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Saturday December 23, 2023,
इलेक्ट्रिक मोबिलिटी स्टार्टअप ओला इलेक्ट्रिक () ने अपने IPO के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ अपने ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) को दाखिल कर दिए हैं. शेयर बाजारों का रूख करने वाली यह पहली भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) कंपनी है.
कंपनी के आगामी आईपीओ में 5,500 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों का फ्रेश इश्यू और 10 रुपये के अंकित मूल्य पर 95.2 मिलियन इक्विटी शेयरों का ऑफर फोर सेल (OFS) शामिल होगा.
DRHP के अनुसार, इश्यू का न्यूनतम 75% योग्य संस्थागत खरीदारों को आवंटित किया जाएगा, 15% तक गैर-संस्थागत बोलीदाताओं को आवंटन के लिए उपलब्ध होगा, और अधिकतम 10% खुदरा व्यक्तिगत बोलीदाताओं को आवंटन के लिए नामित किया जाएगा.
DRHP के अनुसार, फ्रेश इश्यू से कुल आय में से, फंड का सबसे बड़ा हिस्सा, यानी 1,600 करोड़ रुपये का उपयोग कंपनी की R&D (रिसर्च एंड डेवलपमेंट) परियोजनाओं के लिए किया जाएगा. साथ ही, ओला गीगाफैक्ट्री परियोजना के निर्माण के लिए सहायक कंपनी OCT (Ola Cell Technologies) द्वारा 1,226.4 करोड़ रुपये का उपयोग किया जाएगा. 800 करोड़ रुपये का उपयोग ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए किया जाएगा, और शेष का उपयोग जैविक विकास पहल और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.
ओला इलेक्ट्रिक ईवी और सेल सहित मुख्य ईवी कंपोनेंट्स के लिए इंटीग्रेटेड टेक्नोलॉजी और विनिर्माण क्षमताओं का निर्माण कर रही है. यह तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में अपनी विनिर्माण सुविधा ओला फ्यूचरफैक्ट्री में ईवी और बैटरी पैक और मोटर्स जैसे मुख्य ईवी कंपोनेंट बनाती है.
रेडसीर की रिपोर्ट के अनुसार, 30 सितंबर, 2023 तक उत्पादन क्षमता के आधार पर ओला फ्यूचरफैक्ट्री भारत में सबसे बड़ा एकीकृत और स्वचालित E2W (इलेक्ट्रिक दोपहिया) विनिर्माण संयंत्र है. यह तमिलनाडु के कृष्णागिरी और धर्मपुरी जिलों में सक्रिय रूप से एक इलेक्ट्रिक वाहन हब का निर्माण कर रही है. इस हब में ओला फ्यूचरफैक्ट्री, आगामी ओला गीगाफैक्ट्री और कृष्णागिरी में संबंधित आपूर्तिकर्ता शामिल हैं.
DRHP के अनुसार, कंपनी 31 अक्टूबर, 2023 तक अपने डायरेक्ट-टू-कस्टमर (D2C) ओमनीचैनल डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का संचालन करती है, जिसमें 414 सर्विस सेंटर सहित पूरे भारत में 935 अनुभव केंद्र शामिल हैं.
वित्त वर्ष23 में, ओला का ऑपरेशनल रेवेन्यू सात गुना बढ़कर 2,630.93 करोड़ रुपये हो गया, जबकि पिछले वर्ष यह 373.42 करोड़ रुपये था. 30 जून, 2023 को समाप्त तिमाही के लिए, ऑपरेशनल रेवेन्यू 1,242.75 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
कंपनी को प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं के लिए भी मंजूरी दी गई है, जिसमें एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट्स के निर्माण के लिए ऑटोमोबाइल पीएलआई योजना और सेल कैमेस्ट्री बैटरी को आगे बढ़ाने के लिए सेल पीएलआई योजना शामिल है.
आईपीओ के लिए बुक-रनिंग लीड मैनेजरों में कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, बोफा सिक्योरिटीज इंडिया लिमिटेड, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, ICICI सिक्योरिटीज लिमिटेड, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड और बीओबी कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड शामिल हैं. लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को ऑफर के रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया गया है. इक्विटी शेयरों को बीएसई और एनएसई दोनों पर सूचीबद्ध करने का इरादा है.
(Translated by: रविकांत पारीक)
(डिस्क्लेमरः YourStory की फाउंडर और सीईओ श्रद्धा शर्मा, ओला इलेक्ट्रिक में एक स्वतंत्र निदेशक हैं.)
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प्रगतिवाद की प्रवृत्तियों
भारतेंदु को इस बात की भारी चिंता थी कि 'धन बिदेस चि ज्ञात' । पर इन कवियों की यह भावना किसी सुनिश्चित विचारपद्धति पर नहीं खड़ी थी । मशीन युग ने आर्थिक वैषम्य को तीव्रतर बना दिया है और मार्क्स जैसे विचारक ने समाज के विकासक्रम में आर्थिक आधार को प्रमुखता दी है। बिना आर्थिक वैषम्य को दूर किए समाज का कल्याण नहीं । प्रगतिवादी कवि भी इस आर्थिक स्वतन्त्रता को प्राप्त करने में ही पूर्ण सचेष्ट है । उसकी धारणा है कि 'इस दुनिया में दो दुनिया है - एक गरीब की और दूसरी अमीर की, एक शोषित की और दूसरी शोषक की । इस वैषम्य को मिटाए बिना और वर्गहीन समाज स्थापित कर आर्थिक स्वतन्त्रता प्राप्त किये बिना समाज का कल्याण नहीं हो सकता । इन्हीं भावनाओं से परिचालित होकर प्रगतिवादी कवि आर्थिक स्वतन्त्रता की भावना की तीव्र व्यंजना अपनी रचनाओं द्वारा करते हैं । उनकी स्वातन्त्र्य भावना मुख्यतः आर्थिक स्वतन्त्रता की भावना है । बल्कि यह भी कहा जा सकता है कि इन कवियों की सभी सामाजिक रचनाओ की मूल प्रेरणा आर्थिक स्वतन्त्रता प्राप्त करने की कामना ही है ।
संपूर्ण विश्व को शोषक और शोषित वर्ग में बॉट देने से प्रगतिवादी कवि अंतर्राष्ट्रीयता की ओर अधिक उन्मुख है । यहाँ अंतर्राष्ट्रीयता का तात्पर्य विश्व के संपूर्ण दलित वर्ग के प्रति समानुभूति ही है ।
निम्नवर्ग के जीवन में जो हाहाकार है, व्यथा है, वह सभी देशो में एक सी है । सभी देशो के श्रमिक प्रायः एक ही प्रकार के आर्थिक वैषम्य की ज्वाला में झुलस रहे हैं, और इतनी व्यापक पीड़ा का सृजन करनेवाली व्यवस्था भी सभी स्थानों में प्रायः एक प्रकार की ही है । इस प्रकार प्रगतिवादी कवि के अनुसार सारे विश्व में पूँजीवादी अर्थनीति से प्रताड़ित निम्न वर्ग का एक विशाल समुदाय निर्मित हो गया है। इन सबमें एकता स्थापित करके वर्तमान आर्थिक प्रणाली के विरुद्ध संघटन करने में सहायता देना और |
Jhalak Dikhhla Jaa 10: सेलिब्रिटी डांस रिएलिटी शो 'झलक दिखला जा 10' जब से शुरू हुआ, तब से सभी का पसंदीदा शो बना हुआ है. ये शो अपने आखिरी पड़ाव पर है. 27 नवंबर 2022 को शो का फिनाले है, जिसमें अनाउंस किया जाएगा कि, कौन सीजन का विनर होगा. इस बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है, जिसमें गशमीर महाजनी (Gashmeer Mahajani) हिंदी सिनेमा की क्वीन काजोल (Kajol) के साथ रोमांटिक सीन रिक्रिएट करते हुए नजर आ रहे हैं.
दरअसल, काजोल की फिल्म 'सलाम वेंकी' (Salaam Venky) जल्द ही सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है. काजोल इस फिल्म को लेकर काफी एक्साइटेड हैं और वह इसका प्रमोशन कर रही हैं. हाल ही में, काजोल 'झलक दिखला जा 10' (Jhalak Dikhhla Jaa 10) के मंच पर अपनी फिल्म का प्रमोशन करने पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने कंटेस्टेंट गशमीर महाजनी के साथ एक रोमांटिक सीन रिक्रिएट किया.
अपने इंस्टा हैंडल पर शेयर किए गए वीडियो में गशमीर महाजनी शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) की एक्टिंग करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' का शाहरुख खान का एक फेमस डायलॉग बोला. उनके एक्सप्रेशन और डायलॉग एकदम करेक्ट थे, जिसमें काजोल भी खो गईं. सभी ने गशमीर की जमकर तारीफ की. गशमीर महाजनी का ये वीडियो फैंस को खूब पसंद आ रहा है.
सिर्फ पसंद ही नहीं, लोग गशमीर के इस एक्ट की तुलना शाहरुख खान से कर रहे हैं. कुछ लोग तो ये भी कह रहे हैं कि, शाहरुख खान से अच्छा डायलॉग गशमीर महाजनी ने बोला. वीडियो के कमेंट बॉक्स में एक यूजर ने कहा, "धर्मा प्रोडक्शन में एंट्री. " एक अन्य ने कहा, "शाहरुख खान शॉक हो गए होंगे. गशमीर उनसे बेहतर हैं. " लोगों ने उनके इस एक्सप्रेशन को बहुत पसंद किया.
'इमली' (Imlie) फेम गशमीर महाजनी 'झलक दिखला जा 10' के फाइनलिस्ट्स में से एक हैं. झलक के मंच पर उनका सफर काफी अच्छा रहा. आज फिनाले है. देखते हैं इस सीजन की ट्रॉफी किसके हाथ लगती है.
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महोबाः जिले में संचालित देश के पहले रोटी बैंक ने आज गरीबों के लिए निशुल्क कैम्प का आयोजन किया। ये कैंप बाकियों से ज़रा हटके रहा। अक्सर हर कार्यक्रम का उद्घाटन नीली बत्ती की गाडी वाले मंत्री करते हैं लेकिन यहां एक विकलांग रिक्शाचालक ने कैम्प का फीता काटकर उद्घाटन किया।
-इन अतिथियों का काफिला इनके कार्यक्रमों की शोभा बढ़ता है तो वहीँ मीडिया भी ऐसे कार्यक्रमों को खूब कवरेज देती है।
-मगर बुंदेलखंड के महोबा में रोटी बैंक ने अपने निशुल्क आँखों के कैम्प के शुभारम्भ के लिए एक मेहनतकश विकलांग रिक्शे वाले को मुख्यातिथि बनाकर लोगों को अपनी धारणा बदलने के लिए ही मजबूर कर दिया।
-देश का पहला रोटी बैंक खोलकर पहले से ही चर्चा बटोर चुके महोबा में इस तरह की नजीरें सोच बदलने के लिए मजबूर कर देती है।
-पालीवाल मार्केट के पास रोटी बैंक के निशुल्क आँखों के कैम्प का मौका था।
-सैकड़ों गरीब,असहाय और बुजुर्ग अपनी आँखों को इलाज कराने के लिए कैम्प में इकठ्ठा हुए थे।
-तभी अचानक इदरीस नामक एक विलकलांग रिक्शा चालक कैम्प के पास रुकता है और कार्यकर्त्ता उस ओर दौड़ पड़ते है।
-रिक्शे वाले का स्वागत माला पहनाकर किया जाता है। तब जाकर सबको पता चलता है की चीफ गेस्ट कोई और नहीं बल्कि ये रिक्शा चालाक ही है।
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कतिपय ग्रन्थ अवश्य उपलब्ध हैं जिनमें भाचार्य का जीवनवृत्त गद्य में, वा पद्य में निबद्ध किया गया है, परन्तु ये सब शङ्कर के माविर्भाव के बहुत पीछे लिखे गये थे . कहा जाता है कि उनके साक्षात् शिष्य पद्मपादाचार्य ने अपने गुरु के दिग्विजय, का वृत्तान्त लिपिवद्ध किया था । यदि यह ग्रन्थ कही उपलब्ध होता तो यह हमारे बड़े काम का होता । पद्मपाद आचार्य के केवल प्रथम शिष्य ही न थे, प्रत्युत उनके दिग्विजयो में सदा उनके सहचर भी थे। आदि से लेकर अन्त तक वे प्राचार्य साथ में ही थे, वे उनके नितान्त अन्तरङ्ग थे । वे उनके उद्देश तथा प्रचार कार्य से भलो-भांति परिचित थे। ऐसे व्यक्ति के द्वारा लिखा गया चरित अवश्य हो प्रामाणिक तथा उपादेय होता परन्तु हम उस कराल काल को क्या कहें जिसने इस मूल्यवान् ग्रन्थ को कवलित कर श्राचार्य के चरित को अन्धकारमय बनाने में विशेष योग दिया। प्रपरोक्ष सामग्री का प्रभाव चरित लिखने में बड़ा भारी बाधक होता है। इस बाधा को दूर करने के साधन-ग्रन्थ अवश्य विद्यमान हैं जिन्हें हम शङ्करदिग्विजय के नाम से अभिहित करते हैं, परंतु इनमें से कोई भी ग्रन्थ प्राचार्य का समसामयिक नहीं है । ये अनेक शताब्दियो के मनन्तर निबद्ध हुए थे। इनके स्वरूप की समीक्षा हम आगे चल कर करेंगे । यहाँ इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि आजकल श्राचार्य के विषय में हमारी जो कुछ भी जानकारी है, वह इन्हो ग्रन्थों पर भवलम्बित है ।
श्राचार्य शङ्कर ने अपने धर्मोद्धारक कार्य को मधुरा बनाये रखने के लिए भारतवर्ष के चारो सुप्रसिद्ध धामो में अपने चार प्रधान पोठो को स्थापना की है । दक्षिण में मैसूर रियासत में गेम है जिसे प्राचार्य के द्वारा स्थापित पीठो में प्रथम पीठ होने का गौरव प्राप्त है। प्रत्य धामो में स्थापित मठों के नाम ये हैं - गोवर्धनमठ (जगायपुरी), शारदामठ ( ढारिवा), ज्योतिमंठ (बदरिकाश्रम, जो भाजाल 'जोशीमठ' नाम से प्रसिद्ध है ) मठों की स्थापना कर शङ्कराचार्य ने अपने पट्टशिष्यो को इनका प्रध्यक्ष बना दिया । ज्योतिमंठ की माचार्य परम्परा तो बीच में उच्छिन्न हो गयी थो पर भन्य तीनों मठो के भध्यक्षो को परम्परा भाज भो मधुराण रूप से विद्यमान है । कोका कामकोटिपोड अपने वो भाचार्य के द्वारा प्रतिष्ठापित होने की घोषणा करता है । इन मों में शङ्कराचार्य का जोवन-चरित परम्परागत उपलब्ध होता है । जिसअनुसरण विभिन्न दिग्विजयो में किया गया है, परन्तु यह कुछ कम माश्चर्य को बात नहीं है कि इन सब मटों में एक हो परम्परा मधुराण रूप से प्रचलित नहीं मिलती यदि मिलती तो किसो प्रकार का सङ्कट हो नही होता पार्थषय यहाँ तक है कि याचार्य के भावा-पिता, जन्मस्थान, विशेषान |
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की कथित हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने टीएमसी पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी कहीं नहीं दिखेंगी। राज्य चुनाव आयोग भी कहीं नहीं दिखेगा। उन्होंने सवाल किया कि बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे।
कोलकाता, एएनआइ। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के दिन हुई हिंसा को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने इसे लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर निशाना साधा है।
'बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे? '
अधीर रंजन चौधरी ने पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसा में मुर्शिदाबाद में एक कांग्रेस कार्यकर्ता की कथित हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा, "कल यहां एक 62 वर्षीय व्यक्ति की हत्या कर दी गई। हत्या का उद्देश्य यह था कि इन्हें मार कर तीन-चार बूथ पर कब्जा किया जा सके। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अभी कहीं नहीं दिखेंगी, राज्य चुनाव आयोग कहीं नहीं दिखेगा। बंगाल में और कितने लोग मारे जाएंगे? "
'हम हत्या के खिलाफ आंदोलन करेंगे'
कांग्रेस सांसद ने कहा कि चुनाव से पहले और चुनाव के बाद हिंसा जारी रहती है। तृणमूल और पुलिस दोनों में कोई फर्क नहीं है। जो काम तृणमूल नहीं कर पाती है, वह पुलिस कर देती है। इस हत्या के खिलाफ हम सड़क और कोर्ट तक जाएंगे। हम आंदोलन करेंगे। "
पंचायत चुनाव के दौरान 20 जिलों में व्यापक हिंसा, मतपत्रों की लूट और धांधली हुई। मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं।
पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने राज्य चुनाव आयोग पर निशाना साधा। वहीं, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भी राज्य चुनाव आयोग पर कड़ा प्रहार किया और कहा कि संवेदनशील मतदान केंद्रों पर बीएसएफ के बार-बार अनुरोध के बावजूद कोई जानकारी नहीं दी गई। ऐसे बूथों को केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंप दिया गया।
बीएसएफ के डीआइजी एसएस गुलेरिया ने कहा कि बीएसएफ ने राज्य चुनाव आयोग को कई पत्र लिखकर संवेदनशील मतदान केंद्रों के बारे में जानकारी मांगी, लेकिन 7 जून को छोड़कर कोई जानकारी नहीं दी गई। उन्हें केवल ऐसे बूथों की संख्या के बारे में बताया गया था, लेकिन उनके स्थान के बारे में कुछ नहीं बताया गया।
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Delhi-NCR Heavy Rainfall: दिल्ली में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश (Delhi-NCR Rainfall) हो रही है. इस कारण पूरी दिल्ली जलमग्न हो गई है. बारिश ने पिछले 41 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इतनी जोरदार बारिश हुई है कि दिल्ली की सड़कें अब तालाब बन गई हैं. देखने से ऐसा लग रहा है कि मानों सड़कों पर नदियां बह रही हो. दिल्ली के कई इलाकों में जमजमाव की खबरें हैं. यहां तक की VIP इलाकों में भी पानी भर गया है. कई मंत्रियों और सांसदों के घरों तक में पानी घुस गया है.
पानी केवल आम लोगों के घरों में नहीं बल्कि सांसद, विधायक और मंत्रियों के घरों में भी घुस चुका है. भारी बारिश के चलते अंडरपास के नीचे पानी भरने से 9 जुलाई को मिंटो ब्रिज को बंद कर दिया गया था. (फोटो DD News)
देश का सबसे VIP इलाका माना जाने वाले लुटियंस जोन के कई बंगलों में पानी घुसने की खबर लगातार आ रही है. PMO के पीछे लुटियन दिल्ली के बंगले डूबा गए हैं. खबर है कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के घर में भी पानी घुस गया है. (फोटो Twitter/@nonawalia)
जहां एकतरफ आतिशी सड़कों पर उतरकर दिल्ली की बिगड़ी हुई हालत को देख रही थीं, वहीं दूसरी तरफ उनके सरकारी आवास में बारिश का पानी प्रवेश कर चुका था. हालांकि पंप की मदद से बाद में दिल्ली की PWD मंत्री आतिशी के सरकारी आवास से पानी निकाला गया. (फोटो PTI)
मूसलाधार बारिश और हरियाणा द्वारा पानी छोड़ने की वजह से यमुना के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी जारी है. यमुना जल स्तर में बढ़ोतरी की वजह से दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा बारिश थमने के बावजूद बरकरार है. भारी बारिश की वजह से उत्पन्न हालात को देखते हुए आप सरकार ने आज सभी स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया है. (फोटो CNBCTV18)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आम दिनों में जलभराव बड़ी समस्या बन चुका थी. अब भारी बारिश ने इसकी पोल खोल दी है. बीते डेढ दशक में ये समस्या कम होने के बजाय और बढ़ी है. इस समस्या का समाधान करने के तमाम दावों की पोल बारिश खोल रही है. जलभराव का सबसे बड़ा और एकमात्र कारण ड्रेनेज का चोक होना है. (फोटो Twitter/@BJYM)
राजधानी के नरेला, अलीपुर, रोहिणी, पीतमपुरा, पश्चिम विहार, पंजाबी बाग, कश्मीरी गेट, सीलमपुर, राजौरी गार्डन, लाल किला, राजीव चौक, आईटीओ, नजफगढ़, द्वारका, इंडिया गेट, लोधी रोड, अक्षरधाम, पालम, आईजीआई एयरपोर्ट पर जैसे इलाकों में बारिश के चलते भारी जलजमाव की स्थिति देखी गई. (फोटो Twitter/@BJYM)
मिजोरम में आधी रात को डोली धरती, नगोपा में आया भूकंप, कितना जोरदार था झटका?
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Sri Ram Temple: श्रीरामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में गर्भगृह के परिक्रमा पथ की छत पड़ चुकी है। इसके साथ समतल एरिया में नक्काशीदार पत्थर लगाए जा रहे हैं।
Sri Ram Temple: अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के आवासीय कार्यालय में गृह प्रवेश के लिए सोमवार को पूजन का आयोजन किया गया है। इस कार्यक्रम में संघ परिवार के साथ संत-महंत आमन्त्रित हैं। उधर, राममंदिर निर्माण का काम भी तेजी से चल रहा है। जन्मभूमि में विराजमान रामलला के निर्माणाधीन दिव्य मंदिर में गर्भगृह के परिक्रमा पथ की छत पड़ चुकी है। समतल एरिया में नक्काशीदार पत्थर लगाए जा रहे हैं। राम मंदिर के आर्किटेक्ट और मेसर्स सीबी सोमपुरा कांस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक आशीष सोमपुरा की मानें तो जून में भूतल के साथ प्रथम तल का भी काम शुरू हो जाएगा।
दूसरी ओर राम मंदिर के हर काम को पूरी विशिष्टता और विविधता पूर्ण बनाने की दिशा में प्रयास हो रहा है। इसी दृष्टि से राम मंदिर की प्रकाश व्यवस्था भी इस तरह करने का प्रयास है, जिस किसी की नजर पड़े तो वह बस राम मंदिर के सौन्दर्य को निहारता रह जाए। मंदिर परिसर में आधुनिक तकनीक से लाइट व साउंड सिस्टम लगाए जा रहे। इसकी कार्यदाई संस्था बंगलुरु की शंकर इलेक्ट्रिकल्स प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक राजेश शेट्टी पहली बार यहां पहुंचे।
वह अपने गुरु देव आंध्रप्रदेश के स्वामी वासुदेवानंद नंद महाराज के साथ आए थे। उन्होंने रामजन्म भूमि में विराजमान रामलला के दर्शन करने के साथ राम मंदिर के निर्माण का भी अवलोकन किया। इसके साथ कंपनी को मिली जिम्मेदारी से सम्बन्धित कामों का फीडबैक भी लिया। इस दौरान उनके प्रोजेक्ट मैनेजर संजय पुजारी ने उन्हें आवश्यक जानकारी दी।
राम मंदिर माडल के आर्किटेक्ट व मेसर्स सीबी सोमपुरा कांस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक आशीष सोमपुरा ने बताते हैं कि राममंदिर की प्रकाश व्यवस्था को लेकर इंजीनियरों ने प्रजेंटेशन दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था विशेष थीम पर आधारित है। बताया गया कि मंदिर के आंतरिक व बाहरी हिस्से की प्रकाश व्यवस्था अलग-अलग होगी।
मंदिर के बाहरी परिसर को प्रकाशित करने के लिए फसाड लाइट लगाई जानी है। विशेष पर्व एवं त्योहारों पर प्रकाश की अलग-अलग व्यवस्था की जाएगी। बताया गया कि 161 फीट ऊंचे मंदिर के शिखर की नक्काशी व भव्यता रात में नहीं दिख पाएगी। इसीलिए ऐसी डिजाइन की जा रही है कि मंदिर के हर तल समेत शिखर तक की अद्भुत नक्काशी और भव्यता रोशनी के माध्यम से देखी जा सके।
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'चंद्रयान-2′ का लैंडर 'विक्रम' शुक्रवार और शनिवार को देर रात 1. 30 बजे चांद की सतह पर उतरना शुरू होगा। इसरो के वैज्ञानिकों के साथ-साथ पूरे विश्व के लोग इस ऐतिहासिक क्षण की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में पहुंचने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रात चंद्रयान-2 की लैंडिंग का साक्षी बनने के लिए बेंगलुरु में इसरो के सेंटर में वैज्ञानिकों के साथ मौजूद रहेंगे, उनके साथ देशभर से चुने हुए बच्चे भी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा, 'मैं भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के इतिहास के असाधारण क्षण का गवाह बनने के लिए बेंगलुरु के इसरो केंद्र में आकर बेहद उत्साहित हूं। उन विशेष पलों को देखने के लिए विभिन्न राज्यों के युवा भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा भूटान के युवा भी मौजूद रहेंगे।
I am extremely excited to be at the ISRO Centre in Bengaluru to witness the extraordinary moment in the history of India's space programme. Youngsters from different states will also be present to watch those special moments! There would also be youngsters from Bhutan.
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जम्मू-कश्मीर में तैनात अधिकारी और सुरक्षबलों की मानें तो परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण हैं। धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही घाटी में बंद है। वहां मौजूद अधिकारियों का मानना है कि स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।
जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही मोदी सरकार लगातार यही दावा कर रही है कि घाटी में सब ठीक है, सब कुछ सामान्य है। लेकिन, जम्मू-कश्मीर में तैनात अधिकारी और सुरक्षबलों की मानें तो परिस्थितियां काफी चुनौतीपूर्ण हैं। धारा 370 हटाए जाने के बाद से ही घाटी में बंद है, दो महीने बाद भी हालात जस के तस हैं। वहां मौजूद अधिकारियों का मानना है कि स्थिति सामान्य होने के बजाय और भी ज्यादा बिगड़ सकती है।
बाजार में अब भी सन्नाटा पसरा हुआ है। इनंटरनेट और सेलफोन सेवा अभी तक पूरी तरह से बहाल नहीं हो पाई है। इसका असर स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ रहा है। इसके अलावा स्कूल और कॉलेज बंद हैं। सैकड़ों लोग हिरासत में हैं। हालांकि, राज्यपाल कह रहे हैं कि हालात पहले से काफी बेहतर हुए हैं और इसी वजह से पर्यटकों को प्रतिबंधित करने वाले आदेश वापस लिए जा रह हैं। लेकिन इसका कोई असर होता दिख नहीं रहा है। इस स्थिति में कोई भी पर्यटक शायद ही वहां जाए। वहीं बीजेपी को छोड़कर 24 अक्टूबर को होने वाले ब्लॉक विकास परिषद (बीडीसी) का चुनाव लड़ने से सभी दलों ने इनकार कर दिया है।
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कोलकाता। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) घोटाले में पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता पार्थ चटर्जी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। ईडी ने एसएससी घोटाले से कथित तौर पर जुड़े होने के आरोप में आज चटर्जी को उनके दक्षिण कोलकाता स्थित आवास से गिरफ्तार किया।
उल्लेखनीय है कि जब प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के गैर-शिक्षण और शिक्षण कर्मचारियों के पदों पर विवादास्पद भर्तियां की गई थीं, उस समय चटर्जी राज्य के शिक्षा मंत्री थे।
ईडी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कोलकाता के नकटला इलाके में चटर्जी के घर पर 27 घंटे की लंबी छापेमारी के दौरान वह इस संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, जिसके बाद अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि ईडी अधिकारियों ने चटर्जी से उनकी एक करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी को लेकर भी सवाल पूछे, जिसका वह संतोषजनकर जवाब नहीं दे सके। ईडी ने अर्पिता मुखर्जी को भी हिरासत में ले लिया है।
तृणमूल कांग्रेस के ताकतवर महासचिव एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विश्वासपात्र चटर्जी को अब मेडिकल परीक्षण के लिए जोका के ईएसआई अस्पताल ले जाया गया है। 2006 से 2011 तक राज्य में विपक्ष के नेता रहे एवं पांच बार के विधायक चटर्जी ने कोलकाता के बाहरी इलाके में स्थित अस्पताल के बाहर कार से उतरने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब देने से इनकार कर दिया।
इससे पहले करीब 10 बजे गिरफ्तारी के बाद चटर्जी को केंद्रीय बलों के साथ एक काफिले के साथ ले जाया गया। ईडी ने वाणिज्य, उद्योग एवं संसदीय कार्य मंत्री चटर्जी के आवास और राज्य के विभिन्न हिस्सों में उनके करीबी सहयोगियों तथा रिश्तेदारों के ठिकानों पर शुक्रवार सुबह छापेमारी शुरू हुई थी।
ईडी ने शुक्रवार रात को अर्पिता मुखर्जी के आवासीय परिसर से लगभग 20 करोड़ रुपए नकद बरामद करने का दावा किया था। ईडी के कम से कम नौ अधिकारियों ने घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच के तहत चटर्जी के घर पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान चटर्जी के वकील भी उनके आवास पर मौजूद थे।
ईडी ने शुक्रवार को राज्य के विभिन्न हिस्सों में चटर्जी के कई सहयोगियों और उनके दामाद कल्याणमय भट्टाचार्य सहित उनके करीबी रिश्तेदारों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
ईडी के अधिकारियों ने उत्तर बंगाल में कूचबिहार जिले के मेखलीगंज में शिक्षा राज्य मंत्री परेश चंद्र अधिकारी के आवास पर भी तलाशी अभियान चलाया। इसके अलावा ईडी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य, पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष के आवास और कई मौजूदा तथा पूर्व अधिकारियों के परिसरों पर घोटाले से उनके कथित संबंधों को लेकर छापे मारे।
ईडी के अनुसार भारी मात्रा में नकदी बरामद करने के अलावा अर्पिता मुखर्जी के पास से 20 मोबाइल फोन भी बरामद किए, जिसका उद्देश्य और उपयोग पता लगाया जा रहा है। ईडी ने शुक्रवार रात मीडिया को बताया कि कैश काउंटिंग मशीन के जरिए बरामद रुपयों की गिनती के लिए सर्च टीम बैंक अधिकारियों की मदद ले रही है।
ईडी ने कहा कि इसके अलावा घोटाले से जुड़े व्यक्तियों के विभिन्न परिसरों से कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज, रिकॉर्ड, संदिग्ध कंपनियों का विवरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, विदेशी मुद्रा और सोना भी बरामद किया गया है।
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अप्रैल में कई रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए समूह सी और डी कर्मचारियों, नौवीं-बारहवीं कक्षा के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया था।
ईडी ने कहा कि ईडी गैर-शिक्षण कर्मचारियों (ग्रुप सी एंड डी), कक्षा IX-XII के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक विद्यालय में शिक्षकों की अवैध नियुक्ति से जुड़े मामलों की धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 के तहत जांच कर रही है। इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) चटर्जी और अधिकारी से पूछताछ कर चुकी है।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार योग्यता सूची की अनदेखी करके रोजगार हासिल करने को लेकर अधिकारी की पुत्री को स्कूल शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही, उन्हें अपनी नौकरी से प्राप्त पूरा वेतन वापस करने के लिए कहा गया था और उसे स्कूल परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया गया था।
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पेन्सिलवेनिया यूनिर्वसिटी में कानून की प्रोफेसर एमी वैक्स ने एक राष्ट्रीय रूढि़वादी टॉक शो में उन लोगों के खिलाफ कई भड़काऊ टिप्पणियां कीं, जो अमरीका के आलोचक हैं। फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर की रिपोर्ट में ये कहा गया है। वैक्स ने एक राजनीतिक टिप्पणीकार टकर कार्लसन से कहा, पश्चिमी देशों के लोगों के योगदान के लिए पश्चिमी लोगों के खिलाफ गैर-पश्चिमी लोगों की नाराजगी शर्म की बात है। यह वास्तव में असहनीय है।
वैक्स ने एशियाई और दक्षिण एशियाई भारतीय डॉक्टरों की आलोचना की। उन्होंने कहा, ये लोग नस्लवाद विरोधी पहल करने यहां चले आते हैं। उन्होंने खास कर भारत की ब्राह्मण महिलाओं को निशाना बनाया। समस्या यहां है। उन्होंने कहा, उन्हें सिखाया जाता है कि वे हर किसी से बेहतर हैं क्योंकि वे ब्राह्मण हैं और फिर भी उनका देश गंदा है. . . उन्हें पता है कि हमने उन्हें हर तरह से पछाड़ दिया है। इससे वे क्रोधित महसूस करते हैं, ईष्र्या महसूस करते हैं, शर्म महसूस करते हैं. . . यह बहुत खराब स्तर की कृतघ्नता पैदा करता है।
यूनिवर्सिटी की एक लॉ टीचर नील मखीजा ने कहा, यह बहुत दुख की बात है। देश के सबसे अच्छे लॉ स्कूलों में से एक की ये प्रोफेसर मूर्ख है। लेकिन, उन्होंने कहा कि वैक्स एक बात के बारे में सही हैं - अमरीका में रहने वाले भारतीय लोग नस्लीय समानता की परवाह करते हैं। वैक्स सालों से अपने बयानों से लोगों को भड़काती रही हैं। उन्होंने काले रंग के छात्रों की शैक्षणिक क्षमता पर सवाल उठाया और कहा कि अमेरिका तब बेहतर होगा जब एशिया से कम लोग यहां आएंगे। फिलाडेल्फिया इन्क्वायरर ने बताया कि यूनिवर्सिटी ने पहले भी उनके बयानों की निंदा की है, और 2018 में उन्हें पढ़ाने से हटा दिया था, लेकिन अकादमिक स्वतंत्रता का हवाला देकर फिर उन्हें रख लिया गया।
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अपनी बद्सूरती को कोसे।
मासूमियत बिखेरते हुये बोला।
"चाय...? " - वेटर चौंका।
भी अपना जवाबी प्लीज़, ज़रुरत से ज्यादा लंबा खींच दिया।
दोनों इंसान ही, बेचारी कहाँ तक लड़तीं।
रैस्टोरेंट में होने का एहसास हुआ।
ऑर्डर याद दिलाते हुये वेटर बोला।
चाय बोलने से काजल चिढ़ गई।
वेटर ने चाय टेबल पर रखी और टेढ़ी मुस्कान देता हुआ जाने लगा।
की जली-कटी सुन कर बड़ी हुई थी।
होती तो ताई बात किस विषय पर करतीं।
"भाभी जी, हमने तो सब करके देख लिया। जैतून के तेल से मालिश,
कि माँ उसकी तरफ है या ताई की।
झेलनी पड़ैगी। हमारी तो दो लौंडिया हैं और किसी की नजर ना लगै,
अपराध से कम नहीं। सबको अपने बेटे के लिये गोरी बहू जो चाहिये।
को और धीरे-धीरे पीना शुरू कर दिया।
थी, इसीलिये तो तू चाय की तरह काली हो गई।
"कहाँ सपनों में...?"- माँ ने मजाक उड़ा दिया।
अपनी गरदन दिखाते हुये माँ से बोली। "भगवान ने मेरी सुन ली है।
रहे थे।
से आ गये थे।
संभावना से ही बड़ी खुश थी।
कान पाये थे ताई ने।
"हैं ..... भला ऐसे भी कोई गोरा होता है कहीं। बुलईयो तो जरा।
बेटियाँ जल-जल कर बिल्कुल ही राख हो जायेंगे।
बाकि थे मतलब मुश्किल से चार-पाँच मिनट और खींचा जा सकता था।
मिलने के लिये कहा था। पर ग्यारह तो कब के बज चुके थे।
इसका फैसला काजल ने चाय पर ही छोड़ दिया।
करता हुआ डॉक्टर बोला।
हँसाने की कोशिश की।
तारीफ को काटते हुये काजल की माँ बीच में बोली।
में कलम घसीटता हुआ डॉक्टर बोला।
ये तो लोग खुद भी सोच सकते हैं।
वहीं बैठ गया।
खतरनाक होते हैं कि आधा तो मरीज नाम सुनकर ही मर जाये।
सविता ऐसे सुन रही थी जैसे डॉक्टर का एक-एक शब्द समझ रही हो।
बात पर आ गई।
"कोई इलाज नहीं। क्यों हो जाता है इसकी भी कोई जानकारी नहीं।
दें कि उसके साथ क्या हो रहा है। बाकि सब कुछ नॉरमल रहेगा।
वेटरों को छोड़कर सब कुछ बदल गया था। खाली टेबलें भर गई थीं,
नज़दीक आ रहा था रैस्टोरैंट में भीड़ बढ़ती जा रही थी।
विशेष को एस एम एस भेज दिया - "आशा है कि तुन आ रहे हो- काजल".
चाय और मँगा ही ली।
डॉक्टर की दी हुई दवाईयों का कुछ खास असर काजल पर नहीं पड़ा।
हुआ। काजल की बीमारी ने न तो काजल को काला ही छोड़ा और न गोरा।
छिड़क दिया हो या सफेद कैनवास पर काला। काजल चितकबरी हो गई थी।
से बात की थी, जब उस दिन उस लड़के ने उससे चाय के लिये पूछा।
था कि ये हाँ है या ना।
मुस्कुरा कर लड़का काजल के साथ चल पड़ा।
घर से बाहर निकलना छोड़ दिया।
कर दिया और लोगों ने पढ़ना। विशेष जिसे आज काजल मिलने आई थी,
पर धीरे-धीरे काजल को भी उसे चैटिंग करना अच्छा लगने लगा था।
है। पर सुनना और बात है देखना और।
टेबल पर पड़े कागजों के बंडल को उठाकर वेटर चिल्लाया।
देख मैनेजर खुद ही बोला।
वेटर ने मजाक बनाया।
चुपचाप काऊंटर की तरफ बढ़ गई।
चुपचाप रैस्टोरैंट से चली गई।
खयाली नहीं हूँ/मैं काली परी हूँ।
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तीन साल पहले तक पूरे भारत में, अधिकतर ग्रामीण और कई शहरी इलाकों में लाखों लोग सुबह के नित्यकर्म को लेकर बेपरवाह थे। खासकर वे खुले में खुद को कहीं भी हल्का कर लेते थे। उन्हें स्वच्छता के साथ-साथ इस वजह से होने वाली बीमारियों की तनिक भी चिन्ता नहीं रहती थी। माता-पिता अपने बच्चों को गंभीर खतरे में डाल रहे थे।
2 अक्टूबर, 2019 तक (महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती) तक सार्वभौमिक स्वच्छता के साथ स्वच्छ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद लोगों की आदतों में बड़ा बदलाव आया है। इस दौरान सदियों से चली आ रही खुले में शौच की आदत में उल्लेखनीय कमी आई है।
सार्वभौमिक स्वच्छता भारत के विकास एजेंडे में सबसे ऊपर है। 2014 तक, केवल 39 प्रतिशत लोगों तक ही सुरक्षित स्वच्छता वाली सुविधाओं की पहुंच थी। आज स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) के तीन साल पूरे होने के बाद पूरे देश में पांच राज्यों, लगभग 200 जिलों और लगभग 2.4 लाख गांवों ने खुद को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित किया है। इसके अलावा, गांवों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन के आधार पर 1.5 लाख गांवों ने स्वच्छता सूचकांक में रैंकिग दर्ज कराई है।
बेहतर स्वच्छता के परिणामस्वरूप घरेलू बचत हुई है। एसबीएम के लागत लाभ का अनुमान लगाने के लिए यूनिसेफ द्वारा हाल ही में किए एक स्वतंत्र अध्ययन से यह पता चला है कि स्वच्छता में सुधार के लिए निवेश किए गए प्रत्येक रुपये से 4.30 रुपये की बचत हुई है। अध्ययन में पाया गया कि औसत लागत-लाभ का अनुपात 430 प्रतिशत था। अध्ययन में "एक तरफ घरेलू और सरकारी व्यय, और दूसरी तरफ बेहतर स्वच्छता से प्रेरित वित्तीय बचत के विचार" का पता चला। इससे लाभ लेने वाली आबादी में सर्वाधिक संख्या गरीबों की थी।
इसके अलावा, पूरी तरह से ओडीएफ समुदाय में, एक औसत परिवार जो शौचालय में निवेश करता है वह प्रति वर्ष करीब 50,000 रुपये की बचत करता है। चिकित्सा लागत और मृत्यु दर पर ध्यान दिया जा रहा है और समय की बचत भी हो रही है। 12 राज्यों में चयनित 10,000 ग्रामीण परिवारों पर किए गए अध्ययन में यह पाया गया कि 85 प्रतिशत परिवार के सदस्य अपने शौचालयों का उपयोग करते हैं। सर्वेक्षण घरेलू स्तर पर स्वच्छता के आर्थिक प्रभाव को मापने के लिए किया गया था।
जल और स्वच्छता मंत्रालय के सचिव परमेश्वरन अय्यर बताते हैं कि भारतीय गुणवत्ता परिषद ने 1,40,000 घरों में एक स्वतंत्र सर्वेक्षण किया था, जिसमें पाया गया कि 'घरेलू शौचालय का उपयोग करने वालों की संख्या 91 प्रतिशत है।'
सुलभ और सुरक्षित शौचालयों की बदौलत ग्रामीणों के जीवन में एक बड़ा गुणात्मक परिवर्तन आया है। विशेष रूप से उन महिलाओं को सुरक्षा प्राप्त हुई है जो अंधेरे में खुले में शौच जाने के लिए मजबूर थे तथा उन्हें मानसिक यातना का सामना करना पड़ता था।
उचित स्वच्छता की सुविधाओं की कमी से स्वास्थ्य और परिव्यय में वृद्धि हो जाती है जिसका खामियाजा भारत की जीडीपी पर प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत पड़ता है। अनुसंधान में शौचालय, कुपोषण जैसी तथ्यों का जिक्र किया गया है। शौचालय की कमी के कारण दूषित वातावरण के सम्पर्क में रहने से आमजन के स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ सकता है। अतिसार बीमारियों से प्रभावित 10,000 बच्चों की मौतें डायरिया के कारण हुईं हैं। विश्व बैंक के अनुसार भारत के लगभग 40 प्रतिशत बच्चे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित रहे हैं।
सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि लोगों की सोच में परिवर्तन लाया जाए, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्र की जनता में जिनके पास शौचालय की कमी है जिसे एक बुनियादी ढांचे के कार्यक्रम के द्वारा पूरा किया जा सकता है। सभी महत्वपूर्ण कारकों पर ध्यान केंद्रित करना होगा तथा सदियों पुरानी बुरी आदत से निपटने और इसके बारे में बात करने के लिए जागरूक करना होगा। स्वच्छता के लिए सामुदायिक बहस के जरिये कई पारस्परिक तकनीकों के उपयोग के माध्यम से देश में परिवर्तन लाया जा रहा है।
मिशन मजबूत करने और इसे आगे बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार त्वरित पखवाड़ा अभियान के तहत 'स्वच्छता ही सेवा है' जैसे कई कार्यक्रमों का संचालन कर रही है, जिसमें शौचालयों, बस स्टैंड, सिनेमा घरों, रेलवे स्टेशनों, सार्वजनिक सभागारों और कई अन्य की सफाई शामिल है। इस अभियान का समापन 2 अक्तूबर को 'स्वच्छ भारत दिवस' के साथ होगा।
खुले में शौचमुक्त शहरों के वर्तमान अभियान को आगे बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं और भूमि तथा नदियों को नुकसान पहुंचाए बिना सुरक्षित शहरी पर्यावरण के प्रबंधन की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। हर दिन भारत में लगभग 1.7 मिलियन टन मल संबंधी कचरा पैदा होता है। इसका लगभग 78 प्रतिशत मल अनुपचारित रहता है और इसे नदियों, झीलों या भूजल में फेंक दिया जाता है। इससे बैक्टीरिया और रोगजनक पैदा होते हैं, जिससे बीमारी होने का खतरा बना रहता है और स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक बन जाता है।
पहाड़ी, सूखे से प्रभावित, बाढ़ प्रभावी और दूर-दराज के क्षेत्रों में टिकाऊ, पर्यावरण अनुकूल और सस्ती शौचालय तकनीक के लिए युवाओं तथा अन्य हितधारकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। शौचालयों के उपयोग तथा उनकी निगरानी के लिए तकनीकी समाधान और व्यावहारिक परिवर्तन लाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। खुली अवधि वाली योजनाओं के विपरीत यह मिशन कार्य को पूरा करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है और 12 लाख शौचालयों का निर्माण करके भारत को खुले में शौच कराने की दिशा में अग्रसर है। यह एक कठिन और ज्यादा समय लेने वाला अभियान है, जिसमें व्यावहारिक परिवर्तन और स्वच्छता के प्रति प्रत्येक का सहयोग शामिल है, जो प्रधान या कलेक्टर या सांसद द्वारा भी किया जा सकता है। इसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, जिला मजिस्ट्रेट, गांव के मुखियाओं द्वारा संचालित किया जा रहा है।
इसके अलावा स्वच्छाग्राही सेना बनाई गई है और नुक्कड़ नाटकों को बढ़ावा दिया गया है। व्यावहारिक परिवर्तनों को आम जन द्वारा प्रेरित किया जा रहा है और प्रमुख हस्तियों द्वारा संदेश के माध्यम से खुले में शौच के प्रति जागरूकता पैदा की जा रही है।
** लेखक एक स्वतंत्र पत्रकार और स्तंभकार हैं, जो मीडिया जगत - प्रिंट, ऑनलाइन, रेडियो और टेलीविजन में चार दशकों का अनुभव रखते हैं। लेखक विज्ञान और विकास संबंधी मुद्दों पर लिखते हैं।
** लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं।
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सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने हाल ही में जोर देकर कहा है कि आतंकवाद से निपटने के लिए बनाए गए कानूनों का दुरुपयोग देश में नागरिकों की असहमति व्यक्त करने के अधिकारों को कुचलने में नहीं किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह टिप्पणी ऐसे समय की है, जबकि एनआइए की अदालत एवं बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा फादर स्टेन स्वामी की स्वास्थ्यगत आधार पर जमानत की मांग को बार-बार ठुकरा दिए जाने से देश में काफी रोष है। गौरतलब है कि हाल ही में बुजुर्ग फादर की कैद में ही मौत हो गई थी। स्टेन स्वामी को भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गैरकानूनी गतिविधियां निवारक अधिनियम (यूएपीए) के अधीन गिरफ्तार किया गया था। देश के अनेक बुद्धिजीवियों एवं जनजातीय समुदायों के अधिकारों के लिए संघर्षरत कार्यकर्ताओं ने इसे "न्यायिक हत्या" करार दिया है।
हाल ही में, यूएपीए के तहत गिरफ्तार कई लोगों को रिहा किया गया है, जो सालों से देश की विभिन्न जेलों में बंद थे। उदारहरण के लिए, श्रीनगर के बशीर अहमद बाबा को बडोदरा की केंद्रीय कारा से 11 साल बाद रिहा किया गया है। असम के किसान नेता अखिल गोगोई को, जिन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था और इसी तरह, आइआइएससी शूटिंग केस में गिरफ्तार त्रिपुरा के मोहम्मद हबीब को भी रिहा कर दिया गया है।
यह आलेख मूल रूप से लीफ्लेट में प्रकाशित किया गया था।
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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए गुरुवार को पहली सूची जारी कर दी। भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति के सचिव एवं केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने यहां पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पहली सूची में 184 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की। इस 184 सीटों में से 16 सीट महाराष्ट्र की है। महाराष्ट्र के उम्मीदवारों की सूची।
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नई दिल्ली, जून 5। बीता हफ्ता सोना और चांदी में तेजी का रहा है। बीते हफ्ते जहां सोमवार को सोने का रेट 51184 रुपये प्रति 10 ग्राम था, वहीं यह रेट शुक्रवार को बढ़कर 51455 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। इस प्रकार से सोने के रेट में एक हफ्ते के दौरान करीब 271 रुपये प्रति दस ग्राम की तेजी दर्ज की गई।
वहीं अगर चांदी के रेट पर नजर डाली जाए तो इसमें भी तेजी दर्ज हुई है। बीते सोमवार को चांदी का रेट 62073 रुपये प्रति किलो था, जो सोमवार को बढ़कर 62788 रुपये प्रति किलो हो गया। इस प्रकार से बीते हफ्ते चांदी का रेट करीब 715 रुपये प्रति किलो बढ़़कर बंद हुआ। यहां पर सोना और चांदी का रेट बुलियन एसोशिएशन की वेबसाइट के आधार बताया जा रहा है। आइये अब जानते हैं कि आज देश में खुदरा बाजार में किस रेट पर गोल्ड और सिल्वर का कारोबार हो रहा है।
नोट : यहां सोने के 22 कैरेट और 24 कैरेट के रेट प्रति दस ग्राम और चांदी का रेट प्रति किलो के हिसाब दिए गए हैं। सोने के रेट में राज्यों के हिसाब से यह अंतर उन राज्यों के टैक्स के हिसाब से आता है।
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ALLAHABAD: बढ़ते अपराध और लंबित मामलों को देखते हुए आज न्याय को गति देने की जरूरत है। इसके लिए न्याय प्रक्रिया में सभी अधिवक्ता अपना सहयोग दें। जिससे की सभी को न्याय जल्द मिले। मेरा प्रयास यही होगा कि अधिवक्ताओं की समस्याओं को दूर किया जाए। उक्त बातें ट्यूजडे को सिटी पहुंचे नवनियुक्त महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने अपने आवास पर अधिवक्ताओं से कहीं। इस दौरान हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुरेश बहादुर सिंह व संजय मिश्रा के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में अधिवक्ताओं ने महाधिवक्ता का जोरदार वेलकम किया। इस मौके पर संजय पाठक, निदेश प्रताप श्रवण पाण्डेय, लाल विजय सिंह, केपी सिंह, उदय प्रताप सिंह, रवि प्रकाश श्रीवास्तव योगेन्द्र परिहार सहित सैकड़ों की संख्या अधिवक्तागण मौजूद थे।
अपने आवास पर मीडिया से बातचीत के दौरान महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने बताया कि स्टेट गवर्नमेंट ने हाईकोर्ट के आसपास खाली पड़ी करोड़ों की जमीन कोर्ट को देने का निर्णय लिया है। हाईकोर्ट के आस-पास वाहनों से जाम की समस्या को लेकर आम पब्लिक परेशान है। वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था कर इस समस्या को जल्द ही दूर किया जाएगा। अधिवक्ताओं की पेंशन, मकान की व्यवस्था, चैंबर आदि प्रमुख समस्याओं का निदान जल्द ही किया जाएगा।
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बॉलीवुड में कई अभिनेत्रियों के बीच कैटफाइट देखने को मिलती हैं। करीना और प्रियंका के बीच लंबे समय से सबकुछ ठीक नहीं रहा है। अब एक बार फिर करीना के बयान से ये जाहिर हुआ जब उन्होंने प्रियंका के ऊपर कटाक्ष किया।
एक इंटरव्यू के दौरान करीना से सवाल पूछा गया कि 'बॉलीवुड में 50 साल का हीरो 20 साल की हीरोइन के साथ रोमांस कर रहा होता है लेकिन 50 साल की एक हीरोइन को पर्दे पर हीरो की तरह रोमांस करने का मौका नहीं मिलता क्योंकि उस जोड़ी को अजीब कहा जाता है। ' इस सवाल के जवाब में करीना ने प्रियंका और निक का उदाहरण दिया।
करीना ने कहा कि 'यह लोगों की माइंड सेट की वजह से है। लोग इसी तरह की सोच रखते हैं। उनको लगता है कि 50 साल की औरत है तो तलाकशुदा होगी। अब मैं भी उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच रही हूं। मैं जरूर फिल्मों में इस तरह के किरदार करूंगी और उस सोच को बदलूंगी। '
करीना आगे कहती हैं कि 'मुझे उम्मीद है कि इस सोच को मैं तोड़ूंगी। यह असल जिंदगी में भी होता है। अब देखिए प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस दोनों अलग-अलग जनरेशन के हैं लेकिन दोनों में प्यार हुआ है न। सैफ और मैं, अलग जनरेशन के हैं लेकिन हम दोनों को भी प्यार हुआ। इसमें क्या बड़ी बात है। समाज में ये हो रहा है। अब निर्माताओं का भी माइंड सेट होना जरूरी है। 'बधाई हो' जैसी फिल्मों से बदलाव हो भी रहा है। '
करीना और प्रियंका के बीच लंबे समय से अनबन की खबरें आती रही हैं। साल 2018 में 'कॉफी विद करण' में भी जब दोनों साथ पहुंचे तो एक दूसरे पर तंज कसते हुए दिखे थे। करीना ने प्रियंका के बोलने के अंदाज को लेकर कहा था कि 'यह एक्सेंट कहां से मिला? ' इस पर प्रियंका ने भी करारा जवाब देते हुए कहा था- 'वहीं से जहां सैफ अली खान को मिला। ' बता दें कि प्रियंका और निक के बीच करीब 10 साल का फासला है। प्रियंका, निक से 10 साल बड़ी हैं। शुरुआत में दोनों के रिश्ते को बहुत ट्रोल भी किया गया लेकिन दोनों ही बखूबी इसे निभा रहे हैं। वहीं करीना, सैफ से उम्र में 10 साल छोटी हैं।
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गंगापुर-वजीरपुर सड़क मार्ग पर सेवा गांव के पास रविवार दोपहर ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार व्यक्ति की मौत हो गई। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची वजीरपुर थाना पुलिस मृतक का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है और मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
गंगापुर सिटी पुलिस चौकी के पास वार्ड नंबर 24 निवासी उमर खां (42) पुत्र मन्नू खां दोपहर करीब 12 बजे गंगापुर सिटी से वजीरपुर में एक शादी समारोह में बाइक से जा रहा था। इस दौरान सेवा गांव के पास तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में उमर खां की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। वहीं सूचना मिलने पर वजीरपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया है। वजीरपुर थाने के हेड कॉन्स्टेवल जितेन्द्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। जल्द आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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नई दिल्ली (Exam Tips, Career Tips, Self Study Tips, Entrance Exams). देशभर के कई स्कूलों ने अपने यहां फीस में अचानक वृद्धि की घोषणा कर दी है (School Fees Hike). इसकी वजह से अभिभावकों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. आज-कल स्कूल की पढ़ाई के साथ ही ज्यादातर स्टूडेंट्स को कोचिंग या ट्यूशन का भी सहारा लेना पड़ता है, जिसका असर अभिभावकों की जेब पर पड़ता है.
स्कूल की पढ़ाई हो, कॉलेज की या एंट्रेंस एग्जाम और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी, हर परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिए कोचिंग या ट्यूशन का सहारा लेना अनिवार्य हो गया है. हालांकि, कुछ स्टूडेंट्स सेल्फ स्टडी के जरिए भी परीक्षा को अच्छे अंकों के साथ पास कर लेते हैं. अगर आप भी बिना कोचिंग जॉइन किए सेल्फ स्टडी की मदद से पढ़ाई करना चाहते हैं तो ये टिप्स आपके काम आ सकते हैं.
1- आप जिस भी परीक्षा में शामिल होने वाले हैं, सिलेबस के हिसाब से उसका पूरा स्टडी मटीरियल तैयार कर लें. अपनी किताबें, नोट्स आदि पहले से अरेंज कर लें. 2- सेल्फ स्टडी का यह मतलब बिल्कुल भी नहीं होता है कि अपने लिए एक रूटीन न सेट किया जाए. इस दौरान अपना स्टडी शेड्यूल फिक्स करें और उसका सख्ती से पालन करें. 3- अपना लक्ष्य स्पष्ट रखें और उसे हासिल करने के लिए हर दिन कोशिश करें. मॉक टेस्ट आदि के जरिए अपनी तैयारी चेक करते रहें. 4- अगर आप एंट्रेंस एग्जाम या प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो करंट अफेयर्स पर पकड़ मजबूत रखें.
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7th Pay Commission, 7th CPC Latest News Today 2020: कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच केंद्र सरकार की नक्शे कदम पर चलते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स के मंहगाई भत्ते और महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्तें रोकने का फैसला किया है। जनवरी से प्रस्तावित महंगाई भत्ते और महंगाई राहत के अलावा सअन्य 6 तरह के भत्तों पर भी रोक लगाई गई है। सरकार के इस फैसले का असर 31 मार्च 2021 तक रहेगा। यानि करीब डेढ़ साल तक डीए और डीआर पर मिलने वाली अतिरिक्त किस्त अब नहीं मिलेंगी। इस फैसले से राज्य के 16 लाख कर्मचारियों और तकरीबन सात लाख पेंशनर्स प्रभावित होंगे।
सरकार की इस फैसले से साफ है कि छमाही में होने वाली ये बढ़ोत्तरी जनवरी 2021 तक नहीं रोक रहेगी। यानी जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 में भत्ते में कोई भी वृद्धि नहीं की जाएगी। फाइनेंस डिपॉर्टमेंट के ऑर्डर में कहा गया है कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को एक जुलाई 2019 से लागू दरों पर अनुमन्य महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान किया जाता रहेगा। राज्य कर्मचारियों के अलावा यह फैसला प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारियों और पेंशनरों पर भी लागू होगा।
इन 6 तरह के भत्तों पर चली कैंचीः नगर प्रतिकर भत्ता, सचिवालय भत्ता, पुलिस विभाग के अपराध शाखा, सीबीसीआईडी, भ्रष्टाचार निवारण संगठन, आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, सतर्कता अधिष्ठान, अभिसूचना विभाग, सुरक्षा शाखा एवं विशेष जांच शाखा में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य विशेष वेतन, अवर अभियन्ता को अनुमन्य विशेष भत्ता, लोक निर्माणा विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य रिसर्च भत्ता, अर्दली भत्ता एवं डिजाइन भत्ता और सिंचाई विभाग में तैनात अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अनुमन्य आई एंड पी भत्ता एवं अर्दली भत्ता।
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आखिरकार सारा अली खान, सुशांत सिंह राजपूत के अपोज़िट, अभिषेक कपूर की फिल्म केदारनाथ के साथ आज डेब्यू कर रही हैं। फिल्म का टीज़र, ट्रेलर और पोस्टर सब कुछ लोगों को काफी पसंद आया था। उम्मीद की जा रही थी कि फिल्म 8 - 9 करोड़ की ओपनिंग कर सकती है। कुछ ट्रेड पंडितों का मानना था कि सारा - सुशांत की केमिस्ट्री फिल्म को 2 अंकों की ओपनिंग भी दे सकती है। यानि कि 10 - 11 करोड़।
लेकिन 2.0 की रिलीज़ के बाद, हिंदी दर्शकों में 2.0 का क्रेज़ देख, केदरनाथ के लिए संकट अभी से मंडराता नज़र आ रहा है। फिल्म की ओपनिंग को लेकर लोग शंका में हैं और माना जा रहा है कि फिल्म 4 - 5 करोड़ की ही ओपनिंग कर पाएगी। फिल्म की आगे की कमाई पूरी तरह से फिल्म के वर्ड ऑफ माउथ पर निर्भर करेगी।
गौरतलब है कि सारा अली खान के डेब्यू की तैयारी, 2 साल से चल रही है। दर्शक उन्हें परदे पर देखना चाहते हैं और इसके लिए हर दूसरी फिल्म के साथ उनका नाम जुड़ चुका है। अब एक ही महीने में सारा दो दो फिल्मों में नज़र आएंगी - केदारनाथ और सिंबा। देखना है कि बॉलीवुड में उनका बॉक्स ऑफिस पर डेब्यू कैसा रहता है।
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जमशेदपुर, झारखंड. यह तस्वीर मदर्स-डे पर सामने आई है। जब सारी दुनिया मां का गुणगान कर रही थी, अंधेरे में यह बच्चा झाड़ियों में मरने के लिए फेंक दिया गया। गनीमत रही कि उसकी रोने की आवाज ने वहां से गुजर रहे एक साइकिलवाले का ध्यान आकर्षित किया और उसकी जान बच गई। मामला सरायकेला-खरसावां जिला अंतर्गत राजनगर रोड पर स्थित तितिरबिला गांव का है। रविवार रात करीब 8 बजे तितिरबिला गांव का एक युवक अपनी साइकिल से गुजर रहा था। तभी उसे झाड़ियों से बच्चे के रोने की आवाज आई। युवक ने इसकी जानकारी गांववालों को दी। गांववालों ने फौरान सरायकेला पुलिस को सूचित किया।
लॉकडाउन की वजह से बंद हुए काम-धंधों के चलते पलायन कर रहे मजदूरों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं कोई सड़के हादसे का शिकार हो रहा है तो कहीं कोई भूखा ही अपने प्राण गंवा रहा है। एक ऐसा दर्दनाक मामला झारखंड में सामने आया है, जहां 4 मजदूरों की सड़क हादसे में मौत हो गई।
10 मई को यानी आज पूरी दुनिया में मदर्स डे मनाया जा रहा है। मां अपनी जान पर खेलकर भी अपने बच्चों की जिंदगी बचाती हैं। लेकिन, झारखंड में आज के दिन ममता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामना आया है। जहां एक कलयुगी मां ने अपने बेटे की हत्या कर दी।
लॉकडाउन के चलते अब देश कई हिस्सों से रोज अपराध की खबरें आने लगी हैं। ऐसी ही एक मानवता को शर्मसार कर देने वाली घिनौनी घटना झारखंड से सामने आई है। जहां एक अधेड़ हैवान ने एक नाबालिग बच्ची के साथ बलात्कार किया।
27 वर्षीय इस महिला के साहस के आगे खूंखार नक्सलियों के भी हाथ-पैर फूल गए। नक्सली उसके घर में घुसकर धमकाने आए थे। अपने परिवार को खतरे में देखकर महिला ने काली का रूप धरा और अकेले की नक्सलियों पर टूट पड़ी। उसने नक्सली कमांडर को मार गिराया। इसके बाद बाकी नक्सली डरके मारे जंगलों में भाग निकले। पुलिस ने महिला की हिम्मत को सराहा है। महिला ने कहा कि अगर वो ऐसा नहीं करती, तो नक्सली उसके परिवार को नुकसान पहुंचा सकते थे।
लॉकडाउन के चलते दो बार शादी कैंसल होने पर दूल्हे को सनक चढ़ी। प्रशासन ने उसे अनुमति नहीं दी थी। इस बार उसने ठान लिया कि किसी को कानों-कान खबर नहीं होने देगा और चुपचाप 7 फेरे ले लेगा। मंदिर में शादी चल रही थी, लेकिन घरवालों के अलावा बहुत सारे बिन बुलाए मेहमान भी आ टपके। भीड़ बढ़ी, तो किसी ने पुलिस से मुखबिरी कर दी। बस फिर क्या था, जैसे ही पुलिस शादी समारोह में पहुंची. . भगदड़ मच गई। पुलिस ने दूल्हा-दुल्हन के 10, जबकि 40 अज्ञात मेहमानों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।
गिरिडीह (झारखंड). एक ओर जहां लोग धर्म के नाम पर आए दिन एक-दूसरे के खून के प्यासे हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति दूसरे धर्म के व्यक्ति की जान बचाने के लिए अपना खून दान करें तो इससे बढ़कर इंसानियत और कुछ नहीं हो सकती। ऐसी ही मानवता की मिसाल पेश की है, झारखंड के सलीम अंसारी ने, जिसने अपना रोजा तोड़कर एक हिंदू बच्चे को खून देकर उसकी जिंदगी बचाई।
रिश्तों में आई कड़वाहट कितनी खतरनाक साबित होती है, यह घटना इसी का उदाहरण है। यहां एक 8 साल के बच्चे की बुरी तरह हत्या कर दी गई। उसका सिर पत्थर से कुचल दिया गया। लाश जंगल में छोड़ दी, ताकि कोई जंगली जानवर आकर उसे खा जाए। मां तक कपड़े देखकर ही अपने मासूम बेटे को पहचान पाई। महिला इस हत्या का इल्जाम अपने ही पति पर लगा रही है।
यह शॉकिंग मामला झारखंड के चाईबासा के एक गांव का है। यह आशिक मिजाज आदमी गांव में किराये से रहता है। इसका कहना है कि घर में टॉयलेट नहीं होने से वो तालाब पर जाता था, लेकिन महिलाओं का तर्क है कि वो झाड़ियों में छुपकर उन्हें नहाते देखता था। हालांकि, पुलिस ने इस शख्स की शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ मारपीट की FIR दर्ज की है। अब गांववाले इसके खिलाफ केस दर्ज कराने जा रहे हैं।
लवमैरिज के बाद भी किसी और के प्यार में पड़कर एक आदमी ने अपने ही मासूम बेटे की जान ले ली। घटना झारखंड के गुमला की है। यह आरोपी बच्चे की मां ने लगाया है। बताते हैं कि 2 साल पहले लवमैरिज के कुछ समय बाद ही शख्स काम के सिलसिले में हिमाच प्रदेश चला गया था। फरवरी में वो होली मनाने घर आया था। इसी बीच दोनों के बीच अनबन हो गई थी। इसके बाद दोनों अलग-अलग रहने लगे थे।
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अमृतसर - सांसद श्वेत मलिक ने नेता व अभिनेता विनोद खन्ना को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ-साथ लोकप्रिय नेता थे। चार बार गुरदासपुर, पंजाब से सांसद रहे और जनता के बेहद करीब थे और उन्होंने जिला का सर्वपक्षीय विकास करवाया था। सांसद मलिक ने सांसद विनोद खन्ना को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि खन्ना ने राजनीति पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर ज्वांइन की थी और तन-मन से देश की सेवा में अर्पण रहे। जितने अच्छे वह इनसान थे उतनी ही अच्छी तरह से उन्होंने गुरदासपुर का विकास करवाया था। पठानकोट में एयरपोर्ट के निर्माण का श्रेय भी इन्हीं को जाता है, जबकि स्कूल, श्मशानघाट, स्टेडियम का निर्माण, बच्चों की एजुकेशन के लिए जेब से पैसे देने, गरीब बच्चों का मुफ्त इलाज आदि ऐसे बहुत से कार्य हैं, जो कि उनकी जिंदगी के पलों को एक अमिट छाप बना गए हैं।
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गुरुदेव रवीन्द्र नाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय या शान्ति निकेतन अनिश्चितकाल तक के लिए बन्द कर दिया गया है। यह स्वयं में आश्चर्य का विषय है कि विश्वविद्यालय ऐसे कारण की वजह से बन्द किया गया है जिसका सम्बन्ध पं. बंगाल की महान बांग्ला संस्कृति से है। इस खुले विश्वविद्यालय के परिसर में आने वाले एक मैदान में ही प्रतिवर्ष दिसम्बर महीने में 'पौष उत्सव' का आयोजन होता है जिसमें आसपास के गांवों व जिलों तक के लोग शामिल होते हैं और पौष मेले में इन इलाकों में रहने वाले दस्तकार, शिल्पकार व कारीगर अपनी कलात्मक कृतियों का प्रदर्शन एक अस्थायी बाजार लगा कर करते हैं। इस महोत्सव का बांग्ला संस्कृति में बहुत महत्व है। सर्दियों के मौसम में पड़ने वाले इस पर्व पर बंगाली लोग प्रकृति की रंग-बिरंगी छटा का उत्सव उसी प्रकार मनाते हैं जिस प्रकार 'पोहला बैशाख' पर्व पर, जो कि बांग्ला संस्कृति में 'नव वर्ष' होता है। पौहला बैशाख का महत्व इतना है कि बांग्लादेश में भी यह पर्व राष्ट्रीय उत्सव के रूप में मनाया जाता है। बंगाल के तीज-त्यौहार धर्म की सीमा से ऊपर होकर मनाये जाते हैं। मजहब का इनसे कोई खास लेना-देना नहीं होता। पौष और बैशाख उत्सव भी इसी श्रेणी में आते हैं, परन्तु शान्ति निकेतन के अधिकारियों ने एेसा फैसला किया जिससे इस विश्व विद्यालय के करीब रहने वाले लोगों में रोष फैल गया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपने मैदान में दीवार खड़ी करने का फैसला किया और उसका काम भी शुरू कर दिया गया। इस पर लोगों में रोष व्याप्त हो गया और तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक श्री नरेश बावरी के नेतृत्व में इस दीवार और नये बने दरवाजे को तोड़ डाला गया। वास्तव में विश्वविद्यालय प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ संघर्ष करने के लिए स्थानीय लोगों ने 'पौष मेला मठ बचाओ समिति' का गठन किया था। इसी समिति ने दीवार स्थल पर जाकर आन्दोलन करना शुरू किया और अन्ततः श्री बावरी के नेतृत्व में उसे तोड़ डाला और बुलडोजर तक का इस्तेमाल किया। इस समिति के साथ स्थानीय व आसपास के दुकानदारों का संगठन भी है और जब से उसे पता चला कि प्रशासन मैदान की चारदीवारी या उसे बन्द करने की योजना बना रहा है, तो उसने आंदोलन करना शुरू कर दिया। 'बोलपुर व्यवसायी समिति' का कहना है कि प्रशासन का यह कार्य बांग्ला संस्कृति के विरुद्ध है।
वर्षों से विश्वविद्यालय के खुले परिसर के दायरे में ही पौष उत्सव मनता आ रहा है और इस पर कभी आपत्ति नहीं की गई। शान्ति निकेतन तो सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाने के लिए ही गुरुदेव ने स्थापित किया था और इसी दृष्टि से इस महोत्सव में विश्वविद्यालय के छात्र व स्थानीय लोग मिल-जुल कर हिस्सा लेते हैं। ठीक एेसा ही मत राज्य की मुख्यमन्त्री सुश्री ममता बनर्जी का भी है। उन्होंने दीवार बनाने को बंगाल की मान्यताओं व संस्कृति के खिलाफ बताया और कहा कि यह गुरुदेव की परिकल्पना कभी नहीं रही थी, परन्तु वर्ष 2017 में एनजीटी ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी दी थी कि वह पर्यावरण के सन्तुलन का ध्यान रखे। उसके बाद प्रशासन ने विगत जुलाई महीने में फैसला किया कि उस स्थान की सीमा बांध दी जाये जहां हर वर्ष पौष उत्सव होता है। विश्वविद्यालय की अधिशासी परिषद द्वारा यह फैसला किया गया। परिषद विश्वविद्यालय की सर्वोच्च प्रशासनिक इकाई होती है।
कुलपति बिद्युत चक्रवर्ती का यह कहना है कि विश्वविद्यालय पौष महोत्सव जैसे पर्व का इन्तजाम नहीं देख सकता और इसके बाद की चीजों को नहीं संभाल सकता। अतः यह अपने भूभाग का अहाता सुनिश्चित कर देगा। जब यह अहाता बनने लगा तो स्थानीय व आसपास के लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया। बोलपुर व वीरभूमि जिले शान्ति निकेतन के आसपास ही पड़ते हैं और पौष उत्सव में इन जिलों के लोग व व्यवसायी व दस्तकार भाग लेने आते हैं मगर हर बात पर बीच में टांग अड़ाने में माहिर इस राज्य के राज्यपाल महामहिम जगदीप धनखड़ इस विवाद पर भी बोल पड़े और उन्होंने मुख्यमन्त्री ममता दी को सलाह दी कि वह उन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाये जिनका इस मामले में दोष है। वह राजनीतिक आग्रहों से ऊपर उठ कर कार्रवाई करें। राज्यपाल का इस प्रकार दैनन्दिन के कामों में हस्तक्षेप किसी भी प्रकार उचित नहीं कहा जा सकता मगर धनखड़ साहब खड़-खड़ करने के आदी हो चुके हैं। इस पर ममता दी ने भी कह दिया कि जो कुछ भी विश्वविद्यालय में हुआ है वह बांग्ला संस्कृति के विरुद्ध है।
गुरुदेव तो शान्ति निकेतन को खुला (ओपन एयर) विश्वविद्यालय देखना चाहते थे। दीवार बनाना ही उनके विश्वविद्यालय के चरित्र के विरुद्ध है। हालांकि दीवार गिराये जाने वाले दिन पुलिस भी हरकत में नजर आयी और उसने आठ लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया है मगर इसके बाद विश्वविद्यालय को अगले आदेश तक बन्द कर दिया गया। पूरे पश्चिम बंगाल में शान्ति निकेतन ही एकमात्र केन्द्रीय विश्वविद्यालय है। अतः विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में केन्द्र सरकार के सम्बन्धित विभागों को भी सूचित कर रहा है, परन्तु मूल प्रश्न तो बांग्ला संस्कृति व परंपराओं का है। जरूरी यह है कि शान्ति निकेतन की परंपराओं का ध्यान रखते हुए इस समस्या का हल निकाला जाये और जल्दी से जल्दी विश्वविद्यालय खोला जाए।
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कोरिया, सुरेश मिनोचा । कलेक्टर एस एन राठौर के निर्देशानुसार कोविड-19 से संक्रमण से बचाव हेतु जिले में लाकडाउन के दौरान जारी किए गए आदेशों का अक्षरशः पालन किया जा रहा है। भरतपुर के अनुविभागीय अधिकारी राजस्व विरेन्द्र लकडा ने बताया कि उत्तरप्रदेश के जिला गोरखपुर के ग्राम बसंतपुर निवासी दो पुटु व्यापारियों को बगैर सूचना एवं अनुमति के अपने घर रहने देने, व्यापार कराने तथा लाकडाउन के दौरान जारी किए गये आदेशों का उल्लंघन करने के कारण विकासखंड भरतपुर के ग्राम पंचायत जनकपुर के मकान मालिकों के विरूध्द जनकपुर थाना में एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। यह प्रथम सूचना प्रतिवेदन जनकपुर के रोजगार सहायक विसम्भर अहिरवार के द्वारा दर्ज कराई गई है।
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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने फिर कह दी कांग्रेस का दिल तोड़ने वाली बात।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए अपनी सफल चुनावी रणनीतियों से भारतीय जनता पार्टी का सपना तोड़ने वाले पेशेवर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक ऐसा बयान दिया जिसने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। वहीं उनका ये बयान बीजेपी के कानों को शहद से भी मीठे का अहसास कराने वाला है। पीके ने गोवा में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि बीजेपी 'कई दशकों' तक कहीं नहीं जाने वाली है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के साथ समस्या यह है कि वह इस बात को समझते ही नहीं हैं।
प्रशांत किशोर के कुछ समय पहले तक कांग्रेस में शामिल होने की चर्चाएं थीं। कन्हैया कुमार की कांग्रेस में एंट्री और जिग्नेश मेवानी के पार्टी के साथ आने के पीछे भी पीके को ही माना जा रहा था। लेकिन उनके ताजा बयान से यह साफ हो चुका है कि कांग्रेस में उनकी संभावित एंट्री खटाई में पड़ गई है। वैसे भी जी - 23 सहित पार्टी के कई नेता पीके को कांग्रेस में प्राथमिकता देने के मूड में नहीं हैं। प्रशांत किशोर यहीं नहीं रुके, उन्होंने यहां तक कह दिया कि लखीमपुर कांड का कांग्रेस को कोई लाभ नहीं मिलेगा। उनका ये बयान राहुल और प्रियंका गांधी का दिल तोड़ने वाली बात है।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि बीजेपी भारतीय राजनीति का केंद्र बनने जा रही है... वह भले जीतें या हार जाएं, लेकिन अब वह वैसी है जैसे कांग्रेस आजादी के बाद अपने शुरुआती 40 सालों में थी। बीजेपी कहीं नहीं जा रही हैं। एक बार आप राष्ट्रीय स्तर पर 30 प्रतिशत वोट हासिल कर लेते हैं तो आप इतनी जल्दी नहीं जाते।
इसलिए कांग्रेस के नेता कभी भी इस वहम में न रहें कि लोग नाराज हो रहे हैं और वे मोदी को उखाड़ फेंकेंगे। हो सकता है कि वे मोदी को उखाड़ फेंके, लेकिन बीजेपी कहीं नहीं जा रही। वह यही रहेगी...अगले कई दशकों तक रहेगी...। प्रशांत किशोर ने इससे आगे जो कुछ कहा उससे यह लगभग यह साफ हो गया है कि वह फिलहाल कांग्रेस में नहीं जा रहे हैं। पीके ने कहा कि दिक्कत शायद राहुल गांधी के ही साथ है। वह सोचते हैं कि बस कुछ वक्त की बात है, लोग उन्हें ( नरेंद्र मोदी ) को उखाड़ फेंकेंगे। यह नहीं होने वाला है। जबतक आप उनकी ( पीएम मोदी ) की ताकत को समझेंगे नहीं, मानेंगे नहीं, तबतक आप उन्हें काउंटर नहीं कर सकते। उन्हें कभी पराजित नहीं कर सकते।
इससे पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा था कि समस्याएं कांग्रेस के भीतर गहराई में हैं और लखीमपुर खीरी कांड से पार्टी पुनर्जीवित नहीं हो पाएगी। प्रशांत किशोर जाने-माने चुनाव रणनीतिकार हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत का श्रेय उनकी रणनीतियों को भी दिया जाता है। ये बात अलग है कि उनकी बीजेपी से अनबन हो गई। उसके अगले साल ही 2015 में उन्होंने बिहार में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन के लिए काम किया और चुनाव में इस महागठबंधन ने शानदार जीत भी हासिल की थी। जीत के बाद जेडीयू महागठबंधन को छोड़कर फिर से बीजेपी के साथ आ गई थी। हाल ही में पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुआई में टीएमसी और तमिलनाडु में एमके स्टालिन की अगुआई में डीएमके की प्रचंड जीत के पीछे उनकी रणनीति काफी अहम मानी गई थी।
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भारतीय रिज़र्व बैंक (रिज़र्व बैंक) ने (i) बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचा और (ii) वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफ़आई द्वारा धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए कॉर्पोरेशन बैंक (बैंक) पर 31 जुलाई 2019 के आदेश के द्वारा ₹ 1 करोड़ का मौद्रिक दंड लगाया।
यह दंड बैंककारी विनियमन अधिनियम, 1949 (अधिनियम) की धारा 46ए (4) (i) और 51 (1) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत रिज़र्व बैंक को प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए लगाया गया है।
यह कार्रवाई विनियामक अनुपालन में कमियों पर आधारित है और इसका उद्देश्य बैंक द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर सवाल करना नहीं है।
रद्द किए गए डेबिट कार्ड का उपयोग करके धोखाधड़ी से लेनदेन के बारे में बैंक द्वारा प्रस्तुत साइबर सुरक्षा की घटना की रिपोर्ट से पता चला कि बैंकों में साइबर सुरक्षा ढांचे तथा वाणिज्यिक बैंकों और चुनिंदा एफ़आई द्वारा धोखाधड़ी के वर्गीकरण और रिपोर्टिंग पर रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों के अनुपालन में बैंक विफल हुआ है। बैंक को एक नोटिस जारी किया गया जिसमें यह सूचित किया गया कि वह कारण बताएं कि रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निर्देशों का पालन न करने के लिए उस पर जुर्माना क्यों न लगाया जाए। बैंक से प्राप्त उत्तरों और व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान किए गए मौखिक प्रस्तुतिकरण पर विचार करने के बाद रिज़र्व बैंक इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि रिज़र्व बैंक के निर्देशों के गैर- अनुपालन के उपरोक्त आरोप सिद्ध हुए हैं अतः मौद्रिक दंड लगाया जाना आवश्यक है।
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राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इन दिनों किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके इलाज के लिए वे मंगलवार देर रात सिंगापुर पहुंचे, जहां बेटी रोहिणी आचार्या ने उनका स्वागत किया। लालू यादव के साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी, सांसद बेटी मीसा भारती के अलावा विधान पार्षद सुनील सिंह, सुभाष यादव भी सिंगापुर पहुंचे हैं।
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पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में हर एक शख्स इस बीमारी को हराने में अपना योगदान दे रहा है। ना केवल बड़े बल्कि बच्चे भी कोरोना को हराने के लिए अपनी तरफ से दान करने की कोशिश कर रहे हैं।
कानपुरः पूरा देश इस वक्त कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ रहा है। ऐसे में हर एक शख्स इस बीमारी को हराने में अपना योगदान दे रहा है। ना केवल बड़े बल्कि बच्चे भी अपनी तरफ से दान करने की कोशिश कर रहे हैं। एक ऐसा ही किस्सा उत्तर प्रदेश के कानपुर से आया है। जहां पर बच्चों ने पुलिसकर्मियों को अपनी गुल्लक दी और कहा कि इसे मोदी और योगी अंकल के पास पहुंचा दो।
यूपी के कानपुर में लॉकडाउन के मद्देनजर गश्त कर रहे सिपाहियों को रोककर कुछ मासूम बच्चों ने अपनी-अपनी गुल्लक भेंट कर दी और मासूमों ने अपील की कि इन गुल्लकों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दो, जिससे कोरोना से लड़ा जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि हम अपना सारा पैसा देने को तैयार हैं और देश व प्रदेशवासियों को पीएम और सीएम बचा लें।
मिली जानकारी के अनुसार कानपुर के थाना कल्याणपुर के अंतर्गत रावतपुर गांव में जब पुलिस लॉकडाउन का पालन करवाने के लिए गश्त पर पहुंची, तो लोगों ने फूल माला और नाश्ते का सामान देकर उनका स्वागत किया। लेकिन इसी बीच कुछ मासूम बच्चे वहां पहुंचे और अपनी गुल्लक में इकट्ठा किये हुए पैसे पुलिस कर्मियों को थमा कर उसे मुख्यमंत्री राहतकोष में देने की अपील की,बच्चों के इस समपर्ण को देख वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने भी तालियां बजाकर उनका हौसला बढ़ाया।
इस दौरान नन्हे मुन्हे बच्चों से जब बात की गई तो उन्होंने जो बाते कहीं वो हर किसी के दिल को छू गई। आठ साल की बच्ची गीत ने बताया कि कोरोना से पूरा देश लड़ रहा है,ऐसे में सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। गीत ने कहा कि वो अपनी सेविंग के पैसे राहतकोष में इसलिये दे रही है ताकि कोरोना से लड़ा जा सके।
तो वहीं मासूम वैभव को लॉकडाउन के चलते गांव में फंसे अपने पापा की चिंता सता रही है, राहत कोष में दान देने के लिए अपनी गुल्लक लेकर पहुंची वैभव ने कहा कि मोदी और योगी अंकल मेरी सेविंग के पैसे ले लीजिए और जल्दी से कोरोना को खत्म कर के सबको ठीक कर दीजिए, मेरे पापा की दवा खत्म हो गई है और वो लॉकडाउन की वजह से दवा लेने नहीं आ पा रहे हैं।
पांच वर्षीय मासूम आलोक ने कहा कि वो अपनी सेविंग के पैसे इसलिए दे रहा है क्योंकि बहुत से लोग भूखे सोते हैं, तो उसके पैसों से कुछ लोगों को खाना मिल जाएगा। यह सब देख मौके पर मौजूद इलाकाई लोग भावुक हो गए तो वहीं पुलिस भी अपनी भावनाओं छिपा न पाए।
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Independence Day: अगर आप भी अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए गाड़ी या बाइक पर तिरंगा लगाने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं, नहीं तो जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है और मोटा चालान भी भुगतना पड़ सकता है.
इंडिपेंडेंस डे के आने में अब कुछ ही रह गए हैं इस दौरान लोगों ने अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए गाड़ियों पर झंडे लगाना शूरू कर दिया है. लेकिन क्या आपको पता है आपका ये शौक आपको भारी नुकसान करा सकते है और आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. मार्केट में सड़को पर हर जगह तिरंगे बिकते नजर आ रहे हैं और अगर आपने भी अपनी गाड़ी पर लगाने के लिए तिरंगा खरीद लिया है तो सावधान हो जाएं नहीं तो पछताना पड़ सकता है.
इंडियन फ्लैग कोड के मुताबिक, गाड़ियों पर झंडा लगाने का अधिकार कुछ स्पेशल लोगों को होता हैं अगर आप उनमें से एक नहीं और आपने गाड़ी पर तिरंगा लगा रखा है तो आपको ये भारी पड़ सकता है. दरअसल नेशनल फ्लैग फहराने को लेकर 21 साल पहले यानी साल 2002 में इंडियन फ्लैग कोड बनाया गया था.
इसके मुताबिक, झंडा फहराने को लेकर कुछ स्पेशल रूल्स बनाए गए हैं. इन रूल्स में से एक है गाड़ियों पर झंडा कौन लगा सकता है और इसके लिए, उनको स्पेशल अधिकार दिए गए हैं या नहीं.
गाड़ियो पर तिरंगा केवल ये लोग लगा सकते हैं जिसमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री, कैबिनेट राज्यमंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर (लोकसभा-राज्यसभा), गवर्नर, लेफ्टिनेंट गवर्नर, मुख्यमंत्री, स्पीकर और डिप्टी स्पीकर (विधानसभा-विधानपरिषद), चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट के जज, हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, हाईकोर्ट के जज आदि शामिल हैं. इनके अलावा अगर किसी और गाड़ी पर तिरंगा लगा हुआ पाया गया तो पुलिस चालान काट सकती है और आपको जेल भी हो सकती है.
बता दें कि साल 2004 में ही लोगों को घर में तिरंगा फेहराने की इजाजत दी गई थी इससे पहले लोग घरों में तिरंगा नहीं फहरा सकते थे.
अब रात में भी फहरा सकते हैं तिरंगा साल 2009 से पहले किसी को भी रात के अंधेरे में झंदा फेहराने की इजाजत नहीं थी. साल 2009 में गृह मंत्रालय ने कुछ कंडीशन्स के साथ रात में तिरंगा फेहराने की इजाजत दी गई. इसमें सबसे पहली कंडीशन से थी कि रात को भी उतनी रौशनी का इंतजाम किया जाए कि वो रात ना लगे.
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इंडिया न्यूज, नई दिल्लीः
रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को आज 52 दिन हो चुके हैं। कुछ दिन पहले तक रूसी सेना के पीछने हटने से लग रहा था कि शायद ये जंग थम जाएं। लेकिन 2 दिन पहले काला सागर में रूसी युद्धपोत डूबने से रूस फिल से बौखला गया है। इसक बाद से रूस ने एक बार फिर यूक्रेन में हमले तेज कर दिया हैं।
(Russias Warning To America) बीते दिन भी खारकीव और कीव में कई जगह रूस ने हमले किए। शनिवार को खारकीम में हुए रूसी हमले में अब तक 10 लोगों की मौत हो गई। जबकि 35 लोग घायल हुए हैं। वहीं अब रूस ने अमेरिका को भी चेतावनी दी है कि अमेरिका यूक्रेन को हथियारों की सप्लाई देना बंद करे। यदि अमेरिका ने हथियारों सप्लाई न रोकी तो उसे ऐसे जोखिम का सामना करना पड़ सकता है, जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता।
इस मामले में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि यूक्रेन का अमेरिका को समर्थन जारी रहेगा, उन्हें कोई नहीं रोक सकता। रूस को यूक्रेन के लिए अमेरिकी समर्थन से आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए।
बता दें कि रूस ओर यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने से पहले ही अमेरिका यूक्रेन का साथ देता आ रहा है। हालांकि अमेरिका की ओर से यूक्रेन में सैनिक नहीं भेजे गए हैं लेकिन अमेरिका यूक्रेन को सैन्य मदद देता आ रहा है।
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन के लिए 800 मिलियन डॉलर की सैन्य मदद को मंजूरी दी है। इसकी पहली खेप अगले 24 घंटों में यूक्रेन पहुंचने वाली है, जिसमें 11 हेलिकॉप्टर, 18 हॉवित्जर तोप और 300 स्विचब्लेड ड्रोन शामिल हैं।
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Gupt Navratri 2022 : 2 फरवरी से गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) शुरू होगी। ज्योतिषियों के अनुसार माघ माह की इस गुप्त नवरात्रि में देवी व तंत्र साधकों के लिए ही होती है लेकिन अब आम श्रद्धालुओं द्वारा भी देवी मंदिरों में पूजन अर्चन के साथ दर्शन करने का लाभ लिया जाता है। साल में चार बार नवरात्रि आती है। इनमें से दो प्राकट्य व दो गुप्त होती है। प्राकट्य चैत्र व कुंवार माह में होती है।
ज्योतिषियों ने बताया कि वर्ष में दो बार आने वाली गुप्त नवरात्रि गुप्त तरह की साधना करने के लिए अति श्रेष्ठ रहती है। यही कारण होता है कि उज्जैन, कामख्या, बगुलामखी जैसे सिद्ध स्थानों पर तंत्र व देवी साधम नौ दिनों में जुटकर साधना करते है।
वैसे सामान्य लोगों के लिए गुप्त नवरात्रि मान्य नहीं होती है लेकिन इसके बाद भी कुछ वर्षों से ये गुप्त नवरात्रि लोगों के लिए महत्व रखने लगी है। ज्योतिषियों के अनुसार नौ दिनों तक सामान्य पूजन अर्चन करना चाहिए। सुबह शाम माता की आराधना पूजन करने के साथ यथा योग्य भोग अर्पण कर सुख समृद्धि की प्रार्थना करें तो निश्चित ही देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तंत्र व देवी साधक उज्जैन के साथ ही अन्य शक्तिपीठों का महत्व गुप्त नवरात्रि में अधिक मानते है। उज्जैन में भी हरसिद्धि मंदिर एक शक्तिपीठ है। इस शक्तिपीठ की स्थिति को लेकर विद्वानों में मतभेद हैं। कुछ उज्जैन के निकट शिप्रा नदी के तट पर स्थित भैरवपर्वत को, तो कुछ गुजरात के गिरनार पर्वत के सन्निकट भैरवपर्वत को वास्तविक शक्तिपीठ मानते हैं। दोनों ही स्थानों पर शक्तिपीठ की मान्यता है। हिन्दू धर्म के पुराणों के अनुसार जहां-जहां सती के अंग के टुकड़े, धारण किए वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आये। देवी पुराण में 51 शक्तिपीठों का वर्णन है।
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PATNA: प्रदेश के फ् आइएएस अधिकारियों को अवैध रूप से सचिव से प्रधान सचिव बनाने के मामले में कई खेल किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारों को इस्तेमाल कर सरकार ने चहेते अफसरों को तेहरा लाभ पहुंचाया। तीनों अफसरों ने लगभग साढ़े तीन लाख रुपए बढ़ा वेतन ले लिया है जिसकी रिकवरी के साथ अन्य वैधानिक कार्रवाई की जा सकती है। आई नेक्स्ट ने जब इस बड़े खुलासे के बाद आइएएस और आईपीएस अफसरों से बात की तो लाभ की मंशा उजागर हुई।
एक जुलाई को देश के सभी आइएएस को इंक्रीमेंट मिलता है। सरकार के तीनों चहते अफसरों को इसका लाभ देने के लिए ख्ब् जून को ही चंचल कुमार, हरजोत कौर और दीपक कुमार सिंह को प्रधान सचिव के पद पर नियम विरुद्ध पदोन्नति दे दी गई। इस प्रमोशन से पहला लाभ बढ़े वेतनमान का लाभ मिला और फिर इंक्रीमेंट लगने के साथ सातवें पे कमीशन का भी लाभ दिलाने की मंशा रही।
दस हजार रुपए से अधिक की निकासी पर कार्मिक विभाग में जांच का नियम है। भारत सरकार की आपत्ति के बाद अवैध रूप से पदोन्नति पाए आइएएस अधिकारियों द्वारा निकाली गई लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की अतिरिक्त धनराशि की जांच भी कराई जाएगी। कुछ आइएएस अफसरों का कहना है कि ऐसे मामलों में रिकवरी के साथ वैधानिक कार्रवाई का भी नियम है।
इस बारे में कई आइएएस और आइपीएस अधिकारियों ने कहा कि पदोन्नति सरासर अवैध है। आउट ऑफ टर्म पदोन्नति का अधिकार सिर्फ पीएमओ को है। बिहार सरकार ने ऐसा कर भारत सरकार के अधिकारों में दखल दिया है। वहीं जिम्मेदार अधिकारियों का इस मामले में चुप्पी साध जाना भी कई सवाल खड़ा कर रहा है। एक आइएएस का कहना है कि भारत सरकार की गाइड लाइन के बाद बिहार सरकार ने वर्ष ख्008 में संकल्प तैयार किया था जिसमें डीपीसी यानि डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी में प्रधान सचिव और मुख्य सचिव के साथ वित्त सचिव को शामिल करना था। लेकिन जूनियर आइएएस अफसर सचिव व्यय को शामिल कर प्रदेश सरकार ने संकल्प तोड़ दिया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में ऐसा क्यों किया गया ये बड़ा और अनसुलझा सवाल है।
प्रमोशन आउट ऑफ टर्म किया गया है जिसपर भारत सरकार ने आपत्ति की है। अब इसकी पड़ताल की जा रही है।
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हमारे सामने आती है, वहीं मधुर सुसज्जित या सुन्दर रूप में, कहीं रूखे बेडौल या कर्कश रूप में, कहीं मत्त, विशाल या विचित्र रूप में, कहीं उग्र, कराल या भयंकर रूप में । अतएव काव्य में प्रकृति चित्रण की विविध प्रणालियाँ प्रचलित हैं और समीक्षक प्रकृति चित्रण की विविध प्रणालियों का उल्लेख करते समय उनकी चार से लेकर ग्यारह बारह तक संख्या मानते हैं पर हम प्रकृति चित्रण की केवल निम्नलिखित प्रणालियाँ मानने के पक्ष में हैं. आलम्बन, उद्दीपन, अलंकार या अलंकृत रूप, रहस्य भावना की अभिव्यक्ति, मानवीकरण, नीति और उपदेश का माध्यम तथा प्रतीक । हम यहां यह स्पष्ट कर देना उचित समझते हैं कि उक्त प्रणालियाँ एक दूसरे से सर्वथा पृथक नहीं हैं और उनमें से किसी एक रूप में किए जाने वाले प्रकृति चित्रण में दूसरे रूप या रूपों से भी सहायता ली जा सकती है। उदाहरणार्थ, आलम्बन रूप में देखा जाने वाला कोई पदार्थ रहस्य भावना के लिए भी पथ प्रशस्त कर सकता है । साथ ही यहाँ यह भी स्मरणीय है कि प्रयोगवादी कवियों ने नूतन सौंदर्य- बोध के कारण प्रकृति चित्रण की उक्त प्रणालियों को मान्यता नहीं दी है पर श्री गिरिजाकुमार माथुर की कृतियों में अवश्य इनमें से कुछ प्रणालियों का प्रयोग हुआ है जिनका परिचय यहाँ दिया जा रहा है ।
सामान्यतया कवि माथुर की कृतियों में प्रकृति चित्रण की आलम्बन प्रणाली को सर्वाधिक अपनाया गया है और आलम्बन रूप में प्रकृति-चित्रण करते समय प्रकृति बहुधा साधन न बनकर साध्य बन जाती है और कवि अर्थग्रहण की अपेक्षा बिम्ब ग्रहण पर अधिक जोर देता है तथा अपनी सूक्ष्म प्रकृति पर्यवेक्षणी शक्ति द्वारा प्रकृति के सूक्ष्म तिसूक्ष्म तत्वों के प्रति आकृष्ट हो प्राकृतिक वस्तुओं के अंग प्रत्यंग, वर्ण आकृति तथा अस पास की परिस्थितियों का परस्पर संश्लिष्ट वर्णन करता है । इस प्रकार आलम्बन रूप में प्रकृति चित्रण करते समय प्रकृति का यथातथ्य चित्रण ही किया जाता है और कवि माथुर की काव्य कृतियों में अनेक स्थलों पर प्रकृति का आलम्बन रूप में अत्यंत हृदयग्राही चित्रण किया भी गया है। यहाँ 'धूप के धान' काव्य संग्रह की प्रसिद्ध रचना 'ढाकवनी' का कुछ अंश उदाहरणार्थ प्रस्तुत किया जा रहा है -
सनसनाती साँझ सूनी, वायु का कठला खनकता झींगुरों की खंजड़ी पर झाँझ सा बोहड़ झनकत कंटकित बेरी करोंदे महकते हैं सागौन वन के सुत्र हैं सागौन वन के कान जैसे पात चौड़े ढूह, टोले, टौरियों पर धूप सूखी घास भूरी हाड़ टूटे देह कुबड़ी चुप पड़ी है गेल बूढ़ी ताड़ तेंदू नीम रेंजर चित्र लिखीं खजूर पातें छाँह मंदी डाल जिन पर ऊगती है शुक्ल सातें बीच सूने में बनैले ताल का फैला अतल जल
इस प्रकार कवि ने प्रकृति-चित्रण में पूर्ण तन्मयता दिखाई है और उसकी उक्तियों में प्रकृति अत्यन्त ही चेतन हो उठी है तथा उसका एक-एक उपकरण सजीव प्रतीत होता है । यहाँ यह स्मरणीय है कि उक्त पंक्तियों में कवि ने सांध्यकालीन वातावरण का मनोरम वर्णन किया है और वह रमणीय प्रकृति के साथ-साथ भयावते चित्र भी अंकित करता है.
पूर्व से उठ चाँद आधा स्याह जल में चमचमाता
बन चमेली की जड़ों से नाग कसकर लिपट जाता
इसी प्रकार कवि ने कहीं-कहीं प्रकृति वर्णन को अधिकाधिक वायवीयता भी प्रदान की है; जैसेचांदनी की रैन चिड़िया, गंध फलियों पर उतरतो मूंद लेती नंन गोरे, पाँख धीरे बंद करती गंघ घोड़े पर चढ़ी दुलकी चली आती हवाएँ टाप हल्के पड़े जल में गोल लहरें उछल आएँ कवि ने प्रकृति की नैसर्गिक शोभा का चित्रण मात्र ही नहीं किया
बल्कि उसने वहाँ के निवासियों के घर, बर्तन आदि का भी उल्लेख किया हैं क्योंकि उनके बिना उक्त चित्रण अधूरा ही जान पड़ता । इस प्रकार कवि कहता हैबीच पेड़ों की कटन में हैं पड़े दो-चार छप्पर हाँडियाँ, मचिया कठौते, लट्ठ, गूदड़ बैल बक्खर
राख, गोबर, घरी औंगन, तेल, रस्सी, हल कुल्हाड़ी सूत की मोटी फतोई, चका, हँसिया और गाड़ी
वस्तुतः कवि माथुर का दृष्टिकोण हमेशा व्यापक रहा है और वह डाकबनी की प्राकृतिक सुषमा पर जितना अधिक विभोर हुए थे उतनी हो तीव्र प्रतिक्रिया उन्होंने उस वन प्रदेश की जनता के जन-जीवन की गर्हित दशा पर व्यक्त की हैयहाँ की जिन्दगी पर शाप नल का स्याह भारी भूख की मनहुस छाया जबकि भोजन सामने हो आदमी हो ठीकरे सा जबकि साधन सामने हो धन बनस्पति भरे जंगल और यह जीवन भिखारी
अन्त में कवि ने यह आशा भी प्रकट की है कि 'ढाकबनी' की वर्तमान दशा में पुनः चमक आयेगी और निष्क्रियता समाप्त होगी तथा फिर
लाल पत्थर, लाल मिट्टी, लाल कंकड़, लाल बजरी
फिर खिलेंगे ढाक के बन, फिर उठेगी फाग कजरी
माथुर जी की कृतियों में प्रकृति चित्रण की उद्दीपन नामक प्रणाली का भी कई स्थलों पर सफल प्रयोग हुआ है और यहाँ यह स्मरणीय कि 'आलम्बन रूप में प्रकृति चित्रण करते समय कवि अपनी भावस्थिति में प्रकृति के समक्ष रहता है पर पर काव्य का विस्तार तो भावाभिव्यक्ति में ही है और प्रकृति द्वारा ही कवियों को भावोद्दीपन की प्रेरणा होती है । इस प्रकार स्वाभाविक ही कवियों ने अपनी कृतियों में प्रकृति के उद्दीपन रूप का ही अधिक चित्रण किया है और हिन्दी साहित्य में उद्दीपन रूप में प्रकृति का वर्णन प्राचीनकाल से ही बहुतायत से होता रहा है तथा रीतिकाल में तो यह परिपाटी सबसे अधिक प्रचलित रही है। इस प्रकार उमड़ते हुए मेघों को देखकर वियोगिनी को उनकी गरज में प्रिय की आकुल पुकार सुनाई देने लगती है और पपीहे की पुकार आधी रात में उसके विरह व्यथित हृदय पर एक टीस सी उत्पन्न करने लगी तथा बैशाख में पलाश के फूले हुए पुष्प उसके हृदय को कचोटने लगे। अतएव नायिकाओं के विरह और मिलन |
IAS एसोसिएशन के नए पदाधिकारियों की घोषणा की गई है. मनोज कुमार पिंगुआ IAS एसोसिएशन के अध्यक्ष बनाए गए हैं. रीता शांडिल्य उपाध्यक्ष बनीं हैं. आर. प्रसन्ना महासचिव बने हैं. संयुक्त सचिव धनंजय देवांगन, अय्याज तम्बोली शारदा वर्मा को कोषाध्यक्ष बनाया गया है. हिम शिखर गुप्ता सांस्कृतिक सचिव बनाए गए हैं.
त्योहारों का सीजन देखते हुए रेलवे ने 13 अक्टूबर से दुर्ग से हटिया के बीच पूजा स्पेशल ट्रेन (08186/08185) की शुरुआत की है। यह ट्रेन सप्ताह में दो दिन चलेगी। दुर्ग से ट्रेन हर बुधवार-शुक्रवार और हटिया से मंगलवार-गुरुवार को चलेगी। फिलहाल इसका परिचालन 5 नवंबर तक किए जाने का फैसला लिया गया है, लेकिन त्योहार पर यात्रियों की संख्या और भीड़ को देखते हुए इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है।
एटीएम से छेड़छाड़ कर 20 लाख रुपए पार करने का मामला सामने आया है. मामले में एक संदिग्ध सीसीटीवी फुटेज हाथ लगा है. पत्थलगांव थाना पुलिस मामले की विस्तृत तस्दीक में जुट चुकी है. मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक स्टेट बैंक के एटीएम से अलग-अलग एटीएम कार्ड से पैसे निकाले गए हैं. 20 लाख का ट्रांजेक्शन पिछले 10 महीनों में हुआ है. पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. हालाँकि आरोपी तक पहुँचने में संदिग्ध सीसीटीवी फुटेज भी अहम माना जा रहा है.
जिले में हरिभूमि व inh न्यूज की खबर का बड़ा असर हुआ है. शिक्षकों की लापरवाही मामले में जिला शिक्षा अधिकारी बी एक्का ने कार्रवाई करते हुए एक शिक्षक को निलंबित और 3 को शोकॉज नोटिस जारी किया है.
जिले के वाड्रफनगर चौकी क्षेत्र की एक महिला पुलिसकर्मी का रोते हुए वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो में महिला पुलिसकर्मी को बीजेपी के कार्यकर्ता धक्का देते नजर आ रहे हैं.
राज्य शासन द्वारा जारी नई गाइडलाइन के बाद कोरोना मृत्यु पर 50 हजार का अनुदान लेने गठित कोविड-19 मृत्यु विनिश्चय समिति द्वारा जारी मृत्यु प्रमाणपत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है। अब कोरोना के उपचार से संबंधित दस्तावेजों को भी इसके लिए मान्य किया जाएगा।
छठवें मंजिल से कूदकर युवक ने जान दे दी. स्मृति नगर पुलिस मामले की जांच में जुट चुकी है. मिली प्राथमिक जानकारी के मुताबिक न्यू खुर्सीपार निवासी ललित शर्मा ने गृह निर्माण मंडल के छठवें माले से कूदकर ख़ुदकुशी कर ली है. मामला स्मृति नगर चौकी अंतर्गत दीनदयाल कॉलोनी खमरिया की है. आत्महत्या का कारण अज्ञात है. स्मृति नगर चौकी पुलिस मामले की विस्तृत विवेचना कर रही है.
राजधानी में गुढ़ियारी के शुक्रवारी बाजार स्थित नवकार ज्वेलर्स शोरूम से फिल्मी अंदाज में एक करोड़ रुपए के सोने-चांदी के जेवरात व एक लाख 61 हजार रुपए नकद चोरी का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। झारखंड के गिरोह ने शोरूम में चोरी की घटना को अंजाम दिया था। गिरोह के दो शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के मास्टर माइंड समेत पांच सदस्य फरार बताए जा रहे हैं। उनके पास से लाखों रुपए के चांदी के जेवरात और स्कार्पियो वाहन बरामद किया गया है।
हरिभूमि और आईएनएच द्वारा वीआईपी रोड़ स्थित होटल ग्रैंड इम्पीरिया में 13 और 14 अक्टूबर को रास गरबा का आयोजन किया गया है। सोशल मीडिया में कार्यक्रम का पोस्टर जारी कर दिया गया है। प्रशासन की गाइडलाइन मिलने के बाद युवाओं ने गरबा में बेहतर प्रस्तुति देने तैयारी भी शुरू कर दी है। बाजार में गरबा पोशाकों की खरीदी बिक्री बढ़ गई है।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में दाखिले का आज अंतिम दिन है। इसके एक दिन पूर्व शुक्रवार को ही मुख्य कॉलेजों में छात्रों की भीड़ देखी गई। सूत्रों के अनुसार स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों ही स्तर पर आवेदन सिर्फ शनिवार तक ही स्वीकार किए जाएंगे।
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का मिश्रित जातियों के सिद्धान्त, कल्पित और बालकों के किस्से कहानियों से प्रमाणित होते है ? हमारे जो पाठक व गाल के चाण्डालो के विषय में कुछ भी जानकारी रखते हैं उन्हें उनकी बुद्धि कह देगी कि ये लोग दक्षिण-पूर्वी वांगाल के आदिम निवासी थे और वहाँ जो बहुतायत से खाड़ी और नहर है उनमें मछली मार कर अपनी जीविका निर्वाह करते थे और जब आर्य लोग वगाल में आकर वसे तो उन्होंने स्वभावतः हिन्दुओं का धर्म उनकी भाषा और सभ्यता ग्रहण कर ली ।
हम यह दिखला चुके हैं कि कैवर्त और चाण्डाल लोग जुदी-जुदी आदिवासीं जाति के थे और जब उन्हें विजयी आर्यों ने हिन्दू वनाया तब उनकी हिन्दू जातियों में गणना हुई । बौंगाल में ऐसे ही और भी है । पाठकगण उपरोक्त सूची में कोच, वाग्दी, पोद, वौरी, और तेोर लोगों का नाम देखेंगे, और ये सब भिन्न-भिन्न हैं। बंगाल में हिन्दुप्रो के आने के पहले ये भिन्न-भिन्न जातियाँ आदिवासी जाति की थीं और न् प्राचीन काल की प्रत्येक शताब्दी में वे विजयी हिन्दुओं को शरण ती गईं एवं उनकी भाषा, धर्म और जोतने वाने की रीति को ग्रहण करके हिन्दुओं की जाति में नीच जातियां वन गई । वंगाल की इन जातियों में से बहुत से नाम मनु को विदित नहीं थे। जो में जातियां इसको विदित थीं उनकी उत्पति के विषय में कोई एतिहासिक अथवा मनुष्य गणना के प्रमाण न होने के कारण उसने अपने ही सिद्धान्तों के अनुसार उनकी उत्पत्ति वर्णन करने का यत्न किया गया है ।
अब हम इन उपजातियों को छोड़ कर व्यवसाय करने वाली जातियों का उल्लेख करेंगे। उपरोक्त सूची में पाठकों को कायस्थ अथवा लेखक, गोल अर्थात् गाय रखने वाले, नापित अर्थात् हजाम, तेली अर्थात् तेल बनाने वाले, जेलियों अर्थात् मा है, तांती अर्थात् कपड़ा बीननेवाले, वनियां अर्थात् व्यापारी, कुमर अर्थात् लोहार, कुम्हार अर्थात् के वर्तन बनाने वाले, धोबी अर्थात् कपड़ा धोने वाले इत्यादि जातियों के नाम मिलेंगे । यह वात भुत है कि कि मनु की मिश्रित जातियों की सूची में कुछ उपजातियों के नाम मिलते हैं परन्तु उस सूची में व्यवसाय करने वाली एक भी जाति का नाम नहीं मिलता । तो क्या ये व्यवसाय मनु के समय में थे ही नहीं ? क्या मनु के समय में लेखक और व्यापारी लोग, लोहार, और कुम्हार लोग, हज्जाम और धोबी लोग थे ही नहीं ? यह कल्पना विना सिर पैर की है, क्योंकि मनु के समय में भारतवर्ष सभ्यता में चढ़ा बढ़ा था और मनु ने अपनी स्मृति में इनके व्यवसाय का उल्लेख भी किया है । परन्तु उसने अपनी मिश्रित जातियों की सूची में उनका उल्लेख नहीं किया और न उन्हें
जाति को भांति कहीं लिखा है। इससे यह बात दृढ़ निश्चय के साथ प्रमाणित होती है कि मनु के समय में ये भिन्न-भिन्न व्यवसाय केवल व्यवसाय ही थे । उनको भिन्न-भिन्न और जातियां नहीं बनी थीं । वैश्य लोगों की और ऐसे ही शुद्ध लोगों की भी अब तक एक हो नाति थी यद्यपि वे लोग भिन्न-भिन्न व्यवसाय और व्यापार करते थे ।
अब हमको उन व्यवसाय की जातियों की सच्ची उत्पत्ति का पता लग गया जो कि मनु के समय में नहीं थीं और जो उसके उपरान्त बनी है । हमको उन उपजातियों को उत्पत्ति भी विदित हो गई जो कि मनु के समय के पहले बन गई थी और जो मनु को विदित थी । अन्त में हमें यह भी विदित हो गया कि मनु ने उपजातियों की उत्पत्ति लिखने में कैसी भूल की है । मनु की भूल ऐसी थी जिससे वह वच नहीं सकता था । उसने कैवतों और चाण्डालों की तरह भिन्न-भिन्न जातियाँ देख और उसे उन जातियों की उत्पत्ति का इतिहान विदित नहीं था । उनके समय में यह धार्मिक कथा प्रचलित थी कि सब मनुष्य जाति की चार मुख्य जातियों में ही उत्पत्ति हुई है और इसलिये उसे अपने समय की नई जातियों की उत्पत्ति के लिये भी इसी प्राचीन सिद्धान्त का आश्रय लेना पड़ा । यह सब बात समझ में करने योग्य है । जो बात समझ में नहीं तो वह यह है कि इस प्राचीन वारदेि हासिक खोज और गणना के समय में भी कुछ हिन्दू लोग कैसे विश्वास नहीं है। य इस स्मृति की पवित्रता ही ऐतिहासिक खोज को दूर भगाती है. है और गुण और दोष की परीक्षा करने वालो कामहद है कि मिश्रित जातियों का प्राचीन सिद्धान्त बहुत से प्रमाणी औरत के सी हुए भी इतनी शताव्दियों तक मान और रीड से देखा है।
जाँच तथा झूठ और सच की परीक्षा न किए जाने से यह सिद हिन्दुओं के विचार और विश्वास में स्थान पाता है। फिर भी हमिहि ऐसा सभ्य और समझ में आने योग्य तथा ऐरी है सोडा की झोली हुए जाने के साथ ही साबुन के एक वृन्दर बुलबुले के सातुन होता है।
एक्तालीसवाँ अध्याय
मनु ने गृह विधानों का जो वृत्तान्त लिखा है वह प्राचीन सूत्रकारों के आधार पर ही है । जात कर्म बच्चे के जनमते ही नारा काटे जाने के पहले होना चाहिये । जन्म के दसवें अथवा बारहवें दिन अथवा किसी शुभ दिन शुभ मुहूर्त और शुभ -नक्षत्र में नाम करण की रीति की जानी चाहिये और बच्चों का नाम रक्खा जाना चाहिये । चौथे मास में निष्क्रमण की रीति करके बच्चे को घर के बाहर निकालना चाहिये और छठें मास में बच्चे के अन्नप्रासन अर्थात् उसे पहली बार चावल खिलाने की रीति की जानी चाहिये । उपनयन अर्थात् विद्यारम्भ कराने की रोति ब्राह्मण के लिये आठवें वर्ष, क्षत्रिय के लिये ग्यारहवें वर्ष और वैश्य के लिये वारहवें वर्ष में की जानी चाहिये और तब लड़के को यज्ञोपवीत पहना कर गुरू को सौंपना चाहिये ।
विद्यार्थी के जीवन के नियम वे ही हैं जो कि धर्मसूत्रो में कहे गये हैं । विद्यार्थी को एक धोतो, एक छड़ी और एक या दो कपड़े होने चाहिये । उसे अपने गुरु की आज्ञा माननी और उसका सत्कार करना चाहिये । उसे नित्य द्वार द्वार भीख मांग कर जो कुछ मिले उसे गुरू के सामने ला रखना चाहिये और प्रतिदिन जब कि वह विद्या सीखता जाय तो उसे अपने गुरु के यहाँ रह कर उसको सब प्रकार की नीच सेवा भी करनी चाहिये । केशान्त अर्थात् सिर मुड़ाने की रीति ब्राह्मण के लिये १६ वें वर्ष, क्षत्रिय के लिये २२ वें वर्ष और वैश्य के लिये २४ वें वर्ष की जाना चाहिये ।
तोनों वेदों के पढ़ने का समय ३६ वर्ष अथवा जब तक विद्यार्थी पूरी तरह से न पढ़ लें, कहा गया हैं । यहाँ पर ( ३, १ ) हमें चौये वेद का नाम नहीं मिलता और न थन् सीखने के लिये कोई सनय नियत किया गया है। विद्यार्थी अपना अध्ययन समाप्त करने पर स्नान करके स्नातक हो जाता था और घर लौट कर विवाह करता था, फिर गृहस्थ हो कर रहता था । विवाह के समय पवित्र अग्नि जलायी |
होनी चाहिए। एक-एक कथा मे दो-तीन पात्र प्रवश्य ही होगे। इस प्रकार सैकडों पात्र हैं तो उनके चरित्र भी दर्जनो प्रकार के ही होने चाहिए ।
( २ ) 'मोनल भीग' कृति मे केवल एक ही पात्र है- मनुष्य का मन (बुद्धि - तत्व ) ; केवल एक कथावस्तु (महानी ) है भगवान ने प्रकृति की रचना की और मनुष्य भीरचा । हर मनुष्य को अपनी जिन्दगी भर की कुछ घटनामों में अपनी सगति देनी है। चरित्र भी हर मानव का एक ही है - प्रसतु घटनाओ से विरति का चिन्तन । एक उदाहरण
राजा से राणी मादी पड़ी। बीमारी बघतो गई पर कोई इलाज कारगर नीं हुयो । बेहोस राणी रे पलग कन्नै राजा चुपचाप बैठ्यो हो पर भांख्या सू प्रासुदा से धारा वर्ष हो । राजा देख्यो के महल से भीत पर माड्योर्ड चित्राम र हिरण री यासू भी मासुवा रो बूंदा पडनो सरू हुई । राजा नै प्रजरज हुयो । बो बोल्यो, चित्राम रा हिरण, काई तन्नं भी राणी जो री पीड़ा से इतरी घणो दुख है
हिरण उत्तर दियो, 'राजा, मन्ने राणी से पीडा रो दुख कोनो पण तेरी पोडा रो दुख है । किसी दिन तू जंगल में मायर सिकार रं नाव सू मेरी हिरणी रा प्राण लिया तो मैं तन सराप दियो हो । पण माज में तेरी हालत देखर पिसतावू हू के तन्तै सराप देवर में बड़ी भूल करी 15
शिल्पः शैलो - वैशिष्ट्य
'सोनल भीग' की शैली ग्राकर्षक है। लेखक किसी भी साधारण घटना मे दो-तीन पात्रों का निर्माण करते हैं, जो एक-दो सवाद बोलता है, पर पाठकों को आश्चर्य मे छोड़कर छुमतर हो जाता है । रचनाकार का एक ही उद्देश्य है कि उनके लेखन की शैलीगत विशेषता से पाठको का सत्-चिंतन जागृत हो और पाठक भी अपने प्रास-पास को घटनामो को लेखक की शैली के अनुसार निराले ढंग से सोचे और समझें । इस शैली का उद्देश्य है- मानवता की निजी क्षमता पर घमण्ड, दिखावा, लालच, अधिकार, घृणा, ध, धलगाव मादि वृत्सित भावनाएं भसत् Terrएं- धीरे-धीरे समाप्त हो । मनुष्य विचारdewr और पक्की लगन से इनसे पार पा सकता है। एक उदाहरणएक मेत में पूगर प्रादमी साप मैं छोड दियो साप बिल मे बडा लाग्यो तो मैं पूछो - नाग देवता, मर्न एक भेद बतायर पर्छ बिल मे बढ़ । तू ई भादमी रं दांत क्यू नो लगाया ?
३५ सोनल मींग- राजा राणी, पू. ३०
साप बोल्यो, 'म्हारो जाति-मुभाव कोष है। पण म्है भी घर पर प्रेम नं पिछारणा हा । भाप र प्रेमी नै पो कुण देवं ? ई भादमी री बस या हो मन्त्रसाधना है ।'
मैं पूछयो, 'जे में तन पडू तो तू के मानसी, वैर या प्रेम ?'
साप उत्तर दियो- 'ई बात शे फळ पैनी नी बतायो जा सके । तूं हाथ घालर देख 198
भाषागत सौन्दर्य
'सोनल-भीग' की भाषा पर भी राजस्थानी भाषा की शेखावाटी बोली की छाप है। शब्द और मुहावरे भी इनके कथ्य को भावना को सागोपाग प्रस्तुत करने मे पूरे सफल हुए हैं। मतीरो, घड़बो, टापी, भेलवाड़, कंट, बाड, गडतुम्बो, गुवाळियों, बचियो, ऊदरो श्रादि राजस्थानी रग को सिंचित करते हैं तो पहावतें व मुहावरं प्रत्येक मानव को दैनिक जिन्दगी की बोलती कहानी है । एक दो उदाहरण द्रष्टव्य हैं-'सूरज और भी तेजी मे भायो मर बोल्यो - या छोटे मूडें बड़ी बात है । 37 'आखर प्राख खुलगी 138
'सोनल-भोग' कृति के सामूहिक प्रभाव के विषय मे श्री मम्बूजी शर्मा के उद्गार सटीक हैं- 'सामूहिक प्रभाव से दृष्टि सू लाम्बै गद्य-गीता ने छोड़कर बाकी रानं आपा मोर्ट रूप सू दो पाळी मे बाट सका । एक वै, जिका पढता ई तुरन्त समझ मे मा जावे अथवा जिला से रहस्य या शिक्षावा माचरण-कथायां रैंरूप मे पाठका सू एकदम अपरिचित नी । पण दूजा गद्य-गीत बँ है, जिका पढतों परात समझ मे श्राव भर वै बुद्धि-राज्य में पार करता या बिहारी कवि है 'नावक र तीर' री ज्यू ठेठ काळजो बीघे । वाणी री विदग्धता या उक्ति से विचित्रता जाँ प्रबूझ तो नी, पण रसज्ञ जणा से कल्पनावा सू भी इतणी कारी भर नुवी नवादा है के जठें ममंज्ञ जणा रो सिर सचालन सवारण घर सबदांवळो नीं, पण वाणी बिना पर डकार छिक कर रस पीवण से मतवाळ महिमा वाळो प्रलमस्त भोगी-भवरो है । पाठक जे एक बार थां गद्य-गीता मे बड्यो तो सुवाद रो रसियो बाघड कर बारणं मू डो मो करे - स्यात में गीत ई 'सोनल भोग' रा सान जडाऊ होरक-हार है 199
३६ सोनल मोग- सरप रो हेत, पृ. ६१
३७ वही बादळ घर सूरज, पृ. २
३८ वही, कूंज-कतार, पू. ३
३६ डा. मनोहरजी शर्मा अभिनन्दन ग्रंथ, पू. २०
विशेष- श्री पम्बूजी शर्मा ने सोनल भींग को गद्य गीत माना है । [ २ ] |
राज बब्बर के बेटे और एक्टर प्रतीक बब्बर 23 जनवरी को अपनी लॉन्ग टाइम गर्लफ्रेंड सान्या सागर के साथ शादी के बंधन में बंध गए. दोनों के शादी की पहली तस्वीर इंटरनेट पर खूब वायरल हो गई है. फैन्स और शुभचिंतक सोशल मीडिया पर नवविवाहितों को आशीर्वाद दे रहे हैं. कथित तौर पर ये शादी सान्या सागर के होमटाउन लखनऊ में हुई. शादी मराठी परंपराओं के साथ हुई. इस शादी में केवल परिवार और करीबी दोस्तों ही शामिल हुए.
खबरों के अनुसार प्रतीक बब्बर के पिता राज बब्बर शादी के लिए बेहद उत्साहित थे और उन्होंने शादी में 'बचना ऐ हसीनों' गाने पर डांस किया. प्रतीक की बहन जूही बब्बर ने एक लीडिंग टैब्लॉयड से बात करते हुए कहा, 'म्यूजिक बजते ही हम सभी पागल हो गए. ये मेरे पिता के जीवन में सबसे बड़े दिनों में से एक था. उन्हें नाचते हुए देखना रेयर है, लेकिन उसने शादी में बहुत कुछ किया. वो बहुत खुश थे. ' उन्होंने बताया, 'ये एक शानदार शादी थी. प्रतीक घर का बच्चा है और उसकी शादी होना एक अद्भुत एहसास है. भगवान सान्या और उसे आशीर्वाद दें. '
दोनों के हनीमून प्लान्स के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वो इस समय हनीमून पर नहीं जाएंगे क्योंकि प्रतीक के कुछ काम है लेकिन बाद में हॉलीडे का प्लान बना सकतें है. फिल्म इंडस्ट्री के दोस्तों और सहकर्मियों के लिए प्रतीक बब्बर शुक्रवार को एक फ्लैपर-थीम वाली पार्टी की होस्ट कर रहे हैं.
बता दें, प्रतीक और सान्या एक-दूसरे को आठ साल से जानते हैं. लेकिन सान्या के लंदन से लौटने के बाद 2017 में दोनों ने एक दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था.
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गोवा के विकास को लेकर गोवा के लोगों को के साथ मिलकर हमने एक विस्तृत प्लान बनाया है। गोवा बहुत खूबसूरत राज्य है, यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। भगवान ने गोवा को सब कुछ दिया, लेकिन अभी तक सभी नेताओं और पार्टियों ने मिलकर गोवा को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी। जिसे भी मौका मिला, उसने गोवा को लूटा और सभी अपने मौके की तलाश में रहते हैं। हमें इस लूट को बंद करना है। कुछ दिन पहले जब मैं गोवा आया था, तब उस प्लान का पहला प्वाइंट अनाउंस किया था। मैं जनता का आदमी हूं, आम आदमी का दर्द समझता हूं।
आज हम गोवा के युवाओं की बात करेंगे। यहां का युवा बहुत परेशान है। उसके पास रोजगार नहीं है, कोरोना के कारण कितने लोगों के रोजगार चले गए, परिवार कंगाल हो गए। पिछले कई साल से गोवा में माइनिंग नहीं हो रही है। युवा गोवा छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। हमें गोवा में जॉब अपॉर्चुनिटी क्रिएट करनी है। यह हो सकता है, लेकिन इसके लिए ईमानदार और अच्छी नियत वाली सरकार चाहिए।
हमने सुना है कि गोवा में अगर सरकारी नौकरी चाहिए, तो किसी एमएलए या अधिकारी से दोस्ती जरूरी है, बिना सिफारिश और रिश्वत के गोवा में सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती है। इसे हमें बंद करना है।
कुछ दिन पहले सुना कि सावंत साहब ने गोवा में पानी फ्री कर दिया है, हमने दिल्ली में 4 साल पहले यह कर दिया था। अब सुन रहे हैं कि वे डोर स्टेप डिलीवरी शुरू करने जा रहे हैं, यह हमने दिल्ली में 3 साल पहले किया था। दिल्ली में जो काम हो रहा है, उसे यह कॉपी कर रहे हैं लेकिन जब ओरिजिनल अवेलेबल है तो डुप्लीकेट की क्या जरूरत है।
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नई सरकार के गठन के लिए भारतीय लोकतंत्र के महाकुंभ में पहली आहुति डालने की गुरुवार को विधिवत शुरुआत हो गई. इस महाकुंभ की शुरुआत का गूगल ने भी डूडल बनाकर स्वागत किया है. गौरतलब है कि सात चरणों की 19वीं लोकसभा के गठन की प्रक्रिया के तहत पहले चरण का मतदान गुरुवार सुबह सात बजे शुरू हुआ. जनमानस को अपने-अपने घरों से निकल कर अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए गूगल ने भी डूडल बनाकर संदेश जारी किया है. यही नहीं, वोट डालने की पूरी प्रक्रिया की गूगल ने अपने डूडल से लोगों को जानकारी भी दी है. गूगल भी इस महाचुनाव मे मतदाओ को वोट करने के लिए प्रेरित कर रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार 20 राज्यों की 91 संसदीय सीटों पर पहले चरण में चुने जाने वाले जनप्रतिनिधियों का भाग्य मतपेटी में बंद हो जाएगा. 91 संसदीय सीटों के अलावा आंध्र प्रदेश, सिक्किम और 60 सदस्यीय अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के लिए पहले चरण में वोट डाले जा रहे हैं. ओड़िशा विधानसभा के पहले चरण का मतदान भी गुरुवार को ही हो रहा है. लोकसभा के लिए अपना-अपना भाग्य पहले चरण में कुल 1,279 उम्मीदवार आजमा रहे हैं.
दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास का भी 2019 का आम चुनाव सबसे महंगा चुनाव होने जा रहा है. अमेरिका के कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस थिंक-टैंक के मुताबिक अमेरिका में 2016 में हुए राष्ट्रपति और कांग्रेस के चुनाव में लगभग 650 करोड़ अमेरिकी डालर खर्च हुए, यानी 46 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा. वहीं 2014 के आम चुनाव में भारत में 500 करोड़ अमेरिकी डालर यानी 35 हजार करोड़ रुपए खर्च हुए. थिंक टैंक का अनुमान है कि इस बार भारत में यह आंकड़ा 2014 के चुनाव के मुकाबले दोगुना होगा. माना जा रहा है कि इस बार चुनाव मे 70 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है.
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भारतवर्ष के शिक्षा मन्त्री ने पांच वर्षो तक और जी को शिक्षा का माध्यम बनाना चाहा था परन्तु राधाकृष्णन यूनिवर्सिटी कमीशन ने अजी के स्थान पर भारतीय भाषायों के उत्तरोत्तर प्रयोग के पक्ष में अपना मत प्रकट किया। अधिकाश विश्वविद्यालयों में हिन्दी के ही माध्यम से शिक्षा दी जा रही है, इसलिये हिन्दी में ज्ञान विज्ञान को उत्तमोत्तम पुस्तकों की महती आवश्यकता का अनुभव किया जा रहा है। 'अब गांव की पा यतों से लेकर हाईकोटों तक प्रान्त और केन्द्र की पार्लियामेंटों तक, प्राथमिक पाठशालाओं से लेकर उच्च विद्यालयों तक का स्थान मातृभाषा लेने
जा रही है।" हिन्दी में सबसे पहले जो समस्या या उपस्थित हुयी है वह शब्दों की । हमें कम से कम ४लास पारिभाषिक शब्दों की आवश्यकता है।
कोष को समस्या
पारिभाषिक शब्दों के लिये अधिक से अधिक शब्द हम संस्कृत से लेंगे । राहुल जो के सम्पादकत्व में हिन्दी साहित्य सम्मेलन ने १५००० शब्दों का शासन शब्द कोप तैयार किया है। मूल्य है १५ रुपये । "पार्लियामेण्ट, व्यवस्थापिका सभा, न्यायालय, सरकारी कार्यालय, सचिवालय और शासन प्रबन्ध में व्यवहृत होने वाले समस्त शब्दों का संक्लन इस कोष मे किया गया है। हिन्दी भाषा में यह सर्वप्रथम और सर्वांगीण प्रयत्न है । अब तक इस दिशा में उत्तर भारत की सारी भाषाओं द्वारा किये गये सारे प्रयत्नों का महत्वपूर्ण समन्वय इसमें हो गया है । यह कोप भारतवर्ष के समस्त प्रान्तों और राज्य-संघों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा ।" शुद्ध विज्ञान और कला के अन्य विषयों पर पारिभाषिक शब्द निर्माण का कार्य अन्य सस्थायें भी कर रही हैं। सम्मेलन ने व्यावहारिक विज्ञान की २३ शासाओं के शब्दों का काम अपने हाथ में लिया है। इसमें कुल सवा लास शब्द होंगे। यह वैज्ञानिक कोष छः जिल्दों में तैयार होगा, चिकित्सा, विज्ञान, इंजीनियरिंग, भूगर्भ, नौ विमान, रसायन तथा कृषि आदि। अन्य विज्ञान मे परिरमारिफ शब्दों के निर्माण के लिये निम्नति द्विानों की कमेटियाँ बनी हैं । |
ज्योतिषशास्त्र में मांगलिक योग, कालसर्प योग, केमद्रुम, जैसे अशुभ योगों में विषकन्या योग भी शामिल है। विषकन्या योग को सभी अशुभ योगों में प्रमुख में कह सकते हैं। इस योग के होने से सबसे ज्यादा परेशानी वैवाहिक जीवन में देखा जाता है। इसलिए विवाह के समय इस योग की जांच जरूर करनी चाहिए।
- अश्लेषा या शतभिषा नक्षत्र में जन्म हो और उस दिन रविवार के साथ द्वितीया तिथि भी हो तो विषकन्या योग बनता है।
- कृतिका, विशाख़ा या शतभिषा शतभिषा नक्षत्र हो और उस दिन रविवार के साथ द्वादशी तिथि भी मौजूद हो तब यह योग बनता है।
- अश्लेषा, विशाखा या शतभिषा नक्षत्र हो औऱ साथ में मंगलवार और सप्तमी तिथि भी हो तब विषकन्या योग निर्मित होता है।
- अश्लेषा नक्षत्र शनिवार के दिन कन्या का जन्म हो और साथ में द्वितीया तिथि भी हो तो यह अशुभ योग कुंडली में होता है।
- शतभिषा नक्षत्र में मंगलवार के दिन द्वादशी तिथि में किसी कन्या के जन्म होने पर उस कन्या की कुंडली में यह अशुभ विषकन्या योग बनता है।
- शनिवार के दिन कृतिका नक्षत्र हो साथ में सप्तमी या द्वादशी तिथि हो तब विषकन्या योग प्रभावी होता है।
- कुंडली में शनि लग्न में, सूर्य पंचम भाव में और मंगल नवम भाव में होने पर भी 'विषकन्या योग का निर्माण होता है।
- कुंडली के लग्न में कोई पाप ग्रह बैठा है और अन्य शुभ ग्रह जैसे चंद्रमा, शुक्र, गुरु, बुध कुंडली छठे, आठवें या बारहवें घर में हों तब विषकन्या योग बनता है।
- किसी कन्या की कुंडली में छठे स्थान पर कोई पाप ग्रह जैसे शनि,राहु, केतु किसी अन्य दो शुभ ग्रहों के साथ युति बनाए तो यह 'विषकन्या योग बनाता है।
- इसके अलावा यदि किसी कन्या की जन्मकुंडली के सप्तम स्थान में कोई भी पाप ग्रह राहु,केतु,शनि,मंगल बैठा हो और उसे इनमें से कोई दूसरा ग्रह आमने-सामने बैठकर देख रहा हो ता विषकन्या योग प्रभावी होता है।
जिस भी स्त्री की कुंडली में विषकन्या योग का निर्माण होता है उसे वटसावित्री व्रत जरूर करना चाहिए।
विषकन्या योग से पीड़ित कन्या के विवाह से पूर्व कुंभ, श्रीविष्णु, पीपल अथवा शमी या बेर के वृक्ष के साथ उसका विवाह कराना चाहिए। इससे प्रतिकूल प्रभाव दूर होता है।
विषकन्या योग से निजात पाने के लिए सर्वकल्याणकारी "विष्णुसहस्त्रनाम" का पाठ आजीवन करना चाहिए।
गुरु बृहस्पति की आराधना से भी विषकन्या योग के अशुभ फलों में कमी आती है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे देश की संस्कृति हमारी ताकत है। भारत के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले लोगों का खानपान, वेशभूषा और भाषा भले ही भिन्न हो पर इस अनेकता में एकता ही संगमम का भाव है।
मुख्यमंत्री योगी अमर उजाला और उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग के तत्वाधान में लखनऊ के संगीत नाटक अकादमी में आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम 'संगमम' के दूसरे दिन आयोजन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन सराहनीय हैं क्योंकि इससे हमेशा ही संस्कृतियों के बीच फैले दुष्प्रचार को खत्म करने में मदद मिलती है जिससे देश मजबूत होता है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मैं तो चाहूंगा कि प्रदेश के हर बड़े महानगर में एक गली ऐसी जरूर हो जहां पर लोग अलग-अलग समाजों से जुड़े खानपान का आनंद ले सकें। इससे उन्हें यह भी पता चलेगा कि अलग-अलग राज्यों में जाने पर उन्हें खाने के लिए क्या मिलेगा।
संगमम में मुख्यमंत्री योगी ने अलग-अलग राज्यों के खानपान के पांडाल का निरीक्षण किया और उनके बारे में जानकारी ली।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस तरह के आयोजन हमारे देश की संस्कृति को समझने में मदद करते हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों से बात की और उनका उत्साह बढ़ाया।
अलग-अलग राज्यों से आए कलाकारों ने मुख्यमंत्री योगी के सामने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी।
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टी20 इंटरनेशनल में राशिद खान ने एक ऐसी अनोखी सेंचुरी बनाई है, जिसके बारे में सोचना ही मुश्किल है। जिस फॉर्मेट में बिना बाउंड्री खाए एक ओवर मुश्किल होता है, वहां राशिद 100 से ज्यादा गेंदें ऐसी फेंकी।
टी20 इंटरनेशनल एक ऐसा फॉर्मेट है, जहां गेंदबाजों पर हमेशा दबाव बना रहता है। एक ओवर बिना बाउंड्री खाए करना मुश्किल होता है, ऐसे में सोचिए जरा किसी गेंदबाज ने 100 से ज्यादा ऐसी लगातार गेंदें फेंकी हों, जिस पर बाउंड्री ना लगी हो। टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में ऐसे रिकॉर्ड के बारे में सोचना ही मुश्किल है, लेकिन अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर और कप्तान राशिद खान के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज हो चुका है। पाकिस्तान के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच के दौरान राशिद ने यह उपलब्धि हासिल की।
राशिद खान की 106वीं गेंद पर यह रिकॉर्ड टूटा, जब पाकिस्तान के सैम अयूब ने उन्हें छक्का लगाया। पाकिस्तान ने सीरीज पहले ही गंवा दी थी, लेकिन तीसरा मैच 66 रनों से जीतकर क्लीन स्वीप से खुद को बचा लिया। राशिद खान के रिकॉर्ड पर नजर डालें, तो उन्होंने 80 टी20 इंटरनेशनल मैचों में 14. 16 की औसत और 14. 16 के स्ट्राइक रेट से कुल 129 विकेट लिए हैं। राशिद ने इस दौरान महज 6. 18 के इकॉनमी रेट से रन खर्चे हैं।
टी20 इंटरनेशनल में दो बार राशिद खान पांच विकेट भी ले चुके हैं। खैर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच की बात करें तो पाकिस्तान ने पहले बैटिंग करते हुए 20 ओवर में सात विकेट पर 182 रन बनाए। जवाब में अफगानिस्तान की टीम 18. 4 ओवर में 116 रनों पर ही सिमट गई।
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प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में काफी कमी आ गयी है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अस्पतालों में OPD सेवाएं फिर से शुरू करने और कोविड मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों की संख्या को कम करने का फैसला लिया. इस सम्बंध में स्वास्थ्य संचालक ने कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं.
रायपुर. प्रदेश में कोरोना संक्रमण की दर में कमी देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आज से अस्पतालों में OPD सेवाएं फिर से शुरू करने का फैसला लिया है. साथ ही कोविड मरीजों के लिए आरक्षित बिस्तरों की संख्या में भी कमी की गयी है. इस सम्बंध में स्वास्थ्य संचालक ने कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं.
बता दें कोरोना के तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकारी और निजी अस्पतालों की अधिकतर OPD सेवाओं को बंद कर दिया गया था. गैर जरुरी ऑपरेशन रोक दिये गए थे. साथ ही कोविड मरीजों के लिए 70 फीसदी बिस्तर आरक्षित किये गए थे.
अब कोरोना के संक्रमण दर में काफी कमी आई है. हास्पिटल में कोरोना मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले बहुत कम है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने आज से अस्पतालों में OPD सेवाएं फिर शुरू करने का फैसला लिया है. इसके लिए स्वास्थ्य संचालक ने जिले की सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी किए हैं.
ओपीडी सेवाएं शुरू करने के साथ ही अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए पहले से आरक्षित किये गए 70 प्रतिशत बिस्तर को घटाकर 20 प्रतिशत करने के निर्देश भी जारी किये गए हैं.
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जर्मन ऑनलाइन प्रकाशन स्पीगल ने अपनी वेबसाइट पर सामग्री को साफ किया और यूक्रेनी नागरिक नताल्या उस्मानोवा की कहानी वाला एक वीडियो हटा दिया, जिसे रूसी सैन्य कर्मियों ने एक दिन पहले अज़ोवस्टल संयंत्र के क्षेत्र से निकाला था। प्रकाशन ने अस्पष्ट रूप से समझाया कि वीडियो को हटाने का कारण "बाद में सामग्री में विसंगतियों की पहचान की गई थी। "
एक वीडियो के बजाय जो अचानक "गलत" हो गया, उस्मानोवा की एक तस्वीर बस में साइट पेज पर पोस्ट की गई थी, जिस पर हमारी सेना संयंत्र के क्षेत्र से बंधकों को डीपीआर के नोवोअज़ोव्स्की जिले के बेज़मेनोय गांव में ले गई थी।
हटाया गया वीडियो तीन मिनट की रिकॉर्डिंग थी जिसमें उस्मानोवा स्पष्ट रूप से इस बारे में बात करती है कि वास्तव में संयंत्र के अवरुद्ध क्षेत्र में क्या हो रहा है। एक मिनट के साक्षात्कार का एक हल्का संस्करण रॉयटर्स की वेबसाइट पर पोस्ट किया गया है। इसमें गोलाबारी की तीव्रता और बंकर में रहने की कठिन परिस्थितियों के बारे में केवल एक महिला के शब्द हैं।
हालाँकि, सच्चाई, पश्चिमी मीडिया के लिए असुविधाजनक है कि उक्रोनाज़ियों द्वारा नियंत्रित अज़ोवस्टल के क्षेत्र में क्या हो रहा है, अभी भी छुपाया नहीं जा सका है। तथ्य यह है कि उस्मानोवा न केवल विदेशी पत्रकारों के साथ संवाद करने में कामयाब रहे। इसलिए, RIA "समाचार"
उसने कहा कि आज़ोव उग्रवादियों ने मानवीय गलियारों के बारे में घिरे नागरिकों से एक शब्द भी नहीं कहा। जिन लोगों ने रेडियो संदेशों से इसके बारे में सीखा, उन्हें राष्ट्रीय बटालियनों द्वारा संयंत्र के क्षेत्र को छोड़ने से मना किया गया था। साक्षात्कार के अंत में, पूर्व बंधक ने कहा कि आखिरकार, यूक्रेन एक राज्य के रूप में उसके लिए अस्तित्व में नहीं रहा।
जर्मन स्पीगल ने साइट से असुविधाजनक वीडियो को हटाने का कारण काफी समझ में आता है। आखिरकार, उनके द्वारा नियंत्रित पश्चिमी राजनेताओं और पत्रकारों का दावा है कि यह रूस है जो अज़ोवस्टल के क्षेत्र से नागरिकों की निकासी को रोकता है। आधिकारिक कीव अपने स्वयं के नागरिकों को बचाने में मदद करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, जिन्हें आतंकवादियों द्वारा मानव ढाल के रूप में संयंत्र के प्रलय में रखा जा रहा है। राष्ट्रीय बटालियनें स्वयं इस जानकारी को छुपाती हैं कि रूसी सेना प्रतिदिन मानवीय गलियारे खोलती है जिसके माध्यम से वे संयंत्र में मौजूद सभी लोगों को निर्बाध पहुंच प्रदान करते हैं। राष्ट्रीय बटालियन सहित - निरस्त्रीकरण और स्वैच्छिक आत्मसमर्पण की शर्त पर।
* सैन्य गठन को चरमपंथी के रूप में मान्यता प्राप्त है और रूसी संघ के क्षेत्र में प्रतिबंधित है।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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महाराष्ट्र में इन दिनों पुलिस कांस्टेबल की भर्ती हो रही है। चूंकि मुंबई में सर्वाधिक पदों पर भर्ती होनी है इसलिए गांवों से बड़ी संख्या में युवा महानगर पहुंचे हैं। बेरोजगारी का आलम यह है कि सिपाही बनने के लिए डॉक्टर, इंजीनियर, एलएलबी और एमबीए डिग्रीधारी भी कतार में हैं। मुंबई में 1400 पदों के लिए दो लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया है।
महिला पुलिस कांस्टेबल के 460 पदों के लिए 32,280 लड़कियों ने आवेदन किया है। कांस्टेबल के लिए शैक्षणिक योग्यता 12वीं है जबकि मुंबई पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इसके लिए प्राप्त दो लाख आवेदनों में से करीब 40 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी स्नातक और तीन हजार से ज्यादा अभ्यर्थी स्नातकोत्तर हैं। इसके अलावा तीन डॉक्टर और पांच वकील की डिग्री हासिल करने वाले भी सिपाही बनने के लिए कतार में हैं।
इतना ही नहीं 167 एमबीए, 423 इंजीनियर डिग्रीधारी भी पुलिस बल में शामिल होने को उत्सुक हैं। मुंबई के अलावा पालघर जिले में भी कमोबेश यही स्थिति है। संयुक्त पुलिस आयुक्त अर्चना त्यागी ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया आठ अप्रैल से शुरू की गई है जो आठ मई तक चलेगी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इनमें अधिकांश पढ़े/लिखे युवाओं की अंग्रेजी भाषा में पकड़ कमजोर है इसलिए इन्हें प्राइवेट नौकरी नहीं मिल रही है। लिहाजा ये सिपाही ही सही लेकिन सरकारी नौकरी चाहते हैं।
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विधि संवाददाता नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सरकार द्वारा तीन सप्ताह पहले लाये गये खाद्य सुरक्षा अध्यादेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिका स्वीकार करने से आज इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति टीएस "ाकुर और न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की पी" ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता से अपनी चिंताओं को उच्च न्यायालय के सामने रखने के लिए कहा। न्यायालय ने अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दायर याचिका पर आदेश पारित किया। शर्मा ने आरोप लगाया था कि केन्द सरकार राजनीतिक उद्देश्यों के लिए अध्यादेश लाई है और अदालत को इसकी वैधता जांचनी चाहिए। हालांकि पी" ने स्पष्ट किया कि अदालत इस आधार पर अध्यादेश की जांच नहीं कर सकती कि इसके पीछे राजनीतिक मंशा छिपी हुई है। पी" ने याचिकाकर्ता से अध्यादेश की वैधता को अन्य आधारों पर चुनौती देने के लिए उच्च न्यायालय से गुहार लगाने के लिए कहा। याचिका में अध्यादेश को खारिज करने की मांग करते हुए आरोप लगाया गया कि चुनावों से पहले प्रचार और राजनीतिक लाभ के लिए संवैधानिक प्रावधान का दुरूपयोग किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पांच जुलाई को खाद्य सुरक्षा अध्यादेश पर हस्ताक्षर किये थे। इस अध्यादेश के तहत देश की दो तिहाई आबादी को एक से तीन रूपये प्रति किलो की सब्सिडी दर पर हर महीने पांच किलोग्राम खाद्यान्न दिए जाने का प्रावधान है। जनहित याचिका के अनुसार, अध्यादेश लाने के लिए कोई आपातकालीन परिस्थितियां नहीं थीं। इसलिए यह संविधान के अनुच्छेद 123 के नियमों के अनुकूल नहीं है। यह अधिसूचना असंवैधानिक है और इसे शून्य घोषित किया जाना चाहिए। याचिका में इस संबंध में कई सवाल खड़े किये जिसमें यह सवाल भी शामिल है कि सरकार आपातकालीन स्थिति के बगैर अनुच्छेद 123 लगा सकती है या नहीं।
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नई दिल्लीः हीरो स्प्लेंडर प्लस बाइक को गांव से लेकर शहरों तक खूब पसंद किया जाता है, जिसकी खरीदारी को लोग घरों से बाहर निकलते हैं। अगर आप हीरो स्प्लेंडर प्लस की खरीदारी करने का प्लान बना रहे हैं तो फिर बिल्कुल भी देर नहीं करें। मार्केट में इन दिनों धाकड़ वेरिएंट को खूब पसंद किया जा रहा है, जिसे आप कम कीमत में खरीदकर घर ला सकते हैं।
यह बाइक हीरो स्प्लेंडर प्लस 100cc है, जिसका माइलेज और लुक भी एकदम फाड़ू है। कंपनी की ओर से सेल बढ़ाने के लिए अब इस पर फाइनेंस प्लान दिया जा रहा है, जिसे कम कीमत खर्च कर घर ला सकते हैं। आपने खरीदारी का अवसर हाथ से निकाला तो फिर पछतावा करना होगा। फाइनेंस प्लान की डिटेल जानने के लिए आपको हमारा आर्टिकल ध्यान से पढ़ने की जरूरत होगी।
देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनियों में गिने जाने हीरो कंपनी अपनी स्प्लेंडर प्लस 100cc को मार्केट में खूब बेच रही है, जिसपर फाइनेंस प्लान भी दे रही है। अगर आप खरीदारी करना चाहते हैं तो वैसे शोरूम में हीरो स्प्लेंडर प्लस का प्राइस 70,658 रुपये से शउरू होकर ऑन रोड तक 85,098 रुपये तक तय किया गया है। वहीं, इसके फीचर्स की बात करें तो सबसे अलग हैं, जो लोगों की पहली पसंद बने हुए हैं।
बाइक में 97.2cc का 4 स्ट्रोक, एयर कूल्ड तकनीक पर आधारित सिंगल सिलेंडर इंजन शामिल किया गया है। इंजन 8.02 ps की अधिकतम पावर और 8.05 Nm का पीक टॉर्क पैदा करने में सफल है। बाइक के इंजन के साथ 4 स्पीड गियरबॉक्स शामिल किया गया है। इसके माइलेज की बात करें तो 83 किलोमीटर का प्रति लीटर देती है। इसे कंपनी द्वारा प्रमाणित किया गया है।
हीरो स्प्लेंडर प्लस 100cc को आप बहुत कम में खरीदकर घर ला सकते हैं। बाइक को फाइनेंस प्लान पर खरीदते हैं तो आपको 76,098 रुपये का लोन मिल रहा है। खरीदने के लिए आपको 9,000 रुपये डाउन पेमेंट करनी होगी। इसके बाद आपको तीन साल तक हर महीना 2,445 रुपये मंथली ईएमआई भरनी होगी। लोन चुकाने के साथ 9.7 फीसदी सालाना दर से ब्याज का भुगतान करना होगा।
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अपनी मायाका विस्तार कर उन्होंने लोगोंको अनेक प्रकारको शिक्षा देने का प्रयत्न किया ।
बाल लीला - कंसको अष चैन कहां ? उसे योग मायाकी बातपर पूरा पूरा विश्वास हो गया था। प्रति 'पल वह अपने शत्रुको खोज, उसे मार डालनेकी चिन्तामें व्यश् रहता था। राक्षसोंने चारों ओर अत्याचार करना आरम्भ कर दिया था। केवल सन्देह वश, सैकड़ों सुकुमार बच्चे निर्दयता पूर्वक मार डाले जाते थे और अनेक अभागे दम्पतियोंके -लाल जबर्दस्ती उनके हाथोंसे छीन लिये जाते थे। लाख यह करने परभी कृष्ण और बलदेव उन दानवोंको दृष्टिसे न वच सके। कंसको तुरन्त सूचना दी गयीं, क्योंकि नन्दके प्रभाव, उनके व्यक्तित्व और प्रवन्धके कारण वहां हरएककी दाल न गलती थी ।
कंसने सोचविचार करनेके बाद इस कार्य का भार पूतना नामक राक्षसीको दिया । वह एक सुन्दर ग्वालिनका वेश धारणकर नन्दके घर गयी । यशोदाने उसका यथोचित सत्कार कर बैठनेको आसन दिया। पूतनाने बड़े प्रेमसे कृष्णको उठा लिया और उन्हें स्तनपान कराने लगी। उस दुष्टाने स्तनोंपर विष लगा रक्खा था। उसने समझ रक्खा था, कि विषपान करते ही कृष्णका अन्त हो जायगा, परन्तु मायापतिले दी उसकी यह माया कैसे चल सकती थी ! कृष्ण स्तनपान करते हुए उसकी जीवनी शक्तिका हरण करने लगे। पूननाको
घ्याकुलता चढ़ने लगी। अङ्गप्रत्यङ्गमें असहा वेदना होने लगी और अन्त में उसकी आंखें उलट गयीं। उसने अपने आपको छुड़ाना चाहा, परन्तु कृष्णने न छोड़ा। वह चिल्लाती हुई वहां से भगी और निर्जीव हो' गिर पड़ी । नन्द वहांसे कृष्णको उठा लाये और उनकी रक्षापर परमात्माको धन्यवाद देने लगे ।
इस घटनाको देख कंसको दृढ़ विश्वास हो गया, कि कृष्णही मेरा शत्रु है। अग्नि, रोग, ऋण और रिपुको बढ़नेका अवसर न दे आरम्भहीमें नाश करना चाहिये । यह सोच वह उनके मारनेकी प्राणपणसे चेष्टा करने लगा। प्रतिदिन एक न एक वधिक इस कार्यके लिये गोकुल जाता और यथाशक्ति
प्रयत्न करता ।
एक दिन एक राक्षस ब्राह्मण के वेशमें वहां गया, उसने यशोदासे कृष्णके दर्शनकी अभिलाषा प्रकट की। यशोदा जल भरने जा रहीं थीं, अतः लौट आनेतक बैठनेकी प्राथना की। कृष्ण भी उस समय सो रहे थे । यशोदाकी अनुपस्थिति देख उस राक्षसने उन्हें मार डालना चाहा और उनके पास गया । कृष्णने उसकी जीभ पकड़कर ऐंठ दी और मुहमें दहीभर दिया। आसपास जो पात्र पड़े थे वह भी तोड़ फोड़ डाले। यशोदाने आकर देखा, कि मटुकियां फूटी पड़ी हैं, वही दूधफा कीचड़ मच रहा है और ब्राह्मण देवता खड़े घबड़ा रहे है। उन्होंने उससे पूछा, "दही खाया तो खाया यह बरतन क्यों फोड़ ढाले ?"
श्रीकृष्ण ल
राक्षसमें बोलने की शक्ति न थी । उसने कृष्ण की ओर उ'गली उठादी । यशोदाको विश्वास न हुआ। एक अबोध चालक यह सब कैसे कर सकता है ? उन्होंने उसे ही दोषी समझा, परन्तु ब्राह्मण जान केवल घरसे निकाल दिया और कोई सजा न दी ।
इसके बाद कागासुर पहुंचा। कृष्ण ने उसकी गरदन ऐंठ फेंक दिया और वह निर्जीव हो कंसके सम्मुख जा गिरा । फिर शकटासुरकी बारी आई और उसको भी यही दशा हुई । 'एक दिन तृणावर्त्त आया और वह यशोदा सहित कृष्णको उठा ले जाने की बात सोचने लगा। इतने में बड़े जोरले आँधी आयी । कृष्णने अपना वजन बढ़ा दिया। यशोदा उन्हें उठाकर अन्दर न लेजा सकीं। समझाने पर भी वह आँगा न उडे । यशोदा ज्योंही वहाँले स्थानान्तरित हुई त्योंही कृष्ण ने उस दुष्ट का गला घोट डाला। वह निर्जीव हो, वहीं गिर गया। यह देख यशोदादिके आश्चध्यका चारापारन रहा । उन्होंने कृण की बलैया ले बहुत कुछ दान पुण्य किये ।
एक दिन किसीने शिकायत कर दो, कि कृष्ण ने मिट्टी खा ली है । यशोदाने उन्हें धमका कर मुह दिखाने को कहा । कृष्णने अपनी निर्दोषिता सिद्ध करने के लिये उनके सम्मुख अपना मुंह खोल दिया। यशोदाका उसमें तीनो लोक दिखायो पड़ने लगे और उनके आश्चध्यको सीमा न रहो ।
शुक्ल पक्षके चन्द्रकी तरह कृष्णचन्द्रकी कला मीर
बढ़ती जा रही थी। ज्यों ज्यों वह बड़े होते गये त्यों त्यों अपनी बाल लीलाका विस्तार करने लगे। गोकुलकी समस्त जनता उनको अधिकाधिक चाहने लगी। सबका स्नेह भाव उनपर बढ़ताही गया। यहांतक कि, वह उत्पात करें, दही दूध नष्ट करदें, वरतन फोड़ दे, तब भी वह उन्हें उसी भावसे बुलाते, बैठाते और खिलाते । गोकुलका एक भी घर ऐसा न था। जहां कृष्णका आवागमन न हो । वह प्रत्येक. घरमें जाते, खेल कूद करते, दही दूध खाते और मौज उड़ाते थे । कहीं कहीं उत्पात कर बैठते और हसो खेलमें मटुकियां फोड़ डालते थे । क्षणमात्रमें वह उत्पात वर इधरसे उधर हो आते। उनमें इतनी चञ्चलता, इतनी स्फूर्त्ति, इतना चिलबिलापन था, कि उन्हें स्थानान्तरित होते देरही न लगती थी। एक दिन मुहल्ले में बड़ा उत्पात मचाया। प्रत्येक घरमें कुछ न कुछ तोड़ फोड़ दिया। चारों ओरसे यशोदाके पास उलाहन आने लगे। यशोदाने कहा, कृष्णतो कहीं गयाही नहीं। वास्तव में बात कुछ ऐसीही थी। उन्हें इसका पताही न रहता था कि कृष्ण कथ बाहर जाते है और कब लौट आते हैं। वह इधर उधर काम करके आतों, तो उन्हें घरमेंही पातीं । कृष्णको अनेकस्थानों में देख लोगोंको भ्रम हो जाता था। उन्हें मालूम पड़ता कि अनेक कृष्ण एकही समय अनेक स्थानों में विचरण कर रहे ।। इसका कारण उनका बिलबिलापन ही था। एक दिन कृष्ण ने अपनेहो घरमें उत्पात मचाया। वह और
उनके बाल मित्रोंने खूब दही दूध और माखन उड़ाया । अन्तमें मटुकियां फोड़ डालीं और घर भरमें दही दूधकी नदियां वहा दीं। यशोदाने आकर यह देखा और बड़ा क्रोध प्रकट किया। सब लड़के तो भाग गये, परन्तु कृष्ण पकड़ लिये गये । यशोदाने उनकी कमर एक दामनसे बांध दी और उसका सिरा एक वजनदार ऊखलमेंः अटका दिया। कृष्ण बैठे बैठे रोते और विनय अनुनय करते रहे, परन्तु छूट न सके । यशोदाने आज 'कठोर दण्ड देनेका निश्चय किया था अतः मुहल्लेको कितनीही स्त्रियोंके समझाने बुझाने पर भी, उन्हें न छोड़ा । कृष्णने खड़े हो उस ऊखलको आँगनकी ओर घसीटना आरम्भ किया। वह बड़े हृष्ट पुष्ट और बलिष्ट थे । फिर भी यह काम : साधारण बच्च की शक्तिके बाहर था । कृष्ण जमीन पर पैर अड़ा अड़ा कर उसे दामनके सहारे खींचते और कुछ न कुछ खिसका ही ले जाते। उनके आँगन में दो वृक्ष थे। वह दोनों पासही पास थे।. कृष्णने उस ऊखलको उन दोनोके बीच में फंसा कर ऐसा जोर लगाया, कि वह उखड़ कर गिर पड़े। लोगोंके आश्चर्यका वार पार न रहा । उन वृक्षोंको गिरा देना आसान काम न था। यशोदाने विस्मित हो, सहर्ष उन्हें बन्धन मुक्त कर दिया। कुबेरके दो पुत्र नारदके शापसे इन वृक्षोंके रूपमें परिवर्तित हो गये थे वृक्षोंके उखड़तेही उन दोनोंका उद्धार हुआ। उन्होंने दिव्य रूपमें प्रकट हो कृष्णकी स्तुति की और फिर अन्तर्द्धान हो गये 1
कृष्णकी यह लीला देख, गोकुलके लोगोंको मितना
होता था, कंसको उसका सौगुना संताप होता था। उसने अब "तक कृष्ण को मार डालनेके लिये जितनी चालें चली थीं वह सब बेकार हो गयी थीं। जितनी चेष्टायें की थीं घे सभी निष्फल : सिद्ध हुई थीं। उसका एक भी प्रयत्न सफल न हुआ था। कंसने - अब असुरोंको बड़ी कड़ी आज्ञा दी, खूब प्रलोभन भी दिया । कहा - किसी न किसी तरह कृष्ण को अवश्य मार डालो। इसी लिये राक्षसोंका उत्पात अब बहुत बढ़ गया । गोकुलमें आये दिन एक न एक अनर्थ होने लंगा। नन्दको बड़ी चिन्ता हुई। बह गोकुलको छोड़ वृन्दावन में जा बसे । वह समझे, कि अब सुरक्षित स्थानमें आ गये, परन्तु कंसके अनुचरोंने यहां भी पीछा नःछोडा । वह तो कृष्ण की घातमें थे । नन्द चाहे घरमें रहें या जङ्गलमें, गोकुलमें रहें या वृन्दावन में उन्हें तो अपने
कामसे काम था ।
जब कृष्ण की अवस्था पांच वर्ष की हुई, तब वह अपन बालमित्रोंके साथ बछड़ोंको चरानेके लिये जङ्गलमें जाने लगे। एक : दिन एक राक्षस बछड़ेका रूप धारण कर उन्हें मारनेको चेष्टा करने लगा। कृष्णको यह रहस्य मालूम होगया। उन्होंने पैर पकड़ उसे इस जोरसे पटका कि उसके प्राण निकल गये। दूसरे दिन बकासुर आ पहुंचा। वह बड़ेही भयानक पक्षोके रूप में, था । कृष्ण के निकट वह चोंच फैलाकर बैठ गया । कृष्ण उसके उदरमें प्रवेश कर गये । ज्योंही वह अन्दर पहुंचे त्योंही उसके पेटमें दाह होने लगा। उसने कृष्ण को उसी क्षण बाहर
निकाल दिया। वृष्णने ररु. की चोन पकड़ कर चीर डाली । सब लड़के उसके विकसित मुखमें बैठ, खेल करने लगे। कृष्ण भी उन्होंमें जा भिले। परन्तु राक्षसका प्राण अभी निकला नथा । उसने सबको अपने मुख में बैठे देख, वडे वेगसे सांस ली। सांसके साथही सबके सव उसके पेट में चले गये। राक्षस. प्रसन्न हुआ, परन्तु लड़कोंके प्राण सक्टमें जापढ़े। कृष्णने तुरन्त अपना शरीर बढ़ाना आरम्भ किया, यहां तक कि वत्सासुरका पेट फट गया और सबके सबबाहर निकल पड़े।
एक दिन बछड़े चर रहे थे । ग्वाल-चालोंको क्षुधा लग रही थी। सबके सब एक साथ भोजन करने बैठ गये । कृष्ण मे भी उनका साथ दिया। देवताओंको यह देख सन्देह हुआ। उन्होंने कृष्णकी परीक्षा लेनेका निश्चय किया और बछड़े कहीं स्थानान्तरित कर दिये । ग्वाल-चाल खा पीकर उठे तो बछड़े गायव ! वे घवड़ाने और रोने लगे । कृष्णने उन्हें आश्वासन दिया और उसी रूप रडके बछड़े तय्यार कर दिये। बछड़ोंको पाकर ग्वाल बाल बड़े प्रसन्न हुए और देवताओंको भी विश्वास हो गया कि कृष्ण सभी कुछ करनेमें समर्थ हैं।
इसी प्रकार श्रीकृष्ण अनेक लीलाओंका विस्तार कर रहे थे। एक दिन गायोंको खोजते खोजते गोपगण श्रीकृष्णसे विलग हो गये। परिश्रम करनेके कारण उन्होंने अत्यन्त तृषित होकर यमुनाका जल पी लिया। यमुनाका इस स्थानका जल विषाक था। उसे पीतेही सबके सब व्याकुल हो उठे। अचा६ |
नई दिल्ली। दिल्ली की मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्त्रिग्धा सरवारिया नेे 2013 के विधानसभा चुनावों के लिए दाखिल हलफनामे में झूठी सूचनाएं देने के आरोपी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 24 दिसंबर को अदालत में पेश होने का आज निर्देश दिया।
निर्देश दिया कि जमानत कार्यवाही लंबित है।
अदालत में पेश होने का निर्देश दिया जाता है।
अदालत ने केजरीवाल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट देने का अनुरोध स्वीकार कर लिया। व्यक्तिगत रूप से पेश होने की छूट संबंधी आवेदन में केजरीवाल के वकील ऋषिकेश कुमार ने दावा किया कि आरोपी की निजी उपस्थिति बहुत जरूरी नहीं है और उनकी अनुपस्थिति में कार्यवाही प्रभावित हुए बगैर चल सकती है और इससे शिकायतकर्ता गैर सरकारी संगठन मौलिक भारत ट्रस्ट को भी कोई नुकसान नहीं होगा।
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स्थान : देशनोक करणी माता का मंदिर। मंदिर के ठीक बाहर खुला मैदान। एक नहीं बल्कि दर्जनों अस्थायी दुकानें सज गई हैं। प्लास्टिक के डिब्बों में प्रसाद, करणी माता के चित्र वाले की रिंग, कार के आगे लगाने वाली तस्वीर, बच्चों के लिए हर तरह के खिलौने, चुनरी। वो सब कुछ इस चौक में नजर आता है जो आमतौर पर मेलों में दिखता है। दूर गांव से महिलाएं घरों पर चाकू, चकले, बैलन भी बनाकर लाई है ताकि बेचकर रोटी का इंतजाम कर सके।
इन सबके विपरीत चौक में सन्नाटा पसरा हुआ है। दुकानें है, खिलौने हैं, बस ग्राहक नहीं है। कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए करणी माता मंदिर को 13 से 21 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते। ऐसे में नवरात्र में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या महज 20% रह गई। ये श्रद्धालु भी मंदिर के बाहर से ही हाथ जोड़कर निकल जाते हैं। ऐसे में खरीददारों का अभाव है। दुकानदार आमतौर पर ग्राहक को अपनी ओर खींचने के लिए पानी से हाथ धुलवाने के बहाने पानी से भरी गिलास लिए खड़ा रहता है, जैसे ही श्रद्धालु हाथ धोता है, उसे प्रसाद लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। इस बार दुकानदार गिलास लेकर ही खड़े है लेकिन ग्राहक नहीं है।
नवरात्र के दौरान देशनोक में प्रवेश करना मुश्किल होता है। एक से डेढ़ किलोमीटर दूर यातायात पुलिस वाहनों को रोक देती है। इस बार ऐसा कुछ नहीं है। आप मंदिर के ठीक पास अपना वाहन ले जा सकते हैं। आमतौर पर जहां कदम रखने को जगह नहीं है, वहां पक्षियों का जमावड़ा है और आराम से गेहूं के दाने चुग रहे हैं। मंदिर के मुख्य कपाट बंद है। कुछ मंदिर कर्मचारी ही अंदर आते-जाते दिख रहे हैं।
जो लोग आसपास की दुकानों से प्रसाद लेकर आ रहे हैं, वो सिक्याेरिटी पर ही एक शख्स ले लेता है। वो कुछ प्रसाद रखता है और शेष वापस दे देता है। कहा जा रहा है कि यह प्रसाद बाद में निज मंदिर तक पहुंच जाता है। हालांकि इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही।
बीकानेर में देशनोक के अलावा नागणेचीजी मंदिर में भी ऐसे ही हालात है। यहां मंदिर के बाहर एक LED लगा दिया गया है। जहां श्रद्धालु दर्शन करके वापस लौट रहे हैं। मंदिर के अंदर आम श्रद्धालुओं को प्रवेश नहीं मिल रहा है। ऐसे में यहां लगने वाला मेला भी खत्म हो गया। आमतौर पर यहां भी लंबे-चौड़े क्षेत्र में नवरात्र में शाम से देर रात तक मेला भरता है। मंदिर में दिनभर भजन-कीर्तन चलते हैं। श्रद्धालु बड़े भाव से यहां देर रात तक भजनों में हिस्सा लेते हैं।
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Itarsi News: इटारसी नवदुनिया प्रतिनिधि। शहर के एफसीआइ सूरजगंज रोड वाले मैदान पर कुछ शिकारियों द्वाराखुले मैदान में हथगोले ( विस्फोटक पदार्थ) बनाकर रखे जा रहे हैं। बुधवार को मैदान में चरने गई एक गाय ने यह बम निगल लिया, जिससे गोला उसके जबड़े में जाते ही फट गया, इससे गाय का पूरा जबड़ा फट गया है। लहुलुहान हालत में बेदम हो चुकी गाय को गोशाला में लाया गया है। गौ सेवक दीपू पठोदिया, लखन कश्यप उसका उपचार कर रहे हैं। दीपू पठोदिया ने बताया कि कुछ माह पहले भी इसी तरह एक हथगोला खाने से एक बछड़े का जबड़ा फट गया था, काफी इलाज के बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी।
हिन्दू संगठन पहुंचे थानेः सूरजगंज एफसीआइ क्षेत्र के रिहायशी इलाके में विस्फोटक सामग्री और हथगोले रखने से लगातार गौवंशी मवेशी हादसे का शिकार हो रहे हैं। दूसरी बार इस तरह की घटना सामने आई है, इसके बाद हिन्दू संगठन के पदाधिकारियों ने थाने जाकर पुलिस को ज्ञापन देकर इस मामले की जांच करने एवं हथगोले बनाकर रखने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। युवाअों ने कहा कि इस तरह हथगोले खुले मैदान में रखने से बच्चे भी हादसे का शिकार हो सकते हैं। बताया जाता है कि सूरजगंज एफसीआइ के पीछे रहने वाले कुछ परिवार कच्ची शराब उतारने का कारोबार करते हैं, साथ ही जंगल में जाकर ये लोग जंगली सुअर का शिकार भी करते हैं, सुअरों को मारने के लिए कम मारक क्षमता वाले हथगोले बनाए जाते हैं, फटने के डर से हथगोलों को आसपास मैदान में फेंक दिया जाता है, जिसे खाकर गौवंशी मवेशी हादसे का शिकार हो रहे हैं। बुधवार को हुई घटना के बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची, पिछली घटना से पुलिस अधिकारियों ने कोई सबक नहीं लिया, जिससे दूसरी दफा यह हादसा हो गया।
विस्फोटक अधिनियम का उल्लंघनः किसी भी तरह की विस्फोटक सामग्री, हथगोले या बारूद से बने खतरनाक बम इस तरह मैदान में नहीं रखे जा सकते हैं, इस मामले में विस्फोटक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा सकती है, लेकिन पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है, जिससे आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, पुलिस की चूक कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है।
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PATNA : बिहार कांग्रेस ने एक बार फिर पटना की सड़कों पर पोस्टर लगा कर केन्द्र की मोदी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाये गए 35 एयरपोर्ट का नाम और राफेल विमान का दाम आम जनता से पूछा है। इसके लिए 5 करोड़ का इनाम देने की घोषणा भी पोस्टर में की गई है।
बिहार कांग्रेस की गतिविधियां आम जनता के बीच कम सिर्फ पटना की पोस्टरों में ही दिखाई देती है। इस बार भी पोस्टर लगाने वाले वही कांग्रेस नेता हैं जिन्होंने कुछ दिनों पहले पोस्टर लगाकर सोनिया गांधी, राहुल गांधी से लेकर अपने तमाम बड़े नेताओं की जाति बताई थी। वैसे हर बार पोस्टर लगने पर कांग्रेस आधिकारिक रुप से अपने आप को इससे अलग कर लेती है। लेकिन पोस्टर लगाने वाले अपने नेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं करती।
अब बिहार कांग्रेस के इन पोस्टरबाज नेताओं को कौन समझाए की राफेल की कीमत राहुल गांधी को भी नहीं पता, तभी तो वे अपनी हर सभा में राफेल की अलग-अलग कीमत बताते रहते हैं। अच्छा होता कि कांग्रेस नेता राफेल की सही कीमत अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से ही पूछ लेते तो उनको ईनाम देने की जरुरत नहीं पड़ती। बता दें कि भारत और फांस के बीच हुए राफेल डील में कीमत को गोपनीय रखने का जिक्र है।
कांग्रेस की पोस्टर वाली सियासत को लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं है। राफेल में कोई घोटाला नहीं हुआ है। पीएम मोदी पर लगाए गए आरोप गलत हैं।
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दोस्त के मोबाइल फोन में रिकॉर्ड हुई है.
हरिद्वारः देहरादून में रहकर नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की तैयारी कर रहा छात्र हरिद्वार में गंगा नदी में डूब गया. दोस्तों के सामने ही वह गंगा नदी में समा गया. पूरी घटना उसके दोस्त के मोबाइल फोन में रिकॉर्ड हुई है. ओम पुल से तेज धार गंगा के जल में छलांग लगाने के बाद वह किनारे पर नहीं आ सका और कुछ सेकेंंड में पानी में समा गया.
घटना के बाद से छात्र की डेड बॉडी नहीं मिली है. उसके शव की तलाश की जा रही है. मृतक छात्र का नाम आयुष पटवाल था और वह यूपी के गाजियाबाद का रहने वाला था. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक यूपी के गाजियाबाद के प्रताप विहार के रहने वाला आयुष पटवाल पुत्र अनूप सिंह पटवाल देहरादून में रहकर एनडीए की तैयारी कर रहा था. छुट्टी होने के चलते वह अपने दोस्तों के साथ शनिवार को हरिद्वार घूमने के लिए आया हुआ था. दोपहर के वक्त सभी दोस्त ओम पुल के पास गंगा नदी में नहा रहे थे.
आयुष पुल से नदी में गोता लगा रहा था. उसके गोता लगाने का वीडियो एक दोस्त अपने मोबाइल में रिकॉर्ड कर रहा था. घटना का जो वीडियो सामने आया है उसमें देखा जा सकता है कि ओम पुल से आयुष गंगा नदी में छलांग लगाता है. पानी के तेज बहाव के साथ वह कुछ दूरी पर तैरता हुआ जाता है, लेकिन किनारे नहीं आ पाता.
इसी बीच वीडियो में आवाज सुनाई देती है 'डूब गया. . डूब गया' और कुछ सेकेंड बाद आयुष गंगा में समा जाता है. मौके पर मौजूद जल पुलिस को जैसे ही छात्र के डूबने की जानकारी मिलती है वह आयुष के सर्च ऑपरेशन में जुट जाती है. स्थानीय पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंची थी.
बताया गया है कि घटना को 24 घंटे पूरे होने को हैं. मगर, आयुष के शव अभी तक नहीं मिला है. जल पुलिस सहित कई टीमें सर्च ऑपरशेन में जुटी हुई हैं. आयुष के परिवार को भी घटना की जानकारी दी गई है वह लोग भी हरिद्वार पहुंचे हैं.
मामले पर हरिद्वार सिटी एसपी स्वतंत्र कुमार सिंह का कहना है कि देहरादून में रहकर एनडीए की तैयारी कर रहे यूपी गायिजाबाद का छात्र गंगा नदी में डूब गया है. घटना के बाद से उसके शव की तलाश के लिए टीमें प्रयास कर रही हैं. फिलहाल छात्र का शव बरामद नहीं हुआ है.
एसपी ने आगे कहा कि पहले भी ऐसा हादसा हुआ था, जिसमें तैरते हुए थकने के बाद युवक पानी में डूब गया था. हमारी लोगों से अपील है कि यदि उन्हें तैरना नहीं आता है तो नदी में न उतरें. ऐसा करने में बहुत खतरा है. स्नान करने के लिए रेलिंग का सहारा लें.
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एक अनूठा और अच्छी तरह से पसंद किया जाने वाला रायता,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक अनूठा और अच्छी तरह से पसंद किया जाने वाला रायता, आपको यह साइड डिश विभिन्न भारतीय रेस्तरां में थाली या पूर्ण भोजन के हिस्से के रूप में परोसा जाएगा। बूंदी छोटे तले हुए गोले होते हैं जिन्हें चने या बेसन के आटे से बनाया जाता है और गोल छेद वाली एक विशेष करछुल में डाला जाता है।
नटटी बूंदी का क्रंच चाट मसाला और मिर्च पाउडर के साथ मिलकर एक स्वादिष्ट दही मसाला बनाता है।
1 ¼ कप ताजा दही / दही (जरूरत हो तो ज्यादा)
नमक आवश्यकता अनुसार (बूंदी नमकीन है इसलिए बहुत कम प्रयोग करें)
¼ से ½ छोटा चम्मच भुना जीरा पाउडर (गार्निश के लिए और अधिक)
¼ छोटा चम्मच लाल मिर्च पाउडर (स्वादानुसार समायोजित करें)
½ छोटा चम्मच चाट मसाला (वैकल्पिक, स्वादानुसार समायोजित करें)
बूंदी का रायता कैसे बनाते हैं?
1. दही को नमक और जीरा पाउडर के साथ फेंट लें। हरा धनिया डालकर मिलाएँ। आप चाहें तो दही में थोड़ी सी लाल मिर्च पाउडर भी मिला सकते हैं।
2. आप बाकी बचे मसालों के साथ छोटे तले हुए बॉल्स को सीधे दही के मिश्रण में मिला सकते हैं। लेकिन अगर आप अपने रायते में चिकने स्वाद से बचना चाहते हैं, तो एक वैकल्पिक तरीका है। तली हुई बूंदी को एक कटोरी पानी में एक से दो मिनट के लिए भिगो दें। सभी तरल को निकालने और दही में जोड़ने के लिए अच्छी तरह से निचोड़ें।
3. स्वाद चखें और यदि आवश्यक हो तो और मसाला डालें।
4. गार्निश के लिए कुछ कुरकुरी बूंदी, मिर्च पाउडर, पिसा हुआ जीरा और हरा धनिया छिड़कें।
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने म्याँमार में, प्रदर्शनकारियों पर घातक बल प्रयोग किये जाने की निन्दा की है. ध्यान रहे कि म्याँमार में, सेना द्वारा, 1 फ़रवरी 2021 को, सरकार अपने हाथों में लेने के विरोध में, प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है.
मीडिया ख़बरों के अनुसार, मंडालय में, शनिवार को प्रदर्शनों के दौरान कम से कम दो लोगों को मौत हो गई.
I condemn the use of deadly violence in Myanmar.
The use of lethal force, intimidation & harassment against peaceful demonstrators is unacceptable.
Everyone has a right to peaceful assembly. I call on all parties to respect election results and return to civilian rule.
मंडालय, यंगून के बाद, म्याँमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है.
म्याँमार में, 1 फ़रवरी को सेना द्वारा देश की सत्ता पर क़ब्ज़ा किये जाने के बाद, जन प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता देखा गया है.
ध्यान रहे कि नवम्बर 2020 में, देश की सिविल सरकार के लिये चुनाव हुए थे, जिसमें आँग सान सू ची के नेतृत्व वाली पार्टी - नेशनल लीग फ़ॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) ने जीत हासिल की थी.
उसके बाद से ही, देश में राजनैतिक तनाव बढ़ता देखा गया था.
सेना ने, 1 फ़रवरी को, सत्ता पर क़ब्ज़ा करने के साथ-साथ, देश के शीर्ष राजनेताओं को गिरफ़्तार कर लिया था, जिनमें आँग सान सू ची भी शामिल थीं.
प्रदर्शनों के दौरान मौत का शिकार हुई एक युवती म्या थ्वेट थ्वेट ख़ाइन के अन्तिम संस्कार में, रविवार को, राजधानी नाय प्यी थाव में, बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए.
19 वर्षीय इस युवती की, प्रदर्शनों में जान गँवाने वाले पहले व्यक्ति के रूप में पुष्टि की गई है.
उन्हें 9 फ़रवरी को, प्रदर्शनों के दौरान, सिर में गोली लगी थी, और शुक्रवार, 19 फ़रवरी को उनकी मौत हो गई.
म्याँमार में, मानवाधिकार स्थिति पर, सयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत टॉम एंड्रयूज़ ने इस युवती की मौत पर गहरा दुख प्रकट किया.
शनिवार को, मंडालय में उस समय दो लोगों की मौत हो गई, जब सुरक्षा बलों ने, शिपयार्ड (जहाज़ मरम्मत स्थल) पर हड़तालकर्मियों पर गोलियाँ चला दीं.
टॉम एंड्रयूज़ ने और भी ज़्यादा लोगों के मौत का शिकार होने पर असीम क्रोध व्यक्त किया. मारे गए दो लोगों में, एक किशोर लड़का भी था.
शनिवार को ही, उससे पहले, एक अन्य ट्वीट सन्देश में उन्होंने कहा था कि मंडालय में (शनिवार को) प्रदर्शनकारियों पर गोलियाँ चलाने में 33वीं लाइट इनफ़ैन्टरी डिवीज़न शामिल थी.
टॉम एंड्रयूज़ जैसे विशेष रैपोर्टेयर, संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं और ना ही उन्हें संगठन से कोई वेतन मिलता है. उनकी नियुक्ति, किसी विशेष देश में किसी ख़ास स्थिति या किसी विशेष मानवाधिकार मुद्दे की निगरानी करने, और सलाह देने के लिये, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा की जाती है.
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मंडी - मंडी जिला के 112 स्कूलों ने वेबसाइट इंटरनेट फीस जमा करवाने में गंभीरता नहीं दिखा रहे है। बार-बार निर्देश जारी के बाद भी उक्त स्कूलों ने फीस जमा नहीं करवाई है। अगर उक्त स्कूलों ने दो दिन के भीतर फीस जमा नहीं करवाई, तो विभाग द्वारा फीस जमा न करवाने वाले स्कूल मुखियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिक्षा विभाग ने कहा कि जिला के 84 वरिष्ठ, जबकि 28 हाई स्कूल वेबसाइट इंटरनेट फीस जमा नहीं करवा रहे हैं। अगर आगामी दो दिन के भीतर इंटरनेट फीस जमा न करवाई गई, तो विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जिसके लिए संबंधित स्कूल मुखिया स्वयं जिम्मेदार होंगे। इस बारे में उच्च शिक्षा उपनिदेशक अशोक शर्मा का कहना है कि जिलाभर के 112 स्कूलों द्वारा अभी तक वेबसाइट इंटरनेट फीस जमा नहीं करवाई गई है। दो दिन के भीतर फीस जमा न करवाई तो विभाग द्वारा संबंधित स्कूल मुखियाओं के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके चलते निर्धारित दिनों के भीतर फीस जाम करवाए।
राजकीय उच्च पाठशाला आलसू, लांब सफर, बोरत, तांदी रंधाड़ा, पलहोटा, घागंणूं, चौकरी, कोठी, सकरोह, गाती नागचला, बाग पंडोल, खद्दर, मठियाना, सयुन, तरस्वाण, मैगल, हुक्कल, चत्तर पिपली, गयुन, रियुर, चोलागढ़, मटयारा, कांगू, मझगांव, नालन, बिहनधार व चज्वाण खाबू जबकि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला रिवालसर, चौकी चंद्राहण, सेरला खाबू, कोटली, ननवाण, कोट स्नोर, बांधी, हटौण, शिवा बदार, नगवाईं, सेरी चैहटीगढ़, थलौट, बड़ोग, पनारसा, प्रेसी, कांढा, कन्या स्कूल मंडी, नसलोह, खील, माहुंनाग, सोमा कोठी, करसोग, गवालपुर, भाटकीधार, बीर तुंगल, कड़कोह, धरवारथाच, खोलानाल, नरायणगढ़, खुहन, थाची, सराची, गाड़ागुशैणी, घाट, देवधार, सोम नाचनी, मजैठ, बलद्वाड़ा, सिद्धवाणी टिक्करी, कोटनी ढलवान, पपलोग, गैहरा, संधोल, टौरा खोला, मंडप, सिद्वपुर, गदीधार, चोलथरा, घरवासड़ा, सुधार, धार, रोपा, द्रंग, उरला, टिकरु, नौहली, कपाही, कन्या स्कूल जोगिंद्रनगर, लडभड़ोल, पंडोल, गोहर, निमेलरी, लांगणा, जहल, चैलचौक, मौवीसेरी, देवधार, चच्योट, डडोह, हटगढ़, सिध्याणी, पैड़ी, तलेली, बरतो, ध्वाल, दोघरी, बालग, सलवाणा, डैहर, सावल, कनैड़, शारती, सलोट व घनियार सहित अन्य स्कूल शामिल हैं।
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नई दिल्लीःRealme Neo GT Smartphone: मार्केट में चाईनीज फोन मेकर कंपनी धमाल करी रही है, जिससे ग्राहकों के एक से बढ़कर एक स्मार्टफोन मिल रही है। इस कढ़ी में सस्ते फोन मेकर कंपनी रियलमी के मोबाइल धमाल मचा रहे है। कंपनी ने हाल ही में लॉन्च किया फोन मार्केट में खूब सेल हो रहा है, जिसे आप भी खरीदने का प्लान कर रहे हैं जो यहां पर जान सकते हैं। Realme Neo GT Smartphone के बारे में.....
जब से भारतीय बाजार में रियलमी कंपनी आई तो ग्राहकों के लिए धांकड़ खासियत के साथ में सस्ते फोन को लॉन्च किए जा रही है। वही कंपनी के पोर्टफोलियों में ऐसे-ऐसे धांसू फोन हैं जो ग्राहकों के दिलों पर राज कर रहे हैं, इन फोन्स में Realme Neo GT भी एक Realme के इस सबसे जबरदस्त स्मार्टफोन है। इसमें शानदार फीचर्स के साथ खूब सेल हो रहा है।
कंपनी ने Realme Neo GT मोबाइल में प्रोसेसर के तौर पर इसमें आपको MediaTek Dimensity 1200 MT6893 प्रोसेसर दिया है ये फोन Android v11 ऑपरेटिंग सिस्टम पर रन करता है।
Realme Neo GT में 6.43 इंच का Super AMOLED डिस्प्ले देखने को मिल जाता है जो कि 120Hz रिफ्रेश रेट के साथ आता है। इसके अलावा आपको इसमें गोरिल्ला ग्लास की प्रोटेक्शन देखने को मिल जाती है !
वही इस फोनके रैम और इंटरनल स्टोरेज की बात की जाए तो आपको इस स्मार्टफोन के अंदर 128GB 6GB RAM, 128GB 8GB RAM, 256GB 12GB RAM और इंटरनल स्टोरेज देखने को मिल जाएगी !
इस फोन में कंपनी ने जबरदस्त कैमरा सेटअप दिया है जो अच्छी फोटो और विडियों को कैप्चर करता है,स्मार्टफोन में आपको पीछे की तरफ ट्रिपल कैमरा का सेटअप है जिसका प्राइमरी कैमरा 64MP मेगापिक्सल का उसके अलावा 8MP मेगापिक्सल का अल्ट्रा वाइड कैमरा और 2MP मेगापिक्सल का माइक्रो कैमरा लगा है वहीं सेल्फी फोटो लेने के लिए 16MP मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा देखने को मिलेगा।
कंपनी ने Realme Neo GT में आपको 4500mAh की पावरफुल बैटरी देखने को मिलती है तो 50W वाट की फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करती है और चार्ज करने के लिए टाइप सी चार्जिंग सॉकेट दिया गया है।
Realme Neo GT 3 स्टोरेज वेरिएंट में सेल किया जा रहा है,
- इसके 6GB + 128GB मॉडल की कीमत 29,999 रुपये है।
- 8GB + 128GB मॉडल की कीमत 31,999 रुपये है।
- 8GB + 256GB की कीमत 33,999 रुपये है।
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कैटरीना कैफ ने अपने शुरुआती कैरियर के दौर में भले ही हर तरह की फिल्में की हों लेकिन अब वे अपने कैरियर के लिए बेहद चूजी हो गई हैं. यही वजह है उन की भी आमिर खान की तरह साल में इक्कादुक्का फिल्में ही रिलीज होती हैं. फिलहाल कैटरीना फिल्म 'फितूर' को ले कर बड़ी जनूनी हो रही हैं. उन के मुताबिक, फितूर ने कलाकार के तौर पर उन के जनून को फिर से जिंदा कर दिया, "जब यह फिल्म शुरू हुई तो हम लोग सुस्त हो गए थे लेकिन बाद में मैं ने समझना शुरू किया और इस फिल्म से बहुतकुछ सीखा." हालांकि एक सच यह भी है इस फिल्म में देरी रेखा की वजह से हो रही है. पहले वे लीड रोल में थीं और बाद में किन्हीं कारणों से फिल्म छोड़ दी और उन्हें तब्बू ने रिप्लेस किया और फिल्म को दोबारा शूट करना पड़ा. इस के चलते फिल्म लटक गई.
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उद्योगपति गौतम अदाणी के जन्मदिन पर उनके कारोबारी समूह ने इस साल होने वाले एकदिवसीय क्रिकेट विश्वकप के लिए 'जीतेंगे हम' अभियान शुरू किया है।
समूह ने इसके लिए कपिल देव समेत 1983 के क्रिकेट विश्वकप विजेता टीम के सदस्यों को भी आमंत्रित किया। अदाणी शनिवार को 61 वर्ष के हो गए।
समूह ने उनके जन्मदिन को 'अदाणी दिवस' के रूप में मनाया। यहां अहमदाबाद में अदाणी समूह के मुख्यालय पहुंचे 1983 विश्वकप विजेता टीम के खिलाड़ियों में कपिल देव के अलावा, तत्कालीन उप-कप्तान मोहिंदर अमरनाथ, विकेट-कीपर सैयद किरमानी, रोजन बिन्नी, मदन लाल, कृष्णामचारी श्रीकांत और दिलीप वेंगसरकर भी थे।
आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 का आयोजन भारत में अक्टूबर-नवंबर के दौरान होगा।
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एशियन पेंट, एनटीपीसी, मारुति, बजाज फाइनेंस, एचसीएल टेक, एलटी, भारती एयरटेल, आईटीसी, एमएंडएम, इंफी, टाइटन, रिलायंस, टीसीएस, नेस्लेइंडिया, एचडीएफसी बैंक आदि लाल निशान पर चल रहे हैं।
इंफी, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, सनफार्मा, आईटीसी, सनफार्मा, रिलायंस, विप्रो आदि हरे निशान पर बने हुए हैं। वहीं मारुति, एलटी, आईसीआईसीआई बैंक, भारती, एशियन पेंट लाल निशान पर ब्लिंक कर रहा है।
जानकारी के अनुसार ग्लोबल मार्केट से लगातार कमजोर संकेत मिल रहे हैं। पांच दिन की लगातार तेजी के बाद अमेरिकी बाजार में गिरावट देखने को मिली।
बीते बुधवार को भी मार्केट में अच्छे संकेत देखने को मिले थे। आज दिग्गज कंपनी और आईटी सेक्टर में जबरदस्त उछाल देखने को मिल रहा है।
निफ्टी 139 अंक ऊपर गया। इसे देखते ही निवेशकों के चेहरे खिल उठे। ग्लोबल बाजारों में हल्का सुधार का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा है।
सरार्फा कारोबार में आज सोना लुढ़का हुआ है वहीं चांदी का भाव स्थिर बना हुआ है। 24 कैरेट प्रति 10 ग्राम सोने का भाव आज 52,030 रुपये है। जबकि 1 किलोग्राम चांदी का भाव आज 57,400 रुपये पर स्थिर बना हुआ है।
सरार्फा कारोबार में आज सोना और चांदी दोनों मजबूत हैं। राजधानी दिल्ली के सरार्फा कारोबार में आज प्रति 10 ग्राम 22 कैरेट सोने का भाव 47,650 रुपये है। 1 किलोग्राम चांदी का भाव 57,700 रुपये प्रति किलोग्राम है।
आज सरार्फा कारोबार में सोना और चांदी दोनों की धातुओं के दाम गिरे हैं। राजधानी दिल्ली के वायदा कारोबार में आज 22 कैरेट प्रति 10 ग्राम सोने का भाव 47,300 रुपये पहुंच गया है।
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इमेजिंग फ्लो cytometry व्यक्तिगत और जनसंख्या स्तर पर कोशिकाओं के रूपात्मक और कार्यात्मक परिवर्तन का पता लगाने के लिए एक आदर्श दृष्टिकोण प्रदान करता है । प्रदूषक-उजागर मानव वृक्ष कोशिकाओं में लिपिड प्रतिजन प्रस्तुति के लिए बाधित endocytic समारोह जीन अभिव्यक्ति और प्रोटीन की तस्करी के रूपात्मक प्रदर्शन की एक संयुक्त transcriptomic रूपरेखा के साथ प्रदर्शन किया गया ।
ये विधियां अगली पीढ़ी के अनुक्रमण और प्रवाह साइटोमेट्री इमेजिंग विश्लेषण को एकीकृत करते हैं। यह दिलचस्प सवालों के जवाब में मदद कर सकता है, जैसे कि क्या कुछ फेनोटाइपिक परिवर्तन को फंसाया जाता है, बजाय ट्रांसक्रिप्टोम के, विशेष रूप से प्रदूषक जोखिम वातावरण में। हमारे लिए इस सरल विधि का मुख्य लाभ यह है कि हम इसका उपयोग जैविक रूप से महत्वपूर्ण प्रोटीन के कोलोकैलाइजेशन को मापने के लिए कर सकते हैं, एक कार्यात्मक स्तर पर प्रमुख अंतर जीन अभिव्यक्ति के परिणामों की व्याख्या करने के लिए ।
इस तकनीक के निहितार्थ पैथोलॉजिकल और विष विज्ञान के परिणामों के निदान की ओर विस्तार करते हैं। एक सामान्य इमेजर दृष्टिकोण के रूप में, फोर्सी में जीन अभिव्यक्ति को प्रोटीन फ़ंक्शन से जोड़ने की क्षमता है। आम तौर पर, इमेजिंग और ट्रांसक्रिप्टोमिक विश्लेषण की उच्च तकनीकी मांगों के कारण इस विधि में नए व्यक्ति संघर्ष करेंगे।
मानव मोनोसाइट व्युत्पन्न डेंड्रिटिक सेल लाइब्रेरी को अनुक्रमित करने के लिए, पहले अनुक्रमण बायोसिंथेसिस और इंडेक्सिंग रिएजेंट रैक पर अनुक्रमण और अनुक्रमण अभिकर् थरों को लोड करें, और रैक को एक घंटे के लिए प्रयोगशाला ग्रेड पानी स्नान में रखें, जब तक कि सभी बर्फ पिघल न जाए, और रीजेंट्स को अच्छी तरह से मिलाया जाए। जबकि रिएजेंट्स विगलन कर रहे हैं, सीक्वेंसर पर बिजली, कंप्यूटर को नेटवर्क ड्राइव से कनेक्ट करते हैं जब डू नॉट इजेक्शन ड्राइव दिखाई देता है, और सीक्वेंसर कंट्रोल सॉफ्टवेयर लॉन्च करते हैं। इसके बाद, अनुक्रमण बायोसिंथेसिस रिएजेंट रैक में प्रत्येक बोतल में रखरखाव धोने के समाधान के बारे में 100 मिलीलीटर जोड़ें, और प्रत्येक बोतल पर एक कीप कैप स्क्रू करें।
अनुक्रमण अभिकर्मक रैक में प्रत्येक 15 मिलीलीटर शंकु नली में रखरखाव धोने के समाधान के लगभग 12 मिलीलीटर जोड़ें, और टोपियां त्यागें। फिर दोनों रैक को सीक्वेंसर पर लोड करें। सीक्वेंसर नियंत्रण सॉफ्टवेयर के भीतर रखरखाव धोने का चयन करें, और अनुक्रमक द्रव प्रणाली की सफाई के लिए निर्देशों का पालन करें।
गलियों से गुजरने वाले बुलबुले के लिए प्रवाह कोशिका का निरीक्षण करने के लिए एक टॉर्च का उपयोग करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई रिसाव नहीं है। जब वॉश सीक्वेंस समाप्त हो जाता है, तो अनुक्रम टैब खोलें, और एक नया रन शुरू करें, आउटपुट डेटा को नेटवर्क ड्राइव पर निर्देशित करें। डिमुलिप्लेक्सिंग के लिए एक नमूना शीट अपलोड करें, और उचित अभिकर्मित जानकारी दर्ज करें।
अनुक्रमण अभिकर् स के साथ, सिस्टम को प्राइम करने के लिए उपयोग किए गए प्रवाह सेल का उपयोग करें। क्लस्टर जनरेशन पूरा होने के बाद फ्लो सेल को हटा दें। और सेल को पानी से हल्का स्प्रे करें।
लेंस पेपर के साथ प्रवाह सेल सूखी पोंछें, इसके बाद 95% इथेनॉल के साथ एक हल्का स्प्रे करें। प्रवाह कोशिका को फिर से सूखी पोंछने के बाद, प्रकाश के खिलाफ प्रवाह कोशिका की सतह की जांच करें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मलबे या नमक अवशेषों के बिना साफ है। जब प्रधान चरण समाप्त हो जाता है, तो संकुल प्रवाह सेल लोड करें, और अनुक्रमण शुरू करें।
सीक्वेंस एनालिसिस व्यूअर सॉफ्टवेयर अपने आप शुरू हो जाएगा। लगभग 26 घंटे बाद, उच्च अनुक्रम नियंत्रण सॉफ्टवेयर के माध्यम से अनुक्रमण डेटा गुणवत्ता की निगरानी करें, और डेटा की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए और किसी भी समस्या निवारण के लिए विश्लेषण दृश्य सॉफ्टवेयर अनुक्रमण करें। फिर, जब अनुक्रम समाप्त हो जाता है, तो प्रवाह सेल गैसकेट बदलें, और अगले रन की शुरुआत करने से पहले रखरखाव धोने का प्रदर्शन करें।
प्रदूषक-उजागर डेंड्रिटिक कोशिकाओं के प्रवाह साइटोमेट्रिक इमेजिंग के बाद, इमेजजे फिजी खोलें, और उपचार समूह के अनुसार गैर-उजागर और प्रदूषक-उजागर मानव डेंड्रिटिक सेल नमूना समूहों के लिए 100 सहेजे गए सेल छवियों को अलग-अलग फ़ाइलों में मर्ज करें। CD1d का विश्लेषण करने के लिए, और दो आबादी के भीतर Lamp1 colocalization, प्रदूषक उजागर १०० विलय सेल छवि खोलने के लिए, और छवि, रंग का चयन करें, और विभाजन चैनलों प्रति चैनल एक फ्लोरोफोर के साथ दो व्यक्तिगत छवियों में छवि विभाजित करने के लिए । कोलोकैलाइज्ड पिक्सल का एक स्कैटर प्लॉट बनाने के लिए, एनालिसिस, कोलोकैलाइजेशन और कोलोकैलाइजेशन थ्रेसहोल्ड का चयन करें, और स्कैटर प्लॉट को बचाने के लिए प्रिंट स्क्रीन दबाएं।
प्रत्येक एकल-सेलुलर छवि के लिए मंडेर के कोलोकैलाइजेशन गुणांक की गणना करने के लिए, स्प्लिट चैनलों के साथ छवि फ़ाइल पर एकल-सेल छवि का चयन करने के लिए अंडाकार चयन उपकरण का उपयोग करें, और विश्लेषण, कोलोकैलाइजेशन और कोलोकैलाइजेशन थ्रेसहोल्ड का फिर से चयन करें। फिर रुचि के क्षेत्र के लिए संवाद बॉक्स से चैनल 1 का चयन करें, और ठीक क्लिक करें । जब गुणांक की गणना सभी 100 सेल छवियों के लिए की गई है, तो परिणामों को एक उपयुक्त स्प्रेडशीट में आयात करें, और नियंत्रण गैर-उजागर सेल नमूने के लिए विश्लेषण दोहराएं। आरएनए अनुक्रमण और ट्रांसक्रिप्टोमिक डेटा विश्लेषण का उपयोग करके, प्रदूषक-उजागर डीसी में लिपिड मेटाबोलिज्म और एंडोसाइटिक कार्यों सहित कई प्रमुख परिवर्तित जीन समूहों की पहचान की गई थी ।
व्यक्तिगत सेल छवि स्तर पर, HLADR सकारात्मक CD11c सकारात्मक dendritic कोशिकाओं gated जा सकता है, उनके CD1d और Lamp1 coexpression के अनुसार । नियंत्रण गैर-उजागर डेंड्रिटिक कोशिकाएं न्यूनतम सीडी 1डी और लैम्प1 प्रोटीन कोलोकैलाइजेशन प्रदर्शित करती हैं, जो सीडी 1डी एंडोसाइटिक तस्करी के बेसल स्तर और शारीरिक परिस्थितियों में सतह अभिव्यक्ति का एक उच्च स्तर दर्शाती है। जबकि CD1d प्रदूषक उजागर डेंड्रिटिक कोशिकाओं के देर से एंडोसाइटिक डिब्बों में बनाए रखा है, इस प्रयोगात्मक सेल आबादी में बदल अंतःस्यात जीन प्रोफाइल की पुष्टि ।
व्यक्तिगत सेलुलर छवियों को एक छवि फ़ाइल में विलय करने के बाद, व्यक्तिगत छवियों को उनकी फ्लोरोफोर अभिव्यक्ति के अनुसार विभाजित किया जा सकता है, और दो चैनलों के बीच पिक्सेल तीव्रता के कोलोकैलाइजेशन को एक स्कैटर प्लॉट में कल्पना की जा सकती है। दो उपचार समूहों में CD1d और Lamp1 प्रोटीन के बीच कोलोकैलाइजेशन की डिग्री को मंडेर के गुणांकों का उपयोग करके निर्धारित किया जा सकता है। यदि प्रोटीन की तीव्रता कोलोकैलाइज्ड और गैर-कोलोकैलिज्ड क्षेत्रों के बीच विषम है, तो कोलोकैलाइज्ड तीव्रता कोलोकैलाइज्ड क्षेत्रों के समानांतर नहीं होगी, इसलिए पिक्सेल तीव्रता के आधार पर दो प्रोटीन के कोलोकलाइजेशन का और आकलन करना भी महत्वपूर्ण है ।
एक बार महारत हासिल होने के बाद, छवि विश्लेषण को दो घंटे में पूरा किया जा सकता है, और आरएनए अनुक्रमण सेटअप को तीन घंटे में पूरा किया जा सकता है, यदि प्रत्येक तकनीक ठीक से की जाती है। इस प्रक्रिया का प्रयास करते समय, यह सुनिश्चित करना याद रखना महत्वपूर्ण है कि सभी अभिकर् य सही स्थितियों में ठीक से लोड किए गए हैं, और अनुक्रमक में कोई रिसाव नहीं है। इस प्रक्रिया के बाद, माइक्रो आरएनए, एक्सोम, या मस्त सेल अनुक्रमण जैसे अन्य तरीकों को क्रमशः वैश्विक माइक्रो आरएनए अभिव्यक्ति, जीन उत्परिवर्तन या डीएनए मिथाइलेशन के बारे में अतिरिक्त सवालों के जवाब देने के लिए किया जा सकता है।
तो इसके विकास के बाद, इस तकनीक सेलुलर इमेजिंग विश्लेषण के क्षेत्र में शोधकर्ताओं की मदद मिलेगी, और अगली पीढ़ी अनुक्रमण जीन अभिव्यक्ति और प्रोटीन समारोह पर पर्यावरण प्रदूषक के प्रभाव का पता लगाने के लिए । इस वीडियो को देखने के बाद, आपको इस बात की अच्छी समझ होनी चाहिए कि अगली पीढ़ी के अनुक्रमण को कैसे स्थापित किया जाए, और प्रोटीन कोलोकैलाइजेशन का इमेजर विश्लेषण किया जाए। यह न भूलें कि मानव रक्त के नमूनों में जहरीले प्रदूषक रसायनों के साथ काम करना बेहद खतरनाक हो सकता है।
इन प्रक्रियाओं को निष्पादित करते समय रासायनिक धुएं हुड और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करने जैसी सावधानियां हमेशा ली जानी चाहिए।
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Bilaspur News: बिलासपुर। ग्राम बिरकोना ना तो पूरी तरह ग्रामीण परिवेश है और न ही शहरी पृष्ठभूमि। शहर के करीब होने और अब नगर निगम सीमा में शामिल होने के बाद अब ग्राम पंचायत वार्ड बन गया है। ग्रामीण परिवेश के बाद भी यहां संचालित किए जा रहे सरस्वती शिशु मंदिर के संचालकों व व्यवस्थापकों की सोच गजब की है। छठवी से 10 वीं कक्षा तक पढ़ाई होती है।
यहां पढ़ने वाले बच्चों को पाठयक्रम के साथ ही नैतिक शिक्षा का पाठ भी शिक्षक पढ़ा रहे हैं। अध्ययन अध्यापन के अलावा विद्यालय परिसर में आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की पाठ भी पढ़ाई जा रही है। सामाजिक सहभागिता की दिशा में इससे अच्छा उदाहरण और कहीं देखने को नहीं मिलेगा। स्कूल प्रबंधन द्वारा गांव की महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के साथ ही स्वावलंबन की पाठ पढ़ाने के लिए सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दे रहे हैं। प्रशिक्षण पूरी तरह निश्शुल्क है। प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञ महिलाओं की सेवाएं ली जा रही हैं। सिलाई कढ़ाई में पारंगत होने वाली महिलाओं को रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराने का काम किया जा रहा है। दान की जमीन पर शिक्षा का यह मंदिर अपने कामकाज के दम पर दमक रहा है और नाम भी कमा रहा है। जुलाई से प्रारंभ होने वाले शैक्षिणक सत्र से ग्यारहवीं व बारहवीं की कक्षा भी प्रारंभ हो रही है। अरुण उदय से लेकर बारहवीं की पढ़ाई स्कूल में होगी।
स्कूली बच्चों को पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा के साथ ही नई शिक्षा नीति के तहत नैतिक शिक्षा की पाठ भी पढ़ाई जा रही है। नवाचार हमारी प्राथमिकता में शामिल है। गांव की महिलाओं और बेटियों को निश्शुल्क सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण दे रहे हैं। इस वर्ष से स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों को भी आत्मनिर्भरता की पाठ पढ़ाएंगे। इसी उद्देश्य के साथ सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण की व्यवस्था पूरी कर ली गई है।
जुलाई से प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र से कक्षा नवमीं से लेकर बारहवीं तक के स्कूली बच्चों को कंप्यूटर की शिक्षा भी देंगे। नियमित अध्ययन अध्यापन के अलावा कंप्यूटर के लिए अलग से क्लास लगाएंगे। कंप्यूटर के अलावा स्कूल में पढ़ने वाली बेटियों को इस वर्ष से सिलाई कढ़ाई का प्रशिक्षण देंगे। किताबी ज्ञान के साथ ही स्वावलंबन की पाठ भी पढ़ाएंगे।
स्कूल प्रबंधन ने एक और नवाचार करने का निर्णय लिया है। विज्ञान के स्टूडेंट के लिए अत्याधुनिक व सर्वसुविधायुक्त प्रयोगशाला के साथ ही पैथोलैब बनाया जा रहा है। पैथोलेब में शहर के विशेषज्ञ चिकित्सक सप्ताह में एक दिन स्टूडेंट को प्रशिक्षित करेंगे। छठवीं से आठवीं तक के बच्चों को थर्मामीटर पकड़ना और उसे पढ़ना सिखाएंगे। खास बात ये कि सरस्वती शिशु मंदिर संचालन समिति में एक दर्जन से ज्यादा विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। ये चिकित्सक पैथोलैब के संचालन के लिए उपकरण उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा सप्ताह में एक दिन स्कूल पहुंचकर बच्चों को प्रशिक्षित भी करेंगे।
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।ग्राम क्रमांक :
।ग्राम का नाम :
।तहसील :
।जनपद :
।फसली वर्ष :
।भाग :
।प्रत्येक गाटे का क्षेत्रफल (हे.)
।1 - ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 - क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो । ( नदारद )
।1क(क) - रिक्त ( नदारद )
।1-ख - ऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो । ( नदारद )
।2 - भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो।
।3 - भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो। ( नदारद )
।4 - भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो। ( नदारद )
।4-क - उ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो । ( नदारद )
।4-क(ख) - अन्य भूमि । ( नदारद )
।5-1 - कृषि योग्य भूमि - नई परती (परतीजदीद) ( नदारद )
।5-2 - कृषि योग्य भूमि - पुरानी परती (परतीकदीम) ( नदारद )
।5-3-क - कृषि योग्य बंजर - इमारती लकड़ी केवन। ( नदारद )
।5-3-ख - कृषि योग्य बंजर - ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों। ( नदारद )
।5-3-ग - कृषि योग्य बंजर - स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ । ( नदारद )
।5-3-घ - कृषि योग्य बंजर - छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ । ( नदारद )
।5-3-ङ - अन्य कृषि योग्य बंजर भूमि। ( नदारद )
।5-क (क) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - कृषि हेतु ( नदारद )
।5-क (ख) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - आबादी हेतु ( नदारद )
।5-क (ग) - वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. - 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों - सामुदायिक वनाधिकार हेतु ( नदारद )
।6-1 - अकृषिक भूमि - जलमग्न भूमि ।
।6-2 - अकृषिक भूमि - स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।
।6-3 - कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो। ( नदारद )
।6-4 - जो अन्य कारणों से अकृषित हो । ( नदारद )
।यह खतौनी इलेक्ट्रोनिक डिलीवरी सिस्टम द्वारा तैयार की गयी है तथा डाटा डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा हस्ताक्षरित है।
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स्वयं को काफी बदला है किन्तु हमारी प्रगति में वह तेजी नहीं आई है जिसकी हमें अपेक्षा थी। आवश्यकता इस रात की है कि हम आज की आवश्यकताओं के अनुरूप अपने को ढालें और रूढ़ियों और कुरीतियों से यथाशक्ति मुक्ति पायें। सामाजिक उत्थान हमारे सर्वागीण विकास की पहली शर्त है। श्री अगरचन्द नाहटा, दुर्गाप्रसाद लोहिया, हजारीमल याँठिया, बाबू वृन्दावनदास, रामप्रसाद लोहिया के सामयिक भाषण हुए।
उसी दिन, रात्रि को बिजली काटन मिल के विशाल मंच पर ब्रजभाषा कला गण्डल द्वारा अनुपम एवं स्मरणीय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया जिसका संचालन किया सुप्रसिद्ध हास्य कवि काका हाथरसी ने।
करने के लिए एडहाक कमेटी की स्थापना और राजस्थान का अकाल, राजस्थानी भाषा का प्रचार आदि। इन प्रस्तावों पर सरे श्री रामगोपाल जी आजाद अलीगढ, क्रान्तिस्वरूप सिंह, कृष्णलाल गर्ग झांसी, मुरलीघर पोद्दार हाथरस, उमरावसिंह गर्ग, केशरीचन्द सिंघी, दीनदयाल ओझा, राजनारायण अग्रवाल, रमांशकर चाण्डक, हरिशंकर पोद्दार, रोशनलाल गाहेश्वरी अलीगढ़, हजारीगल बाँठिया, डा० टी० एन० विमल. अगरचन्द नाहटा, सम्मेलन के प्रधानमंत्री श्री रघुनाथ प्रसाद एवं सम्मेलन के संगठन मंत्री श्री रामकृष्ण सरावगी आदि ने अपने विचारों को व्यक्त किया।
आगामी वर्ष के लिए श्री रामबाबू लाल अग्रवाल एवं श्री रामेश्वर जटिया, युर्जा उपसभापति श्री भवरलाल सेठिया कानपुर, प्रधानमंत्री श्री हजारीमल बाठिया, श्री युगलकिशोर परशुरामपुरिया - सहायक मंत्री एवं श्री गिल्लूगल बजाज कोषाध्यक्ष चुने गये।
इस दिन एक महिला सम्मेलन का भी आयोजन किया गया था जिसकी अध्यक्षा श्रीमती उमालाल एमज ए० थीं. एवं उद्घाटन रानी लक्ष्मी कुमारी चूणावत ने किया। लगभग चार हजार महिलाओं ने इस अधिवेशन में सोत्साह भाग लिया।
सर्वश्री धन्नालाल लोहिया, रामबाबू लाल अग्रवाल, हजारीमल माठिया, गोपाल प्रसाद सेकसरिया उमरावसिंह गर्ग, दुर्गा प्रसाद लोहिया, मुरलीधर पोद्दार, आदि के नेतृत्व में स्वागत समिति द्वारा अधिवेशन की सुन्दर व्यवस्था की गई थी और इस प्रकार उत्तर प्रादेशिक गारवाड़ी सम्मेलन का यह अधिनेशन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
विशिष्ट समारोह 25
धनी हैं। संगीत कार्यालय में लगे सभी तैल चित्र चित्रकार काकाजी की प्रतिभा के परिचायक हैं।
ब्रजकला केन्द्र से काकाजी का अत्यधिक निकट का सम्बन्ध रहा है। हाथरस शाखा के प्रथम अध्यक्ष होने के साथ-साथ केन्द्र की गति विधियों और क्रिया कलापों में काकाजी सदैव ही एक सक्रिय कार्यकर्ता और परामर्शक के रूप में भाग लेते रहे हैं। इन्होने केन्द्र के लिए रास लीलाएँ प्रहसन आदि लिखे और निर्देशित भी किये।
काका बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति हैं, जिनपर लक्ष्मी और सरस्वती दोंनों की ही कृपा है।
जो लोग काकाजी के अद्यतन जीवन से परिचित हैं, वे इस सत्य को स्वीकार करेंगे कि काकाजी का अभिनन्दन एक कर्मठ, परिश्रमी, अध्यवसायी, संघर्षशील और संयमी व्यक्ति का अभिनन्दन है. ब्रज कला केन्द्र के एक निस्पृह कार्यकर्ता का अभिनन्दन है, अभिनन्दन है हिन्दी मे हास्यरस का और समग्र रूप से अभिनन्दन है हाथरस की पावन नगरी का.
ऐसे मंगलमय अवसर पर मेरी काका हाथरसी को तथा उनकी मातृभूमि हाथरस की पुण्य-स्थली को शत-शत बधाइयां ।
स्वागत मंत्री श्री हजारीमल बाँठिया ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहामाननीय राजवहादुर जी. मान्य अध्यक्ष महोदय, बहिनो एवं भाइयो
काकाजी ब्रजक्षेत्र के एक मात्र ऐसे साहित्यिक है जिन्होंने हिन्दी, खड़ी बोली और ब्रजभाषा में कविता के तथा व्रज के मच के लिए रूपक लिखे हैं और उन्हें सफलता पूर्वक अपने निर्देशन में प्रस्तुत किया है। इस दृष्टि से काका का यह प्रयास अपने आप में अकेला और अनूठा है और इस दृष्टि से वे केवल ब्रजकला के ही नहीं वरन पूरे ब्रजक्षेत्र के लिए अभिनन्दनीय बन गये हैं। मिलनसार व्यवहार और उनके साहित्यकार और कलाकार रूप मे मणि-काचन संयोग जैसा है। इसलिए हाथरस ब्रजकला केन्द्र ने यह निश्चय किया कि आज जब काकाजी अपने जीवन के ६० वर्ष पूरे कर ६१वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब इस शुभ अवसर पर उनकी हीरक जयन्ती का आयोजन किया जाय। इस प्रकार आज हाथरस नगर ही नहीं वरन् ब्रजक्षेत्र और हिन्दी क्षेत्र से पधारे मान्य महानुभाव अपने इस साहित्यकार और कलाकार का अभिनंदन करने के लिए यहाँ उपस्थित है ! जहाँ इस उत्सव में ब्रजक्षेत्र के विभिन्न स्थानों के प्रतिनिधि विद्यमान हैं, यहाँ प्रतिष्ठित साहित्यकारों और माननीय श्री राजबहादुरजी जैसे राजनेता के पधारने से हम कृतकृत्य हैं। यह सब क्षेत्रो, सब वर्गों का सहयोग ही काकाजी की लोकप्रियता तथा आज के इस समारोह में इस तथ्य का प्रमाण है कि काकाजी हम सभी के अभिनन्दनीय एवं अभिवंदनीय है। मैं ब्रजकला केन्द्र की ओर से आप सब महानुभावों का हार्दिक स्वागत करता हूँ और आशा करता है, ब्रजकला केन्द्र को आप सबका सहयोग इसी प्रकार मिलता रहेगा।
हजारीमल याँठिया संयोजक
काका हीरक जयन्ती समारोह |
जयपुरः राजधानी से इस वक्त लूट की बड़ी खबर सामने आ रही है। जयपुर के वैशाली नगर थाना इलाके के हनुमान नगर एक्सटेंशन में सोमवार को बदमाशों ने दिनदहाड़े एक डॉक्टर दंपती को घर में बंधक बनाकर लूटपाट की। बदमाशों ने डॉक्टर दंपति के साथ मारपीट करके अलमारी में रखे लाखों रुपये के जेवर व नकदी लूट कर फरार हो गए।
सूचना मिलने के बाद पुलिस और FSL की टीम मौके पर पहुंची। एफएसएल की टीम ने मौके से सबूत भी जुटाए हैं। इसके बाद मिली सुचना के आधार पर वैशाली नगर थाने की घेराबंदी की गई, लेकिन बदमाशों का कोई सुराग नहीं लगा। वहीं लूट की वारदात को अंजाम देने में उनके ही यहां काम करने वाले नेपाली नौकर का हाथ बताया जा रहा है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
इस दौरान लुटेरों ने डॉक्टर इकबाल और उनकी पत्नी नसरीन भारती को बंधक बनाकर मारपीट की। बाद में घर से लाखों रुपए की नकदी और जेवरात लेकर चले गए। डॉक्टर इकबाल की पत्नी नसरीन भारती भी डॉक्टर है। लुटेरों ने डॉक्टर मोहम्मद इकबाल से मारपीट की। जिसके चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। जहां पर उनका इलाज जारी है।
पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि डॉक्टर के यहां पर पहले एक नौकरानी नेपाली मूल की अनु काम करती थी। लेकिन कुछ समय पहले डॉक्टर मोहम्मद इकबाल भारती ने उसे हटा दिया था। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि नेपाली मूल की नौकरानी अनु ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस लूट की वारदात को अंजाम दिया। फिलहाल पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर इस पूरे प्रकरण की जांच पड़ताल में जुट गई है।
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मुंबई, 4 जून । फिल्मकार अशोक पंडित ने रविवार को इंग्लैंड में चल रहे चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत और पाकिस्तान के बहुप्रतीक्षित मैच के बहिष्कार का आह्वान किया है। फिल्मकार ने बहिष्कार के पीछे दोनों देशों के बीच सीमा चल रहे तनाव का हवाला दिया है। वहीं दूसरी ओर अशोक पंडित को अपनी टिप्पणी पर बॉलीवुड के सितारों की कड़ी आलोचना का शिकार होना पड़ा।
अपने ट्वीट में पंडित ने कहा, "प्यारे क्रिकेट खिलाड़ियों, जब आप पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने में व्यस्त रहेंगे, तब शनिवार को सीमा पर शहीद हुए जवानों के परिजन रो रहे होंगे। पाकिस्तान के मैच का बहिष्कार करें। यह उन सभी शहीदों का अपमान है, जिन्होंने पाकिस्तान के कारण अपनी जान गंवाई है।"
पंडित के इस ट्वीट के खिलाफ फिल्म जगत के कई सितारों ने अपने विचार ट्वीट के जरिए सामने रखे।
'रईस' फिल्म के निर्देशक राहुल ढोलकिया ने कहा, "भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमों के बीच मैच बर्मिघम में है न कि वाघा सीमा पर।" फिल्मकार शेखर कपूर ने अपने पोस्ट में कहा, "खेल लोगों को एक साथ लाता है। नफरत करना क्रिकेट का अनादर करना है। खेल की भावना को खत्म कर देना। क्रिकेट मैच का आनंद लें।"
इसी प्रकार की प्रतिक्रिया देते हुए फिल्मकार अनुभव सिन्हा ने कहा, "रोमांचक बात है कि तुम क्रिकेट खिलाड़ियों को बाहर निकलने के लिए कह रहे हो न कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) या सरकार को।"
सिन्हा के इस संदेश के जवाब में पंडित ने कहा, "क्या खिलाड़ी मैदान पर उतरने से इनकार नहीं कर सकते? क्या उनकी देश के जवानों के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है? बीसीसीआई और सरकार एक-समान ही जिम्मेदार हैं।" सिन्हा ने कहा, "अपनी विनम्र राय में मैं यह कहना चाहता हूं कि यह मामला नीतिगत होना चाहिए न कि मनमानी वाला। फिल्मों, क्रिकेट और व्यवसाय के लिए अलग-अलग नीतियां नहीं हो सकतीं?"
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इस्लामिक योगदान संगठन (OIC) की ओर से मंगलवार को हिंदुस्तान के संबंध में जारी बयान की विदेश मंत्रालय ने निंदा की. मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बोला कि हम ओआईसी के बयान की कड़ी निंदा करते हैं. यह उनकी सांप्रदायिक मानसिकता और हिंदुस्तान विरोधी एजेंडे का एक और उदाहरण है.
क्या कहा था ओआईसी ने?
दरअसल, ओआईसी के सचिवालय ने एक बयान जारी कर रामनवमी की शोभायात्रा के के दौरान हिंदुस्तान के कई राज्यों में अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाने वाली हिंसा और बर्बरता के कृत्यों पर गहरी चिंता व्यक्त की गई. बयान में भीड़ की ओर से धार्मिक स्थलों को हानि पहुंचाने का भी जिक्र किया गया. बयान में 31 मार्च को बिहारशरीफ में हुई घटना का भी जिक्र किया गया. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह जानकारी सामने आई है.
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अनुपमा के सेट से एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है जिसमें बताया जा रहा है कि सीरियल की लीड एक्ट्रेसेस के बीच कोल्ड वॉर चल रही है! इस बार मामला रूपाली गांगुली और मदालसा शर्मा के बीच का है। खबर है कि अनुपमा और काव्या यानि कि एक्ट्रेस रूपाली गांगुली और मदालसा शर्मा के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दोनों के बीच कोल्ड वॉर की खबरें हैं। यहां तक कि बताया जा रहा है कि अनुपमा की ये दोनों एक्ट्रेसेस आपस में बात तक नहीं करती हैं। मदालसा और रूपाली सीरियल के सेट पर एक-दूसरे को इग्नोर करती नजर आती हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं सीरियल में काव्या और अनुपमा एक-दूसरे के एंटी हैं। जहां अनुपमा सीधी-सादी परिवार का ख्याल रखने और सबको साथ लेकर चलने वाली महिला है तो वहीं काव्या मॉडर्न और स्वार्थी सोच वाली है। इस वजह से सीरियल में दोनों एक-दूसरे के खिलाफ होती हैं। लेकिन रील लाइफ तक तो ठीक था अब रियल लाइफ में टकराव की खबरें आना काफी शॉकिंग है।
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इस वर्ष के बजट में अधिक वृद्धि की उम्मीद अवश्य थी पर पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में देखें तो 7050 करोड़ रुपए से कम होकर इस वर्ष का बजट अनुमान मात्र 7000 करोड़ रुपए रह गया है।
गर्मी की दस्तक होने के साथ ही देश के अनेक गांवों में गंभीर पेयजल संकट के समाचार मिलने आरंभ हो गए है। इस संदर्भ में एक बड़ा सवाल यह है कि जब ग्रामीण पेयजल को एक उच्च प्राथमिकता मानने के बारे में व्यापक सहमति है, तो फिर ग्रामीण पेयजल व्यवस्था के लिए पर्याप्त आर्थिक संसाधन उपलब्ध करवाने में केंद्रीय सरकार कंजूसी क्यों दिखा रही है।
गांवों की प्यास बुझाने के लिए राष्ट्रीय स्तर के प्रमुख कार्यक्रम का नाम है राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम। इस कार्यक्रम के लिए केन्द्रीय सरकार के बजट में होने वाले आवंटन को हम यदि देखें तो स्पष्ट होता है कि इसमें महत्त्वपूर्ण कमी आई है। यह तालिका में दिखाया गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिए केन्द्रीय बजट में वास्तविक खर्च या आवंटनः
इस तालिका से स्पष्ट है कि वर्ष 2012-13 में इस कार्यक्रम के लिए 10,490 करोड़ रुपए खर्च हुआ था जबकि वर्ष 2018-19 के बजट में मात्र 7,000 करोड़ रुपए का आवंटन है।
मुख्य गिरावट वर्ष 2015-16 में आई। इसकी एक वजह यह बताई जाती है कि 14 वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार अधिक धनराशि राज्य सरकारों को दी गई। पर इतनी ऊंची प्राथमिकता के कार्यक्रम में इतनी बड़ी कमी नहीं करनी चाहिए थी क्योंकि नई स्थिति को संभालने में वक्त लगता है। राज्य सरकारों का आवंटन इतना भी नहीं बढ़ा कि वे इतने बड़े झटके को संभाल सकें।
उसके बाद भी जो अगले दो वर्षों में वृद्धि की गई वह मामूली सी ही थी व उससे पहले हुई क्षति की भरपाई नहीं हो सकी।
इस वर्ष के बजट में अधिक वृद्धि की उम्मीद अवश्य थी पर पिछले वर्ष के संशोधित अनुमान की तुलना में देखें तो 7050 करोड़ रुपए से कम होकर इस वर्ष का बजट अनुमान मात्र 7000 करोड़ रुपए रह गया है। यदि मंहगाई के असर को भी देखा जाए तो यह कमी और भी अधिक नजर आएगी।
वर्ष 2012-13 की तुलना में गिरावट को देखें तो यह बड़ी गिरावट है, पर यदि इसे महंगाई का असर हटाकर देखा जाए तो गिरावट और भी बड़ी है।
इस पृष्ठभूमि में हमें यह समझना होगा कि देश के बहुत से गांवों से गंभीर जल संकट के समाचार पिछले कुछ वर्षों में क्यों बढ़ते रहे हैं। निश्चय ही इसके व्यापक पर्यावरणीय कारण भी हैं पर साथ में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध न होना भी एक बड़ी समस्या रहा है।
अतः अब यह समय आ गया है कि शीघ्र ही सरकार को इस क्षेत्र के संदर्भ में कदम उठाना चाहिए ताकि राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम स्वयं जरूरी संसाधनों के अभाव में प्यासा न रह जाए।
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नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान तौकते गोवा में तबाही मचाने के बाद अब गुजरात की ओर मुड़ चुका है और मौसम विभाग के मुताबिक आज शाम तक इसके गुजरात तट तक पहुंचने की संभावना है। साथ ही 18 मई की सुबह तूफान पोरबंदर और भावनगर जिले के महुआ के बीच से गुजरेगा। तूफान को लेकर सरकार की तैयारियां जोरों पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृहमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री लगातार तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। मौसम विभाग पहले ही तूफान के और विनाशकारी रूप लेने का अनुमान जता चुका है। इसके लेकर कई राज्यों को अलर्ट पर रखा गया है और एनडीएमए, कोस्ट गार्ड समेत अन्य राहत दलों ने मोर्चा संभाल लिया है।
अरब सागर से उठे चक्रवात तौकते से 5 राज्यों में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है। गुजरात के तटीय इलाकों से करीब 1. 5 लाख लोगों को शिफ्ट किया जा रहा है। तूफान मंगलवार सुबह पोरबंदर और महुवा (भावनगर) के बीच गुजरात के तट से टकरा सकता है। इस दौरान तूफान की गति 185 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो सकती है।
नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स के डायरेक्टर जनरल एस एन प्रधान ने बताया है कि 7 जिलों में एनडीआरएफ की 100 से ज्यादा टीमें तैनात की गई हैं। तूफान का सबसे ज्यादा असर गुजरात पर दिख सकता है, इसलिए अकेले गुजरात में 50 टीमें तैनात हैं। चक्रवाती तूफान टाउते 18 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से मुंबई की ओर बढ़ रहा है। टाउते तूफान अभी मुंबई से करीब 200 किलोमीटर और गुजरात से 400 किलोमीटर दूर है। इस तूफान से निपटने के लिए मुंबई में एनडीआरएफ की तीन टीमों समेत पूरे महाराष्ट्र में 12 टीमें तैनात की गई हैं।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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रियो डी जेनेरियो। ब्राजील की संकटपूर्ण अर्थव्यवस्था का असर ओलंपिक और पैरालम्पिक खेलों के आयोजन समारोहों पर भी होने जा रहा है। देश की खराब अर्थव्यवस्था को देखते हुए वर्ष 2016 में होने वाले ओलंपिक और इसी साल होने वाले पैरालम्पिक खेलों के आयोजन समारोह का बजट कम किया गया है। यह बजट लंदन में आयोजित ओलंपिक समारोहों के बजट से बहुत कम है। ओलंपिक समारोहों के निदेशकों ने इसके बजट में कटौती की जानकारी दी।
ब्राजील की अर्थव्यवस्था 2015 की शुरुआत से ही खराब है, जिसके कारण बाजार में निराशावादी दृष्टिकोण बढ़ा है। नए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ब्राजील की अर्थव्यवस्था में 2.1 प्रतिशत तक की गिरावट आएगी, वार्षिक महंगाई दर 9.25 प्रतिशत तक रहेगी और ब्राजील की राष्ट्रपति डिल्मा रॉसेफ के खिलाफ महाभियोग की मांग भी हो रही है।
रियो ओलंपिक समारोहों के निदेशकों में से एक फर्नाडो मिरेलेस हैं, जो साल 2000 में ऑस्कर के लिए नामित 'सिटी ऑफ गॉड' के निर्देशन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अनुमान जताया कि तीन साल पहले लंदन में आयोजित ओलंपिक के चार समारोहों में खर्च की गई राशि का केवल 10 प्रतिशत ही रियो ओलंपिक के आयोजन समारोह में खर्च होगा।
हांगझोऊ। चीन के हांगझोऊ में चल रहे एशियाई खेल 2023 में भारतीय खिलाड़ियों ने अब तक अच्छा प्रदर्शन किया है। चार दिन में भारत की झोली में 22 पदक आए। पांचवें दिन भी कई खिलाड़ियों से पदक की उम्मीद है।
शूटिंग और घुड़सवारी में भारत को स्वर्ण पदक मिल चुके हैं और आज भी इन्हीं दो खेलों में पदक की उम्मीद सबसे ज्यादा है। प्रतियोगिता के पहले दिन भारत को पांच, दूसरे दिन छह, तीसरे दिन तीन और चौथे दिन आठ पदक मिले।
सरबजोत सिंह, अर्जुन चीमा और शिव नरवाल की पुरुषों की 10 मीटर एयर पिस्टल टीम ने चीन को एक अंक से हरा दिया है। भारत ने 1734 (स्वर्ण), चीन ने 1733 (रजत) और वियतनाम ने 1730 (कांस्य) के स्कोर के साथ पदक पर कब्जा जमाया।
10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग में भारत के दो खिलाड़ी फाइनल में पहुंच गए हैं। शुरुआत में पिछड़ने के बाद भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार वापसी की है।
बैडमिंटन में भारत ने पहले मैच में मंगोलिया को 3-0 से हरा दिया है। भारत के लिए तीनों महिला खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया।
क्वार्टर फाइनल में अब भारत का सामना थाईलैंड से होगा। इस मैच में दोनों टीमों के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है।
भारतीय निशानेबाज सरबजोत 10 मीटर एयर पिस्टल की निजी स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे। वह करीबी अंतर से पदक जीतने से चूक गए। हालांकि, टीम इंडिया को स्वर्ण पदक दिलाने में उनका योगदान बेहद अहम था।
मनिका बत्रा और साथियान राउंड-16 के मुकाबले में सिंगापुर के क्लेरेंस च्यू और झेंग जियान से हार गए हैं। भारतीय टीम 2-0 से आगे थी और क्वार्टरफाइनल की ओर अग्रसर दिख रही थी, लेकिन सिंगापुर के खिलाड़ियों ने अंत में दमदार वापसी कर मुकाबला 13-11, 12-10, 11-3 से अपने नाम किया और टीम मुकाबले में सिंगापुर की वापसी कराई। मिश्रित युगल में, हरमीत देसाई और श्रीजा अकुला राउंड 16 में थाईलैंड के फाकपूम एस और ओरावन पी से हार गए।
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नामकरण एक पृथक विषय है किन्तु यह तथ्य विचारणीय है कि समस्त साधकों व ज्ञानियों ने इन तीन चक्रों के निकट तीन ग्रन्थियों (सूक्ष्म नाड़ियों की एक गांठ सी) को पाया है और महसूस किया है। उनका भेदन कर कुण्डलिनी शक्ति को आगे बढ़ाने में विशेष बल व साधना का उपयोग करना पड़ा है। यही बात पाठकों के मार्गदर्शन के लिए उपयोगी है। नामकरण के भेद में पड़कर उलझन पैदा होगी। अतः इस विषय पर चर्चा नहीं करेंगे। इस भेद के बहुत से कारण निज अनुभूतियों के आधार पर सम्भव हैं। इसकी छानबीन अनावश्यक, अवरोधक, विशेष श्रम व समय को खंपाने वाली और परिणाम में मामूली-सा लाभ देने वाली ही सिद्ध होगी। प्रबुद्ध पाठक अवश्य ही इस तथ्य से सहमत होंगे । अतः हम इस चर्चा को यहीं पर समाप्त कर अगले और अत्यधिक महत्त्वपूर्ण चक्र की ओर आते हैं, जिसका नाम 'आज्ञा चक्र' है । |
शराब के नशे में धुत्त बारातियों ने डी. जे. पर डांस करने को लेकर शादी के जश्न को भंग कर दिया। दोनों पक्षों में डीजे पर डांस करने को लेकर विवाद हो गया। बात इतनी आगे बढ़ गई कि लड़के पक्ष के लोगों ने लड़की वालों से जमकर मारपीट की। जिसमे रपीट में दुल्हन पक्ष के कई लोग घायल हो गए।
शामलीः शराब के नशे में धुत्त बारातियों ने डी. जे. पर डांस करने को लेकर शादी के जश्न को भंग कर दिया। दोनों पक्षों में डीजे पर डांस करने को लेकर विवाद हो गया। बात इतनी आगे बढ़ गई कि लड़के पक्ष के लोगों ने लड़की वालों से जमकर मारपीट की। जिसमे रपीट में दुल्हन पक्ष के कई लोग घायल हो गए। इस पर गुस्से लड़की ने शादी से इनकार कर दिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने सुलह की लाख कोशश की, मगर लड़की नहीं मानी।
क्या है पूरा मामला?
- जनपद शामली के सदर कोतवाल क्षेत्र के शुगर मिल निवासी राजकुमार जावला की पुत्री शिवानी की हरियाणा के सिम्भालखा कस्बे से बारात आई हुई थी।
- शादी की तैयारी बड़ी धूमधाम से चल रही थी। तभी डी. जे. पर डांस कर रहे शराब के नशे में धुत्त बाराती की दुल्हन के बड़े भाई से किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई।
- इस पर शराब के नशे में धुत्त आठ दस बरातियों के साथ दूल्हे ने दुल्हन के भाई को मारना शुरू कर दिया।
- बीच बचाव करने आए दुल्हन के चाचा व अन्य घरातियों से भी दूल्हे पक्ष के लोगों ने जमकर मारपीट की।
- इन सब से गुस्से में आई दुल्हन ने शादी करने से इनकार कर दिया।
- लड़की ने कहा कि जब लड़का मेरे घरवालों की इज्जत नहीं कर सकता वो मुझे क्या खुश रखेगा।
दुल्हन के भाई सचिन ने बताया कि मेरे और मेरे चाचा के साथ दुल्हे और उसके दोस्तों ने मारपीट की है। मेरी बहन ने शादी से साफ मना कर दिया।
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राष्ट्रपति श्री प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने पंजाब और राजस्थान के राज्यपाल श्री शिवराज पाटील की अध्यक्षता में देश के कृषि क्षेत्र विशेषकर वर्षा पर आधारित खेती की उत्पादकता, मुनाफा, स्थायित्व और प्रतिस्पर्द्धा बढा़ने के उपायों का अध्ययन करने और सुझाव देने के लिए राज्यपालों की एक समिति गठित की है।
यह समिति ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एकीकृत करने और कृषि एवं इसके सहयोगी क्षेत्रकों में निवेश लाने के लिए स्थानीय स्तर पर अपेक्षित नीतिगत पहलों और विधायी उपायों, योजनाओं के पुनर्गठन और सम्मिलन जैसे संस्थागत सुधार तैयार करने की जरूरत पर चर्चा करेगी। यह समिति कृषि और सहयोगी क्षेत्रकों में नवाचारों और अत्याधुनिक तकनीकों के हस्तांतरण करने, कृषि श्रमिकों और खेती के मशीनीकरण के उभरते माहौल को साधने के लिए जरूरी कदमों पर भी चर्चा करेगी। यह राज्य और केंद्र स्तर पर धारणीय कृषि और ज्ञान प्रबंधन को प्रोत्साहित करने और किसान-उद्योगों के बीच भागीदारी बढ़ाने के लिए कृषि संबंधी सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, कृषि विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों की भूमिका और सहभागिता पर भी चर्चा कर जरूरी सिफारिशें करेगी।
पंजाब और राजस्थान के राज्यपाल श्री शिवराज पाटिल के अलावा इस समिति में महाराष्ट्र और गोवा के राज्यपाल श्री के. शंकरनारायणन, जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल एन. एन. वोहरा, मेघालय के राज्यपाल आर. एस. मूसाहारी, कर्नाटक के राज्यपाल श्री एच. आर. भारद्वाज, बिहार के राज्यपाल श्री देवानंद कुंवर, उत्तराखंड के राज्यपाल श्रीमती माग्ररेट अल्वा, नगालैंड के राज्यपाल श्री निखिल कुमार, असम के राज्यपाल श्री जे. बी. पटनायक, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त, तमिलनाडु के राज्यपाल श्री के. रोसैया, मिजोरम के राज्यपाल श्री वी. पुरुषोत्तमन और अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के उपराज्यपाल ले. जनरल (रिटायर्ड) श्री भूपिंदर सिंह शामिल हैं।
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आगरा के कारोबारी से तीन पुलिसकर्मियों ने 50 किलो चांदी लूटी थी। इस मामले में कानपुर देहात के भोगनीपुर इंस्पेक्टर, दारोगा व सिपाही ही लूटेरे निकले हैं। कानपुर देहात व औरैया जनपद की पुलिस ने देर रात इंस्पेक्टर के आवास पर छापेमारी कर चांदी भी बरामद कर ली है।
औरैया पुलिस इंस्पेक्टर व दारोगा को अरेस्ट कर अपने साथ लेकर गई। वहीं, हेड कॉन्स्टेबल मौके से फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है। बता दें कि तीन दिन पहले आगरा के व्यापारी मनीष सोनी से बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर लूट हुई थी। जांच में कानपुर देहात के पुलिसकर्मी ही लुटेरे निकले। एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि तीनों पुसिसकर्मी के निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
एसपी औरैया चारू निगम ने बताया कि 6 जून को आगरा के सर्राफा कारोबारी मनीष सोनी 50 किलो चांदी लेकर फतेहपुर से आगरा जा रहे थे। दो नंबर की चांदी होने की जानकारी मिलने पर भोगनीपुर इंस्पेक्टर अजय पाल शर्मा, दरोगा चिंतन कौशिक और हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर ने औरैया सीमा में जाकर व्यापारी को कार समेत रोक लिया। इसके बाद तलाशी के दौरान चांदी बरामद की और जांच-पड़ताल के दौरान कागजात नहीं दिखा सका तो इंस्पेक्टर अपनी टीम के साथ सरकारी गाड़ी में चांदी लूटकर भाग निकले।
पीड़ित ने स्थानीय कोतवाली में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई। एसपी औरैया ने बताया, जांच पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि ये बदमाश नहीं थे। बल्कि पुलिसवाले थे। इसमें कानपुर देहात के पुलिसकर्मियों का नाम सामने निकलकर आया। इसके बाद एडीजी कानपुर आलोक सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी। एडीजी ने कानपुर देहात एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति से संपर्क किया।
जानकारी होने के बाद कानपुर देहात एसपी गुरुवार भोगनीपुर कोतवाली पहुंचे। यहां पर इंस्पेक्टर के सरकारी आवास पर छापेमारी कर 50 किलो चांदी बरामद कर ली। ये चांदी सफेद रंग के एक थैले में रखी हुई थी। इसके थोड़ी देर बाद ही एसपी औरैया चारू निगम के साथ पुलिस की टीम पहुंची।
एसपी कानपुर देहात ने बताया, इंस्पेक्टर व दारोगा कोतवाली में ही थे। उन्हें तत्काल प्रभाव से अरेस्ट कर लिया गया। वहीं, हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर अपने आवास पर था। उसे छापेमारी की बात पता चली तो वह मौके से भाग गया। जब तक उसके आवास पर पहुंचे, वह जा चुका था। दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को औरैया पुलिस को सौंप दिया गया है। घटना बेहद गंभीर है, उन सभी के खिलाफ विभागीय करवाई की जा रही है।
बांदा के रहने वाले मनीष सोनी उर्फ सागर पेशे से सर्राफ हैं। उन्होंने तहरीर दी कि 6 जून को क्रेटा गाड़ी से बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे से औरेया जा रहा था। कार में मामा का लड़का रवि, भाभी सोनाली, उनकी बेटी आशी बैठे थे। कार को ड्राइवर जगनन्दन चला रहा था। करीब 2. 20 बजे सड़क पर स्कॉर्पियों कार खड़ी थी। पास में 4 लोग थे। कुछ ने वर्दी पहनी थी। उन्होंने हाथ दिखाकर कार को रोक लिया। 2 लोग सादे कपड़ों में थे। एक दरोगा जैसा था, उसकी कमर में पिस्टल लगी थी। उन्होंने ड्राइवर से आईडी मांगी। हमारे ड्राइवर ने आईडी नहीं दी। तो उससे कहा कि तुम नीचे उतरकर खड़े हो जाओ।
सर्राफ ने कहा कि हम लोग भी कार के बाहर आकर खड़े हो गए। इसके बाद, सभी लोग गाड़ी की तलाशी लेने लगे। उन्होंने गाड़ी में रखे दो बैग अपने कब्जे में लिए। इनमें 30 टुकड़े चांदी के रखे थे। ये उन्होंने अपनी स्कॉर्पियो में रख लिए। फिर ड्राइवर को कहा कि तुम गाड़ी में बैठो। उसको गाड़ी में लेकर वो लोग चले गए। हमसें उन्होंने ज्यादा कुछ पूछताछ नहीं की। हमारे मोबाइल अपने कब्जे में ले लिए। इसके बाद हम लोग घबरा गए। हम गाड़ी लेकर औरैया अपने मामा के घर आ गए। करीब दो घंटे बाद ड्राइवर भी वहां आ गया।
उसने बताया कि वो लोग गाड़ी लेकर भाऊपुर पुल के नीचे पहुंचे थे। यहां पेट्रोल भरवाया। इसके बाद ड्राइवर को गाड़ी से उतार दिया। चांदी लेकर चले गए। इसके बाद सर्राफ मनीष ने औरैया पुलिस से 7 जून को संपर्क किया और पूरी घटना बताई।
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छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल पर एक आदिवासी युवती ने रेप का केस दर्ज कराया है। युवती ने रायपुर के महिला थाने में शिकायत की है कि उसके साथ जांजगीर चांपा निवासी पलाश चंदेल पिता नारायण चंदेल नाम के युवक ने रेप किया है और जब वह गर्भवती हो गई तो गर्भपात भी कराया है। युवती की शिकायत पर पुलिस ने पलाश के खिलाफ दुष्कर्म सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
शिकायत करने वाली महिला सरकारी नौकरी करती है। उसने बताया कि 2018 में फेसबुक के माध्यम से पलाश चंदेल उसके संपर्क में आया था। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पलाश ने उसे शादी का प्रस्ताव दिया था और शादी करने के नाम पर लंबे समय से उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। आरोपी को ये भी मालूम था कि, पीड़िता आदिवासी वर्ग से है।
पीड़ित युवती के मुताबिक आरोपी द्वारा लगातार किये जा रहे शारीरिक शोषण से 2021 में वह गर्भवती हो गई थी। लेकिन पलाश ने धोखे से उसे गर्भपात की गोली खिला दी। जिससे उसका गर्भपात हो गया था। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपी उसके साथ मारपीट भी करता था। पलाश युवती को अपने पिता नारायण चंदेल के रूतबे का डर दिखाकर धमकाया करता था कि, वह उसे नौकरी से निकलवा देगा।
आरोपी के ऐसे डराने धमकाने और अपने यौन शोषण से त्रस्त होकर पीड़िता ने रायपुर आकर अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य महिला आयोग, महिला थाना रायपुर में शिकायत की। जिसके बाद आरोपी के खिलाफ 376, 376(2) (छ), 313 व 3(2) एसटी/एससी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। पीड़िता ने आरोपी पलाश चंदेल से अपनी एवं अपने परिवार की सुरक्षा की भी मांग की है।
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महिला कल्याण विभाग में बतौर परार्मशदाता तैनात सरिता सिंह उत्पीड़न की शिकार बेटियों को नई राह दिखाने में जुटी हैं। उनकी काउंसलिंग करने के साथ ही जीवन में आने वाली बाधाओं से निपटने के लिए उनमें हिम्मत भर रही हैं। उनके प्रयास से जनपद की करीब 300 बेटियों में हौसला जागा है। वे अपने साथ हुई दुर्घटना को भूलकर आगे बढ़ रही हैं।
मूलतः मेंहदावल कस्बे की रहने वाली सरिता सिंह ने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की। उसके बाद घर-गृहस्थी में व्यस्त हो गईं। वह महिलाओं और बेटियों की मदद कर उन्हें आगे बढ़ाने में भागीदार बनना चाहती थीं। लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते ऐसा नहीं कर सकीं। ससुराल में उन्होंने अपने मिशन के लिए राह की तलाश शुरू की। वर्ष 2014 में महिला कल्याण विभाग से परामर्शदाता की जगह निकली। इस पद पर उनका चयन हो गया। तभी से वह बेटियों को सशक्त बनाने में जुट गईं। उत्पीड़न की घटना से अवसाद में जा चुकी करीब 300 बेटियों की काउंसलिंग कर उन्हें उबार चुकी हैं। कोरोना संक्रमण के दौरान भी वह अपने मिशन में जुटी रहीं। गांवों में जाकर भी बेटियों की काउंसलिंग करती हैं, जिससे भविष्य में वे हर परिस्थिति का डटकर मुकाबला कर सकें।
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योग न केवल शारीरिक और मानसिक लाभ देता है बल्कि साधना के साथ आंतरिक शांति भी देता है इसलिए व्यक्ति इसे पूर्ण शक्ति और संतुलित जीवन के लिए अनुकूलित कर सकता है। व्यायाम का यह अभ्यास नियमित शरीर की बीमारी को कम करने में भी मदद करता है और अन्य प्रमुख बीमारियों में भी मदद करता है जिन्हें योग के सरल और नियमित अभ्यास से आसानी से ठीक किया जा सकता है।
पूर्वोत्तर के लोग बदलते समय के साथ योग के लाभों के बारे में काफी जागरूक हो गए हैं और इसे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्लेटफॉर्म से सीख रहे हैं। इसलिए स्वस्थ जीवन के सर्वोत्तम विकल्प के साथ पूर्वोत्तर के लोग भी चाहते हैं कि सर्वोत्तम योग केंद्र इसे सीखें और अनगिनत लाभों के साथ इसका अभ्यास करें। आपके अभ्यास को अगले स्तर तक ले जाने में मदद करने के लिए पूर्वोत्तर का क्षेत्र योग हॉटस्पॉट से जगमगा रहा है।
असम के गुवाहाटी में स्थित यह योग केंद्र 7 वर्षों से अधिक समय से लोगों की सेवा कर रहा है। यह विभिन्न प्रकार के योग जैसे अयंगर योग, अष्टांग योग, कर्म योग, गर्भावस्था योग, कुंडलिनी योग, शक्ति योग, पारिवारिक योग और अन्य को सीखने में मदद करता है। इसके अलावा, केंद्र ध्यान कक्षाएं, एक शारीरिक फिटनेस कार्यक्रम, वजन घटाने की सेवाएं और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। कक्षाओं में निर्देश के लिए क्षेत्रों में पेशेवरों की नियुक्ति की जाती है।
मणिपुर के इम्फाल के थंगमीबंद क्षेत्र में स्थित योग केंद्र अपने रखरखाव और विभिन्न प्रकार के योग शिक्षण के लिए पूर्वोत्तर में सर्वश्रेष्ठ में जाना जाता है।
असम के डिब्रूगढ़ जिले में स्थित योग स्टूडियो को चैंपियनशिप के लिए योग, अष्टांग योग, बच्चों के लिए योग और अन्य सहित कई सेवाओं के साथ अभ्यास के सर्वोत्तम शिक्षण के लिए जाना जाता है।
मेघालय के शिलांग के लचुमियर में स्थित 'गोल्ड जिम का शिलांग' व्यवसाय नाम वाला योग केंद्र पेशेवर प्रशिक्षकों और कर्मचारियों से अत्यधिक सुसज्जित है।
असम के महोरा कपौहुवा में स्थित पूर्वोत्तर में बहुत लोकप्रिय योग केंद्र 'द आर्ट ऑफ लिविंग टिंगखोंग' 8 वर्षों से सेवा प्रदान कर रहा है। यह स्थानीय लोगों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को सर्वोत्तम योग अभ्यास सिखाता है।
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वीडियो में हम शहनवाज हुसैन को दोनों हाथ से तिरंगा फहराते देख सकते हैं। वहीं दूसरी वीडियो में हम सैंकड़ों की भीड़ को भाजपा के लिए नारे लगाते और हाथ में तिरंगा फहराते भी देख सकते हैं।
संदीप चौधरी जम्मू कश्मीर में अनंतनाग के SSP हैं। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के खिलाफ मुखर इस IPS अधिकारी के खिलाफ 'The Wire' ने लेख लिखा है।
डल झील में पत्रकारों और भाजपा कार्यकर्ताओं को ले जा रही एक नाव पलट गई, जिस पर तरह-तरह के चुटकुले बनाए गए।
इतिहास में पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थी, गोरखा और वाल्मीकि समुदाय के लोग भी मतदान कर सकेंगे। अभी तक ये अभागे और उपेक्षित समुदाय राज्य के चुनावों में मतदान के अपने लोकतान्त्रिक अधिकार से वंचित रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के पूर्व अध्यक्ष फिरोज पीरजादा ने शेहला रशीद के पिता अब्दुल राशिद शोरा को दस करोड़ रुपये के मानहानि दावे का नोटिस भेजा है।
जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के टिकेन इलाके में सुरक्षा बलों ने बुधवार (9 दिसंबर, 2020) को तीन इस्लामिक आतंकवादियों को मुठभेड़ के दौरान ढेर कर दिया है।
कॉन्ग्रेस ने 'भारत किसानों के साथ है, मोदी अंबानी के साथ हैं' टैगलाइन के साथ देश का गलत नक्शा शेयर किया और लद्दाख को पाकिस्तान में दिखा दिया।
एक सोशल मीडिया यूजर ने JioTV प्लस ऐप के फ्रंट पेज पर नजर आ रहे समाचार चैनल Aaj Tak की तस्वीरें शेयर की हैं जिनमें भारत का गलत नक्शा देखा जा सकता है।
नाबालिग बहनें लाएबा जुबैर और सना जुबैर सीमा पार कर भारत आ गईं थी। पूछताछ के बाद सेना ने उन्हें घर वापस भेज दिया।
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अमृतांशी जोशी, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव (MP Vidhan Sabha Chunav 2023) के लिए कुछ ही समय बचा हैं। इसे लेकर कांग्रेस ने तैयारियां तेज कर दी है। प्रदेश में कांग्रेस की चुनावी समितियां जल्द ही गठित होंगी। सोमवार को केंद्रीय नेतृत्व के पदाधिकारियों के सामने दिग्गजों ने प्रस्ताव रखा था। चुनाव अभियान समिति और प्रचार अभियान समिति का जल्द गठन करने की मांग की है।
एमपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह (Govind Singh) ने कहा कि हमने शीर्ष नेतृत्व से चर्चा की है। जल्द से जल्द समितियों का गठन होगा तो संगठन में मजबूती और काम में तेजी आएगी। हारी हुई सीटों पर टिकट देने को लेकर केंद्रीय नेतृत्व फैसला करेगा। वहीं चुनावी अभियान में चेहरे को लेकर बोले गोविंद सिंह ने कहा कि हमारे पास चेहरों की कोई कमी नहीं है।
गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना (Mukhyamantri Sikho Kamao Yojana) को लेकर कहा कि सरकार ने प्रदेश का खजाना खाली कर दिया। युवाओं को 8 हजार कहां से देंगे। इन्होंने क्या कमाया जो लुटा रहे है। अंतिम समय में दान पुण्य करने से कुछ नहीं होगा। प्रदेश की जनता जबाव देने के तैयार बैठी है। दिसंबर में परिणाम सामने आ जाएगा। प्रदेश खजाना खोखला हो चुका है। लाखों करोड़ों का कर्ज चढ़ चुका हैं।
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आज कोलकाता के ईडन गार्डन में कोलकाता नाईट राइडर्स और रॉयल चैलेंजर बैंगलौर के बीच इस आईपीएल का 48 वाँ मैच खेला गया, टॉस जीतकर रॉयल चैलेंजर बैंगलौर ने पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया और मेजबान कोलकाता को पहले बल्लेबाजी के लिए निमंत्रित किया.
कोलकाता की पारी की शुरुआत हमेशा की तरह आज भी रोबिन उथप्पा और कप्तान गौतम गंभीर ने किया लेकिन आज रोबिन उथप्पा थोड़े दुर्भाग्यशाली रहे और मात्र 2 के निजी स्कोर पर अब्दुल्लाह को अपना विकेट थमा बैठे इस समय तक कोलकाता 14 गेंदों में मात्र 14 रन ही बना पायी थी, इसके बाद मनीष पाण्डेय बल्लेबाजी के लिए और कप्तान से दबाव हटाते हुए उन्हें खुलकर खेलने का मौका दिया, लेकिन दोनों के बीच थोड़ी सी मिसअंडरस्टैंडिंग की वजह से कप्तान गौतम गम्भीर को वाटसन के हाथों रन आउट होना पड़ा, उस समय तक कोलकाता 10. 3 ओवर में 90 रन बना चुकी थी, जिसमे गंभीर ने 34 गेंदों में 7 चौके से 51 रनों का योगदान दिया, गंभीर के जाने के बाद युसूफ पठान के साथ मनीष पाण्डेय ने भी अपना अर्द्धशतक पूरा किया, लेकिन अर्द्धशतक पूरा करते ही वो अरविन्द की गेंद पर डिविलियर्स को कैच थमा बैठे, पाण्डेय ने 35 गेंदों में 5 चौके और 2 छक्कों की मदद से 50 रन बनाये.
मनीष पाण्डेय के आउट होने के बाद युसूफ पठान भी अपने आप को नहीं रोक पाये आज युसूफ ने काफी धीमी बल्लेबाजी किया और मात्र 6 रन बनाये, जिसके लिए उन्होंने 12 गेंदों के सामना किया. पठान के साथ उपकप्तान सूर्यकुमार यादव ने आज भी निराश किया और मात्र 5 रनों का योगदान टीम को दिया. पठान और यादव के बाद आंद्रे रसेल और शाकिब अल हसन ने अपनी जिम्मेदारी उठाया और तेजी से रन बनाये, दोनों ने 30 गेंदों में 57 रन टीम के लिए जोड़े. रसेल ने 19 गेंदों में 2 चौके और 3 छक्के की मदद से 39 रन बनाये, तो शाकिब ने 11 गेंदों में 1 चौके और 1 छक्के की मदद से 18 रन बनाये.
आरसीबी की तरफ से अब्दुल्लाह सबसे किफायती गेंदबाज रहे उन्होंने 4 ओवर में 22 रन देकर 1 विकेट लिया, तो अरविन्द ने 4 ओवर में 41 रन लुटाकर 2 विकेट लिए.
लक्ष्य का पीछा करने उतरी रॉयल चैलेंजर बैंगलौर की शुरुआत क्रिस गेल और विराट कोहली ने किया, काफी लम्बे समय से आउट ऑफ़ फॉर्म चल रहे क्रिस गेल ने आज कोलकाता के उपर शुरू से ही दबाव बनाये रखा, दुसरे छोर से विराट कोहली स्ट्राइक रोटेट करते रहे, दोनों बल्लेबाजों ने काफी सूझ बुझ से पहले विकेट के लिए 71 रनों की साझेदारी निभाया, इस साझेदारी का अंत सुनील नरेन ने गेल को एल्बीडब्ल्यू करके किया आउट होने से पहले गेल ने 31 गेंदों में 5 चौके और 4 छक्के की मदद से 49 रन बनाये, उसके बाद विराट कोहली का साथ देने पिछले मैच में शतक लगा चुके एबी डिविलियर्स मैदान पर पहुंचे, डिविलियर्स और कोहली ने पहले सम्भलकर खेला ,लेकिन कुछ देर बाद दोनों ने अपने बल्ले का मुहं खोल दिया. और अंत तक मैदान पर डटे रहे दोनों के बीच दुसरे विकेट के लिए 10. 5 ओवर में 115 रनों की साझेदारी हुई जिसकी बदौलत बैंगलौर ने ये मैच 8 गेंद रहते ही 9 विकेट से जीत लिया. बैंगलौर के कप्तान विराट कोहली ने आज भी धमाकेदार पारी खेली और 51 गेंदों में 5 चौके और 3 छक्कों की मदद से 75 रन बनाये, तो उनके साथी डिविलियर्स ने मात्र 31 गेंदों में 5 चौके और 3 छक्कों की मदद से 59 रन ठोक डाले.
कोलकाता की तरफ से सुनील नरेन सबसे सफल गेंदबाज रहे उन्होंने 4 ओवर में 34 रन देकर 1 विकेट लिया.
इन सबके बीच इस मैच के हारने में कप्तान गौतम गंभीर के साथ युसूफ पठान ने अहम भूमिका निभाया, पहले युसूफ ने काफी धीमी पारी खेली और 12 गेंदों में मात्र 6 रन ही बना सके यहाँ से कोलकाता को 20 से 25 रनों का नुकसान हुआ, तो बाद में कप्तान गौतम गंभीर ने विराट कोहली का कैच छोड़कर दूसरी गलती कर डाली, जब कोहली 34 के निजी स्कोर पर बल्लेबाजी कर रहे थे, तो गंभीर ने शाकिब की गेंद पर कोहली का कैच छोड़ा उसके बाद कोहली ने मात्र 22 गेंदों में 41 रनों की तुफानी पारी खेल डाली, जबकि अगर गंभीर यह कैच लपक लेते तो आने वाले बल्लेबाज पर दबाव बढ़ता और वो इतनी तेजी से रन नहीं बना सकता था, वहीं डिविलियर्स भी दबाव में आकर इतनी बड़ी पारी खेलने से डरते इसके लिए वो और कुछ गेंद लेते जिसकी बदौलत कोलकाता यह मैच जीत सकती थी या अंत तक खींच सकती थी.
संछिप्त स्कोरबोर्डः
कोलकाताः 183/5, 20 ओवर में (गौतम गंभीर 51, मनीष पाण्डेय 50, अरविन्द 4-41-2, अब्दुल्लाह 4-22-1)
बैंगलौरः186/1, 18. 4 ओवर में (विराट कोहली 75*, डिविलियर्स 59*, नरेन 4-32-1)
परिणामः बैंगलौर 9 विकेट से विजयी.
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मिस इंडिया रह चुकी बॉलीवुड अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने अपनी डेब्यू फिल्म 'आशिक बनाया आपने' में जबरदस्त बोल्ड सीन देकर लोगों का दिल जीत लिया था। हाल ही में उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं जिन्हें लेकर वह पिछले काफी दिनों से सुर्खियों में बनी हुई हैं। उन्होंने #metoo कैम्पेन के तहत कई दिग्गज सेलेब्रिटीज पर यौन शोषण का आरोप लगाया है, जिसने फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर इस टॉपिक पर बहस छेड़ दी है।
तनुश्री की ये तस्वीर साल 2004 की है जब उन्होंने मिस इंडिया यूनिवर्स का खिताब अपने नाम किया था। इसके बाद उन्होंने मिस यूनिवर्स 2004 में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें वह टॉप 10 में जगह बना पाई थीं।
इसके बाद साल 2005 में तनुश्री ने फिल्म 'आशिक बनाया आपने' से डेब्यू किया था। पहली फिल्म में ही उनकी बोल्डनेस और खूबसूरती का हर कोई कायल हो गया था, लेकिन आज वह इतना बदल गई हैं कि अगर आप उनकी लेटेस्ट तस्वीरों को ध्यान से देखेंगे तो शायद आप उन्हें पहचान भी नहीं पाएंगे।
तनुश्री के पहले के और अब के लुक में जमीन आसमान का फर्क है। इस बात का अंदाजा आप खुद उनकी इन लेटेस्ट तस्वीरों को देखकर लगा सकते हैं। पहले के मुकाबले वह काफी बदल गई हैं और उनका वजन भी काफी बढ़ गया है।
हॉट तनुश्री अब पूरे कपड़ों में नजर आने लगी हैं। उनके चेहरे पर भी काफी फैट जमा हो गया है जिस वजह से उनको पहचान पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा है। शुरुआत में जब तनुश्री का यह लुक सामने आया तो उनके फैंस के लिए ये काफी हैरान करने वाला था।
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वाराणसीः वराणसी की ज्ञानवापी में पूजा के अधिकार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 21 जुलाई को सुनवाई होनी है, ये याचिका माँ श्रृंगार गौरी मामले में याचिकाकर्ता महिलाओं ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी कि ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमिटी की याचिका पर 21 जुलाई को सुनवाई होनी है। ऐसे में मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले को जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस सूर्यकांत और पीएस नरसिम्हन की बेंच में सुनवाई के लिए लिस्ट कर दिया है।
ज्ञानवापी को लेकर इस वक्त वाराणसी के जिला जज भी सुनवाई कर रहे हैं, वही दूसरी तरफ हिंदू पक्ष पूजा करने के संवैधानिक अधिकार के तहत सावन के महीने में ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की पूजा की मांग कर रहा है।
इस याचिका मुख्य रूप से तीन मांग उठाई गई हैं। जिसका मकसद श्रावण मास में भगवान शिव के भक्तों की आस्था को ध्यान में रखते हुए शिवलिंग दर्शन की इच्छा को पूरा किया जा सके।
1. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को ज्ञानवापी परिसर में मिले शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने का आदेश दिया जाए ये आदेश प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत दिया जाए. याचिका में दलील दी गई है कि कार्बन डेटिंग से पता चलेगा कि शिवलिंग कितना प्राचीन है।
2. इसके साथ ही याचिका में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को शिवलिंग मिलने वाले स्थान का उचित सर्वेक्षण का आदेश देने या फिर जीपीआर यानी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सिस्टम के जरिए भूमिगत परिस्थिति का पता लगाने का आदेश देने की मांग की गई हैं। ये भी कहा गया है कि अगर उस जगह के नीचे किसी तरह के निर्माण का पता लगाने के लिए खुदाई की जरूरत हो तो वो भी करवाई जाए।
3. याचिका में तीसरी मांग है कि शिवभक्तों की आसानी के लिए 16 मई के कोर्ट कमिश्नर सर्वे में सामने आए शिवलिंगम के दर्शन के लिए लाइन स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की जाए और इसका सजीव प्रसारण काशी विश्वनाथ ट्रस्ट की वेबसाइट पर किया जाए। इससे भक्त शिवलिंग से 83 फीट की दूरी पर मौजूद नंदी के पास खड़े होकर वर्चुअल दर्शन कर सकें।
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हक्सलेन इन तत्वोंको निर्जीव बतलाया है, परन्तु इनका निर्जीव होना स्वीकार करते हुए भी लिखा है कि इन चार तत्वोंमें से जब कार्वन और आक्सिजन विशेषमात्रामें और विशेष अवस्था में मिलते हैं, तो कार्बोनिक एसिड उत्पन्न करते हैं। आक्सिजन और हाइड्रोजनसे जल बनता है, और नाइट्रोजन और कुछ अन्य मूलभूत (जो अबतक अज्ञात हैं) जब मिलते हैं तो "नाइ - ट्रोजनस साल्ट " पैदा करते हैं । हक्सले को स्वीकार हैं कि कि यह तीनों मिश्रित वस्तुऐं भी निर्जीव हैं, परन्तु वह कहता है कि जब यही तीनों मिश्रित वस्तुयें किसी विशेष रीतिसे (यह रीति भी अज्ञात है ) मिलते हैं, तो अपनेसे भी अधिक दुर्बोध वस्तु कललरसको उत्पन्न करदेते हैं, और इसी रससे जीवन के दृश्य प्रकट होते हैं ।
हक्सलेका यह बाद कितना अधूरा है, यह इससे ही प्रकट है कि वह यह नहीं जानता कि नाइट्रोजनस साल्ट के निर्माण के लिये नाइट्रोजन के साथ दूसरा मूलभूत कौनसा मिलता है, वह यह भी नहीं जानता कि वह "विशेष रीति क्या है जिससे यह तीनों मिश्रित वस्तुयें मिलती हैं"। यह तो प्रश्न ही अभी पृथक् है कि कललरसमें चेतना है या नहीं। हैकलने स्वीकार किया है कि कललरस भी निर्जीव ही है, परन्तु यहां तो हक्सले तथा अन्य वैज्ञानिकोंको जिनमें हैकल भी सम्मिलित है, यह भी ज्ञात नहीं कि कललरस किस प्रकार बनता है, और वह उसके बनाने में अब तक सर्वथा असमर्थ हैं। हक्सले को अपने इस बादकी
निर्बलता स्वयं भी ज्ञात होगई थी, ऐसा प्रतीत होता है, इसी लिये उसने अपने एक दूसरे पुस्तककी भूमिका में जो उपर्युक्त व्याख्यानके बाद उसने लिखी थी, और जो पशुओंके वर्गीकरण से संबंधित थी, लिखा है कि "जीब शरीरकी रचना की हेतु है, परिणाम नहीं" । उसके शब्द यह हैं " Life is the cause and not the consequence of organisation " उसने इस वादका " उत्तमतया स्थापित बाद कहकर लिखा है और इसी सम्बन्ध में जान इंटरका भी उल्लख करते हुये लिखा है कि उन्होंने इसका बहुधा समर्थन किया है। ऐसी दशामें जब हक्सले को अन्तमे यह स्वीकार करलेना पड़ा कि जीव शरीरसे स्वतन्त्र कोई वस्तु है, और यह कि वह शरीरके संगठनका परिणाम नहीं, किन्तु शरीरके संघटनका कारण है, तब जीवन का प्राकृतिक आधार कहां रहा ? इस प्रकारकी सम्मति देने के बाद हक्सलेको जडाद्वैतवादी नहीं कह सकते।
हक्सलेकी अपेक्षा हैकलने जीवन के प्राकृतिक आधार की कल्पनाको अधिक श्रृंखलावद्ध रूपमे प्रकट किया है, परन्तु चेतनाका कार्य जड प्रकृतिसे किस प्रकार चल सकता था, इसलिये जडप्रकृति से चेतनाकी उत्पत्ति सिद्ध करने
के लिये उसे अनेक - कमसेकम सन्चरह ( १७) - |
ईसाई धर्म में तो प्रभु ईसा ने पग पग पर प्रार्थना के द्वारा ही शक्ति प्राप्त करने का मार्ग बतलाया है। हम किसी कार्य के प्रारम्भ में ईश्वर की प्रार्थना के द्वारा उसकी पूर्ति के लिए शक्ति मांगे, कार्य के अंत में उसका धन्यवाद दें । अपने में त्रुटि का अनुभव करते हुये भी प्रार्थना द्वारा भगवान् से शक्ति पाकर जीवन सफल करें - स्वार्थ के लिये नहीं वरन त्रुटि में शक्ति संचय और भगवान की ही इच्छा पूर्ति के लिए ।
भगवान् ही हमारा सब कुछ है और हम प्रार्थना द्वारा उसकी कृपा प्राप्त करें । महाभारत के भार से भ्रम में पड़ा हुआ अर्जुन भगवान् की प्रार्थना करता है ।
त्वमेव माताश्च पिता त्वमेव । त्वमेव बंधुश्च सखा त्वमेव ।। त्वमेव विद्या च द्रविणं त्वमेव । त्वमेव सर्वम् मम देव देव ।।
*:६- सदाचार
हमने जननी जन्मभूमि, गुरु, समाज और ईश्वर के प्रति अपने कर्तव्य देखे । इन कर्तव्यों का ठीक २ पालने ही जीवन का उद्देश्य है । उद्देश्य एक कार्य है और कर्तव्यों का पालन कारण है। जिस प्रकार मिट्टी के बने हुये घड़े के कण २ में मिट्टी का अंश रहता है, इसी प्रकार कार्य में कारणों का भी समावेश होता है। कार्य कारण से परे कोई वस्तु भिन्न नहीं है वरन कारण का ही एक अभिन्न रूप है । कार्य परिणाम है और कारण साधन है। यदि साधन ठीक हैं तो परिणाम की चिंता निरर्थक है। यदि हमारे कर्तव्य ठीक है तो उद्देश्य के ठीक होने में कोई आशंका नहीं ।
साधनों का उत्तम होना परिणाम की उत्तमता का द्योतक है, परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि इसका उल्टा भी ठीक हो । अतएव ऐसा विचार हमें भ्रम में डालने वाला है कि हम परिणाम ठीक करले चाहे उसके साधन कैसे भी हों । एक विद्यार्थी ने किसो वर्ष नकुल करके परीक्षा में सफलता माप्त करली । साधन अच्छा नहीं था परन्तु परिणाम अच्छा हुआ । उसने समझा परिणाम ही मुख्य है चाहे साधन जैसा भी हो । यह उसका भ्रम था। दूसरे वर्ष वही विद्यार्थी नकल करते हुये पकड़ा गया और दो वर्ष के लिए परीक्षा से
उसने समझा कि बुरे साधनों का परिणाम कभी अच्छा हो ही नहीं सकता । कर्तव्य पथ से विचलित होने पर हमारी जीवन यात्रा ऐसे स्थान पर रुकेगी जहाँ निराशा और दुःख के अतिरिक्त कुछ नहीं ।
बालपन में कुछ कारण आ जाते हैं जो हमें कर्तव्य से कर देते हैं। कभी-कभी तो हमें ऐसे लोगों का संग मिल जाता है जो हमारी सुटुत्तियों को बदल देता है और हम सतमार्ग छोड़ कर कुमार्ग पर चलने लगते हैं। मित्रों के चुनने में बड़ी ही सावधानी करनी चाहिए। पाठशालाओं में बहुत अंश तक चरित्र भ्रष्टता कुलङ्ग का ही परिणाम होता है। कुसङ्ग से बढ़ कर कोई दुःख नहीं और सतसङ्ग से बढ़ कर कोई सुख नहीं । तुलसी दास जी लिखते हैं । बरु भल वास नरक कर ताता। दुष्ट सङ्ग जनि देय विधाता ॥ "सात स्वर्ग अपवर्ग सुख धरिय तुला इक सङ्ग । तुलै न ताहि सकल मिलि जो सुख लव सतसङ्ग॥" सङ्ग के अतिरिक्त अनेक कारण हैं जो हमें कर्तव्य पथ से अलग करना चाहते हैं । इन कारणों से बचने के लिए इम में बल होना चाहिए और इस बल के लिए हमें प्रतिदिन भगवान् पर विश्वास रखते हुए उससे मार्थना करनी चाहिए । पग-पग पर हमारे लिए संसार की चकाचौंध एक परीक्षा है और हमें उस परीक्षा में उतीर्ण होना है। ईसा ने भगवान् से प्रार्थना की है " हे मभ के परीक्षा |
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भोजपुरी एक्ट्रेस त्रिशाकर मधु के बाद सिंगर शिल्पी राज का इंटीमेट वीडियो लीक हुआ है। शिल्पी राज का यह वीडियो सनसनी फैला रहा है। जहां पर शिल्पी राज एक पुरुष के साथ निजी समय बिता रही हैं। आपको बता दें कि भोजपुरी इंडस्ट्री में कलाकारों के साथ सिंगर भी काफी लोकप्रिय होते हैं।
ऐसे में शिल्पी राज का नाम भी चर्चित गायिकाओं में से एक है। शिल्पी ने खेसारी लाल यादव से लेकर पवन सिंह जैसे बड़े स्टार्स के साथ गाना गाया है। शिल्पी राज का यह वीडियो सामने आने से भोजपुरी इंडस्ट्री हैरान है। सोशल मीडिया से लेकर यूट्यूब तक शिल्पी राज का यह प्राइवेट वीडियो लगातार भोजपुरी दर्शकों के बीच सर्च किया जा रहा है। शिल्पी राज अश्लील वीडियो नाम से इसे खोजा जा रहा है।
बता दें कि इस वीडियो में शिल्पी राज अपने एक मित्र के साथ है। वहीं कई रिपोर्ट में यह बोला जा रहा है कि केवल शिल्पी और उनके मित्र के अलावा कोई तीसरा व्यक्ति भी कमरे हैं ।
जिसने इस पूरे वीडियो को कैमरे में कैद करने का काम कमरे में खड़े होकर किया है। बताया जा रहा है कि वीडियो में जो शख्स मौजूद है वो शिल्पी का बॉयफ्रेंड हैं। काफी लंबे समय से दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे हैं।
गौरतलब है कि पिछली बार त्रिशाकरमधु का वीडियो लीक होने पर उन्होंने बाद में आकर इस पर सफाई देते हुए कहा था वह वीडियो के लीक होने से बेहद दुखी हैं। शिल्पी राज की तरफ से अभी तक उनके इस वीडियो को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान या जानकारी सामने नहीं आयी है। ज्ञात हो कि फिल्मीबीट हिंदी ऐसे किसी भी वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
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रांची। भारतीय सीमित ओवरों के कप्तान महेंद्रसिंह धोनी क्रिकेट कोचिंग की तरफ पहला कदम बढ़ा रहे हैं। उन्हें चेन्नई से 5 अगस्त से होने वाले ऑल इंडिया बुची बाबू क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए झारखंड टीम का मेंटर नियुक्त किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार धोनी पहली बार इस तरह का दायित्व संभालने जा रहे हैं। धोनी की पहचान क्रिकेट जगत में प्रेरणादायी शख्स के रूप में होती है और यह देखना दिलचस्प होगा कि वे इस कार्य को किस तरह करते हैं।
टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह चुके धोनी इस दिनों क्रिकेट से ब्रेक पर है, क्योंकि टीम इंडिया इस वक्त वेस्टइंडीज में टेस्ट सीरीज में व्यस्त है। वैसे धोनी के इस महीने के अंत में अमेरिका में वेस्टइंडीज के खिलाफ होने वाले दो ट्वेंटी-20 मैचों के लिए टीम इंडिया से जुड़ने की उम्मीद है। यह मुकाबले 27 व 28 अगस्त को फ्लोरिडा में खेले जाएंगे।
तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन से मिली जानकारी के अनुसार धोनी के 10 अगस्त को चेन्नई पहुंचने की संभावना है। वे झारखंड टीम के मेंटर की भूमिका में नजर आएंगे।
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Mahindra Scorpio भारत में सबसे प्रसिद्ध एसयूवी में से एक है। यह अपने बीहड़पन, बुच दिखता है, उच्च जमीनी निकासी और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। Mahindra Scorpio मुख्य रूप से एक रियर-व्हील ड्राइव एसयूवी है जबकि निर्माता भी 4×4 ड्राइवट्रेन की पेशकश करते थे जो अब बंद हो गया है। जबकि स्कॉर्पियो एक बहुत अच्छा और सक्षम ऑफ-रोडर है, कभी-कभी हर एसयूवी फंस जाती है। यहां एक Mahindra Scorpio का वीडियो रेत में फंसता हुआ दिखाई दे रहा है और एक Force Gurkha बचाव के लिए आता है। वीडियो को SHRI Vlogs ने अपने YouTube चैनल पर अपलोड किया है।
वीडियो में, हम देख सकते हैं कि Scorpio चालक ने रिवर्स गियर लगा दिया है और टो रस्सी को Scorpio और Force Gurkha के पीछे के छोर से बांध दिया गया है। Gurkha का ड्राइवर पहले कोमल के पास जाने की कोशिश करता है और स्कॉर्पियो को खींचने की कोशिश करता है, लेकिन एसयूवी चलती नहीं है। फिर Gurkha का ड्राइवर पलट जाता है और स्कॉर्पियो को एक झटके से खींचने की कोशिश करता है और इस बार एसयूवी चलती है लेकिन फिर से अटक जाती है। तीसरी बार, Gurkha Scorpio के करीब आता है, ताकि यह अधिक गति प्राप्त कर सके और स्कॉर्पियो चालक रिवर्स गियर भी संलग्न करता है। एक बार जब स्कॉर्पियो चलना शुरू होता है, Gurkha चालक नहीं रुकता है और स्कॉर्पियो को तब तक खींचता रहता है जब तक कि रेत थोड़ी सख्त नहीं हो जाती।
Gurkha 2.6-लीटर, चार-सिलेंडर डीजल इंजन के साथ आता है जो अधिकतम 85 बीएचपी का पावर और 230 एनएम का पीक टॉर्क आउटपुट देता है। यह केवल 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के साथ 4×4 सिस्टम और कम-अनुपात हस्तांतरण मामले के साथ पेश किया गया था। वर्तमान में, Gurkha को आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया है क्योंकि BS6 डीजल इंजन के साथ एक फेसलिफ्ट आ रही है। Gurkha के 2.2-लीटर डीजल इंजन के साथ आने की भी उम्मीद है जो 140 पीएस अधिकतम शक्ति और 321 एनएम का पीक टॉर्क आउटपुट देगा। इंजन को 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के लिए रखा गया है।
दूसरी ओर, Scorpio अपने 2.2-लीटर डीजल इंजन के साथ अधिक शक्तिशाली है जो 120 पीएस या 140 पीएस अधिकतम शक्ति और 320 एनएम के 280 एनएम के पीक टॉर्क आउटपुट का उत्पादन करता है। इंजन 5-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स के लिए आता है। Scorpio 11.99 लाख रुपये एक्स-शोरूम से शुरू होता है 16.52 लाख रुपये एक्स-शोरूम तक जाता है । Scorpio हाल ही में लॉन्च हुए S3 + वैरिएंट के जुड़ने के कारण 69,000 रुपये से अधिक सस्ती हो गई। इससे पहले स्कॉर्पियो का बेस वेरिएंट S5 था और यह 12.67 लाख रुपये एक्स-शोरूम से शुरू हुआ था। आप S3 + वैरिएंट के बारे में और अधिक पढ़ सकते हैं और यहां क्लिक करके यह सब क्या प्रदान करता है या याद करता है। Mahindra Scorpio की एक नई पीढ़ी पर भी काम कर रहा है, जिसे 2021 की दूसरी छमाही में लॉन्च किया जाएगा। नई Scorpio मौजूदा एक से अधिक आयामों में बड़ी होगी और यह भी एक रेवेरेड लैडर फ्रेम चेसिस पर आधारित होगी। Mahindra Scorpio को 2.0-लीटर पेट्रोल इंजन या 2.2-लीटर डीजल इंजन के साथ पेश करेगी। दोनों इंजनों को 6-स्पीड मैनुअल गियरबॉक्स या 6-स्पीड टॉर्क कन्वर्टर ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ पेश किया जाएगा।
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महिला सशक्तिकरण का नारा देने वाले राजनीतिक दल महिला जनप्रतिनिधियों को मंत्री मंडल में तवज्जो नहीं देते हैं। यह स्थिति तब है जब देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। एडीआर रिपोर्ट में राज खुले हैं।
महिला सशक्तिकरण का नारा देने वाले राजनीतिक दल महिला जनप्रतिनिधियों को मंत्री मंडल में तवज्जो नहीं देते हैं। यह स्थिति तब है जब देश में लगभग आधी आबादी महिलाओं की है। एडीआर के मुताबिक 28 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्री मंडल में महिलाओं की भागीदारी नौ फीसदी ही है।
दिल्ली, हिमाचल सहित नौ विधानसभाओं में तो महिला मंत्रियों की भागीदारी शून्य है। उत्तराखंड में भी नौ में से केवल एक महिला को मंत्री की कुर्सी मिली है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने वर्तमान मंत्री परिषद के शपथपत्रों के आधार पर बीते दिनों एक रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के मुताबिक 28 राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों के 558 मंत्रियों का विश्लेषण किया गया। इसमें महिला मंत्रियों की संख्या महज 51 है। जबकि पुरुष मंत्रियों की संख्या महिला मंत्रियों की अपेक्षा नौ गुना अधिक यानि 507 है। पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक आठ महिलाएं मंत्री हैं। ओडीशा और उत्तर प्रदेश में पांच-पांच महिलाएं मंत्री पद पर विराजमान हैं।
देश की नौ विधानसभाओं में महिला मंत्रियों की भागीदारी शून्य है। इनमें दिल्ली, अरूणाचल, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, गोवा, हिमाचल महाराष्ट्र और सिक्किम शामिल है। इसके अलावा नौ प्रदेशों में एक-एक ही महिला मंत्री है।
28 प्रदेश और दो केंद्र शासित प्रदेशों के वर्तमान मंत्री परिषद के नौ फीसदी ही मंत्री महिलाएं हैं। पश्चिम बंगाल में सर्वाधिक आठ महिला मंत्री हैं। उत्तराखंड में मंत्री पद पर एक महिला विराजमान है।
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नई दिल्ली - देश में पेट्रोल-डीजल के दाम शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन घटते हुए दो सप्ताह के निचले स्तर पर आ गए। सबसे बड़ी घरेलू तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत शुक्रवार को नौ पैसे कम होकर 71. 86 रुपए प्रति लीटर रह गई। डीजल के दाम भी छह पैसे घटकर 65. 14 रुपए प्रति लीटर पर आ गए। यह दोनों जीवाश्म ईंधनों का 23 अगस्त के बाद का निचला स्तर है। पेट्रोल की कीमत कोलकाता और मुंबई में आठ-आठ पैसे की गिरावट के साथ क्रमशः 74. 58 रुपए और 77. 54 रुपए प्रति लीटर रह गई।
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लखनऊ। यूपी विधान सभा चुनाव से पहले आयकर विभाग की टीमें बेहद सक्रिय हो गयी हैं। आज टीमों ने एसीई ग्रुप के प्रमोटर अजय चौधरी के चार ठिकानों और आगरा के तीन कारोबारियों के यहां छापेमारी की। टीमें कारोबारियों के ठिकानों को खंगाल रही हंै। आयकर टीम की कार्रवाई से कारोबारियों में हडक़ंप मच गया है।
आयकर विभाग की टीम ने आज एसीई ग्रुप की कंपनियों और उसके प्रमोटर अजय चौधरी के दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और आगरा स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। अजय चौधरी को सपा प्रमुख अखिलेश यादव का करीबी बताया जा रहा है। कानपुर और कन्नौज के बाद आयकर विभाग ने आगरा में भी ताबड़तोड़ छापेमारी की। आगरा के भरतपुर हाउस कॉलोनी में शू एक्सपोटर्स विजय आहूजा के घर और मानसी चंद्रा की जूता फैक्ट्री पर छापा पड़ा है। आगरा के भरतपुर हाउस कॉलोनी में शू एक्सपोट्र्स विजय आहूजा के घर में इनकम टैक्स टीम के करीब आठ से 10 अधिकारी मौजूद हैं। वहीं मानसी चंद्रा के जूता फैक्ट्री पर भी आयकर विभाग की टीम के साथ बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी भी मौजूद हैं।
वहीं कारोबारी मन्नू अलघ के यहां भी टीम पहुंची है। टीम ने आज सुबह चंद्रा कंपोनेंट, आहूजा इंटरनेशनल, नोवा शूज पर कार्रवाई शुरू की है। जैसे ही इन काराबोरियों के यहां आयकर विभाग की टीमें पहुंचीं, इलाके में हडक़ंप मच गया। फिलहाल, आयकर विभाग की टीम की ओर से अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। टीम ने बैंक खातों को सील कर दिया है। वहीं सूत्रों के मुताबिक एसीई ग्रुप के चीफ अजय चौधरी बहुत दिनों से आयकर विभाग के राडार पर थे।
पीयूष जैन के यहां पड़ी छापेमारी के दौरान करोड़ों रुपये और सोने की बरामदगी को लेकर सपा ने भाजपा पर निशाना साधा था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूछा था कि सरकार बताए कि नोटबंदी के बाद भी एक व्यक्ति के यहां इतना पैसा कहां से आया।
इससे पहले जीएसटी टीम ने कन्नौज के इत्र कारोबारी पीयूष जैन और आयकर टीम ने पुष्पराज जैन उर्फ पंपी जैन के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी। पुष्पराज जैन समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं। अभी तक पुष्पराज जैन के घर से बरामदगी को लेकर कोई सूचना नहीं आई है। वहीं बीते 6 दिनों से जारी रेड में पीयूष जैन के घर से जीएसटी टीम को 197 करोड़ रुपये कैश बरामद हुए थे, वहीं 23 किलो सोना मिला था। पीयूष जैन पर कर चोरी का आरोप है और अब उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
लखनऊ। विधान सभा चुनाव से पहले सपा का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में विश्वास करते हुए भाजपा और बसपा समेत विभिन्न दलों के नेता और विधायक लगातार पार्टी में शामिल हो रहे हैं। आज देश बचाओ पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष जितेंद्र पंवार और भाजपा नेता जय प्रकाश पांडेय ने सपा का दामन थामा।
सपा के आधिकारिक ट्वीटर के मुताबिक आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में आस्था जताते हुए देश बचाओ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जितेंद्र पंवार और भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता जय प्रकाश पांडेय अपने साथियों के साथ सपा में हुए शामिल हुए। इसके पहले सोमवार को भाजपा की विधायक माधुरी वर्मा और बसपा के पूर्व सांसद राकेश पांडेय सहित विभिन्न दलों के नेता समर्थकों समेत सपा में शामिल हुए थे।
नई दिल्ली। दिल्ली में कोरोना संक्रमण डराने लगा हैं। आज आम आदमी पार्टी के मुखिया एवं दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और भाजपा सांसद मनोज तिवारी कोरोना संक्रमित हो गए है। वहीं बढ़ते संक्रमण को देखते हुए दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू लागू हो गया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, मैं कोरोना संक्रमित हो गया हूं। संक्रमण के हल्के लक्षण हैं। जिसे देखते हुए घर में खुद को आइसोलेट कर लिया है। जो लोग पिछले कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं, वे खुद को आइसोलेट करें और जांच करवाएं। केजरीवाल ने पार्टी के प्रचार के लिए गोवा और पंजाब जैसे चुनावी राज्यों में कई दौरे किए हैं।
वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं। उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। संक्रमण को देखते हुए उपराज्यपाल अनिल बैजल ने डीडीएमए की बैठक बुलाई थी। बैठक में संक्रमण को देखते हुए कई पाबंदियों पर चर्चा की गई। इसके तहत अब सरकारी कार्यालयों में अनिवार्य सेवाओं को छोडक़र वर्क फ्रॉम होम लागू होगा। केवल अनिवार्य सेवाओं के कार्यालय खुले रहेंगे। दिल्ली में प्राइवेट कार्यालयों में 50 प्रतिशत स्टाफ को काम करने की इजाजत होगी। राज्य में शनिवार और रविवार को वीकेंड कर्फ्यू लागू रहेगा। शादी समारोह में बीस लोग शामिल हो सकेंगे।
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आजकल के खानपान ने कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दिया है। जिसके रहते हर किसी को तरह-तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है। लोग हर दूसरे दिन यहां दर्द वहां दर्द जैसी समस्याओं से परेशान रहते हैं। कई बार यह बीमारियां इतनी बढ़ जाती है कि आपको बता ही नहीं चलता है। लेकिन हमारी प्रकृति में ऐसे कई फल और सब्जियां मौजूद है जिनके सेवन से आपको फायदा जरूर मिलेगा।
इसमें शरीर को पोषण प्रदान करने वाले सभी पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिनके सेवन से आपको कभी भी किसी परेशानी का सामना करने की आवश्यता नहीं पड़ती है। लेकिन यह हृदय रोग, स्ट्रो क और रक्ता वाहिनियों को प्रभावित करने वाले अन्ये रोगों को बढ़ावा देता है।
ब्लूबेरी में ऐसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जिसके सेवन के बाद आपको अपने अंदर कई तरह के बदलाव नजर आने लगेंगे। इतना ही ब्लूोबेरी में पॉलीफिनोल्स-एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह हृदय कोशिकाओं को मजबूत बनाते हैं। साथ ही रक्तचाप को कम करने में मदद करता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह बहुत ही आवश्यक होता है।
एक सर्व में यह बात सामने आई है कि अगर ब्लूमबेरी का इस्तेमाल कच्चा ही किया जाए तो यह हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। यहीं उसे अगर पकाकर खाया जाए तो उसको पौष्टिकता कम हो जाती है।
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रास विहार
सुकजी राजासों कहै, इत हूजो खवरदार । मैं रासलीला कहत हों, जो रहस नित्त विचार ॥७ जिन संदेह इत ल्यावही, मैं बरजों राजा तोए । ज्यों कर अभक बालक, दरपन रमता होए ।।८ त्यों सैयां सरूप राजका, इहां दूजा नाहीं कोए । रमत हैं, रहस क्रीडा अति हो ॥६
प्रमदा कुल ब्रजवधू, इंद्री भोग विहार । - केस दुकूल वस्तर, कुच हस्त ग्रहे आकार ॥१० रस सरूप ऐसी भई, खबर ना रही सुखकार । भूषन वस्तर खिस गए, करते अत विहार ॥११ क्रीडा करी जो सामने, सत सइयों को दियो मान । दिवौकस देवता कहे, रहे विसमित आसमान ।।१२ ससांक जो कह्यो चंद्रमा, पीडित भयो देख काम । गए नखत्र चकित भया, थिर हो रह्यो इस ठाम ॥१३ किए सरूप जो अपने, जेती सखी आतम नाम । रमे तिन गोपिनसों, लीला सुख सब काम ॥१४ विहरत है सब बन अंग ।
सोई बाहेर रमत है, अपनेई सरूपके संग ॥१५ अति बिहार कियो या समे, तासां वदन भए खांत । पोंछत मुख करुना कर, रमे ठौर ठौर एकांत ॥१६ अनंग काम मनोरथ, सबके पूरन भए साथ । अंग अंग मिलायके कई भांत रमे ले बाथ ॥ |
Subsets and Splits