगले पांच वर्षों तक किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली उपलब्ध कराने का ऐलान किया है। इसके साथ ही मेधावी छात्राओं को रानी लक्ष्मीबाई योजना के तहत मुफ्त स्कूटी देने की भी घोषणा की गई है। इसके साध ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को होली और दीपावली पर दो मुफ्त रसोई गैस सिलेंडर देने का वादा किया है। वहीं 60 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन में मुफ्त यात्रा की सुविधा देने का भी ऐलान किया है। वहीं बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत दो करोड़ टेबलेट और स्मार्टफोन वितरित करने का भी ऐलान किया है। वहीं समाजवादी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में भी कई चीजें मुफ्त मुहैया कराने का ऐलान किया है। समाजवादी पार्टी सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली और ब्याज़ मुक्त ऋण देने का वादा किया है। इसके साथ ही समाजवादी पेंशन शुरू कर दिव्यांगों और वृद्धों को 18 हजार रुपये महीने तक की राशि देने का भी ऐलान किया है। 12 वीं पास सभी छात्रों को मुफ्त में लैपटॉप देने का वादा किया गया है। साथ ही हर गांव और शहर में मुफ्त वाई-फाई का भी ऐलान किया है। इसके साथ ही सपा ने अपने घोषणा पत्र में यह भी वादा किया है कि दोपहिया वाहन मालिकों को हर महीने एक लीटर पेट्रोल मुफ्त दिया जाएगा। इसके अलावा बीजेपी ने नए संकल्प पत्र में मुख्य रूप से कथित 'लव जिहाद' के दोषी लोगों को कम से कम 10 वर्षों की सजा और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान करने, अयोध्या में भगवान राम से संबंधित संस्कृति शास्त्रों तथा धार्मिक तथ्यों पर शोध के लिए रामायण विश्वविद्यालय की स्थापना करने, बुजुर्ग संतो पुजारियों और पुरोहितों के कल्याण की योजनाएं संचालित करने के लिए एक विशेष बोर्ड बनाने का वादा किया है। गन्ना किसानों को 14 दिन के अंदर भुगतान करने और देर से होने वाले भुगतान के लिए मिलों से ब्याज वसूल करके किसानों को ब्याज समेत भुगतान कराने, 5000 करोड़ की लागत से गन्ना मिलों के नवीनीकरण मिशन के तहत चीनी मिलों का नवीनीकरण और आधुनिकीकरण करने, प्रदेश में छह मेगा फूड पार्क और छह औद्योगिक पार्क विकसित करने और निषाद राज बोर्ड सब्सिडी योजना शुरू करके मछुआरों को एक लाख रुपये तक की नाव 40 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध कराने का वादा किया गया है। सरकारी विभागों में खाली पदों को जल्द से जल्द भरने और आत्मनिर्भर युवा स्टार्टअप मिशन बनाकर रोजगार एवं स्वरोजगार के 10 लाख अवसर का प्रदान करने और राज्य में 6000 डॉक्टरों और 10,000 पैरामेडिकल स्टाफ की जल्द नियुक्ति करने का वादा भी किया गया है। भाजपा ने अपने घोषणापत्र में प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालयों को स्मार्ट विद्यालय के तौर पर विकसित करने, हर मंडल में कम से कम एक विश्वविद्यालय की स्थापना करने और सभी महापुरुषों और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की जीवन गाथा को शैक्षिक पाठ्यक्रम में शामिल करने का वादा भी किया गया है। उधर, समाजवादी पार्टी ने गन्ना किसानों को 15 दिन में भुगतान के अलावा किसान आयोग के गठन का वादा किया है। किसानों को 2025 तक कर्जमुक्त किया जाएगा। ऋणमुक्त कानून बनाकर गरीब किसानों को लाभ पहुंचाने का वादा किया गया है। वहीं किसान बीमा योजना राशि बढ़ाकर 10 लाख करने का वादा किया गया है। महिलाओं को सरकारी नौकरी में 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। पुलिस में महिलाओँ की अलग विंग होगी वहीं वूमेन पॉवर लाइन 1090 का सुदृढीकरण करने का वादा किया गया है। इसके साथ ही ई मेल, ह्वाट्अप के जरिए भी एफआईआर की व्यवस्था का वादा किया गया है। समाजवादी पार्टी ने वादा किया है कि उसकी सरकार आने पर राज्य स्वास्थ्य नीति 2022 लाई जाएगी। राज्य में महामारी राहत एजेंसी की स्थापना की जाएगी और कैशलेस स्वास्थ्य सर्विस शुरू की जाएगी। पुराने जिला अस्पतालों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
पुणे : DY Patil school principal Alexander beaten up : शहर के तालेगांव दाभाड़े इलाके से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है। डी वाई पाटिल स्कूल के प्रिंसिपल अलेक्जेंडर कोट्स पर कथित तौर पर छात्रों को ईसाई प्राथनाएं पढ़ने और लड़कियों के शौचालय के बाहरी परिसर के अंदर सीसीटीवी कैमरा लगाने के लिए कहने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। यह घटना तब सामने आई जब अभिभावकों की कई शिकायतों के बाद कई बजरंग दल के कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे और स्कूल परिसर में प्रिंसिपल के साथ मारपीट की। DY Patil school principal Alexander beaten up : कथित मारपीट का वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो गया है। खबरों के मुताबिक, इस मामले में तालेगांव दाभाड़े स्थित डीवाई पाटिल हाई स्कूल के प्रिंसिपल अलेक्जेंडर कोट्स पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। DY Patil school principal Alexander beaten up : स्कूल में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि, स्कूल अधिकारी उनके बच्चों को यीशु मसीह की प्रार्थना करने के लिए कह रहे हैं और छात्रों को हिंदू त्योहारों पर छुट्टी नहीं दी जाती है। इसके अलावा गर्ल्स टॉयलेट के अंदर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जब हम इसका विरोध करने आये तो हमने देखा कि सभी शिकायतें सही थीं" एक कार्यकर्ता ने कहा।
Khushali Kumar Hot Video: बॉलीवुड अभिनेत्री खुशहाली कुमार ने हाल ही में माल्टा में अपनी आगामी फिल्म 'स्टारफिश' के सेट पर लोगों का ध्यान खींचा, जब उन्होंने एक शानदार ऑरेंज ब्रालेट, लूज हेयर, और आत्मविश्वास से लबरेज हॉटनेस और स्टाइल में देखा गया. अभिनेत्री फिल्म में एक स्कूबा गोताखोर की भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार है, और उनके नवीनतम लुक ने प्रशंसकों और फॉलोअर्स को हैरान कर दिया है. खुशाली कुमार, जो अपने फैशन-फॉरवर्ड चॉइस और बोल्ड स्टाइल स्टेटमेंट के लिए जानी जाती हैं, को माल्टा में अपनी आगामी फिल्म 'स्टारफिश' के सेट पर देखा गया, जो बिल्कुल आश्चर्यजनक लग रही थीं. देखें वीडियोः (SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं. )
AGRA:। ग्वालियर हाईवे स्थित ओम गार्डन गांव ककुआ के समीप सनसनीखेज वारदात के दो दिन बाद पुलिस हरकत में आई। मौके पर डीआईजी व एसएसपी ने जाकर छानबीन की तो मामला सही पाया गया। पुलिस ने जब मृतका के पति से बात की तो मामला खुल कर सामने आ गया। उसने पुलिस को दबंगों की असलियत बता दी। पुलिस ने ग्राम पंचायत सहित दस लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया है। थाना मलपुरा स्थित ग्वालियर हाईवे से सटे ओम गार्डन में 40 वर्षीय हेमा की नृशंस हत्या कर दी गई और ग्रामीण चुप्पी साधे रहे। लेकिन जब मामला उछला तो गांव में खलबली मच गई। इसके बाद मौके पर रविवार की रात फॉरेंसिक टीम को भेजा गया। पूरे तीन घंटे फॉरेंसिक टीम की पड़ताल चलती रही। बाद में एसएसपी व डीआईजी भी मौके पर जांच करने पहुंचे थे। पुलिस टीम ने ग्रामीणों से सघन पूछताछ की। फॉरेंसिक टीम रात को करीब एक बजे पहुंच गई थी। पुलिस के साथ चली इंवेस्टीगेशन में फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य जुटाए। टीम के लोग ओम गार्डन में बनी कोठरी की छत पर भी गए। छत पर बने निशान को देख कर प्रतीत हो रहा था कि यहां शव रखा गया हो। छत पर बॉडी के निशान थे। टीम ने जब स्पे्र डाला तो खून के निशान उभर कर आए। इससे एक बात की तो पुष्टि होती है कि हत्या तो हुई है। कल से हुई रिमझिम बारिश से खून के निशान मिट गए थे साथ ही मौके पर जमा साक्ष्य पर भी असर पड़ा है। लेकिन फॉरेंसिक टीम ने हर सम्भव प्रयास कर सबूत जुटाए। टीम ने वह स्थान भी देखा जहां पर चिता जलाई गई थी। आसपास के इलाके का भी मुआयना किया। चिता की आग से कुछ खास हाथ नहीं लगा है। पुलिस टीम मृतका के पति को लेने सतना मध्य प्रदेश गई हुई है। उसने पुलिस को बताया कि जिस दौरान वह आया था हेमा मृतावस्था में मिली थी। उसका चेहरा कुचला हुआ था। दबंगों ने उसे धमकी दी। उन्होंने उसके शव को जलवा दिया। जबरन उसे बीमारी से मौत की कहानी लिखवाई। जिस दौरान महिला की हत्या हुई उस दौरान गार्डन मालिक विक्रम ने गांव के प्रधान सुखपाल को सूचना दी। प्रधान ने उस दौरान बताया कि हेमराज ने उसे पत्र में पत्नी की मौत का कारण बीमारी के चलते बताया है। साथ ही उसने दाह संस्कार की बात कही थी। लेकिन हेमराज का कहना था कि दबंगों ने दबंगई से उससे सब करवा लिया। पुलिस ने इस संबंध में गार्डन मालिक विक्रम, प्रधान सुखपाल, मनीष, राजेंद्र सहित दस लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस ने इस सिलसिले में पांच लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने बलात्कार, हत्या व साक्ष्य मिटाने की धारा में मुकदमा पंजीकृत किया है। पुलिस मृतका के पति के बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है।
धार। नगर पालिका परिसर में बुधवार को पीआईसी यानी प्रेसिडेंट इन काउंसिल की बैठक हुई। इसमें 39 प्रस्तावों पर बिंदुवार चर्चा की गई। बैठक में दो प्रस्तावों को अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है।
प्राचीन भारत में ऐसे कई लोग थे जिन्होंने बड़े-बड़े विवाद खड़े कर दिए थे और इन्हीं विवादों या उनके विवादित रहने के कारण ही उन्हें जाना जाता है। तो जानते हैं ऐसे कई लोगों में से छह लोगों के बारे में संक्षिप्त जानकारी। 1. इंद्र : इन्द्र को सभी देवताओं का राजा माना जाता है। इन्द्र किसी भी साधु और राजा को अपने से शक्तिशाली नहीं बनने देता था इसलिए वह कभी विश्वामित्र जैसे तपस्वियों को अप्सराओं से मोहित कर पथभ्रष्ट कर देता है, तो कभी राजाओं के अश्वमेध यज्ञ के घोड़े चुरा लेता है। साम, दाम, दंड और भेद सभी तरीके से वह अपने सिंहासन को बचाने का प्रयास तो करता ही है, साथ ही वह इस प्रयास के दौरान कभी-कभी ऐसा भी कार्य कर जाता है, जो देवताओं को शोभा नहीं देता जिसके कारण देवताओं को बहुत बदनामी झेलना पड़ी। राजा बलि की सहायता से ही देवराज इन्द्र ने समुद्र मंथन किया था। समुद्र मंथन के दौरान इन्द्र ने असुरों के साथ हर जगह छल किया। जो 14 रत्न प्राप्त हुए उनका बंटवारा भी छलपूर्ण तरीके से ही संपन्न हुआ। शास्त्रों के अनुसार शचिपति इन्द्र ने गौतम की पत्नी अहिल्या के साथ छल से सहवास किया था। इंद्र ने कर्ण से भी छलपूर्वक कवच और कुंडल ले लिए थे। इंद्र ने ही बाल हनुमान की तोड़ दी थी ठुड्डी। 2. वृत्रासुर : कहते हैं कि इंद्र का सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी वृत्रासुर ही था। यह सतयुग की बात है जब कालकेय नाम के एक राक्षस का संपूर्ण धरती पर आतंक था। वह वत्रासुर के अधीन रहता था। दोनों से त्रस्त होकर सभी देवताओं ने मिलकर सोचा वृत्रासुर का वध करना अब जरूरी हो गया। इस वृत्तासुर के वध के लिए ही दधीचि ऋषि की हड्डियों से एक हथियार बनाया जिसका नाम वज्र था। वृत्रासुर एक शक्तिशाली असुर था जिसने आर्यों के नगरों पर कई बार आक्रमण करके उनकी नाक में दम कर रखा था। अंत में इन्द्र ने मोर्चा संभाला और उससे उनका घोर युद्ध हुआ जिसमें वृत्रासुर का वध हुआ। इन्द्र के इस वीरतापूर्ण कार्य के कारण चारों ओर उनकी जय-जयकार और प्रशंसा होने लगी थी। शोधकर्ता मानते हैं कि वृत्रासुर का मूल नाम वृत्र ही था, जो संभवतः असीरिया का अधिपति था। पारसियों की अवेस्ता में भी उसका उल्लेख मिलता है। वृत्र ने आर्यों पर आक्रमण किया था तथा उन्हें पराजित करने के लिए उसने अद्विशूर नामक देवी की उपासना की थी। इन्द्र और वृत्रासुर के इस युद्ध का सभी संस्कृतियों और सभ्यताओं पर गहरा असर पड़ा था। तभी तो होमर के इलियड के ट्राय-युद्ध और यूनान के जियॅस और अपोलो नामक देवताओं की कथाएं इससे मिलती-जुलती हैं। इससे पता चलता है कि तत्कालीन विश्व पर इन्द्र-वृत्र युद्ध का कितना व्यापक प्रभाव पड़ा था। 3. रावण : रावण इंद्रजाल, तंत्र, सम्मोहन और तरह-तरह के जादू और सभी शास्त्रों का ज्ञाता था। लेकिन उसने ऐसे कई कार्य किए जिसके चलते वह विवादों में रहा। उसने अपने सौतेले भाई कुबेर के बेटे नलकुबेर की पत्नी अप्सरा रंभा पर बुरी नजर डाली। उसने शिव के गण नंदीजी का मजाक उड़ाया। उसने वेदवती नामक तपस्विनी के साथ जबरदस्ती की थी। उसने अपनी बहन शूर्पणखा के पति विद्युतजिव्ह का वध कर दिया था। उसने अपनी पत्नी मंदोदरी की बड़ी बहन पर भी वासनायुक्त नजर डाली थी। अंत में उसने प्रभु श्रीराम की पत्नी सीता का अपहरण करके सारी हदें पा कर दी थी। रावण ने इसके अलावा और भी कई कार्य किए थे जिसके चलते वह विवादों में रहा। जैसे उसने स्वर्ग तक सीढ़ी बनाने का प्रयास किया। शनि सहित सभी ग्रहों के देवताओं को बंदी बना लिया था। रावण का रंग काला था और वह गौरे लोगों से नफरत करता था। वह खुद को ईश्वर मानता था और चाहता था कि सभी उसकी पूजा करें। इसी के चलते रावण ने शिव, सहस्रबाहु और बाली से भी युद्ध किया था। चापलूस पसंद रावण चाहता था कि शराब से दुर्गंध समाप्त कर उसका राज्य में प्रचार किया जाए। रावण चाहता था कि दुनिया के सभी सोने पर मेरा कब्जा और स्वर्ण में से सुगंध पैदा हो। ताकि यह आसानी से पता चल सके कि सोना कहां छिपा है। रावण की एक अजीब इच्छा थी वह यह कि वह चाहता था कि खून का रंग लाल की जगह सफेद हो। इस तरह रावण ने अपनी इच्छा और कार्यों से खुद को विवादित बना लिया था। 4. हिरण्याक्ष : हिरण्याक्ष भयंकर दैत्य था। वह तीनों लोकों पर अपना अधिकार चाहता था। हिरण्याक्ष का दक्षिण भारत पर राज था। ब्रह्मा से युद्ध में अजेय और अमरता का वर मिलने के कारण उसका धरती पर आतंक हो चला था। हिरण्याक्ष भगवान वराहरूपी विष्णु के पीछे लग गया था और वह उनके धरती निर्माण के कार्य की खिल्ली उड़ाकर उनको युद्ध के लिए ललकारता था। वराह भगवान ने जब रसातल से बाहर निकलकर धरती को समुद्र के ऊपर स्थापित कर दिया, तब उनका ध्यान हिरण्याक्ष पर गया। आदि वराह के साथ भी महाप्रबल वराह सेना थी। उन्होंने अपनी सेना को लेकर हिरण्याक्ष के क्षेत्र पर चढ़ाई कर दी और विंध्यगिरि के पाद प्रसूत जल समुद्र को पार कर उन्होंने हिरण्याक्ष के नगर को घेर लिया। संगमनेर में महासंग्राम हुआ और अंततः हिरण्याक्ष का अंत हुआ। आज भी दक्षिण भारत में हिंगोली, हिंगनघाट, हींगना नदी तथा हिरण्याक्षगण हैंगड़े नामों से कई स्थान हैं। उल्लेखनीय है कि सबसे पहले भगवान विष्णु ने नील वराह का अवतार लिया फिर आदि वराह बनकर हिरण्याक्ष का वध किया इसके बाद श्वेत वराह का अवतार नृसिंह अवतार के बाद लिया था। हिरण्याक्ष को मारने के बाद ही स्वायंभूव मनु को धरती का साम्राज्य मिला था। 5. महाबली : महाबली बाली अजर-अमर है। कहते हैं कि वो आज भी धरती पर रहकर देवताओं के विरुद्ध कार्य में लिप्त है। पहले उसका स्थान दक्षिण भारत के महाबलीपुरम में था लेकिन मान्यता अनुसार अब मरुभूमि अरब में है जिसे प्राचीनकाल में पाताल लोक कहा जाता था। अहिरावण भी वहीं रहता था। समुद्र मंथन में उसे घोड़ा प्राप्त हुआ था जबकि इंद्र को हाथी। उल्लेखनीय है कि अरब में घोड़ों की तादाद ज्यादा थी और भारत में हाथियों की। शिवभक्त असुरों के राजा बाली की चर्चा पुराणों में बहुत होती है। वह अपार शक्तियों का स्वामी लेकिन धर्मात्मा था। वह मानता था कि देवताओं और विष्णु ने उसके साथ छल किया। हालांकि बाली विष्णु का भी भक्त था। भगवान विष्णु ने उसे अजर-अमर होने का वरदान दिया था। हिरण्यकश्यप के 4 पुत्र थे- अनुहल्लाद, हल्लाद, भक्त प्रह्लाद और संहल्लाद। प्रह्लाद के कुल में विरोचन के पुत्र राजा बाली का जन्म हुआ। बाली जानता था कि मेरे पूर्वज विष्णु भक्त थे, लेकिन वह यह भी जानता था कि मेरे पूर्वजों को विष्णु ने ही मारा था इसलिए बाली के मन में देवताओं के प्रति द्वेष था। उसने शुक्राचार्य के सान्निध्य में रहकर स्वर्ग पर आक्रमण करके देवताओं को खदेड़ दिया था। वह तीनों लोकों का स्वामी बन बैठा था। बाली से भारत के एक नए इतिहास की शुरुआत होती है। 6. जरासंध : भगवान कृष्ण के मामा कंस अपने पूर्वजन्म में 'कालनेमि' नामक असुर था जिसे भगवान विष्णु ने मारा था। कंस का श्वसुर मगथ का सम्राट जरासंध था। महाभारत काल में जरासंध सबसे शक्तिशाली राजा था। श्रीकृष्ण द्वारा कंस का वध करने के बाद भगवान श्रीकृष्ण को सबसे ज्यादा यदि किसी ने परेशान किया तो वह था जरासंध। जरासंध बृहद्रथ नाम के राजा का पुत्र था और जन्म के समय दो टुकड़ों में विभक्त था। जरा नाम की राक्षसी ने उसे जोड़ा था तभी उसका नाम जरासंध पड़ा। महाभारत युद्ध में जरासंध कौरवों के साथ था। जरासंध अत्यन्त क्रूर एवं साम्राज्यवादी प्रवृत्ति का शासक था। हरिवंश पुराण अनुसार उसने काशी, कोशल, चेदि, मालवा, विदेह, अंग, वंग, कलिंग, पांडय, सौबिर, मद्र, काश्मीर और गांधार के राजाओं को परास्त कर सभी को अपने अधीन बना लिया था। इसी कारण पुराणों में जरासंध की बहुत चर्चा मिलती है। जरासंध का मित्र था कालयवन। भीम ने जरासंध के शरीर को दो हिस्सों में विभक्त कर उसका वध कर दिया था। जरासंध के कई किस्से हैं जिसके चलते वह विवादों में रहा।
किसी कारण पाप हुआ, तो वह यदि आगे बचनेका यत्न करेंगा, तो बहुत हानिकी संभावना नहीं है । परंतु यदि वह वारंवार एण्ड मिलने या मना करनेपर भी वही कुकर्म फिर करने लगा, तो उसकी अवनतिकी सीमा नहीं रह सकती । इसलिये उन्नति चाहनेवाले लोगोंको उचित है कि वे अज्ञानसे एक वार दोषमय आचरण हुआ। भी, तो उसको वारंवार न करें और जो कुछ दुराचार अपनी असावधानी से होगा, तो उसको असल्य बोलकर छिपानेका भी यत्न न करें। क्योंकि ऐसा करनेस वह कलंक बड़ा गहरा हो जाता है और इससे अधिक पाप होता जाता है । इसलिये दोष होनेपर सत्य बोलकर उसको यथार्थ रूप में प्रकट करना ही उचित है । मनुष्यको उन्नतिके लिये ये सात मर्यादाएं अत्यंत सहायकारी हैं, इसलिये कोई मनुष्य किसी भी कारण इनका उल्लंघन न करें । ( मं. ६ ) ( २० ) आयोः स्कंभ - आयुवा आधार स्तंभ बन अर्थात् विघात करनेवाला न बन । उक्त सात मर्यादाओंका उल्लंघन करनेसे जीवनका घात होता है और मर्यादाओं का पालन करनेसे आयुका आधार दृढ होता है । मर्यादाओंका पालन करनेका तात्पर्य संयमसे रहना है। संयमसे जीवन व्यतीत करनेसे जीवनका आधार शक्तिशाली होता है और उत्तम दीर्घ जीवन प्राप्त होता है । ( मं. ६ ) ( २१ ) उपमस्य नीडे, पथ विसर्गे घरुणेषु तस्थौँ - जो उपमा देने योग्य है और सबके अत्यंत समीप है उस परमात्मा के स्थान में, तथा अनेक मार्गोंकी जहाँ समाप्ति होती है, ऐसे धारक केन्द्रोंमें रहता है। यहां तनि उपदेश है, ( उपमस्य नीड ) उपमा देने योग्य वह परमात्मा हैं, ( रूपं रूपं प्रतिरूपो बभूव । ऋ ६१४७/४८) जगत् के प्रत्येक रूपके लिये वही आदर्श नमूना बना है, इस प्रकार के वर्णन वेदमें आते हैं, इससे सिद्ध है कि वह परम आत्मा सबके लिये आदर्श है, उसके ( नीडे) घोंसलेमें अपने लिये स्थान प्राप्त करना चाहिये । सदाचार आदि करनेसे ही उसके घोंसले में आरामसे रहनेके लिये स्थान मिल सकता है । वह स्थान और कैसा है, उसका वर्णन 'पथां विसर्गे ' इन शब्दोंसे हुआ है । ' विसर्ग ' का अर्थ है विरामका स्थान अथवा समाप्तिका स्थान, (पथां) संपूर्ण मार्गोका ( विसर्गः ) वह विरामका अथवा समाप्तिका स्थान है। किंवा 'सर्ग' का अर्थ है ' उत्पत्ति,' ' वि+सर्ग' का अर्थ होता है विगत सर्ग अर्थात् 'उत्पत्ति जहां नहीं है ऐसा स्थान ' । जां विविध मागका झंझट नहीं है, अथवा जहां विविध मार्ग एकरूप हो जाते हैं वह स्थान । ऐसे स्थानमें रहना चाहिये कि जिस स्थान में रहनेसे विविध मार्गों के । काण्ड ५ ऊपर से आक्रमण करनेका कष्ट उठाना न पडं । सभी मार्गों से गये हुए लोग जहां पहुंचते हैं, उस स्थान में पहुंचना और वहां जाकर स्थिर रहना चाहिये । षष्ठ मंत्रका भाव । सात मर्यादाएं । ज्ञानी मनुष्योंन मनुष्य व्यवहार के लिये सात मर्यादाएं निश्चित की हैं। उनमें से एक मर्यादाका उल्लंघन करनेसे भी मनुष्य पापी होता है। परंतु जो सातों मर्यादाओंका उल्लंघन न करता हुआ धर्मानुकूल व्यवहार करके अपने जीवनका आधारस्तंभ बनता है, वह सबके लिये उपमा देने योग्य परमा. स्थान में स्थिर रहता है ॥ ६ ॥ त्माके स्थानमें, जहां अनेक मार्ग पहुंचते हैं, वहांक आधारछठे मंत्रका मनन करनेके पश्चात् अब सप्तम मंत्र देखते हैं-( २२ ) व्रतः कृण्वन् अमृतासु एमि-व्रतरूप होकर विविध सत्कर्म करता हुआ अमर प्राणशक्ति से युक्त होकर आगे बढता हूं । उन्नति चाहनेवाले मनुष्यको योग्य है कि वह ( व्रतः ) व्रतरूप बने । व्रतरूप बनने का तात्पर्य यह है कि व्रत पालन करना जिसका स्वभाव ही बना है । एक मनुष्य ऐसा होता है कि वह नियम करता है और उनके अनुकूल चलता है । और दूसरा ऐसा मनुष्य होता है कि जो स्वभाव से ही नियमके विरुद्ध नहीं जाता है। पहिला मनुष्य प्रयत्नसे नियम पालन करता है और दूसरा स्वभावसे ही पालन करता है। इस प्रकार नियम रूप जो बना है वह मनुष्य ' व्रतः' शब्दसे यहां बताया है। ऐसा श्रेष्ठ मनुष्य स्वभाव से ही श्रेष्ठ सत्कर्मोको करता है और (अमृत+असुः ) अमर जीवन शकिसे संपन बनता है । स्वभावसे व्रत पालन करना और स्वभाव से ही सत्कर्म करना यहां अभीष्ट है । पहिले जब प्रयत्नसे यह व्रत पालन और सत्कर्म करेगा, तब जाकर बहुत समय के पश्चात् इसका यह स्वभाव बनेगा और स्वभाव बनने से अमृत रूप बनेगा । यहाँ अमर बननेकी मुख्य बात कही है, यह पाठक न भूलें । इस समय मनुष्य स्वभावसे असत्य बोलता है, कुकर्म करता है और नियम तोडता है, इस कारण इसका अधःपात होता है। परंतु जिस समय यह स्वभाव से सत्य बोलेगा और असल्यकी कल्पना तक इसके मनमें न उठेगी, इसी प्रकार अन्यान्य नियम पालन स्वभावसे ही होगा, तब इसकी सब रुकावटें दूर होंगी और यह अमर बनेगा । ( मं. ७) (२३) तत् आत्मा असुः तन्वः सुमद्गुः - उक्त अनुप्रानसे आत्मा, प्राण और शरीर ये सब उत्तम गुणवान् बनते
नई दिल्ली। सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली बीसीसीआई की टीम ने शुक्रवार को अपना एक साल पूरा कर लिया है। इस टीम के पास हालांकि आईपीएल के 13वें सीजन का आयोजन कराने के अलावा कोई और उपलब्धि नहीं है, जिसका कारण है कोरोनावायरस महामारी। पिछले साल चारों अधिकारी बिना किसी विरोध के सर्वसम्मति से चुने गए थे। इस टीम ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) से 33 महीने बाद काम अपने हाथ में लिया था। चूंकि टीम में से किसी को भी बीसीसीआई में काम करने का अनुभव नहीं था इसलिए सभी ने अपना समय लिया। वह सीख रहे थे कि कोविड ने मार्च में सब कुछ रोक दिया। अब इस टीम के सामने एक बड़ा सवाल 2020-21 घरेलू सीजन को आयोजित कराना है जो जनवरी में शुरू हो सकता है। बीसीसीआई की शीर्ष परिषद ने फैसला किया है कि रणजी ट्रॉफी को ही आयोजित किया जाएगा, इसके अलावा सीनियर महिला टूर्नामेंट को भी आयोजित किया जा सकता है। एक राज्य संघ के अध्यक्ष ने आईएएनएस से कहा, "सभी अधिकारी बीसीसीआई में नए थे। ईमादारी से कहूं तो उन्हें ज्यादा समय नहीं मिला। वह सैटल होते इससे पहले ही कोविड ने सब कुछ रोक दिया था। प्राथमिकता आईपीएल को बचाने की थी, जो उन्होंने किया। आईपीएल चालू है और पैसा आ रहा है। " उन्होंने कहा, "लेकिन वो ज्यादा कुछ गतिविधियां नहीं कर सके, जैसे की कोविड के कारण घरेलू क्रिकेट का आयोजन। साथ ही भारत के पूर्व कप्तान बीसीसीआई अध्यक्ष हैं तो हम उम्मीद कर रहे थे कि वह घरेलू टूर्नामेंट में नए प्रारूप लेकर आएंगे। " उनसे जब गांगुली की टीम को नंबर देने को कहा गया तो उन्होंने कहा, "कोई नंबर नहीं क्योंकि इनकी परीक्षा ही नहीं हुई। उन्हें काम करने के लिए पूरा साल मिलता तो नंबर दिए जाते। " वहीं पूर्वोत्तर के राज्य बीसीसीआई से दुखी हैं क्योंकि उन्हें उनके हिस्से का फंड नहीं मिला है। पूर्वोत्तर के अधिकारी ने कहा, "सीओए की टीम ज्यादा प्रभावी थी। उन्होंने भी सट्टेबाजी प्रकरण के कारण सैटल होने में समय लिया था- सात-आठ महीने। और कोरोने से पांच महीने पहले बीसीसीआई के मौजूदा अधिकारियों ने कामकाज संभाल लिया था लेकिन हमने ज्यादा कुछ नहीं देखा। इसलिए हम दोनों में तुलना नहीं कर सकते। अगर कोरोना नहीं होता तो शायद यह टीम अच्छा करती। " पूर्वोत्तर के राज्यों में बीसीसीआई को मुद्दों पर ध्यान देने और सुलझाने की जरूरत है। अधिकारी ने कहा, "2018-19 में सीओए ने उन लोगों को सीधा भुगतान किया था जिन्होंने ट्रू्नामेंट के आयोजनों में मदद की थी,चाहे वो होटल हो, ट्रांसपोर्टर हों। 2018-19, 2019-20 में बीसीसीआई से संबद्ध प्रत्येक राज्य संघ को 30-30 करोड़ रुपये प्रत्येक संघ को दिए जाने थे। लेकिन यह पूर्वोत्तर के राज्यों को नहीं दी गई है। बीसीसीआई को वेंडरों को देने वाली राशि काट बाकी का पैसा हमें देना चाहिए जिसे हम क्रिकेट के विकास में मदद करें। उन्होंने कहा, "पिछले साल बीसीसीआई ने हर राज्य को एक सीजन के लिए 10. 80 करोड़ रुपये दिए थे, लेकिन हमने टूर्नामेंट्स की मेजबानी के लिए 11 से 12 करोड़ रुपये खत्म किए थे। हमें बाकी का पैसा क्रिकेट के विकास के लिए चाहिए। "
शशिभूषण दूबे कंचनीय, लखनऊः मऊ उत्तर प्रदेश सरकार में पुलिस सिपाही की भर्ती के परिणाम और नियुक्तियां इतने सालों के बाद भी नहीं हुई. जिससे प्रदेश में परीक्षार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. युवाओं का भविष्य अंधकार में बना हुआ है उनके मांग है कि इस पर प्रदेश सरकार को निर्देशित कर उचित जांच के बाद नियुक्तियां प्रदान कराएं. वर्तमान वर्ष 2020 में 69000 शिक्षक भर्ती हुए घोटाले कहीं न कहीं प्रदेश सरकार पर सवालिया निशान खड़ा कर रहे हैं. भर्ती में जो टॉपर हैं 142 अंकों के साथ राष्ट्रपति का नाम तक नहीं पता. कहीं ना कहीं दर्शाता है कि प्रदेश सरकार या भर्ती करवाने में सक्षम नहीं है. इसकी सीबीआई जांच करवा कर जो दोषी हो किसी भी दल से ताल्लुक रखता हो उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करते हुए इस भर्ती प्रतिक्रिया को पूर्ण कराने का आदेश जारी करें. क्योंकि पूर्व में मध्यप्रदेश में हुए व्यापम घोटाले की तरह यहां भी छात्रों युवाओं के भविष्य के खिलवाड़ होता प्रतीत हो रहा है सईदुर रहमान ने बताया कि इस मामले की कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
कोलकाताः कोरोना महामारी से अगर आपको बचाव रखना है तो आपका मास्क पहनना सबसे जरूरी है। हालांकि आपका मास्क वायरस को रोकने में कितना सक्षम है ये जानना बहुत जरूरी है। हालिया रिसर्च में यह बात सामने आई है कि कोरोनावायरस का ट्रांसमिशन हवा के जरिए भी हो रहा है। इसलिए लोगों को घर में रहने की सलाह दी जा रही है। एक्सपर्ट की मानें तो इन दिनों आपको घर में भी मास्क पहनकर रहना चाहिए। हालांकि आपका मास्क कोरोना वायरस को रोकने में कितना सक्षम है ये जानना बहुत जरूरी है। आपका मास्क लूज और अनफिट तो नहीं है। इसलिए जरूरी है कि आपका मास्क पूरी तरह फिट हो और अगर आप कपड़े का मास्क पहन रहे हैं तो आपको डबल मास्क पहनने की जरूरत है। आइए कोरोना वायरस से निपटने के लिए हमारा मास्क कैसा होना चाहिए। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से ये वायरस कणों के जरिए हवा में फैलता है। हवा से ये दूसरे शख्स के शरीर में पहुंच जाता है। रिपोर्ट्स में यह दावा किया है कि अगर संक्रमित शख्स सांस छोड़ता है तो उसी हवा में सांस लेने से स्वस्थ इंसान भी कोरोना से संक्रामित हो सकता है। इसलिए कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनना बहुत जरूरी है। कोरोना से बचाने के लिए मास्क कैसा हो? सर्जिकल मास्क- आप कोई भी तीन लेयर वाला मास्क पहन सकते हैं ये बेस्ट होते हैं। थ्री लेयर मास्क से हवा में मौजूद बड़े पॉल्यूशन के कण भी हमारे अंदर नहीं पहुंच पाते। यूज एंड थ्रो वाला यह सर्जिकल मास्क कोरोना से बचाव के लिए भी उपयोगी है। N95 मास्क- इसे सबसे सुरक्षित मास्क माना जाता है लेकिन इसे बिना वाल्व के इस्तेमाल करें। कोई भी वॉल्व वाला मास्क रिस्की हो सकता है। इससे हवा बाहर और अंदर आती जाती है जो आपको संक्रामित कर सकता है। N95 मास्क का इस्तेमाल ज्यादातर मेडिकल स्टॉफ ही करता है। कपड़े का मास्क- कॉटन के कपड़े का मास्क लगाने में काफी आरामदायर होते हैं, लेकिन ध्यान रखें ये मास्क तीन लेयर वाला होना चाहिए। आप इसे वॉश करके इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको ये मास्क सुरक्षित नहीं लगते तो आप पहले कपड़े का मास्क और फिर उसके ऊपर सर्जिकल मास्क भी लगा लें। इससे आप सुरक्षित रहेंगे। रूमाल, तौलिया या अंगोछा भी है विकल्प- अगर आप भीड़-भाड़ में नहीं जाते तो आप दो-तीन लेयर बना कर रूमाल, तोलिया या अंगोछा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर में आकर इसे ऐसे उतारें कि चेहरे पर हाथ नहीं लगें। - मास्क ऐसा हो जिसमें नाक, मुंह और ठुड्डी सही कवर हो। - ऐसा मास्क हो जिसे आपको बार-बार एडजस्ट नहीं करना पड़े। - मास्क पहनने के बाद चेहरे और मास्क के बीच ज्यादा गैप नहीं हो। - सांस लेते समय हवा मास्क से गुजरनी चाहिए, सांस लेने में दिक्कत नहीं हो। - मास्क पहनने के बाद बार-बार मास्क को हाथों से ठीक न करें। - मास्क उतारने के बाद 20 सेकंड तक अच्छी तरह साबुन से हाथ धोने चाहिए।
चन्द्रपुर (भूतपूर्व चंदा) शहर, पूर्वी महाराष्ट्र राज्य, पश्चिम भारत में वर्धा नदी की एक सहायक नदी के तट पर स्थित है। चंद्रपुर का अर्थ है, 'चंद्रमा का घर'। चंद्रपुर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी है। 12वीं से 18वीं शताब्दी तक चंद्रपुर गोंड वंश की राजधानी था। बाद में नागपुर के मराठा भोंसले ने इसे जीत लिया। 1854 से 1947 में भारत के स्वतंत्र होने तक यह ब्रिटिश मध्य प्रांत का हिस्सा था। यह ब्रिटिश शासन के दौरान चांद नाम से जाना जाता था। इस स्थान का प्राचीन नाम लोकपुरा भी था, जो आगे चलकर इन्दूर और उसके बाद चन्द्रपुर के नाम से जाना गया। इस ज़िले के प्राचीन स्थल वैरंगढ, कोसल, भद्रावती और मरकड हैं। चन्द्रपुर पर काफ़ी लंबे समय तक हिन्दू और बौद्ध राजाओं का शासन रहा है। बाद में गोंड राजाओं ने इस पर अधिकार कर लियाजिन्होंने 1751 तक यहाँ शासन किया। बाद में इसे ब्रिटिश शासन में मिला लिया गया। चन्द्रपुर का नज़दीकी हवाई अड्डा नागपुर में डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर हवाई अड्डा है जो देश के अनेक शहरों से वायु मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। मुंबई वर्धा चन्द्रपुर रेल लाइन से महाराष्ट्र का यह ज़िला जुड़ा है। महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से यहाँ के लिए नियमित रेलगाड़ियाँ हैं। मुंबई नासिक चन्द्रपुर सड़क मार्ग चन्द्रपुर को महाराष्ट्र और देश के अन्य शहरों से जोड़ता है। राज्य परिवहन के अलावा अनेक निजी बसें चन्द्रपुर के लिए चलती हैं। - प्रमुख रेल तथा सड़क मार्ग पर स्थित यह शहर आसपास के क्षेत्रों में उगने वाले कपास, अनाज और अन्य फ़सलों का वाणिज्यिक केंद्र है। - स्थानीय खनिजों पर आधारित उद्योगों में कोयले की कई खानें तथा शीशे का सामान बनाने के उद्योग शामिल हैं। - यह शहर रेशम के कपड़े और अलंकृत चप्पलें जैसे विलास-वस्तुओं के उत्पादन के लिए भी विख्यात है। 2001 की जनगणना के अनुसार चन्द्रपुर नगर पालिका क्षेत्र की जनसंख्या 2,97,612 है। पर्यटकों के देखने लायक़ यहाँ अनेक ऐतिहासिक मन्दिर और स्मारक हैं। साथ ही यहाँ के वन्यजीव अभ्यारण्य भी यहाँ आने वाले सैलानियों के आकर्षण का केंद्र होते हैं। चंद्रपुर के उत्तर में ताडोबा राष्ट्रीय उद्यान स्थित है। इसके 45 किमी दक्षिण में मानिकगढ़ वन पर्यावरण सैरगाह है। यहाँ कई प्रकार के बांस व दूसरे वृक्ष, बाघ, तेंदुआ, जंगली कुत्ते, भालू गौर, सांबर, मुंतजाक हिरन जैसे जानवर व अनेक प्रजातियों के जंगली पक्षी पाए जाते हैं।
पोर्टल navaltoday. com के अनुसार, नए जर्मन फ्रिगेट बाडेन-वुर्टेमबर्ग ने रॉकेट्स रैम और हार्पून का सफलतापूर्वक परीक्षण किया, उन्हें मानक लांचर से जारी किया, रिपोर्ट "Warspot" बाडेन-वुर्टेमबर्ग जर्मन नौसेना के लिए आदेशित चार एफ 125 प्रकार के जहाजों में से पहला है। फ्रिगेट के कारखाने परीक्षणों को अंतिम गिरावट के बाद समाप्त कर दिया गया था, जिसके बाद इसे जर्मन नौसेना में स्थानांतरित कर दिया गया था और परीक्षण प्रणालियों का परीक्षण किया जा रहा है (इस वर्ष के जनवरी में, चालक दल ने हवाई तोपखाने के काम का परीक्षण किया)। यह योजना बनाई गई है कि इस गर्मी में बाडेन-वुर्टेमबर्ग औपचारिक रूप से युद्ध शुल्क लेंगे। परीक्षण के दौरान, चालक दल ने RIM-116 (जहाज की प्रत्यक्ष सुरक्षा के लिए विमान भेदी मिसाइल प्रणाली) से तीन मिसाइलें दागीं, साथ ही एक एंटी-शिप मिसाइल हार्पून भी। आकार में, टाइप एफ 125 के जहाज विध्वंसक के समान हैं, लेकिन जर्मनी में उन्हें फ्रिगेट के रूप में वर्गीकृत किया गया है। बाडेन-वुर्टेमबर्ग की लंबाई लगभग 150 मीटर है, इसकी चौड़ाई 19 मीटर है, ड्राफ्ट 5 मीटर है, कुल विस्थापन 7200 टन तक पहुंचता है। एफ 125 प्रकार के फ्रिगेट डीजल जनरेटर और इलेक्ट्रिक मोटर्स के संयोजन से एक कॉडलाग संयुक्त शक्ति से लैस हैं। नए जहाजों की प्रमुख विशेषताओं में से एक लंबे रखरखाव चक्र है। मध्यम तीव्रता (5000 प्रति वर्ष) का संचालन करते हुए, फ्रिगेट को दो साल तक आधार पर रखरखाव के बिना करना चाहिए। बाडेन-वुर्टेमबर्ग फ्रिगेट 127 मिमी ओटोब्रेडा तोपखाने और दो 27 मिमी एमएलजी 27 एंटी-एयरक्राफ्ट गन से लैस है। इसके अलावा, जहाज ने विभिन्न प्रकार की लड़ाकू मिसाइलों और पनडुब्बी रोधी बोरपेडो के लिए खानों को लॉन्च किया है।
देखो विचार मन और इन्द्रियों के ताई। है गुणों का सब प्रत्यक्ष गुणी का नाहीं ॥ फिर गुणों के पीछे गुणी को ऐसे पावे। इस आत्मयुक्त मन से प्रत्यक्ष किया जावे ॥ ऐसेही सृष्टि में भाई, हम विशेष रचना पाई। गुण ज्ञान आदि लख सारा, हुआ ईश्वर सिद्ध हमारा ॥ ले दूसरा भी दृष्टान्त, इस के उपरान्त सुन होके शान्त, इधर कर कान ले, यह शिक्षा उर भरने में । ईश्वर० ।।२।। जिस समय जीव किसी कर्म मे मन लाता है। फिर उसी समय प्रमाण प्रत्यक्ष आता है } हो अशुभ कर्म तो भय शंका लज्जा आवे । शुभ हो तो हर्षित अंग मोद दरशावे ॥ भय अभय जो दे दिखलाई, है ब्रह्मकी ओर से भाई । मत जीव की ओर से जानो, यह सत्य कथन पहँचानो । जीव है स्वतन्त्र, तभी करे, पीछे दुख भरे, इसी से डरे, मित्र पहँचान ले, नहीं क्या हासिल डरने में । ईश्वर के० ॥३॥ प्रमाण तीसग प्रत्यक्ष यह पाना हर काम नियम अनुकूल नज़र आता है । बनना व बिगड़ना सभी नियम से होता । कर विचार मन की क्यो नहीं शंका खोता॥ देखो सृष्टि में भाई । ये अटल नियम दिखलाई ॥ ज्यो माली बाग़ लगावे। कहीं फ़र्क ज़रा नहि आवे ॥
है और उसमे प्रज्ञान और उसका आवरण है । इसमे यह शका होती है - अज्ञान और उसका आवरण विचार दृष्टि से चेतन मे है, घट मे नही है । क्यो ? अज्ञान चेतन के आश्रित है और चेतन को ही विषय करता है। यह वेदान्त का सिद्धान्त है । और सात अवस्था के प्रसंग मे अज्ञान का आश्रय अत करण सहित आभास कहा था, सो अज्ञान का अभिमानी है । "मै अज्ञानी हूँ" ऐसा अभिमान अत कररण सहित आभास को होता है । इस कारण से अज्ञान का आश्रय कहते है । और मुख्य आश्रय चेतन है, आभास सहित अन्त. करण नहीं है । कैसे ? जैसे धन का मुख्य आश्रय कोश (पेटी आदिक धन का भडार) है और "मै धनी हूँ" ऐसा धन का अभिमानीरूप आश्रय पुरुष है । वैसे अज्ञान का मुख्य आश्रय चेतन है और अभिमानीरूप आश्रय साभास अत. करण है । क्यों ? आभाससहित अन्त करण अज्ञान का कार्य है । जो जिसका कार्य होता है, सो उसका आश्रय नही बनता । इससे चेतन ही अज्ञान का अधिष्ठान रूप आश्रय है । चेतन को ही अज्ञान विषय करता है। स्त्ररूप का जो आवरण करना है, सोई अज्ञान का विषय करना है । सो अज्ञानकृत आवरण जड वस्तु मे नही बनता । क्यो ? जड वस्तु स्वरूप से ही आवृत्त है । उसमे अज्ञानकृत आवरण का कुछ भी उपयोग नही है । इस रीति से अज्ञान का आश्रय और विषय चेतन है । कैसे ? जैसे गृह के मध्य जो अधकार है, सो गृह के मध्य को आवरण करता है । इससे घट मे अज्ञान और उसका आवरण नहीं बनता है । उक्त शका का यह समाधान है बाहर के पदार्थ मे वृत्ति और आभास दोनो का उपयोग जैसे चेतन के स्वरूप से भिन्न सत् असत् से विलक्षण प्रज्ञान चेतन के आश्रित है, उस अज्ञान से चेतन आवृत्त होता है, वैसे घट के स्त्ररूप से भिन्न अज्ञान यद्यपि घट के आश्रित नहीं है, तथापि अज्ञान ने घटादिक स्वरूप से प्रकाश रहित जडस्वरूप रचे है । इससे सदा ही अध के समान आवृत्त है । सो आवृत स्वभाव घटादिको का अज्ञान ने ही किया है। क्यों ? समोगुण प्रधान अज्ञान से भूतो की उत्पत्ति द्वारा घटादिक उत्पन्न होते है । सो तमोगुण आवरण स्वभाव वाला है। इससे घटादिक प्रकाश रहित अध ही होते है । इस रीति से अधतारूप आवरण घटादिको मे अज्ञानकृत स्वभावसिद्ध है ओर घटादिको के अधिष्ठान चेनन आश्रित अज्ञान, चेतन को आच्छादित करके स्वभाव से आवृत्त घटादिको को भी आवृत्त करता है । यद्यपि स्वभाव से प्रावृत्त पदार्थ के आवरण मे प्रयोजन नहीं है, तथापि आवरण कर्ता पदार्थ प्रयोजन की अपेक्षा से बिना ही निरावरण के समान आवरण सहित मे भी आवरण करता है । यह लोक मे प्रसिद्ध है । उस अज्ञान से आवृत घट को व्याप्त जो होती है अन्त करण की आभास सहित घटाकार वृत्ति, उसमें वृत्तिभाग तो घट के आवरण को दूर करता है । और वृत्ति मे जो आभासभाग है, सो घट का प्रकाश करता है । इस रीति से बाहर के पदार्थ मे वृत्ति और आभास दोनो का उपयोग है । जैसे अधकार मे कुडे से मृत्तिका अथवा लोह का पात्र ढका धरा हो, वहाँ दड से कू डे को फोड भी दे, पीछे भी दीपक बिना उस निरावरण पात्र का प्रकाश नही होता है, किन्तु दीपक से प्रकाश होता है । वैसे अज्ञान से आवृत्त जो घट, उसके आवरण को वृत्ति भग कर देती है । तथापि घट का प्रकाश नही होता है । क्यो ? घट तो स्त्ररूप से जड है और वृत्ति भी जड है । उसका आवरण भग मात्र प्रयोजन है । उससे प्रकाश नहीं होता । इससे घट का प्रकाशक आभास है । नेत्र का विषय जो वस्तु है, उसके प्रत्यक्ष ज्ञान की यह रीति कही है। और जहा श्रोत्र इन्द्रिय से शब्द विषय का प्रत्यक्ष होता है । वहा श्रोत्र द्वारा निकली जो अन्त. करण की साभास वृत्ति, सो दूर देश मे वा समीप देश मे स्थित शब्द के आकार के समान आकार को प्राप्त होती है । तब वृत्ति से शब्द का आवरण भंग होता है और आभासभाग शब्द का प्रकाश करता है । जहा त्वक् इन्द्रिय से स्पर्शगुण और उसके आश्रय घटादिक का प्रत्यक्ष होता है, वहा शरीररूप गोलक को छोड़कर वृत्ति बाहर नही जाती है। किन्तु शरीर की क्रिया से अथवा अन्य की क्रिया से शरीररूप गोलक के साथ सयोग को प्राप्त जो घटादिक विषय, उसको और उसके आश्रित कठिनतादिकरूप स्पर्शगुण को शरीररूप गोलक मे ही स्थित हुई साभास अत करण की वृत्ति विषय करती है । उस वृत्ति से आश्रय सहित स्पर्श का आवरण भग होता है । और चिदाभास उसका प्रकाश करता है । जहा रसन इन्द्रिय से रस विषय का प्रत्यक्ष होता है, वहा भी जिह्वारूप गोलक को छोडकर वृत्ति बाहर नही जाती है । किन्तु जिह्वारूप गोलक से जब रस विषय का सयोग होता है, तब जिह्वा के अग्रभाग वत्ति रमन इन्द्रिय मे स्थित साभासवृत्ति रस को विषय करती है । वहा वृत्ति से रस का आवरण भग होता है । और चिदाभास मधुरादिरस का प्रकाश करता है । जहा घ्राण इन्द्रिय से गध का प्रत्यक्ष होता है, वहा भी नासिकारूप गोलक से पुष्पादिरूप गध के आश्रय का वा उसके सूक्ष्म अवयवो का जब सयोग होता है, तब नासिका के अग्रभाग वत्ति घ्राणइन्द्रिय मे स्थित साभास अत करण की वृत्ति, पुष्पादिरूप द्रव्य के आश्रित गधमात्र को ग्रहण अर्थात् विषय करती है । वहा वृत्ति भाग से गध का आवरण भग होता है और वृत्ति में स्थित चिदाभास भाग गध का प्रकाश करता है । यह श्रोत्रादिको का जो विषय है, उसके प्रत्यक्ष की रीति है । वृत्ति और घट दोनो एक देश मे स्थित होने से घट का ज्ञान प्रत्यक्ष कहा जाता है । और अन्त करण की वृत्ति तो घटाकार हो, किन्तु घट के सग वृत्ति का सबन्ध न हो, अतर ही वृत्ति हो, उसको घट का परोक्ष ज्ञान कहते है । "यह घट है" ऐसा अपरोक्ष ज्ञान का आकार है । "घट है " वा "सो घट है" ऐसा परोक्ष ज्ञान का प्रकार है । यद्यपि स्मृति ज्ञान भी परोक्ष ज्ञान ही है, तथापि स्मृति ज्ञान तो सस्कारजन्य है और अनुमिति आदिक परोक्ष ज्ञान प्रमाणजन्य है । इतना भेद है । प्रमाण और प्रमा ज्ञान का लक्षण प्रमाण और प्रमा का लक्षण भी बताइये ? यद्यपि प्रमाण और प्रमा का वर्णन प्रमाण निरूपरण अश ३ से अश ८ तक किया गया है,
ग्वालियर-चंबल अंचल की तेरह सीटाें पर उपचुनाव हाेना है, इसके लिए तीन नवंबर काे मतदान हाेगा। रविवार शाम छह बजे चुनाव प्रचार थमने से पहले भाजपा और कांग्रेस दाेनाें ही दलाें ने पूरी ताकत झाेंक दी है। कांग्रेस प्रत्याशियाें के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ मुरैना में राेड शाे कर रहे हैं। वहीं भाजपा प्रत्याशियाें के समर्थन में राज्यसभा सदस्य ज्याेतिरादित्य सिंधिया और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा अंचल में सभाएं लेंगे। रविवार काे शाम छह बजे के बाद राजनीतिक दल काेई भी सभा या राेड शाे नहीं कर सकेंगे। इसके बाद व्यक्तिगत प्रचार ही संभव हाे सकेगा। इसलिए दाेनाें ही दलाें का फाेकस है कि किसी भी तरह अधिक से अधिक विधानसभा क्षेत्राें में स्टार प्रचारकाें की सभाएं हाे सकें। ऐसे में सुबह से ही अंचल में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का अपने पुत्र नकुल नाथ के साथ कांग्रेस प्रत्याशियाें के समर्थन में मुरैना में राेड शाे जारी है। इसमें खुली जीप में सवार कमल नाथ लाेगाें काे अभिवादन करते हुए चल रहे हैं। इसके बाद वह ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में इंटक मैदान में कार्यकर्ता सम्मेलन काे संबाेधित करेंगे और पत्रकाराें से चर्चा करेंगे। राज्यसभा सदस्य ज्याेतिरादित्य सिंधिया की मेहगांव के अमायन में आमसभा चल रही है। वे दाेपहर 12. 30 बजे भांडेर विधानसभा क्षेत्र और दाेपहर दाे बजे करैरा विधानसभा क्षेत्र में सभा काे संबाेधित करेंगे। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा दाेपहर एक बजे दिमनी विधानसभा क्षेत्र में बैठक लेंगे, इसके बाद मुरैना में सामाजिक बैठक काे संबाेधित करेंगे। शाम चार बजे ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में काेट्श्वर मंडल द्वारा राय प्रगति गार्डन में आयाेजित सभा काे संबाेधित करेंगे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह ताेमर रविवार काे दाेपहर बारह बजे अंबाह में राेड शाे करेंगे। इसके बाद पाेरसा में भी राेड शाे हाेगा। भारतीय जनता युवा माेर्चा ने ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी मुन्नालाल गाेयल के समर्थन में वाहन रैली निकाली। यह रैली सुबह ग्यारह बजे महाराजा कॉम्पलेक्स डीडी नगर से शुरू हुई और बारादरी, थाटीपुर चाैराहा, कटाेराताल से हाेते हुए इंदरगंज पहुंचकर समाप्त हुई।
बहुत पहले नहीं, शब्द "दचा" शहर के बाहर स्थित एक साधारण उद्यान को दर्शाता है। धीरे-धीरे, डच को पारिवारिक अवकाश के लिए एक शोर शहर से दूर जगह के रूप में माना जाना शुरू किया। इसलिए, ऐसे स्थान को डिजाइन करने के लिए बगीचे के औजारों को संग्रहित करने के लिए एक छोटा सा घर बनाने के लिए पर्याप्त नहीं है। तेजी से, विभिन्न क्षेत्रों में बहुत सारे विभाजित होते हैं, जिनमें एक महत्वपूर्ण स्थान है, जिसमें घर के बगल में एक हरा मनोरंजन क्षेत्र है। और अब पता लगाएं कि घर के सामने बगीचे को अपने हाथों से कैसे सजाने के लिए। विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करनाः पत्थरों, रेत, कंकड़, साथ ही शुष्क शाखाएं, स्टंप, मॉस, आप विभिन्न रचनाओं को बना सकते हैं। और यदि पास पानी है, तो एक छोटा सा मानव निर्मित झरना बहुत अच्छा और उचित लगेगा। इस तरह की रचनाओं को साइट के समग्र लेआउट में स्वाभाविक रूप से फिट होना चाहिए, इसे ओवरपेन्ड नहीं करना चाहिए। आप देश की साजिश कैसे सजाने सकते हैं? देश के घर के बरामदे को एक सुरुचिपूर्ण पेर्गोला से सजाया जा सकता है, और घर के सामने आप एक हरे रंग के लॉन के साथ गुलाब के बगीचे को तोड़ सकते हैं। यदि साइट पर कोई कुआं है, तो आप उस पर एक सुंदर छत बना सकते हैं, जो घर और आउटबिल्डिंग के आर्किटेक्चर के साथ जरूरी है। ऑटोमोटिव टायर से बने फूलों की जगह, विला क्षेत्र में असामान्य लगती हैं। लेकिन टायर सिर्फ एक-दूसरे पर नहीं खड़े होते हैं, लेकिन बाहर चिकनी तरफ बाहर निकलते हैं। यदि आप इस तरह के फूलदान के लिए ठोस आधार भी बनाते हैं, तो यह बहुत ही मूल और टिकाऊ होगा, जो भी बहुत महत्वपूर्ण है। विला को सजाने के लिए एक और विकल्प एक "हल्का" अल्पाइन स्लाइड है । इसे बनाने के लिए, आपको बड़ी पत्थरों, सबसे अच्छे, क्रूर या ग्रेनाइट और अपनी साइट से जमीन की आवश्यकता है। रोलर कोस्टर का रूप आपके विवेकानुसार, पत्थर और मिट्टी में किसी भी हो सकता है, जो टायरों के साथ ढेर होते हैं। ऐसी पहाड़ी में जड़ी-बूटियों के पौधे और फूलों के लिए, मिट्टी पर्याप्त होगी, और यदि आप इसे झाड़ियों के साथ सजाने की योजना बना रहे हैं, तो आपको जमीन से अतिरिक्त आधार बनाना होगा। अपने आप द्वारा किए गए पेर्गोलस के अपने मेहमानों की गली पर तत्काल प्रभाव डालें। आप सामान्य बाड़ के बजाय ऐसे पेर्गोलस स्थापित कर सकते हैं, गुलाब, आईवी या अंगूर उन पर चीरते हैं। और आप इस प्रकार घर के रास्ते को सजाने के लिए, बाकी के लिए बेंच के पेर्गोलस के किनारों को सेट कर सकते हैं। यहां बताया गया है कि आप अपने बगीचे को कैसे सजाने सकते हैंः एक "जीवित" मूर्तिकला स्थापित करें। इसे बनाने के लिए आपको स्टील के तार के साथ स्टॉक करना होगा, बहुत उथले स्टील जाल, लॉन घास के बीज और अंडरसाइज्ड फूल, स्ट्रॉ और साधारण पृथ्वी। तार से भविष्य की मूर्ति का आकार बनता हैः एक कुत्ता, एक भालू या कोई अन्य आपके विवेकाधिकार पर। मोल्ड एक साथ वेल्डेड है। मिट्टी को भूसे और गीले से मिश्रित किया जाता है। भविष्य की मूर्ति को ग्रिड में लपेटा जाता है और धीरे-धीरे पृथ्वी के मिश्रण से ढका होता है, जिसमें पौधों के बीज बोए जाते हैं। तो यह एक असामान्य पौधे मूर्तिकला बाहर निकलता है। फूलों के साथ बगीचे की साजिश को कैसे सजाने के लिए? साजिश को सजाने के लिए आप खूबसूरत फूलों के बिस्तर तोड़ सकते हैं। और यदि आप चाहते हैं कि आपकी डच साइट अपने पड़ोसियों से अनुकूल रूप से अलग हो, तो आप इसे असामान्य फूल बिस्तरों से सजा सकते हैं। इन उद्देश्यों के लिए, पुरानी बाल्टी, पानी के डिब्बे, पैन, और यहां तक कि पहने हुए जूते भी करेंगे। यह सब साइट के चारों ओर खूबसूरती से व्यवस्थित किया जा सकता है, जमीन और पौधे के पैनियों, पेटूनिया, नास्टर्टियम और अन्य अंडरसाइज्ड फूलों को भरें। और आपके सभी मेहमान इस तरह के विशेष फूल बिस्तर से प्रसन्न होंगे। बगीचे के क्षेत्र के लिए मूल गहने प्लास्टिक की बोतलों से बना सकते हैं। यह फूलों के साथ फूलों के बिस्तरों और फूलों के बर्तनों के रूप में, उदाहरण के लिए, गिनी सूअरों के रूप में curbs। और प्लास्टिक की बोतलों से भी इकट्ठे विदेशी हथेलियों को स्थापित करना संभव है। जितनी संभव हो उतनी बोतलों को जमा करने के बाद, आप बगीचे गैज़बो के रूप में एक असली कृति बना सकते हैं। प्रयोग करें, और अपने पड़ोसियों और मेहमानों को आश्चर्यचकित करें कोई सीमा नहीं होगी!
रायगढ़। कोरोना लॉकडाउन के कारण संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और नगद भुगतान की प्रक्रिया से संग्राहकों को बड़ी राहत मिलने लगी है साथ ही इससे वनोपजों के संग्राहकों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ गए हैं। यह कहना है रायगढ़ जिले के अंतर्गत वनांचल के ग्रामीण वनवासियों का। वनवासियों द्वारा वनोपजों के संग्रहण के दौरान कोरोना से बचाव के लिए निर्देशों का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है। रायगढ़ जिले में अब तक कुल 804. 91 क्विंटल वनोपज की खरीदी कर संग्रहकों को 10 लाख 18 हजार 176 रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जिसमें 2 जिला यूनियनों के अंतर्गत रायगढ़ जिला यूनियन में कुल 540. 30 क्विंटल वनोपज की खरीदी की जा चुकी है। जिसके लिए 6 लाख 99 हजार 247 रुपये का भुगतान संग्राहकों को कर दिया गया है। इसी तरह धरमजयगढ़ जिला यूनियन अंतर्गत कुल 264. 61 क्विंटल वनोपज की खरीदी की जा चुकी है। जिसके लिए 3 लाख 18 हजार 929 रुपये का भुगतान संग्राहकों को किया जा चुका है। रायगढ़ जिले में मुख्यतः चरोटा, बहेड़ा, हर्रा, हर्रा कच, हर्रागोटा, ईमली, महुआ फूल, नागरमोथा, चरौटा बीज, थवई फूल, शहद, करंजबीज सवई घास, माहुल पत्ता, इन्द्रजौ, कांटा घास, कांटा झाड़ू, परसा फूल, भेलवा व गिलोय जैसे उत्पादों का संग्रहण व विक्रय किया जाता है।
भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर 18 फरवरी को होने वाले आईपीएल-2021 नीलामी में शामिल होंगे। क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार, अर्जुन के साथ प्रतिबंध के बाद फिर से क्रिकेट के मैदान पर लौटे तेज गेंदबाज एस श्रीसंत भी इस नीलामी के लिए उपलब्ध रहेंगे, जबकि आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने एक बार फिर से खुद को नीलामी से दूर रखा है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज अर्जुन का बेस प्राइस 20 लाख रुपये हैं। वह हाल में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मुंबई के लिए खेले थे और वह पिछले कुछ समय से मुंबई इंडियंस की टीम के साथ ट्रेनिंग करते आ रहे हैं। श्रीसंत के ऊपर लगा प्रतिबंध इस साल सितंबर में समाप्त हो गया था और वह हाल में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेले थे। उनका बेस प्राइस 75 लाख रुपये हैं। आईपीएल-2021 की नीलामी में शामिल होने के लिए पंजीकरण करने की आखिरी तारीख चार फरवरी थी और इस बार करीब 1097 खिलाड़ियों ने नीलामी में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें 814 भारतीय और 283 विदेशी खिलाड़ी हैं।
कांग्रेस ने मंगलवार को कश्मीर मुद्दे पर नेहरू की आलोचना को लेकर मोदी पर निशाना साधा था और आरोप लगाया था कि उन्होंने एक बार फिर तथ्यों की अनदेखी की। गुजरात के आणंद जिले में सोमवार को एक रैली को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने नेहरू पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने अन्य रियासतों के विलय से संबंधित मुद्दों को चतुराई से हल किया, लेकिन "एक व्यक्ति" कश्मीर मुद्दे को नहीं सुलझा सका। रीजीजू ने सिलसिलेवार ट्वीट में नेहरू से जुड़े मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश पर पलटवार किया। भाजपा नेता ने कहा, "यह 'ऐतिहासिक झूठ' कि महाराजा हरि सिंह ने कश्मीर के भारत में विलय के सवाल को टाल दिया था, जवाहर लाल नेहरू की संदिग्ध भूमिका की रक्षा के लिए बहुत लंबे समय तक चला है। " रीजीजू ने लोकसभा में नेहरू के 24 जुलाई, 1952 के भाषण का हवाला देते हुए दावा किया कि महाराजा हरि सिंह ने पहली बार भारत में जम्मू कश्मीर के विलय के लिए आजादी से एक महीने पहले ही जुलाई 1947 में नेहरू से संपर्क किया था, और यह नेहरू थे जिन्होंने महाराजा की बात को अस्वीकार कर दिया। कानून मंत्री ने कहा, "और जयराम रमेश, न केवल नेहरू ने जुलाई 1947 में महाराजा हरि सिंह के विलय के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, बल्कि नेहरू अक्टूबर 1947 में भी टालमटोल कर रहे थे। यह तब था जब पाकिस्तानी आक्रमणकारी श्रीनगर के कई किलोमीटर अंदर पहुंच गए थे . . . कश्मीर को एकमात्र अपवाद क्यों बनाया गया था नेहरू द्वारा . . . सच तो यह है कि भारत अभी भी नेहरू की गलतियों की कीमत चुका रहा है। "
चित्रकूट। जिले के व्यस्ततम करवी क्षेत्र में चाेरों ने एक आभूषण प्रतिष्ठान में सेंध लगाकर आठ लाख रूपये के जेवरात और 25 हजार रूपये की नगदी पर हाथ साफ (Stole) कर दिया। सोमवार सुबह घटना की जानकारी होने पर दुकान मालिक के परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि सदर कोतवाली क्षेत्र के पुरानी बाजार मुख्य डाकघर के सामने स्थित सरजू आभूषण मंदिर के मालिक विनोद सोनी उर्फ लाला ने पुलिस को दर्ज करायी गयी तहरीर में कहा कि वह शहर के बाहर गया था। सोमवार को दुकान के पड़ोस में रहने वालों ने बताया कि दुकान की दूसरी मंजिल के बाहर का दरवाजा टूटा है। जानकारी होते ही उनके परिजन दुकान पहुंचे और पुलिस की मौजूदगी में दुकान के अंदर पहुंचे तो देखा कि ऊपरी मंजिल के बीच के चार दरवाजे टूटे हैं। शोकेस काउंटर में रखे लगभग दस किलो चांदी व 50 ग्राम सोने के आभूषण गायब हैं। 25 हजार रुपये की नगदी भी गायब है। सीसीटीवी कैमरे का सीडीआर गायब है। दुकान के अंदर रखे बड़े लॉकर को तोडने का प्रयास किया गया लेकिन खुल नहीं पाया। शहर के मध्य बडी चोरी की जानकारी होते ही अपर एसपी चक्रपाणि त्रिपाठी, सीओ हर्ष पांडेय व कोतवाल एके मिश्रा डॉग स्क्वायड व फिंगर प्रिंट विशेषज्ञ टीम के साथ पहुंचे। दो घंटे की जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि चोर दुकान के बगल के घरों से चढ़े और बाहरी हिस्से की जाली तोडकर दरवाजा तोडा। इसके बाद नीचे आने के दौरान तीन और दरवाजे तोडे तब काउंटर के पास पहुंचे और लाखों की चोरी करके इसी रास्ते से भाग निकले। दुकान मालिक के भाई रामविशाल सोनी की तहरीर पर अज्ञात चोरों के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज की गई है। अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जल्द ही चोरों का पता लगाया जाएगा।
अशोक गहलोत, राहुल गांधी और सचिन पायलट (फाइल फोटो) राजस्थान विधानसभा चुनाव 2018 के लिए कांग्रेस की ओर से शेष 48 सीटों के लिए अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए गए हैं. पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत ने शुक्रवार देर शाम बताया है कि दूसरी लिस्ट जारी करने की सारी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और अब उम्मीदवारों की लिस्ट कभी भी आ सकती है. हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आज रात आएगी या कल सुबह, यह नहीं कह सकता, ये मुकुल वासनिक ही बता सकते हैं. गहलोत ने कहा कि अब CEC की कोई बैठक नहीं होगी, हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है. सचिन पायलट, डॉ. सीपी जोशी, कटारिया समेत हम सब एक हैं. इसकी बानगी आपको आने वाले चुनाव में देखने को मिलेगी. यहां देखें- राजस्थान कांग्रेस की पहली लिस्ट में कहां से कौन हैं उम्मीदवार? इससे पहले राष्ट्रीय राजधानी स्थित 15 GRG में कांग्रेस की बैठक हुई. इस बैठक के बाद अशोक गहलोत, सचिन पायलट, रामेश्वर डूडी, कुमारी शैलजा, अविनाश पांडे समेत तमाम नेता शामिल थे. बैठक खत्म होने के बाद बाहर निकले गहलोत ने वहां मौजूद लोगों से मुलाकात की. इस दौरान कुछ कार्यकर्ताओं और दावेदारों ने अपनी मांग भी रखी. ये भी पढ़ें- राजस्थान की कांग्रेस लिस्ट में झूठा निकला राहुल गांधी का ये दावा! कांग्रेस ने गुरुवार रात अपनी पहली लिस्ट जारी की थी. केंद्रीय चुनाव समिति की देर रात तक चली बैठक में 152 प्रत्याशियों के नामों के ऐलान किया गया. इस सूची में सचिन पायलट, अशोक गहलोत, रामेश्वरलाल डूडी, डॉ. सीपी जोशी के नाम शामिल हैं. कांग्रेस की पिछले सरकार के 22 मंत्रियों को भी इस सूची में जगह दी गई. .
।। ॐ नम सिद्धेभ्य । अथ द्वितीयोऽध्यायः ॥ राजे सहजस्वभावतै । तजि परभाव विभाव । नमो आप्तके परमपद । प्रकटै शुद्धस्वभाव ॥१॥ औपशमिकक्षायिकौ भावौ मिश्रश्च जीवस्य स्वतत्वमौदयिकपारिणामिकौ च अर्थप्रकाशिका - औपशमिक । क्षायिक । मिश्र । औदयिक । पारिणामिक । ए जीवके पाच भाव है । ते जीक्षके निजतत्व है। जैसे मलिनजलके विषं कतकादिद्रव्यका मिलापतै कर्दम मल तो नीचे बैठीजाय है जल उज्वल होयजाय है तैसे कारणके वशतै प्रतिपक्षी कर्मकी शक्तिका उदय नही होना आत्माकी विशुद्धिता होना सो उपशम भाव है । बहुरि जैसे कतकद्रव्यके सबधतै जाका कर्दम तो नीचे बैठीगया अर जल ऊपरि निर्मल हो गया तिस जलकू अन्य पवित्र उज्वल भाजनमे धारणकीया कर्दम निकासि दूरि डारि दीया तिस जलमे अत्यत उज्वलता रहे है तैसे प्रतिपक्षी कर्मका अत्यंत अभाव होतासता आत्माके भावनिमे अत्यत विशुद्धिता होना सो क्षायिकभाव है । बहुरि जैसे प्रक्षलनिके वसते माचणेको दुनिमे मदशक्तिका कुछ क्षीणपणा कुछ अक्षीणपगा प्रकट होय है जैसे क्षयोपशमरूप कारणके वशतं प्रतिपक्षी कर्मके सर्वधातिस्पर्द्धानिका उदय नही होना सोही उदयाभाव क्षय अर उपरितन निषेकनिका सत्तामे उपशम रहना अर देशघातिस्पर्द्धकनिका उदय होना सो क्षायोपशमिकमाव हे याहीकू मिश्र कहिए है । बहुरि द्रव्य क्षेत्र काल भावरूप निमित्तके वरातै विपच्यमान कर्मका फल प्रकट होना अपना रस देना सो उदय है । उदयतै भाव होय मो औदयिकभाव है । वहुरि जहा कर्मकी
बॉलीवुड एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा (Priyanka) इंटरनेशनल स्टार बन चुकी हैं। वह एक से एक हॉलीवुड प्रोजेक्ट्स में काम कर रही हैं। हालिया रिलीज वेब सीरीज सिटाडेल में प्रियंका चोपड़ा की एक्टिंग की जमकर तारीफ हुई। इसके अलावा वह पति निक जोनस और बेटी मालती मैरी चोपड़ा जोनस के साथ अपनी लाइफ को एजॉय कर रही हैं। इस बीच प्रियंका चोपड़ा (Priyanka) ने अपने पिछले रिलेशनशिप्स को लेकर खुलकर बात की है। अब उन्होंने निक की तारीफ करते हुए कहा कि वो उनके सबसे बड़े चीयरलीडर हैं। और उन्होंने निक से पहले अपने सभी पुराने रिश्तों के बारे में खुलकर बात की।
अमरावती/दि. 23- कोविड संक्रमण काल से पहले अमरावती से जबलपुर और अमरावती से लातुर होते हुए पुणे ट्रेन चलायी जा रही थी. जिसे कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए अन्य रेलगाडियों के साथ-साथ बंद कर दिया गया था. परंतू कोविड संक्रमण का खतरा टलने के बाद जहां अब सभी रेलगाडियों को पहले की तरह शुरू कर दिया गया है, वही अमरावती से इन दोनों रेलगाडियों का परिचालन अब तक बंद ही रखा गया है. जिसे लेकर क्षेत्र की जनता द्वारा विगत लंबे समय से मांग उठाई जा रही है. परंतू रेल प्रशासन द्वारा जनभावनाओं की लगातार अनदेखी की जा रही है. इस आशय का आरोप लगाते हुए महानगर यात्री संघ द्वारा चेतावनी दी गई कि, यदि आगामी एक माह के भीतर अमरावती से इन दोनों रेलगाडियों को दोबारा शुरू नहीं किया जाता है, तो अगले महिने बडनेरा रेल्वे स्टेशन पर रेल रोको आंदोलन किया जायेगा और पूरा दिन बडनेरा रेल्वे स्टेशन से किसी भी ट्रेन को गुजरने नहीं दिया जायेगा. महानगर यात्री संघ के अध्यक्ष अनिल तरडेजा की अगुआई में आज स्थानीय मॉडल रेल्वे स्टेशन पर जबलपुर व पुणे ट्रेन को दुबारा शुरू किये जाने की मांग को लेकर जबर्दस्त प्रदर्शन किया गया. साथ ही रेल महकमे के वरिष्ठ अधिकारियों के नाम स्टेशन प्रबंधक एम. एम. लोहकरे को ज्ञापन सौंपा गया. इस ज्ञापन में कहा गया कि, कोविड काल से पहले रोजाना चलनेवाली अमरावती-जबलपुर ट्रेन को अमरावती से अच्छी-खासी यात्री संख्या मिला करती थी. जिससे रेल महकमे को काफी आय होती थी और यह ट्रेन फायदे में भी चल रही थी. यही स्थिति अमरावती-पुणे व्हाया लातुर साप्ताहिक ट्रेन के साथ भी थी. जिसमें हमेशा ही अग्रीम आरक्षण हाउसफुल्ल रहा करता था. ऐसे में कोविड का खतरा निपटने के बाद इन दोनोें रेलगाडियों को बंद रखने का औचित्य समझ से परे है. साथ ही हैरतवाली बात यह भी है कि, जबलपुर ट्रेन को इस समय नागपुर तक चलाया जा रहा है. जहां पर यह ट्रेन पूरा दिन रेल्वे यार्ड में खाली खडी रहती है. जबकि नागपुर स्टेशन पर रेल्वे यार्ड में पहले ही काफी रैक खडे रहते है और वहां रेलगाडियों को खडे रखने हेतु जगह की कमी है. ऐसे में बहुत बेहतर रहेगा कि, इस ट्रेन को पहले की तरह अमरावती तक लाया जाये. जिससे रेल्वे को आय के साथ सुविधा भी होगी. इन सबके साथ ही विदर्भ क्षेत्र के नागरिकों, व्यवसायियोें व उद्योजकों के पास पहले की तरह मध्यप्रदेश के महाकौशल क्षेत्र से सीधा संपर्क रखने का जरिया उपलब्ध होगा. जिससे यहां के व्यापार-व्यवसाय को गति मिलेगी. इसी तरह कोविड काल से पहले शुरू रहनेवाली अमरावती-पुणे व्हाया लातुर साप्ताहिक ट्रेन को भी दुबारा जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए, ताकि अमरावती शहर सहित जिले के नागरिकों के पास पुणे आने-जाने हेतु पहले की तरह अपना अधिकारपूर्ण साधन उपलब्ध हो सके. इन सबके साथ ही महानगर यात्री संघ ने नया अमरावती रेल्वे स्टेशन से होकर कुछ नई रेलगाडियों को चलाये जाने तथा बडनेरा रेल्वे स्टेशन पर लंबी दूरीवाली कुछ रेलगाडियों को स्टॉपेज दिये जाने के साथ ही अमरावती रेल्वे स्टेशन से नासिक व पुणे के लिए दो नई रेलगाडियों को चलाये जाने की मांग भी रेल प्रशासन से की है और साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि, अगर एक माह के भीतर अमरावती से जबलपुर और अमरावती से लातुर होते हुए पुणे के लिए पहले की तरह ट्रेन शुरू नहीं की जाती है, तो अगले महिने बडनेरा रेल्वे स्टेशन पर पूरा दिन रेल रोको आंदोलन किया जायेगा और उस दिन बडनेरा स्टेशन से होकर किसी भी ट्रेन को गुजरने नहीं दिया जायेगा. ज्ञापन सौंंपते समय महानगर यात्री संघ के अध्यक्ष अनिल तरडेजा, अमरावती चेंबर ऑफ कॉमर्स एन्ड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष विनोद कलंत्री, सचिव सुरेंद्र देशमुख व सहसचिव मनीष करवा, रिटेल किराणा एसो. के अध्यक्ष आत्माराम पुरसवाणी, सागर गुप्ता, दिलीप छुटलाणी, सुधीर बजाज, जयपाल साधवानी, परमानंद शर्मा, नितीन कदम, विजय पिंजाणी, किशोर मोहता, मुकेश हरवाणी, अनुप हरवाणी, तुलसी सेतीया, राजु बुलाणी, प्रदीप हरवाणी, अनुराग तरडेजा, तरूण अरोरा के साथ ही बिझीलैण्ड, सिटीलैण्ड व ड्रीम्जलैण्ड व्यापारी एसो. के पदाधिकारी भी बडी संख्या में उपस्थित थे. इस आंदोलन के दौरान अपनी बेहद संतप्त प्रतिक्रिया देते हुए महानगर यात्री संघ के अध्यक्ष अनिल तरडेजा ने कहा कि, अमरावती रेल्वे स्टेशन का कायाकल्प और यहां से रेल सुविधाओं का विस्तार अमरावती से वास्ता रखनेवाली देश की पूर्व राष्ट्रपती श्रीमती प्रतिभाताई पाटील की मेहरबानी के चलते हुआ था. जिसकी वजह से बरसों-बरस तक उपेक्षित पडा रहनेवाला अमरावती शहर देश के रेल्वे नक्शे पर दिखाई दिया. किसी भी क्षेत्र का विकास करने हेतु वहां पर आवागमन की नई-नई सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है. परंतू अमरावती में उलटी गंगा बहाई जा रही है. नई रेलगाडियां देना तो दूर, बल्कि जो रेलगाडियां पहले से चल रही थी, उन्हें बंद करने का कारनामा रेल महकमे द्वारा किया जा रहा है और हैरत की बात यह है कि, इसे लेकर किसी जनप्रतिनिधि द्वारा कुछ भी नहीं कहा जा रहा. ऐसे में अब आम जनता सडक पर उतरकर अपने अधिकारों की लडाई लडेगी. हम रेल महकमे से गाडियों की भीख नहीं मांग रहे, बल्कि अमरावती-जबलपुर और अमरावती-पुणे व्हाया लातूर ये दो रेलगाडियां हमारा अपना अधिकार है और हम इसे हर हाल में वापिस प्राप्त करेंगे. क्योंकि यह हमारे शहर व जिले के विकास व भविष्य से जुडा मामला है.
बरेली : मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का आज यानि संडे को आगाज होगा। यह मेला डिस्ट्रिक्ट के समस्त सीएचसी-पीएचसी पर लगाया जाएगा। शहर में संजय नगर स्थित सीएचसी पर मेले का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार करेंगे। इस मौके पर डीएम नितीश कुमार, सीएमओ विनीत कुमार शुक्ला समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस आरोग्य मेले में डिस्ट्रिक्ट के मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स भी प्रतिभाग कर चिकित्सा अनुभव लेंगे। वहीं मेले में एक आयुष चिकित्सक और मोबाइल यूनिट भी तैनात होगी। आरोग्य मेले में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभागए आरबीएसके की टीम भी रहेगी। वह लोगों के बीच योजनाओं का प्रचार करेगी। मेले में ओपीडी की सुविधा होगी। मरीजों की जांच के साथ ही उनको दवाएं दी जाएंगी। आरोग्य मेला सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक लगाया जाएगा। आरोग्य मेले में टीबी, मलेरिया, डेंगू, दिमागी बुखार, कालाजार, फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारियोंकी जांच की जाएगी। गर्भवती महिलाओं के लिए चलने वाली योजनाओंए संस्थागत प्रसव के बारे में बताया जाएगा। पूर्ण टीकाकरण की जानकारी भी दी जाएगी। आज से हर एक सीएचसी-पीएचसी पर जन आरोग्य स्वास्थ्य मेला का आयोजन किया जा रहा है। इसमें लोगों को काफी स्वास्थ्य लाभ के साथ गंभीर बीमारियों का इलाज दिया जाएगा। डॉ। विनीत कुमार शुक्ला, सीएमओ।
बिहार बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं 17 से 24 फरवरी 2021 के बीच हुई थी. नई दिल्ली. बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड (Board School Examination Board, BSEB) ने कक्षा 12 के परिणाम के लिए स्क्रूटनी प्रक्रिया शुरू कर दी है. रिजल्ट 26 मार्च को घोषित किया गया था. BSEB के अपडेट के अनुसार, परिणाम जांच के लिए आवेदन विंडो 7 अप्रैल तक खुली रहेगी. जो अपने परिणामों से संतुष्ट नहीं हैं, वे आधिकारिक वेबसाइट, biharboardonline. bihar. gov. in पर आवेदन कर अपनी उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करा सकते हैं. छात्रों को स्क्रूटनी के लिए प्रति विषय 70 रुपये का शुल्क देना होगा. -बीएसईबी की आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline. bihar. gov. in पर जाएं. -होम पेज पर, "Scrutiny Registration' लिंक पर जाएं. -डिटल भरें और बीएसईबी कक्षा 12 के लिए स्क्रूटनी फॉर्म 2021 भरें. -सबमिट बटन पर क्लिक करें. -शुल्क का भुगतान क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के माध्यम से करें. एक बार स्क्रूटनी परिणाम जांच के लिए आवेदन करने के बाद, कैंडिडेट्स अपनी इवैल्युएडेट उत्तर पुस्तिकाओं की फोटोकॉपी भी प्राप्त कर सकते हैं. जो छात्र एक या दो विषयों में असफल रहे, उन्हें कंपार्टमेंट परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाएगी. इस साल बिहार बोर्ड कक्षा 12 का उत्तीर्ण प्रतिशत 78. 04 प्रतिशत रहा. पिछले साल कुल पास प्रतिशत 80. 44 प्रतिशत था. .
रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में ईडी ने दिनभर पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से पूछताछ की। पीएमएलए के तहत दर्ज बयान में दिनेश गोप ने स्वीकार किया है कि सहयोगियों के जरिए पैसे निवेश किए थे। रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में ईडी ने दिनभर पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप से पूछताछ की। पीएमएलए के तहत दर्ज बयान में दिनेश गोप ने स्वीकार किया है कि सहयोगियों के जरिए पैसे निवेश किए थे। उसने लेवी की राशि का निवेश अपनी दोनों पत्नियों व सहयोगियों के जरिए किया। दिनेश गोप ने पूछताछ में यह भी स्वीकार किया है कि सुमंत कुमार के डायरेक्टरशिप में बनी कंपनी में भी उसने निवेश किया। वहीं नोटबंदी के दौरान पुराने नोट को बैंक में जमा कराने के लिए बेड़ो में पेट्रोल पंप मालिक के इस्तेमाल की बात भी स्वीकारी। ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में टीम दिन के 11 बजे रांची केंद्रीय कारा पहुंची थी। वहां अधिकारियों ने शेल कंपनियों व लेवी की राशि के निवेश के पहलुओं पर पूछताछ की। इससे पहले केंद्रीय एजेंसी एनआईए भी दिनेश गोप से लंबी पूछताछ कर चुकी है। ईडी अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार को भी ईडी रांची जेल में दूसरे दिन की पूछताछ करेगी। ईडी ने दिनेश गोप से उसके पूरे नेटवर्क, लेवी के पैसों के स्रोत, पैसों का निवेश करने वाले सहयोगी कारोबारियों के बारे में पूछताछ की। ईडी को पूर्व में राज्य सरकार ने दिनेश गोप व उसके परिजनों की संपत्ति का विवरण भेजा था। उन संपत्तियों के विषय में भी दिनेश गोप से ईडी ने पूछताछ की। हालांकि पूछताछ में ईडी के समक्ष दिनेश गोप ने इन पहलुओं पर क्या खुलासा किया, यह स्पष्ट नहीं है। गौरतलब है कि दिनेश गोप को एनआईए ने नेपाल से गिरफ्तार किया था। फिर उसे भारत लाया गया। पहले एनआईए ने पूछताछ की।
बच्चों को कोरोना टीका लगाने में झुंझुनूं पीछे रह गया है। झुंझुनूं जिला लक्ष्य को हासिल करने में पीछे है। जिले में अभी तक सिर्फ 71. 73 प्रतिशत ही लक्ष्य हासिल हुआ है। झुंझुनूं जिले में 20 जनवरी तक एक लाख 14 हजार 200 बच्चों को ही कोरोना के टीके लग पाए हैं। सीएमएचओ डा. छोटेलाल गुर्जर ने बताया कि कोरोना का टीका लगाने के लिए 15 से 18 साल के बच्चों को जिले में 159209 बच्चों को चिन्हित किया गया था। इनमें से एक लाख 14 हजार 200 बच्चों को कोरोना का टीका लग चुके है। जिले में कोरोना की तीसरी लहर में सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव बच्चे मिल रहे हैं। जिले में कोरोना लगातार बढ़ रहा है। बच्चों का आंकड़ा काफी ज्यादा है। बुधवार को आई कोरोना रिपोर्ट में खास बात यह है कि 47 बच्चे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। आज गुरुवार की रिपोर्ट में कजड़ा की नवोदय स्कूल में 36 बच्चे पॉजिटिव आए हैं। This website follows the DNPA Code of Ethics.
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) कतर में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप (Fifa World Cup) 2022 से बाहर हो जाने के बाद स्टार फुटबॉलर क्रिस्टियानो रोनाल्डो (Cristiano Ronaldo) के समर्थन में उतरे हैं। वर्ल्ड कप में बीते शनिवार को पुर्तगाल को क्वार्टर फाइनल में मोरक्को के हाथों 1-0 से हार का सामना करना पड़ा था। इस वजह से पुतर्गाल के साथ रोनाल्डो का भी टूर्नामेंट से सफर समाप्त हो गया था। फुटबॉल के मेगा इवेंट से बाहर हो जाने के बाद रोनाल्डो मैदान पर ही भावुक होते दिखाई दिए थे, जिसे देखकर दुनियाभर के उनके फैंस भी मायूस हो गए थे। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान ने रोनाल्डो के लिए सोशल मीडिया पर एक इमोशनल पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने स्टार फुटबॉलर की जमकर तारीफ की है। किंग कोहली ने कहा कि रोनाल्डो को कोई भी टाइटल एक्सप्लेन नहीं कर सकता है। वह मेरे लिए सार्वकालिक महान खिलाड़ी हैं। सोशल मीडिया पर रोनाल्डो की तस्वीर शेयर करते हुए उन्होंने कैप्शन में लिखा, आपने इस खेल में और दुनियाभर के खेल प्रशंसकों के लिए जो कुछ भी किया है, उससे कोई ट्रॉफी या कोई खिताब कुछ भी कम नहीं कर सकता है। कोई भी शीर्षक यह नहीं बता सकता कि आपने लोगों पर क्या प्रभाव डाला है और जब हम आपको खेलते हुए देखते हैं तो मैं और दुनियाभर के कई लोग क्या महसूस करते हैं। आप भगवान की ओर से एक तोहफा हो। एक ऐसे व्यक्ति के लिए एक वास्तविक आशीर्वाद जो हर बार अपने दिल से खेलता है और किसी भी खिलाड़ी के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण और सच्ची प्रेरणा का प्रतीक है। आप मेरे लिए सर्वकालिक महान हैं। पुर्तगाल की इस हार के बाद यह तय हो गया था कि पांच विश्वकप में गोल दागने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी क्रिस्टियानो रोनाल्डो अब विश्व कप ट्रॉफी कभी नहीं उठा पाएंगे। संभवतः 37 वर्षीय खिलाड़ी अपना अंतिम विश्व कप खेल चुका है। रोनाल्डो पुर्तगाल के ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे शानदार फुटबॉलर्स में से एक हैं। उन्होंने इंटरनेशनल फुटबॉल में सबसे ज्यादा 118 गोल दागे हैं। दुनिया का कोई भी दूसरा खिलाड़ी उनके इस रिकॉर्ड के आसपास नहीं है। रोनाल्डो ने पुर्तगाल की फुटबॉल टीम के लिए 196 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।
प्रो कबड्डी लीग-2019 में 12 अगस्त को बेंगलुरु बुल्स की टीम यूपी योद्धा के सामने चुनौती पेश करेगी। यह मैच अहमदाबाद के एका एरिना बाय ट्रांसस्टेडिया में रविवार को भारतीय समय के अनुसार शाम 8. 30 बजे से खेला जाएगा। बेंगलुरु बुल्स 6 में से 4 मैच जीतकर अंकतालिका में दूसरे स्थान पर है, जबकि यूपी 6 में से 1 महज 1 मुकाबला अपने नाम कर 11वें पायदान पर। टीमेंः बेंगलुरु बुल्सः रेडरः बंटी, लाल मेहर यादव, पवन कुमार सहरावत, रोहित कुमार, सुमित सिंह, विनोद कुमार। डिफेंडरः मोहित सहरावत, राजू लाल चौधरी, विजय कुमार, महेंद्र सिंह, अमन, संदीप, सौरभ नंद, अजय, अमिल शेरॉन, अंकित। ऑलराउंडरः आशीष कुमार, संजय श्रेष्ठ। रेडरः अंकुश, आजाद सिंह, गुलीवर सिंह, मोहम्मद मसूद करीम, मोनू गोयत, रिशांक देवाडिगा, श्रीकांत जाधव, सुरेंद्र गिल, सुरेंद्र सिंह। डिफेंडरः आशू सिंह, आशीष नागर, नितीश कुमार, अमित, सुमित। ऑलराउंडरः अकरम शेख, गुरदीप, मोहसेन मगशूदलूजाफरी, नरेंद्रस सचिन कुमार।
ज्ञानदीप आगे की लाइनें पढ़ पाता कि दरवाजें पर दस्तक हुई। लगा जैसे खाने के बीच कंकड़ आ गया हो। उसने पन्ने उठाकर एक तरफ रखा और दरवाजा खोला। सामने अली खड़ा था। "भैंया, जल्दी चलिये अम्मी को दौरा पड़ा हैं." अली हाँफता हुआ बोला। ज्ञानदीप दरवाजा बंद करके उसके साथ चला गया। जब यह बात अम्मा को पता चली तो उन्होंने मुझे बहुत डाँटा। जबकि उस वक्त मुझे हिजड़ों के बारे में कुछ भी नहीं पता था। मगर विघि का विधान तो देखिये जिस हिजड़े समाज से बोलने के लिए मुझे इतनी बड़ी सज़ा मिली थी। आज मैं उसी हिजड़े समाज की नायक हूँ। डुबोया मुझको होने ने, न होता मैं तो क्या होता। नसीबों के खेल भी कितने निराले होते हैं। यह मैंने इस उमर में जाना था। भाग्य के मैं कितने रूप बखान करूँ, हर एक रूप में दर्द ही दर्द हैं। अब तो मैं इस दुर्भाग्य को अपनी तकदीर मान बैठी हूँ और उसी के सहारे घिसटती जा रही हूँ। न जाने कब तक घिसटती जाऊँगी। माँ-बाप ने क्या सोच कर मेरा नाम दीपक रखा होगा, कि एक दिन दीपक की तरफ सारे संसार में चमकूँगा। मगर अफसोस! मैं बदनसीब दीपक न बन सका। जहाँ चमकना था वहाँ चमक न सका। जहाँ बुझना था वहाँ चमक उठा।। क्या करती परिस्थितियों के आगे विवश थी। परिस्थितियाँ इंसान को क्या से क्या बना देती है। जब भाग्य का पहिया चलता हैं तो वह किसी को नहीं बख़्शता सिर्फ़ रौंदता चला जाता हैं। उस हिजड़े वाले हादसे के बाद से पिताजी मुझे अपने साथ रखते। उनकी पैनी निगाहें हर पल मुझ पर रहती। दिन-रात की कड़ी मेहनत के बाद भी परिवार का खर्चा नहीं चल पा रहा था। दो छोटी बहन और दो छोटे भाइयों की पढ़ाई का खर्चा ठेले से निकाल पाना दूभर हो गया था। फिर क्या था पूरा परिवार दस पैसे किलों पर टाफी लपटने लगा। दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद बीस किलो टाफी पैक हो पाती थी। यह सब देखकर हम-दोनें भाइयों को बहुत तकलीफ़ होती थी। काफी सोचने-विचारने के बाद हमने यह निश्चय निकाला कि हम लोग देहरादून जायेंगे। वहाँ जाने का सबसे बड़ा कारण यह था कि वहाँ हमारे रिश्तेदार थे। जबकि अम्मा-पिताजी नहीं चाहते थे कि हम में से कोई भी किसी से पल भर के लिए दूर हो। कहते हैं ना, तकदीर जो न कराये वह कम हैं। हम-दोनों भाई तैयारी करके देहरादुन चले गए। हमारे रिश्तेदारों ने मदद करना तो दूर, बात करना भी गंवारा न समझा। हम लोगों ने जैसे-तैसे कई रातें फुटपाथ पर काटी। दिन में हम लोग होटलों में काम करते और रात में टैम्पों पर कनडकटरी करते। देखते-देखते मेरा भाई टैम्पों चलाना सीख गया था। तभी अल्लाह का एक बंदा मिल गया जिसने मेरे भाई को टैम्पों दिया और कहा चलाओं। मैं अगले दिन ट्रेन पकड़ कर अपने शहर आ गया। एक हफ्ता रहने के बाद जब मैं देहरादुन आने लगा तो पिताजी मेरे साथ चल पड़े। यह तो मुझे बाद में पता चला कि वह घूमने नहीं, छोटी बहन के लिए लड़का ढूढ़ने आए हैं। तभी दूर की रिश्तेदारी में पिताजी को एक लड़का मिल गया था। पिताजी ने साफ़-साफ़ कह दिया था कि मेरे पास सिर्फ लड़की हैं और कुछ नहीं। लड़के वालों ने भी अपनी बात रख दी, हमें सिर्फ लड़की चाहिए जो हमारे परिवार को चला सके। नतीजा यह निकला कि शादी देहरादून में करनी होगी। पिताजी वापस अपने शहर आ गये। फिर एक हफ्ते के बाद अम्मा और भाई-बहनों को लेकर देहरादून आ गए। हम लोगों ने तो जो शादी में पैसा लगाया साथ-साथ लड़के वालों ने भी हमारी काफी मदद की। शादी ठीक-ठाक निपट गई थी। पिताजी सबको लेकर शहर आ गए थे। आठवे दिन मैं भी शहर आ गया। उसी के दूसरे दिन मेरे भाई का एक्सीडेंट हो गया। देहरादून के रिश्तेदारों ने मेरे बड़े भाई को खैराती अस्पताल में भर्ती कर दिया, और पीछे मुड़कर नहीं देखा। पिताजी-अम्मा को बहुत दुःख हुआ। डॉक्टरों के अनुसार, भाई का एक हाथ बेकार हो चुका था। और अगर जल्दी नहीं काटा गया तो ज़हर पूरे ज़िस्म में फैल जाएगा। पिताजी भाई को लेकर अपने शहर आ गए थे। डॉक्टरों को दिखाया गया तो उन्होंने फौरन आप्ररेशन करने को कहा। रकम एक हज़ार थी मगर जहाँ खाने के लाले लगे हो, वहाँ यह रकम बहुत बड़ी थी। पिताजी ने हर एक के आगे गुज़ारिश की मगर किसी ने उनकी मदद नहीं की। वह पैसे के लिए इधर-उधर भागते रहे। पैसा मिला भी तो ब्याज पर, भाई का आप्ररेशन हुआ। पर डॉक्टर उसका दाया हाथ नहीं बचा सके। शहर में मेरे भाई का नाम था चाहे खेल का मैदान हो या पढ़ाई, वह हर जगह अव्वल आता था। मगर आज वह विकलांग बन कर रह गया था। भाई के ग़म में पिताजी घुटते जा रहे थे। फिर क्या था मैंने उन कलाकरों से मिलना-जुलना शुरू कर दिया, और गुज़ारिश की वे भी मुझे अपने साथ प्रोग्राम में ले चले। उस समय मेरी उम्र चैदह साल की थी। उन लोगों ने मुझे पाँच रूपया रोज पर रामलीला में नाचने का काम दिला दिया। दिन-भर मैं चाय का ठेला खींचता और रात-भर रामलीला में नाचता। फिर सुबह भाई को अस्पताल में ले जाकर डेसिंग कराना। यह सब मेरा रोज का काम था। मेरे तो जैसे काटों खून नहीं। ज्ञानदीप आगे की लाइनें पढ़ पाता कि अचानक बिजली गुल हो गई। उसे रह-रहकर बिजली विभाग पर गुस्सा आ रहा था। मगर वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सका। इस वक्त अँघेरे का वर्चस्व कायम था। तो क्या मज़ाल थी रोशनी की। ठंड़ भी अपने चरम सीमा पर थी। कोहरे का अपना बवाल था। जहाँ दिन में यह मोहल्ला कान फोड़ता हो, वही इस वक्त सन्नाटा अपनी चादर ओढ़े पड़ा था। ज्ञानदीप ने लालटेन में देखा उसमें तेल नहीं था। उसे अपने ऊपर काफी गुस्सा आया। उसका दिल-दिमाग दीपिकामाई के डायरी के पन्नों में खोया था। आगे क्या हुआ? उसकी उत्सुकता बनी हुई थी। ज्ञानदीप दरवाजा बंद करके रोड पर आ गया। मगर दुकान बंद देख वह आगे बढ़ गया। फिर भी उसे मोमबत्ती नहीं मिली तो वह हताश मन से लौट आया। जैसे 'रावन' फ्लाप होने से शाहरूख खान लंदन से मुंबई वापस आए थे। ज्ञानदीप बिस्तर पर ऐसे ढहे, जैसे जीरों पर आउट होने पर कोहली ढहे थे। ज्ञानदीप का दिल-दिमाग अभी भी दीपिकामाई के उन पन्नों में डूबा था। उन्होंने कितना कष्टमय जीवन जिया। जिस उमर में उन्हें खेलना-कूदना, पढ़ना-घूमना, मौज़मस्ती करना था। उस उमर में उन्होंने जी-तोड़ मेहनत करके अपने परिवार को पाला। वैसे तो दुख-तकलीफ़, परेशानी हर एक के साथ होती हैं। मगर दीपिकामाई के खाते में कुछ ज्यादा ही थी। जब परिस्थिति वश दीपक! दीपिकामाई! बनी होगी? तब उन पर क्या नहीं गुज़री होगी? कैसी-कैसी बातें परिवार वालों को सुननी पड़ी होगी। क्या बीती होगी उनके माँ-बाप, भाई-बहनों पर। कल्पना करता हूँ तो रूह काँप उठती हैं। कहते हैं घूर का भी एक अस्तित्व होता हैं। तो क्या दीपिकामाई का कोई अस्तित्व नहीं? ज्ञानदीप के ज़ेहन में तरह-तरह के समीकरण बन रहे थे। वह कभी दायें करवट लेता तो कभी बायें। उसकी भूख-प्यास ऐसे गायब हो गई। जैसे इंसान के जीवन से सच्चाई। मैंने डरते-डरते कहा, कि रामलीला देखने गया था। पिताजी की यह बातें मेरे दिल-दिमाग को झकझौर गई थी। शायद उन्हें मुझ पर शक हो गया था कि मैं कहाँ जाता हूँ, और क्या करता हूँ। वह अपनी बीमारी और परिस्थितियों के आगे विवश थे। वरना वह अब तक मेरे हाथ-पैर तोड़ चुके होते हैं। क्या करूँ मैं भी उनसे झूठ नहीं बोलना चाहता था, पर जो मजबूरियाँ थी उसके आगे मैं मजबूर था। आखि़रकार एक दिन मुझे चाय का ठेला बंद ही करना पड़ा। क्यों कि बनिये ने उधार देना बंद कर दिया था। याह ख़ुदा अगर मेरी झोली में और भी ग़म हैं। तो उठा ले मुझे, वरना खुशी का एक ही लम्हा दे दें ।। वक्त कभी नहीं थमता। थमता तो इंसान हैं। वक्त का पहिया तो हमेशा चलता ही जाता हैं। घर की परिस्थितियाँ दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी। छोटे भाई-बहनों की पढ़ाई बीच में ही छूट गई थी। समझ में नहीं आ रहा था क्या करूँ? मगर परिवार तो चलाना ही था। भाई और पिता जी की बीमारी की चिंता मुझे रात-दिन खाये जा रही थी। मैं मरता क्या न करता, सीधे चंदा से मिली जो एक हिजड़ा थी। मैंने अपनी सारी बात उसे बताई। प्रोग्राम शुरू होने से पहले उसने मेरे पैरों में एक-एक किलों का घुघरूँ बाँध दिया। मैंने जैसे-तैसे उल्टा-सीधा डांस किया। प्रोग्राम खत्म होने के बाद चंदा ने मुझे दस रुपये दिए। मैंने पैसे लाकर अम्मा को दे दिए। जब यह नाचने वाली बात पिताजी को पता चली तो उन्होंने मुझे बहुत गाली दी। अगर उनकी तबियत ठीक होती तो न जाने वह मेरा क्या हाल करते। मैंने चंदा से पचास रूपये लेकर बस स्टैण्ड पर चाय की दुकान खोल ली। दिन मैं दुकान करता और रात मैं उसके साथ प्रोग्राम। मैंने उससे गुज़ारिश की यह बात किसी से मत कहना। इसी तरह मेरी उसकी दोस्ती हो गई। हम रोज़ मिलने लगे। मैंने अपने घर की सारी बातें उसे बतायी। हमारे हाथ में अपना क़ल़म कागज नहीं होता। चंदा के बार-बार हिदायत देने से भी मैं मर्दाना भाषा नहीं छोड़ पा रहा था। और वैसे भी जनानियों की भाषा बोलना मुझे जरा भी अच्छी नहीं लगता था। मैं जैसे ही जाने के लिए उठा कि तभी दो आदमी आये। उनमें से एक ने मेरा हाथ पकड़ा और जबरदस्ती मुझे अपने पास बैठाने लगा। उसकी इस हरकत से मैं तैश में आ गया और चंदा की तरफ़ मुखा़तिब हुआ, "देखो गुरू! इन्हें समझा लो हमसे बत्तमीजी न करे नहीं तो ईटा-वीटा उठा कर मार देगें." मेरे इतना कहते ही उसने मेरा हाथ छोड़ दिया। दूसरे दिन जब चंदा दुकान पर आयी तो मैंने उससे पूछा, "वे लोग तुम्हारे कौन थें? उसी बात को लेकर हम दोनों में खूब बहस हुआ। उस दिन शरीफ बाबा दोपहर में आया और पिक्चर चलने की जिद् करने लगा। मुझे उसकी जिद् के आगे झुकना पड़ा। अभी आधी ही पिक्चर ही हुई थी कि उसने मुझे घर चलने को कहा। वह घर चलने के बहाने मुझे ऐसे रास्ते पर ले गया जहाँ उसने मेरे साथ.....।
Bollywood News Updates: दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) सिद्धांत चतुर्वेदी (Siddhant Chaturvedi) अपनी फिल्म Gehraiyaan को लेकर चर्चे में बने हुए हैं। Bollywood News Updates Deepika Padukone सिद्धांत चतुर्वेदी (Siddhant Chaturvedi) और Ananya Panday अपनी फिल्म Gehraiyaan को लेकर चर्चे में बने हुए हैं। Bollywood News Updates: पिछले कई दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि एक्ट्रेस काजल अग्रवाल (Kajal Aggarwal) मां बनने वाली है। जो कि अब सच हो गया है। Bollywood News Updates अभिनेत्री नोरा फतेही के कोरोना होने के बाद अब एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur) भी कोरोना पॉजिटिव (Corona Positive) आई है। बॅालीवुड के दबंग Salman Khan ने हाल ही में अपनी नई फिल्म 'नो एंट्री' के सीक्वल की अनाउंसमेंट की है। सलमान ने बताया कि बहुत जल्द वो इसके लिए शूटिंग शुरू करेंगे। Bollywood News Updates: साउथ सुपरस्टार विजय देवरकोंडा (Vijay Deverakonda) अपनी फिल्म 'लाइगरः साला क्रॉसब्रीड'(LIGER ) को लेकर सूर्खियों में बने हुए हैं।
अमरनाथ मंदिर और केदारनाथ मंदिर के बारे में आपने सुना ही होगा. लेकिन आपको सुनकर आश्चर्य होगा कि उदयपुर में भी अमरनाथ मंदिर है. उदयपुर के अमरनाथ गुप्तेश्वर महादेव मंदिर को कहा जाता है. जो अरावली की खूबसूरत पहाड़ियों में स्थित है. यहां महादेव के दर्शन करने के लिए भक्तों को गुफा से होकर जाना पड़ता है. वैसे तो शहर के नजदीक होने से हर दिन कई श्रद्धालु पहुंचते है. लेकिन हर वर्ष श्रावण में सैकड़ो श्रद्धालु महादेव की पूजा अर्चना करने आते हैं. माना जाता है की महादेव अपनी हर भक्त की इच्छा श्रावण मास में जरूर पूरी करते है. गुप्तेश्वर महादेव मंदिर में शिव रात्रि पर विशाल मेले का आयोजन किया जाता है.
कहते हैं अगर इरादे मजबूत हों, तो सपनों को पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती है। ये शब्द केरल की शीला पर सटीक बैठते हैं, जिन्होंने 64 साल की उम्र में अपने काम के जरिए लोगों को अपने सपनों को पूरा करने की प्रेरणा दी है। शीला करीब 10 साल से घर में ही उगाए हुए फल-सब्जियों से जैम और अचार बना रही हैं। लोगों की सराहना और बढ़ती डिमांड के बाद शीला ने खुद का ब्रांड 'SHEILAS' नाम से रजिस्टर कराया। अब वे केरल से कश्मीर तक देश के कोने-कोने में नेचुरल तरीके से बने हुए घर के अचार और जैम का स्वाद लोगों तक पहुंचा रही हैं। कोरोना से पहले सिर्फ ऑफलाइन बिजनेस करती थीं, लेकिन अब इनके प्रोडक्ट ऑनलाइन भी मिलते हैं। कई महिलाओं को काम भी दिया है और अब हर महीने 2 लाख रुपए कमा रही हैं। आज की पॉजिटिव स्टोरी में जानेंगे शीला के 'SHEILAS' बनने के सफर के बारे में .... 64 वर्षीया शीला चाको केरल की मुंडाकायम की रहने वाली हैं। शीला अपने घर के बगीचे में कई तरह की फल और सब्जियां उगाती हैं। शीला के अनुसार उन्हें मार्केट में फल-सब्जियों का सही दाम नहीं मिलता और कई बार मार्केट ले जाने से पहले ही ज्यादातर फल खराब हो जाते हैं। सबसे पहले शीला ने केले के जैम से शुरुआत की जिसे केरल में बहुत पसंद किया जाता है। ये मार्केट में आसानी से मिलता नहीं, क्योंकि इसे बनाने का तरीका थोड़ा मुश्किल है। फिलहाल शीला तकरीबन 13 तरह के नेचुरल अचार और जैम बनाती हैं, जिसमें किसी तरह का प्रिजर्वेटिव नहीं मिलाया जाता है। केले के अलावा अमरूद का भी जैम बनाती हैं। जैम के साथ उन्होंने अचार में भी हाथ आजमाया। आम, बैंगन, लहसुन, नीबू, आंवला के अलावा मछली का भी अचार बनती हैं। शीला की पहली कमाई ज्यादा नहीं थी, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिला। इसके बाद वे धीरे-धीरे अपने काम को बढ़ाती गईं और आज हर महीने करीब 500 किलो जैम बनाती हैं। "जब मैंने शुरू किया था तब मुझे भी नहीं पता था कि लोगों को मेरा काम इतना पसंद आएगा। आज केरल के अलावा हिमाचल, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश सहित हर राज्य से मेरे पास आर्डर आते हैं और मैं लोगों की डिमांड समय पर पूरा करने की कोशिश करती हूं"। शीला ने बताया की उनके काम में उनके पति चाको कल्लिवयालिल ने उनकी बहुत मदद की। प्रोडक्शन का काम शीला और उनकी टीम करती है, लेकिन उसे शॉप पर ले जाने का काम उनके पति करते थे। धीरे-धीरे काम बढ़ता गया फिर शॉप के अलावा बड़े स्टोर पर भी उनके जैम रखे जाने लगे। शीला अपने घर के बगीचे में ही कुछ फल और सब्जियां उगातीं हैं। इसके अलावा वो लोकल लोगों से भी फल और सब्जियां खरीदतीं हैं। शीला के साथ चार और महिलाएं उनके काम में उनकी मदद करती हैं। जिसकी वजह से उनके प्रोडक्ट अब सिर्फ केरल के कुछ स्टोर्स तक ही सीमित नहीं, बल्कि देश के अलग-अलग कोनों तक पहुंच रहे हैं। शीला का बिजनेस छोटे स्तर से शुरू हुआ और आज हर महीने तकरीबन 2 लाख रुपए कमाती हैं। This website follows the DNPA Code of Ethics.
कानपुर में कस्टडी मे हुई कारोबारी बलवंत की हत्या के मामले में शनिवार को लालपुर गांव पहुंचे सांसद देवेंद्र सिंह भोले प्रशासनिक अफसरों पर बुरी तरह भड़क गए। कहा, यहां भ्रष्टाचार चरम पर है। कानपुर में कस्टडी मे हुई कारोबारी बलवंत की हत्या के मामले में शनिवार को लालपुर गांव पहुंचे सांसद देवेंद्र सिंह भोले प्रशासनिक अफसरों पर बुरी तरह भड़क गए। योगी सरकार में मंत्री राकेश सचान के सामने सांसद ने डीएम से यहां तक कह दिया कि यहां भ्रष्टाचार चरम पर है। हर चीज में पैसा चाहिए। उन्होंने डीएम के पीछे खड़े एसडीएम की तरफ इशारा करते हुए कहा, ये खड़ा है पीछे आपके अफसर। बेइमान है। सांसद के इस आक्रोश का वीडियो कुछ ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। हालांकि आपका अखबार हिन्दुस्तान इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। शनिवार को राकेश सचान, सांसद देवेंद्र सिंह भोले, डीएम नेहा जैन लालपुर सरैंया पहुंचे। कैबिनेट मंत्री ने पिता को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से दस लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा तो पिता फफक पड़े और बिलखते-बिलखते मां गश खाकर गिर पड़ी। पत्नी ने भी कैबिनेट मंत्री से न्याय की गुहार लगाई। मंत्री ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद करने के साथ साथ अन्य दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। इसी दौरान परिजनों ने अभी तक पट्टा नहीं मिलने की जानकारी दी तो सांसद देवेंद्र सिंह भोले अफसरों पर भड़क गए। उन्होने कड़ी नाराजगी जताने के साथ ही डीएम नेहा जैन से कहा कि भ्रष्टाचार चरम पर है, इसीलिए यह हालत हुई है, कई बार आपसे कह चुका हूं, लेकिन कतई सुधार नहीं है। दरअसल, बलवंत की हत्या के बाद संसाद देवेंद्र सिंह भोले की मध्यस्थता में परिजनों और जिले के अफसरों के बीच वार्ता हुई थी। इसमें चार लाख रुपये की चेक परिजनों को देने के साथ ही मृतक की पत्नी व मां के नाम डेढ़- डेढ़ बीघा जमीन का पट्टा करने, विधवा पेंशन, एक आवास, पारिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार रुपये व 23 साल तक बच्चों की पढ़ाई के लिए ढाई हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाने के आश्वासन पर समझौता हुआ था। इसके साथ ही मामले में एसडीएम मैथा को मजिस्ट्रेटी जांच भी सौंपी गई थी। हालांकि डीएम पहले चार लाख की सहायता राशि दे चुकी हैं। कैबिनेट मंत्री राकेश सचान ने बताया कि मुख्यमंत्री घटना को लेकर बहुत आहत हैं। वह खुद ही जांच और कार्रवाई की मानीटरिंग भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी, इसके लिए उन्होंने 24 घंटे का समय मांगा। कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने भी सरैंया पहुंचकर बलवंत के परिजनों से बंद कमरे में एक घंटे तक वार्ता कर उन्हें ढांढस बंधाया और लिफाफे में एक लाख रुपये की सहाताया राशि भी पीड़ित परिवार को मुहैया कराई। इसके अलावा करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीरू सिंह न अन्य पदाधिकारियों ने भी परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वनी दी।
भारत के अभिषेक वर्मा ने अमेरिका के क्रिष स्काफ को शनिवार को टाई ब्रेक में पराजित कर पेरिस तीरंदाजी विश्व कप में पुरुष कम्पाउंड वर्ग का गोल्ड मेडल जीत लिया। अभिषेक और स्काफ दोनों का निर्धारित समय में में स्कोर 148-148 से बराबर रहा था, जिसके बाद टाई ब्रेक का सहारा लिया गया जिसमें अभिषेक ने 10 पर निशाना साध कर गोल्ड अपने नाम कर लिया। यहां अमेरिकी तीरंदाज नौ पर ही निशाना लगा पाए और उन्हें हारकर रजत पदक से संतोष करना पड़ा। अभिषेक ने इससे पहले सेमीफाइनल में रूस के एंटोन बुलेव को 146-138 से हराकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई थी, जबकि स्काफ ने भारत के अमन सैनी को नजदीकी मुकाबले में 150-149 से पराजित कर फ़ाइनल में प्रवेश किया था।
Results for " प्रेम विवाह" युवती के पिता को सदमा लगा और पुलिस स्टेशन के बाहर ही उनकी हालत बिगड़ गई। थाने के बाहर से बेहोशी की हालात में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाली द्रौपदी मुर्मू के रूप में भारत को 15वीं राष्ट्रपति मिल चुकी है। यह इतिहास में पहला अवसर है जब एक आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाली महिला इतने बड़े सर्वोच्च पद पर पहुंची हो। उन्होंने खिड़की से देखा तो श्रुति फंदे से झूल रही थी। घटना की सूचना मिलने पर मायका पक्ष के लोग भी मौके पर पहुंचे। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। गीता देवी के पति मोहर सिंह का कहना है कि उसने भी गीता के साथ अस्पताल जाने की बात कही थी, लेकिन उसने मना कर दिया और अकेले ही अस्पताल चली गई। देवर ने बताया कि उसकी भाभी ने पहले भी ग्राम पंचायत में प्रधान और पंचों के समक्ष उसके भाई पर कई आरोप लगाए थे, जिसके बाद से वह अपने मायके चली गई थी। यह मामला प्रेम प्रसंग का है। युवक और सुसाइड करने वाली महिला एक ही गांव के रहने वाले थे। इन दोनों का काफी दिनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार श्रीकृष्ण और राधा का भी विवाह हुआ था। उनका विवाह भांडीरवन में हुआ था और उनकी शादी को स्वयं ब्रह्माजी ने संपूर्ण करवाया था। उत्तर प्रदेश में कई महिलाएं मिलकर एक महिला को रस्सी से बांधकर कर पिटाई करती हुई नजर आ रही हैं। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
वडोदरा। गुजरात (Gujarat) के वड़ोदरा में भारी बारिश (Heavy rains) के बाद बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए है। गुजरात के वड़ोदरा में पिछले 24 घंटों से बारिश ने तबाही मचा कर रख दी है। शहर में 12 घंटों के भीतर 442 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। भारी बारिश से शहर में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। भारी बारिश के चलते 1 अगस्त को निजी और सरकारी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है। वहीं हवाई एवं रेल सेवा भी प्रभावित हुई है। वडोदरा जाने वाली 4 ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही शहरी प्रशासन ने शहर के निचले इलाकों में रह रहे 4000 से अधिक लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाया है। हों। शहर में बुधवार दोपहर में दो से चार बजे के बीच 6 इंच बारिश हुई। के स्तर के करीब थी। सड़कें नदियाें का रूप धारण कर लिया। मौसम विभाग ने लोगों को निचले इलाकों से बाहर निकलने का निर्देश दिया है। जबकि अकोटा, विश्वामित्रि, अजरोद, माछी-पीठ, नगरवाड़ा, सलातवाड़ा करेलीबाग और फतेगंज क्षेत्रों के निवासियों को बाहर नहीं निकलने के लिए कहा गया है।
मुंबई, 10 नवंबर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महामारी से बेहाल क्षेत्रों को तरलता सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए मौद्रिक कदमों को फलदायक बताते हुए बुधवार को कहा कि मौद्रिक नीति का पुनर्संतुलन एक जटिल एवं लंबी प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उठाए गए तरलता संबंधी अधिकांश कदमों की एक तय समापन तिथि है और काफी हद तक पहले राहत पैकेज से पूर्व की स्थिति बहाल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि विदेशी पूंजी की आवक बढ़ने से प्रणाली में काफी तरलता आ गई। दास ने कहा, "इसलिए हम सामान्यीकरण के बजाय नए सिरे से संतुलन साधने में लगे हैं। Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
पांवटा साहिब में पुलिस द्वारा अवैध खनन को रोकने के लिए एक विशेष अभियान चलाते हुए थाना प्रभारी पुरुवाला जीतराम आईसी सिंहपुरा की टीमों ने बांगरान ब्रिज, मानपुर देवदा, श्यामपुर, गोज्जर आदि के पास गिरि और यमुना नदी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर छापामारी करते हुए। अवैध तरीके से बजरी रेत ले जा रहे 11 ट्रैक्टरों के चालान करते हुए 54,500 रुपए जुर्माना वसूला। बता दे कि बरसात के मौसम में खनन प्रतिबंधित है। इस तरह की अवैध खनन गतिविधियां लोगों के लिए घातक हो सकती हैं क्योंकि दोनों नदियों में बाढ़ आती है। ऐसे में पुलिस और प्रशासन द्वारा लोगों को नदी क्षेत्रों में प्रवेश न करने और अवैध खनन गतिविधियों में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी गई है। इस दौरान पुलिस ने खनन माफियाओं को चेतावनी दी गई है कि वे इस तरह की अवैध खनन सामग्री को खरीदने एकत्रित करने लेने से परहेज करें। अन्यथा ऐसी किसी भी गतिविधि के संज्ञान में आने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दूसरी और पांवटा साहिब, पुरुवाला और माजरा की ट्रैफिक पुलिस ने एमवी एक्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले 250 से अधिक वाहनों का चालान किया और 48,200 रुपए का जुर्माना वसूला। इस दौरान पुलिस की टीमों ने यातायात के नियमों का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ थाना माजरा के मेलियन, टोक्यो, बातामंडी, सूरजपुर, थाना पांवटा साहिब के गोंदपुर, थाना पुरुवाला के रामपुरघाट, राजबन और पुरुवाला में नाके लगाए गए। डीएसपी पांवटा वीर बहादुर ने बताया कि पुरुवाला थाने की पुलिस की टीम ने अवैध खनन करते हुए 11 ट्रैक्टरों के चालान कर 54,500 जुर्माना वसूला इसके इलवा मजारा की पुलिस द्वारा बाता नदी में छापामारी करते हुए दो ट्रैक्टरों का चालान कर 9000 रुपए जुर्माना वसूला। इस दौरान उन्होंने बताया की यातायात नियमो का उल्लंघन करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 48,200 रुपए जुर्मना वसूला। (एचडीएम)
Ranchi: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से अपने कथित वायरल वीडियो को लेकर बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सफाई दी थी. इस दौरान उन्होंने कई बार भाजपा विधायक सीपी सिंह का भी जिक्र किया था. इससे नाराज सीपी सिंह ने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिये बन्ना गुप्ता से 6 सवाल पूछे हैं. सीपी सिंह ने कहा कि उनका सिद्धांत है कि वे किसी की व्यक्तिगत जिंदगी में टीका-टिप्पणी नहीं करते हैं. बन्ना मामले में भी जब मीडियाकर्मियों ने उनसे सवाल किया था, तो उन्होंने यही कहा कि मामला पुलिस के पास है, लेकिन जमाना कुछ ऐसा हो गया है कि लोग शराफत को कमजोरी समझने की भूल कर बैठते हैं. यही भूल बन्ना गुप्ता ने की है. अब वे जब मीडिया के सामने सीना चौड़ा करके बैठ ही गये हैं, तो लगे हाथों मेरे भी दो-चार सवालों के जवाब दे दें. 1. 24 अप्रैल की रात 1:15 बजे मेरे नंबर पर कॉल आया था. कॉल उठाने से काटने तक की सारी जानकारी मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दे दी. बन्ना बताएं, अब इसमें किंतु परंतु कहां है? 2. ऐसे मामले आजकल रोज सामने आ रहे हैं, अपराधियों ने पैसे कमाने का यह तरीका इजाद किया है. बन्ना गुप्ता क्या बता पाएंगे कि वे ऐसे किसी मामले में फंसे हैं, या उनका मामला "दूसरा" है? 3. कहीं ऐसा तो नहीं कि बन्ना गुप्ता के मामले को दबाने के लिए कुछ षड्यंत्र किया गया हो, लेकिन षड्यंत्र विफल हो गया? 4. 24 अप्रैल की रात 1:15 की तरह 25 की रात को भी 1:25 बजे मुझे दूसरे नंबर से एक मिस्ड कॉल आया था. बन्ना गुप्ता सरकार में मंत्री हैं. जरा पता लगाएं कि आखिर माजरा क्या है? 5. बन्ना गुप्ता में जरा भी हिम्मत है, तो वह बताएं कि आखिर वे किससे बात कर रहे थे. मोबाइल नंबर क्या था? 6. मुझे जिस नंबर से कॉल आया था, वह यूपी का बताया जा रहा है. मैं अपने मामले को लेकर यूपी के डीजीपी को पत्र लिखूंगा. क्या बन्ना गुप्ता भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीबीआई जांच की मांग करने की हिम्मत रखते हैं?
पैदा होने वाले संकट की बात सोच रहा था । तलवारें हमारा क्या कर लेंगी ? परन्तु बख्तखां और उसके छः हजार सिपाही बहुत आत पैदा कर सकते हैं और बादशाह खिसक गया तो मुसीबत पर मुसीबत आने की आशङ्का है -- विलसन की कल्पना में समाया । उसने इलाही बख्श से अनुरोध किया - नवाब साहब, बात तब है जब बादशाह बिना लड़ाई भिड़ाई करे कराये में समर्पण करदें । इलाही बख्श ने स्वीकार किया । बादशाह बहादुरशाह अपने परिवार और साथियों सहित हुमायूँ के मकबरे में थे । फौज-फांटा आस पास की बस्ती में डटा हुआ था । बहादुरशाह बहुत वृद्ध थे, परन्तु उनमें उत्साह था, कभी कभी कविता भी कर डालते थे । मकबरे के एक छोटे से स्थान में बैठे बहादुरशाह भविष्य की योजना पर सलाह कर रहे थे । बख्तखां आग्रह कर रहा था, - 'जहाँपनाह यहां से कूच करदें । जगह जगह लोग मुल्क के लिये, आपके लिये लड़ मरने के लिये तैयार हैं ।' मिर्ज़ा इलाही बख्श हतोत्साहित कर रहा था, 'जहांपनाह, लड़ाई बेकार है । लड़ाई में खून खराबी और बरबादी के अलावा और कुछ भी हाथ नहीं लग सकता ।" इलाही बख्श ने अंग्रेजों के हथियारों, सेना की संख्या और उनके साधनों को बढ़ा चढ़ा कर सराहना की। बादशाह का मन गिर गया वह थोड़ी देर चुप रहे। फिर उन्होंने एक कविता कह डाली'दम दमें में दम नहीं अब खैर मांगो जान की, ऐ जफ़र ठण्डी हुई तलवार हिन्दुस्तान की, ' बख्त खां के कलेजे में कांटा सा चुप गया । बोला, - 'जहांपनाह, बेअदबी माफ हो । हिन्दुस्तान की तलवार ठण्डी होना नहीं जानती । न ठण्डी हो सकती । और न कभी होगी । लखनऊ में लड़ाई जारी है । झांसी की रानी अपने इलाके में फौलाद की तरह मजबूत है ।' बख्त खां कुछ और कहता, परन्तु बादशाह के रिश्तेदार मिर्जा इलाही बख्श के सामने उसे मन मसोस कर रह जाना पड़ा। मिर्जा ने नव्याख्या पेश की, 'मैंने पता लगा लिया है, लखनऊ पर कम्पनी सरकार की अनगिनत फौजें पहुँच रहीं है और झांसी तो एक सी पड़ी जगह है । अंग्रेजों का मुकाबला कितने घण्टों कर सकेगी ? खैर इसी में है जो जहांपनाह के शेर से बखूबी जाहिर हो रही है । श्राह! क्या फरमाया है- ठण्डी हुई तलवार हिन्दुस्तान की बख्त खां की सब दलीलें व्यर्थ गई । बादशाह ने आत्म-समर्पण का निश्चय किया । मिर्ज़ा इलाही बख्श के द्वारा श्रात्म-समर्पण का समाचार दिया गया । बादशाह की गिरफ्तारी के लिये जनरल विलसन ने अपने एक अफसर कप्तान हौडसन को चुना । हौडसन बड़ा दम्भी, दर्पी, क्रूर, और दुस्साहसी सैनिक था । वह सेना की एक टुकड़ी लेकर हुमायूँ के मकबरे पर जा पहुँचा । उसने बादशाह के पास संवाद भेजा, 'अपने सब हथियार मेरे पास भेज दो। जरा भी गड़बड़ की तो कुत्ते की मौत मारे जाओगे ।' अकबर और औरङ्गजेब के उत्तराधिकारी को एक साधारण फिरङ्गी की यह धमकी ! परन्तु इस धमकी के पीछे भारत का कितना इतिहास आंसू बहा रहा था !! बहादुरशाह को मानना पड़ा । वे कीमती तलवारें भी बहादुरशाह को हौडसन के सुपुर्द करनी पड़ीं । पालकी में बैठ कर बहादुरशाह जनरल विलसन के सामने पहुँच गये और तत्काल कैद कर लिये गये । हौडसन ने जनरल विलसन को सलाम फटकारा । जनरल बहुत प्रसन्न था । वहीं कहीं आशायें बाधे गम्भीर मुद्रा बनाये मिर्जा इलाहींबख्श भी उपस्थित था । जनरल ने हौडसन से कहा, 'मैं समझता था कि तुम या बादशाह कोई भी मेरे सामने न पाओगे । हौडसन ने फिर सलाम फटकारा और दोनों आपके सामने आ गये ।। बोला, - 'लेकिन हम
प्रथम परिच्छेद [ निष्काम कर्म करने की पात्रता तभी आती है, जब मनुष्य समग्र विश्व को अपने बन्धु के समान मानने लगे । ग्रन्थकार पहले इसी विषय का प्रतिपादन करते हैं । ] जगत् सेवा और आत्म-सेवा ।। ११३ ।। एषोऽयं समयो अनुष्यजनुषो लधुं प्रकृष्ट फलं । तत्सेवैव निजात्मनश्च जगतो निष्कामबुद्धया परा ।। पौर्वापर्यविधानमन्त्र नियतं कर्त्तुं न शक्यं परैः । स्वेवास्तु नियामिका मतमतां संस्कारसामर्थजा ॥ भावार्थ- देश सेवा के पश्चात् मनुष्य जीवन का उच-फल प्राप्त करने का समय उपस्थित होता है । और वह फल हैसेवा करना, या निष्काम वृत्ति से जगत् की सेवा करना । जगत्-संवा पहले करनी चाहिए, या आत्म-सेवा ? इस क्रम का विधान दूसरे लोग नियम के रूप में नहीं कर सकते, इससे तो बुद्धिमान पुरुषो के संस्कार के सामर्थ्य से उत्पन्न अपनी इच्छा ही नियामक हो सकती है, अर्थात् - पूर्व संस्कारो के बल से जैसी जिसकी इच्छा हो वैसा उसे करना चाहिए । ( ११३ ) विवेचन - क्रमशः समग्र देश के साथ वन्धु भाव धारण करने वाला मनुष्य, जब इससे भी ऊँची सीढ़ी पर चढ़ना
आज कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि और रविवार का दिन है। चतुर्थी तिथि आज पूरा दिन पूरी रात पार कर कल सुबह 5 बजकर 43 मिनट तक रहेगी। आज रात 11 बजकर 35 मिनट तक वरियान योग रहेगा। साथ ही आज देर रात 1 बजकर 2 मिनट तक रोहिणी नक्षत्र रहेगा।
पिछले तीन दिन से सोनू सूद के घर और उनसे जुड़े परिसरों में आयकर विभाग सर्वे कर रहा था। अब अपने एक बयान में सीबीडीटी ने कहा है कि अभिनेता और उनके सहयोगियों के परिसरों की तलाशी के दौरान 20 करोड़ रुपये की कर चोरी से संबंधित साक्ष्य मिले हैं। आयकर विभाग का कहना है कि उनके पास अभिनेता के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। आयकर विभाग के अधिकारियों ने अपने बयान में कहा है कि अभिनेता ने फर्जी संस्थाओं से फर्जी और असुरक्षित ऋण के रूप में बेहिसाब पैसे जमा किए थे। सीबीडीटी ने कहा है कि आयकर विभाग ने मुंबई में अभिनेता के विभिन्न परिसरों के विकास में लगे लखनऊ स्थित औद्योगिक समूह में रेड की और जब्ती अभियान चलाया। सीबीडीटी के मुताबिक अभिनेता के मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली, गुरुग्राम समेत कुल 28 परिसरों पर छापेमारी की गई थी। जानकारी के मुताबिक ये सर्वे लखनऊ के बड़े कारोबारी अनिल सिंह से जुड़ा हुआ है। हाल ही में अनिल सिंह के दफ्तर पर भी इनकम टैक्स का छापा पड़ा है। सोनू सूद और अनिल सिंह कारोबार में पार्टनर बताए जा रहे हैं। आयकर विभाग की टीम उन सभी संस्थाओं की जांच कर रही है, जो सोनू सूद से जुड़े हुए हैं। सोनू सूद सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं हालांकि उन्होंने आयकर विभाग के इस सर्वे को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग उनके सपोर्ट में खड़े हैं। साल 2020 में शुरू हुई इस खतरनाक महामारी से लगे लॉकडाउन के बीच सोनू सूद ने कई प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाते हुए नेक कार्यों की शुरुआत की थी। बस उस वक्त से लेकर आज भी मदद का सिलसिला लगातार जारी है। सोशल मीडिया पर लोग सोनू सूद से मदद मांगते हैं और अभिनेता उन्हें फौरन मदद पहुंचाते हैं। फिर चाहे वो कोविड से जुड़ी हो या कोई अन्य समस्या हो। सोनू सूद एक बार हां कर देते हैं तो सहायता लोगों तक पहुंच ही जाती है।