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१९४६मां कॉंग्रेस प्रमुखपदनी चूंटणीमां सरदारे नेहरुनी तरफेणमां पोतानी उमेदवारी पाछी खेंची हती. आ चूंटणीनी महत्ता ए हती के एमां चूंटाई आवनारा प्रमुख, स्वतंत्र भारतनी प्रथम सरकारना नेता बनवाना हता. ज्यारे गांधीजीए १६ राज्योना प्रतिनिधिओ तथा कॉंग्रेसने योग्य उमेदवार नीमवा जणाव्युं त्यारे १६ मांथी १३ प्रतिनिधिओए सरदारनुं नाम सुचव्युं हतुं. छतां गांधीजीनी ईच्छाने मान आपी सरदारे भारतना पहेला प्रधानमंत्री बनवानी तक जती करी हती. गृहमंत्रीनी भूमिकामां तेमणे केंद्रीय-तंत्र हेठळ भारतनुं एकीकरण कर्युं, पण मात्र नेहरुने कारणे जम्मु काश्मीरनुं पुर्ण समन्वय बाकी रही गयुं. नेहरुना कॉंग्रेस प्रमुख तरीके चूंटाई आव्या बाद, सरदारे भारतनी संविधान सभानी सामान्य चूंटणी माटे कॉंग्रेसनी तैयारीओने दीशा आपवा मांडी.
मुस्लिम लीगे क्यां अन्य पक्षो साथे सरकारो बनावी हती?
1,900
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
१९४६मां कॉंग्रेस प्रमुखपदनी चूंटणीमां सरदारे नेहरुनी तरफेणमां पोतानी उमेदवारी पाछी खेंची हती. आ चूंटणीनी महत्ता ए हती के एमां चूंटाई आवनारा प्रमुख, स्वतंत्र भारतनी प्रथम सरकारना नेता बनवाना हता. ज्यारे गांधीजीए १६ राज्योना प्रतिनिधिओ तथा कॉंग्रेसने योग्य उमेदवार नीमवा जणाव्युं त्यारे १६ मांथी १३ प्रतिनिधिओए सरदारनुं नाम सुचव्युं हतुं. छतां गांधीजीनी ईच्छाने मान आपी सरदारे भारतना पहेला प्रधानमंत्री बनवानी तक जती करी हती. गृहमंत्रीनी भूमिकामां तेमणे केंद्रीय-तंत्र हेठळ भारतनुं एकीकरण कर्युं, पण मात्र नेहरुने कारणे जम्मु काश्मीरनुं पुर्ण समन्वय बाकी रही गयुं. नेहरुना कॉंग्रेस प्रमुख तरीके चूंटाई आव्या बाद, सरदारे भारतनी संविधान सभानी सामान्य चूंटणी माटे कॉंग्रेसनी तैयारीओने दीशा आपवा मांडी.
सरदारे कोंग्रेस अध्यक्ष पद माटे 1946 नी चूंटणीमां कोनी तरफेणमां पोतानुं नामांकन पाछुं खेंची लीधुं?
1,901
{ "answer_start": [ 45 ], "text": [ "नेहरुनी" ] }
१९४६मां कॉंग्रेस प्रमुखपदनी चूंटणीमां सरदारे नेहरुनी तरफेणमां पोतानी उमेदवारी पाछी खेंची हती. आ चूंटणीनी महत्ता ए हती के एमां चूंटाई आवनारा प्रमुख, स्वतंत्र भारतनी प्रथम सरकारना नेता बनवाना हता. ज्यारे गांधीजीए १६ राज्योना प्रतिनिधिओ तथा कॉंग्रेसने योग्य उमेदवार नीमवा जणाव्युं त्यारे १६ मांथी १३ प्रतिनिधिओए सरदारनुं नाम सुचव्युं हतुं. छतां गांधीजीनी ईच्छाने मान आपी सरदारे भारतना पहेला प्रधानमंत्री बनवानी तक जती करी हती. गृहमंत्रीनी भूमिकामां तेमणे केंद्रीय-तंत्र हेठळ भारतनुं एकीकरण कर्युं, पण मात्र नेहरुने कारणे जम्मु काश्मीरनुं पुर्ण समन्वय बाकी रही गयुं. नेहरुना कॉंग्रेस प्रमुख तरीके चूंटाई आव्या बाद, सरदारे भारतनी संविधान सभानी सामान्य चूंटणी माटे कॉंग्रेसनी तैयारीओने दीशा आपवा मांडी.
सरदारने कयुं पद मळ्युं?
1,902
{ "answer_start": [ 420 ], "text": [ "गृहमंत्री" ] }
१९४६मां कॉंग्रेस प्रमुखपदनी चूंटणीमां सरदारे नेहरुनी तरफेणमां पोतानी उमेदवारी पाछी खेंची हती. आ चूंटणीनी महत्ता ए हती के एमां चूंटाई आवनारा प्रमुख, स्वतंत्र भारतनी प्रथम सरकारना नेता बनवाना हता. ज्यारे गांधीजीए १६ राज्योना प्रतिनिधिओ तथा कॉंग्रेसने योग्य उमेदवार नीमवा जणाव्युं त्यारे १६ मांथी १३ प्रतिनिधिओए सरदारनुं नाम सुचव्युं हतुं. छतां गांधीजीनी ईच्छाने मान आपी सरदारे भारतना पहेला प्रधानमंत्री बनवानी तक जती करी हती. गृहमंत्रीनी भूमिकामां तेमणे केंद्रीय-तंत्र हेठळ भारतनुं एकीकरण कर्युं, पण मात्र नेहरुने कारणे जम्मु काश्मीरनुं पुर्ण समन्वय बाकी रही गयुं. नेहरुना कॉंग्रेस प्रमुख तरीके चूंटाई आव्या बाद, सरदारे भारतनी संविधान सभानी सामान्य चूंटणी माटे कॉंग्रेसनी तैयारीओने दीशा आपवा मांडी.
कोणे कोंग्रेस अध्यक्ष पद माटे 1946 नी चूंटणीमां नेहरुनी तरफेणमां पोतानुं नामांकन पाछुं खेंची लीधुं?
1,903
{ "answer_start": [ 38 ], "text": [ "सरदारे" ] }
१९४७मां भारतने आझादी मळी अने भारतना भागला पछी भारत सरकारे गुजरातना रजवाडांओनुं त्रण भागमां विभाजन कर्युं. कच्छ, सौराष्ट्र अने बृहद मुंबइ राज्य. सौराष्ट्रमां काठियावाड द्वीपकल्पना तमाम रजवाडांओने भेगा करवामां आव्या हतां, ज्यारे मुंबइ राजमां मोटाभागना पश्चिमी अने मध्य भारतनो समावेश थयो हतो. स्वतंत्रता पछी इ. स. १९४८मां महागुजरात संमेलन थयुं जेमां गुजराती बोलनार वस्ती धरावता विस्तारे पोताना अलग राज्यनी मांग करी. १९५६ मां मुंबइ राज्यमां कच्छ अने सौराष्ट्र नो, तथा हैदराबाद अने मध्य प्रदेश राज्योना केटलाक भागोनो समावेश करवामां आव्यो हतो. नवा मुंबइ राज्यना उत्तर भागमां लोको गुजराती बोलता हता, ज्यारे बाकीना भागनी भाषा मराठी हती. इ. स. १९६०, १ली मेना मराठी अलगतावादी परीबळोना आंदोलनो अने महागुजरात आंदोलन थकी मुंबइ राज्यनुं भाषाना आधारे गुजरात अने महाराष्ट्र एम बे राज्योनी अलग रचना करवामां आवी. गुजराती भाषा बोलनार विस्तारमां गुजरात, सौराष्ट्र अने कच्छनो समावेश करायो. आम पहेलीवार गुजराते स्वायत राज्यनो दरज्जो मेळव्यो. गुजरातनी पहेली राजधानी अमदावाद हती. १९७०मां नवा बनावेला शहेर गांधीनगरमां राजधानी खसेडवामां आवी हती.
देशमां चूंटायेली सरकारने विखेरी नाखवा माटे कयुं आंदोलन थयुं?
1,904
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
१९४७मां भारतने आझादी मळी अने भारतना भागला पछी भारत सरकारे गुजरातना रजवाडांओनुं त्रण भागमां विभाजन कर्युं. कच्छ, सौराष्ट्र अने बृहद मुंबइ राज्य. सौराष्ट्रमां काठियावाड द्वीपकल्पना तमाम रजवाडांओने भेगा करवामां आव्या हतां, ज्यारे मुंबइ राजमां मोटाभागना पश्चिमी अने मध्य भारतनो समावेश थयो हतो. स्वतंत्रता पछी इ. स. १९४८मां महागुजरात संमेलन थयुं जेमां गुजराती बोलनार वस्ती धरावता विस्तारे पोताना अलग राज्यनी मांग करी. १९५६ मां मुंबइ राज्यमां कच्छ अने सौराष्ट्र नो, तथा हैदराबाद अने मध्य प्रदेश राज्योना केटलाक भागोनो समावेश करवामां आव्यो हतो. नवा मुंबइ राज्यना उत्तर भागमां लोको गुजराती बोलता हता, ज्यारे बाकीना भागनी भाषा मराठी हती. इ. स. १९६०, १ली मेना मराठी अलगतावादी परीबळोना आंदोलनो अने महागुजरात आंदोलन थकी मुंबइ राज्यनुं भाषाना आधारे गुजरात अने महाराष्ट्र एम बे राज्योनी अलग रचना करवामां आवी. गुजराती भाषा बोलनार विस्तारमां गुजरात, सौराष्ट्र अने कच्छनो समावेश करायो. आम पहेलीवार गुजराते स्वायत राज्यनो दरज्जो मेळव्यो. गुजरातनी पहेली राजधानी अमदावाद हती. १९७०मां नवा बनावेला शहेर गांधीनगरमां राजधानी खसेडवामां आवी हती.
महागुजरात संमेलन जेमां गुजराती बोलता लोकोए शेनी मांगणी करी हती?
1,905
{ "answer_start": [ 381 ], "text": [ "पोताना अलग राज्यनी" ] }
१९४७मां भारतने आझादी मळी अने भारतना भागला पछी भारत सरकारे गुजरातना रजवाडांओनुं त्रण भागमां विभाजन कर्युं. कच्छ, सौराष्ट्र अने बृहद मुंबइ राज्य. सौराष्ट्रमां काठियावाड द्वीपकल्पना तमाम रजवाडांओने भेगा करवामां आव्या हतां, ज्यारे मुंबइ राजमां मोटाभागना पश्चिमी अने मध्य भारतनो समावेश थयो हतो. स्वतंत्रता पछी इ. स. १९४८मां महागुजरात संमेलन थयुं जेमां गुजराती बोलनार वस्ती धरावता विस्तारे पोताना अलग राज्यनी मांग करी. १९५६ मां मुंबइ राज्यमां कच्छ अने सौराष्ट्र नो, तथा हैदराबाद अने मध्य प्रदेश राज्योना केटलाक भागोनो समावेश करवामां आव्यो हतो. नवा मुंबइ राज्यना उत्तर भागमां लोको गुजराती बोलता हता, ज्यारे बाकीना भागनी भाषा मराठी हती. इ. स. १९६०, १ली मेना मराठी अलगतावादी परीबळोना आंदोलनो अने महागुजरात आंदोलन थकी मुंबइ राज्यनुं भाषाना आधारे गुजरात अने महाराष्ट्र एम बे राज्योनी अलग रचना करवामां आवी. गुजराती भाषा बोलनार विस्तारमां गुजरात, सौराष्ट्र अने कच्छनो समावेश करायो. आम पहेलीवार गुजराते स्वायत राज्यनो दरज्जो मेळव्यो. गुजरातनी पहेली राजधानी अमदावाद हती. १९७०मां नवा बनावेला शहेर गांधीनगरमां राजधानी खसेडवामां आवी हती.
गुजरातमां विनाशक भूकंप क्यारे आव्यो हतो?
1,906
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
१९४७मां भारतने आझादी मळी अने भारतना भागला पछी भारत सरकारे गुजरातना रजवाडांओनुं त्रण भागमां विभाजन कर्युं. कच्छ, सौराष्ट्र अने बृहद मुंबइ राज्य. सौराष्ट्रमां काठियावाड द्वीपकल्पना तमाम रजवाडांओने भेगा करवामां आव्या हतां, ज्यारे मुंबइ राजमां मोटाभागना पश्चिमी अने मध्य भारतनो समावेश थयो हतो. स्वतंत्रता पछी इ. स. १९४८मां महागुजरात संमेलन थयुं जेमां गुजराती बोलनार वस्ती धरावता विस्तारे पोताना अलग राज्यनी मांग करी. १९५६ मां मुंबइ राज्यमां कच्छ अने सौराष्ट्र नो, तथा हैदराबाद अने मध्य प्रदेश राज्योना केटलाक भागोनो समावेश करवामां आव्यो हतो. नवा मुंबइ राज्यना उत्तर भागमां लोको गुजराती बोलता हता, ज्यारे बाकीना भागनी भाषा मराठी हती. इ. स. १९६०, १ली मेना मराठी अलगतावादी परीबळोना आंदोलनो अने महागुजरात आंदोलन थकी मुंबइ राज्यनुं भाषाना आधारे गुजरात अने महाराष्ट्र एम बे राज्योनी अलग रचना करवामां आवी. गुजराती भाषा बोलनार विस्तारमां गुजरात, सौराष्ट्र अने कच्छनो समावेश करायो. आम पहेलीवार गुजराते स्वायत राज्यनो दरज्जो मेळव्यो. गुजरातनी पहेली राजधानी अमदावाद हती. १९७०मां नवा बनावेला शहेर गांधीनगरमां राजधानी खसेडवामां आवी हती.
नवनिर्माणनुं आंदोलन कई सालमां थयुं हतुं?
1,907
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
१९४७मां भारतने आझादी मळी अने भारतना भागला पछी भारत सरकारे गुजरातना रजवाडांओनुं त्रण भागमां विभाजन कर्युं. कच्छ, सौराष्ट्र अने बृहद मुंबइ राज्य. सौराष्ट्रमां काठियावाड द्वीपकल्पना तमाम रजवाडांओने भेगा करवामां आव्या हतां, ज्यारे मुंबइ राजमां मोटाभागना पश्चिमी अने मध्य भारतनो समावेश थयो हतो. स्वतंत्रता पछी इ. स. १९४८मां महागुजरात संमेलन थयुं जेमां गुजराती बोलनार वस्ती धरावता विस्तारे पोताना अलग राज्यनी मांग करी. १९५६ मां मुंबइ राज्यमां कच्छ अने सौराष्ट्र नो, तथा हैदराबाद अने मध्य प्रदेश राज्योना केटलाक भागोनो समावेश करवामां आव्यो हतो. नवा मुंबइ राज्यना उत्तर भागमां लोको गुजराती बोलता हता, ज्यारे बाकीना भागनी भाषा मराठी हती. इ. स. १९६०, १ली मेना मराठी अलगतावादी परीबळोना आंदोलनो अने महागुजरात आंदोलन थकी मुंबइ राज्यनुं भाषाना आधारे गुजरात अने महाराष्ट्र एम बे राज्योनी अलग रचना करवामां आवी. गुजराती भाषा बोलनार विस्तारमां गुजरात, सौराष्ट्र अने कच्छनो समावेश करायो. आम पहेलीवार गुजराते स्वायत राज्यनो दरज्जो मेळव्यो. गुजरातनी पहेली राजधानी अमदावाद हती. १९७०मां नवा बनावेला शहेर गांधीनगरमां राजधानी खसेडवामां आवी हती.
भारतना भागला पछी भारत सरकारे गुजरातना रजवाडाओने केटला भागमां वहेंची दीधा हता?
1,908
{ "answer_start": [ 79 ], "text": [ "त्रण" ] }
१९४७मां भारतने आझादी मळी अने भारतना भागला पछी भारत सरकारे गुजरातना रजवाडांओनुं त्रण भागमां विभाजन कर्युं. कच्छ, सौराष्ट्र अने बृहद मुंबइ राज्य. सौराष्ट्रमां काठियावाड द्वीपकल्पना तमाम रजवाडांओने भेगा करवामां आव्या हतां, ज्यारे मुंबइ राजमां मोटाभागना पश्चिमी अने मध्य भारतनो समावेश थयो हतो. स्वतंत्रता पछी इ. स. १९४८मां महागुजरात संमेलन थयुं जेमां गुजराती बोलनार वस्ती धरावता विस्तारे पोताना अलग राज्यनी मांग करी. १९५६ मां मुंबइ राज्यमां कच्छ अने सौराष्ट्र नो, तथा हैदराबाद अने मध्य प्रदेश राज्योना केटलाक भागोनो समावेश करवामां आव्यो हतो. नवा मुंबइ राज्यना उत्तर भागमां लोको गुजराती बोलता हता, ज्यारे बाकीना भागनी भाषा मराठी हती. इ. स. १९६०, १ली मेना मराठी अलगतावादी परीबळोना आंदोलनो अने महागुजरात आंदोलन थकी मुंबइ राज्यनुं भाषाना आधारे गुजरात अने महाराष्ट्र एम बे राज्योनी अलग रचना करवामां आवी. गुजराती भाषा बोलनार विस्तारमां गुजरात, सौराष्ट्र अने कच्छनो समावेश करायो. आम पहेलीवार गुजराते स्वायत राज्यनो दरज्जो मेळव्यो. गुजरातनी पहेली राजधानी अमदावाद हती. १९७०मां नवा बनावेला शहेर गांधीनगरमां राजधानी खसेडवामां आवी हती.
अमदावाद कोनी राजधानी हती?
1,909
{ "answer_start": [ 912 ], "text": [ "गुजरातनी" ] }
१९५०मां पी. डी. स्ट्रेसी नामना वन्य संरक्षक अद्वारा काझीरंगा आखेट क्षेत्रने शिकारना ओछायाथी दूर करतुं काझीरंगा वन्यजीवन अभयाअरण्य नाम अपाव्युं १९५४मां, आसामनी सरकारे आसाम गेंडा कायदो पसार कर्यो, जेनी नीचे गेंडाना शिकार पर भारी दंड मुकवामां आव्यो. १४ वर्ष पछी, १९६८मां, राज्य सरकारे 'आसाम राष्ट्रीय उद्यान कायदो १९६८', पारीत कर्यो अने कझीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायो. ११ फेब्रुआरी १९७४मां केन्द्र सरकार द्वारा ४३० चो किमीमां फेलायेला आ क्षेत्रने आधिकारीक रीते राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायुं. १९८५मां, काझीरंगाने युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थळ जाहेर करायुं नजीकना ज भूतकाळमां काझीरंगाए घणी मानव निर्मित अने प्राकृतिक आफतो नो सामनो कर्यो छे. ब्रह्मपुत्रामां आवेला पुरने कारणे घणा मोटा प्राणीजीवनने हानि पहोंची छे. मानव वसाहतो द्वारा उद्यानना सीमा क्षेत्रोमां अतिक्रमण थतां वन क्षेत्रोमां घटाडो आव्यो छे अने प्राणीओनो वसवाट क्षेत्र घट्यो छे. आसाम क्षेत्रमां युनायटेड लीबरेशन फ्रंट ओफ असोम द्वारा चालता भागलावादी आंदोलनने कारणे आ क्षेत्रनो आर्थिक विकास रुंधाई गयो छे.
आसाम गेंडा अधिनियम अंतर्गत शेना पर भारे दंड लादवामां आव्यो?
1,910
{ "answer_start": [ 206 ], "text": [ "गेंडाना शिकार पर" ] }
१९५०मां पी. डी. स्ट्रेसी नामना वन्य संरक्षक अद्वारा काझीरंगा आखेट क्षेत्रने शिकारना ओछायाथी दूर करतुं काझीरंगा वन्यजीवन अभयाअरण्य नाम अपाव्युं १९५४मां, आसामनी सरकारे आसाम गेंडा कायदो पसार कर्यो, जेनी नीचे गेंडाना शिकार पर भारी दंड मुकवामां आव्यो. १४ वर्ष पछी, १९६८मां, राज्य सरकारे 'आसाम राष्ट्रीय उद्यान कायदो १९६८', पारीत कर्यो अने कझीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायो. ११ फेब्रुआरी १९७४मां केन्द्र सरकार द्वारा ४३० चो किमीमां फेलायेला आ क्षेत्रने आधिकारीक रीते राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायुं. १९८५मां, काझीरंगाने युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थळ जाहेर करायुं नजीकना ज भूतकाळमां काझीरंगाए घणी मानव निर्मित अने प्राकृतिक आफतो नो सामनो कर्यो छे. ब्रह्मपुत्रामां आवेला पुरने कारणे घणा मोटा प्राणीजीवनने हानि पहोंची छे. मानव वसाहतो द्वारा उद्यानना सीमा क्षेत्रोमां अतिक्रमण थतां वन क्षेत्रोमां घटाडो आव्यो छे अने प्राणीओनो वसवाट क्षेत्र घट्यो छे. आसाम क्षेत्रमां युनायटेड लीबरेशन फ्रंट ओफ असोम द्वारा चालता भागलावादी आंदोलनने कारणे आ क्षेत्रनो आर्थिक विकास रुंधाई गयो छे.
कया वर्षमां आसाम गेंडा अधिनियम पसार करवामां आव्यो हतो?
1,911
{ "answer_start": [ 144 ], "text": [ "१९५४मां" ] }
१९५०मां पी. डी. स्ट्रेसी नामना वन्य संरक्षक अद्वारा काझीरंगा आखेट क्षेत्रने शिकारना ओछायाथी दूर करतुं काझीरंगा वन्यजीवन अभयाअरण्य नाम अपाव्युं १९५४मां, आसामनी सरकारे आसाम गेंडा कायदो पसार कर्यो, जेनी नीचे गेंडाना शिकार पर भारी दंड मुकवामां आव्यो. १४ वर्ष पछी, १९६८मां, राज्य सरकारे 'आसाम राष्ट्रीय उद्यान कायदो १९६८', पारीत कर्यो अने कझीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायो. ११ फेब्रुआरी १९७४मां केन्द्र सरकार द्वारा ४३० चो किमीमां फेलायेला आ क्षेत्रने आधिकारीक रीते राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायुं. १९८५मां, काझीरंगाने युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थळ जाहेर करायुं नजीकना ज भूतकाळमां काझीरंगाए घणी मानव निर्मित अने प्राकृतिक आफतो नो सामनो कर्यो छे. ब्रह्मपुत्रामां आवेला पुरने कारणे घणा मोटा प्राणीजीवनने हानि पहोंची छे. मानव वसाहतो द्वारा उद्यानना सीमा क्षेत्रोमां अतिक्रमण थतां वन क्षेत्रोमां घटाडो आव्यो छे अने प्राणीओनो वसवाट क्षेत्र घट्यो छे. आसाम क्षेत्रमां युनायटेड लीबरेशन फ्रंट ओफ असोम द्वारा चालता भागलावादी आंदोलनने कारणे आ क्षेत्रनो आर्थिक विकास रुंधाई गयो छे.
राज्य सरकारे आसाम राष्ट्रीय उद्यान अधिनियम कया वर्षमां अमलमां मूक्यो हतो?
1,912
{ "answer_start": [ 260 ], "text": [ "१९६८मां" ] }
१९५०मां पी. डी. स्ट्रेसी नामना वन्य संरक्षक अद्वारा काझीरंगा आखेट क्षेत्रने शिकारना ओछायाथी दूर करतुं काझीरंगा वन्यजीवन अभयाअरण्य नाम अपाव्युं १९५४मां, आसामनी सरकारे आसाम गेंडा कायदो पसार कर्यो, जेनी नीचे गेंडाना शिकार पर भारी दंड मुकवामां आव्यो. १४ वर्ष पछी, १९६८मां, राज्य सरकारे 'आसाम राष्ट्रीय उद्यान कायदो १९६८', पारीत कर्यो अने कझीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायो. ११ फेब्रुआरी १९७४मां केन्द्र सरकार द्वारा ४३० चो किमीमां फेलायेला आ क्षेत्रने आधिकारीक रीते राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायुं. १९८५मां, काझीरंगाने युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थळ जाहेर करायुं नजीकना ज भूतकाळमां काझीरंगाए घणी मानव निर्मित अने प्राकृतिक आफतो नो सामनो कर्यो छे. ब्रह्मपुत्रामां आवेला पुरने कारणे घणा मोटा प्राणीजीवनने हानि पहोंची छे. मानव वसाहतो द्वारा उद्यानना सीमा क्षेत्रोमां अतिक्रमण थतां वन क्षेत्रोमां घटाडो आव्यो छे अने प्राणीओनो वसवाट क्षेत्र घट्यो छे. आसाम क्षेत्रमां युनायटेड लीबरेशन फ्रंट ओफ असोम द्वारा चालता भागलावादी आंदोलनने कारणे आ क्षेत्रनो आर्थिक विकास रुंधाई गयो छे.
आसाम गेंडा अधिनियम कोणे पसार कर्यो हतो?
1,913
{ "answer_start": [ 153 ], "text": [ "आसामनी सरकारे" ] }
१९५०मां पी. डी. स्ट्रेसी नामना वन्य संरक्षक अद्वारा काझीरंगा आखेट क्षेत्रने शिकारना ओछायाथी दूर करतुं काझीरंगा वन्यजीवन अभयाअरण्य नाम अपाव्युं १९५४मां, आसामनी सरकारे आसाम गेंडा कायदो पसार कर्यो, जेनी नीचे गेंडाना शिकार पर भारी दंड मुकवामां आव्यो. १४ वर्ष पछी, १९६८मां, राज्य सरकारे 'आसाम राष्ट्रीय उद्यान कायदो १९६८', पारीत कर्यो अने कझीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायो. ११ फेब्रुआरी १९७४मां केन्द्र सरकार द्वारा ४३० चो किमीमां फेलायेला आ क्षेत्रने आधिकारीक रीते राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायुं. १९८५मां, काझीरंगाने युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थळ जाहेर करायुं नजीकना ज भूतकाळमां काझीरंगाए घणी मानव निर्मित अने प्राकृतिक आफतो नो सामनो कर्यो छे. ब्रह्मपुत्रामां आवेला पुरने कारणे घणा मोटा प्राणीजीवनने हानि पहोंची छे. मानव वसाहतो द्वारा उद्यानना सीमा क्षेत्रोमां अतिक्रमण थतां वन क्षेत्रोमां घटाडो आव्यो छे अने प्राणीओनो वसवाट क्षेत्र घट्यो छे. आसाम क्षेत्रमां युनायटेड लीबरेशन फ्रंट ओफ असोम द्वारा चालता भागलावादी आंदोलनने कारणे आ क्षेत्रनो आर्थिक विकास रुंधाई गयो छे.
काझीरंगा राष्ट्रीय उद्यानने कया दिवसे सरकार द्वारा सत्तावार रीते राष्ट्रीय उद्यान तरीके जाहेर करवामां आव्यो हतो?
1,914
{ "answer_start": [ 371 ], "text": [ "११ फेब्रुआरी १९७४मां" ] }
१९५०मां पी. डी. स्ट्रेसी नामना वन्य संरक्षक अद्वारा काझीरंगा आखेट क्षेत्रने शिकारना ओछायाथी दूर करतुं काझीरंगा वन्यजीवन अभयाअरण्य नाम अपाव्युं १९५४मां, आसामनी सरकारे आसाम गेंडा कायदो पसार कर्यो, जेनी नीचे गेंडाना शिकार पर भारी दंड मुकवामां आव्यो. १४ वर्ष पछी, १९६८मां, राज्य सरकारे 'आसाम राष्ट्रीय उद्यान कायदो १९६८', पारीत कर्यो अने कझीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायो. ११ फेब्रुआरी १९७४मां केन्द्र सरकार द्वारा ४३० चो किमीमां फेलायेला आ क्षेत्रने आधिकारीक रीते राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायुं. १९८५मां, काझीरंगाने युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थळ जाहेर करायुं नजीकना ज भूतकाळमां काझीरंगाए घणी मानव निर्मित अने प्राकृतिक आफतो नो सामनो कर्यो छे. ब्रह्मपुत्रामां आवेला पुरने कारणे घणा मोटा प्राणीजीवनने हानि पहोंची छे. मानव वसाहतो द्वारा उद्यानना सीमा क्षेत्रोमां अतिक्रमण थतां वन क्षेत्रोमां घटाडो आव्यो छे अने प्राणीओनो वसवाट क्षेत्र घट्यो छे. आसाम क्षेत्रमां युनायटेड लीबरेशन फ्रंट ओफ असोम द्वारा चालता भागलावादी आंदोलनने कारणे आ क्षेत्रनो आर्थिक विकास रुंधाई गयो छे.
कया वर्षमां हाथीओ अने बे गेंडाने काझीरंगामांथी मानस नेशनल पार्कमां तबदील करवामां आव्या हता?
1,915
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
१९५०मां पी. डी. स्ट्रेसी नामना वन्य संरक्षक अद्वारा काझीरंगा आखेट क्षेत्रने शिकारना ओछायाथी दूर करतुं काझीरंगा वन्यजीवन अभयाअरण्य नाम अपाव्युं १९५४मां, आसामनी सरकारे आसाम गेंडा कायदो पसार कर्यो, जेनी नीचे गेंडाना शिकार पर भारी दंड मुकवामां आव्यो. १४ वर्ष पछी, १९६८मां, राज्य सरकारे 'आसाम राष्ट्रीय उद्यान कायदो १९६८', पारीत कर्यो अने कझीरंगा राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायो. ११ फेब्रुआरी १९७४मां केन्द्र सरकार द्वारा ४३० चो किमीमां फेलायेला आ क्षेत्रने आधिकारीक रीते राष्ट्रीय उद्यान जाहेर करायुं. १९८५मां, काझीरंगाने युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थळ जाहेर करायुं नजीकना ज भूतकाळमां काझीरंगाए घणी मानव निर्मित अने प्राकृतिक आफतो नो सामनो कर्यो छे. ब्रह्मपुत्रामां आवेला पुरने कारणे घणा मोटा प्राणीजीवनने हानि पहोंची छे. मानव वसाहतो द्वारा उद्यानना सीमा क्षेत्रोमां अतिक्रमण थतां वन क्षेत्रोमां घटाडो आव्यो छे अने प्राणीओनो वसवाट क्षेत्र घट्यो छे. आसाम क्षेत्रमां युनायटेड लीबरेशन फ्रंट ओफ असोम द्वारा चालता भागलावादी आंदोलनने कारणे आ क्षेत्रनो आर्थिक विकास रुंधाई गयो छे.
काझीरंगा पार्के कया वर्षमां लोर्ड कर्झनना अनुगामीओना बेरोनेस सहित संख्याबंध स्टेडियममांथी तेनी शताब्दी उजवी हती?
1,916
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१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
कोणे 1993 मां मुंबईनी अनेक इमारतोने निशान बनावीने श्रेणीबद्ध बोम्ब विस्फोट कर्या हता?
1,917
{ "answer_start": [ 152 ], "text": [ "ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे" ] }
१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
कया वर्षना रमखाणो फाटी नीकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी भांगी पडी हती?
1,918
{ "answer_start": [ 0 ], "text": [ "१९९२-९३ना" ] }
१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
मुंबईमां कोना सभ्यो द्वारा वर्ष 2008 मां महाराष्ट्रमां रहेता उत्तर भारतीयो पर राजकीय हुमलाओ थया?
1,919
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१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
नवेम्बर 2008 मां कोणे मुंबईना दक्षिण भाग पर हुमलो कर्यो हतो?
1,920
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१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
कया दिवसे मुंबईमां ट्रेनोमां थयेला बोम्ब विस्फोटमां अनेक लोको मार्या गया हता?
1,921
{ "answer_start": [ 315 ], "text": [ "११ जुलाई २००६" ] }
१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
इस्लामिक आतंकवादीओ अने मुंबईना अंधारियालमे कया वर्षमां मुबईमां श्रेणीबद्ध बोम्ब विस्फोट कर्या हता?
1,922
{ "answer_start": [ 234 ], "text": [ "१९९३मां" ] }
१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
इस्लामिक आतंकवादीओना जूथे नवेम्बर 2008 मां मुंबईना दक्षिण भाग पर हुमलो कर्यो हतो तेमां केटला लोको मार्या गया हता?
1,923
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
1992-93 ना रमखाणो फाटी नीकळ्या त्यारे कया शहेरनी धर्मनिरपेक्ष छबी खरडाई हती?
1,924
{ "answer_start": [ 38 ], "text": [ "मुंबई" ] }
१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
मुंबईमां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनाना सभ्यो द्वारा वर्ष 2008 मां कोना पर राजकीय हुमलाओ थया?
1,925
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१९९२-९३ना रमखाणो फाटी निकळ्या त्यारे मुंबई शहेरनी बिनसांप्रदायिक छबी त्यारे खरडाई हती. आ रमखाणोमां जानमालनुं घणुं नुकशान थयुं हतुं. तेना थोडाक महिना बाद ईस्लामी आतंकवादीओ अने मुंबईनी अंधारीआलमे शहेरनी केटलीक ईमारतोने लक्ष्यांक बनावीने १९९३मां श्रेणीबद्ध बोंब विस्फोट कर्या, आ हुमलामां ३००नी आसपास लोको मृत्यु पाम्या. ११ जुलाई २००६ना रोज मुंबईनी ट्रेनोमां बोंब विस्फोटने कारणे बसोथी वधु लोको मृत्यु पाम्या हता. आ बोंब विस्फोट मुंबई उपनगरीय रेलवे सेवाने निशानो बनावीने करवामां आव्या हता.
मुंबईमां महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनाना सभ्यो द्वारा कई सालमां महाराष्ट्रमां रहेता उत्तर भारतीयो पर राजकीय हुमलाओ थया?
1,926
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२०मी सदीनी शरूआतमां ब्रिटिश शासनमांथी मुक्त थवा माटे आझादीनी चळवळ जोर पकडवा लागी त्यारे एक राष्ट्रध्वज जेवा कोइ शक्तिशाळी माध्यमनी जरूर जणाइ, जे सर्वे देशभक्तोने एक नेजा हेठळ लावी प्रेरणा प्रदान करे. १९०४ मां सिस्टर नवेदिता, स्वामी विवेकानंदनां शिष्याए प्रथम ध्वज रजु कर्यो, जे सिस्टर नवेदिता ध्वज (Sister Nivedita's Flag) तरीके ओळखाणो. जे लाल चोरस आकारनो वच्चे पीळो अने मध्यमां सफेद रंगना कमळमां वज्र नुं चिह्न धरावतो तथा बंगाळी भाषामां वंदेमातरम् ("বন্দে মাতরম") लखाण करेल हतो. जेमां लाल रंग आझादीनी लडाइ,पीळो रंग विजय अने सफेद कमळ शुध्धता नां प्रतिक हता. प्रथम त्रिरंगो ध्वज ७ ओगस्ट,१९०६ नां रोज बंगाळना भागला विरोधी देखावो दरमियान सचिन्द्रप्रसाद बोझ अने सुरेन्द्रनाथ बेनरजी द्वारा "पारसी बागान चोक" कोलकातामां लहेराववामां आव्यो. जे कलकत्ता(हवे कोलकाता) ध्वज तरीके जाणीतो थयो. आ ध्वजमां एकसरखा पहोळाइना त्रण आडा पट्टा,उपर नारंगी,वच्चे पीळो अने नीचे लीलो हता. उपला पट्टामां आठ अडधा उघडेला कमळ अने निचला पट्टामां सुर्य अने चांद-तारानुं चित्र हतां. वच्चेनां पट्टामां वंदेमातरम् देवनागरी लिपीमां लखेल हतुं. २२ ओगस्ट,१९०७ ना रोज भिखायजी कामा ए स्टुटगार्ट, जर्मनी मां एक अन्य त्रिरंगो ध्वज फरकाव्यो. आ ध्वजमां उपर लीलो ,वच्चे केशरी अने नीचे लाल रंग ना पट्टा हता. लीलो रंग इस्लाम,केशरी हिन्दु अने बौध्ध धर्मना प्रतिक हता. आ ध्वजमां लीला पट्टामां रहेल आठ कमळ ते समयनां ब्रिटिश भारतनां आठ प्रांतोनुं प्रतिनिधित्व करता हता. वचला पट्टामां देवनागरी लिपिमां "वंदेमातरंम" लखेल हतुं. निचला पट्टामां ध्वजदंड बाजु अर्ध चंद्र अने सामे छेडे सुर्यनुं चिह्न हतां. आ ध्वज भिखायजी कामा, वीर सावरकर अने श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा संयुक्त रीते रचवामां आवेल.
ध्वजमां उपरनी बाजुए केवा रंगना पट्टा हता?
1,927
{ "answer_start": [ 846 ], "text": [ "लीलो" ] }
२०मी सदीनी शरूआतमां ब्रिटिश शासनमांथी मुक्त थवा माटे आझादीनी चळवळ जोर पकडवा लागी त्यारे एक राष्ट्रध्वज जेवा कोइ शक्तिशाळी माध्यमनी जरूर जणाइ, जे सर्वे देशभक्तोने एक नेजा हेठळ लावी प्रेरणा प्रदान करे. १९०४ मां सिस्टर नवेदिता, स्वामी विवेकानंदनां शिष्याए प्रथम ध्वज रजु कर्यो, जे सिस्टर नवेदिता ध्वज (Sister Nivedita's Flag) तरीके ओळखाणो. जे लाल चोरस आकारनो वच्चे पीळो अने मध्यमां सफेद रंगना कमळमां वज्र नुं चिह्न धरावतो तथा बंगाळी भाषामां वंदेमातरम् ("বন্দে মাতরম") लखाण करेल हतो. जेमां लाल रंग आझादीनी लडाइ,पीळो रंग विजय अने सफेद कमळ शुध्धता नां प्रतिक हता. प्रथम त्रिरंगो ध्वज ७ ओगस्ट,१९०६ नां रोज बंगाळना भागला विरोधी देखावो दरमियान सचिन्द्रप्रसाद बोझ अने सुरेन्द्रनाथ बेनरजी द्वारा "पारसी बागान चोक" कोलकातामां लहेराववामां आव्यो. जे कलकत्ता(हवे कोलकाता) ध्वज तरीके जाणीतो थयो. आ ध्वजमां एकसरखा पहोळाइना त्रण आडा पट्टा,उपर नारंगी,वच्चे पीळो अने नीचे लीलो हता. उपला पट्टामां आठ अडधा उघडेला कमळ अने निचला पट्टामां सुर्य अने चांद-तारानुं चित्र हतां. वच्चेनां पट्टामां वंदेमातरम् देवनागरी लिपीमां लखेल हतुं. २२ ओगस्ट,१९०७ ना रोज भिखायजी कामा ए स्टुटगार्ट, जर्मनी मां एक अन्य त्रिरंगो ध्वज फरकाव्यो. आ ध्वजमां उपर लीलो ,वच्चे केशरी अने नीचे लाल रंग ना पट्टा हता. लीलो रंग इस्लाम,केशरी हिन्दु अने बौध्ध धर्मना प्रतिक हता. आ ध्वजमां लीला पट्टामां रहेल आठ कमळ ते समयनां ब्रिटिश भारतनां आठ प्रांतोनुं प्रतिनिधित्व करता हता. वचला पट्टामां देवनागरी लिपिमां "वंदेमातरंम" लखेल हतुं. निचला पट्टामां ध्वजदंड बाजु अर्ध चंद्र अने सामे छेडे सुर्यनुं चिह्न हतां. आ ध्वज भिखायजी कामा, वीर सावरकर अने श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा संयुक्त रीते रचवामां आवेल.
20 मी सदीनी शरूआतमां देशभक्तोने एक छत्र हेठळ आववा माटे प्रेरित करवा माटे शेनी जरूर हती?
1,928
{ "answer_start": [ 91 ], "text": [ "राष्ट्रध्वज जेवा कोइ शक्तिशाळी माध्यमनी" ] }
२०मी सदीनी शरूआतमां ब्रिटिश शासनमांथी मुक्त थवा माटे आझादीनी चळवळ जोर पकडवा लागी त्यारे एक राष्ट्रध्वज जेवा कोइ शक्तिशाळी माध्यमनी जरूर जणाइ, जे सर्वे देशभक्तोने एक नेजा हेठळ लावी प्रेरणा प्रदान करे. १९०४ मां सिस्टर नवेदिता, स्वामी विवेकानंदनां शिष्याए प्रथम ध्वज रजु कर्यो, जे सिस्टर नवेदिता ध्वज (Sister Nivedita's Flag) तरीके ओळखाणो. जे लाल चोरस आकारनो वच्चे पीळो अने मध्यमां सफेद रंगना कमळमां वज्र नुं चिह्न धरावतो तथा बंगाळी भाषामां वंदेमातरम् ("বন্দে মাতরম") लखाण करेल हतो. जेमां लाल रंग आझादीनी लडाइ,पीळो रंग विजय अने सफेद कमळ शुध्धता नां प्रतिक हता. प्रथम त्रिरंगो ध्वज ७ ओगस्ट,१९०६ नां रोज बंगाळना भागला विरोधी देखावो दरमियान सचिन्द्रप्रसाद बोझ अने सुरेन्द्रनाथ बेनरजी द्वारा "पारसी बागान चोक" कोलकातामां लहेराववामां आव्यो. जे कलकत्ता(हवे कोलकाता) ध्वज तरीके जाणीतो थयो. आ ध्वजमां एकसरखा पहोळाइना त्रण आडा पट्टा,उपर नारंगी,वच्चे पीळो अने नीचे लीलो हता. उपला पट्टामां आठ अडधा उघडेला कमळ अने निचला पट्टामां सुर्य अने चांद-तारानुं चित्र हतां. वच्चेनां पट्टामां वंदेमातरम् देवनागरी लिपीमां लखेल हतुं. २२ ओगस्ट,१९०७ ना रोज भिखायजी कामा ए स्टुटगार्ट, जर्मनी मां एक अन्य त्रिरंगो ध्वज फरकाव्यो. आ ध्वजमां उपर लीलो ,वच्चे केशरी अने नीचे लाल रंग ना पट्टा हता. लीलो रंग इस्लाम,केशरी हिन्दु अने बौध्ध धर्मना प्रतिक हता. आ ध्वजमां लीला पट्टामां रहेल आठ कमळ ते समयनां ब्रिटिश भारतनां आठ प्रांतोनुं प्रतिनिधित्व करता हता. वचला पट्टामां देवनागरी लिपिमां "वंदेमातरंम" लखेल हतुं. निचला पट्टामां ध्वजदंड बाजु अर्ध चंद्र अने सामे छेडे सुर्यनुं चिह्न हतां. आ ध्वज भिखायजी कामा, वीर सावरकर अने श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा संयुक्त रीते रचवामां आवेल.
1904 मां स्वामी विवेकानंदना कया शिष्यए पहेलो ध्वज रजू कर्यो हतो?
1,929
{ "answer_start": [ 277 ], "text": [ "सिस्टर नवेदिता ध्वज" ] }
२०मी सदीनी शरूआतमां ब्रिटिश शासनमांथी मुक्त थवा माटे आझादीनी चळवळ जोर पकडवा लागी त्यारे एक राष्ट्रध्वज जेवा कोइ शक्तिशाळी माध्यमनी जरूर जणाइ, जे सर्वे देशभक्तोने एक नेजा हेठळ लावी प्रेरणा प्रदान करे. १९०४ मां सिस्टर नवेदिता, स्वामी विवेकानंदनां शिष्याए प्रथम ध्वज रजु कर्यो, जे सिस्टर नवेदिता ध्वज (Sister Nivedita's Flag) तरीके ओळखाणो. जे लाल चोरस आकारनो वच्चे पीळो अने मध्यमां सफेद रंगना कमळमां वज्र नुं चिह्न धरावतो तथा बंगाळी भाषामां वंदेमातरम् ("বন্দে মাতরম") लखाण करेल हतो. जेमां लाल रंग आझादीनी लडाइ,पीळो रंग विजय अने सफेद कमळ शुध्धता नां प्रतिक हता. प्रथम त्रिरंगो ध्वज ७ ओगस्ट,१९०६ नां रोज बंगाळना भागला विरोधी देखावो दरमियान सचिन्द्रप्रसाद बोझ अने सुरेन्द्रनाथ बेनरजी द्वारा "पारसी बागान चोक" कोलकातामां लहेराववामां आव्यो. जे कलकत्ता(हवे कोलकाता) ध्वज तरीके जाणीतो थयो. आ ध्वजमां एकसरखा पहोळाइना त्रण आडा पट्टा,उपर नारंगी,वच्चे पीळो अने नीचे लीलो हता. उपला पट्टामां आठ अडधा उघडेला कमळ अने निचला पट्टामां सुर्य अने चांद-तारानुं चित्र हतां. वच्चेनां पट्टामां वंदेमातरम् देवनागरी लिपीमां लखेल हतुं. २२ ओगस्ट,१९०७ ना रोज भिखायजी कामा ए स्टुटगार्ट, जर्मनी मां एक अन्य त्रिरंगो ध्वज फरकाव्यो. आ ध्वजमां उपर लीलो ,वच्चे केशरी अने नीचे लाल रंग ना पट्टा हता. लीलो रंग इस्लाम,केशरी हिन्दु अने बौध्ध धर्मना प्रतिक हता. आ ध्वजमां लीला पट्टामां रहेल आठ कमळ ते समयनां ब्रिटिश भारतनां आठ प्रांतोनुं प्रतिनिधित्व करता हता. वचला पट्टामां देवनागरी लिपिमां "वंदेमातरंम" लखेल हतुं. निचला पट्टामां ध्वजदंड बाजु अर्ध चंद्र अने सामे छेडे सुर्यनुं चिह्न हतां. आ ध्वज भिखायजी कामा, वीर सावरकर अने श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा संयुक्त रीते रचवामां आवेल.
सिस्टर नावेदिता कोना शिष्य हता?
1,930
{ "answer_start": [ 224 ], "text": [ "स्वामी विवेकानंदनां" ] }
२०मी सदीनी शरूआतमां ब्रिटिश शासनमांथी मुक्त थवा माटे आझादीनी चळवळ जोर पकडवा लागी त्यारे एक राष्ट्रध्वज जेवा कोइ शक्तिशाळी माध्यमनी जरूर जणाइ, जे सर्वे देशभक्तोने एक नेजा हेठळ लावी प्रेरणा प्रदान करे. १९०४ मां सिस्टर नवेदिता, स्वामी विवेकानंदनां शिष्याए प्रथम ध्वज रजु कर्यो, जे सिस्टर नवेदिता ध्वज (Sister Nivedita's Flag) तरीके ओळखाणो. जे लाल चोरस आकारनो वच्चे पीळो अने मध्यमां सफेद रंगना कमळमां वज्र नुं चिह्न धरावतो तथा बंगाळी भाषामां वंदेमातरम् ("বন্দে মাতরম") लखाण करेल हतो. जेमां लाल रंग आझादीनी लडाइ,पीळो रंग विजय अने सफेद कमळ शुध्धता नां प्रतिक हता. प्रथम त्रिरंगो ध्वज ७ ओगस्ट,१९०६ नां रोज बंगाळना भागला विरोधी देखावो दरमियान सचिन्द्रप्रसाद बोझ अने सुरेन्द्रनाथ बेनरजी द्वारा "पारसी बागान चोक" कोलकातामां लहेराववामां आव्यो. जे कलकत्ता(हवे कोलकाता) ध्वज तरीके जाणीतो थयो. आ ध्वजमां एकसरखा पहोळाइना त्रण आडा पट्टा,उपर नारंगी,वच्चे पीळो अने नीचे लीलो हता. उपला पट्टामां आठ अडधा उघडेला कमळ अने निचला पट्टामां सुर्य अने चांद-तारानुं चित्र हतां. वच्चेनां पट्टामां वंदेमातरम् देवनागरी लिपीमां लखेल हतुं. २२ ओगस्ट,१९०७ ना रोज भिखायजी कामा ए स्टुटगार्ट, जर्मनी मां एक अन्य त्रिरंगो ध्वज फरकाव्यो. आ ध्वजमां उपर लीलो ,वच्चे केशरी अने नीचे लाल रंग ना पट्टा हता. लीलो रंग इस्लाम,केशरी हिन्दु अने बौध्ध धर्मना प्रतिक हता. आ ध्वजमां लीला पट्टामां रहेल आठ कमळ ते समयनां ब्रिटिश भारतनां आठ प्रांतोनुं प्रतिनिधित्व करता हता. वचला पट्टामां देवनागरी लिपिमां "वंदेमातरंम" लखेल हतुं. निचला पट्टामां ध्वजदंड बाजु अर्ध चंद्र अने सामे छेडे सुर्यनुं चिह्न हतां. आ ध्वज भिखायजी कामा, वीर सावरकर अने श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा संयुक्त रीते रचवामां आवेल.
कया वर्षमां स्वामी विवेकानंदना शिष्य सिस्टर नावेदिताए पहेलो ध्वज रजू कर्यो हतो?
1,931
{ "answer_start": [ 199 ], "text": [ "१९०४" ] }
२०मी सदीनी शरूआतमां ब्रिटिश शासनमांथी मुक्त थवा माटे आझादीनी चळवळ जोर पकडवा लागी त्यारे एक राष्ट्रध्वज जेवा कोइ शक्तिशाळी माध्यमनी जरूर जणाइ, जे सर्वे देशभक्तोने एक नेजा हेठळ लावी प्रेरणा प्रदान करे. १९०४ मां सिस्टर नवेदिता, स्वामी विवेकानंदनां शिष्याए प्रथम ध्वज रजु कर्यो, जे सिस्टर नवेदिता ध्वज (Sister Nivedita's Flag) तरीके ओळखाणो. जे लाल चोरस आकारनो वच्चे पीळो अने मध्यमां सफेद रंगना कमळमां वज्र नुं चिह्न धरावतो तथा बंगाळी भाषामां वंदेमातरम् ("বন্দে মাতরম") लखाण करेल हतो. जेमां लाल रंग आझादीनी लडाइ,पीळो रंग विजय अने सफेद कमळ शुध्धता नां प्रतिक हता. प्रथम त्रिरंगो ध्वज ७ ओगस्ट,१९०६ नां रोज बंगाळना भागला विरोधी देखावो दरमियान सचिन्द्रप्रसाद बोझ अने सुरेन्द्रनाथ बेनरजी द्वारा "पारसी बागान चोक" कोलकातामां लहेराववामां आव्यो. जे कलकत्ता(हवे कोलकाता) ध्वज तरीके जाणीतो थयो. आ ध्वजमां एकसरखा पहोळाइना त्रण आडा पट्टा,उपर नारंगी,वच्चे पीळो अने नीचे लीलो हता. उपला पट्टामां आठ अडधा उघडेला कमळ अने निचला पट्टामां सुर्य अने चांद-तारानुं चित्र हतां. वच्चेनां पट्टामां वंदेमातरम् देवनागरी लिपीमां लखेल हतुं. २२ ओगस्ट,१९०७ ना रोज भिखायजी कामा ए स्टुटगार्ट, जर्मनी मां एक अन्य त्रिरंगो ध्वज फरकाव्यो. आ ध्वजमां उपर लीलो ,वच्चे केशरी अने नीचे लाल रंग ना पट्टा हता. लीलो रंग इस्लाम,केशरी हिन्दु अने बौध्ध धर्मना प्रतिक हता. आ ध्वजमां लीला पट्टामां रहेल आठ कमळ ते समयनां ब्रिटिश भारतनां आठ प्रांतोनुं प्रतिनिधित्व करता हता. वचला पट्टामां देवनागरी लिपिमां "वंदेमातरंम" लखेल हतुं. निचला पट्टामां ध्वजदंड बाजु अर्ध चंद्र अने सामे छेडे सुर्यनुं चिह्न हतां. आ ध्वज भिखायजी कामा, वीर सावरकर अने श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा संयुक्त रीते रचवामां आवेल.
1917 ना होम रूल चळवळ माटे एक नवो ध्वज कोने पसंद कर्यो हतो?
1,932
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२०मी सदीनी शरूआतमां ब्रिटिश शासनमांथी मुक्त थवा माटे आझादीनी चळवळ जोर पकडवा लागी त्यारे एक राष्ट्रध्वज जेवा कोइ शक्तिशाळी माध्यमनी जरूर जणाइ, जे सर्वे देशभक्तोने एक नेजा हेठळ लावी प्रेरणा प्रदान करे. १९०४ मां सिस्टर नवेदिता, स्वामी विवेकानंदनां शिष्याए प्रथम ध्वज रजु कर्यो, जे सिस्टर नवेदिता ध्वज (Sister Nivedita's Flag) तरीके ओळखाणो. जे लाल चोरस आकारनो वच्चे पीळो अने मध्यमां सफेद रंगना कमळमां वज्र नुं चिह्न धरावतो तथा बंगाळी भाषामां वंदेमातरम् ("বন্দে মাতরম") लखाण करेल हतो. जेमां लाल रंग आझादीनी लडाइ,पीळो रंग विजय अने सफेद कमळ शुध्धता नां प्रतिक हता. प्रथम त्रिरंगो ध्वज ७ ओगस्ट,१९०६ नां रोज बंगाळना भागला विरोधी देखावो दरमियान सचिन्द्रप्रसाद बोझ अने सुरेन्द्रनाथ बेनरजी द्वारा "पारसी बागान चोक" कोलकातामां लहेराववामां आव्यो. जे कलकत्ता(हवे कोलकाता) ध्वज तरीके जाणीतो थयो. आ ध्वजमां एकसरखा पहोळाइना त्रण आडा पट्टा,उपर नारंगी,वच्चे पीळो अने नीचे लीलो हता. उपला पट्टामां आठ अडधा उघडेला कमळ अने निचला पट्टामां सुर्य अने चांद-तारानुं चित्र हतां. वच्चेनां पट्टामां वंदेमातरम् देवनागरी लिपीमां लखेल हतुं. २२ ओगस्ट,१९०७ ना रोज भिखायजी कामा ए स्टुटगार्ट, जर्मनी मां एक अन्य त्रिरंगो ध्वज फरकाव्यो. आ ध्वजमां उपर लीलो ,वच्चे केशरी अने नीचे लाल रंग ना पट्टा हता. लीलो रंग इस्लाम,केशरी हिन्दु अने बौध्ध धर्मना प्रतिक हता. आ ध्वजमां लीला पट्टामां रहेल आठ कमळ ते समयनां ब्रिटिश भारतनां आठ प्रांतोनुं प्रतिनिधित्व करता हता. वचला पट्टामां देवनागरी लिपिमां "वंदेमातरंम" लखेल हतुं. निचला पट्टामां ध्वजदंड बाजु अर्ध चंद्र अने सामे छेडे सुर्यनुं चिह्न हतां. आ ध्वज भिखायजी कामा, वीर सावरकर अने श्यामजी कृष्ण वर्मा द्वारा संयुक्त रीते रचवामां आवेल.
कई सदीनी शरूआतमां ब्रिटिश शासनमांथी छूटकारो मेळववा माटे स्वतंत्रता चळवळे वेग मेळववानुं शरू कर्युं?
1,933
{ "answer_start": [ 0 ], "text": [ "२०मी" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
कया वर्षमां अमदावादमां श्रेणीबद्ध बोम्ब विस्फोटो थया हता?
1,934
{ "answer_start": [ 0 ], "text": [ "२००८मां" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
जूनुं अमदावाद शहेर केवुं छे?
1,935
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावादना मुख्य उद्योगो कया कया छे?
1,936
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२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
कया वर्षमां अमदावाद शहेरमां बीआरटीएस सुविधा शरू करवामां आवी हती?
1,937
{ "answer_start": [ 160 ], "text": [ "२००९मां" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावाद एक महत्वनुं शुं छे?
1,938
{ "answer_start": [ 477 ], "text": [ "व्यापारी केन्द्र" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावादमां रेलवे लाइननी पूर्व बाजुए शुं थई रह्युं छे?
1,939
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२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावादनो पश्चिम भाग सतत बस सेवा द्वारा कया भाग साथे जोडायेलो छे?
1,940
{ "answer_start": [ 305 ], "text": [ "पश्चिम" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावादमां 2008 मां थयेला श्रेणीबद्ध बोम्ब विस्फोट माटे कयुं आतंकवादी संगठन जवाबदार हतुं?
1,941
{ "answer_start": [ 117 ], "text": [ "हरकत-ए-जिहाद" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावाद शहेरमां कई सुविधाना कारणे परिवहननी संपूर्ण नवी व्यवस्था ऊभी थई छे?
1,942
{ "answer_start": [ 184 ], "text": [ "बी. आर. टी. एस." ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. [३०] आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. [३१]२००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. [३२]अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
नवुं अमदावाद शहेर क्यां विकसाववामां आवी रह्युं छे?
1,943
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
क्या वर्षमां अमदावादमां श्रेणीबद्ध बोम्ब विस्फोटो थया हता, जेना परिणामे घणा लोको मृत्यु पाम्या हता अने घायल थया हता?
1,944
{ "answer_start": [ 0 ], "text": [ "२००८मां" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
जूनुं मुंबई शहेर दिल्ही रेलवे लाइन अने कई नदीनी वच्चे आवेलुं छे?
1,945
{ "answer_start": [ 565 ], "text": [ "साबरमती" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
नवुं अमदावादमां शहेर क्यां विकसाववामां आवी रह्युं छे?
1,946
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावाद शहेर केटला भागमां वहेंचायेलुं छे?
1,947
{ "answer_start": [ 502 ], "text": [ "३" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
क्यु शहेर एक महत्वनुं ओद्योगिक केन्द्र पण छे?
1,948
{ "answer_start": [ 159 ], "text": [ "अमदावाद" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
क्या वर्षमां अमदावाद शहेरमां बीआरटीएसनी सुविधा शरू करवामां आवी हती?
1,949
{ "answer_start": [ 151 ], "text": [ "२००९मां" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावादमां रेलवे लाइननी पूर्व बाजुए शेनो विकास थई रह्यो छे?
1,950
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२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
2008 मां अमदावादमां थयेला श्रेणीबद्ध बोम्ब विस्फोटनी जवाबदारी क्यां आतंकी संगठने स्वीकारी छे?
1,951
{ "answer_start": [ 112 ], "text": [ "हरकत-ए-जिहाद" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
बीआरटीएसनी सुविधाना कारणे अमदावादना पश्चिम विस्तारोने सतत बस सेवा द्वारा क्यां विस्तारो साथे जोडवामां आव्या छे?
1,952
{ "answer_start": [ 336 ], "text": [ "पूर्व" ] }
२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
वर्ष 2009 मां अमदावाद शहेरमां कई सुविधा शरू करवामां आवी हती, जेना कारणे शहेरमां मार्ग परिवहननी तद्दन नवी व्यवस्था ऊभी थई हती ?
1,953
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२००८मां अमदावादमां श्रेणी बंध बोम्ब विस्फोटो थया जेना परिणामे संख्याबंध लोकोना मृत्यु अने ईजा थइ. आंतकवादी संगठन हरकत-ए-जिहाद आ कृत्य पाछळ जवाबदार हतुं. २००९मां अमदावाद शहेरमां बी. आर. टी. एस. सुविधा शरू थइ, जेने लीधे शहेरमां मार्गपरिवहननुं एक तद्दन नवुं माळखुं अस्तित्वमां आव्युं छे अने अमदावादना पश्चिमना विस्तारोने सळंग बस सेवा द्वारा पूर्वना विस्तारो साथे सांकळी लेवामां आव्युं छे, जेना कारणे अमदावादनी बंने दिशाना नागरिकोनुं अंतर घटी गयुं छे. अमदावाद आजे धीकतुं व्यापारी केन्द्र छे. अमदावाद मुख्यत्वे ३ भागमां वहेंचायेलुं छे. जूनुं शहेर मुंबई दिल्ही रेलवे लाइन अने साबरमती नदीनी वच्चे वसेल छे.
अमदावादना मुख्य उद्योगो कया कया छे?
1,954
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२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
ज्यारे तात्या टोपे सांगानेर अने भीलवाडा वच्चेना स्थळे पहोंच्या त्यारे कोने तेमना पर हुमलो कर्यो?
1,955
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२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
ताट्या टोपे क्यारे कानपुरना घरना नेता हता?
1,956
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२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
16 ओगस्ट, 1857 सुधीमां ताट्याए कानपुरमां केवी स्थिति जाळवी राखी हती?
1,957
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२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
27 नवेम्बर 1857 थी 28 नवेम्बर 1857 सुधी कानपुरना बीजा युद्धमां तात्या टोपेए कोने हराव्या?
1,958
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२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
कोण 27 जून, 1857 ना रोज कानपुरना घरना नेता हता?
1,959
{ "answer_start": [ 43 ], "text": [ "तात्या टोपे" ] }
२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
टोपे फरी मेदानोमांथी क्यां भागी गयो?
1,960
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२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
13 ओगस्टना रोज हिन्दु मंदिरनी मुलाकात लीधा बाद तात्या टोपेए पोतानी सेनाने कई नदी पर रोकी दीधी?
1,961
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२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
16 ओगस्ट, 1857 सुधीमां ताट्याए क्यां सारी रक्षणात्मक स्थिति जाळवी राखी हती?
1,962
{ "answer_start": [ 112 ], "text": [ "कानपुरमां" ] }
२७ जून १८५७ ना दिवसे थयेला कानपुरना घेराना तात्या टोपे एक नेता हता. त्यारथी, १६ ऑगस्ट, १८५७ ना दिवस सुधी तात्याए कानपुरमां सारी रक्षणात्मक स्थिति संभाळी हती पण अंते सर हेनरी हेवलोकनी आगेवानी हेठळना ब्रिटीश दळ द्वारा तेमने हांकी काढवामां आव्या हता. ते पछी, तेमणे २७ नवेम्बर, १८५७ थी २८ नवेम्बर १८५७ दरमियान कानपुरना बीजा युद्धमां जनरल चार्ल्स एश विन्डहामने हराव्या. जो के, सर कोलिन केम्पबेल हेठळ अंग्रेजोना प्रतिक्रियात्मक आक्रमण समये थयेला कानपुरना त्रीजा युद्धमां टोपे पराजित थया. तात्या टोपे अने अन्य बळवाखोरोए त्यांथी भागीने झांसीनी राणी पासे आशरो लीधो हतो, ज्यां तेमणे राणीने सहाय करी हती. पाछळथी तात्या अने राव साहेबे झांसी परना अंग्रेज हुमला दरमियान झांसीनी मदद करी अने राणी लक्ष्मीबाईने आक्रमणथी बचाववामां सफळतापूर्वक मदद करी. राणी लक्ष्मीबाई साथे मळीने तेओ पासेथी नाना साहेब पेश्वानी नेतागिरी हेठळ ग्वालियरना किल्लानो ताबो मेळवी तेने हिंदवी स्वराज (स्वतंत्र देश) जाहेर कर्यो. अंग्रेजो सामे ग्वालियर हार्या पछी, नाना साहेबना भत्रीजा, राव साहेब अने टोपे राजपूताना भागी गया. अने पोतानी साथे जोडावा माटे टोंकनी सेनाने प्रेरित करवामां सक्षम रह्या. तेओ बुंदी शहेरमां प्रवेश करी शक्या नहि अने ते दक्षिण तरफ जशे तेवी घोषणा करवा छतां तेओ पश्चिममां निमाच तरफ गया.
कोना नेतृत्वमां ब्रिटिश दळ द्वारा राजपूतानामां ताट्या टोपेनो पीछो करवामां आवी रह्यो हतो?
1,963
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२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
27 फेब्रुआरी, 2002 ना रोज गोधरामां थयेला कोमी रमखाणोमां केटला लोको घटनास्थळे ज मृत्यु पाम्या हता?
1,964
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२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
सत्तावार आंकडा मुजब कोमी रमखाणमां केटला मुस्लिमो मार्या गया हता?
1,965
{ "answer_start": [ 340 ], "text": [ "७९०" ] }
२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
नाणावटी समितिए कोने क्लीनचीट आपी?
1,966
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
2004 मां, लालु प्रसाद यादव कया विभागना मिनिस्टर हता?
1,967
{ "answer_start": [ 872 ], "text": [ "रेल्वे" ] }
२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
नरेन्द्र मोदीने कोणे क्लीनचीट आपी?
1,968
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२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
कई तारीखे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणोमां 59 जेटला लोको घटनास्थळे ज मृत्यु पाम्या हता?
1,969
{ "answer_start": [ 0 ], "text": [ "२७ फेब्रुआरी २००२" ] }
२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
गोधरामां थयेला कोमी रमखाण दरमियान हिन्दु यात्राळुओ कया शहेरथी परत फरी रह्या हता?
1,970
{ "answer_start": [ 74 ], "text": [ "अयोध्याथी" ] }
२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
कई हाइकोर्ट द्वारा बेनर्जी कमिटीने गेरकायदेसर जाहेर करवामां आवी हती?
1,971
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२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
बेनर्जी समितिनी स्थापना कोणे करी हती?
1,972
{ "answer_start": [ 886 ], "text": [ "लालु प्रसाद यादव" ] }
२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
कोणे आरोप लगाव्यो हतो के ट्रेनने आग लगाडवामां आवी हती?
1,973
{ "answer_start": [ 179 ], "text": [ "स्थानिक मुस्लिम नेताओए" ] }
२७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज हिंदु यात्राळुओ अने धार्मिक कारीगरो पवित्र शहेर अयोध्याथी परत फरी रह्या हता त्यारे गोधरामां थयेला कोमी रमखाणमां लगभग ५९ लोकोना स्थळ पर ज मृत्यु थया. [२०] स्थानिक मुस्लिम नेताओए ट्रेनने बाळी होवानो आक्षेप छे. [२१] मानव अधिकार जूथो अने एनजीओ द्वारा करायेला अभ्यासमां आ आंकडो लगभग २००० ने पार छे. सत्तावार आंकडा प्रमाणे ७९० मुस्लिमो अने २५४ हिंदुओ नी हत्या करवामां आवी हती, २२३ लोकोना गुम थयानो अहेवाल हतो अने २,५०० घायल थया हता. [२२] हुल्लडनुं कारण गोधरा ट्रेन रमखाण मानवामां आवे छे जेमां लगभग ५३ हिंदु कार सेवकोने कथित मुस्लिम जूथ द्वारा जीवंत बाळवामां आवेला. [२३][२४] मोदी वहीवट पर रमखाणोनो आरोप मूकवामां आव्यो हतो अने तेमने शंकास्पद ठेरववामां आव्या हता. गोधरा हत्याकांड माटे व्यापक प्रतिक्रिया आपवामां, भारतीय लश्कर अने राज्य पोलीसनी संयुक्त ताकात पण अपूरती साबित थइ छे आ वातनी पुष्टि १ मार्च ना रोज मीडिया अहेवालो द्वारा करवामां आवी हती. [२५]२००४ मां रेल्वे प्रधान लालु प्रसाद यादव द्वारा स्थपायेली बेनर्जी समितिए २००६ नां अहेवालमां जणाव्युं के २७ फेब्रुआरी २००२ नां रोज साबरमती एक्सप्रेसना एस-६ कोच मां जे आग लागी तेनुं कारण तेमां खोराक रांधता लोको हता अने ते बनावमां कोई प्रकारनी मुस्लिम संडोवणी न हती.
बेनर्जी कमिटीने केवी समिति गणावी?
1,974
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२९ मार्च १८५७ना दिवसे लियुटेनन्ट बोगने समाचार मळ्या के ते समये बराकपुरमां शेली ३४मी बेंगाल नेटीव ईनफेन्ट्रीना अमुक लोको भडकी उठ्या हता. तेमने एवा पण समाचार मळ्या अके परेड मेदाननी बाजुमां मंगल पांडे नामनो एक सिपाही रेजिमेंटनी गार्ड रूम बहार बंदूक लई ऊभो हतो अने अन्य सिपाहीओने बळवो करी जे पहेलो युरोपिय देखाय तेने गोळी मारवानुं कहेतो हतो. पाछळनी तपास आदिमां जणायुं के मंगल पांडे सिपाहीओना असंतोषने कारणे दुःखी हता. भांगना नशामां तेमणे समाचार सांभळ्या के ब्रिटिश सैनिकोनी एक स्टीमर केन्टोन्मेट नजीक ऊतरी छे आथी तेओ शस्त्र छीनवी क्वार्टर गार्डनी ईमारत नजीक पहोंच्या हता. बोगे तरतज घोडो पलाण्यो अने घटना स्थळे जवा रवाना थया. क्वोटर गार्डनी बहार स्थापित स्टेशन गननी ओथे मंगल पांडे छुपाया ने बोग पर निशानो साधी गोळी छोडी. तेमनुं निशान चूकी गयुं, अने गोळी बोगने न वागता घोडाने वागी अने घोडो तथा बोग बन्ने धराशायी थया. बोगे झडपथी घोडाना आंकडामांथी पग छोडाव्यो अने पिस्तोल काढी मंगल पांडे पर निशानो साध्यो.
कोणे पोताना सहायकनी मददथी तलवारथी छरीना घा मार्या हता?
1,975
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२९ मार्च १८५७ना दिवसे लियुटेनन्ट बोगने समाचार मळ्या के ते समये बराकपुरमां शेली ३४मी बेंगाल नेटीव ईनफेन्ट्रीना अमुक लोको भडकी उठ्या हता. तेमने एवा पण समाचार मळ्या अके परेड मेदाननी बाजुमां मंगल पांडे नामनो एक सिपाही रेजिमेंटनी गार्ड रूम बहार बंदूक लई ऊभो हतो अने अन्य सिपाहीओने बळवो करी जे पहेलो युरोपिय देखाय तेने गोळी मारवानुं कहेतो हतो. पाछळनी तपास आदिमां जणायुं के मंगल पांडे सिपाहीओना असंतोषने कारणे दुःखी हता. भांगना नशामां तेमणे समाचार सांभळ्या के ब्रिटिश सैनिकोनी एक स्टीमर केन्टोन्मेट नजीक ऊतरी छे आथी तेओ शस्त्र छीनवी क्वार्टर गार्डनी ईमारत नजीक पहोंच्या हता. बोगे तरतज घोडो पलाण्यो अने घटना स्थळे जवा रवाना थया. क्वोटर गार्डनी बहार स्थापित स्टेशन गननी ओथे मंगल पांडे छुपाया ने बोग पर निशानो साधी गोळी छोडी. तेमनुं निशान चूकी गयुं, अने गोळी बोगने न वागता घोडाने वागी अने घोडो तथा बोग बन्ने धराशायी थया. बोगे झडपथी घोडाना आंकडामांथी पग छोडाव्यो अने पिस्तोल काढी मंगल पांडे पर निशानो साध्यो.
मंगल पांडे क्यां उभो हतो?
1,976
{ "answer_start": [ 165 ], "text": [ "परेड मेदाननी बाजुमां" ] }
२९ मार्च १८५७ना दिवसे लियुटेनन्ट बोगने समाचार मळ्या के ते समये बराकपुरमां शेली ३४मी बेंगाल नेटीव ईनफेन्ट्रीना अमुक लोको भडकी उठ्या हता. तेमने एवा पण समाचार मळ्या अके परेड मेदाननी बाजुमां मंगल पांडे नामनो एक सिपाही रेजिमेंटनी गार्ड रूम बहार बंदूक लई ऊभो हतो अने अन्य सिपाहीओने बळवो करी जे पहेलो युरोपिय देखाय तेने गोळी मारवानुं कहेतो हतो. पाछळनी तपास आदिमां जणायुं के मंगल पांडे सिपाहीओना असंतोषने कारणे दुःखी हता. भांगना नशामां तेमणे समाचार सांभळ्या के ब्रिटिश सैनिकोनी एक स्टीमर केन्टोन्मेट नजीक ऊतरी छे आथी तेओ शस्त्र छीनवी क्वार्टर गार्डनी ईमारत नजीक पहोंच्या हता. बोगे तरतज घोडो पलाण्यो अने घटना स्थळे जवा रवाना थया. क्वोटर गार्डनी बहार स्थापित स्टेशन गननी ओथे मंगल पांडे छुपाया ने बोग पर निशानो साधी गोळी छोडी. तेमनुं निशान चूकी गयुं, अने गोळी बोगने न वागता घोडाने वागी अने घोडो तथा बोग बन्ने धराशायी थया. बोगे झडपथी घोडाना आंकडामांथी पग छोडाव्यो अने पिस्तोल काढी मंगल पांडे पर निशानो साध्यो.
मंगळ पांडे शेनाथी नाखुश हता?
1,977
{ "answer_start": [ 376 ], "text": [ "सिपाहीओना असंतो" ] }
२९ मार्च १८५७ना दिवसे लियुटेनन्ट बोगने समाचार मळ्या के ते समये बराकपुरमां शेली ३४मी बेंगाल नेटीव ईनफेन्ट्रीना अमुक लोको भडकी उठ्या हता. तेमने एवा पण समाचार मळ्या अके परेड मेदाननी बाजुमां मंगल पांडे नामनो एक सिपाही रेजिमेंटनी गार्ड रूम बहार बंदूक लई ऊभो हतो अने अन्य सिपाहीओने बळवो करी जे पहेलो युरोपिय देखाय तेने गोळी मारवानुं कहेतो हतो. पाछळनी तपास आदिमां जणायुं के मंगल पांडे सिपाहीओना असंतोषने कारणे दुःखी हता. भांगना नशामां तेमणे समाचार सांभळ्या के ब्रिटिश सैनिकोनी एक स्टीमर केन्टोन्मेट नजीक ऊतरी छे आथी तेओ शस्त्र छीनवी क्वार्टर गार्डनी ईमारत नजीक पहोंच्या हता. बोगे तरतज घोडो पलाण्यो अने घटना स्थळे जवा रवाना थया. क्वोटर गार्डनी बहार स्थापित स्टेशन गननी ओथे मंगल पांडे छुपाया ने बोग पर निशानो साधी गोळी छोडी. तेमनुं निशान चूकी गयुं, अने गोळी बोगने न वागता घोडाने वागी अने घोडो तथा बोग बन्ने धराशायी थया. बोगे झडपथी घोडाना आंकडामांथी पग छोडाव्यो अने पिस्तोल काढी मंगल पांडे पर निशानो साध्यो.
मंगल पांडेए कोनी मददथी तलवारथी छरीना घा मार्या हता?
1,978
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२९ मार्च १८५७ना दिवसे लियुटेनन्ट बोगने समाचार मळ्या के ते समये बराकपुरमां शेली ३४मी बेंगाल नेटीव ईनफेन्ट्रीना अमुक लोको भडकी उठ्या हता. तेमने एवा पण समाचार मळ्या अके परेड मेदाननी बाजुमां मंगल पांडे नामनो एक सिपाही रेजिमेंटनी गार्ड रूम बहार बंदूक लई ऊभो हतो अने अन्य सिपाहीओने बळवो करी जे पहेलो युरोपिय देखाय तेने गोळी मारवानुं कहेतो हतो. पाछळनी तपास आदिमां जणायुं के मंगल पांडे सिपाहीओना असंतोषने कारणे दुःखी हता. भांगना नशामां तेमणे समाचार सांभळ्या के ब्रिटिश सैनिकोनी एक स्टीमर केन्टोन्मेट नजीक ऊतरी छे आथी तेओ शस्त्र छीनवी क्वार्टर गार्डनी ईमारत नजीक पहोंच्या हता. बोगे तरतज घोडो पलाण्यो अने घटना स्थळे जवा रवाना थया. क्वोटर गार्डनी बहार स्थापित स्टेशन गननी ओथे मंगल पांडे छुपाया ने बोग पर निशानो साधी गोळी छोडी. तेमनुं निशान चूकी गयुं, अने गोळी बोगने न वागता घोडाने वागी अने घोडो तथा बोग बन्ने धराशायी थया. बोगे झडपथी घोडाना आंकडामांथी पग छोडाव्यो अने पिस्तोल काढी मंगल पांडे पर निशानो साध्यो.
मंगल पांडेना हाथमां शुं हतुं?
1,979
{ "answer_start": [ 239 ], "text": [ "बंदूक" ] }
२९ मार्च १८५७ना दिवसे लियुटेनन्ट बोगने समाचार मळ्या के ते समये बराकपुरमां शेली ३४मी बेंगाल नेटीव ईनफेन्ट्रीना अमुक लोको भडकी उठ्या हता. तेमने एवा पण समाचार मळ्या अके परेड मेदाननी बाजुमां मंगल पांडे नामनो एक सिपाही रेजिमेंटनी गार्ड रूम बहार बंदूक लई ऊभो हतो अने अन्य सिपाहीओने बळवो करी जे पहेलो युरोपिय देखाय तेने गोळी मारवानुं कहेतो हतो. पाछळनी तपास आदिमां जणायुं के मंगल पांडे सिपाहीओना असंतोषने कारणे दुःखी हता. भांगना नशामां तेमणे समाचार सांभळ्या के ब्रिटिश सैनिकोनी एक स्टीमर केन्टोन्मेट नजीक ऊतरी छे आथी तेओ शस्त्र छीनवी क्वार्टर गार्डनी ईमारत नजीक पहोंच्या हता. बोगे तरतज घोडो पलाण्यो अने घटना स्थळे जवा रवाना थया. क्वोटर गार्डनी बहार स्थापित स्टेशन गननी ओथे मंगल पांडे छुपाया ने बोग पर निशानो साधी गोळी छोडी. तेमनुं निशान चूकी गयुं, अने गोळी बोगने न वागता घोडाने वागी अने घोडो तथा बोग बन्ने धराशायी थया. बोगे झडपथी घोडाना आंकडामांथी पग छोडाव्यो अने पिस्तोल काढी मंगल पांडे पर निशानो साध्यो.
34 मी बंगाळनुं मूळ पायदळ क्यां आवेलुं हतुं?
1,980
{ "answer_start": [ 63 ], "text": [ "बराकपुरमां" ] }
२९ मार्च १८५७ना दिवसे लियुटेनन्ट बोगने समाचार मळ्या के ते समये बराकपुरमां शेली ३४मी बेंगाल नेटीव ईनफेन्ट्रीना अमुक लोको भडकी उठ्या हता. तेमने एवा पण समाचार मळ्या अके परेड मेदाननी बाजुमां मंगल पांडे नामनो एक सिपाही रेजिमेंटनी गार्ड रूम बहार बंदूक लई ऊभो हतो अने अन्य सिपाहीओने बळवो करी जे पहेलो युरोपिय देखाय तेने गोळी मारवानुं कहेतो हतो. पाछळनी तपास आदिमां जणायुं के मंगल पांडे सिपाहीओना असंतोषने कारणे दुःखी हता. भांगना नशामां तेमणे समाचार सांभळ्या के ब्रिटिश सैनिकोनी एक स्टीमर केन्टोन्मेट नजीक ऊतरी छे आथी तेओ शस्त्र छीनवी क्वार्टर गार्डनी ईमारत नजीक पहोंच्या हता. बोगे तरतज घोडो पलाण्यो अने घटना स्थळे जवा रवाना थया. क्वोटर गार्डनी बहार स्थापित स्टेशन गननी ओथे मंगल पांडे छुपाया ने बोग पर निशानो साधी गोळी छोडी. तेमनुं निशान चूकी गयुं, अने गोळी बोगने न वागता घोडाने वागी अने घोडो तथा बोग बन्ने धराशायी थया. बोगे झडपथी घोडाना आंकडामांथी पग छोडाव्यो अने पिस्तोल काढी मंगल पांडे पर निशानो साध्यो.
मंगल पांडेए कया लोको पर गोळी बार करवानुं कह्युं?
1,981
{ "answer_start": [ 293 ], "text": [ "युरोपिय" ] }
२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
सरदारना अंतिम संस्कार मुंबईना कया स्मशानगृहमां थया हता?
1,982
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
विमानने एन्जिन फेल थवाने कारणे क्यां उतारवुं पड्युं हतुं?
1,983
{ "answer_start": [ 183 ], "text": [ "विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेश" ] }
२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
भारतीय नागरिक सेवा अने पोलीस सेवाना अधिकारीओए 'अडग वफादारी अने अदम्य उत्साह' साथे कया देशनी सेवा करवानी प्रतिज्ञा लीधी हती?
1,984
{ "answer_start": [ null ], "text": [ "" ] }
२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
कया दिवसे अधिकारीओनो सरदार, तेमनी पुत्री मणिबेन अने पटियालाना महाराजा साथेनो संपर्क तूटी गयो हतो?
1,985
{ "answer_start": [ 0 ], "text": [ "२९ मार्च १९४९ ना" ] }
२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
15 डिसेम्बर, 1950 ना रोज शेना कारणे वल्लभभाई पटेलनुं मृत्यु थयुं?
1,986
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२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
सरदारना अंतिम संस्कारमां कया क्या नेताओ हाजर रह्या हता?
1,987
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२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
विमानने शेना कारणे राजस्थानना रणमां उतारवुं पड्युं हतुं?
1,988
{ "answer_start": [ 160 ], "text": [ "एन्जीननी खराबीने कारणे" ] }
२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
अभूतपूर्व अने अनन्य कार्यक्रममां, भारतीय नागरिक सेवा अने पोलीस सेवाना केटला अधिकारीओ सरदारना मृत्युना दु:खने वहेंचवा माटे दिल्हीमां तेमना निवासस्थाने मळ्या हता?
1,989
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२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
सरदार पटेलनी पुत्रीनुं नाम शुं हतुं?
1,990
{ "answer_start": [ 46 ], "text": [ "मणीबेन" ] }
२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
कया दिवसे आवेला हृदयरोगना हुमलाने कारणे वल्लभभाई पटेलनुं मृत्यु थयुं?
1,991
{ "answer_start": [ 105 ], "text": [ "हता" ] }
२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
सरदारना अंतिम संस्कार कया शहेरमां थया हता?
1,992
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२९ मार्च १९४९ ना दिवसे सरदार तथा तेमना पुत्री मणीबेन तेमज पटीयालाना महाराजा जे विमानमां प्रवास करी रह्या हता ते विमान साथेनो सत्ताधिकारीओनो संपर्क टुटी गयो हतो. एन्जीननी खराबीने कारणे विमानचालके राजस्थानना रण प्रदेशमां विमाननुं तातीनुं उतराण करवुं पड्यु हतुं. आ प्रसंगमां कोईने हानी न पहोंची हती अने सरदार बीजा यात्रीओ साथे पासेना गाम सुधी चालता जई त्यांना स्थानिक अधिकारीओने जाण करी हती. ज्यारे सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए तेमने हार्दिक आवकार आप्यो हतो तेमज संसदमां मंत्रीओए उभा थईने लांबा समय सुधी ताळीओना गडगडाट साथे अभिवादन कर्युं के जेना लीधे संसदनी कार्यवाही अडधा कलाक माटे बंध राखवामां आवी हती. तेमना जीवननां पाछला वर्षोमां सरदारने संसद तरफथी बहुमानीत करवामां आव्या हता तेमज पंजाब विश्वविद्यालय अने ओस्मानिया विश्वविद्यालय तरफथी सन्मानित डॉक्टरेटनी पदवी नवाजवामां आवी हती. सरदारनी तबियत १९५०ना उनाळा दरम्यान बगडती गई. तेमने पछीथी उधरसमां लोही नीकळतुं हतुं अने त्यारे मणीबेने तेमनी मंत्रणाओ तेमज काम करवाना कलाकोमां घटाडो कराव्या हतो तथा सरदारनी देखरेख माटे व्यक्तिगत वैद्यकीय मदद तथा परीचारकोनो प्रबंध कराव्यो हतो. पश्चिम बंगाळना गर्वनर तथा डोक्टकर बिधान रोयए सरदारने तेमना अनिवार्य अंतनी बाबतमां रमुज करता सांभळ्या हता तेमज एक खानगी मंत्रणा वखते सरदारे तेमना मंत्रीय सहकार्यकर न. व. गाडगीलने निखालसताथी कह्युं हतुं के पोते लांबु जीवशे नही. बीजी नवेम्बरथी, के ज्यारे सरदार वारंवार शुध्धी खोई बेसता हता, त्यारथी तेमनी हिलचाल तेमना पलंग सुधी सीमित राखवामां आवी हती. १२ डिसेम्बरे ज्यारे तेओ तेमना मुंबई स्थित दिकरा, डाह्याभाईना घरे आराम करवा विमान प्रवास करवाना हता त्यारे तेमनी तबीयत नजुक हती अने नेहरु तेमज राजगोपालाचारी तेमने विमानमथके मळवा गया हता.
सरदार दिल्ही पहोंच्या त्यारे कोणे तेमनुं उष्माभर्युं स्वागत कर्युं हतुं?
1,993
{ "answer_start": [ 421 ], "text": [ "हजारो कोंग्रेसी कार्यकरोए" ] }
३जी जुननी योजना हेठळ ६००थी वधु रजवाडाओने भारत के पाकिस्ताननी साथे जोडाई जवानी के पछी स्वतंत्रता स्वीकारवानी तक आपवामां आवी हती. भारतीय राष्ट्रीयतावादीओ तेमज आम जनताना घणा खरा भागने डर हतो के जो आ रजवाडाओनो समन्वय नहीं थाय तो मोटाभागनो जन समुदाय तेमज प्रांतो खंडित रही जशे. कॉंग्रेस तेमज उपरी अंग्रेज अधिकारीओनुं मानवुं हतु के रजवाडाओने भारतना राज्य संगठनमां समन्वित करवानी कामगीरी सरदार उत्तम रीते पार पाडी शकशे. गांधीजीए सरदारने कह्युं हतु के “राज्योनो मामलो एटलो मुश्केल छे के मात्र तमेज तेने उकेली शकशो. सरदारनी गणना प्रमाणिक अने व्यहवारु निर्णय लेवानी शकित धरावता मुत्सद्दी राजनीतिज्ञ तरीके थती हती के जेओ महत्वनुं काम सफळताथी पार पाडी शकता हता. सरदारे वी. पी. मेननने, के जेओ उपरी सरकारी सनदी हता तेमज भारतना भागला वखते सरदार साथे काम करी चुक्या हता, राज्य खातामां मुख्य सचिव बनी तेमना खास सहयोगी बनवा कह्युं हतु. ६ मे १९४७ थी सरदारे राजाओनी साथे मंत्राणा चालु करी पोतानी वात रजु करी हती के जेना थकी राजाओ भारतनी बनवावाळी सरकार साथे मंत्रणा करवा राजी थाय तथा संभवित घर्षणो उभा न थाय तेनी तकेदारी लई शकाय. सरदारे सामाजीक मुलाकातो तेमज अनौपचारीक वातावरण, जेमके तेमना दिल्ही खातेना घरे जमवा के चा माटे बोलावीने मोटाभागना राजवीओने वाटाघाटोमां सामेल कर्या हता. आ मुलाकातो वखते तेमणे कह्युं हतु के कॉंग्रेस तथा राजरजवाडाओ वच्चे कोई मुळभुत तकरार छे नहीं, छतां तेमणे ए वात उपर भार आप्यो हतो के १५ ओगस्ट १९४७नां दिवसे रजवाडाओए सद्‌भावनाथी भारतनी साथे समन्वित थई जवुं रहेशे. सरदारे राजवीओनी स्वदेशाभिमाननी लागणीने उश्केरता कह्युं के तेमणे एक जवाबदारी भर्या शासकनी जेम, के जेमने पोतानी जनताना भविष्यनी कदर होय, पोताना राज्यनी स्वतंत्रतामां सहभागी थवु जोईए.
जोडाणना साधन पर हस्ताक्षर करवानी छेल्ली तारीख कई हती?
1,994
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३जी जुननी योजना हेठळ ६००थी वधु रजवाडाओने भारत के पाकिस्ताननी साथे जोडाई जवानी के पछी स्वतंत्रता स्वीकारवानी तक आपवामां आवी हती. भारतीय राष्ट्रीयतावादीओ तेमज आम जनताना घणा खरा भागने डर हतो के जो आ रजवाडाओनो समन्वय नहीं थाय तो मोटाभागनो जन समुदाय तेमज प्रांतो खंडित रही जशे. कॉंग्रेस तेमज उपरी अंग्रेज अधिकारीओनुं मानवुं हतु के रजवाडाओने भारतना राज्य संगठनमां समन्वित करवानी कामगीरी सरदार उत्तम रीते पार पाडी शकशे. गांधीजीए सरदारने कह्युं हतु के “राज्योनो मामलो एटलो मुश्केल छे के मात्र तमेज तेने उकेली शकशो. सरदारनी गणना प्रमाणिक अने व्यहवारु निर्णय लेवानी शकित धरावता मुत्सद्दी राजनीतिज्ञ तरीके थती हती के जेओ महत्वनुं काम सफळताथी पार पाडी शकता हता. सरदारे वी. पी. मेननने, के जेओ उपरी सरकारी सनदी हता तेमज भारतना भागला वखते सरदार साथे काम करी चुक्या हता, राज्य खातामां मुख्य सचिव बनी तेमना खास सहयोगी बनवा कह्युं हतु. ६ मे १९४७ थी सरदारे राजाओनी साथे मंत्राणा चालु करी पोतानी वात रजु करी हती के जेना थकी राजाओ भारतनी बनवावाळी सरकार साथे मंत्रणा करवा राजी थाय तथा संभवित घर्षणो उभा न थाय तेनी तकेदारी लई शकाय. सरदारे सामाजीक मुलाकातो तेमज अनौपचारीक वातावरण, जेमके तेमना दिल्ही खातेना घरे जमवा के चा माटे बोलावीने मोटाभागना राजवीओने वाटाघाटोमां सामेल कर्या हता. आ मुलाकातो वखते तेमणे कह्युं हतु के कॉंग्रेस तथा राजरजवाडाओ वच्चे कोई मुळभुत तकरार छे नहीं, छतां तेमणे ए वात उपर भार आप्यो हतो के १५ ओगस्ट १९४७नां दिवसे रजवाडाओए सद्‌भावनाथी भारतनी साथे समन्वित थई जवुं रहेशे. सरदारे राजवीओनी स्वदेशाभिमाननी लागणीने उश्केरता कह्युं के तेमणे एक जवाबदारी भर्या शासकनी जेम, के जेमने पोतानी जनताना भविष्यनी कदर होय, पोताना राज्यनी स्वतंत्रतामां सहभागी थवु जोईए.
सरदार केवा निर्णयो लेवानी क्षमता धरावता राजकारणी तरीके गणवामां आवता हता?
1,995
{ "answer_start": [ 516 ], "text": [ "प्रमाणिक अने व्यहवारु" ] }
३जी जुननी योजना हेठळ ६००थी वधु रजवाडाओने भारत के पाकिस्ताननी साथे जोडाई जवानी के पछी स्वतंत्रता स्वीकारवानी तक आपवामां आवी हती. भारतीय राष्ट्रीयतावादीओ तेमज आम जनताना घणा खरा भागने डर हतो के जो आ रजवाडाओनो समन्वय नहीं थाय तो मोटाभागनो जन समुदाय तेमज प्रांतो खंडित रही जशे. कॉंग्रेस तेमज उपरी अंग्रेज अधिकारीओनुं मानवुं हतु के रजवाडाओने भारतना राज्य संगठनमां समन्वित करवानी कामगीरी सरदार उत्तम रीते पार पाडी शकशे. गांधीजीए सरदारने कह्युं हतु के “राज्योनो मामलो एटलो मुश्केल छे के मात्र तमेज तेने उकेली शकशो. सरदारनी गणना प्रमाणिक अने व्यहवारु निर्णय लेवानी शकित धरावता मुत्सद्दी राजनीतिज्ञ तरीके थती हती के जेओ महत्वनुं काम सफळताथी पार पाडी शकता हता. सरदारे वी. पी. मेननने, के जेओ उपरी सरकारी सनदी हता तेमज भारतना भागला वखते सरदार साथे काम करी चुक्या हता, राज्य खातामां मुख्य सचिव बनी तेमना खास सहयोगी बनवा कह्युं हतु. ६ मे १९४७ थी सरदारे राजाओनी साथे मंत्राणा चालु करी पोतानी वात रजु करी हती के जेना थकी राजाओ भारतनी बनवावाळी सरकार साथे मंत्रणा करवा राजी थाय तथा संभवित घर्षणो उभा न थाय तेनी तकेदारी लई शकाय. सरदारे सामाजीक मुलाकातो तेमज अनौपचारीक वातावरण, जेमके तेमना दिल्ही खातेना घरे जमवा के चा माटे बोलावीने मोटाभागना राजवीओने वाटाघाटोमां सामेल कर्या हता. आ मुलाकातो वखते तेमणे कह्युं हतु के कॉंग्रेस तथा राजरजवाडाओ वच्चे कोई मुळभुत तकरार छे नहीं, छतां तेमणे ए वात उपर भार आप्यो हतो के १५ ओगस्ट १९४७नां दिवसे रजवाडाओए सद्‌भावनाथी भारतनी साथे समन्वित थई जवुं रहेशे. सरदारे राजवीओनी स्वदेशाभिमाननी लागणीने उश्केरता कह्युं के तेमणे एक जवाबदारी भर्या शासकनी जेम, के जेमने पोतानी जनताना भविष्यनी कदर होय, पोताना राज्यनी स्वतंत्रतामां सहभागी थवु जोईए.
सरदारे क्यारथी श्रेणीबद्ध वाटाघाटो शरू करी?
1,996
{ "answer_start": [ 812 ], "text": [ "६ मे १९४७ थी" ] }
३जी जुननी योजना हेठळ ६००थी वधु रजवाडाओने भारत के पाकिस्ताननी साथे जोडाई जवानी के पछी स्वतंत्रता स्वीकारवानी तक आपवामां आवी हती. भारतीय राष्ट्रीयतावादीओ तेमज आम जनताना घणा खरा भागने डर हतो के जो आ रजवाडाओनो समन्वय नहीं थाय तो मोटाभागनो जन समुदाय तेमज प्रांतो खंडित रही जशे. कॉंग्रेस तेमज उपरी अंग्रेज अधिकारीओनुं मानवुं हतु के रजवाडाओने भारतना राज्य संगठनमां समन्वित करवानी कामगीरी सरदार उत्तम रीते पार पाडी शकशे. गांधीजीए सरदारने कह्युं हतु के “राज्योनो मामलो एटलो मुश्केल छे के मात्र तमेज तेने उकेली शकशो. सरदारनी गणना प्रमाणिक अने व्यहवारु निर्णय लेवानी शकित धरावता मुत्सद्दी राजनीतिज्ञ तरीके थती हती के जेओ महत्वनुं काम सफळताथी पार पाडी शकता हता. सरदारे वी. पी. मेननने, के जेओ उपरी सरकारी सनदी हता तेमज भारतना भागला वखते सरदार साथे काम करी चुक्या हता, राज्य खातामां मुख्य सचिव बनी तेमना खास सहयोगी बनवा कह्युं हतु. ६ मे १९४७ थी सरदारे राजाओनी साथे मंत्राणा चालु करी पोतानी वात रजु करी हती के जेना थकी राजाओ भारतनी बनवावाळी सरकार साथे मंत्रणा करवा राजी थाय तथा संभवित घर्षणो उभा न थाय तेनी तकेदारी लई शकाय. सरदारे सामाजीक मुलाकातो तेमज अनौपचारीक वातावरण, जेमके तेमना दिल्ही खातेना घरे जमवा के चा माटे बोलावीने मोटाभागना राजवीओने वाटाघाटोमां सामेल कर्या हता. आ मुलाकातो वखते तेमणे कह्युं हतु के कॉंग्रेस तथा राजरजवाडाओ वच्चे कोई मुळभुत तकरार छे नहीं, छतां तेमणे ए वात उपर भार आप्यो हतो के १५ ओगस्ट १९४७नां दिवसे रजवाडाओए सद्‌भावनाथी भारतनी साथे समन्वित थई जवुं रहेशे. सरदारे राजवीओनी स्वदेशाभिमाननी लागणीने उश्केरता कह्युं के तेमणे एक जवाबदारी भर्या शासकनी जेम, के जेमने पोतानी जनताना भविष्यनी कदर होय, पोताना राज्यनी स्वतंत्रतामां सहभागी थवु जोईए.
राजकुमारोमां देशभक्तिनी भावनाओ उभी करती वखते, सरदारे जो जरूरी होय तो केनो उपयोग करवानो विकल्प राख्यो हतो?
1,997
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३जी जुननी योजना हेठळ ६००थी वधु रजवाडाओने भारत के पाकिस्ताननी साथे जोडाई जवानी के पछी स्वतंत्रता स्वीकारवानी तक आपवामां आवी हती. भारतीय राष्ट्रीयतावादीओ तेमज आम जनताना घणा खरा भागने डर हतो के जो आ रजवाडाओनो समन्वय नहीं थाय तो मोटाभागनो जन समुदाय तेमज प्रांतो खंडित रही जशे. कॉंग्रेस तेमज उपरी अंग्रेज अधिकारीओनुं मानवुं हतु के रजवाडाओने भारतना राज्य संगठनमां समन्वित करवानी कामगीरी सरदार उत्तम रीते पार पाडी शकशे. गांधीजीए सरदारने कह्युं हतु के “राज्योनो मामलो एटलो मुश्केल छे के मात्र तमेज तेने उकेली शकशो. सरदारनी गणना प्रमाणिक अने व्यहवारु निर्णय लेवानी शकित धरावता मुत्सद्दी राजनीतिज्ञ तरीके थती हती के जेओ महत्वनुं काम सफळताथी पार पाडी शकता हता. सरदारे वी. पी. मेननने, के जेओ उपरी सरकारी सनदी हता तेमज भारतना भागला वखते सरदार साथे काम करी चुक्या हता, राज्य खातामां मुख्य सचिव बनी तेमना खास सहयोगी बनवा कह्युं हतु. ६ मे १९४७ थी सरदारे राजाओनी साथे मंत्राणा चालु करी पोतानी वात रजु करी हती के जेना थकी राजाओ भारतनी बनवावाळी सरकार साथे मंत्रणा करवा राजी थाय तथा संभवित घर्षणो उभा न थाय तेनी तकेदारी लई शकाय. सरदारे सामाजीक मुलाकातो तेमज अनौपचारीक वातावरण, जेमके तेमना दिल्ही खातेना घरे जमवा के चा माटे बोलावीने मोटाभागना राजवीओने वाटाघाटोमां सामेल कर्या हता. आ मुलाकातो वखते तेमणे कह्युं हतु के कॉंग्रेस तथा राजरजवाडाओ वच्चे कोई मुळभुत तकरार छे नहीं, छतां तेमणे ए वात उपर भार आप्यो हतो के १५ ओगस्ट १९४७नां दिवसे रजवाडाओए सद्‌भावनाथी भारतनी साथे समन्वित थई जवुं रहेशे. सरदारे राजवीओनी स्वदेशाभिमाननी लागणीने उश्केरता कह्युं के तेमणे एक जवाबदारी भर्या शासकनी जेम, के जेमने पोतानी जनताना भविष्यनी कदर होय, पोताना राज्यनी स्वतंत्रतामां सहभागी थवु जोईए.
3 जी जूननी योजना हेठळ, केटला राज्योने आवरी लेवाया?
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३जी जुननी योजना हेठळ ६००थी वधु रजवाडाओने भारत के पाकिस्ताननी साथे जोडाई जवानी के पछी स्वतंत्रता स्वीकारवानी तक आपवामां आवी हती. भारतीय राष्ट्रीयतावादीओ तेमज आम जनताना घणा खरा भागने डर हतो के जो आ रजवाडाओनो समन्वय नहीं थाय तो मोटाभागनो जन समुदाय तेमज प्रांतो खंडित रही जशे. कॉंग्रेस तेमज उपरी अंग्रेज अधिकारीओनुं मानवुं हतु के रजवाडाओने भारतना राज्य संगठनमां समन्वित करवानी कामगीरी सरदार उत्तम रीते पार पाडी शकशे. गांधीजीए सरदारने कह्युं हतु के “राज्योनो मामलो एटलो मुश्केल छे के मात्र तमेज तेने उकेली शकशो. सरदारनी गणना प्रमाणिक अने व्यहवारु निर्णय लेवानी शकित धरावता मुत्सद्दी राजनीतिज्ञ तरीके थती हती के जेओ महत्वनुं काम सफळताथी पार पाडी शकता हता. सरदारे वी. पी. मेननने, के जेओ उपरी सरकारी सनदी हता तेमज भारतना भागला वखते सरदार साथे काम करी चुक्या हता, राज्य खातामां मुख्य सचिव बनी तेमना खास सहयोगी बनवा कह्युं हतु. ६ मे १९४७ थी सरदारे राजाओनी साथे मंत्राणा चालु करी पोतानी वात रजु करी हती के जेना थकी राजाओ भारतनी बनवावाळी सरकार साथे मंत्रणा करवा राजी थाय तथा संभवित घर्षणो उभा न थाय तेनी तकेदारी लई शकाय. सरदारे सामाजीक मुलाकातो तेमज अनौपचारीक वातावरण, जेमके तेमना दिल्ही खातेना घरे जमवा के चा माटे बोलावीने मोटाभागना राजवीओने वाटाघाटोमां सामेल कर्या हता. आ मुलाकातो वखते तेमणे कह्युं हतु के कॉंग्रेस तथा राजरजवाडाओ वच्चे कोई मुळभुत तकरार छे नहीं, छतां तेमणे ए वात उपर भार आप्यो हतो के १५ ओगस्ट १९४७नां दिवसे रजवाडाओए सद्‌भावनाथी भारतनी साथे समन्वित थई जवुं रहेशे. सरदारे राजवीओनी स्वदेशाभिमाननी लागणीने उश्केरता कह्युं के तेमणे एक जवाबदारी भर्या शासकनी जेम, के जेमने पोतानी जनताना भविष्यनी कदर होय, पोताना राज्यनी स्वतंत्रतामां सहभागी थवु जोईए.
केटला रजवाडा भारतमां भळवा माटे सहमत न हता?
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