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बढ़ती महंगाई के इस दौर में बच्चों की उच्च शिक्षा व शादी के लिए रकम जुटाना एक बड़ा टास्क है. इसका समाधान यह है कि बच्चे की छोटी आयु से ही बचत का एक हिस्सा निवेश किया जाए, जिससे बच्चे के बड़े होने पर इस राशि का उपयोग उसकी उच्च शिक्षा व शादी में किया जा सके. जब बेटियों के लिए लंबी अवधि के निवेश विकल्प की बात आती है, तो पेरेंट्स पीपीएफ (PPF) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं. आज हम आपको इन दोनों निवेश विकल्पों के बारे विस्तार से बताएंगे, जिससे आपको अपनी गर्ल चाइल्ड के लिए इन दोनों में से बेहतर विकल्प चुनने में सहूलियत होगी.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
यह एक काफी लोकप्रिय लंबी अवधि का निवेश विकल्प है. यह EEE स्टेटस के साथ आता है. अर्थात इस विकल्प में निवेश की राशि, अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि तीनों ही टैक्स फ्री होती हैं. पीपीएफ अकाउंट की अवधि 15 साल की होती है। इस योजना में इस समय 7. 1 फीसद सालाना ब्याज दर मिल रही है, जो कि समान अवधि वाले अन्य फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स की तुलना में अधिक है। PPF में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 500 रुपये का निवेश करना होता है। वहीं, एक वित्त वर्ष में पीपीएफ में अधिकतम 1. 5 लाख रुपये निवेश किये जा सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
Sukanya Samriddhi Yojana गर्ल चाइल्ड के लिए एक काफी लोकप्रिय निवेश विकल्प है. इस योजना में इस समय 7. 6 फीसद ब्याज दर मिल रही है. भारतीय डाक की वेबसाइट के अनुसार, इस योजना में गर्ल चाइल्ड की 10 साल की आयु से पहले अभिभावक द्वारा खाता खुलवाना होता है. गर्ल चाइल्ड के 18 साल के होने पर वह खाताधारक बन जाती है. इस योजना में एक वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये और अधिकतम 1. 5 लाख रुपये निवेश किये जा सकते हैं. Sukanya Samriddhi Yojana में अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि टैक्स फ्री होती है.
ब्याज दर के हिसाब से देखें, तो SSY में अधिक ब्याज दर मिल रही है. यहां बता दें सभी स्मॉल सेविंग स्कीम्स पर ब्याज दरें सरकार द्वारा हर तिमाही के लिए तय की जाती है. इसलिए इन योजनाओं की ब्याज दरों में समय के साथ बदलाव हो सकता है. हालांकि, इतिहास बताता है कि SSY में ब्याज दर हमेशा PPF से अधिक ही रही है. इस तरह हम दोनों योजनाओं की ब्याज दर के आधार पर तुलना करें, तो SSY बेहतर साबित होती है.
निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि खाता खुलवाने के 21 साल बाद सुकन्या समृद्धि योजना का खाता अनिवार्य रूप से बंद हो जाता है. जबकि Public Provident Fund के मामले में ऐसा नहीं है। PPF खाते को 15 साल की मैच्योरिटी अवधि के बाद भी 5-5 साल के ब्लॉक्स में आगे बढ़ाया जा सकता है. इसका मतलब यह हुआ कि निवेशक एसएसवाई खाते का फायदा एक सीमित अवधि तक ही ले सकता है, जबकि PPF खाते का लाभ पूरे जीवनकाल तक लिया जा सकता है. इसलिए अगर आप अपनी बेटी के लिए 21 साल के बाद भी निवेश जारी रखना चाहते हैं, तो PPF आपके लिए बेहतर साबित होगा.
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Aj Ka Mausam: विभाग ने कहा कि पश्चिमी और पूर्वी भारत में अगले तीन दिनों तक तापमान में बढ़ोतरी नहीं नहीं होगी। यानी वह सामान्य से नीचे बना रहेगा। इसके बाद दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी होगी।
देश के कई हिस्सों में हल्की बूंदाबादी के बाद तापमान में चार डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। इस बीच मौसम विभाग ने कहा कि है कि अगले पांच दिनों तक देश के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी और लू का खतरा नहीं है। विभाग की मानें तो इस महीने के आखिर तक देश के विभिन्न हिस्सों में कहीं बारिश तो कहीं गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं, जिसके प्रभाव स्वरूप भीषण गर्मी से राहत बनी रहेगी।
मौसम विभाग ने रविवार को जारी बयान में कहा है कि बूंदाबादी के कारण तापमान में आई गिरावट के चलते अगले पांच दिनों तक उष्ण लहर यानी लू चलने के आसार नहीं है। इसमें कहा गया कि दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश में यह पांच डिग्री तक तापमान गिरा है। वहीं उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के गंगीय क्षेत्र, विदर्भ एवं तेलंगाना, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में यह एक से तीन डिग्री तक गिरा है।
विभाग ने कहा कि पश्चिमी और पूर्वी भारत में अगले तीन दिनों तक तापमान में बढ़ोतरी नहीं नहीं होगी। यानी वह सामान्य से नीचे बना रहेगा। इसके बाद दो से तीन डिग्री की बढ़ोतरी होगी। इसी प्रकार उत्तर पश्चिमी राज्यों के तापमान में अगले दो दिनों तक बढ़ोतरी के आसार नहीं हैं। उसके बाद दो से चार डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है।
मौसम विभाग ने इस बार अप्रैल-जून के बीच भीषण गर्मी पड़ने का पूर्वानुमान जारी किया है, लेकिन अभी तक गर्मी ज्यादा नहीं पड़ी है। मार्च के शुरुआत में कुछ स्थानों में लू जरूर चली, लेकिन उसके बाद लू का प्रकोप अभी तक नहीं देखा गया है। यदि अप्रैल का महीना भी ठीकठाक निकल जाता है तो फिर मई-जून में भीषण गर्मी पड़ना तय है।
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Women successors in HR: किसी भी कंपनी के लिए HR अति महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एंप्लॉय या वर्कर के मैनेजमेंट और भर्ती प्रक्रिया के साथ-साथ कंपनी के रिक्वायरमेंट को देखना HR या HRM का कार्य होता है। HR का मतलब ह्यूमन रिसोर्स और HRM का मतलब ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट है। यानी HR मानव संसाधन का प्रबंधन करती है। कंपनी और वर्कर के मध्य ब्रिज का कार्य HR का होता है। यदि आप किसी कंपनी में काम कर रहे हैं या फिर कर चुके हैं तो आपको पता होगा कि HR ज्यादातर महिलाएं ही होती हैं। आख़िर पुरुषों में वह कौन सी योग्यता नहीं होती जिससे वह एक अच्छे HR नहीं बनते हैं! यूनाइटेड स्टेट ऑफ अमेरिका के लेबर डिपार्टमेंट के स्टेटिस्टिक्स के अनुसार साल 2016 में यूएस की कंपनियों में 72 प्रतिशत एचआर मैनेजर महिलाएं थीं। साल 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 86 प्रतिशत हो गया था। भारत में भी कुछ ऐसी ही स्थिति दिखती है।
- - महिलाएं पुरुष की तुलना में ज्यादा भावुक होती हैं। वे भावनाओं पर कंट्रोल भी करना जानती हैं। उनके अंदर भावना और तर्कों का जबरदस्त संतुलन होता है। किसी कंपनी को सही ढंग से चलाने के लिए ये गुण बहुत काम आते हैं।
- - महिलाएं पुरुष की तुलना में ज्यादा धैर्य बनाए रखती हैं। विपरीत परिस्थिति में भी महिलाएं सोच समझकर और राय मशविरा करके ही निर्णय लेती हैं। किसी भी कंपनी के लिए सही एचआर होना अतिआवश्यक है क्योंकि बॉस और वर्कर दोनों परेशान रहते हैं, इस स्थिति में सटीक और सही निर्णय धैर्य के साथ ही संभव है।
- - महिलाएं एक ही प्रकार के कार्य से बोर नहीं होती हैं। इनके अंदर प्रबंधन कौशल नेचुरली देखे जाते हैं। डेली मीटिंग से लेकर पेमेंट के लिए इनवॉइस को अप्रूव करना जैसे अनेकों कार्य कंपनी में होते हैं। ऐसे कार्य को हैंडल करने के लिए धैर्य, भावुकता, दूरदर्शिता और संतुलित दृष्टिकोण चाहिए। इन सब गुणों का संतुलन महिलाओं में देखा जाता है।
- - पुरुष की तुलना महिलाएं बिना किसी पूर्वाग्रहों के सभी एंप्लॉय से सम्मान से बात करने में सक्षम होती हैं। उनमें किसी भी आधार पर भेदभाव करने की चाहत बहुत कम होती है। स्वस्थ वर्क कल्चर के लिए यह गुण बहुत आवश्यक है।
- - प्रकृति ने महिलाओं को पुरुष की तुलना में मधुर आवाज दी है। कंपनी के किसी नए एंप्लॉय से बात करना हो या फिर इंटरव्यू लेना, बोलने की कला से बहुत कुछ तय हो जाता है। कभी - कभी कंपनी के प्रोजेक्ट के लिए HR को ही बात करने के लिए बोला जाता है। महिलाओं के कम्युनिकेशन स्किल शानदार होते हैं।
- दरअसल, बेहतर पर्सनैलिटी, ईमानदार व्यवहार, विनम्र स्वभाव, उच्च कम्युनिकेशन स्किल और भरोसेमंद व्यक्तित्व जिनमें हो वे एक बेहतरीन HR होते हैं। इन सभी गुणों का शानदार संतुलन महिलाओं में देखने के लिए मिलते हैं। इसलिए ज्यादातर महिलाएं HR ही होती हैं।
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नई दिल्लीः टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज गुरुवार को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर आस्ट्रेलिया के साथ खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच से पहले राष्ट्रगान गाते वक़्त भावुक हो गए। सिराज ने अपने आंसुओं को रोकने का प्रयास किया, किन्तु वह रोक नहीं पाए। बाद में वह दोनों हाथों से आंसू पोंछते हुए दिखाई दिए। इसका एक छोटा वीडियो क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू के ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट किया गया है।
टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि "अगर मैदान पर दर्शक हो या कम दर्शक हो, फिर भी भारत के लिए खेलने से बड़ी प्ररेणा कुछ नहीं हो सकती। एक महान खिलाड़ी ने कहा था कि, आप दर्शकों के लिए नहीं बल्कि देश के लिए खेलते हो। "
बता दें कि सिराज ने मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (SCG) पर खेले गए बॉक्सिंग डे टेस्ट से खेल के लंबे प्रारूप में डेब्यू किया था और पांच विकेट ले कर टीम को जीत दिलाने में सहायता की थी। टीम इंडिया नवंबर में आस्ट्रेलियाई आई थी। इसके तकरीबन एक हफ्ते बाद ही सिराज के पिता का देहांत हो गया था। उन्हें भारत लौटने का विकल्प दिया गया था लेकिन उन्होंने आस्ट्रेलिया में ही रहने का निर्णय किया।
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गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) द्वारा उत्तरी बंगाल में अलग राज्य की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे राज्य का पर्यटन उद्योग प्रभावित हो रहा है। पश्चिम बंगाल पर्यटन विकास कॉरपोरेशन (डब्ल्यूबीटीआईडीसी) के प्रबंध निदेशक टी. वी. एन. राव ने कहा कि दार्जिलिंग में होटलों की बुकिंग में 10 फीसदी की कमी आई है, वहीं होटल के 40 फीसदी कमरे खाली पड़े हुए हैं।
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SBI Fund Raise: इन्फ्रा बॉन्ड के जरिए 10,000 करोड़ रुपये जुटाएगा एसबीआई!
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बिहार सरकार ने सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर राज्य कर्मियों का वेतन पुनरीक्षण किये जाने के कारण सरकारी सेवा में समूह घ (ग्रूप डी) को समाप्त कर उसे समूह ग (ग्रुप सी) में समायोजित करने का निर्णय लिया है।
मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक के बाद बताया कि सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के आधार पर 01 जनवरी 2016 के प्रभाव से राज्य कर्मियों का वेतन पुनरीक्षित किया गया है। इसके परिणामस्वरूप राज्य की सेवाओं एवं पदों का फिर से वर्गीकरण किया गया। इसके आलोक में ग्रुप डी को समाप्त कर उसे ग्रुप सी में समायोजित करने का निर्णय लिया गया है। इश्री सिंह ने बताया कि सेवाओं एवं पदों के पुनर्वर्गीकरण के तहत समूह क, ख, ग और अवर्गीकृत समूह को रखा गया है। समूह क में पुनरीक्षित वेतन स्तर संरचना में स्तर 11 से 14, समूह ख में स्तर छह से नौ तथा समूह ग में स्तर एक से पांच तक को शामिल किया गया है।
वेतन भुगतान के लिए चौदह अरब 46 करोड़ आठ लाख रुपये विमुक्त करने के प्रस्ताव को आज मंजूरी दे दी। श्री सिंह ने बताया कि सरकार ने बिहार न्यायिक सेवा के सेवानिवृत्त पदाधिकारियों के पेंशन एवं पारिवारिक पेंशन पर 01 जनवरी 2016 के प्रभाव से अंतरिम राहत देने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि इसी तरह बिहार न्यायिक सेवा के पदाधिकारियों को 01 जनवरी 2016 के प्रभाव से मूल वेतन पर 30 प्रतिशत अंतरिम राहत देने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई है।
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लखनऊः उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 11 जुलाई को लुलु मॉल का शुभारंभ किया गया था। इसे लखनऊ का सबसे बड़ा मॉल कहा जा रहा है। लेकिन, उद्घाटन के कुछ दिनों के अंदर ही ये मॉल विवादों में घिर गया है। दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें लूलू मॉल में लोगों को नमाज पढ़ते देखा जा सकता है। वायरल वीडियो में कुछ लोग जमीन पर बैठकर नमाज पढ़ रहे हैं। वीडियो के वायरल होने के साथ ही यह सवाल उठ रहे हैं कि आखिर किसी मॉल में धार्मिक गतिविधियां कैसे की जा सकती हैं। हिंदू संगठनों ने मॉल में नमाज़ पर सवाल खड़े किए हैं।
हिंदू महासभा के अनुसार, लुलु मॉल का नाम पहले भी ऐसे विवादों में आ चुका है। संगठन नेता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि लुलु मॉल अब अपना असली रंग दिखाने लगा है। ये मॉल पहले से ही इसी प्रकार के कारनामों के लिए विवादों में रहा है। अब यूपी में भी ये मॉल वही कर रहा है। हिंदू महासभा ने हर उस मॉल पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है जिसे मस्जिद की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही है। वहीं, विवाद बढ़ने पर लुलु मॉल द्वारा सफाई दी गई है। मॉल की तरफ से कहा गया है कि हमें इस वीडियो का कोई अंदाजा नहीं है। हम उन लोगों की शिनाख्त करने का प्रयास कर रहे हैं। मॉल के अंदर हम इस बात की अनुमति बिल्कुल नहीं देते हैं।
बता दें कि 22 लाख वर्ग फुट में बने इस मॉल को 11 जुलाई से आम लोगों के लिए खोल गया था। गोल्फ सिटी के अमर शहीद पथ पर मौजूद, मॉल में देश के कुछ सबसे बड़े ब्रांड हैं, जिनमें लुलु हाइपरमार्केट, लुलु फैशन स्टोर और लुलु कनेक्ट शामिल हैं। लखनऊ मॉल में 15 रेस्तरां और कैफे स्थित हैं, इसके साथ ही 25 ब्रांड आउटलेट वाले फूड कोर्ट के अतिरिक्त इसमें 1,600 लोगों के बैठने की क्षमता है।
नेशनल हेराल्ड केसः इधर सोनिया गांधी से पूछताछ करेगी ED, उधर सड़कों पर हंगामा करेगी 'कांग्रेस'
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धर्मेन्द्र ने इस पोस्ट में एक वीडियो शेयर किया है, जो फिल्म 'गुड्डी' का है। इस वीडियो में धर्मेन्द्र कहते नजर आ रहे हैं, 'यहीं मैंने अपना करियर शुरू किया था विमल दा के साथ। विमल रॉय, बंदिनी बन रही थी. . . विमल दा नहीं रहे ये स्टूडियो भी खत्म हो गया। दो बीघा जमीन, बंदिनी ,मधुमती, कृष्ण चोपड़ा की चार दीवारी, हीरा मोती. . . बड़ी-बड़ी तस्वीरें हैं. . . आज किसे याद है वो नाम। '
इसे पोस्ट करते हुए धर्मेन्द्र ने लिखा है, 'सभी चमकने वाली चीजें सोना नहीं होतीं दोस्तो। फिल्म गुड्डी में इस हकीकत से पर्दा हटाया था। दुखी दिल से कह रहा हूं मोहन स्टूडियो की ये स्टेज जल गई थी. . . यहां मेरा स्क्रीन टेस्ट हुआ था। '
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2013 की गर्मियों में रूस और अमेरिका को करीब लाने के एक और प्रयास की विफलता के कारण रूसी-अमेरिकी संबंधों के भविष्य के बारे में चर्चा फिर से शुरू हुई। राजनीतिक वैज्ञानिकों के बीच संयमित और आशावादी आकलन प्रबल होता है (तार्किक रूप से, "उन्होंने पहली बार झगड़ा नहीं किया था और न ही आखिरी बार")। फिर भी, क्रेमलिन और व्हाइट हाउस के बीच बातचीत की नई विफलता चिंताजनक है। रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेता संक्षेप में, एक्सएनयूएमएक्स के अंत में जैसी ही समस्याओं पर चर्चा कर रहे हैंः टकराव संबंधी बयानबाजी की तीव्रता को कम करना, हथियारों पर नियंत्रण पर बातचीत फिर से शुरू करना और आर्थिक संपर्क स्थापित करना। पिछले बीस वर्षों में, पार्टियों ने वास्तव में कभी भी इन मुद्दों पर रचनात्मक बातचीत नहीं की है, अगर उन्हें हर दो से तीन साल में वापस आने के लिए मजबूर किया जाता है।
मेरी राय में, मॉस्को और वाशिंगटन [1] के बीच स्थायी टकराव शीत युद्ध की रूढ़ियों के कारण नहीं, बल्कि उनके बीच वास्तविक विरोधाभासों के बढ़ने से होता है। अगले दस से पंद्रह वर्षों में इस प्रक्रिया का परिणाम रूसी-अमेरिकी सैन्य संघर्ष बनने की संभावना है। यह पूर्वानुमान, निश्चित रूप से, काल्पनिक है। हालांकि, बीस साल तक, पार्टियों ने केवल इसके कार्यान्वयन की संभावना बढ़ाई।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उभरा आधुनिक विश्व व्यवस्था मूल रूप से एक एंग्लो-सैक्सन परियोजना थी। इसके मुख्य प्रावधानों को अटलांटिक चार्टर 1941 के ढांचे के भीतर परिभाषित किया गया था। सोवियत कूटनीति, 1942 के मध्य तक, विंस्टन चर्चिल के मंत्रिमंडल के साथ बातचीत की कि क्या इसके प्रावधानों को यूएसएसआर के खिलाफ निर्देशित किया गया था। केवल जून में, 1942, क्रेमलिन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रूजवेल्ट द्वारा प्रस्तावित "तीन पुलिसकर्मियों" की अवधारणा से सहमत हुआ, जिसके अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका, ग्रेट ब्रिटेन और यूएसएसआर को युद्ध के बाद की दुनिया में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए। एक समझौते तक पहुँचने ने 1943 - 1944 में सहयोगियों को अनुमति दी। याल्टा-पॉट्सडैम क्रम का आधार बनाने के लिए।
विश्व व्यवस्था का पहला परिवर्तन एक्सएनयूएमएक्स के मध्य में हुआ, जब यूएसएसआर और यूएसए ने संयुक्त रूप से ब्रिटिश और फ्रांसीसी साम्राज्यों को नष्ट कर दिया। यह उस समय से था जब विश्व व्यवस्था वास्तव में द्विध्रुवीय बन गई थीः यह दो महाशक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता पर आधारित थी जिन्होंने पारस्परिक गारंटी विनाश और अंतिम वैचारिक टकराव [XUMUMX] के मॉडल के आधार पर एक-दूसरे के साथ संबंध बनाए थे। यूएसएनआर और यूएसए के बीच सीधी टक्कर का जोखिम एक्सएनयूएमएक्स के बाद न्यूनतम रहा। पार्टियों के पास युद्ध की शुरुआत के कारणों की एक छोटी कमी थी, और सबसे महत्वपूर्ण बात, प्रतिद्वंद्वी के क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए तकनीकी क्षमताओं की कमी। न तो सोवियत और न ही अमेरिकी नेतृत्व के पास राजनीतिक कट्टरता थी जो "युद्ध-आर्मेनडेन" में जीत के लिए सब कुछ जोखिम के लिए तैयार थे। प्रदेशों के आस-पास के महाशक्तियों के बीच कोई विवाद नहीं थे जहां एक्सएमयूएमएक्स परिदृश्य [एक्सएनयूएमएक्स] के अनुसार उनके हितों का टकराव हो सकता था।
विश्व व्यवस्था का दूसरा परिवर्तन 1980s के अंत में आया। पेरेस्त्रोइका की नीति समाजवादी समुदाय और यूएसएसआर के निराकरण के साथ समाप्त हुई। हालाँकि, याल्टा-पोट्सडैम आदेश के मूल सिद्धांत इस रूप में बने रहेः
- रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच परमाणु मिसाइल समानता;
- अन्य परमाणु शक्तियों से रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के परमाणु क्षमता की मात्रात्मक और गुणात्मक पृथक्करण;
- हथियारों की एक पूरी श्रृंखला के उत्पादन पर रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका की एकाधिकार;
- रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका की एकाधिकार वैज्ञानिक अनुसंधान की एक पूरी श्रृंखला का संचालन करने के लिए;
- действующего Договора о нераспространении ядерного оружия (ДНЯО) 1968 г.
शक्ति के वितरण के दृष्टिकोण से, आधुनिक विश्व व्यवस्था शीत युद्ध की अवधि से बहुत कम है। चीन सहित "द्वितीय-क्रम" परमाणु शक्तियों में से कोई भी, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका [4] की रणनीतिक क्षमता को नष्ट करने का साधन नहीं है।
विश्व शासन का ढांचा नहीं बदला है। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद सत्ता के संतुलन को ठीक करने वाले कोई अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दस्तावेज नहीं थे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अग्रणी भूमिका अभी भी संयुक्त राष्ट्र की है, अधिक सटीक रूप से -। सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों की रचना विजयी शक्तियों तक सीमित है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के परिणाम पर आधुनिक विश्व व्यवस्था की वैधता स्थापित करती है। विजयी शक्तियों द्वारा जर्मनी और जापान की संप्रभुता की सीमाओं का संरक्षण इस तर्क में फिट बैठता है।
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, 1990 में संयुक्त राज्य ने एक नई विश्व व्यवस्था बनाने के अपने इरादे की घोषणा की। इस लक्ष्य को प्राप्त करना संभव है अगर तीन स्थितियाँ हैंः (1) अन्य देशों में बिजली की क्षमता की अनुपस्थिति अमेरिकी क्षमता के बराबर है; (2) अमेरिकी निर्णयों को अवरुद्ध करने की क्षमता के अन्य राज्यों से वंचित; (3) अन्य राज्यों से आदेश की वैधता की मान्यता। हालांकि, याल्टा-पोट्सडैम ऑर्डर की सामग्री और तकनीकी आधार को बनाए रखते हुए, हम केवल अनौपचारिक अमेरिकी नेतृत्व के बारे में बात कर सकते हैं। यहीं पर रूसी-अमेरिकी टकराव की नींव पड़ी।
प्रथम, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद जर्मनी और जापान की तर्ज पर सोवियत सैन्य क्षमता को खत्म नहीं किया गया था। रूसी संघ एकमात्र देश है जो तकनीकी रूप से संयुक्त राज्य को नष्ट करने में सक्षम है और तुलनीय प्रकार के हथियारों के आधार पर उन पर युद्ध छेड़ रहा है।
दूसरे, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में रूस में अमेरिकियों के फैसले को अवरुद्ध करने की क्षमता है।
तीसरा, रूस ने असमान रूप से अमेरिकी नेतृत्व की अपनी गैर-मान्यता को घोषित कर दिया है। इसके इनकार का वैचारिक रूप एक बहुध्रुवीय दुनिया की अवधारणा थी, जिसे एक्सएनयूएमएक्स में मास्को और बीजिंग द्वारा घोषित किया गया था।
"रूसी समस्या" को हल किए बिना, वैश्विक दुनिया की अमेरिकी परियोजना को फिसलने के लिए बर्बाद किया गया है।
चौथा, रूस अमेरिकी नीति को अवरुद्ध करने के लिए औपचारिक और अनौपचारिक गठबंधन तैयार कर रहा है। अधिकांश अंतरराष्ट्रीय संकटों में, मॉस्को ने फ्रांस, जर्मनी और पीआरसी की नीतियों के साथ व्हाइट हाउस लाइन का विरोध करने की कोशिश की। रूसी-चीनी "बिग ट्रीटी" 2001 पर हस्ताक्षर ने साबित कर दिया कि ऐसे गठबंधन व्यावहारिक रूप ले सकते हैं।
पांचवां, रूस सैन्य प्रौद्योगिकी निर्यात के क्षेत्र में संयुक्त राज्य अमेरिका से स्वतंत्र एक वाणिज्यिक नीति अपना रहा है। यह वाशिंगटन का मुकाबला करने के लिए बिजली क्षमताओं का निर्माण करने के इच्छुक देशों के लिए एक प्रौद्योगिकी दाता के रूप में कार्य करता है।
अमेरिकियों को एक समान स्थिति के साथ मजबूर किया जाता है, यह महसूस करते हुए कि रूस को दंडित करने के लिए उनके पास बहुत कम साधन हैं। (यह एक वास्तविक सजा है, न कि पिनप्रिक्स, जैसे रूसी कंपनियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने या रूस में मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोप। ) लेकिन "रूसी समस्या" को हल किए बिना, वैश्विक दुनिया की अमेरिकी परियोजना को खिसकाने के लिए किया जाता है।
1948 में वापस, हैरी ट्रूमैन प्रशासन ने सोवियत संघ के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका [5] स्तर पर सोवियत सैन्य क्षमताओं को कम करने के संबंध में मुख्य लक्ष्य की पहचान की। शीत युद्ध की समाप्ति के बाद, वाशिंगटन ने इस थीसिस की पुष्टि की। 12 मई 1989 के अध्यक्ष जॉर्ज बुश सीनियर ने कहा कि यूएसएसआर में लोकतांत्रिक सुधार निरस्त्रीकरण प्रक्रिया से अविभाज्य हैं। सोवियत संघ की सैन्य क्षमता को कम करने की आवश्यकता की स्थिति अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति 1991 में दर्ज की गई थी।
व्हाइट हाउस में सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि व्योमिंग समझौता के एक्सएनयूएमएक्स में गोद लेना था - रणनीतिक वार्ता के संचालन के लिए नए नियम। इसके अलावा यूएसएसआर के अंदर केन्द्रापसारक ताकतों के समर्थन से जुड़े अमेरिकी नेतृत्व को रियायतें। जे बुश सीनियर और डब्ल्यू क्लिंटन के प्रशासन ने एक्सएनयूएमएक्स - एक्सएनयूएमएक्स वर्षों के घरेलू राजनीतिक संकटों के दौरान बोरिस येल्तसिन का समर्थन किया। [1989] रणनीतिक रियायतों के बदले मेंः HEU - LEU समझौते से हथियारों-ग्रेड प्लूटोनियम को जमा करने वाले रिएक्टरों को बंद करना। क्रेमलिन के लिए एक महत्वपूर्ण रियायत START-1991 संधि (1993) पर हस्ताक्षर थी, जिसमें भारी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (ICBM) के उन्मूलन की परिकल्पना की गई थी।
जैसा कि बी। येल्तसिन की शक्ति मजबूत हुई, क्रेमलिन अपने प्रतिकूल दायित्वों का पालन करने के लिए कम और कम तैयार था। स्पष्ट रूप से महत्वपूर्ण बिंदु वाशिंगटन 27 सितंबर 1994 के लिए रूसी राष्ट्रपति की यात्रा थी, जिसके दौरान उन्होंने कहा कि स्टेट ड्यूमा की स्थिति के कारण, START-2 का अनुसमर्थन अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। 1994 के अंत तक, क्लिंटन प्रशासन ने महसूस किया कि रूस को निरस्त्र करने के कार्य को जल्दी से हल नहीं किया जा सकता है। उसी क्षण से, रूसी शासन वाशिंगटन के लिए शत्रुतापूर्ण हो गया। 1994 की शरद ऋतु के आसपास, अमेरिकी विशेषज्ञों ने रूस में "लोकतांत्रिक पारगमन की विफलता" के बारे में और "नव-शाही" ("नव-शाही") शासन की स्थापना के बारे में बात करना शुरू किया।
2000's में, स्थिति खराब हो गई। रूसी-अमेरिकी संबंधों में शत्रुता की वृद्धि व्लादिमीर पुतिन की आंतरिक नीति से जुड़ी नहीं थीः अपने स्वयं के लक्ष्यों को महसूस करने के लिए, वाशिंगटन ने नियमित रूप से "पुतिन के रूस" की तुलना में अधिक अधिकारवादी के साथ सहयोग किया। तथ्य यह था कि क्रेमलिन ने संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अमेरिकी शर्तों पर रणनीतिक संभावनाओं की कट्टरपंथी कमी पर बातचीत शुरू करने के सभी प्रयासों को खारिज कर दिया था। मास्को ने व्योमिंग समझौता का पुनरीक्षण शुरू किया, जो आंशिक रूप से START-3 संधि (2010) के ढांचे के भीतर किया गया था। अमेरिकियों को रूसी राष्ट्रपति के दर्शन के बारे में भी चिंता थी, जो उनके म्यूनिख एक्सएनयूएमएक्स फरवरी एक्सएनयूएमएक्स भाषण में परिलक्षित हुईः वी। पुतिन ने वाशिंगटन के अमित्र चरणों के लिए सैन्य विरोध की संभावना की घोषणा की।
1990s के मध्य से, संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूसी राजनीतिक प्रणाली को प्रभावित करने के नए तरीकों पर काम करना शुरू कियाः
- रूसी अधिकारियों और व्यापारियों को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार करना, हालांकि अमेरिका के खिलाफ उनके अपराध साबित नहीं हुए हैं;
- एक आपराधिक और सत्तावादी राज्य के रूप में रूस की छवि के मीडिया में निर्माण, जिनकी नीतियां विश्व समुदाय के हितों के विपरीत हैं;
- अन्य राज्यों के ऊर्जा ब्लैकमेल में रूस के खिलाफ आरोप लगाना;
रूस के रणनीतिक क्षमता में तेजी से कमी लाने के लिए समर्थन के बदले में तैयार होने वाले नेताओं को खोजने के लिए रूसी विपक्ष को वित्त पोषण;
- रूस [7] में अलगाववादी प्रवृत्तियों का समर्थन करने की संभावना तलाशना।
व्हाइट हाउस ने दो बार (1995 और 1999 में) चेचन्या में रूसी सैन्य अभियान की निंदा की। एक्सएनयूएमएक्स की शुरुआत में, राज्य विभाग ने नियमित रूप से चेचन अलगाववादियों के नेता प्राप्त किए। अमेरिकी विशेषज्ञों ने रूस के लिए संभावित खतरनाक समस्याओं पर चर्चा कीः "सर्कसियों का नरसंहार," "उत्तरी काकेशस के लोगों का निर्वासन," "उत्तर के लोगों की असमान स्थिति" आदि। 2000 - 1920 के सुदूर पूर्वी गणराज्य के अनुभव के अध्ययन ने यूएसए में लोकप्रियता हासिल की। [1922]। अमेरिकियों ने बार-बार रूसी संघ के एपेक को रूसी संघ के बाकी हिस्सों से अलग करने की संभावना पर चर्चा की है।
व्यावहारिक नीति में, संयुक्त राज्य ने "खतरनाक शासन" के जबरन निरस्त्रीकरण के लिए योजनाओं के माध्यम से काम किया। पहली मिसाल इराक था, जहां अमेरिका और उसके सहयोगियों ने सद्दाम हुसैन के शासन से रासायनिक और जैविक हथियारों को हटाने के नारे के तहत 2003 में एक सैन्य अभियान चलाया था। अगली मिसाल ईरान है, जहां से अमेरिकी यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम को रोकने की मांग करते हैं। यदि सफल हुआ, तो इसका मतलब होगा एनपीटी का एक संशोधन, जिसके तहत सभी गैर-परमाणु राज्यों को परमाणु ऊर्जा का अधिकार है। एक आशाजनक लक्ष्य डीपीआरके का निरस्त्रीकरण है, जिसमें से वाशिंगटन आईएईए या "पांच शक्तियों" आयोग के नियंत्रण में परमाणु वारहेड्स और प्लूटोनियम संवर्धन सुविधाओं को समाप्त करने की मांग कर रहा है। पाकिस्तान से, अमेरिकी संयुक्त रूप से अपनी परमाणु क्षमता के प्रबंधन के लिए एक प्रणाली शुरू करने की मांग कर रहे हैं। एक विशेष मिसाल सीरिया है, जहां आंतरिक संघर्ष में "अंतरराष्ट्रीय समुदाय" का आपातकालीन हस्तक्षेप परिदृश्य, जिसमें "खतरनाक सरकार" कथित तौर पर WMD को लागू किया गया था, पर काम किया जा रहा है।
एक और दो या तीन देशों (उदाहरण के लिए, भारत और ब्राजील) के निरस्त्रीकरण के बाद, ऐसी योजनाओं में से एक स्पष्ट रूप से रूस पर लागू होगी। सैद्धांतिक रूप से, दो विकल्प हैं। पहलाः रूस के प्रमुख राजनीतिक शख्सियतों की गिरफ्तारी और उन पर एक अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल के संगठन चेचेंस, जॉर्जियाई या सर्कसियों के "नरसंहार" के आरोप में (अंडरलाइन), ऐसे शासन के अधिकार के सवाल के साथ-साथ ऐसे कई परमाणु हथियार रखने का। दूसरा परमाणु हथियारों की त्वरित कटौती पर एक अधिक निष्ठावान रूसी सरकार को समझौते पर थोपना है, जो अमेरिकी निरीक्षकों को रूसी परमाणु सुविधाओं तक पहुंच प्रदान करता है।
व्लादिमीर पुतिन की क्रेमलिन में वापसी के लिए व्हाइट हाउस की अभूतपूर्व कठोर प्रतिक्रिया दो कारणों से हुई। सबसे पहले, वी। पुतिन को अमेरिकी अभिजात वर्ग द्वारा देखा जाता है, जो निरस्त्रीकरण के मामलों में रियायतें देने के लिए इच्छुक नहीं हैं। दूसरे, 2012 की सर्दियों में अमेरिकियों ने महसूस किया कि विपक्ष के लिए कोई धन रूसी शासन को बदलने के लिए भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण द्रव्यमान नहीं बनाएगा। अमेरिका की प्रतिक्रिया विभिन्न रूपों में नीतियों को कसने की थीः मैगनिट्स्की कानून को अपनाने से पहले राष्ट्रपति बराक ओबामा के अपने रूसी समकक्ष के साथ प्रदर्शन करने से इनकार करना, जो रूसी अभिजात वर्ग के एक हिस्से की वैधता से इनकार करता है। समस्या यह है कि क्रेमलिन, "कानून का दायमा याकोवलेव" को अपनाने से देखते हुए, वाशिंगटन के संभावित खतरनाक कार्यों का मुकाबला करने के लिए सभी साधनों का उपयोग करने के लिए तैयार है।
इस स्थिति में, क्षेत्रीय सैन्य संघर्ष में क्रेमलिन को हराने में अमेरिका की दिलचस्पी है। दस्तावेजों को देखते हुए, वाशिंगटन अपने पड़ोसियों के किसी के साथ रूस के संघर्ष में सैन्य हस्तक्षेप को बाहर नहीं करता है। इस तरह के स्थानीय युद्ध के उद्देश्य रूसी शासन की एक प्रदर्शनकारी "सजा" हो सकते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका के नेतृत्व के पदों की ताकत का प्रदर्शन और रूस में शासन परिवर्तन के लिए आवश्यक शर्तें का निर्माण। अगस्त 2008 में इस विकल्प का एक परीक्षण "पांच दिवसीय युद्ध" था, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका वास्तव में शामिल था।
रूस यूगोस्लाविया, इराक या सीरिया जैसी अमेरिकी राजनीति का निष्क्रिय शिकार नहीं है। इसके विपरीत, कुछ शर्तों के तहत, रूसी विदेश नीति के बहुत तर्क भी संघर्ष के उद्भव में योगदान कर सकते हैं।
आधुनिक रूसी राजनीतिक प्रणाली RSFSR [9] की राजनीतिक प्रणाली का एक संशोधन था। जानबूझकर 1990-s की शुरुआत में क्रेमलिन के अमेरिकी समर्थक बयान अमेरिका के लिए प्यार के कारण नहीं थे, लेकिन तीन समस्याओं को हल करने की आवश्यकता सेः RSFSR 1991 के भीतर रूसी संघ को पहचानते हैं, पूर्व सोवियत गणराज्यों से परमाणु हथियार हटाते हैं और बी। येल्तसिन के शासन के खिलाफ लड़ाई को वैध करते हैं। सर्वोच्च परिषद। जैसे-जैसे ये कार्य हल होते गए, वाशिंगटन के साथ साझेदारी की आवश्यकता कम होती गई। रूस की सामरिक क्षमता को कम करने की अपनी इच्छा के साथ अमेरिकी नीति क्रेमलिन में शत्रुतापूर्ण माना जाने लगा।
मॉस्को का प्रमुख कार्य दो समस्याओं को हल करना थाः वाशिंगटन के साथ परमाणु-मिसाइल समता बनाए रखना और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भूमिका को संरक्षित करके विश्व व्यवस्था में रूस के विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति को संरक्षित करना। इन दोनों कार्यों ने उद्देश्यपूर्ण रूप से अमेरिकी विदेश नीति की रणनीति का खंडन किया। इसलिए, व्हाइट हाउस को बातचीत में शामिल होने के लिए मजबूर करने के लिए, मास्को को शक्ति प्रदर्शनों में जाने की आवश्यकता थी। इनमें से सबसे बड़े कोसोवो संकट (1999) और "पांच दिवसीय युद्ध" (2008) थे।
रूस की विदेश नीति की रणनीति का एक अन्य उद्देश्य इसकी आंतरिक राजनीतिक प्रणाली की अस्थिरता से संबंधित है। पिछले बीस वर्षों में, रूसी नेतृत्व देश की क्षेत्रीय अखंडता को बनाए रखने में कामयाब रहा है। हालांकि, संपत्ति के विभाजन की समस्या अभी तक हल नहीं हुई हैः रूस में कबीले का संघर्ष जारी है। अधिकांश आबादी स्वामित्व के मौजूदा रूपों को पूरी तरह से वैध नहीं मानती है और अस्वीकार करती है (मेगालोपोलिस के निवासियों के एक हिस्से के अपवाद के साथ) प्रतिस्पर्धी नैतिकता। क्षेत्रों के निवासियों की सामूहिक चेतना में, सोवियत अतीत के लिए उदासीनता व्यापक है। ऐसी स्थिति में, रूसी अधिकारियों के लिए विदेश नीति की सफलताओं को प्रदर्शित करना महत्वपूर्ण है जो इसकी वैधता का एक रूप है।
रूस के नेतृत्व में क्षेत्रीय अलगाववाद के बारे में मजबूत चिंताएं हैं। फेडेरेटिव संधि पर हस्ताक्षर करने पर तातारस्तान के साथ कठिन बातचीत, चेचन्या में दो सैन्य अभियान, उत्तर ओसेशिया, कराची-चर्केसिया और दागेस्तान में अलगाववादी प्रवृत्ति - इन सभी ने यह महसूस किया कि कुछ परिस्थितियों में रूसी संघ के विघटन के खतरे अच्छी तरह से एक वास्तविकता बन सकते हैं। इसलिए, रूसी क्षेत्रों के साथ व्यवहार की एक स्वतंत्र रणनीति बनाने के वाशिंगटन के प्रयास क्रेमलिन की चिंता का कारण नहीं बन सकते।
2011 - 2012 की बारी का राजनीतिक संकट इन रुझानों को आगे बढ़ाया। उन्होंने दिखाया कि रूस के नेतृत्व का समर्थन पांच या सात साल पहले के समाजशास्त्रियों की तुलना में कम है। संकट ने सरकार के सीमित विकास संसाधनों का प्रदर्शन किया हैः नशीली, न तो कोसैक्स, और न ही सेलेगरियन छोटे विरोध प्रदर्शनों को फैलाने के लिए आए थे। अशांति ने वर्तमान राष्ट्रपति के आंकड़े से "थकान प्रभाव" के समाज में उपस्थिति का पता लगाया। क्रेमलिन ने एक गंभीर रियायत दी, क्षेत्रीय नेताओं के प्रत्यक्ष चुनावों को वापस किया। आने वाले वर्षों में, पुतिन के प्रशासन को अधिक स्वतंत्र स्थानीय अधिकारियों [10] के साथ संबंध बनाने होंगे।
वी। पुतिन के आंकड़े के अनुसार बी। ओबामा प्रशासन के प्रदर्शनकारी रवैये का मतलब अमेरिकियों द्वारा "लाल रेखा" का हस्तांतरण थाः इससे पहले, व्हाइट हाउस ने कभी भी द्विपक्षीय संबंधों को एक विशेष नेता पर निर्भर नहीं बनाया था। अगले साल और डेढ़ ने क्रेमलिन लौटने वाले पुतिन के साथ बातचीत करने के लिए अमेरिका की अनिच्छा की पुष्टि की। "मैग्निट्स्की कानून" और "बाउट केस" से पता चला कि संयुक्त राज्य अमेरिका रूसी कुलीन वर्ग को "अपना नहीं" मानता है और इसकी सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है। वाशिंगटन को बातचीत में शामिल होने के लिए मजबूर करने के लिए क्रेमलिन को या तो अमेरिका की स्थिति को काफी कमजोर करना होगा, या एक प्रभावशाली बल प्रदर्शन करना होगा।
आदर्श समाधान सैद्धांतिक रूप से एक क्षेत्रीय संघर्ष में रूस की जीत हो सकती है। यह वाशिंगटन को बातचीत के लिए मजबूर करेगा, जैसा कि एक्सएनयूएमएक्स के "पांच-दिवसीय युद्ध" ने अमेरिकियों को नाटो में यूक्रेन और जॉर्जिया को स्वीकार करने की प्रक्रिया को रोकने के लिए प्रेरित किया। रूस के अंदर, "सामान्य परीक्षण" आखिरकार यूएसएसआर के पतन और एक्सएनयूएमएक्स के निजीकरण के तहत एक रेखा खींचना संभव बना देगा। स्थिति सभी अधिक दिलचस्प है क्योंकि "जीत" के तहत आप संघर्ष के किसी भी परिणाम को बदल सकते हैं। यह याद रखें कि सोवियत प्रचार में ब्रेस्ट पीस (2008) और सोवियत-पोलिश युद्ध (1990) को जीत के रूप में प्रस्तुत किया गया थाः "युवा सोवियत रूस दुश्मनों की अंगूठी में खड़ा था"।
हालांकि, इस तरह के संघर्ष को व्याचेस्लाव प्लेवे की शब्दावली में "छोटा विजयी युद्ध" नहीं होना चाहिए। एक्सएनयूएमएक्स अनुभव ने दिखाया कि जॉर्जिया पर एक त्वरित जीत ने एक भी प्रवृत्ति को नहीं तोड़ा। फ्रैक्चर के लिए, एक अधिक गंभीर परीक्षण की आवश्यकता है, जो वास्तव में रूसी समाज को एकजुट करेगा।
काल्पनिक रूसी-अमेरिकी संघर्ष द्वितीय विश्व युद्ध या परमाणु सर्वनाश पर गणना की याद दिलाता है। बल्कि, यह 18 वीं शताब्दी के कैबिनेट युद्धों की तरह दिखाई देगा, जब पार्टियों ने कुछ भयावह इशारों का आदान-प्रदान करने के बाद, वार्ता को फिर से शुरू किया। यद्यपि इस तरह के परिदृश्य में परमाणु वृद्धि नहीं होती है, इसे पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता हैः अमेरिका और रूसी सैन्य सिद्धांतों ने एक्सएनयूएमएक्स से परमाणु सीमा को कम कर दिया, सीमित परमाणु हथियारों का उपयोग करने की स्वीकार्यता और यहां तक कि वांछनीयता को भी उचित ठहराया। दोनों पक्षों के लिए, अपनी समस्याओं को हल करके खुद को विजेता घोषित करना अधिक महत्वपूर्ण है।
Идеальным полигоном для столкновения выступает российско-японский территориальный спор. Для России Япония - сильный противник, обладающий как минимум равенством, если не превосходством, в надводном флоте на Тихоокеанском театре военных действий. Однако вмешательство российской авиации, особенно стратегического назначения, делает конечную победу Москвы несомненной. Победа в конфликте может выглядеть как исторический реванш России за поражение в русско-японской войне 1904-1905 гг. (кампанию 1945 г. таким реваншем считать нельзя, поскольку СССР одержал победу над Японией не один, а в союзе с США и Великобританией). Другим плюсом выступает наличие у Вашингтона и Токио союзного договора 1960 г. : война будет выглядеть как проявление слабости США (если они не вступят) или (если вступят) как победа в «напряженной борьбе» с американо-японской коалицией.
संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए, संघर्ष भी सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। अंतिम चरण में वाशिंगटन के हस्तक्षेप को अमेरिकी शक्ति की प्रभावशीलता और मित्र राष्ट्रों की अमेरिका की भागीदारी के बिना समस्याओं को हल करने में असमर्थता के प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है, साथ ही रोक और यहां तक कि "रूसी विस्तार" को भी त्याग दिया जा सकता है।
जापान में ही, ऐसी ताकतें हैं जो अपने देश को हराने में दिलचस्पी ले सकती हैं। 1960 का यूएस-जापान म्यूचुअल कोऑपरेशन एंड सिक्योरिटी एश्योरेंस एग्रीमेंट जापान को पूर्ण सशस्त्र बलों से प्रतिबंधित करता है और अमेरिका के लिए अपने क्षेत्र पर लगभग बेकाबू सैन्य नीति का अधिकार रखता है। जापानी प्रतिष्ठान में, सैन्य क्षेत्र में देश की संप्रभुता की बहाली की वकालत करने वाले दो पक्ष हैं। पहला यह अमेरिका-जापान संधि पर फिर से हस्ताक्षर के माध्यम से ऐसा करना संभव मानता है, दूसरा क्षेत्रीय संकटों के संगठन के माध्यम से जिसमें अमेरिका संघ की संधि के तहत अपने दायित्वों को पूरा नहीं करता है। पिछले तीस वर्षों में, टोक्यो द्वारा 1960 समझौते पर फिर से हस्ताक्षर करने के सभी प्रयास विफल रहे हैं। लेकिन अमेरिकी "सुरक्षा छाता" के पतन से जापान कानूनी तौर पर पूर्ण सशस्त्र बलों को फिर से बनाने और संभवतः अपने क्षेत्र पर अमेरिकी उपस्थिति को कम करने की अनुमति देगा।
पिछले पाँच वर्षों की कई प्रवृत्तियाँ "जापानी लिपि" के पक्ष में बोलती हैं। उनमें से प्रादेशिक समस्या पर मास्को और टोक्यो वार्ता का पूर्ण रूप से अवरुद्ध होना, पार्टियों द्वारा पहल से समझौता करने से इंकार करना, राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की प्रदर्शनकारी यात्रा के रूप में ऐसे कदमों के कारण दक्षिण कुरीतियों पर कब्जा करना या "उत्तरी क्षेत्रों" की अधिकृत स्थिति पर जापानी संसद द्वारा कानून को अपनाना। मिस्ट्रल-क्लास हेलीकॉप्टर वाहक के रूसी पक्ष द्वारा खरीद बिल्कुल वही दिखाती है जहां मास्को सैन्य अभियानों के मुख्य नौसेना थिएटर को देखता है। संघर्ष "उत्तरी क्षेत्रों" पर जापान की संप्रभुता की घोषणा के साथ शुरू हो सकता है और कई हजार शांतिपूर्ण जापानी उन पर उतर सकता है। मॉस्को का जवाबी कदम, जाहिर तौर पर, "शांति के लिए टोक्यो को मजबूर" करने के लिए एक सीमित सैन्य अभियान होगा।
एक यथार्थवादी परिदृश्य आर्कटिक में एक संघर्ष है। आर्कटिक महासागर वर्तमान में सामान्य जीवन और नियमित खनन के लिए उपलब्ध नहीं है। उनके उत्पादन की लाभप्रदता और उनकी उपस्थिति के बारे में थीसिस कभी किसी के द्वारा साबित नहीं हुई है। इसके बावजूद, आर्कटिक शक्तियां कठिन और चुनौतीपूर्ण चरणों का आदान-प्रदान करती हैं।
2002 में, संयुक्त राष्ट्र आयोग ने महाद्वीपीय शेल्फ की सीमाओं पर संशोधन के लिए एक रूसी आवेदन भेजा। 2014 में, मॉस्को को एक संशोधित संस्करण प्रस्तुत करना होगा, जिससे साबित होगा कि लोमोनोसोव और मेंडेलीव की पनडुब्बी लकीरें साइबेरियाई महाद्वीपीय मंच की एक निरंतरता हैं। यदि आयोग संशोधित संस्करण को खारिज कर देता है, तो मास्को सोवियत आर्कटिक क्षेत्र पर एकतरफा रूप से संप्रभुता की घोषणा करेगा। अन्य देशों की प्रतिक्रिया 1924 में रैंगल द्वीप पर यूएसएसआर और यूएसए की टक्कर के मॉडल पर रूस की जबरदस्त जवाबी कार्रवाई हो सकती है।
सैद्धांतिक रूप से, दो संभावित टकराव हैंः उत्तरी ध्रुव के आसपास रूस और कनाडा के बीच संघर्ष या रूस और स्कैंडिनेवियाई देशों के बीच बैरेट्स सागर और उत्तरी समुद्री मार्ग की स्थिति पर संघर्ष। लेकिन स्कैंडिनेवियाई देशों के साथ, मॉस्को एक रोगी वार्ता का निर्माण कर रहा है, जिसमें गंभीर रियायतें शामिल हैंः नॉर्वे (2010) के साथ मरमांस्क संधि से बार्ट्स क्षेत्र (2013) पर सम्मेलन को पुनर्जीवित करने का प्रयास। कनाडा एक और मामला है। मास्को और ओटावा के बीच का संवाद एक्सएनयूएमएक्स से अवरुद्ध है, और यह इस देश की स्थिति है जिसे रूसी मीडिया में सबसे रूसी विरोधी के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उत्तरी ध्रुव की स्थिति पर संघर्ष रूस और कनाडा के बीच बना हुआ है।
रूस के लिए, रूसी क्षेत्र से छोटे कनाडाई समूहों को निचोड़ना (शायद एक तनावपूर्ण हवाई लड़ाई के बाद) "के माध्यम से जीत" जैसा दिखेगा। यदि ओस्लो और कोपेनहेगन संघर्ष से बचे रहे तो नाटो के "विभाजन पर" थीसिस की एक भयानक सफलता होगी। रूसी शासन के विस्तार को रोकने के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका संघर्ष में हस्तक्षेप करने में सक्षम होगा। इसके अलावा, आर्कटिक में संघर्ष को वाशिंगटन द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार के लिए एक बहाने के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है जो एक संगठन के रूप में अपनी जिम्मेदारियों में विफल रहा है।
विशेषज्ञ अक्सर प्रशांत क्षेत्र में रूसी-अमेरिकी साझेदारी के परिदृश्य का निर्माण करते हैं। लेकिन यह यहाँ है कि मास्को और वाशिंगटन के क्षेत्रीय विवाद हैंः बेरिंग सागर के साथ सीमा, ओकोस्क की सागर की स्थिति (अमेरिका इसे रूस के अंतर्देशीय समुद्र के रूप में नहीं पहचानता है), बेरिंग जलडमरूमध्य के शेल्फ ज़ोन की अविभाज्यता और चुची सागर में सीमा की अस्पष्टता या 11। इसके अलावा, संयुक्त राज्य अमेरिका उत्तरी समुद्री मार्ग की स्थिति को रूस के आंतरिक परिवहन धमनी के रूप में मान्यता नहीं देता है और डी लॉन्ग द्वीपसमूह [12] के अपने ऐतिहासिक दावों को पूरी तरह से नहीं छोड़ता है। संघर्ष का एक अतिरिक्त स्रोत सुदूर पूर्व में अलगाववादी प्रवृत्तियों के लिए अमेरिकियों का समर्थन हो सकता है।
अमेरिका के लिए, यह परिदृश्य रूसी संघ के पतन के परिदृश्य को आगे बढ़ाने का प्रयास होगा। यहां तक कि अगर यह काम नहीं करता है, तो वाशिंगटन इसे याल्टा-पोट्सडैम आदेश के संस्थागत आधार को खत्म करने के लिए उपयोग कर सकता है। रूस में, इस तरह के संघर्ष को लगभग "तीसरे विश्व युद्ध" के रूप में दर्ज किया जा सकता है। कच्चे माल की अर्थव्यवस्था की अक्षमता के सवाल को एक तरफ धकेल दिया जाएगा, जिस तरह से एक्सएनयूएमएक्स युद्ध ने सरफोम और निरंकुशता की अक्षमता के बारे में आधी सदी तक चर्चाओं की अनुमति दी थी।
इन परिदृश्यों के अलावा, अन्य विकल्प संभव हैं - सबसे पहले, सीआईएस के क्षेत्र पर रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच टकराव। सैद्धांतिक रूप से सबसे यथार्थवादी प्रशिक्षण जमीन हैंः
- बेलारूस में अशांति, संघ राज्य से इसके संभावित निकास के कारण;
- पोलैंड या जर्मनी द्वारा क्षेत्रीय दावों की प्रस्तुति के कारण, कैलिनिनग्राद क्षेत्र के चारों ओर संघर्ष का बढ़ना, या यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित अलगाववादी भावनाओं की उपस्थिति;
- मई 2007 में "कांस्य सैनिक" के चारों ओर संघर्ष के पैटर्न के बाद, एस्टोनिया और लातविया में रूसी भाषी आबादी की स्थिति की समस्या का बढ़ना;
उत्तर-पश्चिम रूस में अलगाववाद की समस्या का बढ़ना - सेंट पीटर्सबर्ग के लिए महानगरीय कार्यों के हिस्से का हस्तांतरण यूरोपीय संघ के साथ विशेष संबंध बनाने के लिए क्षेत्रीय कुलीनों की इच्छा के साथ मेल खा सकता है।
रूसी और अमेरिकी सशस्त्र बलों की टक्कर सैद्धांतिक रूप से क्रीमिया, काला सागर और ट्रांसकेशसिया के रूप में सीआईएस के ऐसे संघर्ष बिंदुओं में संभव है। हालांकि, यह संघर्ष मास्को या वाशिंगटन को गहरे राजनीतिक कार्यों को हल करने की अनुमति नहीं देगा। रूस के लिए, इसमें जीत बहुत स्पष्ट दिखेगी, और संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए यह सहयोगी देशों को सैन्य सहायता बढ़ाने की आवश्यकता के कारण वृद्धि के सवाल को उठाएगा।
मॉस्को और वाशिंगटन के बीच विरोधाभासों का एक संचय है जो सशस्त्र संघर्ष की क्षमता पैदा करता है। इसी समय, परमाणु कारक शांति की गारंटी के रूप में काम नहीं करता है। परमाणु हथियारों की विनाशकारी शक्ति और "परमाणु सर्दियों" के विषय पर जोर राजनीतिक अभिजात वर्ग को एक अलग प्रकार के हथियार की तुलना में अधिक सावधानी से व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के अनुभव ने सामूहिक विनाश के हथियारों के सीमित उपयोग की संभावना को साबित किया, द्वितीय विश्व युद्ध के अनुभव - रासायनिक हथियारों के उपयोग के बिना सैन्य संचालन करने की संभावना। हिरोशिमा, नागासाकी और चेरनोबिल के अनुभव के प्रकाश में परमाणु हथियारों के सीमित उपयोग की संभावना पारंगत नहीं लगती है। संभावित टकराव के लिए राजनीतिक और मनोवैज्ञानिक कारणों का अधिक महत्व है।
1। 1940-s के मध्य तक रूसी-अमेरिकी साझेदारी के विषय पर साहित्य, जिसे "स्टालिनवादी विस्तार" द्वारा माना जाता था, साहित्य में लोकप्रिय है। साझेदारी के एक उदाहरण के रूप में, यूएसए में गृह युद्ध के समय का एक एपिसोड दिया गया है, जब 1863 में दो रूसी स्क्वाड्रन ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ संभावित सैन्य कार्रवाई आयोजित करने के लिए अमेरिकी बंदरगाहों में प्रवेश किया था। लेकिन रूसी-अमेरिकी साझेदारी इस उदाहरण तक सीमित है। रूसी साम्राज्य और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच XIX सदी की शुरुआत से बाकी समय आर्कटिक और प्रशांत क्षेत्र में गहन प्रतिद्वंद्विता थी, कांग्रेस द्वारा रूसी राजनीतिक प्रणाली की नियमित निंदा का उल्लेख नहीं करना। 1933 तक, संयुक्त राज्य अमेरिका ने सोवियत संघ को बिल्कुल नहीं पहचाना। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, वाशिंगटन ने यूएसएसआर के साथ गठबंधन की द्विपक्षीय संधि को भी समाप्त नहीं किया और बाल्टिक राज्यों की इसमें शामिल होने की वैधता को मान्यता नहीं दी। रूस / यूएसएसआर और यूएसए के बीच संबंधों की प्रकृति के बारे में अधिक जानकारी के लिए, देखेंः ट्रोफिमेंको जी। यूएसएः राजनीति, युद्ध, विचारधारा। एम। : सोचा, एक्सएनयूएमएक्स।
2। औपचारिक रूप से, 4 पर अप्रैल 1949 पर वाशिंगटन संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। हालांकि, नाटो के लिए एक वास्तविक संस्थागत ढांचे का निर्माण इस संगठन में जर्मनी के 1955 के प्रवेश के बाद ही हुआ था। इस घटना के कारण उसी वर्ष में वारसा संधि संगठन बनाया गया था।
3। एकमात्र "क्षेत्र" जहां इस तरह की वृद्धि हो सकती थी, जीडीआर और एफआरजी के बीच अत्यधिक विवादित संबंधों के साथ-साथ पश्चिम बर्लिन के आसपास की स्थिति के कारण "जर्मन प्रश्न" था। हालांकि, दूसरे बर्लिन संकट 1961 के बाद, मॉस्को और वाशिंगटन ने इसे सामान्य करने के लिए तत्काल कदम उठाए।
4। तीसरी परमाणु शक्तियों की परमाणु क्षमता की संरचना का एक विस्तृत विश्लेषण देखता हैः परमाणु निरोध और अप्रसार / एड। ए। अर्बातोव, वी। डॉर्किन। एम। : कार्नेगी मॉस्को सेंटर, एक्सएनयूएमएक्स।
5। मुख्य प्रतिद्वंद्वीः अमेरिकी विदेश नीति और रणनीति के दस्तावेज 1945 - 1950 / Per। अंग्रेजी से; अनि। और नियम। introd। कला। आईएम Ilyinsky। एम। : मॉस्को ह्यूमैनिटेरियन यूनिवर्सिटी, 2006 का पब्लिशिंग हाउस। C. 175 - 210।
6। गोल्डजियर जेएम, मैकफॉल एम। पावर और उद्देश्यः शीत युद्ध के बाद रूस के लिए अमेरिकी नीति। वाशिंगटन, डीसीः ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन प्रेस, एक्सएनयूएमएक्स।
7। आधिकारिक स्तर पर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने अभी तक रूसी अलगाववाद के लिए समर्थन की घोषणा नहीं की है। अक्टूबर में एक्सएनयूएमएक्स की रिपोर्टें अपवाद हैं कि "मैककेन मुख्यालय" उत्तरी काकेशस और कोमी गणराज्य (http://www. thenation. com/nicle/mccains-kremlin-ties#axzz2008fUMNUMXAGAGNUMXAGAGNUMXAGNAGX) सहित कई रूसी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को पहचानने के लिए तैयार हैं।
8। लकड़ी ए। साइबेरिया / / एक्टन ई। में क्रांति और गृह युद्ध, चेरनियाव VI, रोसेनबर्ग डब्ल्यूजी (सं। ) रूसी क्रांति के लिए महत्वपूर्ण साथी, 1914 - 1921। ब्लूमिंगटन, IN: इंडियाना यूनिवर्सिटी प्रेस, 1997।
9। अफसानेव एम। एन। सत्तारूढ़ कुलीन और राज्यसत्ता अधिनायकवादी रूस। एम। , एक्सएनयूएमएक्स।
10। इस संबंध में, आधुनिकीकरण के नारों और कच्चे माल की अर्थव्यवस्था को त्यागने के लिए एक अलग नज़र रखना संभव है जो कि एक्सएनयूएमएक्स की शरद ऋतु के बाद से रूस में लोकप्रिय हैं। कमोडिटी अर्थव्यवस्था का परित्याग से तात्पर्य मोबिलाइजेशन से है। इस बीच, आधुनिक रूस में, जीवन का एक प्रकार का एंटी-मोबिलाइजेशन तरीका पहले ही सामने आया हैः शहरी निवासियों का एक महत्वपूर्ण स्तर काम को जोड़ती है और घर पर रहना और काम का दिन सामान्यीकृत नहीं होना है। इस संबंध में, यह सवाल उठता हैः जनसंख्या के इस मोड़ को मोबिलिटी परियोजनाओं को कैसे पूरा किया जाएगा?
11। मार्च 18 में द्विपक्षीय संधि 30 (1867) के अनुसार, नई रूसी-अमेरिकी सीमा बेरिंग जलडमरूमध्य के केंद्र से होकर गुजरी, लगभग बराबर दूरी पर। क्रुसेनस्टर्न (इग्नलुक) के बारे में। रतमानोवा (नुनरबुक)। इसके अलावा, सीमा को "एक सीधी रेखा में, उत्तर की ओर असीम रूप से निर्देशित किया गया था, जब तक कि यह आर्कटिक महासागर में पूरी तरह से खो नहीं गया था" ("इसके लंबे समय तक जमे हुए महासागर के रूप में"।
12। एडोल्फ ग्रीले (1879) और जॉर्ज डे लॉन्ग (1879 - 1881) के अमेरिकी अभियानों ने न्यू साइबेरियाई द्वीप समूह के उत्तर में न्यू साइबेरियाई द्वीप समूह के उत्तर में हेनरीट्टा, जीननेट और बेनेट द्वीपों की खोज की (वे डी लॉन्ग द्वीपसमूह में प्रवेश कर गए)।
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Jammu Kashmir: जिन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के सहायक विंग में कांस्टेबल तनवीर सलीम, पौधरोपण पर्यवेक्षक सैयद इफ्तिखार अंद्राबी, बारामूला के सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का मैनेजर आफाक अहमद वानी, जल शक्ति विभाग में अर्दली सह चौकीदार इरशाद अहमद खान और हंदवाड़ा के पीएचई सब डिवीजन के सहायक लाइनमैन अब्दुल मोमिन पीर है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा। (File Photo)
देश विरोधी तत्वों के प्रति सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाईउन्होंने कहा कि सरकार ने देश विरोधी तत्वों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, जो सरकारी तंत्र से जुड़े होने के कारण शरण ले रहे हैं। इन पांच बर्खास्तगी से पहले 39 सरकारी अधिकारियों को भारत के संविधान के अनुच्छेद 311 के प्रावधानों को लागू करते हुए बर्खास्त कर दिया गया है। भविष्य में भी सरकार इन राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से नहीं हिचकेगी।
सिर्फ 'टाइगर' ही खोज पाएगा Egg की भीड़ में Ego, ढूंढ लिया तो कहलाएंगे 'सुल्तान'
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विभाग के अनुसार, 14 जनवरी से राज्य के अधिकतर भागों में एक बार पुनः उत्तरी हवाओं के प्रभाव से न्यूनतम तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की बड़ी गिरावट होने से राज्य में शीतलहर का नया दौर बीकानेर संभाग से शुरू होगा। जबकि 15 जनवरी से शीतलहर की तीव्रता में बढ़ोतरी होने से बीकानेर, जयपुर, अजमेर व भरतपुर संभाग के अधिकतर भागों में शीतलहर से तीव्र शीतलहर दर्ज होने की प्रबल संभावना है।
बीते चौबीस घंटे में राज्य में न्यूनतम तापमान अलवर में 8. 8 डिग्री सेल्सियस, बीकानेर में 9. 1 डिग्री व संगरिया में 9. 2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। शेष जगहों में से ज्यादातर स्थानों पर यह 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया।
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मानवाकृतियाँ : चित्र परिचय
हुए पैर तीव्र गति का बोध कराते हैं । देह-भाग का आकार प्रकार और पूरण-विधि रेखामूलक होकर भी चित्र - १ की प्राकृतियों से भिन्न और निजी ढंग की है। गी गोलाकृत न होकर केवल रेखा के उभार से सांकेतिक है जो तीव्र गति के द्योतन से संगति रखता है । चित्र पर्याप्त सजीव लगता है । चित्र सं० - ३
भोपाल-क्षेत्र के धरमपुरी नामक शिलाश्रय में अंकित, पूरित गहरे कत्थई रंग की एक प्रभावित मानवाकृति जिसके विखरे केशों और पैरों मे गति का विशेष आभास होता है । लटकता हुआ वस्त्र और कमर के पास कोणाकृत उठी हुई रेखा जो कदाचित् अस्त्र को द्योतित करती है, रूप-योजना की संगति के अनुकूल है । सिर गोलाकार किन्तु देह् यष्टिवत् एक ही रेखा द्वारा चित्रित है ।
पँचमढ़ी क्षेत्र की नवोपलव्ध इमलीखोह में सफेद रँग से अंकित यह चित्र उस जगह अपनी शैली का एक ही चित्र है । पॅचमढ़ी के अन्य शिलाश्रयों में अवश्य ऐसी रेखाकार मानवाकृतियाँ उपलब्ध होती हैं जिनमें से कुछ गॉर्डन द्वारा अनुकृत भी हुई हैं । यह चित्र मूल से अनुकृत है और इससे पूर्व प्रकाशित नहीं हुआ है। इसमें तीनों मानवाकृतियाँ तीन भिन्न रेखा-योजनाओं से बनी हैं । बड़ी आयताकार, बीच की त्रिकोणाकार और किनारे की अपूर्ण और यष्टि-रूप देह वाली है । यत की, शीर्ष तक जाने वाली, बीच की रेखा कुछ लहराती हुई रहती है जो इस शैली के चित्रों की विशेषता है ।
यह चारों मानव-युग्म पँचमढ़ी क्षेत्र के हैं। पहला और तीसरा इमलीखोह से, दूसरा मान्टेरोज़ा और चौथा जम्बूद्वीप से अनुकृत किया गया है। पहले तीन चित्र सफेद पूरक शैली के हैं किन्तु चौथा लाल बाह्य-रेखा युक्त श्वेत पतली रेखाओं वाली उस शैली में बना है जो सबसे पुरानी मानी जाती है। तीसरे को छोड़कर शेष युग्म स्पष्टतः स्त्री-पुरुष के हैं । मुक्त केश, ग्रादिम कटि-वस्त्र या पत्राच्छादन तथा गतिशील मुद्राएँ सबमें समान हैं । इससे अधिक आदिम अवस्था के युग्म-चित्र अभी तक भारत में अन्यत्र प्राप्त नहीं हुए हैं। पँचमढ़ी क्षेत्र में ही यह विशेषतः मिलते हैं। दूसरे चित्र में पुरुष का वायाँ हाथ कदाचिन दो मुद्रात्रों में चित्रित है जो चित्रकार की द्विधा मनोवृत्ति का द्योतक प्रतीत होता है ।
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जिनसे रिश्तों में कडवाहट आने लगती है और तलाक तक की नौबत आ जाती है।
जिंदगी हमेशा मुस्कुराती रहे।
1. पैसा :
है तो किसी के लिए कंट्रोल, सिक्याकरिटी और प्यार।
समाधान :
साधन न माने। साथ मिलकर निर्णय ले कि किस तरह पैसे का सही उपयोग किया जाए।
एक-दूसरे से सलाह करेंगे तो पैसा कभी भी आपके रिश्ते के बीच नहीं आएगा।
2. अविश्वास :
दूर न करना अविश्वास को जन्म देता है।
समाधान :
करें। घर देर से आने पर अपने साथी को देरी का कारण बताकर उसे सूचित करें।
3. सेक्स :
सेक्स से भी दांपत्य जीवन बिगड सकता है।
के समय अपने साथी की इच्छाओं काभी ध्यान रखें।
रिश्तों में उपजे कई विवादों का कारण भी हो सकते हैं। बच्चो के जन्म,
विकास पर भी असर पडता है।
समाधान :
बच्चों के सामने कभी भी अपने पार्टनर की बात को बीच में ना काटे।
आपसी विचार विमर्श करके उनकी परवरिश, करियर और जीवन से संबंधित निर्णय लें।
बच्चों के सामने कभी भी न झगडे। आपके झगडे का असर आपके बच्चाों पर पडेगा।
5. कम्युनिकेशन :
करने की स्थिति में वैवाहिक जीवन में तनाव उत्पन्न हो जाता है।
समाधान :
ध्यान दिलाएं।
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PATNA: पूर्णिया की जन भावना जनसभा से अमित शाह ने नीतीश-लालू की जोड़ी पर जमकर प्रहार किया। गृह मंत्री ने बिहार के लोगों से आह्वान किया कि आप हमें वोट देकर सरकार बनावाइए, हम बिहार को विकसित प्रदेश बनायेंगे। अमित शाह ने बिहार की नई पीढी को जंगलराज के बारे में बताया और कहा कि लालू यादव के राज में क्या होता था, अब नीतीश कुमार ने भी लालू यादव के साथ हाथ मिला दिया। ऐसे में जंगलराज लौटने से कौन रोक सकता है। अमित शाह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मजाक उड़ाते हुए कहा कि अब पटना के गांधी मैदान में लट्ठ रैली निकलेगी और नीतीश कुमार लालू यादव को अपने कंधे पर लेकर निकलेंगे,तब कैसा दृश्य होगा,भाई बताओ?
गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री को 2014 लोकसभा चुनाव की वो तस्वीर को याद कराई. कहा कि तब 2 सीट पर सिमट गये थे, 2024 में भी वही बात दुहराई जायेगी। शाह ने नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि अब नीतीश बाबू ने जंगलराज वाले और लट्ठ रैली करने वाले से हाथ मिला लिये हैं. शाह ने कहा कि लालू जी आप के समय में बिहार में क्या हो रहा था ,वह सबको मालूम है. लालू जी पहले लट्ठ रैली निकालते थे. अब लालू जी और नीतीश जी गांधी मैदान में लट्ठ रैली निकालेंगे. अब नीतीश जी लालू जी को कंधे पर लेकर निकलेंगे, कैसा दृश्य होगा भाई, बताओ?
अमित शाह नेबिहार के मुख्यमंत्री के साथ-साथ बिहार की जनता को विशेष पैकेज का हिसाब दिया. अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री को कहा,कॉपी-कलम निकाल कर लिखिए नीतीश जी, हम जानते हैं कि आप हमारे भाषण को जरूर सुन रहे होंगे। आपने क्या किया,वो भी बताइए। अमित शाह ने पीएम मोदी द्वारा बिहार को दिये 1 लाख 25 हजार करोड़ के पैकेज का हिसाब दिया । कहा कि हमको मालूम है. आप हमारा भाषण सुन रहे होंगे, जरा कागज पेन निकाल कर लिख लीजिए. मैं 135000 करोड़ का हिसाब लेकर आया हूं आया हूं नीतीश बाबू. आप भी जरा हिसाब दीजिए कि आपने क्या किया ? आप लालू के साथ बैठकर कुर्सी बचाने के अलावा कुछ नहीं किया नीतीश बाबू. अमित शाह ने बिहार में किये गये कामों का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि पूर्णिया में हवाई अड्डा बन रहा है. सीमांचल के लोगों को अब पटना और बागडोगरा नहीं जाना पड़ेगा . उन्होंने कहा कि महेशखूंट-सहरसा-पूर्णिया 1000 करोड़ से नेशनल हाईवे-107 का दोहरीकरण का काम, पूर्णिया-खगड़िया रोड को दो लेन बनाने के लिए 650 करोड़ दिए हैं. एपीजे अब्दुल कलाम महाविद्यालय की स्थापना 1000 करोड़ की लागत से हुई है. 1900 करोड़ रुपए की लागत से मनिहारी साहिबगंज के बीच गंगा नदी पर 6 किलोमीटर लंबा चार लेन पुल का शिलान्यास हो गया है . अररिया सुपौल रेल खंड का काम भी चालू है. इसके अलावे अमित शाह ने उन तमाम कामों को गिनाया।
अमित शाह ने नीतीश कुमार पर प्रहार करते हुए कहा कि भारत की जनता अब जागरूक हो चुकी है. गठबंधन, सत्ता की कुटिल राजनीति से प्रधानमंत्री नहीं बनाया सकता, विकास से देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने से ही प्रधानमंत्री बनाया सकता है. सभा में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग सीमांचल के 4 जिले से आए हैं. आप लोग बताइए धारा 370 हटी नहीं चाहिए थी कि नहीं . कश्मीर भारत का अंग है या नहीं? अब मैं नीतीश जी को कहता हूं और लालू जी एक बार बोल दें की धारा 370 हटाकर मोदी जी ने अच्छा किया या नहीं ? आपकी हिम्मत नहीं है कि कहेंगे. मोदी जी ने भारत माता के माथे पर लगे दाग को सदा के लिए मिटा दिया.
गृह मंत्री ने कहा कि हम विकास की राजनीति करते हैं. बिहार के युवाओं में मेधा और बुद्धि है, मेहनत करने का जोश है. मेहनत का स्वभाव है. इसके बाद भी बिहार विकसित नहीं हुआ. जहां-जहां मोदी जी की पूर्ण सरकारें हैं, वहां जाकर देख कर आइए. वहां पर कितना विकास हुआ है. आप लोगों ने भाजपा को वोट दिया, लेकिन बिहार में लंगड़ी सरकार बनी. आप सब एक बार भाजपा को वोट देकर दिखाइए बिहार को विकसित राज्य बनाएंगे.
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गुरुग्राम : यहां फर्रूखनगर खंड के गांव सुलतानुपर के पास इसी गांव के ही रहने वाले बुजुर्ग दंपत्ति की सड़क हादसे में मौत हो गई। वे अपनी वैगनआर कार में सवार होकर कहीं जा रहे थे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। जिस कारण गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पुलिस ने मौका मुआयना कर दोनों के शवों का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिए। दोनों का एक साथ ही दाह संस्कार किया गया। सुल्तानपुर गांव निवासी जितेंद्र सिंह चौहान पुत्र राजकंवर चौहान ने बताया कि सोमवार सुबह वैगनआर कार में उसका बड़ा भाई 61 वर्षीय नरेशपाल व उसकी 58 वर्षीय पत्नी सुधा गांव सुल्तानपुर से गुरुग्राम की ओर जा रहे थे।
जब उनकी कार राष्ट्रीय पक्षी उद्यान सुल्तानपुर झील से पहले मित्तल फार्म हाउस के पास पहुंची तो सामने से आ रहे तेज रफतार कैंटर ने उनकी कार को टक्कर मार दी। करीब 150 फिट तक कार को घसीटता हुआ कैंटर ले आया। इस दुर्घटना में नरेशपाल व उसकी पत्नी सुधा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस हादसे की सूचना मिलते ही ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े।
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मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता अनिल कपूर और अभिनेत्री माधुरी दीक्षित की सुपरहिट फिल्म बेटा के प्रदर्शन के 30 साल पूरे हो गए हैं। अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित की फिल्म बेटा की रिलीज को 30 साल पूरे हो गए हैं। अनिल कपूर ने इस मौके पर खुशी जाहिर करते हुए अपने इंस्टाग्राम पर फिल्म बेटा में अपने प्रदर्शन के लिए मिले अवॉर्ड समारोह की तस्वीरें साझ की हैं, जिसमें वह फिल्म की को-एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित के साथ नजर आ रहे हैं।
इन तस्वीरों में अनिल कपूर फिल्म की मिली शानदार सफलता के बाद एक समारोह में अवॉर्ड प्राप्त करते हुए दिख रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर में वह और माधुरी अपने हाथों में पुरस्कार पकड़े हुए नजर आ रहे हैं। अनिल कपूर ने इन तस्वीरों को इंस्टाग्राम पर शेयर कर लिखा कि अभिनेताओं के रूप में ये हमारे लिए बहुत अच्छा अहसास था, जब हमारी फिल्म साल 1992 की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर थी। इस फिल्म को इतना प्यार और प्रशंसाएं मिलीं। बेटा के 30 साल पूरे होने का जश्न।
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एक मार्च को रिलीज हो रही रामगोपाल वर्मा निर्देशित फिल्म 'द अटैक ऑफ 26/11' को देखकर अमिताभ बच्चन भावुक हो गए। उन्होंने यह फिल्म विशेष स्क्रीनिंग में देखी। फिल्म देखने के बाद अमिताभ ने फिल्म की तारीफ में ट्वीट भी किया। अमिताभ ने कहा कि यह एक भावुक कर देने वाली फिल्म है। इस फिल्म से आप खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
मुंबई के आतंकी हमले और कसाब की फांसी को दिखाने वाली फिल्म 'द अटैक ऑफ 26/11', अमिताभ बच्चन को भावुक कर गयी। इस फिल्म को देखने के दौरान वह गंभीर दिखे। फिल्म देखने के बाद उन्होंने प्रतिक्रिया दी कि यह एक अच्छी फिल्म है। रामू ने बहुत ही खूबसूरत फिल्म बनायी है।
अमिताभ बच्चन के साथ इस फिल्म को उनके बेटे अभिषेक बच्चन ने भी देखा। अभिषेक को भी यह फिल्म रास आयी है। अभिषेक ने कहा है कि मुंबई हमलों पर वाकई बहुत ही खूबसूरत फिल्म बनायी गयी है। इस फिल्म में नाना पाटेकर मुख्य भूमिका में दिखेंगे।
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Box Office पर फिल्मों की बहार है लेकिन कमाल कुछ ही फिल्में करती हैं. बॉलीवुड या साउथ सिनेमा की फिल्मों के अलावा भारत में हॉलीवुड फिल्में भी चलती आई हैं. पिछले दो महीनों में तीन बड़ी हॉलीवुड फिल्में आईं जिनके नाम Fast X, Across the Spider Verse और Transformers Rise of the Beasts हैं. इन तीनों फिल्मों ने भारत में अच्छा खासा कारोबार किया है. अभी भी अक्रॉस द स्पाइडर मैन वर्स और ट्रांसफोर्मर राइज ऑफ द बीस्ट सिनेमाघरों में चल रही है. चलिए आपको बताते हैं कि इन फिल्मों का कलेक्शन कैसा जा रहा है और कौन आगे है.
Box Office पर Across the Spider Verse और Transformers Rise of the Beasts कौन है आगे?
हॉलीवुड स्टार विन डीजल (Vin Diesel) की फिल्म फास्ट एंड फ्यूरियस (Fast & Furious) का दसवां पार्ट Fast X 18 मई 2023 को रिलीज हुई थी. दुनियाभर में फिल्म फास्ट 10 बॉक्स ऑफिस पर 3000 करोड़ का कलेक्शन किया है जबकि भारतीय बॉक्स ऑफिस पर फिल्म ने 115 करोड़ के आस-पास का कलेक्शन किया है. अब चलिए करेंट समय में चलने वाली दो बड़ी हॉलीवुड फिल्मों अक्रॉस द स्पाइडर मैन वर्स और ट्रांसफोर्मर राइज ऑफ द बीस्ट का क्या हाल है?
अक्रॉस द स्पाइडर मैन वर्स (Across the Spider Verse Box Office Collection)
रिपोर्ट्स के मुताबिक, फिल्म स्पाइडर मैन ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर 5 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. दूसरे दिन 4 करोड़, तीसरे दिन 5. 50 करोड़, चौथे दिन 6. 1 करोड़, पांचवे दिन 2. 50 करोड़, छठवें दिन 2. 10 करोड़, सातवें दिन 2. 14 करोड़, आठवें दिन 1. 63 करोड़, 9वें दिन 1 करोड़, 10वें दिन 1. 75 करोड़, 11वें दिन 2. 71 करोड़ और 12 दिन में 1. 50 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. फिल्म ने 12 दिनों में 34. 18 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है.
ट्रांसफोर्मर राइज ऑफ द बीस्ट (Transformers Rise of the Beasts Box Office Collection)
साल 2007 में ट्रांसफॉर्मर्स की फ्रेंचाइजी शुरू हुई और इसका लेटेस्ट पार्ट Transformers Rise Of The Beasts 8 जून को रिलीज हो चुका है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, पहले दिन फिल्म ने 4. 4 करोड़, दूसरे दिन 3. 14 करोड़, तीसरे दिन 5. 21 करोड़, चौथे दिन 6. 94 करोड़ और पांचवे दिन 3. 93 करोड़ रुपये का कलेक्शन किया है. फिल्म ने 5 दिनों में 26. 77 करोड़ रुपये का कलेक्शन पूरा किया है.
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चेन्नई। अभिनेता अल्लू अर्जुन ने आगामी तेलुगू फिल्म 'सराइनोडु' के लिए एक विशेष गीत गाया। इसका संगीत एस.एस थमन ने दिया है। संगीतकार थमन ने कहा, "फिल्म के ईडीएम ट्रैक के लिए अर्जुन ने विक्की और मानसी जैसे गायकों के साथ गाया है। दोनों का मानना है कि उनका गाया गीत बेहतर साबित होगा और जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने इसके लिए हामी भर दी।" थमन के लिए गीत गाने वाले अर्जुन एक नए कलाकार हैं। इससे पहले महेश बाबू, एनटीआर और रवि तेजा जैसे कलाकार उनके गीत गा चुके हैं। बोयापति सीनू द्वारा निर्देशित फिल्म में राकुल प्रीत सिंह और कैथरीन ट्रेसा जैसी अभिनेत्रियां प्रमुख भूमिका में हैं।
मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस वहीदा रहमान का नाम 53वें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड के लिए चुना गया है। इसकी जानकारी केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने अपने एक्स हैंडल पर दी है। उन्होंने अदाकारा के काम की तारीफ की है और कहा कि वो इसका ऐलान करके खुद सम्मानजनक महसूस कर रहे हैं। पिछले साल यह सम्मान आशा पारेख को मिला था।
अनुराग ठाकुर ने ट्विटर पर लिखा, 'मुझे यह ऐलान करते हुए बेहद खुशी और सम्मान महसूस हो रहा है कि वहीदा रहमान जी को भारतीय सिनेमा में उनके अमूल्य योगदान के लिए इस साल प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जा रहा है।
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क्रिकेट के वैश्विक खिलाड़ी प्रतिनिधि समूह ने वेतन और अन्य फायदों को लेकर बांग्लादेश में जारी खिलाड़ियों की हड़ताल का समर्थन किया है। खिलाड़ियों ने सोमवार को हड़ताल शुरू की और इसमें राष्ट्रीय टीम के कई सदस्य भी शामिल हैं जिससे नवंबर की शुरुआत में होने वाले बांग्लादेश दौर पर संकट के बादल छा गए हैं।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स संघों के महासंघ (फिका) ने उचित परिस्थितियों के लिए एकजुट होकर कदम उठाने के लिए खिलाड़ियों की सराहना की है। फिका के कार्यकारी अध्यक्ष टोनी आयरिश ने मंगलवार को बयान जारी करके खिलाड़ियों का समर्थन किया।
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विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से आ रही गिरावट के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भंडार में 67 फीसदी गिरावट मूल्यांकन में बदलाव के कारण हुई है, जो मजबूत डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल ज्यादा होने के चलते हुआ है।
दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं और अन्य देशों के मुकाबले व करीब-करीब सभी मानकों में हमारी स्थिति यह है कि अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं में से ज्यादातर से हमारी दुर्बलता काफी कम है। दास की टिप्पणी इस हफ्ते वित्त मंत्रालय के उस संकेत के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि सरकार रुपये को किसी खास स्तर तक रोकने के लिए अमेरिकी डॉलर की बिकवाली के पक्ष में नहीं है।
3 सितंबर, 2021 के 642. 45 अरब डॉलर के सर्वोच्च स्तर से आरबीआई का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 23 सितंबर, 2022 को दो साल के निचले स्तर 537. 52 अरब डॉलर रह गया। भंडार में फरवरी में 94 अरब डॉलर की गिरावट आई थी जब रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया था। इस महीने आरबीआई कह चुका है कि 553 अरब डॉलर का मुद्रा भंडार मौजूदा वित्त वर्ष में 9 महीने के आयात कवर का प्रतिनिधित्व करता है।
सितंबर 2021 में 15 महीने का आयात कवर था। इस कैलेंडर वर्ष में रुपये में डॉलर के मुकाबले 8. 6 फीसदी की गिरावट आई है। रुपये में गिरावट की रफ्तार हालांकि 21 सितंबर के बाद तेज हो गई जब फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी का चक्र अनुमान से ज्यादा लंबा रहने का संकेत दिया। तब से देसी मुद्रा में 1. 7 फीसदी की फिसलन देखने को मिली है। दास ने शुक्रवार को दोहराया कि आरबीआई देसी विनिमय दर के लिए किसी खास स्तर का लक्ष्य लेकर नहीं चल रहा है और अत्यधिक उतारचढ़ाव की स्थिति में ही बाजार में हस्तक्षेप करता है।
विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से आ रही गिरावट के बीच आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान भंडार में 67 फीसदी गिरावट मूल्यांकन में बदलाव के कारण हुई है, जो मजबूत डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल ज्यादा होने के चलते हुआ है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जम्मू-कश्मीर दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने 20 हजार करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
जम्मूः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार रविवार को जम्मू कश्मीर पहुंचे। वे सांबा जिले के पल्ली पंचायत पहुंचे और करीब 20 हजार करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इसमें इस केंद्र शासित प्रदेश के दोनों क्षेत्रों के हमेशा एक-दूसरे से जोड़ने वाला बनिहाल-काजीगुंड सड़क सुरंग का उद्घाटन शामिल है।
1. पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के विकास को नई गति देने के लिए तेजी से काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र जमीनी (पंचायतों के) स्तर पर पहुंच गया है। पीएम ने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार की योजनाओं को जम्मू कश्मीर में तेजी से लागू किया जा रहा है और लोगों को फायदा हो रहा है।
2. पीएम मोदी ने कहा- लोकतंत्र हो या विकास, आज जम्मू-कश्मीर एक नई मिसाल कायम कर रहा है। पिछले 2-3 वर्षों में जम्मू-कश्मीर में विकास के नए आयाम गढ़े गए हैं। केंद्र से भेजा गया एक-एक पैसा यहां ईमानदारी से लगाया जा रहा है। अब इन्वेस्टर्स भी यहां आ रहे हैं।
3. पीएम ने कहा- सांबा जिले के पल्ली में 500 किलोवाट के सौर ऊर्जा संयंत्र के उद्घाटन के साथ, यह कार्बन न्यूट्रल बनने वाली देश की पहली पंचायत बनने की ओर बढ़ रहा है। पल्ली के लोगों ने दिखाया किया है कि 'सबका प्रयास' क्या कर सकता है।
4. पीएम मोदी ने कहा- केंद्र की अब हर योजना का लाभ जम्मू कश्मीर को मिल रहा है। पहले की सरकारों में ऐसा नहीं होता था। पहले दिल्ली से एक सरकारी फाइल चलती थी तो जम्मू कश्मीर तक आते-आते 2-3 हफ्ते लग जाते थे। अब तीन हफ्ते के अंदर इतना बड़ा सोलर प्लांट लग गया.
5. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान वादा किया जल्द ही कन्याकुमारी से वैष्णो दवी तक के लिए सड़क का निर्माण कार्य शुरू होगा। इससे पर्य़टकों की संख्या और बढ़ेगी।
6. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्यक्रम में 3100 करोड़ रुपए की लागत से बनी बनिहाल-काजीगुंड रोड टनल का भी उद्घाटन किया। करीब 8. 45 किमी लंबी सुरंग बनिहाल और काजीगुंड के बीच सड़क की दूरी को 16 किमी तक कम करेगी। इससे यात्रा के समय में करीब डेढ़ घंटे की कमी आएगी।
7. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि घाटी के नौजवान मेरे शब्दों पर भरोसा करें। उन्होंने कहा- आपके पूर्वजों को जिन मुसीबतों से जिंदगी जीनी पड़ी, वो जिंदगी आपको नहीं जीने दूंगा। 8 साल में 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के मंत्र को पूरा करने के लिए लगातार काम किया है।
8. पीएम मोदी ने कहा- पंचायतों को सीधा 22 हजार करोड़ का बजट मिलेगा। हमारी प्राथमिकता दूरियां मिटाने की है।
9. पीएम मोदी ने कहा- 100 जनऔषधि केंद्र जम्मू कश्मीर के गरीब और मिडिल क्लास को सस्ती दवाएं, सस्ता सर्जिकल सामान देने का माध्यम बनेंगे। बरसों तक जिन साथियों को आरक्षण का लाभ नहीं मिला, अब उन्हें भी आरक्षण का लाभ मिल रहा है।
10. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी। साथ ही उन्होंने सांबा में 108 जन औषधि केंद्रों के साथ पल्ली गांव में 500 किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया। 'अमृत सरोवर मिशन' की भी शुरुआत की गई। किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर 850 मेगावाट की रतले जलविद्युत परियोजना और 540 मेगावाट की क्वार जलविद्युत परियोजना की आधारशिला रखी गई।
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नई दिल्लीः आने वाले वर्षों में मौसम पूर्वानुमान को और ज्यादा सटीक बनाने और वक़्त पर इससे जुड़ी जानकारी के प्रसार के लिए केंद्र सरकार 'पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन' नामक एक उप-योजना बनाई है जिससे मौसम बिगड़ने संबंधी भविष्यवाणी में तीन से छह घंटे तक का सुधार हो सकता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के एक अफसर ने बताया, 'आने वाले वर्षों में मौसम पूर्वानुमान को सटीक तथा असरदायी बनाने तथा वक़्त पर इसकी जानकारी के प्रसारण के लिए योजना पर काम किया जा रहा है।
वही पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय से मिली खबर के अनुसार, 'पूर्वानुमान सेवाओं के उन्नयन' की उप-योजना के तहत आधुनिक प्रचालन पूर्वानुमान प्रणाली, बहुआयामी जोखिम पूर्व चेतावनी प्रणाली, गरज तूफान मूल्यांकन, शहरी मौसम विज्ञान सेवा तथा खगोल सेवाओं को विकसित करने एवं उन्नत बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त जल मौसम विज्ञान सेवा तथा पर्यटन पूर्वानुमान सेवाओं को उन्नत बनाने पर कार्य किया जाएगा।
18 सितंबर के टीकाकरण ग्राफ को देख बोले राहुल गाँधी- 'Event ख़त्म! '
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नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) पर एक जानलेवा हमला हुआ है, लेकिन वो पूरी तरह सुरक्षित हैं। जब वो अपने घर के पास थे तभी उनके काफिले का रास्ता रोक उन पर हमला किया गया। हालांकि इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, वहीं राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे कई कर्मचारी सस्पेंड हो गए हैं।
यूरोवीकली की खबर के मुताबिक राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन (Vladimir Putin) की कार का अगला बांया पहिया किसी चीज से बेहद जोर से टकराया। वह अपने घर से कुछ किलोमीटर दूर ही थे, तभी उनकी सुरक्षा में लगी एक कार का रास्ता एंबुलेंस ने रोक लिया। जबकि अचानक से आई बाधा की वजह से दूसरी सुरक्षा कार भटक गई।
हालांकि रूस मे मीडिया पर कड़ी पहरेदारी है, ऐसे में पुतिन पर ये हमला कब हुआ, इसकी साफ-साफ जानकारी नहीं है। लेकिन यूरोवीकली का कहना है कि पुतिन पर हमले की संभावनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए वह डिकॉय मोटरकेड में सफर करते हैं।
अंदर के सूत्रों ने जानकारी राष्ट्रपति (Vladimir Putin) की सुरक्षा में लगे कई जवानों और अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है, क्योंकि राष्ट्रपति के मूवमेंट की जानकारी काफी कम लोगों को होती है। हालांकि इन दावों की पुष्टि किया जाना बाकी है।
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बांग्लादेश की टीम को तीन नवंबर से जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मैदान में उतरना है। कई बड़े खिलाड़ियों के चोटिल होने से परेशान बांग्लादेश के लिए मंगलवार को एक अच्छी खबर आई। तेज गेंदबाज मुस्तफिजुर रहमान टेस्ट सीरीज से पहले ठीक हो गए हैं।
बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे को वनडे सीरीज में 3-0 से मात दी है। बता दें कि स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन और सलामी बल्लेबाज तमीम इकबाल के चोट के कारण बाहर होने के चलते टेस्ट सीरीज में बांग्लादेश को काफी कमजोर माना जा रहा था। बांग्लादेश को जिम्बाब्वे के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ खेलना है। भारत का दौरा खत्म करने के बाद वेस्टइंडीज की टीम बांग्लादेश के लिए उड़ान भरेगी।
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जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव चादौं। एते के घनश्याम पुत्र जुगुरूवा को कुआं सिंचाई विभाग के तहत खुदो हतो। जोन दुबारा से गहरी करन होंय आदेश आओ हतो, ठेकेदार के द्वरा ब्लास्टिंग करायें के कारन भसक गओ हे। जीसे ऊखी सिंचाई वाली मशीन टूट गई हे। ऊ दुबारा कुआं से बनवायें ओर मुआवजा की मांग करत हे।
एते के धनश्याम के लड़का कामता बताउत हे कि हमाओ कुआं लघु सिंचाई के तहत खुदो हतो। जोन हमने पक्का ईट पत्थर से बनो हतो। ई साल दुबारा से गहरी करण को आदेश आओ हतो। जीखो ठेकेदार अच्छेलाल हतो। गहरी के समय हमने ठेकेदार से कहो हतो कि फरूहा ओर गैती से गहरा कराओ। ऊ कहत हतो की कुआं को रूपइया न मिलहे। अगर कुंआ मे कछू होहे तो ऊखो जिम्मेंदार विभाग हो हे। ऊने कुआं में 17 अक्टूबर 2014 खा ऊखे भीतर ब्लांस्टिग करा दई। जीसे कुआं भसक गओ हे। कुआं में हमाई सिंचाई वाली मशीन धरी हती जोन माटी में पुर गई हे ओर टूट भी गई हे। घनश्याम बताउत हे कि मोओ बोहतई नुक्सान भओ हे। साथ ही मोई सब खेती सीचें खा परी हे। ईखी जानकारी मेने प्रधान खा दई हे। काय से एई प्रधानी के ऊमें गहरी करण भओ हे।
लघू सिंचाई विभाग के अधिसाषी अभिन्ता सी. के चैधरी ऊ कुआं में भये काम ओर ऊसे भये नुक्सान खा न मानत भओ कहो कि कुआं मे कि तीन साल पेहले ब्लास्टिंग भई हती। ऊखो कुआं नाला मंे होय के करन भसक गओ हे। ऊखो जिम्मेंदार घनश्याम खुद हे।
जिला महोबा, ब्लाक कबरई, गांव चादौं। एते के घनश्याम पुत्र जुगुरूवा को कुआं सिंचाई विभाग के तहत खुदो हतो। जोन दुबारा से गहरी करन होंय आदेश आओ हतो, ठेकेदार के द्वरा ब्लास्टिंग करायें के कारन भसक गओ हे। जीसे ऊखी सिंचाई वाली मशीन टूट गई हे। ऊ दुबारा कुआं से बनवायें ओर मुआवजा की मांग करत हे।
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स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं पहला व्यक्ति बनूंगा जिसे मानहानि के मामले में सबसे बड़ी सजा मिलेगी और लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ेगी।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिए जाने को लेकर पहली बार विदेश में बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि 2004 में जब मैंने राजनीति शुरू की, तब मैंने सोचा भी था कि हमारे देश में चल क्या रहा है। यह मेरी सोच के दायरे से भी बाहर था।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं पहला व्यक्ति बनूंगा जिसे मानहानि के मामले में सबसे बड़ी सजा मिलेगी और लोकसभा की सदस्यता गंवानी पड़ेगी। राहुल ने आगे कहा कि लेकिन राजनीतिक तौर पर इससे मुझे ज्यादा बड़ा मौका मिला है। शायद उस मौके से भी बड़ा कुछ, जो मुझे संसद में बैठकर मिलते। राजनीति कुछ इसी तरह से काम करती है।
बता दें कि मार्च में राहुल गांधी को सूरत ट्रायल कोर्ट के आदेश के अनुपालन में वायनाड लोकसभा सीट से एक सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। कोर्ट ने उन्हें आपराधिक मानहानि मामले में दोषी ठहराया था और उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी। मामले में उन्हें जमानत मिल गई है।
संसद सदस्यता के जाने का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा कुछ संभव है। उन्होंने आगे कहा कि लेकिन मुझे लगता है कि सांसद के रूप में बर्खास्तगी ने संसद में बैठने की तुलना में एक 'बड़ा अवसर' दिया। राहुल ने स्टैनफोर्ड में कहा कि भारत में विपक्ष संघर्ष कर रहा है। ऐसा नहीं है कि विपक्ष को अभी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि ये सब करीब छह महीने पहले शुरू हुआ था।
राहुल ने कहा कि हम संघर्ष कर रहे थे। विपक्ष भारत में संघर्ष कर रहा है। कोई भी एजेंसी काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि सिर्फ एक पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है। बल्कि सभी विपक्ष पार्टियां तानाशाही से परेशान हैं। जब भी कोई सरकार के खिलाफ बोलता है तो उन संस्थानों पर कब्जा कर लिया जाता है या उनका अस्तित्व खत्म हो जाता है।
'मैं किसी से मदद नहीं मांग रहा हूं'
राहुल गांधी से पूछा गया कि क्या वह घरेलू चुनौतियों से निपटने के लिए विदेशी मदद मांग रहे हैं। उन्होंने इनकार करते हुए कहा, 'मैं किसी से समर्थन नहीं मांग रहा हूं। मुझे पता है कि हमारी लड़ाई, हमारी लड़ाई है। लेकिन हां, यहां भारत के युवा छात्र हैं और मैं उनसे संवाद करना चाहता हूं और ऐसा करना मेरा अधिकार है। ' उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को भी लोगों से बातचीत करनी चाहिए और 'कुछ कठिन सवालों के जवाब देना चाहिए'।
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चर्चा में क्यों?
हाल ही में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) ने उत्तर-पूर्व उद्यमिता कोष (North East Venture Fund- NEVF) योजना पर एक अपडेट जारी किया है।
फंड के संबंध मेंः
- उत्तर-पूर्व उद्यमिता कोष योजना की शुरुआत पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) के सहयोग से उत्तर-पूर्वी विकास वित्त निगम लिमिटेड (NEDFi) द्वारा सितंबर 2017 में की गई थी।
- NEVF पूर्वोत्तर क्षेत्र का पहला और एकमात्र समर्पित उद्यमिता कोष है।
- उधमिता पूंजी, निजी इक्विटी का एक प्रकार है जिसके तहत निवेशकों द्वारा उन स्टार्टअप कंपनियों और छोटे व्यवसायों का वित्तपोषण किया जाता है जिनके बारे में माना जाता है कि उनमें दीर्घकालिक विकास क्षमता है। उधमिता पूंजी की व्यवस्था आमतौर पर प्रतिष्ठित निवेशकों, निवेश बैंकों और किसी भी अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा की जाती है।
- उत्तर-पूर्व उद्यमिता कोष की स्थापना 100 करोड़ रुपए की शुरुआती धनराशि के साथ की गई थी।
- उद्देश्यः
- इसका उद्देश्य पूर्वोत्तर क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों और कौशल विकास को बढ़ावा देना है।
- इसके अलावा नए उद्यमियों को संसाधन प्रदान करने के उद्देश्य से स्टार्ट-अप और नए व्यावसायिक अवसरों में निवेश करना है।
- उत्तर-पूर्व उद्यमिता कोष का मुख्य ध्यान ज़्यादातर खाद्य प्रसंस्करण, हेल्थ केयर, पर्यटन, सेवाओं के पृथक्करण, आईटी आदि के क्षेत्र में शामिल उद्यमों पर है।
- धन की सीमाः
- इस उद्यमिता कोष योजना में पाँच से दस साल की लंबी अवधि वाली समय-सीमा के साथ निवेश की राशि 25 लाख रुपए से लेकर10 करोड़ रुपए के बीच होती है।
पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिये अन्य पहलेंः
- उत्तर-पूर्व ग्रामीण आजीविका परियोजना (NELRP):
- इसकी शुरुआत वर्ष 2012 में की गई थी। NERLP एक विश्व बैंक सहायता प्राप्त, बहु-राज्य परियोजना है जो पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) के अधीन है।
- इस परियोजना को मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा तथा सिक्किम के 11 ज़िलों में लागू किया गया था।
- इसका उद्देश्य चार पूर्वोत्तर राज्यों के ग्रामीण इलाकों में महिलाओं, बेरोज़गार युवकों और वंचितों की आजीविका में सुधार लाना है।
- इस परियोजना में मुख्य रूप से सामाजिक सशक्तीकरण, आर्थिक सशक्तीकरण, साझेदारी विकास परियोजना प्रबंधन तथा आजीविका एवं मूल्य शृंखला विकास पर ध्यान दिया गया है।
- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विज़न 2020 दस्तावेज़ (North Eastern Region Vision 2020 Document) उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिये एक व्यापक रूपरेखा प्रदान करता है।
- उत्तर-पूर्व क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप (STINER):
- STINER का उद्देश्य शैक्षिक, वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से विकसित प्रासंगिक प्रौद्योगिकियों को कारीगरों और किसानों खासकर महिलाओं तक पहुँचाना है।
- उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विद्युत प्रणाली सुधार परियोजना (NERPSIP):
- इस परियोजना को दिसंबर 2014 में विद्युत मंत्रालय की एक केंद्रीय क्षेत्रक योजना के रूप में मंज़ूरी प्रदान की गई थी।
- इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास को बढ़ावा देना और इस क्षेत्र में अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन एवं वितरण संरचना को मज़बूत बनाना है।
- डेस्टिनेशन नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल (Destination North East festival):
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत का शेष भारत के साथ संपर्क एवं संबंध स्थापित करना है। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से पर्यटन पर केंद्रित है। इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय, पूर्वोत्तर परिषद, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र सामुदायिक संसाधन प्रबंधन परियोजना (NERCORMP) और कृषि विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय कोष (IFAD) संयुक्त रूप से कार्य कर रहे हैं।
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ऐसे समय पर जब महामारी के कारण देश में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की मांग जोर पकड़ रही है तब अन्य आयु श्रेणियों के मुकाबले वरिष्ठ नागरिकों के बीच इसकी संख्या कम रही है। यह आंकड़ा बीमा एग्रीगेटर पॉलिसीबाजारडॉटकॉम ने जारी किया है।
पॉलिसीबाजारडॉटकॉम की ओर से बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए गए आंकड़ों के मुताबिक 60 से 80 वर्ष के आयु समूह के वरिष्ठ नागरिक श्रेणी में पॉलिसी खरीदने की दर 15 फीसदी रही जबकि 18-40 वर्ष के आयु वर्ग में पॉलिसी खरीदने की दर 45 फीसदी रही। यह स्थिति तब है जब कहा जा रहा था कि युवाओं के मुकाबले बुजुर्गों को वायरस से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है।
इसके अलावा, अप्रैल से दिसंबर 2020 की अवधि में बच्चों द्वारा अपने माता पिता के लिए खरीदे गए स्वास्थ्य पॉलिसियों की हिस्सेदारी 12. 2 फीसदी रही।
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लखनऊः उत्तर प्रदेश में इन दिनों तेज और चिलचिलाती धूप ने बीते कई दिनों से लोगों का हाल बेहाल कर दिया है, लोगबाग़ भीषण गर्मी से बेहद परेशान हैं। ऐसे में मौसम विभाग ने ताजा खबरों से अवगत कराते हुए ये अनुमान लगाया है कि उत्तर प्रदेश के 16 जिलों को गर्मी से राहत मिल सकती है। विभाग ने ये अनुमान लगाया कि बुधवार शाम तक इन 16 जिलों में अचानक मौसम बदलेगा। जिसकी वजह से आंधी आएगी और हल्की बारिश भी होने की संभावनाएं हैं। मौसम में बदलाव होने से बढ़ते तापमान में थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
यूपी के जिन जिलों में शाम तक तेजी से मौसम बदलने की संभावना है। ये यूपी के वे जिले हैं जो इस समय सबसे ज्यादा तपन की मार झेल रहे हैं। इन जिलों में बुन्देलखंड और ब्रज क्षेत्र के जिले भी हैं। मौसम विभाग के अनुसार, मथुरा, आगरा, हाथरस, एटा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा और औरैया में शाम 6 बजे तक आंधी और हल्की बारिश की संभावना है।
इसके साथ ही बुन्देलखंड में जालौन, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट में भी मौसम तेजी से बदलने के आसार दिखाई दे रहे हैं। इसके साथ ही कानपुर के आसपास के जिलों में भी मौसम तेजी से बदलेगा। कानपुर नगर के साथ-साथ कानपुर देहात और उन्नाव में भी शाम तक मौसम बदल जाएगा।
यूपी के इन सभी जिलों में 30 से 50 किलोमीटर प्रति घण्टे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चल सकती है। इसके साथ ही गरजाहट के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार जून के महीने से पछुआ हवा की जगह पुरवाई हवा चलने लगती है।
रूक-रूक कर प्री-मॉनसून बारिश भी हो जाती है। ऐसे में जून के महीने में तापमान मई के मुकाबले थोड़ा नीचे आ जाता है। हालांकि ह्यूमिडिटी बढ़ने के कारण उमस से बेचैनी जरूर होती है लेकिन, हीट वेब्स का संकट कम हो जाता है। ह्यूमिडिटी के कारण हवा में मौजूद वाष्प गर्मी को सोख लेते हैं। इससे तापमान में गिरावट आ सकती है।
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पाकिस्तान में आज नए कैबिनेट को शपथ दिलाएगी जाएगी. बताया जा रहा है कि यहां 36 सदस्य शपथ ले सकते हैं. पीएम शहबाज शरीफ की कैबिनेट में हिना रब्बानी, शेरी रहमान, कादिर पटेल शामिल हो सकते हैं.
इमरान खान (Imran Khan) सरकार को सत्ता से हटाकर शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बन चुके हैं. पाकिस्तान में नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति जरूर हो गई है लेकिन पीएम शहबाज (Shehbaz Sharfi) अब तक सरकार का गठन नहीं कर पाए हैं. पाकिस्तान में आज नए कैबिनेट को शपथ दिलाएगी जाएगी. बताया जा रहा है कि यहां 36 सदस्य शपथ ले सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को विदेश मंत्रालय का कार्यभार सौंपा जा सकता है और वह अगले विदेश मंत्री बन सकते हैं. इसके अलावा, पीएम शरीफ की कैबिनेट में रियाज पीरजादा, मुर्तजा जावेद अब्बासी, आजम नजीर तरार, खुर्शीद शाह, नवीम कमर, शेरी रहमान शामिल हो सकते हैं.
चर्चा यह भी कि पीपीपी की हिना रब्बानी खार, मुस्तफा नवाज खोखर को भी मंत्री बनाया जा सकता है, साथ ही कादिर पटेल, शाजिया मुर्री, मुर्तजा महमूद, साजिद हुसैन को भी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है. बता दें कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शहबाज शरीफ के नए मंत्रिमंडल के सदस्यों को पद की शपथ दिलाने से खुद को अलग कर लिया था. इसके बाद सोमवार को होने वाला शपथ कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया था.
इससे पहले राष्ट्रपति ने तबीयत का हवाला देकर शहबाज शरीफ को भी प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाने से इनकार कर दिया था. इसके बाद सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी ने उन्हें देश के 23वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई थी. सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति अल्वीकी अनुपस्थिति में सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी संघीय कैबिनेट के सदस्यों को शपथ दिलाएंगे.
रविवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सभी सत्तारूढ़ गठबंधन पार्टियों से संपर्क किया और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (BAP) और बलूचिस्तान नेशनल पार्टी (BNP) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. पीएमएल-एन नेता मरियम औरंगजेब के सूचना मंत्री बनने की उम्मीद है. उन्होंने रविवार को डॉन अखबार से कहा था, 'संघीय मंत्रिमंडल के सदस्य सोमवार को शपथ ले रहे हैं.' यहां मरियम ने कहा था कि PML-N को 14 मंत्रालय मिलेंगे और उसके बाद पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) को 11 मंत्रालय मिलेंगे.
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नई दिल्लीः इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण कल होगा. यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा जिसे दुनिया के विभिन्न हिस्सों से देखा जा सकेगा. भारत में यह सिर्फ पूर्वी भाग में आंशिक रूप से दिखेगा. अमेरिका में पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई देगा. 15 दिन पहले ही 25 अक्टूबर को चंद्रग्रहण लगा था. भारत में ग्रहण लगने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा.
साल का आखिरी चंद्रग्रहण कल यानी 8 नवंबर को शाम के 5 बजकर 20 मिनट में प्रारंभ होगा जो शाम के 06 बजकर 20 मिनट तक रहेगा. चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले इसका सूतक काल लग जाएगा. संभावना है कि भारत में चंद्रग्रहण पटना, सिलीगुड़ी, कोलकाता, गुवाहाटी और रांची जैसे शहरों में देखा जा सकता है. अगर दुनिया के अन्य देशों की बात करें तो यह यूरोप, एशिया, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के अधिकतर क्षेत्रों में दिखाई देगा.
अगला पूर्ण चंद्रग्रहण 14 मार्च, 2025 को होगा।
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किसानों के खाते में 2000 रुपए की किश्त अप्रैल के पहले हफ्ते में डाल दी जाएगी, इससे 8. 69 करोड़ किसानों को फायदा मिलेगा। मनरेगा के तहत मजदूरी 182 से बढ़ाकर 202 रुपए की गई। 3 करोड़ सीनियर सिटीजंस, विधवाओं, दिव्यांगों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर डीबीटी का फायदा मिलेगा।
"मैंने जामिया से MA किया है। प्रथम वर्ष में 67% अंकों के साथ टॉप भी किया था। लेकिन हिजाब वाली एक डायरेक्टर मुझे हमेशा नीचा दिखाती थी, क्योंकि उन्हें मेरा नाम नहीं पसंद था। नक्सलियों के प्रति झुकाव रखने वाले एक अन्य प्रोफेसर ने मुझे हमेशा कम नंबर दिए। जिहादी नक्सलियों की सॉंठगॉंठ काफी मजबूत है। "
दो भाई। बांग्लादेश के एक ही मेडिकल कॉलेज में पढ़ते हैं। एक फ्लाइट से आता है, ट्रैवल हिस्ट्री बताता है। क्वारेंटाइन कर दिया जाता है। दूसरा, सड़क से चलता है और अपने घर पहुॅंच जाता है। मकसद, ट्रैवल हिस्ट्री छिपाना ताकि आइसोलेट न हो। ऐसे एक-दो नहीं सैकड़ों मामले घाटी में सामने आए हैं।
इसे चीनी वायरस कहना कोई रेसिज्म नहीं है। इसका अर्थ हुआ कि जिस जगह से ये वायरस पहली बार निकल कर आया, उस स्थान पर इसका नामकरण हो। ऊपर से जब चीन ने इसे ढकने की गलती करके दुनिया भर को परेशानी में डाला है तो फिर इसमें उन्हें क्यों दोष दिया जा रहा, जो इस वायरस के ऑरिजिनेट होने के स्थान के नाम पर इसे सम्बोधित कर रहे हैं?
"भारत में घर में रहना सबसे अच्छा है लेकिन घर में रहने के लिए लोगों को पैसे और खाने की जरूरत होगी। हमें न सिर्फ 21 दिनों के लिए सोचना और प्लान करना चाहिए बल्कि उसके अगले कुछ हफ्तों की भी योजना होनी चाहिए। "
इसके अलावा अपनी एक ट्वीट में जामिया के प्रोफ़ेसर अबरार अहमद ने कहा था कि अगर भारत हिन्दू राष्ट्र बन गया तो फिर यहाँ की महिलाओं का क्या होगा? उसने कहा था कि अधिकतर बलात्कार आरोपित वही हैं, जो हिन्दू राष्ट्र या फिर रामराज की बात करते हैं।
"आज लॉकडाउन की परिस्थिति में काशी देश को सिखा सकती है- संयम, समन्वय, संवेदनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है- सहयोग, शांति, सहनशीलता। काशी देश को सिखा सकती है- साधना, सेवा, समाधान। "
हमला सुबह-सुबह हुआ। उस समय अरदास के लिए गुरुद्वारे में छोटे बच्चों समेत करीब 150 लोग मौजूद थे। मोहन सिंह ने बताया कि गोली चलने की आवाज सुन उन्होंने खुद को टेबल के नीचे छिपा लिया। अचानक धमाका हुआ और छत का एक टुकड़ा उन पर आ गिरा।
20 मार्च को इस्तीफे की घोषणा करने के लिए मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने आवास पर एक पत्रकार वार्ता की थी। जिसमें से एक पत्रकार की बेटी की कोरोना वायरस की जाँच में रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है।
एक वीडियो में एक व्यक्ति कहता है कि वो नमाज पढ़ने तो जाएगा ही क्योंकि एक अच्छा काम करते समय अगर प्राण निकल भी जाएँ तो इससे अच्छी क्या बात होगी?
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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मुस्लिम धर्म गुरुओं और सामाजिक नेताओं के एक शिष्टमंडल ने नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उनसे मुस्लिम समुदाय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। शिष्टमंडल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के मुस्लिम युवक इस्लाम के नाम पर फैलाए जा रहे किसी भी प्रोपगंडा के शिकार नहीं हुए हैं। उन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए शांति और सुरक्षा का माहौल बनाने के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार की ओर से उठाए गए कदम पर संतोष जताया।
धर्म के नाम पर किसी भी तरह की हिंसा की निंदा करते हुए शिष्टमंडल ने कहा कि इस्लाम सभी के लिए शांति और बेहतरी की बात करता है। किसी को इस्लाम के इस नीति के प्रति भ्रमित नहीं होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे सीमा पार से होने वाली आतंकवादी गतिविधियों समेत तमाम आतंकवाद के खिलाफ हैं।
शिष्टमंडल में शामिल नेताओं ने यह खास तौर पर रेखांकित किया कि भारत में मुस्लिमों को पूरी आजादी मिली हुई है और वे पूरी तरह सुरिक्षत हैं। यहां तक कि मुस्लिम शासित देशों में भी उन्हें इस तरह की आजादी और सुरक्षा हासिल नहीं है।
शिष्टमंडल में शामिल प्रतिनिधियों ने मुस्लिम समुदाय में शैक्षिक और आर्थिक पिछड़ेपन का मुद्दा उठाया और सरकार से अनुरोध किया कि इसे दूर करने के लिए सकारात्मक कदम उठाए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज की बेहतरी के लिए सरकार की ओर से कदम उठाए जाएं। इस मुलाकात में यह भी सुझाव दिया गया कि सांप्रदायिक एकता को मजबूत करने के लिए विभिन्न संप्रदायों के बीच वार्ता का एक मंच बने। इसमें सभी धर्मों के धार्मिक और सामाजिक नेता और इससे जुड़े लोग शामिल हों।
मुस्लिम समुदाय के नेताओं और प्रतिनिधियों के इस शिष्टमंडल में प्रमुख शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद, दरगाह अजमेर शरीफ, अजमेर के प्रमुख अब्दुल वाहिद हुसैन चिश्ती, जमीअत-उल-हिंद के महासचिव नियाज फारूकी, मौलाना इकबाल अहमद चिश्ती, महासचिव, मौलाना वमिक रफीक वारसी साहब, प्रमुख दरगाह देवा शरीफ, जनाब मोहिब्बुला नदवी, प्रमुख इमाम, पार्लियामेंट मस्जिद, मौलाना मोहम्मद अलीम नदवी, हरियाणा इमाम ऑर्गेनाइजेशन, यमुना नगर और डॉ. एम. जे. खान, राष्ट्रीय समन्वयक, मुस्लिम इकोनॉमिक फोरम शामिल थे।
इस शिष्टमंडल में जो बेहद अहम लोग शामिल थे उनमें कन्फेडरेशन ऑफ माइनरटीज एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन के चेयरमैन श्री कमल फारूकी, जाने-माने पत्रकार और अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार श्री कमर आगा भी थे।
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न्यूयॉर्क। दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वॉलमार्ट 269 स्टोर बंद कर रही है। इसमें से 154 स्टोर अमेरिका में है। कंपनी ने यह कदम अमेजन और दूसरी रिटेल कंपनियों से बढ़ते कॉम्पटीशन को देखते हुए कॉस्ट कटिंग के लिए उठाया है। कंपनी के इस फैसले से 10,000 अमेरिकी नागरिकों समेत दुनियाभर में 16,000 लोगों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। इन स्टोर्स की कंपनी के कुल रेवेन्यु में हिस्सेदारी एक फीसदी से भी कम थी। वॉलमार्ट के दुनियाभर में 11,000 स्टोर्स हैं, जिनमें 22 लाख लोग काम करते हैं। इनमें से 14 लाख अमेरिकी नागरिक हैं।
कंपनी ने यह फैसला वॉलमार्ट स्टोर्स इंक के सीईओ डोग मैकमिलन के तीन महीने पहले दिए बयान के बाद किया है, जिसमें उन्होंने अपने निवेशक से कहा था कि स्टोर्स की संख्या की समीक्षा करेंगे। मैकमिलन ने अपने बयान में कहा कि कम अच्छे बिजनेस के लिए पोर्टफोलियो को मैनेज कर रहे हैं। स्टोर्स बंद करने का फैसला लेना आसान नहीं होता, लेकिन कंपनी को मजबूत बनाने के लिए जरुरी है। स्टोर्स बंद होने की शुरुआत इस महीने के अंत तक हो जाएगी।
क्रेडिट सुइस के एनालिस्ट माइकल एक्सटेन ने कहा कि यह बहुत छोटा निर्णय है, लेकिन यह सकारात्मक कदम है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशक में पहली बार वॉलमार्ट इतनी बड़ी संख्या में स्टोर्स बंद कर रही है। एक्सटेन के मुताबिक कंपनी से अन प्रोडक्टिव लोकेशंस की पहचान शुरू कर दी है। हालांकि वॉलमार्ट को अभी बड़े पैमाने पर रिस्ट्रक्चरिंग की जरूरत है।
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Dr. Sudip Chowdhury कोलकाता के प्रसिद्ध डॉक्टर हैं। वह सामान्य चिकित्सा के विशेषज्ञ हैं। कई क्लीनिक और अस्पतालों में Dr. Sudip Chowdhury को काम करने का 11 साल से अधिक अनुभव है। कई अस्पतालों से जुड़े होने के साथ-साथ Dr. Sudip Chowdhury अनेक मेडिकल संस्थानों के साथ भी सक्रिय हैं। University Of Calcuta, India से Dr. Sudip Chowdhury ने अपनी MBBS डिग्री पूरी की है। Chellaram Diabetes Institute से CCMTD डिग्री Dr. Sudip Chowdhury ने हासिल की है।
Q: Dr. Sudip Chowdhury के पास कौन-कौन सी डिग्री हैं?
A: Dr. Sudip Chowdhury के पास दो डिग्री MBBS और CCMTD हैं। Dr. Sudip Chowdhury की शैक्षिक योग्यता की जानकारी ऊपर दी गई है।
Q: Dr. Sudip Chowdhury कितने सालों का एक्सपीरियंस रखते हैं?
A: सामान्य चिकित्सा में Dr. Sudip Chowdhury को कुल 11 सालों का एक्सपीरियंस है।
Q: Dr. Sudip Chowdhury से परामर्श के लिए अपॉइंटमेंट कैसे ले सकते हैं?
A: Dr. Sudip Chowdhury से ऑनलाइन बात करने या क्लिनिक में जा कर सलाह लेने के लिए आप myUpchar की मदद से अपॉइंटमेंट ले सकते हैं। इसके लिए ऊपर दिए बटन "अपॉइंटमेंट बुक करें" पर क्लिक करें।
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मुंबई, (एजेंसी/वार्ता): दक्षिण भारतीय फिल्मों के जानेमाने अभिनेता विजय देवरकोंडा ने अपनी आने वाली फिल्म का पोस्टर सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
विजय देवरकोंडा ने अपने ट्विटर हैंडल पर अपनी फिल्म 'भीडी12' का पोस्टर शेयर किया है। विजय ने पोस्टर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, "द स्क्रिप्ट, द टीम, माय नेक्स्ट। जब मैंने यह सुना तो मेरे दिल की कुछ धड़कनें रुक गईं। " इसके अलावा उन्होंने हैशटैग के साथ भीडी12 लिखा है।
पोस्टर में विजय देवरकोंडा अंधेरे में खड़े हैं और खाकी वर्दी में नजर आ रहे हैं। उनके चेहरे पर कपड़ा बंधा हुआ है, जिससे उनका चेहरा उजागर नहीं हो रहा है।
गौरतलब है कि इस फिल्म को गौतम तिन्ननुरी ने लिखा है और उन्होंने निर्देशन की जिम्मेदारी भी संभाली है।
-(एजेंसी/वार्ता)
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राजनांदगांव (नईदुनिया न्यूज)। Khairagarh By Election: खैरागढ़ में अब चुनावी माहौल बनने लगा है। बुधवार को भाजपा ने कांग्रेस के घोषणा पत्र के जवाब में आरोप पत्र जारी किया है। इसमें कहा है कि भूपेश सरकार के पास बताने के लिए उपलब्धियों के रूप में कुछ भी नहीं है। तीन साल में इस सरकार ने खैरागढ़ की सिर्फ उपेक्षा ही की है। विकास विरोधी भूपेश बघेल को खैरागढ़ की जनता इस चुनाव में करारा जवाब देगी। वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनावी सभा में कहा कि भाजपाइयों ने गोशालाओं में भी घोटाला किया है। गोशाला चलाने वाले भाजपाई मोटे हो गए हैं और गायों की सेहत बिगड़ गई है।
प्रचार को पहुंचे केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने तो यहां तक कह दिया है कि 2500 रुपये से ज्यादा धान का समर्थन मूल्य देने जा रहे भूपेश बघेल प्रदेश को दिवालिया करके ही छोड़ेंगे।
बुधवार को भाजपा के चुनाव कार्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने घोषणा पत्र जारी किया। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खैरागढ़ के कथित कागजी विकास की तस्वीर को पेश कर रहे हैं। उनके पास खैरागढ़ के विकास को बताने के लिए कुछ भी नहीं है। वे जिस घोषणापत्र की बात कर रहे हैं, वह काल्पनिक है। उन्होंने हमेशा खैरागढ़ की उपेक्षा की है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को ग्राम सलोनी, राहुद, बीजलदेही व बाजार अतरिया में चुनावी सभाएं कीं। यहां उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह पर चिटफंड कंपनियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए निशाने पर लिया। बघेल ने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा हमेशा चुनाव के समय धान पर बोनस देने की बात कहती रही, लेकिन जीतने के बाद इसे भुला दिया जाता रहा। उन्होंने चुनावी सभा में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, भूमिहीन मजदूरों को आर्थिक सहायता के साथ ही विभिन्ना समाजों के उत्थान को लेकर राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को भी प्रमुखता से रखा। भूपेश के पिता नंदकुमार बघेल भी कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा के पक्ष में जनसंपर्क करने उतर गए हैं।
भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल के पक्ष में दो केंद्रीय मंत्रियों प्रहलाद पटेल व फग्गन सिंह कुलस्ते ने भी सभाएं कीं। पटेल ने अमलीडीह कला व पिपरिया वार्ड में चुनावी सभा ली जबकि कुलस्ते ने ग्राम चोभर, रामपुर, आमगांव व मोहगांव में सभाएं कर जनसंपर्क किया। दोनों ने कांग्रेस पर झूठा वादा करने का आरोप लगाया।
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शिमला के निगोली इलाके में एक कारखाने में आग लगने का मामला सामने आया। बिट्टूमन मिक्श्चर प्लांट में लगी इस आग पर दमकल विभाग ने काबू पा लिया है। मौके पर सूचना दी गई जिसके बाद पुलिस और फायरब्रिगेड मौके पर पहुंची और आग बुझाई। आग लगन के कारणों का पता लगाया जा रहा है और नुकसान का आकलन भी जारी है।
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Jamshedpur (Sunil Pandey) : सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से बुधवार स जिले में सड़क सुरक्षा सप्ताह की शुरूआत की गई. उपायुक्त विजया जाधव ने समाहरणालय परिसर से जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि लोगों को दो पहिया वाहन चलाने के दौरान हेलमेट और कार चालकों को सीट बेल्ट का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए. इसके अलावे ड्राइविंग के समय मोबाइल का इस्तेमाल नही करने, गति सीमा का पालन करने, वाहन के फिटनेस जैसी ज़रूरी पहलुओ का ध्यान रखना जरूरी है. सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान इन बातों के अलावे जिलेवासियों को यातायात के नियमों से अवगत कराया जाएगा. जिससे जिले में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आए. सुनहरा घंटा में घायल व्यक्ति की मदद करना एवं मददगार को दी जाने वाली प्रोत्साहन के सम्बंध में लोगों को जागरूक किया जाएगा ताकि दुर्घटना में जनहानि नहीं हो.
उपायुक्त ने बताया कि आमजनों तथा छात्रों को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए जिला सड़क सुरक्षा समिति के द्वारा सप्ताह भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. जिससे लोग जागरूक हो सकें. इसके तहत रन फॉर सेफ्टी, जागरूकता रैली, विद्यालयों में सड़क सुरक्षा से सम्बंधित सेमिनार, क्विज एवं पेंटिंग प्रतियोगिताएं, बड़े वाहन के चालकों की आंख एवं स्वास्थ्य की जांच इत्यादि कार्यक्रम शामिल है. मौके पर जिला परिवहन पदाधिकारी, मोटर वाहन निरीक्षक के अलावे जिले के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
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जानकारों के अनुसार, बासी रोटी खाने से शरीर का ब्लड ग्लूकोज नियंत्रण में रहता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए बासी रोटी बेहद फायदेमंद होती है, इससे उनके ब्लड का ग्लूकोज का स्तर नियंत्रण में रहता है। डायबिटीज मरीजों को सुबह बासी रोटी ठंडे दूध के साथ खानी चाहिए। इससे शरीर के ब्लड ग्लूकोज का स्तर नियंत्रण में रहता है।
ताज़ा रोटी की अपेक्षा बासी रोटी अधिक पौष्टिक होती है। क्योंकि लंबे समय तक रखे रहने के कारण इसमें जो बैक्टीरिया होते हैं, उनसे भी सेहत को फायदा हो सकता है। हालांकि इस बात का विशेष ध्यान रखें कि रोटी 12 से 16 घंटे से ज्यादा बासी ना हो।
कई बार कुछ गलत खाने या ज्यादा तेल-मसाले वाली चीज़ें खा लेने से एसिडिटी की शिकायत हो जाती है। ऐसे में आपके लिए बासी रोटी खाना फायदेमंद हो सकता है। एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए आप सुबह नाश्ते में दूध के साथ बासी रोटी खाएं। इससे एसिडिटी में तो राहत मिलेगी ही साथ ही पेट की अन्य परेशानियां भी खत्म होंगी।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि बासी रोटी पतले लोगों के लिए लाभकारी होती है। इससे आप मोटे हो सकते हैं। बासी रोटी से शरीर को खूब फाइबर और प्रोटीन मिलता है और दुबला-पतला शरीर में मोटापा आता है। अगर आप दुबले-पतले हैं तो सुबह दूध के साथ बासी रोटी खाएं।
शायद आप में से कई लोगों को यह नहीं पता होगा कि बासी रोटी शरीर के तापमान को संतुलित रखने में काफी मदद करती हैं। सुबह नाश्ते में दूध के साथ बासी रोटी खाई जाए तो यह दिन भर हमारे शरीर का तापमान संतुलित रखने में मदद करती हैं। यहां तक की गर्मियों के मौसम में हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं नहीं होती ।
बासी रोटी खाने से ब्लड प्रेशर भी कंट्रोल में रहता है। आप ठंडे दूध के साथ बासी रोटी खाएंगे तो इससे आपका ब्लड प्रेशर का लेवल नियंत्रित रहेगा। अगर आपको ब्लड प्रेशर बढ़ने की समस्या है तो सुबह ठंडे दूध के साथ बासी रोटी खाएं। इससे आपका रक्त चाप नियंत्रित रहेगा।
अगर आप वर्कआउट करने जा रहे हैं तो बासी रोटी आपके लिए लाभकारी है। इससे आपकी मसल्स मजबूत होती है और आपको ऊर्जी मिलती है। इसके अलावा शरीर का तापमान भी नियंत्रित रहता है। आप जिम जाने से पहले सुबह दूध के साथ बासी रोटी ले सकते हैं।
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भोपाल, (ब्यूरो मप)। आयकर अधिकारी एवं कर्मचारियों की गुरुवार को हड़ताल के चलते आयकर विभाग में काम पूरी तरह ठप रहा। विभाग के कई कक्षों में तालाबंदी रही। इस मौके पर आयोजित आम सभा को संबोधित करते हुए मप-छत्तीसगढ़ अंचल के संयुक्प कार्यवाही समिति के सह संयोजक यशवंत पुरोहित ने कहा कि केंदीय पत्यक्ष बोर्ड कर्मचारी और अधिकारियों के हितों के विरोध में काम कर रही है। बोर्ड के मनमाने रवैए की वजह से सभी अधिकारी और कर्मचारी परेशान है। यदि बोर्ड उनकी 12 सूत्रीय मांगों का निराकरण नहीं करता तो कर्मचारी असहयोग आंदोलन करने विवश हो जाएंगे। परिषद के सहसंयोजक एसएन भदा ने कहा कि समझौता हो जाने के एक माह से अधिक समय होने के बावजूद बोर्ड ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है। सभा को डीके हालदार, जेके शर्मा, संजय रामटेके, मधुकर दांभले, महेंद सिंह ठाकुर, पी मनोज और बाबू लाल सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया। देशव्यापी हड़ताल रही सफल ः श्री पुरोहित ने बताया कि मप-छत्तीसगढ़ के कुल 38 स्थानों पर स्थित कार्यालयों में तालाबंदी रही। भोपाल, इंदौर,ग्वालियर, जबलपुर, रायपुर, उज्जैन, बिलासपुर सहित देश के सभी आयकर कार्यालय में किसी भी तरह का काम नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि केंदीय जेसीए पदाधिकारियों की बैठक शुकवार को नई दिल्ली में आयोजित की जा रही है। इसमें 20 जुलाई से पस्तावित असहयोग आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी। ये हैं मु य मांगे ः विभागीय कार्यों को ठेके पर दिए जाने का विरोध, खाली पदों पर भर्ती की मांग, मोबाइल, फोन चार्ज, लेपटॉपऔर डेस्कटॉप दिए जाने के लिए निर्णय को पूरा करना,ग्रुप ए के अधिकारियों की सिविल लिस्ट पकाशित करने पर लगी पाबंदी हटाना,सहायक आयुक्प पदों की डीपीसी, छटवें वेतनमान आयोग की विसंगतियों को दूर करना, विभागीय परीक्षाएं आयोजित करना और कैडर रिव्यू कमेटी के पस्ताव लागू करना।
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काठमांडू : नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रांत दार्चुला जिले में हिमस्खलन के दौरान लापता पांच लोगों की तलाश जारी है। यह लोग यार्सागुम्बा (जड़ी-बूटी) एकत्र करने गए थे। यह जानकारी दार्चुला के सहायक मुख्य जिला अधिकारी प्रदीप सिंह धामी ने दी।
उन्होंने बताया कि यह घटना ब्यास ग्रामीण नगर पालिका के चारुंग नामक स्थान पर हुई। 12 लोग नम्पा पर्वत पर यार्सागुम्बा लेने गए थे। वहां से लौटते समय हिमस्खलन की चपेट में आ गए। मंगलवार की रात पुलिस टीम बचाव के लिए मौके पर पहुंची। टीम ने सात लोगों को बचा लिया। नेपाल में चार दिन से हिमालयी क्षेत्र में हिमपात हो रहा है। इसका पश्चिमी नेपाल के हिमालय में जड़ी-बूटी की तलाश करने वालों पर असर पड़ा है। बझांग में हिमस्खलन की चपेट में आई एक महिला लापता है।
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११ हाथ से ऊपर ३० हाथ पर्यन्त लम्बाई वाला घर 'आलय' और ३२ हाथ या उससे अधिक : लम्बाई वाला 'महालय' तथा ११ हाथ से अल्प वाठी 'कुटी' कहलाती है। मुहूर्त पार्तण्डकार ने भी कहा है । ७३।
द्वात्रिंशाधिकहस्तम ब्धिवदनं ताणं त्वलिन्दादिकम् । नैष्वायादिकमीरितं तृणगृहं सर्वासमादितम् ॥ ७४ ॥ अर्थ स्पष्ट है ॥ ७४ ॥
विशेष -
आयव्ययौ धराशुद्धि तृणगेहे न चिन्तयेत् । शिलान्यासादि नो कुर्यात् तथाऽऽगारे पुरातने ।।७५॥ अर्थ स्पष्ट है ॥ ७५ ॥ ।।
पिण्ड से आय, वार, नक्षत्र आदि-साधन प्रकार - पिण्डे नवाङ्काङ्ग- गजाग्नि-नाग-नागाधिनागै गुणिते क्रमेण । विभाजिते नागनगाङ्क सूर्य नागर्क्षतिथ्यक्षखभानुभिश्च ॥७६ ॥ आयो वारोंऽशको द्रव्यमृणमृक्षं तिथियुतिः । आयुश्चाथ गृहेशर्क्ष गृहभैक्यं
इष्ट पिण्ड ( या मूल पिण्ड) को ९ स्थान में रख कर क्रम से ९, ९, ६, ८, ३, ८, ८, ४, ८, से गुणा करके पृथक पृथक गुणनफल में क्रमसे ८, ७, ९, १२, ८, २७, १५, २७, १२० के भाग देने से शेष - क्रम से आय, वार, अंश, द्रव्य, ऋण, नक्षत्र, तिथि, योग, और आयुर्दाय होते हैं । इस प्रकार गृह का नक्षत्र और नाम नक्षत्र एक हो तो वह गृह अशुभ होता है । ७६-७७ ।।
इसलिए शुभप्रद नक्षत्र भी नाम नक्षत्र हो तो उसको पिण्डसाधनार्थ इष्ट नक्षत्र नहीं मानना चाहिए ।
उदाहरणः - साधित मूल पिण्ड ३५ इसको ९ से गुणा करने से ३१५ इसमें ८ के भाग देनेसे शेष ३, सिंह आय हुआ ।
वार जानने के लिए पिण्ड ३५ को ९ से गुणा करने से ३१५ इसमें ७ के भाग देनेसे शेष ० = ( ७ ) शनिवार हुआ ।
नक्षत्र जानने के लिए पिण्ड ३५ को ६ से गुणा करने से २१० इसमें ९ के भाग देने से शेष तीन अंश हुआ । इसी प्रकार आगे अपनेअपने गुणकसे गुनाकर भाजक से भाग देने तथा शेष धन, ऋण नक्षत्र आदि भी समझना चाहिए ।
इस प्रकार जो अंश आता है वह गृह के नक्षत्र की जो पूर्वोक्त विधि ( "अश्विन्यादि त्रयं मेष० " ) इत्यादि रीति इत्यादि रीति से राशि हो उस राशि का तैवाँ नवांश समझना । यथा यहाँ गृहनक्षत्र मघा है, उसकी सिंह राशि है। अतः सिंह राशि का तीसरा नवांश मेषांदि गणना से मिथुन हुआ । जिसका स्वामी बुध है । इसलिए अंश भी शुभ हुआ।
अशुभ वार और अशुभ नवमांशत्याज्यावशुभदौ वारौ वारौ गृहे गृहे च रविमङ्गलौ । तथा भौमार्कशन्यंशाः सदा वह्निभयप्रदाः । ७८ ।
पिण्ड के द्वारा यदि वार रवि और मंगल आवे तो दोनों को अशुभ समझना तथा अंश यदि मङ्गल, रवि और शनि की राशि के हों तो अग्नि भय कारक होते हैं। अन्य वार और अंश शुभप्रद समझें ॥७८॥
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चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री स. भगवंत मान की हिदायतों के बाद राज्य में पशुओं में फैली लम्पी स्किन की बीमारी की रोकथाम के लिए पशु पालन विभाग द्वारा टीकाकरण मुहिम और तेज कर दी गई है और अब तक करीब 1. 16 लाख पशुओं को गोट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा चुकी है।
राज्य में चलाई जा रही टीकाकरण मुहिम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए पशु पालन विभाग के प्रमुख सचिव विकास प्रताप ने बताया कि विभाग को पशुओं में लम्पी स्किन बीमारी के लिए सरकार द्वारा प्रमाणित वैक्सीन की लगभग 2. 34 लाख डोज़ प्राप्त हुए हैं, जो पहले ही पंजाब भर के सभी जिलों को भेजे जा चुके हैं। इसके अलावा विभाग ने टीकाकरण मुहिम के लिए ईलाज और अन्य सामान की खरीद के लिए विभिन्न जिलों को 76 लाख रुपए जारी किए हैं।
उन्होंने बताया कि वैटरनरी बायोलॉजीकल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, हैदराबाद से खऱीदी गई वैक्सीन के साथ विभाग द्वारा अब तक 1,15,985 से अधिक पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि फील्ड से मिली प्राथमिक रिपोर्टों के अनुसार बीमारी स्थिर हो गई लगती है, हालाँकि अगले कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
उन्होंने आगे बताया कि लम्पी स्किन बीमारी पशुओं और भैंसों की एक वायरल बीमारी है, जो मक्खियों और मच्छरों के साथ-साथ कृषि मज़दूरों और प्रभावित पशुओं के द्वारा मकैनिकल ट्रांसमिशन के ज़रिए फैलती है। बीमारी की पहचान 2-3 दिनों के लिए हलके बुख़ार और चमड़ी पर सूजन होने से होती है। प्रभावित जानवर आम तौर पर 2-3 हफ़्तों के अंदर ठीक हो जाते हैं।
विकास प्रताप ने बताया कि विभाग द्वारा टीकाकरण मुहिम और राहत कार्यों के लिए वैटरनरी अफ़सरों और वैटरनरी इंस्पेक्टरों की कुल 673 टीमें गठित की गई हैं, जो राज्य में बीमारी के ईलाज और रोकथाम के लिए भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की बाकायदा पालना कर रही हैं, जिसमें प्रभावित जानवरों को अलग रखना, पशुओं और कृषि मज़दूरों की आवाजाही को नियंत्रित करना, पशु शैडों को कीटाणू-मुक्त करना शामिल है। इससे इस बीमारी को आगे फैलने से रोका जा सके।
गौरतलब है कि है लम्पी स्किन की बीमारी अफ्रीका महाद्वीप से शुरू हुई थी और इस साल के शुरू में इस बीमारी ने गुजरात और राजस्थान राज्यों को बुरी तरह से प्रभावित किया है।
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मंडी, 20 फरवरी (निस)
सुंदरनगर के कपाही के गांव देरडु व डोडवां में भूमि मालिकों की बिना अनुमति व मुआवजा दिए खेतों व घरों के ऊपर से जबरदस्ती डाली जा रही टावर लाइनों का विरोध जनता पर भारी पड़ रहा है। सुंदरनगर पुलिस देर शाम सूर्य अस्त उपरांत दो महिलाओं सहित युवक को उठा कर ले गई और देर रात तक थाने में बंधक बनाये रखा। विभाग द्वारा ग्रामीणों के घरों की बिजली की सप्लाई भी बंद कर दी गई और जबरदस्ती लोगों के खेत-खलिहानों व मकानों के ऊपर से देर रात तक लाइनें डालते रहे। आखिर छह घंटे उपरांत हिरासत में लिए गए तीनों को पुलिस ने नायब तहसीलदार और 24 फरवरी को एसडीएम सुंदरनगर के समक्ष पेश रोशन लाल, कुलदीप, मीरा, उत्तम चंद, कांशी राम, ओमकार व श्याम लाल ने आरोप लगाया कि पुलिस प्रशासन की मिलीभगत न होने के बात कहकर छोड़ा गया।
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Adityapur (Sanjeev Mehta) : टाटा स्टील लांग प्रोडक्टस ने सीएसआर के तहत गम्हरिया प्रखंड के छोटा गम्हरिया पंचायत में करीब एक करोड़ की लागत से अत्याधुनिक सामुदायिक भवन का निर्माण कराया है. बुधवार को इसका विधिवत उद्घाटन मंत्री चम्पई सोरेन ने फीता काट कर किया और भवन जनता को समर्पित किया. बता दें कि ठीक छह माह पूर्व 26 सितंबर 2022 को मंत्री चम्पई सोरेन ने ही इस मल्टीपर्पस सामुदायिक भवन की आधारशिला रखी थी. इस अत्याधुनिक मल्टीपर्पस सामुदायिक भवन से गम्हरिया प्रखंड के 16 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा. इसमें आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियां संचालित की जाएगी. इस उद्घाटन समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में टाटा स्टील के वीपी चाणक्य चौधरी, टाटा स्टील लांग प्रोडक्ट के प्रबंध निदेशक आशीष अनुपम, डीडीसी प्रवीण कुमार गागराई, एडीसी सुबोध कुमार, बीडीओ मारुति मिंज, ग्राम प्रधान सूरज लाल महतो, मुखिया निरोला सरदार, सीओ मनोज कुमार एवं प्रखंड के सभी पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे.
अपने संबोधन में मंत्री चम्पई सोरेन ने टाटा स्टील के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि महज छह माह में क्षेत्र के लोगों के लिए अत्याधुनिक मल्टीपर्पस कम्युनिटी सेंटर की सौगात दी गई है जो काबिले तारीफ है. मंत्री चंपई सोरेन ने टाटा समूह को वास्तविक खतियान धारी बताया. उन्होंने कहा कि टाटा समूह शुरू से ही कोल्हान और राज्य के विकास में भागीदार रहा है. टाटा समूह की कंपनियों की वजह से यहां के मजदूरों को रोजगार के साथ उनका आर्थिक और सामाजिक विकास भी हो रहा है. झारखंड में सभी समुदायों के लिए एक सामाजिक व्यवस्था निर्धारित है उसको साथ लेकर कंपनी आगे बढ़ रही है. यह मल्टीपर्पस कम्युनिटी सेंटर उसी का एक हिस्सा है. यहां बैठकर लोग अपने सामाजिक कार्यों का निष्पादन कर सकेंगे. उन्होंने कहा इस सामुदायिक भवन का प्रयोग शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सामाजिक कार्यक्रम के लिए किया जाएगा.
टाटा स्टील के वीपी चाणक्य चौधरी ने मौजूद लोगों को भरोसा दिलाया कि कंपनी पूरी तरह से प्रदूषण के नियमों के तहत क्षेत्र में काम कर रही है. टाटा सदैव समाज हित में कार्य करती रही है. यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी. उन्होंने कहा जल्द ही बड़ा गम्हरिया में भी इसी तरह का अत्याधुनिक मल्टीपर्पस कम्युनिटी सेंटर बनाया जाएगा. टाटा स्टील सीएसआर के तहत कई गतिविधियों का संचालन कर रही है. इसका उद्देश्य क्षेत्र के लोगों का सामाजिक और आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सके.
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बिहार के समस्तीपुर स्थित रोसड़ा नगर परिषद एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. बीते दिनों रोसड़ा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (Executive Officer) जयचंद्र अकेला को थप्पड़ मारने वाले सफाईकर्मी राम सेवक राय की संदिग्ध मौत हो गई है.
जनता से रिश्ता। बिहार के समस्तीपुर स्थित रोसड़ा नगर परिषद एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. बीते दिनों रोसड़ा नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी (Executive Officer) जयचंद्र अकेला को थप्पड़ मारने वाले सफाईकर्मी राम सेवक राय की संदिग्ध मौत हो गई है. राम सेवक राय की मौत शुक्रवार को इलाज के दौरान पटना के पीएमसीएच में हो गई. वहीं मौत के बाद सफाईकर्मियों की ओर से हंगामे की डर से बड़ी संख्या में पुलिस बल को समस्तीपुर पुलिस लाइन से रोसड़ा बुला लिया गया है. ज्ञात हो कि बीते शुक्रवार को पुलिस ने ईओ जयचंद्र अकेला को थप्पड़ मारने के आरोप में राम सेवक को गिरफ्तार किया गया था. हाजत में ही तबीयत अचानक रविवार की शाम सफाईकर्मी की तबीयत अचानक खराब हो गई.
आनफानन में उसे इलाज के लिए पुलिस ने रोसड़ा अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. स्थिति सामान्य नहीं होने के कारण डॉक्टरों ने उसे पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया गया था. इसके बाद परिजन उसे पटना ले जाने के बजाए इलाज के लिए वापस रोसड़ा लेकर चले गए थे.
बुधवार को फिर से रामसेवक को उसके घर के लोग वापस इलाज करवाने के लिए पीएमसीएच पटना में भर्ती कराया गया था, जहां शुक्रवार को उसकी मौत हो गई. ज्ञात हो कि उस वक्त हाजत में सफाईकर्मी राम सेवक राय की तबीयत खराब होने पर उसके साथियों ने रोसड़ा थाने में तोड़फोड़ व हंगामा भी किया था और उसे उसके बाद उसे घर लेकर चले गए थे. जबकि सफाई कर्मी को इलाज की सख्त जरूरत थी.
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हर दिन,
सूर्य और पृथ्वी के बीच,
रोकता उसका प्रकाश,
अपने ही जैसा,
या जलन,
और सृष्टि का चलन !
आ. वंदना जी, सुन्दर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।
एक अच्छी रचना हुई है। बधाई स्वीकार करें आदरणीया।
आदरणीया डॉ. वंदना मिश्रा जी नमस्ते, वाह बहुत खुबसूरत रचना हुई है आपकी बधाई स्वीकार करें आदरणीया।
मुहतरमा डॉ. वंदना मिश्रा जी आदाब, अच्छी रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।
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नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। बिहार में नवगठित 'महागठबंधन' सरकार ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों के बहिर्गमन के बीच आसानी से विश्वास मत हासिल कर लिया। भाजपा को हाल ही में हुए सियासी उलटफेर में राज्य में सत्ता से बाहर होना पड़ा था। विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी ने संसदीय मामलों के मंत्री विजय कुमार चौधरी के अनुरोध पर गिनती का आदेश दिया। चौधरी ने कहा कि ध्वनिमत ने स्पष्ट रूप से बहुमत का समर्थन दर्शाया है, लेकिन गिनती से किसी भी तरह के भ्रम की गुंजाइश नहीं रहेगी।
कुल मिलाकर 160 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया, जबकि इसके खिलाफ कोई वोट नहीं पड़ा। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के एकमात्र विधायक अख्तरुल ईमान ने भी विश्वास प्रस्ताव का समर्थन किया। ईमान की पार्टी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा नहीं है। भाजपा के कुछ विधायकों ने सदन में हंगामा किया और मांग की कि उपाध्यक्ष सदस्यों की संख्या गिनने में समय बर्बाद न करें, बल्कि दिन के लिए निर्धारित कामकाज पर ध्यान दें। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भाषण के दौरान सदन से बहिर्गमन भी किया। इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन की कार्यवाही के बहिष्कार की घोषणा की। इस पर उपाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दिया, लेकिन उन्होंने सदन को सूचित किया कि बृहस्पतिवार को नए विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया जाएगा। यह पद भाजपा के विजय कुमार सिन्हा के इस्तीफे के बाद रिक्त हुआ है।
नीतीश कुमार ने लगभग आधे घंटे के अपने भाषण में कथित तौर पर भाजपा के इशारे पर लोजपा के चिराग पासवान द्वारा किये गये विद्रोह के साथ ही आरसीपी सिंह के माध्यम से जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) में विभाजन के प्रयासों की ओर परोक्ष रूप से इशारा किया। नीतीश ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी कोई व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा नहीं है और उन्होंने भाजपा के इस आरोप को खारिज किया कि उनके रुख में ताजा यू-टर्न का उद्देश्य विपक्षी खेमे की ओर से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनना है।
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तीस हजारी अदालत परिसर में वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प की घटना को 'केंद्र की भाजपा सरकार के अहंकार का परिणाम' करार देते हुए कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि इसके लिए गृह मंत्री अमित शाह को वकीलों से माफी मांगनी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज होनी चाहिए।
दरअसल, तीस हजारी अदालत परिसर में शनिवार दोपहर वकीलों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प में 10 पुलिसकर्मी और कुछ वकील घायल हो गए जबकि 17 वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। अधिकारियों और प्रत्यक्षदशियों ने इस बारे में बताया है।
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विशेष सत्र न्यायाधीश मलिक मजहर सुल्तान की अदालत ने नाबालिग से छेड़छाड़ मामले में आरोपी की जमानत याचिका खारिज की है। आरोपी दीपक कुमार जिले के भनौली तहसील के खुरकुना (अंडोली) का रहने वाला है। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता पूरन सिंह कैड़ा ने बताया कि 10 फरवरी 2019 को पनुवानौला पड़ाव में आरोपी ने पीड़िता के साथ अभद्रता की। साथ ही पीड़िता का मोबाइल फोन भी छिन लिया गया। पीड़िता ने आरोपी द्वारा उनके साथ दुर्व्यवाहर की जानकारी अपने परिजनों को दी। इसके बाद परिजनों ने आरोपी के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने आरोपी को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में जमानत याचिका दाखिल की। अभियोजन की ओर से आरोपी की जमानत का घोर विरोध किया गया। पत्रावली में मौजूद साक्ष्य का परिसीलन कर न्यायालय ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज की।
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क्विक की स्थिति में आरंभिक हैंड शेकिंग के दौरान जब भी आप सर्वर के साथ पहली बार कनेक्ट हो रहे हैं तो उस समय पर आपको डिटेल्ड हैंड शेकिंग करना होता है। इसके बाद आपको डिटेल्ड हैंड शेकिंग करने की आवश्यकता नहीं होती बल्कि आप सीधे आरंभ में किए गए हैंड शेकिंग को प्रयोग कर कनेक्शन ( जो पहले ही इस्टैबलिश्ड हो चुका है ) के माध्यम से डाटा सेंड कर सकते हैं।
तो यह इस प्रकार काम करता है। जैसा कि मैंने बताया है क्विक एक एंड टू एंड इंक्रिप्शन प्रोटोकॉल है और इसलिए आप को सर्वर से कुछ क्रैडेंशियल्स की आवश्यकता होती है। शुरू में क्लाइंट के पास उस प्रकार के क्रैडेंशियल्स नहीं होते तो क्लाइंट एक इन-कोहेट (Incohate) यानी क्लाइंट हेलो जिसे सीएचएलओ (CHLO) भी कहते हैं सेंड करता है। जब क्लाइंट सीएचएलओ (CHLO) कहता है जो कि सर्वर पर रिसीव किया जाता है और जब सर्वर यह देखता है कि क्लाइंट सीएचएलओ (CHLO) के पास आवश्यक सिक्योरिटी क्रेडेंशियल्स नहीं है तो यह क्लाइंट को रिजेक्ट मैसेज सेंड करता है। और इस रिजेक्ट मैसेज के साथ सर्वर क्लाइंट को सिक्योरिटी क्रेडेंशियल सेंड करता है ।
अब आप यहां स्लाइड में देख सकते हैं अब क्लाइंट के पास सिक्योरिटी क्रेडेंशियल है। इस सिक्योरिटी क्रेडेंशियल के साथ क्लाइंट कंप्लीट क्लाइंट हैलो (CHLO) सेंड करता है। अब यहां दिलचस्प बात यह है कि जो कि क्लाइंट ने सर्वर से पहले ही रिजेक्ट मैसेज रिसीव कर लिया था तो क्लाइंट वस्तुतः यह जानता है कि सर्वर रन कर रहा है और सर्वर पैकेट एक्सेप्ट करने की स्थिति में है तो क्लाइंट यहां इंक्रिप्टेड रिक्वेस्ट भेजना शुरू कर सकता है। अगर सर्वर साइड से सर्वर क्लाइंट साइड पर मैसेज भेजना चाहता है, यहां मैसेज से मतलब है रिस्पांस, तो सर्वर आरंभ में सर्वर हैलो (SHLO) सेंड करता है। अब क्योंकि सर्वर ने क्लाइंट से क्लाइंट क्रेडेंशियल रिसीव कर लिया था तो अब सर्वर हैलो के भेजे जाने के बाद सर्वर साइड से सरवर इंक्रिप्टेड रिस्पांस सेंड करना शुरू करता है । यहां वास् आप को 1- RTT की आवश्यकता है । एक बार अगर कनेक्शन इस्टैबलिश्ड हो गया है तो फिर उसी क्लाइंट और सर्वर के बीच में आगे आने वाले ऑनगोइंग (ongoing) कनेक्शंस के लिए आपको इस 1 RTT हैंड शेक की आवश्यकता नहीं बल्कि आप को 0-RTT हैंड शेक की आवश्यकता है। इसका मतलब यह हुआ कि आपने पहले ही सर्वर क्रैडेंशियल्स रिसीव कर लिया है और अब आप इस कंप्लीट क्लाइंट हैलो (CHLO) मैसेज के साथ शुरुआत कर सकते हैं। आप जानते हैं कि सर्वर रन कर रहा है क्योंकि सर्वर ने कुछ पैकेट्स पहले ही रिसीव किए हैं तो अब आप इंक्रिप्टेड रिक्वेस्ट सेंड करना शुरू कर सकते हैं। अगर सर्वर क्लाइंट को डाटा सेंड करना चाहता है तो सर्वर एक सर्वर हैलो (SHLO) मैसेज के साथ शुरू करता
है और फिर इंक्रिप्टेड रिस्पांस सेंड करता है । जैसा कि आप स्लाइड में देख सकते हैं यह सिर्फ एक इंक्रिप्टेड रिस्पांस नहीं बल्कि कई रिस्पांस सेंड कर सकता है और क्लाइंट भी एक साथ कई रिक्वेस्ट सेंड कर सकता है।
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कश्मीर को लद्दाख के साथ जोड़ने वाले जोजिला दर्रा को बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) इस वर्ष 73 दिनों के रिकॉर्ड समय के बीच खोलने जा रही है।
कश्मीर को लद्दाख के साथ जोड़ने वाले जोजिला दर्रा को बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) इस वर्ष 73 दिनों के रिकॉर्ड समय के बीच खोलने जा रही है। 19 मार्च को श्रीनगर-लेह राजमार्ग को यातायात के लिए बहाल कर दिया जाएगा। आम तौर पर करीब 150 दिन तक बंद रहने वाले इस मार्ग को बीते वर्ष बीआरओ ने कड़ी मशक्कत के बाद 110 दिन के भीतर ही खोल दिया था। 11,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित जोजिला दर्रा श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर रणनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण दर्रा है और लद्दाख संभाग में तैनात भारतीय सेना और अन्य सुरक्षाबलों के ऑपरेशनल तैयारियों के लिए लाइफलाइन माना जाता है।
सर्दियों की शुरुआत में बर्फबारी के बाद अक्सर यह दर्रा नवंबर के दूसरे सप्ताह में बंद हो जाता है और अप्रैल के आखिरी सप्ताह में खोला जाता है। बीआरओ के प्रोजेक्ट बीकन के एक अधिकारी ने बताया कि जोजिला दर्रा, सोनमर्ग, गांदरबल से श्रीनगर की ओर 108 किलोमीटर की जिम्मेदारी प्रोजेक्ट बीकन के पास है, जबकि जोजिला के उस पार गुमरि से आगे लेह की ओर बीआरओ का प्रोजेक्ट विजयक सभी जिम्मेदारियां निभाता है।
अधिकारी ने बताया कि इस बार भारी बर्फबारी के चलते छह जनवरी से जोजिला दर्रा को यातायात के लिए बंद कर दिया गया था और मौसम साफ रहने के चलते तीन फरवरी से यहां बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया था, जो लगभग पूरा हो चुका है। जोजिला दर्रा पर करीब 15 फुट से अधिक बर्फ जमा थी, लेकिन कई जगहों पर हिमस्खलन के चलते अभी भी 30 फुट से अधिक बर्फ है, जिसे काटकर रास्ता निकाला गया है। जोजिला दर्रा के ओआईसी कप्तान रितुल और आईसी (जेई) अमनदीप सिंह व उनकी 90 सदस्यीय टीम के कड़े प्रयासों से 19 मार्च को इस दर्रे को यातायात के लिए खोल दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस वर्ष जोजिला पास का उद्घाटन करने के लिए केंद्रीय रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार पहुंच रहे हैं। इसके अलावा डीजी बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी, चीफ इंजीनियर प्रोजेक्ट बीकन ब्रिगेडियर आईके जग्गी के साथ अन्य सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहेंगे।
'मार्ग के बंद होने पर हवाई मार्ग पर निर्भर रहना पड़ता है'
बता दें कि पिछले साल इस राजमार्ग को भारत और चीन के बीच पैदा हुए गतिरोध के बाद ज्यादा से ज्यादा समय तक खुला रखने के निर्देश दिए गए थे। इस बीच प्रोजेक्ट बीकन और जोजिला के उस पार कारगिल वाले छोर से प्रोजेक्ट विजयक के अधिकारियों व जवानों ने इसे 31 दिसंबर, 2020 तक खुला रखा और इसे 'ऑपरेशन स्नो लेपर्ड' का नाम दिया गया था, लेकिन खराब मौसम और भारी बर्फबारी के चलते इस दर्रे पर जवानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए क्लीयरेंस ऑपरेशन को स्थगित कर दिया गया था। प्रोजेक्ट बीकन और प्रोजेक्ट विजयक के अधिकारियों व जवानों की मेहनत की सराहना करते हुए लद्दाख के लोगों ने इस बार रिकॉर्ड समय पर इसे खोलने के लिए बीआरओ का आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि इससे लद्दाख के लोगों को काफी राहत मिलेगी जो इस मार्ग के बंद होने पर हवाई मार्ग पर निर्भर होते हैं। साथ ही सेना की काफिले की आवाजाही भी अब आसानी से हो पाएगी। बता दें कि विपरीत परिस्थितियों में हमेशा बीआरओ ने अपना लोहा मनवाया है और इस चुनौती को पूरा कर उन्होंने अपने उद्देश्य को साबित किया है।
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इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम सिंह ने भाजपा के एल. बसंत सिंह को 10,400 मतों से पराजित कर थोउबाल सीट पर जीत हासिल की। इस सीट से चुनाव लड़ रहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला को महज 90 मत मिले। राज्य में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।
दोपहर 1 बजे तक के रुझान और परिणामों के मुताबिक कांग्रेस ने 9 सीटों पर जीत दर्ज कर ली है और उसके उम्मीदवार इतनी ही सीटों पर आगे चल रहे हैं। भाजपा के 4 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है और पार्टी 10 सीटों पर आगे चल रही है। सिंह ने थोउबाल सीट पर 10,400 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। कांग्रेस नेता अब्दुल नसीर ने लिलोंग सीट पर 1,268 मतों से जीत दर्ज की।
के. जयकिशन सिंह (कांग्रेस) ने थांगमेईबांद सीट पर 157 मतों के मामूली अंतर से जीत दर्ज की। कोन्थाउजम सीट पर भाजपा के सापम रंजन सिंह ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के शारत सिंह को 2,772 मतों से पराजित किया। नेशनलिस्ट पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के वाई. जयकुमार सिंह ने 345 मतों के अंतर से जीत दर्ज की। (भाषा)
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टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) हॉन्गकॉन्ग (IND vs HK Asia Cup, 2022) के खिलाफ आज के मैच में हार्दिक पंड्या की जगह ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को प्लेइंग इलेवन लिए जाने से नाराज़ नज़र आए। इस समय ख़बर लिखे जाने तक भारत और हांगकांग के बीच दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में मैच जारी था। इस मैच में पिछले मैच की प्लेइंग इलेवन में टीम मैनेजमेंट ने एक बदलाव किया।
गौरतलब है कि 28 अगस्त को खेले गए भारत के पहले मैच में पाकिस्तान के खिलाफ ऋषभ पंत प्लेइंग इलेवन में नहीं थे। उस मैच में दिनेश कार्तिक ने बतौर विकेटकीपर थे। उस मैच के फिनिशर हार्दिक पंड्या फिलहाल बेहतरीन फॉर्म में हैं। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ बल्लेबाज़ी के साथ बोलिंग में भी कहर ढा दिया था। भुवनेश्वर कुमार ने पाकिस्तान के 4 विकेट उड़ा दिए थे। और, हार्दिक पंड्या ने 3 विकेट चटकाने के साथ 33 रनों की फिनिशिंग नाबाद पारी खेली थी।
गौरतलब है कि, इस टूर्नामेंट से पहले कुछ मैचों में दीपक हुडा ने बढ़िया पारियां खेली थीं।
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गौरी खान से शादी के बाद क्यों उन्हें घर की जगह स्टूडियो ले गए थे शाहरुख खान?
Shahrukh Khan and Gauri Khan Wedding: शाहरुख खान की लव स्टोरी भी फिल्मी रही है। शादी के बाद एक बहुत खास वजह से वह गौरी को घर की जगह स्टूडियो ले गए थे।
शाहरुख खान के बारे में अक्सर यह बात की जाती है कि प्यार कैसे किया जाता है, मोहब्बत कैसी होनी चाहिए, ये बात उन्होंने परदे पर अपने निभाए किरदारों से सिखाई। खैर, ये तो हुई रील लाइफ की बात। लेकिन असल जिंदगी में भी शाहरुख खान ने सभी को बहुत कुछ सिखाया है। शाहरुख की फिल्म यस बॉस में एक गाना है, जिसके लिरिक्स हैं कि 'चांद-तारे तोड़ लाउं. . . सारी दुनिया पर मैं छाऊं. . . बस इतना सा ख्वाब है। ' शाहरुख ने असल जिंदगी में ये ख्वाब देखा और इसे सच भी कर दिखाया।
एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाली शाहरुख ने कामयाबी की वो कहानी लिखी है, जिसकी मिसाल न जाने कब तक दी जाएगी। शाहरुख खान ने जिस वक्त गौरी से शादी की थी, उस समय उन्होंने इंडस्ट्री में शुरुआत ही की थी और कुछ खास पहचान उन्हें हासिल नहीं हुई थी। शादी के बाद शाहरुख क्यों गौरी को घर की जगह स्टूडियो ले गए थे, इसके पीछे एक बहुत दिलचस्प कहानी है।
रील लाइफ में तो शाहरुख हीरोइन का दिल जीतना बखूबी जानते हैं। लेकिन असल जिंदगी में भी उनकी लव स्टोरी फिल्मी रही है। गौरी खान से उन्हें पहली नजर में प्यार हो गया था। दोनों परिवार से छिपकर फोन पर कोडवर्ड्स में बातें किया करते थे। 25 अक्टूबर, 1991 में दोनों की शादी हुई थी। उस वक्त शाहरुख फिल्मों में स्ट्रगल कर रहे थे। शाहरुख ने गौरी से वादा किया था कि वह शादी के बाद उन्हें घुमाने पेरिस ले जाएंगे, हालांकि उस वक्त पैसों की कमी के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए थे।
शादी के बाद घर के बजाय क्यों गौरी को स्टूडियो ले गए थे शाहरुख?
शाहरुख खान और गौरी ने 3 बार शादी की है। पहली बार कोर्ट मैरिज, फिर निकाह और इसके बाद दोनों ने हिन्दू रीति-रिवाजों से शादी की थी। तीसरी बार दोनों ने 25 अक्टूबर,1991 में शादी की थी। उस समय शाहरुख खान फिल्म 'दिल आशना है' की शूटिंग कर रहे थे। असल में यह शाहरुख की साइन की हुई पहली फिल्म थी। लेकिन फिल्म दीवाना पहले रिलीज हुई, इसलिए इसे शाहरुख की डेब्यू फिल्म माना जाता है।
दोनों की शादी के बाद हेमा मालिनी ने शाहरुख को फोन किया और कहा कि वह चाहें तो अभी शूटिंग के लिए आ सकते हैं। शाहरुख खान, गौरी को हेमा जी से मिलवाने के लिए शादी के तुरंत बाद उन्हें स्टूडियो ले पहुंचे। उन्होंने उस रात काफी देर तक हेमा जी का इंतजार किया लेकिन वह नहीं आईं। उस पूरी रात शाहरुख शूटिंग करके रहे और गौरी मेकअप रूम में बैठी रहीं। बाद में शाहरुख को बहुत बुरा लगा कि वह गौरी को हेमा जी से नहीं मिलवा पाए और शादी की पहली रात की गौरी को इस तरह परेशान होना पड़ा।
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शाहरुख खान और गौरी खान के कितने बच्चे हैं?
शाहरुख खान की शादी के वक्त उनकी क्या उम्र थी?
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न्यूजीलैंड ने श्रीलंका को पल्लेकल में खेले गए दूसरे टी20 मुकाबले में 4 विकेट से हरा दिया। इसी के साथ न्यूजीलैंड ने 3 मैचों की सीरीज में 2-0 कब्जा कर लिया है। न्यूजीलैंड की इस जीत में कॉलिन डी ग्रैंडहोम और टॉम ब्रूस का अहम योगदान रहा।
अविष्का फर्नांडो (37) और विकेटकीपर निरोशन डिकवेला (39) अच्छी शुरुआत को बड़ी पारी में बदलने में नाकाम रहे लेकिन दोनों के बीच 68 रन साझेदारी के दम पर श्रीलंका ने 9 विकेट पर 161 रन बनाए। टॉस जीतकर बल्लेबाजी के लिए उतरी श्रीलंकाई टीम को पहला झटका पांचवें ओवर में सेथ रेंस (33 रन पर तीन विकेट) ने दिया, जिन्होंने कुसाल मेंडिस (26) को कप्तान टिम साउदी के हाथों कैच कराया। आठ गेंद बाद दूसरे सलामी बल्लेबाज कुसाल परेरा (11) भी ईश सोढ़ी (34 रन पर एक विकेट) का शिकार बने।
फर्नांडो और डिकवेला ने इसके बाद पारी को संभाला लेकिन दोनों चार गेंद के अंदर आउट हो गए, जिससे टीम बैकफुट पर आ गयी। फर्नांडो ने साउदी (18 रन पर दो विकेट) की गेंद पर आउट होने से पहले 25 गेंद की पारी में तीन चौके और एक छक्का लगाया। डिकवेला रेंस का दूसरा शिकार बने। उन्होंने 30 गेंद में तीन चौके और एक छक्का लगाया। शनाका जयसूर्या ने हाथ खोलना शुरू किया ही था कि साउदी ने उन्हें पवेलियन की राह दिखा दी। उन्होंने 13 गेंद में 20 रन बनाए।
टारगेट का पीछा करते हुए न्यूजीलैंड को 38 रन के स्कोर तक कॉलिन मुनरो (13), स्कट (8) और टिम सेफर्ट (15) के रूप में तीन झटके लग चुके थे। जब टीम संकट में थी, तो कॉलिन डी ग्रैंडहोम और टॉम ब्रूस ने चौथे विकेट के लिए 109 रन जोड़े, जहां से न्यूजीलैंड ने वापसी कर ली। ग्रैंडहोम 46 गेंदों में 3 छक्कों और 2 चौकों की मदद से 59 रन बनाकर आउट हुए, जबकि ब्रूस ने 46 बॉल पर 3 चौकों की मदद से 53 रन बनाए।
न्यूजीलैंड को आखिरी ओवर में जीत के लिए 7 रन की दरकार थी। हसरंगा द्वारा फेंके गए 20वें ओवर की पहली बॉल पर टॉम ब्रूस को रन आउट हो गए। वहीं अगली गेंद पर मिचेल ने अपना कैच लाहिरू थिरिमाने को थमा दिया।
यहां से श्रीलंका के पास टीम हैट्रिक का मौका था, लेकिन मिचेल सैंटनर का कैच लपकने की कोशिश में श्रीलंकाई फील्डर का पैर बाउंड्री से टकरा गया, हालांकि इस दौरान खुद फील्डर भी चोटिल हो गया। इस छक्के के साथ न्यूजीलैंड जीत के करीब आ गया और चौथी बॉल पर सैंटनर ने विजय चौका लगाकर टीम को 2 गेंदें शेष रहते जीत दिला दी। श्रीलंका की ओर से अकीला धनंजय को 3, जबकि इसुरु उडाना और वानिडु हसरंगा को 1-1 सफलता हाथ लगी।
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जम्मू के दूध उत्पादक गुज्जर समुदाय का कहना है कि दिल्ली में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल कई लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से उन्हें इससे जोड़कर 'नफ़रत भरा अभियान' चलाते हुए कहा गया कि वे संक्रमण ला रहे हैं इसलिए उनसे दूध न खरीदा जाए.
जम्मू कश्मीर में स्थानीय स्तर पर दूध बेचने का काम करने वाले गुज्जर समुदाय का कहना है कि कोरोनावायरस के संकट के दौरान उन्हें बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने इसकी शिकायत के बाद उन्हें आश्वासन दिया है कि वे उनकी मदद करेंगे.
गुज्जर समुदाय का कहना है कि जम्मू के कई इलाकों में उन्हें कोरोना वायरस का वाहक बताए जाने का अपमानजनक अभियान चल रहा है, जिसके चलते उनका व्यावसायिक बहिष्कार कर दिया गया है.
समुदाय का आरोप है कि पिछले महीने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज़ में हुए तबलीग़ी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए कई लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद से उन्हें इससे जोड़कर 'नफरत भरा अभियान' चलाते हुए कहा जा रहा है कि वे संक्रमण ला रहे हैं.
बता दें कि यह समुदाय मूल रूप से जानवरों के दूध का काम करता है, जिसे रोज जम्मू के विभिन्न जिलों में बेचा जाता है.
गुज्जरों का दूध उत्पादन जम्मू की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की तरह है. ऐसे में उनके बारे में ऐसी ख़बरों के चलते आजीविका का खतरा उत्पन्न हो गया है.
जमील स्वयं एक डेरी फार्म के मालिक हैं और बीते हफ़्तों में उन्हें काफी नुकसान हुआ है. समुदाय का यह भी कहना है कि दूध आवश्यक सेवाओं में शामिल है, फिर भी प्रशासन ने उनको आने-जाने से रोका.
इसके बाद कई जगहों पर हुए बहिष्कार वाले अभियान के चलते भारी मात्रा में दूध का नुकसान हुआ है. हालांकि इन मुश्किलों के बीच समुदाय ने एक रास्ता भी निकाला है.
बहिष्कार के बाद उन्होंने कठुआ, सांबा, जम्मू, रईसी और उधमपुर में बने क्वारंटाइन सेंटरों में मुफ्त में दूध बांट दिया, साथ ही कुछ लोगों को बिना पैसे लिए दूध दे दिया.
जमील का कहना है प्रशासन ने पिछले कई हफ़्तों तक उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया इसलिए उन्होंने शुक्रवार को जम्मू कश्मीर पुलिस के आईजी मनोज सिंह से मुलाकात की है, जिन्होंने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी आवाजाही को नहीं रोका जाएगा.
दोधी एसोसिएशन ने इस बीच पशुपालन अधिकारियों से मिलकर यह गुजारिश भी की है कि वे उन लोगों द्वारा बेचे जाने वाले दूध की गुणवत्ता के बारे में एडवाइजरी जारी करें जिससे कि आम लोग किसी गलत खबर का शिकार न हों.
स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो और खबरें भी फैलाए गए हैं कि गुज्जरों द्वारा लाया गया दूध संक्रमित है.
जमील का कहना है कि इस तरह उनके समुदाय के बारे में हो रहे गलत प्रचार का उद्देश्य है कि उन्हें आर्थिक रूप से कमजोर करके इस काम से हटा दिया जाये.
अमूमन गर्मियों के समय गुज्जर समुदाय के कई खानाबदोश लोग अपने जानवरों के साथ ऊपर पहाड़ों पर चले जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते उनका जाना टलता जा रहा है.
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घोड़े और क्या घोड़ा सपनाः व्याख्या सपना।
एक आदमी एक सपना है कि वह एक सफेद घोड़े पर सवार है में देखता है - मामलों में कामयाब करने के लिए है; इसके अलावा, जल्द ही निष्पक्ष सेक्स के साथ एक सुखद बैठक हो सकती है। मित्रों और प्रियजनों के साथ एक अनुकूल संबंध - एक औरत एक सफेद घोड़े का सपना देखा है।
आप एक घोड़े भेड़ सूट का सपना है - यह नए दोस्त, व्यापार में अच्छी किस्मत, अच्छे सौदे, इसलिए, कम से कम वादा करता है, किसी भी सपना किताब कहते हैं। घोड़ा, तथापि, बहुत प्रतिकूल घटनाओं का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। संभव बेवफाई दूसरी छमाही, पति - उदाहरण के लिए, अगर एक औरत एक सपना बछेड़ी भेड़ सूट था।
एक आदमी अपने आप को एक शानदार घोड़ा भूरा सूट में देखता है, वह एक भावुक रिश्ते, भाग्यशाली, खुश दिनों उम्मीद कर सकते हैं। आप औरत एक सवारी सपना तो बे घोड़ा, वास्तविकता में यह बेहतर करने के लिए बदलने की उम्मीद। कुछ स्थितियों में, आप अधिक मिलनसार, और शायद ज्यादा के अनुपालन में होगा क्योंकि एक औरत सपनों की व्याख्या के रूप में, सही ढंग से समझने के लिए भी उतना ही कठिन है और साथ ही। क्यों एक घोड़े का सपना पतली, पहना और गंदे, आप से पूछना? जवाब आसान हैः आप और अधिक सतर्क हो सकता है और मित्रों, जिनमें से एक सबसे बेवक़्त पल में आप को धोखा होने की संभावना है के बारे में सोचना चाहिए। शायद चालाक दोस्त के उद्भव। आरामदायक और स्थिर जीवन आदमी है जो एक सपने में एक अच्छी तरह से तैयार घोड़ा देखा इंतजार कर रहा है। "मिलर द्वारा सपनों की व्याख्या" सपनों की व्याख्या स्पष्ट रूप से घोड़ों से जुड़े सपनों की सभी बारीकियों का वर्णन है।
एक आदमी एक सपने में सवारी एक घोड़े पर बैठा है, और शुरुआत में यह शांत और फिर अचानक सामना करना पड़ा हो जाता है - काम पर नहीं बहुत अनुकूल रवैया उम्मीद कर रहे हैं। शायद अपने हितों व्यक्ति समाज में उच्च स्थान पर कब्जा की अपर्याप्त व्यवहार के कारण भुगतना होगा - तो एक सपना किताब नहीं कहते हैं। किसी भी रंग का घोड़ा, झुंड में चलाता है कि मित्रों या रिश्तेदारों से किसी को जल्द ही बीमार हो जाएगा मतलब है। stallions प्रजनन सफलता के लिए सपनेः यदि आप एक पदोन्नति की उम्मीद या वेतन में बढ़ा। व्यक्तिगत मोर्चे पर, परिवर्तन, भावुक रिश्ते की उम्मीद है। आदिवासी युवा fillies जोड़े के बीच मतैक्य के लिए सपना है, और यह एक बहुत अच्छा संकेत है, सपना किताब के अनुसार।
हार्स जो साफ पानी से एक धारा, नदी, तालाब से गुजरता है, तो सफलता, या मनोरंजन, खुशी की एक किस्म के सपने। व्यापार में शामिल लोगों को यह सपना एक लाभ, धन, लक्जरी वादा करता है। अगर पानी बादल है, गंदा, तो आप मित्रों में निराशा की उम्मीद - तो व्यवहार करता है यह किसी भी सपना पुस्तक सपना। एक सपने में एक घोड़े घायल - अपने परिवार के साथ संभव मुसीबतों, और मृत - मामलों और रिश्तों में महान निराशा करने के लिए। घोड़ा सपना किकिंग इच्छाओं trudnoispolnimym के लिए, और सब पर पूरा करने की इच्छा नहीं हो सकता है। आप लात घोड़ा भूमि पर सवार फेंकता है, तो भविष्य में आप एक गंभीर दावेदार प्राप्त हो सकता है। और अगर आप एक निजी उद्यमी कर रहे हैं - गंभीर प्रतियोगियों के लिए प्रतीक्षा करें। घोड़ी एक सपने में किक करने शुरू होता है - यह एक जुदाई है, इसके अलावा में, यह उनके स्वास्थ्य के बारे में सोच के लायक है।
तो घोड़ा आप को वश में करने की कोशिश कर रहे का सपना, उसके दोहन पर डाल - सफलता, समृद्धि, धन, सीढ़ी ऊपर उठाने और, तदनुसार, आय में वृद्धि हुई है। घोड़ा सेब देखें - लाभ के लिए। आप सपना औरत एक घोड़े की नाल पाया है, यह सफल या एक वैश्विक वफादार, लचीला पति हो जाएगा। अपने ही घोड़े shoeing के साथ एक आदमी - नहीं काफी कानूनी तौर पर किसी भी संपत्ति का अधिग्रहण करने की उम्मीद है। आप रेसिंग जिसमें आप शामिल हैं का सपना है, तो जीवन परिवर्तन में खुशी होगीः आप समृद्धि और विलासिता के लिए इंतजार कर रहे हैं। घोड़ा लड़खड़ाती है - व्यापार में जोखिम लेने नहीं है, यात्रा स्थगित, संभव के रूप में बैठक स्थगित कर दिया। बाहर थक, थक घोड़ा - कोई बेशर्म आप का उपयोग करता है, या आप किसी से पूछ के लिए एक बोझ है।
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- एक कटोरे में उबले हुए राजमा लें और उन्हें मैश कर लें, ध्यान रहे कि राजमा के छोटे टुकड़े ना रहे।
- इसमें कटी हुई हरी मिर्च और प्याज, लाल मिर्च पाउडर, कसा हुआ अदरक, गरम मसाला पाउडर, चीनी, नींबू का रस और नमक डालें।
- सभी सामग्री को ठीक से मिला लें। फिर इसमें बेसन मिक्मस करें।
- मसाले को 6 बराबर भागों में बांट ले और उन्हें गोले का आकार दे।
- सूखे आटे को मसाले के ऊपर लगाकर घी में तले।
- धीमी आंच पर कबाब सिकने के बाद चटनी के साथ सर्व करें।
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गन्नौर (निस) :
सेना के जवान के खाते से किसी ने 99,989 रुपये की राशि निकाल ली। गन्नौर थाना पुलिस के अनुसार, आहुलाना निवासी सचिन कुमार सेना में कार्यरत है। उन्होंने जयपुर से अपने लिए ऑनलाइन दवा आर्डर की थी। जिसके बाद उसके फोन पर एक मैसेज आया और जिसमें उसे फीस के तौर पर पांच रुपये जमा करवाने के लिए एक लिंक भेजा गया था। जैसे ही उसने लिंक पर क्लिक कर उनके खाते में पांच रुपये की राशि डाली तो उसके खाते से 99 हजार 989 रूपये कट गए। सचिन ने शिकायत देकर ठगों का पता लगा कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। पुलिस ने सचिन की शिकायत पर ठगी का मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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Tyumen - पश्चिमी साइबेरिया के सबसे बड़े औद्योगिक केंद्रों में, एक समुद्र तट छुट्टी के लिए सबसे होनहार स्थान पर मौजूद न में से एक। तो Tyumen में कई पानी पार्क, और यहां तक खुली हवा में, अब काफी बेतुका और व्यावसायिक रूप से संदिग्ध लग रहा था। लेकिन यह स्थानीय संशयवादियों के सभी भविष्यवाणियों के बावजूद हुआ।
यह असाधारण घटना पिछली गर्मियों में हुई। शहर का पहला पानी पार्क क्षेत्र होटल-रेस्तरां जटिल "Urartu", शहर में तट पर स्थित से संबंधित पर खोला लेक वान की।
यह पांच अलग-अलग आकार के होते हैं और रोलर कोस्टर, जिनमें से तीन अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए बनाई गई हैं, और वयस्क दर्शकों के लिए दो और तैयार किया गया डिजाइन करती है। वाटरपार्क Tyumen खुली हवा में Tyumen में स्थित है, और जैसा कि आप जानते - उत्तर का शहर है, और साल यहां का सबसे गर्म दिन, वहाँ इतने सारे नहीं हैं। और क्योंकि इसके संचालन समय वर्ष के अधिकांश गर्मियों के महीनों तक ही सीमित है, और, इन पांच स्लाइड्स सार रचनावाद की शैली में बनाया मूर्तियों की भूमिका को पूरा करने के किस्मत में हैं। फिर भी, Tyumen में गर्मियों के महीनों के लिए पर्याप्त रूप से गर्म कर रहे हैं, और अब निवासियों पानी पार्क का दौरा के रूप में इस तरह के एक असामान्य औद्योगिक शहर मनोरंजन के लिए अवसर है। हाल ही में यह इस तरह एक सपना के लिए असंभव था, अमीर नगरवासी सिर्फ तुर्की या मिस्र में छुट्टी पर पानी पार्क को देखा। सवारी के अलावा, पानी पार्क के किनारे की व्यवस्था पर आवश्यक कार्यों में से एक नंबर का प्रचार किया और तालाब के मजबूत बनाने। गहराई यहाँ अब ढाई मीटर तक पहुंच रहा है, यह उच्चतम पहाड़ियों से एक सुरक्षित वंश बनाता है।
यह बंद नहीं दिन और छुट्टियों के साथ गर्मियों के महीनों में पानी पार्क चल रही है। पानी के क्षेत्र में घंटे की लागत वयस्कों के लिए 250 रूबल, बच्चों के लिए 200 रूबल और वरिष्ठ नागरिकों के लिए $ 100 है। शनिवार - 50 रूबल अधिक। पूर्वस्कूली बच्चों के लिए स्वतंत्र हैं। सप्ताह के दिनों में और रविवार 9 बजे करने के लिए 11 बजे से Tyumen में एक पानी पार्क खोला। और शनिवार को - 10 बजे से रात 10 बजे तक।
Tyumen में एक पानी पार्क बनाने का पहला अनुभव सफल माना जाता है। बहुत ही सकारात्मक में उसके बारे में समीक्षा। स्थानीय लोग Tyumen में पहली पानी पार्क पसंद आया। इस असामान्य समुद्र तट छुट्टी की स्मृति पर फोटो एक लंबे साइबेरियाई सर्दियों के लिए लोगों को प्रसन्न करेगा। अगले स्वाभाविक कदम एक छत है कि बिना किसी रुकावट के साल भर आगंतुकों ले जा सकते हैं के तहत शहर में एक पूर्ण पानी पार्क बनाने के लिए किया जाएगा। निश्चित रूप से वहाँ निवेशक जो इस तरह के एक परियोजना में पैसा लगाने के कर रहे हैं। सब के बाद, यह पैसे की इसके निर्माण में निवेश पर पानी मनोरंजन तेजी से वापसी की एक बहुत ही होनहार सेट है। Tyumen में, बहुत गरीब लोग रहते हैं, और वे मौसम और मौसम के संबंध के बिना आराम में आराम करना चाहते हैं। बच्चों और पेंशनरों के लिए वयस्कों के लिए 150 रूबल और 100 रूबल - लेकिन जब अपनी यात्रा की योजना बना यहाँ, आप अपने मन आप अधिक से प्रवेश के लिए समुद्र तट क्षेत्र के लिए भुगतान करना है कि में रखना चाहिए।
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Coronavirus Updates: शोधकर्ताओं ने कृत्रिम 'पेप्टाइड' या मिनीप्रोटीन की एक नई श्रेणी को तैयार किया है जो न केवल हमारी कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोक सकती है, बल्कि विषाणुओं (वायरस कणों) को भी एक साथ जोड़ सकती है, जिससे संक्रमित करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।
Coronavirus Updates: भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी) बेंगलुरु के शोधकर्ताओं ने कृत्रिम 'पेप्टाइड' या मिनीप्रोटीन की एक नई श्रेणी तैयार की है, जिससे सार्स-सीओवी-2 जैसे वायरस को निष्क्रिय किया जा सकता है।
पत्रिका 'नेचर केमिकल बायोलॉजी' में प्रकाशित एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कृत्रिम 'पेप्टाइड' या मिनीप्रोटीन की एक नई श्रेणी को तैयार किया है जो न केवल हमारी कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोक सकती है, बल्कि विषाणुओं (वायरस कणों) को भी एक साथ जोड़ सकती है, जिससे संक्रमित करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है।
अमीनो अम्लों की छोटी श्रृंखलाओं को 'पेप्टाइड' कहते हैं। कई पेप्टाइड मिलकर प्रोटीन बनाते हैं। प्रोटीन एवं पेप्टाइड में आकार का ही अंतर होता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि 'प्रोटीन-प्रोटीन इंटरैक्शन' अक्सर ताला और चाभी की तरह होते है और इसे एक प्रयोगशाला-निर्मित मिनीप्रोटीन द्वारा रोका जा सकता है।
टीम ने मानव कोशिकाओं में सार्स-सीओवी-2 और एसीई2 प्रोटीन के स्पाइक (एस) प्रोटीन के बीच पारस्परिक क्रिया को लक्षित करने के लिए एसआईएच-5 नामक एक मिनीप्रोटीन का उपयोग करके अपनी अवधारणा का परीक्षण करने का निर्णय लिया था। यह जांचने के लिए कि क्या एसआईएच-5 कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए उपयोगी होगा, टीम ने सबसे पहले लैब में स्तनधारी कोशिकाओं में विषाक्तता के लिए मिनीप्रोटीन का परीक्षण किया और इसे सुरक्षित पाया।
इसके बाद, एमबीयू के प्रोफेसर राघवन वरदराजन की प्रयोगशाला में किए गए प्रयोगों में, हैम्स्टर्स को मिनीप्रोटीन दिया गया और इसके बाद उसे सार्स-कोवि-2 के संपर्क में लाया गया। केवल वायरस के संपर्क में आने वाले हैम्स्टर्स की तुलना में इन जानवरों के वजन में कोई कमी नहीं दिखायी दी और वायरल लोड के साथ-साथ फेफड़ों में कोशिकाओं को भी बहुत कम क्षति हुई।
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हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र 5 फरवरी से शुरू होगा। बुधवार को चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बताते हैं कि दिल्ली बार्डर पर चल रहे किसानों के आंदोलन की वजह से इस बार बजट सत्र देरी से शुरू करने का निर्णय हुआ है। पहले 26 फरवरी से ही सत्र शुरू किए जाने की उम्मीद थी और विधानसभा सचिवालय ने भी इसी हिसाब से तैयारियां शुरू कर दी थी।
बजट सत्र की लगभग 12 सिटिंग होने की उम्मीद है। बजट सत्र की शुक्रवार 5 मार्च से होगी। इसके बाद 6 को शनिवार व 7 मार्च को रविवार का अवकाश रहेगा। 8 मार्च को महर्षि दयानंद सरस्वती जयंती के मौके पर वैकल्पिक अवकाश रहेगा। इस दिन सत्र चलाया भी जा सकता है और नहीं भी। इस बारे फैसला 5 मार्च को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में ही होगा। 5 मार्च को राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य का अभिभाषण होगा। 8 मार्च को अगर सत्र चलता है तो उस दिन अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी। ऐसे में 9 को चर्चा के बाद 10 मार्च को सीएम इस पर रिप्लाई दे सकते हैं।
11 मार्च को महाशिवरात्रि की छुट्टी रहेगी। ऐसे में बहुत संभव है कि वित्त मंत्री होने के नाते सीएम मनोहर लाल खट्टर 12 मार्च को गठबंधन सरकार का दूसरा वार्षिक बजट पेश करें। 13 को शनिवार व 14 मार्च को रविवार का अवकाश रहेगा। इसके बाद 15 मार्च से बजट पर चर्चा शुरू होगी और दो से तीन सिटिंग में चर्चा के बाद मुख्यमंत्री विपक्ष व सत्तापक्ष के विधायकों द्वारा उठाए जाने वाले सवालों का जवाब देंगे। मार्च के तीसरे सप्ताह में बजट पास होने की उम्मीद है।
प्रदेश में वित्त मंत्रालय सीएम के पास ही है। वे राज्य की भाजपा-जेजेपी गठबंधन सरकार का दूसरा बजट पेश करेंगे। खट्टर सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्रालय कैप्टन अभिमन्यु के पास था। 2019 के विधानसभा चुनावों में कैप्टन अभिमन्यु चुनाव नहीं जीत सके। ऐसे में सीएम ने वित्त विभाग किसी मंत्री को देने की बजाय अपने पास ही रखा।
वहीं दूसरी ओर, सीएम ने सांसदों व विधायकों से बजट को लेकर सुझाव देने के लिए 10 दिन और दे दिए हैं। जनप्रतिनिधियों से सुझावों के लिए 10 फरवरी तक का समय दिया था अब इसे बढ़ा कर 20 फरवरी कर दिया है। भाजपा व जेजेपी के अलावा कुछ निर्दलीय विधायक अपने सुझाव भेज चुके हैं। अभी तक आए सुझावों को कम्पाइल किया जा रहा है ताकि उन्हें कैटेगरी वाइज अलग-अलग किया जा सके। यहां बता दें कि सीएम ने पिछले साल प्री-बजट मीटिंग बुलाकर विधायकों से सुझाव मांगे थे। कई विधायकों के सुझावों को बजट में शामिल भी किया गया था।
इतना ही नहीं, इस बार विधायक कोरोना काल के मद्देनजर भी अपने सुझाव दे सकेंगे। पिछले बजट की तरह अबकी बार भी फोकस स्वास्थ्य व कृषि पर रह सकता है। सीएम ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में इस तरह के संकेत भी दिए थे। बकौल सीएम, बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ होता है। अबकी बार भी किसानों के लिए बहुत कुछ होगा। कृषि विभाग के अधिकारी व कर्मचारी कई दिनों से बजट तैयारियों में जुटे हैं।
उनसे बजट को लेकर नई योजनाओं की जानकारी मांगी गई है। वित्त विभाग के आला अफसरों के साथ भी सीएम नियमित रूप से बैठकें कर रहे हैं। वे संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ दो से तीन बैठकें पहले ही कर चुके हैं। कोरोना की वजह से प्रदेश को पहले ही 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, लेकिन फिर भी बजट में हर वर्ग के लिए कोई न कोई योजना बनाई जाएगी। यही नहीं, ग्रामीण विकास, हेल्थ पर भी खासा जोर रहने की संभावना है।
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ये कहानी डॉ. आनंदी गोपाल जोशी की है.
National Doctor's Day: आज मेडिकल सेक्टर में महिलाएं बड़ी संख्या में काम कर रही हैं. वे डॉक्टर सहित तमाम जिम्मेदारियां निभा रही हैं. लेकिन आज से 150 साल पहले तक महिलाएं डॉक्टर बनने के बारे में सोच भी नहीं सकती थीं. ऐसे माहौल में आनंदी गोपाल जोशी ने भारत की पहली महिला डॉक्टर बनकर इतिहास रचा. न्यूयॉर्क के पकिप्सी में एक कब्रिस्तान के हेडस्टोन पर लिखा है- आनंदीबाई जोशी MD (1865- 1887), भारत की पहली महिला डॉक्टर.
डॉ. आनंदी गोपाल जोशी का जन्म 31 मार्च 1865 को पुणे जिले के एक रूढ़िवादी जमींदार परिवार में हुआ था. महज नौ साल की उम्र में आनंदी की शादी 25 साल के युवक विदुर गोपालराव जोशी से कर दी गई थी. इसके बाद 14 साल की उम्र में वह मां बन गई थीं. लेकिन जन्म के 10 दिन बाद ही बच्चे की मृत्यु हो गई. बच्चे की मृत्यु से आनंदी को इतना दुख हुआ कि उन्होंने डॉक्टर बनने का लक्ष्य ही तय कर लिया. उन्हें इस लक्ष्य तक पहुंचने में पति गोपालराव जोशी का भी भरपूर साथ मिला.
आनंदी 14 साल की उम्र तक कभी स्कूल नहीं गई थीं. लेकिन जब डॉक्टर बनना तय किया तो पति ने उनका दाखिला मिशनरी स्कूल में कराया. इस तरह उनकी पढ़ाई-लिखाई का सिलसिला शुरू हुआ.
इसके बाद पति का तबादला कलकत्ता हुआ तो वह भी साथ गईं. जहां उन्होंने संस्कृत और अंग्रेजी पढ़ना और बोलना सीखा. इसके बाद साल 1880 में उनके पति ने एक मशहूर मिशनरी रॉयल वाइल्डर को एक पत्र भेजा. जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी को संयुक्त राज्य अमेरिका में चिकित्सा के पढ़ने के संबंध में जानकारी मांगी. यहां से जानकारी मिली तो वह मेडिकल की पढ़ाई करने अमेरिका चली गईं.
आनंदी ने अमेरिका के पेंसिल्वेनिया स्थित महिला मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया. उन्होंने 21 साल की उम्र में एमडी की डिग्री हासिल की. वह एमडी की डिग्री हासिल करने वाली पहली भारतीय महिला बनीं. पढ़ाई पूरी करके वह भारत लौटीं और बाद में उन्होंने कोल्हापुर रियासत के अल्बर्ट एडवर्ड अस्प्ताल के महिला वार्ड में प्रभारी चिकित्सक के तौर पर काम किया.
मेडिकल की पढ़ाई करके आनंदीबाई को बहुत कम दिन तक लोगों की सेवा का मौका मिल सका. वह अपनी डॉक्टरी की प्रैक्टिस शुरू करतीं इससे पहले ही वह टीबी की बीमारी का शिकार हो गईं. महज 22 साल की उम्र में 26 फरवरी 1887 को वह चल बसीं.
आनंदीबाई से स्नेह का बंधन रखने वाली इंग्लैंड की थियो डीसिया ने गोपालराव से आनंदी की राख भेजने का अनुरोध किया. जिसे उन्होंने न्यूयॉर्क के कब्रिस्तान में अपने परिवार के साथ दफनाया. इस कब्र पर हेड स्टोन पर लिखा गया- आनंदीबाई जोशी MD (1865- 1887), भारत की पहली महिला डॉक्टर.
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स्काई टू सी एंडुरो माउंटेन बाइक रेस, तुर्की में पहली एंडुरो माउंटेन बाइक रेस, जो बर्फीली चोटी से समुद्र तल तक उतरती है, पूरी हो गई है।
केमेर गवर्नर युसेल जेमिसी, केमेर मेयर नेकाटी टोपालोग्लु, केमेर डिप्टी मेयर एमिन गुल, ओल्मपोस टेलीफ़ेरिक महाप्रबंधक हैदर गुमरुक्कू ने दौड़ की शुरुआत में भाग लिया, जिसे केमेर नगर पालिका द्वारा प्रायोजित किया गया था और तुर्की साइक्लिंग फेडरेशन के गतिविधि कैलेंडर में शामिल किया गया था।
दौड़ की शुरुआत महापौर टोपालोग्लू, उप महापौर गुल और ओल्मपोस केबल कार के महाप्रबंधक गुमरुक्कू ने 2 मीटर की ऊंचाई पर तहताली पर्वत पर चेकर झंडा लहराते हुए की।
दौड़ में, जिसमें लगभग 14 एथलीटों, जिनमें से 150 विदेशी थे, ने भाग लिया, एथलीटों ने 34 किलोमीटर के ट्रैक पर पेडल किया।
मंच पर बर्फीले पहाड़ दर्रे के अलावा, एथलीट माउंट ओलंपोस की चट्टानों, धारा के बिस्तरों और जंगल में कठिन रास्तों को पार करके समुद्र तल तक उतरे।
समुद्र के किनारे बने जम्पिंग रैंप से कूदते एथलीट जहां रंगीन तस्वीरों का नजारा था, वहीं रेस देखने आए कई देशी-विदेशी मेहमानों ने अपने मोबाइल फोन से तस्वीरें लीं।
दौड़ में भाग लेने वाले कुछ विदेशी एथलीट अपनी टी-शर्ट के अंदर तुर्की शर्ट पहने हुए हैं। Bayraklı उन्होंने टी-शर्ट के साथ प्रतिस्पर्धा करने का फैसला किया।
डिस्ट्रिक्ट गवर्नर युसेल जेमिसी और मेयर टोपालोग्लू ने अपने रेसिंग कपड़े उतारे और Bayraklı उन्होंने उन एथलीटों को बधाई दी और सराहना की जो टी-शर्ट में प्रतिस्पर्धा करना चाहते थे।
केमेर मेयर नेकाटी टोपालोग्लू ने एक बयान में कहा कि स्काई टू सी एंडुरो माउंटेन बाइक रेस तहताली पर्वत के शिखर से शुरू हुई और समुद्र के स्तर पर समाप्त हुई।
यह समझाते हुए कि दौड़ का बहुत महत्व है क्योंकि यह दुनिया की एकमात्र दौड़ है जो बर्फीले शिखर से शुरू होती है और समुद्र तल पर समाप्त होती है, मेयर टोपालोग्लू ने कहा, "ट्रैक के अंत में, एथलीट अपनी बाइक के साथ समुद्र में कूद गए। . यह एक बहुत अच्छा संगठन था। इसके बाद और भी बहुत कुछ होगा। यह केमेर को पदोन्नति के मामले में बहुत बड़ा योगदान देगा। हमारा लक्ष्य केमेर को साइकिलिंग डेस्टिनेशन बनाना है। इसके बाद रोड बाइक इवेंट होगा। "हम कहते हैं कि अपनी बाइक पकड़ो और केमेर आओ"। मैं उन लोगों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने प्रतियोगिता में योगदान दिया।" उन्होंने कहा।
मनीसा से रेस में हिस्सा लेने वाले सबसे कम उम्र के 14 साल के एथलीट केवेट नेजत्कन ने कहा कि वह 4 साल की उम्र से साइकिल चला रहे हैं और पिछले दो साल से एंडो साइकिलिंग में शामिल हैं।
यह बताते हुए कि उन्होंने पहली बार एक कठिन पहाड़ी मंच पर प्रतिस्पर्धा की, नेजत्कन ने कहा, "बर्फीला मंच कछुए को चुनौती दे रहा है। दौड़ में अन्य एथलीट मुझसे उम्र में बड़े हैं, लेकिन शायद मैं 8वें स्थान पर हो सकता हूं। पोडियम पर पहुंचना कठिन है, लेकिन मैं जल्द ही बाहर निकलूंगा। मैं भी केमेर में आकर खुश हूं।" कहा।
रेस में सबसे उम्रदराज एथलीट 54 वर्षीय सेलीम सेनोक ने उल्लेख किया कि उन्होंने 41 साल की उम्र में साइकिल चलाना शुरू किया था और 44 साल की उम्र से दौड़ में भाग ले रहे हैं।
यह देखते हुए कि वह दौड़ में कई एथलीटों के पिता की उम्र है, सेनोक ने कहा, "सब कुछ के बावजूद, मैं एक भयंकर लड़ाई में रहूंगा। मेरे पैर के अंगूठे में दरार है, लेकिन मेरा लक्ष्य दौड़ पूरी करना और पहले पोडियम देखना है। मैं दूसरी बार केमेर में प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं। मैंने पहले भी डाउन ओलम्पोस रेस में भाग लिया है। यह उन दौड़ों में से एक थी जिसका मैंने वास्तव में आनंद लिया। केमेर में यह ट्रैक अर्जेंटीना में दुनिया के सबसे कठिन ट्रैक के बाद रेसर्स के लिए अगला चुनौतीपूर्ण ट्रैक है। हम भी इस कठिन रास्ते से नीचे उतरेंगे। मुझे यकीन है कि यह एक अच्छी दौड़ होगी।" उन्होंने कहा।
केमेरली एथलीट मुस्तफा आरिफ टुनक ने कहा कि रेस ट्रैक बहुत सुंदर था और उन्होंने कहा कि पहली बार में उनके लिए कठिन समय था।
यह बताते हुए कि तीसरा चरण बहुत मज़ेदार था, टुनक ने कहा, "तीसरा चरण बहुत पथरीला था। यह केमेर के लिए एक अनूठा मंच था। विदेशी एथलीटों के साथ प्रतिस्पर्धा करना हमारे लिए अच्छा अनुभव था। एंडुरो माउंटेन बाइकिंग तुर्की में एक विकासशील खेल है। मुझे लगता है कि यह केमेर और साइकिल पर्यटन में बहुत बड़ा योगदान देगा। दौड़ में योगदान देने वालों को धन्यवाद।" उन्होंने कहा।
दौड़ के बाद, एथलीटों को आयोजित समारोह में विजेताओं को उनके पुरस्कार दिए गए।
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नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी ने गुरुवार को अपनी पार्टी के नेता आजाद सिंह को भरे ऑफिस में अपनी पत्नी को थप्पड़ मारने के कारण सभी पदों से हटा दिया है. आजाद महरौली जिला अध्यक्ष थे. आजाद की पत्नी भी भाजपा की नेता हैं. आजाद ने ऑफिस में सभी के सामने अपनी पत्नी को चांटा मारा जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
तिवारी के आदेश के बाद विकास तंवर को जिले का अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.
दिल्ली भाजपा का कोई नेता इस पर बात करने को तैयार नहीं है लेकिन सूत्रों की मानें तो आजाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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यो अध्याय
किन्तु प्रत्येक मनुष्य-जन्म के परिपूरक विविध शुल-कृष्ण-कर्म होते हैं। उसी प्रकार मनुष्य का स्वभाव कुशल अकुशल दोनों है।
प्रत्येक मनुष्य काम, क्रोध, लश तथा मोह से समन्वागत होता है । इसमें दो श्रपवाद है- १. शैक्ष मनुष्य-जन्म लेते हैं, क्योंकि वह राग-द्वेप से विनिर्मुक्त नहीं है, किन्तु मोह से विनिमुक है २. चरम भविक बोधिसत्व केश से विनिमुक है, किन्तु बोधि की रात्रि को ही वह मोह से मुक्त होते हैं ।
क्योंकि सर्व मनुष्य-जन्म शुभ कर्म से आक्षिप्त होता है, अतः सब मनुष्य तीन कुशलमूल से समन्वागत होते हैं। वह अद्वेष, अलोम, सम्यग्दृष्टि के भव्य हैं। श्रवस्थावरा कुशलमूल का समुदाचार होता है । सदुपदेश और सत्संगवश ऐसा होता है ।
एक पुद्गल प्रकृति से तीव्र राग-द्वेष-मोहजातिक होता है। वह रागज, द्वेपन, मोहन दुख-दौर्मनस्य का अमीक्षण प्रतिसंवेदन करता है। यह दु सन्दौर्मनस्य के साथ रुदन करता हुआ परिशुद्ध ब्रह्मचर्य का चरण करता है। वह मरणानन्तर स्वर्ग में उत्पन्न होता है । धर्मसमादान से उसकायत में सुख-विपाक होता है। एक पुद्गल प्रकृति से तीम राग-द्वेषमोहजातिक नहीं होता । वह रागज, द्वेपन, मोहज दुःख-दौर्मनस्य का श्रमीक्षण प्रतिसंवेदन नहीं करता । वह ध्यान में सुगमता से समापन्न होता है, और स्वर्ग में उपपन्न होता है। वह वर्तमान में भी सुखी है, और भविष्य में भी उसका सुख-विपाक है।
संसार में पर्याप्त दुःख है, जिससे मनुष्य सरलता से 'सर्वे दुःसम्' इस सत्य को तथा वैराग्य और निर्वाण को समझते हैं। देव अत्यन्त सुसी होते हैं। दूसरी ओर नारकों के समान मनुष्य का अविच्छिन्न दुःख नहीं है। किन्तु मनुष्यों में भेद है। कुछ अनेक जन्मों में मनुष्यत में नियत है। उन्होंने कुशल-मूल का श्रारोपण किया है। कोई स्रोत-श्रापन है और उनके सात भव और हैं, किन्तु कभी अकस्मात् मनुष्यत्र का लाभ होता है। कर्मविपाक दुर्विशेष है। नारक और तिर्थंग योनि से मनुष्यत्व की प्राप्ति होती है। इसका कारण कोई पूर्वजन्म मृत दुर्बल शुभ कर्म होता है। मनुष्य जन्म श्राश्रर्यकर घटना है।
नरक में दो प्रकार के भिन्न-प्रलाप, पारुप्य, व्यापाद होते हैं । भिन्न प्रलाप :- क्योंकि नारकीय सत्व परिदेव, विलाप करते हैं। पारव्य :- क्योंकि नारकीय सत्य अन्योन्य निग्रह करते हैं; व्यापाद :-- क्योंकि चित्त-सन्तान के पारुष्य से वह एक दूसरे से द्वेष करते हैं। नारकीय सत्वों में श्रभिष्या और मिथ्यादृष्टि होती है, किन्तु नरक में यह समुसीभावत नहीं होती। क्योंकि यहाँ सर्व रजनीय वस्तु का प्रभाव होता है, और कर्मफल प्रत्यक्ष होता है। नरक में प्रायातिपात का प्रभाव होता है, क्योंकि नारकीय सत्व वर्मक्षय से व्युत होते हैं। वहाँ श्रदत्तादान श्रौर काम- मिथ्याचार का भी प्रभाव होता है, क्योंकि नारकीय सत्वों में द्रव्य और स्त्रीपरिषद् का श्रभाव होता है । प्रयोजन के प्रभाव से मृपावाद और पैशुन्य नहीं होता।
तिर्यक का चित्त दुर्बल होता है, किन्तु उसका दुष्ट स्वमात्र मॅकट होता है। यह आनन्तर्य से स्पृष्ट नहीं होते। किन्तु जिन पशुओं की बुद्धि पद्ध होती है; यथा-श्राद्यनेय
अश्व, वह सदा थानन्तर्य से स्पृष्ट होते हैं। अतः जो सत्व पूर्वकृत शुभ वर्मनश नरक और तिर्यक योनि के अनन्तर मनुष्य जन्म लेते हैं, वह मनुष्य जन्म में अपने पूर्वलेश से समन्वागत होते हैं, और यह लेश नरक्वास या तिर्थक्योनि में पास के कारण बहुलीवृत्त होते हैं ।
क्लप के निर्याण-काल में पुद्गल श्रधर्मरागरक्त, विषयलोभाभिभूत श्रौर मिथ्याधर्मपरीत हो जाते हैं । शस्त्र, रोग औौर दुर्मिक्ष से क्ल्प का निर्गम होता है। उस समय कपाय अभ्यधिक होते हैं। इसलिए मनुष्यों में बहुत ऐसे होते हैं, जिनमें अभीदण क्लेश होता है । यह निर्वाण में प्रावरण है । लेशावरण सर्वपापिष्ठ है। मिथ्यादृष्टि से समन्वागत मनुष्यों की सख्या और भी अधिक है।
विसंयोग फल
हमने अबतक सासव वर्मों के फल की परीक्षा की है। यह कर्म कुशल या अकुशल और राग ( सुख की इच्छा या ध्यान-लोक की इच्छा ) तथा मोह ( श्रात्मदृष्टि) से लिष्ट है। तृष्णा से अभिष्यन्दित यह कर्म विपाक-पल देते हैं, किन्तु नासव कर्म का विपाक नहीं होता। क्योंकि यह अन्य तीन कर्मों का क्षय करता है। यह शुभ है । यह धातुपतित नहीं है। यह प्रवृत्ति का निरोध करता है। नास वर्म के फल को विसयोग फल कहते हैं। ये कर्म मोह और देश के मूल का समुच्छेद करते हैं, श्रर्थात् लेश-प्राप्ति का समुच्छेद करते हैं । जो प्रार्थना कर्मों को संपादित करता है, उसका लेश समुदाचार नहीं करता । वह क्लेशों के निष्यन्द फल का समुच्छेद करता है ।
कुछ सालव कर्म, जो वैराग्य के लौकिक मार्ग में संग्रहीत हैं, अपने प्रतिपक्षी क्लेशों से वियोग- कान्तिक रूप से प्रदान करते हैं। जो योगी वीत कामराग है, वह कामभूमिक क्लेशों की प्राप्ति का छेद करता है । पुन वह पूर्वकृत कर्म और काम की प्राप्ति का छेदकरता है। यह इन कर्मों के विपाक का उल्लन करता है ।
पुरुपकार फल
सहभू हेतु और सप्रयुक्तक- हेतु का फल है। पुरुपकार पुरुषभाव से व्यतिरिक्त नहीं है, क्योंकि कर्म कर्मवान् से अन्य नहीं है। जिस धर्म का जो कारिन है, वह उसका पुरुषकार कहलाता है, क्योंकि वह पुरुषकार के सदृश है। एक मत के अनुसार विपाक-हेतु को छोड़कर अन्य का भी यही फल होता है । वस्तुत यह फल राहोत्सन्न है, या समनन्तरोत्सन्न है, किन्तु विपाफ- फल ऐसा नहीं है। अन्याय के अनुसार विपाव हेतु का एक विकृष्ट पुरुषकार फल भी होता है।
कर्म विपाक
वर्म बीज के सदृश स्वकीय सामर्थ्य से अपने फल का उत्पाद करता है। अतः कर्मों की धर्मता नियत है। किन्तु बौद्ध धर्म यह स्वीकार करता है कि कर्म फल का उल्लघन सभव हैं, और वह पुण्य-परिणामना भी मानता है ।
ऋषियादि का महान् सामय्ये होता है। उनके मनःप्रदोष से दण्डकादि निर्जन हो गये। मृत्य क्रिया ( सच्चकिरिया ) में विश्वास बडा प्राचीन है। विशुद्ध पुरुष अपनी विशुद्धि का प्रख्यापन कर धर्मता से ऊपर उठ जाता है। अशोक का पुत्र कुणाल ज्ञापित करता है कि अपनी माता के प्रति उसका कभी दुष्टचित्त नहीं हुआ। इस सत्यक्रिया से वह अपनी सों से देखने लगता है।
किन्तु क्षेत्र के अनुसार पुण्य श्रपुण्यल्प या कर्म विपाक दुर्विज्ञेय है। कर्म तीज के समान है, जो अपना फल प्रदान करता है। यह सुखा या दुःसावेदना है। कर्म का विप्रणाश नहीं है। जब समय श्राता है, और प्रत्यय सामग्री उपस्थित होती है, तन वर्मों का विषाक होता है ।
यमराज के निरयपाल सत्य को ले जाते हैं, और यम से दण्ड प्रणयन के लिए प्रार्थना करते हैं । यमराज उससे पूछते हैं कि तुमने देवदूत को नहीं देखा १ वह कहता है कि देव । मैंने नहीं देखा है। यम :- तुमने क्या जरा-जीएं, रोगी, वकारी को नहीं देखा है १ तुमने यह क्यों नहीं जाना कि तुम भी जाति, जरा, मृत्यु के अधीन हो ? तुमने यह क्यों नहीं सोचा कि मैं क्ल्याण कर्म क्रुँ १ यह पापकर्म न तुम्हारी माता ने किया है, न तुम्हारे पिता ने, न तुम्हारे भाई बहन ने, न तुम्हारे मित्र अमात्य ने, न ज्ञातृ-संवन्धियों ने, न श्रमण ब्राह्मण ने, न देवताओं ने। तुमने ही यह पापकर्म किया है। इसके विपाक का प्रतिसंवेदन तुम्हीं करोगे ।
यह कथा लोक - विश्वास पर आश्रित है। यम केवल नारकों के दण्ड का प्रायन करता है । पुन यम के निरयपाल नारकों को दण्ड नहीं देते हैं। उनकी यातना उनके स्वकीय क्मों के कारण हे । यथार्थ में वर्म बील के तुल्य हैं। यह अपनी जाति के अनुसार, जल्दी या देर से, अस या महान् फल देते हैं ।
किन्तु ईश्वरवादी कहते हैं कि यद्यपि समग्र चीन का वपन उर्वरा भूमि में हो, तथापि वर्षा के प्रमान में चीज में नहीं निकलते । अतः उनका कहना है कि यह ईश्वर की शक्ति है, जो क्मों को विपाक प्रदान का सामर्थ्य देती हैं । अभिव्यन्दित हो कर्मविपाक देते हैं। से लिप्त नहीं होता ।
कर्म विपाक के संबन्ध में विभिन्न मत
सर्वास्तिवादी ( वैभाषिक ) के मन में ना फल समनन्तर नहीं होता। कर्म का विपाक सुखा दु सावेदना है। यह विपाक-कर्म के संपादन के बहुत काल पश्चात् होता है। कहते हैं कि वर्म अपने विपाक फल को क्रिया-काल में ग्राक्षिप्त करता है, और वर्म के प्रतीत होने पर विपाक का दान करता है। एक कठिनाई है। सर्वास्तिनादी का मत है कि अतीत और अनागत का अस्तित्व है । हेतु प्रत्यय अनागत को प्रत्युत्पन में उपनीत करते हैं। सिता मदनको तीत में ले जाती है ।
प्रश्न - मान लीजिए कि मेरे अतीत वर्मका स्तित्व है। यह भी मान लीजिये कि इसमें फल प्रदान का सामर्थ्य है। क्योंकि मैं उन क्षणिक धर्मों की सन्तति हूँ, जो नित्य उत्पद्यमान होते रहते हैं। इसलिए वह क्या है, जो इस वर्म को मुझसे संबद्ध करता है?
उत्तर - स्व सन्तान पतित रूप सस्कृत धर्म होते हैं ( विन्तु यह चित्त-विप्रयुक्त हैं ) जिन्हें 'प्राति' कहते हैं। सर्व वर्म पर्ता में इस वर्म की 'प्रासि' का उत्पाद करते हैं। इसी प्रकार सर्व चित्त, सर्व राग उस वित्त, उस राग की 'मासि' का उत्पाद करते है । इस 'प्राप्ति' का निरोध होता है, किन्तु यह स्वसदृश एक 'प्राप्ति' का उत्पाद करती है । जबतक हम इन क्र्मों की 'प्राप्ति' का 'छेद', नहीं करते, तबतक हम अपने कर्मों की 'प्राप्ति' से समन्वागत होते हैं । जब हम इस 'प्राप्ति' के निरन्तर उत्पाद या निरोध करते हैं, तन इस 'प्राप्ति' का छेद होता है। इस प्रकार कर्म क्र्ता को फल प्रदान करते हैं ।
मध्यमकवृत्ति [१७११३] और मध्यमक्श्वतार [६/३६] मे चन्द्रकीति ने इस बाद का निराकरण किया है : ---कर्म क्रिया काल में निरुद्ध होता है, किन्तु यह कर्ता के चित्तसन्तान में एक 'विप्रणाश' नामक द्रव्य का उत्पाद करता है । यह रूपी धर्म है, किन्तु चित्त से विप्रयुक्त है । यह 'विप्रणाश न कुशल है, न अकुशल निरुद्ध धर्म 'विप्रयाश' द्रव्य में अंकित हो जाता है। यह फल को कर्ता से सबद्ध करता ।
सौत्रान्तिक सौनान्तिक प्रतीत और 'प्राप्ति नामक धर्मों के अस्तित्व को नहीं मानते।
यदि प्रतीत, नागत द्रव्यसत् है तो वह प्रत्युत्पन्न है। यदि अतीत कर्म फल-प्रदान करता है, तो उसका प्रॉस कारिन है; अतः वह प्रत्युत्पन्न है । यदि बुद्धी वर्म के अस्तित्व का उल्लेख करते हैं, तो उनका अभिप्राय केवल इतना है कि अतीत वर्मका विपाक होगा। बुद्ध प्राप्तियों का उल्लेख नहीं करते ।
सौनान्तिकों के अनुसार कर्म चित्त-सन्तान को ( चित्त-चैत्त, सेन्द्रियकाय ) जिसे तीर्थिक 'आत्मा'हते हैं, विपरित करता है। वर्म संतान के परिणाम विशेष को निश्चित करता है। इसका प्रवर्ष वह अवस्था है, जो कर्म का विपाक है । दुःसावेदना का उत्पाद होता है, यदि यकुशल-चित्त से संतान का परिणाम विशेष होता है। चित्त-सतान का कर्म वल से एक सूक्ष्म परिणाम होता है, और कर्म के अनुसार चित्त-सतति का निभय, दुःख सुख होता है । सौत्रान्तिक बाह्यभाव और सेन्द्रियकाय का प्रतिषेध नहीं करते, किन्तु कर्म और कर्म-विपाक को वह केवल चित्त में आहित करते प्रतीत होते हैं।
विज्ञानवादी-एक ओर वह रूप के अस्तित्व का प्रतिषेध करता है।
हम इसके बीज वैभाषिक-सिद्धान्त में पाते हैं । 'आमाको चित्त और वेदना की सन्तान अवधारित करना, जो पूर्ववर्ती चित्त- वेदना से निगृहीत होता है, यह कहना कि चित्त
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हमारे पालतू जानवर हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो हमें प्यार, आराम और साहचर्य प्रदान करते हैं। हमारी तरह, वे भी मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि, इंसानों के विपरीत, पालतू जानवर अपनी भावनाओं के बारे में बात नहीं कर सकते हैं, जिससे पालतू जानवरों के मालिकों के लिए मानसिक बीमारी के लक्षणों की पहचान करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।
आज हम आपके पालतू जानवरों में मानसिक बीमारी का पता लगाने के कुछ आसान तरीकों पर चर्चा करेंगे।
व्यवहार में परिवर्तन सबसे आम संकेतों में से एक है कि आपका पालतू मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जूझ रहा है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी आमतौर पर मिलनसार बिल्ली दूर छिपने लगती है या आपका सामान्य रूप से बाहर जाने वाला कुत्ता पीछे हट जाता है, तो यह संकेत हो सकता है कि वे चिंता या अवसाद का अनुभव कर रहे हैं। इसी तरह, अगर आपका पालतू जानवर अचानक से सामान्य से अधिक आक्रामक या विनाशकारी हो जाता है, तो यह भी मानसिक बीमारी का संकेत हो सकता है।
इंसानों की तरह, भूख में बदलाव भी पालतू जानवरों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का संकेत हो सकता है। यदि आपका पालतू अचानक अपनी भूख खो देता है या अत्यधिक खाना शुरू कर देता है, तो यह चिंता या अवसाद का संकेत हो सकता है। कुछ मामलों में, पालतू जानवरों को भी पाचन संबंधी समस्याएं या उल्टी का अनुभव हो सकता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से भी जुड़ा हो सकता है।
यदि आपका पालतू सामान्य से अधिक सो रहा है या ऊर्जा की कमी है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का संकेत हो सकता है। अवसाद अक्सर पालतू जानवरों को उन गतिविधियों में रुचि खोने का कारण बन सकता है जिन्हें वे एक बार आनंद लेते थे, जिससे सुस्ती और थकान हो सकती है। इसी तरह, चिंता पालतू जानवरों को लगातार किनारे पर महसूस कर सकती है, जिससे थकावट हो सकती है।
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, बढ़ी हुई आक्रामकता पालतू जानवरों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का संकेत हो सकती है। यदि आपका पालतू अचानक सामान्य से अधिक आक्रामक हो जाता है, तो यह चिंता, भय या हताशा का संकेत हो सकता है। यह अलग-अलग तरीकों से प्रकट हो सकता है, जैसे गुर्राना, भौंकना, काटना या खरोंचना।
पालतू जानवर जो खुद को अत्यधिक तैयार करते हैं, वे भी मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे होंगे। उदाहरण के लिए, जो बिल्लियाँ अपने आप को अधिक तैयार करती हैं, वे गंजे धब्बे या त्वचा की जलन पैदा कर सकती हैं, जो चिंता या तनाव का संकेत हो सकता है। इसी तरह, कुत्ते जो लगातार अपने पंजे चाटते या चबाते हैं, वे चिंता या बोरियत का अनुभव कर सकते हैं।
यदि आपका पालतू असामान्य शोर कर रहा है, जैसे कि रोना, गरजना, या अत्यधिक म्याऊं करना, तो यह मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों का संकेत हो सकता है। यह रात में विशेष रूप से ध्यान देने योग्य हो सकता है, जब पालतू जानवर अधिक बेचैन और मुखर हो सकते हैं। कुछ मामलों में, पालतू जानवर दोहराए जाने वाले व्यवहार भी प्रदर्शित कर सकते हैं, जैसे पेसिंग या चक्कर लगाना, जो मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से भी जुड़ा हो सकता है।
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जीतने के बाद भी क्यों रो पड़े डी के शिवकुमार?
जीतने के बाद भी क्यों रो पड़े डी के शिवकुमार?
कर्नाटक कांग्रेस में जश्न का माहौल है.
लोकसभा चुनाव से पहले इस जीत को कांग्रेस के लिए बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है.
आलम ये है कि नतीजों पर बोलते-बोलते कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष भावुक हो गए. डी के शिवकुमार मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर माने जा रहे हैं.
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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बॉलीवुड से लेकर सभी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी आवाज के जादू से दुनिया को कायल करने वाले स्वरकोकिला लता मंगेशकर 28 सिंतबर को जन्मदिन है। मशहूर गायिका आज 91 साल की हो गई है। ऐसे में लता मंगेश्कर को उनके जन्मदिन के खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले उनसे फोन पर बात की इसके बाद उन्हें लता जी को खास ट्वीट कर शुभकामनाएं दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता जी को एक बेहद खास ट्वीट करके लिखा,आदरणीय लता दीदी से मैंने बात की और उन्हें जन्मदिन की बधाईयां दी साथ ही उनके अच्छे और स्वास्थ एंव लंबी आयु की कामना करता हूं। लता दीदी का नाम हर घर में जाना जाता है। मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मुझे उनका प्यार और आशीर्वाद मिला।
कंगना रनौत ने लता मंगेशकर को जन्मदिन की बधाई दी है। एक्ट्रेस ने लिखा- महान लता मंगेशकर को जन्मदिन की बधाई।
मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र ने चुपके चुपके का गाना शेयर करके लता मंगेशकर को जन्मदिन की बधाई दी है।
मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्मी लता मंगेशकर ने अपनी सुरीली आवाज से देश में अपना जादू बिखेरा है। गायकी के क्षेत्र में लता जी कई सम्मान भी अपने नाम दर्ज कर चुकीं हैं, गायिकी क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने के लिए उन्हें भारत रत्न, पद्म विभुषण, पद्म भूषण और दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
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चंडीगढ़ः मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने शनिवार को यहां कहा कि निर्वाचन आयोग यह समझाने और आश्वस्त करने के लिए सभी राजनीतिक दलों की जल्द एक बैठक बुला सकता है कि इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को हैक नहीं किया जा सकता। जैदी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम राजनीतिक दलों को यह बताने के लिए जल्द ही उनकी एक बैठक बुला सकते हैं कि हमारे ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और वे हमारे प्रशासनिक व तकनीकी सुरक्षा प्रणाली के अनुसार सुरक्षित हैं। "
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग अधिक पारदर्शिता और निर्वाचन प्रक्रिया में मतदाताओं का भरोसा बहाल करने के लिए ईवीएम के साथ वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रैल (वीवीपीएटी) इकाइयां लगाने का इरादा रखता है। वीवीपीएटी से एक स्लिप निकलती है, जिससे पार्टी और उम्मीदवार इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि किसी व्यक्ति ने उन्हें वोट दिया। यह स्लिप भविष्य के संदर्भ के लिए ईडीसी के रिकॉर्ड में रखी जाती है।
सरकार ने इस महीने के प्रारंभ में निर्वाचन आयोग द्वारा मांगी गई 16. 15 लाख वीवीपीएटी खरीदने के लिए 3,173. 47 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की थी। निर्वाचन आयोग ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को इसके लिए ठेके भी दे दिए हैं, और उम्मीद है कि मशीनें सितंबर 2018 तक आ जाएंगी। पांच राज्यों में हाल के विधानसभा चुनावों के बाद कई विपक्षी दलों ने ईवीएम की निष्पक्षता पर सवाल उठाए थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया था कि नगर निगम का चुनाव ईवीएम के बदले बैलट पेपर से कराए जाएं। निर्वाचन आयोग भी वोटिंग मशीनों के बारे में सभी संदेह मिटाने के लिए सभी घटकों को खुली चुनौती देने की योजना बना रहा है कि वे ईवीएम को हैक करके दिखाएं।
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सरकार ने पदक विजेताओं को समूह 'ख' के पदों पर सीधे नियुक्त करने का भी फैसला किया है। इसके लिए यूपी लोकसेवा आयोग से 8 विभागों के 24 पद सीधी नियुक्ति के लिए गए हैं।
लखनऊ यूपी में खिलाड़ियों को नौकरी व प्रमोशन में वेटेज मिलेगा। सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुआई में गुरुवार को हुई कैबिनेट बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। समूह 'ग' व पुलिस भर्तियों में खिलाड़ियों के लिए दो प्रतिशत का अलग कोटा होगा। वहीं, प्रदेश सरकार की सेवाओं में काम करने वाले खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतते हैं तो उन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जाएगा। समूह 'ग' के पद पर तैनात खिलाड़ी को दो बार और समूह ख के पद नौकरी करने वाले खिलाड़ी को एक बार आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिल सकेगा।
सरकार ने पदक विजेताओं को समूह 'ख' के पदों पर सीधे नियुक्त करने का भी फैसला किया है। इसके लिए यूपी लोकसेवा आयोग से 8 विभागों के 24 पद सीधी नियुक्ति के लिए गए हैं। खिलाड़ियों की बीडीओ, बीएसए, एडीआईओएस, डीएसपी, जिला युवा कल्याण अधिकारी, प्रादेशिक विकास अधिकारी, यात्री मालकर अधिकारी, क्षेत्रीय वन अधिकारी व नायब तहसीलदार के पदों पर सीधी भर्ती होगी।
पीआरडी जवानों का भत्ता बढ़ेगाः प्रांतीय रक्षक दल के 87 हजार से अधिक स्वयंसेवकों का मानदेय 600 रुपये/ महीने बढ़ेगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है।
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2 अप्रैल 2011, यह वही तारीख है जब टीम इंडिया ने 28 साल का सूखा खत्म कर वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। फाइनल मैच में भारत ने श्रीलंका को 6 विकेट से मात देकर यह मैच जीता था और इस मैच में भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद 91 रनों की मैच जिताऊ पारी खेली थी। धोनी को इस पारी की वजह से मैन ऑफ द मैच के अवॉर्ड से नवाजा गया था। वहीं पूरे टूर्नामेंट में धाकड़ परफॉर्मेंस देने वाले युवराज सिंह मैन ऑफ द सीरीज बने थे।
इन दोनों खिलाड़ियों का टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जीताने में अहम किरदार था, लेकिन विनिंग टीम के खिलाड़ी सुरेश रैना का कुछ और ही मानना है। रैना के अनुसार सचिन तेंदुलकर की कूलनेस इस वर्ल्ड कप जीतने का प्रमुख कारण थी।
सुरेश रैना ने खलीज टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में सचिन के बारे में बात करते हुए कहा, "वह बेहद कूल खिलाड़ी हैं। केवल उनकी ही वजह से हम विश्व कप जीत सके थे। "
रैना ने आगे कहा, "उन्होंने ही हर खिलाड़ी को एक कोच की तरह यह विश्वास दिलाया कि हम सब ऐसा कर सकते हैं। वह टीम के दूसरे कोच की तरह दिखाई पड़ रहे थे। "
बता दें, सचिन तेंदुलकर पूरे टूर्नामेंट में 9 मैचों में 482 रन बनाकर दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे थे। उन्होंने 53. 55 औसत और 91. 98 की स्ट्राइक रेट से ये रन बनाए थे।
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जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा का अधिकार के तहत अध्यनरत छात्रों की फीस पुनर्भरण के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इस पर 46 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। जानकारी के अनुसार सीएम अशोक गहलोत ने 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की थी। सीएम ने गत बजट में राज्य सरकार के खर्चे पर छात्राओं के लिए कक्षा 9 से 12वीं तक निजी विद्यालयों में निशुल्क शिक्षा जारी रखने का प्रावधान किया था। कक्षा 1 से 8 वीं तक का तो पहले से ही था।
वहीं अब इसी क्रम में छात्रों को भी कक्षा 1 से 12 तक आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश लेने पर निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री द्वारा वर्ष 2023-24 के बजट में इस संबंध में घोषणा की गई थी।
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वीर अर्जुन संवाददाता अलवर। राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर आज जिला स्तरीय समारोह ओसवाल माध्यमिक विधालय पांगण में आयोजित हुआ जिसमें नवीन मतदाताओं का फूलमालाओं के साथ स्वागत किया गया। समारोह को सम्बोधित करते हुए उपजिला निर्वाचन अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर पथम श्री नारायण सिंह ने कहा कि हर जागरुक रहकर अपने मताधिकार का पयोग करें तथा दूसरों को भी मताधिकार का पयोग करने के लिए पेरित करें । उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गये मतदाता परिचय पत्र अनेक अवसरों एवं योजनाओं तथा कार्यकमों मं लाभकारी सिद्घ होते हैं । उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह के आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य जागरुकता बढाने एवं 18 वर्ष की आयु वर्ग के ऊढपर के मतदाताओं को अपना परिचय पत्र बनाने के लिए पेरित करना हैं । समारोह में उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने अलवर ग्रामीण एवं अलवर शहरी विधानसभा क्षेत्रों में उत्कृष्ट एवं सराहनीय कार्य करने पर बूथ लेवल अधिकारी सुनील कुमार जैन,बाबू लाल शर्मा,पदीप जैन,रामजी लाल कौली,भाग चन्द वर्मा तथा कैलाश चन्द गूर्जर को स्मृति चिन्ह एवं जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा योग्यता पमाण पत्र देकर सम्मनित किया। समारोह में कु. सोनिका,अजय कुमार,संदीप कुमार,चर्चित,विकास कुमार,अजय कुमार सहित करीब 50 नवीन मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी फोटो पहचान पत्र देकर सम्मानित किया तथा मतदाताओं को लोकतंत्र में दृढ निष्ठा एवं निर्वाचन की गरिमा को बनाये रखने की शपथ दिलवाई गई। जनसुनवाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें -पेडणेकर -जिला कलक्टर आशुतोष ए. टी. पेडणेकर ने कहा कि विभागीय अधिकारी नियमित जनसुनवाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें और पाप्त जनसमस्याओं का सकारात्मक सोच के साथ निस्तारण करने को सर्वोच्च पाथमिकता दें। जिला कलक्टर आज जिला जन अभाव अभियोग निराकरण एवं सतर्कता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बैठक में पाप्त 18 पकरणो ंपर विचार-विमर्श कर 10 पकरणों का निस्तारण किया। उन्होंने थानागाजी के ग्राम समरा में एनीकट पदोरकाला में नरेगा कार्य के तहत जेसीबी द्वारा नींव की खुदाई एवं बिना सरपंच के हस्ताक्षर के एमआर जारी करने के पकरण में थानागाजी के विकास अधिकारी को निर्देश दिये कि आगामी बैठक से पूर्व इस पकरण पर कार्यवाही करते हुए निस्तारण करें ।
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हुआ था। उनका बाल्यकाल, यौवन तथा प्रौढ़ावस्था भी शहर ही में व्यतीत हुई थी । प्रकृति के यह कभी उपासक नहीं हुए। वन्य शोभा तो दूर इन्हें उद्यानादि का भी विशेष शौक न था । इनके पर्यटन के वृत्तांतों को देखने से स्पष्ट मालूम होता है कि इनमें पहाड़, जंगल, नदी आदि की शोभा निरीक्षण करने की रुचि बहुत कम थी । यही कारण है कि इनकी कृतियों में शुद्ध प्राकृतिक वर्णनों की बहुत कमी है । सत्य हरिश्चन्द्र में जिस गंगा का वर्णन किया गया है, वह गंगा काशी के विशालकाय घाटों के नीचे बहती हुई गंगा है, जिसमें उसके सहस्रों भक्तगण पाप-प्रक्षालनार्थ अवगाहन कर रहे हैं । वनस्थली के बीच में स्वच्छंद बहती हुई गंगा की जलधारा का वह वर्णन नहीं है। भारतेन्दु जी के गंगा जी के वर्णन में मनुष्य की कृति हो का उल्लेख अधिक हुआ है, देखिए -
नव उज्जल जलधार, हार हीरक सी सोहति । बिच बिच छहरति बूंद, मध्य मुक्ता मनि पोहति ॥ लोल लहर लहि पवन, एक पैं इक इमि जिमिनर-गन मन बिबिध मनोरथ करत मिटावत ।। कासी कहँ प्रिय जानि, ललकि भेंट्यो जग धाई । सपनेहू नहिं तजी, रही अंकम लपटाई ॥
कहूँ बँधे नव घाट उच्च
गिरिवर सम सोहत ।
कहुँ छतरी, कहुँ मढ़ी
बढ़ी मन मोहत जोहत ॥
मधुरी नौबत बजत, कहूँ नारी नर गावत । वेद पढ़त कहुँ द्विज, कहुँ जोगी ध्यान लगावत ॥ कहुँ सुन्दरी नहात बारि कर जुगल उछारत । जुग अंबुज मिलि मुक्त गुच्छ मनु सुच्छ निकारत ।। दीठि जहीं जहँ जात रहत तितही ठहराई । गंगा छबि 'हरिचन्द' कछू बरनी नहिं जाई ।
चंद्रावली नाटिका में भी ललिता सखी द्वारा यमुना जी का वर्णन
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यवतमाल. अवधूत वाडी पुलिस थाना क्षेत्र में आने वाले उमर्सरा के प्रेरणा नगर सहस्त्रबुद्धे लेआउट में एक बंद घर को अज्ञात चोरों ने निशाना बनाते हुए नकद व आभूषण सहित ₹40,000 के माल पर हाथ साफ कर दिया. मिली जानकारी के अनुसार उमर्सरा के सहस्त्रबुद्धे लेआउट निवासी पुष्पा जाधव अपने घर के दरवाजे को ताला लगाकर बाहर गांव गई थी.
इसका फायदा उठाते हुए अज्ञात चोर ने बंद घर के दरवाजे को लगा ताला तोड़कर भीतर प्रवेश करते हुए अलमारी खोलकर नकद 10 हजार रुपयों व 9 ग्राम सोने की अंगूठी सहित ₹40,000 का माल उड़ा लिया. घर लौटने पर महिला को घर में चोरी होने के बाद पता चली. महिला ने तुरंत अवधूत वाडी पुलिस थाना पहुंचकर चोरी की शिकायत दर्ज कराई.
वही बंद घर में सेंधमारी की घटना लोहारा थाना क्षेत्र में सामने आई है. दारवा रोड स्थित रेवती होटल के पीछे तोरणा हाइट प्लॉट नंबर 204 में रहने वाले सुबोध लोनकर बीते 24 दिसंबर को अपने घर के दरवाजे को ताला लगाकर बाहर गांव गए हुए थे. इसी बात का फायदा उठाते हुए अज्ञात चोर ने बंद घर के दरवाजे का ताला तोड़कर भीतर प्रवेश कर चांदी का करंडा, ग्लास, मोबाइल, पावर बैंक, हेडफोन सहित 10 हजार 500 रुपयों के माल पर हाथ साफ कर दिया. लोहारा पुलिस ने अज्ञात चोर के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
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ली जाती है। उसी हद तक संचित वार्षिक छुट्टी को बढ़ाना एवं इसी प्रकार की समान परिस्थितियों के अंतर्गत के प्रशासनिक प्राधिकारी के आदेश के अंतर्गत प्राधिकृत किया जाएगा सिवाय स्वयं बीमारी के कारण और गोरखा के संदर्भ में छुट्टी बढ़ाने के मामले में जो कि कमान अफसर द्वारा विचार किया जाएगा।
लंबी छुट्टी- गोरखा नौसैनिक
(क) गोरखा नौसैनिक जो नेपाल के निवासी हो, नौसैनिक जो भूटान के राष्ट्रीय निवासी हों उनकी वार्षिक छुट्टी इस प्रकार प्रदान की जाएगीः(i)
एक कैलेंडर वर्ष में साठ दिनों की छुट्टी या
बीमारी छुट्टी के समायोजन के उद्देश्य से ली गई वार्षिक छुट्टी की अवधि से घटाए दूसरे वर्ष में एक से बीस दिनों के संचित वार्षिक अवकाश या अवधि से अधिक समय की छुट्टी के विनियमन के लिए या पूर्वगामी वर्ष की छुट्टी की स्वीकृति के लिए बशर्ते वार्षिक छुट्टी तीस दिनों से अधिक न हो । तथापि, संचय का कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होगा यदि पिछले वर्ष के दौरान ली गई वार्षिक छुट्टी तीस दिनों से अधिक हो ।
दो वर्ष के कमांडर वर्षों के ब्लॉक में नौसैनिकों को ड्यूटी स्टेशन से लीव स्टेशन और गृह स्टेशन से ड्यूटी स्टेशन तक अतिरिक्त यात्रा के लिए अतिरिक्त छुट्टी दी जाएगी।
यदि कोई नौसैनिक अपने ड्यूटी स्टेशन से गृह स्टेशन और वापसी में छह दिन का समय व्यतीत करता है तो उसे दो दिनों की अतिरिक्त छुट्टी दी जाएगी बशर्ते उसने दो वर्षों के उसी ब्लॉक में ऐसी अतिरिक्त छुट्टी न ली हो, ब्लॉक जो कि 1965-66, 1967-68 और इसी तरह नए भर्ती हुए नौसैनिकों के मामले में दो वर्षों का ब्लॉक उस वर्ष से प्रारंभ होगा जिसमें वे वार्षिक छुट्टी पहली बार पाने के पात्र होंगे।
बीमारी की छुट्टी
बीमारी की छुट्टी की कोई सीमा नहीं होगी किंतु यह एक निश्चित अवधि तक सीमित होगी जिस अनुमानित समय में वह कार्मिक ड्यूटी करने के लिए फिट हो पाएगा।
सिक बे/सर्विस में बीती स मस्त अवधि अथवा किसी मान्यताप्राप्त सिविल अस्पताल में उपचार के लिए बिताए समय को ड्यूटी पर माना जाएगा
उप-विनियम के ये प्रावधान उन व्यक्तियों पर लागू होंगे जो ड्यूटी के दौरान बीमार पड़ते हैं।
सिक बे/अस्पताल से डिस्चार्ज करने के बाद, बीमारी की छुट्टी सर्विस चिकित्सीय प्राधिकारी की अनुशंसा पर दी जा सकती है। बीमारी की छुट्टी को सक्षम मेडिकल बोर्ड की अनुशंसा पर बढ़ाया जा सकता है बशर्ते अस्पताल से डिस्चार्ज पर कसी नौसैनिक की अनुशंसित बीमारी छुट्टी की शुरुआत अस्पताल से डिस्चार्ज होने की तारीख के अगली तारीख से चाहे वह सीधे घर जा रहा हो या वाया पोत या स्थापना के।
उस नौसैनिक के मामले में जो ऐसी छुट्टी के दौरान सैन्य अस्पताल में भर्ती हो एवं बीमारी के आधार पर जिसमें वह मूलतः सिक बे/अस्पताल में ड्यूटी के दौरान भर्ती हुआ हो, सिक बे/अस्तपाल से डिस्चार्ज पर उसे मिली बीमारी छुट्टी अवधि से अधिक समय की छुट्टी की अवधि को पूर्ण वेतन एवं भत्ते सहित बीमारी की छुट्टी माना जाएगा जो कि बीमारी की छुट्टी की समापन तारीख से ड्यूटी के लिए फिट घोषित किए जाने की तारीख से होगा।
(घ) यदि अपनी बीमारी के कारण से किसी नौसैनिक को वार्षिक छुट्टी पर अवधि से अधिक समय पर छुट्टी पर रहने के लिए बाध्य होना होता है और अपने घर पर उपचार कराता है तो उसे अधिकतम तीस दिनों की ऐसी अवधि से अधिक समय की छुट्टी (गोरखा के मामले में साठ दिनों तक) की अवधि को कमान अफसर द्वारा पूरे वेतन और भत्तों सहित बीमारी छुट्टी माना जाएगा, यदि वह आवश्यकतानुसार ऐसी जांच के बाद मामले की विश्वसनीयता से संतुष्ट हो ।
(i) गोरखा से इतर नौसैनिकों के मामले में साठ दिनों की अवधि से अधिक छुट्टी को नीचे उल्लिखित प्राधिकारी द्वारा विनियमित किया जाएगा यदि वह आवश्यक जांच करने के बाद वह मामले की विश्वसनीयता के बारे में
आश्वस्त हो एवं इसमें वह प्रथम तीस दिनों की बीमारी छुट्टी को पूरे वेतन एवं भत्ते सहित एवं शेष तीस दिनों को नौसैनिक के आगामी वर्षों की वार्षिक छुट्टी की हकदारी को निम्न रूप से समायोजित करेगाः544
(कक) कैप्टन या उससे ऊपर के रैंक के पोत के कमान अफसर यदि पोत का कोई स्कवाडून सीनियर न हो। किंतु यदि कमान अफसर कमांडर या इससे नीचे के रैंक का हो तब वह प्रशासनिक प्राधिकारी जिसके प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आने वाले पोत की बुक्स में इन नौसैनिकों का नाम दर्ज हो ।
(कख) स्कवाडून के सीनियर अफसर यदि कमांडर या उनसे ऊपर के रैंक उन नौसैनिक के संदर्भ में जिनका नाम उसके स्कवाडून के पोत की बुक्स में दर्ज हो ।
(कग) प्रशासनिक प्राधिकारी, यदि सीनियर उपस्कर कमांडर के रैंक 261 से नीचे हो उन नौसैनिकों के संदर्भ में उस स्कवाड्रन की पोत की बुक्स में नाम दर्ज हो ।
(कघ) तटीय स्थापना के कमान अफसर, उन नौसैनिकों के संदर्भ में जिनका नाम स्थापना की बुक्स में दर्ज हो ।
स्पष्टीकरण उन मामलों में जहां अवधि से अधिक समय की छुट्टी की अवधि आगामी वर्ष की वार्षिक छुट्टी की हकदारी के बदले समायोजित किए जाने की आवश्यकता है, उस वर्ष की वार्षिक छुट्टी को आवश्यक समायोजन पूरा करने के लिए आनुपातिक रूप से इस्तेमाल किया जाना माना जाएगा। आगामी वर्ष में अनुकंपा आधार पर छुट्टी प्रदान करना, यदि आवश्यक हो तो विनियम 48 के अंतर्गत व्यवहार किया जाएगा। साठ दिनों से अधिक अवधि से अधिक छुट्टी के सभी मामले आर्डर हेतु कार्मिक प्रमुख को भेजे जाएंगे।
सिक बे/अस्पताल से डिस्चार्ज के बाद या बीमारी के कारण अवधि से अधिक छुट्टी की अवधि को या वार्षिक या वार्षिक छुट्टी संचित वार्षिक
छुट्टी से घटाया जाएगा और कोई एक्सेस यदि हो तो उसे बीमारी छुट्टी माना जाएगा।
(च) (i) उन नौसैनिकों द्वारा वार्षिक / संचित वार्षिक छुट्टी का ओवर स्टेयल जो बीमार पड़ जाते हैं और ऐसे छुट्टियों की अवधि के दौरान यदि मिलिटरी अस्पताल में भर्ती होते हैं तो उन्हें पूरे वेतन और भत्ते सहित वार्षिक / संचित वार्षिक छुट्टी की समापन की तारीख से अस्पताल से डिस्चार्ज की तारीख तक बीमारी छुट्टी माना जाएगा। ऐसी बीमारी छुट्टी तब ही स्वीकार्य होगी यदि अफसर कमांडिंग मिलिटरी अस्पताल यह प्रमाणित करता है कि बीमारी अथवा चोट कर्मी की अपनी गलती से नहीं हुई है और कर्मी सैन्य ड्यूटी को निभाने के लिए कुछ अवधि के उपचार के बाद पुनः फिट हो जाएगा।
ऐसे नौसैनिक जो बीमार पड़ने पर मिलिटरी अस्पताल में भर्ती हुए हैं और आकस्मिक अवकाश की अवधि के दौरान की अवधि को बीमारी छुट्टी के रूप में माना जाएगा जिसमें पूर्ण वेतन एवं भत्ते शामिल होंगे बशर्ते उपर उल्लिखित उप विनियम (छ) (i) शर्ते पूरी हों। अस्पताल में भती की तारीख से पहले ली गई आकस्मिक अवकाश की अवधि इस वर्ष की वार्षिक छुट्टी मानी जाएगी, यदि देय हो, अन्यथा उसे अगले वर्ष की वार्षिक छुट्टी की हकदारी माना जाएगा। यदि कार्मिक को भविष्य में कार्मिक की सेवानिवृत्ति/सेवामुक्ति के कारण कोई वार्षिक छुट्टी नहीं दी जाती, तो उसके द्वारा ली गई आकस्मिक छुट्टी बिना वेतन एवं भत्ते की असाधारण छुट्टी मानी जाएगी।
(iii) नौसैनिकों के संबंध में उपविनियम (च) (i) और (ii) में उल्लिखित है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने पर स्वीकृत अवकाश की अवधि को उनके वार्षिक या उनके द्वारा संचित वार्षिक अवकाश से काटा जाएगा यदि इसके अतिरिक्त भी कोई अवकाश हो तो उसे भी पूर्ण वेतन और भत्तों सहित अस्वस्थता अवकाश की श्रेणी में रखा जाएगा। बशर्ते कि अस्पताल से छुट्टी होने पर नौसैनिक के स्वीकृत अवकाश की अवधि की शुरुआत अस्पताल से छुट्टी होने के दिन से अगले दिन से ही होगी। चाहे वह सीधे घर के लिए प्रस्थान करे या फिर पोत अथवा स्थापना से होकर जाए।
(iv) ऐसे नौसैनिकों के मामले में जिन्हें इस उपविनियम के अंतर्गत प्रदान की गई अस्वस्थता छुट्टी या बाद में प्रदान की गई अस्वस्थता छुट्टी की अवधि के दौरान दुबारा मिलटरी अस्पताल में भर्ती किया गया है उनकी अस्वस्थता छुट्टी को उनके
वार्षिक या संचित अवकाश के खाते से काटा जाएगा। इस छुट्टी की समाप्ति की तारीख अस्पताल में भर्ती होने की अवधि यदि इसके अतिरिक्त भी कोई अवकाश है तो इसका भी पूर्ण वेतन और भत्ते सहित उपरोक्त खंड (i) में उल्लिखित शर्तों के अनुसार अस्वस्थता अवकाश माना जाएगा।
(v) चिकित्सीय जांच और ड्यूटी के लिए फिट पाए जाने के लिए अस्वस्थता छुट्टी की समाप्ति की तारीख से अस्पताल में भर्ती होने की अवधि को पूर्ण वेतन और भत्तों सहित अस्वस्थता छुट्टी माना जाएगा।
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रोहित शर्मा का आशियाना मुंबई के वर्ली में स्थित आहूजा अपार्टमेंट्स में है। 6,000 स्क्वायर फीट में बना ये अपार्टमेंट सभी सुख-सुविधाओं और लक्जरी से लेस है। रोहित का घर बिल्डिंग के 29वें फ्लोर पर है। इसमें 4 किंग साइज बेडरूम, हॉल और किचन है।
रोहित शर्मा ने ये घर अपनी सगाई के बाद साल 2015 में 30 करोड़ में खरीदा था। शादी के बाद से रोहित और रितिका इसी घर में रह रहे हैं। इस घर की बालकानी से अरब सागर का सुंदर नजारा दिखता है।
इस घर में सबको बराबर का दर्ज दिया गया है। इसलिए घर की नेम प्लेट पर सिर्फ रोहित शर्मा का नाम नहीं बल्कि उनकी वाइफ रितिका और बेटी समायरा का नाम भी लिखा है।
रोहित और रितिका का घर बेहद लग्जीरियस है। कमरों में खास तरह की डिजाइनिंग की गई है। ऊपर लगा झूमर रूम की शोभा बढ़ाता हैं। वहीं बड़ी सी कांच की खिड़की से पूरा समुद्र दिखाता है।
रोहित शर्मा और रितिका के इस घर का इंटीरियर बेहद ही क्लासिक है। उन्होंने सिंगापुर के पालमर एंड टर्नर आर्किटेक्ट्स से अपना फ्लैट डिजाइन करवाया था।
रोहित शर्मा, उनकी बेटी समायरा और पत्नी रितिका को कई बार उनका बालकनी में देखा जाता हैं। वे अक्सर अपने परिवार के साथ इसी जगह क्वॉलिटी टाइम स्पेंड करते हैं। वे बताते हैं, कि समायरा को ये जगह बेहद पसंद है।
घर के साथ-साथ रोहित के फ्लैट के वॉशरूम भी काफी सुंदर तरीके से डिजाइन किए गए है। बाथ टब से लेकर यहां सारी लग्जीरियस चीजें हैं।
आहूजा अपार्टमेंट्स की लक्जरी सुविधाओं में एक क्लब हाउस और एंटरटेंमेंट एरिया शामिल हैं। इसके अलावा स्पा, जकूज़ी, मिनी थियेटर, योग रूम, सिगार रूम, वाइन सेलर और एक बिजनेस एरिया भी है।
53 मंजिला आहूजा टावर्स ने कई अवार्ड जीते हैं, जिसमें एशिया पैसिफिक अवार्ड्स 2011 में 'बेस्ट हाई राइज आर्किटेक्चर कैटेगरी' में 5 स्टार अवार्ड इस बिल्डिंग को मिला है। ये बिल्डिंग दिखने में भी बहुत खूबसूरत हैं।
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जम्मू के राजौरी सेक्टर में सेना के वाहन में आग लग गई. इसमें पांच जवान शहीद हो गए. भिम्बर गली और पुंछ के पास दोपहर तीन बजे यह घटना हुई है. आग लगने की वजह अज्ञात आतंकियों की गोलाबारी है. आशंका है कि आतंकियों ने ग्रेनेड का इस्तेमाल किया है. भारी बारिश और लो विज़िबिलिटी का फायदा उठाकर आतंकियों ने फायरिंग की. इस वजह से सेना की गाड़ी में आग लगी और आग की वजह से सेना के पांच जवान शहीद हो गए. एक जवान गंभीर रूप से घायल हैं. उन्हें राजौरी के सेना अस्पताल में भर्ती कराया गया है. आतंकियों की तलाश में ऑपरेशन जारी है.
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जब बर्फ की एक युवती मरुभूमि में एक युवक से मिलती है तो ..
तो जो घटनाएँ घटती है , वह क्या है युवती तस्वीर पत्रकार है तो युवक चित्रकार। दोनों के बीच होते संघर्ष, करी के संघर्ष, विचारों के संघर्ष सब सामने आ जाए हैं। और जब युवती मुस्लिम हो तथा युवक जन्म से हिन्दू किन्तु नास्तिक हो तो पढे और अनुभव करें।
जब बर्फ की एक युवती मरुभूमि में एक युवक से मिलती है तो ..
तो जो घटनाएँ घटती है , वह क्या है युवती तस्वीर पत्रकार है तो युवक चित्रकार। दोनों के बीच होते संघर्ष, करी के संघर्ष, ...और पढ़ेके संघर्ष सब सामने आ जाए हैं। और जब युवती मुस्लिम हो तथा युवक जन्म से हिन्दू किन्तु नास्तिक हो तो पढे और अनुभव करें।
वफ़ाई ने घूमकर अपने नगर को देखा। पूरा नगर हिम की चादर में लपेटा हुआ था। पूरी तरह से श्वेत था नगर। केवल श्वेत रंग, बाकी सभी रंग अद्रश्य हो गए थे। मकानों के मूल रंग हिम की श्वेत ...और पढ़ेमें कहीं छुप गए थे। लंबे क्षणों तक वह नगर को देखती रही। उसने अपनी आँखें क्षण भर बंध की और फिर खोल दी। उसने केमरे को निकाला और नगर की असंख्य तस्वीरें लेने लगी। कभी दूर से, कभी समीप से, कभी इस कोने से तो कभी उस कोने से, संभवित प्रत्येक कोने से तस्वीरें ली। एक विडियो उतारा।
वफ़ाई सावधानी से पहाड़ी मार्ग, जो अभी भी हिम से भरा था, पर जीप चला रही थी। मार्ग घुमावदार और ढलान वाला था। हिम के कारण फिसलन भी थी। फिर भी वह अपने मार्ग पर चलती रही। पाँच घंटे ...और पढ़ेयात्रा के पश्चात वह सीधे और साफ मार्ग पर थी। आकाश साफ था, धूप निकल आई थी। हिम कहीं पीछे छूट गया था। हवा में उष्णता थी। उसे यह वातावरण अच्छा लगा। कोने की एक होटल पर वह रुकी। चाय के साथ थोड़ा कुछ खाना खाया। गरम चाय ने वफ़ाई में ताजगी भर दी, थकान कहीं दूर चली गई।
वफ़ाई ने खींची हुई तसवीरों को केमरे में देखा। वह निराश हो गई। केमरे से बातें करने लगी, "जानु, तुमने यह क्या कर दिया? सभी तस्वीरें एक सी लगती है। मैं उसे हटा देती हूँ।" वफ़ाई तसवीरों को हटाने ...और पढ़ेदो चार तस्वीरें हटाने के बाद वफ़ाई ने अपना निर्णय बदल दिया। सभी तसवीरों को बचा के रख लिया। मरुभूमि की दूसरी रात भी वफ़ाई ने उसी घर में बिता दी। और दो दिवस वफ़ाई मरुभूमि में घूमती रही किन्तु पहले दो दिनों की भांति वह निराश ही रही। ना कोई मिला उसे ना कोई घटना घटी। तीसरी और चोथी रात्रि भी वफ़ाई ने उसी घर में बिताई। चार दिवस मरुभूमि में घूमने से जो अनुभव मिले उसे वफ़ाई लिखने लगी।
"दिखाओ तुमने कैसी तस्वीरें ली है।"जीत वफ़ाई की तरफ मुडा। वफ़ाई ने केमरा खोल दिया। तस्वीरें दिखने लगी.... जीत, चित्राधार, उस पर केनवास, केनवास पर चित्र, चित्र में बादल, गगन के रंग, दूर क्षितिज में सूरज। चित्राधार के पीछे ...और पढ़ेगगन एवं तस्वीर का गगन एक समान थे। यह बात अदभूत थी। तस्वीरें जीत को पसंद तो आई किन्तु वह प्रसन्न नहीं था। उसने फिर से वफ़ाई से केमरा खींचा और सारी तस्वीरें केमरे से हटा कर लेपटोप में डाल दी। वफ़ाई ने ना तो विरोध किया ना विद्रोह। वह बस देखती रही। उसने मन में कुछ योजना बना ली।
मरुभूमि मौन थी। हवा मौन बह रही थी, मौन गगन देख रहा था, बादल भी मौन यात्रा कर रहे थे, रेत मौन पड़ी थी, मार्ग मौन थे, पंखी भी मौन उड़ रहे थे। सब कुछ मौन था, शांत था। ...और पढ़ेदोनों के मन अशांत थे। दोनों बात करना चाहते थे, एक दूसरे को जानना चाहते थे किन्तु कोई भी बात नहीं कर रहा था। दोनों प्रतीक्षा कर रहे थे कि सामनेवाला बात प्रारम्भ करे। दोनों मौन थे अतः दोनों अशांत थे। दोनों चित्र को बिना किसी उद्देश्य से देख रहे थे। चित्र शांत एवं मौन था। किन्तु चित्र में बसे आकार शांत नहीं थे, वह कुछ कह रहे थे।
"जीत, एक और बात। प्रत्येक कलाकार विशेष होता है, प्रत्येक कला विशेष होती है। दो चित्रकार अथवा दो सर्जक भी भिन्न होते हैं, विशेष होते हैं। यदि दोनों एक सी कला को प्रस्तुत करेंगे तो भी वह भिन्न भिन्न ...और पढ़ेसे और विशेष रूप से करेंगे। जैसे सब कुछ एक दूसरे से भिन्न और विशेष है, वैसे ही तस्वीर कला भी अन्य कला से भिन्न है।" "किन्तु तस्वीर कला...' "जीत, दो तसवीरकार भी भिन्न है, विशेष है। यदि एक ही क्षण पर एक ही द्र्श्य की तस्वीर को एक ही कोने से मैं और तुम लेते हैं तो भी दोनों भिन्न सर्जन होंगे। और तुम कहते हो..." वफ़ाई अविरत रूप से बोलती रही।
"वफ़ाई, तुम अधिक बोलती हो। क्या तुम चुप नहीं रह सकती?" जीत ने वफ़ाई के प्रति क्रोध से देखा। वफ़ाई ने मीठे स्मित से जवाब दिया। पिछली रात से ही जीत ने मौन बना लिया था जो भोर होने ...और पढ़ेभी बना हुआ था। वफ़ाई उसे बारंबार तोड़ रही थी। प्रत्येक बार जीत ने उसकी उपेक्षा की थी। पिछले पाँच घंटों में वफ़ाई ने सत्रहवीं बार मौन भंग करके दोनों के बीच टूटे हुए संबंध को जोड़ने का प्रयास किया था किन्तु जीत कोई रुचि नहीं दिखा रहा था। वफ़ाई हिम को पिघला ना सकी। तपति दोपहरी हो गई।
जीत अभी भी गहरी नींद में सोया हुआ था। दिलशाद ने खिड़की खोल दी। एक पूरा टुकड़ा आकाश का खिड़की का अतिक्रमण कर दिलशाद की आँखों में उमड़ गया जो अपने साथ बर्फीली हवा के टुकड़े भी लाया था। ...और पढ़ेके उस पार था पहाड़ों का जंगल।
सूरज निकल आया था। पहाड़ों के ढलान पर जमी हिम पर यात्री अपने अपने आनंद में व्यस्त हो गए थे। मन तो करता है कि दौड़ जाऊँ हिम के बीच। पर यह जीत, अभी भी सो रहा है। मैं क्या करूँ?
दिलशाद ने जीत को देखा। वह सो रहा था। दिलशाद ने अपनी इच्छा को भी सुला दिया। प्रतीक्षा करने लगी, जीत के जागने की।
"जीत, चलो मैं मान लेती हूँ कि गेलिना यहाँ आई थी और उसने तुम्हें चित्रकला सिखाई।" "हाँ, वह आई थी, यहाँ, इस घर में। इस कक्ष में, इस मरुभूमि में वह आई थी। उसे झूला झूलना पसंद था। वह ...और पढ़ेझूले पर झूलती थी। वहाँ, जहां अभी तुम बैठी हो वहीं वह बैठती थी। यह झूला उसे...।" "इस झूले पर? इस स्थान पर? कितना मधुर होगा वह समय?" वफ़ाई प्रसन्न हो गई। "हाँ, वह चार दिवस मधुर थे। वह समय अदभूत था।" "किन्तु मेरा दूसरा निष्कर्ष अभी भी कह रहा है कि तुम मेरा चित्र बना सकते हो। बस,
वफ़ाई के मन में दुविधा जन्मी। जीत क्यों उस व्यक्ति के शोक में इतना गहन डूब गया है जो व्यक्ति से ना तो उसका कोई संबंध था ना ही वह उसके साथ अधिक समय तक रही थी? वफ़ाई इस ...और पढ़ेका उत्तर पाने का व्यर्थ प्रयास करती रही। "जीत, तुम गेलिना की मृत्यु पर इतने गहन शोक में क्यों डूब गए हो? क्या संबंध था तुम्हारा उसके साथ?" अंततः वफ़ाई ने धैर्य खोकर पुछ लिया। "वफ़ाई, वह तुम नहीं समझोगी। मैं स्वीकार करता हूँ कि गेलिना से मेरा कोई संबंध नहीं था। किन्तु, फिर भी किसी नाम, किसी व्याख्या,
37 एक सुंदर प्रभात के प्रथम प्रहार ने सो रहे जीत को जगा दिया। वह झूले से उठा। गगन को देखा। अभी भी थोड़ा अंधकार वहाँ रुका हुआ था। चंद्रमा स्मित कर रहा था। जीत ने चंद्रमा को स्मित ...और पढ़ेजीत को अच्छा लगा। जीत ने चिंता नहीं की कि चंद्रमा ने उसके स्मित का क्या उत्तर दिया। वह सीधे चित्राधार के समीप गया और अपूर्ण रहे चित्र को पूरा करने में व्यसत हो गया। "क्या तुम अपूर्ण हो?" जीत ने चित्र को पूछा। "थोड़े से रंग भर दो मुझ में, मैं पूर्ण हो जाऊंगा।" जीत उसमें रंग भरने लगा।
38 "तुम मुझे चित्रकला कब सिखाओगे?" वफ़ाई ने पूछा। "वफ़ाई, मुझे विस्मय है कि तुम अभी भी सीखना चाहती हो।" "मैं मेरा वचन पूर्ण करना चाहती हूँ।" "तुम उतावली हो रही हो।" "कोई संदेह, जीत?" "जिस से ...और पढ़ेयहाँ से अति शीघ्र भाग सको।' "मैं ना तो यहाँ से, ना ही तुम से भागने वाली हूँ।" "तो इतनी अधीर क्यों हो? इतनी उतावली क्यों हो? तुम्हारे पास भी समय नहीं बचा क्या?" "मैं? नहीं तो? किन्तु मुझे ज्ञात है कि तुम्हारे पास समय नहीं बचा है।" "मैं नहीं जानता।" जीत ने गहरी सांस ली। "तुम भली भांति जानते हो,
47 "गाँव को छोड़ने के पश्चात पहली बार किसी पर्वत को देख रही हूँ। हे काले पर्वत, तुम अदभूत हो।" वफ़ाई काले पर्वत से मोहित हो गई। वह किसी भिन्न जगत में चली गई। जीत ने उसे ...और पढ़ेजगत में रहने दिया। "जीत, जीप की गति बढ़ाओ ना। मैं शीघ्र ही...।" वफ़ाई लौट आई इस जगत में। "वफ़ाई, पर्वत पर पहोंचने से पहले पर्वत के प्रत्येक कण की अनुभूति तुम ले सको इसी लिए मैं जीप धीरे धीरे चला रहा हूँ।" जीप धीरे धीरे पर्वत के निकट जा रही थी। पर्वत वफ़ाई में धीरे धीरे उतर रहा था। "जीत,
47 "गाँव को छोड़ने के पश्चात पहली बार किसी पर्वत को देख रही हूँ। हे काले पर्वत, तुम अदभूत हो।" वफ़ाई काले पर्वत से मोहित हो गई। वह किसी भिन्न जगत में चली गई। जीत ने उसे ...और पढ़ेजगत में रहने दिया। "जीत, जीप की गति बढ़ाओ ना। मैं शीघ्र ही...।" वफ़ाई लौट आई इस जगत में। "वफ़ाई, पर्वत पर पहोंचने से पहले पर्वत के प्रत्येक कण की अनुभूति तुम ले सको इसी लिए मैं जीप धीरे धीरे चला रहा हूँ।" जीप धीरे धीरे पर्वत के निकट जा रही थी। पर्वत वफ़ाई में धीरे धीरे उतर रहा था। जीत,
50 रात के अंधकार में घर की भीत से परे देखते हुए जीत स्वयं से बातें कर रहा था। वहाँ अंधकार है। क्या यह रात्री के कारण है? दिवस के प्रकाश में भी तो वहाँ....। वह अंधकार नहीं एकांत ...और पढ़ेहै। क्या अंतर है अंधकार तथा एकांत में? दोनों स्थिति में रंग एवं प्रकाश का कोई अर्थ नहीं होता। तुम उस बिन्दु को क्यों देखते हो जो एकांत से भरा है? अंधकार से भरा है? जहां सब कुछ स्थिर है? तो? कहाँ देखूँ? घर के अंदर, भीत के इस तरफ झाँको। जहां वफ़ाई है। जहां साथी है। जहां प्रकाश है।
51 नींद से उठकर वफ़ाई द्वार पर खड़ी हो गई। बाहर अभी भी रात्रि का साम्राज्य था। सब कुछ शांत था, स्थिर था। रात्रि धीरे धीरे गति कर रही थी। वफ़ाई ने झूले को देखा। जीत वहाँ ...और पढ़ेथा। "जीत सोया नहीं? अथवा जाग गया? ऐसा क्यों?" वफ़ाई मन ही मन बोली। वफ़ाई ने घड़ी देखि। रात्रि अधिक व्यतीत हो गई थी। आधी से अधिक रात्रि बीत चुकी है किन्तु जीत जाग क्यों रहा है? वह कोई गहन चिंतन में है अथवा चिंता में? कुछ क्षण मैं जीत को देखती हूँ। समझ में तो आए कि बात क्या है?
60 वफ़ाई झूले के निकट एक क्षण के लिए रुकी। झूले को पूरी शक्ति से धकेला और कूदकर झूले पर चढ़ गई, खड़ी हो गई। झूला गति में आ गया, वफ़ाई भी। वफ़ाई के दोनों हाथ पूरे खुले हुए ...और पढ़ेजो झूले के दोनों तरफ फैले सरिये को पकड़े हुए थे। जीत ने वफ़ाई को ऊपर से निचे तक देखा। सर पर तोलिया था जिस के अंदर उसके पूरे केश कैद थे। पानी की कुछ बूंदें गालों पर टपक रही थी। लहराते झूले के कारण कुछ बूंदों ने विद्रोह कर दिया और गालों को छोड़ कर हवा में उड़ने लगी,
62 द्वार पर वफ़ाई खड़ी थी। वह जीत को ही देख रही थी। जीत चौंक गया। कब से वफ़ाई यहाँ खड़ी होगी? क्या वह मेरे अंदर चल रहे द्वंद को देख रही होगी? जीत ने अपने आप ...और पढ़ेदेखा। उसके दोनों हाथों की मुट्ठी अभी भी बंध थी। दाहिना हाथ हवा में उठा हुआ था। एक विचित्र मुद्रा थी वह। जीत ने अपने उठे हुए हाथ को नीचे किया, हाथ की मुट्ठियाँ खोल दी, सीधा खड़ा हो गया। वफ़ाई को देखने लगा। उसकी आँखों में एक आभा थी, होठों पर स्मित था। भिन्न सी आभा, भिन्न सा स्मित!
65 मैं बार बार क्यूँ अकेला हो जाता हूँ? जब भी कोई मेरा साथी बन जाएगा ऐसी अपेक्षा जागती है तब ही वह मुझसे बिछड़ जाता है। यह कैसा खेल है मेरे साथ, ए जिंदगी तेरा? किन्तु ...और पढ़ेअकेलापन तो तुमने ही पसंद किया था। तुम ही तो चले आए थे इस मरुभूमि में। तो अब क्या हो गया? मेरे इस अकेलेपन को क्यूँ भंग कर देता है मेरा भाग्य? क्यूँ बार बार कोई आशा जगा कर चला जाता है? ना तो तुम अकेले हो और ना ही कोई तुम्हें छोड़ कर गया है। तो यह क्या है?
66 संध्या ढलने को थी। समय, एक लंबी यात्रा करके सूरज को पश्चिम दिशा तरफ ले जा रहा था। जीत ने आँखें खोली तब गगन के रंग बदल गए थे। स्वच्छ नीले गगन पर कहीं कहीं सफ़ेद हिम जैसे ...और पढ़ेकी टोली घूम रही थी। कोई पंखी दूर दूर उन बादलों को स्पर्श करने की अपेक्षा लिए ऊंचे, अधिक ऊंचे उड़ रहा था। जीत की द्रष्टि ने उस पंखी का पीछा किया। पंखी अत्यंत ऊपर तक जा पहुंचा, जीत की द्रष्टि भी। कुछ क्षण तक वह उस ऊंचे उड़ते पंखी को, भागते बादलों को, रंग बदलते गगन को देखता रहा।
83 प्रतीक्षा समाप्त हुई। डॉक्टर गिब्सन शस्त्रक्रिया कक्ष से बाहर आए। सभी की अधीर आँखें डॉक्टर की तरफ घूमी, अनेक प्रश्नार्थ लेकर। वफ़ाई के मन में विचार चल रहे थे, वह स्वयं से बातें करने लगी। ...और पढ़ेकोई अधीरता नहीं दिखाउंगी। कोई उत्सुकता नहीं दिखाउंगी। मैं अपने वचन का पालन करूंगी। मुझे डॉक्टर की आँखों के संकेत को पढ़ना होगा। मैं उसकी आँखों में देखती हूँ। डॉक्टर की आँखें भावशून्य क्यों है? उसमें कोई संकेत क्यों नहीं है? अथवा कोई संकेत है भी तो मैं उसे क्यों पढ़ नहीं पाती? मुझे यह आँखें दुविधा में डाल रही है।
86 "वफ़ाई, तुम यहाँ हो?" इन शब्दों ने मृत से चारों शरीरों में जीवन का संचार कर दिया। चारों ने ध्वनि की दिशा में देखा। दिलशाद, नेल्सन तथा जीत उस अपरिचित से व्यक्ति को देखते रहे, परिचय ...और पढ़ेकोई अंश खोजते रहे। वफ़ाई उन्हें देखकर विचलित हो गई। उसके मन में अनेक भाव उठने लगे, अनेक प्रश्न उठने लगे। वफ़ाई बहुत कुछ कहना चाहती थी, अंदर से खाली हो जाना चाहती थी किन्तु वह मौन रही। "वफ़ाई, चलो मेरे साथ। कुछ ही क्षणों में हमें लौटना है।" उस युवक ने कहा। वफ़ाई के धैर्य का बांध टूट गया,"नहीं बशीर।
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वॉशिंगटन, 28 अगस्त (एपी) अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में आत्मघाती बम विस्फोट में 13 अमेरिकी सैनिकों और 170 से अधिक अफगानों के मारे जाने के बाद अमेरिका के सुरक्षा बल जहां मंगलवार तक अपने नागरिकों को बाहर निकालने के लिए प्रयासरत हैं वहीं विशेषज्ञ वहां के खून-खराबे को अमेरिकी हार का नतीजा बताते हैं। अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़े युद्ध के बाद अमेरिका अफगानिस्तान से वापस जा रहा है। जिस तालिबान के खिलाफ अमेरिका ने पहले लड़ाई लड़ी थी, उसी के हाथ में वह देश को छोड़कर जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि वर्तमान संकट को लेकर क्या राष्ट्रपति बाइडन इस्तीफा देने पर विचार कर रहे हैं तो व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि वर्तमान में ऐसी बातों पर गौर करने के लिए वक्त नहीं है। पुलित्जर पुरस्कार विजेता इतिहासकार जोसेफ इलिस ने कहा कि काबुल में दुनिया जो खून-खराबा देख रही है वह अमेरिका की देश छोड़ने का खराब योजना या अक्षमता नहीं है, बल्कि यह उसकी हार है। उन्होंने कहा कि हम जब वहां गए थे और जो हालात थे हम अब भी वैसा ही देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब आप युद्ध हारते हैं तो ऐसा ही होता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर साइमन डूल का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट में अजिंक्य रहाणे का वक्त लगभग पूरा हो गया है। डूल को लगता है कि लंबे समय के लिए श्रेयस अय्यर जैसे युवा खिलाड़ी लगातार अपना दावा मजबूत कर रहे हैं।
रहाणे बीते काफी वक्त से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। ऐसे में साउथ अफ्रीका दौरे के लिए टीम में उनकी जगह पर सवाल उठने लगे हैं। भारत को इस महीने के आखिर में साउथ अफ्रीका का दौरा करना है।
डूल को लगता है कि अय्यर, जिन्होंने अपनी पहली ही टेस्ट पारी में शतक लगाया था, को साउथ अफ्रीका दौरे पर रहाणे की जगह शामिल किया जा सकता है।
मुंबई टेस्ट में भारत की न्यूजीलैंड पर 372 रन की शानदार जीत के बाद डूल ने आधिकारिक प्रसारणकर्ता स्टार स्पोर्टस से बातचीत में रहाणे की फॉर्म को लेकर अपनी राय रखी।
'यह हवाई जहाज के लॉयल्टी कार्ड पॉइंट्स की तरह हैं, कभी न कभी ये समाप्त हो जाते हैं। मैं जानता हूं कि रहाणे एक चैंपियन इनसान हैं। मैं यह भी जानता हूं कि टीम तैयार करने में उनका अहम किरदार है। और वह लीडरशिप ग्रुप का हिस्सा हैं। लेकिन 29 पारियों में उनसे कहीं बेहतर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को टीम से बाहर जाना पड़ा है। मैं जानता हूं कि विदेशों में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है लेकिन मुझे लगता है कि उनका वक्त अब गुजर चुका है। '
33 वर्षीय रहाणे ने न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में 35 और 4 रन की पारियां खेलीं। इसके बाद मुंबई में वह हैमस्ट्रिंग में चोट के कारण नहीं खेले।
अगर बीती 29 पारियों रहाणे का औसत 34 या 35 का होता और इसमें दो तीन सेंचुरी होतीं तो मैं आपसे कहता कि रहाणे को टीम में रखिए। लेकिन जब 29 पारियों में आपने एक सेंचुरी लगाई हो और आपका औसत 24 का हो, तो मुझे नहीं लगता कि यह काफी है।
डूल ने आगे कहा, 'वह लगातार एक ही तरीके से आउट हो रहे हैं और मैं नहीं जानता है कि क्या वह उतने ही अच्छे खिलाड़ी हैं जितने वह तीन या चार साल पहले हुआ करते थे। जब युवा खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर अपना दावा पेश कर रहे हों तो उन्हें मौका मिलना चाहिए। '
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि श्रेयस अय्यर को आने वाले साउथ अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल किया जा सकता है। रहाणे काफी बुरे फॉर्म से गुजर रहे हैं और ऐसे में अय्यर को उनकी जगह का दावेदार माना जा रहा है।
अय्यर साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के दोनों टेस्ट मैच में खेले। उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया। कानपुर में उन्होंने पहले टेस्ट में सेंचुरी और हाफ सेंचुरी लगाई।
27 वर्षीय अय्यर सीरीज में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उन्होंने 50. 50 के औसत से 202 रन बनाए।
अजिंक्य रहाणे ने बीते साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न में शानदार सेंचुरी लगाई थी। उसके बाद से वह सिर्फ दो हाफ सेंचुरी ही लगा पाए हैं। बीती 29 पारियों मं उनका औसत 24 का रहा है। उनका कुल टेस्ट औसत अब 40 से भी नीचे आ गया है। ऐसा उनके टेस्ट करियर में पहली बार हुआ है।
साइमन डूल को लगता है कि रहाणे का औसत भारतीय टीम द्वारा तय किए गए पैमानों पर खरा नहीं उतरता है।
उन्होंने कहा, 'अगर बीती 29 पारियों रहाणे का औसत 34 या 35 का होता और इसमें दो तीन सेंचुरी होतीं तो मैं आपसे कहता कि रहाणे को टीम में रखिए। लेकिन जब 29 पारियों में आपने एक सेंचुरी लगाई हो और आपका औसत 24 का हो, तो मुझे नहीं लगता कि यह काफी है। '
डूल ने आगे कहा, 'भारतीय टीम जो पैमाने तय करती है, ये नंबर्स सही मायनों में बहुत कम हैं और अब वक्त आ गया है कि किसी युवा खिलाड़ी को जगह दी जाए। यह बहुत मुश्किल फैसला है लेकिन मैं श्रेयस अय्यर के साथ जाऊंगा। '
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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (US President Joe Biden) से जुड़ा एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स को छोड़कर जाते हुए देखा जा सकता है. दरअसल, सोमवार को जब एक प्रेस मीट में उनसे सिलिकॉन वैली बैंक के बंदी से जुड़े प्रश्न पूछे गए तो वह असहज हो गए और प्रेस कॉन्फ्रेन्स बीच में ही छोड़कर वह उठ गए.
इतना ही नहीं, वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि राष्ट्रपति बाइडेन उस कमरे से बाहर चले जाते हैं और दरवाजा बंद कर लेते हैं. प्रेसिडेंट बाइडेन के इस कदम की आलोचना हो रही है.
इस प्रश्न पर बिना पत्रकार की तरफ देखे, बाइडेन ने वहां से चलना प्रारम्भ कर दिया. तभी एक अन्य पत्रकार ने पूछा, "मिस्टर प्रेसिडेंट, क्या अन्य बैंक भी फेल होंगे? " लेकिन बाइडेन कमरे से बाहर चले गए.
व्हाइट हाउस के यूट्यूब चैनल पर बाइडेन के वॉकआउट का यह वीडियो वायरल हो रहा है और इसे अब तक 50 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है. हालांकि, उस वीडियो पर कमेंट का ऑप्शन बंद कर दिया गया है.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने पत्रकारों से भरे कमरे को बिना उत्तर दिए छोड़ दिया हो. चीन के "स्पाई बैलून" की घटना पर बयान देने के बाद पत्रकारों ने जब बाइडेन पर प्रश्नों की झड़ी लगाई थी, तब भी उन्होंने ऐसा ही किया था. एक बार जब एक रिपोर्टर ने उनसे पूछा था,"क्या आप अपने परिवार के व्यावसायिक संबंधों से समझौता करते हैं? " तो बाइडेन ने बोला था, "मुझे एक ब्रेक दें" और फिर वहां से चले गए थे.
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BJYM leader Killed: कर्नाटक के धारवाड़ जिले के नेता के बीजेपी नेता की हत्या कर दी गई। राज्य के हुबली जिले के तालुक के कोटुरु गांव में मंगलवार की रात भाजपा युवा मोर्चा के पदाधिकारी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मृतक भाजपा के धारवाड़ जिला युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष प्रवीण कम्मर हैं।
हुबली पुलिस ने कहा कि प्रवीण के समर्थकों और विरोधी नेताओं के बीच मारपीट हो गई, जब वह बीच-बचाव करने गए तो उन्हें चाकू मार दिया गया। तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है, जांच चल रही है।
बताया जाता है कि पेट में चाकू लगने से प्रवीण का कुछ लोगों से विवाद हो गया। हालांकि, हत्या के मकसद का अभी पता नहीं चला है। प्रवीण को धारवाड़ के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया लेकिन इलाज का कोई असर नहीं हुआ। बुधवार सुबह केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अस्पताल का दौरा किया और युवा मोर्चा के नेता के परिजनों से बात की।
बाद में विधायक अमृत देसाई के साथ आए जोशी ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए प्रवीण की मौत को राजनीतिक हत्या करार दिया। विधायक ने प्रवीण को सावधान रहने की चेतावनी दी थी और कहा कि मैंने पुलिस से आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है। राज्य सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और परिवार को न्याय दिलाना चाहिए। परिवार को राहत दी जाएगी।
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कलाय पाहुड सुरु [ १४ चारित्रमोद्द उपशामनाधिकार
पडिआगालो वोच्छिण्णो । २२३. पडिआवलियाए एकम्हि समए सेसे माणसंजलणस्स दो आवलियसमयूणबंधे मोत्तूण सेसं तिविहस्स मागस्स पदेससंतकम्मं चरिमसमय. उवसंतं । २२४. ताधे माण-माया-लोभसं जलणाणं दुमासद्विदिगो बंधो । २२५. सेसाणं कम्माणं द्विदिबंधो संखेज्जाणि वस्ससहस्साणि ।
२२६. तदो से काले मायासंजलणमोकड्डियूण मायासंजलणस्स पढमडिदिं करेदि । २२७. ताधे पाए तिविहाए मायाए उवसामगो । २२८. माया-लोभसंजलणाणं ट्ठिदिबंधी दो मासा अंतोमुहुत्तेण ऊणया । २२९. सेसाणं कम्माणं ट्ठिदिबंधो संखेज्जाणि वस्ससहस्साणि । २३०, सेसाणं कम्माणं डिदिखंडयं पलिदोवपस्स संखेज्जदिभागो । २३१. जं तं माणसंतकम्ममुद्द्यावलियाए समयूणाए तं मायाए त्थिवुकसं कमेण उदए विपच्चिहिदि ।
२३२. जे माणसंजलणस्स दोण्हमावलियाणं दुसमग्रूणाणं समयपत्रद्धा अणुवसंता ते गुणसेडीए उवसामिज्जमाणा दोहिं आवलियाहिं दुममग्रूणाहिं उवसामिज्जिहिंति । व्युच्छिन्न हो जाते हैं। प्रत्यावली में एक समय शेष रहनेपर संज्वलनमानके एक समय कम दो आवलीप्रमाण समयको छोड़कर शेप तीन प्रकारके मानका प्रदेशसत्त्व अन्तिम समय में उपशान्त हो जाता है । अर्थात् इस स्थलपर तीनों प्रकार के मानका स्थितिसत्त्व, अनुभागसत्त्व और प्रदेशसत्त्व संज्वलनमानके नवकबद्ध उच्छिष्टावलीको छोड़कर सर्वोपशमनाके द्वारा उपशमको प्राप्त हो जाता है । उस समय संज्वलनमान, माया और लोभकपायका स्थितिबन्ध दो मास है और शेष कर्मोंका स्थितिबन्ध संख्यात सहस्र वर्ष हैं ।।२२१-२२५॥
चूर्णिसू० - इसके एक समय पञ्चात् संज्वलनमायाका अपकर्पण कर संज्वलनमायाकी प्रथमस्थितिको करता है, अर्थात् मायाकपायका वेदक हो जाता है। इस स्थल पर वह तीन प्रकारकी मायाका उपशामक होता है, अर्थात् मायाका उपशमन प्रारम्भ करता है । उस समय संचलनमाया और संज्वलनलोभका स्थितिबन्ध एक अन्तर्मुहूर्त से कम दो मास है। शेष कर्मोका स्थितिबन्ध संख्यात सहस्र वर्ष है । इसी समय शेप कर्मोंका स्थितिकांडक पत्योपमका संख्यातवाँ भाग है। चरमसमयवर्ती मानवेदकके द्वारा जो मानकषायका स्थितिसत्त्व एक समय कम उद्यावलीप्रमाण अवशिष्ट रहा था, वह स्तिबुकसंक्रमणके द्वारा मायाकपायके उद्यमें विपाकको प्राप्त होगा ।।२२६-२३१।।
विशेषार्थ - विवक्षित प्रकृतिका उदयस्वरूपसे समान स्थितिवाली अन्य प्रकृति में जो संक्रमण होता है, उसे स्तिक संक्रमण कहते हैं ।
चूर्णिसू० - संज्वलनमानके जो दो समय कम दो दो आवलीप्रमाण समयप्रबद्ध अनुपशान्त हैं, वे गुणश्रेणी के द्वारा उपशमको प्राप्त होते हुए दो समय कम दो आवलीप्रमाणकालसे उपशमको प्राप्त हो जायेंगे। जो कर्म-प्रदेशाग्र संज्वलन मायाकषाय में संक्रमण
१ को त्थिनुकसंकमो णाम ? उदयमरूवेण समउिदीए जो संक्रमो सो स्थिबुक्कसंकमो त्ति भण्णदे ।
चारित्रमोह-उपशामक-विशेषक्रिया निरूपण
२३३. जं पद्सग्गं मायाए संक्रमदि तं विसेसहीणाए सेडीए संकमदि । २३४. एसा परूवणा मायाए पढमसमग-उवसामगस्स । २३५. एत्तो ट्ठिदिखंडय सहस्साणि बहूणि गदाणि । तदो मायाए परमी तिसु आवलियासु समयूणासु सेसासु दुविहा माया मायासंजलणे ण संछुहदि, लोहसंजलणे च संहदि । २३६. पडिआवलियाए सेसाए आगाल-पडिआगालो वोच्छिण्णो ।
२३७. समयाहियाए आवलियाए संसाए मायाए चरिमसमय-उवसामगो मोत्तूण दो आवलियबंध समयूणे । २३८. ताधे माया-लोभसंजलणाणं द्विदिबंधो मासो । २३९. सेसाण कम्माणं द्विदिबंधो संखेज्जाणि वस्साणि । २४०. तदो से काले मायासंजलणस्स बंधादया वोच्छिण्णा । २४१. मायासंजलणस्स परमट्टिदीए समयूणा आवलिया संसा त्थिवुकसंकमेण लोभे विपच्चिहिदि ।
२४२. ताधे चेव लाभसंजलणमोकड्डियूण लोभस्स पडमट्टिदिं करेदि । २४३. एत्तो पाए जा लोभवेदगद्धा होदि, तिस्से लोभवेदगद्वाए वे-त्तिभागा एत्तियमेत्ती लोभस्स पढमहिदी कदा । २४४. ताधे लोभसंजलणस्स द्विदिबंधी मासो अंतोमुहुत्तेण ऊणो । २४५. सेसाणं कम्माणं द्विदिबंधी संखज्जाणि वस्साणि २४६. तदो संखेज्जेहि करता है, वह विशेष हीन श्रेणी के द्वारा संक्रमण करता है। यह प्ररूपणा मायाकपायके प्रथमसमयवर्ती उपशामककी है । इसके पश्चात् अनेक सहस्र स्थितिकांडक व्यतीत होते हैं । तत्र मायामंज्वलनकी प्रथमस्थिति में एक समय कम तीन आवलियोंके शेप रह जानेपर दो प्रकारकी मायाको संज्वलनमाया में संक्रान्त नहीं करता है, किन्तु संज्वलनलोभ में संक्रान्त करता है । यहाँ पर भी प्रत्यावलीके शेष रह जानेपर आगाल और प्रत्यागाल व्युच्छिन्न हो जाते हैं ।।२३२-२३६।।
चूर्णिसू० - एक समय अधिक आवलीके शेप रहनेपर, एक समय कम दो आवलीप्रमाण नवकवद्ध समयप्रबद्धोंको छोड़कर शेप तीनों प्रकारकी मायाका चरमसमयवर्ती उपशामक होता है । उस समय संज्वलनमाया और लोभका स्थितिबन्ध एक मास है। शेष कर्मोंका स्थितिबन्ध संख्यात वर्ष है। तदनन्तर समय में संज्वलनमायाके बन्ध और उदय व्युच्छिन्न हो जाते हैं । संज्वलनमायाकी प्रथमस्थिति में जो एक समय कम एक आवली शेप रही है, वह स्तिबुकसंक्रमणके द्वारा संज्वलनलोभ में विपाकको प्राप्त होगी ।।२३७-२४१॥
चूर्णिसू० - उसी समय संज्वलनलोभका अपकर्षण कर लोभकी प्रथम स्थितिको करता है, अर्थात् उसका वेदन करता है। इस स्थलपर जो लोभका वेदककाल है, उस लोभवेदक-कालके दो विभाग ( 3 ) प्रमाण लोभकी प्रथमस्थिति की जाती है । अर्थात् लोभकी प्रथमस्थितिका प्रमाण लोभवेदककालके दो-बटे तीन भाग है । उस समय संज्वलनलोभका स्थितिबन्ध एक अन्तर्मुहूर्त कम एक मास है। शेप कर्मोंका स्थितिबन्ध संख्यात वर्ष है। तत्पश्चात् संख्यात सहस्र स्थितिबन्धोंके बीतनेपर उस लोभकी प्रथमस्थितिका अर्ध भाग
कलाय पाडुड सुन्त [ १४ चारित्रमोह-उपशामनाधिकार द्विदिबंधसहस्सेहिं गदेहिं तिस्से लोभस्स पढमट्टिदीए अद्ध गदं । २४७. तदो अद्धस्स चरिमसमए लोहसंजलणस्स ट्ठिदिबंधी दिवसपुधत्तं । २४८ सेसाणं कम्माणं द्विदिबंधो वस्ससहस्सपुधत्तं । २४९. ताधे पुण फहयगदं संतकम्मं ।
२५०. से काले विदिय-तिभागस्स पढमसमए लोभसंजलणाणुभागसंत कम्मस्स जं जहण्णफदयं तस्स हेडदो अणुभागकिट्टीओ करेदि । २५१. तासिं पमाणमेवफद्दयवग्गणाणमणंतभागोठ २५२ पडमसमए बहुआओ किडीओ कदाओं, से काले अपुच्चाओ असंखेजजगुणहीणाओ। एवं जाव विदियस्स तिभागस्स चरिमसमश्रोत्ति असंखेज्जगुणहीणाओ। २५३. जं पदेसग्गं पढमसमए किट्टीओ करेंतेण किट्टीसु णिक्खित्तं तं थावं, से काले असंखज्जगुणं । एवं जाब चरिमसमया त्ति असंखेजगुणं । २५४. पढमसमए जहण्णियाए किट्टीए पदसग्गं बहुअं, विदियाए पदेसग्गं विसेसहीणं । एवं जाव चरिमाए किट्टीए पदेसग्गं तं विसंसहीणं । २५५. विदियसमए जहण्णियाए किट्टीए पढ़ेसग्गमसखजगुणं, विदियाए विसेसहीणं । एवं जाव ओधुकस्सिया ए वसंसव्यतीत हो जाता है । उस अर्ध भागके अन्तिम समय में संज्वलनलोभका स्थितिवन्ध दिवसपृथक्त्व होता है । तथा शेत्र कर्मोंका स्थितिबन्ध सहस्र वर्षपृथक्त्व होता है । उस समय अनुभागसम्बन्धी सत्त्व स्पर्वकगत है। इससे आगे कृष्टिगत सत्त्व होता है ॥२४२-१४९॥
चूर्णिम्व० - तदनन्तर फाळमें द्वितीय विभाग के प्रथम समयमे मंज्वलनलाभके अनुभागसत्त्वका जो जघन्य स्पर्धक है, उसके नीचे अनन्तगुणहानिरूपसे अपवर्तित कर अनुभागसम्बन्धी सूक्ष्म कृष्टियोको करता है । ( क्योंकि उपशमश्रेणी में बादरकृष्टियाँ नहीं होती है । ) उन अनुभागकृटियोंका प्रमाण एक स्पर्धककी वर्गणाओं का अनन्तवाँ भाग है। प्रथम समयमे बहुत अनुभागऋष्ट्रियाँ की जाती हैं। दूसरे समय में होनेवाली अपूर्व कृष्टियाँ असंख्यातगुणित हीन हैं। इस प्रकार द्वितीय विभाग के अन्तिम समय तक असंख्यातगुणी हीन होती जाती हैं । कृष्टियोंको करते हुए प्रथम समय में जिस प्रदेशायको कृष्टियों में निश्चित करता है, वह सबसे कम है। इसके अनन्तरकालमे असंख्यातगुणित प्रदेशाम निश्चित करता है। इस प्रकार से अन्तिम समय तक असंख्यातगुणित प्रदेशामको निक्षिप्त करता जाता है। प्रथम समयमें जघन्य कृष्टि में बहुत प्रदेशायको देता है, उससे ऊपरकी द्वितीय कृष्टि में विशेष हीन प्रदेशामको देता है, इस प्रकार अन्तिम कृष्टि तक विशेष हीन प्रदेशाप्रको देता है। द्वितीय समयमें जघन्य कृष्टि में प्रदेशाय ( प्रथम समय में की गई प्रथम कृष्टिके प्रदेशाग्रसे ) असंख्यातगुणित देता है, द्वितीय कृष्टि में विशेष हीन देता है। इस प्रकार द्वितीय समय-सम्बन्धी समस्त कृष्टियों में ओघ-उत्कृष्ट वर्गणा तक विशेष हीन देता है । [ तदनन्तर जघन्य स्पर्धककी आदि
* ताम्रपत्रवाली प्रतिमें इससे आगे 'अभवसिद्धिपहिंतो अनंत गुणं सिद्धाणंतभागवग्गणाहिं पगं फड्डयं होदि' इतना टीकांश भी सूत्ररूपसे मुद्रित है । ( देखो पृ० १८५९ )
चारित्रमोह-उपशामक- विशेष क्रिया-निरूपण
हीणं । [ २५६ तदो जहण्णफद्दयादिवग्गणाए अणंतगुणहीणं, तत्तो विसेसहीणं । ] २५७. जहा विदियसमए तहा सेसेसु समए सु ।
२५८. तिव्व मंददाए जहणिया किट्टी थोवा । विदियकिट्टी अनंतगुणा । तदिया किट्टी अणंतगुणा । एवमणंतगुणाए सेडीए गच्छदि जाव चरिमकिट्टित्ति । २५९. एमी विदिय-तिभागो किट्टीकरणद्धा णाम । २६०. किट्टीकरणद्धा संखेज्जेसु भागेसु गदेसु लोभसंजलणस्म अंतामुहुत्तहिदिगो बंधी । २६१. तिन्हं घादिकम्माणं ठिदिबंधा दिवमपुत्तं । २६२. जाव किट्टीकरणद्वाए दुचरिमो ठिदिबंधो ताधे णामागोद-वेदणीयाणं संखेज्जाणि वस्समहस्साणि ठिदिबंधा । २६३. किट्टीकरणद्वाए चरिमो ठिदिबंधो लोहसंजलणस्स अंतोमुहुत्तिओ । २६४. पाणावरण -दसणावरण-अंतराठ्याणमहोरत्तस्संतो । २६५ णामा-गोद - वेदणीयाणं वेण्हं वस्साणमंती । २६६. तिस्स किट्टीकरणद्वाए तिलु आवलियासु सपवूजासु सेसासु दुविही लाहो लोहसंजलणे ण संकामिजदि, सत्थाणे चेव उवसामिज्जदि ।
२६७ किट्टीकरणद्वाए आवलिय-पडिआवलियाए सेसाए आगाल-पडिआगालो वोच्छिण्णां । २६८. पडिआवलियाए एकम्हि समए ऐसे लोहसंजलणस्स जहण्णिया द्विदि-उदीरणा । २६९ ताधे चेव जाओ दो आवलियाओ समयूणाओ एत्तियवर्गणा में अनन्तगुणित हीन देता है, तत्पश्चात् विशेष हीन देता है । ] जैसा क्रम द्वितीय समय में है, वैसा ही क्रम शेप समयों में भी जानना चाहिए ॥२५०-२५७॥
चूर्णिसू०. १० - अब कृष्टियोंकी तीव्रता - मन्दतासम्बन्धी अल्पबहुत्व कहते हैं- जघन्य कृष्टि तोक है । द्वितीय कृष्टि अनन्तगुणी है । तृतीय कृष्टि अनन्तगुणी है । इस प्रकार अन्तिम कृष्टि तक अनन्तगुणित श्रेणीका यह क्रम चला जाता है । इस द्वितीय विभागका नाम कृष्टिकरणकाल है । कृष्टिकरणकालके संख्यात भागोंके बीत जानेपर संज्वलनलोभका स्थितिबन्ध अन्तर्मुहूर्त प्रमाण होता है। तीन वातिया कर्मोंका स्थितिबन्ध दिवसपृथक्त्वप्रमाण होता है । कृष्टिकरणकालके द्विचरम स्थितिवन्ध तक नाम, गोत्र और वेदनीय कर्मका स्थितिबन्ध संख्यात सहस्र वर्ष होता है । कृष्टिकरणकालके अन्तिम समयमें संज्वलनलोभका स्थितिबन्ध अन्तर्मुहूर्तमात्र होता है । ज्ञानावरण, दर्शनावरण और अन्तरायका स्थितिबन्ध कुछ कम अहो रात्रप्रमाण होता है। नाम, गोत्र और वेदनीयका स्थितिबन्ध कुछ कम दो वर्ष प्रमाण होता है। उस कृष्टिकरणके काल में एक समय कम तीन आव लियोंके शेप रहने पर दोनों मध्यम लोभ, संज्वलनलोभ में संक्रमण नहीं करते हैं, किन्तु स्वस्थान में ही उपशमको प्राप्त होंगे ॥२५८-२६६॥
चूर्णिस् ० - कृष्टिकरणकालमें आवली और प्रत्यावलीके शेष रहने पर आगाल और प्रत्यागाल व्युच्छिन्न हो जाते हैं। प्रत्यावली में एक समय शेष रहने पर संज्वलनलोभकी जघन्य स्थिति - उदीरणा होती है । उसी समय में जो एक समय कम दो आवलियाँ
कसाय पाहुड सुप्त [ १४ चारित्रमोह-उपशामनाधिकार मेत्ता लोहसंजलणस्स समयपत्रद्धा अणुवसंता; किट्टीओ सव्वाओ चेव अणुवसंताओ । तव्वदिरित्तं लोहसंजलणस्स पदेसग्गं उवसंतं दुविहो लोहो सव्वो चेत्र उवसंतो गवकबंधुच्छिट्ठावलियवज्जं २७० एसो चेव चरिमसमयबादरसांपराइयो ।
२७१. से काले पढमसमयसुद्रुमसांपराइयो जादो । २७२. तेण पढमसमयसुद्रुमसांपराइएण अण्णा पढमट्टिदी कढ़ा । २७३ जा पढमसमयलोभवेदगस्स पढमट्ठिी तिस्से पडद इमा सुहुमसांपराइयस्स पहमट्टिदी दुभागो थोवूणओ ।। २७४. पढमसमय सुहुमसांपराइयो किट्टीणमसंखेज्जे भागे वेदयदि । २७५ जाओ अपढमअचरिमेसु समएस अपुच्चाओ किट्टीओकदाओ ताओ सव्वाओ पढमसमए उदिण्णाओ । २७६. जाओ पढमसमए कदाओ किट्टीओ तासिमग्गग्गादो असंखेज्जदिभागं मोत्तूण । २७७. जाओ चरिमसमए कदाओ किडीओ तासि च जहण्णकिडीपहुडि असंखेज्जदिभागं मोत्तूण सेसाओ सव्वाओ किट्टीओ उदिण्णाओ । २७८. ताधे चेव सव्वासु किट्टीस पदेसग्गमुवसामंदि गुणसेडीए ।
एतावन्मात्र संज्वलनलोभके समयप्रबद्ध अनुपशान्त रहते है और कृष्टियाँ सर्व ही अनुपशान्त रहती हैं। इनके अतिरिक्त नवकबद्ध और उच्छिष्ठावलीको छोड़कर संज्वलनलोभका सर्व प्रदेशाम उपशान्त हो जाता है । प्रत्याख्यानावरणीय और अप्रत्याख्यानावरणीय दोनों प्रकारका सर्व लोभ उपशान्त हो जाता है । यह ही अन्तिमसमयवर्ती बादर साम्परायिक संयत है ।।२६७-२७०।
चूर्णिसू० - इसके पश्चात् अनन्तर समय में वह प्रथमसमयवर्ती सूक्ष्मसाम्परायिक संयत हो जाता है। उस प्रथमसमयवर्ती सूक्ष्म साम्परायिकसंयत के द्वारा अन्य प्रथमस्थिति की जाती है। प्रथमसमयवर्ती लोभवेदकके जो समस्त लोभ वेदककालके दो त्रिभागसे कुछ अधिक प्रमाणवाली प्रथमस्थिति थी, उस प्रथमस्थितिके कुछ कम दो भाग प्रमाण यह प्रथम स्थिति सूक्ष्मसाम्परायिककी होती है। प्रथमसमयवर्ती सूक्ष्मसाम्परायिक संयत कृष्टियों के असंख्यात बहु भागोंका वेदन करता है। अप्रथम अचरिम समयो में अर्थात् प्रथम और अन्तिम समयको छोड़कर शेष समयोंमें जो अपूर्व कृष्टियों की हैं, वे सब प्रथम समयमें उदीर्ण हो जाती हैं । जो कृष्टियाँ प्रथम समयमे की गई हैं उनके अग्रामसे अर्थात् ऊपरसे असंख्यातवें भागको छोड़कर और जो कृष्टियाँ अन्तिम समयमें की गई हैं, उनके जघन्य कृष्टिसे लेकर असंख्यातवें भागको छोड़कर शेप सब कृष्टियाँ उदीर्ण हो जाती हैं । उसी समय में असंख्यातगुणित श्रेणीके द्वारा सर्व कृष्टियों में स्थित प्रदेशाप्रको उपशान्त करता है । २७१-२७८॥
* ताम्रपत्रवाली प्रतिमे किट्टीओ सव्वाओं' से लेकर आगे के समस्त सूत्रांशको टीकामे सम्मिलित कर दिया गया है। ( देखी पृ० १८६४ )
+ ताम्रपत्रवाली प्रतिमे 'थोवूणओ'पदसे आगे 'कोहोदएणुवट्टिदस्स पढमसमयलोभवेद्गस्स बादरसांपराइयस्स' इतने टीकांशको भी सूत्र में सम्मिलित कर दिया गया है । ( देखो पृ० १८६५ )
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एक ब्रिटिश वेबसाइट की मानें तो 36 साल के भारतीय नागरिक जैनुलब्दीन हकीमजी बीते आठ साल से यूनाईटेड अरब इमीरात में रह रहे हैं। यहां से तीन दिन की छुट्टियों पर वह जॉर्जिया गए थे। यहां हकीमजी का आरोप है कि एयरपोर्ट पर मौजूद सिक्योरिटी अफसरों ने उन्हें उनकी दाढ़ी की वजह से देश में घुसने नहीं दिया। इतना ही नहीं उनके साथ अपराधियों जैसा सलूक भी किया गया। उनके साथ बदसलूकी यहीं पर नहीं रुकी, उनका यह भी कहना है कि वापस लौटने के लिए जब वे रिटर्न फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे तो उनको एयरपोर्ट का टॉयलेट भी यूज करने नहीं दिया गया।
यहां बदसलूकी का शिकार हुए हकीमजी कहते हैं कि वे और उनके दोस्त 14 अक्टूबर को दुबई से जॉर्जिया की राजधानी तबीलिसी पहुंचे थे। इस्लामिक न्यू ईयर के मौके पर वह वहां पर तीन दिन की छुट्टियां मनाने जाना चाहते थे। हकीमजी ने बताया कि उनमें और उनके दोस्तों में फर्क सिर्फ इतना था कि उन्होंने उनकी तरह दाढ़ी नहीं रखी थी। उनका दोस्त पूरी तरह से क्लीन शेव्ड था। सिक्योरिटी अफसरों ने कथित तौर पर उनसे कहा कि जब वे अगली बार जॉर्जिया आएं, तो फॉर्म में साफ तौर पर बताएं कि इंडियन हैं, न कि यूएई के रहने वाले।
इसके आगे हकीमजी ने ये भी बताया कि काउंटर पर बैठी महिला ने जब उन्हें ऐसे देखा तो उसने तुरंत दूसरे अफसर को वहां पर बुलाया। वहां पर उन्हें वहां के आखिरी काउंटर पर आने को कहा गया। उन्होंने उनका पासपोर्ट तक नहीं देखा। उन्होंने कहा कि वे सुरक्षा कारणों की वजह से देश में आने नहीं दे सकते। वह एक मुस्लिम हैं और अपने मजहब को पूरी तरह से फॉलो करते हैं। इस वजह से उन्होंने बड़ी दाढ़ी रखी हुई है। लौटने के लिए जब वह फ्लाइट का इंतजार कर रहे थे, तो एक अफसर को उनपर नजर रखने के लिए वहां पर लगा दिया गया।
कुवैत स्थित जॉर्जियन एंबेसी की ओर से इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया गया। इस बारे में एंबेसी ने बताया कि हकीमजी का कहना कि वे मुस्लिम हैं और उनकी अपियरेंस की वजह से उन्हें वहां एंट्री नहीं मिली है, ऐसा गलत है। उन्होंने बताया कि जॉर्जिया ने हमेशा से मुस्लिम देशों के लिए अपने दरवाजे खोल रखे हैं।
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मऊ। भारतीय जनता पार्टी के तत्वावधान में रविवार को डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि काझाखुर्द में बलिदान दिवस के रूप में मनाई गई। इस दौरान उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके बताए रास्ते पर चलने का कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया।
इस दौरान एक विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष सुशील राय ने कहा कि डा. मुखर्जी 32 वर्ष की अवस्था में कलकत्ता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। वह देश बहुत बड़े विद्वान के रूप में भी जाने जाते थे। वह भारत की पहली सरकार में उद्योग मंत्री बने। लेकिन राष्ट्रवाद के सवाल पर उन्होंने मंत्री पद छोड़ दिया। देश की एकता और अखंडता के लिए डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जैसा राष्ट्रभक्त दूसरा कोई नहीं हुआ। जिला उपाध्यक्ष संजय पांडेय ने कहा कि मंत्रिमंडल से त्यागपत्र के बाद डा. मुखर्जी कश्मीर आंदोलन पर निकल पड़े। डा. मुखर्जी इस देश की एकता और अखंडता के लिए जीवन पर्यंत संघर्ष करते रहे। कहा कि उन्होंने जनसंघ की स्थापना की और राष्ट्रीय एकता के मूलतत्व को स्थापित किया। विजय नरायन शर्मा ने कहा कि आज जरूरत है हमें डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बताए रास्ते पर चलने की। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री राकेश मिश्र ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से राजेश सिंह राज, स्वतंत्र सिंह, शैलेंद्र सिंह, शैलेंद्र राय, पंकज यादव, राजेश राय आदि रहे।
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4 की उप-धारा 1 में निर्धारित 17 मदों (नियमावली) को प्रकाशित करना होगा।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में निम्नलिखित विभाग शामिल हैंः
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय चिकित्सा और जन स्वास्थ्य मामलों को देखता है जिसमें औषध नियंत्रण और खाद्य में मिलावट की रोकथाम शामिल है जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास, सामाजिक विकास और पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकताओं के अनुरूप जनसंख्या स्थिरीकरण करना है।
विभाग में विभिन्न स्तरों पर कार्य का संचालन, कार्य संचालन नियमों और समय-समय पर जारी अन्य सरकारी आदेशों / अनुदेशों के अनुसार किया जाता है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की कार्यालय पद्धति निर्देशिका, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नियमों / विनियमों / अनुदेशों आदि का अनुपालन करता है।
किसी व्यवस्था की विशिष्टियां, जो उसकी नीति की संरचना या उसके कार्यान्वयन के संबंध में जनता के सदस्यों से परामर्श के लिए या उनके द्वारा अभ्यावेदन के लिए विद्यमान हैं।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में एक केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण परिषद है जिसमें राज्य सरकारों / केन्द्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्री, सांसद, स्वास्थ्य संगठनों और सार्वजनिक निकायों का प्रतिनिधित्व करने वाले गैर-सरकारी अधिकारी और कुछ प्रख्यात व्यक्ति शामिल हैं। यह केन्द्र और राज्यों के लिए नीति की व्यापक रूपरेखा की सिफारिश करने के लिए अपने सभी पहलुओं में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के क्षेत्र में शीर्ष नीति निर्माण निकाय है।
- ऐसे बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों के, जिनमें दो या अधिक व्यक्ति हैं, जिनका उसके भाग के रूप में या इस बारे में सलाह देने के प्रयोजन के लिए गठन किया गया है और इस बारे में कि क्या उन बोर्डों, परिषदों, समितियों और अन्य निकायों की बैठकें जनता के लिए खुली होंगी या ऐसी बैठकों के कार्यवृत्त तक जनता की पहुंच होगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण में अध्यक्ष के अलावा 22 सदस्य हैं। एफएसएसएआई के कार्यवृत्त को समय-समय पर वेबसाइट अर्थात् Fssai.gov.in पर अपलोड किया जाता है।
- सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत नोडल अधिकारी का नामांकन (513.49 KB)
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सामान्य न्याय का प्राशय अच्छाई अथवा श्रष्ठता से ही नहीं है बल्कि सपूर्ण अच्छाई अथवा संपूर्ण श्रेष्ठता से है। इसे इस प्रकार स्पष्ट किया जा सकता हैः व्यक्ति का लक्ष्य श्रेष्ठता की प्राप्ति करना है। इस श्रेष्ठता की प्राप्ति वह समाज में रहकर करता है । इस प्रकार समाज वस्तुतः श्रेष्ठता की प्राप्ति की कामना करने वाले व्यक्तियों द्वारा गठित है । यह श्रेष्ठता व्यवहार में प्रत्येक व्यक्ति मे अपेक्षा करती है कि वह अपनी श्रेष्ठता की प्राप्ति के साथ-ही-साथ अपने पड़ोसी की श्रेष्ठता की भी कामना करे । इस प्रकार सामान्य न्याय वह सद्गुण हैं जो सामाजिक संबंधों के निर्धारण एवं नियमन में अभिव्यक्त होता है । अरस्तू के अनुसार यह 'सय सद्गुण' (Virtue in action) है - एक "ऐसा सद्गुण है जो सामाजिक संबंधों के हेतु सक्रिय रहता है।'
इसके विपरीत विशिष्ट न्याय श्रेष्ठता की संपूर्णता से संबंधित न होकर उसके किसी विशिष्ट पहलू से ही संबंधित होता है। स्पष्ट है विशिष्ट न्याय क्षेत्र की दृष्टि से सामान्य न्याय की तुलना में संकीर्ण है और यही दोनों ( सामान्य न्याय तथा विशिष्ट न्याय ) में अंतर है। इस व्यवस्था को इस प्रकार समझाया जा सकता हैःोसी की श्रेष्ठता की कामना करना मात्र पर्याप्त नहीं है। यह कामना तब तक व्यावहारिक एवं सार्थक नहीं कही जा सकती जब तक कि व्यक्ति अपने को दूसरे से श्रेष्ठ अथवा उच्च समझता है । विशिष्ट न्याय की प्रत्येक व्यक्ति से पेक्षा है कि वह अन्य व्यक्तियों के साथ 'समानता' का बर्ताव करे और यही व्यवहार वांछनीय भी है। विशिष्ट न्याय को अरस्तू दो रूपों में विभाजित करता है --
(१) सुधारात्मक न्याय ( Rectificatory Justice); (२) वितरणात्मक न्याय ( Distributive Justice ) सुधारात्मक न्याय को कुछ लेखकों ने 'परिशोधनकारी न्याय नाम दिया है । जैसाकि नाम से ही स्पष्ट है, सुधारात्मक न्याय का संबंध व्यक्ति के व्यवहार में सुधार लाना है। विशिष्ट न्याय की अपेक्षा है कि प्रत्येक व्यक्ति दूसरों के साथ समानता के आधार पर वांछनीय व्यवहार करे। किंतु कभी-कभी व्यक्ति दूसरों के साथ इस व्यवहार पर अमल नहीं करते और कुछ ऐसे कार्य (जैसे धोखा देना, चोरी करना आदि ) करने लगते है जिनसे दूसरे को अपना प्राप्य नहीं मिल पाता। सुधारात्मक न्याय का उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों के व्यवहार में सुधार लाना है। इनका उद्देश्य व्यक्ति के कष्टों का निवारण करना है तथा उन्हें दंडित करना है जिनके कारण व्यक्तियों को इन कष्टों को उठाना पड़ा है ।
वितरणात्मक न्याय का संबंध व्यक्ति व्यक्ति से न होकर व्यक्ति और राज्य से है । न्याय का यह रूप नागरिको के मध्य राजकीय पदों एवं सम्मानों के वितरण से सबद्ध है। राज्य का नागरिक होने के नाते शासन में उसकी भागीदारी है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी योग्यता एवं अन्य क्षमताओं के आधार पर इस भागीदारी को निभाता है और राज्य का नागरिक होने के नाते राजकीय पदों, सम्मानों एवं राजकीय लाभों का अधिकारी है। यह पद आदि उसे अपनी योग्यता एवं क्षमता के आधार पर प्राप्त होते है और चूंकि व्यक्ति की क्षमता एवं योग्यता अलग-अलग होती है अतः यह सम्मान, पद,
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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे. वाड्रा ने प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर मंदिर के विकास के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के दामाद रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) ने रविवार को मध्यप्रदेश के उज्जैन (Ujjain) स्थित महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Mandir) में दर्शन किये और पूजा-अर्चना की. बाद में पत्रकारों से बातचीत में वाड्रा ने प्रदेश की सत्तारूढ़ भाजपा सरकार पर मंदिर के विकास के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया. वहीं वाड्रा ने कहा है कि वह "अगर लोग चाहते हैं" तो वह राजनीति (Robert Vadra on Politics) में प्रवेश करने के लिए तैयार हैं और इससे उन्हें बड़े पैमाने पर उनकी सेवा करने का मौका मिलेगा. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा करने के बाद रविवार को एक स्थानीय यूट्यूब चैनल से बात करते हुए रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि वह राजनीति को समझते हैं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा सुबह महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे और गर्भगृह के अंदर पूजा-अर्चना की. यह देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. उन्होंने कहा कि यहां आकर उन्हें बहुत शांति मिली है और वे अपने परिवार के लिए आशीर्वाद लेकर जा रहे हैं. वहीं एक स्थानीय यूट्यूब चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, "अगर लोग चाहें तो मुझे उनका प्रतिनिधित्व करना चाहिए और अगर मैं उनके लिए कुछ बदलाव ला सकता हूं, तो मैं निश्चित रूप से यह कदम उठाऊंगा," उन्होंने कहा कि ऐसा करने से वह "बड़े पैमाने पर" लोगों की सेवा करने में सक्षम होंगे.
वहीं मीडिया से बात करते हुए वाड्रा ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत मध्यप्रदेश सरकार ने यहां महाकाल मंदिर में बहुत अच्छा काम किया है जो दिखाई दे रहा है. उन्होंने मध्यप्रदेश की भाजपा की अगुवाई वाली सरकार पर हमला करते हुए कहा, भाजपा ने कुछ भी नहीं किया यहां (महाकालेश्वर मंदिर में). मैं ज्यादा राजनीतिक बात नहीं करना चाहता. यहां ज्यादा काम करना चाहिए, क्योंकि देश भर से लोग यहां आते हैं. वाड्रा ने कहा कि हमारी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने महाकालेश्वर मंदरि के विकास के लिए जो धन राशि दी थी, उससे यहां बदलाव आया है. देश में बढ़ती महंगाई के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लोगों को महंगाई का विरोध करने के लिए आगे आना चाहिए, क्योंकि सरकार अपनी भलाई के बारे में सोच रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक मुद्दों पर बात नहीं करना चाहते, क्योंकि वह यहां धार्मिक यात्रा पर आये हैं.
इस बीच वाड्रा के आरोपों का जवाब देते हुए कि मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता डॉ. हितेश बाजपेयी ने कहा कि रॉबर्ट वाड्रा न तो मंदिरों को समझते हैं और न ही उनके मन में ऐसे स्थलों के लिए कोई सम्मान है। उन्होंने आरोप लगाया कि वाड्रा की पार्टी राम मंदिर निर्माण का विरोध कर रही है. बाजपेयी ने कहा, लेकिन वह खुद के खिलाफ चल रही कार्रवाई से बचने के लिए पंडितों की सलाह पर अब मंदिरों का दौरा कर रहे हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)
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नई दिल्लीः टाइवान की मोबाइल फोन निर्माता कंपनी एचटीसी ने अपना नया प्रीमियम फोन एचटीसी वन एम9 (HTC One M9) लॉन्च कर दिया है। इस नए स्मार्टफोन एचटीसी वन एम9 प्राइम कैमरा एडिशन को आधिकारिक तौर पर जर्मनी की वेबसाइट पर लिस्ट कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एचटीसी वन एम9 प्राइम कैमरा एडिशन 22. 70 यूरो (करीब 1,700 रुपए) प्रति महीना पर कॉन्ट्रैक्स पर खरीदा जा सकता है। कॉन्ट्रैक्स अवधि 24 महीने होगी। यह फोन मेटल बॉडी से बना है। साथ ही यह सिंगल टोल गनमेटल ग्रे और गोल्ड कलर में उपलब्ध होगा।
एचटीसी वन एम9 में 5 इंच का फुल एचडी डिस्प्ले स्क्रीन है जिसका रेजोल्यूशन 1080×1920 पिक्सल है। इसमें 2. 2GHz मीडियाटेक हीलियो एक्स 10 प्रोसेसर है। साथ ही 2 जीबी रैम है। इस स्मार्टफोन में 16 जीबी इंटरनल स्टोरेज क्षमता है जिसे माइक्रो एसडी कार्ड की मदद से 2 टीबी तक बढ़ाया जा सकता है। फोटोग्राफी के लिए फोन में 13 मेगापिक्सल ऑटोफोकस रियर कैमरा दिया है और सेल्फी क्लिक करने के लिए 4 अल्ट्रापिक्सल का फ्रंट कैंमरा है। इसमें एंड्रॉयड 5. 0 लॉलीपॉप ऑपरेटिंग सिस्टम है। इसके ऊपर कंपनी की सेंस यूआई भी दी गई है।
एचटीसी वन एम9 में 2840 एमएएच पावर की बैटरी है। कंपनी 2जी नेटवर्क पर 22 घंटे टॉकटाइम और 587 घंटे तक स्टैंडबाय टाइम, 3जी नेटवर्क पर 13 घंटे तक का टॉकटाइम और 658 घंटे तक का स्टैंडबाय टाइम देने का दावा करती है। इसका डायमेंशन 144. 6 x 69. 7 x 9. 61 एमएम और वजन 159 ग्राम है। फोन एचटीसी की बूमसाउंड तकनीक और डॉल्बी ऑडियो के साथ आता है।
कनेक्टिविटी के लिए एचटीसी वन एम9 में एनएफसी, ब्लूटूथ 4. 1, वाई-फाई ए/बी/जी/एन/एसी, एनएफसी, ग्लोनास, जीपीएस/ए-जीपीएस, माइक्रो-यूएसबी, जीपीआरएस/ईडीजीई, 3जी और एलटीई सपोर्ट जैसे फीचर्स हैं। फोन में एम्बिएंट लाइट, प्रॉक्सिमिटी, एक्सेलेरोमीटर, जायरोस्कोप, कंपास, मैग्नेटिक और सेंसर हब भी दिए गए हैं। फोन नैनो सिम कार्ड सपोर्ट करता है।
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रियो डे जनेरो के खेल गांव में एक महिला सफ़ाईकर्मी पर यौन हमला करने के शक़ में ब्राज़ील की पुलिस ने नामीबिया के एक बॉक्सर को गिरफ़्तार किया है.
पीड़ित महिला का आरोप है कि 22 वर्षीय जोनास जूनियस ने उसे खींचा और किस करने की कोशिश की.
महिला ने ये भी आरोप लगाया कि बॉक्सर ने सेक्स के बदले पैसों की पेशकश भी की थी.
पिछले सप्ताह पुलिस ने मोरक्को के एक बॉक्सर को अपने कमरे की सफ़ाई कर रही महिलाकर्मियों पर हमला करने के आरोप में गिरफ़्तार किया था.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ब्राज़ील के एक जज ने हसन सादा नाम के बॉक्सर को पंद्रह दिन की हिरासत में भेज दिया है.
इसका मतलब ये है कि सादा ओलंपिक में अपना मुक़ाबला नहीं खेल पाएंगे.
ओलंपिक उद्घाटन समारोह में नामीबिया का झंडा थामने वाले जूनियस को 11 अगस्त को फ्रांसीसी मुक्केबाज़ हसन एंज़िले से भिड़ना है.
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कुरुक्षेत्र (हप्र) :
टेरी पब्लिक स्कूल बारना, कुरुक्षेत्र में शनिवार को स्पोर्ट्स मीट का आयोजन किया गया। इस अवसर पर चीफ गेस्ट के रूप में कंवल गाबा प्रधानाचार्य डीएवी सेन्टनरी पब्लिक स्कूल, शाहाबाद तथा गजेन्द्र शर्मा प्रधानाचार्य डीएवी स्कूल लुखी का सम्मान गेस्ट ऑफ आनर के रूप में किया गया। स्कूल प्रबन्धक आदित्य तथा गरिमा गुप्ता ने डायरेक्टर हरदीप सहित दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। स्कूल की अध्यापिका सोनिया शर्मा ने मंच संचालन किया तथा प्राचार्य सर्वजीत कौर ने सभी को खेलों का महत्व बताया। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर खेलों में भाग लेकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
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Subsets and Splits
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