दूसरी O ओर O अज्ञेय B-NEP के O नेतृत्व O में O प्रयोगवादी O कविता O आगे O आ O रही O थी O जिसकी O शुरुआत O ' O तारसप्तक B-NEAR ' O ( O 1943 B-NETI ) O से O हुई O और O ' O दूसरा B-NEAR सप्तक I-NEAR ' O ( O 1951 B-NETI ) O के O प्रकाशन O के O साथ O वह O नई O कविता O के O नाम O से O स्थापित O होने O लगी O । O सरजमीं O : O सुशासन O व O राज्यों O की O शिकायत O निवारण O प्रणाली O : O गोविन्द B-NEP कुमार I-NEP झा I-NEP : O शिवाजी B-NEP त्रिपाठी I-NEP गोविन्द B-NEP कुमार I-NEP झा I-NEP नयी B-NEL दिल्ली I-NEL स्थित O शोध O संस्था O सभ्यता O अध्ययता O केंद्र O में O शोधार्थी O हैं O । O शिवाजी B-NEP त्रिपाठी I-NEP स्वतंत्र O लेखक O एवं O शोधार्थी O हैं O । O दूरदृष्टि O : O बेहतरी O का O पर्याय O बनेगी O राष्ट्रीय O स्वर्ण O नीति O : O सिंह B-NEP प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP ने O 22 B-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 2021 I-NETI को O विश्व O जल O दिवस O के O अवसर O पर O नई B-NEL दिल्ली I-NEL में O वीडियो O कॉन्फ्रेंसिंग O के O माध्यम O से O ' O जल O शक्ति O अभियान O ; O वर्षा O जल O संचयन O ( O कैच O द O रेन O ) O ' O अभियान O की O शुरुआत O की O । O उन्होंने O कहा O कि O यह O समझौता O नदियों O को O जोड़ने O के O लिए O भारत B-NEL रत्न O श्री O अटल B-NEP बिहारी I-NEP वाजपेयी I-NEP की O परिकल्पना O और O स्वप्न O को O साकार O करने O के O लिए O महत्वपूर्ण O है O । O लॉर्ड B-NEP मैकाले I-NEP की O इच्छा O के O अनुसार O यह O प्रणाली O पूरी O तरह O से O विदेशी O और O जड़विहीन O थी O । O देश O के O स्वतंत्रता O संघर्ष O में O अनेकानेक O महान O क्षण O आए O जिनमें O 1857 B-NETI का O पहला O भारतीय O स्वाधीनता O संग्राम O , O सत्याग्रह O आंदोलन O , O लोकमान्य B-NEP तिलक I-NEP का O पूर्ण O स्वराज O का O आह्वान O , O नेताजी O के O नेतृत्व O में O आजाद B-NEO हिंद I-NEO फौज़ I-NEO का O दिल्ली B-NEL मार्च O तथा O देशभर O में O सभी O स्थानों O में O ऐसे O ही O अन्य O प्रेरक O क्षण O शामिल O हैं O । O नेताजी O सुभाषचंद्र B-NEP बोस I-NEP ने O कहा O था O , O " O कोई O एक B-NEN व्यक्ति O विचारधारा O के O लिए O मर O सकता O है O परन्तु O उसकी O मृत्यु O के O बाद O ही O विचारधारा O हजारों B-NEN जिंदगियों O में O अवतार O ले O लेगी O । O जैसा O नेल्सन B-NEP मंडेला I-NEP ने O कहा O , O " O हमारी O प्रगति O की O जांच O इस O बात O से O नहीं O होती O कि O हम O उन O लोगों O को O बहुत O कुछ O देते O हैं O जिनके O पास O पहले O से O बहुत O अधिक O है O । O भारत B-NEL में O वित्तीय O समावेश O का O पहला O प्रयास O 2005 B-NETI में O इंडियन B-NEO बैंक I-NEO के O के B-NEP सी I-NEP चक्रवर्ती I-NEP ने O शुरू O किया O था O । O प्रमुख O आलेख O - O भारतीय B-NEO प्रशासन I-NEO तंत्र I-NEO : O प्रोफेसर B-NEP श्रीकृष्ण I-NEP देव I-NEP राव I-NEP विशेष O आलेख O - O शासन O में O ईमानदारी O : O मीनाक्षी B-NEP गुप्ता I-NEP फोकस O - O भारतीय O विदेश O सेवा O : O निरंतर O उत्कृष्टता O की O ओर O : O हर्ष B-NEP वी. I-NEP पंत I-NEP इस O पोर्टल O के O अतिरिक्त O हाल O ही O में O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL के O नए O मुख्यमंत्री O योगी B-NEP आदित्यनाथ I-NEP ने O भी O मुख्यमंत्री O हेल्प O लाइन O की O शुरुआत O करने O की O घोषणा O की O है O । O इसलिए O चाहे O भगवान B-NEP गणेश I-NEP के O आठ B-NEN सुंदर O अवतारों O के O लिए O समर्पित O बेल्ट B-NEL में O अष्टविनायक O यात्रा O हो O या O पूर्व O - O ईसाई O बौद्ध O युग O से O औरंगाबाद B-NEL के O पास O अजंता B-NEL और O एलोरा B-NEL की O गुफाएं O , O माहिम B-NEL का O मदर B-NEAR मैरी I-NEAR चर्च I-NEAR या O मुंबई B-NEL की O हाजी B-NEAR अली I-NEAR मस्जिद I-NEAR , O ये O सब O मंदिरों O , O किलों O , O पुराने O स्मारकों O और O कलाओं O का O संचित O खजाना O हैं O । O अर्थव्यवस्था O और O सामाजिक O - O राजनीतिक O ताने O - O बाने O के O साथ O स्वतःपूर्ण O इकाइयां O , O महाराष्ट्र B-NEL के O किले O मुख्य O रूप O से O छत्रपति B-NEP शिवाजी I-NEP के O समय O के O आसपास O बनाए O गए O थे O । O देवाशीष B-NEP उपाध्याय I-NEP लेखक O खाद्य O सुरक्षा O एवं O औषधि O प्रशासन O , O हाथरस B-NEL में O जिला O खाद्य O सुरक्षा O अधिकारी O हैं O । O इसी O के O अनुसार O 2019 B-NETI में O प्रधानमंत्री O श्री B-NEP नरेन्द्र I-NEP मोदी I-NEP ने O महत्वपूर्ण O कार्यक्रम O जल B-NEO जीवन I-NEO मिशन I-NEO के O अंतर्गत O प्रत्येक O ग्रामीण O परिवार O को O नल B-NEO जल I-NEO शक्ति I-NEO अभियान I-NEO से O पेयजल O उपलब्ध O कराने O के O सरकार O के O संकल्प O की O घोषणा O की O । O बेसल B-NEP III B-NEN के O तहत O दिवालियापन O के O समाधान O और O पूंजीगत O मानदंडों O को O पूरा O करने O के O कारण O अब O तक O होने O वाली O कटौती O के O लिए O पीएसबी O को O प्रेरणा O की O आवश्यकता O है O जो O बहुमत O शेयरधारक O होने O के O नाते O सरकार O की O प्राथमिक O जिम्मेदारी O है O । O संसद O ने O राष्ट्रीय O ग्रामीण O रोज़गार O गारंटी O अधिनियम O 2005 O ( O बाद O में O इसका O नाम O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP नरेगा O या O मनरेगा O कर O दिया O गया O ) O पारित O किया O , O जो O ' O काम O के O अधिकार O ' O की O गारंटी O देने O वाला O सामाजिक O सुरक्षा O का O कानूनी O उपाय O था O । O उसी O के O अनुसार O ग्रामीण O परिवारों O को O आजीविका O की O सुरक्षा O प्रदान O करने O के O लिए O मांग O आधारित O मॉडल O वाली O योजना O ( O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP राष्ट्रीय O ग्रामीण O रोजगार O गारंटी O योजना O ) O आरंभ O की O गई O । O साक्षात्कार O : O बच्चों O की O सोच O का O दायरा O बढ़ाना O जरूरी O : O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP डिसले I-NEP प्रधानमंत्री O श्री O नरेंद्र B-NEP मोदी I-NEP ने O इसके O विषय O में O स्वयं O कहा O है O - O " O भारत B-NEL का O सामर्थ्य O देश O के O एक B-NEN - O एक B-NEN नागरिक O की O शक्ति O में O समाहित O है O । O जाने O - O माने O समाज O शास्त्री O धीरुभाई B-NEP सेठ I-NEP के O शब्दों O में O इसे O भारतीय O लोकतंत्र O में O लोक O की O भाषा O का O विलुप्त O होना O भी O कहा O जा O सकता O है O । O काम O नहीं O मिलने O की O सूरत O में O लाभार्थी O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP नरेगा O के O प्रावधानों O के O अनुसार O राज्य O द्वारा O दिए O जाने O वाले O बेरोज़गारी O भत्ते O का O हकदार O हो O जाता O है O । O महाराष्ट्र B-NEL के O सोलापुर B-NEL जिले O में O आदिवासियों O तथा O बालिकाओं O के O बीच O शिक्षा O प्रसार O के O लिए O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP डिसले I-NEP को O दिसंबर B-NETI 2020 I-NETI में O सात B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O ( O एक B-NEN मिलियन I-NEN डॉलर्स O ) O के O ग्लोबल O टीचर O पुरस्कार O से O सम्मानित O किया O गया O । O योजना B-NEAR अंग्रेजी O की O संपादक O शुचिता B-NEP चतुर्वेदी I-NEP ने O श्री O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP डिसले I-NEP से O शिक्षा O क्षेत्र O में O उनके O द्वारा O किए O गए O कार्यों O और O अन्य O विषयों O पर O बातचीत O की O । O मुख्य O आर्थिक O सलाहकार O अरविंद B-NEP सुब्रमण्यम I-NEP के O अनुसार O ऋणपत्रों O से O मुद्रास्फीति O या O राजकोषीय O घाटा O नहीं O बढ़ेगा O । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O मेरे O लिए O परिस्थितियां O बहुत O सामान्य O सी O थीं O , O कक्षा O में O इतनी O सारी O भूमिकाओं O में O होना O , O कोई O बौद्धिक O छात्र O जैसी O बात O नहीं O थी O । O मुख्य O आर्थिक O सलाहकार O अरविंद B-NEP सुब्रमण्यम I-NEP ने O ऋणपत्र O जारी O करने O की O घोषणा O के O एक B-NETI दिन I-NETI बाद O दिल्ली B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO में O एक B-NEN व्याख्यान O देते O हुए O कहा O “ O 8000 B-NEN - O 9000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O वार्षिक O ब्याज O लागत O के O बावजूद O 1.35 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O के O पुनर्पूंजीकरण O ऋणपत्र O जारी O करने O को O वार्षिक O ब्याज O लागत O से O न O तो O मुद्रास्फीति O होगी O और O न O ही O आर्थिक O गतिविधियों O और O परिसंपत्ति O सॄजन O के O कारण O राजकोषीय O घाटे O में O बढ़ोतरी O होगी O । O दीनदयाल B-NEP अंत्योदय O योजना O : O 12 B-NETI नवंबर I-NETI को O गुड़गांव B-NEL में O आयोजित O पीएसबी O मंथन O में O बैंकिंग O और O वित्तीय O सेवा O के O सचिव O राजीव B-NEP कुमार I-NEP ने O भी O यह O संकेत O दिया O कि O पूंजी O आधार O का O विस्तार O करने O के O साथ O ही O जवाबदेही O की O भी O जरूरत O है O । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O लेकिन O उसका O नतीजा O यह O हुआ O कि O मैं O डॉ. O विजय B-NEP भटकर I-NEP से O मिला O , O भारत B-NEL के O कम्प्यूटर O वैज्ञानिक O । O कुमार B-NEP कहते O हैं O “ O सब O कुछ O बैंकिंग O सुधारों O से O जुड़ा O हुआ O है O और O प्रत्येक O बोर्ड O अल्पावधि O में O इस O बात O पर O विचार O करेगा O कि O व्यवसाय O किस O तरह O का O है O और O वह O कैसे O आगे O बढ़ना O चाहता O है O । O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP नरेगा O के O अंतर्गत O किए O जाने O वाले O कार्यों O की O विभिन्न O श्रेणियों O ने O दिहाड़ी O , O आय O तथा O टिकाऊ O संपत्तियों O के O ज़रिये O ग़रीबों O के O लिए O बेहतर O जीवन O सुनिश्चित O किया O है O । O इस O कारण O कई O बार O मुझे O मेरी O महिला O अध्यापक O कक्षा O से O यह O कहकर O निकाल O भी O देती O थीं O कि O रंजीत B-NEP पढ़ाई O में O ध्यान O नहीं O देता O । O कुमार B-NEP के O अनुसार O , O पुनर्पूंजीकरण O अपने O आप O नहीं O हो O जाता O , O इसके O पहले O और O बाद O में O कई O सुधार O आवश्यक O हैं O । O कुमार B-NEP आगे O बताते O हैं O कि O बैंकिंग O सुधारों O में O बैंक O के O बोर्ड O भी O शामिल O हैं O जिनकी O एक B-NEN निश्चित O सोच O है O तथा O विचार O हेतु O एक B-NEN स्पष्ट O योजना O के O साथ O आगे O आते O हैं O । O उन्होंने O कहा O कि O रंजीत B-NEP तुम्हें O इस O डिजाइन O का O पेटेंट O कराना O चाहिए O । O क्रांतिकारी O स्वाधीनता O सेनानी O शहीद O भगत B-NEP सिंह I-NEP का O नाम O भारतीय O आजादी O के O इतिहास O में O स्वर्णाक्षरों O में O अंकित O है O । O इन्हें O आवास O देने O के O लिए O मुख्यमंत्री O श्री O योगी B-NEP आदित्यनाथ I-NEP ने O मुख्यमंत्री O आवास O योजना O आरम्भ O की O जिसके O तहत O अब O तक O लगभग O 90 B-NEN हजार I-NEN आवास O प्रदान O किए O जा O चुके O हैं O । O बचपन O में O जो O टीचर O मेरे O लिए O कहते O थे O कि O रंजीत B-NEP पढ़ाई O पर O ध्यान O नहीं O देता O , O उन्हें O मेरी O बेहतरी O की O चिंता O थी O । O अपने O आठ B-NETI वर्ष I-NETI के O छोटे O से O राजनीतिक O - O सामाजिक O जीवन O में O भगत B-NEP सिंह I-NEP की O बौद्धिक O - O वैचारिक O सक्रियता O अभूतपूर्व O रही O । O भगत B-NEP सिंह I-NEP के O सुहृद O अध्येता O एवं O शोधकर्ता O प्रोफेसर O चमन B-NEP लाल I-NEP ने O बडे O ही O परिश्रम O से O उनके O लेखन O को O एकत्र O एवं O संपादित O कर O हिंदी O पाठकों O को O उपलब्ध O कराया O है O । O भगत B-NEP सिंह I-NEP का O यह O लेखन O “ O प्रकाशन O विभाग O ” O और O “ O सस्ता O साहित्य O मंडल O प्रकाशन O ' O की O संयुक्त O प्रकाशन O योजना O के O अंतर्गत O चार B-NEN खंडों O में O प्रकाशित O किया O गया O है O । O पहले O खंड O में O भगत B-NEP सिंह I-NEP के O पत्र O , O तार O , O पर्चे O और O अदालती O बयान O संकलित O हैं O । O वित्त O मंत्री O अरुण B-NEP जेटली I-NEP को O सौंपे O गए O बजट O - O पूर्व O प्रतिवेदन O में O भारतीय B-NEO उद्योग I-NEO परिसंघ I-NEO ( O सीआईआई B-NEO ) O ने O कहा O कि O इस O विचार O से O बैंकिंग O क्षेत्र O को O और O मजबूती O मिलेगी O । O दूसरे O खंड O में O विभिन्न O पत्र O - O पत्रिकाओं O में O छपे O भगत B-NEP सिंह I-NEP के O लेख O शामिल O किए O गए O हैं O । O इसके O साथ O ही O क्रांतिकारी O डॉन B-NEP ब्रीन I-NEP की O आत्मकथा O का O भगत B-NEP सिंह I-NEP द्वारा O किया O गया O अनुवाद O भी O इस O खंड O में O प्रस्तुत O है O । O रंजीत B-NEP सिंह I-NEP : O आपका O कहना O ठीक O है O । O बहरहाल O प्रधानमंत्री O श्री O नरेन्द्र B-NEP मोदी I-NEP के O नेतृत्व O में O केन्द्र O सरकार O की O बहुत O सी O सामाजिक O सुरक्षा O योजनाएं O जीवन O की O अनिश्चितताओं O से O जूझ O रहे O लोगों O को O प्रभावी O तरीके O से O न O सिर्फ O मदद O कर O रही O हैं O बल्कि O उनके O परिवारों O को O वित्तीय O हालातों O से O उबारकर O सुरक्षा O कवच O प्रदान O करने O का O कार्य O कर O रही O हैं O । O चौथे O खंड O में O भगत B-NEP सिंह I-NEP की O जेल O नोटबुक O है O जिसमें O 1929 B-NETI - I-NETI 31 I-NETI के O दौरान O जेल O में O पढ़ी O गई O पुस्तकों O से O लिए O गए O नोट्स O और O उद्धरणों O का O हिंदी O अनुवाद O है O । O हार्वर्ड B-NEO यूनिवर्सिटी I-NEO फॉर I-NEO इंडिया I-NEO - I-NEO यू. I-NEO एस. I-NEO एजुकेशन O कोलैबोरेशन O में O आयोजित O कार्यक्रम O में O विदेश O मंत्री O डॉ. O एस. B-NEP जयशंकर I-NEP का O संबोधन O “ O भगत B-NEP सिंह I-NEP : O अद्वितीय O व्यक्तित्व O ' O शीर्षक O संपादक O की O भूमिका O प्रथम O खंड O में O दी O गई O है O । O अप्रैल B-NETI 13 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI विदेश O मंत्री O ब्लिंकन B-NEP , O राजदूत O संधू B-NEP , O सहायक O सचिव O सैटरफील्ड B-NEP , O सहायक O सचिव O लू B-NEP , O मेरी O सहयोगी O अतिरिक्त O सचिव O वाणी B-NEP राव I-NEP , O माननीय O प्रोवोस्ट O , O संकाय O , O छात्रों O मैं O कहना O चाहता O हूं O कि O हार्वर्ड B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO में O आज O इस O शिक्षा O कार्यक्रम O में O आप O सभी O के O साथ O जुड़कर O बहुत O खुशी O हो O रही O है O । O एम B-NEP एस I-NEP स्वामीनाथन I-NEP , O लेखक O एम. B-NEP एस. I-NEP स्वामीनाथन I-NEP रिसर्च O फाउंडेशन O के O संस्थापक O अध्यक्ष O हैं O । O इन्हें O सामुदायिक O नेतृत्व O के O लिए O रैमन B-NEP मैग्सेसे I-NEP , O 1987 B-NETI में O पहला O विश्व O खान O पान O पुरस्कार O , O यूनेस्को B-NED का O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP पुरस्कार O सरीखे O कई O सम्मान O प्राप्त O हुए O हैं O । O भारत B-NEL - O रूस B-NEL विदेश O मंत्रियों O की O बैठक O में O विदेश O मंत्री O डॉ. O एस. B-NEP जयशंकर I-NEP द्वारा O उद्घाटन O भाषण O - O प्रो. O स्वामीनाथन B-NEP रॉयल B-NEO सोसायटी I-NEO ऑफ I-NEO लन्दन I-NEO और O यूएस B-NEO नेशनल B-NEO एकैडमी I-NEO ऑफ I-NEO साइन्सेज I-NEO समेत O भारत B-NEL व O विश्व O की O कई O सारी O प्रमुख O वैज्ञानिक O अकादमियों O के O सदस्य O हैं O । O अगर O आज O हमारी O उपस्थिति O भारत B-NEL - O अमेरिका B-NEL संबंधों O में O आपकी O रुचि O को O बढ़ाती O है O , O तो O मैं O कह O सकता O हूं O , O और O मुझे O यकीन O है O , O टोनी B-NEP आप O इससे O सहमत O होंगे O कि O यह O हमारे O लिए O एक B-NEN अच्छे O दिन O का O काम O है O । O जब O हम O भारत B-NEL - O अमेरिका B-NEL संपर्क O के O बारे O में O बात O करते O हैं O , O तो O इसका O सबसे O शक्तिशाली O प्रतीक O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP और O डॉ. O मार्टिन B-NEP लूथर I-NEP किंग O जूनियर O के O बीच O का O प्रेरक O बंधन O है O जिसके O बारे O में O सचिव O ब्लिंकन B-NEP ने O भी O बात O की O थी O । O और O जैसा O कि O उन्होंने O हमें O बताया O , O उस O बंधन O को O रिश्ते O के O माध्यम O से O बनाया O गया O था O , O जिसे O चैपल O के O डीन O हॉवर्ड B-NEP थुरमन I-NEP और O बाद O में O धर्म O के O स्कूल O के O डीन O डॉ. O विलियम B-NEP स्टीवर्ट I-NEP नेल्सन I-NEP द्वारा O बनाया O गया O था O । O यह O भी O उचित O है O कि O इस O विश्वविद्यालय O ने O पिछले B-NETI साल I-NETI सितंबर B-NETI में O गांधी B-NEP - O किंग O व्याख्यान O की O मेजबानी O की O थी O जिसे O यहां O राजदूत O संधू B-NEP ने O दिया O था O और O वर्तमान O में O भारत B-NEL - O हार्वर्ड B-NEO वर्ष O मना O रहा O है O । O प्रधानमंत्री O मोदी B-NEP और O राष्ट्रपति O पुतिन B-NEP नियमित O रूप O से O संपर्क O में O रहे O हैं O और O इस O वर्ष O कई O अवसरों O पर O एक O - O दूसरे O से O बात O की O है O । O डॉ. O हर्षवर्धन B-NEP ने O बताया O कि O मादक O द्रव्यों O का O सेवन O , O शराब O और O धूम्रपान O युवा O महिलाओं O में O लोकप्रिय O हो O रहे O हैं O । O डॉ. O हर्षवर्धन B-NEP ने O दुबला O पतला O रहने O के O लिए O अधिक O से O अधिक O कसरत O करने O और O आधा O भूखा O रहने O जैसे O प्रचलित O मिथकों O के O बारे O में O सचेत O किया O कि O उन्होंने O कहा O कि O जब O शरीर O अनेक O हार्मोंन O परिवर्तन O के O दौर O से O गुजर O रहा O हो O और O उसे O ऊर्जा O की O लगातार O जरूरत O हो O तो O जीवन O के O इस O चरण O में O ऐसा O करना O बहुत O खतरनाक O है O । O उन्होंने O कॉलेज O की O प्रिंसिपल O डॉ. O वीणा B-NEP गौतम I-NEP को O यह O सलाह O दी O कि O कॉलेज O में O हर O लड़की O अपना O खेल O प्रोफाइल O बढ़ाने O और O स्वस्थ O रहने O के O लिए O खेलों O में O भाग O ले O । O पूर्व O आईसीसी B-NEO अध्यक्ष O फिलिप B-NEP किर्श I-NEP ने O कहा O है O कि O संविधि O के O तहत O जांच O या O अभियोग O के O लिए O देश O के O वास्तविक O दायित्व O के O साथ O कुछ O सीमित O अपराध O - O क्षमा O संगत O हो O सकते O हैं O उन्होंने O नारीवाद O के O अवतारवाद O के O रूप O में O नारी O लक्ष्मीबाई B-NEP की O छवि O का O स्मरण O करते O हुए O कहा O कि O झांसी B-NEL की O रानी O ने O मां O और O नेता O का O किरदार O बहुत O संतुलित O रूप O से O निभाया O है O । O और O ऐसा O करने O में O , O हम O कांग्रेसी O जॉन B-NEP लुईस I-NEP के O दृष्टिकोण O को O साकार O करने O में O मदद O करेंगे O , O जिन्होंने O उस O संबंध O में O कांग्रेस O के O कानून O की O शुरुआत O की O थी O । O उनके O गुरु O अंग्रेज O जनरल O ह्यूरेज B-NEP ने O उनकी O वीरता O की O प्रशंसा O में O टोपी O उतारकर O सिर O झुकाया O था O । O समुद्री O पानी O से O जुड़ी O खेती O और O समुद्री O स्तर O के O नीचे O वाली O खेती O के O लिए O तकनीक O एम O एस O स्वामीनाथन B-NEP शोध O फाउंडेशन O के O पास O उपलब्ध O है O । O यही O कारण O है O कि O सचिव O ब्लिंकन B-NEP और O मुझे O कल O विशेष O रूप O से O प्रसन्नता O हुई O जब O उन्होंने O शिक्षा O और O कौशल O विकास O पर O कार्य O समूह O का O शुभारंभ O किया O , O जिसके O बारे O में O उन्होंने O बात O की O थी O । O चेक O राजनीतिज्ञ O मारेक B-NEP बेंडा I-NEP का O तर्क O है O कि O हमारे O विचार O से O निवारक O सत्ता O के O रूप O में O आईसीसी B-NEO का O अर्थ O है O कि O केवल O निकृष्टतम O तानाशाह O ही O हर O कीमत O पर O सत्ता O को O बनाए O रखने O की O कोशिश O करेंगे O . O मुझे O पता O है O कि O मेरे O सहयोगी O शिक्षा O मंत्री O धर्मेंद्र B-NEP प्रधान I-NEP हमारे O संबंधों O के O इस O महत्वपूर्ण O पहलू O को O विकसित O करने O के O लिए O और O अधिक O गहनता O से O शामिल O होने O की O उम्मीद O कर O रहे O हैं O । O तभी O तो O मैक्स B-NEP वेबर I-NEP ने O लोकतांत्रिक O समाज O में O तर्कसंगत O वैध O शासन O व्यवस्था O को O अन्य O दो B-NEN प्रकार O की O शासन O प्रणालियों O को O अपेक्षा O से O ज्यादा O उपयुक्त O माना O है O । O संघ B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO आयोग I-NEO ( O यूपीएससी B-NEO ) O , O राज्य B-NEO लोक I-NEO सेवा I-NEO आयोग O या O राज्य B-NEO कर्मचारी I-NEO चयन I-NEO बोर्ड I-NEO प्रतियोगी O परीक्षाओं O के O आधार O पर O वर्ग B-NEP ' O क O ' O , O ' O ख O ' O और O ' O ग O ' O के O प्रत्याशियों O का O चयन O करते O हैं O । O लॉर्ड B-NEP एक्टन I-NEP ने O ठीक O ही O कहा O है O , O सत्ता O भ्रष्टाचार O लाती O है O और O निरंकुश O सत्ता O तो O बेलगाम O भ्रष्टाचार O का O कारण O बनती O है O । O जुलाई B-NETI 8 I-NETI 2005 I-NETI को O अदालत O ने O लौर्ड्स B-NEO रेसिसटेंस I-NEO आर्मी I-NEO के O नेता O जोसेफ B-NEP कोनी I-NEP , O उनके O सहायक O विन्सेन्ट B-NEP ओट्टी I-NEP और O एलआरए O कमांडर O रस्का B-NEP लुक्विया I-NEP , O ओकोट B-NEP ओडिंबो I-NEP और O डोमिनिक B-NEP ओंग्वें I-NEP के O लिए O पहली O बार O गिरफ्तारी O वारंट O जारी O किया O । O लुक्विया B-NEP 12 B-NETI अगस्त I-NETI 2006 I-NETI को O युद्ध O में O मारा O गया O और O ओट्टी B-NEP 2007 B-NETI में O जाहिर O तौर O पर O कोनी O द्वारा O मारा O गया O । O जॉर्ज B-NEP ऑर्वेल I-NEP के O सिद्धान्त O - O " O सभी O समान O हैं O लेकिन O कुछ O लोग O ज्यादा O समान O होते O हैं O " O को O निर्णय O लेने O की O प्रक्रिया O में O जरा O भी O न O आने O दें O । O 17 B-NETI मार्च I-NETI 2006 I-NETI को O इटुरी B-NEL में O कॉगोंलीज O पेट्रियोट्स O मिलिशिया O संघ O के O पूर्व O नेता O थॉमस B-NEP लुबंगा I-NEP , O अदालत O द्वारा O जारी O किए O गिरफ्तारी O वारंट O के O तहत O गिरफ्तार O होने O वाले O पहले O व्यक्ति O बने O , O जिन O पर O कथित O तौर O पर O 15 B-NETI वर्ष I-NETI से O कम O के O बच्चों O को O सेना O में O जबरदस्ती O भर्ती O करने O और O उनका O इस्तेमाल O युद्ध O में O सक्रिय O रूप O से O करने O का O आरोप O था O । O अदालत O ने O 18 B-NETI नवम्बर I-NETI 2008 I-NETI तक O इस O निलंबन O को O बनाए O रखा O और O लुबंगा B-NEP की O जांच O 26 B-NETI जनवरी I-NETI 2009 I-NETI को O शुरू O हुई O । O कांगो B-NEL के O अधिकारियों O द्वारा O दो B-NEN अन्य O संदिग्धों O जर्मेन B-NEP कटंगा I-NEP और O मैथ्यु B-NEP गुडजोलो I-NEP चूई I-NEP को O अदालत O के O सामने O पेश O किया O गया O । O ग्रैंडमास्टर O विश्वनाथन B-NEP आनंद I-NEP को O वर्ष B-NETI 1991 I-NETI - I-NETI 92 I-NETI में O पहली O बार O खेल O रत्न O से O सम्मानित O किया O गया O था O । O सरदार B-NEP वल्लभभाई I-NEP पटेल I-NEP ने O 10 B-NETI अक्तूबर I-NETI , I-NETI 1949 I-NETI को O संविधान O सभा O में O प्रशासनिक O सेवाओं O , O विशेषकर O अखिल O भारतीय O सेवाओं O का O पुरजोर O समर्थन O किया O था O और O उनके O पक्ष O में O नीचे O लिखे O तथ्य O दिए O थे O : O गांधीजी B-NEP के O शब्द O हैं O - O तुम्हें O एक B-NEN जंतर O देता O हूं O । O इस O चर्चा O को O सही O दिशा O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP का O प्रसिद्ध O जंतर O देता O है O । O 23 B-NETI मई I-NETI 2008 I-NETI को O , O अदालत O ने O डेमोक्रेटिक B-NEL रिपब्लिक I-NEL ऑफ I-NEL द I-NEL काँगो I-NEL के O पूर्व O उप O - O राष्ट्रपति O जीन B-NEP - I-NEP पियरा I-NEP बेम्बा I-NEP के O लिए O गिरफ्तारी O का O वारंट O जारी O किया O और O उन O पर O युद्ध O अपराध O और O मानवता O के O खिलाफ O अपराध O का O आरोप O लगाया O , O यह O अपराध O तब O हुआ O जब O 2002 B-NETI और O 2003 B-NETI में O सेन्ट्रल B-NEL अफ्रीकी I-NEL रिपब्लिक I-NEL के O एक B-NEN इवेंट O में O उन्होंने O दखल O दिया O । O हमें O याद O रखना O होगा O कि O यह O अर्जुन B-NEP , O द्रोणाचार्य B-NEP , O गुरु B-NEP गोविन्द I-NEP सिंह I-NEP और O श्रीकृष्ण B-NEP की O भूमि O है O । O नयी O घोषणा O में O द्रोणाचार्य B-NEP विजेताओं O को O इनाम O की O राशि O पांच B-NEN से O 15 B-NEN लाख I-NEN रुपये O कर O दी O है O । O राजा B-NEP राजेंद्र I-NEP चोल I-NEP , O बादशाह B-NEP अकबर I-NEP , O असम B-NEL के O अहोम B-NEP राजा I-NEP , O होल्कर B-NEP नरेशों I-NEP , O नवाब B-NEP वाजिद I-NEP अली I-NEP शाह I-NEP , O महाराजा B-NEP सयाजी I-NEP राव I-NEP गायकवाड़ I-NEP , O महाराजा B-NEP स्वाति I-NEP तिरुनाल I-NEP , O वोडेयर B-NEP राजाओं I-NEP तथा O अन्य O राजे O - O रजवाड़ों O के O अपने O दरबारी O संगीतकार O तथा O नर्तक O - O नर्तकियां O थीं O । O शांति O और O अहिंसा O के O पुजारी O महात्मा B-NEP गांधी I-NEP ने O भी O 1899 B-NETI - I-NETI 1902 I-NETI तक O दूसरे O बोअर O युद्ध O के O दौरान O गठित O एंबुलेंस O कोर O में O और O 1906 B-NETI में O जुलु O युद्ध O के O दौरान O सार्जेंट O मेजर O के O रूप O में O कार्य O किया O था O । O पीटर B-NEP पार्कर I-NEP का O प्रसिद्ध O कथन O - O अधिक O शक्ति O या O सत्ता O के O साथ O अधिक O जिम्मेदारी O भी O आती O है O - O अक्सर O उद्धृत O किया O जाता O है O । O वे O स्वयं O ही O शासक O बन O बैठे O और O उन्होंने O कालांतर O में O जगत B-NEP सेठ I-NEP को O पेंशनयाफ्ता O बना O दिया O । O 2022 B-NETI तक O 50 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O आदिवासी O जनसंख्या O और O कम O से O कम O 20 B-NEN हजार I-NEN आदिवासी O लोगों O वाले O क्षेत्र O में O नवोदय B-NEO विद्यालय I-NEO की O तर्ज O पर O एकलव्य B-NEO विद्यालय I-NEO खोले O जाएंगे O । O 2022 B-NETI तक O शिक्षा O की O आधारभूत O सुविधाओं O और O प्रणालियों O को O पुनः O जानदार O बनाने O के O लिए O जरूरी O पहल O की O घोषणा O वित्त O मंत्री O ने O बजट O में O की O है O । O कोठारी B-NEO आयोग I-NEO ( O 1964 B-NETI से I-NETI 1966 I-NETI ) O की O सिफारिशों O में O शामिल O एक B-NEN संस्तुति O कि O - O " O उच्च O शिक्षा O भी O भारतीय O भाषा O में O दी O जानी O चाहिए O " O के O बावजूद O जमीन O पर O कार्यान्वयन O नहीं O हुआ O । O अप्रैल B-NETI 2020 I-NETI में O आरम्भ O हुई O यह O योजना O अभी O भी O चल O रही O है O । O 1986 B-NETI की O शिक्षा O नीति O हो O या O 1992 B-NETI में O प्रोफेसर O यशपाल O कमेटी O की O बस्ते O का O बोझ O कम O करने O पर O रिपोर्ट O या O आगे O चलकर O 2005 B-NETI में O घोषित O नेशनल O करिकुलम O फ्रेमवर्क O , O सभी O में O अपनी O भाषा O में O पढ़ाने O की O बात O बहुत O कमजोर O होती O चली O गई O । O विश्व B-NEO स्वास्थ्य I-NEO संगठन I-NEO ( O डब्लूएचओ B-NEO ) O द्वारा O 2007 B-NETI में O जारी O सलाह O के O मुताबिक O , O स्वास्थ्य O प्रणाली O को O 6 B-NEN ब्लॉक O में O बांटा O गया O है O - O सेवाओं O की O डिलीवरी O , O स्वास्थ्यकर्मी O , O स्वास्थ्य O संबंधी O सूचना O प्रणाली O , O जरूरी O दवाओं O की O उपलब्धता O , O स्वास्थ्य O सेवाओं O के O लिए O वित्तीय O सुविधाएं O और O प्रशासनिक O व्यवस्था O । O 2022 B-NETI तक O सभी O के O लिए O घर O के O लक्ष्य O की O प्राप्ति O हेतु O 2019 B-NETI तक O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O 1 B-NEN करोड़ I-NEN से O भी O अधिक O घर O और O स्वच्छ O भारत O मिशन O के O तहत O बनाए O गए O 6 B-NEN करोड़ I-NEN शौचालयों O के O अलावा O 2 B-NEN करोड़ I-NEN और O शौचालयों O का O निर्माण O किया O जाएगा O जो O स्वागत O योग्य O कदम O है O । O राष्ट्रीय O आजीविका O के O लिए O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI के O लिए O 5750 B-NEN करोड़ I-NEN तथा O सामाजिक O सुरक्षा O योजनाओं O के O लिए O रु. O 9975 B-NEN करोड़ I-NEN का O आवंटन O भी O प्रशंसनीय O हेै O । O पिछले B-NETI पांच I-NETI वर्षो I-NETI में O इस O राज्य O में O करीब O 43 B-NEN लाख I-NEN 50 O हजार B-NEN आवास O स्वीकृत O हुए O हैं O जिनमें O से O अधिकांश O पूर्ण O हो O चुके O हैं O । O ऋणपत्रों O के O संबंध O में O उन्होंने O कहा O कि O इन्हें O फ्रंट O - O लोड O करने O की O योजना O है O अर्थात्‌ O इनमें O से O अधिकांश O को O वर्तमान B-NETI वर्ष I-NETI में O किया O जाएगा O । O यहां O पर O कुछ O जनजातियां O ऐसी O थीं O जिनका O नाम O वर्ष B-NETI 20 I-NETI की O जनगणना O में O शामिल O न O होने O के O कारण O प्रधानमंत्री O आवास O योजना O का O लाभ O नहीं O मिल O पाया O , O विशेषकर O मुसहर O , O वनटांगिया O और O थारु O जैसी O कुछ O जनजातीय O परिवारों O को O । O इसी O प्रकार O , O 2020 B-NETI तक O 50 B-NEN लाख I-NEN युवाओं O को O छात्रवृत्ति O प्रदान O करना O प्रशंसनीय O है O जिससे O मध्यम O व O निम्न O मध्यम O वर्ग O के O परिवारों O के O योग्य O युवाओं O को O शीर्ष O संस्थाओं O में O मेडिकल O शिक्षा O समेत O उच्च O शिक्षा O प्राप्त O हो O सकेगी O । O साल O 2015 B-NETI में O कोरिया B-NEL में O फैले O मार्स O वायरस O की O वजह O से O यहां O की O सरकार O ने O 2020 B-NETI में O कोरोना O को O लेकर O तुरंत O सक्रियता O दिखाते O हुए O कई O तरह O के O कदम O उठाए O । O इन्हें O पद्मश्री O ( O 1967 B-NETI ) O , O पद्मभूषण O ( O 1972 B-NETI ) O व O पद्म O विभूषण O ( O 1989 B-NETI ) O से O भी O सम्मानित O किया O जा O चुका O है O । O अंतरराष्ट्रीय O कानून O के O सिद्धांतों O में O से O एक B-NEN है O कि O एक B-NEN संधि O तीसरे O देशों O के O लिए O उनकी O सहमति O के O बिना O न O तो O बाध्यकारी O होती O है O और O न O ही O कोई O अधिकार O निर्मित O करती O है O ( O pacta O tertiis O nec O nocent O nec O prosunt O ) O और O 1969 B-NETI के O वियना O कंवेंशन O ऑन O द O लॉ O ऑफ O ट्रिटिज O में O यही O निहित O है O । O 2020 B-NETI की O नई O शिक्षा O - O नीति O में O विज्ञान O को O ज्ञान O की O अन्य O शाखाओं O से O अलग O नहीं O रखने O की O दृष्टि O है O । O नई O सरकार O के O गठन O के O 90 B-NETI दिनों I-NETI के I-NETI अंदर I-NETI स्वास्थ्य B-NEO मंत्रालय I-NEO ने O यौन O हिंसा O की O शिकार O महिलाओं O की O सुरक्षा O के O लिए O अस्पताल O के O कर्मचारियों O को O उनकी O चिकित्सा O और O कानूनी O जरूरतों O के O प्रति O संवदेनशील O बनाने O के O कदम O उठाए O हैं O । O एक B-NEN देश O द्वारा O किसी O भी O वर्ष O में O अदालत O के O बजट O की O अधिकतम O राशि O भुगतान O करने O का O 22 B-NEN % O तक O ही O सीमित O है O , O 2008 B-NETI में O जापान B-NEL ने O इस O राशि O का O भुगतान O किया O था O । O अदालत O ने O 2007 B-NETI में O € O 80.5 B-NEN खर्च O किया O , O और O सदस्यीय O देशों O की O सभा O ने O वर्ष O 2008 B-NETI के O लिए O € O 90382100 B-NEN , O और O 2009 B-NETI के O लिए O € O 101229900 B-NEN के O बजट O को O मंजूरी O दी O । O सितम्बर B-NETI 2008 I-NETI तक O , O आईसीसी B-NEO में O 83 B-NEN देशों O से O 571 B-NEN कर्मचारी O शामिल O हैं O । O करीब O 139 B-NEN देशों O से O अदालत O को O कथित O अपराधों O की O शिकायतें O प्राप्त O हुई O हैं O , O लेकिन O मार्च B-NETI 2010 I-NETI तक O , O अभियोजक O ने O केवल O पांच B-NEN स्थितियों O की O जांच O करने O का O ही O फैसला O किया O है O - O युगांडा B-NEL , O लोकतांत्रिक B-NEL गणराज्य I-NEL कांगो I-NEL , O मध्य B-NEL अफ्रीकी I-NEL गणराज्य I-NEL , O डारफुर B-NEL और O केन्या B-NEL . O दिसंबर B-NETI 2003 I-NETI में O , O एक B-NEN सदस्य O देश O , O युगांडा B-NEL की O सरकार O , O उत्तरी B-NEL युगांडा I-NEL में O लौर्ड्स B-NEO रेसिसटेंस I-NEO आर्मी I-NEO से O संबंधित O एक B-NEN मामले O को O अभियोजक O के O पास O भेजा O था O । O मार्च B-NETI 2004 I-NETI में O एक B-NEN सदस्य O देश O , O डेमोक्रेटिक B-NEL रिपब्लिक I-NEL ऑफ I-NEL द I-NEL काँगो I-NEL की O सरकार O ने O डीआरसी B-NEL के O किसी O क्षेत्र O में O कथित O तौर O पर O हुए O अदालत O के O अधिकार O - O क्षेत्र O के O भीतर O के O अपराध O की O स्थिति O को O अभियोजक O को O भेजा O था O जब O से O रोम O संविधि O 1 B-NETI जुलाई I-NETI 2002 I-NETI में O लागू O हुई O थी O । O इस O कारण O उनका O मुकदमा O 23 B-NETI जून I-NETI 2008 I-NETI को O शुरू O हुआ O , O लेकिन O 13 B-NETI जून I-NETI को O इसे O स्थगित O कर O दिया O गया O जब O अदालत O ने O यह O फैसला O सुनाया O कि O अभियोजक O ने O संभावित O दोषमुक्ति O संबंधी O सामग्री O के O खुलासे O से O इंकार O करने O से O के O एक B-NEN उचित O मुकदमा O के O प्रति O अधिकारों O का O उल्लंघन O किया O था O । O दोनों O पर O 24 B-NETI फ़रवरी I-NETI 2003 I-NETI में O बोगोरो B-NEL गांव O पर O हुए O हमले O से O संबंधित O युद्ध O अपराध O के O छह B-NEN इल्जाम O और O मानवता O के O विरुद्ध O अपराधों O के O तीन B-NEN इल्जाम O लगाए O गए O थे O , O जिसमें O कम O से O कम O 200 B-NEN नागरिक O मारे O गए O थे O और O बचे O हुए O लोगों O को O लाशों O वाले O कमरे O में O बंद O कर O दिया O गया O था O और O महिलाओं O और O लड़कियों O को O यौन O दास O बनाया O गया O था O । O दोनों B-NEN लोगों O के O खिलाफ O आरोपों O में O हत्या O , O यौन O दासता O 15 B-NETI वर्ष I-NETI से O कम O उम्र O के O बच्चों O को O जबरदस्ती O सक्रिय O रूप O से O युद्ध O में O भाग O दिलवाना O शामिल O था O । O दिसंबर B-NETI 2004 I-NETI में O , O सदस्य O देश O सेन्ट्रल B-NEL अफ्रीकी I-NEL रिपब्लिक I-NEL की O सरकार O ने O सेन्ट्रल B-NEL अफ्रीकी I-NEL रिपब्लिक I-NEL के O किसी O क्षेत्र O में O कथित O तौर O पर O हुए O अदालत O के O अधिकार O - O क्षेत्र O के O भीतर O के O अपराध O की O स्थिति O को O अभियोजक O को O भेजा O था O जब O से O रोम O संविधि O 1 B-NETI जुलाई I-NETI 2002 I-NETI में O लागू O हुई O थी O । O 22 B-NETI मई I-NETI 2007 I-NETI को O अभियोजक O ने O जांच O करने O के O अपने O फैसले O की O घोषणा O की O , O 2002 B-NETI और O 2003 B-NETI में O सरकार O और O विद्रोही O सेना O के O बीच O तीव्र O लड़ाई O अवधि O के O दौरान O हुई O हत्या O और O बलात्कार O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O । O 3 B-NETI जुलाई I-NETI 2008 I-NETI को O उन्हें O को O सौंप O दिया O गया O । O ' O योजना O ' O के O अगस्त B-NETI - I-NETI 2020 I-NETI अंक O से O हमने O पाठकों O के O लिए O , O खास O तौर O से O सिविल O सर्विसेज़ O तथा O अन्य O प्रतियोगी O परीक्षाओं O में O बैठने O वाले O प्रतिभागियों O के O लिए O बहुविकल्प O प्रश्नों O का O स्तंभ O ' O योजना O - O सही O विकल्प O ' O शुरू O किया O है O । O इसकी O स्थापना O सन् O १९६४ B-NETI में O की O गयी O थी O । O इस O आयोग O के O गठन O की O सिफारिश O संथानम B-NEO समिति I-NEO ( O 1962 B-NETI - I-NETI 64 I-NETI ) O द्वारा O की O गयी O थी O जिसे O भ्रष्टाचार O रोकने O से O सम्बन्धित O सुझाव O देने O के O लिए O गठित O किया O गया O था O । O केन्द्रीय O सतर्कता O आयोग O विधेयक O संसद O के O दोनों B-NEN सदनों O द्वारा O वर्ष O 2003 B-NETI में O पारित O किया O गया O जिसे O राष्ट्रपति O ने O 11 B-NETI सितम्बर I-NETI 2003 I-NETI को O स्वीकृति O दी O । O अप्रैल B-NETI 2004 I-NETI के O जनहित O प्रकटीकरण O तथा O मुखबिर O की O सुरक्षा O पर O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O संकल्प O द्वारा O भारत B-NEO सरकार I-NEO ने O केन्द्रीय O सतर्कता O आयोग O को O भ्रष्टाचार O के O किसी O भी O आरोप O को O प्रकट O करने O अथवा O कार्यालय O का O दुरुपयोग O करने O सम्बन्धित O लिखित O शिकायतें O प्राप्त O करने O तथा O उचित O कार्यवाही O की O सिफारिश O करने O वाली O एक B-NEN नामित O एजेंसी O के O रूप O में O प्राधिकृत O किया O । O फिर O ऐसा O धूमिल O दौर O भी O आया O जब O 1919 B-NETI में O ब्रिटिश O शासकों O ने O गोरखा O और O बलूच O दस्तों O से O जलियांवाला B-NEL बाग I-NEL नरसंहार O के O लिए O निर्दोष O नागरिकों O पर O गोलियां O चलवाई O । O स्वतंत्रता O प्राप्ति O के O तुरंत O बाद O 1947 B-NETI - I-NETI 48 I-NETI में O हुए O कश्मीर B-NEL युद्ध O के O साथ O ही O एक B-NEN तरह O हमारी O सशस्त्र O सेनाओं O की O यात्रा O का O पहला O चरण O शुरू O हो O गया O था O जो O 1962 B-NEL में O चीन B-NEL द्वारा O थोपे O गए O युद्ध O में O पराजय O के O साथ O खत्म O हुआ O । O इनका O कार्यकाल O 4 B-NETI वर्ष I-NETI अथवा O 65 B-NETI वर्ष I-NETI की O आयु O ( O जो O भी O पहले O हो O ) O , O तक O होता O है O । O योजना B-NEAR का O जनवरी B-NETI 2018 I-NETI " O बैंकिंग B-NEAR सुधार I-NEAR विशेषांक I-NEAR " O बैंकिंग O पर O समग्र O जानकारी O देता O है O । O प्रारम्भ O में O निजी O बैंकों O का O उदय O हुआ O जिनकी O कमियों O को O दूर O करने O के O लिए O 1969 B-NETI एवं O 1980 B-NETI में O बैंकों O का O राष्ट्रीयकरण O किया O गया O जिसके O दूरगामी O प्रभाव O हुए O । O ईसा B-NETI पूर्व I-NETI काल I-NETI में O अंतरराष्ट्रीय O लेन O - O देन O दक्षिण B-NEL भारत I-NEL भी O इनसे O अलग O नहीं O था O । O विएना B-NEL के O संग्रहालय O में O हाल O ही O में O ढूंढा O गया O एक B-NEN प्राचीन O भोजपत्र O रखा O है O , O जिसकी O कालावधि O ईसा B-NETI की O दूसरी B-NETI शताब्दी I-NETI है O । O भारत B-NEL को O 2050 B-NETI में O अपनी O संभावित O 1.7 B-NEN अरब I-NEN जनसंख्या O का O पेट O भरने O के O लिए O कई O कृषि O पदार्थों O के O उत्पादन O में O 30 B-NEN प्रतिशत O की O बढ़ोतरी O करनी O होगी O । O कालांतर O में O विशेषकर O सत्रहवीं B-NETI और I-NETI 18वीं I-NETI शताब्दी I-NETI में O जब O शासन O व्यवस्थाएं O कमजोर O होने O लगीं O तो O इनके O द्वारा O शोषण O भी O शुरू O हो O गया O । O भारत B-NEL की O स्वतंत्रता O की O 75वीं O वर्षगांठ O 2022 B-NETI में O है O । O ऐसा O नहीं O कहा O जा O सकता O है O कि O आज B-NETI स्थानीय O साहूकारों O या O महाजनों O की O वह O परंपरा O समाप्त O हो O गयी O है O । O हालांकि O आज B-NETI इसे O एक B-NEN अवगुण O के O रूप O में O देखा O जाता O है O परंतु O भारतीय O अर्थव्यवस्था O में O आज B-NETI भी O इस O विकेंद्रित O बैंकिंग O प्रणाली O का O महत्वपूर्ण O योगदान O है O । O कमिटी O 12 B-NETI से I-NETI लेकर I-NETI 20 I-NETI महीने I-NETI की O छोटी O अवधि O के O लिए O होती O है O और O इसमें O निश्चित O संख्या O में O सदस्य O होते O हैं O । O जब O तक O लोक O शिकायत O निवारण O एक B-NETI दिन I-NETI में O नहीं O होगा O तब O तक O देश O के O सुशासन O का O अहसास O आखिरी O आम O आदमी O तक O नहीं O पहुंचेगा O । O सरकार O ने O प्रशासन O की O कमजोरी O दूर O करने O के O लिए O 1994 B-NETI में O नागरिक O घोषणा O पत्र O लागू O किया O पर O समय O के O साथ O इसमें O धार O की O कमी O आने O लगी O और O लोक O सेवक O इस O ओर O लापरवाह O हो O गए O । O लेकिन O इन O तीनों B-NEN योजनाओं O में O उपभोक्ता O सामान O उद्योग O को O नजरंदाज O किये O जाने O के O कारण O 1965 B-NETI और O 1980 B-NETI के O बीच O औद्योगिक O विकास O में O गिरावट O दर्ज O की O गयी O । O संविधान O के O 73वें B-NEN संशोधन O ( O 1992 B-NETI ) O के O मुताबिक O , O स्वच्छता O को O 11वीं B-NEN अनुसूची O में O शामिल O किया O गया O है O । O ऐसे O प्रक्रियात्मक O मुद्दों O को O प्रक्रिया O के O प्रत्येक O चरण O के O लिए O समय B-NETI - O सीमा O निर्धारित O करके O और O अधिक O महत्वपूर्ण O रूप O से O निगरानी O करके O निपटाया O जा O सकता O है O । O अंतरराष्ट्रीय O अनुभव O : O संयुक्त O राष्ट्र O महासभा O ने O 2003 B-NETI में O भ्रष्टाचार O के O खिलाफ O संकल्प O को O मंजूरी O दी O । O आज B-NETI भी O यदि O हम O ठीक O से O ध्यान O दें O और O सरकारी O आंकड़ों O को O छोड़ O कर O सामाजिक O आंकलन O करें O तो O समाज O में O धन O के O वितरण O में O परंपरागत O भारतीय O बैंकिंग O का O योगदान O आधुनिक O केंद्रीकृत O और O राज्यश्रित O बैंकिंग O प्रणाली O से O कहीं O अधिक O है O । O समय O - O समय O पर O संशोधित O सीसीएस O आचार O संहिता O ( O 1964 B-NETI ) O को O ध्यान O से O पढ़ने O से O स्पष्ट O रूप O से O पता O चलता O है O कि O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO की O घोषणा O या O ब्रिटेन B-NEL में O सार्वजनिक O जीवन O में O मानकों O पर O समिति O या O स्पेन B-NEL में O सुशासन O की O संहिता O में O उल्लिखित O अधिकांश O सिद्धांत O प्रत्यक्ष O या O परोक्ष O रूप O से O उसमें O निहित O हैं O । O अप्रैल B-NETI 02 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI संविधान O के O कामकाज O की O समीक्षा O के O लिए O राष्ट्रीय O आयोग O द्वारा O 2001 B-NETI में O प्रशासन O में O ईमानदारी O पर O जारी O परामर्श O पत्र O में O कई O विधायी O और O संस्थागत O मुद्दों O पर O प्रकाश O डाला O गया O , O जिनमें O शामिल O हैं O : O पिछले B-NETI तीन I-NETI दशकों I-NETI में O और O विशेष O रूप O से O पिछले B-NETI दशक I-NETI में O हमारे O बहुआयामी O द्विपक्षीय O संबंधों O में O जिस O तरह O प्रगति O हुई O है O उससे O हम O बहुत O संतुष्ट O हैं O । O 3. O आज B-NETI तुर्कमेनिस्तान B-NEL के O राष्ट्रपति O के O साथ O बैठक O के O दौरान O द्विपक्षीय O संबंधों O की O स्थिति O और O संभावनाओं O पर O विस्तृत O चर्चा O की O गई O । O माननीय O प्रधानमंत्री O ने O क्रमशः O : O 2025 B-NETI और O 2030 B-NETI तक O तपेदिक O और O मलेरिया O का O नामो O - O निशान O मिटाने O का O आग्रह O करते O हुए O इस O दिशा O में O नेशनल O स्ट्रैटजिक O प्लान्स O ( O राष्ट्रीय O रणनीतिक O योजनाओं O ) O का O शुभारंभ O किया O है O । O यहां O यह O उल्लेखनीय O है O कि O 2025 B-NETI का O यह O लक्ष्य O 2030 B-NETI तक O तपेदिक O उन्मूलन O के O वैश्विक O लक्ष्य O से O 5 B-NETI वर्ष I-NETI पहले O ही O हासिल O करने O का O प्रयास O है O । O स्वच्छता O अभियान O रफ्तार O पकड़ O चुका O है O और O उम्मीद O है O कि O ओडीएफ O ( O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O ) O की O सफलता O की O तरह O ही O 2025 B-NETI तक O ओडीएफ O प्लस O का O लक्ष्य O भी O हासिल O कर O लिया O जाएगा O । O 7. O ऊर्जा O के O क्षेत्र O में O सहयोग O आज B-NETI की O हमारी O चर्चा O के O प्रमुख O विषयों O में O से O एक B-NEN था O । O 8. O हमने O आपदा O प्रबंधन O जैसे O सहयोग O के O नए O क्षेत्रों O की O भी O पहचान O की O है O , O जिस O पर O हमने O आज B-NETI एक B-NEN समझौता O ज्ञापन O पर O हस्ताक्षर O किए O हैं O । O जनवरी B-NETI , I-NETI 2020 I-NETI में O , O भारत B-NEL में O , O राष्ट्रीय B-NEO विषाणु I-NEO विज्ञान I-NEO संस्थान I-NEO , O पुणे B-NEL एकमात्र O प्रयोगशाला O थी O जहां O कोविड O - O 19 O के O लिए O नमूनों O की O जांच O होती O थी O । O * O अंतरराष्ट्रीय O प्रचलन O के O मुताबिक O , O पुरानी O सिरीज O ( O 2005 B-NETI से O पहले O जारी O किए O गए O ) O के O नोटों O को O वापस O लेना O मुझे O विश्वास O है O कि O आज B-NETI 2022 B-NETI - I-NETI 25 I-NETI की O अवधि O के O लिए O जिस O सांस्कृतिक O और O कला O सहयोग O कार्यक्रम O के O समझौते O पर O हस्ताक्षर O किए O गए O हैं O वह O हमारे O सांस्कृतिक O सहयोग O को O दिशा O देगा O । O समुदाय O निर्माण O : O शिक्षा O और O समुदायों O को O जोड़ती O है O एनईपी O 2020 B-NETI वह O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O 2020 B-NETI बनाने O वाली O समिति O के O सदस्य O रह O चुके O हैं O । O 2017 B-NETI में O , O हमने O सभी O हितधारकों O को O एक B-NEN साथ O लाने O और O जापानी O सहायता O से O शुरू O की O जा O रही O परियोजनाओं O की O योजना O और O कार्यान्वयन O के O समन्वय O के O लिए O भारत B-NEO - I-NEO जापान I-NEO एक्ट I-NEO ईस्ट I-NEO फोरम I-NEO को O एक B-NEN मंच O के O रूप O में O लॉन्च O किया O । O योजना O अप्रैल B-NETI 2021 I-NETI " O जल O जीवन O मिशन O - O हर O घर O जल O " O में O पानी O के O महत्व O पर O अच्छा O विश्लेषण O किया O गया O है O । O राष्ट्रीय O शिक्षा O नीति O - O नेशनल O एजुकेशन O पॉलिसी O ( O एनईपी O ) O 2020 B-NETI का O लचीलापन O और O उसकी O स्वायत्तता O सामुदायिक O भागीदारी O को O शिक्षा O का O अंतर्निहित O तत्व O बनाती O है O । O एनईपी O 2020 B-NETI के O सभी O पहलू O हमें O यह O एहसास O कराते O हैं O कि O शिक्षा O सामाजिक O न्याय O और O परिवर्तन O के O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O का O साधन O है O । O एनईपी O 2020 B-NETI में O एक B-NEN ऐसी O सार्वजनिक O शिक्षा O प्रणाली O की O कल्पना O की O गयी O है O जिसमें O लोकोपकारी O निजी O और O सामुदायिक O हिस्सेदारी O हो O । O शुरुआती O बाल्यावस्था O देखभाल O और O शिक्षा O - O अर्ली O चाइल्डहुड O केयर O एंड O एजुकेशन O ( O ईसीसीई O ) O के O बारे O में O एनईपी O 2020 B-NETI में O कहा O गया O है O कि O आंगनवाड़ियां O पूरी O तरह O से O समेकित O परिसर O या O समूह O होंगी O । O मार्च B-NETI 23 I-NETI , I-NETI 2022 I-NETI अध्यक्ष O महोदय O ! O अगस्त B-NETI 2019 I-NETI के O जल O जीवन O मिशन O के O तहत O पाइप O लाइनों O के O जरिए O घरों O तक O पानी O की O आपूर्ति O प्रारंभ O की O गई O थी O । O सुबह B-NETI - I-NETI सुबह I-NETI आंगन O में O आ O गई O चिरैया O , O सुबह B-NETI - I-NETI सुबह I-NETI नया O गीत O गा O गई O चिरैया O । O पिछले O 100 B-NETI साल I-NETI या O इससे O भी O ज्यादा O अवधि O के O दौरान O , O हमने O जीवन O के O अहम O मुद्दों O को O लेकर O लोगों O को O शिक्षित O करने O और O संवेदनशील O बनाने O का O मौका O गंवाया O है O । O जहां O तक O वस्त्र O उत्पादन O पर O जीएसटी O के O प्रभाव O की O बात O है O तो O विस्कोस O , O पॉलिएस्टर O जैसे O वस्त्र O उत्पादों O की O कीमतें O जुलाई B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O मामूली O बढ़ीं O और O उसके O बाद O अगस्त - , - 2017 - में O घट O गईं O । O कपड़ा O निर्यात O जून B-NETI - I-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 10.7 B-NEN प्रतिशत O घटा O और O उसके O बाद O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI में O 6 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O । O वस्त्र O एवं O परिधान O आयात O अगस्त B-NETI , I-NETI 2017 I-NETI तक O 38.61 B-NEN प्रतिशत O बढ़ O गया O और O इसका O कारण O बाजार O की O ताकतों O का O प्रभाव O भी O हो O सकता O है O तथा O आयात O शुल्क O में O कमी O भी O हो O सकती O है O । O साल B-NETI भर O के O बाद O ऐसे O ही O अचानक O आम O आए O ! O सात B-NETI दिनों I-NETI तक O हुई O पुताई O , O घर O में O फिर O रौनक O थी O आई O , O फिर O से O सब O सामान O सजाया O , O हिप O - O हिप O हुर्रे O सबने O गाया O । O भारत B-NEL में O नागरिक O घोषणापत्र O को O 1990 B-NETI के O दशक O में O लागू O किया O गया O । O योजना B-NEAR के O जून B-NETI अंक O में O पर्यावरण O व O स्वास्थ्य O से O संबंधित O विविध O आयामों O को O सुस्पष्ट O तरीके O से O प्रकाशित O किया O गया O है O । O आज B-NETI का O बच्चा O भी O खिलौना O लेना O चाहता O है O । O पिछले B-NETI दो I-NETI दशकों I-NETI में O सूचना O के O अधिकार O और O जन O सेवाओं O के O अधिकार O जैसे O कानून O पेश O किए O गए O , O ताकि O सूचनाएं O मुहैया O कराने O को O कानूनी O जरूरत O बनाया O जा O सके O । O आरबीआई -NEO के O कृषि O ऋण O कार्यों O और O तत्कालीन O कृषि B-NEO पुनर्वित्त I-NEO एवं I-NEO विकास I-NEO निगम I-NEO ( O एआरडीसी -NEO ) O के O पुनर्वित्त O कार्यों O के O हस्तांतरण O के O जरिये O जुलाई B-NETI 1982 I-NETI में O नाबार्ड B-NEO अस्तित्व O में O आया O । O 100 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O आरंभिक O पूंजी O के O साथ O स्थापित O हुए O इस O बैंक O की O चुकता O पूंजी O 31 B-NETI मार्च I-NETI , I-NETI 2016 I-NETI को O 5,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O थी O । O योजना B-NEAR का O जून B-NETI , I-NETI 2021 I-NETI का O अंक O विश्लेषण O के O दृष्टिकोण O से O विकास O करने O वाला O रहा O । O राष्ट्रीय B-NEO आवास I-NEO बैंक I-NEO ( O एनएचबी B-NEO ) O की O स्थापना O आवास O ऋण O संस्थाओं O को O वित्तीय O एवं O अन्य O आवश्यक O सहायता O प्रदान O कर O उनकी O वृद्धि O को O तेज O करने O के O इरादे O से O राष्ट्रीय O आवास O बैंक O अधिनियम O , O 1987 O के O दिशानिर्देशों O के O अनुसार O 1988 B-NETI में O हुई O थी O । O भारतीय B-NEO लघु I-NEO उद्योग I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O सिडबी B-NEO ) O - O भारतीय B-NEO लघु I-NEO उद्योग I-NEO विकास I-NEO बैंक I-NEO ( O सिडबी B-NEO ) O की O स्थापना O भारतीय O संसद O के O एक B-NEN अधिनियम O के O तहत O 2 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 1990 I-NETI को O की O गई O । O इन O सभी O देशों O में O 1992 B-NETI में O ये O चार्टर O बनाए O गए O । O एमएसएमई O क्षेत्र O को O बढ़ावा O देने O और O विकसित O करने O के O लिए O सिडबी B-NETI ने O " O क्रेडिट O प्लस O " O योजना O आरंभ O की O है O , O जिसके O तहत O ऋण O के O अलावा O वह O एमएसएमई O को O प्रोत्साहन O एवं O विकास O सहयोग O के O जरिये O एमएसएमई O क्षेत्र O में O उद्यम O विकास O , O कौशल O उन्नयन O , O विपणन O सहयोग O , O क्लस्टर O विकास O , O प्रौद्योगिकी O आधुनिकीकरण O में O सहायता O देता O है O । O इसे O दस B-NETI वर्षों I-NETI तक O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O अगर O धोखाधड़ी O में O जनहित O का O सवाल O भी O जुड़ा O होता O है O , O तो O जेल O की O सजा O तीन B-NETI साल I-NETI से O कम O नहीं O होगी O । O विश्व O के O सबसे O बड़े O लोकतंत्र O भारत B-NEL ने O 1970 B-NETI के O दशक O में O ई O - O शासन O को O अपनाना O शुरू O किया O । O संयुक्तराष्ट्र O ई O - O शासन O सर्वेक्षण O 2008 B-NETI में O ' O गार्टनर O ई O - O गवर्नेंस O मैच्योरिटी O मॉडल O ' O को O विस्तार O देते O हुए O इसमें O पांचवें B-NEN चरण O , O जनोन्मुख O सरकार O को O भी O शामिल O किया O गया O । O आज O की O भारतीय O विदेश O सेवा O की O स्थापना O 9 B-NETI अक्तूबर I-NETI 1946 I-NETI को O हुई O और O इसी O वर्ष O ( O अक्टूबर B-NETI 2021 I-NETI में O ) O यह O 75 B-NEN वर्ष O पूरे O कर O लेगी O । O * O यह O एक B-NEN ऐसा O मामला O है O जहां O याचिकाकर्ता O न O केवल O आपराधिक O प्रक्रिया O संहिता O की O धारा O 197 B-NEN के O तहत O संरक्षित O है O बल्कि O 2002 B-NETI के O कानून O की O धारा O 32 B-NEN के O तहत O भी O संरक्षित O है O जिसे O निम्न O रूप O में O पुनः O प्रस्तुत O किया O जा O सकता O है O । O इस B-NETI वर्ष I-NETI केंद्रीय O मंत्रिमंडल O ने O पिछले O कुछ O वर्षों O से O गैर O - O कार्यनिष्पादन O परिसम्पत्तियों O ( O एनपीए O ) O के O बोझ O से O दबे O हुए O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O ( O पीएसबी O ) O की O स्थिति O में O सुधार O करने O के O लिए O एक B-NEN महत्वपूर्ण O निर्णय O लिया O । O साथ O ही O प्रधानमंत्री O ने O पिछले B-NETI 5 I-NETI - I-NETI 6 I-NETI वर्षों I-NETI के O दौरान O खेलों O में O उनके O द्वारा O देखे O गए O बदलावों O के O बारे O में O भी O पूछा O । O जून B-NETI 2017 I-NETI में O पीएसबी O में O एनपीए O 7.33 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O तक O पहुंच O गए O जबकि O मार्च B-NETI 2015 I-NETI में O यह O 2.73 B-NEN करोड़ I-NEN थे O । O परिणामस्वरूप O दो B-NETI वर्ष I-NETI से O भी O कम O समय O में O सार्वजनिक O क्षेत्र O की O बैंकिंग O प्रणाली O में O डूबे O हुए O ऋण O तीन B-NEN गुना O हो O गए O हैं O । O केंद्रीय O मंत्रिमंडल O ने O 24 B-NETI अक्टूबर I-NETI को O 2,11,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O व्यापक O योजना O को O अंतिम O रूप O दिया O जो O बाजार O से O ऋण O प्राप्त O करने O , O बजटीय O सहायता O और O सबसे O महत्वपूर्ण O - O बैंक O पुनर्पुंजीकरण O ऋणपत्र O जारी O करने O जैसे O विभिन्न O साधनों O सहित O घरेलू O बैंकिंग O व्यवस्था O को O पुनर्जीवित O करेगी O । O यह O 26 B-NETI अक्टूबर I-NETI 2006 I-NETI को O लागू O हुई O । O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O आयोग O ने O अपने O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O पोर्टल O के O जरिए O 2017 B-NETI में O मेरा O अस्पताल O एप O शुरू O किया O । O रोगी O विगत O 7 B-NETI दिनों I-NETI के O दौरान O अस्पताल O के O अपने O अनुभव O के O संबंध O में O अपनी O प्रतिक्रिया O मोबाइल O ऐप O तथा O वेब O पोर्टल O पर O सात B-NEN भिन्न O भाषाओं O में O दे O सकता O है O । O साथ O ही O नयी O सरकार O ने O वर्ष O 2018 B-NETI के O प्रारंभ O में O ही O 1000 B-NEN सीटों O की O क्षमता O वाले O ' O ग्रीवांस O सेल O ' O को O लखनऊ B-NEL में O स्थापित O करने O का O प्रस्ताव O पास O किया O है O , O जिसके O माध्यम O से O स्थानीय O स्तर O पर O किए O जा O रहे O लोक O कार्यों O के O संबंध O में O शिकायत O की O जा O सकेगी O । O बिहार B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O सर्व O साधारण O की O शिकायतों O का O एक B-NEN निश्चित O समय O - O सीमा O में O समाधान O कराने O के O उद्देश्य O से O 5 B-NETI जून I-NETI 2016 I-NETI से O पूरे O राज्य O में O बिहार O लोक O शिकायत O निवारण O अधिनियम O लागू O किया O गया O है O । O विगत O 1 B-NETI वर्ष I-NETI में O लगभग O 1.50 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O व्यक्ति O पेयजल O , O सफाई O , O शौचालय O निर्माण O , O बिजली O संबंधी O मामले O , O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O जैसे O मुद्दों O से O जुड़े O कल्याणकारी O कार्यक्रमों O के O संबंध O में O अपनी O समस्याओं O के O समाधान O हेतु O शिकायतों O को O इस O अधिनियम O के O तहत O दर्ज O करा O चुके O हैं O । O झारखण्ड B-NEL एवं O छत्तीसगढ़ B-NEL राज्यों O का O गठन O वर्ष O 2000 B-NETI में O किया O गया O । O झारखंड B-NEL में O वर्ष O 2016 B-NETI में O पोर्टल O का O शुभारंभ O मुख्यमंत्री O द्वारा O किया O गया O , O जनता O अपनी O शिकायत O झारखंड B-NEL शिकायत O पोर्टल O जनसंवाद O पर O ऑनलाइन O दर्ज O करा O सकती O है O । O 2019 B-NETI - I-NETI 20 I-NETI में O गुजरात B-NEL को O भारत B-NEL में O विदेशी O प्रत्यक्ष O निवेश O ( O एफडीआई O ) O के O लिये O सर्वश्रेष्ठ O स्थान O माना O गया O । O इस B-NETI वित्त I-NETI वर्ष I-NETI में O राज्य O में O 43000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O ज्यादा O एफडीआई O आया O जो O 2018 B-NETI - I-NETI 19 I-NETI , O की O तुलना O में O 3.5 B-NEN गुना O अधिक O है O । O उद्योगों O को O शुरुआती O तीन B-NETI साल I-NETI के O लिये O अनापत्ति O प्रमाणपत्र O और O अनुमतियां O प्राप्त O करने O से O छूट O दी O गयी O है O । O गुजरात B-NEL में O वर्ष O 2003 B-NETI में O शुरू O किए O गए O स्वागत O ऑनलाइन O कार्यक्रम O के O तहत O आम O नागरिकों O की O ओर O से O प्रस्तुत O शिकायतों O के O संबंध O में O तहसील O एवं O जिला O प्रशासन O तंत्र O के O अधिकारियों O और O संबंधित O विभाग O के O सचिव O सहित O राज्यस्तरीय O अधिकारियों O की O मौजूदगी O में O प्रतिमाह O चौथे B-NETI गुरुवार I-NETI को O मुख्यमंत्री O जनशिकायतों O का O निबटारा O करते O हैं O । O केंद्रीय O जल O आयोग O की O 2019 B-NETI में O प्रकाशित O रिपोर्ट O के O अनुसार O , O भारत B-NEL में O लेखक O जल B-NEO संसाधन I-NEO , O नदी B-NEO विकास I-NEO तथा O गंगा B-NEO संरक्षण I-NEO विभाग I-NEO और O पेयजल B-NEO तथा I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO की O अतिरिक्त O सचिव O हैं O । O पंचायतों O को O पर्याप्त O तकनीकी O और O प्रशासनिक O सहायता O उपलब्ध O कराने O , O उनके O बुनियादी O ढांचे O और O ई O - O इनेबलमेंट O को O मजबूत O बनाने O , O निचले O स्तर O तक O अधिकार O हस्तांतरित O करने O को O बढ़ावा O देने O और O उनकी O कार्यकुशलता O में O सुधार O लाने O के O उद्देश्य O से O 2013 B-NETI - I-NETI 14 I-NETI में O राजीव O गांधी O पंचायत O सशक्तीकरण O अभियान O ( O आरजीपीएसए O ) O को O स्वीकृति O देकर O लागू O कर O दिया O गया O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O इलेक्ट्रॉनिक्स B-NEO और I-NEO सूचना I-NEO प्रौद्योगिकी I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O 2016 B-NETI में O औद्योगिक O संघों O के O साथ O मिल O कर O ई O - O कबाड़ O जागरूकता O कार्यक्रम O शुरू O किया O । O अधिक O ध्यान O देने O वाली O पहल O के O तौर O पर O अब O पंचायतों O को O प्रोत्साहन O योजना O की O राशि O 2016 B-NETI - I-NETI 17 I-NETI से O शुरू O की O गई O स्वतंत्र O योजना O राष्ट्रीय O ग्राम O स्वराज O अभियान O ' O के O तहत O मिल O रही O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ने O वर्ष B-NETI 2008 I-NETI में O 22 B-NETI से I-NETI 24 I-NETI अप्रैल I-NETI तक O संविधान O में O हुए O 73वें O संविधान O संशोधन O 1992 B-NETI की O , O जो O 24 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 1993 I-NETI को O लागू O किया O गया O था O , O 15वीं O वर्षगांठ O मनाने O के O उद्देश्य O से O जिला O परिषदों O और O माध्यमिक O पंचायतों O के O अध्यक्षों O का O राष्ट्रीय O सम्मेलन O आयोजित O किया O । O इस O 15वीं O वर्षगांठ O के O चार्टर O में O ' O समग्र O शासन O से O समग्र O प्रगति O ' O के O लक्ष्य O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O गया O था O जिसे O सम्मेलन O में O पारित O कर O दिया O गया O और O 24 B-NETI अप्रैल I-NETI , I-NETI 2008 I-NETI को O तत्कालीन O प्रधानमंत्री O ने O जिला O और O माध्यमिक O पंचायतों O के O अध्यक्षों O को O संबोधित O भी O किया O । O इसी O आधार O पर O हर O वर्ष O 24 B-NETI अप्रैल I-NETI को O राष्ट्रीय O पंचायती O राज O दिवस O मनाया O जाता O है O । O विश्व O के O नेताओं O के O बीच O सितम्बर B-NETI , I-NETI 2015 I-NETI में O स्थायी O विकास O लक्ष्यों O पर O सहमति O बनी O थी O ताकि O विश्व O में O ऊर्जा O भरकर O गरीबी O और O असमानता O में O जबरदस्त O कमी O लाकर O आने O वाले O 15 B-NETI वर्ष I-NETI की O प्राथमिकताएं O और O कार्य O - O योजनाएं O बनाई O जा O सके O । O डेटा O क्रान्ति O की O मदद O से O वैश्विक O लक्ष्यों O को O 2030 B-NETI तक O पूरा O करने O की O आशा O बन O जाएगी O और O इसके O लिए O डेटा O - O चालित O निर्णय O प्रक्रिया O , O तथ्यों O पर O आधारित O नीतियों O और O विकास O कार्यों O की O साझी O जवाबदेही O तथा O सरकार O और O अन्य O हितार्थियों O की O ओर O से O समुचित O निवेश O को O बढ़ावा O देना O होगा O । O योजना B-NEAR का O नवंबर B-NETI अंक O पंचायती O राज O के O विभिन्न O आयामों O को O समेटे O हुए O है O । O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O सभी O सदस्य O देशों O द्वारा O सितम्बर B-NETI , I-NETI 2015 I-NETI में O पारित O क्रांतिकारी O एजेंडा O - O 2030 B-NETI के O तहत O पृथ्वी O के O निवासियों O और O पृथ्वी O ग्रह O की O सुरक्षा O और O सभी O के O लिए O समृद्धि O का O महत्वाकांक्षी O कार्यक्रम O बनाया O गया O था O । O योजना B-NEAR के O नवंबर B-NETI अंक O में O वैसे O तो O सभी O आलेख O एक B-NEN - O से O - O बढ़कर O एक B-NEN हैं O लेकिन O पंचायतों O में O प्रौद्योगिकी O के O सदुपयोग O को O दर्शाता O " O डिजिटल O स्थानीय O शासन O " O नामक O आलेख O काफी O रोचक O है O । O भारत B-NEL ने O अगले B-NETI कुछ I-NETI वर्षों I-NETI में O 50 B-NEN खरब I-NEN अमेरिकी O डॉलर O की O अर्थव्यवस्था O बनने O का O महत्वाकांक्षी O लक्ष्य O निर्धारित O किया O है O । O 1. B-NEN ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O पुरस्कार O ( O जीपीडीपीए O ) O वर्ष B-NETI 2018 I-NETI में O शुरू O किया O गया O । O 2. B-NEN वर्ष B-NETI 2019 I-NETI में O उस O सर्वश्रेष्ठ O कार्य O करने O वाली O ग्राम O पंचायत O / O जिला O परिषद O के O लिए O शुरू O किया O गया O जिसने O बच्चों O की O स्वास्थ्य O वृद्धि O और O विकास O का O वातावरण O बनाने O को O सामाजिक O विकास O का O मुख्य O अंग O मानकर O कार्य O किया O हो O । O आत्मनिर्भर O भारत B-NEL पर O आधारित O दिसंबर B-NETI 2021 I-NETI का O अंक O अर्थव्यवस्था O , O उद्यमिता O , O विनिर्माण O , O ग्रामीण O और O शहरी O बुनियादी O ढांचे O सहित O सरकार O द्वारा O किये O जा O रहे O अन्य O सभी O महत्वपूर्ण O कार्यों O के O बारे O में O जानकारी O देता O हुआ O संग्रहणीय O अंक O है O । O इस O अवसर O पर O अस्ताना B-NEL घोषणा O पत्र O ( O 2018 B-NETI ) O में O यूएचसी O को O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवा O से O जोड़ने O को O लेकर O जताई O गई O राजनीतिक O प्रतिबद्धता O का O भी O जिक्र O करना O जरूरी O है O , O क्योंकि O दुनिया O भर O में O करोड़ों B-NEN लोगों O को O अब O भी O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवाएं O उपलब्ध O नहीं O है O । O दिसंबर B-NETI अंक O इन O सभी O क्षेत्रों O के O विषय O में O रोचक O तरीके O से O बताता O है O । O अप्रैल B-NETI 2021 I-NETI तक O ऐसे O सेंटर O पर O पहुंचने O वालों O की O संख्या O 44.24 B-NEN करोड़ I-NEN हो O चुकी O थी O । O केंद्रीय O बजट O 2021 B-NETI - I-NETI 22 I-NETI में O स्वास्थ्य O की O मदद O में O 138 B-NEN प्रतिशत O की O बढ़ोतरी O की O गई O है O , O जो O एक B-NEN बेहद O सकारात्मक O कदम O है O । O आधुनिक O तकनीकों O के O साथ O स्व O - O रोज़गार O और O न्यायसंगत O अवसर O के O लिए O पारिस्थितिकी O तंत्र O का O निर्माण O करके O , O एसीआईसी B-NEO ने O भारत B-NEL को O 21वीं B-NETI सदी I-NETI में O प्रौद्योगिकी O के O क्षेत्र O में O विश्व O में O अग्रणी O के O रूप O में O विकसित O होने O का O दृष्टिकोण O अपनाया O है O । O पिछले O 18 B-NETI महीनों I-NETI में O वन O धन O विकास O योजना O पर O तेजी O से O काम O हुआ O है O और O इसमें O राज्यों O की O एजेंसियों O ने O भी O अहम O भूमिका O निभाई O है O । O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O आयोग O ने O अपने O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O पोर्टल O के O जरिए O 2017 B-NETI में O मेरा O अस्पताल O एप O शुरू O किया O । O 22 B-NETI जून I-NETI 1964 I-NETI को O जारी O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O एक B-NEN अधिसूचना O के O द्वारा O 01 B-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 1964 I-NETI से O यह O अस्तित्व O में O आया O । O रोगी O विगत O 7 B-NETI दिनों I-NETI के O दौरान O अस्पताल O के O अपने O अनुभव O के O संबंध O में O अपनी O प्रतिक्रिया O मोबाइल O ऐप O तथा O वेब O पोर्टल O पर O सात B-NEN भिन्न O भाषाओं O में O दे O सकता O है O । O अगले B-NETI चालीस I-NETI वर्षों I-NETI तक O यानि O वर्ष O 2004 B-NETI तक O इसने O एक B-NEN वित्तीय O संस्था O के O रूप O में O कार्य O किया O । O इसके O परिणामस्वरूप O 01 B-NETI अक्तूबर I-NETI 2004 I-NETI से O आईडीबीआई B-NEO का O उपक्रम O आईडीबीआई B-NEO लि. I-NEO में O अंतरित O व O निहित O हुआ O और O एक B-NEN वित्तीय O संस्था O की O अपनी O पूर्ववर्ती O भूमिका O के O अतिरिक्त O यह O बैंक O के O रूप O में O भी O कार्यशील O हुआ O । O आज B-NETI आईडीबीआई B-NEO बैंक I-NEO एक B-NEN यूनिवर्सल O बैंक O है O जो O कोर O बैंकिंग O सूचना O प्रौद्योगिकी O ( O आईटी O ) O प्लेटफॉर्म O का O प्रयोग O करते O हुये O विभिन्न O शाखाओं O और O एटीएमों O के O नेटवर्क O के O जरिए O रिटेल O और O कॉरपोरेट O खंड O के O ग्राहकों O को O व्यक्तिगत O बैंकिंग O सेवाएं O तथा O वित्तीय O समाधान O प्रदान O कर O रहा O है O । O आज B-NETI बैंक O के O तुलन O पत्र O का O कुल O आकार O 3,74,372 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O और O कुल O कारोबार O 4,81,613 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O है O । O इसी O स्थिति O को O देखते O हुए O , O संयुक्त O राष्ट्र O ने O वर्ष B-NETI 2030 I-NETI तक O के O लिए O जो O सतत O विकास O लक्ष्य O ( O एसडीजी O ) O रखे O हैं O , O उनके O केंद्र O में O बच्चों O को O रखा O जाना O चाहिए O । O एचडीएफसी B-NEO बैंक I-NEO , O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO के O उदारीकरण O की O नीति O के O एक B-NEN भाग O के O रूप O में O 1994 B-NETI में O सैद्धांतिक O रूप O से O अनुमोदन O प्राप्त O करने O वाला O पहला O निजी O बैंक O था O । O इसकी O स्थापना O अगस्त B-NETI 1994 I-NETI में O की O गयी O थी O तथा O जनवरी B-NETI 1995 I-NETI से O इसने O एक B-NEN अनुसूचित O वाणिज्यिक O बैंक O के O रूप O में O कार्य O शुरू O किया O । O आज B-NETI यह O भारत B-NEL की O प्रमुख O आवास O वित्त O कंपनी O के O रूप O में O ज्ञात O है O । O मिशन O के O सहयोग O से O विकसित O इस O टीके O को O 20 B-NETI अगस्त I-NETI , I-NETI 2021 I-NETI को O राष्ट्रीय B-NEO नियामक I-NEO प्राधिकरण I-NEO - I-NEO नेशनल I-NEO रेगुलेटरी I-NEO ऑथरिंटी I-NEO ( I-NEO एनआरए I-NEO ) I-NEO से O आपातकालीन O इस्तेमाल O की O इजाजत O मिल O चुकी O है O । O 28 B-NETI नवंबर I-NETI 1979 I-NETI को O समिति O ने O अपनी O अन्तरिम O रिपोर्ट O प्रस्तुत O की O जिसमें O ग्रामीण O विकास O से O जुड़े O ऋण O से O संबन्धित O मुद्दों O पर O एकनिष्ठ O ध्यान O केन्द्रित O करने O और O उन्हें O सशक्त O दिशा O देने O के O लिए O एक B-NEN नए O संगठनात्मक O साधन O की O आवश्यकता O रेखांकित O की O गई O । O चंद्रयान O - O 2 B-NEN मिशन O , O भारत B-NEL का O दूसरा O चंद्र O अभियान O है O , O जिसे O 22 B-NETI जुलाई I-NETI , I-NETI 2019 I-NETI को O सफलतापूर्वक O किया O गया O था O । O संहिता O की O धारा O 243 B-NEN में O इन O कानूनों O को O रद्द O करने O का O प्रावधान O है O । O बाद O में O इसने O खुदरा O और O थोक O दोनों B-NEN तरह O के O ग्राहकों O को O अपना O लक्षित O समूह O बनाया O है O और O आज O यह O रिटेल O बैंकिंग O में O तीव्रता O से O अपना O पांव O जमा O रहा O है O । O दिवालिया O संहिता O में O दो B-NEN अधिकरणों O की O स्थापना O की O गयी O है O - O राष्ट्रीय O कंपनी O कानून O अधिकरण O ( O एनसीएलटी O ) O और O ऋण O वसूली O अधिकरण O ( O डीआरटी O ) O । O अगर O डीफॉल्ट O एक B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O अधिक O का O होता O है O , O तो O लेनदार O दिवालिया O निपटान O प्रक्रिया O शुरू O कर O सकता O है O और O एनसीएलटी B-NEO में O गुहार O लगा O सकता O है O । O भारतीय B-NEO रिजर्व I-NEO बैंक I-NEO ने O कृषि O और O ग्रामीण O विकास O के O लिए O संस्थागत O ऋण O की O व्यवस्था O की O समीक्षा O के O लिए O एक B-NEN समिति O ( O क्रैफिकार्ड O ) O गठित O की O । O समिति O ने O एक B-NEN ऐसे O अलग O तरह O से O विकास O वित्तीय O संस्था O के O गठन O की O अनुशंसा O की O जो O इन O आकांक्षाओं O की O पूर्ति O करे O । O इसका O उद्देश्य O वित्तीय O , O विकासात्मक O तथा O पर्यवेक्षण O के O माध्यम O से O एक B-NEN सशक्त O और O आर्थिक O रूप O से O समावेशी O ग्रामीण O भारत B-NEL का O निर्माण O करना O है O , O जो O ग्रामीण O अर्थव्यवस्था O के O लगभग O हर O पहलू O को O स्पर्श O करता O है O । O इस O अवधि O को O 45 B-NEN दिनों O के O लिए O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O ग्रामीण O बुनियादी O ढांचे O के O निर्माण O के O लिए O पुनर्वित्त O सहायता O से O लेकर O , O जिला O स्तर O पर O ऋण O योजना O तैयार O करने O से O लेकर O इन O लक्ष्यों O को O प्राप्त O करने O में O बैंकिंग O उद्योग O का O मार्गदर्शन O और O उन्हें O प्रेरित O करना O , O सहकारी O बैंकों O और O क्षेत्रीय O ग्रामीण O बैंकों O ( O आरआरबी O ) O के O पर्यवेक्षण O से O लेकर O उनमें O स्वस्थ O बैंकिंग O प्रथाओं O को O विकसित O करने O में O मदद O करने O और O उन्हें O सीबीएस O प्लेटफॉर्म O पर O ले O जाने O तक O , O नई O विकास O योजनाओं O को O डिजाइन O करने O से O लेकर O भारत B-NEO सरकार I-NEO की O विकास O योजनाओं O का O कार्यान्वयन O , O हस्तशिल्प O कारीगरों O को O प्रशिक्षण O देने O से O लेकर O उनकी O बिक्री O हेतु O एक B-NEN मंच O प्रदान O करने O जैसी O सेवाएं O देश O भर O में O ग्रामीण O क्षेत्रों O से O जुड़े O लोगों O को O प्रदान O करते O हैं O । O यह O प्रावधान O 50 B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O की O भुगतान O पूंजी O या O दो B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O टर्नओवर O वाली O कंपनियों O और O स्टार्टअप्स O के O लिए O है O । O इनकी O निपटान O प्रक्रिया O को O 90 B-NEN दिनों O में O पूरा O किया O जाना O चाहिए O । O संहिता O के O नियमों O के O अनुसार O एक B-NEN बार O मामला O राष्ट्रीय O कंपनी O कानून O अधिकरण O के O पास O पहुंचा O तो O निपटान O प्रक्रिया O 180 B-NEN दिनों O के O भीतर O पूरी O हो O जानी O चाहिए O । O इस O फास्ट O ट्रैकिंग O प्रणाली O को O ऐसी O गैर O सूचीबद्ध O कंपनियां O भी O चुन O सकती O हैं O जिनकी O परिसंपत्ति O पूर्ववर्ती O वित्तीय O वर्ष O में O एक B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O थी O । O इस O अवधि O को O 90 B-NEN दिनों O के O लिए O और O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O चार्टर्ड O एकाउंटेंसी O , O कंपनी O सचिव O , O कॉस्ट O एकाउंटेंसी O , O वकालत O अथवा O प्रबंधन O में O कम O से O कम O दस B-NEN वर्ष O का O अनुभव O प्राप्त O व्यक्ति O आईपी O हो O सकता O है O । O पिछले O एक B-NEN दशक O के O दौरान O विभिन्न O राज्यों O में O 700 B-NEN से O भी O ज्यादा O जिला O कौशल O समितियां O ( O डीएससी O ) O स्थापित O की O गई O हैं O । O एनसीएलटी B-NEO आवेदन O मंजूर O होने O के O 14 B-NEN दिनों O के O भीतर O आईबीबी O द्वारा O पुष्टि O करने O पर O अंतरिम O आईपी O नियुक्त O करता O है O । O अंतरिम O आईपी O का O कार्यकाल O 30 B-NEN दिनों O का O होता O है O । O हां O , O उनका O बकाया O , O कुल O बकाया O राशि O का O कम O से O कम O दस B-NEN प्रतिशत O होना O चाहिए O । O गठन O के O सात B-NEN दिनों O के O भीतर O लेनदार O समिति O बैठक O करेगी O । O इस O बैठक O में O 75 B-NEN प्रतिशत O वोटों O के O साथ O यह O फैसला O किया O जाएगा O कि O अंतरिम O आईपी O को O निपटान O पेशेवर O नियुक्त O करें O अथवा O नहीं O । O दिवालिया O संहिता O के O तहत O अधिकरण O में O जिन O 12 B-NEN कंपनियों O के O खिलाफ O कार्रवाई O की O जा O रही O है O , O उनमें O से O पांच B-NEN स्टील O कंपनियों O और O एमटेक O ऑटो O के O लिए O संभावित O खरीदारों O के O प्रस्ताव O प्राप्त O हो O चुके O हैं O । O ऊर्जा O बास्केट O में O जीवाश्म O ईंधन O की O औसत O वैश्विक O हिस्सेदारी O 84 B-NEN प्रतिशत O है O जो O भारत B-NEL के O लिये O और O भी O अधिक O है O । O इसका O अर्थ O यह O है O कि O प्रमोटर O या O उनके O सहयोगियों O में O से O कोई O भी O उपरिलिखित O 12 B-NEN बड़े O खातों O के O स्ट्रेस्ड O एसेट्स O को O नहीं O खरीद O सकते O । O यह O एक B-NEN व्यापक O संरचना O है O जिसके O चलते O गैस O के O एक B-NEN क्षेत्र O से O दूसरे O क्षेत्र O में O प्रवाहित O होने O पर O कर O की O दरों O में O वृद्धि O होती O है O । O इस O कंपनी O में O आर्सेलर B-NEO मित्तल I-NEO की O हिस्सेदारी O 29 B-NEN प्रतिशत O है O । O दिवालिया O संहिता O में O संबंधित O पक्ष O की O परिभाषा O कुछ O इस O प्रकार O है O - O संबंधित O पक्ष O वह O होता O है O , O जिसका O समस्याग्रस्त O ( O डिस्ट्रेस्ड O ) O कंपनी O में O वोटिंग O का O अधिकार O 20 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O है O और O जो O 2 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O की O हिस्सेदारी O के O साथ O पब्लिक O कंपनी O में O निदेशक O है O । O हालांकि O सेबी O एक्ट O कहता O है O कि O प्रमोटर O और O प्रमोटर O समूह O वह O है O जिसकी O किसी O कंपनी O में O 10 B-NEN प्रतिशत O से O अधिक O इक्विटी O है O और O जिसका O कंपनी O पर O नियंत्रण O है O । O दिवालिया O संहिता O के O तहत O अधिकरण O में O जिन O 12 B-NEN कंपनियों O के O खिलाफ O कार्रवाई O की O जा O रही O है O , O उनमें O से O पांच B-NEN स्टील O कंपनियों O और O एमटेक B-NEO ऑटो I-NEO के O लिए O संभावित O खरीदारों O के O प्रस्ताव O प्राप्त O हो O चुके O हैं O । O इस O संबंध O में O एक B-NEN और O तर्क O पेश O किया O जा O रहा O है O । O कहा O जा O रहा O है O कि O पहली O सूची O में O जिन O 12 B-NEN खातों O को O शामिल O किया O गया O है O उन्हें O दूसरी O सूची O में O शामिल O 29 B-NEN खातों O की O तरह O पर्याप्त O समय O क्यों O नहीं O दिया O गया O । O घरेलू O स्तर O पर O उत्पादित O गैस O के O लिये O मूल्य O निर्धारण O के O विनियमन O में O ढील O , O गैस O अर्थव्यवस्था O को O बढ़ावा O देने O के O संदर्भ O में O बाजार O सुधारों O को O सुनिश्चित O करने O का O एक B-NEN प्रमुख O पहलू O हो O सकती O है O । O पहली O सूची O में O शामिल O 12 B-NEN मामलों O को O अधिकरण O के O सुपुर्द O किये O जाने O से O पहले O इतना O वक्त O क्यों O नहीं O दिया O गया O । O हालांकि O इस O बात O का O भी O ध्यान O रखना O होगा O कि O इस O प्रक्रिया O में O भी O इतना O विलंब O न O हो O जाए O कि O कंपनियों O के O लिए O कारोबार O करना O एक B-NEN उबाऊ O काम O हो O जाए O । O यदि O भारत B-NEL वृद्धिशील O रूप O से O आगे O बढ़ता O है O तो O इसके O पास O स्वच्छ O ऊर्जा O प्रणाली O के O गंतव्य O तक O पहुंचने O का O एक B-NEN बेहतर O अवसर O है O । O हालांकि O सिनर्जी B-NEO डोरे I-NEO और O सिनर्जी B-NEO कास्टिंग्स I-NEO पर O बड़ा O आरोप O यह O है O कि O दोनों B-NEN कंपनियों O के O बीच O नकली O लेनदेन O किया O गया O है O । O तीसरा B-NEN मुद्दा O जल O निकायों O , O विशेष O रूप O से O नदियों O के O प्रदूषण O से O निपटने O का O है O । O चौथा B-NEN मुद्दा O पानी O का O पुनरूपयोग O और O पुनर्चक्रण O है O । O भारत B-NEL में O जल O संसाधनों O के O प्रबंधन O में O हाल O के O वर्षों O में O एक B-NEN बदलाव O देखा O गया O है O क्योंकि O देश O के O विकास O के O एजेंडे O में O जल O शासन O को O सबसे O आगे O रखा O गया O है O । O इसका O मुख्य O उद्देश्य O भारत B-NEL की O राष्ट्रीय B-NEO जल I-NEO नीति I-NEO के O अनुरूप O पानी O के O सभी O पहलुओं O को O एक B-NEN ही O छतरी O के O नीचे O लाना O और O वर्गीकृत O की O बजाए O व्यापक O दृष्टिकोण O अपनाना O था O । O इसके O तहत O 2.68 B-NEN करोड़ I-NEN शहरी O परिवारों O को O नल O से O पानी O उपलब्ध O कराया O जाएगा O । O राष्ट्रीय B-NEO जल I-NEO मिशन I-NEO के O तहत O गतिविधियों O का O उद्देश्य O पानी O के O संरक्षण O और O उसके O न्यूनतम O अपव्यय O के O लिए O जल O उपयोग O दक्षता O को O 20 B-NEN प्रतिशत O तक O बढ़ाना O है O । O भारत B-NEL में O योजनाबद्ध O विकास O का O एक B-NEN प्रमुख O उद्देश्य O गरीबी O उन्मूलन O रहा O है O । O अपनी O तरह O के O दुनिया O के O सबसे O बड़े O कार्यक्रमों O में O से O एक B-NEN , O जलभर O प्रबंधन O पर O राष्ट्रीय B-NEO परियोजना I-NEO ( O एनएक्यूयूआईएम B-NEO ) O , O भूजल O के O स्थायी O प्रबंधन O की O सुविधा O के O लिए O जलभर O प्रबंधन O योजनाएं O बनाने O के O बारे O में O है O । O अब O तक O कुल O 24.8 B-NEN लाख I-NEN वर्ग O किलोमीटर O में O से O 13 B-NEN लाख I-NEN वर्ग O किलोमीटर O से O अधिक O क्षेत्र O का O मानचित्रण O किया O गया O है O । O राष्ट्रीय B-NEO जल I-NEO मिशन I-NEO , O जल O उपयोग O दक्षता O को O 20 B-NEN प्रतिशत O तक O बढ़ाने O के O उद्देश्य O के O साथ O , O पानी O का O संरक्षण O , O जल O अपव्यय O को O न्यूनतम O करने O और O अपशिष्ट O जल O के O पुनर्चक्रण O पर O विशेष O ध्यान O देते O हुए O , O राज्यों O में O और O उनके O भीतर O दोनों B-NEN तरह O से O पानी O का O अधिक O समान O वितरण O सुनिश्चित O करने O जैसी O गतिविधियों O को O बढ़ावा O देता O है O । O • O नजदीकी O एफसीआई O गोदाम O से O प्रति O स्कूल O प्रति O बालक O 100 B-NEN ग्राम O खाद्यान्न O ( O गेहूं O / O चावल O ) O की O निःशुल्क O आपूर्ति O ; O • O एफसीआई O गोदाम O से O स्कूल O तक O खाद्यान्न O ले O जाने O के O लिए O हुए O वास्तविक O परिवहन O व्यय O की O प्रतिपूर्ति O जो O अधिकतम O इस O प्रकार O है O - O ( O क O ) O 11 B-NEN विशेष O श्रेणी O के O राज्यों O के O लिए O 100 B-NEN रुपये O प्रति O कुंतल O । O ये O राज्य O हैं O - O अरुणाचल B-NEL प्रदेश I-NEL , O असम B-NEL , O मेघालय B-NEL , O मिजोरम B-NEL , O मणिपुर B-NEL , O नागालैंड B-NEL , O त्रिपुरा B-NEL , O सिक्किम B-NEL , O जम्मू B-NEL और O कश्मीर B-NEL , O हिमाचल B-NEL प्रदेश I-NEL और O उत्तराखंड B-NEL और O ( O ख O ) O अन्य O राज्यों O और O केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O लिए O 75 B-NEN रुपये O प्रति O कुंतल O । O सकल O राष्ट्रीय O उत्पाद O के O विपरीत O देश O के O समग्र O विकास O का O एकमात्र O व्यापक O रूप O से O प्रयुक्त O अन्य O संकेतक O - O मानव O विकास O सूचकांक O ( O एचडीआई O ) O , O मानव O विकास O के O तीन B-NEN आयामों O - O दीर्घायु O , O शिक्षा O प्राप्ति O और O सम्मानजनक O जीवन O के O लिए O आवश्यक O संसाधनों O पर O अधिकार O के O साथ O देश O की O औसत O उपलब्धियों O को O दर्शाता O है O । O o O उत्तर O पूर्वी O राज्यों O के O लिए O - O प्रति O स्कूल O प्रति O बालक O 1.80 B-NEN रुपये O की O दर O से O राज्य O की O सहायता O 20 B-NEN पैसे O प्रति O बालक O । O दूसरा B-NEN , O 1997 O में O , O गरीबी O की O बहु O आयामिता O को O मापने O के O लिए O एक B-NEN समग्र O सूचकांक O प्रस्तावित O किया O गया O और O बनाया O गया O था O । O o O अन्य O राज्यों O और O केंद्र O शासित O प्रदेशों O के O लिए O - O @ O प्रति O स्कूल O प्रति O बालक O 1.50 B-NEN रुपये O की O सहायता O , O राज्य O / O केंद्र O शासित O प्रदेशों O का O योगदान O 20 B-NEN पैसे O प्रति O बालक O । O तीसरा B-NEN , O ये O समग्र O सूचकांक O क्षेत्रों O , O प्रांतों O , O लिंगों O , O नस्लों O , O जातीय O समूहों O और O ग्रामीण O - O शहरी O विभाजन O के O संदर्भ O में O अलग O - O अलग O थे O । O जेंडर O संबंधी O विकास O सूचकांक O , O मानव O विकास O सूचकांक O की O तरह O एक B-NEN समान O आयामों O और O परिवर्ती O कारकों O में O उपलब्धियों O को O मापता O है O , O लेकिन O पुरुषों O और O महिलाओं O के O बीच O उपलब्धियों O में O असमानता O को O ध्यान O में O रखता O है O । O हालांकि O अगले O 2 B-NEN - O 3 B-NEN वर्षों O में O सभी O स्कूलों O के O लिए O रसोई O - O सह O - O भंडार O के O निर्माण O के O लिए O एमडीएमएस O के O अंतर्गत O आवंटन O पर्याप्त O नहीं O लगता O । O • O चरणबद्ध O तरीके O से O रसोई O - O सह O - O भंडार O निर्माण O के O लिए O प्रति O इकाई O 60 B-NEN हजार I-NEN रुपये O तक O सहायता O का O प्रावधान O । O • O 5000 B-NEN रुपये O प्रति O स्कूल O की O सामान्य O लागत O पर O भोजन O सामग्री O तथा O रसोई O उपकरण O बदलने O के O लिए O चरणबद्ध O तरीके O से O सहायता O का O प्रावधान O । O स्कूलों O की O वास्तविक O आवश्यकताओं O ( O राज्य O / O केंद्र O शासित O प्रदेश O के O लिए O कुल O सामान्य O सहायता O प्रति O स्कूल O 5000 B-NEN रुपये O ही O रहेगी O ) O के O आधार O पर O नीचे O दी O गई O वस्तुओं O पर O खर्च O में O लचीलापन O राज्य O / O केंद्र O शासित O प्रदेश O रख O सकते O हैं O । O धारा O 8 B-NEN के O अंतर्गत O लाभ O के O लिए O नहीं O कंपनी O के O रूप O में O विशेष O प्रयोजन O व्यवस्था O ( O स्पेशल O पर्पज O व्हीकल O ) O , O एसपीवी O की O स्थापना O की O जाएगी O जिसके O पास O आईजीओटी O कर्मयोगी O प्लेटफार्म O का O स्वामित्व O होगा O तथा O उसका O प्रबंधन O करेगी O । O आईजीओटी O कर्मयोगी O प्लेटफार्म O के O सभी O उपयोगकर्ताओं O के O कार्य O - O निष्पादन O के O मूल्यांकन O हेतु O एक B-NEN उपयुक्त O निगरानी O और O आकलन O ढांचा O भी O तैयार O किया O जाएगा O ताकि O प्रमुख O प्रदर्शन O संकेतकों O को O डैशबोर्ड O पर O दिखाया O जा O सके O । O उपर्युक्त O राशि O का O अन्य O 0.2 B-NEN प्रतिशत O प्रबंधन O , O निगरानी O और O मूल्यांकन O के O लिए O केंद्र O सरकार O द्वारा O उपयोग O में O लाया O जाएगा O । O 12 B-NEN लाख I-NEN 73 I-NEN हजार I-NEN से O अधिक O स्वास्थ्य O कर्मियों O ने O 3 B-NEN महीने O के O भीतर O विभिन्न O अवधियों O के O 17 B-NEN लाख I-NEN 66 I-NEN हजार I-NEN कोर्स O पूरे O किए O । O निगरानी O पद्धति O मानव B-NEO संसाधन I-NEO विकास I-NEO मंत्रालय I-NEO के O प्राथमिक O शिक्षा O और O साक्षरता O विभाग O ने O मध्याह्न O भोजन O योजना O की O निगरानी O और O निरीक्षण O के O लिए O एक B-NEN विस्तृत O पद्धति O निर्धारित O की O है O । O • O ( O क O ) O मुफ्त O खाद्यान्न O , O ( O ख O ) O परिवहन O लागत O और O ( O ग O ) O खाना O बनाने O की O लागत O पर O कुल O सहायता O का O 1.8 B-NEN प्रतिशत O की O दर O से O प्रबंधन O , O निगरानी O और O मूल्यांकन O ( O एमएमई O ) O के O लिए O राज्यों O / O केंद्र O शासित O प्रदेश O को O सहायता O का O प्रावधान O । O 1. B-NEN नियम O आधारित O ' O से O भूमिका O आधारित O एचआर O प्रबंधन O की O तरफ O बढ़ने O में O सहयोग O देना O । O 2. B-NEN कार्यस्थल O पर O सीखने O ( O ऑनसाइट O लर्निंग O ) O ' O के O पूरक O के O रूप O में O कार्यस्थल O के O बाहर O सीखने O ( O ऑफसाइट O लर्निंग O ) O ' O पर O जोर O देना O । O 3. B-NEN अध्ययन O सामग्री O , O संस्थानों O और O कर्मियों O सहित O साझा O प्रशिक्षण O बुनियादी O ढांचे O का O तंत्र O तैयार O करना O । O 4. B-NEN सिविल O सेवा O से O संबंधित O सभी O पदों O को O भूमिकाओं O , O गतिविधियों O तथा O दक्षता O के O ढांचे O ( O एफआरएसी O ) O संबंधी O दृष्टिकोण O के O साथ O व्यवस्थित O करना O तथा O प्रत्येक O सरकारी O संस्थान O में O चिह्नित O एफआरएसी O हेतु O उपयुक्त O अध्ययन O सामग्री O का O सृजन O करना O और O सुलभ O कराना O । O 5. B-NEN सभी O लोक O सेवकों O को O सीखने O की O आत्म O - O प्रेरित O तथा O अधिदेशित O प्रक्रिया O में O अपने O व्यवहार O , O क्रियाकलाप O और O कार्यक्षेत्र O से O संबंधित O दक्षताओं O को O निरंतर O विकसित O एवं O सुदृढ़ O करने O का O अवसर O उपलब्ध O कराना O । O • O सामाजिक O विज्ञान O शोध O संस्थानों O द्वारा O निगरानी O सर्वशिक्षा O अभियान O की O निगरानी O के O लिए O चिह्नित O 41 B-NEN सामाजिक O विज्ञान O शोध O संस्थानों O को O मध्याह्न O भोजन O योजना O की O निगरानी O का O काम O भी O सौंपा O गया O है O । O • O शिकायत O निवारण O राज्यों O और O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O कहा O गया O है O कि O जनशिकायतों O के O निवारण O के O लिए O एक B-NEN समुचित O पद्धति O विकसित O करें O जिसका O बड़े O पैमाने O पर O प्रचार O होना O चाहिए O और O आसान O पहुंच O में O हो O । O एक B-NEN राष्ट्र O - O एक B-NEN चुनाव O 6. B-NEN सभी O केद्रीय O मंत्रालयों O और O विभागों O एवं O उनके O संगठनों O को O समर्थ O बनाना O कि O वे O वार्षिक O वित्तीय O सब्सक्रिप्शन O के O जरिए O प्रत्येक O कर्मचारी O के O लिए O अध्ययन O सामग्री O के O सह O - O सृजन O तथा O सहयोगी O एवं O समान O तंत्र O को O साझा O करने O हेतु O अपने O संसाधनों O का O सीधे O निवेश O करें O । O सभी O सदनों O के O कार्यकालों O को O एक B-NEN साथ O समाप्त O करने O की O व्यवस्था O करने O के O लिए O या O तो O कुछ O सदनों O के O कार्यकालों O को O बढ़ाना O पड़ेगा O या O फिर O कुछ O के O कार्यकालों O को O समय O से O पूर्व O समाप्त O करना O होगा O । O अथवा O , O दोनों B-NEN ही O उपाय O एक B-NEN साथ O करने O पड़ O सकते O हैं O । O कुछ O मामलों O में O तो O कार्यकाल O में O तीन B-NEN साल O का O विस्तार O करना O पड़ O सकता O है O या O इतनी O ही O बढ़ोतरी O करनी O पड़ O सकती O है O । O 7. B-NEN सार्वजनिक O प्रशिक्षण O संस्थानों O विश्वविद्यालयों O स्टार्टअप O तथा O व्यक्तिगत O विशेषज्ञों O सहित O सर्वश्रेष्ठ O अध्ययन O सामग्री O का O सृजन O करने O वालों O को O प्रोत्साहित O करना O तथा O उनके O साथ O भागीदारी O करना O । O अंशकालिक O निर्वाचन O आयोग O की O सोच O इस O संकल्पना O पर O आधारित O थी O कि O सदनों O की O इक्की B-NEN - O दुक्की B-NEN सीटों O के O लिए O कभी O कभार O कराये O जाने O वाले O मध्यावधि O चुनावों O को O छोड़कर O आम O चुनाव O का O आयोजन O तो O पांच B-NEN साल O में O एक B-NEN बार O ही O कराना O होगा O , O इसलिए O स्थायी O निर्वाचन O आयोग O के O गठन O से O बीच O की O चार B-NEN साल O की O अवधि O में O आयोग O के O पास O कोई O काम O नहीं O रहेगा O । O लोकसभा O और O विधानसभाओं O का O एक B-NEN साथ O चुनाव O कराने O से O श्रम O और O समय O की O बचत O के O साथ O - O साथ O चुनाव O कराने O में O होने O वाले O खर्च O की O बचत O होती O है O । O इसके O बाद O के O तीन B-NEN निर्वाचन O चक्रों O में O भी O कुछ O अपवादों O को O छोड़कर O लोकसभा O और O विधानसभाओं O के O चुनाव O साथ O - O साथ O ही O आयोजित O किये O जाते O रहे O । O उर्दू O एक B-NEN महत्वपूर्ण O भारतीय O भाषा O है O , O जिसे O भारतीय O संविधान O की O आठवीं B-NEN अनुसूची O में O शामिल O किया O गया O है O । O इसकी O एक B-NEN समृद्ध O साहित्यिक O विरासत O है O , O और O इसका O विस्तार O देशभर O में O है O । O इस O प्रकार O प्राचीन O काल O में O बैंकिंग O का O जो O स्वरूप O विकसित O हुआ O उसकी O दो B-NEN प्रमुख O विशेषताएं O थीं O । O जैसा O कि O इस O भाषा O को O बोलने O वाले O विश्व O के O सभी O हिस्सों O में O हैं O , O उर्दू B-NEN यह O आशा O कर O सकती O है O कि O लोगों O के O साथ O इसका O विस्तृत O और O गहन O प्रयोग O सोशल O मीडिया O के O माध्यम O से O सीमा O से O परे O विश्व O भर O में O हो O । O उर्दू O एक B-NEN भारतीय O - O आर्य O भाषा O है O , O जो O कि O भारतीय O भाषाओं O की O बिरादरी O में O सबसे O कम O उम्र O की O है O । O उर्दू O भाषा O के O विकास O की O प्रक्रिया O की O शुरुआत O कहां O से O हुई O और O कैसे O हुई O इस O बात O को O लेकर O बहुभाषाविदों O और O साहित्यिक O इतिहासकारों O के O विचार O एक B-NEN समान O नहीं O हैं O , O इस O विषय O को O लेकर O उनके O दृष्टिकोण O अलग O - O अलग O हैं O । O लेकिन O इस O बात O को O लेकर O बड़ी O सहमति O है O कि O इसने O अपना O आकार O लगभग O 10वीं B-NEN शताब्दी O में O दिल्ली B-NEL और O आस O - O पास O के O इलाकों O में O लेना O शुरू O किया O था O और O यह O शौरसेनी O अपभ्रंश O , O खड़ी O बोली O और O पारसी O , O अरबी O और O तुर्की O शब्दों O के O साथ O ब्रज O भाषा O के O सम्मिश्रण O का O परिणाम O था O । O 18वीं B-NEN शताब्दी O के O आस O - O पास O इसे O उर्दू O नाम O से O जाना O जाने O लगा O , O लेकिन O इससे O पहले O इसे O हिंदी O , O हिंदवी O और O रेख्ता O के O नाम O से O जाना O जाता O था O । O ये O व्यापारी O न O केवल O व्यापार O की O धरनापूर्ति O करते O थे O , O बल्कि O राज्यों O तथा O राजाओं O को O भी O धन O दिया O करते O थे O और O इस O प्रकार O एक B-NEN बड़े O भूभाग O में O एक B-NEN विशाल O बाजार O आधारित O अर्थव्यवस्था O का O संचालन O किया O करते O थे O । O तीस B-NEN प्राथमिक O अक्षर O ' O a O ' O से O ' O n O ' O तक O । O अपनी O बारी O में O बारह B-NEN स्वरों O में O पांच B-NEN लघु O स्वर O और O सात B-NEN लंबे O स्वर O होते O हैं O । O स्वर O और O व्यंजन O मिलकर O स्वर O व्यंजन O बनते O हैं O , O 12 B-NEN * O 8 B-NEN = O 216 B-NEN प्रत्येक O अक्षर O की O ध्वनि O को O एक B-NEN के O रूप O में O मापा O जाता O है O , O और O माप O को O मातिरै O ( O आंखों O की O पलकों O का O झपकना O और O उंगलियों O का O तड़कना O ) O कहा O जाता O है O । O 1. B-NEN तीस I-NEN प्राथमिक O अक्षरों O में O बारह B-NEN स्वर O होते O हैं O , O और O अठारह B-NEN व्यंजन O होते O हैं O । O व्यंजन O में O तीन B-NEN किस्म O हैं O : O कठोर O व्यंजन O , O नरम O व्यंजन O और O मध्य O व्यंजन O । O वे O लिखते O हैं O , O " O एक B-NEN शुष्क O गृह O प्रदेश O और O पारंपरिक O जमीनी O व्यापारिक O मार्ग O का O महत्वपूर्ण O अंग O होने O के O कारण O मारवाड़ी O पूरे O देश O में O फैल O गये O विशेषकर O उन O इलाकों O में O जहां O व्यावसायिक O गतिविधियां O अभी O काफी O उभार O पर O थीं O । O " O दांत O , O होंठ O , O नाक O और O तालु O द्वारा O सक्रिय O संबद्धता O के O उस O आठ B-NEN प्रकार O के O साथ O । O के O एक B-NEN ठाकुर O ने O लिखा O है O कि O उसके O पिता O मुम्बई B-NEL और O कोलकाता B-NEL की O यात्राओं O में O उनके O इलाकों O से O आये O मारवाड़ियों O से O धन O प्राप्त O किया O करते O थे O । O एक B-NEN अन्य O उल्लेख O बताता O है O कि O ओसवाल O घराना O बैंकर O और O फाइनेंसर O के O रूप O में O काफी O प्रसिद्ध O हुआ O था O और O वह O मुगलों O को O वित्तीय O साधन O उपलब्ध O कराता O था O । O तोल्कप्पियम B-NEAR पहले O अध्याय O के O छह B-NEN खंडों O को O तमिल O अक्षरों O के O सहसंयोजन O के O लिए O आरक्षित O करता O है O । O 1. B-NEN कौन O सा O अक्षर O कौन O से O अक्षर O के O साथ O सम्मिलित O होगा O ? O 3. B-NEN जब O दो B-NEN स्वर O मिलन O की O प्रक्रिया O को O रोकते O हैं O ( O अंतराल O की O रोकथाम O ) O । O 5. B-NEN शब्दों O के O संयोजन O में O एक B-NEN व्यंजन O दूसरे O व्यंजन O में O बदल O जाता O है O । O तोल्कप्पियम B-NEAR शब्दों O के O संयोजन O में O तीन B-NEN बड़े O बदलाव O बताते O हैं O । O 4. B-NEN दो I-NEN शब्दों O के O मेल O पर O स्वर O या O व्यंजन O का O खो O जाना O । O व्यंजन O का O परिवर्तन O ' O केइपिरिदल O ' O , O एक B-NEN व्यंजन O का O जोड़ O और O एक B-NEN व्यंजन O का O विलोपन O ' O मिगुदल O ' O । O 2. B-NEN सहवास O में O कठोर O व्यंजन O का O होना O । O 2. B-NEN यह O अध्याय O अधिकतर O चार B-NEN प्रकार O के O शब्दों O से O संबंधित O है O । O जब O शब्द O संयोजन O के O लिए O एकजुट O होते O हैं O , O तब O दो B-NEN प्रकार O के O ' O टोकई O ' O या O संयोजन O पाए O जाते O हैं O । O यह O मॉड्यूल O कक्षा O 1 B-NEN के O लिए O सुगम O रूपांतरण O और O बच्चों O को O स्कूल O की O दिनचर्या O से O परिचित O कराना O भी O सुनिश्चित O करेगा O । O 1. B-NEN विकारी O संयोजन O 2. B-NEN अविकारी O संयोजन O कोलअतिकारम O में O सबसे O उल्लेखनीय O विशेषता O पदार्थ O के O दो B-NEN विभाग O है O - O मेरी O सरकार O ने O पिछले O पांच B-NEN वर्षों O में O जन O कल्याण O के O लिये O 1700 B-NEN से O अधिक O फैसले O करते O हुए O गुजरात B-NEL की O जनता O की O सेवा O की O है O । O ये O दोनों O ' O थिनै O ' O आगे O पांच B-NEN लिंगों O में O विभाजित O हैं O । O राज्य O में O पिछले O चार B-NEN वर्षों O में O किसानों O से O समर्थन O मूल्य O पर O 17000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O से O ज्यादा O रकम O के O कृषि O उत्पादों O की O खरीद O की O गयी O है O । O 1. B-NEN पुल्लिंग O गुजरात B-NEL में O किसानों O को O दिन O में O सिंचाई O के O लिये O बिजली O मुहैया O कराने O के O मकसद O से O 4500 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O देश O की O पहली O किसान O सूर्योदय O योजना O शुरू O की O गयी O है O । O राज्य O में O 15 B-NEN लाख I-NEN से O अधिक O किसानों O को O ब्याज O मुक्त O ऋण O प्रदान O किया O गया O है O । O प्रधानमंत्री O किसान O सम्मान O निधि O योजना O के O तहत O राज्य O के O कृषक O परिवारों O को O प्रति O वर्ष O 6000 B-NEN रुपये O की O वित्तीय O सहायता O मुहैया O करायी O जा O रही O है O । O 5. B-NEN बहुवचन O लिंग O पशुपालकों O की O मदद O के O लिये O 400 B-NEN से O ज्यादा O चलती O - O फिरती O पशु O क्लिनिक O शुरू O की O गयी O हैं O । O 4. B-NEN एकवचन O लिंग O इसके O अलावा O पशु O संबंधी O सुविधाओं O के O लिये O हर O दिन O चौबीसों B-NEN घंटे O काम O करने O वाला O निःशुल्क O टेलीफोन O नंबर O 1962 O आरंभ O किया O गया O है O । O सरकार O ने O पिछले O साल O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O 10 B-NEN बैंकों O का O विलय O कर O चार B-NEN बैंक O बनाने O का O फैसला O किया O । O राज्य O में O 909 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O आदिवासियों O को O भूमि O और O वन O उपज O के O अधिकार O दिये O गये O हैं O । O इस O निर्णय O के O पीछे O का O मकसद O भी O सार्वजनिक O प्रतिष्ठानों O में O अकुशलता O और O अफसरशाही O अनिर्णय O को O दूर O करने O तथा O जवाबदेही O के O एक B-NEN पारदर्शी O तंत्र O को O बढ़ावा O देने O का O ही O था O । O आदिवासी O बच्चों O के O बीच O शिक्षा O के O प्रसार O के O लिये O इन O क्षेत्रों O में O 41 B-NEN एकलव्य B-NEO आदर्श I-NEO आवासीय I-NEO विद्यालय I-NEO बनाये O गये O हैं O । O वन O अधिकार O कानून O के O तहत O आदिवासियों O को O 13 B-NEN लाख I-NEN एकड़ O से O अधिक O जंगल O की O जमीन O दी O गयी O है O । O जनजातीय O संस्कृति O को O रेखांकित O करने O के O लिये O जल्दी O ही O 70 B-NEN एकड़ O जमीन O पर O 100 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O लागत O से O एक B-NEN आदिवासी B-NEO राष्ट्रीय I-NEO संग्रहालय I-NEO की O स्थापना O की O जायेगी O । O पिछले O साल O वंचित O और O कम O आय O वाले O परिवारों O को O सांथणी O के O रूप O में O 7500 B-NEN एकड़ O जमीन O मुहैया O करायी O गयी O । O लगभग O 765 B-NEN आश्रम O स्कूलों O , O आदर्श B-NEO आवासीय I-NEO विद्यालयों I-NEO और O एकलव्य B-NEO विद्यालयों I-NEO में O 1.35 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O छात्रों O को O आवास O , O भोजन O और O शिक्षा O की O सुविधा O मुहैया O करायी O गयी O है O । O इसके O अलावा O कृषि O भूमि O हदबंदी O कानून O के O तहत O 27330 B-NEN हेक्टेयर O अतिरिक्त O भूमि O 11692 B-NEN लाभार्थियों O को O आवंटित O की O गयी O है O । O भूमि O रिकॉर्ड O की O कमी O और O गांवों O में O आबादी O क्षेत्र O के O सर्वेक्षण O का O अभाव O देखते O हुए O भारत O के O 6.62 B-NEN लाख I-NEN गांवों O में O आधुनिकतम O ड्रोन O सर्वेक्षण O प्रौद्योगिकी O का O उपयोग O कर O ग्रामीण O परिवार O के O मालिकों O को O संपत्ति O कार्ड O के O रूप O में O अधिकार O के O रिकॉर्ड O प्रदान O करने O की O आवश्यकता O महसूस O हुई O , O जिस O कारण O स्वामित्व O ( O सर्वे O ऑफ O विलेज O आबादी O एंड O मैपिंग O विद O इंप्रूवाइज़्ड O टेक्नोलॉजी O इन O विलेज O एरियाज O ) O योजना O का O जन्म O हुआ O । O यह O देश O में O लोक O प्रशासन O को O सुचारू O बनाने O के O सरकारी O प्रयासों O की O एक B-NEN और O मिसाल O है O । O सरकार O ने O इस O मकड़जाल O को O खत्म O करने O के O लिये O एक B-NEN राष्ट्रीय B-NEO भर्ती I-NEO एजेंसी I-NEO ( I-NEO एनआरए I-NEO ) I-NEO का O गठन O किया O है O । O डिजिटल O इंडिया O इस O दिशा O में O एक B-NEN प्रमुख O आच्छादन O कार्यक्रम O है O । O साथ O ही O सर्वेक्षण O करने O वाले O को O संपत्तियों O का O सीमांकन O करने O के O लिए O मापने O वाला O उपकरण O एक B-NEN जगह O से O दूसरी O जगह O ले O जाना O पड़ता O है O । O ड्रोन O सर्वेक्षण O के O द्वारा O तैयार O 1:500 B-NEN पैमाने O के O मानचित्र O बहुत O सटीक O होते O हैं O जैसे O 3 B-NEN - O 5 B-NEN सेंटीमीटर O और O इतनी O सटीकता O पुराने O तरीकों O से O नहीं O मिलती O । O इस O तरह O एक B-NEN उदीयमान O वैश्विक O शक्ति O का O भविष्य O सही O मायनों O में O आकार O लेगा O । O 9. B-NEN महामारी O से O पहले O की O अवधि O में O भारत B-NEL और O बांग्लादेश B-NEL के O बीच O चार B-NEN सीमा O हाटों O की O सफलता O ने O उत्साह O बढ़ाया O है O । O नौ B-NEN नयी O हाट O स्थापित O की O जा O रही O हैं O , O मेघालय B-NEL में O तीन B-NEN , O त्रिपुरा B-NEL में O चार B-NEN और O असम B-NEL में O दो B-NEN । O बाद O में O पंजाब B-NEL तथा O राजस्थान B-NEL के O एक B-NEN सीमावर्ती O जिले O के O गांवों O एवं O आंध्र B-NEL प्रदेश I-NEL के O कुछ O गांवों O को O भी O क्रियान्वयन O के O परीक्षण O चरण O में O जोड़ा O गया O । O परीक्षण O चरण O में O हरियाणा B-NEL , O मध्य B-NEL प्रदेश I-NEL , O पंजाब B-NEL और O राजस्थान B-NEL में O 210 B-NEN कोर्स O स्टेशन O स्थापित O किए O जा O रहे O हैं O । O आज O 1160 B-NEN मेगावाट O की O पहले O से O ही O आपूर्ति O की O जा O रही O है O और O 1500 B-NEN मेगावाट O पहले O से O भारत B-NEL से O बांग्लादेश B-NEL के O लिए O पाइपलाइन O में O है O । O मेची B-NEL नदी O पर O छह B-NEN लेन O का O पुल O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL में O पानीटंकी O को O नेपाल B-NEL में O काकरभिट्टा B-NEL से O जोड़ता O है O । O यह O भारत B-NEL से O नेपाल B-NEL तक O एशियाई O राजमार्ग O 02 B-NEN का O प्रतीक O है O । O * O मत्स्य O पालन O और O पशुपालन O क्षेत्रों O के O लिए O 10,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O दो B-NEN नए O कोषों O की O घोषणा O ; O पुनर्गठित O राष्ट्रीय O बांस O मिशन O के O लिए O 1,290 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O आवंटन O । O भारत B-NEL के O सीमा O क्षेत्र O विकास O कार्यक्रम O के O हिस्से O के O रूप O में O चिवा B-NEL भंजयांग I-NEL सीमा I-NEL के O ज़रिये O सिक्किम B-NEL को O पूर्वी O नेपाल B-NEL से O जोड़ने O वाली O एक B-NEN सड़क O भी O निर्माणाधीन O है O । O * O स्वास्थ्य O , O शिक्षा O और O सामाजिक O संरक्षण O के O लिए O परिव्यय O 1.38 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रूपये O होगा O । O 11. B-NEN जलविद्युत O भी O सहयोग O के O लिए O काफी O संभावनाएं O प्रदान O करता O है O , O और O यह O जलवायु O संबंधी O कार्रवाई O के O युग O में O और O भी O अधिक O प्रासंगिक O है O । O पूर्वोत्तर B-NEL के O दृष्टिकोण O से O , O अरुणाचल B-NEL प्रदेश I-NEL के O पश्चिम B-NEL कामेंग I-NEL जिले I-NEL में O एक B-NEN जलविद्युत O स्टेशन O नेपाल B-NEL को O 150 B-NEN मेगावाट O जलविद्युत O की O आपूर्ति O कर O रहा O है O । O हम O नेपाल B-NEL के O सबसे O बड़े O व्यापार O भागीदार O हैं O और O असम B-NEL व O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL के O केन्द्रों O से O पेट्रोलियम O उत्पादों O के O एक B-NEN महत्वपूर्ण O आपूर्तिकर्ता O हैं O । O सिलीगुड़ी B-NEL से O नेपाल B-NEL में O झापा B-NEL तक O एक B-NEN पाइपलाइन O की O खोज O की O जा O रही O है O । O * O अवसंरचना O के O लिए O 5.97 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O रुपये O का O आवंटन O ; O 10 B-NEN प्रमुख O स्थलों O को O प्रतीक O पर्यटन O गंतव्यों O के O रूप O में O विकसित O किया O जाएगा O । O * O विनिवेश O 72,500 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O लक्ष्य O को O पार O कर O 1,00,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O के O स्तर O पर O पंहुचा O । O * O पीली O धातु O को O एक B-NEN परिसंपत्ति O श्रेणी O के O रूप O में O विकसित O करने O के O लिए O व्यापक O स्वर्ण O नीति O बनाने O की O तैयारी O । O 12. B-NEN जहां O तक O भारत B-NEL - O भूटान B-NEL संबंधों O की O बात O है O , O इसकी O निकटता O और O पारस्परिकता O को O मानस B-NEL वन I-NEL द्वारा O सबसे O अच्छी O तरह O से O चित्रित O किया O गया O है O , O जो O एक B-NEN शानदार O जीवमंडल O का O हिस्सा O है O और O जो O यहां O असम B-NEL से O भूटान B-NEL तक O फैला O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O सिक्किम B-NEL कृषि O - O उत्पादन O और O जैविक O व्यापार O को O बढ़ावा O देने O के O उद्देश्य O से O , O 100 B-NEN प्रतिशत O जैविक O स्थिति O प्राप्त O करने O की O दिशा O में O भूटान B-NEL के O साथ O सहयोग O कर O रहा O है O । O * O परिवहन O भत्ते O के O लिए O मौजूदा O छूट O और O विविध O चिकित्सा O खर्चों O की O प्रतिपूर्ति O के O स्थान O पर O 40000 B-NEN रुपये O की O मानक O कटौती O । O इससे O 2.5 B-NEN करोड़ I-NEN नौकरीपेशा O कर्मचारी O एवं O पेंशनभोगी O लाभान्वित O होंगे O । O * O धारा O 80 B-NEN जेजेएए O के O तहत O नए O कर्मचारियों O को O अदा O किए O जाने O वाले O कुल O वेतन O पर O 30 B-NEN प्रतिशत O कटौती O में O ढील O देकर O इसे O ' O फुटवियर O एवं O चमड़ा O उद्योग O के O लिए O 150 B-NEN दिन O किया O जाएगा O , O ताकि O ज्यादा O रोजगार O सृजित O हो O सकें O । O * O बैंकों O डाकघरों O में O जमाराशियों O पर O ब्याज O आमदनी O संबंधी O छूट O 10000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 50000 B-NEN रुपये O की O जाएगी O । O 13. B-NEN अब O ये O सभी O भविष्य O के O व्यावहारिक O उदाहरण O हैं O जो O बिना O अतिशयोक्ति O वादों O के O खरे O उतरे O हैं O । O * O धारा O 80 B-NEN डी O के O तहत O स्वास्थ्य O बीमा O प्रीमियम O और O अथवा O चिकित्सा O व्यय O के O लिए O कटौती O सीमा O 30000 B-NEN रुपये O से O बढ़ाकर O 50000 B-NEN रुपये O की O गई O । O * O धारा O 80 B-NEN डीडीबी O के O तहत O कुछ O विशेष O गंभीर O बीमारियों O पर O चिकित्सा O व्यय O के O लिए O कटौती O सीमा O 60000 B-NEN रुपये O ( O वरिष्ठ O नागरिकों O के O मामले O में O ) O और O 80000 B-NEN रुपये O ( O अति O वरिष्ठ O नागरिकों O के O मामले O में O ) O से O बढ़ाकर O सभी O वरिष्ठ O नागरिकों O के O लिए O 1 B-NEN लाख I-NEN रुपये O कर O दी O गई O है O । O मेघालय B-NEO ऑक्सीजन I-NEO से O 49 B-NEN प्रतिशत O एफडीआई O के O साथ O भूटान B-NEL के O मोटंगा B-NEO औद्योगिक I-NEO इस्टेट I-NEO में O एक B-NEN ग्रीनफील्ड O ऑक्सीजन O संयंत्र O स्थापित O किया O गया O है O । O वर्तमान O निवेश O सीमा O को O प्रति O वरिष्ठ O नागरिक O के O लिए O 7.5 B-NEN लाख I-NEN रुपये O की O मौजूदा O सीमा O से O बढ़ाकर O 15 B-NEN लाख I-NEN रुपये O करने O का O प्रस्ताव O । O * O 1 B-NEN लाख I-NEN रुपये O से O अधिक O के O दीर्घकालिक O पूंजीगत O लाभ O पर O 10 B-NEN प्रतिशत O की O दर O से O टैक्स O लगेगा O जिसमें O कोई O भी O सूचीकरण O लाभ O नहीं O मिलेगा O । O * O इक्विटी O उन्मुख O म्यूचुअल O फंडों O द्वारा O वितरित O आय O पर O 10 B-NEN प्रतिशत O की O दर O से O टैक्स O लगाने O का O प्रस्ताव O । O * O व्यक्तिगत O आयकर O और O कॉरपोरेशन O टैक्स O पर O देश O उपकर O को O मौजूदा O 3 B-NEN प्रतिशत O से O बढ़ाकर O 4 B-NEN प्रतिशत O करने O का O प्रस्ताव O । O आईआईएम B-NEO अहमदाबाद I-NEO में O पहले O से O ही O एक B-NEN समर्पित O वर्षा O जल O संचयन O प्रणाली O है O जो O भूजल O पुनर्भरण O प्रणाली O के O रूप O में O कार्य O करती O है O । O 4. O भारत B-NEL में O , O हम O महामारी O की O तीन B-NEN लहरों O से O प्रभावित O हुए O । O कोविड O - O 19 O के O खिलाफ O दुनिया O में O सबसे O बड़ा O टीकाकरण O अभियान O , O इसका O एक B-NEN प्रमुख O उदाहरण O है O । O एक B-NEN अन्य O उदाहरण O विदेशों O में O फँसे O भारतीय O नागरिकों O को O वापस O लाने O के O लिए O चलाया O गया O वंदे O भारत O मिशन O था O । O यह O न O केवल O आने O वाली O पीढ़ियों O के O लिए O पानी O का O एक B-NEN स्थायी O प्रवाह O प्रदान O करने O और O मिट्टी O की O खोई O हुई O नमी O को O लौटाने O में O मदद O करता O है O , O बल्कि O यह O अधिशेष O जल O और O मानसून O की O अच्छी O वर्षा O वाले O राज्यों O का O पानी O कमी O वाले O और O मानसून O की O कम O वर्षा O वाले O राज्यों O के O साथ O साझा O करने O का O रास्ता O भी O खोलता O है O , O जिससे O कृषि O उत्पादन O और O किसान O की O आय O के O संदर्भ O में O अंतर O - O राज्यीय O असमानताएं O कम O होंगी O । O महामारी O के O सबसे O कठिन O दिनों O में O भी O , O हम O इस O तथ्य O के O प्रति O सचेत O थे O कि O हम O एक B-NEN बड़े O वैश्विक O समुदाय O का O हिस्सा O थे O । O महामारी O के O शुरुआती O दिनों O में O , O भारत B-NEL ने O 150 B-NEN से O अधिक O देशों O को O हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन O , O पैरासिटामोल O जैसी O महत्वपूर्ण O दवाओं O और O अन्य O चिकित्सा O वस्तुओं O की O आपूर्ति O की O । O हाल O के O एक B-NEN उदाहरण O में O , O तमिलनाडु B-NEL के O उत्तर O - O पश्चिमी O भाग O में O , O कोयंबटूर B-NEL जिले O ने O विकास O गतिविधियों O में O अपने O भूजल O संसाधनों O का O इतना O अधिक O दोहन O किया O कि O 228 B-NEN में O से O 213 B-NEN ग्राम O पंचायतों O में O स्थिति O गंभीर O हो O गई O । O शेष O 15 B-NEN ग्राम O पंचायतों O में O भी O भूजल O स्तर O अर्ध O - O गंभीर O स्तर O पर O पहुंच O गया O । O जिले O में O औसत O वर्षा O 690 B-NEN मि.मी. O से O घटकर O 616 B-NEN मि.मी. O रह O गई O , O जिससे O क्षेत्र O में O जल O संसाधन O अत्यधिक O दबाव O में O आ O गए O । O इसके O बाद O वैक्सीन O मैत्री O के O तहत O हमने O 96 B-NEN देशों O के O साथ O - O साथ O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO को O मेड O - O इन O - O इंडिया O टीकों O की O 178 B-NEN मिलियन I-NEN से O अधिक O खुराक O की O आपूर्ति O की O है O । O हमने O महामारी O के O दौरान O वसुधैव O कुटुम्बकम O या O ' O दुनिया O एक B-NEN परिवार O है O ' O की O शिक्षा O को O व्यवहार O में O लाया O है O । O अभियान O के O तहत O , O भारत B-NEL ने O अर्थव्यवस्था O के O लिए O लगभग O 270 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O के O एक B-NEN प्रोत्साहन O पैकेज O को O शुरू O किया O , O जो O हमारे O सकल O घरेलू O उत्पाद O के O 10 B-NEN % O के O करीब O था O । O भारतीय O कृषि O में O प्रौद्योगिकी O का O समावेश O बहुत O आवश्यक O है O , O यह O एक B-NEN ऐसी O मूल O आवश्यकता O है O जिससे O कृषि O में O वैज्ञानिक O प्रकृति O की O गति O निर्धारित O होगी O । O हर O साल O लगभग O 6,764 B-NEN करोड़ I-NEN लीटर O ( O 2.4 B-NEN टीएमसी O ) O पानी O का O संचयन O किया O जाता O है O , O जिससे O जलभरों O के O पुनर्भरण O में O मदद O मिली O है O । O महामारी O के O दौरान O , O सरकार O ने O प्रधानमंत्री O गरीब O कल्याण O योजना O के O तहत O 80 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O को O मुफ्त O खाद्यान्न O प्रदान O किया O । O भारत B-NEL में O प्रति O व्यक्ति O जल O भंडारण O क्षमता O लगभग O 209 B-NEN एम3 O है O जो O ऑस्ट्रेलिया B-NEL ( O 3223 B-NEN एम3 O ) O , O अमेरीका B-NEL ( O 2193 B-NEN एम3 O ) O , O और O ब्राजील B-NEL ( O 2652 B-NEN एम3 O ) O जैसे O देशों O में O प्रति O व्यक्ति O भंडारण O क्षमता O की O तुलना O में O बहुत O कम O है O । O अठारहवीं B-NEN शताब्दी O में O जब O यूरोप B-NEL में O नवजागरण O की O लहर O आई O तो O मुख्य O फोकस O तर्क O और O विवेक O पर O दिया O जा O रहा O था O । O इससे O भी O महत्वपूर्ण O बात O यह O है O कि O यह O अभियान O भारत B-NEL को O हर O संभव O तरीके O से O आत्मनिर्भर O बनाने O की O दिशा O में O एक B-NEN और O बड़ा O कदम O साबित O हो O सकता O है O । O इस O अभियान O का O एक B-NEN फायदा O यह O होगा O कि O खराब O हो O चुके O बोरवेल O और O बावड़ियों O को O फिर O से O डिज़ाइन O किए O जाने O के O बाद O पूरे O साल O भंडारण O क्षमता O में O वृद्धि O हो O सकेगी O । O आधुनिक O काल O से O पहले O सत्रहवीं B-NEN शताब्दी O के O दौर O तक O हर O कबीले O का O मुखिया O उनका O सरदार O होता O था O और O थोड़ी O प्रगति O हुई O तो O एक B-NEN स्थानीय O ' O मालिक O ' O लोगों O पर O हुक्म O चलाता O था O तथा O फिर O राजशाही O का O सिलसिला O शुरू O हो O गया O जिसके O तहत O एक B-NEN शासक O या O सम्राट O पूर्व O परम्पराओं O के O अनुसार O शासन O करता O था O और O उसकी O सत्ता O उसके O उत्तराधिकारी O को O मिल O जाती O थी O । O 3. O परम्परागत O संगठन B-NEO - I-NEO वरिष्ठ O , O मध्यम O और O कनिष्ठ O वर्गों O का O स्पष्ट O निर्धारण O ताकि O जहां O एक B-NEN ओर O वरिष्ठ O लोग O अपने O कनिष्ठ O या B-NEO अधीनस्थ O सहयोगियों O के O कार्य O का O निरीक्षण O , O आकलन O और O निगरानी O कर O सकें O और O उन्हें O दिशानिर्देश O दे O सकें O और O साथ O ही O कनिष्ठ O अधिकारियों B-NEO के O आदेशों O के O खिलाफ O अपील O या O पुनर्विचार O आवेदनों O की O सुनवाई O हो O सके O ; O और O फिर O , O निचले O स्तर B-NEO वाले O सहयोगियों O के B-NEO फीडबैक O से O नियमों O / O प्रक्रियाओं O / O मानदंडों O / O मानकों O में O समुचित O बदलाव O हो O सकें O । O इस O मामले O में O हो O रही O प्रगति O को O तालिका O 5.1 B-NEN में O दिखाया O गया O है O । O प्रत्येक O परिवार O को O पानी O उपलब्ध O कराना O एक B-NEN ऐसा O दायित्व O है O जिससे O कोई O सरकार B-NEO भाग I-NEO नहीं O सकती O । O पानी B-NEL जीवन I-NEL के O लिए O अमृत - के O समान O है O और O “ - इसे O एक B-NEN ऐसी O उपयोगी O वस्तु O माना O जाता O है O जिस O पर O सबका O अधिकार O है O भले O ही O कोई O इसके O लिए O भुगतान O करने O की O क्षमता O रखता O हो O या O नहीं O , O क्योंकि O यह O जीवन O के O लिए O अनिवार्य O है O । O ' - ' O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO महासभा I-NEO की O संकल्प O संख्या - 64/292 B-NEN के O अनुसार O इसे O मानवाधिकार O की O तरह O प्रतिष्ठित O किया O गया O है O और O सरकारों O से O अपेक्षा O की O गयी O है O कि O वे O घरेलू O उपयोग O के O लिए O स्वच्छ O जल O की O पर्याप्त O और O वाजिब O मात्रा O सुनिश्चित O करें O । O मेरा O जन्म O हरियाणा B-NEL के O एक B-NEN छोटे O से O गांव O में O हुआ O । O मेरे O माता O - O पिता O की O रोजमर्रा - की O गतिविधियाँ O परिवार O के O लिए O दो B-NEN जून I-NEN की O रोटी O जुटाने O तक O सीमित O थीं O । O इस O दिशा O में O उपलब्धियों O को O तालिका O 5.2 B-NEN में O प्रदर्शित O किया O गया O है O । O पंचायती B-NEO राज I-NEO मंत्रालय I-NEO ग्यारहवीं O अनुसूची O में O शामिल O 29 B-NEN विषयों O के O विकेंद्रीकण O के O विभिन्न O पहलुओं O पर O सांवैधानिक O प्रावधानों O के O लक्ष्य O को O पूरा O करने O के O लिये O राज्यों O के O साथ O लगातार O काम O कर O रहा O है O । O इसमें O जमीनी O स्तर O पर O वास्तविक O स्थिति O का O विश्लेषण O कर O व्यवहार O में O विकेंद्रीकरण O का O एक B-NEN सूचकांक O तैयार O किया O गया O । O व्यापार O और O लोगों O के O प्रवाह O में O सुधार O के O साथ O - O साथ O आर्थिक O एकीकरण O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O कनेक्टिविटी O एक B-NEN बड़ी O शक्ति O हो O सकती O है O । O जैसा O कि O हाल O ही O में O विश्व B-NEO बैंक I-NEO के O एक B-NEN अध्ययन O में O बताया O गया O है O , O बेहतर O कनेक्टिविटी O के O द्वारा O बांग्लादेश B-NEL को O भारत B-NEL का O निर्यात O 172 B-NEN % O तक O बढ़ O सकता O है O । O पिछले O कुछ O वर्षों O में O ऐतिहासिक O रेल O लिंक O के O पुनरुद्धार O जैसे O कदम O उठाए O गए O हैं O - O जिसमें O सबसे O हाल O ही O में O हल्दीबाड़ी O - O चिलाहाटी O रेल O लिंक O , O अगरतला B-NEL - O अखौरा B-NEL के O बीच O एक B-NEN नए O रेल O लिंक O की O स्थापना O , O रेल O आधारित O कंटेनर O माल O ढुलाई O की O शुरुआत O और O अंतर्देशीय O जलमार्ग O जैसे O मार्गों O के O विस्तार O की O सुविधा O प्रदान O की O गई O है O । O अब O , O रेलवे O का O उपयोग O करके O एक B-NEN कंटेनर O कार्गो O को O मुंबई B-NEL बंदरगाह I-NEL से O ढाका B-NEL तक O ले O जाया O जा O सकता O है O , O और O जलमार्ग O का O उपयोग O करके O पटना B-NEL से O बांग्लादेश B-NEL के O विभिन्न O व्यापारिक O केंद्रों O तक O पहुँचाया O जा O सकता O है O । O इन O मानदंडों O के O महत्व O की O जानकारी O तालिका O 6.1 B-NEN में O दी O गयी O है O । O नेपाल B-NEL के O साथ O एकीकृत O चेक O पोस्ट O और O सीमा O पार O रेल O लिंक O और O सड़कों O जैसी O सीमा O - O पार O संपर्क O परियोजना O की O एक B-NEN श्रृंखला O भी O लागू O की O गई O है O । O 25. O एक B-NEN अन्य O महत्वपूर्ण O क्षेत्र O , O जिसे O मैं O समझता O हूं O , O चैंबर O के O लिए O भी O एक B-NEN फोकस O क्षेत्र O है O , O वह O है O अफ्रीका B-NEL । O मुझे O यह O जानकर O खुशी O हो O रही O है O कि O भारत B-NEO चैंबर I-NEO ऑफ I-NEO कॉमर्स I-NEO ने O विदेश B-NEO मंत्रालय I-NEO के O साथ O साझेदारी O में O अफ्रीका B-NEL के O साथ O व्यापार O करने O में O रुचि O रखने O वाले O संभावित O निर्यातकों O और O निवेशकों O की O सहायता O के O लिए O एक B-NEN ' O अफ्रीका O हेल्प O डेस्क O ' O की O स्थापना O की O है O । O रेखाचित्र O - O 2 B-NEN में O व्यवहार O में O विकेंद्रीकरण O के O सामान्य O सूचकांक O में O राज्यों O की O रैंकिंग O को O दिखाया O गया O है O । O 26. O सरकार O ने O अफ्रीका B-NEL में O 18 B-NEN नए O भारतीय O मिशन O स्थापित O करने O की O घोषणा O की O है O जिसका O उद्देश्य O उस O महाद्वीप O में O भारत B-NEL के O राजनयिक O पदचिह्न O का O विस्तार O करना O है O । O 27. O एक B-NEN बहुत O ही O महत्वपूर्ण O क्षेत्र O , O जो O चैंबर O के O सदस्यों O के O लिए O अत्यधिक O प्रासंगिक O होगा O , O वह O परियोजना O निर्यात O का O है O । O भारत B-NEL का O एक B-NEN बड़ा O विकास O भागीदारी O कार्यक्रम O है O । O भारत B-NEL से O सर्वाधिक O विकास O सहायता O प्राप्त O करने O वाले O दो B-NEN क्षेत्र O पड़ोस O और O अफ्रीका B-NEL हैं O । O यह O इन O क्षेत्रों O में O हमारे O भागीदारों O के O साथ O हमारे O जुड़ाव O का O एक B-NEN महत्वपूर्ण O घटक O है O । O सरकार O ने O मोबाइल O और O इलेक्ट्रॉनिक्स O , O चिकित्सा O उपकरणों O और O फार्मा O सहित O 14 B-NEN महत्वपूर्ण O क्षेत्रों O में O 26 B-NEN बिलियन I-NEN अमेरिकी O डॉलर O की O उत्पादन O से O जुड़ी O प्रोत्साहन O योजनाओं O को O लागू O किया O है O । O 9. O सरकार O के O लिए O एक B-NEN प्रमुख O प्राथमिकता O भौतिक O बुनियादी O ढांचे O को O बढ़ाना O है O क्योंकि O यह O सार्वजनिक O निवेश O के O माध्यम O से O आर्थिक O विकास O की O नींव O रखेगी O क्योंकि O अर्थव्यवस्था O एक B-NEN महामारी O से O प्रेरित O मंदी O से O उभरी O है O । O प्रधानमंत्री O की O गतिशक्ति O - O मल्टी O - O मॉडल O कनेक्टिविटी O के O लिए O राष्ट्रीय O मास्टर O प्लान O - O एकीकृत O योजना O , O विकास O और O बुनियादी O ढांचा O परियोजनाओं O के O कार्यान्वयन O के O लिए O सभी O हितधारकों O को O एक B-NEN साथ O ला O रही O है O । O 10. O भारत B-NEL ने O एक B-NEN मजबूत O डिजिटल O बुनियादी O ढांचा O बनाने O में O महत्वपूर्ण O निवेश O किया O है O । O यह O महामारी O के O दौरान O हमारे O लिए O एक B-NEN ताकत O बनकर O उभरा O । O मैं O एक B-NEN बार O फिर O भारत B-NEL चैंबर I-NEL ऑफ I-NEL कॉमर्स I-NEL के O अध्यक्ष O , O पदाधिकारियों O और O सदस्यों O को O इस O विशेष O सत्र O में O मुझे O आमंत्रित O करने O के O लिए O धन्यवाद O देता O हूं O । O 2900 B-NEN किलोमीटर O तक O फैली O सिंधु B-NEL नदी O क्षेत्र O की O सबसे O लंबी O नदी O है O । O यहां O पौधों O की O 47,000 B-NEN किस्में O और O जानवरों O की O 89,451 B-NEN प्रजातियां O पाई O जाती O हैं O । O भारत B-NEL की O जनसंख्या O दुनिया O की O आबादी O का O 16 B-NEN प्रतिशत O है O , O लेकिन O यहां O जल O संसाधन O दुनिया O के O संसाधनों O का O केवल O 4 B-NEN प्रतिशत O ही O है O । O भारत B-NEL में O वर्षा O से O उपलब्ध O वार्षिक O जल O लगभग O 4,000 B-NEN घन O कि.मी. O है O । O सतही O जल O और O पुनर्भरणीय O उपयोग O योग्य O भूजल O 1,869 B-NEN घन O कि.मी. O है O , O लेकिन O इसका O केवल O 60 B-NEN प्रतिशत O ही O लाभकारी O उपयोगों O के O लिए O रखा O जा O सकता O है O , O जिसका O अर्थ O है O कि O भारत B-NEL में O उपयोग O योग्य O जल O संसाधन O केवल O 1,122 B-NEN घन O कि.मी. O हैं O । O यह O माना O जाता O है O कि O पानी O भी O इस O सदी O में O भूराजनीतिक O संघर्ष O का O एक B-NEN प्रमुख O कारण O होगा O , O इसलिए O इस O प्राकृतिक O संसाधन O का O अच्छी O तरह O से O प्रबंधन O करना O जरूरी O है O । O हम O पूरे O विश्व O को O एक B-NEN परिवार O मानते O हैं O । O इसलिए O विदेश O मंत्रालय O ने O 3 B-NEN T O - O व्यापार O , O पर्यटन O और O प्रौद्योगिकी O के O प्रचार O को O अपने O राजनयिक O आउटरीच O की O उच्च O प्राथमिकता O बनाया O है O । O ऐसे O में O एक B-NEN सवाल O यह O भी O है O कि O भारत B-NEL विश्व O व्यवस्था O में O अंतरराष्ट्रीय O समुदाय O के O लिए O नियम O तय O करने O में O निर्णायक O भूमिका O निभाने O में O किस O हद O तक O सफल O हो O पाएगा O ? O 55 B-NEN करोड़ I-NEN लोगों O का O व्यवहार O बदला O 10.28 B-NEN करोड़ I-NEN नए O टॉयलेट O बने O 6,03,175 B-NEN गांवों O को O तीसरे B-NEN पक्ष O से O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O का O प्रमाणपत्र O मिला O 706 B-NEN जिलों O ने O खुद O को O खुले O में O शौच O से O मुक्त O घोषित O किया O 36 B-NEN राज्यों O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O खुले O में O श़ौच O से O मुक्त O घोषित O किया O गया O भारत B-NEL ने O इस O मामले O में O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O घोषित O सतत O विकास O लक्ष्य O ( O एसडीजे O ) O लक्ष्य O को O तय O समय O से O 11 B-NEN साल O काफी O पहले O ही O हासिल O कर O लिया O । O शीतयुद्ध O काल O में O दो B-NEN ध्रुवों O में O बँटी O या O सिमटी O दुनिया O ने O भारत B-NEL के O सामने O कुछ O संकोचों O और O संशयों O को O प्रस्तुत O किया O था O । O इस O अभियान O की O सफलता O के O चार B-NEN प्रमुख O पहलू O हैं O - O राजनीतिक O नेतृत्व O , O सार्वजनिक O वित्त O पोषण O , O साझेदारी O और O जन O भागीदारी O । O फिलहाल O हमने O जो O हासिल O किया O है O , O वह O सिर्फ O एक B-NEN चरण O है O । O इसका O कुल O बजट O 1,40,881 B-NEN करोड I-NEN रुपये O का O है O और O इसमें O ठोस O और O तरल O अपशिष्ट O प्रबंधन O और O खुले O में O शौच O से O मुक्ति O की O स्थिति O को O बनाए O रखने O पर O फोकस O किया O जाएगा O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O - O ग्रामीण O ( O एसबीएम O - O जी O ) O के O दूसरे B-NEN चरण O के O लिए O इस O तरह O से O योजना O तैयार O की O गई O है O कि O यह O वित्त O पोषण O के O अलग O - O अलग O माध्यमों O और O केंद्र O व O राज्य O सरकारों O की O विभिन्न O योजनाओं O के O बीच O संमिलन O का O नया O मॉडल O बन O सके O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O का O दूसरा B-NEN चरण O : O इसके O बाद O भारत B-NEL नए O आत्मविश्वास O के O साथ O आगे O बढ़ा O और O दुनिया O ने O भारत B-NEL को O एक B-NEN शक्ति O केंद्र O के O रूप O में O देखने O के O लिए O विचार O करना O शुरू O किया O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O के O दूसरे B-NEN चरण O का O मकसद O देश O के O गांवों O को O ' O ओडीएफ O प्लस O गांव O ' O बनाना O है O । O ग्रामीण O क्षेत्र O भारतीय O स्वर्ण O उपभोग O का O 65 B-NEN प्रतिशत O से O भी O अधिक O कवर O करता O है O । O गोल्ड O एक्सचेंज O सोने O को O अधिक O पेशेवर O और O पारदर्शी O रूप O से O प्रबंधित O करने O के O लिए O एक B-NEN अंतरराष्ट्रीय O दृष्टिकोण O है O । O इस O लक्ष्य O को O हासिल O करने O के O लिए O किसी O गांव O के O कम O से O कम O 80 B-NEN प्रतिशत O घरों O और O सार्वजनिक O स्थानों O में O कूड़ा O और O जमा O हुआ O पानी O , O कम O से O कम O होना O चाहिए O । O कंपोस्ट O तैयार O होने O के O दौरान O इसकी O निगरानी O और O सूखे O कचरे O को O अलग O करने O के O लिए O डीआरसीसी B-NEO पर O खास O तौर O पर O एक B-NEN कर्मचारी O को O तैनात O किया O जाता O है O । O ऐसे O ढांचे O में O एक B-NEN प्रतीक्षालय O , O महिलाओं O और O पुरुषों O के O लिए O अलग O - O अलग O शौचालय O , O ' O स्मृति O वनम्‌ O ' O , O चिता O के O लिए O स्थान O शामिल O हैं O । O इस O पहल O के O जरिए O सामाजिक O मेलजोल O बढ़ाने O की O भी O कोशिश O की O गई O है O , O जहां O सभी O धर्मों O / O जातियों O के O लोगों O के O अंतिम O संस्कार O के O लिए O एक B-NEN ही O जगह O पर O सुविधा O उपलब्ध O कराई O गई O है O । O दो B-NEN पूरी O तरह O से O नए O सुसज्जित O स्कूलों O की O स्थापना O तथा O आईआईटी O / O एनआईटी O में O 18 B-NEN एसपीए O निकायों O की O स्थापना O का O भी O प्रस्ताव O है O । O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O में O किसी O भी O शुद्धता O के O न्यूनतम O 30 B-NEN ग्राम O सोने O को O जमा O कराया O जा O सकता O है O । O जिसके O अंतर्गत O प्रत्येक O वर्ष O श्रेष्ठ O संस्थानों O के O 1000 B-NEN उत्कृष्ट O बीटेक O छात्रों O की O पहचान O कर O अच्छी O अध्येतावृत्ति O के O साथ O आईआईटी O / O आईआईएमसी O में O पीएचडी O की O सुविधा O मुहैया O की O जाएगी O । O स्वर्ण O मौद्रीकरण O योजना O के O अंतर्गत O जमा O अवधि O की O योजनाएं O उपलब्ध O हैं O , O जिनमें O 1 B-NEN से O 3 B-NEN वर्ष O की O अल्पावधि O भी O शामिल O है O । O अक्सर O घरों O और O लॉकरों O में O अनुपयोगी O पड़ी O रहने O वाली O वस्तु O जमा O की O अवधि O के O अनुसार O 0.5 B-NEN प्रतिशत O से O 2.5 B-NEN प्रतिशत O ब्याज O अर्जित O कर O सकती O है O । O कौशल O विकास O योजना O के O अंतर्गत O 34 B-NEN विभिन्न O कार्य O क्षेत्रों O में O युवाओं O को O प्रशिक्षित O किया O जा O रहा O है O । O अभी O तक O 306 B-NEN प्रधानमंत्री B-NEO कौशल I-NEO विकास I-NEO केंद्र I-NEO खोले O जा O चुके O हैं O । O बजट O में O कुशल O कामगारों O के O रोजगार O और O युवाओं O के O कौशल O विकास O के O लिए O 5,071 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O उसने O सुशासन O , O जनोन्मुख O प्रशासन O , O समग्र O विकास O , O शांति O और O सुरक्षा O तथा O जनकल्याण O के O लिये O प्रभावी O ढंग O से O काम O करते O हुए O अपनी O एक B-NEN अलग O पहचान O बनायी O है O । O इससे O भारत B-NEL और O विश्व O भर O में O मौजूद O 6.5 B-NEN करोड़ I-NEN गुजरातियों O के O गौरव O में O वृद्धि O हुई O है O । O गुजरात B-NEL राज्यों O के O लिये O एक B-NEN आदर्श O और O भारत B-NEL का O विकास O इंजन O बन O गया O है O । O ग्रामीण O क्षेत्र O की O महिलाओं O के O आर्थिक O स्वावलंबन O के O लिए O स्वयं O सहायता O समूहों O को O दी O जाने O वाली O ऋण O राशि O को O बढ़ाकर O 75,000 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O उन्होंने O लगातार O 14 B-NEN वर्षों O तक O इस O पद O पर O रहते O हुए O राज्य O की O सेवा O की O । O देश O की O 65 B-NEN - O 70 B-NEN प्रतिशत O ग्रामीण O आबादी O की O अर्थव्यवस्था O कृषि O और O परंपरागत O व्यावसायिक O प्रणाली O पर O आधारित O है O । O सरकार O ने O प्रधानमंत्री O रोजगार O सृजन O कार्यक्रम O का O बजट O 1,195 B-NEN करोड़ I-NEN से O बढ़ाकर O 1,800 B-NEN करोड़ I-NEN कर O दिया O है O । O भारत B-NEL में O सरकार O के O विभिन्न O स्तरों O पर O राजस्व O एवं O व्यय O में O अंतर O तथा O एक B-NEN ही O स्तर O पर O मौजूद O इस O तरह O के O अंतर O को O पाटने O के O लिए O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO सामान्य O उद्देश्य O वाले O अंतरण O और O विशेष O उद्देश्य O के O अंतरण O के O रूप O में O राज्य O सरकारों O को O धनराशि O प्रदान O करती O है O । O देश O में O 3000 B-NEN से O अधिक O जन O औषधि O केन्द्र O खोले O गये O हैं O । O इसमें O हजारों B-NEN बेरोजगारों O को O रोजगार O प्राप्त O हुए O हैं O । O देश O की O प्रगति O और O रोजगार O सृजन O में O लघु O और O मध्यम O उद्यम O के O योगदान O को O देखते O हुए O वित्त O मंत्री O ने O एमएसएमई O क्षेत्र O को O ऋण O सहायता O , O पूंजी O और O ब्याज O सब्सिडी O के O लिए O 3,794 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O है O । O वित्त O मंत्री O ने O बताया O कि O रोजगार O सृजन O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O सरकार O 3 B-NEN वर्ष O तक O कर्मचारी O भविष्य O निधि O में O नए O कर्मचारियों O के O वेतन O का O 8.33 B-NEN प्रतिशत O अनुदान O कर O रही O है O । O इसके O परिणामस्वरुप O औद्योगिक O क्षेत्र O में O 70 B-NEN लाख I-NEN नई O औपचारिक O नौकरियां O सृजित O होने O की O संभावना O है O । O अनुच्छेद O 243 O ( O आई O ) O और O अनुच्छेद O 243 O ( O वाई O ) O में O पांच B-NEN वर्ष O के O नियमित O अंतराल O पर O राज्य O वित्त O आयोगों O के O गठन O की O जरूरत O और O भी O बढ़ O गई O ताकि O राज्यों O एवं O पंचायतों O के O बीच O कर O के O शुद्ध O बंटवारे O पर O निर्णय O लिया O जा O सके O , O पंचायतों O एवं O नगर O पालिकाओं O के O जिम्मे O रहने O वाले O कर O , O शुल्क O एवं O टोल O आदि O निर्धारित O किए O जा O सकें O और O पंचायतों O तथा O नगर O पालिकाओं O को O उपलब्ध O कराया O जाने O वाला O सहायता O अनुदान O तय O हो O सके O । O इससे O राज्यों O को O 19 B-NEN हजार I-NEN 335 O करोड़ B-NEN रुपये O की O अतिरिक्त O राशि O उपलब्ध O हो O सकी O । O आरबीआई B-NEO ने O राज्यों O के O लिए O ओवरड्राफ्ट O की O अवधि O भी O बढ़ा O कर O एक B-NEN तिमाही O में O 14 B-NEN से O 21 B-NEN लगातार O कार्य O दिवस O और O 36 B-NEN से O 50 B-NEN कार्य O दिवस O कर O दी O । O कृषि O उत्पादों O के O निर्यात O को O बढ़ावा O देने O के O लिए O सभी O 42 B-NEN मेगा O फूड O पार्को O में O अत्याधुनिक O परीक्षण O सुविधा O स्थापित O करने O की O व्यवस्था O का O प्रस्ताव O रखा O गया O है O । O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO सामान्य O श्रेणी O के O लिए O एसडीआरएफ O आवंटन O का O 75 B-NEN प्रतिशत O और O पूर्वोत्तर O तथा O पर्वतीय O राज्यों O के O लिए O 90 B-NEN प्रतिशत O योगदान O करती O है O । O सरकार O ने O बजट O में O श्रम B-NEO एवं I-NEO रोजगार I-NEO मंत्रालय I-NEO के O अधीन O श्रमिकों O के O रोजगार O सृजन O कार्यक्रम O के O लिए O 1797 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O और O सामाजिक O सुरक्षा O के O लिए O 5,035 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रबंध O किया O है O । O शुरुआत O में O वर्ष O के O लिए O एसडीआरएफ O आवंटन O की O 25 B-NEN प्रतिशत O राशि O इस O मदद O में O खर्च O करने O की O अनुमति O दी O गई O जिसे O बाद O में O बढ़ाकर O 50 B-NEN प्रतिशत O कर O दिया O गया O । O प्रधानमंत्री O रोजगार O प्रोत्साहन O योजना O के O लिए O बजट O में O 1,652 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O इस O योजना O में O विनिर्माण O , O बुनियादी O ढांचे O और O सेवा O गतिविधियों O के O 25 B-NEN क्षेत्रों O को O सम्मिलित O किया O गया O है O । O आवंटन O के O एक B-NEN हिस्से O को O उन O राज्यों O के O लिए O अलग O रखा O गया O जो O वित्त B-NEO मंत्रालय I-NEO द्वारा O चुने O गए O चार B-NEN जन O केंद्रित O क्षेत्रों O में O से O कम O से O कम O 3 B-NEN में O सुधार O उपाय O अपना O लेंगे O । O साफ O पीने O योग्य O पानी O एक B-NEN बुनियादी O आवश्यकता O है O । O मुद्रा O योजना O के O अंतर्गत O 10 B-NEN लाख I-NEN रुपये O तक O का O लोन O बिना O किसी O गारंटी O के O प्रदान O किया O जाता O है O । O नेशनल O सैंपल O सर्वे O ( O एनएसएस O ) O यानी O राष्ट्रीय B-NEO नमूना I-NEO सर्वेक्षण I-NEO कार्यालय I-NEO के O 76वें O चरण O की O रिपोर्ट O के O अनुसार O ग्रामीण O क्षेत्रों O के O लगभग O 87.6 B-NEN प्रतिशत O घरों O में O , O शहरी O क्षेत्रों O के O करीब O 90.9 B-NEN ग्रामीण O क्षेत्रों O में O लगभग O 94.5 B-NEN प्रतिशत O और O शहरी O क्षेत्रों O में O लगभग O 95.5 B-NEN प्रतिशत O परिवारों O ने O पेय O जल O के O उन्नत O स्रोतों O का O प्रयोग O किया O है O । O गांवों O में O लम्बी O अवधि O तक O जल O के O वितरण O के O लिए O आधारभूत O संरचना O विकसित O करने O के O लिए O 3.60 B-NEN लाख I-NEN करोड़ O का O निवेश O किया O जा O रहा O है O , O जिसमें O देशभर O के O 6 B-NEN लाख I-NEN से O ज्यादा O गांवों O को O जल O - O जीवन O मिशन O के O तहत O समयबद्ध O तरीके O से O बहुत O ही O विशिष्ट O परिमाण O में O कम O से O कम O 55 B-NEN लीटर O प्रति O व्यक्ति O प्रतिदिन O जल O , O 10500:2012 B-NEN बीआईएस O - O भारतीय O मानक O ब्यूरो O के O मापदंडों O की O गुणवत्ता O के O अनुसार O नियमित O और O लंबे O समय O तक O उपलब्ध O कराने O के O उद्देश्य O से O किया O जा O रहा O है O । O ग्रामीण O जल O आपूर्ति O के O लिए O आधारभूत O संरचना O के O निर्माण O से O लेकर O जल O सेवा O आपूर्ति O के O मानदंडों O के O लिए O एक B-NEN सुनियोजित O दृष्टिकोण O अपनाया O जा O रहा O है O । O नेशनल O स्पोर्ट्स O फेडरेशन O के O बजट O में O 40 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O की O वृद्धि O करते O हुए O 342 B-NEN करोड़ I-NEN रुपये O कर O दिया O गया O है O । O राज्य O में O लगभग O 31,500 B-NEN तालाबों O को O गाद O रहित O और O गहरा O किया O गया O , O 1,000 B-NEN से O अधिक O बावडियों O को O साफ O किया O गया O और O पुनर्जीवित O कर O उपयोग O में O लाया O गया O । O इन O सभी O प्रयासों O के O बावजूद O , O पानी O की O पर्याप्त O मात्रा O सुनिश्चित O करना O , O विशेष O रूप O से O सूखे O के O वर्षों O में O एक B-NEN चुनौती O थी O । O पेयजल O सुरक्षा O सुनिश्चित O करने O के O लिए O , O एक B-NEN राज्यव्यापी O पेयजल O आपूर्ति O ग्रिड O की O योजना O बनाई O गई O थी O । O इस O परियोजना O के O तहत O बड़ी O मात्रा O में O जल O अंतरण O के O लिए O 2,900 B-NEN लंबी O पाइपलाइन O , O 270 O जल O उपचार O संयंत्र O , O 350 B-NEN बड़े O पंपिंग O स्टेशन O , O 1,073 B-NEN एलिवेटेड O भंडारण O जलाशय O और O 1,883 B-NEN भूजल O भंडारण O संरचनाएं O बनाई O गई O हैं O । O यह O ग्रिड O 5 B-NEN नगर O निगमों O और O 106 B-NEN नगर O निकायों O सहित O 207 B-NEN यूएलबी B-NEO और O लगभग O 14,000 B-NEN गांवों O को O पेय O जल O उपलब्ध O करा O रहा O है O । O इनमें O से O प्रत्येक O क्षेत्र O में O , O विदेशी O संबंध O भारत B-NEL की O प्रगति O में O तेजी O ला O सकते O हैं O । O निपुण O भारत B-NEL मिशन O ( O राष्ट्रीय O और O संख्यात्मकता O के O साथ O पढ़ने O में O प्रवीणता O के O लिए O राष्ट्रीय O पहल O ) O के O माध्यम O से O मूलभूत O पठन O । O हालांकि O , O भारत B-NEL में O मूलभूत O शिक्षा O की O स्थिति O बहुत O बदली O नहीं O है O ; O पठन O स्तर O लगातार O कम O बना O हुआ O है O । O भारत B-NEL को O समय O के O अनुरूप O ढलना O होगा O और O प्रत्येक O क्षेत्र O में O अपनी O क्षमता O , O ऊर्जा O और O नेतृत्व O की O शक्ति O दिखानी O होगी O । O हमारे O महान O नेताओं O के O ये O अनमोल O विचार O उनके O सपनों O के O भारत B-NEL के O निर्माण O के O लिए O जन O चेतना O जागृत O करते O रहेंगे O और O उनके O आदर्शो O से O भावी O पीढ़ियों O को O प्रेरणा O मिलती O रहेगी O ताकि O वे O बड़ी O - O बड़ी O सफलताएं O अर्जित O करते O रहें O । O 4. O नासिक B-NEL डिवीजन O : O अहमदनगर B-NEL , O धुले B-NEL , O जलगांव B-NEL , O नंदुरबार B-NEL , O और O नासिक B-NEL । O 5. O नागपुर B-NEL डिवीजन O : O भंडारा B-NEL , O चंद्रपुर B-NEL , O गढ़चिरोली B-NEL , O गोंदिया B-NEL , O नागपुर B-NEL और O वर्धा B-NEL । O 6. O पुणे B-NEL डिवीजन O : O कोल्हापुर B-NEL , O पुणे B-NEL , O सांगली B-NEL , O सतारा B-NEL और O सोलापुर B-NEL । O पश्चिमी B-NEL घाट I-NEL महाराष्ट्र I-NEL की O कई O प्रमुख O नदियों O का O स्रोत O हैं O , O जिनमें O से O गोदावरी B-NEL और O कृष्णा B-NEL प्रमुख O हैं O । O मंगलम B-NEL गांव I-NEL भारत B-NEL का O पहला O गांव O बना O जहां O सभी O परिवारों O को O बैंकिंग O सुविधाएं O प्रदान O की O गयी O । O ये O घाट O कई O छोटी O नदियों O के O भी O स्रोत O हैं O , O जो O पश्चिम O में O अरब B-NEL सागर I-NEL में O बहती O हैं O । O सह्याद्री B-NEL रेंज O , O महाराष्ट्र B-NEL को O भौगोलिक O रूप O से O परिभाषित O करने O वाली O है O । O ये O नदियां O अपनी O सहायक O नदियों O के O साथ O , O पूर्व O की O ओर O बहते O हुए O अधिकांश O मध्य B-NEL और I-NEL पूर्वी I-NEL महाराष्ट्र I-NEL में O सिंचाई O करती O हुई O बंगाल B-NEL की O खाड़ी O में O मिल O जाती O हैं O । O खेल O और O गतिविधि O आधारित O शिक्षा O , O जिसमें O अक्षर O , O भाषाएं O , O संख्याएं O , O गिनती O , O रंग O , O आकार O , O इनडोर O तथा O आउटडोर O खेल O , O पहेली O और O तार्किक O सोच O , O समस्या O - O समाधान O , O ड्राइंग O , O पेंटिंग O और O अन्य O दृश्य O कलाएँ O , O शिल्प O , O नाटक O , O कठपुतली O , O संगीत O शामिल O हैं O , O निपुण O भारत B-NEL मिशन O के O लिए O अपनाये O जा O रहे O नवीन O शिक्षाशास्त्र O का O अभिन्न O अंग O बनने O जा O रही O है O । O सीखने O को O समग्र O , O एकीकृत O , O समावेशी O , O आनंददायक O और O आकर्षक O बनाने O के O लिए O निपुण O भारत B-NEL मिशन O की O परिकल्पना O की O गई O है O । O अत्यधिक O विच्छेदित O और O टूटा O हुआ O कोंकण B-NEL संकरी O घाटियों O और O निम्न O पार्श्व O पठार O के O बीच O वैकल्पिक O है O । O उत्तरी O सीमा O पर O सतपुड़ा B-NEL पहाड़ियां O और O पूर्वी O सीमा O पर O भामरगढ़ B-NEL - O चिरोली B-NEL - O गाईखुरी B-NEL रेंज O , O भौतिक O अवरोधों O को O आसान O गति O से O रोकती O हैं O और O राज्य O की O प्राकृतिक O सीमाओं O के O रूप O में O भी O कार्य O करती O हैं O । O महाराष्ट्र B-NEL अयस्क O भंडार O में O समृद्ध O है O । O कोंकण B-NEL नदियों O के O तलघर O क्षेत्रों O में O ग्रेनाइट O , O ग्रेनाइट O शैल O , O क्वार्टजाइट O , O कांग्लोमेरेट O पाए O जाते O हैं O । O नागपुर O क्षेत्र O का O कामठी B-NEL कोयले O के O लिए O प्रसिद्ध O है O । O बड़ी O संख्या O में O गांवों O में O पीने O के O पानी O की O कमी O है O , O खासकर O गर्मियों O के O महीनों O में O , O यहां O तक O कि O गीले O कोंकण B-NEL में O भी O । O विदर्भ B-NEL के O पूर्वी O पहाड़ी O क्षेत्र O के O समूचे O ग्रेनिटिक O - O शैल O इलाके O में O टैंक O सिंचाई O होती O है O । O बिहार B-NEL - O भारत B-NEL में O विदेशी O बैंकों O की O संख्या O काफी O कम O है O । O तापी B-NEL - O पूर्णा B-NEL जलोढ़ O में O नलकूप O और O तटीय O रेत O में O उथले O कुएं O , O पानी O के O अन्य O मुख्य O स्रोत O हैं O । O महाराष्ट्र B-NEL की O आत्मा O महानगरीय O है O । O प्रमुख O खनिज O कोयला O और O मैंगनीज O के O साथ O और O लौह O अयस्क O तथा O चूना O पत्थर O संभावित O संपदा O के O साथ O चंद्रपुर B-NEL , O गढ़चिरौली B-NEL , O भंडारा B-NEL , O और O नागपुर B-NEL जिले O मुख्य O खनिज O बेल्ट O बनाते O हैं O । O सह्याद्रियों B-NEL के O चट्टानी O इलाके O और O हमलावर O सेनाओं O के O खिलाफ O गढ़ों O की O आवश्यकता O को O देखते O हुए O , O किलों O ने O राज्य O के O इतिहास O में O महत्वपूर्ण O भूमिका O निभाई O है O । O झारखंड B-NEL एवं O छत्तीसगढ़ B-NEL - O मिसाल O के O तौर O पर O चीन B-NEL में O पुनर्पूंजीकरण O के O अलावा O बैंकिंग O सेक्टर O में O सुधार O पर O काफी O फोकस O किया O गया O । O गुजरात B-NEL - O भारत B-NEL में O पीआरओ B-NEO व्यापक O अनुपालन O सेवाएं O मुहैया O कराते O हैं O । O वे O यह O भूल O जाते O हैं O कि O पूरे O यूरोप B-NEL में O अंग्रेजी O की O वजह O से O नौकरी O मिलती O तो O वे O अपनी O मातृभाषा O में O क्यों O पढ़ते O ? O चीन B-NEL और O जापान B-NEL क्यों O अपनी O भाषाओं O में O पढ़ाते O , O यह O भी O समझने O की O जरूरत O है O । O राजस्थान B-NEL सम्पर्क O जन O सामान्य O की O शिकायतों O को O दर्ज O करने O और O समस्याओं O का O निराकरण O पाने O का O अभिनव O प्रयास O है O । O राजस्थान B-NEL - O इस O क्षेत्र O में O प्रतिस्पर्धा O तेज O करने O और O नवाचार O के O लिए O भारत B-NEL को O प्राइवेट O और O विदेशी O खिलाड़ियों O को O प्रोत्साहित O करना O चाहिए O । O तमिलनाडु B-NEL - O भारत B-NEL कोविड O - O 19 O का O प्रसार O रोकने O के O लिये O सबसे O पहले O एहतियाती O उपाय O करने O वाले O देशों O में O शामिल O है O । O मास्क O के O उपयोग O के O बारे O में O डब्ल्यूएचओ B-NEO और O अमेरिका B-NEL के O रोग O नियंत्रण O केंद्र O ने O परामर्श O इसके O बाद O ही O जारी O किये O । O एशिया B-NEL - I-NEL प्रशांत I-NEL के O लिए O यूएचसी O के O सबक O वीटीएफ B-NEO ने O कोविड O - O 19 O की O वैश्विक O महामारी O से O निपटने O के O लिये O भारत B-NEL के O वैज्ञानिक O अनुसंधान O और O विकास O की O तत्काल O और O महत्वपूर्ण O कार्य O योजना O की O रणनीति O तैयार O की O । O सबसे O महत्पूर्ण O बात O यह O है O कि O आबादी O की O दृष्टि O से O देश O का O सबसे O बड़ा O राज्य O उत्तर B-NEL प्रदेश I-NEL है O । O इस O बीच O , O भारत B-NEL के O कारपोरेट O जगत O ने O भी O बैंक O पुनर्पूंजीकरण O के O विचार O का O समर्थन O किया O है O । O एशिया B-NEL - I-NEL प्रशांत I-NEL क्षेत्र O में O तेजी O से O शहरीकरण O हो O रहा O है O और O यहीं O पर O सबसे O ज्यादा O प्रवासी O आबादी O भी O है O । O कैबिनेट O ने O पुनर्निर्माण O और O विकास O हेतु O यूरोपियन B-NEO बैंक I-NEO में O भारत B-NEL की O सदस्यता O को O मंजूरी O दे O दी O भारत B-NEL भी O इस O प्रभाव O से O पूरी O तरह O बच O नहीं O पाया O । O ईबीआरडी B-NEO की O सदस्यता O से O भारत B-NEL की O अंतरराष्ट्रीय O पहचान O समृद्ध O होगी O और O इसके O आर्थिक O हितों O में O भी O इजाफा O होगा O । O कैबिनेट O ने O यूरोपियन B-NEO बैंक I-NEO फॉर I-NEO रिकन्स्ट्रक्शन I-NEO एंड I-NEO डेवलपमेंट I-NEO ( O ईबीआरडी B-NEO ) O में O भारत B-NEL की O सदस्यता O को O मंजूरी O दे O दी O है O । O * O भारत B-NEL के O निवेश O के O अवसर O बढ़ेंगे O । O निर्माण O , O सेवाओं O , O सूचना O तकनीक O और O ऊर्जा O के O क्षेत्र O में O सह O - O वित्तीय O अवसरों O के O माध्यम O से O भारत B-NEL और O ईबीआरडी B-NEO में O सहयोग O की O संभावना O में O वृद्धि O होगी O । O भारत B-NEL ने O रिकॉर्ड O समय O में O कोविड O - O 19 O के O टीके O का O विकास O करते O हुए O उसका O उत्पादन O भी O शुरू O कर O दिया O । O इसकी O सदस्यता O से O भारत B-NEL को O अपने O निजी O क्षेत्र O के O विकास O हेतु O बैंक O से O तकनीकी O सहायता O और O सेक्टोरल O जानकारी O प्राप्त O करने O में O मदद O मिलेगी O । O इससे O टीका O विकास O और O निर्माण O में O वैश्विक O शक्ति O के O रूप O में O भारत B-NEL की O छवि O निखरी O है O । O उदाहरण O के O तौर O पर O , O श्रीलंका B-NEL ने O कोविड O - O 19 O और O अन्य O बीमारियों O के O लिए O मुफ्त O और O एकसमान O स्वास्थ्य O सेवाएं O उपलब्ध O कराने O के O लिए O बेहतर O नेटवर्क O तैयार O किया O है O । O भारत B-NEL में O ऐसी O छोटी O कंपनियों O और O स्टार्टअप O का O भी O उदय O हुआ O जो O वायरस O सदृश्य O कण O - O वायरस O लाइक O पार्टिकल O ( O वीएलपी O ) O टीके O के O विकास O में O लगी O हैं O । O कोरिया B-NEL गणराज्य O राष्ट्रीय O स्तर O पर O लागू O अपनी O स्वास्थ्य O योजना O की O मदद O से O इस O महामारी O से O निपटने O में O सफल O रहा O । O ये O यूएन B-NEO साइंस I-NEO एडवाइजरी I-NEO समिति I-NEO के O अध्यक्ष O , O एफएओ O काउंसिल O के O स्वतंत्र O अध्यक्ष O , O किसान O विषयक O राष्ट्रीय O समिति O के O अध्यक्ष O व O अंतरराष्ट्रीय B-NEO चावल I-NEO अनुसंधान I-NEO संस्था I-NEO , O फिलिपिन्स B-NEL के O महानिदेशक O जैसे O कई O राष्ट्रीय O व O अंतर्राष्ट्रीय O समितियों O में O विभिन्न O पदों O पर O कार्य O कर O चुके O हैं O । O यदि O भारत B-NEL इससे O अधिक O बैंक O शेयर O खरीदता O है O तो O निवेश O की O राशि O और O अधिक O होगी O । O पिछले O कुछ O सालों O में O देश O के O प्रभावी O आर्थिक O विकास O और O अंतरराष्ट्रीय O राजनैतिक O पहचान O में O वृद्धि O को O देखते O हुए O यह O उपयुक्त O होगा O कि O भारत B-NEL मल्टी B-NEO - I-NEO लेट्रल I-NEO डेवलपमेंट I-NEO बैंक I-NEO ( O एमडीबीएस B-NEO ) O जैसे O कि O वर्ल्ड B-NEO बैंक I-NEO , O एशियन B-NEO डेवलपमेंट I-NEO बैंक I-NEO और O अफ्रीकन B-NEO डेवलपमेंट I-NEO बैंक I-NEO से O परे O भी O वैश्विक O विकास O लैंडस्केप O पर O अपनी O उपस्थिति O दर्ज O करे O । O भारत B-NEL शायद O एकमात्र O ऐसा O देश O है O , O जिसने O संसदीय O कानून O के O जरिये O हर O जरूरतमंद O घर O के O लिए O खाद्य O सुरक्षा O सुनिश्चित O की O है O । O महामहिम O , O मैं O दिल्ली B-NEL में O आपका O स्वागत O करते O हुए O शुरुआत O करता O हूँ O । O मांटिविडियो O कॉनवेंशन O के O अतिरिक्त O और O किसी O समझौते O का O पालन O यूरोपीय O देशों O ने O नहीं O किया O और O ब्राजील B-NEL तथा O कनाडा B-NEL को O छोड़कर O हर O कोई O अमरीकन O देश O अपने O को O बर्न O समझौते O से O बँधा O मानता O है O । O जैसे O कि O आप O जानते O हैं O , O भारत B-NEL हमेशा O मतभेदों O और O विवादों O को O बातचीत O और O कूटनीति O के O जरिए O सुलझाने O के O पक्ष O में O रहा O है O । O इसके O अलावा O , O अंतर्राष्ट्रीय O मानवीय O कानून O के O लिए O सम्मान O सुनिश्चित O करने O का O दायित्व O होता O है O , O जो O जिनेवा B-NEL कन्वेंशन O और O अडिशनल O प्रोटोकॉल O I O से O उपजा O है O , O जो O IHL O की O निरपेक्ष O प्रकृति O को O दर्शाता O है O । O दूसरी O ओर O चीन B-NEL , O रूस B-NEL तथा O कई O पश्चिम O एशियाई O देश O थे O , O जो O ऐसे O किसी O समझौते O से O बँधे O नहीं O थे O । O हमारे O संबंधों O को O विकसित O होने O के O लिए O , O यह O भी O उतना O ही O आवश्यक O है O कि O युवा O अमेरिकियों O की O ओर O से O भारत B-NEL और O दुनिया O के O बारे O में O बेहतर O समझ O हो O । O यह O खेती O फिलहाल O मुख्य O रूप O से O केरल B-NEL के O इलाके B-NEL में O की O जाती O है O । O हम O भारत B-NEL में O सामाजिक O विकास O परियोजनाओं O को O लागू O करने O के O लिए O गांधी B-NEO - I-NEO किंग I-NEO डेवलपमेंट I-NEO फाउंडेशन I-NEO के O प्रस्ताव O को O आगे O बढ़ाने O के O लिए O भी O प्रतिबद्ध O हैं O । O अंडोरा B-NEL , O अर्जेटाइना B-NEL , O आस्ट्रेलिया B-NEL , O आस्ट्रिया B-NEL , O बेलजियम B-NEL , O ब्राजील B-NEL , O कनाडा B-NEL , O चिली B-NEL , O क्यूबा B-NEL , O डेनमार्क B-NEL , O एल B-NEL सालवाडोर I-NEL , O फिनलैंड B-NEL , O फ्रांस B-NEL , O संघीय B-NEL जर्मन I-NEL गणराज्य I-NEL ( O पश्चिमी B-NEL जर्मनी I-NEL ) O , O ग्वाटीमाला B-NEL रेटी I-NEL , O पोपनगर B-NEL , O होंडुराज B-NEL , O भारत B-NEL , O आयरलैंड B-NEL , O इसराइल B-NEL , O इटली B-NEL , O जापान B-NEL , O लाइबेरिया B-NEL , O लक्सेंबर्ग B-NEL , O मेक्सिको B-NEL , O मोनैको B-NEL , O निकारागुआ B-NEL , O नीदरलैंड B-NEL , O नॉरवे B-NEL , O पेरू B-NEL , O पुर्तगाल B-NEL , O सांतामेरिया B-NEL , O स्पेन B-NEL , O स्वीडन B-NEL , O स्विटजरलैंड B-NEL , O ब्रिटेन B-NEL , O अमरीका B-NEL , O उरुग्वे B-NEL और O यूगास्लाविया B-NEL । O सर्वप्रथम O आइए O देखते O हैं O कि O भारत B-NEL में O अफसरशाही O कैसे O काम O कर O रही O है O । O कई O अलग O - O अलग O क्षेत्रों O में O यूएन B-NEL के O साथ O अदालत O समर्थन O करती O है O जिसमें O सूचना O का O आदान O - O प्रदान O और O सैन्य O सहयोग O शामिल O है O । O यह O अदालत O प्रत्येक O वर्ष O की O अपनी O गतिविधियों O की O रिपोर्ट O यूएन B-NEL को O देती O है O , O सदस्य O देशों O की O सभा O की O कुछ O बैठकों O का O आयोजन O यूएन B-NEL सुविधाओं O के O तहत O किया O जाता O है O । O पेरिस B-NEL समझौता O क्या O है O ? O पेरिस B-NEL समझौता O जलवायु O परिवर्तन O के O बारे O में O कानूनन O बाध्यकारी O अंतर्राष्ट्रीय O संधि O है O । O पेरिस B-NEL समझौता O बहुपक्षीय O जलवायु O परिवर्तन O प्रक्रिया O में O बेहद O महत्वपूर्ण O पड़ाव O है O क्योंकि O पहली O बार O ऐसा O बाध्यकारी O करार O हुआ O है O जिसके O तहत O सभी O देश O जलवायु O परिवर्तन O पर O अंकुश O लगाने O के O लिए O बड़े O प्रयास O करने O और O इसके O अनुरूप O कदम O उठाने O के O समान O लक्ष्य O की O प्राप्ति O के O लिए O एकजुट O हुए O हैं O । O पेरिस B-NEL समझौते O को O कैसे O अमल O में O लाया O जाएगा O ? O महाराष्ट्र B-NEL , O दिल्ली B-NEL , O पंजाब B-NEL , O तेलंगाना B-NEL , O पश्चिम B-NEL बंगाल I-NEL और O गुजरात B-NEL के O जिलों O से O सबसे O अधिक O वीओसी O की O सूचना O प्राप्त O हुई O है O । O पेरिस B-NEL समझौते O को O अमल O में O लाने O हेतु O उपलब्ध O सर्वोत्तम O वैज्ञानिक O जानकारी O पर O आधारित O आर्थिक O और O सामाजिक O बदलाव O लाए O जाने O जरूरी O हैं O । O सभी O नीति O - O निर्माताओं O और O प्रशासकों O से O अपेक्षा O की O जाती O है O कि O वे O निर्णय O लेने O की O प्रक्रिया O में O संशोधन O करें O और O अपने O - O अपने O स्तर O पर O सत्ता O और O अधिकारों O का O विकेन्द्रीयकरण B-NEL करके O सबसे O निचले O वाले O स्तर O तक O पहुंचने O की O कोशिश O करें O । O यह O अब O भारत B-NEL के O कई O राज्यों O में O पाया O गया O है O । O युगांडा B-NEL की O सरकार O ने O कहा O कि O वह O राष्ट्रीय O आपराधिक O न्यायाधिकरण O की O स्थापना O पर O विचार O कर O रही O है O जो O कि O अंतरराष्ट्रीय O मानकों O को O पूरा O करती O है O , O इसीलिए O आईसीसी B-NEL वारंट O के O अलग O निर्धारण O की O अनुमति O देती O है O । O अपने O एनडीसी O में O , O सम्बद्ध O देश O पेरिस B-NEL समझौते O के O लक्ष्यों O के O अनुरूप O ग्रीन O हाउस O गैसों O का O उत्सर्जन O कम O करने O के O लिए O अपने O भावी O कार्यक्रमों O का O विवरण O देते O हैं O । O बी O . O 1.617 O लाइनेज O को O पहली O बार O महाराष्ट्र B-NEL में O देखा O गया O जो O राज्य O के O अनेक O जिलों O में O असामान्य O वृद्धि O से O जुड़ा O था O । O यही O अवसर O है O - O हमने O जो O कुछ O सीखा O है O , O इस O दशक O में O उन O सारी O बातों O को O व्यवहार O में O लाएं O और O भारत B-NEL में O पानी O की O उपलब्धता O की O नई O इबारत O लिख O डालें O । O भारत B-NEL में O यह O सबसे O बड़ा O खेल O पुरस्कार O है O । O पेरिस B-NEL समझौते O में O , O पक्षकार O देशों O ने O विस्तृत O पारदर्शिता O फ्रेमवर्क O ( O एनहांस्ड O ट्रांसपेरेंसी O फ्रेमवर्क O - O ईटीएफ़ O ) O की O व्यवस्था O की O है O । O भारत B-NEL जैसे O विशाल O और O विविधतापूर्ण O समाज O में O संसाधनों O और O सेवाओं O का O न्यायपूर्ण O वितरण O ही O सभी O की O समृद्धि O का O मूल O मंत्र O है O । O इन O सारे O तत्वों O से O मिलकर O हमारा O ' O न्यू O इंडिया B-NEL ' O बन O रहा O है O और O खेल O - O कूद O का O इसमें O बड़ा O योगदान O है O । O अगले O ही O दिन O उन्हें O ब्रुसेल्स B-NEL के O पास O गिरफ्तार O किया O गया O । O स्वस्थ O जनसंख्या O , O प्रवृत्ति O और O संकल्प O वाला O भारत B-NEL ही O , O उपनिवेशवादी O शासन O के O दौर O से O पहले O का O गौरवपूर्ण O स्थान O हासिल O कर O सकेगा O और O खेलों O की O इसमें O बड़ी O भूमिका O होगी O । O इसलिए O फलों O और O सब्जियों O को O खेतों O से O समेटने O और O उनके O भंडारण O , O परिवहन O आदि O के O लिए O धन O की O व्यवस्था O करने O के O कार्य O को O भारत B-NEL में O प्राथमिकता O दी O जानी O चाहिए O । O भारत B-NEL में O आजादी O के O बाद O कृषि O के O क्षेत्र O में O अनुसंधान O और O विकास O से O प्रति O व्यक्ति O उत्पादन O बढ़ाने O में O मदद O मिली O है O और O खाद्य O तथा O पोषण O संबंधी O कमियों O को O दूर O करने O में O काफी O मदद O मिली O है O । O * O नया B-NEO राष्ट्रीय I-NEO मूल्यांकन I-NEO केंद्र I-NEO ( I-NEO PARAKH I-NEO ) I-NEO - O सभी O मान्यता O प्राप्त O स्कूल O बोर्डों O के O लिए O छात्र O क्षमता O निर्धारण O और O मूल्यांकन O के O लिए O मानक O मानदंड O निकाय O के O रूप O में O PARAKH B-NEO की O स्थापना O होगी O । O यानी O अपनी O उम्र O के O लिहाज O से O उनका O वजन O या O कद O कम O हो O सकता O है O ( O विश्व B-NEO बैंक I-NEO रिपोर्ट O : O अनचार्टेड O वार्ट्स O ) O । O राज्य B-NEO स्कूल I-NEO मानक I-NEO प्राधिकरण I-NEO सभी O राज्यों O / O केंद्र O शासित O प्रदेशों O में O स्थापित O किया O जाएगा O । O क्रिसिल B-NEO का O कहना O है O कि O अधिक O कटौती O की O आवश्यकता O वाले O ज्यादातर O ऋण O अनिश्चित O व्यवसाय O वाली O कंपनियों O से O संबंधित O हैं O इसलिए O धन O की O वसूली O के O लिए O संपत्ति O की O बिक्री O आवश्यक O है O । O सार्वजनिक O सेवाओं O के O प्रदान O में O अपनी O भूमिका O में O परिवर्तन O लाने O के O लिए O ' O स्वागत O ' O ने O प्रतिष्ठित O ' O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO लोक O सेवा O पुरस्कार O ' O जीता O । O इसके O अतिरिक्त O क्रिसिल B-NEO रिपोर्ट O के O अनुसार O वे O कंपनियां O सीमांत O कटौती O की O अपेक्षा O रखती O हैं O जो O अस्थायी O गिरावट O से O जूझ O रही O हैं O जिन्हें O भविष्य O में O ठीक O किया O जा O सकता O है O । O 2. O पंचायत O समिति O एवं O जिला O स्तर O पर O राजस्थान B-NEO सम्पर्क I-NEO केन्द्रों I-NEO पर O निःशुल्क O रूप O से O शिकायतों O को O दर्ज O कराने O की O सुविधा O । O इसीलिए O दुनिया O भर O में O प्राथमिक O शिक्षा O विशेष O रूप O से O अपनी O भाषाओं O में O करने O की O वकालत O की O गई O है O और O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO के O स्तर O पर O भी O इसी O बात O को O यूनेस्को B-NEO आदि O के O माध्यम O से O दुनियाभर O को O बताया O जाता O है O । O सरकार O ने O जनजातीय O बच्चों O को O अच्छी O गुणवत्तायुक्त O शिक्षा O देने O के O लिए O एकलव्य B-NEO स्कूल I-NEO खोलने O का O प्रस्ताव O रखा O है O । O अंतरराष्ट्रीय B-NEO श्रम I-NEO संगठन I-NEO ( O आईएलओ B-NEO ) O के O अनुसार O सामाजिक O सुरक्षा O वह O सुरक्षा O है O , O जो O समाज O ( O सरकार O ) O वंचित O तबकों O को O स्वास्थ्य O सेवा O की O उपलब्धता O सुनिश्चित O करने O और O आय O सुरक्षा O की O गारंटी O देने O हेतु O मुहैया O कराता O है O । O आखिर O में O , O सूचना B-NEO टेक्नोलॉजी I-NEO का O फायदा O उठाकर O www O . O ejalshakti O . O gov O . O in O पोर्टल O पर O देश O भर O के O पानी O से O संबंधित O डेटा O को O संकलित O और O प्रदर्शित O किया O गया O है O । O कॉरपोरेट O कंपनियाँ O , O संगठनों O और O ग्रामीण O पृष्ठभूमि O वाले O ऐसे O व्यक्तियों O से O जिनका O अब O भी O अपने O जन्म O स्थान O के O प्रति O लगाव O है O , O अंशदान O स्वीकार O करने O के O लिए O राष्ट्रीय B-NEO जल I-NEO जीवन I-NEO कोष I-NEO ( O आर B-NEO . I-NEO जे I-NEO . I-NEO जे I-NEO . I-NEO कोष I-NEO ) O बनाया O गया O है O । O बहुत O जल्द O ऐसे O इंतजाम O किये O जा O रहे O हैं O जिससे O वे O इस O पोर्टल O के O जरिए O पानी B-NEO समिति I-NEO के O सदस्यों O से O बातचीत O कर O सकेंगे O और O माउस O को O क्लिक O करके O जल O आपूर्ति O संबंधी O किसी O खास O परियोजना O के O लिए O चंदा O दे O सकेंगे O । O इसलिए O जल B-NEO जीवन I-NEO मिशन I-NEO कोई O ऐसी O योजना O नहीं O है O जिसका O मकसद O अधिक O संख्या O में O नलों O के O जरिए O घरों O तक O पानी O पहुंचाने O का O लक्ष्य O प्राप्त O करने O तक O सीमित O है O । O उन्होंने O कहा O , O भारतीय O लेखा O प्रणाली O के O अंतर्गत O पुनर्पूंजीकरण O ऋणपत्रों O से O ऋण O में O बढ़ोतरी O होगी O जिससे O राजकोषीय O घाटा O बढ़ेगा O किन्तु O यदि O खातों O को O आईएमएफ B-NEO पद्धति O से O तैयार O किया O जाए O तो O वित्तीय O घाटा O नहीं O बढ़ेगा O । O वीटीएफ B-NEO और O अन्य O अधिकार O प्राप्त O समितियों O के O कामकाज O की O निगरानी O प्रधानमंत्री O और O उनका O कार्यालय O लगातार O कर O रहे O थे O । O सीआईआई B-NEO ने O कहा O , O “ O बैंकों O को O पुनर्पूंजीकरण O ऋणपत्र O बेचने O की O अनुमति O दी O जाए O जिन्हें O संस्थान O , O निवेशक O और O यहां O तक O कि O आम O जनता O भी O खरीद O सकती O है O । O ” O इसी O के O साथ O ईबीआरडी B-NEO के O देशों O की O कार्यप्रणाली O और O सेक्टर O जानकारी O तक O भी O पहुंच O बढ़ेगी O । O कोवैक्सिन O को O भारतीय B-NEO चिकित्सा I-NEO अनुसंधान I-NEO परिषद I-NEO - I-NEO इंडियन I-NEO काउंसिल I-NEO ऑफ I-NEO मेडिकल I-NEO रिसर्च I-NEO ( I-NEO आईसीएमआर I-NEO ) I-NEO के O सहयोग O से O विकसित O किया O गया O है O । O * O ईबीआरडी B-NEO वाले O देशों O में O इसकी O कार्यप्रणाली O निजी O क्षेत्र O तक O ही O सीमित O है O । O ईबीआरडी B-NEO की O सदस्यता O से O भारतीय O फर्मों O की O प्रतियोगी O क्षमता O का O विकास O होगा O और O व्यावसायिक O अवसरों O , O प्रोक्योरमेंट O गतिविधियों O , O परामर्शक O कार्यों O के O रूप O में O अंतरराष्ट्रीय O बाजार O तक O हमारी O पहुंच O बढ़ेगी O । O * O यूरोपियन B-NEO बैंक I-NEO फॉर I-NEO रिकन्स्ट्रक्शन I-NEO एंड I-NEO डेवलपमेंट I-NEO ईबीआरडी B-NEO की O सदस्यता O प्राप्त O करने O से O संबंधित O मुद्दे O अभी O सरकार O के O विचाराधीन O हैं O । O लेकिन O हार्वर्ड B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO हमारे O साझा O अतीत O का O हिस्सा O नहीं O है O ; O यह O भविष्य O का O बहुत O बडा O हिस्सा O है O जो O हमारी O प्रतीक्षा O कर O रहा O है O । O हालांकि O , O यहां O तक O कि O कुछ O देश O जिन्होंने O अभी O तक O रोम O संविधि O को O स्वीकार O नहीं O किया O है O हो O सकता O है O कुछ O मामलों O में O आईसीसी B-NEO के O साथ O सहयोग O के O लिए O दायित्व O का O विषय O अभी O भी O बना O रहेगा O . O हालांकि O सम्मलेन O के O निर्णय O में O यह O स्पष्ट O नहीं O भी O हो O सकता O है O कि O कौन O से O कदम O उठाए O जाने O हैं O , O यह O तर्क O दिया O गया O है O कि O उन O सम्मेलनों O के O गंभीर O उल्लंघन O की O प्रतिक्रिया O में O आईसीसी B-NEO की O कार्रवाई O को O न O रोकने O के O प्रयासों O के O लिए O कम O से O कम O गैर O - O सदस्यीय O देशों O की O आवश्यकता O होती O है O । O ICTY O ( O जिसने O संपूरकता O के O बजाय O प्रधानता O के O सिद्धांत O के O साथ O काम O किया O ) O के O अनुभवों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O , O सहयोग O के O संबंध O में O , O कुछ O विद्वानों O ने O आईसीसी B-NEO के O लिए O गैर O - O सदस्य O देशों O से O सहयोग O प्राप्त O करने O की O संभावनाओं O पर O अपने O निराशावाद O को O व्यक्त O किया O है O । O मानव O अधिकारों O के O गुनहगारों O के O लिए O आम O माफी O की O पेशकश O के O अधिकार O को O नकार O कर O अंतरराष्ट्रीय B-NEO अपराध I-NEO न्यायालय I-NEO , O संघर्ष O को O समाप्त O करने O और O लोकतंत्र O स्थापित O करने O की O बातचीत O को O और O अधिक O कठिन O बना O सकता O है O । O हालांकि O , O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO और O रेड O क्रॉस O की O अंतर्राष्ट्रीय O समिति O का O कहना O है O कि O युद्ध O अपराध O और O अन्य O गंभीर O अपराधों O के O लिए O अभियुक्तों O को O माफी O देना O अंतरराष्ट्रीय O कानून O का O उल्लंघन O है O । O इंटरनेशनल B-NEO कोर्ट I-NEO ऑफ I-NEO जस्टिस I-NEO के O विपरीत O , O आईसीसी B-NEO , O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO से O कानूनी O और O कार्यात्मक O रूप O से O स्वतंत्र O है O । O हालांकि O , O रोम O संविधि O , O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO सुरक्षा I-NEO परिषद I-NEO को O कुछ O विशेष O शक्तियों O का O अधिकार O देती O है O । O बढ़ते O हुए O निगरानी O ( O कोविड O - O 19 O मामलों O में O क्लस्टरों O वाले O जिलों O या O बढ़ोतरी O की O रिपोर्ट O देने O वाले O जिलों O के O लिए O ) O नमूनों O की O प्रतिनिधि O संख्या O ( O राज्य O निगरानी O अधिकारी O / O केंद्रीय B-NEO निगरानी I-NEO इकाई I-NEO द्वारा O अंतिम O रूप O दी O गई O नमूना O रणनीति O के O अनुसार O ) O उन O जिलों O से O एकत्र O की O जाती O है O जो O बड़ी O संख्या O में O मामलों O को O दर्शाते O हैं O और O जिन्हें O आरजीएसएल B-NEO भेजा O जाता O है O । O मुझे O विश्वास O है O कि O हार्वर्ड B-NEO विश्वविद्यालय I-NEO और O अन्य O शिक्षण O संस्थान O इस O प्रयास O में O उत्साही O भागीदार O होंगे O । O प्रश्न O - O इंसाकॉग B-NEO प्रयोगशालाओं O में O नमूने O भेजने O के O लिए O मानक O संचालन O प्रक्रिया O ( O एसओपी O ) O क्या O है O ? O शहरों O में O सभी O लोगों O के O लिए O किफायती O जल O तथा O स्वच्छता O व्यवस्था O सुनिश्चित O करनी O होगी O और O घरों O - O मुहल्लों O के O आसपास O की O ऐसी O स्थानीय B-NEO व्यवस्थाओं O को O नया O स्वरूप O देना O होगा O जिसमें O स्थानीय O तौर O पर O हर O घर O से O जल O - O मल O संग्रहण O और O उसकी O सफाई O और O निपटान O की O व्यवस्था O हो O । O आरजीएसएल B-NEO जीनोम O सीक्वेंसिंग O और O वेरिएंट O ऑफ O कंसर्न O और O वेरिएंट O ऑफ O इन्टरेस्ट O तथा O अन्य O म्यूटेशनों O की O पहचान O के O लिए O जिम्मेदार O है O । O उत्तर O - O इंसाकॉग B-NEO प्रयोगशालाओं O में O नमूने O भेजने O और O उसके O बाद O जीनोम O सीक्वेंसिंग O विश्लेषण O पर O आधारित O कार्रवाई O की O मानक O संचालन O प्रक्रिया O इस O प्रकार O है O : O प्रत्येक O सदस्य O देश O द्वारा O देय O राशि O , O संयुक्त B-NEO राष्ट्र I-NEO पद्धति O का O उपयोग O करके O निर्धारित O की O जाती O है O - O प्रत्येक O देश O का O योगदान O देश O की O भुगतान O क्षमता O के O आधार O पर O होता O है O , O जो O जनसंख्या O और O राष्ट्रीय O आय O के O कारकों O को O दर्शाता O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O सामान्य O नियम O में O व्यवस्था O है O कि O अधिकारी O / O मंत्री O केवल O एयर B-NEO इंडिया I-NEO से O ही O यात्रा O करें O और O विशेष O स्थिति O में O वित्तीय O सलाहकार O ( O एफए O ) O की O अनुमति O लेनी O होती O है O । O एससीएजी O संभावित O वेरिएंट O ऑफ O इंटरेस्ट O और O अन्य O म्यूटेशनों O के O बारे O में O चर्चा O करता O है O और O यदि O उचित O समझता O है O तो O आगे O की O जाँच O के O लिए O केंद्रीय B-NEO निगरानी I-NEO इकाई I-NEO को O सिफारिश O करता O है O । O वेरिएंट O ऑफ O कंसर्न O और O वेरिएंट O ऑफ O इन्टरेस्ट O के O बारे O में O जानकारी O केंद्रीय B-NEO निगरानी I-NEO इकाई I-NEO आईडीएसपी O को O दी O जाती O है O ताकि O राज्य O निगरानी O अधिकारियों O के O साथ O समन्वय O में O क्लिनिकों O - O महामारी O विज्ञान O सहसंबंध O स्थापित O किया O जा O सके O । O इस O रजिस्ट्रार O को O केंद्र B-NEO सरकार I-NEO के O नियंत्रण O और O निर्देशन O में O काम O करना O पड़ता O है O तथा O उसके O कई O सहायक O हैं O । O भारत B-NEO सरकार I-NEO के O महत्वाकांक्षी O और O बेहद O ज़रूरी O ' O हर O घर O जल O ' O मिशन O में O जल O अवसरंचना O परियोजनाओं O की O इस O बुनियादी O कमी O को O पहचाना O गया O है O और O जल O व्यवस्था O को O निरंतर O टिकाऊ O बनाए O रखने O पर O जोर O दिया O गया O है O ताकि O पाइपों O और O नलों O में O पानी O की O सप्लाई O बनी O रहे O । O एलआरए O नेताओं O ने O विद्रोह O को O समाप्त O करने O के O लिए O आईसीसी B-NEO अभियोजन O पक्ष O से O बार O - O बार O प्रतिरक्षा O की O मांग O की O । O अधिनियम O में O यह O व्यवस्था O है O कि O अंतरराष्ट्रीय O प्रतिलिप्यधिकार O संबंधों O का O विनियमन O केंद्रीय B-NEO सरकार I-NEO द्वारा O समय O समय O पर O प्रचलित O किए O जानेवाले O विधानों O द्वारा O होगा O । O अनुप्रयोगों O पर O जोर O देने O के O बावजूद O , O इसरो B-NEO ने O अंतरिक्ष O की O सार्थक O खोज O के O लिए O कई O अंतरिक्ष O विज्ञान O परियोजनाओं O का O गंभीरतापूर्वक O अनुसरण O किया O है O । O भारतीय B-NEO कृषि I-NEO अनुसंधान I-NEO परिषद I-NEO और O नेशनल O एग्रिकल्चरल O इमेजरी O प्रोग्राम O ( O कृषि O के O हवाई O चित्र O लेने O का O राष्ट्रीय O कार्यक्रम O ) O के O अध्ययन O के O अनुसार O कृषि O अनुसंधान O पर O किया O गया O खर्च O अत्यंत O लाभप्रद O सिद्ध O होता O है O । O केन्द्रीय O सतर्कता O आयोग O किसी O भी O कार्यकारी O प्राधिकारी O के O नियन्त्रण O से O मुक्त O है O तथा O केन्द्रीय B-NEO सरकार I-NEO के O अन्तर्गत O सभी O सतर्कता O गतिविधियों O की O निगरानी O करता O है O । O यदि O वह O नैतिक O चरित्रहीनता O के O आधार O पर O किसी O अपराध O में O केन्द्र B-NEO सरकार I-NEO की O दृष्टि O में O दोषी O पाया O गया O हो O । O यदि O वह O केन्द्रीय B-NEO सरकार I-NEO के O किसी O अनुबंध O अथवा O कार्य O में O सहभाग O करता O हो O । O अगर O हम O पंचायती O राज O संस्थानों O की O अहम O भूमिकाओं O की O बात O करें O , O तो O इनमें O फंड O हासिल O करना O ( O राज्य O सरकारों O के O तय O निर्देशों O के O आधार O पर O ) O , O सामुदायिक O शौचालयों O और O एसएलडब्ल्यूएम B-NEO आधारभूत O संरचना O के O वित्त O पोषण O के O लिए O इन O फंडों O का O योगदान O लेना O आदि O प्रमुख O हैं O । O स्वच्छ O भारत O अभियान O ( O ग्रामीण O ) O के O दूसरे -NEN चरण O की O निगरानी O और O मूल्यांकन O के O काम O की O अगुवाई O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO कर O रहा O है O । O उन्हें O केंद्रीय O एवं O प्रांतीय O विधान B-NEO परिषद I-NEO में O जनसंख्या O के O अनुपात O में O अधिक O प्रतिनिधि O भेजने O का O अधिकार O दिया O गया O । O अप्रत्यक्ष O चुनाव O , O सीमित O मताधिकार O तथा O विधान B-NEO परिषद I-NEO की O सीमित O शक्तियों O ने O प्रतिनिधि O सरकार O को O मिश्रण O - O सा O बना O दिया O । O पेयजल B-NEO और I-NEO स्वच्छता I-NEO विभाग I-NEO ने O तरल O अपशिष्ट O प्रबंधन O ( O धूसर O जल O और O मलयुक्त O गाद O प्रबंधन O ) O के O साथ O - O साथ O प्रकृति O में O आसानी O से O नष्ट O होने O वाले O अपशिष्ट O , O पशुओं O से O संबंधित O अपशिष्ट O ( O गोबर O ) O और O प्लास्टिक O अपशिष्ट O के O प्रबंधन O की O दिशा O में O काम O शुरू O किया O है O , O जिसका O मकसद O अपशिष्ट O को O धन O में O बदलना O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO की O तय O जिम्मेदारियां O हैं O और O यह O सरकार O को O कई O तरह O की O बैंकिंग O सेवाएं O मुहैया O कराता O है O । O सरकार O के O बैंकर O के O तौर O पर O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO विभिन्न O सरकारी O विभागों O के O बदले O पैसा O लेता O और O इसका O भुगतान O करता O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O भारतीय B-NEO चिकित्सा I-NEO अनुसंधान I-NEO परिषद I-NEO ( O आईसीएमआर B-NEO ) O ने O इस O रोगाणु O की O एंटीबॉडी O का O पता O लगाने O के O लिए O स्वदेशी O कोविड O कवच O एलिसा O कवच O टेस्ट O किट O का O विकास O कर O उसे O मान्यता O दी O । O इसके O अलावा O , O पोर्टफोलियो O मैनेजर O की O तरह O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO सरकारों O के O लिए O सरप्लस O नकदी O बैलेंस O के O लिए O निवेश O का O भी O इंतजाम O करता O है O । O रिजर्व B-NEO बैंक I-NEO मौद्रिक O और O बैंकिंग O से O जुड़े O मामलों O में O सरकार O के O सलाहकार O के O तौर O पर O भी O काम O करता O है O । O इसमें O बिग B-NEAR डेटा I-NEAR , O क्लाउड B-NEAR कंप्यूटिंग I-NEAR , O स्मार्ट B-NEAR फोन I-NEAR और O ऐसे O अन्य O नवाचार O शामिल O होंगे O । O योजना B-NEAR : O विकास O को O समर्पित O मासिक O * O ' O योजना B-NEAR ' O विकास O संबंधी O विषयों O पर O केंद्रित O मासिक O है O । O हमने O संक्रमण O पर O नज़र O रखने O के O लिए O आरोग्य B-NEAR सेतु I-NEAR और O टीकाकरण O की O सुविधा O के O लिए O कोविन B-NEAR पोर्टल I-NEAR जैसे O ऐतिहासिक O डिजिटल O प्लेटफॉर्म O बड़ी O तेजी O में O बनाए O । O भारतीय B-NEAR संविधान I-NEAR में O कुछ O अत्यंत O महत्वपूर्ण O संघीय O विशेषताएं O हैं O । O विशेषज्ञ O संस्थाओं O द्वारा O अत्यधिक O प्रदूषण O फैलाने O वाले O उद्योगों O की O वार्षिक O जांच O , O ऑनलाइन O निगरानी O , O प्रक्रियाओं O में O सुधार O , O संयुक्त B-NEAR अवजल O उपचार O संयंत्र O ( O सीईटीपी B-NEAR ) O से O औद्योगिक O प्रदूषण O की O रोकथाम O में O मदद O मिली O है O । O एनकेएन B-NEAR डिजिटल O और O शिक्षा O के O क्षेत्र O में O हमारे O सर्वोत्तम O क्षेत्रीय O सहयोग O की O वास्तविक O अभिव्यक्ति O है O । O त्रिनेत्र B-NEAR ड्रोन I-NEAR निगरानी O प्रौद्योगिकी O से O इस O काम O में O पारदर्शिता O आयी O है O । O भारतीय B-NEAR संविधान I-NEAR ने O ग्रामसभा O व O नगर O स्तरीय O निर्वाचित O इकाइयों O को O ‘ O सेल्फ O गवर्नमेंट O ’ O यानि O ‘ O स्वयं O में O सरकार O ’ O कहा O है O । O दूसरे -NEN चरण O का O यह O अभियान O , O घरों O में O शौचालयों O और O सामुदायिक O स्वच्छता O कॉम्प्लेक्स O के O निर्माण O के O साथ O - O साथ O ठोस O और O तरल O अपशिष्ट O प्रबंधन O ( O मसलन O कंपोस्ट O पिट O , O सोक O पिट O , O बायो B-NEAR गैस I-NEAR संयंत्र I-NEAR आदि O ) O को O बढावा O देगा O । O जागरूक O नागरिकों O को O प्रकृति O संरक्षण O अभियान O में O भाग O लेने O में O मदद O करने O के O लिए O नेचर B-NEAR प्रोटेक्टर I-NEAR ऐप I-NEAR बनाया O गया O है O । O ई B-NEAR - I-NEAR पंचायत I-NEAR को O राष्ट्रीय O ई O - O शासन O योजना O - O नेशनल O ई O - O गवर्नेंस O प्लान O ( O एनईजीपी O ) O के O तहत O चलाया O जा O रहा O है O । O उनके O उपन्यासों O में O आग B-NEAR का I-NEAR दरिया I-NEAR , O गर्दिश B-NEAR - I-NEAR ए I-NEAR रंग I-NEAR - I-NEAR ए I-NEAR चमन I-NEAR और O चांदनी B-NEAR बेगम I-NEAR काफी O मशहूर O हैं O । O जल O आपूर्ति O के O परिमाण O , O गुणवत्ता O और O नियमितता O को O मापने O और O उनकी O निगरानी O के O लिये O सेंसर O आधारित O वस्तुओं O के O इंटरनेट O ( O आईओटी B-NEAR ) O का O सहारा O लिया O जा O रहा O है O । O जल O आपूर्ति O के O लिये O बनायी O गयी O हर O संपदा O की O जियो B-NEAR टैगिंग I-NEAR की O जा O रही O है O । O ईमेल O : O dg B-NEU @ I-NEU nmcg I-NEU . I-NEU nic I-NEU . I-NEU in I-NEU यह O कार्यक्रम O उच्च O गुणवत्ता O वाली O मानसिक O स्वास्थ्य O परामर्श O और O उपचार O सेवाएं O , O मुहैया O करायेगा O । O अंदर O और O बाहर O , O आपूर्ति O लाइनें O छोटी O होंगी O । O वैश्विक O पहुंच O के O आउटलेट O विविध O और O कई O स्तर O के O होंगे O । O आर्थिक O गतिविधि O की O तीव्रता O तेजी O से O गहरी O होगी O क्योंकि O यह O कई O और O खंडों O पर O कब्जा O कर O लेगी O । O यह O भी O ध्यान O में O रखें O कि O भारतीय O उपमहाद्वीप O के O लंबे O इतिहास O में O , O इसका O उच्चतम O शिखर O तब O था O जब O पूर्व O सबसे O अधिक O समृद्ध O था O । O आज O भी O हमारा O राष्ट्रीय O पुनरुत्थान O पूर्व O के O आर्थिक O पुनरुत्थान O से O प्रत्यक्ष O रूप O से O जुड़ा O है O । O यदि O केवल O हम O नीतियों O और O अर्थशास्त्र O को O सही O कर O सकें O तो O यह O निश्चित O रूप O से O भूगोल O पर O काबू O पाने O और O निकट O इतिहास O को O फिर O से O लिखने O की O हमारी O क्षमता O के O भीतर O है O । O और O जैसा O कि O मुख्यमंत्री O ने O बताया O , O हम O इस O संबंध O में O दूर O के O इतिहास O से O ताकत O ले O सकते O हैं O । O तो O आइए O देखते O हैं O कि O वास्तविक O जीवन O में O सतह O पर O इस O दृष्टिकोण O को O कैसे O हासिल O किया O जा O सकता O है O । O वाहनों O की O निर्बाध O आवाजाही O सुनिश्चित O करने O के O लिए O बीबीआईएन O मोटर O वाहन O समझौते O को O लागू O करने O के O लिए O भी O बातचीत O चल O रही O है O । O इसलिए O भूमिहीन O लोगों O के O आप्रवासन O की O आवश्यकता O थी O । O " O व्यंजन O की O प्रकृति O बिंदियां O है O '' O यह O पुरातन O तमिल O भूमि O के O तमिलों O को O स्पष्ट O रूप O से O बताता O है O कि O यह O भूमि O मुर्दों O को O जलाने O के O लिए O उपयोग O की O जाती O थी O । O आक्रमण O कब O हुआ O ? O पूर्वसर्ग O छंद O - O कार्य O का O निर्माण O एवं O संरचना O - O इनमें O निम्नलिखित O के O बारे O में O यह O बताया O गया O है O । O यह O अनूठी O संस्था O सहकारी O संघवाद O का O शानदार O उदाहरण O पेश O करते O हुए O काम O करती O आयी O है O , O जहां O केंद्र O और O राज्यों O ने O करों O तथा O उनसे O संबंधित O मामलों O पर O मिल O - O जुलकर O निर्णय O लिया O । O परिणाम O आधारित O बजट O निर्माण O : O योजना O के O लिए O आवंटन O मात्र O करने O से O परिणाम O आधारित O नतीजों O तक O यह O महत्वपूर्ण O बदलाव O है O । O संघवाद O मजबूत O करने O में O नीति O आयोग O की O भूमिका O नीति O आयोग O समझता O है O कि O राज्य O आर्थिक O वृद्धि O के O वाहक O हैं O और O राष्ट्र O के O विकास O में O बराबर O के O साझेदार O हैं O । O मजबूत O राज्य O ही O मजबूत O राष्ट्र O बनाते O हैं O , O यह O मानकर O नीति O आयोग O ने O सहयोग O कार्यक्रमों O एवं O राज्यों O तथा O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O साथ O लगातार O जुड़े O रहने O की O प्रक्रियाओं O के O जरिये O सहकारी O संघवाद O को O सुदृढ़ O बनाने O की O कई O पहल O की O हैं O । O इनमें O प्रधानमंत्री O / O कैबिनेट O मंत्रियों O के O साथ O सभी O मुख्यमंत्रियों O की O बैठकें O ; O राष्ट्रीय O महत्व O के O विषयों O पर O मुख्यमंत्रियों O के O उप O - O समूह O ; O सर्वश्रेष्ठ O तरीके O साझा O करना O ; O राज्य O / O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O पदाधिकारियों O को O नीतिगत O सहयोग O देना O एवं O उनका O क्षमता O विकास O करना O ; O पिछड़े O जनपदों O के O विकास O के O लिए O आकांक्षी O जिला O योजना O आरंभ O करना O ; O विभिन O क्षेत्रों O में O गहनता O के O साथ O विषय O आधारित O कार्य O करना O ; O भूमि O पट्टे O तथा O कृषि O विपणन O सुधार O के O लिए O आदर्श O कानून O बनाना O ; O तथा O पूर्वोत्तर O , O हिमालयी O राज्यों O एवं O द्वीपों O के O विकास O के O लिए O क्षेत्र O विशेष O योजनाएं O बनाना O शामिल O हैं O । O नीति O आयोग O की O प्रशासनिक O परिषद O में O सभी O राज्यों O एवं O विधानसभा O वाले O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O मुख्यमंत्री O और O अन्य O केंद्रशासित O प्रदेशों O के O उप O राज्यपाल O शामिल O होते O हैं O । O यह O ऐसा O मंच O है O , O जहां O केंद्र O तथा O राज्य O - O टीम O इंडिया O - O मतभेद O दूर O करने O के O लिए O बात O कर O सकते O हैं O और O प्रगति O तथा O समृद्धि O का O साझा O रास्ता O गढ़ O सकते O हैं O । O नीति O आयोग O ने O बुनियादी O ढांचे O के O विकास O के O लिए O तथा O केंद्र O - O राज्य O साझेदारी O मॉडल O : O राज्यों O एवं O केंद्रशासित O प्रदेशों O को O विकास O सहयोग O की O सेवा O तथा O सस्टेनेबल O एक्शन O फॉर O ट्रांसफॉर्मिंग O ह्यूमन O कैपिटल O ( O साथ O ) O कार्यक्रम O जैसी O निजी O - O सार्वजनिक O साझेदारी O में O नई O जान O फूँकने O और O उसे O स्थापित O करने O के O लिए O मॉडल O तथा O कार्यक्रम O भी O चलाए O हैं O । O साथ O ही O क्षेत्रीय O विकास O असंतुलन O दूर O करने O के O उद्देश्य O से O नीति O आयोग O ने O विशेष O ध्यान O एवं O सहायता O की O जरूरत O वाले O क्षेत्रों O जैसे O पूर्वोत्तर O , O द्वीपों O एवं O हिमालय O में O मौजूद O क्षेत्रों O के O लिए O विशेष O कदम O भी O उठाए O हैं O । O नीति O ने O इन O राज्यों O की O खास O बाधाओं O को O पहचानने O तथा O वहां O मौजूद O प्रचुर O प्राकृतिक O संसाधनों O को O बचाते O हुए O सतत O विकास O सुनिश्चित O करने O हेतु O विशेष O नीतियां O बनाने O के O उद्देश्य O से O विशेष O मंच O गठित O किए O । O पौधों O का O नामकरण O और O उस O परिवार O के O अलग O - O अलग O सदस्यों O के O हिसाब O से O इसका O वितरण O जैसी O नवाचारी O गतिविधियों O से O न O सिर्फ O पौधों O का O अस्तित्व O बचे O रहने O की O ज़्यादा O संभावना O होती O है O , O बल्कि O इससे O जागरूकता O भी O बढ़ती O है O और O पारिस्थितिकी O व O समाज O के O बीच O जुड़ाव O मजबूत O होता O है O । O इस O बारे O में O पंचायत O कार्यालय O की O दीवारों O पर O भी O जानकारी O प्रदर्शित O की O जाती O है O और O इसे O नियमित O तौर O पर O अपडेट O भी O किया O जाता O है O । O ग्राम O सभा O प्राथमिकताएं O तय O कर O विकास O योजनाओं O के O कार्यान्वयन O के O लिए O समय O सीमा O तय O करती O है O । O इस O तरह O , O बेहतर O नतीजे O देखने O को O मिलते O हैं O । O इसके O अलावा O , O कानून O बनाकर O संपत्ति O कर O का O नियमित O संग्रह O ज़रूरी O कर O दिया O गया O है O । O इसके O लिए O नियमित O तौर O पर O आकलन O और O मांग O में O भी O संशोधन O करना O ज़रूरी O है O । O संबंधित O अधिकारी O इसका O सख्ती O से O पालन O भी O सुनिश्चित O करते O हैं O । O इन O शुल्कों O का O भुगतान O समय O सीमा O के O भीतर O नहीं O होने O पर O कानून O में O दंडात्मक O कार्रवाई O का O भी O प्रावधान O किया O गया O है O और O जांच O में O गड़बड़ी O पाए O जाने O पर O सरपंच O और O पंचायत O सचिव O को O अयोग्य O ठहराने O की O भी O बात O है O । O इसी O तरह O , O संसाधनों O , O ऊर्जा O की O खपत O और O पानी O के O उपयोग O को O लेकर O सभी O गांवों O का O आकलन O किया O गया O है O , O ताकि O संसाधनों O के O आवंटन O में O गड़बड़ियों O और O बाजार O संबंधी O चुनौतियों O का O पता O लगाया O जा O सके O । O उदाहरण O के O लिए O , O ऊर्जा O संबंधी O जांच O में O सड़कों O पर O मौजूद O सभी O पुराने O बल्बों O के O बदले O एलईडी O बल्ब O लगाए O गए O , O ताकि O बिजली O की O खपत O कम O हो O सके O । O इन O तमाम O कोशिशों O के O जरिये O न O सिर्फ O सरकार O की O वित्तीय O स्थिति O और O उसके O उपयोग O को O लेकर O जागरूकता O में O बढ़ोतरी O हुई O , O बल्कि O वित्तीय O जिम्मेदारी O और O अनुशासन O का O पालन O सुनिश्चित O करने O में O भी O मदद O मिली O है O , O जो O स्थानीय O निकायों O के O कामकाज O को O बेहतर O ढंग O से O लागू O करने O के O लिए O बेहद O जरूरी O है O । O पल्ले O प्रगति O कार्यक्रम O के O हालिया O चरण O में O विकास O संबधी O गतिविधियों O में O लोगों O की O भागीदारी O बढ़ाने O पर O फोकस O किया O गया O । O कानून O में O कहा O गया O है O कि O ये O समितियां O गैर O - O राजनीतिक O इकाई O होनी O चाहिए O जो O लोगों O से O ज़्यादा O से O ज़्यादा O जुड़कर O काम O करें O । O सभी O गांवों O में O ऐसी O समितियों O का O गठन O किया O गया O है O और O उनके O सुझावों O को O पंचायत O की O मासिक O और O ग्राम O सभा O की O पाक्षिक O बैठकों O में O पेश O किया O जाता O है O । O यह O पाया O गया O है O कि O समिति O के O सदस्यों O द्वारा O निगरानी O की O वजह O से O विकास O कार्यक्रमों O के O क्रियान्वयन O के O बेहतर O नतीजे O मिले O हैं O और O जमीनी O स्तर O पर O नवाचार O हो O रहा O है O । O स्वयं O सहायता O समूहों O ने O भी O इन O समितियों O में O भागीदारी O सुनिश्चित O की O है O और O इस O तरह O विभिन्न O मंचों O के O माध्यम O से O सामाजिक O विषयों O पर O सक्रिय O चर्चा O हुई O है O । O इस O तरह O , O अपशिष्ट O प्रबंधन O और O स्वास्थ्य O क्षेत्र O के O लिए O फंड O आवंटन O जैसे O विषयों O पर O भी O बेहतर O चर्चा O मुमकिन O हो O सकी O है O । O इन O तमाम O गतिविधियों O का O मकसद O संविधान O के O 73वें O संशोधन O में O कही O गई O बातों O का O पालन O सुनिश्चित O करना O है O , O ताकि O गांवों O को O लोकतांत्रिक O , O सेहतमंद O और O प्रगतिशील O बनाया O जा O सके O । O तथापि O , O मैं O इस O बात O पर O जोर O दूँगा O कि O विदेश O नीति O के O क्षेत्र O में O इसका O योगदान O विशेष O रूप O से O मजबूत O रहा O है O । O दशकों O से O विदेश O सेवा O के O अनेकों O अधिकारी O यहाँ O से O शिक्षा O प्राप्त O करके O निकले O और O वर्तमान O में O विदेश O मंत्री O और O विदेश O सचिव O दोनों O को O यहाँ O अध्ययन O करने O का O सौभाग्य O प्राप्त O हुआ O है O । O और O उनकी O संख्या O बढ़ती O रह O सकती O है O । O 3. O अब O यह O स्वाभाविक O है O कि O मेरे O भाषण O का O विषय O विदेश O नीति O पर O होना O चाहिए O । O आखिरकार O , O आप O में O से O अधिकांश O अपने O वर्तमान O या O भविष्य O के O व्यवसाय O में O विदेश O नीति O से O सीधे O जुड़े O नहीं O भी O हो O सकते O हैं O । O लेकिन O आपको O मेरा O संदेश O यह O है O कि O आप O जीवन O में O जो O कुछ O भी O करेंगे O , O बाहरी O घटनाओं O का O प्रभाव O उस O पर O बहुत O अधिक O होगा O । O ऐसी O कुछ O गतिविधियाँ O हैं O जो O वैश्वीकृत O दुनिया O से O प्रतिरक्षित O हैं O । O 4. O शायद O हम O बहुत O जटिल O फॉर्मूलेशन O के O साथ O हितों O के O समझदार O लक्ष्यों O को O भ्रमित O करके O उत्तर O को O अधिक O जटिल O बनाते O हैं O । O तो O पारिभाषिक O शब्दावली O को O भूल O जाएँ O और O केवल O अन्दर O के O उत्तरों O की O तलाश O करें O । O दुनिया O से O आपकी O रोजमर्रा O की O जरूरतों O को O बेहतर O तरीके O से O पूरा O किया O जाना O चाहिए O । O जैसे O कि O वह O किया O गया O है O , O हमारी O आकांक्षाओं O की O प्राप्ति O को O सुगम O बनाया O जाना O चाहिए O । O विदेश O नीति O बाहर O से O जुडी O कड़ी O होने O के O कारण O , O इसे O सक्षम O होना O चाहिए O कि O हमें O जो O चाहिए O यह O वह O निकाल O ला O सके O । O यह O प्रौद्योगिकी O या O पूँजी O के O सन्दर्भ O में O हो O , O सर्वोत्तम O प्रथाओं O , O या O यहाँ O तक O कि O काम O के O अवसरों O के O संदर्भ O में O भी O हो O सकता O है O । O और O स्पष्ट O रूप O से O हम O सब O मजबूत O होना O चाहेंगे O ; O हम O अच्छा O दिखना O चाहते O हैं O और O हम O चाहेंगे O कि O हमारी O सराहना O हो O । O कोई O भी O नीति O जो O इन O सभी O लक्ष्यों O को O सुनिश्चित O करती O है O , O उसके O लिए O बहुत O कुछ O अच्छा O है O । O जरूरी O नहीं O कि O वह O अच्छी O लगे O ; O इसे O केवल O अच्छी O दिखना O होगा O । O इस O उपलब्धि O को O अभूतपूर्व O और O विस्मयकारी O माना O जा O सकता O है O । O पीपीई O और O वेंटिलेटर O लेकिन O वह O इस O तंगी O से O तेजी O से O उबरते O हुए O जल्दी O ही O गुणवत्तापूर्ण O पीपीई O का O निर्यातक O भी O बन O गया O । O कई O अन्य O कंपनियों O ने O भी O वेंटिलेटर O समेत O अनेक O उपकरणों O का O निर्माण O किया O है O । O जांच O , O निगरानी O और O निदान O जांच O , O निगरानी O और O निदान O कोविड O - O 19 O के O प्रबंधन O और O रोकथाम O के O लिये O जरूरी O हैं O । O इस O रणनीति O को O प्रभावी O ढंग O से O लागू O किये O जाने O से O यात्रा O और O आजीविका O से O संबंधित O गतिविधियों O को O सामान्य O बनाने O में O मदद O मिलती O है O । O जांच O की O संख्या O बढ़ाने O के O लिये O आसान O नमूना O संग्रह O प्रोटोकॉल O और O किफायती O परीक्षण O निदान O की O ज़रूरत O होती O है O । O विभिन्न O क्षेत्रों O , O अनुसंधान O संस्थानों O तथा O सत्यापन O , O प्रमाणन O और O निर्माण O उद्योग O ने O मिलकर O काम O करते O हुए O निदान O किटों O का O विकास O और O निर्माण O किया O । O कोरोश्योर O नाम O से O बाजार O में O उपलब्ध O यह O जांच O किफायती O है O । O यह O जांच O पीसीआर O मशीनों O के O बेहद O बुनियादी O मॉडलों O के O साथ O भी O की O जा O सकती O है O । O सीरो O - O निगरानी O के O काम O में O इसका O उपयोग O किया O जा O रहा O है O । O चिकित्सा O विधान O और O औषधि O ये O श्रेणियां O हैं O - O पुनर्डद्देशन O , O नये O रसायन O , O पादप O - O फार्मास्यूटिकल O और O पारंपरिक O चिकित्सा O ज्ञान O से O प्राप्त O औषधियां O । O ये O दवाएं O हैं O - O एंटीवायरल O रेमडेसिविर O और O फैविपिराविर O , O स्टीरॉयड O डेक्सामेथासोन O तथा O इम्यून O सप्रेसेंट O मोनोक्लोनल O एंटीबॉडी O टोकीलिजुमैब O और O ईटोलिजुमैब O । O इसके O अलावा O आयुर्वेदिक O उत्पादों O की O उपलब्धता O में O भी O सुधार O किया O गया O । O हर O देश O को O सिर्फ O मौजूदा O ही O नहीं O बल्कि O भविष्य O के O संकट O से O निपटने O के O लिये O भी O तैयारी O करनी O चाहिये O । O * O प्रसंस्करित O फूड्स O * O परफ्यूम्स O एवं O टॉयलेटरी O * O ऑटोमोबाइल्स O एवं O ऑटो O पार्ट्स O * O फुटवीयर O * O डायमंड O , O कीमती O स्टोन्स O एवं O ज्वेलरी O * O इलेक्ट्रॉनिक्स O एवं O हार्डवेयर O * O एलसीडी O / O एलईडी O / O ओएलईडी O पैनल O एवं O अन्य O सामान O * O फर्नीचर O * O घडियां O एवं O दीवार O घड़ियां O * O खिलौने O , O तिपहिया O साइकिल O , O स्कूटर O , O पेडल O कार O , O खेल O उपस्कर O * O कच्चा O काजू O * O खाद्य O तेल O * O रिफ्रैक्ट्री O आइटम्स O * O विविध O ( O मोमबत्तियां O , O चश्मे O आदि O ) O इतना O ही O नहीं O सौर O बैटरी O / O पैनल O / O मॉडयूल्स O विनिर्माण O के O निर्माण O से O संबंधित O सोलर O टैम्पर्ड O ग्लास O तथा O सी O - O इम्प्लांट O के O लिए O जरूरी O कच्चे O माल O , O पार्ट O अथवा O एसेसरीज O को O सीमा O शुल्क O से O मुक्त O कर O दिया O गया O है O । O ये O अधिक O सूक्ष्म O रुख O के O सूचकांक O हैं O । O इस O कदम O की O आलोचना O भी O हुई O है O , O क्योंकि O कुछ O विशेषज्ञों O ने O इसे O दमनकारी O बताया O है O । O क्या O इससे O यह O संदेश O जायेगा O कि O भारतीय O उद्योग O वैश्विक O स्तर O पर O प्रतिस्पधात्मक O होने O के O बजाय O संरक्षण O चाहता O है O । O इतना O ही O नहीं O , O शुल्क O में O बढ़ोतरी O हमेशा O लॉबी O पर O आधारित O रही O है O , O उदाहरण O के O तौर O पर O स्टील O , O अल्युमिनियम O आदि O । O तीसरा O , O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O तथा O कॉरपोरेट O कंपनियों O के O ऑनलाइन O बिल O डिस्काउंटिंग O प्लेटफॉर्म O ट्रेड O इलेक्ट्रॉनिक O रिसीवेबल O डिस्काउंटिंग O सिस्टम O ( O टीआरईडीएस O ) O - O से O जुड़ने O की O घोषणा O की O जा O चुकी O है O । O इतना O ही O नहीं O इसके O जीएसटीएन O नेटवर्क O से O जुड़ने O की O भी O घोषणा O की O गयी O है O , O ताकि O बड़े O बायर्स O और O एमएसएमई O विक्रेताओं O के O बीच O लेन O - O देन O स्वतः O सत्यापित O हो O सके O और O एमएसएमई O कंपनियों O की O कारोबारी O पूंजी O की O समस्याएं O सुलझ O सकें O । O इसके O लिए O कुछ O और O विधायी O उपाय O किये O जाने O की O जरूरत O है O । O डूबते O कर्ज O के O निपटान O की O चुनौतियां O बैंक O वित्तीय O मध्यस्थता O विकास O का O इंजन O है O क्योंकि O वह O जिन O लोगों O के O पास O बचत O है O उनसे O पैसे O जमा O करवाकर O उसे O निवेश O गतिविधियों O के O लिए O उधार O देकर O अर्थव्यवस्था O में O पैसे O का O परिचालन O करता O है O । O इससे O अर्थव्यवस्था O पर O व्यापक O प्रभाव O पड़ता O है O । O उधार O से O उत्पादक O संसाधनों O की O मांग O का O निर्माण O होता O है O और O वस्तु O एवं O सेवाओं O की O आपूर्ति O करने O वाले O लोगों O की O आय O में O बढ़ोतरी O होती O है O । O एक O का O खर्च O दूसरे O की O आय O है O । O यह O उच्च O सकल O घरेलू O उत्पाद O ( O जीडीपी O ) O और O तेज O उत्पादक O वृद्धि O का O मार्ग O प्रशस्त O करता O है O । O उधार O देने O में O संकुचन O से O विपरीत O प्रभाव O पड़ता O है O और O विकास O लडखड़ा O जाता O है O । O ट्विन O बैलेंस O शीट O की O समस्या O यानि O अति O प्रवाह O और O संकटग्रस्त O कंपनियां O मिलकर O पीएसबी O के O एनपीए O को O बढ़ाती O हैं O जिससे O अर्थव्यवस्था O में O निवेश O बाधित O होता O है O । O इसलिए O यहाँ O टैंकरों O और O पानी O की O गाड़ियों O से O पेयजल O आपूर्ति O की O जाती O रही O है O । O इस O दौरान O टैंकरों O और O रेलगाड़ियों O के O जरिए O बड़े O पैमाने O पर O पेयजल O पहुँचाने O सहित O विभिन्न O प्रयास O किए O गए O थे O । O इसके O मद्देनजर O दृढ़ O कई O नीतिगत O निर्णय O लिए O गए O जिनसे O राज्य O में O पेयजल O सुरक्षा O प्राप्त O करने O में O मदद O मिली O । O मांग O और O आपूर्ति O के O प्रबंधन O के O साथ O - O साथ O विभिन्न O स्तरों O पर O जवाबदेही O सुनिश्चित O करने O के O लिए O जल O क्षेत्र O को O एकीकृत O किया O गया O था O । O बढ़ती O आर्थिक O गतिविधियों O और O बेहतर O जीवन O की O लोगों O की O आकांक्षाओं O के O कारण O पानी O की O बढ़ती O मांग O को O पूरा O करने O के O लिए O , O जल O सुरक्षा O को O प्राप्त O करने O के O वास्ते O निम्नलिखित O व्यापक O कार्यनीति O अपनाई O गई O : O लोगों O को O सभी O जल O संरक्षण O और O प्रबंधन O प्रयासों O में O शामिल O किया O गया O ; O उनके O संघर्ष O की O गाथा O भी O सामयिक O साहित्य O में O प्रतिबिंबित O होनी O चाहिये O । O बाद O में O सुधारवादियों O को O सैद्धांतिक O चरमपंथ O तथा O साहित्य O को O साम्यवाद O के O प्रचार O के O लिए O हथियार O बनाने O के O लिए O दोषी O माना O गया O । O उनके O प्रचार O की O कड़ी O प्रतिक्रिया O के O फलस्वरूप O साहित्य O आधुनिकतावादी O विचारधारा O के O रूप O में O प्रकट O हुआ O । O हालांकि O इस O तथ्य O से O भी O इनकार O नहीं O किया O जा O सकता O है O कि O प्रगतिवाद O आंदोलन O ने O हमारा O ध्यान O जीवन O की O कठोर O हकीकत O की O ओर O खींचा O और O यथार्थवाद O , O साहित्य O को O जीवन O के O करीब O लेकर O आया O । O आखिरकार O नये O राष्ट्र O नई O महत्वाकांक्षाओं O और O उम्मीदों O के O साथ O उभरकर O आए O । O बाद O के O काल O में O साहित्य O में O तीखे O सैद्धांतिक O मतभेद O कम O होने O लगे O और O कई O लेखकों O को O यह O महसूस O होने O लगा O कि O वे O अपने O विचारों O को O सैद्धांतिक O प्रतिबद्धता O के O साथ O नहीं O लिख O सकते O हैं O क्योंकि O यह O उनके O लिए O बड़ी O बाधा O थी O । O उत्तर O आधुनिकतावाद O काल O और O फिर O वर्तमान O काल O ने O साहित्यिक O अभिव्यक्ति O के O लिए O कई O नये O विषय O प्रदान O किये O हैं O । O यहां O कुछ O महत्वपूर्ण O साहित्यिक O विधाओं O के O प्रमुख O कार्यों O का O संक्षिप्त O में O विवरण O दिया O जा O रहा O है O । O उर्दू O शायरी O - O उर्दू O साहित्य O की O सबसे O लोकप्रिय O विधा O है O शायरी O । O मत O सहल O हमें O जानो O फिरता O है O फ़लक O बरसों O , O तब O खाक O के O पर्दे O से O इंसान O निकलते O हैं O । O ( O हमें O आसान O सी O उपलब्धि O के O लिए O आदमी O मत O मानना O / O आदमी O के O धरती O के O गर्भ O से O बाहर O आने O के O पहले O आसमान O ने O सालों O तक O चक्कर O लगाए O हैं O । O उनकी O मशहूर O शायरी O - O " O सब O ठाठ O पड़ा O रह O जावेगा O जब O लाद O चलेगा O बंजारा O । O ( O जब O अंत O समय O आएगा O तब O सारी O सुख O - O सुविधाएं O यूं O ही O पड़ी O रह O जाएंगी O और O बंजारा O अपना O सामान O लादकर O चल O पड़ेगा O । O देश O का O भविष्य O नौकरशाही O में O सुधार O के O बिना O प्रगतिशील O नहीं O हो O सकता O । O सेवा O का O युक्तिकरण O और O समन्वय O समय O की O मांग O है O । O मौजूदा O लोक O सेवकों O को O भी O उनकी O शैक्षिक O विशेषज्ञता O तथा O कार्यस्थल O पर O प्राप्त O व्यावहारिक O अनुभव O के O आधार O पर O कार्य O सौंपे O जाने O चाहिए O । O लोक O सेवक O , O प्रधान O जन O सेवक O होते O हैं O , O उनके O लिए O उत्कृष्टता O की O कसौटी O संभ्रांतता O नहीं O बल्कि O यह O होनी O चाहिए O कि O वे O जिनका O प्रतिनिधित्व O करते O हैं O उनके O साथ O कितने O जुडे O हुए O हैं O । O लोक O सेवा O सुधारों O को O सेवाओं O की O पुरानी O संरचना O और O संस्कृति O का O पुनर्विन्यास O करना O चाहिए O तथा O औपनिवेशिक O परंपरा O का O त्याग O करना O चाहिए O ताकि O नागरिकों O के O लिए O सेवाओं O की O गुणवत्ता O और O संवेदनशीलता O को O बढाया O जा O सके O जो O कि O सतत O आर्थिक O और O सामाजिक O विकास O के O लिए O जरूरी O है O । O इस O पुरस्कार O के O साथ O कोई O आर्थिक O सहायता O या O नकद O पुरस्कार O नहीं O दिया O जाता O । O अपवाद O और O अत्यधिक O विशेष O मामलों O को O छोड़कर O यह O पुरस्कार O मरणोपरान्त O नहीं O दिया O जाएगा O । O आवेदन O करने O का O तरीका O : O हर O वर्ष O सार्वजनिक O रूप O से O नामांकन O आमंत्रित O किए O जाएंगे O । O आवेदन O गृह O मंत्रालय O की O वेबसाइट O पर O ऑनलाइन O भेजने O होंगे O । O व्यक्ति O स्वयं O को O भी O नामित O कर O सकते O हैं O । O अधिक O विवरण O के O लिए O देखें O वेबसाइट O - O हमें O इन O लेखकों O के O संदर्भों O में O साहित्य O को O परिभाषित O करने O के O लिए O नए O प्रतिमानों O की O आवश्यकता O है O जो O किसी O भी O आयातित O वैचारिक O प्रतिमान O के O प्रति O प्रवृत्त O न O हों O । O विश्व O साहित्य O की O ही O तरह O , O बहुभाषावाद O भारतीय O साहित्य O के O लिए O अनुवाद O की O केंद्रीयता O की O ओर O ले O जाता O है O । O कई O बड़े O कवि O और O अनुवादक O संस्कृत O और O प्राकृत O में O कविता O संग्रहों O का O अनुवाद O कर O रहे O हैं O । O भाषा O साहित्य O की O स्थानीय O संरचना O के O अनुवाद O की O योग्यता O न O होने O की O पूर्व O स्थापित O धारणा O भी O तेजी O से O बदल O रही O है O । O जिन्होंने O स्वतंत्रता O संग्राम O में O अपने O प्राणों O की O आहुति O दी O । O प्रधानमंत्री O ने O जोर O देकर O कहा O कि O आजादी O का O अमृत O महोत्सव O का O अर्थ O स्वतंत्रता O की O ऊर्जा O का O अमृत O है O । O इसका O अर्थ O हुआ O स्वतंत्रता O संग्राम O के O योद्धाओं O की O प्रेरणाओं O का O अमृत O ; O नए O विचारों O और O संकल्पों O का O अमृत O और O आत्मनिर्भरता O का O अमृत O । O तभी O लोकतांत्रिक O शासन O के O अर्थ O को O प्रतिष्ठा O मिलेगी O । O नियंत्रण O / O जांच O के O लिए O विभिन्न O एजेंसियों O की O स्थापना O के O बावजूद O भारतीय O लोकतंत्र O का O सबसे O गरिमापूर्ण O प्रतीक O अब O कमजोर O हो O गया O है O । O राजनीतिज्ञों O , O नौकरशाहों O और O उद्योगपतियों O के O बीच O सांठगांठ O को O देखा O जा O सकता O है O जिसके O परिणामस्वरूप O भ्रष्टाचार O और O भ्रष्ट O आचरण O हुए O हैं O । O वास्तव O में O भ्रष्टाचार O राजनीतिक O अस्थिरता O और O संस्थागत O क्षय O का O संकेत O है O जो O शासन O की O वैधता O और O उपयुक्तता O को O चुनौती O देता O है O । O बडे O पैमाने O पर O भ्रष्टाचार O के O अलावा O अपराधीकरण O ने O भी O वर्तमान O स्थिति O में O भारतीय O चुनावी O राजनीति O की O छवि O को O धूमिल O किया O है O । O स्पष्ट O उदाहरण O यह O है O कि O राजनीति O के O अपराधीकरण O का O अर्थ O अनैतिक O लाभ O के O लिए O राजनीति O या O राजनीतिक O शक्ति O का O उपयोग O करना O है O । O इसलिए O , O राजनीति O का O अपराधीकरण O लोकतांत्रिक O मूल्यों O के O बिल्कुल O विपरीत O है O और O लोकतांत्रिक O व्यवस्था O में O इसका O कोई O स्थान O नहीं O है O । O यहां O हमारे O मतदाता O , O राजनीतिक O दल O और O देश O के O किसी O भी O राज्य O की O कानून O व्यवस्था O सभी O इसके O लिए O समान O रूप O से O जिम्मेदार O हैं O । O सार्वजनिक O नीति O निर्धारण O और O शासन O पर O प्रभाव O डालने O के O लिए O पिछले O कुछ O वर्षों O के O दौरान O राजनेताओं O , O जन O प्रशासकों O और O व्यावसायिक O घरानों O के O बीच O सांठगांठ O का O होना O काफी O पीड़ादायक O है O । O सुशासन O की O स्थापना O संयोग O से O नहीं O होती O है O । O ये O समस्याएं O हैं O : O (आ) O वस्त्र O आयात O , O (इ) O जमा O हुए O इनपुट O टैक्स O क्रेडिट O की O वापसी O की O अनुमति O नहीं O मिलना O , O (ड) O हस्तनिर्मित O हथकरघा O एवं O हस्तशिल्प O उत्पादों O को O जीएसटी O के O दायरे O से O छूट O नहीं O मिलना O आदि O । O निष्कर्ष O किंतु O मानव O निर्मित O धागे O से O बने O कपड़ों O की O कीमतें O उसी O दौरान O बढ़ O गईं O । O उपरोक्त O अवधि O में O कपड़ा O उत्पादन O भी O कुछ O कम O हो O गया O । O क्षेत्र O विशेष O के O आंकड़े O बताते O हैं O कि O उपरोक्त O अवधि O में O रेशम O उत्पादन O तथा O उससे O मिलने O वाले O रोजगार O में O वृद्धि O हुई O । O इससे O पता O चलता O है O कि O जीएसटी O के O क्रियान्वयन O के O समय O कपड़ा O उद्योग O में O मंदी O आई O , O लेकिन O दीर्घावधि O में O जीएसटी O उत्पादन O , O निर्यात O तथा O रोजगार O सृजन O की O दृष्टि O से O कपड़ा O उद्योग O की O वृद्धि O की O गति O बढ़ाएगा O । O लेखक O जाने O - O माने O तकनीक O विशेषज्ञ O हैं O । O जब O हम O ऐसे O दूसरे O देशों O की O तरफ O देखते O हैं O जिन्हें O हमारे O साथ O ही O आज़ादी O मिली O , O तो O हमारी O उपलब्धियां O स्पष्ट O हो O जाती O हैं O । O आगे O का O रास्ता O टेक्नोलॉजी O संबंधी O नवाचार O : O दुनिया O भर O में O कृषि O विज्ञान O के O क्षेत्र O में O टेक्नोलॉजी O संबंधी O अनेक O खोजें O और O आविष्कार O हो O रहे O हैं O जिनसे O जलवायु O परिवर्तन O के O असर O को O कम O करने O ; O पैदावार O बढ़ाने O और O क्षारता O , O बाढ़ O व O सूखे O जैसे O जैव O दबावों O को O कम O किया O जा O सकता O है O । O आज O टेक्नोलॉजी O का O उपयोग O पहचानी O न O जा O सकने O वाली O अनगिनत O समस्याओं O के O समाधान O में O किया O जा O रहा O है O और O यह O जलवायु O परिवर्तन O के O दुष्प्रभाव O को O दूर O करने O में O क्रांतिकारी O भूमिका O निभा O सकता O है O । O देश O संशोधित O जीन O वाले O उत्पादों O के O सुरक्षित O उपयोग O के O बारे O में O दिशानिर्देश O भी O तैयार O कर O रहा O है O । O अगर O वैज्ञानिकों O को O प्रजनन O की O आधुनिक O तकनीकों O से O वाणिज्यिक O उपयोग O के O लिए O किस्में O तैयार O करने O की O इजाजत O मिल O जाती O है O तो O इससे O देश O को O बड़ा O फायदा O होगा O । O आने O वाले O समय O में O इस O तरह O की O नीतियां O बनाना O आवश्यक O होगा O । O संसाधनों O के O संरक्षण O की O टेक्नोलॉजी O के O आर्थिक O और O पर्यावरण O संबंधी O परिणाम O हो O सकते O हैं O और O इन्हें O खेतों O के O स्तर O पर O अपनाया O जाने O लगा O है O । O सूक्ष्म O सिंचाई O प्रणालियों O को O भी O अब O बड़े O पैमाने O पर O अपनाया O जाने O लगा O है O क्योंकि O इनसे O पानी O की O किफायत O के O साथ O - O साथ O पैदावार O दुगनी O करने O में O मदद O मिलती O है O । O इन O किताबों O में O राष्ट्रीय O नेताओं O की O जीवनियां O , O बाल O साहित्य O व O प्रमुख O पब्लिशिंग O हाउस O सस्ता O साहित्य O मंडल O के O सह O प्रकाशन O में O आई O किताबें O शामिल O हैं O । O मेले O ने O प्रकाशन O विभाग O को O पुस्तक O प्रेमियों O के O विस्तृत O वर्ग O तक O पहुंचने O व O उनकी O महत्वपूर्ण O प्रतिक्रिया O जानने O का O अवसर O दिया O । O इस O निधि O के O लिए O धनराशि O कुछ O चुनी O हुई O वस्तुओं O पर O उपकर O लगाकर O अर्जित O करने O का O प्रावधान O किया O गया O । O करों O में O राज्यों O की O हिस्सेदारी O बरकरार O रखना O इस O सामूहिक O संघर्ष O में O देश O ने O सहकारी O संघवाद O और O विकेंद्रीकृत O प्रशासन O की O नई O ताकत O प्रदर्शित O की O है O । O विशेषताएं O : O एप्लीकेशन O ये O सुविधाएं O उपलब्ध O कराता O है O सिंगल O इंटरफेस O सार्वजनिक O व्यय O की O निगरानी O कार्य O आधारित O प्रवाह O तर्कसंगत O बनाना O बेहतर O रिपोर्टिंग O और O ट्रैकिंग O सुरक्षित O करना O इस O प्रणाली O में O नियंत्रक O और O महालेखाकार O ( O सीएजी O ) O के O कार्यालय O द्वारा O निर्धारित O मॉडल O अकाउंटिंग O सिस्टम O अपनाया O जाता O है O । O इससे O पंचायती O राज O संस्थानों O की O साख O बढ़ती O है O और O ये O संस्थान O अधिक O मजबूत O बनते O हैं O । O * O ई O - O ग्राम O स्वराज O पीएफएमएस O एकीकरण O : O ई O - O ग्राम O स्वराज O , O पीएफएमएस O , O और O कोर O बैंकिंग O सिस्टम O ( O सीबीएस O ) O के O बीच O डेटा O एनेबलिंग O के O माध्यम O से O किया O गया O था O । O डेटाफ्लो O का O विवरण O ऊपर O दिए O गए O चित्र O में O देखा O जा O सकता O है O । O पंचायतों O ने O ऑनलाइन O भुगतान O की O व्यवस्था O अपनाई O । O केंद्र O सरकार O द्वारा O प्रायोजित O योजनाओं O के O तहत O सहयोग O : O * O आईसीयू O बेड O की O क्षमता O में O बढ़ोतरी O करना O * O आसपास O के O बाकी O सरकारी O अस्पतालों O में O बेड O की O संख्या O बढ़ाना O * O एम्बुलेंस O के O मौजूदा O बेडों O में O वृद्धि O * O अंडर O - O ग्रेजुएट O और O पोस्ट O - O ग्रेजुएट O मेडिकल O इंटर्न O , O एमबीबीएस O , O बीएससी O और O जीएनएम O नर्सिंग O के O आखिरी O साल O के O छात्र O - O छात्राओं O को O इस O अभियान O से O जोड़ना O जरूरी O दवाओं O का O बफर O स्टॉक O तैयार O करना O * O लिक्विड O मेडिकल O ऑक्सीजन O टैंक O और O मेडिकल O गैस O पाइपलाइन O सिस्टम O इंस्टॉल O करना O * O दवा O और O जांच O की O उपलब्धता O सुनिश्चित O करना O * O आईटी O संबंधी O पहल O जिनमें O सभी O जिलों O में O टेलीफोन O से O मेडिकल O सलाह O की O सुविधा O सुनिश्चित O करना O भी O शामिल O है O । O * O राज्य O और O जिला O स्तर O पर O कंट्रोल O रूम O स्थापित O करना O और O हेल्पलाइन O नंबर O मुहैया O कराना O , O ताकि O बेड O , O एंबुलेंस O , O जांच O की O स्थिति O , O टीकाकरण O केंद्र O आदि O के O बारे O में O जानकारी O उपलब्ध O कराई O जा O सके O । O इसकी O मुख्य O वजह O सरकारी O विभाग O और O आवेदक O या O उपभोक्ता O के O बीच O मौजूद O सूचनाओं O की O प्रणाली O का O व्यवस्थित O नहीं O होना O है O । O सरकार O के O पास O सभी O तरह O की O सूचनाएं O होती O हैं O , O लेकिन O मुमकिन O है O कि O वह O इसे O सार्वजनिक O पटल O पर O नहीं O पेश O करे O । O साथ O ही O , O हो O सकता O है O कि O आवेदक O या O ग्राहक O के O पास O प्रक्रिया O का O पालन O करने O के O लिए O जागरूकता O या O सूचना O नहीं O हो O । O इसके O अलावा O , O शिकायत O निपटारा O तंत्र O की O कमी O और O उपभोक्ताओं O के O पास O काम O कराने O के O लिए O बिचौलिए O के O पास O जाने O के O सिवा O कोई O विकल्प O न O होने O जैसी O समस्याएं O भी O हैं O । O इसका O मकसद O सिस्टम O की O गड़बड़ियों O से O निपटना O है O । O हालांकि O , O सूचना O साझा O तंत्र O और O शिकायत O निपटारा O विकल्प O , O दोनों O के O लिहाज O से O इस O सुधारवादी O उपाय O के O असर O को O लेकर O बार O - O बार O चिंताएं O जताई O गई O हैं O । O इसके O बावजूद O नागरिक O घोषणापत्र O की O अहमियत O को O कमतर O नहीं O आंका O जा O सकता O है O । O अब O मौजूदा O वक्त O की O जरूरत O है O कि O इस O कार्यक्रम O को O पुनर्जीवित O किया O जाए O और O इसे O सरकारी O विभागों O में O फिर O से O लागू O किया O जाए O , O ताकि O वे O न O सिर्फ O अपने O उपभोक्ताओं O बल्कि O खुद O के O प्रति O भी O जवाबदेह O बनें O । O नागरिक O घोषणापत्र O का O विकास O इसका O मकसद O लोगों O की O जरूरतों O और O उम्मीदों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O सार्वजनिक O सेवाओं O की O तरफ O फिर O से O ध्यान O केंद्रित O करना O था O । O इसमें O नागरिक O घोषणापत्र O लागू O करने O वाले O सार्वजनिक O सेवा O प्रदाताओं O के O कुछ O सिद्धांतों O को O अपनाने O की O बात O कही O गई O थी O । O इनमें O ये O बातें O शामिल O थीं O - O * O सेवा O का O स्तर O तय O करना O * O खुलेपन O और O पारदर्शिता O पर O बल O * O आखिरी O उपभोक्ता O की O सहभागिता O और O उससे O सलाह O * O पसंद O को O बढ़ावा O और O प्रोत्साहन O * O सभी O के O साथ O बिना O भेदभाव O वाला O व्यवहार O * O मामला O गलत O दिशा O में O जाने O पर O उसे O दुरुस्त O करना O * O संसाधनों O का O असरदार O इस्तेमाल O * O नवोन्मेष O और O सुधार O * O अन्य O प्रदाताओं O के O साथ O मिलकर O काम O करना O । O बेशक O उन O देशों O ने O इस O अभियान O का O नाम O अलग O - O अलग O रखा O । O मूल्यवान O सामग्री O को O अनियंत्रित O अनौपचारिक O क्षेत्र O के O हाथों O में O पहुंचने O से O रोकने O के O लिये O ईपीआर O लक्ष्यों O को O लागू O करना O तथा O औपचारिक O रिसाइक्लिंग O प्रवाह O और O प्रक्रिया O की O विस्तृत O निगरानी O पहला O महत्वपूर्ण O कदम O है O । O इस O निगरानी O के O परिणामस्वरूप O सबके O लिये O समानता O आयेगी O और O सभी O हितधारक O संग्रह O , O विखंडन O , O प्रसंस्करण O , O निस्सारण O और O रिसाइक्लिंग O की O प्रक्रियाओं O के O दौरान O अपनी O भूमिकाओं O के O लिये O जवाबदेह O बनेंगे O । O इस O तरह O प्रक्रिया O के O सभी O चरणों O में O रिसाइक्लिंग O श्रृंखला O के O सर्वोत्तम O उपयोग O के O लिये O चरणबद्ध O दृष्टिकोण O अपनाना O जरूरी O है O । O इसके O विपरीत O मौजूदा O नीति O में O सिर्फ O प्रक्रिया O के O शुरुआती O और O आखिरी O चरणों O पर O ध्यान O दिया O जाता O है O । O रिसाइक्लिंग O की O प्रक्रिया O के O सभी O चरणों O की O अंतर्राष्ट्रीय O सर्वश्रेष्ठ O परिपाटी O के O आलोक O में O समीक्षा O की O जानी O चाहिये O ताकि O वित्तीय O , O पर्यावरणीय O और O संसाधनों O की O दृष्टि O से O अधिकतम O कुशलता O हासिल O की O जा O सके O । O मांग O पक्ष O में O , O नव O - O मालथसवादी O सिद्धांत O के O अनुसार O ई O - O कबाड़ O संग्रह O की O क्षमता O को O ज्यादा O - O से O - O ज्यादा O विकेन्द्रित O बनाया O जाना O महत्वपूर्ण O है O और O इसके O अनेक O लाभ O हैं O - O इससे O रिसाइकिल O करने O वालों O की O एकाधिकार O की O प्रवृत्ति O पर O अंकुश O लगेगा O और O बाजार O हस्तक्षेपों O से O मुक्त O होकर O काम O कर O सकेगा O । O वे O अपने O ई O - O कबाड़ O के O निस्तारण O के O लिये O विभिन्न O स्थानीय O विकल्पों O के O बीच O चयन O कर O सकेंगे O । O यह O कबाड़ O प्रबंधन O से O संबंधित O मसलों O को O हल O करने O का O सबसे O मजबूत O तरीका O है O । O इसके O अलावा O जनसाधारण O को O संवहनीयता O के O लाभों O और O उपभोक्तावाद O के O नुकसान O के O बारे O में O उद्योग O के O अभियानों O और O मीडिया O के O जरिये O जागरूक O बनाया O जाना O चाहिये O । O यह O काम O पर्यावरणीय O न्याय O के O विश्लेषण O के O माध्यम O से O भी O किया O जा O सकता O है O । O किसी O उत्पाद O के O अनौपचारिक O श्रृंखला O में O पहुंचने O के O खास O तौर O से O कमजोर O और O सबसे O ज्यादा O उपेक्षित O कामगारों O पर O पड़ने O वाले O प्रभाव O से O लोगों O को O अवगत O कराया O जाना O चाहिये O । O अंतरिक्ष O क्षेत्र O में O दूरगामी O सुधार O किए O गए O हैं O जिनका O उद्देश्य O अंतरिक्ष O गतिविधियों O की O पूरी O श्रृंखला O में O निजी O क्षेत्र O की O भागीदारी O को O बढ़ावा O देना O है O । O इन O सुधारों O से O , O देश O को O अंतरिक्ष O गतिविधियों O के O अगले O चरण O में O तेजी O से O ले O जाने O में O मदद O मिलेगी O और O इस O क्षेत्र O को O नई O ऊर्जा O और O गतिशीलता O प्राप्त O होगी O । O प्रस्तावित O सुधार O अंतरिक्ष O परिसंपत्तियों O और O गतिविधियों O के O सामाजिक O - O आर्थिक O उपयोग O को O बढ़ाएंगे O , O जिसमें O अंतरिक्ष O परिसंपत्ति O , O डेटा O और O सुविधाओं O तक O बेहतर O पहुंच O शामिल O है O । O महत्वपूर्ण O तथ्य O यह O है O कि O भारत -NEL ने O इस O दिशा O में O आगे O बढ़ते O हुए O अपनी O विदेश O नीति O में O फॉरवर्ड O , O रिशेपिंग O और O रिबिलेंसिंग O जैसी O विशेषताओं O को O बराबर O स्थान O दिया O । O आईटीआर O ( O इंटरनेशनल O टेलीकम्युकेशन O रेग्युलेशन O ) O कन्वेंशन O पर O हस्ताक्षर O और O अश्गाबात O करार O के O लिए O मल्टी O - O मॉडल O ट्रांसपोर्ट O पर O सहमति O इसी O दिशा O में O महत्वपूर्ण O कड़ियां O हैं O । O उसकी O सफलता O के O कुछ O कारण O भी O हैं O । O इससे O समाज O में O मौजूद O जाति O व्यवस्था O जैसी O बुराइयों O को O भी O कम O किया O जा O सकेगा O और O समतावादी O समाज O की O राह O आसान O होगी O । O हालांकि O , O इन O लक्ष्यों O को O हासिल O करने O के O लिए O सिर्फ O मशीनों O से O जुड़ा O कौशल O प्रशिक्षण O पर्याप्त O नहीं O होगा O । O इसके O लिए O दूर O - O दराज O की O भौगोलिक O और O प्रशासनिक O इकाइयों O समेत O अलग O - O अलग O जिलों O में O कौशल O प्रशिक्षण O से O जुड़े O नियोजन O और O प्रबंधन O पर O ध्यान O देना O होगा O । O इससे O इन O कार्यों O में O स्थायी O तौर O पर O मशीनीकरण O की O भूमिका O हकीकत O बनेगी O और O ऐसे O कार्यों O से O जुडे O लोगों O को O दूसरे O क्षेत्रों O में O अवसर O के O लिए O भी O गुंजाइश O बनेगी O । O सफाई O के O काम O का O उदाहरण O ऐसा O है O जो O हर O जगह O मौजूद O है O । O इसके O अलावा O भी O कुछ O ऐसे O कार्य O हैं O जिनका O पारिश्रमिक O काफी O कम O है O और O इन O कार्यों O के O लिए O बेहतर O माहौल O बनाने O की O खातिर O नए O तरीके O से O कौशल O प्रशिक्षण O की O जरूरत O है O । O जिला O स्तर O के O कौशल O नियोजनकर्ताओं O को O सामाजिक O न्याय O और O आर्थिक O विकास O के O लिए O कौशल O विकास O को O बढ़ावा O देने O के O बारे O में O सीखना O चाहिए O । O इसके O तहत O , O योजना O बनाने O वालों O के O पास O जिला O कौशल O योजनाओं O के O अगले O और O पिछले O जुड़ाव O ( O लिंकेज O ) O को O समझने O की O क्षमता O होनी O चाहिए O , O ताकि O इन O योजनाओं O को O राज्य O और O राष्ट्रीय O स्तर O के O नियोजन O और O अवसरों O से O जोड़ा O जा O सके O । O उदाहरण O के O तौर O पर O हम O पर्यटन O की O बात O करते O हैं O - O ज्यादातर O जिलों O में O संबंधित O अधिकारी O इस O निष्कर्ष O पर O पहुंच O जाते O हैं O कि O जिला O स्तर O पर O पर्यटन O से O संबंधित O कौशल O प्रशिक्षण O से O पर्यटकों O की O आवक O और O आय O में O बढ़ोतरी O होगी O और O इसके O परिणामस्वरूप O रोजगार O भी O बढ़ेगा O । O हालांकि O , O यह O सच O नहीं O है O । O अगर O सिर्फ O जिले O के O हिसाब O से O देखा O जाए O तो O लोगों O के O लिए O पर्यटन O और O विरासत O का O संरक्षण O जटिल O गतिविधियां O हैं O और O सिर्फ O जिले O के O नजरिये O से O ज्यादा O आय O पैदा O करने O वाला O भी O नहीं O है O । O स्थानीय O युवाओं O को O पर्यटन O में O करियर O के O मौके O मुहैया O कराने O के O लिए O जिला O नियोजनकर्ताओं O के O पास O राष्ट्रीय O और O राज्य O स्तर O पर O पर्यटन O के O नक्शे O , O ठिकाने O तथा O नीतियों O के O बारे O में O पूरी O जानकारी O होनी O चाहिए O और O इस O बड़ी O तस्वीर O को O ध्यान O में O रखते O हुए O उन्हें O यह O तय O करने O की O कोशिश O करनी O चाहिए O कि O उनका O जिला O किस O तरह O से O भूमिका O अदा O कर O सकता O है O । O अगर O कौशल O का O प्रशिक्षण O सिर्फ O संबंधित O जिले O से O जुड़ी O संभावनाओं O तक O सीमित O कर O दिया O जाए O तो O स्थानीय O स्तर O पर O कौशल O नियोजन O के O विकेंद्रीकरण O से O यह O सुनिश्चित O होना O चाहिए O कि O जिले O में O मौजूद O उद्योगों O , O आर्थिक O गतिविधियों O , O शिक्षा O के O स्तर O आदि O के O जरिये O सभी O लोगों O की O संभावनाओं O और O आकांक्षाओं O को O ध्यान O में O रखा O जाए O । O आम O तौर O पर O इस O बात O के O लिए O कौशल O प्रशिक्षण O प्रशासन O की O आलोचना O की O जाती O है O कि O इसमें O अवसरों O और O प्रशिक्षितों O के O रुझानों O और O आकांक्षाओं O के O बीच O संतुलन O बनाने O पर O पर्याप्त O ध्यान O नहीं O दिया O जाता O है O । O आधुनिक O साधन O ( O टूल O ) O से O लैस O कई O ऐसी O पेशेवर O एजेंसियां O हैं O जो O व्यवसाय O आधारित O विषय O के O लिए O लोगों O की O दिलचस्पी O का O आकलन O करती O हैं O । O इन O एजेंसियों O के O साथ O काम O करने O के O लिए O मनोविज्ञान O और O दिमाग O संबंधी O विश्लेषण O की O थोड़ी O सी O समझ O जरूरी O है O । O हालांकि O , O इस O बारे O में O विशेषज्ञ O होना O जरूरी O नहीं O है O , O लेकिन O इतनी O जानकारी O होनी O चाहिए O कि O प्रशिक्षुओं O की O दिलचस्पी O का O पता O लगाने O के O लिए O संबद्ध O प्राधिकार O एजेंसियों O को O संबंधित O टूल O इस्तेमाल O करने O को O कह O सकें O और O उपलब्ध O कोर्स O के O विकल्पों O पर O बेहतर O सलाह O दे O सकें O । O उदाहरण O के O लिए O , O जिला O कौशल O नियोजनकर्ताओं O को O उन O कारोबारों O के O बीच O अंतर O करना O सीखना O होगा O जिनसे O लोगों O को O आजीविका O मिली O है O और O जिनमें O स्थानीय O ही O नहीं O बल्कि O राज्य O , O राष्ट्रीय O और O अंतरराष्ट्रीय O स्तरों O पर O बेहतर O संभावनाएं O हैं O , O लिहाजा O इन O कारोबारों O के O कौशल O प्रशिक्षण O के O लिए O विशेषज्ञ O की O जरूरत O होगी O । O जिला O कौशल O समितियों O के O सशक्तीकरण O और O उनकी O भूमिकाओं O का O दायरा O बढ़ने O से O वित्तीय O संसाधनों O की O जरूरत O होगी O । O साथ O ही O , O यह O भी O सवाल O उठेगा O कि O किस O तरह O से O इन O मौजूद O पर्यटन O के O ठिकानों O को O कमाऊ O पर्यटक O स्थलों O में O बदला O नहीं O जा O सकता O और O न O ही O गाइड O के O तौर O पर O और O परिवहन O क्षेत्र O में O स्थानीय O स्तर O पर O रोजगार O उपलब्ध O हो O सकेगा O । O किसी O जिले O में O किस O तरह O के O व्यापार O और O पेशे O के O लिए O बेहतर O गुंजाइश O बन O सकेगी O , O इसके O लिए O जिला O कौशल O समितियों O को O कौशल O प्रबंधन O में O प्रशिक्षण O की O जरूरत O होगी O । O जिला O कौशल O नियोजन O में O भी O जिले O की O आबादी O की O सामाजिक O - O आर्थिक O स्थिति O , O स्थानीय O समुदायों O के O कौशल O इतिहास O और O उनकी O बदलती O या O उभरती O आकांक्षाओं O के O बारे O में O व्यापक O समझ O जरूरी O है O । O जिला O स्तर O संसाधन O जुटाए O जाएं O , O मसलन O क्या O ये O संसाधन O सरकारी O बजटीय O आवंटन O से O हासिल O होने O चाहिए O या O इसके O लिए O समितियों O को O खुद O से O आय O पैदा O करने O के O लिए O नया O मॉडल O विकसित O करना O चाहिए O । O इसके O लिए O वित्तीय O प्रबंधन O के O क्षेत्र O में O प्रशिक्षण O की O जरूरत O होगी O । O समितियों O का O संवाद O उद्योग O जगत O के O प्रतिनिधियों O मसलन O स्थानीय O उद्योग O और O व्यापार O चेंबर O , O क्षेत्र O कौशल O परिषदों O , O व्यावसायिक O सलाहकार O समेत O तमाम O विशेषज्ञों O आदि O से O होना O चाहिए O । O व्यक्तिगत O स्तर O पर O विकास O , O पारस्परिक O संवाद O और O अन्य O विषयों O से O जुडे O कोर्स O भी O इस O दिशा O में O कारगर O कदम O साबित O होंगे O । O खास O तौर O पर O डॉक्टरों O के O मामले O में O स्थिति O और O खराब O है O । O इन O केंद्रों O पर O न O तो O किसी O तरह O की O जांच O की O व्यवस्था O होती O है O और O न O ही O दवा O , O बिस्तर O वगैरह O का O इंतजाम O होता O है O । O हालांकि O , O हमारा O देश O इस O मोर्चे O पर O भी O लक्ष्य O पूरा O नहीं O कर O सका O । O कुपोषण O की O प्रमुख O वजहों O में O गरीबी O , O मां O का O शिक्षित O नहीं O होना O , O पोषक O तत्वों O से O वंचित O भोजन O , O साफ O पानी O और O स्वच्छता O का O अभाव O आदि O शामिल O हैं O । O इसे O हारम O कार्यक्रम O के O तहत O गांव O की O नर्सरी O और O वृक्षारोपण O के O लिए O उपयोग O किया O जाता O है O । O गांव O में O , O स्वयं O सहायता O समूह O के O सदस्य O विभिन्न O अर्ध O - O कुशल O और O कुशल O कार्यों O में O भाग O ले O रहे O हैं O और O विभिन्न O सरकारी O योजनाओं O का O लाभ O उठा O रहे O हैं O । O ग्रामसभा O में O नागरिक O अपनी O जरूरतों O और O चुनौतियों O के O समाधान O के O तरीकों O पर O चर्चा O करते O हैं O । O ग्राम O पंचायत O समितियां O स्वयं O सहायता O समूहों O और O अन्य O स्वैच्छिक O संगठनों O जैसे O समुदाय O आधारित O संगठनों O के O साथ O नियमित O रूप O से O परामर्श O करके O लोकतांत्रिक O तरीके O से O कार्य O करती O हैं O । O प्रभावी O स्थानीय O शासन O न O केवल O सरकारी O संस्थानों O के O माध्यम O से O स्थानीय O स्तर O पर O शासन O करने O की O प्रक्रिया O को O संदर्भित O करता O है O बल्कि O स्थानीय O समुदायों O और O स्थानीय O अधिकारियों O के O बीच O सहयोग O और O सामूहिक O कार्रवाई O भी O करता O है O । O राष्ट्र O के O शासन O में O लोगों O की O भागीदारी O लोकतंत्र O का O सार O है O । O हालांकि O , O अब O समय O आ O गया O है O कि O योजनाओं O की O संख्या O की O बजाय O गुणवत्ता O पर O ध्यान O केंद्रित O किया O जाए O , O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O को O केवल O इच्छा O सूची O में O रखने O की O बजाय O सूचित O सूची O में O शामिल O किया O जाए O और O इन्हें O कार्रवाई O योग्य O योजनाओं O में O बदलने O के O बाद O उचित O निगरानी O की O जाए O । O अधिक O संधारणीय O और O समावेशी O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O के O लिए O पंचायती O राज O संस्थाओं O - O स्वंय O सहायता O समूहों O के O माध्यम O से O निरंतर O प्रशिक्षण O , O क्षमता O निर्माण O और O सामुदायिक O जुड़ाव O को O बढ़ावा O देकर O निर्वाचित O प्रतिनिधियों O , O पदाधिकारियों O , O हितथधारकों O के O क्षमता O विकास O सहित O मौजूदा O चुनौतियों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O , O मंत्रालय O ने O कई O पहल O की O हैं O । O इस O प्रक्रिया O के O तहत O गरीबी O उन्मूलन O योजनाओं O को O ग्राम O पंचायत O विकास O योजना O में O एकीकृत O करने O के O लिए O विशेष O प्रावधान O शुरू O किया O गया O है O । O मिशन O अंत्योदय O मापदंडों O , O पंचायत O निर्णय O समर्थन O प्रणाली O , O डैशबोर्ड O , O ग्राम O मानचित्र O , O सामाजिक O लेखा O परीक्षा O आदि O में O ग्राम O - O स्तरीय O गैप O रिपोर्ट O पर O विभिन्न O व्यवस्थागत O उपाय O , O अधिक O सूचित O नियोजन O और O निष्पादन O का O मार्ग O प्रशस्त O कर O रहा O है O । O विकास O कार्यक्रमों O की O योजना O और O कार्यान्वयन O में O अभिसरण O और O समुदाय O - O आधारित O संगठनों O के O एकीकरण O के O साथ O , O संबंधित O मंत्रालयों O के O , O लोकतांत्रिक O संस्थानों O के O साथ O मिलकर O विकास O योजनाओं O के O जन O - O केंद्रित O दृष्टिकोण O से O भौतिक O , O वित्तीय O , O सामाजिक O और O पूंजी O निर्माण O संबंधी O तथा O ग्रामीण O स्तर O पर O दीर्घकालिक O सतत O विकास O कार्यो O के O नेतृत्व O से O निश्चय O ही O महत्वपूर्ण O उपलब्धियां O हासिल O की O जा O सकती O हैं O । O इसने O मौजूदा O उपायों O में O हुई O प्रगति O की O समीक्षा O की O और O बैंकों O के O विलय O , O पूंजी O की O पर्याप्तता O और O नियम O - O कानून O से O जुड़े O कई O और O उपायों O का O प्रस्ताव O किया O । O हालांकि O , O बाकी O देशों O में O यह O जीडीपी O अनुपात O और O उधारी O के O अनुपात O का O मामला O काफी O ज्यादा O था O । O वित्तीय O क्षेत्र O में O सुधार O पर O बनी O कमेटी O में O देश O की O मैक्रो O अर्थव्यवस्था O और O नियामकीय O ढांचे O , O वित्तीय O समग्रता O और O घरेलू O वित्तीय O विकास O को O लेकर O भी O सुझाव O दिए O गए O थे O । O इसकी O अहम O सिफारिशें O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O के O कामकाज O और O प्रबंधन O को O बेहतर O बनाना O था O , O जिनकी O देश O के O बैंकिंग O सेक्टर O में O बड़े O पैमाने O पर O मौजूदगी O है O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O दबदबा O आज O भी O देश O के O बैंकिंग O सिस्टम O में O सार्वजनिक O क्षेत्र O यानि O सरकारी O बेंकों O की O हिस्सेदारी O काफी O ज्यादा O है O । O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O का O प्रदर्शन O पूरे O बैंकिंग O सिस्टम O के O प्रदर्शन O की O नुमाइंदगी O करता O है O । O बैंकों O की O गैर O - O निष्पादित O संपत्तियों O ( O एनपीए O ) O में O इनका O सबसे O बड़ा O योगदान O है O । O वक्त O बीतने O के O साथ O हालात O और O खराब O हुए O हैं O । O एनपीए O में O बढ़ोतरी O से O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O की O सेहत O पर O भी O बुरा O असर O पड़ा O है O और O इसका O असर O रिटर्न O ऑन O एसेट्स O ( O आरओए O ) O और O रिटर्न O ऑन O इक्विटी O ( O आरओई O ) O रेशियों O में O भी O नजर O आता O है O । O हालांकि O , O प्राइवेट O बैंक O भी O एनपीए O की O बढ़ती O हिस्सेदारी O से O परेशान O हैं O । O इसके O अलावा O , O बैंकों O की O संपत्तियों O की O गुणवत्ता O और O मुनाफे O में O भी O गिरावट O हो O रही O है O । O बैंकों O के O मुनाफे O में O गिरावट O की O मुख्य O वजह O जोखिम O से O जुड़े O प्रावधानों O में O बढ़ोतरी O , O कर्ज O के O राइट O ऑफ O और O नेट O इंटरेस्ट O इनकम O में O गिरावट O है O । O बैंकिंग O सेक्टर O में O इस O तरह O की O दिक्कतों O के O कारण O औद्योगिक O क्षेत्र O से O जुड़े O कर्ज O के O वितरण O में O सुस्ती O आ O गई O है O । O इससे O बैंकों O की O अंतरराष्ट्रीय O पूंजी O जरूरतों O की O क्षमता O भी O सीमित O हुई O है O । O सरकार O ने O इस O चुनौती O से O निपटने O के O लिए O बैंकों O को O फंड O दिया O है O । O इसके O बुरे O नतीजों O में O बैंकों O की O कर्ज O ग्रोथ O में O और O गिरावट O , O बैंकों O के O मुनाफे O और O पूंजी O पर्याप्तता O अनुपात O में O गिरावट O शामिल O हैं O । O ये O फंड O न O सिर्फ O सार्वजनिक O क्षेत्र O के O बैंकों O को O पूंजी O की O न्यूनतम O जरूरतों O को O पूरा O करने O में O मदद O करेंगे O , O बल्कि O बैंकों O को O अपनी O बैलेंस O शीट O को O साफ O करने O और O बैड O कर्ज O को O कवर O करने O में O भी O मदद O मिलेगी O । O इंद्रधनुष O योजना O में O पुनर्पूंजीकरण O के O अलावा O बैंकिंग O सुधार O को O और O व्यापक O बनाने O की O बात O है O । O हालांकि O , O इसके O अमल O पर O पूरी O तरह O से O काम O नहीं O हो O पाया O है O । O साथ O ही O , O इंसॉल्वेंसी O और O बैंकरप्सी O कोड O ( O आईबीसी O ) O भी O एनपीए O की O चुनौती O से O निपटने O के O लिए O चैनल O मुहैया O कराता O है O । O वैश्विक O संदर्भ O : O गहराई O और O प्रतिस्पर्धा O वित्तीय O मजबूती O न O सिर्फ O बैंकिंग O सिस्टम O के O आकार O को O बढ़ाने O में O अहम O है O , O बल्कि O यह O आर्थिक O वृद्धि O और O गरीबी O कम O करने O से O भी O जुड़ी O है O । O स्वामित्व O योजना O संपत्तियों O का O स्वामित्व O भू O - O संसाधनों O पर O आधारित O आर्थिक O वृद्धि O का O महत्वपूर्ण O पहलू O होता O है O और O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O यह O ज़्यादा O महत्व O रखता O है O । O देखा O गया O है O कि O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O भूमि O स्वामित्व O इस O बात O से O तय O होता O है O कि O वह O किसके O कब्जे O में O है O और O स्वामित्व O के O पर्याप्त O दस्तावेजी O प्रमाण O नहीं O होते O हैं O , O जबकि O प्रमाण O होने O पर O संपत्ति O का O इस्तेमाल O ऋण O या O दूसरे O वित्तीय O लाभ O प्राप्त O करने O में O किया O जा O सकता O है O । O आजादी O से O पहले O विभिन्न O एजेंसियों O द्वारा O किए O गए O भूमि O सर्वेक्षणों O में O कृषि O योग्य O भूमि O पर O जोर O दिया O गया O , O जिस O कारण O स्वामित्व O के O अधिकार O , O सीमा O तथा O दूसरे O विवाद O अनसुलझे O ही O रह O गए O । O दुनिया O में O आर्थिक O वृद्धि O के O लक्ष्य O के O साथ O चलाई O जाने O वाली O अधिकतर O आर्थिक O गतिविधियों O के O लिए O भूमि O आवश्यक O संसाधन O है O । O इसलिए O भूमि O संसाधनों O का O प्रबंधन O किसी O भी O देश O की O आर्थिक O गतिविधियों O का O महत्वपूर्ण O अंग O माना O जाता O है O । O बैंक O भू O - O संपत्ति O को O वित्तीय O संपत्ति O मानकर O इसके O बदले O ऋण O तथा O दूसरी O वित्तीय O सहायता O देते O हैं O मगर O कानूनी O दस्तावेज O नहीं O होने O के O कारण O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O संपत्ति O का O स्वामी O लाभ O नहीं O उठा O पाता O । O इन O ग्रामीणों O के O पास O गैर O - O संस्थागत O ऋणदाताओं O से O कर्ज O लेने O के O अलावा O दूसरा O कोई O विकल्प O नहीं O रह O जाता O और O वे O ऋणदाता O उनसे O ऊंची O दर O पर O ब्याज O वसूल O कर O सकते O हैं O । O जानकारी O का O अभाव O होने O के O कारण O ग्रामीण O जनता O कर्ज O के O जाल O में O फंसती O जाती O है O और O साहूकारों O की O दया O पर O आश्रित O हो O जाती O है O । O स्वामित्व O योजना O भारतीय O साहित्य O पुस्तकें O अनंत O हैं O और O समय O सीमित O है O । O ज्ञान O का O रहस्य O यही O है O कि O जो O आवश्यक O है O , O उसे O ग्रहण O कर O लिया O जाए O । O उसे O ग्रहण O करो O और O उसी O के O अनुरूप O जीवन O जिओ O । O ' O महामारी O ने O हमें O सामान्य O जीवन O से O परे O देखने O और O गहराई O से O सोचने O का O मौका O दिया O । O - O काल O ने O हमें O आत्म O - O निर्वासन O के O अकेलेपन O में O धकेल O दिया O और O हमें O सामान्य O जीवन O की O उन O तमाम O नेमतों O के O बारे O में O फिर O से O सोचने O और O उनके O प्रति O कृतज्ञ O होने O का O अवसर O दिया O जिनके O बारे O में O हम O मानते O रहे O थे O कि O ये O तो O हमें O सहज O ही O सुलभ O हैं O । O इस O बीमारी O ने O अकल्पनीय O तरीके O से O जीवन O - O शैली O और O जीवन O की O लय O को O बदल O दिया O । O लोगों O ने O जिजीविषा O , O अनुकूलन O और O बढ़ते O चले O जाने O के O नए O तरीके O सीखे O । O इस O अभूतपूर्व O अंधकार O के O बीच O , O कला O और O साहित्य O निरंतर O आशा O की O मशाल O बने O रहे O , O हमारे O जीवन O को O समृद्ध O बनाते O रहे O और O हमें O मनुष्य O होने O का O मर्म O सिखलाते O रहे O । O साहित्य O के O संक्षेत्र O ( O प्रिज्म O ) O के O जरिए O , O हम O शब्दों O के O उस O लालित्य O को O समझ O पाते O हैं O जो O न O केवल O हमारे O अशांत O मन O को O सुख O देता O है O , O बल्कि O समाज O का O भी O दर्पण O बनता O है O ताकि O हम O विविध O सांस्कृतिक O मूल्यों O और O इनसे O जुड़े O इतिहास O को O समझ O सके O , O उन्हें O अंगीकार O कर O सके O । O शब्दों O की O ताकत O और O जादू O ने O हमारे O आकाश O का O , O हमारे O क्षितिज O का O विस्तार O किया O । O अर्जेंटीनियाई O कथाकार O , O कवि O और O स्पेनिश O भाषा O के O लेखक O ख़ोर्के O लुइस O बोर्खेस O ने O कहा O है O , O ' O लेखक O मरते O हैं O तो O पुस्तक O बन O जाते O हैं O । O यह O अवतार O कुछ O बुरा O तो O नहीं O है O । O 2020 O के O भयावह O वर्ष O ने O हमसे O साहित्य O के O अनेक O नक्षत्र O छीन O लिए O लेकिन O वे O अपने O शब्दों O के O जरिए O हमारे O बीच O बने O रहेंगे O और O कला O और O साहित्य O के O प्रति O अपने O अनुपम O योगदान O के O लिए O हमेशा O याद O किए O जाते O रहेंगे O । O साहित्य O समाज O की O सभी O बुराइयों O का O रामबाण O उपचार O है O और O सीखने O - O समझने O का O समर्थ O साधन O भी O है O । O इस O अंक O में O हमने O भारतीय O साहित्य O की O विविध O विधाओं O की O विकास O - O यात्रा O से O परिचित O कराने O का O प्रयास O किया O है O । O आशा O है O यह O आपके O लिए O अद्भुत O साहित्यिक O अनुभव O रहेगा O । O भारतीय O साहित्य O में O आकर्षक O विविधता O है O और O इसके O विषयों O , O विचारों O और O शैलियों O में O अनेक O परिवर्तन O होते O रहे O हैं O । O इन O गहन O परिवर्तनों O और O विविधता O के O साथ O - O साथ O , O भारतीय O साहित्य O देश O के O जन O - O मानस O से O जुड़ा O रहा O है O , O उसे O प्रेरित O करता O रहा O है O । O तात्कालिक O रुझानों O से O अविचलित O रहते O हुए O अपनी O समृद्ध O अभिव्यक्ति O को O बनाए O रखने O की O साहित्यकारों O की O क्षमता O ने O अनेक O भाषाओं O में O साहित्य O में O अभिवृद्धि O की O है O । O भारतीय O साहित्य O का O प्रारम्भ O तो O वेदों O की O ऋचाओं O के O साथ O हो O गया O था O जो O समय O के O साथ O - O साथ O नए O - O नए O रूप O और O अभिव्यक्तियां O ग्रहण O करता O गया O । O इस O अंक O में O हिंदी O भाषा O और O देवनागरी O लिपि O के O विकास O के O इतिहास O और O इसके O वैज्ञानिक O और O तकनीकी O पहलुओं O के O साथ O - O साथ O हिंदी O साहित्य O की O विविध O विधाओं O के O बारे O में O तथा O उनका O देश O के O स्वतंत्रता O आंदोलन O में O योगदान O पर O विस्तार O से O भी O चर्चा O की O गई O है O । O बालमन O के O अनुरूप O हिंदी O में O लेखन O सदैव O ही O चुनौतीपूर्ण O रहा O है O , O इस O पर O भी O प्रकाश O डाला O गया O है O । O न O केवल O कई O भारतीय O भाषाओं O , O बल्कि O विश्व O की O अनेक O भाषाओं O की O जननी O संस्कृत O की O महत्ता O और O आज O के O संदर्भ O में O इसके O और O प्रासंगिक O होने O तथा O उपयोगिता O का O संक्षिप्त O परिचय O भी O है O । O उनके O द्वारा O चलाए O गए O सामाजिक O सुधार O आंदोलन O के O बाद O , O उर्दू O की O तरक्की O पसंद O धारा O ने O नए O अदीबों O के O लिए O जैसे O मानक O तय O कर O दिए O और O अदब O में O बदलाव O का O आगाज O किया O । O देश O की O स्वतंत्रता O के O पूर्व O और O इसके O पश्चात O , O साहित्य O के O अन्य O क्षेत्रों O में O विविध O विधाओं O में O प्रचुर O लेखन O हुआ O । O व्याकरण O के O प्राचीन O ग्रंथ O ' O ' O ने O तमिल O साहित्य O को O शब्द O - O अनुशासन O दिया O और O संगम O युग O में O यह O जैसे O जीवन O - O शैली O ही O बन O गया O । O फारसी O कविता O ने O शाही O दरबारों O को O भी O सजाया O और O सूफियों O की O खानकाहों O को O भी O गुंजाया O । O उधर O हिन्दी O साहित्य O में O , O सप्तक O परंपरा O ने O रूमानी O कविता O और O नए O सामाजिक O यथार्थ O को O अभिव्यक्ति O दी O । O महिलाओं O के O लेखन O और O नारीवादी O विमर्श O ने O मूक O और O अब O तक O न O सुने O गए O , O वर्ग O को O अभिव्यक्ति O दी O और O भारतीय O साहित्य O के O कथ्य O और O शिल्प O को O प्रभावित O किया O । O दलित O और O आदिवासी O समुदायों O ने O भी O कलम O की O ताकत O से O अपने O सरोकारों O , O संघर्षों O तथा O सदियों O के O दुर्व्यवहार O को O आवाज़ O दी O । O उनके O पक्षधर O लेखक O - O लेखिकाओं O ने O सामाजिक O छद्म O और O दिखावे O को O उजागर O किया O और O दलितों O - O वंचितों O को O निरंतर O दबाए O जाने O की O प्रवृत्तियों O का O प्रतिरोध O किया O । O प्रस्तुत O अंक O में O भारतीय O साहित्य O और O आधुनिक O लेखन O के O विविध O पक्षों O पर O विहंगम O दृष्टि O डालने O के O साथ O - O साथ O अंक O की O सज्जा O को O विषय O के O अनुरूप O मनोरम O बनाने O का O भी O प्रयास O किया O गया O है O । O पत्रिका O के O सीमित O पृष्ठों O पर O साहित्य O जैसे O विशद O विषय O को O समेटना O बहुत O कठिन O है O । O आशा O है O कि O भारतीय O साहित्य O के O लालित्य O को O व्यक्त O करने O का O यह O प्रयास O पाठकों O को O अच्छा O लगेगा O । O महामारी O की O आपदा O अब O भी O हमारे O जीवन O से O बाहर O नहीं O हुई O है O लेकिन O इस O कठिन O समय O और O अनिश्चितताओं O को O पीछे O छोड़ते O हुए O हमने O उम्मीदों O और O सपनों O के O साथ O नए O वर्ष O में O प्रवेश O किया O है O । O ऐसे O समय O में O , O तमाम O तकलीफ़ों O और O सदमों O के O बावजूद O , O हमारे O लिए O करुणा O , O उदारता O और O सद्भाव O बनाए O रखना O और O बेहतर O कल O की O उम्मीद O रखना O बेहद O ज़रूरी O है O । O नैनो O कणों O के O आकार O और O क्रिस्टल O ढांचे O में O ज़रूरत O के O हिसाब O से O बदलाव O कर O टाइटेनिया O में O मौजूद O ऊर्जा O अंतराल O को O ठीक O किया O जा O सकता O है O । O ऊर्जा O अंतराल O को O संतुलित O कर O और O धातु O नैनो O - O कणों O को O सतह O पर O सक्रिय O बनाकर O फोटो O उत्प्रेरण O के O बेहतर O प्रदर्शन O का O लक्ष्य O हासिल O किया O जा O सकता O है O । O अतः O , O टाइटेनियम O ऑक्साइड O से O ढंकी O हई O कोई O भी O सतह O सूरज O की O किरणों O के O प्रभाव O में O खुद O से O साफ O हो O जाती O है O । O सिर्फ O कुछ O घंटों O की O सूरज O की O रोशनी O में O यह O जैविक O प्रदूषणकारी O तत्वों O को O साफ O कर O सकता O है O । O यह O तकनीक O डिटर्जेंट O , O पानी O और O बिजली O की O बचत O करती O है O और O हम O इन O चीजों O का O इस्तेमाल O किए O बिना O साफ O कपड़े O पहनकर O ताजी O हवा O में O सांस O ले O सकते O हैं O । O इस O उत्पाद O को O सफलतापूर्वक O व्यावसायिक O रूप O दिया O जा O चुका O है O और O बाजार O में O “ O सन O वॉश O ( O सूरज O की O रोशनी O से O धुलाई O ) O ” O टैग O के O तहत O ' O अपने O - O आप O साफ O होने O वाले O ' O कपड़े O पेश O किए O जा O रहे O हैं O । O यही O टाइटेनिया O सूरज O की O रोशनी O से O निकलने O वाली O हानिकारक O पराबैंगनी O किरणों O से O सुरक्षा O देने O में O भी O प्रभावकारी O है O । O बाजार O में O मौजूद O ' O वेयरबेल O सनस्क्रीन O ' O टैग O वाले O कपड़े O टाइटेनिया O सूक्ष्मगोलकों O के O इसी O गुण O पर O आधारित O हैं O । O ये O कपड़े O घर O के O अंदर O भी O पहने O जा O सकते O हैं O और O एलईडी O लैंप O से O मिलने O वाली O रोशनी O के O जरिये O अपने O - O आप O सफाई O की O सुविधा O का O इस्तेमाल O किया O जा O सकता O है O । O साथ O ही O , O टाइटेनिया O में O मौजूद O ऊर्जा O अंतराल O में O बदलाव O के O लिए O जरूरी O कार्रवाई O या O सतह O को O इस O तरह O असरदार O बनाकर O भी O यह O लक्ष्य O हासिल O किया O जा O सकता O है O । O एयरकंडीशनर O और O वाहनों O से O जुड़े O धुआं O निकलने O वाले O उपकरण O में O इस्तेमाल O होने O वाले O कपड़े O में O नैनो O - O फाइबर O का O पतला O कवर O बेहद O सूक्ष्म O कणों O को O रोकता O है O और O इस O तरह O फिल्टर O की O गुणवत्ता O बेहतर O होती O है O । O ऐसे O फिल्टर O के O उत्पादन O के O लिए O “ O इलेक्ट्रो O - O स्पिनिंग O ” O तकनीक O का O इस्तेमाल O किया O जाता O है O । O कपड़े O को O ऐसा O बनाने O के O लिए O उसमें O फेज O चेंज O मैटीरियल O ( O पीसीएम O ) O ( O स्थिति O बदलाव O सामग्री O ) O को O शामिल O किया O जाता O है O । O पीसीएम O , O बदलाव O की O प्रक्रिया O से O गुजरते O हुए O पांचवें O चरण O में O ऊष्मा O को O इकट्ठा O कर O इसे O छोड़ता O है O । O हालांकि O , O कपड़े O का O मुख्य O मकसद O सुरक्षा O और O सौंदर्य O है O , O लेकिन O जीवन O शैली O में O बदलाव O , O प्रदूषण O , O पर्यावरण O संबंधी O चुनौतियां O और O कोविड O महामारी O जैसी O आकस्मिक O चुनौतियों O की O वजह O से O वस्त्र O उद्योग O में O नई O जरूरतें O पैदा O हुई O हैं O , O जैसेकि O सुविधाओं O में O बढ़ोतरी O , O स्वच्छता O , O पराबैंगनी O किरणों O से O बचाव O , O रोगाणुओं O , O विद्युत O चुंबकीय O क्षेत्र O आदि O से O बचाव O । O काम O के O ज़्यादा O घंटे O और O वायु O प्रदूषण O की O वजह O से O हमारे O पहने O हुए O कपड़े O पसीना O सोख O लेते O हैं O और O इस O वजह O से O कीटाणु O पैदा O होते O हैं O । O साथ O ही O , O कपड़ों O से O दुर्गंध O भी O आने O लगती O है O । O अगर O इन O कपड़ों O में O कीटाणुओं O को O पनपने O से O रोका O जाए O , O तो O कपड़ों O में O लंबे O समय O तक O ताजगी O बनी O रहेगी O । O इस O लक्ष्य O को O हासिल O करने O में O नैनो O तकनीक O अहम O भूमिका O निभाती O है O । O नैनो O सिल्वर O में O उसी O तकनीक O का O इस्तेमाल O किया O जाता O है O , O जिसके O तहत O हम O तांबा O या O चांदी O के O बर्तन O में O पीने O का O पानी O रखते O हैं O , O ताकि O इन O धातुओं O का O बेहतर O असर O पानी O में O देखने O को O मिल O सके O । O दरअसल O , O इससे O पानी O में O मौजूद O सूक्ष्म O - O जीवाणु O मर O जाते O हैं O और O इस O तरह O पीने O के O पानी O को O सुरक्षित O बनाया O जा O सकता O है O । O सिल्वर O नैनो O कणों O का O जीवाणुओं O की O सैल्स O में O मौजूद O प्रोटीन O और O डीएनए O से O टकराव O होता O है O और O इस O वजह O से O सैल O मर O जाते O हैं O । O सिल्वर O कणों O के O बेहद O छोटे O होने O का O फायदा O यह O है O कि O सिल्वर O के O हर O छोटे O कण O को O कपड़े O के O बड़े O हिस्से O पर O फैलाया O जा O सकता O है O । O नैनो O सिल्वर O कण O कपड़े O पर O मजबूत O रासायनिक O संबंध O स्थापित O करते O हैं O और O इस O तरह O इन O कपड़ों O को O ज़्यादा O समय O तक O पहना O जा O सकता O है O । O साथ O ही O , O इसमें O जीवाणु O - O रोधी O गतिविधियों O को O भी O प्रयोग O के O तौर O पर O पेश O किया O गया O है O । O सूक्ष्मजीवीरोधी O कपड़े O बेहद O ज़रूरी O हैं O । O खास O तौर O पर O महामारी O के O मौजूदा O माहौल O में O यह O और O अहम O हो O गया O है O । O उदाहरण O के O लिए O , O परदे O , O चादरों O , O मास्क O व O अस्पतालों O और O जांच O केद्रों O में O इस्तेमाल O होने O वाले O एप्रन O आदि O में O इन O कपड़ों O की O अहम O भूमिका O है O । O खेलों O में O पहने O जाने O वाले O कपड़ों O , O बच्चों O से O जुड़े O उत्पाद O , O सफाई O में O इस्तेमाल O होने O वाले O नैपकिन O , O घावों O पर O लगाई O जाने O वाली O पट्टियां O आदि O में O भी O इनका O बेहतर O इस्तेमाल O हो O सकता O है O । O जस्ता O , O तांबा O उनके O ऑक्साइड O के O साथ O - O साथ O धातु O नैनो O कण O का O इस्तेमाल O भी O जीवाणुरोधी O अवयव O के O तौर O पर O किया O जा O सकता O है O । O यह O स्वेदशी O तकनीक O मौजूदा O वक्त O की O ज़रूरत O है O और O इसके O व्यावसायिक O इस्तेमाल O को O बढ़ावा O दिया O जा O रहा O है O । O * O सवालों O में O मौजूद O , O टिप्पणी O दें O , O राय O दें O , O विस्तार O से O बताएं O , O दिखाएं O और O प्रकाश O डालें O जैसे O निर्देशों O के O आधार O पर O जवाब O लिखे O जाने O चाहिए O निबंध O लिखने O से O जुड़े O सुझाव O यह O अवधि O पर्याप्त O है O । O * O निबंध O लिखने O के O लिए O दिए O गए O विषयों O में O से O विकल्प O सोच O - O समझकर O चुनें O । O विषय O चुनते O समय O उसके O बारे O में O अपनी O जानकारी O के O स्तर O को O ध्यान O में O रखें O ( O आप O उस O विषय O के O बारे O में O कितना O जानते O हैं O ) O । O दरअसल O , O आपके O पास O संबंधित O विषय O से O जुड़े O आंकड़े O और O तथ्य O होने O पर O आप O बेहतर O ढंग O से O अपनी O बात O कह O पाएंगे O । O * O लेख O की O भूमिका O बेहद O अहम O है O । O याद O रखें O - O अगर O शुरुआत O अच्छी O हो O तो O आधा O काम O अपने O - O अपने O हो O जाता O है O । O निबंध O के O मामले O में O यह O बात O और O बेहतर O तरीके O से O लागू O होती O है O । O आप O इसकी O शुरुआत O किसी O कहावत O या O उद्धरण O से O कर O सकते O हैं O । O इससे O निबंध O पढ़ने O लायक O और O दिलचस्प O बनता O है O । O * O अगर O आप O दिमाग O में O निबंध O लिखने O का O क्रम O तय O नहीं O कर O पा O रहे O हैं O , O तो O पहले O रफ O कागज O पर O अहम O बिंदुओं O को O नोट O कर O लें O । O अगर O आप O दूसरे O बिंदु O पर O लिखना O शुरू O कर O चुके O हैं O , O तो O पहले O बिंदु O पर O फिर O से O नहीं O लौटें O । O इससे O लेख O में O दोहराव O और O नीरसता O पैदा O होती O है O । O अगर O संभव O हो O , O तो O पैराग्राफ O के O आखिरी O वाक्य O को O संबंधित O बिंदु O से O जोड़ने O की O कोशिश O करें O । O * O अपने O वाक्य O छोटे O रखें O । O लंबे O वाक्य O न O सिर्फ O वाक्यों O को O जटिल O बनाते O हैं O , O बल्कि O सोच O के O स्तर O पर O आपकी O अस्पष्टता O और O जटिलता O को O प्रदर्शित O करते O हैं O । O समुच्चय O बोधक O का O कम O से O कम O इस्तेमाल O करें O । O * O निष्कर्ष O उतना O ही O अहम O है O , O जितनी O भूमिका O । O निष्कर्ष O में O निबंध O का O सार O पेश O करने O की O कोशिश O होनी O चाहिए O । O पर्सनिलिटी O टेस्ट O ( O इंटरव्यू O / O साक्षात्कार O ) O * O इंटरव्यू O आजकल O पर्सनैलिटी O टेस्ट O के O तौर O पर O जाना O जाता O है O । O इसकी O वजह O यह O है O कि O इसमें O उम्मीदवार O के O ज्ञान O की O जाँच O नहीं O होती O , O बल्कि O उसके O पूरे O व्यक्तित्व O का O मूल्यांकन O किया O जाता O है O । O * O इंटरव्यू O का O मतलब O सामग्री O आधारित O मूल्यांकन O न O होकर O मनोवैज्ञानिक O जाँच O है O । O हालांकि O , O इस O बात O से O इनकार O नहीं O किया O जा O सकता O कि O बेहतर O संवाद O कौशल O और O आत्मविश्वास O के O साथ O - O साथ O बेहतर O ज्ञान O आपके O लिए O फायदेमंद O हो O सकता O है O । O * O आपको O यह O पता O होना O चाहिए O कि O इंटरव्यू O हमेशा O सिर्फ O सवाल O - O जवाब O का O सत्र O नहीं O होता O है O और O बोर्ड O के O सदस्य O आपके O व्यक्तित्व O के O अलग O - O अलग O पहलुओं O को O देखते O हैं O । O * O आपसे O यह O उम्मीद O नहीं O की O जाती O है O कि O आपके O पास O दुनिया O की O सभी O जानकारी O हो O । O अगर O आपको O किसी O सवाल O का O जवाब O नहीं O पता O है O , O तो O बेझिझक O कह O दें O कि O मुझे O इस O बारे O में O पता O नहीं O है O । O हालांकि O , O यह O बात O भी O आत्मविश्वास O के O साथ O सामान्य O तरीके O से O कही O जानी O चाहिए O । O यह O याद O रखें O कि O आपकी O जानकारी O और O ज्ञान O के O स्तर O की O जाँच O प्रारंभिक O और O मुख्य O परीक्षाओं O में O हो O चुकी O हे O । O * O व्यक्तित्व O जीवन O भर O की O संपत्ति O की O तरह O है O और O इसमें O हर O रोज O बदलाव O भी O होता O रहता O है O । O मुख्य O आवेदन O के O विस्तृत O आवेदन O पत्र O ( O डीएएफ O ) O में O सेवा O की O प्राथमिकताएं O भरना O * O सूची O में O मौजूद O सेवाओं O की O प्रकृति O और O उसके O काम O - O काज O को O समझें O । O अगर O आपको O विदेश O में O रहना O पसंद O नहीं O है O , O तो O भारतीय O विदेश O सेवा O ( O आईएफएस O ) O आपके O लिए O उपयुक्त O नहीं O है O * O आपके O लिए O किस O तरह O के O संगठन O में O करना O बेहतर O होगा O - O उदाहरण O के O लिए O प्रशासन O / O संचार O / O रक्षा O आदि O * O समाज O को O लेकर O आपका O दृष्टिकोण O * O आप O नवाचार O को O पसंद O करने O वाले O / O अंतर्मुखी O / O बहिर्मुखी O हैं O * O आप O कहाँ O पोस्टिंग O पसंद O करेंगे O , O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O या O शहर O में O , O विदेश O में O आदि O * O मित्रों O और O परिवार O के O सदस्यों O से O भी O इस O मामले O में O सलाह O लें O * O विशेषज्ञों O से O सेवाओं O के O बारे O में O विस्तार O से O जानकारी O लेने O की O कोशिश O करें O * O सेवाओं O के O लिए O मिलने O वाले O वेतन O और O भत्ते O के O बारे O में O पता O करें O कुछ O और O तथ्यों O के O बारे O में O जानना O जरूरी O है O इस O तरह O , O पढ़ाई O को O लेकर O आपका O उत्साह O बना O रहता O है O । O प्रारंभिक O परीक्षा O खत्म O होने O के O तुरंत O बाद O बिना O समय O गंवाए O मुख्य O परीक्षा O की O तैयारी O शुरू O कर O दी O जानी O चाहिए O । O यह O असंभव O है O । O हर O किसी O को O अपनी O क्षमता O के O बारे O में O पता O होना O चाहिए O । O इसके O लिए O आपको O पूरी O तरह O से O समर्पित O होना O चाहिए O और O अपनी O क्षमता O और O ईश्वर O पर O भरोसा O रखना O चाहिए O । O अगर O आप O अपने O लक्ष्य O हासिल O नहीं O कर O पाते O हैं O , O तो O इससे O आपको O निराश O नहीं O होना O चाहिए O । O अगर O आपने O सिविल O सर्विसेज़ O में O जाने O के O बारे O में O फैसला O कर O लिया O है O , O तो O आपको O करियर O हासिल O करने O के O लिए O कुछ O खास O कदम O उठाने O होंगे O , O ताकि O आप O हाल O की O जानकारी O और O घटनाक्रम O से O पूरी O तरह O अवगत O हों O और O पहले O प्रयास O में O पूरी O तरह O से O इसके O लिए O तैयार O हो O सकें O । O सर्वे O भवन्तु O सुखिनः O इस O विपदा O का O अंत O कहां O और O कितना O भयावह O होगा O , O यह O अब O भी O स्पष्ट O नहीं O है O । O तमाम O मानवीय O गतिविधियों O पर O इस O महामारी O का O असर O पड़ा O है O । O इस O महामारी O ने O व्यापार O और O काम O - O धंधों O को O भी O व्यापक O रूप O से O प्रभावित O किया O है O । O वायरस O का O फैलाव O रोकने O के O लिए O जरूरी O हो O चुके O लॉकडाउन O से O कईयों O को O नौकरी O भी O गंवानी O पड़ी O । O जीवन O और O आजीविका O में O से O क्या O बचाया O जा O सकता O है O , O यह O प्रश्न O विकट O होता O जा O रहा O है O । O मानव O सभ्यता O के O समकालीन O इतिहास O की O बड़ी O घटना O के O रूप O में O सामने O आई O इस O महामारी O के O साथ O फिलहाल O सबको O जीने O की O आदत O डालनी O होगी O और O इस O महाविपत्ति O से O लड़ने O और O इसे O हराने O के O लिए O अपनी O स्वास्थ्य O - O प्रणाली O को O मजबूत O बनाने O और O ज्यादा O से O ज्यादा O लोगों O को O टीका O लगाने O के O अलावा O हमारे O पास O कोई O विकल्प O नहीं O है O । O इन O सभी O को O लम्बी O कार्य O अवधि O और O कठिन O तथा O जीवन O के O खतरे O वाली O परिस्थितियों O में O काम O करना O पड़ O रहा O है O । O अनिश्चितता O तथा O जीवन O की O क्षति O ने O काफी O हद O तक O समाज O के O मानसिक O स्वास्थ्य O को O प्रभावित O किया O है O । O इस O महामारी O ने O हमारी O दुनिया O को O बड़े O विचित्र O तरीके O से O नए O सिरे O से O जोड़ O भी O दिया O है O और O अलगाव O भी O पैदा O कर O दिया O है O । O लोग O अपनी O - O अपनी O जगहों O पर O अटक O गए O हैं O तो O दूसरी O ओर O देश O , O एक O - O दूसरे O की O टीके O और O चिकित्सा O सामग्री O जुटा O कर O मदद O भी O कर O रहे O हैं O । O यह O अभूतपूर्व O , O क्रूर O और O निरंतर O फैलता O संकट O है O और O दुनिया O भर O की O सभी O सरकारों O और O देशों O द्वारा O समता O और O समानता O के O व्यवहार O और O सामूहिक O इच्छा O - O शक्ति O के O बल O पर O ही O इस O बड़ी O आपदा O से O पार O पाया O जा O सकता O है O । O इस O विपत्ति O में O हम O सब O साथ O हैं O और O सभी O उम्मीद O की O किरण O तलाश O रहे O हैं O । O प्रश्न O यह O भी O है O कि O इस O स्वास्थ्य O - O आपदा O के O समाप्त O होने O के O बाद O हमारा O जीवन O और O व्यवस्था O कैसी O होगी O ? O क्या O ये O अनुभव O समाज O के O सभी O जनों O के O लिए O बेहतर O वातावरण O बनाने O के O लिए O हमारे O तंत्र O , O संसाधनों O और O संकल्प O को O मजबूत O करेगा O ? O क्या O हम O ज्यादा O आत्मीयता O से O एक O - O दूसरे O से O और O प्रकृति O से O जुडेंगे O ? O क्या O यह O आपदा O हमारी O वैज्ञानिक O चेतना O , O विवेक O और O सद्भाव O को O बेहतर O बनाएगी O ? O क्या O यह O अनुभव O हमें O न्यायपूर्ण O , O समतामूलक O और O जन O - O कल्याणकारी O समाज O बनाने O को O प्रेरित O करेगा O ? O हमें O उन O बच्चों O की O अपेक्षाओं O - O आवश्यकताओं O को O पूरा O करना O होगा O जो O कक्षा O में O साथ O पढ़ने O वाले O अपने O साथियों O को O लगभग O साल O भर O से O नहीं O देख O पाए O हैं O और O जो O इस O विपत्ति O के O कारण O अपनी O चारदीवारों O में O फंस O कर O रह O गए O हैं O । O क्या O हम O उन्हें O बेहतर O जीवन O - O स्थितियां O , O स्वास्थ्य O और O अच्छा O भविष्य O दे O सकेंगे O ? O चुनौतियां O बड़ी O हैं O और O स्थितियां O सामान्य O होने O तक O हमारे O संसाधन O चुक O रहे O होंगे O , O उन O पर O भारी O बोझ O होगा O । O स्वास्थ्य O का O अर्थ O रोग O या O अक्षमता O का O ना O होना O मात्र O नहीं O है O , O यह O तो O पूर्ण O शारीरिक O , O मानसिक O और O सामाजिक O आरोग्य O है O । O हमें O अब O पर्यावरण O के O साथ O अपने O महत्वपूर्ण O संबंधों O की O पड़ताल O करनी O होगी O और O उन्हें O फिर O से O जोड़ O कर O ऐसा O बेहतर O विश्व O बनाना O होगा O जिसमें O सबके O प्रति O अपनापन O हो O , O करुणा O और O सद्भाव O हो O । O हमें O उम्मीद O है O , O आपदा O का O यह O अनुभव O हमें O तन O - O मन O से O ज्यादा O स्वस्थ O , O जिम्मेदार O और O बेहतर O मनुष्य O बना O सकेगा O । O राज्य O की O यह O स्थलाकृति O इसकी O भूवैज्ञानिक O संरचना O का O परिणाम O है O । O प्राकृतिक O संसाधन O बसाल्ट O चट्टान O को O छोड़कर O अन्य O चट्टानें O जैसे O - O लेटराइट O तटीय O आर्द्र O और O उष्णकटिबंधीय O क्षेत्र O में O पाई O जाती O हैं O । O राज्य O में O पानी O सबसे O असमान O रूप O से O वितरित O प्राकृतिक O संसाधन O है O । O पानी O की O कमी O वाले O गांवों O के O लिए O सरकार O विशेष O कुएं O बना O रही O है O । O लेकिन O इस O मिशन O के O परिणामस्वरूप O कई O अन्य O महत्वपूर्ण O बातें O भी O हो O रही O हैं O । O पानी O के O कनेक्शन O जाति O , O समुदाय O , O धर्म O , O वर्ग O आदि O का O ध्यान O रखे O बिना O सभी O को O उपलब्ध O कराए O जा O रहे O हैं O और O इस O बात O का O ध्यान O रखा O जा O रहा O है O कि O कोई O भी O व्यक्ति O छूटने O न O पाए O । O मिशन O के O तहत O अभूतपूर्व O पैमाने O पर O जल O आपूर्ति O अवसंरचना O की O अनिवार्य O रूप O से O व्यवस्था O करने O का O प्रावधान O किया O गया O है O । O इसके O लिए O नलसाज O , O राजमिस्त्री O , O इलेक्ट्रिशियन O , O फिट्टर O , O पंप O ऑपरेटर O जैसी O कुशल O श्रम O शक्ति O की O आवश्यकता O उत्पन्न O हो O रही O है O जिसे O संबंधित O गांवों O के O लोगों O को O प्रशिक्षण O देकर O पूरा O किया O जाएगा O । O इस O तरह O इससे O गाँव O में O कुशल O श्रम O शक्ति O के O लिए O रोज़गार O के O अवसर O पैदा O होंगे O और O उद्यमिता O के O अवसर O भी O बढ़ेंगे O । O समूचे O मिशन O में O बॉटम O - O अप O यानी O नीचे O से O ऊपर O की O ओर O आगे O बढ़ने O वाला O दृष्टिकोण O अपनाया O गया O है O । O परियोजना O पर O कारगर O तरीके O से O अमल O के O लिए O उनकी O भागीदारी O को O अत्यंत O महत्वपूर्ण O माना O गया O है O । O बल्कि O इसका O उद्देश्य O ऐसी O आर्थिक O , O सामाजिक O और O शारीरिक O मुश्किलों O को O दूर O करना O है O जिन्हें O घर O के O पास O नियमित O , O विश्वसनीय O और O स्वच्छ O पेयजल O की O व्यवस्था O नहीं O होने O से O हमारे O समाज O के O दुर्बल O वर्गों O को O झेलना O पड़ता O है O । O उनसे O कोविड O प्रबंधन O के O लिये O सूचना O प्रौद्योगिकी O समर्थन O को O तुरंत O प्राथमिकता O के O आधार O पर O तैयार O करने O के O लिये O कहा O गया O । O टीके O के O विकास O तथा O इससे O संबंधित O विज्ञान O और O प्रौद्योगिकी O के O अहम O मसलों O पर O विचार O के O लिये O विशेषज्ञों O और O टीका O कंपनियों O के O साथ O नियमित O बैठकें O की O गयीं O । O * O टीका O विकास O * O पीपीई O और O वेंटिलेटर O * O जांच O , O निगरानी O और O निदान O * O चिकित्सा O विधान O और O औषधि O * O निगरानी O : O सीरो O व्यापकता O और O जीनोम O अनुक्रमण O * O नियमन O और O नियामक O समर्थन O । O टीका O विकास O उद्योग O को O आश्वासन O दिया O गया O कि O उसे O नियामक O , O तकनीकी O और O वित्तीय O समेत O सभी O तरह O की O सहायता O तेजी O से O उपलब्ध O करायी O जायेगी O । O यह O वक्त O की O कसौटी O पर O खरा O उतरने O की O भारतीय O टीका O उद्योग O की O क्षमता O का O सबूत O है O । O और O मैं O वास्तव O में O इस O पहल O के O लिए O मंत्रालय O और O भारतीय O दूतावास O और O निश्चित O रूप O से O हमारी O मेजबानी O के O लिए O विश्वविद्यालय O को O धन्यवाद O देता O हूं O । O और O इसका O उत्तर O यह O है O कि O विदेश O मंत्रियों O के O रूप O में O , O राजनयिकों O के O रूप O में O हमारा O काम O देशों O को O जोड़ने O , O समाजों O को O जोड़ने O का O है O । O और O हम O ऐसा O लोगों O को O जोड़ने O के O माध्यम O से O करते O हैं O । O और O जब O लोगों O की O बात O आती O है O , O तो O दुनिया O के O बारे O में O जिज्ञासा O के O साथ O युवा O दिमाग O पर O ध्यान O केंद्रित O करने O के O लिए O सबसे O स्वाभाविक O जगह O है O , O जिनके O जीवन O अभी O भी O उनसे O बहुत O आगे O हैं O । O चाहे O वह O हमारा O सामरिक O और O सुरक्षा O सहयोग O हो O या O हमारी O आर्थिक O या O प्रौद्योगिकी O भागीदारी O हो O , O यह O विश्व O मामलों O में O अपना O महत्व O बढ़ा O रहा O है O । O आखिरकार O , O हम O स्वाभाविक O भागीदार O तभी O बनते O हैं O जब O हमारे O लोगों O में O जुड़ाव O की O मजबूत O भावना O हो O । O क्वाड O अपनी O कई O गतिविधियों O के O बीच O एसटीईएम O फेलोशिप O पर O केंद्रित O है O । O आपका O बहुत O बहुत O धन्यवाद O । O क्या O आप O जानते O हैं O ? O सम्बद्ध O देशों O द्वारा O निर्धारित O योगदान O का O आकलन O : O एनडीसी O : O विभिन्न O स्थानों O पर O बढ़ते O तापमान O के O प्रभावों O का O प्रतिरोध O करने O के O लिए O किए O जाने O वाले O प्रयासों O के O बारे O में O भी O , O देश O अपने O एनडीसी O में O जानकारी O दे O सकते O हैं O । O दीर्घकालीन O कार्य O - O नीतियां O : O एलटी O - O एलईडी O ' O एनडीसी O ' O को O दीर्घकालीन O आयाम O प्रदान O करती O है O लेकिन O एनडीसी O की O तरह O इन्हें O प्रस्तुत O करना O बाध्यकारी O नहीं O है O । O तथापि O , O ये O विभिन्न O देशों O के O एनडीसी O को O उनकी O दीर्घकालीन O योजना O तथा O विकास O प्राथमिकताओं O के O परिप्रेक्ष्य O में O प्रस्तुत O करती O हैं O और O इस O तरह O , O भावी O विकास O के O लिए O दृष्टि O और O दिशा O प्रदान O करती O हैं O । O प्रगति O का O आकलन O कैसे O किया O जाता O है O ? O वैश्विक O आकलन O : O इसके O अंतर्गत O , O पक्षकार O देश O जलवायु O परिवर्तन O के O असर O कम O करने O , O इसके O दुष्प्रभावों O से O बचाव O और O देशों O द्वारा O उपलब्ध O कराई O गई O अथवा O प्राप्त O की O गई O मदद O का O ब्यौरा O पूरी O पारदर्शिता O ( O सचाई O ) O के O साथ O प्रस्तुत O करेंगे O । O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O (( O कलाकार O का O उद्देश्य O भी O आध्यात्मिक O साधना O की O बजाय O , O मनोरंजन O हो O गया O और O कला O तथा O कलाकार O राजाओं O या O राजकीय O संरक्षण O पर O आश्रित O हो O गए O । O इस O तरह O ' O चेम्बर O म्यूजिक O ' O की O शुरूआत O हुई O जिसमें O कलाकार O ऐसे O श्रोता O - O दर्शक O के O मनोरंजन O के O लिए O प्रस्तुति O दे O रहा O था O जो O कुर्सी O पर O जूते O पहनकर O ऐसी O प्रस्तुति O का O आनंद O लेता O था O । O इस O तरह O सभा O - O कक्षों O ( O ऑडिटोरियम O ) O में O कला O - O प्रस्तुतियां O शुरू O हुईं O जहां O कलाकार O अपने O श्रोता O - O दर्शक O से O दूर O था O और O कला O का O उद्देश्य O थोड़ी O देर O का O मनोरंजन O था O । O फिबोनाचि O अनुक्रम O का O विस्तार O हुआ O और O नये O वाद्य O यंत्र O तथा O संगीत O - O नृत्य O शैलियां O आईं O । O उत्तर O भारतीय O शास्त्रीय O संगीत O में O खयाल O , O कव्वाली O , O जिकिर O - O जारी O , O सूफी O और O लोक O - O शैलियां O लोकप्रिय O भी O हुईं O । O यह O प्रयोग O पाश्चात्य O संगीत O परंपरा O से O लिया O गया O था O । O भारतीय O कला O और O संस्कृति O के O इस O फैलाव O से O परस्पर O संवाद O , O संपर्क O , O एक O - O दूसरे O से O सीखने O , O अलग O - O अलग O शैलियों O के O संयोग O और O विकास O से O नवीनता O और O सांस्कृतिक O समृद्धि O आई O । O इस O खुलेपन O और O उदारता O से O कला O का O विकास O फिबोनाचि O अनुक्रम O के O अगले O स्तर O तक O हो O पाया O । O जिन O लोगों O की O दरबारों O और O सभागारों O तक O पहुंच O नहीं O थी O , O गांवों O की O चौपाल O उनकी O प्रस्तुति O का O मंच O बनी O । O जल O जीवन O मिशन O मैं O आज O गर्व O से O कह O सकता O हूं O कि O जो O हमने O सपना O लिया O है O कि O पीने O का O शुद्ध O जल O , O ' O नल O से O जल O ' O हमारे O देशवासियों O को O मिलना O चाहिए O , O स्वास्थ्य O की O समस्याओं O का O समाधान O भी O शुद्ध O पीने O के O जल O से O जुड़ा O हुआ O होता O है O । O अर्थव्यवस्था O में O भी O उसका O बहुत O बड़ा O योगदान O होता O है O और O उसको O लेकर O जल O - O जीवन O मिशन O शुरू O किया O । O पाइप O से O जल O पहुंचा O रहे O हैं O । O और O विशेष O करके O जंगलों O में O दूर O - O दूर O रहने O वाले O हमारे O आदिवासियों O के O घरों O तक O जल O पहुंचाने O का O काम O , O बड़ा O अभियान O चला O है O । O जिले O - O जिले O के O बीच O में O तंदुरुस्त O स्पर्धा O हो O रही O है O , O नगर O - O नगर O के O बीच O में O तंदुरुस्त O स्पर्धा O हो O रही O है O , O राज्य O - O राज्य O के O बीच O में O तंदुरुस्त O स्पर्धा O हो O रही O है O । O हर O किसी O को O लग O रहा O है O कि O का O ' O जल O - O जीवन O मिशन O ' O का O यह O जो O सपना O है O , O उसको O हम O जल्दी O से O जल्दी O अपने O क्षेत्र O में O पूरा O करेंगे O । O इस O वर्ष O महिला O उद्यमियों O पर O विशेष O रूप O से O फोकस O किया O गया O था O और O बहुत O सी O प्रतिभावान O महिलाओं O को O उद्यम O के O क्षेत्र O से O जोड़ा O गया O । O ग्लोबल O एंटरप्रेन्योरशिप O समिट O का O यह O आठवां O संस्करण O था O । O उनके O वक्तव्य O के O प्रमुख O बिंदु O इस O प्रकार O हैं O - O * O जीईएस O के O इस O संस्करण O का O विषय O विमेन O फर्स्ट O , O प्रास्पेरिटी O फॉर O ऑल O इसे O विलक्षण O बनाता O है O । O हम O महिला O सशक्तीकरण O को O अपने O देश O के O विकास O के O लिए O अत्यंत O महत्वपूर्ण O मानते O हैं O । O हालांकि O प्राथमिक O स्तर O पर O गर्भवती O महिलाओं O की O निरंतर O देखभाल O और O तपेदिक O एवं O एचआईवी O एड्स O के O उपचार O की O तमाम O सुविधाएं O उपलब्ध O हैं O फिर O भी O प्राथमिक O केंद्रों O को O आपात O और O एपीसोडिक O यानी O तुरत O - O फुरत O की O सेवा O के O लिहाज O से O ही O स्थापित O किया O जाता O है O । O पुरानी O बीमारियों O जैसे O हाइपरटेंशन O और O मानसिक O स्वास्थ्य O विकारों O को O लंबे O समय O तक O देखभाल O की O जरूरत O होती O है O । O प्राथमिक O उपचार O केंद्रों O को O इस O लिहाज O से O भी O तैयार O किया O जाना O चाहिए O । O इसके O अतिरिक्त O प्राथमिक O स्तर O की O देखभाल O में O अब O तक O सामुदायिक O स्वास्थ्य O , O शिक्षा O और O व्यक्तिगत O परामर्श O को O नजरंदाज O किया O जाता O रहा O है O । O जिस O प्रकार O समुदायों O में O स्वस्थ O आहार O और O नियमित O शारीरिक O व्यायाम O के O महत्व O पर O जोर O दिया O जाना O चाहिए O , O उसी O प्रकार O तंबाकू O निषेध O कार्यक्रमों O को O भी O लगातार O संचालित O किया O जाना O चाहिए O । O उपकेंद्रों O को O एचडब्ल्यूसीज़ O में O रूपांतरित O करने O के O प्रस्ताव O से O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवा O का O विस्तार O होगा O और O उसमें O निरंतरता O आएगी O । O इससे O ग्रामीण O क्षेत्रों O के O लोगों O को O बुनियादी O स्वास्थ्य O सेवाएं O आसानी O से O उपलब्ध O होंगी O । O स्वास्थ्य O केंद्र O आधारित O देखभाल O के O साथ O - O साथ O सामुदायिक O लामबंदी O से O स्वास्थ्य O संबंधी O जागरूकता O बढ़ेगी O और O बीमारियों O की O रोकथाम O होगी O । O एचडब्ल्यूसी O में O मौजूदा O कर्मचारियों O के O अतिरिक्त O नॉन O फिजिशियन O स्वास्थ्यकर्मी O जैसे O नर्स O प्रेक्टिशनर O , O जरूरी O दवाएं O और O निदान O मुफ्त O उपलब्ध O कराएंगे O । O इस O स्तर O पर O विभिन्न O रोग O नियंत्रण O कार्यक्रमों O को O शामिल O किया O जाएगा O । O सूचना O प्रौद्योगिकी O का O प्रयोग O करते O हुए O एचडब्ल्यूसीज़ O विभिन्न O अनुमानों O के O रियल O टाइम O डेटा O को O एकत्र O कर O सकते O हैं O और O विभिन्न O स्वास्थ्य O सूचकांकों O का O निरीक्षण O कर O सकते O हैं O । O टेलीमेडिसिन O और O मोबाइल O फोन O तकनीक O से O दूर O बैठे O डॉक्टरों O का O परामर्श O हासिल O किया O जा O सकता O है O और O एचडब्ल्यूसी O की O स्वास्थ्य O सेवा O में O सुधार O हो O सकता O है O । O राष्ट्रीय O स्वास्थ्य O मिशन O के O बजटीय O आवंटन O में O यह O प्रतिबद्धता O नजर O नहीं O आती O । O यह O भी O निराशाजनक O है O कि O बजट O में O एनएचएम O के O शहरी O स्वास्थ्य O मिशन O को O पूरी O तरह O नजरंदाज O किया O गया O है O । O ग्रामीण O से O शहरी O क्षेत्रों O में O लोगों O का O प्रवास O बढ़ O रहा O है O , O साथ O ही O शहरी O मलिन O बस्तियों O तथा O निम्न O आय O वाले O समुदायों O की O संख्या O भी O बढ़ O रही O है O । O इसके O मद्देनजर O शहरों O और O कस्बों O में O प्राथमिक O स्वास्थ्य O सेवाओं O की O जरूरत O तत्काल O होने O वाली O है O । O शहरी O आबादी O को O भी O एचडब्ल्यूसीज़ O चाहिए O । O एचडब्ल्यूसीज़ O को O पूरी O तरह O से O विकसित O करने O की O दिशा O में O सबसे O बड़ी O चुनौती O मानव O संसाधन O की O कमी O है O । O जबकि O पीएचसीज़ O में O डॉक्टरों O की O कमी O है O , O एचडब्ल्यूसीज़ O में O केवल O नॉन O फिजिशियन O स्वास्थ्यकर्मी O ही O कार्यरत O होंगे O । O एलोपैथिक O चिकित्सा O के O ब्रिज O कोर्स O ओरिएंटेशन O के O साथ O आयुष O स्नातकों O की O तैनाती O का O प्रस्ताव O ( O पारंपरिक O चिकित्सा O पद्धति O में O पारंगत O ) O हालांकि O विवादास्पद O है O । O आदर्श O रूप O से O , O आयुष O चिकित्सकों O को O एचडब्ल्यूसी O में O रखा O जाना O चाहिए O ताकि O वे O पारंपरिक O चिकित्सा O उपचार O और O स्वास्थ्य O को O बढ़ावा O दे O सकें O , O जिनमें O उन्हें O विशेषज्ञता O प्राप्त O है O । O आरएसबीवाई O के O अनुभवों O और O शिक्षा O से O एनएचपीएस O की O रचना O की O गई O है O । O 48वां O भारतीय O अंतरराष्ट्रीय O फिल्म O महोत्सव O उन्होंने O कहा O कि O इस O महोत्सव O से O सिनेमा O प्रेमियों O को O भारतीय O फिल्म O जगत O के O सबसे O बड़े O और O चमकदार O सितारों O से O मिलने O में O मदद O मिलेगी O । O इस O अभियान O के O तहत O कुओं O की O मरम्मत O और O निष्क्रिय O बोर O - O वैल O तथा O अप्रयुक्त O कुओं O का O उपयोग O कर O उन्हें O फिर O से O जलभर O बनाने O का O प्रयास O करना O है O । O इन O गतिविधियों O को O सुविधाजनक O बनाने O के O लिए O , O राज्यों O से O अनुरोध O किया O गया O है O कि O वे O प्रत्येक O जिले O में O - O कलेक्ट्रेट O / O नगर O पालिकाओं O या O जीपी O कार्यालयों O में O वर्षा O केंद्र O खोलें O । O यह O केंद्र O जिले O में O सभी O के O लिए O तकनीकी O मार्गदर्शक O केंद्र O के O रूप O में O कार्य O करेगा O । O इस O प्रकार O , O यह O स्पष्ट O है O कि O जल O संकट O की O स्थिति O में O कृषि O सबसे O बुरी O तरह O प्रभावित O होगी O । O इससे O पता O चलता O है O कि O किसी O भी O देश O में O जल O प्रबंधन O योजनाओं O में O ग्रामीण O क्षेत्रों O पर O महत्वपूर्ण O ध्यान O दिए O जाने O की O आवश्यकता O है O क्योंकि O अधिकांश O कृषि O गतिविधियां O इन्हीं O क्षेत्रों O में O होती O हैं O । O कैच O अभियान O का O प्रयास O है O कि O वर्षा O जल O संचयन O के O माध्यम O से O संधारणीय O कृषि O के O प्रचार O के O लिए O सरकार O के O प्रयासों O में O सहयोग O करने O के O वास्ते O जल O - O अभाव O वाले O जिलों O की O ग्राम O पंचायतों O को O कार्यरत O किया O जाए O । O अभियान O के O उद्घाटन O के O अवसर O पर O ग्राम O पंचायतों O ने O जल O संरक्षण O के O लिए O जल O शपथ O ली O । O इस O उद्देश्य O के O लिए O , O सरकार O विशेष O रूप O से O मानसून O के O आगमन O तक O अभियान O के O लिए O मनरेगा O निधि O का O उपयोग O करने O के O लिए O प्रतिबद्ध O है O । O इस O अभियान O के O तहत O जल O संरक्षण O और O प्रबंधन O पर O भी O ध्यान O केंद्रित O करने O वाली O कई O पिछली O योजनाओं O को O भी O सफल O बनाया O जाएगा O और O पिछली O योजनाओं O के O जमीनी O कार्य O को O प्रभावी O ढंग O से O बढ़ाया O जाएगा O । O सरकार O वर्षा O जल O संचयन O अभियान O का O नेतृत्व O कर O रही O है O और O देश O की O आवश्यकताओं O के O अनुरूप O इसे O प्रभावी O बनाने O के O लिए O प्रशासनिक O प्रमुख O होगी O । O इसके O साथ O ही O यह O भी O जरूरी O है O कि O सभी O हितधारकों O को O भी O सरकार O के O साथ O तालमेल O बनाते O हुए O संसाधनों O को O लगाना O और O प्रयास O करना O होगा O । O सरकार O ने O अपनी O प्रशासनिक O कार्रवाई O बहुत O पहले O शुरू O की O थी O और O वह O इसे O जारी O रखे O हुए O है O । O जमीनी O स्तर O पर O सत्ता O लोगों O के O हाथों O में O निहित O होती O है O जो O बारिश O जहां O भी O हो O और O जब O भी O हो O उसका O संचयन O करेंगे O । O इनमें O से O कई O संस्थानों O के O प्रमुखों O ने O सरकार O को O अपने O - O अपने O संस्थान O में O पहले O से O मौजूद O जल O प्रबंधन O प्रणाली O के O बारे O में O सूचित O किया O । O उदाहरण O के O लिए O , O भारतीय O सेना O , O वृक्ष O - O संरक्षण O के O लिए O एसटीपी O से O उपचारित O सीवेज O पानी O का O उपयोग O करने O के O लिए O प्रतिबद्ध O है O और O अधिकांश O स्टेशनों O ने O फ्लशिंग O सिस्टम O के O लिए O इस O उपचारित O पानी O का O उपयोग O करने O के O लिए O पहले O से O ही O डबल O पाइपिंग O सिस्टम O को O सक्रिय O कर O दिया O है O । O भारतीय O स्टेट O बैंक O ने O सक्रिय O सोशल O मीडिया O के O माध्यम O से O सरकार O के O जल O प्रबंधन O कार्यक्रमों O की O जमीनी O स्तर O तक O पहुंच O को O लगातार O सुनिश्चित O किया O है O मुख्य O तौर O पर O गरीबी O उन्मूलन O , O खाद्य O सुरक्षा O , O शिक्षा O , O स्वास्थ्य O , O पोषण O , O पेयजल O और O स्वच्छता O से O संबंधित O एसडीजी O लक्ष्यों O का O महत्व O बढ़ता O जा O रहा O है O । O पंचायतों O को O ग्राम O स्तर O पर O इन O क्षेत्रों O में O काम O कर O रही O एजेंसियों O के O साथ O मिलकर O अपनी O क्षमता O में O सुधार O लाने O की O जरूरत O है O । O रोजगार O के O अवसर O कृषि O से O निर्माण O , O मैनुफैक्चरिंग O और O सेवा O क्षेत्रों O की O ओर O जा O रहे O हैं O । O ग्रामीण O क्षेत्रों O में O कृषि O प्रसंस्करण O तथा O सूक्ष्म O , O लघु O और O मझोले O उद्यमों O में O काफी O संभावनाएं O हैं O । O पंचायतों O को O इन्हें O अपनी O योजना O में O समुचित O स्थान O देते O हुए O उन O पर O अमल O के O लिये O संबंधित O एजेंसियों O और O हितधारकों O के O साथ O काम O करने O की O आवश्यकता O है O । O इसलिये O इन O क्षेत्रों O में O ग्रामीणों O के O कौशल O विकास O और O ग्रामीण O उद्यमिता O संवर्द्धन O पर O जोर O देने O की O दरकार O है O । O इस O दिशा O में O भी O पंचायतों O को O विभिन्न O प्रकार O के O वित्तीय O संस्थानों O के O साथ O काम O करने O , O महिला O उद्यमिता O निर्माण O और O ग्रामीण O आबादी O के O लिये O उत्पाद O अनुकूलन O को O बढ़ावा O देने O की O आवश्यकता O है O । O पंचायतें O मजबूती O मिलने O के O साथ O ही O विपदाओं O / O प्राकृतिक O आपदाओं O का O सामना O करने O के O लिये O तैयार O हैं O । O उन्होंने O कोविड O - O 19 O की O रोकथाम O और O प्रबंधन O में O सक्रिय O भूमिका O निभायी O है O । O इस O दिशा O में O गतिविधियों O की O समयबद्ध O निगरानी O के O लिये O मंत्रालय O के O डेशबोर्ड O से O इस O बात O की O पुष्टि O होती O है O । O पंचायतों O को O अन्य O गतिविधियों O के O अलावा O कर O , O टोल O , O शुल्क O , O उपयोगकर्ता O प्रशुल्क O इत्यादि O लगाने O और O संग्रह O करने O का O अधिकार O दिया O जाना O चाहिये O ताकि O राजस्व O के O उनके O अपने O स्रोतों O में O वृद्धि O हो O । O यह O चयन O विभिन्न O संसाधनों O की O उपलब्धता O , O विकास O के O संभावित O क्षेत्रों O और O ग्रामीणों O की O जरूरतों O को O ध्यान O में O रखते O हुए O किया O गया O है O । O इसे O प्रमुख O मंत्रालयों O के O संसाधनों O के O विलय O के O साथ O आने O वाले O वर्षों O में O बढ़ाया O जा O सकता O है O । O पंचायतों O को O योजना O निर्माण O के O अभिन्न O अंग O के O रूप O में O जलवायु O कार्ययोजना O पर O भी O विचार O करना O चाहिये O । O नवीकरणीय O ऊर्जा O का O उपयोग O योजना O निर्माण O का O आवश्यक O अंग O होना O चाहिये O । O केंद्र O और O राज्य O सरकारों O के O प्रमुख O कार्यक्रमों O के O दिशा O - O निर्देशों O में O पंचायतों O की O भूमिका O का O स्पष्ट O उल्लेख O किया O जाना O चाहिये O । O बड़ी O संख्या O में O पंचायतें O अब O बुनियादी O अवसंरचनाओं O से O लैस O हैं O । O लेकिन O राज्यों O के O बीच O असमानता O बरकरार O है O । O इस O अंतर O को O भरने O के O लिये O प्रधानमंत्री O की O 75वें O स्वतंत्रता O दिवस O के O मौके O पर O की O गयी O घोषणा O के O अनुरूप O शत O - O प्रतिशत O कामयाबी O का O दृष्टिकोण O अपनाये O जाने O की O आवश्यकता O है O । O लेकिन O उनकी O प्रभावी O भागीदारी O के O लिये O समुचित O प्रशिक्षण O और O अनुभव O यात्राओं O की O दरकार O है O । O पंचायतों O के O सभी O स्तरों O पर O योजनाएं O तैयार O किये O जाने O से O योजना O निर्माण O की O प्रक्रिया O सुचारु O हुई O है O । O स्थाई O समितियों O और O वार्ड O सदस्यों O की O सक्रियता O , O ग्राम O सभाओं O के O प्रभावी O कामकाज O और O महत्वपूर्ण O हितधारकों O की O भागीदारी O से O ग्राम O पंचायतें O ज्यादा O लोकतांत्रिक O बनेंगी O और O उनके O कार्य O अधिक O समग्र O और O समावेशी O होंगे O । O इन्हें O आधुनिक O भारतीय O आर्यभाषा O कहा O गया O । O उनके O काव्य O में O भाषा O का O जो O रूप O प्राप्त O होता O है O , O उसी O का O विकास O बाद O में O हिंदी O भाषा O के O रूप O में O हुआ O । O परंतु O हिंदी O शब्द O की O व्युत्पत्ति O को O लेकर O अस्पष्टता O रही O है O । O इसे O सामान्य O रूप O से O हिंदू O शब्द O से O लिया O गया O । O पर O इस O विषय O में O अभी O भी O काफी O शोध O की O आवश्यकता O है O । O भारतीय O परंपरा O में O ' O प्रचलित O भाषा O ' O के O लिए O प्राचीन O काल O से O ही O ' O भाषा O ' O शब्द O का O प्रयोग O होता O आया O है O । O इसका O प्रयोग O क्रम O से O संस्कृत O , O प्राकृत O तथा O बाद O में O हिंदी O आदि O के O लिए O हुआ O । O इसके O अनेक O रूप O थे O - O ब्रज O , O अवधी O , O भोजपुरी O , O राजस्थानी O आदि O । O कवि O स्वांतः O सुखाय O या O राजदरबारों O के O आश्रय O में O काव्य O , O या O अन्य O ग्रंथ O रचना O करते O थे O । O संस्कृत O के O टीका O - O ग्रंथों O में O तो O यह O अब O भी O चल O रहा O है O । O पुरानी O पीढ़ी O के O पंडित O हिंदी O टीका O न O कह O कर O ' O भाषा O टीका O ' O ही O कहते O हैं O । O इससे O यह O स्पष्ट O होता O है O कि O हिंदी O का O वर्तमान O रूप O जिन O भाषाओं O से O विकसित O हुआ O है O , O वे O तो O मध्यकाल O में O विकसित O हो O रही O थीं O । O परंतु O उन्हें O हिंदी O का O वर्तमान O रूप O अंग्रेजों O की O भाषा O व O शिक्षा O संबंधी O नीति O के O लागू O होने O के O बाद O मिला O । O मुस्लिम O शासकों O के O काल O में O भाषा O संबंधी O जितने O भी O उल्लेख O मिलते O हैं O , O उनमें O हिंदवी O या O हिंदुस्तानी O का O उल्लेख O उर्दू O या O रेख्ता O या O उस O भाषा O के O लिए O मिलता O है O , O जो O खड़ी O बोली O का O दरबारी O रूप O या O देहलवी O रूप O थी O । O अन्य O नाम O हिंदवी O , O हिंदी O कदाचित O केवल O साहित्य O तक O ही O सीमित O थे O । O अंग्रेजी O शिक्षा O की O स्थापना O के O बाद O हिंदी O को O नागरी O लिपि O से O और O उर्दू O को O फारसी O लिपि O से O संबद्ध O कर O दिया O गया O । O लेखक O वरिष्ठ O आर्थिक O पत्रकार O है O । O अग्रणी O प्रिंट O व O इलेक्ट्रोनिक O मीडिया O समूहों O के O साथ O काम O कर O चुके O हैं O । O आम O तौर O पर O छोटी O बचत O योजनाओं O को O लेकर O यह O आलोचना O की O जाती O है O कि O यहां O ब्याज O दर O काफी O कम O है O । O नतीजतन O लोग O इन O योजनाओं O की O बजाय O शेयर O बाजार O और O म्यूचुअल O फंड O में O पैसा O लगाते O हैं O । O ऐसे O निवेशकों O को O लगता O है O कि O वे O रातोंरात O काफी O ज्यादा O कमाई O कर O सकते O हैं O । O लेकिन O वे O भूल O जाते O हैं O कि O शेयर O बाजार O में O जोखिम O बहुत O ही O ज्यादा O है O और O फायदे O का O किसी O तरह O का O पूर्वानुमान O लगाना O बेहद O मुश्किल O है O । O ज्यादातर O लोग O सुनी O - O सुनायी O बातों O पर O भी O निवेश O करते O हैं O जिसमें O हाथ O जलने O की O खासी O आशंका O होती O है O । O छोटी O बचत O योजनाओं O में O ऐसी O कोई O बात O नहीं O होती O छोटी O बचत O योजनाएं O भले O ही O यहां O बचत O के O साथ O छोटी O शब्द O जुड़ा O हो O , O लेकिन O फायदे O के O मामले O में O ये O योजनाएं O काफी O बड़ी O होती O हैं O । O सबसे O पहले O तो O जानना O जरूरी O है O कि O ये O छोटी O बचत O योजनाएं O हैं O क्या O ? O ऐसी O योजनाओं O में O खासा O लोकप्रिय O नेशनल O सेविंग O सर्टिफिकेट O यानी O एनएससी O , O पब्लिक O प्रॉविडेंट O फंड O यानी O पीपीएफ O , O डाकघरों O की O बचत O योजनाएं O , O किसान O विकास O पत्र O और O सुकन्या O समृद्धि O योजना O मुख्य O रूप O से O शामिल O हैं O । O डाकघर O की O बचत O योजना O और O किसान O विकास O पत्र O को O छोड़कर O बाकी O विभिन्न O योजनाओं O का O इस्तेमाल O बचत O के O साथ O टैक्स O बचाने O में O होता O है O । O इन O योजनाओं O को O सबसे O सुरक्षित O माना O जाता O है O , O क्योंकि O मूल O रकम O और O तय O ब्याज O की O गारंटी O सरकार O देती O है O । O ये O योजनाएं O मुख्य O रूप O से O डाकघरों O में O उपलब्ध O हैं O , O लेकिन O कई O बैंकों O में O आप O पीपीएफ O खाता O भी O खुलवा O सकते O हैं O । O बदलाव O की O जरूरत O क्यों O - O इससे O जमा O हासिल O करने O वालों O के O लिए O तो O दिक्कतें O होती O ही O हैं O , O जमा O करने O वालों O के O बीच O भारी O भ्रम O की O स्थिति O बनती O है O । O इस O मामले O में O वित्तीय O सेवा O विभाग O और O डाक O विभाग O से O विचार O - O विमर्श O करने O के O बाद O एकीकृत O कानून O , O पोस्ट O ऑफिस O सेविंग्स O बैंक O एक्ट O बनाने O का O प्रस्ताव O तैयार O हुआ O । O प्रस्तावित O कानून O सरकारी O जमा O प्रोत्साहन O कानून O के O नाम O से O जाना O जाएगा O । O अब O प्रस्तावित O कानून O के O तहत O कई O शब्दों O की O परिभाषा O में O सुधार O किया O जा O रहा O है O । O मसलन O , O ' O खाता O ' O , O ' O प्रशासक O ' O , O ' O बैंकिंग O कंपनी O ' O , O ' O निर्वाहक O ' O , O ' O अधिवाहक O ' O की O परिभाषा O में O कमियों O को O दूर O किया O गया O है O । O यही O नहीं O कुछ O परिभाषा O जैसे O ' O सरकारी O बचत O खाता O के O सचिव O ' O को O खत्म O किया O गया O है O । O कई O पुराने O और O बेकार O हो O चुके O प्रावधानों O को O हटा O दिया O गया O है O । O प्रौद्योगिकी O के O प्रति O विरोध O था O और O यूनियनों O का O आक्रामक O वातावरण O था O । O इसके O साथ O ही O साथ O शाखा O प्राधिकरण O , O ऋण O मेला O आदि O के O सख्त O मानदंड O थे O । O सुधार O काल O 1991 -NETI के O बाद O बैंकिग O क्षेत्र O में O कुछ O अहम O सुधार O देखे O गए O । O जैसे O ऋण O प्रक्रियाओं O एवं O ब्याज O दर O संरचना O का O अविनियमन O किया O गया O , O निजी O क्षेत्र O के O बैंकों O का O लाइसेंसीकरण O किया O गया O और O सरकारी O बैंकों O में O आंशिक O विनिवेश O किया O गया O । O उसके O बाद O अन्य O प्रगति O भी O हुई O । O विश्व O में O वित्तीय O संकट O आया O और O इन्फ्रास्ट्रक्चर O में O पीपीपी O मॉडल O की O शुरुआत O हुई O । O इससे O बैंकों O में O उत्साह O का O संचार O हुआ O । O बैंकों O के O लिए O नए O अवसर O पैदा O हुये O , O किन्तु O कई O कारणों O से O यह O उत्साह O फीका O पड़ O गया O । O की O स्थिति O में O भारतीय O बैंकिंग O क्षेत्र O में O बहुत O कुछ O बदल O चुका O है O । O परिवर्तनकारी O घटनाएं O घट O चुकी O हैं O , O नवोन्मेषी O प्रथाएं O प्रारम्भ O हो O चुकी O हैं O और O प्रतिस्पर्धा O पहले O से O कहीं O ज्यादा O बढ़ O गई O है O । O आने O वाले O समय O में O इसके O और O तीव्र O हो O जाने O की O संभावना O है O । O आने O वाले O दिनों O में O बैंकिंग O क्षेत्र O के O सामने O अत्यधिक O चुनौतीपूर्ण O मुद्दे O दिख O रहे O हैं O । O अनेक O चुनौतियां O जो O पहले O अमूर्त O दिखाई O पड़ती O थीं O अब O वे O महत्वपूर्ण O हो O गई O हैं O । O ये O मुद्दे O निश्चित O रूप O से O परिवर्तनकारिता O , O नवोन्मेष O और O प्रतिस्पर्धा O के O आसपास O घूमते O हैं O । O आज -NETI बैंक O इस O समय O जिस O प्रकार O के O ग्राहकों O के O साथ O कारोबार O कर O रहे O हैं O , O उन O ग्राहकों O की O प्रोफाइल O में O अत्यधिक O बदलाव O आते O जा O रहे O हैं O । O इसके O लिए O बैंकों O को O अपने O उत्पादों O और O सेवाओं O को O ग्राहकों O के O अनुरूप O बदलने O की O जरूरत O है O । O ग्राहकों O का O समूह O अब O ऐसे O उत्पादों O से O संतुष्ट O नहीं O होता O जो O बैंक O दे O रहे O हैं O बल्कि O उन्हें O उनकी O प्रत्येक O आवश्यकता O के O अनुसार O विशिष्ट O उत्पाद O चाहिए O । O लोगों O की O प्रोफाइल O बदल O रही O हैं O , O सामाजिक O आदतें O परिवर्तित O हो O रही O हैं O और O भावी O पीढ़ी O के O ग्राहकों O की O जरूरतें O भी O भिन्न O होती O जा O रही O हैं O । O वहीं O दूसरी O तरफ O बैंकों O को O वृद्ध O आबादी O का O भी O ध्यान O रखने O की O जरूरत O आई O है O । O ऐसी O स्थिति O में O वृद्ध O लोगों O की O बैंकिंग O जरूरतें O भिन्न O होती O जायेंगी O जिन्हें O उपयुक्त O डिलीवरी O चैनलों O के O माध्यम O से O दिया O जाना O होगा O । O इसी O प्रकार O आने O वाले O वर्षों O में O शहरीकरण O की O गति O भी O बहुत O तेज O हो O जायेगी O और O बैंकों O को O इस O प्रकार O से O प्रवासी O आबादी O की O जरूरतों O के O लिए O तैयार O रहना O होगा O । O ऐसी O स्थितियों O में O देखें O तो O क्या O ऐसा O नहीं O लगता O कि O जरूरतों O और O परिवर्तित O आदतों O ने O पारंपरिक O बैंकिंग O व्यवस्था O में O क्रांतिकारी O बदलाव O पैदा O किया O है O । O ऐसी O स्थिति O में O क्या O संभव O है O कि O हम O लक्ष्य O आधारित O और O समूह O को O लक्षित O कर O बैंकिंग O प्रणाली O को O संगठित O करें O ? O आधुनिक O बैंकिंग O का O दौर O वर्तमान O में O जिस O तरीके O से O बैंकिंग O व्यवहार O और O उपभोक्ताओं O की O जरूरतों O में O परिवर्तन O आ O रहे O हैं O वैसी O स्थिति O में O बैंकों O का O भविष्य O भी O संकट O के O घेरे O में O है O । O आज -NETI तो O यह O भी O माना O जा O रहा O है O कि O परंपरागत O बैंकिंग O का O दौर O खत्म O हो O चुका O है O और O बैंक O लेस O बैंकिंग O की O अवधारणा O भी O प्रबल O हुई O है O । O हम O ऐसे O दोराहे O पर O खड़े O हैं O जहां O क्रांतिकारी O परिवर्तन O हमारे O सामने O है O । O ऐसा O इसलिए O है O कि O किसी O भी O क्षेत्र O में O बदलती O हुई O प्रवृति O को O देख O पाने O में O हमें O समय O लगता O है O और O जब O तक O कि O हम O उसे O देखें O , O उभरते O पैटर्न O बड़ी O आसानी O से O गायब O हो O जाते O हैं O । O जिसका O खामियाजा O सभी O हितधारकों O को O भुगतना O पड़ता O है O । O परिवर्तनों O के O इस O दौर O को O देखने O से O बैंकिंग O का O आधुनिक O स्वरूप O तो O दिखता O ही O है O , O साथ O ही O इसके O भावी O परिणाम O भी O दिखते O हैं O । O या O ये O कहें O कि O नई O बैंकिंग O परिभाषा O गढ़ O रहे O हैं O । O यह O समझना O जरूरी O है O कि O इन O नई O प्रवृतियों O से O किस O तरह O के O बदलाव O आ O रहे O हैं O । O ये O सभी O बैंकिंग O के O लिए O प्रासंगिक O हैं O वहीं O दूसरी O तरफ O रिपोर्ट O में O सबसे O अधिक O प्रभाव O डालने O वाली O प्रवृत्ति O जनांकिक O और O सामाजिक O परिवर्तन O को O माना O गया O है O । O जो O ग्राहकों O की O नई O मांगें O पैदा O कर O रहे O हैं O और O प्रत्याशाओं O को O बढ़ा O रहे O हैं O । O तथा O सभी O स्थानों O पर O प्रौद्योगिकी O के O इस्तेमाल O ने O ग्राहक O के O सम्बन्ध O से O लेकर O कारोबारी O मॉडल O तक O को O बदल O डाला O है O । O इन O घटनाओं O ने O नए O प्रवेशकर्ताओं O के O लिए O अवसर O खोल O दिए O हैं O , O जरूरी O नहीं O कि O नए O बैंक O ही O हों O , O इसने O पुराने O कारोबार O मॉडल O को O दूर O कर O दिया O है O और O नए O मॉडल O को O अपना O रहा O है O । O वे O पारंपरिक O ग्राहकों O या O सेवानिवृत O ग्राहकों O की O तरह O विश्वसनीयता O पर O भरोसा O नहीं O करते O । O वे O चाहते O हैं O कि O उन्हें O बैंकिंग O सेवाओं O के O लिए O बैंक O न O जाना O पड़े O बल्कि O इसके O लिए O वे O ऑनलाइन O या O सोशल O मीडिया O प्लेटफॉर्म O का O उपयोग O करना O ज्यादा O पसंद O करते O हैं O । O