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एक लांबी लडत बाद सरकार वधारानो करवेरो पाछो खेंचवा तैयार थई. इतिहासकारोनुं मानवुं छे के आ लडतमां वल्लभभाईनी मुख्य भुमिका जुदी जूदी जात-पातना लोकोने के जेओ भिन्न सामाजीक अने आर्थिक पार्श्वभूमिथी संकळायेला, तेमने साथे लावी तेमनी वच्चे सुमेळ तथा विश्वास बेसाडवानी रही. एप्रिल १९२७मां अमदावाद सुधराईनी तेमनी जवादारीओमांथी बहार नीकळी वल्लभभाई आझादीनी चळवळमां पाछा जोडाया ज्यारे बारडोलीमां कपरो दुष्काळ पड्यो हतो अने भारे कर वधारो करवामां आव्यो हतो. मोटाभागनुं गुजरात दुष्काळनी झपेटमां आव्यु होवा छतां आ कर वधारो खेडा जील्लमां करेला पहेला वधारा करता पण वधु हतो. गामवासीओना प्रतिनिधिओनी साथेनी वातचीत दरम्यान तेमने आगामी मुश्केलीओनी पुरती चेतवणी आप्या बाद तथा अहिंसा अने एकतानी उपर पुरतो भार मुक्या पछी तेमणे सत्याग्रहनी धोषणा करी – कर अदायगीनो पुर्ण बहीष्कार. वल्लभभाईए संबंधित विस्तारोमां स्वयंसेवको, शिबिरो तथा माहितीनी आप-लेनी गोठवण करी. खेडा जिल्लामां थयेला कर बहिष्कार सत्याग्रह करता पण आ वखते वधु प्रतिसाद मळ्यो अने राज्यभरमां सहानुभुतिक टेको आपता अन्य सत्याग्रहो आयोजाया. धरपकडो तथा जमीन-मिल्कतनी जप्तीओ थई होवा छतां सत्याग्रहे जोर पकड्युं. ओगस्ट महीना सुधीमां स्थिति तेनी चरम सिमाए पहोंची गई हती अने त्यारे मुंबई सरकारमां फरज बजावता एक सहानुभुतिक पारसीनी मध्यस्थताथी वल्लभभाई समजुती माटे राजी थयां के जेना थकी कर वधारो पाछो खेंचायो, सत्याग्रहनी तरफेणमां जे सरकारी अधिकरीओए राजीनामा आप्या हता तेमनी फरी निमणुक थई तथा जप्त करेली जमीन-मिल्कत परत कराई. आ बारडोली सत्याग्रह दरम्यान तथा तेमां विजय मेळव्या बाद वल्लभभाई वधु ने वधु लोकोथी ‘सरदार’ना नामे संबोधावा लाग्या. सरदार पटेले भारतना भागला समये कह्युं हतुं के, "कायरता ए आपणी नबळाइ छे, दुश्मन सामे छप्पननी छाती राखो. " आपणे सहु जाणीए छीए के काश्मीर मुद्दे सरदार अने नहेरू वच्चे मतभेदो हता. देशना भागला समये ज्यारे ब्रिटिश सरकारे सत्ता छोडी त्यारे लोर्ड माउन्टबेटने काश्मीरना महाराजाने हिंदी संघ अथवा पाकिस्तानमांथी एकमां भळी जवानी सलाह आपी हती राजा हरिसिंहजीए तेमनी अवगणना करी हती. महाराजाए पाकिस्तान साथे अमुक करारो कर्या परंतु विधिवत जोडाण न कर्युं जेथी पाकिस्तान गुस्से थयुं अने काश्मीर साथेनो तमाम व्यवहार अटकावी दीधो. आ समये जीवन-जरूरी पुरवठो मेळववा माटे काश्मिर भारत तरफ वळ्युं अने पाकिस्तानने लाग्युं के काश्मिर तेमनां हाथमांथी छुटीने भारत पासे सरकी जशे, अने आ भय हेठळ पाकिस्ताने काश्मीरनी सरहद उपर छमकलां करवानी शरूआत करी. २३ ओकटोबर १९४७ना रोज पाकिस्ताने मोटापाये हुमलो कर्यो अने तेनु सैन्य श्रीनगरथी आशरे ६५ कि. मी. दूर सुधी पहोंची गयुं. आ कटोकटीभरी स्थितिमां महाराजा हरिसिंहजीए सरदारनो संपर्क साध्यो. सरदारतो आवा कोइपण आमंत्रणनी राह ज जोइ रह्या हता. तेमणे ताबडतोब मेननने विमानमां जम्मु मोकल्या अने महाराजाए हिंदी संघ साथेना जोडाणखत उपर सही करी आपी अने लश्करी मददनी मांगणी करी. सरदार पटेलने आ समाचार मळतां ज तेमणे लोर्ड माउन्ट बेटन अने नहेरू साथे मसलत करी हवाइ मार्गे लश्कर काश्मीर मोकल्युं, पाकिस्तानी सैन्यए २६ ओक्टोबरने दिवसे श्रीनगरमां इद उजवीने पोतानो विजय जाहेर करवानुं फरमान करी दीधुं हतुं, परंतु ते सांजे ज भारतीय लश्करनां धाडा उतरी पड्यां. घमासाण युद्ध थता पाकिस्तानी सैन्यए पीछेहठ करवी पडी, परंतु काश्मीर प्रश्ने बंने देशनां गवर्नर जनरलो तथा बे वडाप्रधानो वच्चे कोई समजुती थइ शकी नहीं. बंने सरकारोए कोई पण निर्णय लेतां पहेलां सामेवाळा लश्करने पाछुं खेंचवानी मांगणी करी, परंतु बंनेनी हठना कारणे त्यां पण कोइ निर्णय थई शक्यो नही. लोर्ड माउन्टबेटने ब्रिटिश वडाप्रधानने 'अंगत मध्यस्थी' माटे प्रयास करवा विनंति करी परंतु तेमणे एम करवानी ना पाडी अने संयुक्त राष्ट्रसंघनां शरणे जवा सुचव्युं. | क्यारे पाकिस्ताने काश्मीर पर एक मोटुं आक्रमण शरू कर्युं हतुं? | 400 | {
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2165
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"२३ ओकटोबर १९४७"
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एक लांबी लडत बाद सरकार वधारानो करवेरो पाछो खेंचवा तैयार थई. इतिहासकारोनुं मानवुं छे के आ लडतमां वल्लभभाईनी मुख्य भुमिका जुदी जूदी जात-पातना लोकोने के जेओ भिन्न सामाजीक अने आर्थिक पार्श्वभूमिथी संकळायेला, तेमने साथे लावी तेमनी वच्चे सुमेळ तथा विश्वास बेसाडवानी रही. एप्रिल १९२७मां अमदावाद सुधराईनी तेमनी जवादारीओमांथी बहार नीकळी वल्लभभाई आझादीनी चळवळमां पाछा जोडाया ज्यारे बारडोलीमां कपरो दुष्काळ पड्यो हतो अने भारे कर वधारो करवामां आव्यो हतो. मोटाभागनुं गुजरात दुष्काळनी झपेटमां आव्यु होवा छतां आ कर वधारो खेडा जील्लमां करेला पहेला वधारा करता पण वधु हतो. गामवासीओना प्रतिनिधिओनी साथेनी वातचीत दरम्यान तेमने आगामी मुश्केलीओनी पुरती चेतवणी आप्या बाद तथा अहिंसा अने एकतानी उपर पुरतो भार मुक्या पछी तेमणे सत्याग्रहनी धोषणा करी – कर अदायगीनो पुर्ण बहीष्कार. वल्लभभाईए संबंधित विस्तारोमां स्वयंसेवको, शिबिरो तथा माहितीनी आप-लेनी गोठवण करी. खेडा जिल्लामां थयेला कर बहिष्कार सत्याग्रह करता पण आ वखते वधु प्रतिसाद मळ्यो अने राज्यभरमां सहानुभुतिक टेको आपता अन्य सत्याग्रहो आयोजाया. धरपकडो तथा जमीन-मिल्कतनी जप्तीओ थई होवा छतां सत्याग्रहे जोर पकड्युं. ओगस्ट महीना सुधीमां स्थिति तेनी चरम सिमाए पहोंची गई हती अने त्यारे मुंबई सरकारमां फरज बजावता एक सहानुभुतिक पारसीनी मध्यस्थताथी वल्लभभाई समजुती माटे राजी थयां के जेना थकी कर वधारो पाछो खेंचायो, सत्याग्रहनी तरफेणमां जे सरकारी अधिकरीओए राजीनामा आप्या हता तेमनी फरी निमणुक थई तथा जप्त करेली जमीन-मिल्कत परत कराई. आ बारडोली सत्याग्रह दरम्यान तथा तेमां विजय मेळव्या बाद वल्लभभाई वधु ने वधु लोकोथी ‘सरदार’ना नामे संबोधावा लाग्या. सरदार पटेले भारतना भागला समये कह्युं हतुं के, "कायरता ए आपणी नबळाइ छे, दुश्मन सामे छप्पननी छाती राखो. " आपणे सहु जाणीए छीए के काश्मीर मुद्दे सरदार अने नहेरू वच्चे मतभेदो हता. देशना भागला समये ज्यारे ब्रिटिश सरकारे सत्ता छोडी त्यारे लोर्ड माउन्टबेटने काश्मीरना महाराजाने हिंदी संघ अथवा पाकिस्तानमांथी एकमां भळी जवानी सलाह आपी हती राजा हरिसिंहजीए तेमनी अवगणना करी हती. महाराजाए पाकिस्तान साथे अमुक करारो कर्या परंतु विधिवत जोडाण न कर्युं जेथी पाकिस्तान गुस्से थयुं अने काश्मीर साथेनो तमाम व्यवहार अटकावी दीधो. आ समये जीवन-जरूरी पुरवठो मेळववा माटे काश्मिर भारत तरफ वळ्युं अने पाकिस्तानने लाग्युं के काश्मिर तेमनां हाथमांथी छुटीने भारत पासे सरकी जशे, अने आ भय हेठळ पाकिस्ताने काश्मीरनी सरहद उपर छमकलां करवानी शरूआत करी. २३ ओकटोबर १९४७ना रोज पाकिस्ताने मोटापाये हुमलो कर्यो अने तेनु सैन्य श्रीनगरथी आशरे ६५ कि. मी. दूर सुधी पहोंची गयुं. आ कटोकटीभरी स्थितिमां महाराजा हरिसिंहजीए सरदारनो संपर्क साध्यो. सरदारतो आवा कोइपण आमंत्रणनी राह ज जोइ रह्या हता. तेमणे ताबडतोब मेननने विमानमां जम्मु मोकल्या अने महाराजाए हिंदी संघ साथेना जोडाणखत उपर सही करी आपी अने लश्करी मददनी मांगणी करी. सरदार पटेलने आ समाचार मळतां ज तेमणे लोर्ड माउन्ट बेटन अने नहेरू साथे मसलत करी हवाइ मार्गे लश्कर काश्मीर मोकल्युं, पाकिस्तानी सैन्यए २६ ओक्टोबरने दिवसे श्रीनगरमां इद उजवीने पोतानो विजय जाहेर करवानुं फरमान करी दीधुं हतुं, परंतु ते सांजे ज भारतीय लश्करनां धाडा उतरी पड्यां. घमासाण युद्ध थता पाकिस्तानी सैन्यए पीछेहठ करवी पडी, परंतु काश्मीर प्रश्ने बंने देशनां गवर्नर जनरलो तथा बे वडाप्रधानो वच्चे कोई समजुती थइ शकी नहीं. बंने सरकारोए कोई पण निर्णय लेतां पहेलां सामेवाळा लश्करने पाछुं खेंचवानी मांगणी करी, परंतु बंनेनी हठना कारणे त्यां पण कोइ निर्णय थई शक्यो नही. लोर्ड माउन्टबेटने ब्रिटिश वडाप्रधानने 'अंगत मध्यस्थी' माटे प्रयास करवा विनंति करी परंतु तेमणे एम करवानी ना पाडी अने संयुक्त राष्ट्रसंघनां शरणे जवा सुचव्युं. | लोर्ड माउन्टबेटननी सलाह पर भारत सरकारे कोनी समक्ष काश्मीरनो मुद्दो उठाववानुं नक्की कर्युं? | 401 | {
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"संयुक्त राष्ट्रसंघनां"
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एक विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश तरीके जाणीतो, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (ध नेशनल केपिटल टेरिटरी ओफ दिल्ही) पोतानी विधानसभा, लेफटन्ट गवर्नर, मंत्रीओनी समिति तथा मुख्यमंत्री धरावे छे. एनसीटीना मतदार क्षेत्रोमां सीधी चूंटणी थकी विधानसभानी बेठको भरवामां आवे छे. छतां, नवी दिल्हीनो वहीवट भारतनी केन्द्र सरकार अने राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही(NCT)नी सरकार संयुकतपणे चलावे छे. दिल्हीमां आवेलुं नवी दिल्ही ए राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (NCT) अने भारत सरकार एम बंनेनुं मुख्य मथक छे. परिवहन अने तेना जेवी बीजी अन्य सेवाओ दिल्ही सरकार द्वारा चलाववामां आवे छे परंतु पोलीस जेवी सेवाओ केन्द्र सरकारना सीधा नियंत्रण हेठळ होय छे. 1956 पछी पहेलीवार 1993मां विधानसभा पुन:स्थापित करवामां आवी हती अने दिल्हीमां सीधुं समवायी शासन शरू करवामां आव्युं हतुं. | दिल्हीमां परिवहन अने अन्य समान सेवाओ कोना द्वारा चलाववामां आवे छे? | 402 | {
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519
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"दिल्ही सरकार"
]
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एक विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश तरीके जाणीतो, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (ध नेशनल केपिटल टेरिटरी ओफ दिल्ही) पोतानी विधानसभा, लेफटन्ट गवर्नर, मंत्रीओनी समिति तथा मुख्यमंत्री धरावे छे. एनसीटीना मतदार क्षेत्रोमां सीधी चूंटणी थकी विधानसभानी बेठको भरवामां आवे छे. छतां, नवी दिल्हीनो वहीवट भारतनी केन्द्र सरकार अने राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही(NCT)नी सरकार संयुकतपणे चलावे छे. दिल्हीमां आवेलुं नवी दिल्ही ए राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (NCT) अने भारत सरकार एम बंनेनुं मुख्य मथक छे. परिवहन अने तेना जेवी बीजी अन्य सेवाओ दिल्ही सरकार द्वारा चलाववामां आवे छे परंतु पोलीस जेवी सेवाओ केन्द्र सरकारना सीधा नियंत्रण हेठळ होय छे. 1956 पछी पहेलीवार 1993मां विधानसभा पुन:स्थापित करवामां आवी हती अने दिल्हीमां सीधुं समवायी शासन शरू करवामां आव्युं हतुं. | एनसीटी अने भारत सरकार बंनेनुं मुख्य मथक कयुं शहेर छे? | 403 | {
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"दिल्ही"
]
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एक विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश तरीके जाणीतो, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (ध नेशनल केपिटल टेरिटरी ओफ दिल्ही) पोतानी विधानसभा, लेफटन्ट गवर्नर, मंत्रीओनी समिति तथा मुख्यमंत्री धरावे छे. एनसीटीना मतदार क्षेत्रोमां सीधी चूंटणी थकी विधानसभानी बेठको भरवामां आवे छे. छतां, नवी दिल्हीनो वहीवट भारतनी केन्द्र सरकार अने राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही(NCT)नी सरकार संयुकतपणे चलावे छे. दिल्हीमां आवेलुं नवी दिल्ही ए राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (NCT) अने भारत सरकार एम बंनेनुं मुख्य मथक छे. परिवहन अने तेना जेवी बीजी अन्य सेवाओ दिल्ही सरकार द्वारा चलाववामां आवे छे परंतु पोलीस जेवी सेवाओ केन्द्र सरकारना सीधा नियंत्रण हेठळ होय छे. 1956 पछी पहेलीवार 1993मां विधानसभा पुन:स्थापित करवामां आवी हती अने दिल्हीमां सीधुं समवायी शासन शरू करवामां आव्युं हतुं. | संसद भवन, राष्ट्रपति भवन अने भारतनी सुप्रीम कोर्ट क्यां स्थित छे? | 404 | {
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""
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एक विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश तरीके जाणीतो, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (ध नेशनल केपिटल टेरिटरी ओफ दिल्ही) पोतानी विधानसभा, लेफटन्ट गवर्नर, मंत्रीओनी समिति तथा मुख्यमंत्री धरावे छे. एनसीटीना मतदार क्षेत्रोमां सीधी चूंटणी थकी विधानसभानी बेठको भरवामां आवे छे. छतां, नवी दिल्हीनो वहीवट भारतनी केन्द्र सरकार अने राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही(NCT)नी सरकार संयुकतपणे चलावे छे. दिल्हीमां आवेलुं नवी दिल्ही ए राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (NCT) अने भारत सरकार एम बंनेनुं मुख्य मथक छे. परिवहन अने तेना जेवी बीजी अन्य सेवाओ दिल्ही सरकार द्वारा चलाववामां आवे छे परंतु पोलीस जेवी सेवाओ केन्द्र सरकारना सीधा नियंत्रण हेठळ होय छे. 1956 पछी पहेलीवार 1993मां विधानसभा पुन:स्थापित करवामां आवी हती अने दिल्हीमां सीधुं समवायी शासन शरू करवामां आव्युं हतुं. | दिल्हीनी एनसीटी मां विधानसभानी बेठको शेना द्वारा भरवामां आवे छे? | 405 | {
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213
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"सीधी चूंटणी थकी"
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एक विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश तरीके जाणीतो, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (ध नेशनल केपिटल टेरिटरी ओफ दिल्ही) पोतानी विधानसभा, लेफटन्ट गवर्नर, मंत्रीओनी समिति तथा मुख्यमंत्री धरावे छे. एनसीटीना मतदार क्षेत्रोमां सीधी चूंटणी थकी विधानसभानी बेठको भरवामां आवे छे. छतां, नवी दिल्हीनो वहीवट भारतनी केन्द्र सरकार अने राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही(NCT)नी सरकार संयुकतपणे चलावे छे. दिल्हीमां आवेलुं नवी दिल्ही ए राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (NCT) अने भारत सरकार एम बंनेनुं मुख्य मथक छे. परिवहन अने तेना जेवी बीजी अन्य सेवाओ दिल्ही सरकार द्वारा चलाववामां आवे छे परंतु पोलीस जेवी सेवाओ केन्द्र सरकारना सीधा नियंत्रण हेठळ होय छे. 1956 पछी पहेलीवार 1993मां विधानसभा पुन:स्थापित करवामां आवी हती अने दिल्हीमां सीधुं समवायी शासन शरू करवामां आव्युं हतुं. | कोण पंचायत राज अधिनियमना भागरूपे शहेरनुं संचालन करे छे? | 406 | {
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""
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एक विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश तरीके जाणीतो, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (ध नेशनल केपिटल टेरिटरी ओफ दिल्ही) पोतानी विधानसभा, लेफटन्ट गवर्नर, मंत्रीओनी समिति तथा मुख्यमंत्री धरावे छे. एनसीटीना मतदार क्षेत्रोमां सीधी चूंटणी थकी विधानसभानी बेठको भरवामां आवे छे. छतां, नवी दिल्हीनो वहीवट भारतनी केन्द्र सरकार अने राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही(NCT)नी सरकार संयुकतपणे चलावे छे. दिल्हीमां आवेलुं नवी दिल्ही ए राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (NCT) अने भारत सरकार एम बंनेनुं मुख्य मथक छे. परिवहन अने तेना जेवी बीजी अन्य सेवाओ दिल्ही सरकार द्वारा चलाववामां आवे छे परंतु पोलीस जेवी सेवाओ केन्द्र सरकारना सीधा नियंत्रण हेठळ होय छे. 1956 पछी पहेलीवार 1993मां विधानसभा पुन:स्थापित करवामां आवी हती अने दिल्हीमां सीधुं समवायी शासन शरू करवामां आव्युं हतुं. | दिल्हीना राष्ट्रीय राजधानी प्रदेशने शेना तरीके पण ओळखवामां आवे छे? | 407 | {
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"विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश"
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एक विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश तरीके जाणीतो, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (ध नेशनल केपिटल टेरिटरी ओफ दिल्ही) पोतानी विधानसभा, लेफटन्ट गवर्नर, मंत्रीओनी समिति तथा मुख्यमंत्री धरावे छे. एनसीटीना मतदार क्षेत्रोमां सीधी चूंटणी थकी विधानसभानी बेठको भरवामां आवे छे. छतां, नवी दिल्हीनो वहीवट भारतनी केन्द्र सरकार अने राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही(NCT)नी सरकार संयुकतपणे चलावे छे. दिल्हीमां आवेलुं नवी दिल्ही ए राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (NCT) अने भारत सरकार एम बंनेनुं मुख्य मथक छे. परिवहन अने तेना जेवी बीजी अन्य सेवाओ दिल्ही सरकार द्वारा चलाववामां आवे छे परंतु पोलीस जेवी सेवाओ केन्द्र सरकारना सीधा नियंत्रण हेठळ होय छे. 1956 पछी पहेलीवार 1993मां विधानसभा पुन:स्थापित करवामां आवी हती अने दिल्हीमां सीधुं समवायी शासन शरू करवामां आव्युं हतुं. | 1956 पछी पहेली वार कयारे विधानसभानुं पुनर्गठन करवामां आव्युं हतुं? | 408 | {
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"1993मां"
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एक विशिष्ट केन्द्रशासित प्रदेश तरीके जाणीतो, राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (ध नेशनल केपिटल टेरिटरी ओफ दिल्ही) पोतानी विधानसभा, लेफटन्ट गवर्नर, मंत्रीओनी समिति तथा मुख्यमंत्री धरावे छे. एनसीटीना मतदार क्षेत्रोमां सीधी चूंटणी थकी विधानसभानी बेठको भरवामां आवे छे. छतां, नवी दिल्हीनो वहीवट भारतनी केन्द्र सरकार अने राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही(NCT)नी सरकार संयुकतपणे चलावे छे. दिल्हीमां आवेलुं नवी दिल्ही ए राष्ट्रीय राजधानी प्रदेश दिल्ही (NCT) अने भारत सरकार एम बंनेनुं मुख्य मथक छे. परिवहन अने तेना जेवी बीजी अन्य सेवाओ दिल्ही सरकार द्वारा चलाववामां आवे छे परंतु पोलीस जेवी सेवाओ केन्द्र सरकारना सीधा नियंत्रण हेठळ होय छे. 1956 पछी पहेलीवार 1993मां विधानसभा पुन:स्थापित करवामां आवी हती अने दिल्हीमां सीधुं समवायी शासन शरू करवामां आव्युं हतुं. | दिल्ही सरकार अने भारत सरकार बंनेनुं मुख्य मथक कयुं छे? | 409 | {
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एकवखत पाकिस्ताना ओचिंता हुमलानी जाण थइ के तरत ज भारतीय भूमि सेनाए झडपथी लगभग 200,000 टुकडीओ साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी. जो के, शिखरो पाकिस्तानना कबजामां होवाथी, चोख्खी रीते भारत व्यूहरचनानी दृष्टिए प्रतिकूळ स्थितिमां हतुं. तेमना नजर राखवाना स्थानो परथी, पाकिस्ताननी सेनाने चोख्खु एनएच 1एनुं दृश्य देखाय ते माटे हाइवे पर आडकतरी रीते तोपमारो करी शकतुं हतुं अने भारतीयनो भारे हानी पहोंचाडतुं हतुं. आ भारतीय भूमि सेना माटे गंभीर समस्या हती, कारण के आ हाईवे मुख्य हेरफेर अने पुरवठा पूरो पाडवा माटेनो मुख्य रस्तो हतो. आम, भारतीय भूमि सेनानी पहेली पसंदगी एनएच 1एनी एकदम नजदीक आवेला शिखरो पर पाछो कबजो मेळववानो हतो. आना परिणामे भारतीय टुकडीओए प्रथम निशान द्रासमां टाईगर हील अने तोलोलींगने बनाव्या. ते पछी तरत ज बतालीक-टूरटोकना पेटाविभागो, के जे सियाचीन ग्लेसियरना मार्ग हता, तेना पर घणा आक्रमण कर्या. पोईन्ट 4590 के जे एनएच 1ए नो नजदीकी दृश्य आपती हती तेने 14 जूने भारतीय भूमि सेना द्वारा सफळतापूर्वक पाछो कबजे करी लेवायुं. जो के मोटाभागना मथको जे हाईवेनी नजीकमां आवेला हता ते मध्य जून सुधीमां खाली करी देवाया हता, द्वास नजीक हाइवेना अमुक भागोमां युद्धना अंत सुधी छूटाछवाया गोळीबार नजरे पडता हता. एक वखत एनएच 1एनो विस्तार चोख्खो थई गयो, एटले भारतीय भूमि सेनाए आक्रमण सेनाने लाईन ओफ कंट्रोलनी बीजी बाजु पाछा काढवानुं शरू कर्युं. तोलोलींगनुं युद्ध, बीजा हुमलाओ पैकी एक, लडाई धीमेधीमे भारतना पक्षमां आवती हती. तेम छतां, घणा मथको जेमां सखत प्रतिकार थतो हतो, जेमां टाईगर हील (पोईन्ट 5140) नो पण समावेश थाय छे, ते पछी युद्ध समये मेळवी शकाया. कारण के ओपरेशन संपूर्णपणे चालुं हतुं जेथी, मथको जे लाइन-ओफ-साइटमां हता तेमांथी घुसणखोरोने काढवा लगभग 250 तोप बंदुकोने लाववामां आवी हती. | क्या देशना आश्चर्यजनक हुमलाना समाचार आव्या बाद तरत ज भारतीय सेनाए लगभग 2,00,000 सैनिको साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी हती? | 410 | {
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6
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"text": [
"पाकिस्ताना"
]
} |
एकवखत पाकिस्ताना ओचिंता हुमलानी जाण थइ के तरत ज भारतीय भूमि सेनाए झडपथी लगभग 200,000 टुकडीओ साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी. जो के, शिखरो पाकिस्तानना कबजामां होवाथी, चोख्खी रीते भारत व्यूहरचनानी दृष्टिए प्रतिकूळ स्थितिमां हतुं. तेमना नजर राखवाना स्थानो परथी, पाकिस्ताननी सेनाने चोख्खु एनएच 1एनुं दृश्य देखाय ते माटे हाइवे पर आडकतरी रीते तोपमारो करी शकतुं हतुं अने भारतीयनो भारे हानी पहोंचाडतुं हतुं. आ भारतीय भूमि सेना माटे गंभीर समस्या हती, कारण के आ हाईवे मुख्य हेरफेर अने पुरवठा पूरो पाडवा माटेनो मुख्य रस्तो हतो. आम, भारतीय भूमि सेनानी पहेली पसंदगी एनएच 1एनी एकदम नजदीक आवेला शिखरो पर पाछो कबजो मेळववानो हतो. आना परिणामे भारतीय टुकडीओए प्रथम निशान द्रासमां टाईगर हील अने तोलोलींगने बनाव्या. ते पछी तरत ज बतालीक-टूरटोकना पेटाविभागो, के जे सियाचीन ग्लेसियरना मार्ग हता, तेना पर घणा आक्रमण कर्या. पोईन्ट 4590 के जे एनएच 1ए नो नजदीकी दृश्य आपती हती तेने 14 जूने भारतीय भूमि सेना द्वारा सफळतापूर्वक पाछो कबजे करी लेवायुं. जो के मोटाभागना मथको जे हाईवेनी नजीकमां आवेला हता ते मध्य जून सुधीमां खाली करी देवाया हता, द्वास नजीक हाइवेना अमुक भागोमां युद्धना अंत सुधी छूटाछवाया गोळीबार नजरे पडता हता. एक वखत एनएच 1एनो विस्तार चोख्खो थई गयो, एटले भारतीय भूमि सेनाए आक्रमण सेनाने लाईन ओफ कंट्रोलनी बीजी बाजु पाछा काढवानुं शरू कर्युं. तोलोलींगनुं युद्ध, बीजा हुमलाओ पैकी एक, लडाई धीमेधीमे भारतना पक्षमां आवती हती. तेम छतां, घणा मथको जेमां सखत प्रतिकार थतो हतो, जेमां टाईगर हील (पोईन्ट 5140) नो पण समावेश थाय छे, ते पछी युद्ध समये मेळवी शकाया. कारण के ओपरेशन संपूर्णपणे चालुं हतुं जेथी, मथको जे लाइन-ओफ-साइटमां हता तेमांथी घुसणखोरोने काढवा लगभग 250 तोप बंदुकोने लाववामां आवी हती. | पाकिस्तानना आश्चर्यजनक हुमलाना समाचार आव्या बाद तरत ज भारतीय सेनाए लगभग 2,00,000 सैनिको साथे क्यां ओपरेशननी शरूआत करी हती? | 411 | {
"answer_start": [
104
],
"text": [
"विजय"
]
} |
एकवखत पाकिस्ताना ओचिंता हुमलानी जाण थइ के तरत ज भारतीय भूमि सेनाए झडपथी लगभग 200,000 टुकडीओ साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी. जो के, शिखरो पाकिस्तानना कबजामां होवाथी, चोख्खी रीते भारत व्यूहरचनानी दृष्टिए प्रतिकूळ स्थितिमां हतुं. तेमना नजर राखवाना स्थानो परथी, पाकिस्ताननी सेनाने चोख्खु एनएच 1एनुं दृश्य देखाय ते माटे हाइवे पर आडकतरी रीते तोपमारो करी शकतुं हतुं अने भारतीयनो भारे हानी पहोंचाडतुं हतुं. आ भारतीय भूमि सेना माटे गंभीर समस्या हती, कारण के आ हाईवे मुख्य हेरफेर अने पुरवठा पूरो पाडवा माटेनो मुख्य रस्तो हतो. आम, भारतीय भूमि सेनानी पहेली पसंदगी एनएच 1एनी एकदम नजदीक आवेला शिखरो पर पाछो कबजो मेळववानो हतो. आना परिणामे भारतीय टुकडीओए प्रथम निशान द्रासमां टाईगर हील अने तोलोलींगने बनाव्या. ते पछी तरत ज बतालीक-टूरटोकना पेटाविभागो, के जे सियाचीन ग्लेसियरना मार्ग हता, तेना पर घणा आक्रमण कर्या. पोईन्ट 4590 के जे एनएच 1ए नो नजदीकी दृश्य आपती हती तेने 14 जूने भारतीय भूमि सेना द्वारा सफळतापूर्वक पाछो कबजे करी लेवायुं. जो के मोटाभागना मथको जे हाईवेनी नजीकमां आवेला हता ते मध्य जून सुधीमां खाली करी देवाया हता, द्वास नजीक हाइवेना अमुक भागोमां युद्धना अंत सुधी छूटाछवाया गोळीबार नजरे पडता हता. एक वखत एनएच 1एनो विस्तार चोख्खो थई गयो, एटले भारतीय भूमि सेनाए आक्रमण सेनाने लाईन ओफ कंट्रोलनी बीजी बाजु पाछा काढवानुं शरू कर्युं. तोलोलींगनुं युद्ध, बीजा हुमलाओ पैकी एक, लडाई धीमेधीमे भारतना पक्षमां आवती हती. तेम छतां, घणा मथको जेमां सखत प्रतिकार थतो हतो, जेमां टाईगर हील (पोईन्ट 5140) नो पण समावेश थाय छे, ते पछी युद्ध समये मेळवी शकाया. कारण के ओपरेशन संपूर्णपणे चालुं हतुं जेथी, मथको जे लाइन-ओफ-साइटमां हता तेमांथी घुसणखोरोने काढवा लगभग 250 तोप बंदुकोने लाववामां आवी हती. | घणा महत्वना स्थळो पर, शेनो उपयोग दूरना पायाने दूर करवा माटे थई शकतो न हतो? | 412 | {
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null
],
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""
]
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एकवखत पाकिस्ताना ओचिंता हुमलानी जाण थइ के तरत ज भारतीय भूमि सेनाए झडपथी लगभग 200,000 टुकडीओ साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी. जो के, शिखरो पाकिस्तानना कबजामां होवाथी, चोख्खी रीते भारत व्यूहरचनानी दृष्टिए प्रतिकूळ स्थितिमां हतुं. तेमना नजर राखवाना स्थानो परथी, पाकिस्ताननी सेनाने चोख्खु एनएच 1एनुं दृश्य देखाय ते माटे हाइवे पर आडकतरी रीते तोपमारो करी शकतुं हतुं अने भारतीयनो भारे हानी पहोंचाडतुं हतुं. आ भारतीय भूमि सेना माटे गंभीर समस्या हती, कारण के आ हाईवे मुख्य हेरफेर अने पुरवठा पूरो पाडवा माटेनो मुख्य रस्तो हतो. आम, भारतीय भूमि सेनानी पहेली पसंदगी एनएच 1एनी एकदम नजदीक आवेला शिखरो पर पाछो कबजो मेळववानो हतो. आना परिणामे भारतीय टुकडीओए प्रथम निशान द्रासमां टाईगर हील अने तोलोलींगने बनाव्या. ते पछी तरत ज बतालीक-टूरटोकना पेटाविभागो, के जे सियाचीन ग्लेसियरना मार्ग हता, तेना पर घणा आक्रमण कर्या. पोईन्ट 4590 के जे एनएच 1ए नो नजदीकी दृश्य आपती हती तेने 14 जूने भारतीय भूमि सेना द्वारा सफळतापूर्वक पाछो कबजे करी लेवायुं. जो के मोटाभागना मथको जे हाईवेनी नजीकमां आवेला हता ते मध्य जून सुधीमां खाली करी देवाया हता, द्वास नजीक हाइवेना अमुक भागोमां युद्धना अंत सुधी छूटाछवाया गोळीबार नजरे पडता हता. एक वखत एनएच 1एनो विस्तार चोख्खो थई गयो, एटले भारतीय भूमि सेनाए आक्रमण सेनाने लाईन ओफ कंट्रोलनी बीजी बाजु पाछा काढवानुं शरू कर्युं. तोलोलींगनुं युद्ध, बीजा हुमलाओ पैकी एक, लडाई धीमेधीमे भारतना पक्षमां आवती हती. तेम छतां, घणा मथको जेमां सखत प्रतिकार थतो हतो, जेमां टाईगर हील (पोईन्ट 5140) नो पण समावेश थाय छे, ते पछी युद्ध समये मेळवी शकाया. कारण के ओपरेशन संपूर्णपणे चालुं हतुं जेथी, मथको जे लाइन-ओफ-साइटमां हता तेमांथी घुसणखोरोने काढवा लगभग 250 तोप बंदुकोने लाववामां आवी हती. | बिंदु 4590 ए क्यारे भारतीय सेना पर सफळतापूर्वक फरीथी कबजे कर्यो हतो? | 413 | {
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844
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"text": [
"14 जूने"
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एकवखत पाकिस्ताना ओचिंता हुमलानी जाण थइ के तरत ज भारतीय भूमि सेनाए झडपथी लगभग 200,000 टुकडीओ साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी. जो के, शिखरो पाकिस्तानना कबजामां होवाथी, चोख्खी रीते भारत व्यूहरचनानी दृष्टिए प्रतिकूळ स्थितिमां हतुं. तेमना नजर राखवाना स्थानो परथी, पाकिस्ताननी सेनाने चोख्खु एनएच 1एनुं दृश्य देखाय ते माटे हाइवे पर आडकतरी रीते तोपमारो करी शकतुं हतुं अने भारतीयनो भारे हानी पहोंचाडतुं हतुं. आ भारतीय भूमि सेना माटे गंभीर समस्या हती, कारण के आ हाईवे मुख्य हेरफेर अने पुरवठा पूरो पाडवा माटेनो मुख्य रस्तो हतो. आम, भारतीय भूमि सेनानी पहेली पसंदगी एनएच 1एनी एकदम नजदीक आवेला शिखरो पर पाछो कबजो मेळववानो हतो. आना परिणामे भारतीय टुकडीओए प्रथम निशान द्रासमां टाईगर हील अने तोलोलींगने बनाव्या. ते पछी तरत ज बतालीक-टूरटोकना पेटाविभागो, के जे सियाचीन ग्लेसियरना मार्ग हता, तेना पर घणा आक्रमण कर्या. पोईन्ट 4590 के जे एनएच 1ए नो नजदीकी दृश्य आपती हती तेने 14 जूने भारतीय भूमि सेना द्वारा सफळतापूर्वक पाछो कबजे करी लेवायुं. जो के मोटाभागना मथको जे हाईवेनी नजीकमां आवेला हता ते मध्य जून सुधीमां खाली करी देवाया हता, द्वास नजीक हाइवेना अमुक भागोमां युद्धना अंत सुधी छूटाछवाया गोळीबार नजरे पडता हता. एक वखत एनएच 1एनो विस्तार चोख्खो थई गयो, एटले भारतीय भूमि सेनाए आक्रमण सेनाने लाईन ओफ कंट्रोलनी बीजी बाजु पाछा काढवानुं शरू कर्युं. तोलोलींगनुं युद्ध, बीजा हुमलाओ पैकी एक, लडाई धीमेधीमे भारतना पक्षमां आवती हती. तेम छतां, घणा मथको जेमां सखत प्रतिकार थतो हतो, जेमां टाईगर हील (पोईन्ट 5140) नो पण समावेश थाय छे, ते पछी युद्ध समये मेळवी शकाया. कारण के ओपरेशन संपूर्णपणे चालुं हतुं जेथी, मथको जे लाइन-ओफ-साइटमां हता तेमांथी घुसणखोरोने काढवा लगभग 250 तोप बंदुकोने लाववामां आवी हती. | पाकिस्तानना आश्चर्यजनक हुमलाना समाचार आव्या बाद तरत ज भारतीय सेनाए लगभग केटला सैनिको साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी हती? | 414 | {
"answer_start": [
77
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"text": [
"200,000"
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एकवखत पाकिस्ताना ओचिंता हुमलानी जाण थइ के तरत ज भारतीय भूमि सेनाए झडपथी लगभग 200,000 टुकडीओ साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी. जो के, शिखरो पाकिस्तानना कबजामां होवाथी, चोख्खी रीते भारत व्यूहरचनानी दृष्टिए प्रतिकूळ स्थितिमां हतुं. तेमना नजर राखवाना स्थानो परथी, पाकिस्ताननी सेनाने चोख्खु एनएच 1एनुं दृश्य देखाय ते माटे हाइवे पर आडकतरी रीते तोपमारो करी शकतुं हतुं अने भारतीयनो भारे हानी पहोंचाडतुं हतुं. आ भारतीय भूमि सेना माटे गंभीर समस्या हती, कारण के आ हाईवे मुख्य हेरफेर अने पुरवठा पूरो पाडवा माटेनो मुख्य रस्तो हतो. आम, भारतीय भूमि सेनानी पहेली पसंदगी एनएच 1एनी एकदम नजदीक आवेला शिखरो पर पाछो कबजो मेळववानो हतो. आना परिणामे भारतीय टुकडीओए प्रथम निशान द्रासमां टाईगर हील अने तोलोलींगने बनाव्या. ते पछी तरत ज बतालीक-टूरटोकना पेटाविभागो, के जे सियाचीन ग्लेसियरना मार्ग हता, तेना पर घणा आक्रमण कर्या. पोईन्ट 4590 के जे एनएच 1ए नो नजदीकी दृश्य आपती हती तेने 14 जूने भारतीय भूमि सेना द्वारा सफळतापूर्वक पाछो कबजे करी लेवायुं. जो के मोटाभागना मथको जे हाईवेनी नजीकमां आवेला हता ते मध्य जून सुधीमां खाली करी देवाया हता, द्वास नजीक हाइवेना अमुक भागोमां युद्धना अंत सुधी छूटाछवाया गोळीबार नजरे पडता हता. एक वखत एनएच 1एनो विस्तार चोख्खो थई गयो, एटले भारतीय भूमि सेनाए आक्रमण सेनाने लाईन ओफ कंट्रोलनी बीजी बाजु पाछा काढवानुं शरू कर्युं. तोलोलींगनुं युद्ध, बीजा हुमलाओ पैकी एक, लडाई धीमेधीमे भारतना पक्षमां आवती हती. तेम छतां, घणा मथको जेमां सखत प्रतिकार थतो हतो, जेमां टाईगर हील (पोईन्ट 5140) नो पण समावेश थाय छे, ते पछी युद्ध समये मेळवी शकाया. कारण के ओपरेशन संपूर्णपणे चालुं हतुं जेथी, मथको जे लाइन-ओफ-साइटमां हता तेमांथी घुसणखोरोने काढवा लगभग 250 तोप बंदुकोने लाववामां आवी हती. | बिंदु 4590 ए कोनो नजीकनो नजारो प्रदान करे छे? | 415 | {
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280
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"text": [
"एनएच 1ए"
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एकवखत पाकिस्ताना ओचिंता हुमलानी जाण थइ के तरत ज भारतीय भूमि सेनाए झडपथी लगभग 200,000 टुकडीओ साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी. जो के, शिखरो पाकिस्तानना कबजामां होवाथी, चोख्खी रीते भारत व्यूहरचनानी दृष्टिए प्रतिकूळ स्थितिमां हतुं. तेमना नजर राखवाना स्थानो परथी, पाकिस्ताननी सेनाने चोख्खु एनएच 1एनुं दृश्य देखाय ते माटे हाइवे पर आडकतरी रीते तोपमारो करी शकतुं हतुं अने भारतीयनो भारे हानी पहोंचाडतुं हतुं. आ भारतीय भूमि सेना माटे गंभीर समस्या हती, कारण के आ हाईवे मुख्य हेरफेर अने पुरवठा पूरो पाडवा माटेनो मुख्य रस्तो हतो. आम, भारतीय भूमि सेनानी पहेली पसंदगी एनएच 1एनी एकदम नजदीक आवेला शिखरो पर पाछो कबजो मेळववानो हतो. आना परिणामे भारतीय टुकडीओए प्रथम निशान द्रासमां टाईगर हील अने तोलोलींगने बनाव्या. ते पछी तरत ज बतालीक-टूरटोकना पेटाविभागो, के जे सियाचीन ग्लेसियरना मार्ग हता, तेना पर घणा आक्रमण कर्या. पोईन्ट 4590 के जे एनएच 1ए नो नजदीकी दृश्य आपती हती तेने 14 जूने भारतीय भूमि सेना द्वारा सफळतापूर्वक पाछो कबजे करी लेवायुं. जो के मोटाभागना मथको जे हाईवेनी नजीकमां आवेला हता ते मध्य जून सुधीमां खाली करी देवाया हता, द्वास नजीक हाइवेना अमुक भागोमां युद्धना अंत सुधी छूटाछवाया गोळीबार नजरे पडता हता. एक वखत एनएच 1एनो विस्तार चोख्खो थई गयो, एटले भारतीय भूमि सेनाए आक्रमण सेनाने लाईन ओफ कंट्रोलनी बीजी बाजु पाछा काढवानुं शरू कर्युं. तोलोलींगनुं युद्ध, बीजा हुमलाओ पैकी एक, लडाई धीमेधीमे भारतना पक्षमां आवती हती. तेम छतां, घणा मथको जेमां सखत प्रतिकार थतो हतो, जेमां टाईगर हील (पोईन्ट 5140) नो पण समावेश थाय छे, ते पछी युद्ध समये मेळवी शकाया. कारण के ओपरेशन संपूर्णपणे चालुं हतुं जेथी, मथको जे लाइन-ओफ-साइटमां हता तेमांथी घुसणखोरोने काढवा लगभग 250 तोप बंदुकोने लाववामां आवी हती. | कई सेनाए मेदानमां थोडी सीधी घूसणखोरी करी हती? | 416 | {
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एकवखत पाकिस्ताना ओचिंता हुमलानी जाण थइ के तरत ज भारतीय भूमि सेनाए झडपथी लगभग 200,000 टुकडीओ साथे ओपरेशन विजयनी शरूआत करी. जो के, शिखरो पाकिस्तानना कबजामां होवाथी, चोख्खी रीते भारत व्यूहरचनानी दृष्टिए प्रतिकूळ स्थितिमां हतुं. तेमना नजर राखवाना स्थानो परथी, पाकिस्ताननी सेनाने चोख्खु एनएच 1एनुं दृश्य देखाय ते माटे हाइवे पर आडकतरी रीते तोपमारो करी शकतुं हतुं अने भारतीयनो भारे हानी पहोंचाडतुं हतुं. आ भारतीय भूमि सेना माटे गंभीर समस्या हती, कारण के आ हाईवे मुख्य हेरफेर अने पुरवठा पूरो पाडवा माटेनो मुख्य रस्तो हतो. आम, भारतीय भूमि सेनानी पहेली पसंदगी एनएच 1एनी एकदम नजदीक आवेला शिखरो पर पाछो कबजो मेळववानो हतो. आना परिणामे भारतीय टुकडीओए प्रथम निशान द्रासमां टाईगर हील अने तोलोलींगने बनाव्या. ते पछी तरत ज बतालीक-टूरटोकना पेटाविभागो, के जे सियाचीन ग्लेसियरना मार्ग हता, तेना पर घणा आक्रमण कर्या. पोईन्ट 4590 के जे एनएच 1ए नो नजदीकी दृश्य आपती हती तेने 14 जूने भारतीय भूमि सेना द्वारा सफळतापूर्वक पाछो कबजे करी लेवायुं. जो के मोटाभागना मथको जे हाईवेनी नजीकमां आवेला हता ते मध्य जून सुधीमां खाली करी देवाया हता, द्वास नजीक हाइवेना अमुक भागोमां युद्धना अंत सुधी छूटाछवाया गोळीबार नजरे पडता हता. एक वखत एनएच 1एनो विस्तार चोख्खो थई गयो, एटले भारतीय भूमि सेनाए आक्रमण सेनाने लाईन ओफ कंट्रोलनी बीजी बाजु पाछा काढवानुं शरू कर्युं. तोलोलींगनुं युद्ध, बीजा हुमलाओ पैकी एक, लडाई धीमेधीमे भारतना पक्षमां आवती हती. तेम छतां, घणा मथको जेमां सखत प्रतिकार थतो हतो, जेमां टाईगर हील (पोईन्ट 5140) नो पण समावेश थाय छे, ते पछी युद्ध समये मेळवी शकाया. कारण के ओपरेशन संपूर्णपणे चालुं हतुं जेथी, मथको जे लाइन-ओफ-साइटमां हता तेमांथी घुसणखोरोने काढवा लगभग 250 तोप बंदुकोने लाववामां आवी हती. | भारतीय भूमि सेनाए केटला फीटथी पण वधारे उंचा शिखरो पर भारे जीवनुं जोखम लई आकरी चढाई करी? | 417 | {
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],
"text": [
""
]
} |
एटले के, जे आ ग्रंथ महाभारतमां छे ते ज बीजा ग्रंथोमां छे, जे आ महाभारतमां नथी ते बीजा कोई ग्रंथोमां नथी, अर्थात आ हिंदु धर्मनो एक ग्रंथ ज नथी पण एक शब्दकोष छे. जो कोई आ ग्रंथ वांची जाय तो तेने हिन्दु धर्मनुं पूर्ण ज्ञान थइ जाय छे. आ ग्रंथनुं मूळ नाम 'जय' ग्रंथ हतु अने पछी ते 'भारत' अने त्यार बाद 'महाभारत' तरीके ओळखायो. आ काव्यग्रंथ भारतनो अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक अने दार्शनिक ग्रंथ छे. ते विश्वनो सौथी मोटो (१,००,००० श्लोको) साहित्यिक ग्रंथ छे. साहित्यनी सौथी अनुपम कृतिओमां तेनी गणना थाय छे. आजे पण ते प्रत्येक भारतीय माटे एक मार्गदर्शक के अनुकरणीय ग्रंथ छे. आ कृति हिन्दुओना इतिहासनी एक गाथा छे. महाभारतमां एक लाख श्लोक छे जे ग्रीक महाकाव्यो - इलियड अने ओडिसीथी वीस गणा वधारे छे. महाभारतमां ज विश्वने मार्गदर्शक एवी भगवद् गीता समायेली छे. महाभारत फक्त भारतीय मूल्योनुं संकलन नथी परंतु ते हिंदु धर्म अने वैदिक परंपरानो सार छे. महाभारतनी विशाळतानो अंदाज तेना प्रथम पर्वमां उल्लेखायेल एक श्लोकथी आवी शके छे: "जे (वात) अहीं (महाभारतमां) छे ते तमने संसारमां कोईने कोई जग्याए अवश्य मळी जशे, जे अहीं नथी ते वात संसारमां बीजे क्यांय जोवा नही मळे. | महाभारत मात्र हिन्दु धर्मनुं पुस्तक नथी, पण शुं छे? | 418 | {
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148
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"शब्दकोष"
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एटले के, जे आ ग्रंथ महाभारतमां छे ते ज बीजा ग्रंथोमां छे, जे आ महाभारतमां नथी ते बीजा कोई ग्रंथोमां नथी, अर्थात आ हिंदु धर्मनो एक ग्रंथ ज नथी पण एक शब्दकोष छे. जो कोई आ ग्रंथ वांची जाय तो तेने हिन्दु धर्मनुं पूर्ण ज्ञान थइ जाय छे. आ ग्रंथनुं मूळ नाम 'जय' ग्रंथ हतु अने पछी ते 'भारत' अने त्यार बाद 'महाभारत' तरीके ओळखायो. आ काव्यग्रंथ भारतनो अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक अने दार्शनिक ग्रंथ छे. ते विश्वनो सौथी मोटो (१,००,००० श्लोको) साहित्यिक ग्रंथ छे. साहित्यनी सौथी अनुपम कृतिओमां तेनी गणना थाय छे. आजे पण ते प्रत्येक भारतीय माटे एक मार्गदर्शक के अनुकरणीय ग्रंथ छे. आ कृति हिन्दुओना इतिहासनी एक गाथा छे. महाभारतमां एक लाख श्लोक छे जे ग्रीक महाकाव्यो - इलियड अने ओडिसीथी वीस गणा वधारे छे. महाभारतमां ज विश्वने मार्गदर्शक एवी भगवद् गीता समायेली छे. महाभारत फक्त भारतीय मूल्योनुं संकलन नथी परंतु ते हिंदु धर्म अने वैदिक परंपरानो सार छे. महाभारतनी विशाळतानो अंदाज तेना प्रथम पर्वमां उल्लेखायेल एक श्लोकथी आवी शके छे: "जे (वात) अहीं (महाभारतमां) छे ते तमने संसारमां कोईने कोई जग्याए अवश्य मळी जशे, जे अहीं नथी ते वात संसारमां बीजे क्यांय जोवा नही मळे. | भगवद गीताए केनो एकमात्र ग्रंथ छे जे विश्वने मार्गदर्शन आपे छे? | 419 | {
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20
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"text": [
"महाभारत"
]
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एटले के, जे आ ग्रंथ महाभारतमां छे ते ज बीजा ग्रंथोमां छे, जे आ महाभारतमां नथी ते बीजा कोई ग्रंथोमां नथी, अर्थात आ हिंदु धर्मनो एक ग्रंथ ज नथी पण एक शब्दकोष छे. जो कोई आ ग्रंथ वांची जाय तो तेने हिन्दु धर्मनुं पूर्ण ज्ञान थइ जाय छे. आ ग्रंथनुं मूळ नाम 'जय' ग्रंथ हतु अने पछी ते 'भारत' अने त्यार बाद 'महाभारत' तरीके ओळखायो. आ काव्यग्रंथ भारतनो अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक अने दार्शनिक ग्रंथ छे. ते विश्वनो सौथी मोटो (१,००,००० श्लोको) साहित्यिक ग्रंथ छे. साहित्यनी सौथी अनुपम कृतिओमां तेनी गणना थाय छे. आजे पण ते प्रत्येक भारतीय माटे एक मार्गदर्शक के अनुकरणीय ग्रंथ छे. आ कृति हिन्दुओना इतिहासनी एक गाथा छे. महाभारतमां एक लाख श्लोक छे जे ग्रीक महाकाव्यो - इलियड अने ओडिसीथी वीस गणा वधारे छे. महाभारतमां ज विश्वने मार्गदर्शक एवी भगवद् गीता समायेली छे. महाभारत फक्त भारतीय मूल्योनुं संकलन नथी परंतु ते हिंदु धर्म अने वैदिक परंपरानो सार छे. महाभारतनी विशाळतानो अंदाज तेना प्रथम पर्वमां उल्लेखायेल एक श्लोकथी आवी शके छे: "जे (वात) अहीं (महाभारतमां) छे ते तमने संसारमां कोईने कोई जग्याए अवश्य मळी जशे, जे अहीं नथी ते वात संसारमां बीजे क्यांय जोवा नही मळे. | जो कोई व्यक्ति आ पुस्तक महाभारत वांचे तो तेने क्यां धर्मनुं संपूर्ण ज्ञान मळे छे? | 420 | {
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192
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"text": [
"हिन्दु"
]
} |
एटले के, जे आ ग्रंथ महाभारतमां छे ते ज बीजा ग्रंथोमां छे, जे आ महाभारतमां नथी ते बीजा कोई ग्रंथोमां नथी, अर्थात आ हिंदु धर्मनो एक ग्रंथ ज नथी पण एक शब्दकोष छे. जो कोई आ ग्रंथ वांची जाय तो तेने हिन्दु धर्मनुं पूर्ण ज्ञान थइ जाय छे. आ ग्रंथनुं मूळ नाम 'जय' ग्रंथ हतु अने पछी ते 'भारत' अने त्यार बाद 'महाभारत' तरीके ओळखायो. आ काव्यग्रंथ भारतनो अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक अने दार्शनिक ग्रंथ छे. ते विश्वनो सौथी मोटो (१,००,००० श्लोको) साहित्यिक ग्रंथ छे. साहित्यनी सौथी अनुपम कृतिओमां तेनी गणना थाय छे. आजे पण ते प्रत्येक भारतीय माटे एक मार्गदर्शक के अनुकरणीय ग्रंथ छे. आ कृति हिन्दुओना इतिहासनी एक गाथा छे. महाभारतमां एक लाख श्लोक छे जे ग्रीक महाकाव्यो - इलियड अने ओडिसीथी वीस गणा वधारे छे. महाभारतमां ज विश्वने मार्गदर्शक एवी भगवद् गीता समायेली छे. महाभारत फक्त भारतीय मूल्योनुं संकलन नथी परंतु ते हिंदु धर्म अने वैदिक परंपरानो सार छे. महाभारतनी विशाळतानो अंदाज तेना प्रथम पर्वमां उल्लेखायेल एक श्लोकथी आवी शके छे: "जे (वात) अहीं (महाभारतमां) छे ते तमने संसारमां कोईने कोई जग्याए अवश्य मळी जशे, जे अहीं नथी ते वात संसारमां बीजे क्यांय जोवा नही मळे. | महाभारतनी विशाळता तेना क्यां प्रकरणना एक श्लोक परथी जाणी शकाय छे? | 421 | {
"answer_start": [
859
],
"text": [
"प्रथम"
]
} |
एटले के, जे आ ग्रंथ महाभारतमां छे ते ज बीजा ग्रंथोमां छे, जे आ महाभारतमां नथी ते बीजा कोई ग्रंथोमां नथी, अर्थात आ हिंदु धर्मनो एक ग्रंथ ज नथी पण एक शब्दकोष छे. जो कोई आ ग्रंथ वांची जाय तो तेने हिन्दु धर्मनुं पूर्ण ज्ञान थइ जाय छे. आ ग्रंथनुं मूळ नाम 'जय' ग्रंथ हतु अने पछी ते 'भारत' अने त्यार बाद 'महाभारत' तरीके ओळखायो. आ काव्यग्रंथ भारतनो अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक अने दार्शनिक ग्रंथ छे. ते विश्वनो सौथी मोटो (१,००,००० श्लोको) साहित्यिक ग्रंथ छे. साहित्यनी सौथी अनुपम कृतिओमां तेनी गणना थाय छे. आजे पण ते प्रत्येक भारतीय माटे एक मार्गदर्शक के अनुकरणीय ग्रंथ छे. आ कृति हिन्दुओना इतिहासनी एक गाथा छे. महाभारतमां एक लाख श्लोक छे जे ग्रीक महाकाव्यो - इलियड अने ओडिसीथी वीस गणा वधारे छे. महाभारतमां ज विश्वने मार्गदर्शक एवी भगवद् गीता समायेली छे. महाभारत फक्त भारतीय मूल्योनुं संकलन नथी परंतु ते हिंदु धर्म अने वैदिक परंपरानो सार छे. महाभारतनी विशाळतानो अंदाज तेना प्रथम पर्वमां उल्लेखायेल एक श्लोकथी आवी शके छे: "जे (वात) अहीं (महाभारतमां) छे ते तमने संसारमां कोईने कोई जग्याए अवश्य मळी जशे, जे अहीं नथी ते वात संसारमां बीजे क्यांय जोवा नही मळे. | विश्वनुं सौथी मोटुं साहित्यिक कार्यमां केटला श्लोको छे? | 422 | {
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415
],
"text": [
"१,००,०००"
]
} |
एटले के, जे आ ग्रंथ महाभारतमां छे ते ज बीजा ग्रंथोमां छे, जे आ महाभारतमां नथी ते बीजा कोई ग्रंथोमां नथी, अर्थात आ हिंदु धर्मनो एक ग्रंथ ज नथी पण एक शब्दकोष छे. जो कोई आ ग्रंथ वांची जाय तो तेने हिन्दु धर्मनुं पूर्ण ज्ञान थइ जाय छे. आ ग्रंथनुं मूळ नाम 'जय' ग्रंथ हतु अने पछी ते 'भारत' अने त्यार बाद 'महाभारत' तरीके ओळखायो. आ काव्यग्रंथ भारतनो अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक अने दार्शनिक ग्रंथ छे. ते विश्वनो सौथी मोटो (१,००,००० श्लोको) साहित्यिक ग्रंथ छे. साहित्यनी सौथी अनुपम कृतिओमां तेनी गणना थाय छे. आजे पण ते प्रत्येक भारतीय माटे एक मार्गदर्शक के अनुकरणीय ग्रंथ छे. आ कृति हिन्दुओना इतिहासनी एक गाथा छे. महाभारतमां एक लाख श्लोक छे जे ग्रीक महाकाव्यो - इलियड अने ओडिसीथी वीस गणा वधारे छे. महाभारतमां ज विश्वने मार्गदर्शक एवी भगवद् गीता समायेली छे. महाभारत फक्त भारतीय मूल्योनुं संकलन नथी परंतु ते हिंदु धर्म अने वैदिक परंपरानो सार छे. महाभारतनी विशाळतानो अंदाज तेना प्रथम पर्वमां उल्लेखायेल एक श्लोकथी आवी शके छे: "जे (वात) अहीं (महाभारतमां) छे ते तमने संसारमां कोईने कोई जग्याए अवश्य मळी जशे, जे अहीं नथी ते वात संसारमां बीजे क्यांय जोवा नही मळे. | पुस्तकनुं मूळ नाम शुं हतुं? | 423 | {
"answer_start": [
249
],
"text": [
"जय"
]
} |
एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | गांधी फिल्म कया वर्षमां आवी हती? | 424 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | कयुं शहेर सरदारनुं वतन हतुं? | 425 | {
"answer_start": [
265
],
"text": [
"करमसद"
]
} |
एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | सरदार पटेलनी जन्मजयंति क्यारे आवे छे? | 426 | {
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445
],
"text": [
"३१ ओक्टोबर"
]
} |
एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | गांधी फिल्म कोणे बनावी हती? | 427 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | सरदारने कया वर्षमां भारतनुं सर्वोच्च नागरिक सन्मान भारत रत्न एनायत करवामां आव्युं हतुं? | 428 | {
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358
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"text": [
"१९९१मां"
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एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | भारतना सर्वोच्च नागरिक सन्मान माटेनो एवोर्ड कयो छे? | 429 | {
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376
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"text": [
"भारत रत्न"
]
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एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | 1993 मां कोणे सरदारना जीवन पर आधारित फिल्म बनावी हती? | 430 | {
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],
"text": [
""
]
} |
एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | कया वर्षमां अमदावादना मोती महेल खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना करवामां आवी हती? | 431 | {
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535
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"१९८०मां"
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एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | कया वर्षमां केतन महेताए सरदारना जीवन पर आधारित फिल्म बनावी हती? | 432 | {
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null
],
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""
]
} |
एवी मान्यता छे के सरदारना देहांत बाद घणा दायकाओ सुधी भारतीय सरकार, राष्ट्रीय मिडीया तेमज कोंग्रेस पार्टी द्वारा सरदारना जीवन तथा तेमणे करेला कार्योनी प्रसंशा तेमज प्रचार करवामां उदसीनता दाखवी हती. आम छतां सरदारने गुजरातमां नायक तरीके पिछाणवामां आवे छे अने तेमना वतन करमसदमां तेमना परीवारीक घरनी जाळवणी तेमनी यादगीरी तरीके करवामां आवी छे. सरदारने आधिकारीक रुपे १९९१मां मरणोपरांत भारत रत्न, के जे भारतनुं सौथी मोटुं बहुमान छे, ते आपवामां आव्युं हतु. ३१ ओक्टोबर के जे सरदारनो जन्मदिवस छे ते राष्ट्रीय स्तरे सरदार जयंति तरीके उजववामां आवे छे. १९८०मां मोती महल, अमदावाद खाते सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारकनी स्थापना थई हती के जेमां एक संग्रहालय, तेमना चित्रोनुं प्रर्दशन, ऐतिहसिक फोटा तथा ग्रंथालयनो के जेमां तेमने लगता महत्त्वनां दस्तावेजो तेमज चोपडीओनो समावेश थाय छे. प्रर्दशनमां सरदारनी अंगत वस्तुओ तेमज तेमना अंगत अने राजकीय जीवनना विभीन्न गाळाओ दरम्यानना अवशेषो दर्शाववमां आव्या छे. भारतमां घणी सार्वजनिक संस्थाओने सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. नर्मदा नदी उपर बंधायेला बंधो तेमज तेनी नहेरो तेमज जळवीजळी उर्जा केंद्रो आवरी लेती योजना - सरदार सरोवर बंधने सरदारनुं नाम आपवामां आव्युं छे अने आ योजनाने लीधे त्रण राज्योमां पीवाना पाणी, विजळी तेमज खेती उपजमां वृद्धि ना लाभो मळ्या छे. भारतमां अग्रणी तेवी सरदार वल्लभभाई नेशनल ईंस्टीट्युट ओफ टेकनोलोजी, सरदार पटेल विश्वविद्यालय, सरदार पटेल विद्यालय जेवी भणतरनी संस्थाओ तेमज भारतीय पोलीस सेवानी ट्रेनिंग अकेडेमीने पण सरदारनुं नाम आपवामां आव्यु छे. | केतन महेताए सरदारना जीवन पर बनावेली फिल्ममां कोणे मुख्य भूमिका भजवी हती? | 433 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | सुलबा सूत्र कयुं लखाण छे? | 434 | {
"answer_start": [
266
],
"text": [
"प्राचीन वैदिक लखाण"
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | आर्यभट्टनी आवी समस्याओ उकेलवानी पद्धतिने शुं कहेवाय छे? | 435 | {
"answer_start": [
425
],
"text": [
"kuṭṭaka (कुट्टक)"
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | कोना वर्णव्या मुजब, डायोफेन्टाइन समीकरणो उकेलवा माटे आदर्श पद्धति छे? | 436 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | कया समीकरणो नजीवी मुश्केली होई शके छे? | 437 | {
"answer_start": [
218
],
"text": [
"डायोफेन्टाईन समीकरणो"
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | प्राचीन भागो केटली सदीओ पहेलानां हशे? | 438 | {
"answer_start": [
356
],
"text": [
"800 सदी"
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | सुलवासुत्रना प्रारंभिक फोर्म्युलेशन 2006 मां क्यां केन्द्रस्थाने हता? | 439 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | भास्कराए सीइ 621 मां वर्णव्या मुजब, क्यां समीकरणो उकेलवा माटे आदर्श पद्धति छे? | 440 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | शेमां डायोफेन्टाईन समीकरणोनी खूब विगतवार चर्चा करवामां आवी हती? | 441 | {
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266
],
"text": [
"प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां"
]
} |
एवी संख्या शोधो के जेने 8 वडे भागवाथी शेषमां 5 मळे; 9 वडे भागाकारथी 4 शेष मळे ; अने 7 वडे भागवामां आव्या त्यारे शेष तरीके 1 मळे. दा. त N = 8x+5 = 9y+4 = 7z+1. Nनुं लघुतम मूल्य 85 होवानुं तारण जाणवा मळे छे. सामान्य रीते डायोफेन्टाईन समीकरणो नामचीन मुश्केली बनी शके छे. प्राचीन वैदिक लखाण सुलबा सूत्रमां आवा समीकरणोनी गहन चर्चा थई हती, जेना वधारे प्राचीन अंशो 800 सदी पूर्वेना होई शके छे. आवी मुश्केलीओ उकेलवानी आर्यभट्टनी पद्धति kuṭṭaka (कुट्टक) पद्धति कहेवाय छे. कुट्टकअर्थ थाय छे भूक्को करी नाखवो एटले के नाना कटकाओमां तोडवुं. | आर्यभट्टे दर्शावेली पध्धतिमां गणतरीनी कई पद्धतिनो समावेश थाय छे? | 442 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिया भाषामां बनता फित्रपटो ऑलिवुड फील्म नामे जाणीता बन्या छे. ऑडियाभाषानुं सौ प्रथम चित्रपट - सीता बिबाह - १९३६मां बन्युं हतुं. त्यार बाद १९५१ सुधी मात्र बे ऑडिया फील्मो ज बनी हती. १९४८ बाद ऑडिशाना जम्नीनदारो अने व्यापारीओ भंडोळ एकत्र करी ते बे फील्मो बनावी हती. सीता बिबाह ना दिग्दर्शक मोहन सुंदर देव गोस्वामी हती अने ते फील्म पुरीना लक्ष्मी थीयेटरमां प्रदर्शित कराती हती. १९५१मां रोल्स टु एईटनामे फील्म प्रसिद्ध थई, अंग्रेजी नाम धरावती आ प्रथम ऑडिया फील्म हती. सीता बिबाहना १५ वर्ष पछी आ फील्म बनी. | ओरिया भाषामां निर्मित फिल्मो कई फिल्मो तरीके जाणीती बनी? | 443 | {
"answer_start": [
28
],
"text": [
"ऑलिवुड"
]
} |
ऑडिया भाषामां बनता फित्रपटो ऑलिवुड फील्म नामे जाणीता बन्या छे. ऑडियाभाषानुं सौ प्रथम चित्रपट - सीता बिबाह - १९३६मां बन्युं हतुं. त्यार बाद १९५१ सुधी मात्र बे ऑडिया फील्मो ज बनी हती. १९४८ बाद ऑडिशाना जम्नीनदारो अने व्यापारीओ भंडोळ एकत्र करी ते बे फील्मो बनावी हती. सीता बिबाह ना दिग्दर्शक मोहन सुंदर देव गोस्वामी हती अने ते फील्म पुरीना लक्ष्मी थीयेटरमां प्रदर्शित कराती हती. १९५१मां रोल्स टु एईटनामे फील्म प्रसिद्ध थई, अंग्रेजी नाम धरावती आ प्रथम ऑडिया फील्म हती. सीता बिबाहना १५ वर्ष पछी आ फील्म बनी. | पहेली ओडिया फिल्म कई हती? | 444 | {
"answer_start": [
94
],
"text": [
"सीता बिबाह"
]
} |
ऑडिया भाषामां बनता फित्रपटो ऑलिवुड फील्म नामे जाणीता बन्या छे. ऑडियाभाषानुं सौ प्रथम चित्रपट - सीता बिबाह - १९३६मां बन्युं हतुं. त्यार बाद १९५१ सुधी मात्र बे ऑडिया फील्मो ज बनी हती. १९४८ बाद ऑडिशाना जम्नीनदारो अने व्यापारीओ भंडोळ एकत्र करी ते बे फील्मो बनावी हती. सीता बिबाह ना दिग्दर्शक मोहन सुंदर देव गोस्वामी हती अने ते फील्म पुरीना लक्ष्मी थीयेटरमां प्रदर्शित कराती हती. १९५१मां रोल्स टु एईटनामे फील्म प्रसिद्ध थई, अंग्रेजी नाम धरावती आ प्रथम ऑडिया फील्म हती. सीता बिबाहना १५ वर्ष पछी आ फील्म बनी. | पहेली ओडिया फिल्म - सीता विवाह - कया वर्षमां रिलीझ थई हती? | 445 | {
"answer_start": [
107
],
"text": [
"१९३६मां"
]
} |
ऑडिया भाषामां बनता फित्रपटो ऑलिवुड फील्म नामे जाणीता बन्या छे. ऑडियाभाषानुं सौ प्रथम चित्रपट - सीता बिबाह - १९३६मां बन्युं हतुं. त्यार बाद १९५१ सुधी मात्र बे ऑडिया फील्मो ज बनी हती. १९४८ बाद ऑडिशाना जम्नीनदारो अने व्यापारीओ भंडोळ एकत्र करी ते बे फील्मो बनावी हती. सीता बिबाह ना दिग्दर्शक मोहन सुंदर देव गोस्वामी हती अने ते फील्म पुरीना लक्ष्मी थीयेटरमां प्रदर्शित कराती हती. १९५१मां रोल्स टु एईटनामे फील्म प्रसिद्ध थई, अंग्रेजी नाम धरावती आ प्रथम ऑडिया फील्म हती. सीता बिबाहना १५ वर्ष पछी आ फील्म बनी. | 1951 सुधीमां मात्र केटली ओडिय फिल्म बनी हती? | 446 | {
"answer_start": [
153
],
"text": [
"बे"
]
} |
ऑडिया भाषामां बनता फित्रपटो ऑलिवुड फील्म नामे जाणीता बन्या छे. ऑडियाभाषानुं सौ प्रथम चित्रपट - सीता बिबाह - १९३६मां बन्युं हतुं. त्यार बाद १९५१ सुधी मात्र बे ऑडिया फील्मो ज बनी हती. १९४८ बाद ऑडिशाना जम्नीनदारो अने व्यापारीओ भंडोळ एकत्र करी ते बे फील्मो बनावी हती. सीता बिबाह ना दिग्दर्शक मोहन सुंदर देव गोस्वामी हती अने ते फील्म पुरीना लक्ष्मी थीयेटरमां प्रदर्शित कराती हती. १९५१मां रोल्स टु एईटनामे फील्म प्रसिद्ध थई, अंग्रेजी नाम धरावती आ प्रथम ऑडिया फील्म हती. सीता बिबाहना १५ वर्ष पछी आ फील्म बनी. | फिल्म श्री लोकेनाथनुं दिग्दर्शन कोणे कर्युं हतुं? | 447 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिया भाषामां बनता फित्रपटो ऑलिवुड फील्म नामे जाणीता बन्या छे. ऑडियाभाषानुं सौ प्रथम चित्रपट - सीता बिबाह - १९३६मां बन्युं हतुं. त्यार बाद १९५१ सुधी मात्र बे ऑडिया फील्मो ज बनी हती. १९४८ बाद ऑडिशाना जम्नीनदारो अने व्यापारीओ भंडोळ एकत्र करी ते बे फील्मो बनावी हती. सीता बिबाह ना दिग्दर्शक मोहन सुंदर देव गोस्वामी हती अने ते फील्म पुरीना लक्ष्मी थीयेटरमां प्रदर्शित कराती हती. १९५१मां रोल्स टु एईटनामे फील्म प्रसिद्ध थई, अंग्रेजी नाम धरावती आ प्रथम ऑडिया फील्म हती. सीता बिबाहना १५ वर्ष पछी आ फील्म बनी. | रतिकांता पाधी द्वारा निर्मित रोल्स टु एईटनामे केटलामी फिल्म हती? | 448 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिया भाषामां बनता फित्रपटो ऑलिवुड फील्म नामे जाणीता बन्या छे. ऑडियाभाषानुं सौ प्रथम चित्रपट - सीता बिबाह - १९३६मां बन्युं हतुं. त्यार बाद १९५१ सुधी मात्र बे ऑडिया फील्मो ज बनी हती. १९४८ बाद ऑडिशाना जम्नीनदारो अने व्यापारीओ भंडोळ एकत्र करी ते बे फील्मो बनावी हती. सीता बिबाह ना दिग्दर्शक मोहन सुंदर देव गोस्वामी हती अने ते फील्म पुरीना लक्ष्मी थीयेटरमां प्रदर्शित कराती हती. १९५१मां रोल्स टु एईटनामे फील्म प्रसिद्ध थई, अंग्रेजी नाम धरावती आ प्रथम ऑडिया फील्म हती. सीता बिबाहना १५ वर्ष पछी आ फील्म बनी. | कई भाषामां निर्मित फिल्मो ओलीवुड फिल्मो तरीके जाणीती बनी? | 449 | {
"answer_start": [
0
],
"text": [
"ऑडिया"
]
} |
ऑडिया भाषामां बनता फित्रपटो ऑलिवुड फील्म नामे जाणीता बन्या छे. ऑडियाभाषानुं सौ प्रथम चित्रपट - सीता बिबाह - १९३६मां बन्युं हतुं. त्यार बाद १९५१ सुधी मात्र बे ऑडिया फील्मो ज बनी हती. १९४८ बाद ऑडिशाना जम्नीनदारो अने व्यापारीओ भंडोळ एकत्र करी ते बे फील्मो बनावी हती. सीता बिबाह ना दिग्दर्शक मोहन सुंदर देव गोस्वामी हती अने ते फील्म पुरीना लक्ष्मी थीयेटरमां प्रदर्शित कराती हती. १९५१मां रोल्स टु एईटनामे फील्म प्रसिद्ध थई, अंग्रेजी नाम धरावती आ प्रथम ऑडिया फील्म हती. सीता बिबाहना १५ वर्ष पछी आ फील्म बनी. | १९६० मां बनेली कई ऑडिया फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार जीतनार प्रथम फिल्म हती? | 450 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशा विपुल प्रमाणमां प्राकृतिक संपत्ति अने लांबो दरिया किनारो धरावे छे. विदेशि रोकाणकारो माटॅ ऑडिशा एक आकर्षक स्थळ बन्युं छे. . भारतीय खनिज संपत्तिनो पांचमं भागनो कोलसो, पा भागनुं लोह खनिज, त्रीजा भागनुं बोक्साईट अने मोटाभागनुं क्रोमाईट ऑडिशामां आवेलुं छे. राउरकेला पोलाद कारखानुं ए जाहेरक्षेत्रनुं पहेलुं लोखंड पोलादनुं कारखानुं कहतुं तेनुं बांधकाम जर्मनी साथे सहयोग करी करायुं हतुं. जाहेर क्षेत्रनी मोटी कंपनीओ ना मुख्य मथको अहीं आवेला छे जेम के एच ए एल, सुनाबेडा(कोरापट), नेशलन्ल एल्युमिनियम कंपनी - अनुगुल, दामन्जोडी, कोरापट. ऑडिशामां पोलाद, एल्युमिनियम, तेल शुद्धिकरन अने बंदर क्षेत्रे घणुं रोकाण थयुं छे. | भारतनी खनिज संपत्तिमां आयर्न ओरनो केटलो भाग छे? | 451 | {
"answer_start": [
170
],
"text": [
"पा"
]
} |
ऑडिशा विपुल प्रमाणमां प्राकृतिक संपत्ति अने लांबो दरिया किनारो धरावे छे. विदेशि रोकाणकारो माटॅ ऑडिशा एक आकर्षक स्थळ बन्युं छे. . भारतीय खनिज संपत्तिनो पांचमं भागनो कोलसो, पा भागनुं लोह खनिज, त्रीजा भागनुं बोक्साईट अने मोटाभागनुं क्रोमाईट ऑडिशामां आवेलुं छे. राउरकेला पोलाद कारखानुं ए जाहेरक्षेत्रनुं पहेलुं लोखंड पोलादनुं कारखानुं कहतुं तेनुं बांधकाम जर्मनी साथे सहयोग करी करायुं हतुं. जाहेर क्षेत्रनी मोटी कंपनीओ ना मुख्य मथको अहीं आवेला छे जेम के एच ए एल, सुनाबेडा(कोरापट), नेशलन्ल एल्युमिनियम कंपनी - अनुगुल, दामन्जोडी, कोरापट. ऑडिशामां पोलाद, एल्युमिनियम, तेल शुद्धिकरन अने बंदर क्षेत्रे घणुं रोकाण थयुं छे. | आईबीएम, सिन्टेल अने बीजी कई कंपनी ओडिशामां शाखाओ खोलवा जई रही छे? | 452 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशा विपुल प्रमाणमां प्राकृतिक संपत्ति अने लांबो दरिया किनारो धरावे छे. विदेशि रोकाणकारो माटॅ ऑडिशा एक आकर्षक स्थळ बन्युं छे. . भारतीय खनिज संपत्तिनो पांचमं भागनो कोलसो, पा भागनुं लोह खनिज, त्रीजा भागनुं बोक्साईट अने मोटाभागनुं क्रोमाईट ऑडिशामां आवेलुं छे. राउरकेला पोलाद कारखानुं ए जाहेरक्षेत्रनुं पहेलुं लोखंड पोलादनुं कारखानुं कहतुं तेनुं बांधकाम जर्मनी साथे सहयोग करी करायुं हतुं. जाहेर क्षेत्रनी मोटी कंपनीओ ना मुख्य मथको अहीं आवेला छे जेम के एच ए एल, सुनाबेडा(कोरापट), नेशलन्ल एल्युमिनियम कंपनी - अनुगुल, दामन्जोडी, कोरापट. ऑडिशामां पोलाद, एल्युमिनियम, तेल शुद्धिकरन अने बंदर क्षेत्रे घणुं रोकाण थयुं छे. | ओडिशानो दरियाकिनारो केवो छे? | 453 | {
"answer_start": [
44
],
"text": [
"लांबो"
]
} |
ऑडिशा विपुल प्रमाणमां प्राकृतिक संपत्ति अने लांबो दरिया किनारो धरावे छे. विदेशि रोकाणकारो माटॅ ऑडिशा एक आकर्षक स्थळ बन्युं छे. . भारतीय खनिज संपत्तिनो पांचमं भागनो कोलसो, पा भागनुं लोह खनिज, त्रीजा भागनुं बोक्साईट अने मोटाभागनुं क्रोमाईट ऑडिशामां आवेलुं छे. राउरकेला पोलाद कारखानुं ए जाहेरक्षेत्रनुं पहेलुं लोखंड पोलादनुं कारखानुं कहतुं तेनुं बांधकाम जर्मनी साथे सहयोग करी करायुं हतुं. जाहेर क्षेत्रनी मोटी कंपनीओ ना मुख्य मथको अहीं आवेला छे जेम के एच ए एल, सुनाबेडा(कोरापट), नेशलन्ल एल्युमिनियम कंपनी - अनुगुल, दामन्जोडी, कोरापट. ऑडिशामां पोलाद, एल्युमिनियम, तेल शुद्धिकरन अने बंदर क्षेत्रे घणुं रोकाण थयुं छे. | जर्मनीना सहयोगथी बनाववामां आवेलो जाहेर क्षेत्रनो प्रथम स्टील प्लान्ट कयो हतो? | 454 | {
"answer_start": [
256
],
"text": [
"राउरकेला"
]
} |
ऑडिशा विपुल प्रमाणमां प्राकृतिक संपत्ति अने लांबो दरिया किनारो धरावे छे. विदेशि रोकाणकारो माटॅ ऑडिशा एक आकर्षक स्थळ बन्युं छे. . भारतीय खनिज संपत्तिनो पांचमं भागनो कोलसो, पा भागनुं लोह खनिज, त्रीजा भागनुं बोक्साईट अने मोटाभागनुं क्रोमाईट ऑडिशामां आवेलुं छे. राउरकेला पोलाद कारखानुं ए जाहेरक्षेत्रनुं पहेलुं लोखंड पोलादनुं कारखानुं कहतुं तेनुं बांधकाम जर्मनी साथे सहयोग करी करायुं हतुं. जाहेर क्षेत्रनी मोटी कंपनीओ ना मुख्य मथको अहीं आवेला छे जेम के एच ए एल, सुनाबेडा(कोरापट), नेशलन्ल एल्युमिनियम कंपनी - अनुगुल, दामन्जोडी, कोरापट. ऑडिशामां पोलाद, एल्युमिनियम, तेल शुद्धिकरन अने बंदर क्षेत्रे घणुं रोकाण थयुं छे. | ओडिशा शेमां समृद्ध छे? | 455 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशा विपुल प्रमाणमां प्राकृतिक संपत्ति अने लांबो दरिया किनारो धरावे छे. विदेशि रोकाणकारो माटॅ ऑडिशा एक आकर्षक स्थळ बन्युं छे. . भारतीय खनिज संपत्तिनो पांचमं भागनो कोलसो, पा भागनुं लोह खनिज, त्रीजा भागनुं बोक्साईट अने मोटाभागनुं क्रोमाईट ऑडिशामां आवेलुं छे. राउरकेला पोलाद कारखानुं ए जाहेरक्षेत्रनुं पहेलुं लोखंड पोलादनुं कारखानुं कहतुं तेनुं बांधकाम जर्मनी साथे सहयोग करी करायुं हतुं. जाहेर क्षेत्रनी मोटी कंपनीओ ना मुख्य मथको अहीं आवेला छे जेम के एच ए एल, सुनाबेडा(कोरापट), नेशलन्ल एल्युमिनियम कंपनी - अनुगुल, दामन्जोडी, कोरापट. ऑडिशामां पोलाद, एल्युमिनियम, तेल शुद्धिकरन अने बंदर क्षेत्रे घणुं रोकाण थयुं छे. | विदेशी रोकाणकारो माटे कयुं स्थळ आकर्षक बनी गयुं छे? | 456 | {
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0
],
"text": [
"ऑडिशा"
]
} |
ऑडिशा विपुल प्रमाणमां प्राकृतिक संपत्ति अने लांबो दरिया किनारो धरावे छे. विदेशि रोकाणकारो माटॅ ऑडिशा एक आकर्षक स्थळ बन्युं छे. . भारतीय खनिज संपत्तिनो पांचमं भागनो कोलसो, पा भागनुं लोह खनिज, त्रीजा भागनुं बोक्साईट अने मोटाभागनुं क्रोमाईट ऑडिशामां आवेलुं छे. राउरकेला पोलाद कारखानुं ए जाहेरक्षेत्रनुं पहेलुं लोखंड पोलादनुं कारखानुं कहतुं तेनुं बांधकाम जर्मनी साथे सहयोग करी करायुं हतुं. जाहेर क्षेत्रनी मोटी कंपनीओ ना मुख्य मथको अहीं आवेला छे जेम के एच ए एल, सुनाबेडा(कोरापट), नेशलन्ल एल्युमिनियम कंपनी - अनुगुल, दामन्जोडी, कोरापट. ऑडिशामां पोलाद, एल्युमिनियम, तेल शुद्धिकरन अने बंदर क्षेत्रे घणुं रोकाण थयुं छे. | टीसीएस, महिन्द्रा सत्यम, माइन्डट्री, प्राइस वोटर हाउस कूपर्स अने इन्फोसीस जेवी मोटी कई कंपनीओ ओडिशामां शाखाओ धरावे छे? | 457 | {
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],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | चिल्का तळाव शेनो भाग छे? | 458 | {
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274
],
"text": [
"मेदान प्रदेशनो"
]
} |
ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | समुद्र सपाटीथी केटला मीटरनी उंचाई पर देवमाली शिखर छे? | 459 | {
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],
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""
]
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ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | राज्यना अन्य उच्चतम शिखरोमां सिंकाराम केटली उंचाई पर छे? | 460 | {
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null
],
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""
]
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ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | अक्षांश 17.780 एन अने रेखांश 22.730 एन अने रेखांश 81.37 अने 97.53 पी वच्चे कयुं राज्य आवेलुं छे? | 461 | {
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0
],
"text": [
"ऑडिशा"
]
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ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | ओडिशा केवुं राज्य छे? | 462 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | राज्यना अन्य उच्चतम शिखरोमां येन्द्रिका केटली उंचाई पर छे? | 463 | {
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null
],
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""
]
} |
ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | ओडिशा राज्यनुं क्षेत्रफळ केटलुं छे? | 464 | {
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103
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"text": [
"१५५,७०७ चो. किमी."
]
} |
ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | ओडिशामां केटली मुख्य नदीओ छे? | 465 | {
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79
],
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"छ"
]
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ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | समुद्र सपाटीथी 1672 मीटरनी उंचाई पर ओडिशानुं सौथी उंचुं शिखर क्यु छे? | 466 | {
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null
],
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""
]
} |
ऑडिशा १७.७८०उ अने २२.७३०उ अक्षांस अने ८१.३७ पू अने ९७.५३पू रेखांश वच्चे आवेलुं छे. आ राज्यनुं क्षेत्रफळ १५५,७०७ चो. किमी. छे. ऑडिशाना पूर्वभाग समुद्र किनारानो मेदान प्रदेश छे. आ मेदान प्रदेश उत्तरमां सुवर्णरेखा नदीथी लई दक्षिणमां ऋषिकुल्य नदी सुधी विस्तरेलो छे. चिल्का सरोवर आ मेदान प्रदेशनो एक भाग छे. आ मेदानो कांपना फळद्रुप मेदानो छे. अहीं छ मुख्य नदीओ सुवर्णरेखा, बुधबालंगा, बैतरणी, ब्रह्मणी, महानदी अने ऋषिकुल्य मेदानोमां कांप ठालवे छे. ऑडिशानो पोणोभाग पर्वतीय प्रदेश छे. आ प्रदेशमां नदीओ द्वारा ऊंडी अने पहोळी खीणोनुं निर्माण थयुं छे. आ खीण प्रदेशो फळद्रुप छे अने वस्तीनी घनताअ अहीं अधिक छे. | खीण प्रदेशो सिवाय ओडिशामां शुं छे? | 467 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | पुरीना रसोडामां केटला रसोईयाओ काम करे छे? | 468 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | ओडिशा मूळथी आवती कई वानगी विश्वभरमां प्रख्यात छे? | 469 | {
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221
],
"text": [
"रसगुल्ला"
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | ओडिशानी कई लोकप्रिय मीठाई चोखा अने घउंना लोटमांथी बनाववामां आवे छे? | 470 | {
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null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | कोनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे? | 471 | {
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34
],
"text": [
"जगन्नाथ पुरीनुं"
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | काकरा पीठा कोना लोटमांथी बनाववामां आवे छे? | 472 | {
"answer_start": [
527
],
"text": [
"रवो अने घउं"
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | पुरीना रसोडामां केटला चुल्हा छे? | 473 | {
"answer_start": [
106
],
"text": [
"७५२"
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | मुमरामांथी बनेली चेवडा जेवी कई वानगी चा अने दूध साथे खावामां आवे छे? | 474 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | ओडिशानी कई मीठाईनुं मूळ नयागढ छे? | 475 | {
"answer_start": [
261
],
"text": [
"छेनापोडा"
]
} |
ऑडिशानी पाक संस्कृति सदीओ जूनी छे. जगन्नाथ पुरीनुं रसोडुं विश्वनुं सौथी मोटुं रसोडुं छे, तेमां १००० रसोईया ७५२ चुला पर काम करी अने १०,००० लोकोने दररोज जमाडे छे. ऑडिशामां उद्गम पामेला साकरनी चासणीमां डुबाडीने बनाववामां आवता रसगुल्ला विश्वभरमां प्रख्यात छे. ऑडिशानी छेनापोडा नामनी एक मीठाई पण जाणीती छे, तेनुं उद्गम नयागढ छे. पनीरने खांड साथे केरेमलाईझ करी तेमां एलची, वगेरे उमेरी चूला पर बाळीने आ मीठाई बनाववामां आवे छे. छेना जीली अने मालपुआ अहींनी अन्य लोकप्रिय मीठाईओ छे. काकरा पीठा नामनी अन्य मीठाई पण ऑडिशानी जाणीती मीठाई छे, तेने रवो अने घउंनो लोट वापरी बनावाय छे अने अंदरना पूरणमां कोपरुं, मरी, एलची, खांड अने घी के पनीर (छेना) वापरवामां छे. तहेवारोमां आ मीठाई विशेष खवाय छे. अरीशा एक अन्य जाणीती वानगी छे. आ सिवाय पोडा पीठा (एन्दुरी पीठा), मन्दा पीठा, चीतोउ पीठा अन्य उदाहरण छे. | मुमरामांथी बनेली चेनाचु नामनी चेवडा जेवी वानगी कोनी साथे खावामां आवे छे? | 476 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशानो इतिहास लगभग ५००० वर्ष जुनो छे. कलिंगाना राज्य पहेला आ क्षेत्रने उद्र के ऑद्र देश तरीके ओळखवामां आवतुं. प्राचीन ओद्र देश के ऑर्देशनो विस्तार महा नदीनी खीण अने सुवर्ण रेखा नदीना नीचला क्षेत्र सुधी हतो. ते आजना कटक, संबलपुर अने मिदना पुरना अमुक क्षेत्रने समावी लेतो. आ देश पश्चिममां गोंडवन, उत्तरमां सिंघभूम अने जसपुरना पर्वती राज्यो, पूर्वमां समुद्र अने दक्षिणमां गंजम क्षेत्रथी घेरायेली हती. ऑडियाना ओद्र के उद्र प्रजाति परथी उतरी आव्युं छे जे मध्य किनारी क्षेत्रमां (हालना खोर्धा अने नयागढ जिल्लामां) वसती. ऑडिशा अन्य प्रजातिओ जेमके कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल जेवी जातिओनी पण जन्मभूमि छे. आ जातिओए ऑडिशाना इतिहासमां महत्त्वपूर्ण भाग भजव्यो हतो. अति प्राचीन लिपीओमां कलिंग लोकोनो उल्लेख आवे छे. | ओड्रा अथवा उड्रा प्रजातिओ क्यां प्रदेशमां वसे छे? | 477 | {
"answer_start": [
0
],
"text": [
"ऑडिशा"
]
} |
ऑडिशानो इतिहास लगभग ५००० वर्ष जुनो छे. कलिंगाना राज्य पहेला आ क्षेत्रने उद्र के ऑद्र देश तरीके ओळखवामां आवतुं. प्राचीन ओद्र देश के ऑर्देशनो विस्तार महा नदीनी खीण अने सुवर्ण रेखा नदीना नीचला क्षेत्र सुधी हतो. ते आजना कटक, संबलपुर अने मिदना पुरना अमुक क्षेत्रने समावी लेतो. आ देश पश्चिममां गोंडवन, उत्तरमां सिंघभूम अने जसपुरना पर्वती राज्यो, पूर्वमां समुद्र अने दक्षिणमां गंजम क्षेत्रथी घेरायेली हती. ऑडियाना ओद्र के उद्र प्रजाति परथी उतरी आव्युं छे जे मध्य किनारी क्षेत्रमां (हालना खोर्धा अने नयागढ जिल्लामां) वसती. ऑडिशा अन्य प्रजातिओ जेमके कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल जेवी जातिओनी पण जन्मभूमि छे. आ जातिओए ऑडिशाना इतिहासमां महत्त्वपूर्ण भाग भजव्यो हतो. अति प्राचीन लिपीओमां कलिंग लोकोनो उल्लेख आवे छे. | ओडिया कई प्रजातिओमांथी उतरी आव्युं छे? | 478 | {
"answer_start": [
71
],
"text": [
"उद्र"
]
} |
ऑडिशानो इतिहास लगभग ५००० वर्ष जुनो छे. कलिंगाना राज्य पहेला आ क्षेत्रने उद्र के ऑद्र देश तरीके ओळखवामां आवतुं. प्राचीन ओद्र देश के ऑर्देशनो विस्तार महा नदीनी खीण अने सुवर्ण रेखा नदीना नीचला क्षेत्र सुधी हतो. ते आजना कटक, संबलपुर अने मिदना पुरना अमुक क्षेत्रने समावी लेतो. आ देश पश्चिममां गोंडवन, उत्तरमां सिंघभूम अने जसपुरना पर्वती राज्यो, पूर्वमां समुद्र अने दक्षिणमां गंजम क्षेत्रथी घेरायेली हती. ऑडियाना ओद्र के उद्र प्रजाति परथी उतरी आव्युं छे जे मध्य किनारी क्षेत्रमां (हालना खोर्धा अने नयागढ जिल्लामां) वसती. ऑडिशा अन्य प्रजातिओ जेमके कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल जेवी जातिओनी पण जन्मभूमि छे. आ जातिओए ऑडिशाना इतिहासमां महत्त्वपूर्ण भाग भजव्यो हतो. अति प्राचीन लिपीओमां कलिंग लोकोनो उल्लेख आवे छे. | क्यारथी ऑडिशामां ब्राह्मणोनो प्रभाव पण वध्यो? | 479 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशानो इतिहास लगभग ५००० वर्ष जुनो छे. कलिंगाना राज्य पहेला आ क्षेत्रने उद्र के ऑद्र देश तरीके ओळखवामां आवतुं. प्राचीन ओद्र देश के ऑर्देशनो विस्तार महा नदीनी खीण अने सुवर्ण रेखा नदीना नीचला क्षेत्र सुधी हतो. ते आजना कटक, संबलपुर अने मिदना पुरना अमुक क्षेत्रने समावी लेतो. आ देश पश्चिममां गोंडवन, उत्तरमां सिंघभूम अने जसपुरना पर्वती राज्यो, पूर्वमां समुद्र अने दक्षिणमां गंजम क्षेत्रथी घेरायेली हती. ऑडियाना ओद्र के उद्र प्रजाति परथी उतरी आव्युं छे जे मध्य किनारी क्षेत्रमां (हालना खोर्धा अने नयागढ जिल्लामां) वसती. ऑडिशा अन्य प्रजातिओ जेमके कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल जेवी जातिओनी पण जन्मभूमि छे. आ जातिओए ऑडिशाना इतिहासमां महत्त्वपूर्ण भाग भजव्यो हतो. अति प्राचीन लिपीओमां कलिंग लोकोनो उल्लेख आवे छे. | कलिंग साम्राज्य पहेला, ओडिशा क्यां नामे ओळखवामां आवतो हतो? | 480 | {
"answer_start": [
70
],
"text": [
"उद्र के ऑद्र"
]
} |
ऑडिशानो इतिहास लगभग ५००० वर्ष जुनो छे. कलिंगाना राज्य पहेला आ क्षेत्रने उद्र के ऑद्र देश तरीके ओळखवामां आवतुं. प्राचीन ओद्र देश के ऑर्देशनो विस्तार महा नदीनी खीण अने सुवर्ण रेखा नदीना नीचला क्षेत्र सुधी हतो. ते आजना कटक, संबलपुर अने मिदना पुरना अमुक क्षेत्रने समावी लेतो. आ देश पश्चिममां गोंडवन, उत्तरमां सिंघभूम अने जसपुरना पर्वती राज्यो, पूर्वमां समुद्र अने दक्षिणमां गंजम क्षेत्रथी घेरायेली हती. ऑडियाना ओद्र के उद्र प्रजाति परथी उतरी आव्युं छे जे मध्य किनारी क्षेत्रमां (हालना खोर्धा अने नयागढ जिल्लामां) वसती. ऑडिशा अन्य प्रजातिओ जेमके कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल जेवी जातिओनी पण जन्मभूमि छे. आ जातिओए ऑडिशाना इतिहासमां महत्त्वपूर्ण भाग भजव्यो हतो. अति प्राचीन लिपीओमां कलिंग लोकोनो उल्लेख आवे छे. | कई सदीमां, वैदिक सूत्रो बौधायने लख्युं के कलिंग वैदिक संस्कृतिथी प्रभावित हती? | 481 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशानो इतिहास लगभग ५००० वर्ष जुनो छे. कलिंगाना राज्य पहेला आ क्षेत्रने उद्र के ऑद्र देश तरीके ओळखवामां आवतुं. प्राचीन ओद्र देश के ऑर्देशनो विस्तार महा नदीनी खीण अने सुवर्ण रेखा नदीना नीचला क्षेत्र सुधी हतो. ते आजना कटक, संबलपुर अने मिदना पुरना अमुक क्षेत्रने समावी लेतो. आ देश पश्चिममां गोंडवन, उत्तरमां सिंघभूम अने जसपुरना पर्वती राज्यो, पूर्वमां समुद्र अने दक्षिणमां गंजम क्षेत्रथी घेरायेली हती. ऑडियाना ओद्र के उद्र प्रजाति परथी उतरी आव्युं छे जे मध्य किनारी क्षेत्रमां (हालना खोर्धा अने नयागढ जिल्लामां) वसती. ऑडिशा अन्य प्रजातिओ जेमके कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल जेवी जातिओनी पण जन्मभूमि छे. आ जातिओए ऑडिशाना इतिहासमां महत्त्वपूर्ण भाग भजव्यो हतो. अति प्राचीन लिपीओमां कलिंग लोकोनो उल्लेख आवे छे. | कलिंग लोकोनो केमां उल्लेख छे? | 482 | {
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658
],
"text": [
"अति प्राचीन लिपीओमां"
]
} |
ऑडिशानो इतिहास लगभग ५००० वर्ष जुनो छे. कलिंगाना राज्य पहेला आ क्षेत्रने उद्र के ऑद्र देश तरीके ओळखवामां आवतुं. प्राचीन ओद्र देश के ऑर्देशनो विस्तार महा नदीनी खीण अने सुवर्ण रेखा नदीना नीचला क्षेत्र सुधी हतो. ते आजना कटक, संबलपुर अने मिदना पुरना अमुक क्षेत्रने समावी लेतो. आ देश पश्चिममां गोंडवन, उत्तरमां सिंघभूम अने जसपुरना पर्वती राज्यो, पूर्वमां समुद्र अने दक्षिणमां गंजम क्षेत्रथी घेरायेली हती. ऑडियाना ओद्र के उद्र प्रजाति परथी उतरी आव्युं छे जे मध्य किनारी क्षेत्रमां (हालना खोर्धा अने नयागढ जिल्लामां) वसती. ऑडिशा अन्य प्रजातिओ जेमके कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल जेवी जातिओनी पण जन्मभूमि छे. आ जातिओए ऑडिशाना इतिहासमां महत्त्वपूर्ण भाग भजव्यो हतो. अति प्राचीन लिपीओमां कलिंग लोकोनो उल्लेख आवे छे. | ओडिशाना इतिहासमां कई जातिओए महत्वनी भूमिका भजवी हती? | 483 | {
"answer_start": [
535
],
"text": [
"कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल"
]
} |
ऑडिशानो इतिहास लगभग ५००० वर्ष जुनो छे. कलिंगाना राज्य पहेला आ क्षेत्रने उद्र के ऑद्र देश तरीके ओळखवामां आवतुं. प्राचीन ओद्र देश के ऑर्देशनो विस्तार महा नदीनी खीण अने सुवर्ण रेखा नदीना नीचला क्षेत्र सुधी हतो. ते आजना कटक, संबलपुर अने मिदना पुरना अमुक क्षेत्रने समावी लेतो. आ देश पश्चिममां गोंडवन, उत्तरमां सिंघभूम अने जसपुरना पर्वती राज्यो, पूर्वमां समुद्र अने दक्षिणमां गंजम क्षेत्रथी घेरायेली हती. ऑडियाना ओद्र के उद्र प्रजाति परथी उतरी आव्युं छे जे मध्य किनारी क्षेत्रमां (हालना खोर्धा अने नयागढ जिल्लामां) वसती. ऑडिशा अन्य प्रजातिओ जेमके कलिंग, उत्कल, महाकांतरा/कांतरा अने कोशल जेवी जातिओनी पण जन्मभूमि छे. आ जातिओए ऑडिशाना इतिहासमां महत्त्वपूर्ण भाग भजव्यो हतो. अति प्राचीन लिपीओमां कलिंग लोकोनो उल्लेख आवे छे. | कोनो प्रभाव ऑडिशामां विस्तर्यो न हतो? | 484 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशामां मोट भागना लोको ऑडिया भाषा बोले छे. कार्यालयीन कामो माटे अंग्रेजी भाषानो बहोळा प्रमाणमां उपयोग थाय छे. स्थानीय स्तरे ऑडिया भाषा वपराय छे. ऑडिया भाषा इंडो-युरोपीयन भाषानी ईंडो-आर्यन भाषाना वर्गमां आवती भाषा छे अने बंगाळी अने असमिया भाषा साथे साम्य धरावे छे. अहींना आदिवासीओ द्रविडियन अने मुंडा कुळनी भाषा बोले छे. राज्यनी राजधानी भुवनेश्वरमां घणां मंदिरो आवेलां छे. | ऑडिशा राज्यनी राजधानी भुवनेश्वरमां शुं छे? | 485 | {
"answer_start": [
345
],
"text": [
"घणां मंदिरो"
]
} |
ऑडिशामां मोट भागना लोको ऑडिया भाषा बोले छे. कार्यालयीन कामो माटे अंग्रेजी भाषानो बहोळा प्रमाणमां उपयोग थाय छे. स्थानीय स्तरे ऑडिया भाषा वपराय छे. ऑडिया भाषा इंडो-युरोपीयन भाषानी ईंडो-आर्यन भाषाना वर्गमां आवती भाषा छे अने बंगाळी अने असमिया भाषा साथे साम्य धरावे छे. अहींना आदिवासीओ द्रविडियन अने मुंडा कुळनी भाषा बोले छे. राज्यनी राजधानी भुवनेश्वरमां घणां मंदिरो आवेलां छे. | सत्तावार हेतुओ माटे कई भाषानो व्यापक उपयोग थाय छे? | 486 | {
"answer_start": [
64
],
"text": [
"अंग्रेजी"
]
} |
ऑडिशामां मोट भागना लोको ऑडिया भाषा बोले छे. कार्यालयीन कामो माटे अंग्रेजी भाषानो बहोळा प्रमाणमां उपयोग थाय छे. स्थानीय स्तरे ऑडिया भाषा वपराय छे. ऑडिया भाषा इंडो-युरोपीयन भाषानी ईंडो-आर्यन भाषाना वर्गमां आवती भाषा छे अने बंगाळी अने असमिया भाषा साथे साम्य धरावे छे. अहींना आदिवासीओ द्रविडियन अने मुंडा कुळनी भाषा बोले छे. राज्यनी राजधानी भुवनेश्वरमां घणां मंदिरो आवेलां छे. | ओडिशामां मोटाभागना लोको कई भाषा बोले छे? | 487 | {
"answer_start": [
24
],
"text": [
"ऑडिया"
]
} |
ऑडिशामां मोट भागना लोको ऑडिया भाषा बोले छे. कार्यालयीन कामो माटे अंग्रेजी भाषानो बहोळा प्रमाणमां उपयोग थाय छे. स्थानीय स्तरे ऑडिया भाषा वपराय छे. ऑडिया भाषा इंडो-युरोपीयन भाषानी ईंडो-आर्यन भाषाना वर्गमां आवती भाषा छे अने बंगाळी अने असमिया भाषा साथे साम्य धरावे छे. अहींना आदिवासीओ द्रविडियन अने मुंडा कुळनी भाषा बोले छे. राज्यनी राजधानी भुवनेश्वरमां घणां मंदिरो आवेलां छे. | कई संस्कृति आधुनिक ओडिया संस्कृतिनो एक भाग छे? | 488 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ऑडिशामां मोट भागना लोको ऑडिया भाषा बोले छे. कार्यालयीन कामो माटे अंग्रेजी भाषानो बहोळा प्रमाणमां उपयोग थाय छे. स्थानीय स्तरे ऑडिया भाषा वपराय छे. ऑडिया भाषा इंडो-युरोपीयन भाषानी ईंडो-आर्यन भाषाना वर्गमां आवती भाषा छे अने बंगाळी अने असमिया भाषा साथे साम्य धरावे छे. अहींना आदिवासीओ द्रविडियन अने मुंडा कुळनी भाषा बोले छे. राज्यनी राजधानी भुवनेश्वरमां घणां मंदिरो आवेलां छे. | अर्वाचीन ओडेसा संस्कृतिमां कोना निशान छे? | 489 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ओडिशा एकगृही विधानसभा के धारासभा धरावे छे. ऑडिशानी विधानसभा १४७ बेठको धरावे छे. आ सिवाय तेमां अध्यक्ष अने उपाध्यक्षनी पदवी होय छे. जेमने विधानसभामां चूंटायेला सभ्यो पोतानामांथी चूंटी काढे छे. राज शासननी जवाबदारी मुख्य मंत्री अने तेना मंत्री मंडळनी होय छे. जोके अने राज्य शासनना वडा राज्यपाल होय छे जेमनी नीमणुंक भारतना राष्ट्रपति करे छे. विधानसभामां बहुमती धरावनार पक्ष के संगठनना नेताने राज्यपाल मुख्यमंत्री तरीके नीमे छे. तेनी सलाह अनुआसर राज्यपाल मंत्रीमंडळनी नीमणुंक करे छे. मंत्रीमंडळ विधान परिषदने जवाबदार होय छे. | जो कोई कारणसर विधानसभा भंग न थाय तो सरकार अने चूंटायेला धारासभ्योनी मुदत केटली छे? | 490 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ओडिशा एकगृही विधानसभा के धारासभा धरावे छे. ऑडिशानी विधानसभा १४७ बेठको धरावे छे. आ सिवाय तेमां अध्यक्ष अने उपाध्यक्षनी पदवी होय छे. जेमने विधानसभामां चूंटायेला सभ्यो पोतानामांथी चूंटी काढे छे. राज शासननी जवाबदारी मुख्य मंत्री अने तेना मंत्री मंडळनी होय छे. जोके अने राज्य शासनना वडा राज्यपाल होय छे जेमनी नीमणुंक भारतना राष्ट्रपति करे छे. विधानसभामां बहुमती धरावनार पक्ष के संगठनना नेताने राज्यपाल मुख्यमंत्री तरीके नीमे छे. तेनी सलाह अनुआसर राज्यपाल मंत्रीमंडळनी नीमणुंक करे छे. मंत्रीमंडळ विधान परिषदने जवाबदार होय छे. | ओडिशामां केवी विधानसभा छे? | 491 | {
"answer_start": [
6
],
"text": [
"एकगृही"
]
} |
ओडिशा एकगृही विधानसभा के धारासभा धरावे छे. ऑडिशानी विधानसभा १४७ बेठको धरावे छे. आ सिवाय तेमां अध्यक्ष अने उपाध्यक्षनी पदवी होय छे. जेमने विधानसभामां चूंटायेला सभ्यो पोतानामांथी चूंटी काढे छे. राज शासननी जवाबदारी मुख्य मंत्री अने तेना मंत्री मंडळनी होय छे. जोके अने राज्य शासनना वडा राज्यपाल होय छे जेमनी नीमणुंक भारतना राष्ट्रपति करे छे. विधानसभामां बहुमती धरावनार पक्ष के संगठनना नेताने राज्यपाल मुख्यमंत्री तरीके नीमे छे. तेनी सलाह अनुआसर राज्यपाल मंत्रीमंडळनी नीमणुंक करे छे. मंत्रीमंडळ विधान परिषदने जवाबदार होय छे. | ओडिशा विधानसभामां केटली बेठको छे? | 492 | {
"answer_start": [
59
],
"text": [
"१४७"
]
} |
ओडिशा एकगृही विधानसभा के धारासभा धरावे छे. ऑडिशानी विधानसभा १४७ बेठको धरावे छे. आ सिवाय तेमां अध्यक्ष अने उपाध्यक्षनी पदवी होय छे. जेमने विधानसभामां चूंटायेला सभ्यो पोतानामांथी चूंटी काढे छे. राज शासननी जवाबदारी मुख्य मंत्री अने तेना मंत्री मंडळनी होय छे. जोके अने राज्य शासनना वडा राज्यपाल होय छे जेमनी नीमणुंक भारतना राष्ट्रपति करे छे. विधानसभामां बहुमती धरावनार पक्ष के संगठनना नेताने राज्यपाल मुख्यमंत्री तरीके नीमे छे. तेनी सलाह अनुआसर राज्यपाल मंत्रीमंडळनी नीमणुंक करे छे. मंत्रीमंडळ विधान परिषदने जवाबदार होय छे. | विधानसभाना सभ्य केना सभ्य होय छे? | 493 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ओडिशा एकगृही विधानसभा के धारासभा धरावे छे. ऑडिशानी विधानसभा १४७ बेठको धरावे छे. आ सिवाय तेमां अध्यक्ष अने उपाध्यक्षनी पदवी होय छे. जेमने विधानसभामां चूंटायेला सभ्यो पोतानामांथी चूंटी काढे छे. राज शासननी जवाबदारी मुख्य मंत्री अने तेना मंत्री मंडळनी होय छे. जोके अने राज्य शासनना वडा राज्यपाल होय छे जेमनी नीमणुंक भारतना राष्ट्रपति करे छे. विधानसभामां बहुमती धरावनार पक्ष के संगठनना नेताने राज्यपाल मुख्यमंत्री तरीके नीमे छे. तेनी सलाह अनुआसर राज्यपाल मंत्रीमंडळनी नीमणुंक करे छे. मंत्रीमंडळ विधान परिषदने जवाबदार होय छे. | राज्यना वडा कोण छे? | 494 | {
"answer_start": [
277
],
"text": [
"राज्यपाल"
]
} |
ओडिशा एकगृही विधानसभा के धारासभा धरावे छे. ऑडिशानी विधानसभा १४७ बेठको धरावे छे. आ सिवाय तेमां अध्यक्ष अने उपाध्यक्षनी पदवी होय छे. जेमने विधानसभामां चूंटायेला सभ्यो पोतानामांथी चूंटी काढे छे. राज शासननी जवाबदारी मुख्य मंत्री अने तेना मंत्री मंडळनी होय छे. जोके अने राज्य शासनना वडा राज्यपाल होय छे जेमनी नीमणुंक भारतना राष्ट्रपति करे छे. विधानसभामां बहुमती धरावनार पक्ष के संगठनना नेताने राज्यपाल मुख्यमंत्री तरीके नीमे छे. तेनी सलाह अनुआसर राज्यपाल मंत्रीमंडळनी नीमणुंक करे छे. मंत्रीमंडळ विधान परिषदने जवाबदार होय छे. | राज्यपालनी नियुक्ति कोण करे छे? | 495 | {
"answer_start": [
307
],
"text": [
"भारतना राष्ट्रपति"
]
} |
ओडिशा एकगृही विधानसभा के धारासभा धरावे छे. ऑडिशानी विधानसभा १४७ बेठको धरावे छे. आ सिवाय तेमां अध्यक्ष अने उपाध्यक्षनी पदवी होय छे. जेमने विधानसभामां चूंटायेला सभ्यो पोतानामांथी चूंटी काढे छे. राज शासननी जवाबदारी मुख्य मंत्री अने तेना मंत्री मंडळनी होय छे. जोके अने राज्य शासनना वडा राज्यपाल होय छे जेमनी नीमणुंक भारतना राष्ट्रपति करे छे. विधानसभामां बहुमती धरावनार पक्ष के संगठनना नेताने राज्यपाल मुख्यमंत्री तरीके नीमे छे. तेनी सलाह अनुआसर राज्यपाल मंत्रीमंडळनी नीमणुंक करे छे. मंत्रीमंडळ विधान परिषदने जवाबदार होय छे. | राज्यपाल कया समुदायमांथी धारासभ्यनी पसंदगी करी शके छे? | 496 | {
"answer_start": [
null
],
"text": [
""
]
} |
ओडिशा एकगृही विधानसभा के धारासभा धरावे छे. ऑडिशानी विधानसभा १४७ बेठको धरावे छे. आ सिवाय तेमां अध्यक्ष अने उपाध्यक्षनी पदवी होय छे. जेमने विधानसभामां चूंटायेला सभ्यो पोतानामांथी चूंटी काढे छे. राज शासननी जवाबदारी मुख्य मंत्री अने तेना मंत्री मंडळनी होय छे. जोके अने राज्य शासनना वडा राज्यपाल होय छे जेमनी नीमणुंक भारतना राष्ट्रपति करे छे. विधानसभामां बहुमती धरावनार पक्ष के संगठनना नेताने राज्यपाल मुख्यमंत्री तरीके नीमे छे. तेनी सलाह अनुआसर राज्यपाल मंत्रीमंडळनी नीमणुंक करे छे. मंत्रीमंडळ विधान परिषदने जवाबदार होय छे. | विधानसभामां केवा पद होय छे? | 497 | {
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92
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"अध्यक्ष अने उपाध्यक्ष"
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कलाम देशना पहेला परमाणु परीक्षण स्माइलींग बुद्धानो हिस्सो न होवा छतां राजा रमन्ना द्वारा टर्मिनल बेलेस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाळाना प्रतिनिधि तरीके परीक्षण निहाळवा माटे आमंत्रित कराया हता. १९७०ना दशकमां कलामे अन्य बे परियोजनाओ प्रोजेक्ट डेविल अने प्रोजेक्ट वेलीअन्ट अंतर्गत उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV)नी तकनिक द्वारा बेलेस्टिक मिसाइल तैयार करवानी इच्छा व्यक्त करी. केन्द्रीय मंत्रीपरिषदनी अस्वीकृति छतां तत्कालीन वडाप्रधान ईन्दिरा गांधीए कलामना निर्देशनमां पोतानी विवेकाधीन शक्तिओनो उपयोग करीने आ अंतरीक्ष परियोजनाओ माटे गुप्त अनुदाननी फाळवणी करी. कलामे आ वर्गीकृत अंतरिक्ष परियोजनाओनी वास्तविक प्रकृतिने छुपाववानी जरूरियात संदर्भे मंत्रीमंडळने समजाववामां महत्त्वपूर्ण भूमिका भजवी. तेमनी शोध अने शैक्षणिक नेतृत्त्वए १९८०ना दशकमां तेमने खूब ज ख्याति अने प्रतिष्ठा अपावी. सरकार तेमना निर्देशनमां आधुनिक मिसाइल कार्यक्रम शरू करवा माटे तैयार थई. अरुणाचलमए तत्कालीन रक्षा मंत्री आर. वेंकटरमननी सलाह पर एक पछी एक तबक्कावार मिसाइल परीक्षणने बदले एकसामटा मिसाइल परीक्षण पर कार्य कर्युं. आ परियोजना एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम माटे ३.८८ बिलियन रकमनी फाळवणी करवामां आवी तथा कलामने योजनाना मुख्य कार्यकारी तरीके नियुक्त करवामां आव्या. योजना अंतर्गत कलामे मध्यवर्ती अंतरनी बेलेस्टीक मिसाइल अग्नि मिसाइल तथा धरातलथी धरातल पर हुमलो करवा सक्षम पृथ्वी मिसाइलने विकसित करवामां चावीरूप भूमिका भजवी हती. कलामे जुलाई १९९२थी डिसेम्बर १९९९ सुधी प्रधानमंत्रीना मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार तथा रक्षा अनुसंधान अने विकास संगठनना भारत सरकारना प्रतिनिधि तरीके कार्य कर्युं. आ समयगाळा दरमियान पोखरण-२ परमाणुं परीक्षण करवामां आव्या जेमां तेमणे गहन राजनैतिक अने तकनिकी भूमिका भजवी. | एसएलवी नुं पूरुं नाम शुं छे? | 498 | {
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270
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"उपग्रह प्रक्षेपण यान"
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कलाम देशना पहेला परमाणु परीक्षण स्माइलींग बुद्धानो हिस्सो न होवा छतां राजा रमन्ना द्वारा टर्मिनल बेलेस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाळाना प्रतिनिधि तरीके परीक्षण निहाळवा माटे आमंत्रित कराया हता. १९७०ना दशकमां कलामे अन्य बे परियोजनाओ प्रोजेक्ट डेविल अने प्रोजेक्ट वेलीअन्ट अंतर्गत उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV)नी तकनिक द्वारा बेलेस्टिक मिसाइल तैयार करवानी इच्छा व्यक्त करी. केन्द्रीय मंत्रीपरिषदनी अस्वीकृति छतां तत्कालीन वडाप्रधान ईन्दिरा गांधीए कलामना निर्देशनमां पोतानी विवेकाधीन शक्तिओनो उपयोग करीने आ अंतरीक्ष परियोजनाओ माटे गुप्त अनुदाननी फाळवणी करी. कलामे आ वर्गीकृत अंतरिक्ष परियोजनाओनी वास्तविक प्रकृतिने छुपाववानी जरूरियात संदर्भे मंत्रीमंडळने समजाववामां महत्त्वपूर्ण भूमिका भजवी. तेमनी शोध अने शैक्षणिक नेतृत्त्वए १९८०ना दशकमां तेमने खूब ज ख्याति अने प्रतिष्ठा अपावी. सरकार तेमना निर्देशनमां आधुनिक मिसाइल कार्यक्रम शरू करवा माटे तैयार थई. अरुणाचलमए तत्कालीन रक्षा मंत्री आर. वेंकटरमननी सलाह पर एक पछी एक तबक्कावार मिसाइल परीक्षणने बदले एकसामटा मिसाइल परीक्षण पर कार्य कर्युं. आ परियोजना एकीकृत गाइडेड मिसाइल विकास कार्यक्रम माटे ३.८८ बिलियन रकमनी फाळवणी करवामां आवी तथा कलामने योजनाना मुख्य कार्यकारी तरीके नियुक्त करवामां आव्या. योजना अंतर्गत कलामे मध्यवर्ती अंतरनी बेलेस्टीक मिसाइल अग्नि मिसाइल तथा धरातलथी धरातल पर हुमलो करवा सक्षम पृथ्वी मिसाइलने विकसित करवामां चावीरूप भूमिका भजवी हती. कलामे जुलाई १९९२थी डिसेम्बर १९९९ सुधी प्रधानमंत्रीना मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार तथा रक्षा अनुसंधान अने विकास संगठनना भारत सरकारना प्रतिनिधि तरीके कार्य कर्युं. आ समयगाळा दरमियान पोखरण-२ परमाणुं परीक्षण करवामां आव्या जेमां तेमणे गहन राजनैतिक अने तकनिकी भूमिका भजवी. | कोने टर्मिनल बेलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरीना प्रतिनिधि तरीके परीक्षण जोवा आमंत्रण आपवामां आव्युं हतुं? | 499 | {
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"कलाम"
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