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Must try food in India (भारत में खाने की बेस्ट डिशेज): खाने-पीने के शौकीन हैं, और इन गर्मियों में कुछ घर पर कुछ टेस्टी बनाकर एन्जॉय करने का मन है। तो बॉलीवुड ब्यूटी मृणाल ठाकुर की ये फेवरेट इंडियन डिशेज आपको जरूर ही ट्राई करनी चाहिए। देखें पुरण पोली, गुलाब जामुन से लेकर पिज्जा, खीर तक एक्ट्रेस की पसंदीदा डिशेज की पूरी लिस्ट।
पारखी नजर वाले का ही है खेल, दोनों तस्वीरों में से ढूंढकर दिखाना है तीन अंतर, खोज लिया तो कहलाएंगे 'धुरंधर'
धुरंधरों का भी खेल नहीं, 667 की भीड़ में छिपा है 676, ढूंढ निकाला तो कहलाएंगे 'सुपरमैन'
Sakshi की दोस्त का खूनी Sahil पर सबसे बड़ा खुलासा, मर्डर के दिन पर भी दिया बड़ा बयान !
Sakshi Murder Case: साक्षी की सहेली ने साहिल को लेकर की चौंकाने वाला खुलासा !
Delhi Sakshi Murder Case को लेकर बहुत बड़ा खुलासा, हथियार कहां से लाया कहां फेंका सब पता चला !
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Rajouri Encounter: सुरक्षा बलों को आज सुबह थानामंडी इलाके के जंगल में कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. राजौरी की पुलिस अधीक्षक शीमा नबी कसबा ने बताया कि, इलाके में मुठभेड़ अभी जारी है.
Rajouri Encounter: जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले में आज सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में राष्ट्रीय राईफल के एक जेसीओ (JCO) शहीद हो गए. सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच थानामंडी इलाके में हुई इस मुठभेड़ में जेसीओ के शरीर में गोलियां लगने से वो घायल हो गए. जिसके बाद उन्हें गंभीर हालत में तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. राजौरी की पुलिस अधीक्षक शीमा नबी कसबा ने बताया कि, इलाके में मुठभेड़ अभी जारी है. सुरक्षा बलों को आज सुबह राजौरी जिले के थानामंडी इलाके के जंगल में कुछ आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. जिसके बाद सुरक्षा बलों ने यहां अपना तलाशी अभियान जारी किया था. तलाशी अभियान के दौरान ही कुछ आतंकवादियों ने सुरक्षा बल पर हमला कर दिया. जिसके बाद इलाके में सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच जमकर गोलीबारी शुरू हो गई.
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Foods To Avoid Eating In Uric Acid: यूरिक एसिड एक ऐसी परेशानी है जोकि कई कारणों से पैदा होती है। यूरिक एसिड एक प्रकार का केमिकल है जोकि शरीर में प्यूरिन के अधिक सेवन से बढ़ने लगता है। कई फूड्स में प्यूरिन की अधिक मात्रा उपस्थित होती है जिनके सेवन से यूरिक एसिड बढ़ने लगता है। हालाकि किडनी शरीर से यूरिक एसिड को फिल्टर करके निकाल देती है लेकिन यदि इसकी मात्रा अधिक होती है तो किडनी को ये काम करने में कठिनाई होती है। इसी चलते शरीर में यूरिक एसिड फैलकर बढ़ने लगता है जोकि आपके घुटनों और जोड़ों में इकट्ठा होकर जमने लगता है। फिर यहीं जमा यूरिक एसिड जोड़ों में दर्द और सूजन की वजह बनता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे फूड्स बताने जा रहे हैं जिनके सेवन से आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है इसलिए आपको ऐसे फूड्स खाने से परहजे करना चाहिए, तो चलिए जानते हैं (Foods To Avoid Eating In Uric Acid) यूरिक एसिड में ना खाए जाने वाले फूड्स...। ।
यूरिक एसिड में ना खाए जाने वाले फूड्स (Foods To Avoid Eating In Uric Acid)
अगर आप यूरिक एसिड की परेशानी से जूझ रहे हैं तो आपको शराब, बीयर या किसी भी एल्कोहल के सेवन से आपको अत्यधिक नुकसान पहुंच सकती है। इसलिए यदि आप लो-प्यूरिन वाली डाइट आजमा रहे हैं तो किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन नुकसानदायक हो सकता है।
अगर आप हाई यूरिक एसिड के पेशेंट हैं तो आपको प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। प्रोसेस्ड फूड्स शरीर में प्यूरिन बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसे में आप प्रोसेस्ड फूड्स जैसे- टॉफी, आइसक्रीम, चिप्स, वाइट ब्रेड, मफिंस, कुकीज, फास्ट फूड और फ्रोजन मील्स आदि से परहेज करें।
अगर आप हाई यूरिक एसिड से जूझ रहे हैं तो ऐसे में आपके लिए हाई शुगर से भरपूर पेय पदार्थों का सेवन करना हानिकारक हो सकता है। ये ड्रिंक्स किसी भी तरह से फायदेमंद नहीं होती है बल्कि गाउट की परेशानी को बढ़ा देते हैं। इसलिए हाई यूरिक एसिड के पेशेंट को कभी भी सोडा, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स, मीठी कॉफी और एनर्जी ड्रिंक्स (Energy Drinks) को हमेशा पीने से परहेज करना चाहिए।
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आधुनिकता के दौर में आज स्मार्टफोन के साथ ही इनसे जुड़ी एप्स की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे कई एप हैं जो हमारी सुरक्षा के लिए कारगर साबित हुए हैं। इसी कड़ी में एक और नया एप जुड़ गया है। जो सड़क सुरक्षा, दुर्घटना, ब्रेकर और अन्य दिक्कतों से जुड़ी चीजों पर अलर्ट जारी करता है। ये एप एकदम मुफ्त है इसके लिए आपको कोई भी शुल्क अदा नहीं करना है।
दरअसल, केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने देश में वाहन चालकों की सुरक्षा और सड़क सुरक्षा प्रौद्योगिकियां विकसित करने के लिए आईआईटी मद्रास और डिजिटल टेक कंपनी मैपमाईइंडिया के साथ हाथ मिलाया है। इसके तहत तीनों ने संयुक्त रूप से एक नेविगेशन एप लॉन्च किया है जो नागरिकों को मुफ्त में हादसों से संबंधित सड़क सुरक्षा अलर्ट उपलब्ध कराएगा। इस एप को मूव (MOVE) नाम दिया गया है।
ये एप यूजर्स को दुर्घटना संभावित क्षेत्रों, स्पीड ब्रेकर, तीव्र मोड़ और गड्ढों समेत अन्य समस्याओं के बारे में आवाज और वीडियो के माध्यम से जानकारी उपलब्ध कराएगा। बता दें कि इस एप का उपयोग नागरिक और अधिकारी हादसों, असुरक्षित इलाकों और यातायात संबंधी मुद्दों की जानकारी देने के लिए भी कर सकेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, के अनुसार इस एप से मिलने वाले पूरे डाटा का आईआईटी मद्रास और मैपमाईइंडिया की ओर से विश्लेषण किया जाएगा। इसके बाद इस डाटा का इस्तेमाल भारत सरकार भविष्य में सड़कों की स्थितियों में सुधार लाने के लिए करेगी।
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छपरा में रविवार की सुबह-सुबह गोलियां तड़तड़ाने से सनसनी मच गई। जिले के मढ़ौरा थाना क्षेत्र के मरहौरा रेलवे स्टेशन के समीप जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण के जेठ अर्जुन सिंह (55) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाइक सवार दो अपराधी वारदात को अंजाम देकर फरार हो गए। जानकारी होने पर पुलिस छानबीन करने के लिए पहुंच गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वारदात के बाद से मढ़ौरा बाजार की दुकानें बंद कर दी गई हैं। आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर मढ़ौरा-छपरा सड़क मार्ग पर आवागमन बाधित कर दिया है।
बताया जाता है कि आवारी गांव निवासी तथा जिला परिषद अध्यक्ष के जेठ अर्जुन सिंह अपने घर से मढ़ौरा बाजार बाइक से जा रहे थे। इसी दौरान आवारी रेलवे क्रॉसिंग के पास पहले से घात लगाकर बैठे बाइक सवार अपराधियों ने उन्हें गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल अवस्था में आसपास के लोग इलाज के लिए उन्हें लेकर रेफरल अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने अर्जुन को मृत घोषित कर दिया। खबर मिलते ही इलाके में सनसनी फैल गई। मढ़ौरा बाजार को लोगों ने दुकानों को बंद करा दिया। आक्रोशित लोग थाने के समक्ष प्रदर्शन करने लगे।
बताते चलें कि 20 अगस्त 2019 को मढ़ौरा में एसआइटी के दारोगा मिथिलेश कुमार साह तथा सिपाही मोहम्मद फारुख हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त सुबोध कुमार सिंह अर्जुन सिंह का पुत्र है। जो अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। दारोगा हत्या के मामले में अर्जुन सिंह के भाई अरुण कुमार सिंह छपरा जेल में बंद हैं। जबकि दो दिन पहले अरुण कुमार सिंह की पत्नी जिला परिषद अध्यक्ष मीना अरुण जमानत पर रिहा हुई है। हत्या की इस घटना को लेकर मढ़ौरा में करीब तीन दशक से जारी वर्चस्व की लड़ाई का हिस्सा माना जा रहा है।
मुख्य रूप से यहां राजनीतिक संरक्षण प्राप्त दो मुख्य जाति के अपराधियों के बीच वर्चस्व की लड़ाई 2000 के दशक से चली आ रही है। इस लड़ाई में अब तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और इससे जुड़े कई मुकदमें आज भी लंबित है। ऐसा माना जा रहा है कि वर्चस्व की लड़ाई में यह घटना हुई है। फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ भी बताने से इन्कार कर रही है। हत्या के बाद उत्पन्न तनाव तथा आक्रोश को नियंत्रित करने में प्रशिक्षु आइपीएस सह थानाध्यक्ष संदीप सिंह समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी जुटे हुए हैं।
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नेशनल हिंदी न्यूज चैनल 'भारत24' अपनी नई टैगलाइन 'विजन ऑफ न्यू इंडिया' (Vision of new India) के साथ 15 अगस्त को लॉन्च होने जा रहा है।
इस शो का प्रसारण 29 जुलाई की दोपहर एक बजे से शुरू हुआ है और 'ZeeZest. com' के साथ-साथ यह प्रत्येक गुरुवार व शुक्रवार को इसी समय पर Zee Zest SD और HD पर प्रसारित होगा।
देश के चार बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए वर्ष 2022 के 22वें हफ्ते से वर्ष 2022 के 25वें हफ्ते के बीच की 'रेडियो ऑडियंस मीजरमेंट' (RAM) रेटिंग्स जारी हो गई हैं।
राज्य सरकार की इकाई 'एपी स्टेट फाइबरनेट लिमिटेड' (एपीएसएफएल) 'एपी फाइबर न्यूज' नाम से यह चैनल शुरू करेगी।
समूह की 26वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) में यह निर्णय लिया गया है।
यह चैनल 15 अगस्त को देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में लाइव होगा।
देश के चार बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए वर्ष 2022 के 21वें हफ्ते से वर्ष 2022 के 24वें हफ्ते के बीच की 'रेडियो ऑडियंस मीजरमेंट' (RAM) रेटिंग्स जारी हो गई हैं।
पूर्व ओलंपिक ट्रैक एंड फील्ड एथलीट पीटी उषा ने राज्यसभा में सांसद पद की शपथ ली। यह मौका कुछ कारणों से ऐसा खास बन गया कि इसकी चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी है।
उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सेक्टर-62 से शुरू होने जा रहे इस चैनल की आधिकारिक रूप से लॉन्चिंग 15 अगस्त को की जाएगी।
तेलंगाना के जगतियाल जिले में तीन दिन बाद 'एनटीवी' (NTV) के पत्रकार का शव मिला है।
कंपनी ने क्रांति गडा को प्रमोट कर अब प्रेजिडेंट (New Business Opportunities) की जिम्मेदारी सौंपी है।
देश के चार बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए वर्ष 2022 के 20वें हफ्ते से वर्ष 2022 के 23वें हफ्ते के बीच की 'रेडियो ऑडियंस मीजरमेंट' (RAM) रेटिंग्स जारी हो गई हैं।
खबर है कि उत्तर प्रदेश के नोएडा स्थित सेक्टर-62 से शुरू होने जा रहे इस चैनल की आधिकारिक रूप से लॉन्चिंग 15 अगस्त को की जाएगी।
'जी मीडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड' में वह करीब पौने दो साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे और इस साल मार्च में उन्होंने यहां से विदाई ले ली थी।
बता दें कि अजय कुमार ने पिछले दिनों 'इंडिया टीवी' (India TV) में अपनी पारी को विराम दे दिया था। वह करीब दो साल से बतौर मैनेजिंग एडिटर वहां अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
अक्षय शर्मा ने मुख्यमंत्री, हरियाणा के मीडिया सलाहकार 'अमित आर्य' की टीम से अपने कार्य को विराम दे दिया है।
देश में टेलिविजन दर्शकों की संख्या मापने वाली संस्था 'ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल' (BARC) इंडिया ने 26वें हफ्ते के न्यूज व्युअरशिप डेटा जारी कर दिए हैं।
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है, सो कैसे सहा जाय ? और अिस वार तो सजा भी साल भरकी दी है । और फिर अंक सालके वाद भी ये भगवान जैसे तैसे रहेंगे। अिसलिये अंक वार आखिर तक लड़ लिया जाय । भगवान जान क्या होगा !
आज प्रातःकाल तो वापूका मौन था, मगर ११ बजे नोटिस लिख डाला और मुझसे कहा कि वारा बजते ही पहुंचा देना है, अिसलिओ तुरंत तैयार कर लो । छोटासा और साफ पत्र थाः हरिजन कार्यके बिना मेरे लिअ जीना असंभव है। यरवदा-समझौतेके अनुसार आप मुझे यह काम करने देनेको बंधे हुये हैं मेरी मांग न्यायपूर्ण मालूम हो तो मान लीजिये, नहीं तो मुझे मरने दीजिये ।
शामको बातें हुआ। अभी तक कोअी जवाब नहीं आया, वापू कहने लगे : अव स्वीकृति आनकी आशा कम है । यद्यपि ये लोग अिस हद तक जायं तो यह अनकी निरी दुष्टता होगी। मेरा तो जिससे कोअ मतलब नहीं। मैं तो, जैसा जवाहरने कहा था, जिभूंगा तो भी हरिजनोंके लिओ और मरूंगा तो भी हरिजनोंके लिअ । मेरी तो शृंखला पूरी हुआ मानी जायगी। पर जिनकी दुष्टता के कारण मरना पड़े यह असह्य है। मनुष्य स्वभाव दुष्टताकी अिस हद तक पहुंच जाय, यह भयंकर चीज है। अब भी यह आशा रखें कि ओखर अहिंसाकी जितनी ज्यादा परीक्षा नहीं लेगा । संभव है कि होरके साथ अिन लोगोंकी बातचीत चल रही हो और होर तो झक्की आदमी है । वह तो अस तरहका मनुष्य है कि अंक प्रस्ताव वम्बओने किया हो तो अस पर भी वह कायम रहे । कुछ भी हो, मेरे लिये तो यह काम करते हुञे मौत आ जाय जिससे अच्छा और क्या हो सकता है ?
शामको मानो सरकारकी स्थितिका ही मनमें विचार कर रहे हों,, अिस तरह कहने लगे : जवाव तो आयेगा, पर बुधवारको आयेगा और असमें यह होगाः
"सरकारने आपको काफी लंबे अर्से तक वरदाश्त कर लिया है। अव अंक अव्यावहारिक स्वप्नदृष्टाकी स्वच्छन्दताको और अधिक सहन करना सकारके गौरवको शोभा नहीं देता। अिसलिये सरकारको यह बताते हु अफसोस होता है कि गांधीको कह दिया जाय कि अन्हें जो जीमें आये 'करनेकी आजादी तो है ही; फिर भी अन्होंने जो मार्ग अपनाया है, असी पर डटे रहनेकी अनकी जिद होगी, तो सरकारको मजबूर होकर अन्हें जवरदस्ती खाना खिलाना पड़ेगा। " :
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हम यहाँ चार-छह दिन रहे लेकिन हमारी एक ही दिनचर्या रही। सुबह जल्दी उठना, फटाफट नाश्ता करना और दिन भर घूम-फिरकर, थककर शाम को रिसॉर्ट आकर थकान मिटाने के लिए पूल में तैरना ! एक दिन कोलवा बीच पर हमने बोटिंग का भी आनंद लिया। यहाँ हमने डॉल्फिन मछलियाँ देखीं। हालाँकि ये छोटी थीं पर बच्चों ने अच्छा आनंद लिया ।
इस दौरान यहाँ नवरात्रि तथा दशहरा पर्व मनाने का सौभाग्य भी प्राप्त हुआ । उत्तर भारत में जिस तरह हर घर तथा गली-मोहल्ले में माँ दुर्गा की घट स्थापना कर तथा लड़कियों द्वारा गरबा कर पर्व मनाया जाता है, ऐसा ही यहाँ भी होता है । रावण का पुतला कहीं भी नहीं जलाया जाता है। सुबह से लोग अपने वाहनों की सफाई कर उनकी पूजा करते हैं और शाम को भगवान की एक पालकी मंदिर ले जाई जाती है। इसके बाद एक पेड़ विशेष की पत्तियाँ तोड़कर लोग एक-दूसरे को देकर बधाई देते हैं । सबकी अपनी-अपनी सांस्कृतिक परंपरा है ।
इतने कम दिनों में मैं गोवा को पूरा देख-समझ तो नहीं पाया पर इतना जरूर समझ गया कि पश्चिमी फैशन और सभ्यता में रचा-बसा होने के बावजूद यह भारतीय संस्कृति को पूरी तरह से आत्मसात किए हुए हैं। पर्यटक फैशन के रंग में कुछ देर के लिए भले ही स्वयं को रँगकर चले जाते हों लेकिन स्थानीय लोग अपनी सांस्कृतिक परंपरा की उँगली अब भी पकड़े हुए हैं।
आबोहवा स्त्री.सं.(अ.फा.) = जल-वायु खानापूर्ति स्त्री.सं.(फा.) = औपचारिकता पूरी करना हरीतिमा स्त्री.सं. (सं) हरियाली सैलानी वि. (हिं.) = सैर-सपाटा करने वाले, पर्यटक सुस्वादु वि.(हिं.) = स्वादिष्ट
गोवा की प्राकृतिक सुंदरता पर संवाद प्रस्तुत कीजिए ।
मन तरंगायित होना = मन उमंग से भरना निजात पाना = मुक्ति पाना
दो-चार होना = जूझना
जेब ढीली होना = जेब खाली होना,
अधिक खर्च होना
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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Ranchi: शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के कक्षा 1 से 7 के विद्यार्थियों की परीक्षा की तिथि बदल दी गई है. शनिवार को नया डेट सहित शिड्यूल जारी कर दिया है. इसका आदेश झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् की निदेशक किरण कुमारी पासी ने जारी कर दिया है. इसकी जानकारी सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक को दी है.
निदेशक ने कहा है कि राज्य सरकार के नियंत्रणाधीन सरकारी, मॉडल स्कूल, गैर-सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित), प्रारंभिक विद्यालयों के कक्षा 1 से कक्षा 7 में अध्ययनरत छात्र / छात्राओं के वार्षिक योगात्मक मूल्यांकन (SA-II) होना है. पूर्व निर्धारित कैलेंडर के अनुसार 26-27 अप्रैल-2023 और 2 मई 2023 को दो पालियों में आयोजन किया जाना था. निदेशक ने लिखा है कि उक्त कैलेंडर में आंशिक संशोधन किया गया है. अब वार्षिक योगात्मक मूल्यांकन 6 से 13 मई, 2023 तक एकल पाली में प्रातः 7. 30 बजे से प्रातः 9. 30 बजे तक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है.
1. सभी सरकारी, मॉडल स्कूल, गैर-सरकारी सहायता प्राप्त (अल्पसंख्यक सहित), प्रारंभिक विद्यालयों में परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
2. परीक्षा का आयोजन कक्षा 1 से कक्षा 7 के लिए होगा.
3. कक्षा 1 एवं कक्षा 2 की परीक्षा मौखिक होगी.
4. . कक्षा 3 से कक्षा 7 के प्रश्न वस्तुनिष्ठ, लघुउत्तरीय तथा दीर्घउत्तरीय प्रकार के होंगे.
5. मुद्रित प्रश्न-सह- उत्तर पुस्तिका के माध्यम से परीक्षा आयोजित होगी, जिसमें छात्र/छात्राओं को निर्धारित स्थान पर उत्तर लिखना होगा.
6. परीक्षा 7. 30 बजे पूर्वाहन से 9. 30 बजे पूर्वाहन तक एकल पाली में आयोजित होगी.
7. कक्षा 3 से 5 तक के प्रत्येक विषय के लिए 60-60 अंक निर्धारित है.
8. कक्षा 5 से 7 तक के प्रत्येक विषय के लिए 60-60 अंक निर्धारित हैं, परंतु गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के लिए 50-50 अंक का लिखित और 10-10 अंक के प्रोजेक्ट कार्य (कुल 50+10=60) के लिए निर्धारित किया गया है.
10. संथाली, हो, खड़िया, मुंडारी, कुडुख विषयों के लिए कक्षावार प्रश्न-पत्र विद्यालय स्तर पर तैयार किये जायेंगे.
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अक्सर, छालरोग खोपड़ी को प्रभावित करता है यह त्वचा रोग बहुत से स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करता है, इसके अलावा इससे एक न्यूनता का कारण बनता है, क्योंकि हेयरलाइन में एक प्रतिकारक उपस्थिति होती है। इसलिए, सिर पर छालरोग अनिवार्य उपचार की आवश्यकता है।
रोग कान, चेहरे, गर्दन के पैर को प्रभावित कर सकता है। यह अलग-अलग तरीकों से प्रकट हो सकता है एक आसान डिग्री छोटे पैमाने के रूप में दिखता है, एक गंभीर चरण में त्वचा एक मोटी परत के साथ कवर किया गया है। सिर पर सोरायसिस सबसे अधिक चयन के स्थल पर, कान में, माथे पर और गर्दन के पीछे होता है।
यह रोग उपचार में काफी जटिल है। इसे समय में पहचानने में सक्षम होना महत्वपूर्ण है। छालरोग में (रूसी के विपरीत), परत बड़ी और घनी होती है। एक मामूली खुजली हो सकती है आप सूजन वाले क्षेत्रों को कंघी नहीं कर सकते, अन्यथा वे लंबे समय तक चंगा करेंगे। त्वचा रोग विशेषज्ञ इस रोग के कई कारणों में भेद करते हैंः
स्ट्रिंग के निकालने के शराब निकालने की आवक बीस बूंद लेना उपयोगी है। आप संकुचित कर सकते हैं और पिल्लेनलाइन के साथ स्नान कर सकते हैं। आप कैमोमाइल और ऋषि की शराब पी सकते हैं, वे सूजन से छुटकारा पा सकते हैं।
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रविचंद्रन अश्विन ने दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच दूसरी पारी में शानदार गेंदबाजी करते हुए स्टीव स्मिथ को आउट किया। स्मिथ 19 गेंद में 9 रन बनाकर अश्विन के हाथों एलबीडबल्यू आउट हुए। अश्विन ने पहली पारी में भी स्मिथ को 0 पर आउट किया था।
अश्विन पहले स्पिन गेंदबाज बन गए हैं, जिसने स्मिथ को एक टेस्ट मैच की दोनों पारियों में सिंगल डिजिट स्कोर पर आउट किया है।
स्मिथ को टेस्ट में सबसे ज्यादा बार आउट करने के मामले में अश्विन संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। यह आठवीं बार है जब इस फॉर्मेट में अश्विन ने स्मिथ को आउट किया है। इस मामले में उन्होंने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज एंडरसन की बराबरी की है। एंडरसन ने भी 8 बार टेस्ट में स्मिथ को आउट किया है।
इस लिस्ट में पहले नंबर पर स्टुअर्ट ब्रॉड हैं, जिन्होंने 9 बार स्मिथ को आउट किया है।
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चरिगोंड धम्मना
मन्दमा और तिम्मनामात्य इनके माता-पितां थे । इन्होंने "चित्र भारतमु ' नाम से आठ आश्वासनों का काव्य लिखा । महाभारत का संक्षिप्त रूप ही यह काव्य है । यह काव्य पेद्दयामात्य को समर्पित है । कवि ने काव्य की आत्मा के प्रदर्शन की अपेक्षा कला के प्रदर्शन में अपनी प्रतिभा का विशेष परिचय दिया है । इस काव्य का रचना-काल ई० १५०३ से १५१२ के बीच माना जाता है । अलंकार - प्रधान काव्य होने के कारण इसे कतिपय पण्डितों की ही प्रशंसा प्राप्त हो सकी ।
अद्दकि गंगाधर कवि
ये वीरनामात्य के पुत्र थे और "मल्किभराम" नाम से विख्यात गोलकोंडा के नवाब इब्राहीम कुतुबशाह के दरबारी कवि थे । इन्होंने "तपती-संवरणोपाख्याननु' नामक काव्य लिखकर अपने आश्रयदाता को इसका कृतिपति बनाया । मल्किभराम ने ई० १५५० से १५८१ तक राज्य किया था । कवि का रचना-काल भी यही माना जाता है । यह काव्य "तपती-संवरण" भी कहलाता है तथा यह वसुचरित्र की शैली पर रचा गया है । काव्य सरस, प्रौढ़ और मनोहर भावनाओं से पूर्ण है । मल्किभराम ने अपने दरबार में कई तेलुगु - कवियों को आश्रय दिया और तेलुगु - साहित्य के पोषण में सक्रिय सहयोग दिया। इनके अन्य दरबारी कवियों में पोन्नगंटि तेलगन्ना आदि विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं ।
ये जिला गुंटूर पेदचेरकूर गाँव के निवासी थे और बापनार्य के आत्मज थे । इन्होंने "चन्द्रहास - विलासमु", "विक्रमार्क - चरित्र" और "लक्षण-शिरोमणि" (यादवामात्य छन्द) नाम से तीन ग्रन्थ लिखे । ये ग्रन्थ अमुद्रित ही रह गये हैं । इन तीनों ग्रन्थों को कवि ने अपने आराध्य देव भद्राचल में विराजमान श्री रामचन्द्रजी को समर्पित किया है । मधुर कविता के लिए ये अत्यन्त विख्यात हैं । "विक्रमार्क-चरित्र" इनका ग़द्य ग्रन्थ है ।
ये अम्मलांबा और पोतया के पुत्र थे । इन्होंने "एकादशी-माहात्म्य" नाम से "रुक्मांगद चरित्र" पाँच आश्वासो में प्रस्तुत किया है और द्राक्षाराम के भीमेश्वर को इसे समर्पित किया है 1 राजा रुक्मांगद ने मुनियों से एकादशी की महिमा सुनी तो व्रत का अनुष्ठान • किया, जिसका इसमें चित्रण किया गया है। इसमें पुण्य और पाप तथा धर्म और अधर्म
की सुन्दर व्याख्या की गयी है और धर्म और पुण्य तथा अधर्म और पाप की परिभाषा और परिचय कराना ही इस काव्य की रचना का उद्देश्य प्रतीत होता है ।
यह रामपंडित और तिम्मांबा के पुत्र थे । ये पुराणों के ज्ञाता और संस्कृत के उद्भट विद्वान थे । "वराह-पुराण", "मत्स्य पुराण", "नरसिंह- पुराण" तथा "भागवत" के छठवें, ग्यारहवें और बारहवें स्कन्वों पर इन्होंने ग्रन्थ-रचना की है ।
कूचिराजु एरना
यह कूचन मंत्री और मुत्तमांबा के पुत्र थे । इन्होंने 'कोक्कोक' नाम से रतिशास्त्र की रचना की और उसे मल्लयामात्य को समर्पित किया । "सकलनीति-कथा-निधान" इनका दूसरा ग्रन्थ है, जो बाला जी को समर्पित है । "सकल पुराण-सार" कविकृत तीसरा ग्रन्थ है । भैरवामात्य इसके कृतिपति हैं । एरंना "नवघंट-सुरत्राण" उपाधि से सुशोभित थे । यह अष्ट-भाषा-कविता - विशारद थे ।
शंकर कवि
यह गोदावरी जिले के निवासी तथा देवयामात्य के पुत्र थे । इन्होंने "हरिश्चन्द्रोपाख्यान" की रचना की है । इसके पद्य मणियों की भाँति अत्यन्त मूल्यवान थे । सुन्दर लोकोक्तियों के साथ संवाद - शैली में यह काव्य रचा गया है । यत्र-तत्र कठिन समासों का प्रयोग होने पर भी भावों की उत्कृष्टता के कारण काव्य सरस बन पड़ा है ।
एलकूचि बाल सरस्वती
यह 'महामहोपाध्याय' नामक उपाधि से विभूषित थे और सत्रहवीं सदी के प्रथम चरण में वर्तमान थे । इन्होंने "रंग - कौमुदी" नामक नाटक, "चन्द्रिका-परिणय' नामक प्रबन्ध काव्य, "आन्ध्र-शब्द-चिन्तामणि" की व्याख्या, "भाषा विवरण" नामक लक्षण ग्रन्थ, "मल्लभूपालीयमु" नाम से भतृहरि के सुभाषितों का तेलुगु - अनुवाद प्रस्तुत किया । इनकी कीर्ति का केतु इनका लिखा "राघव यादव-पांडवीयम्" नामक व्यर्थी काव्य है । इसमें एक साथ रामायण, भागवत और महाभारत की कथाएँ सन्निविष्ट हुई हैं । यह काव्य बाल सरस्वती की बौद्धिक प्रतिभा का परिचायक है । व्याकरण, लक्षण-ग्रन्थ और
प्रबन्ध युग या रॉयल युग
प्रबन्ध-काव्य प्रस्तुत कर ये दूसरे भट्टमूर्ति या रामराजभूषण कहलाये । चन्द्रिका परिणय में काशी- नरेश की पुत्री चन्द्रिका तथा भीमसेन का विवाह वर्णित है ।
लिंगमगुंट तिम्मन्ना
यह तिम्मांबा और लक्ष्मय्या के पुत्र तथा जिला नेल्लूर लिंगमगुंट ग्राम के निवासी थे । इन्होंने एक रीति-ग्रन्थ "सुलक्षण-सार" नाम से प्रस्तुत किया अब तक के समस्त रीति-ग्रन्थों में यह सर्वश्रेष्ठ तथा प्रामाणिक माना जाता है । तेलुगु भाषा के समस्त उत्तम लक्षणों का संग्रह और सार इस ग्रन्थ में उपलब्ध है । ये तेनालि रामकृष्ण के समकालीन माने जाते हैं। इनका "सुलक्षण सार" अपनी उत्तमता एवं प्रामाणिकता के कारण इतना लोकप्रिय हुआ है कि इसकी समता कर सकनेवाला दूसरा ग्रन्थ तेलुगु में नहीं है ।
काकुनूर अप्पकवि
इन्होंने "आन्ध्र-शब्द-चिंतामणि" नाम से एक लक्षण -ग्रन्थ लिखा । यह "अप्पकवीयमु" का तेलुगु अनुवाद है । यह "अप्पकवीयमु" नाम से भी प्रसिद्ध हुआ है । अप्पकवि महान रीति-ग्रन्थकार के रूप में तेलुगु- साहित्य के कीर्तिकार कवि माने गये हैं। इसमें छन्द सम्बन्धी बातें अधिक और व्याकरण सम्बन्धी विवरण कम हैं । मूल अप्पकवीयमु पाँच आश्वासों का ग्रन्थ है, किन्तु काकुनूरि अप्पकवि ने उसे पद्य काव्य के रूप में आठ आश्वासों में प्रस्तुत करने की प्रतिज्ञा की थी, पर दुर्भाग्यवश उसे पूरा करने के पूर्व ही उनका देहान्त हो गया। इसका रचना-काल ई० सन १६५६ से १६० के बीच माना जाता है ।
तेनालि अन्नय्या
यह तेनालि के निवासी रामपण्डित के पुत्र थे । इन्होंने "सुदक्षिणा-परिणय" नामक एक प्रौढ़ काव्य का प्रणयन किया। पुलिजाल सोमनामात्य इस ग्रन्थ के कृतिपति हैं । तेनालि के निवासी होने के कारण इनकी कविता में तेनालि रामकृष्ण का प्रभाव स्पष्ट परिलक्षित होता है । इनकी कविता सरस और श्रव्य है, जिसमें यत्र-तत्र दीर्घ समासों के प्रयोग कवि के पाण्डित्य का परिचय कराते हैं । विशुद्ध मधुर तेलुगु शब्दों का प्रयोग तथा अन्वय सुलभता के कारण इनकी कविता पवन-चालित शाखाओं के पुष्प-रज के पतन की भाँति काव्य - तरु के सुन्दर वृत्तों पर सुशोभित है ।
• तेलुगु साहित्य का इतिहास
इनके कविता-सौष्ठव के दर्शन अनेक उदाहरणों में प्रस्तुत किये जा सकते हैं यहाँ सरोवर का एक सरस वर्णन उनकी संस्कृतगर्भित समासों की शैली में उदधृत है --
"कमलामंद मरंद बिंदु कणिका कल्लोलडोलाविलो लमरालोग दचलत्पचन बाल क्रीडन प्रोल्लसत्कुमुदामोदि पराग वासित दिशा कुंभोंद्र गंडस्थली समुदाय
अनंत भूपाल
यह मल्किभराम के समकालीन और वैष्णव सम्प्रदाय के अनुयायी थे । इन्होंने 'काकुत्स्थ - विजय" नाम से पाँच आश्वासों का काव्य लिखा । यह निर्दुष्ट शैली में लिखा गया सरस काव्य-ग्रन्थ है । ओज और प्रसाद गुण इस काव्य की अपनी विशेषताएँ हैं । भास्कराचार्य
इन्होंने "वैश्यपुराण" का प्रणयन किया । यह "कन्यकापुराण" नाम से भी प्रसिद्ध हुआ है। इसमें वैश्यों की उत्पत्ति, वासवी कन्या का चरित्र वर्णित है । यही वासवी "कन्यका- परमेश्वरी" नाम से विख्यात है और वैश्यों की आराध्या कन्या है । साहित्यिक दृष्टि से यह ग्रन्थ लोकप्रिय नहीं हुआ, किन्तु सम्प्रदाय सम्बन्धी होने के कारण वैश्यजाति के लिए परम पूज्य बना हुआ है ।
चित्रकवि पेदना
ये एक उत्तम कवि और रीति-शास्त्रकार थे । इन्होंने "लक्षण - सार-संग्रह " नाम से एक रीति-ग्रन्थ लिखा । इनका परिवार कविवंश कहलाता है । इनके पुत्र और पौत्र भी उत्तम कवि थे । इस परिवार ने तेलुगु साहित्य की अनुपम सेवा की है । पेना के पुत्र अनंत कवि ने "इन्दुमती -परिणय" नामक प्रबन्ध काव्य लिखा और साथ ही "हरिश्चन्द्रनलोपाख्यान की व्याख्या" भी प्रस्तुत की । ये दोनों ग्रन्थ रचना - सौष्ठव की दृष्टि से प्रौढ़ और उत्तम बन पड़े हैं । पेना के पौत्र तथा अनन्त कवि के पुत्र रमणकवि ने "सांबविलास" नामक प्रबन्ध-काव्य और "विद्वत्कविकर्ण रसायन" और "सकल वर्णनापूर्ण रामायण" भी प्रस्तुत किया। द्वितीय ग्रन्थ में लक्षणा ( दुर्योधन की पुत्री) का परिणय और रामकथा वर्णित है । यह पुराण- शैली में लिखा गया है । रमणकवि के प्रति यह पाश्चात्य सिद्धान्त अक्षरशः सार्थक हुआ है कि "सदा अपने पोतों में ही बड़ों की कामनाओं की पूर्ति होती है, पुत्रों में कभी नहीं । "
इनके अतिरिक्त असंख्य प्रसिद्ध कवियों ने इस यग के साहित्य-यज्ञ में अपना सक्रिय योगदान दिया है । इन कवियों का भी तेलुगु- साहित्य में अपना स्थान है । तिरुवेंगलनाथ ( ई० सन् १५०० से १५६० तक)
इन्होंने "चोक्कनाथ-चरित्र" लिखा । यह संस्कृत के "हालास्य माहात्म्य" का तेलुगु रूपांतर है। चोक्कनाथ नामक देवता की लीलाएँ इसमें वर्णित । ये पच्चकप्पूरपु तिरुवेंगल नाथ भी कहलाते हैं ।
बैचराजु वेंकटनाथ
यह ई० सन् १५५० में वर्तमान थे । इन्होंने "पंचतंत्र " का तेलगु अनुवाद किया । इनके पूर्व दूबगुट नारायण कवि ने भी इसका अनुवाद किया था, किन्तु समीक्षको का मत है कि यह अनुवाद पहले की अपेक्षा कही अधिक सरस एवं पुष्ट बन सका है ।
तरिगोप्पुल मल्लना
यह तिरुमल राय के पुत्र तथा वेंकट राय के दरबारी कवि थे । ये एक ही साथ कवि एवं आचार्य भी थे । इन्होंने "चन्द्रभानु-चरित्र" नाम से एक प्रबन्ध काव्य लिखा है । अलंकार - प्रधान तथा सुदीर्घ समासों से युक्त यह काव्य "वसु-चरित्र" के अनुकरण पर रचा गया है ।
वेलगपूडि वेंगनार्य
यह ई० सन् १५३० के करीब के माने जाते हैं । इन्होंने संस्कृत में लीलाशुक द्वारा विरचित "श्रीकृष्ण-कर्णामृत" का तेलुगु में अनुवाद किया । इसमें कृष्ण की बाल-लीलाओं का सुन्दर वर्णन हुआ है । इनकी कविता कर्ण - मधुर, परम शुद्ध और सरस है । शब्दालंकारों के साथ रस का समन्वय कर पाठकों में भावोद्रेक पैदा करने में कवि सफल हुए हैं । विद्वानों का विचार है कि पोतना की भक्ति का आवेश इस काव्य में पूर्ण रूप में उतारने में वेंगनार्य सफल हुए हैं । कविता - रचना में पोतना का अनुकरण किया गया है ।
इस संदर्भ में उस युग के कतिपय और ख्याति प्राप्त कवियों का परिचय प्रस्तुत किया जा रहा है, जिनमें प्रमुखतः अंदुगुल वेंकय्या ने "रामराजीयमु" की रचना की और उसे तिरुमल राय के पोते कोदंडरामराजु को समर्पित किया । कोट शिवरामय्या ने "सानंदोपाख्यान" प्रस्तुत किया। दोनूरु कोनेरुनाथ कवि ने सरस और मनोहर शैली में
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लाइव हिंदी खबर :- आज अपनी धुरी पर नियंत्रण रखें, क्योंकि अधिक प्रसन्नता समस्याओं का कारण बन सकती है। जीविका और खुशी के दुखों को बढ़ाने में सक्षम होना चाहिए। किसी से सहयोग की अपेक्षा न करें। बौद्धिक विचार दिल को नष्ट कर देता है। जो लोग विदेश जाना चाहते हैं उन्हें विदेश जाने का अवसर मिलता है। आपको प्रदर्शन परिवर्तन का लाभ मिलता है। शेयर बाजार में निवेश करना बेहतर है। खतरनाक गतिविधियाँ दूर रहें। आप आज बहुत खुश हैं और घर की संपत्ति लेने का दिन अच्छा है। प्रेम प्रेम को एक नया रूप देने का यह एक अच्छा अवसर है।
आज एक टीम के रूप में काम करने से आपको फायदा हो सकता है। परिवार के साथ एक शानदार दिन का आनंद लें। किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा न करें। कोई और आपके काम को रोक सकता है। आज आप किसी भी पार्टी और मनोरंजन के मूड में होंगे। आज हमें वैचारिक रूप से आगे बढ़ने की जरूरत है। जीवन साथी के साथ दिन और दिन बहुत अच्छे हैं। दूसरों के काम में दखल देने से राहत। पुराने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलें। साथी का संबंध है। निवेश नौकरी चाहता है बड़े भाई से झगड़ा हो सकता है। अगर आप बाहर जाना चाहते हैं तो बेहतर है। मिथक बढ़ रहा है। आत्मविश्वास और धैर्य के साथ आगे बढ़ें, सफलता अवश्य मिलेगी।
धन के नए रास्ते खुलेंगे। श्रमिक सभी मिलों में सफल होंगे। व्यापार अच्छा है और काम प्रगति पर है। अत्यधिक कार्यभार से थकान हो सकती है। कार्यालय स्लावों को पूर्ववर्ती किया जा सकता है। वरिष्ठों से बात करते समय शांत रहें। आर्थिक स्थिति मजबूत है। व्यवसाय में वित्तीय लाभ और पदोन्नति प्राप्त करने के अवसर। कड़ी मेहनत के बावजूद, आप अभी भी अपने लिए अलग समय निर्धारित कर सकते हैं और परिवार के साथ समय बिता सकते हैं। बच्चे के करियर के लिए परिवार में वयस्क शामिल हैं। धार्मिक समारोह में शामिल हो सकते हैं। किसी भी बड़े कार्यक्रम में जाने का अवसर मिलेगा। विवाहित जीवन में, यह एक छोटी सी शर्म है।
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Bipin Rawat Helicopter Accident: सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर एक्सीडेंट के बाद से एक Mayday Call की चर्चा हो रही है. ऐसे में जानते हैं कि आखिर ये कॉल क्या होता है.
तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को हुए हेलिकॉप्टर हादसे में देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गई. इस एक्सीडेंट के बाद से कई रिपोर्ट सामने आ रही हैं और हादसे को लेकर कई तरह की बातें बताई जा रही हैं. कुछ रिपोर्ट्स में ये भी सामने आया है कि हादसे से पहले विमान के चालक ने विपत्ति का संकेत मेडे जारी नहीं किया था, जो इमरजेंसी के वक्त जारी किया जाता है.
ऐसे में सवाल है कि आखिर ये मेडे क्या है और इसका इस्तेमाल कब किया जाता है. इसलिए हम आपको Mayday से जुड़े सभी सवालों का जवाब दे रहे हैं और साथ ही बता रहे हैं कि आखिर इमरजेंसी के वक्त Mayday का ही इस्तेमाल क्यों किया जाता है और इस शब्द का मतलब क्या है....
क्या होता है Mayday?
Mayday एक तरह का कॉल होता है, जो इमरजेंसी के वक्त प्लेन या शिप के स्टाफ की ओर से कंट्रोल रूम को किया जाता है. सीधे शब्दों में समझें तो जब कोई प्लेन या शिप अपने गंतव्य जा रहा होता है और रास्ते में कोई इमरजेंसी की स्थिति आ जाती है, जिससे प्लेन या शिप में बैठे व्यक्तियों को दिक्कत हो सकती है तो स्टाफ की ओर से कंट्रोल रूम को इस इमरजेंसी का जानकारी दी जाती है ताकि उनकी ओर से कोई मदद की जा सके. इसे डिस्ट्रेस कॉल कहा जाता है, जो इमरजेंसी के वक्त भेजी जाने वाली सूचना है.
कैसे किया जाता है ये कॉल?
ये कॉल प्लेन या शिप के स्टाफ की ओर से भेजा जाता है. इस कॉल में खास तरीके से Mayday बोला जाता है. एक के बाद एक ठीक तीन बार Mayday बोला जाता है, ताकि जो सुन रहा है, उसे कोई गलतफहमी ना हो या वो इसका कोई और मतलब ना निकाल ले. इस शब्द को जोर-जोर से बोला जाता है. इसके बाद जो भी मुश्किल होती है या जिस दिक्कत का सामना किया जा रहा है, उसकी जानकारी दी जाती है.
क्या है इस शब्द का मतलब?
इस शब्द की शुरुआत साल 1920 के आस पास में हुई थी. अब सवाल है कि आखिर इमरजेंसी के दौरान पायलट Mayday ही क्यों बोलता है? तो जानते हैं इसका क्या मतलब है. दरअसल, यह शब्द फ्रेंच से लिया गया है. फ्रेंच में एक शब्द है m'aider, जिसका मतलब है "help me". ऐसे में फ्रेंच में मदद के लिए m'aider का यूज किया जाता है और venez m'aider का मतलब है "come help me". इसके बाद ही अमेरिका की ओर से Mayday को इमरजेंसी के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा और इसे लगातार तीन बार बोला जाता है.
बता दें कि इससे पहले SOS का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता था, जिसका मतलब है save our souls. हालांकि अब एसओएस से ज्यादा Mayday का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा कई जगह इमरजेंसी में Pan-pan का इस्तेमाल भी किया जाता है. इसमें फ्रेंच वर्ड panne का इस्तेमाल किया जाता है, जिसका मतलब ब्रेकडाउन है.
ये भी पढ़ें- बिपिन रावत के नाम के आगे PVSM, UYSM, AVSM, YSM, SM, VSM, ADC क्यों लिखा जाता है, क्या है इसका मतलब?
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KL Rahul Athiya Shetty Wedding: भारत के स्टार क्रिकेटर केएल राहुल (KL Rahul) और बॉलीवुड के स्टार सुनील शेट्टी (Sunil Shetty) की बेटी अथिया शेट्टी (Athiya Shetty) लंबे समय तक डेटिंग करने के बाद आज शादी के करने जा रहे हैं। कई दिनों से इन दोनों की शादी (KL Rahul Wedding) की खबरें छाई हुई है। इस बीच इन दोनों की शादी की डेट सामने आने के बाद, शादी का समय सामने आया है। हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में दोनों की शादी के समय को लेकर खुलासा हुआ है। KL Rahul Marriage की सभी खबरों के लिए Hindi. InsideSport. In के साथ जुड़े रहें।
केएल राहुल और अथिया शेट्टी आज सुनील शेट्टी के खंडाला वाले फार्महाउस पर सात फेरे लेंगे। हाल ही में इन दोनों की संगीत सेरेमनी का वीडियो सामने आया था। जबकि अब इन दोनों की शादी के समय का खुलासा हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार इन दोनों क शादी शाम 4 बजे होगी। इसके बाद शाम 6:30 बजे पैपराजी से मुलाक़ात की जाएगी।
राहुल की शादी 23 जनवरी (KL Rahul Marriage Date) को होगी। दोनों पिछले 3 सालों से एक दूसरे को डेट कर रहे हैं। आथिया और राहुल को इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया कैंप के साथ देखा गया था, जब कोरोना के कारण सिर्फ परिवार के सदस्यों को ही खिलाड़ियों के साथ मिलने की इजाजत थी। उसके बाद से दोनों अक्सर ही सोशल मीडिया पर एक दूसरे के पोस्ट पर लाइक और दिल वाले इमोजी शेयर आदि करने लगे।
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Jamshedpur : जमशेदपुर प्रखंड के प्रमुख के चुनाव का फैसला लॉटरी से किया गया. इस दौरान मध्य गदड़ा की पंचायत समिति सदस्य पानी सोरेन किस्मत की धनी साबित हुई. वह अपनी प्रतिद्वंदी संजना लुगुन के खिलाफ चुनावी जीत दर्ज करने में कामयाब रही. इससे पहले बुधवार को जमशेदपुर प्रखंड कार्यालय में मतदान के बाद जब मतगणना की गयी, तो जहां पानी सोरेन को 26 मत मिले, वहीं पुड़ीहासा की पंचायत समिति सदस्य संजना लुगुन को भी 26 मत ही मिले. इससे दोनों प्रत्याशियों के समक्ष अजीबो-गरीब स्थिति उत्पन्न हो गयी. उसके बाद प्रखंड प्रमुख के भाग्य का फैसला लॉटरी से करने का निर्णय लिया गया. इसमें पानी मुर्मू अपनी प्रतिद्वंदी पर जीत करने में सफल रही. इधर, उपप्रमुख पद के लिए मतदान जारी है. मतगणा के बाद इस पद के विजेता का भी फैसला हो जायेगा.
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गुजरात के रहने वाले एक लड़के ने दावा किया है कि वो 91 देशों का राष्ट्रगीत पूरे दिल से गा सकता है। इस लड़के का दावा है कि उसे भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों का राष्टगीत कंठस्थ है। फिलहाल क्लासिकल म्यूजिक सीख रहे इस लड़के का नाम अथर्व अमित मूले बताया जा रहा है। न्यूज एजेंसी 'ANI' से बातचीत में इस लड़के ने बताया कि 'मुझे 91 देशों का राष्ट्रगीत याद है। चूकि हम भारतवासी वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करते हैं इसलिए मैंने यह सोचा कि मुझे दूसरे देशों का राष्ट्रगीत भी आना चाहिए। '
वडोदरा के रहने वाले अथर्व को 6 मार्च 2021 को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की तरफ से अवार्ड के तौर पर सर्टिफिकेट भी दिया गया था। उस समय उन्हें यह अवार्ड कतर, सीरिया, थाइलैंड, यमन, न्यूजीलैंड समेत करीब 69 देशों का राष्ट्रगीत सुनाने पर मिला था। अब अथर्व मूले का दावा है कि उन्हें 91 देशों का राष्ट्रगीत कंठस्थ हो गया है।
अर्थव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'मेरे घर के सदस्य क्वासिकल म्यूजिक का रियाज करते हैं। मेरी मां, मेरे दादा-दादी और मां के भाई भी क्लासिकल म्यूजिक से जुड़े प्रोफेशन में ही हैं। मैं कार्नेटिक म्यूजिक और वीणा बजाने की ट्रेनिंग ले रहा हूं। जिज्ञासा पढ़ने के बाद मैंने अलग-अलग देशों के राष्ट्रगान को सीखना शुरू किया। मेहनत और लगन से आखिरकार मैंने कई देशों के राष्ट्रगान को कंठस्थ कर लिया है। ' अर्थव मूले अब देश के कई अलग-अलग पुरस्कार जीतने की ख्वाहिश रखते हैं। उनका प्रयास है कि वह 100 से ज्यादा राष्ट्रगान को याद करें।
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पलक्कड/पोन्नानी (केरल), 26 मार्च कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने छह अप्रैल को होने वाले केरल विधानसभा चुनावों के लिये शुक्रवार को अपने प्रचार अभियान के दूसरे चरण की शुरुआत की और युवाओं व आम लोगों से कहा कि नफरत फैलाने व हिंसा में शामिल लोगों से सावधान रहें।
उन्होंने "कमजोर" आर्थिक स्थितियों के लिये केंद्र और एलडीएफ सरकारों पर निशाना साधा।
कोयंबटूर से हेलीकॉप्टर के जरिये दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे कांग्रेस नेता ने पलक्कड व मलाप्पुरम जिलों में कई सभाओं को संबोधित किया।
वायनाड से सांसद गांधी ने पलक्कड विधानसभा क्षेत्र में रोडशो किया जहां दो बार से विधायक और युवा कांग्रेस अध्यक्ष शफी प्रांबिल का मुकाबला भाजपा के 88 वर्षीय 'मेट्रोमेन' ई श्रीधरन से हैं जो पहली बार चुनावी मैदान में हैं। वहीं त्रिथला में मौजूदा विधायक वी टी बलराम का मुकाबला पलक्कड के पूर्व सांसद और एलडीएफ के एम बी राजेश से है।
कांग्रेस नेता ने मालमपुझा और चित्तूर में भी रोड शो किया जहां से एस के अनंतकृष्णन और सुमेश अच्यूतन उम्मीदवार हैं।
पोन्नानी में एक सभा को संबोधित करते हुए गांधी ने लोगों से कहा कि छह अप्रैल को मतदान से पहले उन लोगों के बारे में सोचें जो नफरत और हिंसा फैला रहे हैं।
निकटवर्ती मलप्पुरम जिले के पोन्नानी में गांधी ने कहा, "आपकी एक खास परंपरा और समझ है, अपनी बुद्धि का इस्तेमाल कीजिए कि किसे यह चुनाव जीतना चाहिए? " यहां से युवा नेता ए एम रोहित को उम्मीदवार बनाया गया है।
कांग्रेस ने देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति और बेरोजगारी का हवाला देते हुए पूछा, "ऐसी सरकार होने का क्या मतलब है" जो युवाओं को रोजगार नहीं उपलब्ध करा सकती।
उन्होंने दावा किया कि सरकार लोगों को कृषि विधेयकों, जीएसटी, पेट्रोल के दामों समेत कई माध्यमों से लूट रही है और लोगों से पूछा कि इसके बदले में उन्हें क्या मिल रहा है?
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी द्वारा इस बार 55 प्रतिशत युवाओं को टिकट दिया है।
माकपा के नेतृत्व वाली सत्ताधारी एलडीएफ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने का उसका प्रयास वैसा ही है जैसा कोई बिना पेट्रोल के कार को चालू करने की कोशिश करे।
उन्होंने दावा किया कि 'न्याय' (न्यूनतम आय गारंटी) योजना से अर्थव्यवस्था में पैसा आएगा और आम आदमी की क्रय शक्ति बढ़ेगी इसलिये उत्पादन सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, "इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में अपनी तीसरी पूरक चार्जशीट में बेहद गंभीर आरोप लगाए। ED ने दावा किया कि इस मामले में 192. 8 करोड़ रुपये की राशि का अपराध (POC) हुआ था।
ईडी ने आरोपी अरुण पिल्लई का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि उसने POC के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लिया था। ... इंडो स्पिरिट्स के गठन की साजिश में भाग लेना, थोक में उच्च लाभ मार्जिन प्राप्त करने के लिए नीति का मसौदा तैयार करना और रिश्वत की पूरी साजिश को अंजाम देना, अरुण पिल्लई ने सक्रिय रूप से POC 192. 8 करोड़ रुपये की पीढ़ी में भाग लिया। पिल्लई ने तब हिस्सा हासिल किया इसमें से और PoC से 32. 86 करोड़ रुपये अपने कब्जे में ले लिए।
पिल्लै ने 32. 8 करोड़ रुपये से 1. 70 करोड़ रुपये और 4. 75 करोड़ रुपए इंडिया अहेड, आंध्र प्रभा प्रकाशन और गौतम मूथा को ट्रांसफर्र किए। पीओसी के इस कुल 6. 45 करोड़ रुपये को एक अन्य सह-आरोपी अभिषेक बोइनपल्ली के साथ जोड़ा गया था। ईडी ने आगे दावा किया कि पिल्लै इस PoC को बेदाग दिखाने में शामिल हैं ।
इंडो स्पिरिट्स का व्यवसाय अपने आप में साजिश से बनाई गई एक मशीनरी है। पिल्लई पीओसी के स्थानांतरण और प्रक्षेपण में शामिल है। उसने दूसरों के साथ साजिश में साउथ ग्रुप को रिश्वत की वसूली की सुविधा में भाग लिया। ईडी ने चार्जशीट में कहा कि इंडो स्पिरिट्स से दक्षिण समूह के कुछ खुदरा क्षेत्रों में 4. 35 करोड़ रुपये और 60 करोड़ रुपये के पीओसी का ट्रांसफर्र किया।
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अर्थशास्त्र के सिद्धान्त्र
अवरोहणोन्मुख हैं। फिर भी यदि एक की अपेक्षा दूसरा अधिक द्रुत गति से गिरता है तो वे अवश्य एक दूसरे पर अवरोहित होंगे तथा हमे कोई उभयनिष्ट विन्दु अवश्य मिलेगा ।
माग तथा पूर्ति में परिवर्तनो का कीमत तथा वस्तु विनिमय पर प्रभावहम पहले यह देखेंगे कि केवल माग में परिवर्तन आने से क्या होगा - पूर्ति पूर्ववत् मानकर । "शुद्ध प्रतियोगिता के अन्तर्गत यह बात सम्भव है "1 । माग म इस परिवर्तन के प्रभाव को हम निम्न चिन की सहायता स पाने का प्रयत्न बरगे ।
विनिमय वस्तु मात्र
मोट- इन दोनो चित्रो म ग्राफ के अक्ष नही दिसाये गय है लेकिन उर्ध्व अक्ष
तथा क्षैतिज वस्तु
करता हुआ माना
गया है ।
माग तथा पूर्ति म परिवर्तनों के फलस्वरूप उत्पन्न परिणामो का हम वक को गति द्वारा अध्ययन करेंगे ।
Elements of Economics by Meyers, A L. 4th Edn, F 85 (n)
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तपश्चर्या - निरत योगिनी के समान फलाहार करके व्यतीत करती है । उसकी आंखे प्रियदर्शन से बचित होकर अश्र मोचन करती है सही क्योंकि वह नेत्रों का स्वभाव है परन्तु नारी हृदय की पवित्र भावना उससे कहती
'सोने का संसार मिला मिट्टी में मेरा । इसमे भी भगवान भेद होगा कुछ तेरा ।।
श्रद्धा की इस धारणा से प्रेरित होकर वह एक बीर नारी के समान वियोग यंत्रणा को मेलने के लिए कटिबद्ध हो जाती है। राजा शुद्धोदन गोपा को सान्त्वना देने के लिए कहते हैं कि सिद्धार्थ की खोज के लिये चतुर चरों को भेजा जाता है । पर गोपा एक वीर क्षत्राणी की तरह कहती है 'तात, खोज करना उन्हीं के प्रतिकूल है।' यहाँ पर हम देखते है कि गुप्तजी, ने गोपा के इस रूप का दिग्दर्शन करा बाप के आदेश का समुचित पालन किया है। वस्तुतः यशोधरा इस तरह की बातें इसलिए कहती है कि उसकी सान्त्वना के
लिए गोद में राहुल है। राहुल की ममता ने यशोधरा के
हृदय मे मान का भाव भर दिया है । इसी मान की रक्षो
करने मे यशोधरा ने अपना सारा जीवन राहुल के पालनपोषण में बिता दिया ।
यह तो सत्य है कि यशोधरा युग-नारी का प्रतीक है । बह आज की नारी की तरह कार्यों को न्यस्त करती है। उसकी आँखों में आँसू है, पर उसका प्रदर्शन एक स्थल पर अत्यन्त सुन्दर हुआ है। राहुल और माता यशोधरा के संभाषण में
कथावस्तु मे राहुल को स्थान यह प्रसंग चाया है। माता
यशोधरा की आँख से एकाएक
आँसू की लड़ी दुलक पड़ी और उसके मुख से निकल पड़ा 'बेटा तू ठीक करता है। ओ मेरी आँखों में क्या पड़ा? राहुल कह उठता है
'निकल गया माँ । तेरा ऑचल तो भीग गया। अरे, यह तो देख ? ' यहाँ पर राहुल की उक्ति के कारण हो यशोधरा की वेदना का प्रकटीकरण हुआ है। नगर यहाँ पर राहुल न होता तो ऐसी मार्मिक उक्ति को मिलती । वस्तुतः यहाँ पर कला की कमनीयता और आदर्श का सुन्दर संतुलन हुआ है और वह भी राहुल के ही कारण । इस प्रकार देखते हैं कि राहुल के कारण ही कला की मर्यादा की रक्षा हो सकी है।
इसके अतिरिक्त, राहुल ने कथावस्तु के विकास में प्रगति अगर राहुल न होता तो कथावस्तु स्थिर (Static ) रहती, गत्यात्मकता (Dynamic) आती ही नहीं । राहुल के कारण ही हम मां-पुत्र का सुन्दर संवाद सुन, पाते हैं। यह कटु सत्य है कि नारी "जीवन की सफलता है उसका जननी रूप, जिसकी पूर्ति के लिये कथानक मे राहुल का रहना अनिवार्य है। इसमें अगर राहुल का प्रसंग न होता है तो मानिनी गोपा' के, जननी रूप का भी मुल्यांकन न होता । ( इस संबंध में 'नारी-भावना' शीर्षक निबन्ध पढ़िये ) । हाँ, सिद्धार्थ ने गोप को 'श्वेत के साथ श्याम' समझ कर सोते
छोड़ ही दिया था। उसे यह अच्छा न लगा और वह मरण का 'बावरण' वरण करने को प्रस्तुत हो भी गई, पर एकाएक राहुल की स्मृति ने गोपा के प्राण-पखेरू को उड़ने से रोक रक्षा
क्योंकि उसे तो मरने का अधिकार ही हस्तगत न था जैसा कि
स्वयं कहती है
'स्वामी मुझको मरने का भी दे न गये अधिकार । छोड़ गये मुझ पर अपने उस राहुल का सब भार ।। अब राहुल की मुखाकृति को देखकर उसके आँचल का दूध' टपक पड़ा और इसी बीच लाया-जननी में द्वन्द्व छिड़ गया । अंत में जननी रूप को विजय मिलती है। इस प्रकार हम देखते हैं कि कथानक की इमारत राहुल के कारण ही ढहने से बच जाती है । कथावस्तु के मध्य में राहुल की कड़ी न होती तो इसका निर्माण ही हास्यास्पद हो जाता। अस्तु, गुप्तजी ने राहुल को कथा की लड़ी में पिरोकर अपनी प्रतिभा का सुन्दर प्रदर्शन किया है, जो अन्य कवियों में कम पाया जाया है। यही है गुप्तजी की मनोवैज्ञानिक कला ।
यशोधरा का कला पा
का कला
गुप्तजी द्विवेदी-युग के कवि हैं और उस युग की रचनाओं में उपदेशात्मकता और इतिवृत्तात्मकता को प्रधानता रही है । बात सत्य है और यह गुप्तजी की रचनाओ में पूर्णतः वर्तमान है, पर इनकी 'प्रतिभा की सबसे बड़ी विशेषता कालानुसरण की क्षमता अर्थात् उत्तरोत्तर बदलती हुई भावनाओं और काव्यप्रणालियों को ग्रहण करने चलने की शक्ति " गुप्तजी ही एक ऐसे कलाकार हैं, जिन्होंने प्रत्येक युग के साथ अपना घर मिलाया है। यही कारण है कि गुप्तकी हिन्दी के प्रतिनिधि कषि माने जाते हैं ।
गुप्तजी की 'शोधरा' की रचना छायावाद-युग मे हुई है बोर इस पुस्तक में कायावाद की विशेषताएँ भी दृष्टिगत होती हैं । यो तो छायावाद का जन्म द्विवेदी-युग की अतिशय इतिवृत्तात्मकता की प्रतिक्रिया के रूप में हुआ है। यहाँ पर छायावाद के इतिहास और उसकी रूप-रेखा पर प्रकाश डालना अप्रासंगिक न होगा । इस संबंध में प्रो० शिवनन्दन प्रसाद एम० ए०, साहित्यरत्न ने अपनी पुस्तक 'काव्यालोचन के सिद्धान्त' में स्पष्ट विचार प्रस्तुत किया है। हम उन्हीं के शब्दों में कह सकते हैं कि 'यह प्रवृत्ति अपेक्षाकृत अधिक नवीन है। पुराने ईसाई सन्तों के भजन या गीतो मे जो आध्या त्मिक रूपकात्मक अभास पाया जाता था, उसे 'छाया याPhantastuates कहते थे । उसी के अनुकरण पर ब्रह्म समाज
गुरुजी की शोधरा
के प्रभाव से बंगला में इस प्रकार के गीतों की रचना होने लेगी जिसमें वर्ण्य वस्तु के अलावा किसी अन्य अर्थ की और रहस्यभरे सकेत होते थे । बंगला में रवीन्द्रनाथ ठाकुर की कविताओं के प्रभाव से हिन्दी में भी यह पद्धति आयी और इसके विरोधियों ने इसका उपहास करने के लिए इसे छायावाद कहा । पीछे यह नामकरण सर्वमान्य हो गया । जयशंकर 'प्रसाद' छायावाद-युग के प्रवर्त्तक कहे जाते हैं । उनकी 'इन्टु मासिक पत्रिका में इस प्रकार की रचनाओं के प्रथम दर्शन हुए। प्रसादजी की काव्य-पुस्तकें 'अ', 'लइर' और 'कामायनी'; सुमित्रानन्दन पंत की 'वीणा', 'गुञ्जन' और 'पल्लव, महादेवी वर्मा की 'नीहार', 'रश्मि', 'नीरजा', 'सांध्यगीत' (=यामा) और 'दीपशिखा'; निराला की 'अनामिका' और 'गीतिका" रामकुमार वर्मा की 'चित्ररेखा', 'निशीथ' और 'चंद्रकिरण' आदि में हम छायावाद की प्रवृति पाते हैं ।
इन रचनाओं को दृष्टिपथ में रखते हुए छायावाद की 'निम्नलिखित विशेषताएँ कही जा सकती हैं
(१) विषय-पक्षः (क) मनिष्ठता (Subjectivity) छायावाद का विषय संसार नहीं, समाज नहीं, कवि का अपना हृदय है। छायावाद का कवि वहिर्जगत् की नहीं, अ तर्जगत की तस्वीर खींचता है १ वाह्य- विश्व या मानवेतर प्रकृति ( जड़ अथवा चेतन ) उसकी कविता में आती है तो उसके हृदय का अंग बनकर, उसकी भावना, कल्पना और अनुभूति में स्नात बनकर । अपनी अन्तः प्रकृति की प्रतिक्रिया को ही उसकी काव्य-दृष्टि महत्व प्रधान करती है ।
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शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के घर जाकर उन्हें भारतरत्न से सम्मानित करेंगे। मोदी सरकार ने दिसंबर में ये फैसला लिया था। आइये देखते हैं पूर्व प्रधानमंत्री की वो दुर्लभ तस्वीरें जो आपने पहले नहीं देखी होंगी।
एक सुबह लखनऊ आवास में अटल बिहारी वाजपेयी।
बच्ची के हाथ से जूस पीकर अनशन तोड़ते पूर्व प्रधानमंत्री अटल।
एक चुनावी जनसभा के दौरान अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा के साथ अटल बिहारी की एक दुर्लभ तस्वीर।
अटल की युवावस्था की एक तस्वीर।
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कोलकाता : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की पश्चिम बंगाल यात्रा से ठीक पहले तृणमूल कांग्रेस से अपने सारे रिश्ते खत्म कर लेने वाले शुभेंदु अधिकारी के लिए शुक्रवार को अच्छी खबर आयी है. उन्हें जेड कैटेगरी की सुरक्षा के साथ-साथ बुलेटप्रूफ कार भी मिलेगी. जेड श्रेणी की सुरक्षा देने का तो बाकायदा गृह मंत्रालय ने फैसला भी कर लिया है. जो रिपोर्ट मिल रही है, उसके मुताबिक, बंगाल के बाहर जाने पर शुभेंदु को वाई श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी.
पश्चिम बंगाल के कम से कम 6 जिलों की 80 सीटों को प्रभावित करने की क्षमता रखने वाले शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व से नाराजगी के बाद पहले ममता बनर्जी की कैबिनेट से इस्तीफा दिया. फिर उन्होंने विधानसभा की सदस्यता छोड़ी और गुरुवार को आखिरकार तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देकर पार्टी से पूरी तरह से नाता तोड़ लिया. इसके बाद से ही चर्चा है कि वह अमित शाह की मौजूदगी में शनिवार को भाजपा में शामिल हो जायेंगे.
पूर्वी मेदिनीपुर जिला के नंदीग्राम विधानसभा सीट से विधायक रहे शुभेंदु ने नंदीग्राम में भूमि अधिग्रहण के खिलाफ वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ आंदोलन की पूरी रूपरेखा तैयार की थी. बाद में उन्होंने जंगलमहल में तृणमूल कांग्रेस के संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभायी. सूत्रों की मानें, तो ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की कार्यशैली से नाराजगी के बाद शुभेंदु ने धीरे-धीरे पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी.
हालांकि, तृणमूल कांग्रेस शुभेंदु अधिकारी के पार्टी छोड़ने के मुद्दे को ज्यादा तवज्जो नहीं देने का दिखावा कर रही है, लेकिन पार्टी के अंदरखाने इसकी भरपाई के लिए मंथन शुरू हो गया है. ममता बनर्जी की सबसे बड़ी चिंता यह है कि मुकुल रॉय और अर्जुन सिंह जैसे दिग्गज नेताओं के बाद शुभेंदु का जाना संगठन को काफी कमजोर कर देगा. मुकुल और अर्जुन की अनुपस्थिति में लोकसभा चुनाव में तृणमूल को भाजपा के सामने मुंह की खानी पड़ी थी.
अब जबकि विधानसभा चुनाव 2021 में शुभेंदु भी पार्टी में नहीं रहेंगे, तृणमूल कांग्रेस का संगठन छिन्न-भिन्न हो जायेगा. इसके संकेत अभी से मिलने लगे हैं. कई जिलों के पदाधिकारियों, विधायकों और सांसदों ने संकेत दे दिये हैं कि शुभेंदु के जाने के बाद वे उनके साथ रहेंगे, तृणमूल कांग्रेस के साथ नहीं. उल्लेखनीय है कि शनिवार (19 दिसंबर) को मेदिनीपुर में एक जनसभा होगी, जिसमें शुभेंदु अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि शुभेंदु अधिकारी और उनका पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा है. शुभेंदु के पिता कांग्रेस से विधायक और सांसद रह चुके हैं. डॉ मनमोहन सिंह के नेतृकत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में वह ग्रामीण विकास राज्यमंत्री थे. इस वक्त वह तृणमूल के सांसद हैं. शुभेंदु भी विधायक और सांसद रहे हैं.
मुकुल रॉय के पार्टी छोड़ने के बाद शुभेंदु को ममता बनर्जी के बाद तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो का नेता माना जाता था. बाद में उनकी नाराजगी इतनी बढ़ गयी कि उन्होंने स्पष्ट कह दिया कि तृणमूल कांग्रेस के साथ अब काम कर पाना असंभव है. शुभेंदु वर्ष 2006 में पहली बार विधायक बने थे. वर्ष 2009 और 2014 में सांसद चुने गये. वर्ष 2016 में फिर विधानसभा चुनाव लड़े और राज्य के परिवहन मंत्री बने. ममता बनर्जी ने अपने विश्वासपात्र शुभेंदु को कई और अहम जिम्मेदारियां भी दी थीं. उनके पिता और भाई अब भी तृणमूल में ही हैं.
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जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। कोरोना काल ने एक ओर जहां आनलाइन शिक्षा के लिए विद्यार्थियों को तकनीक से अपडेट होना सिखाया है वहीं शिक्षकों की जिम्मेदारी भी बढाई है कि वे किस तरह आनलाइन शिक्षा के जरिए अपने कौशल को और बेहतर बनाकर विद्यार्थियों को शिक्षित कर सकें। इसके लिए आवश्यक है कि शिक्षकों का कौशल ऐसा हो कि वे कई विषयों पर रोचक अंदाज में अपना अध्यापन कार्य उन्नत तकनीक के साथ करें। शिक्षकों के कौशल को बढ़ाने के लिए सीबीएसई द्वारा मल्टी स्किल फाउंडेशन कोर्स की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत 31 जनवरी से तीन फरवरी तक जिन शिक्षकों ने इस कोर्स के लिए पंजीयन किया है उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। मल्टी स्किल फाउंडेशन कोर्स के लिए पंजीयन कराने हेतु 27 जनवरी तक की तारीख दी गई थी। जिसमें जबलपुर से भी कई शिक्षकों ने पंजीयन कराया है। जिससे अपने कौशल को निखार सकें।
स्कूलों के शिक्षकों को इस कोर्स के लिए आनलाइन प्रशिक्षण मिलेगा। सीबीएसई ने इस कोर्स की शुरुआत करने की जानकारी जनवरी के अंतिम सप्ताह में ही दी थी। खास बात ये है कि इस प्रशिक्षण के लिए दसवीं कक्षा तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को ही पंजीयन कराना था। बोर्ड का मानना है कि दसवीं तक ही विद्यार्थियों की नींव तैयार करने का अच्छा समय रहता है। ये वो कक्षाएं हैं जहां विद्यार्थियों का आने वाला पूरा भविष्य तय होता है उनके करियर को दिशा मिलती है। इसलिए आवश्यक है कि प्राथमिक स्तर से लेकर दसवीं कक्षा तक के शिक्षकों पर जिम्मेदारी कुछ अधिक होती है। मल्टी स्किल फाउंडेशन कोर्स के जरिए ऐसे ही शिक्षकों को बोर्ड द्वारा और तैयार किया जाएगा। सीबीएसई सिटी कोआर्डिनेटर डा. राजेश चंदेल ने बताया कि शहर के सभी सीबीएसई स्कूलों से शिक्षकों ने इस कोर्स के लिए पंजीयन किया है। यह आनलाइन कोर्स है तो शिक्षकों को प्रशिक्षण लेने के लिए कहीं जाना नहीं है। घर से भी प्रशिक्षण लेकर इसका लाभ ले सकते हैं।
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भारतीय क्रिकेट में चल रही स्टार वॉर अब पावर स्ट्रगल में तब्दील होती जा रही है। BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली ने टेस्ट कप्तान को बोर्ड की शक्ति का अहसास कराने की तैयारी कर ली है। इसका संकेत देते हुए उन्होंने कहा है कि बोर्ड विराट कोहली के मामले को अपने तरीके से हैंडल कर लेगा।
एक दिन पहले विराट कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि BCCI ने उन्हें टी-20 की कप्तानी छोड़ने से मना नहीं किया था। यह दावा सीधे-सीधे बोर्ड प्रेसिडेंट सौरव गांगुली के बयान के उलट था। गांगुली ने कहा था कि विराट को कप्तानी छोड़ने से मना किया गया था।
माना जा रहा है कि गांगुली विराट के इस बयान से नाराज हैं। इसके संकेत गुरुवार को गांगुली के और भी कड़ा स्टेटमेंट जारी कर देने से भी मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि लोग विराट के मामले को BCCI पर छोड़ दें। बोर्ड इससे अपने तरीके से निपट लेगा।
अब तक हुआ क्या है?
BCCI की सीनियर सिलेक्शन कमेटी ने रोहित शर्मा को वनडे और टी-20 टीम का कप्तान बनाने की घोषणा की। विराट वनडे की कप्तानी नहीं छोड़ना चाहते थे। इस पर गांगुली ने कहा कि बोर्ड ने उनसे सितंबर में ही कहा था कि अगर वे टी-20 की कप्तानी छोड़ेंगे तो वनडे में उन्हें कप्तान बनाए रख पाना मुश्किल होगा।
इसलिए वे टी-20 में कप्तान बने रहें। गांगुली के मुताबिक, विराट ने ऐसा करने से मना कर दिया और फिर BCCI के पास विराट से वनडे कप्तानी लेने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया था। बकौल गांगुली WHITE BALL क्रिकेट में दो कप्तान नहीं हो सकते हैं।
इसके बाद विराट ने बड़ा धमाका करते हुए यह कह दिया कि उन्हें टी-20 की कप्तानी छोड़ने से किसी ने नहीं रोका, बल्कि BCCI उनके इस फैसले से खुश था। विराट ने यह भी कहा कि साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टेस्ट टीम की घोषणा से महज 90 मिनट पहले उन्हें बताया गया कि वे अब वनडे टीम के कप्तान नहीं हैं।
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गांगुली से विराट कोहली के मामले पर सवाल पूछे गए, लेकिन उन्होंने कहा, 'मैं इस मामले में कोई कमेंट नहीं करूंगा। बोर्ड इस मामले से अपने तरीके से निपटेगा। ' बार-बार पत्रकार कोहली और गांगुली के विवाद के बारे में दादा से सवाल कर रहे थे, लेकिन वो सवाल को इग्नोर कर दे रहे थे। जब पत्रकार नहीं माने, तब गांगुली ने ये जवाब दिया।
गांगुली के बयान से साफ नजर आया कि बोर्ड इस मसले पर सख्ती दिखा सकता है। कप्तान चुनना बोर्ड का काम है। विराट कोहली से जुड़ा मामला ऐसा नहीं है, जो बोर्ड सुलझा न सके। एक बोर्ड अधिकारी ने पहले ही बोल रखा है कि वो साउथ अफ्रीका दौरे के बाद सब कुछ सही कर देंगे।
भारतीय क्रिकेट में बोर्ड अधिकारियों और कप्तानों के बीच टकराव होना कोई नई बात नहीं है। पहले भी इस तरह के मामले आए हैं और ज्यादातर मामलों में बोर्ड की बात ही रखी गई। कपिल देव 1983 में वर्ल्ड कप जीत कर आए थे। भारत पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बना था, लेकिन इसके दो साल बाद ही कपिल से कप्तानी लेकर गावस्कर को दे दी गई।
1989 में श्रीकांत की कप्तानी में भारत ने पाकिस्तान में 4 टेस्ट मैचों की बेहद मुश्किल सीरीज को 0-0 से ड्रॉ कराया। इसके बावजूद श्रीकांत कप्तानी से हटा दिए गए। खुद सौरव गांगुली को तत्कालीन कोच ग्रेग चैपल के साथ हुए विवाद के बाद कप्तानी छोड़नी पड़ी थी।
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आय पासिउ जाउ सु-चेसउ । महु घरै अस्थि अणेयउ वेसउ' ॥५॥ एव विचित्तु चित्तु साहारै वि। दुक्खु दुवखु मण-पसरु शिवारें वि ॥ ६ ।। सीय समउ खेड्डु आमेल्लॅवि । तं गिव्वाणरमणु वणु मेल्ले वि ।।७।। णरवर विन्द हि परिमिउ दहमुहु । संचल्लिउ णिय-णय रिहॅ अहिमुहु ।।८।।
गिरि दिद् हु तिकृड्डु जण-मण-णयण-सुहावणउ । रवि-डिम्भों दिण्णु णं महि-कुलबहुअएँ थणउ ॥३॥ [ • ]
णं धरु धरह गब्भु णीसरियउ । सत्तहिं उववणेहि पहिलउ वणु णामेण पइण्णउ । सजण-हियड जेम वीयउ जण मण-णयणाणन्दणु । जावड़ जिणवर-विम्वु तइयउ वणु सुहसेउ सुहावउ । जिणवर-सासणु णाइँ चउधउ वणु णामेण समुच्चउ । वग-चलाय कारण्ड चारण-वणु पञ्चमउ रवण्णउ । चम्पय तिलय चउल
छहउ वणु णामेण
णिवोहउ । महुअर रुणुरुण्टन्तु
सत्तमु वणु सीयल सच्छायउ । पमउज्जाणु
परियरियउ ॥ १॥ विधिण्णड ॥२॥ स चन्द्रणु ॥३॥ स-सावउ ॥४॥ सकोञ्चड ॥५॥
संकृण्णउ ॥६॥
सुसोहउ ॥७॥
णाम-विक्खायड ॥८॥
तर्हि गिरिवर-पट्टे सोहइ लङ्कायरि किह । थिय गयवर खन्ध गहिय-पसाहण वहुआ जिह ॥६॥ [ 10 ]
ताव तेन्थु णिज्झाइय चावि असोय-मालिणी । हेमवण्ण स-पओहर मणहर णाई कामिणी ॥१॥
तरह दीन मुखवाली विलाप करनेवाली कुमारीकी अभिलाषा को। इसके पास जो सुन्दर रूप है, मेरे घर तो उससे भी सुन्दर अनेक रूप हैं ? इस प्रकार अपने विचित्र-चित्तको सहारा देकर और बड़े कष्टसे मनके प्रसारको रोककर, सीताके साथ क्रौड़ाका त्यागकर उसे उसने नन्दन वनमें छोड़ दिया। और श्रेष्ठ पुरुषों से घिरा हुआ वह अपनी नगरीकी ओर चला । मार्गमें उसे जनोंके मन और नेत्रों को सुहावना लगनेवाला त्रिकूट नामक पहाड़ ऐसा दीख पड़ा, मानो सूर्यरूपी वालकके लिए धरतीरूपी कुलवधूने अपना रतन दे दिया हो ॥ १-६॥
[६] या मानो धराका गर्भ ( अन्तर ) ही निकल आया हो । वह सात उपचनोंसे घिरा हुआ था। उसमें से पहले 'पइण्ण' वन सज्जनके हृदयको तरह विस्तीर्ण जन-मन-नयनप्रिय, दूसरा उपवन, जिनके विम्बकी तरह चन्दन ( पेड़ और चन्दन ) से सहित था, मुहावना तीसरा मुहसंत ? चन जिनवर शासनकी तरह, सावय ( श्रावक और वृतविशेष ) से सहित । चौथा समुचय नामका वन वलाका, कारंडव और क्रौंच पक्षियों से भरा हुआ था। पाँचवाँ सुन्दर चारण वन था, छठा निबोधित नामक वन सुन्दर और भौरोंसे गुञ्जित था और सातवाँ प्रसिद्ध प्रमद वन था जो सुन्दर छाया सहित और शीतल था । गिरिवरकी पीठपर लंका नगरी ऐसी शोभित हो रही थी मानो महागजकी पीठपर नई दुलहिन ही खूब सज-धजकर बैठी हो ॥१-६॥
[१०] वहीं पर उसे अशोकमालिनी नामकी सुन्दर वापिका दिखाई दी जो कामिनी की तरह, सुनहरे रङ्गकी, पयोधर ( स्तन
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उल्लेखनीय है कि भारत से ब्रिटिश हुकूमत को उखाड़ फेंकने के लिए क्रांति का बिगुल फूंकने वाले तीन महान क्रांतिकारियों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 23 मार्च 1931 को फांसी दी गई थी। उनकी शहादत की याद में 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। नायडू ने सोमवार को ही समाजवादी विचारक राममनोहर लोहिया की जयंती पर उन्हें भी श्रद्धांजलि दी।
लोहिया का जन्म 23 मार्च 1910 को उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद जिले में हुआ था। स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले लोहिया ने आज़ाद भारत में समतामूलक समाज की स्थापना के लिए समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाया।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को गुजरात दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने राजकोट में एक मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का भी उद्घाटन किया और गुजरात को तोहफा दिया. नरेंद्र मोदी का ये दौरा सौराष्ट्र की राजनीति के लिए खास माना जा रहा है क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां बड़ा झटका लगा था. प्रधानमंत्री की इस रैली में 3 लाख से भी ज्यादा पाटीदार के हिस्सा लेने उम्मीद जताई जा रही थी. इस रैली में पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने मातृभूमि की सेवा में कभी कोई कसर नहीं छोड़ी। इस वीडियो में देखें कि और क्या बोले प्रधानमंत्री मोदी.
PM Modi is in Gujarat fo one day visit ahead of elections. PM Modi inaugurated KDP Hospital today and addressing rally in Rajkot. PM Modi said, "Gujarat has made me what I am today. . . I am thankful for all your teachings. " Watch this video to know more.
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कभी कभी होता है कि कुछ फिल्मी सीन असल जिन्दगी में सच होते दिख जाते हैं. चीन के डालियान में ऐसा ही कुछ अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला. एक कार को रोकने की कोशिश में एक पुलिसकर्मी को कार के बोनट पर चढ़ना पड़ा और वह दो किलोमीटर तक कार पर इस जोखिमभरी कंडीशन में देखा गया. अलग अलग सीसीटीवी कैमरों ने इस दृश्य को कैद किया.
दरअसल एक चेकपॉइंट पर पुलिसवालने ने एक कार को रोकना चाहा. लेकिन ड्राइवर ने कार नहीं रोकी और चूंकि पुलिसकर्मी उस वक्त कार के एकदम करीब रहा होगा इसलिए जब ड्राइवर ने कार को तेजी से निकालने की कोशिश की तो पुलिसकर्मी को अपने आप को बचाने के लिए कार का बोनट का हिस्सा पकड़ना पड़ा और अंततः वह कार के बोनट के ऊपर ही चढ़ गया. पुलिसकर्मी ट्रैफिक नियम तोडने वाले इस ड्राइवर को रोकने की कोशिश कर रहा था.
2 किलोमीटर तक इसी तरह कार दौड़ती रही तब तक जब तक दो लोगों ने इस ड्राइवर को पकड़ा नहीं.
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विधायक ने कहा कि भाजपा के मंत्रियों और विधायकों को किसी का डर नहीं इसलिए मनमानी तरह से इस खेल में पैसा वसूला. उन्होंने जिससे जितना मन किया उतनी उगाही की.
भाजपा के वरिष्ठ विधायको के आरोप के बाद राज्य सरकार की परेशानियां बढ़ती दिख रही हैं. विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (BJP MLA Gyanendra Singh) ने अपने आरोपों से सरकार के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. उन्होंने जून में हुए ट्रांसफर (Transfer) की नीतियों पर सरकार और उसकी कार्यशैली पर जमक सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग में ट्रांसफर में जमकर पैसों का खेल हुआ और मंत्रियों ने इस खेल में खूब मलाई मारी.
उन्होंने पार्टी के एक विधायक पर आरोप लगाते हुए कहा कि दूसरे दल से जदयू में आए एक मंत्री ने तो सारी हदे हीं पार कर दीं, उन्होंने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले, विधायक ज्ञानेंद्र ने कहा कि विभागों की ट्रांसफर पोस्टिंग में बीजेपी के 80 फीसदी मंत्रियों ने लूटमार की. जेडीयू में इसकी संख्या कम रही क्योंकि यहां लोगों को सीएम नीतीश कुमार का डर बना हुआ था.
विधायक ने कहा कि भाजपा के मंत्रियों और विधायकों को किसी का डर नहीं इसलिए मनमानी तरह से इस खेल में पैसा वसूला. उन्होंने जिससे जितना मन किया उतनी उगाही की. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आज मंत्रियों के घर पर छापेमारी की जाए तो करोड़ों रुपये मिल जाएंगे. ज्ञानू ने कहा कि यह सब एक दो दिन का खेल नहीं था. इस पर पिछले काफी वक्त से काम किया जा रहा था.
उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए अधिकारियों और इंजीनियरों को मंत्रियों की तरफ से लालच दिया गया और बदले में खूब माल बटोरा गया. उन्होंने कहा कि मनचाही पोस्टिंग के लिए बोलियां लगाई गई और जिसने जितना दिया उसके मुताबिक लोगों को जगह दे दी गई. उन्होंने कहा कि पोस्टिंग के खेल में किसी की मजबूरी या उसकी दिक्कतों को नहीं देखा गया इसके लिए सिर्फ एक चीज निर्धारित थी कि वह अपने मन की जगह के लिए कितना ज्यादा रुपया दे सकता है.
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फैशन और मॉडलिंग के क्षेत्र में गर्ल्स का पहचान बनाना आज भी आसान नहीं है। राजस्थान में अभी भी लोग इस क्षेत्र को सही नहीं मानते, ऐसे में कुछ अलग करने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए गर्ल्स को आज भी कई तरह से मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही मुश्किलों के साथ कई गर्ल्स ब्यूटी पेजेंट मिस राजस्थान के ऑडिशन देने पहुंच रही हैं। गर्ल्स ने अपनी अब तक की जर्नी को भास्कर के साथ शेयर की।
ब्यूटी पेजेंट में पहुंची कृतिका खर्रा ने बताया- मैं जयपुर के गोविंदगढ़ से हूं। जब मैंने मॉडलिंग स्टार्ट की तो फैशन इंडस्ट्री में काम करने की नॉलेज नहीं थी। धीरे-धीरे चीजों के बारे में पता चला। इसे समझने लगी। शुरुआत में फैमिली भी तैयार नहीं थी। उनको लगता था कि पढ़ाई से ही करियर बनाया जा सकता है। ऐसे में फैशन जैसी फील्ड के लिए कभी हामी नहीं मिलती। इसके बाद मैंने कंटेंट क्रिएटर के रूप में सोशल मीडिया पर काम शुरू किया। फैशन इंडस्ट्री को एक्सप्लोर करना शुरू किया। यहां से समझ बढ़ने लगी। कंटेंट को थोड़ा अलग अंदाज में प्रेजेंट करने लगी।
परिवार वालों को मेरे बारे में दूसरे लोगों से जानकारी मिली। यह एप्रिशिएशन की तरह था, तब घर वालों ने माना कि इस फील्ड में भी करियर बनाया जा सकता है। ऐसे में जब मॉडलिंग के लिए बोला तो ज्यादा संघर्ष नहीं करना पड़ा। क्योंकि उन्हें विश्वास था कि इस फील्ड में भी मैं पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढूंगीं। उनका सपोर्ट मिलने लगा है। ऐसे में यह जरूर कहूंगी कि जो भी गर्ल फैशन इंडस्ट्री में जाना चाहती है, वे धीरे-धीरे खुद को प्रूव करें और आगे बढ़ें। घरवाले एक दिन जरूर सपोर्ट करेंगे। मैं और एक्सप्लोर करना चाहती थी, ऐसे में मॉडलिंग मुझे बेस्ट फील्ड लगा। इससे पहले मैंने ट्रैवल, फूड और हैरिटेज को लेकर काम करती थी। इसका एक्सपीरियंस मुझे यहां जरूर मिलेगा। इंस्टाग्राम पर 45 हजार फॉलोअर है। मॉडलिंग ऐसा फील्ड है, जो अपने अंदर के डर को बाहर निकालता है। यह प्लेटफाॅर्म मेरे इस डर को दूर करने में जरूर हेल्प करेगा। मैं जाट परिवार से ताल्लुक रखती हूं। पिता किसान हैं। हमारा पोल्टी फार्म भी है। मां हाउस वाइफ है। वहां से लेकर आज तक आसान नहीं रहा, लेकिन यह जर्नी बहुत कुछ सीखाने वाली है। अभी मैंने ग्रेजुएशन कंप्लीट कर ली है। अब एलएलबी के लिए एंट्रेंस टेस्ट देने वाली हूं।
श्रुति नायक ने बताया- मैं सवाईमाधोपुर के रणथम्भौर से ताल्लुक रखती हूं। मेरा बचपन से मॉडलिंग का शौक रहा है। घर पर जब भी मॉडलिंग से जुड़ा कोई गाना प्ले होता था, तो मैं उसे देखकर वॉक करने लग जाती थी। ऐसे में यह मेरा शुरुआती सपना रहा है कि मॉडलिंग की दुनिया में अपनी पहचान बना पाउं। अब तक यह जर्नी मुश्किल नहीं रही है, मेरे पैरेंट्स ने कभी कोई रोक-टोक नहीं लगाई है। छोटे कपड़ों से लेकर मॉडलिंग फील्ड में जाने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। मेरे पिता आर्मी में है और मैं भी आर्मी में जाना चाहती थी, लेकिन मेरा सपना मॉडलिंग फील्ड था। पहले मैं अपने सपने को पूरा करने निकल गई।
मॉडलिंग के बारे में पैरेंट्स को बताने को लेकर पहले मैं बहुत डर गई थी। पापा कभी राजी नहीं होंगे, यही सोचती थी। मम्मी को तो बताने की हिम्मत ही नहीं थी। घर में पापा का डिसिजन चलता है, ऐसे में पापा का मनाना ही मेरा अहम टास्क था। मैंने डरते-डरते पापा को मॉडलिंग के फील्ड में जाने की बात बताई। उन्होंने उस वक्त हंसते-हंसते हां कर दी। मुझे विश्वास नहीं हुआ। आज मैं ऑडिशन देने अपने भाई और दीदी के साथ आई है। श्रुति ने कहा कि यह सही है कि समाज में छोटे कपड़े पहनने को लेकर और मॉडलिंग जैसे फील्ड को लेकर जागरूकता नहीं है, लोग इसे सही नहीं मानते। मैं अपनी पहचान बनाकर इस भ्रम को अपने क्षेत्र में जरूर तोडूंगी। गर्ल्स को इंस्पेरिएशन देने का कार्य करूंगी। आगे जाकर इंडिया को रिप्रजेंट कर करूंगी। अभी मेरी उम्र 18 साल है और मैं बीए फर्स्ट ईयर में हूं। शुरुआती पढ़ाई केन्द्रीय विद्यालय बीकानेर से की थी, उस वक्त पापा की ड्यूटी बीकानेर में थी।
गुंजन अग्रवाल ने बताया कि मैं बालोतरा से हूं। पहले यह बाड़मेर में आता था, अब यह नया जिला बन गया है। मॉडलिंग मेरी चॉइस के अकॉडिंग कर रही हूं। मुझे हर फील्ड एक्सप्लोर करना है, इसलिए मैंने इस फील्ड को चुना। फैशन डिजाइनिंग से शुरुआत की। पापा और फैमिली मेम्बर्स की नजर में फैशन फील्ड अच्छा नहीं है, ऐसे में उन्हें मनाना बड़ा टास्क था। शुरुआत में बहुत दिक्कत आई थी, लेकिन धीरे-धीरे अपने काम से और लगन से परिवार वालों को कन्वेंश करने में सफल हो गई। एक से डेढ़ साल लग गया, इसी का परिणाम है कि मैं यहां ऑडिशन दे रही हूं।
पहली बार जब पापा का मॉडलिंग या फैशन फील्ड के बारे में बताया था तो हंस कर टाल दिया था। वे माने नहीं थे। उनको लगा कि मैं मजाक कर रही हूं। फिर धीरे-धीरे मैंने अपने सपने के बारे में बताया, धीरे-धीरे अपने प्रयासों से उन्हें समझाने लगी। मेरे दूसरे फैमिली मेम्बर्स ने पापा को समझाया, मम्मी ने मेरा साथ दिया। गुंजन ने बताया कि मैं फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कर रही हूं। मॉडलिंग शोज को देखते-देखते इस फील्ड में आने का प्लान बनाया। इंस्पीरिएशन की बात की जाए तो फैशन डिजाइनर मसाबा गुप्ता खास है। उनके डिजाइंस मुझे पसंद है।
खुशी सिंह शेखावत ने बताया- मैं एक राजपूत फैमिली से जुड़ाव रखती हूं। सीकर से बिलॉन्ग करती हूं। मैं उस जगह से आती हूं, जहां हर उस चीज पर सवाल उठते हैं। जो सामाजिक रूप से स्वीकार नहीं होते है। यहां तक के छोटे कपड़ों लेकर सबसे ज्यादा समस्या आती है। लोगों का माहौल इस इंडस्ट्री को सर्पोटिव नहीं है। मेरे क्षेत्र से किसी ने भी इस फील्ड में करियर नहीं बनाया है। मैंने भी सबसे पहले अपने परिवार को मनाया और इसी का परिणाम है कि वे आज सपोर्ट करते है।
मॉडलिंग में आने के लिए सबसे पहले मैंने मम्मी को बताया। तब उन्होंने कहा- पापा से ही पूछो। मुझे पता था कि पापा मना ही करेंगे। ऐसे में मैंने मम्मा को ही मनाया। मम्मी ने पापा को मना लिया। सिटी में तो फिर भी मॉडलिंग को लेकर और कपड़े पहनने को लेकर अवेयनेस है। गांवों में आज भी कोई भी इस फील्ड को एक्सेप्ट नहीं करता है। लड़कियों काे लेकर गांव में यही थिंकिंग है कि कोई पढ़ना चाहे तो पढ़े नहीं तो शादी करके अपना घर बसाए। मैं चाहती हूं कि मेरे गांव और शहर की लड़कियां आगे बढ़ें। मुझे देखकर वे भी आगे आएं। मैं इंडिया काे रिप्रजेंट करना चाहती हूं।
मॉडलिंग मेरा पैशन है, जो अंदर से आया है। पिछले साल मैंने सीकर में ऑडिशन के बारे में सुना था, इसके बाद मैंने डिसाइड किया कि मुझे भी अब ऑडिशंस का हिस्सा बनना चाहिए। टैलेंट को लेकर खुशी ने कहा कि जरूरी नहीं कि टैलेंट बड़े शहरों से ही निकलता है। जबकि छोटे शहरों और गांव-ढ़ाणियों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। बस उन्हें सही प्लेटफाॅर्म मिलने की जरूरत है। सेंट्रल स्कूल से पढ़ाई करने के बाद अब बीएससी की पढ़ाई कर रही हूं। अब मेरा सपना फैमिली को प्राउड फील करवाना है। मेरे पापा आज आसमान से मुझे इस तरह का प्रयास करते देख रहे होंगे, मैं उन्हें गर्व वाला अहसास देना चाहती हूं। पिछले साल उनकी डेथ हो गई थी, लेकिन वे मेरे हर प्रयास में मेरे साथ है।
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पंजाब चुनाव से पहले शिरोमणि अकाली दल पर निशाना साधते हुए, पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि जब वह सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व वाली पार्टी की सहयोगी थी तब भाजपा के साथ अन्याय हुआ है। भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी शिअद ने संसद में तीन कृषि विधेयकों के पारित होने के विरोध में 26 सितंबर, 2020 को एनडीए छोड़ दिया था। जालंधर में सोमवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, पीएम ने दावा किया कि अकाली दल के पास बड़ी संख्या में विधायक होने के बावजूद भगवा पार्टी को डिप्टी सीएम का पद नहीं दे पाया।
2007 के पंजाब चुनावों में जहां शिअद ने 94 सीटों में से 48 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि, वह भाजपा की मदद से सरकार बना सकी, जिसमें बीजेपी के 19 विधायक थे। वंशवादी राजनीति करने पर शिअद पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए, पीएम मोदी ने अफसोस जताया कि प्रकाश सिंह बादल ने डिप्टी सीएम पद के लिए अपने ही बेटे पर विश्वास जताया। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा ने पंजाब के लोगों के सर्वोत्तम हित में सरकार नहीं गिराई।
पीएम मोदी ने कहा, 'जब हम अकाली दल के साथ थे तो इसे बड़ा भाई मानते थे। हमने हमेशा अपनी छोटी सी भूमिका को स्वीकार किया। हमारे दिल में बस एक ही बात थी- हम पंजाब के हित में ही फैसला लेंगे। उस समय अकाली दल के पास पूर्ण बहुमत नहीं था। अकाली सरकार भाजपा के समर्थन के बिना काम नहीं कर सकती थी। उस समय, प्राकृतिक न्याय का मतलब था कि डिप्टी सीएम भाजपा से होना चाहिए था।"
उन्होंने पुष्टि करते हुए कहा कि "मेरे सहयोगी मनोरंजन कालिया डिप्टी सीएम बनने की दौड़ में थे। लेकिन, उस समय भी हमारे साथ अन्याय हुआ। बादल साहब ने अपने ही बेटे को डिप्टी सीएम बनाया। हमारे पास सरकार गिराने के लिए पर्याप्त विधायक थे। लेकिन हमने प्रतिबद्ध नहीं किया क्योंकि हमारे दिलों में केवल पंजाब का उज्ज्वल भविष्य है। पंजाब के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए हमारे राजनीतिक अधिकारों का त्याग किया और ताकि पंजाबियत अमर रहे।"
जहां तक सीटों के बंटवारे का सवाल है, जेपी नड्डा के नेतृत्व वाली पार्टी ने 68 सीटों का बड़ा हिस्सा हासिल किया है, जबकि पीएलसी और शिअद (एस) ने 34 और 15 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। उधर, शिअद ने पंजाब में वापसी के लिए बसपा से गठजोड़ किया है। सभी 117 सीटों पर एक ही चरण में 20 फरवरी को मतदान होगा जबकि मतों की गिनती 10 मार्च को होगी।
यह भी पढ़ें- पीएम मोदी ने सत्ता के दुरुपयोग के लिए कांग्रेस पर साधा निशाना; कहा- '2014 में युवराज के लिए रुका था मेरा हेलिकॉप्टर'
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इलाहाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इलाहाबाद में हैं। यहां बीजेपी की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने यूपी सरकार पर निशाना साधा। पीएम मोदी ने कैराना की घटना को लेकर कहा कि प्रदेश में लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह से खत्म हो चुका है। मोदी ने यहां राष्ट्रपति शासन लगाने को लेकर भी राष्ट्रपति से विचार करने की बात की।
पीएम मोदी ने कैराना की घटना को बेहद गंभीर मुद्दा बताया। पीएम ने राज्य सरकार को नसीहत दी कि हमें अब इन सब चीजों से आगे बढ़ना चाहिए और समय के साथ खुद को बदल लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें ये बिल्कुल नहीं सोचना चाहिए कि आगे क्या होगा और क्या नहीं। मोदी ने कहा कि हमें नई सोच और नए विचार लाने होंगे।
वहीं कार्यकारिणी की बैठक में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम 2019 में दोबारा केंद्र में और अधिक बहुमत से सरकार बनाएंगे। प्रसाद ने भी कैराना मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यहां से पलायन करना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना रही है।
प्रसाद ने मथुरा और कैराना की घटना पर अखिलेश सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इन दोनों घटनाओं में सपा सरकार फेल रही है। प्रसाद ने कहा कि यूपी में अब विकास का अभाव है और हिंसा का माहौल बना के रख दिया गया है।
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कुल समय के जितने भाग के लिए कोई वस्तु या मशीन सक्रिय अवस्था में रहती है उसे उपयोगिता अनुपात (duty cycle या duty ratio या duty factor) कहते हैं। उदाहरण के लिए, २४ घण्टे में कोई मोटर ६ घण्टे चालू रहती है और शेष समय बन्द रहती है तो उसका उपयोगिता अनुपात ६/२४ .
2 संबंधोंः आवृत्ति, कोणीय वेग।
विभिन्न आवृतियों की तरंगें कोई आवृत घटना (बार-बार दोहराई जाने वाली घटना), इकाई समय में जितनी बार घटित होती है उसे उस घटना की आवृत्ति (frequency) कहते हैं। आवृति को किसी साइनाकार (sinusoidal) तरंग के कला (phase) परिवर्तन की दर के रूप में भी समझ सकते हैं। आवृति की इकाई हर्त्ज (साकल्स प्रति सेकण्ड) होती है। एक कम्पन पूरा करने में जितना समय लगता है उसे आवर्त काल (Time Period) कहते हैं। आवर्त काल .
कोणीय वेग समय के साथ ध्रुवांतर द्वारा घुमे गए कोण की दर को कोणीय वेग कहते हैं। इसका संकेत \omega है। यदि समय \mathbf में ध्रुवोत्तर कोण \mathbf से घूम गया हो, तो- \omega .
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बंजार-रविवार को उपमंडल बंजार में लॉकडाउन के बीच मौसम के बदले मिजाज ने भी सराजवासियों को घरों में रहने के लिए मजबूर कर दिया है। जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार में सुबह से ही तेज हवाओं, बारिश के बीच जिला का अधिकतम तापमान में चार से पांच डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज हुई है, जबकि ऊंचाई वाले स्थानों में एक बार फिर मई माह में क्षेत्र ठंड की चपेट में आ गया है। जिला मुख्यालय कुल्लू के बंजार उपमंडल में सुबह से घने अंधेरे के बीच तेज हवाओं और आसमानी बिजली के बीच भारी बारिश का दौर जारी रहा। कुछ दिन पहले गर्मी शुरू हो गई थी, लेकिन अब मौसम खराब होने से तापमान में थोड़ी गिरावट आई और लोगों ने ठंड महसूस की। प्रदूषण मुक्त वातावरण के बीच मौसम में स्वच्छता भी साफ नजर आ रही है। भारी बारिश होने पर उपमंडल बंजार के लोग कुछ समय के लिए तो सहम गए। भारी बारिश और तेज आंधी का आलम कुछ देर तो ऐसा चला कि सभी लोग अपने-अपने घरों में दुबके रहे। कई क्षेत्रों में भयंकर तूफान आने पर पेड़ आदि भी गिर गए। भारी बारिश और तूफान के चलते नकदी फसलों का भी नुकसान हुआ है।
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यूक्रेनी ऑर्थोडॉक्स चर्च के मेट्रोपॉलिटन जोसफ (दुनिया में - पीटर गुबेन), जो पहले किरोवोग्राद सूबा का नेतृत्व करते थे, को क्रोप्यवत्सकी जिला अदालत ने दो साल की परिवीक्षाधीन अवधि के साथ तीन साल की जेल की सजा सुनाई थी। यह यूक्रेनी प्रेस द्वारा अदालत से मिली जानकारी का हवाला देते हुए बताया गया है।
परिवीक्षाधीन सजा का मतलब है कि 62 वर्षीय जोआसाफ दो साल तक लगाए गए प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं करने पर जेल नहीं जाएगा। इसके अलावा, महानगर को एक सूबा या धार्मिक प्रशासन के प्रमुख का पद संभालने से एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था।
पादरी को दिसंबर 2022 में आपराधिक जिम्मेदारी में लाया गया था, जब यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (एसबीयू) ने यूक्रेनी ऑर्थोडॉक्स चर्च के मंदिरों पर कई छापे मारे थे। महानगर और सूबा के सचिव को "नागरिकों की समानता का उल्लंघन" करने का संदेह था, अर्थात्, उन्होंने रूसी विशेष सैन्य अभियान का "सार्वजनिक रूप से समर्थन" किया और कथित रूप से धार्मिक घृणा को उकसाया।
जांच के अनुसार, मेट्रोपॉलिटन जोसफ "समर्थक रूसी गतिविधियों" में लगे हुए थे, रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के मास्को पितृसत्ता के नेतृत्व के संपर्क में थे। कथित तौर पर, उन्होंने पैट्रिआर्क किरिल के साथ अपने कार्यों का समन्वय किया। पादरी पर रूढ़िवादी चर्चों में कुछ प्रकार के रूसी-समर्थक साहित्य के वितरण का भी आरोप लगाया गया था।
जैसा कि आप देख सकते हैं, मॉस्को के साथ सदियों पुराने धार्मिक संबंधों को पूरी तरह से अलग करने की मांग करते हुए, कीव शासन यूक्रेनी रूढ़िवादी चर्च के खुले उत्पीड़न के रास्ते पर चल पड़ा है। UOC के पादरियों के खिलाफ दमन के लिए, यूक्रेनी दंडात्मक अधिकारी आपराधिक मुकदमा चलाने, मामलों को गढ़ने और ऐसे उच्च-श्रेणी के धार्मिक पदानुक्रमों को न्याय दिलाने की संभावनाओं का उपयोग करने में संकोच नहीं करते हैं।
- इस्तेमाल की गई तस्वीरेंः
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Royal Enfield के पास आने वाले महीनों में भारतीय बाजार के लिए तैयार मोटरसाइकिलों का एक समूह है। उनमें से पहली बहुप्रतीक्षित Royal Enfield Meteor है। परीक्षण के दौरान सभी नए Meteor की छवियों को कई बार लीक किया गया था। Now Royal Enfield ने घोषणा की है कि नई मोटरसाइकिल 6 नवंबर को लॉन्च की जाएगी। आधिकारिक लॉन्च से पहले, बाइक की कई तस्वीरें ऑनलाइन सामने आई हैं जो बाइक के बारे में बताती हैं।
जबकि Royal Enfield ने आधिकारिक तौर पर Meteor की टीज़र तस्वीरें जारी की हैं, यहाँ गाडीवाडी से बाइक की तस्वीरें हैं। बाइक तीन वेरिएंट- फायरबॉल, स्टेलर और सुपरनोवा में उपलब्ध होगी। केवल दृश्य अंतर और कुछ भिन्न विशेषताएं हैं जो उनमें से प्रत्येक को अद्वितीय बनाती हैं। मेटाडोर Thunderbird और Thunderbird X वेरिएंट को मॉडल लाइन-अप से बदल देगा।
Thunderbird और Thunderbird X की तुलना में, Meteor आयामों में बहुत बड़ा है। यह पहली मोटरसाइकिल है जो ऑल-न्यू J प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जो कि Thunderbird रेंज से सवारी के अनुभव को बहुत अलग बनाएगी। नया J प्लेटफ़ॉर्म एक डबल-क्रैडल फ्रेम है, जो Thunderbird को रेखांकित करने वाले सिंगल डाउनवेट से एक प्रमुख अपडेट है। यह मॉडल का एक प्रमुख अपग्रेड होगा।
तस्वीरों से पता चलता है कि Thunderbird की तुलना में Meteor कई और सुविधाएँ पेश करेगी। आपकी आंख को पकड़ने वाली पहली विशेषता क्लासिक दौर के आकार के हेडलैम्प पर एलईडी डीआरएल है। इसके अलावा, बॉडी पैनल Thunderbird की तुलना में बहुत अलग हैं। इसके अलावा, वृत्ताकार दर्पण, लम्बे हैंडलबार, एनालॉग और डिजिटल पैनल के साथ हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर हैं। इसमें ब्लूटूथ कनेक्टिविटी विकल्प भी है जिसे Tripper Navigation के रूप में जाना जाता है। यह बाइक की रेंज में मानक होगा।
बाइक 349cc, सिंगल-सिलेंडर, एयर-कूल्ड, फ्यूल-इंजेक्टेड इंजन द्वारा संचालित होगी जो अधिकतम 20.2 PS की पावर पैदा करती है जबकि पीक टॉर्क 27 Nm है। Royal Enfield ने ट्रांसमिशन को भी अपडेट किया है, जिसमें Thunderbird की तुलना में कम हिस्से हैं। Royal Enfield उच्च-विश्वसनीयता वाले उत्पादों की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहा है और इससे ब्रांड को वही हासिल करने में मदद मिलेगी। बाइक की कीमत के बारे में अभी पता नहीं चला है। हालांकि, Thunderbird और Thunderbird X की कीमत को ध्यान में रखते हुए, इसकी कीमत लगभग 1.7 लाख रुपये होने की संभावना है।
Royal Enfield उन सभी नए उत्पादों पर भी काम कर रही है जो 650cc, ट्विन-सिलेंडर इंजन द्वारा संचालित होंगे। Royal Enfield भविष्य में हिमालयन 650 और यहां तक कि Thunderbird 650 को भी लॉन्च करने की योजना बना रही है।
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Jamshedpur (Dharmendra Kumar) : पुर्तगाल के ऑल्टो मिन्हो नगर के प्रबंधन एवं टाटा स्टील यूआईएसएल के बीच नगर प्रबंधन को लेकर करार हुआ. इस करार के आधार पर दोनो नगर प्रबंधन करने वाली संस्थाएं एक दूसरे के साथ अपनी विशेषताओं को साझा करेंगी. इस इस संबंध में पुर्तगाल में ऑल्टो मिन्हो के एक 3-सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने 18 से 21 अप्रैल, जमशेदपुर का दौरा किया. यह यूरोपीय संघ द्वारा वित्त पोषित आईयूआरसी कार्यक्रम के तहत ऑल्टो मिन्हो और जमशेदपुर के बीच चल रहे सहयोग के हिस्से के रूप में था, जहां दोनों शहरों ने परस्पर सहयोग करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और लोक प्रशासन के सिद्धांतों सहित शहरी सेवाओं के विभिन्न क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना है. इस समूह में मिस्टर कॉन्स्टेंटिनो अजेवेदो, सैंड्रा एस्टेवेंस और सेलेस्टिना ओलिवेरा डी बारोस शामिल थे. यात्रा के पहले दिन, पुर्तगाली समूह ने कॉरपोरेट सर्विसेज, टाटा स्टील की टीम से मुलाकात की जिसमें प्रणय सिन्हा, वरुण बजाज और वैभव गुप्ता के साथ TSUISL के एमडी ऋतुराज सिन्हा और उनकी टीम शामिल थी. संजीव झा और मनोज शेखावत. दोनों टीमों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन, जल, अपशिष्ट जल आदि पर विशेष ध्यान देने के साथ विभिन्न नगर प्रबंधन प्रथाओं का आदान-प्रदान किया है. इसके बाद समूह ने सड़कों, पार्कों, जल अपशिष्ट जैसी विभिन्न शहरी सेवाओं का पता लगाने के लिए शहर में साइट का दौरा किया है. यात्रा के दूसरे दिन, दोनों शहरों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, पानी, अपशिष्ट जल और अन्य नगरपालिका सेवाओं जैसे विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श और विचार-मंथन सत्रों का दौर चल रहा है, जो टाटा स्टील जमशेदपुर के नागरिकों को प्रदान कर रहा है. जमशेदपुर शहर का व्यापक अवलोकन प्रदान करने के अलावा, टाटा स्टील और टीएसयूआईएसएल के अधिकारियों ने उन व्यावहारिक मुद्दों, चुनौतियों पर भी चर्चा की है, जिनका सामना यूटिलिटी कंपनी अपने नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए दैनिक आधार पर कर रही है. विभिन्न शहरी सेवाओं के वितरण के संबंध में विभिन्न मानकों और मापदंडों के विरुद्ध जमशेदपुर शहर के प्रदर्शन पर चर्चा की गई और पुर्तगाली टीम द्वारा इसकी सराहना की गई. टीम ने दूसरे दिन कुछ साइट का दौरा किया जिसमें नगर ठोस अपशिष्ट सुविधाएं, सार्वजनिक पार्क, जैव विविधता पार्क और शहर के अन्य पार्क जिनका प्रबंधन शहर के बागवानी विभाग में एक समर्पित टीम द्वारा किया जाता है.
पुर्तगाल की टीम टाटा स्टील द्वारा टीएसयूआईएसएल के माध्यम से प्रदान की जा रही सेवाओं और नागरिकों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने की चुनौतियों को स्वीकार करने से बहुत प्रभावित हुई. टीम को विशेष रूप से उन प्रमुख सेवाओं पर प्रदर्शन पसंद आया है जिन्हें शहर में असाधारण रूप से प्रबंधित किया गया है - घर-घर जाकर कचरा संग्रह करना, पुराने कचरे को हटाना, आरडीएफ सुविधा. इसके अलावा, टीम ने एनआरडब्ल्यू, कच्चे पानी के प्रमुख मापदंडों के उपग्रह अवलोकन और अंत में कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर जैसे विभिन्न प्रमुख संकेतकों पर टीएसयूआईएसएल के प्रदर्शन की भी प्रशंसा की है, जो सभी सेवाओं को काफी कुशलता से देख रहा है. ग्राहक सेवा केंद्र को देखना बहुत प्रभावशाली था जो विभिन्न सेवाओं के लिए शिकायतों को दूर करने के लिए लगातार काम कर रहा है लेकिन शिकायत प्रबंधन प्रणाली में भी सुधार कर रहा है.
अंत में, यह सहमति हुई है कि ऑल्टो मिन्हो अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्रों में से एक में अपशिष्ट गंधहरण तकनीक को लागू करने में जमशेदपुर का समर्थन करेगा जिसे अन्य संयंत्रों में भी दोहराया जा सकता है. तकनीकी विशिष्टताओं सहित सभी आवश्यक जानकारी ऑल्टो मिन्हो टीम द्वारा साझा की जाएगी. दूसरी ओर, टाटा स्टील संगठनात्मक लोक प्रशासन प्रणाली का सबसे अच्छा मामला साझा करने के लिए तैयार हो गया है. दोनों शहर संबंधित सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रमुख विशिष्टताओं को साझा करेंगे ताकि कार्यान्वयन हो सके. यूरोपीय संघ द्वारा वित्तपोषित परियोजना सूचना के आदान-प्रदान, संबंधित कार्यक्रमों में भागीदारी और विभिन्न राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रमों के माध्यम से दोनों शहरों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के माध्यम से दोनों शहरों के बीच सहयोग को जारी रखेगी.
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40 लाख की बिजली चोरी का मामला खत्म करने को दस लाख की मांगी रिश्वत, अफसर ने आरोपों को नकारा, क्या ऊर्जा मंत्री करायेंगे जांच?
जिले के बिजली महकमे में क्या लूट का खेल चल रहा है? चालीस लाख के काले खेल का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिसे लेकर पक्ष और विपक्ष आपस में भिड़ गये हैं। अब बड़ा सवाल है कि क्या सूबे के ऊर्जा मंत्री समूचे लूट के खेल की जांच करायेंगे? डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिवः
महराजगंजः नगर का एक चौंकाने वाला घूसखोरी कांड इन दिनों जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। कोतवाली के सामने रहने वाले बद्रीनाथ दिवेदी के पुत्र आशुतोष दिवेदी ने रोते-बिलखते डाइनामाइट न्यूज़ को अपनी आपबीती सिलसिलेवार सुनायी और बताया कि वे रेडीमेड कपड़ों की एक दुकान चलाते हैं। इस पर 25 किलोवाट की बिजली का कनेक्शन लिया हुआ है। जब NH-730 के निर्माण के दौरान शहर में तोड़फोड़ हो रही थी, उसी दौरान सड़क निर्माण करने वाली प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों ने अवैध ढ़ंग से ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त करते हुए उनकी बिजली बाधित कर दी। जिससे उनका व्यवसाय बाधित हो गया।
जब बिजली विभाग से लाइट दोबारा जोड़ने का आग्रह किया तो इसी बहाने विद्युत संयोजन प्रवर्तन दल ने छापा मार आरोप लगाया कि जांच में अवैध कटिया कनेक्शन करके बिजली चलाते हुए पाया गया।
आशुतोष ने आरोप लगाया कि इसके बाद से उत्पीड़न का खेल शुरु हुआ। विभाग ने नोटिस देकर 39 लाख 99 हजार 532 रुपये की पेनाल्टी मांगी। विद्युत वितरण खंड प्रथम, पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, महराजगंज के अधिशासी अभियंता की ओर से जारी इस नोटिस में चेतावनी दी गयी कि पेनाल्टी जमा न करने पर आरसी काट दी जायेगी।
पीड़ित का कहना है कि मामले को निपटाने के नाम पर बिजली विभाग के एक बाबू ने दस लाख रुपये की रिश्वत मांगी और कहा कि साहब से मिलकर काम निपटवा देंगे। पीड़ित ने बताया कि एक-एक लाख रुपये करके दो बार में कुल दो लाख रुपये उसने इस बाबू को दे दिया लेकिन आज तक कोई रसीद व राहत नहीं मिली।
जब रिश्वतखोरी के इस सनसनीखेज मामले पर डाइनामाइट न्यूज़ ने विद्युत वितरण खंड प्रथम के अधिशासी अभियंता से उनका पक्ष पूछा तो उन्होंने कहा कि रिश्वतखोरी की बात पूरी तरह से गलत है। जब प्रवर्तन दल मौके पर पहुंचा तो इन लोगों ने मीटर काटकर छत पर रखा था और ये बिना बिजली के मीटर के विद्युत का उपभोग कर रहे थे। विजिलेंस ने जांच के बाद रिपोर्ट दी, उसके बाद इसका 40 लाख का राजस्व निर्धारण हुआ। आज तक इस मद में कोई धन जमा नहीं किया गया है।
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Anupamaa Serial Update आज के एपिसोड़ में मीका सिंह सभी को बताते हैं कि उनकी ओपनिंग परफॉर्मेंस अनुपमा का पसंदीदा गाना होगा। देविका अनुपमा से कहती है कि उसने मीका और अनुज को अपने पसंदीदा गाने के बारे में पहले ही बता दिया था। मीका 'आज की पार्टी' गाते हैं, उसके बाद अन्य गाने गाते हैं। उन्होंने इसे अपने नए गाने 'व्हिसल बाजा 2. 0' के साथ खत्म किया।
उसके बाद, वह अनुपमा और अनुज से कहता है कि उन्हें उम्मीद है कि उनका रिश्ता सभी बुरी नज़रों से दूर रहेगा और वे अपनी नई यात्रा में समृद्ध होते रहेंगे। वह उन्हें बताता है कि उसे भी एक साथी की जरूरत है और सभी को अपना आगामी शो 'स्वयंवरः मीका दी वोहती' देखने के लिए कहता है। मीका वनराज को देखता है और पूछता है कि वह व्यक्ति कौन है। बापूजी बताते हैं कि वह उनका बेटा है। मीका ने उसे गले लगाया।
काव्या कहती है कि उसे विश्वास नहीं हो रहा है कि मीका अभी उनके घर आया है। इसके बाद मेहंदी फंक्शन शुरू होता है। बापूजी देखते हैं कि अनुपमा की मेहंदी में सबके नाम हैं और वे खुश हो जाते हैं। वह उसे बताती है कि वह उन सभी के बिना अधूरी है और यहां तक कि परिवार भी उसके लिए महत्वपूर्ण है।
देविका अनुज की मेहंदी देखती है और कहती है कि वे दोनों एक जैसे सोचते हैं क्योंकि उसकी मेहंदी में समर, पाखी, तोशु और किंजल के नाम भी हैं। अनुपमा खुश हो जाती है। बच्चे भी अनुज और अनुपमा का नाम लिखते हैं और वनराज उन सभी को खुश देखकर जलते हैं।
बाद में वनराज अनुज से कहता है कि वह उससे बात करना चाहता है। अनुज मना कर देता है लेकिन वह जिद करता है और उसे अपनी कार में ले जाता है और जल्दबाजी में ड्राइव करता है। अनुपमा यह देखती है और घबरा जाती है।
तोशु उसे सांत्वना देता है। अनुपमा बताती है कि वनराज अगर अनुज को कुछ भी करेगा तो वह शांत नहीं बैठेगी। वनराज कार रोकता है और अनुज से कहता है कि वह उसके बच्चों को उससे न छीने और उसे चेतावनी देता है। राखी झूलों पर बैठ जाती है और यह देखने की उम्मीद करती है कि नाटक क्या होगा और बापूजी की रिपोर्ट ढूंढती है।
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गोकाक आधुनिक मैसूर, कर्नाटक के बेलगाँव जनपद में तालुके का प्रधान नगर है। यह दक्षिणी रेलमार्ग[1]पर स्थित गोकाक स्टेशन से लगभग 8 मील (लगभग 12.8 कि.मी.) की दूरी पर स्थित है और राजमार्ग द्वारा उससे जुड़ा हुआ है। पहले यहाँ कपड़ों की बुनाई तथा रँगाई का व्यवसाय बहुत उन्नत था तथा बड़े पैमाने पर किया जाता था, लेकिन बाद में यह समाप्त होने लगा। पुनः सरकारी प्रयत्नों से इन उद्योगों का विकास किया जा रहा है। हल्की लकड़ी तथा स्थानीय क्षेत्र में प्राप्य एक विशेष प्रकार की मिट्टी से निर्मित खिलौने तथा चित्रादि बनाने का व्यवसाय यहाँ काफ़ी प्रसिद्ध है।
गोकाक भारत के प्राचीन कस्बों में से एक है। इसका प्रथम उल्लेख 1047 ई. के एक अनुलेख में 'गोकागे' (Gokage) नाम से प्राप्य है। संभवतः यह हिंदुओं का पवित्र स्थल रहा है, जो 'गऊ' (गो या गाय) से संबंधित है। 1685 ई. में यह सरकार[2] का प्रधान केंद्र था। 1717-1754 काल में यह सबानूर के नवाबों के अधीन रहा, जिन्होंने यहाँ मस्जिद तथा गंजीखाने का निर्माण कराया। इसके बाद पुनः यह हिंदुओं के अधीन हुआ। सन 1836 में गोकाक तालुका तथा नगर अंग्रेज़ों के अधीन हो गए।
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI) को उत्तर प्रदेश के बदायूँ ज़िले के खेड़ा जलालपुर गाँव में एक टीले से गुप्त काल के बाद के पुरातात्विक अवशेषों की प्राप्ति हुई है।
- गंगा नदी के पूर्वी तट पर स्थित खेड़ा जलालपुर गाँव के टीले से हिंदू मंदिर की मूर्तियों के टुकड़े, प्राचीन ईंट प्राप्त हुए हैं। एएसआई के अनुसार ये अवशेष गुप्तकाल के बाद के (7वीं-8वीं शताब्दी के) हैं, जिनका संबंध आज से करीब 1300-1400 वर्ष पहले के समय से है।
- प्रसिद्ध पुरातत्त्वविद डॉ. बी.आर. मणि के अनुसार बदायूँ पुरातात्त्विक दृष्टि से अत्यधिक महत्त्वपूर्ण स्थल है। यह प्राचीन पांचाल (द्रौपदी की जन्मस्थली) का हिस्सा था। दिल्ली सल्तनत के मामलूक वंश के शासन के दौरान बदायूँ सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण इक्ता थी। सुल्तान बनने से पूर्व इल्तुतमिश यहीं का इक्तादार था।
- उल्लेखनीय है कि बदायूँ अब्दुल कादिर बदायूँनी एवं शेख निज़ामुद्दीन औलिया की जन्मस्थली थी। साथ ही, यह दिल्ली-लखनौती व्यापारिक मार्ग का प्रमुख केंद्र था।
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश में मंत्रिपरिषद का विस्तार करते हुए 1 कैबिनेट मंत्री एवं 6 राज्यमंत्री सहित कुल 7 नए मंत्रियों को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
- मंत्रिपरिषद में शामिल मंत्रियों में जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री तथा छत्रपाल सिंह गंगवार, पल्टू राम, संगीता बलवंत, संजीव कुमार, दिनेश खटीक और धर्मवीर प्रजापति को राज्यमंत्री बनाया गया है।
- इस विस्तार से उत्तर प्रदेश मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की कुल सदस्य संख्या 60 हो गई है, जो उत्तर प्रदेश में मंत्रियों की अधिकतम संभावित संख्या है।
- उल्लेखनीय है कि 91वें संविधान संशोधन द्वारा किसी भी राज्य में मंत्रियों की अधिकतम संख्या राज्य विधानसभा के कुल सदस्यों का 15% तक हो सकती है। उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदस्यों की संख्या 403 है।
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा 'प्रमोशन ऑफ मेडिकल डिवाइस पार्क योजना' के तहत उत्तर प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना को सैद्धांतिक मंज़ूरी प्रदान की गई है।
- उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, मेडिकल डिवाइस पार्क को गौतमबुद्ध नगर में स्थापित किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि देश में चिकित्सीय उपकरण उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिये केंद्र सरकार के उर्वरक एवं रसायन मंत्रालय द्वारा 'प्रमोशन ऑफ मेडिकल डिवाइस पार्क योजना' शुरू की गई है।
- इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु एवं मध्य प्रदेश में 4 पार्कों के निर्माण को सैद्धांतिक मंज़ूरी प्रदान कर दी गई हैं।
- इस योजना के तहत कुल 400 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- इस योजना की कार्यावधि 2020-21 से 2024-25 तक निर्धारित की गई है।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को राज्य में औद्योगिक विकास को गति प्रदान करने हेतु एमनेस्टी स्कीम 2021 लागू की गई है, जो कि 31 मार्च, 2022 तक प्रभावी रहेगी।
- इसमें पूर्व में संचालित राज्य पूंजी विनियोजन अनुदान योजना, 1990 के अंतर्गत ऐसी औद्योगिक इकाईयाँ, जो योजना के प्रावधानों एवं शर्तों का पालन करने में असफल रही हैं, उन्हें सरकार द्वारा उद्योग विभाग के माध्यम से राहत प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के अंतर्गत वित्तीय संकट, प्राकृतिक आपदा, टेक्नोलॉजी परिवर्तन एवं अपरिहार्य कारणों से असफल रही इकाईयों को संबल प्रदान करने के लिये अब वसूलनीय मूल अनुदान राशि के पेटे 50 प्रतिशत राशि जमा कराने पर बकाया मूल अनुदान एवं समस्त ब्याज माफ कर दिया जाएगा।
- इस योजना की मुख्य विशेषता यह है कि किसी इकाई ने मूल अनुदान में से जो राशि पूर्व में जमा करा दी है, उसे शामिल करते हुए आधा मूल अनुदान जमा कराने पर भी इस स्कीम का लाभ मिलेगा। साथ ही पूर्व में आधा या उससे अधिक मूल अनुदान जमा करा चुकी इकाईयों का पूरा ब्याज माफ किया जाएगा। इससे वित्तीय कारणों से रुग्ण हो चुकी इकाइयों को राहत मिलेगी।
- उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त अर्चना सिंह ने कहा कि इस योजना से करीब 565 इकाईयों को लाभ मिलेगा। विगत कई वर्षों से इन इकाईयों के विरुद्ध विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों से उनको न केवल राहत मिलेगी, बल्कि बंद इकाईयों के पुनर्जीवन का नया रास्ता खुलेगा, जिससे राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बल मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि राज्य पूंजी विनियोजन अनुदान योजना में राज्य सरकार ने 13,413 इकाईयों को उनके द्वारा किये गए स्थायी पूंजी निवेश पर करीब 308 करोड़ रुपए का अनुदान दिया था।
- इस योजना में यह शर्त थी कि लाभान्वित इकाई न्यूनतम 5 वर्ष तक उत्पादनरत् रहेगी। हालाँकि इसमें से मात्र 4 प्रतिशत इकाईयाँ इस शर्त को पूरा नहीं कर सकीं। इस कारण उनसे नियमानुसार लगभग 25 करोड़ रुपए मूल अनुदान और अब तक करीब 75 करोड़ रुपए ब्याज राशि वसूल की जानी थी, लेकिन यह इकाईयाँ वसूलनीय मूल अनुदान राशि का 50 प्रतिशत जमा कराकर इस स्कीम का लाभ ले सकेंगी।
- इस स्कीम को अत्यंत सरल, सुगम एवं पारदर्शी बनाया गया है। पात्र इकाईयाँ बकाया मूल अनुदान की राशि जमा कराकर निर्धारित प्रारूप में आवेदन भरकर आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ अनुदान वितरण एजेंसियों, यथा- ज़िला उद्योग केंद्र, राजस्थान वित्त निगम एवं रीको को जमा कराना होगा, पात्रता जाँच के बाद सभी एजेंसियाँ अपनी अनुशंसा के साथ आवेदन पत्रों को आयुक्त, उद्योग एवं वाणिज्य को प्रेषित करेंगी।
- वितरण एजेंसियों से प्राप्त प्रस्ताव एवं पात्रता की जाँच उपरांत आयुक्त द्वारा संबंधित इकाई से वसूलनीय शेष मूल अनुदान एवं संपूर्ण ब्याज राशि को माफ करने का आदेश जारी किया जाएगा।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सतना ज़िले के रैगाँव में पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर हर वर्ग के गरीब आवासहीनों को रहने के लिये ज़मीन का पट्टा देने हेतु प्रदेश में 'मुख्यमंत्री भू-अधिकार योजना' लागू करने की घोषणा की।
- इस योजना के प्रथम चरण में सर्वे करके गरीबों का चिह्नांकन किया जाएगा। इसके बाद इन्हें उपलब्ध शासकीय ज़मीन में आवासीय प्लॉट दिये जाएंगे। सरकारी ज़मीन उपलब्ध न होने पर निजी भूमि खरीद कर भी गरीबों को दी जाएगी। इस योजना में सतना ज़िले को मॉडल बनाया जाएगा।
- शहरों में जहाँ भूमि उपलब्ध नही होगी, वहाँ मल्टी स्टोरिंग बिल्डिंग बनाकर रहने की व्यवस्था की जाएगी।
- जो भूमि, भूमि माफियाओं से मुक्त कराई जाएगी, उसे भी इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रैगाँव में इसी सत्र से कॉलेज खोलने, तहसील भवन के निर्माण के लिये एक करोड़ 15 लाख रुपए की स्वीकृति दी। साथ ही 'सीएम राइज स्कूल' खोलने और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्नयन एवं ग्रामीण खेल स्टेडियम बनाने की घोषणा की।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को यांकटन (अमेरिका) में आयोजित सीनियर वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप में महिला कंपाउंड टीम इवेंट में मध्य प्रदेश राज्य तीरंदाज़ी अकादमी, जबलपुर की मुस्कान किरार कोलम्बिया के विरुद्ध फाइनल मुकाबले में दमदार प्रदर्शन करते हुए भारत को रजत पदक दिलाने में कामयाब हुईं।
- कोलम्बिया ने भारत को 229 के मुकाबले 224 अंकों से हराया।
- उल्लेखनीय है कि यांकटन (अमेरिका) में 19 से 26 सितंबर, 2021 तक इस चैंपियनशिप का आयोजन किया गया था।
- भारत की तरफ से इस टीम इवेंट में मुस्कान किरार (जबलपुर, मध्य प्रदेश), प्रिया गुर्जर (राजस्थान) और ज्योति (आंध्र प्रदेश) शामिल थीं। फाइनल मुकाबले में मुस्कान किरार ने 80 में से 78, प्रिया ने 80 में से 74 और ज्योति ने 80 में से 72 अंक अर्जित किये।
- गौरतलब है कि मुस्कान किरार मूलतः जबलपुर की निवासी हैं। मुस्कान को वर्ष 2018 में राज्य शासन ने एकलव्य पुरस्कार तथा वर्ष 2019 में विक्रम पुरस्कार से सम्मानित किया था। मुस्कान किरार ने एशियन गेम्स 2018 में रजत पदक अर्जित किया था।
- मुस्कान अब तक 14 अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं। इन प्रतियोगिताओं में मुस्कान ने एक स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक सहित भारत को कुल 10 पदक दिलाए हैं।
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2021 को हरियाणा वन विभाग ने बताया कि कवक, वनस्पति और जीवों की समृद्ध विविधता का पता लगाने तथा इसे संरक्षित करने के लिये हरियाणा का पहला मशरूम सर्वेक्षण, 30 सितंबर, 2021 को यमुनानगर ज़िले के कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य में आयोजित किया जाएगा।
- वन विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि सर्वेक्षण प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव), हरियाणा और प्रसिद्ध माइकोलॉजिस्ट डॉ. एन.एस.के. हर्ष के मार्गदर्शन में किया जाएगा, जिसमें कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य की कवक एवं मशरूम विविधता का आकलन किया जाएगा।
- इस सर्वेक्षण के परिणाम कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य के कवक, वनस्पतियों एवं जीवों के संरक्षण के लिये एक प्रभावी प्रबंधन रणनीति तैयार करने में मदद करेंगे तथा क्षेत्र की पारिस्थितिकी पर आवास की गड़बड़ी और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव के अवलोकन का आधार भी बनेंगे।
- इस सर्वेक्षण का फोकस मशरूम पर होगा। हालाँकि तितलियों, मकड़ियों, उभयचर, मछली, सरीसृप, पक्षियों और स्तनधारी विविधता तथा उनके संरक्षण से संबंधित विभिन्न पहलुओं के लिये भी सर्वेक्षण किया जाएगा।
- प्रवक्ता ने कहा कि पेड़, झाड़ियाँ और जड़ी-बूटियाँ बिना फफूंद के भूमि पर नहीं रह सकतीं। वे कई कीड़ों और अन्य जीवों की खाद्य श्रृंखला का एक अभिन्न अंग हैं। कवक और मशरूम एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र का एक अविभाज्य अंग हैं। कई कवक प्रजातियाँ (मशरूम) खाने योग्य हैं और इसके अलावा मशरूम विटामिन डी का एकमात्र शाकाहारी स्रोत है।
- इस एकदिवसीय सर्वेक्षण में वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून से पंद्रह वैज्ञानिक (कवक, कीड़े, मिट्टी, जलवायु परिवर्तन, वनस्पति विज्ञान, पादप शरीर क्रिया विज्ञान आदि क्षेत्रों में विशेषज्ञ), भारत के वन्यजीव संस्थान, देहरादून के दस वैज्ञानिक (भृंग, तितलियों, मधुमक्खियों, परागणकों, जुगनू, भौंरा, मधुमक्खियों, स्तनधारियों, पक्षियों और सरीसृप जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञ), यमुनानगर के विभिन्न कॉलेजों के प्रोफेसर और जीव विज्ञान के छात्र, गैर-सरकारी संगठन, पक्षी प्रेमी और हरियाणा वन विभाग के अधिकारी भाग लेंगे।
- उल्लेखनीय है कि कालेसर राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य एक अच्छी तरह से संरक्षित एवं प्रबंधित क्षेत्र है तथा विभिन्न जीवन रूपों की समृद्ध विविधता को आश्रय देता है।
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने करनाल ज़िले में पल्स पोलियो 2021-22 के दूसरे उप-राष्ट्रीय टीकाकरण (एसएनआईडी) दौर का उद्घाटन किया।
- इस टीकाकरण में 25.7 लाख बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 5 वर्ष से कम उम्र के लगभग 13.21 लाख (51%) बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जा चुकी है।
- स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अधिकांश ज़िलों में बूथों का उद्घाटन विधायक/उपायुक्त/नगर पार्षद/सिविल सर्जन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया है।
- उन्होंने बताया कि राज्य के 13 चिह्नित ज़िलों- अंबाला, फरीदाबाद, गुरूग्राम, झज्जर, करनाल, कुरुक्षेत्र, मेवात, पलवल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर में पोलियो मुक्त स्थिति बनाए रखने के लिये टीकाकरण शुरू किया गया है।
- पहले दिन बूथ गतिविधि के दौरान छूटे हुए बच्चों को 27 सितंबर और 28 सितंबर को उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, जैसे- झुग्गी-झोपड़ियों, ईंट-भट्ठों, पलायन करने वाली आबादी और निर्माण स्थलों में घर-घर जाकर पोलियो वैक्सीन की खुराक पिलाई जाएगी।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर 'समर्पण' पोर्टल लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य ऐसे स्वयंसेवकों को प्रोत्साहित करना है, जो समाज की सेवा करने के इच्छुक हैं और सामाजिक कार्यों के प्रति अपना समय एवं प्रयास समर्पित करके हरियाणा में सामाजिक उत्थान का एक अनिवार्य हिस्सा बन सकते हैं।
- पोर्टल लॉन्च करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पोर्टल के माध्यम से स्वेच्छा से काम करने वाले लोगों को जोड़ा जाएगा, जिसके बाद शिक्षा, कौशल विकास, खेल, कृषि आदि के क्षेत्र में युवाओं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों सहित स्वयंसेवकों की सेवाएँ ली जाएंगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि 'समर्पण' समाज के लिये कुछ अच्छा करने की इच्छा रखने वाले स्वयंसेवकों को एक मंच प्रदान करेगा, उदाहरण के लिये- यदि कोई बच्चों की मदद करना चाहता है तो इस पोर्टल पर पंजीकरण करके उन्हें शिक्षित कर सकता है या उन्हें खेल या कौशल प्रशिक्षण दे सकता है। इसी तरह अगर कोई महिलाओं के कल्याण के लिये काम करना चाहता है तो वह उन्हें पोषण, सशक्तीकरण या सुरक्षा के बारे में जागरूक कर सकता है।
- 'समर्पण' पहल के माध्यम से प्रदान की जाने वाली स्वैच्छिक सेवाएँ सरकार के विभिन्न कार्यक्रमों और पहल, जैसे- शिक्षा, महिला और बाल विकास, किसान कल्याण, कौशल विकास से जुड़ी हुई हैं।
- उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक सेवाओं की अनूठी विशेषता यह है कि वे व्यक्तिगत-आधारित हैं और समर्पण की इस महान भावना के माध्यम से कोई भी सरकार एवं स्थानीय समुदाय को सुशासन के लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर सकता है।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विदेश सहयोग विभाग (FCD) की आधिकारिक वेबसाइट http:\\www.fcd.haryana.gov.in लॉन्च की।
- यह वेबसाइट हरियाणा के अनिवासी लोगों को हरियाणा में अपनी जड़ों को फिर से जोड़ने, फिर से खोजने और पुनर्जीवित करने का एक अविश्वसनीय अवसर प्रदान करती है। एफसीडी की वेबसाइट हरियाणा, हरियाणवी संस्कृति, हरियाणा में निवेश करने के कारण, राज्य के निर्यात प्रदर्शन आदि के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करती है।
- वेबसाइट की नई विशेषताओं में हरियाणा के संभावित निर्यातकों के लिये डायस्पोरा पंजीकरण फॉर्म, निर्यात पंजीकरण फॉर्म, व्यापार सूचना फॉर्म और निर्यात गाइड शामिल हैं।
- विदेश सहयोग विभाग भारत में किसी भी राज्य द्वारा स्थापित अपनी तरह का पहला विभाग है। एफसीडी 'गो ग्लोबल अप्रोच' के माध्यम से हरियाणा को बदलने के राज्य सरकार के दृष्टिकोण का प्रचार करता है।
- एफसीडी हरियाणा सरकार का एक समर्पित विभाग है, जो राज्य की कूटनीति, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंध बनाने तथा हरियाणवी प्रवासी की सहायता के लिये ज़िम्मेदार है।
- एफसीडी का उद्देश्य विदेशी निवेश के लिये हरियाणा को सबसे पसंदीदा गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना, हरियाणा से निर्यात को बढ़ावा देना, व्यापार को बढ़ावा देने के लिये देश-वार रणनीति तैयार करना, इनबाउंड और आउटबाउंड निवेश, हरियाणवी संस्कृति को आगे बढ़ाना है।
- यह विभाग आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिये देश-वार संचार रणनीति तैयार करने और निवेश, रोज़गार, शिक्षा, कौशल विकास, संस्कृति तथा एनआरआई/पीआईओ मामलों से संबंधित मामलों पर विदेशों में भारतीय मिशनों और भारत में विदेशी मिशनों के साथ संपर्क करने के लिये राज्य की नोडल एजेंसी भी है।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को आज़ादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा झारखंड के 9 दिव्यांग युवाओं को 'हुनरबाज़ पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
- गौरतलब है कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना एवं स्व-रोज़गार प्रशिक्षण संस्थान का 'हुनरबाज़ पुरस्कार' ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान, हैदराबाद द्वारा संस्थापित किया गया है।
- अंत्योदय दिवस (25 सितंबर) के अवसर पर 15 राज्यों के 75 दिव्यांगों को यह पुरस्कार प्रदान किया गया, जिसमें झारखंड से कुलवंती बाड़ा (गढ़वा), शबनम खातून एवं सुनीता ताटुडू (हज़ारीबाग), सावित्री (दुमका), आशा टूटी (खूँटी), अबोध महाथा और तेजीय कुमारी (बोकारो), पिंकी (धनबाद), नेहा रेखा कुमारी (राँची) शामिल हैं।
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2021 को कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र रायगढ़ में आयोजित अखिल भारतीय मसाला अनुसंधान परियोजना की वार्षिक बैठक में रायगढ़ के वैज्ञानिकों के शोध से विकसित धनिया एवं हल्दी के नई प्रजातियों की राष्ट्रीय स्तर पर विमोचन हेतु पहचान की गई।
- इन प्रजातियों को केंद्रीय विमोचन समिति के समक्ष प्रस्तुत करने के उपरांत दोनों प्रजातियों को बीज उत्पादन श्रृंखला में लाया जाएगा।
- धनिया की एक प्रविष्ठी को छत्तीसगढ़ राज्य धनिया-3 के नाम से शामिल किया जाएगा तथा देश के 10 प्रदेशों के लिये विमोचित किया जाएगा। वहीं दूसरी तरफ हल्दी की प्रविष्ठी को छत्तीसगढ़ राज्य हल्दी-3 के नाम से शामिल किया जाएगा और देश के 7 प्रदेशों के लिये विमोचित किया जाएगा। विमोचन के बाद इन प्रजातियों के बीज का विभिन्न वर्गों में उत्पादन भी किया जा सकेगा।
- इन प्रजातियों के प्रमुख प्रजनक वैज्ञानिक डॉ. श्रीकांत सांवरगावकर ने बताया कि धनिया एवं हल्दी की ये दोनों प्रजातियाँ किसानों के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण एवं लाभदायक हैं, जो कि किसानों के बाज़ार के अनुरूप हैं। इनके उत्पादन से किसान ज़्यादा-से-ज़्यादा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। इन प्रजातियों का उत्पादन ज़्यादा एवं गुणवत्ता अच्छी है। इनकी फसल अवधि प्रचलित प्रजातियों से थोड़ा कम है।
- परियोजना के प्रमुख अन्वेषक एवं कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. ए.के. सिंह ने बताया कि इन दोनों प्रजातियों से छत्तीसगढ़ के ही नहीं, अपितु अन्य राज्यों के किसानों को भी इनका लाभ मिलेगा। इन प्रजातियों में रोगों एवं कीटों के प्रति प्रतिरोधकता अधिक है। इन प्रजातियों की उत्पादन लागत कम होने एवं उत्पादन अधिक होने से कृषकों को अधिक लाभ मिलेगा।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने प्रदेश में संचालित ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण केंद्रों (RSETI) की वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट, 2020-21 का विमोचन किया।
- भारत सरकार के कौशल विकास मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुरूप स्वतंत्र एजेंसी नेशनल एकेडमी ऑफ रूडसेटी, बंगलुरू द्वारा यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
- सिंहदेव ने रिपोर्ट का विमोचन करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 18 ज़िलों में संचालित ग्रामीण स्वरोज़गार प्रशिक्षण केंद्रों में युवाओं को अनेक रोज़गारमूलक गतिविधियों का निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जा रहा है।
- वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रदेश भर में 302 प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन कर 7003 युवाओं को उनकी रुचि के अनुसार बैंक मित्र, सामान्य उद्यमिता विकास, मशरूम उत्पादन, पापड़ निर्माण, आचार निर्माण, मसाला निर्माण, अगरबत्ती निर्माण, मोमबत्ती निर्माण, वर्मी कंपोस्ट निर्माण, सिलाई तथा डेयरी फॉर्म़िग इत्यादि का स्वरोज़गार आधारित प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।
- इन केंद्रों में प्रशिक्षित लोगों में 95 प्रतिशत महिलाएँ हैं। सामाजिक समावेश के आधार पर अनुसूचित जनजाति के 36 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के 46 प्रतिशत और सामान्य वर्ग के चार प्रतिशत हितग्राहियों को इन केंद्रों के माध्यम से प्रशिक्षित किया गया है।
- सिंहदेव ने रिपोर्ट के विमोचन के दौरान मौजूद असेसमेंट एवं सर्टिफिकेशन शाखा के सहायक नियंत्रक अरुण कुमार सोनी को प्रशिक्षण की गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए ज़रूरतमंद ग्रामीण युवाओं के लिये उनकी रुचि की विधाओं में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के खिलाड़ियों के लिये एक साथ 7 खेल अकादमियों की ऐतिहासिक शुरुआत की। इनमें से बिलासपुर में 4 तथा रायपुर में 3 खेल अकादमी विधिवत प्रारंभ हुईं।
- मुख्यमंत्री ने अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से बिलासपुर और रायपुर में लगभग 42 करोड़ 14 लाख रुपए की लागत वाली नई खेल सुविधाओं का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें मुख्य रूप से फुटबाल, कबड्डी, तीरंदाज़ी और एथलेटिक्स की अकादमी, दो खेल छात्रावास, एक तीरंदाज़ी प्रशिक्षण उपकेंद्र और एथलेटिक्स के लिये सिंथेटिक ट्रैक एंड फील्ड शामिल हैं।
- मुख्यमंत्री ने बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाज़ी, एथलेटिक्स और कबड्डी अकादमी तथा रायपुर में तीरंदाज़ी, बालिका फुटबाल एवं बालक-बालिका एथलेटिक्स अकादमी का शुभारंभ किया।
- बिलासपुर में हॉकी, तीरंदाज़ी, एथलेटिक्स की बोर्डिंग एवं कबड्डी (बालिका) अकादमी तथा रायपुर में तीरंदाज़ी की बोर्डिंग, फुटबाल (बालिका) एवं एथलेटिक्स (बालक-बालिका) की डे- बोर्डिंग अकादमी में कुल 370 सीटें हैं, जिसमें 180 बोर्ड़िग सीट एवं 190 डे- बोर्डिंग सीट शामिल हैं।
- इसी के साथ मुख्यमंत्री ने बिलासपुर के स्वर्गीय बी.आर. यादव राज्य खेल परिसर में 9.20 करोड़ रुपए की लागत से बने 400 मीटर सिंथेटिक एथलेटिक्स ट्रैक एंड फील्ड, 2.82 करोड़ की लागत से बालकों के लिये निर्मित 50 सीटर खेल छात्रावास, 4.75 करोड़ रुपए की लागत से बालिकाओं के लिये निर्मित 100 सीटर खेल छात्रावास तथा 4.47 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित प्रशासनिक भवन का लोकार्पण किया।
- उन्होंने बिलासपुर में 4 करोड़ 94 लाख रुपए की लागत से बनने वाले कबड्डी इंडोर हॉल, 15 करोड़ 96 लाख रुपए की लागत से एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम की गैलरी एवं पैवेलियन के निर्माण सहित वहाँ फ्लड लाईट लगाए जाने के कार्य की आधारशिला रखी।
- मुख्यमंत्री ने रायपुर के सरदार वल्लभ भाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम परिसर में स्वर्गीय कोदूराम वर्मा स्मृति तींरदाज़ी प्रशिक्षण अकादमी, स्वामी विवेकानंद स्टेडियम परिसर कोटा में बालिकाओं के लिये फुटबाल अकादमी तथा बालक-बालिकाओं के लिये एथलेटिक्स अकादमी का भी शुभारंभ किया।
चर्चा में क्यों?
25 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में इस साल आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल का नामकरण छत्तीसगढ़ के राजकीय वृक्ष एवं आदिवासी संस्कृति में देवतुल्य साल वृक्ष के नाम पर 'साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल' रखने का निर्णय लिया गया।
- बैठक में ट्राइबल फेस्टिवल के साथ ही राज्योत्सव की रूपरेखा तय की गई। राज्य शासन द्वारा 'साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल एवं राज्योत्सव' का संयुक्त रूप से पाँच दिवसीय आयोजन 28 अक्तूबर से लेकर एक नवंबर तक रायपुर के साईंस कॉलेज मैदान में किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि साल छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है। आदिवासी संस्कृति में साल वृक्ष को देवतुल्य मानकर पूजा जाता है। आदिवासी अंचल में धूमधाम से मनाए जाने वाले सरहुल त्योहार में साल वृक्ष की पूजा की जाती है। इसलिये ट्राईबल फेस्टिवल का नामकरण 'साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल' किया गया है।
- बैठक में निर्णय लिया गया कि 28 अक्तूबर से 30 अक्तूबर तक साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल का आयोजन, 31 अक्तूबर को लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी के शहादत दिवस पर उनके कर्त्तव्य तथा आदिवासी जनजीवन पर परिचर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन होगा, जिसमें प्रसिद्ध वक्ता एवं विचारक शामिल होंगे।
- एक नवंबर को राज्य अलंकरण समारोह में छत्तीसगढ़ की कला-संस्कृति, विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ख्यातिप्राप्त लोगों एवं संस्थाओं को राज्य अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा।
- साल इंटरनेशनल ट्राईबल फेस्टिवल एवं राज्योत्सव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में ख्यातिप्राप्त लोगों से इंटरेक्शन, प्रदर्शनी, आदिवासी कला-संस्कृति का जीवंत प्रदर्शन, ट्राईबल क्राफ्ट मेला, कौशल उन्नयन सहित कई कार्यक्रमों का आयोजन होगा। देश-विदेश के कलाकार इस दौरान अपने कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगे।
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोविड-19 से प्रभावित परिवहन व्यवसायियों (चालक/परिचालक/क्लीनर) को सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता योजना का विधिवत् शुभारंभ किया।
- इस योजना के अंतर्गत संपूर्ण प्रदेश के 103235 चालक/परिचालक/क्लीनर को 2000 रुपए प्रतिमाह की राशि 6 माह तक प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के प्रथम चरण में 36,100 परिवहन व्यवसायियों को डीबीटी के माध्यम से 2000 रुपए प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जिसमें 34,635 चालक, 930 परिचालक तथा 535 क्लीनर शामिल हैं।
- इस योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु परिवहन विभाग द्वारा एक पोर्टल का निर्माण किया गया है, जिसके द्वारा परिवहन व्यवसायी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
चर्चा में क्यों?
26 सितंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिये 'मुख्यमंत्री नारी सशक्तीकरण योजना' प्रारंभ करने की घोषणा की।
- इस योजना के अंतर्गत उत्तराखंड की महिलाओं को स्वरोज़गार के लिये ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। इससे महिलाएँ आर्थिक स्वावलंबी बनेंगी।
- इस योजना के तहत महिलाओं को दिये गए ऋण में 30 प्रतिशत अथवा 1 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी।
- इस योजना का लाभ अविवाहित, तलाकशुदा, विकलांग आदि महिलाएँ प्राप्त कर सकेंगी।
- इस योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी क्षेत्रों में महाप्रबंधक, ज़िला उद्योग केंद्र तथा ग्रामीण क्षेत्रों में खंड विकास अधिकारी की अध्यक्षता में समिति गठित की जाएगी।
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आष्टा (नवदुनिया न्यूज)। मंगलवार को कृषि उपज मंडी के खुलने पर बंपर आवक हुई। मंडी में करीब 30 हजार क्विंटल की आवक हुई। पाडलिया निवासी किसान कमल का पीला सोना अर्थात सोयाबीन देखकर सारे व्यापारी इस सोयाबीन पर टूट पड़े। सोयाबीन. . . madhya pradeshWed, 20 Apr 2022 12:11 AM (IST)
शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय व्यंकट क्र. 1 सतना में शिक्षकों ने जैव संरक्षण की दिशा में कदम उठाते हुए पक्षियों को बचाने सकोरे स्थापित किए। जिला शिक्षा अधिकारी नीरव दीक्षित की प्रेरणा एवं प्राचार्य सुशील कुमार . . . madhya pradeshMon, 11 Apr 2022 08:43 PM (IST)
जांजगीर - चांपा (नईदुनिया न्यूज)। नवीन शासकीय महाविद्यालय नवागढ़ में स्वच्छता एक्शन प्लान के तहत क्षेत्रीय निदेशालय भोपाल की अनूठी पहल के रूप में 'स्वच्छ भारत-स्वस्थ मानस' विषय पर वर्कशाप का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जे. . . chhattisgarhSat, 02 Apr 2022 12:22 AM (IST)
भिलाई इस्पात संयंत्र के स्टील मेल्टिंग शाप-2 के सम्मेलन कक्ष में जवाहर लाल नेहरू समूह पुरस्कार-2020 के सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। chhattisgarhThu, 18 Nov 2021 01:22 AM (IST)
Incident In Raipur: जिंदल कंपनी के स्पेशल विमान से 51 वर्षीय सुशील कुमार झा के शव को भेजा गया पटना। chhattisgarhMon, 18 Oct 2021 09:05 PM (IST)
दरिमा (नईदुनिया न्यूज)। मजदूरी भुगतान के लिए पैसे लेकर जा रहे ठेकेदार से लूटपाट करने वाले मोटरसाइकिल सवार चार युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपितों से तीन हजार रुपये बरामद हुए हैं। गिरफ्तार आरोपितों में बकनाक. . . chhattisgarhWed, 13 Oct 2021 08:17 PM (IST)
मध्यप्रदेश बिजली कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुशील कुमार पांडे, पश्चिम क्षेत्र वि"ुत वितरण कंपनी महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष व राष्ट्रीय मंत्री आनंद कुमार शिंदे, कंपनी प्रभारी व विधि सलाहकार मनोहर पाटीदार, पश्चिम क्षेत. . . madhya pradeshSun, 10 Oct 2021 07:46 PM (IST)
राजगढ़। नईदुनिया न्यूज। मप्र अशासकीय शिक्षण संस्था संघ की बैठक गुरुवार को हुई। इसमें बचपन बचाओ और शिक्षा बचाओ के उद्देश्य के साथ तहसील इकाई की कार्यकारिणी एवं विद्यालय संचालकों ने विचार-विमर्श कर अहम निर्णय लिए हैं। तहस. . . madhya pradeshFri, 03 Sep 2021 06:35 PM (IST)
पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई है और उनके लंबे समय तक जेल में रहने की संभावना बढ़ गई है। nationalMon, 02 Aug 2021 03:39 PM (IST)
मप्र विद्युत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने महासंघ के प्रदेश महामंत्री सुशील कुमार पाण्डेय व पश्चिम क्षेत्र के बिजली कर्मचारी महासंघ के सचिव भगवान स्वरूप श्रीवास्तव के नेतृत्व में ज्ञापन दिया। परिसर में विद्युुत अधिकारी-कर्म. . . madhya pradeshTue, 27 Jul 2021 09:18 PM (IST)
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११३७==सं० १०९४-११९४ वि०), निम्बार्क (बारहवी शताब्दी ई० ), मध्व ( तेरहवीं शताब्दी ई०) और विष्णुस्वामी माने जाते है। परंतु उत्तर भारत में कृष्ण-भक्ति का प्रचार करने वाले सम्प्रदायों का संगठन कदाचित सोलहवीं शताब्दी में ही हो सका । यह स्वाभाविक है कि यह संगठन कृष्ण लीला की भूमि ब्रज प्रदेश - प्राचीन शूरसेन जनपद - के केन्द्र मथुरा-वृन्दावन से प्रारंभ हुआ। सोलहवीं शताब्दी में संगठित कृष्ण भक्ति संप्रदायों का संबंध उपर्युक्त तीन आचार्यो- निम्बार्क, मध्व और विष्णुस्वामी से जोड़ा जाता है। परन्तु इनमें से विष्णुस्वामी की ऐतिहासिकता का कोई निश्चित प्रमाण नहीं मिलता । निम्बार्क और मध्व के सम्प्रदायों की कोई संगठित परंपरा सोलहवीं शताब्दी ई० के पहले उत्तर भारत में कहीं मौजूद थी, इसका भी कोई पुष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं हुआ है। निम्बार्क द्वारा प्रणीत 'वेदान्त-पारिजात-सौरभ' और 'दशश्लोकी' उपलब्ध है, जिनमे ब्रह्मसूत्रों का द्वैताद्वैतपरक भाष्य तथा प्रेम-भक्ति के स्वरूप का निरूपण किया गया है । परन्तु निम्बार्क द्वारा स्थापित सनकादिया हंस संप्रदाय के अनुयायी कुछ ही हिंदी भक्त कवि हुए हैं। मध्वाचार्य के द्वैतवादी विचारों को प्रतिपादित करनेवाले ब्रह्मसूत्र, गीता, उपनिषद और भागवत के भाष्य उपलब्ध है, प तु मध्व द्वारा स्थापित ब्रह्म संप्रदाय का व्रज के भक्ति-सम्प्रदायों में प्रत्यक्षतः कोई महत्वपूर्ण स्थान नहीं है । किसी हिंदी भक्त कवि का इस सम्प्रदाय से सीधा संबंध नहीं देखा गया है ।
सोलहवीं शताब्दी में स्थापित संप्रदायों में, विशेष रूप से जहाँ तक हिंदी कृष्ण-भक्ति साहित्य का संबंध है, वल्लभाचार्य का पुष्टिमार्ग, चैतन्य का गौड़ीय, गोस्वामी हित हरिवंश का राधावल्लभी तथा स्वामी हरिदास का सखी या टट्टी संप्रदाय प्रमुख है।
वल्लभाचार्य के पुष्टिमार्ग को छोड़ कर सोलहवीं शताब्दी के उपर्युक्त सभी संप्रदाय नितांत साधन-पक्षी थे। उनके प्रवर्तकों ने दार्शनिक विवेचन की कोई आवश्यकता नहीं समझी थी । कदाचित इसी कमी को पूरा करने के लिए कालांतर में उनके अनुयायियों ने उन्हें प्राचीन संप्रदायों से संबद्ध कर दिया। इन प्राचीन संप्रदायों के प्रवर्तकों ने नूतन वैष्णव भक्ति-वर्म को दार्शनिक आधार प्रदान करने के लिए जगद्गुरु शकराचार्य की तरह ब्रह्मसूत्रों पर अपने अपने भाष्य लिखे थे।
मध्ययुग में शांकर अद्वैत की इतनी धाक थी कि दार्शनिक क्षेत्र में उसे अपदस्थ कर सकना असंभवप्राय था । परंतु भक्ति-धर्म के साथ उसकी संगति नहीं बैठती थी। अतः दक्षिण के आचार्यों ने जब आलवार संतों में प्रचलित प्रपत्तिपूर्ण भक्ति को दार्शनिक आधार देकर प्रतिष्ठित करना चाहा तो यह आवश्यक हो गया कि अद्वैतवाद में संशोधन करके भक्ति का मार्ग प्रशस्त किया जाय।
निम्बार्क ने अद्वैतवाद की व्याख्या करते हुए बताया कि चित और अचित अर्थात जीव और जड़ ब्रह्म से भिन्न भी है और अभिन्न भी, उसी प्रकार, जैसे दीपक की ज्योति दीपक का ही अंश है और उससे अभिन्न है। दीपक से भिन्न ज्योति की कोई सत्ता नही, परंतु दीपक और ज्योति पूर्णतया समरूप नहीं है। निम्बार्क के अनुसार श्रीकृष्ण ही परब्रह्म है । वे जगत के निमित्त कारण भी है और उपादान कारण भी । इसीलिए परम तत्त्व द्वैतहीन है। परंतु जीव और जगत से विलक्षण होने के कारण वह द्वैत भी कहा जा सकता है। अद्वैतता और द्वैतता के इसी समन्वय के कारण निम्बार्क का मत द्वैताद्वैतवाद या भेदाभेदवाद कहा जाता है।
मध्वाचार्य ने सीधे-सीधे शांकर अद्वैत का खंडन करके द्वैतवाद का प्रतिपादन किया, जिसके अनुसार भेद स्वाभाविक और नित्य है। ब्रह्म जगत और जीव में तो परस्पर भिन्नता है ही, जीव जीव तथा जड़ जड़ भी पृथक पृथक हैं। यह भिन्नता किसी भी अवस्था और परिस्थिति में समाप्त नहीं होती ।
वल्लभाचार्य द्वारा प्रतिपादित शुद्धाद्वैतवाद ठीक सोलहवीं शताब्दी का है। इस मत का दावा है कि इसी ने शांकर अद्वैतवाद को मायावाद से मुक्त करके शुद्ध किया है। इसके अनुसार ब्रह्म के अतिरिक्त किसी का अस्तित्व नहीं है । जीव और जगत उसी के चित और सत अंश हैं । पूर्ण अथवा अंशी ब्रह्म परम आनंदमय श्रीकृष्ण रूप है । प्रकृति, जीव तथा अनेक देवीदेवता ब्रह्म के ही अक्षर रूप के काल, कर्म, स्वभाव के अनुसार प्रकट होने वाले रूपांतर हैं । श्रीकृष्ण का धाम भी ब्रह्म ही है और वह अक्षर अर्थात नित्य है। इस प्रकार निम्बार्क की तरह वल्लभ के अनुसार भी ब्रह्म ही सृष्टि का निमित्त कारण भी है और उपादान कारण भी ।
चैतन्य के मतानुयायियों ने कालांतर में ब्रह्म की व्याख्या करके सिद्ध किया है कि चैतन्य मत की भक्ति अचित्य भेदाभेदवाद दर्शन पर आधारित है। उसके अनुसार परम तत्त्व एक है और वह अनंत शक्तियों का आकर है। उसकी शक्तियाँ अचित्य है, क्योंकि उसमें एक साथ ही पूर्ण एकत्व और पृथक्त्व तथा अंशभाव एवं अंशीभाव विद्यमान रहते है । श्रीकृष्ण ही परम तत्व हैं। वे ही सर्व कारणों के कारण तथा स्वयं प्रकाशशील हैं। जिस प्रकार एक ही पदार्थ दूध, जो रूप, रस आदि अनेक गुणों का आश्रय है, भिन्न-भिन्न इन्द्रियों द्वारा अलग-अलग रूपों में अनुभूत होता है, उसी प्रकार परम तत्त्व का भी भिन्न-भिन्न प्रकार से पृथक-पथक अनुभव होता है । चैतन्य मत के अनुसार भी परम तत्त्व स्वयं श्रीकृष्ण है। उनकी शक्तियाँ अचित्य और अनंत हैं। उन्हीं की बहिरंग या जड़ शक्ति माया है जो दो प्रकार की है - द्रव्य माया और गुण माया । द्रव्य माया जगत का उपादान कारण है और गुण माया निमित्त कारण । गुण माया भगवान की इच्छा के रूप में प्रकट होती है। जीव भगवान की तटस्थ शक्ति से उद्भूत है, उसी प्रकार जैसे सूर्य से किरणें निकलती हैं । इन दो - जड़ और तटस्थ - शक्तियों से भिन्न भगवान की स्वरूप शक्ति है जो सत, चित और आनंदरूपिणी, सच्चिदानंदमयी है । शब्दावली के किंचित अंतर के साथ अचित्य भेदाभेद और शुद्धाद्वैत की व्याख्याओं में साम्य ही अधिक दिखाई देता है ।
कृष्ण भक्ति के शेष दो संप्रदाय - राधावल्लभी और हरिदासी या सखी संप्रदाय, नितांत सावन-पक्षी है, उनमें किसी दार्शनिक मतवाद की स्वीकृति या अस्वीकृति पर विचार नहीं किया गया है। इन संप्रदायों को प्रायः मध्व या निम्बार्क से संबद्ध किया जाता है, परंतु राधावल्लभी संप्रदाय को किसी प्राचीन संप्रदाय से संबंधित होना स्वीकार्य नहीं है और न यह कथन स्वीकार किया जाता है कि उसके प्रवर्तक गोस्वामी हित हरिवंश कभी मध्वानुयायी गोपाल भट्ट के शिष्य हुए थे । हरिदासी संप्रदाय अवश्य अपने को निम्बार्क मत के अंतर्गत मानता है, परंतु दोनों में पर्याप्त अंतर है । दार्शनिक पक्ष का तो उसमें भी नितांत अभाव है। फिर भी, यह निश्चित है कि इन संप्रदायों के सिद्धांत भी अद्वैतवाद के ही ऐसे संशोधित मतवाद पर टिकाए जा सकते हैं जिनमें आंशिक द्वैतता अथवा भिन्नता की स्वीकृति हो । राधावल्लभी मत में सिद्धाद्वैतवाद का आविष्कार किया गया है।
सामान्य रूप से दार्शनिक पक्ष में सभी कृष्ण-भक्ति संप्रदाय ब्रह्म की सगुणता का प्रतिपादन करते हैं, सभी ब्रह्म की परिपूर्णता उसके रस या परम आनंदमय रूप में ही मानते है जिसे साक्षात श्रीकृष्ण कहा गया है । सभी संप्रदायों में जगत और जीव को ब्रह्म का ही अंश रूप माना गया
। इस प्रकार सभी श्रीकृष्ण ब्रह्म की अद्वैतता के साथ-साथ आंशिक द्वंतता को भी स्वीकार करते हैं। सभी ने श्रीकृष्ण को भगवान मानकर उनमें अपने अपने भक्ति-भाव के अनुसार मानवीय गुणों का आरोप किया है। भगवान श्रीकृष्ण के परम धाम को गोलोक या वृन्दावन कहकर उसकी नित्यता तथा परम आनंदमयता का प्रायः सभी संप्रदायों में मोहक वर्णन किया गया है तथा उसके जड़-चेतन - - -गोप, गोपी, यमुना, वन, वृक्ष, लता, कुंज आदि - सभी उपकरणों को श्रीकृष्ण से अभिन्न बताया गया है । राधावल्लभी मत मे पार्थिव वृन्दावन को ही श्रीकृष्ण का नित्य धाम बताकर राधाकृष्ण और सहचरीगण को अभिन्न, अद्वय कहा गया है ।
जिस प्रकार कृष्ण-भक्ति संप्रदायों का दार्शनिक मतवाद किसी न किसी रूप में प्रायः अद्वैत वेदांत से प्रभावित है, उसी प्रकार उस पर सांख्य का भी स्पष्ट प्रभाव देखा जा सकता है। निम्बार्क मत के अनुसार लक्ष्मी या भू शक्ति श्रीकृष्ण ब्रह्म के ऐश्वर्य रूप की तथा राधा और गोपी उनके माधुर्य रूप की अधिष्ठात्री हैं। माध्व मत में यद्यपि लक्ष्मी को परमात्मा से भिन्न कहा गया है, परंतु उन्हीं को परमात्मा के इंगित पर सृष्टि, स्थिति, संहार आदि का कारण माना गया है । चैतन्य मतानुयायी भगवान श्रीकृष्ण की आनंद शक्ति या आहलादिनी शक्ति को राधा और गोपी रूप में देखते हैं। वल्लभ संप्रदाय में राधा को भगवान श्रीकृष्ण के आनंद रूप की पूर्ण सिद्ध शक्ति कहा गया है, वे उनकी आदि और पूर्ण रस-शक्ति हैं; रसरूप श्रीकृष्ण उनके वश में रहते हैं। राधावल्लभी संप्रदाय में इसी भाव को विकसित करके राधा को ही नित्य आनंदस्वरूप कहा गया है, वे श्रीकृष्ण की आराधिका नहीं, वरन आराध्या है। श्रीकृष्ण और राधा, दोनों श्रोतत्व है, प्रिया प्रियतम है, दोनों एक होकर भी नित्य प्रेमलीला के सुख के लिए दो बने हुए है ।
कृष्ण-भक्ति संप्रदायों में सिद्धान्ततः माया की स्वीकृति नहीं है, अतः यदि कही उसका उल्लेख भी हुआ है, तो उसकी ऐसी व्याख्या की गई है कि उसका अनस्तित्व सिद्ध हो जाय । प्रायः भगवान की शक्ति को भी माया कहा गया है और उस रूप में वह सत्य है । वल्लभ-मत में माया के दो भेद-अविद्या और विद्या - बता कर उसके मिथ्या और सत्य रूपों को स्पष्ट किया गया है। अविद्या माया अथवा अज्ञान-जनित है । अज्ञान के कारण ही मनुष्य ब्रह्म के सत रूप जगत को अहं और मम से निर्मित संसार के रूप में अनुभव करता है। साधारणतया माया के संबंध मे यही दृष्टिकोण मध्ययुग के सभी भक्ति संप्रदायों में पाया जाता है। इससे भी सूचित होता है कि किस प्रकार अद्वैत दर्शन के बीच से भक्ति के प्रचार का मार्ग निकाला गया था ।
कृष्ण-भक्ति के ये सभी संप्रदाय न्यूनाधिक रूप से 'श्रीमद्भागवत' को आधार बना कर चले हैं। उन्हीं के द्वारा प्रस्थान-त्रय अर्थात् 'ब्रह्मसूत्र', 'उपनिषद्', और 'गीता' में 'श्रीमद्भागवत' को जोड़ कर प्रस्थान-चतुष्टय की परंपरा चलाई गई । स्वयं निम्बार्क की रचनाओं में तो 'भागवत' के किसौ भाष्य का उल्लेख नहीं है, परंतु उनकी भक्ति-पद्धति के सोलहवी शताब्दी के रूप पर 'भागवत' का प्रभाव स्पष्टतया लक्षित किया जा सकता है । मध्वाचार्य ने 'भागवत तात्पर्य निर्णय' ग्रन्थ लिखकर अपनी भक्ति का स्वरूप स्पष्ट किया है। १३ वीं शताब्दी ई० में ही एक महा३४४
राष्ट्रीय पंडित बोपदेव ने विष्णु-भक्ति का वर्णन - विवेचन करने के उद्देश्य से 'भागवत' के लगभग ८०० श्लोक 'मुक्ताफल' नाम से संग्रह किए थे । गौड़ीय संप्रदाय में इस ग्रन्थ का यथेष्ट आदर हुआ है। परंतु गौड़ीय संप्रदाय में श्रीधर स्वामी की भागवत - टीका की बहुत अधिक मान्यता है। इस संप्रदाय को संगठित रूप देनेवाले चैतन्यदेव के समकालीन भक्त और पंडित सनातन गोस्वामी और रूप गोस्वामी ने भी 'लघुवैष्णवतोषिणी', 'बृहतभागवतामृत' तथा 'लघुभागवतामृत' नामक टीकाओं द्वारा गौड़ीय भक्ति का रूप निर्धारित किया है। इसी प्रकार वल्लभाचार्य ने 'श्रीसुबोधिनी' नाम की टीका में 'भागवत' के आधार पर अपनी पुष्टिमार्गीय भक्ति को स्पष्ट किया । राधावल्लभी संप्रदाय में यद्यपि किसी प्राचीन परंपरा की मान्यता नहीं है और उसका रूप-निर्माण स्व ं उसके प्रवर्तक हित हरिवंश के द्वारा हुआ है, फिर भी उसमें 'भागवत' को 'निगम कल्पतरु का गलित फल' कह कर सामान्य भक्ति सिद्धांत की दृष्टि से प्राथमिक मान्यता दी जाती है ।
परंतु इस संबंध में यह स्पष्ट समझ लेना चाहि कि प्रत्येक संप्रदाय में 'भागवत' की व्याख्याएँ अपने-अपने ढंग से भक्ति के सांप्रदायिक स्वरूप को प्रामाणिकता देने के उद्देश्य से की गई है । उदाहरण के लिए मध्वाचार्य ने कृष्ण की रासलीला और गोपी- प्रेम को कोई महत्व नहीं दिया । दूसरी ओर गौड़ीय वैष्णवों ने केवल गोपी-प्रेम को अत्यंत विस्तृत रूप देने मे 'भागवत' की सहायता ली, बल्कि 'भागवत' के एक श्लोक के आधार पर उन्होंने उसमें राधा का संकेत प्रमाणित किया । वल्लभाचार्य ने यद्यपि पुष्टिमार्ग में बालकृष्ण की उपासना प्रतिष्ठित की थी, किंतु उनके अनुयायियों ने माधुर्य भाव की भक्ति का विकास भी 'भागवत' के ही आधार पर कर लिया ।
'भागवत' में जिस प्रेम-भक्ति का सोदाहरण निरूपण किया गया है, सोलहवीं शताब्दी के कृष्ण-भक्ति संप्रदायों ने उसी को अपने-अपने दृष्टिकोण से तर्क की स्वाभाविक परिणति पर पहुँचा दिया। भक्ति के भाव-पक्ष में यद्यपि विभिन्न संप्रदायों में बल और आग्रह का अंतर पाया जाता है, परंतु प्रेम की महत्ता प्रतिपादित करते हुए सभी संप्रदाय और उनके अनुयायी भक्त कवि 'भागवत' में अत्यंत आग्रह के साथ प्रचारित वर्णाश्रम धर्म और विधि-निषेध के विस्तृत विवरणों की सदा उपेक्षा करते हैं। विविध मानवीय भावों पर आधारित प्रेम-भक्ति के विस्तारों की प्रामाणिकता वे 'भागवत' की भाषा को समाधि-भाषा कह कर कर सिद्ध कर देते है । यही तर्क कृष्ण के साथ आराध्य रूप में राधा को संयुक्त करने में दिया गया है । वस्तुतः मध्ययुग में 'भागवत' की इतनी अधिक लोकप्रियता थी कि उसे आधार बनाए बिना भक्ति के किसी संप्रदाय को प्रतिष्ठित करना संभव नहीं था । वैष्णव भक्ति-धर्म के पुनरुत्थान और नव निर्माण में 'भागवत' का अद्वितीय योग रहा है । वह नूतन वैष्णव धर्म का अक्षय्य स्रोत है।
सभी कृष्ण-भक्ति संप्रदाय श्रीकृष्ण और राधा को इष्टदेव मानते हैं, परंतु विभिन्न संप्रदायों में दोनों के सापेक्ष महत्व में पर्याप्त अंतर पाए जाते हैं। कहते हैं, पहले निबार्क मत का
१. बनवारावितो नूनं भगवान हरिरीश्वरः ।...१०-३०-२४।
लखिमादेई के उदात्त मनोरंजन के लिए इससे बढ़कर उपयुक्त विषय और क्या चुना जा सकता था ?
विद्यापति की अधिकांश रचनाएँ संस्कृत मे है । देसी बोली के सर्वजन-आस्वाद्य माधुर्य के अनुरोध से उन्होंने 'कीर्तिलता' की रचना अवहट्ठ मे की थी । हिन्दी में तो उन्होंने केवल पदों की रचना की थी। इस संबंध में डा० विमानबिहारी मजुमदार ने श्री खगेन्द्रनाथ मित्र के साथ संपादित अपने 'विद्यापति' की भूमिका में एक स्थल पर कहा है कि जब विद्यापति समस्त देश के पंडित समाज के लिए ग्रन्थ प्रणयन करते हैं, तब वे संस्कृत भाषा का प्रयोग करते हैं और जब उनके सामने उनका पाठक-समाज केवल मिथिला निवासियों का होता है, तब वे अवहट्ठ का व्यवहार करते है और जब उनकी इच्छा समस्त पूर्वोत्तर भारत - बंगाल, असम, उड़ीसा तथा हिन्दी प्रदेशों के निवासियों के लिए साहित्य-सृजन की होती है, तब वे मैथिली का व्यवहार करते हैं । इस प्रकार विद्यापति ने राधा-कृष्ण की प्रेमलीला को लोक-साहित्य से उठाकर पहली बार जन-भाषा के शिष्ट साहित्य के पद पर प्रतिष्ठित किया और साथ ही उस जन-भाषा, हिन्दी की व्यापकता का एक साहित्यिक प्रमाण भी प्रस्तुत कर दिया ।
विद्यापति की पदावली ने नर-नारियों, विशेषतः नारियों के मनों में बस कर मिथिला की भूमि और आकाश को तो राधा-कृष्ण के प्रेम-गीतों से गुंजाया हो, सोलहवीं शताब्दी के धार्मिक वातावरण के निर्माण में भी उसने, विशेष रूप से बंगाल में, अत्यधिक योग दिया । चैतन्य महाप्रभु इन पदों को सुनकर उसी प्रकार आनन्दोन्मत्त हो जाते थे, जिस प्रकार लीलाशुक के 'कृष्णकर्णामृत', चंडीदास के पदों तथा जयदेव के 'गीतगोविन्द' को सुनकर । 'चैतन्यचरितामृत' में विद्यापति के पदों का तीन बार उल्लेख हुआ है । ऐसा था वह भक्ति-धारा का मादक उन्मेष जिसके वेगवान प्रवाह में पड़कर विद्यापति के हिन्दी पद बंगला भक्ति- साहित्य के अभिन्न अंग बन गए । कृष्ण-भक्ति और बँगला साहित्य दोनों ने उन्हें आत्मसात कर लिया ।
आधुनिक काल के खोजियों ने विद्यापति के पदों के ऊपर जमे हुए भाषा के बँगला रंग को तो बड़ी सरलता से पहचान कर हटा दिया, परंतु उनमें जिन लोगों को भक्ति का रस मिलता है उन्हें यह समझाना कठिन है कि विद्यापति तो नितांत अवैष्णव थे, वे वस्तुतः शव थे और उनकी पदावली शुद्ध शृंगारिक रचना है। इसमें कोई संदेह नहीं कि विद्यापति के सैकड़ों पद ऐसे भी हैं जिनमें राधा-कृष्ण का नामोल्लेख तक नहीं है और जिनकी भावधारा नितांत लौकिक शृगारमयी है । डा० मजुमदार ने लिखा है, 'विद्यापति के ७९९ अकृत्रिम पदों में ३८४ पद, अर्थात सैकड़े पीछे ४८ पदों में राधा-कृष्ण का कोई प्रसंग नहीं है... एवं ३५ केवल हर-गौरी और गंगा विषयक हैं ।' डा० मजुमदार की स्थापना है कि विद्यापति ने तरुण वय में जो पद राजा शिवसिंह की राज-सभा के लिए रचे थे उनका विषय प्राकृत नायक-नायिका का प्रेम-वर्णन था, माधव और राधा के नामों का प्रयोग होने पर भी उनमें कृष्ण का प्रकृत लीलारस-गान नहीं है। उनमें स्वकीया, परकीया, सामान्या, बाला, तरुणी, युवती, वृद्धा आदि सभी प्रकार की लौकिक नायिकाओं का चित्रण हुआ है। परंतु पदावली में ऐसे पद भी है जिनमें कवि वैष्णव भक्ति-भावना के रस में मग्न होकर राधा-कृष्ण का प्रकृत लीलारस-गान करता जान पड़ता है। ये पद विद्यापति ने संभवतः परिणत वय में राजाश्रय से वंचित होने के बाद लिखे होंगे ।
जुमदार महोदय ने जिस प्रकार उस धारणा का खण्डन किया है जिसके वशीभूत होकर नगेन्द्रनाथ गुप्त जैसे विद्वान प्रत्येक पद को राधा-कृष्ण की लीला के संदर्भ में रखने का प्रयत्न करते हैं, उसी प्रकार डा० उमेश मिश्र प्रभृति विद्वानों के तर्कों का भी उत्तर दिया है जो विद्यापति के साथ सम्पूर्ण मैथिल ब्राह्मण समाज को श-परम्परानुगत शैव प्रमाणित करके पदावली को भक्ति-भावना से सर्वथा असंपृक्त करना चाहते है । मैथिल विद्वान मजुमदार के सभी तर्कों और उनके निष्कर्षों से भले ही सहमत न हों, किंतु इधर कुछ विद्वानों ने, जिनमें एक मैथिल पंडित डा० सुभ झाभी हैं, स्वीकार किया है कि विद्यापति के सभी पद भक्ति-शून्य और नितांत लौकिक नहीं है । वस्तुतः राधा-कृष्ण के प्रेम-चित्रण के प्रसंग में विद्यापति के मन में कभी भक्ति का उन्मेष हुआ ही नहीं, यह बात तभी कही जा सकती है जब हम कृष्ण-वार्ता और कृष्णकाव्य की प्राचीन पपराओं को सर्वथा भुला दें। विद्यापति की स्थिति बहुत कुछ हिंदी भक्त कवियों के बाद में आनेवाले उन कवियों के समान है जिन्हें रीति या शृंगार काल के कवि कहा जाता है ।
परंतु, जैसा कि पीछे संकेत कर चुके है, सोलहवीं शताब्दी का कृष्ण भक्ति काव्य धार्मिकता और इहलौकिकता के संदिग्ध सम्मिलन से प्रारंभ नहीं हुआ; विद्यापति से उसने प्रेरणा नहीं ग्रहण की । उसका प्रणयन विशुद्ध धार्मिक वातावरण में, प्रायः सांप्रदायिक तत्वावधान में, हुआ । उसका तात्कालिक मूल आधार प्रत्यक्षतः 'श्रीमद्भागवत' में वर्णित कृष्ण-कथा है, यद्यपि हिन्दी कृष्ण-भक्ति काव्य 'भागवत' या 'ब्रह्म वर्त' आदि किसी भी पुराण में वर्णित कृष्ण-कथा की लीलाओं में बँधा नहीं है। उसने अपनी भावना की पोषक सामग्री लेने में पुराणों की अपेक्षा लोक-साहित्य से कहीं अधिक स्वच्छंदतापूर्वक सामग्री ग्रहण की है। स्वयं कृष्ण-भक्त कवियों की उर्वर कल्पना शक्ति भी नए-नए प्रसंगों की उद्भावना करने में कदाचित लोक-कवि से पीछे नहीं रही है।
मूलतः धर्म-प्रेरित होने के कारण हिन्दी कृष्ण-भक्ति साहित्य पूर्ववर्ती कृष्णकाव्य से अनेक बातों में बहुत भिन्न है । कृष्ण-भक्ति साहित्य के विशाल कलेवर में एक महत्वपूर्ण अंश ऐसा है जिसका सीधा उद्देश्य सामान्य अथवा सांप्रदायिक भक्ति के सिद्धांतों का निरूपण करना तथा भक्ति का प्रचार करना है । यद्यपि इस साहित्य में काव्य के स्वारस्य का प्रायः अभाव है, परन्तु उसके द्वारा वे रेखाएँ अवश्य ही निर्धारित हुई है जिनमें कृष्ण भक्ति काव्य परिसीमित । पुष्टिमार्ग, गौड़ीय, राधावल्लभी, हरिदासी, सभी संप्रदायों में न्यूनाधिक रूप में सैद्धांतिक साहित्य पाया जाता है ।
परंतु इस सम्पूर्ण सांप्रदायिक साहित्य पर दृष्टिपात करने से यह स्पष्ट हो जाता कि भक्तिकाल के इस भावप्रवण वातावरण में कम से कम भक्त कवियों की तो सामर्थ्य के बाहर था कि वे कोई सैद्धांतिक विवेचन कर सकें। न तो उनमें वैसी योग्यता और विद्वत्ता थी और न उनकी रुचि या प्रवृत्ति हो इस ओर थी। उनके पास उपयुक्त भाषा और शैली भी नहीं थी। यही कारण है कि 'सूरसागर' के वे अंश जिनमें 'भागवत' के आधार पर भक्ति के निरूपण में सहायक कथाएँ वर्णित हैं भाषा-शैली की दृष्टि अशक्त और शिथिल तथा विचार की दृष्टि से अस्पष्ट और अपर्याप्त है ।
सूरदास वल्लभाचार्य के शिष्य और पुष्टिमार्ग के 'जहाज' माने जाते हैं, परंतु उनके
'सूरसागर' के आधार पर शुद्धाद्वैत दर्शन अथवा पुष्टिमार्गीय भक्ति सिद्धान्त और सेवा पद्धति का सम्यक ज्ञान प्राप्त कर सकना संभव नहीं है। उन्होंने पुष्टिमार्ग के इष्टदेव श्रीनाथ जी का भी स्पष्ट और प्रत्यक्ष रूप में वर्णन नहीं किया है। उनके द्वारा गुरु की प्रशस्ति में रचना न करने का तो 'चौरासीवार्ता' में उलाहना भी दिया गया है । वस्तुतः सूरदास के काव्य को पुष्टिमार्ग के सिद्धांतों में बाँध देना संभव नहीं है। विद्वानों ने उनकी रचना से शुद्धाद्वैत और पुष्टिमार्गीय भक्ति के समर्थन और प्रमाण में उद्धरण अवश्य दिए है। परंतु यह सिद्ध कर सकना भी असंभव नहीं है कि सूरदास का काव्य कृष्ण भक्ति के उस रूप का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें सिद्धांत और आचारगत विभिन्नताएँ घुलमिल कर विलीन हो गई हैं ।
'सूरसागर' में शुद्धाद्वैत या पुष्टिमार्ग की पारिभाषिक शब्दावली का प्रयोग नहीं मिलता। यह स्पष्ट है कि वे शांकर अद्वैत के विरोधी थे और अद्वैतवाद के उस संशोधित रूप के समर्थक थे जिसमें भक्त और भगवान तथा भक्ति के साधन उपकरणों की पृथक स्वीकृति भी संभव हो सके। उसे शुद्धाद्वैत कहे या द्वैताद्वैत, कदाचित इस विषय में सूरदास विशेष चिंतित नही थे। उन्होंने श्रीकृष्ण के लीला-वर्णन में पुष्टिमार्गसम्मत बाल लीलाओं का वात्सल्य और सख्य भावपरक जो चित्रण किया है वह तो 'न भूतो न भविष्यति' कहा ही जा सकता है, परंतु उनकी किशोर लीलाओं में जो माधुर्य या कांता भाव की पोषक हैं, उनकी तन्मयता अपेक्षाकृत अधिक जान पड़ती है। इन लीलाओं में स्वकीया भाव, परकीया भाव, निकुंज-केलि, नित्यविहार, सखीभाव, युगल उपासना आदि, कृष्ण-भक्ति के वे सभी पक्ष स्वाभाविक रूप में समन्वित मिलते है जिन पर पृथक पृथक रूप में निम्बार्क, चैतन्य, हरिवंश और हरिदास के संप्रदायों में जोर दिया गया है यदि सांप्रदायिक मान्यता के आधार पर 'सूरसागर' में से, उदाहरण के लिए नित्यविहार और युगल-उपासना संबंधी अंश यह कहकर अलग कर दिए जाएँ कि वे तो राधावल्लभी मत के पोषक वल्लभ-मतानुयायी सूरदास के विचारों से मेल नहीं खाते, तो यह सूरदास पर उस माप्रदायिक संकीर्णता के आरोप करने की भूल होगी जिससे वे ऊपर उठे थे 13
वस्तुतः कोई भी सच्चा कवि संप्रदाय के सैद्धान्तिक बन्धन में पूर्णतया बँवना स्वीकार नहीं करता । काव्य की भूमि पर विरोध और पार्थक्य मिट जाता है। मध्ययुग में विभिन्न सप्रदायों के प्रचारक कवियों को अपने-अपने संप्रदायों में सम्मिलित करने की होड़ सी करते देखे जाते हैं। संप्रदाय - विशेष में सम्मिलित हो जाने पर राधा-कृष्ण के लीलारस में तल्लीन कवि संप्रदायसम्मत ढंग से रचना करने का प्रयत्न अवश्य करते होंगे, किन्तु उनका प्रयोजन भक्ति के भावना - पक्ष से विशेष था, सिद्धांत - पक्ष से अपेक्षाकृत कम । यही कारण है कि विभिन्न संप्रदायों के अनुयायी अनेक कृष्ण भक्त कवियों की रचनाएँ परस्पर मिल गई हैं। उदाहरण के लिए 'सूरसागर' में 'हित चौरासी' (हित हरिवंश) के कुछ पद, हरिराम व्यास (गवावलभी)
१. दे० अष्टछाप और वल्लभ संप्रदाय, डा० दोनदयालु गुप्त, पंचम और षष्ठ अध्याय । २. दे० राधावल्लभ संप्रदाय सिद्धांत और साहित्य, डा० विजयेन्द्र स्नातक, पृ० ३३९३४५।
का समूचा 'रासपंचाध्यायी" तथा सूरदास मदनमोहन के अनेक पद मिल जाने की बात कही गई है । यह नितांत संभव है कि 'सूरसागर' में इन तथा इन्हीं के समान अन्य कवियों के और भी पदों का मिश्रण हो गया हो; परन्तु 'सूरसागर' की भावधारा से न तो नित्यविहार के पद भिन्न हैं और न तथाकथित व्यासजी के 'रासपंचाध्यायी' का हार्द सूर की रासलीला में कोई व्यत्यय उत्पन्न करता है। सूर के पदों की प्रामाणिकता और अप्रामाणिकता का निर्णय 'सूरसागर' के आलोचनात्मक रीति से संपादित संस्करण के आधार पर ही हो सकता है । यहाँ केवल यह दिखाना अभीष्ट है कि सूर के काव्य में कृष्ण-भक्ति भाव-भक्ति की युगानुकूल संपूर्ण संभावनाओं के साथ व्यापक रूप में व्यक्त हुई है । कृष्ण-भक्ति काव्य के किसी भी अध्येता से यह छिपा नहीं है कि सभी कवियों ने बिना किसी संप्रदाय - भेद के उससे प्रेरणा और सहायता प्राप्त की है । काल-क्रम की दृष्टि से ही नहीं, विषयाघार की दृष्टि से भी सूरदास कृष्ण भक्ति काव्य के आदि कवि हैं ।
परन्तु अष्टछाप के अन्य कवियों में सांप्रदायिक सजगता अपेक्षाकृत अधिक थी और उन्होंने पुष्टिमार्गीय सिद्धांतसम्मत कथन यत्र-तत्र किए है। यही नहीं, उन्होंने वल्लभाचार्य, विट्ठलनाथ तथा उनके पुत्रों का नामोल्लेख करके उनकी प्रशस्तियाँ और बधाइयाँ भी गाई हैं । यह स्वाभाविक है कि काव्य के अंतर्गत सिद्धांतवाद और सांप्रदायिकता के आग्रह ने कवित्व को उसी अनुपात में कम कर दिया है। इसका प्रमाण ब्रजभाषा के कुशल शिल्पी नंददास की रचनाओं से मिलता है। उन्होंने 'भँवरगीत' के उद्धव - गोपी-संवाद तक में शुद्धाद्वैतपरक दार्शनिक और सैद्धांतिक शब्दावली का प्रयोग कराया है। 'रासपंचाध्यायी', 'सिद्धांतपंचाध्यायी', 'दशमस्मंघ' आदि अन्य रचनाओं में भी पुष्टिमार्गीय भक्ति के स्वरूप और माहात्म्य के प्रतिपादन की चेष्टा देखी जा सकती है।
वल्लभ संप्रदाय के अतिरिक्त केवल निम्बार्क संप्रदाय और है जिसका दार्शनिक आधार उसके प्रवर्तक की रचनाओं में प्रतिपादित मिलता है। उस संप्रदाय के अनुयायी भक्त कवि भट्टजी प्रसिद्ध केशव कश्मीरी के प्रधान शिष्य कहे जाते हैं। परंतु उनके 'युगल शतक' के आधार पर निम्बार्क के द्वैताद्वैतवाद का सम्यक ज्ञान संभव नहीं है । 'युगल शतक' में भक्ति भावना से समन्वित सिद्धांतवाद ही मिल सकता है । हरिदास स्वामी का सखी संप्रदाय भी अपना संबंध निम्बार्क से जोड़ता है। उसके अनुयायी भगवत रसिक अपेक्षाकृत अधिक सिद्धांतवादी जान पड़ते हैं और उन्होंने द्वैत, अद्वैत, विशिष्टाद्वैत आदि शब्दों का प्रयोग किया है, परन्तु दार्शनिक मतवाद का विवेचन उनकी भी प्रवृत्ति और सामर्थ्य से बाहर है ।
हिन्दी कृष्ण-भक्ति काव्य को प्रेरणा और प्रोत्साहन देनेवाले संप्रदायों में राधावल्लभी संप्रदाय अन्यतम है। इस मत के अनुयायी कवियों की संख्या और उनके द्वारा रचित काव्य का परिमाण अद्वितीय है। इस संप्रदाय के प्रवर्तक गोस्वामी हित हरिवंश स्वयं एक रससिद्ध भक्त कवि थे और वे सूरदास के साथ हिंदी कृष्ण-भक्ति-काव्य के प्रवर्तक माने जा सकते हैं। उनकी वाणी राधावल्लभी संप्रदाय में श्रुति के समान मान्य है। परंतु हरिवंश गोस्वामी की रचना में
१. दे० वही, पृष्ठ ४०६ तथा भक्त कवि व्यासजी, श्री वासुदेव गोस्वामी । २. दे० साहित्य रत्नावली, श्री किशोरीलाल अलि ।
दार्शनिक विवेचन तो क्या, सिद्धांतवाद भी वैसा स्पष्ट नहीं है, जैसा कि उन्हीं के अनेक अनुयायी भक्त कवियों की वाणी में पाया जाता है । वस्तुतः दार्शनिक मतवाद की तो इस मत में उपेक्षा ही की गई है। यह नितांत साधन-पक्ष का भक्ति-संप्रदाय है और साधन-पक्ष में भी इसमें केवल माधुर्थ भाव के एक विशिष्ट रूप को ही अपनाया गया है । अतः 'चौरासी पद' में भक्ति रस का ही उद्घाटन है, सिद्धांतवाद का सीधा प्रतिपादन नही । स्वभाव और प्रकृति से गोस्वामी हरिवंश रसिक और भावप्रवण थे, अतः उन्होंने अपने संप्रदाय मे रस की ही प्रधानता रखी। परंतु हरिवंश के अनुयायियों में कई सिद्धांतवादी विवेचक भी हुए है। हरिवंश की वाणी के बाद उसके व्याख्याता श्री सेवक जी का इस संप्रदाय में बहुत महत्व है। उन्होंने हितजी के प्रति सांप्रदायिक ढंग से अनन्य भक्ति भावना प्रकट करने के अतिरिक्त राधावल्लभी रस-रीति को स्पष्ट करने का प्रयत्न किया है तथा रसिक भक्तों के लक्षणों का निरूपण किया है । यद्यपि उन्होंने नित्य विहार और निकुंज-लीला का भी वर्णन किया है, परतु उनकी वृत्ति काव्य के भाव - पक्ष में उतनी नहीं रमी, जितनी सिद्धांत के प्रतिपादन में ।
इस संप्रदाय के अनुयायियों में हरिराम व्यास संस्कृत के विद्वान तथा दीक्षा लेने के पूर्व एक प्रसिद्ध शास्त्रार्थी पंडित थे। उन्होंने राधाबल्लभी मत के सिद्धांतों का तो विवेचन किया हो, साधारण भक्ति-धर्म के स्वरूप को भी स्पष्ट किया है । परन्तु प्रेम-भक्ति का इतना प्रभाव है कि वे सिद्धांत-प्रतिपादन भी सरस कवित्व से समन्वित करके ही करते है तथा राधा-कृष्ण के विहारवर्णन में अपना प्रखर पांडित्य सर्वथा भूल जाते हैं ।
सिद्धांतवाद को समझने की दृष्टि से इस संप्रदाय में चतुर्भुजदास, ध्रुवदास और कालान्तर में चाचा हित वृन्दावनदास की वाणियाँ भी अधिक महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। चतुर्भुजदास द्वारा रचित 'द्वादशयश', ध्रुवदास द्वारा रचित 'व्यालीस लीलाओं' में से अधिकांश तथा चाचा हित वृन्दावनदास द्वारा रचित अनेक ग्रन्थों में अत्यन्त साधारण और व्यावहारिक शैली में भक्ति की आवश्यकता, लक्षण, साधन और महत्व का प्रतिपादन हुआ है। परन्तु यह सिद्धांत-प्रतिपादन राधा-कृष्ण के केलि-वर्णन में रति रंग, विहार - विनोद, आनन्द उल्लास आदि की भूमिका प्रस्तुत करने के लिए ही किया गया है और कम से कम ध्रुवदास और चाचा हित वृन्दावनदास ने तो प्रेम-भक्ति के इस प्रकृत और क्रियात्मक विषय की ओर अपेक्षाकृत अधिक ही ध्यान दिया है।
कृष्ण भक्ति काव्य के अनेक परवर्ती रचयिताओं ने कृष्ण भक्ति का सांप्रदायिक भेदभावरहित रूप अधिक ग्रहण किया, यहां तक कि अनेक कवियों के विषय में यह कहना कठिन हो जाता है कि वे किस संप्रदाय - विशेष के अनुयायी थे । रसखान को पुष्टिमार्गीय भक्त कहा गया है, 'दो सो बावन वैष्णवन की वार्ता में उनका वर्णन है, परंतु उनकी रचना में सांप्रदायिक सिद्धांत ढूँढ़ना व्यर्थ है। इसी प्रकार घनानंद की रचनाओं के आधार पर उन्हें निम्बार्क मतानुयायी सिद्ध करना संभव नही है ।
कृष्ण-भक्ति-काव्य में मीरांबाई की पदावली का स्थान अद्वितीय है। परंतु वे किसी कृष्ण भक्ति संप्रदाय की अनुयायी नहीं थीं, इसीलिए उनके संबंध में इतनी अधिक मांप्रदायिक खीचातानी हुई है। उनकी भक्ति-भावना पर निर्गुण संतमत का भी प्रभाव था और वे अपने गिरिधर नागर की सलोनी साकार मूर्ति में ही निणवादी संतों के राम का भी दर्शन करती थीं ।
सच्चे भावप्रवण भक्तों की दृष्टि में सांप्रदायिक संकीर्णता तथा जाति, वर्ण और ऊँच-नीच के भेद-भाव प्रायः नगण्य थे, इसका उदाहरण हरिराम व्यास जैसे विद्वान पंडित की वाणी से उपलब्ध होता है, जिन्होंने कबीर की तरह के वर्णाश्रम धर्म-विरोधी विचार प्रकट कि हैं ।
परन्तु सका तात्पर्य यह नहीं कि मध्ययुग के कृष्ण-भक्ति संप्रदायों की पारस्परिक प्रतिस्पर्धा द्वेष और कट्टरता से सर्वथा रहित थी । 'चौरासी वैष्णवन की वार्ता में मीराबाई जैसी भक्त के संबंध में बड़ी कटु बातें कही गई हैं। स्पष्ट है कि वार्ताकार का सांप्रदायिक द्वेष इसीलिए इतना तीखा हो गया है कि कृष्णदास के प्रयत्न करने पर भी मीराबाई पुष्टिमाग में सम्मिलित नही हुई थीं। बंगाली वैष्णवों को श्रीनाथजी के मन्दिर से निकालने के लि कृष्णदास ने छल और बल का प्रयोग करने में संकोच नहीं किया था। फिर भी भावुक भक्त अपने कवि-कर्म में धर्म प्रचारकों की इस सामयिक और संकुचित मनोवृत्ति से प्रायः निलिप्त रहे हैं। स्व ं कृष्णदास के पदों में सांप्रदायिक कट्टरता का संकेत नहीं मिलता ।
सामूहिक दृष्टि से विचार करने पर यह निष्कर्ष सत्य से दूर न होगा कि वे सभी कृष्णभक्त कवि जो वस्तुतः कवि कहलाने के अधिकारी हैं, संप्रदायों की संकीर्ण परिधियों के भीतर रहते हुए भी कृष्ण और राधा-कृष्ण की उस भक्ति के व्यापक और सम्मिलित संप्रदाय के अनुयायी थे जिसका परिचय पीछे दिया गया है। उन सब का समान रूप से एक ही उद्देश्य था। रस, आनंद और प्रेम की मूर्ति श्रीकृष्ण और राधा-कृष्ण की लीला का गायन ।
कृष्ण-भक्ति साहित्य में सामान्य अथवा सांप्रदायिक भक्ति-निरूपण के क्रम में भक्ति की सामयिक आवश्यकता प्रतिपादित करते हुए सामयिक परिस्थिति का यथातथ्यपूर्ण चित्रण भी किया गया है। सूरदास ने अपने विनय के पदों में अपने ऊपर सांसारिक विषय-वासनापूर्ण प्रवृत्तियों तथा धर्म-कर्म और सदाचरण-विरोधी आचरण का आरोप करते हुए तथा परीक्षित के पश्चात्ताप और 'भागवत' के कुछ अन्य प्रसंगों को चुनकर सामयिक जीवन की उद्देश्यहीनता और इन्द्रियपरता की तीव्र आलोचना को है। उद्धव - गोनी-संवाद और अपरगीत के प्रसंग में भी उन्होंने अलखवादी, निर्गुणिया संतों, पांडित्याभिमानी अद्वैतवेदान्तियों, निष्फल कायाकप्ट में लिप्त हठयोगियों आदि के पाखण्ड की खूब खिल्ली उड़ाई है। परमानंददास तथा अष्टछाप के अन्य कवियों ने भी अपने समय के वर्णाश्रम धर्म के पतन का अच्छा चित्रण किया है। राधावल्लभो सेवकजी 'काचे धर्मी' का वर्णन करते हुए अपने समय के धार्मिक दंभ और कपट का कच्चा चिट्ठा प्रस्तुत करते हैं । व्यासजी की वाणी में भी धर्म का नाम बेचकर खानेवालों की तीव्र निन्दा मिलती है । कलियुग के प्रभाव का वर्णन करते हुए वे वस्तुतः अपने समय की ही सामाजिक कुरीतियों और धार्मिक प्रवंचनाओं की कटु आलोचना करते हैं । इसी प्रकार अन्य भक्तों ने भी अपने चारों ओर के समाज पर दृष्टि डालते हुए, उसकी दीनावस्था से व्यथित होकर सुधार और उन्नयन के उद्देश्य से चित्रांकन किया है ।
इस प्रकार इन भक्त कवियों को नितांत वैयक्तिक साधन में लीन अथवा लोक-संग्रह की भावना से शून्य नहीं कहा जा सकता । वस्तुतः वे सभी समाज के कल्याण की भावना से प्रेरित थे और उन्होंने आंतरिक शुद्धाचरण पर बल देनेवाले सब प्रकार के भेद-भाव से रहित भावनामूलक सामान्य लोक-धर्म का प्रचार करने के लिए ही अपनी वाणी का उपयोग किया था ।
कृष्ण-भक्ति साहित्य के इस व्यावहारिक अंश में भक्तों की स्तुतियाँ और प्रशस्तियाँ भी पाई जाती है । ऐतिहासिक दृष्टि से इनका महत्व कम नहीं है । सूरदास के अतिरिक्त अष्टछाप के कवियों ने वल्लभ-कुल से संबंधित व्यक्तियों का उल्लेख किया है । राधावल्लभी भक्तों में तो हित हरिवंश को अवतार मानकर उनका यश वर्णन करने की एक निश्चित परंपरा रही है । हरिराम व्यास ने अनेक भक्तों का गुणगान किया है। इसी प्रकार ध्रुवदास ने 'भक्तनामावली में अन्य संप्रदायों के भक्तों की भी प्रशंसा की है । हरिदासी भक्तों ने भी अपने गु का गुणगान किया है ।
भक्तों की प्रशंसा और सिद्धांत-प्रतिपादन के लिए व्रजभाषा गद्य का भी कृष्ण-भक्ति साहित्य में यत्किचित प्रयोग हुआ । प्रा भिक भक्त कवियों में हित हरिवंश द्वारा किन्ही विट्ठलदास को लिखे गए दो पत्र प्रकाश में आए हैं, जिनमें सोलहवीं शताब्दी के व्रजभाषा गद्य का उदाहरण मिलता है। पुष्टिमार्ग के वार्ता - साहित्य की प्राचीनता और ऐतिहासिकता यद्यपि असंदिग्ध नही है, परंतु 'चौरासी वैष्णवन की वार्ता' और 'दो सौ बावन वैष्णवन की वार्ता' से भक्ति-काल की सामान्य प्रवृत्ति का महत्वपूर्ण परिचय प्राप्त होता है। परवर्ती काल में टीकाओं के रूप में तो व्रजभाषा गद्य का व्यवहार हुआ ही, कुछ स्वतंत्र गद्य-रचनाओं में भी गद्य का व्यवहार किया गया है। राधावल्लभी भक्त अनन्य अली का 'स्वप्न-प्रसंग' ध्रुवदास का 'सिद्धांत विचार' तथा प्रियादास का 'रा नेह' गद्य की रचनाएँ है।
संप्रदायों के उपयोगी साहित्य ने निश्चय ही कृष्ण भक्ति काव्य को उद्देश्य और आदर्श के प्रति सजगता तथा सामाजिक दृष्टिकोण उपलब्ध करने में सहायता दी, परंतु भक्ति का भावनामूलक उन्मेष तो काव्य के माध्यम से ही व्यक्त हो सकता था, जीवन को गति देने में वही कृतकार्य हो सकता था । यही कारण है कि परवर्ती काल में सिद्धांत प्रतिपादन अपेक्षाकृत अधिक हुआ, परंतु सरस काव्य रचना उसी अनुपात से कम हो गई । काव्य-गुणों में तो वह पूर्ववर्ती कवियों का अनुकरण मात्र होकर रह गई।
विषय-वस्तु और उसका निर्वाह
पीछे कहा जा चुका है कि हिंदी कृष्णकाव्य में अनेक ऐसी भी कथाएँ है जिनका कोई निश्चित पौराणिक आधार नहीं है और जो उस उर्वर जन-समाज की कल्पना की सृष्टि जान पड़ती हैं जिसका मानसिक जीवन शताब्दियों से कृष्ण के मनोहर व्यक्तित्व से परिपूर्ण रहा है । कृष्णकथा के हिंदी कवियों ने स्वयं भी इस संबंध में अपनी मौलिक उद्भावनाओं के द्वारा महत्वपूर्ण योग दिया है। परंतु कृष्ण-भक्ति काव्य की रचना अधिकांशतः गीतिकाव्य के रूप में हुई है और उसका रूप बहुत कुछ स्फुट काव्य जैसा है। अतः सम्पूर्ण कृष्ण-कथा के संबंध में सम्यक प्रबन्धरचना बहुत कम पाई जाती है। फिर भी, अनेक कृष्ण भक्त कवियो में कृष्ण कथा के सम्पूर्ण नहीं तो किसी अंश-विशेष की क्रमबद्ध कल्पना भी मिलती है, भले ही उनके पद स्फुट रूप में गाए
१. दे० श्रीहित हरिवंश गोस्वामी संप्रदाय और साहित्य, ललिताचरण गोस्वामी, पृष्ठ २८१-२८२।
जाते हों। सूरदास के काव्य में ही व्रजवासी कृष्ण की संपूर्ण कथा देने का सचेष्ट प्रयत्न दिखाई देता है। सूरदास के अतिरिक्त कृष्ण की संपूर्ण कथा रचने का दूसरा प्रयत्न ब्रजवासीदास का 'ब्रजविलास' है जो वर्ण्य विषय में 'सूरसागर' और शैली में 'रामचरितमानस' का अनुसरण करता है, यद्यपि काव्य की दृष्टि से उसका कोई महत्व नहीं है, क्योंकि वह सर्वथा इतिवृत्तात्मक और कलाहीन है। नंददास ने भी 'भागवत' के दशम स्कंध पूर्वार्ध के २९ अध्यायों का पद्यबद्ध उल्था किया था, पर कदाचित कार्य की गुरुता के कारण वे उसे आगे न बढ़ा सके। किन्तु नंददास में छोटे-छोटे प्रबन्धों को स्वतंत्र रूप देने की प्रवृत्ति अपेक्षाकृत अधिक थी और उन्होंने 'स्याम सगाई', 'भँवरगीत', 'रुक्मिनीमंगल' और 'रासपंचाध्यायी' नाम से कृष्ण-कथा संबंधी लघु प्रबन्धात्मक रचनाएँ लिखीं तथा 'रूपमंजरी' नामक कल्पित कथा - प्रबन्ध कृष्ण भक्ति के माहात्म्य के लिए रचा । अन्य कृष्ण भक्त कवियों में ध्रुवदास, नागरीदास, हित वृन्दावनदास, नरोत्तमदास्र आदि ने छोटे-बड़े अनेकानेक कथा - प्रबन्ध रचे, यद्यपि काव्य की दृष्टि से उनकी रचनाएँ उत्तम कोटि की नही है ।
इस संबंध में राधावल्लभी हित वृन्दावन दास के 'लाड़सागर' और 'ब्रजप्रेमानंदसागर' का उल्लेख आवश्यक है। 'लाड़सागर' में शैशवावस्था के बाल-विनोद और विवाह की उत्कंठा से लेकर किशोरावस्था में राधा-कृष्ण के विवाह - मंगल, गौनाचार और क्रीड़ा केलि की कथा वर्णित है । 'ब्रजप्रेमानंदसागर' का भी मुख्य वर्ण्य विषय यही है, साथ ही उसमें कृष्ण की माखन चोरी, उलूखल-बंधन आदि कुछ लीलाओं का भी प्रसंगवश वर्णन किया गया है।
परंतु यह विशेष रूप से द्रष्टव्य है कि कृष्ण कथा की स्वतंत्र प्रबन्धात्मक रचनाओं में अधिकांशतः कृष्ण के माधुर्यरूप की अपेक्षा उनके ऐश्वर्यरूप की प्रधानता है । संभवतः कृष्ण का माधुर्यरूप सम्यक प्रबन्ध के लिए अधिक उपयुक्त नहीं था। भारतीय कथा-प्रबंधों की परंपरा के अनुसार, जिसमे राजन्य वर्ग का श्रेष्ठ व्यक्ति ही काव्य का नायक होता है, यह स्वाभाविक ही है । गोपाल कृष्ण की मधुर लीला केवल गीति पदों का हो विषय समझी गई और जिस प्रकार कवियों ने कृष्ण के राजसी वैभव और ऐश्वर्य की उपेक्षा की उसी प्रकार उन्होंने प्रायः काव्य के परंपरागत प्रबन्ध रूप को भी नहीं अपनाया । फलतः नंददास का 'रुक्मिणीमंगल' प्रारंभिक भक्त कवियों की रचनाओं में एक प्रकार से अपवादस्वरूप है । द्वारकाधीश श्रीकृष्ण के विवाह की कथा दरबारी कवियों को अपेक्षाकृत अधिक प्रिय रही है। अकबरी दरबार के नरहरि बदीजन ( सन १५०५-१६१० ई० = सं० १५६२= १६८५ वि०) और समथर राज्य के आश्रित नवलसिंह (कविता-काल सन १८१५-१८७० = सं० १८७२-१९२७ वि०) ने 'रुक्मिणी-मंगल' तथा रीवां - नरेश महाराज रघुराजसिंह (सन १८२३-१८७८ ई० = सं० १८८०-१९३६ वि० ) ने 'रुक्मिणी-परिणय' नामक ग्रंथ लिखे। स्पष्टतः ये कवि कृष्ण भक्तों की परंपरा में नहीं आते। पृथ्वीराज की राजस्थानी में लिखी हुई 'बेलि किसण रुक्मिणी री' तो नितांत लौकिक प्रेम कथा है । 'सुदामाचरित' लिखने वाले नरोत्तमदास भी उस प्रकार के कृष्ण-भक्त कवि नहीं है, यद्यपि उनमें साधारण ढंग की दैन्यपूर्ण भक्ति-भावना पाई जाती है । ध्रुवदास, हित वृन्दावनदास और नागरीदास की कृष्ण के ऐश्वर्यरूप को व्यंजक प्रबन्धात्मक रचनाओं में भी भक्ति और काव्य का उच्च वातावरण नहीं मिलता तथा उनकी प्रवृत्ति कृष्ण के माधुर्यरूप के वर्णन में अधिक रमती दिखाई
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महाराष्ट्र के पनवेल में स्थित अभिनेता सलमान खान के फार्म हाउस में कथित अवैध निर्माण को लेकर वन विभाग ने उनके और उनके परिवार वालों को नोटिस भेजा है। वन विभाग का कहना है कि रोक के बावजूद फार्म हाउस में 11 जगहों पर निर्माण कार्य हुए हैं।
बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान एक बार फिर मुसीबत में पड़ते नजर आ रहे हैं। मुंबई के पास उनके फार्म हाउस पर्यायवरण सुरक्षा की रडार पर है। इस सिलसिले में महाराष्ट्र के वन विभाग ने सलमान खान और उनके परिवार को नोटिस भेजा है। पनवेल में स्थित फार्महाउस में कथित निर्माण करने का आरोप लगा है। वजापुर के वन अधिकारी एसएस काप्से की ओर से 9 जून 2018 को नोटिस जारी किया गया। इसके मुताबिक पनवेल में संबंधित जगह पर 11 निर्माण पाए गए हैं जिनके मालिकाना हक खान परिवार के 6 सदस्यों के नाम पर हैं। इससे पहले साल 2003 में पर्यायवरण की दृष्टि से इसे संवेदनशील घोषित किया गया था।
खबरों के मुताबिक, वन विभाग की ओर से जारी 'कारण बताओ नोटिस' में पूछा गया है कि साल 2003 में अधिसूचना जारी करके इस जोन में नई इमारतों के निर्माण पर रोक लगा दी गई थी, उसके बावजूद यहां पर निर्माण कार्य कैसे हुए। इस मामले में एक हफ्ते के भीतर सलमान परिवार को इन नोटिस का जवाब देने को कहा गया है। यह भी कहा गया है कि अगर आप तय अवधि में इस मामले में कोई स्पष्टीकरण नहीं देते तो समझा जाएगा कि आपको इस विषय में कुछ नहीं कहना। इसके बाद आपके परिवार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
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२३२ ० निदान चिकित्सा विज्ञान (पंचम भाग) ४७
दस्त हो कोष्ठों की शुद्धि एवं अल्प वायु का निष्कासन होगा ।
पश्चात् वरित द्वारा एरण्ड तैल ६० मि० लि० से १०० मि० लि० तक प्रयोग करें ।
विशिष्ट चिकित्ता - ( १ ) प्रातः, दोपहर एवं सायं को शूलवजिनी ( सि० यो० सं० ) वटी १ गोली तथा वृद्धिवाधिका वटी (भा० प्र०) १ गोली-ऐसी एक मात्रा ईपत उष्ण जल से खिलायें। भोजनोपरान्त गोक्षुरादि गुग्गुलु ( शा० सं० ) १ से २ गोली खिलाकर ऊपर से दशमूल क्वान ( शा० सं० ) ३० से ६० मि० लि० दिन और रात में सेवन गरायें। रात में सोते समय नीम तैल (नि० रत्नाकर) १० मि० वि० एण्ड तेल ३० मि० लि०, कसीस १० ग्राम तथा सैन्धवलवण ५ ग्राम एवं कर्पूर 3 ग्राम लें - इनमें से ठोस पदार्थों का सूक्ष्म चूर्ण कर के तैलों में भली-भांति गिलाकर पीडित अण्डकोप पर लगायें तथा एरण्ड के पत्ते उम पर डाल लंगोट कस लें। इस औषधि का अमिट द्वारा वस्त्र पर पड़ जाता है । इस त्याज्य-स्वच्छ व्यर्थ वस्तु का ही लंगोट में और औषधि प्रयोग के समय उपयोग करें ।
(१) हरे मकोय के पत्ते, हरा धनियां, फ्री कासनी के स्वरस प्रत्येक १५-१५ मि० लि० एकन मिलाकर इसमें अफीम और कर्पूर प्रत्येक १-१ ग्राम और खुरासानी अजवायन ग्राम एकन्न सूक्ष्म पीसकर • भलीभांति मिला लेप निर्माण करें तथा दर्द स्थान पर इस लेप को पतले रूप में हर ४-६ घण्टे पर लगायें ।
(३) गुलावजल उत्तम और मिरका प्रत्येक ३०३० मि० लि० में उत्तम कर्पूर १ ग्राम भली-भांति मिलाकर इसमें वस्त्र पण्ड सिगोकर पीड़ित वृषण कोप पर रख बांध दें। सूखते ही पुनः औषधि से भिगो कर बांध दें ।
(४) सोंठ, एलुवा, वाल हरीतकी, श्वेन पुनर्नवा की जड़, कुन्दरू, शिग्रुछाल, गुग्गल प्रत्येक १०-१० ग्राम. नीम का तैल, घृत, भुनी हींग २-२ ग्राम इन्हें एकत्र पीस लेप बना ( जल में पीस कर ) पीडित अण्डकोप पर लगाकर लंगोट कस दें ।
( ५ ) नीम के पत्तों के उष्ण क्वाथ में हल्की सी अफीम मिलाकर इसमें वस्त्र-खण्ड भिगोकर दर्द युक्त वृषण की सेंक करें ।
(६) महामुदर्शन चूर्ण ( गा० सं० ) २ से ४ ग्राम तथा पोस्तदाना १ ग्राम एकन मिला गर्म जल से दिन में २-३ वगर खिलायें तो दर्द, ज्वर दूर हो ।
(७) टेसू के पुष्प तथा पोस्त को डोंडी- प्रत्येक ६०-६० ग्राम जौकुट कर जल में विधिवत् क्वाथ करें तथा उसकी धारे वृषणशूल ग्रस्त अण्डकोष पर डालेंगे। क्वाथ को वस्त्र से छानने पर जो ठोस शेष बचे उसे पीस गरम-गरम पीडित अण्डकोष पर ।
( 5 ) 'वृषणशूल हर महेश्वम्' को १ से २ गोली या कंपशूल इपत उष्ण जल या महारास्नादि क्वाथ शा० सं० ) से प्रातः-सायं एवं रात को सेवन कराया गया तो वृपणशूल एवं शोथ में उत्तम लाभप्रद प्रमा णित हुआ । इसके सेवन के पहले कब्ज अवश्य दूर कर लें।
(६) नीम के हरे पत्ते, शरपुंखा के पत्ते, कण्टकारी की जड़ की छाल, श्वेत पुनर्नवा की मूलत्वक, दर्द मेदा, पोस्तदाना, कटकरंज बीज की मींगी प्रत्येक १०१० ग्राम ले जल से पीस कर इसके मोटा लेप पीड़ित अण्डकोप पर करें तो शूल दूर होगा। दिन में ३ बार ।
पथ्यापथ्य - यवमण्ड, यव के पकाये लेई, मूंग की खिचडी, बकरी के छानकर जवाले दूध, अन्य के सुपाच्य लघु आहार एवं लघु पेय देवे । वातवर्द्धक, गरिष्ठदुपाच्य एवं मिर्च मसालेदार भोजन आहार से परहेज रखे ।
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NSA and ESMA: प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार समेत कई राज्यों की सरकार एनएसए अधिनियम लागू कर रही। वहीं, उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मियों की हड़ताल पर NSA और ESMA की खूब चर्चा हो रही है। जानिए आखिर क्या है ये अधिनियम, लगाने के क्या है नियम?
What is NSA & ESMA: उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को योगी सरकार और प्रदेश मंत्री दुरुस्त करने में लगे हैं। इसे दुरुस्त करने में सबसे अधिक एनएसए एक्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे सवाल खड़ा होता है कि आखिर इस अधिनियम को लगाने के क्या नियम और प्रक्रिया है? दरअसल, NSA को रासुका ( राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ) भी कहते हैं, इसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा किये गये अपराध तथा साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर इस कानून की धारा का प्रयोग प्रशासन द्वारा किया जाता है।
रासुका का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या अधिनियम होता है। अगर इसके तहत हिरासत में लिए व्यक्ति को अधिकमत एक साल जेल में रखा जा सकता है। रासुका ( राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ) के अंतर्गत अगर सरकार को ये लगता कि कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करने की शक्ति प्रशासन को दे सकती है। नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) एक ऐसा कानून है जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने आता है तो उस व्यक्ति को हिरासत में लिया जा सकता है यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। 1980 में देश की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को ज्यादा शक्ति देने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह एक्ट किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
यह कानून, राज्य और केंद्र सरकार को एक ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार देता है जो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बन चुका हो। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून NSA में यह प्रावधान है कि सरकार, किसी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रख सकती है। संदिग्ध व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है। इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। वहीं, हिरासत में रखने के लिए आरोप तय करने की भी जरूरत नहीं होती और हिरासत की समयावधि को 12 महीने तक किया जा सकता है। संदिग्ध व्यक्ति हाईकोर्ट के एडवाइजरी के सामने अपील कर सकता है और राज्य सरकार को यह बताना होता है कि इस व्यक्ति को हिरासत में रखा गया है।
एस्मा कब लगाया जाता है?
आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (ESMA) भारत की संसद का एक अधिनियम है, जिसे कुछ सेवाओं के वितरण को सुनिश्चित करने के लिए स्थापित किया गया था, जो कि बाधित होने पर लोगों के सामान्य जीवन को प्रभावित करेगा। आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून (एस्मा) हड़ताल को रोकने के लिये लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को किसी समाचार पत्र या अन्य दूसरे माध्यम से सूचित किया जाता है। जब कभी भी कर्मचारी हड़ताल पर बैठते हैं तो एस्मा भी चर्चा में आ जाता है। इसमें सार्वजनिक परिवहन (बस सेवाएं), स्वास्थ्य सेवाएं (डॉक्टर और अस्पताल) जैसी सेवाएं शामिल हैं।
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नरीमन प्वाइंट - देश में जमा काले पैसे को बाहर निकालने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी लागू की, लेकिन जिनके पास काले पैसे थे वो नोटबंदी के निर्णय के पहले ही बैंक में पैसे जमा कर चुके थे। ये कहना है भारीप के अध्यक्ष एड. प्रकाश आंबेडकर का। प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा पैसों के बारे में सरकार और रिजर्व बैंक का आंकड़ा अलग-अलग है। प्रकाश आंबेडकर ने नोटबंदी के निर्णय का विरोध जताते हुए इसे सरकार की गलती करार दिया और इस मुद्दे पर सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई। इस दौरान सीपीआई के बी. के. कांगो और लाल निशान के मिलिंद रानडे भी मौजूद थे।
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टीवी एक्टर विकास कलंत्री के परिवार की रिपोर्ट निकली पॉजिटिव निकली है। ये खबर सामने आने के बाद शरद मल्होत्रा के फैंस काफी परेशान हो गए हैं।
कोरोना वायरस के मामले 6 महीने बीत जाने के बाद भी कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। धीरे धीरे कोरोना वायरस नाम की ये बीमारी भयावह रुप ले रही है। टीवी जगत के सितारे भी इस बीमारी से अछूते नहीं हैं। बीते कुछ समय में कई टीवी सितारे कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। बीते जिन ही गुरमीत चौधरी और देबीना बनर्जी ने खुलासा किया था कि उन दोनों को कोरोना वायरस हो गया है। इसी बीच नागिन 5 एक्टर शरद मल्होत्रा और उनकी पत्नी रिप्सी पर भी कोरोना वायरस का खतरा मंडराने लग गया है।
दरअसल शरद मल्होत्रा के जिगरी दोस्त विकास कलंत्री और उनकी पत्नी प्रियंका की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव निकली है। इस बात का खुलासा खुद विकास कलंत्री ने किया था। कुछ समय पहले ही विकास कलंत्री ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करके अपने कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी फैंस को दी थी।
यहां मजेदार बात यह है कि कोरोना टेस्ट करवाने से ठीक पहले विकास कलंत्री और उनकी पत्नी ने शरद मल्होत्रा और रिप्सी से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के आधार पर माना जा रहा है कि शरद मल्होत्रा भी कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। विकास कलंत्री को कोरोना होने के बाद शरद मल्होत्रा और रिप्सी ने भी अपना कोरोना वायरस टेस्ट करवा लिया है। ये खबर सामने आने के बाद शरद मल्होत्रा के फैंस के बीच हड़कंप मच गया है।
फैंस को डर है कि अगर शरद मल्होत्रा को कोरोना वायरस हो गया तो वह नागिन 5 की शूटिंग नहीं कर पाएंगे। कोरोना के चलते शरद मल्होत्रा और रिप्सी दोनों को 14 दिनों के लिए घर में ही आइसोलेट होना पड़ जाएगा। ये बात सोचकर ही शरद मल्होत्रा के फैंस का बुरा हाल हो गया है। गौरतलब है कि नागिन 5 में शरद मल्होत्रा के किरदार को फैंस बहुत पसंद कर रहे हैं। इतना ही नहीं शरद मल्होत्रा की पत्नी रिप्सी को भी उनका निगेटिव किरदार काफी पसंद आ रहा है। कुछ समय पहले ही शरद मल्होत्रा ने इस बात का खुलासा किया था कि नागिन 5 में उनको देखकर रिप्सी ने क्या रिएक्शन दिया था।
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Bharat Jodo Yatra: दरअसल लाल चौक पर राहुल गांधी के कट आउट लगाए गए थे। जो कि भारतीय ध्वज से काफी बड़े-बड़े थे। जिसको लेकर अब सोशल मीडिया पर लोगों का आक्रोश फूट रहा है। लोगों इस पर बहस करने लगे है कि क्या राहुल गांधी राष्ट्रीय ध्वज से ऊपर है? लोग इस फोटो और वीडियो जमकर रिएक्शन दे रहे है।
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कानपुर. अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले मशहूर कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने शनिवार को कहा कि अगर भाजपा उन्हें प्रधानमंत्री बना दे तो वह लोकसभा का चुनाव नही लडेंगे। उन्होंने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार राम मंदिर को लेकर अध्यादेश लाए। इससे यह पता चल जाएगा कि कौन राम के साथ है और कौन नहीं है।
कानपुर में शनिवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि 18 नवम्बर को राम मंदिर निर्माण के लिए कथा पंडाल से आनंदेश्वर मंदिर तक पद यात्रा निकालेंगे। यह पदयात्रा पूरे देश में लोकसभा चुनाव से पहले निकाली जाएगी। इसका उद्देश्य समाज में जनचेतना लाना है। सरकार और कोर्ट से निवेदन करना है कि आखिर हिन्दुओं को अभी और कितना धैर्य रखना है।
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जिला पंचायत की बैठक शनिवार को स्थानीय सभागार में हुई, वित्तीय वर्ष 2015-2016 के लिए 21,94,19,251 रुपये विभिन्न कार्यों के लिए सदन द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया।
इस दौरान जिला पंचायत का संशोधित बजट वित्तीय वर्ष 2014-2015 में 31,67,85,717 रुपये पारित किया गया। सदस्यों ने कराए गए विकास कार्यों की सूची उपलब्ध कराने की मांग की। जिसपर अपर मुख्य अधिकारी द्वारा उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया।
सदन ने प्रस्ताव पारित किया कि सभी ठेकेदाराें को जिला पंचायत में पंजीकरण कराना पड़ेगा। जिला पंचायत द्वारा मछली मारने आदि पर तथा धान कूटने वाली ट्राली पर कर लगाने का प्रस्ताव पारित हुआ।
सदस्यों की ओर से बिजली, पानी, प्राथमिक शिक्षा, मनरेगा, पेंशन आदि विषयों पर सवाल किए गए। जिला पंचायत सदस्य जयप्रकाश यादव ने समाजवादी पेंशन तथा शिक्षकाें की समस्या उठाई।
समस्याओं का अधिकारियों की ओर से हल करने का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी यूएन सिंह ने सदस्यों द्वारा उठाए गए सवालों को हल का आश्वासन दिया।
साथ ही समयसीमा के अंदर कार्यो को पूरा करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया। इस अवसर पर वृजेश चक्रवर्ती, मनोज राम, रामध्यान यादव, बुद्धिराज, पीडी हरिचरन सिंह आदि मौजूद थे।
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भोपाल, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के भोपाल संसदीय क्षेत्र से भाजपा की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा कि शूद्र को शूद्र कहो तो उसे बुरा लग जाता है, क्योंकि उसमें नासमझी है।
प्रज्ञा ठाकुर ने राजधानी के करीब सीहोर में क्षत्रिय समाज के कार्यक्रम में कहा, हमारी धर्म व्यवस्था में चार वर्ग तय किए गए थे। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र। ब्राह्मण को ब्राह्मण कहो उसे बुरा नहीं लगता, क्षत्रिय को क्षत्रिय कहो उसे बुरा नहीं लगता, वैश्य को वैश्य कहो तो बुरा नहीं लगता, मगर शूद्र को शूद्र कहो तो उसे बुरा लग जाता है, क्योंकि उसमें नासमझी है, ये समझ नहीं पाते।
पश्चिम बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अब समझ में आ गया है कि ये भारत है। ये पाकिस्तान नहीं है।
सांसद ने कहा, ये भारत है और भारत की रक्षा करने के लिए भारत के लोग तैयार हो चुके हैं। हिंदू तैयार हो चुका है। वह मुंहतोड़ जवाब उसको देगा। इतना ही नहीं, बंगाल में भाजपा का शासन आएगा। हिंदुओं का शासन आएगा और बंगाल अखंड भारत का हिस्सा है और रहेगा। वे बंगाल को भारत से अलग करने का प्रयास कर रही थीं। भाजपा डरने वाली नहीं है।
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उत्तर प्रदेश में आज पहले चरण के तहत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर वोटिंग जारी है. पहले चरण में शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा और आगरा में वोटिंग शुरू हो चुकी है. पहले फेस में 2. 27 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इस चरण में कुल 623 प्रत्याशी मैदान में हैं.
शामली की 4 विधानसभा सीटें, मुजफ्फरनगर की 6 विधानसभा सीटें, बागपत की 3 विधानसभा सीटें, मेरठ की 7 विधानसभा सीटें, गाजियाबाद की 5 विधानसभा सीटें, हापुड़ की 3 विधानसभा सीटें, गौतम बुद्ध नगर की 3 विधानसभा सीटें, बुलंदशहर की 7 विधानसभा सीटें, अलीगढ़ की 7 विधानसभा सीटें, मथुरा की 5 विधानसभा सीटें व आगरा की 9 विधानसभा सीटों पर आज पहले चरण का मतदान है.
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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता (Tushar Mehta) से सवाल पूछे, जिसके जवाब मे मेहता ने कहा, 'फर्जी खबरें ट्वीट के जरिए फैलाई गईं कि 26 जनवरी को किसान की मौत गोली से हुई'.
गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान हुई हिंसा पर कई 'भ्रामक' ट्वीट करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) और वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई (Rajdeep Sardesai) समेत अन्य वरिष्ठ पत्रकारों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
हिंसा पर 'भ्रामक' ट्वीट करने के आरोपों को लेकर दर्ज FIR को रद्द करने की कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) और वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई (Rajdeep Sardesai) की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश समेत उन सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया है. जहां एफआईआर दर्ज हुई हैं.
चीफ जस्टिस कि अध्यक्षता वाली पीठ से वकील कपिल सिब्बल ने कहा, 'मेरे मुवक्किल को गिरफ्तार किए जाने कि कोशिश हो रही है'. इस संबंध में अदालत ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से सवाल पूछे, जिसके जवाब मे मेहता ने कहा, 'फर्जी खबरें ट्वीट के जरिए फैलाई गईं कि 26 जनवरी को किसान की मौत गोली से हुई'.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'अगली सुनवाई में देखेंगे. फिलहाल नोटिस जारी कर रहे हैं और गिरफ्तार किए जाने पर अंतरिम रोक लगाते हैं'. इस मामले पर कोर्ट दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. पत्रकार मृणाल पांडे, जफर आगा, परेश नाथ और अनंत नाथ ने इन FIRs के खिलाफ मंगलवार शाम को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
मध्य प्रदेश पुलिस ने भी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरन हिंसा पर भ्रामक ट्वीट करने के आरोप में कांग्रेस सांसद शशि थरूर और छह पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
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- #Gujaratदुनिया का सबसे विशाल निजी आवासीय पैलेस एक भारतीय के पास है, जानते हैं उनका नाम?
- #Gujaratवीर सावरकर केस का भी जिक्र. . . . राहुल गांधी की याचिका खारिज करते हुए गुजरात HC ने क्या-क्या कहा?
- #Gujaratमोदी सरनेम मामलाः क्या अब जेल जाएंगे राहुल गांधी, अदालत से झटका लगने के बाद अब आगे क्या?
ऊंझा. गुजरात में मेहसाणा के ऊंझा में उमिया माताजी लक्षचंडी महायज्ञ संपन्न हो चुका है। पांच दिन चले इस यज्ञ में 60 लाख श्रद्धालु शामिल हुए। यज्ञ के अंतिम दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिसके चलते हाईवे पर 5 किमी तक वाहनों की कतारें नजर आईं। लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ 800 बीघे में बसाए गए अस्थाई उमियानगर में एकत्रित हुई। 800 बीघा क्षेत्र में से 25 बीघा में भव्य यज्ञशाला स्थापित कराई गई थी, जहां उमिया माता विराजमान थीं।
संवाददाता के अनुसार, लोगों की सहूलियत के लिए कुल 500 बीघा क्षेत्र में वाहन पार्किंग व्यवस्था की गई थी। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आराध्य देवी उमिया माताजी के दर्शन में असुविधा न हो, इसलिए 22 घंटे मंदिर के कपाट खुले रहे।
आयोजक अरविंद सोमाभाई पटेल ने कहा कि महायज्ञ में 60 लाख श्रद्धालु आए, जिनसे 60 करोड़ से ज्यादा का दान मिला। यज्ञ के प्रथम दिन अर्थात् बुधवार को 1 लाख 70 हजार एवं गुरुवार को 2 लाख 75 हजार श्रद्धालुओं ने बालनगरी का लुत्फ उठाया।
उमिया धाम गुजरात के ऊंझा में स्थित है। उमिया माता कडवा पाटीदार समाज की आराध्यदेवी हैं। यहां 5 दिन तक उनका महायज्ञ आकर्षण का केन्द्र बना रहा। यहां पर भक्तों ठहरने की व्यवस्था की व्यवस्था ऊंझा एपीएमसी में की गई। यज्ञ के चलते व्यापारियों की ओर से एपीएमसी बंद रखी गई।
भक्तों के भोजन से लेकर उनके ठहरने, सोशल मीडिया पर महायज्ञ की झांकिया अपलोड करने सहित की जिम्मेदारी अलग-अलग टीमों को सौंपी गई।
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मंडी। हिमाचल प्रदेश की सड़कों पर वाहन चालकों की लापरवाही के कारण सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं और लगातार मामलों में इजाफा होता जा रहा है। ताजा मामले में मंडी जिला के चक्कर पेट्रोल पंप के समीप एक ट्रैक्टर की दूसरे ट्रैक्टर को टक्कर मार दी, जिस कारण ट्रैक्टर पर सवार चालक की मौत हो गई है वहीं पुलिस ने शव को कब्जे में ले मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस थाना बल्ह के अंतर्गत चक्कर के नजदीक पेट्रोल पंप के समीप एक ट्रैक्टर (एचपी80T- 1122)ने सड़क किनारे खडे दूसरे ट्रैक्टर को टक्कर मार दी थी, जिस कारण ट्रैक्टर चालक नरेश कुमार पुत्र सुखराम गांव गडसौल डाकघर बडसू तहसील बल्ह जिला मंडी गंभीर रूप से घायल हुआ था, उसे स्थानीय लोगों की सहायता से तुरंत उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज नेरचौक में भर्ती करवाया गया, जहां उपचार के दौरान देर रात उसकी मौत हो गई। वहीं मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले जांच शुरू कर दी है। मामले की पुष्टि करते हुए एसपी मंडी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि शिकायत मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
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शॉर्टकटः मतभेद, समानता, समानता गुणांक, संदर्भ।
१८६६ में प्रकाशित तुल्यांकी भारों की सूची तुल्यांकी भार (Equivalent weight) रसायन विज्ञान का एक पारिभाषिक शब्द है जो भिन्न-भिन्न सन्दर्भों में प्रयुक्त होता है। तुल्यांकी भार की सबसे सामान्य परिभाषा यह है-. पोटैशियम परमैंगनेट का नमूना पोटैशियम परमैंगनेट का जलीय विलयन पोटैशियम परमैंगनेट (Potassium permanganate) एक अकार्बनिक रासायनिक यौगिक है जिसका अणुसूत्र KMnO4 है। यह प्रबल आक्सीकारक है। जल में घुलकर यह तीव्र गुलाबी या बैंगनी रंग का विलयन बनाता है। श्रेणीःपोटैशियम यौगिक श्रेणीःपरमैंगनेट श्रेणीःऑक्सीकारक श्रेणीःनिस्संक्रामक श्रेणीःरसायन आधार श्रेणीःरासायनिक यौगिक.
तुल्यांकी भार और पोटैशियम परमैंगनेट आम में 0 बातें हैं (यूनियनपीडिया में)।
तुल्यांकी भार 11 संबंध है और पोटैशियम परमैंगनेट 4 है। वे आम 0 में है, समानता सूचकांक 0.00% है = 0 / (11 + 4)।
यह लेख तुल्यांकी भार और पोटैशियम परमैंगनेट के बीच संबंध को दर्शाता है। जानकारी निकाला गया था, जिसमें से एक लेख का उपयोग करने के लिए, कृपया देखेंः
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Winter Skincare Routine: स्वस्थ त्वचा की बात करते समय आहार सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इन दिनों चीनी का अधिक सेवन त्वचा की उम्र बढ़ने, मुंहासे और सुस्त होने का मुख्य कारण है।
Winter Skincare Routine: हर कोई हर साल एक नए साल के संकल्प के बारे में सोचता है। कुछ अपने शैक्षणिक लक्ष्य की ओर देखते हैं, कुछ के लिए अपने परिवार को अधिक समय देना लक्ष्य होता है। लेकिन बिरले ही होते हैं जो अपनी त्वचा के स्वास्थ्य पर विचार करते हैं। इसलिए इस नए साल में डाइटीशियन के बताए अनुसार ग्लोइंग और दाग-धब्बों से मुक्त त्वचा पाने का संकल्प लें।
स्वस्थ त्वचा की बात करते समय आहार सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। इन दिनों चीनी का अधिक सेवन त्वचा की उम्र बढ़ने, मुंहासे और सुस्त होने का मुख्य कारण है। लीन प्रोटीन और फाइबर के साथ-साथ फलों और सब्जियों की अधिक मात्रा वाला स्वस्थ आहार त्वचा के अनुकूल होता है। जंक फूड खाने का मन भी हो तो स्वाद के लिए थोड़ा-थोड़ा खाएं लेकिन कभी भी ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा न करें।
स्वस्थ और कोमल त्वचा के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना बहुत ज़रूरी है। सूरज की यूवी किरणें त्वचा को नुकसान पहुंचाती हैं और उसकी चमक खो देती हैं। अगर किसी महिला को मेकअप करना भी है तो पहले सनस्क्रीन और फिर अन्य कॉस्मेटिक उत्पाद लगाएं।
अपनी त्वचा के लिए हमेशा एक रूटीन बनाएं जैसे कि बाहर से आने के बाद अपने चेहरे को साफ करने की रस्म बनाएं ताकि धूल और आहार रोमछिद्रों में बंद न हों। सोने से पहले, अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार एक सौम्य क्लीन्ज़र से अपना चेहरा साफ़ करें और मॉइस्चराइजर लगाएं जिसमें प्राकृतिक पौष्टिक तत्व हों। नाइट सीरम भी त्वचा को फिर से जीवंत करने के लिए अद्भुत काम करते हैं। बाजार हर्बल उत्पादों से भरे पड़े हैं। इसलिए अपनी त्वचा के प्रकार को ध्यान में रखते हुए बुद्धिमानी से चुनें।
ग्लोइंग स्किन के लिए सबसे जरूरी है हाइड्रेशन। दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने की कोशिश करें। अतिरिक्त स्वास्थ्य लाभ और त्वचा की चमक के लिए आप डिटॉक्स वॉटर जैसे कि तरबूज, खीरा और नींबू का पानी या किन्नू और नींबू का पानी भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
त्वचा को लाल रंग के साथ तरोताजा और सक्रिय बनाए रखने के लिए कम से कम आठ घंटे की नींद जरूरी है। यह डार्क सर्कल्स को भी दूर रखता है।
जितना हो सके प्रकृति के करीब रहें और अपनी त्वचा पर विभिन्न रसोई सामग्री जैसे ककड़ी, पका पपीता, पका केला, ताजा एलोवेरा जेल, ताजा गुलाब जल आदि का उपयोग करें।
पपड़ीदार त्वचा विशेष रूप से हाथ और पैर ठंडे मौसम का एक सामान्य परिणाम है। इसलिए सिर्फ चेहरे को ही नहीं बल्कि अपने पूरे शरीर को मॉइश्चराइज करने का ध्यान रखें। अपने शरीर के सभी क्षेत्रों पर लागू करें।
क्या आपने कभी सोचा है कि आप रोजाना मॉइश्चराइजर लगाते हैं लेकिन फिर भी आपकी त्वचा में वह चमक नहीं रह जाती। मॉइस्चराइजर लगाने से पहले एक्सफोलिएशन या स्क्रबिंग का प्रयास करें। यह मृत त्वचा कोशिकाओं को हटाने में मदद करता है और त्वचा में मॉइस्चराइजर के बेहतर प्रवेश की अनुमति देता है।
त्वचा की अच्छी देखभाल करने के बावजूद, कण त्वचा और विशेष रूप से पैरों और हाथों पर चिपकते रहते हैं। धूल के कणों से नाखून गंदे हो जाते हैं इसलिए मासिक आधार पर मैनीक्योर और पेडीक्योर करने की कोशिश करें।
संतुलित आहार लेना, शारीरिक रूप से सक्रिय रहना और धूप से बचाव की कोशिश करना 2023 में त्वचा को स्वस्थ रखने में सक्षम होगा। जितना हो सके प्रकृति के करीब उत्पादों का उपयोग करें और स्किनकेयर रूटीन बनाएं।
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एक गोयन्देने कहा कि हे स्वामी आज सायंकालके समय मंत्रियों सहित मृगांकदत्त अपने कटकमसे निकलकर घोड़ोपिरचढ़के शशांकवतीके हरनेकेलिये उज्जयिनीके भीतरगया अब जेसा आप उचित समझिये सो कीजिये उसके वैचनसुनके राजाकर्मसेनने अपने सेनापतिको बुलाके संववृत्तान्त सुनाके कहा कि पांच सवारलेकर शीघ्रही उज्जयिनीको जाओ और मृगांकंदत्तको मारडालो. या जीता पकडलाओं मेंभी पीछेयातहूं राजाके यहवचनसुनकर सेनापति पांचसौ सवारलेकर उज्जयिनीकोचला मार्ग में, नगराध्यक्ष ने उससे मिलकर कहा कि कोई वीर राजपुत्रीको जाने किसमार्ग से हरलेगया उसके वचन सुनकर सेनापतिने लोटकर राजारों ग्रहसव वृत्तान्तकहा इसवृत्तान्तको सुनकर बड़ेविचारमें पड़कर 'राजाने वह रानि व्यतीतकी और मृगांकदंत के कटकमें श्रुतंधिके कहने मायावड आदिक सम्पूर्ण वीर युद्धकेलिये. रात्रिभर सञ्द्ध रहे प्रातः काल राजा कर्मसेन नें मृगांकदत्त के कंटकमें दूत के द्वारा यह संदेशाभेजा कि मृगांकदत्त चॅलसे मेरी कन्याको हरेले गया है. इसमें कोई हानि नहीं है क्योंकि मृगांकदत्त के सिवायः शशांके योग्य दूसरा पति नहींया इससे वह तुम लोगों समेत हमारे घरआवे में अपनी कन्याका विधिपूर्वक व्याह कर इस संदेशको धि तथा सम्पूर्णः किरातराजाओंने स्वीकार करके दूतसे कहा कि तुम्हारा स्वामी अपनी पुरीको जाय हम लोग उसे लिवाकर तुम्हारे यहां, भावेंगे उनके वचन सुनके दूतने जाकर राजा कर्मसेन से सव कहदिया इससे राजा कर्मसेनं अपनी सेना को लेकर उज्जयिनीको चला गया और उसकेचलेजानेपर मायावर्ड आदिक सम्पूर्ण किरातरोज मृगांकदत्तकेपास - चले ९६ इस बीचमें मृगांकदत्तभी शशांकवती तथा अपने मंत्रियों समेत मायावद के यहां पहुंचा वहां मायाबटुकी रानियोंने वड़ा सत्कार करके उसे टिकाया दूसरे दिन श्रुतधि शक्तिरंक्षित मायाब तथा दुर्ग पिशाचादिक संघ लोग भी वहीं आगयें और मृगांकदत्तको शशांकवती समेत देखकर अत्यन्त प्रसन्न हुए और कुशल प्रश्न के उपरान्त राजा कर्मसेनका संदेशो कहकर अपने २ योग्य स्थानोंमें डेरे डाल र कर टिके तदनन्तर मृगदत्तने सम्पूर्ण मंत्री अवधि ब्राह्मण तथा किरात राजाओंको बुलाकर यह सलाह पूछी कि मुझको विवाहके निमित्त उज्जयिनी जाना चाहिये या नहीं यह सुनकर स मंत्रियों ने तथा राजाओं ने कहा कि राजा कर्मसेन बहादुष्टहै इससे उसके यहां नहीं जाना चाहिये और उसके यहां जानेसे प्रयोजनही क्या क्योंकि उसकी कन्या तो आहीगई है सबका यह गते सुनकर मृगांकदत्तने श्रुतधिसे कहा कि हे महामते तुम क्यों उदासीन हो तुम्हारा भी यही मतहे या नहीं सो कहो तब श्रुतधिने कहा कि मुनिये मेरा मत तो यह है कि कर्मसेनके यहां अवश्य जानाचाहिये उसने निश्चल होकर यह संदेशा भेजा नहीं तो वह युद्ध छोड़कर क्यों अपने घर चलाजीता मोर जो उसके चित्तमें छलभी होगा तो वह आपका क्या करसकेगा क्योंकि प्याप सम्पूर्ण सेना लेकर उसके यहाँ जाइयेगा और उसके यहां जानेसे यह बड़ा लाभ होगा कि वह सदैवके लिये आपका म हायक होजायगा उसने अपनी कन्याकेही स्नेहसे आपको बुलाया है इससे आपको अवश्य जाना चाहिये श्रुतधिके यह वचन सुनके सवने कहा कि बहुत ठीक है तब मृगांकन ने कहा कि अच्छा वि
अशोक वृक्ष में अपने डपट्टेसे फ़ांसीलगाई इतने में मृगांकदत्त भी अपने मंत्रियों समेत घोड़ोंपरसे उतर कर और घोड़ोंको वृक्षों में बांधके, पार्वतीजीके, मन्दिर के निकटगया वहां कुछ दूरसे विमलबुद्धि ने शशां कवतीको देखकर मृगकदत्तसे कहा कि हे स्वामी देखिये यह कोई कन्या फांसीलगाकर मरना चाहती है उसके वचन सुनके मृगांकंदत्तने उसे देखकर कहा कि क्या यह साक्षात रति है। या चन्द्रमाकी साका•रकान्तिहै अथवा कामदेवकी चलनेवाली आज्ञाहै या कोई अप्सराहे परन्तु इनमें से यह कोई भी नहीं है नहीं तो फ़ांसी क्यों लगाती इससे वृक्षोंकी आड़ में क्षणभर ठहरके देखना चाहिये कि यह कौन है यह कहके जैसेही मृगांकदत्त मंत्रियों सहित वृक्षोंकी आडमें खड़ा हुआ वैसेही शशांकवती ने भगवती से यह विज्ञापनों की कि हे भिगवती जो इस जन्म में प्राक्तनं पापोंके कारण, राजपुत्र मृगांकदंत मेरा, पसि नहीं हुआ तो तुम्हारी कृपासे अन्य जन्ममें अवश्यहोया यह विज्ञापना करके जैसेही उसने अपने गले में फांसील गाई वैसे ही जगकर, सखियों ने उसे वहां, न देखकर ढूंढ़नेके कारण वहां आके उसे फांसीलगाते देखा और देखकर जल्दीसे फांसीको तोड़के उससे कहा कि है सखी यह तुम क्या साहसकरतीहो उससमय पार्वतीजीक़े मंदिरसे यह शब्द सुनाईदिया कि हे पुत्री खदमत करो मैंने जो वचन तुमसे स्वभ में कहे हैं वह मिथ्या नहीं हो सक्के वह मृगांकदत्त तुम्हारे निकट आगया है इसके साथ जाकर तुम, सम्पूर्ण पृथ्वीकाः राज्यभोंगो इस शब्दको सुनकर शशांकवती चकित होकर जैसेही इधर उधर देखनेलगी, वैसे ही मृगांकदत्तके मंत्री विक्रम केशरीने उसके पास जाकर कहा कि हे राजपुत्री भगवतीके वचन यथायहैं देखो तुम्हारे-प्रेमरूपी पांशोंसे बँधा हुआ मृगांक़दत्त यहीं खड़ाहै उसके वचन सुनकर शशांकवेती नक्षत्रों के बीच में चन्द्रमा के समान मंत्रियों के बीच में मृगांकदत्त को देखकर निश्चल होगई और उसके शरीरमें रोमांचहोआये तवे मृगांकदत्तने उसके निकटजाके यह मधुर वचन कहे कि हे सुन्दरी तुम्हारे गुण मुझे, देश, राज्य तथा वन्धुओंसे छुड़ाकर यहां बांधलाये हैं, वनवास पृथ्वीमें शयन फलाहार तथा धूपका संहना इत्यादि कठिन तपका फल मुझे यह मिला जो नेत्रों में अमृत के समान आनन्ददायी तुम्हारारूप मैंने देखी हेमृगनयनी जोंमुझपर तुमको, स्नेहहै तो हमारे साथ चलकर हमारे पुरकी स्त्रियों के नेत्रों को सुख दो यह युद्धशान्तहोय जिससे दोनों पक्षोंका कल्याणहोय और हे प्रिये तुम्हारे संयोग मेरा जन्म संफलहोय मृगांकदत्त के यह वचन सुनकर शशांकवतीबोली कि हे आर्य पुत्र यहजन तो आपके स्वाधीनही है इससे जिसमें आप कल्याण देखो सो करो उसके यह वचन सुनके मृगांकदराने भगवतीको प्रणाम करके उसको अपने घोडेपर वैठा लिया और मंत्रियोंने उसकी सखियोंको अपने क घोड़ोंपर बैठाललिया इसप्रकारसे संखियों सहित, शशांकवतीको लेकर मृगांकदत्त अपने मंत्रियोसमेत वहांसे चला पुररक्षक लोग उसे जाते देखकरंसी न रोकसके और वह उज्जयिनीसे निकलकर, श्रुतथि के कहनेके अनुसार मायाबटुके यहां चलागया यहाँ उज्जयिनी में यह कौनयें और कहांगये इसप्रकार रक्षकोंके कोलाहलहोने पर यह मालूमहुआ कि. शशांकवतीको कोई हरलेगया यह संग्राचार कहने के लिये रानीने नगराध्यक्षको राजा कर्मसेनके पास भेजा इतने में रात्रिके समय कटकर्मे राजा कर्मसेनसे..
शोभित हुई मार्ग में क्रमसे चलते २ किरातराज शक्तिरक्षित के यहां वह पहुंचा और उसके यहां एक दिन रहकर उसकी दीहुई भेटलेके वहांसे चलकर अयोध्यापुरी में आया उससमय बहपुरी झरोखों के द्वारा देखती हुई पुराङ्गनाओं के मुखारविन्दों से प्रफुल्लित कमलवाली उनके चंचल नेत्रोंसे कंपित कोकावेलीवाली और पताकारूपी तरंगवाली नदी के समान शोभित हुई शशांकवती को देखकर संपूर्ण पुरवासियों ने कहा कि जो समुद्र तथा हिमालय इस शशांकंवती को देखें तो उन्हें अपनी लक्ष्मी तथा पार्वतीजीके अत्यन्त रूपवती होनेका अभिमान दूरहोजाय सम्पूर्ण पुरवासियों के नेत्रोंको मानन्ददेकर राजा अमरदत्त सम्पूर्ण परिकर सहित अपने मंदिरमेंगया और वहदिन बड़े उत्सवसे व्यतीत करके दूसरे दिन उसने ज्योतिषियों से लग्नका निश्चयकराके विवाहकी सम्पूर्ण सामग्री इकट्ठी कराई दिशाओं से हुए स्लोंसे वहपुरी ऐसी पूर्णहुई कि अलकाभी उससे न्यूनहोगई इसके उपरान्त कुछ दिनोंमें सभानें व ठेहुए राजा अमरदत्त से द्वारपालने आकर कहा कि हे स्वामी भिल्लराज गावाबटुका दूत दारपर खड़ा है राजाने कहा बहुत अच्छा उसे आने दो बारपाल से आज्ञापाकर उसदूत ने राजाके निकटं आके प्रणामकरके कहा कि हे स्वामी राजपुत्र सुपेण और किरातराज मायावटु अयोध्या की सीमापर आकर स्थित हुएर्हे दूतके वचन सुनकर राजा अमरदत्त ने मृगांकदत्त को तथा अपने सेनापतिको उनके लेने के लिये भेजा मृगांकदत्त जाकर उन दोनों को बड़े आदरपूर्वक अपने स्थपर चढ़ाके लिवालाया सुषेण राजमंदिर में आकर पहले राजा अमरदत्तसे मिला और फिर अपनी वहिन शशांकवती के पास गया शशांकवती उठकर उसे अपने गलेसे लगाके आंसूभरके लज्जासे नीचेको मुखकरके खड़ी हो गई तत्र सुपेण ने उसे वेडालकर उससेकहा कि हे वहिन तातने तुमसे कहा है कि हेपुत्री तुमने अनुचित नहीं किया मुझे अव मालूमहुआ है कि भगवतीने तुमसे स्वप्न में कहा है कि मृगांकदत्त तुम्हारा पतिहोगा इससे जो तुमने अपने पतिकी आज्ञामानी यह बहुतहीउचितकिया सतीनियों का यही परमधर्म है उसे इसप्रकार समझाकर सुपेणने राजा अमरदत्तको ढाईहजार मन सोना साढ़े वारहसौ गन स्वजटित आभूपण तथा अन्य सुवर्णगय बहुतसे पात्रदेकर कहा कि यहसव शशांकती का निज धनहै और जो कुछ मेरे पिताने धन दियाहे वह विवाहकेसमयमें मंदूंगा तदनन्तर भृगांकत के साथ सुखपूर्वक वहीं रहा लग्न कादिन प्राप्तहोने पर शशांकवती तथा गृगांकदत्त स्नान करके तथा दिव्य आभूषण चलादि पहन कर वेदी पर बैठे उससमय सपेगने शशांकवती का हाथ संकल्पकर मृगांक दचके हाथ में देदिया गणिग्रहण के उपरान्त प्रथम लाजाहवन में सुपेलने पांचहजार घोड़े पांचमहाथी पांचसौगन सुवर्ण और अच्छेवल आभूषण तथा खोंसे लदी हुई नच्चेहथिनीदीं और इमीकम मे द्विगुधन हर एकलाजाहवन में दिया इसप्रकार विवाह विधिके होजानेपर राजा समरदर्शने अपनी संपूर्ण जाओ हाथी घोड़े रन आभूषण तथा यत्र दिये और शशांवती मृगांकत सुषेण तथा सम्पूर्ण राजालोगोंके साथ भोजन करके नृत्य तथा गानादि वह दिन बड़े सुखपूर्वक व्यतीत किया उत्सव के समाप्त होनेपर मानों सूर्य भगवान्भी उस उत्सवको देख वककर अपने अस्तावलपर बैठ गये मेव्या
।सरित्सागर भाषा ।
वाह करने को तो मैं वहां जाऊँगा परन्तु माता-पिता के विना मुझे विवाह नहीं चता इससे कोई मेरे माता पिताके बुलानेकों जाय उनका अभिप्राय, जानकर जैसा उचितहोगा सो किया जायगा यह कहकर उसने, भीमपराक्रम नाम मंत्री को अपने पिता के पास भेजा इसबीच में मृगांक दत्त का पिता राजा -अमरदत्त, अयोध्यापुरी में लोगोंके द्वारा यह जानकर कि विनीतमंतिः मंत्रीने झूठा दोष लगाकर गां कदत्तको निकलवा दिया है। उसे कुटुंब सहित मरवाकर शोक रानियों समेत नन्द्रिग्राम में इमेलमा वहां बहुत दिनतक उसके रहते भीमपराक्रम अयोध्या में आया और भयोध्याको उदासीन देखकर यह जानके कि राजा नन्दिग्राम में रहता है वहीं जाकर राजाके पैरोंपर गिरा उसे गले से लगाकुरराजा अमरदत्तने आंसूभरके पूछा कि कहो मृगांकदत्त कुशलपूर्वक है उसने कहा कि हे महाराज मृगांक दत्तने अपनेही पराक्रम से राजा कर्मसेनकी शशांकवती कन्यापाई, आपके विना वह विवाह ना उचित, नहीं समझता है इससे उसने आपके बुलाने के लिये मुझे भेजा हैः वह भिल्लराज, मायविटुके यहां आपकी प्रतीक्षा कर रहा है यह कहके उसने मृगांक दत्तका सम्पूर्ण वृत्तान्त कहदिया अपने पुत्रकेला न्तको सुनकर राजा अमरदत्त अपनी रानी तथी, सम्पूर्ण सेनाको साथ लेकर अपने पुत्र प्रासचला और थोड़ेही दिनों में मायाव के पुरके निकट पहुंचया मृगांकदत्त अपने पिताका आगमन जानकर अपने मित्र तथा मंत्रियों सहित पुरके बाहर आकर उसके पैरोंपर गिरा अमरदत्तने उसे पैरोंपर से उठाकर अपनी छातीसे, लगालिया और उसकी मातानेभी, उसे छातीसे लगाकर बहुत दिन के वियोमके कारण उसे बड़ी देरमें छोड़ा मृगांकंदत्तेके मित्रोंने भी अमरदत्तको प्रणाम किया तदनन्तर राजा अमरदत्त मायाबटु के पुरमें जाकर वहां प्रणाम करती हुई अपनी शशांक्रवती बहूको देखके अत्यन्तं प्रसन्नहोफे उसे लेकर पुरके वाहर डेरे, डालकर वहीं टिका वहां सम्पूर्ण राजा तथा अपने पुत्र के साथ भोजन करके उसने बड़े उत्सवसे वह दिन व्यतीत किया और मृगांकदत्तको भावीचक्रवर्ती जानकर अपने जन्मको सफलमाना इंतनेमे॑ राजाकर्मसेन ने इतकेद्वारा मृगांकदत्तकेपास यह संदेशाभेजा कि जो आाप उज्जयि नीको नहीं आनाचाहते हो तो मैं अपने पुत्र सुपेणकोही आपकेपास भेजताहूं वही आकर अपनी बहिन का आपकेसाथ, विधिपूर्वक व्याहकरदेगा इससे जो आपको मे रेसाथ कुछ स्नेहरखनाहोय, तो मेरी कन्या केसाथ अविधि विवाह न करना इस संदेशको, सुनकर राजा अमरदत्तने दूतसेकहा कि राजा कर्मसेनसे हमको बड़ा स्नेहहै वह अपने पुत्रको भेजे हमवही कार्य करेंगे जिसमें उसकी प्रसन्नता होगी यह कहके द्रुत को विदाकरके अपने पुत्रसे श्रुतधि से तथा अन्य किरातराजोंसे कहा कि अब में अयोध्याको जाताई क्योंकि विवाहकी शोभा ब्रहींहोगी और सुपेणुका सत्कारभी यथायोग्य, वहीं बनेगा राजा-म अभी यहांउहरे वह सुपे को लेकर पीछे से आवे में आगे चलकर विवाहकी सम्पूर्ण सामग्री इकठ्ठी रूंगा उसके वचन सत्र स्वीकार करलिये तत्र दूसरे दिन राजा अमरदत्त शशांकवर्ती, अपनी मंत्री, मृगांकदत्त, सम्पूर्णमंत्री संवसेनां तथा सम्पूर्ण किरातराज़ इनसबको साथ लेकर चला उससमय सेना की धूलिसे ओंकारा, पृथ्वी केसमान, और गर्जते हुए हाथी रूपी मेघोंसे व्यासथ्वी के समान
मृगांकढचके राज्यसमयमें दुर्मिक्ष, चोर, तथा थकालमरणादिक दुःख केवल कथाओं मेंही सुनाई देतेथे सम्पूर्ण प्रजा उसे अपने पिता के समान देखतीथी और वह सबको पुत्र के समान देखताया इसप्रकार सम्पूर्ण प्रजाओं को सुखी करके मृगांकदत्तने अपने मन्त्री और शशांकाती के साथ बहुतकाल तक आनन्दपूर्वक राज्य किया मलयाचलके वनमें नरवाहनदत्तसे इस कथाको कहके पिशंगजट मुनि ने फिर कहा कि हे युवराज जैसे बहुत क्लेश सहकर शृगांकदत्तको शशांकवती, मिलीथी इसीप्रकार तुम्हें भी मदनमंचुका मिलजायगी पिशंगजटके इन वचनोंको सुनकर नखानदत्त मदनमंचुका की प्राप्ति के लिये अपने चित्त में धैर्य करके उनसे आज्ञा लेकर उस ललितलोचना विद्याधरी को ढूंढ़नेलगा जो उसे वहां लेगईथी २४५ ।।
इतिश्रीकथासरित्सागरभाषायांशशांकवतीलम्बकेपट्त्रिंशस्तरंगः ३६ ॥ शशांकवतीनामवारहवांलम्वकसमामहुआ ।।
मदिरावतीनामत्रयोदशोलम्बकः ।।
सवोविघ्नेश्वर पायान्त्रमितोन्नमितेवयम् । अनुनृत्यतिनृत्यन्तंसंध्यामुभुवनावली । गोरीप्रसाधनालग्नचरणालक्लकश्रियः । सखीमुखायभूयाःशंभोर्भालेक्षणप्रभा ॥ कवीन्द्रमान मांभोजनिवासभ्रमरीन्नुमः । देवींसहृदयानन्दशब्दमूर्तिसरस्वतीम् ॥
इसके उपरान्त मदनमंचुका के बिना बिरहसे व्याकुल नखाहनदत्तको मलयाचलके सुन्दर चनोंग पड़ा क्लेशहुआ भ्रमरोंकी पंक्ति रूप प्रत्यंचासे युक्त आग्रके चौर रूपी कामके धनुफ्को देखके उसके हृदय में बड़ा कम्पहुआ कामदेवके क्रोधयुक्त वचनोंके समान कोकिलाओंका मधुर शब्दभी उसके कानों में दुस्सहद्दुआ पुप्योंकी धूलिसे युक्त मलयाचलकी शीतल वायु कामाग्निके समान इसके अंगको संनाप करनेवाली हुई उस चनमें बहुत विकल होकर वह वहांसे गंगाजीकी और गये हुए मार्गके निकट एक तढ़ागके तटपर गया वहां एक वृक्षके नीचे दो सुन्दर ब्राह्मण कुछ वार्तालाप कररहेथे वह दोनों वा हनदत्तको देखके कामदेव जानकर सढ़े होकर हायजोड़के वाले कि हे भगवन् कुसुमायुध आप अपने पुष्पोंके धनुषको छोड़के रनिके बिना अकेले कहां भ्रमण करते हैं उनके वचन सुनकर वादने
के साथ सूर्य भगवान्को गये देखकरं दिनकी लक्ष्मी भी मानों पक्षियों के शब्दरूपी कोलाहल को करके उन्हींके पीछे चलीगई और रात्रिरूपी अभिसारिका (जो स्त्री छिपकर अपने प्रियके संकेतको जाती हो ) अन्धकाररूपी काले वस्त्रोंको पहरकर आई कामकी लताके नवीन पल्लवरूपी चन्द्रमासे पूर्वदि शाका मुख प्रकाशित हुआ उससमय मृगांकदत्त संध्योपासन करके शशांकवती के साथ शयन स्थान में गया वहां मुखफेरकर लेटी हुई शशांकवतीको उसने चुंबन तथा आलिंगनसे लज्जारहित करके उसे अपने सम्मुख किया और उसके साथ आनन्दपूर्वक संभोग किया वह रात्रि रतिके आनन्दही में व्यतीतहोगई उससमय वन्दीजनोंने यहकहकर उसे जगाया कि स्वामी रात्रि व्यतीत हुई अव शय्याको त्यागकीजे रात्रिके अन्तको सूचित करनेवाली शीतलवायु चल रही है. चन्द्रमा के साथ सहसा गई हुई रात्रिरूपी स्त्रीके टूटे हुए हारके मोतियोंके समान ओसके विन्दु दूत्रकी पत्तियोंपर शोभायमान होरहे हैं हेराजपुत्र देखिये जिन भ्रमरों ने चन्द्रिकामें प्रकाशित कोकावेलियोंपर बैठकर रात्रिभर मधुपान किया है वही भ्रमर अब उन कोकाबेलियोंको संकुचित देखकर अन्य स्थानोंको चलेजारहे ठीक ही है मलि - नलोग आपत्तिमें किसीके साथी नहीं होते कामदेवने रात्रिको सूर्य की किरणोंसे युक्तहोते देख के उस का चन्द्रमारूपी तिलक तथा अंजनरूपी अन्धकार धोडाला वन्दियोंके यहवचन सुनकर मृगांकदत्तने उठके स्नानपूर्वक संध्योपासनादि नित्यकृत्य किया इसप्रकार बहुतदिनोंके व्यतीत होनेपर राजा अमरदत्तने बहुतसे हाथी घोड़े आभूषण वस्त्र तथा रूपवती सौस्त्री सहित एकसुन्दरदेश सुषेणको दिया और मायावटु शक्तिरक्षित दुर्ग पिशाच श्रुतधि ब्राह्मण तथामृगांकदत्तके दशोंमंत्री इन सबकोभी घोड़ेहाथी सुवर्ण वस्त्र तथा रत्नसहित एक २ देश दिया. इसके उपरान्त विदेशी लोगों को विदाकरके सुखपूर्वक राज्यभोगनेलगा और मृगांकदत्त भी अपने मंत्रियों और शशांकवती के साथ सुखभोगनेलगा कुछकाल व्यतीतहोनेपर राजाअमरदत्तके कानों में मानों यह कहने के लिये कि चाप ऐश्वर्यका समय भोगचुके अब शान्तिका समय आया है वृद्धावस्था कानोंके निकट आई तब राजा अमरदत्तने अपने मंत्रियों से कहा कि मेरी अवस्था व्यतीतहोगई यमराजकी दूतीरूप वृद्धावस्थाने मेरे वाल पकड़लिये हैं इससे अव भोगों की तृष्णा छोड़नी चाहिये अवस्थाके साथही साथ लोभभी बढ़ताजाताहै यह नीचपुरुपोंकीबातें हैं सत्पुरुषों में यहवात नहींहोती इससे में सब प्रकारसे समर्थ होनेवाले मृगांकदत्तको अपना राज्यदेकर रानी सहित किसी तीर्थपर जाकर तपकरूंगा अब मेरी यही शोभा है उसके यह योग्य वचन रानी ने तथा सत्र मंत्रियों ने स्वीकार करलिये तब उसने ज्योतिषियोंको बुलाकर शुभलग्न पूछ के राज्याभिषेक की संपूर्ण सामग्री मँगाके तीर्थके जलोंसे तथा अपने आनन्दके अश्रुजलों से अभिषेक करके मृगांकदत्तको सत्र राज्य देदिया और सातदिन तक बड़ा उत्सवाकिया आठवेंदिन वह अपने मंत्री तथा रानी को साथलेकर काशीपुरीको चलागया और वहां त्रिकाल शिवपूजनपूर्वक तप करनेलगा मृगांकदत्त भी राज्यको पाकर अपनेमंत्री श्रुतधि ब्राह्मण कर्मसेनादिक राजा तथा मायावद आदिक किरात राजाभों को साथलेकर सप्तदीपवती पृथ्वीका दिग्विजय करके धर्मपूर्वक संपूर्ण पृथ्वी का राज्य करनेलगा
से उपाध्यायके यहां मदिरावतीने तुमको देखाहे उसदिनसे भोजन क्रीड़ा संगीत आदि किसी पदार्थ में भी उसका चित्तनहीं लगता केलेकेपत्ते चन्दनकालेप तथा चन्द्रमाकी शीतल किरणोंसे भी उसे सन्ताप होता है और कृष्णपक्षकी चन्द्रमाकी कलाके समान उसका शरीर प्रतिदिन क्षीण होता जाताहे केवल तुम्हारे विषयकेही वार्तालापोंसे उसको आनन्द होता है इससे अब ऐसाकरो जिससे उसका म. नोरथ सफलहोय नहीं तो उसका जीवन कठिन है उसके वचनसुनके मैंने कहा कि में तुम्हारे आधीन हूं जैसा उचित समझो वैसाकरो मेरे वचनसुनके वह प्रसन्नहोकर चलीगई और मेंभी अपने चित्तमें कुछ धैर्ययुक्त हुआ दूसरेदिन उज्जयिनी से आयेहुए एक महाधनवान् क्षत्रीने मदिरावती के पितासे मदिरावती के लिये यात्राकी उसके पिताने उसकी प्रार्थना स्वीकार करली इस समाचारको सुनकर में स्वर्गसे गिरेहुए वज्रसेहतहुए तथा भूतसे ग्रस्त हुए के समान बहुत कालतक मोहितरहा फिरसावधान होकर मैंने शोचा कि अभी व्याकुलहोने से क्या प्रयोजनहे देखो अन्तमें क्याहोता है इसप्रकार धैर्य करके में महाकष्टसे दिनव्यतीतकरनेलगा इतने में लग्नका निश्चयहोगया और लग्नकेदिन बड़ेठाटवाट और तैयारीसे वह वर उसके यहांआया यहदेखकर मैंने मदिरावतीसे निराशहोकर और मरणकेदुःखसे भी विरहके दुःखको कठिन जानके नगरी के वाहरजाके एकवरगदके वृक्षमें उसीकी जटावांधके गले में फांसीलगाली फांसीलगातेही मेरी चेतना जातीरही क्षणभरमै फिर चैतन्यहोकर मैंने अपने को उसीवृन के नीचे एकयुवा पुरुपकी गोदी में लेटे हुए देखा उसे अपना रक्षकजानके उससे मैंनेकहा कि हे महासत्त्व आपने तो बड़ी कृपालुता प्रकटकी परन्तु मुझविरहीको जीवनकी अपेक्षा मृत्यु अन्चीमालूमहोती हे मुझे चन्द्रमा अग्निके समान आहार विपके समान मधुरगीत कटुभाषणके समान उपवन वन्दीगृह के समान पुष्पोंकीमाला चाणके समान औरचन्दनादिक लेप अंगारोंके समान मालूमहोताहे हेमित्र ऐसे क्लेशित वियोगियोंको जीवन में क्या सुखड़े यहकहके मैंने उसे अपना सववृत्तांत सुना दिया तव वह साधू मुझसे बोला कि जिस आत्माके लिये यहसंपूर्ण यवर्हे उसके त्यागकरने में क्या फलहे सुनो इस विषयपर में अपनाही वृत्तान्त तुमको सुनाता हूं हिमालय, नामपर्व्वत पर निपधनाम महापवित्र देश है उस देशके निवासी शीलतनाम ब्राह्मण का में पुत्र हूं देशान्तरों के देखने के कौतुक से में अपने देशसे चलकर भ्रमण करताहुआ और अनेक उपाध्यायों को देखताहुआ यहां से कुछ दूर पर शंखपुरनाम नगरमें पहुंचा जहां शंखपालनाम नागराजका शंखहृदनाम बड़ा निर्मलतड़ागहै उस पुरर्गे एक उपाध्यायके यहां जाकर में रहनेलगा एकसमय किसी पर्वकेदिन में उसीतड़ागमें स्नानक रनेको गया वहां स्नानकरके उस तदागके दक्षिण ओर बहुतसे वृक्षों का समूह मैंने देखा तमालरूपी ' धुमे, टेनरूपी अंगारोंमे और प्रफुल्लित अशोकरूपी ज्वालाओंसे वह वृक्षोंका समूह श्रीशिवजी के नेत्रकी अग्निमे जलते हुए कामदेव के समान शोभितया वहां एक कन्या पुष्प तोदरहीयी पुष्पों के तोड़नेकेलिये हाथके उठाने के कारण उसका एकपयोधर कुछ २ लक्षित होरहाथा उसकी शिरकीचोटी ऐसी शोभितहोरही थी कि मानों सुखरूपी चन्द्रमाके भय से अन्धकार शरणमें आयाथा देखनेदी वह
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भाजपा, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर हमला करने के लिए शाहीन बाग़ में नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ क़रीब दो महीने से चल रहे प्रदर्शन का इस्तेमाल कर रही है. यह मुद्दा न सिर्फ भाजपा के स्थानीय नेता उठा रहे हैं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत हर भाजपा नेता शाहीन बाग़ के प्रदर्शन के नाम पर दिल्ली के मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश करते दिखे हैं.
नई दिल्लीः देश की राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार समाप्त हो चुका है. इस चुनाव में जहां सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) ने स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ने की कोशिश की है, वहीं भाजपा का पूरा जोर राष्ट्रीय मुद्दों पर रहा और उसने बहुत ही आक्रामक रवैया अपनाया. हालांकि, कांग्रेस ने इस चुनाव में अन्य राज्यों की ही तरह स्थानीय मुद्दों के साथ राष्ट्रीय मुद्दों को प्रमुखता से जगह दी है.
भाजपा ने आप और कांग्रेस पर हमला करने के लिए शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ करीब दो महीने से चल रहे धरना प्रदर्शन का इस्तेमाल किया. यह मुद्दा न सिर्फ भाजपा के स्थानीय नेताओं ने उठाया बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के साथ सभी केंद्रीय मंत्री अपनी हर रैली, सभा में इसका इस्तेमाल किया.
क्रोनोलॉजी समझने की कोशिश करें तो 22 जनवरी को राज्यसभा सांसद विजय गोयल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए शाहीन बाग को दिल्ली की सुरक्षा के लिए खतरा बताया. अगले ही दिन पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक वीडियो को आधार बनाते हुए शाहीन बाग में धरने पर बैठी हुई प्रदर्शनकारियों पर 500 रुपये लेकर देश को बदनाम करने का आरोप लगाया.
24 जनवरी को शाहीन बाग के धरने का उल्लेख करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि लोगों को 'जिन्ना वाली आजादी' और 'भारत माता की जय' में से किसी एक नारे को चुनना होगा.
25 जनवरी को संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जेएनयू छात्र शरजील इमाम के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि यह किस तरह की जिहादी विचारधारा है जिसमें हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनों और ईसाइयों के लिए कोई जगह नहीं है?
संबित पात्रा ने वीडियो साझा करते हुए लिखा था, 'दोस्तो, शाहीनबाग की असलियत देखें. वीडियो में कहा जा रहा है कि असम को इंडिया से काटकर अलग करना हमारी जिम्मेदारी है. ' इस वीडियो को साझा करने के तुरंत बाद संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
इस दौरान संबित पात्रा ने कहा था 'शाहीन बाग में जिस प्रकार की बातें हो रही हैं, उसे दिशाहीन बाग कहना चाहिए. दिशाहीन बाग क्या, तौहीन बाग कहना चाहिए. ' हालांकि, बाद में खबर ये आई कि शरजील का जो वीडियो संबित पात्रा ने शाहीन बाग से जोड़कर शेयर किया था, वो दरअसल अलीगढ़ का था.
25 जनवरी को ही पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था कि भाजपा एक ऐसी राष्ट्रीय राजधानी सुनिश्चित करेगी जिसमें कभी कोई शाहीन बाग नहीं होगा. 27 जनवरी को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केजरीवाल और उनके मंत्री शाहीन बाग के लोगों के साथ खड़े हैं लेकिन प्रदर्शन से प्रभावित लोगों के लिए अपने कान बंद कर लिए हैं.
28 जनवरी को पश्चिमी दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि अगर शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी विरोधी प्रदर्शन जारी रहने दिया गया तो दिल्ली में कश्मीर जैसे हालात पैदा हो जाएंगे, जहां पर प्रदर्शनकारी घरों में घुस कर प्रदर्शनकारी बहन-बेटियों का रेप करेंगे.
वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया कि वहां पर संसद हमले के दोषी अफजल गुरु के समर्थन में नाए लगाए गए. 2 फरवरी को दिल्ली के रोहतास नगर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था कि अगर दिल्ली को सजाना है, संवारना है तो फिर तो भाजपा को वोट दें और अगर ऐसा होगा तो शाहीन बाग पर साफ-साफ असर पड़ेगा.
अमित शाह ने कांग्रेस और आम आदमी पर दिल्ली में दंगा करने, हिंसा फैलाने और लोगों को उकसाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने साफ शब्दों में लोगों से अपील की है कि दिल्ली में शांति और शाहीन बाग के खात्मे के लिए भाजपा को वोट दें.
भाजपा ने सोमवार 3 फरवरी को ही 'शाहीन बाग में कौन किधर कैंपेन' शुरू किया है. इस अभियान के तहत भाजपा के नेता आम आदमी पार्टी और लोगों से ये पूछेंगे कि वे शाहीन बाग के समर्थन में हैं या फिर विरोध में.
4 फरवरी को दिल्ली के उत्तम नगर में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के स्टार प्रचारक और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाहीन बाग का जिक्र करते हुए आरोप लगाया कि इसने पूरी दिल्ली में ट्रैफिक ब्लॉक कर दिया है.
विधानसभा चुनाव का प्रचार ख़त्म होने तक गृहमंत्री अमित शाह समेत अनुराग ठाकुर, स्मृति ईरानी, प्रकाश जावड़ेकर, हरदीप पुरी, हर्षवर्धन और योगी आदित्यनाथ और कई भाजपा नेता आप और कांग्रेस पर शाहीन बाग में प्रदर्शन आयोजित कराने और उसकी फंडिंग करने का आरोप लगा चुके हैं.
कांग्रेस ने खुले तौर पर प्रदर्शनकारी महिलाओं का समर्थन किया है. हालांकि, राजनीतिक विश्लेषक इससे कांग्रेस के वोट प्रतिशत में कोई खास फर्क पड़ते हुए नहीं देख रहे हैं.
आम आदमी पार्टी शाहीन बाग में चल रहे धरना प्रदर्शन के तो समर्थन में है लेकिन उसके छोटे से लेकर बड़े सभी नेताओं ने अब तक धरनास्थल से दूरी बनाए रखी है. चुनाव प्रचार की शुरुआत में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक न्यूज चैनल से कहा था कि वे प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े हैं लेकिन पार्टी का कोई बड़ा नेता धरना स्थल पर नहीं गया. केवल इलाके के विधायक अमानतुल्लाह खान नियमित तौर पर वहां दिखते रहे हैं.
नीरजा चौधरी कहती हैं, 'अभी तक अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की सरकार ने जो किया है वो दिल्ली के लोगों को अच्छा लगा है और लोग बोल रहे थे कि हम वोट देंगे क्योंकि बिजली, पानी, स्कूल, मोहल्ला क्लीनिक उनको पसंद आया. जनता उन्हें एक और मौका देना चाहती है.
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जयपुर। जयपुर में नाबालिग लड़की से पड़ोसी के युवक द्वारा दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घर आने-जाने के दौरान आरोपी ने रास्ते में पकड़कर उसके साथ छेड़छाड़ की। परिजनों से शिकायत करने पर आरोपी ने नाबालिग को धमकाया। पिता ने बेटे को समझाने के बजाय नाबालिग लड़की के परिवार से ही झगड़ा कर लिया। पीड़िता की मां ने आरोपी युवक के खिलाफ रामगंज थाने में मामला दर्ज कराया है.
पुलिस ने बताया कि रामगंज निवासी एक महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। उसकी 12 वर्षीय बेटी के साथ पड़ोस में रहने वाला एक युवक दुष्कर्म करता है। आरोप है कि 21 वर्षीय युवक नाबालिग बेटी के पीछे-पीछे घर से लेकर आंदोलन तक करता रहा। रास्ते में पकड़ लिया और छेड़खानी की। घर आने-जाने में परेशान होना। परेशान होकर नाबालिग बेटी ने आपबीती अपने परिजनों को बताई। परिजन समझाने के लिए आरोपी के घर पहुंचे। आरोपी ने पिता को बेटे की करतूत के बारे में बताया। उसके पिता ने समझाने के बजाय कहा कि मेरा बेटा भी ऐसा ही करेगा।
18 फरवरी की शाम करीब 7 बजे नाबालिग बेटी को फिर गली में आरोपितों ने पकड़ लिया। छेड़ने के साथ-साथ गंदी-गंदी बातें भी की। धमकी दी कि तुम अपने माता-पिता को हम दोनों के बारे में क्यों बताते हो? रोते हुए घर पहुंची नाबालिग बेटी ने फिर परिजनों को आरोपी पड़ोसी युवक की करतूत के बारे में बताया. इससे नाराज परिजनों ने थाने पहुंचकर आरोपित युवक के खिलाफ तहरीर दी है। पुलिस ने छेड़छाड़ व पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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कुछ ही समय में 3 हार्डकोर नक्सलियों (Naxalites) की कोरोना और फूड प्वाइजनिंग की वजह से मौत हो गई है और 5 से ज्यादा नक्सली कमांडरों की हालत गंभीर है।
कुछ ही समय में 3 हार्डकोर नक्सलियों (Naxalites) की कोरोना और फूड प्वाइजनिंग की वजह से मौत हो गई है और 5 से ज्यादा नक्सली कमांडरों की हालत गंभीर है।
दंतेवाड़ाः छत्तीसगढ़ में नक्सलियों (Naxalites) पर कोरोना का कहर बरस रहा है। कई नक्सली कोरोना संक्रमित हैं और कई की इस महामारी की वजह से मौत हो चुकी है।
खबर है कि कुछ ही समय में 3 हार्डकोर नक्सलियों (Naxalites) की कोरोना और फूड प्वाइजनिंग की वजह से मौत हो गई है और 5 से ज्यादा नक्सली कमांडरों की हालत गंभीर है।
ऐसे में एसपी डॉ अभिषेक पल्लव ने बीमार नक्सलियों से अपील की है कि वे पुलिस के सामने सरेंडर कर दें, पुलिस उनका इलाज करवाएगी।
जिन नक्सलियों की बीमार होने की खबर मिली है, वे DVCM मेंबर हैं। इनका नाम विनोद, राजेश, सोनी, आकाश व क्रांति है। ये सभी नक्सली बस्तर में तांडव मचाए हुए हैं।
बता दें कि इससे पहले भी खबर सामने आई थी कि 7 से ज्यादा नक्सलियों की मौत हो चुकी है। पुलिस को एक पत्र मिला था, जिसे इनामी नक्सली विकास ने महिला नक्सली सुजाता को लिखा था। इस पत्र में 7 नक्सलियों की मौत की खबर थी।
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शीघ्र ही वह गीत समाप्त हो गया । गायिका कुछ थकी-सी अपने स्थान से पीछे हटने लगी। कमरे में तालियों की गड़गड़ाहट फैल गई । चंद उन व्यक्तियों ने, जिन्होंने अपना मन मुट्ठी में ले रखा था, कुछ दवे और धीमे स्वर से एक और गीत का इसरार किया, लेकिन कहीं से अपना समर्थन न पा, खिसियाई दृष्टि से इधर-उधर देख, उन्होंने ज़ोर-ज़ोर से तालियां बजाना आरम्भ कर दिया ।
मुरली का देवर 'मास्टर ऑफ सेरिमनीज़' था । इस कलात्मक कार्यक्रम का आयोजन उसीके वल बूते पर हुआ था । गायिका महोदया के उस छोटे-से मंच से उतरते ही, वह मंच पर आ गया और आकाशवाणी तथा रेडियो सीलोन के मिले-जुले अंदाज में लच्छेदार शब्दों में गायिका के रूप और स्वर की प्रशंसा करता हुआ उन्हें गीत प्रस्तुत करने के अपार कष्ट के लिए धन्यवाद देने लगा। इस झोंक में यह वात उसके दिमाग से बिलकुल ही उतर गई कि उसे अगले के बारे में भी सूचना देनी है। अगले आम की कलाकार, अपने पैरों में घुंघरू बांधे वगल के कमरे में खड़ी अपने नाम और अपने नृत्य की घोषणा सुनने की प्रतीक्षा में बेचैनी के साथ उवासियां लेने लगी । पीछे खड़ा तबलावादक, अपने कला प्रदर्शन के लिए प्रत्यधिक आतुर हो उठा और अपने उत्साह को न रोक पाने के कारण सामने रखे तवलों पर थाप देने लगा । चौंककर
नर्तकी ने पीछे मुड़कर तबलावादक को देखा और इस क्रिया में उसके चंद घुंघरू 'रुनभुन' कर उठे । ये स्वर ड्राइंग रूम तक पहुंच गए । मुरली जैसे सोते से जागी और अपनी जिम्मेदारियों का एहसास करती हुई, अपनी जगह से उठ लपककर अपने देवर के पास आई और उसके कान में खुस-पुस करने लगी। देवर की तन्मयता भंग हुई और में उसे ध्यान आया कि नृत्य प्रस्तुत करनेवाली कलाकार को भी तो वह इतनी ही खुशामद के वाद यहां तक लाने के लिए तैयार कर सका है । गानेवाली कलाकार की इतनी प्रशंसा सुन नृत्य प्रस्तुत करनेवाली कलाकार के नन्हे से ईर्ष्यालु मन पर कितना भोषण 'असर' हो रहा होगा; और क्या इस 'असर' का 'असर' उनके नृत्य पर नहीं पड़ेगा ?..
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अपनी क्षमताओं के अनुसार, रेजिमेंट जिले की दो संयुक्त सेनाओं की जरूरतों को पूरी तरह से पूरा करने में सक्षम होंगे।
"सैन्य इकाइयां मिश्रित सिद्धांत के अनुसार बनाई जाती हैं, जिसमें लगभग 50% कर्मचारी अनुबंध के तहत काम करते हैं। कई सैन्य कर्मियों को इकाइयों के कनिष्ठ तकनीकी विशेषज्ञों, पहिया वाहनों के चालकों, ऊष्मा इंजन के संचालकों के लिए विकिरण रासायनिक और जैविक सुरक्षा (आरबीके) के सैनिकों के प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षित किया गया था। , दक्षिण सैन्य जिले की रिपोर्ट के अनुसार।
नई इकाइयाँ हथियारों और उपकरणों की 400 इकाइयों तक प्राप्त होंगी। प्रेस सेवा के अनुसार, "हथियारों और सैन्य उपकरणों ARS-6KM के विशेष प्रसंस्करण के लिए नवीनतम विकिरण और रासायनिक टोही वाहन RXM-5, AL-14 ऑटोमोबाइल प्रयोगशाला, और एक स्वतः भरने स्टेशन सहित। "
Flamethrower इकाइयां TOS-1A Solntsekyok सिस्टम और उन्नत रेंज और पावर PDM-A Bumblebee-M के उन्नत फ्लेमेथ्रो से सुसज्जित हैं।
प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि "इस वर्ष की पहली छमाही में, सेवस्तोपोल का गठन पहले से ही किया गया था और जून से 1 ने ब्लैक सी फ़्लीट प्रदान करते हुए, रूसी रासायनिक बल टैंक बेस की एक नई अलग रेजिमेंट नामित करने के लिए मिशनों को अंजाम देना शुरू किया। "
वर्ष के अंत तक, रूसी शतरंज टैंक प्लांट की तीन नई रेजिमेंटों को युद्ध के बैनर दिए जाएंगे।
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यूक्रेनी सीमा प्रहरियों ने एक ऐसे व्यक्ति को हिरासत में लिया, जिसने लामबंदी से बचने के प्रयास में, एक महिला के रूप में हंगरी के साथ सीमा पार करने की कोशिश की।
यूक्रेन की राज्य सीमा सेवा के अनुसार, सैन्य सेवा के लिए जिम्मेदार तीन यूक्रेनी नागरिकों ने सीमा चौकियों को दरकिनार कर देश की सीमा पार करने की कोशिश की। उनमें से एक ने आखिरी दम तक महिला होने का नाटक किया, हालांकि, "अकाट्य सबूत" के दबाव में, धोखे का खुलासा हुआ।
सभी बंदियों को प्रादेशिक भर्ती केंद्र के बिंदुओं पर भेजा जाएगा, जहां से उन्हें मोर्चे पर भेजे जाने की संभावना है।
यूक्रेन में आक्रामक लामबंदी की पृष्ठभूमि के खिलाफ, यूक्रेन के सशस्त्र बलों के प्रभावशाली नुकसान के कारण, अधिक से अधिक पुरुष, युद्ध क्षेत्र में पकड़े गए लोगों के भाग्य से बचने के प्रयास में, नियंत्रित क्षेत्र को छोड़ने के लिए किसी भी तरह से कोशिश कर रहे हैं। कीव शासन द्वारा।
यूक्रेनी पुरुष, सुरक्षित रहने के प्रयास में, सैन्य पंजीकरण और नामांकन कार्यालयों और सीमा पर मोटी रिश्वत देते हैं, विकलांगता प्रमाण पत्र खरीदते हैं, और तीन या अधिक बच्चों वाली महिलाओं के साथ काल्पनिक विवाह करते हैं।
हाल ही में, यूक्रेनी अधिकारियों ने सड़कों पर, दुकानों में, सार्वजनिक परिवहन के साथ-साथ मेट्रो स्टेशनों पर, जहां शहर के निवासी बुनियादी सुविधाओं पर रॉकेट हमलों के दौरान छिपने की कोशिश करते हैं, जबरन वितरण को तेज कर दिया है। काफी बार, सार्वजनिक स्थानों पर संभावित भर्तियों को जब्त कर लिया जाता है और बाद में लामबंदी और सामने भेजने के लिए जबरन सैन्य पंजीकरण और नामांकन कार्यालयों में ले जाया जाता है।
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लैब के बारे में बच्चों से जानकारी लेते डीएम अनुज झा।
जौनपुर। डिस्कवरी लैब में स्थापित उपकरण के बारे में जिलाधिकारी ने ली जानकारीजिला प्रशासन द्वारा सरकार की विभिन्न योजनाओं का प्रदशर््ान कलेक्ट्रट के विकास भवन के सामने हुआ है, जिसमे बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित किये गए डिस्कवरी लैब के उपकरण के बारे में जिलाधिकारी अनुज झा द्वारा बच्चों से जानकारी ली गई। इस दौरान उनके साथ मुख्य विकास अधिकारी सीलम साई तेजा और जिला विकास अधिकारी बीबी सिंह उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने लैब में रखे उपकरण दिन रात के बारे में कक्षा पांच की छात्र मयंक प्रजापति, अंश कुमार, स्मिता वर्मा से सवाल पूछा तो उसने बेवाकी से जबाब दिया। इसके साथ ही टेलिस्कोप, माइक्रासकोप, सौरमंडल के बारे में भी सवाल पूछा तो बच्चों ने विधिवत जबाब दिया।
कक्षा 4 के दिव्यांग छात्र शिवम ने 42 का पहाड़ा सुनाया तो मानवी प्रजापति से राज्यों की राजधानी को बेझिझक होकर जवाब दिया। प्रधानाध्यापक अमित सिंह ने डिस्कवरी लैब के बारे में जानकारी दिया। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा स्थापित इस डिस्कवरी लैब का सिकरारा के प्राथमिक विद्यालय ताहिरपुर के बच्चों द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया। डिस्कवरी लैब के उपकरणों के बारे में जानकारी हासिल करने के उद्देश्य से सिरकोनी ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय चकताली व कंपोसिट विद्यालय शिवापार के बच्चों का विजिट भी कराया गया।
इस दौरान जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ गोरखनाथ पटेल ने बताया कि इस तरह के 210 डिस्कवरी लैब स्थापित कराए जा रहे है। इससे बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण स्थापित होगा। इस अवसर पर बीइओ करंजाकला श्रवण यादव बीइओ सिकरारा आनंद प्रकाश सिंह एसआरजी अजय मौर्य एआरपी शैलेश चतुर्वेदी उषा सिंह दिनेश मौर्य मनोज यादव दिनेश यादव श्यामधर यादव रीनू आर्या इत्यादि लोग उपस्थित रहे।
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(फाइल फोटो)
Indian Railway New Double Decker Train: रेलवे समय-समय पर नए-नए प्रयोग करता रहता है. इसी क्रम में रेलवे जल्द ही डबल डेकर ट्रेनें चलाने जा रहा है. दरअसल लंबी दूरी के सफर को आरामदायक बनाने के लिए भारतीय रेल (Indian Railways) ने ये फैसला किया है. जानकारी के मुताबिक इन ट्रेनों में कुछ ऐेसे कोच भी होंगे, जिसमें नीचे माल ढुलाई और ऊपर सवारी की सुविधा दी जाएगी. इसको लेकर ईस्ट सेंट्रल रेलवे (ECR) और ईस्टर्न रेलवे (ER) ने रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली को प्रस्ताव भेजा है. जानकारी के मुताबिक इस फैसले को मंजूरी मिलते ही पहली खेप में एक-एक नई रैक बिहार और पश्चिम बंगाल को मिलेगी.
ज्ञात हो कि पूर्व में धनबाद से हावड़ा के लिए डबल डेकर चलायी गयी थी, जो फिलहाल बंद है. वहीं अब दिल्ली से हावड़ा रेल मार्ग पर भी डबल डेकर चलाने की बात शुरू की गयी है. फिलहाल ECR ने पटना, बरौनी, कटिहार के रास्ते और पटना, किऊल के रास्ते डबल डेकर ट्रेन चलाने का रूट तय किया है. जबकि पूर्व रेलवे कोलकाता ने कम ऊंचाई वाली डबल डेकर की मांग की है, जो मालढुलाई और यात्री की सुविधा वाली ट्रेन होगी.
इस मामले को लेकर ईसीआर के पीआरओ वीरेंद्र कुमार ने बताया कि फिलहाल दिल्ली से हावड़ा तक डबल डेकर ट्रेन चलाने के लिए विचार किया जा रहा है. फिलहाल डबल डेकर का प्रस्ताव अभी रेलवे के वरीय अधिकारियों को भेजा गया है. वहीं उन्होंने कहा की अगर अनुमति मिलती है तो, सबसे पहले ECR और ER रेलखंडों को डबल डेकर ट्रेन के परिचालन के लायक बनाना होगा.
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यह स्पीकर दोस्तों के गेट टूगेदर में गाना बजा कर महफिल को और भी ज्यादा शानदार बना सकते हैं। इन्हें आप अपने साथ कहीं भी आसानी से ले जा सकते हैं। आइए इन रिचार्जेबल bluetooth speaker wireless के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
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GAT-B/BET 2022: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) कल यानी 23 अप्रैल को ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट - बायोटेक्नोलॉजी ( GAT-B) और बायोटेक्नोलॉजी एलिजिबिलिटी टेस्ट ( BET 2022) परीक्षा का आयोजन करने जा रहा है। जो उम्मीदवार इस GAT-B/BET 2022 परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं वह आधिकारिक वेबसाइट nta. ac. in और dbt. nta. ac. in से जाकर आवेदन कर सकते हैं।
उम्मीदवार अपने आवेदन फॉर्म संख्या और जन्म तिथि का उपयोग करके वेबसाइट से अपने संबंधित प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।
NTA ने नोटिस में कहा, "एडमिट कार्ड डाउनलोड करने के दौरान अगर कोई समस्या होती है तो उम्मीदवार एनटीए हेल्पलाइन नंबरः 011-4075 9000 पर कॉल कर सकते हैं या एनटीए को dbt@nta. ac. in पर मेल कर सकते हैं। "
परीक्षा कल यानी 23 अप्रैल, 2022 को सीबीटी मोड में दो शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। पहली शिफ्ट सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक आयोजित की जाएगी। परीक्षा प्रश्न पत्र में बहुविकल्पीय प्रश्न शामिल होंगे। कुल 160 प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनमें से 120 प्रश्नों को हल करने का प्रयास करना होगा। कुल अंक 240 हैं।
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मंडी - भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी व प्रदेश सचिव प्रवीण शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर चुनावी घोषणापत्र के 90 प्रतिशत वादे पूरे न करने का आरोप लगाया है। प्रवीण शर्मा ने कहा सरकार ने अपने चुनाव घोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज माना था और 219 वादों को पूरा करने की घोषणा की थी, लेकिन आज तक 90 प्रतिशत वादे अधूरे पडे़ हैं। उन्होंने कहा कि मंडी जिला का विकास करने में कांग्रेस पूरी तरह विफल रही है। ग्रामीण विकास मंत्री अनिल शर्मा मंडी को स्मार्ट सिटी और अमृत योजना भी नहीं दिला सके हैं। ट्रॉमा सेंटर और कैंसर अस्पताल तक स्वास्थ्य मंत्री नहीं बनवा सके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि बेरोजगारों को हर महीने बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा, लेकिन एक भी बेरोजगार को यह भत्ता नहीं मिला है। इस मौके पर भाजपा के उपाध्यक्ष बालक राम, मंडी नगर परिषद के उपाध्यक्ष विशाल ठाकुर व दिनेश शर्मा आदि भी मौजूद रहे।
प्रवीण शर्मा ने कहा कि 1998 में हिविकां के गठन के मौके पर पंडित सुखराम ने प्रदेश की राजधानी सुंदरनगर में स्थापित करने का मुद्दा रखा था, मगर आज उनके ही बेटे धर्मशाला में दूसरी राजधानी को सही ठहराने में लगे हैं। प्रवीण शर्मा ने कहा कि अनिल शर्मा के समर्थन से जिला के लाखों लोगों के दिलों को ठेस पहुंची है।
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बॉलीवुड एक्टर सिद्धार्थ मल्होत्रा और कियारा आडवाणी एक बार फिर हुए हैं साथ में स्पॉट, दोनों को मुंबई एयरपोर्ट के बाहर किया गया स्पॉट। अधिक जानकारी के लिए वीडियो जरूर देखें।
बॉलीवुड के बहुत ही प्यारे कपल सिद्धार्थ और कियारा आडवाणी अक्सर अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल जिन्दगी के चलते सुर्खियों में नजर आ ही जाते हैं। सिद्धार्थ और कियारा आडवाणी लोगों को बेहद पसंद है और रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों एक दूसरे को डेट भी कर रहे हैं। हाल ही में दोनों एयरपोर्ट पर एक दूसरे के साथ स्पॉट हुए हैं। दोनों कैजुअल लुक में बहुत ही प्यारे लग रहे हैं। दोनों फैंस के फेवरेट हैं और अक्सर एक दूसरे के साथ नजर आ ही जाते हैं। कुछ समय पहले कियारा आडवाणी और सिद्धार्थ की ब्रेकउप की खबरों ने फैंस को निराश कर दिया था। खैर एक पार्टी में दोनों को साथ में स्पॉट करने के बाद इस रुमर पर लग गया था ब्रेक। हाल ही में दोनों एयरपोर्ट पर एक बार फिर स्पॉट हुए हैं और ये देख कर लोग खुशी से फुले नहीं समा रहे हैं। अधिक जानकरी के लिए वीडियो देखें।
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DEHRADUN: रियो ओलम्पिक में रेसवॉकिंग में क्फ्वां स्थान हासिल करने वाले उत्तराखंड पुलिस के जवान मनीष रावत जल्द ही उत्तराखंड पुलिस इंस्पेक्टर बनाए जा सकते हैं। सीएम हरीश रावत ने अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए मनीष को इंस्पेक्टर के रूप में नियुक्ति देने पर सहमति दे दी है। 7 सितंबर को इसका अधिकारिक ऐलान हो सकता है।
मनीष रावत रियो ओलंपिक से पहले भी नेशनल और इंटरनेशनल चैंपियनशिप्स में शानदार प्रदर्शन कर चुके थे। उनके प्रदर्शन के हिसाब से उन्हें काफी पहले दरोगा बना दिया जाना चाहिए था। ख्00म् से नेशनल स्पोर्ट्स स्कूल में रहे मनीष को ख्008 और ख्009 में भ् किमी लंबी लॉन्ग रेस में सिल्वर मेडल मिले थे। इस उपलब्धि के आधार पर ही मनीष ख्0क्क् में उत्तराखंड पुलिस में खेल कोटे से भर्ती हुए थे।
भर्ती होने के बाद हर प्रतयोगिता में मनीष ने पहले से अच्छा प्रदर्शन किया। ख्0क्फ् और ख्0क्ब् में नेशनल चैंपियनशिप में मनीष को सिल्वर मेडल मिला, तो नेशनल पुलिस चैंपियनशिप में इन दोनों सालों में गोल्ड जीता। इसके बाद मनीष ने वर्ल्ड पुलिस चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीता। भ् साल के अपने करियर में मनीष ने करीब एक दर्जन मेडल अपने नाम किए।
ख्0क्क् से पहले पुलिस नेशनल में कोई भी मेडल जीतने पर खिलाड़ी को हवालदार बना दिया जाता था। उसके बाद यदि उसने फ् साल के भीतर क् गोल्ड या सिल्वर जीत लिया तो उसे दारोगा बना देते थे। ख्0क्क् में हाई कोर्ट ने इस व्यवस्था पर स्टे लगा दिया। विभाग के अधिकारियों ने न तो कानूनी लड़ाई लड़ी न ही मनीष जैसे अच्छे खिलाडि़यों को प्रमोशन देने के लिए कोई और रास्ता निकाला। ख्0क्क् तक लगभग फ्भ् खिलाड़ी हवालदार बन गए थे। मनीष के अलावा ब्00 मीटर के नेशनल रिकॉर्ड धारी पंकज डिमरी भी वर्ल्ड पुलिस गेम्स में गोल्ड मेडल लेकर आए थे, वो अभी भी हवलदार के पद पर अटके हैं, जबकि उस समय भी तत्कालीन सीएम ने उन्हें इंस्पेक्टर बनाने की घोषणा की थी। इनके अलावा जगत बेलाल, कमला बिष्ट, रविन्द्र रौतेला, अमित छेत्री आदि उत्तराखंड पुलिस के वे खिलाड़ी हैं, जो शानदार प्रदर्शन के बावजूद अभी तक हवलदार हैं।
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"हमारे मेला- अरसूर गाँवमें दो तालाब है - एक बड़ा और दूसरा छोटा; लेकिन हमारे लिए दोनों ही तालाब बन्द हैं । सिर्फ सवर्ण ही उनका उपयोग करते हैं। हमें तालाबोंका पानी छूनेकी भी मनाही है। अगर हमारे घड़े में दूरसे पानी डाल देनेके लिए कोई ऊची जातिका मन हो, तो खाली घड़ा लिये ही हमें वापस आना पडे । सब मिलाकर यहाॅ हमारे ८० घर हैं। गॉवकी कुल आबादी में हमारा ख़ासा अच्छा हिस्सा है । हमने सरकारको अर्जी दी थी । उसका यह नतीजा हुआ कि तालाबोंके ऊपर इस आशयकी नोटिस लगा दी गयी है कि किसीको भी तालाबका उपयोग करने से मना नहीं किया जा सकता; लेकिन इसमें हमें सफलता नहीं मिली। कारण यह है कि हमारा यह प्रयत्न सवर्णोंको बहुत उन्होंने हमे अपनी खेतीबारी के कामसे हटा देनेकी धमकी दी । यह तो और भी बुरा हुआ । पानीका कष्ट दूर हुआ तो भूख और बेकारीके चगुलमें फस जाना पड़ा। इस तरह नौ महीनेसे हमलोग बड़ी गरीबीमे दिन काट रहे है - न तो काफी भोजन ही मिलता है और न कपड़े ही । यहाँ के बड़े बड़े जमींदारोंसे भी हमने विनती की, पर वह सब हमारा अरण्यरोदन ही सिद्ध हुआ ।
"अब हमलोगोंमें कटुता बहुत बढ़ गयी है। अपनी दशा सुनानेका हमै अवसर तो मिल गया । हम जानते हैं कि आप ही हमें इस महान कष्टसे छुड़ा सकेंगे और हमारे और सवर्णांके बीच में जो खटास आ गयी, उसे भी आप ही दूर कर सकेंगे । एक बात और हमारी आपसे यह विनती है कि कृपाकर जिस तरह आप उचित समझें उस तरह हमारे प्रत्येक परिवारको कुछ दान देकर गरीबी और कष्टसे हमारा उद्धार कर दीजिये; जिससे कम से कम तीन महीने तो हम अपना पेट पाल सकें । "
यह् प्रार्थनापत्र मुझे त्रिचिनापली में मिला था। वहाँ के अपने सार्वजनिक भाषणमें मैंने इसकी चर्चा भी की थी। अगर यह शिकायतें सच है, तो मेलाअरसूरके सवर्ण हिन्दुओके लिए यह बहुत बुरी बात है । मैं आशा करता हूँ, कि प्रान्तीय-हरिजन-सेवक संघ सवर्ण हिन्दु सर्वथा अधीन इन असहाय हरिजनों के साथ न्याय करने में कुछ उठा नहीं रखेगा। मौकेपर जाकर संघको यह देखना होगा कि उन तालाबोसे हरिजन स्वच्छ पानी ले सकते है या नही । अगर उन्हें किसी तरहकी रुकावट है, तो मनुष्यताका यह तकाजा है कि जो लोग आज उन्हें उन सार्वजनिक तालाबोका पानी भरनेसे मना करते हैं, जो कानूनन सबके लिए खुले हुए हैं, वे उन हरिजनोके लिए स्वच्छ पानीका प्रबन्ध कर दे।
अपना हक हासिल करने की कोशिश हरिजनीने की, इस अपराधपर उन बेचारोका जो वहिष्कार किया गया है, यह तो जलेपर नमक छिड़कना हुआ । मुझे उम्मीद है कि स्थानीय हरिजन सेवक संघ के सच्चे प्रयत्नसे हरिजनों को अब भी न्याय मिलेगा और एक ही हिन्दू परिवार के दो भागोके बीचमें जो कटुता भा गयी है वह दूर होकर पुन सद्भाव पैदा हो जायगा ।
अपोलके अन्तिम वाक्यपर जरूर मै दो शब्द कहूँगा । अगर मेरी ताकतमे
हो भी, तब भी मैं उन लोगोंको कोई ऐसा दान देकर संतुष्ट न करना चाहूँगा, जिससे कि कम से कम तीन महीने तक उनकी परवरिश हो सके । बात यह कि ऐसे दानोसे जनता के पैसेका दुरुपयोग ही होता है। जिन्हें ऐसा दान दिया जाता है वे लोगोंकी निगाहमे गिर जाते हैं और उनका काहिलपन और भी अधिक बढ़ जाती है। जो लोग अच्छी तरह काम कर सकते हैं उन्हें काम माँगना चाहिये, न कि दान । मैं जानता हूँ कि इस कठिन समयमें काम मिलना भी आसान नहीं है और फिर हरिजनों के लिए तो और भी मुश्किल है, मगर मेरा विश्वास है कि जो आदमी किसी भी इज्जतकी मेहनत-मजदूरीसे जो नहीं चुराता, उसे कोई न कोई काम ढूँढ़ निकालने में बहुत कठिनाई नहीं पड़ती। इसलिए मै हरिजनीके सब मित्रोंसे अनुरोध करूँगा, कि वे दान या भीख माँगने के लिए उन्हें हर्गिज प्रोत्साहन न दें और जो काम करनेसे इनकार नहीं करते, उन्हें वे किसी इज्जतके काम मे लगा देनेका प्रयत्न करें ।
हरिजन सेवक २ मार्च, १६३४,
म्वर्गीय गोखले और हरिजन
मेरे इस दक्षिणके प्रवासमे कई नवयुवकोंने मुझे लिखा है कि अस्पृश्यता तथा अन्य कुरीतियों के लिए, जिनसे हिन्दू समाज पीड़ित हो रहा है, ब्राह्मरण ही टोपी है। चे सारी बुराइयाँ इन्हींकी बदौलत विद्यमान है। स्वर्गीय गोखले के १९वे पुण्यवपके दिन यह लिख रहा हूँ । इसलिए स्वभावत. ही मुझे उनका हरिजन - प्रेम याद आ रहा है। अस्पृश्यता के कलंकसे सर्वथा मुक्त श्री गोखलेको छोड़कर मुझे कोई अन्य व्यक्ति याद नहीं आता। वह मनुष्य-मनुष्य के बीच में किसी प्रकारकी असमानताकी कल्पना भी नहीं कर सकते थे। उनकी दृष्टिमे तो मनुष्यमात्र समान थे। एक बार दक्षिण अफ्रीका में एक सज्जन उन्हें एक साम्प्रदायिक सभामे लिवा जानेके लिए उनके पास आये, पर उन्होंने इनकार कर दिया । तब उनके हिन्दू-धमके प्रति अपीलकी गयी । इसपर वह बिराड़ उठे । उन्होने इसे अपना अपमान समझा और जरा गर्म पड़कर - उक्त सज्जनसे बोले - - "अगर यही हिन्दू धर्म है तो मे हिन्दू नहीं है ।" वे लोग तो यह सुनकर आश्चर्यचकित रह गये । किसी व्यक्ति या सम्प्रदायको उच्चताकी कल्पनाको वह सहन नहीं कर सकते थे । विश्व बन्धुत्त्वकी भावना उन्होंने स्वयं अपने जीवन में घरितार्थ करके दिखा दी, इस बातको उनके साथी खूब जानते हैं। पारिया (अंत्यज) कहे जानेवाले भाइयोसे यह खूब दिल खोलकर मिलते थे। यह उनमें नहीं
थी कि वह किसीपर कृपा या एहसान कर रहे हैं। उनके हृदय में तो केवल एक सेवाका ही आदर्श था । उनका विश्वास था, कि सार्वजनिक आदमी जनताके नेता नहीं, सेवक हैं। उनकी दृष्टि में सबसे बड़ा सेवक ही सबसे बड़ा नेता था । स्वर्गीय गोखले हर तरह एक सच्चे जन्मना ब्राह्मण थे । वह जन्मजात अध्यापक भी थे । उनसे कोई जब 'प्रोफेसर' कहता, तो बड़े प्रसन्न होते थे । विनम्रताकी तो वह मूर्ति थे । राष्ट्रको उन्होंने अपना सर्वस्त्र दे दिया था । चाहते तो वह मालामाल हो जाते, लेकिन उन्होने तो स्वेच्छासे गरीबीका ही बाना पसन्द किया। गोखले जैसे जन-सेवक - पर क्या इन ब्राह्मण-निन्दकोंको गर्व नहीं होगा ? और यह बात नहीं, कि ऐसे ब्राह्मण एक गोखले ही थे । मनुष्य-मनुष्यके बीचमें समानताको माननेवाले ऐसे ब्राह्मणों की एक खासी लम्बी सूची बनायी जा सकती है। ब्राह्मरण मात्रको दोषी ठहरानेका तो यह अर्थ हुआ कि जो ब्राह्मण आज खास तौरसे स्वयं निस्वार्थ लोक-सेवा करनेको तैयार हैं, उनकी उस सेवाके मधुर फलको हम खुद स्वीकार कर रहे हैं। उन लोगोंको किसी के प्रशंसा पत्रकी जरूरत नहीं है। उनकी सेवा ही उनका पुरस्कार है । गोखलेने एक महान अवसरपर लिखा था- 'जो सेवा किसी व्यक्तिके कहनेसे हाथमें नहीं ली जांती, वह किसी दूसरेकी आज्ञाये त्यगी भी नहीं जा सकती ।' इसलिए सबसे निरापद नियम तो यह है कि मनुं व्यको हम उसके वर्तमान रूपमें ही ग्रहण करें - फिर चाहे जिस कुलंमे वह पैदा हुआ हो और उसकी जाति, उसका रंग चाहे जो हो । अस्पृश्यता निवारणके इस आन्दोलनमें हमे किसी भी सेवाकी, चाहे वह कितनी ही छोटी हो, अवगणना नहीं करनी चाहिये, जहाँतक कि उसमें सेवाकी भावना है, न कि उद्धार या कृपाकी ।
हरिजन सेवक ६ मार्च, १६२४
हमारे लिए लज्जाजनक
तमिल प्रान्तके आदि हिन्दुओं की ओरसे कुनूर में मुझे जो आवेदन पत्र दिया गया था, उसका उल्लेख 'हरिजन' के गतांकमें हो चुका है । उसपर ३६ प्रतिनिधियोके हस्ताक्षर थे । सही करनेवालों में कुछ तो म्युनिसिपैलिटी या तालुका - चोर्डके मेम्बर थे । जिन कठिनाइयोंका उन्हें सामना करना पड़ रहा है, उनकी सूची संक्षिप्त रूपमे, मैं नीचे देता हूँ । संक्षिप्त करनेमें मैंने उनकी असली भाषाको बदला नहीं है। हाँ, उस बयानके साथ उनकी जो टीका थी, उसे मैंने अनावश्यक समझकर हटा दिया है, यो सूची में कोई हेरफेर नहीं किया गया है१२८
१ - "भोजनालय, धोबीकी दूकानें, कहवा और चायके उपाहार-गृह, विश्रान्तिभवन, धर्म-शालाऍ, अग्रहार, कुऍ, तालाब, नल, झरने आदि सभी स्थान हमारे लिए बन्द हैं। हमारी कहीं भी पहुॅच नहीं, और तो और, गॉवके डाकखाने तकमे हम पैर नहीं रख सकते । मन्दिरोंकी तो बात ही न पूछिये ।
२-"एक जगह तो यूनियन बोर्ड के इलाकेकी एक ग्राम सड़कसे हम अपने मुर्दे तक नहीं ले जा सकतेd बात सिर्फ यह है कि उस सड़क के किनारे एक देवताका मन्दिर पड़ता है । धानके एक खेतमें होकर हम अपना मुर्दा ले जानेके लिए बाध्य किये जाते हैं और उन दिनों भी, जब बरसातमें घुटनों तक कीचड़ ही कीचड़ मच जाता है ।
३ - "कहीं-कहीं तो न हम छाते लगा सकते हैं, न खड़ाऊँ पहन सकते हैं और
न घुटनोंके नीचे तक धोती पहन सकते है । अगर हम ऐसा करे तो बड़ा भारी जुर्म समझा जाता है। हमारी औरतें अगर कभी सोनेके जेवर या साफ कपड़े ही पहनकर आगेसे निकल जायॅ, तो सत्रर्ण हिन्दू इसे अपशकुन समझते हैं।
४-"एक यूनियन बोर्डके इलाके में तो अछूतोंके चौधरीको, जब उसे मुखियाका पद दिया जाता है, सवर्ण हिन्दू ग्राम सड़कसे घोड़ेपर नहीं निकलने देते ।
५ - "कुछ गॉवके हाट बाजारोंमें बजाजोंके यहाँ से अगर हम व्याह- शादी के लिए नया साफ कपड़ा देखकर खरीदना चाहें, तो नहीं खरीद सकते, क्योंकि खरीदनेके पहले हम उस कपड़ेको छु नहीं सकते।
६--"बाजारोंमें जान या अनजान रोटी या खाने पीनेकी दूसरी चीजे हमसे छू न जायं, तो इस गुनाहका हमें भारी दण्ड भरना पड़ता है दूकानमें खाने-पीने की जितनी चीजें होती है, उन सबका हमें पूरा दाम देना पड़ता है ।
७ - "मद्रास प्रान्तके अधिकाश जिलोंके गॉवोंमे, चूँकि श्रावादी हमारी काफी बड़ी है, पर मकान हमारी अपनी जमीनपर नहीं है, इसलिए जमींदारोंकी जमीनपर घर बनाकर किसी तरह गुजर-बसर करते हैं । जब हम अपनी मजदूरी बढ़ाने के लिए उन लोगोंसे कहते हैं, तो वे मारे गुस्सेके आपेसे बाहर हो जाते हैं। उनमे दवें नहीं तो रहें कहाँ ? मजदूरीमें वे हमें इतने पैसे नहीं देते कि पेट अच्छी तरहसे भर सके और कामका कोई समय भी नहीं वधा है - - चाहे जबतक मेहनत सजदूरो कराते हैं । अकसर पुराना सदा-चुना अनाज ही सारे दिनकी मजदूरीमें हमलोगोंको दिया जाता है ।
८ - " ब्याह-वरात या देवी-देवताकी सवारीके अवसरगर कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हमें अपनी जातिके गाने-बजानेवाले नहीं मिलते, तो उस वन सवर्ण गवैयेबजैये हमारे यहाँ गाने-बजाने नहीं आते ।
६ - " इमारी बिरादरीके नवयुवकोंका साइकिलपर चढ़ना ऊँची जातिवालोंको अखरता है। शहरोंसे बहुत दूरके देहातोंमें हमें बैलगाड़ियों चढनेको नहीं मिलतीं । सवर्ण हिन्दू हमें अपनी गाड़ियोंपर नहीं चढने देते और यही हाल मोटर लारियोका भी है ।
-"एक ग्युनिसिपैलिटीके इलाफेमें सार्वजनिक पैसेसे बनी हुई ग्राम रट्टियमि
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बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के तलाक के बाद अब उनके भांजे इमरान खान अपने वैवाहिक जीवन को लेकर चर्चा में हैं। बताया जा रहा है कि इमरान और उनकी पत्नी अवंतिका मलिक के बीच भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल, अवंतिका ने आमिर खान और किरण राव के तलाक के बाद इंस्टाग्राम पर एक स्टोरी पोस्ट की थी जिसके बाद मीडिया में अनुमान लगने शुरू हो गए।
अपनी स्टोरी में अवंतिका ने Juno Diaz का लिखा शेयर किया था। इसमें कहा गया था, "इतने सालों ने मुझे यही सिखाया है कि आप कभी भाग नहीं सकते, कभी नहीं। " उनके इस पोस्ट के बाद से मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से अपने पति पर निशाना साधा है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लंबे समय तक रिलेशनशिप में रहने के बाद इमरान ने अपनी गर्लफ्रेंड अवंतिका से साल 2011 में शादी कर ली थी। दोनों की शादीशुदा लाइफ अच्छी चल रही थी, लेकिन साल 2018 से लेकर 2019 तक दोनों के संबंधों में दरार पड़ने की खबरें मीडिया में जोर पकड़ने लगी थीं।
उस दौरान ऐसी खबरें भी सामने आई थी कि अवंतिका ने अपने पति इमरान का घर छोड़ दिया है और अब वे अपने माता-पिता के साथ रहती हैं। हालाँकि, सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहने वाली अवंतिका ने अपने रिश्ते को लेकर स्पष्ट रूप से अभी तक कुछ भी नहीं कहा है। मालूम हो कि इमरान खान का बॉलीवुड करियर कुछ खास नहीं रहा है। उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री से संन्यास ले लिया है। उनकी और अवंतिका की एक बेटी भी है।
बता दें कि हाल ही में बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान ने अपनी दूसरी पत्नी किरण राव से तलाक लेने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, "हम साथ में खुश रहे, हँसे। हमारा रिश्ता विश्वास, प्यार और सम्मान के मामले में लगातार बढ़ता ही रहा। अब हमने निर्णय लिया है कि अब हम जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करेंगे, लेकिन पति-पत्नी के रूप में नहीं। " बकौल आमिर खान और किरण राव, उनका ये नया जीवन उनके बेटे आजाद के अभिभावक के रूप में होगा, एक परिवार के रूप में होगा।
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अंवार नाम का मतलब प्रकाश की किरणें, भगवान के लिए समर्पित, अधिक उज्ज्वल होता है। अपने बच्चे को अंवार नाम देने से पहले उसका अर्थ जान लेंगे तो इस से आपके शिशु का जीवन संवर सकता है। अंवार नाम रखने से आपका बच्चा भी इस नाम के मतलब की तरह व्यव्हार करने लगता है। शास्त्रों में अंवार नाम को काफी अच्छा माना गया है और इसका मतलब यानी प्रकाश की किरणें, भगवान के लिए समर्पित, अधिक उज्ज्वल भी लोगों को बहुत पसंद आता है। वेदों में भी ये बात कही गई कि शिशु को अंवार देने से पहले माता-पिता को इसकी पूरी जानकारी लेनी चाहिए। माना जाता है कि अंवार नाम वाले व्यक्ति के स्वभाव में प्रकाश की किरणें, भगवान के लिए समर्पित, अधिक उज्ज्वल होने की झलक देख सकते हैं। आगे पढ़ें अंवार नाम की राशि, इसका लकी नंबर क्या है, अंवार नाम के प्रकाश की किरणें, भगवान के लिए समर्पित, अधिक उज्ज्वल मतलब के बारे में विस्तार से जानें।
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अलग तथ्य होता ही नहीं, वह गुरु का ही एक भाव होता है। गुरु की आंख को गुरु से अलग करके नहीं देखा जा सकता, गुरु के हाथ को गुरु से अलग करके नहीं देखा जा सकता, गुरु के सिर को गुरु से अलग करके देखा नहीं जा सकता, ठीक उसी प्रकार से शिष्य को भी गुरु से अलग करके नहीं देखा जा सकता। जो केवल सम्पूर्ण दृष्टि से गुरुमय हो जाता है वह शिष्य बन जाता है, और वही शिष्य बहुत बड़ा कार्य करता है, संसार का अद्वितीय कार्य। ऐसा ही शिष्य अपनी सेवा द्वारा गुरु को एक अवसर प्रदान करता है कि वह अपने ज्ञान को संसार के सामने रख सके।
यदि गुरु छोटे-छोटे कार्यों में व्यस्त हो जाएंगे तो ज्ञान किस समय देंगे? चेतना किस समय देंगे ? जीवन के मूल्यवान कार्य किस समय करेंगे? इन छोटी-छोटी चीजों को शिष्य अपने ऊपर लेकर गुरु को अवसर प्रदान करता है, कि वह ज्ञान की नदी प्रवाहित करे, उनके कार्यों और तनावों को वह अपने ऊपर लेकर के, उनको यह अवसर प्रदान करता है कि वह ज्ञान का मानसरोवर विश्व के सामने जाग्रत करे, चैतन्य करें, जिसमें हजारों-लाखों लोग स्नान कर पवित्र हो सकें, दिव्य हो सकें, जिसमें शिष्य अवगाहन कर सकें... यह गुरु की सबसे बड़ी सेवा है, यही शिष्य का सबसे बड़ा कर्तव्य है।
धन देकर गुरु की सेवा नहीं की जा सकती, मिठाई खिलाकर भी गुरु की सेवा नहीं की जा सकती। यदि शिष्य गुरु के सम्मुख अपने धन, पद-प्रतिष्ठा जैसी नश्वर चीजों का बखान करता है तो वह मूर्ख है। शिष्य वह होता जो गुरु को अपने कार्यों द्वारा एक अवसर प्रदान करता है, वह यह नहीं देखता कि कौन सा कार्य छोटा है या बड़ा। वह यह नहीं कहता कि यह कार्य मेरा नहीं है वह तो बस उनकी व्यस्तता को अपने ऊपर झेल लेता है... और गुरु को मुक्त कर देता है, जिससे कि अन्य अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कार्य सम्पन्न किया जा सके। एक नए ग्रन्थ की रचना की जा सके। एक उपासना का मार्ग खोजा जा सके।
प्राचीन ऋषियों के उन मूर्त वाक्यों को नए सिरे से जाग्रत और चैतन्य किया जा सके। एक नए सिरे से समुद्र का अवगाहन किया जा सके और एक नई गंगा बनाई जा सके... एक नया गंगोत्री का स्थान बनाया जा सके... ओर यदि ऐसा होता है तो शिष्य सामान्य शिष्य नहीं रहता, फिर उसका कद अपने आप में बहुत ऊंचाई पर उठ जाता है... फिर विश्व उसे श्रद्धा और सम्मान की दृष्टि से देखने लग जाता है।
आप यदि शिष्य बनें तो जनक और राम जैसे, कृष्ण और महावीर जैसे, बुद्ध और चेतना पुरुष जैसे योग्यतम शिष्य बनें, जिन्होंने शिष्यता के उन मापदण्डों को छुआ, जो अपने आप
में भारतीय संस्कृति के लिए एक चेतना पुंज हैं। यदि शिष्य इस श्रद्धा और सम्मान को लेकर के, इस समर्पण को लेकर के आगे बढ़ता है, तो फिर उसे ध्यान करने की जरूरत होती ही नहीं, क्योंकि वह तो हर क्षण खोया रहता है, अपने गुरु के चरणों में। उसे गुरु के चरण दिखाई नहीं देते, वहाँ हरिद्वार दिखाई देता है। वह उन चरणों को स्पर्श करता है तो उसे ऐसा लगता है, कि जैसे उसने काशी का स्पर्श किया। जब गुरु चरणामृत का पान किया तो ऐसा लगता है, कि जैसे उसने गंगा, यमुना, सरस्वती, नर्मदा, सिन्धु, कावेरी में अवगाहन कर लिया। वह उन चरणों में काबा देखता है, काशी देखता है, वह उन चरणों में मक्का देखता है, वह उन चरणों में अपने सम्पूर्ण देवताओं के दर्शन करता है, फिर उसे अन्य साधना करने की जरूरत नहीं रहती है, अन्य साधनाएँ तो अपने-आप में गौण हो जाती हैं।
गुरु का शरीर अपने आप में ही एक जीवित - जाग्रत मंदिर है, चलता-फिरता मंदिर ज्ञान का साकार पुंज... जब उस साकार पुंज को अपने में समेटे हुए शिष्य आगे बढ़ता है तब शिष्य की आंख बदल जाती है। वह उन सामान्य गृहस्थ लोगों की तरह से गुरु को देखता ही नहीं, उसे गुरु के रूप में ब्रह्मा, विष्णु, रुद, इन्द्र, वरुण, यम, कुबेर, दिग्पाल अपने सामने साकार दिखाई देते हैं। जब वह भक्ति भाव से गुरु हो प्रणाम करता है तो उसे लगता है कि सामने चारों वेद खड़े हैं, ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद । गुरु का प्रत्येक शब्द अपने आप में मंत्रमय हो जाता है, वेद वाक्य बन जाता है। गुरु की दृष्टि अपने-आप में पूर्णता की दृष्टि होती है, ब्रह्म की दृष्टि होती है, जिसे पाकर वह अपने आप को धन्य और गौरवशाली अनुभव करने लगता
है। ध्यान प्रक्रिया, तो अपने आप को धन्य और
गौरवशाली अनुभव करने लगता है। ध्यान प्रक्रिया, तो अपने-आप में खो जाने की प्रक्रिया है, अपने आप को अतल
गहराइयों में डूबा देने की प्रक्रिया है। ध्यान का तात्पर्य
तो इतना ही है कि उसे अपने शरीर का ध्यान
नहीं रहे, ध्यान की प्रक्रिया का तात्पर्य यह है कि मानसवरोवर में बहुत गहराई में डुबकी लगाई हो। ध्यान की प्रक्रिया का तात्पर्य तो यह है कि बाहरी संसार, बाहरी क्रिया-कलापों का कोई अस्तित्व, कोई भान उसे जीवन पर नहीं है... और जब वह शिष्य
बनता है, तब वह उस
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कोरोना वायरस (Coronavirus) की वजह से इस बार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) यूएई (UAE) में 19 सितंबर से खेला जाना है। इससे पहले ही चेन्नई सुपरकिंग्स (Chennai Superkings) की टीम में विवाद की खबरें सामने आ रही हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आईपीएल (IPL) 2020 के टाइटल स्पॉन्सरशिप के अधिकार फैंटसी स्पोर्ट्स लीग प्लैटफॉर्म ड्रीम 11 (Dream 11) को दिए हैं।
आईपीएल संयुक्त अरब अमीरात में 19 सितंबर से 10 नवंबर के बीच शारजाह, दुबई और अबुधाबी में खेला जायेगा।
इंडियन प्रीमियर लीग के टाइटल स्पॉन्सर की दौड़ में अब एक और कंपनी का नाम सामने आया है। चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के इस साल के लिए टाइटल स्पॉन्सर से हटने के बाद योगगुरु बाबा रामदेव की कंपनी पंतजलि भी इस दौड़ में शामिल हो गई है।
कोरोना संकट के बीच कुछ देशों ने क्रिकेट खेलने की दिशा में कदम आगे बढ़ाए हैं वहीं बीसीसीआई को भी इंडियन प्रीमियर लीग का 13वां सीजन आयोजित करने का हौसला मिला है। बीसीसीआई आईपीएल के आयोजन को लेकर पूरी तरह से गंभीर है।
बीसीसीआई के प्रेसिडेंट सौरव गांगुली ने इंडियन प्रीमियर लीग को ले कर बड़ा बयान दिया है। जिसमें उन्होंने इशारा कर दिया कि इस साल हर हाल में आईपीएल का आयोजन होगा।
उन्होंने कहा, "वह ज्यादा टीम की बैठकों में विश्वास नहीं करते। वह काफी नैसर्गिक कप्तान हैं। उन्हें क्रिकेट की इतनी अच्छी समझ है कि वह मैदान पर सही फैसले करने में इन पर निर्भर रहते हैं। "
कमिंस ने कहा, "पहली प्राथमिकता सुरक्षा है और दूसरी यह की हालात सामान्य हो जाएं, सुंतलन बनाना। अगर इसका मतलब है कि आईपीएल बिना दर्शकों के खेला जाए तो मुझे कोई परेशानी नहीं पर उम्मीद है कि इसे टीवी पर दिखाया जाएगा। "
इंडियन प्रीमियर लीग के 13वें सीजन की शुरुआत 29 मार्च से होने जा रही है। जिसके लिए खिलाड़ी जमकर पसीना भी बहा रहे हैं। बता दें, पहले मुकाबले में आमने-सामने होंगी दो ऐसी टीमें जिनके बीच महामुकाबला होता है।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की टीम चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जब सोमवार को एम. ए. चिदम्बरम स्टेडियम में अभ्यास के लिए कदम रखा तो वहां मौजूद प्रशंसकों ने उनका जोरदार स्वागत किया।
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राज्यसभा चुनाव 2022 को लेकर कांग्रेस (Congress Condidate Of Rajyasabha Member) ने भी अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. रविवार देर रात कांग्रेस ने अपने 10 प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगाई. वहीं, रालोद सपा प्रत्याशी जयंच चौधरी Jayant Choudhary आज अपना नामांकन करेंगे.
बता दे कि, रविवार को बीजेपी ने अपने 16 प्रत्याशियों के नाम पर मुहर लगाई थी और समाजवादी पार्टी पहले ही अपने तीन प्रत्याशी घोषित कर चुकी है. अब कांग्रेस ने भी प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगा दी है. कांग्रेस पार्टी यूपी के तीन नेताओं को दूसरे राज्यों से राज्यसभा भेज रही है. कांग्रेस राजीव शुक्ला को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा भेज रही है.
वहीं, इमरान प्रतापगढ़ी को महाराष्ट्र और प्रमोद तिवारी को राजस्थान की राज्यसभा सीट से राज्यसभा भेजने का फैसला लिया है. इससे पहले रविवार को बीजेपी ने भी अपने प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है. लक्ष्मीकांत वाजपेयी का वनवास समाप्त कर उन्हें राज्सभा भेजने का फैसला लिया गया.
बता दे कि, सपा के समर्थन से मशहूर अधिवक्ता कपिल सिबल भी अपना नामांकन करा चुके हैं. सपा ने अपने दो प्रत्याशी जावेद अली और जयंत चौधरी के नाम का भी ऐलान कर दिया है. जयंत चौधरी आज राज्यसभा के लिए नामांकन करेंगे. इससे पहले बताया जा रहा था कि सपा डिंपल यादव को राज्यसभा भेजेंगी. लेकिन बाद में जयंत चैधरी के नाम का ऐलान किया गया.
जानकारी के लिए बता दे कि सपा लोकसभा चुनाव 2024 को देखते हुए अपनी जमीन तैयार कर रही है और पश्चिमी यूपी में जाटलैंड की नाराजगी को कम कर रही है. पश्चिमी यूपी में साल 2013 में हुए दंगों के बाद पश्चिमी यूपी का जाट रालोद और सपा से खिसक कर बीजेपी के पास चला गया था. अपना जनाधार पाने के लिए रालोद सपा मास्टर स्ट्रोक लगा रही है.
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आसरे पंदरसो वर्ष पहेलां पुस्तकारूढ थयेलुं परमपवित्र जैनश्रुत जेमना पुरुषार्थ अने साहित्यसेवाने अंगे आजे उपलब्ध छे, जेमणे जैनश्रुती सेवा अने अखंड अभ्यासमां सर्वस्व समर्प्य छे, जेमणे अकथ्य अने असह्य संकटोनो सामनो करी जैनश्रुतने सुरक्षित राख्युं छे अने आ ग्रंथनुं प्रकाशन जेमना भगीरथ प्रयासनुं परिणाम छे, ते परमतारको पंचमहाव्रतधारी गुरुदेवो पू. आचार्यदेवादि मुनिमहाराजाओने आ ग्रंथ समर्प कृतार्थ थइए छीप.
श्री देशविरति धर्माराधक समाजनी
श्री. जै. सा. म. समिति
परमपवित्र जैनश्रुतनां महामूल्यवान प्राचीन ग्रंथरत्नोनां दर्शन कराव्या बाद ते समृद्ध साहित्यमां रहेली अमोने उपलब्ध थइ तेटली अतिहासिक सामग्री अमो आ ग्रंथद्वारा पुरातत्त्वप्रेमीओने सहर्ष जेवी ने तेवी कांइ पण विवरण अगर प्रस्तावना सिवाय समर्पी कृतार्थ थइए छीए. वां चकोने विनवीए छीए के अमारी अल्पशक्ति अने परिमित साधनोने अंगे जे कांश अशुद्धिओ, भूलो अगर त्रुटिओ रही होय तेनुं अमोने जरूर सूचन करे जेथी सानुकूळताए ते सुधारी शकाय.
अक्षयतृतीया, १९९३.
श्री जैन साहित्य मदर्शन
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इंदौर। इंदौर के परदेशीपुरा थाना क्षेत्र में रहने वाले 25 वर्षीय युवक ने शुक्रवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। पुलिस के अनुसार, कपिल पुत्र महेश मंडलोई निवासी नंदानगर ने अपने कमरे में फांसी लगा ली, जिससे उसकी मौत हो गई। दोस्त जब रात करीब 11. 30 बजे कमरे पर आया तो कपिल दरवाजा नहीं खोल रहा था। इसके बाद दरवाजा तोड़कर अंदर देखा तो वह फंदे पर लटका मिला। कपिल शेयर मार्केट का काम करता था। उधर, स्वजन ने बताया कि परिवार देवास मे रहता है। कपिल इंदौर में दोस्त के साथ किराए के कमरे में रहता था। करीब 15 दिन पहले ही उसकी शादी हुई थी। पुलिस को मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी है।
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अनुयोगचन्द्रिका टोका सूत्र १५५ क्षायोपशमिकभावनिरूपणम्
क्षयः, अनुदयप्राप्तं तु कर्म न क्षीणं नापि तस्योदयोऽतस्तस्योपशमंच क्षायोपशमिकेऽस्मिन्नपि भावे उदीर्णस्य क्षयः, अनुदीर्णस्य चोपशम इत्युच्यते, इत्यमनयोः को भेद ? इति वेदाह - कर्मणः क्षयोपशमे तु विपाकत एवोदयाभावः, प्रदेशस्तु अस्त्येवोदयः, औपशसिके भावे तु कर्मणः मदेशतोऽप्युदयो नास्तीत्य नयोर्भेदो बोध्यः । क्षयोपशवस्तु ज्ञानावरणादि कर्मचतुष्टयस्यैव भवति, नान्येषां
अनुदय प्राप्त जो कर्म है उसका न क्षय है और न उदय है, किंतु उपशम है, इसी प्रकार इस क्षायोपशामिक भाव में भी उदीर्ण कर्मका क्षय है और अनुदीर्ण कर्मका उपशम है । तब औपशामिक और क्षायोपामिक में क्या भेद हैं ?
उत्तर-क्षयोपथोराम भाव में जो कर्म का उपशम कहा गया है वह विपाक की अपेक्षा से ही उद्याभाव रूप उपशम कहा गया है, प्रदेश की अपेक्षा नहीं - प्रदेश की अपेक्षा से तो वहां कर्म का उदय है परन्तु औपशामिक भाव में जो उपशम कहा गया है वह विपाक और प्रदेश दोनों की अपेक्षा से कहा गया है। अर्थात् अपशमिक भाव में कर्म का न विपाकोदय है, और न प्रदेशोदय है । नीरस किये हुए कर्म दलिकों का वेदन प्रदेशोदय है और इस विशिष्ट लिकों का विपाक वेदन विपाकोदय है । क्षयोपशम ज्ञानावरण दर्शनावरण मोहनीय और अंतराय इन चार कर्मों का ही होता है। निषिद्ध होने
અનુદય પ્રાપ્ત જે કમ છે તેના ક્ષય પણ થતા તથી અને ઉદય પણ થતા નથી પરન્તુ ઉપશમ જ થાય છે. એજ પ્રકારે ક્ષાાપશમિક ભાવમાં પણ ઉત્ક્રી કર્મોના ક્ષય અને અનુઢીણુ કર્મોના ઉપશમ થતા હાય છે. તે પછી ઔપ શમિક અને ક્ષાયાપશમિકમાં શે ભેદ છે ?
ઉત્તર-ક્ષયે પશમ ભાવમાં કના જે ઉપશમ કહેવામાં આવ્યે છે તે વિપાકની અપેક્ષાએ જ ઉઢયાભાવ (ઉદયના અભાવ)રૂપ ઉપશમ બતાવવામાં આવ્યા છે, પ્રદેશની અપેક્ષાએ બતાવવામાં આવ્યેા નથી. પ્રદેશની અપેક્ષાએ તે ત્યાં કમના ઉદય જ છે, પરન્તુ ઔપમિક ભાવમાં જે ઉપશમ મતાવવામાં આચૈ છે, તે વિપાક અને પ્રદેશ, આ બન્નેની અપેક્ષાએ બતાવવામાં માન્ય છે એટલે કે ઔપશમિક ભાવમાં કર્મોના વિપાકેાદય હૈ।તા નથી, પણ 'પ્રદેશે દય હૈાય છે. નીરમ્ર કરાયેલાં કમ દકેિનુ વેદન પ્રદેશેાદય રૂપ છે અને રસવિશિષ્ટ *લિંકેતુ' વિપકવેન વિરાકે!દય રૂપ છે. જ્ઞાનાવરણીય, દÖનાવરણીય, મેહુ
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नाहन - प्रदेश में विभिन्न विभागों में कार्यरत दिव्यांग कर्मियों ने सरकार से समिति सीधी भर्ती (एलडीआर) में एकमुश्त छूट प्रदान करके उन्हें लिपिक पद पर तैनात करने की मांग की है। इस संदर्भ में दिव्यांग कर्मियों ने एक पत्र मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को भी भेजा है। उन्होंने एक हाथ से ७० से ७५ प्रतिशत दिव्यांगों को टाइपिंग टेस्ट में छूट देकर लिखित परीक्षा पास करने के आधार पर ही पदोन्नत करने की मांग की है। दिव्यांग सुरेंद्र कुमार निवासी सिरमौर, राजकुमार निवासी चंबा तथा महिंद्र सिंह मंडी ने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से बताया कि उन्होंने वर्ष 2015 में कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा ली गई समिति सीधी भर्ती परीक्षा दी थी, जिसके बाद कम्प्यूटर टाइपिंग टेस्ट होना था। लेकिन, वह एक हाथ से 70 से 75 प्रतिशत दिव्यांग थे, जिस कारण वह यह टेस्ट नहीं दे पाए। हमारे लिए भी वही स्पीड रखी गई थी जो किसी सामान्य कर्मी के लिए थी। उन्होंने बताया कि इस समस्या से कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर को भी अवगत करवाया गया। उन्होंने नियमों में बदलाव की बात कही। जिसके बाद इस मुद्दे को प्रदेश कर्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के समक्ष उठाया गया। 24 जुलाई 2017 को नियमों में बदलाव कर उन दिव्यांगों के लिए कम्प्यूटर टाइप टेस्ट में छूट देने का प्रावधान किया है, जिन्हें चिकित्सा बोर्ड द्वारा टंकण करने में असमर्थ करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हमें लिखित परीक्षा पास करने के आधार पर ही टंकण परीक्षा के छूट प्रदान करते हुए वर्ष 2015 से लिपिक पद पर पदोन्नत किया जाए।
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फिल्म निर्माता प्रीति साहनी जिन्होंने 'बधाई हो' और 'राज़ी' जैसी कामयाब फिल्मों का निर्माण किया है, उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री में एक तरह की फिल्मों के ट्रेंडसेटर बनने और अच्छे लेखक के ऊपर विस्तार से चर्चा की।
वह FICCI FRAMES के 20वे संस्करण के इंटरैक्टिव सत्र के दौरान बोल रही थी जिसे अंजुम राजबली ने स्क्रीनराइटर एसोसिएशन की तरफ से संचालित किया गया था।
वही उसी सत्र में मौजूद राष्ट्रिय पुरुस्कृत लेखक जूही चतुर्वेदी ने भी अपने विचार रखे। 'विक्की डोनर' की लेखक ने कहा कि लेखन एक समय लेने वाली प्रक्रिया है और मात्रा डिलीवर करने के कारण, गुणवत्ता में प्रभाव पड़ता है।
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भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या को पार्टी के युवा मोर्चा का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तेजस्वी सूर्या सोमवार को पटना पहुंचे।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के नवनियुक्त भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद तेजस्वी सूर्या सोमवार को पटना पहुंचे। यहां वे युवा संवाद कार्यक्रम में BJP कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे। इस बात की जानकारी उन्होंने खुद ट्वीट करके दी है।
उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा, 'आज मुझे सामाजिक समता और समरसता का उद्घोष करने वाले श्री बसवण्णा की पवित्र धरती कर्नाटक से भगवान बुद्ध की कर्म भूमि बिहार मे आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
बता दें कि भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या को पार्टी के युवा मोर्चा का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह पूनम महाजन की जगह लेंगे। भाजपा ने महासचिवों के रूप में राम माधव, पी मुरलीधर राव, अनिल जैन और सरोज पांडेय की जगह नये चेहरों को मौका दिया है। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और बिहार भाजपा के चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडनवीस के साथ पार्टी के नवनियुक्त के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद तेजस्वी सूर्या युवा संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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जुनिपर होल्गर धूप खुली जगह पसंद करते हैं, लेकिन आंशिक छाया में बढ़ता है। मिट्टी के लिए झाड़ियों सरल हैं, लेकिन अधिकतर कमजोर अम्लीय ढीले, अच्छी तरह से सूखा, चिकनाई या रेतीली चिकनाई पसंद करते हैं। एक छोटे लवणता को अनुमति दी यह एक ठंढ प्रतिरोधी और काफी सूखा प्रतिरोधी किस्म है, शहरी परिस्थितियों और हानिकारक उत्सर्जनों के लिए प्रतिरोधी।
जुनिपर होल्गर को छंटाई की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन वसंत में सेनेटरी रोटी का उत्पादन करना संभव है।
वृक्ष एकान्त पौधे में न केवल सजावटी है, बल्कि छोटे और बड़े परिदृश्य में भी, यह भूनिर्माण बालकनी, छतों और छतों के लिए बहुत अच्छा है।
पौधे रोपण से पहले कंटेनर में उगाए गए पौधों को अच्छी तरह से पानी पिलाया जाना चाहिए। गड्ढे को कंटेनर की तुलना में अधिक 1,5-2 बार बनाया जाना चाहिए। भारी मिट्टी और घनी भूजल की घटना के मामले में यह बजरी या क्लेडाइट के जल निकासी की व्यवस्था करने के लिए आवश्यक है, जिसकी परत 20 सेमी है। खुदाई की मिट्टी और पीट का मिश्रण 1: 1 अनुपात में पिट भरना वांछनीय है। परिणामस्वरूप मिश्रण में यह जटिल खनिज उर्वरकों को जोड़ने की सिफारिश की गई है। यह परत मिट्टी में जड़ों की बेहतर अंकुरण की अनुमति देगा। अंकुर के रूट कॉलर को जमीन के स्तर पर स्थित छोड़ दिया जाता है। रोपण के बाद, संयंत्र को भरपूर मात्रा में पानी से सटे किया जाना चाहिए, और स्टॉक सर्कल को पीट या छाल से ढंकना चाहिए।
वसंत में (अप्रैल-मई में), नाइट्रोमाम्फोस या जटिल खनिज उर्वरकों के साथ भोजन किया जाता है। अक्टूबर में, पोटाश और फास्फोरस उर्वरकों को पेश किया जाता है। यदि पौधों को फंगल रोगों से प्रभावित किया जाता है, तो फंगलसाइड ("फंडाज़ोल", "ऑर्डन") के साथ इलाज किया जाता है। अप्रैल-मई में, फंगल रोगों के खिलाफ निवारक उपचार 1% बोर्डो द्रव कीट (एफिड्स, कैटरपिलर) झाड़ियों द्वारा जुनिपर को क्षतिग्रस्त होने पर कीटनाशकों ("कॉन्फिडोर", "अक्षरा") के साथ इलाज किया जाता है। उपचार दो बार किया जाता है (7-10 दिनों का अंतराल)
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दिल्ली में बीते मंगलवार से ही जहरीले स्मॉग ने कहर बरपाया हुआ है. स्मॉग के चलते दिल्ली सरकार ने हेल्थ एडवाइजरी भी जारी की और रविवार तक के लिए सभी स्कूल बंद कर दिए हैं. आपको बता दें कि एयर पॉल्यूशन सिर्फ दिल्ली की ही दिक्कत नहीं है, वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक टॉप-20 प्रदूषित शहरों में से 9 भारतीय हैं.
> एक कपड़ा- रुमाल या बैंडना (20 रुपए)
> चारकोल टैबलेट (1 रुपए/गोली मेडिकल स्टोर से मिल जाएगी)
> कैंची और स्टेपलर (सबके घर पर होता है)
> वेट और ड्राई टिशु पेपर (10 रुपए)
> गम ट्यूब (सबके घर पर होती है)
कैसे बनाना है?
सबसे पहले बैंडना या रूमाल लें और उसे फोल्ड कर लें. इसके बाद चारकोल की 5 गोलियां लें और इन्हें बारीक-बारीक पीस लें. ध्यान रहे कि टैबलेट खरीदते हुए पढ़ लें कि वो एक्टिवेटेड चारकोल है या नहीं.
इसके बाद एक वेट टिशु पेपर लें और बारीक पिसे चारकोल को इस पर अच्छी तरह फैला लें. वेट टिशु होने के चलते चारकोल इस पर चिपक जाएगा. इसके बाद वेट टिशु को भी फोल्ड कर लें. अब एक ड्राई टिशु पेपर लें और वेट टिशु पेपर को इसमें अच्छे से रैप कर लें. आप इसे चिपका भी सकते हैं या फिर स्टेपल भी कर सकते हैं. स्टेपल करने के बाद आपका कार्बन फ़िल्टर तैयार हो जाएगा.
अब फोल्ड किया हुआ बैंडना या रुमाल लें और उसके अन्दर इसे स्टेपल कर लें. पहनते हुए फ़िल्टर को नाक की तरफ रखें. सिर्फ 35 रुपए खर्च कर आपका एयर-पॉल्यूशन मास्क तैयार हैं.
काफी सारे ऐसे लोग भी होंगे जिन्होंने स्मॉग के डर से एंटीडस्ट मास्क खरीद लिया है लेकिन सच तो ये है कि ये स्मॉग में किसी कम का नहीं है. लेकिन हम आपको बता रहे हैं कि इसे कैसे एंटी-पॉल्यूशन मास्क में बदल सकते हैं.
ऊपर बताई गई प्रोसेस के मुताबिक कार्बन फ़िल्टर बनाएं. इस बार उसका साइज़ अपने एंटीडस्ट मास्क के मुताबिक रखें. मास्क के साइज़ का ही सूती कपड़ा भी लें. अब मास्क के पीछे कार्बन फ़िल्टर रखें फिर सूती कपड़ा रखें और स्टेपल कर लें. आपका एयर-पॉल्यूशन मास्क तैयार है.
नोटः ये मास्क 10-15 दिन आराम से चल जाएगा. जब टिशु पेपर ब्रेक होने लगे तो स्टेपल पिन को निकालें और नया कार्बन फ़िल्टर बनाकर फिर से इस्तेमाल करें.
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Dhanbad: बाघमारा कोयलांचल एक बार फिर से कोलियरियों में वर्चस्व को लेकर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया है. बाघमारा स्थित बीसीसीएल अंगारपथरा काटापहाड़ी कोलडम्प में विधायक ढूल्लू महतो ओर पूर्व विधायक जलेश्वर महतो के समर्थक आपस मे भिड़ गये. दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई.
इस दौरान जमकर पत्थरबाजी हुई, लाठी-डंडे व अन्य हथियार चलाये गये, फायरिंग भी की गयी. मारपीट के दौरान एक पुलिसकर्मी व कई मजदूर गम्भीर रूप से घायल हुए हैं.
दोनों पक्ष एक दूसरे पर डीओ होल्डर से रंगदारी लेने व कोलियरी में वर्चस्व स्थापित करने का आरोप लगा रहे हैं.
बता दें कि पिछले पांच दिनों से काटापहाड़ी कोलडम्प में वर्चस्व को लेकर दोनों पक्षों में तनाव बना हुआ था.
दोनों पक्षों के समर्थक सुबह होते ही अपने अपने लोगों के साथ कांटा घर के समीप सैकड़ों की संख्या में जमा होकर एक दूसरे से दो-दो हाथ करने को अमादा दिख रहे थे.
ऐसे स्थिति में दोनो पक्षों के बीच वर्चस्व को लेकर कभी भी खूनी संघर्ष हो सकता था. पूर्व में भी यहां कोयले के उठाव व लोडिंग को लेकर खूनी जंग हो चुकी है.
वहीं मारपीट की सूचना मिलने पर अंगारपथरा की पुलिस के साथ-साथ अन्य थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गयी और स्थिति को काबू किया. फिलहाल पूरा क्षेत्र पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है. घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है.
कोलियरी में वर्चस्व की लड़ाई का नुकसान मजदूर तथा डीओ होल्डरों को हो रहा है. पिछले चार दिनों से एक छंटाक कोयला लोडिंग नही हुआ है.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि कोलडम्प में खूनी संघर्ष हुआ है. इसके बावजूद जिला प्रशासन इस वर्चस्व की लड़ाई को रोकने में विफल है.
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स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, डोंगहे (दक्षिण कोरिया)
टोक्यो ओलंपिक में पदक से चूककर चौथे स्थान पर रहने के बाद भारत का यह पहला टूर्नामेंट है। 2016 में भारत ने जीता था खिताब और तीन साल पहले उपविजेता रही थी।
भारतीय महिला हॉकी टीम रविवार को थाईलैंड के खिलाफ एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में उतरेगी तो उसका इरादा शानदार जीत के साथ अपने अभियान का आगाज करने का होगा। टोक्यो ओलंपिक में पदक से चूककर चौथे स्थान पर रहने के बाद भारत का यह पहला टूर्नामेंट है। 2016 में भारत ने जीता था खिताब और तीन साल पहले उपविजेता रही थी।
कप्तान और गोलकीपर सविता ने कहा कि टीम चुनौती के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, 'टीम का फोकस इस समय अच्छी शुरुआत पर है। यह ओलंपिक के बाद हमारा पहला टूर्नामेंट है और पहले मैच से पूर्व बेचैनी रहती ही है। ' एक पूल की प्रतियोगिता में भारत के अलावा चीन, कोरिया, जापान और मलयेशिया भी खेल रहे हैं।
अपने विरोधियों के बारे में सविता ने कहा, 'हमें मेजबान कोरिया से कड़ी चुनौती मिलेगी। इसके अलावा चीन या एशियाई खेल स्वर्ण पदक विजेता जापान को भी हलके में नहीं ले सकते। यहां पहुंचने के बाद हालात के अनुरूप ढलने के लिए हमने अभ्यास किया है । यह खूबसूरत स्टेडियम है और हम इस पिच पर पहले भी खेल चुके हैं। मौसम बहुत ठंडा है और इसके अनुकूल ढलना सबसे बड़ी चुनौती है। '
अगले साल एशिया कप और एशियाई खेलों से पहले सविता ने इस टूर्नामेंट को काफी महत्वपूर्ण बताया। भारत को छह दिसंबर को दूसरे मैच में मलयेशिया से और दो दिन बाद कोरिया से खेलना है । चीन से नौ दिसंबर को और जापान से 11 दिसंबर को मैच होगा। फाइनल पूल की शीर्ष दो टीमों के बीच 12 दिसंबर को खेला जाएगा।
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कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आने वाले समय में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वामदलों और कांग्रेस के मध्य गठबंधन के अनुमान लगाए जा रहे हैं, लेकिन खबर है कि माकपा और अन्य वामदल के बीच चुनावी रणनीति पर वे एक मत नहीं हैं। राज्य में कांग्रेस नेतृत्व का बड़ा वर्ग तृणमूल कांग्रेस को हराने हेतु वामदलों के ही साथ गठजोड़ करने का समर्थक है। बिहार में महागठबंधन द्वारा भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को हराने के बाद इस तरह के अभियान ने तेज़ी पकड़ी है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रंजन अधीर समेत वरिष्ठ नेताओं ने पश्चिम बंगाल में गठबंधन के समर्थन में आवाज़ उठाई थी। हालांकि गठबंधन को लेकर माकपा अभी निर्णय नहीं कर पाया है। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता द्वारा यह कहा गया कि माकपा यदि बंगाल में कांग्रेस के ही साथ गठबंधन करेगी है तो केरल में पार्टी की संभावनाओं पर प्रभाव होगा। केरल में कांग्रेस माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की प्रमुख विरोधी है। इस राज्य में कुछ समय बंगाल के साथ चुनाव होने हैं।
उनका कहना था कि राज्य के लोग तृणमूल को सरकार के प्रभुत्व से बेदखल करना चाहते हैं। वे धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक शक्तियों के ही साथ गठबंधन करते हैं। कांग्रेस भी इस तरह के प्रयासों में लगी है। उन्होंने कहा कि यदि पार्टी गठबंधन की राजनीति पर विचार करेगी तो उसे जनता की राय को ध्यान में रखना ही होगा। चुनावी गठबंधन की ऐसी ही बात उत्तरप्रदेश के संदर्भ में भी सामने आ चुकी है लेकिन वहां नेताओं ने राजनीतिक समीकरण अलग होने की बात कर इससे किनारा करना ही बेहतर समझा है।
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July 2023 Planet Transits: ज्योतिष शास्त्र के लिहाज से जुलाई का महीना विशेष रहने वाला है। क्योंकि जुलाई में 5 ग्रहों की चाल में बदलाव होने जा रहा है। आपको बता दें कि 1 जुलाई को मंगल ग्रह सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। तो वहीं 7 जुलाई को शुक्र भी सिंह राशि में प्रवेश करेंगे। वहीं 8 जुलाई को ग्रहों के राजकुमार बुध कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। उसके बाद 17 जुलाई को सूर्य कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे बुधादित्य राजयोग बनेगा। फिर 23 जुलाई को शुक्र सिंह राशि में वक्री हो जाएंगे।
वृष राशि (Taurus Zodiac)
जुलाई में 5 ग्रहों की चाल में बदलाव वृष राशि के जातकों को शुभ साबित हो सकता है। इस महीने आपको काम- कारोबार में तरक्की मिल सकती है। साथ ही आपको आकस्मिक धनलाभ भी हो सकता है। वहीं आपकी भौतिक सुविधाओं में वृद्धि होने के साथ ही आपकी लव लाइफ में भी प्यार बढ़ेगा। साथ ही आपको फंसा हुआ धन प्राप्त होगा। वहीं आपकी वाणी में प्र्भाव देखने को मिलेगा। जिससे लोग आपसे इंप्रेस होंगे। वहीं इस दौरान वृष राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति काफी अच्छी रहेगी। इस दौरान आपकी पैसों से संबंधित सभी समस्याएं इस महीने दूर हो जाएंगी।
तुला राशि (Tula Zodiac)
पांच ग्रहों की चाल में बदलाव तुला राशि के लोगों को अनुकूल सिद्ध हो सकता है। इसलिए यह महीना जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में आपके लिए मददगार साबित होगा। वहीं तुला राशि वालों को इस अवधि में विदेश यात्रा का अवसर मिल सकता है। इस दौरान तुला राशि के जातकों की आर्थिक स्थिति भी काफी अच्छी रहने वाली है। वहीं आप इस महीने कोई वाहन या प्रापर्टी खरीद या बेच सकते हैं। वहीं रुके हुए कार्य भी जल्द से जल्द पूरे होंगे। यदि आपका व्यावसायिक अनुबंध अटका हुआ है, तो उसे अंतिम रूप देने का यही समय है।
धनु राशि (Dhanu Zodiac)
आप लोगों के लिए 5 ग्रहों की चाल में बदलाव लाभप्रद साबित हो सकता है। इसलिए इस समय आपकी इच्छाओं की पूर्ति होगी। साथ ही विभिन्न स्रोतों से धन की प्राप्ति होगी। आप अपनी कमाई को बचाए रखने में भी सक्षम होंगे। इतना ही नहीं इस दौरान आपकी सुख समृद्धि में भी वृद्धि होगी। वहीं इस समय आप आध्यात्म से भी जुड़ेंगे। साथ ही अगर आप शेयर बाजार, सट्टा और लॉटरी में धन का निवेश करना चाहते हैं, तो कर सकते हैं। वहीं इस महीने नौकरी पेशा लोगों का मनचाही जगह ट्रांसफर और प्रमोशन हो सकता है।
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New Delhi: प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये स्वामी चिद्भवानंदजी की भगवद गीता (Bhagavad Gita) का किंडल वर्जन लॉन्च किया, उन्होंने गीता के महत्व को दर्शाते हुए युवाओं से गीता पढ़ने को कहा। प्रधानमंत्री ने डिजिटल माध्यम को आज के युवाओं के बीच प्रचलित स्तोत्र की महत्वता भी बताई। उन्होंने कहा की आज युवाओं के बीच ई-बुक बहुत ही प्रसिद्ध होती जा रही हैं। इसी कारण भगवद गीता का डिजिटल प्रकाशन किया गया है।
पीएम (PM Modi) ने आगे कहा कि गीता से प्रेरित कोई भी व्यक्ति हमेशा स्वभाव से दयालु और लोकतांत्रिक होगा। पीएम ने भारत की कोरोना वैक्सीन अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा कि " भारत दुनिया के हर जख्म को भरना चाहता और इंसानियत की मदद करना चहता है, इसलिए भारत में बनी वैक्सीन दुनिया भर में सप्लाई की जा रही हैं ताकि दुनिया इस कोरोना की मुश्किल घड़ी से जल्द से जल्द उबर सके।
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हिमाचल प्रदेश इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक एडमिशिटेशन (हिपा) शिमला में प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालयों से सडक़ सुरक्षा समन्वयक के लिए दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ शुक्रवार को किया गया। कार्यशाला में सडक़ सुरक्षा के अतिरिक्त आयुक्त विकास सूद, डीएसपी अमर सिंह, सडक़ सुरक्षा उपनिदेशक ओंकार सिंह, पुलिस सहायक महानिदेशक संदीप धवन, हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग से रिटायर्र्ड सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर राउजिफ शेख द्वारा इस कार्यशाला के पहले दिन सडक़ सुरक्षा के नियम के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि आज दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके लिए हमें हर समय समाज को जागरूक करना होगा, जिससे समाज में दुर्घटनाएं कम हो सकंे। इसलिए सरकार द्वारा सडक़ सुरक्षा क्लबों, कॉलेजों व स्कूलों में गठन किया गया है। इस कार्यशाला में प्रदेश के लगभग 40 कॉलेजों के सडक़ सुरक्षा समन्वयक भाग ले रहे हैं। इनमें राजकीय महाविद्यालय बड़सर, हमीरपुर, सिलाई, पांवटा साहब, मंडी, कुल्लू, सुजानपुर, टिहरा, धामी, करसोग, बलद्वाड़ा, डैहर, धर्मपुर आदि कॉलेजों के प्रोफेसर इस कार्यशाला में भाग ले रहे हैं।
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नई दिल्लीः
फेमस सिंगर मीका सिंह (Mika Singh) को लगता है कि लोगों को कोविड महामारी (Covid 19) के बीच ट्विटर पर प्रवचन देना छोड़कर कुछ वास्तविक काम करना चाहिए. मीका सिंह (Mika Singh) ने अपने एनजीओ के तहत एक खाद्य सेवा (लंगर सेवा) शुरू की है, और सोमवार को बस ड्राइवरों, स्ट्रीट किड्स, गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त भोजन देने के अपने प्रयासों को शुरू किया है. मीका सिंह (Mika Singh) ने कहा, 'जब किसानों का विरोध प्रदर्शन हुआ और किसानों को मदद की जरूरत थी, लोगों ट्विटर-बाजी में लिप्त हो गए, वे ट्वीट करते रहे कि हम ऐसा करेंगे और वैसा करेंगे, लेकिन इसमें से कुछ भी नहीं किया गया. ट्विटर पर समर्थन दिखाने की जरूरत नहीं है. घर से बाहर निकलो और हकीकत में मदद करो.'
मीका सिंह (Mika Singh) ने कहा, 'जब भी कोई मुद्दा होता है, तो लोग ट्विटर पर आशा करते हैं और लिखना शुरू कर देते हैं. लोगों से मेरा विनम्र निवेदन है, वास्तविक मदद करें और बयान बाजी (प्रवचन देना) बंद करें.' मीका किसानों के विरोध के एक प्रमुख समर्थक रहे हैं और अभी भी उनको समर्थन करते हैं, लेकिन उनका मानना है कि कोविड एक बड़ा मुद्दा है और सभी को अपना काम करना शुरू करना चाहिए.
मीका सिंह (Mika Singh) ने कहा 'मुझे यकीन है कि सरकार एक निर्णय लेगी. सरकार से बड़ा कोई नहीं है और इस मामले (किसानों के विरोध) को जल्दी से हल किया जाना चाहिए. लेकिन अभी, लोग कोरोनवायरस के बजाय भूख से मर रहे हैं." उन लोगों के बारे में भी चिंता करनी चाहिए जो अभी जीवित हैं और सड़क पर हैं. सड़क पर रहने वाले लोगों को भोजन की आवश्यकता होती है, बेरोजगारों को भोजन की आवश्यकता होती है, लोगों को पीने के लिए पानी, पहनने के लिए कपड़े और सोने के लिए जगह नहीं होती है और यह समय है कि हम जीवन को भी ध्यान में रखें.'
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यह पूछे जाने पर कि क्या मनोरंजन उद्योग लोगों के लिए पर्याप्त नहीं होने के कारण और अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लंबे दावे कर रहे है, मीका ने जवाब दिया, 'मुझे बॉलीवुड से प्यार है और मैं इसका सम्मान करता हूं. देखिए, ऐसे लोग हैं जो वास्तव में अच्छा काम कर रहे हैं और मदद कर रहे हैं. दूसरों, लेकिन ऐसे लोगों की बहुत बड़ी ब्रिगेड है जो सिर्फ महंगे जूते और घड़ियां पहनना चाहते हैं. इसके लिए मैं कहता हूं, अगर ईश्वर ने आपको अच्छे भाग्य का आशीर्वाद दिया है, तो कृपया किसी और की भी मदद करें.'
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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वृष राशि (Taurus Zodiac)
आप लोगों के लिए शुक्र ग्रह का गोचर अत्यंत शुभ साबित हो सकता है। क्योंकि शुक्र ग्रह आपकी राशि से लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसलिए इस समय आपके आत्मविश्वास में वृद्धि देखने को मिलेगी। साथ ही व्यक्तित्व में निखार आ सकता है। आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी। वहीं आप अपने निवेशों की तरफ ध्यान देंगे एवं उन्हें बेहतर बनाने के लिए कुछ ठोस निर्णय भी ले सकते हैं। वहीं जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा। वहीं जीवनसाथी की तरक्की हो सकती है। वहीं इस समय आप साझेदारी का काम शुरू हो सकते हैं। वहीं अविवाहित लोगों को विवाह का प्रस्ताव आ सकता है।
कन्या राशि (Kanya Zodiac)
शुक्र ग्रह का राशि परिवर्तन कन्या राशि के जातकों अनुकूल सिद्ध हो सकता है। क्योंकि यह गोचर आपकी राशि से भाग्य स्थान में होने जा रहा है। इसलिए इस समय किस्मत का साथ मिल सकता है। विदेश यात्रा पर भी जा सकते हैं। साथ ही आर्थिक मामलों में भी समय अनुकूल रहेगा एवं धन आगमन होगा। वहीं जो व्यापारी हैं, उनको कारोबार में अच्छा धनलाभ हो सकता है। साथ ही इस समय आप सेविंग करने में भी कामयाब रहेंगे। वहीं इस समय आप कोई धार्मिक या मांगलिक कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं।
धनु राशि (Dhanu Zodiac)
आप लोगों के लिए शुक्र ग्रह का राशि परिवर्तन सुखद और लाभाकारी सिद्ध हो सकता है। क्योंकि यह गोचर आपकी राशि से पंचम भाव में होने जा रहा है। इसलिए इस समय आपको संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। साथ ही परिवार में सुख समृद्धि के शुभ संयोग बनेंगे। वहीं जो लोग संतान प्राप्ति के इच्छुक हैं, उनको संतान की प्राप्ति हो सकती है।
साथ ही आकस्मिक धनलाभ के भी योग बन रहे हैं। साथ ही आप इस अवधि में किसी प्रापर्टी की लेन- बेच कर सकते हैं। वहीं प्रेम- संबंधों में भी इस समय सफलता मिल सकती है।
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बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख खान इन दिनों खूब चर्चा का विषय बने हुए हैं। दरअसल अगले साल शाहरुख की मोस्ट अवेटेड फिल्म 'पठान' रिलीज होने वाली जिसको लेकर एक्टर खूब सुर्खियां बटोर रहे हैं। फिल्म रिलीज होने से पहले ही कई सारे विवादों से घिर चुकी हैं। लेकिन इसी बीच शाहरुख की एक ऐसी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल जिसे देख लोग एक्टर के सेन्स ऑफ़ ह्यूमर की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं।
दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रही हैं जिसमे अमिताभ बच्चन और शहरुख खान एक साथ छोटे परदे का फेमस रियलिटी शो 'कॉफ़ी विद करण' में नजर आ रहे हैं। जहां शाहरुख ने अपने जवाब से अमिताभ बच्चन की बोलती बंद कर दी थी। ये वीडियो उस दौरान का है जब करण जोहर के शो 'कॉफ़ी विद करण' में शाहरुख और अमिताभ एक साथ पहुंचे थे. करण ने अमिताभ बच्चन से पूछा था, "वो एक चीज क्या है जो आपके पास है लेकिन शाहरुख के पास नहीं है? "
जिस पर अमिताभ ने जवाब देते हुए कहा था- मेरी हाइट। इसके बाद करण शाहरुख से पूछते हैं कि उनके पास एक ऐसी क्या चीज है जो अमिताभ के पास नहीं है। जिसका जवाब बिना किसी देरी के देते हुए शाहरुख ने कहा- लंबी पत्नी। शाहरुख का यह जवाब सुन अमिताभ उन्हें देखते रह गए थे। बता दें, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो साल 2005 का है. शाहरुख करण के शो में अपनी फिल्म 'मैं हूं ना' को प्रमोट करने पहुंचे थे। वहीं अमिताभ ने अपनी फिल्म 'ब्लैक' के प्रमोशन के लिए करण जोहर के शो में शिरकत की थी।
बता दे की उस वक़्त शाहरुख खान अमिताभ बच्चन के काफी क्लोज हुआ करते थे। और दोनों ही स्टार्स एक दूसरे के साथ काफी अच्छी बॉन्डिंग भी शेयर किया करते थे। उस दौरान शाहरुख और अमिताभ ने एक साथ कई फ़िल्में भी की हैं। जिनमे वीर जारा, कभी खुशी कभी गम और मोहब्बतें जैसी सुपरहिट फिल्मों में स्क्रीन शेयर कर चुके हैं।
इन सारी फिल्मों में दर्शकों ने इन दोनों की जोड़ी को खूब पसंद भी किया था। वही शाहरुख और अमिताभ की ये अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। साथ ही फैंस अब इसपर ढेरों कमेंट करते हुए भी नजर आ रहे हैं।
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कानपुर , उत्तर प्रदेश में कानपुर के कल्याणपुर क्षेत्र में शनिवार को मालगाड़ी की कपलिंग टूटने से रेल और सड़क यातायात करीब दो घंटे तक बाधित रहा।
दरअसल, कानपुर से कासगंज जा रही एक मालगाड़ी की कपलिंग कल्याणपुर स्टेशन के निकट टूट गयी और रेल इंजन दो डिब्बों के साथ आईआईटी क्रासिंग तक पहुंच गया। वाकी टाकी से गार्ड ने इंजन के चालक को घटना की जानकारी दी जिसके बाद कुछ देर के लिये अफरातफरी मच गयी।
रेलवे के सूत्रों ने बताया कि संभवतः इंजन से एक जानवर के टकराने से कपलिंग टूटी हालांकि ट्रेन की रफ्तार तेज नहीं होने से बड़ा हादसा होने से बच गया। घटना की वजह से कल्याणपुर क्रॉसिंग, 9 नम्बर क्रॉसिंग, गोवा गार्डन क्रॉसिंग और आईआईटी क्रॉसिंग दो घंटे तक बंद रही जिससे क्रासिंग के दोनो ओर वाहनो की कतार लग गयी। ट्रेन को दुरूस्त करने के बाद आगे के लिये रवाना कर दिया गया है।
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