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करतारपुर को लेकर भारत-पाकिस्तान के बीच उच्च स्तरीय वार्ता. पीएम मोदी 2 दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचे. ऐसी ही बड़ी खबरों के लिए जुड़े रहें lokmatmews. in से. पाकिस्तान और भारत, सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारे को लेकर मसौदा समझौते और उसे चालू करने को लेकर तीसरे दौर की वार्ता बुधवार को अटारी में करेंगे। प्रस्तावित गलियारा पाकिस्तान के करतारपुर स्थित दरबार साहिब को गुरदासपुर जिला स्थित डेरा बाबा नानक गुरुद्वारे से जोड़ेगा और इससे भारतीय सिख श्रद्धालुओं को वीजा-मुक्त आवागमन की सुविधा मिलेगी। इन श्रद्धालुओं को सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव द्वारा 1522 में स्थापित करतारपुर साहिब जाने के लिए मात्र एक परमिट लेना होगा। चार सितम्बर को यह बैठक वाघा सीमा के भारत की ओर अटारी सीमा पर आयोजित होगी। उम्मीद है कि उक्त बैठक में दोनों देशों के अधिकारी गलियारे को खोलने को लेकर मसौदा समझौते को अंतिम रूप देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बुधवार को रूस के दो दिवसीय दौरे पर व्लादिवोस्तोक पहुंच चुके हैं। पीए मोदी मंगलवार की रात नई दिल्ली से रूस की दो दिवसीय दौरे के लिए रवाना हुए। मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह पूर्वी आर्थिक मंच की बैठक में हिस्सा लेने के लिये अपनी व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन के साथ आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा को लेकर आशान्वित हैं । प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी यह यात्रा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को विविधता प्रदान करने और रिश्तों को और मजबूत बनाने की इच्छा को प्रदर्शित करती है । मोदी की रूस के इस सुदूर पूर्वी क्षेत्र की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है । इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन को चुनौती देने वाली एक चुनाव याचिका पर सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की है। न्यायमूर्ति एम. के. गुप्ता ने तेज बहादुर यादव द्वारा दायर याचिका पर यह आदेश पारित किया। यादव को समाजवादी पार्टी ने वाराणसी लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार घोषित किया था, लेकिन रिटर्निंग अधिकारी द्वारा उनका नामांकन पत्र खारिज किए जाने से वह चुनाव नहीं लड़ सके थे। प्रधानमंत्री मोदी की ओर से पेश हुए शासकीय अधिवक्ता सत्यपाल जैन ने अदालत के समक्ष दलील दी कि दीवानी प्रक्रिया संहिता के नियम 11 के आदेश 7 के तहत और जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 86 के तहत इस चुनाव याचिका में दम नहीं है क्योंकि इसमें कोई कारण नहीं बताया गया है और साथ ही चुनाव में अनियमितता का कोई आरोप नहीं है। वाराणसी के जिला रिटर्निंग अधिकारी ने बीएसएफ से बर्खास्त यादव को यह प्रमाणपत्र जमा करने को कहा था कि उन्हें भ्रष्टाचार या बेइमानी की वजह से नहीं हटाया गया, लेकिन यह प्रमाण देने में विफल रहने पर एक मई, 2019 को उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया था। तेज बहादुर यादव ने अपनी चुनाव याचिका में आरोप लगाया है कि वाराणसी के रिटर्निंग अधिकारी द्वारा गलत ढंग से उनका नामांकन पत्र खारिज किया गया है जिसके परिणाम स्वरूप वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सके जोकि उनका संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने अदालत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वाराणसी से बतौर सांसद निर्वाचन अवैध घोषित करने का अनुरोध किया है। लद्दाख को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा देने के मुद्दे पर बुधवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी), गृह मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय की बैठक होगी। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "एनसीएससी, गृह मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय के साथ इस बात पर चर्चा करेगा कि क्या लद्दाख को जनजातीय क्षेत्र का दर्जा दिया जा सकता है, जिसकी स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं। " अधिकारी ने कहा कि आयोग यह भी जानना चाहता है कि मुख्य रूप से जनजातीय आबादी वाले केंद्र शासित प्रदेश चाहे वह अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप या दादरा और नागर हवेली हो, संविधान की पांचवीं या छठी अनुसूची का हिस्सा क्यों नहीं है। लद्दाख के भाजपा सांसद जम्यांग त्सेरिंग नामग्याल ने अगस्त में जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा को दिए ज्ञापन में कहा था कि यह क्षेत्र मुख्य रूप से आदिवासी बहुल है, जिसमें आदिवासियों की आबादी 98 प्रतिशत है। उन्होंने कहा था कि केंद्र द्वारा लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बनाने के फैसले की घोषणा के बाद यहां की जनजातीय आबादी की सबसे बड़ी चिंता अपनी पहचान, संस्कृति, भूमि और अर्थव्यवस्था की रक्षा करना है। केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह बुधवार को गुजरात के एक दिवसीय निजी दौरे पर रहेंगे। शाह एक सप्ताह में दूसरी बार अपने गृह राज्य की यात्रा करेंगे। यहां वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएंगे। भाजपा के एक नेता ने कहा कि गृह मंत्री मंगलवार रात अहमदाबाद हवाईअड्डे पर उतरेंगे और उम्मीद है कि बुधवार को यहां अपने आवास पर रुकेंगे। सूत्रों ने कहा कि हालांकि शाह निजी यात्रा पर हैं लेकिन उम्मीद है कि गांधीनगर से सांसद विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए अपने आवास पर पार्टी नेताओं और सरकारी अधिकारियों से मिलेंगे।
पॉप सिंगर मडोना ने अपना एक विडियो पोस्ट किया है, जिसमें वह अपना ही यूरीन पीती नजर आ रही हैं। वह कहती नजर आ रही हैं कि आइस बाथ के बाद यह पीना काफी अच्छा होता है। पॉप सिंगर मडोना का एक विडियो इंटरनेट पर इन दिनों खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वह यूरीन पीती नजर आ रही हैं। मडोना ने इस विडियो को अपने इंस्टाग्राम पर पोस्ट भी किया है। इस विडियो में मडोना अपने पैरों का चोट भी दिखाती नजर आ रही हैं। इस बर्फ वाले पानी में बैठने से पहले वह पहले केवल अपना पैर डालती हैं। इसके बाद अपना नाक दबाती हैं और दोनों हाथों को जोड़ते हुए खुद को इस पानी में टिके रहने की ताकत देती हैं। इस आइस टब से निकलने के बाद वह कप में यूरीन पीती नजर आती हैं। ' विडियो में ठंडे पानी से खुद का ध्यान हटाने के लिए वह अपने दोस्त को पंच मारती भी नजर आ रही हैं।
चेकअप के लिए जेल से अस्पताल लाए गए आतंकी ने सुरक्षाकर्मी की बंदूक छीनकर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें 1 पुलिस वाले की मौत हो गई। इस बीच वह आतंकी फरार होने में कामयाब हो गया। जम्मू-कश्मीर में एक बड़ी आतंकी वारदात हुई है। राजधानी श्रीनगर के श्री हरि सिंह अस्पताल में फायरिंग की घटना हुई है। इस गोलीबारी में एक पुलिस जवान शहीद हो गया है, जबकि दो पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि अचानक हुई इस फायरिंग की आड़ में एक आतंकी फरार हो गया है। फरार हुए आतंकी का नाम नावीद बताया जा रहा है, जो पाकिस्तान का है। हालांकि, बताया जा रहा है कि एक अन्य आतंकी भी मौके से फरार हो गया है। श्रीनगर के एसएसपी इम्तियाज इस्माइल पर्रे ने बताया कि 6 फरवरी की सुबह श्रीनगर के सेंट्रल जेल में बंद 6 आतंकियों को सामान्य चेकअप के लिए श्री हरि सिंह अस्पताल लाया गया था। इन आतंकियों में नावीद भी शामिल था। मिली जानकारी के अनुसार नावीद ने साथ में चल रहे एक सुरक्षाकर्मी की बंदूक छीन ली और अंधाधूंध फायरिंग शुरू कर दी। इस बीच वहां पर अफरातफरी की स्थिति बन गई, जिसका फायदा उठाते हुए नावीद वहां से भागने में कामयाब हो गया। बताया जा रहा है कि नावीद डीएसपी अयूब की हत्या के मामले में आरोपी था। घटना के बाद इलाके में अफरा तफरी का माहौल है। पूरे इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अस्पताल परिसर में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी पहुंच गए हैं और हालात का जायजा ले रहे हैं।
प्रतिवेदित किया है कि मामला संज्ञान में आने के उपरांत संपूर्ण जिले में मुख्यमंत्री निश्चय योजना की राशि वार्ड क्रियान्वयन समिति के अतिरिक्त अन्य के द्वारा निकासी पर पत्रांक 760 दिनांक 03.10.17 के द्वारा रोक लगा दी गयी है । सभी संबंधित ग्राम पंचायतों के मुखिया एवं पंचायत सचिव को अवैध रूप से सीधे राशि की निकासी के विरुद्व स्पष्टीकरण की मांग की गयी है । इसमें नारदीगंज प्रखंड के ग्राम पंचायत हड़िया के पंचायत सचिव को निलंबित किया गया है तथा ग्राम पंचायत माखर अकबरपुर प्रखंड के पंचायत सचिव को निलंबित करते हुए संबंधित मुखिया एवं पंचायत सचिव के विरुद्व स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज करते हेतु इसकार्यालय के पत्रांक - 863/पंचा0 दिनांक 11. 11.11.17 द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी, अकबरपुर को निदेश दिया गया है । मुखिया / पंचायत सचिव पर प्राप्त स्पष्टीकरण पर उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है । नारदीगंज प्रखंड में जिन पंचायतों के द्वारा राशि वापस नहीं की गयी है, उनके यहाँ योजनाओं की जांच हेतु पत्रांक - 866 / पंचा0 दिनांक 11.11.17 के द्वारा जांच समिति का गठन किया गया है । इस प्रकार अकबरपुर प्रखंड के माखर पंचायत के मुखिया एवं पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है । इस संबंध में जिला पदाधिकारी, नवादा को स्पष्ट निदेश दिया गया है कि जिन पंचायतों ने नियम विरुद्व अवैध निकासी की है एवं राशि खाते में जमा नहीं करायी है उनपर तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जाय । साथ ही पूरे मामले की सम्यक जांच करवाकर एक सप्ताह के अंदर विभाग को प्रतिवेदित करें । यह भी उल्लेखनीय है कि यह गबन अस्थायी गबन का मामला है, जिसपर सम्यक् कार्रवाई की जा रही है । राज्य के अन्य जिलों को भी मुख्यमंत्री निश्चय योजना मद की राशि के संबंध में आवश्यक जांच कराने का निदेश दिया गया है । श्री ललित कुमार यादवः अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री जी ने अपने जवाब में बताया कि नवादा जिला में सृजन के तर्ज पर 13 अक्तूबर के समाचार पत्र में यह प्रकाशित हुआ है, तो 13 अक्तूबर और आज हम नवंबर के अंतिम समय में है, तो इस स्थिति में इतने दिन के बाद अभी तक माननीय मंत्री जी ने सृजन के तर्ज पर जो घोटाला हुआ है, यह केवल नवादा जिला में नहीं है महोदय, इन्होंने कहा कि बिहार के अन्य जिलों में भी जिला पदाधिकारी को जांच का आदेश दिये हैं, तो जो जांच का आदेश दिये, तो उसमें क्या फलॉफल हुआ और भी जिले में सृजन के तर्ज पर यह घोटाला कितने का है जिलावार और जिलावार कितनी राशि दी गयी और उसमें अवैध निकासी कितनी हुई, सरकार को इसकी जानकारी सदन को देना चाहिए । महोदय, यह घोटाला है और यह सरकार घोटाला पर घोटाला कर रही है और ये कह रहे हैं कि हम जांच करा रहे हैं, तो जांच का फलॉफल क्या हुआ महोदय, यह हम जानना चाहते हैं ? श्री कपिलदेव कामत, मंत्री : महोदय, निकासी की जो जानकारी मिली है, उसमें से दो करोड, 11 लाख, 22 हजार, 64 रुपये पुनः मुख्यमंत्री निश्चय योजना के खाते में वापस कर दी गयी है । शेष पंचायत सचिव और मुखिया को जहाँ विभागीय पत्रांक-9681/पंचायती राज दिनांक 28.11 के द्वारा नवादा को स्पष्ट निदेश दिया गया है कि जिन-जिन ग्राम पंचायतों के मुखिया एवं सचिव के द्वारा अवैध निकासी की गयी और राशि वापस नहीं की गयी है, उनके विरुद्व तत्काल स्थानीय थाना में प्राथमिकी दर्ज कराकर उनके विरुद्व जांच करवाकर दोषी पर कार्रवाई करते हुए एक सप्ताह के अंदर विभाग को प्रतिवेदित करें, तो अभी प्रतिवेदन आया नहीं है । ठीक है । श्री ललित कुमार यादवः महोदय, माननीय मंत्री जी नवादा की बात कर रहे हैं या पूरे बिहार की बात कर रहे हैं..... माननीय सदस्य ललित बाबू आपका प्रश्न ही नवादा जिले के बारे में है, पूरे बिहार का प्रश्न नहीं है । श्री ललित कुमार यादवः महोदय, इसमें हमने स्पष्ट कहा है कि सृजन के तर्ज पर नवादा जिला में यह निकासी हुई है और हम जानना चाहते हैं माननीय मंत्री जी से कि बिहार के अन्य जिले में कितनी राशि दी गयी और संबंधित जिले में अवैध निकासी कितनी की गयी और उसके विरुद्व कौन सी कार्रवाई की गयी, तो माननीय मंत्री जी नवादा जिला का तो बताये लेकिन उमसें भी जो पदाधिकारी हैं, उसके विरुद्ध कौन सी कार्रवाई हुई और अन्य जिले में कितनी राशि आवंटित हुई और कितनी राशि अवैध निकासी हुई, इसकी जानकारी माननीय मंत्री जी देना चाहेंगे और इसके विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई ? माननीय ललित जी, सरकार ने आपकी बातों को सही माना है, आपने जो कहा कि अवैध निकासी हुई, तो सरकार ने माना की अवैध निकासी हुई और सरकार ने उसपर कार्रवाई प्रारंभ की, उसके तहत पाँच करोड़, 34 लाख रुपये के लगभग अवैध निकासी हुई थी, उसमें से लगभग दो करोड़, 11 लाख रुपये से उपर फिर से जमा कर दिया गया और जिन पंचायतों के मुखिया या सचिव के द्वारा नहीं किया गया है, उनके विरुद्व एफ0आई0आर0 भी दर्ज किया गया है, जिसकी तिथि भी उन्होंने बतायी है और बाकी जिलों के जिलाधिकारियों को भी एलर्ट करके कहा गया है कि आप अपने यहाँ भी इसको देखिये कि ऐसा तो नहीं हो रहा है, यह माननीय मंत्री महोदय ने बताया, अब आप कार्रवाई क्या चाहते हैं ? श्री ललित कुमार यादवः महोदय, मैं माननीय मंत्री जी के जवाब से संतुष्ट नहीं हूँ । मैं पूरे बिहार के संबंध में कह रहा हूँ कि सृजन के तर्ज पर मुख्यमंत्री निश्चय योजना में घोटाला हुआ है । श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, नेता विरोधी दलः महोदय, यह बार- बार घोटाला सुनने में आ रहा है या चाहे मुख्यमंत्री हो या बिहार सरकार के कोई भी मंत्री हो, एक बात कहकर बच जाते हैं कि कार्रवाई होगी और भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जायेगा । महोदय, हमने तो कल भी यह सवाल पूछा था कि अब तक कितने जिलाधिकारियों पर कितने बड़े अधिकारियों पर, कितने मंत्रियों पर कार्रवाई हुई है, यह कोई एकाध घोटाले की बात नहीं है, कोई एक जिले की बात नहीं, बल्कि लगातार पूरे बिहार में इस तरह के समाचार और खबरें आ रही हैं और इस प्रकार का हालात हो गया है, तो सरकार को इसपर गंभीरता से आदेश देना चाहिए । श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, नेता विरोधी दल (क्रमशः) : बल्कि अब ऐसा प्रतीत होता है कि ऐक्शन उल्टे दिशा में लिया जाता है, जिलों में लीपापोती की जाती है और सब जगह के जो आंकड़ें हैं, हर जिलों में जैसे सृजन के तर्ज पर एक जिला का मामला आया तो दूसरे जिलों में भी ऐसा लगता है कि हर जगह इनके ऑफिसर और अधिकारी जो हैं लीपापोती में लगे हुए हैं कि भ्रष्टाचार को कैसे छुपाया जाय उजागर न किया जाय और जो दोषी हैं उनको संरक्षण दे रहा है और उस पर अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई है । तो महोदय, अगर इसी तरीके से चलता रहेगा तो प्रश्नकाल का कोई मतलब नहीं है, हमलोग विकास के लिए योजना के लिए यहां क्यों बैठे हुए हैं, किस प्रकार का डिस्कशन कर रहे हैं, क्या विकास करेंगे जब बिहार के जब ट्रेजरी में पैसा ही नहीं होगा, महोदय, एकाध स्कीम में पैसा नहीं निकाला जा रहा है, हर स्कीम में निकाला जा रहा है तो इस पर मुख्यमंत्री जी को आकर स्पष्ट हाउस में बतलाना पड़ेगा कि इस तरह से बिहार में, कबतक आखिर यह सब चलता रहेगा ? ये 12-13 साल से जब से ये सरकार में है और अब तो यह प्रतीत होता है कि इसीलिए ही मुख्यमंत्री जी हमलोग को छोड़कर गये हैं चूंकि हमलोग के साथ घोटाला करने में बन नहीं पा रहा था । हम आसन से यही उम्मीद करते हैं कि सदन के नेता को बुलाकर के भ्रष्टाचार पर अब आपने अपनी बात कह दी है। ठीक है। श्री सुशील कुमार मोदी, उप मुख्यमंत्री : अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री ने बड़ा ही स्पष्ट बतलाया है । श्री सुशील कुमार मोदी, उप मुख्यमंत्री : अध्यक्ष महोदय, माननीय मंत्री ने बड़ा स्पष्ट ( व्यवधान) माननीय सदस्य ललित जी ने एक जिले का मामला उठाया था इनके सवाल उठाने के पहले (व्यवधान) अध्यक्ष महोदय, अखबार में जिस जगह का जिक था अखबार का जो इन्होंने कटिंग लगाया और अखबार का जो इन्होंने जिक्र किया है उस आधार पर माननीय मंत्री जी ने क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी दी है और पूरे राज्य में सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर कहीं और इस प्रकार की कार्रवाई अवैध निकासी हुई है, उसकी रिपोर्ट अगर मिलती है तो जांच कर के बतलाईए । मैं माननीय सदस्यों से भी आग्रह करूंगा कि आपको अगर किसी जिले की जानकारी हो, तो दीजिये, आप लिखकर दीजिये और सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि अगर कहीं पर भी मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत अगर अवैध निकासी के बारे में कोई प्रतिवेदन प्राप्त होती है, जानकारी मिलती है तो कार्रवाई की जायेगी। अन्य जगह से अभी तक कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है जैसी ही जानकारी प्राप्त होगी और मैं सदन को आश्वस्त करना चाहूंगा अध्यक्ष महोदय कि चाहे वह चारा घोटाला हो, या अलकतरा घोटाला हो या सृजन घोटाला हो ये सरकार किसी को बख्सेगी नहीं, हम किसी को छोड़ेंगे नहीं और चाहे जो दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जायेगी। किसी को बचाने का कोई सवाल पैदा नहीं होता है और इसीलिए अगर कहीं पर किसी जिले में माननीय सदस्यों को अगर कोई जानकारी हो तो लिखित रूप में सरकार को उपलब्ध करायें, सरकार किसी को छोड़ेगी नहीं और पाताल में अगर छिपा होगा भ्रष्टाचारी तो भी खोजकर उसके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। श्री तेजस्वी प्रसाद यादव, नेता विरोधी दलः महोदय, बात फिर वहीं उल्टा घुमकर आया, बात वही दोहराया जा रहा है जो मंत्री जी ने बतलाया कि कार्रवाई होगी तो 12 साल से आप लोग कितने साल से सरकार में हैं और अब लगातार घोटाला हो रहा है और अभी तक कह रहे हैं कि कार्रवाई की जा रही है ? ऐसा लग रहा है कि कार्रवाई उल्टी दिशा में की जा रही है, क्या जो डबल इंजन लगा है वह भ्रष्टाचार बढ़ाने के लिए लगा है बिहार में कि बिहार के विकास के लिए लगा है, कार्रवाई अबतक कितने बड़े अधिकारियों पर हुई है जो पहले घोटाले हुए थे उसमें कितने मंत्रियों को सजा हुई, इसका क्यों नहीं जवाब दे रहे हैं उपमुख्यमंत्री जी तो इस पर बतलाना चाहिए उनको। आप सभी लोग कृपया बैठ जाईए । हम आप सभी माननीय सदस्यों से अनुरोध करते हैं कि जो प्रश्न माननीय ललित कुमार यादव जी ने पूछा, सरकार ने इस प्रश्न की पृष्टि की है, जो ये अवैध निकासी हुई और इसके विरूद्ध जो सरकार कार्रवाई कर रही है जो एफ0आई0आर0 दर्ज हुआ है उस सब की जानकारी दी और कहा कि दूसरे जिला में भी जो कलक्टर हैं उनको अलर्ट किया गया है और आप सबों से भी अनुरोध किया है कि कोई इस तरह की बात हो तो सरकार कार्रवाई करेगी तो अब और क्या चाहिए ? (व्यवधान) अब आगे चलने दीजिये ।
डिंगल में वीररस त्रोटक हुआ संघ सुसद्दह नद्द भरं, घन घेरिक कीयं सु फौज वरं । लष लत्र मिले दल संमिलयं, नर भद्दव वाहल संमिलियं ।।१५।। पर सजं, तिन देषत काइर दूर भजं । तिन पिछ हज़ारउ मत्त चलें, छह रित्त झरंत करी तहले ।।१६।। तिन पिंह फौज गहब्बरयं, थरि गोरिय मुद्धकरं धरियं । कमनेंत भूल सु ल लियं, तिनं मध्य ततारह छत्र दियं ।।१७।। लत्र दोय गुरज्ज स गष्परियं, पुरसान दियं दल पपरियं । बलकी उमराव सु सत्त सयं, निसुरत्तह लह कम्म भयं ॥१८॥ पुरसान तनं दल उप्पटयं, मनु साइर सत्त उलट भयं । जलवानिय पानिय ऋद्ध सरं, लोहानिय; पानिय खेतवरं ।।१६।। हबसी उजवक्क हमीर भरं, कलबानिय क्रम्मिय घरं । सरबानि ऐराकि मुगल्ल कती, बहु जाति, अनेक अनेक भती ।।२०।। १५ - सह - शब्द । लप लप्प... संमिलिय = लाख लाख मनुष्यों का बना हुआ दल भादों के मेघों की तरह शोभायमान था । वाहल = बादल । १६ - = अग्र भाग में । तिन पिट्ठ - उनके पीछे । १७ - गहव्वरयं = बड़ी । धरि... धरियं = उस के सिर. ( मुटु ) पर गौरी ने हाथ रखा अर्थात् उसके सेनापति गौरी बने । कमनेंत = धनुर्धारी । अभूल = अभूल जाति के । तिन मध्य... दियं = उनके मध्य में तातारखां ने छत्र धारण किया अर्थात् तातारखां उनका सेनापति बना। १८ - गुरज्ज = गुर्जधारी । सत्त सयं = सात सौ । निसुरतह = निसुरह जाति के योद्धा । बलकी उमराव = वलकानीय . उमराव । भयं = हुआ । १९ - घुरसान... भयं = खुरासानियों का दल चला, वह ऐसा मालूम होता था मानो सातों समुद्र उलंट रहे हों । जलवानिय : ... जलकान जाति के लोग । लोहानिय = लोहाना जाति के लोग । खेतवरं = रणभूमि में उपस्थित थे । २० - हवसी, उजवक, हमीर, कलवानी, रूमी, सरवानी, ऐराकी, मुग़ल आदि मुसलमानों की जातियों के नाम हैं। फौज बंधि सुरतान, मुप्प अग्गे तत्तारिय । मधि नायक सुरतान, नील पुरसान सु भारिय ॥ मोती निसुरति पान, लाल हबसी कोलंजर । पाचि पीटिं रुस्तंम, पना बहु भाँति अवर नर ।। उत्तरिय नद्द गोरीस पहुं, बज्जा दस दिसि बजिया । मानों कि भद्द उलटी मही, साइर अंबु गरजिया ॥२१॥ दिल्लीपति फौजह रची, दियौ जैत सिर छत्र । चामंडराय ग्यै भयौ, मनों सु गिरवर गत्त ।।२२।। कवित्त फौज रची सामंत, गरुड़ व्यूहं रचि गढिय । पंप भाग प्रथिराज, चंच चावंड सुगढ़िय ।। गावरि अत्ताताई, पाइ गोद सुठयि । पुच्छ कन्ह चौहान, पेट पम्मारह पढ़ढ़िय । सुंडाल काल अग्गों धरे, कढे दोइ कलहन्न किय चालंत बान गौरे प्रबल, मानहु ग्रंक मार दिय ।।२३।। २१ तत्तारिय - तातार खाँ । मधिं नायक = मध्य भाग का नायक । सुरतान = सुलतान गौरी । नील- नीलम मणि । निसुरति पान = निसुरत्ति खाँ । लाल हबसी कोलंजर = हंबसी और कालिंजर लाल के समान । पना = पन्ना । २२ - जैत = जैतराय पँवार । गत्त = शरीर । २३ - गरुड़ व्यूहं रचि गढिय= गरुड़ व्यूहाकार में खड़ा किया । पंष भाग प्रथिराज = पंख भाग में पृथ्वीराज रहे । चंच चावंड सुगढ़िढय = चोंच भाग में चामुंडराय नियुक्त हुआ । गावंरि = गर्दन । अत्ताताइ = अत्ता-ताई (नाम विशेष ) । पाइ गोइंद सुठढ़िय = चरण भाग में गोइन्द राय ठहरे । कन्ह = यह पृथ्वीराज का चाचा था । पेट पम्मारह पढिय = उंदर भाग परमार वंशी वीर ( जैतराय ) के अधीन रहा । संडाल दो हाथी । कहे दोइ कलहन्न किय= दोनों
Jaundice in Pachchhad जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल में एक सप्ताह में पीलिया बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है। इसमें 60 से ज्यादा मरीज पच्छाद उपमंडल मुख्यालय सराहां में पीलिया से ग्रसित हैं। जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। नाहन, जागरण संवाददाता। Jaundice in Pachchhad, जिला सिरमौर के पच्छाद उपमंडल में एक सप्ताह में पीलिया बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है। इसमें 60 से ज्यादा मरीज पच्छाद उपमंडल मुख्यालय सराहां में पीलिया से ग्रसित हैं। दूषित पेयजल के सेवन से होने वाली यह जल जनित बीमारी स्वास्थ्य विभाग के लिए भी चिंता की वजह बन गई है। जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। दूषित पेयजल बन रही बड़ी वजह बताई जा रही है। उपमंडल के अधिकतर बच्चे इस गंभीर बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। साथ ही बड़ों लोगों में भी पीलिया बीमारी के लक्षण देखें जा रहे हैं। सराहां में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जलशक्ति विभाग ने पानी के सैंपल टेस्टिंग को भेजे हैं। साथ ही सभी को उबला पानी पीने की सलाह दी है। वहीं, एसडीएम ने जल शक्ति विभाग को जल भंडारण टैंक की सफाई के दिए निर्देश भी दे दिए हैं। उधर, पच्छाद के एसडीएम डा. संजीव धीमान ने पीलिया बीमारी पर चिंता जताते हुए कहा कि जलशक्ति विभाग के अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने व जल्द पेयजल के सैंपल लेने के निर्देश दिए गए है। जल शक्ति विभाग के एसडीओ को निर्देश दे दिए गए है कि तुरंत भंडारण टैंक की सफाई व इसके कारणों को तलाशा जाए। उन्होंने लोगों से भी अपील करी है वह एहतियात बरते। बीएमओ पच्छाद डा. संदीप शर्मा ने कहा कि सिविल अस्पताल सराहां में पीलिया के मरीज प्रतिदिन पहुंच रहे हैं। जांच में पीलिया की पुष्टि हो रही है। 4 से 5 मरीज प्रतिदिन पीलिया से ग्रसित पाए जा रहे हैं। जलशक्ति विभाग को पीने के पानी के सैंपल लेने को कहा गया है। उधर, जल शक्ति विभाग सराहां के एसडीओ संजय मोक्टा ने बताया कि जल भंडारण टैंक के पानी का सैंपल टेस्टिंग के लिए नाहन भेज दिया गया है। सोमवार को इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। उसके बाद ही पता चलेगा कि यहां पीलिया पानी से फैल रहा है या कोई अन्य कारणों हैं।
नाशिक न्यूज़ः वेतनभोगी लोग अपने बैंक खाते से लगातार पैसे निकालते और जमा करते रहते हैं। केवल इसी आधार पर उनके खातों को उच्च जोखिम के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। इस वजह से छात्रों के खाते भी जोखिम की श्रेणी में डाल दिए जाते हैं। आरबीआई की कमेटी ने भी डिफॉल्ट का निर्धारण करने के बाद खातों को कम जोखिम वाली श्रेणी में रखने की सिफारिश की है। बैंक एक निश्चित अवधि के बाद ऐसे खातों की केवाईसी करते हैं। यदि यह पूरा नहीं होता है, तो खाते पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है। समिति ने कहा कि ऐसे ग्राहकों से बार-बार केवाईसी के लिए नहीं कहा जाना चाहिए, उनके खातों को प्रतिबंधित नहीं किया जाना चाहिए। ग्राहक सेवाओं के सत्यापन के लिए आरबीआई के डिप्टी गवर्नर बी. पी। कानूनगो की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। समिति ने कहा कि वेतनभोगी व्यक्तियों के खातों को उच्च जोखिम में रखना उचित नहीं है, भले ही वे हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल (एचएनआई) हों। 1. आंतरिक लोकपालों के वेतन के लिए अलग कोषः सभी बैंकों में लोकपाल होते हैं। वे पहले ग्राहकों की शिकायतों से निपटते हैं। ग्राहकों की शिकायत है कि वे अक्सर बैंक के पक्ष में फैसले देते हैं। सूचनाः आरबीआई लोकपाल के वेतन के लिए ग्राहक जागरूकता कोष जुटाए। चूंकि उन्हें बैंक से वेतन मिलता है, इसलिए वे खुद को बैंक का कर्मचारी मानते हैं। 2. 30 दिनों के भीतर वारसॉ में दावा : बैंक खातों के संचालन को लेकर शिकायतें अधिक हैं। खाताधारक की मृत्यु के बाद क्लेम लेने में रिश्तेदारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। नोटिसः सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद 30 दिनों के भीतर दावे का निपटान किया जाना चाहिए।
ट्रांसपोर्टर प्रवीण हत्याकांड में जख्मी राजकुमार ने तोड़ा दम, बेहतर इलाज के लिए. . मोदी सरकार की हो रही पूरी दुनिया में चर्चा, हेमंत की है घोटालों की सरकार, JP नड्डा ने. .
एक सुंदर रेगिस्तान और कैसे इस सुंदरता की सराहना करने के क्या है? लेकिन Sonoran डेजर्ट, जो उन लोगों के किए गए हैं द्वारा किए गए की तस्वीरें को देखकर, तुम्हें पता है, वह वास्तव में सुंदर है! इसके लहरदार इलाके, असामान्य वनस्पति पेड़ और झाड़ियों की एक किस्म का प्रतिनिधित्व करती है, इसकी विविधता नागफनी बस अद्भुत है। उसकी तस्वीरों की आज की यात्रा और लेख की पुष्टि करेगा - रेगिस्तान सुंदर है! सोनोरा के सैंडी-चट्टानी रेगिस्तान मेक्सिको के उत्तर पश्चिम, ग्रेट बेसिन और कोलोराडो नदी के बहाव आयामी (या नहीं कहते हैं) कोमल और खड़ी पहाड़ों की कवर हिस्सा करने के लिए दक्षिण पश्चिम अमेरिका के साथ उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्र में है। पहाड़ों के पैर में निहित है रेत ढलानों नीचे, बनाने bayadas, जो स्पेनिश का अर्थ है "पहाड़ियों" से अनुवाद से दूर शक्तिशाली हवा धाराओं से धोया जाता है। रेगिस्तान की विषम परिदृश्य। लगभग रेगिस्तान की ¼ छोटी पहाड़ियों और छोटे पहाड़ों से कब्जा कर लिया। गिनती प्रक्रिया है, जो निर्धारित करने के लिए प्रयोग किया जाता है पर निर्भर करता है बड़े क्षेत्र सूत्रों विभिन्न मूल्यों रेगिस्तान क्षेत्र दिखाने के लिए, लेकिन नहीं कम से कम 260 वर्ग। किमी और अधिक से अधिक 355 वर्ग मीटर। किमी। Sonoran डेजर्ट कि कभी-कभी के साथ खिताब युमा रेगिस्तान, जुहा, कोलोराडो और दूसरों एक समूह के रूप में जाना जाता है तो बहुत अच्छा है। हर्ष रेगिस्तान जलवायु। वर्षा दुर्लभ है। दिसंबर से मार्च के बीच सर्दी बारिश में। पहाड़ों पर रेगिस्तान की निकटता और समुद्र भारी बारिश और गरज के तूफ़ान के साथ गर्मी के मौसम के रेगिस्तान अजीब प्रकार के ऊपर बने हुए जुलाई से सितंबर तक उग्र। रेगिस्तान में नमी उच्च तापमान की वजह से देरी नहीं है और पानी जल्दी से वाष्पित हो। तापमान, हमेशा सकारात्मक है सर्दियों के महीनों में भी यह हो सकता है + 30 डिग्री सेल्सियस, अधिकतम गर्मी + 40 डिग्री सेल्सियस लेकिन रात में दिन + 2 डिग्री सेल्सियस तक + 40 डिग्री सेल्सियस से उच्च तापमान के औसत आयाम। सोनोरा के रेगिस्तान में Dvuhsezonnaya वर्षा पैटर्न संयंत्र दुनिया में किसी अन्य रेगिस्तान में अधिक से अधिक प्रजातियों की संख्या में वृद्धि हो जाती है। यह संयंत्र पीढ़ी और एगेव परिवार की प्रजातियों, हथेलियों के परिवार, कैक्टस परिवार, फली परिवार, और कई अन्य शामिल हैं। डेजर्ट - जहां प्रसिद्ध saguaro कैक्टस, कांटा, काँटेदार नाशपाती, रात शरीर और अंग पाइप खिलने बढ़ता है दुनिया में एकमात्र ऐसी जगह है। कैक्टस कई पक्षियों और रेगिस्तान के स्तनधारियों के लिए भोजन प्रदान करता है। वे फूल के दौरान बहुत प्रभावशाली देखो, लाल, गुलाबी, पीले और सफेद फूलों के साथ कवर किया। अक्सर जून मार्च के अंत से कैक्टस फूल, कैक्टस और मौसम के तापमान के प्रकार के आधार पर। जंगली फूल Sonoran डेजर्ट रेगिस्तान रेत verbena, रेगिस्तान सूरजमुखी और शाम हलके पीले रंग शामिल हैं। सभी पौधों लंबी जड़ें, वे पानी की तलाश में हैं, मीटर के दसियों के लिए मिट्टी में जल्दी से आगे बढ़नेवाला। लगभग बंजर और गर्म रेगिस्तान में अनुसंधान जीवन की मौजूदगी कर एरिजोना वैज्ञानिकों के विश्वविद्यालय, एक आश्चर्य की बात खोज की। सूक्ष्मजीवों उनकी गतिविधियों से 10 डिग्री सेल्सियस पर मिट्टी की सतह के तापमान को बढ़ाने - बेजान दृश्यों प्रतीत होता है रेत बैक्टीरिया की भारी संख्या रहता है। के बाद से रेगिस्तान ग्रह की सतह के 20% से अधिक को कवर किया, निष्कर्ष, खुद से आ ग्रह डेजर्ट सूक्ष्मजीवों खेलने की वैश्विक थर्मल शासन में एक महत्वपूर्ण भूमिका। सोनोरा - इस प्रक्रिया में कोई अपवाद नहीं है। मिट्टी और रेगिस्तान की रेत में और अधिक सूक्ष्म जीवाणुओं, रेगिस्तान मिट्टी के गहरे रंग की परतों हो जाते हैं। जीवन stsitonemin मिट्टी के दौरान अलग-थलग सूक्ष्मजीवों। यह वह है, जो मिट्टी अंधेरे में आता है और यह हरे और पीले रंग सूर्य के प्रकाश की तरंगों के अवशोषण के कारण होता है। जैसा कि ऊपर बताया, प्राकृतिक घटनाएं और सूक्ष्मजीवों ग्रह परिवर्तन पर होने वाली प्रभावित करते हैं। भारी वर्षा, विशेष रूप से सूखे के बाद, और उष्णकटिबंधीय तूफान, दरारें के गठन के लिए योगदान है, जबकि कृत्रिम दरारें भूजल के गहन पम्पिंग के कारण हो सकता खोजपूर्ण ड्रिलिंग और खुदाई के कृषि रक्षा के लिए। यही कारण है, एक व्यक्ति को अपनी गतिविधि की वजह से किनारे पर नहीं रहता आसानी से सोनोरा के अमेरिकी रेगिस्तान में गलती भी हो सकता है, एरिजोना Pikachskogo पार्क के राज्य से 16 किलोमीटर की दूरी पाया। यह है इस क्षेत्र रेगिस्तान में व्यापक भूजल निकासी किया गया। पहले दरारें 1929 में Sonoran डेजर्ट के क्षेत्र में दिखाई दिया। रेगिस्तान में इस बिंदु पर उनमें से बहुत सारे। 2013 में, एरिजोना भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण 5 किलोमीटर की दूरी का एक और दरार लंबाई दर्ज हो गया है, Tatorey पहाड़ियों के पास रेगिस्तान की सतह को अलग। 2014 तक, दरार मजबूत की वजह से बढ़ी ऑटम रेन्स। भूवैज्ञानिकों का मानना है कि दरार के दक्षिणी भाग और हाल ही में है, और यह माना जाता है कि यह एक भूमिगत शून्य है कि 2016 में मानसून के बाद सतह पर पहुँच गया है हो सकता है। इस तरह के दोष लोगों और एसयूवी के लिए खतरनाक होते हैं, तो दोष की स्थिति में एरिजोना भूवैज्ञानिक सेवा हमेशा खतरे से स्थानीय लोगों को चेतावनी दी है। यह प्रतीत होता है कि किसी को भी रेगिस्तान में जीना चाहते हैं? लेकिन अपने आप को Sonoran डेजर्ट में एक खुली और शुष्क, रहस्यमय दृश्यों अंतरिक्ष घर के साथ निर्माण करने के लिए तैयार हैं। रॉकी पर्वत और विशाल कैक्टस, एक विदेशी प्रजातियों का निर्माण, शहरों की हलचल से एक ब्रेक लेने के ठोस जंगल, रेगिस्तान जीव-जंतुओं में खो जाने के लिए के लिए एक अवसर प्रदान करते हैं। धूल वास्तु ब्यूरो अपने ग्राहकों की सबसे महत्वाकांक्षी इच्छाओं को लागू करने में मदद करता है। घर भवन मालिकों की परियोजना विशिष्ट आवश्यकता घर के वातावरण पर शारीरिक प्रभाव को कम करने के लिए किया गया था। एक ही समय में, यह एक अंतरिक्ष है कि जीवन के लिए एक पृष्ठभूमि के रूप में सेवा करते हैं और शानदार रहस्यमय परिदृश्य के साथ किरायेदारों के संबंधों को मजबूत करेगा बनाने के लिए जरूरी हो गया था। इसलिए, आर्किटेक्ट एक साइट जानवरों के प्रवास मार्गों, जो कम संभावना है हवा चल हो जाएगा से दूर है कि चुना है। पीने के पानी की प्रणाली स्थापित वर्षा का पानी फिल्टर और उसके संग्रहण और भंडारण के साथ निवासियों प्रदान करना।
एस्टोनियाई मीडिया की रिपोर्ट है कि लगभग 1200 लोगों की एक नाटो बटालियन एस्टोनिया को स्थानांतरित करना शुरू कर रही है . . . । शेष प्रतिबंध के कारण Zaporizhzhya NPP की दूसरी बिजली इकाई को ग्रिड से अलग कर दिया गया है . . . । चेचनव्टो उद्यम ने रक्षा मंत्रालय के आरएफ मंत्रालय के हितों में एक 3-सीटर छोटी गाड़ी का उत्पादन शुरू कर दिया है। तुर्की के बचाव दल ने एक घायल सीरियाई वायु सेना के लड़ाकू पायलट को पाया जो दक्षिणी तुर्की में सीरियाई सीमा के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था . . . । इतालवी कंपनी बेरेटा से पिस्तौल की एक नई पीढ़ी जल्द ही संयुक्त राज्य अमेरिका में खुदरा के लिए उपलब्ध होगी . . . । शुक्रवार को मैक्सिकन फेडरल प्रोटेक्शन सर्विस को रूसी उद्यम "इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेशल इक्विपमेंट" द्वारा निर्मित एक बख्तरबंद कार "हाईलैंडर-एम" के अस्थायी उपयोग के लिए सौंप दिया गया था। बेलारूस में, सजा सुनाई गई सेनानी "आज़ोव" "रूस संयुक्त राज्य अमेरिका के समर्थन के बिना ISIS से लड़ना जारी रखेगा" पुर्तगाल की संसदः "यूक्रेन में होलोडोमोर अधिनायकवादी स्टालिनवादी शासन का दोष है"
दिलेर समाचार, गाजियाबाद : चौथी कक्षा के छात्र अरमान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने इंदिरापुरम स्थित जीडी गोयनका स्कूल के चेयरमैन अंकुर मल्होत्रा, डायरेक्टर एकेडमिक स्मिता मल्होत्रा, डायरेक्टर फाइनेंस जोगेंद्र दुआ, ¨प्रसिपल कविता शर्मा व दीपक टुटेजा को गैर इरादतन हत्या व सुबूत नष्ट करने की धाराओं में आरोपी बनाया है। आरोप पत्र में पुलिस ने स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही का जिक्र किया है। अभियोजन अधिकारी अजय कुमार मिश्रा ने बताया कि मामले में विवेचक सीओ इंदिरापुरम ने बृहस्पतिवार को सीजेएम कोर्ट में अरमान की संदिग्ध मौत के मामले में चार्जशीट दाखिल की। उन्होंने बताया कि विवेचक ने सभी को आइपीसी की धारा 304 ए एवं 201 में आरोपी बनाया है। पुलिस ने स्कूल प्रबंधन पर लापरवाही बरतने, सीबीएसई बोर्ड के मानकों के अनुसार स्कूल में चिकित्सा सुविधा न होने, उचित प्राथमिक उपचार का अभाव, चिकने टाइल वाले तल पर पानी फैला होने समेत तमाम गंभीर बातें चार्जशीट में दर्ज की हैं। अभियोजन अधिकारी अजय कुमार मिश्रा के मुताबिक अदालत में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद अब जीडी गोयनका स्कूल, इंदिरापुरम के चेयरमैन समेत पांचों आरोपियों पर मुकदमा चलने का रास्ता साफ हो गया है। एक अगस्त 2017 को इंदिरापुरम स्थित जीडी गोयनका स्कूल में चौथी कक्षा के छात्र अरमान सहगल (9) वर्ष की कॉरिडोर में संदिग्ध परिस्थितियों में गिरकर मौत हो गई थी। मृतक छात्र के परिजनों ने स्कूल प्रबंधन पर हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दी थी। मामले में इंदिरापुरम पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। एफआईआर में स्कूल की ¨प्रसिपल कविता शर्मा, निदेशक समेत पांच कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया था। मामले की जांच पहले इंदिरापुरम थाना प्रभारी कर रहे थे लेकिन बाद में विवेचना सीओ इंदिरापुरम को सौंप दी गई थी।
नई स्मार्टफोन कंपनी स्मार्टरॉन आज नई दिल्ली के एक इवेंट में अपना srt. phone लॉन्च करेगी। खास बात यह है कि कंपनी सचिन तेंडुलकर के नाम पर यह ऐंड्रॉयड स्मार्टफोन लॉन्च करने वाली है। स्मार्टफोन का नाम भी सचिन रमेश तेंडुलकर के नाम पर ही एसआरटी (SRT) रखा गया है। इस फोन को सचिन खुद इस इवेंट में लॉन्च करने वाले हैं।
रेड अलर्ट का मतलब है कि आपदा प्रबंधन अधिकारियों को किसी भी बारिश या बाढ़ से संबंधित आपदा से बचाव के लिए सावधान रहना चाहिए। मध्य और पश्चिमी भारत के कुछ भागों में आने वाले दो दिनों में मॉनसून ऐक्टिव होनेवाला है और इन इलाकों में भारी बारिश की संभावना बन रही है। मौसम विभाग ने इसको लेकर रेड कैटेगरी की चेतावनी जारी की और उन इलाकों की जानकारी दी है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने वीकेंड और सोमवार को मध्य और पश्चिमी भारत के भागों में भारी बारिश को लेकर रेड कैटेगरी की चेतावनी जारी की है। मौसम विभाग ने शनिवार को पूर्वी राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश, रविवार को गुजरात में सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र और सोमवार को पूर्वी व पश्चिमी राजस्थान और सौराष्ट्र व कच्छ क्षेत्र के लिए चेतावनी जारी की गई है। इन इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है और बताया गया है कि यहां शहरी इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। शनिवार को मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में अत्यधिक बारिश दर्ज की गई, जिसमें सीहोर 32cm, देवास 27cm, इंदौर और रायसेन 26cm, उज्जैन 24cm, धार 23cm, बांसवाड़ा, शाजापुर 21cm और होशंगाबाद में 20cm बारिश हुई। मौसम विभाग बारिश के अनुमान को लेकर कलर कोडेड अलर्ट जारी करता है। रेड अलर्ट का मतलब भारी बारिश की संभावना है, इसमें 204 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हो सकती है। इसका मतलब आपदा प्रबंधन अधिकारियों को किसी भी बारिश या बाढ़ से संबंधित आपदा से बचाव के लिए तैयार रहना चाहिए। मौसम विभाग के अनुसार 15. 6mm से 64. 4mm तक की बारिश मॉडरेट, 65. 5mm से 115. 5mm तक बारिश 'भारी' और 115. 6mm से 204. 4mm तक बारिश 'बहुत भारी' मानी जाती है। वहीं 204. 5mm से ज्यादा बारिश को बहुत ज्यादा भारी बारिश की कैटेगरी में रखा गया है। केंद्रीय जल आयोग ने शनिवार को अपनी बाढ़ की स्थिति रिपोर्ट में चेतावनी दी कि पूर्वी मध्य प्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में बाढ़ का खतरा अधिक है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोंकण क्षेत्र और गोवा में भी बाढ़ का मध्यम खतरा है। बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव बन रहा है, इस कारण अगले दो से तीन दिनों में मध्यप्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में व्यापक रूप से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा ओडिशा में 23 से 25 अगस्त तक, 24 अगस्त और 25 अगस्त को पश्चिम बंगाल और 25 अगस्त को झारखंड में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
पाकिस्तान (Pakistan) इस समय भयानक आर्थिक संकट में है। इस संकट के बीच ही उसे अपने परम दोस्त चीन (China) से मदद की दरकार है। पाकिस्तान ने चीन ने अनुरोध किया है कि वह दो अरब डॉलर के कर्ज को रोलओवर कर दे। अब चीन क्या फैसला लेता है यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन यह कर्ज उसे मुसीबत से बचा सकता है।
थाना मेहरबान अधीन आते गांव सीड़ा में एक कपड़े की फैक्टरी में आग लगने का समाचार प्राप्त हुआ है। महानगर में आगजनी की एक बड़ी घटना सामने आई है। शुक्रवार की देर शाम न्यू दशमेश नगर में अमोनिया गैस लीक होने से इलाके के लोगों में दहशत फैल गई थी। लुधियाना के बाद अब जालंधर की एक फैक्ट्री से गैस रिसाव का मामला सामने आया है। आग पर काबू पाने का प्रयास किया लेकिन तेज हवाओं के कारण उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। माहानगर में नीची मंगली स्थित 3 मंजिला प्रिंटिंग फैक्टरी में अचानक आग लगने सूचना प्राप्त हुई है। Be on the top of everything happening around the world. Try Punjab Kesari E-Paper Premium Service.
अमरावती-/दि. 23 गत रोज स्थानीय गाडगेनगर परिसर में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की महानगर ईकाई द्वारा भव्य दहीहांडी स्पर्धा का आयोजन किया गया था. जिसमें धामणगांव रेल्वे फ्रेन्डस ग्रुप ने 37. 21 सेकंड में 28 फीट की उंचाई पर रखी गई दहीहांडी को फोडा और धामणगांव के ही आदर्श ग्रुप ने 26 फीट की दहीहांडी को 35. 39 सेकंड में फोडा. मनसे द्वारा इस वर्ष 31 फीट की दहीहांडी रखी गई थी. जिसे कोई भी टीम नहीं फोड पायी. ऐसे में धामणगांव की दोनों टीमों को द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिया गया. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की अमरावती महानगर शाखा द्वारा गत रोज स्थानीय गाडगेनगर समाधी मंदिर के सामने स्थित भव्य प्रांगण में आयोजीत दहीहांडी स्पर्धा में शहर व जिले सहित आसपास के क्षेत्रों से गोविंदाओं की कुल आठ टीमों ने हिस्सा लिया. जिनमें चिचफैल के बाल साईनाथ मंडल, सिरजगांव कसबा के बाल साम्राज्य दहीहांडी मंडल व शिवतांडव मंडल, धामणगांव रेल्वे के फ्रेन्डस् ग्रुप व आदर्श ग्रुप तथा नागपुर के जय महाकाली मंडल सहित अन्य गोविंदा टीमों का समावेश रहा. जिन्होंने डीजे के जरिये बजायी जाती धून पर थिरकने के साथ ही पानी की तेज बौछारों के बीच दहीहांडी तक पहुंचने हेतु अपना दमखम दिखाया. वही इस दहीहांडी स्पर्धा में बतौर प्रमुख अतिथी ख्यातनाम मराठी फिल्म अभिनेत्री मनीषा नाईक ने उपस्थित रहकर गोविंदा टीमों और उपस्थित दर्शकों का उत्साह बढाया. साथ ही नागपुर एवं वर्धा से बुलाये गये लावणी कलाकारों ने इस आयोजन में चार चांद लगा दिये. इस आयोजन में सर्वप्रथम छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का उपस्थितों द्वारा पूजन किया गया. पश्चात यह स्पर्धा शुरू हुई. साथ ही सोमवार की शाम मंच पर फिल्म अभिनेत्री मानसी नाईक का आगमन होते ही गोविंदा टीमों के साथ ही उपस्थित दर्शकों में अच्छा-खासा उत्साह देखा गया.
Khatron Ke Khiladi 13: खतरों के खिलाड़ी 13 जल्द ही शुरू होने वाला है. शो को लेकर हर दिन कई अपडेट्स सामने आते रहते हैं, जो फैंस की एक्साइटमेंट को बढ़ा रहा है. इस शो में टेलीविजन, फिल्मों और ओटीटी की दुनिया की कई हस्तियां शामिल हुए हैं, जो अपने डर का सामना कर सीजन के विनर बनने के लिए एक दूसरे से लड़ रहे हैं. इस सीजन में अर्चना गौतम, शीजान खान, रोहित रॉय, शिव ठाकरे, अंजलि आनंद, अंजुम फकीह, डेजी शाह, साउंडस मौफकीर और अरिजीत तनेजा कंफर्म कंटेस्टेंट्स है. शो के कास्टिंग डायरेक्टर आकाश शर्मा की ओर से इंस्टाग्राम स्टोरी में हाल ही में दिए गए संकेतों ने एलिमिनेशन की खबर को सुर्खियों में ला दिया है. उन्होंने इशारा किया है कि दो कंटेस्टेंट को खतरों के खिलाड़ी 13 से बाहर कर दिया गया है. ये लोग टास्क अच्छे से नहीं कर पाये. हालांकि आकाश ने यह भी कहा कि निकाले गए प्रतियोगी भारत वापस नहीं आएंगे बल्कि उन्हें केप टाउन में रहने के लिए कहा जाएगा, क्योंकि उन्हें वाइल्ड कार्ड प्रतियोगियों के रूप में प्रतियोगिता में फिर से प्रवेश करने का मौका मिल सकता है. अब सोशल मीडिया पर फैंस ये अंदाजा लगा रहे हैं कि ऐसा कौन सा कंटेस्टेंट है, जिसे शो से बाहर कर दिया गया है. दरअसल पहला टास्क सिर्फ दो कंटेस्टेंट ही कर पाए और रोहित रॉय, सौंदस मौकाफिर, अरिजीत और शिव इसे करने में फेल हो गए. इस वजह से उन्हें शो के होस्ट रोहित शेट्टी ने फियर फंदा दे दिया. जबकि ऐश्वर्या और रूही इस टास्क में विनर बनी. हालांकि इस बारे में मेकर्स की ओर से कुछ बताया नहीं गया है. बता दें कि ऐश्वर्या और रूही टीवी जगत का जाना-पहचाना नाम है.
ग्वालियर : मध्य प्रदेश ने यश दूबे (53 नाबाद) और हर्ष गवली (47 नाबाद) की 97 रन की साझेदारी की बदौलत शेष भारत के खिलाफ ईरानी कप मैच के दूसरे दिन गुरुवार को तीन विकेट के नुकसान पर 112 रन बना लिये। शेष भारत ने पहली पारी में 484 रन बनाये थे और मध्य प्रदेश अब भी 372 रन से पीछड़ा हुआ है। शेष भारत के ऑलआउट होने के बाद मध्य प्रदेश की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 15 रन पर ही तीन विकेट गंवा दिये। नवदीप सैनी ने कप्तान हिमांशू मंत्री (01) और शुभम शर्मा (04) को पवेलियन लौटाया, जबकि मुकेश कुमार ने अरहम अक़ील (00) का विकेट लिया। हर्ष और गवली ने इसके बाद धैर्यवान साझेदारी करके स्टंप्स तक 2021-22 रणजी चैंपियन का और नुकसान नहीं होने दिया। यह जोड़ी चौथे विकेट के लिये की गई 97 रन की नाबाद साझेदारी में कुल 35 ओवर खेल चुकी है। दूबे 110 गेंद पर 11 चौकों के साथ 53 रन बनाकर जबकि गवली 125 गेंद पर आठ चौकों के साथ 47 रन बनाकर क्रीज़ पर मौजूद हैं। इससे पूर्व, शेष भारत ने यश धुल के अर्द्धशतक की मदद से पहली पारी में 484 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया। पहले दिन बनाए गए यशस्वी जायसवाल (213) के दोहरे शतक और अभिमन्यू ईश्वरन (154) के शतक के बाद यश ने भी 55 रन का बहुमूल्य योगदान दिया। रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिये ऊपरी क्रम में खेलने वाले यश ने छठे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 71 गेंद की पारी में आठ चौके जड़े। इसके अलावा हालांकि निचले क्रम का कोई बल्लेबाज पिच पर समय नहीं बिता सका। कुमार कार्तिकेय (118/2) ने यश के रूप में शेष भारत का आठवां विकेट लिया, जबकि आवेश खान (74/4) ने पुछल्ले बल्लेबाजों को पवेलियन लौटाते हुए शेष भारत की पारी समाप्त की।
केरल के आयुर्वेदिक ड्रग कंट्रोलर द्वारा एक फार्मेसी के खिलाफ धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े की पुलिस जांच शुरू कराने से वहां की आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति सवालों के घेरे में आ गई है। इस फार्मेसी पर दवा निर्यात के लिए मिले ड्रग कंट्रोलर के प्रमाण पत्र में छेड़छाड़ करने का आरोप है। पंकज कस्तूरी हर्बल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रबंध निदेशक हीरेंद्रन नायर के खिलाफ केरल की डिप्टी ड्रग कंट्रोलर डॉ जया वी. देव ने त्रिवेंद्रम पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। एफआईआर के मुताबिक, कंपनी ने आयुर्वेदिक दवाओं को प्रसाधन सामग्री (कॉस्मेटिक्स) बताकर मलेशिया निर्यात करने के लिए फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किया। यह फर्जी प्रमाण पत्र मलेशिया की ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी ने पकड़ा। उन्होंने कंपनी की तरफ से पेश प्रमाण पत्र को केरल सरकार के पास प्रमाणित कराने के लिए भेजा। केरल की डिप्टी ड्रग कंट्रोलर ने पाया कि उनकी तरफ से पंकज कस्तूरी को दिए गए सर्टिफिकेट में छेड़खानी की गई थी ताकि वह उन दवाओं को बिना डॉक्टर के पर्चे के बेच सके। केरल की पुलिस की जांच अभी भी जारी है। लगभग 35 वर्ष पुरानी पंकज कस्तूरी हर्बल प्राइवेट लिमिटेड के ऊपर इससे पहले भी अस्थमा की आयुर्वेदिक दवा में अंग्रेजी दवाएं, खास तौर पर स्टेरायड मिलाने का केस है। इसके एमडी डॉ. हीरेंद्रन नायर त्रावणकोर कोचीन मेडिकल काउंसिल के सदस्य हैं और उन्हें 2012 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। अमर उजाला से बात करते हुए डॉ. नायर ने कहा कि सारी गड़बड़ी मलेशिया स्थित उनकी कंपनी के एजेंट ने की है। भारतीय ड्रग कंट्रोलर द्वारा जारी सर्टिफिकेट में उसी ने हेरफेर की है। अखिल भारतीय वैद्य महासभा के संयोजक एल पंकजाक्षण कहते हैं कि घटिया दवाई बनाकर ये आयुर्वेद फार्मेसियां केरल के आयुर्वेद को पूरी दुनिया में बदनाम कर रही हैैं। इनकी दवा की गुणवत्ता की नियमित जांच होनी चाहिए अन्यथा इनका लाइसेंस रद्द होना चाहिए। हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें। Read the latest and breaking Hindi news on amarujala. com. Get live Hindi news about India and the World from politics, sports, bollywood, business, cities, lifestyle, astrology, spirituality, jobs and much more. Register with amarujala. com to get all the latest Hindi news updates as they happen.
अध्याय २ ब्राह्मण ४ खण्ड १ हुए वस्त्र की नाई (केसरी), भूसली ऊन की नाई (भूमला), चीच वहूटी की नाई ( लाल ), श्वेत कमल की नाई ( श्वेत ), एक ही बार बिजली की चमक की नाई ( चमकता हुआ )। एकही वार सब जगह बिजली के चमकने की तरह उसकी शोभा चमकती है, जो इस ( रहस्य ) को जानता है । अब आगे (ब्रह्म का) उपदेश है, नेति नेति +(= नहीं है इस प्रकार, नहीं है इस प्रकार ) क्योंकि (ब्रह्म) इस प्रकार नहीं है, इस से बढ़ कर दूसरा (ब्रह्म के बतलाने का मार्ग ) नहीं है । क अव नाम है ' सचाई की सचाई' माण सचाई है (और ब्रह्म) उनकी सचाई है ॥६॥ चौथा ब्राह्मण ( मैत्रेयी ब्राह्मण ) $ मैत्रेयीति होवाच याज्ञवल्क्यः 'उद्यास्यन् वा अरेऽ हमस्मात् स्थानादस्मि, हन्ततेऽनया कात्यायन्याऽन्तं करवाणि' इति ॥ १ ॥ * मनुष्य पुण्यमय, पापमय वा मिश्रित जिस प्रकार के कर्म करता है, वैसा ही रंग उसके सूक्ष्म शरीर पर चढ़ता है, मनुष्य जब मरता है, तो यह उसके कर्मों का रंगा हुआ कपड़ा ( सूक्ष्म शरीर ) उसके साथ जाता है । यहां जो रंग उसके दिखलाप हैं, ये प्रकार दिखलाने के लिये हैं, कि मनुष्य के भले बुरे कर्मों से इस २ प्रकार वह रंगा जाता है। किन्तु यह इतने ही प्रकार के रंग नहीं हैं, क्योंकि असंख्यात वासनायें उत्पन्न होती रहती हैं। जिनका सूक्ष्म देह पर रंग चढता है ॥ + देखो ३।९।२६४।२।४; ४ । ४ । २२; ४।५ । १५ ॥ के यह नाम की उपनिषद दो बार पीछे आई है ॥ इस ब्राह्मण में याज्ञवल्क्य ने गृहाश्रम से निकलकर संन्यास में जाते समय जो मैत्रेयी को उपदेश दिया है, उसका वर्णन है । यह सभ्वाद बृहदारण्यक ४ । ५ में भी कुछ थोड़े से भेद के साथ दिया है, यह भेद उस जगह के देखने से मालूम होजाएमा ।
और वह प्रस्तुत नाटक के समय से मिलता है । मारवाड़ के राजाओं का कीर्तिकौमुदी में वर्णन है परन्तु उनका नाम निर्देश नहीं दिया गया । हमें उनमें से तीन के नाम यहां मिलते हैं । इनमें धारावर्ष का नाम चतुर्विंशतिप्रबन्ध में आया है और उदयसिंह को, चाहमानवंश के अश्वराज शाखा के जाबालिपुर के राजा के रूप में, केतु के पौत्र और समरसिंह के पुत्र के रूप में, बताया है। इसी प्रकार उसमें सुराष्ट्र के भीमसिंह को भद्रेश्वर का भीमसिंह बताया गया है । महीतट का विक्रमादित्य एक नया नाम है। कीर्तिकौमुदी में ( सर्ग ४, श्लोक ५७ ) गोद्रहनाथ ( गोद्रह के अधिपति ) का वर्णन किया गया है; और चतुर्विंशतिप्रबन्ध में घुघुलु का महीतट के गोद्रहर ( गोधरा ) में शासन करना बताया गया है । (कीर्तिकौमुदी पृ० २३ २४ ) । मेवाड़ का जयतल, जैनसिंह मालूम होता है । वीरधवल की रानी जैतलदेवी और जैत्रदेवी के नाम यह बताते हैं कि जैत्र और जैतल एक दूसरे रूपमें बदले जा सकते हैं । मेवाड़ में एकलिंग जी के मन्दिर के स्तम्भ पर जैनसिंह का समय विक्रम सम्वत् १२७० इन्सक्रिप्सन्स्, पृष्ट ६३ ) । २८ - चतुर्थ सर्ग में (कीर्तिकौमुदी) लवप्रसाद और वीरधवल की दक्षिण के राजा सिंह से की गई लड़ाई का वर्णन आता है, जिसमें यह क्रम पक्ष विपक्ष के वीरों के घमासानयुद्ध के रूप में वर्णित है । सोमेश्वर के द्वारा दिये गये विवरण और प्रस्तुत नाटक के प्रथम अङ्क में वीरधवल द्वारा वर्णित भूतकाल के घटनाक्रम की संगति बराबर बैठती है और इस हस्तलिखित पुस्तक का लेखनकाल विक्रम सम्वत् १९२८६ ( या १२३० ईसवीय वत्सर ) है । २६ - अब प्रश्न यह उठता है कि यह हम्मीर कौन है ? सभी उपरोक्त दिये गये वर्णनों से यही मालूम होता है कि वह एक तुर्क है और हम्मीर, अमीर का परिवर्तित रूप है । इसक, उदाहरण स्वरूप में, जो महोबा के शिलालेख में या तो सुबुकदीन के या गजनी के महमूद के नाम के लिये हम्मीर या हम्वीर दिया गया है, उसे ले सकते हैं। जिस रूप में हम्मीर को शान्ति सन्धि की वार्ता करनी पड़ी, जो इस नाटक में वर्णित है, उस कथानक का आधार दो भिन्न २ स्थलों पर, चतुर्विंशतिप्रबन्ध और मेरुतुङ्ग कृत प्रबन्धचिन्तामणि ग्रन्थ में उपलब्ध होता है (कीर्तिकौमुदी पृ २४-२५ ) प्रबन्धचिन्तामणि मैं उन पुरुषों के लिये विशेष नाम का निर्देश नहीं किया गया है जिनके साथ यह चालाकी खेली गई; परन्तु उसे केवल म्लेच्छपति सुरत्रारण ( म्लेच्छों का राजा सुलतान ) नाम से बताया गया है। दूसरे में सुरत्राण मोजदीन नाम विशेष रूप से निर्दिष्ट किया गया है । परन्तु इस नाम की, नाटक में उद्धृत भीलच्छीकार से कभी भी सङ्गति नहीं बैठ सकती । दिल्ली का शाहंशाह, जिसका नाम नाटक में अभिप्रेत है, मैं सोचता हूँ कि सुलतान शमसुदुन्या वाउद्दीन अबुल मुजफ्फरस या संक्षेप में सुलतान शमसुद्दीन है । वह दिल्ली के सिंहासन पर १२१० ईस्वी सन में बैठा और १२३५ ईस्वी सन् में मर गया । स्वयं की बुद्धिमत्ता के लक्षणों से, जो उसके प्रत्येक कार्य से व्यक्त होते हैं, उसे अमीर शिकार ( शिकार खाने का प्रधान ) का उच्च पढ़ कुतुबुद्दीन द्वारा दिया गया। मैं सोचता हूँ कि अमीरशिकार का ही परिवर्तित नाम मील छीकार है ( इलियट और डाउन का भारतवर्ष, ग्रन्थ संख्या २, पृष्ठ ३२०-८) । १२०६ औरं १२४० ईस्वी सन् के बीच में कोई भी मुईनुद्दीन नाम वाला पुरुष राज्य करता हुआ नहीं मालुम + वीरधवल के पुत्र वीरम का श्वसुर देखिये पूरक नोट्स । । होता और वीरधवल का राज्य काल १२३३ ईस्वी से १२३८ ईस्वी तक है । राजशेखर के चतुर्विशतिप्रबन्ध का निर्माण काल १४०५ सम्वत्, और मेरुतुङ्ग के ग्रन्थ का १३६१ विक्रम सम्वत् है । जयसिंह का ग्रन्थ समकालीन रचना है और वह इस विषय में यदि किसी मनुष्य के साथ, किसी प्रकार की चालाकी खेली गई हो, जिसका विवरण ऊपर दिया हुआ है, अधिक ठीक और उपयुक्त उतर सकता है । ३० - तेजःपाल के पुत्र के रूप में लावण्यसिंह का नाम एक कल्पना का परामर्श करता है । यह नाम कीर्तिकौमुदी और अन्य स्थलों पर आता है। सुकृत संकीर्तन ऐतिहासिक काव्य के रचनाकार अरिसिंह के विषय में, राजशेखर कृत प्रबन्धकोष में ऐसा कहा गया है कि उसके शिष्य अमरचन्द्र ने, जिसको उसने कविता रचने की शिक्षा दी थी, सर्व प्रथम विशलदेव के साथ उसका परिचय करवाया । परन्तु डा० बूहलर, इस काव्य के सम्बन्ध में लिखे गये अपने निबन्ध में बताते हैं, कि जब कभी एक भारतीय कवि अपने चरितनायक की उदारता की प्रशंसा करता है, तब या तो उसके ( कवि के) सम्मानप्राप्ति के उपलक्ष्य में या सम्मान प्राप्ति की आशा में, कवि द्वारा उस आश्रय दाता का प्रशस्तिगान किया जाता है । यह बात एक निम्नोक्क उद्धरण से स्पष्ट है कि वस्तुपाल द्वारा वह उदारतापूर्वक पुरस्कृत कर दिया गया है + । इसलिये सिंह को, जब कि वस्तुपाल के हाथ में सत्ता थी, उस के समक्ष राज दरबार में अवश्य उपस्थित होना चाहिए । विशलदेव के राज्यासनारूढ़ होते ही वस्तुपाल की सत्ता छिन गई और १२६८ विक्रम सम्वत् में उसका परलोकवास हो गया । फलतः डा० बूहलर का विचार है कि राजशेखर का कथन निःसन्देह गलत है - अर्थात् अमर पण्डित और उसके द्वारा सर्वप्रथम - सिंह विशलदेव के राजत्व काल में ( सं० १२९६ १३१८ ) धोलका में गये - यह हेतु अधिक में सही नहीं मालूम देता और न उपयुक्त आधार पर ही आश्रित है। नैषध महाकाव्य के कर्ता श्रीहर्ष कवि के सम्बन्ध में डा० बूहलर स्वयं कहते हैं, कि राजशेखर को - जिसने १४ वीं शताब्दी के मध्य में रचना की ऐसे पुरुष के सम्बन्ध में, जो कुमारपाल के समय ऋ ( १९४३ - ७४ ईस्वी सन् ) में जीवित था, इस प्रकार की विश्वस्त सूचना प्राप्त हो सकने की आशा की जा सकती है। इसलिये एक ऐसे पुरुष के सम्बन्ध की विश्वस्त सूचना, जो बाद में विशल देव ( १२३८ - ६१ ई० सन् ) के समय में था, अवश्य ही इससे भी अधिक विश्वसनीय कही जा सकती है । दूसरे, वस्तुपाल भले ही अधिकार विहीन होगया हो, फिर भी, समृद्ध तो बहुत रहा होगा ही और उसकी स्थिति कवियों को पुरस्कृत करने की रही होगी । मेरुतुङ्ग ने अपनी प्रबन्धचिन्तामरिण में, उसके द्वारा सोमेश्वर को पुरस्कृत किया जाना बतलाया ( पृष्ठ २८८५, श्री रामचन्द्र शास्त्रिकृत संस्करण ) । भले ही अरिसिंह का पिता लावण्य सिंह तेजःपाल के पुत्र के रूप में न हो, अतः अरिसिंह तेजःपाल का पौत्र न हो । जब वस्तुपाल अपनी मृत्यु की प्रतीक्षा में था और शत्रुञ्जय के पास जाने को तैयार था, उस समय उसने अपने 1 प्रकरणगत श्लोक जो उनके विचार से सर्वथा विश्सनीय है द्वितीय सर्ग का ५३ वां श्लोक है ( ५४, भूल से छपा है ) श्रीवस्तुपालसचिवस्तु ति नित्यरक्लान् पुंसस्तथात्यजदकिंचनता विरक्ला । मन्दैव देववचसापि तथा प्राय ( प्र ) याति न प्रातिवेश्मिक निकेतमुखेऽपि तेषाम् ॥ * जर्नल, बॉम्बे ब्राञ्च रॉयल एशियाटिक सोसाइटी भाग १० पृष्ट ३५ ।
: अच्छा, मैं देख आता हूँ । ( प्रस्थान और हाथ में तीर लिए पुनः प्रवेश । ) (इन्द्रकुमार से) बाबा, मैं ठहरा बूढ़ा, आँखें कुछ गलत तो नही देख रही ? लगता है कि इस तीर पर तो राजघर का ही नाम है। इन्द्रकुमार : हॉ, नाम तो राजधर का ही है । : देखूं तो सही ! अरे हाँ, एक ही साथ हम सभी से भूल हो गई ! इन्द्रकुमार : : आज ही नहीं, महाराज ! मेरे प्रति तो बराबर भूल ही भूल होती आ रही है । : कुछ समझ में नही आता ! : में समझ गया हूँ । : महाराज, आज न्याय करें । : क्या हुआ है बेटा ? इसमें कोई भेद जरूर है । शिला कभी पानी पर तैर नहीं पाती । वन्दर कभी संगीत नहीं सुनाते । वाबा इन्द्रकुमार, ठीक-ठीक बताना तो सही, हुआ क्या है ? तरकश की अदला-बदली तो नहीं हो गयी ? : कभी नही । जाँच करा लें । : हाँ, सो तो देख रहा हूँ, तरकश तो ठीक ही हैं। अच्छा बाबा इन्द्रकुमार, सच-सच बताओ, इस बीच तुम्हारी अस्त्रशाला में कोई घुसा तो नहीं ? इन्द्रकुमार : उस बात से कुछ आता-जाता नही, खाँ साहब ! : ठीक-ठीक बोलो बापू, तुम निश्चय ही जानते हो ! ( जनान्तिक) न्याय ! हुँह, तुम्हें न्याय चाहिए ! फिर तो चूने से मुंह पुतवाना पड़ेगा तुम्हें ! वंश की लज्जा में नहीं खोलूंगा। तुम्हारा न्याय अन्तर्यामी करेंगे ।
सुल्तानपुर में लखनऊ-वाराणसी राजमार्ग पर मोपेड गाड़ी से खाद लेकर जा रहे युवक को ट्रैक्टर ने टक्कर मार दिया। युवक को गंभीर चोट लगने से मौत हो गई। युवक की मौत की सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और विधिक कार्रवाई शुरू कर दी। घटना बंधुआ कला के हुसैनगंज बाजार की है। बनकटवा हसनपुर गांव निवासी यशवंत मौर्य (36) पुत्र रामकरण मौर्य डीएपी खाद लेने बाजार आया था। वह खाद लेकर लौट रहा था तभी हुसैनगंज के पास एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्राली ने उसकी गाड़ी में टक्कर मार दिया। जिससे वो सड़क पर गिरा और उसकी मौत हो गई। लोगो ने मौके पर दौड़ाकर ट्रैक्टर को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। This website follows the DNPA Code of Ethics.
भुवनेश्वर। क्राइम ब्रांच रायगड़ा के एक होटल में रूसी सांसद पावेल एंटोव की मौत के लिए जिम्मेदार परिस्थितियों को फिर से सृजित करने पर विचार कर रही है। क्राइम ब्रांच विशेष रूप से समान परिस्थितियों में छत के ऊपर से गिरने का डमी सिमुलेशन अभ्यास करने की योजना बना रही है। इसके लिए एम्स के शरीर रचना विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों और फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से मृतक के बराबर वजन, ऊंचाई की एक डमी बनाई जाएगी। इस दृश्य को क्रिएट करने का उद्देश्य गिरावट पैटर्न का अध्ययन करना है। इस संबंध में क्राइम ब्रांच ने सीएफएसएल, सीबीआई के पूर्व निदेशक डॉ राजेंद्र डांगी और एम्स दिल्ली के डॉ डोगरा से संपर्क किया है, जो डमी फॉल सिमुलेशन अभ्यास के प्रमुख विशेषज्ञ हैं। वे सीबीआई के कई जटिल मामलों को सुलझाने में शामिल रहे हैं। वे घटना के कारण, प्रकृति और तरीके और अंतोव के शरीर पर लगी चोट का पता लगाएंगे और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से क्रॉसचेक करेंगे। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इससे अपराध शाखा की जांच टीम को एक निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने में मदद मिलने की उम्मीद है। प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि डीएसपी तपन दाश, सरोजकांत महंत और रायगड़ा में डेरा डाले हुए वैज्ञानिक व फोरेंसिक अधिकारियों वाली अपराध शाखा की टीम रूसी पर्यटकों की मौत की जांच जारी रखे हुए है। टीम ने रायगड़ा स्थित साईं इंटरनेशनल होटल के होटल कर्मचारियों से पूछताछ जारी रखी। जांच अधिकारी जांच कर रहे हैं और जिला पुलिस से जब्त किए गए प्रदर्शनों को जांच के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों के पास भेजने के लिए प्राप्त कर रहे हैं।
हॉलीवुड की दुनिया की मशहूर सिंगर रिहाना अक्सर ही अपने सॉन्ग्स के साथ ही हॉट फोटोशूट के कारण भी चर्चाओं में बनी ही रहती हैं. रिहाना हर थोड़े दिन में हॉट फोटोशूट करवाने के बाद चर्चाओं में आ जाती हैं. रिहाना ने अपने रॉक सॉन्ग्स के जरिए दुनियाभर के लोगों को अपना फैन बना लिया है लेकिन लोग उनकी हॉटनेस के भी दीवाने हैं. हाल ही में रिहाना ने एक बार फिर अपने हॉट लुक के जरिए सोशल मीडिया का माहौल गर्म कर दिया है. इस बार रिहाना ने ऐसा फोटोशूट करवाया है जिसमे उन्होंने हॉटनेस की सारी हदें ही पार कर दी है. तस्वीरों में आप देख सकते हैं रिहाना ने ब्लैक कलर की ड्रेस पहनी है जिसमे उनकी सेक्सीनेस फ्लॉन्ट हो रही है. रिहाना ने इस फोटो में बोल्डनेस की सारी हदें पार हर दी है. रिहाना ने ब्लैक ड्रेस के साथ ब्लैक लिपस्टिक लगाईं है जिसमे वो बेहद सेक्सी लग रही हैं. रिहाना ने फोटो शेयर कर कैप्शन में लिखा है कि- All of the latest @fentybeauty #MATTEMOISELLE shades are OUT NOW at fentybeauty. com, @Sephora @harveynichols and #SephorainJCP सोशल मीडिया पर रिहाना की सभी फोटोज वायरल हो रहीं हैं. फैंस तो काफी ज्यादा समय बाद रिहाना के इस लुक को देखकर हैरान हो गए हैं और इस पर अच्छे-अच्छे कमैंट्स भी कर रहे हैं.
कभी-कभी भक्त ध्यान के अभ्यास या मंत्र जाप में सो जाते हैं। ऐसे भक्तों के लिए कीर्तनम् पूजा ही एक सक्रिय विधि है, जो उन्हें जागृत और जागरूक रख सकती है। इस प्रकार का जोरदार गायन और नाम जप अन्य ध्यान भंग करने वाली आवाजों को भी रोकता है। जो वातावरण को शुभ बनाता है।
इन दिनों भारतीय टीम वेस्टइंडीज में तीन एकदिवसीय और 5 ट्वेंटी-20 मुकाबलों की श्रृंखला खेल रही है। टी20 श्रृंखला में तो शिखर धवन की कप्तानी में भारतीय टीम ने क्लीन स्वीप कर दिया था लेकिन टी-20 श्रृंखला में अभी तक शुरुआती तीन मुकाबले बेहद रोमांचक रहे हैं। पहला मुकाबला जहां भारतीय टीम ने जीता तो दूसरे मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम ने वापसी करते हुए भारतीय टीम को पटखनी दे दी लेकिन एक बार फिर से तीसरे मुकाबले में रोहित शर्मा की टीम ने वेस्टइंडीज को आसानी से हरा दिया और अब चौथे मुकाबले के लिए दोनों ही टीमें तैयार है जो मुकाबला फ्लोरिडा में होने वाला है। लेकिन इस श्रृंखला में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने एक ऐसे खिलाड़ी के साथ नाइंसाफी की है जिसे आने वाले समय का सुपरस्टार माना जा रहा है आइए आपको बताते हैं कौन है वह खिलाड़ी इसे कप्तान रोहित शर्मा ने सिर्फ एक मुकाबले में मौका देकर टीम से बाहर बिठा दिया है। वेस्टइंडीज के दौरे पर कई युवा सितारों का मौका दिया गया था जिन को देखकर यह माना जा रहा था कि अगर यह खिलाड़ी बढ़िया प्रदर्शन करने में सफल होते हैं तो उन्हें एशिया कप और टी20 वर्ल्ड कप का टिकट मिल सकता है। लेकिन कुछ खिलाड़ियों को तो मौका ही नहीं मिला और यही वजह है कि उन्हें अब निराशा हाथ लगी है। हम बात कर रहे हैं भारतीय टीम के फिरकी गेंदबाज रवि बिश्नोई की जिसे वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय श्रृंखला और t20 में चुना गया था लेकिन अभी तक उन्हें वह मौका प्रदान नहीं किया गया है जिसकी उन्हें तलाश थी। इस श्रृंखला में रवि बिश्नोई को बस एक मुकाबला खेलने को मिला है और नाटकीय तरीके से रोहित शर्मा ने रवि को बिठा दिया है। आइए आपको बताते हैं कि आने वाले 2 मुकाबलों में रवि बिश्नोई को मौका मिलेगा या नहीं। रोहित शर्मा ने अपने इंटरव्यू में जब यह कहा था कि टी-20 विश्व कप में वह अपने पूरे एक्सपीरियंस के साथ जाएंगे तब यह किसी ने नहीं सोचा था कि भारतीय टीम में तकरीबन 8 महीने के बाद रविचंद्रन अश्विन की वापसी होगी। अश्विन की वापसी ही रवि बिश्नोई के लिए बेहद घातक साबित हो गई क्योंकि अश्विन एक वर्ल्ड क्लास ऑफ स्पिनर है वही रवि बिश्नोई अभी एक नए गेंदबाज है यही वजह है कि रोहित शर्मा लगातार अश्विन को मौका दे रहे हैं और रवि बिश्नोई वेस्टइंडीज की पूरी श्रृंखला में अभी तक सिर्फ एक मुकाबला खेलने में कामयाब हो सके हैं। कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं कि रवि बिश्नोई के साथ बेहद नाइंसाफी हुई है क्योंकि अचानक से रविचंद्रन अश्विन का टीम में आ जाना और रवि बिश्नोई का टीम से बाहर बैठना यह लोगों को खटक रहा है लेकिन रोहित शर्मा हो सकता है कि आखिरी दो मुकाबलों में रवि बिश्नोई को एक मौका दें जिसमें रवि के पास खुद को साबित करने का मौका होगा।
जीवन मिट्टी में फलता-फूलता है। 36 से 39 इंच की मिट्टी की परत धरती पर मौजूद जीवन के 87 प्रतिशत हिस्से का आधार है। हर चीज उसी से पनपती है। जब मिट्टी ही समृद्ध नहीं होगी तो मान लीजिए हमने धरती का त्याग कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं ने वैज्ञानिक प्रमाण के साथ कहा है कि धरती पर कृषि योग्य मिट्टी अब केवल 60 से 100 फसलों के लिए ही है। इसका मतलब है कि हमारी मिट्टी 45 से 60 साल में अपनी उर्वरता खो देगी। अगर ऐसा होता है तो धरती पर खाद्य पदार्थों की गंभीर समस्या पैदा हो जाएगी- इसे टाला नहीं जा सकता। जब खाद्य संकट आएगा तो ताकतवर लोग हथियारों का इस्तेमाल करके खाना छीन लेंगे। और इससे जो अराजकता और मुश्किलें पैदा होगी, वह कल्पना से परे है। यह मत सोचिए कि केवल गरीब मरेंगे; वे अमीरों को मारेंगे और अमीर भी मरेंगे। यह केवल एक भयावह तस्वीर खींचना नहीं है, क्योंकि मिट्टी के अनुपजाऊ होने की भविष्यवाणी दुनिया में आज अनेक शीर्ष वैज्ञानिकों के द्वारा की जा रही है। हमारी मिट्टी का मरुस्थलीकरण तेज गति से हो रहा है क्योंकि हर बार जब आप कुछ उगाते हैं, तो फसल के जरिए उसमें से जैविक तत्व निकल जाते हैं। लेकिन मिट्टी में वापस कुछ नहीं लौटाया जा रहा है। एक ऊष्णकटिबंधीय जंगल में- पेड़-पौधों के पत्तों और पशु अपशिष्ट के कारण- जैविक तत्व लगभग सत्तर प्रतिशत या ज्यादा होगा। खेती की मिट्टी में न्यूनतम जैविक तत्व तीन से छह प्रतिशत होना चाहिए। लेकिन आज दुनिया में खेती की लगभग चालीस प्रतिशत जमीनों में जैविक तत्व की मात्रा 0. 5 प्रतिशत से कम रह गई है। तो अब हमें क्या करना चाहिए? मिट्टी में जैविक तत्व वापस लौटाने के दो ही तरीके हैं- वनस्पतियों से हरा कचरा और पशु अपशिष्ट। खेतों में पशुओं को वापस लाने का अब सवाल नहीं है क्योंकि लोग मशीनों के आदी हो गए हैं। तो हमारे पास सबसे अच्छा विकल्प पेड़-पौधे ही हैं। किस तरह की वनस्पतियां, कितने प्रतिशत और किस देश में- ये चीजें स्थानीय स्तर पर तय की जा सकती हैं। लेकिन एक वैश्विक नीति के रूप में खेतों की मिट्टी में कम से कम तीन प्रतिशत जैविक तत्व का होना आवश्यक कर देना चाहिए। समाधान कोई रॉकेट साइंस नहीं है; इसे बस अमल में लाने का सवाल है। क्या हम इसे समय रहते करने को तैयार हैं, ताकि इस धरती पर हर जीव की तकलीफ को न्यूनतम कर सकें? अगर हम अभी शुरू करते हैं, तो पंद्रह से बीस साल में एक महत्वपूर्ण वापसी कर सकेंगे। लेकिन मान लीजिए कि हम पच्चीस से पचास साल और इंतजार करते हैं और फिर मिट्टी की दशा सुधारने की कोशिश करते हैं तो उसे ठीक करने में 200 साल तक लग सकते हैं। वह दौर इंसान के लिए विनाशकारी होगा। हमें जो करने की जरूरत है, उसे अविलंब करना होगा। इसीलिए हम 'जागरूक धरती' नाम का अभियान सामने ला रहे हैं। हम हमेशा सोचते हैं कि उद्योगों या सरकार को इसे करना चाहिए। लेकिन हम यह भूल जा रहे हैं कि हम एक लोकतांत्रिक देश हैं। आज दुनिया में 5. 2 अरब लोग ऐसे देशों में रहते हैं, जहां वोट देने और अपने देश के नेतृत्व को चुनने की क्षमता है। हम इस पर ध्यान दे रहे हैं कि कैसे कम से कम तीन अरब लोगों को साथ लाया जाए ताकि पर्यावरण के मुद्दे सरकार चुनने के मुद्दे बन जाएं। अभी तो राजनीतिक पार्टियां लोगों को खुश करने के लिए आर्थिक प्रलोभन देती हैं, लेकिन पर्यावरण उन प्रस्तावों का हिस्सा नहीं रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मतदाताओं के बड़े प्रतिशत ने राजनेताओं के सामने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वे पर्यावरण की सुरक्षा चाहते हैं। सरकारों को पर्यावरण के मुद्दों पर दिखाई जाने वाली चिंता के लिए चुना जाना चाहिए। जब पर्यावरण चुनाव का एक अहम मुद्दा बनेगा, तभी वह सरकारी नीति बन सकेगा, और सिर्फ तभी उसके लिए एक बड़ा बजट आबंटित होगा, ताकि समाधान प्रकट हों। मिट्टी हमारी संपत्ति नहीं विरासत है। सबको 'जागरूक धरती' अभियान के लिए खड़े होना चाहिए। अभी ऐसा लगता है कि पर्यावरण अमीरों की चर्चा का विषय है। जबकि हर व्यक्ति को इसके बारे में जागरूक होना चाहिए। पर्यावरण के प्रश्न चुनावी मुद्दे बनने चाहिए और राजनीतिक पार्टियों को घोषणापत्रों में पर्यावरण के मसलों को महत्व देना चाहिए। (ये लेखक के अपने विचार हैं) This website follows the DNPA Code of Ethics.
कोरिया सुरेश मिनोचा : कृषि विज्ञान केंद्र व उद्यानिकी विभाग के अभिसरण से चयनित ग्रामों में आदिवासी कृषकों को उन्नत विधि से मधुमक्खी पालन की तकनीकी जानकारी प्रक्षेत्र पर देते हुए जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के अंतर्गत प्रस्तावित मधुमक्खी पालन कार्यक्रम शुरू किया गया है। विकासखण्ड सोनहत के तीन गांवों व मनेन्द्रगढ़ के आठ गांवों में कुल 100 मौन पेटी के साथ छः कालोनी प्रजाति एपिस मेलिफेरा प्रति मौनपेटी को जनपद एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारीयों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में आदिवासी कृषकों एवं समूहों को वितरित किया गया है। मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो मानव जाति को लाभान्वित कर रहा है, यह एक कम खर्चीला घरेलु उद्योग है जिसमें आय, रोजगार व वातावरण शुद्ध रखने की क्षमता है। यह एक ऐसा रोजगार है, जिसे समाज के हर वर्ग के लोग अपनाकर लाभान्वित हो सकते है। मधुमक्खी पालन कृषि व बागवानी उत्पादन बढ़ाने की क्षमता भी रखता है। शहद एवं मोम के अतिरिक्त अन्य पदार्थ, जैसे गोंद (प्रोपोलिस, रायल जेली, डंक-विष) भी प्राप्त होते है। साथ ही मधुमक्खियों से फूलों में परागण होने के कारण फसलों की ऊपज में लगभग एक चैथाई अतिरिक्त बढ़ोतरी हो जाती है। आज कल मधुमक्खी पालन ने कम लागत वाला कुटीर उद्योग का दर्जा ले लिया है। ग्रामीण भूमिहीन, बेरोजगार किसानो के लिए आमदनी का एक साधन बन गया है, मधुमक्खी पालन से जुड़े कार्य जैसे बढ़ईगिरी, लोहारगीरी एवं शहद विपणन में भी रोजगार का अवसर मिलता है। कृषकों को प्रक्षेत्र पर संक्षिप्त रूप में मधुमक्खी परिवार रानी, श्रमिक, नर मधुमक्खी, छोटी मधुमक्खी (एपिस फ्लोरिय), भैंरो या पहाड़ी मधुमक्खी (एपिस डोरसाटा), देशी मधुमक्खी (एपिस सिराना इंडिका) तथा इटेलियन या यूरोपियन मधुमक्खी (एपिस मेलिफेरा) के बारे में जानकारी दी गई। इनमें से एपिस सिराना इंडिका व एपिस मेलिफेरा जाति की मधुमक्खियों को आसानी से लकड़ी के बक्सों में पाला जा सकता है। देशी मधुमक्खी प्रतिवर्ष औसतन 5-10 किलोग्राम शहद प्रति परिवार तथा इटेलियन मधुमक्खी 50 किलोग्राम तक शहद उत्पादन करती हैं। मधुमक्खी पालन के लिए आवश्यक सामग्री मौन पेटिका,मधु निष्कासन यंत्र, स्टैंड, छीलन छुरी, छत्ताधार, रानी रोक पट, हाईवे टूल (खुरपी), रानी रोक द्वार, नकाब, रानी कोष्ठ रक्षण यंत्र, दस्ताने, भोजन पात्र, धुआंकर और ब्रश मधुमक्खी परिवार का उचित रखरखाव एवं प्रबंधन मधुमक्खी परिवारों का विभाजन एवं जोड़ना, मधुमक्खी परिवार स्थानान्तरण शहद व मोम निष्कासन व प्रसंस्करण मधुमक्खी पालन का मुख्य उद्देश्य, शहद एवं मोम उत्पादन की तकनीकी जानकारी दी गई एवं कृषि वैज्ञानिकों ने आदिवासी कृषकों एवं समूहों को परिचर्चा के दौरान बताया कि भ्रमण एवं अवलोकन के समय अथवा मौखिक रूप से भी मधुमक्खी पालन में कोई भी समस्या आती है तो कृषि वैज्ञानिकों को अवगत कराने कहा।
कामलारोग में जिस प्रकार सारक औषधियों की जरूरत है, उसी प्रकार मंत्रल दवाइयों की भी आवश्यकता रहती है। इन दोनों प्रकार की औषधियों के एक साथ उपयोग करने से रक्त में बढ़ा हुआ पित्त शीघ्रता से शाम्त हो जाता है। मूत्रल दवाइयों के उपयोग से जलोदर, शोथ आदि विकार शान्त हो जाते हैं। १७. रेखक औषधियाँ - जो औषधियाँ मल को विशेष रूप में अधिक बार प्रवाहण करती है, उनको रेखक औषधियाँ कहते हैं। इस प्रकार की औषधियों के बहुत प्रकार हैं। कुछ औषधियाँ मल को पचाकर उसे बँधे हुये रूप में बाहर करती है, जैसे हरड़, छोटी हरड़, त्रिफला । कई दवाइयाँ कच्चे पक्के मल को नीचे खींचकर दस्न कराती हैं। जैसे- अमलतास । कई औषधियाँ बँधे एवं सूखे हुये मल को बाहर करती हैं। जैसे - कटु, दन्ती । कई औषधियाँध हुये या कच्चे सब प्रकार के मल को पानी के रूप में बाहर निकाल देती हैं, जैसे--निशोथ, इन्द्रायण, एरण्ड आदि । साधारणतः अन्तिम प्रकार की औषधियों को रेचक कहते हैं। रेचक औषधियाँ दो प्रकार की हैं; १ - जिनके सेवन के पीछे मलचन्ध की शिकायत हो जाती है। इस प्रकार की औषधयाँ प्रायः तीच रेचक होती हैं । २ - दूसरे प्रकार की औषधियाँ वे हैं, जिनके सेवन से पीछे मलबन्ध की शिकायत नहीं होती। जैमे-निशोथ और सन्मय । साधारणतः विरेचक द्रव्यों में सबसे उत्तम और बिना किसी प्रकार के भय के बरतने योग्य विरेचन हरड़ है। हरड़ से उतरकर दूसरा नम्बर एरण्ड सैल का है। गरम श्रौषधियाँ जैसे - जायफल, इन्द्रायण श्रादि ऋ/षधियों को बहुत सँभलकर बरतना चाहिये । १८. नामक औषधियाँ - आमाशय में स्थित पदार्थ को ऊध्य मार्ग से बाहर करनेवाली औषधि को वामक औषधि कहते हैं। जैसे - मैनफल, नमक, राई, आक, अरीठे का पानी, नीला तुत्थ । ये सब औषधियाँ वामक हैं। सामान्य उपयोग - खाये हुये विष को, फफ को, अजीर्ण-रोग में मात्रा से अधिक खाये हुये एवं अनपच भोजन को बाहर करने के लिये वमन का उपयोग होता है। इनमें कुछ दवाइयाँ भामाशय में पहुँचते ही वमन करा देती हैं और कुछ शरीरस्थ रक्त में मिलने के पीछे प्रभाव करके वमन कराती हैं ।
IAS Success Story मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद राधिका को दिल्ली की एक कॉर्पोरेट कंपनी में जॉब भी मिल गई थी। यहां वे अपना काम कर रही थीं लेकिन दिल में उनके कुछ और ही चल रहा था। एजुकेशन डेस्क। IAS Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाना आसान नहीं है। हर साल लाखों अभ्यर्थी इस एग्जाम की तैयारी करते हैं, जिनमें से कुछ के ही सपने पूरे हो पाते हैं। ऐसा ही एक शख्सियत हैं राधिका गुप्ता, जिन्होंने न केवल ये सपना देखा बल्कि दूसरे प्रयास में ही सच साबित कर दिखाया। राधिका ने कैसे हासिल की यूपीएससी CSE परीक्षा में सफलता, आइए जानते हैं। मध्य प्रदेश से ताल्लुक रखने वाली राधिका यहां अलीराजपुर की निवासी हैं। यहां से स्कूली एजुकेशन पूरी करने के बाद उन्होंने इंदौर के एक कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद राधिका को दिल्ली की एक कॉर्पोरेट कंपनी में जॉब भी मिल गई थी। यहां वे अपना काम कर रही थीं, लेकिन दिल में उनके कुछ और ही चल रहा था। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने वाली राधिका ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि कॉलेज की पढ़ाई तक उन्हें इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं थी लेकिन जैसे ही उन्होंने दिल्ली में रहकर जॉब शुरू की तो यहां राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में कोचिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं के माहौल को देखते हुए उनकी सिविल सेवा में दिलचस्पी बढ़ गई। यूपीएससी की परीक्षा में रुचि बढ़ने के चलते पहले राधिका जॉब के साथ-साथ इस एग्जाम की तैयारी करती रहीं लेकिन कुछ वक्त बाद वे जॉब को छोड़कर इंदौर में तैयारी करने लगी। हालांकि, इस दौरान उन्होंने निर्णय लिया था कि वे IAS की परीक्षा के लिए कोई कोचिंग नहीं करेंगी, ब्लकि सेल्फ स्टडी करेंगी। राधिका गुप्ता ने सेल्फ स्टडी के दम पर सिविल सेवा परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया। इस दौरान उन्हें आईआरपीएस अधिकारी की पोस्ट मिली थी लेकिन उनके मन में कहीं न कहीं IAS बनने का सपना था और इसलिए वे तैयारी करती रहीं और दोबारा परीक्षा में शामिल हुईं। इस बार वे आईएएस टॉपर बन गईं। उन्हें 18वीं रैंक मिली थी।
महाराष्ट्र सरकार अगले 30 दिनों में राज्य से बाहर जा रही कुछ बड़ी परियोजनाओं पर एक श्वेत पत्र जारी करेगी। उद्योग मंत्री ने मंगलवार को कहा कि जो बड़ी परियोजनाएं राज्य से बाहर जा रही है उस पर प्रदेश सरकार श्वेत पत्र जारी करेगी। मुंबई, पीटीआइ। महाराष्ट्र सरकार अगले 30 दिनों में राज्य से बाहर जा रही कुछ बड़ी परियोजनाओं पर एक श्वेत पत्र जारी करेगी। उद्योग मंत्री ने मंगलवार को कहा कि जो बड़ी परियोजनाएं राज्य से बाहर जा रही है, उस पर प्रदेश सरकार श्वेत पत्र जारी करेगी। राज्य की एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर है। विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ सरकार पर राज्य में वेदांत-फाक्सकान और टाटा-एयरबस परियोजनाओं को बनाए रखने में विफलता का आरोप लगाया है। बता दें कि दोनों परियोजनाओं ने अपनी इकाइयां महाराष्ट्र स्थापित करने के के बजाय गुजरात को चुना है। एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने आरोप लगाया है कि ये परियोजनाएं पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार की निष्क्रियता के कारण महाराष्ट्र से बाहर चली गईं। उद्योग मंत्री सामंत ने कहा, 'महाराष्ट्र उद्योग विभाग अगले 30 दिनों में एक श्वेत पत्र जारी करेगा, जिसमें यह बताया जाएगा कि वेदांत-फाक्सकान और टाटा-एयरबस ने दूसरे राज्यों को क्यों चुना है। श्वेत पत्र में इस बात का जिक्र होगा कि उन परियोजनाओं को महाराष्ट्र में बनाए रखने के लिए पिछली सरकार ने क्या कदम उठाई थी। ' उद्योग मंत्री ने कहा कि श्वेत पत्र सभी तथ्यों पर प्रकाश डालेगा और झूठी बातों को खत्म करेगा। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग इन परियोजनाओं को लेकर गलत तथ्य फैला रहे हैं। ये सब तथ्य श्वेत पत्र जारी होने के बाद साफ हो जाएगा। ' बता दें कि श्वेत पत्र एक सूचना प्रदान करने वाला दस्तावेज है, जो किसी समाधान, उत्पाद या सेवा की विशेषताओं के बारे में बताता है। परियोजनाओं को लेकर चल रहे विवाद के बीच, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि टाटा-एयरबस प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने पिछले साल राज्य में अनुकूल माहौल की कमी की बात कही थी। हालांकि उस समय पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने इस दावे का खंडन किया था और कहा था कि इन परियोजनाओं गुजरात ले जाने में केंद्र सरकार का हाथ है। आदित्य ठाकरे ने दावा किया था कि टाटा एयरबस प्रोजेक्ट के अधिकारियों ने उनसे कहा है कि केंद्र सरकार के कहने पर वह एयरक्राफ्ट निर्माण प्लांट कहीं भी लगाने के लिए तैयार हैं।
एक गांव में अलग-अलग जगह पर करंट लगने से बच्चे और निर्माणाधीन मंजिल से गिरने से एक ग्रामीण की मौत हो गई। दोनों की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं, मामले की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई है। भगवानपुर क्षेत्र के ग्राम बेलकी मसाई निवासी अजब सिंह (47) के घर की तीसरी मंजिल पर निर्माण कार्य चल रहा है। वहीं दूसरी तरफ गांव निवासी आकाश (10) रविवार सुबह अपने घेर में बिजली की मशीन से घास काटने का प्रयास कर रहा था। बताया जा रहा है कि अचानक बिजली के तार की चपेट में आने से वह बुरी तरह से झुलस गया। परिजन उसे आननफानन अस्पताल लेकर गए लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। बच्चे और ग्रामीण की मौत सेे परिजनों में कोहराम मच गया। प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण ने बताया कि घटना की जानकारी नहीं मिली है। Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
इस दौरान दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश की, तो वे और ज्यादा भडक़ गए। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड को तोड़ दिया। इसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल कर ठंडे पानी की बौछार कर दी। इससे कई युवतियां बेहोश हो गईं। कुछ को चोटें भी आई हैं। प्रदर्शनकारियों के हाथों में तख्तियां थीं और वे कई नारे लगा रहे थे। प्रदर्शन में कांग्रेस का छात्र संगठन एनएसयूआई सहित कई संगठनों ने हिस्सा लिया।
Sarkari Naukri Result 2021: सरकारी नौकरी करने की चाह रखने युवाओं के लिए खुशखबरी सामने आ रही है। बैंक, रेलवे और पुलिस सहित कई विभागों में अलग-अलग पदों भर्तियां निकाली गई है। जिनके लिए विभागों द्वारा अंतिम तिथि भी तय कर दी गई है। नई दिल्ली। सरकारी नौकरी करने की चाह रखने युवाओं के लिए खुशखबरी सामने आ रही है। बैंक, रेलवे और पुलिस सहित कई विभागों में अलग-अलग पदों भर्तियां निकाली गई है। जिनके लिए विभागों द्वारा अंतिम तिथि भी तय कर दी गई है। आधिकारिक वेबसाइट पर जारी की गई इस नोटिफिकेशन के मुताबिक अभ्यर्थी केवल ऑनलाइन के माध्यम से ही इन नौकरियों के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन भर्तियों से संबंधित ज्यादा जानकारी के लिए अभ्यर्थी जारी आधिकारिक नोटिफिकेशन को देख सकते हैं। राज्य स्तर पर पुलिस भर्ती बोर्ड असम गुवाहाटी ने असम कमांडो बटालियन में कांस्टेबल के पदों पर भर्ती करने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। जिनके मुताबिक इन पदों के लिए 13 दिसंबर से आवेदन भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। अभ्यर्थी पुलिस भर्ती बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट slprbassam. in के जरिए इन पदों के लिए 12 जनवरी 2021 तक अपना आवेदन भर सकते हैं। वहीं कांस्टेबल के कुल 2450 खाली पदों पर भर्तियों के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। जिनमें, पुरुष और ट्रांसजेंडर के लिए 2220 पद, महिलाओं के लिए 180 पद और नर्सिंग के 50 पद शामिल हैं। उत्तर मध्य रेलवे की ओर से ग्रुप 'सी' के पदों के लिए भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है। इन पदों के लिए 26 नवंबर 2021 से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। अभ्यर्थी इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट rrcpryj. org पर जाकर अपना आवेदन भर सकते हैं। जिसकी अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2021 निर्धारित है। भारतीय स्टेट बैंक में भी सर्किल बेस्ड ऑफिसर के पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं। इन पदों 9 दिसंबर 2021 से आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अभ्यर्थी इन पदों पर आवेदन करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट sbi. co. in पर जाकर 29 दिसंबर तक अपना आवेदन भर सकते हैं।
Karachaevo-Cherkessia के दक्षिण में सुरम्य Dombai Glade है। हालांकि, न केवल फूल घास के मैदान, देवदार के जंगलों, घाटियों और पहाड़ नदियों यात्रियों को आकर्षित। इस क्षेत्र में पर्यटकों का ध्यान का मुख्य उद्देश्य Alibeksky झरना, तस्वीर और जिसका वर्णन सामग्री में आगे चर्चा कर रहे हैं है। झरना क्या है? Alibeksky झरना हिमनद और पानी Dzhalovchatka नदी की धाराओं द्वारा गठित। इसकी ऊंचाई लगभग 25 मीटर की दूरी पर है। इस शक्तिशाली धारा है, जो इंद्रधनुष के सभी रंग सूरज में shimmers। सर्दी और गर्मी के समय में पानी की मात्रा काफी बदल जाता है। सूरज की पहली सुबह की किरणों से गर्मी के आगमन के साथ ही छोटी नदियों कि रॉक के ऊपर से भागने में देखा जा सकता है। शाम में, प्रवाह, बड़े पैमाने पर आयाम हो जाता है जब बर्फ टोपी के पिघलने इसकी अधिकतम तक पहुँचता है। दिलचस्प झरना क्या है? प्रारंभिक पिछली सदी Alibekskogo झरना ही अस्तित्व में। रॉकी लेज जहाँ से आज पानी का प्रवाह गिर, एक मोटी बर्फ टोपी से ढका हुआ था। वहाँ भारी नेता गांठ किस हद तक रिज के बारे में 5 किलोमीटर की दूरी था। पर्यावरणविदों के अनुसार, Alibeksky झरना ग्लोबल वार्मिंग प्रभाव के प्रभाव में बर्फ पिघलने का एक परिणाम के रूप में दिखाई दिया। पर्यावरण संगठनों के अवलोकन इसका सबूत के रूप में, ग्लेशियर प्रति वर्ष लगभग 1 किमी पीछे हट गए। इसके पिघलने इस दिन है, जो एक से पानी बहने के प्रवाह पहाड़ का निर्माण होता है जारी है। Alibeksky झरना कई धाराओं से ही बना है। एक प्राकृतिक घटना के दृष्टिकोण के साथ एक ज़ोर चर्चा है कि कण्ठ में फैल सुना जा सकता है। इस आशय यहां तक कि सबसे अनुभवी यात्रियों को प्रसन्न करने के लिए ले जाता है। Alibeksky झरना पर्यटकों और उनके पत्थर आकर्षित करती है। ताकतवर रॉक संरचनाओं, न केवल के रूप में "मटन माथे" क्षेत्र के निवासियों की lathed पानी बहता ओर से। क्या झरना के लिए स्वतंत्र रूप से पारित करने की आवश्यकता है? Alibeksky झरना Teberda रिजर्व का हिस्सा है। मार्ग यहां का भुगतान किया। गर्मियों के दौरान, टिकट 200 रूबल की कीमत पर बेचा जाता है, लागत 100 रगड़ के लिए सर्दियों में कम हो जाता है। आप उन्हें लॉज, Dombay के शहर के बाहरी इलाके में स्थित पर खरीद सकते हैं। केवल इस बिंदु पर नजर रखी जाती है। Alibeksky झरना संरचना झील है कि यह के करीब है - सभी सीमा क्षेत्र में शामिल थे। पर्यटकों ने इस जगह पर यात्रा कर रहे हैं, एक पास ले जाने के लिए सुनिश्चित करें। हड़पने और प्रमाण पत्र की पुष्टि पहचान करना सुनिश्चित करें। पास प्रशासन या चेर्केशस्क Teberda के शहर से संपर्क करके निः शुल्क प्राप्त किया जा सकता। यह समस्या पहले से करने के लिए ध्यान देने की सिफारिश की है। अन्यथा, मुसीबत झरना के रास्ते पर हो सकता है। Alibeksky झरना - कैसे वहाँ पाने के लिए? झरना के लिए पथ काफी सरल है। अलिबेक शिविर चढ़ाई से पहले मार्ग के पहले भाग कार द्वारा दूर किया जा सकता है। भूखंड, लंबाई में कई किलोमीटर की दूरी पर, सुंदर देवदार सरणियों के माध्यम से चलाता है। इसलिए, यह प्रकृति प्रेमियों के पैर पर इसे पाने के लिए के लिए सिफारिश की है। तो फिर तुम फाटक के माध्यम से आरक्षित की क्षेत्र के लिए जाने की जरूरत है। हिरण के साथ कोशिकाओं है, जो लॉज के दाईं ओर स्थित हो जाएगा, स्की लिफ्ट के साथ ऊपर ले जाने के लिए आवश्यक से शुरू, मुख्य सड़क को बंद किए बिना। के बारे में के बाद एक आधा किलोमीटर सीमा क्षेत्र शुरू हो जाएगा। वहाँ दस्तावेज जमा और पारित करने के लिए की आवश्यकता होगी। बस चौकी से बाहर सड़क संरचना झील के लिए ले जाएगा। झरना 400 मीटर दूर, बाईं ओर सड़क के पूर्व मोड़ की दूरी को कवर करना होगा तक पहुँचने के लिए और फिर नीचे की ओर आगे बढ़ने के लिए। खो बचने के लिए, यह एक बार फिर सीमा रक्षकों के मार्ग को स्पष्ट करने के लिए आवश्यक है। गर्मियों में झरना बाधा एक पहाड़ नदी हो सकता है। जलाशय के लिए बहुत ही पथ खड़ी चट्टानों के बीच चलती है। नदी उथला है। अगर वांछित, आप चट्टानों पर जा सकते हैं। हालांकि, सहायता के बिना ऐसा करने के लिए बहुत जोखिम भरा है। इसलिए, झरना के रास्ते पर पूर्ण सुरक्षा को सुरक्षित करने के लिए आपको नेविगेशन सेवा का उपयोग कर सकते हैं। शक्ति, सौंदर्य और झरना अलिबेक हर यात्री को जीत के लिए सक्षम की अविश्वसनीय शक्ति। यह मुख्य प्राकृतिक में से एक है काकेशस के आकर्षण। स्थान निश्चित रूप से एक यात्रा के जीवन में कम से कम एक बार लायक। यह निश्चित रूप से एक जीवन भर के लिए याद किया जाएगा।
जोड़ियाँ सींचती थीं। हवाई, बुवाई, सिंचाई, कटाई, दवाई वादि सोती की सभी प्रक्रियाएँ आप को मालूम थीं। उपज बढ़ाने के लिये लेतों में खाद डाली जाती थी और कुओं, नहरों से सिंचाई होती थी। अनाओं में गेहूँ, जौ, द, मसूर, तिल, धाम, आदि फीती होती थी। पशुपासन और खेती के साथ दूसरे और उद्योग-धन्ध का विकास भी हुआ था। बबई, सुहार, सुमार, चमार, तन्तुवाय ( गुसादा ), बैद्य, पत्थरकट बादि कई प्रकार के पेशेवालों के नाम वेदों में पाये जाते है। स्थल और शक दोनों शरतों से व्यापार होता था। सिद्धे का प्रचार बहुत अधिक नहीं था, फिर भी मिक माम का सोने का सिक्षा चकता था, जिसका उपयोग आभूषण के रूप में भी होता था। विनिमय में सामग्री का आदान-प्रदान होता था। ध्याम पर ऋण देने की ममा चालू थी। ऋण चुकाना लोग अपना धर्म और कर्तव्य समझते थे । ऋग्वेद में पार्थिव जीवन के सम्बन्ध में उतार पाये जाते हैं, उससे माम पड़ता है कि लोग आर्थिक दृष्टि से सूखी थे। इसका मुख्य कारण भारतीय भूमिका उपजाऊपन, भापों का परिभ्रम और अनसल्या के भार का भाव दी. माम पड़ता है।
स्वार्थ व अहंकार त्यागे बिना एकता कैसी ? आप जानते हैं कि एकता बातों से नहीं होती, केवल भाषणबाजी से एकता नहीं चलती । एकता के लिए एक बात छोडनी पडती है और एक बात स्वीकारनी पडती है । एकता का आधार हैसरलता, प्रेम और विश्वास । एकता का शत्रु है - अहंकार और स्वार्थ । एक ऐतिहासिक उदाहरण भगवान महावीर के समय में गणधर इन्द्रभूति 94 हजार साधुओं में सबसे ज्येष्ठ थे । प्रथम गणधर थे । अगणित लब्धि- ऋद्धि-सिद्धि के धारक थे । देव-देवेन्द्र भी उनके चरणों की रज मस्तक पर चढाकर आनन्दित होते थे । स्वयं को भाग्यशाली समझते थे । वे गौतम स्वामी एक बार जब श्रावस्ती नगरी में पधारे, उनके शिष्य नगर में भिक्षा लेने जाते हैं और वहां देखते है कि उनके जैसे ही श्रमण जिनके वस्त्र रग-बिरंगे हैं, नगर में भिक्षा के लिए घूम रहे हैं । गौतम शिष्यों को आश्चर्य होता है, उनसे मिलते हैं, पूछते हैं आप कौन हैं ? वे श्रमण कहते है - हम भगवान पार्श्वनाथ के शिष्य केशी कुमार श्रमण के शिष्य हैं । उनको आश्चर्य होता है, जब हम सब निर्ग्रन्थ है, एक ही मोक्षमार्ग के पथिक हैं तो फिर यों अलग-अलग क्यों हैं ? क्या बात है जो हमें एक दूसरे से दूर किये हुये है। महान ज्ञानी गौतम स्वामी शिष्यों को बताते हैं - भगवान पार्श्वनाथ का धर्म चातुर्याम धर्म हैं। भगवान महावीर का धर्म पंचयाम धर्म हैं । बस ऐसे ही कुछ छोटे-छोटे मतभेद हैं, जिनके माणिभद् कारण हम अलग-अलग हैं किन्तु अब हमें परस्पर मिलकर इन मतभेदों को सुलझाना है और दोनों ही श्रमण परम्पराओं को एक धारा बन जाना है । छोटी-छोटी धारा-धारा होती हैं किन्तु जब सब धाराएं मिल जाती हैं तब प्रवाह बन जाता है, नदी बन जाती है और नदी समुद्र बन जाती हैं। अलगअलग बिखरे तिनके कचरा कहलाते हैं, किन्तु सब तिनके मिलकर झाडू बन जाता है तो वही तिनके कचरा बुहारने और सफाई करने का साधन हो जाता है । लकडी के छोटे-छोटे टुकडे अलगअलग स्थानों पर पड़े जल रहे हैं, उनसे धुँआ निकल रहा है । वातावरण दूषित हो रहा है, परन्तु जब सब जलती लकडिया एकत्रित हो जाती हैं तो वही महाज्वाला बन जाती है । उस महाज्वाला का सामना करने की शक्ति किसी में नहीं है । तो गौतम स्वामी अपने शिष्यो से कहते हैं - हमें केशीकुमार श्रमण से मिलना चाहिए । प्रश्न खड़ा होता है, पहले कौन मिले ? एकता और संगठन तो चाहिए किन्तु पहल कौन करे ? जब बडप्पन का प्रश्न आ जाता है तो पॉव वहीं चिपक जाते हैं, किन्तु गौतम गणधर थे । पूरे संघ में सबसे ज्येष्ठ और घोर तपस्वी, महाज्ञानी थे जबकि केशीकुमार श्रमण भगवान पार्श्वनाथ की परम्परा के एक अन्तिम प्रतिनिधि आचार्य मात्र थे । पद की दृष्टि से गौतम ज्येष्ठ थे, ज्ञान की दृष्टि से भी, साधना की दृष्टि से भी वे उत्कृष्ट थे । परन्तु जहाँ प्रेम और सरलता होती है, वहॉ बडे छोटे का विचार भी संकीर्ण और छोटे मन की उपज है । गौतम कहते हैं - वे भगवान पार्श्वनाथ के शिष्य है । हमारी निर्ग्रन्थ कुल परम्परा में बड़े हैं। हम ही उनके पास जायेंगे। उनसे मिलेंगे और परस्पर बातचीत करके सभी
इन्द्रादिक पद पंकज सेवें- तारौं पूज्य पूजेश्वर हो ॥ ७ मेटो जन्म जरादि त्रिपुर दुख-तुम सच्चे मुक्तश्वर हो ॥ ८ ॥ सुन्ह ग्रन्ह पर ब्रह्म आस्ती-तुम हम सुख प्रदेश्वर हो # ९ १४५ - देश की ठुमरी । जिनके हृदय सम्यक्त ना, करनी करे तो क्या करो । टेक घट खंड को स्वामी भयो, ब्रह्मांड में नामी भयो । दिये दान चार प्रकार अरु, दिक्षा धरी तो क्य। घरो ॥ १ ॥ तिल तुष परिग्रह तजि दिये, अति उम्र तप जप व्रत किये। पाली दवा षट काय की, भिक्षा करी तो क्या करी ॥ २ ॥ कल्पों किया उपदेश को, छुटवा दिये दुर्भेष को । पहुँचा दिये बहु मुक्ति में, रक्षा करी तो क्या करी ॥ ३ ॥ आतम रहा वहिरात्मा, जाना अनातम ओरमा । परमात्म आतम नहि लखा, शिक्षा करी तो क्या करो ॥ ४ ॥ गुरुमणिक रंड विषै कर्हे, हग सुख बिना शिव पद च । बिन मूल तरु अनफूल फल, इच्छा करी तो क्या करो ॥ ५ १४६ - रागनी धनाश्री । सकल जग जीव शिक्षा करयो ॥ टेक ॥ कृतकारित अपराध हमारे-सो सब पर हरियो । सजकर बैर प्रीति की परिणति- समता डर धरयो ॥ १ ॥ या भव जाल सदा फंस हम तुम बहुते दुका भरियो- हाथ जोड़ अब दोष छिमाऊं आगै मत लड़यो ॥२॥ कोनो हम संबर तुम संबर, सै-कबहुँ न उरियो - नयनानंद पंथ संतम के चल भव जल तस्यो ॥ ३ ॥ १४७ - खम्माच रागनी झोटी । हमारी प्रमु नय्या उतार दीजै पार। टेक अटक रही भव दधि के भँवर में, ऊरध मध्य अधो मँझधार ॥१॥ औघट घाट पड़ो टकरावै, चकित हरट घड़ी उनहार ॥२॥ अति व्याकुल आफुल चित साहिब, नाहो इधर न हो उस पोर ॥३॥ दल में रूद्ध शशाकी गति ज्यों, जित तित होत मार ही मार ॥४॥ अब चनीय मम दशा जिमेश्वर, कोई न शरण सहाय अवार ॥५॥ ब्याकुल नैन चैन नहि निश दिन, केवल तुमरो नाम अधार ॥६॥ १४८ - भैरवी । जिस दिन मैं मैंने दरस तोरे पाये, अनुभव धन बरसाए, दग्श तोरे ॥ टेक ॥ भेद विज्ञान जगो घट अन्तर, सुख अंकुर रस रसाए ॥ १॥ शीतल चित्त भयो जिम चन्दन, शिव भारग में धोए ॥२॥ प्रघटो सत्य स्वरूप परापर, मिथ्या भाव नशाप ॥ ३ ॥ नयनानन्द भयो अब मन थिर, जग में संत कहाए ॥४॥ १४६ - रागनी जंगला-गंगाबासी देहाती । तुम्हें त्रिभुवन के अन ध्यावें, थारे सुन सुन गुण भगवान । टेक अजी अर्ह धातुसे भये हो अर्हन्, बोधलब्धि से भयेहो भगवन । धरो अनन्त दरश सुख वीरज, किस मुख जस गावैं ॥ १ ॥ अजी आप तिरो ओरन को तारो, शुभ शिक्षाकर भरम निवागे । तारण तरण निरख सुर नर मुनि, चरण शरण आवैं ॥ २ ॥ अजी पट २ की खटपट तज्ञ भविजन, सारभूत जिन चितमें धरमन धर्म अर्थ अरु काम मोक्ष, पुरुषारथ फल पावैं ॥ ३ ॥ अजी शूकरसिंह नवल कपि तारे, भोल भुजङ्ग मतंग उषारे । दृग सुख के हग दोष हरो, थारे संवक कहलावें ॥ ४ ॥ मैं तज दिये सर्व कुदेव अठारह दोष धरण हारे, अजी दोष धरन हारे सव टारे, निर्दोषी इक तुम ही निहारे, बीत राग सर्वज्ञ तरण तारण का विरद थारै ॥ टेक ॥ भूख प्यास तुमकूं नहीं दाता, राग द्वेष अरु नाहीं असाता । जन्म मरण भय जरा न व्यापै, मद सब निर्वारे ॥ १ ॥ मोह खेद प्रस्वेद न आवै, विस्मय नींद न चिन्ता पावै । भजगई रति अरु अरति कर्हे, सुर नर मुनि जन सारे ॥ २ ॥ भूखा देव लिपटता डोलै, प्यासा नित सिर चढ़ चढ़ बोलै । रागी छोन पराया धन दे, द्वेषी दे मारै ॥ ३ ॥ रोगी रोग सहित दुख पावै, जन्म घरै सो मर मर जावै । डर कर बाँधै शस्त्र बुढ़ापा, सुध बुध हर डारै ॥ ४ ॥ मद वाला नित मदिरा पीवै, मोह मूर्छित मरा न जीवै । स्वेद खेद विस्मय कर व्याकुल, किसको निस्तारै ॥ ५ ॥ सोवै सो परमादी होवै, डूबे अरु सेवग कु डबावै । खोवै आतम गुण सुतुम्हारे गुण कैसे निर्धारै ॥ ६ ॥ चिन्तातुर को चिन्ता सोखै, रति बेहोश अरति से होकै । भूत भवानी ऊत मसानी, तजदो सब प्यारे ॥ ७ ब्रह्मा विष्णु महेश है वोही, जिलने करभ कालिमा धोई । हगानन्द वोही देव हमारा, सेवो सब जन प्यारे ॥ ८ ॥ राखा रुचि बीरा मत रूसो धरम से, राखो रुचि बीरा, हे कसो ना धरम से जिनमत के मरम से, राखा # डेक # धर्म प्रभाव तिरोगे भवसागर, पिण्ड छूटैगा तेरा श्राठोंही करमसें १ सावेदेव धरम ही को सेवो, याहीसे तिरोगे न तिरोगे जी भरमसँ २ मान नयनसुख सयानी, भाषै है सुगुरु तेरे जिया वेशरम सैं ॥३॥ १४२ - रामनी मैरवी या खम्मान । जबसै चरन की शरण मैं लई प्रभु, जागी सुमति मोरी भागी कुमति, प्रभु० ॥टेक॥ छूटी अदर्शन अविद्या अनादि, जब से समाधी धरम में कई । १ अनुभव भयो मेरे मन में तुमागे, जबसे तेरी जप करन में कई । २ साताभई भगाई सब असाता, जो पूर्व अम्मन भरन मैं कई । ३ भजी सर्व चिंता भया सुख अनंता, उगानंद संपति भरनमे लई । ४ मैं तो शान्ति पाई तृष्णा घराने से । टेक । रागी में पूजे चिरागा मैं पूजे, भ्रष्ट भयो बहकाने से ॥ १ ॥ धार कुमेष अनेक भरे दुख दूर भगो जिन वाले से ॥ २ ॥ मिटी कुदृष्टि सुदृष्टि भई अब, भी जिन के समझाने से ॥ ३ ॥ बंध मोश का मारग सुझा, स्वपर स्वरूप पिछाने से ॥ ४ ॥ जाने पुण्य पाप दोउ बन्धन, शुद्ध भावना भाग से ॥ ५ ॥ मैनानन्द (मटे सब सुख दुख, सम्यक दर्शन पाने से ॥ ६ ॥ १५४ - रागनी बरवा या बनासरी या पीलू । क्या नर देह धरी, हे बतादे प्यारे क्यों नर देह धरी ॥ टेक ॥ तोलै ज़ोर गले पर मोसो, बोलै बात जरी, खोसे धन अरु नार बिरानी पाप की पोट भरी, हे बतादे प्यारे क्यों नर देह धरी ॥१॥ तृष्णा घश न कियो सठ संवर, दुर्गति बांध धरी । तिर कर सिन्धु किनारे डूबौ, यह क्या कुबुद्धि करी ॥ २ ॥ यह तो देह तपस्या कारण, काहू पुण्य धरा । तप त्याग लाग विषियन में, राखी याहि सड़ी ॥ ३ ॥ बार अनन्त अनन्त जगत में, तैं सब देह चरी । क्या न कियो न कियो सो करले, परजा जात मरी ॥ ४ ॥ बहु आरम्भ परिग्रह में फँस, किसकी नाव तरी । हग सुख नाम काम अन्धन के, रे सठ खाक परी ॥ ५ ॥ १५५ - खम्माच पीलू का दादग। बिकलपता सारी टरगई, बिकलपता सारी, हे जिनजी तुमरे ध्यान सैं ॥ टेक ॥ तुमरे सुगुण सुन सोधे मैंन निजगुण करम भरम रज झरगई ॥१॥ सिद्ध भये मेरे सकल मनोरथ, शुभ गति पायन परगई ॥ २ ॥ पूजत तुम पद डूबत भवदधि, टूटी नवका तिरगई ॥ ३ ॥ वहुँ गति सैं तिरआन भयोनर, उमर भजन में गिरगई ॥ ४ ॥ तिरत तिरत प्रभु थारे चरनन में, नोव हमारी अब अड़गई ॥५॥ जो न करोगे प्रभु पार हमारी नय्या, तो अब आगे तरलई ॥६॥ मैन चैन प्रभु लोग कहेंगे, ऐसें बाढ़ खेत कूं चरगई ॥ ७ ॥ १५६ - राग भैरूनर ठुमरी । थारे दर्शन सूं लौ लगी लगी, थारे अंजी लगी लगी लौ लगी लगी, पर परसन सूं लौ लगी लगी, थारे ॥ टेक ॥ परमारथ की प्राप्ति भई अब, तत्वारथ रुचि पगी पगी ॥ १ ॥ सुन सुन जिन धुन भर्म भग्यो सब, ज्ञान कला उर जगी जगी ॥२ आई सुमति सुगति की दायन, कुमति कुभागन भगी भगी ॥ ३॥ । नयनानन्द भयो मन मेरे, कर्म प्रकृति सब दगी दगी ॥ ४ ॥ १५७ - संध्या भारतो-चाल जै शिव ओंकारा । जै भी जिन देवा - जै जै जिन देवा पार लगादो खेवा करू चरण सेवा ॥ टेक ॥ बंदूं श्री अरहंत परमगुरु, दया धरम धारीप्रभु दया धरमधारी - परमातम पुरुषोत्तम- जग जन हितकारी ॥१॥ प्रभु भव जल पतित डधारण, चरण शरण थारी-प्रभु चरणसद्वक्ता निर्लोभी, करम भरमहारी ॥ २ ॥ स्वामी तुम पद सेवत गज पनि, भयो समता धारो प्रभु भयो तीर्थंकर पद पारसपा, भयो भवपारी ।। ३ ।। आयो पिहिता श्रव मुनि मारन मृग पति बलधारी प्रभु मृग पति- भयो बीरतीर्थ कर सुन शिक्षाथारी ॥४॥ स्वामी दोष कुशील धरो सीता प्रति दुर्जन अविचारी प्रभु दुर्जन - कूद पड़ी अग्नी में लेकै शरण थारी ॥ ५ ॥ खिल गए फॅबल अगनी में प्रभु तुम मेटे भय भारोप्रभु-अच्युतेद्रपद दोनो फिग्न होय नारी ॥ ६ ॥ बलि ने यज्ञ रचाय दुखी किये मुनि वर ब्रह्मचारी विश्नुकुमार मुनीश्वर किये तुम उपगारी ॥७॥ पुष्पहार भए सर्प जिन्होंने तुम सेवा धारी-प्रभु-विदित कथा सतियन की गावैं नरनारी ॥ ८ ॥ स्वामी बज्र किरण नृप मूरति तुमरी कर मुद्राधारी-जीत्यो सिहोदर राम गरद झारी ॥ ९ ॥ स्वामी तिरगये नृप श्रीपाल भुजन तैं महा सिंधुखारी-कुष्ट व्याधिगई छिन मैं तुमही निर्धारी ।। १० ।। महा मंडलेश्वर पदंदे तुम कियो जगत पारी-चादिराय मुनिवर की हरीव्याधि सारी ॥१॥ मानतुंग मुनिवर के तोड़े राज बंध भारी-चढ़े सुदर्शन शूलीवरी मुकतिनारी ॥ १२ ॥ इत्यादिक भगवंत अनंती महिमा तुमधारीतीनलोक (त्रभुवन मैं घिदित कथा थारी ।।१३।। शेष सुरेश नरेश मुनीश्वर जावैं बलिहारी पावैं अखै अचलपद टरै विपतसारो ।।१४।। कहत नैन सुख आरति तुमरी करत हरन हारी-तारे जीव अनंते अबकै बार हमारी ॥१५॥ जय जय जिनवानी नमो नमो-त्रिभवन जनमानी नमो नमो गण धरने बखानी नमो नमो-जय जय ॥ टेक ॥ बीत रांग हिम गिरतें उछरी-गणधर गुरुवों के घट में पसरी-मोह महा चल दमो दमो जय ॥ १ ॥ जग जड़ता तप दूर करो सब-समतारल भरपूर करो अव-ज्ञान विषैलरमोरमो ॥ २ ॥ सप्ततत्व षट दरव पदारथखो दिये तो बिन मैं ये अकारथ, अब मेरे उर जमो जमो ॥ ३ ॥ जब लग शिव फल होय न प्रापत, चहुँ गति भ्रमण न होय समापत तबलों यह कृषि थमो थमो ॥ ४ ॥ शूकर सिंह नवल कपितारे, चील भील अरु फील उभारे, त्यों मेरे अघ क्षमो क्षमो ॥ ५ ॥ जै जग ज्योति सरस्वती प्यारी, हग सुख आरति करे तुम्हारी, अरतिहरो सुख समो समो ॥ ६ ॥ १५६ - रागनी कंझोटी । सारे जीवों को भय्या दया पालोरे, हेदया पालोरे अदया टालोरे- सारे ।। टेक ।। भय्या काया न खंडो न जिह्वा बिदारोंनाला मैं रस्से मती डालोरे ।। १ ।। भय्या आँखें न फोड़ो न त्यौरी चड़ाबो, कैडे वचन के न घाव घालांरे ॥ २ ॥ भय्या भोजन खिलाड़ो पिलादो जी पानी रोगी को औषध दे बैठालारे ॥ ३ ॥ ज्ञानी बनादो अज्ञानी को बीरन, करकै अभय सब के भय टालोरे ॥ ४ ॥ भय्या पालांगे अशा तो होगे नयन सुख सुनलो जिनेश्वर के मतवालोरें ॥ ५ ॥ अब तो घेतो पियग्वा चेतन चतुरप्यारे, मेडो अनादी ये भूल ॥ टेक ॥ हाथों सुमरमी कतरना बगल मैं, ये तो कुमतिया ऐसी बनाई जैसी होवे रजाई मैं शूल, थियारे प्यारे जैसी होवै रजाई मैं शूल, अब तो बेतो पिथरवा चेतन ॥ १ ॥ धारा दया पर पीड़ा विसारो, बोलो बचन खतवादी रहोजी डारो री के माथे मैं धूल ॥ २ ॥ मतना करो परनारी की बांछा लघुदीरभ सारी ऐसी गिनो जी जैसी माता बहन समतूळ ॥ ३॥ त्यागो परिग्रह की तृश्रा नयन सुख, भाषे सुमति मतराखै कुमति भाई बोधो न काटे बबूल । जनम मतखोवै-जनम मत खोवै अरे मतवारे ॥ टेक ॥ मत खोवै तू धरम रतन को, मत भवसिंधु डबोरी - १ कंचन भोजन धूर भरी मतरे, गज सज खात न ढोवै - २ मत चढ़ चक्र बरत हो खरपै अमृत से ना पग धोवै- ३ मत चोटै असि सहत लपेटी, मत शूली चढ़ सोवै - ४ मत मधुर्विदु विषय के कारण, मग में कांटे बोबै- ५ श्री अरहंत पंथ में परले. ज्यों नयनानंद होवै( १६२ ) ले लेरे सरन सेले श्री भगवान ।। टेक # खेत खेळ घनेरेलेरे पलान, सेले बांधे भेले कीये, पाप के सामान ॥ १ ॥ छोली तैं छाती के ले जीवन के प्राण, खोसेरेतैं परधन मोसे कंठ बेईसब ॥ २ ॥ देलेरे कुमारी अपने हाथों से तू दान, जावोगे अकेले उमलायेंगे मसाब ॥ ३ ॥ एलेरे तू दृग सुखदाई शिक्षा बुद्धिवान ले को न लेगा कोई, काया ये निदान ॥ ४ ॥ १६३ राग जंगला भंझोटी । अरे मन मान मेरो कही, तज पोप घेत सही, संसार में तेरो है क्यों मूढ़ पक्ष गद्दी । टेक ॥ है परमब्रह्म तुही सर्वज्ञ न मई, सम्यक्त बिन भया भ्रष्ट, तू चिरकाल विपति सही ॥१॥ प्रर्गादि विभव भई, तृना तऊन गई, तौ ओस सम नर भांगतैं यह ग जाय नहीं ॥ २ ॥ किन सीख तोहि दई, कर बमन फेर ही मत खाय चतुप सुजाम यह बहुवार भोगलई ॥ ३ ॥ समझमोत यही, तज भोग राख रही, कहै नैनसुख रहु विमुख नसे, सीख सुगुरु की कही ॥ ४ ॥ ९६४ - राग समंदर खम्माच की धुन । तेरी नबका लगी है सुधार किनारे, लागी मतना डबोत्रों जी ॥ टेक । हर कर्म भर्म घर परम धरम मिथ्यातकग्म से हाथ उठा, चिरकाल जगत में दुःख भरे जिस भांति बनै ले पिंड छुटा, भा भाब अनित्य अशर्ण सदा संसार हरट सा चलता है एकत्व दशा समझो अपनी वह तत्व क्यों नहि टलता है तुम अशुचि अंग के संग शुद्धता अपनी ना खोबोजी ॥ १ ॥ दे आभव बाट मैं संबर डाट प्रकाश महा बलकर्म खिपा, ये पुरुषा कार है कारागार तू कैद पड़ा है बाद सफा, है दुर्लभषोधं ले सोध ज़रारा जिन धर्म की प्रापति दुर्लभ है, ले तत्व अतत्व विचार हदै इस वक्त तुझे सब सुर्लभ है, तैं पाई नर पर जाय अगामी मत कांटे बोबो जी ॥ २ ॥ ये भोग भुजंग भयानक है क्रोधादि अगन जलती हैं, तुम जलते हो न सिंभलते हो ऐ यार बड़ी यह गलती है, जो इनको स्याग बर्से बन मैं वे मुक्ति बरांगन बरतें निर्वाण अचल सुख पाते हैं, वे जन्म मरण, दुख हरते हैं, तू भरले सम्यक दृष्टि नैन सुख जिन हित ओोबोजी ॥ ३ ॥ इति शुभम्
शाम की चाय के साथ समोसे, पकौड़े का स्वाद किसे नहीं भाता लेकिन ये वजन बढ़ाने का भी काम करता है। तो क्यों न कुछ ऐसा बनाएं जो स्वादिष्ट भी हो और हेल्दी भी। ऐसे में चना जोर गरम है बेस्ट। सामग्री : विधि : मीडियम आंच पर प्रेशर कुकर में काले चने और पानी डालकर दो सीटी आने तक पका लें। प्रेशर के निकलते ही कुकर से चना एक बाउल में निकाल लें और उन्हें पानी से धो लें। इसके बाद चने को बेलन से दबाते हुए चपटा करके प्लेट में रख लें। अब चने को धूप या पंखे की हवा में अच्छे से सुखा लें। इसके बाद मिक्सी में भुना जीरा, काला नमक, लाल मिर्च पाउडर, गरम मसाला पाउडर, अमचूर पाउडर और नमक डालकर पीस लें। अब कड़ाही में मीडियम आंच पर तेल गर्म करें। फिर इसमें सूखे चनों को डालकर डीप फ्राई कर लें और किसी छलनी में निकाल लें। इसके बाद इसमें पिसे हुए मसाले और नींबू का रस डालकर मिक्स कर लें और सर्व करें।
आप हैं - आधुनिक महिला, सेक्सी और कामुक खुशबू है, जो "वैलेंटिनो" परफ्यूम आप के लिए है। इटरनल सिटी की करामाती सुंदरता से प्रेरित होकर, डिजाइनरों मानवता के सुंदर आधे के लिए एक सौम्य और रोमांटिक इत्र बनाया। इस उत्पाद को पहले Puig (एक स्पेनिश कंपनी) के साथ संयोजन के रूप में जारी किया गया था। दुनिया छोड़ने के बाद प्रसिद्ध उस्ताद वैलेंटिनो प्रमुख ब्रांड डिजाइनरों इस खुशबू है, जो आदर्श नारीत्व की एक नई छवि का अवतार बन गया है के निर्माण पर काम किया है। सितंबर 2011 में, इतालवी फैशन हाउस «वैलेंटिनो» इत्र जनता के लिए प्रस्तुत किया। वे रोमांस से सम्बंधित मानते क्लासिक्स। भव्य लालित्य पूरी तरह से आधुनिक महिला की बोल्ड और साहसी चरित्र लक्षण के साथ संयुक्त है। एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में «वैलेंटिनो» इत्र गुजर, सूक्ष्म और मायावी औरत के तरीके के रूप में पेश किया गया। उनकी उपस्थिति - रहस्यमय और आकर्षक है, यह अप्रत्याशित है और यह अपनी शैली है कि में विशेषता है। ताकि पूरी तरह से जायके में इस विचार को लागू करने के लिए, प्रसिद्ध perfumers काम किया और आत्माओं "वैलेंटिनो", जहां नोटों पूर्व-पुष्प सुगंध पता लगाया जा सकता बनाया। उपयोग घटकों के हिस्से के रूप में कुशलता इटली, में इकट्ठे सफेद कवक, नारंगी खिलना और bergamot। वे अच्छी तरह से विरोधाभासी विद्रोही पारित करने में सक्षम थे, लेकिन एक ही समय में कोमल-रोमांटिक भावना है। स्पिरिट्स "वैलेंटिनो 'आदर्श अहंकारी और आत्मविश्वास से युवा महिलाओं। अप्रत्याशित बुनाई ताज़ा और वुडी साथ Calabrian bergamot के रसदार नोट, अल्बा चमकदार सफेद कवक की मिट्टी की रंगों। अति सुंदर और दुर्लभ मशरूम घटक के साथ नरम नोट दिखाई दे रहा। वहाँ भी एक अच्छा तार का पता लगाया बर्फीली सदाबहार चमेली सम्बक, नारंगी खिलना, रजनीगंधा मैक्सिकन, अद्भुत मिठाई स्ट्रॉबेरी की शरारती और सौम्य सुगंध साथ मिश्रित है। इसके अलावा, कुलीन आत्माओं "वैलेंटिनो" आप अंतिम समझौते में वर्जीनिया देवदार एम्बर वेनिला सेक्स के महान नोटों के साथ विस्मित करना होगा। अपने अस्तित्व के दौरान फैशन ब्रांड एक प्रतिष्ठा ठाठ और फैशन राजा के शेख द्वारा मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर से महिलाओं का समर्थन किया। कलाप्रवीण व्यक्ति कलाकार कपड़ों में कृतियों बनाया जैसे वह बनाया और उनके इत्र संग्रह। आज, अपने अनुयायियों परंपराओं गुरु द्वारा स्थापित से एक ही चरण नहीं छोड़ा था। "वैलेंटिनो" व्यापार घर के Aromas - यह हमेशा एक क्लासिक सुंदरता और बहुमुखी प्रतिभा, विनय परिष्कार और जीवन का एक शानदार तरीका है। असाधारण, अतुलनीय सेक्सी इत्र ब्रांड «बहुत वैलेंटिनो» मोहक स्त्रीत्व और उत्तम स्वाद मंत्रमुग्ध। Bergamot और मंदारिन, टैरागोन, स्वादिष्ट गुलाब, मैगनोलिया, चमेली और घाटी सूक्ष्म रंगों में लिली एक चौंकाने वाली खुशबू पैदा करते हैं। इत्र «रॉक 'एन ड्रीम्स» क्लासिक स्त्रीत्व और महान गुरु के प्रशंसकों के लिए बनाया गया था। वे परिष्कृत महिलाओं के लिए एकदम सही हैं। वैलेंटिनो अनोखी है, यह रूढ़िवादी और आधुनिक, और युवा हो सकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं के बाजार, जिसके लिए वह आड़ू, वेनिला, दालचीनी, लकड़ी, और विशेष परफ्यूम पदार्थों Miron के नोट (यह लोहबान और परितारिका से निकाला जाता है) के साथ एक इत्र बनाया के बारे में भूल नहीं की। उत्पाद «Rock` n रोज कोचर» - बहुत प्रतिरोधी सेक्सी इत्र, युवा महिलाओं को लक्षित। वे विद्रोह बर्बर जोर देना और एक पार्टी के बाद सुबह में भी आकर्षक बने हुए हैं। कामुक खुशबू, अमीर रंग और शानदार सामग्री के साथ बहुआयामी खुशबू रचना की एक बड़ी संख्या, पुरुषों की सुगंध की लाइन जारी है। यह इत्र एक आदमी आत्मविश्वास देता है, महिला दिलों की एक सफल और सम्मोहक विजेता की एक छवि बनाने।
इकट्ठा करने और उस पर कुछ खोज कार्य करने के लिए पढ़े-लिखे लोगों से निवेदन किया। उन्होंने इसे लेकर "साधना" पत्रिका में कई लेख लिखे। इसी समय वे खुद भी बांग्ला लोकोक्ति तथा लोकगीत संग्रह करने में जुट गए। चैतन्य लाइब्रेरी में 'महिलाओं की लोक कविताएं' नाम से एक लेख पढ़कर उन्होंने पढ़े-लिखे लोगों का ध्यान इस ओर खींचा। लोक साहित्य की खूबी और उसकी सहजता को उन्होंने लोगों के सामने उजागर किया । जमींदारी की देखभाल और कलकत्ता आते-जाते रहने के कारण रवीन्द्रनाथ अपनी थकान दूर करने के लिए शांतिनिकेतन के अपने दो मंजिले मकान में रहने चले गए। वहां कुछ दिन आराम करने के बाद वे कलकत्ता लौटे। उसके बाद वे "साधना" पत्रिका का काम देखने लगे। उसके अलावा उनका लेखन भी चलता रहा। "साधना" में उन्होंने काफी कहानियां और लेख लिखे । "पंचभूत की डायरी" भी लिखी। जमींदारी की देखभाल के साथ ही अपना व्यवसाय भी उन्होंने शुरू किया। जूट की खेती, गन्ना पेरने के लिए कोल्हू लगाने, भूसे की खरीद-फरोख्त आदि काम भी वे करने लगे। इसी बीच "चित्रा" कविता संग्रह की कई बेहतरीन कविताएं उन्होंने लिखीं। "उर्वशी", "विजयिनी", "स्वर्ग हड़ते विदाय" (स्वर्ग से विदा), "सिंधुपारे" (सिंधु पार में), कविताएं इन्हीं दिनों लिखी गईं। इसके अलावा उन्होंने अपनी कहानियों में जिस तरह आम लोगों के बारे में लिखा है, "चैताली" नामक कविता संग्रह में भी वैसा ही मिलता है। सन् 1897 में राजशाही जिले के नाटोर में महाराजा जगदिनेन्द्रनाथ राय के बुलावे पर बंगीय प्रादेशिक सम्मेलन का सालाना जलसा हुआ। उसमें कांग्रेस के जाने-माने प्रतिनिधियों के अलावा ठाकुरबाड़ी के काफी लोग, जैसे कि रवीन्द्रनाथ, अवनीन्द्रनाथ वगैरह भी शामिल हुए थे।
गुरुग्राम (हप्र) : कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठनों द्वारा आयोजित भारत बंद के कारण दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे पर भारी ट्रैफिक जाम लग गया। राजधानी दिल्ली की सीमा में प्रवेश से पहले लगे बैरिकेड्स के कारण धीमी हुई वाहनों की गति कई किलोमीटर लंबे ट्रैफिक जाम का कारण बन गई। 6 घंटे से भी अधिक समय तक लोग भयंकर जाम से जूझते रहे। सरहोल स्थित दिल्ली-गुरुग्राम बाॅर्डर पर दिल्ली पुलिस ने सीआरपीएफ के जवानों के साथ मिलकर नाकेबंदी कर रखी थी। सोमवार की सुबह से ही दिल्ली की सीमा में प्रविष्ठ होने से पहले ही प्रत्येक वाहन की गहन जांच की जा रही थी। पुलिस को आशंका थी कि किसान वाहनों के सवार होकर दिल्ली में दाखिल होने के बाद व्यवस्था को प्रभावित कर सकते हैं। बाॅर्डर पर बैरिकेडिंग के कारण दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे और सर्विस लेन मिलाकर 16 लेन में फर्राटे भरने वाले वाहन बैरिकेडिंग करके एक ही लेन से निकाले जाने के कारण एक ही स्थान पर वाहनों का दबाव बढ़ गया। बाॅर्डर से शुरू हुआ ट्रैफिक जाम का सिलसिला शंकर चैक व उद्योग विहार तक पहुंच गया। एक्सप्रेस-वे पर दौड़ने वाले हजारों वाहन भारी जाम में फंस गए। लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जबकि गुरुग्राम की सीमा में प्रवेश करने वाले वाहनों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होने के कारण इस ओर वाहन सामान्य दिनों की तरह फर्राटे भरते नजर आए। इसी तरह, कापसहेड़ा बाॅर्डर व एमजी रोड स्थित आया नगर बाॅर्डर के साथ-साथ केएमपी पर भी पुलिस की कड़ी निगरानी रही। वहीं, भारत बंद का असर गुरुग्राम की सामान्य दिनचर्या पर बेशक दिखाई नहीं दिया लेकिन दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेस-वे किसानों की बिना मौजूदगी के ही घंटों जाम रहा। इस दौरान किसान संगठनों का न तो कोई प्रतिनिधि इस एक्सप्रेस-वे पर पहुंचा और न ही किसी ने इसे जाम करने का प्रयास किया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सोमवार को किसानों द्वारा भारत बंद के दौरान रेल मार्ग को अवरूद्व कर दिया। इससे सोनीपत रेलवे स्टेशन पर कोच्चि-चंडीगढ़ एक्सप्रेस व एक मालगाड़ी घंटों खड़ी रही। रेलमार्ग अवरूद्व होने के कारण इसके अलावा 8 ट्रेनें रद्द करनी पड़ी और 12 टे्रन अपने निर्धारित समय से 7 घंटे से ज्यादा समय से देरी से चली। जिसकी वजह से सैकडों यात्री दिनभर सोनीपत रेलवे स्टेशन पर ही फंसे रहे।
ऑटो एक्सपो 2018 : देखें महिन्द्रा की फ्यूचर कार (देखें वीडियो) नई दिल्ली। ऑटो एक्सपो में भविष्य की कारों को प्रदर्शित किया जा रहा है। हर बड़ी कार कंपनियों के पैवेलियन में कॉन्सेप्ट और फ्यूचर की कारें प्रदर्शित किया जा रहा है। महिन्द्रा ने अपने पैवेलियन में इन कारों की झलक दिखाई। महिंद्रा ने भी 'क्लीन, कनेक्टेड और कन्वीनिएंट' थीम पर भविष्य की कारों की झलक दिखाई है। महिंद्रा ने एटम के नाम से एक अर्बन मोबिलिटी सलूशन पेश किया गया। यूडो नाम से लास्ट माइल कनेक्टिविटी के लिए एक इलेक्ट्रिक पॉड भी दिखाया।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा और शिवसेना सैद्धांतिक रूप से हिंदूवादी हैं. और हम स्वभाविक सहयोगी हैं. जनभावना का आदर करने के लिए दोनों पार्टियां साथ आई हैं. महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के बीच गठबंधन का एलान हो गया है. राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान इसका एलान किया. इस मौके पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "भाजपा और शिवसेना सैद्धांतिक रूप से हिंदूवादी हैं. और हम स्वभाविक सहयोगी हैं. जनभावना का आदर करने के लिए दोनों पार्टियां साथ आई हैं. " देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा किया है कि भाजपा लोकसभा में 25 सीटों पर और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा और शिवसेना का गठबंधन पिछले 25 वर्षों से चला आ रहा है. किसी कारण से हम दोनों का गठबंधन 2014 में नहीं हो पाया था. उन्होंने ये भी कहा कि शिवसेना और भाजपा विधानसभा का चुनाव भी साथ लड़ेगी. विधानसभा चुनाव में बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा मुख्यमंत्री द्वारा हुई है. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि भाजपा शिवसेना के राम मंदिर की मांग के साथ है. और हम चाहते हैं कि राम मंदिर बने. उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना से राज्य को 12 हजार करोड़ रुपये मिले जिसके कारण किसानों की स्थिति में सुधार हुआ है. उद्धव ठाकरे ने भी इस योजना की तारीफ की है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि पिछले कुछ समय से हमारे बीच जो कुछ हुआ हम उसे भूलकर आगे बढ़ेंगे और एक नई शुरुआत करेंगे. इस मौके पर अमित शाह ने कहा कि भाजपा और शिवसेना सांस्कृतिक राष्ट्रवाद, राम मंदिर और तमाम मुद्दों पर एक ही राय रखती है. उन्होंने इस मौके पर अपनी राज्य की सरकार के तारीफों के पूल बांधे.
जौनपुर। नगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि डॉ रामसूरत मौर्य ने सिटी स्टेशन के पास स्थित श्री चित्रगुप्त कॉलोनी, टीचर कॉलोनी,मौर्य कॉलोनी, दक्षिणा काली मंदिर के आस पास साफ सफाई अभियान का औचक निरीक्षण किया जहाँ श्री चित्रगुप्त कॉलोनी में जलभराव मौर्य कॉलोनी में नाली जाम व दक्षिणा काली मंदिर के पास खड़ंजा न होने पर लोगो को परेशानी को देखा व संबंधित अधिकारियों को तुरंत कार्यवाही कर जनता की समस्याओं को दूर करने का आदेश दिया। कॉलोनी वासियों ने नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के प्रतिनिधि को,सड़क व नाली की समस्याओं का प्रार्थना पत्र भी दिया और भाजपा नेता व प्रतिनिधि डॉ रामसूरत मौर्य ने कहा कि मोदी सरकार व योगी सरकार व नगर पालिका परिषद सरकार ये ट्रिपल इंजन की सरकार जनता की समस्याओं को दूर करने के लिए कटिबद्ध हैं। नगर पालिका प्रशासन नगर क्षेत्र के विकास के लिए तत्पर है शीघ्र ही बारिश बाद बड़े पैमाने पर विकास कार्य शुरू हो जायेगा। इस अवसर पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राजेश श्रीवास्तव बच्चा भइया, वन्देश सिंह, मनोज श्रीवास्तव, दयाल सरन श्रीवास्तव, बजरंग प्रसाद श्रीवास्तव, भाजपा नेता महेंद्र गुप्ता, बबलू श्रीवास्तव, राजेश किशोर, अनुपम कुमार, वि·ा प्रकाश दीपक,संतोष निगम,रूद्र प्रताप सिंह पप्पू सिंह, सुरेंद्र सिंह,भानु, दीपक पाण्डेय, मनीष सोनकर, मुना सिंह, संजय मौर्य, संगम मौर्य, शिवम सिंह, आदित्य मौर्य व अखिलेश चौरसिया सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
दिलेर समाचार, हैदराबाद : वरिष्ठ कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने देश में तीसरे मोर्चे के अस्तित्व पर संदेह जताते हुए कहा की उनकी पार्टी की अगुवाई में बना" महागठबंधन" ही भाजपा के नेतृत्व वाले राजग का प्रभावी रूप से मुकाबला कर सकता है. ऐसी खबरें हैं कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तेलंगाना में अपने समकक्ष के चंद्रशेखर राव के साथ मिल कर गैर भाजपा, गैर कांग्रेसी तीसरे मोर्चे के गठन का प्रयास कर रही हैं. मोइली ने इस पर कहा कि कांग्रेस के बगैर भाजपा के" विकल्प" की बात नहीं की जा सकती. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पीटीआई से कहा, " यह( तीसरा मोर्चा) मृत पैदा हुए बच्चे के समान होगा. कांग्रेस के बिना आप किसी विकल्प के बारे में नहीं सोच सकते हैं. " मोइली ने कहा, " काग्रेस को( गैर भाजपा महागठबंधन का) नेतृत्व करना पड़ेगा.
४. सत्य और प्रिय वाणीसे, दान देनेसे, दया करनेसे, इन्द्रियों और मनका निग्रह करनेसे, दूसरेको मान देनेसे और हरिका भजन करने से चित्त प्रसन्न होता है, अतएव इन सबका आचरण करो । ५. किसीका अपमान करनेसे चित्त अप्रसन्न रहता है, इसलिये उसका त्याग करो । ६. गरिष्ठ पदार्थ विशेषरूप में खानेसे चित्त खिन्न होता है, इसलिये उनका त्याग करो । ७. बेकार बोलनेसे, व्यर्थ वाद-विवाद करनेसे, किसीके साथ वैर करनेसे, किसीका अहित करनेसे, चोरी, दुराचार, झूठ, दुर्व्यसन और दुर्जनका सङ्ग करनेसे चित्त अप्रसन्न रहता है, इसलिये इसका त्याग करना चाहिये । ८. उद्यमहीन रहनेसे, स्त्रीका विशेष सहवास करनेसे और विशेष प्रसङ्ग या आवश्यकताके बिना दूसरेका अन्न खानेसे चित्त अप्रसन्न रहता है, इसलिये उसका त्याग करो । ८० - शरीर में क्रियामात्रका करनेवाला, सारे अनुभवोंका करनेवाला, एक शरीरको छोड़कर दूसरे शरीर में जानेवाला चित्त ही है । इस चित्तमें तीन गुण हैं । चाहे चींटीका शरीर हो या देवताका, प्रत्येक शरीरधारीके चित्तमें तीन गुण बसे होते हैं। न्यूनाधिक हो सकते हैं । तीन गुण हैं - सत्त्व, रज और तम । तमोगुणप्रधान चित्तको आलस्य, तन्द्रा, अज्ञान, क्रोध आदि होते हैं । रजोगुणप्रधान चित्त कर्ममें रचा-पचा रहता है और सत्त्वगुणप्रधान चित्तमें सुख, शान्ति और ज्ञान आदि प्रकट होते हैं । चित्तमें रहनेवाले ये तीनों गुण कम-ज्यादा हो सकते हैं। रजोगुणके सेवन से तमोगुण कम होता है । सत्त्वगुणके सेवन से रजोगुण कम होता है । और सत्त्वगुण निष्कामभावके आचरणसे कम होकर निर्गुणताको प्राप्त होता है। अतएव सुख, शान्ति और ज्ञान तथा इनके द्वारा मोक्षकी इच्छा रखनेवालेको चाहिये कि सात्त्विकता को बढ़ाने वाली वस्तुओंका सेवन करे । सत्त्वगुणके बढ़ानेवाले ही आहार और संसर्गका सेवन करे । निष्काम भक्ति और सत्सङ्ग सत्त्वगुणको बढ़ाकर अन्तमें निर्गुण बनाकर मोक्ष प्रदान करते हैं । तमोगुण और रजोगुणको दबाकर चित्तमें सत्त्वगुणकी वृद्धि किये बिना, सात्त्विक नियमित आहार-विहार और सत्सङ्गके बिना, परमात्मा की निष्काम भक्ति किये बिना, सत्य, तप, दया और दानका सेवन किये बिना एवं मन तथा इन्द्रियोंका निग्रह किये बिना परमपदकी प्राप्ति नहीं होगी। ८१ - चित्तको जगत्मेंसे खींचकर परमात्मामें लगानेका नाम योग है। योगका अभ्यास करनेवालेका आहार नियमित होना चाहिये, सात्त्विक होना चाहिये । जिससे चित्तमें विक्षेप हो, वैसा आहार नहीं करना चाहिये । अधिक आहार तथा रजोगुणी और तमोगुणी आहारसे चित्तमें विक्षेप होता है, अतएव उनका त्याग करना चाहिये। ऐसा भूखा भी नहीं रहे कि चित्त भूखमें ही लगा रहे और विक्षिप्त रहे । काम भी वैसा ही और उतना ही करे जितना उकताये बिना प्रसन्न चित्तसे हो जाय । बहुत जागरण भी न करे । बहुत नींद भी न ले । विशेष सोनेसे तमोगुण बढ़ता है और चित्त अप्रसन्न होता है, बहुत जागरण करनेसे भी चित्त विक्षेपको प्राप्त होता । अतएव दुःखका नाश करनेवाली भगवत्प्राप्तिके योगकी साधना करनेवालेको चाहिये कि चित्तपर दृष्टि रक्खे और जिसमें चित्त सदा प्रसन्न रहे उसी हिसाबसे सारी क्रियाएँ करे । ८२ - तुमको लोग प्रमुख बनावें, मान प्रदान करें, तुम्हें राजामहाराजाकी ओरसे मान मिले और खिताब मिले, लोगोंमें तुम्हारी वाहवाही हो । सत्र यह कहें कि 'आप हमें ज्ञान दीजिये, हमें मार्ग दिखाइये, हमारी सँभाल रखिये हम आपसे सनाथ हो गये हैं, आपके बिना हमारी कोई गति नहीं है ।" तुमको फूलोंकी माला पहनायी जाय, लोग तुम्हारा पैर छुएँ, तुम्हें भगवान्-जैसा या भगवान् ही समझें, - यह सब हो तो इससे फूल मत जाना । यह सारा आकर्षण तुम्हारे पतनके लिये है। तुम तो भगवान्के नियुक्त किये हुए उनके नौकर हो । यश मिले तो वह उसका है । तुम्हारे हृदय में बैठा हुआ जो तुम्हें प्रेरित करता है और कार्य करने की शक्ति प्रदान करता है, वही दूसरेमें है । तुम अपनेमें दूसरेसे कोई विशेषता मान लोगे तो वही तुम्हारा पतन है । जैसे तुम्हारा शरीर पञ्चभूतोंका है, उसी प्रकार दूसरोंका भी है। जिस प्रकार तुम्हारा आत्मा भगवत्-स्वरूप है उसी प्रकार सबका है । तुममें यदि कोई विशेषता दीख पड़ती है, तो वह चित्तकी निर्मलताको लेकर है । वह निर्मलता तो भगवान्की दयासे भगवान्की प्रसादी है । भगवान्की दी हुई है । दूसरे लोग मान दें तो उससे फूल मत जाओ। जिसके लिये वे मान देते हैं वह बुद्धिकी शक्ति, शरीरकी शक्ति या लक्ष्मी अथवा वैभव - चाहे जो कुछ हो सत्र भगवान् के दिये हुए हैं। भगवान् के ही हैं । इसलिये उनको अपना समझकर हर्षाओ मत और फूलो मत । तुम और तुम्हारा सब कुछ भगवान्का है, यह बात न भूलो। और तुम्हें भगवान्सत्सङ्ग-माला को प्राप्त करना है, इसलिये उनके मार्गको न भूलो । बीचमें रह जानेके लिये अनेकों प्रलोभन और दयाके पात्र मिलेंगे; परन्तु वे सब भरमानेवाले हैं, इसलिये स्थिर चित्तसे भगवान् की ओर बढ़े जाओ ! रुको मत । प्रमाद मत करो, गर्व मत करो और भगवान्को न भूलो ! ८३ - आशीर्वाद के द्वारा यदि कोई धन, सम्पत्ति, ऐश्वर्य, राज्य, लक्ष्मी, पुत्र, स्त्री या जगत्की किसी दूसरी वस्तुको प्रदान करनेको कहता हो तो उसको तुम वड़ा न मानो । ये सारी वस्तुएँ जगत्की माया हैं। यदि कोई स्थलके समान ही जलके ऊपर चल सके तो उसे तुम बड़ा न मानो । जो आकाशमें मनकी गतिसे उड़ सकें तो उसको बड़ा न मानो । जो जमीनमें दीर्घकालतक गड़ा रह सके, उसको बड़ा न मानो । जो विष खा ले और मरे नहीं, उसको बड़ा न मानो । जो आगमें चले और जले नहीं, उसको बड़ा नहीं मानो । जिसे काट डालो और वह जीवित हो जाय, उसे बड़ा न मानो । जो बहुत खा सके या जो बहुत दिनोंतक अनशन कर सके, उसको तुम बड़ा न मानो । जो मुर्देको जिला दे, जीवितको मुर्दा बना दे, जो यह तथा इससे अधिक चमत्कार करे, उसे तुम बड़ा न मानो । कुंकुम निकाले, पैसा निकाले, वर्षा बरसावे, अकाल डाले और इसी प्रकारके अनेक पाखण्ड कर सके, यदि ऐसा आदमी हो तो उसे बड़ा न मानो । ये सारे तन्त्र-मन्त्र, ओषधि, उपासना, योग और क्रिया के द्वारा साध्य हैं । मायाके विलास हैं और इन सबका प्रदर्शन करनेवाला वासनाका दास कोई पामर होता है । कोई धनके, कोई यशके, कोई भोगके, तो कोई बड़पनके तथा कोई दूसरी किसी इच्छाके दास होते हैं । बड़ा तो वह है कि जिसने आशा और इच्छामात्रका त्याग कर दिया है, जिसने मन और इन्द्रियोंको वश में कर लिया है, जिसने जगत्से मनको मोड़कर उसको नित्य भगवान्में जोड़ दिया है, जिसने काम और क्रोधका त्याग कर दिया है, जिसका मन सदा शान्त और प्रसन्न रहता है, जिसका मन प्राणिमात्र के प्रति प्रेमवाला होता है, जो प्राणिमात्रको भगवत्स्वरूप जानकर उस हिसाबसे वर्तता है, जो तमाम सचराचरको भगवान्में और भगवान्को सचराचरमें देखता है । जिसने अपने आत्माको भगवान् के रूप में पहचाना है, जिसका कोई वैरी नहीं है, जो प्राणिमात्रका हितैषी मित्र है और जिसका मन सदा भगवान्में रमता है । अतएत्र मायामें, सिद्धिमें, चमत्कारमें न फँसो । भगवान्में मनको पिरो दो, भगवान्में लीन हो जाओ । ८४ - संसारके प्राणी या पदार्थोंका सेवन करनेसे जीवको आनन्द नहीं होता । जिस प्रकार काठका बनावटी पक्का आम दूरसे सच्चे पक्के आमके जैसा दिखलायी देता है, परंतु अनुभव करनेपर वह मिथ्या सिद्ध होता है, क्योंकि वह खानेमें नहीं आता, उसमें रस नहीं होता, उसी प्रकार जगत् के प्राणी या पदार्थों का सेवन करनेपर उससे जीवको आनन्द नहीं होता । जो नाशवान् है, विकारी है और जिसके सेवनसे जीत्रको आनन्द नहीं होता, वह मिथ्या है । जीवको विषय - भोगसे आरम्भमें हर्ष होता है, पर परिणाममें चिन्ता, ग्लानि, श्रम और दुःख ही होता है, इसी प्रकार तमाम जगत्के प्राणी और पदार्थके सेवन से होता है, इसलिये वह त्याज्य है । आनन्द है परमात्मामें; जीवको भूख है आनन्दकी । वह जगत्में भटकता है आनन्दके लिये, परंतु उसे मिलता है आनन्दके बदले दुःख । परमात्माको शरण लिये बिना, परमात्मामें मनको लीन किये बिना, जीत्रकी आनन्दकी भूख कोटि-कोटि उपायोंसे भी मिटनेवाली नहीं है । ८५ - तुम अपना इष्टदेव निश्चित कर लो । परमात्मा तो एक है; व्यापक है; परंतु उसके सगुण स्वरूप भक्तकी रुचिके अनुसार अनेक हैं। जिसको जिसमें जिस सगुण स्वरूप में विशेष प्रेम हो उसको उसीके नामका जप करना चाहिये और उसीकी मूर्तिका ध्यान करना चाहिये । जप नित्य नियमितरूपसे करे । जपको बारंबार बदले नहीं । जिस एक जपको निश्चित कर ले, उसीको प्रतिदिन जपे । यदि किसी समय दूसरे नाम भी जपे जायँ तो कोई हानि नहीं । जैसे कि तुमने श्रीकृष्णको अपना इष्टदेव निश्चित कर लिया, और 'श्रीकृष्णः शरणं मम' - इस मन्त्रको निश्चित कर लिया । तब इसके जपकी माला तुम्हें रोज फेरनी चाहिये । और श्रीकृष्णकी पूजा-अर्चना और ध्यान आदि करते हुए भी शङ्कर, गणेश, देवी, हनुमान्, सूर्य या दूसरे जो भी कोई देवी-देवता हों, उनके नाम भी प्रसङ्ग आनेपर प्रेमसे लेने चाहिये और उन सभी देवीदेवताओंको प्रेमसे प्रणाम करना चाहिये । जो परमात्मा श्रीकृष्णके रूपमें हैं वही शङ्कर, गणेश आदिमें भी व्यापक हैं । मूर्ति तो आधार है, शेष पूज्य और प्राप्त करने की वस्तु तो मूर्तिमें व्यापक भगवान् है। साधक जैसे-जैसे निष्कामभावसे जप करता है, जैसे-जैसे मूर्तिका पूजन, ध्यान आदि निष्कामभावसे करता है, वैसे-वैसे उसके राग-द्वेष, काम-क्रोध आदि धीरे-धीरे अपने आप मिट जाते हैं। साधक तो लगा रहे । पहले तो जप-ध्यानसे पूर्वके पाप नाशको प्राप्त होते । पश्चात् उस जप-ध्यानके प्रभावसे राग-द्वेष, काम-क्रोध आदि मल नाश हो जाते हैं; इसलिये भाई ! लगे रहो, श्रद्धापूर्वक लगे रहो । भलीभाँति नित्य नियमित जप करो । गृहस्थाश्रमी प्रतिदिन । छः घंटा जप करे तो अच्छा जप करनेवाला कहलायगा और जिसको आजीविकाकी चिन्ता नहीं, वैसे साधु-संन्यासी आदि प्रतिदिन बारह घंटा जप-ध्यान करें तो वह अच्छा जप कहला सकता है। जिस किसीको अपने जपकी बात कहनेसे सुननेवाला उस जपके प्रति अश्रद्धा उत्पन्न करता है, और मनको जपसे डिगाता है । जप भगवान्के किसी भी नामका हो उससे तुम्हारा कल्याण होगा ही यह निश्चय मानो । श्रद्धा और भाव फल प्रदान करेंगे । इसलिये कमर कसकर लग जाओ । किये बिना मिलता नहीं । खाये बिना भूख मिटती नहीं । चले बिना गाँव आता नहीं । इसी प्रकार भजन किये बिना भगवान् नहीं मिलते । ८६-सङ्गसे प्रीति होती है । सङ्गमें रहे और उसके प्रति राग न हो यह सम्भव नहीं । मायिक पदार्थका सङ्ग करोगे तो उसमें राग होगा और उससे दुःख होगा । अतएव तुम गृहस्थाश्रमी हो या साधु, पर जगत्के प्राणी और पदार्थोंका, मायिक लोगोंका सङ्ग न करो, अथवा उतना ही करो जितना आवश्यक हो । सङ्ग तुम्हारे मनको उसके प्रति आकर्षण करके विह्वल बनाता है । तुम समझते हो कि माया क्या करेगी ? मायाके बीच में रहकर यह कहना कि 'मैं मायाको जीत लूँगा' तुम्हारी भूल है - मिथ्या बकवाद है । तुम्हें एक दृष्टान्त बताता हूँ । एक स्त्री है । थोड़ी देरतक तुम उसके अङ्गप्रत्यङ्गको देखो । थोड़े ही समयमें राग उत्पन्न हो जायगा और धीरे-धीरे तुम्हारा मन उसकी कामना करने लगेगा । ऐसी ही सबकी बात है; इसलिये जगत् में सुखकी कामना रखनेवालों को जहाँतक बने, एकान्त-सेवन करना चाहिये । कभी प्रसङ्ग आ जाय तो उसके लिये जितना आवश्यक हो, बस उतना-सा ही जगत्का सङ्ग करे । जिस प्रकार किसी गंदी जगहपर जाते समय हम नाकपर कपड़ा डालकर जल्दीसे वहाँसे निकल जाते हैं, जैसे किसी काजल या कच्चे रंगकी कोठरीमें जानेपर दाग न लग जाय, इसका ध्यान रखकर सावधानीसे कपड़ेकी ओर नजर रखकर चलते हैं, उसी प्रकार जगत् के मायिक प्राणी और पदार्थोंके सङ्ग में ईश्वरकी ओर दृष्टि रखकर, ईश्वरकी शरण लेकर उनका जितना सङ्ग आवश्यक हो, बस, उतना ही बहुत सावधानीसे करना चाहिये । नहीं तो समझ लो कि अधःपात हो गया । तुम परस्त्रीके सङ्ग गाते हो, नाचते हो, कूदते हो, एकान्त में बातें करते हो, सोते-बैठते हो - अरे मूर्ख ! यह तुम्हारे कल्याणके विनाशका मार्ग है । तुम समझते हो कि इससे तुम्हारा क्या होता है ? अरे मूर्ख ! तुम्हारी अपेक्षा अनेकों गुना अधिक शक्तिवाले मायाके मोहसे मार्गभ्रष्ट होकर धूलमें मिल गये । फिर तुम्हारी क्या गिनती ? मायिक पदार्थों में एक विशेषता यह है कि जैसे ही प्रेमसे तुमने उनकी ओर देखा या सुना कि तुम फँसे और फँसनेपर धीरेधीरे ऐसे गहरे गढ़े में गिरोगे कि जहाँसे निकलना बहुत ही कठिन होगा । माया और मायाके पदार्थ दोनोंहीसे डरकर चलो । उनसे बचनेके लिये ईश्वरकी शरण लो। तुममें, तुम्हारी बुद्धिमें कोई विशेष शक्ति नहीं कि जो तुम्हें मायासे बचा दे । यदि तुममें शक्ति है तो वह भगवान्की दी हुई है । भगवान्की शक्तिसे तुम मायासे अलग रहकर भगवान्को पा सकोगे । इसलिये सर्वभावसे भगवान्की शरण लो, अपनी शक्तिके मिथ्या अभिमानको तुम छोड़ दो। अपने मनको भगवान्में लगाओ । अपनी बुद्धि भगवान्को सौंप दो । भगवान् दीनदयालु हैं, वे तुम्हारा उद्धार करेंगे । ८७ - शरीरकी सारी क्रियाओंका कर्ता तो मन ही है न ? इस चित्तमें जैसे संस्कार और जैसी प्राणशक्ति होती है, उसी हिसाबसे क्रिया होती है । बराबर विचार कर देखो । ये संस्कार दो प्रकार के होते हैं - एक 'द्रव्य-संस्कार' और दूसरा 'भाव-संस्कार' । खानपानके द्वारा जो संस्कार उत्पन्न होकर चित्तको प्रभावित करते हैं वह 'द्रव्य-संस्कार' है । और इन्द्रियोंके तथा मनके अनुभवद्वारा चित्तमें जो संस्कारभावना जाग्रत् होती है वह 'भाव-संस्कार' है. मनुष्य चाहे कितना ही शान्त या चतुर हो, पर उसको कड़ी भाँग या शराब पिला दिया जाय तो उसके द्रव्यसंस्कारका मनपर असर होते ही वह मनुष्य चाहे जैसे बकने लगेगा और विपरीत आचरण करने लगेगा । उसी प्रकार यदि कोई बुरे संस्कारवाला, मन्द आचरणवाला, व्यसनी और दुर्गुणसे भरा मनुष्य हो और उसके सहबासमें अच्छा आदमी बहुधा आवे तो उस दुर्गुणीके सहवाससे अच्छे आदमी के चित्तपर बुरा असर पड़ेगा और उसका जीवन बदल जायगा । मतलब यह है कि खान-पान आदिसे और सङ्गसे मनुष्यके मनके ऊपर विशेष असर पड़ता है और इस असरसे पूरा मनुष्य बदल जाता है । अतएव मुमुक्षुको चाहिये कि पदार्थोंपर विशेष ध्यान रक्खे । ऐसे पदार्थ खाने-पीने जिससे चित्त सदा शान्त स्थिति में अपनी जगहपर रहकर सारा काम करे । आत्मारूपी कल्पवृक्षकी छाया में रहकर चित्त काम करता है तो उसकी अवस्था शान्त और समाहित होती है और उसमें वह सदा सुख और आनन्दका अनुभव करता है । खान-पानकी वस्तुओंके ऊपरी गुण-दोषके उपरान्त उन वस्तुओंका धर्मसे या अधर्मसे, प्रेमसे या तिरस्कारसे किसी प्रकार उपभोग किया जाता है, उसका भी संस्कार चित्तपर प्रभाव डालता है । इसलिये भाई ! पहले तो तुम्हारे खान-पान के पदार्थ सात्त्विक और चित्तको शान्त रखनेवाले होने चाहिये और फिर वे धर्मसे प्राप्त और शान्त तथा प्रेमी हृदयवाले के द्वारा तैयार किये हुए होने चाहिये । साथ ही शान्त अवस्थामें भोजन किया जाना चाहिये । इससे तुम्हारा चित्त शान्त रहेगा । कहा जाता है कि जीवको सारे जीवनमें चित्तकी शान्ति ही एक ऐसी वस्तु है, जिसे प्राप्त करना है । दूसरी रही परायेके सहवाससे पड़े हुए चित्तपर बुरे संस्कार । इसके लिये बहुत ही सावधान रहना चाहिये किसी सम्प्रदायमें दूसरेके - परायेके स्पर्शसे स्नान करना पड़ता है । वह सम्प्रदायवाला देहके स्पर्शको स्पर्श मानता है और देहको स्नान कराता है । यह बहुत ही साधारण बात है । विशेष आवश्यक यह है कि नित्य अपने समाहित चित्तको अछूता रखना चाहिये । दूसरेकी मलिनता उसका स्पर्श न करने पाये । अपना चित्त सदा शान्त, निर्मल और समाहित रहे । संसारमें रहते हुए, व्यवहार करते हुए, बहुतोंके संसर्गमें आते हुए अपना चित्त दूसरोंके विजातीय संस्कारोंसे अपवित्र तो नहीं हो रहा है, इसका ध्यान रक्खे। दूसरोंकी अपवित्रतासे उसमें रजोगुण, तमोगुणके संस्कार प्रवेश करते हैं। अपने चित्तको आत्माकी छायासे बाहर खींचकर अनेक विपत्तियोंमें डालना है । इसलिये विजातीय खानपानसे तथा विजातीय संस्कारवाले जीवोंसे अपना चित्त अपवित्र न हो, इसपर विशेष ध्यान रक्खो । और अपवित्र हो तो स्नान कर लो । इस स्नानमें चित्तको स्नान कराना होता है । भगवान्के नामका एकाग्रचित्तसे कम-से-कम तीन घंटेतक जप, प्रार्थना और निर्विचारअवस्थामें बैठकर चित्तको भगवान्में लगाना, यही चित्तका स्नान है । सारांश यह है कि चित्तको भगवानुरूपी निर्मल सरोवर में डुबकियाँ लगाना, उसमें डुबो देना ही चित्तका स्नान है । चित्तकी सहज अवस्था निर्मल अवस्था है। उसमें खान-पान के संसर्गसे संस्कार पड़ता है और उससे वह मलिन होता है । यह मलिनता भगवत्सरोवर में स्नान करनेसे मिटती है । इस अभ्यासके करनेवालेको चाहिये कि वह नित्य चित्तपर दृष्टि रक्खे । यह 'अस्पर्य योग' कहलाता है । चित्तके ऊपर परमात्माका ही संस्कार पड़े, दूसरा कोई मलिन संस्कार न पड़े, इसका ध्यान रखना पड़ता है। जगत् में जो तुम्हारे सम्पर्कमें आवेगा, वह अपने संस्कार तुम्हारे चित्तपर डालनेका सहज प्रयत्न करेगा। इसमें जिसके संस्कार बलवान् होंगे, वह दूसरेपर असर डालेगा । इस प्रकार एक चित्तका दूसरे चित्तको अपने संस्कार के अनुसार बनानेका काम हमारे अनजाने, जगत् में सतत चला करता है । इसे 'चित्तयुद्ध' कहते हैं। हारा हुआ चित्त दूसरे जीते हुए चित्तकी अधीनता स्वीकार करके उसके संस्कारको ग्रहण करता है । इस प्रकार जगदूपी सागरमें अनेक चित्तोंका युद्ध चला ही करता है । अनेकों चित्त स० माला ५ कामना और जन्म-मरण आदिके भँवरमें गोता खाया करते हैं । जो चित्त दुर्गका आश्रय लिये बिना, दृढ़ स्थिर आश्रयके बिना युद्ध करता है, वह शीघ्र ही हार जाता है और इधर-उधर दौड़-भाग किया करता है; परंतु जिसके चित्तको स्थायी आश्रय, आधार होता है, वह जमकर खड़ा रहता है । इस जगत् में स्थिर स्थायी तो एक भगवान् हैं, उनके सिवा सब कुछ अस्थिर है । अतएव चित्तको भगवान्के आश्रयमें रखकर जगत्के अनेकों चित्तके मलिन संस्कार न पड़ने दे और उसे सदा भगवान्में डुबाये रक्खे । भगवत्-रूपी जलसे उसे नित्य स्नान कराता रहेगा तो चित्त निर्मल रहेगा । भगवान्में चित्तको जोड़नेका नाम 'योग' है । भगवान्में चित्तको रोककर रखना 'भक्ति' है । कोटि-कोटि जन्म के प्रयाससे यही साधना करनी है कि जिससे चित्त संसारकी कामना छोड़कर भगवान्में लीन हो जाय । भगवान्में जब चित्त सदाके लिये लीन हो जाता है, तत्र उसका नाम मुक्ति है । चित्तको दूसरोंके चित्तके मलिन संसर्गमें रखनेसे वैसी ही कामना जाग्रत् होती है । जिस चित्तमें जगत् के सुखकी इच्छा हो, उसे मलिन जानना चाहिये और जिस चित्तमें भगवान्के लिये तड़प हो, उसे निर्मल जानना चाहिये । ऐसा समझकर ही मलिन चित्तवालेसे संसर्ग करे और जितना संसर्ग हो, उसी हिसाबसे चित्तको भगवत्-सरोवरमें स्नान कराकर शुद्ध कर ले, यही सच्ची शुचिता है । इसे 'अस्पदर्य योग' कहते हैं। मनमें राग-द्वेष स्फुरित हो और कामनाएँ जागें तो तुरंत भंगवन्नाम के जप, ध्यान आदिके द्वारा भगवत्-जलमें मनको स्नान कराकर शुद्ध कर ले । चित्तको निर्विकार रखना भी सत्सङ्ग-मालाचित्त-स्नान है । इस प्रकार निर्विचार न रहे तो मुखसे भगवान्के नामका जप करे और चित्तमें अन्य कोई विचार न आने देकर भगवान् का ध्यान करे, इसे भी चित्त-स्नान कहते हैं । जिस प्रकार प्रतिदिन दातुन करना, शौच जाना, स्नान करना और खाना आदि आवश्यक है, उसी प्रकार प्रतिदिन चित्त-स्नान भी आवश्यक है T बहुत सावधान रहनेपर भी चित्तमें मलिनता आ ही जाती है । अतएव प्रतिदिन भगवान् का नाम-जप करते हुए संकल्परहित होकर चित्तं-स्नान करना चाहिये । ८८-शरीर ( स्थूल ) तो जड है, विकारी है, नाशवान् और आत्मा चेतनस्वरूप, सदा निर्विकार, नित्य और अविनाशी है; फिर यह संसारका गड़बड़झाला किसको लेकर है ? - चित्तको लेकर । चींटीसे लेकर ब्रह्मातक सब शरीरोंके चित्त त्रिगुणमय होते हैं। उनमें किसीमें सत्त्वगुण अधिक, किसीमें रजोगुण अधिक और किसीमें तमोगुण अधिक होता है। पर ऐसा कोई चित्त नहीं जिसमें गुण न हो । इन तीन गुणोंवाले जीवोंके कल्याणके लिये तीन श्रेयके मार्ग शास्त्रोंमें बतलाये गये हैं - कर्ममार्ग, उपासना (भक्ति ) मार्ग और ज्ञानमार्ग । जिस प्रकार चित्तमें तीन गुणोंमें एक मुख्य होता है और दो गौण होते हैं, इसी प्रकार प्रत्येक साधकको अपने कल्याणके लिये कर्म, भक्ति और ज्ञानमेंसे एकको मुख्य और दूसरे दोनोंको गौणरूपसे निश्चय करना चाहिये । इन तीनों मार्गोंसे सांसारिक सुख या किसी प्रकारकी कामनाकी प्राप्ति चाहनेवाला मनुष्य संसारके चक्रसे छूट नहीं सकता, परंतु निष्कामभावसे केवल भगवत्-प्राप्तिके लिये इन तीनों मार्गोंका सेवन करनेवाला साधक प्रभुको प्राप्त करता है । क्रियाका स्वरूप वही रहता है, परंतु जिस आशयसे क्रिया होती है उसी हिसाबसे फल मिलता है । जो चित्त कर्म, उपासना और ज्ञानका सेवन करके जगत् के सुखकी इच्छा करता है, उसे उसकी प्राप्ति होती है और जो भगवान्की इच्छा करता है, मोक्षकी इच्छा करता है, उसे वह मिलता है । जैसी इच्छा वैसा फल । तब यह प्रश्न होता है कि समान परिश्रमके होते हुए भी फलमें इतना अन्तर है तो सब लोग मोक्षकी या भगवान् की इच्छा क्यों नहीं करते? इसका कारण यह है कि जीवको इन्द्रियजनित सुख प्रत्यक्ष है, अतएव वह उसकी सहज ही इच्छा करता है । भोग-सुख प्रत्यक्ष है, परंतु वह परिणाममें दुःखरूप है, यह बात जैसे-जैसे विचारद्वारा मनुष्यके समझमें आती है वैसे-ही-वैसे उसके प्रति उसे अरुचि हो जाती है। जबतक इन्द्रियोंके भोगोंमें रुचि है और रस मिलता है, तबतक मनकी इच्छाएँ दूर नहीं होतीं । भोगकी इच्छासे ही चित्त एक शरीर छोड़कर दूसरा धारण करता है, अनेकों कर्मोंको करता है और उनसे दुःख, क्लेश और चिन्ता आदि भोगता है । अपने व्यक्तिगत अनुभव, विचार और सत्सङ्गके बिना चित्त भोगकी इच्छाओंको नहीं छोड़ता । भगवान्की शरण लेनेसे, भगवान्की भक्ति करनेसे, संतजनोंके सहवाससे और बिचारसे भोगनेकी इच्छा धीरे-धीरे शान्त होती है । इसलिये भाई ! शान्तिसे, धीरजसे लगे रहो । चित्तमेंसे इच्छामात्रका नाश हुए बिना जन्ममरणके चक्करसे जीव नहीं छूट सकता । ८९-चित्त जिसकी लालसा करता है उसे पाता है । जगत्में दो हैं - एक भोग-पदार्थ और दूसरे भगवान् । चित्त भोगका चिन्तन करता है तो भोग मिलता है। भगवान्का चिन्तन करता है तो भगवान् मिलते हैं। चित्त भोगका या भगवान्का चिन्तन क्यों करता है ? इसका उत्तर यह है कि शाश्वत सुखके लिये, अखण्ड आनन्दके लिये । जो सुख या आनन्द अखण्ड नहीं है, बल्कि परिणाममें श्रम, क्लेश, भय, चिन्ता और दुःख प्रदान करता है, उसको उसी प्रकार ठीक-ठीक जान लेनेपर चित्त उसकी इच्छा नहीं करता । जगत्के अनेकों संस्कार चित्तको भुलावेमें डालते हैं, उनसे कभी चित्तमें भोगकी इच्छा जाग्रत् होती है, और फिर भोगके प्रति इच्छाका अभाव होकर भगवान्की इच्छा जाग उठती है । इस प्रकार चित्तका गड़बड़-घोटाला चला ही करता है । चित्तका यह भ्रम चिरकालसे है, इसलिये यह सहज ही दूर नहीं होता । चित्त एक बार सोचता है कि भोगकी इच्छा नहीं करनी चाहिये, भोगका चिन्तन भी नहीं करना चाहिये, केवल भगवान् की ही चाह करनी चाहिये । इस प्रयत्नमें उसकी परीक्षाएँ होती हैं । उसके सामने अनेकों भोग आकर खड़े हो जाते हैं। उसकी इन्द्रियाँ उनको भोगने के लिये उसे ललचाती हैं। इस अवस्थामें यदि उसकी बुद्धि परिपक्क नहीं हुई होती है तो दीर्घकालसे हठपूर्वक भोगमेंसे रुचि हटाकर भगवान्र्भे रुचि रखनेवाला मन भगवान्को छोड़कर भोगमें फँस जाता है। और एक बार भोगमें पड़ा हुआ मन सहज ही नहीं निकलता । तपस्वी विश्वामित्र तथा दूसरे अनेकों तपस्वी, जिन्होंने भोगमात्रका त्याग कर दिया था, सहज ही भोगमें फँस गये । हठपूर्वक भोगसे हटाया हुआ मन भोगके लिये प्रबल आकर्षण होनेपर तुरंत ही उसमें फँस जाता है। अतएव भोगका त्याग करनेके लिये भगवान् की शरण लेनी चाहिये। भगवान्की प्राप्ति करनेके लिये और भोगकी इच्छाका त्याग करनेके लिये जो भगवान्की शरण लेते हैं, उनकी रक्षा भगवान् स्वयं करते हैं। इसी कारण भगवान्का भक्त भोगका सहज ही त्याग करके आसानीसे भगवान्को पा लेता है; क्योंकि भक्तका चित्त भोगका त्याग करने के लिये अपने बलका भरोसा नहीं करता। बल्कि उन भगवान्का बल ही उसका आधार होता है कि जिनका बल अपार है और जो भगवान् की शरण न लेनेवाले, हठयोगी, विचारशील तथा अन्यान्य साधक चित्तकी भोगेच्छाको छुड़ानेकी चेष्टा करते हैं, वे अपने ही अल्प बलका भरोसा करते हैं और इसी कारण उनकी चेष्टा निष्फल हो जानेकी अधिक सम्भावना होती है । इसलिये मोक्षकी कामना करनेवालोंको चाहिये कि भगवान् जो सर्वत्र व्यापक, सर्वशक्तिमान्, सर्वज्ञ, सबके आधार, दयालु और भक्तवत्सल हैं, उनकी शरण लेकर उनकी ही प्रार्थना करके, उन्हींकी दयाके द्वारा मुक्ति पाने के लिये प्रयत्न करें । ९० - शरीरमें चित्त है। जिसके द्वारा ही जीव सुख-दुःखका अनुभव करता है, चित्त ही इच्छाएँ करता है । क्लेश, भय, चिन्ता, क्रोध, लोभ, द्वेष सबका करनेवाला चित्त ही है । इन सभी चित्तके भावोंका समावेश दोमें होता है - कामना और घबराहट । कामना और घबराहटसे वित्त अपनी जगहको छोड़कर इधर-उधर भटकता है। चित्तका आश्रय आत्मा है । आत्मा नित्य, अधिकारी, अविनाशो, अनादि और आनन्दवरूप है । यदि चित्त शुद्ध आत्मा के आश्रय में रहे तो उसको शान्त, सुखखरूप और आनन्दस्वरूपका अनुभव हो; परंतु उसमें कामना और घबराहट जाग्रत् होती है; इससे वह आत्माके आश्रयको छोड़कर जगत्की ओर दौड़-धूप करता है और इसीसे अपार दुःखका अनुभव करता है । जबतक आत्माके आश्रयमें रहता है, तबतक अखण्ड सुख रहता है और उसको त्याग करनेसे अपार दुःख होता है । इसलिये यह विचारना चाहिये कि ऐसा होते हुए भी कारण क्या है जो चित्त आत्माका आश्रय त्यागकर जगत्की ओर भटकता है। चित्तमें किसकी कामना जाग्रत् होती है ? किससे जाग्रत् होती है ? इस चित्तमें संस्कार भरे हैं और वे संस्कार सबसे प्रविष्ट हुए हैं । चित्तको कामना तो सुखकी हो है। परंतु वह सुख किससे किस प्रकार मिलेगा, इसका निर्णय उसमें दूसरोंको देखने, सुनने, जानने और अनुभव करनेसे प्रविष्ट संस्कार करते हैं । स्त्रीसे सुख मिलेगा, धनसे सुख मिलेगा, विद्यासे सुख मिलेगा, भोगसे सुख मिलेगा, यशसे सुख मिलेगा, राज्यसे सुख मिलेगा, ऐश्वर्यसे सुख मिलेगा, स्वर्गसे सुख मिलेगा, लोक-परलोक या उनके आधिपत्यसे सुख मिलेगा, ऐसे अनेकों संस्कार चित्तमें सङ्गके द्वारा घुसे हुए हैं। हैं वे संस्कार चित्तको आत्मासे त्रिमुख करके उन-उन इच्छाओंके लिये प्रयत्न करने की प्रेरणा करते हैं। और इच्छा पूरी करनेके लिये आत्मासे दूर होकर उसने जैसे ही इच्छा पूरी की कि तुरंत चित, आत्मांके आश्रयमें आकर खड़ा हो जाता है; क्योंकि सुख तो आत्मामें ही है । इसी कारण आत्माके आश्रय में आते ही उसे सुखका अनुभव होता है । इस प्रकार आत्माके आश्रयसे इच्छित वस्तु मिलने से उसे सुखका अनुभव हुआ । यह सुख मिला आत्मासे ही, पर इससे चित्तने जाना कि अमुक वस्तुसे मुझे सुख मिला है । यह बिल्कुल भूल है। जिस प्रकार राजाके द्वारा किसी कामके लिये भेजा हुआ नौकर काम पूरा करके राजाके पास आकर खड़ा हो जाता है, उसी प्रकार चित्त किसी वाञ्छितसे सुख प्राप्त करनेके लिये वाञ्छितको प्राप्त करके आत्माके पास हाजिर हो जाता है । आत्मासे दूर गया चित्त जबतक आत्मासे विमुख रहता तबतक श्रम, क्लेश, दुःख, चिन्ता, भय तथा ऐसे अनेकों प्रकारके कहे जानेवाले दुःखोंका अनुभव करता है। जिस प्रकार कुत्ता सूखी हड्डीको चबाते समय अपने ही दाँतोंसे निकले हुए रक्तको हड्डीमेंसे निकला हुआ मानकर सुखी होता है, उसी प्रकार जगत्के भोग्यपदार्थोंको प्राप्त कर शान्त होनेसे आत्मामें अनुभव होनेवाले सुखको चित्त ऐसा मान लेता है कि यह सुख भोगसे मिला है, अमुक भोगसे सुख मिलेगा। इस प्रकार पूर्वसे ही कल्पना करके जो उसके लिये यत्न करता है, उसीको उस भोगसे सुखका अनुभव होता है, दूसरेको नहीं । कामनासे चित्त आत्मासे विमुख हो जाता है। ज्ञानीका यह लक्षण है कि सुखके लिये उसका चित्त आत्माको छोड़कर दूसरे किसीका आश्रय नहीं लेता । सुखके लिये कोई प्रयत्न नहीं करता । जिसे अखण्ड आनन्द कहते हैं, वह तो आत्मामें ही है । अतएव उसके लिये वह किसी औरका आश्रय नहीं लेता। इसीलिये अखण्ड आनन्दकी इच्छा करनेवालेको चाहिये कि सुखके लिये कामनामात्रका त्याग कर दे । जो कामनाओंका कभी सेवन नहीं करता, वह नित्य आनन्दित रह सकता है । घबराहट भी चित्तको आत्मासे विमुख करती है अथवा कह सकते हैं कि आत्मासे त्रिमुख चित्त घबराता है और दुखी होता है । अतएव कभी घबराना नहीं चाहिये, परंतु घबराहट किससे होती है ? कामनाके भङ्ग होनेसे । चित्तने यह कामना कर रक्खी है कि जगत् के प्राणी और पदार्थोंसे सुख होगा और इस कामनाकी पूर्तिमें जब विघ्न पड़ता है, तब उसे घबराहट होती है । अतएव उचित तो यह है कि मनकी समस्त कामनाओंका त्याग करे । यहाँ यह प्रश्न हो सकता है कि 'तो क्या कुछ भी न करे, बिना कुछ किये कैसे बैठा रहा जा सकता है ?? उत्तर यह है कि ऐसी बात नहीं है । अपने शरीरकी प्रकृतिके अनुसार सारे काम - अर्थात् जो कर्तव्य-कर्म हों, वे सब करने चाहिये; परन्तु सुखकी आशासे नहीं । यह तो निश्चय कर ही लेना चाहिये कि सुख जगत्के किसी भी पदार्थ नहीं है । वह तो केवल आत्मा में ही है । वह आत्मा मुझसे अभिन्न है और उसका अनुभव शान्त चित्तसे होता है । तव चित्तको कामना छोड़कर और बिना घबराहटके सुखके लिये नहीं बल्कि कर्तव्यके लिये जो करना हो, उसे करना चाहिये । शर्त एक ही है कि जो कुछ करो बिना घबराये करो। जो कुछ करो बिना सुखकी कामनाके करो । यहाँ प्रश्न हो सकता है कि 'मोक्षके लिये यत्न किया जाय या नहीं ? भगवत्प्राप्तिके लिये यत्न किया जाय या नहीं?' इसका उत्तर यह है कि मोक्ष या भगवत्प्राप्तिके लिये यत्न करना तो मानव जीवनका प्रधान कर्तव्य ही है परंतु यह समझना चाहिये कि सबका आत्मा ही तो भगवान् है और वह नित्य प्राप्त है । अपना सच्चा स्वरूप है। प्रयत्न इतना ही करना कि मन शान्त रहे । चित्त समाहित रहे । क्रिया चाहे जो करे परन्तु शान्त चित्तसे करे, इसका नाम योग है । इस योगके अभ्यासीका लक्ष्य सदा चित्तकी ओर रहता है। जिसका चित्त सदा शान्त है, वह सदा सुखी है । कोई पूछ सकता है कि 'वह क्या भोग भोगता
" तुम पिछले घटे भर से पानी माँग रहे हो", उसने कहा । एक दूसरे का निरीक्षण करते हुए हम कुछ क्षरण तक चुप रहे । में निश्चिततापूर्वक कह सकता हूँ कि उसने मुझे एक पर्याप्त विलक्षण पुरुष पाया, अपने भीगे पायजामे और मोजो के अतिरिक्त नंगा, झुलसा हुआ और धुएँ के कारण काले मुँह और कन्धो वाला । उसके मुख पर दुर्बलता अकित थी, उसकी चिबुक मुडी हुई थी, उसके बाल घुंघराले हो रहे थे, लगभग सन के ही समान माथे से चिपटे हुए बाल; उसके नेत्र दीर्घ, पीले, नीले और खुले हुए थे । मुझसे परे देखता हुआ वह रह-रहकर आकस्मिक रूप मे बोल उठता था : "यह सब क्या है ?" उसने कहा । "इन सब वस्तुओ का क्या अर्थ मै उसकी ओर घूरता रहा, और कोई उत्तर नही दिया । उसने एक पतला और श्वेत हाथ भागे बढा दिया और उपालम्भभरे स्वर में बोला. "यह सब क्यो होने दिया जा रहा है ? हमने क्या पाप किये हुए है ? प्रातकाल की प्रार्थना समाप्त हो चुकी थी, मध्याह्न के लिये अपने मन को स्वस्थ करने में सड़क पर जा रहा था, और तब - अग्नि, भूकम्प एव विनाश । जैसे कि यह साडम और गोमेरा हो ! हमारा सब काम नष्ट हो गया, सभी काम... यह मगल निवासी क्या है ?" " हम क्या है ?" मैंने गला साफ करते हुए कहा । उसने अपने घुटनो को पकड़ लिया और मुझे देखने के लिये पुनः मेरी ओर मुडा । शायद आधा मिनिट तक वह मौन भाव से मुझे घूरता रहा। "अपने मन को हल्का करने में सड़क पर घूम रहा था, " उसने कहा। "प्रौर सहसा अग्नि, भूकम्प एव विनाश !" वह शान्ति मे खो गया, उसकी ठोड़ी अब पूर्णत. उसके घुटनो मे छिप चुकी थी ।
मुंबईः असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (आईएमआईएम) नेता और पूर्व विधायक वारिस पठान के '15 करोड़ मुसलमान 100 करोड़ हिंदुओं पर भारी पड़ सकते हैं' वाले बयान को लेकर बवाल मचा हुआ है। वारिस पठान ने यह बयान 16 फरवरी को उत्तरी कर्नाटक के कलबुर्गी में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ आयोजित एक रैली को संबोधित करने दिया था। वारिस पठान के बयान पर अब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया है। फडणवीस ने कहा ट्वीट करते हुए कहा, 'हिन्दू समाज सहिष्णु है, लेकिन कमजोर नहीं ! वारिस पठान को देश से माफ़ी माँगनी चाहिए। ' अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए फडणवीस ने एक वीडियो डाला जिसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को भी वारिस पठान पर एक्शन लेना चाहिए। फडणवीस ने कहा, 'वारिस पठान ने जिस प्रकार का बयान दिया है हम उसकी निंदा करते हैं। उन्हें यह ध्यान में रखना चाहिए कि 100 करोड़ से भी ज्यादा हिंदू इस देश में रहते हैं। इसलिए इस देश में अल्पसंख्यक भी सुरक्षित हैं और उन्हें यहां पूरी स्वतंत्रता है। इस प्रकार का कोई भी देश जिसने अपने आप को मुस्लिम राष्ट्र घोषित किया है वहां कोई बदजुबानी कर नहीं सकता है। वहां अपनी भावनाओं को भी अल्पसंख्यक व्यक्त नहीं कर सकते हैं। ' फडणवीस ने उद्धव सरकार से वारिस पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहा, 'हिंदू समाज सहिष्णु हैं जो सबको साथ लेकर चलता है, लेकिन हिंदू समाज की सहिष्णुता को कोई उसकी कमजोरी ना माने, अगर कोई मानता है तो यह गलत है। मैं मानता हूं कि जिस प्रकरा का वक्तव्य उन्होंने दिया है। उन्होंने देश और हिंदू समाज से माफी मांगनी चाहिए। मैं मानता हूं कि अगर वो माफी नहीं मांगते हैं तो राज्य सरकार को उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ' आपको बता दें कि दक्षिण कर्नाटक में सीएए के विरोध में 16 फरवरी को आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए वारिस पठान ने कहा था कि 15 करोड़, 100 करोड़ पर भारी पड़ेंगे। पठान ने कहा था, 'आजादी लेनी पड़ेगी और जो चीज मांगने से नहीं मिलती है उसे छी के लेना पड़ेगा। अब वक्त आ गया है, हमको बोला मां-बहनों को आगे भेज दिया है। अरे भाई अभी तो केवल शेरनियां बाहर निकली हैं और तुम्हारे पसीने छूट गए और समझ लो कि दोनों लोग साथ में आ गए तो क्या होगा। 15 करोड़ हैं मगर एक सौ करोड़ पर भारी हैं याद रखना इस बात को। ये याद रखना लेना ये बात। ' Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।
इस ओवर ब्रिज के जरिए लोग प्रयागराज जाते हैं। धमकी भरी चिट्ठी में प्रयागराज पुलिस का भी जिक्र है। पुलिस के तमाम अधिकारी मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रहे हैं। साथ ही लोग हैरान हैं। अगर समय रहते बम पर किसी की नजर नहीं पड़ती तो वहां बड़ा हादसा हो सकता था। यह ओवर ब्रिज एनएच-30 पर स्थित है। इसे टाइम बम का आकार दिया गया था। रीवा के एडिशनल एसपी ने बताया कि बम को डिफ्यूज करने के बाद जब इसकी जांच की गई तो इसमें विस्फोटक नहीं था। मगर इसमें डिजिटल घड़ी लगाया गया था। पुल के नीचे इसे पूरी तरह से टाइम बम का आकार दिया गया था। अब पूरे मामले की जांच की जा रही है। पुलिस के अनुसार इसे पांच मिनट में ही डिफ्यूज कर दिया गया था। । उबीटीएस की टीम ने अपनी जाम जोखिम में डालकर इसे डिफ्यूज किया है। एएसपी शिव कुमार वर्मा ने बताया है कि बम विस्फोटक दस्ते को दीवार पर चिपकी हुई एक चेतावनी चिट्ठी मिली है। इसमें उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी का जिक्र किया गया है। चेतावनी चिट्ठी में लिखा है कि यूपी सीएम योगी ये रोक सकता है। बाकी जानकारी 8/112022 बोतल बम के अंदर है, प्रयागराज पुलिस नहीं तो कार और बस जलेगा। गौरतलब है कि इस तरह की घटना रीवा संभाग में पहली बार देखने को मिली है। बम रखने का मकसद क्या था, कौन सा आतंकवादी संगठन था। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है।
अमरावती/दि. 18- समीपस्थ अंजनगांव सुर्जी तहसील में मुर्हा देवी से सातेगांव मार्ग पर एक तेज रफ्तार कार अनियंत्रित होकर पलट गई. इस हादसे में 3 बच्चे सहित पांच लोग घायल हो गए. घायलों में गोंदिया निवासी बिजेवार व चौरागडे परिवार के सदस्यों का समावेश है, जो कार में सवार होकर एक विवाह समारोह में शामिल होने हेतु जा रहे थे. हादसे के तुरंत बाद घायलों को इलाज हेतु अंजनगांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जैन ने 22 जून, 2018 को उप-गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला। सरकार ने मंगलवार को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के प्रबंध निदेशक स्वामीनाथन जानकीरमन को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का डिप्टी-गवर्नर नियुक्त किया। एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है कि जानकीरमन की नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तारीख से तीन साल या अगले आदेश तक के लिए है। महेश कुमार जैन की जगह लेने के लिए आरबीआई के डिप्टी-गवर्नर के पद के लिए 1 जून को एक कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाले पैनल ने शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया, जो मंगलवार को अपना विस्तारित कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। जैन ने 22 जून, 2018 को उप-गवर्नर के रूप में कार्यभार संभाला। जबकि उनकी नियुक्ति शुरू में तीन साल के लिए थी, बाद में इसे बढ़ा दिया गया था। इससे पहले, जैन आईडीबीआई बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। उप-गवर्नर का एक पद एक वाणिज्यिक बैंकर के लिए आरक्षित है। आरबीआई अधिनियम, 1934 के अनुसार, केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होने चाहिए - दो रैंक के भीतर से, एक वाणिज्यिक बैंकर और एक अर्थशास्त्री जो मौद्रिक नीति विभाग का प्रमुख हो। अन्य तीन उप-गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा, एम. राजेश्वर राव और टी. रबी शंकर हैं। एसबीआई की वेबसाइट के अनुसार, प्रबंध निदेशक के रूप में जानकीरमन ने कॉर्पोरेट बैंकिंग और ऋणदाता की सहायक कंपनियों की अनदेखी की। वह तीन दशकों से अधिक समय से देश के सबसे बड़े बैंक के साथ हैं, जिसके दौरान उन्होंने कॉर्पोरेट और अंतर्राष्ट्रीय बैंकिंग, खुदरा और डिजिटल बैंकिंग, वित्त और आश्वासन कार्यों में विभिन्न कार्य किए।
काण्ट apprehension, reproduction तथा recognition के अगो क प्रागनुभविक मानते हैं और इस बात पर जोर देकर बताना चाहते हैं कि जिसे हम ज्ञान का विषय कहते हैं, वह इन्ही अनिवार्य रीति से सम्बद्ध अगो का समूह है । इसलिए जिस भी विषय को हम ज्ञान का रूप देते है, उसमे समी ज्ञाताओ के लिए सवेदन - सग्रह, पुनस्मृति और प्रत्यभिज्ञा एक समान हुआ करती है । परन्तु ज्ञाननिर्माण में सभी प्रागनुभविक अगो के एक समान रहने की मुख्य शर्त है कि सभी अगो को 'अत्यानुभविक समाकल्पन का ऐक्य (Transcendental unity of apperception) मे रहना चाहिए, अर्थात् सभी अगो को एक ही चेतना मे रहना चाहिए । हमलोगो ने देखा है कि एक ही अवधान मे सवेदन - सग्रह होना चाहिए । इसकी स्मृति भी अनेक समयो में एक ही होनी चाहिए। फिर इस स्मृति की प्रत्यभिज्ञा भी एक समान रहनी चाहिए । अत, वे प्रत्यय जिनके आधार पर अनेक प्रत्यक्ष सयोजित होते हैं, विविध समय पर एक ही समान रहना चाहिए । यदि ऐसा न हो तो मेज का मेरा ज्ञान जो कल हुआ था, आज नही रह पायगा और इसलिए ज्ञान क्षण-क्षण पर एक ही व्यक्ति के लिए बदलता जायगा और इसे ज्ञान के नाम से पुकारा नही जा सकता है । इसलिए सवेदनग्राह्यता के दिक् और काल के रूप को तथा उन प्रत्ययो को, जिनके आधार पर प्रत्यक्षो को व्यवस्थित कर ज्ञान बनाया जाता है, मेरी चेतना में एक समान रहना चाहिए । परन्तु ये दिक् और काल तथा १२ प्रत्यय उसी समय एक स्थायी रूप में माने जा सकते हैं, जब वह चेतना, जिसके ये विषय है, एकरूपी बनी रहे । जब तक चेतना एक न हो, तबतक हम कैसे कह सकते हैं कि जिस प्रत्यय को मैंने हम काम में लाया था वह आज इस समय भी वही है ? "There must, therefore, be a transcendental ground of the unity of consciousness in the synthesis of the manifold of all our intuitions, and consequently also of the concepts of objects in general, and so of all objects of experience, a ground without which it would be impossible to think any object for our intuitions"> परन्तु समाकल्प * का सश्लेषात्मक ऐक्य ( Synthetic unity of Apper - ception ), जो सभी विचारो मे स्थायी रूप मे रहना चाहिए, हमारे विचारों की प्रागनुभविक शर्त है । इसे हमे अपनी अनुभूति से प्राप्त नही कर सकते हैं । ह्य म ने ठोक ही कहा है कि यदि मैं अपने को सहज प्रत्यक्ष के आधार पर जानना चाहूँ, तो * 'समाकल्पन' से अर्थ होता है प्रत्यक्ष का परद या सस्कार । अब भूत प्रत्यक्षों को बीता हुआ समझने के लिए 'आत्मचेतना' होनी चाहिए। अत समाकल्पन में आत्मचेतना परिलक्षित है । में अपने स्थायी अहभाव को कभी भी नही जान सकता हूँ । इसलिए समाकल्पन का ऐक्य अनुभूत और प्रागनुभविक है, यह स्वय सभी अनुभूतियों के सम्भव होने का तार्किक आधार है । चूकि Synthetic unity of apperception किसी भी अनुभव का आधार है, इसलिए यह मुझमे प्रागनुभविक तथा Transcendenlal है । फिर Transcendental तथा प्रागनुभविक होने के कारण व्यक्तियो मे एक समान है । इसलिए दिक् और काल तथा १२ प्रत्यय सभी व्यक्तियो मे एक समान रहना चाहिए और इन्हें एक स्थायी रूप में रहने के लिए सभी व्यक्तियो मे समाकल्पन के ऐक्य को एक ही रूप मे रहना चाहिए । यदि हम मान लें कि एक ही परम स्थायी चेतना है, जिसके रहने से ही ज्ञान सम्भव है, तभी ज्ञान की सार्वभौमिकता, असदिग्धता तथा अनिवार्यता सिद्ध हो सकती है। इस प्रकार की चेतना अनुभवातीत तथा प्रागनुभविक है । अतः, जो भी प्राकृतिक नियम हम खोज निकालें, वह इसी स्थायी परम चेतना का विषय होगा; और चूँकि यह प्रागनुभविक चेतना है, इसलिए इस प्रकार का नियम विषयगत कहा जायगा, क्योकि प्रागनुभविक चेतना सबमे एक ही है । अब यदि पूछा जाय कि वैज्ञानिकों मे प्राकृतिक नियमो के स्वीकार करने मे क्यो मतैक्य है, तो हम कह सकते हैं कि उनके अन्दर एक ही स्थायी परम चेतना है, और उसी बात को नियम कहा जाता है, जो इस प्रकार की चेतना का विषय हो । अत, 'विषय' मानसिक शक्तियों से परे और स्वतन्त्र नही है, परन्तु स्वय यह उस स्थायी चेतना की देन है, जो सभी विचारको मे सामान्य रीति से पायी जाती है । " Accordingly, the order and conformity to law in the phenomena which we call nature, we ourselves. introduce and we could never find it there if we, or the nature of our mind had not originally placed it there " यहाँ 'we' का अर्थ स्थायी, परम चेतना से है जो सभी ज्ञाताओ मे स्थायी, प्रागनुभविक तथा सामान्य है । काण्ट synthetic unity of apperception को ज्ञान का प्रागनुभविक आधार मानते हैं, पर इसकी वास्तविकता को स्वीकार नहीं करते हैं, क्योकि वास्तविक वही है, जो अनुभवाश्रित हो और काण्ट ने बार-बार हमे चेतावनी दी है कि समाकल्पना का ऐक्य अथवा स्थायी अहभाव अनुभवातीत है, परन्तु अनुकाण्टीय विचारधारा मे इसी Synthetic unity of apperception को प्रत्ययवादियो ने (निरपेक्ष सत्ता ) Absolute माना है और इसी निरपेक्ष सत्ता से सभी प्रत्ययो का होना दिखलाया है । यद्यपि काण्ट ने बताया है कि संप्रत्यक्षण अथवा समाकल्पन के ऐक्य से सभी विषयगत ज्ञान प्राप्त होते है, तथापि इसे प्रत्ययवाद (Idealism) नहीं कहा जा सकता, है, क्योकि उन्होने बार-बार कहा है कि बिना प्रत्यक्षो के प्रत्यय से ज्ञान नही हो,
७८ शब्दार्थ, पद्यार्थ वास घनेरे । जनु पुर नगर गाँउ गन खेरे ।२।२३६।१।' 'नयन फेरना' ( यह मुहावरा है ) I = निगाह फेरना; नज़र बदलना; पहलेकी-सी कृपा-दृष्टि वा स्नेह न रखना । = विरुद्ध वा प्रतिकूल हो जाना । नेकु = किचित; थोड़ा भी; जरा सा । बदत = कहते हैं । साहिबी = प्रभुता; स्वामित्व; ठकुराई; बड़प्पन । माँगनो = मंगन; भिक्षुक; मँगता; माँगनेवाला, याचक । जाचन ( याचन ) = याचना करने; माँगने । पाहन = पाषाण; पत्थर । के= के पुत्र ; यथा 'तैं रन केहरि केहरि के बिदले अरि कुंजर छैल छवा से ।' (बाहुक ) । 'राय दसरथ के तू उथपन थापनो ।१८० ।। रंक = कगाल; दरिद्र । राय = राजा । निवाज़ ( यह फारसी शब्द है ) = कृग करनेवाला । बारक ( वार एक ) = एक बार पद्यार्थ- हे देव ! दीनजनोंके लिये दयालु दानी (वा, दयालु. और दानी आपके सिवा ) दूसरा कोई नहीं है । जिससे मैं (अपनी) दीनता कहता हूँ, उसको भी मैं दीन देखता हूँ । १ । हे देव ! मुनि, सुर, नर, नागदेव और असुर ( दैत्य, दानव, राक्षस आदि) स्वामी तो बहुत-से हैं, पर तभी तक ( उनकी साहिबी है, वे साहिब है ) जबतक आप ( उधरसे; उनकी ओरसे ) किंचित् आँख नहीं फेरते (अर्थात् आपके कृपाकटाक्षसे ही उनकी साहिवी है, दृष्टि किंचित् फिरी नहीं कि उनकी साहिबी गई ) । २ । हे देव ! तीनों लोकों और ( भूत, भविष्य, वर्तमान ) तीनों कालों में प्रसिद्ध है और चारों वेद कहते हैं, - हे श्रीरामजी ! आपकी ही साहिवी आदि, और मध्य (तीनों कालोंमे एकरस) रहती है । ३। हे देव ! से मॉगनेपर याचक फिर याचक नही कहलाया ( अर्थात् एकही वार मॉगनपर आप उसको इतना दे देते हैं कि फिर कभी उसे किसीसे कुछ भी मांगने की आवश्यकता नहीं पड़ती। जब फिर मॉगेगा ही नही, तब 'मंगन' क्यों कहलाने लगा ? मँगतापन छूटकर वह तो दाता बन जाता है ) । (यह ) स्वभाव, शील और सुन्दर यश सुनकर ( यह आप दास मॉगने आया है । ४ । हे देव ! आपन पापाण, पशु, वृक्ष और पक्षियोंको अपना कर लिया । हे महाराज श्रीदशरथ के पुत्र ! आपने रंकोंको राजा बना दिया ।५। हे देव ! आप गरीबोंपर कृपा करनेवाले हैं, मैं आपका गरीब हूँ । हे कृपालु ! एक बार तो कहिये कि 'तुलसीदास मेरा है' । ६। श्रीरामः शरणं सम ७८ नोट २ (१ क-ख) नोट - २ पटू शरणागति में 'गोपतृत्व (वरण ) एक शरणागति है । यथा 'केवट कपिकृत सख्यता शबरी गीध पपान । सुगति दीन, रघुनाथ तजि कृपासिंधु को आन ।' इस पदमें 'गोपतृत्व वरण' शरणागतिको लिए हुए अपनी दीनता कहते हैं । (वै० ) । पट् शरणागतिका श्लोक यह है - 'आनुकूल्यस्य संकल्पः प्राति कूल्यस्य वर्जनम् । रक्षिष्यतीति विश्वासो गोप्तृत्ववरणं तथा । आत्मनिक्षेपकार्पण्ये पविधा शरणागतिः' । ( भूपण टीका वाल्मी० ६।१७ तथा अहिर्बुध्न्य संहिता ३७७२७-२६ ) । इसके अनुसार 'गोप्तृत्ववरण' चौथी शरणागति है। इसका अर्थ है - 'रक्षकरूप से भगवान्को वरण करना । अर्थात ही एकमात्र मेरे रक्षक हैं, इस भावसे उनको स्वीकार कर लेना ।' विशेष व्याख्या पद १०४ नोट १ ( क ) मे देखिए । टिप्पणी-१ 'दीन को दयाल दानि दूसरो न कोऊ' इति । (क) 'दीन' = सव अंग - बलहीन, जिसके पास कर्म, उपासना, ज्ञान आदि कोई भी साधन नहीं है, जो अधन गुणहीन और आलसी है, जो किसी प्रकारकी सेवा नहीं कर सकता, पर दुखित है, भव पार होनेकी इच्छा अपना दुःख छूटे यह इच्छा करता है । - ऐसे पर दया करने वाला प्रभुके सिवा दूसरा नहीं । निम्न उद्धरणोंसे ये सब भाव प्रसारित होते हैं । यथा -- "कहाँ जाउँ कासों कहौं को सुनै दीन की । त्रिभुवन तुही गति सब अंग होन की ।१७६।", "जाउ कहाँ, ठौर है कहाँ देव दुखित दीन कों । को कृपाल स्वामी सारिखो राखै सरनागत सब अग वल होन को । २७४ ।", 'विनु सेवा जो द्रवै दीन पर राम सरिस कोउ नाहीं । १६२', 'को न सेवत देत संपति लोकहूँ यह रीति । दास तुलसी दीन पर एक राम ही कें प्रीति । २१६ १ (ख) 'दयात दानि' का भाव कि दानी तो बहुत हैं, पर उन में दया नहीं है, दया न होनेसे वे दीनकी कब सुनने लगे । और जिनमें दया है, उनके पास कुछ है नहीं, वे दूसरेकी दीनता दूर करने में असमर्थ हैं । यथा 'प्रभुपाल कृपाल लायक जहँ जहँ चित हि डोलावों । इहै समुझि सुनि रहों मौन ही कहि भ्रमु कहा गँवावों । २३२ । आपमें दोनों गुण हैं । दयालु होने से होती है । यथा 'को तुम्ह विनु पर-पीर पाइहै,
श्रीलंका के राष्ट्रपति (Sri Lankan President ) गोटाबाया राजपक्षे (Gotabaya Rajapakshe) ने आधिकारिक तौर पर (Officially) प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे (PM Ranil Wickremesinghe) को सूचित किया (Informed) है कि वह पहले की घोषणा के अनुसार (As Announced Earlier) 13 जुलाई को (On 13 July) अपना इस्तीफा जारी करेंगे (To Issue His Resignation) । समाचार एजेंसी शिान्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, राजपक्षे ने शनिवार को संसद अध्यक्ष को सूचित किया था कि वह गंभीर आर्थिक संकट के बीच बुधवार को राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे देंगे। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने शिन्हुआ को बताया कि विक्रमसिंघे सोमवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ एक तत्काल बैठक बुलाएंगे और बाद में आगे के रास्ते पर चर्चा करने के लिए सभी राजनीतिक दल के नेताओं से मुलाकात करेंगे। पार्टी नेताओं द्वारा उनसे और राष्ट्रपति से इस्तीफा देने का आग्रह करने के बाद प्रधानमंत्री भी इस्तीफा देने के लिए सहमत हो गए, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को राष्ट्रपति के आवास और कार्यालय पर धावा बोल दिया।
कुछ खेल अच्छे होते है तो कुछ बुरे। जैसा कि आप सभी को पता है नए गेम के बारे में, जी हाँ, हम पोकेमोन की ही बात कर रहे हैं। आप भी खेलते ही होंगे इस गेम को और न जाने कहाँ कहाँ गए भी होंगे पोकेमोन पकड़ने। ऐसे ही एक लड़के ने भी सारे पोकेमोन पकड़ लिए और उसे मिला है एक ऑफर। आप भी जानिए ये कौनसा ऑफर है और किसे मिला है। अमेरिका के एक व्यक्ति जिनका नाम Nick Johnson है। इसने इस अमेरिका के सभी पोकेमोन को पकड़ लिया है और अब उसे फ्री वर्ल्ड टूर का ऑफर भी मिला है। इस गेम में कुल 151 मॉन्स्टर्स हैं। Johnson इनमें से अमेरिका में मौजूद सारे 142 Pokemon को अपने Pokedex में कैद कर चुका है। बाकी बचे 6 विश्व के विभिन्न भागों में हैं और बाकी 6 का अभी कुछ पता नहीं है। इस फ्री ट्रिप को Marriott Rewards और Expedia ने स्पॉन्सर किया है। ट्रिप पर Johnson अपनी गर्लफ्रेंड के साथ अलग-अलग देशों में उन खतरनाक मॉन्स्टर्स को खोजने जाएंगे। वो पहले पेरिस में Mr. Mime को पकड़ने जाएंगे, फिर HongKong Farfetch'd को खोजने और उसी के दूसरे दिन Sydney जाएंगे आॅस्ट्रेलिया के Kangaskhan को पकड़ने। इसके बाद वो अपनी जीत का जश्न मनाने टोक्यो जाएंगे। तो लग जाइये आप भी ,हो सकता है आपको भी कोई ऐसा ऑफर मिल जाये।
आज समाज डिजिटल, नई दिल्लीः Akshara Singh : खेसारी लाल यादव और बादशाह के ब्लॉकबस्टर गाना पानी-पानी के भोजपुरी वर्जन में धमाल मचाने वाली अक्षरा सिंह इन दिनों गानों के बजाय ग्लैमरस अंदाज से लोगों का अटेंशन लेती दिख रही हैं। अभिनेत्री आए दिन ही अपने फोटो शेयर कर रही है। हाल ही में उसने नए फोटोशूट की तस्वीरें शेयर की हैं। लेटेस्ट तस्वीरों में अक्षरा बहुत ही शानदार दिख रही हैं। उनका यूं शमार्ते हुए पोज देने वाले फोटो को देख फैंस उफ जैसे रिएक्शन दे रहे हैं। लेटेस्ट तस्वीरों में अक्षरा बहुत ही शानदार दिख रही हैं। उनका यूं शमार्ते हुए पोज देने वाले फोटो को देख फैंस वाा जैसे रिएक्शन दे रहे हैं। यकीनन ब्लैक कलर की खूबसूरत ड्रेस में गोरी स्किन वाली अक्षरा को देख फैंस के दिलों में कई अरमान उमड़ते होंगे। इस तस्वीरों के जरिए उन लोगों से भी तारीफें बटोर रही हैं जो उन्हें ट्रोल करने से बाज नहीं आते। (Akshara Singh) यकीनन ब्लैक कलर की खूबसूरत ड्रेस में गोरी स्किन वाली अक्षरा को देख फैंस के दिलों में कई अरमान उमड़ते होंगे। इस तस्वीरों के जरिए उन लोगों से भी तारीफें बटोर रही हैं जो उन्हें ट्रोल करने से बाज नहीं आते। स्टनिंग अक्षरा के अट्रैक्टिव लुक को देख हर किसी के दिमाग में वो फिल्मी गाना 'तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुझे बनाया' याद आ रहा है। (Akshara Singh) स्टनिंग अक्षरा के अट्रैक्टिव लुक को देख हर किसी के दिमाग में वो फिल्मी गाना 'तारीफ करूं क्या उसकी जिसने तुझे बनाया' याद आ रहा है। नए फोटोशूट में अक्षरा के ब्लैक अवतार को देख कुछ एक यूजर ने लिखा, 'बस एक काला चश्मा रह गया. . वो और लगाती तो कमाल कर देतीं। ' तस्वीरों से अभिनेत्री के फैशन सेंस का भी पता चलता है। वे इस मामले में बॉलीवुड की मलाइका अरोड़ा हो यां सोनम कपूर हर किसी को टक्कर देती दिख रही हैं।
1मार्च से प्रदेश में बसों का किराया बढ़ने जा रहा है. दरअसल शुक्रवार को बस ऑपरेटर्स की हड़ताल थी लेकिन सरकार के किराया बढ़ाने के ऐलान के बाद ही ऑपरेटर्स ने अपनी सांकेतिक हड़ताल स्थगित कर दी. मध्य प्रदेश में रहने वाले लोगों की परेशानियां बढ़ने वाली हैं. प्रदेश के लोग पहले ही आसमान छूती पेट्रोल-डीजल की कीमतों से परेशान हैं अब बस का सफर भी महंगा होने वाला है. 1मार्च से प्रदेश में बसों का किराया बढ़ने जा रहा है. दरअसल शुक्रवार को बस ऑपरेटर्स की हड़ताल थी लेकिन सरकार के किराया बढ़ाने के ऐलान के बाद ही ऑपरेटर्स ने अपनी सांकेतिक हड़ताल स्थगित कर दी. लॉकडाउन के बाद से ही लोगों आर्थिक तौर पर पहले के मुकाबले कमजोर हुए हैं. ऐसे में सरकार ने लोगों को महंगाई का एक और झटका दे दिया है. प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बसों का किराया बढ़ेगा इसका ऐलान किया है. राजपूत ने कहा है कि लंबे समय से बस ऑपरेटर किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे. इस मसले पर सीएम शिवराज से चर्चा हुई.उनकी सहमति के बाद अब बसों का किराया बढ़ा दिया जाएगा. लेकिन किराया कितना बढ़ाया जाएगा ये यात्रियों के प्रतिनिधियों की सहमति के बिना नहीं तय होगा. यात्री प्रतिनिधि और बस संचालकों की आपसी सहमति के बाद ही बस किराए की नए रेट लिस्ट तैयार होगी. बस ऑपरेटर्स ने अपनी मीटिंग के दौरान यात्री किराए में बढ़ोतरी की मांग को सबसे ऊपर रखा था और यह एक प्रमुख मांग थी जिसको लेकर ऑपरेटर्स ने हड़ताल का ऐलान किया था, लेकिन सरकार के ऐलान के बाद बस ऑपरेटर्स ने 26 फरवरी को होने वाली अपनी सांकेतिक हड़ताल वापस ले ली है. बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने कहा कि परिवहन मंत्री के आश्वासन के बाद हड़ताल वापस ली जा रही है.उन्होंने मंत्री के आश्वासन पर भरोसा जताया है. साथ ही सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर 1 मार्च से किराया नहीं बढ़ाया गया तो बस ऑपरेटर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.
OnePlus Nord CE 2 Lite को कंपनी किफायती सेगमेंट में लॉन्च कर सकती है. इस फोन के स्पेसिफिकेशन रेडमी नोट 11 प्रो 5जी (Redmi Note 11 5G) से काफी मिलते जुलते नजर आते हैं. ऐसे में उम्मीद की जा सकती है कि इसका मुकाबला रेडमी और रियलमी के स्मार्टफोन से होगा. वनप्लस नोर्ड सीई 2 लाइट (OnePlus Nord CE 2 Lite) को कंपनी रेडमी (Redmi) और रियलमी (Realme) जैसे स्मार्टफोन के सेगमेंट में अपना मोबाइल लॉन्च कर सकती है. वनप्लस के इस मोबाइल के बारे में पहली बार जानकारी सामने आई है, जबकि वनप्लस नोर्ड सीई 2 (OnePlus Nord CE 2) के बारे में लगातार लीक्स सामने आ रहे हैं. वनप्लस नोर्ड सीई2 लाइट के बारे में एक जाने-माने टिप्स्टर की मदद से जानकारी दी है, जो अधिकतर समय सही साबित होती हैं. यह स्मार्टफोन 20 हजार रुपये से कम सेगमेंट में दस्तक दे सकता है. इस लाइट मोबाइल के स्पेसिफिकेशन रेडमी नोट 11 प्रो 5जी (Redmi Note 11 Pro 5G) से काफी मिलते जुलते नजर आते हैं. टिप्स्टर ऑनलीक्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वनप्लस ब्रांड अपना एक लाइट वर्जन भी लॉन्च होगी, जो वनप्लस नोर्ड सीई 2 का डाउन वर्जन होगा. इसका नाम वनप्लस नोर्ड सीई 2 लाइट होगा और इसे भारत में पेश किया जाएगा. टिप्सटर द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक, यह स्मार्टफोन क्वालकॉम के स्नैपड्रेगन 695 चिपसेट के साथ दस्तक देगा, जो 5जी कनेक्टिविटी के संग आएगा. बताते चलें कि इस तरह का चिपसेट रेडमी नोट 11 प्रो 5जी में भी इस्तेमाल किया गया है, जिसे जनवरी 2022 में पेश किया जा चुका है. वनप्लस नोर्ड सीई 2 लाइट के स्पेसिफिकेशन की बात करें तो इसमें 6.59 इंच का फुल एचडी फ्लूइड डिस्प्ले दिया गया है. इस डिस्प्ले में हाई रिफ्रेश रेट का इस्तेमाल किया गया है. हालांकि अभी इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि इस मोबाइल में एमोलेड पैनल दिया जाएगा या फिर एलसीडी पैनल होगा. वनप्लस नोर्ड सीई 2 लाइट के कैमरा डिपार्टमेंट की बात करें तो इसमें बै पैनल पर ट्रिपल कैमरा सेटअप दिया गया है, जिसमें 64 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा दिया गया है. इसमें अन्य दो कैमरों के बारे में जानकारी नहीं दी गई है. इसमें 16 मेगापिक्सल का सेल्फी कैमरा दिया गया है. हालांकि अभी इस स्मार्टफोन के बारे में बहुत से लीक्स आने बाकी हैं. यह फोन ओक्सीजनओएस 12 बेस्ड एंड्रॉयड 12 पर काम करेंगे. इसमें 5000एमएएच की बैटरी दी गई है और यह 33वाट के फास्ट चार्जिंग सपोर्ट मिलेगा.
येल्तस्की के अनुसार, नया ZRU "टॉर-एमएक्सएनयूएमएक्स" दुनिया का एकमात्र एंटी-एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स है जो इस कदम पर लक्ष्य को हिट करने की क्षमता रखता है। नए "टोरा" की विशेषता भी एक साथ चार लक्ष्यों को हिट करने की क्षमता है। नए ZRK 9М338 रॉकेट का उपयोग करता है, जिसने "एक लक्ष्य पर दो मिसाइल दागने की प्रथा को छोड़ने की अनुमति दी। " यह रॉकेट को हल्का और अधिक कॉम्पैक्ट बनाकर, बड़े असर वाली सतहों - पंखों, पसलियों आदि को छोड़ कर हासिल किया गया था। इसके अलावा, नई वायु रक्षा प्रणाली ने "इजेक्शन लॉन्च" को छोड़ दिया, इसे हल्के गैस जनरेटर के उपयोग के साथ बदल दिया, जो अतिरिक्त रूप से "मिसाइल को झुकाव के कार्य को करता है। " डिजाइनर ने कहा कि आज दुनिया में कोई शॉर्ट-रेंज एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है जो "टोर-एमएक्सएनयूएमएक्स" को पार करता है। अमेरिकियों के पास ऐसा कुछ नहीं है। फ्रांसीसी इंजीनियरों के समान विकास हैं, लेकिन वे अभी भी परीक्षण के स्तर पर हैं। - येल्तस्की ने नोट किया। Tor-M2 SAM सिस्टम, टॉर परिवार का एक गहरा आधुनिकीकृत परिसर है, जो 9М338К रॉकेट द्वारा प्रतिष्ठित है। इसके अलावा, लड़ाकू वाहन ने 8 से 16 मिसाइलों तक मोबाइल गोला बारूद बढ़ाया। हवाई लक्ष्यों का पता लगाने की सीमा 32 किमी तक है, विनाश की सीमा 15 किमी तक है।
Benefits Of Pomegranate Juice : अनार के जूस में एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. ये स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है. आइए जानें इसके स्वास्थ्य लाभ. जूस को हेल्दी ड्रिंक माना जाता है. चाहे वो फलों का जूस हो या सब्जी का, एक गिलास जूस हमें तुरंत तरोताजा कर सकता है. इससे हमें बहुत ऊर्जावान महसूस होता है. ये जूस विटामिन और मिनरल से भरपूर होते हैं. अनार का जूस एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर होता है. रोजाना एक गिलास अनार का जूस पीने से आपकी सेहत को कई तरह से फायदा हो सकता है. आइए जानें इसके स्वास्थ्य लाभ. अनार का जूस कैंसर से बचाता है - अनार के जूस में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं. ये हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री रेडिक्लस को हटाने में मदद करते हैं, जो हमारी कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं. ये कैंसर जैसी बीमारियों को भी जन्म दे सकते हैं. अनार का जूस रोजाना पीने से आप कैंसर से बचाव कर सकते हैं. अनार का जूस - अनार में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट खून को पतला करने में मदद करते हैं. ये उन लोगों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है जिनके हृदय या शरीर के किसी अन्य हिस्से में खून का थक्का जम गया हो. अनार का जूस पीने से खून का गाढ़ा होना और थक्का बनना बंद हो जाता है. अनार का जूस गठिया से बचाता है - अनार के जूस में फ्लेवोनोल्स होते हैं जो जोड़ों में सूजन को रोकने में मदद करते हैं जो हड्डियों को नुकसान पहुंचाते हैं. अनार का जूस आपके हृदय के लिए बहुत अच्छा है - कई अध्ययनों से पता चलता है कि अनार का जूस आपके हृदय के लिए बहुत अच्छा है. ये रक्त प्रवाह में सुधार करने में मदद करता है और धमनियों को मोटा होने से रोकता है. इस जूस को नियमित रूप से पीने से धमनियों में प्लाक और कोलेस्ट्रॉल के विकास को रोकने में भी मदद मिलती है. अनार का जूस ब्लड प्रेशर को कम करता है - अनार का जूस रोजाना पीने से ब्लड प्रेशर कम करने में मदद मिल सकती है. ये किसी भी हृदय से संबंधित समस्यओं को रोकने में मदद करता है. अनार का जूस संक्रमण से लड़ता है - अपने एंटीवायरल गुणों के कारण अनार का जूस आम संक्रमणों के इलाज में काफी मददगार होता है. इसके अलावा, इसमें विटामिन सी, विटामिन ई होता है जो इम्युनिटी बढ़ाने वाले पोषक तत्व होते हैं और किसी भी स्वास्थ्य समस्या को दूर रखते हैं. अनार का जूस पाचन को बढ़ावा देता है - अनार के जूस में मौजूद फाइबर आपके पाचन तंत्र के लिए काफी मददगार होता है. फाइबर आपके पाचन को बढ़ावा देने में मदद करता है और कब्ज, अपच जैसी किसी भी समस्या को रोकता है.
यशवंत भाई, कलम की आजादी की चिंता करने के लिए कई राज्यों से पंजाब के तरनातरन में सैकड़ों पत्रकार इकट्ठे हुए। बस कलम की आजादी को लेकर कुछ एक देर आंशिक चिंता जताई, उसके बाद बस ऐसा लगा कि जैसे ये दारू की पार्टी के लिए ही कार्यक्रम था। नेशनल काउंसिल आफ इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन की दसवीं स्टेट कान्फ्रेंस में पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ के पत्रकार शामिल हुए। यहां एक बेन्कवेट हाल में आज 6 मार्च से तीन दिवसीय कार्यक्रम शुरू हुआ। आज दोपहर को थोड़ी बहुत पत्रकारिता की चिंता हुई। उसके बाद बस यही हलचल थी कि भाई दारू वाला पंडाल लग गया क्या? कितनी शराब आई है? कौन कौन से ब्रांड की आई है? इस बीच कई पत्रकारों ने कहा कि भाई थोड़ा शर्म तो करो अभी तो दोपहर बाद की चाय का वक्त ही हुआ है। दूसरे बोले छोड़ न यार कमाल कर दिया, दिन ढलते ही शराब का काम शुरू कर सकते हैं, बुराई ही क्या है? बस दिन ढला ही था कि जाम पे जाम खड़क गए। फिर नियम की दुहाई देने वाले पत्रकारों ने इतनी भारी मात्रा में शराब के तलाब में गोते लगाने के लिए एक्साइज की परमिशन भी नहीं कराई हुई थी। यशवंत भाई मैं यहां पत्रकारिता की मान मर्यादा की धज्जियां उड़ते हुए एक गवाह के तौर पर देख रहा था। बस अभी जाम मेज पर सजे ही थे कि लगभग नब्बे प्रतिशत प्रतिभागी पत्रकार शराब पर ऐसे टूट कर पड़े कि बस आज नहीं तो कभी नहीं? मुझे ऐसे लगा कि पत्रकारिता की स्वतंत्रता की चिंता के नाम पर ये कोरा ड्रामा था ये तो मनोरंजन कार्यक्रम था वो भी शराब में डूबने का। काहे का पत्रकारिता सम्मेलन? ये कोरे धोके हैं। मैं इस रिपोर्ट के साथ आप को जाम खडकने वाली इस शाम की फोटो भी भेज रहा हूं। एक भड़ास प्रेमी हरियाणा के प्रतिभागी पत्रकार ने मुझे फोन पर ये डिटेल डिक्टेट की और मैं अब इसे आपके सुपुर्द कर रहा हूं।
4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है। विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है। किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है। - ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है। - सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
Ranchi : शहर की सड़कों पर गति सीमा यानी स्पीड लिमिट को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक पुलिस को इंटरसेप्टर वाहन दिये गये हैं. ट्रैफिक पुलिस को वाहन मिले करीब पांच साल हो गये हैं. लेकिन पुलिस अब तक इसका पूरा लाभ नहीं ले सकी है. राजधानी रांची में वर्तमान में दो इंटरसेप्टर वाहन है. दोनों में स्पीड मापने वाले यंत्र भी लगे हैं, लेकिन यह किसी काम के नहीं है. सड़कों पर इंटरसेप्टर वाहन सिर्फ घूमती हुई नजर आती है. इससे ना वाहनों की स्पीड को ट्रैक किया जाता है और ना ही किसी व्यक्ति को आज तक ट्रैफिक नियम का उल्लंघन करने पर चालान भेजा गया है. लिहाजा शहर की सड़कों पर वाहन चालक बेलगाम हो गये हैं. वाहन चलकों की गाड़ियां सड़कों पर फुल स्पीड फर्राटा भरती हैं. (पढ़ें, सीएम हेमंत सोरेन से मिले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह, राजनीतिक हालात पर की चर्चा) पांच पहले साल 2018 में झारखंड में छह इंटरसेप्टर गाड़ियां खरीदी गयी थीं. इनमें दो गाड़ियां रांची के लिए, एक-एक गाड़ियां जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग व बोकारो को दी गयी हैं. इंटरसेप्टर वाहन के जरिए स्पीड लिमिट को तोड़ने वाले वाहनों को उपकरणों में कैद किया जाता है. फिर उन्हें ई-चालान भेजा जाता है. लेकिन सड़क पर वाहनों की अधिकतम स्पीड क्या होगी, इसका निर्धारण अब तक नहीं किया जा सका है. ऐसे में पुलिसकर्मियों इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं. इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं होने से करोड़ों के इंटरसेप्टर वाहन बेकार पड़े हैं. इसे भी पढ़ें : दिल्ली शराब घोटाला : ईडी की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का नाम! इंटरसेप्टर वाहन पर स्पीड गन कैमरा लगा रहता है. जो अपने आसपास में तेज गति से गुजरने वाले वाहनों की स्पीड को कैच कर लेता है. यदि स्पीड से ज्यादा वाहन की गति हुई तो वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती हैय इसमें ऑटोमेटिक चालान कट जाता है. इसके अलावा तेज गति से वाहन चलाने वालों के खिलाफ उनके रजिस्टर्ड मोबाइल पर यह मैसेज भी भेज दे दिया जाता है. जिसमें लिखा होता है कि आपने वाहन को काफी तेज गति से चलाया है. इसलिए फाइन भरना होगा. अगर यह गलती तीन बार हो जाती है तो उनका ड्राइविंग लाइसेंस भी कैंसल किया जा सकता है.
सरकार को बुधवार को राज्यसभा में फाइनेंस बिल पर विपक्ष के सामने झुकना पड़ा और बिल में कई संशोधन स्वीकार करने पड़े. बिल में कुल मिलाकर पांच संशोधन स्वीकार हुए, जिसमें से तीन कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पेश किए और दो संशोधन की मांग सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी ने रखे. हालांकि राज्यसभा को फाइनेंस बिल में सुधार या बदलाव करने की शक्ति नहीं है, लेकिन इसको सरकार की फजीहत के तौर पर देखा जा रहा है. इससे पहले फाइनेंस बिल पर चर्चा के दौरान वित्तमंत्री अरुण जेटली और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम के बीच आधार कार्ड को लेकर तीखी बहस हुई. दोनों ने एक-दूसरे पर वार-पलटवार किया. धोनी के आधार कार्ड की जानकारी लीक होने की शिकायत का उदाहरण देते हुए चिदंबरम ने कहा कि बॉयोमैट्रिक सिस्टम सुरक्षित नहीं है. जेटली पर तंज कसते हुए पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि जब पेंटागन हैक हो सकता है, तो आप कैसे अकाउंट डिटेल्स और बाक़ी जानकारी आधार के ज़रिए लीक होने से रोक सकते हैं. इस पर जेटली ने पलटवार करते हुए कहा कि पेंटागन को आधार के बगैर हैक कर लिया गया, तो आधार कार्ड की वजह से हैकिंग नहीं होती. इस पर चिदंबरम ने जेटली से कहा, "अगर आपको सवाल का जवाब नहीं देना है, तो मत दीजिए. पर मेरे सवाल को महत्वहीन बनाने या उसकी नकल करने की कोशिश मत कीजिए. " साक्षी धोनी की शिकायत पर जेटली ने कहा कि उनकी शिकायत पर कंपनी को 10 साल के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया है. वित्तमंत्री ने सभी सरकारी सुविधाओं के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने के प्रस्ताव की पैरवी करते हुए कहा कि धोखाधड़ी और टैक्स में घपलेबाजी रोकने के लिए बहुत जरूरी कदम है.
जिला कांगड़ा में शाहपुर के तहत आने वाले निजी शिक्षण संस्थान के छात्रावास के कमरे में एक छात्र ने फंदा लगाकर जान दी। युवक की पहचान नीरज कुमार 24 साल पुत्र रघुनंदन निवासी दारूहेड़ा रेवाड़ी, हरियाणा के रूप में हुई है। नीरज बीए एलएलबी पांचवें सत्र का छात्र था। जानकारी के अनुसार नीरज छात्रावास में अलग कमरे में रहता था। वीरवार देर शाम वह अपने दोस्तों के साथ कमरे में गया था। पुलिस ने छात्र के शव को कब्जे में लेकर छानबीन शुरू की दी है। बाद में उसने पंखे से मफलर से फंदा लगाकर जान दे दी। उसके दोस्त पठानकोट गए हुए थे, देर रात जब वह अपने कमरे में पहुंचे, तो उनके होश उड़ गए। उन्होंने मामले की सूचना शाहपुर पुलिस को दी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शुक्रवार को युवक का शव परिजनों को सौंपा गया। पुलिस को मौके पर कोई भी सुसाइड नोट नहीं मिला है। उधर, युवक के परिजनों ने पुलिस से मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग उठाई है। शाहपुर थाना प्रभारी हेमराज शर्मा ने कहा कि पुलिस ने मामला दर्ज छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस हर पहलू पर गंभीरता से जांच कर रही है।
Ranchi: झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने विधानसभा में कहा है कि झारखंड के शिक्षकों को चुनाव छोड़कर किसी दूसरे गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाया जाएगा. ना ही उनसे पिछली सरकार की तरह शराब बिकवाया जाएगा. जगरनाथ महतो विधायक सीपी सिंह के पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. सीपी सिंह ने सदन में पूछा था कि क्या यह बात सही है कि पांचवी तक के 70% बच्चे कोरोना काल में शिक्षा से वंचित रह गए. क्या शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिए जाते हैं. क्या शिक्षकों से मुर्गा-मुर्गी की गिनती नहीं कराई जाती है. इसका जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि वह सीपी सिंह को चैलेंज करते हैं, अगर कहीं शिक्षक मुर्गा-मुर्गी गिनते हैं तो विधायक बताएं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड के शिक्षक कहीं भी मुर्गा-मुर्गी नहीं गिनते हैं.
21 जून, 2020 को इंडोनेशिया के एक सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापी (Mount Merapi) में दो बार विस्फोट हुआ। प्रमुख बिंदुः - माउंट मेरापी मध्य जावा एवं इंडोनेशिया के याग्याकार्टा (Yogyakarta) प्रांतों के एक विशेष क्षेत्र के मध्य की सीमा पर स्थित एक सक्रिय स्ट्रेटो ज्वालामुखी (Active Strato Volcano) है। - ज्वालामुखी प्रायः एक छिद्र अथवा खुला भाग होता है, जिससे होकर पृथ्वी के अत्यंत तप्त भाग से गैस, तरल लावा, जल, चट्टानों के टुकड़ों आदि से युक्त गर्म पदार्थ पृथ्वी के धरातल पर प्रकट होता है। ज्वालामुखी उद्गार से निर्मित स्थलाकृतियाँ उद्गार की प्रवृत्ति तथा निस्सृत पदार्थों के प्रकार पर निर्भर करती हैं। सक्रिय ज्वालामुखीः - वे ज्वालामुखी जिनसे समय-समय पर मैग्मा निकलता रहता है या वर्तमान में उद्गार हो रहे हैं जैसे- लिपारी द्वीपसमूह (इटली) का स्ट्राम्बोली (इसे भूमध्यसागर का प्रकाश स्तंभ कहा जाता है।) स्ट्रेटो ज्वालामुखीः - स्ट्रेटो ज्वालामुखी, जिसे समग्र ज्वालामुखी के रूप में भी जाना जाता है, एक शंक्वाकार ज्वालामुखी है जो कठोर लावा, टेफ्रा, प्यूमिस और राख की कई परतों द्वारा निर्मित होता है। - इससे पहले वर्ष 2019 में माउंट मेरापी में हुए ज्वालामुखी विस्फोट में 300 से अधिक लोग मारे गए थे। - उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) में अवस्थित है जो प्रशांत महासागर के चारों ओर का एक विशाल क्षेत्र है जहाँ टेक्टोनिक प्लेट्स आकर मिलती हैं। - इस रिंग ऑफ फायर क्षेत्र में 17,000 से अधिक द्वीप एवं द्वीप समूह शामिल हैं और इसमें लगभग 130 सक्रिय ज्वालामुखी हैं। हाल ही में एक प्रमुख जेनेरिक दवा कंपनी हेटेरो (Hetero) ने COVID-19 के उपचार के लिये 'ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया' (Drug Controller General of India- DCGI) से जाँच संबंधी एंटीवायरल दवा 'रेमडेसिविर' (Remdesivir) के विनिर्माण एवं विपणन के लिये अनुमोदन प्राप्त किया है। - उल्लेखनीय है कि रेमडेसिविर के जेनेरिक संस्करण को भारत में ब्रांड नाम 'कोविफोर' (COVIFOR) के तहत बेचा जाएगा। प्रमुख बिंदुः - उल्लेखनीय है कि इससे पहले 'ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया' (DCGI) ने ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को वैश्विक महामारी COVID-19 से पीड़ित मरीज़ों पर फैवीपिराविर एंटीवायरल टेबलेट्स (Favipiravir Antiviral Tablets) के चिकित्सीय परीक्षण करने की अनुमति दी है। (Drug Controller General of India- DCGI): - ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया भारतीय दवा नियामक संस्था केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization-CDSCO) का प्रमुख होता है। - केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation- CDSCO) स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (NRA) है। - देश भर में इसके छह ज़ोनल कार्यालय, चार सब-ज़ोनल कार्यालय, तेरह पोर्ट ऑफिस और सात प्रयोगशालाएँ हैं। - इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। हाल ही में पर्यावरणीय संरक्षणवादियों के एक दल ने ग्लोबल वार्मिंग के कारण उत्तरी इटली में प्रेसेना ग्लेशियर (Presena Glacier) को पिघलने से रोकने के लिये इसके 100,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में जियोटेक्सटाइल तिरपाल शीट बिछाने की प्रक्रिया शुरू की। प्रमुख बिंदुः - स्की सीज़न (Ski Season) की समाप्ति और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत के साथ ही यह 6 सप्ताह की प्रक्रिया (ग्लेशियर संरक्षण की प्रक्रिया) प्रत्येक वर्ष दोहराई जाती है। - जबकि प्रेसेना ग्लेशियर पर से तिरपाल शीट हटाने की प्रक्रिया सितंबर महीने से शुरू होती है। स्की सीज़न (Ski Season): - यह एक ऐसी अवधि है जब स्कीइंग (Skiing), स्नोबोर्डिंग (Snowboarding) एवं अन्य अल्पाइन स्पोर्ट्स स्की रिसॉर्ट के लिये अनुकूल होते हैं। - स्कीइंग, बर्फ पर फिसलने के लिये स्की का उपयोग करके चलने का एक साधन है। - एक स्की रिसॉर्ट स्कीइंग, स्नोबोर्डिंग एवं अन्य शीतकालीन खेलों के लिये विकसित एक रिसॉर्ट है। - गौरतलब है कि ग्लेशियर को ढकने के लिये जियोटेक्सटाइल तिरपाल (Geotextile Tarpaulins) का प्रयोग किया जा रहा है जो सूर्य की किरणों को परावर्तित करता है और भीतर के तापमान को बाहर के तापमान से कम बनाए रखता है। इसके जरिये बड़े स्तर पर बर्फ को संरक्षित करने में मदद मिलती है। - ग्लेशियर संरक्षण परियोजना पहली बार वर्ष 2008 में इटालियन फर्म कारोसेलो-टोनाले (Carosello-Tonale) द्वारा शुरू की गई थी। उस समय प्रेसेना ग्लेशियर के केवल 30,000 वर्ग मीटर क्षेत्र को कवर किया गया था। - वर्ष 1993 से प्रेसेना ग्लेशियर ग्लोबल वार्मिंग के कारण अपनी मात्रा का एक तिहाई से अधिक भाग खो चुका है। प्रेसेना ग्लेशियर (Presena Glacier): - यह उत्तरी इटली में ट्रेंटिनो (Trentino) एवं लोम्बार्डी (Lombardy) के क्षेत्रों के बीच अवस्थित है। - यह ग्लेशियर प्रेसनेल्ला माउंटेन (Presanella Mountain) समूह का हिस्सा है। हाल ही में ओडिशा के माओवादी गढ़ के रूप में प्रसिद्ध मलकानगिरी ज़िले में कट-ऑफ क्षेत्र के रूप में पहचाने जाने वाले स्वाभिमान अंचल (Swabhiman Anchal) में सुरक्षा के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करके विकास सुनिश्चित करने में ओडिशा पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। प्रमुख बिंदुः - ओडिशा के मलकानगिरी ज़िले में कट-ऑफ क्षेत्र (Cut-off Area) के रूप में जाना जाने वाला स्वाभिमान अंचल माओवादियों का गढ़ रहा है। - यह क्षेत्र तीन तरफ से पानी से तथा दूसरी तरफ एक जटिल दुर्गम क्षेत्र से घिरा हुआ था। जिसके कारण यह लंबे समय से नक्सलियों का गढ़ रहा था। - ओडिशा, आंध्र प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के अधिकतर माओवादी स्वाभिमान अंचल में शरण लेते थे। - गौरतलब है कि इस क्षेत्र में सुरक्षा नेटवर्क मज़बूत होने से विकास से संबंधित गतिविधियाँ शुरू हुई हैं। जिनमें मुख्य रूप से सड़कों के निर्माण के कारण ऑटो-रिक्शा एवं सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से ओडिशा का यह क्षेत्र विकास की मुख्यधारा में शामिल हो गया है।
सीमा पार उड़ान के लिए आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण, अफगानिस्तान से यूएई की यात्रा करने वाले अमेरिकी सैनिकों के साथ एक विमान को ईरान में उतरना पड़ा। जब ईरानी पक्ष ने चालक दल को बताया कि तेहरान को उड़ान के लिए दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं, तो चालक दल ने इस बात का हवाला देते हुए जवाब देने की कोशिश नहीं की और उड़ान जारी रखी कि बगराम एयरबेस (अफगानिस्तान) में लौटने के लिए पर्याप्त ईंधन नहीं है। इस तरह की व्याख्या ईरानी पक्ष के अनुकूल नहीं थी, और तेहरान ने मांग की कि विमान ईरानी क्षेत्र पर उतरे। यह समाचार एजेंसी द्वारा बताया गया था। एसोसिएटेड प्रेस. सैकड़ों अमेरिकी सैनिकों के साथ विमान ईरान के क्षेत्र में दिखाई देने के बाद ही सीमा पार उड़ान के लिए सभी आवश्यक दस्तावेजों पर कार्रवाई की गई। इसी समय, संयुक्त राज्य अमेरिका का दावा है कि ऐसे दस्तावेजों की प्रारंभिक अनुपस्थिति अमेरिकी गलती नहीं है। वाहक फ्लाईडूबाई (यूएई) था, जिस पर ईरानी दावा करते थे। नतीजतन, "अलोकतांत्रिक" ईरान में कई घंटों के बाद "लोकतांत्रिक" और "लोकतांत्रिक" अमेरिकी सेना के सैनिकों के साथ विमान, फिर भी संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हो गया। अमेरिकी विदेश विभाग में, उन्होंने कहा कि वे इस घटना के प्रति चौकस रहेंगे।
बिछवाईजणौ, विछवाईजबौ - कर्म वा० । विछवायोड़ौ- भू. का. कृ. - बिछाने की क्रिया किसी दूसरे से करवाया हुआ । ( स्त्री. विछवायोड़ी ) विछ्वावरगौ, विछवावबो - क्रि. स. (बिछागो, बिछाबी क्रि. का प्रे. रू. ) किसी दूसरे से बिछाने का कार्य कराना । उ० - उपवन करि प्रति ग्रह उसीरां, नोख गुलाब छड़क घरण नीरां । जळ गुलाब वेळ का जमावै, विमळ पटी सीतळ विछ्वावै । -सू. प्र. विछवावणहार, हारी (हारी), विछ्वावरियो - वि० विछवाविप्रोड़ो, विछवावियोड़ी, विछवाव्यौड़ौ - भू० का० कृ० । बिछवावीजणी, विछवावीजबौ - कर्म वा० । विछवावियोड़ी- भू. का. कृ. - किसी दूसरे से बिछाने का कार्य कराया हुआ। (स्त्री. विछवावियोड़ी) विछ्वौ - १ देखो 'बिछवौ' (रू. भे . ) २ देखो 'विछोह' (रू. भे. ) उ० - मरजौ र राईका, थारोड़ी जी नार, सैरगां रौ विछवो दुसमी पाड़ियो, जी म्हारा राज । - लो. गी. विछहौ - देखो 'विछोह' (रू. भे. ) विछांग विछांनो - देखो 'बिछांरगो' (रू भे. ) उ० - इळा पिंगळा नाड़ी मिळकर, सुखमनि किया विछांनी प्रस परस पीया सुं खेली, मगनां भई दिवांनी । विछाइत - देखो 'बिछायत ' ( रू. भे . ) -१ तठा उपरांति करिने राजांन सिलांमति उवां हमांमां महलां बाहरि बाग-बगीचां रा रसता लागा छे । चोकीए विछाइत वणी छे । पाखती जळ कूल छूटि नै रही छै । - रा. सा. सं. उ० - २ घर मगाय पांन तांबोल रा रस लीजै छै। ऊजळी सपेत विछाइत ऊपरे ऊजळे वरगाव कियां ऊजळी रुसनाई लाग रही छै । इण भांति सं हेमंत रित मांहै रात रा सुख विलास मांरगीजै छै । - रा. सा. सं. विछाणौ, विछावौ - देखो 'बिछारो बिछाबो' (रू. भे. ) उ० - १ चौकी रूप पिलंग चढाए, विमळ पुहप घरग सेज विछाए । सेझ पहुप प्रफुलित इम सोहै, मदन वसंत इंद्र मन मोहै । - सू. प्र. उ० - २ जनहरीया चढि ग्यांत गज, जाजम अधर विछाय जगत सरूपी कूकरा, भुसळि मरो भसि जाय । - अनुभववांगी उ०-३ हरीया अपने पीब सुं, सूती सेझ विछाय। जो राखै मन और सुं, तो विभचार कहाय । - अनुभववारणी उ० - ४ एक बोलै करड़ा बोल ए, खेद उपजाय सटर्क दे खोल ए । मांग दूजा कनै जाय ए, तरै गिदरी देवं विछाय ए । - जयवांरगी -५ जिकै दिगपाळ रजपूत सांमंत अजनबांह ठाकुर अड़ाबीड़ दरबारै प्राइ खड़ा रहिश्रा छे । दरबार दुलीचा विछाइजै छं । विछाणहार, हारौ (हारी), विद्याणियो - वि० । विछायोड़ी - भू० का० कृ० । विछाइजणौ, विछाइजबौ - कर्म वा० । विछात, विछाति, विछायत - देखो 'बिछायत' ( रू. भे . ) उ० - १ प्रकोप तं नो रूप चूप पार में हुए विछात सूलि लूंब - झूल फूल हार में । अनूप ताक गोख स्री विचित्र चित्र सूं अटा, घर उतंग अंग जांगि स्रग मेघ ची घटा । उ० - २ सह बैठत जांन विछात सरै, बकियो सुत सारंग पूरत्र है । विप सोध जड़ां वसु वासव मै, वरतं मुख वायक प्रमै । उ० - ३ जिकै दिगपाळ रजपूत सांमंत प्रजांनबाह ठाकुर अड़बड़ दरबारै प्राइ खड़ा रहिश्रा । दरबार दुलीचा विछाइजै छे । विछात वरिण नें रही छे । दरबार वरिणयौ छै । - रा. सा. सं. उ० - ४ तठ विलाइत री गंथी चटाइ अमोलक विलाइ रही छै । तिरण ऊपरि बैठा छत्रीस रोग हरे ऊपरे ढोलिया गिलमां रो विछाति बरिगनें रही छे । उ० -५ विछायत पर बैठे, सरब हो बीसर, प्रवरी का केड़, जिसकूं सरस्वती का वर । जिस विछायत पर, थटाव चरचा कै थहै । और भी कवीसुरां नै, क्या क्या ग्रंथ कहै । - बां. दा. उ० -६ अबदुल्ला उर मंडळ आयत, वरणी मिळरण कज सौज विछायत । सैदां मिळरण लियां दळ साजा, रीभै गयो [ग्रजो] महाराजा । विछायतु सं. पु. - बिछाने का वस्त्र । विछायोड़ो - देखो 'बिछायोड़ो' (रू. भे. ) ( स्त्री. बिछायोड़ी) विछाळ, विछाल - देखो 'विसाल' (रू. भे . ) उ० - छाड्यो नयर विछाल छो, छाड़या सांभरि का बलावे बाहुड्या, नाह उतरोगो नदीय बनास । विछावण, विछावणौ - देखो 'बिछाणी' (रू. भे . ) रिणवास । येक बी. दे. उ० - २ वसंत रै विखे त्रीस्रण रै घर पुहुप ही का छै। श्रोढरणा विछावणा परिण पुहपां ही का छे । पुहपांहि के होंडोळं त्रीकरण होंडइ छ । सखी छै सो भी सब पुहषां माहें छै । -- वेलि टी.
क्कक्त्रहृढ्ढङ्घन्/क्कन्ञ्जहृन्ः युवा उत्सव के दूसरे दिन बुधवार को पटना के कलाकारों ने 2ाूब झूमाया। पूर्णिया के इंदिरा गांधी स्टेडियम में लोकगीत, लोकनृत्य और लोकगाथा की प्रस्तुति पर दर्शकों के साथ निर्णायक मंडली के मेंबर्स ने सराहना की। युवा महोत्सव में लोकगीत और लोकनृत्य का हर रंग देखने को मिला। मुंगेर के कलाकारों ने समूह नृत्य कर चौमासा पारंपरिक लोकनृत्य की प्रस्तुति कर सभी का दिल जीत लिया। बेगूसराय की ओर से समूह लोकगीत प्रस्तुत की गई। 'जब देशवा पर परले विपत्तिवां हे राम ' जैसे देशभ1ित लोक गीतों की प्रस्तुति पर लोगों ने खूब ताली बजाई। पूर्णिया की टीम ने कजरी की शानदार प्रस्तुति की। इस मौके पर झिझिया, सामा चकेबा आदि लोक गीत भी प्रस्तुत किए गए। इसके निर्णायक मंडली में रंजना झा, दशरथ प्रसाद साह थे। समूह लोक नृत्य की प्रस्तुति मुंगेर, समस्तीपुर, पटना, लखीसराय, भोजपुर, शिवहर, ब1सर, दरभंगा, मधुबनी और सुपौल की टीम ने किया। जमुई के सूरज कुमार दुबे ने एकल सुगम संगीत 'हम है परदेश में देश में निकला होगा चांद' प्रस्तुत किया। अन्य कलाकारों में वैशाली के प्रेरमा श्रीवास्तव, पूर्वी चंपारण के विवेक शिरोमणी, मुज3फरपुर की स्नेता प्रियदर्शनी, शिवहर के शिवम कुमार, पश्चिम चंपारण के प्रांजल कुमार, सीतामढ़ी आयुषी आनंदने सुगम संगीत प्रस्तुत किया।
बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म 'दिल बेचारा' बीते दिन ही रिलीज हुई है। फिल्म ने रिलीज के साथ ही लोगों की आंखों में आंसू ला दिए। लोगों ने सुशांत की फिल्म देखने के बाद ट्वीट कर अपनी भावनाएं शेयर कीं। इसी बीच खबर है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई जांच की मांग करने वाले लोगों को थोड़ी राहत मिल सकती है। दरअसल सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई जांच को लेकर बीते दिनों पूर्व सांसद पप्पू यादव ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखी थी। इसके जवाब में अमित शाह ने लिखा कि मामला संबंधित मंत्रालय को भेज दिया गया है। वहीं अब बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की चिट्ठी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने चिट्ठी को स्वीकार कर लिया है। इसके बाद ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि सुशांत की मौत की जांच अब सीबीआई कर सकती हैं। हालांकि इसके बारे में अभी कुछ भी कहना काफी जल्दी होगा। इस बात की जानकारी सुब्रमण्यम स्वामी के वकील ईशकरण सिंह भंडारी ने दी है। ईशकरण ने ट्वीट कर बताया है कि सीबीआई जांच की प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी नरेंद्र मोदी तक पहुंच गई है और वह इस पर ध्यान दे रहे हैं। ईशकरण ने अपने ट्वीट में लिखा, 'पीएम मोदी ने सुब्रमण्यम स्वामी की उस चिट्ठी को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमई मौत की सीबीआई जांच की मांग की है। ' वहीं ईशकरण के इस ट्वीट को कंगना रनौत के ट्विटर अकाउंट से भी रिट्वीट किया गया है। कंगना की टीम ने इसे रीट्वीट करते हुए लिखा, 'हमारी संवेदनशील और जिम्मेदार सरकार ही हमारी आशा है सुशांत और कई लोगों को न्याय दिलाने में। जो अभी भी फिल्म माफिया द्वारा टारगेट किए जा रहे हैं और बदनाम हो रहे हैं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी को बहुत- बहुत धन्यवाद। '
फुरकान और शादाब बोले मतदाता हमारे हीरो, मुनीश सैनी ने बताया गधा. . आदेश चौहान ने फिर लगाई कांग्रेस में सेंध, कई युवा नेता तोड़े. . भाजपा प्रत्याशी ने मतदाताओं को बताया गधा, यकीन न हो तो सुनें वीडियो. . रानीपुर सीट पर कांग्रेस को झटका, आदेश चौहान की सेंधमारी जारी. . गली-गली पहुंचा स्वामी का कारवां, विकास के नाम पर मांगे वोट. . छात्रवृत्ति घोटाले पर कांग्रेस व आप प्रत्याशी ने भाजपा प्रत्याशी को घेरा, पूछे सवाल. . कांग्रेस को झटकाः स्वामी यतीश्वरानंद ने कांग्रेसियों को ज्वॉइन कराई भाजपा. . भाजपा प्रत्याशी को उल्टे पांव लौटाया, लगे मुर्दाबाद के नारे. .
असम सरकार के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने गृहमंत्री अमित शाह से असम में की गई एनआरसी को खारिज करने का अनुरोध किया है. नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाएगा. इस दौरान उन्होंने दावा किया कि धर्म के आधार पर कोई भेदभाव नहीं होगा. समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, एनआरसी को देशभर में लागू करने के अमित शाह बयान के बाद भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने लोगों को आश्वासन दिया कि वह राज्य में इस तरह के नागरिक रजिस्टर की अनुमति कभी नहीं देंगी. शाह ने राज्यसभा को बताया कि भारत के सभी नागरिक चाहे जो भी हों, एनआरसी सूची में शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि एनआरसी में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि अन्य धर्मों के लोग रजिस्टर में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने स्वीकार किया है कि धार्मिक अत्याचार के कारण देश छोड़कर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलनी चाहिए, जिसमें हिंदू, बौद्ध, जैन, ईसाई, सिख और पारसी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि असम में एनआरसी की प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूरा किया गया और जब अपेडट करने की प्रक्रिया को पूरे देश में लागू किया जाएगा तब असम को भी उसमें जोड़ा गया. हालांकि, ममता बनर्जी ने कहा कि असम में एनआरसी असम समझौते का हिस्सा थी जिस पर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान हस्ताक्षर किया गया था और इसे कभी भी पूरे देश में लागू नहीं किया जा सकता है. इस बीच, असम सरकार के वित्तमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता हेमंत बिस्वा शर्मा ने बुधवार को कहा कि असम में एनआरसी लागू करते वक्त कई सारी गड़बड़ियां सामने आई हैं. हम चाहते हैं कि वर्तमान में जारी की गई नागरिक सूची को रद्द करते हुए असम सरकार अब राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली एनआरसी प्रक्रिया का हिस्सा बने. शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने हाल में जारी एनआरसी को खारिज किए जाने का केंद्र से अनुरोध किया है. गुवाहाटी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शर्मा ने कहा कि असम सरकार ने एनआरसी को स्वीकार नहीं किया है. सरकार और बीजेपी ने देश के गृहमंत्री से एनआरसी को खारिज करने का अनुरोध किया है. एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला की कड़ी निंदा करते हुए मंत्री ने आरोप लगाया कि एनआरसी सर्वे की पूरी कवायद राज्य सरकार को अलग रखते हुए चलाई गई. (समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)
सांगोद से कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक व पूर्व मंत्री भरत सिंह कुंदनपुर द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे गए लेटर का खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने जवाब दिया है। मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि 'सांगोद विधायक भरत सिंह जी ने जो कुछ कहा, वह उनके व्यक्तिगत विचार हैं और मैं उन पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा। भरत सिंह कांग्रेस पार्टी में मुझसे वरिष्ठ हैं। मैं कांग्रेस पार्टी का अनुशासित सिपाही हूं,मुझसे सीनियर व वरिष्ठ सभी कांग्रेसी जनों का सम्मान करता हूं। गौरतलब है कि भरत सिंह ने 29 दिसंबर को सीएम गहलोत को लेटर लिखकर खनन मंत्री को खनन माफिया बताते हुए पार्टी व प्रदेश के हित मे पद से मुक्त करने की मांग की थी। भरत सिंह के लेटर के जवाब में मंत्री प्रमोद जैन भाया ने अवैध खनन पर आंकड़ों पर गौर करने की बात कहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार की तुलना में कांग्रेस सरकार के समय अवैध खनन के खिलाफ कहीं ज्यादा कठोर व प्रभावी कार्रवाई की गई है, ज्यादा अभियान चलाए गए हैं। अवैध खनन को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया है। आंकड़े इस बात के गवाह है। उन्होंने बताया कि भाजपा की केंद्र सरकार ने लोकसभा में दिए गए अपने उत्तर में माना कि राजस्थान की वर्तमान कांग्रेस सरकार के समय में अवैध खनन में कमी आई है। राजस्थान के खान विभाग के कार्य को देखते हुए केंद्र की भाजपा सरकार ने भी राजस्थान सरकार के खान विभाग को नवाजा है और पुरस्कृत किया है। हमारी कांग्रेस सरकार के 4 वर्ष में अवैध खनन पर अंकुश लगाकर जो वैध खनन को बढ़ावा दिया गया है। उसी का प्रमाण है कि राज्य में खनन राजस्व में भारी वृद्धि हुई है। This website follows the DNPA Code of Ethics.
कालानमक(New Black Salt Rice) का नाम सुनकर आप नमक के बारे में सोच रहे होंगे मगर हम नमक नहीं बल्कि अपनी खुश्बू, स्वाद व पोषक तत्वों को लेकर पूरी दुनिया में फेमस धान कालानमक के बारे में बात कर रहे हैं। सिद्धार्थनगर समेत प्रदेश के पांच जिलों में अब इस कालेनमक की खेती की जाएगी। इसे इन जिलों का एक जिला एक कृषि उत्पाद के रूप में प्रदेश सरकार ने चुना है। कालानमक की आने वाली नई प्रजातियां किसानों को को काफी फायदा पहुंचाएगी। पहले की तुलना में इनकी महक भी ज्यादा होगी। कालानमक की इन नई प्रजातियों पर गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर समेत आठ जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों पर परीक्षण चल रहा है। अब तक कालानमक की चार प्रजातियां किसान अपने खेतों में बोते रहे हैं। किसी भी प्रजाति का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 क्विंटल से ज्यादा नहीं है। नई प्रजातियां प्रति हेक्टेयर लगभग 50 क्विंटल धान का पैदावार देंगी। किसान कालानमक की खेती के लिए कालानमक तीन, कालानमक 101, कालानमक 102, कालानमक किरन प्रजातियाें का इस्तेमाल करते हैं। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के प्रभारी डा. एसके तोमर ने बताया है कि इसमें कालानमक किरन का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 40 क्विंटल के लगभग है। वहीं अन्य प्रजातियों का उत्पादन प्रति हेक्टेयर 35 क्विंटल भी नहीं है। जिसके कारण फसल के नुकसान होने का खतरा भी ज्यादा रहता है। जिसकी वजह से किसान इसकी बुवाई कम करना चाहता है। उत्पादन की परेशानी को ध्यान में रखकर भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान दिल्ली (आईएआरआई) ने अपने पूसा फार्म में सात वर्षों में कालानमक में जेनेटिक बदलाव करने के बाद दस लाइन (परीक्षणशील प्रजातियां) तैयार की हैं। अब गोरखपुर, गोंडा, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, देवरिया, मराजगंज में इन लाइनों का कृषि विज्ञान केंद्रों पर दो गुणे पांच मीटर के प्लाट पर इसकी ट्रेनिंग चल रही है। परीक्षण सफल होने के बाइ इन लाइनों को प्रजाति की संज्ञा मिल जाएगी। कृषि विज्ञान केंद्र बेलीपार के प्रभारी ने बताया है कि दिल्ली में इसका इस्तेमाल सफल रहा है और नतीजे भी अच्छे रहे हैं। पिछले साल बस्ती जिले में इसका परीक्षण हुआ था जोकि अच्छा रहा है। लेकिन इस बार आठ जिलों में इसका एक साथ परीक्षण चल रहा है। नये कालानमक में ज्यादा उत्पादन के साथ सुगंध (एरोमा) की मात्रा पहले की तुलना में ज्यादा है। पोषक तत्व भी ज्यादा हैं। ऐसे में इसके सेवन से लोगों की प्रतिरोधक क्षमता भी ज्यादा बढ़ेगी।
शिल्पा शेट्टी के पति और बिजनेसमैन राज कुंद्रा इन दिनों पोर्न वीडियो बनाने और उसे ऐप डाउनलोड करने के जुर्म में जेल में बंद है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को कुंद्रा को अंतरिम राहत दी है। उनकी अग्रिम जमानत अर्जी पर 25 अगस्त को फैसला होगा। सैफ अली खान और अर्जुन कपूर की मोस्ट अवेटेड फिल्म भूत पुलिस (Bhoot Police) का ट्रेलर बुधवार को रिलीज किया गया। 2 मिनट 48 सेकंड के फिल्म के ट्रेलर में जबरदस्त हॉरर कॉमेडी का तड़का लगाया गया है। TV के सबसे कॉन्ट्रोवर्शियल रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी (Bigg Boss OTT) में आए दिन लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं। घर में पहले दिन से ही भोजपुरी एक्ट्रेस अक्षरा सिंह (Akshara Singh) और शिल्पा शेट्टी की बहन शमिता शेट्टी (Shamita Shetty) में तूतू-मैंमैं हो रही है। 20 साल बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) पर एक बार फिर तालिबान (Taliban) ने कब्जा जमा लिया है। तालिबान की दहशत से वहां की महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग देश छोड़कर भाग रहे हैं। अब तक तालिबानों के जुल्म की कई तस्वीरें सामने आ चुकी हैं। सभी को वहां के नागरिकों की चिंता सता रही है। खबर है कि शाहरुख खान की लाडली सुहाना खान भी जल्द ही इंडस्ट्री में अपना दिखाने वाली है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जोया अख्तर ने सुहाना को लॉन्च करने की जिम्मेदारी ली है। सबसे विवादित रियलिटी शो बिग बॉस ओटीटी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। रिपोर्ट्स की मानें को मेकर्स ने गुजरे जमाने की एक्ट्रेस रेखा को शो में लाने और उन्हें बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया है। बिग बॉस ओटीटी को शुरू हुए अभी 8-9 ही दिन हुए। हाल ही में एक वीडियो सामने आया जिसमें प्रतीत सहजपाल और रिद्धिमा पंडित एक-दूसरे से भिड़ते नजर आ रहे हैं। फिल्म 'छपाक' के दौरान जेएनयू (JNU) में स्टूडेंट का सपोर्ट कर विवादों में घिरीं दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) एक बार फिर मुश्किलों में फंस गई हैं। दरअसल, दीपिका ने अपने चैरिटी फाउंडेशन 'द लिव लव लॉफ' को सपोर्ट करने के लिए कुछ कपड़े नीलाम किए हैं।
आदरणीय साथियो ! "ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" अंक-22 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है । प्रस्तुत चित्र अभी हाल में ही दिल्ली में हुए एक अत्यंत शर्मनाक कृत्य के विरूद्ध जनता द्वारा किये गए प्रदर्शन पर आधारित है । अब आप सभी को इसका काव्यात्मक मर्म चित्रित करना है ! जहाँ दानवी भूख हो, संस्कार हों लुप्त. वहीं भयानक 'वेदना', हुई 'दामिनी' मुक्त.. अपराधी बेख़ौफ़ हैं, सुप्त लगे सरकार. पैशाचिक दुष्कर्म को, फाँसी ही दरकार.. मंच संचालकः Replies are closed for this discussion. वाह आदरणीय अलबेला जी वाह ! बहुत खूब ...जबरदस्त ....क्या सशक्त दृष्टिकोण है आपका । जय हो ! अपराधियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए,,,,वह सजा सिर्फ फाँसी है ,,,
यह पहली बार नहीं जब ब्रिटेन और अमेरिका में भारतीय हितों को चोट पहुंचाने वाले खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में ढिलाई बरती गई हो। खालिस्तानियों के उपद्रव और उत्पात की एक लंबे समय से अनदेखी होती चली आ रही है। पंजाब में अतिवादी अमृतपाल सिंह और उसके साथियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग और अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को में भारत के वाणिज्य दूतावास को खालिस्तान समर्थकों ने जिस तरह निशाना बनाया, उसकी केवल निंदा-भर्त्सना ही पर्याप्त नहीं। भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ब्रिटेन और अमेरिका की सरकारें इन उपद्रवियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करें। यह ठीक नहीं कि न तो लंदन में भारतीय उच्चायोग में कोई सुरक्षा व्यवस्था दिखी और न ही सैन फ्रांसिस्को के वाणिज्य दूतावास में। इससे भी खराब बात यह है कि इन दोनों भारतीय ठिकानों पर हमले के लिए जिम्मेदार खालिस्तानियों के विरुद्ध वैसी कार्रवाई नहीं हुई, जैसी अपेक्षित ही नहीं, आवश्यक थी। यह पहली बार नहीं, जब ब्रिटेन और अमेरिका में भारतीय हितों को चोट पहुंचाने वाले खालिस्तानियों के खिलाफ कार्रवाई के मामले में ढिलाई बरती गई हो। खालिस्तानियों के उपद्रव और उत्पात की एक लंबे समय से अनदेखी होती चली आ रही है। जैसा ब्रिटेन और अमेरिका में हो रहा है, वैसा ही कनाडा और आस्ट्रेलिया में भी। यह किसी से छिपा नहीं कि इन दोनों देशों में खालिस्तानियों ने किस तरह एक के बाद एक मंदिरों को निशाना बनाया। कनाडा और आस्ट्रेलिया के अधिकारियों ने मंदिरों को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की निंदा तो की, लेकिन उपद्रवी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया। यह महज दुर्योग नहीं हो सकता कि पश्चिमी देश अपने यहां के बेलगाम खालिस्तानियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने के स्थान पर हाथ पर हाथ रखकर बैठने का काम कर रहे हैं। कहीं यह ढिलाई किसी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा तो नहीं? भारत को इस प्रश्न की तह तक जाना होगा और इसका एक उपाय इन देशों से सीधे सवाल-जवाब करना है। भारत विरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने में उन देशों की ओर से ढिलाई बरतना हैरान करता है, जो भारत के मित्र देश हैं और जिनके साथ विभिन्न विषयों पर द्विपक्षीय वार्ता का क्रम जारी है। यदि पश्चिमी देश अपने यहां के खालिस्तानियों को नियंत्रित करने में तत्परता का परिचय नहीं देते तो भारत को यह स्पष्ट करने में संकोच नहीं करना चाहिए कि भारतीय हितों के खिलाफ सक्रिय तत्वों के प्रति उनकी सुस्ती संबंधों को बिगाड़ने का काम करेगी। भारत को इन देशों के समक्ष अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्हें इसके लिए बाध्य करना होगा कि वे खालिस्तानी चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करें। चूंकि खालिस्तानियों की हरकतें जिहादियों सरीखी होती जा रही हैं इसलिए इस नतीजे पर पहुंचने के अलावा और कोई उपाय नहीं कि उन्हें पाकिस्तान का सहयोग और समर्थन मिल रहा है। स्पष्ट है कि भारत को पाकिस्तान की हरकतों पर भी निगाह रखनी होगी। इसी के साथ इस पर भी ध्यान देना होगा कि विदेश में सक्रिय खालिस्तानी पंजाब में माहौल बिगाड़ने का काम न करने पाएं।
वर्ल्ड कप 2019 में भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला मुकाबला जीत लिया है। लेकिन क्रिकेट के अलावा हमारे ये स्टार क्रिकेटर्स जो गाड़ियों का भी काफी शौक हैं। इनके गैराज में एक से बढ़कर एक गाड़ियों की लाइन लगी है। आइये जानते हैं टीम इंडिया के स्टार्ट बल्लेबाज आखिर कौन सी कार चलाना पसंद करते हैं। वर्ल्ड कप 2019 के भारत के पहले मैच के हीरो बने रोहित शर्मा के पास भी कई कारें हैं लेकिन उनके गैराज में BMW M5 ने एंट्री ली है। BMW M5 रोहित शर्मा की ड्रीम कार है। इस कार की कीमत करीब 1. 4 करोड़ रुपये है। इसमें 4. 4-लीटर V8 पेट्रोल इंजन लगा है जो 560bhp की पावर देता है। भारतीय क्रिकेट टीम के कैप्टन विराट कोहली को भी कारों से खासा लगाव है। उनके गराज में एक से बढ़कर एक कारें हैं। विराट के नए कलेक्शन में Audi R8 है जिसकी कीमत करीब 2. 97 करोड़ रुपये है। इंजन की बात करें तो इसमें 5. 2-लीटर V10 इंजन दिया गया है, जो 570 bhp का पावर देता है। भारतीय क्रिकेट टीम के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के पास भी कई जबरदस्त कारें हैं। शिखर धवन की पसंदीदा कार Mercedes GL350 CDI एसयूवी है। यह एक बेहद दमदार सवारी है और इसमें 3. 0-लीटर V6 डीजल इंजन लगा है, जो 255 Bhp का पावर देता है। अपने कूल अंदाज में मैच जितने वाले महिंद्रा सिहं धोनी को बाइक्स के साथ कारों का भी शौक है। धोनी सबसे ज्यादा पसंद है Hummer H2, धोनी ने इस गाड़ी को काफी पहले ही खरीदा था, भारत में साल 2009 में भारत में यह बंद भी चुकी है। जिन लोगों के पास Hummer H2 है वो इस बेचते नहीं है क्योकिं यह बेहद खास गाड़ी है।
नई दिल्लीः सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वॉयरमेंट(सीएसई) द्वारा रियल टाइम क्रॉस-बॉर्डर ट्रैफिक ताज़ा सर्वे जारी किया गया है. जिसके अनुसार राजधानी में बहरी वाहनों द्वारा प्रदुषण फैलाया जा रहा है. दिल्ली के मुख्य 9 प्रवेश मार्गों पर किये गए सर्वे में यह बात सामने आई है. जिसके मुताबिक मुताबिक 3. 07 लाख कार और 1. 27 लाख दो पहिया वाहन रोजाना बाहर से दिल्ली में प्रवेश करते हैं. जिसके चलते दिल्ली में प्रदुषण बढ़ता जा रहा है. रोज़ाना दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों में डीजल कार, टैक्सी और एसयूवी कारों की तादाद 2014-15 में डीजल कारों के रजिस्ट्रेशन के मुकाबले 2. 5 गुना ज्यादा है. प्रदूषण को घटाने के लिए राजधानी में प्रवेश करने वाले ट्रकों पर लगाम लगाना की और विचार किया जा सकता है.
हमीरपुर। राजस्व, बागवानी और जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा है कि प्रदेश सरकार हिमाचल को फल राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में तेजी से कार्य करेगी। मंगलवार को हमीरपुर के निकटवर्ती गांव कैहडरू में बागवानी विभाग की एचपी शिवा परियोजना के तहत विकसित मौसंबी और अनार के क्लस्टर का निरीक्षण करने के बाद जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के ऊंचे क्षेत्रों के साथ-साथ मध्यम एवं कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी फलदार पौधों को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानी विकास परियोजना (एचडीपी) और एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से हिमाचल के सभी जिलों में स्थानीय भौगोलिक परिस्थितियों एवं अनुकूल जलवायु के अनुसार बड़े पैमाने पर फलदार पौधों का रोपण सुनिश्चित करवाएगी, जिससे प्रदेश के किसानों की आय में अच्छी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कैहडरू में एचपी शिवा परियोजना के तहत किए गए मौसंबी और अनार के पौधारोपण के काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। यहां 55 किसानों की लगभग 8 हैक्टेयर भूमि पर मौसंबी तथा अनार के पौधे लगाए गए हैं और मात्र 3 वर्षों में ही इनमें काफी अच्छी मात्रा में फल लगने शुरू हो गए हैं। इसी प्रकार सुजानपुर के निकट गांव भलेऊ के क्लस्टर में अमरूद के पौधे लगाए गए हैं और इन पौधों से भी काफी अच्छी पैदावार हो रही है। जगत सिंह नेगी ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत विकसित किए गए कैहडरू और भलेऊ के क्लस्टरों में अच्छे परिणामों को देखते हुए आने वाले समय में हमीरपुर जिले जैसे कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से फल उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा। इस अवसर पर जगत सिंह नेगी ने बागवानों से सीधा संवाद भी किया और एचपी शिवा परियोजना के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होंने बागवानी विभाग के अधिकारियों से भी परियोजना की प्रगति की जानकारी ली तथा उन्हें दिशा-निर्देश जारी किए। बागवानी विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार ने बागवानी मंत्री को जिला हमीरपुर में विकसित किए गए क्लस्टरों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस मौके पर एसडीएम मनीष कुमार सोनी, बागवानी विभाग और एचपी शिवा परियोजना से संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। कैहडरू के बाद जगत सिंह नेगी ने शाम को नादौन के निकट गांव बाग-भरमोटी के क्लस्टर का भी निरीक्षण किया तथा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए। पे नाऊ पर क्लिक करे।
हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर से नया हिंदी दैनिक 'अखंड हिमाचल' का प्रकाशन प्रारम्भ हो गया है. अखंड हिमाचल बीते 28 सितम्बर को पाक्षिक के रूप मे शुरू किया गया था. अखबार को मिले बेहतर रिस्पांस के बाद इसे इस साल 31 मई को साप्ताहिक कर दिया गया. अब इस अखबार का प्रकाशन दैनिक कर दिया गया है. प्रबंधन का कहना है कि वह इस अखबार को लोगों की आवाज बनाएगा. अखबार के संपादक गौरव सोनी का कहना है कि हम हिमाचल की पहचान कायम रखने के लिए हर संभव प्रयास इसके माध्यम से करेंगे. हम लोगों की आवाज बनकर उसे सरकार के कानों तक पहुंचाएंगे. उन्होंने उम्मीद जताई की यह अखबार हिमाचल की जनता के हर मानक पर खरा उतरेगा.
वॉट्सऐप ने नए आईटी नियम 2021 के अनुपालन में फरवरी के महीने में भारत में रिकॉर्ड 45 लाख से ज्यादा खराब अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। कंपनी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। भारत में WhatsApp ने अकाउंट बैन करने के मामले में एक नया रिकॉर्ड बना लिया है। दरअसल, वॉट्सऐप ने नए आईटी नियम 2021 के अनुपालन में फरवरी के महीने में भारत में रिकॉर्ड 45 लाख से ज्यादा खराब अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। कंपनी ने शनिवार को इसकी जानकारी दी। वॉट्सऐप ने अपनी मासिक अनुपालन रिपोर्ट में कहा, 1 फरवरी से 28 फरवरी के बीच, "4,597,400 वॉट्सऐप अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया था और इनमें से 1,298,000 अकाउंट्स को सक्रिय रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया था। " कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, "इस यूजर-सेफ्टी में प्राप्त उपयोगकर्ता शिकायतों और वॉट्सऐप द्वारा की गई कार्रवाई के विवरण के साथ-साथ हमारे प्लेटफॉर्म पर दुरुपयोग से निपटने के लिए वॉट्सऐप की अपनी निवारक कार्रवाइयां शामिल हैं। " प्रवक्ता ने कहा, "हम अपने काम में पारदर्शिता जारी रखेंगे और भविष्य की रिपोर्ट में अपने प्रयासों के बारे में जानकारी शामिल करेंगे। " इस बीच, लाखों भारतीय सोशल मीडिया यूजर्स को सशक्त बनाने के लिए, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री, राजीव चंद्रशेखर ने हाल ही में शिकायत अपील समिति (जीएसी) की शुरुआत की, जो कंटेंट और अन्य मुद्दों के बारे में उनकी चिंताओं पर ध्यान देगी। बड़ी टेक कंपनियों को वश में करने के लिए देश के डिजिटल कानूनों को मजबूत करने के लिए नवगठित पैनल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के फैसलों के खिलाफ यूजर्स द्वारा अपील पर गौर करेगा। आईटी मंत्रालय ने पिछले महीने संशोधित आईटी नियम, 2021 के तहत आवश्यक तीन जीएसी स्थापित करने के लिए अधिसूचित किया था। एक खुले, सुरक्षित, विश्वसनीय और जवाबदेह इंटरनेट की दिशा में एक बड़े प्रयास में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने 'डिजिटल नागरिक' के अधिकारों की रक्षा के उद्देश्य से कुछ संशोधनों को अधिसूचित किया है। (फोटो क्रेडिट-voonze)
वाहन की प्रदूषण जांच कराने की कतारों में लगे दूनाइट्स के लिए अच्छी खबर है। दून में परिवहन विभाग ने मंडे को 6 नए प्रदूषण जांच केंद्र खोल दिए हैं। इनमें सहारनपुर रोड, रायपुर, नेहरू कॉलोनी, विजय पार्क और सहस्त्रधारा रोड के उन इलाकों में नए सेंटर खोल गए हैं, जहां पहले से कोई प्रदूषण जांच केंद्र नहीं था और लोगों को प्रदूषण की जांच कराने में परेशानी हो रही थी। नए सेंटर्स में 3 पर पेट्रोल और डीजल दोनों प्रकार के वाहनों की जांच सुविधा है, जबकि 3 पर सिर्फ पेट्रोल वाहनों का पॉल्यूशन टेस्ट हो सकेगा। देहरादून में अगस्त माह तक सिर्फ 23 पॉल्यूशन टेस्ट सेंटर थे। सितंबर से न्यू मोटर व्हीकल (अमेंडमेंट) एक्ट लागू होने के बाद बिना प्रदूषण जांच वाले वालों पर एक्शन की तलवार लटक गई। पॉल्यूशन जांच कराने को सेंटर्स पर कतारें लग गई। परिवहन विभाग ने नए सेंटर खोलने के लिए आवेदन मांगे और जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करना शुरू किया। ऐसे में अब तक देहरादून में 77 पॉल्यूशन टेस्ट सेंटर हो चुके हैं।
इन दिनों अपने डेब्यू और नए धारावाहिक 'राधाकृष्ण' की शूटिंग में व्यस्त अभिनेत्री मल्लिका सिंह लगातार सुर्ख़ियों में हैं और उन्हें खूब पसंद भी किया जा रहा है. दरअसल उन्होंने हाल ही में बताया कि वह अपने खाली समय में कुछ बच्चों को डांस सिखाती हैं जो अब उनका जूनून बन चुका है और उन्हें बहुत पसंद आता है. हाल ही में मल्लिका ने कहा कि, "नृत्य मुझे खुशी देता है और मैं जितना संभव हो सके, उससे जुड़ना पसंद करती हूं. जब मुझे स्थानीय कार्यकर्ता ने बताया कि गांव के बच्चों को नृत्य सीखने में दिलचस्पी है, तो मैंने डांस क्लास शुरू करने का फैसला लिया. " इसी के साथ आगे बात करते हुए उन्होंने कहा कि, "शूटिंग शेड्यूल के साथ व्यस्त होने की वजह से उन्हें सप्ताहांत की शाम को डांस सिखाती हूं. भले ही क्लास नियमित नहीं है, लेकिन मुझे खुशी है कि मैं किसी की मदद कर रही हूं. " आप सभी को बता दें कि उन्हें इस समय खूब पसंद किया जा रहा है और उनकी जोड़ी भी खूब सुर्ख़ियों में हैं सभी दोनों को खूब पसंद कर रहे हैं और अब बात करें डांस की तो डांस के मामले में मल्लिका खूब एक्सपर्ट हैं और वह डांस के प्रति खूब दीवानी है और अपने डांस के कारण वह खूब चर्चित रहीं हैं.
अनिल कुमार मुजफ्फरनगर जिले की पुरकाजी विधानसभा से मौजूदा विधायक हैं। विधानसभा चुनाव 2017 में रालोद नेता और पुरकाजी से मौजूदा विधायक अनिल कुमार ने नामांकन किया था। नामांकन के बाद थाना सिविल लाइन पुलिस ने उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में मामला दर्ज किया था। आरोप था कि अनिल कुमार ने अपने समर्थकों संग ढोल नगाड़ों के साथ पहुंचकर नामांकन किया था। इस मामले में पुलिस ने जांच में विधायक के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। आप को बता दें कि, भाजपा विधायक विक्रम सैनी को कवाल दंगों में दोषी करार देते हुए एमपी-एमएलए अदालत ने दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई और 5 दिसंबर को खतौली विधानसभा में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी को हार का सामना करना पड़ा और सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया को जीत हासिल हुई। हालांकि आज विधायक अनिल कुमार को हुई 15 दिन की सजा का उनकी विधायकी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
सूत्रों की मानें तो जब पुलिस की पीसीआर वैन को घटना की जानकारी दी गई तो कातिल कार की तलाश करने में 10 गाड़ियां जुट गई थीं, मगर तब भी उस बलेनो कार का पता नहीं चल पाया, जिसके अंदर अंजलि 14 किलोमीटर तक घसीटी गई और अंत में उसकी जान चली गई. तो चलिए एक नजर में जानते हैं कंझावला केस से जुड़े सभी लेटेस्ट अपडेट्स. नए सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, 31 दिसंबर की देर रात अंजलि को 14 किलोमीटर तक घसीटने के बाद बलेनो कार सवारों ने सुबह 4 बजकर 51 मिनट पर रोहिणी सेक्टर 1 में गाड़ी को पार्किंग में पार्क किया. इसके बाद दूसरे सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि सुबह 6 बजकर 55 मिनट पर पुलिस ने इस गाड़ी को पार्किंग से रिकवर किया. सूत्रों की मानें तो सुल्तानपुरी-कंझावला रोड पर 14 किलोमीटर की दूरी के बीच पुलिस की 10 गाड़ियां हत्यारोपियों की कार ढूंढने में लगी थी, मगर उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. दिल्ली पुलिस की एक टीम ने बुधवार को अंजलि की दोस्त निधि से पूछताछ की. दिल्ली पुलिस की एक टीम ने बुधवार को अंजलि की दोस्त निधि से पूछताछ की. एफएसएल यानी फॉरेंसिक साइंस लैब की टीम ने तकरीबन 2 घंटे तक बलेनो कार और स्कूटी की जांच की. कंझावला मामले में अब तक की जांच की जानकारी लेने के लिए स्पेशल सीपी शालिनी सिंह ने बुधवार को सुल्तानपुरी थाना का दौरा किया था. शालिनी सिंह को गृह मंत्रालय के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर की तरफ से मामले की पूरी रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा गया है, जिसके बाद इस मामले में उन्होंने घटनास्थल की जांच, आरोपियों के बयान, एक्सीडेंट हुई स्कूटी और कार की एफएसएल जांच, सीसीटीवी फुटेजों की लिस्ट, गवाहों के बयान, होटल में मौजूद गवाहों के बयान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, चश्मदीद के बयान समेत कई अलग-अलग बिंदुओं पर जांच की. शालिनी सिंह सीधे इस मामले की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपेंगी. दिल्ली पुलिस की मानें तो मृतका अंजलि, उसकी दोस्त निधी और चारों आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड को कलेक्ट कर लिया गया है. रिकॉर्ड का विश्लेषण करना अभी बाकी, जिसके बाद कन्फर्म हो जाएगा कि दुर्घटना के वक्त उनके लोकेशन्स कहां थे. कंझावला कांड में एक ऐसा सीसीटीवी सामने आया है, जिसमें एक्सीडेंट के बाद कार जिस रास्ते से गुजरी थी, उसी रास्ते पर दिल्ली पुलिस की पीसीआर वैन भी दिखी. सीसीटीवी की फुटेज में देखा जा सकता है कि ठीक कार जिस रास्ते से निकली है उसी के चंद मिनट बाद पीसीआर वैन गुजरी. पुलिस जांच कर रही है कि यह फुटेज किस इलाके का है और किस जगह पर पीसीआर निकल रही थी. इसकी जांच की जा रही है. घटना वाली रात निशांत नामक शख्स ने निधि का रात में फोन चार्ज किया था. सीसीटीवी वीडियो में निधि निशांत को फोन देने जाते हुए भी दिख रही है. निशांत ने सिलसिलेवार तरीके से बताया कि कब निधि आई और मोबाइल दिया चार्ज करने को. रात के ढाई बजे निशांत को निधि ने बताया अर्जेंट कॉल करना है और इस तरह से उसने निशांत को फोन चार्ज करने को दिया. शराब पीने के आरोप पर अंजलि की मां ने कहा कि अंजलि शराब नहीं पीती थी और फिर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी ऐसा कुछ नहीं पाया गया है. निधि झूठ बोल रही है. पता नहीं किसके दबाव में निधि यह बयान दे रही है. हम निधि को नहीं जानते. दिल्ली पुलिस की टीम ने एक्सीडेंट का सीन रीक्रिएट किया और सुल्तानपुरी थाने में डीसीपी हरेंद्र कुमार खुद बलेनो के नीचे जाकर एक्सपर्ट की तरह जांच करते हुए दिखे कि आखिर अंजलि कार के नीचे कैसे फंसी होगी. दिल्ली में एक कार से टक्कर के बाद 12 किलोमीटर तक घसीटे जाने की वजह से जान गंवाने वाली युवती अंजलि सिंह के परिवार ने बुधवार को कहा कि निधि झूठ बोल रही है और उस पर हत्या का आरोप लगाया जाना चाहिए. अंजलि के परिवार ने साथ ही यह भी दावा किया कि उन्होंने उस 'सहेली' को ना तो पहले कभी देखा था और ना ही उसके बारे में पहले कभी सुना ही था जो 20 वर्षीय युवती के साथ उस समय थी जब वह एक कार के नीचे घसीटी गई थी. .
मेथी (Fenugreek) एक मसाला है, जो खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत को भी कई लाभ पहुंचाता है। लेकिन क्या आपने कभी मेथी (Fenugreek) और दूध (Milk) का एक साथ सेवन किया है। मेथी और दूध का एक साथ सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। दूध और मेथी का एक साथ सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से छुटकारा मिलता है। क्योंकि मेथी में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, सोडियम, जिंक, फॉस्फोरस, फॉलिक एसिड, विटामिन सी जैसे तत्व पाए जाते हैं, तो वहीं, दूध प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन ई जैसे तत्वों से भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य को अनगिनत लाभ पहुंचाते हैं। तो आइए जानते हैं मेथी और दूध का सेवन करने के क्या-क्या फायदे होते हैं। अगर आप पाचन (Digestion) से जुड़ी समस्या से परेशान हैं तो आपको मेथी और दूध का सेवन करना चाहिए। क्योंकि मेथी और दूध में फाइबर, मैग्नीशियम और विटामिन्स जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं और कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं। शरीर में बढ़ता बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) हार्ट की बीमारी का सबसे बड़ा कारण बनता है। इसलिए इसको कंट्रोल करना जरूरी होता है। कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए अगर आप मेथी दाना और दूध का सेवन करते हैं, तो यह फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि इस मिश्रण में फाइबर और विटामिन सी मौजूद होता है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है। सर्दी-जुकाम (Cold) या गले मे खराश की शिकायत होने पर मेथी और दूध का एक साथ सेवन फायदेमंद साबित होता है। क्योंकि इस मिश्रण का सेवन करने से सर्दी-जुकाम और गले में खराश की समस्या से छुटकारा मिलता है। मेथी और दूध का सेवन हड्डियों (Bones) के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि इस मिश्रण में कैल्शियम और विटामिन डी जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। साथ ही इसका सेवन करने से हड्डियों से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी कम होता है। हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) की समस्या हार्ट के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इसलिए इसको कंट्रोल करना जरूरी होता है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए अगर आप मेथी और दूध का सेवन करते हैं, तो यह फायदेमंद होता है। क्योंकि इसमें मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है। इस तरह से कर सकते हैं सेवन- मेथी और दूध का सेवन करने के लिए गर्म दूध में एक चम्मच मेथी पाउडर मिला लेना चाहिए, फिर इसका सेवन करना चाहिए। आप चाहे तो स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें शहद भी मिला सकते हैं। अस्वीकरणः सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। स्पोर्ट्सकीड़ा हिंदी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
भारत का राजपत्र "(ङक) "निर्गम" से किसी निगमित निकाय द्वारा अथवा किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा इसकी या उनकी ओर से, यथास्थिति, जनता, अथवा, ऐसे निगमित निकाय या व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह की प्रतिभूतियों के धारकों को प्रतिभूतियों के विक्रय का प्रस्ताव अभिप्रेत है और जिसमें सूचीबद्ध कंपनी द्वारा किया गया डिबेंचरों का मिजी स्थानम (प्राइवेट प्लेसमेंट) सम्मिलित है, जिन्हें सूचीबद्ध किए जाने का प्रस्ताव है : खण्ड (ज) का लॉप हो जाएगाः खण्ड (झ) के पश्चात्, निम्नलिखित खण्ड अंतःस्थापित किया जाएगा, अर्थात् "(झक) "न्यास विलेख से निगमित निकाय द्वारा निष्पादित विलेख, डिवेंचर धारकों के फायदे के लिए उसमें नामित न्यासियों के पक्ष में, अभिप्रेत है : # खण्ड (ञ) में, शब्दों और नियमों', शब्द 'यथास्थिति, " और शब्दों "या नियमों का लोप हो आएगा : विनियम 3 में, उप-विनियम (1) के पश्चात्, निम्नलिखित उप-विनियम अंतःस्थापित किया जाएमा, अर्थात् :* (1क) उप-विनियम (1) के अधीन किए गए रजिस्ट्रीकरण के लिए आवेदन से अनुसूची ।। में यथा विनिर्दिष्ट अप्रतिदेय आवेदन फीस संलग्न होगी।" (ii) विनियम 9 में, उप-विनियम (1) के पश्चात्, निम्नलिखित उप-विनियम अंतःस्थापित किया जाएगा, अर्थात् :" (1क) उप-विनियम (1) के अधीन किए गए नवीकरण के लिए आवेदन से अनुसूची ।। में यथा विनिर्दिष्ट अप्रतिदेय आवेदन फीस संलग्न होगी ।"
शिमला के कुमारसैन में भालुओं का आतंक देखने को मिल रहा है। यहां कोटगढ़ में गोशाला को तोड़ कर भालू ने गाय पर हमला कर उसे गंभीर रूप से जख़्मी कर दिया। जानकारी के अनुसार किरटी के जगमोहन की गौशाला में भालू ने छत तोड़ डाली दिया व अंदर बांधी गाय को गंभीर रूप से घायल कर दिया। गाय की आवाज सुन लोगों ने भालू को भगाया। गौर रहे कि पिछले 6 महीने से कोटगढ में भालू का आतंक जारी है। भालू ने आसपास की पंचायतों में कई गायों को निशाना बनाकर उनकी जान ले ली। बावजूद इसके ग्रमीणों की मांग के इस बारे में वन विभाग अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं कर पाया है। भालू को पकड़ने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं। जिला परिषद रीना ठाकुर और किरटी पंचायत की प्रधान सुनीता गुप्ता ने विभाग से मांग की है कि भालुओं को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए जाएं या खूखांर हो चुके भालुओं को मारा जाए।
अमरावती/दि. 17- स्थानीय रहाटगांव परिसर की विभिन्न रिहायशी बस्तियों में रहनेवाले नागरिकों द्वारा आज विधायक सुलभा खोडके से मुलाकात करते हुए उन्हें अपने क्षेत्र की समस्याओं से अवगत कराया गया. साथ ही क्षेत्र की समस्याओं को जल्द से जल्द दूरे करने के संदर्भ में निवेदन भी सौंपा गया. इस समय विधायक सुलभा खोडके को रहाटगांव चौक, आयटीआय कालोनी, राजमाता कालोनी, भटनगर आदि इलाकों की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराते हुए इस परिसर में किये जानेवाले विकास कामों को लेकर मांगों का निवेदन सौंपा गया. इस समय विधायक निंभोरकर, कैलाश सोमनाथ, मनीष गणेशपुरे आदि सहित परिसर के अनेकों नागरिक उपस्थित थे.
शब्बीर अहमद,भोपाल। मध्यप्रदेश में हुए नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम की जानकारी कमलनाथ ने जिला अध्यक्षों से मांगी थी, लेकिन अभी तक कई जिलों से जानकारी नहीं भेजी गई है. जिससे नाराज कमलनाथ ने जिलाध्यक्षों को 2 दिन का अल्टीमेटम दिया है. 5 सितंबर तक हर हाल में निकाय चुनाव परिणाम की जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं. दरअसल नगरीय निकाय चुनाव के ढाई महीने बाद भी कई जिला अध्यक्षों ने रिपोर्ट नहीं भेजी है. 12 अक्टूबर को कांग्रेस में निकाय चुनाव परिणाम पर मंथन होगा. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने हारे और जीते हुए उम्मीदवारों को भी बुलाया है. इस बैठक में हार का पोस्टमार्टम यानी समीक्षा की जाएगी. बता दें कि नगरी निकाय चुनाव के परिणाम को लेकर कांग्रेस 12 अक्टूबर को भोपाल में बड़ी बैठक करने जा रही है. इस बैठक में जीते पार्षद और महापौर के साथ हारे हुए पार्षद उम्मीदवार और महापौर उम्मीदवारों को बुलाया गया है. इस बैठक से पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ ने तमाम जिला अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि निकाय चुनाव की अपनी रिपोर्ट पीसीसी ऑफिस भेजें. बावजूद करीब एक दर्जन जिला अध्यक्षों ने अभी तक रिपोर्ट नहीं भेजी है. जिसके बाद कमलनाथ नाराज बताए जा रहे हैं. वही जिला अध्यक्षों को अल्टीमेटम दिया है. अगले 2 दिन के अंदर नगरी निकाय चुनाव के परिणाम की पूरी डिटेल दी जाए. जिसके बाद 12 अक्टूबर को होने वाली बैठक में निकाय चुनाव के परिणाम पर समीक्षा की जाए.
अमेरिका के बैंकिंग सेक्टर में बड़ी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। सिलिकॉन वैली बैंक बंद होने के बाद अब एक और अमेरिकी बैंक में ताला लग गया। बंद होने वाला नया बैंक सिग्नेचर बैंक (Signature Bank है। फिलहाल इस बैंक को अस्थायी रूप से बंद किया गया है। लेकिन यह बैंक कब खुलेगा और कभी खुलेगा भी या नहीं इस बारे में कुछ भी कह पाना संभव नहीं है। न्यूयॉर्क के वित्तीय सेवा विभाग के अनुसार सिग्नेचर बैंक का नियंत्रण अब फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) के पास। इस बैंक के पास साल 2022 के अंत में 110. 36 बिलियन डॉलर की संपत्ति थी। वहीं, बैंक के खातों में 88. 59 डॉलर जमा थे। अमेरिकी ट्रेजरी विभाग और अन्य बैंक नियामकों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि सिग्नेचर बैंक और सिलिकॉन वैली बैंक के सभी खाताधारकों को उनके पैसे का भुगतान किया जाएगा। करदाताओं (टैक्स देने वालों) को किसी प्रकार का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा। बैंकिंग सेक्टर में आ रही भारी गिरावट के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बायडेन का बयान भी सामने आया है। बायडेन ने कहा है कि बैंकों के डूबने के लिए जो लोग भी जिम्मेदार हैं हैं पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सिलिकॉन वैली और सिग्नेचर बैंक के खाताधारकों को कहा है कि उनके पैसे सुरक्षित हैं। बाइडेन ने यह भी कहा है कि उन्होंने सेक्रेटरी येलेन, नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल डायरेक्टर बैंकिंग रेगुलेटर के साथ बैठक की है। इस बैठक में उन्होंने सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक संकट को दूर करने का निर्देश दिया है। बता दें कि सिलिकॉन वैली बैंक के बाद सिग्नेचर बैंक का बंद होना अमेरिका के बैकिंग सेक्टर के इतिहास में तीसरी बड़ी असफलता है। इससे पहले साल 2008 में आई आर्थिक मंदी के बाद वाशिंगटन म्यूचुअल बैंक को बंद करना पड़ा था। गौरतलब है कि इससे पहले शुक्रवार (10 मार्च 2023) अमेरिकी रेगुलेटर्स ने देश के सबसे बड़े बैंकों में शुमार सिलिकॉन वैली बैंक (Silicon Valley Bank) को बंद करने के आदेश दे दिए थे। बीते महीने ही बैंक को फोर्ब्स पत्रिका द्वारा अमेरिका के सर्वश्रेष्ठ बैंको की सूची में स्थान दिया गया था। कैलिफोर्निया के डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन और इनोवेशन द्वारा बैंक को बंद करने के आदेश के साथ ही फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) को बैंक का रिसीवर नियुक्त किया गया है। बैंक के ग्राहकों के पैसों की सुरक्षा भी FDIC ही संभालेगी।
इंडिया न्यूज़, OTT News: टीवी स्टार जेनिफर विंगेट इंडस्ट्री की मोस्ट ब्यूटीफुल ऐक्ट्रसेस में से हैं। बता दें कि अभिनेत्री कोड एम नाम की वेब सीरीज से अपना ओटीटी डेब्यू किया था। वूट की इस सीरीजी में उन्होंने मोनिका मेहरा का रोल किया था। पहले सीजन में आर्मी में से एक सोल्डर दूसरे सोल्जर को एक झूठे मिशन पर ले जाकर मार देता है और इस झूठ को छुपाने के लिए वो कुछ मासूमों को भी मार देता है। केस सुलझाने के लिए मोनिका मेहरा (विंगेट जेनिफर) को बुलाया जाता है। उनका साथ तेज विरवानी का कैरेक्टर देता है। बता दें कि मेकर्स कोड एम सीजन 2 को लेकर आए हैं। वहीं इसके दूसरे सीजन के साथ एक बार फिर से जेनिफर विंगेट लौट आई हैं और फिर से तनुज विरवानी उनका साथ देंगे। इस सीजन जेनिफर की प्रमोशन हो गई है और उनको और भी गहरे केस में लगाया गया है। इस पर बात मुख्यमंत्री तक आ गई है। कोई शख्स आर्मी बेस कैंप से मुख्यमंत्री को मारने की कोशिश करता है। इसके पीछे कौन है। अब ये मामला जेनिफर को निपटाना है। ट्रेलर काफी सस्पेंस से भरा हुआ है और जेनिफर को कई मुसीबतों से होकर गुजरना पड़ेगा। लेकिन साफ है कि वो अपने मकसद तक जरूर पहुंचेंगी। ये सीरीज 9 जून को रिलीज हो रही है।
14 जनवरी से वेस्टइंडीज में अंडर 19 वर्ल्ड कप (Under 19 World Cup) की शुरुआत हुई। 15 जनवरी को ग्रुप ए में कनाडा का सामना यूएई के खिलाफ (CAN-U19 vs UAE-U19) सेंट किट्स एंड नेविस में होगा। वॉर्म-अप मैचों में कनाडा को ज़िम्बाब्वे और पाकिस्तान ने हराया था, वहीं यूएई ने पापुआ न्यू गिनी को एकतरफा मुकाबले में हराया था और इंग्लैंड के खिलाफ उनका मैच रद्द हुआ था। बेसेटेर में दोनों टीमें टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लेकर दूसरी टीम पर दबाव बनाने की कोशिश में होगी। पहले खेलते हुए 250 से ऊपर का स्कोर सुरक्षित हो सकता है।
देश में कोविड-19 को लेकर एक राहत की खबर भी आ रही है। पूरे देश में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 1,020 रोगी ठीक हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है। इसके साथ ही कोविड-19 के ठीक होने वाले मरीजों की रिकवरी दर 27. 41 फीसदी हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि कोरोनावायरस से पिछले 24 घंटे में 195 लोगों की मौत हो गई है। वहीं संक्रमण के 3,900 नए मामले सामने आए हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अब तक देश में इस वायरस से 46,433 लोग संक्रमित हो चुके हैं। बता दें कि इस वायरस को रोकने के लिए देश में तीसरा लॉकडाउन लागू किया गया है और साथ में कई प्रतिबंधों में ढील भी दी गई है।
अदालत ने पिछले महीने जांच एजेंसी को प्रक्रिया पूरी करने के लिए 30 और दिन का समय दिया था। अब एजेंसी ने इस अवधि के समाप्त होने से दो दिन पहले यह चार्जशीट दाखिल की है। मुंबई मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के बाहर कार में विस्फोटक मिलने और इस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की मौत मामले में आरोपी सचिन वझे समेत 10 आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने 10 हजार पेज की चार्जशीट दाखिल की है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने वझे के अलावा पूर्व 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' प्रदीप शर्मा और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की। बचाव पक्ष के एक वकील ने बताया कि अदालत ने पिछले महीने जांच एजेंसी को प्रक्रिया पूरी करने के लिए 30 और दिन का समय दिया था। अब एजेंसी ने इस अवधि के समाप्त होने से दो दिन पहले यह चार्जशीट दाखिल की है। यह मामला इस साल 25 फरवरी को मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास एंटीलिया के पास कार में विस्फोटक सामग्री मिलने से संबंधित है। इस कार का मालिक ठाणे का व्यवसायी मनसुख हिरेन था, बाद में जिसका शव एक नाले में मिला था। एनआईए ने आईपीसी, यूएपीए, आर्म्स एक्ट और विस्फोटक पदार्थ एक्ट की कई धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल की है। इन आरोपियों में वझे के अलावा पूर्व एनकाउंटर स्पेशालिस्ट प्रदीप शर्मा, रियाजुद्दीन काजी, सुनील माने, विनायक शिंदे, नरेश गौर, संतोष शेलार, आनंद जाधव, मनीष सोनी और सतीश तिरुपति का नाम शामिल है। चार्जशीट में 200 गवाहों के बयान शामिल हैं। इसमें 20 संरक्षित गवाह हैं जिनका बयान सीलबंद लिफाफे में अदालत पेश किए गए हैं। इनके बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए गए हैं।
बॉलीवुड (Bollywood) की कई सारी एक्ट्रेसेस हैं जिन्होंने फिल्मों में पत्रकार का रोल अदा कर दमदार अंदाज़ में फैंस का दिल जीत किया। खूब सुर्खियां भी बटोरी और चर्चा में बनी रहीं। बॉलीवुड की जानी-मानी खूबसूरत एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा ने फिल्म नूर में पत्रकार का रोल अदा किया। इस रोल को निभाने के बाद एक्ट्रेस ने खूब सुर्खियां बटोरी उनकी तारीफ भी काफी ज्यादा हुई। बॉलीवुड एक्ट्रेस कोंकोणा ने भी फिल्म पेज 3 में जर्नलिस्ट माधुरी का रोल अदा किया। उनके इस किरदार की दर्शकों ने खूब तारीफ की। वह इस किरदार को को लेकर काफी मशहूर भी हुई। बॉलीवुड के सबसे पॉपुलर एक्ट्रेस करीना कपूर ने भी पॉलिटिकल थ्रिलर फिल्म सत्याग्रह में एक पत्रकार का किरदार बखूबी तरीके से निभाया। उनके इस किरदार की जमकर तारीफ की गई। बॉलीवुड की जानी-मानी एक्ट्रेस प्रीति जिंटा ने भी फिल्म लक्ष्मी पत्रकार का किरदार अदा किया था। यह फिल्म असल जिंदगी से प्रभावित थी। इस फिल्म में उनके पत्रकार वाले रोल को खूब सराहना मिली। नरगिस फाखरी ने भी फिल्म मदरसा कैसे में जर्नलिस्ट जया सहानी की भूमिका अदा की। उनके इस रोल के लिए उन्हें काफी ज्यादा अच्छाइयां मिली।